Judges 1
1 यहोसू मर गवा। तब इस्राएल क लोग यहोवा स पराथना किहेन। उ पचे कहेन, “हमरे परिवार समूह मँ स कउन पहिले कनानी लोगन स हम लोगन क बेर जुद्ध लड़इ बरे जाइ?”
2 यहोवा इस्राएली लोगन स कहेस, “यहूदा क परिवार समूह पहिले जाइ। मइँ ओनका इ भुइँया क प्राप्त करइ देइ।”
3 यहूदा क लोग सिमोन परिवार समूह क आपन भाइयन स मदद माँगेस। यहूदा क लोग कहेन, “भाइयो, जदि तू पचे हम लोगन क भुइँया बरे जुद्ध करइ मँ मदद करइ बरे हमरे संग अउब्या तउ हम लोग भी तू पचन्क क भुइँया बरे तू पचन्क जुद्ध लड़ब।” सिमोन क लोग ओनकर संग जाइ बरे तइयार होइ गएन।
4 यहोवा यहूदा क लोगन क कनानियन अउ परिज्जी लोगन क हरावइ मँ मदद किहेस। यहूदा क लोग बेजेक नगर मँ दस हजार मनइयन क मार डाएन।
5 बेजेक नगर मँ यहूदा क लोग बेजेक क सासक अदोनीबेजेक क पाएस अउर ओहसे जुद्ध किहेन। यहूदा क लोग कनानियन अउ परिज्जी लोगन क हराएन।
6 बेजेक क सासक अदोनीबेजेक भाग पराइ क जतन किहेन। किन्तु यहूदा क लोग ओकर पाछा किहेन अउर ओका धइ लिहेन। जब उ पचे ओका धरेन तब उ पचे ओकर हाथ अउर गोड़ क अंगूठन क काट डाएन।
7 तब बेजेक क सासक अदोनिबेजेक कहेस, “मइँ सत्तर राजा लोगन क हाथ अउर गोड़ क अंगूठन काटेउँ अउर ओन राजा लोगन क भोजन क उहइ टूकन खाइ क पड़ा जउन मोरी मेजे मँ स गिरा भवा रहा। अब यहोवा मोका ओकर बदला दिहेस ह जउन मइँ ओन राजा लोगन क संग किहे रहा।” यहूदा क लोग बेजेक क सासक क यरूसलेम लइ गएन अउर उ हुवँइ मरा।
8 यहूदा क लोग यरूसलेम क खिलाफ लड़ेन अउर ओह पइ कब्जा कइ लिहेन। यहूदा को लोग यरूसलेम क लोगन क मारइ बरे तरवार क उपयोग किहन। तब उ पचे नगर क जलाइ दिहन।
9 ओकरे पाछे यहूदा क लोग कछू दूसर कनानी लोगन स जुद्ध करइ बरे गएन। तब उ पचे कनानी पहाड़ी प्रदेसन, नेगेव अउ समुद्र क किनारे क पहाड़ियन मँ रहत रहेन।
10 तब यहूदा क लोग ओन कनानी लोगन क खिलाफ लड़इ गएन जउन हेब्रोन नगर मँ रहत रहेन। पूर्वकाल मँ हेब्रोन क किर्यत-अरब कहा जाता रहा यहूदा क लोग सेसै, अहीमन अउ तल्मै कहा जाइवाले लोगन क हराएन।
11 यहूदा क लोग उ जगहिया क तजेन। उ पचे दबीर नगर, हुवाँ क लोगन क खिलाफ जुद्ध करइ गएन। (पूर्वकाल मँ दबीर क किर्यत्सेपेर कहा जात रहा।
12 यहूदा क लोगन क जुद्ध बरे खाना होइ स पहिले कालेब ओन लोगन स एक ठु प्रतिग्या किहेस, “मइँ आपन बिटिया अकसा क उ मनई क पत्नी क रूप मँ देब जउन किर्यत्सेपेर नगर पइ हमला करत ह अउर ओह पइ कब्जा करत ह।”
13 कालेब क एक लहुरा भाई रहा जेकर नाउँ कनज रहा। कनज क एक पूत ओत्नीएल नाउँ क रहा। ओत्नीएल किर्यत्सेपेर नगर क जीत लिहेस। एह बेर कालेब आपन बिटिया अकसा क पत्नी क रूप मँ ओत्नीएल क दिहेस।
14 जब अकसा ओत्नीएल क संग रहइ बरे गएस, तब ओत्नीएल ओहसे कहेस कि उ आपन पिता स कछू भुइँया माँगइ। अकसा आपन बाप क लगे गइ। एह बरे उ आपन गदहा स उतरी अउर कालेब स पूछेस, “का कठिनाई अहइ?”
15 अकसा कालेब क उत्तर दिहेस, “मुझे आसीर्बाद दे। आप मोका नेगेव क झुरान रेगिस्तान दिहेन ह। कृपा कइके मोका कछू पानी क सोतावली भुइँया देइँ।” एह बरे कालेब ओका उ दिहस जउन उ चाहत रही। उ ओका उ भुइँया क ऊपर अउ नीचे क पानी क सोता दइ दिहेस।
16 केनी लोग ताड़बृच्छन क नगर (यरीहो) क तजेन अउर यहूदा क लोगन क संग गएन। उ सबइ लोग यहूदा क रेगिस्तान मँ हुवाँ क लोगन क संग रहइ गएन। इ नेगेव मँ अराद नगर क लगे रहा। (केनी लोग मूसा क ससुर क परिवार स रहेन)
17 कछू कनानी लोग सपत नगर मँ रहत रहेन। एह बरे यहूदा क लोग अउ सिमोन क परिवार समूह क लोग ओन कनानी लोगन पइ हमला किहेस। उ पचे नगर क पूरी तरह नस्ट कइ दिहेन। एह बरे उ पचे नगर क नाउँ होर्मा रखेन।
18 यहूदा क लोग अज्जा क नगर अउ ओकर चारिहुँ कइँती क इलाका पइ अधिकार किहन। यहूदा क लोग असकलोन अउ एकोन नगरन अउ ओकरे चारिहँु कइँती क इलाका पइ भी कब्जा किहन।
19 यहोवा उ समइ यहूदा क लोगन क संग रहा, जब उ पचे जुद्ध करत रहेन। उ पचे पहाड़ी प्रदेस क भुइँया पइ कब्जा किहन। किन्तु उ पचे घाटियन क भुइँया लेइ मँ नाकामयाब रहेन काहेकि हुवाँ क निवासियन क लगे लोहे क रथ रहेन।
20 मूसा कालेब क हेब्रोन क लगे क भुइँया देइ क बचन दिहे रहा। एह बरे उ भुइँया कालेब क परिवार क दइ दीन्ह गइ। कालेब क लोग अनाक क तीनहुँ पूतन क उ जगह तजइ क मजबूर किहन।
21 बिन्यामीन परिवार समुह क लोग यबूसी लोगन क यरूसलेम तजइ क मजबूर न कइ सकेन। उ समइ स लइके अब तलक यबूसी लोग यरूसलेम मँ बिन्यामीन लोगन क संग रहत आएन ह।
22 यूसुफ क परिवार समूह क लोग भी बेतेल नगर क खिलाफ लड़इ बरे गएन। यहोवा ओन लोगन क संग रहा।
23 यूसुफ क परिवार क लोग कछू जासूसन क बेतेल नगर पठएन। पूर्वकाल मँ बेतेल क लूज कहा जात रहा।
24 जब उ पचे बेतेल नगर क लखत रहेन उ पचे एक ठु मनई क नगर स बाहेर आवत लखेन। जासूस लोगन ओहसे कहेन, “हम लोगन क नगर मँ जाइ क गुप्त मारग बतावा। हम लोग नगर पइ हमला करब। किन्तु जदि तू हमार मदद करब्या तउ हम तोहका चोट नाहीं पहोंचाउब।”
25 उ मनई जासूसन क नगर मँ जाइ क गुप्त मारग बताएस। यूसुफ क लोग बेतेल क लोगन क मारइ बरे आपन तरवार क उपयोग किहन। उ पचे उ मनई ओकरे परिवार क सुरच्छित जाइ दिहेन।
26 उ मनई उ प्रदेस मँ गवा जहाँ हित्ती लोग रहत रहेन। हुआँ उ एक ठु नगर बसाएस। उ उ नगर क नाउँ लूज राखेस, जेका आजु तलक उहइ नाउँ अहइ।
27 कनानी लोग बेतसान, तानाक, दोर, यिबलाम, मगिद्दो अउर ओनकर चारिहुँ कइँती क नान्ह नान्ह नगर मँ रहत रहेन। मनस्से क परिवार समूह क लोग ओन लोगन क ओन नगरन क तजइ बरे मजबूर नाहीं कइ सके रहेन। एह बरे कनानी लोग हुवाँ टिके रहेन।
28 पाछे इस्राएल क लोग जियादा ताकतवर भएन अउर कनानी लोगन क दासन क तरह अपने खातिर काम करइ बरे मजबूर किहन। किन्तु इस्राएल क लोग सबहिं कनानी लोगन स ओनकर प्रदेस नाहीं छुड़वाइ सकेन।
29 इहइ बात एप्रैम क परिवार समूह क संग भइ। कनानी लोग गेजेर मँ रहत रहेन अउर एप्रैम क लोग सबहिं कनानी लोगन स ओनकर देस नाहीं छुड़वाइ सकेन। एह बरे कनानी लोग एप्रैम क लोगन क संग गेजेर मँ रहत चले गएन।
30 जबूलन क परिवार समूह क संग इहइ बात भइ। कित्रोन अउ नहलोल नगरन मँ कछू कनानी रहत रहेन। जबूलुन लोग ओन लोगन स ओकर देस नाहीं छुड़वाइ सकेन। उ सबइ कनानी लोग टिके रहेन अउर जबूलन लोगन क संग रहत चले आएन। किन्तु जबूलन क लोग ओन लोगन क दासन क तरह काम करइ क मजबूर किहन।
31 आसेर क परिवार समूह क संग भी इहइ बात भइ। आसेर क लोग ओन लोगन स अक्को, सीदोन, अहलाब, अकजीब, हेलबा, अपीक अउ रहोब नगरन क न छोड़वाइ सकेन।
32 आसेर क लोग कनानी लोगन स आपन देस न छोड़वाइ सकेन। एह बरे कनानी लोग आसेर क लोगन क संग रहत चले गएन।
33 नप्ताली क परिवार समूह क संग भी इहइ बात भइ। नप्ताली परिवार क लोग ओन लोगन स बेतसेमेस अउ बेतनात नगरन क न छुड़वाइ सकेन। एह बरे नप्ताली क लोग ओन नगरन मँ ओन लोगन क संग रहत चले आएन। उ सबइ कनानी लोग टिके रहेन अउर नप्ताली लोगन बरे दासन क तरह काम करइ क मजबूर किहन।
34 एमोरी लोग दान क परिवार समूह क लोगन क पहाड़ी प्रदेस मँ रहइ बरे मजबूर कइ दिहेन। दान क लोगन क पहाड़ियन मँ ठहरब पड़ा काहेकि एमोरी लोग ओनका घाटियन मँ उतरइ अउर ठहरइ नाहीं देत रहेन।
35 एमोरी लोग हेरेस पहाड़ी, अय्यालोन अउ सालबीम मँ ठहरइ क निहचइ किहेन। पाछे, यूसुफ क परिवार समूह सक्तीसाली होइ गवा। तब उ पचे एमोरी लोगन स दासन क तरह काम करवाएस।
36 एमोरी लोगन क प्रदेस बिच्छु दर्र स सेला अउ सलो क परे पहाड़ी प्रदेस तलक रहा।
Judges 2
1 यहोवा क सरगदूत गिलगाल नगर स बोकीम नगर क गवा। सरगदूत यहोवा क एक ठु सँदेसा इस्राएल क लोगन क दिहस। सँदेसा इ रहा: “तू पचे मिस्र मँ दास रह्या। किन्तु मइँ तू पचन्क अजाद किहेउँ अउर मइँ तू पचन्क मिस्र स बाहेर लिआएउँ। मइँ तू पचन्क इ भुइँया मँ लाएउँ जेहसे तोहरे पचन्क पुरखन क देइ बरे मइँ प्रतिग्या किहे रहेउँ। मइँ कहेउँ, मइँ तू पचन्स आपन वाचा कबहुँ नाहीं तोड़ेब।
2 किन्तु एकरे बदले मँ तू पचन्क इ भुइँया क निवासियन क संग कोइ समझौता नाहीं करइ क होइ। तोहका ओनकर वेदीयन नस्ट करइ चाही। इ मइँ तू पचन्स कहेउँ किन्तु तू लोग मोर आग्या नाहीं मान्या। तू अइसा काहे किहेन?
3 “अब मइँ तू पचन्स इ कहत हउँ, ‘मइँ इ भुइँया स अब अउर लोगन क बाहेर नाहीं हटाउब। इ सबइ लोग तोहरे लोगन बरे पँदा साबित होइ। ओनकर झूठे देवता लोग तू पचन्क फँसावइ बरे जाल बनिहीं।’”
4 यहोवा क सरगदूत इस्राएल क लोगन क जब यहोवा क सँदेसा दइ चुका, तब लोग जोर स रोइ प़डेन।
5 एह बरे इस्राएल क लोग उ ठउरे क बोकीम नाउँ दिहेन जहाँ उ पचे रोइ पड़े रहेन। बोकीम मँ इस्राएल क लोग यहोवा बरे बलि दिहेन।
6 तब यहोसू लोगन स कहेस कि उ पचे आपन घरन क लउटि जाइँ। एह बरे हर एक परिवार समूह आपन भुइँया क छेत्र लेइ गवा अउर ओहमाँ रहइ।
7 इस्राएल क लोग तब तलक यहोवा क सेवा किहन जब तलक यहोसू जिअत रहा। ओन बुजुर्गन क जीवन काल मँ भी उ पचे यहोवा क सेवा करत रहेन जउन यहोसू क बाद भी जिअत रहेन। एन बुजुर्ग लोग इस्राएल क लोग बरे जउन यहोवा बरे महान कारज किहे रहा, ओनका लखे रहा।
8 नून क पूत यहोसू, जउन यहोवा क सेवक रहा, एक सौ दस बरिस क उमर मँ मरा।
9 ऍह बरे इस्राएल क लोग यहोसू क मृत सरीर क उ भूइयाँ मँ दफनावा गवा, जउन ओका दीन्ह गवा रहा। उ भूइँया तिम्नथ हेरेस मँ रही जउन एप्रैम क पहाड़ी छेत्र मँ गास पहाड़े क उत्तर मँ रही।
10 एकरे पाछे उ पूरी पीढ़ी मर गइ अउर नई पीढ़ी पइदा भइ। इ नवी पीढ़ी यहोवा क बारे मँ न तउ जानत रही अउ न ही ओका, यहोवा इस्राएल क लोगन क बरे का कीन्ह रहा, एकर गियान रहा।
11 एह बरे इस्राएल क लोग पाप किहेन अउ बाल क मूरतियन क सेवा किहेन। उ पचे उहइ पाप किहेन जउन यहोवा क दृस्टि मँ बुरा रहा।
12 यहोवा इस्राएल क लोगन क मिस्र स बाहेर लिआए रहा। ओन लोगन क पुरखन यहोवा क उपासना किहे रहेन। किन्तु इस्राएल क लोग यहोवा क अनुसरण करब तज दिहेन। इस्राएल क लोग ओन लोगन क लबार देवतान क पूजा करब सुरू किहेन, जउन ओनके चारिहुँ कइँती रहत रहेन। इ करम यहोवा क गुस्सैल कइ दिहेस।
13 इस्राएल क लोग यहोवा क अनुसरण करब तजि दिहन अउर बाल अउ अस्तोरेत क पूजा करइ लगेन।
14 यहोवा इस्राएल क लोगन पइ बहोत कोहाइ गवा। एह बरे यहोवा दुस्मनन क इस्राएल क लोगन पइ हमला करइ दिहस। अउ ओनकर धन-दौलत लेइ दिहस। ओनके चारिहुँ कइँती रहइवाले दुस्मनन क यहोवा ओनका पराजित करइ दिहस। इस्राएल क लोग आपन रच्छा आपन दुस्मनन स नाहीं कइ सकेन।
15 जब इस्राएल क लोग जुद्ध बरे निकरेन तउ उ पचे पराजित भएन उ पचे पराजित भएन काहेकि यहोवा ओनकर पच्छ मँ कबहुँ नाहीं रहा। यहोवा पहिले स इस्राएल क लोगन क चितउनी दिहे रहा कि उ पचे पराजित होइहीं, जदि उ पचे ओन लोगन क देवतन क सेवा करिहीं जउन ओनके चारिहुँ कइँती रहत हीं। इस्राएल क लोगन क बहोत जियादा नोस्कान भवा।
16 तब यहोवा निआवाधीस कहइ जाइवाले प्रमुखन चुनेस। एन निआवाधीसन इस्राएल क लोगन क ओन दुस्मनन स बचाएस जउन एनकर सम्पत्ति लइ लिहे रहेन।
17 किन्तु इस्राएल क लोग आपन निआवाधीसन क एक न सुनेन। उ पचे दूसर देवतन क अनुसरण अउर पूजा करत रहेन। उ पचे हाली ही आपन पुरखन जउन यहोवा क आदेस क पालन करत रहेन, क राह स मुड़ गएन। उ पचे अब इ अउर नाहीं किहेन।
18 मुला जब कबहुँ यहोवा ओनकर बरे निआवाधीस पठएस, तउ यहोवा निआवाधीस क संग रहेन। ऍह बरे जब तलक निआवाधीस जिअत रहा उ ओन लोगन क ओनकइ दुस्मनन स बचाएस। यहोवा इ किहेस काहेकि जब उ पचे ओन लोगन क कारण जउन ओन लोगन पइ जुल्म अउ अत्याचार किहेन, चिचियात रहेन तउ उ ओन पइ दाया किहे रहेन।
19 किन्तु जब हर निआवाधीस मर गवा, तब इस्राएल क लोग फुन पाप किहेन अउर लबार देवतन क अनुसरण अउर पूजा सुरू किहेन। उ पचे आपन पुरखन क भी जिआदा बुरा बेउहार किहेन। इस्राएल क लोग बहोत हठी रहेन, उ पचे आपन पाप क मार्ग बदलइ स इन्कार कइ दिहेन।
20 इ तरह यहोवा इस्राएल क लोगन पइ बहोत कोहाइ गवा अउर उ कहेस, “इ रास्ट्र उ करार क तोड़ेस ह जेका मइँ ओनके पुरखन क संग किहे रहेउँ। उ पचे मोरे नाहीं सुनेन।
21 एह बरे मइँ दूसर रास्ट्रन क अउर पराजित नाहीं करब, अउर न ही इस्राएल क लोगन क राह साफ करब। उ सबइ रास्ट्र ओन दिनन भी उ पहँटा मँ रहेन जब यहोसू मरा रहा अउर मइँ ओन रास्ट्रन क प्रदेस मँ रहइ देब।
22 मइँ ओन रास्ट्रन क उपयोग इस्राएल क लोगन क परीच्छा लइ बरे करव। मइँ इ लखब कि इस्राएल क लोग आपन यहोवा क आदेस वइसे ही मानत हीं या नाहीं जइसे ओनकर पुरखन मानत रहेन।”
23 यहोवा ओन रास्ट्रन क ओन प्रदेस मँ रहइ दिहे रहा। यहोवा हाली स ओन रास्ट्रन क आपन देस छोड़इ नाहीं दिहेस। उ ओनका हरावइ मँ यहोसू क सेना क मदद नाहीं किहेस।
Judges 3
1 इ सबइ रास्ट्रन अहइ जेनका यहोवा प्रदेस मँ छोड़ दिहे रहा। उ अइसा ओन सबहिं इस्राएली लोगन क परीच्छा लेइ बरे किहे रहा जउन कनान क कब्जा करइवाले जुद्ध नाहीं लड़े रहेन।
2 उ पहँटा मँ यहोवा क जरिये ओन रास्ट्रन क रहइ देइ क कारण इहइ रहा कि इस्राएल क ओन लोगन क सिच्छा दीन्ह जाइ जउन जुद्धन मँ नाहीं लड़ा रहेन।
3 पलिस्ती लोगन क पाँच सासक, सबहिं कनानी लोग सीदोन क लोग अउर हिब्बी लोग जउन लबानोन क पहाड़ मँ बालहेमोर्न पर्वत स लइके हमात तलक रहत रहेन।
4 यहोवा ओन रास्ट्रन क इस्राएल क लोगन क परीच्छा लेइ बरे उ पहँटा मँ रहइ दिहस। परमेस्सर इ लखइ चाहत रहा कि इस्राएल क लोग यहोवा क ओन आदेसन क पालन करिहीं या नाहीं, जेनका उ मूसा क जरिये ओनके पुरखन क दिहे रहा।
5 इस्राएल क लोग कनानी, हित्ती, एमोरी, परिज्जी, हिब्बी अउर यबूसी लोगन क संग रहत रहेन।
6 इस्राएल क लोग ओन लोगन क बिटियन क संग बियाह करब सुरू कइ दिहन। इस्राएल क लोग आपन बिटियन क ओन लोगन क बेटवन क संग बियाह करइ दिहन अउर इस्राएल क लोग ओन लोगन क देवतन क सेवा किहन।
7 इस्राएल क लोग उहइ किहेन जेनका यहोवा बुरा ठेहराएन। पाप करत अहइँ। इस्राएल क लोग यहोवा आपन परमेस्सर क बिसरि गएन अउर बाल क मूरतियन अउ आसेर क मूरतियन क सेवा अउर पूजा करइ लागेन।
8 यहोवा इस्राएल क लोगन पइ कोहाइ गवा। यहोवा कुसन रिस आइतम क जउन मेसोपोटामिया क राजा रहा, इस्राएल क लोगन क हरावइ अउर ओन पइ सासन करइ दिहस। इस्राएल क लोग उ राजा क सासन मँ आठ बरिस तलक रहेन।
9 किन्तु इस्राएल क लोग यहोवा क रोइके गोहराएन। यहोवा एक मनई क ओनकर रच्छा बरे पठएस। उ मनई क नाउँ ओत्नीएल रहा। उ कनजी क पूत रहा। कनजी कालेब क लहुरा भाई रहा। ओत्नीएल इस्राएल क लोगन क बचाएस।
10 यहोवा क आतिमा ओत्नीएल पइ उतरी। उ इस्राएल क लोगन क निआवाधीस होइ गवा अउर ओन लोगन क जुद्ध मँ अगुवाइ किहेन। यहोवा मेसोपोटामिया क राजा कूसत्रिसातैम क हरावइ मँ ओथनिएल क मदद किहेस।
11 इ तरह उ भुइँया चालीस बरिस तलक सान्त रहा, जब तलक कनजी नाउँ क मनई क पूत ओत्नीएल नाहीं मरा।
12 एक दाईं फुन इस्राएल क लोग उहइ किहेन जेका यहोवा गलत कहेस। एह बरे यहोवा मोआब क राजा एग्लोन क इस्राएल क लोगन क हरावइ क सक्ती दिहेस काहेकि उ पचे उहइ किहेन जेका यहोवा बुरा कहेस।
13 एग्लोन इस्राएल क लोगन पइ हमला करत समइ अम्मोनियन अउ अमालेकियन क अपने संग लिहस एग्लोन अउ ओकर फउज इस्राएल क लोगन क हराएस अउर ताड़क बृच्छनवाले नगर स ओनका निकार बाहेर किहस।
14 इस्राएल क लोग अट्ठारह बरिस तलक मोआब क राजा एग्लोन क सासन मँ रहेन।
15 तब लोग यहोवा स पराथना किहेन अउर रोइके ओका गोहराएन। यहोवा इस्राएल क लोगन क रच्छा बरे एक मनई क पठएस। उ मनई क नाउँ एहूद रहा उ बिन्यामीन क परिवार समूहे क गेरा नाउँ क मनई क पूत रहा। एहूद बायाँ हाथ क रहा। इस्राएल क लोग एहूद क मोआब क राजा एग्लोंन बरे कर क रूप मँ कछू धन देइ क पठएस।
16 एहूद अपने बरे एक ठु तरवार बनाएस। उ तरवार दुइधारी रही अउर लगभग अट्ठारह इंच लम्बी रही। एहूद तरवारे क आपन दाहिना जाँघे मँ बाँधेस अउर आपन ओढ़नन मँ छुपाइ लिहस।
17 इ तरह एहूद मोआब क राजा एग्लोन क लगे आवा अउ ओका भेंट क रूप मँ धन दिहस। (एग्लोन बहोत मोटा आदमी रहा।)
18 एग्लोन क धन देइ क पाछे एहूद ओन मनइयन क घर पठइ दिहेस, जउन धन लिआए रहेन।
19 उ पचे राजा क महल छोड़े दिहेस। जब एहूद गिलगाल क मूरतियन क पास पहुँचेन तउ उ वापिस मुड़ेन अउर राजा क लखइ बरे गएन। एहूद एग्लोन स कहेस, “राजा, मइँ आप क बरे एक गुप्त सँदेसा लाएउँ ह।” राजा कहेस, “चुप रहा।” तब उ सबहिं नउकरन क कमरा स बाहेर पठइ दिहस।
20 एहूद राजा एग्लोन क लगे गवा। एग्लोन एकदम अकेला आपन गमीर् महल क ऊपर क कमरे मँ बइठा रहा। तब एहूद कहेस, “मइँ परमेस्सर क हिआँ स आप क बरे सँदेसा लाए अहउँ।” राजा आपन सिंहासने स उठा, उ एहूद क बहोत निचके रहा।
21 जइसेन ही राजा अपने सिंहासने स उठा, एहूद आपन बाएँ हाथ क बढ़ाएस अउर उ तरवार क निकारेस जउन ओकर दाई जाँघे मँ बँधी रही। तब एहूद तरवार क राजा क पेट मँ भोंक दिहेस।
22 तरवार एग्लोन क पेट मँ ऍतनी भीतर गइ कि ओकर मूठ भी ओहमाँ समाइ गइ। राजा क चबीर् पूरी तरवार क छुपाइ लिहस। एह बरे एहूद तरवार क एग्लोन क अन्दर छोड़ दिहस। जब एग्लोन क भोंका गवा रहा तउ उ आपन अत्रि अउ आमासय पर नियन्त्रण नाहीं रख सकेन अउर ओकर मल बाहार आगएन।
23 एहूद कमरा स बाहेर गवा अउर उ आपन पाछे दरवाजन मँ ताला लगाइके बन्द कइ दिहस।
24 एहूद क चले जाइ क ठीक पाछे नौकर वापस आएन। उ पचे कमरा क दरवाजन मँ ताला लगाइ पाएन। एह बरे नौकर लोग कहेन, “राजा आपन आराम कच्छ क हवादार सौचालय मँ सौच करत रहा होइहीं।”
25 एह बरे नौकर लोग लम्बे समइ तलक प्रतीच्छा किहेन। राजा अटारी के कमरे के द्वार कबहुँ नाहीं खोलेस। आखिर मँ उ सबइ चिन्तित भएन। उ पचे चाभी लिहेन अउ दरवाजन खोलेन। जब नौकर लोग घुसेन तउ उ पचे राजा क फर्स पइ मरा प़डा निहारेन।
26 जब तलक नौकर लोग राजा क प्रतीच्छा करत रहेन तब तलक एहूद क भाग पराइ क समइ मिल गवा। एहूद मूरतियन क लगे स होइके सेइरे नाउँ क ठउरे कइँती गवा।
27 एहूद सेइरे नाउँ क ठउरे पइ पहुँचा। तब उ एप्रैम क पहाड़ी छेत्र मँ तुरही बजाएस। इस्राएल क लोग तुरही क आवाज सुनेन अउर उ पचे पहाड़ियन स उतरेन। एहूद ओनकर संचालक रहा।
28 एहूद इस्राएल क लोगन स कहेस, “मोरे पाछे चला। यहोवा मोआब क लोगन अर्थात हमरे दुस्मनन क हरावइ मँ हमार मदद किहेस ह।”एह बरे इस्राएल क लोग एहूद क अनुसरण किहन। उ पचे एहूद क अनुसरण ओन ठउरन पइ अधिकार करइ बरे करत रहेन जहाँ स यरदन नदी आसानी स पार कीन्ह जाइ सकत रही। उ सबइ ठउर मोआब क प्रदेस तलक पहुँचावत रहेन। इस्राएल क लोग कउनो क यरदन नदी क पार नाहीं जाइ दिहन।
29 इस्राएल क लोग मोआब क करीब दस हजार बलवान अउ साहसी मनइयन क मार डाएन। एक भी मोआबी पराइके बच नाहीं सका।
30 एह बरे उहइ दिना स मोआब क लोगन क इस्राएल क लोगन क सासन मँ रहइ क मजबूर कीन्ह गएन अउर हुआँ उ भुइँया मँ अस्सी बरिस तलक सान्ति बिराज रही।
31 एहूद क बाद एक दूसर मनई इस्राएल क बचाएस। उ मनई क नाउँ समगर रहा उ अनात नाउँ क पूत रहा। समगर कोड़े क उपयोग छ: सौ पलिस्ती मनइयन क मार डावइ बरे किहेस।
Judges 4
1 एहूद क मृत्यु क पाछे इस्राएलियन एक बार फुन उहइ किहेन जउन यहोवा क नजर मँ बुरा रहा।
2 एह बरे यहोवा कनान प्रदेस क राजा याबीन क इस्राएली लोगन क पराजित करइ दिहस। याबीन हासोर नाउँ क नगर मँ सासन करत रहा। राजा याबीन क सेना क सेनापति सीसरा नाउँ क मनई रहा। सीसरा हरोसेत हाग्योयीम नाउँ क नगर मँ रहत रहा।
3 सीसरा क लगे नौव सौ लोहा क रथ रहेन अउर उ बीस बरिस तलक इस्राएल क लोगन क बरे बहोत क्रूर रहा। इस्राएल क लोगन क संग बहोत बुरा बेउहार कीन्ह गवा। एह बरे उ पचे यहोवा क पराथना किहेस अउर मदद बरे रोइके पुकारेस।
4 दबोरा नाउँ क एक ठु मेहरारू नबी रही। उ लप्तीदोत नाउँ क मनई क पत्नी रही। उ उ समइ इस्राएल क निआवाधीस रही।
5 एक दिन दबोरा, ताड़ क बृच्छ क खाले बइठी रही जेका “दबोरा क ताड़ बृच्छ” कहा जात रहा। इस्राएल क लोग ओकर लगे इ पूछइ बरे आएन कि सीसरा क बारे मँ का कीन्ह जाइ। दबोरा क ताड़ बृच्छ एप्रैम क पहाड़ी प्रदेस मँ रामा अउ बेतेल नगरन क बीच रहा।
6 दबोरा बाराक नाउँ क मनई क लगे सँदेसा पठएस। उ ओका ओहसे मिलइ क कहेस। बाराक अबीनोअम नाउँ क मनई क पूत रहा। बाराक नप्ताली क छेत्र मँ केदेस नाउँ क नगर मँ रहत रहा। दबोरा बाराक स कहेस, “यहोवा, इस्राएल क परमेस्सर तोहका आदेस देत ह, ‘जा अउर नप्ताली अउर जबूलून क परिवार समूहन स दस हजार मनइयन क इकट्ठा करा अउर ओनका ताबोर पहाड़ी पइ लइ जा।
7 मइँ याबीन क सेना क सेनापति सीसरा क तोहरे पास पठउब। मइँ सीसरा, ओकर रथन अउर ओकर सेना क कीसोन नदी पइ पहोंचाउब। मइँ हुवाँ सीसरा क हरावइ मँ तोहार मदद करब।’”
8 तब बाराक दबोरा स कहेस, “जदि तू मोरे संग चलबिउ तउ मइँ जाब अउर इ करब। किन्तु जदि तू नाहीं चलबिउ तउ मइँ नाहीं जाब।”
9 दबोरा जवाब दिहस, “निहचय ही, मइँ तोहरे संग चलब। किन्तु तोहरी स्वभाव क कारण जब सीसरा हरावा जाइ, तोहरा प्रसिद्धता नाहीं मिली। यहोवा एक ठु मेहरारू क जरिये सीसरा क हराइ देइ।”एह बरे दबोरा बाराक क संग केदेस नगर क गइ।
10 केदेस नगर मँ बाराक जबूलून अउ नप्ताली क परिवार समूहन क एक संग बोलाएस। बाराक ओन परिवार समूह स, अपने संग चलइ बरे दस हजार मनइयन क बटोरेस। दबोरा भी बाराक क संग गइ।
11 हुआँ हेबेर नाउँ क एक अइसा मनई रहा जउन केनी लोगन मँ स रहा। हेबेर दूसर केनी लोगन क छोड़चुका रहा। (केनी लोग होबाब क सन्तान रहेन। होबाब मूसा क ससुर रहा।) हेबेर सानन्नीम बलूत क बृच्छ क लगे सिबिर लगाएस। साननीम केदेस नगर क लगे अहइ।
12 तब सीसरा स इ कहा गवा कि बाराक जउन कि अबीनोअम क पूत अहइ, ताबोर पर्वते तलक पहोंच गवा अहइ।
13 एह बरे सीसरा आपन नौव सौ लोहा क रथन क बटोरेस। सीसरा आपन सबहिं फउजियन क भी संग लिहस। हरोसेत हाग्योयीम नगर स उ पचे कीसोन नदी तलक जात्रा किहेन।
14 तब दबोरा बाराक स कहेस, “आजु जा! यहोवा तोहका सीसर क हरावइ मँ मदद देइ। निहचइ ही, तू जानत अहा कि यहोवा पहिले स ही तोहरे बरे रस्ता साफ कइ रखेस ह।” एह बरे बाराक दस हजार फउजियन क ताबोर पर्वत स निचे उतारेस।
15 बाराक अउर ओकर फउजियन सीसरा पइ हमला कइ दिहन। जुद्ध क दौरान यहोवा सीसरा, ओकर फउज अउ रथन क अस्तव्यस्त कइ दिहस। एह बरे बाराक अउ ओकर फउज सीसरा क फउज क हराइ दिहस। किन्तु सीसरा आपन रथ क तजि दिहस अउ पैदल पराइ गवा।
16 बाराक अउर ओकर फउजी सीसरा क रथन अउर फउज क पाछ हरोसेत हाग्योयीम तलक लगातार किहन। बाराक क फउजियन सीसरा क फउजियन क मारइ बरे आपन तरवारन क उपयोग किहन। सीसरा क कउनो फउजी जिअत नाहीं बचा।
17 मूला सीसरा परइ गवा। उ उ तम्बू क लगे आवा, जहाँ याएल नाउँ क एक ठु मेहरारू रहत रही। याएल, हेबेर नाउँ क मनई क मेहरारू रही। उ केनी लोगन मँ स एक रही। हेबेर क परिवार हासोर क राजा याबीन स सान्ति-सन्धि किए भए रहा। एह बरे सीसरा, याएल क तम्बू मँ पराइ गवा।
18 याएल सीसरा क आवत लखेस, एह बरे उ ओहसे मिलइ बाहेर गइ। याएल सीसरा स कहेस, “मोरे तम्बू मँ आवा, मोर सुआमी, आवा डेराअ नाहीं।” एह बरे सीसरा याएल क तम्बू मँ गवा अउर उ ओका एक ठु कमबल स ढाँपि लिहेस।
19 सीसरा याएल स कहेस, “मइँ पिआसा अहउँ। कृपा कइके मोका पिअइ क तनिक पानी द्या।” एह बरे याएल एक मसक खोलेस, जेहमाँ उ दूध रखे रहा अउर उ पिअइ क दिहस। तब उ सीसरा क ढाँपि लिहेस।
20 तब सीसरा याएल स कहेस, “तम्बू क दुआर पइ जा। जदि कउनो हुवाँ स गुजरत ह अउर पूछत ह, ‘का हिआँ कउनो अहइ?’ तउ तू कह्या - ‘नाहीं।’”
21 किन्तु हेबेर क मेहरारू याएल तम्बू क एक खूँटी अउ हथौ़डा लिहस। याएल चुपचाप सीसरा क लगे गइ। सीसरा बहोत थका रहा एह बरे उ सोवत रहा। याएल तम्बू क खूँटी क सीसरा क मूँड़ क एक कइँती धरेस अउर ओह पइ हथौड़ा स चोट किहस। तम्बू क खूँटी सीसरा क मूँड़ क एक कइँती स होइके जमीन मँ धँस गइ अउर इ तरह सीसरा मर गवा।
22 ठीक तुरंत बाद बाराक सीसरा क हेरत भवा याएल क तम्बू क लगे आवा। याएल बाराक स मिलइ बाहेर निकरी अउर बोली, “अन्दर आवा अउर मइँ उ मनई क देखाउब जेका तू हेरत अहा।” एह बरे बाराक याएल क साथ तम्बू मँ घुसा। बाराक हुवाँ सीसरा क जमीन पइ मरा पड़ा पाएस, तम्बू क खूँटी ओकरे मूड़ी क एक कइँती स दूसरी कइँती निकरी भइ रही।
23 उ दिन यहोवा कनान क राजा याबीन को इस्राएल क लोगन क समन्वा हराएस।
24 इ तरह इस्राएल क लोग क्रम स जियादा सक्तिसाली होत गएन अउर उ पचे कनान क राजा याबीन क हराइ दिहन। इस्राएल क लोग कनान क राजा याबीन क आखिरी रूप स हराएस।
Judges 5
1 जउने दिन इस्राएल क लोग सीसरा क हराएन उ दिन दबोर अउर अबीनोअम क पूत बाराक इ गीत क गाएस:
2 इस्राएल क लोग अपने क जुद्ध बरे तइयार किहन। उ पचे जुद्ध मँ भाग लेइ बरे खुद आएन। यहोवा क बखान करा!
3 राजा लोग, सुना। सासक लोगो, धियान द्या। मइँ गाउब। मइँ खुद यहोवा क बरे गाउब। मइँ यहोवा, इस्राएल क लोगन क परमेस्सर क स्तुति करब।
4 हे यहोवा, अतीत मँ तू सेईर देस स आया। तू एदोम प्रदेस स चलकर आया, अउर धरती काँप उठी। गगर बरसा किहेस, मेघन जल गिराएन।
5 पर्वत’ यहोवा, सिनाई पर्वत क परमेस्सर क समन्वा, यहोवा, इस्राएल क लोगन क परमेस्सर क समन्वा काँप उठेन।
6 अनात क पूत समगर क समइ मँ अउर याएल क समइ मँ, राजमार्गन सूना रहेन। काफिले अउ राही, गौण पथन स चलत रहेन।
7 इस्राएल मँ कउनो जोधा नाहीं रहा, हे दबोरा, जब तलक तू नाहीं आएस रहा, जब तलक तू इस्राएल क महतारी बनिके न खड़ी भइउ रहा हुआँ कउनो फउजी नाहीं रहा।
8 परमेस्सर नवे प्रमुखन क चुनेस कि उ पचे नगर-द्वार पइ जुद्ध करइँ। इस्राएल क चालीस हजार फउजियन मँ, कउनो ढाल अउ भाला नाहीं पाइ सका।
9 मोर हिरदय इस्राएल क सेनापतियन क संग अहइ। इ सबइ सेनापति खुद आपन इच्छा स जुद्ध मँ गएन। यहोवा प्रसंसा करा।
10 सफेद गदहन पइ सवार होइवाले लोगो तू पचे, जउन कम्बले क काठी पइ बइठत अहा अउर तु जउन राजपथे पइ अहा, धियान द्या।
11 घुंघरुअन क छमछम संगीत, गोरुअन बरे पानी वाले कुअँन पइ, सुना जा सकत ह। लोग यहोवा क विजय गीत गावत ह। उ पचे इस्राएल मँ यहोवा अउ ओकर वीरन क विजय-कथा कहत हीं। उ जब समइ यहोवा क लोग नगर दुआरन पइ लड़ेन अउर विजयी भएन।
12 दबोरा जागा, जागा! जागा, जागा गीत गावा जागा, बाराक! जा, हे अबीनोअम के पूत आपन दुस्मनन क धरा!
13 तउ कछू मनइयन ताकतवर मनइयन स लड़इ बरे गएन। “यहोवा क लोगो, सक्तीसाली सिपाहियन क खिलाफ मोरे संग आवा।
14 एप्रैम क कछू लोग अमालेक क पहाड़ी प्रदेस स आएन। हे बिन्यामीन, तू अउर तोहार लोग ओन मनइयन क अनुसरण किहन। माकीर क परिवार समूह स सेनापतियन आगे आएन। कॉसे क दण्ड क संग जबूलून परिवार समूह स नेता लोग आएन।
15 इस्साकार क नेता दबोरा क संग रहेन। इस्साकार क परिवार समूह बाराक क बरे सच्चा रहा। उ सबइ मनई पैदल ही घाटी मँ पठवा गएन। रूबेन तोहार फउज मँ बहोत सारे बहादुर सिपाही अहइ।
16 एह बरे आपन भेड़वाले देवार स लगे तू सबहिं काहे बइठा अहा? रूबेन क वीर फउजियन जुद्ध बरे बहोत जियादा सोचेन। किन्तु उ पचे घर बइठेन भेड़िन बरे बजाइ जा रहेन संगीत क अनकत रहेन।
17 गिलाद क लोग यरदन नदी क पार आपन डेरन मँ पड़ा रहेन। ऐ, दान क लोगो, जहाँ तलक बात तोहार पचन्क अहइ तू पचे जहाजन क संग काहे चिपका रह्या? आसेर क लोग सागर तट पइ पड़ा रहेन। उ पचे आपन सुरच्छित बन्दरगाहन मँ डेरा डाएन।
18 किन्तु जबूलून क लोग अउर नप्ताली क लोग, मैदान क ऊच छेत्रन मँ जुद्ध क खतरे मँ जीवन क डाएन।
19 राजा लोग आएन, उ पचे लड़ेन, उ समइ कनान क राजा लोगन, तानक सहर मँ मगिद्दो क जलासय पइ लड़ा किन्तु उ पचे इस्राएल क लोगन क कउनो सम्पति नाहीं लइ जाइ सकेन।
20 गगन क नछत्रन जुद्ध किहेन। नछत्रन आपन पथ स, सीसरा स जुद्ध किहन।
21 कीसोन नदी, सीसरा क फउजियन क बहाइ लइ गइ, उ पुरानी नदी-कीसोन नदी। मोर आतिमा, सक्ती स आगे बढ़ा!
22 उ समइ घोड़न क खरन भुइँया क पीटेन। सीसरा क सक्तीसाली घोड़न भागत गएन, भागत गएन।
23 यहोवा क दूत कहेस, “मेरोज नगर क अभिसाप द्या। लोगन क अभिसाप द्या। लोग्गन क अभिसाप द्या जोधन क संग उ पचे यहोवा क मदद करइ नाहीं आएन।”
24 केनी हेबेर क मेहरारू याएल सबहिं मेहररूअन मँ स सब स जियादा धन्य होइ।
25 सीसरा जल माँगेस, किन्तु याएल दूध दिहस, उ सासक क बरे एक ठु उपयुक्त पिआला मँ मलाई लिआएस।
26 याएल बाहेर गइ अउर तम्बू क खूँटी लिआएस। ओकर दाहिने हाथे मँ हथौ़डा रहा जेका मजदूर काम लिअवतेन। अउर उ सीसरा पइ हथौरा चलाएस। उ ओकरे मूँड चूर किहेस। उ ओकरे मूँड क एक कइँती स बेधेस।
27 उ याएल क गोड़न क बीच बूड़ा । उ मर गवा। उहुवँइ पड़ गवा। उ ओकरे गो़डन क बीच बू़डा। उ मर गवा जहाँ सीसरा बूड़ा। हुवँइ उ गिरा, मर गवा।
28 सीसरा क महतारी, खिड़की स लखत अउर पर्दन स झाँकत भइ चिचियाइ उठी। “सीसरा क रथ क आवई मँ देरी काहे भवा? सीसरा क रथ क घोड़न क हिनहिनाइ मँ देरी काहे भवा?”
29 सब स चतुर ओकर सेविकन जवाब ओका देतिन, हाँ सेविका ओका जवाब देत।
30 “निहचइ ही उ पचे विजय पाएन ह, निहचय ही पराजितन क चिजियन उ पचे हड़पत अहइँ निहचय ही उ पचे आपुस मँ चिजियन क बाँटत हीं। एक ठु या दुइ लड़की, हर फउजी क दीन्ह जात हीं।संभव अहइ सीसरा कउनो रंगा ओढ़ना लेत अहइ, संभव अहइ इ एक कढ़े ओढ़ना क टूका होइ, या संभव अहइ, विजय सीसरा क पहिरइ बरे दुइ हुका होइ।”
31 हे यहोवा। इ तरह तोहार, दुस्मन मर-मिट जाइँ। किन्तु उ सबइ लोग जउन तोहका पियार करत हीं उदय होत भवा चमकीला क समान सक्तीसाली बनइ।”तउ देस मँ चालीस बरिस तक सान्ति रही।
Judges 6
1 तउ इस्राएलियन उहइ किहस जेका यहोवा बुरा कहेस। एह बरे सात बरिस तलक यहोवा मिद्यानी लोगन क इस्राएल क पराजित करइ दिहस।
2 मिद्यानी लोग बहोत सक्तिसाली रहेन अउ इस्राएल क लोगन क बरे बहोत क्रूर रहेन। एह बरे इस्राएल क लोग पहाड़न मँ बहोत स छुपइ क ठउर बनाएन। उ पचे आपन भोजन भी गुफन मँ अउर ओन ठउरन मँ जेका खोजब कठिन रहा छुपाएन।
3 उ पचे इ किहेन, काहेकि मिद्यानी, अमालोकी अउर पूवीर् लोगन सदा आवत रहेन अउर फसलन क नस्ट करत रहेन।
4 उ सबइ लोग उ प्रदेस मँ डेरन डावत रहेन अउ उ फसल क नस्ट करत रहेन जउन इस्राएल क लोग जमावत रहेन। ऊज्जा नगर क निअरे तलक क प्रदेस क इस्राएल क लोगन क फसल क उ पचे लोग नस्ट करत रहेन। उ सबइ लोग इस्राएल क लोगन क खाइ क बरे कछू भी नाहीं छो़डत रहेन। उ पचे ओनके बरे भेड़ या पसु या गदधा भी नाहीं छोड़त रहेन।
5 मिद्यानी लोग आएन अउर उ पचे उ प्रदेस मँ डेरा डाएन। उ पचे अपने संग आपन परिवार अउर जनावरन क भी लिआएन। उ पचे एतने जियादा रहेन जेतने टिडिइयन क दल। ओन लोगन अउ ओनकर ऊँटन क गिनती एतनी जियादा रही कि ओनका गनब संभव नाहीं रहा। इ सबइ लोग उ भुइँया मँ आएन अउ ओका नस्ट कइ डाएन।
6 इस्राएल क लोग मिद्यानी लोगन क कारण बहोत गरीब होइ गएन। एह बरे इस्राएल क लोग यहोवा क मदद बरे रोइके गोहराएन।
7 जब मिद्यानियन क कारण इस्राएलियन यहोवा क समन्वा रोएस।
8 तउ यहोवा ओनके लगे एक ठु नबी पठएस। नबी इस्राएल क लोगन स कहेस, “यहोवा, इस्राएल क परमेस्सर इ कहेस ह कि, ‘तू लोग मिस्र देस मँ दास रह्या। मइँ तू लोगन क अजाद किहेउँ अउर मइँ उ देस स तू पचन्क बाहेर लिआएउँ।
9 मइँ मिस्र क सक्तीसाली लोगन स तोहार पचन्क बचाएउँ। तब कनान क लोग तू पचन्क कस्ट दिहेन। एह बरे मइँ फुन तोहार पचन्क बचाएउँँ। मइँ ओन लोगन स ओनकर देस छोड़वाएउँ अउर मइँ ओनकर देस तू पचन्क दिहेेउँ।’
10 तब मइँ तू पचन्स कहेउँ, ‘मइँ यहोवा तोहार पचन्क परमेस्सर अहउँ। तू लोग एमोरी लोगन क भुइँया मँ रहब्या, किन्तु तू पचन्क ओनकर लबार देवतन क पूजा नाहीं करइ चाही।’ परन्तु तू लोग मोरी आग्या क पालन नाहीं किह्या।”
11 उ समइ, यहोवा क दूत गिदोन नाउँ क मनई क लगे आवा। यहोवा क दूत आवा अउर ओप्रा मँ बलूत क तले बइठा। इ बलूत क बृच्छ योआस नाउँ क मनई क रहा। योआस अबीएजेरी लोगन मँ स एक रहा। योआस गिदोन क बाप रहा। गिदोन कछू गोहूँ दाखरस निकारइ क यंत्र मँ कूटत रहा। गिदोन मिद्यानी लोगन स आपन गोहूँ छुपावइ क जतन करत रहा।
12 यहोवा क दूत गिदोन क समन्वा परगट भवा अउर ओहसे कहेस, “सक्तिसाली योद्धा, यहोवा तोहरे संग होइ!”
13 तब गिदोन कहेस, “महोदय, मइँ किरिया खाइके कहत हउँ कि जदि यहोवा हमारे संग अहइ तउ हम लोगन क एतना कस्ट काहे अहइ? हम लोग सुना ह कि उ हमार पुरखन बरे अजूबा कारज किहे रहा। हमार पुरखन हम लोगन स कहेन कि यहोवा हम लोगन क मिस्र स बाहेर लिआबा। किन्तु अब यहोवा हम लोगन क तजि दिहेस ह। यहोवा मिद्यानी लोगन क हम लोगन क हरावइ दिहस।”
14 यहोवा गिदोन कइँती मुड़ा अउर ओनसे बोला, “आपन सकाती क प्रयोग करा। जा अउर मिद्यानी लोगन स इस्राएल क लोगन क रच्छा करा। का इ अइसा नाहीं अहइ कि मइँ तोहका पठवत हउँ?”
15 किन्तु गिदोन जवाब दिहेस अउर कहेस, “महोदय, छिमा करइँ, मइँ इस्राएल क रच्छा कइसे कइ सकत अहउँ? मारे परिवार मनस्से क परिवार समूह मँ सबसे कमजोर अहइ अउर मइँ आपन परिवार मँ सबसे लहुरा हउँ।”
16 यहोवा गिदोन क जवाब दिहेस अउर कहेस, “मिद्यानी लोगन क हरावइ मँ मदद करइ बरे मइँ तोहरे संग रहब। इ ऐसा मालूम होइ कि तू एक मनई क खिलाफ लड़न अहा।”
17 तब गिदोन यहोवा स कहेस, “जदि तू मोहसे खुस अहा तउ सबूत द्या कि तू फुरइ यहोवा अहा।
18 कृपा कइके तू हिआँ रूका। जब तलक मइँ लउट न आवउँ तब तलक तू न जा। मोका मोर भेट लिआवइ द्या अउर ओका तोहरे समन्वा रखइ द्या।”एह बरे यहोवा कहेस, “मइँ तब तलक प्रतीच्छा करब जब तलक तू लउटत्या नाही।”
19 एह बरे गिदोन गवा अउर उ एक ठु बोकरी क बच्चा खउलात पानी मँ पकाएस। गिदोन लगभग एक एपा आटा भी लिहस अउर बेखमीरी रोटियन बनाएस। तब गिदोन माँस क एक टोकरा मँ अउ पके भए माँस क सोरबे क एक बर्तन मँ लिहस। तउ गिदोन माँस, पके माँस क सोरबा अउ बेखमीरी रोटियन क निकारेस। गिदोन उ खइया क बलूत क बृच्छ क नीचे यहोवा क दिहस।
20 परमेस्सर क दूत गिदोन स कहेस, “माँस अउ बेखमीरी रोटियन क हुवाँ चट्टाने पइ धरा। तब पका भवा माँस क सोरबा क गिरावा।” गिदोन वइसा ही किहस जइसा करइ क कहा गवा रहा।
21 यहोवा क सरगदूत अपने हाथ मँ एक ठु कुबरी लइ रखे रही। यहोवा क सरगदूत माँस अउ रोटियन क कुबरी क सिरे स छुएस। तब चट्टाने स आगी बरि उठी। माँस अउ रोटियन पूरी तरह बरि गइन। तब यहोवा सरग क दूत अन्तर्ध्यान होइ गवा।
22 तब गिदोन समुझेस कि उ यहोवा क सरगदूत स बातन करत अहइ। एह बरे गिदोन चिचियाइ उठा, “सर्वसकातीमान यहोवा! मइँ यहोवा क सरगदूत क आमने-सामने लखेउँ ह!”
23 किन्तु यहोवा गिदोन स कहेस, “सान्त रहा। डेराअ नाहीं। तू मरब्या नाहीं।”
24 एह बरे गिदोन यहोवा क उपासना बरे उ ठउरे पइ एक वेदी बनाएस। उ वेदी क नाउँ “यहोवा सान्ति अहइ” धरेस। उ वेदी अब तलक ओप्रा मँ खड़ी अहइ। ओप्रा हुवँइ अहइ जहाँ एजेरी लोग रहत ही।
25 उहइ रात यहोवा गिदोन स बातन किहस। यहोवा गिदोन स कहेस, “आपन पिता क एक संपूर्ण प्रौढ़ बर्धा अउर दूसर जउन सात बरिस क अहइ लिआवा। तोहरे पिता क लबार देवता बाल क एक ठु वेदी अहइ। उ वेदी क बगल मँ एक काठे क खम्भा भी अहइ। खम्भा लबार देवी असेरा क सम्मान बरे बनावा गवा रहा। वेदी क नास कइ द्या अउ असेरा क खम्भा क काट द्या।
26 तब यहोवा, आपन परमेस्सर बरे उचित तरह क वेदी बनावा। इ ऊँच ठउरे पइ उ वेदी बनावा। तब एक ठु सम्पूर्ण प्रौढ़ बर्धा क मारा अउर इ वेदी पइ ओका बार द्या। असेरा क खम्भे क काठ क उपयोग आपन भेट क बारइ बरे करा।”
27 एह बरे गिदोन आपन नउकरन स दस नउकर क लिहस अउर उहइ किहस जउन यहोवा करइ क कहे रहा। किन्तु गिदोन डेरात रहा कि ओकर परिवार क सदस्य अउर नगर क नागरिक लखि सकत हीं कि उ का करत अहइ। गिदोन अहइ किहस जउन यहोवा ओका करइ क कहेस। किन्तु उ इ रात मँ किहस, दिन मँ नाहीं।
28 अगले भिंसारे नगर क नागरिक सोइके उठेन अउर उ पचे लखेन कि बाल क वेदी नस्ट कइ दीन्ह गइ अहइ। उ पचे इ भी लखेन कि असेरा क खम्भा काट डावा ग अहइ। असेरा क खम्भा बाल क वेदी क ठीक पाछे गिर पड़ा। ओन लोग उ वेदी क भी लखेन जेका गिदोन बनाए रहा अउर उ पचे उ वेदी पइ बलि दीन्ह गए बर्धा क भी निहारेन।
29 नगर क लोग एक दूसरे क लखेन अउ कहेन, हमरी वेदी क कउन गिराएस? “हमार असेरा क खम्भे क कउन काटेस? इ नवा वेदी पइ कउन इ बर्धा क बलि दिहस?” उ पचे कइउ सवाल किहेन अउर इ पता लगावइ चाहेन कि उ सबइ काम कउन किहेस।कउनो कहेस, “योआस क पूत गिदोन इ काम किहेस।”
30 एह बरे नगर क लोग योआस क लगे आएन। उ पचे योआस स कहेन, “तोहका आपन पूत क बाहेर लिआवइ चाही। उ बाल क वेदी क गिराएस ह अउर उ असेरा क खम्भे क काटेस ह जउन उ वेदी क बगल मँ रहा। एह बरे तोहरे पूत क मारा जाइ चाही।”
31 तब योआस ओन सबइ स जउन ओकरे चारिहुँ ओर खड़ी रही कहेस, “का तू बाल क मुकद्दमा क वकालत करब्या? का तू ओका बचाउब्या? जदि उ एक देवता अहइ तउ जउन कउनो ओकरे खिलाफ करइ उ भिन्सारे तलक मरि जाइ! जदि उ देवता अहइ तउ ओका खुद ओकर खिलाफ लड़इ चाही जउन ओकर वेदी क काटेस ह!”
32 योआस कहेस, “जदि गिदोन बाल क वेदी क गिराएस तउ बाल क ओहसे संघर्स करइ द्या।” एह बरे उ दिन योआस गिदोन क एक ठु नवा नाउँ दिहस। उ ओका यरूब्बाल कहेस।
33 मिद्यानी, अमालेकी अउ पूर्व क दूसर सबहिं लोग इस्राएल क लोगन क खिलाफ जुद्ध लड़इ बरे एक संग मिलेन। उ सबइ लोग यरदन नदी क पार गएन अउर उ पचे यिज़ेल क घाटी मँ डेरा डाएन।
34 किन्तु गिदोन पइ यहोवा क आतिमा आएस अउ ओका बड़ी सकाती प्रदान किहेस। गिदोन अबीएजोरी लोगन क आपन पाछे (अनुसरण) चलइ बरे तुरही बजाएस।
35 गिदोन मनस्से परिवार समूह क सबहिं लोगन क लगे दूत पठएस। उ सबइ दूतन मनस्से क लोगन स आपन हथियार निकारइ अउ जुद्ध बरे तइयार होइ क कहेस। गिदोन असेर, जबूलून अउ नप्ताली क परिवार समूहन क भी दूत पठएस। एह बरे उ सबइ परिवार समूह भी गिदोन स अउर ओकरे आदमियन स भेंटइ गएन।
36 तब गिदोन यहोवा स कहेस, “अगर तू इस्राएल क लोगन क बचावइ बरे मोर उपयोग करब्या, जइसा तू किहेस,
37 मइँ खरिहान क फर्स पइ एक भेड़ी क ऊन रखत हउँ। जदि सिरिफ भेड़ी क ऊन पइ ही ओस क बूँदन होइही, जबकि सारी भुइयाँ सूखी अहइ, तब मइँ समुझब कि तू आपन कहइ क अनुसार मोर उपयोग इस्राएल क बचावइ मँ करब्या।”
38 अउर उ ठीक वइसा ही भवा। गिदोन अगले भिंसारे उठा अउ भेड़ क ऊने क निचोड़ेस। उ भेड़ी क ऊन स पियाला भइ पानी निचोड़ सका।
39 तब गिदोन परमेस्सर स कहेस, “मोह पइ जिन कोहाअ। मोका सिरिफ एक अउर अनुरोध करइ द्या। मोका भेड़ी क ऊन स एक दाई अउर परीच्छण करइ द्या। इ समइ भेड़ी क ऊन क उ दसा मँ झुरान रहइ द्या जब एकरे चारिहुँ कइँती क भुइँया ओस स भीगी होइ।”
40 उ रात परमेस्सर उहइ किहेस। सिरिफ भेड़ी क ऊन झुरान रही, किन्तु चारिहुँ कइँती क भुइँया ओसे स भीगी रही।
Judges 7
1 भोर भए भिंसारे, यरूब्बाल (गिदोन) अउर ओकर सबहिं लोग आपन डेरन हरोद क झरने पइ लगाएन। मिद्यानी लोग मोरह नाउँ क पहाड़ी क खाले डेरा डाए रहेन। इ गिदोन अउर ओकर मनइयन क उत्तर मँ जहाँ उ पचे डेरा डाए रहने, रहा।
2 तब यहोवा गिदोन स कहेस, “मइँ तोहरे मनइयन क मदद मिद्यानी लोगन क हरावइ बरे करइ जात हउँ। किन्तु तोहरे लगे इ काम बरे जरूरत स जियादा मनई अहइँ। मइँ नाही चाहत कि इस्राएल क लोग मोका बिसरि जाइँ अउर सेखी मारइँ कि उ पचे आपन रच्छा खुद किहेन।
3 एह बरे आपन लोगन मँ घोसणा करा। ओनसे कहा, ‘जउन कउनो डेरात होइ, उ गिलाद पहाड़ी छोड़कर आपन घर लउटि सकत ह।’”ऍह बरे 22,000 मनइयन गिदोन क तजेन अउर उ पचे अपने घर लउट गएन। किन्तु 10,000 फुन भी ओकर संग रहेन।
4 तब यहोवा गिदोन स कहेस, “अबहुँ भी जरूरत स जियादा लोग अहइँ। एन लोगन क जल क लगे लइ जा अउर हुवाँ मइँ एनकर परीच्छा तोहरे बरे करब। जदि मइँ कहब, ‘इ मनई तोहरे संग जाई’ तउ उ जाइ। किन्तु जदि मइँ कहब, ‘इ मनई तोहरे संग नाहीं जाइ।’ तउ उ नाही जाइ।”
5 एह बरे गिदोन लोगन क जल क लगे लइ गवा। उ जल क लगे यहोवा गिदोन स कहेस, “इ तरह लोगन क अलग करा: जउन मनई कूकुर क नाईर् लपलप कइके जल पीइहीं, उ पचे एक वर्ग मँ होइहीं। जउन पिअइ बरे निहुरिहीं, दूसर वर्ग मँ होइहीं।”
6 हुवाँ तीन सौ मनई अइसे रहेन जउन जल मुँहे तलक लिआवइ बरे आपन हाथन क उपयोग किहन अउर ओका कूकुर क नाई लपलप कइके पिएन। बाकी लोग घुटुरूअन क बले निहुरेन अउर उ पचे जल पिएन।
7 तब यहोवा गिदोन स कहेस, “मइँ तीन सौ मनइयन क उपयोग करब अउर कूकुर क नाई लपलप कइके जल पिएन। मइँ ओनही लोगन क उपयोग मिद्यानी लोगन क हरावइ बरे तोहार सहायता बरे अउर इस्राएल क रच्छा करइ बरे करब। दूसर लोगन क अपने घर लउटि जाइ द्या।”
8 एह बरे गिदोन इस्राएल क सेस मनइयन क ओनके घर पठइ दिहस। किन्तु गिदोन तीन सौ मनइयन क आपन संग रखेस। ओन तीन सौ मनइयन डेरा छोड़ कइ जाइवाले मनइयन क भोजन, सामग्री अउर तुरहियन क रख लिहेन। अबहिं मिद्यानी लोग, गिदोन क खाले घाटी मँ डेरा डाए भए रहेन।
9 रात क यहोवा गिदोन स बातन किहेस। यहोवा ओहसे कहेस, “उठा गिदोन, मिद्यानी फउजी क डेरन मँ जा अउर हमला करा काहेकि मइँ तोहका ओन लोगन क हरावइ देब।
10 किन्तु जदि तू अकेले हुआँ जाइ स डेरात ह तउ आपन नउकर फूरा क अपने संग लइ ल्या।
11 जब तू मिद्यानी लोगन क डेरा क लगे जा तउ इ सुना कि उ सबइ लोग का कहत रहे हँ। तब तू इ सुन लेब्या कि उ पचे का कहत अहइँ तब तू उ डेरा पइ हमला करइ स नाहीं डेराब्या।”एह बरे गिदोन अउ ओकर नउकर फूरा दुइनउँ दुस्मन क डेरा क छोर पइ पहोचेन।
12 मिद्यानी, अमालेकी अउ पूरब क दूसर सबहिं लोग उ घाटी मँ डेरा डाए रहेन। हुवाँ उ पचे एतनी बड़ी गनती मँ रहेन कि टिड्डी-दल क नाई जान पड़त रहेन। अइसा जान पड़ा कि ओन क लगे ऍतना ऊँट रहेन, जेतना समुद्दर क किनारे बाल क कण।
13 जब गिदोन दुस्मनन क डेरा मँ पहोंचा, उ एक मनई क बातन करत सुनेस। उ मनई आपन देख भए सपन क आपन मित्र क बतावत रहा। उ मनई कहत रहा, “मइँ इ सपना लखेउँ कि मिद्यान क लोगन क डेरा मँ एक गोल रोटी चकाकर खात भइ आइ। उ रोटी डेरा पइ ऍतनी करीर् चोट किहेस कि डेरा पलट गवा अउर चौड़ा होइके गिर गवा।”
14 उ मनई क मीत उ सपन क अरथ जानत रहा। उ मनई क मीत कहेस, “तोहरे सपन क सिरिफ एक ही अरथ बाटइ। यह इस्राएल क मनई, यहोसू क पूत गिदोन क तरवार बरे अहइ। एकर मतलब इ अहइ कि परमेस्सर मिद्यानी लोगन क सारी फउज क गिदोन क जरिये परास्त करवाई।”
15 जब गिदोन सपन क बारे मँ सुनेस अउर ओकर अरथ समुझेस तउ उ परमेस्सर क बरे निहुरा। तब गिदोन इस्राएली लोगन क डेरा मँ लउट गवा। गिदोन लोगन क बाहेर बोलाएस, “तइयार होइ जा। यहोवा हम पचन्क मिद्यानी लोगन्क हरावइ मँ मदद करी।”
16 तब गिदोन तीन सौ मनइयन क तीन दलन मँ बाँटेस। गिदोन हर एक मनई क एक तुरही अउर एक खाली घड़ा दिहेस। हर एक घड़ा मँ एक ठु बरत मसाल रही।
17 तब गिदोन लोगन स कहेस, “मोका लखत रहा अउर जउन मइँ करउँ, उहइ करा। मोरे पाछे-पाछे दुस्मन क डेरन क छोर तलक चला। जब मइँ डेरन क छोर पइ पहोंच जाउँ, ठीक उहइ करा जउन मइँ करउँ।
18 तू दुस्मन क डेरा क घेर ल्या। मइँ अउर मोर संग क सबहिं मनइयन आपन तुरही बजइहीं। जब हम लोग तुरही बजाउब तउ तू लोग भी आपन तुरही बजाया। तब एन सब्दन क संग घोसणा करा: ‘यहोवा बरे, गिदोन क बरे।’”
19 इ तरह गिदोन अउ ओकरे संग क एक सौ मनई दुस्मन क डेरन क छोर पइ आएन। उ पचे दुस्मन क डेरन मँ ओनके पहरेदारन क बदली क ठीक पाछे आएन। इ रात क पहरेदारी क आधी समइ रहा। गिदोन अउ ओकर मनइयन तुरहियन क बजाएन अउ आपन घड़न क फोड़ेन।
20 तब गिदोन क तीनहुँ दलन अपनी तुरहियन बजाएन अउर आपन गगरियन क फोड़ेन। ओकर लोग आपन बाएँ हाथे मँ मसाल लिहेन अउ दाएँ हाथ मँ तुरहियन लिए भए रहेन। जब उ सबइ लोग तुरहियन बजउतेन तउ उद्घोस करतेन, “यहोवा बरे तरवार, गिदोन बरे तरवार!”
21 गिदोन क हर एक मनई डेरा क चारिहुँ कइँती अपने ठउरे पइ खड़ा रहा। मुला डेरन क भीतर मिद्यानी लोग चिचियानेन अउ पराइ लागेन।
22 जब गिदोन क तीन सौ मनइयन अपनी तुरहियन क बजाएन तउ यहोवा मिद्यानी लोगन क आपुस मँ एक दूसर क तरवारन स मरवाएस। दुस्मन क फउज उ बेतसित्ता नगर क भागी जउन सरेरा नगर कइँती अहइ। उ सबइ लोग उ आबेत महोला नगर क सीमा तलक परानेन जउन तब्बात नगर क निअरे अहइ।
23 तब नप्ताली, आसेर अउ मनस्से क परिवारन क फउजियन क मिद्यानी लोगन क पाछा करइ बरे बुलावा गवा।
24 गिदोन एप्रैम क सारे पहाड़ी पहँटा मँ दूत पठएस। दूतन कहेन, “अगवा आवा अउर मिद्यानी लोगन पइ हमला करा। बेतबारा तलक नदी पइ अउर यरदन नदी पइ अधिकार करा।”एह बरे उ पचे एप्रैम क परिवार स सबहिं मनईयन क बोलाएस। उ पचे बेतबारा तलक नदी पइ कब्जा किहन।
25 एप्रैम क लोग मिद्यानी लोग क दुइ प्रमुखन क धरेन। एन दुइ प्रमुखन क नाउँ ओरेब अउ जेब रहा। एप्रैम क लोग ओरेब क औरेब क चट्टान नाउँ क ठउरे पइ मार डाएन। तब उ पचे जेब क जेब क दाखरस क कोल्हू नाउँ क ठउरे पइ मारेन। एप्रैम क लोग मिद्यानी लोगन क पाछा करब जारी रखेन। किन्तु पहिले उ पचे ओरेब अउ जेब क मूँड़िन क काटेन अउ मूँड़िन क गिदोन क लगे लइ गएन। गिदोन यरदन नदी क पार करइवाले घाट पइ ठहरा रहा।
Judges 8
1 एप्रैम क लोग गिदोन स रूट्ठ रहेन। जब एप्रैम क लोग गिदोन स मिलेन, उ पचे गिदोन स पूछेन, “तू हम लोगन क संग अइसा बेउहार काहे किहा? जब तू मिद्यानी लोगन क खिलाफ लड़इ गया तउ हम लोगन क काहे नाही बोलाया?” एप्रैम क लोगन गिदोन क संग किरोध मँ बात किहेन।
2 किन्तु गिदोन एप्रैम क लोगन क जवाब दिहेस, “मइँ ओतनी अच्छी तरह जुद्ध नाही किहा जेतनी अच्छी तरह आप लोग किहन। इ सच अहइ कि तू एप्रैमी लोग फसल काटइ क पाछे जेतना अंगूर बिन तोड़े छोड़ेस रहा। उ सबइ मोर परिवार अबिएज़ेर क पूरी फसल स भी जियादा रहा।
3 इहइ तरह इ बार भी तोहार फसल अच्छी पहिले स नीक अहइ। यहोवा तू लोगन क मिद्यानी लोगन क राजकुमारन ओरेब अउ जेब क धरइ दिहेस। मइँ आपन कामयाबी क तू लोगन क जरिये कीन्ह गए कामन स कइसे तुलना कइ सकत हउँ?” जब एप्रैम क लोग गिदोन क जवाब सुनेन तउ उ पचे खामोस होइ गएन।
4 तब गिदोन अउ ओकर तीन सौ मनई यरदन नदी पइ आएन अउर ओकरे दूसर कइँती गएन। मुला उ पचे थकेन अउर तउ भी दुस्मनन क पाछा करत रहेन। रहेन।
5 गिदोन सुकाकोत नगर क लोगन स कहेस, “मोरे फउजियन क कछू खइया क द्या। मोर फउजी बहोत थके अहइँ। हम लोग अबहिं तलक जेबह अउर सुल्मुन्ना क पाछा करित अही जउन मिद्यानी लोगन क राजा अहइँ।”
6 सुकाकोत नगर क प्रमुखन गिदोन स कहेस, “हम तोहरे फउजियन क कछू खइया क काहे देइ? तू जेबह अउर सल्मुन्ना क अबहिं तलक धर्या नाहीं ह।”
7 तब गिदोन कहेस, “काहेकि तू हमका खइया क देइ स इनकार किहेस ओकर बाद जब यहोवा जेबह अउर सल्मुन्ना क धरइ मँ मोका मदद करी। मइँ हिआँ लउटब अउर मरूभूमि क काँटन अउ कँटेरी झाड़ियन क कोड़न स पीटब अउ तोहार चमड़ी उधेड़ब।”
8 गिदोन सुकाकोत नगर क तजेस अउर पनूएल नगर क गवा। गिदोन जइसे सुकाकोत क लोगन स भोजन माँगे रहा वइसे ही पनूएल क लोगन स भी भोजन माँगेस। मुला पनूएल क लोग ओका उहइ जवाब दिहेन जउन सुकाकोत क लोग जवाब दिहे रहेन।
9 एह बरे गिदोन पनूएल क लोगन स कहेस, “जब मइँ बिजय पाउब तब मइँ हिआँ आउब अउर तोहार इ मीनारे क गिराइ देब।”
10 जेबह, सल्मुन्ना अउर ओनकर फउजन ककोर्र नगर मँ रहिन। इ फउज मँ 15,000 सिपाही रहेन। पहिले क फउज मँ सिरिफ इ सबइ सिपाही ही बचा रहेन। उ सकातीसाली सेना क 1,20,000 बहादुर फउजी पहिले ही मारे जाइ चुका रहेन।
11 गिदोन अउ ओकर फउजियन खानाबदोसन क मारग क अपनाएस। उ मारग नोबह अउर योग्बहा नगरन क पूरब मँ अहइ। गिदोन ककोर्र नगर मँ आवा अउर उ दुस्मन पइ धावा बोलेस। दुस्मन क फउज क हमला क उम्मीद नाही रही।
12 मिद्यानी लोगन क राजा जेबह अउ सल्मुन्ना पराइ गएन। मुला गिदोन ओनका पाछा किहेस अउर ओन राजा लोगन क धइ लिहेस। गिदोन अउ ओकर लोग दुस्मन फउज क हराइ दिहेस।
13 तब योआस क पूत गिदोन जुद्ध स लउटा। गिदोन अउर ओकर फउजी हेरेस दर्रा नाउँ क दरेर् स होइके लउटेन।
14 गिदोन सुकाकोत क एक जवान क धरेस। गिदोन जवान स कछू सवाल पूछेस। जवान कछू नाउँ गिदोन क बरे लिखेस। उ सुकाकोत क प्रमुखन अउर अग्रजन क नाउँ लिखेस। उ सतहत्तर मनइयन क नाउँ दिहेस।
15 तब गिदोन सुकाकोत नगर मँ आवा। उ नगर क लोगन स कहेस, “जेबह अउर सल्मुन्ना हिआँ अहइँ। तू मोर मजाक इ कहिके उड़ाया, ‘हम पचे तोहरे थके फउजियन क खइया क काहे देइ। तू अबहिं तलक जेबह अउर सल्मुन्ना क नाही धर्या ह।’”
16 गिदोन सुकाकोत नगर क अग्रजन क लिहस अउर ओनका दण्ड देइ बरे रेगिस्तान क काँटन अउ कँटेरी झाड़ियन स पीटेस।
17 गिदोन पनूएल नगर क मीनार क भी गिराइ दिहेस। तब उ ओन लोगन क मार डाएस जउन उ नगर मँ रहत रहेन।
18 अब गिदोन जेबह अउर सल्मुन्ना स कहेस, “तू ताबोर पर्वत पइ कछू मनइयन क मार्या। उ सबई मनई कउने तरह क रहेन?”जेबह अउर सल्मुन्ना जवाब दिहेन, “उ सबइ मनई तोहरी तरह रहेन। ओनमाँ स हर एक राजकुमार क तरह रहा।’”
19 गिदोन कहेस, “उ सबइ मनई मोर भाई अउर मोर महतारी क पूत रहेन। यहोवा क जिन्नगी क किरिया, जदि तू ओनका नाही मारत्या, तउ अब मइँ भी तू पचन्क नाही मारब्या।”
20 तब गिदोन येतेर कइँती मुड़ा। येतेर गिदोन क सब स बड़का पूत रहा। गिदोन ओहसे कहेस, “एन राजा लोगन क मार डावा।” मुला येतेर एक ठु लड़का ही रहा अउर डेरात रहा। एह बरे उ आपन तरवार नाहीं निकारेस।
21 तब जेबह अउ सल्मुन्ना गिदोन स कहेस, “अगवा बढ़ा अउर खुद हमका मारा। तू पुरूख अहा अउ इ काम करइ बरे काफी बलवान अहा।” एह बरे गिदोन उठा अउ जेबह अउर सल्मुन्ना क मार डावा। तब गिदोन चाँद क तरह बनी सज्जा क ओनके ऊँटन क गटइया स उतार दिहेस।
22 इस्राएल क लोग गिदोन स कहेस, “तू हम लोगन क मिद्यानी लोगन स बचाएस। एह बरे हम लोगन पइ सासन करा। हम चाहित ह कि तू, तोहार पूत अउ तोहार पोतन हम लोगन पइ सासन करइँ।”
23 किन्तु गिदोन इस्राएल क लोगन स कहेस, “यहोवा तोहार सासक होइ, न तउ मइँ तू लोगन पइ हुकूमत करब अउर न ही मोर पूत तोहरे ऊपर सासन करी।”
24 इस्राएली क लोग जेनका हराएन, ओनमाँ कछू इस्माएली लोग रहेन। इस्माएली लोगन सोने क कान क बालियन पहिरत रहेन। एह बरे गिदोन इस्राएल क लोगन स कहेस, “मइँ चाहत हउँ कि तू मोरे बरे इ काम करा। मइँ तू पचन मँ स हर एक स इ चाहत हउँ कि तू लोग जुद्ध मँ जउन पाया ओनमाँ स एक-एक कान क बाली हमका द्या।”
25 एह बरे इस्राएल क लोग गिदोन स कहेस, “जउन तू चाहत ह ओका हम खुसी स देब।” एह बरे उ पचे भुइँया पइ एक अंगरखा बिछाएन। हर एक मनई अंगरखा पइ एक ठु कान क बाली क लोकाएस।
26 तब उ सबइ बालियन बटोरिके तउली गइन तउ उ सबइ लग भग तैंतालीस पौंड निकरिन। इ वजन क सम्बंध ओन चीजन क वजन स नाही अहइ जेनका इस्राएल क लोग गिदोन क दूसर भेटन क रूप मँ दिहे रहा। उ पचे चन्दा क आकार अउर आँसू क बूँद क आकार क नाईं रतन भी ओका दिहन अउर उ पचे ओका बैंगनी रंग क चोगन भी दिहन। इ सबइ उ सब चिजियन रहिन जउन मिद्यानी लोगन क राजा लोग पहिरे रहेन। उ पचे मिद्यानी लोगन क राजा लोग ऊँटन क जंजीरियन भी ओका दिहेन।
27 गिदोन उ सोना क उपयोग एपोद बनावइ क बरे किहेस। उ एपोद क आपन निवास क उ नगर मँ रखेस जेका ओप्रा कहा जात रहा। इस्राएल क सबहिं लोग एपोद क पूजत रहेन। मुला इ तरह इस्राएल क लोग यहोवा बरे अबिस्सासी रहेन अउर एपोद क पूजा करत रहेन। उ एपोद, गिदोन अउ ओकरे परिवार बरे मुसीबत क कारण बन गएन।
28 इ तरह मिद्यानी लोग इस्राएल क हुकूमत मँ रहइ बरे मजबूर कीन्ह गए रहेन। मिद्यानी लोग अब अगवा कउनो कस्ट नाहीं दिहेन। इ तरह गिदोन क जिन्नगी काल मँ चालीस बरिस तलक पूरे देस मँ सान्ति रही।
29 योआस क पूत यरूब्बाल (गिदोन) अपने घर गवा।
30 गिदोन क आपन सत्तर पूत रहेन। एकर ऍतना जियादा पूत रहेन काहेकि ओकर अनेक मेहररूअन रहिन।
31 गिदोन क एक ठु रखैल भी रही। जउन सकेम नगर मँ रहत रही। उ रखैल स भी ओका एक पूत रहा। उ उ पूत क नाउँ अबीमेलेक राखेस।
32 इ तरह योआस क पूत गिदोन खूब बुढ़ाइ जाए पइ मरा। गिदोन उ कब्र मँ दफनावा गवा, जउन ओकर पिता योआस क रहा। उ कब्र ओप्रा नगर मँ बाटइ जहाँ अबीएजेरी लोग रहत हीं।
33 जइसेन ही गिदोन मरा तइसे ही इस्राएल क लोग फिन परमेस्सर बरे अबिस्सासी बन गए रहेन। उ सबइ बाल क अनुसरण करइ लागेन। उ पचे बाल बरीत क आपन देवता चुन लिहेस।
34 इस्राएल क लोग यहोवा, आपन परमेस्सर क याद नाहीं करत रहेन, जदपि उ ओनका ओन सबहिं दुस्मन स बचाएस जउन इस्राएल क लोगन क चारिहुँ कइँती रहत रहेन।
35 इस्राएल क लोग यरूब्बाल क परिवार बरे कउनो दया नाहीं देखाएन, जदपि उ ओनके बरे बहोत स नीक करम किहे रहेन।
Judges 9
1 अबीमेलेक यरूब्बाल क पूत रहा। अबीमेलेक आपन ओन मामा लोगन क लगे गवा जउन सकेम नगर मँ रहत रहेन। उ आपन मामा लोगन अउ महतारी क परिवार स कहेस,
2 “सकेम नगर क प्रमुख लोगन स इ सवाल पूछा: ‘यरूब्बाल का सत्तर पूतन स आप लोगन क सासित होब तोहार बरे नीक अहइ या कउनो एक मनई स सासित होब? याद राखा, मइँ तोहार सम्बंधी हउँ।”
3 अबीमेलेक क मामा लोग सकेम क प्रमुख लोग स बात किहेन अउर ओनेस इ सवाल किहेन। सकेम क प्रमुख लोग अबीमेलेक क अनुसरण करइ क निहचइ किहेन। उ पचे कहेन, “आखिरकार उ हमार सम्बंधी अहइ।”
4 एह बरे सकेम क प्रमुख लोग अबीमेलेक क सत्तर चाँदी क टूकन दिहेन। उ चाँदी बालबरीत देवता क मन्दिर क रही। अबीमेलेक चाँदी क उपयोग कछू मनइयन क काम पइ लगावइ बरे किहेन। इ सबई मनई लापरवाह अउ बेकार रहेन। उ सबइ अबीमेलेक क पाछे, जहाँ कहूँ उ गवा, चलत रहेन।
5 अबीमेलेक ओप्रा नगर क गवा। ओप्रा ओकरे पिता क निवास स्थान रहा। उ नगर मँ अबीमेलेक आपन सत्तर भाइयन क कतल कइ दिहेस। उ सबइ सत्तर भाई अबीमेलेक क बाप यरूब्बाल क पूत रहेन। उ सबहिं क एक पथरे पइ मारेस किन्तु यरूब्बाल क सब स नान्ह पूत अबीमेलेक स छुप गवा अउर पराइ निकरा। सब स नान्ह पूत क नाउँ योताम रहा।
6 तब सकेम नगर क सबहिं प्रमुख अउर बेतमिल्लो क महल क निअम्बर एक संग आएन। उ सबइ सबहिं उ पाथर-खम्भा क निअरे क बड़का बृच्छ क लगे बटुर गएन जउन सकेम नगर मँ रहा अउर उ पचे अबीमेलेक क आपन राजा बनाएन।
7 योताम सुनेस कि सकेम क प्रमुख लोग अबीमेलेक क राजा बनाइ दिहेन ह। जब उ सुनेस तउ उ गवा अउर गरिज्जीम पर्वत क चोटी पइ खड़ा भवा। योताम लोगन क इ कथा चिचियाइके सुनाएस।सकेम क लोग, मोर बात सुना अउ तब आप क बात परमेस्सर सुनी।
8 एक दिन बृच्छ आपन ऊपर हुकूमत करइ बरे एक ठु राजा चुनइ क निर्णय किहन। बृच्छन जइतून क बृच्छ स कहेन, “तू हमरे ऊपर राजा बना।”
9 मुला जइतून क बृच्छ कहेस, “मनई अउ देवता मोर बड़कई मोरे तेल बरे करत ही। का मइँ जाइके सिरिफ दूसर बृच्छन पइ हुकूमत करइ क बरे आपन तेल बनाउब बन्द कइ देउँ?”
10 तब बृच्छन अंजीर क बृच्छ स कहेन, “आवा अउर हमार राजा बना।”
11 मुला अंजीर क बृच्छ जवाब दिहस, “का मइँ सिरिफ जाइके दूसर बृच्छन पइ हुकूमत करइ बरे आपन मीठ अउ नीक फल पइदा करब बन्द कइ देब?”
12 तब बृच्छन अंगूर क बेल स कहेन, “आवा अउ हमार राजा बना।”
13 मुला अंगूर क बेल जवाब दिहस, “मोर दाखरस मनईयन अउ राजा लोगन क खुस करत ह। का मोका सिरिफ जाइके अउर बृच्छन पइ सासन करइ बरे आपन दाखरस पइदा करब बन्द कइ देइ चाही।”
14 आखीर मँ सबइ बृच्छन कँटेरी झाड़ी स कहेन, “आवा अउ हमार राजा बना।”
15 किन्तु कँटेरी झाड़ी बृच्छन स कहेस, “जदि तू फुरइ मोका अपने ऊपर राजा बनावइ चाहत ह तउ आवा अउर मोर छाया मँ आपन सरण बनावा। जदि तू अइसा करइ नाहीं चाहत ह तउ इ कँटेरी झाड़ी स आगी निकरइ द्या, अउर उ आगी क लबानोन, क चीड़ क बृच्छन क भी जराइ देइ द्या।”
16 “अब जदि आप अबीमेलेक क आपन राजा बनाइके ठीक करत हीं। अउर जदि आप ओका राजा बनाइके यरूब्बाल अउर ओकर परिवार बरे निआव संगत अहइँ, अउर आप यरूब्बाल क संग उहई बर्ताव करत ह जेका उ हकदार अहइ, तउ इ ठीक अहइ!
17 किन्तु तनिक सोचा कि मोर बाप आपन बरे का किहेस ह? मोर बाप आप लोगन बरे लड़ेन। उ पचे आपन जिन्नगी क उ समइ खतरा मँ डाएन जब उ पचे आपन लोगन क मिद्यानी लोगन स बचाएस।
18 किन्तु अब आप लोग मोरे बाप क परिवार क खिलाफ होइ गवा अहइँ। आप लोग मोरे बाप क सत्तर पूतन क एक पाथर पइ मारेन ह। आप लोग अबीमेलेक क सकेम क राजा बनाएन ह। उ मोरे बाप क दासी क पूत अहइ। आप लोग अबीमेलेक क सिरिफ एह बरे राजा बनाएन ह कि उ आप क रिस्तेदार अहइ।
19 एह बरे जदि आज आप लोग यरूब्बाल अउ ओकरे परिवार क बरे ठीक किहेस ह, तब अबीमेलेक क आपन राजा मानिके आप क खुस होइ चाही अउर ओका भी तोहार संग खुस होइ चाही।
20 मुला जदि आप उचित नाही किहेन ह तउ, अबीमेलेक सकेम अउर मिल्लो सहर क सबइ प्रमुखन क नस्ट कइ डाएन। अउर सकेम नगर क अउर मिल्लो नगर क प्रमुखन भी अबीमेलेक क नस्ट कइ डाएन।”
21 योताम इ सब कहइ क पाछे भाग खड़ा भवा। उ पराइके बेर नगर मँ पहोंचा। योताम उ नगर मँ रहत रहा, काहेकि उ आपन भाई अबीमेलेक स डेरात रहा।
22 अबीमेलेक इस्राएल क लोगन पइ तीन बरिस तलक हुकूमत किहस।
23 अबीमेलेक यरूब्बाल क सत्तर पूतन क मार डाए रहा। उ पचे अबीमेलेक क भाई रहेन। सकेम नगर क प्रमुख लोग ओन भाईयन क मारइ मँ ओकर मदद किहे रहेन। एह बरे परमेस्सर अबीमेलेक अउ सकेम क प्रमुखन क बीच झगड़ा पइदा कराएस अउ सकेम क प्रमुख लोग अबीमेलेक क नोस्कान पहोंचावइ बरे जोजना बनाएन।
24
25 ओन लोग पहाड़ियन क चोटी पइ स जाइवालन पइ हमला करइ अउर ओनकर सब कछू लूटइ बरे डाकू लोगन क किराये पइ राखेस। अबीमेलेक ओन हमलन क बारे मँ पता लगाएस।
26 गाल नाउँ क एक मनई अउर ओकर भाई सकेम नगर क आएन। गाल, एबेद नाउँ क मनई क पूत रहा। सकेम क प्रमुख लोग गाल पइ बिस्सास अउ ओकर अनुसरण करइ क निहचय किहेन।
27 एक दिन सकेम क लोग आपन बागन मँ अंगूर तोड़इ गएन। लोग दाखरस बनावइ बरे अंगूरन क निचोरेन अउर तब उ पचे आपन देवता क मन्दिर पइ एक ठु दावत दिहन। उ पचे खाएन अउ दाखरस पिएन। तब उ पचे अबीमेलेक क अभिसाप दिहेन।
28 तब एबेद क पूत गाल कहेस, “हम लोग सकेम क मनई अही। हम अबीमेलेक क आग्या काहे मानी? का उ यरूब्बाल क पूत नाहीं अहइ? का जबूल ओकर अधिकारी नाहीं अहइ? हम का अबीमेलेक क आग्या नाहीं मानइ चाही। हम का हमोर क लोगन क आग्या मानइ चाही। (हमोर सकेम क पिता रहा।)
29 जदि आप मोका एन लोगन क सेनापति बनावत हीं तउ मइँ अबीमेलेक स मुकित दियाइ देब। मइँ ओहसे कहब, ‘आपन फउज क तइयार करा अउर जुद्ध बरे आवा।’”
30 जबूल सकेम नगर क राजपाल रहा। जबूल उ सब सुनेस जउन एबेद क पूत गाल कहेस अउर जबूल बहोत कोहाइ गवा।
31 जबूल अबीमेलेक क लगे अरूमा नगरमँ दूतन क पठएस। सँदेसा इ रहा:एबेद क पूत गाल अउ एकर भाई सकेम नगर मँ आएन ह अउर तोहरे बरे कठिनाई पइदा करत अहइँ। गाल पूरे नगर क तोहरे खिलाफ भड़कावत अहइ।
32 एह बरे अब तू पचन्क अउर तोहरे पचन्क लोगन क राति मँ उठइ चाही अउर नगर क बाहेर खेतन मँ छुपइ चाही।
33 जब भिंसारे सूरज निकरइ तउ नगर पइ हमला कइ द्या। गाल अउर ओकर मनईयन तोहार संग जुद्ध करइ बरे नगर क बाहेर आइ। जब उ सबइ लोग लड़इ बरे बाहेर आवइँ तउ तू पचे ओनकर जउन कइ सका, करा।
34 एह बरे अबीमेलेक अउर सबहिं फउजी राति क उठेन अउर नगर क गएन। उ सबइ फउजी चार टुकड़िन मँ बँट गएन। उ पचे सकेम नगर क लगे छुप गएन।
35 एबेद क पूत गाल बाहेर निकरिके सकेम नगर क फाटक क प्रवेस दुआर पइ रहा। जब गाल हुआँ खड़ा रहा उहइ समइ अबीमेलेक अउर ओकर फउजी आपन छुपइ क ठउरन स बाहेर आएन।
36 गाल फउजियन क लखेस। गाल जबूल स कहेस, “धियान द्या, पर्वतन स लोग खाले उतरत अहइँ।”किन्तु जबूल कहेस, “तू सिरिफ पर्वतन क परछाँइयन लखत अहा। परछाँइयन लोगन क तरह देखाइ देत अहइँ।”
37 किन्तु गाल फिन कहेस, “लखा, प्रदेस क नाभि नाउँ क ठउरे स लोग बढ़त अहइँ, अउर जादूगर क बृच्छ क ओर स एक दुसर दल आवति अहइ।”
38 तब जबूल ओहसे कहेस, “अब तोहार बड़की-बड़की बातन कहाँ गइन, जउन तू कहत रह्या, ‘अबीमेलेक कउन होत ह, जेकरी मातहत मँ हम रहेन?’ का उ सबइ उहइ लोग नाहीं अहइँ जेनकर तू मसखरी उड़ावत रह्या? जा अउर ओनसे लड़ा।”
39 एह बरे गाल सकेम क प्रमुखन क अबीमेलेक स जुद्ध करइ बरे लइ गवा।
40 अबीमेलेक अउर ओकर फउजियन गाल अउ ओकरे मनइयन क पाछा किहेन। गाल क लोग सकेम नगर क फाटक कँइती स पाछे परानेन। गाल क बहोत स लोग फाटक पइ पहोंचइ स पहिले मार डावा गएन।
41 तब अबीमेलेक अरूमा नगर क लउटि गवा। जबूल गाल अउर ओकरे भाइयन क सकेम नगर तजइ क मजबूर किहस।
42 अगले दिन सकेम क लोग आपन खेतन मँ काम करइ क गएन। अबीमेलेक ओकरे बारे मँ पता लगाएस।
43 एह बरे अबीमेलेक आपन फउजियन क तीन टुकड़ियन मँ बाँटेस। उ सकेम क लोगन पइ अचानक हमला करइ क जोजना बनाएस। एह बरे उ आपन मनइयन क खेतन मँ छुपाएस। जब उ लोगन क नगर स बाहेर आवत लखेस तउ उ टूट पड़ा अउर ओन पइ हमला कइ दिहेस।
44 अबीमेलेक अउ ओकर लोग सकेम नगर क फाटक क लगे दौड़िके आएन। दूसर दुइ दुकड़ियन खेत मँ लोगन क लगे दोड़िके गइन अउर ओनका मारि डाएन।
45 अबीमेलेक अउ ओकर फउजी सकेम नगर क संग पूरे दिन लड़ेन। उ पचे सकेम नगर पइ कब्जा कइ लिहेन अउ उ नगर क लोगन क मार डाएन। तब अबीमेलेक उ नगर क बर्बाद किहस अउर उ ध्वंस पइ नोन फेंकवाइ दिहस।
46 कछू लोग सकेम क मीनार क लगे रहत रहेन। जब उ ठउरे क लोग सुनेन कि सकेम का संग का भवा ह तब उ पचे सब स जियादा सुरच्छित उ कमरा मँ बटुर गएन जउन एलबरीत देवता क मन्दिर रहा।
47 अबीमेलेक सुनेस कि सकेम क मीनार क सबहिं प्रमुख एक संग बटुर गएन ह।
48 एह बरे अबीमेलेक अउ ओकर सबहिं लोग सलमोन पर्वत प गएन। अबीमेलेक एक ठु कुल्हाड़ी लिहस अउर उ कछू डारन क काटेस। उ ओन डारन क आपन काँधन पइ धरेस। तब उ आपन मनइयन स कहेस, “हाली करा, जउन मइँ किहेउँ ह, उहइ करा।”
49 एह बरे ओन लोग डारन क काटेन अउर अबीमेलेक क पाछा किहन। उ पचे डारन क ढेर एलबरीत देवता क मन्दिर क सब स जियादा सुरच्छित कमरा क लगे लगाएस। तब उ पचे डारन मँ आगी लगाइ दिहन अउर कमरा मँ लोगन क बार डाएन। इ तरह लगभग सकेम क मीनार क निवासी एक हजार मेहरारू-मनसेधू मर गएन।
50 तब अबीमेलेक अउर ओकर मनईयन साथी तेबेस नगर क गएन। उ पचे उ नगर पइ कब्जा कइ लिहेन।
51 किन्तु तेबेस नगर मँ एक मजबूत मीनार रही। उ नगर क सबहिं मेहरारू-मनसेधू अउ उ नगर क प्रमुख उ मीनार क लगे पराइके पहोंचेन। जब नगर क लोग मीनार क भीतर घुस गएन तउ उ पचे अपने पाछे मीनार क दरवाजा बन्द कइ दिहन अउ ताला लगाइ दिहेन। तब उ पचे मीनार क छते पइ चढ़ गएन।
52 अबीमेलेक अउ ओकर साथी मीनार क लगे ओह पइ हमला करइ बरे पहोचेन। अबीमेलेक मीनार क दरवाज तलक गवा। उ मीनार क आगी लगावइ चाहत रहा।
53 जब अबीमेलेक दूआरे पइ खड़ा रहा, उहइ समइ एक मेहरारू एक ठु चकाकी क पाथर ओकरे मूँड़े पइ फेंकेस। चकाकी क पाथर अबीमेलेक क मूँड़े क चूर-चूर कइ डाएस।
54 अबीमेलेक हाली स आपन उ नौकर स कहेस जउन ओकर औजार लइ चलत रहा, “आपन तरवार निकारा अउर मोका मार डावा। मइँ चाहत हउँ कि तू मोका मार डावा जेहसे लोग इ न कहइँ कि, ‘एक ठु मेहरारू अबीमेलेक क मार डाएस।’” एह बरे उ नौकर आपन तरवार उस के सरीर मँ घुसेड़ दिहस अउर अबीमेलेक मर गवा।
55 इस्राएल क लोग लखेन कि अबीमेलेक मर गवा। एह बरे उ पचे सबहिं आपन घरन क लउटि गएन।
56 इ तरह परमेस्सर अबीमेलेक क ओकर सबहिं कीन्ह गवा पापन खातिर दण्ड दिहस। अबीमेलेक आपन सत्तर भाइयन क मारिके अपने बाप क खिलाफ पाप किहे रहा।
57 परमेस्सर सकेम नगर क लोगन क भी ओनके जरिये कीन्ह गए पापन क दण्ड दिहस। इ तरह योताम जउन कहेस, फुरइ भवा। (योताम यरूब्बाल क सब स लहुरा पूत रहा। यरूब्बाल गिदोन रहा।)
Judges 10
1 अबीमेलेक क मरइ क पाछे इस्राएल क लोगन क बचावइ बरे परमेस्सर क जरिये दूसर निआवाधीस पठवा गवा। उ मनई क नाउँ तोला रहा। तोला पुआ नाउँ क मनई क पूत रहा। पुआ दोदो नाउँ क मनई क पूत रहा। तोला इस्साकार क परिवार समूह क रहा। तोला सामीर नगर मँ रहत रहा। सामीर नगर एप्रैम क पहाड़ी पहँटा मँ रहा।
2 तोला इस्राएल क लोगन बरे तेईस बरिस तलक निआवाधीस रहा। तब तोला मर गवा अउ सामीर नगर मँ दफनावा गवा।
3 तोला क मरइ क पाछे, परमेस्सर क जरिये एक ठु अउर निआवाधीस पठवा गवा। उ मनई क नाउँ याईर रहा। याईर गिलाद क पहँटा मँ रहत रहा। याईर इस्राएल क लोगन क बरे बाईस बरिस तलक निआवाधीस रहा।
4 याईर क तीस पूत रहेन। उ सबह तीस पूत तीस गधन पइ सवार होत रहेन। उ सबइ तीस पूत गिलाद छेत्र क तीस नगरन क इन्तजाम करत रहेन। उ सबइ नगर “याईर क सहर” आजु तलक कहा जात हीं।
5 याईर मरा अउ कामोन नगर मँ दफनावा गवा।
6 तब इस्राएल क लोग फुन उहइ किहेन जउन यहोवा क नज़र मँ बुरा रहा। उ सबइ बाल देवतन, अउर अस्तारोत, अउर अरामीय सीदोन, मोआब, अम्मोनियन अउर पलिस्तियन क देवतन क पूजा किहेस। इस्राएल क लोगन यहोवा क तजि दिहेन अउर ओकर उपासना अउर सेवा बन्द कइ दिहन।
7 एह बरे यहोवा इस्राएल क लोगन पइ कोहान। यहोवा पलिस्तियन अउ अम्मोनियन क ओनका पराजित करइ दिहस।
8 उहइ बरिस ओन लोग इस्राएल क ओन लोगन क बर्बाद किहेस जउन गिलाद पहँटा मँ यरदन नदी क पूरब मँ रहत रहेन। इ उहइ भुइँया अहइ जहाँ अमोरियन लोग रह चुका रहेन। इस्राएल क उ सबइ लोग अट्ठारह बरिस तलक कस्ट भोगत रहेन।
9 तब अम्मोनी लोग यरदन नदी क पार गएन। उ सबइ लोग यहूदा, बिन्यामीन अउ एप्रैम क लोगन क खिलाफ लड़इ गएन। अम्मोनी लोग इस्राएल क लोगन पइ अनेक बिपत्तियन ढाएन।
10 एह बरे इस्राएल क लोग यहोवा क रोइके गोहराएन, “हम लोग, परमेस्सर, तोहरे खिलाफ पाप किहा ह। हम लोग अपने परमेस्सर क तजा अउ बाल क मूरतियन क पूजा कीन्ह।”
11 यहोवा इस्राएल क लोगन क जवाब दिहस, “तू लोग मोका तबइ रोइके गोहराया जब मिस्री, एमोरी, अम्मोनी तथा पलिस्ती लोग तोहरे सबन पइ अत्याचार किहन। मइँ तू पचन्क एन लोगन स रच्छा करवा।
12 तू लोग तबइ चिचियाया जब सीदोन क लोग, अमालेकियन अउ मिद्यानियन तू पचन पइ प्रहार किहन। मइँ ओन लोगन स भी तू पचन्क बचाएउँ ह।
13 किन्तु तू पचे मोका तजा ह। तू पचे दूसर देवतन क उपासना किहा ह। एह बरे मइँ तू पचन्क फुन बचावइ स इन्कार करत हउँ।
14 तू पचे ओन देवतन क पूजा करब पसन्द करत अहा। एह बरे ओनके निचके मदद खातिर गोहरावइ जा। जब तू पचे विपत्ति मँ पड़इ तउ उहइ समय ओन देवतन क तू लोगन क रच्छा करइ द्या।”
15 किन्तु इस्राएल क लोग यहोवा स कहेन, “हम लोग पाप कीन्ह ह। तू, हम पचन्क संग जउन चाहत ह, करा। किन्तु कृपा करके आजु हम लोगन क बचा।”
16 तब इस्राएल क लोग अपने लगे क विदेसी देवतन क लोकाइ दिहा। उ पचे फुन स यहोवा क उपासना सुरू किहन। एह बरे जब यहोवा ओनका कस्ट उठावत लखेस, तब उ ओनके बरे दुःखी भवा।
17 अम्मोनी लोग जुद्ध करइ बरे एक संग बटुरेन, ओनकर डेरा गिलाद पहँटा मँ रहा। इस्राएल क लोग एक संग बटुरेन, ओनकर डेरा मिस्सा नगर मँ रहा।
18 गिलाद छेत्र मँ रहइवाले लोगन क प्रमुखन कहेन, “अम्मोन क लोगन पइ हमला करइ मँ जउन मनई हमार अगुआई करी, उहइ मनई, ओन सबहिं लोगन क प्रमुख होई जाई जउन गिलाद पहँटा मँ रहत हीं।”
Judges 11
1 यिप्तह गिलाद क परिवार समूह स रहा। उ एक ताकतवर जोधा रहा। किन्तु यिप्तह एक ठु रण्डी क पूत रहा। ओकर बाप गिलाद नाउँ क मनई रहा।
2 गिलाद क मेहरारू क अनेक पूत रहेन। जब उ पचे बड़े भएन तउ उ पचे यिप्तह क पसन्द नाहीं किहन। ओन पूतन यिप्तह क आपन जनम क नगर क तजइ बरे मजबूर किहन। उ पचे ओहसे कहेन, “तू हमरे बाप क दौलत मँ कछू नाहीं पाइ सकत अहा। तू दूसर मेहरारू क पूत अहा।”
3 एह बरे यिप्तह आपन भाइयन क कारण दूर चला गवा। उ तोब प्रदेस मँ रहत रहा। तोब प्रदेस मँ कछू मुल्यहीन लोग यिप्तह क अनुसरण करइ लागेन।
4 कछू समइ पाछे अम्मोनी लोग इस्राएल क लोगन स लड़ेन।
5 अम्मोनी लोग इस्राएल क लोगन क खिलाफ लड़त रहेन। एह बरे गिलाद प्रदेस क अग्रज (प्रमुख) यिप्तह क लगे आएन। उ पचे चाहत रहेन कि यिप्तह तोब प्रदेस क तजि देइ अउर गिलाद प्रदेस मँ लउटि आवइ।
6 प्रमुखन यिप्तह स कहेन, “आवा, हमार प्रमुख बना, जेहसे हम लोग अम्मोनियन क संग लड़ सकी।”
7 मुला यिप्तह गिलाद प्रदेस क अग्रजन स कहेस, “का इ फुरइ नाहीं कि तू लोग मोहसे घिना करत अहा? तू लोग मोका आपन पिता क घर तजइ बरे मजबूर किहा। एह बरे जब तू पचे विपत्ति मँ ह्वा तउ मोरे लगे काहे आवत रह्या?”
8 गिलाद प्रदेस क अग्रजन यिप्तह स कहेन, “इहइ कारण अहइ जेहसे हम अब तोहरे लगे आवा अही। कृपा कइके हम लोगन क संग आवा अउर अम्मोनी लोगन क खिलाफ लड़ा। तू ओन सबहिं लोगन क सेनापति होब्या जउन गिलाद प्रदेस मँ रहत हीं।”
9 तब यिप्तह गिलाद प्रदेस क अग्रजन स कहेस, “जदि तू लोग चाहत अहा कि मइँ गिलाद क लउटउँ अउर अम्मोनी लोगन क खिलाफ लड़उँ तउ इ बहोत नीक बात अहइ। किन्तु जदि यहोवा मोका विजय पावइ मँ मदद करइ तउ मइँ तोहार पचन्क नवा प्रमुख बनब।”
10 गिलाद प्रदेस क अग्रजन यिप्तह स कहेन, “हम लोग जउन बातन करत अही, यहोवा उ सबइ सुनत अहइ। हम लोग इ सबइ करइ क प्रतिग्या करत अही जउन तू पचे हमका करइ क कहत रह्या।”
11 एह बरे यिप्तह गिलाद क अग्रजन क संग गवा। ओन लोग यिप्तह क आपन प्रमुख तथा आपन फउज क सेनापति बनाएन। यिप्तह मिस्पा नगर मँ यहोवा क समन्वा आपन सबहिं बातन दोहराएस।
12 यिप्तह अम्मोनी राजा क लगे दूतन पठएस। दूतन राजा क इ सँदेसा दिहस: “अम्मोनी अउ इस्राएल क लोगन क बीच समस्या का अहइ? तू हमरे भुइँया मँ लड़इ बरे काहे आवा अहा?”
13 अम्मोनी लोगन क राजा यिप्तह क दूतन स कहेस, “हम लोग इस्राएल क लोगन स एह बरे लड़त अही काहेकि इस्राएल क लोग हमार भुइँया तब लइ लिहन जब उ पचे मिस्र स आवा रहेन। उ पचे हमार भुइँया अनोर्ल नदी स यब्बोक नदी अउ हुवाँ स यरदन नदी तलक लइ लिहन अउ अब इस्राएल क लोगन स कहा कि उ पचे हमार भुइँया हम का सान्तिपूर्वक वापस दइ देइँ।”
14 एह बरे यिप्तह क दूतन इ सँदेसा यिप्तह क लगे वापस लइ गवा। तब यिप्तह अम्मोनी लोगन क राजा क लगे फुन दूत पठएस।
15 उ पचे इ सँदेसा लइ गएन:“यिप्तह इ कहत बाटइ। इस्राएल मोआब क लोगन या अम्मोन क लोगन क भुइँया नाही लिहस।
16 जब इस्राएल क लोग मिस्र देस स बाहेर आएन तउ उ पचे मरूभूमि स होइके जात्रा किहेन। उ पचे लाल सागर क गएन। तब उ पचे उ ठउर क गएन जेका कादेस कहा जात ह।
17 इस्राएल क लोग एदोम क राजा क लगे दूत पठए रहेन। उ पचे कहे रहेन, “इस्राएल क लोगन क तोहार भुइँया स गुजर जाइ द्या।” किन्तु एदोम क राजा अपने भुइँया स हम लोगन क नाहीं जाइ दिहेस। हम लोग उहइ सँदेसा मोआब क राजा क लगे पठवा। मुला मोआब क राजा भी अपने भुइँया स होइके हम लोगन क नाहीं जाइ दिहस। एह बरे इस्राएल क लोग कादेस मँ ठहरा रहेन।
18 तब इस्राएल क लोग मरूभूमि स होइके गएन अउर एदोम प्रदेस तथा मोआब भुइँया क छोरन क चारिहुँ कइँती चकाकर काटत रहेन। इस्राएल क लोग मोआब भुइँया क पूरब क तरफ स जात्रा किहन। उ पचे आपन डेरा अनोर्न नदी क दूसर कइँती डाएन। उ पचे मोआब क चउहद्दी क पार नाही किहन। (अनोर्न नदी मोआब क भुइँया क सीमा रही।)
19 तब इस्राएल क लोग एमोरी लोगन क राजा सीहोन क लगे दूत पठएन। सीहोन हेस्बोन नगर क राजा रहा। दूत लोग सीहोन स माँग किहन, “इस्राएल क लोगन क अपने भुइँया स गुजर जाइ दया। हम लोग अपने भुइँया मँ जाइ चाहित ह।”
20 किन्तु एमोरी लोगन क राजा सीहोन इस्राएल क लोगन क आपन चउहद्दी पार नाही करइ दिहस। सीहोन आपन सबहिं लोगन क बटोरेस अउर यहस पइ आपन डेरा डाएस। तब एमोरी लोग इस्राएल क लोगन क संग लड़ेन।
21 किन्तु यहोवा इस्राएल क लोगन क परमेस्सर, इस्राएल क लोगन क मदद, सीहोन अउ ओकर फउज क हराइवइ मँ, किहस। एमोरी लोगन क सारी भुइँया इस्राएल क लोगन क सम्पत्ति बन गइ।
22 इ तरह इस्राएल क लोग एमोरी लोगन क सारा भुइँया पाएस। इ अनोर्न नदी स यब्बोक नदी तलक फइला रहा। इ भुइँया मरूभूमि स यरदन नदी तलक भी फइला रहा।
23 इ यहोवा, इस्राएल क परमेस्सर रहा जउन एमोरी लोगन क आपन देस तजइ बरे बलपूर्वक मजबूर किहस अउर यहोवा उ प्रदेस इस्राएल क लोगन क दिहस। का तू पचे सोचत अहा कि तू पचे इस्राएल क लोगन स इ छोड़वाइ देब्या?
24 निहचइ ही, तू पचे उ भुइँया मँ रहि सकत ह जेका तोहार पचन्क देवता कमोस तोहका पचन्क दिहस ह। एह बरे हम लोग उ भुइँया मँ रहब, जेका यहोवा, हमार परमेस्सर हमका दिहस ह।
25 का तू पचे सिप्पोर नाउँ क मनई क पूत बालाक स जियादा नीक अहा? उ मोआब क राजा रहा। का उ इस्राएल क लोगन स बहस किहस? का उ कबहुँ इस्राएल क लोगन स लड़ा?
26 इस्राएल क लोग हेस्बोन अउ ओकर चारिहुँ ओर क सहरन मँ, अरोएर अउर ओकर चारिहुँ कइँती क सहर अउर अनोर्न नदी क किनारे क सबइ सहरन मँ तीन सौ बरिस तलक रहि चुकेन ह। तू एन नगरन क उहइ समय पर वापिस लेइ क जतन काहे नाहीं किहेन?
27 मइँ तोहार खिलाफ कउनो पाप नाहीं किहेन ह। किन्तु तू मोर खिलाफ बहोत बुरा अहा। यहोवा क, जउन सच्चा निआवाधीस अहइ, निहचइ करइ द्या कि इस्राएल क लोग ठीक राहे पइ अहइँ या अम्मोनी लोग।
28 अम्मोनी लोगन क राजा यिप्तह इ सँदेसा क अनसुना किहस।
29 तब यहोवा क आतिमा यिप्तह पइ उतर आएस। यिप्तह गिलाद अउर मनस्से क भुइँया स गुजरा। उ गिलाद भुइँया मँ मिस्पे नगर क गवा। गिलाद भुइँया मँ मिस्पे नगर क पार करत भवा यिप्तह, अम्मोनी लोगन क भुइँया मँ गवा।
30 यिप्तह यहोवा क बचन दिहस। उ कहेस, “जदि तू एमोरी लोगन क मोका हरावइ देत ह,
31 तउ मइँ उ पहिली जीवित चीज क तोहका भेंट करव जउन मोर विजय स लउटइ क समइ मोरे घर स बाहेर आइ। मइँ एका यहोवा क होमबलि क रूप मँ देब।”
32 तब यिप्तह अम्मोनी लोगन क भुइँया मँ गवा। यिप्तह अम्मोनी लोगन स लड़ा। यहोवा अम्मोनी लोगन क हरावइ मँ ओकर मदद किहस।
33 उ ओनका अरोएर नगर स मिन्नीत क छेत्र क छोर तलक हराएस। यिप्तह बीस नगरन पइ कब्जा किहस। उ अम्मोनी लोगन स आबेलकरामीम नगर तलक जुद्ध किहस। इ अम्मोनी लोगन बरे बड़की हार रही। अम्मोनी लोग इस्राएल क लोगन क जरिये हराइ दीन्ह गएन।
34 यिप्तह मिस्पा क लउटा अउर अपने घरे गवा। ओकर बिटिया आपन घरे स बाहेर ओहसे भेटइ बरे आएन। उ एक तम्बूरा बजावत रही अउर नाचत रही। उ ओकर एकलउटी बिटिया रही। यिप्तह ओसे बहोत पियार करत रहा। ओका लगे कउनो दूसर बिटिया या पूत नाही रहेन।
35 जब यिप्तह लखेस कि पहिली जिबित चीज ओकर बिटिया ही रही, जउन ओकर घर स बाहेर आइ तब उ दुःख क परगट करइ बरे आपन ओढ़ना फारि डाएस अउर इ कहेस, “आह! मोर बिटिया तू मोका बर्बाद कइ दिहा। तू मोका बहोत दुःखी कइ दिहा। मइँ यहोवा क बचन दिहे रहेउँ, मइँ ओका वापिस नाहीं लइ सकत।”
36 तब ओकर बिटिया यिप्तह स कहेस, “बाप, आप यहोवा स प्रतिग्या किहा ह। एह बरे उहइ करा जउन आप करइ क प्रतिग्या किहा ह। तू मोर संग उहइ करा जउन प्रतिग्या तू यहोवा स किहा ह। आखीर मँ यहोवा आपका दुस्मनन, अम्मोनी लोगन क हरावइ मँ तोहार मदद किहस ह।”
37 तब ओकर बिटिया अपने बाप यिप्तह स कहेस, “किन्तु मोरे बरे पहिले एक ठु काम करा। दुइ महीने तलक मोका अकेली रहइ द्या। मोका पहाड़न पइजाइ द्या। जइसा कि मइँ बियाह नाही करब, नाहीं कउनो बच्चा क जनम देब। मोका अउर मोरी सहेलियन क एक संग जाइ अउर एक संग रोवइ क अनुमति द्या।”
38 यिप्तह कहेस, “जा अउर वइसा ही करा,” यिप्तह ओका दुइ महीने तलक पठइ दिहस। यिप्तह क बिटिया अउर ओकर सहेलियन पहाड़न मँ रहिन। उ पचे ओकरे बरे रोएन अउर चिचियानेन, काहेकि उ न बियाह करी अउर न ही बच्चन पइदा करी।
39 दुइ महीने क पाछे यिप्तह क बिटिया आपन पिता क लगे लउटी। यिप्तह उहइ किहस जउन उ यहोवा स प्रतिग्या किहे रहा। यिप्तह क बिटिया एक कुवाँरी रही। ओकर कउनो क संग कउनो सरीरे क सम्बन्ध नाहीं रहा। एह बरे इस्राएल मँ इ रिवाज बन गवा।
40 इस्राएल क मेहररूअन हर बरिस गिलाद क यिप्तह क बिटिया क याद करत रहिन। मेहररूअन यिप्तह क बिटिया बरे हर एक बरिस चार दिन तलक रोवत रहिन।
Judges 12
1 एप्रैम क परिवार समूह क लोग आपन फउजियन क बटोरेन। तब उ पचे नदी पार कइके सापोन नगर गएन। उ पचे यिप्तह स कहेन, “तू हम लोगन क अम्मोनी लोगन क बिरोध मँ जुद्ध करइ बरे काहे नाही बोलाया? हम लोग तोहका अउर तोहरे घरे क बार देब।”
2 यिप्तह ओनका जवाब दिहस, “अम्मोनी लोग हम लोगन बरे अनेक समस्या पइदा करत अहइँ। एह बरे मइँ अउर हमार लोग ओनके खिलाफ लड़ेन। मइँ तू लोगन क बोलाएउँ, किन्तु तू लोग हम लोगन क मदद करइ नाही आया।
3 मइँ लखेउँ कि तू लोग मदद नाही करब्या। एह बरे मइँ आपन जिन्नगी खतरा मँ डाएउँ। मइँ अम्मोनी लोगन स लड़इ बरे नदी क पार गएउँ। यहोवा ओनका हरावइ मँ मोर मदद किहस। अब आजु तू मोरे खिलाफ लड़इ बरे काहे आया ह?”
4 तब यिप्तह गिलाद क मनईयन क एक संग बोलाएस। उ पचे एप्रैम क परिवार समूह क लोगन क संग लड़ेन। उ पचे एप्रैम क लोगन क संग एह बरे लड़ेन, काहेकि ओन लोग गिलाद क मनईयन क अपमान किहे रहेन। उ पचे कहे रहेन, “गिलाद क लोगो, तू लोग एप्रैम परिवार क बचे भए लोगन क अलावा दूसर कछू नाही अहा। तू लोगन क लगे आपन भुइँया भी नाहीं अहइ। तू लोगन क एक ठु हीसा एप्रैम मँ स अहइ तथा दूसर हींसा मनस्से मँ स अहइ।” गिलाद क लोग एप्रैम क लोगन क हराएन।
5 गिलाद क लोग यरदन नदी क घाटन क कब्जा कइ लिहन। उ सबइ घाटन एप्रैम प्रदेस तलक लइ जात रहेन। जब कबहुँ भी एप्रैम स बचा भवा जउन कउनो भी नदी पइ आवत, अउर कहत, “मोका नदी पार करइ द्या” तउ गिलाद क लोग ओहसे पूछतेन, “का तू एप्रैम मँ स अहा?” जदि उ “नाहीं” कहत तउ,
6 उ पचे कहतेन, ‘शिब्बोलेत’ सब्द क उच्चारण करा।” एप्रैम क लोग उ सब्द क सुद्ध उच्चारण नाही कइ सकत रहेन। उ पचे ओका “सिब्बोलेत” सब्द उच्चारण करते रहेन। जदि एप्रैम मँ स बचा मनई “सिब्बोलेत” क उच्चारण करत तउ गिलाद क लोग ओका घाटे पइ ही मार देत रहेन। इ तरह उ समइ एप्रैम मँ स 42,000 मनई मारा ग रहेन।
7 यिप्तह इस्राएल क लोगन क निआवाधीस छ: बरिस तलक रहा। तब गिलाद क निवासी यिप्तह मर गवा। ओका गिलाद मँ ओकर आपन नगर मँ दफनावा गवा।
8 यिप्तह क मरइ क पाछे इस्राएल क लोगन क निआवाधीस इबसान नाउँ क मनई भवा। इबसान बेतलेहेम नगर क निवासी रहा।
9 इबसान क तीस पूत अउ तीस बिटियन रहिन। उ अइसी तीस मेहररूअन आपन पूतन क संग बियाही बरे लिआवा, जउन ओकर रिस्तेदार नाहीं रहिन। इबसान इस्राएल क लोगन क निआवाधीस सात बरिस तलक रहा।
10 तब इबसान मर गवा। उ बेतलेहेम नगर मँ दफनावा गवा।
11 इबसान क मरइ क पाछे इस्राएल क लोगन क निआवाधीस एलोन नाँउ क मनई भवा। एलोन जबूलून क परिवार समूह स रहा। उ दस बर्स तक इस्राएल क लोगन क निआवाधीस रहा।
12 तब जबूलून क परिवार समूह क मनई एलोन मर गवा। उ जबूलून क भुइँया मँ अय्यालोन नगर मँ दफनावा गवा।
13 एलोन क मरइ क पाछे इस्राएल क लोगन क निआवाधीस अब्दोन नाउँ क मनई भवा। अब्दोन हिल्लेल नाउँ क मनई क पूत रहा। अब्दोन पिरातोन नगर क निवासी रहा।
14 अब्दोन क चालीस पूत अउ तीस पोता रहेन। उ सबइ सत्तर गधन पइ सवार होत रहेन। अब्दोन इस्राएल क लोगन क निआवाधीस आठ बरिस तलक रहा।
15 तब हिल्लेल क पूत अब्दोन मर गवा। उ पिरातोन नगर मँ दफनावा गवा। पिरातोन एप्रैम भुइँया मँ अहइ। इ उ पहाड़ी देस अहइ जहाँ अमालेकी लोग रहत रहेन।
Judges 13
1 फुन इस्राएल क लोग उहइ कार्य किहेन जुन यहोवा क नज़र मँ बुरा रहा। एह बरे यहोवा पलिस्ती लोगन क ओन पइ चालीस बरिस तलक सासन करइ दिहस।
2 एक मनई सोरा नगर क निवासी रहा। उ मनई क नाउँ मानोह रहा। उ दान क परिवार समूह स रहा। मनोह क एक ठु मेहरारू रही। मुला उ कउनो संतान पइदा नाहीं कइ सकत रही।
3 यहोवा क सरगदूत मानोह क मेहरारू क समन्वा परगट भवा अउर उ कहेस, “तू सन्तान उत्पन्न नाहीं कइ सकत अहा। मुला तू गर्भ धारण करबिउ अउर तोहका एक ठु पूत होइ।
4 तू दाखरस या कउनो नसीली पिअइ क चीज जिन पिआ। कउनो भी असुद्ध भोजनक न खा।
5 काहेकि तू फुरइ गर्भ धारण करबिउ अउर तोहका एक ठु पूत होइ। परमेस्सर बरे एक खास रूप मँ समपिर्त होइ। उ एक नाज़ीरहोइ। एह बरे तोहका ओकरे बाल कबहुँ नाहीं काटइ चाही। उ पइदा होइ स पहिले परमेस्सर क मनई होइ। उ इस्राएल क लोगन क पलिस्ती लोगन क सक्ती स अजाद कराई।”
6 तब उ मेहरारू आपन भतार क लगे गइ अउर जउन कछू भवा रहा, बताएस। उ कहेस, “परमेस्सर क निअरे स एक ठु मनई मोरे लगे आवा। उ परमेस्सर क एक सरगदूत क तरह मालूम होत रहा। उ बहोतइ अद्भुत देखाइ पड़त रहा अउर मइँ डेराइ गइ रही। मइँ ओहसे इ नाहीं पूछेउँ कि, तू कहाँ स आवा अहा। उ मोका आपन नाउँ नाहीं बताएस।
7 मुला उ मोसे कहेस, ‘तू गर्भ धारण करे अहा अउर तोहका एक ठु पूत होइ। कउनो दाखरस या नसीली चीज पिअइ क जिन पिआ। कउनो असुद्ध खइया जिन खा, काहेकि उ गदेला बिसेस रूप स परमेस्सर क समपिर्त होइ। उ लड़का जनम क पहिले स लइके मरइ क दिन तलक परमेस्सर क नाज़ीरी होइ।’”
8 तब मानोह यहोवा स पराथना किहेस, “हे यहोवा, मइँ तोहसे पराथना करत हउँ कि तू परमेस्सर क मनई क हम लोगन क लगे फिन भेजा। हम चाहित ह कि उ हमका सिखावइ कि हम लोगन क हिआँ जउन बहोत हाली ही जनम लेइवाले गदेलन अहइ ओकरे संग हमका का करइ चाही?”
9 परमेस्सर मानोह क पराथना सुनेस। परमेस्सर क सरगदूत फुन उ मेहरारू क लगे, तब आता जब व खेते मँ बइठी रही। किन्तु ओकर भतार मानोह ओकरे संग नाहीं रहा।
10 एह बरे उ मेहरारू आपन भतारे स इ कहइ खातिर दउड़ी, “उ मनई लउटा ह। जउन मनई दूसर दिना मोरे लगे आवा रहा, उ हिआँ अहइ।”
11 मानोह उठा अउर आपन मेहरारू क पाछे चला। जब उ उ मनई क लगे पहोंचा तउ उ कहेस, “का तू उहइ मनई अहा जउन मोर मेहरारू स बातन किहे रही।”सरगदूत कहेस, “मइँ ही अहउँ।”
12 एह बरे मानोह कहेस, “मोका आसा अहइ कि जउन तू कहत अहा उ होइ। इ बतावा कि उ लड़का कैसी जिन्गी बिताइ? उ का करब?”
13 यहोवा क सरगदूत मानोह स कहेस, “तोहार मेहरारू क उ सब आदेस क पालन करइ चाही, जउन मइँ ओका करइ क कहेउँ ह।
14 ओका अंगूर क बेल पइ उगी कउनो चीज नाहीं खाइ चाही। ओका दाखरस या कउनो नसीली पिअइ क चीज नाहीं पिअइ चाही। ओका कउनो ऐसे खइया क नाहीं खाइ चाही जउन असुद्ध होइ। ओका उ सब करइ चाही, जउन करइ क आदेस मइँ दिहे अहँउ।”
15 तब मानोह यहोवा क सरगदूत स कहेस, “हम इ चाहित ह कि तू तनिक देर अउर रूका। हम लोग तोहरे भोजन बरे नया बोकरा पकाउब चाहत हीं।”
16 तब यहोवा क सरगदूत मानोह स कहेस, “जदि तू हिआँ स जाइ स मोका रोकब्या तउ भी मइँ तोहार खइया नाहीं खाउब। किन्तु जदि तू कछू तइयार करइ चाहत अहा तउ यहोवा क होमबलि द्या। मानोह नाहीं समुझेस कि उ मनई फुरइ यहोवा क सरगदूत रहा।
17 तब मानोह यहोवा क सरगदूत स कहेस, “तोहार नाउँ का अहइ? हम लोग एह बरे जानइ चाहित ह कि हम तोहार सम्मान तब करि सकब, जब तोहार वचन सच्च होब्या।”
18 यहोवा क सरगदूत मानोह स कहेस, “तू मोर नाउँ काहे पूछत अहा? इ अद्भुत अहइ।”
19 तब मानोह चट्टाने पइ एक ठु बोकरा क बलि दिहस। उ यहोवा क कछू अन्न भी भेंट क रूप मँ दिहस। अउर जब मनोह अउर ओकर पत्नी देखत रहेन तउ उ एक अद्भुत काम किहस।
20 जइसी आगी क लपटन वेदी स अकास तलक उठिन, वइसे ही यहोवा क सरगदूत आगी मँ स आकास क चला गवा। जब मानोह अउ ओकर मेहरारू इ लखेन तउ उ पचे धरती पइ भहराइ गएन। उ पचे अपने मूँड़े क धरती स लगाएन।
21 मानोह अन्त मँ समुझेस कि उ मनई फुरइ यहोवा क दूत रहा। यहोवा क सरगदूत फुन मानोह अउर ओकरे पत्नी क समन्वा परगट नाहीं भवा।
22 मानोह कहेस, “हम लोग परमेस्सर क लखे अही! निहचइ ही इ कारण स हम लोग मरब।”
23 लेकिन ओकर मेहरारू ओहसे कहेस, “यहोवा हम लोगन क मारइ नाहीं चाहत। जदि यहोवा हम लोगन क मारइ चाहत तउ उ हम लोगन क होमबलि अउर अन्नबलि अंगीकार न करत। उ हम लोगन क उ सब न देखाए होत, अउर हम लोगन स इ सबइ बातन न कहे होत।”
24 एह बरे मेहरारू क एक ठु पूत भवा। उ ओकर नाउँ सिमसोन धरेस। सिमसोन बड़ा भवा अउर यहोवा ओका आसीर्वाद दिहेस।
25 यहोवा क अतिमा सिमसोन क हिलाना डोलाना सुरू किहेस, जब उ महनेदान नगर मँ रहत रहा। उ नगर सोरा अउ एसताओल नगर क बीच अहइ।
Judges 14
1 सिमसोन तिम्ना नगर क गवा। उ हुवाँ एक ठु पलिस्ती जुवती क लखेस।
2 जब उ वापस लउटा तउ उ आपन महतारी बाप स कहेस, “मइँ एक पलिस्ती लड़की क तिम्ना मँ लखेउँ ह। मइँ चाहत हउँ तू ओका मोरे बरे लिआवा। मइँ ओहसे बियाह करइ चाहत हउँ।”
3 ओकर बाप अउ महतारी जवाब दिहेन, “निहचय ही हमार सम्बंधियन मँ या हमार लोगन मँ स एक लड़की अहइ जेहसे तू बियाह कइ सकत ह। का तू पलिस्ती लोगन मँ स एक ठु लड़की स बियाह करब्या? पलिस्ती लोगन मँ स कउनो क भी खतना नाहीं भएस ह।”किन्तु सिमसोन कहेस, “मोरे खातिर उहइ लड़की लिआवा। मइँ ओका ही चाहत हउँ।”
4 (सिमसोन क महतारी-बाप नाहीं समझुत रहेन कि यहोवा अइसा ही होइ देइ चाहत ह। यहोवा एक पलिस्ती लोगन क खिलाफ जाई बरे कारण खोजइ चाहत रहा। उ समइ पलिस्ती लोग इस्राएल क लोगन पइ हुकूमत करत रहेन।)
5 सिमसोन आपन महतारी-बाप क संग तिम्ना नगर क गवा। उ पचे नगर क निचके अंगूर क खेतन तलक पहँचन। उ ठउरे पइ एक ठु जवान सेर गरज उठा अउर सिमसोन पइ कूदा।
6 यहोवा क आतिमा क बड़की ताकत स सिमसोन पइ उतरी। उ अपने खाली हाथन स सेर क चीर डाएस। इ ओकरे बरे सहल मालूम भवा। इ वइसा सहल मालूम भवा जइसा एक ठु बोकरी क बच्चा क चीरब। किन्तु सिमसोन आपन महतारी-बाप क नाहीं बताएस कि उ का किहेस ह।
7 एह बरे सिमसोन नगर मँ गवा अउ पलिस्ती लड़की स बातन किहेस। उ ओका खुस किहेस।
8 कईउ दिना पाछे सिमसोन उ पलिस्ती लड़की क संग बियाह करइ वापस आवा। आवत समइ रास्ता मँ मरा सेर क लखइ गवा। उ मरे सेर क तने मँ मधुमकिाखयन क एक ठु छत्ता पाएस। उ सबइ कछू सहद तइयार कइ लिहे रहिन।
9 सिमसोन अपने हाथे स कछू सहद निकारेस। उ सहद चाटत भवा रास्ते पइ चल पड़ा। जब उ आपन महतारी-बाप क लगे आवा तउ उ ओनका कछू सहद दिहस। उ पचे भी ओका खाएन किन्तु सिमसोन अपने महतारी-बाप क नाहीं बताएस कि उ मरे सेर क तने स सहद लिहस ह।
10 सिमसोन क बाप पलिस्ती लड़की क लखइ गवा। दूल्हे बरे इ रिवाज रहा कि ओका एक दावत देब होत ह। एह बरे सिमसोन दावत दिहेस।
11 जब लोग लखेन कि उ एक ठु दावत देत अहइ तउ उ पचे ओकरे संग तीस मनई पठएन।
12 तब सिमसोन ओन तीस मनइयन स कहेस, “मइँ तू पचन्क एक ठु पहेली सुनावइ चाहत हउँ। मोर दावत सात दिन तलक चली। उ समइ ही जवाब हेरइ क कोसिस कर्या। जदि तू पचे पहेली क जवाब उ समइ क अन्दर दइ सक्या तउ मइँ तू पचन्क तीस ठु सूती कमीजन, तीस ओढ़नन क जोड़ा देब।
13 किन्तु जदि तू पचे एकर जवाब न निकारि सक्या तउ तू पचन्क तीस सूती कमीजन अउ तीस जोड़ी ओढ़नन मोका देइ क होइ।” एह बरे तीस मनइयन कहेन, “पहिले आपन पहेली सुनावा, हम एका सुनइ चाहित ह।”
14 सिमसोन इ पहेली सुनाएस:खाइवालन मँ स कछू खाइ क चीज। अउर ताकतवर मँ स कछू मधुर चीज निकरेस।एह बरे तीस मनइयन तीन दिना तलक एकर जवाब हेरइ क जतन किहेन, किन्तु उ पचे कउनो जवाब न पाइ सकेन।
15 चउथे दिनउ सबइ मनई सिमसोन क मेहरारू क निचके आएन। उ पचे कहेन, “का तू हम पचन्क गरीब बनावइ खातिर हिआँ हम क बोलाया ह? तू अपने भतार क, हम लोगन क पहेली क जवाब देइ बरे फुसलावा। जदि तू हम लोगन बरे जवाब नाहीं निकारतिउ तउ हम लोग तोहका अउर तोहरे बाप क घरे मँ रहइवालन सबहिं लोगन क बार देब।”
16 एह बरे सिमसोन क मेहरारू ओकरे लगे गइ अउर रोवइ-चिचियाइ लाग। उ कहेस, “तू मोहसे सिर्फ घिना करत अहा। तू मोहसे सच्चा पिरेम नाहीं करत अहा। तू मोरे लोगन क एक ठु पहेली सुनाया ह अउर तू ओकर जवाब मोका नाहीं बताइ सकत्या।”सिमसोन जवाब दिहेस, “किन्तु मँ आपन माता-पिता क भी नहीं बताएस, तउ फिर मोका इ तोहका काहे बताइ चाही।”
17 सिमसोन क मेहरारू दावत क आखिर सात दिना तलक रोवत चिचियात रही। एह बरे आखिर मँ उ सतएँ दिन पहेली क जवाब ओका दिहस। उ बताइ दिहस काहेकि उ ओका बराबर परेसान करत रही। तब उ आपन लोगन क बीच गइ अउर ओनका पहेली क जवाब दइ दिहस।
18 इ तरह दावत वाले सतएँ दिन सूरज बूड़इ स पहिले पलिस्ती लोगन क लगे पहेली क जवाब रहा। उ पचे सिमसोन क लगे आएन अउर उ पचे कहेन,“सहद स मीठ का बाटइ? सेर स ताकतवर कउन अहइ?”तब सिमसोन ओनसे कहेस,“जदि तू पचे मोरी गइया क न जोते होत्या तउ, मोरी पहेली क जवाब नाही निकार पाए होत्या।”
19 सिमसोन बहोतइ कोहाइ गवा। यहोवा क आतिमा ओकरे ऊपर बड़की ताकत क संग आइ। उ आस्कलोन नगर क गवा। उ नगर मँ उ ओनकर तीस पलिस्तिय मनइयन क मारेस। तब उ ल्हासन स सारे ओढ़नन अउ सारी दौलत लिहस। उ ओन ओढ़नन क लइके लउटा अउर ओन मनइयन क दिहस, जउन पहेली क जवाब दिहे रहेन। तब उ आपन बाप क घर लउटा।
20 सिमसोन आपन मेहरारू क नाहीं लइ गवा। बियाह समारोह मँ हाजिर सब स नीक मनई ओका रख लिहस।
Judges 15
1 गोहूँ क फसल तइयार होइ क समइ सिमसोन अपनी मेहरारू स भेंटइ गवा। उ आपन संग उपहार मँ एक ठु बोकरी क बच्चा लइ गवा। उ कहेस, “मइँ अपनी मेहरारू क कमरा मँ जात अहउँ।”किन्तु ओकर बाप ओका अन्दर नाहीं जाइ देइ चाहत रहा।
2 ओकर बाप सिमसोन स कहेस, “मइँ सोचेउँ कि तू फुरइ अपनी मेहरारू स घिना करत अहा एह बरे बियाह मँ सामिल सब स जियादा नीक मनई क मइँ ओका मेहरारू क रूप मँ दइ दिहेउँ। ओकर नान्ह बहिन ओहसे जियादा सुन्नर अहइ। ओकर छोटकी बहिन क लइ ल्या।”
3 किन्तु सिमसोन ओहसे कहेस, “तू पलिस्ती लोगन पइ प्रहार करइ क मोरे लगे अब उचित कारण बाटइ। अब कउनो मोका दोखी नाही बताई।”
4 सिमसोन बाहेर निकारेस अउर तीन सौ लोखरियन क धरेस। उ दुइ लोखरियन क एक दाईर् एक संग लिहस अउर ओनकर जोड़ा बनावइ बरे ओनकर पूँछ एक संग बाँध दिहस। तब उ लोखरियन क हर जोड़न क पूँछन क बीच एक-एक मसाल बाँधेस।
5 सिमसोन लोखरियन क पूँछ क बीच क मसालन क बारेस। तब उ पलिस्ती लोगन क खेतन मँ लोखरियन क छोड़ दिहस। इ तरह उ ओनकर खड़ी फसलन अउर ओनकर अनाज क ढेरन क बार दिहस। उ ओनकर अंगूरे क खेतन अउर जइतून क बृच्छन क भी बार डाएस।
6 पलिस्ती लोग पूछेन, “इ कउन किहस?”कउनो ओनसे कहेस, “तिम्ना क मनई क दामाद सिमसोन इ किहस ह। उ इ एह बरे किहस कि ओकर ससुर सिमसोन क मेहरारू क ओकरे बियाह क समइ हाजिर सब स नीक मनई क दइ दिहस।” एह बरे पलिस्ती सिमसोन क मेहरारू अउ ओकरे ससुर क बारिके मार डाएन।
7 तब सिमसोन पलिस्ती क लोगन स कहेस, “तू लोग इ बुरा किहा। एह बरे मइँ तू लोगन पइ प्रहार करब। मइँ तब तलक नाहीं रूकब जब तक तू लोगन स मइँ आपन बदला नाहीं लेइ लउब!”
8 तब सिमसोन पलिस्ती लोगन पइ हमला किहस। उ ओनमाँ स बहोतन क मार डाएस। तब उ गवा अउर एक ठु गुफा मँ ठहरा। उ गुफा ‘एताम क चट्टान’ नाँउ क ठउरे पइ रही।
9 तब पलिस्ती लोग यहूदा क भुइँया मँ गएन। उ पचे लही नाउँ क ठउरे पाइ रूकेन। ओनकर फउज हुवाँ डेरा डाएस अउर जुद्ध बरे तइयारी किहस।
10 यहूदा परिवार समूह क लोग ओनसे पूछेस, “तू पलिस्तीयो, हम लोगन स जुद्ध करइ काहे आया ह?”उ पचे जवाब दिहन, “हम लोग सिमसोन क धरइ आए अही। हम लोग ओका आपन बन्दी बनावइ चाहित ह। हम लोग ओका ओकर बदला चुकावइ चाहित ह जउन उ हमरे लोगन क संग किहेस ह।”
11 तब यहूदा परिवार समूह क तीन हजार मनई सिमसोन क लगे गएन। उ पचे एताम क चट्टान क लगे क गुफा मँ गएन। उ पचे ओहसे कहेन, “तू हम लोगन बरे का किहेस ह? का तोहका पता नाहीं अहइ कि पलिस्ती लोग, हम पइ सासन करत हीं?”सिमसोन जवाब दिहस, “उ पचे मोरे संग जउन किहेन ओकर मइँ बदला दिहेउँ।”
12 तब उ पचे सिमसोन स कहेन, “हम तोहका बन्दी बनावइ आए अही। हम लोग तोहका पलिस्ती लोगन क दइ देब।”सिमसोन यहूदा क लोगन स कहेस, “प्रतिग्या करा कि तू लोग खुद मोह पइ प्रहार नाही करब्या।”
13 तब यहूदा क मनइयन कहेन, “हम अंगीकार करित ह। हम लोग सिरिफ तोहका बाँधब अउर तोहका पलिस्ती लोगन क दइ देब। हम प्रतिग्या करित ह कि हम तोहका जान स न मारब।” एह बरे उ पचे सिमसोन क दुइ नवी रस्सियन स बाँधा। उ पचे ओका चट्टान क गुफा स बाहर लइ गएन।
14 जब सिमसोन लही नाउँ क ठउरे पइँ पहोंचा तउ पलिस्ती लोग ओहसे मिलइ आएन। उ पचे खुसी स सोर मचावत रहेन। तब यहोवा क आतिमा बड़की ताकत स सिमसोन मँ आएस। ओकरे ऊपरे क लसुरियन अइसी कमजोर होइ गइन अइसे माना उ सबइ जल गइ होइँ। वासुरियन ओकर हाथन स अइसे गिरिन माना उ सबइ गल गइ होइँ।
15 सिमसोन क उ गद्धा क जबड़ा क हाड़ मिला जउन मरा पड़ा रहा। उ जबड़ा क हाड़ लिहस अउर ओहसे एक हजार पलिस्ती लोगन क मार डाएस।
16 तब सिमसोन कहेस,एक ठु गद्धा क जबड़ा क हाड़, स मइँ एक हजार मनइयन क मार दिहेउँ ह। एक ठु गद्धा क जबड़ा क हाड़ स मइँ ओनकर ल्हासन क एक ठु ऊँचा ढेर लगाइ दिहेउँ ह।
17 जब सिमसोन बोलब खतम किहेस तब उ जबड़ा क हाड़ क लोकाइ दिहस। एह बरे उ ठउरे क नाउँ रामत लही पड़ा।
18 सिमसोन क बहोत पिआस लाग। एह बरे उ यहोवा क गोहराएस। उ कहेस, “मइँ तोहार सेवक हउँ। तू मोका इ बहोत बड़की विजय दिहा ह। का अब मोका पिआस स मरब पड़ी? का मोका ओनसे धरा जाइ क होइ जेनकर खतना नाहीं भवा ह?”
19 लही मँ धरती मँ एक ठु छेद रहा परमेस्सर एका खोलेस अउर पानी बाहेर आइ गवा। सिमसोन पानी पिएस अउर सुसताएस अउर उसने फिर से सक्ति अनुभव किहेस। एह बरे उ पानी क सोते क नाउँ एनहकाकोरे रखेस। इ सब तलक आजु भी लही नगर मँ बाटइ।
20 इ तरह सिमसोन इस्राएल क लोगन क निआवाधीस बीस बरिस तलक रहा। उ पलिस्ती लोगन क समइ मँ रहा।
Judges 16
1 एक दिन सिमसोन अज्जा नगर क गवा। उ हुवाँ एक ठु रण्डी क लखेस। उ ओकरे संग रात बितावइ बरे भीतर गवा।
2 कउनो अज्जा क लोगन स कहेस, “सिमसोन हिआँ आवा ह।” उ पचे ओका जान स मार डावा चाहत रहेन। एह बरे उ पचे नगर क घेर लिहन। उ पचे छुपा रहेन अउर उ पचे नगर दुआर क लगे छुप गएन अउर सारी रात सिमसोन क प्रतीच्छा किहन। उ पचे पूरी रात एकदम चुप रहेन। उ पचे आपुस मँ कहेन, “जब भिंसार होइ, हम लोग सिमसोन क मार डाउब।”
3 किन्तु सिमसोन रण्डी क संग आधी राति तलक ही रहा। सिमसोन आधी राति मँ उठा अउर नगर क फाटक क कोंवाड़न क धइ लिहस अउर उ ओनका खींचिके देवार स अलग कइ दिहस। सिमसोन कोंवाड़न, दुइ खड़ी चउखटन अउर अबेड़न क जउन कांेवाड़ क बन्द करत रहिन, धइके अलग उखाड़ी लिहस। तब सिमसोन ओनका काँधन पइ लिहस अउर उ पहाड़ी क चोटी पइ लइ गवा जउन हेब्रोन नगर क निचके बाटइ।
4 एकरे बाद सिमसोन दलीला नाउँ क मेहरारू स पिरेम करइ लाग। उ सोरेक घाटी क रही।
5 पलिस्ती लोगन क सासक दलीला क लगे गएन। उ पचे कहेन, “हम जानइ चाहित ह कि सिमसोन ओतना जियादा ताकतवर कइसे अहइ? ओका फुसलावा अउर आपन गुप्त बात बताइ देइ। तब हम लोग जान जाब कि ओका कइसे बाँधी। अउर ओह पइ कइसे नियंत्रण कइ सकित ह। जदि तू अइसा कर बिउ तउ हम मँ स हर एक तोहका एक हजार एक सौ सेकेल देइ।”
6 एह बरे दलीला सिमसोन स कहेस, “मोका बतावा कि तू एतना जियादा ताकतवर काहे अहा? तू पचन मँ स कउनो कइसे बाँध सकत ह अउर तू पचन क कइसे असहाय कइ सकत ह?”
7 सिमसोन जवाब दिहस, “कउनो मनई मोका सात नवी धनुस क ओन डोरियन स बाँध सकत ह जेका अब तलक उपयोग नाहीं कीन्ह ग अहइ अउर जउन कबहुँ झुरान न होइ। जदि कउनो अइसा करी तउ मइँ दूसर कउनो मनइयन क तरह दुर्बल होइजाब।”
8 तब पलिस्ती क सासक लोग सात ठु नवी धनुस क डोरियन दलीला बरे लाएन। उ सबइ डोरियन अब तलक झुरान नाही रहिन। उ सिमसोन क ओहसे बाँधेस।
9 कछू मनई दूसर कमरन मँ छुपा रहने। दलीला सिमसोन स कहेस, “सिमसोन पलिस्ती क लोग तोहका धरइ आवत अहइँ।” किन्तु सिमसोन धनुस डोरियन क आसानी स तोड़ दिहस। उ सबइ वइसे ही टूट गइन जइसे कउनो धागा आगी क काफी निकट आवइ क पाछे टूट जात ह। इ तरह पलिस्ती लोग सिमसोन क ताकत क राज पता नाहीं लगाइ सकेन।
10 तब दलीला सिमसोन स कहेस, “तू मोका बेवकूफ बनाया ह। तू मोहसे लबार बोल्या ह। मेहरबानी कइके मोका फुर-फुर बतावा कि तोहका कउनो कइसे बाँध सकत ह।”
11 सिमसोन कहेस, “कउनो मनई मोका ओन नवी लसुरियन स बाँध सकत ह जेका पहिले उपयोग नाहीं कीन्ह गवा ह। जादि कउनो अइसा करी तउ मइँ एतना कमजोर हो जाब, जेतना कउनो दूसर मनई होत ह।”
12 एह बरे दलीला कछू नवी लसुरियन लिहस अउर सिमसोन क बाँध दिहस। कछू मनई अगले कमरे मँ छुपा रहेन। तब दलीला ओका आवाज़ दिहेस, “सिमसोन, पलिस्ती लोग तोहका धरइ आवत अहइँ।” किन्तु उ लसुरियन क आसानी स तोड़ि दिहस। उ ओनका धागा क तरह तोड़ डाएस।
13 तब दलीला सिमसोन स कहेस, “तू मोका फुन बेवकूफ बनाया ह! तू मोस्से झूठ बोल्या ह। अब तू मोका बतावा कि तोहका कउनो कइसे बाँध सकत ह।”उ कहेस, “जदि तू उ करघा क उपयोग करा, अउर मोरे मूँड़े क बारन स सात चूटी बना लेइ अउर एका एक काँटा स कस देइ तउ मइँ एँतना कमजोर होइ जाब, जेतना कउनो दूसर मनई होत ह।”तब सिमसोन सोबइ चला गवा। एह बरे दलीला करघा क उपयोग ओकरे मूँड़े क बारन क सात चूटी बनावइ बरे किहा।
14 तब दलीला जमीन मँ खेमा क खूँटी गाड़िके, करघा क ओहसे बाँध दिहस। फुन उ सिमसोन क अवाज दिहस, “सिमसोन, पलिस्ती क लोग तोहका धरइ जात अहइँ।” सिमसोन नींद स उठिके तम्बू क खूँटी, करघा अउर ढरकी क उखाड़ दिहस।
15 तब दलीला सिमसोन स कहेस, “तू मोका कइसे कह सकत ह, ‘मइँ तोहसे पिरेम करत हउँ,’ जबकि तू मोह पइ बिस्सास तलक नाहीं करत्या। तू आपन राज बतावइ स इन्कार करत अहा। इ तिसरी दाईर् तू मोका बेवकूफ बनाया ह। तू आपन भीसण सक्ती क राज मोका नाहीं बताया ह।”
16 उ सिमसोन क दिन पइ दिन हर समइ डाँट-डपट करत रहत रहेन। उ ओका ऍतना परेसान किहेस कि उ ओहस तंग आइ गवा अउर मरि जावा चहेस।
17 एह बरे उ दलीला क सब कछू बताइ दिहस। उ कहेस, “मइँ आपन बार कबहुँ नाहीं कटवाए अहउँ। मइँ जनम क पहिले बिसेस रूप स परमेस्सर क समपिर्त रहेउँ। जदि कउनो मोरे बारन क कतर देइ तउ मोरे सकाती चली जाइ। मइँ वइसा ही कमजोर होइ जाब, जेतना कउनो दूसर मनई होत ह।”
18 दलीला लखेस कि सिमसोन आपन हिरदइ क सारी गुप्त बात कहि दिहेस ह। उ पलिस्ती क लोगन क सासकन क लगे दूत पठएस। उ कहेस, “फुन वापस लउटा। सिमसोन मोका सब कछू कहि दिहेस ह।” एह बरे पलिस्ती लोगन क सासक दलीला क लगे लउटेन। उ सबइ उ धन संग लिआएन जउन उ पचे ओका देइ क प्रतिग्या किहे रहेन।
19 दलीला सिमसोन क उ समइ सोइ जाइ दिहस, जब उ ओकरी गोद मँ मूँड़ि धइके ओलरा रहा। तब उ एक मनई क भीतर बोलाएस अउर सिमसोन क बारन क सात लटन क कतरवाइ दिहस। इ तरह उ ओका ताकतरहित बनाई दिहस। सिमसोन क सकाती ओका तजि दिहस।
20 तब दलीला ओका अवाज दिहस, “सिमसोन पलिस्ती क लोग तोहका धरइ आत अहइँ।” उ जाग पड़ा अउर सोचेस, “मइँ पहिले क तरह पराइ निकरब अउर आपन क अजाद राखब।” किन्तु सिमसोन क इ नाहीं मालूम रहा कि यहोवा ओका तजि दिहस ह।
21 पलिस्ती क लोग सिमसोन क धइ लिहन। उ पचे ओकर अँखिन निकरवाइ लिहन अउर ओका अज्जा नगर क लइ गएन। तब ओका पराइ स धरइ बरे ओकरे पैरन मँ उ पचे बेड़ियन डाइ दिहन। उ पचे ओका जेल मँ धाँध दिहन अउर ओहसे चक्की चलवाएन।
22 किन्तु सिमसोन क बार फुन बढ़ब सुरू किहन।
23 पलिस्ती लोगन क सासक उत्सव मनावइ बरे एक ठउरे पइ बटुरेन। उ पचे आपन देवता दागोन क एक ठु बड़की बलि चढ़ावइ जात रहेन। उ पचे कहेन, “हम लोगन क देवता हमार दुस्मन सिमसोन क हरावइ मँ मदद किहेन ह।”
24 जब पलिस्ती लोग सिमसोन क लखेन तब उ पचे अपने देवता क बड़कई किहन। उ पचे कहेन,“इ मनई हमरे लोगन क बर्बाद किहस। इ मनई हमरे अनेक लोगन क मारेस। किन्तु हमार देवता हमरे दुस्मन क धरवावइ मँ हमार मदद किहस।”
25 लोग उत्सव मँ खुसी मनावत रहेन। एह बरे उ पचे कहेन, “सिमसोन क बाहेर लिआवा। हम ओकर मजाक उड़ावइ चाहित ह।” एह बरे उ पचे सिमसोन क जेल स बाहेर लइ आएन अउर ओकर मजाक उड़ाएन। उ पचे सिमसोन क दागोन देवता क मन्दिर क खम्भन क बीच मँ खड़ा किहन।
26 एक ठु जवान नउकर सिमसोन क हाथ धरे भए रहा। सिमसोन ओनसे कहेस, “मोका हुवाँ राखा जहाँ मइँ ओन खम्भन क छुइ सकउँ, जउन इ मन्दिर क ऊपर रोके भए राखेस अहइ। मइँ ओनकर सहारा लेइ चाहत हउँ।”
27 मन्दिर मँ मेहररूअन-मनसेधुअन क बड़ा भीड़ रही। पलिस्ती लोगन क सबहिं सासक भी हुआँ रहेन। हुवाँ लगभग 3,000 मेहरारू-मनसेधु मन्दिर क छत पइ रहेन। उ सबइ हँसत रहेन अउर सिमसोन क मजाक उड़ावत रहेन।
28 तब सिमसोन यहोवा स पराथना किहेस। उ कहेस, “सर्वसकितमान यहोवा, मोका याद रखा। परमेस्सर मोका कृपा कइके सिरिफ एक दाईर् अउर सकित द्या। मोका सिरिफ इ काम करइ द्या कि पलिस्तीयन स आपन आँखिन निकारइ क बदला चुकाइ सकउँ।”
29 तब सिमसोन मन्दिर क केन्द्र क दुइनउँ खम्भन क धरेस। इ दुइनउँ खम्भा पूरे मन्दिर क टेकाए भए रहेन। उ दुइनउँ खम्भन क बीच मँ अपने क जमाएस। एक ठु खम्भा ओकर दाहिन कइँती अउ दूसर ओकर बाईर् कइँती रहा।
30 सिमसोन कहेस, “एन पलिस्तीयन स संग मोका मरइ द्या।” तब उ आपन पूरी सकाती स खम्भन क ठेलेस अउर मन्दिर सासकन पइ अउ दुसर लोगन जउन हुआँ जमा भवा रहेन पइ भहराइ पड़ा। इ तरह सिमसोन आपन जिन्नगी भर क समइ मँ जेतने पलिस्ती लोगन क मारेस, ओहसे कहूँ जियादा लोगन क तब मारेस जब उ मरा।
31 सिमसोन क भाइयन अउर ओकरे बाप क परिवार हुआँ गएन अउर ओकरे ल्हास क लेइ गएन। उ पचे ओका वापिस लिआएन अउर ओका ओकर बाप मानोह क कब्र मँ दफनाएस। इ कब्र सोरा अउर एस्ताओल नगरन क बीच अहइ। सिमसोन इस्राएल क लोगन क निआवाधीस बीस बरिस तलक रहा।
Judges 17
1 मीका नाउँ क एक मनई रहा जउन एप्रैम क पहाड़ी पहँटा मँ रहत रहा।
2 मीका आपन महतारी स कहेस, “का तोहका चाँदी क गियारह सौ सिकाकन याद अहइ जउन तोहसे चोराइ लीन्ह ग रहेन। मइँ तोहका ओकरे बारे मँ सराप देत सुनेउँ। उ चाँदी मोरे लगे अहइ। मइँ ओका लिहेउँ ह।”ओकर महतारी कहेस, “मोर पूत, तोहका यहोवा आसीर्बाद देइ।”
3 मीका आपन महतारी क गियारह सौ सिकाके वापस दिहेस। तब उ कहेस, “मइँ इ सबइ सिकाकन यहोवा क एक खास भेंट क रूप मँ देब। मइँ इ चाँदी आपन पूत क देब अउर उ एक ठु मूरति बनाई अउर ओका चाँदी स ढाँपि देइहीं। एह बरे पूत, अब इ चाँदी मइँ तोहका लउटावत हउँ।”
4 मुला मीका उ चाँदी आपन महतारी क लउटाइ दिहस। एह बरे उ दुइ सौ सेकेल चाँदी लिहेस अउ एक ठु सुनार क दइ दिहस। सुनार चाँदी क उपयोग चाँदी स ढाँपी एक ठु मूरति बनावइ मँ किहस। मूरति मीका क घरे मँ धरी गइ।
5 मीका क एक ठु मन्दिर मूरतियन क पूजा करइ बरे रहा। उ एक एपोद अउर कछू घरेलू मूरतियन बनाएस अउर ओनका हुआँ रखेस तब मीका आपन पूतन मँ स एक क आपन याजक चुनेस।
6 (उ समइ इस्राएल क लोगन क कउनो राजा नाहीं रहा। एह बरे हर एक मनई उ करत रहा जउन ओका नीक जँचत रहा।)
7 एक ठु लेवीवंसी नउजवान रहा। उ यहूदा भुइँया मँ बेतलेहेम नगर क निवासी रहा। उ यहूदा क परिवार समूह मँ रहत रहा।
8 उ नउजवान यहूदा मँ बेतलेहेम क तजि दिहस। उ रहइ बरे दूसर ठउर हेरत रहा। जब उ जात्रा करत रहा, उ मीका क घरे एप्रैम क पहाड़ी पहँटा मँ आवा
9 मीका ओहसे पूछेस, “तू कहाँ स आवा अहा?”नउजवान जवाब दिहेस, “मइँ उ बेतलेहम नगर क लेवी बंसी अहउँ जउन यहूदा मँ अहइ। मइँ रहइ खातिर एक ठु ठउर हेरत हउँ।”
10 तब मीका ओहसे कहेस, “मोरे संग रहा। मोर बाप अउर मोर याजक बना। मइँ हर साल तोहका दस ठु चाँदी क सिकाकन देब। मइँ तोहका ओढ़ना अउ खइया क देब।”
11 लेवी बंसी नउजवान मीका क संग रहइ क तइयार होइ गवा। नउजवान मीका क पूतन क जइसा होइ गवा।
12 मीका नउजवान क आपन याजक नियुक्त किहा। इ तरह नउजवान याजक बन गवा अउर मीका क घरे मँ रहइ लाग।
13 मीका कहेस, “अब मइँ जानत अहउँ कि यहोवा मोरे बरे नीक होइ। मइँ इ एह बरे जानत हउँ कि मइँ लेवी बंसी क परिवारे क एक ठु मनई क याजन क रूप मँ रखेउँ ह।”
Judges 18
1 उ समइ इस्राएल मँ कउनो राजा नाही रहा। उ दिन दान क परिवार समूह, आपन रहइ बरे, भुइँया क खोज मँ रहा। इस्राएल क दूसर परिवार समूह पहिले ही आपन भुइँया पाइ लिहे रहेन। किन्तु दान क परिवार समूह अबहिं तलक आपन भुइँया नाहीं लिया सका रहा।
2 एह बरे दान क परिवार समूह पाँच ठु फउजियन क कछू भुइँया हेरइ बरे पठएस। उ पचे रहइ बरे नीक ठउर हेरइ गएन। इ पचे पाँचहुँ सिपाही जोरा अउ एस्ताओल नगरन क रहेन। उ पचे एह बरे चुना ग रहेन कि उ पचे दान क परिवार समूहन मँ स रहेन। उ पचन्क आदेस दीन्ह ग रहा, “जा अउर कउनो भुइँया क खोज करा।”पाँचहुँ मनइयन एप्रैम क पहाड़ी छेत्र मँ आएन। उ पचे मीका क घरे आएन अउर हुँवई रात बिताएन।
3 जब पाँचहुँ मनई मीका क घरे क निअरे आएन तउ उ पचे लेवी बंस क परिवार समूह क नउजवान क अवाज सुनेन। उ पचे ओकर अवाज पहिचानेन, एह बरे उ पचे मीका क घर पइ रूकेन। उ पचे लेवी बंसी नउजवान स पूछेन, “तोहका इ ठउरे पइ कउन लावा ह? तू हिआँ का करत अहा? तोहार हिआँ का काम अहइ?”
4 उ ओनसे उहइ कहेस जउन मीका ओकर संग किहे रहा, “मीका मोका किराए पइ राखेस ह। मइँ ओकर याजक हउँ।”
5 उ पचे ओहसे कहेन, “कृपा कइके परमेस्सर स हम लोगन बरे कछू माँगा हम लोग कछू जानइ चाहित ह। का हमरे रहइ बरे भुइँया क खोज सफल होइ?”
6 याजक पाँचहुँ मनइयन स कहेस, “सान्ति स जा। यहोवा तोहार मारग-दरशन करी।”
7 एह बरे पाँचहुँ मनई हुवाँ स चलेन। उ पचे लैस नगर क आएन। उ पचे लखेन कि उ नगर क लोग सुरच्छित रहत ही। ओन पइ सीदोन क हुकूमत रही। उ पचे सान्ति अउ सुरच्छा क संग रहत रहेन। लोगन क लगे हर एक चीज बहोत जियादा रही अउर ओन पइ प्रहार करइवाला आसपास कउनो दुस्मन नाहीं रहा अउर उ पचे सीदोन नगर क लोगन स बहोत जियादा दूर रहत रहेन। ओनकर कउनो दूसर स कउनो मतलब नाहीं रहेन।
8 पाँचहुँ मनइयन सोरा अउ एस्ताकोल नगर क वापस लउटेन। ओनकर सम्बन्धियन पूछेन, “तू का पता लगाया ह?”
9 पाँचहुँ मनइयन जवाब दिहेन, “हम पचे भुइँया लखा ह अउर उ बहोतइ नीक बाटइ। हमका ओन पइ हमला करइ चाही। प्रतीच्छा जिन करा। हम चली अउ उ भुइँया क लइ लेइ।
10 जब तू पचे उ भुइँया मँ चलब्या तउ लखब्या कि हुवाँ पइ बहोत जियादा भुइँया अहइ। हुवाँ सब कछू बहोत जियादा अहइ। तू पचे इ भी पउब्या कि हुवाँ क लोगन क हमला क आसंका नाहीं अहइ। निहचइ ही परमेस्सर उ भुइँया हमका दिहस ह।”
11 एह बरे दान क परिवार समूह क छ: सौ मनइयन सोरा अउ एस्ताओल क नगरन क तजेन। उ पचे जुद्ध बरे तइयार रहेन।
12 लैस नगर क जात्रा करत समइ उ पचे यहूदा भुइँया मँ किर्य्यत्यारीम नगर मँ रूकेन। उ पचे हुवाँ डेरा डाएन। इहइ कारण अहइ कि किर्य्यत्यारीम क पच्छिम क स्थान आजु तलक महनेदाम कहा जात ह।
13 तब उ छ: सौ मनइयन हुआँ स एप्रैम क पहाड़ी प्रदेस क जात्रा किहन। उ पचे मीका क घर आएन।
14 तब ओन पाँचहुँ मनइयन जउन लैस क चारिहुँ कइँती क भुइँया क खोज किहे रहेन, आपन भाइयन स कहेन, “का तोहका मालूम अहइ कि एन घरन मँ स एक मँ एपोद, दूसर घरेलू देवता, एक खुदाईवाली मूरति एक ठु ढाली गइ मूरति अहइ? अब तू पचे जानत अहा कि तोहका का करइ क अहइ, जा अउर ओनका लइ आवा।”
15 एह बरे उ पचे मीका क घर रूकेन जहाँ लेवी बंसी नउजवान रहत रहा। उ पचे नउजवान स पूछेन कि उ कइसा रहा।
16 दान क परिवार समूह क छ: सौ लोग फाटक क दुआरे पइ खड़ा रहेन। ओनके लगे सबहिं तरह क हथियार रहेन तथा उ सबइ जुद्ध क बरे तइयार रहेन।
17 पाँचहुँ गुप्तचर घरे मँ गएन। उ पचे खुदाई वाली मूरति, एपोद, घरेलू मूरतियन अउ ढाली भइ मूरति क लिहन। जब उ पचे अइसा करत रहेन तब लेवी बंसी याजक अउर जुद्ध बरे तइयार छ: सौ स्त्रधारी फउजी फाटक क दुआर पइ खड़े रहेन। लेवी बंसी याजक ओनसे पूछेस, “तू का करत अहा?”
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19 पाँचहुँ मनइयन कहेन, “चुप रहा, एक सब्द भी न बोला। हम लोगन क संग चला। हमार बाप अउर याजक बना। तोहका खुद चुनइ चाही कि तू केका जियादा नीक समुझत अहा? का इ तोहरे बरे जियादा नीक अहइ कि तू एक ठु मनई क याजक रहा? या ओहसे कहूँ जियादा इ अहइ कि तू इस्राएल क लोगन एक पूरा परिवार समूह क याजक बना?”
20 एहसे लेवी बंसी खुस भवा। एह बरे उ एपोद, घरेलू मूरतियन अउ खुदाईवाली मूरति क लिहस। उ दान क परिवार समूह क ओन लोगन क संग गवा।
21 तब दान परिवार समूह क छ: सौ मनई लेवी बंसी क संग मुड़ेन अउर उ पचे मीका क घरे क तजेन। उ पचे आपन नान्ह गदेलन, जनावरन अउ आपन सबहिं चीजन अपने समन्वा धरेस।
22 दान क परिवार समूह क लोग उ ठउरे स बहोत दूर गएन जब मीका क निअरे रहइवाले लोग एकत्र भएन। तब उ पचे दान क लोगन क पाछा किहन अउर ओनका जाइके धरेन।
23 मीका क लोग दान क लोगन पइ बरस पड़ेत रहेन। दान क लोग मुड़ेन। उ पचे मीका स कहेन, “तोहार समस्या का अहइ? तू मनईयन क लड़ाइ करइ बरे काहे बोलाएस?”
24 मीका जवाब दिहस, “दान क तू लोग, तू पचे मोर मूरतियन लिहा ह। मइँ ओन मूरतियन क अपने बरे बनाएउँ ह। तू पचे हमरे याजक क भी लइ लिहा ह। तू पचे तज्या का अहा? तू पचे मोका कइसे पूछ सकत ह, ‘समस्या का अहइ।’”
25 दान क परिवार समूह क लोग जवाब दिहन, “नीक होत, तू हम से बहस जिन करत्या, हम पचन मँ स कछू मनई गरम स्वभाव क बाटेन। जदि तू हम पइ चिचियात्या तउ उ पचे गरम स्वभाववाले लोग तोह पइ प्रहार कइ सकत हीं। तू अउर तोहार परिवार मार डावा जाइ सकत ह।”
26 तब दान क लोग मुड़ेन अउ आपन राहे पइ अगवा बढ़ गएन। मीका जानत रहा कि उ सबइ लोग ओकरे बरे बहोत जियादा सकातीसाली अहइँ। एह बरे उ घर लउटि गवा।
27 इ तरह दान क लोग उ सबइ मूरतियन लिहन जउन मीका बनाए रहा। उ पचे मीका क संग रहइवाले याजक क भी लिहन। तब उ पचे लैस पहोंचेन। उ पचे लैस क लोगन पइ हमला किहन जउन कि सान्ति क साथ रहे रहेन काहेकि लैस क लोगन क हमला क आसंका नाहीं रही। दान क लोग ओन लोगन क आपन तरवारन क घाट उतारेन। तब उ पचे नगर क बार डाएन।
28 लैस मँ रहइवाले लोगन क रच्छा करवइया कउनो नाहीं रहा। उ पचे सीदोन क नगर स ऍतना जियादा दूर रहेन कि ओन लोगन क स मदद नाहीं लइ सकत रहेन। अउ कउनो दूसर स कउनो मतलब नाहीं रखत रहेन। लैस नगर बेतहर होब प्रदेस क अधिकार मँ एक घाटी मँ रहा। दान लोग उ ठउरे पइ एक ठु नवा नगर बनाएन अउर उ नगर ओनकर निवास ठउर बना।
29 दान क लोग लैस नगर क नवा नाउँ धरेन। उ पचे उ नगर क नाउँ आपन पुरखन क पाछे दान धरेन। दान इस्राएल क पूतन मँ स एक पूत रहा। पुराने समइ मँ इ नगर क नाउँ लैस रहा।
30 दान क परिवार समूह क लोग दान नगर मँ मूरतियन क स्थापना किहन। उ पचे गेसोर्म क पूत योनातान क आपन याजक बनाएन। गेसोर्म मनस्सी क पूत रहा। योनातान अउर ओकर पूत दान क परिवार समूह क तब तलक याजक रहेन जब तलक इस्राएल क लोगन क बन्दी बनाइके बाबेल नाहीं लइ जावा गवा।
31 दान क लोग ओन मूरतियन क पूजा किहन जेनका मीका बनाए रहा। उ पचे उ पूरे समइ तलक ओन मूरतियन क पूजत रहेन जब तलक सीलो मँ परमेस्सर क घर रहा।
Judges 19
1 उ समई इस्राएल क कउनो राजा नाहीं रहा। एक ठु लेवी बंसी मनई एप्रैम क पहाड़ी प्रदेस क बहोत दूर क छेत्र मँ रहत रहा। उ मनई क एक ठु जवान रखएल रहा। उ यहूदा प्रदेस क बेतलेहेम नगर क निवासी रही।
2 किन्तु उ ओकर संग झगड़ा किहा। ऍह बरे उ ओका तजि दिहस अउर यहूदा प्रदेस क बेतलेहेम नगर मँ आपन बाप क घर चली गइ। उ हुवाँ चार महीने रही।
3 तब ओकर भतार ओकरे लगे गवा। उ ओहसे पिरेम क संग बात करइ चाहत रहा, जेहसे उ ओकरे लगे लउट जाइ। उ अपने संग आपन नउकर अउर दुइ गदहन क लइ गवा रहा। लेवी बंसी मनई उ मेहरारू क बाप क घरे आवा। ओकर बाप लेवी बंसी मनई क लखेस अउर ओकर स्वागत करइ बरे खुसी स बाहेर आवा।
4 जुवती क बाप ओका ठहरइ बरे न्यौतेस। एह बरे लेवी बंसी तीन दिन ठहरा। उ खाएस, पीएस अउर उ अपने ससुरे क घर सोएस।
5 चउथे दिन बहोतइ भिंसारे उ उठा। लेवी बंसी चल पड़इ क तइयारी करत रहा। किन्तु जुवती क बाप अपने दामाद स कहेस, “पहिले कछू खा ल्या। जब तू खइया क खाइ ल्या तउ तू जाइ सकत ह।”
6 एह बरे लेवी बंसी मनई अउर ओकर ससुर एक संग खाइ अउर दाखरस पिअइ बइठेन। ओकरे पाछे जुवती क बाप उ लेवीबंसी स कहेस, “कृपा कइके आजु भी ठहरा। आराम करा अउर आनन्द मनावा।” इ तरह दुइनउँ मनइयन एक संग खाएन।
7 जब लेवी मनई जाइ क तइयार भवा तउ ओकर ससुर ओका हुवाँ राति भइ रूकइ क हठ किहस।
8 पाँचवाँ दिन लेवी बंसी मनई भिंसारे उठेस। लेवी बंसी मनई चलइ बरे तइयार रहेन। किन्तु मेहरारू क बाप आपन दामाद से कहेस, “पहिले कछु खाइ ल्या। आरम कइ ल्या अउर दोपहर तलक हियाँ रहा।” तब दुइनउँ मनईयन फुन एक संग खाएस।
9 तब लेवी बंसी मनई, ‘ओकर रखैल अउर ओकर नउकर चलइ बरे उठेन। किन्तु जुवती क बाप, ओकर ससुर कहेस, “लगभग अँधियारा होइ गवा अहइ। दिन लगभग बीत चुका अहइ। राति हिअँई बितावा अउर आनन्द मनावा। कल बहोत भिंसारे तू उठि सकत ह अउर आपन घरे क रास्ता पकड़ सकत ह।”
10 किन्तु लेवी बंसी मनई एक अउर रात हुवाँ ठहरइ नाहीं चाहत रहा। उ आपन दुइ गदहन अउर आपन रखैल क लिहस। उ यबूस नगर जउन यरूसलेम भी कहलावत ह, तलक गवा।
11 उ दिन लगभग खतम होइ गवा रहा। उ पचे यबूस नगर क लगे रहेन। एह बरे नउकर आपन सुआमी लेवी बंसी स कहेस, “हम लोग इ नगर मँ रूक जाइ। इ यबूसी लोगन क नगर अहइ। हम लोग हिअँइ राति बिताई।”
12 किन्तु ओकर सुआमी लेवी बंसी कहेस, “नाहीं हम लोग अपरिचित नगर मँ नाहीं जाब, जेकर लोग इस्राएल क लोगन मँ स नाहीं अहइँ। हम लोग गिबा नगर तलक जाब।”
13 उ इ भी कहेस, “आगे बढ़ा। हम लोग गिबा या रामा तलक पहोंचइ क कोसिस करइँ। हम ओन नगरन मँ स कउनो एक मँ रात बिताइ सकित ह।”
14 एह बरे लेवी बंसी अउ ओकरे संग क लोग अगवा बढ़ेन। जब उ पचे गिबा नगर क लगे आएन तउ सूरज बूड़न रहा। गिबा बिन्यामीन क परिवार समूह क प्रदेस मँ अहइ।
15 एह बरे उ पचे गिबा मँ रूकेन। उ पचे उ नगर मँ रात बितावइ क जोजना बनाएन। उ पचे नगर मँ सार्वजनिक चउराहे मँ गएन अउर हुवाँ बइठ गएन। किन्तु कउनो ओन लोगन क रात बितावइ बरे अपने घर नाहीं न्यौतेन।
16 उ साँझ क एक बूढ़ा मनई अपने खेतन स नगर मँ आया। ओकर घर एप्रैम क पहाड़ी देस मँ रहा। किन्तु अब उ गिबा नगर मँ रहत रहा। गिबा क लोग बिन्यामीन क परिवार समूह क रहेन।
17 बूढ़ा मनई लेवी बंसी मनई क नगर क चउराहे पइ लखेस। बूढ़ा मनई पूछेस, “तू कहाँ जात अहा? तू कहाँ स आवा अहा?”
18 लेवी बंसी मनई जवाब दिहस, “यहूदा प्रदेस क बेतलेहेम नगर स हम लोग जात्रा करत अही। हम आपन घर दूर क पहटाँ एप्रैम क पहाड़ी देस जात अहइ। मइँ यहूदा क बेतलेहेम क गवा रहेउँ। अब मइँ आपन घरे जात हउँ।
19 “किन्तु कउनो भी हम लोगन क रात ठहरइ बरे न्यौता नाहीं दिहस। हम लोगन क लगे आपन गद्हन बरे पुआल अउ भोजन अहइ। हम लोगन क लगे रोटी अउ दाखरस भी अहइ। हम लोगन मँ स कउनो भी न मइँ न इ मेहरारू अउर न ही मोर नउकर कछू भी नाहीं चाहत ह।”
20 बूढ़ा कहेस, “तोहार स्वागत अहइ। तू मोरे हिआँ ठहरा। तोहका जरूरत क सबहिं चिजियन मइँ देबउँ। तू नगर क सार्वजनिक चउराहे मँ राति जिन बितावा।”
21 तब उ बूढ़ा मनई लेवी बंसी मनई अउर ओकरे संग क लोगन क अपने संग अपने घरे लइ गवा। बूढ़ा मनई ओकरे गदहन क खवाएस। उ पचे आपन गोड़ धोएन। तब उ कछू भोजन खाइ अउर कछू दाखरस पिया।
22 जब लेवी बंसी मनई अउर ओकरे संग क मनई आनन्द लेत रहेन, तबहिं उ नगर से कछू मनई आएन अउर घर क चारिहुँ कइँती स घेर लिहन। उ पचे बहोतइ बुरे मनई रहेन। उ पचे जोर स दरवाजा क ऊपर पीटइ लागेन। उ पचे उ बुढ़वा मनई स, जेकर उ घर रहा, गोहराइके बोलेन, “उ मनई क अपने घरे स बाहेर करा। हम ओकरे संग सम्भोग करइ चाहित ह।”
23 बुढ़वा मनई बाहेर गवा अउर ओन दुट्ठ लोगन स कहेस, “भाइयो, नाही, अइसा बुरा काम जिन करा। उ मनई मोरे घरे मँ मेहमान अहइ। इ खौफनाक पाप जिन करा।
24 सुना, हिआँ मोर बिटिया अहइ। उ एक कुवाँरी कन्या अहइ। मइँ ओका अउ इ मनसेधू क रखैल क तोहरे लगे बाहेर लिआवत हउँ। तू ओकर उपयोग जइसा चाहा कइ सकत ह। किन्तु इ मनई क खिलाफ अइसा खौफनाक पाप जिन करा।”
25 मुला ओन दुट्ठ लोग उ बुढ़वा मनई क एक न सुनेन। एह बरे लेवी बंसी मनई आपन रखैल क ओन दुट्ठ मनइयन क संग बाहेर कइ दिहन। ओन दुट्ठ मनइयन पूरी रात ओकरे संग कुकरम किहन। अउर पूरी तरह गालियन दिहन। तब भिंसारे ओका जाइ दिहन।
26 भिंसारे उ मेहरारू हुआँ लउटी जहाँ ओकरे सुआमी ठहरा रहा। उ समन्वा दरवाजे पइ भहराइ पड़ी। उ तब तलक पड़ी रही जब तलक पूरा दिन नाही निकरि आवा।
27 भिंसारे लेवी बंसी मनई उठा अउर उ घरे क दरवाजा खोलेस। उ अपने राहे जाइ बरे बाहेर निकरा किन्तु हुवाँ ओकर रखैल पड़ी रही। उ घरे क राहे पइ पड़ी रही। ओकर हाथ दरवाजा क ड्यौड़ी पइ रहेन।
28 तब लेवी बंसी मनई ओहसे कहेस, “उठा, हम लोग चली।” किन्तु उ जवाब नाही दिहस काहेकि उ मरि गवा रहा।एह बरे उ ओका आपन गदहे पइ धरेस अउ घरे गवा।
29 जब लेवीबंसी मनई अपने घरे आवा तब उ एक ठु छुरी निकारेस अउर आपन रखैल क बारह टूकन मँ काटेस। तब उ मेहरारू क ओन बारह हीसन मँ ओन सबहिं छेत्रन मँ पठएस जहाँ इस्राएल क लोग रहत रहेन।
30 जउन इ लखेन ओन सबइ कहेन, “अइसा कबहुँ नाहीं भवा रहा जब स इस्राएल क लोग मिस्र स आएन, बाद-विवाद करा अउर तय करा कि एकरे बारे मँ का करइ क चाही।
Judges 20
1 इ तरह इस्राएल क सबहिं लोग मिस्पा नगर मँ यहोवा क समन्वा खड़े होइ बरे एक संग आएन। उ पचे पूरे इस्राएल देस स आएन: दान से बेरसेबा तलक। गिलाद प्रदेस क सबहिं इस्राएली लोग भी हुवाँ रहेन।
2 इस्राएल क परिवार समूहन क सबहिं प्रमुख लोग हुवाँ रहेन। उ पचे परमेस्सर क लोगन क सभा मँ आपन-आपन ठउर पइ बइठेन। उ ठउरे पइ तरवार क संग चार लाख फउजी रहेन।
3 बिन्यामीन क परिवार समूह क लोग सुनेन कि इस्राएल क लोग मिस्पा नगर मँ पहोचेन ह। इस्राएल क लोग कहेन, “इ बतावा कि इ भयंकर पाप कइसे भवा।”
4 एह बरे मेहरारू जेकर हत्तिया भइ रही ओकर भतार कहेस, “मोर रखैल अउ मइँ बिन्यामीन क गिबा नगरन मँ पहोंचेन। हम लोग हुवाँ राति बितावा।
5 मुला राति मँ गिबा नगर क प्रमुख उ घरे पइ आएन जेहमाँ मइँ ठहरा रहेउँ। उ पचे घरे क घेर लिहन अउ उ पचे मोका मारि डावइ चाहत रहेन। उ पचे मोरी रखैल क संग कुकरम किहन अउर उ मर गइ।
6 एह बरे मइँ आपन रखैल क लइ गएउँ अउर ओकर टूका कइ डाएउँ। तब मइँ हर एक टूका इस्राएल क हर एक परिवार समूह क पठएउँ। मइँ बारह टूकन ओन भुइँया क पठएउँ जेनका हम पाए। मइँ इ एह बरे किहेउँ कि बिन्यामीन क परिवार समूह क लोग इस्राएल क देस मँ इ काूर अउ खउफनाक करम किहन ह।
7 अब, इस्राएल क सबहिं लोगो, आप बोलइँ। आप आपन निर्णय देइँ कि हमका का करइ चाही?”
8 तब सबहिं लोग उहइ समइ उठि। उ पचे एकत्र होइके कहेन, “हम लोगन मँ स कउनो घरे नाहीं लउटी। हम लोगन मँ स एक भी घरे नाहीं लउटी।
9 गिबा बरे हम लोग इ करब: हम गोटी डाउब।
10 अउर हम लोग इस्राएल क लोगन क सबहिं परिवार समुहन स एक सौ मँ स दस मनई चुनब अउर हम लोग हर एक हजार मँ स सौ मनई चुनब। हम लोग हर एक दस हजार मँ स एक हजार चुनब। जउने लोगन क हम लोग चुन लेब उ पचे फउजे खातिर जरूरी सामग्री पइही। तब फउज बिन्यामीन मँ गिबा नगर क जाइ। उ फउज ओन लोगन स बदला चुकाई जउन इस्राएल मँ इ भयंकर काम किहेन ह।”
11 एह बरे इस्राएल क सबहिं लोग गिबा नगर मँ बटुर गएन। उ पचे ओकर एकमत रहेन, जउन उ पचे करत रहेन।
12 इस्राएल क परिवार समूह एक सँदेस क संग लोगन क बिन्यामीन क परिवार समूह क लगे पठएस। सँदेसा इ रहा, “इ पापे क बारे मँ का कहब अहइ जउन तोहार कछू लोग किहो ह?
13 ओन गिबा क दुस्ट मनइयन क हमरे लगे पठवा। ओन लोगन क हमका द्या जेहसे हम ओनका जान स मारि सकी। हम लोगन क इस्राएल क लोगन क बीच स बुराइ क दूर करइ चाही।”किन्तु बिन्यामीन क परिवार समूह क लोग आपन सम्बंधी इस्राएल क लोगन क दूतन क बात सुनइ स इन्कार करइ दिहेन।
14 बिन्यामीन क परिवार समूह क लोग आपन नगरन क तजेन अउर उ पचे गिबा नगर मँ पहा्चेन। उ पचे गिबा मँ इस्राएल क दूसर परिवार समूह क खिलाफ लड़इ गएन।
15 बिन्यामीन क परिवार समूह क लोग छब्बीस हजार फउजियन क बटोरेन उ पचे सबहिं फउजी जुद्ध बरे प्रसिच्छित रहेन। ओनके संग गिबा नगर क सात सौ प्रसिच्छित फउजी भी रहेन।
16 ओनकर सात सौ अइसे प्रसिच्छित मनई भी रहेन जउन जुद्ध मँ बाँया हाथ चलावइ क सिच्छा पाए रहेन। ओनमाँ स हर एक गुलेल क उपयोग दच्छता स कइ सकत रहा। उ पचे सबइ एक ठु बारे पइ भी पाथर मार सकत रहेन अउर निसाना नाहीं चूकत रहा।
17 इस्राएल क सारे परिवार समूह बिन्यामीन क अतिरिक्त चार लाख जोधन क एकत्र किहन। ओन चार लाख जोधन क लगे तरवारन रहिन। ओनमाँ स हर एक प्रसिच्छित फउजी रहा।
18 इस्राएल क लोग बेतेल नगर तलक गएन। बेतेल मँ उ पचे परमेस्सर स पूछेन, “कउन सा परिवार समूह बिन्यामीन क परिवार समूह पइ पहिला हमला करी?”यहोवा जवाब दिहेस, “यहूदा क परिवार समूह पहिले जाइ।”
19 अगले भिंसारे इस्राएल क लोग उठेन। उ पचे गिबा क निअरे डेरा डाएन।
20 तब इस्राएल क फउज बिन्यामीन क फउज स जुद्ध बरे निकरि पड़ी। इस्राएल क फउज गिबा नगर मँ बिन्यामीन क खिलाफ जुद्ध बरे आपन मोर्चा लगाएस।
21 तब बिन्यामीन क फउज गिबा नगर क बाहेर निकरी। उ पचे उ दिन क लड़ाई मँ इस्राएल क फउजे क बाईस हजार लोगन क मार डाएन।
22 इस्राएल क लोग यहोवा क समन्वा गएन। उ पचे साँझ तलक रोवत चिल्लात रहेन। उ पचे यहोवा स पूछेन, “का हमका फुन बिन्यामीन क खिलाफ लड़इ जाइ चाही? उ सबइ लोग हमार सम्बन्धी अहइँ।”यहोवा जवाब दिहस, “जा अउर ओनके खिलाफ लड़ा। इस्राएल क लोग एक दूसर क हिम्मत बढ़ाएन।” एह बरे उ पचे पहिले दिन क तरह फुन लड़इ गएन।
23
24 तब इस्राएल क फउज बिन्यामीन क फउज क लगे आइ। इ जुद्ध क दूसर दिन रहा।
25 बिन्यामीन क फउज दूसर दिन इस्राएल क फउज पइ हमला करइ बरे गिबा नगर स बाहेर आइ। इ समइ बिन्यामीन क फउज इस्राएल क फउजे क दूसर अट्ठारह हजार फउजियन क मार डाएन। इस्राएल क फउज क उ सबइ सबहिं प्रसिच्छित फउजी रहेन।
26 तब सबइ इस्राएली लोग अउर सबहिं बेतेल नगर तलक गएन। उ ठउरे पइ उ पचे बइठेन अउर यहोवा क रोइके गोहराएन। उ पचे पूरा दिन साँझ तलक कछू नाहीं खाएन। उ पचे होमबलि अउर मेलबलि भी यहोवा बरे चढ़ाएस।
27 इस्राएल क लोग यहोवा स एक ठु सवाल पूछेन। (एन दिन परमेस्सर क साच्छीपत्र क सन्दूक बेतेल मँ रहा।
28 पीनहास जउन एलीआज़ार क पूत रहा अउर एलीआज़ार हारून क पूत रहा नाउँ क एक ठु याजक करार क सन्दूक क समन्वा सेवा करत रहा। इस्राएल क लोग पूछेन, “का हमका बिन्यामीन क लोगन क खिलाफ फुन लड़इ जाइ चाही। उ सबइ लोग हमार सम्बन्धी अहइँ या हम लोग जुद्ध करब बंद कइ देइ?”यहोवा जवाब दिहेस, “जा। काल्ह भियान मइँ ओनका हरावइ मँ तोहार मदद करब।”
29 तब इस्राएल क फउज गिबा नगर क चारिहुँ कइँती आपन मनइयन क छुपाइ दिहस।
30 इस्राएल क फउज तीसरे दिन गिबा नगर क खिलाफ लड़इ गइ। उ पचे जुद्ध बरे आपन मोर्चा संभालेन जइसा उ पचे पहिले किहे रहेन।
31 बिन्यामीन क फउज इस्राएल क फउज स जुद्ध करइ बरे गिबा नगर क बाहेर निकर आइ। इस्राएल क फउज पाछे हटी अउर उ बिन्यामीन क फउज क नगर क बहोतइ पाछे छोड़ देइ बरे धोखा दीन्ह गवा।बिन्यामीन क फउज इस्राएल क फउज क कछू लोगन क वइसे ही मारब सुरू किहेन जइसे उ पचे पहिले मारे रहेन। इस्राएल क लगभग तीस मनई मारे गएन। ओनमाँ स कछू लोग मैदानन मँ मारे गए रहेन। ओनमाँ स कछू मनई सड़कियन पइ मारे गए रहेन। एक ठु सड़क बेतेल क जात रही। दूसर सड़क गिबा क जात रही।
32 बिन्यामीन क लोग कहेन, “हम पहिले क तरह जीतत अही।”मुला इस्राएल क लोग पाछे भागत परात रहेन काहेकि उ पचे बिन्यामीन क लोगन क ओनके नगर स दूर सड़कियन पइ लियावइ चाहत रहेन।
33 इस्राएल क फउजे क सबहिं लोग आपन ठउरन स हटेन। उ पचे बालतामार पइ रूकेन अउर जुद्ध बरे मोर्चा लगाएन। तब जउन लोग गिबा क पच्छिम मँ लुकान रहेन आपन छुपइ क ठउरन स दौड़ पड़ेन अउर गिबा पइ आकामण किहेन।
34 इस्राएल क फउज क पूरे प्रसिच्छित दस हजार फउजियन गिबा नगर पइ हमला किहन। जुद्ध बड़ी भीसण रही। किन्तु बिन्यामीन क फउज आपन भंयकर विनास स अवगत नाहीं रहेन।
35 यहोवा इस्राएल क फउज क उपयोग किहस अउर बिन्यामीन क फउज क हराइ दिहस। उ दिन इस्राएल क फउज बिन्यामीन क पच्चीस हजार एक सौ फउजियन क मार डाएस। उ सबइ सबहिं फउजी जुद्ध बरे प्रसिच्छित रहेन।
36 इ तरह बिन्यामीन क लोग लखेन कि उ पचे हार गएन।इस्राएल क फउज पाछे हटी। उ पचे पाछे हटेन काहेकि उ पचे अचानक हमला पइ निर्र्भर करत रहेन जेकरे बरे ओनकर मनइयन गिबा क निचके छुपा भवा रहेन।
37 जउन मनई गिबा क चारिहुँ ओर लुकान रहेन उ सबइ गिबा नगर मँ टूट पड़ेन। उ पचे फइल गएन अउर उ पचे आपन तरवारन स नगर क हर एक क मार डाएन।
38 इस्राएली फउज क दल अउ लुकाइके घात लगावइ वाले दल क बीच इ संकेत चीन्हा निहचित कीन्ह गवा रहा कि लुकाइके घात लगावइ वाला दल नगर मँ धुएँ क बिसाल बादर उड़ाइ।
39 जुद्ध क उहइ समइ पइ बिन्यामीन क फउज लगभग तीस इस्राएल फउज क मार दिहेस। उ पचे कहत रहेन, “हम वइसे जीतत अही जइसे पहिले जुद्ध मँ जीतत रहे।”
40 किन्तु तबहिं धुएँ क बिसाल बादर नगर स उठब सुरू भवा। बिन्यामीन क फउजी मुड़ेन अउर धुएँ क लखेन। पूरा नगर आगी क लपटन मँ रहा।
41 तब इस्राएल क फउज मुड़ी अउर लड़इ लाग। बिन्यामीन क लोग डर गए रहेन। अब उ पचे समुझ गएन कि ओन पइ तबाही आ गए रहेन।
42 एह बरे बिन्यामीन क फउज इस्राएल क फउज क समन्वा स भाग पराइ खड़ी भइ। उ पचे रेगिस्तान कइँती भागेन। लेकिन उ पचे जुद्ध स बच न सकेन। इस्राएल क लोग नगरन स बाहेर आएन अउर ओनका मार डाएन।
43 इस्राएल क लोग बिन्यामीन क लोगन क घेर लिहेन। उ पचे ओनका पाछा किहन। उ पचे ओनका अराम नाही करइ दिहेन। उ पचे ओनका गिबा क पूरब क भुइँया मँ हराएन।
44 इ तरह अट्ठारह हजार वीर अउर ताकतवर बिन्यामीन क फउज क फउजी मारे गएन।
45 बिन्यामीन क फउज मुड़ी अउर रेगिस्तान कइँती भागी परानी। उ पचे रिम्मोन क चट्टान नाउँ क ठउरे पइ पराइके गएन। किन्तु इस्राएल क फउज सड़कन पइ बिन्यामीन क फउज क पाँच हजार सिपाहियन क मार डाएन। उ पचे बिन्यामीन क लोगन क पाछा करत रहेन। उ पचे ओनकर पाछा गिदोन नाउँ क ठउरे तलक किहन। इस्राएल क फउज उ ठउरे पइ बिन्यामीन क फउज वहाँ दुइ हजार अउर सिपाहियन क मार डाएस।
46 उ दिना बिन्यामीन क फउज क पच्चीस हजार फउजी मारे गएन। ओन सबहिं मनइयन अपन तरवार क संग बहादुरी स जुद्ध किहन।
47 मुला बिन्यामीन क छ: सौ मनई मुड़ेन अउर रेगिस्तान मँ पराइ गएन। उ पचे रिम्मोन क चट्टान नाउँ क ठउरे पइ गएन। उ पचे हुवाँ चार महीने तलक ठहरे रहेन।
48 इस्राएल क लोग बिन्यामीन क भुइँया मँ लउटिके गएन। जउने नगरन मँ उ पचे पहोंचेन, ओन नगरन क मनइयन क उ पचे मार डाएन। उ पचे सबहिं जनावरन क भी मार डाएन। उ पचे जउन कछू पाइ सकत रहेन, ओका नस्ट कइ दिहन। उ पचे जउने नगर मँ गएन, ओका बार डाएन।
Judges 21
1 मिस्पा मँ इस्राएल क लोग प्रतिग्या किहन। ओनकर प्रतिग्या इ रही, “हम लोगन मँ स कउनो आपन बिटिया क बिन्यामीन क परिवार समूह क कउनो मनई स बियाह नाही करइ देइ।”
2 इस्राएल क लोग बेतेल नगर क गएन। इ नगर मँ उ सबइ परमेस्सर क समन्वा साँझ तलक बइठे रहेन। उ पचे जोर स अउर फुट-फुट कइ रोवत रहेन।
3 उ पचे परमेस्सर स कहेन, “यहोवा, तू इस्राएल क लोगन क प्ररमेस्सर अहा। अइसी भयंकर बात हम लोगन क संग कइसे होइ गइ अहइ? इस्राएल क परिवार समूहन मँ स एक परिवार समूह काहे कम होइ जाइ।”
4 अगले दिन भिंसारे इस्राएल क लोग एक ठु वेदी बनाएन। उ पचे उ वेदी पइ परमेस्सर क होमबलि अउ मेलबलि चढ़ाएन।
5 तब इस्राएल क लोग कहेन, “का इस्राएल क कउनो अइसा परिवार समूह अहइ जउन यहोवा क समन्वा हम लोगन क संग मिलइ नाही आवा ह?” उ पचे इ सवाल एह बरे पूछेन काहेकि उ पचे एक गंभीर प्रतिग्या किहे रहेन। उ पचे प्रतिग्या किहे रहेन कि जउन कउनो मिस्पा मँ दूसर परिवार समूह क संग मिलइ बरे नाहीं आइ, मार डावा जाइ।
6 इस्राएल क लोग आपन रिस्तेदारन, बिन्यामीन क परिवार समूह क लोगन बरे, बहोत दुःखी रहेन। उ पचे कहेन, “आजु इस्राएल क लोगन स एक ठु परिवार समूह कट गवा ह।
7 हम लोग यहोवा क समन्वा प्रतिग्या किहे रहे कि हम आपन बिटियन क बिन्यामीन परिवार क कउनो मनई स बियाह नाहीं करइ देब। हम लोगन क कइसे बिस्सास होइ कि बिन्यामीन क परिवार समूह क लोगन क बियाही बरे मेहररूअन मिलिहीं?”
8 तब इस्राएल क लोग पूछेन, “इस्राएल क परिवार समूहन मँ स कउन मिस्पा मँ हिआँ नाहीं आवा ह? हम लोग यहोवा क समन्वा एक संग आए अही। किन्तु एक परिवार समूह हिआँ नाहीं अहइ?” तब ओनका पता लाग कि इस्राएल क दूसर लोगन क संग यावेस गिलाद नगर क कउनो मनई हुवाँ नाहीं रहा।
9 इस्राएल क लोग इ जानइ बरे कि हुवाँ कउन रहा अउर कउन नाहीं रहा, हर एक क गनेस। उ पचे पाएन कि यावेस गिलाद क कउनो भी हुवाँ नाहीं रहा।
10 एह बरे इस्राएल क लोग बारह हजार फउजियन क यावेस नगर क पठएस। उ पचे ओन फउजियन स कहेन, “जा अउर यावेस गिलाद लोगन क मेहररुअन अउ गदेलन समेत आपन तरवार स मउत क घाट उतार द्या।
11 तू पचन्क इ जरूर करइ क होइ। यावेस गिलाद मँ हर एक मनसेधू क मार डावा। उ मेहरारू क भी मार डावा जउन एक ठु मनसेधू क संग रहि चुकी होइ। किन्तु उ मेहरारू क जिन मारा जउन कउनो मनसेधू क संग कबहुँ सारीरिक सम्बन्ध न किहे होइ।” फउजियन इहइ किहन।
12 ओन बारह हजार फउजियन यावेस गिलाद मँ चार सौ अइसी कुवाँरी कन्या क पाएन, जउन कउनो मनई क संग कबहुँ सारीरिक सम्बन्ध नाहीं किहे रहिन। फउजी ओन मेहररूअन क सीलो नगर क डेरा पइ लइ गएन। सीलो कनान भुइँया मँ अहइ।
13 तब इस्राएल क लोग बिन्यामीन क लोगन क लगे एक ठु सँदेस पठएन। उ पचे बिन्यामीन क लोगन क संग सान्ति-सन्धि करइ क प्रस्ताव रखेन। बिन्यामीन क लोग रिम्मोन क चट्टान नाउँ क ठउरे पइ रहेन।
14 एह बरे बिन्यामीन क लोग उ समइ इस्राएल क लोगन क पूरे परिवार क लगे लउटेन। इस्राएल क लोग ओनका ओन यावेस गिलाद क मेहररूअन क दिहन, जेनका उ पचे मारे नाही रहेन। किन्तु बिन्यामीन क सबहिं लोगन क बरे ढेर मेहररूअन नाही रहिन।
15 इस्राएल क लोग बिन्यामीन क लोगन क बरे दुःखी भएन। उ पचे ओनके बरे एह बरे दुःख महसूस किहन काहेकि यहोवा इस्राएल क परिवार समूहन क अलग कइ दिहे रहा।
16 इस्राएल क लोगन क अग्रज लोग कहेन, “बिन्यामीन परिवार समूह क मेहररूअन मार डाली गइ अहइँ। हम लोग बिन्यामीन क जउन लोग जिअत अहइँ ओनके बियाह बरे मेहररूअन कहाँ पइहीं।
17 बिन्यामीन क जउन लोग अबहिं जिअत अहइँ, अपने परिवार क अगवा बढ़ावइ बरे ओनका गदेलन चाही। इ एह बरे करइ क होइ कि इस्राएल क एक परिवार समूह नस्ट न होइ।
18 मुला हम लोग आपन बिटियन क बिन्यामीन लोगन क संग बियाह करइ क मंजूरी नाहीं दइ सकित। हम इ प्रतिग्या कइ चुका अही: ‘कउनो मनई जउन बिन्यामीन क मनई क पत्नी देइ, अभिसप्त होइ।’
19 हम लोगन क समन्वा एक ठु उपाय अहइ। इ सीलो नगर मँ यहोवा बरे उत्सव क समइ अहइ। इ उत्सव हिआँ हर बरिस मनावा जात ह। (सीलो नगर बेतेल नगर क उत्तर मँ अहइ अउर उ सड़किया क पूरब मँ अहइ जउन बेतेल स सकेन क जात ह। अउर इ लबोना नगर क दकिाखन मँ भी अहइ।)
20 एह बरे अग्रज लोग बिन्यामीन लोगन क सुझाव दिहेन। उ पचे कहेन, “जा, अउर अंगूर क बेलन क खेतन मँ लुकाइ जा।
21 उत्सव मँ उ समइ क प्रतीच्छा करा जब सीलो क जुवतियन नाच मँ हींसा लेइ आवइँ। तब अंगूरे क खेतन मँ आपन लुकाइ क ठउरे स बाहेर निकर दउड़ा। तू पचन मँ स हर एक सीलो नगर क मेहरूरअन क बिन्यामीन क भुइँया मँ लइ जा अउर ओकरे संग बियाह करा।
22 ओन जुवतियन क बाप अउ भाई हम लोगन क निअरे अइही अउर सिकाइत करिही। किन्तु हम लोग ओनका इ तरह जवाब देब: ‘बिन्यामीन क लोगन पइ कृपा करा। ओन लोगन क ओन मेहररूअन क संग बियाह करइ द्या। उ पचे अपने बरे मेहररूअन एह बरे नाहीं पावत अहइँ कि उ सबइ लोग तू पचन स लड़इँ अउर उ पचे इ तरह स मेहररूअन क लइ गवा अहइँ, एह बरे तू पचे आपन परमेस्सर क समन्वा कीन्ह गइ प्रतिग्या नाही तोड़्या। तू पचे प्रतिग्या किहे रह्या कि तू पचे ओनका मेहररूअन नाहीं देब्या, सचमुच, तू पचे बिन्यामीन क लोगन क मेहररूअन नाहीं दिहा परन्तु उ पचे तू पचन स मेहररूअन लइ लिहन। एह बरे तू पचे प्रतिग्या भंग नाहीं किहा।’”
23 एह बरे बिन्यामीन क परिवार समूह क लोग उहइ किहन। जब जुवतियन नाचत रहिन, तउ हर एक मनई ओनमाँ स एक-एक क धइ लिहस। उ पचे ओन मेहररूअन क लइ गएन अउर ओनके संग बियाह किहन। तउ उ पचे आपन भुइँया मँ लउटेन। बिन्यामीन क लोग भुइँया मँ फुन नगर बसाएन अउर रहइ लागेन।
24 तब इस्राएल क लोग अपने घर लउटेन। उ पचे आपन आपने भुइँया अउर परिवार समूह मँ लउट गएन।
25 ओन दिनन इस्राएल क लोगन क कउनो राजा नाहीं रहा। हर एक मनई उहइ करत रहा, जेका उ ठीक समुझत रहा।
Ruth 1
1 बहुत समइ पहिले जब निआवाधीसन क हुकुमत रही, तबहि एक बुरा समइ आवा कि भुइँया पइ अकाल पड़ि गवा। उहइ समइ मँ एलीमेलेक नाउँ क एक मनई यहूदा क बेतलेहेम क छोड़ दिहस। उ आपन मेहरारू अउ दुइ पूतन क संग मोआब क भुइँया मँ चला गवा।
2 ओकरी मेहरारू क नाउँ नाओमी रहा अउ ओकरे पूतन क नाउँ महलोन अउ किल्योन रहेन। इ सबइ लोग यहूदा क बेतलेहेम क एप्राती परिवार स रहेन। इ परिवार मोआब क पहाड़ी प्रदेस क जात्रा किहेस अउ हुवँइ बस गवा।
3 पाछे नाओमी क भतार एलीमेलेक मर गवा। एह बरे सिरिफ नाओमी अउ ओकर दुइ पूत बचे रहि गएन।
4 ओकर पूतन मोआब देस क मेहररूअन क संग बियाह किहन। पहिला पूत क मेहरारू क नाउँ ओर्पा अउ दूसर पूत क मेहरारू क नाउँ रूत रहा। उ पचे मोआब मँ लगभग दस बरिस रहेन।
5 ओकर पाछे महलोन अउ किल्योन भी मर गएन। एह बरे नाओमी आपन भतार अउ पूतन क बिना अकेली हो गइ।
6 जब नाओमी मोआब क पहाड़ी भुइँया मँ रहत रही, तबहि नाओमी सुनेस कि यहोवा ओकरे लोगन क मदद किहेस ह। उ अपने लोगन क भोजन प्रदान करत ह। एह बरे नाओमी मोआब क पहाड़ी भुइँया क तजइ अउर आपन घर यहूदा मँ लउटइ क निहचइ किहेस। ओकर पतोहुअन भी ओकरे संग जाइ क निहचइ किहेन।
7 उ पचे उ प्रदेस क तजेन जहाँ उ पचे रहत रहिन अउर यहूदा कइँती लउटब सुरू किहन।
8 तब नाओमी आपन पतोहुअन स कहेस, “तू दुइनउँ क अपने घर आपन महतारिन क घरे लउट जाइ चाही। तू पचे मोरे पूतन क बरे बहोतइ दयालु रहिउँ ह। यहोवा तोह पइ दयालु होइ।
9 तउ मइँ पराथना करत हउँ कि यहोवा, अच्छा भतार अउ नीक घर पावइ मँ तू दुइनउँ क मदद करइ।” नाओमी आपन पतोहियन क पियार किहेस अउ उ पचे सबहि रोवइ लागिन।
10 तब पतोहियन कहेन, “किन्तु हम आप क संग चलइ चाहित ह अउर आप क लोगन मँ जाइ चाहिन ह।”
11 किन्तु नाओमी कहेस, “नाहीं, बिटियो, अपने घरे लउटि जा। तू पचे मोरे संग काहे जाबिउ? मइँ तू पचन क मदद नाहीं कइ सकिन। मोरे लगे अब कउनो पूत नाहीं जउन तोहार संग बियाह कइ सकइ।
12 अपने घरे लउटि जा। मइँ एतनी बुढ़िया अहउँ कि नवा भतार नाहीं रखि सकिन। हिआँ तलक कि जदि मइँ फुन बियाह करइ क बात सोचउँ, तउ भी मइँ तोहार पचन्क मदद नहीं कइ सकित। जदि मइँ आजु क राति ही गर्भवती होइ जाउँ अउर दुइ पूतन क पइदा करउँ, तउ भी एहसे तोहार पचन्क मदद नाहीं मिली।
13 बियाह करइ स पहिले ओनकर बालिग होइ तलक तू पचन्क इंतजार करइ पड़ी। मइँ तू पचन्स ऍतने लम्बे समइ तलक बिना भतारे क प्रतीच्छा नाहीं करवाउब। एहसे मोका बहोत दुःख होइ। मइँ पहिले स ही बहोत दुःखी हउँ काहेकि यहोवा मोरे खिलाफ बहोत कछू कइ दिहस ह।”
14 एह बरे मेहररूअन बहोत रोइन। तब ओर्पा नाओमी क चूमेस अउ उ चली गइ। किन्तु रूत ओका बाहन मँ गहियाइ लिहस अउर ओकरे लगे ठहर गइ।
15 नाओमी कहेस, “लखा, तोहार जेठानी आपन लोगन अउ आपन देवतन मँ लउट गइ। एह बरे तोहका ही उहइ करइ चाही।”
16 किन्तु रूत कहेस, “आपन क तजिके मोका मजबूर जिन करा। आपन लोगन मँ लउटइ बरे मोका मजबूर जिन करा। मोका अपने संग चलइ द्या। जहाँ कहूँ तू जाबिउ मइँ जाब। जहाँ कहूँ तू सोउबिउ, मइँ सोउब। तोहार लोग मोर लोग होइहीं। तोहार परमेस्सर मोर परमेस्सर होइ।
17 जहाँ तू मरबिउ, मइँ भी हुआइँ मरब अउर मइँ हुवइँ दफनाई जाब। होइ सकत ह यहोवा हमरे बरे इ करी, अउर होइ सकत ह ऍह स भी जियादा, जब तलक कि मउत हम लोगन क जुदा न कइ द्या।”
18 नाओमी लखेस कि रूत क ओकर संग चलइ क प्रबल इच्छा अहइ। एह बरे नाओमी ओकरे संग बहस करब बन्द कइ दिहस।
19 फुन नाओमी अउर रूत तब तलक जात्रा किहन जब तलक उ पचे बेतलेहेम नाहीं पहोंच गइन। जब दुइनउँ मेहररूअन बेतलेहेम पहोंचिन तउ सबहि लोग बहोत उत्तेजित भएन। उ पचे कहब सुरू किहन, “का इ नाओमी अहइ?”
20 मुला नाओमी लोगन स कहेस, “मोका नाओमी जिन कहा, मोका मारा कहा। काहेकि सर्वसक्तीमान परमेस्सर मोर जिन्नगी क बहोत दुःखी बनाई दिहस ह।
21 जब मइँ गइ रहिउँ, मोरे लगे उ सबइ चिजियन रहिन जेनका मइँ चाहत रहिउँ। किन्तु अब, यहोवा मोका खाली हाथे घरे लियावा ह। यहोवा मोका दुःखी बनाएस ह। एह बरे मोका नओमी काहे कहत अहा? सर्वसकितमान परमेस्सर मोका बहोत जियादा कस्ट दिहस ह।”
22 इ तरह नाओमी अउ ओकर पतोहू रूत मोआबी मेहरारू मोआब क भुइँया स लउटि गएन। इ दुइनउँ मेहररूअन जौ क कटती क समइ यहूदा क बेतलेहेम मँ आइन।
Ruth 2
1 बेतलेहेम मँ एक ठु धनी मनई रहत रहा। ओकर नाउँ बोअज़ रहा। बोअज़ एलीमेलेक परिवार स नाओमी क निअरे रिस्तेदारन मँ स एक रहा।
2 एक दिना रूत (मोआबी मेहरारू) नाओमी स कहेस, “मइँ सोचत हउँ कल्ह मइँ खेतन मँ जाउँ। होइ सकत ह कि कउनो अइसा मनई मोसे मिलइ जउन मोह पइ दाया कइके, मोरे बरे उ अन्न क बटोरइ देइ जेका उ आपन खेत मँ तजत होइ।”
3 नाओमी कहेस, “बिटिया, ठीक अहइ जा।” एह बरे रूत खेतन मँ गइ। उ फसल काटइ वाले मजदूरन क पाछे चलत रही अउर उ अन्न बटोरेस जउन तज दीन्ह गवा रहा। अइसा भवा की उ खेते क एक हींसा एलीमेलेक परिवार क एक मनई बोअज क रहा।
4 पाछे, बेतलेहेम स बोअज़ खेत मँ आवा। उ आपन मजदूरन क हालचाल पूछेस। उ कहेस, “यहोवा तोहरे संग होइ।” मजदूरन जबाब दिहन, “यहोवा आप क आसीर्बाद देइ।”
5 तब बोअज़ आपन उ सेवक स बातन किहेस, जउन मजदूरन क निरीच्छक रहा। उ पूछेस, “बिटिया केकर अहइ?”
6 सेवक जबाब दिहस, “इ उहइ मोआबी मेहरारू अहइ जउन मोआब क पहाड़ी पहँटा स नओमी क संग आई अहइ।
7 उ बहोत भिन्सारे आइ अउ मोहसे उ पूछेस कि का मइँ मजदूरन क पाछे चल सकत हउँ अउ भुइयाँ पइ छिटके अन्न क बटोरा सकत हउँ। उ तउ तलक स काम करत रहत हीं, किन्तु उ तनिक देरी बरे आस्रय स्थान मँ रही।”
8 तब बोअज़ रूत स कहेस, “हे मोर बिटिया, सुना! तू अपने बरे अन्न बटोरइ बरे मोरे खेते मँ रहा। तोहका कउनो दूसर मनई क खेत मँ जाइ क जरूरत नाहीं अहइ। मोर मेहररू नउकरन क पाछे चलत रहा।
9 इ धियान मँ रखा की उ पचे कउने खेते मँ जात अहइँ अउर ओनकर अनुसरण करा। मइँ नउजवानन क चितउनी दइ दिहे अहउँ कि उ पचे तोहका परेसान न करइँ। जब तोहका पियास लगइ, तउ उहइ गगरी स पानी पिआ जेहसे मोर मनई पानी पिअत हीं।”
10 तब रूत प्रणाम करइ आने धरती तलक निहुरी। उ बोअज़ स कहेस, “मोका अचरज अहइ कि आप मोह पइ धियान दिहेन। मइँ एक अजनबी अहउँ, किन्तु आप मोह पइ बड़ी दाया किहेन ह।”
11 बोअज़ ओका जबाब दिहेस, “मइँ ओन सारी मदद क जानत हउँ जउन तू आपन सास नाओमी क दिहे ह। मइँ जानत हउँ कि तू ओकर मदद तब भी किहे रह्या जब तोहार भतार मर गवा रहा अउर मइँ जानत हउँ कि तू आपन महतारी-बाप अउ आपन देस तजिके इदेस मँ हिआँ आइ अहा। तू इ देस क कउनो भी मनई क नाहीं जानतिउ, फिन भी तू हिआँ नाओमी क संग आइउ।
12 यहोवा तोहका ओन सबहि नीक कामे बरे इनाम देई जउन तू किहा ह। यहोवा इस्राएल क परमेस्सर तोहका भरपूर इनाम देइ। तू ओकरे सुरच्छा क ओढ़ना मँ आसरा बरे आइ अहा।”
13 तब रूत कहेस, “आप मोह पइ बड़े दयालु अहइँ, महोदय। मइँ तउ सिरिफ एक दासी अहउँ। मइँ आप क सेवकन मँ स भी कउनो क बराबर नाहीं अहउँ। किन्तु आप मोका दाया स भरी बातन किहा ह। अउर मोका सान्त्वना दिहा ह।”
14 दुपहरिया क भोजन क समइ, बोअज़ रूत स कहेस, “हिआँ आया। हमारी रोटियन मँ स कछू खा। एह कइँती हमरे सिरकें मँ आपन रोटी बोड़ा।”तब रूत मजदूरन क संग बठइ गइ। बोअज़ ओनका कछू भूँजा भवा अनाज दिहन। रूत जेतना चाहत रहा ओतना खाएस अउर कछू भोजन बचि गवा।
15 तब रूत उठी अउर काम करइ लउटी। तब बोअज़ आपन सेवकन स कहेस, “रूत क आन्त क ढेरी क लगे भी अन्न बटोरइ द्या। ओका जिन रोका।
16 ओकरे काम क, ओकरे बरे कछू दाना स भरी बालन गिराइके, हलका करा। ओका उ अन्न क बटोरइ द्या। ओका रोकइ बरे जिन कहा।”
17 रूत साँझ तलक खेत मँ अनाज एकट्ठा किहस। तब उ भूसा स अन्न क अलग किहस। उ लगभग आधा बुसल जौ जमा किहेस।
18 रूत उ अन्न क आपन सास क इ देखावइ बरे लइ गइ कि उ केतना अन्न बटोरेस ह। उ ओका उ भोजन भी दिहस जउन दुपहर क भोजन मँ स बन गवा रहा। रूत उ अन्न क अपनी सास क देखावइ बरे लइ गइ कि उ केतना अन्न बटोरेस ह। उ मोका भोजन भी दिहेस जउन दुपहरिया क भोजन मँ स बच गवा रहा।
19 ओकर सास ओहसे पूछेस, “इ अन्न तू कहाँ स बटोर्या ह? तू कहाँ काम किहा? जउन मनई तोहका सूचना दिहेस आसीर्बाद पाइ।”तब रूत ओका बताएन कि उ केकरे संग काम किहे रही। उ कहेस, “जउने मनई क संग मइँ आजु काम किहे रहेउँ, ओकर नाउँ बोअज़ अहइ।”नाओमी अपनी पतोहू स कहेस, “यहोवा ओका आसीर्बाद देइ। यहोवा सबहि पइ निरन्तर दाया करत रहत ह चाहे उ पचे जिअत होइँ या मरा होउँ।”
20 तब नाओमी आपन पतोहू स कहेस, “बोअज़ हमारे संबन्धियन मँ स एक अहइ। बोअज़ हमार संरच्छकमँ स एक अहइ।”
21 तब रूत कहेस, “बोअज़ मोका वापस आवइ अउर काम करइ क भी कहेस ह। बोअज़ कहेस ह कि मइँ सेवकन क संग तब तलक काम करत रहउँ जब तलक फसल क कटाई पूरी नाहीं होइ जात।”
22 तब नाओमी अपनी पतोहू रूत स कहेस, “इ नीक अहइ कि तू ओकरी दासियन क संग काम करत रहा। जदि तू कउनो दूसर क खेत मँ काम करबिउ तउ कउनो मनई तोहका कउनो नोस्कान पहोंचाइ सकत ह।”
23 एह बरे रूत बोअज़ क मेहररू नउकरन क संग काम करत रही। उ तब तलक अन्न बटोरेस जब तलक फसल क कटाई पूरी नाहीं भई। उ हुवाँ गोहूँ क कटनी क आखिर तलक भी काम किहस। रूत आपन सास क संग रहत रही।
Ruth 3
1 तब रूत क सास, नाओमी ओहसे कहेस, “हे मोर बिटिया, होइ सकत ह कि मइँ तोहरे बरे एक ठु नीक भतार अउर घर पाइ सकउँ! तउ मइँ तोहार बरे नीक होब।
2 बोअज़ उपयुकात मनई होइ सकतेन? बोअज़ हमार निचके क सम्बन्धी अहइ। तू ओकरी दासियन क संग काम किहा ह। आजु राति उ खरिहाने मँ काम करत रहा होइ।
3 जा, नहा अउर नीक ओढ़ना पहिरा। मटकउना द्रव्य लगावा अउर खरिहने मँ जा। किन्तु बोअज़ क समन्वा तब तलक जिन पड़ा जब तलक उ राति क भोजन न कइ लेइ।
4 खइया क खाइ क पाछे, उ अराम करइ बरे ओलरी। लखत रहा जेहसे तू इ जान सका कि उ कहाँ सोवत ह। हुवाँ जा अउर ओकरे गोड़े क ओढ़ना उघारा। तब ओलरी जा। उ तोसे कहब्या तोहका का करी चाही।”
5 तब रूत जवाब दिहस, “आप जउन करइ क कहति अहा, मइँ करबेउँ।”
6 एह बरे रूत खरिहाने मँ गइ। रूत उ सब किहस जउन ओकर सास ओहसे करइ क कहेस।
7 खाइ अउर पिअइ क पाछे बोअज़ बहोत संतुट्ठ रहा। बोअज़ अन्न क ढेर क लगे ओलरइ गवा। तब रूत बहोत धीमे स ओकरे लगे गइ अउर उ ओकरे गोड़े क ओढ़न उघार दिहस। रूत ओकरे गोड़े क बगल मँ ओलर गइ।
8 करीब आधी रात क बोअज़ नींद मँ आपन करवट बदलेस अउर उ जाग पड़ा। उ बहोत चकित भवा। ओकरे गोड़न क निचके एक ठु मेहरारू ओलरी रही।
9 बोअज़ पूछेस, “तू कउन अहा?”उ कहेस, “मइँ तोहार नउकर लड़की रूत अहउँ। आपन सरच्छा क ओढ़ना मोरे ऊपर फइला द्या। तू मोर रच्छक अहा।”
10 तब बोअज़ कहेस, “हे जुवती, यहोवा तोहका आसीर्बाद देइ। तू मोह पइ बिसेस कृपा किहा ह। तोहार इ कृपा मोरे बरे ओहसे भी जियादा अहइ जउन तू सुरूआत मँ नाओमी क बरे देखाए रह्या। तू बियाह बरे कउनो भी धनी या गरीब नउजवान क खोज कइ सकत रहिउँ, मुला तू वइसा नाहीं किहा।
11 जुवती, अब डेराअ नाहीं। मइँ उहइ करब जउन तू चाहति अहा। मोरे नगर क सबहि लोग जानत हीं कि तू एक ठु नीक मेहरारू अहा।
12 अउर इ फुरि अहइ, कि मइँ तोहरे परिवार क निचके क सम्बंधी अहउँ। मुला एक दूसर मनई अहइ जउन तोहरे परिवार क मोहसे भी जियादा निचके क सम्बन्धी अहइ।
13 आजु क राति हिअँइ ठहरा। भिन्सारे हम पता लगाउब कि का उ तोहार मदद करी। जदि उ तोहका मदद देइ क फैसला लेत ह तउ बहोत नीक होइ। जदि उ तोहार मदद करइ स इन्कार करत ह, तउ यहोवा क जिन्नगी क सपथ लेइके मइँ प्रतिज्ञा करत हउँ कि मइँ तोहसे बियाह करब अउर एलीमेलेक क भुइँया क तोहरे बरे बेसाही के लउटाउब। एह बरे भिंसारे तलक हिअँइ सोआ रहा।”
14 एह बरे रूत बोअज़ क गोड़े क लगे भिंसारे तलक ओलरी रही। उ अँधियारा रहत ही उठी, एहसे पहिले क एतना प्रकास होइ कि लोग एक दूसरे क पहिचान सकइँ।बोअज़ ओहसे कहेस, “हम एका कउनो क इ नाहीं बताउब कि तू पिछली रात हिआँ मोर लगे आई रहिउ।”
15 तब बोअज़ कहेस, “आपन ओढ़नी मोरे लगे लिआवा। अब, एका फइलाइके राखा।”एह बरे रूत आपन ओढ़नी क फइलाइके राखेस अउर बोअज़ लगभग एक बुसल जौ ओकरी सास नाओमी क उपहार मँ दिहस। तब बोअज़ ओका रूत क ओढ़नी मँ बाँध दिहस अउर ओका ओकरी पीठ पइ रख दिहस। तब उ नगर क गवा।
16 रूत आपन सास, नाओमी क घर गइ। नाओमी दुआरे पइ आई अउर उ पूछेस, “बाहेर कउन अहइ?”रूत घरे क भीतर गइ अउर उ नाओमी क हर बात जउन बोअज़ किहे रहा, बताएस।
17 उ कहेस, “बोअज़ इ जौ उपहार क रूप मँ तोहका दिहेस ह। बोअज़ कहेस कि आप क बरे उपहार लिए बिना मोका घर नाहीं जाइ चाही।”
18 नाओमी कहेस, “हे मोर बिटिया, तब तलक धीरा राख जब तलक हम इ सुनी कि का भवा। बोअज़ तब तलक आराम नाहीं करी जब तलक उ ओका नाहीं कइ लेत जे ओका करइ चाही। हम लोगन क दिन बीतइ क पहिले मालूम होइ जाइ कि का होइ।”
Ruth 4
1 बोअज़ उ ठउरे पइ गवा जहाँ नगर दुआरे पइ लोग एकट्ठा होत हीं। बोअज़ तब तलक हुआँ बइठा रहा जब तलक उ संरच्छक हुवाँ स नाहीं गुजरा जेकर जिक्र बोअज़ रूत स किहे रहा। तब बोअज़ ओका बोलाएस, “हिआँ आवा मित्र! हिआँ बइठा।” यह बरे उ हुआँ बइठेस।
2 तब बोअज़ हुआँ गवाहन क बटोरेस। बोअज़ नगर क दस बुजुर्गन क बुलाएस। उ कहेस, “हिआँ बइठा!” एह बरे उ पचे हिआँ बइठ गएन।
3 तब बोअज़ उ संरच्छक स बातन किहस। उ कहेस, “नाओमी मोआब क धरती स लउट आइ अहइ। उ भुइँया क एक टूका बेचेस ह। जउन हमारे सम्बन्धी एलीमेलेक क रहेन।
4 मइँ तय किहेउँ ह कि मइँ इ बिसय मँ हिआँ क बसइया लोगन अउर आपन बुजुर्ग लोगन क समन्वा तोहसे कहउँ। अगर तू इ भुइँया क मुल्य वापिस लइ क चाहत ह तउ एका खरीद ल्या। अगर तू इ भुइँया क वासप नाहीं खरीदइ चाहत ह तउ मोका कहा। मइँ जानत हउँ कि तोहरे पाछे उ मनई मइँ ही हउँ जउन भुइँया क खरीद सकत हउँ। जदि तू उ भुइँया क नाहीं खरीदब्या, उ मइँ हउँ जउन ओका खरीदब। तब उ मनई जवाब दिहेस: मइँ इ भुइँया क खरीदब।”
5 तब बोअज़ कहेस, “जदि तू भुइँया नाओमी स बेसहब्या तउ तोहका मृतक क मेहरारू, मोआबी मेहरारू रूत भी मिली। जब रूत क बच्चा होइ तउ उ भुइँया उ बच्चे क होइ। इ तरह भुइँया मृतक क परिवार मँ ही रही।”
6 निचके क सम्बन्धी जवाब दिहस, “मइँ भुइँया क वापस बेसहि नाहीं सकत। जदपि इ भुइँया मोर होइ चाही किन्तु मइँ एका बेसही नाहीं सकत। जदि मइँ अइसा करत हउँ तउ मोका आपन सम्पत्ति स हाथ धोऊब पड़ सकत ह। एह बरे तू उ भुइँया क बेसहि सकत ह।”
7 (इस्राएल मँ बहोत समइ पहिले जब कउनो मनई कउनो सम्पत्ति क बेसहत, छुड़ावत या सम्पत्ति क बदलि करत रहा, तउ एक मनई आपन जूता क उतारत रहा अउर दूसर मनई क दइ देत रहा। इ ओनके बेसहइ क प्रमाण रहा।)
8 तउ उ निचके क सम्बन्धी बोअज़ स कहेस, “भुइँया तू आपन बरे बेसही लइ!” तउ उ आपन एक जूता क उतारेस अउर एका बोअज़ क दइ दिहस।
9 तब बोअज़ बुजुर्गन अउ सबहि मनइयन स कहेस, “आजु आप लोग मोरे गवाह अहउँ कि मइँ नाओमी स उ सबइ सबहि चिजियन खरीदत हउँ जउन एलीमेलेक, किल्योन अउ महलोन क अहइँ।
10 मइँ रूत क भी आपन मेहरारू बनावइ बरे बेसहत हउँ। मइँ इ एह बरे करत अहउँ कि मृतक क सम्पत्ति ओकरे परिवार क लगे ही रही। इ तरह मृतक क नाउँ ओकरे परिवार अउ ओकरी भुइँया स नाहीं हटावा जाई। आप लोग आजु एकर गवाह अहइँ।”
11 इ तरह सबहि लोग अउर बुजुर्गन जउन नगर दुआर क समीप रहेन, गवाह भएन। उ पचे कहेन:“इ मेहरारू जउन तोहरे घर जाई, यहोवा ओका राहेल अउ लिआ जइसी करइ जउन इस्राएल बंस क बनाएस। हम पराथना करित ह तू एप्राता मँ सकातीसाली ह्वा! तू बेतलेहेम मँ प्रसिद्ध ह्वा।
12 जइसे तामार यहूदा क पूत पेरेस क जनम दिहेस अउर ओकर परिवार महान बना। उहइ तरह यहोवा तोहका भी रूत स कई पूत देइ। अउर तोहार परिवार भी ओकरी तरह महान होइ।”
13 इ तरह बोअज़ रूत स बियाह किहेस। यहोवा रूत क गर्भवती होइ दिहस अउर रूत एक ठु पूत क जन्म दिहस।
14 नगर क मेहररूअन नाओमी स कहेन:“उ यहोवा क आभार माना जउन तोहका अइसा संरच्छक दिहस। यहोवा करइ उ, इस्राएल मँ प्रसिद्ध होइ।
15 उ तोहका फुन स जवान बनाइ देइ। अउर बुढ़ापे मँ उ तोहार धियान राखी। तोहरी बहू क कारण इ घटना घटी अहइ। उ इ बच्चा तोहरे बरे गर्भ मँ धारण किहेस उ तोहसे पिआर करत ह, अउर उ तोहरे बरे सात बेटन स जियादा उत्तिम अहइ।”
16 नाओमी लरिका क लिहस, ओका आपन बाहन मँ उठाइ लिहस, अउर ओकर पालन-पोसण किहस।
17 पड़ोसियन बच्चा क नाउँ राखेन। ओन मेहररूअन कहेन, “अब नाओमी क लगे एक पूत अहइ।” पड़ोसियन ओकर नाउँ ओबेद राखेन। ओबेद यिसै क बाप रहा अउर यिसै, दाऊद क बाप रहा।
18 पेरेस क परिवार क बंसावली इ अहइ:पेरेस हिस्रोन क बाप रहा।
19 राम क बाप हिस्रोन रहा।अम्मीनादाब क बाप राम रहा।
20 नहसोन क बाप अम्मीनादाब रहा।सल्मोन क बाप नहसोन रहा।
21 बोअज़ क बाप सल्मोन रहा।ओबेद क बाप बोअज़ रहा।
22 यिसै क बाप ओबेद रहा।दाऊद क बाप यिसै रहा।
1 Samuel 1
1 एल्काना नाउँ क एक मनई रहा। उ एप्रैम क पहाड़ी पहँटा क रामातैसोपीम क बसइया रहा। एल्काना जुफ परिवार स रहा। एल्काना यरोहाम क पूत रहा। यरोहाम एलीहू क पूत रहा। एलीहू तोहू क पूत रहा। अउर तोहू सूप क पूत रहा जउन एप्रैम क परिवार कबीला स रहा।
2 एल्काना क दुइ मेहरारू रहीं। एक क नाउँ हन्ना रहा अउ दूसरी क नाउँ पनिन्ना रहा। पनिन्ना लड़कोर रहिन, मुला हन्ना क कउनो अउलाद नाहीं रही।
3 एल्काना हर बरिस आपन सहर रामातैसोपीम क तजि देत रहा अउ सीलो नगर जात रहा। एल्काना सर्वसक्तीमान यहोवा क आराधना सीलो मँ करत रहा अउ हुवँा यहोवा क बलि भेंटचढ़ावत रहा। सीलो उ जगह रही जहाँ होप्नी अउ पीनहास यहोवा क याजक क तरह सेवा करत रहेन। होप्नी अउ पीनहास एली क पूत रहेन।
4 जब कबहुँ एल्काना आपन बलि भेंट चढ़ावत रहा, उ गोस क एक हींसा आपन मेहरारू पनिन्ना क देत रहा। एल्काना गोस क भाग पनिन्ना क लरिकन क भी देत रहा।
5 एल्काना गोस क हींसा क बराबर हन्ना क भी हमेसा दइ देत रहा। एल्कना इ तब भी करत रहा जब यहोवा हन्ना क कउनो अउलाद नाहीं दिहे रहेन। एल्काना इ ऍह बरे करत रहा कि हन्ना ओकर इ मेहरारु रही जेसे उ सच्चा पिरेम करत रहा।
6 पनिन्ना हन्ना क हमेसा चिढ़ाइके खिसियावत रही अउ ओका परेसान करत रही। पनिन्ना इ ऍह बरे करत रही काहेकि हन्ना कउनो बच्चा क कोख स पइदा नाहीं कइ सकत रही।
7 हर बरिस जब ओकर परिवार सीलो मँ यहोवा क घरे मँ जात पनिन्ना हन्ना क परेसान करत अउर उ रोवत अउर कछू भी नाहीं खावत।
8 ओकर भतार, एल्काना, उ से कहेस, “हन्ना, तू काहे रोवति अहा? तू काहे नाहीं खाइया? तू दुःखी काहे अहा? का मइँ तोहार बरे दस बेटवन स बेहतर नाहीं अहइ?”
9 खाए अउ पिए क पाछे हन्ना चुपचाप उठी अउ यहोवा स पराथना करइ गइ। यहोवा क पवित्तर आराधनालय क दुआरे क निअरे कुसीर् प याजक एलि बइठा रहा।
10 हन्ना बहोत दुखी रही। उ पूट-पूट कर रोवत रही। उ यहोवा स बिनती करेस।
11 उ परमेस्सर स खास प्रतिग्या किहेस। उ कहेस, “सर्वसक्तीमान यहोवा, लखा मइँ केतना जिआदा दुखी हउँ। मोका याद राखा। मोका बिसरा नाहीं। जदि आप मोका एक पूत देब्या तउ मइँ पूरी जिन्नगी भइ ओका आपका अर्पण कइ देब। उ नाज़ीर होइ जाब। उ दाखरस या कउनो नसीला दाखरस न पिइ। अउ कउनो ओकर बार नाहीं काटी।”
12 जब तलक हन्ना यहोवा क समन्वा आराधना करत रही, एली ओकर मुँह निहारत रहेस।
13 हन्ना हिरदय स बिनती करत रही। ओकर ओंठ हीलत रहेन, मुला कउनो अवाज नाहीं निकरत रही। एली समझेस कि हन्ना दाखरसे स मदमस्त बा।
14 एली हन्ना स कहेस, “तोहरे लगे पिअइ क बहोत जियादा रहा। अब समइ आ गवा कि दाखरस पिअइ छोड़ देइ चाही।”
15 हन्ना जवाब दिहेस, “मइँ सराब या जौ क दाखरस नाहीं पिएउँ ह। मइँ बहोत जिआदा मसीबत म अहउँ। मइँ यहोवा क आपन सब समस्या क बतावत रहेउँ ह।
16 जिन सोचा कि मइँ बुरी अउरत हउँ। मइँ ऍतनी देर ताईर् ऍह बरे पराथना करत रहेउँ ह कि मोका ढेर परेसानी अहइ अउ मइँ जिआदा दुखी अहउँ।”
17 एली जवाब दिहेस, “सान्ति स जा। इस्राएल क परमेस्सर तोहका उ देइँ जउन तू मांग्या ह।”
18 हन्ना कहेस, “मोका आसा अहइ कि आप मोसे खुस अहइँ।” तब्बइ हन्ना गइ अउ तनिक खाएस। उ अब तनिकउ दुखी नाहीं रही।
19 दूसर दिन भिन्सारे एल्काना क परिवार उठा। उ सबइ परमेस्सर क आराधना किहेन अउर उ पचे आपन घर रामा क लउटि आएन।एल्काना आपन मेहरारु क लगे सोएस। यहोवा हन्ना क याद राखेस।
20 तब उस समइ निम्नलिखित साल मँ हन्ना गोड़ स भारी भइ अउ ओसे एक बेटवा भवा। हन्ना ओकर नाउँ समूएल राखेस। उ कहेस, “एकर नाउँ समूएल अहइ काहेकि मइँ एक यहोवा स माँगा ह।”
21 उ बरिस एल्काना बलि भेंट देइ अउ परमेस्सर क समन्वा कीन्ह गइ प्रण क पूरा करइ सीलो गवा। उ आपन परिवारे क आपन संग लइ गवा ह।
22 मुला हन्ना नाहीं गइ। उ एल्काना स कहेस, “जब लरिका कछू ठोस चीज खाइ लागी तबहिं मइँ ऍका सीलो लइ जाब। मइँ ओका यहोवा क देब। उ एक नाजीर बनी। उ सीलो मँ रही।”
23 हन्ना क भतार एल्काना ओसे कहेस, “उहइ करा जउन तू उत्तिम समझत ह। तू तब ताईर् घर मँ रहि सकत ह जब तलक लरिका कछू ठोस खइया क खाइ के जोग्गा बाढ़ नाहीं जात। जउन तू कह्या ह यहोवा उहइ करइँ।” ऍह बरे आपन बचवा क पालब पोसब बरे तब ताईर् घरे प रहि गइ जब ताईर् उ ठोस खइया क खाइ बरे बाढ़ नाहीं जात।
24 जब लरिका ठोस खइया खाइ बरे बाढ़ गवा तब हन्ना सीलो मँ यहोवा क आराधनालय लइ गइ। हन्ना आपन संग तीन बरिस क एक बछवा, बीस पौण्ड आटा अउ एक मसक दाखरस भी लइ गइ।
25 उ पचे यहोवा क समन्वा गएन। एल्काना यहोवा क बलि क रुप मँ, जइसा उ अक्सर करत रहा, बर्धा क मारेस। तबहिं हन्ना बचवा क एली क लगे लइ गइ।
26 हन्ना एली स कहेस, “महोदय, छिमा करइँ। मइँ उहइ मेहरारु हउँ जउन परमेस्सर क पराथना करत आप क बगल मँ खड़ी रही। मइँ बचन दिए रहेउँ कि मइँ फुरइ कहत हउँ।
27 मइँ इ बचवा बरे पराथना किहे रहेउँ। यहोवा मोका इ बचवा दिहेस ह।
28 अउर अब मइँ इ बचवा क यहोवा क दइ देत हउँ। इ पूरी जिन्नगी यहोवा क रही।” तबहिं हन्ना बचवा क उहइँ छोड़ेस अउ यहोवा क आराधना किहेस।
1 Samuel 2
1 हन्ना कहेस, “यहोवा मँ, मोर हिरदइ खुस अहइ। मइँ आपन परमेस्सर मँ जिआदा सक्तीपावत हउँ। मइँ आपन दुस्मनन क हराइ दिहउँ ह मइँ आपन जीत स खूब खुस हउँ।मइँ आपन दुस्मनन प हसेउँ ह।
2 “कउनो अइसा नाहीं अहइ जउन यहोवा क नाईं पवित्तर अहइ। तोहार अलावा कउनो परमेस्सर नाहीं। हम लोगन क परमेस्सर क नाईं कउनो चट्टान नाहीं अहइ।
3 बन्द कइ द्या डींग मारब, घमण्ड भरी बात जिन करा। काहेकी यहोवा परमेस्सर अहइ सब कछु जानत ह। परमेस्सर मनइयन क राह देखँावत ह अउ ओनकइ निआव करत ह।
4 सक्तीसाली जोधा क धनुस टूटत हीं, अउ दुर्बल सक्तीसाली बनत हीं।
5 जउन लोगन क पास पाछे टेमॅ मँ खाइ बरे ढेर क खइया रहेन अब ओका रोटी प्राप्त करइ बरे काम करइ क होइ। मुला जउन लोग बीत गवा टेमॅॅ मँ भूखा रहेन, अब ओका देर तलक भूखा नाहीं रहइ क होइ। मेहरारु जउन बच्चा क पइदा नाहीं कइ सकत रहेन, अब सात गदेलन की मँ अहइँ। मुला जेकर पास ढेर गदेलन रहेन उ दुःखी अहइ काहेकि उ पचे अब मरि गएन।
6 यहोवा लोगन क मउत देत ह, अउ उ ओन सब क जिआवत ह। यहोवा लोगन क नरके मँ पठवत ह, अउर उ फुन स ओन सब क ऊपर उठावत ह।
7 यहोवा मनइयन क दीन बनवत ह, अउ उहइ मनइयन क धनी बनवत ह। यहोवा मनइयन क विनम्र बनवत ह, अउ उ मनइयन क बड़कवा बनावत ह।
8 यहोवा गरीबन क धूरि स उठावत ह। यहोवा गरीबन क दुखे स उबारत ह। यहोवा गरीबन क राजा क संग बइठावत ह। उ गरीबन क खास मनई बनवत ह अउ उ ओनका मान्य मेहमान बनवत ह। यहोवा समूचइ दुनिया क रचेस ह। उ सारे जग क खंभा प टेकाएस ह।
9 यहोवा आपन पवित्तर लोगन क रच्छा करत ह। उ ओनका ठोकर खाई स बचावत ह। मुला पापी मनइयन क नास कइ दीन्ह जाई। उ पचे घनघोर अँधियारे मँ भहरइहीं। ओकर सक्ती ओकर विजय प्राप्त करइ मँ मददगार नाहीं होइ।
10 यहोवा आपन दुस्मनन क नास करत ह। सवोर्च्य परमेस्सर अकास मँ लोगन क खिलाफ गरजब। यहोवा जमीन क छोर ताईं निआव करिहीं। उ आपन राजा क सक्ती देइहीं। उ आपन राजा क बरिआर करी।”
11 एल्काना अउ ओकर परिवार आपन घरे रामा क गएन। लरिका सीलो मँ रहि गवा अउ याजक एली क मातहत होइके यहोवा क सेवा करत रहा।
12 एली क दुइ बेटवन बुरा मनई रहेन। उ पचे यहोवा क परवाह नाहीं करत रहेन।
13 उ पचे एकर परवाह नाहीं करत रहेन कि याजकन स मनइयन बरे कइसे ब्योहार क आसा कीन्ह जात ह। याजकन क मनइयन बरे इ करइ क चाही। जब कबहुँ कउनो मनई बलि भेंट लइ आवत ह तउ याजकन क एक बासन मँ माँस क खउलत पानी मँ बुलकावइ चाही। याजक क सेवक बरे आपन हाथे मँ खास काँटा लइके आवइ चाही। काँटा मँ तीन नोंक होइ चाही।
14 याजक क सेवक क काँटा क बासन या कतली मँ नावइ चाही। काँटा जउन कछू बासन क बाहेर लइ आवइ उ माँस याजकन क होइ। इ अहइ जउन याजकन क जरिए उ इस्राएलियन बरे कीन्ह जाइ चाही जउन सीलो मँ बलि भेंट करइ आवइँ।
15 मुला एली क बेटवन इ नाहीं किहेन। चबीर् क वेदी प जराई जाइ स पहिले भी ओनकइ बेटवन उ लोगन क लगे आइ जे बलि चढ़ात ह अउ ओनका कहेस, “याजक क कछू माँस भूँजइ बरे द्या। याजक तोहसे बुलकावा भवा माँस न लेइहीं।”
16 बलि क देवइया इ कइ सकत ह, “चबीर् पहिले बारा। तब तू जउन चाहा लइ सकत ह।” अगर अइसा होत तउ याजक क नउकर जवाब देत, “नाहीं मोका अबहीं गोस द्या, अगर तू मोका इ नाहीं देत ह तउ मइँ ऍका तोहसे लइ जाब।”
17 इ तरह एली क बेटवन इ देखावत रहेन कि उ पचे यहोवा क भेंटे मँ दीन्ह बलि क वास्ते मान नाहीं देत रहेन। इ यहोवा क खिलाफ बहोत बुरा पाप रहा।
18 मुला समूएल यहोवा क सेवकई करत रहा। समूएल सन क बना खास एपोद पहिरत रहा।
19 हर बरिस समूएल क महतारी एक ठु नान्ह चोगा समूएल बरे बनवत रही। उ हर बरिस आपन भतार क संग बलि भेंट करइ बरे सीलो जात रही तउ उ नान्ह क चोगा समूएल बरे लइ जात रही।
20 एली एल्काना अउ ओकर मेहरारु क आसीर्बाद देत रहा। एली कहेस, “यहोवा, तोहका हन्ना क जरिए जिआदा लरिका देइँ। इ लरिकन उ लरिका क ठउर लेइहीं जेकरे सन्ती हन्ना पराथना किहेस ह अउ यहोवा क दिहेस ह।”तब एल्काना अउ हन्ना घरवा लउटेन, अउर
21 यहोवा हन्ना प दाया किहेस। ओकर तीन पूत अउ दुइ बिटिया भइन। अउर लरिका समूएल यहोवा क लगे बाढ़ गवा।
22 एली बहोत बूढ़ा होइ गवा। उ बार बार ओन कुकर्म क बारे मँ सुनत रहा जउन ओकर पूत सीलो मँ सबहिं इस्राएलियन क संग करत रहेन। एली इ भी सुनेस कि जउन मेहरारू मिलापवाला तम्बू क दुआर प सेवकाई करत रहीं ओनके संग ओकर बेटवन सोवत रहेन।
23 एली आपन बेटवन स कहेस, “तू पचे जउन कछू बुरा करम किहे अहा ओकरे बारे मँ मनइयन हिआँ मोका बताएन ह। तू पचे इ बुरा करम काहे करत ह?
24 मोर बेटवन, इ बुरा करम क जिन करा। इ सबइ अच्छा नाहीं अहइ, यहोवा क लोग तोहरे बारे मँ अफवाह फैला रहत ह।
25 अगर कउनो मनई कउनो दूसर मनई क खिलाफ पाप करत ह तउ यहोवा ओकर मदद करत ह। अगर कउनो मनई यहोवा क खिलाफ पाप करत ह तउ उ मनई क मदद कउन कइ सकत ह?”मुला एली क बेटवन एली क बात सुनइ स इनकार कइ दिहन। ऍह बरे यहोवा एली क बेटवन क मार डावइ क ठान लिहेस।
26 लरिका समूएल बाढ़त रहा। उ परमेस्सर अउ मनइयन क खुस किहेस।
27 परमेस्सर क एक मनई एली क लगे आवा अउ कहेस, “यहोवा इ कहत ह, ‘तोहार पुरखन फिरौन क परिवार क गुलाम रहेन। मुला उ टेम मँ मइँ तोहरे पुरखन क समन्वा परगट भवा रहेउँ।
28 मइँ तोहरे परिवार क इस्राएल क सबहिं परिवार समूहन मँ स चुनेउँ ह। मइँ तोहरे परिवार समूह क आपन याजकन बनवइ बरे चुनेउँ ह। मइँ ओनका आपन वेदी प बलि चढ़ावइ बरे चुनेउँ ह। मइँ ओनका धूप सुलगावइ अउ एपोद पहिरइ बरे चुनेउँ ह। मइँ तोहरे परिवार क भेंट क गोस दीन्ह ह जउन इस्राएल क मनई मोका चढ़ावत हीं।
29 ऍह बरे तू पचे ओन बलिदानन अउ अन्नबलि क मान काहे नाहीं करत्या? तू पचे आपन बेटवन क मोसे जिआदा पिरेम करत ह। तू पचे गोस क बढ़िया हींसा खाइके मोटा होइ गवा ह जेका लोग मोका भेंट चढ़ात हीं।’
30 “इस्राएल क परमेस्सर यहोवा इ बचन दिहे रहेन कि तोहरे बाप क परिवार सदा ओनकइ सेवकाई करिहीं। मुला अब यहोवा इ कहत हीं, “वइसा कबहुँ न होइ। मइँ ओन मनइयन क मान करब जउन मोर मान करिहीं। मुला ओनकइ बुरा होइ जउन मोर मान करइ स इन्कार करत हीं।
31 उ टेमॅ आवत अहइ जब मइँ तोहरे सन्तानन क नास करब। तोहरे बंस मँ कउनो बुढ़वा होइ बरे न बची।
32 इस्राएल बरे नीक चीज होइहीं, मुला तू घरे मँ खराब घटना घटत देखब्या। कउनो मनई बुढ़वा होइ बरे न बची।
33 सिरिफ एक मनई क आपन वेदी प याजक क नाईर् सेवा बरे बचाउब। उ बहोत जिआदा बुढ़ाई तलक जिई। उ तब तक रही जब ताईर् ओकरे आँखिन क अउर ओकर सक्ती जात रही। तोहरे बचा खुचा सन्तानन तरवारे क घाट उतार दीन्ह जइँही।
34 मइँ तोहका एक चीन्हा देब जेहसे इ मालूम होइ कि बात फुर होइहीं। तोहार दुइनउँ पूत होफिन अउ फिनहस एक ही दिना मरिहीं।
35 मइँ आपन बरे एक बिस्सासी याजक चुनब। उ याजक मोर बात मानी अउर जउन मइँ चाहब उ करी। मइँ इ याजक बरे परिवार क सक्तीवाला बनउब। उ हमेसा मोरे चुना भवा राजा क समन्वा सेवा करी।
36 तब सबहिं मनइयन जउन तोहरे परिवारे मँ जिअत रइहीं, अइहीं अउ इ याजक क अगवा निहरिहीं। इ सब मनई तनिक धन स रोटी क टूका बरे भीख मँगिहीं। उ पचे कइहीं, “मेहरबानी कइके याजक क काम हमका दइ द्या जेसे हम खइया क पाइ सकी।”‘“
1 Samuel 3
1 लरिका समूएल एली क अधीन होइके यहोवा क सेवा करत रहा। ओन दिनन मँ यहोवा अक्सर लोगन स सीधा बात नाहीं करत रहा। अउर बहोत कम लोगन क दर्सन होत रहा।
2 एली क आँख ऍतनी कमजोर रही कि उ आँधर जइसा रहा। एक रात उ बिछौना प ओलरा रहा।
3 समूएल यहोवा क पवित्तर आराधनालय मँ बिस्तर प पउढ़ा रहा। उ पवित्तर आराधनालय मँ परमेस्सर क पवित्तर सन्दूख रही। यहोवा क दिया अबहुँ जरत रहा।
4 यहोवा समूएल क बोलाएस। समूएल जवाब दिहेस, “मइँ हिआँ हाजिर हउँ।”
5 समूएल सोचा कि ओका एली बोलावत ह। ऍह बरे समूएल दौड़त भवा एली क लगे गवा। समूएल एली स कहेस, “मइँ हिआँ हउँ। आप मोका बोलाएन ह।”मुला एली कहेस, “मइँ तोहका नाहीं बोलाएउँ, आपन बिछौना प जा।”समूएल बिछौना प गवा।
6 यहोवा फुन बोलाएस, “समूएल।” समूएल फुन दौड़िके एली क लगे गवा अउ कहेस, “मइँ हिआँ हउँ। आप मोका बोलाएन ह।”एली कहेस, “मइँ तोहका नाहीं बोलाएउँ, आपन बिछौना प जा।”
7 समूएल अबहिं तलक यहोवा क नाहीं जानत रहा। यहोवा अबहिं तलक ओसे सोझ बात नाहीं किहे रहा।
8 यहोवा समूएल क तिसरी दाईर् बोलाएस। समूएल फिन उठा अउ एली क लगे गवा, “मइँ आवा हउँ, आप मोका बोलाएन ह।”तबहिं एली समझेस कि यहोवा लरिका क बोलावत अहइँ।
9 एली समूएल स कहेस, “बिछौना प जा। अगर उ तोहका फुन बोलावत ह तउ कहा, ‘यहोवा मोर संग बात करा काहेकि मइँ आप सेवक हउँ अउ सुनत हउँ।’“तउ समूएल बिछौना प चला गवा।
10 यहोवा आवा अउ हुवाँ खड़ा होइ गवा। उ पहिले क नाईर् बोलाएस। उ कहेस, “समूएल, समूएल!”समूएल कहेस, “कहा, मइँ आपक सेवक हउँ अउ सुनत हउँ।”
11 यहोवा समूएल स कहेस, “मइँ इस्राएल मँ कछू करइ ही वाला हउँ जेकर बरे जब कबहुँ कउनो मनईं सुनिहीं, इ ओकर कानन क चकित कइ देइहीं।
12 मइँ सब कछू करब। मइँ कहेउँ उ मइँ एली अउ ओकरे परिवार क खिलाफ करब। मइँ सुरु स आखिर तलक सब कछू करब।
13 मइँ एली स कहेउँ ह कि मइँ ओकरे परिवार बरे सदा सजा देब। मइँ इ ऍह बरे करब कि एली जानत ह कि ओकर बेटवन परमेस्सर क खिलाफ बुरा कहेन ह अउ किहेन ह। अउ एली ओन प बस मँ करइ बरे कामयाब नाहीं भवा।
14 इहइ कारण अहइ कि मइँ एली क परिवार बरे किरिया खायो हउँ कि बलिदान अउ अन्नबलि भेंट ओनकइ पापन क प्रायस्चित कबहुँ नाहीं कइ सकत हीं।
15 समूएल जब तलक भिन्सार नाहीं भवा बिछौना प पउढ़ा रहा। उ बड़े तड़के उठा अउ उ यहोवा क आराधनालय क किवाड़ा खोलेस। समूएल आपन दरसन क बात एली स बतावइ मँ डेरान।”
16 मुला समूएल स एली कहेस, “मोर बेटवा, समूएल।”समूएल जवाब दिहेस, “हाँ, महोदय!”
17 एली पूछेस, “यहोवा तोहसे का कहेन? ओका मोसे जिन छिपावा। परमेस्सर तोहका सजा देइहीं, अगर तू परमेस्सर जउन संदेसा तोहका दिहेन ह, ओहमाँ स कछू भी छिपउब्या।
18 ऍह बरे परमेस्सर एली स उ हर एक बात बताएस। समूएल एली स भी कछू नाहीं छिपाएस।एली कहेस, “उ यहोवा अहइ। ओका वइसा ही करइ द्या जइसा ओका नीक लागत ह।”
19 यहोवा समूएल क संग रहा। समूएल बाढ़त गवा। यहोवा समूएल क कउनो संदेस क असफल नाहीं होइ दिहस।
20 तब समूचा इस्राएल, दन स लइके वीरसेबा ताईर् समझ गवा कि समूएल यहोवा क सच्चा धर्मदूत अहइ।
21 सीलो मँ यहोवा समूएल क समन्वा परगट भएस। यहोवा सीलो मँ समूएल क अगवा अपने आप क यहोवा क बचनक तरह परगट किहेस।
1 Samuel 4
1 समूएल क बारे मँ खबर समूचइ इस्राएल मँ सँचर गइ। एली बहोत बुढ़ाइ गवा रहा। ओकर पूत यहोवा क समन्वा कुकरम करत रहेन।उ समइया इस्राएलियन पलिस्ती क खिलाफ जुद्ध बरे तइयार भएन। इस्राएलियन आपन डेरा एबेनेजर मँ डाएन। पलिस्तियन आपन डेरा अपेक मँ डाएन।
2 पलिस्ती इस्राएल प हमला बोलइ बरे तइयार भएन। जुद्ध सुरु होइ गवा।पिलिस्तियन इस्राएलियन क ओकर लगभग चार हजार मनइयन क जुद्ध क मइदान मँ मारि के ओका जुद्ध मँ हराएन।
3 इस्राएलियन क बाकी सिपाही आपन डेरा मँ लौटि आएन। इस्राएल क बुजुर्गन पूछेन, “यहोवा पिलिस्तियन स हमका काहे हराइ दिहेन ह? आवा हम पचे सीलो स यहोवा क करार क सन्दूख क लइ आई। इ तरह परमेस्सर हम पचन क संग जुद्ध मँ जइहीं। उ पचे हमरे दुस्मनन स हमार रच्छा करिहीं।”
4 ऍह बरे लोग दूतन स करूब सरगदूतन क सिंहासन पइ विराजमान सैनिकन क यहोवा क करार क सन्दूख लिवाइ बरे सीलो पठएन। एली क दुइनउँ बेटवन होप्नी अउ पीनहास सन्दूख क लइ आएन।
5 जबहिं यहोवा क करार क सन्दूख डेरा क भीतर आवा तउ सारे इस्राएली ऍतने जोर स गरजेन कि उ अवाज स धरती काँप उठी।
6 पलिस्तियन इस्राएलियन क गरजब सुनेन। उ पचे पूछेन, “हिब्रू मनइयन क डेरा मँ अइसा गरजब काहे अहइ?”तब पलिस्तियन जानेन कि इस्राएल क डेरा मँ यहोवा क करार क सन्दूख आवा अहइ।
7 पलिस्ती डेराइ गएन। पलिस्तियन कहेन, “परमेस्सर ओनकइ डेरा मँ आइ ग अहइँ। हम सबइ विपत्ती मँ अही। अइसा पहिले कबहुँ नाहीं भवा।
8 हमका फिकिर अहइ कि इ बरिआर देवतन स हमका कउन बचाइ सकत ह? इ सबइ उहइ देवता अहइ जउन मिस्रियन क उ सबइ बेरामियन अउर महामारियन दिहे रहा।
9 पलिस्तिनियो, हिम्मत करा। बहादुरन क तरह लड़ा। पुराने जमाने मँ हिब्रू लोग हमार दास रहेन। ऍह बरे बहादुरन क नाईर् लड़ा नाहीं तउ तू पचे ओनकइ गुलाम होइ जाब्या।”
10 पलिस्ती बहोत बहादुरी स लड़ेन अउ उ पचे इस्राएलियन्क हराइ दिहेन। हर एक इस्राएली जोधा आपन डेरा मँ पराइ गवा। इस्राएल बरे खउफनाक हार रही। तीस हजार इस्राएली फौजी मारा गएन।
11 पलिस्तियन ओनसे परमेस्सर क पवित्तर सन्दूख छीन लिहेस। अउर उ पचे एली क दुइनउँ बेटवन होप्नी अउ पीनहास क मार डाएन।
12 उ दिना बिन्यामीन परिवार क एक मनई भी जुद्ध स परान रहा। उ आपन दुःख क परगट करइ बरे आपन ओढ़ना क फाड़ि डाएस अउ आपन मुँड़वा प धूरि दुःख परगट करइ बरे धइ लिहेस।
13 जब इ मनई सीलो पहुँचा तउ एली आपन कुसिर्या प नगर क दुआरे बइठा रहा। उ परमेस्सर क पवित्तर सन्दूख बरे परेसान रहा, ऍह बरे उ जोहत भवा बइठा रहा। तबहिं बिन्यामीन क एकउटे परिवार क एक मनई सीलो आवा अउ उ दुःखे क हाल बताएस। सहर क सब मनई जोर स रोवइ लागेन।
14 एली अल्ठाननब्बे बरिस क बूढ़ा अउ आँधर रहा। उ इ नाहीं लखि सका कि का होत बा? मुला एली रोवइ क अवाज सुनेस तउ एली पूछेस, “इ जोर क सोर काहे होत अहइ?”उ बिन्यामीन परिवारे क मनई एली क लगे दौड़िके गवा अउ जउन कछू भवा रहा ओका बताएस।
15
16 बिन्यामीन परिवार क मनई कहेस कि “मइँ आज जुद्ध स पराइ आएउँ ह।”एली पूछेस, “बेटवा, का भवा?”
17 बिन्यामीन परिवार क मनई जवाब दिहेस, “इस्राएलियन पलिस्तियन क समन्वा पराइ गएन। इस्राएली फउज क ढेर सिपाही मारा गवा अहइँ। तोहार दुइनउँ पूत मारि डावा ग अहइँ। अउर पिलिस्ती परमेस्सर क पवित्तर सन्दूख छीन लिहेन ह।”
18 एली दुआरे क नगिचे आपन कुसिर्या स पाछे गिर परेस अउ ओकर गटइ टूटि गएन जब उ परमेस्सर क पवित्तर सन्दूख क बारे जानेस। एली बुढ़वा अउ मोट मनइ रहा अउ उ हालि मरि गवा। एली चालीस बरिस तलक इस्राएल क नेता रहा।
19 एली क पतोहू क फिनहस क मेहरारु, उ दिना कोख भरी रही। बच्चा पइदा होइ क उ निचकान रही। जब उ इ खबर सुनेस कि परमेस्सर क पवित्तर सन्दूख छीन लइ ग अहइ। उ इहउ सुनेस कि ओकरे ससुर एली क मउत होइ ग अहइ अउ ओकर भतार फिनहस मारि डावा ग अहइ। जइसे ही उ इ खबर सुनेस ओकर कोख पिराय लाग। अउर उ बच्चा बेटवा क जन्मब सुरु किहेस।
20 उ मरइवाली रही। नउकरानी कहेस, “दुःखी जिन होवा, तोहका एक ठु बेटवा जन्मी।”मुला एली क पतोहू न तउ जवाब दिहेस अउर न ओह प धियान दिहेस।
21 उ आपन बचवा क नाउँ इकबाद राखेस काहेकी “इस्राएल क महिमा मटियामेट होइ गइ। परमेस्सर क पवित्तर सन्दूख चला गवा अउ ओकर ससुर अउ मनसेधू मरि गवा रहेन।
22 उ कहेस, “इस्राएल क महिमा मिट गइ।” काहेकि पलिस्ती परमेस्सर क पवित्तर सन्दूख लइ गएन।
1 Samuel 5
1 पलिस्ती परमेस्सर क पवित्तर सन्दूख लिहे क पाछे, एबऩेजेर स ओका उ पचे असदोद लइ गएन।
2 पलिस्ती परमेस्सर क पवित्तर सन्दूख क दागोन क मन्दिर मँ लइ गएन। उ पचे परमेस्सर क पवित्तर सन्दूख क दागोन क बगल मँ धरेन।
3 दुसरे दिन भिन्सारे असदोद क मनइयन उठेन अउ लखेन कि दागोन मुँह क बल ओलरा बा।दागोन यहोवा क सन्दूख क समन्वा गिरइ पड़ा। असदोद क मनइयन दागोन क मूरति क फुन हुवँइ खड़ा कइ दिहन।
4 मुला जब दुसरे दिन भिन्सारे असदोद क मनई उठेन तउ उ पचे दागोन क फुन जमीन प ओलरा पाएन। दागोन फुन यहोवा क पवित्तर सन्दूखे क समन्वा गिरइ पड़ा। दागोन क हाथ अउ गोड़ टूट गवा रहेन अउ चौखट प पड़ा रहेन। सिरिफ दागोन क देह एक खण्ड मँ रहा।
5 इहइ कारण बा कि आजु तलक दागोन क याजक या असदोद मँ दागोन क मन्दिर मँ घुसइवाला दूसर मनई ड्योढ़ी प चलइ स मना कइ देत ह।
6 यहोवा असदोद क मनइयन अउ ओनकइ पड़ोसियन क जिन्नगी दूभर कइ दिहन। यहोवा ओनका मुसीबत मँ डाइ दिहन। उ ओन सबन्क गिलटी दिहेस। यहोवा ओनके लगे मूस पठएस। मूस ओनकइ सबहिं जहाजे अउ भुइयाँ प दौड़त रहेन। सहर मँ सब मनइयन डेराइ गएन।
7 असदोद क मनइयन लखेन कि का होत अहइ। उ पचे कहेन, “इस्राएल क परमेस्सर क सन्दूख हिआँ नाहीं रहि सकत। परमेस्सर हमका अउ हमरे देवता दागोन क सजा देत बा।”
8 असदोद क मनइयन पलिस्ती सासकन क बोलाएन। असदोद क मनइयन राजा लोगन स पूछेन, “हम पचे पवित्तर सन्दूख क का करी?”राजा लोगन जवाब दिहेन, “इस्राएल क परमेस्सर क पवित्तर सन्दूख क गथ लइ जा।” ऍह बरे पलिस्तियन परमेस्सर क पवित्तर सन्दूख क हटाइ दिहन।
9 मुला जब पलिस्ती परमेस्सर क पवित्तर सन्दूख क गथ क पठइ दिहन तब यहोवा उ सहर क सजा दिहेस। मनइयन बहोत डेराइ गएन। अउर परमेस्सर सहर क लोगन छोट स बड़ा सबइ क फड़ा-फुंसी क मसीबत मँ मुबतला कइ दिहेस।
10 ऍह बरे पलिस्ती परमेस्सर क पवित्तर सन्दूख क एक्रोन पठइ दिहेन। मुला जब परमेस्सर क पवित्तर सन्दूख एक्रोन आवा, एक्रोन क मनइयन सिकाइत किहेन। उ पचे कहेन, “तू पचे इस्राएल क परमेस्सर क पवित्तर सन्दूख हमरे सहर एक्रोन मँ काहे लइ आवत ह? का तू पचे हमरे मनइयन क मारा चाहत ह?”
11 एक्रोन क मनइयन सबहिं पलिस्ती राजा लोगन्क एक संग बोलाएस। एक्रोन क मनइयन राजा लोगन्स कहेन, “इस्राएल क परमेस्सर सन्दूख क, ओकरे पहिले कि उ हमका अउ हमरे मनइयन क मारि डावइ, एकरे पहिले क ठउर प पठइ द्या।”एक्रोन क मनइयन बहोत डेराइ ग रहेन। परमेस्सर उ ठउर प ओनकइ जिन्नगी क बहोत दुःखमय बनइ दिहस।
12 बहोत स मनई तउ मर बिलाइ गएन। अउर जउन लोग नाहीं मरेन ओनका गिलटी निकरि आइ। एक्रोन क मनइयन जोर स रोइके अकास दहलाएन।
1 Samuel 6
1 पलिस्ती पवित्तर सन्दूख क आपन देस मँ सात महीना तलक धरेन।
2 पलिस्तियन आपन याजक अउ जादूगरन्क बोलाएन। पलिस्तियन कहेन, “हम यहोवा क सन्दूखे क का करी? बतावा कि हम कइसे सन्दूखे क वापिस एकरे घरे पठइ।”
3 याजकन अउ जादूगरन जवाब दिहेन, “अगर तू पचे इस्राएल क परमेस्सर क पवित्तर सन्दूखे क पठवत ह तउ एकॉ बिना दोखबलि चढ़ाए जिन पठवा। तोहका इस्राएल क परमेस्सर क दोख बलि चढ़ावइ चाही, ताकि तू पचे चंगा होब। तोहका इ ऍह बरे करइ चाही कि जेहसे परमेस्सर तू सबन्क सजा देब बंद कइ देइ।”
4 पलिस्ती पूछेन, “हम पचन्क कउन स भेंट, आपन क छिमा करइ क इस्राएल क परमेस्सर क पठवइ चाही?”याजक अउ जादूगरन कहेन, “हिआँ पाँच पलिस्ती प्रमुख अहइँ। हर एक सहर क एक प्रमुख बा। तू सब मनइयन अउ तोहरे प्रमुखन क एक समस्या अहइ। ऍह बरे तोहका पाँच सोना क अइसा नमूना जउन पाँच गिल्टियन क तरह होइँ देखावइ बरे बनवइ चाही। अउर पाँच नमूना मूसे क तरह देखावइ बरे बनवइ चाही।
5 इ तरह गिल्टी अउर मूसे क नमूना बनावा जउन देस क मटियामेट करत अहइँ। इस्राएल क परमेस्सर क इ सोना क नमूना अदा करइ क रुप मँ दइ द्या। तब इ होइ सकत ह कि इस्राएल क परमेस्सर तोहका, तोहरे देवतन क अउर तोहरे देस क सजा देब रोक देइँ।
6 फिरौन अउ मिस्री मनइयन क तरह जिद्दी न बना। परमेस्सर मिस्री मनइयन क सजा दिहेस। इहइ कारण रहा कि मिस्री मनइयन इस्राएलियन क मिस्र तजि देइ दिहेन।
7 “तोहका एक नई बंद गाड़ी बनवइ चाही अउर दुइ गाइ जउन बछवा जन्मे होइँ लइ आवइ चाही। इ गइयन अइसी होइ चाही जउन खेते मँ न जोती गइ होइँ। गइयन क बन्द गाड़ी मँ जोत द्या अउ बछवन क घरे लौटाइ द्या। बछवन क गउसाला मँ राखा। ओनकइ आपन महतारी क पाछे न जाइ द्या।
8 यहोवा क पवित्तर सन्दूखे क बंद गाड़ी मँ धरा। तोहका सोना क नमूनन क पेटी मँ सन्दूख क बगल मँ राखइ चाही। सोना क नमूनन परमेस्सर बरे तोहार दोखबलि अहइ। बंद गाड़ी क सोझइ रस्ता प पठवा।
9 बंद गाड़ी क लखत रहा। जदि बंद गाड़ी बेतसेमेस कइँती इस्राएल क भुइयाँ मँ जात ह तउ इ संकेत अहइ कि ओकर परमेस्सर हम पचन्क इ बड़का रोग दिहे अहइँ। मुला जदि इ गइयन बेतसेमेस क नाहीं जातिन तउ हम पचे समझब कि इस्राएल क परमेस्सर हमका सजा नाहीं दिहे अहइ। हम समझ जाब कि हमार बेरामी खुद होइ गइ।”
10 पलिस्तियन उहइ किहेन जउन याजक अउ जादूगरन कहेन। पलिस्तियन वइसी दुइ गइया लिहेन जउन हाली ही बछवा दिहे रहिन। पलिस्तियन गइयन क बंद गाड़ी स जोड़ दिहन। पलिस्तियन बछवन क घरे प गउसाला मँ राखेन।
11 तब पलिस्तियन यहोवा क पवित्तर सन्दूख क उ पेटी क साथ जे मँ सोना क मूसा अउर फौड़ा क नमूना रहा बंद गाड़ी मँ धरेन।
12 गइयन सोझइ बेतसेमेस क गइन। गइयन लगातार चोकड़त भइ सड़क पइ ही चलत रहिन। गइयन दाहिन बाऍ नाहीं मुड़िन। पलिस्ती राजा गइयन क पाछे बेतसेमेस क सहर क पहँटा तलक गएन।
13 बेतसेमेस क मनई घाटी मँ आपन गोहूँ क फसिल काटत रहेन। उ पचे निगाह उठाएन अउ पवित्तर सन्दूख क लखेन। उ पचे सन्दूखे क लखिके बहोत खुस भएन। उ सबइ ओका लेइ बरे दौड़ेन।
14 बन्द गाड़ी उहइ खेत मँ आइ जउन बेतसेमेस क यहोसू क रहा। बन्द गाड़ी खेते मँ एक बहोत बड़की चट्टान क समन्वा रुक गइ। बेतसेमेस क मनइयन बन्द गाइयन क काट दिहन। तब उ पचे गाड़ी क मारि डाएन। उ पचे यहोवा बरे गइयन क बलि दिहन।
15 लेवि बंसी परिवार क मनइयन यहोवा क पवित्तर सन्दूखे क उतारेन। उ पचे उ पेटी क भी उतारेन जेहमा सोना क नमूना धरा रहेन। लेवीबंसियन परिवार क मनइयन यहोवा क सन्दूख अउ पेटी क बड़की चट्टान प धरेन। उहइ दिना, बेतसेमेस क लोगन यहोवा बरे बलि चढ़ाएन।
16 पाँचउ पलिस्ती राजा लोगन बेतसेमेस क मनइयन क इ सब करत लखेन। तबहिं उ पचे पाँचउ पलिस्ती राजा लोग उहइ दिना एक्रोन लौटि गएन।
17 इ तरह पलिस्तियन सोना क मिल्टियन क नमूना क दोखबलि क रूप मँ यहोवा क दिहस। उ पचे हर एक ठु पलिस्ती सहर बरे गिल्टी क एक सोना क नमूना पठएन। इ सबइ पलिस्ती सहर असदोद, अज्जा, असकालोन, गत अउ एक्रोन रहेन।
18 अउर पलिस्तियन सोना क मूसा क नमूना पठएन। सोना क मूसन क उहइ गनती रही, जउन पाँचउ पलिस्ती राजा लोगन्क सहर क रही। इ सहरन क चारिहुँ कइँती चहरदेवार रही। अउ हर सहर क चारिहुँ कइँती गाँव रहेन। बेतसेमेस क मनइयन यहोवा क पवित्तर सन्दूख क चट्टान प धरेन। उ चट्टान आजु भी बेतसेमेस क जोसुआ क खेत मँ अहइ।
19 मुला जउन टेमॅ बेतसेमेस क मनइयन यहोवा क पवित्तर सन्दूख क लखेन, उ समइया हुआँ कउनो याजकन नाहीं रहा। ऍह बरे परमेस्सर बेतसेमेस क सत्तर मनइयन क मार डाएन। बेतसेमेस क मनइयन रोवइ लागेन काहेकि यहोवा ऍतनी कठोर सजा दिहेन।
20 ऍह बरे बेतसेमेस क मनइयन कहेन, “याजक कहाँ अहइ जउन इ पवित्तर सन्दूख क देखरेख कइ सकइ? हिआँ स सन्दूख कहाँ जाइ?”
21 किर्यत्यारीम मँ एक याजक रहा। बेतसेमेस क मनइयन किर्यत्यारीम क मनइयन क लगे दूत पठएन। दूतन कहेन, “पलिस्तियन यहोवा क पवित्तर सन्दूख लौटाइ दिहन। आवा अउ ऍका आपन सहर मँ लइ आवा।”
1 Samuel 7
1 किर्यत्यारीम क मनइयन आएन अउ यहोवा क पवित्तर सन्दूख क लइ गएन। उ पचे यहोवा क सन्दूख क पहाड़ी प अबीनादब क घर लइ गएन। उ पचे अबीनादब क बटवा एलीआज़ार क यहोवा क सन्दूखे क रच्छा करइ बरे नियुक्त किहेन।
2 सन्दूख किर्यत्यारीम मँ बहोत समइ तलक धरा रहा। उ हुवाँ बीस बरिस तलक रहा।इस्राएल क मनइयन यहोवा क कइँती लउटना सुरू किहेन।
3 समूएल इस्राएल क मनइयन स कहेस, “अगर तू फुरे यहोवा क नगिचे सच्चा मन स लौटत बाट्या तउ तोहका बिदेसी देवता लोगन्क बहाइ देइ चाही। तोहका अस्तोरेत क मूरत लोकाइ देइ चाही। अउ तोहका पूरी तरह यहोवा क अपने क न्यौछावर कइ देइ चाही। तोहका सिरिफ यहोवा क ही सेवा करइ चाही। तबहिं यहोवा तोहका पलिस्तियन स बचइहीं।”
4 ऍह बरे इस्राएलियन आपन बाल अउ अस्तोरेत क मूरत क लोकाइ दिहेन। इस्राएलियन सिरिफ यहोवा क सेवकाई करइ लागेन।
5 समूएल कहेस, “सबहिं इस्राएलियन मिस्पा मँ बटुर जाइँ। मइँ तोहरे बरे यहोवा स पराथना करब।”
6 इस्राएलियन मिस्पा मँ बटुर गएन। उ सबइ जल लइ आएन अउ यहोवा क समन्वा जल चढ़ाएन। इ तरह उ पचे उपवास क समइ सुरु किहेन। उ पचे उ दिन खइया क नाहीं खाएन, अउ आपन पापन्क कबूलेन। उ पचे कहेन, “हम पचे यहोवा क खिलाफ पाप किहे अही।” इ तरह समूएल मिस्पा मँ इस्राएल क जज क तरह काम किहेस।
7 पलिस्तियन इ सुनेन कि इस्राएलियन मिस्पा मँ बटुर ग अहइँ। पलिस्ती राजा इस्राएलियन क खिलाफ हमला करइ गएन। इस्राएलियन सुनेन कि पलिस्ती आवत अहइँ, अउर उ पचे डेराइ गएन।
8 इस्राएलियन समूएल स कहेन, “हमार परमेस्सर यहोवा क पराथना हमरे बरे करब बन्द जिन करा। यहोवा स माँगा कि उ पलिस्तियन स हमार रच्छा करइ।”
9 समूएल एक ठु मेमना लिहस। उ यहोवा बरे होमबलि क रुप मँ मेमना क बारेस। समूएल यहोवा स इस्राएल बरे पराथना किहेस अउर यहोवा ओका क जवाब दिहेस।
10 जब समूएल बलि क बारत रहा, पलिस्ती इस्राएल स लड़इ आएन। मुला यहोवा पलिस्तियन क नगिचे खूब जोर क गर्जब कराएस। ऍहसे पलिस्ती घबराइ गएन। अउ उ पचे गरजइ स ससाइ गएन। ओनकइ मुखिया ओनका बस मँ नाहीं कइ सकेन। इ तरह पलिस्तियन क इस्राएली जुद्ध मँ हराइ दिहेन।
11 इस्राएल क मनइयन मिस्पा स बाहेर भागेन अउ पलिस्तियन क पाछा किहेन। उ पचे लगातार बेत कर तलक ओनकइ पाछा किहेन। उ सबइ रस्ता भइ पलिस्ती सिपाही क मार डाएन।
12 एकरे पाछे, समूएल एक खास पाथर खड़ा किहेस। उ ऍह बरे किहेस कि मनइयन याद राखइँ कि परमेस्सर का किहेस। समूएल पाथर क मिस्पा अउ सेन क बीच राखेस। समूएल पाथर क नाउँ “मदद क पाथर” धरेस। समूएल कहेस, “यहोवा लगातार पूरी राह भइ हमार मदद किहेस।”
13 पलिस्ती हार गएन। उ पचे इस्राएल देस मँ फुन नाहीं घुसेन। समूएल क बाकी जिन्नगी मँ यहोवा पलिस्तियन क खिलाफ रहेन।
14 पलिस्तियन एक्रोन स गथ तलक क पहँटा क सहर क लइ लिहे रहेन। मुला इस्राएली ओनका जीतके फुन लइ लिहेन। अउर इस्राएली इ सहरन क चारिहुँ कइँती क भुइँया क भी फुन लइ लिहेन।इस्राएल अउ अमोरियन क बीच भी सान्ति रही।
15 समूएल आपन पूरी जिन्नगी भइ इस्राएल क निआव करत रहेस।
16 समूएल एक ठउर स दूसर ठउर ताईर् इस्राएल क मनइयन क निआव करत गवा। हर बरिस उ देस क चारिहुँ कइँती जात्रा किहेस। उ बेथेल, गिलिगाल अउ मिस्पा क गवा। ऍह बरे उ इ सबहिं ठउरन मँ इस्राएली मनइयन निआव अउ ओन पइ राज किहेस।
17 मुला समूएल क घर रामा मँ रहा। ऍह बरे समूएल हमेसा रामा क लौट जात रहा। समूएल उहइ सहर स इस्राएल क निआव अउ राज किहेस। अउ समूएल रामा मँ यहोवा बरे एक वेदी बनाएन।
1 Samuel 8
1 जब समूएल बुढ़ाइ गवा तउ उ आपन पूत न क इस्राएल क जज बनाएस।
2 समूएल क पहिलौटी क बेटवा योएल नाउ क रहा। ओकर दूसर पूत अबिय्याह नाउँ क रहा। योएल अउ अबिय्याह बेसेर्बा मँ जज रहेन।
3 मुला समूएल क पूत वइसे ही नाहीं रहत रहेन जइसे उ रहत रहा। योएल अउ अबिय्याह घूस लेत रहेन। उपचे चुप्पे स घूस लेतेन अउ अदालत मँ आपन निर्णय बदल देत रहेन। उ पचे अदालत मँ मनइयन क ठगत रहेन।
4 ऍह बरे इस्राएल क सबहिं बुजुर्गन मिलिके बटुर गएन। उ पचे समूएल स भेंटइ रामा गएन।
5 बुजुर्गन लोग समूएल स कहेन, “तू बुढ़ाइ गया, अउ तोहार पूत ठीक स नाहीं रहतेन। उ पचे तोहरे तरह नाहीं अहइँ। अब तू दूसर रास्ट्र क तरह हम सबन प राज करइ बरे एक राजा द्या।”
6 इ तरह बुजुर्गन अपने क राह देखावइ बरे एक राजा मांगेन। समूएल सोचेस कि इ बिचार बुरा अहइ। ऍह बरे समूएल यहोवा क पराथना किहेस।
7 यहोवा समूएल स कहेस, “उहइ करा जउन लोग तोहसे करइ क कहत हीं। उ पचे तोहका अस्वीकार नाहीं करत हीं। उ पचे मोका आपन राजा बनावन बरे अस्वीकार करत हीं।
8 उ पचे उहइ करत अहइँ जउन हमेसा करत रहेन। मइँ ओन सबन्क मिस्र स बाहेर लइ आएउँ। मुला उ पचे मोका तजि दिहेन, अउर दूसर देवतन क पूजेन। उ पचे तोहरे संग भी वइसा करत अहइँ।
9 ऍह बरे मनइयन क सुना अउर जउन उ पचे कहइँ करा। मुला ओनका चिताउनी द्या। ओनका बतावा कि राजा ओनकइ संग का करी। ओनकइ बताना कि एक राजा मनइयन प कइसे राज करत ह।”
10 उ पचे एक राजा बरे माँग किहेन। ऍह बरे समूएल मनइयन स उ सबइ बात किहेन जउन यहोवा कहे रहेन।
11 समूएल कहेस, “अगर तू आपन पइ राज करइ वाला राजा राखत बाट्या तउ उ इ करी। उ तोहरे बेटवन क लइ लेइ। उ तोहरे बेटवन क सेवा बरे मजबूर करी। उ ओन पचन्क सिपाही बनवइ बरे मजबूर करी, ओन पचन्क ओकरे रथे स लड़इ क पड़ी अउर उ पचे ओकरी फउज क घोड़सवार होइहीं। तोहार पूत राजा क रथे क आगे धावइवाला रच्छक बनिहीं।
12 “राजा तोहरे पूतन्क फौजी बनइ बरे मजबूर करी। ओहमाँ स कछू एक हजार मनई क ऊपर अफसर होइहीं। अउर दूसर, पचास मनई क ऊपर अफसर होइहीं।“राजा तोहरे पूतन मँ स कछू क आपन खेत जोतइ क अउर फसिल काटइ क मजबूर करी। उ ओनका आपन रथे क सामान बनवइ बरे मजबूर करी।
13 “एक राजा तोहरी बिटियन क लइ लेइ। उ तोहरी बिटियन मँ स कछू क आपन बरे महकउआ चीज बनवइ क मजबूर करी। अउर उ तोहरी बिटियन मँ स कछू क पकावइ अउ रोटी सेकइ क मजबूर करी।
14 राजा तोहार सब स बढ़िया खेत, अंगूर क बाग अउर जैतून क बाग लइ लेई। उ ओन चीजन्क तोहसे लइ लेई अउर आपन अफसरन्क दइ देई।
15 उ तोहार अन्न अउ अंगूर क दसवाँ हींसा लइ लेइ। उ इन चीजन्क आपन नउकरन अउ अफसरन्क दइ देइ।
16 “इ राजा तोहरे मनसेधू नउकरन अउ नउकरनियन क लइ लेइ। उ तोहार सबन त बढ़िया गोरु अउ गधा क लइ लेइ। उ ओनकइ आपन कामे बरे बइपरी।
17 उ तोहरे भेड़ी अउ बोकरी क दसवाँ हींसा लेई।“अउर तू खुद इ राजा क दास होब्या।
18 जब उ टेमॅ आई तब तू राजा क चुनइ क कारण रोउब्या। मुला उ टेमॅॅ यहोवा तू पचन्क जवाब न देइहीं।”
19 मुला लोगन समूएल क अनसुनि किहेन। उ पचे कहेन, “नाहीं! हम पचे आपन ऊपर राज करइ बरे एक ठु राजा चाहित ही।
20 तब हम पचे दूसर रास्ट्रन क जइसा होइ जाब। हमार राजा हम पचन्क रास्ता देखाँई। उ हम पचन्क संग जाइ अउर हमरे जुद्धन क लड़ी।”
21 समूएल जब मनइयन क सब कछू कहा भवा सुनेस तबहिं उ यहोवा क समन्वा ओनकइ कहब क दोहराएस।
22 यहोवा उत्तर दिहेस, “ओनकइ बात सुना। ओनका एक राजा द्या।”तबहिं समूएल इस्राएल क मनइयन स कहेस, “ठीक बा! तोहार एक नवा राजा होइ। अबहिं आप सब लोग घरे जाइँ।”
1 Samuel 9
1 बिन्यामीन परिवार समूह स किस एक सक्तीसाली योद्धा रहा। किस अबीएल क पूत रहा। अबीएल ससोर क पूत रहा। सरोर बकारत क पूत रहा। बकारत बिन्यामीन क एक मनई अफिया क पूत रहा।
2 कीस क पूत साऊल नाउँ क रहा। साऊल एक सुन्नर जवान रहा। हुवाँ साऊल स बढ़िके जिआदा सुन्नर कउनो न रहा। ठाड़ होए प साऊल क मूँड़ इस्राएल क कउनो भी मनई स ऊँच रहत रहा।
3 एक दिना कीस क गदहन हेराइ गएन। ऍह बरे कीस आपन पूत साऊल स कहेस, “नउकरन मँ स एक क संग लइ ल्या अउर गदहन क हेर इ जा।”
4 साऊल गदहन क हेरब सुरु किहेस। साऊल एप्रैम क पहाड़ियन मँ होइके घूमा। तबहिं साऊल सालीम क चारिहुँ कइँती पहँटा मँ घूमा। मुला साऊल अउ ओकर नउकर, किस क गदहन क नाहीं पाइ सकेन। ऍह बरे साऊल अउ नउकर सालिम क चारिहुँ कइँती पहँटा मँ गएन। मुला गदहा हुवाँ नाहीं मिलेन। ऍह बरे साऊल बिन्यामीन क पहँटा मँ होइके जात्रा किहेस। मुला उ अउ ओकर नउकर गदहन क तबहुँ नाहीं पाइ सकेन।
5 आखिर मँ साऊल अउ ओकर नउकर जुफ नाउँ क सहर मँ आएन। साऊल आपन नउकर स कहेस, “चला, हम पचे लौटी। मोर बाप गदहा क बारे मँ सोचब बंद देइहीं अउर हम पचन क बारे मँ फिकिर करिहीं।”
6 मुला नउकर जवाब दिहेस, “इ सहर मँ परमेस्सर क एक ठु मनई अहइ। मनई ओकर मान करत हीं। उ जउन कहत ह सच होत ह। ऍह बरे हम सबइ इ सहर मँ चली। अइसा लागत ह कि परमेस्सर क उ मनई हमका बताई कि ऍकरे पाछे हम पचे कहाँ जाइ।”
7 साऊल आपन नउकर स कहेस, “हम पचे सहर मँ जाइ सकित ह। मुला हम पचे उ मनई का इ सकित ह? हम पचन क झोरी क भोजन खतम होइ ग बाटइ। हम पचन क लगे कउनो भी भेंट परमेस्सर क मनई क देइ बरे नाहीं अहइ। हमरे लगे ओका देइ क का अहइ?”
8 नउकर फिन जवाब दिहेस, “सुना, मोरे लगे तनिक धन अहइ। हम परमेस्सर क मनई क इहइ देइ। तबहि उ बताईर् कि हम पचे कहाँ जाइ।”
9 साऊल आपन नउकर स कहेस, “नीक सुझाव अहा, हम पचे चली।” उ पचे सहर मँ हुवाँ गएन जहाँ परमेस्सर क मनई रहा।साऊल अउ ओकर नउकर पहड़िया प चढ़त भए सहर क जात रहेन। राहे मँ उ पचे कछू जवान अउरतन स भेंटेन। जवान अउरत बाहेर स पानी लेइ जात रहिन। साऊल अउ ओकर नउकर जवान अउरतन स पूछेन, “का दसीर् हीआँ अहइँ?” (पुराने जमाना मँ इस्राएल क बसइया नबियन क “दसीर्” कहत रहेन। ऍह बरे उ पचे परमेस्सर स कछू मागँइ चाहत रहेन तउ पचे कहत रहेन, “हम पचे दसीर् क लगे चली।”)
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12 जवान अउरतन जवाब दिहेन, “हाँ, दसीर् हीआँ अहइँ।” उ सोझइ इ सड़क प आगे अहइँ। उ आज ही नगर मँ आवा अहइँ। कछू मनइयन हुवाँ एकट्ठइ बटुरा अहइ। उ पचे आराधना ठउर प मेलबलि चढ़ावइ बरे जाइ।
13 आप लोग सहर मँ जाइँ अउ ओनसे भेंटाइ लेइहीं। जदि आप सब जल्दी जाइहीं तउ आप ओनसे आराधना ठउर प भोजन प जाइ स पहिले मिलि लेइहीं। दसीर् बलि-भेंट क आसीर्बाद देत हीं। ऍह बरे मनइयन जब तलक खाइया क खाब सुरु नाहीं करिहीं जब ताईर् उ हुवाँ न पहोंच जाइँ। ऍह बरे आप सबइ हाली करइँ तउ आप लोग दसीर् क भेंटि सकत हीं।”
14 साऊल अउ नउकर ऊपर पहड़िया प सहर कइँती बढ़ब सुरु किहेन। जइसे ही उ पचे सहर मँ घुसेन उ पचे समूएल क आपन कइँती आवत देखेन। समूएल सहर क बाहेर पूजा क ठउर प जाइ बरे अबहिं आवत रहा।
15 एक दिन पहिले यहोवा समूएल स कहेस,
16 “काल्ह मइँ इहइ टेमॅ तोहरे लगे एक मनई क पठउब। वह बिन्यामीन क गोत क होइ। तू सबन क ओकर अभिसेक कर देइ चाही। तब उ हमार मनइयन इस्राएलियन क नवा नेता होइ। इ मनई हमरे मनइयन क पलिस्तियन स बचाइ। मइँ आपन मनइयन क दुःख क देखेउँ ह। मइँ आपन मनइयन क रोउब सुनेउ ह।”
17 समूएल साऊल क लखेस अउ यहोवा ओसे कहेस, “इहइ उ मनई अहइ जेकरे बारे मँ मँइ तोहसे कहेउँ रहे। इ मोरे मनइयन क बस मँ राखी।”
18 साऊल दुआर क लगे समूएल क निअरे आवा। साऊल समूएल स पूछेस, “मेहरबानी कइके बतावा दसीर् क घर कहाँ अहइ?”
19 समूएल जवाब दिहेस, “मइँ ही दसीर् अहँउ। मोरे अगवा आराधना क ठउर प पहुँचा। तू अउ तोहार नउकर आज हमरे संग खइया क खइहीं। मइँ भियान भिन्सारे तोहका घरे जाइ देब। मइँ तोहरे सबहिं सवालन क जवाब देब।
20 अउर ओन गदहन क फिकिर जिन करा जेका तू तीन दिना पहिले खोइ दिहा ह। उ सब मिल गवा बाटेन। अब, तोहका समूचा इस्राएल चाहत अहइ। उ सबइ तोहका अउ तोहरे बाप क परिवारे क सब मनइयन क चाहत हीं।”
21 साऊल जवाब दिहेस, “मुला मइँ बिन्यामीन परिवार समूह क निअम्बर अहउँ। इ इस्राएल मँ सबन क छोटका समूह अहइ। मोर परिवार मोर पूरा परिवार समूह मँ सब त छोटा अहइ। आप काहे कहत बाटेन कि इस्राएल मोका चाहत ह?”
22 तब समूएल साऊल अउ ओकरे नउरक क भोजन क जगहिया मँ लइ गवा। लगभग तीस न्यौताहरी एक संग भोजन बरे अउर बलि-भेंट लेइ बरे बोलावा ग रहेन। समूएल साऊल अउ ओकरे नउकर क मेज प सबन ते जिआदा खास जगह दिहेस।
23 समूएल रसोइया स कहेस, “उ गोस लइ आवा जउन मइँ तोहका दिहेउँ ह। इ उहइ हींसा अहइ जेका मइँ तोहसे जोगइ क रक्खइ बरे केहउँ रहे।”
24 रसोइया रान लिहेस अउ साऊल क समन्वा मेज प धरेस। समूएल कहेस, “इहइ उ गोस बा जेका मइँ तोहरे बरे जोगइ क राखेउँ रहे। ओका खा काहेकि इ इ खास टेमॅॅ बरे जोगवा रहा।” इ तरह उ दिना साऊल समूएल क संग खइया क खाएस।
25 जबहिं उ पचे खइया क खाइ लिहेन, उ पचे पूजा क ठउर स उतरेन अउ सहर क लौटेन। समूएल छते प साऊल बरे बिछौना दसाएस। अउर साऊल सोइ गवा।
26 भियन भिन्सारे समूएल साऊल क छते प जोर स पुकारेस। समूएल कहेस, “उठा। मइँ तोहका तोहरे राहे प पठउब।” साऊल उठा, अउर तब समूएल क संग घर क बाहेर गवा।
27 साऊल अउ ओकर नउकर संग संग सहर क सिरे क उतराई प टहरत रहेन। समूएल साऊल स कहेस, “आपन नउकर स हम पचन स अगवा जाइ क कहा। मोरे लगे तोहरे बरे परमेस्सर क एक संदेसा अहइ।” तउ नउकर ओन पचन स तनिक अगवा चला गवा।
1 Samuel 10
1 समूएल खास तेल क एक ठु मेटिया लिहेस। समूएल तेल क सौर क मूड़े प नाएस। समूएल साऊल क चुम्मा लिहेस अउर कहेस, “यहोवा तोहार अभिसेक क चुनाव आपन मनइयन क मुखिया बनवइ बरे किहेस ह। तू यहोवा क मनइयन क बस मँ करब्या। तू ओन पचन्क ओन दुस्मनन स बचउब्या जउन ओनका चारिहुँ कइँती स घेरे बाटेन। यहोवा तोहार अभिसेक चुनाव आपन मनइयन क ऊपर प्रधान होइ बरे किहे अहइ। हियाँ एक चीन्हा अहइ जउन परमान देइ कि इ फुर बाटइ।
2 जब तू मोसे अलगाइ जाब्या तउ तू रकेल क मकबरा क निअरे दुइ मनइयन स बिन्यामीन क इलाका मँ जल्जा मँ मिलब्या। उ दुइनउँ मनई तोहसे कहिहीं, ‘जउन गदहन क तू हेरत बाट्या ओनका कउनो मनई पाइ लिहेस ह। तोहार बाप गदहन क बारे मँ फिकिर करब तजि दिहेस ह। अब ओका तोहार फिकिर बा। उ कहत अहइ, “मइँ आपन पूत क बारे मँ का करउँ।’“
3 समूएल कहेस, “जब तू तब्बइ तलक चलत रहब्या जब तलक तबोर मँ साह बलूत बृच्छ ताईर् नाहीं पहोंच जात्या। हुवाँ तोहसे तीन मनई मिलिहीं। उ तीनउँ मनई बेतेल मँ परमेस्सर क आराधना बरे जात्रा प होइहीं। एक ठु मनई बोकरी क तीन बच्चन क ढोवत होइ। दूसर मनई तीन डबल रोटी लइ जात होइ। अउ तीसरा मनई एक गगरी दाखरस लइ जात होइ।
4 इ तीनउँ मनई कहिहीं, आपक सुआगत अहइ। उ पचे तोहका दुइ रोटी देइहीं। तू ओनसे उ दुइ डबल रोटी क लइ लिहा।
5 तब तू गिबियथ-एलोहिम जाब्या। उ ठउर प पलिस्तियन क एक ठु किला अहइ। जबहिं तू उ सहर मँ पहोंचब्या तउ कइउ नबियन निकरिहीं। इ नबियन आपन ठउर स पूजा बरे अइहीं। उ सबइ भविस्सबाणी करिहीं। उ सबइ सितार, तम्बूरा, बाँसुरी अउ बीणा बजावत रइहीं।
6 तब तुरंतही यहोवा क आतिमा तेजी स तोह पइ उतरी। तू बदल जाब्या। तू एक अलगइ मनई होइ जाब्या। तू इ नबी क संग भविस्सबाणी करइ लगब्या।
7 इ बातन क होइ जाए क पाछे तू जउन चहब्या करब्या। परमेस्सर तोहरे संग होइहीं।
8 “मोसे पहिले गिलगाल जा। मइँ तोहरे लगे उ ठउरे प आउब। तब मइँ होमबलि अउ मेलबलि चढ़ाउब। मुला तोहका सात दिना तलक प्रतीच्छा करइ क होइ। तबहिं मइँ आउब अउ बताउब कि तोहका अगवा का करइ क अहइ।”
9 जइसे ही साऊल समूएल क बिदाह देइ घूमा परमेस्सर साऊल क मन पूरी तरह बदल दिहस। इ सबहिं होनी उहइ दिन भइन।
10 साऊल अउ ओकर नउकर गिबियथ-एलाहिम गएन। उ ठउर प साऊल नबियन क एक धामिर्क सभा स भेटेस। परमेस्सर क आतिमा साऊल प तेजी स उतरी अउ साऊल नबियन क संग भविस्सबाणी करइ लागेस।
11 जउन मनइयन साऊल क पहिले स जानत रहेन उ पचे नबियन क संग ओका भविस्सबाणी करत लखेन। उ पचे आपुस मँ पूछइ-पछोरइ लागेन, “किस क पूत क का होइ ग अहइ? का साऊल नबियन मँ स एक अहइ।”
12 एक मनई जउन गिबियथ-एलोहिम मँ रहत रहा कहेस, “हाँ, अउर अइसा लगत ह कि इ ओनकइ मुखिया अहइ।”इहइ कारण अहइ कि इ परसिद्ध कहतून बन गइ, “का साऊल नबियन मँ स कउनो एक अहइँ।”
13 आखिर उ नबी क तरह भविस्सबाणी बंद किहेस अउर एक आराधना क ठउर प घर क नगिचे चला गवा
14 साऊल क काका ओसे अउ ओकरे पिता क नउकर स पूछेस, “तू पचे कहाँ गवा रह्या?”उ जवाब दिहेस, “हम पचे गदहन क लखइ गवा रहे अउ ओनकइ हेरइ चला ही जात रहे, उ सब कहूँ नाहीं मिल पाएन। ऍह बरे हम पचे समूएल क लगे गएन।”
15 इ सुनिके साऊल क काका कहेस, “कृपा कइके तू पचे मोका बतावा कि समूएल तू दुइनउँ स का कहेस?”
16 साऊल जवाब दिहेस, “समूएल हमका बताएस, कि गदहन पहिले मिलि गवा रहेन।” साऊल काका क राजा होइ क बारे मँ कछू बात नाहीं बताएस।
17 समूएल इस्राएल क सबहिं मनइयन स मिस्पा मँ यहोवा स मिलइ बरे एक संग बटुरइ बरे कहेस।
18 समूएल इस्राएल क मनइयन स कहेस, “इस्राएल क परमेस्सर यहोवा कहत हीं, ‘मइँ इस्राएल क मिस्र स बाहेर निकारेउँ ह। मइँ तोहका मिस्र क गुलामी स अउ दूसर राज्ज क गुलामी स बचाएउँ ह जउन तोह पइ चोट करइ चाहत रहेन।’
19 मुला आज तू आपन परमेस्सर क तुच्छ जान लिहा ह। तोहार परमेस्सर तोहका सब कस्टन अउ सब समस्या स बचावत ह। मुला तू कह्या, ‘नाहीं हम आपन ऊपर राज्ज करइ बरे एक ठु राजा चाहित ह।’ अब आवा अउ यहोवा क समन्वा आपन परिवार अउ आपन गोत क संग खड़ा ह्वा।”
20 समूएल इस्राएल क सबहिं परिवार क गोते क निअरे लइ गवा। तब समूएल नवा राजा चुनब सुरु किहेस। पहिले बिन्यामीन क परिवार गोत चुना गवा।
21 समूएल बिन्यामीन क परिवार-गोत क हर एक परिवार क एक एक कइके निकसइ क कहेस, मत्री क परिवार चुना गवा। तब समूएल मत्री क परिवार क हर एक मनई क एक एक कइके ओकरे अगवा स निकसइ क कहेस। इ तरह कीस क पूत साऊल चुना गवा।मुला जब मनइयन साऊल क खोज किहेन, तउ उ पचे ओका नाहीं पाइ सकेन।
22 तब उ पचे यहोवा स पूछेन, “का साऊल अबहिं तलक हियाँ आइ गवा अहइ?”यहोवा कहेस, “साऊल सामग्री क बीच मँ छुपा बा।”
23 मनइयन दौड़ेन अउर साऊल क सामग्री क बीच मँ स लइ आएन। साऊल मनइयन क बीच खड़ा भवा। साऊल बस ऍतना लम्बा रहा कि सब मनइयन सिरिफ ओकरे काँधे तलक रहेन।
24 समूएल सब मनइयन स कहेस, “उ मनई क लखा जेका यहोवा चुने अहइ। मनइयन मँ स कउनो साऊल क नाईर् नाहीं बा।”तब मनइयन नारा लगाएन, “राजा क लम्बी उमर होइ।”
25 समूएल राज्ज क नेमँ क मनइयन क समझाएस। उ इ नेमन क एक किताबे मँ लिखेस। उ किताबे क यहोवा क समन्वा रखेस। तब समूएल मनइयन क घर जाइ बरे कहेस।
26 साऊल भी आपन घरे गिबा मँ चला गवा। परमेस्सर बहादुर मनइयन का हिरदय क छुएस अउ बहादुर मनई साऊल क पाछा करइ लागेन।
27 मुला कछू परीसानी पइदा करइवाला मनइयन कहेन, “इ मनई हम मनइयन क रच्छा कइसे कइ सकत ह?” उ पचे साऊल क बुराई अउ ओका उपहार देइ स मना कइ दिहेन। मुला साऊल कछू नाहीं कहेस।अम्मोनियन क राजा नाहास, गिलाद अउ याबेस क परिवार समूह क कस्ट देत रहा। नाहास ओनके परिवार क हर एक मनई क दाहिन आँखी निकरवाइ डाए रहा। नाहास कउनो क ओनकइ मदद नाहीं करइ देत रहा। अम्मोनियन क राजा नाहास यरदन नदी क पूरब मँ बसइयन क हर एक इस्राएली मनइयन क दाहिन आँखी निकरवाइ लिए रहा। मुला सात हजार इस्राएली अम्मोनियन क हियाँ स पराइ गएन अउर याबेस गिलाद मँ आइ गएन।
1 Samuel 11
1 अउर अम्मोनी नाहास अउ ओकर फउज याबेस गिलाद क घेर लिहस। याबेस क सबहिं मनइयन नाहास स कहेस, “अगर तू हमरे संग मेल करब्या, तउ हम पचे तोहार सेवकन बन जाब।”
2 मुला अम्मोनी नाहास स जवाब दिहेस, “मइँ तू पचन क संग तब मेल करब जब मइँ हर कउनो मनई क दाहिन आँखी निकारि लेब। ऍहसे सबहिं इस्राएलियन लजाइ जइहीं।”
3 याबेस क बुजुर्गन नाहास स कहेन, “हम पचे सात दिना क टेमॅ लेब। हम समूचइ इस्राएल मँ दूत पठउब। जदि कउनो मदद बरे न आई तउ हम पचे तोहरे लगे आउब अउर आपन क अर्पण कइ देब।”
4 तउ उ सबइ दूतन गिबा मँ आएन जहाँ साऊल रहत रहा। उ पचे मनइयन क खबर दिहेन। लोग जोर स रोवत रहेन।
5 साऊल आपन गइयन क संग खेते गवा रहा। साऊल खेते स लौटा अउर उ मनइयन क रोउब सुनेस। साऊल पूछेस, “मनइयन क कस्ट अहइ? उ पचे काहे रोवत अहइ?”तब मनइयन याबेस क दूतन जउन कहे रहेन साऊल क बताएन।
6 साऊल ओनकइ बातन क सुनेस। तब्बइ परमेस्सर क आतिमा साऊल प बड़ी जल्दी स उतरी। साऊल जिआदा कोहाइ गवा।
7 साऊल गाय क जोड़ी लिहेस अउ ओनकइ बोटी बोटी कइ डाएस। तब उ गइयन क बोटी क ओन दूतन क दिहस। उ दूतन क हुकुम दिहेस कि उ पचे इस्राएल क समूचइ देस मँ लइ जाइँ। उ ओनसे इस्राएल क मनइयन क इ संदेसा देइ बरे कहेस, “आवा, साऊल अउ समूएल क अनुसरण करा। जदि कउनो मनई नाहीं आवत अउर ओकर मदद नाहीं करत तउ ओकरी गाय क संग इहइ होई।”लोगन मँ यहोवा क डर छाइ गवा। उ पचे एक ठु इकाई क तरह एक संग बटुर गएन।
8 साऊल सबहिं मनइयन क बजक स एक संग बटोरेस। हुवाँ इस्राएल क तीन लाख मनसेधू अउ यहूदा स तीस हजार मनसेधू रहेन।
9 साऊल अउ ओकर फउज याबेस क दूतन स कहेन, “गिलाद मँ याबेस क मनइयन स कहा कि भियान दुपहरे तलक तू पचन क रच्छा होइ जाइ।”दूतन साऊल क संदेसा याबेस क मनइयन क दिहेन। याबेस क मनई बहोत खुस भएन।
10 तबहिं याबेस क मनइयन अम्मोनी नाहास स कहेन, “हम पचे भियान तोहरे लगे आउब। तब तू हम सबन क संग जउन चाहा कइ सकत ह।”
11 दूसर दिन भिन्सारे साऊल आपन फउज क तीन हींसा मँ बांटेस। जइसे ही सूरज निकरत साऊल अउ ओकर फउज अम्मोनी डेरा मँ हमला किहेन। साऊल उ टेम मँ हमला किहेस, जब उ पचे भिन्सारे रच्छक क बदलत रहेन। साऊल अउ ओकर फउज दुपहर स पहिले ओनका हराइ दिहेन। अम्मोनी फउज अलग अलग दिसा मँ पराइ गएन यहाँ तलक कि दुइ सिपाही भी एक संग नाहीं जम सकेन।
12 तब मनइयन समूएल स कहेन, “उ पचे कहाँ बाटेन जउन कहत हीं कि हम साऊल क राजा क रुप मँ हुकुम करइ देब नाहीं चाहित? उ मनइयन क लइ आवा हम ओनका मारि डाउब।”
13 मुला साऊल कहेस, “नाहीं आज कउनो क जीन मारा। आज यहोवा इस्राएल क रच्छा किहेस ह।”
14 तब साऊल मनइयन स कहेस, “आवा हम पचे गिलगाल चली। हम पचे साऊल क राजा क तोर पर फुन अनुमोदन करब।”
15 तउ सबहिं मनइयन गिलगाल चला गएन। हुवाँ यहोवा क समन्वा मनइयन साऊल क राजा बनाएन। उ पचे यहोवा क मेलबलि चढ़ाएन। अउर सबइ इस्राएलियन खुसी मनाएन।
1 Samuel 12
1 समूएल सब इस्राएलियन स कहेस: “मइँ उ सब कछू दिहेउँ ह जउन तू पचे मोसे चाहत ह। मइँ तू पचन क ऊपर एक राजा रखेउँ ह।
2 अब तोहका राह देखावइ बरे एक राजा अहइ। मइँ बुढ़ाइ गवा हउँ अउ मोर बार सफेद होइ ग अहइँ, मुला मोरे बेटवा तोहरे संग अहइ। जब मइँ एक नान्ह लरिका रहेउँ तब स मइँ तोहार अगुआ रहेउँ।
3 मइँ हियाँ अहउँ। जदि मइँ बुरा करम किए अहउँ तोहका ओकरे बारे मँ यहोवा स अउ ओनकइ चुना भवा राजा स कहइ चाही। का मइँ कबहुँ कउनो क गइया या गदहा चुरायो हउँ? का मइँ कउनो क कबहुँ धोखा दिहउँ ह या नस्कान पहुँचायो हउँ? का मइँ कउनो का बुरा करइ बरे कबहुँ कउनो स धन या एक जोड़ी पनही लिहउँ ह? जदि मइँ एहमाँ स कउनो बुरा काम किहेउँ ह तउ मइँ ऍका नीक करब।”
4 इस्राएलियन जवाब दिहेन, “नाहीं, तू हम पचन क कबहुँ बुरा नाहीं किहा। तू न हम पचन्क ठग्या, न ही तू हम लोगन्स कबहुँ कछू लिह्या।”
5 समूएल इस्राएलियन स कहेस, “जउन तू कह्या यहोवा ओकर गवाह अहइ। यहोवा क चुना भवा राजा भी आज गवाह अहइ। उ दुइनउँ गवाह अहइँ कि तू मोहे मँ कउनो दोख नाहीं पाया।” अउर लोगन कहेन, “उ एक गवाह अहइ।”
6 तब समूएल मनइयन स कहेस, “यहोवा लखेस ह कि का भवा ह। यहोवा उहइ अहइ जउन मूसा अउ हारुन क चुनेस ह। उ तोहरे पुरखन क मिस्र स बाहेर लइ आवा।
7 अब चुपचाप हुवाँ खड़ा रहा जब मइँ तोहका नीक काम बताउब जउन यहोवा तोहरे पुरखन अउ तोहरे बरे किहेस ह।
8 “याकूब मिस्र गवा। पाछे, मिस्र क लोग ओकरे औलाद क जिन्नगी कस्ट स भरि दिहेन। ऍह बरे उ सबइ मदद बरे यहोवा क समन्वा रोएन। यहोवा मूसा अउ हारुन क पठएस। मूसा अउ हारुन तोहरे पुरखन क मिस्र स बाहेर लइ आएन अउर इ ठउर मँ बसइ बरे ओनका राह देखाएन।
9 “मुला तोहार पुरखन, आपन यहोवा आपन परमेस्सर क बिसरि गएन। ऍह बरे परमेस्सर ओनका सिसरा क गुलाम होइ दिहस। सिसरा, हजोर फउज क सेनापति रहा। तब यहोवा ओनका पलिस्तियन अउ मोआब क राजा क गुलाम बनाएस। उ पचे सबइ तोहरे पुरखन क खिलाफ लड़ेन।
10 मुला तोहार पुरखन मदद बरे यहोवा क समन्वा गिड़गिड़ानेन। उ पचे कहेन, ‘हम पचे पाप किहे अही। हम सबइ यहोवा क तजा ह अउर झूठ देवता लोग-बाल अउ अस्तेरेत क सेवा कीन्ह ह। मुला अब आप हमका हमरे बैरी स बचावा, अउ हम आप क सेवा करब।’
11 “ऍह बरे यहोवा यरूब्बाल (गिदोन), बदान, बरक, यिप्तह अउ समूएल क हुवाँ पठएस। यहोवा तोहरे चारिहुँ कइँती क दुस्मनन स तोहार रच्छा किहेस। अउर तू बचा रह्या।
12 मुला तब तू अम्मोनियन क राजा नाहास क आपन खिलाफ लड़इ बरे आवत देख्या। तू कह्या, ‘नाहीं! हमका आपन ऊपर राज्ज करइ बरे एक ठु राजा चाही!’ तू पचे इहउ कह्या, हालाँकि तोहार परमेस्सर यहोवा राजा पहिले स ही रहेन।
13 अब तोहार चुना भवा राजा हियाँ अहइ। यहोवा इ राजा क तोहरे ऊपर बइठाए अहइ।
14 तू सबन्क परमेस्सर स डेराइ अउ मान करइ चाही। तू पचन्क ओकरे खिलाफ नाहीं जाइ क चाही। तू पचन अउ राज करइ वाला राजा क आपन परमेस्सर यहोवा क हुकुम मानइ चाही। अगर तू पचे इ करत रहब्या तउ परमेस्सर तोहार रच्छा करिहीं।
15 मुला अगर तू परमात्मा क आग्या क नाहीं मन्त्या अउ ओकरे हुकुम क खिलाफ लड़त बाट्या, तउ उ तोहरे खिलाफ होइ जाइ। यहोवा तोहका अउ तोहरे राजा क नास कइ देइहीं।
16 “अब चुपचाप खड़ा रहा अउ उ बड़का काम क लखा जेका यहोवा तोहरी आँखी क समन्वा करिहीं।
17 इ गोहूँ क फसिल काटइ क टेमॅ अहइ।मइँ यहोवा स पराथना करब। मइँ ओसे बिजुरी क कड़कब अउ बर्खा क भीख माँगब। तब तू बुझब्या कि तू पचे ओ समइ प यहोवा क खिलाफ बुरा किहे रहा जब तू पचे एक राजा क माँग किहे रह्या।
18 “तब समूएल यहोवा स पराथना किहेस। उ दिना यहोवा बिजुरी क कड़कब अउ बर्खा पठएस। ऍहसे यहोवा अउ समूएल स बहोत डेराइ गएन।
19 सब मनइयन समूएल स कहेन, “आपन परमेस्सर यहोवा स तू पचे आपन सेवक, हम लोगन बरे पराथना करा। हम पचन्क मरइ जिन द्या! हम पचे बहोत पाप किहे अही। अउर अब एक राजा बरे माँग कइके ओन पापन्क अउर बढ़ाइ दिहा ह।”
20 समूएल जवाब दिहस, “डेरा जिन। इ फुरइ अहइ। तू पचे उ सबइ कुकरम किहे ह। मुला यहोवा क पाछा करब बन्द जिन करा। आपन सच्चा हिरदय स यहोवा क सेवा करा।
21 देवमूरत तउ मूरत अहइँ, उ सबइ तोहार मदद न करिहीं। ऍह बरे ओनकइ पूजा जिन करा। देव मूरत न तउ तोहार मदद कइ सकत हीं, न ही रच्छा कइ सकत हीं। उ सबइ कछू भी नाहीं अहइँ।
22 “मुला यहोवा आपन मनइयन क तजिहीं नाहीं। यहोवा तोहका आपन मनई बनाइके खुस भवा रहा। ऍह बरे आपन नीक कामे क रच्छा बरे उ तोहका तजिहीं नाहीं।
23 जदि मइँ तोहरे बरे पराथना करब बंद कइ देत हउँ तउ इ यहोवा बरे पाप होइ। मइँ तोहका सही रास्ता अच्छी जिन्नगी जिअइ बरे बताउब।
24 मुला तोहका भी यहोवा क मान करइ चाही। तोहका पूरे हिरदय स यहोवा क सेवा सर्च्चाइ स करइ चाही। ओन चमत्कारी कार्य क याद राखा जउन उ तोहरे बरे किहेस ह।
25 अगर तू जिद्दी अहा अउ बुरा करत बाट्या तउ परमेस्सर तोहका अउ तोहरे राजा क अइसा पँूक देइ जइसे झाड़ू कूड़ा क बटोर देत ह।”
1 Samuel 13
1 अब ताईर् साऊल एक बरिस तलक राज कइ चुका रहा। अउर फुन जब साऊल इस्राएल प दुइ बरिस राज कइ चुका,
2 उ इस्राएल स तीन हजार मनई चुनेस। ओहमाँ दुइ हजार उ पचे रहेन जउन बेतेल क पहाड़ी पहँटा क मिकमास मँ ओकरे संग ठहरा रहेन। अउर एक हजार उ मनई रहेन जउन बिन्यामीन क अंदर गिबा मँ योनातान क संग ठहरा रहेन। साऊल फउज क दूसर सिपाहियन क ओनकइ आपन घर पठइ दिहस।
3 योनातान गिब मँ जाइके पलिस्तियन क ओनकइ सिबिर पइ हमला किहस। पलिस्तियन एकरे बारे मँ सुनेन। उ पचे कहेन, “हिब्रू लोग बगावत किहे अहइ।”साऊल कहेस, “हिब्रू मनइयन क जउन कछू भवा अहइ ओका सुनावा।” ऍह बरे साऊल लोगन्स कहेस कि उ पचे समूचइ इस्राएल देस मँ तुरही बजावइँ।
4 सबइ इस्राएलियन इ खबर सुनेन। उ पचे कहेन, “साऊल पलिस्ती फउज प्रमुख क मारि डाएस। अब पलिस्तियन फुरे इस्राएलियन स घिना करत हीं।”इस्राएली लोगन्क साऊल स भेंटइ बरे गिलगाल मँ बोलावा गवा।
5 पलिस्ती इस्राएल स लड़इ बरे बटुर गएन। पलिस्तियन क लगे तीन हजार रथ अउ छ: हजार घुड़सवार ओकरे फउज मँ रहेन। हुवाँ ऍतना जिआदा पलिस्ती फउजी रहेन जेतँना समुद्दर क किनारे बालू क कन। पलिस्तियन मिकमास मँ सिबिर डाएन। मिकमास बेतावेन क पूरब मँ बाटइ।
6 इस्राएलियन लखेन कि उ पचे विपत्ति मँ अहइँ। उ पचे आपन क जालि मँ अरझा पाएन। उ पचे गुफा अउ चट्टान क खोदंरे मँ छुप जाइ बरे परानेन। उ सबइ चट्टान, कुआँ अउ भुइयाँ क गड़हा मँ छुप गएन।
7 कछू हिब्रू यरदन नदी पार कइके गाद अउ गिलाद प्रदेस मँ पराइ गएन। साऊल गिलगाल मँ रहा। ओकरी फउज क सबइ फउजी सिपाहियन डर स थरथरात रहेन।
8 समूएल कहेस कि उ साऊल स गिलगाल मँ मिली। साऊल हुवाँ सात दिनाँ तलक ओकर प्रतीच्छा किहस। मुला समूएल तब भी गिलगाल नाहीं पहोंचा। सिपाहियन साऊल क तजि देइ लागेन।
9 ऍह बरे साऊल कहेस, “मोरे बरे होमबलि अउ मेलबलि लइ आवा।” तब साऊल होमबलि चढ़ाएस।
10 जइसन साऊल बलि-भेंट चढ़ाउब खतम किहेस, समूएल आइ गवा। साऊल ओसे भेंटइ गवा।
11 समूएल पूछेस, “इ तू का कइ दिहे अहा?”साऊल जवाब दिहेस, “मइँ सिपाहिन क आपन क तजत लखा अउर तू तब तलक हियाँ नाहीं रह्या, अउर पलिस्ती मिकमास मँ ऍकट्ठा होत रहेन।”
12 मइँ आपन मने मँ सोचेउँ, ‘पलिस्ती हियाँ गिलगाल मँ आइके मोह प हमला करिहीं। अउर मइँ अबहुँ तलक यहोवा स मदद करइ बरे बिनती नाहीं किहेउँ ह। ऍह बरे मइँ आपन क दबाइ दिहेउँ अउ होमबलि चढ़ाएउँ।’“
13 समूएल कहेस, “तू मूरख क काम किहे ह। तू आपन परमेस्सर यहोवा क हुकुम क नाहीं मान्या। जदि तू परमेस्सर क हुकुम क माने होत्या तउ परमेस्सर तोहरे परिवार क सदा इस्राएल प राज करइ देत।
14 मुला अब तोहार पहँटा लगातार नाही रहीं। यहोवा अइसे मनई क खोज मँ रहेन जउन ओकरे हुकुम क मानइ चाहत होइ। उ उ मनई क पाइ लिहेस ह अउर उ ओका आपन मनइयन क नवा प्रमुख चुनिहीं। तू सबइ यहोवा क हुकुम क मान्या नाहीं। ऍह बरे यहोवा नवा प्रमुख चुनिहीं।”
15 तब समूएल उठा अउर उ गिलगाल क तजि दिहेस।”साऊल अउ ओकर बची भइ फउज गिलगाल क तजि दिहेस। उ पचे बिन्यामीन मँ गिबा क गएन। साऊल उ मनइयन क गनेस जउन ओकरे संग रहेन। हुवाँ करीब छ: सौ मनसेधू रहेन।
16 साऊल, ओकर पूत योनातान अउ फउजी बिन्यामीन मँ गिबा क गएन।पलिस्तियन मिकमास मँ डेरा डाएन।
17 पलिस्तियन उ पहँटा मँ रहइवालन इस्राएलियन क सजा देइ क ठान लिहेन। ऍह बरे ओनकइ सबन्ते बरिआर फउज हमला करइ खातिर आपन ठउर तजि दिहेस। पलिस्ती फउज तीन हींसा मँ बँट गइ रहिन। एक टुकड़ी उत्तर मँ ओप्रा क जाइवाली सड़क स समूएल क पहँटा मँ गइ।
18 दूसर टुकड़ी दक्खिन पूरब बेथोरोन क जाइवाली सड़के प गइ। अउ तीसर टुकड़ी पूरब मँ चौहद्दी तलक जाइवाली सड़क स गइ। इ सड़क सबोईम क घाटी मँ रेगिस्तान कइँती खुलत रही।
19 इस्राएली मनइयन मँ स कउनो लोहा क सामान नाहीं बनाइ सकत रहा। ओन दिन इस्राएल मँ लोहार नाहीं रहेन। पलिस्ती इस्राएलियन क लोहा क सामान बनवइ नाहीं सिखात रहेन काहेकि पलिस्ती डेरात रहेन कि इस्राएलियन कहूँ लोहा क तरवार अउ भाला न बनावइ लग जाइँ।
20 सिरिफ पलिस्ती लोहा क औजारे प धार चढ़ाइ सकत रहेन। ऍह बरे जदि इस्राएली आपन हरे क फार कुदार अउ कुल्हाड़ी या दराती प धार चढ़ावइ चाहतेन तउ ओनका पलिस्तियन क लगे जाइ क पड़त रहा
21 पलिस्ती लुहार एक तिहाइ औसे चाँदी क हरे क फार अउ कुदाल पइ धार चढ़ावइ बरे लेत रहेन। अउर एक छटा औंस चाँदी क फरुआ, कुल्हड़ी अउ बैल क साँटी क लोहा क सिरे प धार चढ़ावइ बरे लेत रहेन।
22 ऍह बरे जुद्ध क दिन इस्राएलियन फउजी मँ स कउनो क लगे लोहा क तरवार या भाला नाहीं रहा। सिरिफ साऊल अउ ओकर पूत योनातान क लगे लोहा क औजार रहेन।
23 पलिस्ती सिपाहियन क एक ठु टुकड़ी मिकमास क दर्रा क रच्छा करत रही।
1 Samuel 14
1 उ दिना, साऊल क पूत उ नउजवान स बात किहेस जउन ओकरे औजारन क लइके चलत रहा। योनातान कहेस, “हम पचे घाटी क दुसरी कइँती पलिस्तियन क डेरा प चली।” मुला योनातान आपन बाप क नाहीं बताएस।
2 साऊल एक अनार क पेड़ क नीचे पहाड़ी क सिरे प मिग्रोन मँ बइठा रहा। इ एक ठउर प खरिहान क नगिचे रहा। साऊल क संग उ समइ 600 जोधा रहेन।
3 एक मनई क नाउँ अहिय्याह रहा। एली सीलो मँ यहोवा क याजक रहा। अब अहिय्या याजक रहा। अहिय्या अब एपोद याजक रहा। अहिय्या ईकाबोद क भाई अहीतूब क पूत रहा।ईकाबोद पीनहास क पूत रहा। पीनहास एली क पूत रहा।
4 दर्रा क दुइनउँ कइँती एक ठु बड़की चट्टान रही। योनातान पलिस्ती डेरा मँ उ दर्रा स जाइ क तजबीजेस। बड़की चट्टान क एक कइँती बोजज रहा अउर उ बड़की चट्टान क दूसर कइँती सेने रहा।
5 एक बड़की चट्टान उत्तर क मिकमास क देखत भइ ठाड़ रही। दूसर बड़की चट्टान दक्खिन कइँती गीबा क अउर लखत स ठाड़ रही।
6 योनातान आपन उ जवान मददगार स कहेस जउन ओकरे औजार क ढोइ के चलत रहा, “आवा, हम ओन बिदेसियन क डेरा मँ चली। इ होइ सकत ह यहोवा हम मनइयन क बइपरइ इ मनइयन क हरावइ मँ करइँ। यहोवा क कछू भी नाहीं रोक सकत ऍहसे कउनो फकर् नाहीं पड़त कि हमरे लगे ढेरि फउजी अहइँ कि तनिक फउजी।”
7 योनातान क अउजार ढोवइया जवान ओसे कहेस, “जेका तू सब स नीक समझा, करा। मइँ हर कइँती स तोहरे संग हउँ।”
8 योनातान कहेस, “हम सबइ क चलि द्या! हम पचे घाटी पार करब अउर ओन पलिस्ती रच्छक तलक जाबइ। तबहीं हम सबइ ओनका आपन क लखइ देब।
9 जदि उ पचे हम स कहत हीं, ‘तू हुवँइ रुकि जा जब तलक हम तोहरे लगे आवत अही।’ तउ हम पचे हुवँइ ठहरब जहाँ हम होब। हम ओनके नगिचे न जाब।
10 मुला अगर पलिस्ती लोग इ कहत हीं, ‘हमरे लगे आवा’ तउ हम ओनकइ लगे ताईर् चढ़ जाब। काहे? काहेकि इ परमेस्सर कइँती स इ एक इसारा होइ। ओकर अरथ इ होइ कि यहोवा हम पचन क ओनका हरावइ देइ।”
11 ऍह बरे योनातान अउ ओकर सहायक आपन क पलिस्तियन स लखइ देइ दिहस। पलिस्ती रच्छक कहेन, “लखा, हिबू ओन बिलिन स निकरिके आवत बाटेन जेहमाँ उ सबइ लुकान रहेन।”
12 किला क पलिस्ती योनातान अउ ओकरे सहायक बरे चिचिआइँ’ “हमरे लगे आवा। हम तोहका अबहीं पाठ पढ़ावत अही।” योनातान आपन सहायक स कहेस, “पहाड़ी क ऊपर तलक मोका पछिआवा। यहोवा इस्राएल बरे पलिस्तियन क दइ दिहे बाटइ!”
13 ऍह बरे योनातान आपन हाथ अउ गोड़ क पहाड़ी प चढ़इ बरे बइपरेस। ओकर सहायक सोझ ओकरे पाछे चढ़ा। योनातान अउ ओकर सहायक पलिस्तियन क हराएन। पहिले हमला मँ उ पचे लगभग आधा एकड़ पहँटा मँ पलिस्तियन क मारेन। योनातान उ मनइयन स लड़ा जउन समन्वा स हमला बोलत रहेन। अउ योनातान क सहायक ओनकइ पाछे आवा अउ ओन मनइयन क मारत चला गवा जउन अबहीं सिरिफ चोटाइ होइ ग रहेन।
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15 सबहिं पलिस्ती सिपाही जंग क मैदान मँ सिपाही अउ किला क सिपाही ससाइ गएन। हिआँ तलक कि सबन त बरिआर जोधा भी डेराइ गएन। धरती काँपइ लाग अउ पलिस्ती सिपाही भयानक तरीका स डेराइ गएन।
16 साऊल क रच्छक बिन्यामीन देस मँ गिबिया क पलिस्ती सिपाहियन क अलग अलग दिसा मँ भागत परात लखेन।
17 साऊल आपन संग क सेना स कहेस, “सिपाहियन क गनती करा। मइँ इ जानइ चाहत हउँ कि डेरा क कउन छोड़ि दिहस।” उ पचे सिपाहियन क गनेन। योनातान अउ ओकर सहायक चला ग रहेन।
18 साऊल अहिय्या स कहेस, “परमेस्सर क पवित्तर सन्दूख लइ आवा।” उ टेमॅॅ परमेस्सर क पवित्तर सन्दूख इस्राएलियन क संग रही।
19 साऊल याजक अहिय्या स बतियात रहा। साऊल परमेस्सर क परामर्स क जोहत रहा। मुला फिलिस्तीनी छावनी मँ सोर अउ धमाचउकड़ी लगातार बढ़त जात रही। साऊल धीरा खोइ चुका रहा। आखिर मँ साऊल याजक अहिय्या स कहेस, “बहोत होइ गवा। आपन हाथ नीचे हइँचा अउ पराथना करब बन्द करा।”
20 साऊल आपन फउज क बटोरेस अउर लड़ाई मँ चला गवा। पलिस्ती सिपाही बहोत उलझन मँ रहेन। उ सबइ आपन तरवारे स आपुस मँ ही एक दूसर स जुद्ध करत रहेन।
21 हुवाँ हिब्रू भी रहेन जउन ऍकरे पहिले पलिस्तियन क सेवा मँ रहेन अउर जउन पलिस्ती डरा मँ रुका रहेन। मुला अब उ हिब्रू लोग साऊल अउ योनातान क संग क इस्राएलियन क साथ दिहेन।
22 उ इस्राएलियन जउन एप्रैम क पहाड़ी देस मँ लुकान रहेन, पलिस्ती सिपाहियन क पराइ क बात सुनेन। तउ इ इस्राएलियन भी जुद्ध मँ साथ दिहन अउ पलिस्तियन क पाछा करब सुरु किहेन।
23 इ तरह यहोवा उहइ दिन इस्राएलियन क बचाव किहेन। जुद्ध बेतावेन क बाहेर फैलि गवा। सारी फउज साऊल क संग रही, ओनकइ लगे लगभग दस हजार मनईयन रहेन। एप्रैम क पहाड़ी पहँटा क हर सहर मँ जुद्ध फइलत गवा।
24 उ दिना साऊल एक भारी गल्ती किहेस।इस्राएलियन भुखान अउ थका माँदा रहेन। इ ऍह बरे भवा कि साऊल मनइयन क प्रण करइ क मजबूर किहेस। साऊल कहेस, “अगर कउनो मनई साँझ होइ स पहिले खइया क खात ह या मोरे जरिया दुस्मन क हरावइ क पहिले खाइया क खात ह तउ उ मनई क सजा दीन्ह जाइ।” ऍह बरे कउनो भी इस्राएली सिपाही भोजन नाहीं किहेन।
25 जुद्ध क कारण मनई जंगल मँ चला गएन। उ पचे हुआँ भुइँया प पड़ा भवा मधु क छत्ता लखेन। इस्राएली लोग उहइ ठउरे प आएन जहाँ मधु क छत्ता रहा। मनइयन भुखान रहेन, मुला उ पचे तनिक भी मधु नाहीं पिएन। उ पचे उ प्रण तोड़इ स डेरान रहेन।
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27 मुला योनातान उ प्रण क बारे मँ नाहीं जानत रहा। योनातान इ नाहीं सुने रहा कि ओकर बाप उ प्रण करइ क मनइयन क बेबस किहे रहा। योनातान क हाथे मँ एक टहरइ क छड़ी रही। उ मधु क छत्ता मँ ओकरे सिरा क घुसेड़ेस। उ तनिक मधु निकारेस अउ खाएस। अउर उ आपन क चंगा किहेस।
28 सिपाहियन मँ स एक ठु योनातान स कहेस, “तोहार बाप एक खास प्रण करइ बरे सिपाहियन क मजबूर किहेस ह। तोहार बाप कहेस ह कि जउन कउनो आज खाइ, सजा पाइ। इहइ कारण रहा कि मनई कछू खाएन नाहीं। इहइ कारण अहइ कि मनई कमजोर अहइ।”
29 योनातान कहेस, “मोर बाप धरती बरे परोसानी पइदा किहे अहइ। लखा इ तनिक मधु चाटे स मइँ केतना चंगा महसूस करत हउँ।
30 बहोत नीक होत कि मनइयन उ खइया क खातेन जउन उ पचे आजु दुस्मनन स लिहे अहइँ। हम बहोत जिआदा पलिस्ती मनइयन क मारि सकित रहे।”
31 उ दिना इस्राएलियन पलिस्ती मनइयन क हराएन। उ पचे ओनसे मिकमास स अय्यालोन तलक क पूरा रस्ता प लड़ेन। काहेकी मनइयन बहोत भुखान अउ थका माँदा रहेन।
32 उ पचे पलिस्ती स भेड़ी, गाइ अउ बछवा लिहे रहेन, काहेकि अब इस्राएल क मनइयन ऍतना भुखान रहेन कि उ सबइ पसु क भुइँया प मारि डाएन अउ ओनका गोस रकत क साथ खाइ लिहेन।
33 एक मनई साऊल स कहेस, “लखा! लोग यहोवा क खिलाफ पाप करत अहइँ। उ पचे अइसा गोस खात अहइँ जेहमाँ खून बा!”तब साऊल कहेस, “तू पचे पाप किहे अहा। हिआँ एक ठु बड़का पाथर टहराइ क लिआवा।”
34 तब साऊल कहेस, “मनइयन क लगे जा अउर कहा कि हर मनई आपन साँड़ अउ भेड़ी मोरे लगे हिआँ लिआवइ। तब्बहिं मनइयन क आपन साँड़ अउ भेड़ी हिआँ मारइ चाही। यहोवा क खिलाफ पाप जिन करा। उ गोस क जिन खा जेहमाँ रकत बा।”उ राति मँ हर मनई आपन गोरु क लइ आवा अउ ओनका हुवाँ मारेस,
35 फिन साऊल एक ठु वेदी बनएस। साऊल यहोवा बरे खुद इ वेदी बनउब सुरु किहेस।
36 साऊल कहेस, “हम पचे आजु रात क पलिस्तियन क पाछा करब। हम सबइ हर चीज क लइ लेब। हम ओन सब क मारि डाउब।”फउज जवाब दिहेस, “वइसा ही करा जइसा ठीक समुझत ह।”मुला याजक कहेस, “हमका परमेस्सर स पूछइ द्या।”
37 ऍह बरे साऊल परमेस्सर स पूछेस, “का मोका पलिस्तियन क पाछा करइ चाही? का आप लोग हम पचन क पलिस्तियन क हरावइ देइहीं?” मुला परमेस्सर साऊल क उ दिन जवाब नाहीं दिहेस।
38 ऍह बरे साऊल कहेस, “मोरे लगे सबहिं प्रमुखन क लइ आवा। हम सबइ मालूम करी कि आज कउन पाप किहेस ह।
39 मइँ इस्राएल क रच्छा करइवाला यहोवा क किरिया खाइके इ प्रण करत हउँ। जदि मोर आपन पूत योनातान भी पाप किहेस ह तउ उ जरुर मरी।” फउज मँ कउनो भी कछू नाहीं कहेस।
40 तब साऊल सबहिं इस्राएलियन स कहेस, “आप लोग इ कइँती खड़ा ह्वा। मइँ अउर मोर पूत योनातान दूसर कइँती खड़ा होइहीं।”सिपाहियन जवाब दिहेन, “महाराज, आप जइसा चाहइँ।”
41 तब साऊल पराथना किहेस, “इस्राएल क परमेस्सर यहोवा मइँ आपका सेवक हउँ आजु आप मोका जवाब काहे नाहीं देत अहइँ? अगर मइँ या मोर पूत योनातान पाप किहेस ह तउ इस्राएल क परमेस्सर यहोवा आप उरीम देइँ। अउर जदि आप क मनई इस्राएलियन पाप किहेन ह तउ तुम्मिम देइँ।”साऊल अउ योनातान चुनि लीन्ह गएन अउ मनइयन अजाद होइ गएन।
42 साऊल कहेस, “ओनका फिन स लोकाइ द्या कि कउन पाप करइवाला अहइ मइँ या मोर पूत योनातान।” योनातान चुनि लीन्ह गवा।
43 साऊल योनातान स कहेस, “मोका बतावा कि तू का किहे अहा?”योनातान साऊल स कहेस, “मइँ आपन कुबरी क नोंक स सिरिफ तनिक मधु चाटे रहे। का मोका उ करइ क कारण मरइ चाही?”
44 साऊल कहेस, “जदि मइँ आपन प्रण पूर नाहीं करत हउँ तउ परमेस्सर मोरे बरे बहोत खराब करइ। योनातान क मरइ चाही।”
45 मुला सिपाहियन साऊल स कहेन, “योनातान आज इस्राएल क बड़की जीत ताईर् पहोंचाएस। का योनातान क मरइ ही चाही? कबहुँ नाहीं। हम पचे परमेस्सर क किरिया खाइके बचन देइत ह कि योनातान क एक ठु बार भी बाँका नाहीं होइ। परमेस्सर आज पलिस्तियन क खिलाफ लड़इ मँ योनातान क मदद किहेस ह।” इ तरह मनइयन योनातान क बचाएस। ओका फाँसी क सजा नाहीं दिन्ह गइ।
46 साऊल पलिस्तियन क पाछा नाहीं किहेस। पलिस्ती आपन ठउर क लौटि गएन।
47 साऊल इस्राएल प पूरा कब्जा कइ लिहेस अउ देखाइ दिहस कि उ राजा अहइ। साऊल इस्राएल क चारिहुँ कइँती रहइवालन दुस्मनन स लड़ा। साऊल अम्मोनी राजा मोआबी, सोबा क राजा एदोम, अउ पलिस्तियन स लड़ा। जहाँ कहूँ साऊल गवा, उ इस्राएल क दुस्मनन क हराइ दिहस।
48 साऊल बहोतइ बहादुर रहा। साऊल अमालेकियन क हराई अउर इस्राएलियन क ओकरे ओन दुस्मनन स बचाएस जउन इस्राएल क मनइयन स ओकर धन-दौलत छोरइ चाहत रहेन।
49 साऊल क पूत रहेन योनातान, यिसवी अउ मलकीस। साऊल क बड़की बिटिया क नाउँ मेरब रहा। साऊल क ननकी बिटिया क नाउँ मीकल रहा।
50 साऊल क मेहरारु क नाउँ अहीनोअम रहा। अहीनोअम अहीमास क बिटिया रही।साऊल क फउज क सेनापति क नाउँ अब्नेर रहा, जउन नेर क पूत रहा। नेर साऊल क काका रहा।
51 साऊल क बाप कीस अउ अब्नेर क बाप नेर, अबीएल क पूत रहेन।
52 साऊल आपन जिन्नगी भइ बीर बना रहा अउ पलिस्तियन क खिलाफ बहादुरी स लड़ा। साऊल जब भी कबहुँ कउनो मनई क अइसा बहादुर लखत जउन ताकतवर होत तउ उ ओका लइ लेत अउर ओका उ फौजियन क टुकड़ी मँ धरत जउन ओकरे निअरे रहतेन अउर ओकर रच्छा करत रहेन।
1 Samuel 15
1 एक दिन समूएल साऊल स कहेस, “यहोवा मोका आपन इस्राएली लोगन प राजा क रुप मँ तोहार अभिसेक करइ पठए रहा। अब यहोवा क संदेस सुना।
2 सर्वसक्तीमान यहोवा कहत ह: ‘जब इस्राएलियन मिस्र स बाहेर आएन तबहिं अमालेकियन ओनका कनान पहोंचइ स रोक देइ क जतन किहेन। मइँ लखेउँ कि अमालेकियन ओनका का किहेन।
3 अब आवा अउ अमालेकियन स जुद्ध करा। तोहका अमालेकियन अउ ओनकी सबहिं चीजन क नास कइ देइ चाही। कछू भी जिन्दा न रहइ द्या, तोहका सबहिं मनसेधू अउ मेहररुअन क मार डावइ चाही। तोहका सबहिं गदेलन अउ बचवन क मारि डावइ चाही। तोहका ओनकइ सबहिं गइयन अउ भेड़िन अउर ऊँट अउ गदहन क मारि डावइ चाही।’“
4 साऊल तलाईम मँ फउज बटोरेस अउर ओहका गनती किहेस। ओहमाँ दुइ लाख पैदर सिपाही अउ दस हजार दूसर फउजी मनई रहेन। एहमाँ यहूदा क मनई भी मिला रहेन।
5 तब साऊल अमालेक सहर क गवा अउर उ पचे घाटी मँ ओनका प्रतीच्छा किहस।
6 साऊल केनियन मनइयन स कहेस, “चला जा अउ अमालेकियन क तजि द्या। तब मइँ तू पचन क अमालेकियन क संग नास नाहीं करब। तू पचे इस्राएल बरे दाया देखाए रह्या जब उ पचे मिस्र स आवा रहेन।” ऍह बरे केनीत मनइयन अमालेकियन क तजि दिहेन।
7 साऊल अमालेकियन क हराएस। उ ओनसे हविला स मिस्र क सीमा सुर तलक लगातार जुद्ध किहेस।
8 साऊल अगाग क जिन्दा धइ लिहस। अगाग अमालेकियन क राजा रहा। अगाग क फउज क सबहिं मनइयन क साऊल मारि डाएस।
9 मुला साऊल अउ इस्राएल क सिपाहियन अगाग क जिन्दा रहइ दिहन। उ पचे सब ते बढ़िया भेड़ी, मोटवार तगड़ी गाइ अउ मेमना क भी धइ लिहेन। उ पचे धरइ क जोग्ग सबहिं चीजन क धइ लिहेन। अउर उ पचे ओन सबहिं चीजन क नास कइ दिहेन जउन कउनो काम क न रहिन।
10 समूएल यहोवा क संदेसा पाएस।
11 यहोवा कहेस, “साऊल मोर पाछा करब तजि दिहेस ह। ऍह बरे मोका ऍकर दुःख बा कि मइँ ओका राजा बनएउँ ह। उ ओन काम-काज क नाहीं करत बाटइ जेका करइ क हुकुम मइँ ओका देत हउँ।” समूएल कोहाइ गवा अउ फिन उ राति भइ यहोवा क पराथना किहेस।
12 समूएल दूसर दिना बड़े तड़के उठा अउ साऊल स भेंटइ गवा। मुला मनइयन बताएन, “साऊल यहूदा मँ कर्मल नाउँ सहर क गवा बा। साऊल हुवाँ आपन मान-सम्मान मँ एक पाथर क स्मारक बनावइ ग रहा। तब साऊल कइउ ठउरन क जात्रा किहेस अउ आखिर मँ गिलगाल क चला गवा।”ऍह बरे समूएल हुवाँ गवा जहाँ साऊल रहा। साउल अमालेकियन स लीन्ह भइ चिजियन क पहिला हींसा भेंटे मँ चढ़ाए रहा।साऊल ओनका होमबलि यहोवा क भेंट चढ़ावत रहा।
13 समूएल साऊल क लगे पहोंचा। साऊल कहेस, “सुआगत, यहोवा तोहका आसीर्वाद देइ, मइँ यहोवा क हुकुम क मानेउँ ह।”
14 मुला समूएल कहेस, “तउ मइँ इ सब कउने आवाजन क सुनत हउँ? मइँ तउ भेड़ी अउ गोरु क आवाजे क काहे सुनत हउँ?”
15 साऊल जवाब दिहेस, “फउजी ओनका अमालेकियन स लिहेन ह। फउजी सबन ते उत्तिम भेड़ी अउ गोरु क तोहरे परमेस्सर यहोवा क बलि क तरह बारइ बरे बचाइ लिहेन ह। मुला हम पचे दूसर सबहिं चिजियन क नसाइ दिहेउँ ह।”
16 समूएल साऊल स कहेस, “रुकि जा! मोका तोहसे हुवँइ कहइ द्या जेका पिछली राति मँ यहोवा मोसे कहे रहा।”साऊल जवाब दिहेस, “मोका बतावा।”
17 समूएल कहेस, “बीता भवा टेमॅ मँ तू इ बिचारे रह्या कि तू खास मनई न बाट्या। मुला तबहुँ तू इस्राएल क परिवार समूह क मुखिया बन गया। यहोवा तोहका इस्राएल क राजा चुनेस ह।
18 यहोवा तोहका एक खास सेवा काम बरे पठएस ह। यहोवा कहेस, ‘जा अउर ओन सबहिं खराब अमालेकियन क नास कइ द्या। ओनसे तब तलक लड़त रहा जब तलक उ सबन क नास न होइ जाइ।’
19 मुला तू पचे यहोवा क नाहीं सुन्या। तू पचे ओन चिजियन क धरइ चाहत बाट्या। ऍह बरे तू उहइ किह्या जेका यहोवा खराब कहे रहा।”
20 साऊल कहेस, “मुला मइँ तउ यहोवा क हुकुम क पालन किहेउँ ह। मइँ हुवाँ गएउँ जहाँ यहोवा मोका पठएस। मइँ सबहिं अमालेकियन क नास किहेउँ ह। मइँ सिरिफ एक मनई क लइ आएउँ ह। ओनकइ राजा अगाग।
21 फउजी जवान सबन त उत्तिम भेड़ी अउ गोरु क गिलगाल मँ तोहरे परमेस्सर यहोवा क बलि देइ बरे चुने रहेन।”
22 मुला समूएल जवाब दिहेस, “यहोवा क इ दुइनउँ मँ स कउन जिआदा खुस करत होमबलि अउ बलिदान या कि मनइयन क जरिए आग्या क मानब? इ जिआदा नीक अहइ कि परमेस्सर क बात सुनि लीन्ह जाइ बजाय ऍकरे कि भेड़ा क चबीर् चढ़ाइ जाइ।
23 आग्या क मानइ स इन्कार करब जादूगरी करइ क पाप जइसा अहइ। जिद्दी होब अउर मनमानी करब-मूरत क पूजब जइसा पाप अहइ। तू पचे यहोवा क हुकुम मानइ स इन्कार किहा ह। इहइ कारण यहोवा अब तोहका राजा क रुप मँ अंगीकार करइ स इन्कार करत ह।”
24 तबहिं साऊल समूएल स कहेस, “मइँ पाप किहेउँ ह। मइँ यहोवा क हुकुम क नाहीं मानेउँ ह अउर मइँ उ नाहीं किहेउँ ह जउन तू करइ बरे कह्या ह। मइँ मनइयन स डेरात हउँ ऍह बरे मइँ उहइ किहेउ जउन उ सबइ कहेन।
25 अब मइँ पराथना करत हउँ कि मोरे पाप क छिमा करा। मोरे संग लौटि आवा जेहसे मइँ यहोवा क आराधना कइ सकउँ।”
26 मुला समूएल साऊल स कहेस, “मइँ तोहरे संग न लउटब। तू पचे यहोवा क हुकुम क नाहीं मान्या ह अउर अब यहोवा तोहका इस्राएल क राजा क रुप मँ नकारत बाटइ।”
27 जब समूएल ओका बिदा करइ बरे मुड़ि गवा, साऊल समूएल क लबादे क धइ लिहेस। लबादा फाटि गवा।
28 समूएल साऊल स कहेस, “तू मोरे लबादा का फारि डाया ह। इहइ तरह यहोवा आज इस्राएल क राज्ज क तोहसे फारि डाएस ह। यहोवा राज्ज क तोहरे मीतन मँ स एक क दइ दिहेस ह। उ मनई तोहसे नीक बाटइ।
29 यहोवा इस्राएल क परमेस्सर अहइ। यहोवा हमेसा रहत ह। यहोवा लबार बोलत नाहीं अउर न ही आपन इरादा बदल देत ह। यहोवा मनइयन क नाईर् नाहीं जउन आपन पक्का बिचार बगदाइ देत ह।”
30 साऊल जवाब दिहेस ह, “ठीक बा, मइँ पाप किहेउँ ह। मुला कृपा कइके मोरे संग लउटा। इस्राएल क मनइयन अउ नेता लोगन क समन्वा कछू मान द्या। मोरे संग लउटि आवा जेहसे मइँ तोहरे यहोवा परमेस्सर क आराधना कइ सकउँ।”
31 समूएल साऊल क संग लउटि गवा अउ साऊल यहोवा क आराधना किहेस।
32 समूएल कहेस, “अमालेकियन क राजा अगाग क मोरे लगे लइ आवा।” अगाग समूएल क समन्वा आवा।अगाग जंजीरे मँ बाँधा रहा। अगाग सोचेस, “फुरइ इ मोका मारी नाहीं।”
33 मुला समूएल अगाग स कहेस, “तोहार तरवारि गदेलन क ओनकइ महतारी स छीनि लिहेस। ऍह बरे अब तोहरी महतारी क कउनो लरिका न रही।” अउर समूएल गिलगाल मँ यहोवा क समन्वा अगाग क बोटी बोटी कइ डाएस।
34 तब समूएल हुवाँ स चला अउ रामा पहोंचा। अउर साऊल आपन घर गिबिया क गवा।
35 ओकरे पाछे समूएल आपन पूरी जिन्नगी साऊल क नाहीं लखेस। समूएल साऊल बरे बहोत दुःखी रहा। अउर यहोवा क बहोत दुःख भवा कि उ पचे साऊल क इस्राएल क राजा बनएन।
1 Samuel 16
1 यहोवा समूएल स कहेस, “तू कब ताईर् साऊल बरे दुःखी रहब्या? मइँ तोहका बताइ दिहेउँ ह कि साऊल इस्राएल क राजा न होइ तउ भी तू पछतात बाट्या। आपन सींग मँ तेल भरा अउ चल पड़ा। मइँ तोहका यिसै नाउँ क मनई क लगे पठवत हउँ। यिसै बेतलेहेम मँ रहत ह। मइँ ओकरे पूतन मँ स एक क नवा राजा चुनेउँ ह।”
2 मुला समूएल कहेस, “जदि मइँ जाउँ तउ साऊल इ खबर क सुनी। तबहिं उ मोका मारि डावइ क जतन करी।”यहोवा कहेस, “बेतलेहेम जा। एक बछवा आपन संग लइ जा। इ कहा, ‘मइँ यहोवा क बलि चढ़ावइ आइ अहउँ।’
3 यिसै क बलि क टेमॅ बोलांवा। तब मइँ तोहका बताउब कि तोहका का करब अहइ। तोहका उ मनई क अभिसेक करइ चाही जेका मइँ देखाँउब।”
4 समूएल उहइ किहेस जउन यहोवा ओका करइ क कहे रहेन। समूएल बेतलेहेम गवा। बेतलेहेम क पुरख डर स काँप गएन। उ पचे समूएल स भेंटेन अउ उ सबइ ओसे पूछेन, “का आप लोग सान्ति स आइ अहेन?”
5 समूएल जवाब दिहेस, “हाँ, मइँ सान्ति स आवा हउँ। मइँ यहोवा क बलि-भेंट चढ़ावइ आवा हउँ। आपन क तइयार करा अउ मोरे संग बलि भेंट मँ आवा।” समूएल यिसै अउ ओकरे बेटहनन क तइयार किहेस। तब समूएल ओनका आवइ अउ बलि भेंट मँ हाथ बटावइ बरे बोलावा दिहेस।
6 जब यिसै अउर ओकर पूत आएन, तउ समूएल एलीआब क लखेस। समूएल सोचेस, “सचमुच इहइ उ मनई बा जेका यहोवा चुनेस ह।”
7 मुला यहोवा समूएल स कहेस, “एलीआब सुन्नर बा मुला ओकरे बारे मँ जिन विचारा। एलीआब लम्बा बा मुला ओकरे बारे मँ जिन सोचा। परमेस्सर ओन चीजन्क नाहीं निहारत जेका मामूली मनई लखत हीं। लोग मनई क बाहरी रुप क निहारत हीं, मुला यहोवा मनई क हिरदइ क लखत ह। एलीआब नीक मनई नाहीं अहइ।”
8 तब यिसै आपन दूसर पूत अबीनादाब क बोलाएस। अबीनादाब समूएल क लगे स गुजरा। मुला समूएल कहेस, “नाहीं, इहइ उ मनई नाहीं अहइ कि जेका यहोवा चुने बा।”
9 तब यिसै सम्मा क समूएल क लगे स गुजरइ क कहेस। मुला समूएल कहेस, “नाहीं, यहोवा इ मनई क भी नाहीं चुने अहइ।”
10 यिसै आपन साताहु पूतन क समूएल क देखाँएस। मुला समूएल यिसै स कहेस, “यहोवा इ मनइयन मँ स कउनो क भी नाहीं चुने अहइ।”
11 तब समूएल यिसै स पूछेस, “का तोहार सबहिं पूत इ सबइ ही बाटेन?”यिसै जवाब दिहेस, “नाहीं मोर सबन त छोट एक अउर पूत अहइ, मुला उ भेड़िन क रखवारी करत ह।”समूएल कहेस, “ओका बोलावा। ओका हिआँ लिआवा। हम पचे तब तलक खइया क खाइ बरे नाहीं बइठब जब तलक उ आइ नाहीं जात।”
12 यिसै कउनो क आपन सब ते छोटका बेटवा क लइ आवइ बरे पठएस। उ सुन्नर अउ लाल बार वाला नउजवान रहा। इ बहोत सुन्नर रहा।यहोवा समूएल स कहेस, “उठा, एका तेल स अभिसेक करा। इ उहइ व्यक्ति अहइ।”
13 समूएल तेल स लबालब भरा सीगं उठाएस अउ उ खास तेल क यिसै क सब ते छोट पूत क मूँड़े प ओकरे भाई लोगन क समन्वा उड़ेरेस। उ दिना क पाछे यहोवा क आतिमा दाऊद प उतरा। समूएल आपन घर, रामा क लउटि गवा।
14 यहोवा क आतिमा साऊल क तजि दिहेस। तब यहोवा साऊल प एक परेत आतिमा पठएस। उ ओका बहोत परेसान किहेस।
15 साऊल क नउकरन ओसे कहेन, “परमेस्सर क जरिए पठइ गइ एक परेत आतिमा तोहका परेसान करत बाटइ।
16 हम सबन क हुकुम द्या हम पचे कउनो क हेरब जउन वीणा बजाइ। जदि परेत आतिमा यहोवा क हियाँ स तोहरे ऊपर आइ अहइ तउ उ मनई वीणा बजाइ। तब उ परेत आतिमा तोहका अकेल्ले मँ तजि देइ अउर तू चंगा अनुभव करब्या।”
17 ऍह बरे साऊल आपन नउकरन स कहेस, “अइसे मनई क हेरा जउन वीणा ठीक तरह बजावत ह अउर ओका मोरे लगे लइ आवा।”
18 नउकरन मँ स एक कहेस, “बेतलहेम मँ रहइवाला एक मनई अहइ। मइँ यिसै क पूत क लखेउँ ह। उ जानत ह कि वीणा कइसे बजाइ जात ह। उ एक बीर पुरुख भी बा अउ अच्छी तरह लड़त ह। उ चउकन्ना बा अउ सुन्नर भी अहइ अउर यहोवा ओकरे संग अहइ।”
19 ऍह बरे साऊल यिसै क लगे दूत पठएस। उ पचे यिसै स उ कहेस जउन साऊल स कहे रहा। “तोहार पूत दाऊद नाउँ क अहइ। उ तोहार भेड़ी क रखवारी करत ह। ओका मोरे लगे पठवा।”
20 फुन यिसै साऊल क भेंट देइ बरे कछू चीज तइयार किहेस। यिसै एक गदहा, कछू रोटी अउ एक गगरी दाखरस अउ एक बोकरी क बच्चा लिहेस। यिसै उ चीजन क दाऊद क दिहेस, अउर उ साऊल क लगे पठइ दिहेस।
21 इ तरह दाऊद साऊल क लगे गवा अउ ओकरे समन्वा ठाड़ भवा। साऊल दाऊद स बहोत पिआर किहेस। फुन दाऊद साऊल क हथियार लइ चलइवाला बन गवा।
22 साऊल यिसै क लगे एक खबर पठएस, “दाऊद क मोरे लगे रहइ अउ मोर सेवा करइ द्या। मइँ ओका बहोत पसन्द करत हउँ।”
23 जब कबहुँ परमेस्सर क परेत आतिमा साऊल प आवत, तउ दाऊद आपन बाँसुरी उठावत अउ ओका बजावइ लागत। परेत आतिमा साऊल क तजि देत अउ उ चंगा महसूस करइ लागत।
1 Samuel 17
1 पलिस्तियन आपन फउज लड़ाई बरे बटोरेन। उ पचे यहूदा मँ बसा सोको मँ जुद्ध बरे एकट्ठा भएन। ओनकइ डेरा। सोको अउ अजेका क बीच एपेसदम्मीन नाउँ क सहर मँ रहा।
2 साऊल अउ इस्राएली सिपाही भी हुवाँ एक संग जमा भएन। ओनकइ डेरा एला क घाटी मँ रहा। साऊल क फउजी मोर्चा प तैनात पलिस्ती स जुद्ध करइ बरे तैयार रहेन
3 पलिस्ती एक पहाड़ी प रहेन अउ इस्राएली दूसर पहाड़ी प अउर ओकर क बीच मँ घाटी रही।
4 पलिस्तियन मँ एक बरिआर जोध्दा रहा। गोलियत गत से रहा। गोलियत लगभग नौ फीट ऊँचा रहा। गोलियत पलिस्ती डेरा स बाहेर आवा।
5 ओकरे मूँड़े प काँसा का टोपा रहा। उ पट्टीधारी कवच क कोट पहिरे रहा। इ कवच काँसे क बना रहा अउर एकर तौल करीब एक सौ पच्चीस पौण्ड रहा।
6 गोलियत आपन गोड़े मँ काँसा क रच्छा कवच पहिरे रहा। ओकरे लगे काँसा का भाला रहा जउन ओकरी पीठी प बाँधा रहा।
7 गोलियत क भाला क फाल जुलाहे क छड़ क तरह रहा। भाला क फाल क तौल पन्द्रह पौण्ड रही। गोलियत क सहायक गोलियत क ढाल क धरे भए ओकरे आगे आगे चलत रहा।
8 गोलियत रोज रोज बाहेर निकरत रहा अउ उ इस्राएली फउजियन कइँती गोहराइके कहत रहा, “तोहार सब फउजी लड़ाई बरे मोर्चा काहे लगाए बाटेन? तू पचे साऊल क सेवक अहा। मइँ एक पलिस्ती हउँ। ऍह बरे कउनो एक मनई क चुना अउ ओका मोसे लड़इ क पठवा।
9 जदि उ मनई मोका मारि डावत ह तउ हम पलिस्ती तोहार गुलाम होइ जाब। मुला जदि मइँ ओका जीत लिहेउँ अउ तोहरे मनई क मारि डावउँ तउ तू सबइ हमार दास होइ जाया। तब तू पचे हमार सेवा करब्या।”
10 पलिस्ती इ भी कहेस, “आजु मइँ खड़ा हउँ अउ इस्राएल क फउज क मसखरी उड़ावत हउँ। मोका आपन मँ स एक क संग लड़इ द्या।”
11 गोलियत जउन कहे रहा ओका साऊल अउ इस्राएली फउजी सुनेन अउर उ पचे बहोत ससाइ गएन।
12 दाऊद यिसै क पूत रहा। यिसै एप्राती परिवार स यहूदा बेतलेहम स रहा। यिसै क आठ पूत रहेन। साऊल क टेम मँ यिसै एक बुढ़वा मनई रहा।
13 यिसै क तीन बड़का पूत साऊल क संग जुद्ध मँ गवा रहेन। पहिला पूत एलीआब रहा। दूसर पूत अबिनादाब रहा। अउर तीसर पूत सम्मा रहा।
14 दाऊद सबसे छोटा बेटवा रहा। तीनउँ बड़े बेटवन साऊल क फउज मँ रहेन।
15 मुला दाऊद कबहुँ कबहुँ बेतलेहेम मँ आपन पिता क भेड़ी क रखवारी करइ बरे साऊल क लगे स चला जात रहा।
16 पलिस्ती गोलियत हर रोज भिन्सारे-साँझ क बाहेर आवत रहा अउ इस्राएल क फउज क समन्वा खड़ा होइ जात रहा। गोलियत चालीस दिन तलक इ तरह इस्राएल क मसखरी उड़ावत रहा।
17 एक दिना यिसै आपन पूत दाऊद स कहेस, “पका भवा दाना क इ टोपा अउ इ दस रोटी क डेरा मँ आपन भाई लोगन क लगे लइ जा।
18 पनीर क इ दस लोंदा क भी एक हजार सिपाहियन वाली आपन भाई क टुकड़ी क नायक अफसर क लगे लइ जा। लखा कि तोहार भाई कइसे अहइँ। कछू अइसा साच्छी लावा जेसे मोका पता लागइ कि तोहार भाई ठीक-ठाक बाटेन।
19 तोहार भाई साऊल क संग अहइँ अउ इस्राएल क सब फउजी एला घाटी मँ जमा अहइँ। उ पचे पलिस्ती क खिलाफ लड़त अहइँ।”
20 भोर होत भिन्सारे दाऊद भेड़ी क रखवारी दूसर गड़रिया क सौंपेस। दाऊद खइया क खाएस अउ हुवाँ बरे चल पड़ा जहाँ खातिर यिसै कहे रहा। दाऊद आपन गाड़ी क डेरा मँ लइ गवा। उ समइया फउजी आपन लड़ाइ मँ मोर्चा थामइ जात रहेन जब दाऊद हुवाँ पहुँचा। फउजी आपन जुद्ध क बिगुल बजावइ लागेन।
21 इस्राएल अउ पलिस्ती आपन आपन मनइयन क जुद्ध मँ एक दूसर स भिड़इ बरे पंक्ती-बध करत रहेन।
22 दाऊद भोजन अउ चीजन क उ मनई क लगे तजि दिहेस जउन सामान क बाँटत रहा। दाऊद पराइके उ ठउरे प पहोंचा जहाँ इस्राएली फउजी रहेन। दाऊद आपन भाइयन क बारे मँ पूछेस।
23 दाऊद आपन भाइयन क संग बात करब सुरु किहेस। उहइ टेम पलिस्ती सबन त बरिआर जोधा जेकर नाउँ गोलियत रहा अउर जउन गथ क बसइया रहा, पलिस्ती फउज स बाहेर आवा। पहिले क तरह गोलियत इस्राएल क खिलाफ उहइ बात नरियाइके कहेस।
24 इस्राएली फउजी गोलियत क लखेन अउर पराइ गएन काहेकि उ लोगन बहोत डरे भवा रहा।
25 इस्राएली मनइयन मँ स एक कहेस, “अरे देसबासियो! तोहमाँ स कउनो लखेस ह जउन बार-बार इस्राएल क हँसी उड़ावत ह। जउन कउनो उ मनई क मार देइ धनी होइ जाइ। राजा साऊल ओका बहोत धन देइ। साऊल आपन बिटिया क उ मनई स बीहि देइ जउन गोलियत क मार देइ। अउर साऊल उ व्यक्ति क परिवार क इस्राएल मँ अजाद कइ देइ।”
26 दाऊद आपन बगली खड़ा मनई स पूछेस, “उ का कहेस? इ पलिस्ती क मारइ अउ इस्राएल क इ बेज्जती क दूर करइ क इनाम का अहइ? आखिर मँ इ गोलियत बाटइ का? सिरिफ इ एक बिदेसिया बा। गोलियत एक पलिस्ती स जियादा कछू नाहीं। उ काहे सोचत ह कि उ सोझइ परमेस्सर क फउज क खिलाफ बोल सकत ह?”
27 ऍह बरे इस्राएलियन गोलियत क मारइ क इनाम क बारे मँ बताएन।
28 दाऊद क बड़ा भाई एलीआब दाऊद क फउजी स बात करत सुनेस। एलीआब दाऊद प कोहाइ गवा। एलीआब दाऊद स पूछेस, “तू हिआँ काहे आया? रेगिस्तान मँ उ थोड़ी स भेड़ी क केकरे लगे तजिके आया ह? मइँ जानत हउँ कि तू हिआँ काहे आया ह? तू उ करब नाहीं चाहत्या जउन तोहसे करइ क कहा गवा रहा। तू सिरिफ हिआँ जुद्ध लखइ बरे आवइ चाहत बाट्या।”
29 दाऊद कहेस, “अइसा मइँ का किहेउँ ह? मइँ कउनो गलती नाहीं किहेउँ ह। मइँ सिरिफ बात करत रहेउँ।”
30 दाऊद दूसर मनइयन कइँती मुड़ा अउ ओनसे उ सबइ सवाल किहेस। उ पचे दाऊद वइसे ही जवाब दिहेन।
31 कछू मनइयन दाऊद स बात करत सुनेन। उ पचे दाऊद क बारे मँ साऊल स कहेस। साऊल हुकुम दिहेस कि उ पचे दाऊद क ओकरे लगे लइ आवइँ।
32 दाऊद साऊल स कहेस, “कउनो मनई क ओकरे कारण हिम्मत हारइ जिन द्या। मइँ आपक सेवक हउँ। मइँ इ पलिस्ती स लड़इ जाब।”
33 साऊल जवाब दिहेस, “तू फिलिस्तीन क खिलाफ जुद्ध मँ नाहीं जाइ सकत्या। तू अबहुँ छोटा बच्चा बाट्या। गोलियत जब बच्चा रहा, तबहिं स जुद्ध मँ लड़त रहा।”
34 मुला दाऊद साऊल स कहेस, “मइँ आपक सेवक अहउँ। अउर मइँ आपन बाप क भेड़ी क रखवारी भी करत रहेउँ ह। जदि कउनो सेर या रीछ आवत अउ झुण्ड स कउनो भेड़ी क उठाइ लइ जात।
35 तउ मइँ ओकर पाछा करत रहेउँ। मइँ आपन भेड़ी क बचावइ बरे उ जंगली जनावर प हमला करत रहेउँ अउ ओका मारत रहेउँ। अउर जदि उ मोर तरफ मुड़तेन अउर मुझ पइ हमला करतेन तउ मइँ ओकर गरदन क नीचे क बार पकड़तेन अउर मातेन अउर ओका मरि डालतेन।
36 मइँ एक सेर अउ एक ठु रीछ क मारेउँ ह। मइँ इ विदेसी गोलियत क वइसे मार डाउब। गोलियत मरी, काहेकि उ साच्छात परमेस्सर क फउज क मसखरी किहेस ह।
37 यहोवा मोका सेर अउ रीछ स बचाएस ह। यहोवा इ पलिस्ती गोलियत स भी मोर रच्छा करिहीं।”साऊल दाऊद स कहेस, “जा यहोवा तोहरे संग होइँ।”
38 साऊल आपन ओढ़ना दाऊद क पहिराएस। साऊल एक काँसा क टोप दाऊद क सिर प धरेस अउ ओकरे तन प कवच पहिराएस।
39 दाऊद तरवार क लिहेस अउ ओका कवच पइ बाँधेस अउर चलइ क कोसिस किहेस, मुला उ उस भारी भरकम कवच क लेकर चल नाहीं सकत काहेकि उ ओन भारी चीजन क पहिरइ क आदत नाहीं रही।दाऊद साऊल स कहेस, “मइँ इ चीजन्क संग नाहीं लड़ सकत्या। मोर आदत ओनके बरे नाहीं बा।” ऍह बरे दाऊद ओन सबन क उतार दिहस।
40 दाऊद आपन टहरइ क छड़ी आपन हाथे मँ लिहस। नदी क तले स दाऊद पाँच चीकन पाथर चुनेस। उ ओन पाथरन क आपन गड़रियावाला झोरी मँ राखेस। उ आपन गोफना (गुलेल) आपन हाथे मँ लिहस अउर उ पलिस्ती गोलियत स मिलइ चल पड़ा।
41 पलिस्ती गोलियत धीमे धीमे दाऊद क नगिचे अउर नगिचे स नगिचे होत गवा। गोलियत क सहायक ओकर ढाल लइके ओकरे आगे चलत रहा।
42 गोलियत दाऊद क निहारेस अउ हँसा। गोलियत लखेस कि दाऊद फउजी नाहीं बा। उ सिरिफ लाल बारेवाला जवान लरिका अहइ।
43 गोलियत दाऊद स कहेस, “इ छड़ी काहे बरे बाटइ? का तू कूकुर क नाईर् मोर पाछा कइके मोका भगावइ आवा बाट्या।” तब गोलियत आपन देवतन क नाउँ लइके दाऊद क खिलाफ सरापेस।
44 गोलियत दाऊद स कहेस, “हिआँ आवा, मइँ तोहरे तने क पंछी अउ पसू क खियाइ देब।”
45 दाऊद पलिस्ती गोलियत स कहेस, “तू मोरे लगे तरवार, बछीर् अउ भाला चलावइ आवा अहा। मुला मइँ तोहरे लगे इस्राएल क फउज क परमेस्सर सर्वसक्तीमान यहोवा क नाउँ प आवा हउँ। तू ओनके खिलाफ बुरी बात कह्या ह।
46 आजु यहोवा तोहका मोसे हराइ देइहीं। मइँ तोहका मारि डइहउँ। आजु मइँ तोहार मूँड़ कटिहउँ अउ तोहरे देह क पंछी अउ जंगली जनावर क खियाइ देइहउँ। हम पचे दूसर पलिस्तियन क संग हिअँइ करब। तब्बइ समूचइ संसार जानी कि इस्राएल मँ परमेस्सर बा।
47 हिआँ बटुरा सबहिं मनइयन जनिहइँ कि मनइयन क रच्छा बरे यहोवा क तरवार अउ भाला क सरोकार नाहीं। जुद्ध यहोवा क बा। अउर यहोवा तू सबहिं पलिस्तियन क हरावइ मँ हमार मदद करी।”
48 पलिस्ती गोलियत दाऊद प हमला करइ ओकरे लगे आवा। दाऊद गोलियत स भिड़इ तेजी स दउड़ा।
49 दाऊद एक पाथर आपन झोरी स निकारेस। उ ओका आपन गोफना प चढ़ाएस अउ ओका चलाएस अउ उ गोलियत क कपाल प चोट किहेस। पाथर ओकरे कपाल मँ गहिर घुसि गवा अउ गोलियत मुँहे क बल गिर पड़ा।
50 इ तरह दाऊद एक गोफना अउ एक पाथर स पलिस्ती क हराइ दिहस। उ पलिस्ती प चोट किहेस अउ ओका मार डाएस। दाऊद क लगे कउनो तरवार नाहीं रही।
51 ऍह बरे, दाऊद दउड़ा अउ पलिस्ती क बगल मँ खड़ा होइ गवा। दाऊद ओका खुद क तरवार ओकरी मियान स निकारेस अउर ओसे गोलियत क मूँड़ क ओकर सरीर स अलग कइ दिहस। इ तरह उ ओका मारेस।जब दूसर पलिस्तियन लखेन कि ओनकइ फउज क प्रमुख मारा गवा अहइ तउ उ पचे मुड़ेन अउ भाग गएन।
52 इस्राएल अउ यहूदा क फउजी सिपाही चिचियाएन अउ पलिस्तियन क पाछा पलिस्तियन क गत सहर क चउहद्दी तलक अउ एक्रोन क फटके तलक किहेस। उ पचे ढेर पलिस्तियन क मारेन। ओनकइ ल्हास सारैंम सड़क प गत अउर एक्रोन कइँती बिछ गएन।
53 पलिस्तियन क पाछा करइ क पाछे इस्राएली पलिस्तियन क डेरा मँ लौटेन। इस्राएली उ डेरा स बहोत स चीज ढोइ लइ गएन।
54 दाऊद पलिस्ती प्रमुख गोलियत क मूँड़ यरूसलेम लइ गवा। दाऊद पलिस्तियन क औजार क अपने लगे तम्बू मँ राखेस।
55 साऊल दाऊद क गोलियत स लड़इ बरे जात निहारे रहा। साऊल सेनापति अब्नेर स बात किहेस, “अब्नेर, उ नउजवान क “बाप कउन अहइ?”अब्नेर जवाब दिहेस, “महाराज, मइँ किरिया खाइके कहत हउँ-मइँ नाहीं जानत।”
56 राजा साऊल स कहेस, “पता लगावा कि उ नउ जवान क पिता कउन अहइ।”
57 जब दाऊद गोलियत क मारे क पाछे लउटा तउ अब्नेर ओका साऊल क लगे लइ आवा। दाऊद तब भी फिलिस्तीनी क मूँड़ हाथे मँ धरे रहा।
58 साऊल ओसे पूछेस, “जवान मनई तोहार पिता के अहइँ?”दाऊद जवाब दिहस, “मइँ आप क सेवक बेतलेहेम क यिसै क पूत हउँ।”
1 Samuel 18
1 दाऊद जब साऊल स बात पूरी कइ लिहस तब योनातान, दाऊद क बहोत खासमखास मीत बन गवा। योनातान दाऊद स ओतॅना ही पिरेम करइ लाग जेतँना आपन स।
2 साऊल उ दिन क पाछे दाऊद क आपन लगे राखेस। साऊल दाऊद क ओकरे घर पिता क लगे नाहीं जाइ दिहस।
3 योनातान दाऊद स बहोत खासमखास मीत रहा। योनातान दाऊद स एक समझौता किहेस।
4 योनातान जउन कोट पहिरे रहा ओका उतारेस अउ दाऊद क दइ दिहस। योनातान आपन सारी वदीर् दाऊद क दइ दिहस। उ आपन धनुस, तरवार अउ कमर बंद भी दाऊद क दइ दिहस।
5 साऊल दाऊद क अलग अलग जुद्ध मँ लड़इ पठएस। दाऊद बहोत कामयाब रहा। तबहिं साऊल ओका फउजियन क ऊपर प्रभारी बनएस। एहसे सब खुस भएन, हिआँ तलक कि साऊल क सब अफसर भी खुस भएन।
6 दाऊद पलिस्तियन क खिलाफ लड़इ जात रहा। जुद्ध क पाछे उ घर लउटत रहा। इस्राएल क सबहिं सहरन स मेहररुअन साऊल क समन्वा दाऊद क सुआगत मँ ओसे भेंटइ आवत रहिन। उ सबइ हँसतिन, नाचतिन अउ ढोलक अउ सितार तीन या जियादा धागा वाला क बजावत रहतिन। उ सबइ दाऊद क समन्वा आपन खुसी जाहिर करत रहिन।
7 मेहररुअन गावत रहिन,“साऊल हजारन क मारेस।दाऊद दसहु हजारन क मारेस।”
8 मेहररुअन क इ गीत साऊल क दुःखी कइ दिहस। उ बहोत कोहाइ गवा। साऊल सोचेस, “मेहररुअन दाऊद क प्रसंसा करत अहइँ कि उ दसहु हजार मारेस ह। अउर उ पचे कहत अहइँ कि मइँ सिरिफ हजार मारेउँ। ओका कब्जा करइ बरे का बचा सिरफ, बादसाहत हीं?”
9 ऍह बरे उ समइ स साऊल दाऊद प निगाह रखइ लाग।
10 दूसरे दिन परमेस्सर स पठइ गइ एक दुट्ठ आतिमा साऊल पर जोर स सवारी भरेस। साऊल आपन घर मँ बहसी होइ ग।दाऊद पहिले क तरह वीणा बजाएस।
11 मुला साऊल क हाथे मँ भाला रहा। साऊल सोचेस, “मइँ दाऊद क देवारे मँ ठोंक देब।” साऊल दुइ बार भाला स हमला किहेस, मुला दाऊद बचि गवा।
12 यहोवा दाऊद क संग रहा। अउर यहोवा साऊल क तजि दिहेस। ऍह बरे साऊल दाऊद स डेरान रहा।
13 साऊल दाऊद क आपन स दूर पठइ दिहस। साऊल दाऊद क दस हजार क सेनापति बनाएस। दाऊद जुद्ध मँ फउजियन क अगुअइ किहेस।
14 यहोवा दाऊद क संग रहा। ऍह बरे दाऊद हर कहूँ सफल रहत रहा।
15 साऊल लखेस कि दाऊद क बहोत जिआदा कामयाबी मिलत बाटइ तउ साऊल दाऊद स अउर भी जिआदा ससाइ लाग।
16 मुला इस्राएल अउ यहूदा क सबहिं मनई दाऊद स पिरेम करत रहेन। उ पचे ओसे पिरेम ऍह बरे करत रहेन काहेकि उ जुद्ध मँ ओनका रस्ता देखँावत रहा अउ ओनकइ बरे लड़त रहा।
17 साऊल दाऊद क मार डावइ चाहत रहा। साऊल दाऊद क धोख देइ क एक उपाय सोचेस। साऊल दाऊद स कहेस, “इ मोर सबन ते बड़की बिटिया मेरब अहइ। मइँ तोहका एहसे बियाह करइ देब। तबहिं तू सक्तीसाली जोधा होइ जाब्या। तू हमरे पूत क नाईर् होब्या। तब तू जाया अउ यहोवा क जुद्ध लड़्या।” इ एक चाल रही। साऊल सचमुच अब इ तखड़ा बखड़ा करत रहा, “इ तरह दाऊद क मोका दाऊद क मारइ क न होइ। मइँ पलिस्तियन स ओका आपन खातिर मरवाइ देब।”
18 मुला दाऊद कहेस, “मइँ कउनो खास परिवारे स नाहीं अहउँ। अउर मोर कउन हस्ती कि मइँ राजा क बिटिया क संग बियाह कइसे कइ सकत हउँ?”
19 तउ फुन जब साऊल क बिटिया मेरब क दाऊद क संग बियाह टेमॅ आवा तब साऊल मेहोलाई क अद्रीएल स ओकर बियाह कइ दिहस।
20 साऊल दूसर बिटिया मीकल दाऊद स पियार करत रही। मनइयन साऊल स कहेन कि मीकल दाऊद स पियार करत ह। एहसे साऊल क खुसी भइ।
21 साऊल सोचेस, “मइँ मीकल क साऊल क झाँसा देइ मँ बइपरब। मइँ मीकल क दाऊद स बियाह करइ देब। तब पलिस्तियन दाऊद क खिलाफ होइ जाब अउ उ पचे ओका मरि देब।” ऍह बरे साऊल दाऊद स दूसर दाईर् कहेस, “आजु तू मोरी बिटिया स बियाह कइ सकत ह।”
22 साऊल आपन अफसरन क हुकुम दिहेस, “दाऊद स छिपके बात करा, उ ओनसे कहा, ‘देखा, राजा तोहका पसन्द करत ह। ओकर अफसर तोहका पसन्द करत हीं। तोहका ओकरी बिटिया स बियाह कइ लेइ चाही।’“
23 साऊल क अफसरन उ बातन दाऊद स कहेन। मुला दाऊद जवाब दिहस, “का तू पचे समझत ह कि राजा क दमाद बनब सहल बाटइ? मोरे लगे ऍतना धन नाहीं कि राजा क राजकुमारी क दइ सकउँ। मइँ तउ एक साधरण गरीब मनई हउँ।”
24 साऊल क अफसरन साऊल क उ सब बताएन जउन दाऊद कहे रहा।
25 साऊल ओनसे कहेस, “दाऊद स इ कहा, ‘दाऊद, राजा इ नाहीं चाहत कि तू ओकरी बिटिया बरे धन द्या। साऊल आपन दुस्मनन स बदला लेइ चाहत ह। ऍह बरे बियाह करइ बरे कीमत क रुप मँ सिरिफ एक सौ पलिस्तियन क लिंग क खलरी अहइ।’“ इ साऊल क छिपी चाल रही। साऊल सोचेस कि पलिस्ती इ तरह दाऊद क मारि डइहीं।
26 साऊल क अफसरन दाऊद स इ सब बातन कहेन। दाऊद राजा क दमाद बनइ चाहत रहा, ऍह बरे उ तुरंतही कछू कइ देंखाएस।
27 दाऊद अउ ओकर मनई पलिस्तियन क खिलाफ लड़इ आएन। उ पचे दुइ सौ पलिस्ती मारि डाएन। दाऊद ऍनकइ लिंग क खलरी लिहेस अउ साऊल क दइ दिहेस। दाऊद इ ऍह बरे किहस काहेकि उ राजा क दमाद बनइ चाहत रहा।साऊल दाऊद क आपन बिटिया मीकल स बियाह करइ दिहस।
28 साऊल निहारेस कि यहोवा दाऊद क संग रहा। मुला साऊल इ भी धियान मँ राखेस कि ओकर बिटिया मीकल दाऊद स पियार करत रही।
29 ऍह बरे साऊल दाऊद स अउर भी जिआदा ससाइ गवा। साऊल उ पूरा टेमॅ दाऊद क खिलाफ रहा।
30 इस्राएलियन क खिलाफ लड़इ बरे पलिस्ती सेनापति बाहेर निकरत रहेन। मुला हर दाईर् दाऊद ओनका हराएस। दाऊद साऊल क सबहिं अफसरन मँ सब स जिआदा सफल रहा तउ दाऊद मसहूर होइ गवा।
1 Samuel 19
1 साऊल आपन पूत योनातान अउ आपन अफसरन क दाऊद क मार डावइ बरे कहेस। मुला योनातान दाऊद क बहोतइ चाहत रहा।
2 योनातान दाऊद क चिताउनी दिहेस, “होसियार रहा, साऊल तोहका जान स मारि डावइ क मौका तलासत बाटइ। भिन्सारे खेते मँ जाइके लुकाइ जा। मइँ आपन बाप क संग खेते मँ जाब। जहाँ तू लुकान रहब्या हम पचे हुआँ खेते मँ खड़ा रहब। मइँ तोहरे बारे मँ आपन बाप स बतियाब। जउन मोका जानि पड़ी तउन तोहका बताउब।”
3
4 योनातान आपन बाप साऊल स बतियान। योनातान दाऊद क बारे मँ नीक नीक बात कहेस। योनातान कहेस, “आप राजा अहइँ। दाऊद आपक सेवक बाटइ। दाऊद आप क कउनो नोसकान नाहीं पहुँचाए बाटइ। ऍह बरे ओकरे संग कछू बुरा जिन करा। दाऊद हमेसा आप बरे नीक रहा ह।
5 दाऊद आपन जिन्नगी प खेला रहा जब उ पलिस्ती गोलियत क मारे रहा। यहोवा समूचइ इस्राएल बरे एक बड़की जीत पाए रहेन। आप ओका निहारेन अउ आप ओह प बहोत खुस रहेन। आप दाऊद क नोसकान काहे पहुँचावइ चाहत बाटेन? उ बड़ा मासूम अहइ। ओका मारि डावइ क कउनो कारण नाहीं अहइ।”
6 साऊल योनातान क सुनेस। साऊल प्रण किहेस। साऊल कहेस, “यहोवा जब ताईर् जिन्दा रहत ह तब ताईर् दाऊद मारा न जाई।”
7 ऍह बरे योनातान दाऊद क बोलाएस। उ ओसे उहइ कहेस जउन साऊल योनातान स कहेस। तबहिं योनातान दाऊद क साऊल क लगे लइ आवा। इ तरह दाऊद साऊल क हाजिरी मँ पहिले क तरह होइ गवा।
8 फुन जुद्ध सुरु भवा। अउर दाऊद पलिस्तियन स जुद्ध करइ गवा। उ पलिस्तियन क हराएस अउर उ पचे ओकरे समन्वा पराइ गएन।
9 मुला यहोवा क जरिए पठइ गइ दुट्ठ आतिमा साऊल प सवारी भरेस। साऊल आपन घरे मँ बइठा रहा। साऊल क हाथे मँ ओकर भाला रहा। दाऊद वीणा बजावत रहा।
10 साऊल दाऊद प हमला किहेस अउ आपन भाला स ओका देवारे प ठोंक देइ क जतन किहेस। दाऊद फँादि क निकरि गवा अउ भाला देवारे स टकराइ क रहि गवा। तउ उहइ राति दाऊद हुआँ स पराइ निकरा।
11 साऊल मनइयन क दाऊद क घरे पठएस। मनइयन दाऊद क घरे निगरानी करत रहेन। उ पचे राति भइ हुँवई ठहरेन। उ सबइ भिन्सारे दाऊद क मारि डावइ बरे जोहत रहेन। मुला दाऊद क मेहरारु मीकल ओका हुसियार कइ दिहस। उ कहेस, “तोहका आजु क राति पराइ निकरइ चाही। अउ आपन जिन्नगी क रच्छा करइ चाही। जदि तू अइसा न करब्या, तउ भियान मारि दीन्ह जाब्या।”
12 फुन मीकल दाऊद क खिड़की स खाले उतारि दिहस अउर उ हुआँ स पराइ निकरा।
13 मीकल आपन परिवार क देवता क मूरत लिहस अउ ओका बिछउना प ओलार दिहस। मीकल उ मूरत प ओढ़ना डाइ दिहस। उ ओकरे मूँड़े प बोकरी क बार भी लगाइ दिहस।
14 साऊल दाऊद क बंदी बनावइ बरे दूत पठएस। मुला मीकल कहेस, “दाऊद बेमाँर बा।”
15 तउ पचे हुवाँ स गएन अउर उ सबइ साऊल स जाइके इ बताइ दिहेन, मुला उ पचे दूतन क दाऊद क लखइ बरे वापस पठइ दिहन। साऊल इ सब मनइयन स कहेस, “दाऊद क मोरे लगे लइ आवा। अगर जरुरत होइ तउ ओका आपन बिछउना प ओलरा भवा उठाइ लिआवा। मइँ ओका मारि डाउब।”
16 तउ दूत फुन दाऊद क घरे गएन। उ पचे दाऊद क धरइ भीतर गएन, मुला हुवाँ उ पचे लखेन कि बिछउना प सिरिफ एक ठु मूरत रही। उ पचे लखेन कि ओकर बार बस बोकरी क बार रहेन।
17 साऊल माइकल स कहेस, “तू मोका इ तरह काहे धोखा दिहा? तू मोरे दुस्मन क पराइ जाइ दिहा। दाऊद पराइ गवा अहइ।” माइकल साऊल क जवाब दिहेस, “दाऊद मोसे कहे रहा कि उ मोका मारि डाइ जदि मइँ पराइ जाइ मँ ओकर मदद न करब।”
18 दाऊद हिफाजत स बचि के निकरि गवा। दाऊद समूएल क लगे रामा पहोंचा। दाऊद समूएल स उ सब बताएस जउन साऊल ओकरे संग किहे रहा। तब दाऊद अउ समूएल ओन डेरन मँ गएन जहाँ नबियन रहत रहेन अउ उ हुवँइ थमा गएन।
19 साऊल क पता लाग कि दाऊद रामा क नगिचे डेरा मँ रहन।
20 साऊल दाऊद क बंदी बनावइ बरे मनइयन क पठएस। मुला जब उ पचे डेरन मँ पहोंचेन तउ उ टेमॅ नबियन क एक टुकरी भबिस्सबाणी करत रही। समूएल नबियन क अगुअइ करत भवा हुआँ खड़ा रहा। परमेस्सर क आतिमा साऊल क दूतन प ओतरी अउर उ पचे भविस्सबाणी करइ लागेन।
21 साऊल इ बारे मँ सुनेस, ऍह बरे उ हुवाँ दूसर दूत पठएस। मुला उ सबइ भविस्सबाणी करइ लागेन। ऍह बरे साऊल तिसरी दाईर् दूत पठएस। अउर उ पचे भी भविस्सबाणी करइ लागेन।
22 आखिर मँ साऊल खुद रामा पहोंचा। साऊल सेकु मँ खरिहाने क नगिचे एक ठु बड़का कुआँ क लगे आवा। साऊल पूछेस, “समूएल अउ दाऊद कहाँ बाटेन?”मनइयन जवाब दिहेन, “रामा क नगिचे डेरा मँ।”
23 तबहिं साऊल रामा क नगिचे डेरा मँ गवा। परमेस्सर क आतिमा साऊल प उतरी अउर साऊल भविस्सबाणी करब सुरु किहेस। साऊल रामा क डेरा तलक लगातार भबिस्सबाणी करत गवा।
24 तब साऊल आपन ओढ़ना उतारेस। इ तरह साऊल भी समूएल क समन्वा भबिस्सबाणी करत रहा। साऊल हुवाँ सारा दिन अउ सारी रात नंगा होइके ओलरा रहा।इहइ कारण स कहतूत चल गइ कि, “का साऊल नबियन मँ स कउनो एक बाटइ?”
1 Samuel 20
1 दाऊद रामा क नगिचे डेरा स पराइ गवा। दाऊद योनातान क लगे पहोंचा अउ ओसे पूछेस, “मइँ कउन सा गलती किहेउँ ह? मोर अपराध का अहइ? तोहार बाप मोका मारइ क काहे चाल चपेट करत बाटइ?”
2 योनातान जवाब दिहेस, “इ फुरे नाहीं बाटइ। मोर बाप तोहका मारइ क जतन नाहीं करत अहइ। मोर बाप मोका पहिले बगैर बताए कछू नाहीं करत। इ खास बात नाहीं कि इ बात खास होइ या तुच्छ, मोर बाप हमेसा मोका बतावत हीं। मोर बाप मोका इ बतावइ स काहे इन्कार करिहीं कि उ पचे तोहका मारि डावइ चाहत हीं? नाहीं, का इ फुर नाहीं बा।”
3 मुला दाऊद जवाब दिहेस, “तोहार बाप ठीक तरह जानत बाटेन कि मइँ तोहार मीत अहउँ। तोहार बाप आपन मने मँ इ विचारे अहइँ, ‘योनातान, क इ बारे मँ जानकारी नाहीं होइ चाही। जदि उ जानी तउ दाऊद स कहि देइ।’ मुला जइसे यहोवा क होब फुरे बाटइ अउर तू जिअत बाट्या, उहइ तरह इ भी फुर अहइ कि मइँ मउत क जिआदा नगिचे अहउँ।”
4 योनातान दाऊद स कहेस, “मइँ उ सब कछू करब जउन तू मोसे करवावइ चाहत बाट्या।”
5 तबहिं दाऊद कहेस, “लखा भियान नवा चन्द्रिमा क जलसा अहइ। मोका राजा क संग भोजन करइ क अहइ। मुला मोका तीसरे साँझ ताईर् खेत मँ लुकाइ रहइ द्या।
6 अगर तोहरे बाप क इ जान ‘पड़इ कि मइँ टरि गवा हउँ तउ ओनसे कह्या कि दाऊद आपन घरे बेतलेहेम जाइ चाहत रहा। ओकर परिवार इ महीना क बलि खातिर खुद न्यौता देत बाटइ। दाऊद मोसे पूछेस कि मइँ ओका बेतलेहेम जाइ अउ ओकरे परिवारे स ओका भेंटइ देउँ।’
7 अगर तोहार पिता कहत बाटेन, ‘बहोतइ नीक भवा,’ तउ मइँ अच्छी तरह बचा हउँ। मुला अगर तोहार बाप कोहाइ जात हीं तउ बूझा कि मोर अनभल करइ चाहत हीं।
8 योनातान मोहे प दाया करा। मइँ तोहार चाकर अहउँ। तू यहोवा क समन्वा समझौता किहे अहा। अगर मइँ अपराधी अहउँ तउ तू खुद मोका मारि सकत ह। मुला मोका आपन बाप क लगे जिन लइ जा।”
9 योनाताना जवाब दिहेस, “नाहीं, कबहुँ नाहीं। अगर मइँ जान जाब कि मोर पिता तोहार अनभल करइ चाहत हीं तउ तोहका होसियार कइ देब।”
10 दाऊद कहेस, “अगर तोहार पिता करी होइके जवाब देत हीं तउ ओकरे बारे मँ मोका कउन बताई?”
11 तबहिं योनातान कहेस, “आवा, हम पचे खेते मँ चली।” तउ योनातान अउ दाऊद एक संग खेते मँ चला गएन।
12 योनातान दाऊद स कहेस, “मइँ इस्राएल क यहोवा परमेस्सर क समन्वा इ प्रण किहेउँ ह। मइँ प्रण करत हउँ कि मइँ तखराउब बखराउब कि मोर पिता तोहरे बरे कइसा बिचार धरत हीं। मइँ पता लगाउब कि उ तोहरे बारे मँ नीक बिचार रखत हीं कि नाहीं। तउ तीन दिना मँ मइँ तोहरे खेते मँ खबर पठउब।
13 अगर मोर पिता तोह पइ वार करइ चाहत हीं, तउ मइँ तोहका जानकारी देब। मइँ तोहका हिआँ स सुरच्छित जाइ प्रबंध कइ देब। यहोवा तोहका हिआँ स सुरच्छित होइके जाइ देइहीं। यहोवा मोका सजा देइँ, जदि मइँ अइसा न करउँ। यहोवा तोहरे संग रहइँ, जइसा उ मोरे पिता क संग रहेन ह।
14 जब तलक मइँ जिअत रहउँ मोरे प दाया राख्या। अउ जब मइँ मरि जाउँ तउ
15 मोरे परिवारे प दाया करब बन्द जिन कर्या। यहोवा दाऊद क सबहिं दुस्मनन क धरती स नास कइ देइहीं।
16 अगर उ समइ योनातान क परिवार दाऊद क परिवारे स अलगाइ दीन्ह जाइ क होइ, तउ ओका होइ जाइ द्या। दाऊद क दुस्मनन क यहोवा सजा देइहीं।”
17 तब योनातान दाऊद स कहेस कि उ ओकरे बरे पिरेम क प्रण क दोहराइ देइ। योनातान इ ऍह बरे किहेस काहेकि उ दाऊद स ओतना ही पिरेम करत रहा जेतना उ अपने स।
18 योनातान दाऊद स कहेस, “भियान नवा चन्द्रिमा क जलसा अहइ। तोहार आसन खाली रही। ऍह बरे मोर बाप समुझ जइहीं कि तू चला ग अहा।
19 तीसरे दिना उहइ जगह प जा जहाँ तू इ परेसानी सुरु होइ क पहिले लुकान रह्या। उ पहाड़ी क बगल मँ प्रतीच्छा करा।
20 अउर मइँ इस पहाड़ी क बगल स तीन अइसा बाण छोड़ब, जइसे मइँ कउनो निसान प बाण मारत हउँ।
21 तब मइँ बाण क हेरइ बरे, आपन अउजार क ढोवइया लरिका स जाइ बरे कहब। जदि सब कछू नीक होइ तउ मइँ लरिका स कहब, ‘तू बहोतउ दूर निकरि गवा अहा बाण तउ मोरे लगे बाटइ। लउटा अउ ओका उठाइ लइ आवा।’ जदि मइँ अइसा कहेउँ तउ तू लुकाइ क जगह स बाहेर आइ सकत ह। मइँ बचन देत अही कि तू जइसे यहोवा हमेसा बना रहत ह वइसे तू बचा रहब्या। कउनो भी खतरा नाहीं बा।
22 मुला जदि खतरा होइ तउ मइँ लरिका स कहब। ‘बाण बहोतइ दूर बाटइ, जा अउ ओका लइ आवा।’ अगर मइँ अइसा कहेउँ तउ तोहका चला जाइ चाही।
23 हमरे अउ आपन बीच क समझौता क सुमिरिके राखा। यहोवा हमेसा बरे गवाह बा।”
24 तउ दाऊद खेते मँ लुकाइ गवा।नवा चन्द्रिमा क जलसा क टेॅम आवा अउ राजा खइया बरे बइठा।
25 राजा देवार क निचके हुवइँ बइठा जहाँ अक्सर उ बइठत रहा। योनातान साऊल क दूसरी कइँती बइठा। अब्नेर साउब क पाछे बइठा। मुला दाऊद क जगह खाली रही।
26 उ दिना साऊल कछू नाहीं कहेस। उ सोचेस, “होइ सकत ह दाऊद क कछू भवा होइ अउर उ सुद्धन होइ।”
27 भियान भए, महीना क दूसर दिन, दाऊद क जगइ फुन खाली रही। तबहिं साऊल आपन पूत योनातान स पूछेस, “यिसै क पूत नवा चन्द्रिमा क जलसा मँ काल्ह या आजु काहे नाहीं आवा?”
28 योनातान जवाब दिहेस, “दाऊद मोका स बेतलेहेम जाइ बरे अनुमती मांगत रहा।
29 उ कहे रहा, ‘मोका जाइ द्या। मोर परिवार बेतलेहेम मँ एक बलि भेंट करत अहइ। मोर भइया हुवाँ रहइ बरे हुकुम दिहे अहइ। अब मइँ तोहार मीत अहउँ तउ मोका जाइ द्या अउ भाइयन स मिलइ द्या।’ इहइ कारण अहइ कि दाऊद राजा क मेज प नाहीं आवा अहइ।”
30 साऊल योनातान प बहोतइ कोहाइ गवा। उ योनातान स कहेस, “तू एक दास अउरत क पूत अहा! मइँ जानत हउँ कि तू दाऊद क पच्छ मँ अहा। तू आपन महतारी अउ आपन बरे लज्जा क कारण अहा।
31 जब तलक यिसै क पूत जिअत रही तब तलक तू कबहुँ राजा नाहीं बनब्या अउर न तोहार राज्ज होइ। अब दाऊद क हमरे लगे लइ आवा। उ एक मरा मनई अहइ।”
32 योनातान आपन बाप स पूछेस, “दाऊद क काहे मारि डावा जाइ चाही? उ कउन अपराध किहे अहइ?”
33 मुला साऊल आपन भाला योनातान प चलाएस अउर ओका मारि डावइ क जतन किहेस। ऍह बरे योनातान समुझ गवा कि मोर बाप दाऊद फुरइ मार डावइ चाहत ह।
34 योनातान कोहाइ गवा अउ उ मेजिया तजि दिहेस। योनातान ऍतना घबराइ गवा अउ आपन बाप प कोहान कि जेउनार क दूसर दिन कछू भी खाइ स मना कइ दिहस। योनातान ऍह बरे कोहान काहेकी साऊल ओका बेज्जत किहे रहा अउ साऊल दाऊद क मारि डावइ चाहत रहा।
35 दूसर दिन भिन्सारे योनातान खेते मँ गवा। उ दाऊद स भेंटइ गवा, जइसा उ पचे राजी भ रहेन। योनातान एक अउजार क ढोवइया लरिका क आपन साथ लइ आवा।
36 योनातान लरिका स कहेस, “थावा अउर जउन बाण मइँ चलावत अहउँ, ओनका लइ आवा।” लरिका धाउब सुरु किहेस अउ योनातान ओकरे मूँड़े क ऊपर स बाण चलाएस।
37 लरिका उ ठउरे क धावत जहाँ बाण गिरत रहा। मुला योनातान गोहराएस, “बाण तोहसे बहोतइ दूर बाटइ।”
38 तब योनातान बोलाइ, “हाली करा। ओनका लइ आवा, हुआँ खड़ा जिन रहा!” लरिका बाणन क उठाएस अउ आपन मालिक क लगे वापस लइ आवा।
39 लरिका क कछू पता नाहीं लाग कि का भवा। सिरिफ योनातान अउ दाऊद जान लिहन।
40 योनातान आपन धनुस बाण लरिका क दिहस। तबहिं योनातान लरिका स कहेस, “सहर मँ लउटि आवा।”
41 लरिका वपिस चला गवा। दाऊद आपन उ लुकाइ क ठउर स बाहेर आवा जउन पहाड़ी क दूसर कइँती रहा। दाऊद आपन मूँड़ि क भुइँया तलक निहुराई कइ प्रणाम किहस। दाऊद तीन दाईर् निहुरा। तब दाऊद अउ योनातान एक दूसरे क चूमेन। उ दुइनउँ एक संग रोएन, मुला दाऊद योनातान स जिआदा रोएस।
42 योनातान दाऊद स कहेस, “सान्ति स जा। हम पचे यहोवा क नाउँ लइके मीत होइके प्रण किहे रहे। हम पचे कहे रहे कि यहोवा हम पचन अउ हमरे सन्तानन क बीच हमेसा गवाह रइहीं।”
1 Samuel 21
1 तब दाऊद चला गवा अउ योनातान सहर क लउट गवा।
2 दाऊद नौब नाउँ क नगर मँ याजक अहीमेलेक स मिलइ गवा।अहीमेलेक दाऊद स मिलइ स डरत रहेन। अहीमेलेक डर स काँपत रहा। अहीमेलेक दाऊद स पूछेस: “तू अकेले काहे अहा? तोहरे संग कउनो मनई काहे नाहीं अहइ?”
3 दाऊद अहीमेलेक क जवाब दिहेस, “राजा मोका खास हुकुम दिहे अहइ। उ मोसे कहेस ह कि ‘इ उद्देस क कउनो क जानइ न द्या। कउनो भी मनई ओका न जानइ जेका मइँ तोहका करइ क कहेउँ ह।’ मइँ आपन मनइयन स कहि दिहेउँ ह कि उ पचे कहाँ भेंटइँ?
4 अब इ बतावा कि तोहरे लगे खाइ क बरे का बाटइ? मोका पाँच ठु रोटी या जउन कछू तू पाइ सका द्या।”
5 याजक दाऊद स कहेस, “मोरे लगे हिआँ साधारण रोटी नाहीं अहइँ। मुला मोरे लगे कछू पवित्तर रोटी तउ अहइँ। तोहार अफसर ओका खाइ सकत हीं, जदि उ पचे कउनो मेहरारु क संग यौन सम्बंध न किहे होइँ।”
6 दाऊद याजक क जवाब दिहेस, “हम पचे इ दिनन मँ कउनो मेहरारु क संग नाहीं रहे। हमार मनई आपन तन क पवित्तर राखत हीं हिआँ तलक कि साधरण उद्देस बरे जाए पर भी।अउर आजु बरे तउ इ खास तरह स फुर बाटइ काहेकि हमार कारज बहोत खास बाटइ।”
7 हुआँ पवित्तर रोटी क अलावा कउनो रोटी नाहीं रही। ऍह बरे याजक दाऊद क हुवँई रोटी दिहस। इ उहइ रोटी रही जेका याजक यहोवा क समन्वा पवित्तर मेजे प धरत रहेन। उ पचे उ दिन मेज स इ रोटी क हटाइ लेत रहेन अउ ओकरी जगह ताजी रोटी धरत रहेन।
8 उ दिन साऊल क अफसरन मँ स एक ठु हुआँ रहा। उ एदोमी दोएग रहा। दोएग क हुआँ यहोवा क समन्वा रखा गवा रहा।दोएग साऊल क गड़रियन क नेता रहा।
9 दाऊद अहीमेलेक स पूछेस, “का तोहरे लगे हिआँ कउनो भाला या तरवार बाटइ? राजा क कारज बहोत जल्दी बा। मोका फउरन जाइ क अहइ, अउर मइँ आपन तरवार या दूसर कउनो अउजार नाहीं लाइ।”
10 याजक उत्तर दिहस, “एक मात्र तरवार जउन हिआँ अहइ उ पलिस्ती गोलियत क अहइ। इ उहइ तरवार अहइ जेका तू ओका तब लिहे रहा जब तू ओका एला क घाटी मँ मारे रह्या। उ तरवार एक ओढ़ना मँ लिपटी भइ एपोद क पाछे धरी अहइ। जदि तू चाहा तउ ओका लइ सकत ह।दाऊद कहेस, “एका मोका द्या। गोलियत क तरवार क तरह कउनो तरवार नाहीं बा।”
11 उ दिना दाऊद साऊल क हिआँ स पराइ गवा। दाऊद गथ क राजा अकिस क लगे गवा।
12 उ पचे कहेन, “का इ इस्राएल क राजा दाऊद नाहीं अहइ? इहइ उ मनई अहइ जेकर गवनिया इस्राएलियन गावत हीं। उ पचे गावत हीं अउ ओकरे बरे नाचत हीं। इस्राएलियन इ गीत गावत हीं:“साऊल हजारन क मारेस।दाऊद दसहु हजारन क मारेस।”
13 दाऊद क इ बात याद रहिन। दाऊद गत क राजा आकीस स बहोत डेरान रहा।
14 ऍह बरे, दाऊद आकीस अउ ओकरे अफसरन क समन्वा अपने क पागल मनई जइसा बहाना किहस। जब तलक दाऊद ओनके संग रहा उ पागल मनइयन जइसा बहाना किहस। उ दरवाजा क पल्ला प थूक देत रहा। उ आपन थूक क आपन डाढ़ी प गिरइ देत रहा।
15 आकीस आपन अफसरन स कहेस, “इ मनई क लखा। इ तउ पागल जइसा अहइ। तू सबइ ऍका मोरे लगे काहे लइ आया ह?”
16 का मोर लगे मनई क कमी अहइ कि तू इ मनई क मोरे घरे मँ मोरे पागलपन क खेल करई बरे लइ आवा ह?”
1 Samuel 22
1 दाऊद गथ क तजि दिहस। दाऊद अदुल्लाम क गुफा मँ पराइ गवा। दाऊद क भइयन अउ रिस्तेदारन सुनेन कि दाऊद अदुल्लाम मँ रहा। उ पचे दाऊद क मिलइ हुआँ गएन।
2 बहोत स मनई दाऊद क लगे होइ गएन। उ सबइ, जउन कउनो विपत्ति मँ रहेन या कर्जा मँ रहेन या संतुट्ठ नाहीं रहेन। दाऊद क संग होइ गएन। दाऊद क लगे चार सौ मनसेधू रहेन।
3 दाऊद अदुल्लाम क तजि दिहस अउर उ मोआब मँ बसा मिस्पा चला गवा। दाऊद मोआब क राजा स कहेस, “कृपा कइके मोरे महतारी बाप क आवइ द्या अउर आपन लगे तब तलक रहइ द्या जब ताईर् मइँ इ न समुझ सकउँ कि परमेस्सर मोरे संग का करइ जात अहइ।”
4 दाऊद आपन महतारी-बाप क मोआब क राजा क लगे तजि दिहस। दाऊद क महतारी बाप मोआब क राजा क लगे तब तलक ठहरेन जब तलक दाऊद किला मँ रहा।
5 मुला नबी गद दाऊद स कहेस, “किला मँ जिन ठहरा। यहूदा पहँटा मँ जा।” ऍह बरे दाऊद हुआँ स चल पड़ा अउ हरथ क जंगल मँ गवा।
6 साऊल जानि लिहेस कि दाऊद अउ ओकरे मनइयन क बारे मँ पता चल गवा अहइँ। साऊल गीबा मँ पहाड़ी प एक पेड़ क नीचे बइठा रहा। साऊल क हाथ मँ ओकर भाला रहा। साऊल क सबहिं अफसरन ओकरे चारिहुँ कइँती खड़ा रहेन।
7 साऊल आपन उ अफसरन स कहेस, जउन ओकरे चारिहुँ कइँती खडा रहेन, “बिन्यामीन क मनइयो, सुना। का तू पचे समुझत ह कि यिसै क पूत तोहका खेत अउ अंगूरे क बगिया देइ? का तू पचे समुझत ह कि उ तोहका तरक्की देइ अउर तू पचन्क हजार मनई अउ सौ मनइयन क ऊपर अफसर बनइ।
8 तू पचे मोरे खिलाफ जाल रचत बाट्या। तू पचे छिपी भइ चाल चल्या ह। तू पचन मँ स कउनो भी मोर पूत योनातान क बारे मँ नाहीं बताएस ह। तोहमाँ स कउनो भी इ नाहीं बताएस ह कि उ यिसै क पूत क संग क समझौता किहेस ह। तोहमाँ स कउनो भी मोर परवाह नाहीं करत। तोहमाँ स कउनो भी इ नाहीं बताएस कि मोर पूत योनातान दाऊद क हुस्काएस ह। योनातान मोर नउकर दाऊद स कहेस कि उ लुकाइ जाइ अउर मोहे प हमला करइ। अउर इ उहइ अहइ कि जउन दाऊद अब करत बाटइ।”
9 एदोमीत दोएग साऊल क अफसरन क संग खड़ा रहा। दोएग कहेस, “मइँ यिसै क पूत दाऊद क नोब मँ लखेउँ ह। दाऊद अहीतूब क पूत अहीमेलेक स भेंटइ आवा।
10 अहीमेलेक यहोवा स दाऊद बरे बिनती किहस। अहीमेलेक दाऊद क भोजन भी दिहस। अउर अहीमेलेक दाऊद क पलिस्ती गोलियत क तरवार भी दिहस।”
11 ऍह बरे राजा याजक अहीतूब क पूत अउर ओकर सारा परिवार, याजकन जे नोब मँ रहत भवा, ओका अपन लगे अवइ बरे संदेस भेजेस, अउर उ पचे सबहिं राजा लगे आएन।
12 साऊल अहीमेलेक स कहेस, “अहीतूब क पूत, अब सुनि ल्या।” अहीमेलेक जवाब दिहस, “हाँ, महाराज।”
13 साऊल अहीमेलेक स कहेस, “तू अउर यिसै क पूत दाऊद मोरे खिलाफ छिपी योजना काहे बनाया? तू दाऊद क रोटी अउ तरवार दिहा। तू परमेस्सर स ओकरे बरे बिनती किह्या। अउर अब सोझइ, दाऊद मोह पइ हमला करइ क जोहत अहइ।”
14 अहीमेलेक जवाब दिहस, “दाऊद आप क बड़का पतियाइ क काबिल अहइ। तोहरे अफसरन मँ स कउनो ओतॅना पतियाइ क काबिल नाहीं जेत्ॅाना दाऊद बा। दाऊद तोहार आपन जमाई अहइ। अउर दाऊद अंगरच्छक क नायक अहइ। तोहार आपन परिवार दाऊद क सम्मान करत ह।
15 उ पहली दाईर् नाहीं रहा, कि मइँ दाऊद बरे परमेस्सर स बिनती कीन्ह। अइसी बात बिल्कुल नाहीं। मोका या मोरे कउनो नातेदार प दोख जिन लगावा। हम पचे तोहार नउकर अही। मोका कछू भी पता नाहीं कि इ सब का होत बाटइ।”
16 मुला राजा कहेस, “अहीमेलेक, तू पचन क अउ तोहरे सबहिं नातेदारन क मरब अहइ।”
17 तब राजा आपन बगल मँ खड़ा भवा रच्छकन स कहेस, “जा अउ यहोवा क याजकन क मारि डावा। ऍह बरे इ करा काहेकि उ पचे दाऊद क पच्छ मँ अहइँ। उ पचे जानत रहेन कि दाऊद परान बाटइ, मुला उ पचे मोका बताएन नाहीं।”मुला राजा क अफसरन यहोवा क याजकन क मारइ स इन्कार कइ दिहन।
18 ऍह बरे राजा दोएग क हुकुम दिहस। साऊल कहेस, “दोएग तू जा अउ याजकन क मारि डावा।” ऍह बरे एदोमीत दोएग गवा अउ उ याजकन क मारि डाएस। उ दिना दोएग सन क एपोद पहिरइवालन पचासी मनसेधू याजकन क मारि डाएस।”
19 नोब याजकन क सहर रहा। दोएग सहर क सबहिं मनइयन क मारि डाएस। दोएग आपन तरवार क भाँजेस उ सबहिं मनसेधुअन, मेहररुअन, लरिकन अउ गदेलन क जपि दिहस। दोएग ओनकइ गइयन, खच्चरन अउ भेड़ी तलक क जपि दिहस।
20 मुला एब्यातार हुआँ स बचि निकरा। एब्यातार अहीमेलेक क पूत रहा। अहीमेलेक अहीतूब क पूत रहा। एब्यातार बचिके निकरा अउ दाऊद स मिलि गवा।
21 एब्यातार दाऊद स कहेस कि साऊल यहोवा क याजकन क मारि डाएस ह।
22 तब दाऊद एब्यातार स कहेस, “मइँ एदोमी दोएग क उ दिना नोब मँ लखेउँ रहे। अउर मइँ जानत हउँ कि उ साऊल स कही। मइँ तोहरे बाप क परिवारे क मउत बरे जिम्मेदार हउँ।
23 जउन मनई साऊल तोहका मारइ चाहत ह उ मोका भी मारइ चाहत ह। मोरे संग ठहरा। जिन डेराअ। तू मोरे संग बचा रहब्या।”
1 Samuel 23
1 लोगन दाऊद स कहेन, “लखा, पलिस्ती कीला क खिलाफ जुद्ध करत बाटेन। उ पचे खरिहाने स अन्न लूटत अहइ।”
2 दाऊद यहोवा स पूछेस, “का मइँ जाउँ अउ इ पलिस्तियन स लड़उँ?”यहोवा दाऊद क जवाब दिहस, “जा अउ पलिस्तियन प हमला करा। कीला क बचावा।”
3 मुला दाऊद क मनइयन ओसे कहेन, “लखा, हम सबइ हिआँ यहूदा मँ अही अउर हम डेरान अही। तनिक सोचा कि हम पचे केँतना डेरान होबइ जब कीला जाब जे जगह पूरा पलिस्ती फउज स भरि अहइ।”
4 दाऊद फुन यहोवा स पूछेस। यहोवा दाऊद क जवाब दिहस, “कीला क जा। मइँ तोहार मदद पलिस्तियन क हरावइ मँ करब।”
5 ऍह बरे दाऊद अउ ओकर मनई कीला गएन। दाऊद क मनइयन पलिस्तियन स लड़ेन। दाऊद क मनइयन पलिस्तियन क हराएन अउ ओनकइ गइयन क लइ लिहन। इ तरह दाऊद कीला क मनइयन क बचाएस।
6 जब एब्यातार दाऊद क लगे पराइके गवा रहा तबहिं एब्यातार आपन संग एक ठु एपोद संग लइ गवा रहा।
7 लोगन साऊल क सूचना दिहेस कि अब दाऊद कीला मँ बाटइ। साऊल कहेस, “परमेस्सर दाऊद क पकड़इ बरे मोका एक अवसर दइ दिहस ह। दाऊद खुद जाल मँ फँस गवा अहइ। उ अइसे कस्बा मँ गवा अहइ जेहमाँ फाटक अउ छड़ अहइ।”
8 साऊल जुद्ध करइ बरे आपन सारी फउज क एक संग बोलाएस। उ पचे आपन तइयारी कीला जाइ अउ दाऊद अउ ओकरे मनइयन क पकड़ेन बरे किहस।
9 दाऊद क पता लाग कि साऊल ओकरे खिलाफ चाल चलत अहइ। दाऊद तब याजक एब्यातार स कहेस, “एपोद लइ आवा।”
10 दाऊद बिनती किहेस, “यहोवा इस्राएल क परमेस्सर, मइँ सुनेउँ ह कि साऊल कीला मँ जाइ अउ मोरे कारण ऍका नास करइ क चाल चलत बाटइ।
11 का साऊल कीला मँ आइ? का कीला क मनई मोका साऊल क दइ देइहीं? यहोवा इस्राएल क परमेस्सर, मइँ आपक नउकर हउँ। कृपा कइके मोका बतावइँ।”यहोवा जवाब दिहस, “साऊल आइ।”
12 दाऊद फुन पूछेस, “का कीला क मनई मोका अउ मोरे मनइयन क साऊल क दइ देइहीं।”यहोवा जवाब दिहस, “उ पचे अइसा करिहीं।”
13 ऍह बरे दाऊद अउ ओकर मनई कीला क तजि दिहेस। हुआँ लगभग छ: सौ मनई रहेन जउन दाऊद क संग गएन। दाऊद अउ ओकर मनई एक ठउर स दूसर ठउर टहरत रहेन। साऊल क पता लग गवा कि दाऊद कीला स बचि निकरा। ऍह बरे साऊल उ नगर क नाहीं गवा।
14 दाऊद मरुभूमि क चला गवा अउर हुवाँ किला मँ ठहर गवा। दाऊद जिफ क रेगिस्तान क पहाड़ी देस मँ भी गवा। साऊल रोज दाऊद क हेरत रहा, मुला यहोवा साऊल क धरइ नाहीं देत रहा।
15 दाऊद जीप क रेगिस्तान होरेस मँ भी ठहरा रहा। उ ससान रहा काहेकि साऊल ओका मारइ आवत रहा।
16 मुला साऊल क पूत योनातान होरेस मँ दाऊद स भेंटइ गवा। योनातान परमेस्सर प पक्का बिस्सास धरइ बरे दाऊद क मदद किहेस।
17 योनातान दाऊद स कहेस, “डेराअ जिन। मोर बाप साऊल तोहका नाहीं पाउब। तू इस्राएल क राजा बनब्या। मइँ तोहरे बाद दूसर दर्जा प रहब। मोर बाप इ भी जानत हीं।”
18 योनातान अउ दाऊद दुइनउँ यहोवा क समन्वा समझौता किहन। तब योनातान घर चला गवा। अउर दाऊद होरेस मँ टिका रहा।”
19 जिफ क मनई गीबा मँ साऊल क लगे आएन। उ पचे साऊल स कहेन, “दाऊद हम पचन क पहँटा मँ लुकान अहइ। उ होरेस क कीला मँ बाटइ। उ हकीला पहाड़ी प यसीमोन क दक्खिन मँ अहइ।
20 महराज आप जब चाहइँ आवइँ। इ हम सबन क कर्तब अहइ कि हम पचे आपक दाऊद क दइ देइ।”
21 साऊल जवाब दिहेस, “यहोवा आप लोगन क मोर मदद बरे असीसइँ।
22 जा अउ ओकरे बारे मँ अउर जिआदा पता लगावा। पता लगावा कि दाऊद कहाँ रहत ह। अउर इ तोहा कि दाऊद क हुवाँ कउन लखेस ह। साऊल सोचेस, ‘दाऊद चतुर बाटइ। उ मोका भरमावइ क कोसिस करत बाटइ।’
23 लुकाइ क जउन ठउरन क प्रयोग दाऊद करत बाटइ, ओन सबहिं ठउरन क पता लगावा। अउर मोरे लगे वापिस लउटि आवा अउ मोका सब कछू बतावा। तबहिं मइँ तोहरे संग चलब। जदि दाऊद उ पहँटा मँ होइ तउ मइँ ओकर पता लगाउब। मइँ ओकर पता तब भी लगाइ लेब जदि मोका यहूदा क सबहिं परिवारन क तलासी लेइ क होइ।”
24 तब जीपी निवासी साऊल क अगवा अगवा जीपी क लौटि आएन।दाऊद अउर ओकर मनई मओन क रेगिस्तान मँ रहेन। उ पचे यसीमोन क दक्खिन मँ रेगिस्तानी पहँटा मँ रहेन।
25 साऊल अउ ओकर मनई दाऊद क खोजइ गएन। मुला मनइयन दाऊद क होसियार किहेन। उ पचे बताएन कि साऊल ओनका हेरत अहइ। दाऊद तब माओन क रेगिस्तान मँ ढलान कइँती “चट्टान” प गवा। साऊल सुनेस कि दाऊद माओन क रेगिस्तान मँ गवा अहइ। ऍह बरे साऊल उ ठउर प दाऊद क धरइ गवा।
26 साऊल पहाड़े क एक कइँती रहा। दाऊद अउ ओकर मनई उहइ पहाड़े क दूसर कइँती रहेन। दाऊद साऊल स दूर निकरइ बरे हाली करत रहा। साऊल अउ ओकर सिपाही पहाड़े क चारिहुँ कइँती अउ ओकरे मनइयन क धरइ जात रहेन।
27 मुला साऊल क लगे एक दूत आवा। दूत कहेस, “हाली हाली करा। पलिस्ती हम पचन प हमला करत बाटेन।”
28 ऍह बरे साऊल दाऊद क पाछा करब तजि दिहस अउ पलिस्तियन स लड़इ निकरि गवा। इहइ कारण बाटइ कि मनइयन उ ठउर क “फिसलनी क चट्टान” कहत हीं।
29 दाऊद माओन क रेगिस्तान क तजि दिहेस अउ एनगोदी क लगे किला मँ गवा।
1 Samuel 24
1 जब साऊल पलिस्तियन क पाछा कइके भगाइ दिहस, तब मनइयन साऊल स कहेन, “दाऊद एनगोदी क लगे रेगिस्तानी इलाका मँ बा।”
2 ऍह बरे साऊल पूरा इस्राएल क तीन हजार मनइयन क चुनेस। साऊल इ मनइयन क संग लिहस अउ दाऊद अउर ओकर मनइयन खोज करब सुरु किहेन। उ पचे जंगली बोकरियन क चट्टान क नचिके हेरेन।
3 साऊल सड़क क किनारे भेड़ी क बारा क लगे आवा। हुवाँ निअरे एक ठु गुफा रही। साऊल खुद गुफा मँ आराम करइ बरे गवा। दाऊद अउ ओकर मनई बहोत पाछे उ गुफा मँ लुकान रहेन।
4 मनइयन दाऊद स कहेन, “आजु उ दिन अहइ जेकरे बारे मँ यहोवा बात किहेन ह। यहोवा तोहसे कहे रहेन, ‘मइँ तोहार दुस्मनन क तोहका देब, तब तू जउन चाहा आपन दुस्मनन क संग कइ सकब्या।’“तब दाऊद साऊल क लगे चुपचाप आवा। दाऊद साऊल क लबादे क एक कोना काट लिहस। साऊल दाऊद क नाहीं लखेस।
5 पाछे साऊल क लबादे क एक कोना काट लिहे क दाऊद क पछतावा भवा।
6 दाऊद आपन मनइयन स कहेस, “यहोवा मोका आपन सुआमी क संग कछु भी अइसा करइ स रोका। साऊल यहोवा क चुना भवा राजा अहइ। मोका साऊल क खिलाफ कछू भी नाहीं करइ चाही। उ यहोवा क चुन लीन्ह गवा राजा बाटइ।”
7 दाऊद इ बात आपन मनइयन क रोकइ बरे कहेस। दाऊद आपन मनइयन क साऊल प हमला करइ नाहीं दिहस।साऊल गुफा तजि दिहस अउ आपन राहे प चला।
8 दाऊद गुफा स निकरा। दाऊद साऊल क जोर स पुकारेस, “मोर पर्भू, महराज।”साऊल पाछे घूमिके लखेस। दाऊद आपन माथा भुइँया प धइके पैलगी किहेस।
9 दाऊद साऊल स कहेस, “आप काहे सुनत हीं। जब मनई इ कहत हीं कि ‘दाऊद आप प वार करइ क कुचाल गूँथत मथत बाटइ?’
10 मइँ आप क चोट पहुँचावइ नाहीं चाहत हउँ। आप ऍका आपन आँखिन स लखत हीं। यहोवा आजु ऍका आप क गुफा मँ मोरे हाथे मँ दइ दिहे अहइँ। मुला मइँ आपक मारि डावइ स इन्कार किहेउँ ह। मइँ आप प दाया किहेउँ ह। मइँ कहेउँ, ‘मइँ आपन सुआमी क चोट नाहीं पहुँचाउब। साऊल यहोवा क चुना भवा राजा अहइ।’
11 मोरे हाथे मँ इ ओढ़ना क टूका क लखा। मइँ आप क लबादे क एक टूका काटि लिहेउँ ह। मइँ आप क मारि सकत हउँ, मुला मइँ इ नाहीं किहेउँ ह। अब मइँ चाहत हउँ कि आप ऍका समुझइँ। मइँ चाहत हउँ कि आप क खिलाफ कउनो कुचाल नाहीं बनावत हउँ। मइँ आपक कउनो बुराई नाहीं किहेउँ ह। मुला आप मोर पाछा करत हीं अउर मोका मारि डावइ चाहत हीं।
12 यहोवा क निआव करइ द्या। यहोवा आप क उ अनिआव क सजा देइहीं जउन आप मोरे संग किहेन ह। मुला मइँ आपन आप आप स न जूझब।
13 पुरान कहावत अहइ:‘बुरी चीज बुरी मनई स आवत हीं।’मइँ कछू भी बुरा नाहीं किहेउँ ह। मइँ बुरा मनई नाहीं हउँ। ऍह बरे मइँ आप प चोट नाहीं करब।
14 आप केकर पाछा करत बाटेन। इस्राएल क राजा केकरे खिलाफ लड़इ आवत अहइँ? आप अइसे कउनो क पाछा नाहीं करत बाटेन जउन आपक चोट पहुँचाइ। इ अइसा ही बाटइ जइसेन आप एक ठु मरा कूकुर या मच्छर क पाछा करत हीं।
15 यहोवा क निआव करइ द्या। ओनका आपन अउ मोरे बीच निर्णय करइ द्या। उ हालात क वास्तविक्ता क देखब अउर मोर मामला क वकालत करब। परमेस्सर मोका तोहार रच्छा करब।”
16 दाऊद आपन इ कहब खतम किहेस, साऊल पूछेस, “मोर पूत दाऊद, का उ तोहार आवाज अहइ?” तब साऊल रोवइ लाग। साऊल बहोत रोएस।
17 साऊल कहेस, “तू सही अहा अउर मइँ गल्ती पइ अहउँ। तू हमरे बरे नीक रह्या। मुला मइँ तोहरे बरे बुरा रहेउँ।
18 तू उ बतियन क बताया जेनका तू मोरे बरे किहा। यहोवा मोका तोहरे हवाला किहेस, मुला तू मोका नाहीं मारि डाया।
19 एहसे पता चलत ह कि मइँ तोहार दुस्मन नाहीं अहउँ। जदि कउनो आपन दुस्मन क धरत ह तउ उ ओका बच निकरइ नाहीं देत। उ आपन दुस्मन बरे नीक काम नाहीं करत। यहोवा तोहका ऍकर ईनाम देइँ काहेकि तू आजु मोरे बरे नीक रह्या।
20 मइँ जानत हउँ कि तू नवा राजा बनब्या। तू इस्राएल क राज्ज क ऊपर करब्या।
21 अब मोसे एक प्रतिज्ञा करा। यहोवा क नाउँ लइके इ प्रतिग्या करा कि तू मोरे सन्तानन क न मरब्या। प्रतिग्या करा कि तू मोरे बाप क परिवार स मोर नाउँ मिटउब्या नाहीं।”
22 ऍह बरे दाऊद साऊल स प्रतिग्या किहस। दाऊद प्रतिग्या किहेस कि उ साऊल क परिवार क न मारी। तब साऊल लउटि गवा। दाऊद अउ ओकर मनई किला मँ चला गएन।
1 Samuel 25
1 समूएल मरि गवा। इस्राएल क सबहिं मनइयन बटुर गएन अउर उ पचे समूएल क मउत प अफसोस परगट किहेन। उ पचे समूएल क ओकरे घर रामा मँ दफनाइ दिहेन। तब्बइ दाऊद परन क रेगिस्तान मँ चला गवा।
2 हवाँ एक ठु मनई रहा जउन माओन मँ रहत रहा। उ बहोत धनी मनई रहा। ओकरे लगे तीन हजार भेड़ी अउर एक हजार बोकरी रहिन। उ कमेर्ल मँ आपन भेड़ी क ऊन काटत रहा।
3 उ मनई क नाउँ नाबाल रहा। उ कालेब क परिवार क रहा। ओकरी मेहरारु क नाउँ अबीगैल रहा। उ बुद्धिमती अउ बहोतइ सुन्नर मेहरारु रही। मुला नाबाल काूर नीच रहा।
4 दाऊद रेगिस्ताने मँ रहा, अउर उ सुनेस कि नाबाल आपन भेड़ी क ऊन काटत बाटइ।
5 ऍह बरे दाऊद दस जवानन क नाबाल स बात करइ पठएस। दाऊद कहेस, “कम्रेल जा। जबल स भेंटा अउर ओका मोरी कइँती स ‘पैलगी’ कहा।”
6 दाऊद नाबाल बरे इ संदेसा पठएस, “मोका आसा अहइ कि तू अउ तोहार परिवार सुखी अहइ। मइँ आसा करत हउँ कि जउन कछू तोहार अहइ, ठीक ठाक बाटइ।
7 मइँ सुनेउँ ह कि तू आपन भेड़ी स ऊन काटत बाट्या। तोहार गड़रियन कछू समइ तलक हम पचन क संग रहत रहेन। अउर हम पचे ओनका कउनो कस्ट नाहीं दीन्ह। जब तलक तोहार गड़रिया कमेर्ल मँ रहेन, हम ओनसे कछू नाहीं लीन्ह।
8 आपन सेवकन स पूछा अउर उ पचे बताइ देइहीं कि इ सब कछू फुरे अहइ। कृपा कइके हमरे जवानन प दाया करा। इ खुसी क मौका प हम पचे आपक लगे पहुँचत अही। कृपा कइके आप जउन कछू चाहइँ, दइ देइँ। कृपा कइके इ मोरे बरे, आपन मीत दाऊद बरे करइँ।”
9 दाऊद क मनई नाबाल क लगे गएन। उ पचे दाऊद क सँदेसा नाबाल क दिहन।
10 मुला नाबाल ओनकइ बरे छोटपन स बेउहार किहस। नबत कहस, “दाऊद अहइ कउन? इ जेसे क पूत कउन होत ह? इ दिनन ढेरिके दास बाटेन जउन आपन सुआमी लोगन क हिआँ स पराइ ग अहइँ।
11 मोरे लगे रोटी अउ पानी अहइ। अउर मोरे लगे उ माँस भी अहइ जेका मइँ भेड़ी स ऊन कतरइ वालन नउकरन बरे मारिके लिहेउँ ह। मुला मइँ ओका उ मनइयन क नाहीं दइ सकत हउँ जेनका मइँ जानत भी नाहीं हउँ।”
12 दाऊद क मनइयन लउटि गएन अउर नाबाल जउन कछू कहे रहा दाऊद क बताइ दिहस।
13 तब दाऊद आपन मनइयन स कहेस, “आपन तरवार उठावा।” ऍह बरे दाऊद अउ ओकर मनइयन तरवार उठाइ लिहन। लगभग चार सौ मनई दाऊद क संग गएन। अउर दुइ सौ मनई सामान क संग रुका रहेन।
14 नाबाल क नउकरन मँ स एक ठु नाबाल क मेहरारु अबीगैल स बतियान। नउकर कहेस, “दाऊद रेगिस्तान स आपन दूतन क हमरे सुआमी (नाबाल) क लगे पठएस। मुला नाबाल दाऊद क दूतन क संग आपन निचकई क बेउहार किहस।
15 इ पचे हम पचन बरे बहोत भला रहेन। हम पचे भेड़ी लइके खेतन मँ जात रहेन। दाऊद क मनइयन हमरे संग बराबर रहेन। अउर उ पचे हमरे संग कउनो बुरा नाहीं किहेन। उ पचे पूरे समइ मँ हमार कछू भी नाहीं चोराएन।
16 दाऊद क मनइयन दिन रात हमार रच्छा किहेन। उ पचे हम लोग बरे चहरदेवार क नाईर् रच्छक रहेन। उ पचे हमार रच्छा तबहिं किहेन जब हम पचे भेड़ी क रखवारी करत भए ओनकइ संग रहेन।
17 अब इ बारे मँ सोचा अउर तय करा कि तू का कइ सकत ह। नाबाल कछू कहेस उ मूरखपन स भरा अहइ। हमार सुआमी अउर ओकरे समूचइ परिवार बरे अला बला आवति अहइ।”
18 अबीगैल हाली किहस। उ दुइ सौ पाव रोटी, दुइ दाखरस स भरा मसक, पाँच ठु भुना भइ भेड़ी, लगभग एक बुसल भुना भवा अनाज, दुइ र्क्वाट मुनक्का अउर दुइ सौ झूरान अंजीर क टिकिया लिहेस अउ ऍका गदहन प लादि दिहस।
19 तब अबीगैल आपन नउकरन स कहेस, “आगे चलत रहा। मइँ तोहरे पाछे आवति अहउँ।” मुला उ आपन भतार स कछू नाहीं कहेस।
20 अबीगैल आपन गदहा प बइठी अउर पहाड़े क दूसर कइँती पहुँची। उ दूसर कइँती स आवत भइ दाऊद अउ ओकरे मनइयन स भेेंटेस।
21 अबीगैल स मिलइ क पहिले दाऊद कहत रहा, “मइँ नाबाल क धन दौलत क रच्छा रेगिस्तान मँ कीन्ह। मइँ चिन्तित रहा कि ओकर कउनो भेड़ी खोवइ नाहीं। मइँ इ सब कछू बिना लिहे किहेउँ। मइँ ओकरे बरे नीक किहेउँ। मुला उ मोरे बरे कछू नीक नाहीं किहे रहा।
22 परमेस्सर मोका सजा देइ जदि मइँ नाबाल क परिवारे क कउनो एक मनई क जिअत रहइ देउँ।”
23 ठीक उहइ टेमॅ प अबीगैल आइ। मुला जब अबीगैल दाऊद क लखेस। उ हाली हाली आपन गदहा स उतरि पड़ी। उ दाऊद क समन्वा प्रणाम करइ निहुरी। उ आपन माथा भुइँया प टेकेस।
24 अबिगैल दाऊद क गोड़े प गिर पड़ी। उ कहेस, “मान्न, कृपा कइके मोका कछू कहइ देइँ। जउन मइँ कहउँ ओका सुना। जउन कछू भवा ओकरे बरे मोका दोख द्या।
25 मइँ उ मनइयन क नाहीं लखेउँ जेनका आप पठएन ह। साहब! उ बेकार मनई (नाबाल) प धियान जिन द्या। उ ठीक उहइ अहइ जइसे ओकर नाउँ अहइ। अउर उ फुरे ‘मूरख’ अहइ।
26 यहोवा आप क बेकसूर मनइयन क मारइ स रोकेस ह। फुरइ जइसे यहोवा हमेसा रहत ह वइसे आप जिअत अहइँ। मइँ आसा करत हउँ कि आपक दुस्मन लोग अउर जउन आप क नोस्कान पहुँचावइ चाहत हीं, उ सबइ नाबाल क राज्ज मँ होइहीं।
27 अब मइँ आप बरे इ भेंट लइ आइ अहउँ। कृपा कइके इ चीजन क आप उ मनइयन क दइ देइँ जउन आप क पाछे चलत हीं।
28 जुर्म करइ बरे मोका छिमा करइँ। मइँ जानत हउँ कि यहोवा आप क परिवार क मजबूत करिहीं अउ तोहरे परिवारे स ढेर क राजा अइहीं। यहोवा इ करिहीं काहेकि आप सब ओनके बरे जुद्ध करत हीं। मनइयन तब तलक आप मँ बुराई न पइहीं जब तलक आप जिअत रइहीं।
29 जदि कउनो मनई आप क मारि डावइ क पाछा करत ह, तउ यहोवा आपक परमेस्सर आपक जिन्नगी क रच्छा करिहीं। मुला यहोवा ओकर जिन्नगी क अइसे दूरि लोकइहीं जइसे गुलेल स पाथर लोकाइ दीन्ह जात ह।
30 यहोवा आप बरे बहोत स नीक चीजन क करइ क प्रण किहेस ह। अउर यहोवा आपन सबहिं वचन क पूरा करिहीं। परमेस्सर आप क इस्राएल क राजा बनइहीं।
31 अउर आप बेकसूर मनई क मारि डावइ क अपराधी न होइहीं। अउ आप इ जाल मँ न फँसिहीं। मेहराबानी कइके मोका उ टेम मँ याद राखा जब यहोवा आप क सफलता देइ।”
32 दाऊद अबीगैल क उत्तर दिहेस, “इस्राएल क परमेस्सर, यहोवा क गुण गावा। परमेस्सर तोहका मोसे भेंटइ पठए अहइ।
33 परमेस्सर तोहार नीक निर्णय बरे तोहका आसीर्बाद देइँ। तू आज मोका बेकसूर मनइयन क मारइ स बचावा।
34 सचमुच जइसे इस्राएल क परमेस्सर, यहोवा हमेसा रहत ह, जदि तू जल्दी स मोसे भेंटइ न आइ होती तउ भियान भिन्सारे तलक नाबाल क परिवार क कउनो भी मनई जिअत नाहीं बच पावत।”
35 तउ दाऊद अबीगैल क भेंट क अंगीकार किहस। दाऊद ओसे कहेस, “सान्ति स घर जा। मइँ तोहार बातन क सुनेउँ ह अउर मइँ उहइ करब जउन तू करइ क कह्या ह।”
36 अबीगैल नाबाल क लगे लउटी। नाबाल घरे मँ मोजूद रहा। नाबाल एक ठु राजा क तरह भोज खात रहा। नाबाल जी भरिके दाखरस पिए रहा। उ बहोत जियादा पिए रहा। ऍह बरे अबीगैल नाबाल क दूसर भिन्सारे तलक कछू भी नाहीं बताएस।
37 दूसर दिन भिन्सारे ओकर नसा उतरा। ऍह बरे ओकर मेहरारु हर बात बताइ दिहस। फिन नाबाल क दिल क दउरा पड़ि गवा। उ चट्टान क नाईर् कठोर होइ गवा।
38 दस दिनाँ क पाछे यहोवा नाबाल क मरि जाइ दिहस।
39 दाऊद सुनेस कि नाबाल मरि गवा अहइ। दाऊद कहेस, “यहोवा क गुन गावा। नाबाल मोरे खिलाफ खराब बात किहेस ह, मुला यहोवा मोर समर्थन किहस। यहोवा मोका पाप करइ स बचाएस। अउर यहोवा नाबाल क मरि जाइ दिहस काहेकी उ अपराध किहे रहा।” तब दाऊद अबीगैल क सँदेसा पठएस। दाऊद ओका आपन मेहरारू होइ क कहेस।
40 दाऊद क नउकर कार्मल गएन अउ अबीगैल स कहेस, “दाऊद हम पचन क तोहका लइ आवइ क पठएस ह। दाऊद चाहत ह कि तू ओकर मेहरारु बना।”
41 अबीगैल भुइँया तलक आपन माथा निहुराएस। उ कहेस, “मइँ आपक दासी अहउँ। मइँ सुआमी क सेवकन क गोड़ धोवइ बरे तइयार अहउँ।”
42 अबीगैल फउरन गद्हा प बइठी अउ दाऊद क दूतन क संग चल दिहस। अबीगैल आपन संग पाँच ठु नउकरानी लइ आइ। उ दाऊद क मेहरारु बनी।
43 दाऊद यिज्रेल क अहिनोअम स बियाह किहेस। अहिनोअम अउ अबीगैल दुइनउँ दाऊद क मेहरारु रहिन।
44 दाऊद साऊल क बिटिया मीकल स भी बियाह किहे रहेस। मुला साऊल ओका लइ लिहस अउर ओका एक मनई जेकर नाउँ पल्ती रहा, जउन लैस क पूत अउर गल्लीम क निवासी रहा ओकर क संग बियाही दिहस।
1 Samuel 26
1 जीप क मनई साऊल स भेंटइ गिबिया गएन। उ पचे साऊल स कहेन, “दाऊद हकिला क पहाड़ी मँ लुकान बा। इ पहाड़ी यसीमोन क ओह पार बा।”
2 साऊल जीप क रेगिस्तान मँ गवा। साऊल तीन हजार सिपाहियन क खुद समूचइ इस्राएल स छाँटिके साथ लिहस। साऊल अउ इ मनई जीप क रेगिस्ताने मँ दाऊद क हेरत रहेन।
3 साऊल आपन डेरा हकीला क पहाड़ी प डाएस। डेरा सड़क क किनारे यसीमोन क पार रहा।दाऊद रेगिस्तान मँ रहत रहा। दाऊद क पता लाग कि साऊल ओकर हुवाँ पाछा किहेस ह।
4 तब दाऊद आपन जासूसन क पठएस अउ दाऊद क पता लाग कि साऊल हकीला क पहाड़ी प आइ गवा अहइ।
5 तब दाऊद उ ठउरे प गवा जहाँ साऊल आपन डेरा डाए रहा। दाऊद लखेस कि साऊल अउ अब्नेर कहाँ सोवत अहइँ। नेर क पूत अब्नेर साऊल क फउज क सेनापति रहा। साऊल डेरा क बीच सोवत रहा। सारी फउज साऊल क चारिहुँ कइँती रही।
6 दाऊद हित्ती अहीमेलेक अउ यरूयाह क पूत अबीसै स बात किहस। अबीसै योआब क भाई रहा। उ ओसे कहेस, “मोरे संग साऊल क नगिचे ओकरे डेरा मँ कउन चली?”अबीसै उत्तर दिहस, “मइँ तोहरे संग चलब।”
7 रात भइ। दाऊद अउ अबीसै साऊल क डेरा मँ गएन। साऊल डेरा क बीच सोवा रहा। ओकर भाला भुइँया मँ ओकरे मूँड़े क लगे धँसा रहा। अब्नेर अउ फउज साऊल क चारिहुँ कइँती सोइ रही।
8 अबीसै दाऊद स कहेस, “आजु, परमेस्सर तोहरे दुस्मनन क हरावइ दिहेन ह। मोका साऊल क ओकरे भाला स ही जमीन मँ भोकां देइ द्या। मइँ ओका एक ही वार मँ मार देब।”
9 मुला दाऊद अबीसै स कहेस, “साऊल क जिन मारा। जउन कउनो चुना भवा राजा क मारत ह उ जरुर सजा पावत ह।
10 इ सच अहइ यहोवा जब तलक रही उ साऊल क खुद ही सजा देइ। होइ सकत ह साऊल आपन मउत पाइ या इ होइ सकत ह कि साऊल जुद्ध मँ मारा जाइ।
11 मुला मइँ पराथना करत हउँ कि यहोवा आपन चुना भवा राजा क मोसे चोट न करवावइ। अब पानी क गगरी अउर भाला उठावा जउन साऊल क मूँड़े क लगे बा। तब हम पचे चली।”
12 ऍह बरे दाऊद भाला अउ पानी क गगरी लिहस जउन साऊल क मूँड़े क लगे रहेन। तब दाऊद अउ अबीसै साऊल क डेरा क तजि दिहस। कउनो मनई एकरे बारे मँ न जान सका। कउनो भी मनई जागा नाहीं। साऊल अउ ओकर सिपाही सोवत रहेन काहे यहोवा ओनका गहिर नीदं मँ डाइ दिहे रहा।
13 दाऊद घाटी क दूसर कइँती निकरि गवा। साऊल क डेरा स घाटी क पार पहाड़े क चोटी प खड़ा रहा। दाऊद अउ साऊल क डेरा बहोत दूरी प रहेन।
14 दाऊद सेना अउ नेर क पूत अब्नेर क नरियाइके गोहराएस, “अब्नेर, मोका जवाब द्या।”अब्नेर पूछेस, “तू कउन अहा? तू राजा क काहे बोलावत अहा?”
15 दाऊद जवाब दिहेस, “तू एक मनई अहा। मोसे कहा, का तू नाहीं अहा? अउर तू इस्राएल मँ कउनो भी दूसर मनई स नीक अहा। तब तू आपन सुआमी, राजा क रच्छा काहे नाहीं किहा? एक मामूली मनई तोहरे डेरा मँ तोहार सुआमी, राजा क मारइ आवा।
16 तू बहोतइ बड़ी गल्ती किहा। यहोवा क जिन्नगी क किरिया तोहका अउर तोहरे सिपाहियन क मरि जाइ चाही। काहेकि तू आपन सुआमी अउर यहोवा क चुना भवा राजा क रच्छा नाहीं किहा। साऊल क मूँड़े क लगे भाला अउ पानी क गगरी क खोज करा। उ सबइ कहाँ बाटेन?”
17 साऊल दाऊद क अवाज पहिचानत रहा। साऊल कहेस, “मोर पूत दाऊद, का इ तोहार आवाज बाटइ?”दाऊद जवाब दिहस, “मोर सुआमी अउ राजा, हाँ! इ मोर अवाज अहइ।”
18 दाऊद इ भी पूछेस, “महाराज, आप मोर पाछा काहे करत अहइँ? मइँ कउन सी गल्ती किहेउँ ह? मइँ का करइ क अपराधी अहउँ?
19 मोर सुआमी अउ राजा, हमरउँ सुना। जदि यहोवा मोरे खिलाफ कोहाइ बरे किहेन ह तउ ओनका एक ठु भेंट अंगीकार करइ द्या। जदि मनई मोरे खिलाफ आपक कोहाएन ह तउ यहोवा क जरिए ओनकइ बरे कछू मुसीबत आवइ द्या। मनइयन मोका इ देस तजइ बरे मजबूर किहन ह, जेका यहोवा मोका दिहन ह। लोग मोसे कहेन, ‘जा। बिदेसी मनइयन क संग रहा। जा दूसर देवतन क पूजा करा।’
20 मोका यहोवा क हाजिरी स दूर जिन मरइ द्या। इस्राएल क राजा एक मच्छर क हेरइ निकरा बा। आप उ मनई क तरह अहइँ जउन पहाड़े मँ तीतर क सिकार करइ निकरा होइँ।”
21 तबहिं साऊल कहेस, “मइँ पाप किहेउँ ह। मोर पूत दाऊद लउटि आवा। आज तू देखाँइ दिहा कि मोर जिन्नगी तोहरे बरे अनमोल बाटइ। यह बर मइँ तोहका चोट पहुँचावइ क कोसिस न करब। मइँ मूरखपन क काम किहेउँ ह। मइँ एक ठु बहोत बड़ी गलती किहेउँ ह।”
22 दाऊद जवाब दिहेस, “राजा क भाला इ बाटइ। आपन कउनो नउ जवान क हिआँ आवइ द्या अउर उ लइ जाइ।
23 यहोवा मनइयन क करमे क फल देत हीं। जदि उ नीक करत ह तउ ओका ईनाम देत हीं अउर ओका सजा देत हीं जउन बुरा करत ह। यहोवा आज आप क मोका हरावइ दिहन, मुला मइँ यहोवा क चुना भवा राजा प चोट नाहीं करब।
24 आजु मइँ आपक देखाँइ दिहेउँ ह कि आपक जिन्नगी मोरे बरे अनमोल अहइ। इ तरह यहोवा देखाँइहीं कि मोर जिन्नगी ओनकइ बरे महत्व क बाटइ। यहोवा मोर रच्छा हर मुसीबते स करिहीं।”
25 तब साऊल दाऊद स कहेस, “मोर पूत दाऊद, परमेस्सर तोहका आसीर्बाद देइँ। तू बड़का कारज करब्या अउ सुफल होब्या।”दाऊद आपन राहे प गवा, अउर साऊल घर लउटी आवा।
1 Samuel 27
1 दाऊद सोचेस, “होइ सकत ह साऊल मोका कउनो दिन धइ लेइ। सबन ते बढ़िया इहइ अहइ मइँ कि पलिस्तियन क देस स बचि निकरुँ। तब साऊल इस्राएल मँ मोर खोज मँ थक जाब इ तरह मइँ साऊल स बचि निकरब।”
2 ऍह बरे दाऊद अउ ओकर छ: सौ मनइयन इस्राएल तजि दिहन। उ सबइ माओक क पूत आकीस क लगे गएन। आकीस गत क राजा रहा।
3 दाऊद, ओकर मनइयन आपन पूरा परिवार क साथ आकीस क संग गत मँ रहइ लागेन। दाऊद क संग ओकर दुइ पत्नी रहिन। उ पचे यिज्रेली क अहीनोअम अउ कामेर्ल क अबीगैल रहिन। अबीगैल नाबाल क राँड़ रही।
4 मनइयन साऊल स कहेन कि दाऊद गत क पराइ ग अहइ। अउर साऊल ओकर खोज बन्द कइ दिहस।
5 दाऊद आकीस स कहेस, “जदि आप मोसे खुस अहइँ तउ मोका आपन देस क नगरन मँ स एक मँ एक ठउर दइ देइँ। मइँ आप क सिरिफ एक सेवक अहउँ। मोका हुवाँ रहइ चाही, आप क संग हुवाँ राजधानी-सहर मँ नाहीं।”
6 उ दिना आकीस दाऊद क सिकलग नगर दिहस। अउर तब स सिकलग अब तलक यहूदा क राजा लोगन क बना अहइ।
7 दाऊद पलिस्तियन क संग एक बरिस अउ चार महीना रहा।
8 दाऊद अउ ओकर मनई अमालेकी अउ गसूर मँ रहइवालन मनइयन क संग जुद्ध करइ गएन। दाऊद क मनइयन ओका हराएन अउ ओनकइ धन दौलत लइ लिहन। लोग उ पहँटा मँ सुर क नगिचे तेलम स लइके लगातार मिस्र तलक रहत रहेन।
9 दाऊद उ पहँटा मँ मनइयन क हराएस। दाऊद ओनकइ सब भेड़िन, पसु, गदहा, ऊँट अउ ओढ़ना लिहस। तब उ इ सबन क आकीस लइ आवा।
10 दाऊद इ कई दाईर् किहेस। हर दाईर् आकीस पूछत कि उ कहाँ लड़ा अउ ओन चीजन क कहाँ स लइ आवा। दाऊद कहत रहा, “मइँ यहूदा क दक्खिन कइँती लड़ा।” इ “सब मइँ यरहमेलियन क दक्खिनी भाग मँ लड़ा” या “मइँ केनियन क दक्खिनी भाग मँ लड़ा।”
11 दाऊद गत क कबहुँ जिअत मेहरारु या मनसेधू नाहीं लइ आवा। दाऊद सोचेस, “जदि हम कउनो मनई क जिअत रहइ देइत ह तउ उ आकीस स कहि सकत ह कि सचमुच मइँ का किहेउँ ह।”दाऊद पूरे टेमॅ, जब तलक पलिस्तियन क देस मँ रहा, इहइ किहस।
12 आकीस दाऊद प पतियाब सुरु किहस। आकीस अपने आप सोचेस, “अब दाऊद क आपन लोग ही ओसे घिन करत हीं। इस्राएलियन दाऊद स बहोत जिआदा घिन करत हीं। अब दाऊद मोर सेवा करत रही।”
1 Samuel 28
1 पाछे पलिस्तियन आपन फउज क इस्राएल क खिलाफ लड़इ बरे बटोरेन। आकीस दाऊद स कहेस, “का तू समुझत ह कि तोहका अउ तोहरे मनइयन क इस्राएलियन क खिलाफ मोरे संग लड़इ जाइ चाही?”
2 दाऊद जवाब दिहस, “सचमुच ही, तब आप खुद ही लखइँ कि मइँ का करि सकत हउँ।”आकीस कहेस, “बहोत अच्छा, मइँ तोहका आपन अंग रच्छक बनउब। तू हर समइ मोर रच्छा करब्या।”
3 समूएल मर गवा। सबहिं इस्राएलियन समूएल क मउत प सोक मनाएन। उ पचे समूएल क निवास सहर, रामा मँ ओका दफनाए रहेन।ऍकरे पहिले साऊल ओझा अउ भविस्स बतावइवालन क इस्राएल तजइ क मजबूर किहे रहा।
4 पलिस्तियन जुद्ध क तइयारी किहन। उ पचे सूनेम आएन अउ उ ठउरे प डेरा डाएन। साऊल सबहिं इस्राएलियन क बटोरेस अउ आपन डेरा गिलबो मँ डाएस।
5 साऊल पलिस्ती सेना क लखेस, अउर उ डेराइ गवा। ओकर हिरदय डर स धड़कइ लाग।
6 साऊल यहोवा स बिनती किहेस, मुला यहोवा ओका जवाब नाहीं दिहस। परमेस्सर साऊल स सपन मँ बात नाहीं किहस। परमेस्सर ओका जवाब देइ बरे ऊरीम क नाहीं बइपरेस। परमेस्सर साऊल स बात करइ बरे नबियन क नाहीं बइपरेस।
7 आखिर मँ साऊल आपन अफसरन स कहेस, “मोरे बरे कउनो अइसी मेहरारु क पता लगावा जउन ओझा होइ। तब मइँ ओसे पूछइ जाइ सकत हउँ कि जुद्ध मँ का होइ।” ओकर अफसरन जवाब दिहन, “एन्दोर मँ एक ठु ओझा अहइ।”
8 साउल कइउ तरह क ओढ़वा पहिरेस। साऊल इ ऍह बरे किहस कि कउनो मनई इ न जान सकइ कि उ कउन अहइ। रात क उ आपन दुइ मनई क संग उ मेहरारु स भेंटइ गवा। साऊल उ मेहरारु स कहेस, “परेत स मोका मोर भविस्स बतवावा। उ मनई क बोलावा जेकर नाउँ मइँ लेउँ।”
9 मुला उ मेहरारु साऊल स कहेस, “तू सचमुच ही जानत ह कि साऊल का किहेस ह। उ सोखा अउ भविस्स बतावइ वालन क इस्राएल देस तजि देइ क मजबूर किहस ह। तू मोका जाल मँ फँासइ अउ मजबूर अउ मारि डावइ चाहत ह।”
10 साऊल यहोवा क नाउँ लिहस अउ उ मेहरारु स प्रतिग्या किहस, “सचमुच ही यहोवा सास्वत अहइ। ऍह बरे तोहका इ करइ क सजा न मिली।”
11 मेहरारु पूछेस, “तू केका चाहत बाट्या कि मइँ ओका हिआँ बोलावउँ?”साऊल जवाब दिहस, “समूएल क बोलावा।”
12 अउर इ भवा। मेहरारु समूएल क लखेस अउ जोर स चिचियान। उ साऊल स कहेस, “तू मोका धोखा दिहा। तू साऊल अहा।”
13 राजा मेहरारु स कहेस, “तू जिन डेराअ। तू का लखति अहा?”उ मेहरारु कहेस, “मइँ एक ठु परेत आतिमा क धरती स निकरिके आवति लखत हउँ।”
14 साऊल पूछेस, “उ कइसा देखाँइ पड़त ह?”मेहरारु जवाब दिहस, “उ लबादा पहिरे एक बुढ़वा क तरह देखाँइ पड़त ह।”साऊल समुझ गवा कि उ समूएल रहा। साऊल धरती पर अपना माथा टेका।
15 समूएल साऊल स कहेस, “तू मोका काहे परेसान किहा?” तू मोका ऊपर काहे बोलाया? साऊल जवाब दिहस, “मइँ मुसीबत मँ अहउँ। पलिस्ती मोरे खिलाफ लड़इ आवा अहइँ, अउर परमेस्सर मोका तजि दिहे अहइ। परमेस्सर अब मोका जवाब न देइहीं। उ मोका जवाब देइ बरे नबियन या सपन क प्रयोग न करिहीं। इहइ कारण अहइ कि मइँ तोहका बोलाएउँ। मइँ चाहत अहउँ कि तू बतावा कि मइँ का करउँ।”
16 समूएल कहेस, “यहोवा तोहका तजि दिहे अहइ। अब उ तोहरे पड़ोसी क संग अहइ। ऍह बरे तू मोका काहे बोलाया?
17 यहोवा उहइ किहस जउन उ करइ क कहे रहा। यहोवा मोर प्रयोग तोहका बतावइ बरे कि उ का करी, किहेस ह। यहोवा तोहरे हाथे स राज्ज झपट लिहस ह। यहोवा तोहरे हाथ स राज्ज तोहरे पड़ोसियन मँ स एक क दइ दिहस। उ पड़ोसी दाऊद अहइ।
18 तू यहोवा क आग्या क पालन नाहीं किहा। तू अमालेकियन क नास नाहीं किहा अउ ओनका नाहीं देखाया कि यहोवा ओन पइ केतँना कोहान बाटइ। उहइ कारण अहइ कि यहोवा तोहरे संग आजु इ किहस ह।
19 फुन यहोवा तोहरे संग इस्राएलियन क पलिस्ती स हरवइहीं। अउर भियान तू अउ तोहार पूत हिआँ मोर संग होइहीं।”
20 साऊल भुइयाँ प भहराइ पड़ा। साऊल, समूएल स कही गइ बातन स डेरान रहा। साऊल बहोत दुर्बल होइ गवा काहेकि उ पूरा दिन अउ रात कउनो खइया नाहीं खाए रहा।
21 मेहरारु साऊल क लगे आइ। उ लखेस कि साऊल फुरइ ससान रहा। उ कहेस, “लखा, मइँ आपक सेविका अहउँ। मइँ आपक आग्या क मानेउँ ह। मइ आपन जिन्नगी क खतरा मँ नाएउँ ह अउर आप जउन कहेन ह, उहइ किहेउँ।
22 अब कृपा कइके मोरउ सुना। मोका तोहरे बरे कछू खइया क देइ द्या। तब आप मँ ऍतनी सक्ती आइ कि आप अपने राहे प जाइ सकइँ।”
23 मुला साऊल इनकार किहस। उ कहेस, “मइँ न खाब।” साऊल क अफसर लोग उ मेहरारु क साथ दिहन अउ ओसे भोजन बरे बिनती किहन। साऊल ओनकइ बात सुनेस। उ भुइयाँ स उठा अउ बिछउना प बइठा।
24 उ मेहरारु क घरे मँ एक ठु मोट बछवा रहा। उ हाली स बछवा क मारेस। उ कछू आटा लिहस अउ ओका हाथे स सानेस। तब उ बे खमीरे क रोटी बनाएस।
25 मेहरारु भोजन साऊल अउ ओकरे अफसरन क अगवा धरेस। साऊल अउ ओकर अफसरन ओका खाएन। तउ उ लोग उठेन अउर उहइ रात क चली गएन।
1 Samuel 29
1 पलिस्तियन आपन सब सिपाहियन क आपुस मँ बटोरेन। इस्राएलियन सोता क पास यिज्रेल मँ डेरा डाएन।
2 पलिस्ती अफसर लोगन आपन एक सौ अउर एक हजार फउज क टुकड़ी क संग आगे बढ़त रहेन। दाऊद अउ ओकर मनई आकीस क संग फउज क पाछे पाछे कदम बढ़ावत चलत रहेन।
3 पलिस्ती अफसरन पूछेस, “इ सबइ हिब्रू हिआँ का करत अहइँ।”आकीस पलिस्ती अफसरन स कहेस, “इ दाऊद अहइ। दाऊद साऊल क अफसरन मँ स एक रहा। दाऊद मोरे लगे बहोत टेमॅ स बाटइ। मइँ दाऊद मँ कउनो दोख तब स नाहीं लखेउँ जब ते इ साऊल क तजेस अउ मोरे लगे आवा।”
4 मुला पलिस्ती अफसर लोग आकीस पइ कोहाइ गएन। उ पचे कहेन, “दाऊद क वापस पठवा। दाऊद क उ सहर मँ वापस जाइ चाही जेका तू ओका दिहा ह। उ हम पचन क संग जुद्ध मँ नाहीं जाइ सकत्या। जदि उ हिआँ बाटइ तउ हम पचे आपन डेरा मँ एक दुस्मन क धरे अही। उ हमार आपन मनइयन क मारिके आपन राजा साऊल क खुस करी।
5 दाऊद उहइ मनई अहइ जेकरे बरे इ गाना मँ इस्राएली मनई गावत अउ नाचत हीं:‘साऊल हजारन क मारेस।मुला दाऊद दसहु हजारन क मारेस।’
6 ऍह बरे, आकीस दाऊद क बोलाएस। उ कहेस, “यहोवा सास्वत अहइ, तू हमार भगत अहा। मइँ खुस होत जदि तू हमरी फउज मँ सेवा करत्या। जउने दिना स तू मोरे लगे आया ह, मइँ तोहमाँ कउनो दोख नाहीं पाएउँ ह। मुला पलिस्ती अफसर लोगन तोहार बरे नीक नाहीं सोचत।
7 अब तू सान्तिपूर्वक जा। पलिस्ती अफसर लोगन क खिलाफ कछू न करा।”
8 दाऊद कहेस, “मइँ का गल्ती किहेउँ ह? जब ते मइँ तोहरे लगे आवा हउँ तू मोरे भीतर कउन तब स आजु तलक कउन बुराई लख्या ह। मोरे पर्भू, राजा क दुस्मनन क खिलाफ तू मोका काहे नाहीं लड़इ देत्या?”
9 आकीस उत्तर दिहस, “मइँ जानत हँउ कि मइँ तोहका पसन्द करत हँउ। तू परमेस्सर क हिआँ सरगदूत क समान अहा। मुला पलिस्ती अफसर अबहुँ कहत हीं, ‘दाऊद हम पचन क संग जुद्ध मँ नाहीं जाइ सकत।’
10 तड़के भिन्सारे तू अउर तोहार लोग वापिस जइहीं। उ सहर क लउटि जा जेका मँइ तोहका दिहेउँ ह। ओन अफसर लोग पइ धियान जिन द्या जउन तोहरे बरे बुरी बात कहत हीं। ऍह बरे जइसे ही सूरज निकरइ चल द्या।”
11 ऍह बरे दाऊद अउ ओकर लोग तड़के भिन्सार होत उठेन। उ पचे पलिस्तियन क देस मँ लौटि गएन। अउ पलिस्ती यिज्रेल क गएन।
1 Samuel 30
1 तिसरे दिना दाऊद अउ ओकर मनई सिकलग पहँुचि आएन। उ पचे लखेन कि अमालेकी सिकलग प हमला करत बाटइ। अमालेकी नेगव पहँटा प हमला किहे रहेन। उ पचे सिकलग प हमला किहन अउ सहर क बारि दिहन।
2 उ पचे सिकलग क मेहररुअन क बन्दी बनाइके लइ गएन। उ सबइ जवान अउ बूढ़न सबहिं क लइ गएन। उ पचे कउनो मनइयन क मारेन नाहीं। उ पचे सिरिफ ओनकइ लइके चलि दिहन।
3 दाऊद अउ ओकर मनई सिकलग आएन। अउर उ पचे नगर क बरत पाएन। ओनकई मेहरारुअन, पूतन अउ बिटियन क बन्दी बना लेइ गवा रहा अमालेकी लोग ओनका लइ गएन।
4 दाऊद अउ ओकरी फउज क दूसर लोग तब तलक रोवत रहेन जब तलक उ सबइ थक जाइके कारण रोवइ क लायक नाहीं रहि पाएन।
5 अमालेकी दाऊद क दुइ मेहरारू यिज्रेल क अहीनोअम अउ कमेर्ल क नाबाल क रँाड़ अबीगैल क लइ गएन।
6 फउज क सब लोग दुःखी अउ गुस्सान रहेन काहेकि ओनकइ बेटवा-बिटिया कइदी बनइ लीन्ह ग रहिन। उ पचे दाऊद क पाथर स मारि डावइ क सलाह करत रहेन। ऍहसे दाऊद बहोतइ घबराइ गवा। मुला दाऊद आपन यहोवा परमेस्सर मँ सक्ती पाएस।
7 दाऊद याजक एब्यातार स कहेस, “एपोद लइ आवा।” ऍह बरे एब्यातार दाऊद बरे एपोद लइ आएस।”
8 तब दाऊद यहोवा स पराथना किहस, “का मोका उ मनइयन क पाछा करइ चाही जउन हमरे परिवारे क उठाइ लइ ग बाटेन? का मइँ धइ लेइ?” यहोवा जवाब दिहस, “ओनकइ पाछा करा। तू ओनका धइ लेब्या। तू आपन परिवार क बचाइ लेब्या।”
9 दाऊद आपन छ: सौ मनइयन क संग लिहस अउ उ बसोर क घाटी मँ गवा। ओहमाँ स कछू लोग उहइ ठउर प ठहर गएन। लगभग दुई सौ मनई ठहर गएन काहेकी उ पचे बहोत जिआदा थक ग रहेन अउ दुर्बल होइ जाइ स नाहीं चल सकत रहेन। ऍह बरे दाऊद अउ चार सौ मनइयन अमालेकियन क पाछा किहन।
10
11 दाऊद क मनइयन एक ठु मिस्री क खेत मँ लखेन। उ पचे मिस्री क दाऊद क लगे लइ गएन। उ पचे पिअइ क तनिक पानी अउ खाइ बरे भोजन दिहन।
12 उ पचे मिस्री क अंजीर क टिकिया अउ झुरान अंगूरे क दुइ गुच्छन दिहन। खइया क खाए क पाछे उ चंगा भवा। उ तीन दिन अउ तीन राति स न कछू खाए रहा अउ न ही पानी पिए रहा।
13 दाऊद मिस्री स पूछेस, “तोहार सुआमी कउन अहइ? तू कहाँ आवा ह?”मिस्री जवाब दिहस, “मइँ मिस्री अहउँ। मइँ एक ठु अमालेकी क दास अहउँ। तीन दिना पहिले मइँ बेराम पड़ि गवा रहेउँ अउ मोर सुआमी मोका तजि दिहस।
14 हम पचे नेगव प धावा बोलि दीन्ह जहाँ करथीत रहत हीं। हम पचे यहूदा पहँटा प धावा बोलेन अउ नेगव पहँटा प जहाँ कालेब लोग रहत हीं। हम पचे सिकलग क भी बार दीन्ह।”
15 दाऊद मिस्री स पूछेस, “का तू उ मनइयन क लगे मोका पहुँचउब्या जउन हमरे परिवारे क लइ गवा अहइँ?”मिस्री जवाब दिहस, “तू परमेस्सर क समन्वा प्रण करा कि तू मोका न मरब्या न ही मोका मोर सुआमी क हाथ मँ देब्या! जदि तू अइसा करब्या तउ मइँ ओका धरवावइ मँ तोहार मदद करब।”
16 मिस्री अमालेकियन क दाऊद क हिआँ पहोंचाएस। उ पचे चारिहुँ कइँती जमीन प मधु पीतेन अउ खइया क खात ओलरा रहतेन। उ पचे पलिस्ती अउ यहूदा क पहँटा स बहोत सी चीज जउन लइ आए रहेन, उहइ स जलसा मनावत रहेन।
17 दाऊद ओनका हराएस अउ ओनका मारि डाएस। उ पचे सूरज निकरइ स अगवा दिन तक जूझेन। अमालेकियन मँ स चार सौ जवानन क अलावा जउन ऊँटे प चढ़िके परानेन कउनो नाहीं बच पावा।
18 दाऊद क आपन दुइनउँ मेहरारु फुन मिल गइन। दाऊद उ सबहिं चीजन क पाएस जेनका अमालेकी लइ ग रहेन।
19 कउनो चीज खोइ नाहीं। उ पचे सब गदेलन अउ बुढ़वन क पाइ लिहन। उ पचे आपन सब पूत अउ बिटियन क पाएन। ओनका आपन कीमती चीज मिल गइ। उ पचे आपन हर एक चीज वापस पाएन जउन अमालेकी लइ ग रहेन। दाऊद हर चीज क फुन लौटाइ लिआइ।
20 दाऊद हर भेड़ी अउ गोरु क लइ लिहस। दाऊद क मनइयन इ पसून क अगवा चलाएन। दाऊद क मनइयन कहेन, “इ सब दाऊद क ईनाम अहइँ।”
21 दाऊद हुवाँ आवा जहाँ दुई सौ मनई बेसोर क घाटी मँ ठहरा रहेन। उ उहइ मनई रहेन जउन बहोतइ थका अउ कमजोर रहेन। ऍह बरे दाऊद क संग नाहीं जाइ सकत रहेन। उ मनइयन दाऊद अउ उ सिपाहियन क सुआगत करइ बाहेर आएन जउन ओकरे संग गवा रहेन। बेसोर क घाटी मँ ठहरे भए मनइयन दाऊद अउ ओकरी फउज क बधाई दिहन जइसे ही उ निअरे आएन।
22 मुला जउन टुकड़ी दाऊद क संग गइ ओहमाँ कछू बुरा अउ परेसानी पइदा करइवाला मनई रहेन। उ परेसानी पइदा करइवालन कहेन, “इ दुई सौ मनई हम पचन क संग नाहीं गएन। ऍह बरे जउन चीज हम लइ आए अही ओहमाँ स कछू हम ऍनका न देब। इ मनइयन सिरिफ आपन मेहरारु अउ बचवन क लइ सकत हीं।”
23 दाऊद जवाब दिहस, “नाहीं मोर भइया लोगो, अइसा जिन करा। इ बिसय मँ सोचा कि यहोवा हमका का दिहे अहइ। यहोवा हम पचन क उ दुस्मन क हरावइ दिहेस ह जउन हम पचन प हमला किहस ह।
24 जउन तू कहत अहा ओका कउनो न मानी। उ मनइयन क हींसा भी, जउन बाँटइ वाली चीजन क संग ठहरा रहेन, ओतनँइ होइ जेतँना ओनका जउन जुद्ध मँ गवा रहेन। सब क हींसा बराबर होइ।”
25 दाऊद ओका इस्राएल बरे हुकुम अउ नेम बनाइ दिहस। इ नेमँ अब तलक लागू होइके चला आवा बाटइ।
26 दाऊद सिकलग मँ आवा। तब उ उ चीजन मँ स, जउन अमालेकियन स लइ लीन्ह ग रहिन, कछू चीजन क आपन मीत लोगन यहूदा क नेता लोगन क पठएस। दाऊद कहेस, “इ सब भेंट आप लोगन क उ चीजन मँ स अहइ जेनका हम पचे यहोवा क दुस्मनन स पावा ह।”
27 दाऊद उ चीजन मँ स जउन अमालेकियन स मिली रहिन, कछू जउन बेतेल क प्रमुख लोग, नेगव क रमीथ, यत्तीर,
28 अरोएर, सिपमोत, एस्तमो,
29 रकल, यरहमेलियन अउ केनि क सहरन,
30 होर्मा, बोरासान अउ अताक मँ,
31 अउ हेब्रान क पठएस। दाऊद उ चीजन मँ स कछू क ओन सबहिं ठउरन क प्रमुख लोगन क पठएस जहाँ दाऊद अउ ओकर लोग रहत रहेन।
1 Samuel 31
1 पलिस्ती इस्राएल क खिलाफ लड़ेन, अउ इस्राएली पलिस्तियन क समन्वा स पराइ गएन। बहोत स इस्राएली गिलबो पहाड़े प मारा गएन।
2 पलिस्ती साऊल अउ ओकरे पूतन क पकड़ेन। पलिस्ती साऊल क पूत योनातान, अबीनादाब अउ मल्किसु क मारि डाएन।
3 जुद्ध साऊल क खिलाफ बहोतइ बुरा रहा। धनुर्धारी लोग साऊल प बाण बरसाइ दिहन अउ साऊल बुरी तरह घायल होइ गवा।
4 साऊल आपन उ नउकर स जउन कवच लइके चलत रहा कहेस, “आपन तरवार निकारा अउ मोका मारि डावा। तउ उ सबइ बिदेसी मोका चोट पहुँचावइ अउ मोर मसखरी करइ न अइहीं।” मुला साऊल क कवच ढोवइया अइसा करइ स इनकार किहस। साऊल क सहायक बहोत डरा भवा रहा।ऍह बरे साऊल आपन तरवार लिहेस अउ आपन क मारि डाएस।
5 कवच क ढोवइया लखेस कि साऊल मरि गवा। ऍह पइ उ भी आपन तरवारि स आपन क मारि डाएस। उ हुवँइ साऊल क संग मरि गवा।
6 इ तरह साऊल, ओकर तीन पूत अउ ओकर कवच ढोवइया सबहिं एक संग उहइ दिन मर गएन।
7 इस्राएलियन जउन घाटी क दूसर कइँती अउर यरदन नदी क दूसर कइँती रहत रहेन, लखेन कि इस्राएली फउज परात बाटइ। उ पचे लखेन कि साऊल अउ ओकर पूत मर गएन। ऍह बरे उ इस्राएलियन आपन सहर तजि दिहन अउ भाग पराइ गएन। तब पलिस्ती आएन। उ पचे उ सहरन मँ रहइ लागेन।
8 दूसरे दिन, पलिस्तियन ल्हासे स चीजन क लेइ आएन। उ पचे साऊल अउ ओकर तीनहुँ पूतन क गिलबो पहाड़े प मरा पाएन।
9 पलिस्तियन साऊल क मूँड़ काटि लिहन अउ ओकर कवच लइ लिहन। उ पचे इ खबर क पलिस्ती मनइयन अउ आपन देवमूतिर्यन क मन्दिर तलक लइ गएन।
10 उ पचे साऊल क कवच क आस्तोरेत क मन्दिर मँ धरेन। पलिस्तियन साऊल क ल्हास बेतसान क देवारे प टाँगेन भी।
11 याबेस गिलाद क मनइयन ओनँ सबहिं कारनामन क सुनेन जउन पलिस्तियन साऊल क संग किहस।
12 ऍह बरे याबेस क सबहिं फउजी बेतसान पहोंचेन। उ पचे सारी रात चलत रहेन। अउर उ पचे साऊल क ल्हासे क बेतसान क देवारे स उतारेन। उ पचे साऊल क पूतन क ल्हासन क भी उतारेन। तब उ पचे इ ल्हासन क याबेस लइ गएन अउर हुवाँ साऊल अउ ओकरे तीनहुँ पूतन क ल्हासे क पूँकि दिहन।
13 तब उ लोगन साऊल अउ ओकरे तीनहुँ पूतन क अस्थियन क बटोर लिहन। अउर ओनका याबेस मँ पेड़ क तरे दफनाइ दिहन। तब याबेस क लोग सोक मनाएन। याबेस क मनइयन सात दिना तलक उपवास राखेन।”
2 Samuel 1
1 अमालेकियन क हरावइ क पाछे दाऊद सिकलग लउटा अउर हुवाँ दुइ दिन ठहरा। इ साऊल क मउत क पाछे भवा।
2 तीसरे दिन, एक ठु नउजवान सिकलग आवा। उ साऊल क फउजी सिबिर स आए रहेन। उ मनई क ओढ़ना फटे रहेन अउर ओकरे मूँड़े पइ धूरि रही।उ मनई दाऊद क लगे आवा अउर दाऊद क समन्वा मुँहे क बल गिरिके दण्डवत किहस।
3 दाऊद उ मनई स पूछेस, “तू कहाँ स आवा अहा?”उ मनई दाऊद क जवाब दिहस, “मइँ इस्राएलियन क सिबिर स बचि निकरा हउँ।”
4 दाऊद ओहसे कहेस, “कृपा कइके मोका इ बतावा कि जुद्ध कउन जीतेस?”उ मनई जवाब दिहस, “हमार लोग जुद्ध स पराइ गएन। बहोत सारा लोग जुद्ध मँ मार डावा गएन। साऊल अउ ओकर पूत योनातन दुइनउँ मर गएन ह।”
5 दाऊद नउजुवक स पूछेस, “तू कइसे जानत अहा कि साऊल अउ ओकर पूत योनातन दुइनउँ मर गएन ह?”
6 नउजुवक दाऊद स कहेस, “मइँ गिलबो पर्वते पइ रहेउँ। हुवाँ मइँ साऊल क अपने भाले पइ निहुरन लखेउँ। पलिस्ती रथ अउ घुड़सवार साऊल क नज़दीक स नज़दीक आवत रहेन।
7 साऊल पाछे मुड़ा अउर उ मोका लखेस। उ मोहका गोहराएस। मइँ जवाब दिहेउँ, मइँ हिआँ अहउँ।
8 तब साऊल मोहसे पूछेस, ‘तू कउन अहा?’ मइँ जवाब दिहेउँ, ‘मइँ अमालेकी हउँ।’
9 साऊल कहेस, ‘कृपा कइके मोका मार डावा। मइँ बुरी तरह घायल हउँ अउर मइँ वइसे भी लगभग मरि गवा हउँ।’
10 एह बरे मइँ रुकेउँ अउर ओका मार डाएउँ। उ एतना बुरी तरह घायल रहा कि मइँ समुझ गएउँ कि उ जिअत नाहीं रहि सकत। तब मइँ ओकरे मूँड़े स मुकुट अउ भुजा स बाजूबन्द उतारेउँ अउर मोर सुआमी, मइँ मुकुट अउ बाजूबन्द हिआँ आप क खातिर लिआए अहउँ।”
11 तब दाऊद अपने ओढ़नन क इ परगट करइ बरे फार डाएस कि उ बहोत सोक मँ बूड़ा अहइ। दाऊद क संग सबहि लोग अइसा ही किहेन।
12 दाऊद अउर ओकर मनइयन बहोत दुःखी रहेन अउर रोए रहेन। उ पचे साँझ तलक कछू खाएन नाहीं। उ पचे दाऊद क लोगन बरे रोएन जउन मारा ग रहेन। उ पचे एह बरे रोएन कि साऊल, ओकर पूत योनातन अउर बहोत स इस्राएली जुद्ध मँ मारा ग रहेन।
13 दाऊद उ जुवक स बातचीत किहस जउन साऊल क मउत क सूचना दिहस। दाऊद पूछेस, “तू कहाँ क निवासी अहा?”जुवक जवाब दिहस, “मइँ एक बिदेसी क पूत हउँ। मइँ अमालेकी हउँ।”
14 दाऊद जुवक स पूछेस, “तू यहोवा क चुने राजा क मारइ स ससान काहे नाहीं भया?”
15 तब दाऊद अमालेकी जुवक स कहेस, “तू खुद आपन मउत क बरे जिम्मेदार अहा। तू कह्या कि तू यहोवा क चुने राजा क मार डाया। एह बरे तोहार खुद क सब्दन तोहका अपराधी सिद्ध किहन ह।” तब दाऊद आपन सेवक जुवकन मँ स एक ठु जुवक क बोलाएस अउर अमालेकी क मार डावइ क कहेस।” इस्राएली जुवक अमालेकी क मार डाएस।
16
17 दाऊद साऊल अउ ओकर पूत योनातान क बारे मँ एक ठु सोकगीत गाएस।
18 दाऊद अपने मनइयन स इ गीत क यहूदा क लोगन क सिखावइ क कहेस, इ सोकगीत क धनुस कहा गवा ह। इ गीत यासार क किताबे मँ लिखा बाटइ।
19 “ओह इस्राएल, तोहार महिमा तोहरे पहाड़न मँ मटियामेट भवा। ओह, कइसे उ सूरवीर जुद्ध मँ हार गएन।
20 एका गत मँ न कहा, एका अस्कलोन क गलियन मँ एलान न करा। उ पचे पलिस्तियन क सहर एहसे खुस होइहीं। उ पचे विदेसियन खुस होइहीं।
21 मोर इच्छा अहइ कि गिलबो क पर्वत पइ ओस अउर बर्खा न होइ, मोर इच्छा अहइ कि ओन खेतन स आवइवाली बलि-भेंटन न होइँ। सक्तीसाली मनसेधुअन क ढाल अइसा फैंकि जाइ जइसे इ बेकार रही। साऊल क ढाल जियादा दिना तलक तेल स पालिस कीन्ह भइ नाहीं रही।
22 योनातान क धनुस अपने भाग क दुस्मनन क मारेस, अउर साऊल क तरवार अपने हींसे क दुस्मनन क मारेस। उ पचे ओन मनइयन क खून स धब्बा लगाएन जउन अब मरि चुका अहइँ, उ पचे उ सक्तीसाली मनइयन क चर्बी क काटि दिहेस।
23 साऊल अउ योनातन, एक दूसर स पिरेम करत रहेन। उ पचे एक दूसर स सुखी रहेन जब तलक उ पचे जिअत रहेन, साऊल अउर योनातान मउत तलक मँ भी साथ रहेन। उ पचे उकाब स भी तेज जात रहेन, उ पचे सेर स जियादा बरिआर रहेन।
24 इस्राएल क बिटियो, साऊल खातिर रोवा। साऊल तोहका लाल पहिरावा दिहस, साऊल तोहरे ओढ़नन पइ सोने क जेवर सजाएस ह।
25 सक्तीसाली मनसेधू जुदध मँ काम आएन। योनातान गिलबो पहाड़े पइ मरा।
26 मोर भाई योनातान, मइँ तोहरे खातिर रोवत हउँ। मोका तोहार दोस्ती स बहोत आन्नद मिलेस ह। तोर पिरेम मोरे बरे एक ठु मेहरारू क पिरेम जियाद रहा।
27 सक्तीसाली मनसेधू जुद्ध मँ काम आएन, जुद्ध क सस्त्र चले गएन ह।”
2 Samuel 2
1 पाछे दाऊद यहोवा स पराथना किहस। दाऊद कहेस, “का मोका यहूदा क कउनो नगर मँ जाइ चाही?”यहोवा दाउद स कहेस, “जा” दाऊद पूछेस, “मोका कहाँ जाइ चाही?” यहोवा जवाब दिहस, “हेब्रोन क।”
2 एह बरे दाउद हुवाँ गवा। ओकर दुइनउँ मेहररूअन ओकरे संग गइन। (उ पचे यिज्रेली क अहीनोअम अउ कमेज्र्लि क नाबाल क राँड़ अबीगैल रहिन।)
3 दाऊद अपने लोगन अउ ओनके परिवारन क भी लिआवा। उ पचे हेब्रोन अउ निचके क नगरन मँ बस गएन।
4 यहूदा क लोग हेब्रोन आएन अउर उ पचे दाऊद क अभिसेक यहूदा क राजा क रूप मँ किहन। तब उ पचे दाऊद स कहेन, “याबेस गिलाद क मनइयन साऊल क दफनाएन।”
5 दाऊद याबेस गिलाद क लोगन क लगे दूत पठएस। एन दूत याबेस गिलाद क लोगन क दाऊद क सँदेसा दिहस: “यहोवा तोहका आसीर्बाद देइ, काहेकि तू लोग अपने सुआमी साऊल बरे, ओकर जरी भइ हड्डियन क दफनाइके दाया देखाँया ह।
6 यहोवा अब तोहरे बरे दयालु अउ सच्चा रही। मइँ भी तोहरे बरे दयालु रहब काहेकि तू लोग जरी भइ हड्डयन क दफनाया ह।
7 अब, सक्तीसाली अउ बीर बना, तोहार सुआमी साऊल मर चुका अहइँ, अउ यहूदा क परिवार समूह अपने राजा क रूप मँ मोर अभिसेक किहेस ह।”
8 नेर क पूत अब्नेर साऊल क फउज क सेनापति रहा। अब्नेर साऊल क पूत ईसबोसेत क महनैम लइ गवा।
9 उ ठउरे पइ अब्नेर ईसबोसेत क गिलाद, आसेर, यिज्रेल, एप्रैम, अउ बिन्यामीन अउर समस्त इस्राएल क राजा बनाएस। ईसबोसेत सारे इस्राएलक राजा बन गवा।
10 ईसबोसेत साऊल क पूत रहा। ईसबोसेत चालीस बरिस क रहा जब उ इस्राएल पइ सासन करब सुरू किहेस। उ दुइ बरिस तलक सासन किहस। किन्तु यहूदा क परिवार समूह दाऊद क अनुसरण करत रहा।
11 दाउद हेब्रोन मँ यहूदा क परिवार समूह क राजा सात बरिस छ: महीने तलक रहा।
12 नेर क पूत अब्नेर अउ साऊल क पूत क अधिकारी लोग ईसबोसेत महनैम क तजेन। उ पचे गिबोन क गएन।
13 सरुयाह क पूत योआब अउ दाऊद क सेवकगण भी गिबोन गएन। उ पचे अब्नेर अउ ईसबोसेत क सेवकन स, गिबोन क तालाब पइ मिलेन। अब्नेर क टोली तालाब क एक कइँती बइठी रही। योआब क टोली तालाब क दूसरी ओर बइठी रही।
14 अब्नेर योआब स कहेस, “हम लोग जुवकन क खड़ा होइ देइ अउर हिआँ एक मुकाबला होइ जाइ द्या।” योआब कहेस, “हाँ, ओनमाँ मुकाबला होइ जाइ दया।”
15 तब जुवक उठेन। दुइनउँ टोलियन मुकाबला बरे अपने जुवकन क गनेन। बियामीन क परिवार समूह स बारह जुवक मनइयन साऊल पूत ईसबोसेत क तरफ स जुद्ध बरे चुना गएन, अउर बारह जुवक दाऊद क मनइयन मँ स चुने गएन।
16 हर एक जुवक अपने दुस्मन क मूँड़े क धरेस अउ आपन तरवार अन्दर भोंक दिहस। एह बरे जुवक मनइयन एक ही संग गिर पड़ेन। इहइ कारण अहइ कि उ ठउर, “तेज चाकुअन क खेत”कहा जात ह। इ ठउर गिबोन मँ अहइ।
17 उ दिन मुकाबला भयंकर जुदध मँ बदल गवा। दाऊद क मनइयन अब्नेर अउ इस्राएलियन क हराइ दिहन।
18 सरूयाह क तीन पूत रहेन, योआब, अवीस अउ असाहेल। असाहेल तेज दउड़इवाला रहा। उ जंगली हिरन क तरह तेज दउड़त रहा।
19 असाहेल अब्नेर क पाछा किहस। असाहेल सोझइ अब्नेर कइँती दउड़ गवा।
20 अब्नेर मुड़िके लखेस अउर पूछेस, “का तू असाहेल अहा?” असाहेल कहेस, “मइँ हउँ।”
21 अब्नेर असाहेल क चोट नाहीं पहोंचावइ चाहत रहा। तब अब्नेर असाहेल स कहेस, “मोर पाछा करब तजा अपनी दाहिन या बाईर् कइँती मुड़ा जुवकन मँ स कउनो एक क पाछा करा अउर ओकर कवच अपने बरे लइ ल्या।” किन्तु असाहेल अब्नेर क पाछा करब तजइ स इन्कार कइ दिहस।
22 अब्नेर असाहेल स फुन कहेस, “मोर पाछा करब तजा। जदि तू पाछा करब नाहीं तजत्या तउ मइँ तोहका मार डाउब। जदि मइँ तोहका मार डाउब तउ मइँ फुन तोहरे भाई योआब क मुँह नाहीं लखि सकब।”
23 किन्तु असाहेल अब्नेर क पाछा करब नाहीं तजेस। एह बरे अब्नेर आपन भाला क पिछले हींसा क उपयोग किहस अउर असाहेल क पेट मँ ओका घुसेड़ दिहस। भाला असाहेल क पेट मँ एतना गहिर घँसा कि उ ओकरी पीठ स बाहेर निकरि आवा। असाहेल हुवाँ तुरंत मरि गवा।असाहेल क तन जमीन पइ गिर पड़ा। लोग ओकरे लगे दउड़िके गएन, अउर रूक गएन।
24 किन्तु योआब अउ अबीस अब्नेर क पाछा करब जारी रखेन।जउन समइ उ पचे अम्मा पहाड़ी पइ पहोंचेन सूरज बूड़त रहा। (अम्मा पहाड़ी गहि क समन्वा गिबोन रेगिस्तान क राहे पइ रही।)
25 बिन्यामीन परिवार समूह क लोग अब्नेर क लगे आएन। उ पचे सबहिं एक संग पहाड़ी क चोटी पइ खड़े होइ गएन।
26 अब्नेर चिचियाइके योआब क गोहराएस। अब्नेर कहेस, “का हम क लड़ जाइ चाही अउर हमेसा बरे एक दूसर क मारि डावइ चाही? निहचइ ही तू जानत अहा कि एकर अन्त सिरिफ सोक होइ। लोगन स कहा कि अपने ही भाइयन क पाछा करब बन्द करइँ।”
27 तब योआब कहेस, “इ जउन तू कह्या उ ठीक अहइ। यहोवा क जिन्नगी क किरिया, जदि तू कछू नाहीं कहि होतेन, तउ मनइयन अपने भाइयन क पाछा सबेरे मँ भी करत रहतेन।”
28 तब योआब एक तुरुही बजाएस अउ ओकर लोग इस्राएलियन क पाछा करब बन्द किहन। उ पचे अउर अगवा इस्राएलियन स लड़इ क जतन नाहीं किहन।
29 अब्नेर अउ ओकर लोग यरदन घाटी स होइके रात भर चलेन। उ पचे यरदन घाटी क पार किहन। उ पचे पूरे दिन चलत रहेन अउर महनैम पहोंचेन।
30 योआब अब्नेर क पाछा करब बन्द करइ क पाछे अपनी फउज मँ वापिस लउट आवा। जब योआब लोगन क बटोरेस, दाऊद क उन्नीस सेवक लापता रहेन। असाहेल भी लापता रहा।
31 किन्तु दाऊद क सेवकन बिन्यामीन परिवार समूह क तीन सौ साठ निअम्बरन क, जउन अब्नेर क अनुसरण करत रहेन, मार डाए रहा।
32 दाऊद क सेवक लोग असाहेल क लिहन अउर ओका बेतलेहेम मँ ओकरे पिता क कब्रिस्तान मँ दफनाएन।योआब अउ ओकर मनई रात भइ चलत रहेन। जब उ पचे हेब्रोन पहोंचेन तउ सूरज निकरा।
2 Samuel 3
1 साऊल क परिवार अउ दाऊद क परिवार लम्बे समइ तलक एक दूसर क खिलाफ जुद्ध करत रहा। दाऊद जियादा स जियादा बरिआर होत गवा अउर साऊल क परिवार कमजोर पइ कमजोर होत गवा।
2 दाऊद क इ सबइ पूत हेब्रोन मँ पइदा भए रहेन। पहिला पूत अम्नोन रहा। अम्नोन क महतारी यिज़्रेल क अहीनोअम रही।
3 दूसर पूत किलाब रहा। किलाब क महतारी अबीगैल इ नाबाल क राँड़ रहा जउन कमेर्ल स रहा। तीसरा पूत अबसालोम रहा। अबसालोम क महतारी गसूर क राजा तल्मै क बिटिया माका रही।
4 चौथा पूत अदोनिय्याह रहा। अदोनिय्याह क महतारी हग्गीत रही। पाँचवा पूत सपत्याह रहा। सपत्याह क महतारी अबीतल रही।
5 छठवाँ पूत यित्राम रहा। यित्राम क महतारी दाऊद क मेहरारू एग्ला रही। दाऊद क इ सबइ छ: पूत हेब्रोन मँ पइदा भएन।
6 जउने समइ साऊल क परिवार तथा दाऊद परिवार मँ जुद्ध चलत रहा, अब्नेर साऊल क फउज मँ जियादा स जियादा सक्तीसाली बन गवा।
7 साऊल क दासी रिस्पा नाउँ क रही। रिस्पा अय्या क बिटिया रही। ईसबोसेत अब्नेर स कहेस, “तू मोर पिता क दासी क संग तने क सम्बन्ध काहे करत ह?”
8 अब्नेर, ईसबोसेत जउन कछू कहेस, ओहसे बहोत कोहाइ गवा। अब्नेर कहेस, “मइँ साऊल अउ ओकरे परिवार क वफ़ादार रहा हउँ। मइँ तोहका दाऊद क नाहीं दिहेउँ। मइँ तोहका ओहका हरावइ नाहीं दिहेउँ। मइँ यहूदा बरे काम करइवाला देसद्रोही नाहीं हउँ।किन्तु अब तू कहन अहा कि मइँ इ बुराई कीन्ह।
9 मइँ इ प्रतिग्या करत हउँ- मोका पर्ण बिस्सास ह कि अब उ सबइ कछू होब्या जउन परमेस्सर कहेस ह। यहोवा कहेस कि उ साऊल क परिवार क राज्ज क लइ लेइ अउर एका दाऊद क देइ। यहोवा दाऊद क यहूदा अउ इस्राएल क राजा बनाई। उ दान स लइके बेसेज्र्बि तलक हुकूमत करी। परमेस्सर मोका सज़ा दे जदि मइँ वइसा होइ नाहीं द्या।”
10
11 ईसबोसेत अब्नेर स कछू भी नाहीं कहि सका। ईसबोसेत ओहसे बहोत जियादा ससान रहा।
12 अब्नेर दाऊद क लगे दूत पठएस। अब्नेर कहेस, “तोहार सोचत क मुताबिक केका इ देस पइ हुकूमत करइ चाही? मोरे संग एक ठु सन्धि करा अउर मइँ तोहका पूरे इस्राएल क लोगन क सासक बनइ मँ मदद करब।”
13 दाऊद जवाब दिहस, “ठीक अहइ। मइँ तोहरे संग सन्धि करब। किन्तु तोहसे मइँ सिरिफ एक बात कहत हउँ: मइँ तोहसे तब तलक नाहीं मिलब जब तलक तू साऊल क बिटिया मीकल क मोर लगे भेंटइ बरे नाहीं लाउब्या।”
14 दाऊद साऊल क पूत ईसबोसेत क लगे दूत पठएस। दाऊद कहेस, “मोर मेहरारू मीकल क मोका वापस करा। मइँ ओका पावइ बरे सौ पलिस्तियन क मारे रहेउँ।”
15 तब ईसबोसेत ओन लोगन क आदेस दिहेस कि उ लैस क पूत पलतीएल नाउँ क मनई क पास स मीकल क लइ आवइ।
16 मीकल क भतार पलतीएल मीकल क संग गवा। उ बहूरीम नगर तलक मीकल क पाछे-पाछे रोवत भवा गवा। किन्तु अब्नेर पलतीएल स कहेस, “घरे लउटि जा।” एह बरे पलतीएल घरे लउटि डवा।
17 अब्नेर इस्राएल क प्रमुखन क इ सँदेसा पठएस। उ कहेस, “आप लोग दाऊद क आपन राजा बनावइ क इच्छुक रहेन।
18 अब एका करइँ। यहोवा दाऊद क बारे मँ कहत रहा जब उ कहे रहा, ‘मइँ अपने इस्राएली लोगन क पलिस्तियन अउ ओनकर सबहिं दुस्मनन स बचाउब। मइँ इ अपने सेवक दाऊद क जरिये करब।’”
19 अब्नेर इ सबइ बातन बिन्यामीन क परिवार समूह क लोगन स कहेस। अब्नेर जउन कछू कहे रहा उ बिन्यामीन परिवार क लोगन अउ इस्राएल क सबहिं लोगन क नीक लगा। एह बरे अब्नेर हेब्रोन मँ दाऊद क उ सबइ सबहिं बातन बताएन, जेका करइ मँ इस्राएल क लोग अउ बिन्यामीन परिवार क लोग सहमत रहेन।
20 जब अब्नेर दाऊद क लगे हेब्रोन आवा। उ अपने संग बीस लोगन क लिआवा। दाऊद अब्नेर क अउर ओनके संग आए सबहिं लोगन क दावत दिहस।
21 अब्नेर दाऊद स कहेस, “सुआमी, मोरे राजा, मइँ जाब अउर सबहिं इस्राएलियन क आप क लगे लिआउब। तब उ पचे आप क संग सन्धि करिहीं, अउर आप पूरे इस्राएल पइ हुकूमत करिहीं जइसा आप चाहत हीं।”तब दाऊद अब्नेर क बिदा किहस अउर अब्नेर सान्ति पूर्वक गवा।
22 योआब अउ दाऊद क अधिकारी जुद्ध स लउटिके आएन। ओनके लगे बहोत स कीमती सामान रहेन जउन उ पचे दुस्मन स लिआए रहेन। दाऊद अब्नेर क सान्तिपूर्वक जाइ दिहस। एह बरे अब्नेर दाऊद क संग हेब्रोन मँ नाहीं रहा।
23 योआब अउर ओकर सारी फउज हेब्रोन पहोंची। फउज योआब स कहेस, “नेर क पूत अब्नेर राजा दाऊद क लगे आवा रहा अउर दाऊद ओका सान्तिपूर्वक जाइ दिहस।”
24 योआब राजा क लगे आवा अउर कहेस, “इ आप का किहेन? अब्नेर आप क लगे आवा अउर आप ओका बिना चोट पहोंचाए जाइ दिहन। काहे?
25 आप नेर क पूत अब्नेर क जानत हीं। उ आप क संग चाल चलइ आवा। उ ओन सबहिं बातन क पता करइ आवा रहा जउन आप करत अहइँ।”
26 योआब दाऊद क छोड़ेस अउ सीरा क कुआँ पइ अब्नेर क लगे दूत पठएस। दूत अब्नेर क वापिस लिआएन। किन्तु दाऊद क एकर पता न चला।
27 जब अब्नेर हेब्रोन आवा तउ योआब, प्रवेस दुआर क एक किनारे ओका लइ गवा अउर तब योआब अब्नेर क पेट मँ प्रहार किहस अउर अब्नेर मर गवा। पिछले दिनन मँ अब्नेर योआब क भाई असाहेल क मारे रहा। एह बरे अब योआब अब्नेर क मार डाएस।
28 पाछे दाऊद इ खबर सुनेस। दाऊद कहेस, “मइँ अउर मोर राज्ज नेर क पूत अब्नेर क मउत बरे निरपराध अहइ। यहोवा एका जानत ह।
29 योआब अउर ओकर परिवार ऐकर जिम्मेदार अहइ, अउर ओकरे पूरा परिवार क दोखी ठेहराइ जाइ। मोका इ आसा अहइ कि ओकरे परिवार मँ कछू लोग ज़ख्मी होइ अउर कछू भंयकर चर्मरोग स पीड़ित होइ या कछू लोग लंगड़ा लूला होइ, कछू जुद्ध मँ मारा जाइ अउर कछू बगैर भोजन क रही।”
30 योआब अउर ओकर भाई अबीसै अब्नेर क मार डाएस काहेकि अब्नेर ओकरे भाई असाहेल क गिबोन क लड़ाई मँ मारे रहा।
31 दाऊद योआब क संग सबहिं मनइयन स कहेस, “अपने ओढ़नन क फार डावा अउर सोक वस्त्र पहिरा। अब्नेर बरे रोवा।” उ पचे अब्नेर क हेब्रोन मँ दफनाएन। दाऊद अन्त्येस्टि मँ गवा। राजा दाऊद अउर सबहिं लोग अब्नेर क कब्र पइ रोएन।
32
33 दाऊद अब्नेर बरे आपन सोक-गीत गाएस: “का अब्नेर कउनो मूरख अपराधी क तरह मरब रहा?
34 अब्नेर तोहार हाथ बँधे नाहीं रहेन। तोहार गोड़ जंजीरन मँ कसा नाहीं रहेन। नाहीं अब्नेर, तोहका दुस्टन मारेन।”तब सबहिं लोग फुन अब्नेर बरे रोएन।
35 सबहिं लोग दाऊद क दिन रहत भोजन करइ बरे प्रेरित करइ आएन। किन्तु दाऊद खास प्रतिग्या किहेस। उ कहेस “परमेस्सर मोका दण्ड देइ अउर मोरे कस्टन क बढ़ावइ जदि मइँ सूरज बूड़इ क पहिले रोटी या कउनो दूसर भोजन करउँ।”
36 जउन कछू भवा सबहिं लोग लखेन अउर उ पचे ओन सबहिं कामन स सहमत भएन जउन राजा दाऊद करत रहा।
37 उ दिन यहूदा क लोगन अउर सबहिं इस्राएलियन समुझ लिहन कि राजा दाऊद नेर क पूत अब्नेर क मारइ क आदेस नाहीं दिहे रहा ह।
38 राजा दाऊद अपने मनइयन स कहेस, “तू लोग जानत अहा कि आज इस्राएल मँ एक बहोत महत्वपूर्ण नेता मरि गवा ह।
39 इ सबइ उहइ दिन भवा जउने दिन मोर अभिसेक राजा क रूप मँ भवा रहा। किन्तु सरूयाह क पूत मोर बरे बहोत जियादा मज़बूत अहइ। यहोवा बुरा व्यक्ति क ओकरे बुरा कामन क अनुसार ओका सज़ा दइ!”
2 Samuel 4
1 साऊल क पूत (ईसबोसेत) सुनेस कि अब्नेर क मउत हेब्रोन मँ होइ गइ। ईसबोसेत अउ ओकर सबहिं लोग बहोत जियादा ससान रहेन।
2 दुइ मनई साऊल क पूत क लखइ गएन। इ दुइनउँ मनई फउज क सेनापति रहेन। एक ठु मनई क नाउँ बाना रहा अउर दूसर क नाउँ रेकाब रहा। बाना अउ रेकाब बेरोत क रिम्मोन क पूत रहेन। (उ पचे बिन्यामीन परिवार समूह क रहेन। बेरोत नगर बिन्यामीन परिवार समूह क रहा।
3 बेरोत क लोग गित्तैम क पराइ गएन अउर उ पचे आजु हुवाँ तलक रहत हीं।)
4 साऊल क पूत योनातन क एक पूत रहा जेकर नाउँ मपीबोसेत रहा, जउन लँगड़ा रहा। योनातन क पूत उ समइ पाँच बरिस क रहा, जब इ खबर मिली रही कि साऊल अउ योनातन यिज्रेल मँ मारे गएन। इ पूत क धाई इ बच्चा क उठाएस अउर उ पराइ गइ। किन्तु जब धाई भागइ मँ हाली किहेस, तउ योनातन क पूत ओकरी बाँहन स भहराइ पड़ा। इहइ कारण रहा कि योनातन क पूत लँगड़ा होइ गवा रहा।
5 बेरोत क रिम्मोन क पूत रेकाब अउ बाना, दोपहर क ईसबोसेत क घरे मँ गएन। ईसबोसेत गर्मी क कारण आराम करत रहा।
6 रेकाब अउ बाना अपने घरे मँ इ तरह आएन माना उ पचे कछू गोहूँ लेइ जात होइँ। ईसबोसेत अपने बिछौना मँ अपने सयनकच्छ मँ ओलरा भवा रहा। रेकाब अउ बाना आघात किहेन अउर ईसबोसेत क मार डाएन। तब उ पचे ओकर मूँड़ि काटेन अउर ओका अपने संग लइ गएन। उ पचे यरदन घाटी स होइके रात भर चलत रहेन।
7
8 उ पचे हेब्रोन पहोंचेन, अउर उ पचे ईसबोसेत क मूँड़, दाऊद क दिहन।रेकाब अउ बाना दाऊद स कहेस, “इ आप क दुस्मन साऊल क पूत ईसबोसेत क मूँड़ अहइ। उ आप क मारइ क जतन किहस। यहोवा साऊल अउर ओकरे परिवार क आप खातिर आजु दण्ड दिहस ह।”
9 दाऊद रेकाब अउ ओकर भाई बाना क जवाब दिहस, दाऊद कहेस, “यहोवा क जिन्नगी क किरिया, उ मोका सबहिं आपत्तियन स बचाएस ह।
10 किन्तु बीते दिन मँ एक मनई सोचेस कि उ मोरे बरे अच्छी खबर लिआई। उ मोहसे कहेस, ‘साऊल मर गवा।’ ओका आसा रही कि मइँ ओका इ खबर क लिआवइ क कारण पुरस्कार देब। किन्तु मइँ उ मनई क धरेउँ अउर सिकलग मँ मार डाएउँ।
11 एह बरे अब मइँ तू पचन क मारि के ईसबोसेत क मृत्यु क बदला लेब काहेकि दुस्ट मनइयन एक नीक मनई क, उ समई मारेस ह जब उ अपने घरे क सयन कच्छ मँ बिछउना पइ आराम करत रहा। तू पचे जिअत नाहीं रहब्या। मइँ धरती क तू पचन्क स मुक्त करब।”
12 दाऊद जुवकन क आदेस दिहस कि उ पचे रेकाब अउ बाना क मार डावइँ। तब, जुवकन रेकाब अउ बाना क हाथ-पैर काट डाएन अउर हेब्रोन क झरना क सहारे लटकाइके मार डाएस। तब, उ पचे ईसबोसेत क मूँड़े क लिहस अउर उहइ ठउरे पइ ओका दफनाएस, जउने ठउरे पइ हेब्रोन मँ अब्नेर क दफनावा गवा रहा।
2 Samuel 5
1 तब इस्राएल क सारे परिवार समूहन क लोग दाऊद क लगे हेब्रोन आएन। उ पचे दाऊद स कहेन, “हम सब एक ही मांस अउर खून क अहइँ।
2 बीते जमाने मँ जब साऊल हमार राजा रहा, तउ उ पचे आप ही रहेन जउन इस्राएल क बरे जुद्ध मँ हमार नेतृत्व करत रहेन अउर आप इस्राएल क जुद्धन स वापिस लिआएन। यहोवा आप स कहेस, ‘तू मोरे लोग अर्थात इस्राएलियन क गड़रिया होब्या। तू इस्राएल क सासक होब्या।”‘
3 इस्राएल क सबहिं प्रमुखन राजा दाऊद क लगे हेब्रोन मँ मिलइ बरे आएन। दाऊद एन प्रमुखन क संग हेब्रोन मँ यहोवा क मोजूदगी मँ एक ठु सन्धि किहेन। तब उ पचन इस्राएल क राजा क रूप मँ दाऊद क अभिसेक किहन।
4 दाऊद उ समइ तीस बरिस क रहा जब उ हुकूमत करब सुरू किहेस। उ चालीस बरिस हुकूमत किहस।
5 उ हेब्रोन मँ अउर यहूदा पइ सात बरिस, छ: महीने तलक हुकूमत किहस अउर उ, सारे इस्राएल अउ यहूदा पइ यरूसलेम मँ तैतीस बरिस तलक हुकूमत किहस।
6 राजा अउ ओकर मनइयन यरूसलेम मँ यबूसियन क खिलाफ जउन यरूसलेम मँ रहत रहेन जुद्ध करइ बरे गएन। यबूसियन दाऊद स कहेन, “तू हमरे नगर मँ नाहीं आइ सकत्या। हिआँ तलक कि एक आँधर अउ लँगड़ा भी तोहका रोक सकत हीं।” (उ पचे अइसा एह बरे कहत रहेन काहेकि उ पचे सोचत रहेन कि दाऊद ओनके नगर मँ प्रवेस नाहीं करइ सकत्या।
7 किन्तु दाऊद सिय्योन क किला लइ लिहस। इ किला दाऊद-नगर बना।)
8 उ दिन दाऊद अपने लोगन स कहेस, “जदि तू लोग यबूसियन क हरावइ चाहत अहा, तउ जलसुरंग स जा अउर ओन ‘आँधर अउ अपाहिज’ दुस्मनन पइ हमला करा।” इहइ कारण अहइ कि लोग कहत हीं, “आँधर अउ विकलांग घरेमँ नाहीं आइ सकतेन।”
9 दाऊद किले मँ रहत रहा अउर एका “दाऊद क नगर” कहत रहा। दाऊद उ छेत्र क बनाएस अउर मिल्लो नाउँ दिहस। उ नगर क भीतर दूसर भवन भी बनाएस।
10 दाऊद जियादा स जियादा सक्तीसाली होत गवा काहेकि सर्वसक्तीमान यहोवा ओकरे संग रहा।
11 सोर क राजा हीराम दाऊद क लगे दूतन क पठएस। हीराम देवदारू क बृच्छ, बढ़ई अउ राजमिस्त्री लोगन क भी पठएस। उ पचे दाऊद बरे एक ठु महल बनाएस।
12 उ समइ दाऊद जान गएन कि यहोवा ओका फुरइ इस्राएल क राजा बनाएस ह। दाऊद इ भी जान गएन कि यहोवा ओकरे राज्ज क परमेस्सर क लोगन, अर्थात इस्राएलियन बरे बहोत महान बनाएस ह।
13 दाऊद हेब्रोन स यरूसलेम चला गवा। यरूसलेम मँ दाऊद अउर जियादा अउ पत्नियन अउ उप-पत्नियन क पाएस। ओका हुवाँ बहोत अधिक बेटवन अउर बिटियन भएन।
14 यरूसलेम मँ पइदा भए दाऊद क पूतन क नाउँ इ सबइ अहइँ: सम्मू, सोबाब, नातान, सुलैमान,
15 दिभार, एलोस नेपेग, यापी
16 एलीसामा, एल्यादा अउ एलीपेलेत।
17 पलिस्तियन इ सुनेन कि इस्राएलियन दाऊद क अभिसेक इस्राएल क राजा क रूप मँ किहेस ह तब सबहिं पलिस्ती दाऊद क मार डावइ बरे ओकर खोज करइ बाहेर निकरेन। किन्तु दाऊद क इ खबर मिल गइ। उ एक किला मँ चल गवा।
18 पलिस्ती आएन अउर रपाईस क घाटी मँ उ पचे आपन डेरा डाएन।
19 दाऊद बात कइके यहोवा स पूछेस, “का मोका पलिस्तियन क खिलाफ जुद्ध मँ जाइ चाही? का तू मोका पलिस्तियन क हरावइ देब्या?”यहोवा दाऊद स कहेस, “जा, काहेकि मइँ निहचइ ही, पलिस्तियन क हरावइ मँ तोहार मदद करब।”
20 तब दाऊद बालपरासीम आवा। हुवाँ उ पलिस्तियन क हराएस। दाऊद कहेस, “यहोवा मोरे समन्वा मोरे दुस्मनन क फउज क इ तरह दउड़ भगाएस जइसे जल बाँथ क तोरिके बहत ह।” इहइ कारण अहइ कि दाऊद उ ठउरे क नाउँ “बालपरासीम” रखेस।
21 पलिस्तियन बालपरासीम मँ अपनी देवमूरतियन क पाछे तजि दिहन। दाऊद अउ ओकर लोग ओन देवमूरतियन क हुवाँ स हटाइ दिहन।
22 पलिस्ती फुन आएन अउर रपाईम क घाटी मँ उ पचे डेरा डाएन।
23 दाऊद यहोवा स पराथना किहस। इ समइ यहोवा कहेस, “ओन लोगन पई सामन्वा स हमला जिन करा। ओनके चारिहुँ कइँती ओनकर फउज क पाछे स जा। तूत बृच्छन क लगे ओन पर हमला करा।
24 तूत बृच्छन क चोटी स तू पलिस्तियन क सामरिक प्रमाण क ध्वनि सुनब्या। तब तू पचन्क हाली स करइ चाही, काहेकि उ समइ यहोवा जाइ अउर तोहरे बरे पलिस्तियन क हराइ देइ।”
25 दाऊद उहइ किहस जउन करइ क बरे यहोवा आदेस दिहे रहा। उ पलिस्तियन क हराएस। उ ओनकर पाछा सबइ रास्ते स गेबा स गेजेर तलक किहस।
2 Samuel 6
1 दाऊद फुन इस्राएल क सबहिं चुने गए तीस हजार लोगन क बटोरेस।
2 तब दाऊद अउ ओकर सबहिं लोग यहूदा क बालेमँ स परमेस्सर क पवित्तर सन्दूख क यरूसलेम मँ लइ बरे गएन। पवित्तर सन्दूक सर्वसक्तीमान यहोवा क नाउँ स जाना जात हीं। पवित्तर सन्दूख यहोवा क सिंहासन क तरह अहइ। पवित्तर सन्दूख क ऊपर करूब क मूरतियन अहइँ, अउर यहोवा एन सरगदूतन पइ राजा क तरह बइठत ह।
3 उ पचे परमेस्सर क सन्दूख क एक ठु नवी गाड़ी मँ रखेन। उ पचे गिबियाह मँ एक पहाड़ी पइ स्थित अबीनादाब क घरे स पवित्तर सन्दूख क लइ जात रहेन, उज्जा अउ अहह्यो अबीनादाब क पूतन नवी गाड़ी चलावत रहेन।
4 जब उ पचे गिबियाह मँ अबीनादाब क घर जउन पहाड़ी प रहा स पवित्तर सन्दूख क लइ जात रहेन। अहह्यो सन्दूखवाली गाड़ी क आगे-आगे चलत रहेन।
5 दाऊद अउ सबहिं इस्राएली यहोवा क समन्वा पूरे उत्साह क संग नाचत अउ गावत रहेन अउर सबइ प्रकार क संगीत यंत्र जइसे: वीणा, सितार, ढोल, झाँझ अउ मँजीरा बजावत रहेन। इ सबइ सनौवर क लकड़ी क बना रहेन।
6 जब दाऊद क लोग नकोन खरिहाने मँ आएन तउ बर्धा लड़खड़ाइ पड़ेन। परमेस्सर क पवित्तर सन्दूख बन्द गाड़ी स गिरइ लाग। उज्जा पवित्तर सन्दूखे क धइ लिहस।
7 यहोवा उज्जा पइ कोहाइ गवा अउर ओका मार डाएस। उज्जा पवित्तर सन्दूख छुइके परमेस्सर बरे अस्रद्धा देखाँएस। उज्जा हुवाँ परमेस्सर क पवित्तर सन्दूख क बगल मँ मरा।
8 दाऊद बहोत कोहाइ गवा काहेकि यहोवा उज्ज क आपन क्रोध मँ मार डाए रहा। दाऊद उ जगह क “पेरेसुज्जा” कहेस। उ जगह आजु तलक पेरेसुज्जा कहा जात ह।
9 दाऊद उ दिन यहोवा स डर गवा। दाऊद कहेस, “अब मइँ यहोवा क पवित्तर सन्दूख हिआँ कइसे लाइ सकत हउँ?”
10 एह बरे दाऊद यहोवा क पवित्तर सन्दूख क दाऊद नगर मँ नाहीं लेइ चाहत रहा। उ पवित्तर सन्दूख क गत स आए भए एक मनई ओबेदोदोम क घरे मँ रखेस। दाऊद एका सड़क स गत क ओबेदोदोम क घर लइ गवा।
11 यहोवा क सन्दूख ओबेदोदोम क घरे मँ तीन महीने तलक रहा। यहोवा ओबेदोदोम अउ ओकरे सारे परिवार क आसीर्वाद दिहस।
12 लोग दाऊद स कहेन, “यहोवा ओबेदोदोम क परिवार अउर ओकर सारी चिजियन क आसीर्वाद दिहस काहेकि परमेस्सर क पवित्तर सन्दूख हुवाँ अहइ।” एह बरे दाऊद गवा अउ ओबेदोदोम क घरे स परमेस्सर क पवित्तर सन्दूख क दाऊद नगर स लइ आवा। दाऊद एका खुसी स किहस।
13 जब यहोवा क पवित्तर सन्दूखे क लइ चलइवाले छ कदम चलेन तउ उ पचे रूक गएन अउर दाऊद एक ठु बर्धा अउ एक ठु माटेवार बछवा क बलि भेेंट किहेस।
14 तब दाऊद यहोवा क समन्वा पूरे उत्साह क संग नाच किहेस। दाऊद सूती कपड़ा क एपोद पहिर रखे रहा।
15 दाऊद अउर सबहिं इस्राएली यहोवा क पवित्तर सन्दूख क नगर लिआवत समइ उल्लास स उद्घोस करइ अउर तुरूही बजावइ लागेन।
16 साऊल क बिटिया मीकल खिड़की स लखत रही जब यहोवा क पवित्तर सन्दूख नगर मँ आवा। दाऊद यहोवा क समन्वा नाचत अउ कूदत रहा। मीकल इ लखेस अउर उ आपन हिरदय मँ तुच्छ समझेस।
17 दाऊद पवित्तर सन्दूखे बरे एक ठु तम्बू लगाएस। इस्राएलियन यहोवा क सन्दूख क तम्बू मँ ओकरी जगह पइ रखेस। तब दाऊद होमबलि अउ मेलबलि यहोवा क चढ़ाएस।
18 जब दाऊद होमबलि अउ मेलबलि चढ़ाउब पूरा किहस तब उ सर्वसक्तीमान यहोवा क नाउँ पइ लोगन क आसीर्बाद दिहस।
19 दाऊद रोटी, किसमिस क टुकड़ा, अउर खजूर क रोटा क हींसा इस्राएल क हर एक मेहरारू मनसेधू क दिहस। तब सबहिं लोग अपने घर चले गएन।
20 दाऊद अपने घरे मँ आसीर्बाद देइ गवा। किन्तु साऊल क बिटिया मीकल ओहसे भेटंइ निकरि आइ। मीकल कहेस, “आज इस्राएल क राजा अपना ही सम्मान नाहीं किहस। तू अपनी प्रजा क दासियन क समन्वा आपन ओढ़ना उतार दिहा। तू उ मूरख क तरह रह्या जउन बगैर लज्जा क आपन ओढ़ना उतारत ह।”
21 तब दाऊद मीकल स कहेस, “यहोवा मोका चुनेस ह, न कि तोहार बाप अउ ओकरे परिवार क कउनो मनई क। यहोवा मोका इस्राएल, अपने लोगन क मार्ग दर्सक बनवई बरे नियुक्त किहेस ह। इहइ कारण अहइ कि मइँ यहोवा क समन्वा उत्सव मनाउब अउर नाचब।
22 मइँ अउर भी जिआदा सरमनाक हरकत कइ सकत हउँ! अउर आपन नज़र मँ अपमानित होइ जाउँ। होइ सकत ह तू मोका सम्मान न देइ। किन्तु जउन लड़कियन क बारे मँ तू बात करति अहा उ पचे मोर सम्मान करति हीं।”
23 साऊल क बिटिया क कबहुँ सन्तान न भइ। उ बिना सन्तान क मरी।
2 Samuel 7
1 राजा दाऊद क अपने नवे महल मँ रहइ क पाछे, यहोवा ओका चारिहुँ कइंँती क दुस्मनन स ओका सान्ति दिहस।
2 राजा दाऊद नातान नबी स कहेस, “लखा, मइँ देवदारू क काठे स बने महल मँ रहत हउँ। किन्तु परमेस्सर क पवित्तर सन्दूख अबहुँ भी तम्बू मँ रखा भवा ह।”
3 नातान राजा दाऊद स कहेस, “जा, अउर जउन कछू तू करइ चाहत ह, करा। यहोवा तोहरे संग होइ।”
4 किन्तु उहइ राति नातान क यहोवा क सँदेसा मिला।
5 “जा, अउर मोरे सेवक दाऊद स कहा, ‘यहोवा इ कहत ह: तू उ मनई नाहीं अहा जउन मोरे रहइ बरे एक ठु घर बनावइ ह।
6 मइँ उ समइ घरे मँ नाहीं रहत रहेउँ जल मइँ इस्राएलियन क मिस्र स बाहेर लाएउँ। नाहीं, मइँ उ समइ स चारिहुँ ओर तम्बू मँ जात्रा करत रहेउँ। मइँ तम्बू क उपयोग अपने घर क रूप मँ किहेउँ।
7 जब कबहुँ मइँ इस्राएलियन क संग चलेस ह, मइँ कउनो भी सासक क जेका मइँ इस्राएल क लोगन पइ धियान रखइ बरे कहेस रहा कबहुँ आपन खातिर देवदारू क काठे क सुन्नर घर बनावइ बरे नाहीं कहउँ।’
8 “तोहका मोर सेवक दाऊद स इ कहइ चाही, ‘सर्वसक्तीमान यहोवा इ कहत ह: मइँ तोहका चरागाह स लिआएउँ। मइँ तोहका तब लिआएउँ जब तू भेड़िन चरावत रह्या। मइँ तोहका अपने लोग इस्राएलियन क सासक चुनेउँ।
9 मइँ तोहरे संग तू जहाँ कहूँ गया रह्या रहेउँ। मइँ तोहरे दुस्मनन क तोहरे बरे हराएउँ। मइँ तोहका पृथ्वी महान मनइयन मँ स एक बनाएउँ।
10 अउर मइँ आपन लोग इस्राएलियन बरे एक ठउर चुनब। तब इस्राएलियन अउर कबहुँ एक जगह स दूसर जगह पइ नाहीं जाइ क होइ। बीते दिना मँ मइँ अपने इस्राएल क लोगन क मार्गदर्सन बरे निआवाधीसन क पठए रहेउँ किन्तू पापी लोगन मोर लोगन क परेसान किहन। अब वइसा नाहीं होइ। मइँ तोहका सबहिं दुस्मनन स सान्ति देब। मइँ तोहसे इ भी कहत हउँ कि मइँ तोहरे परिवार क राजा लोगन क परिवार बनाउब।
11
12 “‘जब तू मरब्या अउर अपने पुरखन क संग दफनावा जाब्या, तब मइँ तोहरे पूतन मँ स एक क राजा क रूप मँ चूनब अउर मइँ ओकर राज्ज क सक्तीसाली बनाउब।
13 मोरे नाउँ पइ उ एक ठु मन्दिर बनवाइ। मइँ ओकरे राज्ज क हमेसा बरे सक्तीसाली बनाउब।
14 मइँ ओकर बाप बनब अउर उ मोर पूत होइ। जब उ पाप करी, मइँ ओका दण्ड देइ बरे दूसर रास्ट्रन क उपयोग करब। मइँ ओकर प्रयोग दूसर लोगन क दण्ड देइ बरे चाबुक क रूप मँ करब।
15 किन्तु मइँ ओहसे पिरेम करब बन्द नाहीं करब। मइँ ओह पइ हमेसा कृपालु अउ वफ़ादार बना रहब। मइँ आपन पिरेम अउ अपनी कृपा साऊल स हटाइ लिहेउँ। मइँ साऊल क सिंहासन स हटाइ दिहेउँ, मइँ तोहका चुनेउँ। मइँ तोहरे परिवार क संग उहइ नाहीं करब।
16 तोहरे राजा लोगन क परिवार हमेसा चलत रही, तू ओह पइ निर्भर रहि सकत ह। तोहार राज्ज तोहरे बरे लगातार हमेसा चलत रही। तोहार सिंहासन सदा ही बना रही।’”
17 नातान दाऊद क हर एक बात बनाएस। उ दाऊद स हर एक बात कहेस जउन उ दर्सन मँ सुनेस।
18 तब राजा दाऊद भितरे गवा अउर यहोवा क समन्वा बैठ गवा। दाऊद कहेस, “यहोवा, मोर सुआमी, मइँ तोहरे बरे ऍतना महत्वपूर्ण काहे अहउँ? मोर परिवार महत्वपूर्ण काहे अहइ? तू मोका महत्वपूर्ण काहे बनाइ दिहा।
19 मइँ तोहरे सेवक क अलावा अउर कछू नाहीं हउँ, अउर तू मोह पइ एतना जियादा कृपालु रह्या ह। किन्तु तू इ सबइ कृपा मोरे भविस्स क परिवार क खातिर करइ क कह्या ह। यहोवा मोर सुआमी, तू हमेसा लोगन बरे अइसी ही बातन नाहीं कहत्या, का तू कहत ह?
20 “मइँ तोहसे अउर जियादा, का कहि सकत हउँ? यहोवा, मोर सुआमी, तू जानत ह कि मइँ केवल तोहार सेवक हउँ।
21 तू इ सबइ महान कारज एह बरे किहा ह काहेकि तू कह्या ह कि तू एनका करब्या अउर काहेकि तू ओनका संग अइसा करइ चाहत ह, अउर तू मोका एन कारजन का जानउँ।
22 हे यहोवा, मोर सुआमी, इहइ कारण अहइ कि तू महान अहा। तोहरे समान कउनो नाहीं अहइ। तोहरी इलावा कउनो देवता नाहीं अहइ! हम इ जानित ह काहेकि हम लोग खुद इ सब सुने अही। ओन कारजन क बारे मँ जउन तू किह्या।
23 “तोहरे इस्राएल क लोगन क तरह पृथ्वी पइ कउनो रास्ट्र नाहीं अहइ। उ पचे बिसेस लोग अहइँ। उ सबइ दास रहेन। किन्तु तू ओनका मिस्र स निकार्या अउर ओनका अजाद किहा। तू ओनका आपन लोग बनाया। तू इस्राएलियन बरे महान अउ अद्भुत कारज किह्या। हे यहोवा, तू अपने भुइँया मँ आपन लोगन क पहिले, दूसर रास्ट्रन अउर ओकर देवतन क निकारिके अचरज भरा कारज किहा।
24 तू इस्राएलियन क सदा बरे अपने लोग बनाया ह, अउर यहोवा तू ओनकर परमेस्सर भवा।
25 “यहोवा परमेस्सर, करा जउन तू मोर, तोहार सेवक अउर मोरे परिवार बरे करइ क प्रतिग्या किहेस ह। तू मोरे परिवार क सदा साही परिवार बनावइ क प्रतिग्या किहेस ह।
26 तब तोर नाउँ सदा सम्मानित रही अउर लोग कहिहीं, ‘सर्वसक्तीमान यहोवा परमेस्सर इस्राएल पइ हुकूमत करत ह अउर तोहार सेवक दाऊद क परिवार तोहरे समन्वा स्थिर होइ देइ।’
27 “सर्वसक्तीमान यहोवा, इस्राएल क परमेस्सर, तू मोका बहोत चिजियन स हटाइ दिहेस ह। तू कहेस, ‘मइँ तोहरे परिवार क महान बनाउब।’ इहइ कारण अहइ कि मइँ तोहार सेवक, तोहरे बरे इ पराथना करइ क निहचइ किहेउँ।
28 यहोवा मोर सुआमी, तू परमेस्सर अहा अउर तोहार कथन सच होत हीं अउर तू इ अपने सेवक बरे, इ नीक चीज क बचन दिहा ह।
29 हे यहोवा मोर सुआमी! कृपा कइके मोरे परिवार क असीस द्या। जेहसे उ लगातार तोहार बना रहइ अउर तोहार सेवा करी। तू इ सब ही बचन दिहे रह्या। अपने आसीर्बाद स मोरे परिवार क हमेसा बरे असीस द्या।”
2 Samuel 8
1 पाछे दाऊद पलिस्तियन क हराएस। उ ओनकर राजधानी पइ अधिकार कइ लिहस।
2 दाऊद मोआब क लोगन क भी हराएस। उ ओनका भुइँया पइ ओलरइ क मजबूर किहस। तब उ एक ठु लसुरी क ओनका नापइ बरे किहस। जब दुइ मनई नाप लिहेन तब दाऊद ओनका आदेस दिहस कि उ पचे मारे जइहीं। किन्तु हर एक तीसर मनई जिअत रहइ दीन्ह गवा। मोआब क लोग दाऊद क सेवक बन गएन। उ पचे ओका राजस्व दिहन।
3 रहोब क पूत हददेजेर, सोबा क राजा रहा। दाऊद हददेजेर क उ समइ हराइ दिहस जब उ महानद क लगे क पहॅटा पइ अधिकार करइ क जतन किहस।
4 दाऊद हददेजेर स सत्रह सौ घुड़सवार फउजी लिहस अउर बीस हजार पैदल फउजी क कैद कइ लिहेस। दाऊद एक सौ क रथ-घोड़न क अलावा सबहिं घोड़न क लँगड़ा कइ दिहस। उ एक सौ घोड़न क बचाइ लिहस।
5 दमिस्क क अरामी लोग सोबा क राजा हददेजेर क मदद बरे आएन। किन्तु दाऊद ओन बाईस हजार अरामियन क हराइ दिहस।
6 तब दाऊद दमिस्क क अराम मँ फउज क टुकड़ियन रखेस। अरामी दाऊद क सेवक बन गएन अउर राजस्व लिआएन। यहोवा दाऊद क, जहाँ कहूँ उ गवा जीत दिहस।
7 दाऊद ओन सोने क ढाल क लिहस जउन हददेजेर क फउजियन क रहिन। दाऊद एन ढालन क लिहस अउर ओनका यरूसलेम लिआवा।
8 दाऊद ताँबे क बनी बहोत स चिजियन बेतह अउर बरौते स भी लिहस। (बेतह अउर बरौते दुइनउँ नगर हददेजेर क रहेन।)
9 हमात क राजा तोई सुनेस कि दाऊद हददेजेर क पूरी फउज क हराइ दिहस।
10 तब तोई आपन पूत योराम क राजा दाऊद क लगे पठएस। योराम दाऊद क अभिवादन किहस अउर आसीर्बाद दिहस काहेकि दाऊद हददेजेर क खिलाफ जुद्ध किहस अउर ओका हराइ दिहेस रहा। (हददेजेर, तोई स, पहिले जुद्ध किहे रहा।) योराम चाँदी, सोना अउर ताँबा क बनी चिजियन लिआएस।
11 दाऊद एन चिजियन क लिहस अउर यहोवा क समपिर्त कइ दिहस। उ ओका दूसर सोना-चाँदी क संग रखेस जेका उ हराए भए रास्ट्रन स लइके समपिर्त किहे रहा।
12 इ सबइ रास्ट्र अराम, मोआब, अम्नोन, पलिस्ती अउ अमालेक रहेन। दाऊद जउन कछू उ रहोब क पूत हददेजेर अउ सोबा क राजा क हराइ क पाछे ओहसे लिहेन यहोवा क समपिर्त किहेन।
13 दाऊद अट्ठारह हजार अरामियन क नमक क घाटी मँ हराइ दिहस। उ उ समइ मसहूर रहा जब उ घर लउटा।
14 दाऊद एदोम मँ फउज क टुकड़ियन रखेस। उ एन फउजियन क टुकड़ियन क एदोम क पूरे देस मँ रखेस। एदोम क सबहिं लोग दाऊद क सेवक हो गएन। जहाँ कहूँ दाऊद गवा यहोवा ओका जीत दिआएस।
15 दाऊद सारे इस्राएल पइ हुकूमत किहस। ओकर निर्णय सबहिं लोगन बरे नीक अउ स्वच्छ होत रहेन।
16 सरूयाह क पूत योआब फउज क सेनापति रहा। अहीलूद क पूत इतिहासकार रहा।
17 अहीतूब क पूत सादोक अउर एब्यातार क पूत अहीमेलेक दुइनउँ याजक रहेन। सरायाह सचिव रहा।
18 यहोयादा क पूत बनायाह करेतियन अउ पलेतियन क अधिकारी रहा, अउर दाऊद क पूत महत्वपूर्ण प्रमुख रहेन।
2 Samuel 9
1 दाऊद पूछेस, “का साऊल क परिवार मँ अब तलक कउनो बचा अहइ? मइँ योनातन क कारण उ मनई पइ दाया करइ चाहत हउँ।”
2 हुवाँ साऊल क परिवार स एक सेवक रहा जेकर नाउँ सीबा रहा। दाऊद क सेवकन सीबा क दाऊद क लगे बोलाएन। राजा दाऊद स पूछेस, “का तू सीबा अहा?”सीबा कहेस, “हाँ मइँ सीबा, आप क सेवक हउँ।”
3 राजा पूछेस, “का साऊल क परिवार मँ कउनो बचा ह? मइँ उ मनई पइ परमेस्सर क कृपा देखावइ चाहत हउँ।”सीबा राजा दाऊद स कहेस, “योनातन क पूत अबहिं तलक जिअत अहइ? उ दुइनउँ गोड़वन स लँगड़ा अहइ।”
4 राजा सीबा स कहेस, “इ पूत कहाँ अहइ?”सीबा राजा स कहेस, “उ लोदबार क अम्मीएल क पूत माकीर क घरन मँ अहइ।”
5 दाऊद न आपन सेवकन क लोदबार क अम्मीएल क पूत माकीर क घरे स योनातन क पूत क लिआवइ क कहेस।
6 योनातन क पूत मपीबोसेत दाऊद क लगे आवा अउर आपन मूँड़ भुइँया तलक निहुराएस।दाऊद कहेस, “मपीबोसेत।”मपीबोसेत कहेस, “हाँ इ मइँ, आप क सेवक हउँ।”
7 दाऊद मपीबोसेत स कहेस, “डेराअ जिन। मइँ तोहरे बरे दयालु रहब। मइँ इ तोहार बाप योनातन बरे करब। मइँ तोहार पितामह साऊल क सारी भुइँया तोहका देब, अउर तू सदा मेरी मेज पइ खइया क खाइ सकब्या।”
8 मपीबोसेत दाऊद क समन्वा फुन निहुरा। मपीबोसेत कहेस, “आप अपने सेवक पइ बहोत कृपालु रहेन ह अउर मइँ एक ठु मरा कूकुर स जियादा नाहीं हउँ।”
9 तब राजा दाऊद साऊल क सेवक सीबा क बोलाएस। दाऊद सीबा स कहेस, “मइँ साऊल अउर ओकरे परिवार क सबहिं चिजियन जउन कछू ओकर अहइ, ओका तोहरे सुआमी क पोता मपीबोसेत क दइ दिहेउँ ह।
10 तू मपीबोसेत बरे भुइँया पइ खेती करब्या। तोहार पूत अउर सेवक मपीबोसेत बरे इ करिहीं। तू फसल कटब्या। तब तोहरे सुआमी क पोता मपीबोसेत क खाइ बरे अपार भोजन होइहीं। किन्तु मपीबोसेत तोहरे सुआमी क पोता मोरी मेज पइ खाइ क हमेसा अधिकारी होइ।”सीबा क पन्द्रह पूत अउर बीस सेवक रहेन।
11 सीबा राजा दाऊद स कहेस, “मइँ आप क सेवक हउँ। मइँ उ सब कछू करब, जउन मोर सुआमी, मोर राजा हुकूम देइहीं।”एह बरे मपीबोसेत दाऊद क मेज पइ राजा क पूतन मँ स एक क तरह भोजन किहस।
12 मपीबोसेत क एक नान्ह पूत मीका नाउँ क रहा। सीबा परिवार क सबहिं लोग मपीबोसेत क सेवक होइ गएन।
13 मपीबोसेत दुइनउँ गोउन स लँगड़ा रहा। मपीबोसेत यरूसलेम मँ रहत रहा। हर एक दिन मपीबोसेत राजा क मेज पइ भोजन करत रहा।
2 Samuel 10
1 पाछे, अम्मोनियन क राजा नाहास मरा। ओकरे पाछे ओकर पूत हानून राजा भवा।
2 दाऊद कहेस, “नाहास मोरे बरे कृपालु राहा। एह बरे मइँ ओकरे पूत हानून क बरे कृपालु रहब।” एह बरे दाऊद हानून क ओकरे बाप क मउत पइ ढाँढ़स देइ बरे अपने अधिकारियन क पठएस। एह बरे दाऊद क सेवक अम्मोनियन क देस मँ चले गएन।
3 किन्तु अम्मोनी प्रमुख लोग आपन सुआमी हानून स कहेस, “का आपु समुझत हीं कि दाऊद कछू मनइयन क आपक लगे ढाँढ़स देइ बरे पठइके आप क बाप क सम्मान देइ क जतन करत अहइ? नाहीं। दाऊद एन मनइयन क आप क नगर क बारे मँ गुप्त रूप स जानइ अउ समुझइ बरे पठएस ह। उ पचे आप क बिरूद्ध जुद्ध क जोजना बनावत अहइँ।”
4 एह बरे, हानून दाऊद क सेवकन क धरेस अउर ओकर आधी डाढ़ी कटवाइ दिहस। उ ओनके ओढ़नन क नीचे स आधा काटि दिहेस, ओनका कमर क नीचे स नंगा कइ दिहेस। तब उ ओनका पठइ दिहस।
5 जब लोग दाऊद स कहेन, तउ उ आपन अधिकारियन स मिलइ बरे दूतन क पठएस। उ इ एह बरे किहस काहेकि इ सबइ लोग बहोत लजान रहेन। राजा दाऊद स कहेस, “जब तलक तोहार दाढ़ियन फुन स न बाढ़इँ तब तलक यरीहो मँ ठहरा। तब यरूसलेम लउटि आवा।”
6 जब अम्मोनियन जान लिहन कि उ पचे दाऊद क दुस्मन होइ गएन। उ पचे अरामी क बेत्रहोब अउ सोबा स भाड़े पइ बोलाएन। हुवाँ बीस हजार अरामी पैदल-फउजी आए रहेन। अम्मोनियन तोब स बारह हजार फउजियन अउ माका क राजा क एक हजार फउजियन क संग परिस्रमिक पइ बोलाएन।
7 दाऊद इ बिसय मँ सुनेस। एह बरे उ योआब अउर सक्तीसाली मनइयन क सारी फउज पठएस।
8 अम्मोनी फउज बाहेर निकरेन अउर जुद्ध बरे तइयार भएन। उ पचे नगर दुआर पइ खड़े भएन। योआब अउ रहोब स अरामियन फउज तथा तोब अउ माका क मनइयन नगर क बाहेर मैदान मँ इकट्ठा भएन।
9 योआब लखेस कि अम्मोनी ओकरे खिलाफ समन्वा अउर पाछे दुइनउँ कइँती खड़े अहइँ। एह बरे, उ इस्राएलियन मँ स कछू उत्तिम जोधन क चुनेस। योआब एन उत्तिम फउजियन क अरामियन क खिलाफ लड़इ बरे पंक्तिबध किहस।
10 तब योआब बचा भवा फउजियन क अपने भाई अबीसै क अगुआई मँ किहेस। तब अबसै ओनका अम्मोनी क बिरुद्ध जुद्ध करइ बरे पंक्तिबध किहेस।
11 योआब अबीसै स कहेस, “जदि अरामी हमारी फउज स जियादा सक्तीसाली होइँ, तू मोर मदद कर्या। जदि अम्मोनी तोहार फउज स जियादा ताकतवर होइँ तउ मइँ आइके तोहार मदद करब।
12 सक्तीसाली बना! हम पचन क अपने लोगन अउर अपने परमेस्सर क नगर क रच्छा बरे बहादुरी स जुद्ध करइ द्या। होइ सकत ह यहोवा उहइ करी जेका उ ठीक मानत ह।”
13 तब योआब अउ ओकर फउजी अरामियन पइ हमला किहन। अरामी योआब अउ ओकरे फउजियन क समन्वा भाग खड़े भएन।
14 अम्मोनियन लखेन कि अरामी भागत अहइँ, एह बरे उ पचे अबीसै क समन्वा स भाग खड़े भएन अउर अपने नगर मँ लउट गएन।। इ तरह योआब अम्मोनियन क संग जुद्ध स लउटा अउर यरूसलेम वापस आवा।
15 अरामियन लखेन कि इस्राएलियन ओनका हराइ दिहन। एह बरे उ पचे एक ठु बिसाल फउज क रूप मँ एकट्ठे भएन।
16 हददेजेर परात नदी क दूसर कइँती रहइवाले अरामियन क लिआवइ बरे दूत पठएस। इ सबइ अरामी हेलाम पहोंचेन। सोबक, जउन हददेजेर क फउज क सेनापति रहा ओनकर अगुवाइ करत रहेन।
17 दाऊद क एकर पता लगा। एह बरे उ सारे इस्राएलियन क एक संग बटोरेस। उ पचे यरदन नदी क पार किहन अउर उ पचे हेलाम पहोंचेन।हुवाँ अरामियन हमला क तइयारी किहन अउर धावा बोल दिहन।
18 किन्तु दाऊद अरामियन क हराइ दिहस अउर उ पचे इस्राएलियन क समन्वा भाग खड़े भएन। दाऊद बहोत स अरामियन क मार डाएस। सात सौ सारथी अउ चालीस हजार घुड़सवार दाऊद अरामी सेना क सेनापति सोबक क भी मार डाएस।
19 जउन राजा हददेजेर क सेवा करत रहेन उ पचे लखेन कि इस्राएलियन ओनका हराइ दिहन। एह बरे उ पचे इस्राएलियन स सन्धि किहन अउर ओनकर सेवा करइ लागेन। अरामियन अम्मोनियन क अउर जियाद मदद देइ क साहस नाहीं राखेन।
2 Samuel 11
1 बसन्त मँ, जब राजा जुद्ध बरे बाहेर निकरत हीं दाऊद योआब, ओकर अधिकारियन अउर सबहिं इस्राएलियन क अम्मोनियन क नस्ट करइ बरे पठएस। योआब क फउज राजधानी रब्बा पइ भी हमला किहस।मुला दाऊद यरूसलेम मँ रूक।
2 साँझ क उ अपने बिछउना स उठा। उ राजमहल क छत पइ चारिहुँ कइँती घूमा। जब दाऊद छत पइ रहा, उ एक ठु मेहरारू क नहात लखेस। मेहरारू बहोत सुन्नर रही।
3 एह बरे दाऊद अपने सेवकन क बोलाएस अउर ओनसे पूछेस कि उ मेहरारू कउन रही? एक सेवक जवाब दिहस, “उ मेहरारू एलीआम क बिटिया बतसेबा अहइ। उ हित्ती ऊरिय्याह क मेहरारू अहइ।”
4 दाऊद बतसेबा क अपने लगे बोलावइ बरे दूत पठएस। जब उ दाऊद क लगे आइ, तउ उ ओकरे संग सारीरिक सम्बन्ध किहस। उ नहाएसअउर उ अपने घरे चली गइ।
5 किन्तु बतसेबा गर्भवती भइ। उ दाऊद स कहइ बरे सब्द पठाएस: “मइँ गर्भवती हउँ।”
6 दाऊद योआब क सँदेसा पठएस, “हित्ती ऊरिय्याह क मोरे लगे पठवा।”एह बरे योआब ऊरिय्याह क दाऊद क लगे पठएस।
7 ऊरिय्याह दाऊद क लगे आवा। दाऊद ऊरिय्याह स बात किहस। दाऊद ऊरिय्याह स पूछेस कि योआब कइसा अहइ, फउजी कइसे अहइँ अउर जुद्ध कइसे चलत अहइ।
8 तब दाऊद ऊरिय्याह स कहेस, “घरे जा अउर आराम करा।”ऊरिय्याह राजा क महल तजेस। राजा ऊरिय्याह क एक ठु भेटं भी पठएस।
9 किन्तु ऊरिय्याह अपने घर नाहीं गवा। ऊरिय्याह राजा क महल क दुआरे पइ सोएस। उ उहइ तरह सोएस जइसे राजा क दूसर सेवक सोएन।
10 सेवकन दाऊद स कहेन, “ऊरिय्याह अपने घरे नाहीं गवा।”तब दाऊद ऊरिय्याह स कहेस, “तू लम्बी जात्रा स आया। तू घरे काहे नहीं गवा?”
11 ऊरिय्याह दाऊद स कहेस, “पवित्तर सन्दूख अउ इस्राएल क यहूदा फउजियन अउ सिबिर मँ ठहरत अहइँ। मोर सुआमी योआब अउर मोर सुआमी दाऊद क अधिकारियन खुला मैदानन मँ सिबिर डाए पड़े अहइँ। एह बरे इ नीक नाहीं कि मइँ घर जाउँ, खाऊँ, पिअउँ अउर अपनी पत्नी क संग सोऊँ।” मइँ आपन अउर तोहार जिन्नगी क किरिया खात हउँ, कि मइँ अइसा नाहीं करब।”
12 दाऊद ऊरिय्याह स कहेस, “आजु हिअइँ ठहरा। भियान मइँ तोहका जुद्ध मँ वापस पठउब।”ऊरिय्याह उ दिन यरूसलेम मँ ठहरा। उ अगले भिंसारे तलक रूका।
13 तब दाऊद ओका आवइ अउ खाइ क बरे बोलाएस। ऊरिय्याह दाऊद क संग पिएस अउ खाएस। दाऊद ऊरिय्याह क नसा मँ कइ दिहस। किन्तु ऊरिय्याह, फुन भी घरे नाहीं गवा। उ साँझ क ऊरिय्याह राजा क सेवकन क संग राजा क दुआर क बाहेर सोवा।
14 अगले भिंसारे, दाऊद योआब बरे एक ठु पत्र लिखेस। दाऊद ऊरिय्याह क उ पत्र लइ जाइ क दिहस।
15 पत्र मँ दाऊद लिखेस: “ऊरिय्याह क कतार क आगे मँ रखा जहाँ पइ जुद्ध मुसकिल होत ह। तब ओका अकेले तजि द्या अउर ओका जुद्ध मँ मारा जाइ द्या।”
16 जब योआब नगर क घेर लिहस तउ उ लखेस कि सब स जियादा बीर अम्मीनी जोधा कहाँ अहइँ। उ ऊरिय्याह क हुवाँ जाइ बरे चुनेस।
17 नगर (रब्बा) क आदमी योआब क खिलाफ लड़इ क आएन। दाऊद क कछू फउजी मारे गएन। हित्ती ऊरिय्याह ओन लोगन मँ स एक रहा।
18 तब योआब दाऊद क जुद्ध मँ जउन भवा, ओकर खबर पठएस।
19 योआब दूत स कहेस: “राजा दाऊद क इ सबइ जउन जुद्ध मँ का भवा ह क पाछे।
20 “होइ सकत ह कि राजा कोहाइ जाइ। होइ सकत ह कि राजा पूछइ, ‘योआब क फउज नगर क निचके लड़इ काहे गइ? का इ योआब अहइ मालूम नाहीं कि लोग नगर क देवारन स भी बाण चलाइ सकत हीं?
21 का ओका याद नाहीं कि यरुब्बेसेत क पूत अबीमेलेक क कउन मारेस? हुवाँ एक ठु मेहरारू नगर-दीवार पइ रही जउन अबीमेलेक क ऊपर चक्की क ऊपरी पाट लोकाएस। उ मेहरारू ओका तेबेस मँ मार डाएस। तू देवार क निचके काहे गया?’ (जदि राजा दाऊद इ पूछत ह) तउ तोहका जवाब देइ चाही: “आप क सेवक हित्ती ऊरिय्याह भी मर गवा।”‘
22 दूत गवा अउर उ दाऊद क उ सब बताएस जउन ओका योआब कहइ क कहे रहा।
23 दूत दाऊद स कहेस, “अम्मोन क लोग जिअत रहेन उ पचे बाकेर आगन अउ उ पचे खुले मैदान मँ हम पइ हमला किहेन। किन्तु हम लोग ओनसे नगर-दुआर पइ लड़ेन।
24 नगर देवार क फउजियन अपने अधिकारियन पइ बाण चलाएन। आप क कछू अधिकारियन मारे गएन। आप क अधिकारी हित्ती ऊरिय्याह भी मारा गवा।”
25 दाऊद दूत स कहेस, “तोहका योआब स इ कहब अहइ: ‘इ परिणाम स उदास न होइ। एक तरवार एक क वइसा ही मारत ह जइसा दूसर क। रब्बा नगर पइ खौफनाक हमला करा। तब तू उ नगर क नस्ट करब्या।’ योआब क एन सब्दन स प्रोत्साहित करा।”
26 बतसेबा सुनेस कि ओकर भतार ऊरिय्याह मर गवा। तब उ अपने भतार बरे रोइ।
27 जब उ सोक क समइ पूरा कइ लिहेस, तब दाऊद ओका अपने घरे मँ लिआवइ बरे सेवकन क पठएस। उ दाऊद क मेहरिया होइ गइ, अउर उ दाऊद बरे एक ठु पूत पइदा किहस। दाऊद जउन बुरा काम किहस यहोवा ओका पसन्द नाहीं किहस।
2 Samuel 12
1 यहोवा नातान क दाऊद क लगे पठएस। नातान दाऊद क लगे गवा। नातान कहेस, “एक नगर मँ दुइ मनई रहेन। एक ठु मनई धनी रहा। किन्तु दूसर गरीब रहा।
2 धनी आदमी क लगे बहोत जियादा भेड़िन अउर गोरू रहेन।
3 किन्तु गरीब मनई क लगे एक ठु नान्ह मादा मेमना क अलावा जेका उ बेसहे रहा, कछू नाहीं रहा। गरीब मनई उ मेमना क खिआवत रहा। इ मेमना उ गरीब आदमी क भोजन मँ स खात रहा अउ ओकर पियाला मँ स पानी पिअत रहा। उ गरीब मनई क बाँह पइ सोवत ह। उ ओकरे गदेलन क संग बढ़त रहा। मेमना उ मनई क बिटिया क नाईं रहा।
4 “तब एक ठु यात्री धनी मनई स मिलइ बरे हुवाँ आवा। धनी मनई यात्री क भोजन देइ चाहत रहा। किन्तु धनी मनई आपन भेड़ी या अपने गोरूअन मँ स कउनो क यात्री क खिआवइ बरे नाहीं लेइ चाहत रहा। उ धनी मनई उ गरीब स ओकर मेमना लइ लिहस। धनी मनई ओकरे मेमना क मार डाएस अउर अपने अतिथि बरे ओका पकाएस।”
5 दाऊद धनी मनई क खिलाफ बहोत कोहाइ गवा। उ नातान स कहेस, “यहोवा क जिन्नगी क किरिया, जउन मनई इ किहस उ जरूर मरी!
6 ओका मेमना क चौगुनी कीमत चुकावइ पड़ी, काहेकि उ इ खौफनाक कारज किहस अउर ओहमाँ दाया नाहीं रही।”
7 तब नातान दाऊद स कहेस, “तू उ धनी मनसेधू अहा। यहोवा इस्राएल क परमेस्सर इ कहत ह, ‘मइँ तोहका इस्राएल क राजा क रूप मँ चुनेउँ।मइँ तोहका साऊल स बचाएउँ।
8 मइँ ओकर परिवार अउर ओकर मेहररूअन तोहका लेइ दिहेउँ, अउर मइँ तोहका इस्राएल अउ यहूदा क राजा बनाएउँ। जइसे उ पर्याप्त नाहीं होइ, मइँ तोहका जियादा स जियादा दिहेउँ।
9 फुन तू यहोवा क आदेस क तिरस्कार काहे किहा? तू इ भयंकर काम काहे किहा जेका यहोवा बुरा समुझत ह? तू हित्ती ऊरिय्याह क तरवार स मार्या अउर तू ओकर मेहरारू क अपनी मेहरारू बनावइ बरे लिहा। हाँ, तू ऊरिय्याह क अम्मोनियन क तरवार स मार डाया।
10 एह बरे, तरवार तोहरे परिवार कबहुँ नाहीं छोरब्या। तू ऊरिय्याह हित्ती क पत्नी क अपने पत्नी क रूप मँ लिहा। इ तरह तू मोर तिरस्कार किहा।’
11 “इहइ अहइ जउन यहोवा कहत ह: ‘मइँ तोहरे खिलाफ आपत्तियन लिआवत हउँ। इ आपत्ति तोहार आपन परिवार स अइहीं। मइँ तोहार मेहररूअन क लइ लेब अउर ओका देब जउन तोहरे बहोत जियादा निच के अहइँ। इ मनई तोहरे मेहररूअन क संग सोई अउर एका हर एक जानी।
12 तू बतसेबा क संग गुप्त रूप मँ सोया। किन्तु मइँ तोहका इ तरह सज़ा देब जेहसे इस्राएल क सारे लोग एका लखि सकइँ।”‘
13 तब दाऊद नातान स कहेस, “मइँ यहोवा क खिलाफ पाप किहेउँ ह।” नातान दाऊद स कहेस, “यहोवा तोहका छिमा कइ दिहेस ह, एक बरे तू इ पाप क कारण नाहीं मरब्या।
14 किन्तु तू पचे इ पाप कइके यहोवा बरे बहोत असम्मान दिखाएस ह। इ पाप क कारण जउन तोहार पूत पइदा भवा ह, मरि जाइ।”
15 तब नातान अपने घर गवा अउर यहोवा दाऊद अउ ऊरिय्याह क मेहरारू स जउन पूत पइदा भवा रहा ओका बहोत बीमार कइ दिहस।
16 दाऊद मरद बच्चा बरे परमेस्सर स पराथना किहस। दाऊद खाब-पिअब बंद कइ दिहस। उ अपने घर मँ गवा अउर ओहमाँ ठहरा। उ रात भइ भुइँया पइ ओलरा रहा।
17 दाऊद क परिवार क प्रमुख आएन अउर उ पचे ओका भुइँया स उठावइ क जतन किहन। किन्तु दाऊद उठब इन्कार किहस। उ एन प्रमुखन क संग खइया क खाइ स भी इन्कार कइ दिहस।
18 सतएँ दिन मरद बच्चा मर गवा। दाऊद क सेवक दाऊद स इ कहइ स डेरात रहेन कि मरद बच्चा मर गवा। उ पचे कहेन, “लखा, हम लोग दाऊद स उ समइ बात करइ क प्रयत्न कीन्ह जब मरद बच्चा जिअत रहा। किन्तु उ हम लोगन क बात सुनइ स इन्कार कइ दिहस। जदि हम दाऊद स कहब कि मरद बच्चा मर गवा तउ होइ सकत ह उ अपने क कछू नोस्कान कइ लेइ।”
19 किन्तु दाऊद अपने सेवकन क कानाफूसी करत लखेस। तब उ समुझ लिहस कि मरद बच्चा मर गवा। एह बरे दाऊद अपने सेवकन स पूछेस, “का मरद बच्चा मर गवा?”सेवकन जवाब दिहन, “हाँ, उ मर गवा।”
20 दाऊद फर्स स उठा। उ नहाएस।। उ आपन ओढ़ना बदलेस अउर तइयार भवा। तब उ यहोवा क घरे मँ उपासना करइ गवा। तब उ घरे गवा अउर कछू खइया क माँगेस। ओकर सेवकन ओका कछू खाइके दिहन अउर उ खाएस।
21 दाऊद क नौकरन ओहसे कहेन, “आप इ काहे करत अहइँ? जब बच्चा जिअत रहा तब आप खाइ स इन्कार किहन। आप रोएन। किन्तु जब बच्चा मर गवा तब आप उठेन अउर आप भोजन किहेन।”
22 दाऊद कहेस, “जब मरद बच्चा जिअत रहा, तब मइँ उपवास किहेउँ अउर मइँ रोएउँ। मइँ सोचेउँ, ‘कउन जानत ह, संभव अहइ यहोवा मोरे बरे दयालु होइ अउर मरद बच्चा क जिअत रहइ देइ।’
23 किन्तु अब बच्चा मर गवा। एह बरे अब मइँ काहे उपवास करउँ? का मइँ बच्चा क फुन जीवित कइ सकत हउँ? नाहीं! एक दिन मइँ ओकरे लगे जाब, किन्तु उ मोरे लगे लउटिके नाहीं आइ सकत ह।”
24 तब दाऊद आपन मेहरारू बतसेबा क सान्त्वना दिहस। उ ओकरे संग सोएस अउर ओकरे संग सारीरिक सम्बन्ध किहस। बतसेबा फुन गर्भवती भइ। ओकर दूसर पूत भवा। दाऊद उ लरिका क नाउँ सुलेमान रखेस। यहोवा सुलैमान स पिरेम रखत रहा।
25 यहोवा नबी नातान क जरिये सँदेसा पठएस। नातान सुलैमान क नाउँ यदीद्याह रखेस। नातान इ यहोवा बरे किहस।
26 रब्बा नगर अम्मोनियन क राजधानी रही। योआब रब्बा क खिलाफ लड़ा। उ नगर क लइ लिहस।
27 योआब दाऊद क लगे दूतन पठएस अउर कहेस, “मइँ रब्बा क खिलाफ जुद्ध किहेउँ ह। मइँ ओकरे किलाबन्ध सुरच्छित जलापूतिर् प भी कब्जा कइ लिएउँ ह।
28 अब दूसर लोगन क संग लिआवइँ अउर इ नगर (रब्बा) पइ आक्रमण करइँ। इ नगर पइ अधिकार कइ ल्या, एकरे पहिले कि मइँ एह पइ अधिकार करउँ। जदि इ नगर पइ मइँ अधिकार करत हउँ तउ नगर क नाउँ मोरे नाम पइ होइ।”
29 तब दाऊद सबहिं लोगन क एकट्ठा किहेस अउर रब्बा क गवा। उ रब्बा क खिलाफ लड़ा अउर नगर पइ उ अधिकार कइ लिहस।
30 दाऊद ओनके राजा क मूड़े स मुकुट उतार लिहस। मुकुट सोने क रहा अउर उ तउन मँ लगभग पचहत्तर पौंड रहा। इ मुकुट मँ बहुमूल्य रतन रहेन। उ पचे मुकुट क दाऊद क मूँड़े पइ रखेन। दाऊद नगर स बहोत सी कीमती चिजियन लइ गवा।
31 दाऊद रब्बा नगर स भी लोगन क बाहेर लिआवा। दाऊद ओनका आरन, लोहा क गैतिन अउर कुल्हाड़ियन स काम करवाएस। उ ओनका ईटंन स निर्माण कार्य करइ क बरे मजबूर किहस। दाऊद उहइ बेउहार सबहिं अम्मोनी नगरन क संग किहस। तब दाऊद अउर ओकर सारी फउज यरूसलेम लउटि गइ।
2 Samuel 13
1 दाऊद क अबसालोम नाउँ क एक पूत रहा। अबसालोम क बहिन क नाउँ तामार रहा। तामार बहोत सुन्नर रही। अम्नोन दाऊद क दूसर पूत रहा जउन तामार स पिरेम करत रहा।
2 तामार कुँवारी रही। अम्नोन सोचेस कि उ ओकरे संग कभी आपन यौन इच्छा पूरा नाहीं कइ सकत्या। किन्तु अम्नोन ओका बहोत चाहत रहा। अम्नोन ओकरे बारे मँ बहोत सोचइ लगा उ बीमार होइ क एक बहना बनाएस।
3 अम्नोन क एक ठु मीत सिमा क पूत योनादाब रहा। (सिमा दाऊद क भाई रहा।) योनादाब बहोत चालाक आदमी रहा।
4 योनादाब अम्नोन स कहेस, “हर दिन तू दूबर दूबर स देखाँई पड़त अहा। तू राजा क पूत अहा। तोहका खाइ बरे बहोत जियादा अहइ, तउ भी तू आपन वजन काहे खोवत जात अहा? मोका बतावा।” अम्नोन योनादाब स कहेस, “मइँ तामार स पिरेम करत हउँ। किन्तु उ मोर सौतेला भाई अबसालोम क बहिन अहइ।”
5 योनादाब अम्नोन स कहेस, “बिछउना मँ ओलरा। अइसा बेउहार करा कि तू बीमार अहा। तब तोहार बाप तोहका लखइ अइहीं। ओनसे कह्या, ‘मेहरबानी कइके मोर बहिन तामार क आवइ द्या अउर मोका खाना देइ द्या। ओका मोरे समन्वा भोजन बनाइ देइँ। तब मइँ ओका लखब अउर ओकरे हाथे स खाब।।’”
6 एह बरे अम्नोन बिछउना मँ ओलर गवा, अउर अइसा बेउहार किहस माना उ बीमार अहइ। राजा दाऊद अम्नोन क लखइ आवा। अम्नोन राजा दाऊद स कहेस, “कृपा कइके मोर बहिन तामार क हिआँ आवइ देइँ। मोरे लखत भए ओका मोरे बरे दुइ रोटी बनावइ देइँ। तब मइँ ओकरे हाथन स खाइ सकत हउँ।”
7 दाऊद तामार क घरे सँदेसवाहकन क पठएस। सँदेसवाहकन तामार स कहेन, “अपने भाई अम्नोन क घरे जा अउर ओकरे बरे कछू भोजन बनावा।”तामार अम्नोन बरे भोजन बनावत ह
8 एह बरे तामार अपने भाई अम्नोन क घरे गइ। अम्नोन बिछउना मँ रही। तामार कछू गूँधा आटा लिहस अउर एका अपने हाथन स एक साथे दबाएस। उ अम्नोन क लखत भए कछू रोटियन बनाएस।
9 जब तामार रोटियन क पकाउब पूरा किहेस तउ उ कढ़ाही मँ स रोटियन क अम्नोन बरे निकारेस। किन्तु अम्नोन खाइ स इन्कार किहस।अम्नोन अपने सेवकन स कहेस, “तू सबहिं मनई चला जा” मोका अकेला रहइ द्या!” एह बरे सबहिं सेवक अम्नोन क कमरा स बाहेर चले गएन।
10 अम्नोन तमार स कहेस, “भोजन भीतरवाले कमरा मँ लइ चला। तब मइँ तोहरे हाथ स खाब।”तामार अपने भाई क लगे सयन-कच्छ मँ गइ। उ ओन रोटियन क लिआइ जउन उ बनाए रही।
11 उ अम्नोन क लगे गइ जेहसे उ ओकरे हाथन स खाइ सकइ। किन्तु अम्नोन तामार क धइ लिहस। उ ओहसे कहेस, “बहन, आवा अउर मोरे संग सोवा।”
12 तामार अम्नोन स कहेस, “नाहीं, भाई। मोका मजबूर जिन करा। इ भयंकर काम इस्राएल मँ कबहुँ नाहीं कीन्ह जाइ चाही। इ लज्जाजनक काम जिन करा।
13 मइँ इ लज्जा स कबहुँ मुक्त नाहीं होब्या अउर लोग इ सोचिही कि तू एक आम अपराधी अहा। कृपा कइके राजा स बात करा। उ तोहका मोर संग बियाह करइ देइ।”
14 किन्तु अम्नोन तामार क एक न सुनेस। उ तामार स जियादा सक्तीसाली रहा। उ ओहका सारीरिक सम्बन्ध करइ बरे मजबूर किहस।
15 ओकरे बाद अम्नोन तामार स घिना करइ लाग। अम्नोन ओकरे संग ओहसे भी जियादा घिना किहेस जेतना उ पहिले पिरेम करत रहा। अम्नोन तामार स कहेस, “उठा अउर चली जा!”
16 तामार अम्नोन स कहेस, “नाहीं! मोका बाहेर जिन पठावा! मोका अब बाहेर पठाना उ स जियादा गलत होइ जउन तू पहिले मोर संग कइ लीन्ह ह।”किन्तु अम्नोन तामार क एक न सुनेस।
17 अम्नोन आपन जवान सेवक स कहेस, “इ लड़की क इ कमरा स अबहिं बाहेर निकारा। ओकरे जाइ पइ दरवाजे मँ ताला लगाइ द्या।”
18 एह बरे अम्नोन क सेवक तामार क कमरे क बाहेर लइ गवा अउर ओकरे जाइ पइ ताला लगाइ दिहस।तामार कइउ रंग क लम्बा लबादा पहिर रखे रहा। राजा क कुवाँरी बिटियन अइसा ही लबादा पहिरत रहिन।
19 तामार राख लिहस अउर अपने मूँड़े पइ डाइ लिहस। उ अपने बहुरंगे लबादे क फार डाएस। उ आपन हाथ अपने मूँड़े पइ रख लिहस अउर उ जोर स रोवइ के चलत लागेन।
20 तामार क भाई अबसालोम तामार स कहेस, “का तोहार भाई अम्नोन तोहका मारेस? अम्नोन तोहार भाई अहइ। बहन, अब सान्त रहा। एहसे तू बहोत परेसान न ह्वा।” एह बरे तामार कछू नाहीं कहेस। उ अबसालोम क घरे रहइ चली गइ अउर हुवाँ अकेली अउ उदास रहइ लाग।
21 राजा दाऊद क एकर खबर मिली। उ बहोत कोहाइ गवा।
22 अबसालोम अम्नोन स घिना करत रहा। अबसालोम अच्छा या बुरा अम्नोन स कछू नाहीं कहेस। उ अम्नोन स घिना करत रहा काहेकि अम्नोन ओकरी बहन क संग कुकर्म किहे रहा।
23 दुइ बरिस पाछे कछू मनई एप्रैम क लगे बाल्हासोर मँ अबसालोम क भेड़िन क ऊन काटइ आएन। अबसालोम राजा क सबहिं पूतन क आवइ अउ लखइ बरे न्यौतेस।
24 अबसालोम राजा क लगे गवा अउर उ कहेस, “मोरे लगे कछू मनई मेरी भेड़िन क ऊँट काटइ आवत अहइँ। कृपा कइके आपन सेवकन क संग आवइँ अउर लखइँ।”
25 राजा दाऊद अबसालोम स कहेस, “पूत नाहीं। हम सबहिं नाहीं जाब। एहसे तोहका परेसानी होइ।”अबसालोम दाऊद स चलइ क पराथना किहस। दाऊद नाहीं गवा, किन्तु उ आसीर्बाद दिहस।
26 अबसालोम कहेस, “जदि आप जाइ नाहीं चाहतेन तउ, कृपा कइके मोरे भाई अम्नोन क मोर संग जाइ देइँ।”राजा दाऊद अबसालोम स पूछेस, “उ तोहरे संग काहे जाइ?”
27 अबसालोम दाऊद स पराथना करत रहा। आखिर मँ दाऊद अम्नोन अउ सबहिं राजपूतन क अबसालोम क साथ जाइ दिहस।
28 तब अबसालोम आपन सेवकन क आदेस दिहस। उ ओनसे कहेस, “अम्नोन पइ नजर राखा। जब उ नसे मँ धुत होइ तब मइँ तोहका आदेस देब अम्नोन क जान स मार डावा। सज़ा पावइ स डेराअ नाहीं। काहेकि तू सिरिफ मोर हुकूम क पालन करत रहा। अब सक्तीसाली अउ बीर बना।”
29 अबसालोम क जुवक लोग अबसालोम क आदेस क मुताबिक अम्नोन क मार डाएन। किन्तु दाऊद क दूसर पूत बच निकरेन। हर एक पूत अपने एक खच्चरे पइ बइठा अउर भाग गवा।
30 जब राजा क पूत मारग मँ रहेन, दाऊद क खबर मिली। खबर इ रही, “अबसालोम राजा क सबहिं पूतन क मार डाएस ह। कउनो भी पूत बचा नाहीं ह।”
31 राजा दाऊद आपन ओढ़ना फार डाएस अउर धरती पइ ओलर गवा। दाऊद क लगे खड़े ओकर सबहिं अधिकारियन भी आपन ओढ़नन फार डाएन।
32 किन्तु योनादाब, दाऊद क भाई क पूत सिमा दाऊद स कहेस, “अइसा मत सोचा कि राजा क सबहिं जुवक पूत मार डावा गएन ह। नाहीं, इ सिरिफ अम्नोन अहइ जउन मारा गवा ह। जब स अम्नोन ओकर बहिन तामार क संग कुकरम किहे रहा तबहिं स अबसालोम इ जोजना बनाए रहा।
33 मोर सुआमी राजा इ न सोचइँ कि सबहिं राजपूत मार गएन ह। सिरिफ अम्नोन ही मारा गवा।”
34 अबसालोम पराइ गवा।एक ठु रच्छक नगर क देवार पइ खड़ा रहा। उ पहाड़ी क दूसर कइँती स कई मनइयन क आवत लखेस।
35 एह बरे योनादाब दाऊद स कहेस, “लखा, मइँ बिल्कुल सही रहेउँ। राजा क पूत आवत अहइँ।”
36 जइसे ही बातन करइ खत्म किहेन राजपूतन आइ गएन। उ पचे जोर-जोर स रोवत रहेन। दाऊद अउर ओकर सबहिं अधिकारियन रोवइ लागेन। उ पचे सबहिं बहोत बिलाप करत रहेन।
37 दाऊद आपन पूत बरे बहोत दिनन तलक रोएस।अबसालोम गसूर क राजा अम्मीहूर क पूत तल्मै क लगे पराइ गवा।
38 अबसालोम क गसूर भाग जाइ क बाद, उ हुवाँ तीन बरिस तलक ठउरा।
39 अम्नोन क मउत क पाछे, दाऊद धैर्य बांध लिहेस। लेकिन उ अबसालोन क खोइ दिहेस अउर ओका ओका देखइ क लालसा रहा।
2 Samuel 14
1 सरूयाह क पूत योआब जानत रहा कि राजा दाऊद अबसालोम क बारे मँ सोचत अहइ अउर ओका देखइ क लालसा अही।
2 एह बरे योआब तकोआ क एक दूत हुवाँ स एक ठु बुद्धिमती मेहरारू क लिआवइ क बरे पठएस। योआब इ बुद्धिमती मेहरारू स कहेस, “कृपा कइके बहोत जियादा सोकग्रस्त होइ क देखॉवा करा। सोक-वस्त्र पहिर ल्या, आपन चाम अउ बार मँ तेलन जिन लगावा। अइसी मेहरारू क जइसा बेउहार करा जउन कउनो मरे भए क बरे कइउ दिनन स रोवत ह।
3 राजा क लगे जा अउर जउन मइँ कहत हउँ, इनही सब्दन क उपयोग करत भए ओनसे बातन करा।” तब योआब उ बुद्धिमती मेहरारू क का कहब अहइ, इ बताइ दिहस।
4 तब ताकोआ क उ मेहरारू राजा स बातन किहस। उ फर्स पइ भहराइ पड़ी ओकर ललाट फर्स पइ जाइ टिका। उ निहुरी अउ बोली, “राजा, मोका मदद द्या।”
5 राजा दाऊद ओहसे कहेस, “तोहार समस्या का अहइ?”उ मेहरारू कहेस, “मइँ राँड़ हउँ। मोर भतार मर चुका अहइ।
6 मोरे दुइ ठु पूत रहेन। इ सब दुइनउँ बाहेर मैदानन मँ लड़ेन। ओनका कउनो रोकइवाला न रहा। एक पूत दूसर पूत क मार डाएस।
7 सारा परिवार अब मोरे खिलाफ अहइ। उ पचे मोहसे कहत रहेन, ‘उ पूत क लिआवा जउन अपने भाई क मार डाएस। तब हम ओका मार डाउब, काहेकि उ आपन भाई क मार डाएस।’ मोर पूत आगी क आखिरी चिनगारी क तरह अहइ, काहेकि उ ही सिरिफ उ ही एक पूत जिअत रही जउन ओकर पिता क सम्पत्ति क उत्तराधिकारी होइ। अगर उ ओका मार डाइ तउ उ आग जल उठब अउर खतम होइ जाब अउर उ सम्पत्ति दूसर क पास चली जाइ अउर तब मोर मरे भतार क नाउँ इ धरती स मिट जाइ।”
8 तब राजा मेहरारू स कहेस, “घरे जा। मइँ खुद तोहार मामला निपटाउब।”
9 तकोआ क मेहरारू राजा स कहेस, “हे राजा मोर सुआमी, दोख मोह पइ आवइ द्या। किन्तु आप अउर आप क राज्ज निदोर्ख अहइ।”
10 राजा दाऊद कहेस, “उ मनई क लिआवा जउन तोहका बुरा-भला कहत ह। तब उ मनई तोहका फुन परेसान न करी।”
11 मेहरारू कहेस, “कृपा कइके आपन यहोवा परमेस्सर क नाउँ पइ किरिया लेइँ कि आप एन लोगन क रोकिहीं। तब उ पचे मोर पूत क हत्या क बदले मँ नाहीं मारिहीं।”दाऊद कहेस, “यहोवा क जिन्नगी क किरिया, तोहरे पूत क कउनो मनई चोट नाहीं पहोंचाइ। तोहरे पूत क एक ठु बार भी धरती पई नाहीं गिरी।”
12 उ मेहरारू स कहेस, “मोर सुआमी, राजा कृपा कइके मोका आप स कछू कहइ क मौका द्या”राजा कहेस, “कहा।”
13 तब उ मेहरारू कहेस, “परमेस्सर क लोगन क खिलाफ इ जोजना काहे बनाया ह? हाँ, जब आप इ कहत हीं आप इ परगट करत हीं कि आप अपराधी अहइँ। काहे? काहेकि आप अपने पूत क वापस नाहीं लाएन ह जेका आप अपने घर तजइ क मजबूर किहे रहेन।
14 इ सही अहइ कि हम सबहिं कउनो दिन मरब। हम लोग उ पानी क तरह होब, जउन भुइँया पइ फेंका गवा ह। कउनो भी मनई भुइँया स उ पानी क एकट्ठा नाहीं कइ सकत। किन्तु परमेस्सर माफ करत ह। ओकरे लगे ओन लोगन बरे एक ठु जोजना अहइ जउन अपने घर तजइ क मजबूत कीन्ह गएन ह, उ ओनका वापिस करइ चाहत ह।
15 मोर प्रभु, राजा मइँ इ बात कहइ मइँ आप क लगे आइ। काहे? काहेकि लोग मोका ससाइ दिहन। मइँ अपने मने मँ कहेउँ कि, ‘मइँ राजा स बात करब। होइ सकत ह राजा मोर सुनइँ।
16 राजा मोर सुनिहीं, अउर मोर रच्छा उ मनई स करिहीं जउन मोका अउर मोरे पूत दुइनउँ क मारइ चाहत हीं अउर ओन चिजियन क प्राप्त करइ स रोकइ चाहत हीं जेनका परमेस्सर हम क दिहेस ह।’
17 मइँ जानत हउँ कि मोर राजा, मोरे सुआमी क सब्द मोका सान्ति देइहीं काहेकि आप परमेस्सर क दूत क समान अहइँ। आप समुझ ह कि का अच्छा का बुरा अहइ। यहोवा आप क परमेस्सर, आप क संग अहइ।”
18 राजा दाऊद उ मेहरारू क जवाब दिहस, “तोहका उ सवाल क उत्तर देइ चाही, जेका मइँ तोहसे पूछउँ मोसे कछू जिन छुपाया।”उ मेहरारू कहेस, “हे’ मोर प्रभू, मोर राजा, कृपा कइके आपन सवाल पूछइँ।”
19 राजा कहेस, “का योआब इ सबइ सारी बातन तोहसे कहइ क कहेस ह?”उ मेहरारू जवाब दिहेस, “मोर पर्भू राजा, आप क जिन्नगी क किरिया, आप सही अहइँ। आप क सेवक योआब इ सबइ बातन कहइ बरे कहेस।
20 योआब इ एह बरे किहेस जेहसे आप तथ्यन क दूसर निगाह स लखिहीं। मोर पर्भू आप परमेस्सर क दूत क नाईर् बुद्धिमान अहइँ। आप सब कछू जानत हीं जउन पृथ्वी पइ होत ह।”
21 राजा योआब स कहेस, “लखा, मइँ इ करब। आप कृपा कइके जा अउ नउजुवक मनई अबसालोम क वापस लिआवा।”
22 योआब भुइँया आपन माथा निहुराएस। उ राजा दाऊद बरे आभार परगट किहस अउर कहेस, “आजु मइँ समुझत हउँ कि आप मोसे खुस अहइ, काहेकि आप उहइ किहन जउन मोर माँग रही।”
23 तब योआब उठा अउर गसूर गवा अउ अबसालोम क यरूसलेम लिआवा।
24 किन्तु राजा दाऊद कहेस, “अबसालोम अपने घरे क लउट सकत ह।” उ मोहसे भेंटइ नाहीं आइ सकत। एह बरे अबसालोम अपने घरे क लउट गवा। अबसालोम राजा स भेंटइ नाहीं जाइ सका।
25 अबसालोम क जियादा स जियादा तारीफ ओकरे सुन्नर रूप क बरे रही। इस्राएल मँ कउनो मनई एतना सुन्नर नाहीं रहा जेतना अबसालोम। अबसालोम क मूँड़े स गोड़े तलक कउनो दोख नाहीं रहा।
26 हर एक बरिस क आखिर मँ अबसालोम अपने मूँड़े क बार काटत रहा अउर ओका तउलत रहा। बारन क तौल लगभग पाँच पौण्ड रहीं।
27 अबसालोम क तीन पूत रहेन अउ एक ठु बिटिया। उ बिटिया क नाउँ तामार रहा। तामार एक ठु सुन्नर मेहरारू रही।
28 अबसालोम पूरे दुइ बरिस तलक राजा दाऊद स भेंटइ क इजाजत बिना यरूसलेम मँ रहा।
29 अबसालोम योआब क लगे इ कहइ बरे पठाएस कि मोर तरफ स राजा क लगे जाइ। किन्तु योआब अबसालोम स मिलइ नाहीं गवा। अबसालोम दूसरी दाईर् सँदेसा पठएस। किन्तु योआब फुन भी आउब इन्कार किहस।
30 तब अबसालोम अपने सेवकन स कहेस, “लखा, योआब क खेत मोरे खेते स लगा बाटइ। ओकरे खेते मँ जौ क फसल अहइ। जा अउर जौ क बार द्या।”एह बरे अबसालोम क सेवक गएन अउर योआब क खेते मँ आगी लगाउब सुरू किहेन।
31 योआब उठा अउर अबसालोम क घरे गवा। योआब अबसालोम स कहेस, “तोहार सेवकन मोर खेत काहे बारेन।”
32 अबसालोम योआब स कहेस, “मइँ तोहका सँदेसा पठएँउ। मइँ तोहसे हिआँ आवइ क कहेउँ। मइँ तोहका राजा क लगे पठवइ चाहत रहेउँ। मइँ ओहसे पूछइ चाहत रहेउँ कि उ गसूर स मोका घरे काहे बोलाएस। मइँ ओहसे मिल नाहीं सकत, एह बरे गसूर मँ रहब कहूँ जियादा नीक रहा। अब मोका राजा स भेंटइ द्या। जदि मइँ पाप किहेउँ ह तउ उ मोका मार सकत ह।”
33 तब योआब राजा क लगे आवा अउ अबसालोम क कहा भवा सुनाया। राजा अबसालोम क बोलाएस। तब अबसालोम राजा क लगे आवा। अबसालोम राजा क समन्वा भुइँया पइ माथा टेकिके प्रणाम किहेस, अउर राजा अबसालोम क चुम्बन किहस।
2 Samuel 15
1 एकरे पाछे अबसालोम एक रथ अउ घोड़न अपने बरे लिहस। जब उ रथ चलावत रहा तउ अपने सामने पचास ठु दउड़त मनइयन क रखत रहा।
2 अबसालोम जल्दी उठत अउर दुआरे क निचके खड़ा होत। जदि कउनो मनई अइसा होत जेकर कउनो समस्या होत अउर निआउ बरे राजा दाऊद क लगे आवत होत, अबसालोम ओहसे पूछत, “तू कउनो नगर क अहा?” उ मनई जवाब देत, “मइँ अमुक हउँ अउ इस्राएल क अमुक परिवार समूह क हूँ।”
3 तब अबसालोम ओन मनइयन स कहा करत, “लखा, जउन तू कहत रह्या उ सुभ अउर उचित अहइ किन्तु राजा दाऊद तोहर एक ठु नाहीं सुनी।”
4 अबसालोम इ भी कहत, “अह, मइँ चाहत कि कउनो मोका इ भूइयाँ क निआवाधीस बनावत। तब मइँ ओन मनइयन मँ स हर एक क मदद कइ सकत जउन निआव बरे समस्या लइके अउतेन।”
5 जब कउनो मनई अबसालोम क लगे आवत अउर ओकरे समन्वा प्रणाम करइ क निहुरत, तउ अबसालोम हाथ बढ़ाइके ओका पकरलेत अउ ओकर चुम्बन करत जइसा उ ओकर नजिक क मीत अहइ।
6 अबसालोम अइसा ओन सबहिं इस्राएलियन क संग करत जउन राजा दाऊद क लगे निआव बरे अउतेन। इ तरह अबसालोम इस्राएल क सबहिं लोगन क हिरदइ जीत लिहस।
7 चार बरिस पाछे अबसालोम राजा दाऊद स कहेस, “कृपा कइके मोका अपनी खास प्रतिग्या क पूरी करइ जाइ द्या जेका मइँ हेब्रोन मँ यहोवा क समन्वा किहे रहेउँ।
8 मइँ इ प्रतिग्या तब किहे रहेउँ जब मइँ गसूर अराम मँ रहत रहेउँ। मइँ कहे रहेउँ, ‘जदि यहोवा मोका यरूसलेम लउटाई तउ मइँ यहोवा क सेवा करब।’”
9 राजा दाऊद कहेस, “सान्तिपूर्वक जा।”अबसालोम हेब्रोन गवा।
10 किन्तु अबसालोम इस्राएल क सबहिं परिवार समूहन मँ जासूस पठएस। एन जासूनन लोगन स कहेन, “जब तू पचे तुरही क आवाज सुना, तउ कहा कि ‘अबसालोम हेब्रोन मँ राजा होइ गवा।’”
11 अबसालोम दुइ सौ मनइयन क अपने संग चलइ बरे न्यौतेस। उ सबइ मनई ओकरे संग यरूसलेम स बाहेर गएन। किन्तु उ पचे इ नाहीं जानत रहेन कि ओकर जोजना का अहइ।
12 अहीतोपेल दाऊद क सलाहकारन मँ स एक रहा। अहीतोपेल दाऊद क सलाहकारन मँ स एक रहा। अहीतोपेल गीलो नगर क निवासी रहा। जब अबसालोम बलि-भेंटन क चढ़ावत रहा, उ अहीतोपेल क गीलो नगर स बुलाएस। अबसालोम क जोजना ठीक-ठाक चलत रही अउर जियादा स जियादा लोग ओकर समर्थन करइ लागेन।
13 एक ठु मनई दाऊद क सूचना देइ आवा। उ मनई कहेस, “इस्राएल क लोग अबसालोम क अनुसरण करब सुरू करत अहइँ।”
14 तब दाऊद यरूसलेम मँ रहइवाले आपन सबहिं अधिकारियन स कहेस, “हम पचन्क जरूर पराइ चाही, अन्यथा हम मँ स कउनो भी अबसालोम स बच के नाहीं निकरि सकब्या। अबसालोम क जरिये धरें जाइ क पहिले हम लोग हाली करी। नाहीं तउ उ हम सबहिं क नस्ट कइ देइ अउर उ यरूसलेम क लोगन क मार डाइ।”
15 राजा क सेवकन राजा स कहेन, “जउन कछू भी आप कहिहीं, हम लोग करब।”
16 राजा दाऊद अपने घर क सबहिं लोगन क संग बाहेर निकर गवा। राजा घर क देखभाल क बरे अपनी दस उप-पत्नियन क हुवाँ तजेस।
17 राजा अपने सबहिं लोगन क साथ लइके जउन ओका अनुसरण किहा बाहेर निकरा। उ पचे नगर क आखिरी मकाने पइ रूकेन।
18 ओकर सबहिं सेवक राजा क पास स गुजरेन, अउर सबहिं करेती, सस्बहिं पलेनी अउ गती (गत स छ: सौ मनई) राजा क लगे स गुजरेन।
19 राजा गत क इत्तै स कहेस, “तू लोग भी हमरे संग काहे जात अहा? लउट जा अउर नवा राजा (अबसालोम) क संग रहा। तू बिदेसी अहा। इ तू लोगन क ग्रह-भूइँया नाहीं अहइ।
20 ठीक कछू देरी तू हमरे संग जुड़्या। का मोका अलग-अलग जगहन पइ तोहका हमारे संग भटकई चाही? नाहीं! लउटा अउर आपन भाइयन क अपने संग ल्या। मोर पराथना अहइ कि तोहरे बरे दाया अउ वफ़दारी देखाँवा जाइ।”
21 किन्तु इत्तै राजा क जवाब दिहेस, “यहोवा क जिन्नगी क किरिया, जब तलक आप जिअत अहइँ मइँ आप क संग रहब। मोर सुआमी, राजा मइँ तोहार संग रहब जहाँ कहुँ भी जाब्या चाहे इ जीवन अही या मरण।”
22 दाऊद इत्तै स कहेस, “आवा, हम लोग किद्रोन नाला क पार करी।”एह बरे गत क इत्तै अउ ओकर सबहिं लोग अपने बच्चन सहित किद्रोन नाले क पार गएन।
23 सबहिं लोग जोर स रोवत रहेन। राजा दाऊद किद्रोन नाले क पार किहस। तब सबहिं लोग रेगिस्ताने कइँती बढ़ेन।
24 सादोक अउ ओकर संग क लवीबंसी परमेस्सर क करार क सन्दूख क लइके चलत रहेन। उ पचे परमेस्सर क पवित्तर सन्दूख क खाले रखेन। एब्यातार तब तलक पराथना किहेसकि जब तलक सबहिं लोग यरूसलेम स बाहेर नाहीं निकर गएन।
25 राजा दाऊद सादोक स कहेस, “परमेस्सर क पवित्तर सन्दूख क यरूसलेम लउटाइ लइ जा। जदि यहोवा मोह पइ दयालु अहइ, तउ उ मोका वापस लउटाइ अउर यहोवा मोका यरूसलेम अउर आपन मन्दिर क देखइ देइ।
26 किन्तु जदि यहोवा कहत ह कि मोहे पइ खुस नाहीं अहइ तउ उ मोरे खिलाफ, जउन कछू भी चाहत ह, कइ सक्त ह।”
27 राजा याजक सादोक स कहेस, “तू एक ठु दृस्ट अहा सान्तिपूर्वक नगर क जा। आपन पूत अहीमास अउ एब्यातार क पूत योनातन स अपने संग ल्या।
28 मइँ ओन ठउरन क निचके प्रतीच्छा करब जहाँ स लोग नदी पार होइ रेगिस्तान मँ जात हीं। मइँ हुवाँ तब तलक प्रतीच्छा करब जब तलक तोहसे कउनो सूचना नाहीं मिलत।”
29 एह बरे सादोक अउ एब्यातार परमेस्सर क पवित्तर सन्दूक वापस यरूसलेम लइ गएन अउर हुवँइ ठहरेन।
30 दाऊद जइतून क पर्वत पइ चढ़ा। उ रोवत रहा। उ आपन मूँड़ ढाँपि लिहस अउर उ बिना जूते क गवा। दाऊद क संग क सबहिं लोगन आपन मूँड़न ढाँपि लिहेन। उ पचे दाऊद क संग रोवत भए गएन।
31 एक ठु मनई दाऊद स कहेस, “अहीतोपेल लोगन मँ स एक अहइ जउन अबसालोम क संग जोजना बनाएस।” तब दाऊद पराथना किहेस, “हे यहोवा, मइँ तोहसे पराथना करत हउँ कि तू अहीतोपेल क सलाह क नाकामयाब कइ द्या।”
32 दाऊद पर्वत क चोटी पइ आवा। इहइ उ ठउर रहा जहाँ उ अकासर परमेस्सर स पराथना करत रहा। उ समइ एरेकी हूसै ओकरे लगे आवा। हूसै क अंगरखा फटा रहा अउर ओकरे झूँड़ि पइ धूरी रही।
33 दाऊद हूसै स कहेस, “जदि तू मोरे संग चलत अहा तउ तू देख-रेख करइवाले अलावा मनई होब्या।
34 किन्तु जदि तू यरूसलेम क लउट जात ह तउ तू अहीतोपेल क सलाह क ब्यर्थ कइ सकत ह। अबसालोम स कहा, ‘महाराज, मइँ आप क सेवक हउँ। मइँ आप क बाप क सेवा किहेउँ, किन्तु अब मइँ आप क सेवा करब।’
35 याजक सादोक अउ एब्यातार तोहरे संग होइहीं। तोहका उ सबइ बातन ओनसे कहइ चाही जेनका तू राजमहल मँ सुना।
36 सादोक क पूत अहीमास अउ एब्यातार क पूत योनातन ओनके संग होइहीं। तू ओनका, हर बात जउन सुना, मोहसे कहइ बरे पठउब्या।”
37 तब दाऊद क मीत हूसै नगर मँ गवा, अउर अबसालोम यरूसलेम आवा।
2 Samuel 16
1 दाऊद जैतून पर्वत क चोटी पइ तनिक दूर चला। हुवाँ मपीबोसेत क सेवक सीबा, दाऊद स मिला। सीबा क लगे काठी क संग दुइ ठु खच्चर रहेन। खच्चरन पइ दुइ सौ रोटियन, सौ किसमिस क गुच्छन, सौ गर्मी क फल अउ दाखमधु स भरी एक ठु मसक रही।
2 राजा दाऊद सीबा स कहेस, “इ सबइ चिजियन काहे बरे अहइँ?”सीबा जवाब दिहेस, “गदहन राजा क परिवार क सवारी बरे अहइ। रोटी अउ गर्मी क फल सेवकन क खाइ बरे अहइ अउर जदि कउनो मनई रेगिस्ताने मँ कमजोरी महसूस करइ, उ दाखमधु पी सकी।”
3 राजा पूछेस, “मपीबोसेत कहाँ अहइ?”सीबा राजा क जवाब दिहेस, “मपीबोसेत यरूसलेम मँ ठहरा अहइ काहेकि उ सोचत ह, ‘आजु इस्राएली मोरे पितामह क राज्ज मोका वापस दइ देइहीं।”‘
4 तब राजा सीबा स कहेस, “ओकरे कारण, जउन कछू मपीबोसेत क अहइ ओका अब मइँ तोहका देत हउँ।”सीबा कहेस, “मइँ आप क प्रणाम करत हउँ। मइँ आसा करत हउँ कि मइँ आप क सदा खुस कइ सकउँ।”
5 दाऊद बहूरीम पहोंचा। साउल क परिवारे क एक ठु मनई बहूरीम स बाहेर निकरा। इ मनई क नाउँ सिमी रहा जउन गेरा क पूत रहा। सिमी दाऊद क बुरा कहत भवा बाहेर आवा अउर उ बुरी-बुरी बातन बार-बार करत रहा।
6 सिमी दाऊद अउ ओकरे सेवकन पइ पाथर लोकाउब सुरू किहस। किन्तु लोग अउर फउजी दाऊद क चारिहुँ कइँती बटुर गएन उ पचे ओकरे चारिहुँ ओर रहेन।
7 सिमी दाऊद क सरापेस। उ कहेस, “निकरि जा, निकरि जा! तू हत्यारा अहा, तू दुस्ट अहा!
8 यहोवा तोहका दण्ड देत अहइ। काहे? काहेकि तू साऊल क परिवारे क मनइयन क मार डाया। तू साऊल क जगह एक राजा क रूप मँ चोराया। किन्तु अब, यहोवा राज्ज तोहरे पूत अबसालोम क दिहस ह। अब उ पचे ही बुरी घटनन तोहरे बरे घटित होत अहइँ। काहे? काहेकि तू हत्यारा अहा।”
9 सरूयाह क पूत अबीसै राजा स कहेस, “मोर पर्भू, राजा! इ मरा कूकुर आप क सरापत काहे अहइ? मोका आगे जाइ द्या अउ सिमी क मूँड़ काट लेइ द्या।”
10 किन्तु राजा जवाब दिहस, “सरूयाह क पूतो! तू इ चिजियन क चिन्ता काहे करत ह जउन मोर संग होत? निहचइ ही सिमी मोका सरापत अहइ। अगर यहोवा ओका कहेस कि उ मोका सरापि, अउर कउन अहइ जउन यहोवा स इ बातन बरे प्रस्न पूछ सकत्या?”
11 दाऊद अबीसै अउर आपन सबहिं सेवकन स इ भी कहेस, “लखा मोर आपन पूत ही (अबसालोम) मोका मारइ क जतन करत अहइ। इ मनई (सिमी) जउन बिन्यामीन परिवार समूह क अहइ, मोका मार डावइ क जियादा अधिकार रखत ह। ओका अकेला तजा। ओका मोका बुरा भला कहइ द्या। यहोवा ओका अइसा करइ क कहेस ह।
12 इ होइ सकत ह कि ओन बुराइयन क जउन मोरे संग होत अहइँ, यहोवा लखइ। तब होइ सकत ह कि यहोवा मोका हर बुरा सब्द क बदले मँ कछू अच्छा देइ जउन कि सिमी आजु मोहसे कहेस ह।”
13 एह बरे दाऊद अउ ओकर मनइयन अपने राहे पइ खाले सरक स उतर आवइँ। किन्तु सिमी दाऊद क पाछे लगा रहा। सिमी सरक क दूसर कइँती पहाड़ी क बगल होइ के चलइ लाग। सिमी अपने राहे पइ दाऊद क बुरा-भला कहत रहा। सिमी दाऊद पइ पाथर अउ धूरि भी लोकाएस।
14 राजा दाऊद अउर ओकर सबहिं लोग यरदन नदी पइ पहोंचेन। राजा अउ ओकर लोग थक गए रहेन। एह बरे उ पचे हुवाँ आराम किहन अउर आपन क ताज़ा किहेन।
15 अबसालोम, अहीतोपेल अउ इस्राएल क सबहिं लोग यरूसलेम आएन।
16 दाऊद क एरेकी मीत हूसै अबसालोम क लगे आवा। हूसै अबसालोम स कहेस, “राजा दीर्घायु होइँ।। राजा दीर्घायु होइँ।”
17 अबसालोम पूछेस, “तू आपन मीत दाऊद क बिस्सास पात्र काहे नाहीं अहा? तू आपन मीत क संग यरूसलेम क काहे नाहीं तज्या?”
18 हूसै कहेन, “मइँ उ मनई क अहउँ, जेका यहोवा चुनत ह। एन लोग अउ इस्राएल क लोग आप क चुनेन। मइँ आपक संग रहब।
19 बीते समइ मँ मइँ आप क बाप क सेवा किहेउँ। एह बरे, अब मइँ दाऊद क पूत क सेवा करब। मइँ आप क सेवा करब।”
20 अबसालोम अहीतोपेल स कहेस, “कृपा कइके मोका बतावा कि का करइ चाही।”
21 हीतोपेल अबसालोम स कहेस, “तोहार बाप आपन कछू उप-पत्नियन क घर क देख-भाल क बरे तजेस ह। जा अउर ओनके संग सारीरिक सम्बंध करा। तब सबहिं इस्राएली इ जनिहीं कि तोहार बाप तोहसे घिना करत ह। अउर तोहार सबहिं लोग तोहका जियादा समर्थन देइ बरे उत्साहित होइहीं।”
22 तब ओन लोग अबसालोम बरे महले क छते पइ एक तम्बू डाएन अउ अबसालोम अपने बाप क रखैलन क संग सारीरिक सम्बन्ध किहस। सबहिं इस्राएलियन एका लखेन।
23 उ समइ, दाऊद अउ अबसालोम अहीतोपेल क सलाह क बहोत महत्वपूर्ण समुझेस। इ ओतनी ही महत्वपूर्ण रही जेतनी मनई बरे परमेस्सर क बात।
2 Samuel 17
1 अहीतोपेल अबसालोम स इ भी कहेस, “मोका अब बारह हजार फउजी चुनइ द्या। तब मइँ आजु क रात दाऊद क पाछा करब।
2 मइँ ओका तब धरब जब उ थका अउ कमजोर होइ। मइँ ओका ससाउब अउ ओकर सबहिं मनई ओका तजिके परइहीं। किन्तु मइँ सिरिफ राजा दाऊद क मारब।
3 तब मइँ सबहिं लोगन क तोहरे लगे वापस लिआउब। जदि दाऊद मरि गवा, तउ सबइ लोगन क सान्ति प्राप्त होइ।”
4 इ जोजना अबसालोम अउ इस्राएल क सबहिं प्रमुखन क पसन्द आइ।
5 किन्तु अबसालोम कहेस, “एरेकी हूसै क अब बोलावा। मइँ ओहसे भी सुनइ चाहत अहउँ कि उ का कहत ह।”
6 हूसै अबसालोम क लगे आवा। अबसालोम हूसै स कहेस, “अहीतोपेल इ जोजना बताएस ह। का हम लोग यह पइ अमल करी? जदि नाहीं तउ हमका, अपनी बतावा।”
7 हूसै अबसालोम स कहेस, “इ समइ अहीतोपेल क सलाह ठीक नाहीं अहइ।”
8 उ आगे कहेस, “तू जानत ह कि तोहार बाप अउ ओकर आदमी ताकतवार अहइँ। उ पचे उ रीछनी क तरह खूँखार अहइँ जेकत बच्चन छोर लीन्ह गवा होइँ। तोहार बाप कुसल जोधा अहइ। उ सारी रात लोगन क संग नाहीं ठहरी।
9 सायद उ पहिले स ही कउनो गुफा या दूसर ठउरे पइ छुपा अहइ। जदि तोहार बाप तोहरे मनइयन पइ पहिले हमला करत ह, तउ लोग एकर खबर पइहीं, अउर उ पचे सोचिहीं, ‘अबसालोम क समर्थक हारत अहइँ।’
10 तब उ पचे लोग भी जउन सेर क तरह वीर अहइँ, ससाइ जइहीं। काहे? काहेकि सबहिं इस्राएली जानत हीं कि तोहार बाप ताकतवर जोधा अहइ अउ ओकर मनई वीर अहइँ।”
11 “मोर सुझाव इ अहइ: तोहका दान स लइके बेसेज्र्बा तलक सबहिं इस्राएलियन क बटोरइ चाही। तब बड़ी तादाद मँ लोग समुद्दर क रेती क कणन क नाईर् होइहीं। तब तोहका खुद ओनकर जुद्ध मँ अगुवाइ करइ चाही।
12 हम पचे दाऊद क उ ठउरे स जहाँ उ लुकान अहइ, धइ लेब। हम पचे दाऊद पइ बहोत सारा फउज स हमला करब, हम लोग ओस क बहोत सारा बूँद क नाईं होब्या जउन कि धरती पइ पड़त अहा। हम लोग दाऊद अउर ओकर सबहिं मनइयन क मार डाउब। कउनो मनई क जिअत नाहीं बक्सा जाइ।
13 जदि दाऊद कउनो नगर मँ परात ह, तउ सबहिं इस्राएली उ नगर मँ रस्सियन लिअइहीं अउर हम लोग उ नगर क देवारन क तोड़ब अउर एका घाटी मँ बदल देब। उ नगर मँ एक पाथर भी नाहीं बचब्या।”
14 अबसालोम अउ सबइ इस्राएलियन कहेन, “एरैकी हूसै क सलाह अहीतोपेल क सलाह स बेहतर अहइ।” उ पचे अइसा कहेन काहेकि इ यहोवा क जोजना रही। यहोवा अहीतोपेल क सलाह क ब्यर्थ करइ क नीक जोजना बनाए रहा। इ तरह यहोवा अबसालोम क सजा दइ सकत रहा।
15 हूसै उ सबइ बातन याजकन, सदोक अउ एब्यातार स कहेस। हुसै उ जोजना क बारे मँ ओनका बताएस जेका अहीतोपेल अबसालोम अउ इस्राएल क प्रमुखन क सुझाए रहा। हूसै सादोक अउ एब्यातार क उ जोजना भी बताएस जेका उ सुझाए रहा। हूसै कहेस,
16 “हाली। दाऊद क खबर पठवा। ओहसे कहा कि आज क रात उ ओन ठउरन पइ न रहइ जहाँ स लोग रेगिस्तान क पार करत हीं। अपितु यरदन नदी क तुरन्त पार कइ ल्या। जदि उ नदी क पार कइ लेत ह तउ राजा अउ ओकर लोग नाहीं धरा जइहीं।”
17 याजकन क पूत योनातन अउ अहीमास, एनरोगेल पइ प्रतीच्छा करत रहेन। उ पचे नगर मँ जात भए देखॉइ नाहीं पड़इ चाहत रहेन। एह बरे एक ठु गुलाम लड़की ओनके लगे आइ। उ ओनका सँदेसा दिहस। तब योनातन अउ अहीमास गएन अउर उ पचे इ सँदेसा राजा दाऊद क दिहेन।
18 किन्तु एक लरिका योनातन अउ अहीमास क लखेस। लरिका अबसालोम स कहइ बरे दउड़ा। योनातन अउ अहीमास तेजी स पराइ निकरेन। उ पचे बहारीम मँ एक ठु मनई क घरे पहोंचेन। उ मनई क आँगन मँ एक कुआँ रहा। योनातन अउ अहीमास इ कुआँ मँ उतर गएन।
19 उ मनई क पत्नी देवार पइ एक ठु चादर डाइ दिहस। तब उ पूरे कुआँ क अन्न स ढॉक दिहस। कुआँ अन्न क ढेर जइसा देखॉत रहा, एह बरे कउनो मनई इ नाहीं जान सकत रहा कि योनातन अउ अहीमास हुवाँ छुपा रहेन।
20 अबसालोम क सेवकन उ घरे क मेहरारू क लगे गएन। उ पचे पूछेन, “योनातन अउ अहीमास कहाँ अहइँ?”उ मेहरारू अबसालोम क सेवकन स कहेस, “उ पचे पहिले ही नाला क पार कइ गएन ह।”अबसालोम क सेवकन तब योनातन अउ अहीमास क खोज मँ चले गएन। किन्तु उ पचे ओनका न पाइ सकेन। एह बरे अबसालोम क सेवकन यरूसालेम लउट गएन।
21 जब अबसालोम क सेवक चले गएन, योनातन अउ अहीमास कुआँ स बाहेर आएन। उ पचे गएन अउ उ पचे दाऊद स कहेन, “हाली करा, नदी क पार जा। अहीतोपेल इ सबइ बातन क तोहार खिलाफ करइ बरे जोजना बनावत ह।”
22 तब दाऊद अउ ओकर सबहिं लोग यरदन नदी क पार चले गएन। सूरज निकरइ स पहिले दाऊद क सबहिं लोग यरदन नदी क पार कइ चुके रहेन।
23 अहीतोपेल लखेस कि इस्राएली ओकर सलाह नाहीं मानतेन। अहीतोपेल अपने गदहे पइ काठी धरेस अउर आपन ग्रह-नगर क वापिस हाँकेस। उ अपने परिवार क पच्छ मँ एक वसीयत लिखेस। तब उ अपने क फाँसी लगाइ लिहस। तब अहीतोपेल मर गवा, लोगन ओका ओकरे बाप क कब्र मँ दफनाइ दिहन।
24 दाऊद महनैम पहोंचा।अबसालोम अउ सबहिं इस्राएली जउन ओकरे संग रहेन, यरदन नदी क पार कइ गएन।
25 अबसालोम अमासा क फउज क सेनापति बनाएस। अमासा योआब क जगह लिहस। अमासा इस्राएली यित्रन क पूत-रहा। अमासा क महतारी, सरूयाह क बहिन अउ नाहास क बिटिया, अबीगैल रही (सरूयाह योआब क महतारी रही।)
26 अबसालोम अउ इस्राएलियन आपन डेरा गिलाद प्रदेस मँ डाएन।
27 दाऊद महनैम पहोंचा। सोबी, माकीर अउ बजिर्ल्लै उ ठउरे पइ रहेन। (नाहास क पूत सोबी अम्मोनी नगर रब्बा क रहा। अम्मीएल क पूत माकीर लोदबर क रहा अउर बजिर्ल्लै, गिलाद क रेगलीम स रहा।)
28 उ पचे कहेन, “रेगिस्ताने मँ लोग थके, भुखान अउ पिआसे अहइँ।” एह बरे उ पचे दाऊद अउ ओकरे लोगन क खाइ क बरे इ सबइ चिजियन लिआएन: गोहूँ, जौ, आटा, भूँजी अन्न क फलियन, तिल, झुरान बिआ, सहद, माखन, भेड़िन अउ गइया क दूध क पनीर भी लइ आएन। उ पचे दाऊद अउ ओकर लोगन क खाना परोसेन। उ पचे बिछौना, खोरा अउ माटी क भांडी भी लइ आएन।
29
2 Samuel 18
1 दाऊद अपने लोगन क गनेस। उ हजार फउजियन अउर सौ फउजियन क ऊपर सेनापतियन नियुक्त किहेस।
2 दाऊद लोगन क तीन टुकड़ियन मँ बाँटेस, अउर तब दाऊद लोगन क आगे पठएस। योआब क भाई, सरूयाह क पूत अबीसै दूसर एक तिहाई फउज क अगुवाइ किहेस। अउर इत्तै जउन गात स रहा उ बचा भवा एक तिहाइ फउज क अगुवाई किहेस।”राजा दाऊद लोगन स कहेस, “मइँ भी तू लोगन क संग चलब।”
3 किन्तु लोग कहेन, “नाहीं। आप क हमरे संग नाहीं जाइ चाही। काहे? काहेकि हम लोग जुद्ध स परानेन तउ अबसालोम क फउजी परवाह नाहीं करिहीं। जदि हम आधा मार दीन्ह जाइ तउ भी अबसालोम क फउजी पखाह नाहीं करिहीं। किन्तु आप हम लोगन क दस हजार क बराबर अहइँ। आप क बरे अच्छा अहइ कि आप नगर मँ रहइँ। तब, जदि हम क मदद क जरूरत पड़इ तउ आप मदद कइ सकइँ।”
4 राजा अपने लोगन स कहेस, “मइँ उहइ करब जेका आप लोग सवोज्र्त्तिम समुझत हीं।”तब राजा दुआर क बगल मँ खड़ा रहा। फउज आगे बढ़ गइ। उ पचे एक सौ अउ एक हजार क टुकड़ियन मँ गएन।
5 राजा योआब, अबीसै अउ इत्तै क आदेस दिहस: “मोरे बरे इ करा: जुवक अबसालोम क बरे कोमल रहा।” सबहिं लोग अबसालोम क बारे मँ नायकन को राजा क आदेस सुनेन।
6 दाऊद क फउज अबसालोम क इस्राएलियन क खिलाफ रणभूमि मँ गइ। उ पचे एप्रैम क जँगल मँ जुद्ध किहन।
7 दाऊद क फउज इस्राएलियन क हराइ दिहस। उ दिन बीस हजार मनई मारे गएन।
8 जुद्ध पूरे देस मँ फइल गवा। किन्तु उ दिन तरवार स मरइ क अपेच्छा जँगल मँ मनई जियादा मरेन।
9 अइसा भवा कि अबसालोम दाऊद क सेवकन स मिला। अबसालोम बच पराइ बरे अपने खच्चर पइ चढ़ा। खच्चर बिसाल बाँज क बृच्छ क डारन क नीचे गवा। डारन मोटी रहिन अउ अबसालोम क मूँड़ बृच्छ मँ फँस गवा। ओकर खच्चर ओकरे नीचे स पराइ निकरा एह बरे अबसालोम भुइँया क ऊपर लटका रहा।
10 एक ठु मनई इ होत लखेस। उ योआब स कहेस, “मइँ अबसालोम क एक बाँज बृच्छ मँ लटकत लखेउँ ह।”
11 योआब उ मनई स कहेस, “तू ओका मार काहे नाहीं डाया, अउर ओका जमीन पइ काहे नाहीं गिर जाइ दिहा? मइँ तोहका एक जोद्धन-कमरबंध अउ चाँदी क दस सिक्कन देतेउँ।”
12 उ मनई योआब स कहेस, “मइँ राजा क पूत क तब भी चोट पहोंचावइ क कोसिस नाहीं करतेउँ, जहाँ तू मोका हजार चाँदी क सिक्कन देत्या। काहेकि हम लोग, तोहका अबीसै अउ इत्तै क दीन्ह गए राजा क आदेस क सुना। राजा कहेस, ‘होसियार रहा, जुवक अबसालोम क चोट नाहीं पहोंचे।’
13 जदि मइँ अबसालोम क मार दिहे होतेउँ, तउ राजा खुद एकर पता लगाइ लेतइ अउर तू मोर बचाव बरे नाहीं आत्या।”
14 योआब कहेस, “मइँ तोहरे संग समइ नस्ट नाहीं करब।” अबसालोम अबहुँ बाँज बृच्छ मँ लटका भवा, जिअत रहा। योआब तीन ठु भाला लिहस। उ भालन क अबसालोम पइ लोकाएस। भालन अबसालोम क हिरदइ क बेधत भए निकरि गएन।
15 हुवाँ दस ठु जुवक रहेन जउन योआब क हथियार लेइ जाइवाल रहेन। उ सबइ दस मनई अबसालोम क चारिहुँ कइँती आएन अउर ओका मार डाएन।
16 योआब तुरही बजाएस अउर अबसालोम क सैनिकन क टोलियन क इस्राएली लोगन क पाछा करब बंद करइ क संकेत देत रहेन। इ तरह उ दूसर जुद्ध स लोगन क बचाइ लिहेस।
17 तब योआब क मनइयन अबसालोम क ल्हास उठाएन अउर ओका जँगल क एक बड़के गड़हे मँ फेंक दिहन। उ पचे गड़हे क बहोत स पाथरन स भर दिहन। सबइ इस्राएलियन आपन-आपन घरे क पराइ गएन।
18 जब अबसालोम जिअत रहा, उ राजा क घाटी मँ एक ठु खंभा खड़ा किहे रहा। अबसालोम कहे रहा, “मोर कउनो पूत मोरे नाउँ क चलावइ वाला नाहीं अहइ।” एह बरे उ खम्भा क आपन नाउँ दिहस। एह बरे एका आपन बाद नाउँ दिहेस। इ खम्भा आजु भी “अबसालोम स्मारक” क रूप जाना जात ह।
19 सादोक क पूत अहीमास योआब स कहेस, “मोका अब दउड़ जाइ द्या अउर राजा दाऊद क खबर पहोंचावइ द्या। मइँ ओहसे कहब कि यहोवा ओनका ओनके दुस्मनन क हाथे स अजाद कइ दिहस ह।”
20 योआब अहीमास क जवाब दिहस, “नाहीं, आजु तू दाऊद क खबर नाहीं देब्या। तू खबर कउनो दूसरे समइ पहोंचाइ सकत ह, किन्तु आजु नाहीं काहे? काहेकि राजा क पूत मरि गवा ह।”
21 तब योआब एक कूसी मनई स कहेस, “जा राजा स उ सब कहा जउन तू लख्या ह।” कूसी योआब क प्रणाम किहेस। तब कूसी दाऊद क खबर देइ दउड़ पड़ा।
22 किन्तु सादोक क पूत अहीमास योआब स फुन पराथना किहेस, “जउन कछू भी होइ, ओकर चिन्ता नाहीं, कृपा कइके मोका भी कूसी क पाछे दउड़ जाइ द्या।” योआब कहेस, “बेटे, तू समाचार काहे लइ जाइ चाहत अहा? तू जउन समाचार लइ जाब्या ओकर कउनो पुरस्कार नाहीं मिली।”
23 अहीमास जवाब दिहस, “चाहे जउन होइ, चिन्ता नाहीं, मइँ दाऊद क लगे दउड़ जाब।” योआब अहीमास स कहेस, “दउड़!” तब अहीमास यरदन क घाटी स होइके दउड़ा उ कूसी क पाछे छोड़ गवा!”
24 दाऊद नगर क दुइनउँ फाटकन क बीच बइठा रहा। पहरेदार फाटकन क देवारन क ऊपर छते पइ गवा। पहरेदार धियान स लखेस अउ एक ठु मनई क अकेले दउड़त लखेस।
25 पहरेदार दाऊद स कहइ बरे जोर स गोहराएस।राजा दाऊद स कहेस, “जदि मनई अकेला अहइ तउ उ खबर लावत ह।” मनई नगर क निअरे स निअरे आवत जात रहा।
26 पहरेदार दूसर मनई क दउड़त लखेन। पहरेदार दुआर रच्छक क बोलाएस, “लखा! दूसर मनई अकेले दउड़त बा।” राजा कहेस, “उ भी समाचार लिआवत अहइ।”
27 पहरेदार कहेस, “मोका लागत ह कि पहिला मनई सादोक क पूत अहीमास क तरह दउड़त अहइ।”राजा कहेस, “अहीमास अच्छा मनई अहइ। उ अच्छी समाचार लावत रहा होइ।”
28 अहीमास राजा क गोहराइ क कहेस। “सब कछू बहोत नीक अहइ।” अहीमास राजा क समन्वा प्रणाम करइ निहुरा। ओकर माथा भुइँया क करीब रहा। अहीमास कहेस, “अपने यहोवा परमेस्सर क स्तुति करा। मोर सुआमी राजा, यहोवा ओन मनइयन क हराइ दिहेस ह जउन आप क खिलाफ रहेन।”
29 राजा पूछेस, “का जुवक अबसालोम कुसल स अहइ?” अहीमास जवाब दिहेस, “जब योआब मोका पठएस मइँ बड़ी उत्तेजना भीड़ लखेउँ, किन्तु मइँ नाहीं जानत हउँ कि उ का रहा?”
30 तब राजा कहेस, “हिआँ आ अउर प्रतीच्छा करा।” अहीमास हटके खड़ा होइ गवा अउ प्रतीच्छा करइ लाग।
31 कूसी आवा। उ कहेस, “मोर सुआमी अउर राजा, मोर लगे तोहार बरे अच्छा समाचार अहइ। आजु यहोवा ओन सबइ लोगन क सजा दिहस ह जउन आप क खिलाफ रहेन।”
32 राजा कूसी स पूछेस, “का जुवक अबसालोम कुसल स अहइ?” कूसी जवाब दिहस, “मोका आसा अहइ कि आप क दुस्मन अउर सबहिं लोग जउन आप क खिलाफ चोट करत अइहीं, उ पचे इ जुवक (अबसालोम) क तरह सजा पइहीं।”
33 तब राजा समुझ लिहस कि अबसालोम मर गवा ह। राजा बहोत काँपत रहा ह। उ नगर दुआर क ऊपर क कमरा मँ चला गवा अउर रोएस। जइसे ही उ गवा उ रोवा अउर कहेस, “ऐ मोर पूत अबसालोम, मइँ चाहत हउँ कि मइँ तोहरे बरे मर गवा होत। ऐ अबसालोम, मोर पूत, मोर पूत।”
2 Samuel 19
1 लोग योआब क खबर दिहन। उ पचे योआब स कहेन, “लखा, राजा अबसालोम बरे रोवत अहइ अउर बहोत दुखी अहइ।”
2 दाऊद क फउज उ दिन जीत पाए रही। मुला उ दिन सबहिं लोगन बरे बहोत सोक क दिन होइ गवा। इ सोक क दिन रहा, काहेकि लोग सुनेन, “राजा अपने पूत बरे बहोत दुखी अहइ।”
3 लोग नगर मँ चुपचाप आएन। उ पचे ओन लोगन क तरह रहेन जउन जुद्ध मँ पराजित होइ गए होइँ अउ पराइ आए होइँ।
4 राजा आपन मुँहना ढाँपि लिहस। उ जोर-जोर स अउ फूट-पूटि के रोवत रहा, “मोर पूत अबसालोम! मोर पूत, मोर बेटवा।”
5 योआब राजा क महल मँ आवा। योआब राजा स कहेस, “आजु तू आपन सबहिं अधिकारियन क समन्वा अपमानित भवा ह। आजु तोहार सेवकन तोहार जिन्नगी बचाएन। उ पचे तोहरे पूतन, बिटियन, पत्नियन अउ उप-पत्नियन क जिन्नगी क बचाएन।
6 तोहार अधिकारियन अपमानित महसूह करत ह कि तू ओनसे पिरेम करत ह जउन तोहसे घिना करत हीं अउर तू ओनसे घिना करत ह जउन तोाहसे पिरेम करत हीं। आजु तू इ स्पस्ट कइ दिहा ह कि तोहार अधिकारी अउ तोहार लोग तोहरे बरे कछू नाहीं अहइँ। आजु मइँ समुझत हउँ कि जदि अबसालोम जिअत रहत अउ हम सबहिं मार दिए गए होत तउ तोहका बड़ी खुसी होत।
7 “अब खड़ा ह्वा अउ आपन सेवकन स बात करा अउर ओनका प्रोत्साहित करा। मइँ यहोवा क किरिया खाइके कहत हउँ कि जदि तू इ करइ बाहेर नाहीं निकरत्या तउ आजु क रात तोहार कउनो मनई नाहीं बची। बचपन स आजु तलक तोह पइ जेतनी बिपत्तियन आई अहइँ, ओन सब स इ बिपत्ति अउर बदतर होइ।”
8 तब राजा नगर दुआर पइ गवा। खबर फइली कि राजा नगर दुआरे पइ अहइ। एह बरे सबहिं लोग राजा क लखइ आएन।सबहिं अबसालोम क समर्थक इस्राएली अपने घरन क पराइ गए रहेन।
9 इस्राएल क सबहिं परिवार समूहन क लोग आपुस मँ तर्क-वितर्क करइ लागेन। उ पचे कहेन, “राजा दाऊद हम क पलिस्तियन अउ हमार दूसर दुस्मनन स बचाएस। मुला अब उ अबसालोम क समन्वा स पराइ गवा।
10 हम लोग अबसालोम क अपने ऊपर सासन करइ बरे चुने रहेउँ। किन्तु अब उ जुद्ध मँ मर चुका ह। हम लोगन क दाऊद क फुन राजा बनावइ चाही।”
11 राजा दाऊद याजकन सादोक अउ एब्यातार क सँदेसा पठएस। दाऊद कहेस, “यहूदा क प्रमुखन स बात करा। कहा, ‘तू लोग अन्तिम परिवार समूह काहे अहा जउन राजा दाऊद क अपने राजमहल मँ वापस लिआवइ चाहत अहा? समूचइ इस्राएल मँ राजा क ओकर महल मँ वापिस लिआवइ बरे जउन कछू भी कहा गवा, इ राजा तलक पहोंच गवा ह।
12 तू मोर भाइयन अहा, तू मोरे परिवार अहा। फुन भी तोहार परिवार समूह राजा क महल मँ वापस लिआवइ मँ अन्तिम काहे रहा?’
13 अउर अमासा स कहा, ‘तू मोरे परिवारे क अंग अहा। जदि तोहका अभी हीं स योआब क जगह पइ सेना क नायक न बनावउँ, तउ परमेस्सर मोका सजा देइ।”‘
14 दाऊद यहूदा क लोगन क दिल क जीत लिहेस। एह बरे उ पचे एक ठु मनई क तरह एकमत होइ गएन। यहूदा क लोग राजा क सँदेसा पठएन। उ पचे कहेन, “अपने सबहिं सेवकन क संग वापस आवा।”
15 तब राजा दाऊद यरदन नदी तलक आवा। यहूदा क लोग राजा स भेंटइ गिलगाल आएन। उ पचे एह बरे आएन कि उ पचे राजा क यरदन नदी क पार लइ जाइँ।
16 गेरा क पूत सिमी बिन्यामीन परिवार समूह क रहा। उ बहूरीम मँ रहत रहा। सिमी राजा दाऊद स भेंटइ क हाली किहस। सिमी यहूदा क लोगन क संग आवा।
17 सिमी क संग बिन्यामीन परिवार क एक हजार लोग भी आएन। साऊल क परिवार क सेवक सीबा भी आवा। सीबा अपने संग अपने पन्द्रह पूतन अउ बीस सेवकन क लिआवा। इ पचे सबहिं लोग राजा दाऊद स भेंटइ बरे यरदन नदी पइ जल्दी स पहोंचेन।
18 इ सबइ लोग यरदन नदी पार कइके राजा क परिवार क यहूदा मँ वापस लिआवइ मँ मदद करइ बरे, अउर उ सबइ कछू करइ बरे गएन जउन राजा चाहेस, गएन। जब राजा नदी पार करत रहा, गेरा क पूत सिमी ओहसे मिलन आवा। सिमी राजा क समन्वा भुइँया तलक प्रणाम करइ निहुरा।
19 सिमी राजा स कहेस, “मोर सुआमी, जउन मइँ अपराध किहेउँ ओन पइ धियान न देइँ। मोर सुआमी राजा, ओन बुरे करमन क याद न करइँ जेनका मइँ तब किहेउँ जब आप यरूसलेम क तजेन।
20 मइँ जानत हउँ कि मइँ पाप किहेउँ ह। मोर सुआमी राजा, इहइ कारण अहइ कि आजु मइँ यूसुफ क परिवार क पहिला मनई हउँ जउन आप स मिलइ आवा ह।”
21 किन्तु सरूयाह क पूत अबीसै कहेस, “सिम्मी क जरूर मरइ चाही काहेकि इ यहोवा दुआरा अभिसिक्त भवा राजा क सरापेस।”
22 दाऊद कहेस, “सरूयाह क पूतो, मइँ तोहरे संग का करउँ? आजु तू मोरे खिलाफ अहा। आजु इस्राएल मँ कउनो मनई मारा नाहीं जाइ चाही। आजु मइँ जानत हउँ कि मइँ इस्राएल क राजा हउँ।”
23 तब राजा सिम्मी स कहेस, “तू मरब्या नाहीं।” राजा सिम्मी क बचन दिहस कि उ सिमी क खुद नाहीं मारी।
24 साऊल क पोता मपीबोसेत राजा दाऊद स भेंटइ आवा। मपीबोसेत उ सारे समइ तलक अपने गोड़न क फिकर नाहीं किहेस, अपनी मूँछन क कतरेस नाहीं या अपने ओढ़नन क नाहीं धोएस जब तलक राजा यरूसलेम तजइ क पाछे फुन: सान्ति क साथ वापस नाहीं आइ गवा।
25 जब मपीबोसेत यरूसलेम मँ राजा क लगे मिलइ आवा, राजा ओहसे प्रस्न पूछेस: “मपीबोसेत तू मोरे संग उ समइ काहे नाहीं आया जब मइँ यरूसलेम स भाग गवा रहेउँ?”
26 मपीबोसेत जवाब दिहस, “हे राजा, मोर सुआमी। मोर सेवक सीबा मोका मूरख बनाएस। मइँ सीबा स कहेउँ, ‘मइँ विकलांग हउँ। एह बरे गदहे पइ काठी लगावा। तब मइँ गदहे पइ बइठव, अउर राजा क संग जाब।’
27 किन्तु मोर सेवक मोका धोखा दिहस। मोरे बारे मँ आप स बुरी बातन कहेस। किन्तु हे, मोर सुआमी अउ राजा, परमेस्सर क एक सरगदूत क समान अहइ। आप उहइ करइँ जउन आप उचित समुझत हीं।
28 आप मोरे पितामह क सारे परिवार क मार दिहे होतेन। किन्तु आप इ नाहीं किहन। आप मोका ओन लोगन क संग रखेन जउन आप क मेज पइ खात हीं। एह बरे मइँ राजा स कउनो बात बरे सिकाइत करइ क अधिकार नाहीं राखत।”
29 राजा मपीबोसेत स कहेस, “अपनी समस्यन क बारे मँ जियादा कछू जिन कहा। मइँ इ निर्णय करत हउँ। तू अउ सीबा भुइयाँ क बँटवारा कइ सकत ह।”
30 मपीबोसेत राजा स कहेस, “सीबा क सारी भुइँया लइ लेइ द्या। काहे? काहेकि मोर सुआमी राजा अपने महल मँ सान्तिपूर्वक लउट आएन ह।”
31 गिलाद क बजिर्ल्लै रोगलीम स आवा। उ राजा दाऊद क संग नदी तलक आवा। उ राजा क संग, यरदन नदी पार करावइ बरे गवा।
32 बजिर्ल्लै बहोत बूढ़ा मनई रहा। उ अस्सी बरिस क रहा। जब दाऊद महनैम मँ ठहरा रहा तब उ ओका भोजन अउ दूसर चिजियन दिहे रहा। बजिर्ल्लै इ सब कइ सकत रहा काहेकि उ बहोत धनी मनई रहा।
33 दाऊद बजिर्ल्लै स कहेस, “नदी क पार मोरे संग चला। जदि तू मोरे संग यरूसलेम मँ रहब्या तउ हुवाँ मइँ तोहार देखभाल करब।”
34 किन्तु बजिर्ल्लै राजा स कहेस, “का आप जानत हीं कि मइँ केतना बूढ़ा हउँ? का आप सोचत हीं कि मइँ आप क संग यरूसलेम का जाइ सकत हउँ?
35 मइँ अस्सी बरिस क हउँ। मइँ ऍतना जियादा बुढ़वा अहउँ कि मइँ इ नाहीं बताइ सकत कि नीक का अहइ अउर बुरा का अहइ। मइँ ऍतना जियादा बुढ़वा हउँ कि मइँ जउन खात पिअत हउँ ओकर सुआद नाहीं लइ सकत हउँ। मइँ ऍतना बुढ़वा हउँ कि मनसेधुअन अउ मेहरारूअन क गावइ क अवाज भी नाहीं सुन सकत। एह बरे मोका काहे आपन सुआमी राजा बरे एक बोझा बन के जोर जाइ चाही?
36 मइँ आप क ओर स पुरस्कार नाहीं चाहत। मइँ आप क संग यरदन नदी क पार करब।
37 मुला, कृपा कइके मोका वापस लउट जाइ द्या। तब मइँ अपने नगर मँ मरब अउर अपने महतारी-बाप क कब्र मँ दफनावा जाब। मुला इ किम्हाम आप क सेवक होइ सकत ह। मोर सुआमी राजा ओका अपने संग लउटइ देइँ। जउन आप चाहइँ, ओकरे संग करइँ।”
38 राजा जवाब दिहस, “किम्हाम मोरे संग लउटी। मइँ तोहरे कारण ओह पइ दयालु रहब। मइँ तोहरे बरे कछू भी कइ सकत हउँ।”
39 राजा बजिर्ल्लै क चूमेस अउर ओका आसीर्बाद दिहस। बजिर्ल्लै घरे लउट गवा अउर राजा सबहिं लोग क साथ नदी क पार वापस गएन।
40 यरदन नदी क पार होइके पाछे, राजा गिलगाल गवा। किम्हाम ओकरे संग गवा, यहूदा क सबहिं लोग अउ आधे इस्राएल क लोग दाऊद क नदी क पार पहोंचाएन।
41 सबहिं इस्राएली राजा क लगे आएन। उ पचे राजा स कहेन, “हमार भाई यहूदा क लोग, आप क चुराइ लइ गएन अउर आप क अउर आप क परिवार क, आप क लोगन क संग यरदन नदी क पार लइ आएन। काहे?”
42 यहूदा क सबहिं लोग इस्राएलियन क जवाब दिहन, “काहेकि राजा हमारा निचके क रिस्तेदार अहइ। इ बात क बरे आप लोग हम लोगन स कोहान काहे अहइँ? हम लोग राजा क कीमत पइ खइया क नाहीं खावा ह। राजा हम लोगन क कउनो भेंट नाहीं दिहस।”
43 इस्राएलियन जवाब दिहन, “हम लोग दाऊद मँ दस भागपावत अही। एह बरे हम लोगन क अधिकार दाऊद पइ तोहसे जियादा अहइ। किन्तु तू लोग हम लोगन उपेच्छा किहा। काहे? कउन हमार राजा क सब स पहिले वापस लिआवइ क बात किहस।”यह बरे यहूदा क लोग इस्राएल क लोगन क बड़ा गन्दा जवाब दिहन।
2 Samuel 20
1 उ जगह पइ एक परेसानी पइदा करइवाल बिक्री क पूत सेबा नाउँ क मनई रहा। सेबा बिन्यामीन परिवार समूह क रहा। उ तुरही बजाएस अउर कहेस,“हम लोगन क कउनो हींसा दाऊद मँ नाहीं अहइ, यिसै क पूत मँ हम पचन क कउनो अंस नाहीं अहइ। पूरे इस्राएली, हम लोग अपने डेरन मँ घरे चले।”
2 तब इस्राएलियन दाऊद क छोड़ दिहन, अउर बिक्री क पूत सेबा क अनुसरण किहन। किन्तु यहूदा क लोग अपने राजा क संग लगातार यरदन नदी स यरूसलेम तलक बने रहेन।
3 दाऊद अपने घरे यरूसलेम क आवा। दाऊद अपनी उप-पत्नियन मँ स दस क घरे क देखभाल क बरे छोड़े रहा। दाऊद एन मेहररूअन क एक बिसेस घरे मँ रखेस। उ घरे क चारिहुँ कइँती रच्छकन राखेस। मेहररूअन उ घरे मँ तब तलक रहिन जब तलक उ पचे मरी नाहीं। दाऊद ओनका भोजन दिहस, किन्तु ओनके संग सारीरिक सम्बंध नाहीं किहस। उ पचे मरइ क समइ तलक राँड़ रहिन।
4 राजा अमासा स कहेस, “यहूदा क लोगन स कहा कि उ पचे मोहसे तीन दिन क भीतर मिलइँ, अउर तोहका भी हिआँ आवइ क होइ अउर मोरे समन्वा खड़ा होइ क होइ।”
5 तब अमासा यहूदा क लोगन क एक संग बोलावइ गवा। किन्तु उ, जेतना समइ राजा दिहे रहा, ओहसे जियादा समइ लिहस।
6 दाऊद अबीसै स कहेस, “बिक्री क पूत सेबा हम लोगन बरे ओहसे भी जियादा खतरनाक अहइ जेतना अबसालोम रहा। एह बरे मोरे सेवकन क ल्या अउर सेबा क पाछा करा। हाली करा एसे पहिले कि उ किलाबन्द नगर मँ घुस जाइ अउर हम लोगन स बच के निकल जाइ।”
7 योआब क मनई करेती, पलेती अउ फउजी यरूसलेम स बाहेर गएन। उ पचे बिक्री क पूत सेबा क पाछा किहन।
8 जब योआब अउर फउज गिबोन क बड़ा चट्टान तलक आइ, अमासा ओनसे मिलइ आवा। योआब अपने फउजी पोसाक मँ रहा। योआब पेटी बाँध रखे रहा। ओकर तरवार ओकरे म्यान मँ रही।
9 योआब अमासा स पूछेस, “भाई, तू हर तरह कुसल स तउ अहा?”योआब चूमइ बरे अपने दाएँ हाथ स, अमासा क ओकरी डाढ़ी क सहारे धरेस।
10 अमासा उ तरवार पइ धियान नाहीं दिहेस जउन ओकरे हाथे मँ रही। योआब अमासा क पेट मँ तरवार घुसेड़ दिहस अउर ओकर आँतन भुइँया पइ आइ पड़िन। योआब क अमासा पइ दुबारा चोट नाहीं करइ पड़ी, उ पहिले ही मर चुका रहा।तब योआब अउ ओकर भाई अबीसै दुइनउँ बिक्री क पूत सेबा क खोज जारी किटन।
11 योआब क जुवकन मँ स एक ठु मनई अमासा क ल्हासे क लगे खड़ा रहा। उ जुवक कहेस, “हर एक मनई जउन योआब अउ दाऊद क समर्थन करत ह, ओका योआब क अनुसरण करइ चाहीं।”
12 अमासा क ल्हास सड़क बीच मँ रहा सड़क ओकर खून स ढाँपि गवा। जुवकन लखेन कि सभी लोग ल्हास क लखइ बरे रुकत रहेन। एह बरे उ अमासा क ल्हास क लइ गवा अउर ओका मइदान मँ रख दिहस। तब उ अमासा क ल्हास पइ एक ठु कपड़ा डाइ दिहस।
13 जब अमासा क ल्हास सड़किया स हटाइ लीन्ह गवा, सबहिं लोग ओकर पीछे चलेन अउ योआब क अनुसरण किहन। उ पचे बिक्री क पूत सेबा क पाछा करइ योआब क संग गएन।
14 बिक्री क पूत सेबा सबहिं इस्राएल क परिवार समूहन स होत भवा आबेल बेतमाका पहोंचा। सबहिं बेरी लोग भी एक संग गएन अउर उ पचे सेबा क अनुसरण किहन।
15 योआब अउ ओकर लोग आबेल बेतमाका आएन। योआब क फउज नगर क घेर लिहस। उ पचे नगर देवार क सहारे माटी क ढेर लगाएन। अइसा करइ क पाछे उ पचे देवार क ऊपर चढ़ सकत रहेन। तब योआब क फउजियन ओका नीचे गिरावइ बरे देवार स पाथरन क निकालइ सुरू किहन।
16 एक बुद्धिमती मेहरारू नगर क ओर स चिचिआइ। उ कहेस, “मोरउ सुना। योआब क हिआँ बोलावा। मइँ ओहसे बात करइ चाहत हउँ।”
17 योआब उ मेहरारू क लगे बात करइ गवा। उ मेहरारू पूछेस, “का तू योआब अहा?” योआब जवाब दिहस, “हाँ, मइँ अहउँ।”तब उ मेहरारू योआब स कहेस, “मइँ जउन कहउँ सुना।” योआब कहेस, “मइँ सुनत हउँ।”
18 तब उ मेहरारू कहेस, “पुराने जमाने मँ लोग कहत रहेन, ‘आबेल मँ सलाह माँगा तब समस्या सुलझ जाइ।’
19 मइँ इस्राएल क राजभक्त अउ सान्ति क चहेता लोगन मँ स एक हउँ। तू इस्राएल क एक महत्वपूर्ण नगर क नस्ट करत अहा। तोहका, उ कउनो भी चीज, जउन यहोवा क अहइ, नस्ट नाहीं करइ चाही।”
20 योआब कहेस, “नाहीं, मइँ कछू भी नस्ट नाहीं करइ चाहत।
21 मुला हुवाँ तोहार नगर मँ एप्रैम क पहाड़ी प्रदेस क एक ठू मनई अहइ। उ बिक्री क पूत सेबा अहइ। उ राजा दाऊद क बिरूद्ध होइ गवा ह। जदि तू ओका मोरे लगे लिआवा तउ मइँ नगर क सान्त छोड़ देबउँ।”उ मेहरारू कहेस, “बहोत ठीक, ओकर मूँड़ देवारे क ऊपर स तोहरे बरे लोकाइ दीन्ह जाइ।”
22 तब उ मेहरारू बड़ी बुद्धिमानी स नगर क सबहिं लोगन स बातन किहस। लोग बिक्री क पूत सेबा क मूँड़ काट डाएन। तब लोग योआब बरे सेबा क मूँड़ नगर क देवार स लोकाइ दिहन। एह बरे योआब तुर्रुही बनाएस अउर फउज नगर क तजि दिहस। हर एक मनई अपने घरे मँ गवा, अउर योआब राजा क लगे यरूसलेम लउटा।
23 योआब इस्राएल क सारी फउज क नायक रहा। यहोयादा क पूत बनायाह, करेतियन अउ पलेतियन क संचालन करत रहा।
24 अदोराम ओन लोगन क संचालन करत रहा जउन कठिन मेहनत करइ बरे मजबूत रहेन। अहीलूद क पूत यहोसापात इतिहासकार रहा।
25 सेबा साही सचिव रहा। सादोक अउ एब्यातात याजक रहेन।
26 अउर याईरी ईरा दाऊद क याजक रहा।
2 Samuel 21
1 दाऊद क सासन काल मँ भुखमरी आवा। इ लगातार तीन बरिस तलक रही। दाऊद यहोवा स पराथना किहेस। यहोवा जवाब दिहस, “इ भुखमरी क कारण साऊल अउ ओकर हत्यारा परिवार अहइ। अब भुखमरी आइ काहेकि साऊल गिबोनियन क मार डाएस।”
2 (गिबोनी इस्राएली नाहीं रहेन। उ पचे अइसे एमोरियन क समूह रहेन जउन अबहुँ तलक जिअत छोड़ दीन्ह गए रहेन। इस्राएलियन गिबोनियन स प्रतिग्या किहे रहेन कि उ पचे ओन क चोट नाहीं पहूँचइहीं। किन्तु साऊल इस्राएल अउ यहूदा क लोगन क बारे मँ आपन भावना क कारण ओन लोगन क मारइ क जतन किहेन)राजा दाऊद गिबोनी क एक संग बटोरेस। उ ओनसे बातन किहस।
3 दाऊद गिबोनी स कहेस, “मइँ आप लोगन बरे का कइ सकत हउँ? मोका इस्राएलियन क पापन क हटावइ बरे का करइ चाही। जेहसे आप लोग यहोवा क लोगन क आसीर्बाद दइ सकइँ?”
4 गिबोनी दाऊद स कहेस, “साऊल अउ ओकरे परिवार क लगे एतना सोना-चाँदी नाहीं अहइ कि उ पचे ओका कीमत चुकाइ सकइँ जउन उ पचे किहेन। किन्तु हम लोगन क लगे इस्राएल क कउनो मनई क भी मारइ क अधिकार नाहीं अहइ।” दाऊद पूछेस, “किन्तु मइँ तोहरे बरे का कइ सकत हउँ?”
5 गिबोनी दाऊद स कहेस, “साऊल हमरे खिलाफ जोजनन बनाएस। उ हमरे सबहिं लोगन क, जउन इस्राएल मँ रहत अहइँ, नस्ट करइ क जतन किहस।
6 साऊल क सात पूतन क हम लोगन क सुर्पुद करा। साऊल यहोवा क चुना भवा राजा रहा। तब हम लोग ओनका साऊल क गिबा पर्वत पइ यहोवा क समन्वा फाँसी चढ़ाइ देब।”राजा दाऊद कहेस, “मइँ ओन पूतन क तोहका दइ देब।”
7 किन्तु राजा योनातन क पूत मपीबोसेत क रच्छा किहेस। योनातन साऊल क पूत रहा। दाऊद यहोवा क नाउँ पइ योनातन स प्रतिग्या किहे रहा। एह बरे राजा मपीबोसेत क ओनका चोट नाहीं पहोंचावइ दिहस।
8 किन्तु राजा अमोर्नी अउर मपीबोसेत क जउन रिस्पा अउर साऊल क पूतन क रहेन, लिहस। रिस्पा अय्या क बिटिया रही। राजा रिस्पा क एन दुइ पूतन अउ साऊल क बिटिया मेरब क पाँचहु पूतन क लिहस। उ महोल नगर क निवासी बजिर्ल्लै क पूत अद्रीएल स बियाह किहे रहेन।
9 दाऊद एन सात पूतन क गिबोनियन क सुर्पुद कइ दिहस। तब गिबोनियन ओनका यहोवा क समन्वा गिबा पर्वत पइ फाँसी दइ दिहस। सबइ सातहुँ पूत एक संग मरेन। उ पचे फसल क कटनी क पहिले दिन मार डाए गएन। जौ क कटनी सुरु होइ जात रही।
10 अय्या क बिटिया रिस्पा सोक क वस्त्र लिहेस अउ ओका चट्टान पइ रख दिहस। उ वस्त्र फसल क कटनी सुरू होइ स लइके जब तलक बर्खा भइ चट्टान पइ पड़ा रहा। दिन मँ रिस्पा अपने पूतन क ल्हास क अकासे क पंछियन क जरिये छुअइ नाहीं देत रही। राति क रिस्पा खेतन क जनावरन क अपने पूतन क ल्हासन क छुअइ नाहीं देत रही।
11 लोग दाऊद क बताएन, जउन कछू साऊल क उप-पत्नी, अय्या क बिटिया रिस्पा करत रही।
12 तब दाऊद साऊल अउ योनातन क अस्थियन याबेस गिलाद क लोगन स लिहस। (याबेस क मनइयन एन अस्थियन क बेतसान क सार्वजनिक चौ-राहे स चुरइ लिहे रहेन, जहाँ पलिस्तियन साऊल अउ योनातन क ल्हासन क लटकावा रहा।)
13 दाऊद, साऊल अउ ओकर पूत योनातन क अस्थियन क याबेस गिलाद से लिआवा। तब लोग सात मनइयन क ल्हासन क बटोरेन, जउन फाँसी पइ चढ़ाइ दिन्ह ग रहेन।
14 उ पचे साऊल अउ ओकर पूत योनातन क अस्थियन क बिन्यामीन छेत्र क, जेला जगह मँ दफनाएस। लोग ल्हासन क साऊल क बाप कीस क कब्र मँ दफनाएन। लोग उ सब किहन जउन राजा आदेस दिहस। तब परमेस्सर देस क बरे कीन्ह गइ ओकर पराथना सुनेस।
15 पलिस्तियन इस्राएलियन क खिलाफ जुद्ध छेड़ेन। दाऊद अउ ओकर लोग पलिस्तियन स लड़इ गएन। किन्तु दाऊद थक गवा अउर कमजोर होइ गवा।
16 यिसबोबनोब एक दैत्यरहा। यिसबोबनोब क भाले क वजन साढ़े सात पौण्ड रहा। यिसबोबनोब क लगे एक ठु नई तरवार रही। उ दाऊद क मार डावइ क जतन किहेस।
17 किन्तु सरूयाह क पूत अबीसै उ पलिस्ती क मार डाएस अउ दाऊद क जिन्नगी क बचाएस।तब दाऊद क लोग दाऊद स प्रतिग्या किहेस। उ पचे ओहसे कहेन, “तू हम लोगन क संग भविस्स मँ जुद्ध करइ नाहीं जाइ सकत्या। जदि तू फुन जुद्ध मँ जात ह अउर मार दीन्ह जात ह तउ इस्राएल अपने सब स बड़े मार्ग दर्सक क खोइ देइ।”
18 ओकरे पाछे पलिस्तियन क संग गोब मँ दूसर जुद्ध भवा। हूसाई सिब्बकै सप नाउँ क एक दूसर दैत्य क मार डाएस।
19 तब गोब मँ पलिस्तियन क बिरूद्ध दूसर जुद्ध छिड़ा। यारयोरगीम क पूत एलहनान जउन बेतलेहेम क रहा, लहमी क मार डाएस जउन गात स गोल्यात क भाइ रहा। लहमी क भाला जुलाहे क छड़े क बराबर लम्बा रहा।
20 गात मँ फुन दूसर जुद्ध सुरू भवा। हुवाँ एक बिसाल मनई रहा। उ मनई क हर एक हाथे मँ छ: छ: उँगरियन अउ हर एक गोड़े मँ छ: छ: अँगूठे रहेन। सब मिलाइके ओकर चौबीस उंगरियन अउ अंगूठे रहेन। उ मनई भी दैत्यन मँ स एक रहा।
21 इ मनई इस्राएल क संग दलाली किहेस अउर ओनका ललकारेस। किन्तु योनातन इ मनई क मार डाएस। (योनातन दाऊद क भाई सिमी क पूत रहा।)
22 इ सबइ चारिहुँ मनई दैत्य रहेन जउन गत क रहेन। उ पचे सबहिं दाऊद अउ ओकरे लोगन क जरिये मारे गएन।
2 Samuel 22
1 दाऊद यहोवा बरे इ गीत गाएस जब यहोवा ओका साऊल अउर ओकर दूसर दुस्मनन स बचाएस।
2 यहोवा मोर चट्टान, मोर गढ़, मोर सरण-ठउर अहइ।
3 मइँ परमेस्सर मोर चट्टान अहइ। मई सुरच्छा बरे एह पई दउड़ सकत ही। परमेस्सर मोर ढाल अहइ। ओकर सक्ती मोका बचावत ह। यहोवा मोर ऊँच गढ़ अहइ, अउर मोर सुरच्छा क जगह अहइ। मोर परमेस्सर क्रूर दुस्मन स मोर रच्छा करत ह।
4 यहोवा जउन अराधना क योग्य अहा! मइँ मदद बरे यहोवा क गोहराएउँ। यहोवा मोका मोरे दुस्मनन स बचाएस ह।
5 मोर दुस्मन मोका मारइ चाहत रहेन। मउत-तरंगन मोका लपेट लिहन। मइँ बाढ़ दुआरा पकड़ लीन्ह गवा रहा जउन मोका मृत्यु क जगह पई लइ जात रहा ह।
6 कब्र क लसुरियन मोरे चारिहुँ ओर लिपटिन, मइँ मउत क जालि मँ फँसेउँ।
7 मइँ बिपत्ति मँ रहा, किन्तु मइँ यहोवा क गोहराएउँ। हाँ, मइँ अपने परमेस्सर क गोहराएउँ, उ अपने उपासना-घरे मँ रहा, उ मोर पुकार सुनेस, मोर मदद क पुकार ओकरे काने मँ पड़ी।
8 तब धरती मँ काँप भइ, धरती डोल उठी, अकासे क नीव काँप उठेन। काहे? काहेकि यहोवा कोहान रहा।
9 ओकरी नाक स धुआँ निकरा, ओकरे मुँहे स आग क सोला छिटकिन, ओहसे दहकत अंगारन निकरि पड़ेन।
10 यहोवा अकासे क फाड़िके खोल डाएस, अउर खाले आवा। उ सघन करिया मेघ पइ खड़ा भवा।
11 यहोवा करूब दूत पइ बइठा, अउर उड़ा, उ हवा क पंखन पइ चढ़िके उड़ गवा।
12 यहोवा तम्बू क जइसा करिया मेघन क अपने चारिहुँ कइँती लपेट लिहस। उ सघन मेघन मँ जल जमा किहेस।
13 ओकर तेज एतना प्रखर रहा, माना बिजुरी क चमक हुवँइ स आई होइ।
14 यहोवा गगन स गरजा। परमेस्सर, बहोत ऊँचा, बोला।
15 यहोवा बाण स दुस्मनन क बिखराएस, यहोवा बिजुरी पठएस, अउर लोग भय स भागेन।
16 यहोवा तू जोर स बोलेस अउर जोरदार हवा तोहार नाथुन स निकलेस। ऍह बरे हुआँ धरती क नेंव अउ सागर क तल सबइ क लखइ बरे प्रदसिर्त कीन्ह गवा रहेन।
17 यहोवा गगन स खाले पहोंचा, यहोवा मोका धइ लिहस, उ मोका गहरे जल (बिपत्ति) स निकार लिहस।
18 उ ओन लोगन स बचाएस, जउन घिना करत रहेन, मोहसे मोर दुस्मन मोहसे जियादा ताकतवर रहेन, एह बरे उ मोर रच्छा किहस।
19 मइँ बिपत्ति मँ रहा, जब मोरे दुस्मनन क मोह पइ हमला भवा, किन्तु मोर यहोवा मोर मदद किहस।
20 यहोवा मोका सुरच्छा मँ लइ आवा, उ मोर रच्छा किहस, काहेकि उ मोहसे पिरेम करत ह।
21 यहोवा इमानदारी क अनुसार मोका पुरस्कार देत ह। यहोवा मोका पुरस्कार देत ह काहेकि मोर हाथ पाप रहित अहइँ।
22 काहे? काहेकि मइँ यहोवा क नेमन क पालन किहेउँ। मइँ अपने परमेस्सर क खिलाफ पाप नाहीं किहेउँ।
23 मइँ सदा याद करत हउँ यहोवा क निर्णय, मइँ ओकरे नेमन क मानत हउँ।
24 यहोवा जानत ह-मइँ अपराधी नाहीं अहउँ, मइँ अपने क पापन स दूर रखत हउँ।
25 इहइ कारण अहइ कि यहोवा मोका मोर ईमानदारी क अनुसार पुरस्कार देत ह, मइँ निआव मँ उचित रहत हउँ। यहोवा लखत ह, कि मइँ स्वच्छ जिन्नगी बितावत हउँ।
26 जदि कउनो मनई तोहसे पिरेम करी तउ तू, आपन पिरेम स पूर्ण दाया ओह पइ करब्या। जदि कउनो तोहरे बरे सच्चा अहइ, तब तू भी ओकरे बरे सच्चा होब्या।
27 जदि कउनो तोहरे बरे अच्छी जिन्नगी बितावत ह, तब तू ओकरे बरे अच्छा बनब्या। किन्तु जदि कउनो मनई तोहरे खिलाफ होत ह, तब तू भी ओकरे बिरुद्ध होब्या।
28 तू बिनम्र लोगन मदद करत ह। किन्तु तू घमण्डी लोगन क अपमानित करत ह।
29 यहोवा तू मोर दीपक अहा, यहोवा मोरे चारिहुँ ओर क अँधेरे क प्रकास मँ बदलत ह।
30 तू फउजिन क दल क हराबइ मँ मोर मदद करत ह। परमेस्सर क सक्ती स मइँ देवार क ऊपर चढ़ सकत हउँ।
31 परमेस्सर क सक्ती पूर्ण अहइ। यहोवा क बचन क जाँच होइ चुकी अहइ। यहोवा रच्छा बरे, अपने लगे पराइवाले हर मनई क ढाल अहइ।
32 यहोवा क अलावा कउनो दूसर परमेस्सर नाहीं, हमरे परमेस्सर क अलावा दूसर कउनो आस्रय-सिला नाहीं।
33 परमेस्सर मोर मजबूत गढ़ अहइ। उ सुद्ध आतिमन क ओकर राह पइ रहइ बरे मदद करत ह।
34 यहोवा मोरे गोड़न क हिरन क गोड़न-स तेज बनावत ह, उ उच्च ठउरन पइ मोका मजबूत करत ह।
35 यहोवा मोका जुद्ध बरे सिच्छा देत ह। अउर मोर भुजा पीतर क धनुस क चलाइ सकत हीं।
36 परमेस्सर तू मोर रच्छा करत ह अउर जीत मँ मोर मदद करत ह। तू दुस्मन क हराइ बरे मोर मदद किहेस ह।
37 मोर गोड़न अउ टख़नन क मज़बूत करा, जेहसे मोर गोड़ फिसलइ नाहीं।
38 मइँ अपने दुस्मनन क पाछा, ओनका नस्ट करइ तलक किहेउँ। मइँ तब तलक नाहीं लउट सकत हउँ, जब तलक दुस्मन नस्ट नाहीं भएन।
39 मइँ अपने दुस्मनन क नस्ट किहेउँ ह, मइँ ओनका पूरी तरह नस्ट किहेउँ ह, उ पचे फुन उठ नाहीं सकतेन, हाँ मोर दुस्मन मोरे गोड़न क तले गिरेन।
40 परमेस्सर तू मोका जुद्ध बरे, ताकतवर बनाया। तू मोरे दुस्मनन क हराया ह।
41 तू मोरे दुस्मनन क भगाया ह, एह बरे मइँ ओन लोगन क हराइ सकत हउँ, जउन मोहसे घिना करत हीं।
42 मोर दुस्मनन मदद बरे लखेन, किन्तु ओनकर रच्छक कउनो नाहीं रहा। उ पचे यहोवा स मदद माँगेन, मुला उ ओनका जवाब नाहीं दिहस।
43 मइँ अपने दुस्मनन क कूटिके टूकन-टूकन करत हउँ, उ पचे भुइँया पइ धूरि स होइ जात हीं। मइँ ओनका सड़क क कींच क तरह रौंद दिहेउँ।
44 तू तब मोका उ लोगन स बचाएस ह जउन मोरे बिरुद्ध लड़ाई किहन। तू मोका रास्ट्रन क सासक बनाए रख्या। लोग मोर सेवा करिहीं, जेनका मइँ अबहुँ तलक नाहीं जानत हउँ!
45 दूसर भूइँया क लोग मोर आग्या मानत हीं, जइसे ही सुनत हीं, तउ हाली ही मोर आग्या मानत हीं।
46 दूसर देसन क लोग भयभीत होइहीं, उ पचे अपने छिपइ क जगहियन स भय स काँपत निकरिहीं।
47 यहोवा जीवित अहइ। मइँ आपन चट्टान क स्तुति करत हउँ। परमेस्सर महान अहइ, उ चट्टान अहइ जउन मोर रच्छा करत ह।
48 उ परमेस्सर अहइ, जउन मोरे दुस्मनन क मोरे बरे सजा देत ह। उ लोगन क मोरे अधीन करत ह।
49 यहोवा तू मोका मोरे दुस्मनन स बचाएस ह। हाँ, तू उ लोगन क हराइ मँ मदद किहेस ह जउन मोरे खिलाफ उठेस। तू मोका क्रूर लोगन स बचाएस ह।
50 हे यहोवा, इहइ कारण अहइ कि मइँ रास्ट्रन क बीच मँ तोहका धन्यवाद दिहेउँ, इहइ कारण अहइ कि मइँ तोरे नाउँ क स्तुति गीत गावत हउँ।
51 यहोवा अपने राजा क मदद, बहोत स जुद्ध मँ बिजय पावइ मँ करत ह, यहोवा अपने अभिसिक्त भवा राजा पइ सच्चा पिरेम अउ दाया दिखावत ह। उ दाऊद अउ ओकर सन्तान पइ सदा दयालु रहब।
2 Samuel 23
1 इ सबइ यिसै क पूत दाऊद क अन्तिम सब्द अहइँ, दाऊद इ गीत गाएस:इ सँदेस उ मनई स रही जेका परमेस्सर महान बनाएस, उ याकूब क परमेस्सर क जरिये चुना गवा राजा अहइ, उ इस्राएल क प्रिय गायक अहइ।
2 यहोवा क आतिमा मोरे माध्यम स बोलेस। ओकर सब्द मोरी जीभ पइ रहेन।
3 इस्राएल क परमेस्सर बातन किहन। इस्राएल क आस्रय, चट्टान मोहसे कहेस, “उ मनई जउन लोगन पइ निआउपूर्ण सासन करत ह, उ मनई जउन परमेस्सर क सम्मान दइके हुकूमत करत ह।
4 उ भिंसारे क प्रकास क नाईर् होइ; उ मनई मेघहीन सबेरे क तरह होइ, उ मनई उ बर्खा के बाद धूप क नाईर् होइ; बर्खा जउन भुइँया मँ कोमर घास उगावत ह।”
5 परमेस्सर मोरे परिवार क ताकतवर बनाए रहा। परमेस्सर मोरे संग सदा ही क बरे एक ठु वाचा किहेस, परमेस्सर मोर संग इ हमेसा रहइवालन करार क सच्चा अउर सुरच्छित बनाएस ह। एह बरे उ मोका हर बिजय दिलाउब्या। उ मोर सबइ इच्छा क पूरा करब!
6 मुला सबहिं बुरे मनई काँटन क तरह अहइँ। लोग काँटन क नाहीं पकड़ कइ नाहीं रखतेन, उ पचे ओनका दूर लोकाइ देत हीं।
7 जदि कउनो मनई ओनका छुअत ह, तउ उ पचे भाले क दण्ड क तरह चुभत हीं जउन काठे अउ लोहा स बना होइ। उ पचे ओन काँटन क तरह होइहीं। उ पचे आगी मँ झोंक दीन्ह जइहीं, अउर उ पचे पूरी तरह भस्म होइ जइहीं।
8 दाऊद क फउजियन क नाउँ इ सबइ अहइँ: तहकमोनी क रहइवाला योसेब्यस्सेबेत। योसेब्यस्सेबेत राजा क बिसेस सैनिकन क प्रमुख रहा। योसेब्यस्सेबेत एक दाईर् मँ आठ सौ मनइयन क मारे रहा।
9 ओह स अगला अहोही स दोदै क पूत एलीआजर रहा। एलीआजर ओन तीन बहादुरन मँ स एक रहा, जउन दाऊद क संग उ समइ रहेन जब उ पचे पलिस्तियन क चुनौती दिहे रहेन। पलिस्तियन एक संग जुद्ध बरे तब आए रहेन, किन्तु इस्राएली फउज भाग गए रहेन।
10 एलीआजर पलिस्तियन क संग तब तलक लड़त रहा जब तलक उ बहोत थक नाहीं गवा। किन्तु उ अपनी तरवार क मजबूते स धरे रहा अउर जुद्ध करत रहा। उ दिन यहोवा इस्राएलियन क बड़की बिजय दिहस। लोग तब आएन जब एलीआजर जुद्ध जीत चुका रहा। किन्तु उ पचे सिरिफ मृत फउजन स अस्त्र-सस्त्र अउ कवचन लेइ बरे आएन।
11 ओकरे बाद हरार क रहइवाला आगे क पूत सम्मा रहा। पलिस्ती एक संग मसूर क खेत मँ लड़इ बरे आए रहेन। लोग पलिस्तियन क समन्वा स पराइ गए रहेन।
12 सम्मा खेते क बीच खड़ा रहा। उ ओकर रच्छा किहेस अउर पलिस्तियन क हराइ डाएस। उ समइ यहोवा बड़की बिजय दिहस।
13 एक दाईर् जब दाऊद अदुल्लाम क गुफा मँ रहा। तीस जोधन मँ स तीन दाऊद क लगे आएन। इ सबइ तीनहुँ मनई अदुल्लाम क गुफा तलक रेगंत भए दाऊद क लगे आएन। पलिस्ती फउज आपन डेरा रपाईम क घाटी मँ डाए रही।
14 उ समइ दाऊद किले मँ रहा। पलिस्तियन क एक फउज टुकरी बेतलेहेम मँ रहेन।
15 दाऊद क बड़ी इच्छा रही कि ओका गृह-नगर क पानी मिलइ। दाऊद कहेस, “ओह, मइँ चाहत हउँ कि कउनो मनई बेतलेहेम क नगर-दुआर क लगे क कुएँ क पानी मोका देइ।”
16 किन्तु तीनहुँ जोधा पलिस्ती फउज क संग लड़त भए आपन मारग स निकल गएन। एन तीनहुँ बहादुरन बेतलेहेम क नगर-दुआर क निचके क कुएँ स पानी निकारेन। तब तीनहुँ बहादुर दाऊद क लगे पानी लइके आएन। किन्तु दाऊद पानी पिअइ स इन्कार कइ दिहस। उ यहोवा क समन्वा ओका भेंटन क रूप मँ भुइँया पइ डाइ दिहस।
17 दाऊद कहेस, “यहोवा, मइँ एका पी नाहीं सकतेउँ। इ ओन मनइयन क खून पिअइ जइसा होइ जउन अपनी जिन्नगी क मोरे बरे खतरे मँ डाएन।” इहइ कारण रहा कि दाऊद उ पानी पिअब अस्वीकार किहस। एन तीनहुँ जोधन उ तरह क अनेक कारज किहेन।
18 सरूयाह क पूत, योआब क भाई अबीसै तीनहुँ जोधन क प्रमुख रहा। अबीसै अपने भाले क उपयोग तीन सौ दुस्मनन पइ किहस अउर ओनका मार डाएस। उ ऍतना ही प्रसिद्ध भवा कि जेतने तीन ठु जोधा।
19 अबीसै बाकी तीन जोधन स जियादा सम्मान पाएस। उ ओनकर प्रमुख होइ गवा, यद्यपि उ ओन मँ स एक नाहीं रहा।
20 यहोयादा क पूत बनायाह एक रहा। उ ताकतवर मनई क पूत रहा। उ कबसेल क निवासी रहा। बनायाह अनेक बहादुरी क काम किहस। बनायाह मोआब क अरियल क दुई उत्तम फउजियन क मार डाएस। जब बर्फ गिरत रही, बनायाह एक ठु गड़हे मँ खाले गवा अउर एक ठु सेर क मार डाएस।
21 बनायाह एक ठु मिस्री क मारेस जउन ताकतवर जोधा रहा। मिस्री क हाथे मँ एक ठु भाला रहा। किन्तु बनायाह क हाथे मँ एक ठु लाठी रही। बनायाह मिस्री क हाथे क भाले क धइ लिहस अउर ओहसे छोर लिहस। तब बनायाह मिस्री क भाले स मिस्री क मार डाएस।
22 यहोयादा क पूत बनायाह उ तरह क अनेक काम किहेस। बनायाह तीन बहादुरन क जइसा प्रसिद्ध रहा।
23 बनायाह क तीन जोधन स भी अधिक सम्मान पाएस, किन्तु उ तीन जोधन मँ स नाहीं रहा। बनायाह क दाऊद अपने रच्छकन क प्रमुख बनाएस।
24 तीस जोधन मँ स एक ठु योआब क भाई असाहेल रहा। तीस जोधन क समूह मँ स दूसर मनई इ सबइ रहेन: बेतलेहेम क दोदो क पूत एल्हानन;
25 हेरोदी सम्मा, हेरोदी एलीका,
26 पेलेती हेलेस, तकोई इक्केस क पूत इरा;
27 अनातोती क एबीएजेर; हूसाई मबुन्नै;
28 अहोही सल्मोन, नतोपाही महरै;
29 नतोपाही क बाना क पूत हेलेब, बिन्यामीनी गिबा क रीबै क पूत हुत्तै;
30 पिरातोनी बनायाह, गास क नालों क हिद्दै;
31 अराबाई अबीअल्बोन, बहूरीमी अजमावेत;
32 सालबोनी एल्याहबा, यासेन क पूतन;
33 हरारी सम्मा क पूत योनातान, हरारी सारार क पूत अहीआम;
34 माकाई अहसबै क पूत एलीपेलेप्त, गीलोई अहीतोपेल क पूत एलीआम;
35 कम्मेज्र्लि हेस्रो, अराबी पारै;
36 सोबाई क नातान क पूत यिगाल, गादी बानी;
37 अम्मोनी सेलेक, बेरोती क नहरै; (नहरै सरूयाह क पूत योआब क कवच लइ जात रहा);
38 येतेरी ईरा, येतेरी गारेब;
39 अउर हित्ती ऊरिय्याह सब मिलाइके इ सबइ सैंतीस रहेन।
2 Samuel 24
1 यहोवा फुन इस्राएल क बिरुद्ध कोहाइ गवा। उ दाऊद क इस्राएलियन क बिरुद्ध इ कहत भवा भड़काएस, “जा, इस्राएल अउर यहूदा क लोगन क गना।”
2 राजा दाऊद फउज क सेनापति योआब स कहेस, “इस्राएल क सबहिं परिवार समूहन मँ दान स बेसेज्र्बि तलक जा, अउर लोगन क गना। तब मइँ जान सकब कि हुवाँ केतने मनइयन अहइँ।”
3 किन्तु योआब राजा स कहेस, “यहोवा तोहार परमेस्सर आप क सौ गुना लोग स आसिस देइ अउर आप क आँखिन इ घटित भवा लखि सकइँ। किन्तु आप इ काहे करइ चाहत हीं?”
4 राजा दाऊद मजबूती स योआब अउ फउज क सैनापितयन क लोगन क गणना करइ क आदेस दिहस। एह बरे योआब अउ फउज क सैनापितयन दाऊद क हिआँ स इस्राएल क लोगन क गनइ गएन।
5 उ पचे यरदन नदी क पार किहेन। उ पचे आपन डेरा अरोएर मँ डाएन। ओनकर डेरा नगर क दाहिनी ओर रहा। (इ नगर गाद क घाटी क बीच मँ याजेर जाइ क रस्ता मँ रहा)
6 तब उ पचे तहतीम्होदसी क भूइँया क सारे रास्ता स होइके गिलाद क गएन। उ पचे दान्यान अउ सीदोन क चारिहुँ ओर गएन।
7 उ पचे सोर क किला क गएन। उ पचे हिब्बियन अउ कनानियन क सबहिं नगरन क गएन। उ पचे दकिाखनी यहूदा मँ बेसेज्र्बि क गएन।
8 उ पचे समूचे भुइँया क भ्रमण कइ चुके रहेन। उ पचे नौ महीने बीस दिन बाद यरूसलेम आएन।
9 योआब लोगन क सूची राजा क दिहस। इस्राएल मँ आठ लाख मनई रहेन जउन तरवार भाँज सकत रहेन अउर यहूदा मँ पाच लाख मनई रहेन।
10 तब दाऊद क अन्तरात्मा गनती करइ क पाछे ओका परीसान कइ सुरू किहेस। दाऊद यहोवा स कहेस, “मइँ इ कार्य कइके बहोत घोर अपराध किहेउँ। यहोवा, मइँ पराथना करत हउँ कि तू मोरे पाप क छिमा करा। मइँ बड़की बेवकूफी किहेउँ ह।”
11 जब दाऊद भिंसारे उठा, यहोवा क सँदेसा गाद नवी क मिला जउन दाऊद क द्रस्टा रहा।
12 यहोवा गाद स कहेस, “जा, अउर दाऊद स कहा, ‘यहोवा जउन कहत ह उ इ अहइ। मइँ तोहका तीन बिकल्प देत हउँ। ओनमाँ स एक क चुना जेका मइँ तोहरे बरे करउँ।”‘
13 गाद दाऊद क लगे गवा अउर उ बातन किहस। गाद दाऊद स कहेस, “तीन मँ स एक क चुना:1। तोहरे बरे अउर तोहरे देस क बरे सात बरिस क भुखमरी।2। तोहार दुस्मन तोहार पाछा तीन महीने तलक करइँ।3। तोहरे देस मँ तीन दिन तलक बीमारी फइलइ।एकरे बारे मँ सोचा अउर निर्णय करा कि मइँ एन मँ स यहोवा जउन मोका पठएस ह, क कउन स चीज बतावउँ।”
14 दाऊद गाद स कहेस, “मइँ फुरइ परेसानी मँ हउँ। किन्तु एह बरे यहोवा क मोका सज़ा देइ द्या उ बहोत दयालु अहइ। मोका मनइयन स दण्डित जिन होइ द्या।”
15 एह बरे यहोवा इस्राएल मँ महामारी पठएस। इ भिंसारे सुरू भइ अउर इ तब तलक रहा जब तलक उ चाहेस। दान स बेसेज्र्बि तलक सत्तर हजार लोग मर गएन।
16 सरगदूत आपन बाँह यरूसलेम कइँती ओका नस्ट करइ बरे उठाएन। किन्तु जउन बुरी बातन भइन ओनके बरे यहोवा बहोत उदास भवा। यहोवा उ सरगदूत स कहेस कउन लोगन क नस्ट करत ह, “बहोत होइ चुका। अपनी बाँह नीचे करा।” यहोवा क सरगदूत यबूसी यरौना क खरिहाने स किनारे रहा।
17 दाऊद उ सरगदूत क लखेस जउन लोगन क मारेस। दाऊद यहोवा स बातन किहस। दाऊद कहेस, “मइँ पाप किहेउँ ह। मइँ गलत किहेउँ ह। किन्तु इ लोग मोर अनुसरण भेड़ी क नाईर् किहन। उ पचे कउनो गलती नाहीं किहन। कृपा कइके सजा मोका अउर मोरे बाप क परिवार क द्या।”
18 उ दिन गाद दाऊद क लगे आवा। गाद दाऊद स कहेस, “जा अउर एक वेदी यबूसी अरौना क खरिहान मँ यहोवा बरे बनावा।”
19 तब दाऊद उ सबइ काम किहेस जउन गाद करइ क कहेस। दाऊद यहोवा क आदेसन क पालन किहस। दाऊद अरौना स भेंटइ गवा।
20 जब अरौना निगाह उठाएस, उ राजा दाऊद अउर ओकरे सेवकन क अपने लगे आवत लखेस। अरौना बाहेर निकरा अउ आपन माथा धरती पइ टेकत भए प्रणाम किहेस।
21 अरौना कहेस, “मोर सुआमी, राजा, तू आपन सेवक क लगे काहे आया ह?” दाऊद जवाब दिहस, “तोहसे खरिहान बेसहइ बरे। तब मइँ यहोवा बरे वेदी बनाइ सकत हउँ। तब बेमारी रुक जाइ।”
22 अरौना दाऊद स कहेस, “मोर सुआमी राजा, आप कछू भी बलि-भेंट क बरे लइ सकत हीं। हिवाँ कछू गइयन सबइ होमबलि बरे अहइँ। आगी क काठ बरे दँवरी क औजार अउ बर्धन क जुआ भी अहइ।
23 हे राजा! मइँ आप क हर एक चीज देत हउँ।” अरौना राजा स इ भी कहेस, “यहोवा तोहार परमेस्सर तोह पइ खुस होइ।”
24 मुला राजा अरौना स कहेस, “नाहीं। मइँ तोहसे फुरइ कहत हउँ, मइँ तोहसे भुइँया क ओकरी कीमत पइ बेसहब। मइँ यहोवा अपने परमेस्सर क कछू भी अइसी होमबलि नाहीं चढ़ाउब जेकर कउनो मूल्य मइँ नाहीं दिहे होउँ।”एह बरे दाऊद खरिहान अउ गइयन क चाँदी क पचास सेकेल स बेसहेस।
25 तब दाऊद हुवाँ यहोवा क बरे एक ठु वेदी बनाएस। दाऊद होमबलि अउ मेलबलि चढ़ाएस।यहोवा देस बरे ओकर पराथना अंगीकार किहस। यहोवा इस्राएल मँ बेरामी रोक दिहस।
1 Kings 1
1 राजा दाऊद बहोत जियादा बूढ़ा रहा। उ अपन क गरम नाहीं रख सकेत। ओकर सेवक ओका कमरी स ओढ़ावत रहेन मुला उ फुन भी ठंडा रहत रहा।
2 एह बरे ओकर नौकर ओहसे कहेन, “हम आप क देख-भाल बरे एक ठु जुवती क हेरब। उ आप क निचके ओलरी अउ आप क गरम राखी।”
3 एह बरे राजा क नउकरन इस्राएल पहँटा मँ चारिहुँ कइँती एक ठु जुवती क हेरब सुरु किहन। उ पचे राजा क गरम रखइ बरे एक ठु सुन्नर लड़की क हेरत रहेन। ओनका अबीसग नाउँ क एक लड़की मिली। उ सूनेनिम नगर क रही। उ पचे जुवती क राजा क लगे लइ आएन।
4 लड़की बहोत सुन्नर रही। उ राजा क देख-रेख अउ सेवा किहस। किन्तु राजा दाऊद ओकरे संग सारीरिक सम्बन्ध नाहीं किहस।
5 अदोनिय्याह राजा दाऊद अउर ओकर पत्नी हग्गीत क पूत रहा। अदोनिय्याह आपन भाई अबसालोम क बाद पइदा भवा। उ बहोत सुन्नर मनई रहा। राजा दाऊद ओकर सुधार कबहुँ नाहीं किहस। उ कबहुँ नाहीं पुछेस: “तू काहे अइसा बेउहार करत ह?” अदोनिय्याह बहोत घमम्डी होइ गवा, उ फइसला किहस, मइँ अगला राजा होउब एह बरे उ अपने बरे एक ठु रथ, घोड़न अउ अगवा दउड़इवाले पाचस मनइयन क लिआएस।
6
7 अदोनिय्याह सरुयाह क पूत योआब अउ याजक एब्यातार स बातन किहस। उ पचे ओकरे राजा बनई बरे मदद देइ क फइसला किहेस। यह बरे उ पचे ओकर मदद किहेन।
8 मुला कछु लोग उ स्वीकार नाहीं किहेन जउन कछु अदोनिय्याह करत रहा। उ पचे राजा दाऊद क संग वफ़ादार रहेस। उ अदोनिय्याह क संग नाहीं मिलेस। इ सबइ लोग याजक सादोक, यहोयादा क पूत बनायाह, नातान, नबी, सिमी, रेई अउर राजा दाऊद क बिसेस रच्छक रहेन।
9 तब अदोनिय्याह कछू जनावरन क मेलबलि बरे मारेस। उ कछू भेड़िन, कछू गइयन अउ कछू मोटवार बछवन क मारेस। अदोनिय्याह एनरोगेल क लगे जोहेलेत क चट्टान पइ इ सबइ बलियन चढ़ाएस। अदोनिय्याह आपन सबहिं भाइयन, (राजा क दूसर पूतन) अउ यहूदा क समूचे राज्ज कर्मचारियन क न्यौतेस।
10 मुला अदोनिय्याह नातान नबी, या बनायाह या अपने बाप क खास रच्छकन या अपने भाई सुलैमान क न्यौतेस नाहीं
11 जब नातान एकरे बारे मँ सुनेस, उ सुलैमान क महतारी बतसेबा क लगे गवा। नातान ओहसे पूछेस, “का तू सुन्या ह कि हग्गीत क पूत अदोनिय्याह का करत अहइ? उ अपने क राजा घोसित कइ दिहेस अउ हमार सुआमी राजा दाऊद एकरे बारे मँ कछू नाहीं जानत।
12 तोहार जिन्नगी अउ तोहार पूत सुलैमान क जिन्नगी खतरे मँ पड़ सकत ह। किन्तु मइँ तोहका बताउब कि अपने क बचावइ बरे तोहका का करइ चाही।
13 राजा दाऊद क लगे जा अउर ओहसे कहा, ‘मोर राजा, आप मोका बचन दिहे रहेन कि आप क पाछे मोर पूत सुलैमान अगला राजा होइ। फुन, अदोनिय्याह राजा काहे बन गवा ह?’
14 तब, जब तू ओहसे बात कर ही रही होउबी, मइँ अन्दर आउब। तोहार जाइ क पाछे, तब मइँ जउन कछू घटित भवा ह ओकरे बारे मँ राजा क बताउब। एहसे इ प्रदसिर्त होइ कि तू अदोनिय्याह क बारे मँ जउन कछू कह्या ह, उ फुरइ अहइ।”
15 एह बरे बतसेबा राजा क सोवइ क कमरा मँ भीतरे ओहसे मिलइ गइ। राजा बहोत जियादा बुढ़वा रहा। सूनेमिन स आई लड़की अबीसग हुवँा ओकर देख-रेख करत रही।
16 बतसेबा राजा क समन्वा प्रणाम करइ निहुरी। राजा पूछेस, “तू का चाहति अहा?”
17 बतसेबा जवाब दिहस, “मोर राजा, आप अपने परमेस्सर, यहोवा क नाउँ लइके मोहसे प्रतिग्या किहे रह्या। आप कहे रह्या, ‘तोहार पूत सुलैमान मोरे पाछे राजा होइ। मोरे सिंहासने पइ सुलैमान हुकूमत करी।’
18 मुला अब अदोनिय्याह राजा होइ गवा ह अउर आप एका जानतेन भी नाहीं।
19 अदोनिय्याह मेलबलि बरे कहउ जनावरन क मार डाएस ह। उ बहोत स बर्धन, मोटवार बछवन अउ भेड़िन क मारेस ह अउर उ आप क सबहिं पूतन क न्यौतेस ह। उ याजक एब्यातार अउ आप क फउज क सेनापति योआब क भी न्यौतेस ह। किन्तु उ आप क पूत सुलैमान क न्यौतेस नाहीं, जउन आप क सेवा करत ह।
20 मोर सुआमी अउर राजा, इस्राएल क सबहिं लोगन क निगाहन आप पइ लगी अहइँ। उ पचे आप क इ निर्णय क प्रतीच्छा करत अहइँ कि आप क पाछे कउन राजा होइ।
21 जब आप मरिहीं तउ आप अपने पुरखन क संग दफनावा जइहीं। तउ लोग मोर अउर मोर पूत सुलैमान क संग अपराधी जइसा बेउहार करिहीं।”
22 जब बतसेबा राजा स बातन करत रही, नातान नबी ओहसे भेेंटइ आवा।
23 सेवक लोग राजा स कहेन, “नातान नबी आवा अहइँ।” एह बरे नातान प्रवेस किहस अउ राजा क लगे गवा। नातान राजा क समन्वा धरती तलक निहुरा।
24 तब नातान कहेस, “मोर राजा, का आप इ घोसना कइ दिहा ह कि आप क पाछे अदोनिय्याह नवा राजा होइ? का आप इ निर्णय कइ लिहा ह कि आप क पाछे अदोनिय्याह लोगन पइ हुकूमत करी।
25 आजु उ घाटी मँ खास मेलबलियन भेंट किहस ह। उ कइउ बर्धन, मोटवार बछवन अउर भेड़िन क मारेस ह उ आप क दूसर सबहिं पूतन, फउज क सेनापतियन अउ याजक एब्यातार क न्यौतेस ह। अब उ पचे ओकरे संग खात अहइँ अउर पिअत अहइँ अउर उ पचे कहत अहइँ, ‘राजा अदोनिय्याह दीर्घायु होइ।’
26 मुला उ मोका या याजक सादोक, यहोयादा क पूत बनायाह या आप क पूत सुलैमान क न्यौतेस नाहीं।
27 मोर सुआमी अउर राजा, का आप आपन सेवकन हम पचन्क, बिना कहइ इ किहेस? आप हम लोगन स पहिले ही काहे नाहीं कह्या कि उ तोहार पाछे होइवाला राजा चुना गवा ह?”
28 तब राजा दाऊद कहेस, “बतसेबा स भितरे आवइ क कहा।” एह बरे बतसेबा भितरे आइ अउर राजा क समन्वा खड़ी भई।
29 तब राजा एक प्रतिग्या किहेस: “यहोवा परमेस्सर मोका हर एक खतरा स बचाएस ह अउर यहोवा क जिन्नगी क किरिया खाइके मइँ तोहसे प्रतिग्या करत हउँ।
30 मइँ आजु उ प्रतिग्या क पूरा करब जेकर बचन मइँ पहिले तोहका दिहे रहेउँ। मइँ इ प्रतिग्या यहोवा इस्राएल क परमेस्सर स किहे रहेउँ कि तोहार पूत सुलैमान मोरे पाछे राजा होइ अउर मोरे पाछे सिंहासने पइ मोरे जगह उहइ लेइ। यह बरे आजु मइँ आपन प्रतिग्या क पूरा करब।”
31 तब बातसेबा राजा का समन्वा धरती तलक निहुरी के प्रणाम किहेस अउ कहेस, “मोर सुआमी राजा दाऊद हमेसा हमेसा जिअत रहे!
32 तब राजा दाऊद स कहेस, “याजक सादोक नातान नबी अउ यहोयादा क पूत बनायाह स हिआँ अन्दर आवइ क कहा।” एह बरे तीनहुँ मनइयन राजा क समन्वा आएन।
33 तब राजा ओनका कहेस, “मोरे अधिकारियन क अपने संग ल्या अउर मोरे पूत सुलैमान क मोरे निजी खच्चर पइ बइठावा। ओका गीहोन सोता पइ लइ जा।
34 उ जगह पइ याजक सादोक अउ नातान नबी, इस्राएल क राजा क रूप मँ ओकर अभिसेक करइँ। तू लोग तुरही बजावा अउ इ घोसणा करा, ‘इ सलेमान नवा राजा बा।’
35 तब एकरे पाछे ओकरे संग हिआँ लउट आवा। सुलैमान मोरे सिंहासने पई बइठी अउर हमरे जगह पइ नवा राजा होइ। मइँ सुलैमान क इस्राएल अउ यहूदा क सासक होइ बरे चुनेउँ ह।”
36 यहोयादा क पूत बनायाह राजा क जवाब दिहस्, “आमीन! यहोवा परमेस्सर खुद इ कहेस ह, मोर सुआमी अउ राजा!
37 मोर सुआमी राजा, यहोवा हमेसा आप क संग रहेस ह। यहोवा सुलैमान क भी संग रहइ अउर ओकर राज्ज तेहार राज्ज स भी बड़का अउर मज़बूत होइ, मोर सुआमी अउ राजा!”
38 एह बरे सादोक, नातान, बनायाह अउ राजा क अधिकारियन राजा दाऊद क आग्या क पालन किहस। उ पचे सुलैमान क राजा दाऊद क खच्चरे पइ चढ़ाएन अउर ओकरे संग गीहोन क सोते पइ लइ गएन।
39 याजक सादोक पवित्तर तम्बू स तेल लिहस। सादोक, इ देखावइ क बरे कि सुलैमान राजा अहइ, ओकरे मूँड़े पइ तेल डाएस। उ पचे तुरही बजाएन अउर सबहिं लोग उद्घोस किहेन, “राजा सुलैमान दीर्घायु होइ।”
40 सबहिं लोग नगर मँ सुलैमान क पाछे आएन। उ पचे बांसुरी बजावत रहेन अउ खुसी क नारा लगावत रहेन। उ पचे ऍतना सोर करत रहेन कि धरती काँप उठी।
41 इ समइ अदोनिय्याह अउ ओकर संग क सबहिं अतिथि आपन भोजन खतम करत रहेन। उ पचे तुरही क अवाज सुनेन। योआब पूछेस, “इ सोर कइसा अहइ? नगर मँ का होत अहइ?”
42 जब योआब बोलत ही रहा, याजक एब्यातार क पूत योनातन हुँवा पहोंचा। अदोनिय्याह कहेस, “हिआँ आवा। तू एक योग्य मनई अहा। मोका सुभ समाचार सुनावा।”
43 मूला योनातन जवाब दिहेस, “नाहीं! इ तोहरे बरे सुभ सूचना नाहीं अहइ। हमरे राजा दाऊद सुलैमान क नवा राजा बनाएस ह।
44 अउर राजा दाऊद याजक सादोक, नातान नबी, यहोयादा क पूत बनायाह अउर राजा क सबहिं अधिकारियन क ओकरे संग पठएस ह। उ पचे सुलैमान क राजा क खच्चर पई बइठाएन।
45 तब याजक सादोक अउ नातान नबी गीहोन सोते पइ सुलैमान क अभिसेक किहेन अउर तब उ पचे नगर मँ गएन। लोग ओनकर अनुसरण किहन अउर अब नगर मँ लोग बहोत खुस अहइँ। उ सोर जउन् तू सनत अहा, उहइ क अहइ।
46 सुलैमान अब राजा क सिंहासने पइ बइठा अहइ।
47 हिआँ तलक कि राजा क सबहिं सेवक राजा दाऊद क धन्यवाद देइ बरे आएन, अउ कहेन, ‘राजा दाऊद, आप एक ठु महान राजा अहइँ अउर अब हम पराथना करित हीं कि आप क परमेस्सर, सुलैमान क आप स भी जियाद प्रसिद्ध बनाई। आप क परमेस्सर सुलैमान क आप स भी जियादा महान राजा बनाई अउर ओकर राज्ज आप क राज्जय स भी जियादा महान होई।’“हिआँ तलक कि राजा दाऊद भी हुवाँ रहेन, अउर उ अपने बिछउना स ही निहुरेन।
48 राजा दाऊद केहस, ‘इस्राएल क परमेस्सर यहोवा क स्तुति करा। यहोवा मोरे पूतन मँ स एक क मोरे सिंहासने पइ बइठाएस ह अउर एका मोका लखइ दिहेस ह।’“
49 तब अदोनिय्याह क सबहिं अतिथि डेराइ गएन अउर हाली स चले गएन।
50 अदोनिय्याह भी सुलैमान स डेराइ गवा रहा। एह बरे उ वेदी तलक गवा अउ वेदी क सींगन क धइ लिहस।
51 तब कउनो सुलैमान स कहेस, “अदोनिय्याह तोहसे बहोत डेरान अहइ। अदोनिय्याह वेदी क लगे अहइ। उ वेदी क सींगन क धइ लिहेस ह अउ ओका तजइ स इन्कार करत ह। अदोनिय्याह कहत ह, ‘राजा सुलैमान स इ प्रतिग्या करइ क कहा कि उ मोका मारी नाहीं।’“
52 एह बरे सुलैमान जवाब दिहेस, “जदि अदोनिय्याह इ प्रमाणित करत ह कि उ एक नीक मनई अहइ तउ मइँ प्रतिग्या करत हउँ कि ओकरे मूड़ि क एक ठु बार बाँका नाहीं होइ। किन्तु जदि उ कछू बुरा करी तउ मार दीन्ह जाइ।”
53 तब राजा सुलैमान कछू मनइयन क अदोनिय्याह क लिआवइ बरे पठएस। उ पचे ओका वेदी स नीचे लिआएस। अदोनिय्याह क राजा सुलैमान क समन्ना आवा अउर निहुरिके प्रणाम किहेस। तब सुलैमान कहेस, “घरे जा।”
1 Kings 2
1 दाऊद क मरइ क समइ लगभग आइ पहोंचा। एह बरे दाऊद सुलैमान स बातन किहस अउर ओहसे कहेस,
2 “मइँ मरइ प हउँ जइसा सबहिं मनई मरत ह। लेकिन तू मज़बूती क संग बढ़त अहा अउर एक मनई बनत अहा।”
3 ओन सबहिं आदेसन क होसियारी क संग पालन करा जउन यहोवा हमार परमेस्सर दिहस ह। ओकरे सबहिं नेमन, आदेसन, फइसलन अउ करारन क पालन करा जउन मूसा क बेवस्था क किताबे मँ लिखा अहइ। जदि तू एन सबहिं क पालन करब्या तउ तू जउन कछू करब्या अउर जहाँ कहूँ जाब्या, सफल होब्या।
4 अउर जदि तू यहोवा क आग्या क पालन करत रहब्या तउ यहोवा मोरे बरे कीन्ह गइ प्रतिग्यन क पालन करी। मोरे बरे यहोवा जउन प्रतिग्या किहेस, उ इ अहइ, ‘तोहरे पूतन क मोरी आग्या क पालन करइ चाहो अउर ओनका वइसे रहइ चाही जइसा रहइ बरे मइँ कहउँ। तोहरे पूतन क पूरे हिरदय अउ आतिमा स मोहमाँ बिस्सास रखइ चाही। जदि तोहरे पूत इ करिहीं तउ तोहरे परिवार क एक ठु मनई सदा इस्राएल क लोगन क सासक होइ।’“
5 दाऊद इ भी कहेस, “तू इ भी याद राखा जउन सरुयाह क पूत योआब मोरे संग किहेस ह। उ इस्राएल क फउजे क दुइ सेनापतियन क मार डाएस। उ नेर क पूत अब्नेर अउ येतेर क पूत अमासा क मारेस। तोहका जरूर याद होइ कि उ ओनका सान्ति क समइ मारेस रहा। एन मनइयन क खून क दाग ओकरी तरवार क मूठ अउ ओकरे पहिरे भए फउजियन क जूतन पइ लगा भवा रहा। मोका ओनका सज़ा देइ चाही।
6 किन्तु अब राजा तू अहा। एह बरे तोहका ओका इ तरह सजा देइ चाही जेका तू सब स जियादा बुद्धिमत्तापूर्ण समुझा। किन्तु तोहका इ निहचइ कइ लेइ चाही कि उ मार डावा जाइ। ओका बुढ़ापे क सान्ति स भरी मौत न पावइ द्या।
7 “गिलाद क बजिर्ल्लै क बच्चन पइ दयालु रहा। ओनका आपन मीत होइ द्या अउ अपनी मेज पइ भोजन करइ द्या। उ पचे मोर तब मदद किहेन, जब मइँ तोहरे भाई अबसालोम स भाग खड़ा भवा रहेउँ।
8 “अउर याद राखा गेरा क पूत सिमी तोहरे संग हिआ अहइ। उ बहूरीम क बिन्यामीन परिवार समूह क अहइ। याद राखा कि उ मोका दुःखदायक सराप स सरापेस हजउने दिन मइँ महनैम क भाग गवा रहेउँ। तब उ मोहसे मिलइ यरदन नदी पइ आवा रहा। किन्तु मइँ यहोवा क समन्वा प्रतिग्या किहे रहेउँ, ‘सिमी मइँ तोहका नाहीं मारब।’
9 किन्तु सिमी क सजा दिए बगैर न रहइ द्या। तू बुद्धिमान मनई अहा, तू समुझ जाब्या कि ओकरे संग का करइ चाही। मुला ओका बुढ़ापे क सान्ति स भरी मौत न पावइ द्या।”
10 तब दाऊद मर गवा। उ दाऊद नगर मँ दफनावा गवा।
11 दाऊद इस्राएल पइ चालीस बरिस तलक हुकूमत किहस। उ हेब्रोन मँ सात बरिस अउ यरूसलेम मँ तैतींस बरिस तलक हुकूमत किहस।
12 अब सुलैमान दाऊद क सिंहासन पइ हुकूमत करइ लाग अउर उ आपन राज्ज पइ पूरा अधिकार कइ लिहेन।
13 इ समइ हग्गीत क पूत अदोनिय्याह सुलैमान क महतारी बतसेबा क लगे गवा। बलसेबा ओहसे, पूछेस्, “का तू सान्ति क भाव स आवा अहा?”अदोनिय्याह जवाब दिहस्, “हाँ इ सान्ति स भरा मिलन अहइ।
14 मोका आप स कछू कहब अहइ।” बतसेबा कहेस, “तउ कहा।”
15 अदोनिय्याह कहेस, “तोहका याद अहइ कि एक समइ राज्ज मोर रहा। इस्राएल क सबहिं लोग मोका आपन अगला राजा समुझत रहेन। किन्तु स्थिति बदल गइ। अब मोर भाई राजा अहइ। यहोवा ओका राजा होइ बरे चनेस।
16 एह बरे मइँ तोहसे एक ठु चीज माँगत हउँ। मेहरबानी कइके इन्कार न करइँ।”बतसेबा पूछेस, “तू का चाहत अहा?”
17 अदोनिय्याह जवाब दिहेस, “मइँ जानत हउँ कि राजा सुलैमान उ सब कछू करिहीं जउन तू कहबिउ। एह बरे कृपा कइके ओनसे कह्या कि मोका सुनेम क अबीसग क संग बियाह करइ द्या।”
18 तब बतसेबा कहेस, “ठीक अहइ, मइँ तोहरे बरे राजा स बात करब।”
19 एह बरे बतसेबा राजा सुलैमान क लगे ओहसे बात करइ गइ। राजा सुलैमान ओका लखेस अउर उ ओहसे मिलइ बरे खड़ा भवा। तब उ ओकरे समन्वा प्रणाम करइ निहुरा अउ सिंहासने पइ बइठ गवा। उ सेवकन स, अपनी महतारी बरे दूसर सिंहासन लिआवइ क कहेस। तब उ ओकरी दाहिन कइँती बइठ गइ।
20 बतसेबा ओहसे कहेस्, “मइँ तोहसे एक नान्ह चीज माँगत हउँ। कृपा कइके इन्कार न कर्या।”राजा उत्तर दिहेस, “महतारी तू जउन चाहा, माँग सकति अहा। मइँ तोहका मना नाहीं करबेउँ।”
21 एह बरे बतसेबा कहेस, “सूनेमिन मेहरारू अबीसग क अपने भाई अदोनिय्याह क संग बियाह करइ द्या।”
22 राजा सुलैमान अपनी महतारी स कहेस, “तू अबीसग क ओका देइ बरे मोहसे काहे कहति अहा? तू मोहसे इ काहे नाहीं कहतिउ कि मइँ ओका राजा भी बनाइ देउँ काहेकि उ मोर बड़का भाइ अहइ? याजक एब्यातार अउ योआब ओकर समर्थन करिहीं।”
23 तब सुलैमान यहोवा स एक ठु प्रतिग्या किहेस। उ कहेस्, “मइँ प्रतिग्या करत हउँ कि मोहसे इ माँग करइ क बरे मइँ अदोनिय्याह स भुगतान कराउब। उ पचे इ माँग बरे आपन जिन्नगी देइ देब।
24 यहोवा मोका इस्राएल क राजा होइ दिहस ह। उ उ सिंहासन मोका दिहेस ह जउन मोर बाप दाऊद क अहइ। यहोवा अपनी प्रतिग्या पूरी किहेस ह अउ राज्ज मोका अउ मोरे परिवार क दिहस ह। मइँ सास्वत परमेस्सर क समन्वा, प्रतिग्या करत हउँ कि अदोनिय्याह आज मरी!”
25 राजा सुलैमान बनायाह क आदेस दिहस। बनायाह बाहेर गवा अउर उ अदोनिय्याह क मार डाएस।
26 तब राजा सुलैमान याजक एब्यातार स कहेस, “मोका तोहका मार डावइ चाही, किन्तु मइँ तोहका अपने घरे अनातोत मँ लउट जाइ देत हउँ। मइँ तोहका अबहुँ मारब नाहीं काहेकि मोर बाप दाऊद क संग चलत समइ तू पवित्तर सन्दूख क लइ चलइ मँ मदद किहे रह्या जब तू मोरे बाप दाऊद क संग रह्या। मइँ जानत हउँ कि तू मोर बाप क मदद किहे रहा अउर मोर बाप क सबहिं कठिन समइ मँ साथ दिहे रहा।”
27 सुलैमान एब्यातार स कहेस कि तू याजक क रुप मँ यहोवा क सेवा करत नाहीं रह सकत्या। इ सब बइसे ही भवा, जइसा यहोवा होइ बरे कहे रहा। परमेस्सर याजक एली अउ ओकरे परिवार क बारे मँ सीलो मँ इ कहे रहा अउर एब्यातार एली क परिवार स रहा।
28 योआब इ बारे मँ सुनेस अउर उ डेराइ गवा। उ अदोनिय्याह क समर्थन किहे रहा, किन्तु अबसालोम क नाहीं। योआब यहोवा क तम्बू कइँती दउड़ा अउर वेदी क सींगो क धइ लिहस।
29 कउनो राजा सुलैमान स कहेस कि योआब यहोवा क तम्बू मँ वेदी क लगे अहइ। एह बरे सुलैमान बनायाह क जाइ अउ ओका मार डावइ क आदेस दिहस।
30 बनायाह यहोवा क तम्बू मँ गावा अउ योआब स कहेस, “राजा कहत हीं, ‘बाहेर आवा।’“मुला योआब जवाब दिहेस, “नाहीं, मइँ हिअइँ मरब।”एह बरे बनायाह राजा क लगे वापस गवा अउ ओहसे उहइ कहेस जउन योआब कहे रहा।
31 तब राजा बनायाह क आदेस दिहस, “वइसा ही करा जइसा उ कहत ह। ओका हुवँइ मार डावा। तब ओका दफनाइ द्या। तब हमार परिवार अउर हम योआब क दोख स अजाद होब। इ अपराध एह बरे भवा कि योआव निरपराध लोगन क मारे रहा।
32 योआब दुइ मनइयन क मार डाएस, जउन ओहसे बहोत नीक रहेन। इ पचे नेर क पूत अब्नेर अउ येतेर क पूत अमासा रहेन। अब्नेर इस्राएल क फउज क प्राधान सेनापति रहा अउर अमासा यहूदा क फउज क सेनापति रहा। उ समइ, मोर बाप दाऊद इ नाहीं जानत रहेन कि योआब ओनका मार डाए रहा। एह बरे यहोवा योआब क ओन मनइयन बरे सजा देइ जेनका उ मार डाए रहा।
33 उ ओनकर मउत बरे अपराधी होइ अउर ओकर परिवार भी सदा बरे दोखी होइ। किन्तु परमेस्सर कइँती स दाऊद क, ओकरे सन्तानन, ओकरे राज परिवार अउ सिंहासन क सदा-सदा बरे सान्ति मिली।”
34 एह बरे यहोयादा क पूत बनायाह योआब क मार डाएस। योआब मरुभूमि मँ अपने घरे क लगे दफनावा गवा।
35 सुलैमान तब योहादा क पूत बनायाह क योआब क जगह पइ सेनापति बनाएस। सुलैमान एब्यातार क ठउरे पइ सादोक क महायाजक बनाएस।
36 एकरे पाछे राजा सिमी क बोलाएस। राजा ओहसे कहेस्, “हिआँ यरूसलेम मँ तू अपने बरे एक ठु घर बनावा, उहइ घरे मँ रहा अउर नगर क जिन तजा।
37 जदि तू नगर क तजब्या अउ किद्रोन क नाले क पार जाब्या तउ तू मार डावा जाब्या अउर इ तोहार दोख होइ।”
38 एह बरे सिमी जवाब दिहेस, “मोर राजा, आप जउन कहेन ह, ठीक बाटइ। मइँ आप क हुकुम क मानब।” एह बरे सिमी यरूसलेम मँ बहोत समइ तलक रहा।
39 किन्तु तीन बरिस पाछे सिमी क दुइ सेवक पराइ गएन्। उ पचे गत क राजा क लगे पहोंचेन। ओकर नाउँ आकीस रहा जउन माका क पूत रहा। सिमी सुनेस कि ओकर सेवक गत मँ अहइ।
40 एह बरे सिमी आपन काठी अपने खच्चर पइ रखेस अउर गत मँ राजा आकीस क लगे गवा। उ अपने सेवकन क प्राप्त करइ गवा। उ ओनका ढूँढ़ लिहस अउर अपने घरे वापस लिआवा।
41 मुला कउनो सुलैमान स कहेस, कि सिमी यरूसलेम सगत गवा रहा अउर लउटि आवा ह।
42 एह बरे सुलैमान ओका बोलवाएस। सुलैमान सिमी स कहेस, “मइँ तोहका चिताउनी देत हउँ कि मइँ यहोवा क नाउँ पइ इ प्रतिग्या किहे रहेउँ कि जदि तू यरूसलेम तजब्या, तउ मारा जाब्या। मइँ चितउनी दिहे रहेउँ कि जदि तू दूसर कहूँ जाब्या तउ तोहरे मारे जाइ क दोख तोहार होइ। अउर तू ओका अंगीकार किहे रहा जउन कछू मइँ कहेस रहा। तू कहेस रहा कि तू मोर आग्या अउर आदेसन क पालन करब्या।
43 तू अपनी प्रतिग्या काहे तोड़्या? तू मोरे आदेस क पालन काहे नाहीं किहा?
44 तू जानत ह कि तू मोरे बाप दाऊद क खिलाफ बहोत स गलत काम किहा, अब यहोवा ओन गलत कामन बरे तोहका सजा देइ।
45 किन्तु यहोवा मोका आसीर्वाद देइ। उ दाऊद क सिंहासन क सदा ही सुरच्छा करी।”
46 तब राजा बनायाह क सिमी क मार डावइ क आदेस दिहेस अउर इ एका पूरा किहस। अब सुलैमान अपने राज्ज पइ पूरा नियंत्रण कइ चुका रहा।
1 Kings 3
1 सुलैमान मिस्र क राजा फिरौन क बिटिया के संग बियाइ कइके ओकरे संग सन्धि किहेस। सुलैमान ओका दाऊद नगर क लइ आवा। इ समइ अबहुँ भी सुलैमान आपन महल अउर यहोवा क मन्दिर बनावत रहा। सुलैमान यरूसलेम चहारदीवारी भी बनावात रहा।
2 मन्दिर अबहुँ तलक पूरा नाहीं भावा रहा। एह बरे लोग अबहुँ भि उच्च जगहन पइ जनावरन क बलि भेंट करत रहेन।
3 सुलैमान देखाएस कि उ यहोवा स पिरेम करत ह। ओकरे आपन बाप दाऊद जउन कछू करइ क कहे रहा, उ ओन सब क पालन किहेस किन्तु सुलैमान कछू अइसा भी किहस जेका करइ बरे दाऊद नाहीं कहे रहा। सुलैमान अबहुँ तलक उच्च जगहन क उपयोग बलि भेंट अउ सुगन्धि बारइ क बरे करत रहा।
4 राजा सुलैमान बलि भेंट करइ गिबोन गवा। उ हुँवा एह बरे गवा काहेकि उ सब स जियादा महत्वपूर्ण ऊँच जगह रही। सुलैमान एक हजार बलियन उ वेदी पइ भेंट किहस।
5 जब सुलैमान गिबोन मँ रहा उहइ रात क ओकरे लगे सपन मँ यहोवा आवा। परमेस्सर कहेस, “जउन चाहत अहा तू माँगा, मइँ ओका तोका देबउँ।”
6 सुलैमान जवाब दिहेस, “तू अपने सेवक मोर बाप दाऊद पइ बहोत दयालु रह्या। उ तोहार अनुसरण किहेस। उ नीक रहा अउ सच्चाई स रहा अउर तू ओकरे बरे तब सब स बड़की कृपा किहा जब तू ओकरे पूत क ओकरे सिंहासने पइ हुकुमूत करइ दिहा।
7 यहोवा मोर परमेस्सर, तू मोका अपने बाप क जगह पइ राजा होइ दिहा ह। किन्तु मइँ एक नान्ह बालक क नाईं हउँ। मोरे लगे, मोका जउन करइ चाही ओका करइ बरे बुद्धि नाहीं अहइ।
8 तोहार सेवक, मइँ हिआँ तोहरे चुने लोगन मँ एक महान लोगन मँ अहउँ, उ पचे ऍतने जियादा अहइँ कि गना नाहीं जाइ सकतेन।
9 एह बरे मइँ तोहसे माँगत हउँ कि तू मोका बुद्धि द्या जेहसे मइँ सच्चाई स लोगन पइ हुकूमत अउ ओनकर निआउ कइ सकउँ। एहसे मइँ सही अउ गलत क फरक क जान सकउँ। इ स्रेस्ठ बुद्धि क बिना ऍन महान रास्ट्रन पइ सासन करब असंभव अहइ।”
10 यहोवा खुस भवा कि सुलैमान ओहसे इ माँगेस।
11 एह बरे परमेस्सर ओहसे कहेस, “तू अपने बरे दीर्घायु नाहीं माँग्या। तू अपने बरे सम्पत्ति नाहीं माँग्या। तू अपने दुस्मनन क मउत नाहीं माँग्या। मुला तू बु़द्धि अउर सही निर्णय करइ बरे ग्यान माँग्या।
12 एह बरे मइँ तोहका उहइ देब जउन तू माँग्या। मइँ तोहका बुद्धिमान अउ बिवेकी बनाउब। मइँ तोहरी बुद्धि क ऍतना महान बनाउब कि बीते जमाने मँ कबहुँ तोहरे जइसा कउनो मनई नाहीं भवा ह अउर भविस्स मँ जइसा कबहुँ कउनो नाहीं होइ।
13 अउर तोहका पुरस्कृत करइ बरे मइँ तोहका उ सबइ चिजियन भी देबउँ जेनका तू नाहीं माँग्या। तोहरे पूरी जिन्नगी मँ सम्पत्ति अउ प्रतिस्ठा बनी रही। संसार मँ तोहरे जइसा महान राजा दूसर कउनो नाहीं होइ।
14 मइँ तोहसे चाहत हउँ कि तू मोर अनुसरण करा अउर मोरे नेमन अउर आदेसन क पालन करा। इ उहइ प्रकार करा जउने प्रकार तोहार बाप दाऊद किहस। जदि तू अइसा करब्या तउ मइँ तोहका दीर्घायु भी करब।”
15 सुलैमान जाग गवा। उ जान गवा कि परमेस्सर ओकरे संग सपन मँ बातन किहस ह। तब सुलैमान यरूसलेम गवा अउर यहोवा क करार क सन्दूखे क समन्वा खड़ा भवा। सुलैमान यहोवा क होमबलि अउर मेलबलि चढ़ाएस। एकरे पाछे उ ओन सबहिं प्रमुखन अउ अधिकारियन क दावत दिहस जउन हुकूमत करइ मँ ओकर मदद करत रहेन।
16 एक दिन दुइ मेहररुअन जउन रंडियन रहिन, सुलैमान क लगे आइन।
17 मेहररुअन मँ स एक कहेस, “महाराज, इ मेहरारु अउर मइँ एक ही घरे मँ रहत हीं। हम दुइनउँ गर्भवती भएन अउर अपने बच्चन क जन्म देइ ही वाले रहेन। मइँ अपने बच्चे का जन्म दिहेउँं जब इ हुवाँ मोरे साथ रही।
18 तीन दिन बाद इ मेहरारु भी अपने बच्चा क जन्म दिहस। हम लोगन क संग कउनो दूसर मनई घरे मँ नाहीं रहा। सिरिफ हम दुइनउँ ही रहेन।
19 एक रात इ मेहरारु क बच्चा मर गवा काहेकि उ बच्चा पइ सोई गइ रही।
20 एह बरे रात क जब मइँ सोई रही, इ मोरे पूत क मोरे बिछउन स लइ लिहस। तब इ मरे बच्चे क मोरे बिछउन पइ डाइ दिहस।
21 अगले भिंसारे मइँ जागी अउर अपने बच्चे क दूध पिआवइ वाली रही। किन्तु मइँ लखेउँ कि बच्च मरा भवा ह। तब मइँ ओका जियादा निचके स लखेउँ। मइँ लेखेउँ कि इ मोर बच्च नाहीं अहइ।”
22 मुला दुसर मेहरारु कहेस, “नाहीं! जिअत बच्चा मोर अहइ। मरा बच्चा तोहार अहइ।”किन्तु पहिली मेहरारु कहेस, “नाहीं! तू गलत अहा। मरा बच्चा तोहार अहइ अउर जिअत बच्चा मोर अहइ।” इ तर दुइनउँ मेहररुअन राजा क समन्वा बहस किहन।
23 तब राजा सुलैमान कहेस, “तू दुइनउँ कहति अहा कि जिअत बच्चा हमार आपन अहइ अउर तू पचन मँ स हर एक कहत अहइ कि मरा बच्चा दूसरी क अहइ।”
24 तब राजा सुलैमान अपने सेवक क तरवार लिआवइ पठएस।
25 अउर राजा सुलैमान कहेस, “हम इहइ करब। जिअत बच्चे क दुइ ट्कन कइ द्या। दुइनउँ मेहरारु क आधा आधा बच्चा दइ द्या।”
26 दूसर मेहरारु कहेस, “इ ठीक अहइ। बच्चा क दुइ टूकन मँ काट डावा। तब हम दुइनउँ मँ स ओका कउनो नाहीं पाई।” किन्तु पहिली मेहरारु, जउन सच्ची महतारी रही, अपने बच्चे क बरे पिरेम स भरी रही। उ राजा स कहेस, “मेहरबानी कइके बच्चा क जिन मारा। एका ओका ही दइ देइँ।”
27 तब राजा सुलैमान कहेस, “बच्च क जिन मारा। एका, पहिली मेहरारु क दइ द्या। उहइ सच्ची महतारी अहइ।”
28 इस्राएल क लोग राजा सुलैमान क निणर्य क सुनेन। उ पचे ओकर बहोत आदर अउ सम्मान किहेन काहेकि उ पचे जान गएन कि ओकर ठीक निआउ करइ क बुद्धि ओकरे लगे परमेस्सर स आई।
1 Kings 4
1 राजा सुलैमान इस्राएल क सबहिं लोगन पइ सासन करत रहा।
2 इ सबइ प्रमुख अधिकारियन क नाउँ अहइँ जउन सासन करइ मँ ओकर मदद करत रहेन:सादोक क पूत अजर्याह याजक रहा।
3 सीसा क पूत एलीहोरेप अउ अहिय्याह उ विवरण क लिखइ क कार्य करत रहेन जउन निआबालय मँ होत रहा।अहीलूद क पूत यहोसापात, यहोसापात लोगन क इतिहास क विवरण लिखत रहा।
4 यहोयादा क पूत बनायाह सेनापति रहा,सादोक अउ एब्यातार याजक रहेन।
5 नातान क पूत अजर्याह जनपद- प्रसासकन क अधीच्छक रहा।नातान क पूत जाबूद याजक अउर राजा सुलैमान क एक सलाहकार रहा।
6 अहीसार राजा क घर क हर एक चीज क उत्तरदायी रहा।अब्दा क पूत अदोनीराम दासन क अधीच्छक रहा।
7 इस्राएल बारह छेत्रन मँ बँटा रहा। जेनका जनपद कहत रहेन। सुलैमान हर जनपद पइ सासन करइ क बरे राज्जपालन क चुनत रहा। एन राज्जपालन क आदेस रहा कि उ पचे अपने जनपद मँ भोजन क चीज एकटठ्ा करइँ अउर ओका राजा अउ ओकरे परिवारन क देइँ। हर साल एक महीने क भोजन सामग्री राजा क देइ क जिम्मेदारी बारह राज्जपालन मँ हर एक क रहा।
8 बारह राज्जपालन क इ नाउँ सबइ अहइँ:बेन्हूर, एप्रैम क पर्वतीय प्रदेस क राज्जपाल रहा।
9 बेन्देकेर, माकस, साल्बीम, बेतसेमेस अउ एलोनबेथानान क राज्जपाल रहा।
10 बेन्हेसेद, अरूब्बोत, सौको अउर हेपेर क राज्जपाल रहा।
11 बेनबीनादाब, नपोत दोर क राज्जपाल रहा। ओकर बियाह सुलैमान क बिटिया तापत स भवा रहा।
12 अहीलूद क पूत बाना, तानाक, मगिद्दो स लइके अउर सारतान स लगे पूरे बेतसान क राज्जपाल रहा। इ यिज्रेल क खाले, बेतसान स लइके आबेलमहोला तलक योकमाम क पार रहा।
13 बेनगेबेर, रामोत गिलाद क राज्जपाल रहा। उ गिलाद मँ मनस्से क पूत याईर क सारे सहरन अउ गाँवन क भी राज्जपाल रहा। उ बासान मँ अगोर्ब क जनपद क भी राज्जपाल रहा। इ पहँटा मँ ऊँची चहारदेवारवाले साठ नगर रहेन। ऍन नगरन क फाटकन मँ काँसे क छड़न लगी रहिन।
14 इद्दो क पूत अहीनादाब, महनैम क राज्जपाल रहा।
15 अहीमास, नप्ताली क राज्जपाल रहा। ओकर बियाह सुलैमान क बिटिया बासमत स भवा रहा।
16 हूसै क पूत बाना, आसेर अउ आलोत क राज्जपाल रहा।
17 पारुह क पूत यहोसापात, इस्साकार क राज्जपाल रहा।
18 एला क पूत सिमी, बिन्यामीन क राज्जपाल रहा।
19 ऊरी क पूत गेबेर गिलाद क राज्जपाल रहा। गिलाद उ पहँटा रहा जहाँ एमोरी लोगन क राजा सीहोन अउर बासान क राजा ओग रहत रहेन। किन्तु सिरिफ गेबेर ही उ जनपद क राज्जपाल रहा।
20 यहूदा अउ इस्राएल मँ बहोत बड़ी गिनती मँ लोग रहत रहेन। लोगन क गनती समुद्दर क किनारे क बालू क कणन जेतनी रही। लोग सुख स भरी जिन्नगी बितावत रहेन: उ पचे खात पिअत अउ आनन्दित रहत रहेन।
21 सुलैमान परात नदी स लइके पलिस्ती लोगन क पहँटा तलक सबहिं राज्जन पइ हुकूमत करत रहा। ओकर राज्ज मिस्र क सीमा तलक फइला रहा। इ सबइ देस सुलैमान के भेंट पठवत रहेन अउर ओकरे पूरी जिन्नगी तलक ओकर आग्या क पालन करत रहेन।
22 इ भोजन साम्रगी अहइ जेकर जरूरत हर रोज सुलैमान क खुद अउ ओकरी मेज पइ सबहिं भोजन करइवालन क बरे होत रही:डेढ़ सौ बुसल महीन आटा,तीन सौ बुसल आटा,
23 अच्छा अन्न खाइ भवा दस ठु बर्धा,मैदानन मँ पाले गए बीस ठु बर्धा अउर सौ भेड़िन,जंगली जनावरन जइसा हिरन, चिकारे, मगृ अउ सिकारी पछियन भी!
24 सुलैमान परात नदी क पच्छिम क सबहिं देसन पइ हुकूमत करत रहा। इ प्रदेस तिप्सह स अज्जा तलक रहा अउर सुलैमान क राज्ज क चारिहुँ कइँती सान्ति रही।
25 सुलैमान क जिन्नगी क समइ इस्राएल अउ यहूदा क सबहिं लोग लगातार दान स लइके बेसेर्बा तलक सान्ति अउ सुरच्छा मँ रहत रहेन। लोग सान्ति क साथ अपने अंजीर क बृच्छन अउ अंगूरे क बेलन क तले बइठत रहेन।
26 सुलैमान क लगे ओकरे रथन क बरे चार हजार घोड़न क रखइ क जगह अउ ओकरे पास बारह हजार घोड़सवार रहेन।
27 हर महीने बारह जनपद क राज्जपालन मँ स एक ठु सुलैमान क उ सबइ चिजियन देत रहा जेकर ओकर जरूरत पड़त रही। इ राजा क मेज पइ खाइ वाले हर एक मनई बरे काफी होत रही।
28 जनपद राज्जपालन राजा क रथन क घोड़न अउ सवारी क घोड़न बरे बहोत अधिक चारा अउ सूखा घास भी देत रहेन। उ पचे इ अन्न क एक उचित जगह पइ लिआवत रहा।
29 परमेस्सर सुलैमान क उत्तिम बुद्धि दिहेस। सुलैमान अनेक बातन समुझ सकत रहा। ओकर बुद्धि कल्पना क परे तेज रही।
30 सुलैमान क बुद्धि पूरब क सबहिं मनइयन क बुद्धि स जियादा तेज रही। ओकर बुद्धि मिस्र मँ रहइवाले सबहिं मनइयन क बुद्धि से जियादा तेज रही।
31 उ पृथ्वी क कउनो भी मनइयन स जियादा बुद्धिमान रहा। उ एज्रेही एतान स भी जियादा बुद्धिमान रहा। उ हेमान, कलकोल अउ दर्दा स जियादा बुद्धिमान रहा। इ सबइ माहोल क पूत रहेन। राजा सुलैमान इस्राएल अउ यहूदा क चारिहुँ कइँती क सबहिं देसन मँ प्रसिद्ध होइ गवा।
32 अपने जिन्नगी क समइ मँ राजा सुलैमान तीन हजार बुद्धि क बातन अउर पन्द्रह सौ गीतन लिखेस।
33 सुलैमान प्रकृति क बारे मँ बहोत कछू जानत रहा। सुलैमान लबानोन क बिसाल देवदारू बृच्छन स लइके देवारन मँ उगलवाली जूफा क अलग प्रकार क पेड़-पौधन मँ स हर एक क बारे मँ सिच्छा दिहस। राजा सुलैमान जनावरन, पँछियन अउ रेंगइवाले जान्तुअन अउ मछरियन क चर्चा किहेस ह।
34 सुलैमान क बुद्धिमत्तापूर्ण बातन क सुनइ बरे सबहिं रास्ट्रन स लोग आवत रहेन। सबहिं रास्ट्रन क राजा अपने बुद्धिमान मनइयन क राजा सुलैमान क बातन क सुनइ बरे पठवत रहेन।
1 Kings 5
1 हीराम सोर क राजा रहा। हीराम सदा ही दाऊद क मीत रहा। एह बरे जब हीराम क मालूम भवा कि सुलैमान दाऊद क पाछे नवा राजा भवा ह तउ उ सुलैमान क लगे आपन सेवक पठएस।
2 सुलैमान हीराम राजा क इ सबइ संदेस पठाएस:
3 “तोहका याद अहइ कि मोर बाप राजा दाऊद क अपने चारिहुँ कइँती अनेक जुद्ध लड़इ पड़े रहेन। एह बरे उ यहोवा अपने परमेस्सर क मन्दिर बनवावइ मँ समर्थ नाहीं होइ सका। राजा दाऊद तब तलक प्रतीच्छा करत रहा जब तलक यहोवा ओकर सबहिं दुस्मनन क ओहसे पराजित नाहीं होइ दिहस।
4 किन्तु अब यहोवा मोर परमेस्सर मोर देस क चारिहुँ कइँती मोका सान्ति दिहस ह। अब मोर कउनो दुस्मन नाहीं अहइ। मोर प्रजा अब कउनो खतरे मँ नाहीं अहइ।
5 “यहोवा मोर बाप दाऊद क संग एक ठु प्रतिग्या किहे रहा। यहोवा कहे रहा, ‘मइँ तोहरे पूत क तोहरे पाछे राजा बनाउब अउर तोहार पूत मोर सम्मान करइ बरे एक ठु मन्दिर बनाई।’ अब मइँ, यहोवा आपन परमेस्सर क सम्मान करइ बरे उ मन्दिर बनावइ क जोजना बनाएँउ ह।
6 अउर एह बरे मइँ तोहसे मदद माँगत हउँ। अपने मनइयन क लबानोन पठवा। हुवाँ उ पचे मोरे बरे देवदारु क बृच्छन क कटिहीं। मोर सेवक तोहरे सेवकन क संग काम करिहीं। मइँ उ कउनो भी मजदूरी भुगतान करब जउन तू अपने सेवकन बरे तय करब्या। किन्तु मोका तोहार मदद क जरुरत अहइ। मोर बढ़ई सीदोन क बढ़इयन क तरह नीक नाहीं अहइँ।”
7 जब हीराम, जउन कछू सुलैमान माँगेस, उ सुनेस तउ उ बहोत खुस भवा। राजा हीराम कहेस, “आजु मइँ यहोवा क धन्यवाद देत हउँ कि उ दाऊद क इ विसाल रास्ट्र पइ सासन करइ बरे एक ठु बुद्धिमान पूत दिहस ह।”
8 तब हीराम सुलैमान क एक संदेसा पठएस। संदेसा इ रहा, “तू जउन माँग किहा ह, उ मइँ सुनेउँ ह। मइँ तोहका सारे देवदारु क बच्छ अउर चीर क बृच्छ देब, जेनका तू चाहत अहा।
9 मोर सेवक लबानोन स ओनका समुदद्र तलक लइहीं। तब मइँ ओनका एक संग बाँध देब अउर ओनका समुद्दर मँ उ जगह कइँती बहाइ देब जहाँ तू चाहत अहा। हुवाँ मइँ लटठ्न क अलग कइ देब अउर बृच्छन क तू लइ सकब्या। एकर बदले मँ तू मोर साही घरे क लोगन बरे भोजन प्रदान कराउब्या।”
10 एह बरे हीराम, सुलैमान क सबइ देवदार अउर सनौवर क बृच्छ दिहेन जेका उ चाहत रहेन।
11 अउर सुलैमान हर साल लगभग एक लाख बीस हजार बुसल गोहूँ अउ लगभग एक लाख बीस हजार गैलन निखालिस जइतून क तेल हीराम क ओकरे परिवार क भोजन बरे दिहस।
12 यहोवा आपनी प्रतिग्या क अनुसार सुलैमान क बुद्धि दिहस अउ सुलैमान अउ हीराम क बीच सान्ति रही। इ दुइनउँ राजा लोग आपुस मँ सन्धि किहन।
13 राजा सुलैमान इ काम मँ मदद बरे इस्राएल क तीस हजार मनइयन क मजबूर किहन।
14 राजा सुलैमान अदोनीराम नाउँ क एक ठु मनई क ओनकी ऊपर अधिकारी बनाएस। सुलैमान ओन मनइयन क तीन ठु टुकड़ियन मँ बाँटेस। हर एक टुकड़ी मँ दस हजार मनई रहेन। हर समूह एक महीना लबानोन मँ काम करत रहा अउर तब दुइ महीना बरे अपने घरे लउटत रहा।
15 सुलैमान अस्सी हजार मनइयन क भी पहाड़ी प्रदेस मँ काम करइ बरे मजबूर किहस। एन मनइयन क काम चट्टानन क काटब रहा अउर हुवाँ सत्तर हजार मनई पाथर क ढोवइवाले रहेन।
16 अउर तीन हजार तीन सौ मनई रहेन जउन काम करइवाले मनइयन क ऊपर अधिकारी रहेन।
17 राजा सुलैमान, मन्दिर क नेंव बरे बिसाल अउ कीमती चट्टानन क कटाइ क आदेस दिहस। इ सबइ पाथर सावधानी स काटे गएन।
18 तब सुलैमान क मकान बनावइया अउ कारीगरन अउ हीराम क मकान बनावइया अउ कारीगरन अउ गबाली क मनइयन पाथरन क काटेन अउ ओन पइ नक्कासी क काम किहेन। उ पचे मन्दिर क बनावइ बरे पाथरन अउ लट्ठन क तइयार किहेन।
1 Kings 6
1 तब सुलैमान मन्दिर बनाउब सुरु किहस। इ इस्राएल क लोगन क जरिये मिस्र तजइ क चार सौ अस्सीवाँ बरिस पाछे रहा। इ राजा सुलैमान क इस्राएल पइ हुकूमत क चउथे बरिस मँ रहा, इ जीव क महीना, बरिस क दूसर महीना रहा।
2 मन्दिर साठ हाथ लम्बा, बीस हाथ चौड़ा अउर तीस हाथ ऊँचा रहा।
3 मन्दिर मण्डप तीस हाथ लम्बा अउ दस हाथ चौड़ा रहा। इ मण्डप मन्दिर क ही मुख्य हींसा क समन्वा बराबर लम्बा रहा। एकर लम्बाई मन्दिर क चौड़ाई क बराबर रही।
4 मन्दिर मँ सँकरी खिड़कियन रहिन। इ सबइ खिड़कियन बाहेर कइँती सँकरी अउ भीतेर कइँती चौड़ी रहिन।
5 तब सुलैमान मन्दिर क मुख्य हींसा क चारिहुँ कइँती कमरन क एक कतार बनाएस। उ पचे एक दूसर क छते क ऊपर बने रहेन।
6 कमरन मन्दिर क देवार स सटा रहेन किन्तु ओनकर सहतीरन ओनकी देवार मँ नाहीं घुसी रहिन। सिखर पइ, मन्दिर क देवार पातर होइ गइ। एह बरे ओन कमरन क एक कइँती क देवार ओकरे खाले क देवार स पातर रही। खाले क मंजिल क कमरन पाँच हाथ चौड़ा रहेन। बीच क मंजिल क कमरन छ: हाथ चौड़ा रहेन। ऊपर क कमरन सात हाथ चौड़ा रहेन।
7 काम करइवाला मनईयन देवारन क बनावइ बरे बड़के पाथरन क उपयोग किहन। काम करइवाला मनईयन उहइ जगह पइ पाथरन क काटेन जहाँ उ पचे ओनका जमीने स निकारेन। एह बरे मन्दिर मँ हथौड़ियन, कुल्हाड़ियन अउ दूसर कउनो भी लोहा क औजार क आवाज़ मन्दिर क बगल मँ ऐकरे निर्माण क समई नाहीं सुनाई दिहे रहेन।
8 खाले क कमरन क प्रवेस दुआर मन्दिर क दकिाखन कइँती रहा। भीतर सीढ़ियन रहिन जउन मन्दिर क दूसर मंजिल क कमरन अउ तब तीसरे मंजिल क कमरन तलक जात रहिन।
9 इ तरह सुलैमान मन्दिर बनाउब पूरा किहस। मन्दिर क हर एक भाग देवदारु क तख्तन स मढ़ा गवा रहा।
10 सुलैमान मन्दिर क चारिहुँ कइँती कमरन क बनाउब भी पूरा किहस। हर एक मंजिल पाँच हाथ ऊँचा रही। ओन कमरन क देवदार क सहतीरन मन्दिर क छुअत रहिन।
11 यहोवा सुलैमान स कहेस,
12 “इ मन्दिर क बारे मँ जका तू निमार्ण करत ह जदि तू मोर सबहिं नेमन अउ आदेसन क पालन करब्या तउ मइँ उ सबइ करब जेकरे बरे मइँ तोहरे बाप दाऊद स प्रतिग्या किहे रहेउँ।
13 अउर मइँ इस्राएल क गदेलन क संग रहब, अउर मइँ इस्राएल क लोगन क कबहुँ छोड़ब नाहीं।”
14 इ तरह सुलैमान मन्दिर क निर्माण पूरा किहस।
15 मन्दिर क भीतर क देवारन देवदारु क पल्लन स मढ़ी गइ रहिन। देवदारु क पल्लन फर्स स छत तलक रहेन। पाथर क फर्स चीड़ क पल्लन स ढका रहा।
16 उ पचे मन्दिर क पिछले हींसा मँ एक ठु कमरा बीस हाथ अन्दर गहिरा बनाएन। उ पचे इ कमरा क देवारन क देवदारु क पल्लन स मढ़ेन। देवदारु क पल्लन फर्स स छते तलक रहेन। इ कमरा सब स जियादा पवित्तर जगह कहा जात रहा।
17 महा पवित्तर स्थान क समन्वा वाला भाग मन्दिर क सबन त जियादा पवित्तर भाग रहा। इ कमरा चालीस हाथ लम्बा रहा।
18 उ पचे इ कमरे क देवारन क देवदारु क पल्लन स मढ़ेन, देवारे क कउनो भी पाथर नाहीं लखा जाइ सकत रहा। उ पच्चे फूलन अउ कद्द् क चित्र देवदारु क पल्लन मँ नक्कासी किहन।
19 सुलैमान मन्दिर क पाछे भीतर गहिर कमरन क तइयार किहस। इ कमरा यहोवा क करार क सन्दूखे क बरे रहा।
20 इ कमरा बीस हाथ लम्बा बीस हाथ चौड़ा अउ बीस हाथ ऊँचा रहा।
21 सुलैमान इ कमरे क निखालिस सोना स मढ़ेस। उ इ कमरा क समन्वा एक ठु धूप वेदी बनाएस। उ वेदी क सोने स मढ़ेस अउर एकरे चारिहुँ कइँती सोने क जंजीरन लपेटेस।
22 सारा मन्दिर सोना स मढ़ा रहा अउर सब स जियादा पवित्तर जगह क समन्वा वेदी सोना स मढ़ी गइ रही।
23 सिल्पकार पखना सहित दुई ठु करूब सरगदूतन क मूरती बनाएन। सिल्पकार जइतून क काठे स मूतियन बनाएन। दुइनउँ सरगदूतन सब स जियादा पवित्तर जगह मँ धरे गएन। हर एक सरगदूत दस हाथ ऊँच रहा।
24 उ सबइ दुइनउँ सरगदूत एक ही माप क रहेन अउर एक ही सैली मँ बने रहेन। हर एक सरगदूत क दुइ पखनन रहेन। हर एक पखना पाँच हाथ लम्बा रहा। एक पखना क सिरे स दूसर पखना क सिरे तलक दस हाथ रहा अउर हर एक सरगदूत दस हाथ ऊँच रहा।
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27 इ सबइ करूब सरगदूत सब स जियादा पवित्तर ठउर मँ धरे गए रहेन। उ सबइ एक दूसर क बगल मँ खड़े रहेन। ओनकर पखना कमरा बीच मँ एक दूसर क छुअत रहेन। दूसर दुइ पखनन हर एक बगल क देवार क छुअत रहेन।
28 दुइनउँ करूब सरगदूत सोना स मढ़े गए रहेन।
29 मुख्य कच्छ अउ भीतरी कच्छ चारिहुँ कइँती क देवारन पइ करूब सरगदूतन, ताड़ क बृच्छन अउ फूल क चित्र उकेरे गए रहेन।
30 दुइनउँ कमरन क फर्स सोना स मढ़ी गइ रही।
31 कारीगरन जइतून क काठे क दुइ दरवाजा बनाएन। उ पचे ओन दुइ दरवाजन क सब स जियादा पवित्तर जगह क प्रवेस दुआर मँ लगाएन। दरवाजन क चारिहुँ कइँती क चौखट पाँच पहलदार बनी रही।
32 उ पचे दुइनउँ दरवाजन क जैतून क काठे क बनाएन। कारीगरन दरवाजन पइ करूब सरगदूत, ताड़ क बृच्छन अउ फूलन क चित्रन क उकेरेन। तब उ पचे दरवाजन क सोना स मढ़ेन।
33 उ पचे मुख्य कच्छ मँ प्रवेस बरे भी दरवाजन बनाएन। उ पचे एक वर्गाकार दरवाजे क चौखट बनावइ बरे जैतून क काठे क उपयोग किहन।
34 तब उ पचे दरवाजा बनावइ बरे चीर क लकड़ी क उपयोग किहन।
35 हुवाँ दुइ दरवाजा रहेन। हर एक दरवाजे क दुइ भाग रहेन, एह बरे दुइनउँ दरवाजन मुड़िके बंद होत रहेन। उ पचे दरवाजन पइ करूब सरगदूत ताड़ क बृच्छन अउ फूलन क चित्रन क उकेरेन। तब उ पचे ओनका सोना स मढ़ेन।
36 तब उ पचे भीतरी आँगन बनाएन। उ पचे इ आँगन क चारिहुँ ओर देवारन बनाएन। हर एक देवदार कटे पाथरन क तीन कतारन अउ देवारु क काठन क एक कतार स बनाइ गइ।
37 उ पचे बरिस क दूसरे महीने जिब माह मँ मन्दिर क निर्माण सुरु किहन। इस्राएल क लोगन पइ सुलैमान क हुकूमत क चउथे बरिस मँ, इ भवा।
38 मन्दिर क निर्माण बरिस क अठएँ महीने बूल माह मँ पूरा भवा। लोगन पइ सुलैमान क हुकूमत क गियारहवें बरिस इ भवा रहा। मन्दिर क निर्माण मँ सात बरिस लगेन। मन्दिर ठीक उहइ प्रकार बना रहा जइसा ओका बनावइ क जोजना रही।
1 Kings 7
1 राजा सुलैमान अपने बरे एक महल भी बनवाएस। सुलैमान क महल क निर्माण क पूरा करइ मँ तेरह बरिस लगेन।
2 उ उ इमारत क भी बनाएस जेका, “लबानोन क बन” कहा जात ह। इ सौ हाथ लम्बा, पचास हाथ चौड़ा, अउर तीस हाथ ऊँच रहा। एहमाँ देवदारु क खम्भन क चार कतारन रहिन। हर एक कतारे क सिरे पइ देवदारु क सीर्स रहा।
3 खम्भन क कतारन क आर पार जात भइ देवदारु क सहतीरन रहिन। उ पचे देवदारु क पल्लन क छते क बरे एन सहतीरन पइ धरे रहेन। खम्भन क हर एक विभाग क बरे पन्द्रह सहतीरन रहिन। सब निलाइके पैंतालीस सहतीरन रहिन।
4 बगल क हर एक देवारे मँ खिड़कियन क तीन कतारन रहिन। खिड़कियन परस्पर आमने-सामने रहिन।
5 हर एक क आखिर मँ तीन दरवाजन रहेन। सबहिं दरवाजन क दुुआर अउ चौखटन वर्गाकार रहेन।
6 सुलैमान “खम्भन क प्रवेस दुआर मण्डप” भी बनाएस। इ पचास हाथ लम्बा अउ तीस हाथ चौड़ा रहा। प्रवेस दुआर मण्डप क अगला भाग क संग-संग खम्भन पइ टिकी एक ठु छत रही।
7 सुलैमान एक ठु सिंहासन कच्छ बनाएस जहाँ उ लोगन क निआउ करत रहा। उ एका “निआव कच्छ” कहत रहा। कच्छ फर्स स लइके छते तलक देवदारु स मढ़ा रहा।
8 जउन भवन मँ सुलैमान रहत रहा, उ निआव महाकच्छ क पाछे दूसर आँगन मँ रहा। इ महल वइसे ही बना रहा जइसा निआव महाकच्छ बना रहा। उ अपनी मेहरारु स जउन मिस्र क राजा क बिटिया रही, क बरे बइसा ही महल बनाएस।
9 इ सबहिं इमारतन महंगा पाथर क ठुकन स बनी रहिन। इ सबइ पाथर समुचित आकार मँ आरे स काटे ग रहेन। उ सबइ सामने अउ पाछे कइँती स कटे रहेन। इ सबइ महंगा पाथर नेंव स लइके देवार क ऊपरी तहे तलक लगे रहेन। अँगने क चारिहुँ कइँती क देवार भी महंगा पाथर टूकन स बनी रहिन।
10 नेव बिसाल महंगा पाथरन स बनी रही। कछू पाथर दस हाथ लम्बे रहेन अउर दूसर बारह फुट लम्बे रहेन।
11 ओन पाथरन क सीर्स पइ दूसर महंगा पाथर अउ देवदारु क सहतीरन रहिन।
12 महल क आँगन, मन्दिर क आँगन अउ मन्दिर क प्रवेस दुआर मण्डप क चारिहुँ कइँती देवारन रहिन। उ सबइ देवारन पाथर क तीन कतारन अउ देवदारु काठे क एक कतार स बनी रहिन।
13 राजा सुलैमान हीराम नाउँ क मनई क लगे सोर मँ सँदेसा पठएस। सुलैमान हीराम क यरूसलेम लिआवा।
14 हीराम क महतारी नप्ताली परिवार समूह स इस्राएली रही। ओकर मरा बाप सोर क रहा जउन काँसा क काम मँ कुसल रहा। हीराम काँसे स चिजियन बनावत रहा। उ बहोत कुसल अउ अनुभवी कारीगर रहा। एह बरे राजा सुलैमान ओका आवइ बरे कहेस अउर हीराम ओका स्वीकार किहस। एह बरे राजा सुलैमान हीराम क काँसे स निमिर्त सबहिं चिजियन क बनाएस।
15 हीराम काँसा क दुइ खम्भा बनाएस। हर एक खम्भा अठारह हाथ लम्बा अउ बारह हाथ गोलाईवाला रहा। खम्भा खोखले रहेन अउर धातु तीन इन्च मोटी रही।
16 हीराम दुइ काँसा क सीर्स भी बनाएस जउन पाँच हाथ ऊँचे रहेन। हीराम एन सीर्सन क खम्भन क सिरन पइ रखेस।
17 तब उ दुइनउँ खम्भन क ऊपर क सीर्सन क ढाँपइ बरे जंजीरन क दुइ जाल बनाएस।
18 तब उ अलंकरन क दुइ कतारन बनाएस जउन अनार क तरह देखात रहेन। उ पचे एन काँसन क अनारन क हर एक खम्भा क जालन मँ, खम्भन क सिरन क सीर्सन क ढाँपइ बरे रखेस।
19 पाँच हाथ ऊँच खम्भन क सिरन क सीर्स फूल क आकार क बना रहेन।
20 सीर्स खम्भन क सिरन पइ रहेन। उ सबइ कटोरन क आकार क जाल क ऊपर रहेन। उ ठउरे पइ सीर्सन क चारिहुँ कइँती कतारन मँ दुई सौ अनार रहेन।
21 हीराम एन दुइनउँ काँसा क खम्भन क मन्दिर क प्रवेस दुआर पइ खड़ा किहस। दुआर क दक्खिन कइँती एक खम्भा अउ दुआर क उत्तर कइँती दूसर खम्भा खड़ा कीन्ह गवा। दक्खिन क खम्भा क नाउँ याकीन रखा गवा। उत्तर क खम्भा क नाउँ बोआज़ रखा गवा।
22 उ पचे फूल क आकार क सीर्सन क खम्भन क ऊपर रखेन। इ तरह दुइनउँ खम्भन पइ काम पूरा भवा।
23 तब हीराम काँसा क एक गोल हौज बनाएस। उ पचे इ हउज क “सागर” कहेन। हौज लगभग तीस हाथ गोलाई मँ रहा। इ आर-पार दस हाथ अउर पाँच हाथ गहिर रहा।
24 हौज क बाहरी सिरे पइ एक ठु बारी रही। इ बारी क खाले काँसा क कददुअन क दुइ कतारन हौज क घेरे भए रहिन। काँसे क कद्दू हौज क हींसा क रूप मँ एक ठु इकाई मँ बने रहेन।
25 हौज बारह काँसे क बर्धन क पीठन पइ टिका रहा। इ सबइ बारँहु बर्धा तालाब स दूर बाहेर क लखत रहेन। तीन ठु उत्तर कइँती, तीन दक्खिन क अउ तीन पच्छिम कइँती लखत रहेन।
26 हौज क देवारन तीन इन्च मोट रहिन। तालाब क चारिहुँ कइँती क किनारी एक पयाले क किनारी या फूल क पुंखड़ियन क तरह रहिन। तालाब क छमता लगभग गियारह हजार पाँस सौ गैलन रही।
27 तब हीराम दस काँसे क गाड़ियन बनाएस। हर एक चार हाथ लम्बी, चार हाथ चौड़ी अउ पाँच हाथ ऊँच रही।
28 गाड़ियन वर्गाकार पल्लन क चउखटन मँ मढ़िके बनाई गइ रहिन।
29 पल्लन अउ चउखटन पइ काँसे क सिंह, बर्धा अउ करूब सरगदूत रहेन। सिंह अउ बर्धन क ऊपर अउ खाले फूलन क डिज़ाईन हथौड़ा स पीट-पीट के काँसे मँ बनावा ग रहेन।
30 हर एक गाड़ी मँ चार काँसे क पहियन काँसे क धुरी क संग रहेन। कोनन पइ काँसे क टेकन बिसाल कटोरा बरे बने रहेन। टेकन पइ हथौड़न स पीट-पीट के फूलन क डिज़ाईन काँसे मँ बनावा ग रहेन।
31 कटोरा बरे ऊपरी सिरे पइ एक ढाँचा बना रहा। इ कटोरन स ऊपर स एक हाथ ऊँच रहा। कटोरा क खुल भवा गोल हींसा डेढ़ हाथ व्यास वाला रहा। काँसे क ढाँचे पइ जउन डिज़ाईन खोदा गए रहेन इ चौकोर रहेन, गोल नाहीं।
32 ढाँचा क खाले चार पहियन रहेन पहिये डेढ़ हाथ व्यासवाले रहेन। पहिये क बीच धुरे गाड़ी क संग एक इकाई क रूप मँ बने रहेन।
33 पहियन रथे क पहियन क नाईं रहेन। पहियन क हर एक चीज-धुरे, परिधि, तीलियन अउ नाभी काँसे क बनी रही।
34 हर एक गाड़ी क चारिहुँ कोनन पइ चार आधार रहेन। उ सबइ गाड़ी क संग एक इकाई क रुप मँ बने रहेन।
35 हर एक गाड़ी क ऊपरी सिरे क चारिहुँ कइँती एक काँसा क आधा हाथ गहिरा पट्टी रही। टेकन अउर पटरियन एक इकाई मँ बन के गाड़ी क साथ जुड़े रहेन।
36 इ गाड़ी बगल अउ ढाँचे पइ करूब सरगदूतन, सिंहन अउ ताड़ क बृच्छन क चित्र काँसा मँ गाड़ी क बगल अउर ढाँचे पइ खोदे गए रहेन। इ सबइ चित्र गाड़ियन पइ जहाँ भी जगह रही, उकेरे गए रहेन अउर गाड़ी क चारिहुँ कइँती क ढाँचे पइ फूल उकेरे गए रहेन।
37 हीराम दस गाड़ियन बनाएस अउर उ सबइ सबहिं एक जइसी रहिन। हर एक गाड़ी काँसा क बनी रही। काँसा क गलावा गवा रहा अउर साँचा मँ ढाला गवा रहा। एह बरे सबहिं गाड़ियन एक ही आकार अउर एक ही रूप क रहिन।
38 हीराम दस कटोरन भी बनाएस। एक कटोरा दस गाड़ियन मँ स हर एक बरे रहा। हर एक कटोरा चार हाथ व्यास वाला रहा अउर हर एक कटोरे मँ दुइ सौ तीस गैलन आइ सकत रहा।
39 हीराम पाँच गाड़ियन क मन्दिर क दक्खिन अउ दूसर पाँच गाड़ियन क मन्दिर क उत्तर मँ धरेस। उ बिसाल तालाब क मन्दिर क दक्खिन पूर्व कोने मँ धरेस।
40 हीराम बर्तन, नान्ह बेलचन अउ नान्ह कटोरन भी बनाएस। हीराम ओन सारी चिजियन क बनाउब पूरा किहस जेनका राजा सुलैमान ओहसे बनावावइ चाहत रहा। हीराम यहोवा क मन्दिर बरे जउन कछू बनाएस ओकर सूची इ अहइ:
41 दुइ खम्भा, खम्भन क सिरन बरे कटोरा क आकार क दुइ सीर्स, सीर्सन क चारिहुँ कइँती लगाए जाइवाले दुइ जाल।
42 दुइ जातन बरे चार सौ अनार खम्भन क सिरन पइ सीर्सन क दुइनउँ कटोरन क ढकइ बरे हर एक जात क वास्ते अनारन क दुइ कतारन रहिन।
43 हुँवा दस गाड़ियन रहिन, हर गाड़ी पइ एक कटोरा रहा,
44 एक बिसाल तालाब जउन बारह बर्धन पइ टिका रहा,
45 बर्तन, नान्ह बेल्चन, नान्ह कटोरन, अउर यहोवा क मन्दिर बरे सबहिं तस्तरियन।हीराम उ सबहिं चिजियन बनाइन जेनका राजा सुलैमान चाहत रहा। उ सबइ सबहिं झलकाए भए काँसा स बनी रहिन।
46 सुलैमान उ काँसे क कबहुँ नाहीं तौलेस जेकर उपयोग एन चिजियन क बनावइ बरे भवा रहा। उ ऍतना जियादा रहा कि एकर तउलब संभव नाहीं रहा। एह बरे सारे काँसे क तौल क कुल योग कबहुँ मालूम नाहीं भवा। राजा ऍन चिजियन क सुक्कोत अउ सारतान क बीच यरदन नदी क निचके बनावइ क आदेस दिहस। उ पचे ऍन चिजियन क, काँसा क गलाइके अउर जमीन मँ बने साँचन मँ ढालिके, बनाएस।
47
48 सुलैमान इ भी आदेस दिहस कि मन्दिर बरे सोने क बहोत स चिजियन बनाई जाइँ। सुलैमान मन्दिर बरे सोना स जउन चिजियन बनाएस, उ सबइ इ अहइँ।सुनहरी वेदी;सुनहरी मेज ओन रोटी बरे जउन कि पवित्तर स्थान मँ धरी जात रहा।
49 सुद्ध सोना क दीपधार सब स जियादा पवित्तर ठउर क समन्वा इ सबइ मँ स पाँच दीपधार दक्खिन कइँती अउर पाँच उत्तर कइँती धरी जात रहेन।सुनहरा फूल, दीपक अउ चिमटन;
50 सुद्ध सोना क कटोरन, पलीता काटई बरे कैंचियन, छोटा कटोरन, कढ़ाईयन, कोइला ढोवइ बरे सुद्ध सोना क तस्तरियन; भीतरी कमरा क दरवाजन बरे जउन सबन त जियादा पवित्तर स्थान अहइ, अउर मन्दिर क मुख्य कमरा क दूसर दरवाजन बरे सोने क कब्जन।
51 इ तरह सुलैमान, यहोवा क मन्दिर बरे जउन काम उ करइ चाहत रहा, पूरा किहस। तब सुलैमान उ सबइ सबहिं चिजियन लिहस जेनका ओकर पिता दाऊद इ उद्देस्य क बरे सुरच्छित रखे रहिन। उ एन चिजियन क मन्दिर मँ लिआवा। उ चाँदी अउ सोना यहोवा क मन्दिर क खजानन मँ धरेस।
1 Kings 8
1 तब राजा सुलैमान इस्राएल क सबहिं बुर्जुगन, परिवार समूहन क प्रमुखन अउ इस्रएल क परिवारन क प्रमुखन क एक संग यरूसलेम मँ बोलाएस। सुलैमान ओनका सामिल करइ चाहत रहा कि उ पचे करार क सन्दूख क दाऊद नगर स मन्दिर मँ लिआवइँ।
2 एह बरे इस्राएल क सबहिं लोग इकट्ठा होइके राजा सुलैमान क लगे आएन। इ एतानीम महीना मँ कुटीर क त्यौहार क मौका रहा, इ बरिस क सतवाँ महीना रहा।
3 इस्राएल क सबहिं बुर्जुगन उ ठउरे पइ आएन। तब याजक लोग पवित्तर सन्दूख उठाएन।
4 उ पचे पवित्तर तम्बू अउ तम्बू मँ क सबहिं चिजियन सहित यहोवा क पवित्तर सन्दूख क लइ आएन। लेवी वंसियन याजक लोगन क मदद एन चिजियन क लइ जाइ मँ किहेन।
5 राजा सुलैमान अउर इस्राएल क सबहिं लोग करार क सन्दूख क समन्वा इकट्ठे भएन। उ पचे अनेक बलि भेंट किहन। उ पचे ऍतना जियादा भेंड़िन अउ गोरुअन मारेन कि ओन सबहिं क कउनो मनई गनइ या दर्ज करइ मँ सार्मथ नाहीं रहा।
6 तब याजक लोग यहोवा क करार क सन्दूखे क ओकरे उचित ठउरे पइ धरेन। इ मन्दिर क भीतर सब स जियादा पवित्तर ठउरे मँ रहा। करार क सन्दूख करूब सरगदूतन क पखनन क खाले धरा गवा।
7 करूब सरगदूतन क पखना करार क सन्दूख क अउर ओका लइ चलइ मँ सहायक बल्लियन क ढाँपे रहेन।
8 इ सबइ सहायक बल्लिायन बहोत बड़ी रहिन। जदि कउनो मनई पवित्तर ठउर मँ सब स जियादा पवित्तर ठउर क समन्वा खड़ा होइ, तउ उ बल्लियन क सिरन क लख सकत ह। किन्तु बाहेर क कउनो भी ओनका नाहीं लख सकत। उ सबइ बल्लियन आजु भी हुँवा अहइँ।
9 हिआँ पवित्तर सन्दूख क भीतर सिरिफ दुइ सिलन रहिन। उ सबइ दुइ सिलन उहइ रहिन जेनका मूसा होरेब नाउँ क ठउरे पइ पवित्तर सन्दूख मँ धरे रहेन। होरेब उ ठउर रहा जहाँ यहोवा इस्राएल क लोगन क संग ओनके मिस्र स बाहेर आवइ क पाछे करार किहस।
10 याजक सन्दूखे क सब स जियादा पवित्तर ठउर मँ धरेस। जब याजक पवित्तर ठउर स बाहेर आएन तउ बादल यहोवा क मन्दिर मँ भर गवा।
11 याजक आपन सेवा करत नाहीं रहि सकेन काहेकि बादर क कारण मन्दिर यहोवा क प्रताप स भर गवा रहा।
12 तब सुलैमान कहेस:“यहोवा अकासे मँ सूरज चमकाएस, मुला उ करिआ बादर मँ रहब पसन्द किहेस।
13 मइँ तोहरे बरे एक सानदार मन्दिर बनाएउँ, एक निवास जेहमाँ तू सदा ही रहब्या।”
14 इस्राएल क सबहिं लोग हुँवा खड़े रहेन। एह बरे सुलैमान ओनकी ओर मुड़ा अउर परमेस्सर ओनका आसीर्बाद देइ क कहेस।
15 तब राजा सुलैमान यहोवा स एक लम्बी पराथना किहस। उ जउन पराथना किहस उ इ अहइ:“इस्राएल क यहोवा परमेस्सर क प्रसंसा करा। यहोवा मोर पिता दाऊद स जउन कछु प्रतिग्या किहेस ओनका उ खुद पूरा किहस ह। यहवा मोरे बाप स कहेस,
16 ‘मइँ अपने लोगन, इस्राएल क मिस्र स बाहेर लिआएउँ। लेकिन मइँ अबहिँ तलक इस्राएल परिवार समूह स कउनो नगर क नाहीं चुनेउँ ह, कि मोका सम्मान देइ बरे मन्दिर-निर्माण करइ। अउर मइँ इस्राएलियन क नेता कउनो मनई क नाहीं चुनेस ह। किन्तु अब मइँ यरूसलेम क चुनेउँ ह जहाँ मइँ सम्मानित होत रहब अउर मइँ दाऊद क इस्राएली लोगन पइ हुकूमत करइ बरे चुनेउँ ह।’
17 “मोर बाप दाऊद जियादा चाहत रहेन कि उ पचे यहोवा, इस्राएल क परमेस्सर क सम्मान बरे मन्दिर बनावइँ।
18 किन्तु यहोवा मोर बाप दाऊद स कहेस, ‘मइँ जानत हउँ कि तू मोरे सम्मान बरे मन्दिर बनावइ क प्रबल इच्छा रखत अहा अउर इ नीक अहइ कि तू मोर मन्दिर बनावइ चाहत अहा।
19 किन्तु तू उ मनई नाहीं अहा जेका मइँ मन्दिर बनावइ बरे चुनेउँ ह। तोहार पूत मोर मन्दिर बनाई।’
20 “इ तरह यहोवा जउन प्रतिग्या किहे रहा ओका पूरी कइ दिहेउँ ह। अब मइँ अपने बाप दाऊद क ठउरे पइ राजा अहउँ। अब मइँ यहोवा क प्रतिग्या क अनुसार इस्राएल क लोगन पइ सासन करत हउँ अउर मइँ यहोवा इस्राएल क परमेस्सर बरे मन्दिर बनाएउँ ह।
21 मइँ मन्दिर मँ एक ठउर पवित्तर सन्दूखे बरे बनाएउँ ह। उ पवित्तर सन्दूखे मँ उ करार अहइ जउन वाचा यहोवा हमरे पुरखन क संग किहे रहा। यहोवा उ वाचा तब किहेस जब उ हमरे पुरखन क मिस्र स बाहेर लइ आवा रहा।”
22 तब सुलैमान यहोवा क वेदी क समन्वा खड़ा भवा। सबहिं लोग ओकरे समन्वा खड़े भएन। राजा सुलैमान अपने हाथन क अकासे कइँती फइलाएस।
23 उ कहेस,“हे यहोवा इस्राएल क परमेस्सर तोहरे समान धरती पइ या अकास मँ कउनो दूसर परमेस्सर नाहीं अहइ। तू अपने लोगन क संग करार किहा अउर ओहमाँ कायम रह्या। तू ओन लोगन क बरे दयालु अउर स्नेहपूर्ण रहा जउन तोहार अनुसरण आपन पूरा हिरदइ स करत हीं।
24 तू अपने सेवक मोरे बाप दाऊद स, एक प्रतिग्या किहे रह्या अउर तू उ पूरी किहा ह। तू उ प्रतिग्या खुद अपने मुँह स किहे रह्या अउर तू अपनी महान सक्ती स उ प्रतिग्या क आज फुरइ घटित होइ दिहा ह।
25 अब, यहोवा इस्राएल क परमेस्सर, ओन दूसर प्रतिग्यन क पूरा करा जउन तू अपने सेवक, मोर बाप दाऊद स किहे रह्या। तू कहे रह्या, ‘दाऊद जइसा तू किहा वइसे ही तोहार सन्तानन क मोर हुकुम क पालन होसियारी स करइ चाही। जदि उ पचे अइसा करिहीं तउ तोहरे परिवार क कउनो न कउनो मनई सदा इस्राएल क लोगन पइ सासन करी।’
26 अउर हे यहोवा, इस्राएल क परमेस्सर, मइँ फुन तोहसे माँगत हउँ कि तू कृपा कइके मोरे बाप क संग कीन्ह गइ प्रतिग्या क पूरी करत रहा।
27 “मुला परमेस्सर, का तू फुरइ इ पृथ्वी पइ हम लोगन क संग रहब्या? तोहका सारा आकास अउ सरग क उच्चतम ठउर भी धारण नाहीं कइ सकत्या? निहचइ ही इ मन्दिर भी, जेका मइँ बनाएउँ ह, तोहका धारण नाहीं कइ सकत।
28 मुला तू मोर पराथना अउ मोरे निवेदन पइ धियान द्या। मइँ तोहार सेवक हउँ अउर तू मोर यहोवा परमेस्सर अहा। इ पराथना क तू स्वीकार करा जेका आज मइँ तोहसे करत हुउँ।
29 बीते समइ मँ तू कह्या रहा, ‘मोर हुवाँ सम्मान कीन्ह जाइ।’ एह बरे इ मन्दिर क देख-रेख दिन-रात करा। कृप्या कइके तू मोर, आपन सेवक क पराथना क सुन्या, जेका मइँ तोहसे इ मन्दिर मँ कहत हउँ।
30 यहोवा, मइँ अउर तोहरे इस्राएल क लोग इ मन्दिर की ओर पराथना करिहीं। कृपा कइके एन पराथनन पइ धियान द्या। हम जानित ह कि तू सरग मँ रहत ह। कृप्या कइके हुँवा स आपन सेवक क पराथना सुन्या अउर हम क छिमा कर्या।
31 “जदि कउने मनई कउनो दूसर मनई क खिलाफ कउनो अपराध करी तउ उ हिआँ तोहरी वेदी क लगे लिआवा जाइ। जदि उ मनई दोखी नाहीं अहइ तउ उ एक किरिया लेइ। उ किरिया लेइ कि उ निदोर्ख अहइ।
32 उ समइ तू सरग मँ सुना अउर उ मनई क संग निआव करा। जदि उ मनई अपराधी अहइ तउ कृपा कइके हम क दिखावा कि उ अपराधी अहइ। जदि उ मनई निरपराध अहइ तउ हमक दिखावा कि उ अपराधी नाहीं अहइ।
33 “कबहुँ-कबहुँ तोहरे इस्राएल क लोग तोहरे खिलाफ पाप करिहीं अउर ओनकर दुस्मन ओनका हराइ देइहीं। तब लोग तोहरे लगे लउटिहीं अउर उ सबइ लोग इ मन्दिर मँ तोहार नाउँ क स्तुति करिहीं अउ तोहसे पराथना अउर निवेदन करइहीं।
34 तउ मेहरबानी कइके सरग स ओनकर पराथना सुना। तब अपने इस्राएली लोगन क पापन क छिमा करा अउर ओनकर भुइँया ओनका फुन स प्राप्त करइ द्या। तू इ भुइँया ओनके पुरखन क दइ दिहे रह्या।
35 “कबहुँ-कबहुँ उ पचे तोहरे खिलाफ पाप करिहिं, अउर तू ओनकर भुइँया पर बर्खा होब बन्द कइ देब्या। तब उ पचे इ ठउरे की ओर मुँह कइके पराथना करिहीं। अउर तोहरे नाउँ क स्मुतिर् करहीं। तू ओनका कस्ट सहइ देब्या अउर उ पचे अपने पापन वापिस घूमि जाइहीं।
36 एह बरे मेहरबानी स सरग मँ ओनकर पराथना सुना। तब हम पचन्क हमरे पापन बरे छिमा करा। लोगन क सच्ची जिन्नगी जिअई क सिच्छा द्या। हे यहोवा तब कृपा कइके तू उ भुइँया पई बर्खा करा जेका तू ओनका दिहा ह।
37 “भुइँया बहोत जियादा झुराइ सकत ह अउर ओह पइ कउनो अन्न उग नाहीं सकी। संभव अहइ लोगन मँ महामारी फइलइ। संभव अहइ सारा पइदा भवा अन्न कीड़न मकोड़न क जरिये बर्बाद कइ दीन्ह जाइ या तोहार लोग अपने कछू नगरन मँ अपने दुस्मनन क हमला क सिकार बनइँ या तोहार अनेक लोग बीमार पड़ि जाइँ।
38 जब एनमाँ स कछू भी घटित होइ, अउर एक भी मनइ अपने पापन बरे पछतावा करइ, अउर अपने हाथन क इ मन्दिर कइँती पराथना मँ फइलावइ तउ
39 मेहरबानी कइके ओकर पराथना सुना। ओकर पराथना क सुना, जब तू अपने निवास स्थान सरग मँ अहा। तब लोगन क छिमा करा अउर ओनकर मदद करा। सिरिफ तू इ जानत अहा कि मनई क हिरदय मँ का बाटइ? एह बरे हर एक क संग ओकर काम अउर उद्देस क अनुसार निआव करा।
40 इ एह बरे करा ताकि तोहार लोग तोहसे डेराइँ अउर तोहार सम्मान उ समइ तलक करइँ जब तलक उ पचे इ भुइँया पइ रहइँ जेहका तू हमरे पुरखन क दिहे रह्या।
41 “दूसर जगहन क लोग तोहार महानता अउ तोहरी सक्ती क बारे मँ सुनिहीं। उ पचे बहोत दूर स इ मन्दिर मँ पराथना करइ अइहीं।
42
43 मेहरबानी कइके आपन निवास स्थान, सरग स ओनकर पराथना सुना। मेहरबानी कइके तू उ सब कछू करा जेका दूसर जगहन क लोग तोहसे माँगत हीं। तब उ सबइ लोग भी इस्राएली लोगन क तरह ही तोहसे डेरइहीं अउर तोहार सम्मान करिहीं। तब सबहिं जगहन क लोगन इ जानिहीं कि मइँ इ मन्दिर क तोहका सम्मान देइ बरे बनाएउँ ह।
44 “कबहुँ-कबहुँ तू अपने लोगन क अपने दुस्मनन क खिलाफ जाइ अउर ओनसे जुद्ध करइ क आदेस देब्या। तब तोहार लोग तोहार चुने भए इ नगर अउर मोर बनाए भए मन्दिर की ओर अभिमुख होइहीं। जेका मइँ तोहरे सम्मान मँ बनाएउँ ह अउर उ पचे तोहार पराथना करिहीं।
45 उ समइ तू अपने निवास स्थान सरग स ओनकर पराथना क सुना अउर ओनकर मदद करा।
46 “तोहार लोग तोहरे खिलाफ पाप करिहीं। मइँ एका एह बरे जानत हउँ काहेकि हर एक मनई पाप करत ह अउर तू अपने लोगन पइ कोहाब्या। तू ओनके दुस्मनन क ओनका हरावइ देब्या। ओनकर दुस्मन ओनका बंदी बनइहीं। अउर ओनका कउनो बहोत दूर क देस मँ लइ जइहीं।
47 उ दूर क देस मँ तोहार लोग समुझिहीं कि का होइ गवा ह। उ पचे अपने पापन बरे पछतावा करिहीं अउर तोहसे पराथना करिहीं। उ पचे आप क समन्वा पराथना करिहीं अउर कहिहीं, ‘हम पाप अउ अपराध किहा ह।’
48 उ पचे उ दूर क देस मँ रहिहीं। किन्तु जदि उ पचे इ देस जेका तू ओनके पुरखन क दिहा अउर तोहार चुने नगर अउर इ मन्दिर जेका मइँ तोहरे सम्मान मँ बनाएउँ ह। अउर अगर उ तोहरे पास पूरा हिरदय स लउटत ह,
49 तउ तू मेहरबानी कइके ओकर पराथना अउर माँग क अपने निवास स्थान सरग स सुना अउर ओकरे उद्देस क सहारा द्या।
50 अपने लोगन क सबहिं पापन बरे छिमा कइ द्या अउर तू ओनका तोहार विरोध होइ बरे छिमा करा अउर कइके ओनके दुस्मनन क ओनके बरे दयालु बनावा।
51 याद राखा कि उ पचे तोहरे लोग अहइँ, याद राखा कि तू ओनका मिस्र स बाहेर लिआया। इ वइसा ही रहा जइसा तू बरत भट्ठी स ओनका धइके हींच लिहे ह्वा।
52 “यहोवा परमेस्सर, कृपा कइके मोर पराथना अउ अपने इस्राएली लोगन क पराथना सुना। ओनकर पराथना, जब कबहुँ उ पचे तोहार मदद करइ, सुना।
53 तू ओनका पृथ्वी क सारे मनइयन मँ स अपन खास लोग होइ बरे चुन्या ह। यहोवा तू ओका हमरे बरे करइ क प्रतिग्या किहा ह। तू हमरे पुरखन क मिस्र स बाहेर लिआवत समइ इ प्रतिग्या अपने सेवक मूसा क माध्यम स किहे रह्या।”
54 सुलैमान परमेस्सर स इ पराथना किहेस। उ वेदी क समन्वा अपने घुटनन क बल रहा। सुलैमान सरग कइँती भुजन उठाइके पराथना किहेस। तब सुलैमान पराथना पूरी किहेस अउर उ उठ खड़ा भवा।
55 तब उ ऊँच आवाज मँ इस्राएल क सबहिं लोगन क आसीर्वाद देइ बरे परमेस्सर स याचना किहस। सुलैमान कहेस:
56 “यहोवा क स्तुति करा। उ प्रतिग्या किहेस, कि उ अपने इस्राएल क लोगन क आराम देइ अउर उ हम क आराम दिहेस। यहोवा अपने सेवक मूसा क उपयोग किहस अउर इस्राएल क लोगन क बरे बहोत स नीक प्रतिग्या किहस अउर यहोवा ओन हर एक प्रतिग्यन क पूरा किहेस ह।
57 मइँ पराथना करत हउँ कि यहोवा, हमार परमेस्सर हम लोगन क संग उहइ तरह होइ जइसे उ हमरे पुरखन क संग रहा। मइँ पराथना करत हउँ कि यहोवा हम क कबहुँ न तजी।
58 मइँ पराथना करत हउँ कि हम ओकरी कइँती अभिमुख होब अउर ओकर अनुसरण करब। तब हम लोग ओकरे सबहिं नेमन, निर्णयन अउ आदेसन क पालन करब जेनका उ हमरे पुरखन क दिहस।
59 मइँ आसा करत हउँ कि यहोवा हमार परमेस्सर सदा ही इ पराथना क अउर जउने चिजियन क मइँ याचना किहेउँ ह, याद राखी। मइँ पराथना करत हउँ कि यहोवा अपने सेवक राजा अउर अपने लोग इस्राएल क बरे इ सबइ सब कछू करी। मइँ पराथना करत हउँ कि उ हर रोज इ करी।
60 जदि यहोवा एन कामन क करी तउ संसार क सबहिं मनई इ जनिहीं कि मात्र यहोवा ही फुरइ परमेस्सर अहइ।
61 ऐ लोगो, तू पचन्क यहोवा हमरे परमेस्सर क वफ़दार अउर ओकरे बरे सच्चा होइ चाही। तू पचन्क ओकरे सबहिं नेमन अउ आदेसन क हमेसा अनुसरण अउ पालन करइ चाही। जइसा कि अबहुँ करत ह।”
62 तब राजा सुलैमान अउ ओकरे संग क इस्राएल क लोग यहोवा क बलि भेंट किहन।
63 सुमैलान बाईस हजार गोरुअन अउ एक लाख बीस हजार भेड़िन क मारेस। इ सबइ मेलबलि बरे रहिन। इहइ मारग रही जेहसे राजा अउ इस्राएल क लोग यहोवा क मन्दिर क समर्पण किहन।
64 उहइ दिन राजा सुलैमान मन्दिर क समन्वा क आँगन समपिर्त किहस। उ पचे होमबलि, अन्नबलि अउ मेलबलि क चबीर् क भेंट चढ़ाएस। उ इ एह बरे किहस कि एन सारी भेंटन क धारण करइ बरे यहोवा क समन्वा क काँसा क वेदी बहोत जियादा नान्ह रही।
65 इ तरह मन्दिर मँ राजा सुलैमान अउ इस्राएल क सारे लोग छुट्टी क पर्व मनाएन। सारा इस्राएल, उत्तर मँ हमात दरेर् स लइके दक्खिन मँ मिस्र क सीमा तलक हुवाँ मोजूद रहा। हुवाँ असंख्या लोग मोजूद रहेन। उ पचे सात दिना तलक यहोवा क संग मिलिके उत्सव मनाएन। तब उ पचे अगले सात दिनन तलक हुवाँ ठहरेन। उ पचे सब मिलिके चौदह दिनन तलक उत्सव मनाएन।
66 अगले दिन सुलैमान लोगन स घरे जाइ क कहेस। सबहिं लोग राजा क धन्यवाद दिहन, बिदा लिहन अउर उ पचे घरे चले गएन। उ पचे खुस रहेन काहेकि यहोवा अपने सेवक दाऊ क बरे अउर इस्राएल क लोगन क बरे बहोत सारी नीक चिजियन किहे रहेन।
1 Kings 9
1 इ तरह सुलैमान यहोवा क मन्दिर अउर अपने महल क बनाउब पूरा किहस। सुलैमान ओन सबहिं क बनाएस जेनकर निर्माण उ करइ चाहत रहा।
2 तब यहोवा सुलैमान क समन्वा फुन वइसे ही परगट भवा जइसे उ एकरे पहिले गिबोन मँ भवा रहा।
3 यहोवा ओहसे कहेस: “मइँ तोहार पराथना सुनेउँ। मइँ तोहरे निवेदन भी सुनेउँ, जउन तू मोहसे करवावइ चाहत रह्या। तू इ मन्दिर क बनाया अउर मइँ ऍका एक पवित्तर ठउर बनाएँउ ह। एह बरे हिआँ मोर सदा ही सम्मान होइ। मइँ एह पइ अपनी निगाह रखब अउर एकरे बारे मँ सदा ही सोचत रहब।
4 तोहका मोर सेवा वइसे ही करइ चाही जइसी तोहरे बाप दाऊद किहेस। उ एका मन क खराई अउ ईमानदारी स किहेस अउर तोहका मोरे नेमन अउर ओन आदेसन क पालन करइ चाही जेनका मइँ तोहका दिहेउँ ह।
5 “जदि तू इ सब कछू करत रहब्या तउ मइँ इ निहचित लखब कि इस्राएल क राजा सदा ही तोहरे परिवार मँ स ही कउनो होइ। इहइ प्रतिग्या अहइ जेका मइँ तोहरे बाप दाऊद स कहे रहेउँ। मइँ ओहसे कहे रहेउँ कि इस्राएल पइ सदा ही ओकरे सन्तानन मँ स एक क सासन होइ।
6 “मुला जदि तू या तोहार सन्तानन मोर अनुसरण करब तजत हीं, मोर दिए गए नेमन अउ आदेसन क पालन नाहीं करत हीं अउर दूसर देवता क सेवा करत अहीं तउ मइँ इस्राएल क उ देस तजइ क मजबूर करब जेका मइँ ओनका दिहेउँ ह। इस्राएल दूसर लोगन क बरे उदाहरण होइ अउर इस्राएल दूसर लोगन क मजाक क बिसय होइ। मइँ मन्दिर क पवित्तर किहेउँ ह। इ उ जगह अहइँ जहाँ लोग मोर सम्मान करत हीं। किन्तु जदि तू मोर आग्या क पालन नाहीं करत्या तउ एका मइँ बर्बाद कइ देब।
7
8 इ मन्दिर बर्बाद कइ दीन्ह जाइ। हर एक मनई जउन एका लखी अचम्भ अउ हैरान होइ। उ पचे पूछिहीं, ‘यहोवा इ देस क बरे अउर इ मन्दिर क बरे ऍतना भंयकर बात काहे किहेस?’
9 दूसर लोग जवाब देइहीं, ‘इ एह बरे भवा कि उ पचे यहोवा अपने परमेस्सर क तजि दिहस। उ ओनके पुरखन क मिस्र स बाहेर लिआए रहा। मुला उ पचे दूसर देवतन क अनुसरण करइ क निहचइ किहेन। उ पचे ओन देवतन क सेवा अउ पूजा करब सरु किहन। इहइ कारण अहइ कि यहोवा ओनके बरे ऍतना खौफनाक कार्य किहस।’“
10 यहोवा क मन्दिर अउ अपना महल बनावइ मँ सुलैमान क बीस बरिस लगेन।
11 बीस बरिस क पाछे, राजा सुलैमान सोर क राजा हीराम क गलील मँ बीस नगर दिहस। सुलैमान राजा हीराम क उ सबइ नगर दिहस काहेकि हीराम मन्दिर अउ महल बनावइ मँ सुलैमान क मदद किहेस। हीराम सुलैमान क ओतने सारे देवदारु अउर चीर बृच्छ तथा सोना दिहस जेतना उ चाहेस।
12 एह बरे हीराम सोर स एन नगरन क लखइ बरे जात्रा किहस, जेनका सुलैमान ओका दिहस। जब हीराम ओन नगरन क लखेस तउ उ खुस नाहीं भवा।
13 राजा हीराम कहेस, “जउन नगरन तू मोका दिहा ह उ सबइ का अहइँ?” राजा हीराम उ पहँटा क नाउँ काबूल प्रदेस धरेस अउर उ छेत्र आजु भी कबूल कहा जात ह।
14 हीराम सुलैमान क लगे लग भग नौ हजार पौंड सोना मन्दिर क बनावइ मँ उपयोग करइ बरे पठए रहा।
15 राजा सुलैमान दासन क अपने मन्दिर अउ महल बनावइ क बरे काम करइ क नाते मजबूर किहस। तब राजा सुलैमान एन दासन क उपयोग बहोत स चिजियन क बनावइ मँ किहस। उ मिल्लो बनाएस। उ यरूसलेम नगर क चारिहुँ कइँती देवार भी बनाएस। तब उ हासोर, मगिद्दो अउर गेजेर नगरन क फुन बनाएस।
16 बीते समइ मँ मिस्र क राजा गेजेर नगर क बिरूद्ध लड़ा रहा अउर ओका जराइ दीन्ह ग रहा। उ ओन कनानी लोगन क मार डाएस जउन हुवाँ रहत रहेन। सुलैमान फिरौन क बिटिया स बियाह किहेस। एह बरे फिरौन उ नगर क सुलैमान क बरे बियाह क भेंट क रुप मँ दिहस।
17 सुलैमान उ नगर क फुन बनाएस। सुलैमान खाले बथोरेन नगर क भी बनाएस।
18 राजा सुलैमान जुदैन रेगिस्तान मँ बालात अउ तामार नगरन क भी बनाएस।
19 राजा सुलैमान उ सबइ नगर भी बनाएस जहाँ उ अन्न अउर दूसर चिजियन क भण्डार करत रहत रहेन। उ अपने रथन अउ घोड़न क बरे जगह बनाएस। सुलैमान दूसर बहोत स चिजियन बनाएस जेनका उ यरूसलेम, लबानोन अउ अपने सासित दूसर सबहिं जगहन मँ चाहत रहा।
20 देस मँ अइसे लोग भी रहेन जउन इस्राएली नाहीं रहेन। उ सबइ लोग एमोरी, हित्ती, परिज्जी, हिब्बी अउर यबूसी रहेन।
21 किन्तु इस्राएली ओन लोगन क बर्बाद नाहीं कइ सके रहेन। किन्तु सुलैमान ओनका दास क रुप मँ अपने बरे काम करइ क मजबूर किहस। उ पचे अबहिं तलक दास अहइँ।
22 सुलैमान कउनो इस्राएली क अपना दास होइ बरे मजबूर नाहीं किहस। इस्राएल क लोग फउजी, राज्ज कर्मचारी, अधिकारी, नायक अउर रथचालक रहेन।
23 सुलैमान क परिजोजनन क साढ़े पाँच सौ पर्यवेच्छक रहेन। उ पचे मजदूरन क अधिकारी रहेन।
24 फिरौन क बिटिया दाऊद क नगर स हुवाँ गइ जहाँ सुलैमान ओकेर बरे बिसाल महल बनाएस। तब सुलैमान मिल्लों बनाएस।
25 हर बरिस तीन दाईं सुलैमान होमबलि अउ मेलबलि वेदी पइ चढ़ावत रहा। इ उहइ वेदी रही जेका सुलैमान यहोवा बरे बनाए रहा। राजा सुलैमान यहोवा क समन्वा सुगन्धि भी बारत रहा। एह बरे मन्दिर क बरे जरूरी चिजियन दिया करत रहा।
26 राजा सुलैमान एस्योन गेबेर मँ जहाज भी बनाएस। इ नगर एदोम पहँटा मँ लाल सागर क किनारे एलोत क लगे रहा।
27 राजा हीराम क लगे नाविक रहेन जउन समुदद्र क बारे मँ बढ़िया गियान रखत रहेन। राजा हीराम ओन मनइयन क सुलैमान क नाविक ब़ेडा मँ सुलैमान क मनइयन क संग सेवा करइ बरे पठएस।
28 सुलैमान क जहाज ओपोर क गएन। उ सबइ जहाज एकतीस हजार पाँच सौ पौण्ड सोना आपोर स सुलैमान क बरे लइके लउटेन।
1 Kings 10
1 सीबा क रानी सुलैमान क बारे मँ सुनेस। एह बरे उ कठिन सवालन स ओकर परीच्छा लेइ आइ।
2 उ सेवकन क बिसाल गिनती क संग यरूसलेम क जात्रा किहस। अनेक ऊँट मसालन, रतन अउ बहोत सा सोना ढोवत रहेन। उ सुलैमान स मिली अउर उ ओन सब सवालन क पूछेस जेनका उ सोच सकत रही।
3 सुलैमान सबहिं सवालन क जवाब दिहेस। ओकर कउनो भी सवाल ओका जवाब देइ बरे बहोत जियादा कठिन नाहीं रहा।
4 सीबा क रानी समुझ लिहस कि सुलैमान बहोत बुद्धिमान अहइ। उ उ सुन्नर महल क भी लखेस जेका उ बनाए रहा।
5 रानी राजा क मेज पइ भोजन भी लखेस। उ ओकरे अधिकारियन क एक संग मिलत लखेस। उ महल क सेवकन अउर पिलाइवालन जउन अच्छे ओढ़नन क पहिर रखे रहा ओनका भी लखेस। उ ओकर दावतन अउर उ भेंटन क लखेस जउन उ यहोवा क मन्दिर मँ चढ़ाएस रहा। ओन सबहिं चिजियन असल मँ ओका चकित कइ दिहन। ‘मानो ओकर मुँह क बोली बन्द होइ गवा!’
6 एह बरे रानी राजा स कहेस, “मइँ अपने देस मँ आप क बुद्धिमानी अउ बहोत सी बातन क बारे मँ सुनेउँ जउन आप किहन। उ सबइ सबहिं बातन फुरइ अहइँ।
7 मइँ एन बातन मँ तब तलक नाहीं पतियात जब तलक मइँ हिआँ नाहीं आइ अउर एन चिजियन क अपनी आँखियन स नाहीं लखेउँ। अब मइँ लखत हउँ कि मोका एकर आधा भी नाहीं कहा गवा रहा। जेतना मोका लोग कहे रहा तोहार बुद्धिमत्ता अउ सम्पत्ति ओहसे बहोत जियादा अहइ।
8 आप क मेहररुअन अउ आप क अधिकारी बहोत भाग्गसाली अहइँ। उ पचे रोजाना आप क सेवा कइ सकत हीं अउर आपका बुद्धिमत्ता स भरी बातन सुन सकत हीं।
9 आप क यहोवा परमेस्सर स्तुति जोग्गा अहइ। उ तोहका इस्राएल क राजा बनावइ मँ खुस भइ रहा। यहोवा परमेस्सर इस्राएल स हमेसा पिरेम करत ह। एह बरे उ आप क राजा बनाएस। आप नेमन क अनुसरण करत हीं अउर लोगन क संग निआव स भरा बेउहार करत हीं।”
10 तब सीबा क रानी राजा क लगभग नौ हजार पौण्ड सोना दिहेन। उ ओका अनेक मसालन अउ रतन भी दिहस। जेतना मसाला पहिले कबहुँ कउनो इस्राएल क लिआइके दिहे रहा। सीबा क रानी ओहसे जियादा मसालन सुलैमान क दिहस।
11 हीराम क जहान ओपोर स सोना लइ आएन। उ सबइ जहाज बहोत जियादा लकड़ी अउ रतन भी लिआएन।
12 सुलैमान लकड़ी क उपयोग मन्दिर अउ महल क सम्भारइ बरे किहस। उ लकड़ी क उपयोग गायकन क बरे वीणन अउ बाँसुरियन बनावइ मँ भी किहेस। दूसर कउनो भी मनई उ तरह क लकड़ी इस्राएल मँ कबहुँ नाहीं लिआवा, अउर कउनो भी मनई तब स उ प्रकार क लकड़ी नाहीं लखेस।
13 तब राजा सुलैमान सीबा क रानी क उ सबइ भेंटन दिहस जउन कउनो कउनो दूसर देस क सासक क सदा ही देत ह। तब उ ओका सब कछू दिहस जउन कछू भी उ माँगेस। एकरे पाछे रानी सेवकन सहित अपने देस क वापस लउट गइ।
14 राजा सुलैमान हर बरिस लगभग उन्नासी हजार नौ सौ बीस पौण्ड सोना प्राप्त करत रहा।
15 बइपार क जहाजन स सोना लिआए जाइ क अलावा उ वाषिक, बइपारियन अउ अरब क राजा लोग अउ देस क प्रसासकन क भी सोना प्राप्त किहन।
16 राजा सुलैमान दुइ सौ बड़की ढारन पीटा भवा सोना स बनाएस। हर एक ढार मँ लगभग पन्द्रह पौण्ड सोना लगा रहा।
17 उ पीटा भवा सोना स तीन सौ नान्ह ढारन भी बनाएस। हर एक ढार मँ लगभग चार पौण्ड सोना लगा रहेन। राजा ओनका उ भवन मँ धरेस जेका “लबानोन क वन” कहा जात रहा।
18 राजा सुलैमान एक ठु बिसाल हाथी दाँत क सिंहासन भी बनाएस। उ ओका निखालिस सोना स मढ़ेस।
19 सिंहासने पइ पहोंचइ बरे ओहमाँ छ: पैड़ियन रहिन। सिंहासन क पिछला भाग सिरे पइ गोल रहा। कुस्री क दुइनउँ कइँती हत्थन अउर कुर्सी क बगल लगे रहेन, अउ कर्सी क दुइनउँ हत्थन क खाले सिंहन क मूरती बनी रहिन।
20 छ: पैड़ियन मँ स हर एक पइ दुइ सिंह रहेन। हर एक क सिरे पइ एक सेर रहा। कउनो भी दूसर राज्ज मँ इ तरह क कछू भी नाहीं रहा।
21 सुलैमान क सबहिं पियालन अउ मग सोना क बने रहेन। सबहिं बरतन “लबानोन क वन” नाउँ क भवन मँ रखा रहेन उ सबइ भी निखालिस सोना क बने रहेन। हुवाँ महल मँ कछू भी चाँदी क नाहीं बना रहा। सुलैमान क समइ मँ सोना ऍतना जियादा रहा कि लोग चाँदी क महत्वपूर्ण नाहीं समुझत रहेन।
22 राजा क लगे बहोत स बइपार क जहाज भी रहेन जेनका उ दूसर देसन स चिजियन क बइपार करइ बरे बाहेर पठवत रहा। इ सबइ जहाज हीराम क जहाज क संग जात्रा करत रहेन। हर तीसरे बरिस जहाज सोना, चाँदी, हाथी दाँत अउ गोरु लिआवत रहेन।
23 सुलैमान भुइँया पइ महानतम राजा रहा। उ सबहिं राजा लोगन स जियादा धनवान अउ बुद्धिमान रहा।
24 सर्वत्र लोग राजा सुलैमान क लखइ चाहत रहेन। उ पचे परमेस्सर क जरिये दीन्ह गइ ओकर बुद्धिमानी क बात सुनइ चाहत रहेन।
25 हर बरिस लोग राजा क दर्सन करइ आवत रहेन अउ हर मनई भेंट लिआवत रहा। उ पचे सोना, चाँदी, ओढ़नन, अस्त्र-सस्त्र, मसालन, घोड़न अउ खच्चरन लिआवत रहेन।
26 एह बरे सुलैमान क लगे अनेक रथ अउर घोड़न रहेन। ओकरे पास चौदह सौ रथ अउर बारह हजार घोड़न रहेन। सुलैमान एन रथन क बरे बिसेस नगरन बनाएस। राजा सुलैमान इ नगरन मँ कछू रथन राखेन अउर कछू क अपने लगे यरूसलेम मँ भी रखेस।
27 राजा इस्राएल क बहोत सम्पन्न बनाइ दिहस। यरूसलेम नगर मँ चाँदी ऍतनी साधारण रही जेतनी चट्टानन, देवदारु क लकड़ी अउ पहाड़न पइ उगइवाले असंख्य अंजीर क बृच्छ साधारण रहेन।
28 सुलैमान घोड़न क मिस्र अउ कुए स मँगाएस। ओकरे बइपारी ओनका कुए मँ खरीदेस रहेन अउर ओनका इस्राएल लिआवत रहेन।
29 मिस्र क एक ठु रथ क कीमत लगभग पन्द्रह सौ पौण्ड चाँदी रही अउर एक ठु घोड़े क कीमत पौने चार पौण्ड चाँदी रही। सुलैमान घोड़न अउर रथ हित्ती अउ अरामी राजा लोगन क हाथ बेचत रहा।
1 Kings 11
1 राजा सुलैमान बहोत सारे गैर इस्राएली मेहररूअन स पिरेम किहे रहा। एनमाँ फिरौन क बिटिया, हित्ति, मोआबी, अम्मोनी, एदोमी अउर सीदोनी मेहररुअन रहिन।
2 बीते समइ मँ यहोवा इस्राएल क लोगन स कहे रहा, “तोहका दूसर रास्ट्रन क मेहररुअन स बियाह नाहीं करइ चाही। जदि तू अइसा करब्या तउ उ सबइ लोग तोहार हिरदय क आपन देवतन क अनुसरण करइ बरे फिराइ लेइ।” किन्तु सुलैमान ओन मेहररुअन क पिरेम पासा मँ पड़ा।
3 सुलैमान क सात सौ पत्नियन रहिन। (इ सबइ राजकुमारी रहिन।) ओकरे पास तीन सौ दासियन भी रहिन, जउन ओकर रखैल रहिन। ओकरी पत्नियन ओकरे हिरदय क परमेस्सर स दूर हटाइ दिहेन।
4 जब सुलैमान बुढ़वा भवा तउ ओकर पत्नियन ओहसे दूसर देवतन क अनुसरण करइ बरे मज़बूर किहेन। सुलैमान पूरी हिरदय स यहोवा क अनुसरण नाहीं किहेस जउने तरह ओकर बाप दाऊद किहे रहा।
5 सुलैमान सीदोन क देवी, असतोरेत क पूजा किहस। उ अम्मोनियन क भयानक देवमूरति, मिलकोम क भी पूजा किहेन।
6 इ तरह सुलैमान यहोवा क बरे अपराध किहस। सुलैमान यहोवा क अनुसरण पूरी तरह उहइ प्रकार नाहीं किहस जउने प्रकार ओकर बाप दाऊद किहे रहा।
7 सुलैमान कमोस क पूजा बरे ऊँच ठउर बनाएस। कमोस मोआबी लोगन क भयानक देवमूरति रही। सुलैमान कामोस क ऊँच ठउर क यरूसलेम क अगली पहाड़ी पइ बनवाएस। सुलैमान उहइ पहाड़ी पइ मोलेक क ऊँच ठउर भी बनाएस। मोलेक अम्मोनी लोगन क भयानक देवमूरति रही।
8 तब सुलैमान दूसर देसन क अपनी सबहिं मेहररुअन क बरे उहइ किहस। ओकर मेहररुअन सुगन्धि बारत रहिन अउर अपने देवतन क बलि भेंट करत रहिन।
9 सुलैमान यहोवा, इस्राएल क परमेस्सर क अनुसरण करइ स दूर हट गवा। ओकरे पाछे यहोवा सुलैमान क लगे दुइ दाईर् प्रगट भवा रहा। एह बरे यहोवा सुलैमान पइ कोहाइ गवा।
10 यहोवा सुलैमान स कहेस कि तोहका दूसर देवतन क अनुसरण नाहीं करइ चाही। किन्तु सुलैमान यहोवा क आदेस क पालन नाहीं किहस।
11 एह बरे यहोवा सुलैमान स कहेस, “तू मोरे सँग कीन्ह गइ आपन करार क तोड़ब पसन्द किहा ह। तू मोरे आदेसन क पालन नाहीं किहा ह। एह बरे मइँ प्रतिग्या करत हउँ कि मइँ तोहसे तोहार राज्ज लइ लेब। मइँ प्रतिग्या करत हउँ कि मइँ तोहसे तोहार राज्ज धोर लेब। मइँ एका तोहरे सेवकन मँ स एक क देब।
12 मुला मइँ तोहरे बाप दाऊद स पिरेम करत रहेउँ। एह बरे जब तलक तू जिअत अहा तब तलक मइँ तोहार राज्ज नाहीं लेब। मइँ तब तलक प्रतीच्छा करब जब तलक तोहार पूत राजा नाहीं बन जात। तब मइँ ओहसे एका लेब।
13 तउ भी मइँ तोहरे पूत स सारा राज्ज नाहीं लेब। मइँ ओका एक परिवार समूह पइ हुकूमत करइ देब। इ मइँ दाऊद बरे करब। उ एक ठु नीक सेवक रहा। अउर इ मइँ अपने चुने भए नगर यरूसलेम बरे भी करब।”
14 उ समइ यहोवा एदोमी हदद क सुलैमान क दुस्मन बनाएस। हदद एदोम क राजा परिवार क रहा।
15 इ इ तरह घटित भवा। कुछ समइ पहिले दाऊद एदोम क हराएस। योआब दाऊद क सेना क सेनापति रहा। योआब एदोम मँ मरे मनइयन क दफनावइ गवा। तब योआब हुवाँ जिअत सबहिं मनइयन क मार डाएस।
16 योआब अउ सारे इस्राएली एदोम मँ छ: महीने तलक ठहरेन। उ समइ क बीच उ पचे एदोम क सबहिं मनईयन क मार डाएन।
17 मुला उ समइ हदोद अबहिं एक ठु किसोर ही रहा। एह बरे हदद मिस्र क पराइ निकरा। ओकरे बाप क कछू सेवक ओकरे संग गएन।
18 उ पचे मिद्यान क तजेन अउर उ पचे परान क गएन। हुवाँ दूसर लोग भी ओकरे संग सामिल भएन। अउर पूरा समूह मिस्र गएन। उ पचे मिस्र क राजा फिरौन क लगे गएन अउर ओहसे मदद माँगेन। फिरौन हदद क एक ठु घर अउर कछू भुइँया दिहस। फिरौन ओका मदद भी दिहस अउर ओका खाइ क बरे भोजन भी दिहस।
19 फिरौन हदद क बहोत पसन्द किहस यह बरे उ ओका एक ठु पत्नी भी दिहस। मेहरारु फिरौन क पत्नी तहपनेस क बहिन रहिन।
20 एह बरे तहपनेस क बहन हदद स बीही गइ। ओकर एक ठु पूत गनूबत नाउँ क भवा। रानी तहपनेस गनूबत क अपने बच्चन क संग फिरौन क महल मँ बड़ा होइ दिहस।
21 मिस्र मँ हदद सुनेस कि दाऊद मर गवा। उ इ भी सुनेस कि सेनापित योआब मर गवा। एह बरे हदद फिरौन स कहेस, “मोका अपने देस मँ अपने घर वापस लउट जाइ द्या।”
22 किन्तु फिरौन जवाब दिहेस, “मइ तोहका सारी चीच, जेनकर हिआँ जरुरत अहइ, दीन्ह ह। तू अपने देस मँ वापस काहे जाइ चाहत अहा?”हदद जवाब दिहेस, “मेहरबानी कइके मोका घरे लउटइ द्या।”
23 यहोवा दूसरे मनई क भी सुलैमान क खिलाफ दुस्मन बनाएस। इ मनई एल्यादा क पूत रजोन रहा। रजोन अपने सुआमी क हिआँ स पराइ गवा रहा। ओकर सुआमी सोबा क राजा हददेजेर रहा।
24 दाऊद जब सोबा क सेना क हराइ दिहस तब ओकरे पाछे रजोन कछू मनइयन क बटोरेस अउर एक ठु नान्ह सेना क प्रमुख बन गवा। रजोन दमिस्क गवा अउर हुवइँ ठहरा। रजोन दमिस्क क राजा होइ गवा।
25 रजोन अराम पइ हुकूमत करत रहा। रजोन इस्राएल स घिना करत रहा, एह बरे सुलैमान जब तलक जिअत रहा उ पूरे समइ इस्राएल क दुस्मन बना रहा। रजोन अउ हदद इस्राएल बरे बड़की परेसानियन पइदा किहन।
26 नबात क पूत यारोबाम सुलैमान क सेवकन मँ स एक रहा। यारोबाम एप्रैम परिवार समूह स रहा। उ सरेदा नगर क रहा। यारोबाम क महतारी क नाउँ सरुयाह रहा। ओकर बाप मर चुका रहा। उ राजा क खिलाफ होइ गवा।
27 यारोबाम राजा क खिलाफ कइसे भवा। एकर कहानी इ अहइ। सुलैमान मिल्लो बनावत रहा अउर आपन बाप दाऊद क नगर क देवार क मजबूत करत रहा।
28 यारोबाम एक ठु बलवान मनई रहा। सुलैमान लखेस कि इ जवान एक ठु नीक स्रमिक अहइ। एह बरे सुलैमान ओका यूसुफ परिवार समूह क स्रमिकन क अधिकारी बनाइ दिहस।
29 एक दिन यारोबाम यरूसलेम क बाहेर जात्रा करत रहा। सीलो क अहिय्याह नबी ओहसे सड़किया पइ मिला। अहिय्याह एक ठु नवा अंगरखा पहिरे रहा। इ दुइनउँ मनई देस मँ अकेले रहेन।
30 अहिय्याह आपन नवा अंगरखा लिहस अउर एका बाहर टूकन मँ फार डाएस।
31 तब अहिय्याह यारोबाम स कहेस, “इ अंगरखा क दस टूकन तू अपने बरे लइ ल्या। यहोवा इस्राएल क परमेस्सर कहत ह, ‘मइँ सुलैमान स राज्ज क छीन लेब अउर मइँ परिवार समूहन मँ स दस क तोहका देब।
32 अउर मइँ दाऊद क परिवार क सिरिफ एक परिवार समूह पइ हुकूमत करइ देब। मइँ ओनका सिरिफ इ समूह क लेइ देब। मइँ इ अपने दाऊद अउ यरूसलेम बरे अइसा करइ देब। यरूसलेम उ नगर अहइ जेका मइँ सारे इस्राएल के परिवार समूह स चुनेउँ ह।
33 मइँ सुलैमान स राज्ज लइ लेब काहेकि उ मोर अनुसरण करब तजि दिहस। उ सीदोनी देवमूरति अस्तोरेत, मोआबी देवता कमोस अउ अम्मोनी देवता मिल्कोम क पूजा करत ह। सुलैमान उ नाहीं करत ह जउन मोरे नजर मँ नीक अहइ। उ मोरे नेमन अउ आदेसन क पालन नाहीं करत। उ उ मारग मँ नाहीं रहत जेह पइ ओकर बाप दाऊद रहत रहा।
34 एह बरे मइँ राज्ज क सुलैमान क परिवार स लइ लेब। किन्तु मइँ सुलैमान क ओकरे बाकी जिन्नगी भइ ओनकर सासक रहइ देब। इ मइँ अपने सेवक दाऊद बरे करब। मइँ दाऊद क एह बरे चुने रहेउँ कि उ मोर सबहिं आदेसन व नेमन क पालन करत रहा।
35 मुला मइँ ओकरे पूत स राज्ज लइ लेब। अउर मइँ तोहका दस परिवार समूहन पइ हुकूमत करइ क अनुमति देब।
36 मइँ सुलैमान क पूत क एक परिवार समूह पइ हुकूमत करत भए रहइ देब। मइँ एका एह बरे करब कि मोर सेवक दाऊद क हुकूमत यरूसलेम मँ मोर समन्वा सदा ही रही। यरूसलेम उ नगर अहइ जेका मइँ आपन निजी नगर चुनेउँ ह।
37 मुला मइँ तोहका ओन सबहिं पइ हुकूमत करइ देब जेका तू चाहत अहा। तू पूरे इस्राएल पइ हुकूमत करब्या।
38 अगर तू उ करब्या जेका मइँ आदेस दिहेउँ ह अउर तू सच्चाई क संग रहब्या अउर अउर तू मोरे सारे नेमन अउ आदेसन क पालन करब्या जइसा मोर सेवक दाऊद किहे रहा, तउ मइँ तोहरे संग रहब। मइँ तोहरे परिवार क राजा लोगन क परिवार वइसे ही बनाइ देब जइसे मइँ दाऊद क बनाएउँ। मइँ तोहका इस्राएल देब।
39 मइँ दाऊद क सन्तानन क ओकर सजा देब जउन सुलैमान किहस। किन्तु मइँ हमेसा क बरे ओनका सजा नाहीं देब।’“
40 सुलैमान यारोबाम क मार डावइ क जतन किहस। मुला यारोबाम मिस्र पराइ गवा। उ मिस्र क राजा सीसक क लगे गवा। यारोबाम हुँवा सुलैमान क मरि तलक रहा।
41 सुलैमान अपने सासन-काल मँ बहोत बड़के अउर बुद्धिमानी स पूर्ण काम किहस। जेनकर विवरण “सुलैमान क इतिहास-ग्रन्थ” मँ लिखा अहइ।
42 सुलैमान यरूसलेम मँ पूरे इस्राएल पइ चालीस बरिस तलक हुकूमत किहस।
43 तब सुलैमान मरा अउ अपने पुरखन क संग दफनावा गवा। उ अपने बाप क दाऊद नगर मँ दफनावा गवा, अउर ओकर पूत रहूबियाम ओकरे जगह पइ राजा बना।
1 Kings 12
1 नबात क पूत यारोबाम तबउ मिस्र मँ रहा, जहाँ उ सुलैमान स भागके पहोंेंचा रहा। जब उ सुलैमान क मउत क खबर सुनेस तउ उ एप्रैम क पहाड़ियन मँ अपने जेरदा नगर मँ वापस लउट आवा।राजा सुलैमान मरा अउर अपने पुरखन क संग दफनावा गवा। ओकर पाछे ओकर पूत रहूबियाम नवा राजा बना।
2
3 इस्राएल क सबहिं लोग सकेम गएन। उ पचे रहूबियाम का राजा बनावइ गएन। रहूबियाम भी राजा बनइ बरे सकेम गवा। लोग रहूबियाम स कहेन,
4 “तोहार बाप हम लोगन क बहोत कठोर मेहनत करइ बरे मजबूर किहस। अब तू एका हम लोगन बरे कछू सरल करा। उ कठिन काम क बन्द करा जेका करइ बरे तोहार बाप हम क मजबूर किहेस ह। तब हम तोहार सेवा करब।”
5 रहूबियाम जवाब दिहस, “तीन दिन मँ मोरे लगे वापस लउटिके आवा अउर मइँ जवाब देब।” एह बरे लोग चले गएन।
6 कछू अग्रज लोग रहेन जउन सुलैमान क जिअत रहत ओकरे निर्णय करइ मँ मदद करत रहेन। एह बरे राजा रहूबियाम एन मनइयन स पूछेस कि ओका का करइ चाही। उ कहेस, “आप लोग क सोचत हीं, मोका एन लोगन क जवाब देइ चाही?”
7 अग्रज लोग जवाब दिहन, “जदि आजु तू ओनके सेवक क तरह रहब्या अउर ओनका सेवा करब्या अउर जदि तू दयापूर्वक ओनसे बातन करब्या तब उ पचे तोहार सदा सेवा करिहीं।”
8 मुला रहूबियाम ओनकर इ सलाह नाहीं मानेस। उ ओन नउजवानन स सलाह लिहस जउन ओकर मीत रहेन।
9 रहूबियाम कहेस, “लोग इ कहत हीं, ‘हम क ओहसे सरल काम दया जउन तोहार बाप दिहे रहा।’ तू का सोचत ह, मोका लोगन क कइसे जवाब देइ चाही? मइँ ओनसे का कहउँ?”
10 राजा क जवान सलाहकारन ओन स कहेस, “उ सबइ लोग तोहरे लगे आएन अउर उ पचे कहेन, ‘तोहार बाप हम क कठिन मेहनत करइ बरे मजबूर किहस। अब हम लोगन क काम सरल करइँ।’ एह बरे तोहका ओनसे कहइ चाही, ‘मोर नान्ह उँगरी मोरे बाप क पूरे तने स जियादा सक्तीसाली अहइ।
11 मोर बाप तोहका कठिन मेहनत करइ क मजबूर किहस। किन्तु मइँ ओहसे भी बहोत कठिन काम कराउब। मोर बाप तोहसे काम लेइ बरे कोड़न क उपयोग किहे रहा। मइँ तोहका बिच्छू2स पीटब।’“
12 रहूबियाम लोगन स कहे रहा, “तीन दिन मँ मोरे लगे वापस आवा।” एह बरे तीन दिन पाछे इस्राएल क सबहिं लोग रहूबियाम क लगे लउटेन।
13 उ समइ राजा रहूबियाम ओनसे कठोर सब्द कहेस। उ अग्रजन क सलाह न मानेस।
14 उ उहइ किहस जउन ओकर जवान सलाहकारन कइ क सलाह दिह्स। उ कहेस, “मोर बाप तोहका कठिन मेहनत करइ क मजबूर किहस। एह बरे मइँ तोहका अउर जियादा काम देब। मोर बाप तोहका कोड़ा स पीटेस। किन्तु मइँ तोहका बिच्छू स पीटब।”
15 एह बरे राजा उ नाहीं किहस जेका लोग चाहत रहेन। यहोवा अइसा होइ दिहस। यहोवा इ आपन उ प्रतिग्या क पूरा करइ बरे किहस जउन उ नाबात क पूत यारोबाम क संग किहे रहा। यहोवा अहिय्याह नबी क उपयोग इ प्रतिग्या करइ बरे किहे रहा। अहिय्याह सीलो क रहा।
16 इस्राएल क सबहिं लोग समुझ लिहन कि नवा राजा ओनकर बात अनसुनी कइ दिहस ह। एह बरे लोग राजा स कहेन, “का हम दाऊद क परिवार क अंग अही? नाहीं। का हम क यिसै क कउनो भुइँया मिला अहइ? नाहीं। एह बरे इस्राएलियन हम अपने घर चलइँ। दाऊद क पूत क अपने लोगन पइ हुकूमत करइ द्या।” एह बरे इस्राएल क लोग अपने घरे वापस गएन।
17 मुला रहूबियाम फुन भी ओन इस्राएलियन पइ हुकूमत करइ जारी रखत रहा, जउन यहूदा क नगर मँ रहत रहेन।
18 अदोराम नाउँ क एक ठु मनई सब स्रमिकन क अधिकारी रहा। राजा रहूबियाम अदोराम क लोगन स बातचीत करइ बरे पठएस। किन्तु इस्राएल क लोग ओह पइ तब तलक पाथर बरसाएन जब तलक उ नाहीं मर गवा। तब राजा रहूबियाम अपने रथे तलक दउड़ा अउर यरूसलेम क पराइ निकरा।
19 इ तरह इस्राएल दाऊद क परिवार स विद्रोह कइ दिहस अउर उ पचे अबहुँ भी आजु तलक दाऊद क परिवार क खिलाफ अहइँ।
20 इस्राएल क सबहिं लोग सुनेन कि यारोबाम वापस लउट आवा ह। एह बरे उ पचे एक सभा मँ न्यौतेन अउर ओका पूरे इस्राएल क राजा बनाइ दिहन। सिरिफ यहूदा क परिवार समूह ही एक मात्र परिवार समूह रहा जउन दाऊद क परिवार क अनुसरण करत रहा।
21 रहूबियाम यरूसलेम क वापस गवा। उ यहूदा क परिवार समूह अउ बिन्यामीन क परिवार समूह क बटोरेस। इ एक लाख अस्सी हजार मनइयन क फउज रही। रहूबियाम इस्राएल क लोगन क खिलाफ जुद्ध लड़इ चाहत रहा। उ अपने राज्ज क वापस लेइ चाहत रहा।
22 किन्तु यहोवा परमेस्सर क एक मनई स बातन किहस। ओकर नाउँ समायाह रहा। यहोवाह कहेस,
23 “यहूदा क राजा, सुलैमान क पूत, रहूबियाम अउ यहूदा अउ बिन्यामीन क सबहिं लोगन अउर बाकी सबहिं लोगन स बात करा।
24 ओनसे कहा, ‘यहोवा कहत ह कि तू पचन्क अपने भाइयन इस्राएल क लोगन क खिलाफ जुद्ध मँ नाहीं जाइ चाही। तू पचन्क घरे लउटि जाइ चाही। मइँ एन सबहिं घटनन क घटित होइ दिहेउँ ह।’“ एह बरे रहूबियाम क सेना के मनइयन यहोवा क आदेस मानेन। उ पचे, सबहिं अपने घरे लउटि गएन।
25 सकेम, एप्रैम क पहाड़ी प्रदेस मँ एक नगर रहा। यारोबाम सकेम क एक सुदृढ़ नगर बनाएस अउर ओहमाँ रहइ लाग। एकरे पाछे उ पनूएल नगर क गवा अउर ओका भी सुदृढ़ किहस।
26 यारोबाम अपने मने मँ सोचेस, “राज्ज फिर स दाऊद क परिवार क लगे वापस जाइ सकत ह।
27 जदि लोग यरूसलेम मँ यहोवा क मन्दिर मँ बलि चढ़ाइ बरे जात जारी रखेन तउ होइ सकत ह कि उ पचे इ चाही हीं दाऊद क परिवार ओन लोगन पइ सासन करा। होइ सकत ह कि लोग फुन यहूदा क राजा रहूबियाम क अनुसरण करब सुरु कइ देइहीं। तब उ पचे मोका मार डइहीं।”
28 एह बरे राजा अपने सलाहकारन स पूछेस कि ओका का करइ चाही? उ पचे ओका आपन सलाह दिहन। एह बरे यारोबाम दुइ ठु सुनहरे बछवन बनाएस। राजा यारोबाम लोगन स कहेस, “तोहका उपासना करइ बरे यरूसलेम जाइ बंद कइ देइ चाही। इस्राएलियन, इ सबइ देवता अहइँ जउन तू पचन्क मिस्र स बाहेर लइ आएन।”
29 राजा यारोबाम एक ठु सुनहरा बछवा क बेतेल मँ रखेस। उ दूसर सुनहरे बछवा क दान मँ रखेस।
30 किन्तु इ बहोत संगीन पाप होइ गवा। इस्राएल क लोग बेतेल अउ दान नगरन क जात्रा बछवन क पूजा करइ बरे किहन।
31 यारोबाम ऊँच जगहन, पइ पूजा घर भी बनाएस। उ इस्राएल क अलग अलग परिवार समूहन स याजक भी चुनेस। (उ सिरिफ लेवी परिवार समूह स याजक नाहीं चुनेस।)
32 अउर राजा यारोबाम एक ठु नवा पर्व सुरु किहस। इ पर्व यहूदा क “फसहपर्व” क तरह रहा। किन्तु इ पर्व अठएँ महीने क पन्द्रहवे दिन रहा। पहिले महीने क पन्द्रहवें दिन नाहीं। उ समइ राजा बेतेल नगर क वेदी पइ बलि भेंट करत रहा अउर उ बलि ओन बछवन क भेंट करत रहा जेनका उ बनवाए रहा। उ बेतेल मँ याजकन क भी ऊँची जगह पइ सेवा करइ बरे जेका उ बनवाए रहा चुनेस।
33 एह बरे राजा यारोबाम इस्राएलियन क खातिर पर्व बरे अपना ही समइ चुनेस। इ अठएँ महीने क पन्द्रहवाँ दिन रहा। ओन दिनन उ उ वेदी पइ बलि भेंट करत रहा अउर सुगन्धि बारत रहा जेका उ बेतेल नगर मँ बनाए रहा।
1 Kings 13
1 यहोवा यहूदा क निवासी, परमेस्सर क एक मनई क बेतेल नगर मँ जाइ का आदेस दिहस। राजा यरोबाम उ समइ सुगन्धि भेंट करत भवा वेदी क लगे खड़ा रहा जउने समइ परमेस्सर क मनई हुवाँ पहोंचा।
2 यहोवा उ समइ परमेस्सर क मनई क आदेस दिहस कि तू वेदी क खिलाफ बोल्या। उ कहेस, “वेदी, यहोवा तोहसे कहत ह: ‘दाऊद क परिवार मँ एक पूत योसिय्याह नाउँ क पइदा होइ। इ सबइ याजक अब ऊँच जगहन पइ पूजा करत अहइँ। किन्तु वेदी, योसिय्याह ओन याजकन क तोह पइ रखी अउर उ ओनका मार डाइ। अब उ सबइ याजक तोह पइ सुगन्धि बारत हीं। किन्तु योसिय्याह तोह पइ नर-अस्यियन क बारी। तब तोहार उपयोग दुबारा नाहीं होइ सकी।’“
3 परमेस्सर क मनई लोगन क नबुवत वाली प्रमाण दिहस कि इ सब घटित होइ। उ कहेस, “यहोवा जेकरे बारे मँ मोहसे कहेस ह ओकर प्रमाण इ अहइ। यहोवा कहेस, ‘इ वेदी टूकन टूकन मँ टूट जाइ अउर एकर राख जमीन पइ गिर पड़ी।’“
4 राजा यारोबाम परमेस्सर क मनई स बेतेल मँ वेदी क बरे दीन्ह सँदेसा सुनेस। उ वेदी स हाथ हींच लिहेस अउर मनई कइँती सकत किहस। उ कहेस, “इ मनई क बन्दी बनाइ ल्या।” मुला राजा जब इ कहेस तउ ओकरे हाथे क लगवा मार गवा। उ ओका हलाइ नाहीं सका।
5 वेदी क टूका-टूका होइ गएन। ओकर सारी राख भुइँया पइ गिर पड़ी। इ प्रमाण रहा जउन कि परमेस्सर क मनई लोगन क दिहस। इ साबित किहस कि इ वचन परमेस्सर क तरफ स रहा।
6 तब राजा यारोबाम परमेस्सर क मनई स कहेस, “मेहरबानी कइके यहोवा अपने परमेस्सर स मोरे बरे पराथना करइँ। यहोवा स याचना करइँ कि इ मोर भुजा स्वस्थ कइ देइँ।”एह बरे “परमेस्सर क मनई” यहोवा क पराथना किहेस अउर राजा क भुजा स्वस्थ होइ गइ। इ वइसे ही होइ गइ जइसे पहिले रही।
7 तब राजा परमेस्सर क मनई स कहेस, “मेहरबानी कइके मोरे संग घरे चलइँ। आवइँ अउर मोरे संग भोजन करइँ मइँ आप क एक ठुु भेंट देब।”
8 किन्तु परमेस्सर क मनई राजा स कहेस, “मइँ आप क संग घरे नाहीं जाब। जदि आप मोका अपना आधा राज्ज भी देइँ तउ भी मइँ नाहीं जाब। मइँ इ ठउरे पइ न कछू खाब, न ही कछू पिअब।
9 यहोवा आदेस दिहस ह कि मइँ न कछू खाउँ अउर न ही पिउँ अउर न ही उ मारग स जात्रा करउँ जेकर उपयोग मइँ हिआँ आवत समइ किहेस।”
10 एह बरे ओहसे अलग सड़क स जात्रा किहस। उ उहइ सड़क क उपयोग नाहीं किहस जेकर उपयोग उ बेतेल क आवत समइ किहे रहा।
11 बेतेल नगर मँ एक ठु ब़ुढवा नबी रहत रहा। ओकर पूत आएन अउर उ पचे ओका बताएन कि परमेस्सर क मनई बेतेल मँ का किहस। उ पचे अपने बाप स उ भी किहेन कि जउन परमेस्सर क मनई राजा यारोबाम स कहे रहा।
12 बुढ़वा नबी कहेस, “जब उ चला तउ कउने सड़क स गवा?” एह बरे पूतन अपने बाप क उ सड़क देखाएन जेहसे यहूदा स आवइवाला परमेस्सर क मनई गवा रहा।
13 बुढ़वा नबी अपने पूतन स अपने गदहे पइ काठी धरइ बरे कहेस। एह बरे उ पचे काठी गदहे पइ डाएन। तब नबी अपने गदहे पइ चल पड़ा।
14 बुढ़वा नबी परमेस्सर क मनई क पाछे गवा। बुढ़वा नबी परमेस्सर क मनई क एक ठु बाँजबृच्छ क खाले बइठे लखेस। बुढ़वा नबी पूछेस, “का आप उहइ परमेस्सर क मनई अहइँ जउन यहूदा स आएन ह?” परमेस्सर क मनई जवाब दिहस, “हाँ, मइँ ही अहउँ।”
15 एह बरे बुढ़वा नबी कहेस, “मेहरबानी कइके घरे चलइँ अउर मोरे संग भोजन करइँ।”
16 मुला परमेस्सर क मनई जवाब दिहस, “मइँ तोहरे संग घरे नाहीं जाइ सकत हउँ। मइँ इ ठउरे पइ तोहरे संग खाइ पीइ नाहीं सकत।
17 यहोवा मोहसे कहेस, ‘तू उ ठउरे पइ कछू खाया पिआ नाहीं अउर तोहका उहइ सड़किया स वापस लउटब भी नाहीं अहइ जेहसे तू हुवाँ आया।’“
18 तब बुढ़वा नबी कहेस, “किन्तु मइँ भी तोहरी तरह नबी हउँ।” तब बुढ़वा नबी एक झूठ बोलेस। उ कहेस, “यहोवा क हिआँ स एक ठु सरगदूत मोरे लगे आवा अउर यहोवा क सब्द मोरे स कहेस कि एका अपने घरे ले जा अउर एका हुआँ भोजन पानी करइ दया।”
19 एह बरे परमेस्सर क मनई बुढ़वा नबी क घर गवा अउर ओकर संग खाएस-पियस।
20 जब उ पचे मेज पइ बइठे रहेन तउ यहोवा बुढ़वा नबी स कहेस,
21 अउर बुढ़वा नबी यहूदा क निवासी परमेस्सर क मनई क संग बातचीत किहेस। उ कहेस, “यहोवा कहेस कि तू ओकरी आग्या क पालन नाहीं किहा। तू उ नाहीं किहा जेकरे बरे यहोवा क आदेस रहा।
22 यहोवा आदेस दिहे रहा कि तोहका इ जगह पइ कछू भी खाइ या पिअइ नाहीं चाही। किन्तु तू वापस लउट्या अउर तू खाया पिआ। एह बरे तोहार ल्हास तोहरे परिवार क कब्रगाह मँ नाहीं दफनावा जाइ।”
23 परमेस्सर क मनई भोजन करब अउर पिअब खतम किहस। तब बुढ़वा नबी ओकरे बरे गदहे पइ काठी कसेस अउर उ चला गवा।
24 घरे कइँती जात्रा करत समइ सड़क पइ एक ठु सेर हमला किहस अउर परमेस्सर क मनई क मार डाएस। नबी क ल्हास सड़क पइ पड़ी रही। गदहा अउ सेर ल्हास क लगे खड़े रहेन।
25 कछू दूसर मनई उ सड़क स जात्रा करत रहेन। उ पचे ल्हास क लखेन अउर सेर क खड़ा पाएन। उ सबई मनई उ नगर क आएन जहाँ बुढ़वा नबी रहत रहा अउर हुवाँ उ बताएस जउन उ पचे सड़क पइ लखे रहेन।
26 बुढ़वा नबी उ मनई क धोखा दिहे रहा अउर ओका वापस लइ गवा रहा। उ जउन कछू भवा रहा उ सुनेस अउर उ कहेस, “उ परमेस्सर क मनई अहइ जउन यहोवा क आदेस क पालन नाही किहेस। एह बरे यहोवा ओका मारइ बरे एक ठु सेर पठएस। यहोवा कहेस कि ओका इ करइ चाही।”
27 तब नबी अपने पूतन स कहेस, “मोरे गदहे पइ काठी डावा।” एह बरे ओकर पूतन ओकरे गदहे पइ काठी डाएन।
28 बुढ़वा नबी गवा अउर ओकरे ल्हासे क सड़किया पइ पड़ा पाएस। गदहा अउ सेर तब भी ओकरे लगे खड़ा रहेन। सेर ल्हास क नाहीं खाए रहा अउ गदहे क भी चोट नाहीं पहोंचाए रहा।
29 बुढ़वा नबी ल्हास क अपने गदहे पाइ राखेस अउर उ ल्हस पइ रोइ बरे अउर ओका दफनाइ बरे नगर वापस लाएस।
30 बुढ़वा नबी ओका अपने परिवार क कब्रगाह मँ दफनाएस। बुढ़वा नबी ओकरे बरे रोएस। बुढ़वा नबी कहेस, “ए मोरे भाई मइँ तोहरे बरे दुःखी हउँ।”
31 इ तरह बुढ़वा नबी ल्हास क दफनाएस। तब उ अपने पूतन स कहेस, “जब मइँ मरउँ तउ मोका इहइ कब्र मँ दफनावा। मोरे हाड़न क ओकरे हाड़न क निचके रख्या।
32 जउन बातन यहोवा ओकरे जरिये कहलवाएस ह उ सबइ निहचइ ही फुरइ घटित होइहीं। यहोवा ओकर उपयोग बेतेल क बेदी अउ सोमरोन क दूसर नगरन मँ स्थित ऊँच जगहन क खिलाफ बोलइ बरे किहस।”
33 एकर बाद भी राजा यारोबाम अपने बुरे कारनामन क नाहीं बदलेस। उ अलग अलग परिवार समूहन स लोगन क याजक बनइ बरे चुनत रहा। उ सबइ याजक ऊँच जगहन पइ सेवा करत रहेन। जउन कउनो याजक होइ चाहत रहा याजक बन जाइ दीन्ह रहा।
34 इहइ पाप रहा जउन यारोबाम क साही खानदान क बरबादी अउ बिनासे क कारण बना।
1 Kings 14
1 उ समइ यारोबाम क पूत अबिय्याह बहोत बीमार पड़ा।
2 यारोबाम अपनी मेहरारु स कहेस, “सीलो जा। जा अउर अबिय्याह नबी स मिला। अहिय्याह उ मनई अहइ जउन कहे रहा कि मइँ इस्राएल क राजा बनब। अपना ओढ़ना अइसे पहिरा कि कउनो न समुझइ कि तू मोर मेहरारु अहा।
3 नबी क दस रोटियन, कछू पुअन अउ सहद क एक ठु गगरी द्या। तब ओहसे पूछा कि हमरे पूत क का होइ। अहिय्याह नबी तोहका बताइ।”
4 एह बरे राजा क मेहरारु उ किहस जउन उ कहेस। उ सीलो गइ। उ अहिय्याह नबी क घरे गइ। अहिय्याह बहोत बुढ़वा अउ आँधर होइ गवा।
5 मुला यहोवा ओहसे कहेस, “यारोबाम क मेहरारु तोहसे आपन पूत क बारे मँ पूछइ बरे आवति अहइ। उ बीमार अहइ।” यहोवा अहिय्याह क बताएस कि ओका का कहइ चाही।यारोबाम क मेहरारु आपन भेस बदल कइ अहिय्याह क घरे पहोंची काहेकि उ कोसिस करत रही कि लोग न जानइँ कि उ कउन अहइ।
6 अहिय्याह ओकरे दुआरे पइ आवइ क अवाज अनकेस। एह बरे अहिय्याह कहेस, “यारोबाम क मेहरारु, हिआँ आवा। तू काहे इ जतन करति अहा कि लोग इ समुझँइ कि तू कउनो दूसर अहा? मोरे लगे तोहरे बरे कछू बुरी खबर अहइँ।
7 वापस लउटा अउर यारोबाम स कहा कि यहोवा इस्राएल क परमेस्सर, जउन कहत ह, उ इ अहइ। यहोवा कहत ह, ‘यारोबाम, इस्राएल क सबहिं लोगन मँ स मइँ तोहका चुनेउँ। मइँ तोहका अपने लोगन क सासक बनाएउँ।
8 दाऊद क परिवार इस्राएल पइ सासन किहस, मुला मइँ ओनसे ओकर राज्ज क छीन के ओका तोहका दिहेउँ। मुला तू मोरे सेवक दाऊद क समान नाहीं अहा। उ मोरे आदेसन क हमेसा पालन किहस अउर मोर पूरा हिरदय स अनुसरण, उ सबइ काम कइके किहेस जउन मोर नज़र म नीक रहा।
9 किन्तु तू पहिले क सासक स जियादा घटिया पापन किहेस ह। तू मोर अनुसरण करब बन्द कइ दिहा ह। तू मूरतियन अउर दूसर देवतन बनाया। इ मोका बहोत कोहाइ दिहस। तू आपन पीठ मोर तरफ घुमाइ दिहेस ह।
10 एह बरे यारोबाम, मइँ तोहरे परिवार पइ विपत्ति लिआउब। मइँ तोहरे परिवार क सबहिं मनइयन क मार डाउब। मइ तोहरे परिवार क पूरी तरह वइसे ही बर्बाद करब जइसे आगी उपरी क बर्बाद करति ह।
11 तोहरे परिवार क जउन कउनो नगर मँ मरी ओका कूकुर खइहीं अउर तोहरे परिवार क जउन कउनो मनई मइदान मँ मरी ओका पंछी खइहीं। यहोवा इ कहेस ह।’“
12 तब अहिय्याह नबी यारोबाम क पत्नी स लगातार बात करत रहा ह। उ कहेस, “अब तू घरे जा। जइसे ही तू अपने नगर मँ प्रवेस करब्या तोहार पूत मरी।
13 सारा इस्राएल ओकरे बरे रोई अउर ओका दफनाइ। सिरिफ तोहार पूत ही यारोबाम क परिवार मँ अइसा व्यक्ति होइ जेका दफनावा जाइ। एकर कारण इ अहइ कि यारोबाम क परिवार मँ सिरिफ उहइ अइसा मनई अहइ जउन यहोवा, इस्राएल क परमेस्सर क खुस किहेस ह।
14 यहोवा इस्राएल क एक ठु नवा राजा बनाई। उ नवा राजा यारोबाम क परिवार क नस्ट करी। इ बहोत हाली होइ।
15 तब यहोवा इस्राएल क पीटिहीं। इस्राएल क लोग बहोत डेराइ जइहीं। उ पचे उ तरह काँपिहीं जइसा जल मँ सरकण्डा डोलत ह। यहोवा इस्राएलियन क इ नीक पहँटा स उखाड़ देइ। इ उहइ भुइँया अहइ जेका उ ओनके पुरखन क दिहे रहा। उ ओनका फरात नदी क दूसरी कइँती बिखेर देइ। इ होइ काहेकि यहोवा लोगन पइ कोहान अहइ। लोगन ओका तब गुस्सैल किहन जब उ पचे असेरा क पूजा क बरे खास खम्भन खड़ा किहेन।
16 यारोबाम पाप किहेस अउर तब यारोबाम इस्राएल क लोगन स पाप करवाएस। एह बरे यहोवा इस्राएल क लोगन क पराजित होइ दिहन।”
17 यारोबाम क मेहरारु तिरजा क लउट गइ। जइसेन हि उ घरे मँ घुसी, लरिका मर गवा।
18 पूरा इस्राएल ओका दफनाएस अउर ओकरे बरे उ रोएन। इ ठीक वइसे ही भवा जइसा यहोवा होइ क कहे रहा। यहोवा अपने सेवक अहिय्याह नबी क उपयोग इ सबइ बातन कहइ बरे किहस।
19 राजा यारोबाम दूसर बहोतन स काम किहस। ओकर जुद्ध क लेखा जोखा, उ कइसे हुकूमत करत रहा, अउर ओकर दूसर कामन इ सब “इस्राएल क राजा लोगन क इतिहास” नाउँ क किताबे मँ लिखा भवा अहइ।
20 यारोबाम बाईस बरिस तलक राजा क रूप मँ हुकूमत किहस। उ तब मरा अउर अपने पुरखन क संग दफनावा गवा। ओकर पूत नादाब ओकरे पाछे नवा राजा भवा।
21 उ समइ जब सुलैमान क लरिका रहूबियाम यहूदा क राजा बना, उ इक्कीस बरिस क रहा। रहूबियाम यरूसलेम नगर मँ सत्रह बरिस तलक हुकूमत किहस। इ उहइ नगर अहइ जेहमा यहोवा सम्मानित होब चुनेस। उ इस्राएल क सबहिं दूसर नगरन मँ स इ नगर क चुनेस। रहूबियाम क नामा नाउँ क महतारी अम्मोन क रही।
22 यहूदा क लोग पाप किहन अउ ओन कामन क किहन जेनका यहोवा बुरा कहे रहा। लोग अपने ऊपर यहोवा क गुस्सैल करइ बरे अउर बुरे काम किहन। उ सबइ लोग अपने पुरखन स भी बुरे रहेन।
23 लोग ऊँच ठउर, पाथर क स्मारक अउर पवित्तर खम्भन बनाएन। उ पचे ओनका हर एक पहाड़ पइ अउ हर एक बृच्छ क खाले बनाएन।
24 हुवाँ भुइँया पइ मन्दिर क देवदासन भी रहेन। लोग अनेक घिनौना करम करत रहेन अउर उ रास्ट्र क अनुसरण करत रहेन जेनका यहोवा भूइँया तजइ बरे मज़बूर किहे रहेन। अउर परमेस्सर ओन लोगन स उ देस लइ लिहे रहा। अउर इस्राएल क लोगन क दइ दिहे रहा।
25 रहूबियाम क राज्जकाल क पचएँ बरिस मिस्र क राजा सीसक यरूसलेम क खिलाफ लड़ा।
26 सीसक यहोवा क मन्दिर अउ राजा क महल स खजानन लइ लिहस। उ ओन सुनहरी ढालन क भी लइ लिहस जेनका दाऊद अराम क राजा हददजर क अधिकारियन स लिहे रहा। दाऊद एन ढालन क यरूसलेम लइ गवा रहा। किन्तु सीसक सबहिं सुनहरी ढालन लइ लिहस।
27 एह बरे राजा रहूबियाम ओनके ठउर पइ रखइ बरे अनेक ढालन बनवाएस। किन्तु इ सबइ ढालन काँसे क रहिन, सोना क नाहीं। उ इ सबइ ढालन ओन मनइयन क दइ दिहस जउन महल क दुआरन क रच्छा करत रहेन।
28 जब कबहुँ राजा यहोवा क मन्दिर क जात रहा, रच्छकन ओकरे साथ हर दाईं जात रहेन। उ सबइ ढालन लइ जात रहेन। जब उ पचे काम पूरा कइ लेत रहेन तब उ पचे रच्छक-कच्छ मँ ढालन क लटकाइ देत रहेन।
29 राजा रहूबियाम जउन कछू किहेस उ सब, “यहूदा क राजा लोगन क इतिहास” नाउँ क किताबे मँ लिखा भवा अहइ।
30 रहूबियाम अउ यारोबाम हमेसा ही एक दूसर क खिलाफ जुद्ध करत रहेन।
31 रहूबियाम मरा अउ अपने पुरखन क संग दफनावा गवा। ओका ओकरे पुरखन क संग दाऊद नगर मँ दफनावा गवा। (ओकर महतारी नामा एक अम्मोनी रही।) रहूबियाम क पूत अबिय्याम3ओकरे पाछे नवा राजा बनइ मँ कामयाब होइ गवा।
1 Kings 15
1 नाबात क पूत यारोबाम इस्राएल पइ हुकूमत करत रहा। यारोबाम क राज्जकाल क अट्ठारहवें बरिस, अबिय्याम यहूदा क नवा राजा बना।
2 अबिय्याम तीन बरिस तलक यरूसलेम पइ हुकूमत किहस। ओकर महतारी क नाउँ माका रहा। उ अबसालेम क बिटिया रहा।
3 उ उ सबइ पाप किहेस जउन ओकर बाप ओकरे पहिले किहे रहा। अबिय्याम क हिरदय यहोवा आपन परमेस्सर क प्रति पूरा भक्तिवान नाहीं रहेन जइसा ओकर दादा दाऊद किहे रहा।
4 दाऊद के वास्ते, यहोवा ओका यरूसलेम मँ एक ठू बंस दिहेस। उ दाऊद क बंसज क यरूसलेम पई सासन करइ द्या अउर एका सुरच्छित रखइ क प्रतिग्या किहेस।
5 दाऊद हमेसा ही उचित करम किहस जेनका यहोवा चाहत रहा। उ हमेसा ही यहोवा क आदेसन क पालन किहे रहा। सिरिफ एक दाईं दाऊद यहोवा क आदेस नाहीं माने रहा जब दाऊद हित्ती ऊरिय्याह क खिलाफ पाप किहे रहा।
6 रहूबियाम अउ यारोबाम हमेसा एक दूसर क खिलाफ जुद्ध लड़त रहेन।
7 जउन कछू दूसर काम अबिय्याम किहे रहा उ “यहूदा क राजा लोगन क इतिहास” नाउँ क किताबे मँ लिखा बाटइ।उ सारे समइ मँ जब अबिय्याम राजा रहा, यारोबाम अउ अबिय्याम क खिलाफ जुद्ध चलत रहा।
8 जब अबिय्याम मरा तउ दाऊद-नगर मँ दफनावा गवा। अबिय्याम क पूत “आसा” ओकरे पाछे नवा राजा भवा।
9 इस्राएल क ऊपर यारोबाम क राजा क रुप मँ सासन करइ क बीसवें बरिस मँ आसा यहूदा क राजा बना।
10 आसा यरूसलेम मँ इकतालिस बरिस तलक सासन किहस। ओकरे दादी क नाउँ माका रहा अउर माका अबसालोम क बिटिया रही।
11 आसा अपने पुरखा दाऊद क तरह ओन करमन क किहस जेनका यहोवा उचित ठहराएस।
12 ओन दिनन हुवाँ मन्दिर क देवदासन रहेन। आसा ओन लोगन क देस तजइ बरे मजबूर किहस। आसा ओन देव मूरतियन क भी दूर किहस जउन ओकरे पुरखन बनाए रहेन।
13 आसा अपनी दादी माका क, रानी पद स हटाइ दिहस। माका देवी असेरा क ओन भयंकर मूरतियन मँ स एक क बनाए रहा। आसा ओका काट डाएस अउर एका उ किद्रोन क घाटी मँ बारेस।
14 आसा ऊँच ठउरन क बर्बाद नाहीं किहस, किन्तु उ पूरी जिन्नगी भइ यहोवा क मनवइया रहा।
15 आसा यहोवा क मन्दिर मँ सोना, चाँदी अउर उ चिजियन लाएन जउन उ अउर ओकर बाप अपिर्त किहे रहेन।
16 जब तलक राजा आसा यहूदा क राजा रहा, उ हमेसा ही इस्राएल क राजा बासा क खिलाफ जुद्ध करत रहा।
17 बासा यहूदा क खिलाफ लड़त रहा। बासा लोगन क, आसा क देस यहूदा स आवइ या जाइ स रोकइ चाहत रहा। एह बरे उ रामा नगर क बहोत मजबूत बनाइ दिहस।
18 एह बरे आसा यहोवा क मन्दिर अउर राजमहल क खजानन स सोना अउ चाँदी निकारेस। उ इ सोना-चाँदी अपने सेवकन क दिहस अउर ओनका अराम क राजा बेन्हदद क लगे पठएस। बेन्हदद हेज्योन क पूत तब्रिम्मोन क पूत रहा। दमिस्क बेन्हदद क राजधानी नगर रहा।
19 आसा इ सँदेसा पठएस, “मोरे बाप अउर तोहार बाप क बीच एक ठु सान्ति-सन्धि रही। अब मइँ तोहरे अउर अपने बीच एक ठू सान्ति-सन्धि करइ चाहत हुउँ। मइँ तोहरे लगे सोना-चाँदी क भेंट पठवत अहउँ। इस्राएल क राजा बासा क संग अपनी सन्धि तोड़ द्या। तब बासा मोरे देस क तजि देइ।”
20 राजा बेन्हदद आसा क सँदेसा क अंगीकार किहस। एह बरे उ इस्राएल क नगरन क खिलाफ लड़इ बरे अपनी फउज पठएस। बेन्हदद इय्योन, दान, आबेल्वेत्माका अउ गलीली झील क चारिहुँ ओर क नगरन क हराइ दिहस। उ सारे नप्ताली पहँटा क हराएस।
21 बासा एन हमलन क बारे मँ सुनेस। एह बरे उ रामा क मजबूत बनाउब बन्द किहस। उ उ नगर क तजि दिहस अउर तिर्सा क लउट गवा।
22 तब राजा आसा यहूदा क सबहिं लोगन क मदद करइ क हुकूम दिहस-कउनो मनई बिना मदद क नाहीं होइ। उ पचे रामा क गएन अउर उ पचे ओन पाथरन अउ काठन क उठाइ लिहन जेनकर उपयोग बासा नगर क मजबूत बनावइ बरे करत रहा। उ पचे ओन चिजियन क मिस्पा अउर बिन्यामीन प्रदेस मँ गेबा क लइ गएन। तब आसा ओन नगरन क बहोत मजबूत बनाएस।
23 आसा क बारे मँ दूसर बातन व महान कारज जउन उ किहस अउर नगरन जेनका उ बनाएस “यहूदा क राजा लोगन क इतिहास” नाउँ क किताबे मँ लिखा बाटइ। जब आसा बुढ़वा भवा तउ ओकरे गोड़े मँ एक रोग पइदा भवा।
24 आसा मरा अउर ओका ओकर पुरखा दाऊद का नगर मँ दफनावा गवा। तब आसा क पूत यहोसापात ओकरे पाछे नवा राजा बना।
25 यहूदा पइ आसा क राज्जकाल क दूसर बरिस मँ यारोबाम क पूत नादाब इस्राएल क राजा भवा। नादाब इस्राएल पइ दुइ बरिस तलक हुकूमत किहस।
26 नादाब उ करम किहेस जेका यहोवा दुआरा बुरा समुझा जात रहा। उ वइसे ही पाप किहस जइसे ओकर बाप यारोबाम इस्राएल क लोगन स पाप करवाइ क किहे रहा।
27 बासा अहिय्याह क पूत रहा। उ पचे इस्साकार क परिवार समूह स रहेन। बासा राजा नादाब क मार डावइ क एक ठु जोजना बनाएस। इ उ समइ रहा जब नादाब अउर सारा इस्राएल गिब्बतोन नगर क खिलाफ जुद्ध मँ लडत रहेन। इ एक पलिस्ती नगर रहा। उ ठउरे पइ बासा नादाब क मार डाएस।
28 इ यहूदा पइ आसा क राज्जकाल क तीसरे बरिस मँ भवा अउर बासा इस्राएल क अगला राजा बना।
29 जब बासा नवा राजा बना तउ उ यारोबाम क परिवार क हर एक मनई क मार डाएस। बासा यारोबाम क परिवार मँ कउनो मनई क जिअत नाहीं बख्सेस। इ वइसे ही भावा जइसा होइ बरे यहोवा कहे रहा। यहोवा सीलो क आपन सेवक अहिय्याह क जरिये इ कहे रहा।
30 इ भवा, काहेकि यारोबाम अनेक पाप किहे रहा अउर यारोबाम इस्राएल क लोगन स अनेक पाप कराए क कारण रहा। यारोबाम यहोवा इस्राएल क परमेस्सर क बहोत किरोधित कइ दिहे रहा।
31 नादाब जउन दूसर काम किहेस उ सबइ “इस्राएल क राजा लोगन क इतिहास” नाउँ क किताबे मँ लिखा भवा अहइ।
32 पूरे समइ, जब तलक बासा इस्राएल क सासक रहा, उ यहूदा क राजा आसा क बिरुद्ध जुद्ध मँ लड़त रहा।
33 अहिय्याह क पूत बासा, यहूदा पइ आसा क राज्जकाल क तीसरे बरिस मँ इस्राएल क राजा भवा रहा। बासा तिर्सा मँ चौबीस बरिस तलक राजा रहा।
34 किन्तु बासा उ सबइ कारज किहस जेनका यहोवा बुरा बताए रहा। उ उ सबइ ही पाप किहेस जउन ओकर पुरखा यारोबाम किहे रहा। यारोबाम इस्राएल क लोगन स पाप कराए रहा।
1 Kings 16
1 तब यहोवा हनान क पूत येहू स बातन किहस। यहोवा राजा बासा क बिरुद्ध बातन कहत रहा।
2 “मइँ तोहका धूरि-माटी स चुन कइ उठाएउँ। मइँ तोहका इस्राएल क लोगन क ऊपर राजा बनाएउँ। किन्तु तू यारोबाम क मारग क अनुसरण किहा ह। तू मोर लोगन, इस्राएलियन स पाप कराया ह। उ पचे अपने पापन स मोका गुस्सैल किहन ह।
3 एह बरे बासा, मइँ तोहका अउर तोहरे परिवार क बर्बाद करब। मइँ तोहरे संग उहइ करब जउन मइँ नाबात क पूत यारोबाम क परिवार क संग किहेउँ।
4 तोहरे परिवार क लोग नगर क सड़कियन पइ मरिहीं अउर ओनके ल्हासन क कूकुर खइहीं। तोहरे परिवार क कछू लोग मइदानन मँ मरिहीं अउर ओनके ल्हासन क पंछी खइहीं।”
5 बासा क बारे मँ दूसर बातन अउर जउन महान कारज उ किहेस सबहिं “इस्राएल क राजा लोगन क इतिहास” नाउँ क किताबे मँ लिखा अहइ।
6 बासा मरा अउ तिर्सा मँ दफनावा गवा। ओकर पूत एला ओकरे पाछे नवा राजा बना।
7 एह बरे यहोवा येहू नबी क एक सँदेसा दिहस। इ सँदेसा बासा अउ ओकरे परिवार क बिरुद्ध रहा। बासा उहइ करम किहे रहा जेका यहोवा बुरा करम ठेहराएस। एहसे यहोवा बहोत कोहाई गवा। बासा उहइ किहस यारोबाम क परिवार ओहसे पहिले किहे रहा। यहोवा एह बरे भी कोहान रहा कि बासा यारोबाम क समूचे परिवार क मार डाए रहा।
8 यहूदा पइ आसा क राज्जकाल क छब्बीसवें बरिस मँ एला इस्राएल क राजा भवा। एला बासा क पूत रहा। उ तिर्सा मँ दुई बरिस तलक हुकूमत किहस।
9 एला राजा क अधिकारियन मँ स जिम्री एक रहा। जिम्री एला क आधे रथन क आदेस देत रहा। किन्तु जिम्री एला क बिरुद्ध जोजना बनाएस। राजा एला तिर्सा मँ रहा।उ अर्सा, क घरे मँ दाखरस पिअत रहा अउर मदमस्त होत रहा। अर्सा तिर्सा क महल क अधिकारी रहा।
10 जिम्री उ घरे मँ गवा अउ उ राजा एला क मार डाएस। यहूदा पइ आसा क राज्जकाल क सत्ताइसवें बरिस मँ इ भवा। तब एला क पाछे इस्राएल क नवा राजा जिम्री भवा।
11 जब जिम्री राजा भवा तउ उ बासा क पूरे परिवार क मार डाएस। उ बासा क परिवार मँ कउनो मनई क जिअत नाहीं रहइ दिहस। जिम्री बासा क मीतन क भी मार डाएस।
12 इ तरह जिम्री बासा क पूरा परिवार क बर्बाद किहस। इ वइसे ही भवा जइसा यहोवा, येहू नबी क उपयोग बासा क खिलाफ कहइ क कहे रहा।
13 इ बासा अउ ओकर पूत एला क सबहिं पापन क कारण भवा। उ पचे पाप किहे रहेन अउर इस्राएल क लोग स पाप कराए रहेन। यहोवा कोहान रहा काहेकि उ पचे बहोत स देवमूरतियन धरे रहेन।
14 “इस्राएल क राजा लोगन क इतिहास” नाउँ क किताबे मँ दूसर सबहिं बातन लिखी अहइँ जउन एला किहे रहा।
15 यहूदा पइ आसा क राज्जकाल क सत्ताइसवें बरिस मँ जिम्री इस्राएल क राजा बना। जिम्री तिर्सा मँ सात दिन सासन किहस। जउन कछू भवा, इ अहइ: इस्राएल क फउज गिब्बतोन क पलिस्तियन क निचके डेरा डाए पड़ी रहिन। उ पचे जुद्ध बरे तइयार रहेन।
16 पड़ाव मँ टिके लोग सुनेन कि जिम्री राजा क खिलाफ गुप्त सड्यन्त्र रचेस ह। अउर ओका मार डाएस। एह बरे सारे इस्राएल डेरा मँ, उ दिन ओम्री क इस्राएल क राजा बनाएस। ओम्री सेनापति रहा।
17 एह बरे ओम्री अउर सारे इस्राएल गिब्बतोन क तजेन अउ तिर्सा पई हमला कइ किहन।
18 जिम्री लखेस कि नगर पइ अधिकार कइ लीन्ह गएस ह। एह बरे उ महल क भीतर गएन अउर जराइ सरू किहेन। उ महल अउ खुद क जराइ दिहेस। अउर उ मरि गवा।
19 इ तरह जिम्री मरा काहेकि उ पाप किहे रहा। जिम्री ओन कामन क किहेस जेनका यहोवा बुरा कहे रहा। उ वइसे ही पाप किहेस जइसे यारोबाम किहे रहा अउ यारोबाम इस्राएल क लोगन स पाप कराए रहा।
20 “इस्राएल क राजा लोगन क इतिहास” नाउँ क किताबे मँ जिम्री क गुप्त सड्यन्त्र अउ दूसर बातन लिखी अहइँ जउन उ राजा एला क बिरुद्ध किहे रहा।
21 इस्राएली लोग दुइ दलन मँ बँट गए रहेन। आधे लोग गीनत क पूत तिब्नी क अनुसरण करत रहेन अउर ओका राजा बनावइ चाहत रहेन। दूसर आधे लोग ओम्री क अनुयायी रहेन।
22 किन्तु ओम्री क अनुयायी गीनत क पूत तिब्नी क अनुयायियन स जियादा सक्तीसाली रहेन। एह बरे तिब्नी मारा गवा अउर ओम्री राजा भवा।
23 यहूदा पइ आसा क राज्जकाल क इकत्तीसवें बरिस मँ ओम्री इस्राएल क राजा भवा। ओम्री इस्राएल पइ बारह बरिस तलक सासन किहस। ओन बरिसन मँ स छ: बरिस तलक उ तिर्सा नगर मँ सासन किहस।
24 किन्तु ओम्री सोमरोन क पहाड़ी क बेसहि लिहस। उ एका लगभग डेढ़ सौ पौण्ड चाँदी समेर स बेसहेस। ओम्री उ पहाड़ी पइ एक ठु नगर बनाएस। बाद मँ, इ पहिले क मालिक समेर क नाउँ पइ सोमरोन पुकारा गएस।
25 ओम्री उ सबइ काम किहस जेनका यहोवा बुरा घोसित किहे रहा। ओम्री ओन सबहिं राजा लोगन स बुरा रहा जउन ओकरे पहिले होइ चुके रहेन।
26 उ उ सबइ ही पापन किहेस जउन नबात क पूत यारोबाम किहे रहा। यारोबाम इस्राएल क लोगन स पाप कराए रहा। एह बरे उ पचे यहोवा, इस्राएल क परमेस्सर क बहोत किरोधित कइ दिहे रहेन। यहोवा कोहान रहा, काहेकि उ पचे बेकार क देवमूरतियन क पूजा करत रहेन।
27 “इस्राएल क राजा लोगन क इतिहास” नाउँ क पुस्तक मँ ओम्री क बारे मँ दूसर बातन अउर ओकर किहे महान कारज लिखे गएन ह।
28 ओम्री मरा अउ सोमरोन मँ दफनावा गवा। ओकर पूत अहाब ओकरे पाछे नवा राजा बना।”
29 यहूदा पइ आसा क राज्जकाल क अड़तीसवें बरिस मँ ओम्री क पूत अहाब इस्राएल क राजा बना। अहाब इस्राएल पइ सामरिया मँ बाईस बरिस तलक हुकूमत किहेस।
30 अहाब उ सबइ काम किहेस जेनका यहोवा बुरा बताए रहा अउर अहाब ओन सबहिं राजा लोगन स भी बुरा रहा जउन ओकरे पहिले भए रहेन।
31 अहाब क बरे ऍतना काफी नाहीं रहा कि उ वइसे ही पापन करइ जइसे नबात क पूत यारोबाम किहे रहा, उ अहाब एतबाल क बिटिया ईजबेल स बियाह किहेस। एतबाल सीदोन क राजा रहा। तब अहाब बाल क सेवा अउर पूजा करब सुरू किहेस।
32 अहाब बाल क पूजा करइ बरे सोमरोन मँ पूजा घर बनाएस। उ पूजाघरे मँ एक वेदी रखेस।
33 अहाब असेर क पूजा बरे एक बिसेस खम्भा भी खड़ा किहस। अहाब यहोवा, इस्राएल क परमेस्सर क किरोधित करइवाले बहोत स काम, ओन सबहिं राजा स जियादा किहेस, जउन ओकरे पहिले रहेन।
34 अहाब क राज्जकाल मँ बेतेल क हीएल यरीहो नगर क दुबारा बनाएस। जउने समइ हीएल नगर बनावइ क काम सुरु किहस, ओकर बड़ा पूत अबीराम मर गवा अउर जब हीएल नगर दुआर बनाएस, ओकर सब स नान्ह पूत सगूब मर गवा। इ ठीक वइसे ही भवा जइसा यहोवा नून क पूत यहोसू स बातन करत भए कहे रहा।
1 Kings 17
1 एलिय्याह गिलाद मँ तिसबी नगर क एक नबी रहा। एलिय्याह राजा अहाब स केहस, “मइँ यहोवा, इस्राएल क परमेस्सर क सेवा करत हउँ। ओकरी सक्ती पइ मइँ प्रतिग्या करत हउँ कि अगले कछू बरिसन मँ न हुवाँ बर्खा होइ अउर न ही ओस गिरी जब तलक मइँ ओकरे होइ क आदेस न देब।”
2 तब यहोवा एलिय्याह स कहेस,
3 “इ जगह क तजि द्या अउर पूरब कइँती चला जा। करीत नाले क लगे छुप जा। इ नाला यरदन नदी क पूरब मँ अहइ।
4 तू नाला स पानी पी सकत ह। मइँ कउअन क हुकुम दिहे अहउँ कि उ पचे तोहका उ जगह पइ भोजन पहोंचइहीं।”
5 एह बरे एलिय्याह उहइ किहस जउन यहोवा करइ क कहेस। उ यरदन नदी क पूरब करीत नाला क निचके रहइ चला गवा।
6 हर एक भिंसारे अउ साँझ क कौवन एलिय्याह क बरे भोजन लिआवत रहेन। एलिय्याह नाला स पानी पिअत रहा।
7 बर्खा नाहीं भइ एह बरे कछू समइ उपरान्त नाला झुराइ गवा।
8 तब यहोवा एलिय्याह स कहेस,
9 “सीदोन मँ सारपत क जा। हुँवइ रहा। उ जगह पइ एक ठु राँड़ मेहरारु रहत ह। मइँ ओका तोहका भोजन देइ क आदेस दिहेउँ ह।”
10 एह बरे एलिय्याह सारपत पहोंचा। उ नगर-दुआर पइ पहोंचा अउर उ एक ठु मेहरारु क लखेस। ओकर भतार मर चुका रहा। उ मेहरारु ईधन बरे लकड़ियन एकट्ठी करत रही। एलिय्याह ओहसे कहेस, “का तू एक ठु पियाला मँ थोड़ा पानी देबिउ जेका मइँ पी सकउँ?”
11 उ मेहरारु ओकरे बरे पानी लिआवइ जात रही, तउ एलिय्यह कहेस, “महेरबानी कइके एकठु रोटी क टूका भी लिआवा।”
12 उ मेहरारु जवाब दिहेस, “सच मँ मइँ यहोवा, तोहरे परमेस्सर क किरिया खाइके कहति हउँ कि मोरे लगे रोटी नाहीं अहइ। मोरे लगे बर्तन मँ मूठी भइ आटा अउर बर्तन मँ तनिक स जइतून क तेल अहइ। इ ठउरे पइ मइँ ईंधन बरे दुइ चार लकड़ियन बटोरइ आइ रहिउँ। मइँ एका लइके घरे लउटब अउर आपन आखिरी भोजन बनाउब। मइँ अउर मोर पूत दुइनउँ एका खइहीं अउर तब फिर पाछे मँ भूख स मर जइहीं।”
13 एलिय्याह मेहरारु स कहेस, “परेसान जिन हवा। घरे लउटा अउर जइसा तू कह्या, आपन भोजन बनावा। मुला तोहरे लगे जउन आटा अहइ ओकर पहिले एक ठु नान्ह रोटी बनावा। उ रोटी क मोरे लगे लिआवा। तब आपन अउ अपने पूत बरे पकावा।
14 इस्राएल क परमेस्सर, यहोवा कहत ह, ‘उ आटे क बर्तन कबहुँ खाली नाहीं होइ। बर्तन मँ तेल हमेसा ही रही। अइसा तब तलक होत रही जउने दिन तलक यहोवा इ भुइँया पइ पानी नाहीं बरसावत।’“
15 एह बरे उ मेहरारु अपने घरे लउटी। उ उहइ किहस जउन एलिय्याह ओहसे करइ क कहे रहा। एलिय्याह, उ मेहरारु अउ ओकर पूत बहोत दिनन तलक पार्याप्त भोजन पावत रहेन।
16 आटा क बर्तन अउ तेल क पीपा दुइनउँ कबहुँ खाली नाहीं भवा। इ वइसा ही भवा जइसा यहोवा होइ क कहे रहा। यहोवा एलिय्याह क जरिये बातन किहे रहा।
17 कछू समइ पाछे उ मेहरारु क लरिका बीमार पड़ा। उ जियादा, अउर जियादा बीमार होता गवा। आखिर मँ लरिका साँस लेब बन्द कइ किहस।
18 मेहरारु एलिय्याह स कहेस, “हे परमेस्सर क मनई, तू मोर बरे का किहेस ह? का तू मोका सारे पापन क सुमिरइ बरे हिआँ आवा अहा? का तू हिआँ मोरे पूत क मरवावइ आवा रह्या?”
19 एलिय्याह ओहसे कहेस, “आपन पूत मोका द्या।” एलिय्याह ओकरे लरिके क ओहसे लिहस अउर सीढ़ियन स ऊपर लइ गवा। उ ओका उ कमरा मँ बिछउना पइ ओलराएस जेहमाँ उ रुका भवा रहा।
20 तब एलिय्याह पराथना किहेस, “हे यहोवा, मोर परमेस्सर, इ राँड़ मोका अपने घरे मँ ठहरावति अहइ। का तू ओकरे संग इ बुरा काम करब्या? का तू ओकरे पूत क मरइ देब्या?”
21 तब एलिय्याह लरिका क ऊपर तीन दाई ओलरा। एलिय्याह एलिय्याह पराथना किहस, “हे यहोवा, मोर परमेस्सर। इ लरिका क फुन जीवित कर।”
22 “यहोवा एलिय्याह क पराथना अंगीकार किहस। लरिका फुन साँस लेइ लाग। उ जिन्दा होइ गवा।
23 एलिय्याह बच्चा क सीढ़ियन स खाले लइ गवा। एलिय्याह उ लरिका क ओकरी महतारी क दिहस अउर कहेस, “लखा, तोहार पूत जी उठा।”
24 उ मेहरारु जवाब दिहस, “अब मोका बिस्सास हो गवा कि तू फुरइ परमेस्सर क हिआँ क मनई अहा। मइँ समुझ गइ हउँ कि फुरइ यहोवा तोहरे माध्यम स बोलत ह।”
1 Kings 18
1 अनावृस्टि क तीसरे बरिस यहोवा एलिय्याह स कहेस, “जा अउर राजा अहाब स मिला। मइँ हाली ही बर्खा पठउब।”
2 एह बरे एलिय्याह अहाब क लगे गवा।उ समइ सोमरोन मँ भोजन नाहीं रह गवा रहा।”
3 एह बरे राजा अहाब ओबधाह स अपने लगे आवइ क कहेस। ओबधाह राजमहल क अधिकारी रहा। ओबधाह यहोवा क सच्चा अनुयायी रहा।
4 एक दाईं ईज़बेल यहोवा क सबहिं नबियन क जान स मारत रही। एह बरे ओबधाह सौ नबियन क लिहस अउर ओनका दुइ गुफन मँ छुपाएस। ओबद्याह एक गुफा मँ पचास नबी अउ दूसर गुफा मँ पचास नबी रखेस। तब ओबधाह ओनके बरे पानी अउ भोजन लिआएस।
5 राजा अहाब ओबधाह स कहेस, “मोरे संग आवा। हम लोग इ प्रदेस क हर एक सोता अउर नाला क खोज करब। हम लोग पता लगाउब कि का हम अपने घोड़न अउ खच्चरन क जिअत रखइ बरे पर्याप्त घास कहीं पाइ सकित ह। तब हम क आपन कउनो जनावर खोउब नाहीं पड़ी।”
6 हर एक मनई देस क एक ठुु हींसा चुनेस जहाँ उ पचे पानी क खोज कइ सकइँ। तब दुइनउँ। मनई पूरे देस मँ घूमेन। अहाब एक दिसा मँ अकेले गवा। ओबधाह दूसर दिसा मँ अकेले गवा।
7 जब ओबधाह जात्रा करत रहा तउ उ समइ उ एलिय्याह स मिला ओबधाह जब ओका लखेस एलिय्याह क पहचान लिहस। ओबधाह एलिय्याह क समन्वा प्रणाम करइ निहुरा उ केहेस, “एलिय्याह का सुआमी फुरइ आप अहइ?”
8 एलिय्याह जवाब दिहेस, “हाँ, मइँ ही हउँ। जा अउर आपन सुआमी राजा स कहा कि मइँ हिआँ अहउँ।”
9 तब ओबधाह कहेस, “जदि मइँ ओहाब स कहब कि मइँ जानत हउँ कि तू कहाँ अहा, तउ उ मोका मार डाइ। मइँ तोहार कछू नाहीं बिगाड़ेउँ ह। तू काहे चाहत अहा कि मइँ मरि जाउँ?
10 यहोवा, तोहरे परमेस्सर क जिन्नगी क किरिया खाइके कहत हउँ कि राजा तोहार खोज करइ बरे हरेक देस मँ मनइयन क भेज दिहेस ह। जदि कउनो देस क राजा इ कहेस कि तू ओकरे देस मँ नाहीं अहा, तउ अहाब ओका इ किरिया खाइ क मजबूर किहस कि तू सच मुच मँ ओकरे देस मँ नाहीं अहा।
11 अब तू चाहत अहा कि मइँ जाउँ अउर आपन सुआमी स कहउँ कि तू हुआँ अहा?
12 जदि मइँ जाउँ अउर राजा अहाब स कहउँ कि तू हिआँ अहा, तउ यहोवा क आतिमा तोहका कउनो दूसर जगह पइ पहोंचाइ सकत ह। राजा अहाब हिआँ आई अउर उ तोहका नाहीं पाइ सकी। तब उ मोका मार डाइ। मइँ यहोवा क अनुसरण तब स किहेउँ ह जब मइँ एक बालक रहा।
13 तू सुन्या ह कि मइँ का किहे रहेउँ। ईज़ेबेल यहोवा क नबियन क मारत रही अउर मइँ सौ नबियन क गुफन मँ छुपाए रहेउँ। मइँ एक गुफा मँ पचास नबियन अउर दूसर गुफा मँ पचास नबियन क रखे रहेउँ। मइँ ओनके बरे अन्न-पानी लिआएउँ।
14 अब तू चाहत अहा कि मइँ जाउँ अउर राजा स कहउँ कि तू हिआँ अहा। राजा मोका मार डाइ।”
15 एलिय्याह जवाब दिहेस, “जेतनी सर्वसक्तीमान यहोवा क सत्ता निहचित अहइ, ओतना ही निहचित इ अहइ कि मइँ आजु राजा क समन्वा खड़ा होउँ।”
16 एह बरे ओबधाह राजा अहाब क लगे गवा। उ बताएस कि एलिय्याह हुवाँ अहइ। राजा अहाब एलिय्याह स भेंटइ गवा।
17 जब अहाब एलिय्याह क लखेस तउ उ पूछेस, “का इ तू अहा? का तू ही उ मनई अहा जउन इस्राएल पइ बिपत्ति का कारण अहा?”
18 एलिय्याह जवाब दिहेस, “मइँ इस्राएल पइ बिपत्ति क कारण नाहीं अहउँ। तू अउर तोहरे बाप क परिवार इ सारी बिपत्ति क कारण अहा। जब तू यहोवा क आदेसन क पालन करब बन्द कइ दिहा अउर लबार देवतन क अनुसरण सुरु किहा।
19 अब सारे इस्राएलियन क कम्मेर्ल पर्वते पइ मोहसे भेंटइ क कहा। उ ठउरे पइ बाल क चार सौ पचास नबियन क भी लिआवा अउर लबार देबी असेरा क चार सौ नबियन क लिआवा। रानी ईज़ेबेल ओन नबियन क समर्थन करत ह।”
20 एह बरे अहाब सबहिं इस्राएलियन अउर ओन नबियन क कम्मेर्ल पर्वते पइ बोलाएस।
21 एलिय्याह सबहिं लोगन क लगे आवा। उ कहेस, “आप लोग कब निर्णय करिहीं कि आप क केकर अनुरसण करब अहइ? जदि यहोवा सच्चा परमेस्सर अहइ तउ आप लोगन क ओकर अनुयायी होइ चाही। किन्तु जदि बाल फुरइ परमेस्सर अहइ तउ तोहका ओकर अनुयायी होइ चाही।”लोग कछू भी नाहीं कहेन।
22 एह बरे एलिय्याह कहेस, “मइ हिआँ यहोवा क एकमात्र नबी हउँ। मइँ अकेला हउँ। किन्तु हिआँ बाल क चार सौ पचास नबी अहइँ।
23 एह बरे दुइ ठु बर्धा लिआवा। बाल क नबी क एक ठु बर्धा लेइ द्या। ओनका ओका मारइ द्या अउर ओकर टूकन करइ द्या अउर तब ओनका, मास क लकड़ी पइ धरइ द्या। किन्तु उ पचे आगी लगाउब सुरु न करइँ। तब मइँ उहइ काम दूसरे बर्धा क लइके करब अउर मइँ आगी लगाउब सुरु नाहीं करब।
24 बाल क नबी! बाल स पराथना करिहीं अउर मइँ यहोवा स पराथना करब। जउन ईस्सर पराथना क अंगीकार करइ अउर अपने काठे क बारब सुरु कइ देइ, उहइ सच्चा परमेस्सर अहइ।”सबहिं लोग अंगीकार किहेन कि इ उचित बिचार अहइ।
25 तब एलिय्याह बाल का नबियन स कहेस, “तू बड़की गनती मँ अहा। एह बरे तू लोग पहल करा। एक ठु बर्धा क चुना अउर ओका तइयार करा। आपन देवता क समन्वा पूजा किहेस किन्तु आगी लगाउब सुरु जिन करा।”
26 एह बरे नबियन उ बर्धा क लिहन जउन ओनका दीन्ह गवा। उ पचे ओकर तइयार किहन। उ पचे दुपहर तलक बाल स पराथना किहन। उ पचे पराथना किहन, “बाल, कृपा कइके हम क जवाब द्या।” किन्तु कउनो अवाज नाहीं आइ। कउनो कउन जवाब नाहीं दिहस। नबी उ वेदी क चारिहुँ कइँती नाचत रहेन जेका उ पचे बनाए रहेन। किन्तु आगी फुन भी नाहीं लागी।
27 दुपहरे क एलिय्याह ओनकर मसखरी उड़ाउब सुरु किहेस। एलिय्याह कहेस, “जदि बाल फुरइ देवता अहइ तउ सायद तोहका अउर जियादा जोर स पराथना करइ चाही। सायद उ सोचत रहा होइ या सायद उ बहोत व्यस्त होइ, या सायद उ कउनो जात्रा पइ निकरि गवा होइ। उ सोवत रहि सकत ह। सायद तू लोग अउर जियादा जोर स पराथना करा अउर जगावा।”
28 उ पचे अउर जोर स पराथना किहन। उ पचे अपने क तरवार अउर भालन स काटेन-छेदेन। (इ ओनकर पूजा क पद्धति रही) उ पचे अपने क ऍतना काटेन कि ओनके ऊपर खून बहइ लाग।
29 तीसर पहर बीत गवा। किन्तु तब तलक आगी नाहीं लागी। नबी साँझ क बलि-भेंट क समइ तलक लगातार गवाँरू भविस्साबाणी करत रहेन। किन्तु तब तलक भी बाल कउनो जवाब नाहीं दिहस। कउनो अवाज नाहीं आइ। कउनो भी नाहीं सुनत रहा।
30 तब एलिय्याह सबहिं लोगन स कहेस, “अब मोरे लगे आवा।” एह बरे सबहिं लोग एलिय्याह क चारिहुँ कइँती बटुर गएन। यहोवा क वेदी उखाड़ दीन्ह गइ। एह बरे एलिय्याह एका जमाएस।
31 एलिय्याह बारह पाथर प्राप्त किहस। हर एक बारह परिवार समूहन बरे एक ठु पाथर रहा। एन बारह परिवार समूहन क नाउँ याकूब जेका यहोवा इस्राएल नाउँ दिह रहा, क बारह पूतन क नाउँ पइ रहेन।
32 एलिय्याह ओन पाथरन क उपयोग यहोवा क सम्मान देइ क बरे वेदी क निर्माण मँ किहस। एलिय्याह वेदी क चारिहुँ कइँती एक ठु नान्ह खाईं खोदेस। इ ऍतनी चौड़ी अउर एतनी गहिर रही कि एहमाँ लगभग सात गैलन पानी आइ सकइ।
33 तब एलिय्याह वेदी पइ काठ धरेस। उ बर्धा क टूकन मँ काटेस। उ टूकन क काठन पइ धरेस।
34 तब एलिय्याह कहेस, “चार गगरियन क पानी स भरा। पानी क मास क टूकन अउ काठन पइ डावा।” तब एलिय्याह कहेस, “इहइ फुन करा।” तब उ कहेस, “एका तीसरी दाईं कर।”
35 पानी वेदी स बाहेर बहा अउर ओहसे खाईं भर गइ।
36 इ तीसर पहर क बलि भेंट क समइ रहा। एह बरे एलिय्याह नबी वेदी क लगे गवा अउर पराथना किहस, “हे यहोवा, इब्राहीम, इसहाक अउ इस्राएल क परमेस्सर, मइँ तोहसे याचना करत हुउँ कि तू प्रमाणित करा कि तू इस्राएल क परमेस्सर अहा अउर प्रमाणित करा कि मइँ तोहार सेवक अहउँ। एन लोगन दिखाइ द्या कि तू इ सब करइ क मोका आदेस दिहा ह।
37 यहोवा मोर पराथना क जवाब दया। एन लोगन क जानइ द्या कि हे यहोवा, तू असल मँ परमेस्सर अहा। तब लोग समुझिहीं कि तू ओनका अपने लगे वापस लिआवत अहा।”
38 एह बरे यहोवा खाले आगी पठएस। आगी बलि, काठ, पाथरन अउ वेदी क चारिहुँ कइँती क भुइँया क बार दिहस। आगी खाईं क समूचा पानी भी झुराइ दिहस।
39 सबहिं लोग इ होत लखेन। लोग भुईंया पइ प्रणाम करइ निहुरेन अउर कहइ लोगन, “यहोवा परमेस्सर अहइ। यहोवा परमेस्सर अहइ।”
40 तब एलिय्याह कहेस, “बाल क नबियन क धइ ल्या। ओनमाँ स कउनो क बच निकरइ न द्या।” एह बरे लोग सबहिं नबियन क धरेन। तब एलिय्याह ओन सबहिं किसोन नाले तलक लइ गवा। उ जगह पइ उ सबहिं नबियन क मार डाएस।
41 तब एलिय्याह राजा अहाब स कहेस, “अब जा, खा अउर पिआ। एक घनघोर बर्खा आवति अहइ।”
42 एह बरे राजा अहाब भोजन करइ गवा। उहइ समइ एलिय्याह कम्मेर्ल पवते क चोटी पइ चढ़ा। पर्वत क चोटी पइ एलिय्याह प्रणाम करइ निहुरा। उ अपने मूँड़ क अपने घुटरुअन क बीच रखेस।
43 तब एलिय्याह अपने सेवक स कहेस, “समुद्र कइँती लखा।”सेवक उ जगह तलक गवा जहाँ स उ समुद्र क लख सकइ। तब सेवक लउटिके आवा अउर उ कहेस, “मइँ कछू नाहीं लखेउँ।” एलिय्याह ओका फुन जाइ अउर लखइ क कहेस। इ सात दाईं भवा।
44 सातवीं दाईं सेवक लउटके आवा अउर उ कहेस, “मइँ एक नान्ह बादर मनई क मूठी क बराबर लखेउँ ह। बादर समुद्र स आवत रहा।”एलिय्याह सेवक स कहेस, “राजा, अहाब क लगे जा अउर ओहसे कहा कि उ आपन रथ तइयार कइ लेइ अउर अब घर वापस जाइ। जदि उ अबहिं नाहीं जाइ तउ बर्खा ओका रोक लेइ।”
45 थोड़े समइ क पाछे अकास काले मेघन स ढक गवा। तेज हवा चलइ लागिन अउर घनघोर बर्खा होइ लाग। अहाब अपने रथे मँ बइठा अउर यिज़्रेल क वापस जात्रा करब सुरु किहेस।
46 एलिय्याह क भीतर यहोवा क ताकत आइ। एलिय्याह अपने ओढ़नन क अपने चारिहुँ कइती कसेस, जेहसे उ दउड़ सकइ। तब एलिय्याह यिज्रेल तलक क पूरे मारग पइ राजा अहाब स अगवा दउड़त रहा।
1 Kings 19
1 राजा अहाब इ़र्जेबेल क उ सबइ बातन बताएस जउन एलिय्याह कहेस। अहाब ओका बताएस कि एलिय्याह कइसे सबहिं नबियन क एक ही तरवार स मउत क घाट उतारेस।
2 एह बरे ईज़ेबेल एलिय्याह क लगे एक ठु दूत पठएस। ईज़ेबेल कहेस, “मइँ प्रतिग्या करति हउँ कि काल्ह इ समइ स पहिले मइँ तोहका वइसे ही मारब जइसे तू नबियन क मार्या ह। जदि मइँ सफल नाहीं होतिउँ तउ देवता मोका मार डावइँ।”
3 जब एलिय्याह इ सुनेस तउ उ डेराइ गवा। एह बरे उ अपनी जान बचावइ क लिए पराइ गवा। उ अपने संग अपने सेवक क लइ गवा। उ पचे बेसेर्बा पहोंचेन जउन यहूदा मँ अहइ। एलिय्याह अपने सेवक क बेसेर्बा मँ तजेस।
4 तब एलिय्याह पूरे दिन रेगिस्तान मँ चला। एलिय्याह एक झाड़ी क खाले बइठा। उ कामना किहेस कि उ मरि जातइ। एलिय्याह कहेस, “यहोवा इ मोरे बरे बहोत अहइ। मोका मरइ द्या। मइँ अपने पुरखन स नीक नाहीं अहउँ।”
5 तब एलिय्याह बृच्छ क खाले ओलर गवा अउर सोइ गवा। एक ठु सरगदूत एलिय्याह क लगे आवा अउर उ ओका छुएस। सरगदूत कहेस, “उठा, खा।”
6 एलिय्याह चारिहुँ कइती लखेस अउर ओकर माथे क बगल मँ कोयले पइ पका एक ठु रोटी अउर पानी भरी गगरी अहइ। एलिय्याह खाएस अउ पीएस अउर तब उ फुन सोइ गवा।
7 पाछे, यहोवा क सरगदूत ओकरे लगे फुन आएस अउर ओका छुएस। सरगदूत कहेस, “उठा, खा।” जदि तू अइसा नाहीं खात्या तउ तू एतने जियादा सक्तिसाली नाहीं होब्या, जेहसे तू लम्बी जात्रा कइ सका।”
8 एह बरे एलिय्याह उठा। उ खाएस अउर पीएस। भोजन ओका ऍतना सक्तिसाली बनाई दिहस कि उ चालीस दिन अउ रात जात्रा कइ सकइ। उ होरेब पर्वत तलक गवा जेका परमेस्सर क पर्वत कहा जात अहइ।
9 हुवाँ एलिय्याह एक ठु गुफा मँ घुसा अउ सारी रात ठहरा।तब यहोवा एलिय्याह स बातन किहस। यहोवा कहेस, “एलिय्याह, तू हिआँ काहे आया ह?”
10 एलिय्याह जवाब दिहेस, “यहोवा सर्वसक्तिमान परमेस्सर, मइँ यहोवा बरे बहोत जोसीला रहा ह। यथासम्भव मइँ तोहार सेवा सब स उत्तिम रूप मँ हमेसा ही किहेउँ ह। किन्तु इस्राएल क लोग तोहरे संग कीन्ह गइ समझौता क तोड़ेन ह। उ पचे तोर वेदियन क बर्बाद किहन ह। उ पचे तोहरे नबियन क मार डाएन ह। मइँ एकमात्र अइसा नबी हँउ जउन जिअत बचा हँउ अउर अब उ पचे मोका मार डावइ चाहत हीं।”
11 तब यहोवा एलिय्याह स केहेस, “जा, मोरे समन्वा पर्वते पइ खड़ा ह्वा। मइँ तोहरे बगल स निकरब।” तब एक प्रचण्ड आँधी चली। आँधी पर्वतन क तोड़ गिराएस। इ यहोवा क समन्वा बिसाल चट्टानन क तोड़ डाएस। मुला उ आँधी यहोवा नाहीं रहा। उ आँधी क पाछे भुइँडोल आवा। किन्तु उ भुइँडोल यहोवा नाहीं रहा।
12 भुइँडोल क पाछे हुवाँ आगी रही। किन्तु उ आगी यहोवा नाहीं रही। आगी क पाछे हुवाँ एक कोमल अउ फुसफुसाहट क स्वर सुनाई पड़ा।
13 जब एलिय्याह उ स्वर सुनेस तउ उ अपने अंगरखे स आपन मुँह ढाँपि लिहस। तब उ गवा अउर गुफा क दुआर पइ खड़ा भवा। तब एक वाणी ओहसे कहेस, “एलिय्याह, हिआँ तू कहाँ अहा?”
14 एलिय्याह जवाब दिहेस, “यहोवा सर्वसक्तिमान परमेस्सर, मइँ यहोवा बरे बहोत जियादा जोसीला रहा ह। मइँ यथासम्भव सब स उत्तिम सेवा तोहका अपिर्त किहेउँ ह। मुला इस्राएल क लोग तोहरे संग कीन्ह गइ आपन करार तोड़ेन ह। उ पचे तोहार वेदियन बर्बाद किहन। उ पचे तोहरे नबियन क मारेन। मइँ एकमात्र अइसा नबी हउँ जउन अबहिं तलक जिअत ह अउर अब उ पचे मोका मार डावइ क जतन करत अहइँ।”
15 यहोवा कहेस, “उ सड़क पइ वापस लउट जा जउन दमिस्क क चारिहुँ कइँती क रेगिस्तान तलक जात ह। दमिस्क मँ जा अउर हजाएल क अभिसेक अराम क राजा क रूप मँ अभिसेक करा।
16 ओकरे पाछे निमसी क पूत येहू क इस्राए क राजा क रूप मँ अभिसेक करा। ओकर बाद आबेल महोला क सापात क पूत एलीसा क अभिसेक करा। उ तोहरे जगह पइ नबी बनी।
17 हजाएल अनेक बुरे लोगन क मार डाइ। येहू कउनो क भी मार डाइ जउन हजाएल क तरवार स बच निकरत ह। अउर एलीस कउनो क भी मार डाइ जउन येहू क तरवार स बच निकरत ह।
18 एलिय्याह! इस्राएल मँ तू ही एक मात्र बिस्सासपात्र मनई नाहीं अहा। उ सबइ मनई बहोत स लोगन क मार डइहीं, किन्तु ओकरे पाछे भी हुवाँ इस्राएल मँ सात हजार लोग अइसे होइहीं जउन बाल क कबहुँ प्रणाम नाहीं किहन। मइँ ओन सात हजार लोगन क जिअत रहइ देब, काहेकि ओन लोगन मँ स कउनो कबहुँ बाल क देवमूतिर् क चूमेस तलक नाहीं।”
19 एह बरे एलिय्याह उ जगह क तजेस अउर सापात क पूत एलीसा क खोज मँ निकरा। एलीसा बारह जोड़ा बर्धन स भुइँया क जोतत रहा अउर एलीसा खुद बारहवाँ जोड़ा स हल जोतत रहा जब एलिय्याह आपन अंगरखाएलीसा क पहिराइ दिहस।
20 एलीसा फउरन आपन बर्धन क छोड़ेस अउर एलिय्याह क पाछे दउड़ गवा। एलीसा कहेस, “मोका अपनी महतारी अउर बाप क चूमइ द्या अउर ओनसे बिदा लेइ द्या। फुन मइँ तोहरे पीछे चलब।” एलिय्याह जवाब दिहेस, “हाँ तू अइसा कइ सकत ह। मइँ तोहका नाहीं रोकब।”
21 तब एलीसा अपने परिवार क संग बिसेस भोजन किहस। एलीसा गवा अउर अपने बर्धन क मार डाएस। उ हरे क काठ क उपयोग आगी बारह इ बरे किहस। तब उ मास क पकाएस अउर लोगन मँ बाँट दिहस। लोग मास खाएन। तब एलीसा गवा अउर उ एलिय्याह क अनुसरण किहस। एलीसा एलिय्याह क सहायक बना।
1 Kings 20
1 बेन्हदद अराम क राजा रहा। उ आपन सारी फउज बटोरेस। ओकरे संग बत्तीस राजा रहेन। ओकरे लगे घोड़न अउ रथ रहेन। उ पचे सोमरोन पइ हमला किहन अउर ओकरे खिलाफ लड़ेन।
2 राजा, नगर मँ इस्राएल क राजा अहाब क लगे दूत पठाएस।
3 सूचना इ रही, “बेन्हदद कहत ह, ‘तोहका आपन सोना-चाँदी मोका देइ क पड़ी। तोहका आपन मेहररुअन अउ बच्चन भी मोका देइ क होइ।’“
4 इस्राएल क राजा जवाब दिहस, “ऐ मोर सुआमी राजा! मइँ अंगीकार करत हउँ कि अब मइँ आप क मातहत हउँ अउर जउन कछू मोर अहइ उ आप क अहइ।”
5 तब दूत अहाब क लगे वापस आवा। उ पचे कहेन, “बेन्हदद कहत ह, ‘मइँ पहिले ही तोहसे कहे रहेउँ कि तोहका सारा सोना-चाँदी तथा आपन मेहररूअन, बच्चन क मोका देइ क पड़ी।
6 काल्ह मइँ अपने मनइयन क पठवत हउँ जउन महल मँ सब जगह अउर तोहरे मातहती मँ सासन करइवाले अउर अधिकारियन क घरन मँ खोज करिहीं। मोर मनई सबइ मुल्यवान वस्तुअन क लेइहीं अउर ओनका मोर लगे लइ आइहीं।’“
7 एह बरे राजा अहाब अपने देस क सबहिं बुर्जुगन क एक बैठक बोलाएस। अहाब केहस, “लखा बेन्हदद परेसानी क कारण अहइ। पहिले उ मोहसे इ माँग किहस ह कि मइँ ओका आपन मेहररूअन, आपन बच्चन अउर आपन सोना-चाँदी दइ देउँ। मइँ ओका उ सबइ चिजियन देब अंगीकार कइ लिहेउँ अउर उ सब कछू लेइ चाहत ह।”
8 किन्तु अग्रजन अउर सबहिं लोग कहेन, “ओकर आदेस न माना। उ न करा जेका करइ क उ कहत ह।”
9 एह बरे अहाब बेन्हदद क सँदेसा पठएस। अहाब कहेस, “मइँ उ कइ देब जउन तू पहिले कहे रह््या। किन्तु मइँ तोहार दूसरे आदेस क पालन नाहीं कइ सकत।”राजा बेन्हदद क दूत सँदेसा राजा तलक लइ गएन।
10 तब उ पचे बेन्हदद क दूसर सँदेसा क संग लउटेन। सँदेसा इ रहा, “मइँ सोमरोन क पूरी तरह बर्बाद करब। मइँ प्रतिग्या करत हउँ कि उ नगर क सबहिं चिजियन क बर्बाद कीन्ह जाइहीं। जदि मोरे हरे एक मनई उ नगर क एक मुट्ठी धूरि भी आपन घरे लेइ जाइ बरे लेइ तउ उ ओन सबइ लोगन बरे प्रयाप्त नाहीं होब्या। परमेस्सर मोका बर्बाद करइ द्या जदि मइँ अइसा न करउँ।”
11 राजा अहाब जवाब दिहस, “बेन्हदद स कहा कि उ मनइ क, जउन आपन कवच धारण किहे होइ, उ मनई क तरह डींग नाहीं डाँकइ चाही जउन ओका उतारइ बरे लम्बी जिन्नगी जिअत ह।”
12 राजा बेन्हदद अपने दूसर प्रसासकन क संग अपने तम्बू मँ दाखरस पान करत रहा। उहइ समइ दूतन आवा अउर उ राजा अहाब क सँदेसा दिहस। राजा बेन्हदद अपने मनइयन क नगर पइ हमला करइ बरे तैयार होइ क आदेस दिहेस। एह बरे फउजी जुुद्ध बरे अपनी जगह लेइ बरे बढ़ेन।
13 इहइ समइ, एक ठु नबी इस्राएल क राजा, अहाब क लगे पहोंचा। नबी कहेस, “राजा अहाब यहोवा तोहसे कहत ह, ‘का तू उ बड़की फउज क लखत अहा। मइँ, यहोवा, आज तोहका उ सेना क हरावइ देब। तब तू जनब्या कि मइँ यहोवा हउँ।’“
14 अहाब कहेस, “ओनका पराजित करइ क बरे तू केकर उपयोग करब्या?”नबी जवाब दिहस, “यहोवा कहत ह, ‘सरकारी अधिकारियन क युवक सहायक।’“तब राजा पूछेस, “कउन सेना क अगुवाइ करब अउर जुद्ध सुरू करब?” नबी जवाब दिहस, “तू।”
15 एह बरे अहाब सरकारी अधिकारियन क युवक सहायकन क बटोरेस। सब मिलाइके इ सबइ दुइ सौ बत्तीस युवक रहेन। तब राजा इस्राएल क सेना क एक संग बोलाएस। सारी गनती सात हजार रही।
16 दुपहर क, राजा बेन्हदद अउ ओकर सहायक बत्तीस राजा अपने डेरा मँ दाखरस पान करत रहने अउर मद मत्त होत रहेन। इहइ समइ राजा अहाब क हमला भवा।
17 युवक सहायकन पहिले हमला किहन। बेन्हदद क मनइयन ओहसे कहेन कि फउजी सोमरोन स बाहेर निकरि आए अहइँ।
18 एह बरे बेन्हदद कहेस, “उ पचे जुद्ध करइ बरे या सान्ति-सन्धि करइ बरे आवइ सकत ह। ओनका जिन्दा धइ ल्या।”
19 राजा अहाब क युवक आकामण क पहल करत रहेन। इस्राएल क फउज ओनके पाछे चलत रही।
20 इस्राएल क हर एक सैनिक उ मनइयन क मार डाएस जउन ओकरे खिलाफ आवा। एह बरे अराम क फउजियन पराब सुरू किहन। इस्राएल क फउज ओनकर पाछा किहस। राजा बेन्हदद अपने रथन क एक घोड़े पइ बैठिके भाग निकरा।
21 राजा अहाब फउज क अगुवाइ किहेस अउर आगे बढ़ेस। उ अराम क फउज क सारे घोड़न अउ रथन क लइ लिहस। इ तरह राजा अहाब अरामियन सेना क भारी पराजय दिहस।
22 तब नबी राजा अहाब क लगे पहोंचा, इस्राएल क राजा कहेस, “अराम क राजा बेन्हदद अगले बसन्त मँ तोहसे जुद्ध करइ बरे फुन आइ। एह बरे तोहका अब घरे लउटि जाइ चाही अउर अपनी फउज क पहिले स जियादा सक्तीसाली बनवाइ चाही अउर ओका हराइ बरे उचित जोजना बनावा।”
23 राजा बेन्हदद क अधिकारी लोग ओहसे कहेन, “इस्राएल क देवता पर्वतीय देवता अहइ। हम लोग पर्वतीय पहँटा मँ लड़े रहे। एह बरे इस्राएल क लोग बिजयी भएन। एह बरे हम लोग ओनसे समथर मइदान मँ जुद्ध करी। तब हम बिजयी पाउब।
24 इ उहइ अहइ जेका तोहका करइ चाही। बत्तीस राजा लोगन क फउज क संचालन करइ क अनुमति न द्या। सेनापतियन क ही अपनी फउज क नेतृत्व करइ द्या।
25 “अब तू उहइ क समान एक फउज बनावा जउन तू खो दिहस ह। उहइ फउज क तरह घोड़न अउर रथ ऍकट्ठा करा जइसा तू पहिले रहा। तब हम लोग इस्राएलियन स समथर मइदान मँ जुद्ध करी। तब हम बिजय प्राप्त करब।” बेन्हदद ओनकी सलाह मान लिहस। उ उहइ किहस जउन उ पचे कहेन।
26 एह बरे बसन्त मँ बेन्हदद अराम क लोगन क बटोरेस। उ इस्राएल क खिलाफ जुद्ध करइ अपेक गवा।
27 इस्राएलियन भी जुद्ध क तइयारी किहन। इस्राएल क लोग अराम क सेना स लड़इ गएन। उ पचे अपने सिबिर अराम क सिबिर क समन्वा डाएन। दुस्मन क तुलना मँ इस्राएली फउज बोकरियन क दुइ ठू नान्ह झुण्डन क समान देखाइ पड़त रहेन किन्तु अराम क फउज सारे छेत्र क ढाँपे रही।
28 परमेस्सर क एक मनई इ सँदेसा क संग इस्राएल क राजा क लगे आवा: “यहोवा कहेस ह, ‘अराम क लोग कहेन ह कि मइँ, यहोवा पर्वतन क परमेस्सर हुउँ। उ पचे सोचत हीं कि मइँ घाटियन क परमेस्सर भी नाहीं हउँ। एह बरे, मइँ तोहका इ बिसाल सेना क हरावइ देब। तब तू समुझब्या कि मइँ यहोवा सब जगह हउँ।’“
29 फउजन सात दिन तलक एक दूसरे क आमने-सामने डेरा डाए रहिन। सतएँ दिन जुद्ध सुरु भवा। इस्राएलियन एक दिन मँ अराम क एक लाख फउजियन क मार डाएन।
30 बचे भए फउजी अपेक नगर क भाग पराइ गएन। नगर प्राचीर ओन सत्ताईस हजार फउजियन पइ भहराइ पड़ी। बेन्हदद भी नगर क पराइ गवा। उ एक ठु कमरा मँ छुप गवा।
31 ओकर अधिकारियन ओहसे कहेन, “हम लोग सुना ह कि इस्राएल क राजा लोग दया दिखावत ह। हम लोग मोरे ओढ़ना पहिरे अउर सिरे पइ रस्सी डाए। तब हम लोग इस्राएल क राजा क लगे चली होइ सकत ह कि उ हम क जिअत रहइ देइ।”
32 उ पचे मोरे ओढ़ना पहिरेन अउर लसुरी मूँडे पइ डाएन। उ पचे इस्राएल क राजा क लगे आएन। उ पचे कहेन, “तोहार सेवक बेन्हदद कहत ह, ‘कृपा कइके मोका जिअत रहइ द्या।’“ अहाब जवाब दिहस, “का उ अबहिं तलक जिअत अहइ? उ मोर भाई अहइ।”
33 बेन्हदद क मनई राजा अहाब क सब्द मँ कछू सुराग सुनि क आसावादी रहेन जेहसे इ निहिचित होइ कि उ बेन्हदद क नाहीं मारी। जब अहाब बेन्हदद क आपन भाई कहेस तउ सलाहकारन तुरन्त कहेन, “हाँ, बेन्हदद आप क भाई अहइ।”अहाब कहेस, “ओका मोरे लगे लिआवा।” एह बरे बेन्हदद राजा अहाब क लगे आवा। राजा अहाब अपने संग ओका अपने रथ मँ बइठइ क कहेस।
34 बेन्हदद ओहसे कहेस, “अहाब मइँ ओन नगरन क तोहका दइ देब जेनका मोर बाप तोहरे बाप स लइ लिहे रहेन अउर तू दमिस्क मँ वइसे ही दुकानन रखि सकत ह जइसे मोर बाप सोमरोन मँ रखे रहा।”अहाब जवाब दिहस, “जदि तू एका अँगीकार करत ह तउ मइँ तोहका जाइ बरे अजाद करत हउँ।” एह बरे दुइनउँ राजा लोग एक ठु सान्ति-सन्धि किहन। तब राजा अहाब बेन्हदद क जाइ बरे अजाद कइ दिहस।
35 नबियन मँ स एक दूसर नबी स कहेस, “मोह पइ चोट करा।” उ ओहसे इ करइ बरे कहेस काहेकि यहोवा अइसा आदेस दिहे रहा। किन्तु दूसर नबी ओह पइ चोट करइ स मना कइ दिहेस।
36 एह बरे पहिला नबी कहेस, “तू यहोवा क आदेस क पालन नाहीं किहा। एह बरे जब तू इ जगह क तजब्या, एक ठु सेर तोहका मार डाइ।” दूसर नबी उ जगह क तजेस अउर ओका एक सेर मार डाएस।
37 पहिला नबी दूसर मनई क लगे गवा अउर कहेस, “मोह पइ चोट करा।”उ मनई ओह पइ चोट किहस। नबी क चोट आइ।
38 एह बरे नबी अपने चेहरे पइ एक ओढ़ना लपेट लिहस। इ तरह कउनो इ नाहीं समुझ सकत रहा कि उ कउन अहइ। उ नबी गवा अउर उ सड़क क किनारे राजा क प्रतीच्छा सुरु किहस।
39 राजा उ सड़क स निकरा अउर नबी ओहसे कहेस, “मइँ जुद्ध मँ लड़इ गवा रहेउँ। हमरे मनइयन मँ स एक मोरे लगे एक दुस्मन फउजी क लिआवा। उ मनई कहेस, ‘इ मनई क पहरेदारी करा। जदि उ भाग गवा, तउ एकरे जगह पइ तोहका आपन जिन्नगी देइ क होइ या तोहका पचहत्तर पौण्ड चाँदी जुर्माने मँ देइ क होइ।’
40 किन्तु मइँ ब्यस्त होइ गवा। एह बरे उ मनई भाग निकरा।”इस्राएल क राजा कहेस, “तू कह्या ह कि तू फउजी क पराइ जाइ देइ क अपराधी अहा। एह बरे तोहका जवाब मालूम अहइ। तोहका उहइ करइ चाही जेका करइ क उ मनई कहेस ह।”
41 तब नबी अपने मुँहना स ओढ़ना हटाएस। इस्राएल क राजा लखेस अउर इ जान लिहस कि उ नबियन मँ स एक अहइ।
42 तब नबी राजा स कहेस, “यहोवा तोहसे इ कहत ह, ‘तू उ मनई क अजाद किहा जेका मइँ मर जाइ क कहेउँ। एह बरे ओकर जगह तू लेब्या, तू मर जाब्या अउर तोहार लोग दुस्मनन क जगह लेइहीं, तोहार लोग मरिहीं।’“
43 तब राजा समारिया अपने घरे लउट गवा। उ बहोत गुस्सा मँ अउ घबराया भवा रहा।
1 Kings 21
1 राजा अहाब क महल सोमरोन म रहा। महल क लगे एक ठु अंगूरन क बाग रहा। यिज्रेल नाबोत नाउँ क मनई इ फलन क बाग क सुआमी रहा।
2 एक दिन अहाब नाबोत स कहेस, “अपना अंगूर क बाग मोका दइ द्या। मइँ एका सब्जियन क बाग बनावइ चाहत हउँ। तोहार बाग मोरे महल क लगे अहइ। मइँ एकरे बदले तोहका एहसे अच्छा अंगूर क बाग देब या, जदि तोर इच्छा होइ तउ मइँ ऐकरे मुल्य चुकाइके एका खरीद लेब।”
3 नाबोत जवाब दिहस, “मइँ आपन भुइँया तोहका कबहुँ नाहीं देब। इ भुइँया मोरे परिवार क बाटइ।”
4 एह बरे अहाब अपने घर गवा। उ नाबोत पइ किरोधित अउ बिगड़ा भवा रहा। उ इ बात क पसन्द नाहीं किहस जउन यिज्रेल क मनई कहे रहा। (नाबोत कहे रहा, “मइँ अपने परिवार क भुइँया तोहका नाहीं देब।”) अहाब अपने बिछउना पइ ओलर गवा। उ आपन मुंह मोड़ लिहस अउर खाइ स इन्कार कइ दिहस।
5 अहाब क मेहरारू ई़ज़ेबेल ओकरे लगे गइ। ईज़ेबेल ओहसे कहेस, ‘तू ऍतना उदास काहे अहा? तू खाइ स इन्कार काहे किहा ह?”
6 अहाब जवाब दिहस, “मइँ यिज्रेल क नाबोत स ओकर भुइँया माँगेउँ। मइँ ओहसे कहेउँ कि मइँ ओकर पूरी कीमत चुकाउब, या, जदि उ चाही तउ मइँ ओका दूसर बाग देब किन्तु नाबोत आपन बाग देइ स इन्कार कइ दिहस।”
7 ईज़ेबेल जवाब दिहस, “किन्तु तू तउ पूरे इस्राएल क राजा अहा अपने बिछउना स उठा। कछू खइया क खा, तू अपने क बेहतर महसूस करब्या। मइँ नाबोत क बाग तोहरे बरे लइ लेब।”
8 तब ईज़ेबेल कछू पत्र लिखेस। उ पत्रन पइ अहाब क हस्ताच्छर बनाएस। उ अहाब क मुहर पत्रज क बंद करइ बरे ओन पइ लगाएस। तब उ ओनका अग्रजन (प्रमुखन) अउर बिसेस मनइयन क लगे पठएस जउन उहइ नगर मँ रहत रहेन, जेहमाँ नाबोत रहत रहा।
9 पत्र मँ इ लिखा रहा:इ घोसणा करा कि एक इ एक उपवास क दिन होइ। तब नगर क सबहिं लोगन क एक संग एक बइठक बोलावा। बइठक मँ, नाबोत क लोगन क समन्वा खास स्थान पइ बइठवा।
10 कउनो अइसे दई बुरा मनइयन क हासिल करा जउन नाबोत क खिलाफ झूठा गवाही देइ। ओनका इ कहइ द्या उ पचे सुनेन कि नाबोत राजा अउ परमेस्सर क खिलाफ कछू बातन कहेस। तब नाबोत क नगर क बाहेर लइ जा अउर ओका पाथरन स मार डावा।
11 एह बरे यिज्रेल क बुर्जुगन अउर महत्वपूर्ण मनइयन उ आदेस क पालन किहन जउन उ पत्र मँ लेखि के ओनका लगे भेजि रहेन।
12 प्रमुखन घोसणा किहन कि एक दिन अइसा होइ जब सबहिं मनई कछू भी भोजन नाहीं करिहीं। उ दिन उ पचे सबहिं लोगन क बइठक एक संग बोलाएन। उ पचे नाबोत क बिसेस ठउरे पइ लोगन क समन्वा रखेन।
13 तब दुइ बुरा मनइयन लोगन स कहेन कि उ पचे नाबोत क परमेस्सर अउ राजा क बिरुद्ध बातन करत सुनेन ह। एह बरे लोग नाबोत क नगर क बाहेर लइ गएन। तब उ पचे ओका पाथरन स मार डाएन।
14 तब प्रमुखन एक सँदेसा ईज़ेबेल क पठएन। सँदेसा रहा: “नाबोत पाथरन स मार डावा गवा।”
15 जब ईज़ेबेल इ सुनेस तउ उ अहाब स कहेस, “नाबोत मर गवा। अब तू जाइ सकत ह अउर उ बाग क लइ सकत ह जेका उ तोहका बेचइ स इन्कार किहे रहा।”
16 जब अहाब सुनेस कि नबोत मर गवा, उ अंगूर क बाग मँ ओह पइ कब्जा करइ बरे गवा।
17 इ समइ यहोवा एलिय्याह स बातन किहस। (एलिय्याह तिसबी क नबी रहा) यहोवा कहेस,
18 “इस्राएल क राजा अहाब क लगे सोमरोन क जा। अहाब नाबोत क अंगूरन क बाग मँ होइ। उ हुँवा पइ उ बाग पइ कब्जा करइ बरे होइ।
19 अहाब स कहा, मइँ यहोवा ओहसे कहत हउँ, ‘अहाब! तू नाबोत नाउँ क मार डाया ह। अब तू ओकर भुइँया लेत अहा। एह बरे मइँ तोहसे कहत हउँ, तू भी उहइ जगह पइ मरब्या जउने जगह पइ नाबोत मरा। जउन कूकुरन नाबोत क खून क चाटेन, उ सबइ ही तोहार खून उ जगह पइ चटिहीं।’“
20 एह बरे एलिय्याह अहाब क लगे गवा। अहाब एलिय्याह क लखेस अउ कहेस, “तू मोका फुन पाइ लिहा ह। तू सदा मोरे खिलाफ अहा।”एलिय्याह जवाब दिहस, “हाँ मइँ तोहका फुन पाइ लिहेउँ ह। तू सदा अपनी जिन्नगी क उपयोग यहोवा क खिलाफ पाप करइ मँ किहा।
21 एह बरे यहोवा तोहसे कहत ह, ‘मइँ तोहका बर्बाद कइ देब। मइँ तोहका अउर तोहरे परिवार क हर एक मनसेधू निअंबर क मार डाउब।
22 “तोहरे परिवार क उहइ दसा होइ जउन दसा नाबोत क पूत यारोबाम क परिवार क भइ अउर तोहार परिवार बासा क परिवार क तरह होइ। इ सबइ दुइनउँ पूरी तरह बर्बाद कइ दीन्ह गए रहेन। मइँ तोहारे संग उहइ करब काहेकि तू मोका गुस्सैल किहा ह। तू इस्राएल क लोगन स पाप कराया ह।’
23 अउर यहोवा इ भी कहत ह, ‘तोहार मेहरारु ईज़ेबेल क ल्हास यिज्रेल नगर मँ कूकुर खइहीं।
24 तोहार परिवार कउनो भी निअंबर क जउन नगर मँ मरी, कूकुर खइहीं जउन मनई मइदानन मँ मरी उ पंछियन क जरिये खा जाइ।’“
25 ओतॅना बुरे काम जेका यहोवा बुराई मँ सामिल करत ह कउनो भी मनई नाहीं किहेस ह जेतॅना अहाब किहेस ह। ओकर पत्नी ईज़ेबेल ओहसे इ सबइ काम कराएस ह।
26 अहाब बहोत भयंकर पाप किहेस ह जउन उ ओन काठे क देवमूरतियन क पूजेस ह। इ उहइ काम रहा जेका एमोरी लोग करत रहेन अउर यहोवा ओनसे पहँटा छोर लिहस अउर इस्राएल क लोगन क दइ दिहे रहा।
27 एलिय्याह क कथन क पूरा होइ पइ अहाब दुःखी भवा। उ अपने ओढ़नन क इ देखावइ बरे फार डाएस कि ओका दुःख अहइ। तब उ सोक क बिसेस ओढ़ना पहिरेस। अहाब खाइ स इन्कार कइ दिहेस। उ ओनही बिसेस ओढ़नन क पहिरे भवा रहा। अहाब बहोत दुःखी अउ उदास रहा।
28 यहोवा एलिय्याह, तिसबी क नबी स कहेस,
29 “का तू लखया ह कि अहाब मोरे समन्वा विनम्र होइ गवा ह। एह बरे मइँ ओकरे जिन्नगी क काल मँ ओह पइ विपत्तियन क नाहीं आवइ देब। मइँ तब तलक प्रतीच्छा करब जब तलक ओकर पूत राजा नाहीं बन जात। तब मइँ अहाब क परिवार पइ विपत्तियन आवइ देब।”
1 Kings 22
1 अगले दुइ बरिस क भीतर इस्राएल अउ अराम क बीच सान्ति रही।
2 तब तीसरे बरिस यहूदा क राजा यहोसापात इस्राएल क राजा अहाब स भेंटइ गवा।
3 इ समइ अहाब अपने अधिकारियन स पूछेस, “तू पचे जानत ह कि अराम क राजा गिलाद मँ रामोत क हम स लइ लिहे रहा। हम लोग रामोत वापस लेइ क कछू भी जतन काहे नाहीं किहा? इ हम लोगन क नगर होइ चाही।”
4 एह बरे अहाब यहोसापात स पूछेस, “का आप हमरे संग आउब अउर रामोत मँ अराम क फउज क खिलाफ जुद्ध करब?” भेंटइ बरे तैयार अहइँ।यहोसापात जवाब दिहस, “हाँ, मइँ तोहार साथ देब। मोर फउजी अउर मोर घोड़न तोहरी फउज क संग भेंटइ बरे तैयार अहइ।
5 किन्तु पहिले हम लोगन क यहोवा स सलाह लेइ चाही।”
6 एह बरे अहाब नबियन क एक बैठक बोलाएस। उ समइ लगभग चार सौ नबी रहेन। अहाब नबियन स पूछेस, “का मइँ जाउँ अउर रामोत मँ अराम क फउज क खिलाफ जुद्ध करउँ? या मइँ कउनो दूसर अवसर क प्रतीच्छा करउँ?”नबियन जवाब दिहन, “तोहका अबहिं जुद्ध करइ चाही। यहोवा तोहका विजय पावइ देइ।”
7 किन्तु यहोसापात कहेस, “का हिआँ यहोवा क नबियन मँ स कउनो दूसर नबी अहइ? जदि कउनो अहइ तउ हम क ओहसे पूछइ चाही कि परमेस्सर का कहत ह।”
8 राजा अहाब जवाब दिहस, “एक दूसर नबी अहइ। उ यिम्ला क पूत मीकायाह अहइ। किन्तु ओहसे मइँ घिना करत हउँ। जब कबहुँ उ यहोवा क बारे मँ बतावत ह, उ मोर बारे मँ कछू नीक नाहीं बल्कि बुरा कहत ह। उ सदा ही उहइ कहत ह जेका मइँ पसन्द नाहीं करत।”यहोसापात कहेस, “राजा अहाब, तोहका इ सबइ बातन नाहीं कहइ चाही।”
9 एह बरे राजा अहाब अपने अधिकारियन मँ एक स कहेस जा अउर मीकायाह क जल्दी खोज के लिआवा।
10 उ समइ दुइनउँ राजा अपनी राजसी पोसाक पहिरे रहेन। उ पचे सिंहासने पइ बइठे रहेन। इ सोमरोन क दुआर क लगे निआव करइ क जगह पइ रहा। सबहिं नबी ओकरे समन्ना खड़े रहेन। उ सबइ भविस्सवाणी करत रहेन।
11 नबियन मँ स एक सिदकिय्याह नाउँ क मनई रहा। इ कनान क पूत रहा। सिदकिय्याह कछू लोहा क सींगन बनाएस। तब उ अहाब स कहेस, “यहोवा कहत ह, ‘तू लोहा एन सींगन क उपयोग अराम क फउज क खिलाफ लड़इ मँ करब्या। तू ओनका हरउब्या अउर ओनका बर्बाद करब्या।’“
12 सबहिं दूसर नबियन ओकर समर्थन किहन जउन कछू सिदकिय्याह कहेस। नबियन कहेन, “तोहार फउज अबहिं कूच करइ। ओनका रामोत मँ अरम क सेना क संग जुद्ध करइ चाही। तू जुद्ध जितब्या। यहोवा तोहका विजय देइ।”
13 जब इ होत रहा तबहिं अधिकारी मीकायाह क हेरइ गवा। अधिकारी मीकायाह क हेर निकारेस अउर ओहसे कहेस, “सबहिं दूसर नबियन कहेन ह कि राजा क जुद्ध जीतब तोहका भी इ कहइ चाही अउर तोहका राजा क बारे मँ अच्छी बातन क भविस्सबाणी करइ चाही।”
14 किन्तु मीकायाह जवाब दिहस, “नाहीं! मइँ प्रतिग्या करत हउँ कि मइँ सिरिफ परमेस्सर क सक्ती क बारे मँ उहइ कहब जउन कहइ बरे यहोवा कहेस ह!”
15 तब मीकायाह राजा अहाब क समन्वा खड़ा भवा। राजा ओहसे पूछेस, “मीकायाह, का मोका अउर राजा यहोसापात क अपनी फउजन एक कइ लेइ चाही? अउर का हम क अराम क फउज स रामोत मँ जुद्ध करइ बरे जाइ चाहीं?”मीकायाह जवाब दिहस, “हाँ! तोहका जाइ चाही अउर ओनसे अबहिं जुद्ध करइ चाही। यहोवा तोहका विजय स आसिस देइ।”
16 किन्तु अहाब पूछेस, “तू यहोवा क सक्ती स नाहीं बतावत अहा। तू अपनी निजी बात कहत अहा। एह बरे मोहसे फुर कहा। केतनी दाईं मोका तोहसे कहइ क पड़ी? मोहसे उ कहा जउन यहोवा कहत ह।”
17 एह बरे मीकायाह जवाब दिहेस, “मइँ जउन कछू होइ, लखि सकत हउँ। इस्राएल क फउज पहाड़ियन मँ बिखर जाइ। उ पचे ओन भेड़न क तरह होइहीं जेनकर कउनो भी संचालक न होइ। इहइ यहोवा कहत ह: ‘एन मनइयन क अगुवाइ कउनो नाहीं करइ। ओनका घर जाइ चाही अउर जुद्ध नाहीं करइ चाही।’“
18 जब अहाब यहोसापात स कहेस, “लख ल्या। मइँ तोहका बताए रहेउँ। इ नबी मोरे बारे मँ कबहुँ कउनो नीक बात नाहीं कहत। इ सदा उहइ बात कहत ह जेका मइँ सुनइ नाहीं चाहत।”
19 किन्तु मीकायाह यहोवा क माध्यम बना कहत ही रहा। उ कहेस, “सुना! इ सबइ उ सबइ सब्द अहइँ जेनका यहोवा कहेस ह! मइँ यहोवा क सरग मँ अपने सिंहासने पइ बइठा लखेउँ। ओकर दूत ओकरे दाई अउर बाई ओर खड़ा रहेन।
20 यहोवा कहेस, ‘तू पचन मँ स कउन राजा अहाब क चकमा दइ सकत ह? मइँ ओका रामोत मँ अराम क फउज क खिलाफ जुद्ध करइ क बरे जाइ देइ चाहत हउँ। तब उ मारा जाइ।’ अलग-अलग सरगदूतन अलग-अलग सुझाव दिहेन।
21 तब एक ठु सरगदूत यहोवा क लगे गवा अउर उ कहेस, ‘मइँ ओका चकमा देब।’
22 यहोवा पूछेस, ‘तू राजा अहाब क चकमा कइसे देब्या?’ सरगदूत जवाब दिहस, ‘मइँ ओकर सबइ नबियन क मुँह मँ झूठ बोलइवाला आतिमा होइ जाब।” मइँ नबियन क अहाब स झूठ बोलाउब नबियन क सँदेसन झूठ होइहीं।’ एह बरे यहोवा कहेस, ‘बहोत अच्छा। जा अउर राजा अहाब क चकमा द्या। तू सफल होब्या।’“
23 मीकायाह अपनी कथा पूरी किहस। तब उ कहेस, “एह बरे हिआँ इ सब भवा। यहोवा तोहरे नबियन स तोहका लबार बोलवाइ दिहस ह। यहोवा खुद निणर्य लिहस ह कि तोह पइ बड़की परेसानी लिआवइ।”
24 तब सिदकिय्याह नबी मीकायाह क लगे गवा। सिदकिय्याह मीकायाह क मुँहे पइ मारेस। सिदकिय्याह कहेस, “का तू फुरइ पतियात अहा कि यहोवा क सक्ती मोका तजि दिहस ह अउर तोहरे माध्यम स बात करत अहइ।”
25 मीकायाह जवाब दिहस, “हाली ही बिपद आइ। उ समइ तू पराब्या अउर एक छोटके कमरे मँ छिपब्या अउर तब तू समुझब्या कि मइँ फुर कहत हउँ।”
26 तब राजा अहाब अपने अधिकारियन मँ स एक क मीकायाह क बन्दी बनावइ क आदेस दिहस। राजा अहाब कहेस, “एका बन्दी बनाइ ल्या अउर एका नगर क प्रसासक आमोन अउर राजकुमार योआस क लगे लइ जा।
27 ओनसे कहा कि मीकायाह क बन्दीघर मँ डाइ द्या। ओका खाइ क सिरिफ रोटी अउर पानी द्या। ओका हुवाँ तब तलक राखा जब तलक मइँ जुद्ध स घरे न आइ जाउँ।”
28 मीकायाह जोर स कहेस, “आप सबहिं लोग सुनई जउन मइँ कहत हउँ। राजा अहाब, जदि तू जुद्ध स घरे जिअत लउटि अउब्या, तउ एकर अरथ होइ कि यहोवा मोर जरिया स नाहीं बोले रहा।”
29 तब राजा अहाब अउ राजा यहोसापात जुद्ध मँ अराम क फउज स जुद्ध करइ गएन। इ गिलाद नाउँ क पहँटा मँ रहा।
30 अहाब यहोसापात स कहेस, “हम जुद्ध क तैयारी करब। मइँ अइसे ओढ़ना पहिरब जउन मोका अइसा रुप देइहीं कि मइँ अइसा लगब कि मइँ राजा नाहीं अहउँ। किन्तु तू अपने बिसेस ओढ़ना पहिरा जेहसे तू अइसे लगा कि तू राजा अहा।” इ तरह इस्राएल क राजा जुद्ध क सुरुआत उ मनई क तरह ओढ़ना पहिरके किहन जउन राजा न होइ।
31 अराम क राजा क लगे बत्तीस रथ-सेनापति रहेन। उ राजा एन बत्तीस रथ-सेनापतियन क आदेस दिहस कि उ पचे इस्राएल क राजा क खोज निकारइँ अउर ओका मार डाइँ। उ कहेस कि इस्राएल क राजा क इलावा कउनो क संग जिन लड़ा चाहे उ महत्वपूर्ण अहइ या नाहीं।”
32 एह बरे जुद्ध क बीच सेनापतियन राजा यहोसापात क लखेन। सेनापतियन समुझेन कि उहइ इस्राएल क राजा अहइ। एह बरे उ पचे ओका मारइ गएन। यहोसापात चिचिआब सुरू किहस।
33 सेनापतियन समुझ लिहन कि उ राजा अहाब नाहीं अहइ। एह बरे उ पचे ओका नाहीं मारेन।
34 मुला एक ठु फउजी हवा मँ बाण छोड़ेस, उ कउनो खास मनई क आपन लस्य नाहीं बनावत रहा। किन्तु ओकर बाण इस्राएल क राजा अहाब क जाइ लगा। बाण राजा क उ छोटी जगह मँ भेदेस, जउन तने क हींसा ओकरे कवच स नाहीं ढका रहा। एह बरे राजा अहाब अपने सारथी स कहेस, “मोका एक ठु बाग भेद दिहेस ह। इ छेत्र स रथे क बाहेर लइ चला। हम क जुद्ध स दूर निकरि जाइ चाही।”
35 फउज लगातार जुद्ध करत रहिन। राजा अहाब अपने रथे मँ ठहरा। उ रथ क टेक क सहारा निहुरा भवा रहा। उ अराम क फउज क लखत रहा। ओकर खून खाले बहत रहा अउर उ रथ क तले क ढाँपि लिहस। पाछे, साँझ क राजा मर गवा।
36 साँझ क समइ इस्राएल क फउज क सबहिं मनसेधुअन अपने नगर अउर प्रदेस वापस लउटइ क आदेस दीन्ह गवा।
37 एह बरे राजा अहाब इ तरह मरा। कछू मनई ओकरे ल्हास क सोमरोन लइ आएन। उ पचे ओका हुँवइ दफनाइ दिहन।
38 लोग अहाब क रथे क सोमरोन मँ एक तालाब मँ धोएन, जहाँ रंडियन नहावत हीं। कूकुर राजा अहाब क खून क ओकर रथ स चाटेन। इ सबइ बातन वइसे वइसे ही भइन जइसा यहोवा होइ क कहे रहा।
39 अपने राज्जकाल मँ अहाब जउन कछू किहस उ “इस्राएल क राजा लोगन क इतिहास” नाउँ क किताबे मँ लिखा अहइ। उहइ किताब मँ राजा अपने महल क जियादा सुन्नर बनावइ बरे जउने हाथी-दाँत क उपयोग किहे रहा, ओकरे बारे मँ कहा गवा ह अउर उ किताबे मँ ओन नगरन क बारे मँ लिखा गवा ह। जेका उ बनाए रहा।
40 अहाब मरा, अउर अपने पुरखन क लगे दफनाइ दीन्ह गवा। ओकर पूत अहज्याह राजा बना।
41 इस्राएल क राजा अहाब क चउथे बरिस। यहोसापात यहूदा क राजा भवा। यहोसापात आसा क पूत रहा।
42 यहोसापात जब राजा भवा तब उ पैंतीस बरिस क रहा। सिल्ही क बिटिया अजूबा यहोसापात क महतारी रही। उ यरूसलेम मँ पचीस बरिस तलक सासन किहे रहेन।
43 यहोसापात नीक मनई रहा। उ उ सबइ चिजियन क किहेस जउन ओकर बाप किहे रहेन अउर ओका करइ मँ दृढ़ रहेन। उ उहइ किहेन जेका यहोवा नीक समुझत ह। किन्तु यहोसापात ओन जगहन क बर्बाद नाहीं किहस। लोग ओन जगहन पइ बलि-भेंट करब अउर सुगन्धि बारब जारी रखेन।
44 यहोसापात इस्राएल क राजा क संग एक सान्ति-सन्धि किहेस।
45 यहोसापात बहोत वीर रहा अउर उ कई जुद्ध लड़ा। जउन कछू उ किहेस उ, “यहूदा क राजा लोगन क इतिहास” नाउँ क किताबे मँ लिखा अहइ।
46 यहोसापात मन्दिर क ओन पुरुस अउर स्त्री पतूरिया क मन्दिर स ज़बरदस्ती बाहेर निकारेस। ओन मनइयन ओन मन्दिर मँ तब सेवा किहे रहेन जब ओकर बाप आसा राजा रहा।
47 इ समइ क बीच एदोम देस क कउनो राजा नाहीं रहा। उ देस एक ठु प्रसासक क जरिये सासित होत रहा। प्रसासक यहूदा क राजा क जरिये चुना जात रहा।
48 राजा यहोसापात अइसे समुद्री जहाजन क बनाएस जउन सामानन क ढोवत रहेन। उ चाहत रहेन कि ओकर जहाज ओपीर प्रदेस स सोना लिआवइ। किन्तु जहाजन ओकर ग्रह-बन्दरगाह एस्योनगेबेर मँ बर्बाद होइ गएन।
49 इस्राएल क राजा अहज्याह यहोसापात क मदद देइ क न्योता दिहेन। अहज्याह यहोसापात स कहे रहा कि उ कछू अइसे मनइयन क अपने मनइयन क संग ल्या जउन जहाजी कामे मँ होसियार अहइँ।” किन्तु यहोसापात अहज्याह क मनइयन क अंगीकार करइ स इन्कार कइ दिहस।
50 यहोसापात मरा अउ अपने पुरखन क संग दफनावा गवा। उ दाऊद नगर मँ अपने पुरखन क संग दफनावा गवा। तब ओकर पूत यहोराम राजा बना।
51 अहज्याह अहाब क पूत रहा। उ इस्राएल क राजा यहोसापात क यहूदा पइ राज्जकाल क सत्रहवें बरिस मँ राजा बना। अहज्याह सोमरोन मँ दुइ बरिस राज्ज किहस।
52 अहज्याह यहोवा क बिरुद्ध पाप किहस। उ उ सबइ ही पाप किहस जउन ओकर बाप अहाब ओकर महतारी ईज़ेबेल अउ नबात क पूत यारोबाम किहे रहा। इ सबइ सबहिं सासक इस्राएल क लोगन क अउर जियादा पाप कइँती लइ गएन।
53 अहज्याह अपने स पहिले अपने बाप क समान लबार देवता बाल क पूजा अउर सेवा किहेन। एह बरे अहज्याह यहोवा, इस्राएल क परमेस्सर क बहोत जियादा किरोधित किहस। यहोवा अहज्याह पइ वइसा ही कोहाइ गवा जइसा ओकरे पहिले उ ओकर बाप पइ कोहान रहा।
2 Kings 1
1 अहाब क मरइ क पाछे मोआब इस्राएल क हुकूमत स अजाद होइ गवा।
2 एक दिना अहज्याह सोमरोन मँ अपने घरे क छत पइ क ऊपर क कमरा क जंगले मँ स गिर गवा। उ बुरी तरह घायल होइ गवा। अहज्याह सँदेसवाहक क बोलाएस अउ ओनसे कहेस, “एक्रोन क देवता बालजबूब क याजकन क लगे जा। ओनसे पूछा कि का मइँ अपनी चोटन स तन्दुरूस्त होइ सकब।”
3 किन्तु यहोवा क दूत तिसबी एलिय्याह स कहेस, “राजा अहज्याह सोमरोन स कछू सँदेसवाहक पठएस ह। जा अउर एन लोगन स मिला। ओनसे इ कहा, ‘इस्राएल मँ परमेस्सर अहइ। तउ तू लोग एक्रोन क देवता बालजबूब स सवाल करइ काहे जात अहा?
4 राजा अहज्याह स इ सबइ बातन कहा: यहोवा कहत ह: तू अपने बिछउना स उठि नाहीं पउब्या। तू मरब्यो।”‘ तब एलिय्याह चल पड़ा अउर उ अहज्याह क सेवकन स इहइ सब्द कहेस।
5 सँदेसवाहक अहज्याह क लगे लौटि आएन। अहज्याह सँदेसवाहकन स पुछेस, “तू लोग एँतना हाली काहे लउट्या?”
6 सँदेसवाहकन अहज्याह स कहेन, “एक ठु मनई हम स भेंटइ आवा। उ हम लोगन स उ राजा क लगे वापस जाइ क कहेस जउन हमका पठए रहा अउर ओहसे यहोवा जउन कहेस, उ कहइ क कहेस, ‘इस्राएल मँ एक परमेस्सर अहइ। तउ तू एक्रोन क देवता बालजबूब स सवाल करइ बरे सँदेसवाहकन क काहे पठया। काहेकि तू इ किहा ह इ कारण तू अपने बिछउना स नाहीं उठब्या। तू मरब्या।’”
7 अहज्याह सँदेसवाहकन स पूछेस, “जउन मनई तोहसे मिला अउर जउन तोहसे अइसा कहेस उ कइसा देखॉइ पड़ता रहा?”
8 सँदेसवाहकन अहज्याह स कहेन, “उ मनई क बदन पइ बहोत बार रहा अउर अपनी कमर मँ एक ठु चमड़ा क पेटी बाँधे रहा।” तब अहज्याह कहेस, “इ तिसबी एलिय्याह अहइ।”
9 अहज्याह एक ठु सेनापति अउर पचास मनइयन क एलिय्याह क लगे पठएस। सेनापति एलिय्याह क लगे गवा। उ समइ एलिय्याह एक ठु पहाड़ी क चोटी पइ बइठा रहा। सेनापति एलिय्याह स कहेस, “परमेस्सर क जन राजा क आदेस अहइ, ‘खाले आवा।”‘
10 एलिय्याह पचास फउजियन क सेनापति क जवाब दिहस, “जदि मइँ परमेस्सर क जन हउँ तउ सरग स आगी भहराइ पड़इ अउर तोहका एवं पचास फउजियन क नस्ट कइ देइ।”एह बरे सरग स आगी गिर पड़ी अउर उ सेनापति अउ ओकरे पचास मनइयन क नस्ट कइ दिहस।
11 अहज्याह दूसर फउजी अउ पचास फउजियन क पठएस। सेनापति एलिय्याह स कहेस, “परमेस्सर क जन राजा क आदेस अहइ ‘हाली खाले आवा।”‘
12 एलिय्याह सेनापति अउर ओकरे पचास फउजियन स कहेस, “जदि मइँ परमेस्सर क जन हउँ तउ सरग स आगी भहराइ पड़इ अउर उ तोहका अउ तोहरे पचास फउजियन क बर्बाद कइ देइ।” परमेस्सर क आगी सरग स गिर पड़ी अउर सेनापति एवं पचास फउजियन क बर्बाद कइ दिहस।
13 अहज्याह तीसरे सेनापति क पचास फउजियन क संग पठएस। पचास फउजियन क सेनापति एलिय्याह क लगे आवा। सेनापतियन घुटनन क बल झुक कइ पराथना किहस, “हे परमेस्सर क जन मइँ तोह स पराथना करत हउँ, कृपा कइके मोर जिन्नगी अउ मोर एन पचास सेवकन क जिन्नगी क अपनी निगाह मँ मूल्यवान मानइँ।
14 सरग स आगी गिर पड़ी अउर पहिले दुइ सेनापतियन अउ ओनके पचास फउजियन क उ बर्बाद कइ दिहस। किन्तु अब कृपा करइँ अउर हमका जिअत रहइ देइँ।”
15 यहोवा क दूत एलिय्याह स कहेस, “सेनापति क संग जा। ओहसे डेराअ जिन।” एह बरे एलिय्याह सेनापति क संग राजा अहज्याह क लखइ गवा।
16 एलिय्याह अहज्याह स कहेस, “इस्राएल मँ परमेस्सर अहइ ही, तउ भी तू सँदेसवाहकन क एक्रोन क देवता बालजबूब स सवाल करइ काहे पठया? काहेकि तू इ किहा ह, इ कारण तू अपने बिछउना स नाहीं उठब्या। तू मरब्या।”
17 अहज्याह वइसे ही मरा जइसा यहोवा एलिय्याह क जरिये कहे रहा। अहज्याह क कउनो पूत नाहीं रहा। एह बरे अहज्याह क पाछे यहोराम नवा राजा भवा। यहोराम यहूदा क राजा यहोसापात क पूत यहोराम क राज्जकाल क दूसरे बरिस हुकूमत करब सुरू किहस।
18 अहज्याह जउन दूसर कारज किहस उ सबइ “इस्राएल क राजा लोगन क इतिहास” क किताबे मँ लिखे गए अहइँ।
2 Kings 2
1 इ लगभग उ समइ रहा जब यहोवा एक हाव क चक्रवात क जरिये एलिय्याह क सरग मँ लइ जाइवाला रहेन। एलिय्याह एलीसा क संग गिलगाल गवा।
2 एलिय्याह एलीसा स कहेस, “कृपा कइके हिअइँ रूका, काहेकि यहोवा मोका बेतेल जाइ क कहेस ह।”किन्तु एलीसा कहेस, “मइँ यहोवा अउर तोहार जिन्नगी क किरिया खाइके प्रतिग्या करत हउँ कि तोहार क संग नाहीं छोड़ब।” एह बरे दुइनउँ लोग बेतेल तलक गएन।
3 बेतेल क नबियन क समूह एलीसा क लगे आवा अउर उ एलीसा स कहेस, “का तू जानत अहा कि आजु तोहरे सुआमी क यहोवा तोहसे अलग कइके लइ जाइ?”एलीसा कहेस, “हाँ, मइँ एका जानत हउँ। इ बारे मँ बातन न करा।”
4 एलिय्याह एलीसा स कहेस, “मेहरबानी कइके हिअँर ठहरा काहेकि यहोवा मोका यरीहो जाइ क कहेस ह।”किन्तु एलीसा कहेस, “मइँ यहोवा अउर तोहार जिन्नगी क किरिया खाइके प्रतिग्या करत हउँ कि मइँ तोहार संग नाहीं तजब।” एह बरे दुइनउँ लोग यरीहो गएन।
5 यरीहो क नबियन क समूह एलीसा क लगे आवा अउर उ पचे ओहसे कहेन, “का तोहका मालूम अहइ कि यहोवा आजु तोहरे सुआमी क तोहसे दूर लइ जाइ।”एलिसा कहेस, “हाँ, मइँ एका जानत हउँ। इ बारे मँ बातन न करा।”
6 एलिय्याह एलीसा स कहेस, “मेहरबानी कइके हिअँइ ठहरा काहेकि यहोवा मोका यरदन नदी तलक जाइ क कहेस ह।”एलीसा जवाब दिहस, “मइँ यहोवा अउर तोहार जिन्नगी क किरिया खाइके प्रतिग्या करत हउँ कि मइँ तोहार क संग नाहीं तजब।” एह बरे दुइन मनई चलत रहेन।
7 नबियन क समूह मँ स पचास मनइयन ओनकर अनुसरण किहन। एलिय्याह अउर एलीसा यरदन नदी पइ रूक गएन। पचास मनई एलिय्याह अउ एलीसा स कछू दूर खड़े रहेन।
8 एलिय्याह आपन अगंरखा उतारेस, ओका तह किहेस अउर ओहसे पानी पइ चोट किहस। पानी दाईं कइँती बाईं कइँती क फट गवा। एलिय्याह अउ एलीसा झुरान भुइँया पइ चलिके नदी क पार किहेस।
9 जब उ पचे यरदन नदी क पार कइ लिहन तब एलिय्याह एलीसा स कहेस, “एहसे पहिले कि परमेस्सर मोका तोहसे दूर लइ जाइ, तू का चाहत अहा कि मइँ तोहरे बरे करउँ।”एलीसा कहेस, “मोका तोहार आतिमा क दुईगुणा हींसा द्या।”
10 एलिय्याह कहेस, “तू कठिन चीज माँग्या ह। जदि तू मोका उ समइ लखब्या जब मोका लइ जावा जाइ तउ उहइ होइ। किन्तु जदि तू मोका नाहीं लखि पउव्या तउ उ नाहीं होइ।”परमेस्सर एलिय्याह क सरग मँ लइ जात ह
11 एलिय्याह अउ एलीसा एक संग बातन करत भए टहरत रहेन। अचानक कछू घोड़न अउ एक ठु रथ आवा अउर उ पचे एलिय्याह क एलीसा स अलग कइ दिहेन। घोड़न अउ रथ आगी क तरह रहेन। तब एलिय्याह एक ठु बौड़ंर मँ सरग क चला गवा।
12 एलीसा एका लखेस अउ जोर स गोहराएस, “मोर बाप। मोर बाप। इस्राएल क रथ अउर ओकर घोड़सवार फउजी।”एलीसा एलिय्याह क फुन कबहुँ नाहीं लखेस। एलीसा आपन आपन ओढ़नन क मूठी मँ भरेस, अउर आपन सोक परगट करइ बरे, ओनका फार ड़ाएस।
13 एलिय्याह क अंगरखा भुइँया पइ गिर पड़ा रहा। एह बरे एलीसा ओका उठाइ लिहस। फुन उ वापिस आएन अउर यरदन नदी क किनारे पइ खड़ा होइ गवा।
14 एलीसा एलिय्याह क अंगरखा लिहेस, जउन भूइँया पइ गिर गवा रहा। एलीसा एका पानी पइ चोट किहस अउर कहेस, “एलिय्याह क परमेस्सर यहोवा, कहाँ अहइ?” जइसेन ही एलीसा पानी पइ चोट किहस, पानी दाईं अउ बाईं कइँती फट गवा अउ एलीसा नदी पार किहेस।
15 जब यरीहो क नबियन क समूह एलीसा क लखेस, उ पचे कहेन, “एलिय्याह क आतिमा अब एलीसा पइ अहइ।” उ पचे एलीसा स मिलइ आएन। उ पचे एलीसा क समन्वा खाले भुइँया तलक प्रणाम करइ निहुरेन।
16 उ पचे ओहसे कहेन, “लखा, हम अच्छे खासे पचास मनई अही। मेहरबानी कइके एका जाइ द्या अउर अपने सुआमी क हेरइ द्या। होइ सकत ह यहोवा क सक्ती एलिय्याह क ऊपर लइ लिहे होइ अउर ओका कउनो पर्वत या घाटी मँ भहराइ दिहे होइ।”मुला एलीसा जवाब दिहस, “नाहीं, एलिय्याह क खोज बरे मनइयन क जिन पठवा।”
17 नबियन क समूह एलीसा स एतना जियादा पराथना किहस, कि उ उलझन मँ पड़ गवा। तब एलीसा कहेस, “ठीक अहइ, एलिय्याह क खोज मँ मनइयन क पठइ द्या।”नबियन क समूह पचास मनइयन क एलिय्याह क खोज बरे पठएस। उ पचे तीन दिन तलक खोज किहेन मुला उ पचे एलिय्याह क न पाइ सकेन।
18 एह बरे उ सबइ लोग यरीहो गएन जहाँ एलीसा ठहरा रहा। उ ओन लोगन स कहस, का मइँ तोहसे न खोजइ बरे नाहीं कहे रहा।एलीसा पानी क सुद्ध करत ह
19 नगर क बसइया लोग एलीसा स कहेन, “महोदय, आप अनुभव कइ सकत हीं कि इ नगर सुन्दर ठउर मँ अहइ। किन्तु हिआँ पानी बुरा अहइ। इहइ कारण अहइ कि भुइँया मँ फसल क उपज नाहीं होत।”
20 एलीसा कहेस, “मोरे लगे एक ठु नवा खोरा लिआवा अउर ओहमा नून रखा।”लोग नवा खोरा क एलीसा क लगे लइ आएन।
21 तब एलीसा उ ठउरे पइ गवा जहाँ पानी भुइँया स निकरत रहा। एलीसा नून क पानी मँ लोकाइ दिहस। उ कहेस, “यहोवा कहत ह, ‘मइँ इ पानी क सुद्ध करत हउँ। अब, मइँ इ पानी स कउनो क मरइ नाहीं देब, अउर न ही भुइँया क अच्छी फसल देइ स रोकब।”‘
22 पानी सुद्ध होइ गवा अउर पानी अब तलक भी सुद्ध अहइ। इ वइसा ही भवा जइसा एलीसा कहे रहा।
23 उ नगर स एलीसा बेतेल गवा। एलीसा नगर कँइती पहाड़ी पइ चलत रहा जब कछू लरिकन नगर स खाले आवत रहेन। उ पचे एलीसा क मजाक उड़ावइ लागेन अउर उ पचे कहेन, “हे गंजे, तू ऊपर च़ढि जा। हे गंजे तू ऊपर चढ़ि जा।”
24 एलीसा मुड़िके ओनका लखेस। उ यहोवा स बिनती किहेस कि ओनके संग बुरा होइ। उहइ समइ जंगल स दुइ ठु रीछ आइके ओन लरिकन पइ हमला किहन, हुवाँ बयालीस लरिकन रछिन क जरिये फार दीन्ह गएन।
25 हुवाँ स एलीसा कम्मेज्र्लि पर्वत पइ गवा, ओकरे पाछे उ वापिस सोमरोन क गवा।
2 Kings 3
1 अहाब क पूत यहोराम सोमरोन मँ इस्राएल क राजा बना। यहोसापात क यहूदा पई राजकाल क अट्ठारहवें बरिस मँ यहोराम राज्ज करब सुरू किहेस। यहोराम बारह बरिस तलक इस्राएल पई राज किहेस।
2 यहोराम उ सब किहेस जउन यहोवा क निगाह मँ बुरा अहइ। परन्तु यहोराम अपने महतारी बाप क तरह न रहा काहेकि उ उ स्तम्भ क दूर कइ दिहस जउन ओकर बाप बाल क पूजा बरे बनवाए रहा।
3 परन्तु उ नबात क पूत यारोबाम क अइसे पापन क, जइसे उ इस्राएल स भी कराएस, करत रहा अउर ओनसे न फिरा।
4 मेसा मोआब क राजा रहा। ओकरे लगे बहोत बोकरियन रहिन। मेसा एक लाख मेमनन अउर एक लाख भेड़ा क ऊन इस्राएल क राजा क भेटेंस।
5 मुला अहाब क मउत क पाछे मोआब क राजा इस्राएल क राजा क बिरूद्ध बिद्रोह कई दिहेस।
6 तब राजा यहोराम सोमरोन क बाहेर निकरा अउ उ इस्राएल क सबहिं मनइयन क बटोरेस।
7 यहोराम यहूदा क राजा यहोसापात क लगे संदेसवाहक पठएस। यहोराम कहेस, “मोआब क राजा मोर बिरूद्ध विद्रोह कई दिहा ह। का तू मोआब क खिलाफ जुद्ध करइ मोरे संग चलब्या?”यहोसापात कहेस, “हाँ, मइँ तोहरे संग चलब। हम दुइनउँ एक फउज क तरह मिल जाब। मोर फउज तोहकरे फउजियन जइसे होइहीं। मोर घोड़न तोहरे घोड़न जइसे होइहीं।”
8 यहोसापात यहोसाराम स पूछेस, “हमका कउने राहे स चलइ चाही? “यहोराम कहेस, “एदोम क मरूस्थल क रास्ता स।”
9 एह बरे इस्राएल क राजा यहूदा अउ एदोम क राजा लोगन क संग गवा। उ पचे लगभग सात दिन तलक चारिहुँ कइँती घूमत रहेन। सेना व ओनके गोरूअन बरे पर्याप्त पानी नाहीं रहा।
10 आपिर मँ इस्राएल क राजा यहोराम कहेस, “ओह, यहोवा फुरइ ही हम तीनहुँ राजा लोगन क एक संग एह बरे बोलाएस कि मोआबी हम लोगन क हरावइँ।”
11 मुला यहोसापात कहेस, “का हिआँ यहोवा क नबी नाहीं अहइ? हम लोग नबी स पूछी कि यहोवा हम क का करइ क बरे कहत ह।”इस्राएल क राजा क सेवकन मँ स एक ठु कहेस, “सापात क पूत एलीसा हिआँ अहइ। एलीसा, एलिय्याह क सेवक रहा।”
12 यहोसापात कहेस, “यहोवा क वागी एलीसा क लगे अहइ।”एह बरे इस्राएल क राजा (यहोराम), यहोसापात अउर एदोम क राजा एलीसा स मिलइ गएन।
13 एलीसा इस्राएल क राजा (यहोराम) स कहेस, “तू मोहसे का चाहत अहा? आपन बाप अउर महतारी क नबियन क लगे जा।”इस्राएल क राजा एलीसा स कहेस, “नाहीं, हम लोग तोहसे मिलइ आए अही, काहेकि यहोवा हम तीन राजा लोगन क एह बरे एक संग हिआँ बोलवा ह कि मोआबी हम लोगन क हरावइ।”
14 एलीसा कहेस, “मइँ यहूदा क राजा यहोसापात क सम्मान करत हउँ अउर मइँ सर्वसक्तीमान यहोवा क सेवा करत हउँ। उ निहचइ ही जिअत अहइ, एह बरे मइँ फुरइ कहत हउँ: मइँ न तउ तोह पइ दृस्टि डावत अउर न ही तोह पइ धियान देता, जदि यहूदा क राजा यहोसापात हिआँ न होत।”
15 किन्तु अब एक अइसे मनई क मोरे लगे लिआवा जउन वीणा बजावत होइ।”जब उ मनई वीणा बजाई तउ यहोवा क सक्ती एलीसा पइ उतरी।
16 तब एलीसा कहेस, “यहोवा इ कहत ह, घाटी मँ गड़हा खना।
17 यहोवा इहइ कहत ह: तू हवा क अनुभव नाहीं करब्या, तू बरखा भी नाहीं लखब्या। मुला उ घाटी जल स भरि जाइ। तू, तोहार गइयन अउ दूसर जनावरन क पानी पिअइ क मिली।
18 यहोवा क बरे इ करब सहल अहइ। उ तोहका मोआबियन क भी पराजित करइ देइ।
19 तू हर एक सुदृढ़ नगर अउर प्रमुख सहर पर आक्रमण करब्या। तू हर एक अच्छे बृच्छ क काट डउब्या। तू सबहिं पानी क सोतन क रोक देब्या। तू हरेक हरियर खेत क पाथरन स भरके नस्ट कइ देब्या।”
20 भिंसारे सुबह क बलि क समइ, एदोम क कइँती स पानी बहइ लाग अउर घाटी पानी स भर ग रहा।
21 मोआब क लोग सुनेन कि इस्राएल, यहूदा अउर एदोम क राजा लोग ओनके खिलाफ लड़इ बरे आए अहइँ। एह बरे मोआब क लोग कवच धारण करइवाला उमिर क सबहिं मनइयन क बटोरेन। ओन लोग जुद्ध बरे तइयार होइके चउहद्दी पइ प्रतीच्छा किहेन।
22 मोआब क लोग भी बहोत भिंसारे उठेन। उगत भवा सूरज घाटी क जल पइ चमकत रहा अउर मोआब क लोगन क उ खून क नाईं देखाइ देत रहा।
23 मोआब क लोग कहेन, “खून क धियान स लखा। राजा लोग जरूर ही एक दूसर क खिलाफ जुद्ध किहे होइहीं। उ पचे एक दूसर क जरूर नस्ट कइ दिहे होइहीं। हम चली अउर ओनके ल्हासन स कीमती चिजियन लइ लेइ।”
24 मोआबी लोग इस्राएली डेरे तलक आएन। किन्तु इस्राएली बाहेर निकरेन अउर उ पचे मोआबी फउज पइ आक्रमण कइ दिहन। मोआबी लोग इस्राएलियन क समन्वा स भाग खड़े भएन। इस्राएली मोआबियन स जुद्ध करइ ओनके पहँटा मँ घुस आएन।
25 उ नगरन क बर्बाद किहन। अउ उ पचे अच्छे खेत क हर एक फउजी दुआरा फेंकइ गवा पाथरन स भर दिहेस। उ पचे सबहिं पानी क सोतन क रोक दिहन अउर सबहिं नीक बृच्छन क काट डाएन। अउर कीर्हरेसेत मँ सिरिफ पाथर रहे गएन जउन ओनकर गुलेलन स फेंकइ गवा रहेन जउन नगर क घेर रखा रहेन।
26 मोआब क राजा लखेस कि जुद्ध ओकरे बरे बहोत जियादा प्रबल अहइ। एह बरे उ तरवार धारी सात सौ मनइयन क एदोम क राजा क बध करइ बरे सोझ फउज भेद क खातिर पठइ दिहेस। किन्तु उ पचे एदोम क राजा तलक फउज भेद नाहीं कइ पाएन।
27 तब मोआब क राजा अपने जेठ पूत क लिहस जउन ओकरे पाछे राजा होत। नगर क चारिहुँ कइँती क देवार पइ मोआब क राजा आपन पूत क भेंट होमबलि क रूप मँ दिहस। अउर हुआँ इस्राएल क विरुद्ध बहोत जियादा गुस्सा रहा। एह बरे इस्राएल क लोग मोआब क राजा क तजेन अउर अपने देस क लउट गएन।
2 Kings 4
1 नबियन क समूह मँ स एक ठु मनई क मेहरारू रही। उ मनई मर गवा। ओकर मेहरारू एलीसा क समन्वा आपन दुखड़ा रोएस, “मोर भतार तोहरे सेवक क नाईं रहा। अब मोर भतार मर गवा ह। तू जानत ह कि उ यहोवा क सम्मान करत रहा। किन्तु ओह पइ एक मनई क करजा रहा अउर अब उ मनई मोर दुइ लरिकन क आपन दास बनावइ बरे लेइ आवत अहइ।”
2 एलीसा पूछेस, “मइँ तोहार मदद कइसे कइ सकत हउँ? मोका बतावा कि तोहरे घरे मँ का अहइ?”उ मेहरारू कहेस, “मोरे घरे मँ कछू नाहीं। मोरे लगे सिरिफ जइतून क तेल क गगरी अहइ।”
3 तब एलीसा कहेस, “जा अउर आपन सब पड़ोसियन से खोरन उधार ल्या। उ सबइ खाली होइ चाही। बहोत स खोरन उधार ल्या।
4 तब अपने घरे जा अउर दरवाजन बन्द कइ ल्या। सिरिफ तू अउर तोहार पूत घरे मँ रहिहीं। तब एन सबइ खोरन मँ तेल नावा जब उ खोरन भर जाइ तउ ओनका एक अलग ठउरे पइ धरा।”
5 अब उ मेहरारू एलीसा क हिआँ स चली गइ, अपने घरे पहोंची अउर दरवाजन बंद कइ लिहस। सिरिफ उ अउर ओकर पूत घरे मँ रहेन। ओकर पूतन खोरन ओकरे लगे लिआएन अउर उ तेल नाएस।
6 उ बहोत स खोरन भरेस। आखिर मँ उ अपने पूत स कहेस, “मोरे लगे दूसर खोरन लिआवा।”मुला सभी खोरन भर चुका रहेन। पूतन मँ स एक ठु मेहरारू स कहेस, “अब कउनो खोरा नाहीं रहि गवा ह।” उ समइ गगरी क तेल खतम होइ चुका रहा।
7 तब उ मेहरारू आइ अउर उ परमेस्सर क जन (एलीसा) स इ घटना बताएस। एलीसा ओहसे कहेस, “जा, तेल क बेच द्या अउर अपना करजा लउटाइ द्या। जब तू तेल क बेच चुकब्यू अउ अपना करजा लउटाइ देब्यू तब तोहार अउ तोहरे पूतन क गुजारा बची रकम स होइ।”
8 एक दिना एलीसा सूनेम क गवा। सूनेम मँ एक ठु महत्वपूर्ण मेहरारू रहत रही। इ मेहरारू एलीसा स कहेस कि उ ठहरइ अउर ओकरे घरे खइया क खाइ। एह बरे जब भी एलीसा उ ठउरे स होइके जात रहा तब भोजन करइ बरे हुवाँ रुकत रहा।
9 उ मेहरारु अपने भतार स कहेस, “लखा मइँ समुझत हउँ कि एलीसा परमेस्सर क जन पवित्तर जन अहइ। उ सदा हमरे घरे होइके जात ह।
10 मेहरबानी कइके हम लोग एक ठु कमरा एलीसा बरे छते पइ बनाई। ओहमाँ हम लोग एक ठु बिछउना, एक ठु मेज, एक कुसीर् अउर एक ठु डीबट रख देइ। जब जब उ हमरे घर आवइ तउ उ इ कमरा क अपने रहइ बरे प्रयोग कइ सकत ह।”
11 एक दिना एलीसा उ मेहरारू क घरे आवा। उ उ कमरे मँ गवा अउर हुवाँ आराम किहेस।
12 एलीसा अपने सेवक गेहजी स कहेस, “सूनेमिन मेहरारू क बोलावा।”सेवक सूनेमिन मेहरारू क बोलाएस अउर उ ओकरे समन्वा आइ खड़ी भइ।
13 एलीसा अपने सेवक स कहेस, अब इ मेहरारू स कहा, ‘लखा हम लोगन क देखभाल बरे तू यथासंभव नीक किहा ह। हम लोग तोहरे बरे का करी? का तू चाहति अहा कि हम लोग तोहरे बरे राजा या सेना क सेनापति स बात करी?’”उ मेहरारू जवाब दिहस, “मइँ हिआँ बहोत अच्छी तरह अपने लोगन मँ रहत हउँ।”
14 एलीसा गेहजी स कहेस, “हम ओकरे बरे का कइ सकित ह?”गेहजी कहेस, “मइँ जानत हउँ कि ओकर पूतन नाहीं अहइ अउर ओकर भतार बूढ़ा अहइ।”
15 तब एलीसा कहेस, “ओका बोलावा।”एह बरे गेहजी उ मेहरारू क बोलाएस। उ आइ अउ ओकरे दरवाजे क लगे खड़ी होइ गइ।
16 एलीसा मेहरारू स कहेस, “अगले बसन्त मँ इ समइ तू अपने पूत क गले स लगाइ रही होइब्यू।”उ मेहरारू स कहेस, “नाहीं महोदय! परमेस्सर क जन, मोहसे झूठ जिन बोला।”
17 मुला उ मेहरारू क गरभ भवा। उ अगले बसन्त मँ एक ठु पूत क जन्म दिहस, जइसा एलीसा कहे रहा।
18 लड़का बड़ा भवा। एक दिना उ लड़का खेतन मँ अपने बाप अउर फसल काटत मनइयन क लखइ गवा।
19 लड़का अपने बाप स कहेस, “ओह मोर मूँड़। मोर मूँड़ फटा जात अहइ।”बाप अपने सेवक स कहेस, “एका अपनी महतारी क लगे लइ जा।”
20 सेवक उ लरीका क ओकरी महतारी क लगे लइ गवा। लरिका दुपहर तलक अपनी महतारी क गोदी मँ बइठा। तब उ मरि गवा।
21 उ मेहरारू लरिका क परमेस्सर क जन क बिछउने पइ ओलराइ दिहस। तब उ दरवाजा बन्द किहस अउर बाहेर चली गइ।
22 उ अपने भतारे क बोलाएस अउ कहेस, “मेहरबानी कइके मोरे लगे सेवकन मँ स एक अउ गदहन मँ स एक क पठवा। तब मइँ परमेस्सर क जन स भेंटइ हाली जाबइ अउर लउटि अउबइ।”
23 उ मेहरारू क भतार कहेस, “तू आज परमेस्सर क जन क लगे काहे जाइ चाहति अहा? इ नवचन्द्र या सबित क दिन नाहीं अहइ।”उ कहेस, “परेसान जिन ह्वा। सब कछू नीक होइ।”
24 तब उ एक गदहे पइ काठी धरेस अउ अपने सेवक स कहेस, “आवा चली अउ हाली करी। धीरे तबहिं चला जब मइँ कहउँ।”
25 उ मेहरारू परमेस्सर क जन स भेंटइ कम्मेर्ल पर्वत पइ गइ।परमेस्सर क जन सूनेमिन मेहरारू क दूर स आवत लखेस। एलीसा अपने सेवक गेहजी स कहेस, “लखा, उ सूनेमिन मेहरारू अहइ।
26 कृपा कइके अब दउड़ि के ओहसे भेंटा। ओहसे पूछा, ‘का सब कछू ठीक अहइ? का तू कुसल स अहा? का तोहार भतार कुसल स अहइ? का तोहार पूत कुसल ह?”‘गेहजी उ सूनेमिन मेहरारू स इहइ पूछेस। उ जवाब दिहस, “सब कुसल अहइ।”
27 मुला सूनेमिन मेहरारू स पर्वत पइ चढ़िके परमेस्सर क जन क लगे पहोंची। उ प्रणाम करइ निहुरी अउर उ एलीसा क गोड़ धइ लिहेस। गेहजी सूनेमिन मेहरारू क दूर हींच लेइ बरे निअरे आवा। किन्तु परमेस्सर क जन गेहजी स कहेस, “ओका अकेला छोड़ द्या। उ बहोत परेसान अहइ अउर यहोवा एकरे बारे मँ मोहसे नाहीं कहेस। यहोवा इ खबर मोहसे छुपाएस।”
28 तब सूनेमिन मेहरारू कहेस, “महोदय, मइँ आप स पूत नाहीं माँगे रहेउँ। मइँ आप स कहे रहेउँ, ‘आप मोका मूर्ख न बनावइँ।”‘
29 तब एलीसा गेहजी स कहेस, “जाइ बरे तइयार होइ जा। मोर टहराइ क कुबरी लइ ल्या अउर जा। कउनो स बात करइ बरे न रूका। यदि तू कउनो मनई स मिला तउ ओका नमस्कार भी न कहा। जदि कउनो मनई नमस्कार करइ तउ तू ओकर जवाब भी न द्या। मोर टहरइ क कुबरी क बच्चा क चेहरा पइ रखा।”
30 मुला बच्चा क महतारी कहेस, “जइसा कि यहोवा सास्वत अहइ अउर आप जिअत अहइँ मइँ प्रतिग्या करति अहइँ कि मइँ तोहार बिना हिआँ स नाहीं जाब।”एह बरे एलीसा उठा अउर सूनेमिन मेहरारू क संग चल पड़ा।
31 गेहजी सूनेमिन मेहरारू क घर, एलीसा अउ सूनेमिन स पहिले पहोंचा। गेहजी टहरइ क कुबरी क बच्चा क चेहरे पइ धरेस। मुला बच्चा न कउनो बात किहस अउर न ही कउनो अइसा संकेत दिहस जेहसे इ लागइ कि उ कछु सुनेस ह। तब गेहजी एलीसा स मिलइ लउटा। गेहजी एलीसा स कहेस, “बच्चा नाहीं जगा।”
32 एलीसा घरे स आवा अउर बच्चा अपने बिछउना पइ मरा पड़ा रहा।
33 एलीसा कमरे मँ आवा अउर उ दरवाजा बन्द कइ लिहस। अब एलीसा अउर उ बच्चा कमरा मँ अकेल्ले रहेन। तब एलीसा यहोवा स पराथना किहेस।
34 एलीसा बिछउना पइ गवा अउ बच्चा पइ ओलरा। एलीसा आपन मुँह बच्चा क मुँहे पइ धरेस। एलीसा आपन आँखिन बच्चा की आँखिन पइ धरेस। एलीसा अपने हाथन क बच्चा क हाथन पइ धरेस। एलीसा अपने क बच्चा क ऊपर फइलाएस। तब बच्चा क तन गरम होइ गवा।
35 एलीसा उठा अउर कमरे मँ चारिहुँ कइँती घूमा। तब उ फुन बच्चा क ऊपर झुक गवा। तब बच्चा सात दाईं छींकेस अउर उ आँखिन खोलेस।
36 एलीसा गेहजी क बोलाएस अउर कहेस, “सूनेमिन मेहरारू क बोलावा।”गेहजी सूनेमिन मेहरारू क बोलाएस अउर उ एलीसा क लगे आइ। एलीसा कहेस, “अपने पूत क उठाइ ल्या।”
37 तब सूनेमिन मेहरारू कमरा मँ गइ अउ एलीसा क चरणन पइ निहुरी। तब उ अपने पूत क उठाएस अउर उ बाहेर गइ।
38 एलीसा फुन गिलगाल आइ गवा। उ समइ देस मँ भुखमरी क समइ रहा। नबियन क समूह एलीसा क समन्वा बइठ गवा। एलीसा अपने सेवक स कहेस, “बड़के बर्तन क आगी पइ धरा अउ नबियन क समूह बरे कछू सुरवा बनावा।”
39 एक ठु मनई खेतन मँ जड़ी-बूटी बटोरइ गवा। ओका एक जंगली बेल मिली। उ कछू जंगली लौकियन इ बेल स तोड़ेस अउ अपने लबादे क भर लिहस। तब उ आवा अउर जंगली लौकियन क बर्तन मँ डाइ दिहस। मुला न ओका अउर न ही दूसर नबियन क पता चला रहा कि उ कइसी लउकियन अहइँ?
40 तब उ पचे तनिक सुरवा मनइयन क खाइ बरे दिहन। मुला जब उ पचे सुरवा क खाब सुरू किहन, तउ उ पचे एलीसा स चिचिआइके कहेन, “परमेस्सर क जन! बर्तन मँ जहर बाटइ।” उ पचे बर्तन स कछू नाहीं खाइ सकेन काहेकि भोजन खाब खतरा स रहित नाहीं रहा।
41 मुला एलीसा स कहेस, “कछू आटा लिआवा।” उ पचे एलीसा क लगे आटा लइ आएन अउर उ पचे ओका बर्तन मँ नाइ दिहन। तब एलीसा कहेस, “सुरवा क लोगन क बरे नावा जेहसे उ पचे खाइ सकइँ।”
42 एक ठु मनई बालसालीसा स आवा अउर पहिली फसल स परमेस्सर क जन बरे रोटी लिआवा। उ मनई बीस ठु जौ क रोटियन अउ नवा अनाज क अपनी बोरी मँ लिआवा। तब एलीसा कहेस, “इ भोजन लोगन क द्या जेका उ पचे खाइ सकइँ।”
43 एलीसा क सेवक कहेस, “आप का कहेन? हिआँ तउ सौ मनई अहइँ। ओन सबहिं मनइयन क इ भोजन मइँ कइसे दइ सकत हउँ?”किन्तु एलीसा कहेस, “लोगन क खाइ बरे भोजन द्या। यहोवा कहत ह, ‘उ पचे भोजन कइ लेइहीं अउर भोजन बच भी जाइ।’”
44 तब एलीसा क सेवक नबियन क समूह क समन्वा भोजन परोसेस। नबियन क समूह क खाइ बरे भोजन पर्याप्त भवा अउर ओनके लगे भोजन बचा भी रहा। इ वइसा ही भवा जइसा यहोवा कहे रहा।
2 Kings 5
1 नामान अराम क राजा क सेना क सेनापति रहा। नामान अपने राजा बरे बहोत जियादा महत्वपूर्ण रहा काहेकि यहोवा ओकर उपयोग अराम क बिजय करावइ बरे किहे रहा। नामान एक ठु महान अउ ताकतवर मनई रहा, मुला उ विकट चरमरोग स पीड़ित रहा।
2 एक बार कछू आरामी सिपाहियन इस्राएल मँ छापा मारइ बरे गएन। ओनक कैदियन मँ एक ठु नान्ह लरकी रहेन जउन नामान क मेहरारू क सेविका होइ गइ।
3 इ लरकी नामान क मेहरारू स कहेस, “मइँ चाहत हउँ कि मोर सुआमी (नामान) उ नबी (एलीसा) स मिलेन जउन सोमरोन मँ रहत ह। उ नबी नामान क बिकट चरमरोग क ठीक कइ सकत ह।”
4 नामान आपन सुआमी (अराम क राजा) क लगे गवा। नामान अराम क राजा क उ बात बताएस जउन इस्राएली लरिको कहे रही।
5 तब अराम क राजा कहेस, “अबहिं जा अउर मइँ एक ठु पत्तर इस्राएल क राजा क नाउँ पठउब।”एह बरे नामान इस्राएल गवा। नामान अपने संग कछू भेंट लइ गवा। नामान साढ़े सात सौ पौण्ड चाँदी, छ: हजार सोन क सिक्क, अउर दस हजार बदलइ क कपड़ा लइ गवा।
6 नामान इस्राएल क राजा बरे अराम क राजा क पत्तर भी लइ गवा। पत्तर मँ इ लिखा रहा, “‘इ पत्तर इ जानकारी देइ बरे अहइ कि मइँ आपन सेवक नामान क तोहरे हिआँ पठवत हउँ। ओकरे विकट चरमरोग क नीक करा।”
7 जब इस्राएल क राजा उ पत्तर क बाँच चुका तउ उ आपन चिन्ता क परगट करइ बरे आपन ओढ़ना फारेस। इस्राएल क राजा कहेस, “का मइँ परमेस्सर अहउँ? नाहीं। जिन्नगी अउ मउत पइ मोर कउनो अधिकार नाहीं। तब अराम क राजा मोरे लगे बिकट चरमरोग क रोगी क चंगा करइ बरे काहे पठएस? एका जरा सोचा अउर तू लखब्या कि अराम क राजा मोर संग झगड़ा करइ चाहत ह।”
8 परमेस्सर क जन सुनेस कि इस्राएल क राजा परेसान अहइ अउर उ आपन ओढ़ना फार डाएस ह। एलीसा आपन सँदेसा राजा क लगे पठएस: “तू आपन ओढ़ना काहे फार्या? नामान क मोरे लगे आवइ द्या। तब उ समुझी कि इस्राएल मँ कउनो नबी भी अहइ।”
9 एह बरे नामान आपन घोड़न अउ रथन क संग एलीसा क घरे आवा अउर घरे क दुआर पई रुकि गवा।
10 एलीसा एक ठु सँदेसबाहक क नामान क लगे पठएस। सँदेसबाहक कहेस, “जा, अउर यरदन नदी मँ सात दाईं नहा। तब तोहार चरमरोग नीक हो जाइ अउर तू पवित्तर अउ सुद्ध होइ जाब्य।”
11 नामान कोहाइ गवा अउर हुवाँ स चल पड़ा। उ कहेस, “मइँ समुझे रहेउँ कि कम स कम एलीसा बाहेर आई, मोरे समन्वा खड़ा होइ अउर यहोवा, अपने परमेस्सर क समन्वा पराथना करी। मइँ समुझ रहेउँ कि उ मोरे बदन पइ आपन हाथ फेरी अउ चामरोग क नीक कइ देइ।
12 दमिस्क क नदियन अबाना अउ पर्पर इस्राएल क सबहिं जलासयन स नीक अहइँ। का मइँ ओन नदियन मँ नहाइके पवित्तर नाहीं होइ सकत रहा?” एह बरे नामान कोहाई गवा। अउ वापस जाई बरे मुड़ गवा।
13 मुला नामान क सेवक ओकरे लगे ओसे बात करइ बरे गएन उ पचे कहेन, “पिता, जदि नबी तोहार स कउनो महान काम करइ क कहे होत तउ तू ओका जरूर करतेन। एह बरे तोहका ओकर आग्या क पालन करइ चाही। जदि उ सहल काम करइ क भी कहत ह अउर उ कहेस, ‘नहा अउर तू पवित्तर अउर सुद्ध होइ जाब्या।”‘
14 एह बरे नामान उ काम किहेस जउन परमेस्सर क जन कहेस, नामान खाले उतरा अउर उ सात दाईं यरदन नदी मँ नहाएस अउर नामान पवित्तर अउ सुद्ध होइ गवा। नामान क चमड़ी बच्चा क चमड़ी क तरह कोमल होइ गइ।
15 नामान अउ ओकर सारा समूह परमेस्सर क जन क लगे गवा। उ एलीसा क समन्वा खड़ा भवा अउर ओहसे कहेस, “लखा, अब मइँ समुझत हउँ कि इस्राएल क अलावा पृथ्वी पइ कहूँ परमेस्सर नाहीं अहइ। अब मेहरबानी कइके मोर भेंट स्वीकार करइँ।”
16 मुला एलीसा कहेस, “मइँ यहोवा क सेवा करत हउँ। मइँ यहोवा क जिन्नगी क किरिया खाइके प्रतिग्या करत हउँ कि मइँ कउनो भेंट नाहीं लेब।”नामान बहोत जतन किहस कि एलीसा भेंट लेइ मुला एलीसा इन्कार कइ दिहस।
17 तब नामान्न कहेस, “जदि तू इ भेंट क स्वीकार नाहीं करतेन तउ कम स कम मोरे बरे एँतना करइँ। मोका एस्राएल क एतनी पर्याप्त धूरि लेइ देइँ जेहसे मोर दुइ खच्चरन पइ धरे टोेपन भरि जाइँ, काहे? काहेकि मइँ फुन कबहुँ होमबलि या बलि कउनो दूसर देवता क नाहीं चढ़ाउब। मइँ सिरिफ यहोवा क ही बलि भेंट करब।
18 अउर अब मइँ पराथना करत हउँ कि यहोवा मोका इ बात बरे छिमा करी कि भविस्स मँ मोर सुआमी (अराम क राजा) लबार देवता क पूजा करइ बरे, रिम्मोन क मन्दिर मँ आइ। राजा सहारा बरे मोह पइ निहुरइ चाही, एह बरे मोका रिम्मोन क मन्दिर मँ निहुरइ पड़ी। अब मइँ यहोवा स पराथना करत हउँ कि मोका छिमा करइ जब वइसा होइ।”
19 तब एलीसा नामान स कहेस, “सान्तिपूर्वक जा।”एह बरे नामान एलीसा क तजेस अउ तनिक दूर गवा।
20 मुला परमेस्सर क जन एलीसा क सेवक गेहजी बोला, “लखइँ, मोर सुआमी (एलीसा) अरामी नामान क, ओकर लिआई भइ भेंट क स्वीकार किए बिना ही जाइ दिहस ह। मइँ यहोवा क जिन्नगी क किरिया खाइके प्रतिग्या करत हउँ कि नामान क पाछे दउड़ब अउर ओहसे कछू लिआउब।”
21 एह बरे गेहजी नामान कइँती दउड़ा।नामान अपने पाछे कउनो क दौड़िके आवत लखेस। उ गेहजी स भेंटइ क अपने रथे स उतर पड़ा। नामान पूछेस, “सब कुसल तउ अहइ?”
22 गेहजी कहेस, “हाँ, सब कुसल अहइ। मोर सुआमी एलीसा मोका पठएस ह। उ कहेस, ‘लखा, एप्रैम क पहाड़ी पहँटा क नबियन क समूह स दुइ नउजवान नबी मोरे लगे आएन ह। मेहरबानी कइके ओनका पचहत्तर पौण्ड चाँदी अउर दुइ दाईं बदलइ क ओढ़ना दइ द्या।”‘
23 नामान कहेस, “मेहरबानी कइके डेढ़ सौ पौण्ड लइ ल्या।” नामान गेहजी क चाँदी लेइ बरे मनाएस। नामान डेढ़ सौ पौण्ड चाँदी क दुइ बोरियन मँ धरेस अउर दुइ दाईं बदलइ क ओढ़ना लिहस। तब नामान एन चिजियन क अपने सेवकन मँ स दुइ क दिहस। सेवक ओन चिजियन क गेहजी क बरे लइके आएन।
24 जब जेहजी पहाड़ी तलक आवा तउ उ ओन चिजियन क सेवकन स लइ लिहस। गेहजी सेवकन क लउटाइ दिहस अउर उ पचे लउटि गएन। तब गेहजी ओन चिजियन क घरे मँ छुपाइ दिहस।
25 गेहजी आवा अउर अपने सुआमी एलीसा क समन्वा खड़ा भवा। एलीसा गेहजी स पूछेस, “गेहजी, तू कहाँ गए रह्या?”गेहजी कहेस, “मइँ कहूँ भी नाहीं गवा रहेउँ।”
26 एलीसा गेहजी स कहेस, “इ फुर नाहीं अहइ। मोर हिरदइ तोहरे संग रहा जब नामान अपने रथे स तोहसे मिलइ क मुड़ा। इ समइ पैसा, कपड़ा, जैतून, अंगूर, भेड़, गइयन या सेवक-सेविकन लेइ क नाहीं अहइ।
27 अब तोहका अउ तोहर बच्चन क नामान क बेरामी लगा जाइ। तोहका सदा ही बिकट चरमरोग रही।”जब गेहजी एलीसा स बिदा भवा तउ गेहजी क चमड़ी बफर् क तरह सफेद होइ गइ। गेहजी क कोढ़ होइ गवा रहा।
2 Kings 6
1 नबियन क समूह एलीसा स कहेस, “जहाँ पइ हम लोग रहत अहइँ उ जगह हमरे बरे बहोत छोट अहइ।
2 हम लोग यरदन नदी क चली अउर कछू लकड़ियन काटी। हम पचन मँ स हर एक एक ठु लट्ठा लेइ अउर हम लोग अपने बरे रहइ क एक ठउर हुवाँ बनाई।” एलीसा कहेस, “बहोत अच्छा, जा अउर करा।”
3 ओनमाँ स एक मनई कहेस, “कृपा कइके हमरे संग चलइँ।”एलीसा कहेस, “बहोत अच्छा, मइँ तोहरे संग चलब।”
4 एह बरे एलीसा नबियन क समूह क संग गवा। जब उ पचे यरदन नदी पइ पहोंचेन तउ उ पचे कछू बृच्छ काटइ सुरू किहन।
5 मुला जब एक मनई एक ठु बृच्छ काटत रहा तउ कुल्हाड़ी क लोहा क फलक कुल्हाड़ी स निकर गवा अउर पानी मँ गिर पड़ा। तब उ मनई चिचियान, “हे सुआमी, मइँ उ कुल्हाड़ी उधार लिहे रहेउँ।”
6 परमेस्सर क जन (एलीसा) कहेस, “उ कहाँ गिरी?”उ मनई एलीसा क उ जगह देखाएस जहाँ लोहा क फलक गिरा रहा। तब एलीसा एक ठु डण्डी काटेस अउर उ डण्डी क पानी मँ लोकाइ दिहस। उ डण्डी लोहा क फलक क तैराइ दिहस।
7 एलीसा कहेस, “लोहा क फलक क पकड़ ल्या।” तब उ मनई अगवा बढ़ा अउर उ लोहे क फलक लइ लिहस।
8 अराम क राजा इस्राएल क खिलाफ जुद्ध करत रहा। उ फउज क अधिकारियन क संग परिषद क बैठक बोलाएस। उ हुकुम दिहस, “इ ठउरे पइ छुप जा अउर इस्राएलियन पइ तब आकामण करा जब हिआँ स होइके निकरउँ।”
9 मुला परमेस्सर क जन (एलीसा) इस्राएल क राजा क एक सँदेसा पठएस। एलीसा कहेस, “सावधान रहा। उ ठउरे स होइके जिन जा। हुवाँ अरामी फउजी छिपे अहइँ।”
10 इस्राएल क राजा उ ठउरे पइ जेकरे बारे मँ परमेस्सर क जन चितउनी दिहे रहा, अपने मनइयन क सँदेसा पठएस। इ एक या दुई दाईं स जियाद भवा।
11 अराम क राजा एहसे बहोत घबरान। अराम क राजा आपन फउजी अधिकारियन क बोलाएस, अउर ओनसे पूछेस, “मोका बतावा कि इस्राएल क राजा बरे जासूसी कउन करत अहइ।”
12 अराम क राजा क फउजी अधिकारियन मँ स एक कहेस, “मोर पर्भू अउ राजा, हम पचन मँ स कउनो भी जास्स नाहीं अहइ। एलीसा, इस्राएल क नबी इस्राएल क राजा क अनेक गुप्त सूचना दइ सकत ह, हिआँ तलक कि आप जउन अपने बिछउन मँ कहिहीं, ओकर भी।”
13 अराम क राजा कहेस, “एलीसा क पता लगावा अउर मइँ ओका धरइ बरे मनइयन क पठउब।”सेवकन अराम क राजा स कहेस, “एलीसा दोतान मँ अहइ।”
14 तब अराम क राजा घोड़न, रथ अउ विसाल फउज क दोतान पठएस। उ पचे रात क पहोंचेन अउर पचे नगर क घेर लिहन।
15 एलीसा क सेवक उ भिंसारे हाली उठेन। एक सेवक बाहेर गवा अउर उ एक फउज क घोड़न अउ रथन क संग नगर क चारिहुँ कइँती लखेस।एलीसा क सेवक एलीसा स कहेन, “ओह, मोर सुआमी हम का कइ सकित ह?”
16 एलीसा कहेस, “डेराअ जिन। उ फउज जउन हमरे बरे जुद्ध करत ह, उ फउज स बड़ी अहइ जउन अराम क बरे जुद्ध करत ह।”
17 तब एलीसा पराथना किहेस अउर कहेस, “यहोवा, मइँ तोहसे पराथना करत हउँ कि तू मोरे सेवक क आँखिन खोला जेहसे उ लखि सकइ।”यहोवा जुवक क आँखिन खोलेस अउ सेवक लखेस कि पूरा पर्वत आगी क घोड़न अउ रथन स ढका पड़ा रहा। उ पचे सबहिं एलीसा क चारिहुँ कइँती रहेन।
18 इ सबइ आगी क घोड़न अउ रथ एलीसा क लगे आएन। एलीसा यहोवा स पराथन किहेस अउर कहेस, “मइँ पराथना करत हउँ कि तू एन लोगन क आँधर कइ द्या।”तब यहोवा अरामी फउज क आँधर कइ दिहस, जइसे एलीसा पराथना किहे रहा।
19 एलीसा अरामी फउज स कहेस, “इ गलत मारग अहइ। इ उ सहर नाहीं अहइ जेका तू खोजत ह। मोरे पाछे आवा। मइँ उ मनई क लगे तू पचन क लइ जाब जेकर खोज तू करत अहा।” तब एलीसा अरामी फउज क सोमरोन लइ गवा।
20 जब उ पचे सोमरोन पहोंचेन तउ एलीसा कहेस, “यहोवा, ऍन लोगन क आँखिन खोल द्या जेहसे इ सबइ लखि सकइँ।”तब यहोवा ओनकर आँखिन खोल दिहस अउर अरामी फउज लखेस कि उ सोमरोन नगर मँ रहेन।
21 इस्राएल क राजा अरामी फउज क लखेस। इस्राएल क राजा एलीसा स पूछेस, “मोरे बाप, का मइँ एनका मार डावउँ? का मइँ एनका मार डावउँ?”
22 एलीसा जवाब दिहस, “नाहीं, ओन लोगन क जिन मार। तू ओनका आपन तरवार या धनुस स नाहीं पकड़ेस ह किन्तु तू तउ अब ओन मनइयन क मराइ चाहत ह अरामी फउज क कछू रोटी पानी द्या। ओनका खाइ पिअइ द्या। तब एनका अपने सुआमी क लगे लउटि जाइ द्या।”
23 इस्राएल क राजा अरामी सेना बरे बहोत स भोजन तइयार कराएस। अरामी फउज खाएस-पीएस। तब इस्राएल क राजा अरामी फउज क ओनके घरे वापस पठइ दिहस। अरामी फउज अपने सुआमी क लगे क घर लउटे गइ। अरामी लोग एकरे पाछे इस्राएल पइ आकामण करइ बरे फुन कउनो फउज नाहीं पठएस।
24 जब इ सब होइ गवा तउ अराम क राजा बेन्हदद अपनी सारी फउज बटोरेस अउ उ सोमरोन नगर पइ घेरा डावइ अउर ओह पइ आकामण करइ गवा।
25 फउजियन लोगन क नगर मँ भोजन सामग्री भी नाहीं लिआवइ दिहन। एह बरे सोमरोन मँ भयंकर भुखमरी क समइ आइ गवा। इ ऍतना भयंकर रहा कि एक गदहे क मूँड़ चाँदी क अस्सी सिक्कन मँ बिकइ लाग अउर एक ठु छोटा टोकरी कबूतर क गोबरी क कीमत पाँच चाँदी क सिक्कन रही।
26 इस्राएल क राजा नगर क प्राचीर पइ घूमत रहा। एक ठु मेहरारू चिचिआइके ओका गेहराएस। उ मेहरारू कहेस, “मोर पर्भू, अउर राजा, कृपा करके मोर मदद करइँ।”
27 इस्राएल क राजा कहेस, “जदि यहोवा तोहार मदद करत तउ मइँ कइसे तोहका मदद दइ सकत हउँ? मोरे लगे तोहका देइ क कछू भी नाहीं अहइ। खरिहानन स कउनो अन्न नाहीं आवा, या दाखरस क कारखाने स कउनो दाखरस नाहीं आइ।”
28 तब इस्राएल क राजा उ मेहरारू स पूछेस, “तोहार परेसानी का अहइ?”मेहरारू जवाब दिहेस, “इ मेहरारू मोहसे कहेस, ‘अपने पूत क मोका द्या जेहसे हम ओका मार डाइ अउर ओकर आज खाइ लेइ। फुन काल्ह मइँ आपन पूत क मारिके खाउब्या।
29 तब हम अपने पूत क पकावा अउर खावा। तब दूसरे दिन इ मेहरारू स कहेउँ, ‘अपने पूत क द्या जेहसे हम ओका मार सकी अउर खाइ सकी।’ किन्तु उ अपने पूत क छुपाए दिहेस ह।”
30 जब राजा उ मेहरारू क बातन सुनेस तउ उ आपन ओढ़नन क अपनी सम्सया बतावइ बरे फार डाएस। जब राजा प्राचीर स होइके चला तउ लोग लखेन कि उ अपने पहिरावे क नीचे मोटा वस्त्र पहिरे रहा जेहसे पता चलत रहा कि उ बहोत दुखी अउ परेसान अहइ।
31 राजा कहेस, “परमेस्सर मोका निहचित ही दण्डित करइ जदि सापात क पूत एलीसा क मूड़ इ दिन क आखिर तलक भी ओकरे धड़ पर रहि जाइ।”
32 राजा एलीसा क लगे एक ठु सँदेसवाहक पठएस। एलीसा अपने घरे मँ प्रमुखन क संग बइठा रहा। सँदेसवाहक क अवाइ क पहिले एलीसा प्रमुखन स कहेस, “लखा, उ हत्तियारा क पूत (इस्राएल क राजा) लोगन क मोर मूँड़ काटइ क पठवत अहइ। जब सँदेसवाहक आवइ तउ दरवाजा बन्द कइ ल्या। दरवाजा क बन्द रखा अउर ओका घुसइ जिन द्या। एहमाँ कउनो सक नाहीं कि ओकर सुआमी क कदमन क आवाज़ ओकरे पाछा करब्या।”
33 जउने समइ एलीसा अग्रजन स बातन करत ही रहा, सँदेसवाहक ओकरे करीब आवा। सँदेसा इ रहा: “इ बिपत्ति यहोवा कइँती स आई अहइ। मइँ यहोवा क प्रतीच्छा आगे अउर काहे करउँ?”
2 Kings 7
1 एलीसा कहेस, “यहोवा कइँती स सँदेस सुना। यहोवा कहत ह: ‘काल्ह इहइ समइ सोमरोन क फाटक क संग क बाजार मँ लोग एक डलिया अच्छा आटा या दुइ डलिया जौ एक सेकेल मँ खरीदब्या।”‘
2 तब उ अधिकारी जउन राजा क बिस्सासपात्र रहा, परमेस्सर क जन स बातन किहेस। अधिकारी कहेस, “जदि यहोवा आकास मँ खिड़कियन भी बनाइ देइ तउ भी इ नाहीं होइ।”एलीसा कहेस, “एका तू अपनी आँखिन स लखब्या। किन्तु उ भोजन मँ स तू कछू भी नाहीं खाब्या।”
3 नगर क दुआर क लगे चार मनई कोढ़ स पीड़ित रहेन। उ पचे आपुस मँ बातन किहन, “हम हिआँ मरइ क प्रतीच्छा करत भए काहे बइठा अही?
4 सोमरोन मँ कछू भी खाइ क बरे नाहीं अहइ। जदि हम लोग नगर क भीतर जाब तउ हुवाँ हम भी मरि जाब। किन्तु जदि हम पचे हिआँ रहा, तउ भी मरि जाब। एह बरे हम लोग अरामी डेरा कइँती चली। जदि उ पचे हम क जिअत रहइ देत हीं तउ हम जिअत रहब। जदि उ पचे हम क मार डावत हीं तउ मर जाब।”
5 एह बरे उ साँझ क उ चारिहुँ कोढ़ी अरामी डेरा क गएन। उ पचे अरामी डेरा क छोर तलक पहोंचेन। मुला हुवाँ कउनो नाहीं रहेन।
6 यहोवा अरामी सेना क, रथन, घोड़न अउ बिसाल सेना क उद्घोस सुनाए रहा। एह बरे अरामी फउजियन आपुस मँ बातन किहन, “इस्राएल क राजा हित्ती राजा लोगन अउ मिसियन क हम लोगन क खिलाफ किराये पइ बोलाएस ह।”
7 अरामी फउजी उ साँझ क आरम्भ मँ ही पराइ गएन उ पचे सब कछू अपने पाछे छोड़ गएन। उ पचे अपने डेरन, घोड़न, गदहन छोड़ेन अउर आपन जिन्नगी बचावइ क भाग खड़े भएन।
8 जब इ सबइ कोढ़ी उ डेरा क छोर तलक पहोंचेन, उ पचे एक डेरा मँ गएन। उ पचे खाएन अउर पिएन। तब चारिहुँ कोढ़ी उ तम्बू स चाँदी, सोना अउ वस्त्र लइ लिहेन तउ उ पचे ओन चिजियन क लुकाइ दिहन। तब उ पचे लउटेन अउर दूसर तम्बू मँ गएन। उ हुआँ स भी सबइ कीमती चिजियन लइ आएन। उ पचे बाहेर गएन अउर एन चिजियन क लुकाइ रिहन।
9 तब एन कोढ़ियन आपुस मँ बात किहन, “हम लोग बुरा करत अही। आजु हम लोगन क लगे सुभ खबर अहइ। मुला हम लोग चुप अही। जदि हम लोग सूरज स निकरइ तलक प्रतीच्छा करब तउ हम लोगन क दण्ड मिली। अब हम चली अउर ओन लोगन क सुभ सूचना देइ जउन राजा क महल मँ रहत हीं।”
10 एह बरे इ सबइ कोढ़ी नगर क दुआरपाल क लगे गएन। कोढ़ी रोगियन दुआरपालन स कहेन, “हम अरामी डेरा मँ गए रहे। किन्तु हम लोग कउनो मनई क हुवाँ नाहीं पावा। हुवाँ कउनो भी नाहीं रहा। घोड़न अउ गदहन तब भी बंधे रहेन अउर डेरन वइसे क वइसे लगे रहेन। किन्तु सबहिं लोग चले गए रहेन।”
11 तब नगर क दुआरपाल जोर स चीखन अउर राजमहल क मनइयन क इ बात बताएन।
12 राति क समइ रहा, किन्तु राजा अपने पलंग स उठा। राजा अपने अधिकारियन स कहेस, “मइँ तू लोगन क बताउब कि अरामी फउजी हमरे संग का करत अहइँ। उ पचे जानत हीं कि हम भुखान अही। उ पचे खेतन मँ छुपइ बरे, डेरन क खाली कइ गएन ह। उ पचे इ सोचत अहइँ, ‘जब इस्राएली नगर क बाहेर अइहीं, तब हम ओनका जिअत धइ लेब अउर तब हम नगर मँ प्रवेस करब।’”
13 राजा क अधिकारियन मँ स एक कहेस, “कछू मनइयन क नगर मँ अबहिं तलक बचे पाच ठु घोड़न क लेइ द्या। निहचइ ही इ सबइ घोड़न भी हाली ही ठीक वइसे ही मर जइहीं, जइसे इस्राएल क सबहिं लोग जउन अबहिं तलक बचे रहि गए अहइँ, मरिहीं। एन मनइयन क इ लखइ क पठवा जाइ कि का घटित भवा ह।”
14 एह बरे लोग घोड़न क संग दुइ रथ लिहेन। राजा एन लोगन क अरामी फउज क पाछे लगाएस। राजा ओनसे कहेस, “जा अउर पता लगावा कि का घटना घटी?”
15 उ सबइ मनई अरामी फउज क पाछे यरदन नदी तलक गएन। पूरी सड़क पइ वस्त्र अउ अस्त्र फइले भए रहेन। अरामी लोग हाली मँ भागत भए ओन चिजियन क लोकाइ दिहे रहेन। सँदेसवाहक सोमरोन क लउटेन अउर राजा क बताएन।
16 तब लोग अरामी डेरा कइँती टूट पड़ेन, अउर हुवाँ स उ पचे कीमती चिजियन लइ लिहन। एह बरे उहइ भवा जउन यहोवा कहे रहा। कउनो भी मनई एक ठु डलिया निक आटा या दुइ डलिया जौ सिरिफ एक ठु सेकेल मँ खरीद सकत रहा।
17 राजा आपन व्यक्तिगत सहायक अधिकारी क दुआरे क रच्छा बरे चुनेस। किन्तु लोग दुस्मन क डेरा स भोजन पावइ बरे दौड़ पड़ेन। लोग अधिकारी क धक्का दइके गिराइ दिहन अउर ओका रौंदत भए निकर गएन अउर उ मर गवा। एह बरे उ पचे सबहिं बातन वइसे ही ठीक घटित भइन जइसा परमेस्सर क जन तब कहे रहा जब राजा एलीसा क घरे आवा रहा।
18 एलीसा कहे रहा, “कउनो भी मनई सोमरोन क नगरदुआर क बजार मँ एक सेकेल मँ एक ठु डलिया नीक आटा या दुइ उलिया जौ बेसहि सकी।”
19 किन्तु परमेस्सर क जन क उ अधिकारी जवाब दिहस, “जदि यहोवा सरग मँ खिड़कियन भी बनाइ देइ, तउ भी वइसा नाहीं होइ सकी” अउर एलीसा उ अधिकारी स कहे रहा, “तू अइसा अपनी आँखिन स लखब्या। किन्तु तू उ भोजन क कछू भी नाहीं खाइ पउब्या।”
20 अधिकारी क संग ठीक वइसा ही घटित भवा। लोग नगरदुआर पइ ओका धक्का दइके गिराइ दिहन, ओका रौंद डाएन अउर उ मर गवा।
2 Kings 8
1 एलीसा उ मेहरारू स बातन किहस जेकरे पूत क उ जीवन मँ वापिस लाए रहा। एलीसा कहेस, “तोहका अउर तोहरे परिवार क कउनो दूसर देस मँ चले जाइ चाही। काहे? काहेकि यहोवा निहचइ किहेस ह कि हिआँ भुखमरी क समइ लाई। इ देस मँ इ भुखमरी क समइ सात बरिस क होइ।”
2 एह बरे उ मेहरारू उहइ किहस जउन परमेस्सर क जन कहेस। उ अपने पररिवार क संग सात बरिस पलिस्तियन क देस मँ रहइ चली गइ।
3 जब सात बरिस पूरे होइ गएन तउ उ मेहरारू पलिस्तियन क देस स लउटि आइ। उ मेहरारू राजा स बातन करइ गइ। उ चाहत रही कि उ ओकरे घरे अउर ओकरी भुइँया क ओका लउटावइ मँ ओकर मदद करइ।
4 राजा परमेस्सर क जन क सेवक गेहजी स बातन करत रहा। राजा गेहजी स पूछेस, “कृपा कइके उ पचे सबहिं महान कार्य हमका बतावइँ जेनका एलीसा किहे अहइँ।”
5 गेहजी राजा क एलीसा क बारे मँ एक मरे मनई क जिअत करइ क बात बतावत रहा। उहइ समइ उ मेहरारू राजा क लगे गइ जेकरे पूत क एलीसा जिआए रहा। उ चाहत रही कि उ अपने घरे अउर अपनी भुइँया क वापस दिआवइ मँ ओहसे सहायत माँगइ। गेहजी कहेस, “मोर पर्भू राजा, इ अहइ मेहरारू अहइ अउर इ उहइ पूत अहइ जेका एलीसा जिआए रहा।”
6 राजा पूछेस कि उ का चाहत ह। उ मेहरारू अपनी इच्छा जताएस। तब राजा एक अधिकारी क उ मेहरारू क मदद क बरे चुनेस। राजा कहेस, “इ मेहरारू क उ सब कछू द्या जउन एकर अहइ अउर एकर भुइँया क सारी फसला जब स इ देस तजेस तब स अब तक क, एका द्या।”
7 एलीसा दमिस्क गवा। अराम क राजा बेन्हदद बीमार रहा। कउनो मनई बेन्हदद स कहेस, “परमेस्सर क जन हिआँ आवा अहइ।”
8 तब राजा बेन्हदद इस्राएल स कहेस, “भेंट साथे मँ ल्या अउर परमेस्सर क जन स मिलइ जा। ओका कहा कि उ पचे यहोवा स पूछइँ कि का मइँ अपनी बेरामी स चँगा होइ सकत हउँ।”
9 एह बरे हजाएल एलीसा स भेंटइ गवा। हजाएल अपने संग भेंट लिआवा। उ दमिस्क स हर प्रकार क अच्छी चिजियन लिआवा। एन सब क लिआवइ बरे चालीस ऊँटन क जरूरत पड़ी। हजाएल एलीसा क लगे गवा। हजाएल कहेस, “तोहार अनुयायी अराम क राजा बेन्हदद मोका आप क लगे पठएस ह। उ पूछत ह कि का मइँ बेरामी स नीक होइ जाब।”
10 तब एलीसा हजाएल स कहेस, “जा अउर बेन्हदद स कहा, ‘तू जिअत रहब्या।’ किन्तु यहोवा फुरइ मोका इ कहेस ह, ‘उ निहचइ ही मरी।”‘
11 एलीसा हजाएल क तब तलक लखत रहा जब तलक हजाएल नाहीं होइ गवा। तब परमेस्सर क जन रोवइ लाग।
12 हजाएल कहेस, “महोदय, आप काहे रोवत अहइँ?”एलीसा जवाब दिहेस, “मइँ रोवत अहउँ काहेकि मइँ जानत हउँ कि तू इस्राएलियन बरे का कछू बुरा करब्या। तू ओनके मजबूत नगरन क जरउब्या। तू ओनके जुवकन क तरवार स मार डाउब्या। तू ओनके बच्चन क मार डउब्या। तू ओनकर गाभिन मेहररूअन क गरभ क चीर डाउब्या।”
13 हजाएल कहेस, “मइँ कउनो ताकतवर मनई नाहीं हउँ। मइँ एन बड़के कामन क नाहीं कइ सकत।”एलीसा जवाब दिहेस, “यहोवा मोका बताएस ह कि तू अराम क राजा होब्या।”
14 तब हजाएल एलीसा क हिआँ स चला गवा अउर अपने राजा क लगे गवा। बेन्हदद हजाएल स पूछेस, “एलीसा तोहसे का कहेस?”हजाएल जवाब दिहेस, “एलीसा मोहसे कहेस कि तू जिअत रहब्या।”
15 मुला अगले दिन हजाएल एक ठु मोटा कपड़ा लिहस अउर एका पानी स गीला कइ लिहस। तब उ मोटके कपड़े क बेन्हदद क मुँह पइ डाइके ओकर साँस रोक दिहस। बेन्हदद मर गवा। एह बरे हजाएल नवा राजा बना।
16 यहोसापात क पूत यहोराम यहूदा क राजा भवा। यहोराम अहाब क पूत योराम क इस्राएल क राज्जकाल क पँचएँ बरिस मँ हुकूमत आरम्भ किहस।
17 यहोराम बत्तीस बरिस क रहा, जब उ हुकूमत करब आरम्भ किहस। उ यरूसलेम मँ आठ बरिस हुकूमत किहस।
18 किन्तु यहोराम इस्राएल क राजा लोगन क तरह रहा अउर ओन कामन क किहस जेनका यहोवा बुरा बताए रहा। यहोराम अहाब क परिवार क लोगन क तरह रहत रहा। यहोराम इ तरह रहा काहेकि ओकर मेहरारू अहाब क बिटिया रही।
19 मुला यहोवा ओका नस्ट नाहीं किहस काहेकि उ अपने सेवक दाऊद स प्रतिग्या किहे रहा कि ओकरे परिवार क कउनो न कउनो सदा ही राजा होइ।
20 यहोराम क समइ मँ एदोम यहूदा क हुकूमत स टूट गवा। एदोम क लोग अपने बरे एक ठु राजा चुन लिहस।
21 तब यहोराम अउ ओकर सबहिं रथ साईर क गएन। एदोमी सेना ओनका घेर लिहस। यहोराम अउ ओकर अधिकारियन ओन पइ रात मँ हमला किहेन अउर बच निकरेन। यहोराम क सबहिं फउजी अपने घरन क भाग गएन।
22 इ तरह एदोमी यहूदा क हुकूमत क खिलाफ बिद्रोह किहा अउर उ पचे आजु भी बिद्रोह करत अहइँ।उहइ समइ लिब्ना भी यहूदा क हुकूमत क बिरूध बिद्रोह कइ दिहा।
23 यहोराम जउन कछू किहस उ सब “यहूदा क राजा लोगन क इतिहास” क किताबे मँ लिखा अहइ।
24 यहोराम मरा अउर अपने पुरखन क संग दाऊद नगर मँ दफनावा गवा। यहोराम क पूत अहज्याह नवा राजा भवा।
25 यहोराम क पूत अहज्याह, अहाब क पूत इस्राएल क राजा योराम क राज्जकाल क बारहवें बरिस मँ यहूदा क राजा भवा।
26 हुकूमत सुरू करइ क समइ अहज्याह बाईस बरिस क रहा। उ उरूसलेम मँ एक बरिस हुकूमत किहस। ओकरी महतारी क नाउँ अतल्याह रहा। उ इस्राएल क राजा ओम्री क बिटिया रही।
27 अहज्याह उ सबइ काम किहस जेनका यहोवा बुरा बताए रहा। अहज्याह अहाब क परिवार क लोगन क तरह बहोत स बुरे काम किहस। अहज्याह उ तरह रहा काहेकि ओकर मेहरारू अहाब क परिवार स रही।
28 अहाब क पूत योराम अराम क राजा हजाएल स गिलाद क रामोत मँ जुद्ध करइ गवा। अहज्या जुद्ध मँ योराम क संग होइ गवा। अरामियन योराम क घायल कइ दिहन।
29 राजा योराम यिज्रैल क लउटि गवा ताकि उ ओन घावन क ठीक कइ सकी जउन आरामियन ओका उ समइ दिहे रहेन जब उ रमाह मँ आराम क राजा हजाएल क खिलाफ लड़े रहेन। यहोराम क पूत, यहूदा क राजा अहज्याह, अहाब क पूत योराम क लगे यिज्रैल मँ गवा, काहेकि उ घायल होइ गवा रहा।
2 Kings 9
1 एलीसा नबी नबियन क समूह मँ स एक क बोलाएस। एलीसा इ मनई स कहेस, “तइयार होइ जा अउर अपने हाथे मँ तेल क इ नान्ह बोतल क ल्या। गिलाद क रामोत क जा।
2 जब तू हुवाँ पहोंचा तउ निमसी क पौत अर्थात यहोसापात क पूत येहू स मिला। तब अन्दर जा अउर ओकर भाइयन मँ स ओका उठावा। ओका कउनो भीतरी कमराँ मँ लइजा।
3 तेल छोटी बोतल लइ जा अउर येहू क मूँड़ पइ उ तेल क डावा। इ कहा, ‘यहोवा कहत ह: मइँ तोहार अभिसेक इस्राएल क राजा होइ बरे किहेउँ ह।’ तब दरवाजा खोला अउ भाग चला। हुवाँ प्रतीच्छा न करा।”
4 एह बरे इ जुवा नबी गिलाद क रामोत गवा।
5 जब जुवक नबी हुवाँ पहोंचा, उ फउज क सेनापतियन क बइठे लखेस। जुवक कहेस, “सेनापति, मइँ तोहार क बरे एक सँदेसा लिआएउँ ह।” येहू कहेस, “हम सबहिं हिआँ अही। हम लोगन मँ स केकरे बरे सँदेस अहइ?”जुवक कहेस, “सेनापति, सँदेस तोहार बरे अहइ।”
6 येहू उठा अउर अन्दर गवा। तब जुवा नबी उ तेल क येहू क मँूड़ पइ डाइ दिहस। जुवा नबी येहू स कहेस, “इस्राएल क परमेस्सर, यहोवा कहत ह, ‘मइँ यहोवा क लोगन, इस्राएलियन पइ नवा राजा होइ क बरे तोहार अभिसेक करत हउँ?
7 तोहका अपने राजा अहाब क परिवार क नस्ट कइ देइ चाही। इ प्रकार मइँ ईजेबेल क अपने सेवकन, नबियन तथा दूसर ओन सबहिं जउन मोर सेवा किहेन जेका उ मार डाएस क मउत क बरे दण्डित करब।
8 इ तरह अहब क सारा परिवार मरि जाइ। मइँ अहाब क परिवार क कउनो मर्द क जिअत नाहीं रहइ देब। एकर कउनो महत्व नाहीं होइ कि उ मर्द दास अहइ या स्वतंत्र मनई अहइ।
9 मइँ अहाब क परिवार क, नबात पूत क यारोबाम या अहिययाह क पूत बासा क परिवार जइसा कइ देब।
10 यिज्रैल क छेत्र मँ ईजेबेल क कूकुरन खइहीं। ईजेबेल क दफनावा नाहीं जाइ।”तब जुवक नबी दरवाजा खोलेस अउ भाग गवा।
11 येहू अपने राजा क अधिकारियन क लगे लउटा। अधिकारियन मँ स एक येहू स कहेस, “का सब कुसल अहइ? इ पागल मनई तोहरे लगे काहे आवा रहा?”येहू अपने अधिकारियन क उत्तर दिहस, “तू उ पागल मनई क अउर जउन बातन उ कहत ह, जानत अहा।”
12 अधिकारियन कहेस, “नाहीं! हमका सच्ची बात बतावा। उ का कहत ह?” येहू अधिकारियन क उ बताएस जउन जुवक नबी कहे रहा। येहू कहेस, “उ कहेस, ‘यहोवा इ कहत ह: मइँ इस्राएल क नवा राजा होइ क बरे तोहार अभिसेक किहेउँ ह।”‘
13 तब हर एक अधिकारी हाली स आपन चो़गा उतारेन अउर येहू क समन्वा पइड़ियन पइ ओनका धरेन। तब उ पचे तुरही बजाएन अउर इ घोसणा किहन, “येहू राजा अहइ।”
14 एह बरे येहू, जउन निमसी क पोता अउर यहोसापात क पूत रहा योराम क खिलाफ जोजना बनाएस।उ समइ योराम अउ इस्राएली, अराम क राजा हजाएल स, गिलाद क रामोत क रच्छा क जतन करत रहेन।
15 मुला राजा योराम आपन घाव स ठीक होइ बरे यिज्रैल क गवा। अरामियन योराम क तब घायल किहे रहेन जब उ अराम क राजा हजाएल क खिलाफ जुद्ध किहे रहा।एह बरे येहू अधिकारियन स कहेस, “जदि तू लोग स्वीकार करत अहा कि मइँ नवा राजा हउँ तउ नगर क कउनो मनई क यिज्रैल मँ सूचना देइ बरे बचिके निकरइ न द्या।”
16 योराम यिज्रैल मँ अराम करत रहा। एह बरे येहू रथ मँ सवार भवा अउर यिज्रैल गवा। यहूदा क राजा अहज्याह भी योराम क लखइ यिज्रैल गवा।
17 एक ठु रच्छक यिज्रैल मँ रच्छक खम्भा पइ खड़ा रहा। उ येहू क बिसाल दल क आवत लखेस। उ कहेस, “मइँ लोगन क एक ठु बिसाल दल क लखत हउँ।”योराम कहेस, “कउनो क ओनसे भेंटइ घोड़ा पइ पठवा। इ मनई स इ कहइ बरे कहा, “का आप सान्ति क इच्छा स आए अहइँ?”
18 एह बरे एक सँदेसवाहक येहू स मिलइ बरे घोड़ा पइ सवार होइके गवा। सँदेसवाहक कहेस, “राजा योराम पूछत हीं, ‘का तू सान्ति स आए अहइँ?”‘येहू कहेस, “तोहका सान्ति स कछू लेब-देब नाहीं। आवा अउ मोरे पाछे चला।”रच्छक योराम स कहेस, “उ दल क लगे सँदेसवाहक गवा, किन्तु उ अब तलक लउटिके नाहीं आवा।”
19 तब योराम एक दूसरे मनई क घोड़ा पइ पठएस। उ मनई येहू क दल क लगे आवा अउर उ कहेस, “राजा योराम कहत हीं, ‘सान्ति।”‘येहू जवाब दिहस, “तोहका सान्ति स कछू भी लेब-देब नाहीं। आवा अउर मोरे पाछे चला।”
20 रच्छक योराम स कहेस, “दूसर मनई उ दल क लगे गवा, किन्तु उ अबहिं लउटिके नाहीं आवा। रथचालक रथे क निमसी पोता येहू क तरह चलावत बाटइ। उ पागलन जइसा चलावत अहइ।”
21 योराम कहेस, “मोरे रथे क तइयार करा।”एह बरे सेवक योराम क रथे क तइयार किहन। इस्राएल क राजा योराम अउ यहूदा क राजा अहज्याह निकर गएन। हर एक राजा अपने-अपने रथे स येहू स मिलइ गएन। उ पचे येहू स यिज्रैली नाबोत क भुइँया पइ भेंटन।
22 योराम येहू क लखेस अउर ओहसे पूछेस, “येहू का तू सान्ति क इरादे स आए अहा?”येहू जवाब दिहेस, “जब तलक तोहार महतारी ईज़ेबेल रण्डीबाजी अउर जादू टोना करति रही तब तलक सान्ति नाहीं होइ सकी।”
23 योराम भाग निकरइ बरे अपने घोड़न क बाग मोड़ेस। योराम अहज्याह स कहेस, “अहज्याह! इ एक ठु चाल अहइ।”
24 किन्तु येहू अपनी पूरी ताकत स अपने धनुस क हींचेस अउर योराम क पीठ मँ बाण चलाइ दिहस। बाण योराम क हिरदइ क बेधत भवा पार होइ गवा। योराम अपने रथे मँ मरि गवा।
25 येहू अपने सारथी बिदकर स कहेस, “योराम क ल्हास क उठावा अउर यिज़्रैली नाबोत क खेत मँ लोकाइ द्या। याद करा, जब हम अउर तू योराम क बाप अहाव क संग चले रहे। तब यहोवा कहे रहा कि एकरे संग अइसा ही होइ।
26 यहोवा कहे रहा, ‘कल मइँ नाबोत अउ ओकरे पूतन क खून लखे रहेउँ। एह बरे मइँ अहाब क इहइ मइदान मँ सजा देब।’ यहोवा अइसा कहे रहा। एह बरे योराम क ल्हास क इहई मइदान मँ लोकाइ द्या जइसा यहोवा कहेस।”
27 यहूदा क राजा अहज्याह इ लखेस, एह बरे उ भाग निकरा। उ बारी क भवन क रास्ते स होइके भागा। येहू ओकर पाछा किहस। येहू कहेस, “अहज्याह क भी ओकरे रथे मँ मार डावा।”एह बरे येहू क लोग यिबलाम क लगे गूर क जाइ वाली सड़क पइ अहज्याह पइ प्रहार किहस। अहज्याह मगिद्दो तलक भागा, किन्तु हुवाँ उ मर गवा।
28 अहज्याह क सेवक अहज्याह क ल्हास क रथे मँ यरूसलेम लइ गएन। उ पचे अहज्याह क, ओकरी कब्र मँ ओकरे पुरखन क संग दाऊद नगर मँ दफनाएन।
29 अहज्याह इस्राएल पइ योराम क राज्जकाल क गियारहवें बरिस मँ यहूदा क राजा बना रहा।
30 येहू यिज्रैल गवा अउर ईज़ेबेल क इ खबर मिली। उ अपने क सजाएस अउर अपने बारन क बाँधेस। तब उ खिड़की क सहारे खड़ी भइ अउर बाहेर क लखइ लाग।
31 येहू नगर मँ प्रवेस किहस। ईज़ेबेल कहेस, “जिम्री जउन आपन ही सुआमी क मार डाएस, का तू सान्ति मँ आवा ह?”
32 येहू ऊपर खिड़की कइँती लखेस। उ कहेस, “मोरी कइँती कउन अहइ कउन?”दुइ या तीन खोजन खिड़की स येहू क लखेन,
33 येहू ओनसे कहेस, “ईज़ेबेल क खाले लोकावा।”तब खोजन ईज़ेबेल क खाले लोकाएन। ईज़ेबेल क तनिक खून देवार अउर घोड़न पइ छिटक गवा। घोड़न ईज़ेबेल क तने क कुचरि डाएस।
34 येहू महल मँ घुसा अउर उ खाएस अउर पिएस। तब उ कहेस, “अब इ सरापित मेहरारू क बारे मँ इ करा। ओका दफनाइ द्या काहेकि उ राजा क बिटिया अहइ।”
35 कछू लोग जउन ईज़ेबेल क दफनाए गएन। रहेन ओकरे ल्हास क न पाइ सकेन। उ पचे सिरिफ ओकर खोपड़ी, ओकर गोड़ अउ ओकरे हाथन क हथेलियन पाइ सकेन।
36 एह बरे उ पचे लोग लउटेन अउर उ पचे येहू स कहेन। तब येहू कहेस, “यहोवा अपने सेवक तिसबी एलिय्याह स इ सँदेसा देइ क कहे रहा। एलिय्याह कहे रहा: ‘यिज्रैल क पहँटा मँ ईज़ेबेल क ल्हासे क कूकुर खइहीं।
37 ईज़ेबेल क ल्हास यिज्रैल क पहँटा मँ खेत क गोबर क तरह होइ। लोग ईज़ेबेल क ल्हास क पहिचान नाहीं पइहीं।”‘
2 Kings 10
1 अहाब क सत्तर पूत सोमरोन मँ रहेन। येहू पत्र लिखेस अउर ओनका सोमरोन मँ यिज्रैल क सासकन अउ प्रमुखन क पठएस। उ ओन लोगन क भी पत्र लिखेस जउन अहाब क पूतन क अभिभावक रहेन। पत्र मँ येहू लिखेस,
2 “जइसे ही तू इ पत्र क पावा तू अपने सुआमी क पूतन मँ स सब स जियादा जोग्ग अउर उत्तिम मनई क चुना। तोहरे लगे रथ अउर घोड़न अहइँ अउर तू एक मजबूत नगर मँ रहत अहा। तोहरे लगे अस्त्र-सस्त्र भी अहइँ। जउने पूत क चुना ओका ओकरे बाप क सिहांसने पइ बइठावा। तब अपने सुआमी क परिवार क बरे जुद्ध करा।”
3
4 किन्तु यिज्रैल क सासक अउर प्रमुख बहोत ससान रहेन। उ पचे कहेन, “दुइनउँ राजा (योराम अउर अहज्याह) येहू क रोक नाहीं सकेन। एह बरे हम भी ओका रोक नाहीं सकित।”
5 अहाब क महल क प्रबन्धक, नगर प्रसासक, प्रमुख वरिस्ठ-जन अउर अहाब क बच्चन क अभिभावकन येहू क लगे एक सँदेसा पठएन। “हम आप क सेवक अही। हम उ सब करब जउन आप कहिहीं। हम कउनो मनई क राजा नाहीं बनाउब। उहइ करइँ जउन आप ठीक समुझत हीं।”
6 तब येहू एक दूसर पत्र एन प्रमुखन क लिखेस। येहू कहेस, “जदि तू मोर समर्थन करत अहा अउर मोर आदेस मानत अहा तउ अहाब क पूतन क मूँड़ काट डावा अउर इहइ समइ कल यिज्रैल मँ मोरे लगे ओनका लइ आवा।”अहाब क सत्तर पूत रहेन। उ पचे ओन प्रमुखन क लगे रहेन जउन ओनकर सिखलाई देत करत रहेन।
7 जब नगर क प्रमुख लोग पत्र पाइ गएन तब उ पचे राजा क पूतन क लिहन अउर सबहिं सत्तर पूतन क मार डाएन। तब प्रमुखन राजपूतन क मूँड़ टोकरियन मँ धरेन। उ पचे टोकरियन क यिज़्रैल मँ येहू क लगे पठइ दिहन।
8 सँदेसवाहक येहू क लगे आएन अउर ओहसे कहेन, “उ पचे राजपूतन क मूँड़ लइके आए अहइँ।”तब येहू कहेस, “नगर दुआर पइ, भिंसारे तलक ओन मूँड़न क दुइ ढेरन बनाइके रखा।”
9 भिंसारे येहू बाहेर निकरा अउर लोगन क समन्वा खड़ा भवा। उ लोगन स कहेस, “तू निरपराध अहा इ मइँ अउर जउन आपन सुआमी क विरूद्ध जोजना बनावा। अउर ओका मार डावा मुला अहाब क एन सब पूतन क कउन मारेस?
10 तू पचन्क समुझइ चाही कि यहोवा जउन कछू कहत ह उ घटित होइ अउर यहोवा एलिय्याह क उपयोग अहाब क परिवार क बरे एन बातन क कहइ बरे किहे रहा। अब यहोवा उ कइ दिहस जेनके बरे उ कहे रहा कि “मइँ करब।’”
11 इस तरह येहू यिज़्रैल मँ रहइवाले अहाब क पूरे परिवार क मार डाएस। येहू सबहिं महत्वपूर्ण मनइयन, जिगरी दोस्तन अउ याजकन क मार डाएस। उ अहाब क लोगन मँ स एक भी मनई क जिअत नाहीं छोड़ेस।
12 येहू यिज्रैल स चला अउ सोमरोन पहोंचा। राहे मँ येहू “गड़रियन क डेरा” नाउँ क जगह पइ रूका। जहाँ गड़रियन भेड़िन क ऊन कतरत रहेन।
13 येहू यहूदा क राजा अहज्याह क सम्बन्धिया स मिला। अउर ओनसे पूछेस, “तू पचे कउन अहा?”उ पचे जवाब दिहेन, “हम लोग यहूदा क राजा अहज्याह क रिस्तेदार अही। हम लोग हिआँ राजा क बच्चन अउर राजमाता रानी क गदेलन स मिलइ आए अही।”
14 तब येहू अपने लोगन स कहेस, “एनका जिअत धइ ल्या।”येहू क लोग अहज्याह क रिस्तेदारन क जिअत धइ लिहन। उ पचे बयालीस लोग रहेन। येहू ओनका बेथ- एकद क लगे कुआँ पइ मार डाएस। येहू कउनो मनई क जिअत नाहीं छोड़ेस।
15 येहू जब उ ठउर स चला तउ रेकाब क पूत यहोनादाब स भेंटा। यहोनादाब येहू स मिलइ आवत रहा येहू यहोनादाब क सुआगत क सुआगत किहेस अउर ओहसे पूछेस, “का तू मोरे ओतने बिस्सासी मीत अहा जेतना मइँ तोहार हउँ?”यहोनादाब जवाब दिहस, “हाँ, मइँ तोहार बिस्सासी मीत हउँ।”येहू कहेस, “जदि तू अहा तउ, तू आपन हाथ मोका द्या।”तब येहू बाहेर निहुरा अउर उ यहोनादाब क अपने रथे मँ हीचं लिहेस।
16 येहू कहेस, “मोर संग आवा। तू लखब्या कि यहोवा बरे मोर भावना केतनी प्रबल अहइँ।”इ तरह यहोनादाब येहू क रथे मँ बइठा।
17 येहू सोमरोन मँ आवा अउर अहाब क उ सारे परिवार क मार डाएस जउन जिअत रहा। येहू ओन सबहिं क मार डाएस। येहू सबइ काम किहेस जेनका यहोवा एलिय्याह क भविस्सबाणी मँ कहे रहा।
18 तब येहू सबहिं लोगन क एक संग एकट्ठा किहस। येहू ओनसे कहेस, “अहाब बाल क सेवा बहोत कम किहस। मुला येहू बाल क बहोत जियादा सेवा करी।
19 अब बाल क सबहिं याजकन अउ नबियन अउर ओन सबहिं लोगन क एक संग बोलावा जउन बाल क उपासना करत हीं। कउनो मनई क इ सभा मँ गैर हाजिर न रहइ द्या। मइँ बाल क बहोत बड़की बलि चढ़ावइ जात अहउँ। मइँ उ कउनो भी मनई क मार डाउब जउन एहमाँ हाजिर नाहीं होइ।”किन्तु येहू बाल क उपासना करइ वाले लोगन क तबाह करइ बरे गुमराह करत रहेन।
20 येहू कहेस, “बाल क बरे एक धर्मसभा करा” अउर याजक लोग धर्मसभा क घोसणा कइ दिहन।
21 तब येहू पूरे इस्राएल देस मँ सँदेसा पठएस। बाल क सबहिं उपासक आएन। कउनो भी मनई अइसा नाहीं रहा जउन घरे पइ रहि गवा होइ। बाल क उपासक बाल क मन्दिर मँ आएन। मन्दिर लोगन स भर गवा।
22 येहू लबादा धरइवाले मनई स कहेस, “बाल क सबहिं उपासकन क बरे लबादा लिआवा।” एह बरे उ मनई बाल पूजकन बरे लबादन लिआवा।
23 तब येहू अउ रेकाब पूत यहोनादाब बाल क मन्दिर क भीतर गएन। येहू बाल क उपासकन स कहेस, “अपने चारिहुँ कइँती लख ल्या अउर इ निहचइ कइ ल्या कि तोहरे संग कउनो यहोवा क सेवक तउ नाहीं अहइ। इ निहचइ कइ ल्या कि केवल बालपूजक लोग ही अहइँ।”
24 बाल-पूजक बाल क मन्दिर मँ बलि अउर होमबलि चढ़ावइ गएन।मुला बाहेर येहू अस्सी मनइयन क प्रतिच्छा मँ तइयार रखे रहा। येहू कहेस, “मइँ तोहका कछू लोग देइ वाल हउँ ओनमँ स कउनो मनई क बचिके निकरइ न द्या। जदि कउनो मनई कउनो मनई क बचि निकरइ देइ तउ ओकर भुगतान ओका अपनी जिन्नगी स करइ होइ।”
25 येहू जइसेन ही बलि अउ होमबलि चढ़ाउब पूरा किहस तइसेन ही उ रच्छकन अउ अधिकारियन स कहेस, “भीतर जा अउर बाल-पूजकन क मार डावा। पूजाघर स कउन जिअत मनई क बाहेर न आवइ द्या।”एह बरे अधिकारियन अपनी पतरी तरवारन क उपयोग किहस अउर बाल-पूजकन क मार डाएन। रच्छकन अउ अधिकारियन बाल-पूजकन क ल्हासन क बाहेर लोकाइ दिहन तब रच्छक अउ अधिकारियन बाल क पूजाघरे ज भीतरी कमरे मँ गएन।
26 उ पचे बाल क पूजाघर क स्मृति- पासाण क बाहर लइ आएन अउर पूजाघरे क जराइ दिहन।
27 तब उ पचे बाल क स्मृति पासाण क तहस-नहस कइ दिहन। उ पचे बाल क पूजाघर क भी मटियामेट कइ दिहन। उ पचे बाल क पूजाघर क एक सौचालय मँ बदल दिहन। आजु भी ओकर उपयोग सौचालय क बरे होत ह।
28 इ तरह येहू इस्राएल मँ बाल-पूजा क खतम कइ दिहस।
29 मुला येहू, नबात क पूत यारोबाम क ओन पापन क करइ स पूरी तरह स नाहीं रोक सका, जउन इस्राएल स पाप कराए रहा। येहू दान अउर बेतेल मँ सोने क बछवन क तबाह नहीं किहेस।
30 यहोवा येहू स कहेस, “तू बहोत नीक किहा ह। तू उ काम किहा ह जेका मइँ अच्छा बताएउँ ह। तू अहाब क परिवार क उ तरह बर्बाद किहा ह जइसा तोहसे मइँ ओका बर्बाद करइ चाहत रहा। एह बरे तोहार सन्तान इस्राएल पइ चार पीढ़ी तलक हुकूमत करिहीं।”
31 मुला येहू पूरे हिरदइ स यहोवा क नेमन क पालन करइ मँ सावधान नाहीं रहा। येहू यारोबाम क ओन पापन क करब बन्द नाहीं किहस जउन इस्राएल स पाप कराए रहेन।
32 उ समइ यहोवा ने इस्राएल क कछू हिस्सन पइ ओनकर दुस्मन का कब्जा कइ लेइ दिहेस। अराम क राजा हजाएल इस्राएलियन क हर एक सीमा पइ हराएस।
33 हजाएल यरदन नदी क पूरब क गिलाद प्रदेस क, गाद, रूबेन अउ मनस्से क परिवार समूह क प्रदेसन सहित जीत लिहस। हजाएल असेएर स लइके अनोर्न घाटी क सहारे गिलाद अउ साशान तलक क सारी भुइँया जीत लिहस।
34 उ सबइ बड़के कार्य, जउन येहू किहस, “इस्राएल क राजा लोग क इतिहास” क किताबे मँ लिखे गए अहइँ।
35 येहू मरा अउर ओका ओकरे पुरखन क संग दफनाइ दीन्ह गवा। लोग येहू क सोमरोन मँ दफनाएन। ओकरे पाछे येहू क पूत यहोआहाज इस्राएल क नवा राजा भवा।
36 येहू सोमरोन मँ इस्राएल पइ अट्ठाईस बरिस तलक हुकूमत किहस।
2 Kings 11
1 अहज्याह क महतारी अतल्याह लखेस कि ओकर पूत मरि गवा। तब उ उठी अउर उ राजा क पूरे परिवार क मार डाएस।
2 यहोसेबा राजा योराम क बिटिया अउर अहज्याह क बहिन रही। योआस राजा क पूतन मँ स एक रहा। यहोसेबा योआस क तब छुपाइ लिहस जब राजा क बाकी पूतन मारे जाइ रहेन। यहोसेबा योआस क छुपाइ दिहस। उ योआस अउर ओकर धायी क अपने सोना क कमरा मँ छुपाइ दिहस। इ तरह यहोसेबा अउ धायी योआस क अतल्याह स छुपाइ लिहस। इ तरह योआस मारा नाहीं गवा।
3 तब योआस अउ यहोसेबा यहोवा क मन्दिर मँ जाइ छुपेन। योआस हुवाँ छ: बरिस तलक छुपा रहा उ छ: बरिस अतल्याह यहूदा पइ हुकूमत किहस।
4 सतएँ बरिस प्रमुख याजक यहोयादा कर्रातन क सेनापतियन क अउ रच्छकन क बोलाएस अउर उ पचे यहोवा क मन्दिर मँ ओसे भेंटन आएन। तब यहोयादा ओनके संग एक ठु वाचा किहेस। मन्दिर मँ यहोयादा ओनका प्रतिग्या करइ क मजबूर किहस। तब उ राजा क पूत योआस क ओनका देखाएस।
5 तब यहोयादा ओनका आदेस दिहस। उ कहेस, “तोहका इ करइ होइ। तोहमाँ स एक तिहाइँ सबित क दिन मँ तोहार काम करत ह ओका राजा क महल क रच्छा क जिम्मेवारी दीन्ह जाईं।
6 दूसर एक तिहाई क सूर- दुआर पइ रहइ क होइ अउर बचे एक तिहाई क रच्छकन क पाछे, दुआर पइ रहब होइ। इ तरह तू लोग इमारत क चारिहुँ कइँती नज़र रख सकब।
7 तोहमाँ स दुइ तिहाइ जउन सबित क दिन काम नाहीं करत ह, ओका राजा योआस अउर यहोवा क मन्दिर क रच्छा करइ क होइ।
8 जब कहूँ उ जाइ तोहका पचन्क राजा योआस क संग रहइ चाही। पूरे दल क ओका घेरे रहइ चाही। हर एक रच्छक क अपने अस्त्र-सस्त्र अपने हाथे मँ रखइ चाहीं, अउर तू लोगन क उ कउनो भी मनई क मार डावइ चाही जउन तोहरे पचन्क बहोत जियादा निचके पहोंचइ।
9 सेनापतियन याजक यहोयादा क दीन्ह गए सबहिं आदेसन क पालन किहस। हर एक सेनापति अपने फउजियन क लिहस, कछू जउन उस हफ्ता काम पइ रहेन अउर कछू जउन काम पइ नाहीं रहेन, अउर ओन सबइ क याजक यहोयादा क लगे लइ गएन
10 अउर याजक सेनापतियन क भालन अउ ढास दिहेन। इ पचे उ सब भालन अउ ढास दिहेन जेनका दाऊद यहोवा क मन्दिर मँ धरे रहा।
11 इ सबइ रच्छक अपने हाथन मँ अपने सस्त्र लिहे मन्दिर क दच्छिन कोने स लइके उत्तर कोने तलक खड़े रहेन। उ पचे वेदी अउर मन्दिर क चारिहुँ कइँती खड़े रहेन, ताकि उ पचे राजा क रच्छा सदा कइ सकेन।
12 इ सबइ मनई योआस क बाहेर लइ आएन। उ पचे योआस क मूँड़े पइ मुकुट पहिराएन अउर परमेस्सर अउ राजा क बीच क वाचा क ओका दिहन। तब उ पचे ओकर अभिसेक किहन अउर ओका नवा राजा बनाएन। उ पचे तालियन बजाएन अउर उद्घोस किहन, “राजा दीर्घायु होइ।”
13 रानी अतल्याह क रच्छकन अउर लोगन क चीखन सुनेन। एह बरे उ यहोवा क मन्दिर मँ लोगन क लगे गइ।
14 अतल्याह उ खम्भा क सहारे राजा क लखेस जहाँ राजा अकासर खड़े होत रहेन। उ प्रमुखन अउ लोगन क राजा क बरे तुरही बजावत भए भी लखेन। उ लखेस कि सबहिं लोग बहोत खुस रहेन। उ तुरही क बजावत भए सुनेस अउर उ आपन ओढ़ना इ परगठ करइ बरे फार डाएस कि ओका बड़ी घबराहट अहइ। तब अतल्याह चिल्लाइ उठी, “सड्यन्त्र! सड्यन्त्र!”
15 याजक यहोयादा फउजियन क व्यवस्था क अधिकारी सेनापतियन क हुकुम दिहस। यहोयादा ओनसे कहेस, “अतल्याह क आपन फउजियन क पंक्तियन मँ स होइके मन्दिर क छेत्र स बाहेर लइ जा अउर जउन भी ओकर पाछा करइ मार डावा।”यहोयादा नाहीं चाहत रहा कि उ भी यहोवा क मन्दिर मँ मरे।
16 उ पचे ओकरे बरे रास्ता बनाएस अउर ओन दरवाजन स होइके महल स बाहर निकारा जउने जगह स घोड़ा निकरत ह, अउर ओका मार डाएस।
17 तब यहोयादा यहोवा, राजा अउ लोगन क बीच एक ठु सन्धि कराएस। इ वाचा स इ पता चलत रहा कि राजा अउ लोग यहोवा क अपने ही अहइँ। यहोयादा राजा अउ लोगन क बीच भी एक ठु वाचा कराएस।
18 तब सबहिं लोग बाल क पूजागृह क गएन। लोग बाल क मूरति अउ ओकर बेदियन क बर्बाद कइ दिहन। उ पचे ओनकर बहोत स टूकन कइ डाएन। लोग बाल क याजक मत्तन क भी वेदी क समन्वा मार डाएन।तब याजक यहोयादा कछू लोगन क यहोवा क मन्दिर क देखभाल बरे निगराकार क रूप मँ रखा।
19 यहोयादा सेनापतियन, बिसेस फउजियन अउर आम लोगन क लिहेस, अउर उ सबइ राजा योआस क यहोवा क मन्दिर स महल मँ लइ गएन। उ पचे रच्छकन क दुआर होइके स राजा क महल तलक गएन। तब राजा योआस राजसिंहासने पइ बइठा।
20 सबहिं लोग खुस रहेन। नगर सान्त रहा। रानी अतल्याह, राजा क महल क लगे तरवार क घाट उतार दीन्ह गइ रही।
21 जब योआस राजा भवा, उ सात बरिस क रहा।
2 Kings 12
1 योआस इस्राएल मँ येहू क राज्जकाल क सताएँ बरिस मँ हुकूमत करब सुरू किहस। योआस चालीस बरिस तलक यरूसलेम मँ हुकूमत किहस। योआस क महतारी सिब्या बसेर्वा क रही।
2 योआस उ सबहिं कार्य किहस जेनका यहोवा नीक कहे रहा। योआस पूरी जिन्नगी यहोवा क आग्या क पालन किहस। उ उ सबइ कार्य किहस जेनकर सिच्छा याजक यहोयादा ओका दिहे रहा।
3 मुला उ उच्च ठउरन क बर्बाद नाहीं किहस। लोग तब तलक भी ओन पूजा क ठउरन पइ बलि भेंट करतेन अउ सुगन्धि बारत रहेन।
4 योआस याजकन स कहेस, “यहोवा क मन्दिर मँ बहोत धन अहइ। लोग मन्दिर मँ चिजियन दिहे अहइँ। लोग गणना क समइ मन्दिर क कर दिहेन ह अउर लोगन आपन इच्छा स धन दिहे ह। याजकन, आप लोग उ धन क लइ लेइँ अउर यहोवा क मन्दिर क मरम्मत करवाइ देइँ।”
5
6 मुला याजक लोग मरम्मत नाहीं किहन। योआस क राज्जकाल क तेईसवें बरिस मँ भी याजक लोग तब तलक मन्दिर क मरम्मत नाहीं किहे रहेन।
7 एह बरे योआस याजक यहोयादा अउ दूसर याजकन क बोलाएस। योआस यहोयादा अउ दूसर याजकन स पूछेस, “आप मन्दिर क मरम्मत काहे नाहीं किहन? आप ओन लोगन स धन लेब बन्द करइँ जेनकर आप सेवा करत हीं। उ धने क उपयोग मँ लिआउब बंद करइँ। उ धने क उपयोग मन्दिर क मरम्मत मँ होइ चाही।”
8 याजक लोग यहोवा स धन न लेब स्वीकार किहन। मुला उ पचे मन्दिर क मरम्मत न करइ क निहचइ किहेन।
9 एह बरे याजक यहोयादा स एक ठु सन्दूख लिहस अउ ओकरे ऊपरी हींसा मँ एक छेद कइ दिहस। तब यहोयादा सन्दूख क बेदी क दकिाखन कइँती रख दिहस। इ सन्दूख उ दरवाजे क लगे रहा जेहसे लोग यहोवा क मन्दिर मँ आवत रहेन। कछू याजक मन्दिर क दुआर- पथे क रच्छा करत रहेन। उ सबइ याजक उ धने क जेका लोग यहोवा क देत रहेन, लइ बते रहेन अउर उ सन्दूख मँ डाइ देत रहेन। जब लोग मन्दिर क जात रहेन तब उ पचे उ सन्दूख मँ सिक्कन डावत रहेन।
10 जब भी राजा क सचिव अउ महायाजक इ जानतेन कि मन्दिर मँ रखे सन्दूख मँ बहोत धन अहइ तउ उ पचे अउतेन अउर सन्दूख स धन क निकार लेतेन। उ पचे धन क थइलन मँ रखतेन् अउर ओका गिन लेत रहेन।
11 तब उ पचे ओन मजदूरन क भुगतान करतेन जउन यहोवा क मन्दिर मँ काम करत रहेन। उ पचे यहोवा क मन्दिर मँ काम करइवालन बढ़इयन अउ दूसर कारीगरन क भुगतान करत रहेन।
12 उ पचे धन क उपयोग पाथर क कामगारन अउ पाथर तरासन क भुगतान करइ मँ करत रहेन अउर उ पचे उ धने क उपयोग लकड़ी, काटे पाथर, अउर यहोवा क मन्दिर क मरम्मत क बरे दूसर चिजियन क बेसहइ मँ करत रहेन।
13 लोग योहवा क मन्दिर क बरे धन दिहन। किन्तु याजक उ धने क उपयोग चाँदी क बर्तन, बत्ती- झाड़नी, चिलमची, तुरही या कउनो भी सोना- चाँदी क तस्तरियन क बनाबइ मँ नाहीं कइ सकेन। उ धन मजदूरून क भुगतान करइ मँ लगा अउर ओन मजदूरन यहोवा क मन्दिर क मरम्मत किहन।
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15 कउनो सारे धन क हिसाब नाहीं किहस या कउनो कार्यकर्त्ता क इ बतावइ बरे मजबूर नाहीं कीन्ह गवा कि धने क का भवा? काहेकि ओन कार्यकर्त्तन पइ बिस्सास कीन्ह जाइ सकत रहा।
16 लोग उ समइ धन दिहस जब उ पचे दोखबलि या पापबलि चढ़ाएन। किन्तु उ धने क उपयोग मजदूर क भुगतान क बरे नाहीं कीन्ह गवा। उ धन याजकन क रहा।
17 हजाएल अराम क राजा रहा। हजाएल गत नगर क खिलाफ जुद्ध करइ गवा। हजाएल गत क हराएस। तब उ यरूसलेम क खिलाफ जुद्ध करइ जाइ क जोजना बनाएस।
18 यहोसापात, यहोराम अउ अहज्याह यहूदा क राजा रह चुके रहेन। उ पचे योआस क पुरखा रहेन। उ पचे यहोवा क बहोत स चिजियन भेंट किहे रहेन। उ सबइ चिजियन मन्दिर मँ रखी रहिन। योआस भी बहोत स चिजियन यहोवा क भेंट किहे रहा। योआस ओन सबहिं बिसेस चिजियन अउ मन्दिर अउ अपने महल मँ रखे भए सारे सोना क लिहस। तब योआस ओन सबहिं कीमती चिजियन क अराम क राजा हजाएल क लगे पठएस। इहइ स हजाएल अपनी फउज क यरूसलेम स हटाइ लिहस।
19 योआस जउन बड़के कारज किहस उ सबइ सबहिं “यहूदा क राजा लोगन क इतिहास” क किताबे मँ लिखे गए अहइँ।
20 योआस क अधिकारी लोग ओकरे खिलाफ जोजना बनाएस। उ पचे योआस क सिल्ला तलक जाइ वाली सड़किया पर स्थित मिल्लो क घरे पइ मार डाएस।
21 सिमात क पूत योजाकर अउ सोमेर क पूत यहोजाबाद योआस क अधिकारी रहेन। ओन मनइयन योआस क मार डाएन। लोग दाऊद नगर मँ योआस क ओकरे पुरखन क संग दफनाएन। योआस क पूत अमस्याह ओकरे पाछे नवा राजा बना।
2 Kings 13
1 येहू क पूत यहोआहाज सोमरोन मँ इस्राएल क राजा बना। इ अहज्याह क पूत योआस क यहूदा मँ राज्जकाल क तेईसवें बरिस मँ भवा। राजा बनइ क पाछे यहोआहाज सत्रह बरिस सोमरोन मँ राज्ज किहस।
2 यहोआहाज उ सबइ कारज किहेस जेनका यहोवा बुरा बताए रहा। यहोआहाज नबात क पूत यारोबाम क पापन क अनुसरण किहस जउन इस्राएल स पाप कराएस। यहोआहाज ओन कामन क करब बंद नाहीं किहेस।
3 तब यहोवा इस्राएल पइ बहोत कोहाइ गवा। यहोवा इस्राएल क अराम क राजा हजाएल अउ ओका पूत बेन्हदद क अधीन कइके लम्बे समइ तलक सज़ा दिहेस।
4 तब यहोआहाज यहोवा स मदद बरे पराथना किहेस अउर यहोवा ओकर पराथना सुनेस। यहोवा इस्राएल क लोगन क कस्ट अउ अराम क राजा क उत्पीड़न लखे रहा।
5 एह बरे यहोवा एक मनई क इस्राएल क रच्छा बरे पठएस। इस्राएली अरामियन स अजाद होइ गएन। एह बरे, इस्राएली, पहले क तरह अपने घरे लउट गएन।
6 मुला इस्राएलियन फुन भी, ओन यारोबाम क परिवार क पापन क करव बंद नाहीं किहस। यारोबाम इस्राएल स पाप करवाएस, अउर इस्राएली निरंतर पाप करम करत रहेन। उ पचे असेरा क खंभन क भी सोमरोन मँ धरेन।
7 अराम क राजा यहोआहाज क फउज क हराइ दिहस। अराम क राजा जियादा हींसा क लोगन क नस्ट कइ दिहस। उ सिरिफ पचास घुड़सवार, दस रथ, अउर दस हजार पैदल फउजी छोड़ेस। यहोआहाज क फउजी दायं चलावत समइ हवा स उड़ाए गए भूसे क तरह रहेन।
8 सबहिं बड़े कारज जउन यहोआहाज कहेस, “इस्राएल क राजा लोगन क इतिहास” क किताबे मँ लिखे अहइँ।
9 यहोआहाज मरा अउर अपने पुरखन क संग दफनावा गवा। लोग यहोआहाज क सोमरोन मँ दफनाएन। यहोआहाज क पूत यहोआस ओकरे पाछे नवा राजा भवा।
10 यहोआहाज क पूत यहोआस सोमरोन मँ इस्राएल क राजा भवा। इ योआस क यहूदा मँ राज्जकाल क सैतीसेवं बरिस मँ भवा। यहोआस इस्राएल पइ सोलह बरिस तलक राज्ज किहस।
11 इस्राएल क राजा यहोआस उ सबइ कारज किहेस जेनका यहोवा बुरा बताए रहा। उ नबात क पूत यारोबाम क पापन क बंद नाहीं किहस जउन इस्राएल स पाप कराएस। यहोआस ओन पापन क करत रहा।
12 सबहिं बड़के कारज जउन यहोआस किहस अउर यहूदा क राजा अहज्याह क खिलाफ उ जउन जुद्ध किहस उ सबइ “इस्राएल क राजा लोगन क इतिहास” क किताबे मँ लिखे अहइँ।
13 यहोआस मरा अउ अपने पुरखन क संग दफनावा गवा। यारोबाम नवा राजा बना अउर यहोआस क राजा सिहांसने पइ बइठा। यहोआस सोमरोन मँ इस्राएल क राजा लोगन क संग सफनावा गवा।
14 एलीसा बीमार पड़ा। पाछे एलीसा बेरामी स मर गवा। इस्राएल क राजा यहोआस एलीसा भेंटइ गवा। यहोआस एलीसा बरे रोएस। यहोआस कहेस, “मोर बाप। मोर बाप! का इ इस्राएल क रथन अउ घोड़न क बरे समइ अहइ?”
15 एलीसा यहोआस स कहेस, “एक ठु धनुस अउ कछू बाण ल्या।”अत: बह धनुस-बाण ले आया।
16 तब एलीसा इस्राएल क राजा स कहेस, “आपन हाथ धनुस पइ धरा।” तब एलीसा आपन हाथ राजा क हाथे पइ रखेस।
17 एलीसा कहेस, “पूरब क खिड़की खोला।” यहोआस खिड़की खोलेस। तब एलीसा कहेस, “बाण चलावा।”यहोआस बाण चलाइ दिहस। तब एलीसा कहेस, “इ यहोवा क बिजय क बाण अहइ। इ अराम पइ बिजय क बाण अहइ। तू अरामियन क अपेक मँ हरउब्या अउर तू ओनका नस्ट कइ देब्या।”
18 एलीसा कहेस, “बाण ल्या।” योआस बाण लिहस। तब एलीसा इस्राएल क राजा स कहेस, “भुइँया पइ प्रहार करा।”योआस भुइँया पइ दीन दाईं प्रहार किहस। तब उ रूक गवा।
19 परमेस्सर क जन योआस पइ कोहाइ गवा। एलीसा कहेस, “तोहका पाँच या छ: दाईं धरती पइ प्रहार करइ चाही रहा। तब तू अराम क ओका नस्ट करइ तलक हरउब्या। किन्तु अब तू अराम क सिरिफ तीन दाईं हरउब्या।”
20 एलीसा मरा अउ लोग ओका दफनाएन।एक दाईं बसन्त मँ मोआबी फउजियन क एक दल इस्राएल पई छापा मारेस। उ पचे जुद्ध मँ सामग्री लेइ आएन।
21 कछू इस्राएली एक मरे मनई क दफनावत रहेन अउर उ पचे फउजियन क उ दल क लखेन। इस्राएलियन हाली मँ ल्हास क एलीसा क कब्र मँ फेंक दिहेन अउर उ पचे भाग खड़े भएन। जइसेन ही उ मरा मनई एलीसा क हाड़न क छुएस, मरा मनई जी उठा अउर अपने गोड़न पइ खड़ा होइ गवा।
22 यहोआहाज पूरे सासन काल मँ अराम क राजा हजाएल इस्राएल क परेसान ड्ढिहस।
23 ड्ढिन्तु यहोवा इस्राएलियन पइ दयालु रहा। यहोवा क दया आइ अउर उ इस्राएलियन कइँती भवा। काहे? काहेकि इब्राहीम, इसहाड्ढ अउर याकूब क संग अपनी वाचा क कारण, यहोवा इस्राएलियन क अबहिं नस्ट करइ बरे तइयार नाहीं रहा। उ अबहिं तलड्ढ ओनका अपने स दूर नाहीं फेंके रहा।
24 अराम क राजा हजाएल मरा अउर ओकरे पाछे बेन्हदद नवा राजा बना।
25 मरइ क पहले हजाएल योआस क पिता यहोआहाज क जुद्ध मँ कछू नगर लिहे रहा। ड्ढिन्तु अब यहोआहाज हजाएल क पत बेन्हदद स उ सबइ नगर वापस लइ लिहस। योआस बेन्हदद क तीन दाईं हराएस अउर इस्राएल क नगरन क वापस लिहस।
2 Kings 14
1 योआस क पूत अमस्याह, इस्राएल क राजा यहोआहाज क पूत योआस क हुकूमत काल क दूसरे बरिस मँ यहूदा क राजा भवा।
2 अमस्याह जब हुकूमत करब सूरू किहस, उ पचीस बरिस क रहा। अमस्याह उनतीस बरिस तलक यरूसलेम मँ राज्ज किहस। अमस्याह क महतारी यहोअद्दान यरूसलेम क निवासी रही।
3 अमस्याह उ सबइ कारज किहेस जेनका यहोवा नीक बताए रहा। किन्तु उ आपन पुरखा दाऊद क तरह परमेस्सर क अनुसरण पूरी तरह स नाहीं किहस। अमस्याह उ सबइ सारे काम किहस जउन ओकर बाप योआस किहे रहेन।
4 उ उच्च ठउरन क नस्ट नाहीं किहस। लोग ओन पूजा क ठउरन पइ बलि देतेन अउर सुगन्धि बारत रहेन।
5 राज्ज पइ पूरा अधिकार करइ क पाछे अमस्याह ओन अधिकारियन क मार डाएस जउन ओकरे बाप क मारे रहेन।
6 मुला उ हत्तियारन क बच्चन क, “मूसा क व्यवस्था” क किताबे मँ लिखे नेमन क कारण नाहीं मारेस। यहोवा आपन इ आदेस मूसा क व्यवस्था मँ दिहे रहा: “महतारी- बाप बच्चन क जरिये कछू कीन्ह जाइ क कारण मारे नाहीं जाइ सकतेन अउर बच्चन अपने महतारी बाप क जरिये कछू कीन्ह जाइ क कारण मारे नाहीं जाइ सकतेन। कउनो मनई सिरिफ अपने ही बुरे कारज बरे मारा जाइ सकत ह।”
7 अमस्याह नून घाटी मँ दस हजार एदोमियन क मार डाएस। जुद्ध मँ अमस्याह सेला क जीतेस अउर ओकर नाउँ “योक्तेल” धरेस। उ ठउर आजु भी योक्तेल कहा जात ह।
8 अमस्याह इस्राएल क राजा येहू क पूत यहोआहाज अउर यहाआहाज क पूत योआस क लगे संदेसवाहक पठएस। अमस्याह क संदेस मँ कहा, “आवा, हम आपुस मँ जुद्ध करी। आमने सामने होइके एक दूसरे क मुकाबला करी।”
9 इस्राएल क राजा योआस यहूदा क राजा अमस्याह क उत्तर पठएस। योआस कहेस, “लबानोन क एक ठु कँटेहरी झाड़ी देवदारू बृच्छ क लगे एक संदेसा पठएस। सँदेसा इ रहा, ‘अपनी बिटिया, मोरे पूत क संग बियाहे बरे द्या।’ मुला लबानोन क एक जंगली जनावर ओहर स निकरा अउर कँटेहरी झाड़ी क कुचर गवा।
10 इ फुर अहइ कि तू एदोम क हराया ह। किन्तु तू एदोम पइ जीत क कारण घमण्डी होइ गवा अहा। अपनी प्रसिद्धि क आनंद उठावा अउर घरे पइ रहा। अपने बरे परेसानियन मत खड़ी करा। जदि तू अइसा करब्या तउ तू हार जाब्या अउर तू आपन संग यहूदा क भी हराउब्या।”
11 मुला अमस्याह योआस क चितवनी क नाहीं सुनेन। एह बरे इस्राएल क राजा योआस यहूदा क राजा अमस्याह क खिलाफ यहूदा क बेतसेमेस मँ लड़इ बरे गवा।
12 इस्राएल यहूदा क हराइ दिहस। यहूदा क हर एक मनई घरे पराइ गवा।
13 बेतसेमेस मँ इस्राएल क राजा योआस यहूदा क राजा अमस्याह क बन्दी बनाइ लिहस। अमस्याह योआस क पूत रहा। योआस अहज्या क पूत रहा। योआस अमस्याह क यरूसलेम लइ गवा। योआस एप्रैम दुआर स कोने क फाटक तलक लगभग छ: सौ फुट यरूसलेम क देवार क गिरवाएस।
14 तब योआस सारा सोना- चाँदी अउर जउन भी बर्तन यहोवा क मन्दिर अउर राजमहल क खजाने मँ रहेन। ओन सब क लूट किहस। योआस कछू लोगन क बन्दी बनाइ लिहस। तब उ सोमरोन क वापस लउट गवा।
15 जउन सबहिं बड़के कारज योआस किहस, साथ ही साथ यहूदा क राजा अमस्याह क संग उ कइसे लड़ा, “इस्राएल क राजा लोगन क इतिहास” क किताबे मँ लिखे गए अहइँ।
16 योआस मरा अउर अपने पुरखन क संग दफनावा गवा। योआस सोमरोन मँ इस्राएल क राजा लोगन क संग दफनावा गवा। योआस क पूत यारोबाम ओकरे पाछे नवा राजा भवा।
17 यहूदा क राजा योआस क पूत अमस्याह इस्राएल क राजा यहोआहाज क पूत योआस क मउत क पाछे पन्द्रह बरिस तलक जिआ।
18 अमस्याह जउन कारज किहस उ सबइ “यहूदा क राजा लोगन क इतिहास” क किताबे मँ लिखे गएन अहइँ।
19 लोग यरूसलेम मँ अमस्याह क खिलाफ एक ठु जोजना बनाएन। अमस्याह लाकीस क पराइ निकरा। मुला लोग अमस्याह क खिलाफ लाकीस क अपने मनई पठएस अउर ओन लोग लाकीस मँ अमस्याह क मार डाएस।
20 लोग घोड़न पइ अमस्याह क ल्हास क वापस लइ आएन। अमस्याह दाऊद नगर मँ अपने पुरखन क संग यरूसलेम मँ दफनावा गवा।
21 तब यहूदा क सबहिं लोग अजर्याह क ओकरे बाप अमस्याह क जगह पइ नवा राजा बनाएन। अजर्याह सोलह बरिस क रहा।
22 इ तरह अमस्याह मरा अउर अपने पुरखन क संग दफनावा गवा। तब अजर्याह एलत क यहूदा बरे फुन पाएस अउर ओका फुन बनाएस।
23 इस्राएल क राजा योआस क पूत यारोबाम सोमरोन मँ यहूदा क राजा योआस क पूत अमस्याह क राज्जकाल क पन्द्रहवें बरिस मँ हुकूमत करब सुरू किहस।
24 यारोबाम उ सबइ कारज किहेस जेनका यहोवा बुरा बताएस। यारोबाम उ नबात क पूत यारोबाम क पापन क करब बंद नाहीं किहस, जउन इस्राएल क पाप करइ बरे मजबूर किहस।
25 यारोबाम उ भुइँया क, जउन लेवी हमात स अराबा क सागर तलक जात रही, वापस लिहस। इ वइसा ही भवा जइसा इस्राएल क यहोवा परमेस्सर अपने सेवक, अमित्तै क पूत योना स कहे रहा। जउन कि गथेपेर क नबी रहा।
26 यहोवा लखेस कि सबहिं इस्राएली, चाहे उ पचे अजाद होइँ या दास, बहोत स परेसानियन मँ अहइँ। कउनो मनई अइसा नाहीं बचा जउन इस्राएल क मदद कइ सकत रहा।
27 यहोवा इ नाहीं काहे रहा कि उ संसार स इस्राएल क नाउँ उठाइ लेइ। एह बरे यहोवा योआस क पूत यारोबाम क उपयोग इस्राएल क लोगन क रच्छा बरे किहेस।
28 यारोबाम जउन बड़के कारज किहस उ सबइ “इस्राएल क राजा लोगन क इतिहास” क किताबे मँ लिखे अहइँ। ओहमाँ इस्राएल क बरे दमिस्क अउर हमात क यारोबाम जरिये वापस जीत लेइ क कथा सामिल अहइ। (पहिले इ सबइ नगर यहूदा क आधिपत्य मँ रहेन।)
29 यारोबाम मरा अउर इस्राएल क राजा लोगन, अपने पुरखन क संग दफनावा गवा। यारोबाम क पूत जकर्याह ओकरे पाछे नवा राजा भवा।
2 Kings 15
1 यहूदा क राजा अमस्याह क पूत अजर्याह इस्राएल क राजा यारोबाम क राज्जकाल क सत्ताइसवें बरिस मँ राजा बना।
2 हुकूमत करब सुरू करइ क समइ अजर्याह सोलह बरिस क रहा। अजर्याह यरूसलेम मँ बावन बरिस तलक हुकूमत किहस। अजर्याह क महतारी यकोल्याह यरूसलेम स रही।
3 अजर्याह ठीक अपने बाप अमस्याह क तरह उ सबइ काम किहस जेनका यहोवा अच्छा बताए रहा। अजर्याह ओन सबहिं कामन क अनुसरण किहस जेनका ओकर बाप अमस्याह किहे रहा।
4 मुला उ ऊँच ठउरन क नस्ट नाहीं किहस। लोगन हुआँ बलियन चढ़ावत रहे अउर धूप जरावत रहे।
5 यहोवा राजा अजर्याह क नोस्कान करइवाले कोढ़ रोग क रोगी बनाइ दिहस। उ मरइ क दिन तलक इहइ रोग स पीड़ित रहा। अजर्याह एक अलग महल मँ रहत रहा। राजा क पूत योताम राजमहल क देखभाल अउर जनता क संग निआत करत रहा।
6 अजर्याह जउन काम किहस उ सबइ, “यहूदा क राजा लोग क इतिहास” क किताबे मँ लिखे अहइँ।
7 अजर्याह मरा अउर अपने पुरखन क संग दाऊद क नगर मँ दफनावा गवा। अजर्याह क पूत योताम ओकरे पाछे नवा राजा भवा।
8 यारोबाम क पूत जकर्याह सोमरोन मँ इस्राएल पइ छ: महीने तलक हुकूमत किहस। जकर्याह यहूदा क राजा अजर्याह क राज्जकाल क अड़तीसवें बरिस मँ राजा भवा।
9 जकर्याह उ सबइ कारज किहेस जेनका यहोवा बुरा कहे रहा। उ उ सबइ ही कारज किहेस जउन ओकरे पुरखन किहे रहेन। उ नबात क पूत यारोबाम क पापन क करब बंद नाहीं किहेस जउन इस्राएल क पाप करइ बरे मजबूर किहस।
10 याबेस क पूत सल्लूम जकर्याह खिलाफ जोजना बनाएस अउर लोगन क बीच मँ ओह पइ हमला कइके ओका इब्लैम मँ मार डाएस। फुन सल्लूम ओकरे जगह पइ नवा राजा भवा।
11 जकर्याह जउन दूसर कारज किहेस उ सबइ “इस्राएल क राजा लोगन क इतिहास” क किताबे मँ लिखे अहइँ।
12 इ तरह यहोवा क कथन फुरइ सिद्ध भवा। यहोवा येहू स कहे रहा कि ओकरे संतानन क चार पीढ़ियन इस्राएल पइ राजा क तरह राज करब्या।
13 याबेस क पूत सल्लूम यहूदा क राजा उज्जिय्याह क राज्जकाल क उनतालीसवें बरिस मँ इस्राएल क राजा बना। सल्लूम सोमरोन मँ एक महीने तलक सासन किहस।
14 गादी क पूत मनहेम तिर्सा स सोमरोन आइ पहोंचा। मनहेम याबेस क पूत सल्लूम क मार डाएस। तब ओकरे पाछे मनहेम नवा राजा भवा।
15 सल्लूम जकर्याह क खिलाफ सडयंत्र करइ सहित जउन कारज किहेस, उ सबइ सबहिं “इस्राएल क राजा लोगन क इतिहास” क किताबे मँ लिखे गएन अहइँ।
16 सल्लूम क मरइ क पाछे मनहेम तिप्सह, एहमाँ रहइवाले सबइ लोगन क अउर तिर्सा स सुरू होइवालन छेत्रन क हराई दिहेस। लोग ओकरे बरे नगर दुआर क खोलब मना कइ दिहन। एह बरे मनहेम ओनका हराइ दिहस अउर नगर क सबहिं गरभवती मेहररूअन क गरभ क चीर गिराएस।
17 गादी क पूत मनहेम यहूदा क राजा जकर्याह क राज्जकाल क उनतालीसवें बरिस मँ इस्राएल क राजा भवा। मनहेम सोमरोन मँ दस बरिस हुकूमत किहस।
18 मनहेम उ सबइ काम किहेस जेनका यहोवा बुरा बताए रहा। मनहेम पूरी जिन्नगी, नबात क पूत यारोबाम क पापन क करब बंद नाहीं किहेस, जउन इस्राएल स पाप कराएस।
19 अस्सूर क राजा पूल इस्राएल क खिलाफ जुद्ध करइ आवा। मनहेम पूल क पचहत्तर हजार पौण्ड चाँदी दिहस। उ इ एह बरे किहस कि पूल मनहेम क बल प्रदान करी अउर जेहसे राज्ज पइ ओकर अधिकार सुढ़ होइ जाइ।
20 मनहेम सबहिं धनी अउर सक्तीसाली लोगन स करन क भुगतान करवाइके धन बटोरेस। मनहेम हर मनई पइ चाँदी क पचास सेकेल कर लगाएस। तब मनहेम अस्सूर क राजा क धन दिहस। एह बरे अस्सूर क राजा चला गवा अउर इस्राएल मँ नाहीं ठहरा।
21 मनहेम जउन कारज किहेस उ सबइ “इस्राएल क राजा लोगन क इतिहास” क किताबे मँ लिखे अहइँ।
22 मनहेम मरा अउर अपने पुरखन क संग दफनावा गवा। मनहेम क पूत पकह्याह ओकरे पाछे नवा राजा भवा।
23 मनहेम क पूत पकह्याह यहूदा क राजा अजर्याह क राज्जकाल क पचासवें बरिस मँ सोमरोन मँ इस्राएल क राजा भवा। पकह्याह दुइ बरिस तलक राज्ज किहस।
24 पकह्याह नबात क पूत यारोबाम क पापन क करब बन्द नाहीं किहस जउन इस्राएल क पाप करइ बरे मजबूर किहे रहा।
25 पकह्याह क फउज क सेनापति रमल्याह क पूत पेकह रहा। पेकह पकह्याह क मार डाएस। उ ओका सोमरोन मँ राजा क महल मँ मारेस। पेकह जब पकह्याह क मारेस, ओकरे संग अरगोब अरीआह अउर गिलाद क पचास मनसेधू रहेन। तब पेकह ओकरे पाछे नवा राजा भवा।
26 पकह्याह जउन काम किहस उ सबइ “इस्राएल क राजा लोगन क इतिहास” क किताबे मँ लिखे अहइँ।
27 रमल्याह क पूत पेकह यहूदा क राजा अजर्याह क राज्जकाल क बावनेवे बरिस मँ इस्राएल पइ हुकूमत करब सुरू किहेस। पेकह बीस बरिस तलक सासन किहस।
28 पेकह उ सबइ काम किहस जेनका यहोवा बुरा कहे रहा। पेकह इस्राएल क पाप करइ बरे मजबूर करइवाले नबात क पूत यारोबाम क पाप करमन क करब बंद नाहीं किहस।
29 अस्सूर क राजा तिग्लत्पिलेसेर इस्राएल क खिलाफ लड़इ आवा। इ उहइ समइ रहा जब पेकह इस्राएल क राजा रहा। तिग्लत्पिलेसेर इय्योनण अबेल्बेत्माका, यानोह, केदेस, हासोर, गिलाद, गालील अउर नप्ताली क सारे छेल पइ अधिकार कइ लिहस। तिगलत्पिलेसेर एन जगहन पइ लोगन क बन्दी बनाइके अस्सूर लइ गवा।
30 एला क पूत होसे रमल्याह क पूत पेकह क खिलाफ सड्यंत्र किहस। होसे पेकह क मार डाएस। तब होसे पेकह क पाछे नवा राजा बना। इ यहूदा क राजा उज्जिय्याह क पूत योताम क राज्जकाल क बीसवें बरिस मँ भवा।
31 पेकह जउन सारे कारज किहस उ सबइ “इस्राएल क राजा लोगन क इतिहास” क किताबे मँ लिखे अहइँ।
32 उज्जिय्याह क पूत योताम यहूदा क राजा बना। उ इ इस्राएल क राजा रमल्याह क पूत पेकह क राज्जकाल क दूसरे बरिस मँ भवा।
33 योताम जब राजा बना, उ पच्चीस बरिस क रहा। योताम यरूसलेम मँ सोलह बरिस तलक हुकूमत किहस। योताम क महतारी सादोक क बिटिया यरूसा रही।
34 योताम अपने बाप उज्जियाह क तरह उ सबइ काम किहेस, जेनका यहोवा ठीक बताए रहा।
35 मुला उ ऊँच ठउरन क नस्ट नाहीं किहेस। लोग ओन पूजा ठउरन पइ तब भी बलि चढ़ावत अउर सुगन्धि बारत रहेन। योताम यहोना क मन्दिर क उपरी दुआर बनवाएस।
36 सबहिं कारज जउन योताम किहस उ सबइ “यहूदा क राजा लोगन क इतिहास” क पुस्तक मँ लिखे अहइँ।
37 उ समइ यहोवा अराम क राजा रसीन अउर रमल्याह क पूत पेकह क यहूदा क खिलाफ लड़इ पठएस।
38 योताम मरा अउर अपने पुरुखन क संग दफनावा गवा। योताम अपने पुरूखन दाऊद क नगर मँ दफनावा गवा। योताम क पूत आहाज ओकरे पाछे नवा राजा भवा।
2 Kings 16
1 योताम क पूत आहाज इस्राएल क राजा रमल्याह क पूत पेकह क राज्जकाल क सत्रहवें बरिस मँ यहूदा क राजा बना।
2 आहाज जब राजा बना उ बीस बरिस क रहा। आहाज यरूसलेम मँ बीस बरिस तलक राज्ज किहस। आहाज उ सबइ काम नाहीं किहेस जेनका यहोवा अच्छा बताए रहा। उ परमेस्सर क आग्या क पालन अपने पुरखा दाऊद क तरह नाहीं किहेस।
3 आहाज इस्राएल क राजा लोगन क तरह रहा। उ अपने पूत क बलि आगी मँ दिहस। उ ओन रास्ट्रन क घोर पापन क किहेस जेनका यहोवा देस छोड़इ क मजबूर तब किहे रहा जब इस्राएली लोग हुवाँ आए रहेन।
4 आहाज ऊँची जगहन, पहाड़ियन अउर हर एक हरे पेड़ क नीचे बलि चढ़ाएस अउ सुगन्धि बारेस।
5 अराम क राजा रसीन अउर इस्राएल क राजा रमल्याह क पूत पेकह, दुइनउँ यरूसलेम क खिलाफ लड़इ आएन। रसीन अउ पेकह आहाज क घेरि लिहन किन्तु उ पचे ओका हराइ नाहीं सकेन।
6 उ समइ अराम क राजा अराम क बरे एलत क वापस लइ लिहस। रसीन एलत मँ रहइवाले सबहिं यहूदा क निवासियन क जबरदस्ती निकारेस। अरामी लोग एलत मँ बस गएन अउर उ पचे आजु भी हुवाँ रहत अहइँ।
7 अहाज अस्सूर क राजा तिगलत्पिलेसेर क लगे संदेसवाहक पठएस। सँदेसा इ रहा: “मइँ आपक सेवक हउँ। मइँ आपके पूत क तरह हउँ। आवइँ, अउर मोका अराम क राजा अउर इस्राएल क राजा स बचावइँ। उ पचे मोहसे जुद्ध करइ आए अहइँ।”
8 आहाज यहोवा क मन्दिर अउ राजमहल क खजाने मँ जउन सोना अउर चाँदी रहा ओका भी लइ लिहस। तब आहाज अस्सूर क राजा क भेंट पठएस।
9 अस्सूर क राजा ओकर बात मान लिहस। उ दमिस्क क खिलाफ लड़इ बरे गवा। राजा उ नगर पइ अधिकार कइ लिहस अउर लोगन क किर क बन्दी बनाइके लइ गवा। उ रसीन क भी मार डाएस।
10 राजा आहाज अस्सूर क राजा तिगलत्पिलेसेर स भेंटइ गवा। आहाज दमिस्क मँ वेदी क लखेस। राजा आहाज इ वेदी क एक ठु नमूना अउर ओकर व्यापक रूपरेखा, याजक ऊरिय्याह क पठएस।
11 तब याजक उरिय्याह राजा आहाज क जरिये दमिस्क स पठए गए नमूने क समान ही एक ठु वेदी बनाएस। याजक उरिय्याह इ प्रकार क वेदी राजा आहाज क दमिस्क स लउटइ क पहिले बनाएस।
12 जब राजा दमिस्क स लउटा तउ उ वेदी क लखेस। उ वेदी पइ भेंट चढ़ाएस।
13 वेदी पइ आहाज होमबलि अउ अन्नबलि चढ़ाएस। उ आपन पेयबोलि डाएस अउर अपनी मेलबलि क खून क इ वेदी पइ छिछकारेस।
14 आहाज उ काँसे क वेदी क जउन यहोवा समन्वा रही मन्दिर क समन्वा क जगह स हटाएस। इ काँसे क वेदी आहाज क वेदी अउर यहोवा क मन्दिर क बीच रही। आहाज काँसे क वेदी क अपने वेदी क उत्तर कइँती रखेस।
15 आहाज याजक ऊरिय्याह क आदेस दिहस। उ कहेस, “बिसाल वेदी क उपयोग भिंसारे क होमबलियन क बारइ क बरे, साँझ क अन्नबलि क बरे अउर इ देस क सबहिं लोगन क पेयबलि बरे करा। होमबलि अउ बलियन क सारा खून बिसाल वेदी पइ छिछकारा। किन्तु मइँ काँसे क वेदी क उपयोग परमेस्सर स सवाल पूछइ बरे करब।”
16 याजक ऊरिय्याह उ सबइ किहस जेका करइ बरे राजा आहाज आदेस दिहस।
17 हुवाँ पइ काँसे क कवचवाली गाड़ियन अउ याजकन क हाथ धोवइ बरे चिलमचियन रहिन। तब राजा आहाज मन्दिर मँ प्रयुक्त काँसे क गाड़ियन क काट डाएस अउर ओनसे पल्लन निकार लिहस। उ गाड़ियन मँ स चिलमचियन क लइ लिहस। उ बिसाल टंकी क भी काँसे क ओन बर्धन स हटाइ लिहस जउन ओकरे नीचे खड़ी रहिन। उ बिसाल टंकी क एक ठु पाथर क चबूतरे पइ रखेस।
18 कारीगरन सबित क सभा बरे मन्दिर क अंदर एक ठु ढकी जगह रहेन। आहाज सबित बरे ढकी जगह क भी हटाइ लिहस। आहाज इ सबइ चिजियन यहोवा क मन्दिर स लिहस। इ सबइ उ अस्सूर क राजा क कारण किहस।
19 आहाज जउन कारज किहस उ सबइ “यहूदा क राजा लोगन क इतिहास” क किताबे मँ लिखे अहइँ।
20 आहाज मरा अउ अपने पुरखन क संग दाऊद नगर मँ दफनावा गवा। आहाज क पूत हिजकिय्याह ओकरे पाछे नवा राजा भवा।
2 Kings 17
1 एला क पूत होसे सोमरोन मँ इस्राएल पइ हुकूमत करब सुरू किहस। इ यहूदा क राजा आहाज क राज्जकाल क बारहवें बरिस मँ भवा। होसे नौ बरिस तलक सोमरोन मँ हुकूमत किहस।
2 होसे उ सबइ कारज किहेस जेनका यहोवा बुरा कहे रहा। मुला होसे इस्राएल क ओतना बुरा राजा नाहीं रहा जेतने उ पचे राजा रहेन जउन ओकरे पहिले सासन किहे रहेन।
3 अस्सूर क राजा सल्मनेसेर होसे क खिलाफ जुद्ध करइ आवा। सल्मनेसेर होसे क हराएस अउर होसे सल्मनेसेर क सेवक बन गवा। होसे सल्मनेसेर क अधीनस्थ कर देइ लाग।
4 मुला पाछे अस्सूर क राजा क पता चला कि होसे ओकरे खिलाफ सड्यंत्र रचेस ह। होसे मिस्र क राजा क लगे मदद मँगइ बरे राजदूत पठएस। उ बरिस होसे अस्सूर क राजा क नाहीं पठएस जइसे उ हर बरिस पठवत रहा। एह बरे अस्सूर क राजा होसे क बन्दी बनावा अउर ओका कैद मँ डाइ दिहस।
5 तब अस्सूर क राजा इस्राएल क सबहिं प्रदेसन पइ आकामण किहस। उ सोमरोन पहोंचा। उ तीन साल तलक सोमरोन क घेरे राखेस।
6 अस्सूर क राजा इस्राएल पइ होसे क राज्जकाल क नवे बरिस मँ, सोमरोन पइ अधिकार जमाएस। अस्सूर क राजा इस्राएलियन क बन्दी क रूप मँ अस्सूर लइ गवा। उ ओनका हलह, हाबोर नदी क तट पइ जउन गोजान क नदी अहइ अउर मादियन क नगरन मँ बसाएस।
7 इ सबइ घटना घटी काहेकि इस्राएलियन अपने परमेस्सर यहोवा क बिरूद्ध पाप किहे रहा। यहोवा इस्राएलियन क मिस्र स बाहेर लिआवा। यहोवा ओनका राजा फिरौन क चंगुल स बाहेर निकारेस। किन्तु इस्राएलियन दूसर देवतन क पूजब सुरू किहे रहेन।
8 इस्राएली उहइ सब करइ लगे रहेन जउन दूसर रास्ट्र करत रहेन। यहोवा ओन लोगन क अपना देस छोड़इ क मजबूर किहे रहा जब इस्राएली आए रहेन। इस्राएलियन भी राजा लोगन स सासित होब पसन्द किहन, परमेस्सर स सासित होब नाहीं।
9 इस्राएलियन गुप्त रूप स अपने यहोवा परमेस्सर क खिलाफ काम किहस। जेका ओनका नाहीं करइ चाही रहा।इस्राएलियन अपने सब स नान्ह नगर स लइके सब स बड़के नगर तलक, अपने सबहिं नगरन मँ ऊँच जगह बनाएस।
10 इस्राएलियन हर एक ऊँची पहाड़ी पइ अउर सबहिं हरियर बृच्छ क खाले स्मृति पाथर अउ असेरा स्तम्भ लगाएस।
11 इस्राएलियन पूजा क ओन सबहिं जगहन पइ सुगन्धि बारेस। उ पचे इ सबइ सबहिं कारज ओन रास्ट्रन क तरह किहस जेनका यहोवा ओनके समन्वा देस तजइ क मजबूर किहे रहा। इस्राएलियन उ सबइ कारज किहेन जउन यहोवा क कोहाइ दिहस।
12 उ पचे देवमूरतियन क सेवा किहन अउर यहोवा इस्राएलियन स कहे रहा, “तू पचन्क इ नाहीं करइ चाही।”
13 यहोवा हर एक नबी अउर हर एक द्रस्टा क उपयोग इस्राएल अउ यहूदा क चितउनी देइ बरे किहस। यहोवा कहेस, “तू पचे बुरे करमन स दूर हटा। मोरे आदेसन अउर नेमन क पालन करा। ओन सबहिं नेमन क पालन करा जेनका मइँ तोहरे पुरखन क दिहेउँ ह। मइँ अपने सेवक नबियन क उपयोग इ नेम तू पचन क देइ बरे किहेउँ।”
14 लेकिन लोग एक नाहीं सुनेन। उ पचे अपने पुरखन क तरह बड़े हठी रहेन। ओनके पुरखा यहोवा, अपने परमेस्सर मँ पतियात नाहीं रहेन।
15 लोग अपने पुरखन क संग यहोवा क कीन्ह गइ वाचा क रद्द कइ दिहस। अउर यहोवा क नेमन क मानइ स इन्कार किहन। उ पचे यहोवा क चितउनियन क सुनइ स इन्कार किहन। उ पचे व्यर्थ देवमूरतियन क अनुसरण किहन अउर खुद व्यर्थ बन गएन। उ पचे अपने चारिहुँ कइँती क रास्ट्रन क अनुसरण किहन। इ सबइ रास्ट्र उ करत रहेन जेका न करइ क चितउनी इस्राएल क लोगन क यहोवा दिहे रहा।
16 लोग यहोवा, अपने परमेस्सर क आदेसन क पालन करब बंद कइ दिहस। उ पचे बछवन क दुइ मूरतियन बनाएन। उ पचे असेरा स्तम्भ बनाएन। उ पचे आकास क सबहिं नछत्रन क पूजा किहन अउर बाल क सेवा किहन।
17 उ पचे अपने बेटवन -बिटियन क बलि आगी मँ दिहन। उ पचे जादू अउ प्रेत बिद्या क उपयोग भविस्स क जानइ बरे किहेन। उ पचे आपन क ओन चिजियन क करइ बरे बेचेस जेका यहोवा कहे रहा दुस्ट अहइ, जउन यहोवा क क्रधित कई दिहेन।
18 एह बरे यहोवा इस्राएल पइ बहोत कोहाइ गवा अउर ओनका अपनी निगाह स दूर लइ गवा। यहूदा क परिवार समूह क अलावा कउनो इस्राएली बचा नाहीं रहा।
19 मुला यहूदा क लोग भी यहोवा, अपने परमेस्सर क आदेसन क पालन नाहीं किहन। यहूदा क लोग भी इस्राएल क लोगन क तरह ही रहत रहेन।
20 यहोवा इस्राएल क सबहिं लोगन क अस्वीकार किहस। उ ओन पइ बहोत बिपत्तियन ढाएस। उ लोगन क ओनका लूटइ दिहस अउर अन्त मँ उ ओनका अपनी निगाह स लोकाए दिहस।
21 यहोवा दाऊद क परिवार स इस्राएल क निकार दिहेस। इस्राएलियन नबात क पूत यारोबाम क अपना राजा बनाएस। यारोबाम इस्राएलियन क यहोवा क अनुसरण करइ स दूर कइ दिहस। यारोबाम इस्राएलियन स एक भीसण पाप कराएस।
22 इ तरह इस्राएलियन ओन सबहिं पापन क अनुसरण किहन जेनका यारोबाम किहे रहा। उ पचे एन पापन क करब तब तलक बंद नाहीं किहन।
23 जब तलक यहोवा इस्राएलियन क अपनी निगाह स दूर नाहीं हटाएस। लोगन क बतावइ क बरे कि इ होइ, उ अपने नबियन क पठएस। एह बरे इस्राएली अपने देस स बाहेर अस्सूर पहोंचाए गएन अउर उ पचे आज तलक हुँवइ अहइँ।
24 अस्सूर क राजा बाबेल, कूता, अव्वा, हमात अउर सपवैम स लोगन क लिआवा। उ इस्राएलियन क हटावइ बरे ओन लोगन क सोमरोन मँ ठहरा दिहेस। ओन लोग सोमरोन पइ अधिकार किहन अउर ओकरे चारिहँु कइँती क नगरन मँ रहइ लागेन।
25 जब लोग सोमरोन मँ रहइ लागेन तउ उ पचे यहोवा क सम्मान नाहीं किहन। एह बरे यहोवा सिहंन क एन पइ आकामण क बरे पठएस। एन सिंहन ओनके कछू लोगन क मार डाएन।
26 कछू लोग इ बात अस्सूर क राजा स कहेन। “उ सबइ लोग जेनका तू लइ गएन अउर सोमरोन क नगरन मँ बसाएन, उ देस क परमेस्सर क नेमन क नाहीं जानतेन। एह बरे उ पचे सिंहन क ओका मारइ दिहेन।”
27 एह बरे अस्सूर क राजा इ आदेस दिहस: “तू कछू याजकन क सोमरोन स लिहे रह्या। मइँ जिन याजकन क बन्दी बनाएस रहेउँ ओनमाँ स एक क सोमरोन क वापस पठइ द्या। उ याजक क जाइ अउर हुवाँ रहइ द्या। तब उ याजक लोगन क उ देस क देवता क नेम सिखाइ सकत ह।”
28 एह बरे अस्सूरियन क जरिये सोमरोन स लिआए भए याजकन मँ स एक ठु बेतेल मँ रहइ आवा। उ याजक लोगन क सिखाएस कि ओनका यहोवा क सम्मान कइसे करइ चाही।
29 मुला ओन सबहिं रास्ट्रन अपने निजी देवता बनाएन अउर ओनका सोमरोन क लोगन क जरिये बनाए गए ऊँची जगहन पइ पूजा ठउरन मँ रखेस। ओन रास्ट्र इहइ किहन, जहाँ कहूँ भी उ पचे बसेन।
30 बाबेल क लोग लबार देवता सुक्कोतबनोत बनाएन। कूत क लोग लबार देवता नेर्गल क बनाएन। हमात क लोगन असत्य देवता असीम क बनाएन।
31 अव्वी लोग लबार देवता निभज अउर तर्त्ताक बानएन अउर सपवमी लोग लबार देवतान अद्रम्मेलेक अउर अनम्मेलेक क सम्मान बरे अपने बच्चन क आगी मँ बारेन।
32 मुला ओन लोग यहोवा क भी उपासना किहन। उ पचे अपने लोगन मँ स ऊँची जगहन बरे याजक चुनेन। इ सबइ याजक ओन पूजा क ठउरन पइ लोगन बरे बलि चढ़ावत रहेन।
33 उ पचे यहोवा क सम्मान करत रहेन, मुला उ पचे अपने देवतन क भी सेवा करत रहेन। उ सबइ लोग अपने देवता क वइसी ही सेवा करत रहेन जइसी उ पचे ओन देसन मँ करत रहेन जहाँ स उ पचे लाए गए रहेन।
34 आजु भी उ सबइ लोग वइसे ही रहत हीं जइसे उ पचे पहिले रहत रहेन। उ पचे यहोवा क सम्मान नाहीं करत अहइँ। उ पचे यहोवा क आदेसन अउर नेमन क पालन नाहीं करत हीं। उ पचे ओन नेमन या आदेसन क पालन नाहीं करत रहेन जेनका यहोवा याकूब (इस्राएल) क सन्तानन क दिहे रहा।
35 यहोवा इस्राएल क लोगन क संग एक वाचा किहे रहा। यहोवा ओनका आदेस दिहस, “तू पचन्क दूसर देवतन क सम्मान नाहीं करइ चाही। तू पचन्क ओनकर पूजा या सेवा नाहीं करइ चाही या बलि भेंट नाहीं करइ चाही।
36 किन्तु तू पचन्क यहोवा क अनुसरण करइ चाही। यहोवा उहइ परमेस्सर अहइ जउन तू पचन्क मिस्र स बाहेर लइ आवा। यहोवा आपन महान सक्ती क उपयोग तू पचन्क बचावइ बरे किहस। तू पचन्क यहोवा क सम्मान, उपासना करइ चाही अउर उहइ क बलि भेंट करइ चाही।
37 तू पचन्क ओकरे ओन नेमन, विधियन, उपदेसन अउर आदेसन क पालन करइ चाही जेनका उ तोहरे पचन्क बरे लिखेस। तू पचन्क एनकार पालन सदा ही करइ चाही। तू पचन्क दूसर देवतन क सम्मान नाहीं करइ चाहीं।
38 तू पचन्क उ वाचा क नाहीं बिसरइ चाही, जउन मइँ तोहरे संग किहेउँ। तू पचन्क दूसर देवतन क आदर नाहीं करइ चाही।
39 तू पचन्क सिरिफ यहोवा, अपने परमेस्सर क ही सम्मान करइ चाही। तब उ तू पचन्क तोहरे पचन्क सबहिं दुस्मनन स बचाइ।”
40 मुला इस्राएलियन एका नाहीं सुनेन। उ पचे उहइ करत रहेन जउन पहिले करत चले आवत रहेन।
41 एह बरे अब तउ उ सबइ दूसर रास्ट्र यहोवा क सम्मान करत हीं, किन्तु उ पचे अपनी देवमूरतियन क भी सेवा करत हीं। ओनकर पुत्र-पौत्र उहइ करत हीं, जउन ओनकर पुरखन करत रहेन। उ पचे आजु तलक उहइ काम करत हीं।
2 Kings 18
1 आहाज क पूत हिजकिय्याह यहूदा क राजा रहा। हिजकिय्याह इस्राएल क राजा एला क पूत होसे क राज्जकाल क तीसरे बरिस मँ सासन करब सुरू किहस।
2 हिजकिय्याह जब सासन करब सुरू कहिसह, उ पच्चीस बरिस क रहा। हिजकिय्याह यरूसलेम मँ उनतीस बरिस तलक सासन किहस। ओकर महतारी जकर्याह क बिटिया, अबी रही।
3 हिजकिय्याह ठीक अपने पुरखा दाऊद क तरह उ सबइ कारज किहस जेनका यहोवा अच्छा बताए रहा।
4 हिजकिय्याह ऊँची जगहन क नस्ट किहस। उ स्मृति पाथरन अउ असेरा स्तम्भन क खंडित कइ दिहस। ओन दिनन इस्राएल क लोग मूसा क जरिये बनाए गए काँसे क साँप बरे सुगन्धि बारत रहेन। इ काँसे क साँप क नाउँ “नहुसतान” रहा। हिजकिय्याह इ काँसे क साँप क टूकन कइ डाएस काहेकि लोग उ साँपे क पूजा करत रहेन।
5 हिजकिय्याह यहोवा, इस्राएल क परमेस्सर मँ भरोसा रखत रहा। यहूदा क राजा लोगन मँ स कउनो क संग चाहे उ ओकर पहिले रहेन या ओकर पाछे रहेन हिजकियाह क समानता नाहीं कीन्ह जा सकत रहा।
6 हिजकिय्याह यहोवा क बहोत भक्त रहा। उ यहोवा क अनुसरण करब नाहीं तजेस। उ ओन आदेसन क पालन किहस जेनका यहोवा मूसा क दिहे रहेन।
7 यहोवा हिजकिय्याह क संग रहा। हिजकिय्याह जउन कछू किहस, ओहमाँ उ सफल रहा।हिजकिय्याह अस्सूर क राजा क विरूद्ध विद्रोह किहस। हिजकिय्याह अस्सूर क राजा क सेवा करब बंद कइ दिहस।
8 हिजकिय्याह लगातार गाज्जा तलक अउर ओकरे चारिहुँ कइँती क पलिस्तियन क पराजित किहस। उ सबहिं नान्ह स लइके बड़के पलिस्ती नगरन क पराजित किहस।
9 अस्सूर क राजा सल्मनेसेर सोमरोन क खिलाफ जुद्ध करइ गवा। ओकर फउज नगर क घेर लिहस। इ हिजकिय्याह क यहूदा पइ राज्जकाल क चउथे बरिस मँ भवा। इ इस्राएल क राजा, एला क पूत होसे क भी सतवाँ बरिस रहा।
10 तीन बरिस पाछे सल्मनेसेर सोमरोन पइ अधिकार कइ लिहस। उ सोमरोन क यहूदा क राजा हिजकिय्याह क राज्जकाल क छठे बरिस मँ लइ लिहस। इ इस्राएल क राजा होसे क राज्जकाल क भी नवाँ बरिस रहा।
11 अस्सूर क राजा इस्राएलियन क बन्दी क रूप मँ अस्सूर लइ गवा। उ ओनका हलह, हाबोर नदी पइ (जउन कि गोजान नदी भी अहइ) अउर मादियन क नगरन मँ बसाएस।
12 इ भवा, काहेकि इस्राएलियन यहोवा, अपने परमेस्सर क आग्या क पालन नाहीं किहन। उ पचे यहोवा क वाचा क तोड़ेन। उ पचे ओन सबहिं नेमन क नाहीं मानेन जेनके बरे यहोवा आपन सेवक मूसा क आदेस दिहे रहा। इस्राएल क लोग यहोवा क वाचा क नाहीं सुनेन अउर ओन कामन क नाहीं किहन जेनका करइ क सिच्छा ओहमाँ दीन्ह गइ रही।
13 हिजकिय्याह राज्जकाल क चौदहवें बरिस अस्सूर क राजा सन्हेरीब यहूदा क सबहिं सुद़ृढ नगरन क खिलाफ जुद्ध छेढ़इ गवा। सन्हेरीब ओन सबहिं नगरन क पराजित किहस।
14 तब यहूदा क राजा हिजकिय्याह अस्सूर क राजा क लाकीस मँ एक संदेसा पठएस। हिजकिय्याह कहेस, “मइँ बुरा किहेउँ ह। मोका सान्ति स रहइ द्या। तब मइँ तू पचन क उ भुगतान करब जउन कछू तू चाहब्या।”तब अस्सूर क राजा यहूदा क राजा हिजकिय्याह स गियारह टन चाँदी अउर एक टन सोना स जियादा माँगेस।
15 हिजकिय्याह सारी चाँदी जउन यहोवा क मन्दिर अउर राजा क खजानन मँ रही, उ सब दइ दिहस।
16 उ समइ हिजकिय्याह उ सोने क उतार लिहस जउन यहोवा क मन्दिर क दरवाजन अउ चउखटन पइ मढ़ा गवा रहा। राजा हिजकिय्याह एन दरवाजन अउर चउखटन पइ सोना मढ़वाए रहा। हिजकिय्याह इ सोना अस्सूर क राजा क दिहस।
17 अस्सूर क राजा अपने तीन बहोत जियादा महत्वपूर्ण सेनापतियन क एक बिसाल सेना क संग यरूसलेम मँ राजा हिजकिय्याह क लगे पठएस। उ सबइ लोग लाकीस स चलेन अउर यरूसलेम क गएन। उ सबई ऊपरी स्रोत क लगे छोटकी नहर क निचके खड़े भएन। (ऊपरी स्रोत धोबी तलक लइ जाइवाली सड़किया पइ अहइ।)
18 एन लोग राजा क बोलाएन। हिलकिय्याह क पूत एल्याकीम (एल्याकीम राजमहल क अधीच्छक रहा।) सेब्ना (सास्त्री) अउर आसाप क पूत योआह (अभिलेखपाल) ओनसे भेंटइ आएन।
19 सेनापतियन मँ स एक ओनसे कहेस, “हिजकिय्याह स कहा कि अस्सूर क महान सम्राट इ कहत ह,केह पइ तू भरोसा करत अहा?
20 तू सिरिफ अरथहीन सब्द कह्या ह। तू कहत अहा “मोरे लगे उपयुक्त सलाह अउर सक्ती जुद्ध मँ मदद बरे अहइ।” किन्तु तू केह पइ पतियात अहा जउन तू मोरे विरूद्ध कीन्ह अहा?
21 तू टूट बेतं क कुवरी क सहारा लेत रहा अहा। इ कुबरी मिस्र अहइ। जदि कउनो मनई इ कुवरी क सहारा लेइ तउ इ टूटी अउर ओकरे टापे क बेधत भइ ओका घायल करी। मिस्र क राजा ओन सबहिं लोगन बरे वइसा ही अहइ, जउन ओह पइ भरोसा करत हीं।
22 होइ सकत ह, “तू कहा हम यहोवा, अपने परमेस्सर पइ पतियाइत ह।” किन्तु मइँ जानत हउँ कि हिजकिय्याह ऊँच जगहन अउर वेदियन क हटाइ दिहस जहाँ लोग यहोवा क उपासना करत रहेन। अउर याहूदा अउर यरूसलेम स कहेस, “तू पचन्क सिरिफ यरूसलेम मँ वेदी क समन्वा उपासना करइ चाही।”
23 अब अस्सूर क राजा हमरे सुआमी स इ वाचा करा। मइँ प्रतिग्या करत हउँ कि मइँ दुइ हजार घोड़न देव, जदि आप एन पइ च़ढइवाले घुड़सवारन क प्राप्त कइ सकब्या।
24 मोरे सुआमी क अधिकारियन मँ स सब स निचले दजेर् क अधिकारी क भी तू हराइ नाहीं सकब्या। तू रथ अउर घुड़सवार सैनिक पावइ क बरे मिस्र पइ बिस्सास किहा ह।
25 मइँ यहोवा क बिना यरूसलेम क बर्बाद करइ नाहीं आवा हउँ। यहोवा मोहसे कहेस ह, “इ देस क खिलाफ जा अउर एका नस्ट करा।”
26 तब हिलकिय्याह क पूत एल्याकीम, सेब्ना अउर योआह प्रमुख सेनापती स कहेस, “कृपा कइके हम स अरामी मँ बातन करइँ। हम उ भाखा क समुझित ह। यहूदा क भाखा मँ हम लोगन स बातन न करी काहेकि देवार पइ क लोग हम लोगन क बातन सुन सकत हीं।”
27 मुला रबसाके ओनसे कहेस, “मोर सुआमी मोका सिरिफ तू पचन्स अउर तोहरे पचन्क राजा स बातन करइ बरे नाहीं पठएस ह। मइँ ओन दूसर लोगन बरे भी कहत रहा अहउँ जउन देवारे पइ बइठे रहत हीं। उ पचे आपन मल अउ मूत्र तोहरे पचन्क संग खइहीं-पीइहीं।”
28 तब सेनापति हिब्रू भाखा मँ जोर स चिचियान, “अस्सूर क महान सम्राट क इ सँदेसा सुना।
29 सम्राट कहत ह, ‘हिजकिय्याह क अपने क गुमराह जिन करावइ द्या। उ तू पचन्क मोरी सक्ती स बचाइ नाहीं सकत।’
30 हिजकिय्याह क तोहका यहोवा मँ भरोसा न कराइ द्या, हिजकिय्याह कहत ह, ‘हम क यहोवा बचाइ लेइ। अस्सूर क सम्राट इ नगर क पराजित नाहीं कइ सकत ह।’
31 मुला हिजकिय्याह क एक न सुना!“अस्सूर क सम्राट इ कहत ह: ‘मोरे संग सन्धि करा अउर मोहसे मिला। तब तू पचे हर एक अपनी अंगूर क बेलन अउर अपने अंजीर क पेड़न स खाइ सकत ह अउ अपने कुएँ स पानी पी सकत ह।
32 इ तू पचे तब तलक कइ सकत ह जब तलक मइँ तोहका तोहरे पचन्क देस जइसे देस मँ न लइ न जाउँ। इ अन्न अउर नवी दाखरस, इ रोटी अउ अंगूर भरे खेत अउर जइतून एवं मधु क देस अहइ। तब तू पचे जिअत रहब्या, मरब्या नाहीं। मुला हिजकिय्याह क एक न सुना। उ तोहरे पचन्क गुमराह करइ चाहत ह। उ कहत रहत ह, ‘यहोवा हमका बचाइ लेइ।’
33 दूसर रास्ट्रन क देवतन आपन रास्ट्रन क अस्सूर क सम्राट स न बचाइ सकइहीं।
34 हमात अउ अर्पाद क देवता कहाँ अहइँ? सपवैम, हेना अउर इव्वा क देवता कहाँ अहइँ? उ पचे मोहसे सोमरोन क न बचाइ सकेन। नाहीं।
35 कउनो दूसरे देस मँ कउनो देवता अपनी भुइँया क मोहसे न बचाइ सका? यहोवा मोहसे यरूसलेम क न बचाइ सका।”
36 मुला लोग चुप रहेन। उ पचे एक ठु सब्द भी प्रमुख सेनापतिन क नाहीं कहेन काहेकि राजा हिजकिय्याह ओनका अइसा आदेस दइ रखे रहा। उ कहे रहा, “ओहसे कछू जिन कहा।”
37 हिलकिय्याह क पूत एल्याकीम (एल्याकीम राजमहल क अधीच्छक रहा।) सेब्ना (सास्त्री) अउ आसप क पूत योआह (अभिलेखपाल) हिजकिय्याह क लगे लउटेन। ओकर कपड़ा फाटा भावा रहेन काहेकि उ परेसान रहेन। उ पचे हिजकिय्याह उ सब कहेन जउन अस्सूर क सेनापति कहे रहा।
2 Kings 19
1 राजा हिजकिय्याह उ सबइ सुनेस अउर इ देखाँवइ बरे कि उ बहोत दुःखी अहइ अउर घबरावा भवा अहइ, अपने ओढ़नन क फार डाएस अउर मोटे ओढ़नन पहिर लिहेस। तब उ यहोवा क मन्दिर मँ गवा।
2 हिजकिय्याह एल्याकीम (एल्याकीम राजमहल क अधीच्छक रहा।) सेब्ना (सास्त्री) अउर याजकन क अग्रजन क आमोस क पूत यसायाह नबी क लगे पठएस। उ पचे मोटे ओढ़नन पहिरेन जेहसे पता चलत रहा कि उ पचे परेसान अउर दुःखी अहइँ।
3 उ पचे यसायाह स कहेन, “हिजकिय्याह इ कहत ह, ‘इ हमरे बरे संकट, दण्ड अउर अपमान क दिन अहइ। इ बच्चन क जनम देइ क समइ अहइ, मुला ओनका जनम देइ बरे कउनो सक्ती नाहीं अहइ।
4 अस्सूर क राजा जिअत परमेस्सर क निन्दा करइ बरे आपन प्रमुख सेनापति क हमरे लगे पठएस ह। होइ सकत ह कि यहोवा तोहर परमेस्सर ओन सबहिं बातन क सुन लेइ। इ होइ सकत ह कि यहोवा इ प्रमाणित कइ देइ कि दुस्मन गलती पइ अहइ। एह बरे एन लोगन बरे पराथना करा जउन सबहिं तलक जिअत बचा अहइँ।’”
5 राजा हिजकिय्याह क अधिकारी यसायाह क लगे गएन।
6 यसायाह ओनसे कहेस, “अपने सुआमी हिजकिय्याह क इ सँदेसा द्या: ‘यहोवा कहत ह। ओन बातन स डेराअ नाहीं जेनका अस्सूर क राजा क अधिकारियन मोर मसखरी उड़ावत भए कहेन ह।
7 मइँ हाली ही ओकरे मने मँ अइसी भावना पइदा करब जेहसे उ एक अफवाह सुनिके अपने देस वापिस जाइ क मजबूर होइ अउर मइँ ओका ओकरे देस मँ एक ठु तरवार क घाट उतरवाइ देब।’”
8 प्रमुख सेनापित सुनेस कि अस्सूर क राजा लाकीस स चल पड़ा अहइ। एह बरे उ गवा अउर इ पाएस कि ओकर सम्राट लिब्ना क खिलाफ जुद्ध करत बाटइ।
9 अस्सूर क राजा एक ठु अफवाह कूस क राजा तिर्हाका क बारे मँ सुनेस। अफवाह इ रही “तिर्हाका तोहरे खिलाफ लड़इ आवा ह।”एह बरे अस्सूर क राजा हिजकिय्याह क लगे सँदेसवाहक क एक संदेसा क संग पठएस।
10 ‘यहूदा क राजा हिजकिय्याह स इ कहा:‘जउने परमेस्सर मँ तू पतियात अहा ओका तू अपने क गुमराह करइ जिन द्या। उ कहत ह, “अस्सूर क राजा यरूसलेम क पराजित नाहीं करी।”
11 तू ओन बातन क सुन्या ह जउन अस्सूर क राजा लोग दूसर सबहिं देसन क संग घटित किहन ह। हम ओनका पूरी तहर स नस्ट कीन्ह। तू भी नाहीं बचि पउब्या।
12 ओन रास्ट्रन क देवता अपने लोगन क रच्छा नाहीं कइ सकेन। मोर पुरखन गोजान, हारान, रेसेप अउ तलस्सार मँ एदेन क लोगन क नस्ट किहन।
13 हमात अर्पाद, अउर सपवैम नगर क राजा कहाँ अहइँ? हेना अउ इला क राजा? उ पचे सबहिं समाप्त होइ गएन ह।”
14 हिजकिय्याह संदेसबाहकन स पत्र पाप्त किहेस अउ ओनका बाँचेस। तब हिजकिय्याह यहोवा क मन्दिर तलक गवा अउर यहोवा क समन्वा पत्रन क बिखरेस।
15 हिजकिय्याह यहोवा क समन्वा पराथना किहेस अउर कहेस, “यहोवा इस्राएल क परमेस्सर। तू करूब सरगदूतन पइ सम्राट क तरह बइठत ह। तू ही सिरिफ सारी पृथ्वी क राज्जन क परमेस्सर अहा। तू पृथ्वी अउ अकासे क बनाया।
16 यहोवा मोर पराथना सुना। यहोवा अपनी आँखिन खोला अउ इ पत्र क लखा। ओन सब्दन क सुना जेनका सन्हेरीब जीवित परमेस्सर क अपमान करइ बरे पठएस ह।
17 यहोवा, इ फुरइ अहइ। अस्सूर क राजा लोग एन सबहिं रास्ट्रन क नस्ट किहन।
18 उ पचे रास्ट्रन क देवतन क आगी मँ लोकाइ दिहन। किन्तु उ पचे सच्चे देवता नाहीं रहेन। उ पचे सिरिफ काठ अउ पाथर क मूरति रहेन जेनका मनइयन बनाइ रखे रहेन। इहइ कारण रहा कि अस्सूर क राजा ओनका नस्ट कइ सकेन।
19 एह बरे यहोवा, हमार परमेस्सर, अब हमका अस्सूर क राजा स बचा। तब पृथ्वी क सारे राज्ज समुझिहीं कि यहोवा, सिरिफ तू ही परमेस्सर अहा।”
20 आमोस क पूत यसायाह हिजकिय्याह क इ सँदेस पठएस। उ कहेस, “यहोवा, इस्राएल क परमेस्सर इ कहत ह, ‘तू मोहसे अस्सूर क राजा सन्हेरीब क खिलाफ पराथना किहा ह। मइँ तोहार पराथना सुनि लिहेउँ ह।’
21 “सन्हेरीब क बारे मँ यहोवा क इ सँदेसा अइसा अहइ:‘सिय्योन क कुँवरी बिटिया तोहका तुच्छ समुझत ह, उ तोहार मजाक उड़ावत ह। यरूसलेम बिटिया तोहरे पीठ क पाछे तोहार मज़ाक उड़ावत ह।
22 तू केकर अपमान किह्या? तू केकर मजाक उड़ाया? केकरे खिलाफ तू बातन किह्या? तू अइसे बातन किहा जइसा कि तू इस्राएल क परम पवित्तर स महान अहइ।
23 तू अपने सँदेसवाहकन क यहोवा क अपमान करइ क पठया। तू कह्या, “मइँ अपने अनेक रथन सहित ऊँचे पर्वतन तलक आया। मइँ लबानोन मँ भीतर तलक आएउँ। मइँ लबानोन क उच्चतम देवदारू क बृच्छन, अउ लबानोन क उत्तिम चीड़ क बृच्छन क काटा। मइँ लबानोन क सब स ऊँच अउर सब स घन बने मँ घुसेउँ।
24 मइँ खुद कुअँन खोदेस अउ विदेसन क पानी पिएउँ। मइँ मिस्र क नदियन क झुराएउँ अउर उ देस क रउँदेउँ।”
25 मुला का तू नाहीं अनक्या? “मइँ (परमेस्सर) बहोत पहिले इ जोजना बनाए रहेउँ, पुराने जमाने स ही ह सबइ जोजनन बनाइ दिहे रहेउँ, अउर अब मइँ ओका ही पूरी होइ देत हउँ। मइँ तू पचन्क मजबूत नगरन क ढेर बनावइ दिहेउँ।
26 नगर मँ रहइवाले मनई कउनो ताकत नाहीं रखतेन। उ सबइ लोग डरे भए अउर सरमिन्दा रहेन। लोग खेतन क जंगली पौधन क तरह होइ गएन, जउन बढ़इ क पहिले ही मर जात हीं, इ लोग उ घास क तरह अहइ जउन छत पइ उगत ह अउर जे बढ़इ स पहिले ही मुड़झा जात ह।
27 मइँ जानत हउँ तू कब उठत ह अउर तू कब बइठत ह। बइठा, मइँ जानत हउँ कि तू कब जुद्ध करइ जात अहा अउर कब घरे आवत अहा, मइँ जानन हउँ कि तू अपने क कब मोरे खिलाफ करत अहा।
28 तू मोरे खिलाफ गया मइँ तोहरे घमण्ड क सब्द सुनेउँ। एह बरे मइँ आपन अंकुस तोहरे नाके मँ डाउब। अउर मइँ आपन लगाम तोहरे मुँहे मँ डाउब। तब मइँ तोहका पाछे लउटाउब अउर उ राहे लउटाउब जेहसे तू आवा रह्या।”
29 “मइँ तोहार मदद करब, एकर सँदेसा इ होइ: इ बरिस तू उहइ अन्न खाब्या जउन अपने आप उगी अउर अगले बरिस तू उहइ अन्न खाब्या जउन उ बिआ स पइदा होइ। मुला तू बिआ बोउब्या अउर तीसरे बरिस मँ आपन फसल कटब्या। तू अंगूरे क बेलन खेतन मँ लगउब्या अउर ओनसे अंगूर खाब्या।
30 अउर यहूदा क परिवारे क जउन लोग बचि गवा अहइँ उ पचे फुन फूली फरिहीं ठीक वइसे ही जइसे पौधा अपनी जड़न मजबूत कइ लेइ पइ ही फरत ह
31 काहेकि यरूसलेम मँ रहइवालन कछू लोग जिअत रहब्या। सिय्योन पर्वत पइ रहइवालन मँ स कछू लोग बच जाइँ। यहोवा क जोस इ सब करावाएब।”
32 “अस्सूर क सम्राट क बारे मँ यहोवा अइसा कहत ह:उ इ नगर मँ नाहीं आई। उ इ नगर मँ एक ठु भी बाण नाहीं चलाइ। उ इ नगर क खिलाफ ढाल क संग नाहीं आइ। उ इ नगर पइ आकामण क माटी क टीलन नाहीं बनाइ।
33 उ उहइ राहे स लउटी जेहसे उ आवा। उ इ नगर मँ नाहीं आई। इ यहोवा कहत ह।
34 मइँ अपने बरे अउर अपने सेवक दाऊद बरे इ नगर क रच्छा करब अउर बचाइ लेब।”
35 उ राति यहोवा क दूत अस्सूरी डेरा मँ गवा अउर एक लाख पचासी हजार लोगन क मार डाएस। भिन्सोर क जब लोग उठेन तउ उ पचे सारी ल्हासन लखेन।
36 एह बरे अस्सूर क राजा सन्हेरीब चला गवा अउर नीनवे वापस पहोंचा, अउर हुवइँ रुक गवा।
37 एक दिना सन्हेरीब मन्दिर मँ अपने देवता निसरोक क पूजा करत रहा। ओकरे पूतन अद्रेम्मेलेक अउर सरेसेर ओका तरवार स मार डाएन। तब उ पचे अरारात प्रदेस मँ पराइ निकरेन अउर सन्हेरीब क पूत एसर्हद्दोन ओकरे पाछे नवा राजा भवा।
2 Kings 20
1 उ समइ हिजकिय्याह बीमार पड़ा अउर लगभग मरि ही गवा। आमोस क पूत नबी यसायाह हिजकिय्याह स भेंटेस। यसायाह हिजकिय्याह स कहेस, “यहोवा कहत ह, ‘अपने परिवार क लोगन क बरे वसीयत नामा लिख ल्या। तू मर जाब्या। तू जिअत नाहीं रहब्या।’”
2 हिजकिय्याह आपन मुँहना देवारे कइँती कइ लिहस। उ यहोवा स पराथना किहस अउर कहेस,
3 “यहोवा याद रखा कि मइँ पूरे हिरदइ क संग सच्चाई स तोहार सेवा किहेउँ ह। मइँ उ किहेउँ ह जेका तू नीक बताया ह।” तब हिजकिय्याह फूट-फूटके रोइ पड़ा।
4 बीच क आँगन क यसायाह क छोड़इ क पहिले यहोवा क सँदेसा ओका मिला। यहोवा कहेस,
5 “लउटा अउर मोरे लोगन क अगुवा हिजकिय्याह स कहा, ‘यहोवा तोहार पुरखा दाऊद क परमेस्सर इ कहत ह, मइँ तोहार पराथना सुनि लिहेउँ ह अउर तोहार आँसू लखेउँ ह। एह बरे मइँ तोहका स्वस्थ करब। तीसरे दिन तू यहोवा क मन्दिर मँ जाब्या।
6 अउर मइँ तोहरी जिन्नगी क पन्द्रह बरिस बढ़ाइ देब। मइँ अस्सूर क सम्राट क सक्ती स तोहका अउर इ नगर क बचाउब। मइँ अइसन अपने बरे अउर अपने सेवक द्ाऊद क बरे इ करब।’”
7 तब यसायाह कहेस, “अंजीर क एक मिस्रन बनावा अउर एका घाव क जगह पइ लगावा।”एह बरे उ पचे अंगीरे क मिस्रन लिहन अउर हिजकिय्याह क घाव क जगह पइ लगाएन। तब हिजकिय्याह स्वस्थ होइ गवा।
8 हिजकिय्याह यसायाह स कहेस, “एकर संकेत का होइ कि यहोवा मोका स्वस्थ करी अउर मइँ यहोवा क मन्दिर मँ तीसरे दिन जाब?”
9 यसायाह कहेस, “तू का चाहत अहा? का छाया दस पैड़ी आगे जाइ या दस पैड़ी पाछे जाइ? इहइ यहोवा क तोहरे बरे संकेत अहइ कि जउन यहोवा कहेस ह, ओका उ करी।”
10 हिजकिय्याह जवाब दिहेस, “छाया क बरे दस पैड़ियन आगे जाब सहल बाटइ। नाहीं, छाया क दस पैड़ी पाछे हटइ द्या।”
11 तब नबी यसायाह यहोवा स पराथना किहस अउर अहाज क धूप-घड़ी पई यहोवा छाया क दस पैड़ियन पाछे हटाएस। उ ओन पैड़ियन पइ लउटी जेन पइ इ पहिले रही।
12 ओन दिनन बलदान क पूत बरोदक बलदान बाबेल क राजा रहा। उ पत्रन क संग एक ठु भेंट हिजकिय्याह क पठएस। बरोदक-बलदान इ एह बरे किहस काहेकि उ सुनेस कि हिजकिय्याह बीमार होइ गवा ह।
13 हिजकिय्याह बाबेल क लोगन क सुआगत किहस अउर उ अपने महल क सबहिं कीमती चिजियन क ओनका देखाएस। उ ओनका चाँदी, सोना, मसालन, कीमती इत्र, अस्त्र-सस्त्र अउर अपने खजाने क हर एक चीज देखाएस। हिजकिय्याह क पूटरा महल अउर राज्ज मँ अइसा कछू नाहीं रहा जेका उ ओनका न देखाए होइ।
14 तब यसायाह नबी राजा हिजकिय्याह क लगे आवा अउर ओहसे पूछेस, “इ सबइ लोग का कहत रहेन? उ पचे कहाँ स आए रहेन?”हिजकिय्याह कहेस, “उ पचे बहोत दूर क देस बाबेल स आए रहेन।”
15 यसायाह पूछेस, “उ पचे तोहरे महल मँ का लखेन ह?”हिजकिय्याह जवाब दिहेस, “उ पचे मोरे महल क सबहिं चिजियन लखेन ह। मोरे खजानन मँ अइसा कछू नाहीं बाटइ जेका मइँ ओनका न देखाँया होइ।”
16 तब यसायाह हिजकिय्याह स कहेस, “यहोवा क हिआँ स इ सँदेसा क सुना।
17 उ समइ आवति अहइ जब तोहरे महल क सबहिं चिजियन अउर उ सबइ सबहिं चिजियन जेनका तोहार पुरखन आजु तलक सुरच्छित रखेन ह, बाबेल स लइ जाइ जइहीं। कछू भी नाहीं बची। यहोवा इ कहत ह।
18 बाबेल तोहरे पूतन क लइ लेइहीं अउर तोहार पूत बाबेल क राजा क महल मँ खोजे बने रहिहीं।”
19 तब हिजकिय्याह यसायाह स कहेस, “यहोवा क हिआँ स इ सँदेसा नीक अहइ।” हिजकिय्याह सोचेस, “कम स कम मोर जीवनकाल मँ सान्ति अउर रच्छा रहइहीं।”
20 हिजकिय्याह जउन बड़के कारज किहस, जेनमाँ जलकुण्ड पइ कीन्ह गए काम अउ नगर मँ पानी लिआवइ बरे नहर बनावइ क काम सामिल अहइँ “यहूदा क राजा लोगन क इतिहास” क किताबे मँ लिखे गए अहइँ।
21 हिजकिय्याह मरा अउ अपने पुरखन क संग दफनावा गवा अउर हिजकिय्याह क पूत मनस्से ओकरे पाछे नवा राजा भवा।
2 Kings 21
1 मनस्से जब हुकुमत करइ लाग तब उ बारह बरिस क रहा। उ पचपन बरिस तलक यरूसलेम मँ हुकूमत किहस। ओकरी महतारी क नाउँ होसीबा रहा।
2 मनस्से उ सबइ काम किहस जेनका यहोवा बुरा बाताए रहा। मनस्से उ सबइ भयंकर काम करत रहा जउन दूसर रास्ट्र करत रहेन। (अउर यहोवा ओन रास्ट्रन क अपना देस तजइ पर मजबूर किहे रहा जब इस्राएली आए रहेन।)
3 मनस्से फुन ओन ऊँच जगहन क बनाएस जेनका ओकर बाप हिजकिय्याह बर्बाद किहे रहा। मनस्से भी ठीक इस्राएल क राजा अहाब क तरह बाल क सम्मान देई बरे वेदियन बनाएस अउर असेरा क सम्मान बरे स्तम्भ बनाएस। मनस्से अकासे मँ तारन क पूजा करब सुरू किहस।
4 मनस्से यहोवा क मन्दिर मँ झूठे देवतन क पूजा क वेदियन बनाएस। (इ उहइ ठउर अहइ जेकर बारे मँ यहोवा बातन करत रहा जब उ कहे रहा, “मइँ अपना नाउँ यरूसलेम मँ रखब।”)
5 मनस्से यहोवा क मन्दिर क दुइ आँगनन मँ अकासे क नछत्रन बरे बेदियन बनाएस।
6 मनस्से अपने पूत क बलि दिहस अउर ओका वेदी पइ बारेस। मनस्से भविस्स जानइ क कोसिस मँ कइउ तरीकन क उपयोग किहस। उ ओझा लोगन अउ भूत सिद्धियन स मिला।मनस्से जियादा स जियादा उ करत गवा जेका यहोवा बुरा कहे रहा। इ यहोवा क कोहाइ दिहस।
7 मनस्से असेरा क खुदी भइ मूरति बनाएस। उ इ मूरति क मन्दिर मँ धरेस। यहोवा दाऊद अउ दाऊद क पूत सुलैमान स इ मन्दिर क बारे मँ कहे रहा: “मइँ यरूसलेम क पूरे इस्राएल क नगरन मँ स चुनेउँ ह। मइँ आपन नाउँ यरूसलेम क मन्दिर मँ सदा ही बरे रखब।
8 मइँ इस्राएल क लोगन स उ भुइँया जेका मइँ ओनके पुरखन क दइ दिहे रहेउँ, क तहइ बरे नाहीं कहब। मइँ लोगन क ओनके देस मँ रहइ देब, जदि उ पचे ओन सब चिजियन क पालन करिहीं जेनका आदेस मइँ दिहेउँ ह अउर जउन उपदेस मोर सेवक मूसा ओनका दिहस ह।”
9 किन्तु लोग परमेस्सर क एक न सुनेन। मनस्से ओन लोन स पाप कराएस। इस्राएलियन आवइ क पहिले कनान मँ रहइ वाले सबहिं रास्ट्र जेतना बुरा करत रहेन मनस्से ओहसे भी जियादा बुरा किहे रहा। यहोवा ओन रास्ट्रन क नस्ट कइ दिहे रहा जब इस्राएल क लोग इ भुइँया लेइ आए रहेन।
10 यहोवा अपने सेवक, नबियन क उपयोग इ किहइ बरे कहस:
11 “यहूदा क राजा मनस्से एन घिनौने पापन क किहेस ह अउर अपने स पहिले रहइवाले एमोरियन स भी बड़की बुराई किहेस ह। मनस्से अपने देवमूरतियन क साथ यहूदा स भी पाप कराएस ह।
12 एह बरे इस्राएल क परमेस्सर यहोवा करत ह, ‘लखा! मइँ यरूसलेम अउ यहूदा पइ ऍतनी विपत्तियन ढाउब कि जदि कउनो मनई एनके बारे मँ सुनी तउ ओकर हिरदइ बइठ जाइ।
13 मइँ यरूसलेम क माप पई सोमरोन क माप पंक्ति अउर अहाब क परिवार क साहुल क उपयोग करब। कउनो मनई तस्तरी क पोंछत ह अउर तब उ ओका उलटिके रख देत ह। मइँ यरूसलेम क साथ भी अइसा ही करब।
14 हुवाँ मोर कछू मनई फुन भी बचे रहि जइहीं। किन्तु मइँ ओन मनइयन क तजि देब। मइँ ओनका ओनके दुस्मनन क दइ देब। ओनकर दुस्मन ओनका बन्दी बनइहीं, उ पचे ओन कीमती चिजियन क तरह होइहीं जेनका फउजी जुद्ध मँ प्राप्त करत हीं।
15 काहे? काहेकि मोर लोग उ सबइ काम किहन जेनका मइँ बुरा बताएउँ। उ पचे मोका उ दिन स कोहाइ दिहन ह जउने दिन स ओनकर पुरखन मिस्र स बाहेर आएन।
16 अउर मनस्से अनेक निरपराध लोगेन क मारेस। उ यरूसलेम क एक सिरे से दूसर सिरे तलक खून स भरि दिहेन। इ सारे पाप ओन पापन क अलावा अहइँ जेका उ यहूदा स कराएस। मनस्से यहूदा स उ कराएस जेका यहोवा बुरा बताए रहा।”’
17 ओन पापन सहित अउर भी जउन कार्य मनस्से किहस, उ सबहिं “यहूदा क राजा लोगन क इतिहास” क किताबे मँ लिखे अहइँ।
18 मनस्से मरा अउर अपने पुरखन क संग दफनावा गवा। ओका उज्जा क बाग मँ दफनावा गवा जउन कि मनस्से क महल मँ रहा। मनस्से क पूत आमोन ओकरे पाछे नवा राजा भवा।
19 आमोन जब हुकूमत करब सुरू कहस तउ उ बाईस बरिस क रहा। उ यरूसलेम मँ दुइ बरिस तलक सासन किहस। ओकरी महतारी क नाउँ मसुल्लेमेत रहा, जउन योव्बा स हारूस क बिटिया रही।
20 ठीक अपने बाप क तरह अमोन उहइ काम किहस, जेनका यहोवा बुरा कहे रहा।
21 आमोन ठीक अपने बाप क तरह रहत रहा। आमोन ओनहीं देवमूरतियन क पूजा अउ सेवा करत रहा जेनकर ओकर बाप करत रहा।
22 आमोन अपने पुरखन क परमेस्सर यहोवा क तज दिहस अउर उ तरह नाहीं रहा जइसा यहोवा चाहत राहा।
23 आमोन क सेवकन ओकर खिलाफ सडयंत्र रचेन अउर ओका ओकरे महल मँ मार डाएस।
24 साधारण जनता ओन सबहिं अधिकारियन क मार डाएस जउन आमोन क खिलाफ सड्यंत्र रचे रहेन। तब लोग आमोन क पूत योसिय्याह क ओकरे पाछे नवा राजा बनाएन।
25 जउन दूसर काम आमोन किहस उ सबइ “यहूदा क राजा लोगन क इतिहास” क किताबे मँ लिखे अहइँ।
26 आमोन उज्जर क बाग मँ अपनी कब्र मँ दफनावा गवा। आमोन क पूत योसिय्याह नवा राजा बना।
2 Kings 22
1 योसिय्याह जब हुकूमत करब सुरू किहस तउ उ आठ बरिस क रहा। उ इकतीस बरिस तलक यरूसलेम मँ हुकूमत किहस। ओकर महतारी बोस्कत क अदाया क बिटिया, यदीदा रही।
2 योसिय्याह उ सबइ काम किहेस जेनका यहोवा नीक बताए रहा। योसिय्याह परमेस्सर क अनुसरण अपने पुरखन दाऊद क तरह किहेस। योसिय्याह ठीक वइसे ही किहेस जइसे परमेस्सर चाहत रहा।
3 अपने राज्जकाल क अट्ठारहवे बरिस मँ, अपने सचिव, मसुल्लाम क पोता व असल्याह क पूत सापान क यहोवा क मन्दिर मँ पठएस। योसिय्याह कहेस,
4 “महायाजक हिलकिय्याह क लगे जा। ओहसे कहा कि ओका उ गनइ अउर लइ लेइ चाही जेका लोब यहोवा क मन्दिर मँ लिआएस ह। द्वारपालन उ धने क लोगन स बटोर रहेन।
5 याजकन क इ धन ओन कारीगरन क देइ मँ उपयोग करइ चाही जउन यहोवा क मन्दिर क मरम्मत करत हीं। याजकन क इ धन क ओन लोगन क देइ चाही जउन यहोवा क मन्दिर क देखभाल करत हीं।
6 बढ़ई, पाथरे क देवार बनावइवाले मिस्त्री अउर पाथर क काटइवालन क तनख्वाह बरे धने उपयोग करा। मन्दिर मँ लगावइ बरे इमारती लकड़ी अउ कटे पाथर क बेसहइ मँ धने क उपयोग करा।
7 उ धने क जिन गना जेका तू मजदूरन क द्या। ओन मजदूरन पइ बिस्सास कीन्ह जाइ सकत ह।”
8 महायाजक हिलकिय्याह सचिव सापान स कहेस, “लखा! मोका व्यवस्था क किताब यहोवा क मन्दिर मँ मिली ह।” हिलकिय्याह इ पुस्तक क सापान क दिहस अउर सापान एका बाँचेस।
9 सास्त्री सापान, राजा योसिय्याह क लगे आवा अउर ओका बताएस जउन भवा रहा। सापान कहेस, “तोहरे सेवकन मन्दिर स मिले धने क लिहस अउर ओका ओन कारीगरन क दिहस जउन यहोवा क मन्दिर क काम करत रहेन। अउर जउन मन्दिर क देख-रेख करत रहेन।” तब सास्त्री सापन राजा स कहेस, “याजक हिलकिय्याह मोका इ किताब दइ दिहस ह।” तब सापान राजा क किताब बाँचिके सुनाएस।
10
11 जब राजा व्यवस्था क कितावे क सब्दन क सुनेस, उ आपन दुःख अउर परेसानी परगठ करइ क बरे अपने ओढ़नन क फारि डाएस।
12 तब राजा याजक हिलकिय्याह, सापान क पूत अहीकाम, मीकायाह क पूत अकबोर, सास्त्री सापान अउर राजसेवक असाया क आदेस दिहस।
13 राजा योसिय्याह कहेस, “जा, अउर यहोवा स पूछा कि हम क का करइ चाही। यहोवा क समन्वा मोरे बरे, लोगन क बरे अउर पूरे यहूदा क बरे याचना करा। इ मिली भइ पुस्तक क सब्दन क बारे मँ पूछा। यहोवा हम लोगन पइ कोहान अहइ काहेकि हमार पुरखन इ किताबे क सिच्छा क नाहीं मानेन। उ पचे हम लोगन क बरे लिखी सब बातन क नाहीं किहन।”
14 एह बरे याजक हिलकिय्याह, अहीकाम, अकबोर, सापान अउ असाया, नबिया हुल्दा क लगे गएन। हुल्दा हर्हस क पोता व तिकवा क पूत सल्लूम क मेहरारू रही। उ याजक क ओढ़नन क देखभाल करत रहा। हुल्दा यरूसलेम क दूसरे हिस्सा मँ रहत रही। उ पचे गएन अउर उ पचे हुल्दा स बातन किहन।
15 तब हुल्दा ओनसे कहेस, “यहोवा इस्राएल क परमेस्सर कहत ह: उ मनई स कहा जउन तू पचन्क मोरे लगे पठएस ह:
16 ‘यहोवा इ कहत ह: मइँ इ जगह पइ बिपत्ति लावत हउँ अउर ओन मनइयन पइ भी जउन हिआँ रहत हीं। इ सबइ उ सब बिपत्तियन अहइँ जेनका उ किताबे मँ लिखा गवा ह जेका यहूदा क राजा बाँचेस ह।
17 यहूदा क लोग मोका त्याग दिहन ह अउर दूसर देवतन क बरे सुगन्धि बारेन ह। उ पचे मोका बहोत किरोधित किहन ह। उ पचे बहोत स देवमूरतियन बनाएन। इहइ कारण अहइ कि मइँ इ जगह क खिलाफ आपन किरोध परगट करब। मोर विरोध उ आगी क तरह होइ जउन बुझाइ न जाइ सकी।’
18 “यहूदा क राजा योसिय्याह स इ कहा जउन तोहका यहोवा स सलाह लेइ बरे भेजेस ह। ‘यहोवा इस्राएल क परमेस्सर उ कहेस जउन तू सुने। तू उ सुन्या जउन मइँ इ जगह अउर इ जगह पइ रहइवाले लोगन क बारे मँ कहेउँ। तोहार हिरदइ कोमल अहइ।
19 जब तू इ सुन्या तउ तोहका दुःख भवा। मइँ कहेउँ कि भयंकर घटनन इ जगह क संग घटित होइहीं। अउर तू अपने दुःख क परगट करइ बरे अपने ओढ़नन क फारि डाया अउर तू रोवइ लाग्या। इहइ कारण अहइ कि मइँ तोहार बात सुनेउँ।’ यहोवा इ कहत ह,
20 ‘मइँ तू पचन्क तोहरे पुरखन क संग मिलइ देब्या। तू पचे मरब्या अउ अपनी कब्र मँ सान्तिपूर्वक जाब्या। एह बरे तोहार पचन्क अँखियन ओन बिपत्तियन क नाहीं लखिहीं जेनका मइँ इ जगह पइ ढावइ जात अहउँ।”’तब याजक हिलकिय्याह, अहीकाम, अकबोर, सापान अउ असाया राजा स इ सब कहेस।
2 Kings 23
1 राजा योसिय्याह यहूदा अउ इस्राएल क सबहिं प्रमुखन से आवइ अउर ओहसे मिलइ क बरे कहेस।
2 तब राजा यहोवा क मन्दिर गवा। सबहिं यहूदा क लोग अउर यरूसलेम मँ रहइवाले लोग ओकरे संग गएन। याजक, नबी, अउर सबहिं मनई, सब स जियादा महत्वपूर्ण स सब स कम महत्वपूर्ण सबहिं ओकरे संग गएन। तब उ “साच्छीपत्र क पुस्तक” बाँचेस। इ उहइ, “नेम क पुस्तक रही” जउन यहोवा क मन्दिर स मिली रही। योसिय्याह उ पुस्तक क इ तरह बाँचेस कि सबहिं लोग ओका सुनि सकइँ।
3 राजा स्तम्भ क लगे खड़ा भवा अउर उ यहोवा क संग वाचा किहस। उ यहोवा क अनुसरण करब, ओकर आग्या, वाचा अउर नेमन क पालन करब अंगीकार किहस। उ पूरी आतिमा अउर हिरदइ स इ करब अंगीकार किहस। उ किताबे मँ लिखी वाचा क मानब अंगीकार किहस। सबहिं लोग इ परगट करइ क बरे खड़े भएन कि उ पचे राजा क वाचा क समर्पन करत हीं।
4 तब राजा महायाजक हिलकिय्याह दूसर याजकन अउर द्वारपालन क बाल, असेरा अउर अकासे क नछयन क सम्मान बरे बनी सबहिं चिजियन क यहोवा क मन्दिर क बाहेर लिआवइ क आदेस किहस। तब योसिय्याह ओन सबहिं क यरूसलेम क बाहेर किद्रोन क खेतन मँ बार दिहस। तब राखी क उ पचे बेतेल लइ गएन।
5 यहूदा क राजा लोग कछू सामान्य मनइयन क याजकन क रूप मँ सेवा बरे चुने रहा। इ सबइ लोग हारून क परिवार स नाहीं रहेन। उ पचे झूठे याजक यहूदा क सबहिं नगरन अउर यरूसलेम क नजिक क नगरन मँ ऊँच जगहन पइ सुगन्धि बारत रहेन। उ पचे बाल, सूरज, चाँद, नछत्रन क समूह अउ अकासे क सबहिं नछत्रन क सम्मान मँ सुगन्धि बारत रहेन। किन्तु योसिय्याह ओन बनावटी याजकन क रोक दिहस।
6 योसिय्याह असेरा स्तम्भ क यहोवा क मन्दिर स हटाएस। उ असेरा स्तम्भ क नगर क बाहेर किद्रोन घाटी क लइ गवा अउर ओका हुवँइ बार दिहस। तब उ जरे खण्डन क कूटेस अउर उ राखी क साधारण लोगन क कब्रन पइ छितराएस।
7 तब राजा योसिय्याह यहोवा क मन्दिर मँ बने पुरुसगामियों क कोठान क गिरवाइ दिहस। ओन घरन मँ मेहररूअन झूठी देवी असीराह क सम्मान देइ बरे तम्बू क छोटे अवरण बिना करत रहिन।
8 उ समइ याजक बलि यरूसलेम क नाहीं लिआवत रहेन अउर ओका मन्दिर क वेदी पइ नाहीं चढ़ावत रहेन। याजक सारे यहूदा क नगरन मँ रहत रहेन अउर उ पचे ओन नगरन मँ ऊँच नगरियन पइ सुगन्धि बारत अउ बलि भेंट करत रहेन। उ पचे ऊँची जगह गेबा स लइके बेसेर्बा तलक हर जगह रहेन। याजकन अखमिरी रोटी यरूसलेम मँ मन्दिर मँ याजकन बरे बनावा गवा स्थान मँ एका खावइ क बजाए ओन सहरन मँ साधारण लोगन क संग खाएस। परन्तु राजा योसिय्याह ओन ऊँची जगहन क नस्ट कइ डाएस अउर याजकन क यरूसलेम लइ गवा। योसिय्याह ओन ऊँची जगहन क भी नस्ट किहे रहा जउन यहोसू दुआर क लगे बाईर् ओर रहेन। (यहोसू नगर क प्रसासक रहा।)
9
10 तोपेत “हिन्नोम क पूत क घाटी” मँ एक जगह रही जहाँ लोग अपने बच्चन क मारत रहेन अउर लबार देवता मोलेक क सम्मान मँ ओनका वेदी पइ बारत रहेन। योसिय्याह उ जगहिया क ऍतना भ्रस्ट कइ डाएस कि लोग उ जगहिया क प्रयोग न कइ सकइँ।
11 बीते समइ मँ यहूदा क राजा लोग यहोवा क मन्दिर क दुआर क लगे कछू घोड़न अउर रथन रख छोड़े रहेन। इ नतन्मेलेख नाउँ क महत्वपूर्ण अधिकारी क कमरे क लगे रहा। घोड़न अउ रथन सूर्य देव क सम्मान बरे रहेन। योसिय्याह घोड़न क हटाएस अउर रथे क बार दिहस।
12 बीते समइ मँ यहूदा क राजा लोग अहाब क इमारत क छते पइ बेदियन बनाइ रखे रहेन। राजा मनस्से भी यहोवा क मन्दिर क दुइ आँगनन मँ वेदियन बनाइ रखे रहा। योसिय्याह ओन वेदियन क तोरि डाएस अउर ओनकर टूटे टूकन क किद्रोन क घाटी मँ लोकाइ दिहस।
13 बीते समइ मँ राजा सुलेमान यरूसलेम क निअरे विध्वंसक पहाड़ी क दक्खिन मँ कछू ऊँच जगह बनाए रहा। राजा सुलेमान पूजा क ओन जगहन क, सीदोन क लोग जउन घिनौनी चीज अस्तोरेत क पूजा करत रहेन, ओकरे सम्मान बरे बनाए रहेन। सुलैमान मोआब लोगन क जरिये पूजित घिनौनी चीज कमोस क सम्मान बरे भी एक ठु वेदी बनाए रहा अउर राजा सुलैमान अम्मोन लोगन क जरिये पूजित घिनौनी चीज मिल्कोम क सम्मान बरे एक ऊँची जगह बनाए रहा। किन्तु राजा योसिय्याह ओन सबहिं पूजा ठउरन क नस्ट कइ दिहस।
14 राजा योसिय्याह सबहिं स्मृति पाथरन अउ असेरा स्तम्भन क तोड़ डाएस। तब उ ओन जगहन क ऊपर मृतकन क हाड़न क छितराएस।
15 योसिय्याह बेतेल क वेदी अउ ऊँच जगहन क भी तोरि डाएस। नबात क पूत यारोबाम इ वेदी क बनाए रहा। यारोबाम इस्राएल स पाप कराए रहा। योसिय्याह ऊँची जगहन अउ वेदी दुइनउँ इ तोरि डाएस। योसिय्याह वेदी क पाथर क टूकन कइ दिहस। तब उ ओनका कूटिके धुरि बनाइ दिहस अउर उ असेरा स्तम्भ क बार दिहस।
16 योसिय्याह चारिहुँ कइँती नजर दउड़ाएस अउर पहाड़े पइ कब्रन क लखेस। उ मनइयन क पठएस अउर पचे ओन कब्रन स हाड़न लइ आएन। तब उ वेदी पइ हाड़न क बारेस। इ तरह योसिय्याह वेदी क भ्रस्ट कइ दिहस। इ उहइ तरह भवा जइसा यहोवा क सँदेसा क परमेस्सर क जन घोसित किहे रहा। परमेस्सर क जन एकर घोसणा तब किहन जब यारोबाम वेदी क बहल मँ खड़ा रहा।तब योसिय्याह चारिहँ कइँती निगाह दउड़ाएस अउर परमेस्सर क जन क कब्र खोदेस।
17 योसिय्याह कहेस, “जउने स्मारक क मइँ लखत हउँ, उ का अहइ?”नगर क लोग ओहसे कहेन, “इ परमेस्सर क उ जने क कब्र अहइ जउन यहूदा स आवा रहा। इ परमेस्सर क जन उ सब बाताए रहा जउन आप बेतेल मँ वेदी क संग किहन। उ इ सबइ बातन बहोत पहिले बाताए रहा।”
18 योसिय्याह कहेस, “परमेस्सर क जन क अकेला छोड़ द्या। ओकरी हाड़न क जिन हटावा।” एह बरे उ पचे हाड़न तजि दिहन, अउर साथ ही सोमरोन स आए परमेस्सर क जन क हाड़न भी छोड़ दिहन।
19 योसिय्याह सोमरोन नगर क सबहिं ऊँच नगरन क पूजागृह क भी नस्ट कइ दिहस। इस्राएल क राजा लोग पूजा गृहन क बानाए रहेन अउर उ यहोवा क बहोत कोहाइ दिहे रहेन। योसिय्याह ओन पूजा-गृहन क वइसे ही नस्ट किहेस जइसे उ बेतेल क पूजा क जगहन क नस्ट किहस।
20 योसिय्याह सोमरोन मँ रहइवाले ऊँची जगहन क सबहिं पुरोहितन क मार डाएस। उ ओनहीं वेदियन पइ पुरोहितन क बध किहस। उ मनइयन क हाड़न वेदियन पइ बारेस। इ तरह उ पूजा इ ओन जगहन क भ्रस्ट किहस। तब उ यरूसलेम मँ लउटि आवा।
21 तब राजा योसिय्याह सबहिं लोगन क हुकुम दिहस। उ कहेस, “यहोवा अपने परमेस्सर क फसह पर्व मनावा। एका उहइ तरह मनावा जइसा साच्छीपत्र क पुस्तक मँ लिखा अहइ।”
22 लोग इ तरह फसह पर्व क तब स नाहीं मनाए रहेन जब स इस्राएल पइ न्यायाधीस सासन करत रहेन। इस्राएल क कउनो राजा या यहूदा क कउनो भी राजा कबहुँ फसल पर्व क ऍतना बड़का उत्सव नाहीं मनाए रहा।
23 एह बरे ओन लोग यहोवा बरे फसह पर्व योसिय्याह क राज्जकाल क अट्ठारहवें बरिस मँ यरूसलेम मँ मनाएन।
24 योसिय्याह ओझा लोगन क, भूतसिच्छकन, गृह-देवतन, देवमूरतियन अउर यहूदा अउ इस्राएल मँ जउन घिनवनी च्जियन क पूजा होत रही, सब क नस्ट कइ दिहस। योसिय्याह इ यहोवा क मन्दिर मँ याजक हिलकिय्याह क मिली पुस्तक मँ लिखे गए परमेस्सर क नेमन क अनुसार किहस।
25 एकरे पहिले योसिय्याह क समान कबहुँ कउनो राजा नाहीं भवा रहा। योसिय्याह यहोवा कइँती, अपनी पूरी आतिमा अउर अपनी पूरी सक्ती स गवा। योसिय्याह क तरह कउनो राजा मूसा क सबहिं नेमन क अनुसरण नाहीं किहे रहा। उ समइ स योसिय्याह क तरह क कउनो दूसर राजा कबहुँ नाहीं भवा।
26 किन्तु यहोवा यहूदा क लोगन पइ किरोध करब तजेस नाहीं। यहोवा अबहुँ भी ओन पइ सारे कामन क बरे कोहान रहा जेनका मनस्से किहे रहा।
27 यहोवा कहेस, “मइँ इस्राएलियन क ओनकर देस तजइ क मजबूत किहेउँ। मइँ यहूदा क संग वइसा ही करब मइँ यहूदा क अपनी आँखिन स ओझल करब। बेसक मइँ यरूसलेम अउर एकर मन्दिर क चुना रहा जेकर बारे मँ मइँ कहे रहेउँ, ‘मोर नाउँ हुवाँ रहब मइँ यरूसलेम अउर मन्दिर क रद्द कइ देब।’”
28 योसिय्याह जउन दूसर काम किहस उ सबइ “यहूदा क राजा लोगन क इतिहास” क किताबे मँ लिखे अहइँ।
29 योसिय्याह क समइ मिस्र क राजा फिरौन नको अस्सूर क राजा क खिलाफ जुद्ध करत परात नदी क गवा। राजा योसिय्याह नको स भेंटइ मगिद्दो गवा। फिरौन नको योसिय्याह क लखि लिहस अउर तब ओका मार डाएस।
30 योसिय्याह क अधिकारियन ओकरे बदन क एक ठु रथे मँ धरेन अउर ओका मगिद्दो स यरूसलेम लइ गएन। उ पचे योसिय्याह क ओकरी अपनी कब्र मँ दफनाएन।तब साधारण लोग योसिय्याह क पूत यहोआहाज क लिहन अउर ओकर राज्ज अभिसेक कइ दिहन। उ पचे यहोआहाज क नवा राजा बनाएस।
31 यहोआहाज तेईस बरिस क रहा, जब उ राजा बना। उ यरूसलेम मँ तीन महीने तलक हुकूमत किहस। ओकर महतारी लिब्ना क यिर्मयाह क बिटिया हमूतल रही।
32 यहोआहाज उ सबइ काम किहस जेनका यहोवा बुरा बताए रहा। यहोआहाज उ सब ही काम किहेस जेनका ओकरे पुरखन किहे रहेन।
33 फिरौन नको यहोआहाज क हमात प्रदेस मँ रिबला मँ कैद रखेस। एह बरे यहोआहाज यरूसलेम मँ सासन नाहीं कइ सका। फिरौन नको यहूदा क सात हजार पाँच सौ पौण्ड चाँदी अउर पचहत्तर पौण्ड सोना देइ क मजबूर किहस।
34 फिरौन नको योसिय्याह क पूत एल्याकीम क नवा राजा बनाएस। एल्याकीम अपने बाप योसिय्याह क जगह लिहस। फिरौन-नको एल्याकीम क नाउँ बदलिके यहोयाकीम कइ दिहस अउर फिरौन-नको यहोआहाज क मिस्र लइ गवा। यहोआहाज मिस्र मँ मरा।
35 यहोयाकीम फिरौन क सोना अउ चाँदी दिहस। किन्तु यहोयाकीम साधारण जनता स बसूलेस अउर उ धने क उपयोग फिरौन नको क देइ मँ किहस। एह बरे हर मनई चाँदी अउ सोना क अपने हींसे क भुगतान किहस अउर राजा यहोयाकीम फिरौन क उ धन दिहस।
36 यहोयाकीम जब राजा भवा तउ उ पच्चीस बरिस क रहा। उ गियारह बरिस तलक यरूसलेम मँ राज्ज किहस। ओकर महतारी रूमा क अदायाह क बिटिया जबीदा रही।
37 यहोयाकीम उ सबइ काम किहेस जेनका यहोवा बुरा बताए रहा। यहोयाकीम उ सब ही काम किहेस जउन ओकरे पुरखन किहे रहेन।
2 Kings 24
1 यहोयाकीम क समइ मँ बाबेल क राजा नबूकदनेस्सर यहूदा देस मँ आवा। यहोयाकीम नबूकदनेस्सर क सेवा तीन बरिस तलक किहेस। तब यहोयाकीम नबूकदनेस्सर क खिलाफ होइ गवा अउर ओकरे विरूद्ध विद्रोह कइ दिहा।
2 यहोवा कसदियन, अरामियन, मोआबियन अउ अम्मोनियन क दलन क यहोयाकीम क विरुद्ध लड़इ बरे पठएस। यहोवा ओन दलन क यहूदा क नस्ट करइ बरे पठएस। इ वइसा ही भवा जइसा यहोवा करे रहा। यहोवा अपने सेवक नबियन क उपयोग उ कहइ बरे किहे रहा।
3 यहोवा ओन घटनन क यहूदा क संग घटित होइ क आदेस दिहस। इ तरह उ ओनका अपनी निगाह स दूर करी। उ इ एन पापन क कारण किहस जउन मनस्से किहस।
4 यहोवा इ एह बरे किहस कि मनस्से बहोत स निरपराध मनइयन क मार डाएस। मनस्से ओनके खून स यरूसलेम क भरि दिहेस अउर यहोवा ओन पापन्क छिमा नाहीं कइ चाहत रहा।
5 यहोयाकीम जउन दूसर काम किहस उ सबइ “यहूदा क राजा लोगन क इतिहास” क किताबे मँ लिखे अहइँ।
6 यहोयाकीम मरा अउर अपने पुरखन क संग दफनावा गवा। यहोयाकीम क पूत यहोयाकीम ओकरे पाछे नवा राजा भवा।
7 मिस्र क राजा आपन सीमा स ओग अउर जियादा जमीन पइ कब्जा नाहीं कइ पाएस, काहेकि बाबेल क राजा मिस्र क नाला स परात नदी तलक सारे देस पइ, अधिकार कइ लिहे रहा। ओन जगहन पइ पहिले भी मिस्र क राजा क सासन रहा।
8 यहोयाकीम जब हुकूमत करइ लाग तब उ अट्ठारह बरिस क रहा। उ यरूसलेम मँ तीन महीने तलक हुकूमत किहस। ओकर महतारी यरूसलेम क एलनातान क बिटिया नहुस्ता रही।
9 यहोयाकीन ओन कामन क किहस जेनका यहोवा बुरा बताए रहा। उ उ सब ही सब काम किहेस जउन ओकर बाप किहे रहेन।
10 उ समइ बाबेल क राजा नबुकदनेस्सर क अधिकारी यरूसलेम आएन अउर हमला करइ बरे नगर क घेरि लिहेस।
11 तब बाबेल क राजा नबूकदनेस्सर नगरे मँ आवा। जब ओकर अधिकारियन एका हमला बरे घेरइ राखत रहेन।
12 यहूदा क राजा यहोयाकीन बाबेल क राजा स भेंटइ बाहेर आवा। यहोयाकीन क महतारी, ओकर अधिकारी, प्रमुख अउ दूसर अधिकारी भी ओकरे संग गएन। तब बाबेल क राजा यहोयाकीन क बन्दी बनाइ लिहस। इ नबूकदनेस्सर क सासनकाल क अठवाँ बरिस रहा।
13 नबूकदनेस्सर सारा खजाना लइ लिहस जउन यहोवा क मन्दिर मँ अउर राजा क महल मँ रहा। उ नबूकदनेस्सर ओन सबहिं स्वर्ण-पात्रन क टूकन मँ काट डाएस जेनका इस्राएल क राजा सुलैमान यहोवा क मन्दिर क बरे बनाए रहा। इ वइसा ही भवा जइसा यहोवा कहे रहा।
14 नबूकदनेस्सर यरूसलेम क सबहिं लोगन क बन्दी बनाएस। उ सबहिं प्रमुखन अउर दूसर धनी लोगन क बन्दी बनाइ लिहस। उ दस हजार लोगन क धरेस अउर ओनका बन्दी बनाएस। नबूकदनेस्सर सबहिं कुसल मजदूरन अउर कारीगरन क लइ लिहस। साधारण लोगन मँ स सबन त गरीब लोगन क अलावा नगर मँ कउनो भी नाहीं बचे रहेन।
15 नबूकदनेस्सर यहोयाकीन क बाबेल लइ गवा। नबूकदनेस्सर राजा क महतारी, ओकर मेहररूअन, अधिकारी अउर देस क प्रमुख लोगन क भी लइ गवा। नबूकदनेस्सर ओनका यरूसलेम स बाबेल बन्दी क रूप मँ लइ गवा।
16 बाबेल क राजा साढ़े सात हजार फउजी अउर एक हजार कुसल मजदूर अउर कारीगर भी लइ गवा। इ पचे सबहिं मनई प्रसिच्छित फउजी रहेन अउर जुद्ध मँ लड़ सकत रहेन। बाबेल क राजा ओनका बन्दी क रुप मँ बाबेल लइ गवा।
17 बाबेल क राजा मत्तन्याह क नवा राजा बनाएस। मत्तन्याह यहोयाकीन क चाचा रहा। बाबेल क राजा मत्तन्याह क नाउँ बदलिके सिदकिय्याह रख दिहस।
18 सिदकिय्याह जब सासन करब सुरू किहस तउ उ इक्कीस बरिस क रहा। उ गियारह बरिस यरूसलेम मँ सासन किहस। ओकर महतारी लिब्ना क यिर्मयाह क बिटिया हमूतल रही।
19 सिदकिय्याह उ सबइ काम किहेस जेनका यहोवा बुरा बताए रहा। सिदकिय्याह उ सब ही सारे काम किहेस जउन यहोयाकीम किहे रहा।
20 यहोवा यरूसलेम अउ यहूदा पइ ऍतना कोहाइ गवा कि उ ओनका दूर लोकाइ दिहस।उ समइ सिदकिय्याह बाबेल क राजा क खिलाफ बिद्रोह कइ दिहस।
2 Kings 25
1 एह बरे बाबेल क राजा नबूकदनेस्सर अपनी सारी फउज क संग यरूसलेम क खिलाफ जुद्ध करइ आवा। सिदकिय्याह क राज्ज क नौवें बरिस क दसवें महीने क दसवें दिन इ घटना घटित भइ। नबूकदनेस्सर यरूसलेम क चारिहुँ कइँती डेरा डाएस। तब उ पचे यरूसलेम क चारिहुँ कइँती ढलवान खड़ी किहन।
2 नबूकदनेस्सर क फउज यरूसलेम क चारिहुँ कइँती सिदकिय्याह क यहूदा मँ सासनकाल क गियारहवे बरिस तलक बनी रही।
3 उ नगर मँ भुखमरी क दसा बद स बदतर होत जात रही। चउथे महीने क नौवे दिन साधारण लोगन बरे कछू भी भोजन नाहीं रहि गवा रहा।
4 नबूकदनेस्सर क फउज नगर प्राचीर मँ एक ठु छेद बनाएस। उ राति क राजा सिदकिय्याह अउर ओकर सारे फउजी पराइ गएन। उ पचे राजा क बाग क सहारे दुइ देवारन क दुआर स बच निकरेन। बाबेल क फउज नगर क चारिहुँ कइँती रही। किन्तु सिदकिय्याह अउर ओकर फउज रेगिस्ताने कइँती क सड़क पइ पराइ निकरेन।
5 बाबेल क फउज सिदकिय्याह क पाछा किहस अउर ओका यरीहो क लगे रेगिस्तान मँ पकड़ लिहस। सिदकिय्याह क सारी फउज पराइ गइ अउर ओका अकेला छोड़ दिहस।
6 बाबेल सिदकिय्याह क रिबला मँ बाबेल क राजा क लगे लइ गएन। बाबेल क राजा सिदकिय्याह क दण्ड देइ क निर्णय लिहस।
7 उ पचे सिदकिय्याह समन्वा ओकरे पूतन क मार डाएस। तब उ पचे सिदकिय्याह क आँखिन निकारि लिहन। उ पचे ओका जंजीरे मँ जकरेन अउर ओका बाबेल लइ गएन।
8 नबूकदनेस्सर क बाबेल क सासनकाल क उन्नीसवे बरिस क पँचवे महीने क सतवे दिन नबूजरदान यरूसलेम आवा। नबूकदनेस्सर क अंगरच्छकन क नायक नबूजरदान रहा।
9 नबूजरदान यहोवा क मन्दिर अउ राजमहल बार डाएस। नबूजरदान यरूसलेम क सबहिं घरन क भी बार डाएस। उ बड़की इमारतन क भी बार डाएस।
10 तब नबूजरदान क संग जउन बाबेल क फउज रही उ यरूसलेम क चारिहुँ कइँती क देवारन क महराइ दिहस।
11 अउर नबूजरदान ओन सबहिं लोगन क धरेस जउन तब तलक नगर मँ बचे रह गए रहेन। नबूजरदान सबहिं लोगन क बन्दी बनाइ लिहस अउर ओनका भी जउन आत्मसमर्पण करइ क कोसिस लिहन।
12 नबूजरदान सिरिफ साधारण मनइयन मँ सब स गरीब लोगन क हुवाँ रहइ दिहस। उ ओन गरीब लोगन क हुवाँ अंगूर अउर दूसर फसलन क देखरेख क बरे रहइ दिहस।
13 बाबेल क फउजी यहोवा क मन्दिर क काँसे क वस्तुअन क टूकन कइ डाएन। उ पचे काँसे स स्तम्भन, काँसे क गाड़ी क अउर काँसे क बिसाल सरोवर क भी टूकन कइ डाएन, तब बाबेल क फउजी ओन काँसे क टूकन क बाबेल लइ गएन।
14 कसदियन बर्तन, बेलचे, दीप-झारू चम्मच अउर काँसे क बर्तन जउन यहोवा क मन्दिर मँ काम आवत रही, क भी लइ गवा।
15 नबूजरदान सबहिं कढ़ाहियन अउ पियालन क लइ लिहस। उ जउन सोने क बने रहेन ओनका सोना क बरे अउर जउन चाँदी क बने रहेन ओनका चाँदी क बरे लिहस।
16 जउन चिजियन उ लिहस ओनकर सूची इ अहइ: दुइ काँसे क खम्भा, एक हौज अउर गाड़ियन जेका सुलैमान क जरिये यहोवा क मन्दिर बरे बनावा गवा रहा। इन चिजियन मँ लगा काँसा ऍतना भारी रहा कि ओका तोला नाहीं जाइ सकत रहा। हर एक स्तम्भ लगभग सत्ताइस फुट ऊँचा रहा। स्तम्भन क सीर्स काँसे क बने रहेन। हर एक सीर्स साढ़े चार फुट ऊँचा रहा। हर एक सीर्स पइ जाल अउ अनार क नमूना बना रहा। एकर सब कछू काँसे क बना रहा। दुइनउँ खम्भन पइ एक ही प्रकार क आहतियन रहिन।
17
18 तब नबूजरदान मन्दिर स महायाजक सरायाह, दूसरा याजक सपन्याह अउर तीन दुआर रच्छनन क लिहस।
19 नगर मँ नबूजरदान एक ठु अधिकारी क लिहस। उ सेना क सेनापति रहा। नबूजरदान राजा क पाँच सलाहकारन क भी लिहस जउन नगर मँ पाए गएन। अउर उ सेनापति क सचिव क लिहस। सेनापति क सचिव उ मनई रहा जउन साधारण लोगन क गणना करत रहा अउर ओनमाँ स कछू क फउजी क रूप मँ चुनत रहा। नबूजरदान साठ दूसर लोगन क भी लिहस जउन नगर मँ पाए गएन।
20 सेनापति तब नबूजरदान एन सबहिं लोगन क रिबला मँ बाबेल क राजा क सम्नवा लइ गवा। बाबेल क राजा हमात क छेत्र रिबला मँ एनका मार डाएस। इ तरह यहूदा क लोगन क कैदी बनाइके ओनका, ओनके देस स निर्वासित कीन्ह गवा।
21
22 बाबेल क राजा नबूकदनेस्सर यहूदा देस मँ कछू लोगन क छोड़ दिहे रहा। उ अहीकाम क पूत गदल्याह क यहूदा क ओन लोगन पइ राज्जपाल बनाएस। अहीकाम सापान क पूत रहा।
23 जब फउज क सबहिं सेनापतियन अउ सिपाहियन सुनेन कि बाबेल क राजा गदल्याह क राज्जपाल बनाएस ह। तउ उ पचे गदल्याह क लगे मिस्पा मँ आएन। फउजी सेनापतियन मँ नतन्याह क पूत इस्माएल, कारेहू क पूत योहानान, नतोपाई तन्हूमेत क पूत सरायाह अउ माकाई क पूत याजन्याह रहेन।
24 तब गदल्याह इ फउजे क सेनापतियन अउर ओनके मनइयन अउर ओनके मनइयन क बचन दिहस। गदल्याह ओनसे कहेस, “बाबेल क अधिकारियन स जिन डेराअ। इ देस मँ रहा अउर बाबेल क राजा क सेवा करा। तब तोहरे पचन्क संग सब कछू ठीक रही।”
25 किन्तु सतवें महीने राजा क परिवारे क एलीसामा क पोता व नतन्याह क पूत इस्माएल दस मनसेघुअन क संग आवा अउ गदल्याह क मार डाएस। उ पचे मिस्पा मँ गदल्याह क संग जउन यहूदी अउ कासदी रहेन, ओनका भी मार डाएस।
26 तब सबहिं लोग सब स कम महत्वपूर्ण अउर सब स जियादा अउ सेना क नायक मिस्र क पराइ गएन। उ पचे एह परे पराइन कि उ पवे कसदियन स ससान रहेन।
27 पाछे राजा एवील्मरोदक बाबेल क राजा बना। उ यहोयाकीन क जेल स आज़ाद कई दिहस। इ यहूदा क राजा यहोयाकीन क बन्दी बनाए जाइ क सैतीसवें बरिस मँ भवा। इ एवील्मरोदक क सासन सुरू करइ क बारहवें महीने क सत्ताइसवें दिन भवा।
28 एवील्मरोदक यहोयाकीन स दयापूर्वक बातन किहस। एवील्मरोदक यहोयाकीन क बाबेल मँ रहइवाले ओकरे सबहिं साथी राजा लोगन स जियादा ऊँच स्थान प्रदान किहस।
29 एवील्मरोदक यहोयाकीन क बन्दीगृह क वस्त्रन क पहिरब बन्द करवाएस। यहोयाकीन एवील्मरोदक क संग एक ही मेज पइ खाएस। उ अपनी बाकी जिन्नगी मँ हर एक दिन अइसा ही किहस।
30 इ तरह राजा एवील्मरोदक यहोयाकीन क जिन्नगी भर नियमित रूप स रह दिन क भोजन दिहस।
1 Chronicles 1
1 आदम, सेत, एनोस, केनान, महललेल, येरेद, हनोक, मतूसेलह, लेमेक, नूह।
2
3
4 नूह क पूत सेम, हाम अउ येपेत रहेन।येपेत क सन्तानन
5 येपेत क पूत गोमेर, मागोग, मादै, याबान, तूबल मेसेक अउर तीरास रहेन।
6 गोमेर क पूत असकनज, दीपत अउ तोगर्मा रहेन।
7 यावान क पूत एलीसा, तर्सीस, कित्ती अउर रोदानी रहेन।
8 हाम क पूत वूस (मिस्रम), पूत अउ कनान रहेन।
9 वूस क पूत सबा, हबीला, सबाता, रामा अउर राब्तका रहेन। रामा क पूत सबा अउ ददान रहेन।
10 वूस क संतान निम्रोद संसार मँ सब स जियादा सक्तीसाली बीर जोधा भवा।
11 मिस्र लूदी, अनामी, लहावी, नप्तही,
12 पत्रूसी, कसलूही अउ कप्तोरी क बाप रहा। (पलिस्ती क लोग कसलूही क संतान रहेन।)
13 कनान सीदोन क बाप रहा। सीदोन ओकर पहिला पूत रहा। कनान, हित्तियन,
14 यबूसी एमोरी, गिर्गासी,
15 हिव्वी, अकर्ी, सीनी,
16 अर्वदी, समारी अउ हमाती क लोगन क भी बाप रहा।
17 सेम क पूतन एलाम, अस्सूर, अर्पच्छद, लूद अउर अराम रहेन। अराम क पूत ऊस, हूल, गेतेर अउ मेसेक रहेन।
18 अर्पच्छद सेलह क बाप रहा। सेलह एबेर क पिता रहा।
19 एबेर क दुइ पूत रहेन। एक ठु पूत क नाउँ पेलेग रहा, काहेकि धरती क मनई ओकरे जीवनकाल मँ कइउ भाखन मँ बटे रहेन। पलेग क भाई क नाउँ योक्तान रहा। (
20 योक्तान स पइदा भए अल्मोदाद, सुलेप, हसर्मावेत, येरह,
21 हदोराम, ऊजाल, दिक्ला,
22 एबाल, अबीमाएल, सबा,
23 ओपीर, हवीला अउ योबाब, इ सबइ सब योक्तान क सन्तान रहेन।)
24 सेम, अर्पच्छद, सेलह,
25 एबेर, पेलेग, रु
26 सरूम, नाहोर, तेरह
27 अउर अब्राम (अब्राम क इब्राहीम भी कहा जात ह।)
28 इब्राहीम क पूत इसहाक अउर इस्माएल रहेन।
29 इ सबइ एकर सन्तान अहइँ:इस्माएल क पहिला पूत नबायोत रहा। इस्माएल क दूसर पूत केदार, अदवेल, मिबसाम,
30 मिस्मा, दूमा, मस्सा, हदद, तेमा,
31 यतूर नापीस अउ केदमा रहेन। उ सबइ इस्माएल क पूत रहेन।
32 कतूरा इब्राहीम क रखैल रही। उ जिम्रान, योच्छान, मदान, मिद्यान, यिसबाक अउ सूह क जन्म दिहस।योच्छान क पूत सबा अउ ददान रहेन।
33 मिद्यान क पूत एपा, एपेर, हनोक, अबीदा अउर एलदा रहेन। इ सबहिं कतूरा क पूत रहेन।
34 इब्राहीम इसहाक क बाप रहा। इसहाक क पूत एसाव अउ इस्राएल रहेन।
35 एसाव क पूत एलीपज, रुएल, यूस यालाम अउर कोरह रहेन।
36 एलीपज क पूत तेमान, ओमार, सपी, गाताम अउर कनज रहेन। एलीपज अउ तिम्ना क पूत अमोलेक नाउँ क रहा।
37 रूएल क पूत नहत, जेरह, सम्मा अउ मिज्जा रहेन।
38 सेईर क पूत लोतान, सोबाल, सिबोन, अना, दीसोन, एसेर अउ दीसान रहेन।
39 लोतान क पूत होरी अउ होमाम रहेन। लोतान क एक बहिन तिम्ना नाउँ क रही।
40 सोबाल क पूत अल्यान, मानहत, एबाल, सपी अउर ओनाम रहेन। सिबोन क पूत अय्या अउ अना रहेन।
41 अना क पूत दीसोन रहा।दीसोन क पूत हम्रान, एसबान, यित्रान अउ करान रहेन।
42 एसेर क पूत बिल्हान, जावान अउ याकान रहेन।दीसोन क पूत ऊस अउ अरान रहेन।
43 इस्राएल मँ राजा लोगन क होइ क बहोत पहिले एदोम मँ राजा रहेन। एदोम क राजा लोगन क नाउँ इ सबइ अहइँ:ओनकर नाउँ रहेन: बोर क पूत बेला पहिला राजा रहेन। बेला क नगर क नाउँ दिन्हाबा रहा।
44 जब बेला मरा, तब जेरह क पूत योबाब नवा राजा बना। योबाब बोस्रा स आएस।
45 जब योबाब मरा, हूसाम नवा राजा भवा। हूसाम तेमनी लोगन क देस क रहा।
46 जब हूसाम मरा, बदद क पूत हदद नवा राजा बना। हदद मिद्यानियन क मोआब देस मँ हराएस। हदद नगर क नाउँ अवीत रहा।
47 जब हदद मरा, सम्ला नवा राजा भवा। सम्ला मस्रेकाइ क रहा।
48 जब सम्ला मरा, साऊल नवा राजा बना। साऊल महानद क किनारे क रहोबोत क रहा।
49 जब साऊल मरा, अकबोर क पूत बाल्हानान नवा राजा भवा।
50 जब बाल्हानान मरा, हदद नवा राजा बना। हदद क नगर क नाउँ पउ रहा। हदद क मेहरारु क नाउँ महेतबेल रहा। महेतबेल मत्रेद क बिटिया रही। मत्रेद, मेज़ाहाब क बिटिया रही।
51 तब हदद मरा।एदोम क प्रमुख तिम्ना, अल्या, यतेत,
52 ओहोलीवामा, एला, पीनोन,
53 कनज, तेमान,मिबसार,
54 मग्दीएल अउर ईराम रहेन। इ एदोम क प्रमुखन क एक ठु सूची अहइ।
1 Chronicles 2
1 इस्राएल क पूत रुबेन, लेवी, यहूदा, इस्साकार, जबूलून,
2 दान, यूसुफ, बिन्यामीन, नप्ताली, गाद अउर आसेर रहेन।
3 यहूदा क पूत एर, ओनान अउ सेला रहेन। बतसू ओनकर महतारी रही। बतसू कनान क मेहरारु रही। यहोवा लखेस कि यहूदा क पहिला पूत एर बुरा अहइ। इहइ कारण रहा। कि यहोवा ओका मार डाएल।
4 यहूदा क पतोहू तामार पेरेस अउ जेरह क जन्म दिहस। इहइ प्रकार यहूदा क पाँच पूत रहेन।
5 पेरेस क पूत हेस्रोन अउ हामूल रहेन।
6 जेरह क पाचँ पूत रहेन। उ पचे जिम्री, एतान हेमान, कलकोल अउ दारा रहेन।
7 जिम्री क पूत कर्मी रहा। कर्मी क पूत आकान रहा। आकान उ मनई रहा जउन इस्राएल मँ बहोत परीसानी लाएस। उ लूट क सामान जउन जुद्ध मँ पाएस रख लिहेस। ओका इ सबहिं चिजियन क परमेस्सर क देइ क रही।
8 एतान क पूत अजर्याह रहा।
9 हेस्रोन क पूत यरहोल राम अउ कालेब रहेन।
10 राम अम्मीनादाब क बाप रहा अउर अम्मीनादाब नहसोन क बाप रहा। नहसोन यहूदा क लोगन क प्रमुख रहा।
11 नहसोन सल्मा क बाप रहा। सल्मा बोअज़ क बाप रहा।
12 बोअज़ ओबेद क बाप रहा। ओबेद यिसै क बाप रहा।
13 यिसै एलीआब क बाप रहा। एलीआब यिसै क पहिला पूत रहा। यिसै क दूसर पूत अबीनादाब रहा। ओकर तीसर पूत सिमा रहा।
14 नतनेल यिसै क चउथा पूत रहा। यिसै क पाँचवा पूत रद्दै रहा।
15 ओसेम यिसै क छठा पूत रहा। अउर दाऊद ओकर सातवाँ पूत रहा।
16 ओनकर बहिनियन सरुयाह अउ अबीगैल रहिन। सरुयाह क तीन पूत अबीसै, योआब अउ असाहेल रहेन।
17 अबीगैल अमासा क महतारी रही। अमासा क बाप येतेर रहा। येतेर इस्माएली लोगन मँ स रहा।
18 कालेब हेस्रोन क पूत रहा। कालेब क मेहरारु अजूबा स सन्तानन भइन। अजूबा यरीओत क बिटिया रही। अजूबा क पूत येसेर सोबाब, अउर अदोर्न रहेन।
19 जब अजूबा मरी, कालेब एप्रात स बियाह किहस, कालेब अउ एप्रात क एक पूत रहा। उ पचे ओकर नाउँ हूर रखेन।
20 हूर ऊरी क बाप रहा। ऊरी बसलेल का बापर रहा।
21 जब हेस्रोन साठ बरिस क होइ गवा, उ माकीर क बिटिया क सादी किहस अउर उ सगूब क जन्म दिहस। माकीर गिलाद क पिता रहा।
22 सगूब याईर क बाप रहा। याईर क लगे गिलाद देस मँ तेईस नगरन रहेन।
23 किन्तु गसूर अउ अराम याईर क गाँवन क लइ लिहस। ओनके बीच कनत अउ एकरे चारिहुँ कइँती क नान्ह नगर रहेन। सब मिलाइके साठ नान्ह नगर रहेन। इ सबइ सबहिं नगर गिलाद क बाप माकीर, क पूतन क रहेन।
24 हेस्रोन, एप्राता क कालेब नगर मँ मरा। जब उ मर गवा, ओकर मेहरारु अबिय्याह ओकरे पूत क जन्म दिहस। पूत क नाउँ असहूर रहा। असहूर तको क बाप रहा।
25 यरहोल हेस्रोन क पहिला पूत रहा। यरहोल क पूत राम, बूना, ओरेन, ओसेम, अउ अहिय्याह रहेन। राम यरहोल क पहिला पूत रहा।
26 यरहोल क दूसर मेहरारु अतारा रही। अतरा ओनाम क महतारी रही।
27 यरहोल क पहिला पूत, राम क पूत मास, यामीन अउ एकेर रहेन।
28 ओनाम क पूत सम्मै अउ यादा रहेन। सम्मै क पूत नदाब अउ अबीसूर रहेन।
29 अबीसूर क मेहरारु क नाउँ अबीहैल रहा। ओनकर दुइ पूत रहेन। ओनकर नाउँ अहबान अउर मोलीद रहेन।
30 नादाब क पूत सेलेद अउ अप्पैम रहेन। सेलेद बिना सन्तान मरा।
31 अप्पैम क पूत यिसी रहा। यिसी क पूत सेसान रहा। सेसान क पूत अहलै रहा।
32 यादा सम्मै क भाई रहा। यादा क पूत येतेर अउ योनातान रहेन। येतेर बिना सन्तान मरा।
33 योनातान क पूत पेलेत अउ जाजा रहेन। इ यरहोल क सन्तानन क सूची रही।
34 सेसान क पूत नाहीं रहेन। ओका सिरिप बिटियन रहिन। सेसान क लगे यर्हा नाउँ क एक ठु मिस्री सेवक रहा।
35 सेसान अपनी बिटिया क बियाह यर्हा क संग होइ दिहस। ओनकर एक पूत रहा। ओकर नाउँ अत्तै रहा।
36 अतै, नातान क बाप रहा। नातान जाबाद क बाप रहा।
37 जाबाद एपलाल क बाप रहा। एपलाल ओवेद क बाप रहा।
38 ओबेद येहू क बाप रहा। येहू अजर्याह क बाप रहा।
39 अजर्याह हेलैस क बाप रहा। हेलैस एलासा क बाप रहा।
40 एलासा सिस्मै क बाप रहा। सिस्मै सल्लूम क बाप रहा।
41 सल्लूम यकम्याह क बाप रहा अउ यकम्याह एलीसामा क बाप रहा।
42 कालेब यरहोल क भाई रहा। कालेब क कछू पूत रहेन। ओकर पहिला पूत मेसा रहा। मेसा जीप क बाप रहा। मारेसा हेब्रोन क बाप रहा।
43 हेब्रोन क पूत कोरह, तप्पूह, रेकेम अउर सेमा रहेन।
44 सेमा, रहम योक्राम क बाप रहा। रहम योक्राम क बाप रहा। रेकेम सम्मै क बाप रहा।
45 सम्मै क पूत माओन रहा। माओन बेत्सूर क बाप रहा।
46 कालेब क रखैल क नाउँ एपा रहा। एपा हारान, मोसा अउर गाजेज़ क महतारी रही। हारान, गाजेज़ क बाप रहा।
47 याहदै क पूत रेगेम, योताम, गेसान, पेलेत, एपा अउर साप रहेन।
48 माका, कालेब क दूसर रखैल रही। माका, सेबेर अउ तिर्हाना क महतारी रही।
49 माका, साप अउ सबा क भी महतारी रही। साप, मदमन्ना क बाप रहा। सबा, मकबेना अउर गिबा क बाप रहा। कालेब क बिटिया अकसा रही।
50 इ कालेब सन्तान न क सूची अहइ: हूर कालेब क पहिला पूत रहा। उ एप्राता क जन्म दिहेस। हूर क पूत सोबाल जउन किर्र्यत्यारीम क संस्थापक रहा,
51 सल्मा, जउन बेतलेहेम क संस्थापक रहा। अउर हारेप बेतगादेर क संस्थापक रहा।
52 सोबाल किर्यत्यारीम क संस्थापक रहा। इ सोबाल क सन्तानन क सूची अहइ: हारोए, मनुहोत क आधे लोग,
53 अउर किर्यत्यारीम क परिवार समूह। इ सबइ यित्री, पूती, सूमाती अउर मिस्राई लोग अहइँ। सोराई अउ एस्ताओली लोग मिस्राई लोगन स निकरेन।
54 इ सल्मा क सन्तानन क सूची अहइ: बेतलेहेम क लोग, नतोपाई, अत्रोत, बेत्योआब, ममाहत क आधे लोग, सोरी लोग,
55 अउर ओन सास्त्रियन क परिवार जउन याबेस, तिराती, सिमाती अउर सूकाती मँ रहत रहेन। इ सबइ सास्त्री, उ सबइ कनानी लोग अहइँ जउन हम्मत स आएन। हम्मत बेतरेकाब क संस्थापक रहा।
1 Chronicles 3
1 दाऊद क कछू पूत हेब्रोन नगर मँ पइदा भए रहेन। दाऊद क पूतन क इ सूची अहइ :दाऊद क पहिला पूत अम्मोन रहा। अम्मोन क महतारी अहीनोअम रही। उ यिज्रेली नगर क रही। दूसर पूत दानिय्येल रहा। ओकर महतारी अबीगैल-कमेर्ल (यहूदा)क रही
2 तीसर पूत अबसालोम रहा। ओकर महतारी तल्मै क बिटिया माका रही तल्मै गसूर क राजा रहा। चउथा पूत ओदानिय्याह रहा। ओकर महतारी हग्गीत रही।
3 पाँचवा पूत सपत्याह रहा। ओकर महतारी अबीतल रही।छठा पूत यित्राम रहा। ओकर महतारी दाऊद क मेहरारु एग्ला रही।
4 हेब्रोन मँ दाऊद क इ सबइ छ: पूत पइदा भए रहेन।दाऊद हुवाँ सात बरिस छ: महीने सासन किहस। दाऊद, यरुसलेम मँ तैंतीस बरिस राजा रहा।
5 दाऊद क यरुसलेम मँ पइदा भए पूत इ सबइ रहेन:चार बच्चे बतसेबा स पइदा भएन। बतसेबा अम्मीएल क बिटिया रही, सिमा, सोबाब, नातान अउ सुलैमान।
6 दूसर नौ बच्चन इ सबइ रहेन: यिभार, एलीसामा, एलीपेलेत, नेगाह, नेपेग, यापी, एलीसामा, एल्यादा अउर एलीपेलेत।
7
8
9 उ सबइ सबहिं दाऊद क पूत रहेन। दाऊद क दूसर पूत रखैलन स रहेन। तामार दाऊद क बिटिया रही।
10 सुलैमान क पूत रहबाम रहा अउर रहाबाम क पूत अबिय्याह रहा। अबिय्याह क पूत आसा रहा। आसा क पूत यहोसापात रहा।
11 यहोसापात क पूत योराम रहा। योराम क पूत अहजयाह रहा। अहजयाह क पूत योआस रहा।
12 योआस क पूत अमस्याह रहा। अमस्याह क पूत अर्ज्याह रहा। अर्ज्याह क पूत योताम रहा।
13 योताम क पूत आहाज़ रहा। आहाज़ क पूत हिजकिय्याह रहा हिजकिय्याह क पूत मनस्से रहा।
14 मनस्से क पूत आमोन रहा। आमोन क पूत योसिय्याह रहा।
15 योसिय्याह क पूतन क सूची इ अहइ: पहिला पूत योहानान रहा। दूसर पूत यहोयाकीम रहा। तीसर पूत सिदकिय्याह रहा। चउथा पूत सल्लूम रहा।
16 यहोयाकीम क पूत यकोन्याह, अउर ओकर पूत सिदकिय्याह रहेन।
17 यकोन्याह क बाबुल मँ बन्दी होइ क पाछे यकोन्याह क पूतन क इ सूची अहइ। ओकर सन्तानन इ सबइ रहिन: सालतीएल,
18 मल्कीराम, पदायाह, सेनास्सर, यकम्याह, होरामा अउर नदब्याह।
19 पदायाह क पूत जरुब्बावेल अउ सिमी रहेन। जरुब्बावेल क पूत मसुल्लाम अउ हन्नयाह रहेन। सलोमीत ओनकर बहिन रही।
20 जरुब्बाबेल क दूसर पाँच पूत भी रहेन। ओनकर नाउँ हसूबा, ओहेल, बेरेक्याह, हसघाह, अउर यूसमेसेद रहा।
21 हनन्याह क सन्तानन: हनन्याह क पूत पलत्याह, पलत्याह क पूत यसायाह, यसायाह क पूत रपायाह, रपायाह क पूत अर्नान, अर्नान क पूत ओबद्याह अउर ओबद्याह क पूत सकन्याह रहा।
22 इ सूची तकन्याह क सन्तान समायाह क अहइ:समायाह क छ: पूत रहेन: समायाह, हत्तूस अउर यिगाल, बारीह, नार्याह अउर सपात।
23 नार्याह क तीन पूत रहेन। उ पचे एल्योएनै, हिजकिय्याह अउ अजीकाम रहेन।
24 एल्योएनै क साप पूत रहेन। होदब्याह, एल्यासीब, पलायाह, अकवूब, योहानान, दलायाह अउ अनानी रहेन
1 Chronicles 4
1 इ यहूदा क पूतन क सूची अहइ: उ पचे पेरेस, हेस्रोन, कर्मी हूर अउ सोबाल रहेन।
2 सोबाल क पूत रायाह रहा। रायाह, यहत क बाप रहा। यहत, अहूमै अउ लहद क बाप रहा। सोराई लोग अहूमै अउ लहद क सन्तान रहेन।
3 एताम क पूत यिज्रेल, यिस्मा, अउ यिद्वास रहेन अउर ओनकर एक बहिन हस्सलेलपोनी नाउँ क रहा।
4 पनूएल गदोर क बाप रहा अउर एजेर रुसा क बाप रहा।हूर क इ सबइ पूत रहेन: हूर एप्राता क पहिला पूर रहा अउर एप्राता बेतलहेम क संस्थापक रहा।
5 तको क बाप असहूर रहा। तको क दुइ पत्नियन रहिन। ओनकर नाउँ हेबा अउ नारा रहा।
6 नारा क अहुज्जाम, हेपेर, तेमनी अउ हाहस्तारी पूत रहेन। इ सबइ असहूर स नारा क पूत रहेन।
7 हेला क पूत सेरेत, यिसहर अउ एत्नान अउ कोस रहेन।
8 कोस आनूब अउ सोबेबा क बाप रहा। कोस, अहहेर्ल परिवार समूह क भी बाप रहा। अहहेर्ल हारून क पूत रहा।
9 याबेस बहोत नीक मनई रहा। उ अपने भाइयन स जियादा आदरणीय रहा। ओकर महतारी कहेस, “मइँ ओकर नाउँ याबेस धरेउँ ह काहेकि मइँ उ समइ बड़ी पीरा मँ रही जब मइँ एका जन्म दिहेउ।”
10 याबेस इस्राएल क परमेस्सर स पराथना किहस। याबेस कहेस, “मइँ चाहत हउँ कि तू मोका फुरइ आसीर्बाद द्या। मइँ चाहत हउँ कि तू मोका जियादा भुइँया द्या। मोरे निचके रहइँ अउर कउनो क मोका चोट न पहोंचावइ देइँ। तब मोका कउनो कस्ट नाहीं होइ” अउर परमेस्सर याबेस क उ दिहस, जउन उ माँगेस।
11 कलूब सूहा क भाई रहा। कलूब महीर क बाप रहा। महीर एसतोन क बाप रहा।
12 एसतोन, बेतरामा, पासेह अउ तहिन्ना क बाप रहा। तहिन्ना ईर्नाहास क बाप रहा। उ सबइ लोग रेका स रहेन।
13 कनज क पूत ओत्नीएल अउ सरायाह रहेन। ओत्नीएल क पूत हतत अउ ओनोतै रहेन।
14 मोनोतै ओप्रा क बाप रहा। अउर सरायाह योआब क बाप रहा। योआब गेहरासीम क संस्थापक रहा। इ सबइ लोग इ नाउँ क उपयोग करत रहेन काहेकि उ पचे कारीगर रहेन।
15 कालेब यपुन्ने क पूत रहा। कालेब क पूत इरू, एला अउ नाम रहेन। एला क पूत कनज रहा।
16 यहल्लेल क पूत जीप, जीपा, तीरया अउ असरेल रहेन।
17 एज्रा क पूत येतेर, मेरेद, एपेर अउ यालोन रहेन। मेरेद, मिर्य्याम, सम्मै अउ यिसबह क बाप रहा। यिसबह, एसतमो क बाप रहा। मेरेद क एक मेहरारु मिस्र क रही। ओकर पूत येरेद, हेबेर, अउर यवूतीएल रहेन। येरेद गदोर क बाप रहा। हेबेर सोको क बाप रहा अउर यवूतीएल जानोह क बाप रहा। इ सबइ बित्या क पूत रहेन। बित्या फिरौन क बिटिया रही। उ मिस्र क मेरेद क पत्नी रही।
18
19 मेरेद क मेहरारु नहम क बहिन रही। मेरेद क मेहरारु यहूदा क रही। मेरेद क मेहरारु क पूत कीला अउ एसतमो क बाप रहेन। कीला गेरेमी लोगन मँ स रहा अउ एसतमो माकाई लोगन मँ स रहा।
20 सिमोन क पूत अम्मोन, रिन्ना बेन्हानान अउ तोलोन रहेन।यिसी क पूत जोहेत अउर बेनजोहेत रहेन।
21 सेला यहूदा क पूत रहा। सेला क पूत एर, लादा, योकीम, कोर्जवा क लोग, योआस, अउर साराप रहेन। एर लेका क बाप रहा। लदा मारेसा क बाप रहा अउर बेतेआसबे क सन कारीगरन क परिवार समूह क रहा। यआस अउ साराप मोआबी मेहररुअन स बियाह किहस। तब उ पचे बेतलेहेम क लउट आएन। उ परिवार क बारे मँ लिखी गई सामग्री बहोत पुरानी अहइ।
22
23 सेला उ सबइ पूत अइसे कारीगर रहेन जउन माटी स चिजियन बनावत रहेन। उ पचे नताईम अउ गदेरा मँ रहत रहेन। उ पचे ओन नगरन मँ रहत रहेन अउर राजा बरे काम करत रहेन।
24 सिमोन क पूत, नमूएल, यामीन, यारीब, जेरह अउर साऊल रहेन।
25 साऊल क पूत सल्लूम रहा। सल्लूम क पूत मिबसाम रहा। मिबसाम क पूत मिस्मा रहा।
26 मिस्मा क पूत हम्मूएल रहा। हम्मूएल क पूत जक्वूर रहा। जक्वूर क पूत सिमी रहा।
27 सिमी क सोलह पूत अउ छ: बिटियन रहिन। किन्तु सिमी क भाइयन क जियादा बच्चन नाहीं रहेन। सिमी क भाइयन क बड़के परिवार नाहीं रहेन। ओनकर परिवार ओतने बड़े नाहीं रहेन जेतने बड़के यहूदा क दूसर परिवार समूह रहेन।
28 सिमी क बच्चन बेर्सना, मोलादा, हर्सस्आल,
29 बिल्हा, एसेम, तोलाद,
30 बतूएल होर्मा, सिकलग,
31 बेत मकर्बोत, हर्सस्सीम, बेतबिरी, अउर सारैम मँ रहत रहेन। उ पचे ओन नगरन मँ तब तलक रहेन जब तलक दाऊद राजा नाहीं भवा।
32 एन नगरन क समीप क पाँच गाँव एताम, ऐन, रिम्मोन, तोकेन अउ आसान रहेन।
33 दूसर गाँव जइसे बाल बहोत दूर रहेन अउर उ पचे अपने परिवार क इतिहास भी लिखेन।
34 इ सूची ओन लोगन क अहइ जउन अपने परिवार समूह क प्रमुख रहेन। उ पचे मसोबाब, यम्लेक, अमस्याह क पूत योसा, योएल, योसिय्याह क पूत येहू, सरायाह क पूत योसिय्याह, असीएल क पूत सरायाह, एल्योएनै, याकोबा, यसोहायाह, असायाह, अदीएल, यसीमीएल, बनायाह अउर सिपी क पूत जीजा रहेन। सिपी अल्लोल क पूत रहा। अउर अल्लोन यदायाह क पूत रहा। यदायाह सिम्री क पूत रहा। अउर सिम्री समायाह क पूत रहा।एन मनसेधुअन क इ सबइ परिवार बहोत विस्तृत भएन।
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39 उ पचे गदोर नगर क बाहेर, घाटी क पूरब क छेत्र मँ गएन। उ पचे अपनी भेड़िन अउर गोरुअन बरे चरागाह हेरइ बरे उ जगह पइ गएन।
40 ओनका बहोत घासवाले अच्छे मैदान मिलेन। उ पचे हुँवा बहोत जियादा अच्छी भुइँया पाएन। उ पहँटा सान्तिपूर्ण अउ सान्त रहा। पुराने जमाने मँ हिआँ हम लोगन क सन्तानन रहत रहिन।
41 इ तब भवा जब हिजकिय्याह यहूदा क राजा रहा। उ पचे लोग गदोर पहोंचेन अउर हमीत लोगन स लड़ेन। उ पचे हमीत लोगन क डेरन क नस्ट कइ दिहन। उ सबइ लोग मूनी लोगन स भी लड़ेन जउन हुवाँ रहत रहेन। एन लोग सबहिं मूनी लोगन क नस्ट कइ डाएन। आजु भी एन जगहन मँ कउनो मूनी नाहीं अहइँ। एह बरे ओन लोग हुँवा रहब सुरु किहन। उ पचे हुवाँ रहइ लागेन। काहेकि ओनकर भेड़ियन बरे उ भूइया पइ घास रही।
42 पाँच सौ लोग सिमोनी लोगन सिमोनी क पर्वत क छेत्र मँ गएन। सिसी क पूतन ओन लोगन क मार्ग दर्सन किहन। उ पचे पूतन रहेन: पलत्याह, नार्याह, रपायाह अउर उज्जीएल रहेन। सिमोनी लोग उ जगह पइ रहइवाले लोगन स लड़ेन।
43 हुवाँ अबहिं थोड़े स सिरिफ अमेलेकी लोग रहत रहेन अउर एन सिमोनी लोग ओनका मारि दिहन अउर हुवाँ आजु तलक लगातार रहत आवत हीं।
1 Chronicles 5
1 रूबेन इस्राएल क पहिला पूत रहा। रूबेन क सब स बड़के पूत होइ क बिसेस अधिकार प्राप्त होइ चाही रही। किन्तु रूबेन अपने बाप क पत्नी क संग सरीर क सम्बन्ध कायम किहस। एह बरे उ सबइ अधिकार यूसुफ क पूतन पाएन। परिवार क इतिहास मँ रूबेन क नाउँ पहिले पूत क रूप मँ लिखा नाहीं अहइ। यहूदा अपने भाइयन स जियादा बलवान होइ गवा, एह बरे ओकरे परिवार स प्रमुख आएन। किन्तु यूसुफ क परिवार उ सबइ दूसर अधिकार पाएन। जउन सब स बड़के पूत क मिलत रहिन। रूबेन क पूत हनोक, पल्लू अउर हेस्रोन अउ कर्मी रहेन।
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3
4 योएल क सन्तानन क नाउँ इ सबइ अहइँ: समायाह योएल क पूत रहा। गोग समायाह क पूत रहा। सिमी गोग क पूत रहा।
5 मीका सिमी क पूत रहा। रायाह मीका क पूत रहा। बाल रायाह क पूत रहा।
6 बेरा बाल क पूत रहा। अस्सूर क राजा तिलगत पिलनेसेर बेरा क आपन घर तजइ क मजबूर किहन। इ तरह बेरा राजा क बन्दी बना। बेरा रूबेन क परिवार समूह क प्रमुख रहा।
7 योएल क भाइयन अउर ओकरे सारे परिवार समूहन क वइसे ही लिखा जात अहइ जइसे उ पचे परिवार क इतिहास मँ अहइँ: यीएल पहिला पूत रहा, तब जकर्याह
8 अउ बेला अजाज क पूत रहा। अजाज सेमा क पूत रहा। सेमा योएल क पूत रहा। उ पचे अरोएर स लगातार नबो अउर बाल्मोन तलक क छेत्रन मँ रहत रहेन।
9 बेला क लोग पूरब मँ परात नदी क लगे, रेगिस्ताने क किनारे तलक रहत रहेन। उ पचे उ जगह पइ रहत रहेन काहेकि गिलाद प्रदेस मँ ओनके लगे बहोत स बर्धा रहेन।
10 जब साऊल राजा रहा, बेला क लोग हाग्री लोगन क खिलाफ जुद्ध किहन अउ ओनका हराएन। बेला क लोग ओन खेमन मँ रहेन जउन हाग्री लोगन क रहेन। उ पचे ओन खेमन मँ रहेन अउर गिलाद क पूरब क सारे छेत्र स होइके जात्रा करत रहेन।
11 गाद क परिवार समूह क लोग रूबेन क परिवार समूह क लगे रहत रहेन। गादी लोग बासान क छेत्र मँ लगातार सल्का नगर तलक रहत रहेन।
12 बासान मँ योएल पहिला प्रमुख रहा। सापम दूसरा प्रमुख रहा। तब यानै प्रमुख भवा।
13 ओकर परिवार स सात भाई इ सबइ रहेन: मीकाएल, मसुल्लाम, सेबा, योरै, याकान जी अउर एबेर।
14 उ सबइ लोग अबीहैल क सन्तान रहेन। अबीहैल सूरी क पूत रहा। हूरी याराह क पूत रहा। योराह गिलाद क पूत रहा। गिलाद मीकाएल क पूत रहा। मीकाएल यसीसै क पूत रहा। यसीसै यहदो क पूत रहा। यहदों बूज क पूत रहा।
15 अही अब्दीएल क पूत रहा। अब्दीएल गूनी क पूत रहा। अही ओनके परिवार क प्रमुख रहा।
16 गाद क परिवार समूह क लोग गिलाद छेत्र मँ रहत रहेन। उ पचे बासान छेत्र मँ बासान क चारिहुँ कइँती क नान्ह नगरन मँ अउ सारोन छेत्र क चारागाहन मँ ओकरी चउहद्दी तलक निवास करत रहेन।
17 योनातान अउ यारोबाम क समइ मँ, एन सबहिं लोगन क नाउँ गाद क परिवार इतिहास मँ लिखे रहेन। योनातन यहूदा क राजा रहा। अउर यारोबान इस्राएल क राजा रहा।
18 मनस्से क परिवार क आधे तथा रूबेन अउ गाद क परिवार समूहन स चौवालीस हजार सात सौ साठ वीर जोधा जुद्ध क बरे तइयार रहेन। उ पचे जुद्ध मँ निपुण रहेन। उ पचे ढार-तरवार धारण अउ करत रहेन। उ पचे धुनुस-बाण मँ भी वुसल रहेन।
19 उ पचे हग्री अउ यतूर, नापीस अउ नोदाब लोगन क खिलाफ जुद्ध सुरु किहन।
20 मनस्से, रूबेन अउ गाद परिवार समूह क ओन लोग जुद्ध मँ परमेस्सर स पराथना किहन। उ पचे परमेस्सर स मदद माँगेन काहेकि उ पचे ओह पइ बिस्सास करत रहेन। एह बरे परमेस्सर ओनकर मदद किहस। परमेस्सर ओनका हाग्री लोगन क पराजित करइ दिहस अउर ओन लोग दूसर लोगन क हराएन जउन हग्री लोगन क संग रहेन।
21 उ पचे ओन जनावरन क लिहन जउन हग्री लोगन क रहेन। उ पचे पचास हजार ऊँट, ढाई लाख भेड़िन, दुइ हजार गदहन अउ एक लाख लोग लिहन।
22 बहोत स हग्री लोग मारे गएन काहेकि परमेस्सर रूबेन क लोगन क खिलाफ जुद्ध जीतइ मँ मदद किहस। तब मनस्से, रूबेन अउ गाद क परिवार समूह क लोग हग्री लोगन क भूइँया पइ रहइ लागेन। उ पचे हुवाँ तब तलक रहत रहेन जब तलक बाबुल क फउज इस्राएल क लोगन क नाहीं लइ गइ अउर जब तलक बाबुल मँ बन्दी नाहीं बनावा गवा।
23 मनस्से क परिवार समूह क आधे लोग बासान क पहँटा क लगातार बाल्हेमोर्न, सनीर अउ हेमोर्न पर्वत तलक रहत रहेन। उ पचे एक बिसाल जन समूहवाले लोग बन गएन।
24 मनस्से क परिवार समूह क आधे क प्रमुख इ सबइ रहेन: एपेर, यिसी, एलीएल, अज्रीएल, यिर्मयाह, होदब्याह अउर यहदीएल। उ सबइ सबहिं सक्तीसाली अउर वीर मनई रहेन। उ पचे मसहूर मसनसेधू रहेन अउर उ पचे अपने परिवार क प्रमुख रहेन।
25 किन्तु ओन प्रमुखन उ परमेस्सर क बिरुद्ध पाप किहन, जेनकर उपासना ओनकर पुरखन किहे रहेन। उ पचे हुवाँ रहइवाले ओन मनइयन क लबार देवतन क पूजा करब सुरु किहन जेनका परमेस्सर नस्ट किहस।
26 इस्राएल क परमेस्सर पूल क जुद्ध मँ जाइ क इच्छुक बनाएस। पूल अस्सूर क राजा रहा। ओकर नाउँ तिलगप्तिलेनेस भी रहा। उ मनस्से, रूबेन अउ गाद क परिवार समूहन क बिरुद्ध लड़ा। उ ओनका आपन घर तजइ क मजबूर किहस अउर ओनका बन्दी बनाएस। पूज ओनका हलह, हबोर, हारा अउर गोजान नदी क लगे लिआवा। इस्राएल क उ सबइ परिवार समूह ओन जगहन मँ उ समइ स अब तलक रहत रहेन ह।
1 Chronicles 6
1 लेवी क पूत गेसोर्न, कहात अउ मरारी रहेन।
2 कहात क पूत अग्राम, यिसहार, हेब्रोन अउ उज्जीएल रहेन।
3 अग्राम क बच्चन हारून, मूसा अउ मरियम रहेन।हारून क पूत नादाब, अबीहू, एलीआजर अउ ईतामार रहेन।
4 एलीआजर, पीनहास क बाप रहा। पीनहास, अबीस् क बाप रहा।
5 अबीस्, बुक्की क बाप रहा। बुक्की उज्जी क बाप रहा।
6 उज्जी, जरह्याह क बाप रहा। जरह्याह, मरायोत क बाप रहा।
7 मरायोत, अमार्याह क बाप रहा। अमर्याह, अहीतूब क बाप रहा।
8 अहीतूब, सादोक क बाप रहा सादोक, अहीमास क बाप रहा।
9 अहीमास अजर्याह क बाप रहा। अजर्याह, योहानान क बाप रहा।
10 योहानान, अजर्याह क बाप रहा। (अजर्याह उ मनइ रहा जउन यरूसलेम मँ सुलैमान क जरिये बनाए गए मन्दिर मँ याजक क रूप मँ सेवा किहस।)
11 अजर्याह, अमर्याह क बाप रहा। अमर्याह अहीतूब क बाप रहा।
12 अहीतूब, सादोक क बाप रहा। सादोक, सल्लूम क बाप रहा।
13 सल्लूम, हिलकिय्याह क बाप रहा। हिलकिय्याह, अजर्याह क बाप रहा।
14 अजर्याह, सरायाह क बाप रहा। सरायाह, यहोसादाक क बाप रहा।
15 यहोसादाक तब आपन घर तजइ बरे मजबूर कीन्ह गवा जब यहोवा यहूदा अउ यरूसलेम क लोगन क नबूकदनेस्सर क बन्दी क रूप मँ जिला-वतन मँ पठइ दिहेस।
16 लेवी क पूत गेसोर्र्न, कहात अउर मरारी रहेन।
17 गेसेर्न क पूतन क नाउँ लिब्नी अउ सिमी रहेन।
18 कहात क पूत अम्राम, यिसहार, हेब्रोन अउ उज्जजीएल रहेन।
19 मरारी क पूत महली अउर मूसी रहेन।लेवी क परिवार समूहन क परिवारन क इ सूची अहइ। एनकर सूची ओनके बापन क नाउँ क पहिले राखिके इ अहइ।
20 गेसोर्र्न क सन्तान इ सबइ रहेन: लिब्नी, गेसेर्न क पूत रहा। यहत, लिब्नी क पूत रहा। जिम्मा, यहत क पूत रहा।
21 योआह, जिम्मा क पूत रहा। इद्दो, योआह क पूत रहा। जेरह, इद्दो क पूत रहा। यातरै जेरह क पूत रहा।
22 इ सबइ कहात क सन्तान रहेन: अम्मीनादाब, कहात क पूत रहा। कोरह, अम्मीनादाब क पूत रहा। अस्सीर, कोरह क पूत रहा।
23 एल्काना, अस्सी क पूत रहा। एब्यासाप, एलकाना क पूत रहा। अस्सीर, एब्यासाप क पूत रहा।
24 तहत अस्सीर क पूत रहा। ऊरीएल तहत क पूत रहा। उज्जिय्याह ऊरीएल क पूत रहा। साऊल उज्जिय्याह क पूत रहा।
25 एल्काना क पूत अमासै अउ अहीमोत रहेन।
26 सोपै, एल्काना क पूत रहा। नहत सोपै क पूत रहा।
27 एलीआब, नहत क पूत रहा। यरोहाम, एलीआब क पूत रहा। एल्काना, यरोहाम क पूत रहा। समूएल एल्काना क पूत रहा।
28 समूएल क पूतन मँ स सब स बड़का योएल अउ दूसर अबिय्याह रहा।
29 मरारी क इ सबइ पूत रहेन: महली, मरारी क पूत रहा। लिब्नी, महली क पूत रहा। सिमी, लिब्नी क पूत रहा: उज्जा, सिमी क पूत रहा।
30 सिमा, उज्जा क पूत रहा। हग्गियाह, सिमी क पूत रहा। असायाह, हग्गियाह क पूत रहा।
31 इ सबइ उ सब लोग अहइँ जेनका दाऊद यहोवा क भवन क तम्बू मँ करार क सन्दूक धरे जाइ क पाछे संगीत क प्रबन्ध बरे चुनेस।
32 इ सबइ मनई पवित्तर तम्बू पइ गाइके सेवा करत रहेन। पवित्तर तम्बू क मिलापवाला तम्नू भी कहत हीं अउर एन लोग तब तलक सेवा किहन जब तलक सुलैमान यरूसलेम मँ यहोवा क मन्दिर नाहीं बनाएस। उ पचे अपने काम क बरे दीन्ह गए नेमन क अनुसरण करत भए सेवा किहन।
33 इ सबइ नाउँ ओन मनइयन अउ ओनके पूतन क अहइँ जउन संगीत क जरिये सेवा किहन:कहाती लोगन क सन्तान रहेन: गायक हेमान। हेमान योएल क पूत रहा। योएल, समूएल क पूत रहा।
34 समूएल, एल्काना क पूत रहा। एल्काना, योहाम क पूत हरा। यरोहाम एलीएल क पूत रहा। एलीएल तोह क पूत रहा।
35 तोह, सूप क पूत रहा। सूप एल्काना क पूत रहा। एल्काना, महत क पूत रहा। महत अमासै क पूत रहा।
36 अमासै, एल्काना क पूत रहा। एल्काना, योएल क पूत रहा। योएल, अजर्याह क पूत रहा। अजर्याह, सपन्याह क पूत रहा।
37 सपन्याह, तहत क पूत रहा। तहत, अस्सीर क पूत रहा। अस्सीर, एब्यासाप क पूत रहा। एब्यासाप, कोरह क पूत रहा।
38 कोरह, यिसहर क पूत रहा। यिसहार, कहात क पूत रहा। कहात, लेवी क पूत रहा। लेवी, इस्राएल क पूत रहा।
39 हेमान क सम्बंधी असाप रहा। असाप हेमान क दाहिनी कइँती खड़े होइके सेवा किहस। असाप बेरेक्याह क पूत रहा। बेरेक्याह सिमा क पूत रहा।
40 सिमा मीकाएल क पूत रहा। मीकाएल बासेयाह क पूत रहा। बासेयाह मल्किय्याह क पूत रहा।
41 मल्किय्याह एत्नी क पूत रहा। एत्नी जेरह क पूत रहा। जेरह अदायाह क पूत रहा।
42 अदायाह एतना क पूत रहा। एतना जिम्मा क पूत रहा। जिम्मा सिमी क पूत रहा।
43 सिमी यहत क पूत रहा। यहत गेसोर्न क पूत रहा। गेसोर्न लेवी क पूत रहा।
44 मरारी क सन्तान हेमान अउ असाप क सम्बंधी रहेन। उ पचे हेमान क बाएँ पच्छ क गायक समूह रहेन। एताव कीसी क पूत रहा। कीसी अब्दी क पूत रहा। अब्दी मल्लूक क पूत रहा।
45 मल्लूक हसब्याह क पूत रहा। हसब्याह अमस्याह क पूत रहा। अमस्याह हिलकय्याह क पूत रहा।
46 हिलकिय्याह अमसी क पूत रहा। अमसी बानी क पूत रहा। बानी सेमेर क पूत रहा।
47 सेमेर महली क पूत रहा। महली मूसी क पूत रहा। मूसी मरारी क पूत रहा। मरारी लेवी क पूत रहा।
48 हेमान अउ आसाप क भाई लेवी क परिवार समूह स रहेन। लेवी क परिवार समूह क लोग “लेवी बंसी” भी कहे जात रहेन। लेवीय पवित्तर तम्बू मँ करइबरे चुने जात रहेन। पवित्तर तम्बू परमेस्सर क घर रहा।
49 किन्तु सिरिफ हारून क सन्तनन क होमबलि क वेदी अउर धूप क वेदी पइ होमबलि अउर अउ धूपबलि चढ़ावइ क अनुमति रही। हारून क सन्तान परमेस्सर क घर मँ सब स जियादा पवित्तर स्थान मँ सारा काम करत रहेन। उ पचे इस्राएल क लोगन बरे प्रायस्चित क काम भी करत रहेन। उ पचे ओन सब नेमन अउ विधियन क अनुसरण करत रहेन जेनके बरे परमेस्सर क सेवक मूसा आदेस दिहे रहा।
50 हारून क पूत इ सबइ रहेन: एलीआज़र हारून क पूत रहा। पीनहास एलीआज़र क पूत रहा। अबीसू पीनहास क पूत रहा। बुक्की अबीसू क पूत रहा। उज्जी बुक्की क पूत रहा।
51 बुक्की अबीसू क पूत रहा। उज्जी बुक्की क पूत रहा। जरह्याह उज्जी क पूत रहा।
52 मरायोत जरह्याह क पूत रहा। अमयीह मरायोत क पूत रहा। अहीतूब अमर्याह क पूत रहा।
53 सादोक अहीतूब क पूत रहा। अहीमास सादोक क पूत रहा।
54 इ सबइ उ सब जगहिया अहइँ जहाँ हारून क सन्तानन रहिन। उ पचे उ भुइँया पइ जउन ओनका दीन्ह गइ रही अपने उपनिवेसन मँ रहत रहेन। कहाती परिवारन उ भुइँया क पहिला भाग पाएस जउन लेवीवंस क दीन्ह गइ रही।
55 ओनका हेब्रोन नगर अउ ओकरे चारिहुँ कइँती क खेत दीन्ह ग रहेन। इ यहूदा पहँटा म रहा।
56 किन्तु हेब्रोन क नजिक क गाँवअन अउ दूर क खेतन, यपुन्ने क पूत कालेब क दीन्ह ग रहेन।
57 हारून क सन्तानन क हेब्रोन नगर दीन्ह गवा रहा। हेब्रोन क सुरच्छा नगर रहा। ओनके लिब्ना, यत्तीर, एसतमो,
58 हीलेन, दबीर,
59 आसान, जुत्ता, अउ बेतसेमेस नगर भी दीन्ह गएन। उ पचे ओन सबहिं नगरन अउर ओनके चारिहुँ कइँती क खेत प्राप्त किहन।
60 बिन्यामीन क परिवार समूह क लोगन क गिबोन, गेबा अउ अल्लेमेत अउर अनानोत नगरन दीन्ह गएन। उ पचे ओन सबहिं नगरन अउर ओनके चारिहुँ ओर क खेतन क प्राप्त किहन। कहाती परिवार क तेरह नगर दीन्ह गएन।
61 बाकी कहात क सन्तानन मनस्से परिवार समूह क आधे स दस नगर प्राप्त किहन।
62 गेसेर्म क सन्तानन क परिवार समूह तेरह नगर प्राप्त किहन। उ पचे ओन नगरन क इस्साकार, आसेर, नप्ताली अउर बासान छेत्र मँ रहइवाले मनस्से क एक हींसा स प्राप्त किहन।
63 मरारी क सन्तानन क परिवार समूह बारह नगर प्राप्त किहन। उ पचे ओन नगरन क रूबेन, गाद, अउर जबूलून क परिवार समूहन स प्राप्त किहन। उ पचे नगरन क गोटन डाइके प्राप्त किहन।
64 इ तरह इस्राएली लोग ओन नगरन अउ खेतन क लेवीबंसन क लोगन क दिहन।
65 उ पचे सबहिं नगर, यहूदा, सिमोन अउर बिन्यामीन क परिवार समूहन स मिलेन। उ पचे गोटन डाइके इ निहचइ किहन कि कउन सा नगर परिवार लेवी क कउन सा परिवार प्राप्त करी।
66 एप्रैम क परिवार समूह कछू कहाती परिवारन क कछू नगर दिहन। उ सबइ नगर गोटन डाइके चुने गएन।
67 ओनका साकेम नगर दीन्ह गवा। साकेम सुरच्छ नगर अहइ। ओनका गेजेर
68 योकमान, बेथोरेन,
69 अय्यालोन, अउर गत्रिम्मोन भी प्राप्त किहन। उ पचे ओन नगरन क संग क खेत भी पाएन। उ पचे एप्रैम नगर क पहाड़ी प्रदेस मँ रहेन।
70 अउर इस्राएली लोग, मनस्से परिवार समूह क आधे स, आनेर अउ बिलाम नगरन क कहाती परिवारन क दिहन। ओन कहाती परिवारन ओन नगरन क संग खेतन क भी प्राप्त किहन।
71 गेसेर्मी परिवारन मनस्से परिवार समूह क आधे स, बासान अउ अस्तारोत छेत्रन मँ गोलान क नगरन क प्राप्त किहन। उ पचे ओन नगरन क लगे क खेत भी पाएन।
72 गेसेर्मी परिवार केदसे, दाबरात, रामोत अउर गानेम नगरन क आसेर परिवार समूह स प्राप्त किहन। उ पचे ओन नगरन क लगे क खेतन भी प्राप्त किहन।
73
74 गेसेर्मी परिवार मसाल, अब्दोन, हूकोक अउर रहोब क नगरन क आसेर परिवार समूह स प्राप्त किहस। उ पचे ओन नगरन क लगे क खेतनभी प्राप्त किहन।
75
76 गेसोर्मी परिवार गालील मँ केदेस, हम्मोन अउर किर्यातेम नगरन क भी नप्ताली क परिवार समूह स प्राप्त किहस। उ पचे ओन नगरन क लगे क खेतन भी प्राप्त किहन।
77 लेवीबंसी लोगन मँ स बाकी मरारी परिवार क अहइँ। उ पचे जेवयम, कर्ता, सिम्मोन अउ ताबोर नगरन क जबूलून परिवार समूह स प्राप्त किहन। उ पचे ओन नगरन क लगे क खेत भी प्राप्त किहन।
78 मरारी परिवार रेगिस्ताने मँ बेसेर क नगरन, यहसा, कदेमोत, अउ मेपाता क भी रूबेन क परिवार समूह स प्राप्त किहन। रूबेन क परिवार समूह यरदन नदी क पूरब कइँती यरीहो नगर क पूरब मँ रहत रहा। एन मरारी परिवारन नगर क लगे क खेत भी पाएन।
79
80 मरारी परिवार गिलाद मँ रामोत, महनैम, हेसोबोन अउर याजेर नगरन क गाद क परिवार समूह स प्राप्त किहन। उ पचे ओन नगरन क लगे क खेत भी प्राप्त किहन।
81
1 Chronicles 7
1 इस्साकार क चार पूत रहेन। ओनकर नाउँ तोला, पूआ, यासूब, अउ सिम्रोन रहेन।
2 तोला क पूत उज्जी, रपयाह, यरीएल, यहमै, यिबसाम अउर समूएल रहेन। उ पचे सबहिं अपने परिवारन क प्रमुख रहेन। उ पचे मनसेधू अउ ओनकर सन्तान जोधा रहेन। ओनकर परिवार बाढ़त रहेन अउ जब दाऊद राजा भवा, तब हुवाँ बाईस हजार छ: सौ मनई जुद्ध बरे तइयार रहेन।
3 उज्जी क पूत यिज़ह्याह रहा। यिज़ह्याह क पूत मीकाएल, ओबद्याह, योएल, यिस्सिय्याह, रहेन। उ पचे सबहिं पाँचहु अपने परिवारन क प्रमुख रहेन।
4 ओनके परिवार क इतिहास इ बतावत ह कि ओनके लगे छत्तीस हजार जोधा जुद्ध क बरे तइयार रहेन। ओनकर बड़ा परिवार रहा। काहेकि ओनकर बहोत स मेहरारुअन अउ बच्चन रहेन।
5 परिवार इतिहास इ बतावत ह कि इस्सकार क सबहिं परिवार समूहन मँ सत्तासी हजार सक्तीसाली फउजी रहेन।
6 बिन्यामीन क तीन पूत रहेन। ओनकर नाउँ बेला, बेकेर अउ यदीएल रहेन।
7 बेला क पाँच पूत रहेन। ओनकर नाउँ एसबोन, उज्जी, उज्जीएल, यरीमोत, अउ इरी रहेन। उ पचे अपने परिवारन क प्रमुखन रहेन। ओनकर परिवार इतिहास बतावत ह कि ओनके लगे बाईस हजार चौंतीस फउजी रहेन।
8 बेकेर क पूत जमीरा, योआस, एतीएजेर, एल्योएनै, ओम्री, यरेमोत, अबिय्याह, अनातोत अउ आलेमेत रहेन। उ पचे सबहिं बेकेर क बच्चा रहेन।
9 ओनकर परिवार इतिहास बतावत ह कि परिवार प्रमुख कउन रहेन अउर ओनकर परिवार इतिहास इ भी कहत ह ओनकर बीस हजार दुइ सौ फउजी रहेन।
10 यदीएल क पूत बिल्हान रहा। बिल्लन क पूत यूस, बिन्यामीन, एहद, कनान, जेतान, तर्सीस अउ अहीसहर रहेन।
11 यदीएल क सबहिं पूत अपने परिवार क प्रमुख रहेन। ओनकर सतरह हजार दुइ सौ फउजी जुद्ध बरे तइयार रहेन।
12 सुप्पीम अउ हुप्पीम ईर सन्तान रहेन। हूसी अहेर क पूत रहा।
13 नप्ताली क पूत एसीएल, गूनी, येसेर अउ सल्लूम रहेन।अउर इ सबइ बिल्हा क सन्तान रहेन।
14 इ सबइ मनस्से क सन्तान अहइँ।मनस्से क उसीएल नाउँ क पूत रहा। जउन ओकर अरामी रखैल स रहा। ओनकर माकीर भी रहा। माकीर गिलाद क बाप रहा।
15 माकीर हुप्पीम अउर सुप्पीम लोगन क एक मेहरारु स बियाह किहस। माका क दूसर मेहरारु क नाउँ सलोफाद रहा। सलोफाद क सिरिफ बिटियन रहिन। माकीर क बहिन क नाउँ भी माका रहा।
16 माकीर क मेहरारु माका क एक पूत भवा। माका अपने पूत क नाउँ पेरेस धरेस। पेरेस क भाई क नाउँ सेरेस रहा। सेरेस क पूत ऊलाम अउ राकेम रहेन।
17 ऊलाम क पूत बदान रहा।इ सबइ गिलाद क सन्तान रहेन। गिलाद माकीर क पूत रहा। माकीर मनस्से क पूत रहा।
18 माकीर क बहिन हम्मोलेकेत क पूत ईसहोद, अबीएजेर, अउर महला रहेन।
19 समीदा क पूत अहयान, सेकेम लिखी अउर अनीआम रहेन।
20 एप्रैम क सन्तानन क इ सबइ नाउँ रहेन। एप्रैम क पूत सूतेलह रहा। सूतलेह क पूत बेरेद रहा। बेरेद क पूत तहत रहा। तहत क पूत एलाद रहा।
21 एलाद क पूत तहत रहा। तहत क पूत जाबाद रहा। जाबाद क पूत सूतेलह रहा।कछू मनइयन जउन गत नगर मँ बड़े भए रहेन, येजेर अउ एलाद क मार डाएन। इ एह बरे भवा कि येजेर अउ एलाद ओन लोगन क गइयन अउ भेड़िन चोरावइ गत गए रहेन।
22 एप्रैम एजेर अउ एलाद क बाप रहा। उ कइउ दिनन तलक रोवत रहा। काहेकि येजेर अउर एलाद मर गए रहेन। एप्रैम क परिवार ओका सांत्वना देइ आवा।
23 तब एप्रैम अपनी मेहरारु क संग तने क सम्बंध किहस। एप्रैम क मेहरारु गर्भवती भइ अउ उ एक पूत क जन्म दिहस। एप्रैम अपने नवे पूत क नाउँ बरीआ धरेस काहेकि ओकरे परिवार क संग कछू बुरा भवा रहा।
24 एप्रैम क बिटिया सेरा रही। सेरा नीच बेथोरान अउ ऊँच बेथोरान अउर नीच उज्जेनसेरा अउ ऊँच उज्जेनसेरा बसाएस।
25 रेपा एप्रैम क पूत रहा। रेसेप रेपा क पूत रहा। तेलह रेसेप क पूत रहा। तहन तेलह क पूत रहा।
26 लादान तहन क पूत रहा अम्मीहूद लादान क पूत रहा। एलीसाम अम्मीहूद क पूत रहा।
27 नून एलीसामा क पूत रहा। यहोसू नून क पूत रहा।
28 इ सबइ उ नगर अउ प्रदेस अहइँ जहाँ एप्रैम क सन्तान रहत रहेन। बेतेल अउ एकरे नगिचे क गाँव पूरब मँ नारान, गेजेर अउ पच्छिम मँ एकरे निअरे क गावँ, अउ सेकम अउ अज्जा क रास्ते तलक क निअरवाले गांँव।
29 मनस्से क भुइँया क चउहद्दी पइ बेतसान, मगिदो अउ दोर नगर अउर ओनका नजिक सक सबहिं गाँव रहेन। इस्राएल क पूत यूसुफ क सन्तान एन नगरन मँ रहत रहिन।
30 आसेर क पूत यिम्ना, यिस्वा, यिस्वी अउ बरीआ रहेन। ओनकर बहिन क नाउँ सरेह रहा।
31 बरीआ क पूत हेबरे अउ मलकीएल रहेन। मलकीएल बिजोर्त क बाप रहा।
32 हेबेर यपलेत, सोमेर होताम अउर ओनकर बहिन सू्आ क बाप रहा।
33 यपलेत क पूत पासक, बिम्हाल अउ अस्नात रहेन। इ सबइ यपलेत क बच्चन रहेन।
34 सेमरे क पूत अही, रोहगा, यहुब्बा अउ अराम रहेन।
35 सेमेर क भाई क नाउँ हेलेम रहा। हेलेम क पूत सो पह, यिम्ना, सेलेस अउ आमाल रहेन।
36 सोपह क पूत सूह, हनेर्पे, सूआल, बेरी, इम्रा,
37 बेसेर, होद, सम्मा, सिलसा, यित्रान अउ बेरा रहेन।
38 येतेर क पूत यपुन्ने, पिस्पा अउ अरा रहेन।
39 उल्ला क पूत आरह, हन्नीएल, अउ रिस्चा रहेन।
40 इ सबइ मनई आसेर क सन्तान रहिन। उ पचे अपने परिवारन क प्रमुख रहेन। उ पचे उत्तिम पुरुख रहेन। उ पचे योद्धा अउ महान प्रमुख रहेन। ओनके परिवारे क इतिहास बतावत ह कि छब्बीस हजार फउजी जुद्ध बरे तइयार रहेन।
1 Chronicles 8
1 बिन्यामीन बेला क बाप रहा। बेला बिन्यामीन क पहिला पूत रहा। अबेल बिन्यामीन क दूसर पूत रहा। अहरह बिन्यामीन क तीसर पूत रहा।
2 नोहा बिन्यामीन क चउथा पूत रहा अउर रापा बिन्यामीन क पाँचवाँ पूत रहा।
3 बेला क पूत अद्दार, गेरा, अबीहूद,
4 अबीसू, नामान, अहोह,
5 गेरा, सपूपान अउ हूराम रहेन।
6 एहूद क सन्तान इ सबइ रहेन। इ सबइ गेबा मँ अपने परिवारन क प्रमुख रहेन। उ पचे आपन घर तजइ अउर मानहत मँ रहइ क मजबूर कीन्ह गए रहेन।
7 एहूद क सन्तान नामान, अहिय्याह, अउर गेरा रहेन। गेरा ओनका घर तजइ क मजबूर किहस। गेरा उज्जा अउ अहीलूद क बाप रहा।
8 सहरैम आपन पत्नियन हसीम अउ बारा क मोआब मँ तलाक दिहस। इ करइ क पाछे, ओकर कछू दूसर गदेलन दूसर पत्नी स पइदा भएन।
9 सहरैम क योआब, सिब्या, मेसा, मल्काम, यूस, सोक्या, अउर मिर्मा ओकर मेहरारु होदेस स भएन। उ पचे अपने परिवारन क प्रमुख रहेन।
10
11 सहरेर्म अउर हसीम क दुइ पूत अबीतूब अउ एल्पाल रहेन।
12 एल्पाल क पूत एबेर, मिसाम, सेमेद, बरीआ अउ सेमा रहेन। सेमेद ओनो अउ लोद नगर अउ लोद क चारिहुँ कइँती नान्ह नगर बनाएस। बरीआ अउ सेमा अय्यालोन मँ रहइवाले परिवारन क प्रमुख रहेन। ओन पूतन गत मँ रहइवालन क ओका तजइ क मजबूर किहन।
13
14 बरीआ क पूत सासक अउर यरमोत,
15 जबद्याह, अराद, एदेर,
16 मीकाएल, यिस्पा अउ योहा रहेन।
17 एल्पाल क पूत जबद्याह, मुसुल्लाम, हिजकी, हेबर,
18 यिसमरै, थिजलीआ अउ योबाब रहेन।
19 सिमी क पूत याकीम, जिवी, जब्दी,
20 एलीएनै, सिल्लतै, एलीएल,
21 अदायाह, बरायाह अउ सिम्रात रहेन।
22 सासक क पूत यिसपान, यबेर, एलीएल,
23 अब्दोन जिक्री, हानान,
24 हनन्याह, एलाम, अन्तोतिय्याह,
25 यिपदयाह, अउर पनूएल रहेन।
26 यरोहाम क पूत समसैरे, सहर्याह, अतल्याह,
27 योरेस्याह, एलिय्याह, अउर जिवी रहेन।
28 इ सबइ सबहिं मनई अपने परिवारन क प्रमुख रहेन। उ पचे अपने परिवार क इतिहास मँ प्रमुख क रूप मँ अंकित रहेन। उ पचे यरूसलेम मँ रहत रहेन।
29 येयील गिबोन क बाप रहा। उ गिबोन नगर मं रहत रहा। ययील क मेहरारु क नाउँ माका रहा।
30 योयील क सबस बड़का पूत अब्दोन रहा। दूसर पूत सूर, कीस, बाल, नेर, नादाब,
31 गदोर, अह्यो, जेकेर अउर मिकोत रहेन,
32 मिकोत सिमा क बाप रहा। इ सबइ पूत भी यरूसलेम मँ अपने सम्बन्धियन क नगिचे रहत रहेन।
33 नेर, कीस, क बाप रहा कीस साऊल क बाप रहा। अउर साऊल योनातान, मल्कीसू, अबीनादाब अउर एसबाल क बाप रहा।
34 योनातान क पूत मरीब्बाल रहा। मरीब्बाल मीका क बाप रहा।
35 मीका क पूत पीतोन, मेलेक, तारे अउ आहाज रहेन।
36 आहाज यहोअद्दा क बाप रहा। यहोअद्दा आलेमेत, अजमावेत अउ जिम्री क बाप रहा। जिम्री मोसा क बाप रहा।
37 मोसा बिना क बाप रहा। रापा बिना क पूत रहा। एलासा रापा क पूत रहा अउर आसेल एलासा क पूत रहा।
38 आसेल क छ: पूत रहेन। ओनकर नाउँ अज्रीकाम, बोकरु, यिस्माएल, सार्याह, ओबद्याह अउर हानान रहेन। इ सबइ सबहिं पूत आसेल क सन्तान रहेन।
39 आसेल क भाई एसेक रहा। एसेक क कछू पूत रहेन। एसेक क इ सबइ पूत रहेन: ऊलाम एसेक क सब स बड़का पूत रहा। यूसा एसेक क दूसर पूत रहा। एलीपेलेत एसेक क तीसर पूत रहा।
40 ऊलाम क पूत बलवान जोधा अउर धनुस-बाण क प्रयोग मँ वुसल रहेन। ओनकर बहोत स पूत अउ पोता रहेन। सब मिलाइके डेढ़ सौ पूत अउ पोता रहेन। सब मिलाइके डेढ़ सौ पूत अउ पोता रहेन।इ सबइ सबहिं मनई बिन्यामीन क सन्तान रहिन।
1 Chronicles 9
1 इस्राएल क लोगन क नाउँ ओनके परिवार क इतिहास मँ अंकित रहेन। उ सबइ परिवार इतिहास “इस्राएल क राजा लोगन क इतिहास” क पुस्तक मँ सम्मिलित भए रहेन।यहूदा क लोग बन्दी बनाए गए रहेन अउर बाबेल क जाइ क मजबूर कीन्ह गए रहेन। उ पचे उ जगह पइ एह बरे लइ जावा गएन, काहेकि उ पचे परमेस्सर क बरे बिस्सास क जोग्ग नाहीं रहेन।
2 सब स पहिले लउटिके आवइबाले अउर अपने नगरन अउ अपने पहँटा मँ रहइवाले लोगन मँ कछू इस्राएली, याजक, लेवीबंसी अउ मन्दिर मँ सेवा करइवाले सेवक रहेन।
3 इ सबइ यरूसलेम मँ रहइवाला यहूदा, बिन्यामीन, एप्रैम अउर मनस्से परिवार समूह क लोग अहइँ।
4 ऊतै अम्मीहूद क पूत रहा। अम्मीहूद ओम्री क पूत रहा। ओम्री इम्री क पूत रहा। इम्री बानी क पूत रहा। बानी पेरेस क सन्तान रहा। पेरेस यहूदा क पूत रहा।
5 सीलोइ लोग जउन यरूसलेम मँ रहत रहेन, इ सबइ रहेन: असायाह, सब स बड़का पूत रहा। अउ असायाह क पूत रहेन।
6 जेरह लोग, जउन यरूसलेम मँ रहत रहेन, इ सबइ रहेन; यूएल अउर ओकर सम्बन्धी, उ सबइ सब मिलाइके छ: सौ नब्बे रहेन।
7 बिन्यामीन क परिवार समूह स जउन लोग यरूसलेम मँ रहेन, उ सबइ इ सब अहइँ: सल्लू मसुल्लाम क पूत रहा। मुसल्लाम होदब्याह क पूत रहा। होदब्याह हस्सनूआ क पूत रहा।
8 यिबनाय्याह यरोहाम क पूत रहा। एला उज्जी क पूत रहा। उज्जी मिवी क पूत रहा। मसुल्लाम सपत्याह क पूत रहा। सपत्याह रूएल क पूत रहा। रूएल यिब्निय्याह क पूत रहा।
9 बिन्यामीन क परिवार इतिहास बतावत ह कि यरूसलेम मँ ओनकर नौ सौ छप्पन मनई रहत रहेन। उ सबइ सबहिं मनई अपने परिवारन क प्रमुख रहेन।
10 इ सबइ उ सब याजक अहइँ जउन यरूसलेम मँ रहत रहेन: यदायाह, यहोयारीब, याकीन अउ अज़र्याह।
11 अज़र्याह हिलकिय्याह क पूत रहा। हिलकिय्याह मसुल्लाम क पूत रहा। मसुल्लाम सादोक क पूत रहा। सादोक मरायोत क पूत रहा। मरायोत अहीतूब क पूत रहा। अहीतूब परमेससर क मन्दिर क बरे बिसेस उत्तरदायी अधिकारी रहा।
12 यरोबाम क पूत अदायाह भी रहा। यरोहाम पसहूर क पूत रहा पसहूूर मल्किय्याह क पूत रहा अउर हुवाँ अदोएल क पूत मासै रहा। अदोएल जहजेस क पूत रहा। जेरा मसुल्लाम क पूत रहा। मसुल्लाम मसिल्लीत क पूत रहा। मलिल्लीत इम्मेर क पूत रहा।
13 हुवाँ एक हजार सात सौ साठ याजकन रहेन। उ पचे अपने परिवारन क प्रमुख रहेन। उ पचे परमेस्सर क मन्दिर मँ सेवा करइ क कार्य क बरे उत्तरदायी रहेन।
14 लेवी क परिवार समूह स जउन लोग यरूसलेम मँ रहत रहेन, उ पचे इ सबइ अहइँ: हस्सूब क पूत समायाह, हस्सूब अज्रीकाम क पूत रहा। अज्रीकाम हसब्याह क पूत रहा। हसब्याह मरारी क सन्तानन क पूत रहा।
15 यरूसलेम मँ बकबक्कर, हरेस, गालाल अउ मत्तन्याह भी रहेन। मत्तन्याह मीका क पूत रहा। मीका जिक्री क पूत रहा। जिक्री आसाप क पूत रहा।
16 ओबद्याह समायाह क पूत रहा। समायाह गालाल क पूत रहा। गालाल यदूतून क पूत रहा अउर आसा क पूत बेरेक्याह यरूसलेम मँ रहत रहा। आसा एल्काना क पूत रहा। एल्काना नेतोपा लोगन क लगे गाँवअन मँ रहत रहा।
17 इ सबइ उ सब दुआरपाल अहइँ जउन यरूसलेम मँ रहत रहेन: सल्लूम, अक्वूब, तल्मोन, अहीमान अउर ओनकर सम्बंधी। सल्लूम ओनकर प्रमुख रहा।
18 अब इ सबइ मनई पूरब कइँती राजा क दुआर क ठीक बगल प़ढ़ाव डालि रहत रहेन। उ सबइ दुआरपाल लेवी परिवार समूह स रहेन।
19 सल्लूम कोरे क पूत रहा। कोरे एब्यासाप क पूत रहा। एब्याहसाप कोरह क पूत रहा। सल्लूम अउ ओकर भाई दुआरपाल रहेन। उ पचे कोरे परिवार स रहेन। ओनका पवित्तर तम्बू क दुआर क रच्छा करइ क कार्य करइ रहा। उ पचे एका वइसे ही करत रहेन जइसे एनकर पुरखन एनके पहिले किहे रहेन। ओनके पुरखन क इ कार्य रहा कि उ पचे पवित्तर तम्बू क दुआर क रच्छा करइँ।
20 पुराने जमाने मँ, पीनहास दुआरपालन क निरिच्छक रहा। पीनहास एलीआज़र क पूत रहा। यहोवा पीनहास क संग रहा:
21 मेसेलम्याह क पूत जकर्यार्ह पवित्तर तम्बू क दुआर क दुआरपाल रहा।
22 सब मिलाइके दुइ सौ बारह मनई पवित्तर तम्बू क दुआर क रच्छा बरे चुने गए रहेन। ओनकर नाउँ ओनके परिवार इतिहास मँ ओनके नान्ह नगरन मँ लिखे। भए रहेन। दाऊद अउ समूएल नबी ओन लोगन क चुनेन, काहेकि ओन पइ बिस्सास कीन्ह जाइ सकत रहा।
23 दुआरपालन अउर ओनकर सन्तानन क जिम्मेदारी यहोवा क मन्दिर, पवित्तर तम्बू क रच्छा करब रहा।
24 हुवाँ चारिहुँ तरफ दुआर रहेन: पूरब, पच्छिम, उत्तर अउर दविखन।
25 दुआरपालन क सम्बन्धियन क, जउन नान्ह नगर मँ रहत रहेन, समइ-समइ पइ आइके ओनका मदद करइ पड़त रही। उ पचे आवत रहेन अउर हर बार सात दिन तलक दुआरपालन क सहायता करत रहेन।
26 दुआरपालन क चार प्रमुख दुआरपाल हुवाँ रहेन। उ पचे लेवीबंसी मनई रहेन। ओनकर कर्त्तव्य परमेस्सर क मन्दिर क कमरन अउ खजाना क देखभाल करब रहा।
27 उ पचे रातिभर परमेस्सर क मन्दिर क रच्छा मँ खड़े रहत रहेन अउर परमेस्सर क मन्दिर क हर रोज भिंसारे खोलइ क ओनकर काम रहा।
28 कछू दुआरपालन क काम मन्दिर क सेवा मँ काम आवइवाली तश्तरियन क देखभाल करब रहा। उ पचे एन तस्तरियन क तब गनत रहेन जब उ पचे भीतर लाई जात रहिन। उ पचे एन तस्तरियन क तब भी गनत् रहेन जब उ पचे बाहेर जात रहिन।
29 दूसर दुआरपाल रस्मी-सामग्री अउर ओन बिसेस तस्तरियन क देखभाल क बरे चुने जात रहेन। उ पचे आटा, दाखरस, तेल, सुगन्धि अउर बिसेस तेल क भी देखरेख करत रहेन।
30 किन्तु सिरिफ याजक ही बिसेस तेल क मिलावइ क काम करत रहेन।
31 एक मतित्याह नाउँ क लेवीबंसी रहा जेकर काम भेंट मँ उपयोग क बरे रोटी पकाउब रहा। मतित्याह सल्लूम क सब स बड़ा पूत रहा। सल्लूम कोरह परिवार क रहा।
32 दुआरपालन मँ स कछू जउन कहात परिवार क रहेन, हर एक सबित क मेज पइ रखी जाइवाली रोटी क तइयार करइ क काम करत रहेन।
33 उ पचे लेबीवंसी जउन गायक रहेन अउर अपने परिवारन क प्रमुख रहेन, मन्दिर क कमरन मँ ठहरत रहेन। ओनका दूसर काम नाहीं करइ पड़त रहेन। काहेकि उ पचे मन्दिर मँ दिन-रात काम क बरे उत्तरदायी रहेन।
34 इ सबइ लेवीबंसी अपने परिवारन क प्रमुख रहेन। उ पचे अपने परिवारन क इतिहास मँ प्रमुख क रूप मँ अंकित रहेन। उ पचे यरूसलेम मँ रहत रहेन।
35 यीएल गिबोन क बाप रहा। यीएल गिबोन नगर मँ रहत रहा। यीएल क मेहरारु क नाउँ माका रहा।
36 यीएल क सब स बड़का पूत अब्दोन रहा। दूसर पूत सूर, कीस, बाल नेर, नादाब,
37 गदोर, अह्यो, जकर्याह अउर मिल्कोत रहेन।
38 मिल्कोत सिमाम क बाप रहा। यीएल क परिवार अपने सम्बन्धियन क संग यरूसलेम मँ रहत रहा।
39 नेर कीस क बाप रहा। कीस साऊल क बाप रहा अउर साऊल योनातान, मल्कीस अबीनादाब अउर एसबाल क बाप रहा।
40 योनातान क पूत मरीब्बाल रहा। मरीब्बाल मीका बाप रहा।
41 मीका क पूत पीतोन, मेलेक, तहरे अउर अहाज रहेन,
42 आहाज जदा क बाप रहा। जदा यारा क बाप रहा। आलेमेत, अजमावेत अउर जिम्री क बाप रहा। जिम्री मोसा क बाप रहा।
43 मोसा बिना क पूत रहा। रपायाह बिना क पूत रहा। एलासा रपायाह क पूत रहा अउर आसेल एलासा क पूत रहा।
44 आसेल क छ: पूत रहेन। ओनकर नाउँ रहेन: अज्रीकाम, बोकरू, इस्माएल, सार्याह, ओबद्याह, अउर हनान। उ पचे आसेल क बच्चन रहेन।
1 Chronicles 10
1 पलिस्ती लोग इस्राएल क लोगन क खिलाफ लड़ेन। इस्राएल क लोग पलिस्तियन क समान्वा पराइ गएन। बहोत इस्राएली लोग गिलबो पर्वत पइ मारे गएन।
2 पलिस्ती लोग साऊल अउर ओकरे पूतन क पाछा लगातार करत रहेन। उ पचे ओनका धइ लिहेन अउर ओनक मार डाएन। पलिस्तियन साऊल क पूतन योनातान, अबीनादाब अउर मलकीसू क मार डाएन।
3 साऊल क चारिहुँ कइँती जुद्ध घमासान होइ गवा। धनुर्धारियन साऊल पइ आपन बाण छोड़ेन अउर ओका घायल किहन।
4 तब साऊल अपने कवच वाहक स कहेस, “अपनी तरवार बाहेर हींचा अउर एकर उपयोग मोका मारइ मँ करा। तब उ पचे खतनारहित जब अइहीं तउ न मोका चोट पहोंचइही न ही मोर हँसी उड़इहीं।”किन्तु साऊल क कवच वाहक ससान रहा। उ साऊल क मारब अस्वीकार किहस। तब साऊल अपनी तरवार क उपयोग खुद क मारइ बरे किहस। उ अपनी तरवार क नोक पइ गिरा।
5 कवचवाहक लखेस कि साऊल मर गवा, तब उ खुद क मार डाएस। उ अपनी तरवार क नोंक पइ गिरा अउर मर गवा।
6 इ तरह साऊल अउर ओकर तीनउँ पूतन मर गएन। साऊल क सारा परिवार एक संग मर गवा।
7 घाटी मँ रहइवाले इस्राएल क सबहिं लोग लखेन कि ओकर आपन फउज भाग गएन। उ पचे लखेन कि साऊल अउर ओकर पूत मर गएन। एह बरे उ पचे अपने नगरन क तजेन अउ पराइ गएन। तब पलिस्ती ओन नगरन मँ आएन जेनका इस्राएलियन तज दिहे रहेन अउर पलिस्ती ओन नगरन मँ रहइ लागेन।
8 अगले दिन, पलिस्ती लोग ल्हासन क बहुमूल्य चिजियन लेइ आएन। उ पचे साऊल क ल्हासन अउर ओकरे पूतन क ल्हासन क गिबोन पर्वत पइ पाएन।
9 पलिस्तियन साऊल क ल्हास स चिजियन उतारेन। उ पचे साऊल क मूँड़ अउर कवच लिहेन। उ पचे आपन पूरे देस मँ अपने लबार देवतन अउ लोगन क सूचना देइ बरे दूत पठएन।
10 पालिस्तियन साऊल क कवच क अपने लबार देवता क मन्दिर मँ धरेन। उ पचे साऊल क मूँड़ि क दागोन क मन्दिर लटकाएन।
11 याबेस गिलाद नगर मँ रहइवाले सब लोग उ हर एक बात सुनेन जउन पलिस्ती लोग साऊल क संग किहे रहेन।
12 याबेस क सबहिं बीर मनई साऊल अउ ओकरे पूतन क ल्हास लेइ गएन। उ पचे ओनका याबेस मँ लइ आएन। ओन बीर मनसेधुअन साऊल अउ ओकरे पूतन क हाड़न क, याबेस मँ एक बिसाल बृच्छ क खाले दफनाएन। तब उ पचे अपना दुःख परगट किहन अउ सात दिन तलक उपवास रखेन।
13 साऊल एह बरे मरा कि उ यहोवा क बरे बिस्सास पात्र नाहीं रहा। साऊल यहोवा क आदेसन क पालन नाहीं किहस। साऊल एक माध्यम क लगे गवा अउर
14 यहोवा क तजिके ओहसे सलाह माँगेस। इहइ कराण अहइ कि यहोवा ओका मार डाएस अउर यिसै क पूत दाऊद क राज्ज दिहस।
1 Chronicles 11
1 इस्राएल क सबहिं लोग हेब्रोन नगर मँ दाऊद क लगे गएन। उ पचे दाऊद स कहेन, “हम तोहार ही रक्त-माँस अही।
2 बीते दिन मँ, जब साऊल राजा रहा तब भी हमार तू जुद्ध मँ सन्चालन किहा। हे दाऊद, यहोवा तोहसे केहस, ‘तू मोरे लोगन क गड़रिया रहब्या। तू मोरे लोगन क ऊपर सासक होब्या।’“
3 इस्राएल क सबहिं प्रमुखन दाऊद क लगे हेब्रोन नगर मँ आएन। दाऊद हेब्रोन मँ ओन प्रमुखन क संग यहोवा क सामने एक समझौता किहस। प्रमुखन दाऊद क अभिसेक किहन। इ तरह उ इस्राएल क राजा बन गवा। यहोवा समूएल दुआरा इ बचन दिहे रहा कि इ होइ।
4 दाऊद अउ इस्राएल क सबहिं लोग यरूसलेम नगर क गएन। यरूसलेम ओन दिनन यबूस कहा जात रहा। उ नगर मँ रहइवाले यबूसी कहे जात रहेन।
5 उ नगर क निवासी लोग दाऊद स कहेन, “तू हमारे नगर क प्रवेस नाहीं कइ सकत्या।” किन्तु दाऊद ओन लोगन क पराजित किहस। दाऊद सिय्योन क किले पइ कब्जा कइ लिहस। इ जगह “दाऊद नगर” बना।
6 दाऊद कहेस, “उ मनई जउन यबूसी लोगन पइ आवमण क संचालन करी, मोर पूरी फउज क सेनापति होइ।” एह बरे योआब आवमण क संचालन किहस। योआब सरूयाह क पूत रहा। योआब सेना क सेनापित होइ गवा।
7 तब दाऊद किला मँ आपन महल बनाएस। इहइ कारण अहइ ओकर नाउँ दाऊद नगर पड़ा।
8 दाऊद किले क चारिहुँ कइँती नगर बसाएस। उ एकॉ मिल्लो स नगर क चारिहुँ कइँती की दीवार तलक बसाएस। योआब नगर क दूसर भागन क मरम्मत किहेस।
9 दाऊद लगातार महान बनता गवा। सर्वशक्तीमान यहोवा ओकरे संग रहा।
10 दाऊद क बिसिस्ठ बीरन क ऊपर क प्रमुखन क इ सूची अहइ: इ सबइ बीर दाऊद क संग ओकरे राज्ज मँ बहोत सक्तीसाली बन गएन। उ पचे अउ इस्राएल क सबहिं लोग दाऊद क सहायता किहन अउर ओका राजा बनाएन। इ ठीक वइसा भवा जइसा परमेस्सर बचन दिहे रहा।
11 इ दाऊद क बीर मनइयन क सूची अहइ:यासोबाम हक्मोनी लोगन मँ स रहा। यसोबाम राजा क बिसिस्ठ फउज क प्रमुख रहा। यसोबाम अपने भाले क उपयोग तीन सौ मनइयन स जुद्ध करइ बरे किहस। उ एक ही दाईं ओन तीन सौ मनइयन क मार डाएस।
12 एलीआज़ार दोदो क पूत, अदोही स रहा। एलीआज़ार तीन बीरन मँ स एक रहा।
13 एलीआज़ार पसदम्मीम मँ दाऊद क संग रहा। पलिस्ती लोग उ जगह पइ जुद्ध करइ आएन। उ जगह पइ एक जौ स भरा खेत रहा। उहइ जगह, जहाँ इस्राएली लोग पलिस्ती लोगन स भागे रहेन।
14 किन्तु उ सबइ तीन बीर उ खेत क बीच रुक गएन अउर पलिस्तियन स लड़ेन अउ ओनका हराइ डाएन अउर इ तरह यहोवा इस्राएलियन क बड़ी जीत दइ दिहस।
15 एक दाई, दाऊद, अदुल्लाम गुफा क लगे रहा अउर पलिस्ती फउज खाले रपाईम क घाटी मँ रही। तीस बीरन मँ स तीन बीरन उ गुफा तलक, लगातार रेंगत भए दाऊद क लगे पहोंचेन।
16 दूसर अवसर पइ, दाऊद किले मँ रहा, अउर पलिस्ती सेना क एक समूह बेतलेहेम मँ रही।
17 एक बार दाऊद कहेस, “कास कउनो मोका बेतलेहेम नगर क दुआर क लगे क वुआँ स थोड़ा पानी लाइके पिलातेन!”
18 तब तीन बीरन पलिस्ती सेना क बीच जुद्ध करत भए अपना रास्ता बनाएन अउर नगर-दुआर क निचके बेतलेहेम क वुएँ स पानी लिहन। तीनहुँ बीरन दाऊद क लगे पानी लइ गएन। दाऊद पानी पिअइ स इन्कार कइ दिहस। उ उ पानी क यहोवा बरे भेंट क रूप मँ बाहेर उड़ेर दिहस।
19 दाऊद कहेस, “परमेस्सर, मइँ इ पानी क नाहीं पी सकत। एन मनइयन मोरे बरे इ पानी क लिआवइ मँ अपनी जिन्नगी क खतरे मँ डाएन। एह बरे जदि मइँ इ पानी क पिअत हउँ तउ इ ओनकर खून पिअइ क समान होइ।” एह बरे दाऊद उ जल क पिअइ स इन्कार किहस। तीनहुँ बीर उ तरह क बहोत स बहादुरी क काम किहन।
20 योआब क भाई, अबीसै, तीन बीरन क प्रमुख रहा। उ अपने भाले स तीन सौ मनईयन स लड़ा अउर ओनका मार डाएस। अबीसै तीन बीरन क तरह मसहूर होइ गवा।
21 अबीसै उ तीनहुँ बीरन स दुइगुना जियादा प्रसिद्ध रहा। उ ओनकर प्रमुख होइ गवा, जदपि उ तीनहुँ बीरन मँ स नाहीं रहा।
22 यहोयादा क पूत बनायाह, कबजेल क एक बीर जोधा रहा। उ एक सक्तीसाली मनइ क पूत रहा। बनायाह अनेक बीरता क काम किहेस। उ मोआब देस क दुइ सवोर्त्तम सिपाहियन क मार डाएस। एक दिन जब बर्फ गिरत रही, उ जमीन क अन्दर एक ठु माँदे मँ घुसा अउर हुवाँ एक सेर क मार डाएस।
23 बनायाह मिस्र क एक मनई क मार डाएस। उ मनई लगभग साढ़े सात फिट ऊँचा रहा। उ मिस्र क मनई क लगे एक बहोत बड़का अउ भारी भाला रहा। इ बुनकर क करघे क बिसाल खम्भे क नाईं रहा अउर बनायाह क लगे सिरिफ एक ठु लाठी रही। किन्तु बनायाह मिस्री स भाला छोर लिहस। मुला बनायाह मिस्री स भाले क छीन लिहेस। बनायाह मिस्री मनई क भाले क उपयोग किहेस अउर ओका मार डाएस।
24 इ सबइ कार्य रहेन जेनका योहयादा क पूत बनायाह किहस। बनायाह तीन बीरन क तरह प्रसिद्ध भवा।
25 बनायाह तीस बीरन मँ सब स जियादा मसहूर रहा, मुला उ तीनहुँ बीरन मँ स नाहीं रहा। दाऊद बनायाह क अपने अंगरच्छकन क प्रमुख चुनेस।
26 इ सबइ राजा क बिसिस्ठ फउज मँ स रहेन: असाहेल, योआब क भाई, एल्हानान, दोदो क पूत बेतलेहेम नगर क रहा,
27 हरोरी लोगन मँ स सम्मोत, पलोनी लोगन मँ स हेलेस;
28 इक्केस क पूत, ईरा, ईरा तकोई नगर क रहा, अनातोत नगर क अबीएजेर;
29 होसती लोगन मँ स सिब्बके, अहोही स ईलै;
30 नतोपाई लोगन मँ स महरै; बाना क पूत हेलेद, हेलेद नतोपाई लोगन मँ स रहा;
31 सीबै क पूत इतै, इतै बिन्यामीन क गिबा नगर स रहा, पिरातोनी लोगन मँ स बनायाह;
32 गास घाटियन स हूरै; अराबा लोगन मँ स अबीएल;
33 बहूरीमा लोगन मँ स अजमावेत; सल्बोनी लोगन मँ स एल्यहबा;
34 गीजोई लोगन मँ स हासेम क पूतन; सागे क पूत योनातन, योनातन हरारी लोगन मँ स रहा।
35 सकार क पूत अहीआम, अहीआम हरारी लोगन मँ स रहा; ऊर क पूत एलीपाल;
36 मेकराई लोगन मँ स हेपेर; पलोनी लोगन मँ स अहिय्याह;
37 कमेर्ली लोगन मँ स हेस्रो, एज्बै क पूत नारै;
38 नातान क भाई योएल; हाग्री क पूत मिभार,
39 अम्मोनी लोगन मँ स सेलेक; बरोती नहरै, (नहरै योआब क कवचवाहक रहा। योआब सरूयाह क पूत रहा।)
40 येतेरी लोगन मँ स ईरा; इथ्री लोगन मँ स गारेब,
41 हित्ती लोगन मँ स ऊरिय्याह; अहलै क पूत जाबाद;
42 सीजा क पूत अदीना, सीजा रूबेन क परिवार समूह स रहा। (अदीना रूबेन क परिवार समूह क प्रमुख रहा। परन्तु उ भी अपने संग क तीस बीरन मँ स एक रहा।);
43 माका क पूत हानान; मेतेनी लोगन मँ स योसापात;
44 असतारोती लोगन मँ स उज्जिय्याह; होताम क पूत सामा अउर यीएल, होताम अरोएरी लोगन मँ स रहा।
45 सिम्री क पूत यदीएल; तीसी लोगन स योहा, योहा यदीएल क भाई रहा;
46 महवीमी लोगन मँ स एलीएल, एलनाम क पूत यरीबै अउर योसब्याह; मोआबी लोगन मँ स यित्मा;
47 मसोबाई लोगन मँ स एलीएल, ओबेद अउर यासीएल।
1 Chronicles 12
1 इ ओन मनईयन क सूची अहइ जउन दाऊद क लगे आएन जब दाऊद सिकलग नगर मँ रहा। दाऊद तब भी कीस क पूत साऊल स अपने क छुपाए रहत रहा। इ मनईयन दाऊद क जुद्ध मँ मदद दिहे रहेन।
2 इ सबइ मनई अपने दाएँ या बाएँ हाथ स धनुस क बाण क जरिये बेध सकत रहेन। अपनी गुलेल स दाएँ या बाँए हाथ स पाथर लोकाइ सकत रहेन। उ पचे बिन्यामीन परिवार समूह क साऊल क सम्बंधी रहेन। ओनकर नाउँ इ सबइ रहेन:
3 ओनकर प्रमुख अहीएजेर अउ योआज रहा। उ पचे समाआ क पूत रहेन। समाआ गिबावासी लोगन मँ स रहा; यजीएल अउर पेलेत उ पचे अजमावेत क पूत रहेन, अनातोनी नगर क बराका अउर येहू।
4 गिबोनी नगर क यिसमायाह, (यिसमायाह एक बीर रहा अउर उ तीस बीरन क प्रमुख भी रहा।) गदेरा लोगन मँ स: यिर्मयाह, यहजीएल, योहानान अउर योजाबाद,
5 एलूजै, यरीमोत बाल्याह, अउर समर्याह, हारूपी स सपत्याह,
6 कोरह परिवार समूह स एल्काना, यिसिय्याह, अजरेल, योएजेर अउर यासोबाम सबहिं,
7 गदोर स यरोहाम क पूत योएला अउर जबद्याह।
8 गाद क परिवार समूह क एक हींसा रेगिस्तान मँ दाऊद स ओकरे किले मँ आइ मिला। उ पचे जुद्ध बरे प्रसिच्छित फउजी रहेन। उ पचे भालन अउ ढाल क उपयोग मँ वुसल रहेन। उ पचे सेर क तहर खौफनाक देखात रहेन अउर उ पचे हिरइ क नाईं पहाड़न मँ दउड़ सकत रहेन।
9 गाद क परिवार समूह क सेना क प्रमुख एजेर रहा। ओबद्याह अधिकार मँ दूसर रहा। एलीआब अधिकार मँ तीसरा रहा।
10 मिसमन्ना अधिकार मँ चउथा रहा। यिर्मयाह अधिकार मँ पाँचवा रहा।
11 अत्तै अधिकार मँ छठा रहा। एलीएल अधिकार मँ सातवाँ रहा।
12 योहानान अधिकार मा आठवाँ रहा। एलजाबाद अधिकार मँ नवाँ रहा।
13 यिर्मयाह अधिकार मँ दसवाँ रहा। मकबन्नै अधिकार मँ गियारहवाँ रहा।
14 उ सबइ लोग गादी सेना क प्रमुख रहेन। उ समूह क सब स कमजोर फउजी भी दुस्मन क सौ फउजियन स जुद्ध कइ सकत रहा। उ समूह क सब स जियादा बलिस्ठ फउजी दुस्मन क एक हजार फउजियन स जुद्ध कइ सकत रहा।
15 गाद क परिवार समूह क उ सबइ फउजी रहेन जउन बरिस क पहिले महीने मँ यरदन नदी क उ पार गएन। इ बरिस क उ समइ रहा, जब यरदन नदी मँ बाढ़ आई रही। उ पचे घाटियन मँ रहइवाले सबहिं लोगन क पाछा कइके भगाएन। उ पचे ओन लगोन क पूरब अउ पच्छिम मँ पाछा कइके भगाएन।
16 बिन्यामीन अउ यहूदा क परिवार समूह क दूसर लोगन भी दाऊद क लगे किला मँ आएन।
17 दाऊद ओनसे भेंटइ बाहेर निकरा। दाऊद ओनसे कहेस, “जदि तू लोग सान्ति क संग मोर सहायता करइ आए हो, तउ मइँ तू लोगन क सुआगत करत हउँ। मोरे संग राह। किन्तु जदि तू मोका मोर दुस्मनन क हाथ मँ देइ बरे आवा अहा, जब कि मइँ तोहार कछू भी बुरा नाहीं किहे अहउँ, तउ हमरे पुरखन क परमेस्सर लखी कि तू का किहा अउर तोहका दण्ड देइ।”
18 अमसै तीस बीरन क प्रमुख रहा। तब अमासै पइ आतिमा उतरी। अमासै कहेस,“दाऊद हम तोहार अही। यिसै क पूत, हम तोहार संग अही। सान्ति होइ तोहारे संग। सान्ति ओन लोगन क जउन तोहार मदद करइँ। काहकि तोहार परमेस्सर, तोहार मदद करत ह।”तब दाऊद एन लोगन क सुआगत किहस। उ ओनका आपन सैनिकन क प्रमुखन बनाएस।
19 मनस्से क परिवार क समूह क कछू लोग भी दाऊद क संग होइ गएन। उ पचे दाऊद क संग तब होइ गएन जब ओका पलिस्तियन क संग साऊल क खिलाफ जुद्ध करइ बरे जाइ क रहा। मुला असल मँ दाऊद अउ ओकर लोग पलिस्तियन क मदद नाहीं किहन। एह बरे पलिस्तियन क प्रमुख सलाह क बाद दाऊद क बाहेर पठइ देइ क निणर्य लिहन। ओन सासकन कहेन, “जदि दाऊद अपने सुआमी साऊल क लगे जाइ, तउ हमार मूँड़ि काट डाइ जइहीं।”
20 इ सबइ मन्ससे क लोग रहेन जउन दाऊद क संग उ समइ मिलेन जब उ सिकलग: अदना, योजाबाद, यदीएल, मीकाएल, योजाबाद, एलीहू अउर सिल्लतै नगर क गवा। उ पचे सबहिं मनस्से क परिवार समूह क सेनाध्यच्छ रहेन।
21 उ पचे दाऊद क मदद डावूअन क गिरोह क खिलाफ जुद्ध करइ मँ करत रहेन। उ पचे मनस्से क बीर जोधन रहेन। उ पचे दाऊद क सेना क प्रमुख रहेन।
22 दाऊद क मदद बरे रोजाना जियादा स जियादा मनई आवत रहेन। इ तरह दाऊद क लगे बिसाल अउ ताकतवर फउज होइ गइ।
23 हेब्रोन नगर मँ जउन लोग दाऊद क लगे आएन, ओनकर गनती इ अहइ। इ सबइ मनई जुद्ध बरे तइयार रहेन। उ पचे साऊल क राज्ज क, दाऊद क देइ आएन। इहइ उ बात रही जेका यहोवा कहे रहा कि होइ। इ ओनकर गनती अहइ:
24 यहूदा क परिवार समूह स छ: हजार आठ सौ मनई जुद्ध बरे तइयार रहेन। उ पचे भालन अउ ढाल रखत रहेन।
25 सिमोन क परिवार समूह स सात हजार एक सौ मनई रहेन। उ पचे जुद्ध बरे तइयार बीर सैनिक रहेन।
26 लेवी क परिवार समूह स चार हजार छ: सौ मनई रहेन।
27 यहोयादा उ समूह मँ रहा। उ हारून क परिवार स प्रमुख रहा। यहोयादा क संग तीन हजार सात सौ मनई रहेन।
28 सादोक भी उ समूह मँ रहा। उ बीर जवान फउजी रहा। उ अपने परिवार स बाईस अधिकारियन क संग आवा।
29 बिन्यामीन क परिवार समूह स तीन हजार मनइयन रहेन। उ सबइ साऊल क सम्बन्धी रहेन। उ समइ तलक, ओनके जियादातर मनई साऊल परिवार क भगत रहेन।
30 एप्रैम परिवार समूह स बीस हजार आठ सौ मनई रहेन। उ पचे बीर जोधा रहेन। उ पचे अपने परिवार क मसहूर मनईरहेन।
31 मनस्से क आधे परिवार समूह स अटठारह हजार मनईरहेन। ओनका नाउँ लइके आवइ क बोलावा गवा अउर दाऊद क राजा बनाइ क कहा गवा।
32 इस्सकार क परिवार स दुइ सौ बुद्धिमान प्रमुख रहेन। उ पचे इस्राएल बरे उचित समइ पइ ठीक काम करब जानत रहेन। ओनकर सम्बन्धी ओनके संग रहेन अउर ओनकर आदेस क पालन करत रहेन।
33 जबूलून क परिवार समूह स पचास हजार मनइयन रहेन। उ सबइ प्रसिच्छित फउजी रहेन। उ पचे हर तरह क अस्त्र-सस्त्र स जुद्ध बरे प्रसिच्छित रहेन। उ पचे दाऊद क मदद पूरी वफ़ादारी क संग किहस।
34 नप्ताली क परिवार समूह स एक हजार अधिकारी रहेन। ओनके संग सैंतीस हजार मनई रहेन। उ सबइ मनई भालन अउ ढालन लइके चलव रहेन।
35 दान क परिवार समूह स जुद्ध बरे तइयार अटठाईस हजार छ: सौ मनई रहेन।
36 आसेर क परिवार समूह स जुद्ध बरे तइयार चालीस हजार प्रसिच्छित फउजी रहेन।
37 यरदन नदी क पूरब स रूबेन, गादी अउ मनस्से क आधे परिवारन स एक लाख बीस जहार मनई रहेन। ओन लोगन क लगे हर तरह क अस्त्र-सस्त्र रहेन।
38 उ पचे सबहिं मनई बीर जोधा रहेन। उ पचे हेब्रोन नगर स दाऊद क सारे इस्राएल क राजा बनावइ क पूरी सलाह कइके आए रहेन। इस्राएल क दूसर लोग भी सलाह किहेन कि दाऊद राजा होइ।
39 ओन लोग दाऊद क संग हेब्रोन मँ तीन दिन बिताएन। उ पचे खाएन अउ पीएन, काहेकि ओनकर सम्बन्धियन ओनके बरे भोजन बनाए रहेन।
40 जहाँ इस्साकार, जबूलून अउर नप्ताली क समूह रहत रहेन, उ छेत्र स भी ओनकर पड़ोसी गदहन, ऊँट खच्चर अउर गइया पइ भोजन लइके आए रहेन। उ पचे बहोत सा आटा, अंजीर पूड़ा, रेसिन, दाखरस, तेल, गाय-बर्धा अउर भेड़िन लिआएन। इस्राएल मँ लोग बहोत खुस रहेन।
1 Chronicles 13
1 दाऊद अपनी फउज क सबहिं अधिकारियन स बात किहस।
2 तब दाऊद इस्राएल क सबहिं लोगन क एक संग बोलाएस। उ ओनसे कहेस: “जदि तू लोग एक नीक बिचार सुमझत अहा। अउर जदि इ उहइ अहइ जेका यहोवा चाहत ह, तउ हम लोग अपने भाइयन क इस्राएल क सबहिं छेत्रन मँ सँदेस पठइ। हम लोग ओन जादकन अउ लेवीबंसियन क भी सँदेस पठइ जउन हम लोगन क भाइयन क संग नगरन अउ ओनके निअरे क खेतन मँ रहत हीं। सँदेसा मँ ओनसे आवइ अउर हमार साथ देइ क कहा जाइ।
3 हम लोग करार क सन्दूख क यरूसलेम मँ अपने मँ अपने लगे वापस लिआइ। हम लोग करार क सन्दूख क देखभाल साऊल क सासन काल मँ नाहीं कीन्ह।”
4 एह बरे इस्राएल क सबहिं लोग दाऊद क सलाह स्वीकार किहन। ओन सबहिं इ विचार किहेन कि इहइ करब ठीक अहइ।
5 एह बरे दाऊद मिस्र क सीहोर नदी स हमात क प्रवेस दुआर तलक क सबहिं इस्राएल क लोगन क बटोरेस। उ पचे किर्यत्यारीम नगर स करार क सन्दूख क वापस लइ जाइ क बरे एक संग आएन।
6 दाऊद अउ इस्राएल क सबहिं लोग ओकरे संग यहूदा क बाला क गएन। (बाला किर्यत्यारीम क दूसर नाउँ अहइ।) उ पचे हुवाँ करार क सन्दूख क लिआवत बरे गएन। उ करार क सन्दूख यहोवा परमेस्सर क सन्दूख अहइ। उ करूब सरगदूत क ऊपर बइठत ह। इहइ सन्दूख अहइ जउन यहोवा क नाउँ स गोहराइ जात ह।
7 लोग करार क सन्दूख अबीनादाब क घरे स हटाएन। उ पचे ओका एक नई गाड़ी मँ रखेन। उज्जा अउ अह्यो गाड़ी क चलावत रहेन।
8 दाऊद अउ इस्राएल क सबहिं लोग परमेस्सर क सम्मुख उत्सव मनावत रहेन। उ पचे परमेस्सर क स्तुति करत रहेन अउ गीत गावत रहेन। वे पचे वीणा तम्बूरा, दोत, मंजीरा अउ तुरही बजावत रहेन।
9 उ पचे कीदोन क खरिहाने मँ आएन। गाड़ी हींचइवाले बर्धन क ठोकर लाग अउ करार क सन्दूख लगभग भहराइ गवा। उज्जा सन्दूख क धरइ बरे आपन हाथ आगे बढ़ाएस।
10 यहोवा उज्जा पइ बहोत जियादा कोहाइ गवा। यहोवा उज्जा क मार डाएस काहेकि उ सन्दूख क छुइ लिहस। इ तरह उज्जा परमेस्सर क समन्वा हुवाँ मरा।
11 परमेस्सर आपन किरोध उज्जा पइ देखाएल अउर एहसे दाऊद कोहाइ गवा। उ समइ स अब तलक उ जगह “पेरेसउज्जा” कही जात ह।
12 उ दिन दाऊद परमेस्सर स डेराइ गवा। दाऊद कहेस, “मइँ करार क सन्दूख क हिआँ अपने लगे नाहीं लिआइ सकत।”
13 उ एह बरे दाऊद करार क सन्दूख क अपने संग दाऊद नगर मँ नाहीं लइ गवा। उ करार क सन्दूख क ओबेद-एदोम क घर पइ तजेस। ओबेद-एदोम गत नगर स रहा।
14 करार क सन्दूख ओबेद-एदोम क परिवार मँ ओकरे घरे मँ तीन महीने रहा। यहोवा ओबेद-एदोम क परिवार अउर ओकरे हिआँ जउन कछू रहा, क आसीर्बाद दिहस।
1 Chronicles 14
1 हीराम सूर नगर क राजा रहा। हीराम दाऊद क लगे सँदेस वाहक पठएस। हीराम देवदारु क लट्ठन, संगतरास अउ बढ़ई भी दाऊद क लगे पठएस। हीराम ओनका दाऊद बरे एक ठु महल बनावइ बरे पठएस।
2 तब दाऊद समुझ सका कि यहोवा ओका फुरइ ही इस्राएल क राजा बनाएस ह। यहोवा दाऊद क राज्ज क बहोत विस्तृत अउ सक्तीसाली बनाएस। परमेस्सर इ एह बरे किहस कि उ दाऊद अउर इस्राएल क लोगन स पिरेम करत रहा।
3 दाऊद यरूसलेम मँ बहोत सी मेहरारुअन क संग बियाह किहेस अउर ओकरे बहोत स बिटवा अउ बिटिया भइन।
4 यरूसलेम मँ पइदा भइ दाऊद क सन्तानन क नाउँ इ सबइ अहइँ: सम्मू, सोबाब, नातान, सुलैमान,
5 यिभार, एलीसू, एलपेलेत,
6 नोगह, नेपेग, यापी,
7 एलीसामा, बेल्यादा, अउर एलीपेलेद।
8 पलिस्ती लोग सुनेन कि दाऊद क अभिसेक इस्राएल क राजा क रूप मँ भवा ह। एह बरे, सबहिं पलिस्ती लोग दाऊद क खोज मँ गएन। दाऊद एकरे बारे मँ सुनेस। एह बरे उ पलिस्ती लोगन स लड़इ गवा।
9 पलिस्तियन रपाईम क घाटी मँ रहइवले लोगन पइ हमला किहेन अउर ओनकी चिजियन चुराएन।
10 दाऊद परमेस्सर स पूछेस, “का ओका जानइ चाही अउर पलिस्ती लोगन स जुद्छ करइ चाही? क तू मोका ओनका हरावइ देब्या?”यहोवा दाऊद क जवाब दिहस, “जा! मइँ तोहका पलिस्ती लोगन क हरावइ देब।”
11 तब दाऊद अउर ओकर लोग बालपरासीम नगर तलक गएन। हुवाँ दाऊद अउ ओकर लोग पलिस्ती लोगन क हराएन। दाऊद कहेस, “जिस तरह टूटहे बाँधे स पानी फूट पड़त ह उहइ तरह, परमेस्सर मोरे दुस्मनन पइ पूट पड़ा ह। परमेस्सर इ मोरे माध्यम स किहस ह।” इहइ कारण अहइ कि इ जगह बालपरासीम क नाउँ स जाना जात ह।
12 पलिस्ती लोग अपनी मूरतियन क बालपरासीम मँ तजि दिहन। दाऊद ओन मूरतियन क बार देइ क आदेस दिहस।
13 पलिस्तियन रपाईम घाटी मँ रहइवाले लोगन पइ फुन हमला किहन।
14 दाऊद फुन परमेस्सर स पराथना किहस। परमेस्सर दाऊद क पराथना क जवाब दिहस। परमेस्सर कहेस, “दाऊद, जब तू हमला करा तउ पलिस्ती लोगन क पाछे पहाड़ी पइ जिन जा। एकरे बदले, ओनके चारिहुँ कइँती जा। हुवाँ छुपा, जहाँ मोखा क बृच्छ अहइ।
15 एक ठू पहरेदार क बृच्छ क चोटी पइ चढ़इ क कहा। जइसे ही उ बृच्छन क चोटी स फउज क चलइ क आवाज क सुनी, उहइ समइ तू पलिस्तियन पइ हमला करा। परमेस्सर तोहरे समन्वा आइहीं अउ पलिस्ती फउज क हराइहीं।”
16 दाऊद उहइ किहस जउन परमेस्सर करइ क कहेस एह बरे दाऊद अउ ओकर फउज पलिस्ती फउज क हराएस। उ पचे पलिस्ती फउजियन क लगातार गिबोन नगर स गेजेर नगर तलक मारेन।
17 इ तरह दाऊद सबहिं देसन मँ मसहूर होइ गवा। यहोवा सबहिं रास्ट्रन क हिरदइ मँ ओकर डर बइठाइ दिहस।
1 Chronicles 15
1 दाऊद, अपने बरे दाऊद नगर मँ महल बनवाएस। तब उ करार क सन्दूख क बरे एक ठु जगहिया बनाएस। उ एकरे बरे एक तम्बू डाएस।
2 तब दाऊद कहेस, “सिरफ लेवीबंसियन क करार क सन्दूख लइ चलइ क मंजूरी अहा। यहोवा ओनका करार क सन्दूख चलइ अउर ओकर सदा ही सेवा बरे चुनेस ह।”
3 दाऊद इस्राएल क सबहिं लोगन क यरूसलेम मँ एक संग मिलइ बरे बोलाएस जब तलक लेवीबंसियन करार क सन्दूख क उ जगहिया पइ लइके आएन जउन उ ओकरे बरे बनाए रहा।
4 दाऊद हारून क सन्तानन अउ लेवीबंसियन क एक संग बोलाएस।
5 कहात परिवार समूह स एक सौ बीस मनई रहेन। ऊरीएल ओनकर प्रमुख रहा।
6 मरारी क परिवार समूह स दुई सौ बीस मनई रहेन। असायाह ओनकर प्रमुख रहा।
7 गेसोर्मियन क परिवार समूह क एक सौ तीस लोग रहेन। योएल ओनकर प्रमुख रहा।
8 एलिसापान क परिवार समूह क दुई सौ लोग रहेन। समायाह ओनकर प्रमुख रहा।
9 हेब्रोन क परिवार समूह क सत्तर लोग रहेन। एलीएल ओनकर प्रमुख रहा।
10 उज्जीएल क परिवार समूह क एक सौ बारह लोग रहेन। अम्मीनादाब ओनकर प्रमुख रहा।
11 तब दाऊद सादोक अउ एब्यातार याजकन स कहेस कि उ पचे ओकेरे लगे आवइँ। दाऊद ऊरीएल, असायाह, योएल, समायाह, एलीएल अउर अम्मीनादाब लेवीबंसियन क भी अपने लगे बोलाएस।
12 दाऊद ओनसे कहेस, “तू लोग लेवी परिवार समूह क प्रमुख अहा। तू पचन्क अपने अउर दूसर लेवीबंसियन क पवित्तर बनावइ चाही। तब करार क सन्दूख क उ जगह पइ लिआवा, जेका मइँ ओकरे बरे बनाएउँ ह।
13 पिछली दाईं हम लोग यहोवा परमेस्सर स नाहीं पूछा कि करार क सन्दूख क हम कइसे लइ चली। लेवीबंसियन, तू पचे एका नाहीं लइ चल्या, इहइ कारण अहइ कि यहोवा हम क सजा दिहस।”
14 तब याजक अउ लेवीबंसियन अपने क पवित्तर किहन जेहसे उ पचे इस्राएल क यहोवा परमेस्सर क सन्दूख क लइके चल सकइँ।
15 लेवीबंसियन बिसेस डंडन क उपयोग, अपने काँधन पइ करार क सन्दूख क लइ चलइ बरे किहन जइसा मूसा क आदेस रहा। उ पचे सन्दूख क उ तरह स लइ चलेन जइसा यहोवा कहे रहा।
16 दाऊद लेवीबंसियन क ओनके गायक भाइयन क लिआवइ बरे कहेस। गायकन क अपनी वीणा, तम्बूरा अउर मंजीरा लिआउब रहा अउर खुसी क गीत गाउब रहा।
17 तब लेवीबंसियन हेमान अउर भाइयन आसाप अउ एतान क बोलाएन। हेमान योएल क पूत रहा। आसाप बेरेक्याह क पूत रहा। एतान वूसायाह क पूत रहा। इ सबइ मनई मरारी परिवार समूह क रहेन।
18 हुवाँ लेवीबंसियन क दूसर समूह भी रहा। उ पचे जकर्याह, बेन याजीएल, समीरामोत, यहीएल, उन्नी, एलीआब, बनायाह, मासेयाह, मत्तित्याह, एलीपलेह, मिकनेयाह, ओबेदेदोम अउ यीएल रहेन। इ सबइ लोग लेवीबंस क रच्छक रहेन।
19 गायक हेमान, आसाप अउ एतान काँसे क मँजीरा बजावत रहेन।
20 जकर्याह, अजीएल, समीरामोत, यहीएल, उन्नी, एलीआब, मासेयाह अउ बनायाह, अलामोत वीणा बजावत रहेन।
21 मत्तित्याह, एलीपलेह, मिकनेयाह, ओबेदेदोम, यीएल अउर अजज्याह सेमिनिथ तम्बूरा बजावत रहेन। इ ओनकर सदा ही क काम रहा।
22 लेवीबंसी प्रमुख कनन्याह गायन क प्रबन्धक रहा। कनन्याह क इ काम मिला रहा काहेकि उ गावइ मँ बहोत जियादा वुसल रहा।
23 बेरेक्याह अउ एलकाना, करार क सन्दूख क रच्छकन मँ स दुइ रहेन।
24 याजक सबन्याह, योसापात, नतनेल, अमासै, जकर्याह, बनायाह अउर एलीएजेर क काम करार क सन्दूख क समन्वा चलत समइ तुरही बजाउब रहा। ओबेदेदोम अउर यहिय्याह करार क सन्दूख बरे दूसर रच्छक रहेन।
25 दाऊद इस्राएल क अग्रज अउ सेनापति करार क सन्दूख क लेइ गएन। उ पचे ओका ओबेदेदोम क घरे स बाहेर लिआएन। हर एक बहोत खुस रहा।
26 परमेस्सर ओन लेवीबंसियन क मदद किहस जउन यहोवा क करार क सन्दूखे क लइके चलत रहेन। उ पचे सात बर्धन अउर सात भेड़न क बलि दिहन।
27 सबहिं लेवीबंसी जउन करार क सन्दूख लइके चलत रहेन, उत्तिम सन क चोगे पहिरे रहेन। गायन क प्रबन्धक कनन्याह अउर सबहिं गायक उत्तिम सन चोगान पहिरे रहेन अउ दाऊद भी उत्तिम सन क बना एपोद पहिरे रहा।
28 इ तरह इस्राएल क सारे लोग यहोवा क करार क सन्दूख क लइ आएन। उ पचे उद्घोष किहन, उ पचे भेड़न क सींग अउ तुरही बजाएन अउर उ पचे मँजीरन, वीणा अउर तम्बूरन बजाएन।
29 जब करार क सन्दूख दाऊद नगर मँ पहोंचा, मीकल खिड़की स लखेस। मीकल साऊल क बिटिया रही। उ राजा दाऊद क चारिहुँ कइँती नाचत अउर बजावत लखेस। उ अपने हिरदइ मँ दाऊद क बरे सम्मान क खोइ दिहस उ सोचेस कि उ मूरख बनत बाटइ।
1 Chronicles 16
1 लेवीबंसी करार क सन्दूख लइ आएन। अउर ओका उ तम्बू मँ धरेन जेका दाऊद एकरे बरे खड़ी कइ रखे रहा। तब उ पचे परमेस्सर क होमबलि अउ मेलबलि चढ़ाएन।
2 जब दाऊद होमबलि अउ मेलबलि देब पूरा कइ चुका तउ उ लोगन क आसीर्बाद देइ क बरे यहोवा क नाउँ लिहस।
3 तब उ हर एक इस्राएली मेहरारु-मनई क एक-एक रोटी, खजूर अउ किसमिस दिहस।
4 तब दाऊद करार क सन्दूख क समन्वा सेवा बरे कछू लेवीबंसियन क चुनेस। ओन लेवीबंसियन क इस्राएलियन क यहोवा परमेस्सर बरे उत्सव क मनावइ, आभार परगट करइ अउ स्तुति करइ क जिम्मेदारी सौंपा गवा।
5 आसाप, पहिले समूह क प्रमुख रहा। आसाप क समूह सारंगी बजावत रहा। जकर्याह दूसरे समूह क प्रमुख रहा। इ सबइ दूसर लेवीबंसियन रहेन: यीएल, समीरामोत, यहीएल, मत्तित्याह, एलीआब, बनायाह, ओबेद-एदोम अउ यीएल। इ सबइ मनई वीणा अउ तम्बूरा बजावत रहेन
6 बनायाह अउर यहजीएल अइसे याजक रहेन जउन करार क सन्दूख क समन्वा सदा ही तुरही बजावत रहेन।
7 इ उहइ समइ रहा जब दाऊद पहिली बार आसाप अउर ओकरे भाइयन क यहोवा क स्तुति करइ क काम किहस।
8 यहोवा क स्तुति करा, ओकर नाउँ ल्या। लोगन क ओन महान कार्यन क जानकारी द्या जेनका यहोवा किहेस ह।
9 यहोवा क गीत गावा, यहोवा क स्तुतियाँ गवा। ओकर सबहिं महान कार्यन क गुणगान करा।
10 यहोवा क पवित्तर नाउँ पइ गर्व करा। सबहिं लोग जउन यहोवा क मदद पइ भरोसा करत हीं, खुस ह्वा।
11 यहोवा अउर ओकरी सक्ती क खोज करा। सदा ही मदद बरे ओकरे लगे जा।
12 ओन अजूबे कार्यन क याद करा जउन यहोवा किहेन ह। ओकरे निर्णयन क याद राखा अउर सक्ती स भरपूर कार्यन क जउन उ किहेस।
13 इस्राएल क सन्तानन यहोवा क सेवक अहइँ। याकूब क पूतन यहोवा क जरिये चुने गए लोग अहइँ।
14 यहोवा हमार परमेस्सर अहइ, ओकर नेमन सबहिं जगह अहइ।
15 ओकरी करार क सदा ही याद राखा, उ अपने आदेसन हजार पीढ़ियन बरे दिहेस ह।
16 इ करार अहइ जेका यहोवा इब्राहीम क संग किहे रहा। इ करार अहइ जउन यहोवा इसहाक क संग किहेस।
17 यहोवा एका याकूब क लोगन क बरे कानून बनाएस। इ करार इस्राएल क संग अहइ जउन सदा ही बनी रही।
18 यहोवा इस्राएल स कहे रहा: “मइँ कनान देस तोहका देब इ प्रतिग्या क पहँटा तोहार ही होइ।”
19 परमेस्सर क लोग गनती मँ थोड़े रहेन। उ पचे उ देस मँ अजनबी रहेन।
20 उ पचे एक रास्ट्र स दूसर रास्ट्र क गएन। उ पचे एक राज्ज स दूसर क गएन।
21 मुला यहोवा कउनो क ओनका चोट पहोंचवइ न दिहस। यहोवा राजा लोगन क चितउनी दिहस कि उ पचे ओनका चोट न पहोंचावइँ।
22 यहोवा ओन राजा लोगन स कहेस, “मोर चुने लोगन क चोट न पहोंचावा। मोरे नबियन क चोट न पहोंचावा।”
23 यहोवा बरे सारी धरती पइ गुनगान करा, हर रोज तू पचन्क यहोवा क जरिये हमार रच्छा क सुभ समाचार परगट करइ चाही।
24 यहोवा क प्रताप क सबहिं रास्ट्रन स कहा यहोवा क अजूबे कार्यन क सबहिं लोगन स कहा।
25 यहोवा महान अहइ, यहोवा क स्तुति होइ चाही यहोवा दूसर देवतन स अधिक भए जोग्ग अहइ।
26 काहेकि ओन रास्ट्रन सबहिं देवता मात्र मूरतियन अहइँ। मुला यहोवा आकासे क बनाएस।
27 यहोवा महिमा अउ सम्मान रखत अहइ। ताकत अउर आनन्द ओकर जगह मँ मोजूद अहइ।
28 परिवार अउ लोग यहोवा क महिमा अउ सक्ती क स्तुति करत हीं।
29 यहोवा क प्रताप क स्तुति करा। ओकरे नाउँ क सम्मान द्या। यहोवा क अपनी भेंटन चढ़ावा, यहोवा अउ ओकर पवित्तर सुन्दरता क उपासना करा।
30 यहोवा क समन्वा भय स सारी धरती काँपइ चाही। किन्तु उ धरती क मजबूत बनाएस। एह बरे धरती हिली नाहीं।
31 धरती अउ आकासे क आन्नद मँ झूमइ द्या।चारिहुँ कइँती लोगन क कहइ द्या, “यहोवा सासन करत ह।”
32 सागर अउ एहमाँ क सबहिं चिचियन क चिचयाइ द्या। खेतन अउ ओनमाँ क हर एक चीज क आपन आनन्द परगट करइ द्या।
33 यहोवा क समन्वा बन क बृच्छ आनन्द स गइहीं। काहेकि यहोवा आवत अहइ। उ संसार क निआव करइ आवत बाटइ।
34 अहा! यहोवा क धन्य द्या, उ अच्छा अहइ। यहोवा क पिरेम सदा बना रहत ह।
35 यहोवा स कहा, “हे परमेस्सर, हमरे रच्छक, हमार रच्छा करा। हम लोगन क एक संग बटोरा, अउर हमका द्सर रास्ट्रन स बचावा। अउर तब हम तोहरे पवित्तर नाउँ क स्तुति कइ सकित ह। तब हम तोहरे स्तुति अपने गीतन स कइ सकित ह।”
36 इस्राएल क यहोवा परमेस्सर क सदा स्तुति होत रहइ जइसे कि सदा ही ओकर बड़कई होत रहत ह। सबहिं लोगन कहेन, “आमीन!” उ पचे यहोवा क स्तुति कहेन।
37 तब दाऊद आसाप अउ ओकरे भाइयन क हुवाँ यहोवा क करार क सन्दूख क समन्वा छोड़ेस। दाऊद ओनका ओकरे समन्वा हर रोज सेवा करइ बरे छोड़ेस।
38 दाऊद आसाप अउर ओकरे भाइयन क संग सेवा करइ बरे ओबेद-एदोम अउर दूसर अड़सठ लेबीबंसियन क छोड़ेस। ओबेद-एदोम अउर होसा रच्छक रहेन। ओबेद-एदोम यदूतून क पूत रहा।
39 दाऊद याजक सादोक अउ दूसर याजकन क जउन गिबोन मँ ऊँची जगह पइ यहोवा क तम्बू क समन्वा ओकरे संग सेवा करत रहेन ओकर संग छड़ेस।
40 हर भिंसारे अउ साँझ सादोद अउ दूसर याजक होमबलि क वेदी पइ होमबलि चढ़ावत रहेन। उ पचे इ यहोवा व्यवस्था मँ लिखे गए ओन नेमन क पालन करइ बरे करत रहेन जेनका यहोवा इस्राएल क दिहे रहा।
41 हेमान अउ यदूतून अउ सबहिं दूसर लेवीबंसियन यहोवा क स्तुतिगान करइ बरे नाउँ लइके चुने गए रहेन, काहेकि ओकर पिरेम सदा ही बना रहत ह।
42 हेमान अउ यदूतून ओनके संग रहेन। ओनकर काम तुरही अउ मँजीरा बजाउब रहा। उ पचे दूसर संगीत बाजा बजावइ क काम भी करत रहेन, जब परमेस्सर क स्तुति क गीत गाए जात रहेन। यदूतून क पूतन दुआरन क रच्छा करत रहा।
43 उत्सव मनावइ क पाछे, सबहिं लोग चले गएन। हर एक मनई अपने-अपने घर चला गवा अउर दाऊद भी अपने परिवार क आसीर्बाद देइ बरे घर गवा।
1 Chronicles 17
1 दाऊद अपने घरे चले जाइ क पाछे नातन नबी स कहेस, “लखा, मइँ देवदारु स बने घरे मँ रहत हउँ, मुला यहोवा क करार क सन्दूख तम्बू मँ धरा अहइ। मइँ परमेस्सर बरे एक मन्दिर बनावइ चाहत अहउँ।”
2 नातान दाऊद क जवाब दिहस, “तू जउन कछू करइ चाहत अहा, कइ सकत अहा। परमेस्सर तोहरे संग अहइ।”
3 मुला परमेस्सर क संदेसा उ रात नातान क मिला।
4 परमेस्सर कहेस, “जा अउर मोर सेवक दाऊद स इ कहा: “यहोवा इ कहत ह, ‘दाऊद, तू उ नाहीं अहइ जउन मोर बरे एक घर बनाइ।
5 जब स मइँ इस्राएल क मिस्र स बाहेर लिआएउँ तब स अब तलक, मइँ घरे मँ नाहीं रहा हउँ। मइँ एक तम्बू स दूसर तम्बू क चरिहुँ कइँती घूमत रहा हउँ।
6 जउने समइ मइँ इस्राएल मँ विभिन्न जगहन पइ चारिहुँ कइँती घूमत रहेउँ, मइँ कउनो प्रमुख स जेनका मइँ आपन लोगन क अगवाइ करइ बरे आदेस दिहेउँ रहा इ नाहीं कहेउँ: तू मोरे बरे देवदारु बृच्छ क काठे स घर काहे नाहीं बनाया ह’
7 “अब तू मोरे सेवक दाऊद स कहा: सर्वसक्तीमान यहोवा तोहसे कहत ह, ‘मइँ तोहका चरागाह स अउर भेड़िन क देखरेख करइ स लिएउँ। मइँ तोहका अपने इस्राएली लोगन क सासक बनाएउँ।
8 तू जहाँ गया, मइँ तोहारे संग रहेउँ। मइँ तोहरे अगवा-अगवा चलेउँ अउर मइँ तोहरे दुस्मनन क मारेउँ। अब मइँ तोहका पृथ्वी पइ सब स जियादा मसहूर मनइयन मँ स एक बना रहेउँ।
9 मइँ इ जगह अपने इस्राएल क लोगन क दइ देत अहइँ। मइँ ओनका उ जगह पइ स्थापित करब, अउर उ पचे हुवाँ सान्तिपूवर्क रइहीं। उ पचे अब आगे अउर परेसान नाहीं कीन्ह जइहीं। बुरे लोग ओनका वइसे चोट नाहीं पहोंचाइही जइसा उ पचे पहिले पहोंचाए रहेन।
10 उ समइ स जब मइँ आपन लोग इस्राएल क अगुवाइ अउ रच्छा करइ बरे निआवधीसन क नियुक्त किहा, मइँ तोहार सबइ दुस्मनन क हराएस हउँ।“‘मइँ तोहसे कहत हउँ कि यहोवा तोहार परिवार क एक सही परिवार बनाई।
11 जब तू मरब्या अउर अपने पुरखन स जाइ भेंटब्या, तब मइँ तोहरे निज पूत क नवा राजा होइ देब। नवा राजा तोहरे पूतन मँ स एक होइ अउर मइँ ओकर राज्ज क सक्तीसाली बनाउब।
12 तोहार पूत मोरे बरे एक ठु घर बनाई। मइँ तोहारे पूत क परिवार क सदा बरे सासक बनाउब।
13 मइँ ओकर बाप बनब अउर उ मोर पूत होइ। साऊल तोहसे पहिले राजा रहा। मइँ ओह प स आपन पिरेम अउर मदद हटाइ लिएउँ। किन्तु मइँ तोहारे पूत स पिरेम क नाहीं हटाउब।
14 मइँ ओका सदा बरे अपने घर अउर राज्ज क संरच्छक बनाउब। ओकर सासन सदा ही चलत रही।’“
15 नातन अपने इ दर्सन अउर परमेस्सर जउन सबहिं बातन कहे रहा ओकरे बारे मँ दाऊद स कहेस।
16 तब दाऊद पवित्तर तम्बू मँ गवा अउर यहोवा क समन्वा बइठा। दाऊद कहेस, “यहोवा परमेस्सर, तू मोरे बरे अउर मोरे परिवार बरे ऍतना जियादा किहा ह अउर मइँ नाहीं समुझत कि काहे
17 अउर माना कि इ काफी नाहीं रहा, किन्तु, ओ परमेस्सर, तू मोका मोरे परिवार क भविस्स बताएस ह। तू मोरे बरे एक बहोत महत्वपूर्ण मनई जइसा बेउहार किहा ह।
18 मइँ अउर जियादा का काहि सकत हउँ? तू मोरे बरे ऍतना जियादा किहा ह अउर तू मोका बहोत सम्मान दिहेस ह अउर मइँ सिरिफ तोहार सेवक हउँ। तू मोका जानत ह।
19 यहोवा, तू इ अजूबा कार्य मोरे बरे किहा ह अउर इ तू किहा काहेकि तू इ महान कार्य क बतावइ चाहत ह।
20 यहोवा, तोहरे समान अउर कउनो नाहीं अहइ। तोहरे अलावा कउनो परमेस्सर नाहीं अहइ। हम लोग कबहुँ कउनो देवता क अइसे अजूबा कार्य करत नाहीं सुना ह।
21 का इस्राएल क समान दूसर कउनो रास्ट्र अहइ? इस्राएल ही पृथ्वी पइ एकमात्र रास्ट्र अहइ जेकरे बरे तू इ अजूबा कार्य किहा। तू हम क महान अउर चमत्कारवाला अद्भुत कार्य कइ के मिस्र स बाहेर निकार्या अउर हमक आजाद किहा। तू अपने लोगन क समन्वा गया अउर दूसर लोगन क हमरे बरे भुइँया छोड़ेइ क मजबूर किहा। अउर इ महान कार्य कइके तू मसहूर होइ गवा।
22 तू इस्राएल क सदा बरे आपन लोग बनाया अउर यहोवा तू ओकर परमेस्सर भया।
23 “यहोवा, तू इ प्रतिग्या मोहसे अउर मोरे परिवार स किहा ह। अब स तू सदा बरे इ प्रतिग्या क बनाए राखा। उ करा जउन तू करइ कह्या।
24 अपनी प्रतिग्या क पूरा करा, जेहसे लोग तोहरे नाउँ क सम्मान सदा बरे कइ सकइँ। तब लोग कहिहीं, ‘सर्वसक्तीसाली यहोवा इस्राएल क परमेस्सर अहइ।’ मइँ तोहार सेवक अहउँ। वृपा कइके मोरे परिवार क सक्तीसाली होइ द्या अउर उ तोहार सेवा सदा करत रहइ।
25 “मोरे परमेस्सर, तू मोहसे, अपने सेवक कह्या, कि तू मोरे परिवार क एक ठु राजपरिवार बनउब्या। एह बरे मइँ तोहारे समन्वा ऍतना निडर होत हउँ, एह बरे मइँ तोहसे इ सबइ चिजियन करइ बरे कहत हउँ।
26 यहोवा तू परमेस्सर अहा अउर परमेस्सर तू एन नीक चिजियन क वचन मोरे, आपन सेवक बरे किहा ह।
27 यहोवा, तू मोरे परिवार क आसीस देइ मँ ऍतना जियादा दयालु रहा ह। तू प्रतिग्या किहा, कि मोरे परिवार तोहार सेवा सदा सदा ही करत रही। यहोवा तू मोर परिवार क आसीस दिहा ह, एह बरे मोरे परिवार सदा आसीस पाई।”
1 Chronicles 18
1 पाछे दाऊद पलिस्ती लोगन पइ हमला किहस। उ ओनका हराएस। उ गत नगर अउर ओकरे चाहिहुँ कइँती क नगरन क पलिस्ती लोगन स जीत लिहस।
2 तब दाऊद मोआब देस क हराएस। मोआबी लोग दाऊद क गुलाम बन गएन अउर ओकर लगे नज़राना लाएन।
3 दाऊद हददेज़ेर क सेना क बिरुद्ध भी लड़ा। हददेज़ेर सेबा क राजा रहा। दाऊद उ सेना क संग लगातार हमात नगर तलक लड़ा। दाऊद इ एह बरे किहस कि हददेज़ेर अपने राज्ज क परात नदी तलक फइलावाइ क कोसिस किहस।
4 दाऊद हददेज़ेर एक हजार रथ, सात हजार सारथी अउर बीस हजार फउजी लिहेस। दाऊद हददेज़ेर क जियादातर घोड़न अंग-अंग कइ दिहस जउन रथ हींचत रहेन। मुला दाऊद सौ रथन क हींचइ बरे काफी घोड़न क बचाइ लिहस।
5 दमिस्क नगर स अरामी लोग हददेज़ेर क मदद करइ बरे आएन हददेज़ेर सोबा क राजा रहा। मुला दाऊद बाईस हजार अरामी फउजियन क पराजित किहेस अउ मार डाएस।
6 तब दाऊद दमिस्क नगर मँ राज्जपालन क राखेस। अरामी लोग दाऊद क प्रजा बन गएन अउ ओकरे लगे नज़राना लइके आएन। एह बरे यहोवा दाऊद क, जहाँ कहूँ उ गवा, बिजइ दिहस।
7 दाऊद हददेज़ेर क सेनापतियन क सोना क ढालन लिहस अउर ओनका यरूसलेम लइ आवा।
8 दाऊद तिभत अउ वून नगरन स बहोत जियादा काँसा प्राप्त किहस। उ पचे नगर हददेज़ेर क रहेन। पाछे, सुलैमान इ काँसे क उपयोग काँसे क हौदन, काँसे क खम्भा अउर सबइ दूसर चिजियन बनावइ मँ किहस जउन मन्दिर क बरे काँसे स बनी रहिन।
9 तोऊ हमात नगर क राजा रहा। हददेज़ेर सोबा क राजा रहा। तोउ सुनेस कि दाऊद हददेज़ेर क सारी सेना क हराइ दिहस।
10 एह बरे तोउ अपने पूत हदोराम क राजा दाऊद क लगे सान्ति क याचना करइ अउ जीत क मुबारकबाद देइ बरे पठएस। उ इ किहेस काहेकि दाऊद हददेज़ेर क खिलाफ जुद्ध किहे रहा अउर ओका हराए रहा। पहिले हददेज़ेर तोउ स जुद्ध किहे रहा। हदोराम दाऊद क हर एक तरह क सोना, चाँदी अउर काँसा स बनी चिजियन दिहस।
11 राजा दाऊद ओन चिजियन क पवित्तर बनाएस अउर यहोवा क दिहस। दाऊद अइसा उ सारे चाँदी, सोना क संग किहेस जेका उ एदोमी, मोआबी, अम्मोनी पलिस्ती अउर अमालेकी लोगन स प्राप्त किहे रहा।
12 सरूयाह क पूत अबीसै नून क घाटी मँ अट्ठारह हजार एदोमी लोगन क मारेस।
13 अबीसै एदोमी मँ राज्जपाल क राखेन अउर सबहिं एदोमी लोग दाऊद क गुलाम होइ गएन। दाऊद जहाँ कहूँ भी गवा, यहोवा ओका बिजइ दिहस।
14 दाऊद पूरे इस्राएल क राजा रहा। उ उहइ किहस जउन सब क बरे उचित अउ निआवपूर्ण रहा।
15 सरूयाह क पूत योआब, दाऊद क सेना क सेनापति रहा। अहीलूद क पूत यहोसापात ओन कामन क बारे मँ लिखेस जउन दाऊद किहेस।
16 सादोक अउ अबीमेलेक याजक रहेन। सादोक अहीतूब क पूत रहा अउर अबीमेलेक एब्यातार क पूत रहा। सबसा लिपिक रहा।
17 यहोयदा क पूत बनायाह करेतियन अउ पलेती लोगन क मार्गदर्सन क उत्तरदायी रहा। अउर दाऊद क पूतन बिसेस अधिकारी रहेन। उ पचे राजा दाऊद क संग सेवारत रहेन।
1 Chronicles 19
1 नाहास अम्मोनी लोगन क राजा रहा। नाहास मरा अउर ओकर पूत नवा राजा बना।
2 तब दाऊद कहेस, “नाहास मोरे बरे दयालु रहा, एह बरे मइँ नाहास क पूत हानून बरे दयालु रहब।” एह बरे दाऊद अपने दूतन क ओकरे बाप क मउत पइ सान्त्वना देइ पठाएस। दाऊद क दूत हानून क सान्त्वना देइ अम्मोन देस क गएन।
3 मुला अम्मोनी प्रमुखन हानून स कहेन, “मूरख जिन बना। दाऊद इ मनईयन क तोहका सान्त्वना देइ बरे या तोहरे मरे बाप क सम्मान देइ बरे नाहीं पठएस ह। नाहीं, दाऊद अपने दूतन क तोहार अउर तोहरे देस क जासूसी करइ चाहत ह। असल मँ दाऊद तोहरे देस क नस्ट करइ चाहत ह।”
4 एह बरे हानून दाऊद क सेवकन क बन्दी बनाएस अउर ओनकर दाढ़ी मुड़वाइ दिहस। हानून क करिहाउँ तलक ओकरे ओढ़नन क छोर क कटवाइ दिहस। तब उ ओनका बिदा कइ दिहस।
5 दाऊद क मनई एतने लज्जित भएन कि उ पचे घर क नाहीं जाइ सकत रहेन। कछू लोग दाऊद क लगे गएन अउर बताएन कि ओकरे मनइयन क संग कइसा बर्त्ताव भवा ह। एह बरे राजा दाऊद अपने लोगन क लगे इ खबर पठएस: “तू लोग यरीहो नगर मँ तब तलक रहा जब तलक फुन डाढ़ी न जम जाइ। तब तू घरे वापस जाइ सकत ह।”
6 अम्मोनी लोग पता पाएन कि दाऊद ओनका आपन दुस्मन समुझत ह। तब हानून अउ अम्मोनी लोग पचहत्तर हजार पौण्ड चाँदी, रथन अउर सारथियन क मेसोपोटामियन स बेसाहइ मँ लगाएन। उ पचे अराम मँ अरम्माका अउ सोबी लोगन स भी रथन अउर सारथियन क प्राप्त किहन।
7 अम्मोनी लोग बत्तीस हजार रथ बेसहेन। उ पचे माका क राजा क अउर ओकरी फउज क भी आवइ अउ मदद करइ बरे भुगतान किहन। माका क राजा अउर ओकर लोग आएन अउर उ पचे मेदबा नगर क लगे आपन डेरा डाएन। अम्मोनी लोग खुद अपने नगरन स बाहेर अउर आएन जुद्ध बरे तइयार होइ गएन।
8 दाऊद सुनेस कि अम्मोनी लोग जुद्ध बरे तइयार होत अहइँ। एह बरे उ योआब अउ इस्राएल क पूरी फउज क अम्मोनी लोगन स जुद्ध करइ बरे पठाएस।
9 अम्मोनी लोग बाहेर निकरेन अउर जुद्ध बरे तइयार होइ गएन। उ पचे नगर दुआर क लगे रहेन जउन राजा मदद बरे आए रहेन, उ पचे खुद खुले मइदान मँ खड़े रहेन।
10 योआब लखेस कि ओकरे खिलाफ लड़इवाली फउज क दुइ मोर्चन रहेन। एक ठु मोर्चा ओकरे समन्ना रहा अउर दूसर ओकरे पाछे रहा। एह बरे योआब इस्राएल क कछू सब स उत्तिम जोधन क चुनेस। उ ओनका अराम क सेना स लड़इ बरे पठएस।
11 योआब इस्राएल क बाकी फउज क अबीसै क सेनापतित्व मँ राखेस। अबीसै योआब क भाइ रहा। उ सबइ फउजी अम्मोनी सेना क खिलाफ लड़इ गएन।
12 योआब अबीसै स कहेस, “जदि अरामी फउज मोरे बरे बहोत जियादा सक्तीसाली पड़इ तउ तोहका मोर मदद करइ क होइ मुला जदि अम्मोनी फउज तोहारे बरे बहोत जियादा सक्तीसाली साबित होइ तउ मइँ तोहार मदद करब।
13 हम अपने लोगन अउ अपने परमेस्सर क नगरन क बरे जुद्ध करत समइ बीर अउ मजबूत बनी यहोवा उ करइ जेका उ उचित मानत ह।”
14 योआब अउ ओकरे संग क सेना अराम क पइ हमला किहस। अराम क सेना योआब अउर ओकरी फउज क समान्वा स भाग खड़ी भइ।
15 अम्मोनी सेना लखेस कि अराम क सेना भागत अहइ एह बरे उ पचे भी पराइ गएन। उ पचे अबीसै अउर ओकरी सेना क समन्वा स भाग खड़े भएन। अम्मोनी अपने नगर क चले गएन, अउर योआब यरूसलेम क लउट गवा।
16 अरमी क प्रमुखन लखेस कि इस्राएल ओनका पराजित कइ दिहस। एह बरे उ पचे परात नदी क पूरब रहइवाले अरामी लोगन स सहायता बरे दूत पठाएस। सोपक हददेज़ेर क अरामी क सेना क सेनापति रहा। सोपक ओन दूसर अरामी फउजिन क भी संचालन किहस जउन मदद बरे आएस।
17 दाऊद सुनेस कि अराम क लोग जुद्ध बरे एकट्ठा होइ ग अहइ, एह बरे दाऊद इस्राएल क सबहिं फउजियन क बटोरेस। दाऊद ओनका यरदन नदी क पार लइ गवा। उ पचे अरामी लोगन क ठीक आमने-सामने आइ गएन। दाऊद अपनी फउज क हमला करइ बरे तइयार किहेस अउर अरामियन पइ हमला कइ दिहस।
18 अरामी इस्राएलियन क समन्वा स भाग खड़े भएन। दाऊद अउर ओकर फउज सात हजार सारथी अउर चलीस हजार अरामी फउजियन क मार डाएस। दाऊद अउर ओकर फउज अरामी सेना क सेनापति सोपक क भी मार डाएस।
19 जब हददेज़ेर क अधिकारियन लखेन कि इस्राएल ओनका हराइ दिहस तउ उ पचे दाऊद स सन्ति कइ लिहन। उ पचे दाऊद क प्रजा बन गएन। इ तरह अरामियन अम्मोनी लोगन क फुन सहायता करइ स इन्कार कइ दिहन।
1 Chronicles 20
1 बसन्त मँ, योआब इस्राएल क फउज क जुद्ध बरे अगवाइ किहेस। इ उहइ समइ रहा जब राजा लोग जुद्ध करइ बरे निकलेस रहेन मुला दाऊद यरूसलेम मँ रहा। तब इस्राएल क फउज अम्मोन देस क गवा अउ एका नस्ट कइ दिहेस। तब उ पचे ओकर राजधानी रब्बा नगर क गएन। सेना लोगन क भीतर आवइ अउर बाहेर जाइ स रोकइ बरे नगर क चारिहुँ कइँती डेरा डाएस। योआब अउ ओकर फउज रब्बा नगर क खिलाफ तब तलक जुद्ध किहस जब तलक ओका नस्ट नाहीं कइ डाएस।
2 दाऊद ओनके राजा मुवुट क उतार लिहस। उ सोने क मुवुट तोल मँ लगभग पचहत्तर पौण्ड रहा। मुवुट मँ बहुमुल्य रतन जड़े रहेन। मुवुट दाऊद क मूँड़े पइ धरा गवा। तब दाऊद रब्बा नगर स बहोत स मूल्यवान चिजियन प्राप्त किहस।
3 दाऊद रब्बा क लोगन क संग लिआवा अउर ओनका आरन, लोहे क गैंती अउ वुल्हाड़ियन स काम करइ क मजबूर किहस। दाऊद अम्मोनी लोगन क सबहिं नगरन क संग इहइ बर्त्ताव किहस। तब दाऊद अउर सारी फउज यरूसलेम क वापस लउट गइ।
4 पाछे, इस्राएल क लोगन क जुद्ध गेजेर नगर मँ पलिस्तियन क संग भवा। उ समइ, हूसा क सिब्बकै सिप्पै क मार डाएस। सिप्पै दैत्यन क पूतन मँ स रहा। इ तहर पलिस्ती लोग लोगन क हराइ दीन्ह गवा रहेन।
5 दूसर अवसर पइ, इस्राएल क लोगन क जुद्ध फुन पलिस्तियन क खिलाफ भवा। याईर क पूत एल्हानान लहमी क मर डाएस। लहमी गोलियात क भाई रहा। गोल्यह गत नगर क रहा। लहमी क भाला बहोत लम्बी अउर भारी रहा। इ करघे क लम्बे हत्थे क तरह रहा।
6 तब इस्राएलियन गत नगर मँ फलिस्तियन क संग दूसर जुद्ध किहन। इ नगर मँँ एक बहोत बिसाल मनई रहा। ओकरे हाथ अउ गोड़ क चौबीस उँगलियन रहिन। उ मनई क हरेक हाथ अउ हरेक गोड़ मँ छ: छ: उँगलियन रहिन। उ दैत्य क पूत भी रहा।
7 एह बरे जब उ इस्राएल क मज़ाक उड़ाएस तउ योनातान ओका मार डाएस। योनातान सिमा क पूत रहा। सिमा दाऊद क भाई रहा।
8 उ पचे पलिस्ती लोग गत नगर क दैत्यन क पूत रहेन। दाऊद अउ ओकर सेवक लोग ओन दैत्यन क मार डाएस।
1 Chronicles 21
1 सइतान इस्राएल क लोगन क खिलाफ रहा। उ दाऊद क इस्राएल क लोगन क गनइ क प्रोत्साहन दिहस।
2 एह बरे दाऊद योआब अउर लोगन क प्रमुखन स कहेस, “जा अउर इस्राएल क सबहिं लोगन क गणना करा। बसेर्बा नगर स लइके लगातार दान नगर तलक देस क हर मनई क गना। तब मोका बतान, एहसे मइँ जान सकब कि हिआँ केतेन लोग अहइँ।”
3 एह बरे योआब जवाब दिहेस, “यहोवा अपने लोगन क सौ गुना बिसाल बनावइ! महामाहिम, इस्राएल क सबहिं लोगन तोहार सेवक अहइँ। मोरे सुआमी, अउर राजा, आप इ कार्य काहे करइ चाहत हीं? आप इस्राएल क सबहिं लोगन क पाप करइ क अपराधी बनइहीं।”
4 मुला राजा दाऊद हठ धरे रहा। योआब क उ करइ पड़ा जउन राजा कहेस। एह बरे योआब गवा अउर पूरे इस्राएल देस मँ गणना करत घूमत रहा। तब योआब यरूसलेम लउटा
5 अउर दाऊद क बताएस कि केतने मनई रहेन। इस्राएल मँ गियारह लाख मनई रहेन अउर तरवार क उपयोग कइ सकत रहेन अउर तरवार क उपयोव करइवाले चार लाख सत्तर हजार मनई यहूदा मँ रहेन।
6 योआब लेवि अउर बिन्यामीन क परिवार समूह क गणना नाहीं किहेस। योआब ओन परिवार समूहन क गणना नाहीं किहेस काहेकि उ राजा दाऊद क आदेसन क पसन्द नाहीं करत रहा।
7 इ हुवुम देइ के, परमेस्सर क दृस्टि मँ दाऊद एक बुरा काम किहे रहा, एह बरे परमेस्सर इस्राएल क दण्ड दिहस।
8 तब दाऊद परमेस्सर स कहेस, “मइँ एक बहोत बेववूफी क काम किहेउँ ह। मइँ इस्राएल क लोगन क गणना कइके भयंकर पाप किहेउँ ह। अब, मइँ पराथना करत हउँ कि तू इ सेवक क पापन क छिमा कइ द्या।”
9 गाद दाऊद क दसीर् रहा। यहोवा गाद स कहेस, “जा अउर दाऊद क कहा: ‘यहोवा जउन कहत ह उ इ अहइ: मइँ तोहका तीन विकल्प देत हउँ। तोहका ओहमाँ स एक चुनब अहइ अउर तब मइँ तोहका उ तरह दण्डित करब जेका तू चुने लेब्या।’“
10
11 तब गाद दाऊद क लगे गवा। गाद दाऊद स कहेस, “यहोवा कहत ह, ‘दाऊद, तू जउन दण्ड चाहत अहा ओका चुना:
12 पर्याप्त अन्न क बगैर तीन बरिस, या तोहार पाछा करइवाले तरवार क उपयोग करत भए दुस्मनन स तीन महीने तलक भागब, या परमेस्सर स तीन दिना क दण्ड। पूरे देस मँ भयंकर महामारी फइली अउर यहोवा क दूत लोगन क नस्ट करत भवा पूरे देस मँ आइ।’ परमेस्सर मोका पठएस ह। अब, तोहका निर्णय करब अहइ कि ओका कउन सा जवाब देउँ।”
13 दाऊद गाद स कहेस, “मइँ विपत्ति मँ हुउँ। मइँ नाहीं चाहत कि कउनो मनई मोरे दण्ड क निहचइ करइ। यहोवा बहोत दयालु अहइ, एह बरे यहोवा क ही निणर्य करइ द्या कि मोका कइसे दण्ड देइ।”
14 एह बरे यहोवा इस्राएल मँ भयंकर महामारी पठएस अउर सत्तर हजार लोग मर गएन।
15 परमेस्सर एक सरगदूत क यरूसलेम क नस्ट करइ क पठएस। किन्तु जब सरगदूत यरूसलेम क नस्ट करब सुरू किहस तउ यहोवा लखेस अउ ओका दुःख भवा। एह बरे यहोवा यरूसलेम क नस्ट न करइ क निर्णय किहस। यहोवा उ सरगदूत स, जउन नस्ट करत रहा कहेस, “रूक जा, इहइ पर्याप्त अहइ।” यहोवा क सरगदूत उ समइ यबूसी ओर्नान क खरिहान क लगे खड़ा रहा।
16 दाऊद नज़र उठाएस अउर यहोवा क दूत क अकासे मँ लखेस। सरगदूत यरूसलेम पइ आपन तरवार हींच रखे रहा। तब दाऊद अउर प्रमुखन अपने मूँड़ क धरती पइ टेक के प्रणाम किहन। दाऊद अउ प्रमुखन अपने सोक बरे टाट पहिरे रहे।
17 दाऊद अपने परमेस्सर स कहेस, “मइँ लोगन क गणना करइ क आदेस दिहे रहेउँ। मइँ हुउँ जुन इ बहोत बुरा काम किहेउँ। इस्राएल क लोगन कछू भी गलत नाहीं किहन।यहोवा मोरे परमेस्सर, मोका अउर मोरे परिवार क दण्ड द्या किन्तु उ भयंकर महामारी क रोक द्या जउन तोहार आपन लोगन क मारत अहइ।”
18 तब यहोवा क दूत गाद स बात किहस। उ कहेस, “दाऊद स कहा कि उ यहोवा क उपासना बरे एक ठु वेदी बनाएस। दाऊद क एका यबूसी ओर्नान क खरिहान क लगे बनावइ चाही।”
19 गाद इ सबइ बातन दाऊद क बताएस अउर दाऊद ओर्नान क खरिहान क लगे गवा।
20 ओर्नान गोहुँ दाँवत रहा। ओर्नान मुड़ा अउर उ सरगदूत क लखेस। ओर्नान क चारिहुँ पूत छुपइ बरे पराइ गएन।
21 दाऊद ओर्नान क लगे पहोंचा। ओर्नान ओका लखेस अउर उ खरिहान क छोड़ि दिहस। उ दाऊद तलक पहोंचा अउर ओकरे समन्वा आपन माथा जीमन पइ टेकिके प्रणाम किहेस।
22 दाऊद ओर्नान स कहेस, “तू आपन खारिहान मोका बेच द्या। मइँ तोहका पूरी कीमत देबउँ। तब मइँ यहोवा क उपासना बरे एक वेदी बनावइ बरे एकर उपयोग कइ सकत हुउँ। तब लोगन प स भयंकर महामारी रूक जाई।”
23 ओर्नान दाऊद स कहेस, “इ खारिहाने क लइ ल्या। तू मोरे सुआमी अउर राजा अहइँ। उहइ करा जउन आप उपयुक्त समुझत हीं। लखा, मइँ भी होमबलि बरे जनावरन देब। मइँ आप क काहे क तख्तन देब जेका आप वेदी पइ आगी बरे बार सकत हीं अउर मइँ अन्नबलि बरे गोहूँ देब। मइँ इ सबइ आप क देब।”
24 किन्तु राजा दाऊद ओर्नान क जवाब दिहस, “नाहीं, मइँ तोहका पूरी कीमत देब। मइँ कउनो तोहार उ चीज नाहीं लेब जेका मइँ यहोवा क देब। मइँ उ कउनो भेंट नाहीं चढ़ाउब जेकर मोका कउनो मूल्य न देइ पड़इ।”
25 एह बरे दाऊद उ जगह क बरे ओर्नान क पन्द्रह पौण्ड सोना दिहस।
26 दाऊद हुँवा यहोवा क उपासना बरे एक वेदी बनाएस। दाऊद होमबलि अउर मेलबलि चढ़ाएस। दाऊद यहोवा स पराथना किहस। यहोवा सरग स आगी पठइके दाऊद क जवाब दिहस। आगी होमबलि क वेदी पइ उतरी।
27 तब यहोवा सरगदूत क आदेस दिहस कि उ अपनी तरवार क वापस म्यान मँ धइ लेइ।
28 दाऊद लखेस कि यहोवा ओका ओर्नान क खरिहान पइ उत्तर दइ दिहस ह, एह बरे यहोवा क बलि भेंट किहस।
29 (पवित्तर तम्बू अउ होमबलि क वेदी ऊँच जगह पइ गिबोन नगर मँ रही। मूसा पवित्तर तम्बू क तब बनाए रहा जब इस्राएल क लोग रेगिस्ताने मँ रहेन।
30 दाऊद पवित्तर तम्बू मँ परमेस्सर स बातन करइ नाहीं जाइ सकत रहा, काहेकि उ भयभीत रहा। दाऊद यहोवा क दूत अउ ओकरी तरवार स भयभीत रहा।)
1 Chronicles 22
1 दाऊद कहेस, “यहोवा परमेस्सर क मन्दिर अउर इस्राएल क लोगन बरे भेंटन क बारइ क वेदी हिआँ बनी।”
2 दाऊद आदेस दिहस कि इस्राएल मँ रहइवाले सबहिं तोहार बीच रहइवाला बिदेसी एक संग बटुरइँ। तोहार बीच रहइवाला बिदेसियन क उ समूह मँ स दाऊद सगंतरासन क चुनेस। ओनकर काम परमेस्सर क मन्दिर बरे पाथरन क काटिके तइयार करइ क रहा।
3 दाऊद दुआर क पालन बरे कीलन अउर चुलन बनावइ बरे बहोत सारा लोहा प्राप्त किहस। दाऊद ओतना काँसा भी प्राप्त किहस जउन तउला न जाइ सकइ।
4 अउर दाऊद ऍतने जियादा देवदारु क पेड़न बटोरेस जउन न गना जाइ सकेन। सीदोन अउ सोर क लोग बहोत स देवदारु क पेड़न लिआएन।
5 दाऊद कहेस, “हम क यहोवा बरे एक बिसाल मन्दिर बनावइ चाही। किन्तु मोरे पूत सुलैमान अबहुँ तलक बालक अउर अनुभवहीन अहइ। यहोवा क मन्दिर बहोत बिसाल होइहीं। एका अपनी बिसालता अउ सुन्दरता क बरे सबहिं रास्ट्रन मँ प्रसिद्ध होइ चाही। इहइ कारण अहइ कि मइँ यहोवा क मन्दिर बनावइ क जोजना बनाउब।” एह बरे दाऊद मरइ स पहिले मन्दिर बनावइ बरे बहोत स जोजना बनाएस।
6 तब दाऊद अपने पूत सुलैमान क बोलाएस। दाऊद सुलैमान स इस्राएल क यहोवा परमेस्सर बरे मन्दिर क बनावइ क कहेस।
7 दाऊद सुलैमान स कहेस, “मोर पूत, मइँ अपने परमेस्सर यहोवा क नाउँ बरे एक ठू मन्दिर बनावइ चाहत रहेउँ।
8 मुला यहोवा मोहसे कहेस, ‘दाऊद तू बहोत स जुद्ध किहा ह अउर बहोतस लोगन क मर्या ह एह बरे तू मोरे नाउँ क बरे मन्दिर नाहीं बनाइ सकत्या।
9 किन्तु तोहार एक पूत अहइ जउन सान्ति प्रिय अहइ। मइँ तोहरे पूत क सान्ति क समइ प्रदान करब। ओकरे चारिहुँ कइँती क दुस्मन ओका परेसान नाहीं करिहीं। ओकर नाउँ सुलैमान अहइ अउर मइँ इस्राएल क उ समइ सुख सान्ति देब जउने समइ सुलैमान राजा होइ।
10 सुलैमान मोरे नाउँ क एक मन्दिर बनाई सुलैमान मोरे पूत अउर मइँ ओकर बाप रहब अउर मइँ सुलैमान, क राज्ज क सक्तीसाली बनाउब अउर ओकरे परिवार क कउनो निअँबर सदा इस्राएल पर ही हुवूमत करी।’“
11 दाऊद इ भी केहस, “पूत, अब यहोवा तोहरे संग रहइ। तू सफल बना अउर जइसा यहोवा कहेस ह, अपने यहोवा क मन्दिर बनावा।
12 यहोवा तोहका इस्राएल क राजा बनाई। होइ सकत ह यहोवा तोहका बुद्धि अउ समुझ देइ जेहसे तू लोगन क मार्गदर्सन कइ सका अउर अपने यहोवा परमेस्सर क व्यवस्था क पालन कइ सका।
13 अउर तोहका कामयाबी तब मिली जब तू ओन नेमन अउर व्यवस्था क पालन मँ सावधान रहब्या जउन यहोवा मूसा क इस्राएल बरे दिहे रहा। सक्तीसाली अउर वीर रहा। जिन डेरावा अउ जिन निरास भवा।
14 “सुलैमान, मइँ यहोवा क मन्दिर क जोजना बनावइ मँ करी मेहनत किहेउँ ह। मइँ तीन हजार सात सौ पचास टन सोना दिहेउँ ह अउर मइँ लगभग सैंतीस हजार पाँच सौ टन चाँदी दिहउँ ह। मइँ कासाँ अउ लोहा ऍतना जियादा दिहेउँ ह कि तउला नाहीं जाइ सकत अउर मइँ लकड़ी अउ पाथर दिहेउँ ह। सुलैमान, तू एहमँ अउर जियादा जोर सकत ह।
15 तोहरे लगे बहोत स संगतरास अउ बढ़ई अहइँ। तोहरे लगे हर एक प्रकार क काम करइ वाले वुसल मनई अहइँ।
16 उ पचे सोना, चाँदी, काँसा, अउर लोहे क काम करइ मँ वुसल अहइँ। तोहरे लगे एतने जियादा वुसल मनई अहइँ कि उ पचे गने नाहीं जाइ सकतेन। अब काम सुरू करा अउर यहोवा तोहरे संग होइ।”
17 तब दाऊद इस्राएल क सबहिं प्रमुखन क आपने पूत सुलैमान क सहायता करइ क आदेस दिहेस।
18 दाऊद ओन प्रमुखन स कहेस, “यहोवा तोहर परमेस्सर तोहार संग अहइ। उ तोहका सान्ति क समइ दिहेस ह। उ हम लोगन क उ भुइँया मँ रहइवाले लोगन क पराजित करइ मँ मदद किहेस ह। अब यहोवा अउर ओकर लोग इ भुइँया पइ पूरा अधिकार किहेन ह।
19 अब तू अपने हिरदइ अउर आतिमा क अपने यहोवा परमेस्सर क समपिर्त कइ द्या अउर उ जउन कहइ, करा। यहोवा परमेस्सर बरे पवित्तर जगह बनावा। यहोवा क नाउँ बरे मन्दिर बनावा। तब करार क सन्दूख अउ दूसर सबहिं पवित्तर चिजियन मन्दिर क अन्दर लिआवा।
1 Chronicles 23
1 दाऊद बूढ़ा होइ गवा, एह बरे उ अपने पूत सुलैमान क इस्राएल क नवा राजा बनाएस।
2 दाऊद इस्राएल क सबहिं प्रमुखन क बटोरेस। उ याजकन अउ लेवीबंसियन क भी एकट्ठा किहस।
3 दाऊद तीस बरिस अउर ओहसे ऊपर क उमर क लेवीबंसियन क गनेस। सब मिलाइके अड़तीस हजार लेवीबंसियन रहेन।
4 दाऊद कहेस, “चौबीस हजार लेवीबंसियन यहोवा क मन्दिर क निर्माण कार्य क देखरेख करिहीं। छ: हजार लेवीबंसी अधिकारी अउर निआवधीस होइहीं।
5 चार हजार लेवीबंसी दुआरपाल होइहीं अउर चार जहार लेवीबंसी संगीतन होइहीं मइँ ओनके बरे बिसेस बाजा बनाएँउ ह। उ पचे ओन बाजन क उपयोग यहोवा क स्तुति बरे करिहीं।”
6 दाऊद लेवीबंसियन क तीन बर्गन मँ बाँट दिहस। उ पचे लेवी क तीन पूतन गेसोर्न, कहात अउ मरारी क परिवार समूह रहेन।
7 गसोर्न क परिवार समूह स लादान अउ सिमी रहेन।
8 लादान क तीन पूत रहेन। ओकर सब स बड़ा पूत यहीएल रहा। ओकर दूसर पूत जेताम अउ योएल रहेन।
9 सिमी क पूत सलोमीत, हजीएल अउ हारान रहेन। इ सबइ तीनहुँ पूत लादान क परिवारन क रहेन।
10 सिमी क चार पूत रहेन। उ पचे यहत, जीना, यूस अउ बरीआ रहेन।
11 यहत सब स बड़का अउ जीजा दूसर पूत रहा। मुला यूस अउ बरीआ क जियादा पूत नाहीं रहेन। एह बरे यूस अउ बरीआ एक परिवार क रूप मँ गने जात रहेन।
12 कहात क चार पूत रहेन। उ पचे अम्रान, यिसहार, हेब्रोन अउ उज्जीएल रहेन।
13 अम्राम क पूत हारून अउर मूसा रहेन। हारून अउर ओकर पूतन सदा-सदा पवित्तर कार्य करइ बरे, यहोवा क समन्वा धूप भेंट चढ़ावइ बरे, याजक क रूप मँ यहोवा क सेवा करइ बरे अउर यहोवा क नाउँ पइ लोगन सदा-सदा आसीर्बाद देइ बरे प्रतिस्ठित कीन्ह गवा रहेन।
14 मूसा परमेस्सर क मनई रहा। मूसा क पूत, लेवी क परिवार समूह क हींसा स रहेन।
15 मूसा क पूत गेसोर्म अउ एलीएजेर रहेन।
16 गेसोर्म क बड़का पूत सबूएल रहा।
17 एलीएजेर क बड़का पूत रहब्याह रहा। एलीएजेर क अउर कउनो पूत नाहीं रहा। मुला रहब्याह क बहोत स पूत रहेन।
18 यिसहार क सब स बड़का पूत सलोमीत रहा।
19 हेब्रोन क सब स बड़का पूत यरीय्याह रहा। हेब्रोन क दूसर पूत अमर्याह रहा। यहजीएल तीसर पूत रहा। अउर यकमाम चउथा पूत रहा।
20 उज्जीएल क सब स बड़का पूत मीका रहा अउर यिस्सिय्याह ओकर दूसर पूत रहा।
21 मरारी क पूत महली अउ मूसी रहेन। महली क पूत एलीआज़ार अउ कीस रहेन।
22 एलीआज़ार बिना पूतन क मरा। ओकर सिरिफ बिटियन रहिन। एलीआज़ार क बिटियन अपने सम्बन्धियन स बियाह किहेन। ओनकर सम्बन्धी कीस क पूत रहेन।
23 मूसी क पूत महली, एदेर अउर यरेमोत रहेन। सब मलाइके तीन पूत रहेन।
24 इ सबइ लेवी क संतान रहेन। उ पचे अपने परिवार क अनुसार सूची मँ अंकित रहेन। उ पचे परिवारन क प्रमुख रहेन। सबइ व्यक्ति क नाउँ सूची मँ रहेन। जउन सूची मँ अंकित रहेन उ सबइ बीस बरिस क या ओहसे ऊपर क रहेन। उ पचे यहोवा क मन्दिर मँ सेवा करत रहेन।
25 दाऊद कहे रहा, “इस्राएल क यहोवा परमेस्सर अपने लोगन क सान्ति दिहस ह। यहोवा यरूसलेम मँ सदा ही रहइ बरे आइ गवा। ह।
26 एह बरे लेवीबंसियन क पवित्तर तम्बू या एकर सेवा मँ काम आवइवाली कउनो चीज़ क भविस्स मँ ढोवइ क जरूरत नाहीं अहइ।”
27 दाऊद क अन्तिम निदेर्स इस्राएल क लोगन क बरे, लेवी क परिवार समूह क सन्तानन क गनब रहा। उ पचे लेवीबंसियन क बीस बरिस अउर ओहसे ऊपर क मनइयन क गनेन।
28 लेवीबंसियन क काम हारून क सन्तानन क यहोवा क मन्दिर मँ सेवा कार्य करइ मँ मदद करब रहा। लेवीबंसी मन्दिर क आँगन अउर बगल क कमरन क भी देखभाल करत रहेन। ओनकर काम सबहिं पवित्तर चिजियन क सुद्ध करइ क रहा। ओनकर काम इ भी रहा कि परमेस्सर क मन्दिर मँ सेवा करइँ।
29 मन्दिर मँ बिसेस रोटी क मेज पइ रखइ क जिम्मेदारी ओनकर ही रहेन। उ पचे आटा, अन्नबलि अउ अखमीरी रोटि बरे भी जिम्मेदार रहेन। उ पचे पकावइ क कढ़ाइयन अउर मिस्रित भेंटन क बरे जिम्मेदार रहेन। उ पचे सारा नाप तउल क काम करत रहेन।
30 लेवीबंसी हर एक भिंसारे खड़े होत रहेन अउर यहोवा क धन्यवाद अउ स्तुति करत रहेन। उ पचे एका हर एक साँझ क करत रहेन।
31 लेवीबंसी यहोवा क सबहिं होमबलियन बिस्राम क बिसेस दिनन, नवा चन्द्रिमा क उत्सव अउर सबहिं बिसेस पर्व क दिनन पइ तइयार करत रहेन। उ पचे यहोवा क समन्वा हर रोज़ सेवा करत रहेन। केतने लेवीबंसी हर दाईं सेवा करइ चाही एकरे बरे बिसेस नेम रहेन।
32 एह बरे लेवीबंसी उ सब काम करत रहेन जेनकर आसा ओनसे कीन्ह जात रही। उ पचे पवित्तर तम्बू क देखभाल करत रहेन। उ पचे पवित्तर जगह क देखभाल करत रहेन अउर उ पचे अपने सम्बन्धियन हारून क सन्तान याजकन क मदद देत रहेन। लेवीबंसी यहोवा क मन्दिर मँ सेवा कइके याजकन क मदद करत रहेन।
1 Chronicles 24
1 हारून क पूतन क इ सबइ समूह रहेन: हारून क पूत नादाब, अबीहू, एलीआजर अउ ईतामार रहेन।
2 मुला नादाब अउ अबीहू अपने बाप क मउत क पहिले ही मर गएन अउर नादाब अउ अबीहै क कउनो पूत नाहीं रहा एह बरे एलीआजर अउ ईतामार याजक क रूप मँ कर्या किहन।
3 दाऊद एलीआजार अउ ईतामार क परिवार समूह क दुइ भिन्न समूहन मँ बाँटेस। दाऊद इ एह बरे किहस कि इ सबइ समूह ओनका दीन्ह गए कर्त्तव्यन क पूरा कइ सकइ। दाऊद इ सब सादोक अउर अहीमेलेक क मदद स किहेस। सादोक एलीआजर क सन्तान रहा अउर अहीमेलेक ईतामार क सन्तान रहा।
4 एलीआजर क परिवार समूह क प्रमुख ईतामार क परिवार समूह क प्रमुखन स जियादा रहेन। एलीआजर क परिवार समूह क सोलह प्रमुख रहेन अउर ईतामार क परिवार समूह स आठ प्रमुख रहेन।
5 हर एक परिवारे स मनईयन चुने गए रहेन। उ पचे गोट डाइके चुने गए रहेन। कछू मनईयन पवित्तर जगह क अधिकारी चुने गए रहेन अउर दूसर मनई याजक क रूप मँ सेवा बरे चुने गए रहेन। इ सबइ मनई एलिआजर अउर ईतामार क परिवार समूहन स चुने गए रहेन।
6 समायाह लिपिकार रहा। उ नतनेल क पूत रहा। समायाह लेवी परिवार समूह स रहा। समायाह ओन सन्तानन क नाउँ लिखेस। उ ओन नामन क राजा दाऊद अउर एन प्रमुखन क समन्वा लिखेस: याजक सादोक, अहीमेलेक अउ याजक अउ लेवीबंसियन क परिवारन क प्रमुख। अहीमेलेक एब्यातार क पूत रहा। हर एक दाईं उ पचे गोट डाइके एक मनई चुनत रहेन अउर समायाह उ मनई क नाउँ लिख लेत रहा। इ तरह उ पचे एलीआजर अउर ईतामार क परिवारन मँ काम क बाँटेस।
7 पहला समूह यहोयारीब क रहा। दूसरा समूह यदायाह क रहा।
8 तीसरा समूह हारीम क रहा। चउथा समूह सोरीम क रहा।
9 पाँचवा समूह मल्किय्याह क रहा। छठा समूह मिय्यामीन क रहा
10 सातवाँ समूह हक्कोस क रहा। आठवाँ समूह अबिय्याह क रहा।
11 नवाँ समूह येसू क रहा। दसवाँ समूह सकन्याह क रहा।
12 गियारहवा समूह एल्यासीब क रहा। बारहवाँ समूह याकीम क रहा।
13 तेरहवाँ समूह हुप्पा क रहा। चौदहवाँ समूह येसेबाब क रहा।
14 पन्द्रहवाँ समूह बिल्गा क रहा। सोलहवाँ समूह इम्मेर क रहा।
15 सत्रहवाँ समूह हेजीर क रहा। अट्ठरहवाँ समूह हप्पित्सेस क रहा।
16 उन्नीसवाँ समूह पतह्याह क रहा। बीसवाँ समूह यहेजकेल क रहा।
17 इक्कीसवाँ समूह याकीन क रहा। बाईसवाँ समूह गामूल क रहा।
18 तेईसवाँ समूह दलायाह क रहा। चौबीसवाँ समूह माज्याह क रहा।
19 यहोवा क मन्दिर मँ सेवा करइ क बरे इ सबइ समूह चुने गए रहेन। उ पचे मन्दिर मँ सेवा करइ बरे हारून क नेमन क मानत रहेन। इस्राएल क यहोवा परमेस्सर एन नेमन क हारून क दिहे रहा।
20 इ सबइ नाम सेस लेवी सन्तान क अहइँअम्राम क सन्तानन स सूबाएल। सूबाएल क सन्तानन स येहदयाह।
21 रहब्याह स: यिस्सिय्याह (यिस्सिय्याह सब स बड़का पूत रहा)
22 इसहारी परिवार समूह स: सलोमोत। सलोमोत क परिवार स: यहत।
23 हेब्रोन क सब स बड़का पूत यरिय्याह रहा। अमर्याह हेब्रोन क दूसर पूत रहा। यहजीएल तीसर पूत रहा। अउर यकमान चउथा पूत
24 उज्जीएल क पूत मीका रहा। मीका क पूत सामीर रहा।
25 यिस्सिय्याह मीका क भाई रहा। यिस्सिय्याह क पूत जकर्याह रहा।
26 मरारी क सन्तान महली, मूसी अउर ओकर पूत याजिय्याह रहेन।
27 मरारी क पूत याजिय्याह क पूतन नाउँ: सोहम, जक्वू अउर इब्री रहेन।
28 महली क पूत एलीआजर रहा किन्तु एलीआजर क कउनो पूत नाहीं रहा।
29 कीस क पूत यरह्मेल रहा।
30 मूसी क पूत महली, एदेर अउर यरीमोत रहेन।उ पचे लेवीबंसी परिवारन क प्रमुख अहइ। उ पचे अपने परिवारन क सूची मँ अहइ।
31 उ पचे बिसेस कामन बरे चुने गए रहेन। उ पचे अपने सम्बन्धी याजकन क तरह गोट डावत रहेन। याजक हारून क सन्तान रहेन। उ पचे राजा दाऊद, सादोक, अहीमेलेक अउर याजकन अउ लेवी क परिवारन क प्रमुखन क समन्वा गोटन डाएन। जब ओनके काम दिए गएन तउ पुराने अउ नवा परिवारन क एक सा बेउहार भवा।
1 Chronicles 25
1 दाऊद अउ सेनापतियन आसाप क पूतन क बिसेस सेवा बरे अलग किहन। आसाप क पूत हेमान अउ यदूतून रहेन। ओनकर बिसेस काम परमेस्सर क सँदेसा क भविस्वाणी सारंगी, वीणा, मंजीरे क उपयोग कइके करब रहा। हिआँ ओन मनईयन क सूची अहइ जउन इ तरह सेवा किहन।
2 आसाप क परिवार समूह स, जक्वूर, योसेप, नतन्याह अउर असरेला रहेन। राजा दाऊद आसाप क भविस्सबाणी क बरे चुनेस अउ आसाप अपने पूतन क अगुवाइ किहेस।
3 यदूतून परिवार स: गदल्याह, सरी, यसायाह, सिमी, हसब्याह अउर मत्तित्याह रहेन। इ सबइ छ: रहेन। यदूतून आपन पूतन क अगुवाइ किहेन। यदूतून सारंगी क उपयोग भविस्सबाणी करइ अउर यहोवा क धन्यबाद देइ अउर ओकर स्तुति बरे किहस।
4 हेमान क पूत जउन सेवा करत रहेन बुक्किय्याह, मत्तन्याह, लज्जीएल, सबूएल अउर यरीमोत, हनन्याह, हनानी, एलीआता, गिद्दलती अउर रोममतीएजेर, योसबकासा, मल्लोती, होतीर अउर महजीओत रहेन।
5 इ सबइ सबहिं मनई हेमान क पूत रहने। हेमान दाऊद क दसीर् रहा। परमेस्सर हेमान क सक्तीसाली बनावइ क बचन दिहस। एह बरे हेमान क कई पूत रहेन। परमेस्सर हेमान क चौदह पूत अउ तीन बिटियन दिहस।
6 हेमान अपने पूतन क यहोवा क मन्दिर मँ गायन मँ अगुवाइ किहेन। ओन पूतन सारंगी, वीणा, मजीरा क उपयोग किहस। उ पचे परमेस्सर क मंदिर मँ राजा आसप क आदेस क अनुसार जउन उ यदूतून अउर हेमान क दिहे रह इहइ तरिका स सेवा किहस।
7 उ सबइ मनई अउर लेवी क परिवार समूह क ओनकर सम्बन्धियन गायन मँ प्रसिच्छित रहेन। दुई सौ अट्ठासी मनइयन यहोवा क स्तुति क गीत गाउब सीखेन।
8 हर एक मनई जउने भिन्न कार्य क करी, ओकरे चुनाव बरे उ पचे गोट डावत रहेन। हर एक मनई क संग समान बेउहार होत रहा। बूढ़े अउर जवान क संग समान बेउहार रहा अउर गुरु क संग उहइ बउहार हरा। जउन सिस्य क संग।
9 पहिले, आसाप (यूसुफ) क पूतन अउ सम्बन्धियन मँ स बारह मनई चुनेस गए रहेन।दूसर, गदल्याह क पूतन अउर सम्बनंधियन मँ स बारह मनई चुने गएन।
10 तीसरे, जक्वूर क पूतन अउ सम्बंधियन मँ स बारहह् मनई चुने गएन।
11 चउथे, यिस्री क पूतन अउ सम्बंधियन मँ स बारह मनईर् चुने गएन।
12 पाँचवे, नतन्याह क पूतन अउ सम्बंधियन मँ स बारह मनई चुने गएन।
13 छठे, बुक्किय्याह क पूतन अउ सम्बंधियन मँ स बारह मनई चुने गएन।
14 सातवें, यसरेला क पूतन अउ सम्बंधियन मँ स बारह मनई चुने गएन।
15 आठवें, यसायाह क पूतन अउ सम्बंधियन मँ स बारह मनई चुने गएन।
16 नवें, मत्तन्याह क पूतन अउ सम्बंधियन मँ स बारह मनई चुने गएन।
17 दसवें, सिमी क पूतन अउ सम्बंधियन मँ स बारह मनई चुने गएन।
18 गियारहवें, अजरेल क पूतन मँ अउर सम्बंधियन मँ स बारह मनई चुने गएन।
19 बारहवें, हसब्याह क पूतन अउर सम्बंधियन मँ स बारह मनई चुने गएन।
20 तेरहवें, सूबाएल क पूतन अउ सम्बंधियन मँ स बारह मनई चुने गएन।
21 चउदहवें, मत्तिय्याह क पूतन अउर सम्बंधियन मँ स बारह मनई चुने गएन।
22 पन्द्रहवें, यरेमोत क पूतन अउर सम्बंधियन मँ स बारह मनई चुने गएन।
23 सोलहवें, हनन्याह क पूतन अउर सम्बंधियन मँ स बारह मनई चुने गएन।
24 सत्रहवें, योसबकासा क पूतन अउर सम्बंधियन मँ स बारह मनई चुने गएन।
25 अट्ठरहवें, हनानी क पूतन अउ सम्बंधियन मँ स बारह मनई चुने गएन।
26 उन्नीसवें, मल्लोती क पूतन अउ सम्बंधियन मँ स बारह मनई चुने गएन।
27 बीसवें, इलिय्याता क पूतन अउ सम्बंधियन मँ स बारह मनई चुने गएन।
28 इक्कीसवें होतीर क पूतन अउ सम्बंधियन मँ स बारह मनई चुने गएन।
29 बाईसवें, गिद्दलती क पूतन अउ सम्बंधियन मँ स बारह मनई चुने गएन।
30 तेईसवें, महजीओत क पूतन अउ सम्बंधियन मँ स बारह मनई चुने गएन।
31 चौबीसवें, रोममतीएजेर क पूतन अउर सम्बंधियन मँ स बारह मनई चुने गएन।
1 Chronicles 26
1 दुआरपालन क समूह: इ सबइ दुआरपाल कोरह परिवार स अहइँ। आसाप क परिवार क कोरह क पूत मसेलेम्याह अउर ओकरे पूत।
2 मसेलेम्याह क पूत रहेन। जकर्याह सब स बड़का पूत रहा। यदीएल दूसर पूत रहा। जबद्याह तीसर पूत रहा। यतीएल चउथा पूत रहा।
3 एलाम पाँचवाँ पूत रहा। यहोहानान छठा पूत रहा अउर एल्यहोएनै सातँवा पूत रहा।
4 ओबेदेदोम अउर ओनकर पूत। ओबेदेदोम क सब स बड़का पूत समायाह रहा। यहोजाबाद ओकर दूसर पूत रहा। योआह ओकर तीसर पूत रहा। साकार ओकर चउथा पूत रहा। नतनेल ओकर पाँचवाँ पूत रहा।
5 अम्मीएल ओकर छठाँ पूत रहा। इस्साकार ओकर सातवाँ पूत रहा अउर पुल्लतै ओकर आठवाँ पूत रहा। परमेस्सर फुरइ ओबेदेदोम क बरदान दिहस।
6 ओबेदेदोम क पूत समायाह रहा। समायाह क भी पूत रहेन। समायाह क पूत अपने बाप क परिवार मँ प्रमुख रहेन काहेके उ पचे बीर जोधा रहेन।
7 समायाह क पूत ओती, रपाएल, ओबेद, एलजाबाद, एलीहू अउर समक्याह रहेन। एलजाबाद क सम्बंधी वुसल कारीगर रहेन।
8 उ पचे सबहिं लोग ओबेदेदोम क सन्तान रहेन। उ सबइ मनईयन अउर ओनकर पूत अउर ओनकर सम्बंधी सक्तीसाली मनईयन रहेन। उ सबइ अच्छे रच्छक रहेन। ओबेदेदोम क बासठ संतान रहिन।
9 मसेल्मयाह क पूत अउर सम्बंधी सक्तीसाली लोग रहेन। सब मिलाइके अट्ठारह पूत अउर सम्बंधी रहेन।
10 मरारी क परिवार स इ सबइ दुआरपाल रहेन ओनमाँ एक ठू होसा रहा। सिम्री पहिला पूत चुना गवा रहा। सिम्री असल मँ स बड़ा नाहीं रहा, मुला ओकर बाप ओका पहिलौठा पूत चुना लिहे रहा।
11 हिल्किय्याह ओकर दूसर पूत रहा। तबल्याह ओकर तीसर पूत रहा। अउर जकर्याह ओकर चउथा पूत रहा। सब मिलाइके होसा क तेरह पूत अउ सम्बन्धी रहेन।
12 इ सबइ दुआरपालन क समूह क प्रमुख रहेन। दुआरपालन क यहोवा क मन्दिर मँ सेवा करइ क खास ढंग रहा, जइसा कि ओनकर सम्बंधी करत रहेन।
13 हर एक परिवार क एक दुआर रच्छा करइ बरे दीन्ह गवा रहा। एक परिवार क बरे दुआर चुनइ क गोट डाई जात रही। बूढ़ा अउ जवानन क संग एक समान बर्त्ताव कीन्ह जात रहा।
14 मसेल्मयाह पूरबी दुआर क रच्छा बरे चुना गवा रहा। तब मसेल्मयाह क पूत जकर्याह बरे गोट डाइ गइ। जकर्याह एक बुद्धिमान सलाहकार रहा। जकर्याह उत्तरि दुआर बरे चुना गवा।
15 ओबेदेदोम दक्खिन दुआर बरे चुना गवा अउर ओबेदेदोम क पूत उ घर क रच्छा क बरे चने गएन जेहमाँ कीमती चिजियन रखी जात रहिन।
16 सुप्पीम अउर होसा पच्छि दुआर अउर ऊपरी सड़क पइ सुल्लेकेत दुआर बरे चुने गएन।दुआरपाल एक दूसरे क बगल मँ खड़े होत रहेन।
17 पूरबी दुआर पइ छ: लेवीबंसी रच्छक हर दिन खड़े होत रहेन। उत्तरी दुआर पइ हर दिन चार लेवीबंसी रच्छक खड़े होत रहेन। दक्खिनी दुआर पइ चार लेवीबंसी रच्छक खड़े होत रहेन अउर दुइ लेवीबंसी रच्छक उ घरे क रच्छा करत रहेन जेहमाँ कीमती चिजियन धरी जात रहिन।
18 चार रच्छक पच्छिमी निआव घर पइ रहेन दुइ रच्छक निआव घरे तलक क सड़कियन पइ रहेन।
19 इ सबइ दुआरपालन क समूह रहेन। उ सबइ दुआरपाल कोरह अउर मरारी क परिवार मँ स रहेन।
20 अहिय्याह लेवी क परिवार समूह स रहा। अहिय्याह परमेस्सर क मन्दिर क कीमती चिजियन क देखभाल क जिम्मेदार रहा। अहिय्याह ओन जगहन क रच्छा बरे भी उत्तरदायी रहा जहाँ पवित्तर चिजियन रखी जात रहिन।
21 लादान गेसोर्न परिवार स रहा। यहोएल लादान परिवार समूह क प्रमुखन मँ स एक रहा।
22 यहोएला क पूत जेताम अउ जेताम क भाई योएल रहेन। उ पचे यहोवा क मन्दिर मँ कीमती चिजियन क बरे उत्तरदायी रहेन।
23 दूसर प्रमुख अम्राम, यिसहार, हेब्रोन अउर उज्जीएल क परिवार समूह स चुने गए रहेन।
24 सबूएल यहोवा क मन्दिर मँ चिजियन क रच्छा क उत्तरदायी प्रमुख रहा। सबूएल गेसोर्म क पूत रहा। गेसोर्म मूसा क पूत रहा।
25 इ सबइ सबूएल क सम्बंधी रहेन: एलीआज़ार स ओकर सम्बंधी रहेन: एलीआज़ार क पूत रहब्याह, रहब्याह क पूत यसायाह, यसायाह क पूत योराम, योराम क पूत जिवी अउर जिवी क पूत सलोमोत।
26 सलोमोत अउर ओकर सम्बंधी ओन सब चिजियन क बरे उत्तरदायी रहेन जेका दाऊद मन्दिर क बरे एकट्ठा किहे रहा।सेना क अधिकारियन भी मन्दिर क बरे चिजियन दिहन।
27 उ पचे जुद्धन मँ लीन्ह गइ चिजियन मँ स कछू चिजियन दिहेन। उ पचे यहोवा क मन्दिर क मरम्मत करइ बरे उ सबइ चिजियन दिहन।
28 सलोमोत अउर ओकर सम्बंधी दसीर् समूएल, कीस क पूत साऊल, नेर क पूत अबनेर, सरूयाह क पूत योआब क जरिये दीन्ह गइ पवित्तर चिजियन क भी रच्छा करत रहेन। सलोमोत अउ ओकर सम्बंधी लोगन क जरिये, यहोवा क दीन्ह गइ सबहिं पवित्तर चिजियन क रच्छा करत रहेन।
29 कनन्याह यिसहार परिवार क रहा। कनन्याह अउर ओकर पूत मन्दिर क बाहेर काम करत रहेन। उ पचे इस्राएल क विभिन्न जगहन पइ अधिकारी अउ निआवधीस क कार्य करत रहेन।
30 हसब्याह हेब्रोन परिवार स रहा। हसब्याह अउर ओकर सम्बंधी यरदन नदी क पच्छिम मँ इस्राएल क राजा दाऊद क कामन अउर यहोवा क सबहिं कामन क बरे उत्तरदायी रहेन। हसब्याह क समूह मँ एक हजार सात सौ सक्तीसाली मनई रहेन।
31 हेब्रोन क परिवार समूह इ बात पइ प्रकास डावत ह कि यरिय्याह ओनकर प्रमुख रहा। जब दाऊद चालीस बरिस तलक राजा रह चुका, तउ उ अपने लोगन क परिवार क इतिहासन स सक्तीसाली अउर वुसल मनइयन क खोज क आदेस दिहस। ओनमाँ स कछू हेब्रोन परिवार मँ मिलेन जउन गिलाद क याजार नगर मँ रहत रहेन।
32 यरिय्याह क लगे दुइ हजार सात सौ सम्बंधी रहेन जउन सक्तीसाली मनईयन रहेन अउर परिवारन क प्रमुख रहेन। दाऊद ओन दुइ हजार सात सौ सम्बंधियन क रूबेन, गाद अउ आधे मनस्से क परिवार क संचालन अउर यहोवा अउ राजा क कार्य क जिम्मेदारी सौंपेस।
1 Chronicles 27
1 इ ओन इस्राएली लोगन क सूची अहइ जउन रजा क सेना मँ सेवा करत रहेन। हर एक समूह हर बरिस एक महीने अपने काम पइ रहत रहा। ओहमाँ परिवारन क सासक, नायक, सेनाध्यच्छ अउर अधिकारी लोग रहेन जउन राजा क सेवा करत रहेन। हर एक सेना क समूह मँ चौबीस हजार मनईयन रहेन।
2 जबदीएल क पूत यासोबाम पहिले महीने बरे पहिले समूह क अधीच्छक रहा। यासोबाम क समूह मँ चौबीस हजार मनइयन रहेन।
3 यासोबाम पेरेस क सन्तानन मँ स एक रहा। यसोबाम पहिले महीने क फउजी अधिकारियन क प्रमुख रहा।
4 दोदै दूसरे महीने बरे सेना समूह क अधिच्छक रहा। उ ओहोही स रहा। दोदै क समूह मँ चौबीस हजार मनई रहेन।
5 यहोयादा क पूत बनायाह तीसरा सेनापति रहा। बनायाह तीसरे महीने क सेनापति रहा। यहोयादा प्रमुख याजक रहा। बनायाह क समूह मँ चौबीस हजार मनइयन रहेन।
6 इ उहइ बनायाह रहा जउन तीस बीरन मँ स एक ठू वीर फउजी रहा। बनायाह ओन मनइयन क संचालन करत रहा। बनायाह क पूत अम्मीजाबाद बनायाह क समूह क अधीच्छक रहा।
7 चउथा सेनापति असाहेल रहा। असाहेल चउथे महीने क सेनापति रहा असाहेल योआब क भाई रहा। पाछे, असाहेल क पूत जबद्याह ओकर जगह सेनापति क रूप मँ लिहस। असाहेल क समूह मँ चौबीस हजार मनई रहेन।
8 पाँचवाँ सेनापति सम्हूत रहा, सम्हूत पाँचवें महीने क सेनापति रहा। सम्हूत यिज्राही क परिवार स रहा। सम्हूत क समूह मँ चौबीस हजार मनई रहेन।
9 छठा सेनापति ईरा रहा। ईरा छठवें महीने क सेनापति रहा। ईरा इक्केस क पूत रहा। इक्केस तकोईर् नगर स रहा। ईरा क समूह मँ चौबीस हजार मनई रहेन।
10 सातवाँ सेनापति हेलेस रहा। हेलेस सातवें महीने क सेनापति रहा। उ पेलोनी लोगन स रहा अउर एप्रैम क सन्तान रहा। हेलेस क समूह मँ चौबीस हजार मनई रहेन।
11 सिब्बकै आठवाँ सेनापति रहा। सिब्बकै आठवें महीने क सेनापति रहा। सिब्बकै हूस स रहा। सिब्बकै जेरह परिवार क रहा। सिब्बकै क समूह मँ चौबीस हजार मनई रहेन।
12 नवाँ सेनापति अबीएजेर रहा। अबीएजेर नवें महीने क सेनापति रहा। अबीएजेर अनातोत नगर स रहा। अबीएजेर बिन्यामीन क परिवार समूह क रहा। अबीएजेर क समूह मँ चौबीस हजार मनई रहेन।
13 दसवाँ सेनापति महरै रहा। महरै दसवें महीने क सेनापति रहा। महरै नतोप स रहा। उ जेरह परिवार क रहा। महरै क समूह मँ चौबीस हजार मनई रहेन।
14 गियारहवाँ सेनापति बनायाह रहा। बनायाह गियारहवें महीने क सेनापति रहा। बनायाह पिरातोन स रहा। बनायाह एप्रैम क परिवार समूह क रहा। बनायाह क समूह मँ चौबीस हजार मनई रहेन।
15 बारहवाँ सेनापति हेल्दै रहा। हेल्दै बारहवें महीने क सेनापति रहा। हेलदे, नपोत स रहा। हेल्दै ओत्नीएल क परिवार क रहा। हेल्दै क समूह मँ चौबीस हजार मनई रहेन।
16 इस्राएल क परिवार समूहन क प्रमुख इ सबइ रहेन:रूबेन: जिवी क पूत रहा एलीआजर।सिमोन: माका क पूत सपत्याह।
17 लेवी: समूएल क पूत हसब्याह। हारून: सादोक।
18 यहूदा: एलीहू (एलीहू दाऊद क भाइयन मँ स एक रहा।) इस्साकार: मीकाएल क पूत ओम्नी।
19 जबूलून: ओबद्याह क पूत यिसमायाह, नप्ताली: अज्रीएल क पूत यरीमोत।
20 एप्रैम: अजज्याह क पूत होसे। पच्छिमी मनस्से: फ़दायाह क पूत योएल।
21 पूर्वी मनस्से: जकार्याह क पूत इद्दो। बिन्यामीन: अब्नेर क पूत यासीएल।
22 दान: यारोहाम क पूत अजरेल।उ सबइ इस्राएल क परिवार समूह क प्रमुख रहेन।
23 दाऊद इस्राएली क मनइयन क गणना क निहचइ किहस। हुवाँ बहोत लोग रहेन काहेकि परमेस्सर इस्राएल क लोगन क आसमान क तारन क बराबर बनावइ क प्रतिग्या किहस। एह बरे दाऊद सिरिफ बीस बरिस अउर ओहसे ऊपर क मनइयन क गणना किहस।
24 सरूयाह क पूत योआब लोगन क गनब सुरू किहस। मुला उ गणना क पूरा नाहीं किहस। परमेस्सर इस्राएल क लोगन पइ कोहाइ गवा। इहइ कारण अहइ कि लोगन क गिनती “राजा दाऊद क इतिहास” क किताबे मँ नाहीं लिखी गइ।
25 इ ओन मनइयन क सूची अहइ जउन राजा क सम्पत्ति बरे उत्तरदायी रहेन:अदीएल क पूत अजमावेत राजा भण्डारन क अधीच्छक रहा।उज्जिय्याह क पूत यहोनातान नान्ह नगरन क भण्डारन, गाँव, खेतन, अउ मीनारन क अधीच्छक रहा।
26 कलूब क पूत एज़्री खेत मँ काम करइवालन क अधीच्छक रहा।
27 सिमी अंगूर क खेतन क अधीच्छक रहा। सिमी रामा नगर क रहा।जब्दी अंगूर क खेतन स आवइवाली दाखरस क देखरेख अउ भंडारण करइ क अधीच्छक रहा। जब्दी सापाम क रहा।
28 बाल्हानान पच्छिमी पहाड़ी पहँटा मँ जइतून अउर अंजीर क बृच्छन क अधीच्छक रहा।बाल्हानान गदेर क रहा। योआस जइतून क तले क भंडारण क अधीच्छक रहा।
29 सित्रै सारोन छेत्र मँ पसुअन क अधीच्छक रहा। सित्रै सारोन छेत्र क रहा।अदलै क पूत सापात घाटियन मँ पसुअन क अधीच्छक रहा।
30 ओबील ऊँटन क अधीच्छक रहा। ओबील इस्माएली रहा।येहदयाह गदहन क अधीच्छक रहा। येहदयाह एक मरोनेतवासी रहा।
31 याजीज भेड़िन क अधीच्छक रहा। याजीज हग्री लोगन मँ स रहा।इ सबइ सबहिं मनई उ सबइ प्रमुख रहेन जउन दाऊद क सम्पत्ति क देखभाल करत रहेन।
32 योनातान एक ठू बुद्धिमान सलाहकार अउर सास्त्री रहा। योनातान दाऊद क चाचा रहा। हक्मोन क पूत एलीएल राजा क पूतन क देखभाल करत रहा।
33 अहीतोपेल राजा क सलाहकार रहा। हूसै राजा क मीत रहा। हूसै एरेकी लोगन मँ स रहा।
34 पाछे यहोयदा अउर एब्यातार राजा क सलाहकार क रूप मँ अहीतोपेल क जगह लिहस। यहोयादा बनायाह क पूत रहा। योआब राजा क सेना क सेनापति रहा।
1 Chronicles 28
1 दाऊद इस्राएल क सबहिं प्रमुखन क एकट्ठा किहस। उ सबइ प्रमुखन क यरूसलेम आवइ क हुवुम दिहस। दाऊद परिवार समूहन क हरेक प्रमुखन, राजा क सेवा करइवाली सेना क टुवड़िन क सेनापतियन, सेनाध्यच्छन अउर अधिकारीयन जउन राजा अउ ओनके पूतन क जनावरन अउ सम्पत्ति क देखरेख करत रहेन, राजा क महत्त्वपूर्ण अधिकारियन, सक्तीसाली बीरन अउर सबहिं बीर जोधन क बोलाएस।
2 राजा दाऊद खड़ा भवा अउर कहेस, “मोर भाइयोे अउर मोरे लोगो, मोरे बात सुना। मइँ अपने हिरदइ स यहोवा क करार क सन्दूख क रखइ बरे एक जगह बनावइ चाहत हउँ। मइँ एक अइसी जगह बनावइ चाहत हउँ जउन परमेस्सर क पद पीठ बन सकइ अउर मइँ परमेस्सर बरे एक ठू मन्दिर बनावाइ क जोजना बनाएउँ।
3 मुला परमेस्सर मोहसे कहेस, ‘नाहीं दाऊद, तोहका मोरे नाउँ बरे मन्दिर नाहीं बनावइ चाही। तोहका इ नाहीं करइ चाही काहेकि तू एक जोधा अहा अउर तू बहोत स मनइयन क मार्या ह।’
4 “यहोवा इस्राएल क परमेस्सर इस्राएल क परिवार समूहन क अगुवाई करइ क बरे यहूदा क परिवार समूह क चुनेस। तब उ परिवार समूहस मँ स, यहोवा मोरे पिता क परिवार क चुनेस अउर उ परिवार स परमेस्सर मोका सदा बरे इस्राएल क राज चुनेस। परमेस्सर मोका इस्राएल क राजा बनावइ चाहत रहा।
5 यहोवा मोका बहोत स पूत दिहेस ह अउर ओन सारे पूतन मँ स, सुलैमान क यहोवा इस्राएल क नवा राजा चुनेस। परन्तु इस्राएल फुरइ यहोवा क राज्ज अहइ।
6 यहोवा मोहसे कहेस, ‘दाऊद, तोहार पूत सुलैमान मोर मन्दिर अउर एकरे चारिहुँ कइँती क पहँटा बनाई, काहेकि मइँ सुलैमान क आपन पूत चुनेउँ ह अउर मइँ ओकर बाप रहब।
7 जदि सुलैमान मोर विधियन अउर नेमन पालन करत रहत ह जइसा कि आज करत ह। तउ मइँ ओकर राज्ज क सदा क बरे सक्तीसाली बनाइ देबउँ।’“
8 दाऊद कहेस, “अब, सबहिं इस्राएलियन अउ परमेस्सर क समन्वा मइँ तोहसे इ सबइ बातन कहत हउँ: यहोवा अपने परमेस्सर क सबहिं आदेसन क मानइ मँ सावधान रहा। तब तू इ अच्छे देस क अपने लगे रख सकत ह अउर तू सदा क बरे एका अपने सन्तानन क दइ सकत ह।
9 “अउर मोरे पूत सुलैमान, तू, अपने बाप क परमेस्सर क जानत अहा। समूचइ हिरदइ अउ इच्छा स परमेस्सर क सेवा करा। काहेकि यहोवा परखत ह कि हर एक क हिरदइ मँ का बाटइ। हर बात जउन सोचत ह यहोवा जानत ह। जदि तू यहोवा क लगे मदद क बरे जाब्या, तउ तोहका उ मिली। किन्तु जदि ओका तजत ह, तउ उ तोहका सदा क बरे तजि देइ।
10 सुलैमान, तोहका इ समुझइ चाही कि यहोवा तोहका आपन पवित्तर मन्दिर बनवइ बरे चुनेस ह। सक्तीसाली बना अउर काम क पूरा करा।”
11 तब दाऊद अपने पूत सुलैमान क मन्दिर बनावइ बरे जोजनन दिहस। उ सबइ जोजनन मन्दिर क चारिहुँ कइँती ओसारा, अउर एकर भवन, एकर भंडार-कच्छ, एकरे ऊपरी कच्छ, एकरे भीतरी कच्छ अउ दयापीठ क जगह बरे रही।
12 दाऊद मन्दिर क सबहिं हींसक क बरे जोजनन बनाए रहा। दाऊद ओन जोजनन क सुलैमान क दिहस। दाऊद यहोवा क मन्दिर क चारिहुँ ओर क आँगन अउर एकरे चारहिँ कइँती क कच्छन जोजनन दिहस। दाऊद मन्दिर क भंडारकच्छन अउर ओन भण्डारकच्छन क जोजना दिहस जहाँ उ पचे ओन पवित्तर चिजियन क धरत रहेन जउन मन्दिर मँ काम आवत रहिन।
13 दाऊद सुलैमान क याजकन अउर लेवीबंसियन क समूहन क बारे मँ बताएस। दाऊद सुलैमान क यहोवा क मन्दिर मँ सेवा करइ क काम क बारे मँ अउर मन्दिर मँ काम आवइवाली चिजियन क बारे मँ बताएस।
14 दाऊद सुलैमान क बताएस कि मन्दिर मँ काम आवइवाली चिजियन क बनावइ मँ केतना सोना अउ चाँदी लागइ चाही।
15 सोना क दीपकन अउ दीपाधारन क जोजनन रहिन अउर चाँदी क दीपकन अउर दीपाधारन क जोजनन रहिन। दाऊद बताएस कि हर एक दीपधार अउ ओकरे दीपक बरे केतना सोना या चाँदी क उपयोग कीन्ह जाइ। बिभिन्न दीपधार, जहाँ जरूरत रही, उपयोग मँ आवइवाले रहेन।
16 दाऊद बताएस कि पवित्तर रोटी क बरे काम मँ आवइवाली हर एक मेज क बरे केतना सोना काम मँ आइ। दाऊद बताएस कि चाँदी क मेजन बरे केतनी चाँदी काम मँ आई।
17 दाऊद बताएस कि केतना सुद्द्ध सोना, काँटन, छिछकारइ क चिलमची अउर कलसा बनाइ मँ लागी। दाऊद बताएस कि हर एक तस्तरी मँ केतनी चाँदी लागी।
18 दाऊद बताएस कि सुगन्धि क वेदी बरे केतना सुद्ध सोना लागी। दाऊद सुलैमान क परमेस्सर क रथ, यहोवा क करार क सन्दूख क ऊपर अपने पखनन क फइलास सोना क करूब सरगदूत क संग दायापीठ क जोजना भी दिहेस।
19 दाऊद कहेस, “इ सबइ जोजना यहोवा स मिले निदेर्सन क अनुसार लिखा ग रहेन अहइँ। यहोवा जोजना क हर एक भाग समुझइ मँ मोका मदद दिहस।”
20 दाऊद अपने पूत सुलैमान स इ भी कहेस, “दृढ़ अउर बीर बना अउर इ काम क पूरा करा। डेराअ जिन, काहेकि यहोवा, मोर परमेस्सर तोहरे संग अहइ। उ तोहार मदद तब तलक करी जब तलक तोहार इ काम पूरा नाहीं होइ जात। उ तोहका छोड़ी नाहीं। तू यहोवा क मन्दिर बनाउब्या।
21 परमेस्सर क मन्दिर क सबहिँ काम करइ बरे याजकन अउ लेवीबंसियन क समूह तइयार अहइँ। सबहिं काम न मँ तोहका मदद देइ बरे वुसल कारीगर तइयार अहइँ जउन भी तू आदेस देब्या ओकर पालन अधिकारी अउर सबहिं लोग करिहीं।”
1 Chronicles 29
1 राजा दाऊद हुवाँ एक संग बटुरे इस्राएल क सबहिं लोगन स कहेस, “परमेस्सर मोरे पूत सुलैमान क चुनेस। सुलैमान बालक अहइ अउर उ ओन सब बातन क नाहीं जानत जेनकर जरूरत ओका इ काम क करइ बरे अहइ। किन्तु काम बहोत महत्वपूर्ण अहइ। इ भवन लोगन क बरे नाहीं अहइ अपितु यहोवा परमेस्सर क बरे अहइ।
2 मइँ आपन पूरी सक्ती स परमेस्सर क मन्दिर बनावइ क चिजियन क प्रबंध किहेउँ ह। मइँ सोना स बनइवाली चिजियन बरे सोना दिहेउँ ह। मइँ चाँदी स बनइवाली चिजियन क बरे चाँदी दिहेउँ ह। मइँ काँसा स बनइवाली चिजियन क बरे काँसा दिहेउँ ह। मइँ लोहा स बनइवाली चिजियन क बरे लोहा दिहेउँ ह। मइँ काठे स बनइवाली चिजियन क बरे काठ दिहेउँ ह। मइँ नीलमणि, रतनजटित फकनन क बरे बिभिन्न रंग क सबहिं प्रकार क कीमती रतन अउ सफेद संगमरमर भी दिहउँ ह। मइँ यहोवा क मन्दिर क बनावइ बरे इ सबइ चिजियन बहोत जियादा संख्याँ मँ दिहेउँ ह।
3 मइँ अपने परमेस्सर क मन्दिर बरे सोना अउ चाँदी क एक बिसेस भेंट देत अहइँ। मइँ इ एह बरे करत हउँ कि मइँ फुरइ अपने परमेस्सर क मन्दिर क बनावइ चाहत हउँ। मइँ इ पवित्तर मन्दिर क बनावइ बरे एन सब चिजियन क देत हउँ।
4 मइँ ओपीर स एक सौ दस टन सुद्ध सोना दिहेउँ ह। मइँ दुुई सौ साठ टन सुद्ध चाँदी दिहेउँ ह। चाँदी मन्दिर क भवनन क देवारन क ऊपर मढ़इ बरे अहइ।
5 मइँ सोना अउ चाँदी ओन सब चिजियन बरे दिहेउँ ह जउन सोना अउर चाँदी क बनी होत हीं। मइँ सोना अउ चाँदी दिहेउँ ह जेनसे वुसल कारीगर मन्दिर क बरे सबहिं विभिन्न तरह क चिजियन बनाइ सकइँ। अब आप लोगन मँ स केतने आजु यहोवा क काम बरे योगदान देइ बरे तइयार अहइँ?”
6 परिवारन क प्रमुख, इस्राएल क परिवार समूहन क प्रमुख, उच्च अधिकारियन, कप्तान लोगन अउर राजा क काम करइ क बरे जिम्मेदार अधिकारी सबहिं तइयार रहेन अउर उ पचे कीमती चिजियन दिहन।
7 इ सबइ उ सब चिजियन अहइँ जउन उ पचे परमेस्सर क घर क बरे दिहन: एक सौ नब्बे टन सोना, तीन सौ पचहत्तर टन ऐ चाँदी, छ: सौ पचहत्तर टन ऐ काँसा; तीन हजार सात सौ पचास टन ऐ लोहा;
8 जउने लोगन क लगे कीमती रतन रहेन, उ पचे एका यहोवा क मन्दिर क खज़ाना मँ जउन यहीएल क सुरच्छा मँ रहेन, दिहेन। यहीएल गेसोर्न क परिवार स रहा।
9 लोग बहोत खुस रहेन। काहेकि ओनकर प्रमुख ओतना जियादा देइ मँ खुस रहेन। प्रमुख स्वतंत्रता पूर्वक खुले दिल स देइ मँ खुस रहेन। राजा दाऊद भी बहोत खुस रहा।
10 तब दाऊद ओन लोगन क समन्वा, जउन हुवाँ एक संग बटुरे रहेन, यहोवा क बड़कई किहन। दाऊद कहेस:“यहोवा इस्राएल क परमेस्सर, हमार बाप, सदा-सदा बरे तोहार स्तुति होइ।
11 महानता, सक्ती, यस बिजइ अउर प्रतिस्ठा तोहार अहइ। काहेकि हर एक चीज धरती अउर आसमान क तोहार ही अहइ। हे यहोवा! राज्ज तोहार अहइ: तू हर एक क ऊपर सासक अहा।
12 सम्पत्ति अउर प्रतिस्ठा तोहसे अवत ह। तोहार सासन हर चीज पइ अहइ। तू सक्ती अउर बल अपने हाथे मँ रखत ह। तोहरे हाथे मँ सक्ती अहइ कि तू कउनो क भी महान अउर सक्तीसाली बानावइ सकत ह।
13 अब, हमार परमेस्सर हम तोहका धन्यवाद देत अही, अउर हम तोहरे यसस्वी नाउँ क स्तुति करत अही।
14 इ सबहिं चिजियन ओहसे अउर मोरे लोगन स नाहीं आइ अहइँ। इ सबइ सबहिं चिजियन तोहसे आइन अउर हम तोहका उ सबइ चिजियन दिहेउँ जउन तोहसे आई अहइँ।
15 हम पचे ठीक अपने पुरखन क नाईं इ संसार मँ तोहरे समन्वा बिदेसी क तरह रहत हउँ। इ धरती पइ हमार समइ बिना उम्मीद क छाया क नाईं गुज़रत अहइ।
16 हे यहोवा हमार परमेस्सर, हम इ सबइ चिजियन तोहार मन्दिर बनवइ बरे बटोेरेन ह। हम लोग तोहार मन्दिर तोहार नाउँ क सम्मान बरे बनाउब। मुला इ सबइ चिजियन तोहसे आई अहइँ अउर हर चीज तोहर अहइ।
17 मोर परमेस्सर, मइँ इ भी जानत हउँ तू लोगन क हिरदइ क जाँच करत ह, अउर तू खुस होत ह, जदि लोग अच्छे काम करत हीं, मइँ सच्चे हिरदइ स इ सबइ चिजियन देइ मँ खुस रहेउँ। अब मइ तोहरे लोगन क हुवाँ बटुरा लखइ सकत हउँ जउन इ सबइ चिजियन तोहका देइ मँ खुस अहइँ।
18 हे यहोवा, तू परमेस्सर अहा हमार पुरखा इब्राहीम, इसहाक अउ इस्राएल क। वृपा कइके तू लोगन क मदद सही जोजना बनावइ मँ कइके ओनका तोहरे बरे बिस्सास जोग्ग अउर सच्चा होइ मँ करा।
19 अउर मोरे पूत सुलैमान क तोहरे बरे सच्चा होइ मँ मदद द्या तोहार कानून, नेमन अउर आदेसन क सर्वदा पालन करी मँ मदद द्या। ओन कामन क करइ मँ सुलैमान क मदद करा अउर उ सानदार महल क बनावइ मँ ओकर मदद करा जेकर जोजना मइँ बनाएउँ ह।”
20 तब दाऊद हुवाँ एक संग बटुरे सबहिं समूहन क लोगन स कहेस, “अब यहोवा, अपने परमेस्सर क स्तुति करा।” एह बरे सब यहोवा परमेस्सर, उ परमेस्सर क जेकर आराधना ओनकर पुरखन किहेन, स्तुति किहस। उ पचे यहोवा तथा ओकर राजा क सम्मान देइ क बरे धरती पइ माथा टेकिके प्रणाम किहन।
21 अगले दिन लोगन यहोवा क बलि भेंट किहन। उ पचे यहोवा क होमबलि भेंट किहेन। उ पचे एक हजार बैल, एक हजार भेड़न एक हजार मेमनन भेंट क रूप मँ दिहन अउर उ पचे पेयबलि भी भेंट किहेन। इस्राएल क सबइ लोगन बरे हुवाँ अनेक बलिदान दिए गएन।
22 उ दिन लोग खाएन अउर पीएन अउर यहोवा हुवाँ ओनके संग रहा उ पचे बहोत खुस रहेन।अउर पचे दाऊद क पूत सुलैमान क दूसरी दाईं राजा बनाएन। उ पचे सादोक क अभिसेक राजा क रूप मँ किहन अउर उ पचे सादोक क अभिसेक याजक बनवावइ बरे किहन। उ पचे इ उ जगह पइ किहन जहाँ यहोवा रहा।
23 तब सुलैमान राजा क रूप मँ यहोवा क सिंहासन पइ बइठा सुलैमान अपने बाप क जगह लिहस। सुलैमान बहोत सफल रहा। इस्राएल क सबहिं लोगन सुलैमान क आदेस मानत रहेन।
24 सबहिं प्रमुख, फउजी अउर राजा दाऊद क सबहिं पूतन सुलैमान क राजा क रूप मँ स्वीकार किहन अउर ओकरी आग्या क पालन किहन।
25 यहोवा सुलैमान क बहोत महान बनाएस। इस्राएल क सबहिं लोग जानत रहेन कि यहोवा सुलैमान क महान बनावत अहइ। यहोवा सुलैमान क उ सम्मान दिहस जउन एक राजा क मिलइ चाही। यहोवा सुलैमान क साही प्रताप दिहेस जउन पहिले इस्राएल क कउनो राजा क नाहीं मिला।
26 यिसै क पूत दाऊद पूरे इस्राएल पइ चालीस बरिस तलक राजा रहा। दाऊद हेब्रोन नगर मँ सात बरिस तलक राजा रहा। तब दाऊद यरूसलेम मँ तैंतीस बरिस तलक राजा रहा।
27
28 दाऊद तब मरा जब उ बूढ़ा रहा। दाऊद एक नीक लम्बी जिन्नगी बिताएस। दाऊद क लगे बहोत सम्पत्ति अउ प्रतिस्ठा रही अउर दाऊद क पूत सुलैमान ओकरे पाछे राजा बना।
29 उ सबइ कार्य, जउन सुरू स लइके आखिर तलक दाऊद किहस, समूएल दसीर् क रचना मँ अउर नातान नबी क रचना मँ अउ गाद दसीर् क रचना मँ लिखे गएन ह।
30 उ सबइ रचना इस्राएल क राजा क रूप मँ दाऊद जउन काम किहेस ओन सब क सूचना देत ह। उ सबइ दाऊद क सक्ती अउर ओकरे संग जउन घटा, ओकरे बिसय मँ भी बतावत हीं, अउर उ सबइ इस्राएल अउ ओकरे चारिहुँ कइँती क राज्जन मँ जउन भवा, ओकरे बारे मँ बतावत ह।
2 Chronicles 1
1 सुलैमान एक बहोत सक्तीसाली राजा बन गवा काहेकि यहोवा ओकरे परमेस्सर, ओकर संग रहा। यहोवा सुलैमान क बहोत जियादा महान बनाएस।
2 सुलैमान इस्राएल क सबहिं लोगन स बातन किहस। उ सेना क सेनापतियन, सहस्रपतियन, निआवअधीसन, इस्राएल क सबहिं नेता लोगन अउर परिवारन क प्रमुखन स बातन किहस।
3 तब सुलैमान अउर सबहिं लोग ओकरे संग बटुरेन अउ उ ऊँच जगह क गएन जउन गिबोन नगर मँ रहा। परमेस्सर क मिलाप क तम्बू हुवाँ रहा। यहोवा क सेवक मूसा ओका तब बनाए रहा जब उ अउर इस्राएल क लोग रेगिस्ताने मँ रहेन।
4 दाऊद परमेस्सर क करार क सन्दूख क किर्यत्यारीम स यरूसलेम तलक लिआवा रहा। दाऊद यरूसलेम मँ एका रखइ बरे एक ठु जगह बनाए रहा। दाऊद यरूसलेम मँ करार क सन्दूख बरे एक तम्बू लगाइ दिहे रहा।
5 हूर क पूत ऊरी अउर ऊरी क पूत बसलेल एक काँसे क वेदी बनाए रहा। उ काँसे क वेदी गिबोन मँ पवित्तर तम्बू क समन्वा रही। एह बरे सुलैमान अउर उ सबइ लोग यहोवा स राय लेइ गिबोन गएन।
6 मिलाप क तम्बू मँ यहोवा क समन्वा काँसे क वेदी तलक सुलैमान गवा। सुलैमान एक हजार होमबलि वेदी पइ चढ़ाएस।
7 उ राति परमेस्सर सुलैमान क लगे आवा। परमेस्सर कहेस, “सुलैमान, मोहसे तू उ माँगा जउन कछू तू चाहत अहा कि मइँ तोहका देउँ।”
8 सुलैमान परमेस्सर स कहेस, “तू मोरे दाऊद क बरे बहोत वृपालु अहा। तू मोका, मोरे बाप क जगह पइ नवा राजा होइ बरे चुन्या ह।
9 यहोवा परमेस्सर, अब, तू जउन बाचन मोरे पिता दाऊद क दिहा ह ओका बना रहइ द्या। तू मोका अइसी प्रजा क राजा बनाया, जउन पृथ्वी क रेत कणन क नाईं अनगिनत अहइँ।
10 तू मोका बुद्धि अउ गियान द्या। ताकि मइँ एन लोगन क सही रहा पइ लइ चल सकब। कउनो भी मनई तोहरी मदद क बिना तोहार ऍन महान लोगन पइ हुवूमत नाहीं कइ सकत ह।”
11 परमेस्सर सुलैमान स कहेस, “तोहार रूख बिल्वुल ठीक अहइँ। तू धन या सम्पत्ति या सम्मान नाहीं माँग्या ह। तू इ भी नाहीं माँग्या ह कि तोहार दुस्मन मरि जाइँ। तू लम्बी उमिर भी नाहीं माँग्या ह। किन्तु तू अपने बरे बुद्धि अउ गियान मँग्या ह जेहसे तू मोर प्रजा क सम्बन्ध मँ बुद्धिमानी स निर्णय लइ सका, जेकर मइँ तोहका राजा बनाएउँ ह।
12 एह बरे मइँ तोहका बुद्धि अउ गियान देब। मइँ तोहका धन, बैभव अउर सम्मान भी देब। तोहरे पहिले होइवाले राजा लोगन क लगे एतना धन अउर सम्मान कबहुँ नाहीं रहा अउर तोहरे पाछे होइवाले राजा लोगन क लगे भी ऍतना धन अउर सम्मान नाहीं होइ।”
13 तउ सुलैमान गिबोन क आराधना क जगह मँ गवा। जब सुलैमान उ मिलापवाले तम्बू क छोड़ेस अउ यरूसलेम लउट गवा अउ इस्राएल पइ राज्ज करइ लाग।
14 सुलैमान घोड़न अउ रथ अपनी फउज क बरे एकट्ठा करब सुरू किहेस। सुलैमान क लगे एक हजार चार सौ रथ अउर बारह हजार घोड़सवार रहेन। सुलैमान ओनका रथ नगरन मँ रखेस। सुलैमान यरूसलेम मँ भी ओनमाँ स कछू क रखेस, अर्थात हुवाँ जहाँ राजा क निवास रहा।
15 सुलैमान यरूसलेम मँ बहोत सी चाँदी अउ सोना एकट्ठा किहस। उ ऍतना अधिक चाँदी अउ सोना एकट्ठा किहस कि उ चट्टानन स सामान्य होइ गवा। सुलैमान देवदारु क ऍतना लकड़ी बटोरेस कि उ पच्छिमी पहाड़ प्रदेस क गूलर क बृच्छ क नाईर् सामान्य होइ गइ।
16 सुलैमान, मिस्र अउर वुए स घोड़न मँगाएस। राजा क बइपारियन घोड़न वुए स बेसहेन।
17 सुलैमान क बइपारियन मिस्र स एक रथ चाँदी क छ: सौ सेकेल मँ अउर घोड़ा चाँदी क एक सौ पचास सेकेल मँ बेसहेन। तब बइपारियन घोड़न अउर रथन क हित्ती लोगन क राजा लोगन तथा अराम क राजा लोगन क हाथ बेच दिहस।
2 Chronicles 2
1 सुलैमान यहोवा क नाउँ क प्रतिस्ठा क बरे एक मन्दिर अउर अपने बरे एक राजमहल बनावइ क निहचइ कहस।
2 सुलैमान सत्तर हजार बोझ ढोवइया अउर पहाड़ी पहँटा मँ पाथर खनइ बरे अस्सी हजार मनइयन क चुनेस अउर उ तीन हजार छ: सौ मनई मजदूरन क निगरानी बरे चुनेस।
3 तब सुलैमान हूराम क सँदेसा पठएस। हूराम सोर नगर क राजा रहा। सुलैमान सँदेसा दिहे रहा, “मोका वइसे ही मदद द्या जइसे तू मोरे बाप दाऊद क मदद दिहे रह्या। देवदार क बृच्छन स ओनका काठ पठए रह्या जेहसे उ पचे अपने रहइ क बरे महल बनाइ सके रहेन।
4 मइँ एक ठु मन्दिर बनाउब अउर ओका यहोवा आपन परमेस्सर क नाउँ क सम्मान देइ बरे अपिर्त करब। हम पचे यहोवा क समन्वा सुगन्धित धूप जराब। हम पचे हमेसा पवित्तर रोटी क बिसेस मेज पई भेंट करब। हम पचे हर भिंसारे, हर सांझ, हर सबित क दिन मँ, हर नवा चन्द्र क दिन मँ अउर दूसर त्यौहार मँ जउन यहोवा हमार परमेस्सर हम पचन क मनावइ बरे आदेस दिहे रहा, मँ होमबलि भेंट चढ़ाउब। इ ओकर नेम अहइ जेका इस्राएल क लोगन क सदा पालन करइ चाही।
5 “जउन मन्दिर मइँ बनाउब उ महान होइ, काहेकि हमार परमेस्सर सबहिं देवतन स बड़ा अहइ।
6 किन्तु कउनो भी मनई सही अर्थ मँ हमरे परमेस्सर बरे भवन नाहीं बनाइ सकत। सरग हाँ, उच्चतम सरग भी परमेस्सर क अपने भीतर नाहीं रख सकत। मइँ सिरिफ एक जगह परमेस्सर क समन्वा सुगन्धि बारइ बरे बनाइ सकत हउँ।
7 “अब, मोरे लगे सोना, चाँदी, काँसा अउर लोहा क काम करइ मँ एक ठु वुसल मनई क पठवा। उ मनई क एकर गियान होइचाही कि बैगंनी, लाल अउ नीले ओढ़नन क उपयोग कइसे कीन्ह जात ह। उ मनई क हिआँ यहूदा अउ यरूसलेम मँ मोरे वुसल कारीगरन क संग नक्कासी करब होइ। मोर बाप दाऊद एन वुसल कारीगरन क चुने रहा।
8 मोरे लगे लबानोन देस स देवदार, चीर अउ चन्दन अउर सनोवर क लकड़ियन भी पठएन। मइँ जानत हउँ कि तोहार सेवक लबानोन स बृच्छन क काटइ मँ अनुभवी अहइँ। मोर सेवक तोहरे सेवकन क मदद करिहीं।
9 काहेकि मोका प्रचुर मात्रा मँ इमारती लकड़ी चाही। जउन मन्दिर मइँ बनावइ जात अहउँ उ बिसाल अउ अद्भुत होइ।
10 मइँ एक लाख पचीस हजार बुसल गेहूँ अउर एक लाख पचीस हजार बुसल जौ, एक लाख पन्द्रह हजार गैलन दाखरस अउर एक लाख पन्द्रह हजार गैलन तेल तोहरे ओन सेवकन क बरे दिहेउँ ह जउन इमारती लकड़ी बरे बृच्छन क काटत हीं।”
11 तब सोर क राजा हूराम सुलैमान क जवाब दिहस। उ सुलैमान क एक ठु पत्र पठएस। पत्र मँ इ कहा गवा रहा: “सुलैमान, यहोवा अपने लोगन स पिरेम करत ह। इहइ कारण अहइ कि उ तोहका ओनकर राजा चुनेस।”
12 हूराम इ भी कहेस, “इस्राएल क यहोवा, परमेस्सर क बड़कई करा। उ धरती अउ अकास बनाएस। उ राजा दाऊद क बुद्धिमान पूत दिहस। सुलैमान, तोहका बुद्धि अउर समुझ दिहस ह। तू एक ठु मन्दिर यहोवा बरे बनावत अहा। तू अपने बरे भी एक राजमहल बनावत अहा।
13 मइँ तोहरे लगे एक ठु वुसल कारीगर पठउब। ओका बिभिन्न प्रकार क बहोत सी कलन क जानकारी अहइ। ओकर नाउँ हूराम-अबी अहइ।
14 ओकर महतारी दान क परिवार समूह क रही अउर ओकर बाप सोर नगर क रहा। हूराम-अबी सोना, चाँदी, काँसा, लोहा, पाथर अउ काठे क काम मँ वुसल अहइ। उ बैगनी, नीला, लाल ओढ़नन अउ कीमती मलमल ओढ़नन मँ कढ़ाई क काम मँ भी वुसल अहइ। उ हर कउनो डिज़ाईन क जेहका तू देखउब्या, कइ सकत ह। उ तोहरे वुसल कारीगरन क मदद करी अउर तोहरे बाप दाऊद क वुसल कारीगरन क मदद करी।
15 “तू गेहूँ, जौ, तेल अउर दाखरस पठावइ क जउन बचन दिहे रह्या, ओका पूरा करा अउर उ सबइ चिजियन क मोरे सेवकन क लगे पठइ द्या।
16 अउर हम लोग लबानोन देस स लकड़ी काटब। हम लोग ओतनि लकड़ी काटब जेतनी तोहका जरुरत अहइ। हम लोग समुद्दर मँ लकड़ी क लट्ठन क बेड़ा क उपयोग जापा नगर तलक लकड़ी पहोंचावइ बरे करब। तब तू लकड़ी क यरूसलेम लइ जाइ सकत ह।”
17 तब सुलैमान इस्राएल मँ बसइवाले सबहिं बाहरी लोगन क गनवाएस। इ उ समइ क पाछे भवा जब दाऊद लोगन क गने रहा। दाऊद, सुलैमान क बाप रहा। ओका 1,53,600 बाहरी लोग मिलेन।
18 सुलैमान 70,000 बिदेसियन क चिजियन ढोवइ बरे, 80,000 बिदेसियन क पहाड़न मँ पाथर काटइ बरे अउर 3,600 बिदेसियन क पहाड़न मँ पाथर काटइवाले मनईन क निरिच्छक बरे चुनेस।
2 Chronicles 3
1 सुलैमान यहोवा क मन्दिर मोरिय्याह पर्वत पइ यरूसलेम मँ बनाउब सुरु किहस। पर्वत मोरिय्याह उ जगह अहइ जहाँ यहोवा सुलैमान क बाप दाऊद क दर्सन दिहे रहा। सुलैमान उहइ जगह पइ मन्दिर बनाएस जेका दाऊद तइयार कइ चुका रहा। उ जगह उ खरिहाने मँ रही जउन ओर्नान क रहा। ओर्नान यबूसी लोगन मँ स एक रहा।
2 सुलैमान इस्राएल मँ अपनी हुवूमत क चउथे बरिस क दूसरे महीने मँ मन्दिर बनाउब सुरु किहस।
3 सुलैमान परमेस्सर क मन्दिर क नेवं क निर्माण क बरे जउने माप क उपयोग किहेस, इ उ अहइ: नेंव साठ हाथ लम्बी अउर बीस हाथ चउड़ी रही। सुलैमान पुराने हाथ क माप क ही उपयोग तब किहस जब उ मन्दिर क मापेस।
4 मन्दिर क सामने क दुआर मण्डप बीस हाथ लम्बा अउर बीस हाथ ऊँच रहा। सुलैमान दुआर मण्डप क भीतरी हींसा क निखालिस सोना स मढ़वाएस
5 सुलैमान बड़े कमरन क देवार पइ सनोवर लकड़ी क बनी चौकोर सिल्लियन धरेस। तब उ सनोवर क सिल्लियन क निखालिस सोना स मढ़ेस अउर उ निखालिस सोने पइ खजूरे क बृच्छ क चित्र अउ जंजीरन बनाएस।
6 सुलैमान मन्दिर क सुन्नरता क बरे ओहमाँ बहुमूल्य रतन लगाएस। जउने सोने क उपयोग सुलैमान किहस उ पैर्म स आवा रहा।
7 सुलैमान मन्दिर क भीतरी भवन क सोना स मढ़ दिहस। सुलैमान छते क कड़ियन चौखटन, देवारन अउर दरवाजन पइ सोना मढ़वाएस। सुलैमान देवारन पइ करूब सरगदूतन क खुदवाएस।
8 तब सुलैमान सब स जियादा पवित्तर जगहिया बनाएस। सब स जियादा पवित्तर जगहिया बीस हाथ लम्बी अउर बीस हाथ चउड़ी रही। इ ओतनी ही चउड़ी रही जेतना पूरा मन्दिर रहा। सुलैमान सब स जियादा पवित्तर जगहिया क देवारन पइ सोना मढ़वाएस। सोना क वजन लग भग बीस हजार चार सौ किलोग्राम रहा।
9 सोना क कीलन क वजन पाँच सौ पचहत्तर ग्राम रहा। सुलैमान ऊपरी कमरन क सोना स मढ़वाएस।
10 सुलैमान दुइ करूब सरगदूत सब स जियादा पवित्तर जगह पइ धरइ बरे बनाएस। कारीगरन करुब सरगदूतन क सोना स मढ़ दिहन।
11 करूब (सरगदूतन) क हर एक पखना पाँच हाथ लम्बा रहा। पखनन क पूरी लम्बाई बीस हाथ रही। पहिले करूब सरगदूत क एक पखना कमरा क एक कइँती क देवार क छुअत रहा। दूसर पखना दूसरे करूब सरगदूत क पखना क छुअत रहा।
12 दूसरे करूब सरगदूत क दूसर पखना कमरा क दूसरी कइँती क देवार क छुअत रहा।
13 करूब सरगदूत क पखना सब मिलाइके बीस हाथ फइले रहेन। करूब सरगदूत भीतर पवित्तर जगह कइँती लखत भए खड़े रहेन।
14 उ नीला, बैंगनी, लाल अउर कीमती ओढ़नन अउ कीमती सूती ओढ़नन स पदेर्क बनवाएस। परदे पइ करूबन क चित्र काढ़ दिहस।
15 सुलैमान मन्दिर क समन्वा दुइ खम्भन खड़ा किहस। खम्भन पैंतीस हाथ ऊँच रहेन। दुइनउँ खम्भन क सीर्स हींसा दुइ पाँच हाथ लम्बा रहा।
16 सुलैमान जंजीरन क हार बनाएस।। उ जंजीरन क खम्भन क सीर्स पइ धरेस। सुलैमान सौ अनार बनाएस अउर ओनका जंजीरन स लटकाएस।
17 तब सुलैमान मन्दिर क समन्वा खम्भन खड़े किहस। एक खम्भा दाईं कइँती रहा। दूसर खम्भा बाईं कइँती रहा। सुलैमान दाईर् कइँती क खम्भा क नाउँ “याकीन” अउर बाईर् कइँती क खम्भा क नाउँ “बोअज” रखेस।
2 Chronicles 4
1 सुलैमान वेदी बनावइ बरे काँसा क उपयोग किहस। उ काँसा क वेदी बीस हाथ लम्बी, बिस हाथ चउड़ी अउर दस हाथ ऊँच रही।
2 तब सुलैमान टेधरे काँसे क उपयोग एक बिसाल हौज बनावइ क बरे किहस। बिसाल हौज गोल रहा अउर एक सिरे स दूसर सिरे तलक एकर माप दस हाथ रही अउर इ पाँच हाथ ऊँच अउर तीस हाथ घेरे वाला रहा।
3 बिसाल हौज़ क खाले मँ बधर्न क आवृतियन क दुई कतारन मँ जउन हौज़ क चारिहुँ कइँती दस हाथ ढाँपि लिहेन, बनान गएन। उ सबइ तब ढाले गएन जब हौज़ बनावा ग रहा।
4 उ बिसाल काँसा क हौज़ बारह बर्धन क बिसाल प्रतिमा पइ स्थित रहा। तीन बर्धन उत्तर कइँती लखत रहेन। तीन बर्धन पच्छिम कइँती लखत रहेन। तीन बर्धन दक्खिन कइँती लखत रहेन। तीन बर्धन पूरब कइँती लखत रहेन। बिसाल काँसा क हौज़ एन बर्धन क ऊपर रहा। सबहिं बर्धन अपने पिछवड़े केन्द्र कइँती रखके खड़ा रहा।
5 बिसाल काँसा क तलाव चार अंगुल मोटा रहा। बिसाल तलाव क सिरा एक पियाले क सिरे क नाईर् रहा। सिरा खिली भइ लिली क तरह रहा। एहमाँ छाछठ किलो लीटर आइ सकत रहा।
6 सुलैमान दस चिलमचियन बनाएस। उ बिसाल काँसे क हौज़ क दाईर् कइँती पाँच चिलमचियन रखेस अउर सुलैमान काँसा क बिसाल हौज़ क बाईर् कइँती पाँच चिलमचियन रखेस। एन चिलमचियन क उपयोग होमबलि बरे चढ़ाई जाइवाली चिजियन क धोवइ बरे होब रहा, किन्तु बिसाल हौज़ क उपयोग बलि चढ़ावइ क पहिले याजकन क नहाइ बरे होब रहा।
7 सुलैमान क निदेर्स क अनुसार सोना क दस डीबट बनाएस अउर ओनका मन्दिर मँ रख दिहस: पाँच दाहिन कइँती अउर पाँच बाईर् कइँती।
8 सुलैमान दस मेजन बनाएस अउर ओनका मन्दिर मँ धरेस। मन्दिर मँ पाँच ठु मेजन दाईर् रहिन अउर पाँच मेजन बाईर्। सुलैमान सौ चोलमचियन बनावइ क बारे सोना क उपयोग किहस।
9 सुलैमान याजकन बरे आँगन बनाएन, बड़ा आँगन अउर दरवाजन ओकरे बरे बनाएस। उ आँगन मँ खुलइवाले दरवाजन क मढ़इ बरे काँसे क उपयोग किहस।
10 तब उ बिसाल काँसे क तलाव क मन्दिर क दक्खिन पूरब कइँती दाइँ कइँती रखेस।
11 हूराम बर्तन, बोल्चन अउर खोरन क बनाएस। तब हूराम परमेस्सर क मन्दिर मँ सुलैमान बरे अपने काम खतम किहेस।
12 हूराम दुइनउँ खम्भन अउर दुइनउँ खम्भन क सीर्सभाग क दुइनउँ बिसाल खोरन क बनाए रहा। हूराम दुइनउँ खम्भन क सीर्सभाग कि दुइनउँ बिसाल खोरन क ढकइ बरे सजावटी जाल क दुइ सेट भी बनाए रहा।
13 हूराम चार सौ अनार दुई सेट सजावटी जाल बरे बनाएस। हर एक जाल क बरे अनारन क दुइ पंक्तियन रहिन। दुइनउँ खम्भन क सीर्सभाग पइ बिसाल खोरन जाल स ढके रहेन।
14 हूराम आधार दण्ड अउ ओनके ऊपर क पियालन क भी बनाएस।
15 हूराम एक बिसाल काँसे क तलाव अउ तलाव क खाले बारह बर्धन बनाएस।
16 हूराम बर्तन, बेल्चन, काँटन अउर सबहिं चिजियन राजा यहोवा क मन्दिर बरे राजा सुलैमान क अनुरोध क अनुसार बनाएस। इ सबइ चिजियन कलई चढ़े काँसे क बनी रहिन।
17 राजा सुलैमान पहिले एन चिजियन क माटी क साँचे मँ डारेस। इ सबइ साँचन सुक्कोत अउर सरेदा नगरन क बीच यरदन घाटी मँ बने रहेन।
18 सुलैमान इ सबइ ऍतनी जियादा तादाद मँ बनाएस कि कउनो मनई उपयोग मँ लाए गए काँसा क तउलइ क जतन नाहीं किहस।
19 सुलैमान परमेस्सर क मन्दिर बरे भी चिचियन बनाएस। सुलैमान सुनहरी वेदी बनाएस। उ उ सबइ मेजन बनाएस जेन पइ उपस्थिति क रोटियन रखी जात रहिन।
20 सुलैमान डीबट अउ ओनकर दिया निखालिस सोना क बनाएस। बनी भइ जोजना क मुताबिक डीबटन क पवित्तर जगह क समन्वा भीतर बारब रहा।
21 सुलैमान फूलन, दीयन अउ चिमटन क बनावइ बरे निखालिस सोना क उपयोग किहस।
22 सुलैमान झालरन, पियालन, कड़ाहियन अउ धूपदान बनावइ बरे निखालिस सोना क उपयोग विंहस। सुलैमान मन्दिर क दरवाजन, सब स जियादा पवित्तर जगह अउर मुख्य बिसाल कच्छ क भीतरी दरवाजन क बनावइ बरे निखालिस सोने क उपयोग किहस।
2 Chronicles 5
1 तब सुलैमान यहोवा क मन्दिर क बरे कीन्ह गए सबहिं काम पूरे कइ लिहस। सुलैमान ओन सबहिं चिजियन क लिआएस जउन ओकर बाप दाऊद क मन्दिर बरे दिहे रहा। सुलैमान सोना चाँदी क बनी भइ सबहिं चिजियन अउर सबहिं फनिर्चरन (लकड़ी स बना भवा चिजियन) क लिआएन। सुलैमान ओन सबहिं चिजियन क परमेस्सर क मन्दिर क खाजना मँ रखेस।
2 सुलैमान इस्राएल क सबहिं परिवार समूहन क प्रमुखन अउर परिवारन क एकट्ठा किहेस। उ सबहिं क यरूसलेम मँ बटोरेस। सुलैमान इ एह बरे किहस कि लेवी बंसी यहोवा क करार क सन्दूख क दाऊद क नगर स लाई सकइँ, जउन सिय्योन अहइ।
3 राजा सुलैमान इस्राएल क सबहिं लोगन क संग महीने क वुटीर क त्यौहार पइ जमा भएस।
4 जब इस्राएल क सबहिं बुर्जुगन आइ गएन तब लेवीबंसियन करार क सन्दूख क उठाएस।
5 तब याजक अउर लेवीबंसी करार क सन्दूख क मन्दिर मँ लइ गएन। उ पचे मिलापवाले तम्बू अउ एहमाँ जउन पवित्तर चिजियन रहिन ओनका भी यरूसलेम लइ आएन।
6 राजा सुलैमान अउ इस्राएल क सबहिं लोग करार क सन्दूख क समन्वा मिलेन। राजा सुलैमान अउ इस्राएल क सबहिं लोग भेड़िन अउ बर्धन क बलि चढ़ाएन। हुवाँ ऍतने जियादा भेड़न अउ बर्धन रहेन कि कउनो मनई ओनका गन नाहीं सकत रहा।
7 तब याजकन यहोवा क करार क सन्दूख क उ जगह पइ रखेन, जउन एकरे बरे तइयार कीन्ह गवा रहा। उ सब स जियादा पवित्तर जगह मन्दिरे क भीतर रही। करार क सन्दूख क करूब सरगदूत क पखनन क खाले धरा गवा।
8 करार क सन्दूख क जगह क ऊपर करूब सरगदूतन क पखनन फइले भए रहेन, करूब सरगदूत करार क सन्दूखे क ऊपर अउर बल्लियन क ऊपर जउन सन्दूख क लइ जाइ मँ प्रयोग आवत होत ह, खड़े रहेन।
9 बल्लियन ऍतनी लम्बी रहिन कि महा पवित्तर ठउर क समन्वा स ओनकर सिरन क लखे जाइ सकतेन। मुला ओनका मन्दिर क बाहेर स कउनो नाहीं लखत सकतेन। बल्लियन, आजु तलक हुवाँ अहइँ।
10 करार क सन्दूख मँ दुई ठू पाथर क सिलन क अलावा दूसर कछू नाहीं रखा रहा। मूसा दुइनउँ सिलन क होरेब पर्वत पइ करार क सन्दूख मँ रखे रहा। होरेब उ जगह रही जहाँ परमेस्सर इस्राएल क लोगन क संग जब उ पचे मिस्र छोड़ दिहे रहेन। एक करार किहे रहा।
11 सबहिं याजक जउन हुवाँ रहेन आपन आप क सुद्ध अउर पवित्तर करइ बरे समारोह क आयोजन किहेस। ओकर पाछे उ पचे महा पवित्तर ठउर स बाहर आएन, उ पचे एक संग खड़ा भएन, लेकिन एक बिसेस समूह मँ नाहीं।
12 अउर सबहिं लेवीबंसी गायक वेदी क पूरब कइँती खड़े रहेन। सबहिं आसाप, हेमान अउ यदूतून क गायक समूह हुवाँ रहेन अउर ओनकर पूत अउर ओनकर सम्बन्धी भी हुवाँ रहेन। उ सबई लेवीबंसी गायक सफेद कीमती मलमल क ओढ़ना पहिरे भए रहेन। उ पचे झाँझ, वीणा अउर सारंगी लिहे रहेन। ओन लेवी बंसी गाएकन क संग हुवाँ एक सौ बीस याजकन तुरही बजावत रहेन।
13 जउन तुरही बजावत रहेन अउर गावत रहेन, उ पचे एक ठु मनई क तरह रहेन। जब उ पचे यहोवा क स्तुति करत रहेन अउर ओका धन्यवाद देत रहेन तब उ पचे एक ही स्वर मँ गावत रहेन। तुरही, झाँझ अउ दूसर वाद्य यंत्रन पइ उ पचे जोर स आवाज करत रहेन, उ पचे यहोवा क स्तुति मँ इ गीत गाएन:“यहोवा क स्तुति करा काहेकि उ भला अहइ। ओकर पिरेम अउर दया सास्वत अहइ।”तब यहोवा क मन्दिर बादर स भरि उठा।
14 बादर क कारण याजक लगातार सेवा कइ न सकेन। एकर कारण रहा यहोवा क महिमा मन्दिर मँ भरि गइ रही।
2 Chronicles 6
1 तब सुलैमान कहेस, “यहोवा कहेस कि उ करिया घने बदरे मँ रही।
2 हे यहोवा, मइँ इ भव्य मन्दिर तोहरे बरे एहमाँ सदा-सर्वदा रहइ बरे बनाएउँ ह।”
3 राजा सुलैमान मुड़ा अउर उ अपने समन्वा खड़े सबहिं इस्राएल क लोगन क आसीर्बाद दिहस।
4 सुलैमान कहेस, “इस्राएल क परमेस्सर, यहोवा क बड़कई करा। यहोवा उ कइ दिहेस ह जउन करइ क बचन उ तब दिहे रहा जब उ मोरे बाप दाऊद स बातन किहे रहा। परमेस्सर यहोवा इ कहे रहा:
5 ‘उहइ दिना स जब मइँ अपने लोगन क मिस्र स बाहेर लिआएउँ तब स अब तलक मइँ इस्राएल क कउनो परिवार समूह स कउनो नगर नाहीं चुनेउँ ह, जहाँ मोरे नाउँ क एक ठु भवन बनइ। मइँ अपने निज लोगन इस्राएलियन पइ हुवूमत करइ बरे भी कउनो मनई क नाहीं चुनेउँ ह।
6 किन्तु अब मइँ यरूसलेम क अपने नाम बरे चुनेउँ ह अउर मइँ दाऊद क अपने इस्राएली लोगन क अगुवाई करइ बरे चुनेउँ ह।’
7 “मोरे बाप दाऊद क इ इच्छा रही कि उ इस्राएली रास्ट्र क यहोवा परमेस्सर क नाउँ क महिमा बरे एक ठु मन्दिर बनवावइँ।
8 इसलिए यहोवा मोरे बाप स कहेस, ‘दाऊद, जब तू मोरे नाउँ बरे मन्दिर बनावइ क इच्छा किहा तब तू ठीक काम किहा ह।
9 मुला तू मन्दिर बनाइ नाहीं सकत्या। मुला तोहार आपन पूत मोरे नाउँ बरे मन्दिर बनवाइ।’
10 अब, यहोवा उ कइ दिहेस ह जउन उ करइ क कहे रहा। मइँ अपने बाप क जगह पइ नवा राजा हउँ। दाऊद मोर बाप रहेन। अब मइँ इस्राएल क राजा अहउँ। यहोवा इहइ करइ क बचन दिहे रहा। मइँ इस्राएल क यहोवा परमेस्सर क नाउँ पइ मन्दिर बनवाएउँ ह।
11 मइँ करार क सन्दूख क मन्दिर मँ धरेउँ ह। करार क सन्दूख हुवाँ अहइ जहाँ यहोवा क संग कीन्ह गइ वाचा रखी जात ह। यहोवा इ वाचा इस्राएल क लोगन क संग किहेस।”
12 सुलैमान यहोवा क वेदी क समन्वा खड़ा भवा। उ ओन इस्राएल क लोगन क समन्वा खड़ा भवा जउन हुवाँ बटुरे भए रहेन। तब सुलैमान अपने हाथन अउर अपनी भुजन क फइलाएस।
13 सुलैमान एक ठु काँसे क मंच पाँच हाथ लम्बा, पाँच हाथ चउड़ा अउर तीन हाथ ऊँच बनाए रहा अउर एका बाहरी आँगन क बीच मँ रखे रहा। तब उ मंच पइ खड़ा भवा अउर इस्राएल क जउन लोग हुवाँ बटुरे भए रहेन ओनकर उपस्थिति मँ घुटने टेकेस। सुलैमान अकासे कइँती हाथ फइलाएस।
14 सुलैमान कहेस:“हे इस्राएल क परमेस्सर, यहोवा, तोहार समान कउनो भी परमेस्सर न तउ सरग मँ बाटइ, न ही धरती पइ अहइ। तू आपन पिरेम अउ दया क प्रतिग्या बनाए रख जेका तू आपन सेवकन क संग जउन नीक रास्ते पइ चलत हीं अउर पूरे हिरदइ स तोहरी आग्या क पालन करत हीं किहस ह।
15 तू अपने सेवक दाऊद क दिए गए बचन क पूरा किहे रह्या, अउर आजु तू अपने हाथन स इ बचन क पूरा किहा ह।
16 अब, हे यहोवा, इस्राएल क परमेस्सर! तू अपने सेवक दाऊद क दिए बचन क बनाए राखा। तू इ बचन दिहे रह्या: तू कहे रह्या, ‘दाऊद, तू अपने परिवार स, मोरे समन्वा इस्राएल क सिंहासने पइ बइठइ बरे, एक मनई क पावइ म कबहुँ असफल नहीं होब्या। इहइ होइ जदि तोहार पूत ओन सबहिं बातन मँ सावधान रहिहीं जेनका उ पचे करिहीं। ओनका मोरे नेमन क पालन वइसे ही करइ चाही जइसा तू मोरे नेमन क पालन किहा ह।’
17 अब, हे यहोवा, इस्राएल क परमेस्सर अपने बचन क पूर होइ द्या। तू इ बचन अपने सेवक दाऊद क दिहा ह।
18 “हे परमेस्सर, हम जानित ह कि तू यथार्थ मँ, लोगन क संग धरती पइ नाहीं रहब्या। सरग, सब स ऊँच सरग भी तोहका अपने भीतर रखइ क छमता नाहीं राखत अउर हम जानित ह कि इ मन्दिर जेका मइँ बनाएउँ ह तोहका अपने भीतर नाहीं रखि सकत।
19 किन्तु हे यहोवा, परमेस्सर तू हमार पराथना अउर वृपा याचना पइ धियान द्या। हे यहोवा, मोर परमेस्सर! तोहरे बरे कीन्ह गइ मोर पुकार तू सुना। मइँ तोहसे जउन पराथना करत हउँ, सुना। मइँ तोहार सेवक हउँ।
20 मइँ पराथना करत हउँ कि तोहार आँखिन मन्दिर क लखइ बरे दिन रात खुली रहइँ। तू कहे रह्या कि तू इ जगह पइ आपन नाउँ अंकित करब्या। मन्दिर क लखत भवा जब मइँ तोहसे पराथना करत हउँ तउ तू मोर पराथना सुना।
21 मोर पराथनन क सुना अउर तोहरे इस्राएल क लोग जउन पराथनन करत अहइँ, ओनका भी सुना। जब हम तोहरे मन्दिर क लखत भए पराथनन करित ह तउ तू हमार पराथनन क सुना। तू सरग मँ जहाँ रहत ह हुवँइ स सुना अउर जब तू हमार पराथनन सुन्या तउ तू हमका छिमा करा।
22 “अगर कउनो मनई कउनो दूसर मनई क संग कछू बुरा करइ क कलंकित होइ, तउ उ कलंकित मनई तोहार नाउँ लेइके प्रतिग्या करी कि उ निरपराध अहइ, तउ जब उ तोहरी वेदी क समन्वा सपथ लेइ बरे आवइ,
23 तउ तू सरग स सुना। तू अपने सेवकन क फैसला करा अउर ओका कार्यान्वित करा। दोखी मनई क सजा द्या अउर ओका ओतना कस्ट होइ द्या जेतना कस्ट उ दूसरे क दिहेस होइ। इ साबित करा कि जउन मनई अच्छा कार्य किहेस ह, उ निरपराध अहइ अउर ओका ओकर अच्छाई क कारण ओका इनाम द्या।
24 “होई सकत ह तोहार लोग, इस्राएलियन आपन दुस्मनन स पराजित होइ, काहेकि उ पचे तोहरे खिलाफ पाप किहेन ह। अगर उ पचे तोहार लगे पराथना करइ बरे लउटी आई अउर इ मन्दिर स तोहार नाउँ क स्तुति करी, तउ
25 सरग स अपने लोगन क सुना अउर इस्राएलिएन क पापन क छिमा करा। ओनका उ भुइयाँ मँ लउटावा जेका तू ओनका अउर ओनके पुरखन क दिहे रह्या।
26 “होइ सकत आसमान बन्द होइ एह बरे बर्खा न होइ। उ तब होइ जब इस्राएल क लोग तोहरे बिरुद्ध पाप करिही। जदि उ पचन्क एकर पछतावा होइ अउर तोहार नाउँ क स्वीकार करइ अउ इ मन्दिर क ओर पारथना करइ अउर जदि उ पचे पाप करब तजि देइहीं काहेकि तू ओनका सजा दिहेस ह,
27 तउ सरग स तू ओनकर सुना। तू ओनकर सुना अउर ओनके पापन क छिमा करा। इस्राएल क लोग तोहार सेवक अहइँ। तब ओनका सही मारग क उपदेस द्या जेह पइ उ पचे चल सकत। तू अपनी भुइँया पइ बर्खा करा जउन तू अपने लोगन क दिहे रह्या।
28 “अगर हुवाँ भुइँया मँ कउनो अकाल या महामारी या अगर फसलन क बेरामी बर्बाद होइ जाइ या अगर फफूँदी या अगर टिड्डी अउर टिड्डे या जदि इस्राएल क लोगन क नगरन मँ ओनकर दुस्मन घेरा डाइ देइँ, या जदि इस्राएल मँ कउनो प्रकार क बेरामी होइ,
29 अउर तब तोहार लोग अर्थात इस्राएल क कउनो मनई पराथना या याचना करइ अउ हर एक मनई अपनी आपत्ति अउ पीरा क जानत रहइ अउ जदि उ मनई इ मन्दिर क लखत भए आपन आपन हाथ अपनी बाँह उठावइ
30 तउ तू ओनकर सरग स सुना। सरग उहइ अहइ जहाँ तू अहा। सुना अउर छिमा करा। हर एक मनई क ओकरे हक द्या काहेकि तू जानत ह कि हर एक मनई क हिरदइ मँ का बाटइ। सिरिफ तू ही जानत ह कि मनई क हिरदइ मँ का बाटइ।
31 तब लोग तोहसे डेरइहीं अउर तोहार आग्या मानिहीं जब तलक उ पचे देस मँ रहिहीं जेका तू हमरे पुरखन क दिहे रह्या।
32 “कउनो अइसा अजनबी होइ सकत ह जउन तोहार इस्राएल क लोगन मँ स न होइ, किन्तु उ देस स आवा होइ जउन बहोत दूर होइ अउर उ अजनबी इ बरे आवा होइ काहेकि उ तोहार महान नाउँ, तोहार महान सक्ती अउर बड़की ताकत बरे सुनेइ होइ। जब उ मनई आवइ अउर इ मन्दिर क लखत भवा पराथना करइ,
33 तब सरग स जहाँ तू रहत ह, सुना अउर तू ओका अनुदान द्या जउन उ चाहत ह। तब सारे संसार क रास्ट्र तोहार नाउँ जनिहीं अउर तोहार आदर वइसे करिहीं जइसे तोहार लोग अर्थात इस्राएली करत हीं अउर संसार क सबहिं लोग जनिहीं कि जउने मन्दिर क मइँ बनवाएउँ ह उ तोहरे नाउँ स जाना जात ह।
34 “जब तू अपने लोगन क कउनो जगह पइ ओनकर दुस्मनन क संग लड़इ बरे पठएस अउर उ पचे इ नगर कइँती लखिके पराथना करइँ, जेका तू चुन्या ह अउ इ मंन्दिर कइँती लखइँ जेका मइँ तोहरे नाउँ बरे बनाएउँ ह।
35 तउ ओकर पराथना अउर याचना क सरग स सुना अउर ओकर सहायता करा।
36 “लोग तोहरे खिलाफ पाप करिहीं कउनो अइसा मनई नाहीं जउन पाप न करत होइ अउर तू ओन पइ वोधित होब्या। तू कउनो दुस्मन क ओनका हरावइ देब्या अउर ओनसे धरे जाइ देब्या अउ बहोत दूर या निचके क भुइँया मँ जाइ देब्या।
37 किन्तु जब उ पचे आपन बिचार बदलिहीं अउर पछतावा करिहीं अउर तोहसे याचना करिहीं जब कि उ पचे बन्दी बनाए जाइवाले देस मँ ही अहइँ। उ पचे कहिहीं, ‘हम लोग पाप किहा ह, हम लोग बुरा किहा ह अउ हम लोग दुट्ठता कीन्ह ह।’
38 तब उ पचे उ देस मँ जहाँ उ पचे बन्दी क रूप मँ अहइँ, अपने पूरे हिरदइ व आतिमा स तोहरे लगे लउटिहीं अउर इ देस कइँती जउन तू ओनके पुरखन क दिहा ह, इ नगर कइँती जेका तू चुन्या ह, अउर इ मन्दिर कइँती जउन मइँ तोहरे नाउँ क महिमा बरे बनाएउँ ह, ओकरे कइँती मुँह कइके पराथना करिहीं।
39 जब अइसा होइ तउ तू सरग स ओकर सुना। सरग तोहार आवास अहइ। ओनकर पराथना अउर याचना क स्वीकार करा अउर ओनकर सहायता करा अउर अपने ओन लोगन क छिमा कइ द्या जउन तोहरे खिलाफ पाप किहन ह।
40 अब, मोरे परमेस्सर, मइँ तोहसे माँगत हउँ, तू अपनी आँखी अउर कान खोल ल्या। तू हम लोगन क, जउन पराथना इ जगह पइ करत अहइँ ओका सुना अउर ओह पइ धियान द्या।
41 “अब, हे यहोवा परमेस्सर उठा अउर अपने करार क सन्दूख क संग जउन कि तोहार सक्ती क स्थल अहइ आपन बिस्राम स्थल पइ आवा। तोहार याजक मुवती रूपी वस्त्र पहिरा रहइ। हे यहोवा, परमेस्सर तोहार भक्तजन तोहार अच्छाई मँ आनन्दित होइ।
42 हे यहोवा, परमेस्सर अपने अभिसिक्त राजा क स्वीकार करा। अपने सेवक दाऊद क विस्वासभक्ति क याद राख।”
2 Chronicles 7
1 जब सुलैमान पराथना पूरी किहस तउ अकासे स सागी उतरी अउर उ होमबलि अउर बलियन क बारेस। यहोवा क तेज मन्दिर क भर दिहस।
2 याजक यहोवा क मन्दिर मँ नाहीं जाइ सकत रहेन काहेकि यहोवा क तेज ओका भरि दिहे रहा।
3 इस्राएल क सबहिं लोग आकासे स आगी क उतरत लखेन। इस्राएल क लोग मन्दिर पइ भी यहोवा क तेज क लखेन। उ पचे अपने चेहरे क चबूतरे क फर्स तलक निहुराएन। उ पचे यहोवा क उपासना किहन अउ ओका धन्यवाद दिहन। उ पचे गाएन, “यहोवा भला बा, अउर ओकर दाया सदा रहत ह।”
4 तब राजा सुलैमान अउ इस्राएल क सबहिं लोग बलि यहोवा क समन्वा चढ़ाएन।
5 राजा सुलैमान बाईस हजार बर्धा अउ एक लाख बीस हजार भेड़िन भेंट किहस। राजा अउ सबहिं लोग परमेस्सर क मन्दिर क समपिर्त किहेस।
6 याजक आपन कार्य करइ बरे तइयार खड़े रहेन। लेवीबंसी भी यहोवा क वाद्य यंत्र क संग खड़े रहेन। इ सबइ यंत्र राजा दाऊद क जरिये यहोवा क धन्नवाद देइ बरे बनाए गए रहेन। याजक अउ लेवीबंसी कहत रहेन, “यहोवा क स्तुति करा काहेकि ओकर पिरेम हमेसा रहत हीं।” याजकन लेवीबंसियन क दूसरी कइँती खड़े रहेन।, तउ याजकन अपनी तुरहियन बजाएन अउर इस्राएल क सबहिं लोग खड़े रहेन।
7 सुलैमान यहोवा क मन्दिर क समन्वा वाले आँगन क मध्य हींसा क भी पवित्तर किहस। इ उहइ जगह अहइ जहाँ सुलैमान होमबलि अउर मेलबलि क चबीर् चढ़ाएस। सुलैमान आँगन क बीच क हींसा काम मँ लिहस काहेकि काँसे क वेदी पइ जेका सुलैमान बनाए रहा, सारी होमबलि, अन्नबलि अउ चबीर् नाहीं आइ सकत रही काहेकि भेंटन बहोत जियादा रहिन।
8 सुलैमान अउ इस्राएल क सबहिं लोग सात दिना तलक दावतन क उत्सव मानएन। सुलैमान क संग लोगन क एक बहोत बड़ा समूह रहा। उ सबइ लोग उत्तर दिसा क हमथ नगर क प्रवेस दुआर अउ दक्खिन क मिस्र क झरनन जइसे सुदूर पहँटन स आए रहेन।
9 वेदी क पवित्तर करइ, अउर वुटीर क त्यौहार क सात दिना क उत्सव मनाइ क पाछे, उ पचे अठएँ दिन एक ठु पवित्तर सभा किहे रहेन।
10 सातवें महीने क तेईसवे दिन सुलैमान लगोन क वापस ओनके घरे पठइ दिहस। लोग बड़े खुस रहेन अउर ओनकर हिरदइ आनन्द स भरा रहा काहेकि यहोवा दाऊद, सुलैमान अउर अपने इस्राएल क लोगन क बरे बहोत भला रहा।
11 सुलैमान यहोवा क मन्दिर अउ राजमहल ज पूरा कइ लिहस। सुलैमान यहोवा क मन्दिर अउर अपने आवास मँ जउन कछू करइ क जोजना बनाए रहा ओहमाँ ओका कामयाबी मिली।
12 तब यहोवा सुलैमान क लगे राति मँ परगट भवा। यहोवा ओहसे कहेस, “सुलैमान, मइँ तोहार पाराथना सुनेउँ ह अउर मइँ इ जगह क अपने बरे मन्दिर क रूप मँ भेंट चढ़ावइ बरे चुनेउँ ह।
13 जब मइँ अकास क बंद करत हउँ तउ बरखा नाहीं होत या मइँ टिड्डियन क आदेस देत हउँ कि उ सबइ फसल क खाइ जा या अपने लोगन मँ बेरामी पठवत हउँ,
14 अउर मोरे नाउँ स गोहरावइ जाइवाले लोग जदि बिनम्र होतेन अउर पराथना करत हीं, अउर मोका हेरत हीं अउर अपने बुरे राहन स दूर हट जात हीं तउ मइँ सरग स ओनकर सुनब अउर मइँ ओनके पापन क छिमा करब अउर ओनके देस क नीक कइ देब।
15 अब, मोरी आँखिन खुली अहइँ अउर मोरे कान इ जगह पइ कीन्ह गइ पराथना पइ धियान देइहीं।
16 मइँ इ मन्दिर क चुनेउँ ह अउर मइँ एका पवित्तर किहेउँ ह जेहसे मोर नाउँ हिआँ सदा ही रहइ। हाँ, मोर आँखिन अउर मोर हिरदइ इ मन्दिर मँ सदा रही।
17 “अब सुलैमान, जदि तू मोरे समन्वा वइसे ही रहब्या जइसे तोहार बाप दाऊद रहा, जदि तू ओन सबहिं क पालन करब्या जेनके बरे मइँ आदेस दिहेउँ ह अउर जदि तू मोर बिधियन अउ नेमन क पालन करब्या।
18 तब मइँ तोहका सक्तीसाली राजा बनाउब अउर तोहार राज्ज महान होइ। इहइ वाचा अहइ जउन मइँ तोहरे बाप दाऊद स कीन्ह अहइ। मइँ ओहसे काहे रहेउँ, ‘दाऊद, तू अपने परिवार मँ एक ठु अइसा मनई सदा पउब्या जउन इस्राएल मँ राजा होइ।’
19 “किन्तु जदि तू मोरे नेमन अउर आदेसन क नाहीं मनब्या जेनका मइँ दिहेउँ ह अउर तू दूसर देवतन क पूजा अउर सेवा करब्या, अउर ओकर समन्वा निहुरब्या,
20 तब मइँ इस्राएल क लोगन क अपने उ देस स बाहेर करब जेका मइँ ओनका दिहेउँ ह। अउर मइँ इ मन्दिर क जेका मइँ आपन नाउँ बरे पवित्तर बनाएउँ ह अस्वीकार कइ देब। मइँ इ मन्दिर क सबहिं रास्ट्रन बरे मज़ाक अउर सम्मानहीन बनाइ देब।
21 हर एक मनई जउन एकर पास स गुजरी इ प्रतिस्ठित मन्दिर देखिके चकित होइ जाई। उ पचे कहिहीं, ‘यहोवा अइसा भयंकर काम इ देस अउ इ मन्दिर क संग काहे किहस?’
22 तब लोग जवाब देइहीं, ‘काहेकि इस्राएल क लोगन यहोवा, परमेस्सर जेकरी आग्या क पालन ओनके पुरखन करत रहेन, ओकरी आग्या क पालन करइ स इन्कार कइ दिहस। उ ही परमेस्सर अहइ जउन ओनका मिस्र क बाहेर लइ आवा। किन्तु इस्राएल क लोग दूसर देवतन क अपनाएस। उ पचे मूतिर् रुप मँ देवतन क पूजा अउर सेवा किहस। इहइ कारण अहइ कि यहोवा इस्राएल क लोगन पइ ऍतना सब भयंकर घटित कराएस ह।’”
2 Chronicles 8
1 यहोवा क मन्दिर क बनावइ अउर आपन महल बनावइ मँ सुलैमान क बीस बरिस लागेन।
2 तब सुलैमान फुन ओन नगरन क बनाएस जउन हूराम ओका दिहस अउर सुलैमान इस्राएल क कछू लोगन क ओन नगरन मँ रहइ क आग्या दइ दिहस।
3 एकरे पाछे सुलैमान सोबा क हमात क गवा अउर ओह पइ अधिकार कइ लिहस।
4 सुलैमान रेगिस्ताने मँ तदमोर नगर भी बनाएस। उ चिजियन क संग्रह क बरे हमात मँ सबहिं नगर बनाएस।
5 सुलैमान ऊँच बेथोरोन अउ निम्न बेरोथोन क नगरन क फुन बनाएस। उ ओन नगरन क सक्तीसाली गढ़ बनाएस। ओन नगरन क मजबूत देवारन अउर फाटकन रहेन अउर फाटकन मँ छड़न लगे रहेन।
6 सुलैमान बालात नगर क फुन बनाएस अउर दूसर नगरन क भी जहाँ उ चिजियन क संग्रह किहस। उ सबहिं नगरन क बनाएस जहाँ रथ रखे गए रहेन तथा जहाँ सबहिं नगरन मँ घुड़सवार रहत रहेन। सुलैमान यरूसलेम, लबानोन अउर ओन सबहिं प्रदेसन क जहाँ उ राजा रहा, जउन चाहेन बनाएस।
7 जहाँ इस्राएल क लोग रहत रहेन हुवाँ बहोत स अजनबी बचे रहि गए रहेन। उ पचे हित्ती, एमोरी, परिज्जी, हिव्वी अउर यबूसी लोग रहेन। सुलैमान ओन अजनबियन क दास-मजदूर होइ बरे मजबूर किहस। उ सबइ लोग इस्राएल क लोगन मँ स नाहीं रहेन। उ सबइ लोग ओनकर संतान रहेन जउन देस मँ बचे रहि गए रहेन अउर तब तलक इस्राएल क लोगन क जरिये नस्ट नाहीं कीन्ह गए रहेन। इ अब तलक चलत अहइ।
8
9 सुलैमान इस्राएल क कउनो भी मनई क दास मजदूर बनावइ क मजबूर नाहीं किहस। उ पचे ओकर जोधन, फउज क सेनापतियन, ओकर फउज क मुख्य अधिकारियन, ओकर रथन क सेनापतियन अउर सारथियन क सेनापति रहेन।
10 अउर इस्राएल क कछू लोग सुलैमान क महत्त्वपूर्ण अधिकारियन क प्रमुख रहेन। लोगन क निरीच्छण करइवाले ढाई सौ प्रमुखन रहेन।
11 सुलैमान दाऊद क नगर स फिरौन क बिटिया क उ महल मँ लिआवा जेका उ ओकरे खातिर बनाए रहा। सुलैमान कहेस, “मोर मेहरारू राजा दाऊद क महल मँ नाहीं रहि सकत काहेकि जउने जगहन पइ करार क सन्दूख रहा होइ, उ सबइ जगह पवित्तर अहइँ।”
12 तब सुलैमान यहोवा क होमबलि यहोवा क वेदी पइ चढ़ाएस। सुलैमान उ वेदी क मन्दिर क ओसारे क समन्वा बनाएस।
13 सुलैमान हर एक दिन मूसा क आदेस क अनुसार बलि चढ़ाएस। इ बलि सबित क क दिन नवचन्द्र उत्सव क अउर तीन वासिर्क पर्वन क दीन्ह जाइ क रही। इ सबइ तीन वासिर्क पर्व अखमीरी रोटी क पर्व सप्ताहन क पर्व अउर आस्रय क पर्व रहेन।
14 सुलैमान अपने बाप दाऊद क निदेर्सन क पालन किहस। सुलैमान याजकन क वर्ग हुवाँ सेवा करइ बरे चुनेस। सुलैमान लेवीबंसियन क भी ओनके कार्य क बरे चुनेस। लेवीबंसियन परार्थना मँ अगुवाइ करत रही अउर मन्दिर मँ जउन कछू रोज रोज कीन्ह जाब होत रहा ओनमाँ याजकन क मदद करत रहा। सुलैमान दुआर पालन क चुनेस जेनके समूहन हर दुआर पइ सेवा करब रही। परमेस्सर क मनई दाऊद क निदेर्सन क अनुसार इ सबइ काम कीन्ह गवा रहेन।
15 इस्राएल क लोग सुलैमान क जरिये याजकन अउर लेवीबंसियन क दीन्ह गए निदेर्सन क न बदलेस, नाहीं ओनकर उल्लंघन किहस। उ पचे कउनो भी निदेर्स मँ वइसे भी परिवर्तन नाहीं किहन जइसे उ पचे कीमती चिजियन क रखइ मँ करत रहेन।
16 सुलैमान क सबहिं कारज पूरे होइ गएन। यहोवा क मन्दिर क आरम्भ होइ स ओकर पूरे होइ क दिन तलक जोजना ठीक बनी रही। इ तरह यहोवा क मन्दिर पूरा भवा।
17 तब सुलैमान एस्योनगेबेर अउर एलोत नगरन क गवा। उ पचे नगर एदोम प्रदेस मँ लाल सागर क किनारा मँ बसा रहेन।
18 हूराम सुलैमान क जहाज पठएस। हूराम क उ मनइयन जउन समुद्दर मँ जहाज चलाई मँ वुसल रहेन जहाज क चलावत रहेन। हूराम क मनई सुलैमान क सेवकन क संग ओपीर गएन अउर सत्रह टन सोना लइके राजा सुलैमान क लगे लउटेन।
2 Chronicles 9
1 सीबा क रानी सुलैमान क जस सुनेस। उ यरूसलेम मँ कठिन सवालन स सुलैमान क परीच्छा लेइ आइ। सीबा क रानी अपने संग एक लोगन क बड़ा समूह लइके आइ रही। ओकरे पास ऊँट रहेन जेन पइ मसालन, बहोत जिआदा सोना अउ कीमती पाथर लदे रहेन। उ सुलैमान क लगे आइ अउर उ सुलैमान स बातन किहस। ओका सुलैमान स अनेक सवाल पूछब रहेन।
2 सुलैमान ओकरे सबहिं सवालन क उत्तर दिहेस। सुलैमान क बरे व्याख्या करइ या जवाब देइ बरे कछू भी बहोत कठिन नाहीं रहा।
3 सीबा क रानी सुलैमान क बुद्धिमानी अउ ओकर बनाए महल क लखेस।
4 उ भोजन क निरिच्छन किहेस जउन सुलैमान क मेज पई परोसा जात रहा। उ लखेन कि अधीकारियन अउर नउकर कइसा कार्य करत अहइँ अउर उ पचे कइसा वस्त्र पहिरे रखे अहइँ, उ लखेस कि ओकर दाखरस पिआवइवाले सेवक कइसे कार्य करत अहइँ अउर उ पचे कइसे वस्त्र पहिर रखे अहइँ। उ यहोवा क मन्दिर क ओर जात भवा जुलूस क लखेस। जब सीबा क रानी एन सबहिं चिजियन क लखेस तउ माना कि ओकर मुँह क बोली बन्द होइ गवा।
5 तब उ राजा सुलैमान स कहेस, “मइँ अपने देस मँ तोहरे महान कार्यन अउर तोहार बुद्धिमानी क बारे मँ जउन कहानी सुनेउँ ह। उ सबइ सच अहइ!
6 मोका एन कहानियन पइ तब तलक बिस्सास नाहीं होत रहा जब तलक मइँ आई नाहीं अउर अपनी आँखिन स लखेउँ नाहीं। ओह! तोहरी बुद्धिमानी क आधा भी मोहसे नाहीं कहा गवा रहा। जउन कछु मइँ सुनेउँ तू उ सबइ स जियादा महान अहइ।
7 तोहार मेहरुअन अउर तोहार अधिकारी बहोत भाग्यसाली अहइँ। उ पचे तोहार गियान क बातन तोहार सेवा करत भए सुन सकत हीं।
8 तोहरे परमेस्सर यहोवा क बड़कई होइ। उ तोह पइ खुस अहइ अउर उ तोहका अपने सिंहासन पइ, परमेस्सर यहोवा बरे, राजा बनई क बइठाएस ह। तोहार परमेस्सर इस्राएल स पिरेम करत ह अउर इस्राएल क मदद सदा ही करत रही। इहइ कारण अहइ कि यहोवा तोहका इस्राएल क राजा बनाएस ह कि तू निआव अउर धामिर्कत्ता क बनाए राख।”
9 तब सीबा क रानी राजा सुलैमान क 4ण्140 किलोग्राम सोना, बहोत स मसाला अउ कीमती पाथर दिहस। कउनो ऍताना नीक मसाला राजा सुलैमान क नाहीं दिहस जेतना नीक रानी सीबा दिहस।
10 हूराम क नउकर अउर सुलैमान क नउकर ओपीर स सोना लइ आएन। उ पचे चन्दन क काठ अउर बहुमुल्य रत्न पाथर भी लइ आएन।
11 राजा सुलैमान यहोवा क मन्दिर अउ महल क सीढ़ियन क बरे चन्दन क काठे क उपयोग किहस। सुलैमान चन्दन क काठे क उपयोग गायकन क बरे वीणा अउ तम्बूरा बनावइ क बरे भी किहस। यहूदा देस मँ चन्दन क काठे स बनी ओन जइसी सुन्नर चिजियन कउनो कबहुँ लखे नाहीं रहा।
12 जउन कछू भी सीबा देस क रानी राजा सुलैमान स माँगेस, ओका उ दिहस। जउन उ दिहस, उ ओहसे जियादा रहा जउन उ राजा सुलैमान बरे लिआइ रहीं। ओकरे पाछे उ अपने सेवक अउ सेविकाओं क संग बिदा भइ। उ अपने देस लउट गइ।
13 एक बरिस मँ सुलैमान जेतना सोना पाएस, ओकर वजन पचीस टन रहा।
14 बइपारी अउ सौदागर सुलैमान क लगे अउ जिआदा सोना लाएन। अरब क सबहिं राजा अउर प्रदेसन क सासक भी सुलैमान क बरे सोना चाँदी लाएन।
15 राजा सुलैमान सोने क पत्तर क दुइ सौ बरा ढारन बनाएस। लगभग छ: सौ सेकेल पीटा सोना हर एक ढार क बनावइ मँ उपयोग मँ आवा।
16 सुलैमान तीन सौ नान्ह ढारन भी सोने क पत्तर क बनाएस। लगभग तीन सौ सेकेल सोना हर एक ढार क बनावइ मँ उपयोग मँ आवा रहा। राजा सुलैमान सोना क ढारन क “लबानोन क बन महल” मँ रखेस।
17 राजा सुलैमान एक बिसाल सिंहासन बनावइ क बरे हाथी दाँत क उपयोग किहस। उ सिंहासने क निखालिस सोना स मढ़ेस।
18 सिंहासने पइ चढ़इ क छ: सीढ़ीयन रहिन अउर एकर एक ठु पद पीठ रहा। उ सोने क बना रहा। सिंहासने मँ दुइनउँ कइँती भुजन क आराम देइ क बरे बाजू लगी एक-एक सेर क मूरती खड़ी रही।
19 हवाँ छ: सीढ़ियन स लगे बगल मँ बारह सेरन क मूरतियन खड़ी रहिन। हर सीढ़ी क हर कइँती एक सेर रहा। इ तरह क सिंहासन कउनो दूसर राज्ज मँ नाहीं बना रहा।
20 राजा सुलैमान क सबहिं पिअइ क पियालन सोना क बने रहेन। लबानोन वन महल क सबहिं हर रोज क चिजियन निखालिस सोना क बनी रहिन। सुलैमान क समइ मँ चाँदी कीमती नाहीं समुझी जात रही।
21 राजा सुलैमान क लगे जहाज रहेन जउन तसीर्स क जात रहेन। हूराम क आदमी सुलैमान क जहाजन क चलावत रहेन। हर तीसरे बरीस जहाज तसीर्स स सोना, चाँदी, हाथी-दाँत, बनार अउ मोर लइके सुलैमान क लगे लउटन रहेन।
22 राजा सुलैमान धन अउर बुद्धि दुइनउँ मँ संसार क कउनो भी राजा स बड़ा होइ गवा।
23 संसार क सारे राजा सुलैमान क लखइ बरे आइतेन अउर ओकरे बुद्धिमानी क सब्दन जउन परमेस्सर ओका दिहेस ह सुनतेन।
24 हर बरिस उ पचे राजा सुलैमान क भेंट लिआवत रहेन। उ पचे चाँदी सोना क चिजियन, ओढ़ना, कवच, मसालन, घोड़न अउ खच्चर लिआवत रहेन।
25 सुलैमान क लगे ओकर घोड़न अउर रथन क रखइ बरे चार हजार अस्तबल रहेन। ओकरे लगे बारह हजार सारथी रहेन। सुलैमान ओनका आपन रथन क नगरन मँ रखत रहा अउर कछू क यरूसलेम मँ अपने लगे रखत रहा।
26 सुलैमान फरात नदी स लगातार पलिस्ती लोगन क देस तलक अउर मिस्र क सीमा तलक क राजा लोगन क सम्राट रहा।
27 राजा सुलैमान क लगे बहोत स चाँदी क पाथर समान्य पाथर जइसा अउर बहोत सारा देवदार काठ क पहाड़ी देस मँ गूलर क बृच्छन जइसा रहेन।
28 लोग सुलैमान क बरे मिस्र अउर दूसर सबहिं देसन स घोड़न लिआवत रहेन।
29 सुरू स लइके अन्त तलक सुलैमान अउर जउन कछू किहस उ नातान नबी क लेखन, सीलो क अहिय्याह क भविस्सबाणियन अउर इद्दो दर्सी क दर्सनन मँ अहइ। इद्दो एक दर्सी रहा जउन नबात क पूत यारोबाम क बारे मँ भविस्सबाणी किहेस।
30 सुलैमान यरूसलेम मँ पूरे इस्राएल क राजा चालीस बरिस तलक रहा। 31तब सुलैमान अपने पुरखन क संग बिस्राम करइ गवा। लोगन ओका ओकरे बाप दाऊद क नगर मँ दफनाएन। सुलैमान क पूत रहूबियाम सुलैमान क जगह नवा राजा भवा।
31
2 Chronicles 10
1 रहूबियाम सकेम नगर क गवा काहेकि इस्राएल क सबहिं लोग ओका राजा बनावइ बरे हुवँइ गएन।
2 नाबात क पूत यारोबाम मिस्र मँ रहा काहेकि उ राजा सुलैमान क हिआँ स पराइ गवा रहा। किन्तु यारोबाम सुनेस कि सुलैमान मरि गवा अउर रहूबियाम नवा राजा होइ जात अहइ। एह बरे यारोबाम मिस्र स लउट आवा।
3 इस्राएल क लोग यारोबाम क अपने संग रहइ क बरे बोलाएस। तब यारोबाम अउर इस्राएल क सबहिं लोग रहूबियाम क हिआँ गएन। उ पचे ओहसे कहेन, “रहूबियाम,
4 तोहरे बिना हम लोगन क जिन्नगी क कस्टकर बनाएस। उ भारी वजन लइ चलइ क नाईर् रहा। उ वजन क हल्का करा तउ हम तोहार सेव करब।”
5 रहूबियाम ओनसे कहेस, “तीन दिन पाछे लउटिके मोरे लगे आवा।” एह बरे लोग चले गएन।
6 तब राजा रहूबियाम ओन बुजुर्ग लोगन स बातन किहस जउने पहिले ओकरे बाप क सेवा किहे रहेन। रहूबियाम ओनसे कहेस, “आप एन लोगन स का कहइ बरे सलाह देत ही?”
7 बुजुर्ग रहूबियाम स कहेन, “जदि तू ओन लोग क बरे दयालु अहा अउर ओनका खुस करत अहा अउ ओहसे नीक बातन कहत अहा तउ उ पचे तोहार सेवा सदा ही करिहीं।”
8 मुला रहूबियाम बुजुर्गन क दीन्ह सलाह क अंगीकार नाहीं किहस। रहूबियाम ओन जुवकन स बात किहस जउन ओकरे संग जुवा रहेन अउर ओकर सेवा करत रहेन।
9 रहूबियाम ओनसे कहेस, “तू लोग का सलाह देत अहा जेका मइँ ओन लोगन स कहउँ? उ पचे मोहसे अपने काम क हल्का करइ क कहे ह अउर उ पचे चाहत हीं कि मइँ अपने बाप क जरिये ओन पइ डाले गए वजन क कछू कम करउँ।”
10 तब ओन जुवकन जउन रहूबियाम क संग जुवा भए रहेन, ओहसे कहेन, “जउन लोगन तोहसे बातन किहन ओनसे तू इ कहा। लोगन तोहसे कहेन, ‘तोहार बाप हमरी जिन्नगी क कस्टकर बनाएन रहेन। इ भारी वजन लइ चलइ क नाईर् रहा। मुला हम चाहित ह कि तू हम लोगन क वजन क कछू हल्का करा।’ किन्तु रहूबियाम, तोहका इ इहइ ओन लोगन स कहइ चाही। ओनसे कहा, ‘मोर नान्ह अँगरी भी मोरे बाप क करिहाउँ स मोटी होइ।
11 मोर बाप तोह पइ भारे बोझा लादेन। मुला मइँ उ बोझा क बढ़ाउब। मोर बाप तोहका कोड़ा लगावइ क सजा दिहे रहेन। मइँ अइसे कोड़ा लगावइ क सजा देब जेकरे छोर पइ तेज धातु क टूका अहइँ।’”
12 राजा रहूबियाम लोगन स कहे रहा: “तीसरे दिन लउटिके आवा।” एह बरे तीसरे दिन यारोबाम अउ सब इस्राएली जनता राजा रहूबियाम क लगे आएन।
13 तब राजा रहूबियाम ओनसे कठोरता स बातन किहस। राजा रहूबियाम बुजुर्ग लोगन क सलाह न मानेस।
14 राजा रहुबियाम लोगन स वइसे ही बात किहस जइसे जुवकन सलाह दिहे रहेन। उ कहेस, “मोर बाप तोहरे बोझ क भारी किहे रहा, किन्तु मइँ ओका अउर जिआदा भारी करब। मोर बाप तोह पइ कोड़न लगावइ क सजा दिहे रहेन, किन्तु मइँ अइसे कोड़न लगावइ क सजा देब जेनकर छोर तेज धातु क टूकन होइहीं।”
15 इ तरह राजा रहूबियाम लोगन क एक न सुनेन। एकर कारण इ रहा कि उ परमेस्सर रहा जउन इ किहेस ह। यहोवा आपन बचन क पूरा करइ चाहत ह जउन उ सीलो क अहिय्याह क जरिये नबात क पूत यारोबाम स किहे रहा।
16 इस्राएल क लोग लखेन कि राजा रहूबियाम ओनकर एक नाहीं सुनत। उ पचे राजा स कहेन, “का हम दाऊद क पखिरे क अंग अही? नाहीं! का हम क यिसै क कउनो भुइँया मिलइ क अहइ? नाहीं! एह बरे इस्राएलियन क हम लोगन क सिबिर मँ वापिस जाइ द्या। दाऊद क पूत क ओकरे अपने लोगन पइ हुवूमत करइ देइँ।” तब इस्राएल क सबहिं लोग अपने सिबिरन मँ लउटि गएन।
17 किन्तु इस्राएल क कछू अइसे लोग रहेन जउन यहूदा नगर मँ रहत रहेन अउर रहूबियाम ओनकर राजा रहा।
18 हदोराम काम करइ क बरे मजबूर कीन्ह जाइवाले लोगन क अधीच्छक रहा। रहूबियाम ओका इस्राएल क लोगन क लगे पठएस। किन्तु इस्राएल क लोग हदोराम पइ पाथर लोकाएन अउर ओका मार डाएन। तब रहूबियाम भागा अउर अपने रथ मँ वूद पड़ा अउ बच निकरा। उ पराइके यरूसलेम गवा।
19 उ समइ स लइके अब तलक इस्राएली दाऊद क परिवार क खिलाफ होइ गएन ह।
2 Chronicles 11
1 जब रहूबियाम यरूसलेम आवा, उ एक लाख अस्सी हजार सवोर्त्तम जोधन क बटोरेस। उ एन जोधन क यहूदा अउ बिन्यामीम क परिवार समूहन स बटोरेस। उ एनका इस्राएल क खिलाफ लड़इ बरे तइयार किहेस जेहसे उ राज्ज क रहूबियाम क वापस लउटाइ। सकइ।
2 किन्तु यहोवा क सँदेस समायाह क लगे आवा। समायाह परमेस्सर क मनई रहा। यहोवा कहेस,
3 “समायाह यहूदा क राजा, सुलैमान क पूत रहूबियाम स बातन करा अउर यहूदा अउ बिन्यामीन मँ रहइवाले सबहिं इस्राएल क लोगन स बातन करा।
4 ओनसे कहा, यहोवा इ कहत ह: ‘तोहका अपने भाइयन क खिलाफ नाहीं लड़इ चाही। हर एक मनई अपने घर लउटि जाइ। मइँ ही अइसा होइ दिहेउँ ह।’” एह बरे राजा रहूबियाम अउर ओकर फउज यहोवा क सँदेसा मानेस अउर उ पचे लउटि गएन। उ पचे यारोबाम पइ हमला नाहीं किहन।
5 रहूबियाम यरूसलेम मँ रहइ लाग। उ हमलन क खिलाफ रच्छा बरे यहूदा मँ सुदृढ़ नगर बनाएस।
6 उ बेतलेहेम, एताम, तकोआ,
7 बेत्सूर, सोको, अदुल्लाम,
8 गत, मारेसा, जीप,
9 अदौरैम, लाकीस, अजेका,
10 सोरा, अय्यालोन, अउर हेब्रोन नगरन क मरम्मत कराएस। यहूदा अउ बिन्यामीन मँ इ सबइ नगर मजबूत बनाए गएन।
11 जब रहूबियाम ओन नगरन क मजबूत बनाइ लिहस तउ ओनमाँ सेनापति रखेस। उ ओन नगरन मँ भोजन, तेल अउर दाखरस क पूतिर् क व्यवस्था किहस।
12 रहूबियाम ढार अउ भालन भी हर एक नगर मँ रखेस अउर ओनका बहोत सक्तीसाली बनाएस। रहूबियाम यहूदा अउ बिन्यामीन क लोगन अउर नगरन क अपने अधिकार मँ रखेस।
13 पूरे इस्राएल क याजक अउ लेवीबंसी रहूबियाम स सहमत रहेन अउर उ पचे ओकरे संग होइ गएन।
14 लेवी बंसियन अपनी घासवाली भुइयाँ अउर आपन खेत छोड़ दिहन अउर उ पचे यहूदा अउ यरूसलेम आइ गएन। लेवीबंसियन इ एह बरे किहेन कि यारोबाम अउर ओकर पूतन ओनका यहोवा क याजक क रूप मँ सेवा करावइ क अनुमति देइ स इन्कार कइ दिहस।
15 यारोबाम अपने ही याजकन क हुवाँ ऊँची जगहन पइ सेवा करइ बरे नियुक्त किहस जहाँ उ बोकरन अउ बछवन क ओन मूरतियन क स्थापना किहस जेनका उ बनाए रहा।
16 जब लेवीबंसियन इस्राएल क तजि दिहन तब इस्राएल क परिवार समूह क उ सबइ लोग जउन इस्राएल क यहोवा परमेस्सर क बरे बिस्सास जोग्ग रहेन, यरूसलेम मँ यहोवा, अपने बापन क परमेस्सर क बलि चढ़ावइ आएन।
17 ओन लोग यहूदा क राज्ज क सक्तीसाली बनाएस अउर उ पचे सुलैमान क पूत रहूबियाम क तीन बरिस तलक समर्थन दिहन। उ पचे अइसा करत रहेन काहेकि इ समइ मँ उ पचे वइसे रहत रहेन जइसे दाऊद अउ सुलैमान रतह रहेन।
18 रहूबियाम महलत स बियाह किहेस। ओकर बाप यरीमोत रहा। ओकर महतारी अबीहैल रही। यरीमोत दाऊद क पूत रहा। अबीहैल एलीआब क बिटिया रही अउर एलीआब यिसै क पूत रहा।
19 महलत स रहूबियाम क इ सबइ पूत पइदा भएन: यूस, समर्याह अउर जाहम।
20 तब रहूबियाम माका स बियाह किहस। माका अबसलोम क पोती रही अउर माका स रहूबियाम क इ सबइ बच्चन भएन: अबिय्याह, अत्ते, जीजा अउर सलोमीत।
21 रहूबियाम माका स सबहिं दूसर मेहररुअन अउ दासियन स जियादा पिरेम करत रहा। माका अबसालोम क पोती रही। रहुबियाम क अट्ठारह मेहररुअन अउ साठ रखैल रहिन। रहूबियाम अट्ठाईस पूतन अउ साठ बिटियन क बाप रहा।
22 रहूबियाम अपने भाइयन मँ माका क पूत अबिय्याह क प्रमुख चुनेस। रहूबियाम इ एह बरे किहस काहेकि उ अबिय्याह क राजा बनावइ क योजना बनाएस।
23 रहूबियाम इ बुद्धिमानी क काम अपने पूतन क यहूदा अउर बिन्यामीन क पूरा प्रान्तन मँ अउर हर एक सक्तीसाली नगर मँ फैइलाइ कइ क किहस। उ अपने पूतन क बहोत जियादा भोजन दिहेस अउर ओकरे बरे मेहररुअन क खोज किहस।
2 Chronicles 12
1 रहूबियाम एक सक्तीसाली राजा होइ गवा। अपने राज्ज क सक्तीसाली बनाइ क पाछे उ अउ यहूदा क सबहिं लोग यहोवा क नेम क पालन करइ क बन्द कइ दिहन।
2 रहूबियाम क राज्जकाल क पाँचवे बरिस सीसक यरूसलेम पइ हमला किहस। सीसक मिस्र क राजा रहा। इ एह बरे भवा कि रहूबियाम अउ यहूदा क लोग यहोवा क बरे निस्ठावान नाहीं रहेन।
3 सीसक क लगे एक हजार दुई सौ रथ, साठ हजार घुड़सवार, अउर एक फउज रही जेका कउनो गन नाहीं सकत रहा। सीसक क फउज मँ लूबी, सुक्किय्यी अउर वूसी फउजी रहेन।
4 सीसक यहूदा क सक्तीसाली नगरन क पराजित कइ दिहस। तब सीसक अपनी फउज क यरूसलेम लिआवा।
5 तब समायाह नबी रहूबियाम अउ यहूदा क प्रमुखन क लगे आवा। यहूदा क उ सबइ प्रमुख यरूसलेम मँ बटुरे रहेन काहेकि उ पचे सबहिं सीसक स ससान रहेन। समायाह रहूबियाम अउ यहूदा क प्रमुखन स कहेस, “यहोवा जउन कहत ह, उ इ अहइ: ‘रहूबियाम, तू अउर यहूदा क लोग मोका तजि दिहा ह अउर मोरे नेमन क पालन करइ स इन्कार कइ दिहा ह। एह बरे मइँ तोहका अपनी मदद क बिना सीसक क सामना करइ क छोड़ब।”
6 तब यहूदा क प्रमुखन अउर राजा रहूबियाम पछतावा करत भए अपने क विनम्र किहस अउर कहेस, “यहोवा नियावी अहइ।”
7 यहोवा लखेस कि राजा अउर यहूदा क प्रमुखन अपने आप क विनम्र बनाएन ह। तब तहोवा क सँदेसा समायाह क लगे आवा। यहोवा समायाह स कहेस, “राजा अउर लोग अपने क विनम्र किहन ह, एह बरे मइँ ओनका नस्ट नाहीं करब बल्कि मइँ ओनका हाली ही बचाउब। मइँ सीसक क उपयोग यरूसलेम पइ आपन किरोध उतारइ क बरे नहीं करब।
8 किन्तु यरूसलेम क लोग सीसक क सेवक होइ जइहीं। इ होई एह बरे कि उ पचे सीख सकइँ कि मोर सेवा करब दूसर रास्ट्रन क राजा लोगन क सेवा करइ स अलग अहइ।”
9 मिस्र क राजा सीसक यरूसलेम पइ हमला किहस अउर यहोवा क मन्दिर मँ जउन खजाना रहेन, ओका लइ गवा। अउर उ उ सबइ खजाने क भी लइ लिहस जउन राजा क महल मँ रहेन। उ सोने क ढारन क भी लिहस जेनका सुलैमान बनाए रहा।
10 राजा रहूबियाम सोने क ढारन क जगह पइ काँसे क ढारन बनाएस। रहूबियाम ओन सेनापतियन क जउन राजमहल क दुआरन क रच्छा क जिम्मेदार रहेन, काँसे क ढारन दिहस।
11 जब राजा यहोवा क मन्दिर मँ जात तहा तउ रच्छक काँसे क ढारन बाहेर निकारत रहेन। ओकरे पाछे उ पचे काँचे क ढारन क रच्छक घर मँ वापस रखत रहेन।
12 जब रहूबियाम पछतावा किहने अउर अपने क बिनम्र कइ लिहस तउ यहोवा अपने किरोध क ओह पइ रोकि दिहेस। एह बरे यहोवा रहूबियाम क पूरी तरह नस्ट नाहीं किहस। यहूदा मँ कछू अच्छाई बची रही।
13 राजा रहूबियाम यरूसलेम मँ अपने क सुदृढ़ राजा बनाइ लिहस। उ उ समइ इकतालीस बरिस क रहा, जब राजा बना। रहूबियाम यरूसलेम मँ सत्रह बरिस तलक राजा रहा। यरूसलेम उ नगर रहा जेका यहोवा इस्राएल क सारे परिवार समूह मँ स चुने रहा। यहोवा यरूसलेम क अपने नाउँ स्थापित करइ बरे चुनेस। रहूबियाम क महतारी नामा रही। जउन कि अम्मोन देस क रही।
14 रहूबियाम बुरी चिजियन किहेस काहेकि उ यहोवा क आग्या क पालन करइ बरे अपने हिरदइ मँ निहचइ नहीं किह रहेन।
15 सबइ चिजियन जउन रहूबियाम आपन हुवूमत मँ सुरू स आखीर तलक किहेस उ नबी समायाह अउर सीर (दसीर्) इद्दो क किताब मँ लिखा गवा ह। उ पचे परिवारिक इतिहास क बारे मँ अउर यहूबियाम अउ यहूबियाम अउ यहोबाम जब तलक हुवुमत किहेन ओकर बीच होइवाले जुद्ध क बारे मँ लिखेन।
16 रहूबियाम अपने पुरखन क संग बिस्राम किहस। रहूबियाम क दाऊद नगर मँ दफनावा गवा। रहूबियाम क पूत अबिय्याह नवा राजा भवा।
2 Chronicles 13
1 जब राजा यारोबाम इस्राएल क राजा क रुप मँ अट्ठारहवें बरिस मँ रहा अबिय्याह यहूदा क नवा राजा बना।
2 अबिय्याह यरूसलेम मँ तीन बरिस तलक राजा रहा। गिबा नगर क ऊरीएल क बिटिया, मीकायाह अबिय्याह क महतारी रही। अउर हुवाँ अबिय्याह अउर यारोबाम क बीच जुद्ध चलत रहा।
3 अबियाह क फउज मँ चार लाख वीर सैनिक रहेन। अबियाह जुद्ध बरे आपन फउज मँ गएन। यारोबाम अबिय्याह क खिलाफ जुद्ध बरे तइयारी किहस। ओकरे लगे आठ लाख वीर सैनिक रहेन।
4 तब अबिय्याह एप्रैम क पर्वतीय पहँटा मँ समारैम पर्वत पइ खड़ा भवा। अबिय्याह कहेस, “यारोबाम अउर सारे इस्राएल मोर बात सुना।
5 तू लोगन क जानइ चाही कि यहोवा, इस्राएल क परमेस्सर दाऊद अउर ओकरी सन्तानन क इस्राएल सासन करइ क अधिकार दिहस ह। यहोवा दाऊद क इ अधिकार सास्वत करार क संग दिहस।
6 किन्तु यारोबाम अपने सुआमी क खिलाफ होइ गवा। यारोबाम जउन नबात क पूत रहा, दाऊद क पूत सुलैमान क अधिकारियन मँ स एक रहा।
7 तब निकम्मे, बुरे मनइयन यारोबाम क मीत होइ गएन अउर यारोबाम अउर उ सबइ बुरे मनइयन सुलैमान क पूत रहूबियाम क खिलाफ होइ गएन। रहूबियाम जुवक रहा अउर ओका अनुभव नाहीं रहा। एह बरे रहूबियाम यारोबाम अउर ओकरे बुरे मीतन क रोकने न सका।
8 “तू लोग परमेस्सर क राज्ज, जउन दाऊद क पूतन क जरिये सासित अहइ, हरावइ क जोजना बनाया ह। तू लोगन क गनती बहोत अहइ अउर यारोबाम क तोहरे बरे बनावा गवा सोने क बछवा तोहार इस्सर अहइ।
9 तू लोग हारून क संतानन यहोवा क याजकन अउ लेवीबंसियन क बाहेर फेंकि दिहेस ह। तू पचे पृथ्वी क दूसर देसन क समान अपने याजकन क चुन्या ह। तब तउ कउनो भी मनई जउन एक जुवक बर्घा अउर सात ठु भेड़न लिआवइ, ओन ‘अइसन देवतन क जउन परमेस्सर ह ही नाही’ क सेवा करइवाला याजक बन सकत ह।
10 “किन्तु जहाँ तलक हमार बात अहइ यहोवा हमार परमेस्सर अहइ। हम यहूदा क निवासी लोग यहोवा क आग्या पालन स इन्कार किहा नाहीं ह। हम लोग ओका तजा नाहीं ह। जउन याजक यहोवा क सेवा करत हीं, उ पचे हारून क सन्तान अहइँ अउर लेवीबंसी यहोवा क सेवा करइ मँ याजकन क मदद करत हीं।
11 उ पचे होमबलि चढ़ावत हीं अउर धूपे क सुगन्धि यहोवा क हर भिंसारे साँझ बारत हीं। उ पचे मन्दिर मँ बिसेस मेज पइ रोटियन कतारन मँ रखत भी अहइँ अउर उ पचे सोना क डीबट पइ रखे भए दीपकन क देख भाल करत हीं ताकि हर साँझ क उ प्रकास क संग चलइ। हम लोग यहोवा, अपने परमेस्सर क सेवा सावधानी क संग करित ह। किन्तु तू लोग ओका तजि दिहा ह।
12 खुद परमेस्सर हम लोगन क संग अहइ। उ हमार सासक अहइ अउर ओकर याजक हमरे संग अहइँ। परमेस्सर क याजक आपन तुरही तोहका जगावइ अउर तोहका ओकरे लगे आवइ क उत्साहित करइ क बरे फूँकत हीं। ऐ इस्राएल क लोगो, अपने पुरखन क यहोवा, परमेस्सर क खिलाफ जिन लड़ा। काहेकि तू कामयाब नाहीं होब्या।”
13 किन्तु यारोबाम फउजियन क एक टुकड़ी क चुपके चुपके गुप्त रूप स अबिय्याह क फउज क पाछे पठएस, इ तरह स जब यारोबाम क फउज अबिय्याह क फउज क समन्वा रही तब यारोबाम क फउज क गुप्त फउजी अबिय्याह क फउज क पाछे रही।
14 जब अबिय्याह क यहूदा क फउजियन चारिहुँ कइँती लखेन तउ उ पचे यारोबाम क फउज क आगे अउर पाछे स हमला करत पाएन। तउ यहूदा क लोग यहोवा क जोर स गोहराएन अउर याजकन तुरहियन बजाएन।
15 तब अबिय्याह क फउज क लोग चिचियाएस। जब यहूदा क लोग चिचियाएस तउ परमेस्सर यारोबाम क फउज क हराइ दिहस। यारोबाम क इस्राएल क सारी फउज क अबिय्याह क यहूदा क फउज क जरिये हराइ दीन्ह गइ।
16 इस्राएल क लोग यहूदा क लोगन क समन्वा भाग पराइ गएन। परमेस्सर यहूदा क फउज क जरिये इस्राएल क फउज क हरवाइ दिहस।
17 अबिय्याह क फउज इस्राएल क फउज क बुरी तरह हराएस अउर इस्राएल क पाँच लाख उत्तिम फउज मारे गएन।
18 इ तरह उ समइ इस्राएल क लोग पराजित अउर यहूदा क लोग बिजयी भएन। यहूदा क फउज बिजयी भइ काहेकि उ अपने पुरखन क परमेस्सर, यहोवा पइ निर्भर रही।
19 अबियाह क फउज यारोबाम क फउज क पाछा किहस। अबियाह क फउज यारोबाम स बेतेल, यसाना अउ एप्रोन नगरन पइ कब्जा कइ लिहेस। उ पचे ओन नगरन अउर ओनके आस पास क नान्ह गाँवन पइ अधिकार कइ लिहस।
20 यारोबाम जियादा सक्तीसाली फुन कबहुँ नाहीं भवा जब तलक अबिय्याह जिअत रहा। यहोवा यारोबाम क मार डाएस।
21 किन्तु अबिय्याह सक्तीसाली होइ गवा। उ चौदह मेहररुअन स बियाह किहस अउर उ बाईस पूतन अउ सोरह बिटियन क बाप रहा।
22 दूसर जउन कछू अबिय्याह किहस, उ इद्दो नबी क किताबन मँ लिखा अहइ।
2 Chronicles 14
1 अबिय्याह अपने पुरखन क संग बिस्राम किहस। लोगन ओका दाऊद नगर मँ दफनाएन। तब अबिय्याह क पूत आसा अबिय्याह क जगह पइ नवा राजा भवा। आसा क समइ मँ देस मँ दस बरिस सान्ति रही।
2 आसा उहइ काम किहेस जउन यहोवा ओकर परमेस्सर क समन्वा अच्छा अउ ठीक रहा।
3 आसा ओन विचित्र वेदियन क हटाइ दिहस जेनकर उपयोग मूरतियन क पूजा क बरे होत रहा। आसा ऊँच जगहन क हटाइ दिहस अउर पवित्तर पाथरन क बर्बाद कइ दिहस अउर आसा असेरा खम्भन क तोर डाएस।
4 आसा यहूदा क लोगन क ओनकइ पुरखन क यहोवा परमेस्सर क अनुसरण करइ क आदेस दिहस। अउ आसा लोगन क यहोवा क नेमन अउ आदेसन क पालन करइ क आदेस दिहस।
5 आसा ऊँची जगहन क अउर सुगन्धि क वेदियन क यहूदा क सबहिं नगरन स हटाएस। इ तरह जब आसा राजा रहा, राज्ज सान्त रहा।
6 आसा यहूदा मँ सान्ति क समइ सक्तीसाली नगर बनाएस। आसा एन दिनन जुद्ध स मुक्त रहा काहेकि यहोवा ओका सान्ति दिहस।
7 आसा यहूदा क लोगन स कहेस, “हम पचन क नगरन क निर्माण अउ एनके चारिहुँ कइँती चरहदीवार बनावइ द्या। हम गुम्बद, दुआर अउ दुआरन मँ छड़न लगावइँ। हम पचन क तब तलक करइ द्या जब तलक इ देस हमार अहइ। इ हमार देस अहइ काहेकि हम लोग अपने यहोवा क अनुसरण किहा ह। उ हम लोगन क सब कइँती स सान्ति दिहस ह।” एह बरे उ पचे इ सबइ बनाएस अउर उ पचे सफल भएन।
8 आसा क लगे यहूदा क परिवार समूह स तीन लाख अउर बिन्यामीन क परिवार समूह स दुइ लाख अस्सी हजार फउज रही। यहूदा क मनइयन बड़ी ढारन अउर भालन लइके चलत रहेन। बिन्यामीन क मनइयन नान्ह ढारन अउ धनुस स चलइवाले बाण लइ चलत रहेन। उ पचे सबहिं बलवान अउर साहसी जोधा रहेन।
9 जब जेरह आसा क फउज क खिलाफ आवा। जेरह वूस द रहा। जेरह क फउज मँ दस लाख मनई अउर तीन सौ रथ रहेन। जेरह क फउज मारेसा नगर तलक गइ।
10 आसा जेरह क खिलाफ लड़इ बरे गवा। आसा क फउज मारेस क निअरे सापता घाटी मँ जुद्ध क बरे तइयार भइ।
11 आसा यहोवा परमेस्सर क गोहराएस अउर कहेस, “यहोवा, तू केवल तू ही बलवान लोगन क खिलाफ कमजोर लोगन क मदद कइ सकत ह। हे मोर यहोवा परमेस्सर हमार मदद करा। हम तोह पइ निर्भर अही। हम तोहरे नाउँ पइ इ बिसाल फउज स जुद्ध करित ह। हे यहोवा, तू हमार परमेस्सर अहा। अपने खिलाफ कउनो क जीतइ न द्या।”
12 तब यहोवा यहूदा कइँती स आसा क फउज क उपयोग वूस क फउज क पराजित करइ बरे किहस अउर वूस क फउज भाग खड़ी भइ।
13 आसा क फउज वूस क फउज क लगातार गरार नगर तलक पाछा किहस। एतने जियादा वूस क लोग मारे गएन कि उ पचे जुद्ध करइ बरे एक फउज क रूप मँ फुन बटुर न सकइँ। उ पचे यहोवा अउ ओकरी फउज क जरिये वुचर दीन्ह गएन। आसा अउर ओकर फउज दुस्मन स बहोत सारी लूट क माल लइ लिहन।
14 आसा अउर ओकर फउज गरार क नजिक क सबहिं नगरन क हराएस। ओन नगरन मँ रहइवाले लोग यहोवा स डरात रहेन। ओन नगरन मँ अनगिनत कीमती चिजियन रहिन। आसा क फउज ओन नगरन स एन कीमती चिजियन क संग लइ आइ।
15 आसा क फउज ओन डेरन पइ भी हमला किहस जेनमाँ गड़रियन रहत रहेन। उ पचे अनेक भेड़िन अउ ऊँट लूट लिहेन अउर ओनका लइ गएन। तब आसा क फउज यरूसलेम लउटि गइ।
2 Chronicles 15
1 परमेस्सर क आतिमा आदेद क पूत अजर्याह पइ उतरी।
2 अजर्याह आसा स भेंटइ गवा। अजर्याह कहेस, “आसा अउ यहूदा अउ बिन्यामीन क सबहिं लोग मोर सुनइँ। यहोवा तोहरे संग तब अहइ जब तू ओकरे संग अहा। जदि तू यहोवा क हेरब्या तउ तू ओका पउब्या। किन्तु जदि तू ओका छोड़ब्या तउ उ तोहका तजि देइ।
3 बहोत समइ तलक इस्राएल बिना सच्चे परमेस्सर क, सिच्छा देइ वाला बिना याजक क अउ बिना नेम क रहेन।
4 किन्तु जब इस्राएल क लोग कस्ट मँ पड़इँ तउ उ पचे फुन इस्राएल क यहोवा परमेस्सर कइँती लउटइ। उ पचे यहोवा क हेरेन अउ ओका पाएन।
5 ओन बिपत्ति क दिनन मँ कउनो मनई सुरच्छित जात्रा नाहीं कइ सकत रहा। सबहिं रास्ट्र बहोत जियादा उपद्रव ग्रस्त रहेन।
6 एक रास्ट्र दूसरे रास्ट्र क अउर एक नगर दूसरे नगर क नस्ट करत रहा। इ एह बरे होत रहा कि परमेस्सर हर तरह क बिपत्तियन स ओनका परेसान करत रहा।
7 किन्तु आसा, तू अउर यहूदा अउ बिन्यामीन क लोगो, सक्तीसाली बना। कमजोर न पड़ा, ढीले न पड़ा काहेकि तोहका पचन्क अपने नीक काम क पुरस्कार मिली।”
8 आसा जब एन बातन अउर ओदेद नबी क संदेसा क सुनेस, तउ उ बहोत उत्साहित भवा। तब उ सारे यहूदा अउ बिन्यामीन छेत्र स घिनौनी मूरतियन क हटाइ दिहस अउर उ एप्रैम क पहाड़ी देस मँ अपने अधिकार मँ लाए गए नगरन मँ मूरतियन क हटाएस अउर उ यहोवा क उ वेदी क मरम्मत किहस जउन यहोवा क मन्दिर क ओसारे क समन्वा रही।
9 तब आसा यहूदा अउ बिन्यामीन क सबहिं लोगन क बटोरेस। उ एप्रैम, मनस्से अउर सिमोन परिवारन क भी बटोरेस जउन इस्राएल देस स यहूदा देस मँ रहइ बरे आइ ग रहेन। ओनकर बड़ी गनती यहूदा मँ आइ काहेकि उ पचे लखेन कि आसा क यहोवा परमेस्सर, आसा क संग अहइ।
10 आसा क हुवूमत क पन्द्रहवें बरिस क तीसरे महीने मँ आसा अउर उ सबइ लोग यरूसलेम मँ बटुरेन।
11 उ समइ उ पचे यहोवा क सात सौ बर्धन अउ सात हजार भेड़िन अउ बोकरन क बलि दिहन। आसा क फउज ओन जनावरन अउर दूसर कीमती चिजियन क अपने दुस्मनन स लिहे रहा।
12 तब उ पचे आपन पुरखन क यहोवा परमेस्सर क सेवा पूरे हिरदइ अउर आपन पूरी जान स करइ क एक करार अउर वाचा मँ किहन।
13 कउनो मनई जउन यहोवा परमेस्सर क सेवा स इन्कार करत रहा, मार दीन्ह जात रहा। इ बात क कउनो महत्व नाहीं रहा कि उ मनई महत्वपूर्ण या साधारण अहइ या मनसेधू या मेहरारु अहइ।
14 तब आसा अउ लोगन यहोवा क किरिया लिहन। उ पचे ऊँची अवाज मँ उद्घोस किहन। उ पचे तुरही अउ भेड़न क सींग बजाएन।
15 यहूदा स सबहिं लोग खुस रहेन काहेकि उ पचे पूरे हिरदइ स किरिया खाए रहेन। उ पचे पूरे हिरदइ स यहोवा क अनुसरण किहन अउ यहोवा क खोज किहन अउर ओका पाएन। एह बरे यहोवा यहोवा ओनके पूरे देस मँ सान्ति दिहस।
16 राजा आसा अपनी महतारी आका क राजमाता क पद स हटाइ दिहस। आसा इ एह बरे किहस काहेकि माका असेरा क सम्मान देइ बरे एक भयंकर खम्भा खड़ा किहे रहा। आसा इ खम्भा क काट दिहस अउर एका नान्ह नान्ह टूकन मँ तहस नहस कइ दिहस। तब उ ओन नान्ह टूकन क किद्रोन घाटी मँ बार दिहस।
17 ऊँच जगहन क यहूदा स नाहीं हटावा गवा, किन्तु आसा क हिरदइ जिन्नगी भइ यहोवा क बरे स्रद्धालु रहा।
18 आसा ओन पवित्तर भेंटन यहोवा क मन्दिर मँ लिआएस जेनका ओकर बाप राखस रहेन। उ सबइ चिजियन चाँदी अउ सोना क बनी रहिन।
19 आसा क हुवूमत क पैंतीस बरिस तलक कउनो जुद्ध नाहीं भवा।
2 Chronicles 16
1 आसा क राज्जकाल क छत्तीसवें बरिस बासा यहूदा क भुइँया पइ हमला किहस। बासा इस्राएल क राजा रहा। उ रामा नगर गवा अउर एका लोगन क राजा आसा क लगे जावइ अउ आवइ स रोकइ बरे किला बनाइ दिहस।
2 आसाने यहोवा क मन्दिर क कोसागार मँ रखे भए चाँदी अउर सोना क लिहस अउर उ राजमहल स चाँदी सोना लिहस। तब आसा बेन्हदद क सँदेसा पठएस। बेन्हदद अराम क राजा रहा अउर दमिस्क मँ रहत रहा। आसा क सँदेसा रहा:
3 “बेन्हदद, मोरे अउर अपने बीच एक ठु सन्धि होइ द्या। इ सन्धि क वइसे ही होइ द्या जइसा उ हमरे बाप अउर तोहरे बाप क बीच कीन्ह गइ रही। धियान द्या, मइँ तोहरे लगे चाँदी सोना पठवत हउँ। अब तू इस्राएल क राजा बासा क संग कीन्ह गइ सन्धि क तोड़ द्या जेहसे उ मोका अजाद छोड़ देब्या अउर मोका परेसान करब बन्द कइ देब्या।”
4 बेन्हदद आसा क बात मान लिहस। बेन्हदद आपन फउजे क सेनापतियन क इस्राएल क नगरन पइ हमला करइ क बरे पठएस। एन सेनापतियन इय्योन, दान अउर आबेल्मैम नगरन पइ हमला किहस। उ पचे नप्ताली देस मँ ओन सबहिं नगरन पइ हमला किहस जहाँ खजाने रखे रहेन।
5 बासा इस्राएल क नगरन पइ हमला क बात सुनेस। एह बरे उ रामा मँ किला बनावइ क काम रोक दिहस अउर आपन काम छोड़ दिहस।
6 तब राजा आसा यहूदा क सबहिं लोगन क बटोरेस। उ पचे रामा नगर क गएन अउर काठ अउ पाथर उठाइ लाएन जेनकर उपयोग बासा किला बनावइ बरे किहे रहा। आसा अउर यहूदा क लोग पाथरन अउ काठे क उपयोग गेवा अउ मिस्पा नगरन क जियादा मजबूत बनावइ बरे किहस।
7 उ समइ द्रस्टा हनानी यहूदा क राजा आसा क लगे आवा। हनानी ओहसे कहेस, “आसा, तू मदद क बरे अराम क राजा पइ आस्रित रह्या, किन्तु तू यहोवा आपन परमेस्सर पइ मदद बरे आस्रित नाहीं रह्या। एह बरे अराम क राजा क फउज तोहसे पराइ निकरी।
8 वूस अउ लुबी बहोत बिसाल अउ सक्तीसाली फउज रखत रहेन। “ओकरे लगे अनेक रथ अउ सारथी रहेन। किन्तु आसा, तू उ बिसाल सक्तीसाली फउज क हरावइ मँ मदद क बरे यहोवा पइ आस्रित भए अउर यहोवा तोहका ओनका हरावइ दिहस।
9 यहोवा क आँखिन सारी पृथ्वी पइ ओन लोगन क लखत फिरत हीं जउन ओकरे बरे स्रद्धालु अहइँ जेहसे उ ओन लोगन क सक्तीसाली बनाइ सकइ। आसा, तू बेववूफी क काम किहा। एह बरे अब स लइके आगे तलक तोहका जुद्ध क सामना करइ क पड़ी।”
10 आसा हनानी पइ उ बात स कोहाइ गवा जउन उ कहेस। आसा ऍतना किरोध स पागल होइ उठा कि उ हनानी क बन्दीघरे मँ डाइ दिहस। आसा उ समइ कछू लोगन पइ अत्याचार भी करत रहा।
11 आसा जउन कछू सुरु स आखीर तलक किहस। उ इस्राएल अउर “यहूदा क राजा लोगन क इतिहास” क पुस्तक मँ लिखा अहइ।
12 आसा क गोड़ ओकरे राज्जकाल क उनतालीसवें बरिस मँ रोगी होइ गवा। ओकरे रोग बहोत बुरा रहा किन्तु उ यहोवा स मदद नाहीं चाहेस। आसा वैद्यन स मदद चाहेस।
13 आसा अपने राज्जकाल क इकतालीसवें बरिस मँ मरा अउर इ प्रकार आसा अपने पुरखन क संग बिस्राम किहस।
14 लोग आसा क ओकरी कब्र मँ दफनाएन जेका खुद दाऊद क नगर मँ बनाए रहा। लोग ओका एक आखिरी चारपाई पइ रखेन जेह पइ सुगन्धित द्रव्य अउर अलग अलग तरह क मिले इत्र रखे रहेन। लोग आसा क सम्मान करइ क आगी क महाज्वाला किहन।
2 Chronicles 17
1 आसा क जगह पइ यहोसापात यहूदा क नवा राजा भवा। यहोसापात आसा क पूत रहा। यहोसापात यहूदा क सक्तीसाली बनाएस जेहसे उ पचे इस्राएल क खिलाफ लड़ सकत रहेन।
2 उ फउजे क टुकड़ियन क यहूदा सबहिं किलाबन्द नगरन मँ रखेस। यहोसापात फउजे क टुकड़ियन क यहूदा अउ एप्रैम क ओन नगरन मँ राखेस जेनका ओकर बाप आसा अपने अधिकार मँ किहे रहेन।
3 यहोवा यहोसापात क संग रहा काहेकि पहिले क बरिसन मँ उ उ सबइ नीक काम किहेस जेनका ओकर पुरखा दाऊद किहे रहा। यहोसापात बाल क मूरतियन क अनुसरण नाहीं किहस।
4 यहोसापात उ परमेस्सर क हेरेस जेकर अनुसरण ओकरे पुरखन करत रहेन। उ परमेस्सर क आदेसन क पालन किहेस। उ उ तरह नाहीं रहा जइसा इस्राएल क दूसर लोग रहत रहेन।
5 यहोवा यहोसापात क यहूदा क सक्तीसाली राजा बनाएस। यहूदा क सबहिं लोग यहोसापात क भेट लिआएन। इ तरह यहोसापात क लगे बहोत स सम्पत्ति अउ सम्मान दुइनउँ रहेन।
6 यहोसापात यहोवा क मारग पइ चलेस अउ ओका ओन पइ गर्व रहा। उ ऊँच जगहियन अउ असेरा क खम्भन क यहूदा देस स बाहेर किहस।
7 यहोसापात अपने प्रमुखन क यहूदा क नगरन मँ सिच्छा देइ क बरे पठएस। इ यहोसापात क राज्जकाल क तीसरे बरिस भवा। उ पचे बेन्हैल, ओबद्याह, जकर्याह, नतनेल अउर मीकायाह रहेन।
8 उ लेवीबंसी क ओनकर संग पठइ दिहेस। उ सबइ समाया, नतन्याह, असाहेल, समीरामोत, यहोनातान, अदोनिय्याह अउर तोबियाह रहेन। यहोसापात याजक एलीसामा अउर यहोराम रहेन।
9 ओन प्रमुखन, लेवीबंसियन अउ याजकन यहूदा मँ लोगन क सिच्छा दिहन। ओनके लगे, “यहोवा क नेमन क किताब” रही। उ पचे यहूदा क सबहिं नगरन मँ गएन अउर लोगन क उ पचे सिच्छा दिहन।
10 यहूदा क आस-पास क रास्ट्रन यहोवा स डेरात रहेन। इहइ कारण रहा कि उ पचे यहोसापात क खिलाफ जुद्ध नाहीं छेड़ेन।
11 कछू पलिस्ती लोग यहोसापात क लगे भेंट लिआएन। उ पचे यहोसापात क लगे चाँदी लिआएन काहेकि उ पचे जानत रहेन कि उ बहोत सक्तीसाली राजा अहइ। कछू अरब क लोग यहोसापात क लगे रेवड़न लिआएन। उ पचे ओकरे लगे सात हजार सात सौ भेड़िन अउर सात हजार सात सौ बोकरियन लिआएन।
12 यहोसापात जियादा स जियादा सक्तीसाली होत गवा। उ यहूदा देस मँ किलन अउर मज़बूत नगर बनाएन।
13 यहोसापात क लगे बहोत स कलाकार अउर मजदूर रहेन जउन ओकरे बरे ओन नगरन मँ काम करत रहेन। उ यरूसलेम मँ प्रसिच्छित सैनिक रखेन।
14 ओन फउजियन क अपने परिवार समूह मँ गनती रही। यरूसलेम क ओन फउजियन क सूची इ अहइ:यहूदा क परिवार समूह स इ सेनाध्यच्छ रहेन: अदना तीन लाख फउजियन क सेनाध्यच्छ रहा।
15 यहोनानान दुइ लाख अस्सी हजार फउजियन क सेनाध्यच्छ रहा।
16 अमस्याह दुइ लाख फउजियन क सेनाध्यच्छ रहा। अमस्याह जिवी क पूत रहा। अमास्याह अपने क यहोवा क सेवा मँ अपिर्त करइ मँ खुस रहा।
17 बिन्यामीन क परिवार समूह स इ सेनाध्यच्छ रहेन: एल्यादा क लगे दुइ लाख फउजी रहेन जउन धनुस, बाण अउर ढाल क उपयोग करत रहेन। एल्यादा एक साहसी फउजी रहा।
18 यहोनाबाद क लगे एक लाख अस्सी हजार मनई जुद्ध बरे तइयार रहेन।
19 उ सबइ सबहिं फउजी यहोसापात क सेवा करत रहेन। राजा पूरे यहूदा देस क किलन मँ दूसर मनइयन क भी रखे रहा।
2 Chronicles 18
1 यहोसापात क लगे सम्पत्ति अउ सम्मान रहा। उ राजा अहाब क संग बियाह क जरिये एक ठु सन्धि किहस।
2 कछू बरिस पाछे, यहोसापात सोमरोन नगर मँ अहाब स भेंटइ गवा। अहाब बहोत स भेड़िन अउर गोरुअन क बलि यहोसापात अउ ओकरे संग क मनइयन क बरे चढ़ाएस। अहाब यहोसापात क गिलाद क रामोद नगर पइ हमला बरे प्रोत्साहित किहस।
3 अहाब यहोसापात स कहेस, “का तू मोरे संग गिलाद क रामोत पइ हमला करइ चलब्या?” अहाब इस्राएल क अउर यहोसापात यहूदा क राजा रहा। यहोसापात अहाब क जवाब दिहस, “मइँ तोहरि तरह हउँ अउर हमरे लोग तोहरे लोगन क तरह अहइँ। हम जुद्ध मँ तोहार साथ देब।”
4 यहोसापात अहाब स इ कहेस, “आवा, पहिले हम यहोवा स सँदेसा प्राप्त करी।”
5 एह बरे अहाब चार सौ नबियन क बटोरेस। अहाब ओनसे कहेस, “का हम क गिलाद क रामोत नगर क बिरुद्ध जुद्ध मँ जाइ चाही या नाहीं?” नबियन अहाब क उत्तर दिहन, “जा, काहेकि यहोवा गिलाद क रामोत क तोहका पराजित करइ देइ।”
6 किन्तु यहोसापात कहेस, “का कउनो हिआँ यहोवा क नबी अहइ? हम लोग ओकरे नबियन मँ स एक क जरिये यहोवा स पूछइ चाहित ह।”
7 तब राजा अहाब यहोसापात स कहेस, “हिआँ हमार लगे सिरिफ एक मनई अहइ। हम ओकरे माध्यम स यहोवा क पूछ सकित ह। किन्तु मइँ इ मनई स घिना करत हउँ काहेकि इ कबहुँ मोका यहोवा स कउनो अच्छा सँदेसा नाहीं दिहस। इ सदा ही बुरा सँदेसा मोरे बरे दिहस ह। इ आदमी क नाउँ मीकायाह अहइ। जउन कि यिम्ला क पूत अहइ।” किन्तु यहोसापात कहेस, “अहाब, तोहका अइसा नाहीं कहइ चाही।”
8 तब इस्राएल क राजा अहाब अपने अधिकारियन मँ स एक क बोलाएस अउ कहेस, “हाली करा, यिम्ला क पूत मीकायाह क हिआँ लिआवा।”
9 इस्राएल क राजा अहाब अउ यहूदा क राजा यहोसापात अपने राजसी ओढ़ना पहिर रखे रहेन। उ पचे अपने सिंहासनन पइ खरिहान मँ सोमरोन नगर क सम्मुख दुआरे क निचके बइठे रहेन। उ सबइ चार सौ नबी आपन सँदेसा दुइनउँ राजा लोगन क समन्वा देत रहेन।
10 कनान क पूत सिदकिय्याह लोहा क कछू सींगन बनाएस। सिदकिय्याह कहेस, “इहइ अहइ जउन यहोवा कहत ह: ‘तू लोग लोहे क सींगन क उपयोग तब तलक अस्सूर क लोगन मँ घोंपइ क बरे करब्या जब तलक उ पचे नस्ट न होइ जाइँ।’”
11 सबहिं नबियन इहइ बात कहेन। उ पचे कहेन, “गिलाद क रामोत नगर क जा। तू लोग सफल होब्या अउर जितब्या। यहोवा राजा अउ अस्सूर क लोगन क हरावइ देइ।”
12 जउन दूत मीकायाह क लिआवइ गवा रहा उ ओहसे कहेस, “मीकायाह, मोका, सबहिं नबी एक ही बात कहत रहत हीं। उ पचे कहत रहत हीं कि राजा क कामयाबी मिली। एह बरे उहइ कहा जउन उ पचे कहत रहत हीं। तू भी अच्छी बात कहा।”
13 किन्तु मीकायाह जवाब दिहेस, “यहोवा क जिन्नगी क किरिया मइँ उहइ कहब जउन मोर परमेस्सर कहत ह।”
14 तब मीकायाह राजा अहाब क लगे आवा। राजा ओहसे कहेस, “मीकायाह, का हम क जुद्ध करइ बरे गिलाद क रामोत नगर क जाइ चाही या नाहीं?” मीकायाह कहेस, “जा अउर हमला करा। यहोवा तोहका ओन लोगन क हरावइ देइ।”
15 राजा अहाब मीकायाह स कहेस, “कइउ दाईर् मइँ तोहसे प्रतिग्या करवाई रही कि तू यहोवा क नाउँ पइ मोका सिरिफ फुरइ बतावा।”
16 तब मीकायाह कहेस, “मइँ इस्राएल क सबहिं लोगन क पहाड़न पइ बिखेर भए लखेउँ। उ पचे गड़रियन क बिना भेड़ी क नाईर् रहेन। यहोवा कहेस, ‘ओनकर कउनो नेता नाहीं अहइ। हर एक मनई क ओकरे घरे मँ सुरच्छित लउटइ द्या।’”
17 इस्राएल क राजा अहाब यहोसापात स कहेस, “मइँ कहे रहेउँ कि मीकायाह मोरे बरे यहोवा स बढ़िया सँदेसा नाहीं पाइ। उ मोरे बरे सिरिफ बुरे सँदेसा रखत ह।”
18 मीकायाह कहेस, “यहोवा क सँदेसा सुना: मइँ यहोवा क अपने सिंहासने पइ बइठे लखेउँ। सरग क पूरी फउज ओकरे चारिहुँ कइँती खड़ी रही। कछू ओकरे दाहिन कइँती अउर कछू ओकरे बाईर् कइँती।
19 यहोवा कहेस, ‘इस्राएल क राजा अहाब क कउन बहकाएस? जेहसे उ गिलाद क रामोत नगर पइ हमला करब अउर उ हुवाँ मार दीन्ह देब?’ यहोवा क चारिहुँ कइँती खड़े अलग अलग अतिमा अलग अलग मस्वरा दिहन।
20 तब एक आतिमा आइ अउर उ यहोवा क समन्वा खड़ी भइ। उ आतिमा कहेस, ‘मइँ अहाब क धोखा देब।’ यहोवा आतिमा स पूछेस, ‘कइसे?’
21 उ आतिमा जवाब दिहस, ‘मइ बाहेर जाब अउर अहाब क नबियन क मुँह मँ झूठ बोलइवाली आतिमा बनब’ अउर यहोवा कहेस, ‘तोहका अहाब क धोखा देइ मँ कामयाबी मिली। एह बरे जा अउर एका करा।’
22 “अहाब, अब धियान द्या, यहोवा तोहरे नबियन’ क मुँहे मँ झूठ बोलइवाली आतिमा प्रवेस कराएस ह। यहोवा कहेस ह कि तोहरे संग बुरा घटी।”
23 तब सिदकिय्याह मीकायाह क लगे गवा अउर ओकरे मुँहे पइ मारेस। कनाना क पूत सिदकिय्याह कहेस, “मीकायाह, यहोवा क आतिमा मोका तजिके तोहसे बातचीत करइ कइसे आइ?”
24 मीकायाह जवाब दिहस, “सिदकिय्याह, तू उ दिन एका जनब्या जब तू एक भीतरी घरे मँ छुपइ जाब्या।”
25 तब राजा अहाब कहेस, “मीकायाह क ल्या अउर ऍका नगर क प्रसासक आमोन अउ राजा क पूत योआस क लगे पठइ द्या।
26 आमोन अउ योआस स कहा, ‘राजा इ कहत हीं: मीकायाह क बन्दीघरे मँ डाइ द्या। ओका सेटी अउ पानी क अलावा तब तलक कछू खाइ क जिन द्या जब तलक मइँ जुद्ध स सुरच्छित न लउटउँ।’”
27 मीकायाह जवाब दिहस, “अहाब, जदि तू जुद्ध स सुरच्छित लउटि आवत ह तउ यहोवा मोरे जरिये नाहीं कहेस ह। तू सबहिं लोग सुना अउर मोरे बचन क याद रखा।”
28 एह बरे इस्राएल क राजा अहाब अउ यहूदा क राजा यहोसापात गिलाद क रामोत नगर पइ हमला किहस।
29 इस्राएल क राजा अहाब यहोसापात स कहेस, “मइँ जुद्ध मँ जाइ क पहिले आपन रुप बदल देब। किन्तु तू अपना राजवस्त्र ही पहिरा।” एह बरे इस्राएल क राजा अहाब अपना रुप बदल दिहस अउर दुइनउँ राजा जुद्ध मँ गएन।
30 अराम क राजा अपने रथन क रथपतियन क आदेस दिहस। उ ओनसे कहेस, “कउनो भी मनइ स चाहे उ बड़ा फउज होइ या छोट फउज होइ ओहसे जुद्ध जिन करा। किन्तु सिरिफ इस्राएल क राजा अहाब स जुद्ध करा।”
31 जब रथपतियन यहोसापात क लखेन उ पचे सोचेन, “उहइ इस्राएल क राजा अहाब अहइ।” उ पचे यहोसापात पइ हमला करइ क बरे ओकरी कइँती मुड़ेन। किन्तु यहोसापात उद्घोस किहस अउर यहोवा ओकर मदद किहस। परमेस्सर रथपतियन क यहोसापात क समन्वा स दूर मुड़ जाइ दिहस।
32 जब उ पचे समुझेन कि यहोसापात इस्राएल क राजा नाहीं अहइ उ पचे ओकर पाछा करब छोड़ दिहन।
33 किन्तु एक फउजी स बिना कउनो लच्छ बेध क धनुस स बाण छूट गएन। उ बाण इस्राएल क राजा अहाब क बेध दिहस। इ, अहाब क कवच क खुले आग मँ बेधेस। अहाब अपने रथे क सारथी स कहेस, “पाछे मुड़ा अउर मोहसे जुद्ध स बाहेर लइ चला। मइँ घायल होइ गवा अहउँ।”
34 उ दिन जुद्ध घमासान होइ गवा। इस्राएल क राजा आपन रथ मँ अरामियन क सामना करत भए साँझ तलक अपने क सँभारे रखेस। तब अहाब सूरज बूड़ाइ पइ मर गवा।
2 Chronicles 19
1 यहूदा क राजा यहोसापात सुरच्छित यरूसलेम अपने घरे लउटा।
2 दूस्टा येहू यहोसापात स भेंटइ गवा। येहू क बाप क नाउँ हनानी रहा। येहू राजा यहोसापात स कहेस, “तू बुरे मनइयन क मदद काहे करत ह तू ओन लोगन स काहे पिरेम करत ह जउन यहोवा स घिना करत हीं? इहइ कराण अहइ कि यहोवा तोह पइ कोहान अहइ।
3 किन्तु तोहरी जिन्नगी मँ कछू अच्छी बातन अहइँ। तू असेरा खम्भन क इ देस स बाहेर किहा अउर तू हिरदइ स परमेस्सर क अनुसरण करइ क निहिचय किहा।”
4 यहोसापात यरूसलेम मँ रहत रहा। उ लोगन स संग मिलइ बरे फुन एप्रैम क पहाड़ी पहँटा स बेसेर्बा नगर तलक गएन। यहोसापात ओन लोगन क उ यहोवा परमेस्सर क लगे लउटाएस जेकर अनुसरण ओनकर पुरखन करत रहेन।
5 यहोसापात यहूदा मँ निआवाधीस चुनेस। उ यहूदा क हर किला नगर मँ रहइ क बरे निआवाधीस चुनेस।
6 यहोसापात एन निआवाधीसन स कहेस, “जउन कछू तू करा ओहमाँ सावधान रहा काहेकि तू, लोगन क बरे निआव नाहीं करत रह्या मुला यहोवा बरे करत अहा। जब तू निर्णय करब्या तब यहोवा तोहरे संग होइ।
7 तोहमाँ स हर एक क अब यहोवा स डेराइ चाही। जउन करा ओहमाँ सावधान रहा काहेकि हमार यहोवा परमेस्सर निआवी बाटइ। उ कउनो मनई क दूसर मनई स जियादा महत्त्वपूर्ण मानिके बेउहार नाहीं करत। उ अपने निर्णय क बदलइ क बरे धन नाहीं लेत।”
8 अउर यहोसापात यरूसलेम मँ, लेवीबंसियन, याजकन अउर इस्राएल क परिवार क प्रमुखन क निआवाधीस चुनेस। ओन लोगन क यहोवा क नेमन क उपयोग यरूसलेम क लोगन क समस्यन क निपटावइ बरे करब रहा।
9 यहोसापात ओनका आदेस दिहस अउ कहेस, “तोहका अपने पूरे हिरदइ स निस्ठावान पुर्वक सेवा करइ चाही। तोहका यहोवा स जरूर डेराइ चाही।
10 तोहरे लगे हत्या, परमेस्सर क नेम मँ हिंसा, आदेस, सासन या कउनो दूसर नेमन क मामले आइ सकत हीं। इ सबइ सबहिं मामले नगरन मँ रहइवाले तोहरे भाइयन दुआरा तोहार समन्वा आइहीं। एन सबहिं मामलन मँ तोहका लोगन क इ बात क चितउनी देइ चाही कि उ तोहार निदेर्सन क जरूर मानिहीं अन्यथा उ परमेस्सर क समन्वा दोखी होइ अउर ओकर किरोध ओन पइ, तोह पइ अउर तोहार भाइयन क ऊपर उतरिहीं। इ करा तब तू अपराधी नाहीं होब्या।
11 अमर्याह मार्गदर्सक याजक अहइ। उ यहोवा क सम्बन्ध क सबहिं बातन मँ तोहरे ऊपर होइ। इस्माएल क पूत जबद्याह राजा क सबहिं बातन क अधिकारी होइ। जबद्याह यहूदा क परिवार समूह मँ प्रमुख अहइ। लेवीबंसी अधिकारियन क रूप मँ भी तोहार सहायता करिहीं। जउन कछू करा ओहमाँ साहस रखा। यहोवा ओन लोगन क संग होइ, जउन उहइ करत हीं जउन ठीक अहइ।”
2 Chronicles 20
1 कछू समइ पाछे मोआबी, अम्मोनी अउर कछू मूनी लोग यहोसापात क संग जुद्ध करइ आएन।
2 कछू लोग आएन अउर उ पचे यहोसापात स कहेस, “तोहरे खिलाफ एदोम स, मृत-सागर क दूसर कइँती स एक ठु बिसाल फउज आवति अहइ। उ पचे हसासोन्तामार मँ पहिले स ही अहइँ।” (हसासोन्तामार क एनगदी भी कहा जात ह।)
3 यहोसापात डर गवा अउर उ यहोवा स इ पूछइ क निहचइ किहेस कि ओका का करइ चाही? उ यहूदा मँ हर एक क बरे उपवास क समइ घोसित किहस।
4 यहूदा क लोग एक संग यहोवा स मदद माँगइ आएन। उ पचे यहूदा क सबहिं नगरन स यहोवा क मदद माँगइ आएन।
5 यहोसापात यहोवा क मन्दिर मँ नवे अंगना क समन्वा रहा। य यरूसलेम अउ यहूदा स आए लोगन क सभा मँ खड़ा भवा।
6 उ कहेस,“हे हमरे पुरखन क यहोवा परमेस्सर, तू सरग मँ परमेस्सर अहा। तू सबइ देसन क सबइ राज्जन पइ हुवूमत करत ह। तोहार लगे सक्ती अउ ताकत अहइ! कउनो मनई तोहरे बिरूद्ध खड़ा नाहीं होइ सकत।
7 तू हमार परमेस्सर अहा। तू इ भुइँया मँ रहइवालन क एका तजइ क मजबूर किहा। इ तू अपने इस्राएली लोगन क समन्वा किहा। तू इ भुइँया तू आपन मीत इब्राहीम क संतानन क सदा ही क बरे दइ दिहा।
8 इब्राहीम क संतान इ देस मँ रहत रहेन अउर उ पचे एक ठु मन्दिर तोहरे नाउँ पइ बनाएन।”
9 उ पचे कहेन, ‘जदि हम लोगन पइ बिपद आइ जइसे तरवार, दण्ड, रोग या अकाल तउ हम इ मन्दिर क समन्वा अउर तोहरे समन्वा खड़े होब। इ मन्दिर पइ तोहार नाउँ अहइ। जब हम लोगन पइ बिपत्ति आइ तउ हम लोग तोहका गोहराउब। तब तू हमरी सुनब्या अउर हमार रच्छा करब्या।’
10 “मुला इ समइ हिआँ अम्मोन, मोआब अउर सेईर पर्वत क लोग चढ़ आएन ह। तू इस्राएल क लोगन क उ समइ ओनकी भुइँया मँ नाहीं जाइ दिहा जब उ पचे मिस्र स बाहेर आएन। एह बरे इस्राएल क लोग मुड़ गए रहेन अउर ओन लोग ओनका नस्ट नाहीं किहेन।
11 मुला लखा कि उ सबइ लोग हम क ओनका नस्ट न करइ क कउनो तरह क पुरस्कार देत अहइँ। उ पचे हम क तोहरी भुइँया स बाहेर होइ बरे मजबूत करइ आए अहइँ। इ भुइँया तू हम क दिहा ह।
12 हे हमार परमेस्सर, ओन लोगन क दण्ड देइ। हम लोग उ बिसाल फउज क खिलाफ कउनो सक्ती नाहीं रखतेन जउन हमरे खिलाफ आवति अहइ। हम नाहीं जानित कि का करी। इहइ कारण अहइ कि हम तोहार मदद बरे लखिहीं!”
13 यहूदा क सबहिं लोग यहोवा क समन्वा अपने गदेलन, मेहररुअन अउ बच्चन क संग खड़े रहेन।
14 तब यहोवा क आतिमा यहजीएल पइ उतरी। यहजीएल जकर्याह क पूत रहा बनायाह यीएल क पूत रहा अउर यीएल मत्तन्याह क पूत रहा। यहजीएल एक लेवीबंसी रहा अउर आसाप क संतान रहा।
15 उ सभा क बीच यहजीएल कहेस, “हे राजा यहोसापात अउ यहूदा अउ यरूसलेम मँ रहइवाले लोगो, मोर सुना। यहोवा तोहसे इ कहत ह: ‘इ बिसाल फउज स न तउ डरा, न ही चिन्ता करा काहेकि इ तोहार जुद्ध नाहीं अहइ। इ परमेस्सर इ जुद्ध अहइ।
16 भियान तू हुवाँ जा अउर ओन लोगन स लड़ा। उ पचे सीस क दरेर् स होइके अइहीं। तू लोग ओनका घाटी क आखिर मँ यरूसलेम रेगिस्तान क दूसरि कइँती पउब्या।
17 इ जुद्ध मँ तोहका लड़ब नाहीं पड़ी। अपने जगहन पइ मजबूती स खड़ा रहा। तू लखब्या कि यहोवा तोहका कइसे बचावत ह। यहूदा अउ यरूसलेम क लोगो, डेराअ नाहीं। चिन्ता जिन करा! यहोवा तोहरे संग अहइ एह बरे भियान ओन लोगन क खिलाफ जा।’”
18 यहोसापात बहोत नम्रता स निहुरा। ओकर मूँड़ भुइँया क छूअत रहा अउर यहूदा अउ यरूसलेम मँ रहइवाले सबहिं लोग यहोवा क समन्वा गिर गएन अउर ओन सबहिं यहोवा क उपासना किहन।
19 कहाती परिवार समूह क लेवीबंसी अउ कहाती लोग, इस्राएल क यहोवा परमेस्सर क स्तुति क बरे खड़े भएन। उ पचे बहोत ऊँची अवाज मँ स्तुति किहन।
20 यहोसापात क फउज तकोआ रेगिस्तान मँ बहोत सबेरे गइ। जब उ पचे बढ़ब आरम्भ करत रहेन, यहोसापात खड़ा भवा अउर उ कहेस, “यहूदा अउ यरूसलेम क लोगो, मोर सुना। अपने यहोवा परमेस्सर मँ बिस्सास रखा अउर तब तू मज़बूती क संग खड़े रहब्या। यहोवा क नबियन मँ बिस्सास रखा। तू लोग सफल होब्या।”
21 यहोसापात लोगन क उत्साहित किहेस अउर निदेर्स दिहेस। तब उ यहोवा क बरे गायक चुनेस। उ पचे गायक यहोवा क स्तुति करइ क बरे चुने ग रहेन काहेकि उ पवित्तर अउर महिमामय बाटइ। उ पचे फउजे क समन्वा कदम मिलावत भए बढ़ेन अउर उ पचे यहोवा क स्तुति किहन। एन गायकन गाएन, “परमेस्सर क धन्यवाद द्या काहेकि ओकर पिरेम सदैव रहत ह।”
22 जइसे ही ओन लोग गाना गाइके यहोवा क स्तुति सुरु किहन, यहोवा अम्मोनी, मोआबी अउर सेईर पर्वत क लोगन क खिलाफ अचानक हमला किहेस। इ सबइ उ सब लोग रहेन जउन यहूदा पइ आवमन करइ आए रहेन। उ सबइ लोग पिट गएन।
23 अम्मोनी अउ मोआबी लोग सेईर पर्वत स आए लोगन क क खिलाफ जुद्ध करइ सुरू कइ दिहेन अउ ओनका नस्ट कइ दिहन। जब उ पचे सेईर क लोगन क मार चुकेन तु पचे एक दूसर क मार डाएन।
24 यहूदा क लोग एक अइसी जगह पइ आएन जहाँ स उ पचे सारे रेगिस्तान क लखइ सकत। उ पचे दुस्मन क बिसाल सेना क लखेन। किन्तु उ पचे सिरिफ ल्हासन क भुइँया पइ पड़े लखेन। कउनो मनई बचा न रहा।
25 यहोसापात अउर ओकर फउज ल्हासन स कीमती चिजियन लइ लिहेस। उ पचे बहोत स सामानन, वस्त्रन अउ कीमती चिजियन पाएन। उ पचे बहोत सारा जनावरन भी पाएन। चिजियन ओहसे अधिक रहिन जेतना यहोसापात अउर ओकर फउज लइ जाइ सकत रही। ओनका ल्हासन स कीमती चिजियन बटोरइ मँ तीन दिन लगेन, काहेकि हुवाँ बहोत जियादा रहेन।
26 चउथे दिन यहोसापात अउर ओकर फउज बराका क घाटीमँ मिलेन। उ पचे उ जगह पइ यहोवा क स्तुति किहन। इहइ कारण अहइ कि उ जगह क नाउँ आजु तलक “बराका क घाटी” अहइ।
27 तब यहोसापात यहूदा अउ यरूसलेम क लोगन क यरूसलेम लउटाइके लइ गवा। यहोवा ओनका बहोत खुस किहस काहेकि ओनकर दुस्मन पराजित होइ गए रहेन।
28 उ पचे यरूसलेम मँ प्रवेस किहेन अउर वीणा, सितार अउ तुरहियन बजावत भए यहोवा क मन्दिर मँ दाखिल भएन।
29 सबहिं देस क सारे राज्ज यहोवा स डेरान रहेन काहेकि उ पचे सुनेन कि यहोवा इस्राएल क दुस्मनन स लड़ा।
30 इहइ कारण अहइ कि यहोसापात क राज्ज मँ सान्ति रही। यहोसापात क परमेस्सर ओका चारिहुँ कइँती स सान्ति दिहस।
31 यहोसापात यहूदा देस पइ हुवूमत किहस। यहोसापात जब सासन सुरु किहस तउ उ पैतीस बरिस क रहा। उ पच्चीस बरिस यरूसलेम मँ हुवूमत किहस। ओकर महतारी क नाउँ अजूबा रहा। अजूबा सिल्ही क बिटिया रही।
32 यहोसापात सच्चे मारग पइ अपने बाप आसा क तरह रहा। यहोसापात, आसा क मारग क अनुसरण करइ स मुड़ा नाहीं। यहोसापात यहोवा क दृस्टि मँ उचित किहस।
33 मुला ऊँच जगहियन नाहीं हटाई गइन अउर लोग आपन हिरदय परमेस्सर क अनुसरण करइ मँ नाहीं लगाएस जेकर अनुसरण ओनकर पुरखन करत रहेन।
34 यहोसापात सुरु स आखीर तलक जउन कछू किहस उ येहू क सबइ रचना मँ लिखा अहइ। येहू क बाप क नाउँ हनानी रहा। इ सबइ बातन “इस्राएल क राजा लोगन क इतिहास” नाउँ क किताब मँ लिखा भवा अहइ।
35 कछू समइ पाछे यहूदा क राजा यहोसापात इस्राएल क राजा अहज्याह क संग सन्धि किहस। अहज्याह बुरा किहस।
36 यहोसापात अहज्याह क संग जहाजन क बरे, बनाइ बरे राज़ी होइ गएन जउन तसीर्स नगर जाइहीं। उ पचे जहाजन क एस्योन गेबेर नगर मँ बनाएस।
37 तब दोदावाह जउन मारेस क रहा क पूत एलीआज़ार यहोसापात क खिलाफ भविस्सबाणी किहेस। उ कहेस, “यहोसापात, तू अहज्याह क संग मिल गए अहा, इहइ कारण अहइ कि यहोवा तोहरे कारज क नस्ट करी।” जहाज टूट गएन, एह बरे यहोसापात अउ अहज्याह ओनका तसीर्स नगर क न पठइ सकेन।
2 Chronicles 21
1 तब यहोसापात अउर अपने पुरखन क संग दफनावा गवा। ओका दाऊद नगर मँ दफनावा गवा। यहोराम यहोसापात क जगह पइ नवा राजा भवा। यहोराम यहोसापात क पूत राह।
2 यहोराम क भाई अजर्याह, यहीएल, जकर्याह, अजर्याह, मीकाएल अउर सपत्याह रहेन। उ सबइ लोग यहोसापात क पूत रहेन। यहोसापात यहूदा क राजा रहा।
3 यहोसापात अपने पूतन क चाँदी, सोना अउर कीमती चिजियन भेंट मँ दिहस। उ ओनका यहूदा मँ सक्तीसाली किलन भी दिहेस। किन्तु यहोसापात राज्ज यहोराम क दिहस काहेकि यहोराम सब स बड़का पूत रहा।
4 यहोराम अपने बाप क राज्ज प्राप्त किहस अउर अपने क सक्तीसाली बनाएस। उ आपन तरवारे स आपन सबहिं भाइयन क मार डाएस। उ इस्राएल क कछू प्रमुखन क मार डाएस।
5 जब यहोराम सासन सुरू किहेस तउ उ बत्तीस बरिस क रहा। उ यरूसलेम मँ आठ बरिस तलक हुवूमत किहस।
6 उ उहइ तरह रहा जइसे इस्राएल क राजा रहत रहेन। उ उहइ तरह रहा जउने तरह अहाब क परिवार रहत रहा। इ एह बरे भवा कि यहोराम अहाब क बिटिया स बियाह किहस अउर यहोराम यहोवा क निगह मँ बुरा किहस।
7 किन्तु यहोवा दाऊद क परिवार क नस्ट नाहीं करइ चाहत रहा, काहेकि उ दाऊद क संग वाचा किहे रहा। यहोवा बचन दिहे रहा कि दाऊद अउर ओकरी सन्तान क एक बंस सदा ही सासन करब।
8 यहोराम क समइ मँ, एदोम यहूदा क अधिकार छेत्र स बाहेर निकर गवा। एदोम क लोग अपना राजा चुन लिहन।
9 एह बरे यहोराम अपने सबहिं सेनापतियन अउर रथन क संग एदोम गवा। एदोमी सेना यहोराम अउर ओकरे रथ क रथपतियन क घेर लिहस। किन्तु यहोराम रात मँ जुद्ध कइके अपने निकरइ क रस्ता हेर लिहस।
10 उ सबइ स अब तलक एदोन क देस यहूदा क खिलाफ बिद्रोही रहा ह। लिब्ना नगर क लोग भी यहोराम क बिरुद्ध होइ गएन। इ एह बरे भवा कि यहोराम पुरखन क, यहोवा परमेस्सर क छोड़ दिहस।
11 यहोराम ऊँची जगह भी यहूदा क पहाड़ियन पइ बनाएस। यहोराम यरूसलेम क लोगन क परमेस्सर बरे अबिस्सासी बनइ क कारण बनेस। उ यहूदा क लोगन क यहोवा क खिलाफ भड़काएस।
12 एलिय्याह नवी स यहोराम क एक सँदेसा मिला। सँदेसा मँ इ कहा गवा रहा: “इ उ अहइ जउन परमेस्सर यहोवा कहत ह। इहइ उ परमेस्सर अहइ जेकर अनुसरण तोहार पुरखा दाऊद करत रहा। यहोवा कहत ह, ‘यहोराम, तू उ तरह नाहीं रह्या जउने तरह तोहार बाप यहोसापात रहा। तू उ प्रकार नाहीं रह्या जउने तरह यहूदा क राजा आसा रहा।
13 मुला तू उ तरह रह्या जउने तरह इस्राएल क राजा रहेन। तू यहूदा अउ यरूसलेम क लोगन क उ काम करइ स रोक्या ह जउन यहोवा चाहत ह। इहइ अहाब अउर ओकर परिवार किहस। उ पचे यहोवा क बरे बिस्सास क जोग्ग न रहेन तू अपने भाइयन क मार डाया। तोहार भाई तोहसे नीक रहेन।
14 एह बरे अब यहोवा हाली ही तोहरे लोगन क बहोत जियादा सजा देइ। यहोवा तोहरे बच्चन, मेहरुअन अउर तोहार सारी सम्पत्ती क सजा देइ।
15 तू पचन्क आँतन मँ भयंकर बीमारी होइ। इ हर रोज जियादा बिगड़त जाइ। तब तोहार भयंकर बीमारी क कारण आँतन बाहेर निकरि अइहीं।’”
16 यहोवा इथियोपियन क लगे रहइवाले पलिस्तियन अउ अरबियन क यहोराम स रूठाइ दिहस।
17 उ पचे यहूदा देस पइ हमला कइ दिहन अउर राजमहल क सारी सम्पत्ति अउ यहोराम क पूतन अउ मेहररुअन क लइ गएन। सिरिफ यहोराम क सब स छोटका पूत छोड़ दीन्ह गवा। यहोराम क सब स नान्ह पूत क नाउँ यहोआहाज रहा।
18 ओन चिजियन क होइ क पाछे यहोवा यहोराम क आँतन मँ अइसा रोग पइदा किहस जेकर उपचार न होइ सका।
19 तब यहोराम क आँतान, दुइ बरिस पाछे ओकरी बीमारी क कारण बाहेर आइ गइ। उ बहोत बुरी पीरा मँ मरा। यहोराम क सम्मान मँ लोग आगी क महाज्वाला नाहीं बारेन जइसा उ पचे ओकरे बाप क बरे किहे रहेन।
20 यहोराम उ समइ बत्तीस बरिस क राह जब उ राजा भवा रहा। उ यरूसलेम मँ आठ बरिस हुवूमत किहस। जब यहोराम मरा तउ कउनो मनई दुखी नाहीं भवा। लोग यहोराम क दाऊद क नगर मँ दफनाएन किन्तु ओन कब्रन मँ नाहीं जहाँ राजा दफनाए जात हीं।
2 Chronicles 22
1 यरूसलेम क लोग अहज्याह क यहोराम क जगह पइ नवा राजा होइ क बरे चुनेन। अहज्याह यहोराम क सबस नान्ह पूत रहा। अरब लोगन क संग जउन लोग यहोराम क डेरन पइ हमला करइ आए रहेन उ पचे यहोराम क बड़े पूतन क मार डाए रहेन। एह बरे यहूदा मँ अहज्याह सासन करब सुरु किहस।
2 अहज्याह जब हुवूमत करब सुरु किहस तब उ बाईस बरिस क रहा। अहज्याह यरूसलेम मँ एक बरिस हुवूमत किहस। ओकरी महतारी क नाउँ अतल्याह रहा। अतल्याह क बाप क नाउँ ओम्री रहा।
3 उ अहज्याह भी वइसे ही रहा जइसे अहाब क परिवार रहत रहा। उ उ तरह रहा काहेकि ओकर महतारी ओका गलत काम करइ क बरे हुसकाएस।
4 अहज्याह यहोवा क दृस्टि मँ बुरे काम किहस, जइसा कि अहाब क परिवार किहे रहा। अहाब क परिवार अहज्याह क ओकरे बाप क मरई क पाछे बुरी सलाह दिहस। उ बुरी सलाह ओकरे मउत क कारण रहा।
5 अहज्याह उहइ सलाह क मानेस जउन अहाब क परिवार ओका दिहस। अहज्याह राजा योराम क संग अराम क राजा हजाएल क खिलाफ गिलाद क रामोत नगर मँ गवा। योराम क बाप क नाउँ अहाब रहा जउन इस्राएल क राजा रहा। किन्तु अमिर्या क लोग योराम क जुद्ध मँ घायल कइ दिहन।
6 योराम लउटिके यिज्रेल नगर क स्वस्थ होइ क बरे गवा। उ रामोत मँ तब घायल भवा रहा जब उ अराम क राजा हजाएल क खिलाफ जुद्ध करत रहा।तब यहोराम क पूत अहज्याह अहाब क पूत योराम स मिलइ यिज्रेल नगर क गवा। योराम यिज्रेल नगर मँ रहा काहेकि उ घायल रहा।
7 परमेस्सर अहज्याह क मउत तब करवाइ दिहस जब उ योराम स भेटइ गवा। अहज्याह पहोंचा अउर योराम क संग येहू स भेटइ गवा। येहू क बाप क नाउँ निमसी रहा। यहोवा येहू क अहाब क परिवार क नस्ट करइ बरे चुनेस।
8 येहू अहाब क परिवार क सजा देत रहा। येहू यहूदा क प्रमुखन अउर अहज्याह क ओन सम्बन्धियन क पता लगाएस जउन अहज्याह क सेवा करत रहेन। येहू यहूदा क ओन प्रमुखन अउर अहज्याह क सम्बन्धियन क मार डाएस।
9 तब येहू अहज्याह क खोज मँ रहा। येहू क लोग ओका उ समइ पकरि लिहन जब उ सोमरोन नगर मँ छुपइ क जतन करत रहा। उ पचे अहज्याह क येहू क लगे लिआएन। उ पचे अहज्याह क मार दिहन अउर ओका दफनाइ दिहन। उ पचे कहेन, “अहज्याह यहोसापात क संतान अहइ। यहोसापात पूरे हिरदइ स यहोवा क अनुसरण किहे रहे।” अहज्याह क परिवार मँ उ सक्ती नाहीं रही कि यहूदा क राज्ज क अखण्ड रखि सकइ।
10 अतल्याह अहज्याह क महतारी रही। जब उ लखेस कि ओकर पूत मर गवा तउ उ यहूदा मँ राजा क सबहिं पूतन क मार डाएस।
11 एहॅ बरे राजा यहोराम क बिटिया यहोसावत अहज्याह क पूत योआस क लिहस अउर ओका छुपाइ दिहस। जब राजा क दूसर पूतन क मार दीन्ह ग रहेन। यहोसापात योआस अउर ओकरी धाई क अपने सयनकच्छ क भीतर रखेस। यहोसावत याजक यहोयादा क मेहरारु रही अउर उ अहज्याह क बहिन रही। यहोसावत योआस क छुपाइ दिहे रहा। ऍह बरे रानी अतल्याह ओका नाहीं मार सकेस।
12 योआस याजकन क संग परमेस्सर क मन्दिर मँ छ: बरिस तलक छुपा रहा। उ जमाने मँ अतल्याह रानी क रुप मँ देस पइ हुवूमत किहस।
2 Chronicles 23
1 सताएँ बरिस मँ यहोयादा आपन सक्ती देखाएस। उ सेनापितयन क संग सन्धि किहस। उ सबइ नायक: यरोहाम क पूत अजर्याह यहोहानान क पूत इस्माएल, ओबेद क पूत अजर्याह, अदायाह क पूत मासेयाह अउर जिवी क पूत एलीसापात रहेन।
2 उ पचे यहूदा क चारिहुँ कइँती गएन अउर यहूदा क सबहिं नगरन स उ पचे लेवीबंसियन क बटोरेन। उ पचे इस्राएल क परिवारन क प्रमुखन क भी बटोरेन। तब उ पचे यरूसलेम गएन।
3 सबहिं लोग एक संग मिलिके राजा क संग परमेस्सर क मन्दिर मँ एक ठु सन्धि किहन।यहोयादा एन लोगन स कहेस, “राजा क पूत हुवूमत करी। इहइ उ बचन अहइ जउन यहोवा दाऊद क संतानन क सम्बंधित दिहे रहा।
4 अब, तोहका इ जरूर करइ चाही: याजकन अउ लेवीयन सबित क दिन तू पचन्मँ स जउन सेवा पइ जात हीं ओनकर एक तिहाई दुआरे क रच्छा करी।
5 तोहार एक तिहाई राजमहल पइ रही अउर तोहार एक तिहाई पहिले फाटक पइ रही। मुला दूसर सबहिं लोग यहोवा क मन्दिर क अँगना मँ रहिहीं।
6 कउनो भी मनई क यहोवा क मन्दिर मँ न आवइ द्या। सिरिफ सेवा करइवाले याजकन अउ लेवीबंसियन क पवित्तर होइ क कारण, यहोवा क मन्दिर मँ आवइ क आग्या अहइ। मुला दूसर लोग उ कारज करिहीं जउन यहोवा दइ रखेस ह।
7 लेवीबंसियन जरूर राजा क नजिक रहइ चाही। हर एक मनई अपनी तरवार अपने संग रखी। जदि कउनो मनई मन्दिर मँ प्रवेस करइ क कोसिस करत ह तउ उ मनई क मार डावा। तू पचन्क राजा क संग रहब बाटइ उ जहाँ।”
8 लेवीबंसी अउ यहूदा क सबहिं लोग याजक यहोयादा जउन आदेस दिहस, ओकर पालन किहस। याजक यहोयादा याजकन क समूह मँ स कउनो क छूट नाहीं दिहस। इ तरह हरेक सेनापित आपन सबहिं लोगन क जउन सबित क दिन सेवा मँ जात रहेन, अउर जउन सेवा मँ नाहीं जात रहेन लइ लिहेन।
9 याजक यहोयादा अधिकारियन क उ सबइ भालन अउर बड़ा अउ नान्ह ढारन क दिहन जउन राजा दाऊद क रहिन। उ सबइ हथियार परमेस्सर क मन्दिर मँ धरे रहेन।
10 तब यहोयादा लोगन क बताएस कि ओनका कहाँ खड़ा होब अहइ। हर एक मनई अपने हथियार अपने हाथ मँ लिहे रहा। उ पचे मन्दिर क दाई अउ बाई सबइ रासतन मँ खड़ा भएन। उ पचे वेदी, मन्दिर अउर राजा क निचके खड़े रहेन।
11 उ पचे राजा क पूत क बाहेर लिआएन अउर ओका मुवुट पहिराइ दिहन। उ पचे ओका व्यवस्था क किताब क एक प्रति दिहन। तब उ पचे योआस क राजा बनाएसन यहोयादा अउर ओकरे पूतन योआस क अभिसेक किहन। उ पचे कहेन, “राजा दीर्घायु होइ।”
12 अतल्याह मन्दिर कइँती दउड़त भए अउर राजा क बड़कइ करत भए लोगन क सोर सुनेस। उ यहोवा क मन्दिर पइ लोगन क लगे आइ।
13 उ नजर दउड़ाएस अउर राजा क लखेस। राजा राज स्तम्भ क संग सामनेवाले दुआर पइ खड़ा रहा। अधिकारी अउ लोग जउन तुरही बजावत रहेन, राजा क लगे रहेन। देस क लोग खुस रहेन अउर तुरही बजावत रहेन। गायक संगीत क बाजन क बजावत रहेन। गायक बड़कई क गायन मँ लोगन क अगुवाई करत रहेन। तब अतल्याह अपने ओढ़नन क फारि डाएस, अउर उ कहेस, “सड्यन्त्र, सड्यन्त्र।”
14 याजक यहोयादा फउजे क नायकन क बाहेर लिआवा। उ ओनसे कहेस, “अतल्याह क, सेना स, बाहेर लइ आवा। अपनी तरवार क उपयोग उ मनई क मार डावइ बरे करा जउन ओकरे संग जात ह।” तब याजक फउजियन क चितउनी दिहस, “अतल्याह क यहोवा क मन्दिर मँ जिन मारा।”
15 तब ओन लोग अतल्याह क पकड़ लिहन जब उ राजमहल क घोड़ दुआर पइ आइ। तब उ पचे उहइ जगह पइ ओका मार डाएन।
16 तब यहोयादा राजा अउर सबहिं लोगन क संग एक ठु सन्धि किहस। सबहिं स्वीकार किहन कि उ पचे यहोवा क लोग रहिहीं।
17 सबहिं लोग बाल क मूतिर् क मन्दिर मँ गएन अउर ओका उखाड़ डाएन। उ पचे बाल क मन्दिर क वेदियन अउर मूरतियन क तोड़ डाएन। उ पचे बाल क वेदी क समन्वा बाल क याजक मत्तान क मार डाएस।
18 तब यहोयादा याजकन क चुनेस अउर ओनका यहोवा क मन्दिर बरे उत्तरदायी बनाएस। उ पचे याजक लेवीबंसी रहेन अउर दाऊद ओनका यहोवा क मन्दिर क बरे उत्तरदायी होइ क कार्य सौपे रहा। ओन याजकन क होमबलि मूसा क आदेस क अनुसार यहोवा क चढ़ाउब रही। उ पचे बहोत खुसी स दाऊद क निदेर्स क अनुसार गावत भए बलि चढ़ावत रहेन।
19 यहोयादा यहोवा क मन्दिर क दुआरे पइ दुआरपाल रखेस जेहसे कउनो मनई जउन कउनो दृस्टि स सुद्ध नाहीं रहा मन्दिर मँ नाहीं जाइ सकत रहा।
20 यहोयादा फउज क नायकन, प्रमुखन लोगन क प्रसासकन अउ देस क सबहिं लोगन क अपने संग लिहस। तब यहोयादा राजा क यहोवा क मन्दिर स बाहेर निकारेस अउर उ पचे ऊपरी दुआरे स राजमहल मँ गएन। उ जगह पइ उ पचे राजा क गद्दी पइ बइठाएन।
21 यहूदा क सबहिं लोग बहोत खुस रहेन अउर यरूसलेम नगर मँ सान्ति रही काहेकि अतल्याह तरकारे स मार दीन्ह गइ रही।
2 Chronicles 24
1 योआस जब राजा बना सात बरिस क राहा। उ यरूसलेम मँ चालिस बरिस तलक सासन किहस। ओकरी महतारी क नाउँ सिब्या रहा। सिब्या बेसेर्बा नगर क रही।
2 योआस उ काम जउन यहोवा क नज़र मँ नीक अहा तब तलक करत रहेन जब तलक याजक यहोयादा जिअत रहा।
3 यहोयादा योआस क बरे दुइ मेहररुअन चुनेस। योआस क पूत अउर बिटियन रहिन।
4 तब कछू समइ पाछे, योआस यहोवा क मन्दिर दुबारा बनावइ क निहचइ किहस।
5 योआस याजकन अउ लेवीबंसियन क एक संग बोलाएस। उ ओनसे कहेस, “यहूदा क नगरन मँ जा अउर उ धने क बटोरा जेकर भुगतान इस्राएल क लोग हर बरिस करत हीं। उ धने क उपयोग परमेस्सर क मन्दिर दुबारा बनावइ मँ करो। हाली करा अउर एका पूरा कइ ल्या।” मुला लेवीबंसियन हाली नाहीं किहन।
6 एह बरे राजा योआस मुख्य याजक, यहोयादा क बोलाएस। राजा कहेस, “यहोयादा, तू यहूदा अउ यरूसलेम स यहोवा क सेवक मोसा दुआरा कर क धन वसूलइ बरे लेवीबंसियन क नाहीं लिहा? मूसा अउर इस्राएल क लोग पवित्तर तम्बू बरे इ कर क धन क उपयोग किहे रहेन।”
7 पुराने जमाने मँ अतल्याह क पूत, परमेस्सर क मन्दिर मँ जबरदस्ती घुस गए रहेन। उ पचे यहोवा क मन्दिर क पवित्तर चिजियन क उपयोग अपने बाल देवतन क पूजा क बरे किहस। अतल्याह एक ठु दुट्ठ मेहरारु रही।
8 राजा योआस एक ठु सन्दूख बनावइ क आदेस दिहेस अउर ओका यहोवा क मन्दिर क दुआरे क बाहेर रखइ क आदेस दिहस।
9 तब लेविबंसियन यहूदा अउ यरूसलेम मँ इ घोसणा किहन। उ पचे लोगन स कर क धन यहोवा क बरे लिआवइ क कहेन। यहोवा क सेवक मूसा इस्राएल क लोगन स रेगिस्ताने मँ रहत समइ जउन कर क रुप मँ धन मँागे रहा ओतना ही इ धन अहइ।
10 सबहिं प्रमुख अउर सबहिं लोग खुस रहेन। उ पचे धन लइके आएन अउर उ पचे ओका सन्दूखे मँ डाएन। उ पचे तब तलक देत रहेन जब तलक सन्दूख नाहीं भरि गवा।
11 तब लेवीबंसियन क राजा क अधिकारियन क समन्वा सन्दूख लइ जाइ क पड़ी। उ पचे लखेन कि सन्दूख धन स भरि गवा ह। राजा क सचिव अउर प्रमुख याजक क अधिकारी आएन अउर उ पचे धने क सन्दूख स निकारेन। तब उ पचे सन्दूख क अपनी जगहिया पइ फुन वापस लइ गएन। उ पचे बार-बार किहन अउर धन बटोरेन।
12 तब राजा योआस अउर यहोयादा उ धन ओन लोगन क दिहस जउन यहोवा क मन्दिर क बनावइ क कार्य करत रहेन अउर यहोवा क मन्दिर बनावइ मँ कार्य करइवालन यहोवा क मन्दिर क दुबारा बनावइ बरे वुसल बढ़ई अउर काठे पइ खुदाई क कार्य करइवालन क मजदूरी पइ धरेन। उ पचे यहोवा क मन्दिर क दुबारा बनावइ बरे कँासे अउर लोहा क काम करइ क जानकरी रखइवालन क भी मजूरी पइ रखेन।
13 काम क निगरानी रखइवाले मनई बहोत बिस्सास क जोग्ग रहेन। यहोवा क मन्दिर क दुबारा बनावइ गवा। उ पचे परमेस्सर क मन्दिर क पहिले क तरह ही बनाएन अउर इ पहिले स जियादा मजबूत बनाएन।
14 जब कारीगरन कार्य पूरा कइ लिहन तउ उ पचे उ धने क जउन बचा रहा राजा योआस अउर यहोयादा क लगे लइ आएन। उ पचे धन क उपयोग यहोवा क मन्दिर बरे चिजियन बनावइ बरे किहन। उ सबइ चिजियन मन्दिर क सेवाकार्य मँ अउर होमबलि चढ़ावइ मँ काम आवति रहिन। उ पचे खोरन अउर दूसर चिजियन क सोना अउ चाँदी स बनाएन। याजकन यहोवा क मन्दिर मँ हर एक दिन क होमबलि तब तलक चढ़ाएन जब तलक यहोयादा जिअत रहा।
15 यहोयादा बूढ़ा भवा। उ बहोत लम्बी उमिर बिताएस तब उ मरा। यहोयादा जब मरा, उ एक सौ तीस बरिस क रहा।
16 लोगन यहोयादा क दाऊद क नगर मँ हुवाँ दफनाएन जहाँ राजा दफनाए जात हीं। लोगन यहोयादा क हुवाँ दफनाएन काहेकि अपनी जिन्नगी मँ उ परमेस्सर अउ परमेस्सर क मन्दिर बरे बहोत अच्छे कार्य किहस।
17 यहोयादा क मरई क पाछे यहूदा क प्रमुख आएन अउर उ पचे राजा योआस क समन्वा निहुरेन। राजा एन प्रमुखन क सुनेस।
18 राजा अउ प्रमुखन उ यहोवा, परमेस्सर क मन्दिर क छोड़ दिहेस जेकर अनुसरण ओनकर पुरखन करत रहेन। उ पचे असेरा स्तम्भ अउर दूसर मूरतियन क पूजा सुरू किहस। परमेस्सर यहूदा अउ यरूसलेम क लोगन पइ कोहाइ गवा काहेकि राजा अउ उ प्रमुखन अपराधी रहेन।
19 परमेस्सर लोगन क लगे नबियन क ओनका यहोवा कइँती लउटाइ क बरे पठएस। नबियन लोगन क चितउनी दिहन। किन्तु लोग सुनइ स इन्कार कइ दिहन।
20 तब परमेस्सर क आतिमा याजक यहोयादा क पूत जकर्याह पइ उतरी। जकर्याह लोगन क समन्वा खड़ा भवा अउर उ कहेस, “जउन यहोवा कहत ह उ इ अहइ: ‘तू लोग यहोवा क आदेस पालन करइ स काहे इन्कार करत अहा? तू कामयाब नाहीं होब्या। तू यहोवा क तजा ह। एह बरे यहोवा भी तोहका छोड़ दिहस ह।’”
21 लेकिन लोग जकर्याह क खिलाफ जोजना बनाएस। राजा जकर्याह क मार डावइ क आदेस दिहस, एह बरे उ पचे ओह पइ तब तलक पाथर मारेन जब तलक उ मर नाहीं गवा। लोगन इ मन्दिर क आँगन मँ किहन।
22 राजा योआस अपने ऊपर यहोयादा क दयालुता क भी याद नाहीं रखेन। यहोयादा जकर्याह क बाप रहा। मुला योआस यहोयादा क पूत जकर्याह क मार डाएस। मरइ क पहिले जकर्याह कहेस, “यहोवा ओह क लखि जउन तू करत अहा अउर तोहका दण्ड देइ।”
23 बरिस क आखीर मँ अराम क फउज योआस क खिलाफ आइ। उ पचे यहूदा अउ यरूसलेम पइ हमला किहन अउर लोगन क सबहिं प्रमुखन क मार डाएन। उ पचे सारी कीमती चिजियन दमिस्क क राजा क लगे पठइ दिहन।
24 अराम क फउज बहोत कम सैनिकन क संग आइ रही किन्तु यहोवा ओका यहूदा क बहोत बड़ी फउज क हरावइ दिहस। यहोवा इ एह बरे किहस कि यहूदा क लोग यहोवा परमेस्सर क तजि दिहन जेकर अनुसरण ओनकर पुरखन करत रहेन। इ तरह योआस क सजा मिली।
25 जब अराम क लोग योआस क छोड़ेन, उ बुरी तरह घायल रहा। योआस क अपने सेवकन ओकरे खिलाफ जोजना बनाएन। उ पचे अइसा एह बरे किहन कि योआस याजक यहोयादा क पूत जकर्याह क मार डाए रहा। सेवकन योआस क ओकरी अपनी चारपाई पइ मार डाएन। योआस क मरइ क पाछे लोग ओका दाऊद क नगर मँ दफनाएन। किन्तु लोग ओका उ जगहिया पइ नाहीं दफनाएन जहाँ राजा दफनाए जात हीं।
26 जउन सेवकन योआस क खिलाफ जोजना बनाएन, उ पचे इ सबइ अहइँ जाबाद अउ यहोजाबाद जाबाद क महतारी क नाउँ सिमात रहा। सिमात अम्मोन क रही। यहोजाबाद क महतारी क नाउँ सिम्रित रहा। सिम्रित मोआब क रही।
27 योआस क पूतन क कथा, ओकर खिलाफ बहोत सारी भविस्सबाणियन अउर उ फुन परमेस्सर क मन्दिर कइसे बनाएस, “राजा लोगन क व्याख्या” नाउँ क किताबे मँ लिखा अहइ। ओकरे पाछे योआस क पूत अमस्याह नवा राजा भवा।
2 Chronicles 25
1 अमस्याह राजा बनई क समइ पचीस बरिस क रहा। उ यरूसलेम मँ उन्तीस बरिस तलक हुवूमत किहस। ओकरी महतारी क नाउँ यहोअद्दान रहा। यहोअद्दान यरूसलेम क रही।
2 अमस्याह उहइ किहस जेका यहोवा नीक समुझत ह। मुला उ पूरे हिरदइ स नाहीं किहस।
3 अमस्याह क हाथ मँ राजसत्ता सुदृढ़ होइ गइ। तब उ ओन अधिकारियन क मार डाएस जउन ओकरे बाप राजा क मारे रहेन।
4 मुला अमस्याह ओन अधिकारियन क बच्चन क नाहीं मारेस। काहेकि उ मूसा क किताबे मँ लिखे नेमन क मानेस। यहोवा आदेस दिहे रहा, “पिता लोगन क अपने पूतन क पाप बरे नाहीं मरइ चाही। बच्चन अपने बाप क पापन क बरे नाहीं मरइ चाही। हर एक मनई क अपने खुद क पाप क बरे मरइ चाही।”
5 अमस्याह यहूदा क लोगन क बटोरेस। उ ओनके परिवार क एक ठु बर्ग बनाएस अउर ओन बर्गन क अधिकारि सेनाध्यच्छ अउर नायक नियुक्त कीन्ह गएन। उ पचे प्रमुख यहूदा अउर बिन्यामीन क सबहिं फउजियन क अधिकारी भएन। सबहिं लोग जउन फउजी होइ बरे चुने गएन, बीस बरिस क या ओहसे जियादा क रहेन। उ पचे सब तीन लाख प्रसिच्छित फउजी भालन अउर ढार क संग लड़इवालन रहेन।
6 अमस्याह एक लाख फउजियन क इस्राएल स भाड़े पइ रखेस। उ पउने पौने चार टन चाँदी क भुगतान ओन फउजियन क किराये पइ लेइ बरे किहस।
7 मुला परमेस्सर क एक मनई अमस्याह क लगे आवा। परमेस्सर क मनई कहेस, “राजा, अपने संग इस्राएल क सेना क न जाइ द्या। परमेस्सर इस्राएल क संग नाहीं अहइ। परमेस्सर एप्रैम क लोगन क संग नाहीं अहइ।
8 हिआँ तलक कि अगर तू आपन आप क मज़बूत बनाइ लिहा अउर जुद्ध बरे तइयार होइ गवा, तउ भी परमेस्सर तोहका हराइ देब, कहेकि जीत अउर हार दुइनउँ यहोवा क मदद पइ निर्भर करत ह।”
9 अमस्याह परमेस्सर क मनई स कहेस, “किन्तु हमरे धने क का होइ जउन मइँ पहिले ही इस्राएल क फउज क दइ दिहे हउँ?” परमेस्सर क मनई जवाब दिहस, “यहोवा क लगे बहोत जियादा अहइ। उ ओहसे भी जियादा तोहका दइ सकत ह।”
10 एह बरे अमस्याह इस्राएल क फउज क वापस घर एप्रैम क पठइ दिहस। उ सबइ लोग राजा अउर यहूदा क लोगन क खिलाफ बहोत कोहाइ गएन। उ पचे बहोत जियाद किरोधित होइके अपने घरे लउटेन।
11 तब अमस्याह बहोत हिम्मती होइ गवा अउर उ अपनी फउज क एदोम देस मँ नमक क घाटी मँ लइ गवा। उ जगह पइ अमस्याह क फउज सेईर क दस हजार फउजियन क मार डाएस।
12 यहूदा क फउज सेईर स दस हजार मनई धरेस। उ सबइ ओन मनइयन एक ऊँच चोटि पइ लइ गएन। उ सबइ लोग तब तलक जिअत रहेन। तब यहूदा क फउज ओन मनइयन क उ ऊँच चट्टान क चोटी स खाले लोकाइ दिहस अउर ओनकर तन खाले क चट्टानन पइ ध्वस्त होइ गएन।
13 किन्तु उहइ समइ इस्राएली फउज यहूदा क कछू नगरन पइ हमला करत रही। उ सबइ सोमरोन स बेथोरोन नगर तलक क नगरन पइ हमला करत रहेन। उ पचे तीन हजार लोगन क मार डाएन अउर उ पचे बहोत स कीमती चिजियन लइ गएन। उ फउजे क लोग एह बरे कोहान रहेन काहेकि अमस्याह ओनका जुद्ध मँ अपने संग सामिल नाहीं होइ दिहस।
14 अमस्याह एदोमी लोगन क हरावइ क पाछे घरे लउटा। उ सेइर क लोगन क ओन देवमूरतियन क लिआवा जेनकर उ पचे पूजा करत रहेन। अमस्याह ओन देवमूरतियन क पूजब सुरु किहस। उ ओन देवतन क प्रणाम किहस अउर ओनका सुगन्धि भेंट किहस।
15 यहोवा अमस्याह पइ बहोत कोहाइ गवा। यहोवा अमस्याह क लगे एक नबी पठएस। नबी कहेस, “अमस्याह, तू ओन देवतन क काहे पूजा किहा जेनका उ सबइ लोग पूजत रहेन? उ सबइ देवता तउ अपने लोगन क भी तोहसे रच्छा न कइ सकेन।”
16 जब नवी इ बोला, अमस्याह नवी स कहेस, “हम लोग तोहका कबहुँ राजा क सलाहकार नाहीं बनावा। चुप रहा, जदि तू चुप नाहीं रह्या तउ मार डावा जब्या।” नबी चुप होइ गवा, मुला उ तब कहेस, “परमेस्सर फुरइ तोहका नस्ट करइ क निहचइ कइ लिहस ह। काहेकि तू बुरी बातन करत अहा अउर मोर सलाह नाहीं सुनत्या।”
17 यहूदा क राजा अमस्याह अपने सलाहकार क संग सलाह किहस। तब उ योआस क लगे सँदेसा पठएस। अमस्याह योआस स कहेस, “हम लोग आपने आमने-सामने मिलइ द्या।” योआस यहोआहाज क पूत रहा। यहोआहाज येहू क पूत रहा। येहू इस्राएल क राजा रहा।
18 तब योआस अपना जवाब अमस्याह क पठएस। योआस इस्राएल क राजा रहा अउर अमस्याह यहूदा क राजा रहा। योआस इ कथा सुनाएस: “लबानोन क एक ठु नान्ह कँटेहरी झाड़ी लबानोन क एक बिसाल देवदारु क बृच्छ क सँदेसा, पठएस। नान्ह कँटेहरी झाड़ी कहेस, ‘अपनी बिटिया क बियाह मोरे पूत क सँग कइ द्या,’ मुला एक ठु जंगली जनावर निकरा अउर उ कँटेहरी झाड़ी क वुचरेस अउर ओका नस्ट किहस।
19 तू कहत ह, ‘मइँ एदोम क हराएउँ ह।’ तोहका ओकर घमण्ड अहइ अउर ओकर डीगं हाँकत अहा। मुला तोहका घरे मँ घुसा रहइ चाही। तोहका खतरा मोल लेइ क जरूरत नाहीं अहइ। जदि तू मोहसे जुद्ध करब्या तउ तू अउर यहूदा नस्ट होइ जइहीं।”
20 मुला अमस्याह सुनइ स इन्कार कइ दिहस। इ परमेस्सर कइँती स भवा। परमेस्सर यहूदा क इस्राएल क जरिये हरावइ क जोजना बनाएस काहेकि यहूदा क लोग ओन देवतन क अनुसरण करत रहेन जेनकर अनुसरण एदोम क लोग करत रहेन।
21 एह बरे इस्राएल क राजा योआस बेतसेमेस नगर मँ यहूदा क राजा अमस्याह स आमने-सामने मिला। बेतसेमेस यहूदा मँ अहइ।
22 इस्राएल यहूदा क हराएस। यहूदा क हर एक मनई अपने घरन क पराइ गवा।
23 योआस अमस्याह क बेतसेमेस मँ धरेस अउर ओका यरूसलेम लइ गवा। अमस्याह क बाप क नाउँ योआस रहा। योआस क बाप क नाउँ यहोआहाज रहा। योआस छ:सौ फुट लम्बी यरूसलेम क उ देवार क जउन एप्रैम फाटक स कोने क फाटक तलक रही, गिराइ दिहस।
24 तब योआस परमेस्सर क मन्दिर क सोना, चाँदी अउ कइउ दूसर सामान लइ लिहस। ओबेदेदोम मन्दिर मँ ओन चिजियन क सुरच्छा क जिम्मेदार रहा। मुला योआस ओन सबहिं चिजियन क टाइ लिहस। योआस राजमहल स भी कीमती चिजियन क लिहस। तब योआस कछू लोगन क बन्दी क रूप मँ लिहा अउर सोमरोन लउटि गवा।
25 अमस्याह योआस क मरइ क पाछे पन्द्रह बरिस जिअत रहा। अमस्याह क बाप यहूदा क राजा योआस रहा।
26 अमस्याह सुरु स आखीर तलक दूसर जउन कछू किहस उ सब, “इस्राएल अउर यहूदा क राजा क इतिहास” नाउँ क किताबे मँ लिखा अहइ।
27 जब अमस्याह यहोवा क आग्या क पालन करब तजि दिहस, यरूसलेम क लोग ओकरे खिलाफ एक ठु जोजना बनाएन। उ लाकीस नगर क पराइ गवा। किन्तु लोग लाकीस मँ मनइयन क पठएन अउर उ पचे अमस्याह क हुवाँ मार डाएन।
28 तब उ पचे अमस्याह क ल्हासे क घोड़न पइ लइ गएन अउर ओका ओकरे पुरखन क संग दाऊद नगर मँ दफनाएन।
2 Chronicles 26
1 तब यहूदा क लोग अमस्याह क जगह पइ नवा राजा होइ क बरे उज्जिय्याह क चुनेन। अमस्याह उज्जिय्याह क बाप रहा। जब इ भवा तउ उज्जिय्याह सोलह बरिस क राह।
2 उज्जिय्याह एलोत नगर क दुबारा बनाएस अउर एका यहूदा क लउटाइ दिहस। उज्जिय्याह इ अमस्याह क मरि जाइ अउ पुरखन क संग ओकरे दफनाए जाइ क पाछे किहस।
3 उज्जिय्याह जब राजा भवा तउ उ सोलह बरिस क रहा। उ यरूसलेम मँ बावन बरिस तलक राज्ज किहस। ओकर महतारी क नाउँ यकील्याह रहा। यकील्याह यरूसलेम क रही।
4 उज्जिय्याह उ कामन किहस जेका यहोवा नीक समुझत ह। उ यहोवा क अनुसरण वइसा ही किहस जइसे ओकर बाप अमस्याह किहे रहा।
5 उज्जिय्याह परमेस्सर क अनुसरण जकर्याह क जीवन-काल मँ किहस। जकर्याह उज्जिय्याह क सिच्छा दिहस कि परमेस्सर क सम्मान अउ ओकरी आग्या क पालन कइसे कीन्ह जात ह। जब उज्जिय्याह यहोवा क आग्या क पालन करत रहा तब परमेस्सर ओका कामयाबी दियाएस।
6 उज्जिय्याह पलिस्ती लोगन क खिलाफ एक जुद्ध किहस। उ गत, यब्ने, अउर असदोद नगर क देवारन क गिराइ दिहस। उज्जिय्याह अस्दोद नगर क लगे अउर पलिस्ती लोगन क बीच दूसर जगहन मँ नगर बसाएस।
7 परमेस्सर उज्जिय्याह क पलिस्तियन अउर अरबियन जउन गुर्बाल नगर मँ रहत रहेन अउर मूनियन क खिलाफ जुद्ध करइ मँ मदद किहेन।
8 अम्मोनी उज्जिय्याह क नज़राना (कर) देत रहेन। उज्जिय्याह क नाउँ मिस्र क सीमा तलक प्रसिद्ध होइ गवा। काहेकि उ बहोत सक्तीसाली रहा।
9 उज्जिय्याह यरूसलेम मँ कोने क फाटक पइ, घाटी क फाटक पइ अउर देवारे क मुड़इ क जगहन पइ मीनारन बनवाएस। उज्जिय्याह ओन मीनारन क दृढ़ बनाएस।
10 उज्जिय्याह मीनारन क रेगिस्ताने मँ बनाएस। उ बहोत स वुएँ भी खोदवाएस। ओकरे लगे पहाड़ी देसन अउर मइदानी छेत्र मँ बहोत स गोरूअन रहेन। उज्जिय्याह क लगे पर्वतन मँ अउर जहाँ अच्छी उपज होत रही, उ भुइँया मँ किसान रहेन। उ अइसे मनइयन क भी रखे भए रहा जउन ओन खेतन क रखवारी करत रहेन जेनमाँ अंगूर रहेन। ओका खेती स पिरेम रहा।
11 उज्जिय्याह क लगे प्रसिच्छित फउजियन क एक फउज रही। उ सबइ फउजी सचिव यीएल अउर अधिकारी मासेयाह जरिये बर्गन मँ बेटे रहेन। हनन्याह ओनकर प्रमुखन रहा। यीएल अउर मासेयाह ओन फउजियन क गनेस अउर ओनका बर्गन मँ रखेस। हनन्याह राजा क अधिकारियन मँ स एक रहा।
12 फउजियन क ऊपर दुइ हजार छ: सौ प्रमुखन रहेन।
13 उ पचे परिवार परिवार प्रमुखन तीन लाख सात हजार पाँच सौ मनसेधुअन क उ फउज क अधिपति रहेन जउन बड़की सक्ती स लड़त रहिन। उ सबइ फउजी राजा क दुस्मनन क बिरुद्ध मदद करत रहेन।
14 उज्जिय्याह फउज क ढार, भालन, टोप, कवच, धनुस अउ गुलेलन बरे पाथर दिहे रहा।
15 यरूसलेम मँ उज्जिय्याह जउन यन्त्र बनाएस उ बुद्धिमानन क आविस्कार रहेन। उ सबइ यन्त्र मीनारन अउ कोने क देवारन पइ रखे गए रहेन। इ सबइ यन्त्र क बड़के पाथर लोकावइ अउर बाण चलावइ बरे प्रयोग रहेन। उज्जिय्याह प्रसिद्ध होइ गवा। लोग ओकर नाउँ दूर-दूर क देसन मँ जानत रहेन। ओकरे लगे बड़की मदद रही अउर उ सक्तीसाली राजा होइ गवा।
16 किन्तु जब उज्जिय्याह सक्तीसाली होइ गवा, तउ ओकर घमण्ड ओकरे नस्ट क कारण बनेस। उ यहोवा आपन परमेस्सर यहोवा क मन्दिर मँ वेदी पइ सुगन्धित बारइ बरे जाइ क धोका दिहस।
17 याजक अजर्याह अउर यहोवा क अस्सी हिम्मती याजक सेवक उज्जिय्याह क पाछे मन्दिर मँ गएन।
18 उ पचे उज्जिय्याह स कहेन कि तू गलत अहा। उ पचे ओहसे कहेन, “उज्जिय्याह यहोवा क बरे सुगन्धि बारब तोहार काम नाहीं अहइ। याजक, हारून क संतान ही सिरिफ यहोवा बरे सुगन्धि बारत हीं। एन याजकन क सुगन्धि बारइ क पवित्तर सेवा क बरे प्रसिच्छण दीन्ह गवा अउर समपिर्त कीन्ह गवा ह। सब स जियादा पवित्तर ठउर स बाहेर निकरि जा तू यहोवा परमेस्सर क धोका देत ह। उ तोहका एकरे बरे सम्मान नाहीं देइ।”
19 मुला उज्जिय्याह कोहाइ गवा। ओकरे हाथे मँ सुगन्धि बारइ बरे एक ठु खोरा रहा। जउने समइ उज्जिय्याह याजकन पइ बहोत कोहाइ गवा, उहइ समइ माथे पइ कोढ़ होइ गवा। इ याजकन क समन्वा यहोवा क मन्दिर मँ सुगन्धि बारइ क वेदी क लगे भवा।
20 प्रमुख याजक अजर्याह अउ सबहिं याजकन उज्जिय्याह क लखेन। उ पचे ओकरे माथे पइ कोढ़ देखत रहेन। याजकन हाली स उज्जिय्याह क मन्दिर स बाहेर जाइ क मजबूर किहन। उज्जिय्याह खुद ही हाली स बाहेर गएस काहेकि यहोवा ओका सजा दइ दिहे रहा।
21 राजा उज्जिय्याह मउत तलक कोढ़ी रहा। उ यहोवा क मन्दिर मँ प्रवेस नाहीं कइ सकत रहा। उ दूसर घरन स दूर एक अलग घरे मँ रहेन। उज्जिय्याह क पूत योताम राजमहल क कब्जा मँ रखेस अउर लोगन क प्रसासक रहेन।
22 उज्जिय्याह सुरु स लइके आखीर तलक जउन कछू किहस उ यसायाह नबी क जरिये लिखा गवा। यसायाह क बाप यामोस रहा।
23 उज्जिय्याह मरा अउर अपने पुरखन क लगे दफनावा गवा। उज्जिय्याह क राजा लोगन क कब्रिस्तान क लगे मैदान मँ दफनावा गवा। काहे काहेकि लोग कहेन, “उज्जिय्याह क कोढ़ अहइ।” योताम उज्जिय्याह क जगह पइ नवा राजा भवा। योताम उज्जिय्याह क पूत रहा।
2 Chronicles 27
1 योताम पचीस बरिस क रहा जब उ राजा भवा। उ सोलह बरिस तलक यरूसलेम मँ हुवूमत किहस। ओकरी महतारी क नाउँ यरुसा रहा। यरूसा सादोक क बिटिया रही।
2 योताम उ काम किहस जेका यहोवा नीक समुझत ह। उ परमेस्सर क आग्या क पालन वइसे ही किहस जइसे ओकर बाप उज्जिय्याह किहे रहा। मुला योताम यहोवा क मन्दिर मँ सुगन्धि बारइ क बरे उहइ तरह नाहीं घुसा जइसे ओकर बाप घुसा रहा। मुला लोग बुरा काम करब जारी रखेन।
3 योताम यहोवा क मन्दिर क ऊपरी दुआर क दुबारा बनाएस। उ ओपेल नाउँ क जगह पइ बहोत स निर्माण कार्य सुरू किहस।
4 योताम यहूदा क पहाड़ी पहँटा मँ नगर बनाएस। योताम मीनार अउर किलन जंगलन मँ बनाएस।
5 योताम अम्मोनी लोगन क राजा अउर ओकरी फउज क खिलाफ लड़ा अउ ओनका हराएस। एह बरे हर साल तीन बरिस तलक अम्मोनी लोग योताम क पौने चार टन चाँदी, बासठ हजार बुसल गोहूँ अउर बासठ बुसल जौ देत रहेन।
6 योताम सक्तीसाली होइ गवा काहेकि उ बिस्सास पूर्वक यहोवा, अपने परमेस्सर क आग्या क पालन किहस।
7 योताम दूसर जउन कछू भी किहस अउ ओकर सबहिं जुद्ध “यहूदा अउ इस्राएल क राजा लोगन क इतिहास” क पुस्तक मँ लिखे भए अहइँ।
8 योताम जब राजा भवा, पच्चीस बरिस क रहा। उ यरूसलेम मँ सोलह बरिस हुवूमत किहस।
9 तब योताम मरा अउर अपने पुरखन क संग दफनावा गवा। लोग ओका दाऊद क नगर मँ दफनाएन। योताम क जगह पइ आहाज राजा भवा। आहाज योताम क पूत रहा।
2 Chronicles 28
1 आहाज बीस बरिस क रहा जब उ राजा भवा। उ यरूसलेम मँ सोलह बरिस तलक राज्ज किहस। आहाज उ नाहीं किहस जेका ओकर पुरखन दाऊद किहस जेका यहोवा नीक समुझत ह।
2 आहाज इस्राएली राजा लोगन क बुरे उदाहरणन क अनुसरण किहस। उ बाल-देवता क पूजा क बरे मूरतियन क बनावइ क बरे साँचे क उपयोग किहस।
3 आहाज हिन्नोम क घाटी मँ सुगन्धि बारेस। उ अपने पूतन क आगी मँ जराइके बलि भेंट किहस। उ उ सबइ सब भयंकर पाप किहस जेका उ पहँटा मँ रहइवाले मनइयन किहे रहेन। ओन सबइ पापन क करण यहोवा ओन मनइयन क बाहेर जाइ क मजबूर किहे रहा जब इस्राएल क लोग उ भुइँया मँ आए रहेन।
4 आहाज बलि भेंट किहस अउर सुगन्धि क ऊँची जगहियन अर्थात पहाड़ियन अउर हर एक हरियर बृच्छ क खाले बारेस।
5 आहाज पाप किहस, एह बरे यहोवा, ओकर परमेस्सर अराम क राजा क ओका पराजित करइ दिहस। अराम क राजा अउर ओकर फउज आहाज क हराएस अउर यहूदा क अनेक लोगन क बन्दी बनाएस। अराम क राजा ओन बन्दियन क दमिस्क नगर क लइ गवा। यहोवा इस्राएल क राजा अउर रमल्याह क पूत पेकह क भी आहाज क पराजित करइ दिहस।
6 पेकह अउर ओकर फउज एक दिन मँ यहूदा क एक लाख बीस हजार बीर फउजियन क मार डाएस। पेकह यहूदा क ओन लोगन क एह बरे हराएस कि उ पचे उ यहोवा, परमेस्सर क आग्या क पालन करइ बन्द कइ दिहस जेकर आग्या ओनकर पुरखन मानत रहेन।
7 जिवी एप्रैमी क एक बीर सिपाही रहा। जिवी राजा आहाज क पूत मासेयाह अउ राजमहल क सरंच्छक अधिकारी अज्रीकाम अउ एलकाना क मार डाएस। एलकाना राजा क ठीक पाछे दूसर सक्ती रहा।
8 इस्राएल क फउज यहूदा मँ रहइवाले दुइ लाख अपने निचके सम्बन्धियन क धरेस। उ पचे मेहररुअन, बच्चन अउर यहूदा स बहोत कीमती चिजियन लिहस। इस्राएली ओन बन्दियन अउर ओन चिजियन क सोमरोन नगर क लइ आएन।
9 मुला हुवाँ यहोवा क एक नबी रहा। इ नबी क नाउँ ओदेद रहा। ओदेद इस्राएल क इ सेना स मिला जउन सोमरोन लउटि आइ। ओदेद इस्राएल क सेना स कहेस, “यहोवा परमेस्सर जेकर आग्या तोहरे पुरखन मानेन, तोहका यहूदा क लोगन क हरावइ दिहन काहेकि उ ओन पइ कोहान रहा। तू लोग यहूदा क लोगन क बहोत वूरता स मार्या अउर दण्डित किहा। अब परमेस्सर तू पचन्पइ कोहान अहइ।
10 तू पचे यहूदा अउ यरूसलेम क लोगन क दास क तरह रखइ क जोजना बनावत अहा। तू लोग भी यहोवा, अपने परमेस्सर क बिरूद्ध पाप किहा ह।
11 अब मोर सुना। अपने जउने भाई बहिनियन क तू लोग बन्दी बनाया ह ओनका वापस कइ द्या। इ करा काहेकि यहोवा क भयंकर किरोध तोहरे पचन्क बिरुद्ध अहइ।”
12 तब एप्रैम क कछू प्रमुखन इस्राएल क फउजियन क जुद्ध स लउटिके घर आवत लख्या। उ सबइ प्रमुखन इस्राएल क फउजियन स मिलेन अउर ओनका चितउनी दिहन। उ पचे प्रमुख योहानान क पूत अजर्याह, मसिल्लेमोत क पूत बेरेक्याह, सल्लूम क पूत यहिजकिय्याह अउर हदलै क पूत अमासा रहेन।
13 ओन प्रमुखन इस्राएली फउजियन स कहेन, “यहूदा क बन्दियन क हिआँ जिन लिआवा। जदि तू इ करत अहा तउ इ हम लोगन क यहोवा क बिरूद्ध बुरा पाप कराइ। उ हमरे पाप अउर अपराध क अउर जियादा बुरा करी अउ यहोवा इस्राएलियन क बिरूद्ध बहोत कोहान होइ।”
14 एह बरे फउजियन बन्दियन अउ कीमती चिजियन क ओन प्रमुखन अउ इस्राएल क लोगन क दइ दिहस।
15 उ सबइ प्रमुखन खड़े भएन अउर उ पचे बन्दियन क मदद किहन। एन चारिहुँ मनइयन ओन ओढ़नन क लिहन जउन इस्राएली फउज लिहे रही अउर एका ओन लोगन क दिहस जउन नंगे रहेन। ओन प्रमुख ओन लोगन क जूते भी दिहन। उ पचे यहूदा क बन्दियन क कछू खाइ अउर पिअइ क दिहन। उ पचे ओन लोगन क ओकर घाव क नरम करइ बरे अउ उपचार बरे तेल मलेन। तब एप्रैम क प्रमुख लोग कमजोर बन्दियन क गदहन पइ चढ़ाएन अउर ओनका ओनके घर खजूर क बृच्छ क नगर यरीहो मँ ओनके परिवारन क लगे लइ गएन। तब उ सबइ चारिहुँ प्रमुख अपने घर सोमरोन क लउटि गएन।
16 उहइ समइ, एदोम क लोग फुन आएन अउर उ पचे यहूदा क लोगन क हराएन। एदोमी लोग लोगन क बन्दी बनाएन अउर ओनका बन्दी क रुप मँ लइ गएन। एह बरे राजा आहाज अस्सूर क राजा स मदद माँगेस।
17
18 पलिस्ती लोग भी पहाड़ी क नगरन अउर दविखन यहूदा पइ हमला किहन। पलिस्ती लोग बेतसेमेस, अय्यालोन, गदेरोत, सोको, तिम्ना अउर गिमजो नाउँ क नगरन पइ कब्जा कइ लिहन। उ पचे ओन नगरन क लगे क गाँवन पइ भी कब्जा कइ लिहन। तब ओन नगरन मँ पलिस्ती रहइ लागेन।
19 यहोवा यहूदा बरे परेसानियन लाएस काहेकि यहूदा क राजा अहाज यहूदा क लोगन क पाप करइ क बरे प्रोत्साहित किहस। उ यहोवा क धोखा दिहेस।
20 अस्सूर क राजा तिलगतपिलनेसेर आवा अउर आहाज क मदद देइ क जगह पइ उ परेसानी दिहस।
21 आहाज कछू कीमती चिजियन यहोवा क मन्दिर, राजमहल अउ राजवुमार भवन स एकट्ठा किहस। आहाज उ सबइ चिजियन अस्सूर क राजा क दिहस। किन्तु उ आहाज क मदद नाहीं दिहस।
22 आहाज क परेसानियन क समइ मँ उ अउर जियादा बुरे पाप किहेस अउर यहोवा क अउर जियादा अबिस्सास जोग्ग बन गवा।
23 उ दमिस्क क लोगन क जरिये पूजे जाइवाले देवतन क बलि भेंट किहस। दमिस्क क लोग आहाज क पराजित किहे रहेन। एह बरे उ मन ही मन सोचे रहा, “अराम क लोगन क देवतन क पूजा ओनका मदद दिहस। जदि मइँ ओन देवतन क बलि भेंट करउँ तउ संभव अहइ, उ पचे मोर भी मदद करइँ।” आहाज ओन देवतन क पूजा किहस। किन्तु ऍकर बदले ओका अउर इस्राएल क लोगन क पतन क कारण बनेस।
24 आहाज यहोवा क मन्दिर स चिजियन बटोरेस अउर ओनकर टूकन कइ दिहस। तब उ यहोवा क मन्दिर क दरवाजन क बन्द कइ दिहस। उ वेदियन बनाएस अउर यरूसलेम मँ सड़क क हर मोड़ पइ ओनका रखेस।
25 आहाज यहूदा क हर नगर मँ दूसर देवतन क पूजा अउर धूपबलि क बारइ बरे ऊँची जगह बनाएस। आहाज यहोवा ओकरे पिता क परमेस्सर क बहोत किरोधित कइ दिहस।
26 आहाज सुरु स आखीर तलक जउन कछू दूसर किहस उ “यहूदा अउ इस्राएल क राजा लोगन क इतिहास” नाउँ क किताबे मँ लिखा अहइ।
27 आहाज मरा अउर अपने पुरखन क संग दफनावा गवा। लोग आहाज क यरूसलेम नगर मँ दफनाएन। किन्तु उ पचे आहाज क उहइ कब्रिस्तान मँ नाहीं दफनाएन जहाँ इस्राएल क राजा दफनाएन गए रहेन। आहाज क जगह पइ ओकर पूत हिजकिय्याह नवा राजा बना।
2 Chronicles 29
1 हिजकिय्याह जब पच्चीस बरिस क रहा, राजा भवा। उ उनतीस बरिस तलक यरूसलेम मँ हुवूमत किहस।। जकर्याह क बिटिया अबिय्याह ओकरी महतारी रही।
2 हिजकिय्याह उहइ किहस जेका ओकर पुरखा दाऊद किहस अउर जेका यहोवा नीक समुझत अहा।
3 हिजकिय्याह यहोवा क मन्दिर क दरवाजन क जोड़ेस अउर ओनका मज़बूत किहस। हिजकिय्याह मन्दिर क फुन खोलेस। उ राजा होइ क पाछे, बरिस क पहिले महीने मँ इ किहस।
4 हिजकिय्याह याजकन अउ लेवीबंसियन क एक बैठक मँ एक संग बइठाएस। उ मन्दिर क पूरब क दिसा मँ खुले अँगना मँ ओनके संग बैठक मँ सामिल भवा।
5 हिजकिय्याह ओनसे कहेस, “मोर सुना, लेवीबंसियो। पवित्तर सेवा बरे अपने क तइयार करा। आपन आपका अउर यहोवा आपन पुरखन क परमेस्सर क मन्दिर क पवित्तर सेवा बरे तइयार करा। असुद्ध चिजियन क पवित्तर जगह स हटाइ द्या।
6 हम लोगन क पुरखन, यहोवाह हम लोगन क परमेस्स्स्सर क धोखा दिहन। उ पचे उ काम किहेन जेका उ बुरा समुझेन। उ पचे ओका छोड़ दिहेस अउर आपन मुँह यहोवा क मन्दिर क ओर स दूर फरि लिहस। उ पचे आपन पीठ ओकर कइँती कइ दिहस।
7 उ पचे मन्दिर क सुआगत कच्छ क दखाजे क बन्द कइ दिहन अउर दीपकन क बुझाइ दिहन। उ पचे सुगन्धि क बारब अउर इस्राएल क परमेस्सर क पवित्तर ठउर मँ होमबलि भेंट करब बन्द कइ दिहन।
8 एह बरे, यहोवा यहूदा अउ यरूसलेम क लोगन पइ बहोत किरोधित भवा। यहोवा ओन लोगन क भयभीत अउर चकित दण्ड दिहस। तू अपनी आँखिन स एका लखि सकत ह।
9 इहइ कारण अहइ कि हमार पुरखन जुद्ध मँ मारे गएन। हमरे पूत, बिटियन अउर मेहररुअन बन्दी बनाई गइन।
10 एह बरे मइँ हिजकिय्याह इ निहचइ किहेउँ ह कि मइँ यहोवा, इस्राएल क परमेस्सर क संग एक वाचा करउँ। तब उ हम लोगन पइ आगे किरोधित नाहीं होब।
11 एह बरे मोर पूतन तू लोग सुस्त जिन ह्वा या अउर जियादा समइ नस्ट न करा। यहोवा तू लोगन क अपनी सेवा करे चुनेस ह। तू पचन्क ओकर सेवा करइ चाही अउर ओकरे बरे सुगन्धि बारइ चाही।”
12 ओन लेवीबंसियन क इ सूची अहइ जउन हुवाँ रहेन अउर जउन कार्य सुरू किहन। कहाती परिवार क अमासै क पूत महत अउर अजर्याह क पूत योएल रहेन। मरारीत परिवार क अब्दी क पूत कीस अउर यहल्लेलेल क पूत अजर्याह रहेन। गेसोर्नी परिवार स जिम्मा क पूत योआह अउर योआह क पूत एदेन रहेन।
13 एलिसापान क संतानन मँ स सिम्री अउर यूएल रहेन। आसाप क संतानन मँ जकर्याह अउर मत्तन्याह रहेन।
14 हेमान क संतानन मँ स यहूएल अउर सिमी रहेन। यदूतून क संतानन मँ स समायाह अउर उज्जीएल रहेन।
15 तब एन लेवीबंसियन अपने भाइयन क एकट्ठा किहन अउर मन्दिर मँ पवित्तर सेवा बरे अपने क तइयार किहस। उ पचे राजा क ओन आदेसन क पालन किहन जउन यहोवा क लगे स आए रहेन। उ पचे यहोवा क मन्दिर मँ ओका स्वच्छ करइ गएन।
16 याजक यहोवा क मन्दिर क भीतरी भाग मँ ओका स्वच्छ करइ गएन। उ पचे सभी असुद्ध चिजियन क बाहेर निकारेन जेनका उ पचे मन्दिर मँ पाएन। उ पचे असुद्ध चिजियन क यहोवा क मन्दिर क आँगन मँ लइ आएन। तब लेवीबंसी असुद्ध चिजियन क यहोवा क मन्दिर क अंगना मँ लइ आएन। तब लेवीबंसी असुद्ध चिजियन क किद्रोन क घाटी मँ लइ गएन।
17 पहिले महीने क पहिले दिन लेवीबंसी अपने आपका पवित्तर करइ सुरू कइ दिहन। महीने क अठएँ दिन लेवीबंसी यहोवा क मन्दिर क दुआर मण्डप मँ आएन। आठ दिन अउर, उ पचे यहोवा क मन्दिर क पवित्तर करइ क कार्य जारी रखेन। उ पचे पहिले महीने क सोलहवें दिन इ काम पूरा किहन।
18 तब उ पचे राजा हिजकिय्याह क लगे वापिस गएन। उ पचे ओहसे कहेन, “राजा हिजकिय्याह, हम लोग यहोवा क पूरे मन्दिर क साथ ही होमबलि चढ़ावइ बरे वेदी क भी ओकर सबइ बरतन क संग सुद्ध कइ दिहेन। हम लोग पवित्तर रोटी प्रदसिर्त करइवाले मेज अउ ओकरे बरे उपयोग मँ आवइवाली सबहिं चिजियन क स्वच्छ कइ दिहन।
19 ओन दिनन जब आहाज राजा रही उ परमेस्सर क बरे विरोध किहस। उ बहोत स चिजियन हटाइ दिहे रहेन जउन मन्दिरे मँ रहिन। मुला हम लोग फुन ओन चिजियन क रख दिहा ह अउर ओनका पवित्तर कार्य बरे सुद्ध कइ दिहा ह। उ पचे अब यहोवा क वेदी क समन्वा अहइँ।”
20 राजा हिजकिय्याह नगर अधिकारियन क एकट्ठा किहेस अउर अगले भिंसारे उ यहोवा क मन्दिर गवा।
21 उ सबइ सात ठु बर्धा, सात ठु भेड़न, सात ठु मेमनन अउ सात ठु नान्ह बोकरन लिआएन। उ सबइ जनावर यहूदा क राज्ज क पापबलि बरे पवित्तर जगह अउ यहूदा क लोगन बरे रहेन। राजा हिजकिय्याह याजकन क जउन हारून क संतान रहेन, आदेस दिहस कि उ पचे ओन जनावरन क यहोवा क वेदी पइ चढ़ावइँ।
22 एह बरे याजक लोग बर्धन क मार डाएन अउर ओनकर रकत धइ लिहन। तब उ पचे बर्धन क रकत वेदी पइ छिछकारेन। तब याजक लोग भेड़न क मारेन अउर वेदी पइ भेड़न क रकत छिछकारेन। तब याजक लोग मेमनन क मारेन अउर ओनकर रकत वेदी पइ छिछकारेन।
23 तब याजक लोग बोकरन क राजा अउर एक संग एकट्ठे लोगन क समन्वा लिआएन। बोकरन पापबलि रहेन। याजक लोग अपने हाथे बोकरन पइ धरेन अउर ओनका मारेन। याजक लोग बोकरन क रकत स वेदी पइ पापबलि चढ़ाएन। उ पचे इ एह बरे किहन कि यहोवा इस्राएल क लोगन क छिमा कइ देइ। राजा कहेस कि होमबलि अउ पापबलि इस्राएल क सबहिं लोगन क बरे होइहीं।
24
25 राजा हिजकिय्याह लेवीबंसियन क यहोवा क मन्दिर मँ मंजीरन, तम्बूरन अउ वीणा क संग रखेन जइसा दाऊद, राजा क द्रस्टा गाद अउर नातान नबी आदेस दिहे रहा। इ आदेस यहवो क हिआँ स ओकर नबियन क जरिये स आवा रहा।
26 इ रतह लेवीबंसी, दाऊद क गीत क बाजन क संग, अउर याजक अपनी तुरहियन क संग खड़े भएन।
27 तब हिजकिय्याह होमबलि क बलि वेदी पइ चढ़ावइ क बरे आदेस दिहस। जब होमबलि देब सुरू भवा, यहोवा बरे गायन भी सुरू भवा। तुरहियन बजाई गइन अउर इस्राएल क राजा दाऊद क वाद्ययंत्र बजेन।
28 सारी सभा दण्डवत किहस, गायकन गाएन अउर तुरही वादकन अपनी तुरहियन तब तलक बजाएन जब तलक होमबलि क चढ़ावा जाब पूरा नाहीं भवा।
29 बलिदानन क पूरे होइ क पाछे राजा हिजकिय्याह अउर ओकरे संग क सबहिं लोग निहुरेन अउर उ पचे उपासना किहन।
30 राजा हिजकिय्याह अउर ओकर अधिकारि लोग लेवीबंसियन क यहोवा क स्तुति क आदेस दिहन। उ पचे ओन गीतन क गाएन जेनका दाऊद अउर द्रस्टा आसाप लिखे रहा। उ पचे यहोवा क स्तुति किहन अउर प्रसन्न भएन। उ पचे सबहिं निहुरेन अउर उ पचे यहोवा क उपासना किहस।
31 हिजकिय्याह कहेस, “यहूदा क लोगो, अब तू लोग खुद क यहोवा क अपिर्त कइ चुका अहा। निचके आवा, बलि अउ धन्यवाद क भेंट यहोवा क मन्दिर मँ लिआवा।” तब लोग बलि अउ धन्यवाद क भेंट लिआएन। कउनो मनई, जउन चाहत रहा, उ होमबलि भी लिआवा।
32 सभा क जरिये मन्दिर मँ लाइ गइ होमबलियन क संख्या इ रहा: सत्तर बर्घा, सौ भेड़न अउर दुई सौ मेमनन। इ सबइ सबहिं जनावर यहोवा क होमबलि क रुप मँ बलि कीन्ह गएन।
33 यहोवा क बरे पवित्तर भेटंन छ: सौ बर्घन अउर तीन हजार भेड़ी बोकरन रहेन।
34 मुला हुवाँ होमबलि बरे चढ़ावा गवा जनावरन क खाल उतारइ अउर ओका काटइ बरे प्रयाप्त याजकन नाहीं रहेन। एह बरे ओनकर सम्बन्धी लेवीबंसियन ओनकर मदद तब तलक किहन जब तलक काम पूरा न भवा अउर जब तलक दूसर याजक अपने क पवित्तर फउज क बरे तइयार न कइ सकेन। लेवीबंसी यहोवा क सेवा बरे अपने क तइयार करइ मँ जियादा याजकन क अपेच्छा जियादा लगनसील रहेन।
35 हुवाँ अनेक होमबलि, मेलबलि क चबीर् अउ पेय भेंट चढ़िन। इ तरह यहोवा क मन्दिर मँ सेवा फुन सुरु भइ।
36 हिजकिय्याह अउर सबहिं लोग ओन चिजियन क बरे खुस रहेन जेनका यहोवा अपने लोगन क बरे बनाएस अउर उ सबइ खुस रहेन कि उ पचे ओनका ऍतनी हाली स किहन।
2 Chronicles 30
1 हिजकिय्याह इस्राएल अउ यहूदा क सबहिं लोगन क सँदेसा पठएस। उ एप्रैम अउ मनस्से क लोगन क भी पत्तर लिखेस। हिजकिय्याह ओन सबहिं लोगन क यरूसलेम मँ यहोवा क मन्दिर मँ आवइ बरे न्यौतेस जेहसे उ सबइ सबहिं फसहपर्व यहोवा, इस्राएल क परमेस्सर बरे मनाइ सकइँ।
2 हिजकिय्याह आपन सबहिं अधिकारियन अउ यरूसलेम क सभा क संग फसह पर्व दूसरे महीने मँ मनावइ बरे राज़ी होइ गएन।
3 उ सबइ फसह पर्व क नियमित समइ स न मनाइ सकइँ। काहे काहेकि प्रायाप्त संख्याँ मँ याजक पवित्तर सेवा बरे अपने आप क तइयार नाहीं किहे रहा अउर दूसर कारण इ रहा कि लोग यरूसलेम मँ एकट्ठे न होइ सके रहेन।
4 इ सुझाव राजा हिजकिय्याह अउर पूरी सभा क सन्तुट्ठ किहस।
5 एह बरे उ पचे इस्राएल मँ बेसेर्बा नगर स लइके लगातार दान तलक हर एक जगह पइ घोसणा किहन। उ पचे लोगन स कहेन कि उ पचे यरूसलेम मँ यहोवा, इस्राएल क परमेस्सर बरे फसह पर्व मनावइ आवइँ। इस्राएल क बहोत बड़का समूह बहोत समइ स फसह पर्व उ तहर नाहीं मनाए रहा, जउने तरह मूसा क नेमन एका मनावइ क कहे रहेन।
6 एह बरे दूत राजा क पत्तर पूरे इस्राएल अउर यहूदा मँ लइ गएन। ओन पत्रन मँ इ लिखा रहा:इस्राएल क सन्तानों, इब्राहीम, इसहाक अउर इस्राएल, जउन यहोवा, परमेस्सर क आग्या मानत रहेन ओकरे निअरे लोउटा। तब यहोवा तू लोगन क लगे वापस आइ जउन अस्सूर क राजा लोगन स बच गएन ह अउर अबहिं तलक जिअत अहइँ।
7 अपने पुरखन अउर भाइयन क तरह न बना। यहोवा ओनका परमेस्सर रहा, मुला उ पचे ओका धोखा दिहेन। ऍह बरे उ ओन लोगन क बर्बाद होइ दिहस। तू खुद अपनी आँखी स इ लखि सकत ह।
8 अपने पुरखन क तरह हठी जिन बना। अपितु सच्चे हिरदइ स यहोवा क आग्या माना। सब स जियादा पवित्तर जगह पइ आवा। यहोवा सब स जियादा पवित्तर जगह क सदा ही क बरे पवित्तर बनाएस ह। अपने यहोवा, परमेस्सर क सेवा करा। तब यहोवा क डरावना किरोध तोह पइ स हट जाइ।
9 जदि तू यहोवा क लगे लउटब्या अउर ओकरे आग्या मनब्या तब तोहार सम्बन्धी, भाइयन अउर बच्चन ओन लोगन क दया पइहीं जउन ओनका बन्दी बनाएन ह अउर तोहार सम्बन्धी अउर बच्चन इ देस मँ लउटिहीं। यहोवा, तोहार परमेस्सर वृपालु अउ दयालु अहइ। जदि तू ओकरे लगे लउटब्या तउ उ तोहसे नाहीं मुरब्या।
10 दूत एप्रैम अउ मनस्से क पहँटन क सबहिं नगरन मँ गएन। उ पचे लगातार पूरे जबूलून देस मँ गएन। किन्तु लोग दूतन क हँसी उड़ाएन अउर ओनकर मजाक उड़ाएन।
11 मुला आसेर, मनस्से अउ जबूलून देस क कछू लोग आपन क बिनम्र बनाएन अउर यरूसलेम गएन।
12 यहूदा मँ परमेस्सर क सक्ती लोगन क संगठित किहस ताकि उ पचे राजा हिजकिय्याह अउ ओकरे अधिकारियन क आग्या क पालन कइ सकत हीं। इ तरह उ पचे यहोवा क आग्या क पालन किहन।
13 बहोत स लोग एक संग यरूसलेम, दूसरे महीने मँ अखमोरी रोटी क उत्सव मनावइ आएन। इ बहोत बड़ी भीड़ रही।
14 ओन लोग यरूसलेम स लबार देवतन क वेदियन क हटाइ दिहन। उ पचे लबार देवतन क बरे सुगन्धि भेंट क वेदियन क भी हटाइ दिहन। उ पचे ओन वेदियन क किद्रोन क घाटी मँ लोकाइ दिहन।
15 तब उ पचे फसह पर्व क मेमने क दूसर महीने क चौदहवें दिन मारेन। याजक अउ लेवीबंसी लज्जित भएन। ऍह बरे उ पचे अपने क पवित्तर सेवा बरे तइयार किहन। याजक अउर लेवीबंसी होमबलि यहोवा क मन्दिर मँ लइ आएन।
16 मन्दिर मँ अपने बरे मुकर्रर जगह पइ उ पचे वइसे ही बइठेन जइसा परमेस्सर क मनई मूसा क नेम मँ कहा गवा रहा। लेवीबंसी लोग याजकन क रकत दिहन। तब याजक लोग रकत क वेदी पइ छिछकारेन।
17 उ समूह मँ बहोत स लोग अइसे रहेन जउन अपने क पवित्तर सेवा क बरे तइयार नाहीं किहे रहेन एह बरे उ पचे फसह पर्व क मेमने क मारइ क मँजूरी नाहीं पाइ सकेन। इहइ कारण रहा कि लेवीबंसी ओन सबहिं लोगन क बरे फसह पर्व क मेमने क मारइ क जिम्मेदार रहेन जउन सुद्ध नाहीं रहेन। लेवीबंसी हर एक मेमना क यहोवा क बरे पवित्तर बनाएन।
18 एप्रैम, मनस्से, इस्साकार अउर जबूलून क बहोत स लोग फसह पर्व उत्सव क बरे अपने क ठीक तरह स तइयार नाहीं किहे रहा। उ पचे फसह पर्व क मेमनन क खाएन जब कि उ पचे मूसा क नेम क अनुसार असुद्ध रहेन। मुला हिजकिय्याह ओन लोगन बरे पराथना किहस। एह बरे हिजकिय्याह इ पराथना किहस, “यहोवा, तू अच्छा अहा।
19 इ सबइ लोग तू यहोवा हम लोगन क पुरखन क परमेस्सर क सेवा करइ बरे आपन पूरे दिल स तइयार रहेन। किन्तु उ पचे अपने क पवित्तर सेवा मँ भाग लेइ बरे नेम क अनुसार सुद्ध न कइ सकेन। ऍह बरे वृपा कइके ओन लोगन बरे प्रायस्चित करा।”
20 यहोवा राजा हिजकिय्याह क पराथना सुनेस। यहोवा लोगन क छिमा कइ दिहस।
21 इस्राएल क संतानन यरूसलेम मँ अखमीरी रोटी क उत्सव सात दिन तलक मनाएन। उ पचे बहोत खुस रहेन। लेवीबंसी अउ याजक लोग अपनी पूरी सक्ती स हर एक दिन यहोवा क स्तुति किहन।
22 राजा हिजकिय्याह ओन सबहिं लेवीबंसियन क उत्साहित किहस जउन अच्छी तरह समुझ गए रहेन कि यहोवा क सेवा कइसे कीन्ह जात ह। लोग सात दिन तलक पर्व मनाएन अउर मेलबलि च़ढ़ाएन। उ पचे अपने पुरखन क यहोवा परमेस्सर क धन्यवाद दिहन अउर ओकर स्तुति किहन।
23 सबहिं लोग सात दिन अउर ठहरइ क सहमत होइ गएन। एह बरे उ पचे सात अउर दिना तलक बहोत खुसी स फसह पर्व मनाएन।
24 यहूदा क राजा हिजकिय्याह उ सभा क एक हजार बर्धन अउ सात हजार भेड़िन मारइ अउर खाइ क बरे दिहेस। प्रमुखन सभा क एक हजार बर्धन अउ दस हजार भेड़िन दिहन। बहोत स याजक लोग पवित्तर सेवा बरे अपने क तइयार किहन।
25 यहूदा क पूरी सभा, याजक, लेवीबंसी, इस्राएल स आवइवाली पूरी सभा अउर उ सबइ यात्री जउन इस्राएल स आए रहेन अउ यहूदा पहोंच गए रहेन, सबहिं लोग बहोत जियादा खुस रहेन।
26 इ तरह यरूसलेम मँ बहोत आनन्द रहा। इ पर्व क समान कउनो भी पर्व इस्राएल क राजा, दाऊद क पूत सुलैमान क समइ क बाद स नाहीं भवा रहा।
27 याजक अउ लेवीबंसी खड़े भएन अउर यहोवा स लोगन क आसीर्वाद देइ क कहेन। परमेस्सर ओनकर सुनेस। ओनकर पराथना सरग मँ यहोवा क पवित्तर निवास तलक पहोंची।
2 Chronicles 31
1 फसह पर्व क उत्सव पूरा भवा। इस्राएल क जउन लोग फसह पर्व क क बरे यरूसलेम मँ रहेन, उ पचे यहूदा क नगरन क चले गएन। तब उ पचे पाथर क ओन मूरतियन क नेस्तनाबूत किहन जउन ओन नगरन मँ रहिन। ओन पाथर क मूरतियन क पूजन लबार देवतन क रुप मँ होत रहा। ओन लोग असेरा क खम्भन क भी काट डाएन अउर उ पचे ओन ऊँची जगहियन अउर वेदियन क भी तोर डाएन जउन बिन्यामीन अउर यहूदा क पूरे देसन मँ रहेन। लोग एप्रैम अउर मनस्से क छेत्र मँ उहइ किहन। लोग इ तब किहन जब उ पचे लबार देवतन क पूजा क सबहिं चिजियन क नस्ट नाहीं किहन। तब सबहिं इस्राएली अपने नगरन क घर लउट आएन।
2 राजा हिजकिय्याह फुन याजकन अउ लेवीबंसियन क समूहन मँ बाँटेस अउर हर एक समूह क आपना बिसेस कार्य करब होत रहा। एह बरे राजा हिजकिय्याह ओन समूहन क आपन कार्य फुन स करइ क कहेस। एह बरे याजकन अउ लेवीबंसियन क फुन स होमबलि अउ मेलबलि चढ़ावइ क काम रहा। ओन क काम मन्दिर मँ सेवा करब, गाना अउ यहोवा क भवन क दुआर पइ परमेस्सर क स्तुति करब रहा।
3 हिजकिय्याह अपने गोरुअन मँ स कछू क होमबलि बरे दिहस। इ सबइ गोरु हर रोज भिंसारे अउ साँझ क होमबलि बरे प्रयोग मँ आवत रहेन। इ सबइ गोरु सबित क दिनन मँ अउर नवचन्द्र क समइ अउर दूसर बिसेस उत्सवन पइ दीन्ह जात रहिन। इ वइसे ही कीन्ह जात रहा जइसा यहोवा क ब्यवस्था मँ लिखा अहइ।
4 हिजकिय्याह यरूसलेम मँ रहइवाले लोगन क आदेस दिहस कि आपन अनाज क हींसा याजकन अउ लेवीबंसियन क देइँ। तबहिं याजक अउ लेवीबंसी आपन क यहोवा क नेम क अनुसार सेवा बरे देइ चाही रही।
5 देस क चारिहुँ कइँती क लोग इ आदेस क बारे मँ सुनेन। एह बरे इस्राएल क लोग अपने कटा भवा अन्न, अंगूर, तेल, सहद अउ जउन कछू भी उ पचे अपने खेतन मँ उगावत रहेन ओन सबहिं फसलन क पहिला हींसा दिहेस। उ पचे स्वेच्छा स एन सबहिं चिजियन क दसवाँ हींसा लिआएन।
6 इस्राएल अउ यहूदा क लोग जउन यहूदा क नगरन मँ रहत रहेन अपने गोरुअन अउ भेड़िन क दसवाँ हींसा भी लिआएन। उ पचे ओन चिजियन क दसवाँ हींसा भी लिआएन जेका अलगाइ दीन्ह ग रहेन अउर यहोवा ओनका परमेस्सर क अपिर्त कीन्ह ग रहेन। उ पचे ओन सबहिं चिजियन क अपने यहोवा, परमेस्सर क बरे लइके आएन। उ पचे ओन सबहिं चिजियन क ढेरन मँ धरेन।
7 लोग तीसरे महीने मँ अपनी चिजियन क संग्रह क लिआउब सुरु किहन अउर उ पचे संग्रह क लिआउब सातवे महीने पूरा किहन।
8 जब हिजकिय्याह अउ प्रमुख लोग आएन तउ उ पचे संग्रह कीन्ह गइ चिजियन क ढेरन क लखेन। उ पचे यहोवा क स्तुति किहन अउर इस्राएल क लोगन अर्थात यहोवा क लोगन क बड़कई किहन।
9 तब हिजकिय्याह याजकन अउ लेवीबंसियन क ढेरन क सम्बंध मँ पूछेस।
10 सादोक परिवार क मुख्य याजक अजर्याह हिजकिय्याह स कहेस, “उ समइ स जब स लोग भेंटन क यहोवा क मन्दिर मँ लिआउब सुरू कइ दिहेन ह एह बरे हम लोगन क लगे खाइ बरे बहोत जियादा अहइ। हम लोग भर पेट खाए अउर अबहिं तलक हम लोगन क लगे बहोत बचा ह। यहोवा अपने लोगन क सच मँ आसीस दिहेस ह। एह बरे हम लोगन क लगे इ सब बचा ह।”
11 तब हिजकिय्याह याजकन क आदेस दिहस कि उ पचे यहोवा क मन्दिर मँ भण्डार घर तइयार रखइँ। एह बरे इ कीन्ह गवा।
12 तब याजक लोग उपहार, भेंटन क दसमांस अउर दूसर चिजियन लिआएन जउन सिरिफ यहोवा क दीन्ह जाब रहिन। उ पचे सबहिं संग्रह कीन्ह गइ चिजियन मन्दिर क भण्डार घरन मँ रख दीन्ह गइन। लेवीबंसि कोनन्याह सबहिं संग्रह कीन्ह गइ चिजियन क अधीच्छक रहा। कोनन्याह क भाई सिमी ओन चिजियन क उपाधीच्छक रहा।
13 कोनन्याह अउ ओकर भाई एन मनइयन क निरीच्छक रहेन: अहीएल, अजज्याह, नहत, असाहेल, यरीमेत, योजाबाद, एलीएल, यिस्मक्याह, महत अउर बनायाह। राजा हिजकिय्याह अउ यहोवा क मन्दिर क अधीच्छक अधिकारी अजर्याह ओन मनइयन क चुनेस।
14 यिम्ना लेवी क पूत कोरे ओन भेंटन क अधीच्छक रहा जेनका लोग स्वेच्छा स चढ़ावत रहेन। उ ओन चिजियन क उत्तरदायी रहा जउन यहोवा क दीन्ह जात रहेन अउ उ ओन उपहारन क बाँटइ क जिम्मेदार रहा जउन यहोवा बरे पवित्तर बनाई जात रहिन। कोरे पूवीर् दुआर क दुआरपाल रहा।
15 एदेन, मिन्यामीन, येसू समायाह, अमर्याह अउ सकन्याह कोरे क मदद करत रहेन। उ सबइ लोग ईमानदारी स ओन नगरन मँ सेवा करत रहेन जहाँ याजक रहेत रहेन। उ पचे बहोत महत्त्वपूर्ण अउर कम महत्त्वपूर्ण दुइनँउ याजकन क समान मात्रा मँ चिजियन दिहेन।
16 इ सबइ लोग संग्रह कीन्ह भइ चिजियन क तीन बरिस अउ ओहसे जियादा उमिर क लरिकन अउर मनइयन क भी देत रहेन जेनकर नाउँ लेविबंस क इतिहास मँ लिखा भवा रहेन। एन सबहिं मनइयन यहोवा क मन्दिर मँ आपन हर दिन क सेवा अउर दूसर काम जेकर उ जिम्मेदार रहेन, बरे जाइ क रहेन। हरेक समूह क आपन नेतिक जिम्मेदारी रहेन।
17 याजकन क संग्रह कीन्ह भवा चिजियन स ओनकर हींसा दीन्ह जात रहेन। परिवारिक आधार पइ, परिवार क इतिहास मँ लिखित सूची अनुसार इ कीन्ह गए रहेन। बीस बरिस या ओहसे अधिक उमिर क लेवीबंसियन क संग्रह क ओनकर हींसा दीन्ह जात रहा। इ ओनकर जिम्मेदारी अउ वर्ग क अनुसार कीन्ह जात रहा।
18 लेवीबंसियन क बच्चन, मेहररुअन, पूत अउ बिटियन भी संग्रह चिजियन क आपन हींसा पावत रहेन। इ ओन सबहिं लेवीबंसियन क बरे कीन्ह जात रहा जउन परिवार क इतिहासन मँ अंकित रहेन। इ लेवीबंसियन बरे कीन्ह ग रहेन ताकि उ पचे आपन आप क बिस्सास क संग पवित्तर राखेन अउर सेवा करइ बरे तइयार रहेन।
19 याजक हारून क कछू संतानन क लगे कछू खेती जोग्ग नगर क लगे हुवाँ रहेन जहाँ लेवीबंसी रहत रहेन अउर हारून क संतानन मँ स कछू नगरन मँ भी रहत रहेन। ओन नगरन मँ स हर एक मँ हारून क एन संतानन क संग्रह चिजियन क हींसा देइ बरे मनई नामांकन क जरिये चुने जात रहेन। मनसेधू अउर उ सबइ सबहिं जेनकर नाउँ लेवीबंस क इतिहास मँ रहा सबहिं संग्रह चिजियन क हींसा पानत रहेन।
20 इ तरह राजा हिजकिय्याह पूरे यहूदा मँ उ सबइ सब चिजियन क किहन। उ उहइ किहस जउन यहोवा, ओकरे परमेस्सर क दृस्टि मँ अच्छा, ठीक अउर बिस्सास जोग्ग रहा।
21 उ जउन भी कार्य परमेस्सर क मन्दिर क सेवा मँ, नेमन व सबइ आग्या क पालन करइ मँ अउर अपने परमेस्सर क अनुसरण करइ मँ किहेस ओहमाँ ओक कामयाबी मिली। हिजकिय्याह इ सबइ सबहिं कार्य अपने पूरे हिरदइ स किहस।
2 Chronicles 32
1 इ सबइ चिजियन क पाछे हिजकिय्याह बहोत बिस्सास पूर्वक कार्य किहस। अस्सूर क राजा सन्हेरीब यहूदा देस पइ हमला करइ आवा। सन्हेरीब अउर ओकर फउज किला क बाहेर डेरा डाएस। उ इ एह बरे किहस कि उ नगरन क जीतइ चाहत रहा।
2 हिजकिय्याह जानत रहा कि उ यरूसलेम, एह पइ हमला करइ आवा ह।
3 तब हिजकिय्याह आपन अधिकारियन अउर फउज क अधिकारियन स सलाह लिहस। उ पचे एकमत होइ गएन कि यरूसलेम क बाहेर क सोतन क पानी रोक दीन्ह जाइ। ओन अधिकारियन अउर फउज क अधिकारियन हिजकिय्याह क मदद किहन।
4 बहोत स लोग एक संग आएन अउर झरनन अउर सोतन क जउन नगर क बीच स होइके बहत रहेन, रोक दिहन। उ पचे कहेन, “अस्सूर क राजा क हिआँ आए पइ बहोत जियादा पानी नाहीं मिली।”
5 हिजकिय्याह यरूसलेम क पहिले स जियादा मजबूत बनाएस। इ उ इ तरह किहस: उ देवार क टूटे हींसन क फुन बनवाएस। उ देवारन पइ मीनारन बनाएस, उ पहली देवार क बाहेर दूसर देवार बनवाएस। उ फुन पुरान यरूसलेम क पूरब कइँती दूसर देवार बनवाएस। उ अनेक हथियार अउर ढारन बनवाएस।
6 हिजकिय्याह फउज क अधिकारियन क लोगन क अधीच्छक होइ बरे चुनेस। उ एन अधिकारियन स नगर दुआर क बाहेर खुली जगह मँ मिला। हिजकिय्याह ओन अधिकारियन स सलाह किहस अउर ओनका उत्साहित किहस।
7 उ कहेस, “मजबूत अउर साहसी बना। अस्सूर क राजा या ओकरे संग क बिसाल फउज स जिन डेरावा, न ही ओहसे चिन्ता ह्वा। अस्सूर क राजा क लगे जउन सक्ती अहइ ओहसे भी बड़की सक्ती हम लोगन क संग अहइ!
8 अस्सूर क राजा क लगे सिरिफ मनई अहइँ। किन्तु हम लोगन क संग यहोवा, आपन परमेस्सर अहइ। हमार परमेस्सर हमार मदद करी। उ हमार जुद्ध खुद लड़ी।” इ तरह यहूदा क राजा हिजकिय्याह लोगन क उत्साहित किहस अउर ओनका पहिले स जियादा सक्तीसाली होइ क अनुभव कराएस।
9 अस्सूर क राजा सन्हेरीब अउर ओकर सारी फउज लाकीस नगर क लगे डेरा डाए पड़ी रही ताकि उ पचे एका हराइ सकइँ। तउ उ यरूसलेम मँ यहूदा क राजा हिजकिय्याह क लगे अउर यहूदा क सबहिं लोगन क लगे आपन अधिकारियन पठएस। सन्हेरीब क अधिकारियन हिजकिय्याह अउर यरूसलेम क सबहिं लोगन क बरे एकठु सँदेसा लइ आएन।
10 उ पचे कहेन, “अस्सूर क राजा सन्हेरीब इ कहत ह: ‘तू केहमाँ बिस्सास करत अहा जउन तोहमाँ यरूसलेम मँ जुद्ध क स्थिति मँ ठहरब सिखावत ह
11 हिजकिय्याह तू पचन्क मूरख बनावत ह। तू पचन्क यरूसलेम मँ ठहरे रखइ क बरे धोखा दीन्ह जात अहइ। इ तरह तू पसे भूख पियास स मार जाब्या। हिजकिय्याह तू पचन्स करत ह, “यहोवा, हमार परमेस्सर हम क अस्सूर क राजा स बचाई।”
12 हिजकिय्याह खुद यहोवा क ऊँच जगहियन अउर वेदियन क हटाएस ह। उ यहूदा अउ यरूसलेम क तू लोगन स कहेस कि तू लोगन क सिरिफ एक वेदी पइ उपासना करइ अउर सुगन्धि बारइ चाही।
13 निहचइ ही, तू पचे जानत अहा कि मोर पुरखन अउर मइँ दूसर देसन क लोगन क संग का किहेउँ ह दूसर देसन क देवता अपने लोगन क नाहीं बचाइ सकेन। उ सबइ देवता मोका ओनके लोगन अउ ओकर देसन क नस्ट करइ स नाहीं रोक सकतेन।
14 मोर पुरखन ओन देसन क नस्ट किहन। कउनो भी अइसा देवता नाहीं जउन मोहसे अपने लोगन क नस्ट होइ स बचाइ लेई। एह बरे का तू सोचत ह कि तोहार देवता तोहका मोसे बचाइ लेई?
15 हिजकिय्याह क तू पचन्क मूरख बनावइ अउर गुमराह करइ जिन द्या। ओह पइ बिस्सास न करा काहेकि कउनो रास्ट्र या राज्ज क कउनो देवता कबहुँ हम स या हमरे पुरखन स अपने लोगन क बचावइ मँ समर्थ नाहीं भवा ह। एह बरे इ जिन सोचा कि तोहार देवता मोका तू पचन्क नस्ट करइ स रोक लेइ।”‘
16 अस्सूर क राजा क सेवक लोग एहसे भी बुरी बातन यहोवा परमेस्सर अउ परमेस्सर क सेवक हिजकिय्याह क खिलाफ कहेन।
17 अस्सूर क राजा अइसे पत्र भी लिखेस जउन इस्राएल क यहोवा परमेस्सर क अपमान करत रहेन। अस्सूर क राजा ओन पत्रन मँ स जउन कछू लिखा रहा उ इ अहइ: “दूसर राज्जन क देवता मोहसे नस्ट होइ स अपने लोगन क न बचाइ सकेन। उहइ तरह हिजकिय्याह क परमेस्सर अपने लोगन क मोरे जरिये नस्ट कीन्ह जाइ स नाहीं रोक सकत।”
18 तब अस्सूर क राजा क सेवक यरूसलेम क ओन लोगन पइ जोर स नरियानेन जउन नगर क देवार पइ रहेन। ओन सेवकन उ समइ हिब्रू भासा क प्रयोग किहन जब उ पचे देवार पइ क लोगन क बरे नरियानेन। अस्सूर क राजा क ओन सेवकन इ सब एह बरे किहन कि यरूसलेम क लोग डरि जाइँ। उ पचे उ सबइ बातन एह बरे कहेन कि यरूसलेम नगर पइ अधिकार कइ सकइँ।
19 उ अधिकारियन ओन देवतन क बिरूद्ध बुरी बातन कहेन जउन संसार क लोगन दुआरा पूजा जात रहेन। उ सबइ देवता सिरिफ अइसी चिजियन अहइँ जेनका मनइयन अपने हाथे स बनाएन ह। इहइ तरह ओन अधिकारियन भी यरूसलेम क परमेस्सर क खिलाफ बुरी बातन कहेन।
20 राजा हिजकिय्याह अउ आमोस क पूत यसायाह नबी इ समस्या क बारे मँ पराथना किहन। उ पचे जोर स सरग क गोहराएन।
21 तब यहोवा अस्सूर क राजा क खेमे मँ एक ठु सरगदूत क पठएस। उ सरगदूत अस्सूर क फउज क सब अधिकारियन, प्रमुखन अउर फउजियन क मार डाएन। एह बरे अस्सूर क राजा अपने देस मँ अपने घर लउट गवा अउर ओकर लोग ओहसे बहोत लजानेन। उ अपने देवता क मन्दिर मँ गवा अउर उहइ क पूतन मँ स कउनो ओका हुवाँ तरवार स मार डाएस।
22 इ तरह यहोवा हिजकिय्याह अउर यरूसलेम क लोगन क राजा सन्हेरीब अस्सूर क राजा अउर सबहिं दूसर लोगन स बचाएस। यहोवा हिजकिय्याह अउर यरूसलेम क लोगन क देखभाल किहस।
23 बहोत स लोग यरूसलेम मँ यहोवा क बरे भेट लिआएन। उ पचे यहूदा क राजा हिजकिय्याह क लगे कीमती चिजियन लइ आएन। उ समइ क पाछे सबहिं रास्ट्र हिजिय्याह क सम्मान दिहन।
24 ओन दिन हिजकिय्याह बहोत बेराम पड़ा अउर मउत क निचके रहा। उ यहोवा स पराथना किहस। यहोवा हिजकिय्याह स बोला अउर ओका एकठु चीन्हा दिहस।
25 मुला हिजकिय्याह क हिरदइ घमण्ड स भरि गवा एह बरे उ परमेस्सर क वृपा बरे परमेस्सर क धन्नवाद नाहीं किहस। इहइ कारण अहइ कि परमेस्सर हिजकिय्याह अउ यरूसलेम अउ यहूदा क लोगन पइ कोहाइ गवा।
26 मुला हिजकिय्याह अउ यरूसलेम मँ रहइवाले लोग आपन हिरदइ अउ जिन्नगी क बदल दिहेन। उ पचे बिनम्र होइ गएन अउर घमण्ड करब तजि दिहन। एह बरे जब तलक हिजकिय्याह जिअत रहा यहोवा क किरोध ओह पइ नाहीं उतरा।
27 हिजकिय्याह क बहोत धन अउ सम्मान प्राप्त रहा। उ चँादी, सोना, कीमती रतन, मसालन, ढारन अउर दूसरी कीमती चिजियन क रखइ बरे महल बनाए रहेन।
28 हिजकिय्याह लोगन क जरिये पठए गए अनाज, नवा दाखरस अउ तेल क बरे भण्डारण भवन बनाएन। ओकरे लगे गोरुअन क बरे पसु-सालन अउर भेड़िन क बरे भेड़-सालन रहिन।
29 हिजकिय्याह बहोत स नगर भी बनाएस अउर ओका अनेक गोरुअन क झुण्ड अउ भेड़िन क रवेड़न मिलिन। परमेस्सर हिजकिय्याह क बहोत जियादा धन दिहस।
30 इ हिजकिय्याह ही रहा जउन यरूसलेम मँ गिहोन सोते क ऊपरी जलधारन क उद्गमन क रोकेस अउर ऍकर जलधारन क नगर क भीतर स दाऊद नगर क पच्छिम क कइँती मोड़ दिहेस। अउर हिजकिय्याह ओन सब मँ सफल रहा जउन कछू उ किहस।
31 कउनो समइ बाबुल क प्रमुखन हिजकिय्याह क लगे दूत पठएन। ओन दूतन एक चमत्कारिक चिन्ह क बारे मँ पूछेन जउन रास्ट्रन मँ परगट भवा रहा।जब उ पचे आएन तउ परमेस्सर हिजकिय्याह क अकेले छोड़ दिहस जेहसे कि उ अपनी जाँच कइ सकइ अउर उ सब कछू जान सकइ जउन हिजकिय्याह क हिरदइ मँ रहा।
32 हिजकिय्याह क बाकी कामन अउर कइसे उ यहोवा क पिरेम किहस क विवरण आमोस क पूत यसायाह नबी क दर्सन ग्रन्थ अउर “यहूदा अउ इस्राएल क राजा लोगन क इतिहास” क किताब मँ लिखा भावा ह।
33 हिजकिय्याह मरा अउ अपने पुरखन क संग दफनावा गवा। लोग हिजकिय्याह क उ पहाड़ी पइ दफनाएन जहाँ दाऊद क पूतन क कब्रन अहइँ। जब उ मरा तउ यहूदा क सबहिं लोग अउ यरूसलेम क रहइवालन हिजकिय्याह क सम्मान दिहन। हिजकिय्याह क जगह पइ पनस्से नवा राजा भवा। मनस्से हिजकिय्याह क पूत रहा।
2 Chronicles 33
1 मनस्से जब यहूदा क नवा राजा भवा उ बारह बरिस क राहा। उ यरूसलेम मँ पचपन बरिस तलक राजा रहा।
2 मनस्से उ सबइ सब कार्य किहस जेनका यहोवा गलत कहे रहा। उ दूसर रास्ट्रन क भयंकर अउर पापपूर्ण रीतियन क अनुसरण किहस। यहोवा ओन रास्ट्रन क बाहेर निकर जाइ क बरे मजबूर किहे रहा जब उ इस्राएल क लोगन क उ भुइँया पइ लिआए रहा।
3 मनस्से फुन ओन ऊँच जगहन क बनाएस जेनका ओकर बाप हिजकिय्याह तोर गिराये रहा। मनस्से बाल देवतन बरे वेदियन बनाएस अउ असेरा खम्भन खड़े किहस। उ नछत्र-समूह क प्रणाम करत रहा अउ ओनका पूजत रहा।
4 मनस्से यहोवा क मन्दिर मँ लबार देवतन क बरे वेदियन बनाएस। यहोवा मन्दिर क बारे मँ कहे रहा, “मोर नाउँ यरूसलेम मँ सदा ही रही।”
5 मनस्से सबहिं नछत्र-समूहन क बरे यहोवा क मन्दिर क दुइनउँ अंगनन मँ वेदियन बनाएस।
6 मनस्से अपने बेटवन क भी बलि बरे हिन्नोम क घाटी मँ बारेस। मनस्से सान्तिपाठ, दैवीकरण अउ भविस्स कथन क रूप मँ जादू-टोना क उपयोग किहस। उ ओझन अउ भूतसिद्धि करइवालन क संग बातन किहस अउर उ यहोवा क दृस्टि मँ बहोत पाप किहस। मनस्से क पापन यहोवा क किरोधित किहन।
7 उ एक ठु देवता क मूरति बनाएस अउर ओका परमेस्सर क मन्दिर मँ धरेस। परमेस्सर दाऊद अउ ओकर पूत सुलैमान स मन्दिर क बारे मँ कहे रहा, “मइँ इ मन्दिर मँ अउर यरूसलेम मँ आपन नाउँ क स्थापित करब जेका मइँ इस्राएल क सबहिं परिवार समूहन क नगरन क बीच स चुनेउँ ह, अउर हुवाँ मोर नाउँ हमेसा रहब।
8 मइँ फुन इस्राएलियन क उ भुइँया स बाहेर नाहीं करब जेका मइँ ओनके पुरखन क देइ क बरे चुनेउँ। किन्तु ओनका ओन नेमन क बिधियन अउर आदेसन क पालन जरूर करइ चाही जेनका मइँ मूसा क ओनका देइ क हुवुम दिहेउँ।”
9 मनस्से यहूदा क लोगन अउर यरूसलेम मँ रहइवाले लोगन क पाप करइ बरे उ उत्साहित किहेउँ। उ ओन रास्ट्रन स भी जियादा पाप किहस जेनका यहोवा नस्ट किहे रहा अउर जउन इस्राएलियन स पहिले उ पहँटा मँ रहेन।
10 यहोवा मनस्से अउर ओकरे लोगन स बातचीत किहस। किन्तु उ पचे सुनइ स इन्कार कइ दिहन।
11 एह बरे यहोवा यहूदा पइ हमला करइ क बरे अस्सूर क राजा क सेनापतियन क हुवाँ पहोंचाएस। एन सेनापतियन मनस्से क धइ लिहन अउर ओका बन्दी बनाइ लिहन। उ पचे ओका बेड़ियन पहिराइ दिहन अउर ओकरे हाथन मँ पीतर क जंजीरन डाएन। उ पचे मनस्से क बन्दी बनाएन अउर ओका बाबुल देस लइ गएन।
12 मनस्से क कस्ट भवा। उ समइ उ यहोवा अपने परमेस्सर स याचना किहस। मनस्से खुद क अपने पुरखन क परमेस्सर क समन्वा बहोत विनम्र किहेस।
13 मनस्से परमेस्सर स पराथना किहस अउर परमेस्सर स मदद माँगेस। यहोवा मनस्से क याचना सुनेस अउ ओका ओह पइ दया आइ। यहोवा ओका यरूसलेम अपने सिंहासन पइ लउटइ क आदेस दिहस। तब मनस्से समुझेस कि यहोवा फुरइ परमेस्सर अहइ।
14 इ घटइ क पाछे, मनस्से दाऊद नगर क बरे बाहरी देवार बनाएस। इ गिहोन क पस्चिमी सोते तलक मछरी-फाटक क प्रवेस दुआर अउर ओपेल पहाड़ी क चारिहुँ कइँती तलक गएन। उ देवार क बहोत ऊँच बनाएस। तब उ अधिकारियन क यहूदा क सबहिं किलन मँ रखेस।
15 मनस्से यहोवा क मन्दिर स दूसर रास्ट्रन क देवतन अउ मूरतियन क हटाइ दिहेस। उ ओन सबहिं वेदियन क लोकाएस जेनका उ मन्दिर क पहाड़ी पइ अउ यरूसलेम मँ बनाएस। मनस्से ओन सबहिं वेदियन क यरूसलेम नगर स बाहेर लोकाएस।
16 तब उ यहोवा क वेदी पुन: एकत्र किहस अउ मेलबलि अउ धन्यवाद भेंट एह पइ चढ़ाएस। मनस्से यहूदा क सबहिं लोगन क इस्राएल क यहोवा परमेस्सर क सेवा करइ क आदेस दिहस।
17 लोग ऊँच जगहियन पइ बलि देब जारी रखेस, मुला ओनकर भेटन केवल यहोवा ओनके परमेस्सर बरे रहिन।
18 मनस्से जउन कछू दूसर किहस अउर ओकर परमेस्सर स पराथनन अउ ओन द्रस्टा लोगन क कथन जउन इस्राएल क यहोवा परमेस्सर क नाउँ पइ ओहसे बातन किहे रहा, उ सबइ सबहिं इस्राएल क राजा नाउँ क किताबे मँ लिखी अहइँ।
19 मनस्से कइसे पराथना किहस अउर परमेस्सर कइसे सुनेस अउर ओह पइ दाया किहस, इ “द्रस्टा लोगन क पुस्तक” मँ लिखा अहइ। मनस्से क सबहिं पाप अउ बुराइयन जउन उ खुद क बिनम्र करइ स पहिले किहस अउर उ सबइ जगह जहाँ उ ऊँच जगह बनाएस अउर असेरा-खम्भा खड़ा किहेस भी “दसीर् लोगन क पुस्तक” मँ दर्ज अहइँ।
20 मनस्से मरि गवा, अउर उ जगह पइ दफनावा गवा जहाँ पइ ओकर पूरखन क दफनावा गवा रहा। लोग मनस्से क ओकर महल मँ दफनाएन। मनस्से क जगह पइ ओकर पूत आमोन नवा राजा भवा।
21 आमोन जब यहूदा क राजा भवा, बाईस बरिस क रहा। उ दुइ बरिस तलक यरूसलेम मँ हुवूमत किहेस।
22 ओमोन ठीक वइसा ही किहेस जइसा ओकर बाप किहे रहा, उ उ काम किहेस जेका यहोवा बुरा समुझत ह। आमोन सबहिं खुदी मूरतियन अउ अपने बाप मनस्से क बनाई मूरतियन क बलि चढ़ाएस। आमोन ओन मूरतियन क लगे निहुरेस अउर ओनकर पूजा किहस।
23 आमोन खुद क अपने बाप मनस्से क तरह यहोवा क समन्वा विनम्र नाहीं बनाएस। आमोन जियादा स जियादा पाप करत गवा।
24 आमोन क सेवकन ओकरे बिरुद्ध जोजना बनाएन उ पचे आमोन क ओकरे घरे मँ मार डाएन।
25 मुला यहूदा क लोग ओन सबहिं सेवकन क मार डाएन जउन राजा आमोन क बिरुद्ध जोजना बनाए रहेन। तब लोग योसिय्याह क नवा राजा चुनेन। योसिय्याह आमोन क पूत रहा।
2 Chronicles 34
1 योसिय्याह जब राजा बना, आठ बरिस क रहा। उ यरूसलेम मँ इकतीस बरिस तलक राजा रहा।
2 योसिय्याह आपन पुरखा दाऊद क तरह उहइ किहस जेका यहोवा नीक समुझत ह। योसिय्याह दाऊद क राह स नाहीं मुड़स, न दायाँ अउर न ही बायाँ। उचित काम करइ स नाहीं हटा।
3 जब योसिय्याह आठ बरिस तलक राजा रहि चुका, तउ उ परमेस्सर क, अपने पुरखा दाऊद क परमेस्सर क अनुसरण करइ लाग। योसिय्याह लरिका ही रहा जब उ परमेस्सर क आग्या क पालन सुरू किहस। जब योसिय्याह राजा क रूप मँ बारह बरिस क भवा, उ ऊँच जगहन, असेरा खम्भन पइ खुदी मूरतियन अउ यहूदा अउ यरूसलेम मँ ढरी मूरतियन क नस्ट करब सुरू कइ दिहस।
4 लोग बाल देवतन क वेदियन योसिय्याह क समन्वा तोर दिहन। तब योसिय्याह ओन सुगन्धित वेदियन क नस्ट कइ डाएन जउन ओन वेदियन क ऊपर रहेन जउन कि बाल क अपिर्त कीन्ह गए रहेन। उ खुदी भवा अउर ढरी भवा मूरतियन क तोर डाएन अउर उ ओन मूरतियन क पीस कइ धूरि बनाइ दिहन। तब योसिय्याह ओन चूरा क ओन लोगन क कब्रन पइ छिड़केस जउन बाल देवतन क बलि चढ़ावत रहेन।
5 योसिय्याह ओन याजकन क हड्डियन तलक क बारेस जउन अपनी वेदियन पइ बाल देवतन क सेवा किहे रहेन। इ तरह योसिय्याह मूरतियन अउ मूरति पूजा क यहूदा अउ यरूसलेम स नस्ट किहस।
6 योसिय्याह इहइ काम मनस्से, एप्रैम, सिमोन अउ नप्ताली तलक क राज्जन क नगरन मँ किहस। उ उहइ काम ओन सबइ नजिक क नगरन क खण्डहर संग किहस।
7 योसिय्याह वेदियन अउर असेरा खम्भन क तोर दिहस। उ मूरतियन क पीटिके चूरा बनाइ दिहस। उ पूरे इस्राएल देस मँ ओन सुगन्धि वेदियन क काट डाएस जउन बाल क पूजा मँ काम आवाति रहिन। तब योसिय्याह यरूसलेम लउट गवा।
8 जब योसिय्याह यहूदा क राजा क रुप मँ अपने अट्ठारहवें बरिस मँ रहा, उ असल्याह क पूत सापान नगर क प्रमुख मासेयाह अउर योआहाज क पूत लिपिक योआह क अपने यहोवा परमेस्सर मन्दिर क मरम्मत करइ क बरे पठएस।योसिय्याह यहूदा अउर मन्दिर क स्वच्छ रखइ बरे मन्दिर क फुन मरमत करइ क आदेस दिहस।
9 उ सबइ लोग महा याजक हिल्किय्याह क लगे आएन। उ पचे उ धन ओका दिहन जउन लोग परमेस्सर क मन्दिर बरे दिहे रहेन। लेवीबंसी दुआरपालन इ धन मनस्से, एप्रैम अउर बचे सबहिं इस्राएलियन स बटोरेन। उ पचे इ धन सारे यहूदा, बिन्यामीन अउर यरूसलेम मँ रहइवाले सबहिं लोगन स भी बटोरेन।
10 तब लेवीबंसी ओन मनइयन क इ धन दिहन जउन यहोवा क मन्दिर क काम क देख-रेख करत रहेन अउर निरीच्छकन ओन मजदूरन क इ धन दिहन जउन यहोवा क मन्दिर क फुन बनाइके स्थापित करत रहेन।
11 उ पचे बढ़इयन अउ राज-मिस्तरियन क पहिले स कटी बड़की चट्टानन क बेसहइ क बरे अउर काठ खरीदइ क बरे धन दिहन। काठे क उपयोग भवनन क फुन स बनावइ अउ भवन क सहतीरन क बरे कीन्ह गवा। भूतकाल मँ यहूदा क राजा मन्दिरन क देखभाल नाहीं करत रहेन। उ सबइ भवनन पुराने अउर खंडहर होइ गए रहेन।
12 लोग बिस्सासपूर्वक काम किहन। ओनकर निरीच्छक यहत अउ ओबद्याह रहेन। यहत अउ ओबद्याह लेवीबंसी रहेन अउर उ पचे मरारी क परिवार स रहेन। दूसर निरीच्छक जकर्याह अउर मसुल्लाम रहेन। उ पचे कहात क परिवार स रहेन।
13 जउन लेवीबंसी संगीत बाजा बजावइ मँ वुसल रहेन, उ पचे मजदूरन क अउर दूसर काम करइवाले कर्मचारियन क भी निरीच्छण करत रहेन। कछू लेवीबंसी सचिव, अधिकारी अउर दुआरपाल क काम करत रहेन।
14 लेवीबंसियन उ धन क निकारेन जउन यहोवा क मन्दिर मँ रहा। उ समइ याजक हिल्किय्याह यहोवा क व्यवस्था क उ किताब प्राप्त किहस जउन मूसा क जरिये दिन्ह गइ रही।
15 हिल्किय्याह सचिव सापान स कहेस, “मइँ यहोवा क मन्दिर मँ व्यवस्था क किताब पाएउँ ह।” हिल्किय्याह सापान क किताब दिहस।
16 सापान उ किताब क राजा योसिय्याह क लगे लिआवा। सापान राजा क खबर दिहस, “तोहरे सेबक हर काम करत अहइँ जउन तू करइ क कह्या ह।
17 उ पचे यहोवा क मन्दिर स धन क निकारेन अउर ओका निरीच्छकन अउ मजदूरन क देत अहइँ।”
18 तब सापान राजा योसिय्याह स कहेस, “याजक हिल्किय्याह मोका एक ठु किताब दिहेस ह।” तब सापन राजा क मोजूदगी मँ किताब स पढ़ेन।
19 जब राजा योसिय्याह नेमन क पढ़े जात भए सुनेस, उ अपने ओढ़ना फार डाएस।
20 तब राजा योसिय्याह हिल्किय्याह, सापान क पूत अहीकाम, मीका क पूत अब्दोन, सचिव सापान अउ सेवक असायाह क आदेस दिहेस।
21 राजा कहेस, “जा, मोरे बरे अउ इस्राएल अउ यहूदा मँ जउन लोग बचे अहइँ ओनके बरे यहोवा स याचना करा। जउन किताब मिली बाटइ ओकरे कथनन क बारे मँ पूछा। यहोवा हम लोगन पइ बहोत कोहान अहइ काहेकि हमार पुरखन यहोवा क कथनन क पालन नाहीं किहन। उ पचे उ सबइ काम नाहीं किहन जउन इ पुस्तक करइ क कहत ह।”
22 हिल्किय्याह अउर राजा क सेवकन नबिया हुल्दा क लगे गएन, हुल्दा सल्लूम क मेहरारु रही। सल्लूम तोखत क पूत रहा। तोखत हस्रा क पूत रहा। हस्रा राजा क ओढ़नन क देखरेख करत रहा। हुल्दा यरूसलेम क नवे हींसा मँ रहत रही। हिल्किय्याह अउर राजा क सेवक लोग हुल्दा क सब कछू बताएन जउन होइ चुका रहा।
23 हुल्दा ओनसे कहेस, “इस्राएल क परमेस्सर यहोवा जउन कहत ह उ इ अहइ: राजा योसिय्याह स कहा:
24 यहोवा जउन कहत ह उ इ अहइ, ‘मइँ इ जगह जउ हिआँ क निवासियन पइ बिपत्ति डाउब। मइँ सबहिं भयंकर बिपत्तियन क जउन यहूदा क राजा क समन्ना बाचेउँ किताबे मँ लिखी गई अहइँ, लिआउब।
25 मइँ इ एह बरे करब कि लोग मोका छोड़ेन अउ दूसर देवतन क बरे सुगन्धि बारेन। ओन लोग उ सबइ बुरे कामन क कारण जउन उ पचे किहेन मोका किरोधित किहस। एह बरे मइँ आपन किरोध इ जगह पइ डारब। मोर किरोध उ आगी क नाईं होइ जेका बुझइ नाहीं जा सकत ह’
26 “किन्तु यहूदा क राजा योसिय्याह स कहा। उ यहोवा स पूछइ क बरे तोहका पठएस। इस्राएल क यहोवा परमेस्सर, ‘जउन कथनन क तू कछू समइ पहिले सुन्याह, ओनके बारे मँ कहत ह:
27 ‘योसिय्याह तू पस्चताप किहा अउर तू अपने क मोर समन्वा बिनम्र किहा। तू मोर समन्वा चिचियाएस जब तू सुनेस ह कि मइँ इ जगह अउर हिवाँ रहइवालन लोगन क खिलाफ, बोलेस रहा। एह बरे मइँ तोहार बिन्ती सुनेस ह।
28 मइँ तोहका तोहरे पुरखन क लगे लइ जाब। तू अपनी कब्र मँ सान्तिपूर्वक जाब्या। तोहका ओन बिपत्तियन मँ स कउनो भी नाहीं लखइ क पड़िहीं जेनका मइँ इ जगह अउर हिआँ रहइवाले लोगन पइ लिआउब।’” हिल्किय्याह अउर राजा क सेवक योसिय्याह क लगे इ सँदेसा लइके लउटेन।
29 राजा योसिय्याह अउर यहूदा अउ यरूसलेम क सबहिं अग्रजन क अपने लगे आवइ अउर मिलइ बरे बोलाएस।
30 राजा, यहोवा क मन्दिर मँ गवा। यहूदा क सबहिं लोग, यरूसलेम मँ रहइवाले लोग, याजक, लेवीबंसी अउर सबहिं साधारण व असाधारण लोग योसिय्याह क संग रहेन। योसिय्याह ओन सब क समन्वा उ करार क किताब स वचन क बाँचेस जउन कि यहोवा क मन्दिर मँ मिली रही।
31 तब राजा अपने जगह पइ खड़ा भवा। उ यहोवा क संग वाचा किहस। उ यहोवा क अनुसरण करइ क अउर यहोवा क आदेसन, बिधियन अउर नेमन क आपन पूरे हिरदइ अउर आपन पूरे जान स पालन करइ क वाचा किहस। उ इ किताब मँ लिखे करार क सब्दन क पालन करइ क सहमत भवा।
32 तब योसिय्याह यरूसलेम अउ बिन्यामीन क सबहिं लोगन स परमेस्सर क वाचा क स्वीकार करइ क प्रतिग्या कराएस। यरूसलेम मँ लोग परमेस्सर, ओकर पुरखन क परमेस्सर क करार क पालन किहन।
33 इस्राएल क लोगन क लगे बहोत स देस क मूरतियन रहिन। योसिय्याह ओन सबहिं भयानक मूरतियन क नस्ट कइ दिहेन। यहोवा ओन मूरतियन स घिना करत ह। योसिय्याह इस्राएल क हर एक मनई क अपने यहोवा परमेस्सर क सेवा मँ पहोंचाएस। जब तलक योसिय्याह जिअत रहा, लोग पुरखन क यहोवा परमेस्सर क आग्या क पालन करब बन्द नाहीं किहस।
2 Chronicles 35
1 यरूसलेम मँ राजा योसिय्याह यहोवा क बरे फसह पर्व मनाएस। पहिले महीने क चौदहवे दिन फसह पर्व क मेमना मारा गवा।
2 योसिय्याह आपन आपन कार्य करइ बरे याजकन क चुनेस। उ याजकन क उत्साहित किहस, जब उ पचे यहोवा क मन्दिर मँ सेवा करत रहेन।
3 योसिय्याह ओन लेवीबंसियन स बातन किहस जउन इस्राएल क लोगन क उपदेस देत रहेन अउ जउन यहोवा क बरे पवित्तर बनाए गए रहेन। उ ओन लेवीबंसियन स कहेस: “पवित्तर सन्दूख क उ मन्दिर मँ रखा जेका दाऊद क पूत, इस्राएल क राजा सुलैमान बनाए रहा। पवित्तर सन्दूख क अपने काँधे पइ फुन एक जगह स दूसरे जगह पइ जिन लइ जा। अब यहोवा आपन परमेस्सर क सेवा करा अउर परमेस्सर क लोग, इस्राएलियन क सेवा करा।
4 अपने क, अपने परिवार समूहन क अनुसार मन्दिर क सेवा बरे तइयार करा। ओन कार्यन क करा जेनका राजा दाऊद अउ ओकर पूत राजा सुलैमान तोहका करइ क निदेर्स लिखित रूप मँ दिहे रहा।
5 हरेक परिवार समूहन, पवित्तर ठउर मँ लेविबंसियन क परिवार समूह क संग खड़ा भवा ताकि तू पचे आपन देस क बचा भवा लोगन क प्रस्तुत कइ सकब।
6 फसह पर्व क मेमनन क मारा अउर यहोवा क बरे अपने क पवित्तर करा। मेमनन क अपने भाईर् इस्राएलियन क बरे तइयार करा। सब कछू वइसे ही करा जइसा करइ क आदेस यहोवा मूसा क जरिये दिहे रहा।”
7 योसिय्याह इस्राएल क लोगन क तीस हजार भेड़ी-बोकरियन फसह पर्व क बलि बरे दिहस। उ लोगन क तीन हजार गोरु भी दिहस। इ सबइ सबहिं जनावर राजा योसिय्याह क अपने जनावरन मँ स रहेन।
8 योसिय्याह क अधिकारियन भी, स्वेच्छा स लोगन क, याजकन क अउर लेवीबंसियन क फसह पर्व मँ उपयोग करइ बरे जनावरन अउ चिजियन दिहन। प्रमुख याजक हिल्किय्याह, जकर्याह अउ यहीएल मन्दिर क उत्त्तरदायी अधिकारी रहेन। उ पचे याजकन क दुई हजार छ: सौ मेमनन अउ बोकरन अउ तीन सौ बर्धन फसह पर्व बलि क बरे दिहन।
9 कोनन्याह भी समायाह, नतनेल अउ ओकरे भाइयन क संग अउ हसब्याह, यीएल अउ योजाबाद पाँच सौ भेड़िन-बोकरियन, पाँच सौ बर्धन फसह पर्व बलि क बरे लेवीबंसियन क दिहन। उ सबइ लोग लेवीबंसियन क प्रमुख रहेन।
10 जब हर एक चीज फसह पर्व क सेवा सुरू करइ स पहिले तइयार होइ गइ, तउ याजक अउर लेवीबंसी लोग जगहन पइ गएन। इ उहइ भवा जउन राजा क आदेस रहा।
11 फसह पर्व क मेमनन मारे गएन। तब लेवीबंसियन जनावारन क खाल उतारेन अउ याजकन क रकत दिहन। याजक लोग रकत क वेदी पइ छिछकारेन।
12 तब उ पचे जनावरन क अलग अलग परिवार अमूहन क होमबलि मँ उपयोग क बरे दिहस। इ एह बरे कीन्ह गवा कि होमबलि उ तरह दीन्ह जाइ सकइ जउने तरह मूसा क नेमन सिखाए रहेन।
13 लेवीबंसियन फसह पर्व क बलियन क आगी पइ इ तरह भूँजेन जइसा ओनका आदेस दीन्ह गवा रहा अउर उ पचे पवित्तर भेटन क हाँड़ी, डेग अउ कड़ाहियन मँ पकाएन। तब उ पचे लोगन क हाली स माँस दिहन।
14 जब इ पूरा भवा तब लेवीबंसियन क अपने बरे अउर ओन याजकन क बरे माँस मिला जउन हारून क संतान रहेन। ओन याजकन क काम करत करत भए अँधियारा होइ तलक काम मँ बहोत जियादा लगाए गवा रखा। उ पचे होमबलि अउर बलिदानन क चर्बी क बारत भए कड़ी मेहनत किहन।
15 आसाप क परिवार क लेवीबंसी गायक ओन जगहन पइ पहोंचेन जेनका राजा दाऊद ओनके खड़े होइ क बरे चुने रहा। उ पचे आसाप, हेमान अउर राजा क नबी यदूतून रहेन। हर एक दुआरे पइ दुआरपाल अपनी जगह नाहीं छोड़ सकत रहेन काहेकि ओनकर लेवीबंसी भाइयन हर एक चीज ओनके फसह पर्व क बरे तइयार कइ दिहे रहेन।
16 उ दिन सब कछू यहोवा क उपासना क बरे वइसा ही कीन्ह गवा रहा जइसा राजा योसिय्याह आदेस दिहेस। फसह पर्व क त्यौहार मनावा गवा अउर होमबलि यूहोवा क वेदी पइ चढ़ाई गइ।
17 इस्राएल क जउन लोग हुवाँ रहेन उ पचे फसह पर्व मनाएन अउर अखमीरी रोटी क पर्व सात दिन तलक मनाएस।
18 समूएल नबी दिन स ही फसह पर्व इ तरह नाहीं मनावा गवा रहा। इस्राएल क कउनो राजा कबहुँ इ तरह फसह पर्व नाहीं मनाए रहेन। राजा योसिय्याह, याजक, लेवीबंसी अउर इस्राएल अउ यहूदा क लोग, यरूसलेम मँ सबहिं लोगन क संग, फसह पर्व क बहोत ही बिसेस रुप म मनावा।
19 इ फसह पर्व योसिय्याह क राज्जकाल क अट्ठारहवे बरिस मनावा गवा।
20 योसिय्याह जब मन्दिर क ओन अच्छे कामन क कइ चुका, तउ उ समइ मिस्र क राजा नको जुद्ध करइ बरे आपन फउज क परात नदी क बगल मँ स्थित ककर्मीस नगर पइ लइके आवा। नको मिस्र क राजा रहा। राजा योसिय्याह नको क खिलाफ लड़इ बाहेर निकरा।
21 किन्तु नको योसिय्याह क लगे दूत पठएस। उ पचे कहेन, “राजा योसिय्याह, इ जुद्ध तोहरे बरे समस्या नाहीं अहइ। मइँ तोहरे बिरुद्ध लड़इ नाहीं आवा हउँ। मइँ अपने दुस्ममम स लड़इ आवा हउँ। परमेस्सर ओका हाली करइ क कहेस ह। परमेस्सर मोरी कइँती बाटइ एह बरे मोका परेसान करा। जदि तू मोरे खिलाफ लड़ब्या, परमेस्सर तोहका नस्ट कइ देइ।”
22 मुला योसिय्याह हटा नाहीं। उ नको स जुद्ध करइ क निहचइ किहस, एह बरे उ आपन भेस बदलेस अउ जुद्ध करइ गवा। योसिय्याह ओका सुनइ स इन्कार कइ दिहस जउन नको परमेस्सर क आदेस क बारे मँ कहेस। योसिय्याह मगिद्दो क मइदान मँ जुद्ध करइ गवा।
23 जउने समइ योसिय्याह जुद्ध मँ रहा, उ बाणन स बेध दीन्ह गवा। उ अपने सेवकन स कहेस, “मोका दूर लइ चला। मइँ बुरी तरह घायल हउँ।”
24 एह बरे सेवकन योसिय्याह क रथे स बाहेर निकारेन, अउर ओका दूसरे रथ मँ बइठाएन जेका उ अपने संग जुद्ध मँ लिआवा रहा। तब उ पचे योसिय्याह क यरूसलेम लइ गएन। राजा योसिय्याह यरूसलेम मँ मरा। योसिय्याह क हुवाँ दफनावा गवा जहाँ ओकरे पुरखन दफनाए गए रहेन। यहूदा अउ यरूसलेम क सबहिं लोग योसिय्याह क मरइ पर बहोत दुःखी रहेन।
25 यिर्मयाह योसिय्याह क बरे कछू बहोत जियादा करुण गीत लिखेस अउर गाएस। आग भी सबहिं मेहरारु-मनसेघू गाएक ओन “करूण गीतन” क गावत हीं। योसिय्याह क दुःखी क गीतन इस्राएलियन बरे रीति बन गवा। उ पचे गीत “करूण गीतन” क संग्रह मँ लिखे अहइँ।
26 दूसर जउन कछू योसिय्याह अपने राज्जकाल मँ, हुवुमत क सरू स आखीर तलक किहस, उ “यहूदा अउर इस्राएल क राजा लोगन क इतिहास” नाउँ क किताबे मँ लिखा गवा अहइ। उ किताब यहोवा क बरे ओकर भक्ति अउर उ यहोवा क नेमन क पालन कइसे किहस, हम लोगन क बतावत ह।
27
2 Chronicles 36
1 यहूदा क लोग यरूसलेम मँ नवा राजा क रूप मँ योसियाह क पूत यहोआहाज क ताजपोसी किहेस।
2 यहोआहाज जब यहूदा क राजा भवा, उ तेईस बरिस क रहा। उ यरूसलेम मँ तीन महीने राजा रहा।
3 तब मिस्र क राजा नको यहोआहाज क बन्दी बनाइ लिहस। नको यहूदा क लोगन क पौने चार टन चाँदी अउ पचहत्तर पौण्ड सोना दण्डरासि देइ क मजबूर किहस।
4 नको यहोआहाज क भाई क यहूदा अउ यरूसलेम क नवा राजा होइ क बरे चुनेस। यहोआहाज क भाई क नाउँ एल्याकीम रहा। तब नको एल्याकीम क एक नवा नाउँ दिहस। उ ओकर नाउँ यहोयाकीम रखेस किन्तु नको यहोआहाज क मिस्र लइ गवा।
5 यहोआकीम उ समइ पच्चीस बरिस क रहा जब उ यहूदा क राजा भवा। उ गियारह बरिस तलक यरूसलेम मँ राजा रहा। यहोयाकीम उहइ किहेस जेका यहोवा बुरा समुझत अहा। उ अपने यहोवा परमेस्सर क बिरुद्ध पाप किहस।
6 बाबेल क राजा नबूकदनेस्सर यहूदा पइ हमला किहस। उ यहोयाकीम क बन्दी बनाएस अउर ओका काँसे क जंजीरन मँ डाएस। तब नबूकदनेस्सर राजा यहोयाकीम क बाबेल लइ गवा।
7 नबूकदनेस्सर यहोवा क मन्दिर स कछू चिजियन लइ गवा। उ ओन चिजियन क बावेल लइ गवा अउर अपने घर अर्थात राजमहल मँ रखेस।
8 यहोयाकीम जउन दूसर काम किहस, जउन भयंकर पाप उ किहस अउर हर एक काम जेका करइ क उ अपराधी रहा, इ सबइ काम “यहूदा अउ इस्राएल क राजा लोगन क इतिहास” नाउँ किताबे मँ लिखे अहइँ।यहोयाकीन, यहोयाकींम क जगह पइ नवा राजा भवा। यहोयाकीन, यहोयाकीम क पूत रहा।
9 यहोयाकीन जब यहूदा क राजा भवा, अट्ठारह बरिस क रहा। उ यरूसलेम मँ तीन महीने दस दिन राजा रहा। उ उ सबइ काम किहस जेका यहोवा दुआरा बुरा समुझा जात रहा।
10 बसन्त मँ राजा नबूकदनेस्सर कछू सेवकन क यहोयाकीन क धरइ क पठएस। उ पचे यहोयाकीन अउ यहोवा क मन्दिर मँ स कछू कीमती खजाना बाबेल लइ गएन। नबूकदनेस्सर सिदकिय्याह क यहूदा अउ यरूसलेम क नवा राजा होइ बरे चुनेस। सिदकिय्याह यहोयाकीन क सम्बन्धी रहा।
11 सिदकिय्याह जब यहूदा क राजा बना, इक्कीस बरिस क रहा। उ यरूसलेम मँ गियारह बरिस तलक राजा रहा।
12 सिदकिय्याह उहइ किहेस जेका यहोवा दुआर बुरा समुझा जात रहा। यिर्मयाह नबी यहोवा कइँती स सँदेसन ओका दिहस मुला उ अपने क बिनम्र नाहीं बनाएस अउर यिर्मयाह नबी जउन कहेस ओकर पालन नाहीं किहस।
13 सिदकिय्याह नबूकदनेस्सर क खिलाफ विद्रोह किहस। कछू समइ पहिले नबूकदनेस्सर सिदकिय्याह स प्रतिग्या कराए रहा कि उ नबूकदनेस्सर क बिस्सासपात्र रही। सिदकिय्याह परमेस्सर क नाउँ लिहस अउर नबूकदनेस्सर क बरे बिस्सासपात्र बने रहइ क प्रतिग्या किहस मुला सिदकिय्याह बहोत अड़ियल रहा अउर उ आपन जिन्नगी बदलइ, इस्राएल क यहोवा परमेस्सर क लगे लउटइ अउ ओकरी आग्या मानइ स इन्कार कइ दिहस।
14 याजकन क सबहिं प्रमुखन अउ यहूदा क लोगन क प्रमुखन यहोवा क धोखा दिहेस। उ पचे रास्ट्रन क भयंकर करमन स भी बुरा करम किहस। ओन प्रमुखन लोगन यहोवा क मन्दिर क अपमान किहेन जेका उ यरूसलेम मँ अपिर्त किहे रहा।
15 ओनके पुरखन क यहोवा परमेस्सर अपने लोगन क चितउनी देइ क बरे बार बार नबियन क पठएस। यहोवा इ एह बरे किहस कि ओका ओन पइ वृपालु रही अउर मन्दिर क लिए दुःख रहा।
16 किन्तु परमेस्सर क लोगन परमेस्सर क नबियन क मजाक उड़ाएन। उ पचे परमेस्सर क नबियन क सुनइ स इन्कार किहेस। उ पचे परमेस्सर क संदेस क नकार दिहेस। आखीर मँ परमेस्सर अपने लोगन पइ ऍतना कोहान कि ओका रोकइ क बरे कछू भी नाहीं रहा।
17 एह बरे परमेस्सर बाबेल क राजा क यहूदा क लोगन पइ हमला करइ बरे लिआवा। बाबेल क राजा जुवा मनइयन क मन्दिर मँ होइ प भी मार डाएस। उ यहूदा अउ यरूसलेम क लोगन पइ दया नाहीं किहस। बाबेल क राजा जुवा मनइयन, जुवा मेहररूअन अउ बूढ़ा मनइयन सबहिं लोगन क मारेस। परमेससर नबूकदनेस्सर क यहूदा अउ यरूसलेम क लोगन क दण्ड देइ दिहस।
18 नबूकदनेस्सर परमेस्सर क मन्दिर क, राजा अउ राजा क अधिकारियन क सबहिं कीमती चिजियन लइ लिहस।
19 नबूकदनेस्सर अउ ओकर फउज मन्दिर क आगी लगाइ दिहस। उ पचे यरूसलेम क चहारदीवारी गियाइ दिहन अउर राजा अउ ओकरे अधिकारियन क सबहिं घरन क बार दिहन। उ पचे यरूसलेम स हर एक कीमती चीज लिहन या ओका नस्ट कइ दिहन।
20 नबूकदनेस्सर एकरे पाछे भी जिअत बचे लोगन क, बाबुल लइ गवा अउर ओनका दास होइ क मजबूर किहस। उ सबइ लोग बाबेल मँ दास क तरह तब तलक रहेन जब तलक फारस क सम्राट बाबेल क राज्ज क पराजित नाहीं किहस।
21 इ तरह यहोवा, इस्राएल क लोगन क जउन कछू यिर्मयाह नबी स कहवावा, उ सबइ ठीक घटित भवा। यहोवा यिर्मयाह क जरिये कहे रहा: “इ जगह सत्तर बरिस तलक सूनी अउ उजाड़ देस रही। इ भूइँया क सबइ सबित विस्राम क खुसी मनावइ बरे होइ जेका लोग नाहीं किहे रहा।”
22 इ तब पहिले बरिस भवा जब फारस क राजा वुस्रू हुवूमत करत रहा। यहोवा वुस्रू क हिरदइ क एक खास प्रायस्चित करइ बरे उत्तेजित किहेस ताकि जउन कछू यहोवा यिर्मयाह नबी क माध्यम स कहेस सबइ घटित सकतेन। जेहसे उ आदेस लिखेस अउर अपने राज्ज मँ हर एक जगह पइ पठएस:
23 फारस क राजा वुस्रू इहइ कहत ह: सरग क परमेस्सर यहोवा मोका पूरी पृथ्वी क राजा बनाएस ह। उ मोका अपने बरे एक मन्दिर यरूसलेम मँ बनावइ क जिम्मेदारी दिहस ह। अब तू सबहिं जउन परमेस्सर क लोग अहा, यरूसलेम जाइ क बरे अजाद ह्वा। यहोवा परमेस्सर तोहरे संग होइ।
Ezra 1
1 फारस क राज्ज वुस्रू क सासन क पहिले बरिस यहोवा वुस्रू क आतिमा क एक ठु घोसणा करइ क बरे उत्साहित किहस। कुस्रू उ घोसणा क लिखवाएस अउ अपने राज्ज मँ हर एक जगह बँचवाएस। इ एह बरे कीन्ह गवा रहा ताकि यहोवा क उ सँदेसा जउन यिर्मयाह क जेरिये कहा गवा रहा, पूरा होइ सकइ। घोसणा इ अहइ:
2 “फारस क राजा कुस्रू क सँदेसा:सरग क परमेस्सर यहोवा, पृथ्वी क सारे राज्ज मोका दिहेस ह अउर यहोवा मोका यहूदा देस क यरूसलेम मँ ओकर एक ठु मन्दिर बनावइ बरे चुनेस।
3 यहोवा, इस्राएल क परमेस्सर अहइ, उ परमेस्सर जउन यरूसलेम मँ अहइ। जदि परमेस्सर क कउनो लोग तोहरे बीच रहत अहइ तउ मइँ इ पराथना करत हउँ कि परमेस्सर ओका आसीर्बाद देइ। उ पचे क यहूदा देस क यरूसलेम मँ जाइ चाही। उ पचे यहोवा क मन्दिर क बनावइ बरे जाइ चाही,
4 अउर एह बरे कउनो भी उ जगह मँ जहाँ इस्राएल क लोग बचे होइँ। उ जगहिया क लोगन क ओन बचे हुवन क मदद करइ चाही। ओन लोगन क चाँदी, सोना, गाइ अउर दूसर चिजियन द्या। यरूसलेम मँ परमेस्सर क मन्दिर बरे ओका भेंट द्या।”
5 एह बरे यहूदा अउर बिन्यामीन क परिवार समूहन क प्रमुखन यरूसलेम जाइ क तइयारी किहन। उ पचे यहोवा क मन्दिर क बनवाइ बरे यरूसलेम जात रहेन। परमेस्सर जउन लोगन क प्रोत्साहित किहे रहा उ पचे भी यरूसलेम जाइ क तइयार होइ गएन।
6 ओनकर सबहिं पड़ोसियन ओका चाँदी अउर सोना क चिजियन औजार, जनावरन अउर कीमती चिजियन क ओन दुसर चिजियन क अतिरिक्त जउन उ पचे मेल भेंट क रूप मँ दिहन, दइ क ओनका मदद किहन।
7 राजा कुस्रू भी ओन चिजियन क लिआवा जउन यहोवा क मन्दिर क रहिन। नबूकदनेस्सर ओन चिजियन क यरूसलेम स लूट लिआवा रहा। नबूकदनेस्सर ओन चिजियन क अपने उ मन्दिर मँ धरेस, जेहमाँ उ अपने लबार देवतन क धरत रहा।
8 फारस क राजा कुस्रू अपने उ मनई स ओकरे धने क देखरेख करत रहा, एन चिजियन क बाहेेेर लिआवइ बरे कहेस। उ मनई क नाउँ मिथूदात रहा। एह बरे मिथूदात ओन चिजियन क यहूदा क प्रमुख सेसबस्सर क लगे लइके आवा।
9 जिन चिजियन क मिथूदात यहोवा क मन्दिर स लिआवा रहा, उ सबइ इ सबइ रहिन:सोना क भाँड़ी 30चाँदी क भाँड़ी 1,000चावू अउर कड़ाहियन 29
10 सोना क खोरन 30सोना क खोरन जइसे चाँदी क खोरन 410अउ एक हजार दूसर तरह क भाँडी 1,000
11 सब मिलाइके हुवाँ सोना चाँदी क बनी पाँच हजार चार सौ चिजियन रहिन। सेसबस्सर एन सबहिं चिजियन क अपने संग उ समइ लिआवा जब बन्दियन बाबेल छोड़ेन अउर यरूसलेम क वापस लउट गएन।
Ezra 2
1 इ सबइ राज्ज क उ सबइ मनई अहइँ जउन बंधुवाई स लउटिके आएन। बाबेल क राजा नबूकदनेस्सर ओन लोगन क बन्दी क रूप मँ बाबेल लिआवा रहा। इ सबइ लोग यरूसलेम अउ यहूदा क वापस आएन। हर एक मनई यहूदा मँ अपने-अपने नगर क वापस गवा।
2 इ सबइ उ सब लोग अहइँ जउन जरूब्बाबेल क संग वापस आएन: येसू, नहेम्याह, सरायाह, रेलायाह, मोर्दकै, बिलसान, मिस्पार, बिगवै, रहूम अउर बाना। इ इस्राएल क ओन लोगन क नाउँ अउर ओनकर गनती अहइ जउन वापस लउटेन:
3 परोस क संतान 2,172
4 सपत्याह क संतान 372
5 आरह क संतान 775
6 येसू अउर योआब क परिवार कपहत्मोआब क संतान 2,812
7 एलाम क संतान 1,254
8 जत्तू क संतान 945
9 जक्कै क संतान 760
10 बानी क संतान 642
11 बेबै क संतान 623
12 अजगाद क संतान 1,222
13 अदोनीकाम क संतान 666
14 बिगवै क संतान 2,056
15 आदीन क संतान 454
16 आतेर क संतान (हिजकिय्याह क परिवारिक पीढ़ी स) 98
17 बेसै क संतान 323
18 योरा क संतान 112
19 हासूम क संतान 223
20 गिब्बार क संतान 95
21 बेतलेहेम नगर क लोग 123
22 नतोपा क नगर स 56
23 अनातोत नगर स 128
24 अजमावेत क नगर स 42
25 किर्यतारीम, कपीरा अउर बेरोत नगरन स 743
26 रामा अउ गेबा नगर स 621
27 मिकमास नगर स 122
28 बेतेल अउर ऐ नगर स 223
29 नबो नगर स 52
30 मगबीस नगर स 156
31 एलाम नाउँ क दूसर नगर स 1,254
32 हारीम नगर स 320
33 लोद, हादीद अउ ओनो नगरन स 725
34 यरीहो नगर स 345
35 सना नगर स 3,630
36 याजकन क नाउँ अउर ओनकर गनती क सूची इ अहइ:यदायाह क संतान (येसू कपारिवारिक पढ़ी स) 973
37 इम्मेर क संतान 1,052
38 पसहूर क संतान 1,247
39 हारीम क संतान 1,017
40 लेवीबंसी कहे जाइवाले लेवी क परिवार क गनती इ अहइ:येसू अउर कदमिएल (होदग्याह क पारिवारिक पढी स) 74
41 गायकन क गनती इ अहइ:आसाप क संतान 128
42 मन्दिर क दुआरपालन क गनती इ अहइ:सल्लूम, आतेर, तल्मोन, अक्वूब, हतीता अउर सोबै क संतान 139
43 मन्दिर क खास सेवक क इ सबइ सन्तानन अहइँ:सीहा क संतानन, हसूपा क संतानन, तब्बओत क संतानन,
44 केरोस क संतानन, सीअहा क संतानन, पादोन क संतानन,
45 लबाना क संतानन, हागाब क संतानन, अक्वूब क संतानन,
46 हागाब क संतानन, सल्मै क संतानन, हानान क संतानन,
47 गिद्दल क संतानन, गहर क संतानन, रायाह क संतानन,
48 रसीन क संतानन, नकोदा क संतानन, गज्जाम क संतानन,
49 उज्जा क संतानन, पासेह क संतानन, बेसै क संतानन,
50 अस्ना क संतानन, मूनीम क संतानन, नपीसीम क संतानन,
51 बकबूक क संतानन, हवूपा क संतानन, हर्हूर क संतानन,
52 बसलूत क संतानन, महीदा क संतानन, हर्सा क संतानन,
53 बकोर्स क संतानन, सीसरा क संतानन, तेमह क संतानन,
54 नसीह अउ हतीपा।
55 इ सबइ सुलैमान क सेवकन क संतानन अहइ:सोतै क संतानन, हस्सोपेरेत क संतानन, परूदा क संतानन।
56 याला क संतानन, दकोर्न क संतानन, गिद्देल क संतानन,
57 सपत्याह क संतानन, हत्तील क संतानन, पोकरेत क संतानन, सबायीम क संतानन,
58 मन्दिर क सेवक अउ सुलैमान क सेवकन क वुल संतान। 392
59 कछू लोग एन नगरन स यरूसलेम आएन: तेल्मेलह, तेलहर्सा, करूब, अद्दान अउर इम्मोर। मुला इ सबइ लोग इ प्रमाणित नाहीं कइ सकेन कि ओनकर परिवार इस्राएल क परिवार स अहइँ। ओनकर नाउँ अउर ओनकर गनती इ अहइ:
60 दलायाह क संतानन, तोबिय्याह क संतानन अउर नकोदा क संतानन 652
61 याजकन क परिवारन क नाउँ इ अहइँ:हबायाह क संतानन, हक्कोस क संतानन अउ बजिर्ल्लै क संतानन (एक मनई जउन गिलादी क बजिर्ल्लै क बिटिया स बियाह किह रहा अउर बजिर्ल्लै क पारिवारिक नाउँ स ही जान जाना रहा।)
62 एन लोग अपने पारिवारिक इतिहासन क खोज किहन, मुला ओका पाइ नाहीं सकेन। ओनकर नाउँ याजकन क सूची मँ नाहीं सामिल कीन्ह गए रहेन। उ सबइ इ प्रमाणित नाहीं कइ सकेन कि ओनकर पुरखा याजक रहेन। इहइ कारण उ पचे याजक नाहीं होइ सकत रहेन।
63 राज्यपाल एन लोगन क आदेस दिहेस कि इ सबइ लोग कउनो भी पवित्र भोजन न करइँ। उ पचे तब तलक इ पवित्र भोजन नाहीं खाइ सकतेन जब तलक ओन मँ स कउनो एक ऊरीम अउर तुम्मीमक उपयोग न कइ ले।
64 सब मिलाइके 42,360 लोग उ समूह मँ रहेन जे वापस लउट आएन।
65 ओनके अतिरिक्त एहमाँ 7,337 सेवक अउर सेविकन रहेन। ओनके संग 200 गायक अउ गायिकन भी रहिन।
66 ओनके लगे 736 घोड़न, 245 खच्चर,
67 चार स पेंतीस उँट अउ 6,720 गदहन रहेन।
68 उ समूह यरूसलेम मँ यहोवा क मन्दिर क पहोंचा। तब परिवार क प्रमुखन यहोवा क मन्दिर क बनावइ क बरे आपन भेंट दिहेन। उ पचे जउन मन्दिर नस्ट होइ गवा रहा उहइ क जगह पइ नवा मन्दिर बनावइ चाहेन।
69 ओन लोग ओतना दिहन जेतना उ पचे दइ सकत रहेन। इ सबइ उ सब चिजियन अहइँ जेनका उ पचे मन्दिर बनावइ क बरे दिहेन: लगभग 500 किलो सोना, तीन टन चाँदी अउर याजकन क पहिरइ वाले 100 चोगन।
70 इ तरह याजक, लेवीवंसी अउर कछू दूसर लोग यरूसलेम अउर ओकरे चारिहुँ कइँती क पहँटा मँ बस गएन। इ समूह मँ मन्दिर क गायक, दुआरपाल अउर मन्दिर क सेवक सामिल रहेन। इस्राएल क दूसर लोग अपने निजी निवास जगहन मँ बस गएन।
Ezra 3
1 एह बरे सतवें महीने स इस्राएल क लोग अपने अपने नगरन मँ लउट गएन। उ समइ, सबहिं लोग यरूसलेम मँ एक संग एकट्ठे भएन। उ पचे सबहिं एक इकाई क रूप मँ संगठित रहेन।
2 तब योसादाक क पूत येसू अउर ओकरे संग याजकन अउ सालतीएल क पूत जरूब्बाबेल अउ ओकरे संग क लोग इस्राएल क परमेस्सर क वेदी बनाएन। ओन लोग इस्राएल क परमेस्सर बरे वेदी एह बरे बनाएन ताकि उ पचे एह पइ बलि चढ़ाइ सकइँ। उ पचे ओनका ठीक मूसा क नेमन क अनुसार बनाएन। मूसा परमेस्सर क बिसेस सेवक रहा।
3 उ सबइ लोग अपने आस पास क रहइवाले दूसर लोगन स डरे भए रहेन। मुला इ डर ओनका रोक न सका अउर उ पचे वेदी क पुरानी नेंव पइ वेदी बनाएन अउर ओह पइ यहोवा क होमबलि दिहन।
4 तब उ पचे आस्रयन क त्यौहार ठीक वइसे ही मनाएन जइसा मूसा क नेम मँ कहा गवा अहइ। उ पचे उत्सव क हर एक दिन क बरे उचित गनती मँ होमबलि दिहन।
5 ओकरे पाछे, उ पचे लगातार चलइवाली हर दिन क होमबलि नवा चाँद, अउर सबहिं दूसर उत्सव व बिस्राम क दिनन क भेंटन चढ़ाउब सुरू किहन जइसा कि यहोवा क जरिये आदेस दीन्ह गवा रहा। लोग दूसर ओन भेंटन क भी चढ़ावइ क लागेन जेनका उ पचे यहोवा क चढ़ावइ चाहत रहेन।
6 एह बरे सतएँ महीना क पहिले दिन इस्राएल क एन लोग यहोवा क फुन भेंट चढ़ाउब सुरु किहन। इ तब भी कीन्ह गवा जब कि मन्दिर क नेंव अबहिं फुन स नाहीं बनी रही।
7 तब ओन लोग जउन बन्धुवाई स छुटिके आए रहेन, संगतरासन अउर बढ़इयन क धन दिहेन अउर उ पचे सोर अउर सीदोन क लोगन क भोजन, दाखरस अउर जैतून क तेल दिहन। ताकि उ पचे लबानोन क देवदार क बृच्छ लिआवइ सकेन। उ पचे चाहत रहेन कि उ पचे जापा नगर क समुद्री तट पइ लट्ठन क जहाजन क मँ लिआवइँ। फारस क राजा कुस्रू इ करइ बरे ओनका मंजूरी दइ दिहस।
8 एह बरे यरूसलेम मँ मन्दिर पइ ओनके पहोंचइ क दूसर बरिस क दूसर महीने मँ सालतीएल क पूत जरूब्बाबेल अउर योसादाक क पूत येसू काम करब सुरू किहस। ओनकर भाइयन, याजकन, लेवीबंसियन अउ हर एक मनई जउन बन्धुवाई स यरूसलेम लउटे रहेन, सब ओनके संग काम करब सुरू किहन। उ पचे यहोवा क मन्दिर क बनावइ बरे ओन लेवीबंसियन क निरीच्छक चानेन जउन बीस बरिस या ओहसे जियादा उमिर क रहेन।
9 इ सबइ उ सब लोग रहेन जउन मन्दिर क बनइ क देखरेख करत रहेन, येसू क पूत अउर ओकर भाई, कदमीएल अउ ओकर पूत (यहूदा क सन्तान रहेन) हेनादाद क पूत अउ ओनकर बंधु लेवीबंसी।
10 कारीगरन यहोवा क मन्दिर क नेव डाउब पूरी कइ दिहन। जब नेंव पड़ गइ तब याजकन अपने खास ओढ़ना पहिरेन। तब उ पचे आपन तुर्रुही लिहन अउ आसाप क पूतन अपनी झाँझन क लिहन। उ पचे यहोवा क स्तुति क बरे अपने अपने जगह लइ लिहन। इ उहइ तरह कीन्ह गवा जउने तरह करइ क बरे भूतकाल मँ इस्राएल क राजा दाऊद आदेस दिहे रहा।
11 यहोवा जउन कछू किहस, उ पचे ओकरे बरे ओकर बड़कई करत भए अउ धन्नवाद देत भए, इ गीत गाएन “उ अच्छा अहइ, ओकर इस्राएल क बरे पिरेम सास्वत अहइ।” अउर तब सबहिं लोग खुस भएन। उ पचे बहोत जोर स उद्घोस अउ यहोवा क स्तुति किहन। काहे काहेकि मन्दिर क नेंव पूरी होइ चुकी रही।
12 मुला बुजुर्ग याजकन मँ स बहोत स, लेवीबंसी अउर परिवार प्रमुख रोइ पड़ेन। काहे काहेकि ओन लोग पहिले मन्दिर क लखे रहेन, अउर उ पचे इ याद करत रहेन कि उ केतना सुन्नर रहा। उ सबइ रोइ पड़ेन जब उ पचे नवे मन्दिर क लखेन। उ पचे रोवत रहेन जब बहोत स दूसर लोग खुस रहेन अउर सोर मचावत रहेन।
13 उद्घोस बहोत दूर तलक सुना जाइ सकत रहा। ओन सबहिं लोग ऍतना सोर मचाएन कि कउनो मनई खुसी क उद्घोस अउ रोवइ मँ अन्तर नाहीं कइ सकत रहा।
Ezra 4
1 उ पहँटा मँ रहइवाले बहोत स लोग यहूदा अउ बिन्यामीन क लोगन क बिरुद्ध रहेन। ओन दुस्मनन सुनेन कि सबइ लोग जउन बन्धुवाई स आएन ह उ सबइ, इस्राएल क परमेस्सर यहोवा क बरे एक ठु मन्दिर बनावत अहइँ। एह बरे उ सबइ दुस्मन जरुब्बावेल अउ परिवार प्रमुखन क लगे आएन अउ उ पचे कहेन, “मन्दिर बनावइ मँ हम क तू पचन क मदद करइ द्या। हम लग उहइ अही जउन तू अहा, हम तोहरे पचन्क परमेस्सर स मदद माँगित ह। हम लोग तोहरे पचन्क परमेस्सर क तब स बलि चढ़ावा ह जब स अस्सूर क राजा एसर्हद्दोन हम लोगन क हिआँ लिआव।”
2
3 मुला जरूब्बाबेल, येसू अउर इस्राएल क दूसर परिवार प्रमुखन जवाब दिहन, “नाहीं, तू जइसे लोग हमरे परमेस्सर क बरे मन्दिर बनावइ मँ हम क मदद नाहीं कइ सकतेन। सिरिफ हम लोग ही यहोवा क बरे मन्दिर बनाइ सकित ह। उ इस्राएल क परमेस्सर अहइ। फारस क राजा कुस्रू जउन करइ क आदेस दिहस ह, उ इहइ अहइ।”
4 यह बरे उ देस क लोग मन्दिर क बनावइ क कार्य रोकइ क बरे जतन करत भए यहूदी लोगन क हिम्मत तोड़इ क बरे ओनका डराउब सुरु किहन।
5 ओन दुस्मनन सलाहकारन क यहूदा क लोगन क खिलाफ काम करइ क बरे बेसहि लिहन। उ सलाहकारन ओनके जोजनन मँ बाधा डावइ क जतन किहेन। इ कारज तब तलक लगातार चलत रहा जब तलक कुस्रू फारस क राजा रहा अउर बाद मँ जब तलक दारा फारस क राजा नाहीं होइ गवा।
6 ओन दुस्मनन यहूदियन क रोकइ क बरे जतन करत भए फारस क राजा क पत्र भी लिखेन। अउर उ पचे इ पत्र फारस क राजा छयर्स क सासन काल क सुरू मँ लिखेन।
7 पाछे, जब अर्तछत्र फारस क नवा राजा भवा, एन लोगन मँ स कछू यहूदियन क खिलाफ सिकाइत करत भए एक ठू अउर पत्र लिखेन। जउन लोग उ पत्र लिखेन, उ सबइ इ सब रहेन: बिसलाम, मिथदात, ताबेल अउर ओकरे दल क दूसर लोग। उ पचे पत्र राजा अर्तछत्र क अरामी मँ अरामी लिपि क उपयोग करत भए लिखेन।
8 तब सासन अधिकारी रहूम अउर लिपिक सिमसै यरूसलेम क लोगन क खिलाफ पत्र लिखेन। उ पचे राजा अर्तछत्र क पत्र लिखेन। उ पचे जउन लिखेन उ इ रहा:
9 सासन अधिकारी रहूम, लिपिक सिमसै, निआधीसन अउर तर्पली, फारसी, एरेकी, बाबेली लोगन पइ क महत्त्वपूर्ण उच्चय अधिकारियन अउर सूसनी क एलामी लोगन क कइँती स,
10 अउ उ सबइ दूसर लोग क ओर स जेनका महान अउर सक्तीसाली ओस्नप्पर सोमरोन क नगरन अउर परात नदी क पच्छिमी पहँटा क दूसर जगहन पइ बसाए रहेन।
11 इ उ पत्र क प्रतिलिपि अहइ जेका ओन लोग अर्तछत्र क पठए रहेन।राजा अर्तछत्र क, परात नदी क पच्छिमी पहँटा मँ आप क सेवकन कइँती स अहइ।
12 राजा अर्तछत्र हम आप क सूचित करइ चाहित ह कि जउन यहूदियन क आप-अपने लगे स पठया ह, उ पचे हिआँ आइ गएन ह। उ सबइ यहूदी उ नगर क फुन स बनावइ चाहत हीं। यरूसलेम एक बुरा अउर बिद्रोही नगर अहइ। अब उ पचे यहूदी परकोटन क जेवन क पक्का करत बाटेन अउर देवारन खड़ी करत अहइँ।
13 राजा अर्तछत्र आप क इ जान लेइ चाही कि जदि यरूसलेम अउर एकर परकोटन फुन बन गएन तउ यरूसलेम क लोगन कर देब बन्द कइ देइहीं। उ पचे आप क सम्मान करइ बरे धन पठउब बन्द कइ देइहीं। उ पचे सेवा कर भी रोक देइहीं अउर राजा क उ सारे धन स हाथ धोवइ पड़ी।
14 राजा क एकर जानकारी होइ चाही कि हम लोग राजा क वफ़ादार होइ क वादा किहे रहेन। ऍह बरे जिम्मेदारी हम लोगन पइ अहइ। हम लोगन क इ सबइ घटित होब नाहीं लखइ चाहतेउँ कि राजा क अपमान होइ। इहइ कारण अहइ कि हम लोग इ पत्र क जरिये राजा क इ बात क सम्बंध मँ सूचना दिहे अहउँ।
15 राजा अर्तछत्र हम इ चाहित ह कि आप ओन राजा लोगन क लेखन क पता लगावइँ कि जउन आपक पहिले हुवूमत किहन। आप ओन लेखन मँ लखिहीं कि यरूसलेम मँ सदा ही दूसर राजा लोगन क बरे बिद्रोह किहन। इ दूसर राजा लोगन अउ रास्ट्रन क बरे बहोत कठिनाइयन पइदा किहन ह। पुराने समइ स ही इ नगर बिद्रोह क उभारत अहइ ह। इहइ कारण अहइ कि यरूसलेम नस्ट भवा।
16 राजा अर्तछत्र हम आप क सूचित करइ चाहित ह कि जदि इ नगर अउ एकर परकोटन फुन स बन गवा तउ फरात नदी क इ कइँती क छेत्र आप क हाथे स निकरि जइहीं।
17 तब अर्तछत्र इ जवाब पठएस:सासन अधिकारी रहूम अउ लिपिक सिमसै अउ ओनकर सबहिं साथियन क जउन सोमोरन अउ परात नदी क दूसर पच्छिमी प्रदेस मँ रहत हीं क सुभ-कामनाऐं,
18 तू लोग जउन हमरे लगे पत्र पठाया ओकर अनुवाद भवा अउर मोका सुनावा गवा।
19 मइँ आदेस दिहेउँ कि मोरे पहिले क राजा लोगन क लेखन क खोज कीन्ह जाइ। लेख बाँचे गएन अउर हम लोगन क ग्यात भवा कि यरूसलेम क जरिये राजा लोगन क खिलाफ बिद्रोह करइ क एक लम्बा इतिहास अहइ। यरूसलेम अइसी जगह रहा नगर जहाँ अक्सर बिद्रोह अउ गद्दारी होत रहत हीं।
20 यरूसलेम अउ फरात नदी क पच्छिम क पूरे पहँटा पइ सक्तीसाली राजा राज्ज करत रहेन ह। राज्ज कर अउ राजा क सम्मान बरे धन अउ बिविध प्रकार क कर ओन राज लोगन क दीन्ह गएन ह।
21 अब तू पचन्क ओन लोगन क काम बन्द करइ क बरे एक ठु आदेस देइ चाही। इ आदेस यरूसलेम क पुन: निर्माण क रोकइ क बरे तब तलक अहइ, जब तलक कि मइँ वइसा करइ क आग्या न देउँ।
22 सावधान रहया अउर इ आग्या क पालन करइ स इनकार जिन करा यरूसलम क पून:निमार्ण चलत नाहीं रहइ चाही, वरना मइँ यरूसलेम स मिलइवाला आमदनी क खोइ देबउँ।
23 तउ उ पत्र क प्रतिलिपि, जेका राजा अर्तछेत्र पठएस रहूम, लिपिक सिमसै अउ ओकरे संग क लोगन क बाँचिके सुनाई गइ। तब उ सबइ लोग बड़ी तेजी स यरूसलेम मँ यहूदियन क लगे गएन। उ पचे यहूदियन क निर्माण कार्य बन्द करइ क मजबूर किहन।
24 इ तरह यरूसलेम मँ परमेस्सर क मन्दिर क काम रुक गवा। फारस क राजा दारा क सासनकाल क दूसरे बरिस तलक इ कार्य नाहीं चला।
Ezra 5
1 तब हाग्गै नबी अउ इद्दो क पूत नबी जकर्याह इस्राएल क परमेस्सर क नाउँ पइ यहूदा अउ यरूसलेम मँ यहूदियन स नबुवत करब सुरु किहन।
2 एह बरे सालतीएल क पूत जरुब्बाबेल अउ योसादाक क पूत येसू फुन यरूसलेम मँ मन्दिर क निर्माण करब सुरु कइ दिहस। अउर परमेस्सर क नबी ओनके संग रहेन अउ कार्य मँ मदद करत रहेन।
3 उहइ समइ फरात नदी क पच्छिम क पहँटा क राज्जपाल तत्तनै रहा। तत्तनै, सतबोर्जनै अउ ओनके संग क लोग जरुब्बाबेल अउर येसूर अउ निर्माण करइवालन क लगे गएन। तत्तनै अउ ओकरे संग क लोग जरुब्बाबेल अउ ओकरे साथ क लोगन स पूछेस, “तू पचन्क इ मन्दिर क फुन स बनावइ अउ एका दिवारन क बनावइ क काम पूरा करइ क आदेस कउन दिहस?”
4 उ पचे जरुब्बाबेल स इ भी पूछेन, “जउन लोग इ इमारत क बनावइ क काम करत अहइँ ओनकर नाउँ क अहइ?”
5 मुला परमेस्सर यहूदा क प्रमुखन पइ दृस्टि रखत रहा। निर्माण करइ वालन क तब तलक काम नाहीं रोकब पड़ा जब तलक ओनकर विवरण राजा क जरिये न पठइ दीन्ह गवा। उ पचे तब तलक काम करत रहेन जब तलक राजा दारा आपन जवाब वापस नाहीं पठएस।
6 फरात क पच्छिम क छेत्रन क सासन अधिकारी तत्तनै, सतबोर्जनै अउर ओनके संग क महत्तवपूर्ण मनइयन राजा दारा क लगे पत्र पठएन।
7 इ उ पत्र क प्रतिलिपि अहइ:
8 राजा दारा, आप क मालूम होइ चाही कि हम लोग यहूदा प्रदेस मँ गएन। हम लोग महान परमेस्सर क मन्दिर क गए। यहूदा क लोग उ मन्दिर क बड़के पाथरन स बनावत अहइँ। उ पचे देवारन मँ काठे क बड़की बड़की सहतीरन डावत अहइ। काम बड़ी होसियारी स कीन्ह जात अहइ, अउर यहूदा क लोग बहोत मेहनत करत अहइँ।
9 हम लोग ओनके प्रमुखन स कछू सवाल ओनके निर्माण कार्य क बारे मँ पूछेन हम लोग ओनसे पूछेन, “तू पचन्क इ मन्दिर क फुन स बनावइ अउर एकरी छते क काम पूरा करइ क मंजूरी कउन दिहस ह”
10 हम लोग ओनकर नाउँ भी पूछेन। हम लोग ओन लोगन क प्रमुखन क नाउँ लिखइ चाहेउँ जेहसे आप जान सकइँ कि उ पचे कउन लोग अहइँ।
11 उ पचे हमक इ जवाब दिहन:“हम लोग सरग अउ पृथ्वी क परमेस्सर क सेवक अही। हम लोग उहइ मन्दिर क बनावत अही जेका बहोत बरिस पहिले इस्राएल क एक महान राजा बनाएस अउर पूरा किहे रहा।
12 मुला हमार पुरखन सरग क परमेस्सर क किरोधित किहन। एह बरे परमेस्सर हमरे पुरखन क बाबेल क राजा नबूकदनेस्सर क दिहस। नबूकदनेस्सर इ मन्दिर क नस्ट किहेस अउर उ लोगन क बन्दी क रूप मँ बाबेल जाइ क मजबूर किहस।
13 मुला बाबेल पइ कुस्रू क राजा होइ क पहिले बरिस मँ राजा कुस्रू परमेस्सर क मन्दिर क फुन स बनावइ क बरे बिसेस आदेस दिहस।
14 कुस्रू बाबेल मँ अपने लबार देवता क मन्दिर स ओन सोने चाँदी क चिजियन क निकारेस जउन भूतकाल मँ परमेस्सर क मन्दिर स चोरी कइ क लइ जाइ गइ रहिन। नबूकदनेस्सर ओन चिजियन क मन्दिर स लिहेस अउर ओनका बाबेल मँ लबार देवतन क मन्दिर मँ लइ आवा। तब राजा कुस्रू ओन सोने चाँदी क चिजियन क सेसबसार क दइ दिहस, कुस्रू सेसबस्सर क राज्यपाल मुकर्रर किहस।
15 कुस्रू तब सेसबस्सर स कहेस रहा, “एन सोना चाँदी क चिजियन क ल्या अउर ओनका यरूसलेम क मन्दिर मँ वापस रखा। उ जगह पइ परमेस्सर क मन्दिर क बनावा जहाँ उ पहिले रहा”
16 एह बरे सेसबस्सर आवा अउर उ यरूसलेम मँ परमेस्सर क मन्दिर क नेंव क काम पूरा किहस। उ दिना स आजु तलक मन्दिर क निर्माण क कार्य चलत आवत अहइ। मुला इ अबहिं तलक पूरा नाहीं भवा ह।”
17 अब जदि राजा चाहत हीं तउ वृपा कइके उ पचे राजा लोगन क लेखन क हेरइँ। इ लखइ बरे हेरइँ कि का कुस्रू राजा क जरिये यरूसलेम मँ परमेस्सर क मन्दिर क फुन स बनावइ क दीन्ह गवा आदेस फुरइ अहइ अउर तब, महामहिमा, वृपा कइके आप हम लोगन क पत्र पठवइँ जेहसे हम जान सकी कि आप इ विसय मँ का करइ क निर्णय लिहन ह।
Ezra 6
1 एह बरे राजा दारा अपने पहिले क राजा लोगन क लेखन क जाँच करइ क आदेस दिहस। उ सबइ लेख बाबेल मँ हुवइँ रखे रहेन जहाँ खजाना धरा गवा रहा,
2 अहमत्ता क किले मँ एक दण्ड मँ चिपका गोल पत्रक मिला। एकवतन मादे प्रान्त मँ अहइ। उ दण्ड मँ लिपटे गोल पत्रक पइ जउन लिखा रहा, उ इ अहइ:सरकारी टिप्पणी:
3 उ कुस्रू क राजा होइ क पहिले बरिस मँ कुस्रू यरूसलेम मँ परमेस्सर क मन्दिर क बरे एक ठू आदेस दिहस। आदेस इ रहा:परमेस्सर क मन्दिर फुन स बनइ द्या। इ बलि भेंट करइ क जगह होइ। एकरी नेंव क बनइ द्या। मन्दिर साठ हाथ उँच अउ साठ हाथ चौड़ा होइ चाही।
4 एकर परकोटन मँ बिसाल पाथरन क तीन ठु कतारन अउर बिसाल काठे क सहतीरन क एक ठू कतार होइ चाही। मन्दिर क बनावइ क खर्च राजा क खजाने स कीन्ह जाइ चाही।
5 साथ ही साथ, परमेस्सर क मन्दिर क सोना अउ चाँदी क चिजियन ओकरे जगह पइ वापस रखी जाइ चाही। नबूकदनेस्सर ओन चिजियन क यरूसलेम क मन्दिर स लिहे रहा अउर ओनका बाबेल लिआए रहा। उ सबइ परमेस्सर क मन्दिर मँ वापस रख दीन्ह जाइ चाही।
6 एह बरे अब, मइँ दारा, फरात नदी क पच्छिम क पहँटन क सासन अधिकारी तत्तनै अउ सतबोर्जनै अउ उ प्रान्त क रहइवाले सबहिं अधिकारियन, तू पचन्क आदेस देत हउँ कि तू लोग यरूसलेम स दूर रहा।
7 समिकन क परेसान जिन करा। परमेस्सर क उ मन्दिर क काम क बन्द करइ क जतन जिन करा। यहूदा क राज्यपाल अउर यहूदा क बुर्जुगन क एनका फुन स बनावइ द्या। ओनका परमेस्सर क मन्दिर क उहइ जगह पइ फुन स बनावइ द्या जहाँ पहिले रहा।
8 अब मइँ एक आदेस देत हउँ कि तू पचन्क परमेस्सर क मन्दिर क बनावइ वाले यहूदा क बुर्जुगन बरे का करइ चाही: इमारत क लागत क भुगतान राजा क खजाने स होइ चाही। इ धन फरात नदी क पच्छिम क छेत्र क प्रान्तन स कर क रूप मँ इकट्ठा कीन्ह गवा रहा। इ सबइ काम हाली स करा, जेहसे काम रुकइ नाहीं।
9 ओन लोगन क उ सब द्या जेकर ओनका जरूरत होइ। जदि ओनका सरग क परमेस्सर क बलि क बरे जवान बर्धन, भेड़न या मेमनन क जरूरत पड़इ तउ ओनका उ सब कछू द्या। जदि यरूसलेम क याजक गोहूँ, नोन, दाखरस अउ तेल माँगइ तउ बिना भूल चूक क हर रोज इ सबइ चिजियन ओनका द्या।
10 इन चिजियन क ओनका द्या जेहसे उ पचे सरग क परमेस्सर क खुस करइवाली बलियन भेंट करइँ अउर राजा अउ ओकरे पूतन क कल्यान बरे पराथना करइँ।
11 मइँ इ आदेस भी देत हउँ कि जदि कउनो मनई इ आदेस क बदलत ह तउ उ मनई क मकान स एक ठु काठे क कड़ी क निकार लेइ चाही अउ उ काठे क कड़ी क उ मनई क तने पइ घँसाइ देइ चाही अउ ओकरे घरे क तब तलक नस्ट कीन्ह जाइ चाही जब तलक कि उ पाथरन क ढेर न बनि जाइ।
12 परमेस्सर यरूसलेम पइ आपन नाउँ अंकित करइ अउर मोका आसा अहइ कि परमेस्सर कउनो भी उ राजा या मनई क पराजित करी जउन इ आदेस क बदलइ क जतन करत ह। जदि कउनो यरूसलेम मँ इ मन्दिर क नस्ट करइ चाहत ह तउ मोका आसा अहइ कि परमेस्सर ओका नस्ट कइ देइ।मइँ, दारा, इ आदेस दिहेउँ ह। इ आदेस क पालन हाली अउर पूर्ण रूप स होइ चाही।
13 एह बरे फरात नदी क पच्छिम पहँटा क प्रसासक तत्तनै, सतबोर्जनै अउर ओकरे संग क लोग राजा दारा क आदेस क पालन किहन। ओन लोगन आग्या क पालन हाली अउर पूर्ण रूप स किहन,
14 एह बरे यहूदी अग्रजन (प्रमुखन) निर्माण कार्य जारी रखेन अउर उ पचे सफल भएन काहेकि हग्गै नबी अउ इद्दो क पूत जकर्याह ओनका प्रोत्साहित किहस। ओन लोग मन्दिर क निर्माण कार्य पूरा कइ लिहन। इ इस्राएल क परमेस्सर क आदेस पालन करइ क बरे कीन्ह गवा। इ फारस क राजा लोगन, कुस्रू, दारा अउर अर्तछत्र जउन आदेस दिहे रहेन ओनकर पालन करइ बरे कीन्ह गवा।
15 मन्दिर क निर्माण अदर महीने क तीसरे दिन भवा। इ राजा दारा क सासन क छठएँ बरिस मँ भवा।
16 तब इस्राएल क लोग बहोत उल्लास क संग परमेस्सर क मन्दिर क समर्पण उत्सव मनाएन। याजक, लेवीबंसी अउर बन्धुवाई स वापस आए दूसर सबहिं लोग इ उत्सव मँ सामिल भएन।
17 उ पचे परमेस्सर क मन्दिर क इ तरह समपिर्त किहन: उ पचे एक सौ बर्धन, दुइ सौ भेड़न अउर चार सौ मेमनन भेंट किहन अउर उ पचे पूरे इस्राएल क बरे पाप भेंट क रूप मँ बारह बोकरन भेंट किहन अर्थात इस्राएल क बारह परिवार समूह मँ स हर एक क बरे एक बोकरा भेंट किहन।
18 तब उ पचे यरुसलेम मँ मन्दिर मँ सेवा करइ क बरे याजकन अउ लेवी बंसियन क समूह बनाएन। इ सब उ पचे उहइ प्रकार किहन जउने प्रकार मूसा क किताबे मं बतावा गवा ह।
19 पहिले महीने क चौदहवें दिन ओन यहूदियन फसह क त्यौहार मनाएन जउन बन्धुवाई स वापस लउटे रहेन।
20 याजकन अउर लेवीबंसियन अपने क सुद्ध किहन। ओन सबहिं फसह क त्यौहार मनावइ क बरे अपने क स्वच्छ अउ तइयार किहन। उ पचे बन्धुवाई स लउटइवाले सबहिं यहूदियन क बरे फसह क त्यौहार क मेमने क मारेन। उ पचे इ अपने बरे अउर अपने याजकन बंधुअन क बरे किहन।
21 एह बरे बन्धुवाई स लउटे इस्राएल क सबहिं लोग फसह क त्यौहार क बलि खाएस अउर उ प्रदेस मँ रहइवाले दूसर सबइ लोग जउन अपने आप क ओन असुद्ध चिजियन स अलग हटिके सुद्ध कइ रहेन अउर जउन ओन लोगन मँ सामिल होइ रहेन, ओन लोग भी फसह क त्यौहार क भोजन मँ हींसा लिहन। ओन लोग इ एह बरे किहन ताकि उ पचे भी यहोवा इस्राएल क परमेस्सर क उपासना करइ सकइँ।
22 उ पचे अखमीरी रोटी क उत्सव सात दिन तलक बहोत जियादा खुसी स मनाएन। यहोवा ओनका बहोत खुस किहस काहेकि उ अस्सूर क राजा क बेउहार क बदल दिहे रहा। अस्सूर क राजा इस्राएल क परमेस्सर क मन्दिर क बनावइ मँ ओनकर मदद किहे रहा।
Ezra 7
1 फारस क राजा अर्तछत्र क सासनकाल मँ एन सब बातन क होइ जाइ क पाछे एज्रा बाबेल स यरूसलेम आवा। एज्रा सरायाह क पूत रहा। सरायाह अजर्याह क पूत रहा। अजर्याह हिल्किय्याह क पूत रहा।
2 हिल्किय्याह सल्लूम क पूत रहा। सल्लूम सादोक क पूत रहा। सादोक अहीतूब क पूत रहा।
3 अहीतूब अमर्याह क पूत रहा। अमर्याह अजर्याह क पूत रहा। अजर्याह मराथोर्त क पूत रहा।
4 मरायोत जरह्याह क पूत रहा। जरह्याह उज्जी क पूत रहा। उज्जी बुक्की क पूत रहा।
5 बुक्की अबीसू क पूत रहा। अबीसू पीनहास क पूत रहा। पीनहास एलीआज़र क पूत रहा। एलीआज़र महायाजक हारून क पूत रहा।
6 एज्रा बाबेल स यरूसलेम आवा। एज्रा एक लिपिक रहा। उ मूसा क नेमन क माहिर रहा। मूसा क नेम यहोवा इस्राएल क परमेस्सर क जरिये दीन्ह गवा रहा। राजा अर्तछत्र एज्रा क उ हर चीज़ दिहस जेका उ माँगेस काहेकि यहोवा परमेस्सर एज्रा क संग रहा।
7 इस्राएल क कछू लोग, अउर कछू याजकन, लेवियन, गायकन, दुआरपालन अउर मन्दिर क सेवकन एज्रा क संग आएन। उ पचे अर्तछत्र क सासनकाल क सतएँ बरिस यरूसलेम आएन।
8 एज्रा यरूसलेम मँ राजा अर्तछत्र क राज्जकाल क सतएँ बरिस क पाँचवें महीने मँ आवा।
9 एज्रा अउ ओकर समूह बाबेल क पहिले महीने क पहिले दिन यरूसलेम पहोंचा। यहोवा परमेस्सर एज्रा क संग रहा।
10 एज्रा आपन पूरा धियान यहोवा क नेमन क अध्ययन अउर ओनका पालन करइ मँ दिहस। एज्रा इस्राएल क लोगन क यहोवा क नेमन अउर आदेसन क सिच्छा देइ चाहत रहा।
11 एज्रा, एक ठु याजक अउर लिपिक रहा। इस्राएल क यहोवा क जरिये दीन्ह गए आदेसन अउर नेमन क बारे मँ उ काफी गियान रखत रहा। इ उ पत्र क प्रतिलिपि अहइ जेका राजा अर्तछत्र लिपिक एज्रा क दिहे रहा:
12 राजा लोगन क राजा अर्तछत्र कइँती स याजक एज्रा क जउन सरग क परमेस्सर क नेमन क पिपिक अहइ:
13 मइँ इ आदेस देत हउँ: कउनो मनई जउन इस्राएल क अहइ, याजक अउर इस्राएल क लेवीबंसी जउन मोरे राज्ज मँ रहत ह अउर एज्रा क संग यरूसलेम जाइ चाहत ह, तोहार संग जाइ सकत ह।
14 एज्रा, मइँ अउर मोरे सात सलाहकार तू पचन्क पठवत हीं। तू पचन्क यहूदा अउर यरूसलेम क जाइ चाही। इ लखा कि तोहार लोग तोहरे परमेस्सर क नेमन क पालन कइसे करत अहइँ। तोहरे पचन्क लगे नेम अहइ।
15 मइँ अउ मोर सलाहकार इस्राएल क परमेस्सर क सोना चाँदी देत अहइँ। परमेस्सर क निवास यरूसलेम मँ अहइ। तू पचन्क इ सोना चाँदी अपने संग लइ जाइ चाही।
16 तू पचन्क बाबेल क सबहिं प्रान्तन स होइके जाइ चाही। लोगन अउर याजकन क स्वच्छा भेंट क संग सबइ सोना अउ चाँदी क बटोरा। इ सबइ भेंटन यरूसलेम मँ ओनके परमेस्सर क मन्दिर बरे अहइँ।
17 इ धने क उपयोग बर्धन, भेड़न अउ मेमनन बेसहइ मँ करा। ओन बलियन क संग जउन अन्न भेंट अउ पेय भेंट चढ़ाई जाब अहइँ, ओनका बेसहा। तब ओनका यरूसलेम मँ अपने परमेस्सर क मन्दिर क वेदी पइ बलि चढ़ावा।
18 ओकरे पाछे तू अउर दूसर यहूदी बचे भए सोने चाँदी क जइसा भी चाहा, खर्च कइ सकत ह। एकर उपयोग वइसे ही करा, जउन तोहरे परमेस्सर क खुस करइवाला होइ।
19 ओन सबहिं चिजियन क यरूसलेम क परमेस्सर क लगे लइ जा। उ सबइ चिजियन तोहरे परमेस्सर क मन्दिर मँ उपासना क बरे अहइँ।
20 तू कउनो भी दूसर चिजियन लइ सकत ह जेनका तू अपने परमेस्सर क मन्दिर क बरे जरूरी समुझत अहा। राजा क खजाने क धन क उपयोग जउन कछू तू चाहत अहा ओकरे बेसहइ क बरे कइ सकत ह।
21 अब मइँ, राजा अर्तछत्र इ आदेस देत हउँ: मइँ ओन सबहिं लोगन क जउन फरात नदी क पच्छिमी पहँटा मँ राजा क कोसपाल अहइँ, आदेस देत हउँ कि उ पचे एज्रा क जउन कछू भी माँगइ देइँ। एज्रा सरग क परमेस्सर क नेमन क लिपिक अउर याजक अहइ। इ आदेस क हाली अउ पर्ण रूप स पालन करा।
22 एज्रा क एतना तलक दइ द्या: पौने चार टन चाँटी, छ: सौ बुसल गोहूँ, छ: सौ गैलन दाखरस, छ: सौ गैलन जइतून क तेल अउ ओतना नोन जेतना एज्रा चाहइ।
23 सरग क परमेस्सर, एज्रा क जउने चीज क पावइ बरे आदेस द्या ओका तू पचन्क हाली अउर पूरी तरह स एज्रा क देइ चाही। सरग क परमेस्सर क मन्दिर क बरे इ सबइ सब चिजियन करा। हम नाहीं चाहित कि परमेस्सर मोरे राज्ज या मोरे पूतन पइ किरोधित होइ।
24 मइँ चाहत हउँ कि तू लोगन क मालूम होइ कि याजकन, लेबियन, गायकन, दुआरपालन अउ परमेस्सर क मन्दिर क दूसर कर्मचारियन अउ सेवकन क कउनो भी तरह क कर देइ क बरे मजबूर करब, नेम क खिलाफत अहइ।
25 एज्रा मइँ तोहका तोहरे परमेस्सर क जरिये प्राप्त बुद्धि क उपयोग अउ सरकारी अउर धामिर्क निआव अधीसन क चुनइ क अधिकार देत हउँ। इ सबइ लोग फरात नदी क पच्छिम मँ रहइवाले सबहिं लोगन क बरे निआव अधीस होइहीं। उ पचे ओन सबहिं लोगन क निआव करिहीं जउन तोहरे परमेस्सर क नेमन क जानत हीं। जदि कउनो मनई ओन नेमन क नाहीं जानत तउ उ पचे निआव अधीस ओका ओन नेमन क बतइहीं।
26 जदि कउनो अइसा मनई जउन तोहरे परमेस्सर क नेमन या राजा क नेमन क पालन नाहीं करत होइ, तउ ओका जरूर दण्डित कीन्ह जाइ चाहीं। अपराध क अनुसार ओका मृत्य दण्ड, देस निकारी, ओकरी सम्पत्ति क जब्त करब या जेल मँ डावइ क सजा दीन्ह जाइ चाही।
27 हमरे पुरखन क परमेस्सर यहोवा क स्तुति करा। उ राजा क मन मँ इ सबइ बिचार डाएस कि उ यरूसलेम मँ यहोवा क मन्दिर क सम्मान करइ।
28 यहोवा क राजा, ओकरे सलाहकारन अउर बड़के अधिकारियन क सामने मोह पइ आपन सच्चा पिरेम परगट किहा। यहोवा मोरे परमेस्सर मोरे संग रहा, एह बरे मइँ साहसी रहा अउर मइँ इस्राएल क प्रमुखन क अपने संग यरूसलेम जाइ बरे एकट्ठा किहेउँ।
Ezra 8
1 इ बाबेल स यरूसलेम लउटइवाले परिवार प्रमुखन अउर दूसर लोगन क सूची अहइ जउन मोरे (एज्रा) क संग लउटेन। हम लोग राजा अर्तछत्र क सासनकाल मँ यरूसलेम लउटेन। इ नाउँन क सूची अहइ:
2 पीनहास क संतानन मँ स गेसोर्म रहा; ईतामार क सन्तानन मँ स दानिय्येल रहा; दाऊद क सन्तानन मँ स हत्तूस रहा,
3 सकन्याह क सन्तानन मँ स परोस, जकर्याह क सन्तान अउ डेढ़ सौ दूसर लोग;
4 पहत्मोआब क सन्तानन मँ स जरह्याह क पूत एल्यहोएनै अउर दूसर दूइ सौ लोग,
5 जत्तू क सन्तानन मँ स यहजीएल क पूत सकन्याह अउर तीन सौ दूसर लोग;
6 आदीन क सन्तानन मँ स योनातान क पूत एबेद अउर पचास दूसर लोग,
7 एलाम क सन्तानन मँ स अतल्याह क पूत यसायोह अउर सत्तर दूसर लोग,
8 सपत्याह क सन्तानन मँ स मीकाएल क पूत जबघाह अउर अस्सी दूसर लोग,
9 योआब क सन्तानन मँ स यहीएल क पूत ओबद्याह अउर दूइ सौ अट्ठारह दूसर मनई,
10 बानी, योसिप्याह क पूत सलोमति क सन्तानन मँ स अउर एक सौ साठ दूसर लोग,
11 बेबै क सन्तानन मंँ स बेबै क पूत जकर्याह अउर अट्ठाईस दूसर मनई,
12 अजगाद क सन्तानन मँ स हक्कातान क पूत योहानान अउर एक सौ दस दूसर लोग;
13 अदोनीकाम क अंतिम सन्तानन मँ स एलीपेलेत योएल, समायाह अउर साठ दूसर मनई रहेन,
14 बिगवै क सन्तानन मँ स उत्तै, जब्बूद अउर सत्तर दूसर लोग।
15 मइँ ओन सबहिं लोगन क अहवा कइँती बहइवाली नदी क लगे एक संग एकट्ठा होइ क बोलाएउँ। हम लोग हुवाँ तीन दिन तलक डेरा डाए। मोका इ पता लगा कि उ समूह मँ याजक रहेन, मुला कउनो लेवीबंसी नाहीं रहा।
16 तउ मइँ एन प्रमुखन क बोलाएउँ: एलीएजेर, अरीएल, समायाह, एलनातान, यारीब, एलनातान, नातान, जकर्याह अउ मसुल्लाम अउ मइँ योयारीब अउर एलनातान (इ सबइ लोग सिच्छक रहेन) क बोलाएस।
17 मइँ ओन मनइयन क इद्दो क लगे पठएउँ। इद्दो कासिप्या नगर क प्रमुख रहा। मइँ उ मनई क बताएउँ कि उ पचे इद्दो अउर ओकर सम्बंधियन स का कहइँ। ओकर सम्बंधी कासिप्या मँ मन्दिर क सेवक अहइँ। मइँ ओन लोगन क इद्दो क लगे पठएउँ जेहसे इद्दो परमेस्सर क मन्दिर मँ सेवा करइ क बरे हमरे लगे सेवकन क पठएस।
18 काहेकि परमेस्सर क वृपालु हाथ हमरे ऊपर रहेन। इद्दो क सम्बंधियन एन मनइयन क हम लोगन क लगे पठएस: महली क सन्तानन मँ स सेरेब्याह नाउँ क बुद्धिमान मनई। महली लेवी क पूतन मँ स एक रहा। लेवी इस्राएल क पूतन मँ स एक रहा। उ पचे हमरे लगे सेरेहब्याह अउर ओकरे पूतन क पठएस। इ सबइ सब मिलाइके उ परिवार स इ सबइ अट्ठारहे मनई रहेन।
19 उ पचे मरारी क सन्तानन मँ स हसब्याह अउर यसायाह क भी ओनकर बन्धुअन अउर ओनके पूतन क संग पठएस। उ परिवार स वुल मिलाइके बीस मनई रहेन।
20 उ पचे मन्दिर क दुइ सौ बीस सेवक भी पठएन। ओनकर पुरखन उ सबइ लोग रहेन जेनका दाऊद अउ बड़के अधिकारियन लेवीबंसियन क मदद बरे चुने रहा। ओन सब क नाउँ सूची मँ लिखे भए रहेन।
21 हुवाँ अहवा नदी क लगे, मइँ घोसणा किहेउँ कि हमका उपवास रखइ चाही। हम क अपने क परमेस्सर क समन्वा बिनम्र बनावइ क बरे उपवास रखइ चाही। हम लोग परमेस्सर स अपने बरे, अपने बच्चन क बरे, अउर जउन चिजियन हमार रहिन, ओनके संग सुरच्छित जात्रा क बरे पराथना करइ चाहत रहे।
22 राजा अर्तछत्र अपनी जात्रा क समइ अपनी सुरच्छा बरे फउजी अउ घुड़सवारन क माँगइ मँ मइँ लजान रहेउँ। सड़किया पइ दुस्मन रहेन। मोरी लज्जा क कारण इ रहा कि हम राजा स कहि रखे रहे कि, “हमार परमेस्सर उ हर मनई स संग अहइ जउन ओह पइ बिस्सास करत ह अउर परमेस्सर उ हर मनई पइ किरोधित होत ह जउन ओहसे मुँह फेरि लेत ह।”
23 एह बरे हम लोग अपनी जात्रा क बारे मँ उपवास रखे अउर परमेस्सर स पराथना कीन्ह। उ हम लोगन क पराथना सुनेस।
24 तब मइँ याजकन मँ स बारह क नियुक्त किहेउँ जउन प्रमुख रहेन। मइँ सेरेब्याह, हसब्याह अउर ओनके दस भाइयन क चुनेउँ।
25 मइँ चाँदी, सोना अउर दूसर चिजियन क तउलेउँ जउन हमरे परमेस्सर क मन्दिर क बरे दीन्ह गइ रहिन। मइँ एन चिजियन क ओन बारह याजकन क दिहेउँ जेनका मइँ नियुक्त किहे रहेउँ। राजा अर्तछत्र, ओकर सलाहकार, ओकर बड़के अधिकारियन अउर बाबेल मँ रहइवाले सबहिं इस्राएलियन परमेस्सर क मन्दिर क बरे ओन चिजियन क दिहन।
26 मइँ एन सबहिं चिजियन क तउलेउँ। हुवाँ चाँदी पच्चीस टन रही। हुवाँ चाँदी क बर्तन व दूसर चिजियन रहिन। जेनकर वजन पौने चार किलोग्राम रहा। हुवाँ सोना पौने चाट टन रहा।
27 अउर मइँ ओनका बीस सोना क खोरन दिहेउँ। खोरन क वजन लगभग साढ़े आठ किलो रहा अउर मइँ ताँबा क चमकदार दूई ठु बरतन दिहस जउन कि सोना क समान कीमती रहा।
28 तब मइँ ओन बारह याजकन स कहेउँ: “तू अउर इ सबइ चिजियन यहोवा क बरे पवित्र अहइँ। लोग इ चाँदी अउर सोना यहोवा तोहरे पचन्क पुरखन परमेस्सर क दिहन।
29 एह बरे एनकर रच्छा होसियारी स करा। तू पचे एकरे बरे तब तलक जिम्मेदार अहा जब तलक तू पचे एका यरूसलेम मँ मन्दिर क प्रमुखन क नाहीं दइ देत्या। तू पचे एनका प्रमुख लेवीबंसियन क अउर इस्राएल क परिवार प्रमुखन क देब्या। उ सबइ ओन चिजियन क तउलिहीं अउर यरूसलेम मँ यहोवा क मन्दिर क कोठरियन मँ धरिहीं।”
30 तउ ओन याजकन अउ लेवियन उ चाँदी, सोना अउर ओन बिसेस वस्तुअन क ग्रहण किहन जेनका एज्रा तउले रहा अउर ओनका यरूसलेम मँ परमेस्सर क मन्दिर मँ इ सबइ चिजियन लइ जाइ क बरे कहा गवा रहा।
31 पहिले महीने क बारहवें दिन हम लोग अहवा नदी क छोड़ेे अउर हम यरूसलेम कइँती चल पड़े। परमेस्सर हम लोगन क संग रहा अउर उ हमार रच्छा दुस्मनन अउ डावुअन स पूरे रास्ते भर किहस।
32 तब हम यरूसलेम आइ पहोंचे। हम हुवाँ तीन दिन आरम कीन्ह।
33 चउथे दिन हम परमेस्सर क मन्दिर क गए अउर चाँदी, सोना अउर बिसेस चिजियन क तउले। हम याजक ऊरीयाह क पूत मरेमोत क उ सबइ चिजियन दिहेन। पीनहास क पूत एलीआजर मरेमोत क संग रहा। अउर लेवीबंसी येसू क पूत योजाबाद अउर बिन्तूई क पूत नोअद्याह भी ओनके संग रहा।
34 हम हर एक चीज गिने अउर ओनका तउले। तब हम उ समइ वुल वजन लिखे।
35 तब ओन यहूदी लोग जउन बंधुवाई स आए रहेन, इस्राएल क परमेस्सर क होमबलि दिहन। उ पचे बारह बर्धन पूरे इस्राएल क बरे छियानबे भेड़न, सतहत्तर मेमनन अउ बारह बोकरन पाप भेंट बरे चढ़ाएन। इ सब यहोवा क बरे होमबलि रही।
36 तब ओन लोग राजा अर्तछत्र क पत्र, राजकीय अधिपतियन अउ फरात क पच्छिम क छेत्र क प्रसासकन क दिहन। तब उ पचे इस्राएल क लोगन अउर मन्दिर क अपना समर्थन दिहन।
Ezra 9
1 जब हम लोग इ सब कइ चुके तब इस्राएल क प्रमुख मोरे लगे आएन। उ पचे कहेन, “एज्रा इस्राएल क लोगन अउ याजकन अउ लेवी बंसियन अपने चाहिहुँ कइँती रहइवाले लोगन स अपने क अलग नाहीं रखेस ह। इस्राएल क लोग कनानियन, हित्तियन, परिज्जियन, यबूसियन, अम्मोनियन, मोआबियन, मिस्र क लोगन अउ एमोरियन क जरिये कीन्ह जाइवालो बहोत स बुरी बातन स प्रभावित भए हँ।
2 इस्राएल क लोग एन लोगन क बिटियन स बियाह किहेन ह। जउन कि इस्राएली नाहीं रहेन इस्राएल क लोग पवित्तर पीढ़ीअहइ। मुला अब उ पचे अपने चारिहुँ ओर रहइवाले दूसर लोगन स मिलिके दोगले अउर असुद्ध होइ गएन ह। इस्राएल क लोगन क नेतन अउर बड़के अधिकारियन इ अपराध क करइ मँ पहिले रहेन ह।”
3 जब मइँ इ बारे मँ सुनेउँ, मइँ अफ्ना लबादा अउ अंगरखा इ देखावइ बरे फार डाएउँ कि मइँ बहोत परेसान हउँ। मइँ अपने मूँड़ि अउर दाढ़ी क बार नोंच डाएउँ। मइँ दुःखी अउ अस्त - व्यस्त बइठ गएउँ।
4 तब हर एक मनई जउन इस्राएल क परमेस्सर क नेमन क आदर करत रहा, भय स काँप उठा। उ पचे डर गएन काहेकि जउन इस्राएल क लोग बन्धुवाई स लउटेन, उ पचे परमेस्सर क भक्त नाहीं रहेन। मोका धक्क लगा अउर मइँ घबराइ गएउँ। मइँ हुवाँ साँझ क बलि भेंट क समइ तलक बइठा रहेउँ अउर उ पचे लोग मोरे चारिहुँ कइँती एकट्ठा रहेन।
5 तब, जब साँझ क बलि भेंट क समइ भवा, मइँ आपन दुःख क अवस्था मँ ही उठेउँ। मइँ बहोत लजान रहेउँ। मोर लबादा अउ अंगरखा दुइनउँ फटे रहेन अउर मइँ घुटरुअन क बल बइठिके यहोवा अपने परमेस्सर कइँती हाथ फइलाएउँ।
6 तब मइँ पराथना किहेउँ:हे मोरे परमेस्सर, मइँ एतना लजान अउर संकोच मँ हँउ कि तोहरी कइँती मोर आँखिन नाहीं उठतिन, हे मोर परमेस्सर! मइँ लजान हउँ काहेकि हमरे पाप हमरे मूँड़े स ऊपर चले गए हँ। हमरे अपराधन क ढेरी एतनी होइ गइ ह कि उ अकासे तलक पहोंच चुकी ह।
7 हमरे पुरखन क समइ स अब तलक हम लोग बहोत जियादा पाप किहा ह। हम लोग पाप किहा, एह बरे हम, हमरे राजा अउर हमरे याजक दण्डित भएन। हम लोग बिदेसी राजा लोगन क जरिये तरवार स अउर बन्दीखाने मँ धाँधे जाइ तलक दण्डित भएन ह। उ पचे राजा हमार धन लइ गएन अउर हमका लज्जित किहन। इ स्थिति आजु भी वइसी अहइ।
8 आखीर मँ अब तू हम पइ वृपालु भवा ह। तू हमरे बचा भवा लोगन क बन्धुआई स निकरि आवइ दिहा ह अउर आपन पवित्र जगह मँ पनाह दिहा ह। यहोवा, तू हम क नवा जीवन दिहा ह अउर हमरी गुलामी स अजाद किहा ह।
9 हाँ, हम दास रहे, मुला तू हम क सदा ही क बरे दास नाहीं रहइ देइ चाहत रहा। तू हम पइ वृपालू रहा। तू फारस क राजा लोगन क हम पइ वृपालु बनाया। तोहार मन्दिर नेस्त नाबूद होइ गवा रहा। मुला तू हम क नवी जिन्नगी दिहा जेहसे हम तोहरे मन्दिर क फुन बनाइ सकित ह अउर नवे क तरह पक्का कइ सकत हीं। ह परमेस्सर तू हम पचन्क यहूदिया अउर यरूसलेम मँ बेराबनाइ दिहस।
10 हमरे परमेस्सर, अब हम तोहसे का कहि सकित ह हम लोग तोहरी आग्या क पालन करब फुन तजि दीन्ह ह।
11 हमरे परमेस्सर, तू अपने सेवकन अर्थात नबियन क उपयोग किहा अउर ओन आदेसन क हम क दिहा। तू कहे रह्या: “जउने देस मँ तू रहइ जात अहा अउर जेका आपन बनावइ जात रह्या ह, उ देस भ्रस्ट अहइ। इ ओन बहोत बुरे कामन स भ्रस्ट भवा ह जेनका हुवाँ रहइवालन किहेन ह। ओन लोग इ देस मँ हर जगह पइ बहोत जियादा बुरे काम किहेन ह। उ पचे इ देस क अपने पापन स गंदा कइ दिहेन ह।
12 एह बरे इस्राएल क लोगो, अपने बच्चन क ओनके बच्चन स बियाह जिन करइ द्या। ओनके संग सम्बंध न रखा। अउर ओनकर चिजियन क लालसा न करा। मोरे आदेसन क पालन करा जेहसे तू सक्तीसाली होब्या अउर इ देस क अच्छी चिजियन क भोग करब्या। तब तू इ देस क बनाए रखब्या अउर अपने बच्चन क देब्या।”
13 जउन बुरी घटनन हमरे संग घटिन उ सबइ हमार अपनी अपनी गलतियन स घटिन। हम लोग पाप क करम किहे अही अउर हम लोग बहोत अपराधी अही। मुला हमार परमेस्सर, तू हम क ओहसे बहोत, कम दण्ड दिहा ह जेतना हम मिलइ चाही। हम लोग बड़े भयानक करम किहे अही अउर हम लोगन क एहसे जियादा दण्ड मिलइ चाही। अइसा होत भए भी तू हमरे लोगन मँ स कछू क बन्धुवाई स अजाद होइ जाइ दिहा ह।
14 एह बरे हम जानित ह कि हम क तोहरे आदेसन क तोड़इ नाहीं चाही। हम क ओन लोगन क संग बियाह नाहीं करइ चाही। उ सबइ लोग बहोत बुरे काम करत हीं। परमेस्सर जदि हम लोग ओन बुरे लोगन क संग बियाह करत रही तउ हम जानित ह कि तू हम क नस्ट कइ देब्या। तब इस्राएल क लोगन मँ स कउनो भी जिअत नाहीं बचि पाइ।
15 यहोवा, इस्राएल क परमेस्सर, तू अच्छा अहइ। अउर तू अब भी हम मँ स कछू क जिअत रहइ देब्या। हाँ, हम अपराधी अहइ। अउर अपने अपराध क कारण हम मँ कउनो क भी तोहरे समन्वा खड़े होइ नाहीं दीन्ह जाइ चाही।
Ezra 10
1 एज्रा पराथना करत रहा अउर पापन क स्वीकार करत रहा। उ परमेस्सर क मन्दिर क समन्वा रोवर रहा अउर निहुरिके प्रणाम करत रहा। जउने समइ एज्रा इ कहत रहा उ समइ इस्राएल क लोगन क एक बड़ा समूह मेहरारू मनसेधू अउर बच्चन ओकरे चारिहुँ कइँती बटुर गएन। उ सबइ लोग भी जोर-जोर स रोवत रहेन।
2 तब यहीएल क पूत सकन्याह जउन एलाम क सन्तानन मँ स रहा, एज्रा स बातन किहस। सकन्याह कहेस, “हम लोग अपने परमेस्सर क भक्त नाहीं रहे। हम लोग इ भुइँया क लोग क बिदेसी मेहररूअन क संग बियाह किहा ह। मुला जदपि हम इ कइ चुके अहइ तउ भी इस्राएल क बरे आसा अहइ।
3 अब हम अपने परमेस्सर क समन्वा ओन सबहिं मेहररूअन अउर ओनके बच्चन क वापस पठवइ क वाचा करी। हम लोग इ एज्रा क सलाह मानइ बरे अउ ओन लोगन क सलाह मानइ क बरे करब जउन परमेस्सर क नेमन क सम्मान करत हीं। हम परमेस्सर क नेमन क पालन करब।
4 एज्रा खड़े हवा, इ तोहार उत्तरदायित्व अहइ, किन्तु हम तोहार समर्थन करब। एह बरे साहसी बना अउर एका करा।”
5 एह बरे एज्रा उठ खड़ा भवा। उ प्रमुख याजक, लेवीबंसियन अउर इस्राएल क सबहिं लोगन स जउन कछू उ कहेस, ओका करइ क प्रतिग्या कराएस।
6 तब एज्रा परमेस्सर क भवन क समन्वा स दूर हट गवा। जब तलक एज्रा हुवाँ रहा उ भोजन नाहीं किहस अउर न ही पानी पियस। उ इ किहस काहेकि उ तब भी बहोत दुःखी भवा। उ इस्राएल क ओन लोगन बरे दुःखी रहा जउन यरूसलेम क वापस आए रहेन।
7 उ पचे यहूदा अउ यरूसलेम मँ हर एक जगहिया मँ इ एलान किहेस कि सबइ यहूदी लोग जउन कि बन्धुवाई स वापस लउटे यरूसलेम मँ एक संग एकट्ठा होइ।
8 कउनो भी मनई जउन तीन दिन क भीतर यरुसलेेमा नाहीं आई, तउ ओकर सम्पत्ति उ भुइँया मँ जबत कइ लीन्ह जाई। बड़के अधिकारियन अउर नेतन (प्रमुखन) इ निर्णय लिहन अउर उ मनई ओन लोगन क समूह क निअंबर नाहीं रहि जाई जउन कि बन्धुवाई स वापस लउटी क आएन।
9 एह बरे तीन दिन क भीतर यहूदा अउ बिन्यामीन के परिवार क सबहिं मनई यरूसलेम मँ एकट्ठा भएन अउर नवें महीने क बीसवें दिन सबहिं लोग मन्दिर क आँगन मँ आइ गएन। उ पचे इ बिसय क डर स अउर भारी बर्खा क कारण काँपत रहेन।
10 तब याजक एज्रा खड़ा भवा अउर उ ओन लोगन स कहेस, “तू लोग परमेस्सर क बरे बिस्सासी नाहीं रहेन। तू पचे बिदेसी मेहररूअन क संग बियाह किहा ह। तू पचे वइसा कइके इस्राएल क अउर जियादा अपराधी बनाया ह।
11 अब तू लोगन क यहोवा क समन्वा स्वीकार करब होइ कि तू पचे पाप किहा ह। यहोवा तू लोगन क पुरखन क परमेस्सर अहइ। तू पचन्क यहोवा क आदेस क पालन करइ चाही। अपने चारिहुँ ओर रहइवाले लोगन अउ अपनी बिदेसी मेहररूअन स अपने अलग करा।”
12 तब पूरा समूह जउन एक संग एकट्ठा रहा, एज्रा क जवाब दिहस। उ पचे ऊँची आवाज मँ कहेन: “एज्रा तू बिल्वुल ठीक कहत ह। हम क उ करइ चाही जउन तू कहत ह।
13 मूला हुवाँ बहोत स लोग अहइँ अउर इ बर्खा क समइ अहइ तउ हम लोग बाहेर खड़े नाहीं रहि सकित। इ समस्या एक या दुइ दिन मँ हल नाहीं होइ काहेकि हम लोग बुरी तरह पाप किहे अही।
14 पूरे समूह क सभा कइँती स हमरे प्रमुखन क निर्णय करइ द्या। तब निहचित समइ पइ हमरे नगरन क हर एक मनई जउन कउनो बिदेसी मेहरारू स बियाह किहेस ह, यरूसलेम आएन। ओनका अपने अग्रजन (प्रमुखन) अउर नगरन क निआव अधीसन क संग हिआँ आवइ दीन्ह जाइ। तब हमार परमेस्सर हम पइ किरोधित होब तजि देइ।”
15 सिरिफ थोड़े स मनई इ जोजना क बिरुद्ध रहेन। इ सबइ मनई रहेन असाहेल क पूत योनातान अउ तिकवा क पूत यहजयाह रहेन। लेवीबंसी मसुल्लाम अउ सब्बतै भी इ जोजना क बिरुद्ध रहेन।
16 एह बरे इस्राएल क उ सबइ लोग, जउन यरूसलेम मँ वापस आए रहेन, उ जोजना क स्वीकार करइ क सहमत होइ गएन। याजक एज्रा परिवार क प्रमुख मनईयन क चुनेस। उ हर एक परिवार स एक मनई क चुनेस। हर एक मनई नाउँ लइके चुना गवा। दसवें महीने क पहिले दिन जउन लोगन चुने गए रहेन हर एक मामले क जाँच क बरे बइठेन।
17 पहिले महीने क पहिले दिन तलक उ पचे ओन सबहिं मनइयन पइ बिचार करब पूरा कइ लिहन जउन विदेसी मेहररूअन स बियाह किहे रहेन।
18 याजकन क सन्तानन मँ इ सबइ नाउँ अहइँ जउन बिदेसी मेहररूअन स बियाह किहन: योसादाक क पूत येसू क सन्तानन, अउर येसू क भाइयन मँ स इ सबइ मनई: मासेयाह, एलीआज़र, यारीब अउर गदल्याह।
19 एन सबहिं अपनी-अपनी मेहररूअन स सम्बंध तोरब स्वीकार किहन अउर अपने-अपने अपराध क स्वीकार करत भए हर एक अपने रेवड़ स एक-एक भेड़ा अपराध भेंट क रूप मँ चढ़ाएस। उ पचे अइसे अपने-अपने अपराधन क कारण किहन।
20 इम्मेर क सन्तानन मँ स इ सबइ मनई रहेन: हनानी, अउर जबधाह।
21 हारीम क सन्तानन मँ स इ सबइ मनई रहेन: मासेयाह, एलीयाह, समायाह, यहीएल अउर उज्जिय्याह।
22 पसहूर क सन्तानन मँ स इ सबइ मनई रहेन: एल्योएनै, मासेयाह, इसमाएल, नतनेल, योजाबाद अउर एलासा।
23 लेवीबंसियन मँ स एन मनइयन बिदेसी मेहररूअन स बियाह किहस: योजाबाद, सिमी, केलायाह (एका कलीता भी कहा जात)। ह पतहवाह, यहूदा अउर एलीआज़र।
24 गायकन मँ सिरिफ इ मनई अहइ, जउन बिदेसी मेहरारू स बियाह किहस:एल्यासीब, दुआरपालन मँ स इ सबइ लोग अहइँ जउन बिदेसी मेहररूअन स बियाह किहस: सल्लूम, तेलेम अउर ऊरी।
25 इस्राएल क लोगन मँ स इ सबइ लोग अहइँ जउन बिदेसी मेहररूअन स बियाह किहन:परोस क सन्तानन स इ सबइ मनई: रम्याह, यिज्जियाह, मल्किय्याह, मियामीन, एलीआजर, मल्किय्याह अउर बनायाह।
26 एलाम क सन्तानन मँ स इ सबइ मनई: मत्तन्याह, जकर्याह, यहीएल, अब्दी, यरेमोत अउर एलीयाह।
27 जत्तू क सन्तानन मँ स इ सबइ मनई एल्योएनै, एल्यासीब, मत्तन्याह, यरेमोत, जाबाद अउर अजीज़ा।
28 बेबै क सन्तानन मँ स इ सबइ मनई: यहोहानान, हनन्याह, जब्बै, अउर अतलै।
29 बानी क सन्तानन मँ स इ सबइ मनई: मसुल्लाम, मल्लूक, अदायाह, यासूब, साल अउर यरामोत।
30 पहतमोआब क सन्तानन मँ स इ सबइ मनई: अदना, कलाल, बनायाह, मासेयाह, मत्तन्याह, बसलेल, बिन्नूई अउर मनस्से।
31 हारीम क सन्तानन मँ स इ सबइ मनई: एलीआज़र, यिस्सिय्याह, मल्कियाह, समायाह, सिमोन,
32 बिन्यामीन, मल्लूक अउर समर्याह।
33 हासूम क सन्तानन मँ स इ सबइ मनई: मत्तनै, मत्तत्ता, जाबाद, एलीपेलेत, यरेमै, मनस्से अउर सिमी।
34 बानी क सन्तानन मँ स इ सबइ मनई: मादै, अम्राम, ऊएल,
35 बनायाह, बेदयाह, कलूही,
36 बन्याह, मरेमोत, एल्यासीब,
37 मत्तन्याह, गत्तनै, यासू,
38 बिन्नूई क सन्तानन मँ स इ सबइ मनई: सिमी,
39 सेलेम्याह, नातान, अदायाह,
40 मक्नदबै, सासै, सारै,
41 अजरेल, सेलेम्याह, सेमर्याह,
42 सल्लूम, अमर्याह, अउर योसेफ।
43 नबो क सन्तानन मँ स इ सबइ मनई: यीएल, मत्तित्याह, जाबाद, जबीना, यद्दो, योएल अउर बनायाह।
44 एन सबहिं लोग बिदेसी मेहररूअन स बियाह किहे रहेन अउर एनमाँ स कछू क एन मेहररूअन मँ स बच्चे भी रहेन।
Nehemiah 1
1 इ सबइ हकल्याह क पूत नहेमायाह क बचन अहइँ: मइँ, नहेमायाह, किसलवे नाउँ क महीने मँ सूसन नाउँ क राजधानी नगरी मँ रहेउँ। इ उ समई रहा जब अर्तछत्र नाउँ क राजा क राज क बीसवाँ बरिस चलत रहा।
2 मइँ जब अबहिं सूसन मँ रहेउँ तउ हनानी नाउँ क मोर एक भाई अउर कछू दूसर लोग यहूदा स हुवाँ आएन। मइँ ओनसे हुवाँ रह रहे यहूदियन क बारे मँ पूछेउँ। इ सबइ उ सब लोग रहेन जउन बन्धुआई स बच निकरे रहेन अउर अबहिं तलक यहूदा मँ रहत रहेन। मइँ ओनसे यरूसलेम नगरी क बारे मँ भी पूछे रहेउँ।
3 हनानी अउ ओकरे संग क लोग बताएन, “हे नहेमायाह, उ सबइ यहूदी जउन बंधुआई स बच निकरे रहेन अउर जउन यहूदा मँ रहत अहइँ, गहन बिपत्ति मँ प़ड़ा अहइँ। ओन लोगन क समन्वा बहोत स समस्या अहइँ अउर उ पचे ब़ड़े लज्जित होत अहइँ। काहेकि यरूसलेम क नगर परकोटा ढह गवा अहइ अउर ओकर प्रवेस दुआर आगी स जरिके राखी होइ गए अहइँ।”
4 मइँ जब यरूसलेम क लोगन अउर नगर परकोटन क बारे मँ उ सबइ बातन सुनेउँ तउ मइँ बहोत बियावुल होइ उठेउँ। मइँ बइठ गएउँ अउर रोइ उठेउँ। मइँ बहुत दिना तलक विलाप करत रहउँ। बहोत दिना तलक मइँ सरग क परमेस्सर स पराथना करत भए उपवास करत रहेउँ।
5 एकरे पाछे मइँ इ पराथना किहेउँ:“हे यहोवा, हे सरग क परमेस्सर, तू महान अहा अउर तू सक्तीसाली परमेस्सर अहा जउन ओन लोगन क संग अपने पिरेम क वाचा क पालन करत ह जउन तोहसे पिरेम करत हीं अउर तोहरे आदेसन पइ चलत ही।
6 “आपन आँखिन अउ अपने कान खोला। कृपा कइके तोहरे समन्वा तोहार सेवक राति दिन जउन पराथना करत रहत ह, ओह पइ कान द्या। मइँ तोहार सेवक, इस्राएल क लोगन क बरे बिनती करत हउँ। मइँ ओन पापन क स्वीकार करत हउँ जेनका हम इस्राएल क लोग तोहरे खिलाफ किहन ह। अउर मइँ इ भी स्वीकार करत हउँ कि मइँ तोहरे खिलाफ पाप किहेउँ ह, अउर इ भी कि मोरे बाप क परिवार क दूसरे लोग तोहरे खिलाफ पाप किहेन ह।
7 हम इस्राएल क लोग तोहरे बरे बहोत बुरे रहेन ह। हम तोहरे ओन आदेसन अउ नेमन क पालन नाहीं किहे अही जेनका तू अपने सेवक मूसा क दिहे रह्या।
8 “तू अपने सेवक मूसा क जउन सिच्छा दिहे रह्या, कृपा कइके ओका याद करा। तू ओहसे कहे रह्या, “जदि इस्राएल क लोग आपन बिस्सास नाहीं बनाए रख्या तउ मइँ तोहका तितर-बितर कइके दूसर देसन मँ फइलाइ देब।
9 मुला जदि इस्राएल क लोग मोरी कइँती लउटइँ अउर मोरे आदेसन पइ चलइँ, तउ मइँ अइसा करब: मइँ तोहरे ओन लोगन क, जेनका अपने घरन क छोड़इ बरे अउर धरती क दूसरे छोरन तलक निर्वासन होइ बरे मज़बूर कीन्ह ग रहेन बटोरब अउर ओन जगह स उ जगह पइ वापस लइ आउब मइँ जउने जगह क आपन नाउँ स्थापित करइ बरे चुनेउँ ह।”
10 “इस्राएल क लोग तोहार सेवक अहइँ अउर उ पचे तोहरे ही लोग अहइँ। तू अपनी महासक्ती दुआरा ओन लोगन क बचाएस ह अउर ओका सुरच्छित जगह पइ लइ आवा ह।
11 एह बरे हे यहोवा, कृपा कइके अब मोर बिनती सुना। मइँ तोहार सेवक अहउँ अउर कृपा कइके अपने सेवकन क बिनती पइ कान द्या जउन तोहरे नाउँ क मान देइ चाहत ही। जब मइँ राजा स सहारा माँगब तब तू मोर सहायता करा। मोका सफल बनावा। मोका सहायता द्या ताकि मइँ राजा क बरे प्रसन्नतादायक बना रहउँ। तब मइँ राजा क दाखरस सेवक रहा।”
Nehemiah 2
1 राजा अर्तछत्र क बीसवें बरिस क नीसान नाउँ क महीने मँ, रात्री-भोज क समइ मँ दाखरस राजा क परोसइ बरे रखा भवा रहा। मइँ उ दाखरस क लिहेस अउर राजा क दइ दिहेस। मइँ जब पहिले राजा क संग रहा तउ मइँ कभी भी दुःखी नाहीं भवा रहा किन्तु अब मइँ उदास रहेउँ।
2 एह पइ राजा मोहसे पूछेस, “का तू बीमार अहा? तू उदास काहे देखाई देत अहा? मोर विचार अहइ तोहार मन दुख स भरा अहइ।”एहसे मइँ बहोत जियादा डर गएउँ।
3 मुला जदपि मइँ डर गवा रहेउँ किन्तु फुन भी मइँ राजा स कहेउँ, “राजा जिअत रहइँ। मइँ एह बरे उदास हउँ कि उ नगर जेहमाँ मोर पुरखन दफनाए गए रहेन उजा़ड़ प़ड़ा ह अउ उ नगर क प्रवेस दुआर आगी स भसम होइ गएन ह।”
4 फुन राजा मोहसे कहेस, “एकरे बरे तू मोहसे का करवावइ चाहत ह”एहसे पहिले कि मइँ जवाब देतेउँ, मइँ सरग क परमेस्सर स बिनती किहेउँ।
5 फुन मइँ राजा क जवाब देत भए कहेउँ, “जदि इ राजा क भावइ अउर जदि मइँ राजा क बरे सच्चा रहउँ तउ यहूदा क नगर यरूसलेम मँ मोका पठइ दीन्ह जाइ जहाँ पुरखन दफनाए भए अहइँ। मइँ हुवाँ जाइके उ नगर क फुन स बसावइ चाहत हउँ।”
6 रानी राजा क बराबर बइठी भइ रही, तउ राजा अउर रानी मोहसे पूछेस, “तोहार इ जात्रा मँ केतने दिन लगिही? हिआँ तू कब तलक लउट अउब्या?”राजा मोका पठवइ बरे रानी होइ गवा। तउ मइँ ओका एक निहचित समइ दइ दिहेउँ।
7 मइँ इ राजा स इ भी कहेउँ, “जदि राजा क मोरे बरे कछू करइ मँ खुसी होइ तउ मोका इ माँगइ क अनुमति दीन्ह जाइ। कृपा कइके परात नदी क पच्छिम छेत्र क राज्जपालन क देखावइ क बरे कछू पत्र दीन्ह जाइँ। इ सबइ पत्र मोका एह बरे चाही ताकि उ पचे राज्जपाल यहूदा जात भए मोका अपने-अपने इलाकन स सुरच्छापूर्वक निकरइ देइँ।
8 मोका दुआरन, देवारन, मन्दिरन क चारिहुँ कइँती क प्राचीरन अउ अपने घरे क बरे काठे क भी जरूरत अहइ। एह बरे मोका आप स आसाप क नाउँ भी एक पत्र चाही। आसाप आपके जंगलात क हाकिम अहइ।”तउ राजा मोका पत्र अउर उ हर चीज दइ दिहस जउन मइँ माँगे रहेउँ। काहेकि परमेस्सर मोरे बरे दयालु रहा एह बरे राजा इ सब कइ दिहे रहा।
9 इ तरह मइँ परात नदी क पच्छिमी पहँटा क राज्जपालन क लगे गएउँ अउर ओनका राजा क जरिये दीन्ह गए पत्र देखाएउँ। राजा फउज क अधिकारी अउ घु़ड़सवार फउजी मोरे संग कइ दीन्ह रहेन।
10 सम्बल्लत अउर तोबियाह नाउँ क दुइ मनइयन मोरे कामन क बारे मँ सुनेन। उ पचे इ सुनिके बहोत बेचैन अउर किरोधित भएन कि कउनो इस्राएल क लोगन क मदद बरे आवा ह। सम्बल्लत होरोन क निवासी रहा अउर तोबियाह अम्मोनी क अधिकारी रहा।
11 मइँ यरूसलेम पहोंचेउँ अउर हुवाँ तीन दिन तलक ठहरेउँ
12 अउर कछू लोगन क संग लइके मइँ राति मँ बाहेर निकरि पड़ेउँ। परमेस्सर यरूसलेम क बरे करइ क जउन बात मोरे मने मँ बसाइ दिहे रहा ओकरे बारे मँ मइँ कउनो क कछू भी नाहीं बताए रहेउँ। उ घो़ड़ा क सिवा, जेह पइ मइँ सवार रहेउँ, मोरे संग अउर कउनो घो़ड़न नाहीं रहेन।
13 अबहि जब अँधेरा ही रहा तउ मइँ तराई दुआर स होइके गुजरेउँ। अजगर क वुएँ क तरप्ा मइँ आपन घो़ड़ा मो़ड़ दिहेउँ अउर मइँ उ दुआर पइ भी घो़ड़े क लइ गएउँ, जउन वू़ड़ा फाटक कइँती खुलत रहा। मइँ यरूसलेम क उ देवार क निरीच्छण करत रहेउँ जउन टूटिके ढह चुका रहा अउर ओकर फाटकन जउन कि आगि दुआरा तबाह कीन्ह गए रहेन।
14 एकरे पाछे मइँ सोते क फाटक कइँती अपने घो़ड़े क लइ गएउँ अउर फुन राजसरोवर क लगे जाइ निकरेउँ। किन्तु जब मइँ निअरे पहोंचेउँ तउ मइँ लखेउँ कि हुवाँ मोरे घो़ड़े क निकरइ बरे काफी जगह नाहीं अहइ।
15 एह बरे अँधियारा मँ ही मइँ देवार क निरीच्छण करत भए घाटी कइँती ऊपर निकरि गवा अउर आखीर मँ मइँ लउट प़ड़ा अउर तराई क फाटक स होत भवा भीतर आइ गवा।
16 ओन अधिकारियन अउर इस्राएल क महत्वपूर्ण लोगन क इ पता नाहीं चला कि मइँ कहाँ गवा रहेउँ। उ पचे इ नाहीं जान पाएन कि मइँ का करत रहेउँ। मइँ यहूदी लोग, याजकन, राजा क परिवार, अधिकारियन अउर ओन लोगन क जउन हुवाँ काम करब रहा, अबहि कछू भी नाहीं बताए रहा।
17 एकरे पाछे मइँ ओन सबहिं लोगन स कहेउँ, “हिआँ हम जउने विपत्तियन मँ प़ड़े अहइँ, तू ओनका लखि सकत ह। यरूसलेम खण्डहरन क ढेर बना भवा ह अउर एकर दुआर आगी स जरि चुके अहइँ। आवा, हम यरूसलेम क देवार क फुन स निर्माण करी। एहसे हम क भविस्स मँ फुन कबहुँ लज्जित नाहीं रहइ प़ड़ी।”
18 मइँ ओन लोगन क इ भी कहेउँ कि मोह पइ परमेस्सर क कृपा अहइ। राजा मोहसे जउन कछू कहे रहा, ओका मइँ उ सबइ बातन बताएउँ। एह पइ ओन लोग जवाब देत भए कहेन, “आवा, अब हम काम करब सुरू करी।” तउ उ पचे उत्तिम कार्य क करब सुरू कइ दिहन।
19 मुला होरोन क सम्बल्लत अम्मोनी क अधिकारी तोबियाह अउर अरब क गेसेम जब इ सुनेन कि फुन स निर्माण करत अहइँ तउ उ पचे बहोत भद्दे ढंग स हमार मजाक उड़ाएन अउर हमार अपमान किहन। उ पचे बोलेन, “इ तू का करत अहा? का तू राजा क विरोध मँ होत रहे अहा?”
20 मुला मइँ तउ ओन लोगन स बस एतना ही कहेउँ, “हम क सफल होइ मँ सरग क परमेस्सर हमार मदद करी। हम परमेस्सर क सेवक अही अउर हम इ नगर क फुन स निर्माण करब। इ काम मँ तू हमार मदद नाहीं कइ सकत्या। हिआँ यरूसलेम मँ तोहार कउनो भी पुरखा पहिले कबहुँ भी नाहीं रहा। इ धरती क कउनो भी भाग तोहार नाहीं अहइ। इ जगह मँ बने रहइ क तोहका कउनो अधिकार नाहीं अहइ।”
Nehemiah 3
1 हुवाँ क महायाजक क नाउँ रहा एल्यासीब। एल्यासीब अउ ओकर याजक भाईयन निर्माण क काम करइ बरे गएन अउर उ पचे भे़ड़ दुआर क निर्माण किहन। उ पचे दुआर क यहोवा क समपिर्त किहेस। उ पचे दुआर क दरवाजन क देवारे मँ लगाएन। ओन याजकन यरूसलेम क देवार पइ काम करत भए हम्मेआ क गुम्बद अउ हननेल क गुम्बद तलक ओकर निर्माण किहन। उ पचे आपन काम क यहोवा बरे समपिर्त किहेन।
2 याजकन क जरिये बनाए गए परकोटन स आगे क देवार क यरीहो क लोगन बनाएन अउर फुन यरीहो क लोगन क जरिये बनाए गए परकोटन क आगे क देवार क निर्माण इम्री क पूत जव्वूर किहस।
3 तउ हस्सना क पूतन मछरी दरवाजे क निर्माण किहन। उ पचे एकर सहतीर रखेन अउर एकर दरवाजे, चिठकनियन अउर छड़न लगाएन।
4 उरियाह क पूत मरेमोत देवार क अगवा क हींसा क मरम्मत किहस। उरियाह हक्कोस क पूत रहा।बरेक्याह क पूत मसूल्लाम देवार क ओहसे आगे क हींसा क मरम्मत किहस। बरेक्याह मसेजबेल क पूत रहा।बाना क पूत सादोक एहसे आगे क देवार क मरम्मत किहस।
5 देवार क आगे क हीसा तकोई लोगन क जरिये सुद़ृढ कीन्ह गवा किन्तु तकोई क मुखिया लोगन अपने सुआमी नहेमायाह क देखरेख मँ काम करइ स मना कइ दिहस।
6 पासेह क पूत योयादा, अउर बसोदायाह क पूत मसुल्लाम पुराने दरवाजे क मरम्मत किहस। उ पचे सहतीरन क बइठाएन। उ पचे कब्जन पइ जो़ड़ियन चढ़ाएन अउर फुन दरवाजे पइ तालन लगाएन अउर चिठकनियन ज़ड़ेन।
7 गीबोन स मलत्याह, मेरनोत स यादोन, गिबोनी लोगन, अउर मिस्पा मँ रहइवालन लोगन एकरे आगे क देवार क मरम्मत किहेन। इ सबइ लोग इप्रात नदी क पच्छिमी पहँटा छेत्र क राज्जपालन दुआरा सासन कीन्ह जात रहा।
8 देवार क अगले हीसा क मरम्मत हर्हयाह क पूत उजीएल किहस। हर्हयाह क पूत उजीएल एक सोनार रहा। एहसे आगे क देवार क मरम्मत हनन्याह सुगन्ध बनावइवालन किहेन। एन लोग यरूसलेम क देवार क चउ़ड़ी देवार तलक मरम्मत कइके ओकर बनाएस।
9 एहसे आगे क देवार क मरम्मत हूर क पूत रपायाह किहस। रपायाह आधे यरूसलेम क प्रसासक रहा।
10 देवार क दूसर हीसा हरूपम क पूत यदायाह बनाएस। यदायाह अपने घर क ठीक पाछे क देवार क मरम्मत किहस। एकरे पाछे क हीसे क मरम्मत क काम हसब्नयाह क पूत हत्तूस किहस।
11 हारीम क पूत मल्कियाह अउर पहत्मोआब क पूत हस्सूब देवार क अगले एक दूसरे हीसे क मरम्मत किहस। एन ही लोग भट्टन क मीनारन क मरम्मत भी किहन।
12 सल्लूम जउन हल्लोहेस क पूत रहा, उ देवार क अगले हीसे क बनाएस। इ काम मँ ओकर बिटियन भी ओकर मदद किहन। सल्लूम यरूसलेम क दूसर आधे हीसे क राज्जपाल रहा।
13 हानून नाउँ क एक मनई अउर जानोह नगर क निवासियन तराई फाटक क मरम्मत किहन। ओन ही लोग तराई फाटक क निर्माण किहन। उ पचे कब्जन पइ जो़ड़ियन चढ़ाएन अउर फुन दरवाजन पइ तालन लगाएन अउर मेखन ज़ड़ेन। उ पचे पाँच सौ गज लम्बी देवार क मरम्मत किहन। उ पचे वुऱड़ी दरवाजन तलक इ देवार क निर्माण किहन।
14 रेकाब क पूत मल्कियाह वुऱड़ी दरवाजे क मरम्मत किहस। मल्कियाह बेथव्वेरेम जिले क हाकिम रहा। उ दरवाजन क मरम्मत किहस, कब्जन पइ जो़ड़ियन चढ़ाएन अउर फुन दरवाजन पइ तालन लगवाइके मेखन ज़ड़ेन।
15 कोल्होजे क पूत सल्लूम स्रोत दुआर क मरम्मत किहस। सल्लूम मिस्पा कस्बे क राज्जपाल रहा उ उ दरवाजन क लगवाएस अउर ओकरे ऊपर एक ठु छत डरवाएस। कब्जन पइ जोड़ियन चढ़ाएस अउर फुन दरवाजन पइ तालन लगवाइके मेखन जड़ेस। सल्लूम सेलह क तलाव क देवार क मरम्मत भी करवाएस। इ तलाब राजा क बगीचे क लगे ही रहा। दाऊद क नगरी क उतरइवाली सीढ़ियन तलक समूची देवार क भी उ मरम्मत करवाएस।
16 अजबूक क पूत नहेमायाह अगले हीसे क मरम्मत करवाएस। इ नहेमायाह बेतसूर नाउँ क जिले क आधे हीसे क राज्जपाल रहा। उ जगह तलक भी मरम्मत करवाएस जउन दाऊद क कब्रिस्तान क समन्वा पडत रहा। आदमियन क बनाए भए तलाव तलक, अउर बीरन क निवास नाउँ क जगह तलक भी उ मरम्मत क इ कार्य करवाएस।
17 लेवीबंसी परिवार समूह क लोग देवार क अगले हीसे क मरम्मत किहस। लेवीबंस क एन लोग बानी क पूत रहूम क देखरेख मँ काम किहस। अगले हीसे क मरम्मत हसब्याह किसह। हसब्याह कीला नाउँ क कस्बे क आधे हीसा क प्रसासक रहा। उ अपने जिले क कइँती स मरम्मत क इ काम करवाएस।
18 अगले हीसे क मरम्मत ओनके भाइयन किहन। उ पचे हेनादाद क पूत बव्वै क अधीनता मँ काम किहस। बव्वै कीला कस्बे क आधे हीसे क प्रसासक रहा।
19 एहसे अगले हीसे क मरम्मत क काम येसु क पूत एज़ेर किहस। एज़ेर मिस्पा क राज्जपाल रहा। उ सस्त्रागार स लइके परकोट क देवार क कोने तलक मरम्मत क काम किहस।
20 एकरे पाछे बारूक क पूत जब्बै ओहसे अगले हीसे क मरम्मत किहस। उ उ कोने स लइके एल्यासीब क घरे क दुआर तलक देवार क इ हीसे क बड़ी मेहनत स मरम्मत किहस। एल्यासीब महायाजक रहा।
21 उरियाह क पूत मरेमोत एहसे आगे क देवार क एल्यासीब क घरे क दरवाजे स लइके ओकरे घर क आखीर तलक मरम्मत किहेन। उरियाह हक्कोस क पूत रहा।
22 एकरे पाछे क देवार क हींसे क मरम्मत क काम ओन याजकन क जरिये कीन्ह गवा जउन उ इलाके मँ रहत रहेन।
23 फुन बिन्यामीन अउ हस्सूब अपने घरन क आगे क नगर देवार क हीसंन क मरम्मत किहन। ओकरे घर क बाद क देवार मासेयाह क पूत अजर्याह किहेन। मासेयाह अन्नयाह क पूत रहा।
24 फुन हेनादाद क पूत बिन्नूई अजर्याह क घरे स लइके देवार क मोड अउ फुन कोने तलक क हींसे क मरम्मत किहेस।
25 एकरे पाछे ऊजै क पूत पालाल देवार क उ मोड स लइके बुर्ज तलक क देवार क मरम्मत क बरे काम किहस। इ मीनार राजा क ऊपरी भवन पइ रही। इ राजा क पहरेदारन क आँगन क लगे ही रहा। पालाल क पाछे परोस क पूत पदायाह इ काम क अपने हाथन मँ लिहस।
26 मन्दिर क जउन सेवक ओपेल पहाड़ी पइ रहा करत रहेन उ पचे देवार क अगले हींसे क जल दुआर क पूर्ब कइँती अउर ओकरे निअरे क गुम्बद तलक क मरम्मत क काम किहन।
27 बिसाल गुम्बद स लइके ओपेल क पहाड़ी स लगी देवार तलक क समूचे हीसे क मरम्मत क काम तकोई क लोगन पूरा किहन।
28 अस्व दुआर क ऊपरी हींसे क मरम्मत क काम याजकन किहस। हर याजक अपने घर क आगे क देवार क मरम्मत किहस।
29 इम्मेर क पूत सादोक अपने घरे क समन्वा क हीसे क मरम्मत किहस। ओहसे आगे क हींसा क देवार क मरम्मत सकन्याह क पूत समयाह किहस। समयाह पूबीर् फाटक क दुआरपाल रहा।
30 देवार क बचे भए हीसे क मरम्मत क काम सेलेम्याह क पूत हनन्याह अउर सालाप क पूत हानून पूरा किहस। (हानून सालाप क छठवाँ पूत रहा।)बेरेक्याह क पूत मसुल्लाम अपने कार्यालय क आगे क देवार क मरम्मत किहस।
31 फुन सोनार मल्कियाह मन्दिर क सेवकन क घरन अउर बइपारियन क घरन तलक क देवार क मरम्मत किहस। यानी निरीच्छण दुआर क सामने स देवार क कोने क ऊपरी कच्छ तलक क हीसे क मरम्मत मल्कियाह किहस।
32 कोने क ऊपरी कमरे स भ़ेड दुआर तलक क बीच क देवार क समूचा हींसा सोनारन अउ बइपारियन ठीक किहन।
Nehemiah 4
1 जब सम्बल्लत सुनेस कि हम लोग यरूसलेम क नगर देवार क पुन:निर्माण करत अही, तउ उ बहोत किरोधित अउ बियावुल होइ उठा। उ यहूदियन क हँसी उड़ावइ लाग।
2 सम्बल्लत अपने मीतन अउर फउज स सोमरोन मँ इ बिसय क लइके बातचीत किहस। उ कहेस, “इ सबइ सक्तिहीन यहूदी का करत अहइँ? ओनकर बिचार का अहइ? का उ पचे आपन बलियन चढ़ाइ पइही? साइद उ पचे अइसा सोचत ही कि उ पचे एक दिन मँ ही इ निर्माण कार्य क पूरा कइ लेइही। धूर माटी क इ ढेर मँ स उ पचे पाथरन क उठाइके फुन स नवी जिन्नगी नाहीं दइ पइही। इ सबइ तउ अब राखी अउ माटी क ढेर बन चुका अहइँ।”
3 अम्मोन क निवासी तोबियाह सम्बल्लत क संग रहा। तोबियाह बोला, “इ सबइ यहूदी जउन निर्माण करत रहे ओकरे बारे मँ इ सबइ का सोचत ही? जदि कउनो नान्ह स लोखरी भी उ देवार पइ चढ जाइ तउ ओनकर उ पाथरन क देवार ढह जाइ।”
4 तब नहेमायाह परमेस्सर स पराथना किहस अउर उ बोला, “हे हमरे परमेस्सर, हमरी बिनती सुना। उ सबइ लोग हम स घिना करत ही। सम्बल्लत अउ तोबियाह हमार अपमान करत हीं। एन बुरी बातन क तू ओन ही क संग घटाइ द्या। ओनका ओन मनइयन क नाईर् लज्जित कइके जेनका बन्दी क रूप मँ लइ जावा जात रहा होइ।
5 ओनकर उ अपराध क दूर जिन करा अथवा ओनके ओन पापन क छिमा जिन करा जेनका उ पचे तोहरे लखत किहन ह। उ पचे देवार क बनावइ बालन क अपमान किहन ह अउर ओनकर हिम्मत तोड़ेन ह।”
6 हम यरूसलेम क देवार क पुन: निर्माण किहा ह। हम नगर क चारिहुँ कइँती देवार बनावा ह। मुला ओका जेतना ऊँच होइ चाही, उ ओहसे आधी ही रहि गइ ह। हम इ एह बरे कइ पाए कि हमार लोग अपने समूचे मन स इ कार्य क किहा।
7 किन्तु सम्बल्लत, तोबियाह, अरब क लोगो, अम्मोन क निवासियो अउर असदोद क रहइवाले लोगन क उ समइ बहोत किरोध आवा। जब उ पचे इ सुनेन कि यरूसलेम क देवार पइ लोग निरंतर काम करत अहइँ। उ पचे सुने रहेन कि लोग देवार क टूटा भवा भाग क भरत अहइँ।
8 तउ उ पचे सबहिं लोग आपुस मँ बटुरेन अउर उ पचे यरूसलेम क खिलाफ जोजनन बनाएन। उ पचे यरूसलेम क खिलाफ गड़बड़ी पइदा करइ क सडयन्त्र रचेस। उ पचे इ जोजना भी बनाएन कि नगर क ऊपर चढाई कइके जुद्ध कीन्ह जाइ।
9 मुला हम अपने परमेस्सर स बिनती किहस अउर नगर देवार क देवारन पइ हम पहरेदार बइठाए दिहन ताकि उ पचे हीआँ दिन-रात रखवारी करइँ जेहसे हम ओन लोगन क मुकाबला करइ क बरे तुरन्त तइयार रहइँ।
10 उधर उहइ समइ यहूदा क लोग कहेन, “कारीगर लोग थकत जात अहइँ। हुवाँ बहोत स कचरा पड़ा अहइ। तउ हम अब देवार पइ निर्माण कार्य करत नाहीं रहि सकित।
11 अउर हमार दुस्मन कहत अहइँ, ‘एहसे पहिले कि यहूदियन क एकर पता चलइ या उ पचे हम क लखि लेइँ, हम ठीक ओनके बीच पहोंच जाब। हम ओनका मार डाउब जेहसे ओनकर काम रुक जाइ।”‘
12 एकरे पाछे हमरे दुस्मनन क बीच रह रहे यहूदी हमरे लगे आवइँ अउर उ पचे हम स दस दाईर् इ कहेन, “हमरे चारिहुँ कइँती हमार दुस्मन अहइँ, हम जिधर भी मुड़ी, हर कहूँ हमार दुस्मन फइले अहइँ।”
13 तउ मइँ देवार क देवार क संग-संग जउन जगह सब स खाले पड़त रहिन, ओनके पाछे कछू लोगन क नियुक्त कइ दिहेउँ अउर मइँ देवार मँ जउन नाके पडत रहेन, ओन पइ भी लोगन क लगाइ दिहेउँ। मइँ समूची देवारन क ओनकर तरवारन, भालन अउर धनुस बागन क संग हुवाँ लगाइ दिहेउँ।
14 मइँ सारी स्थिति क अंजाद लिहेउँ अउर फुन खड़े होइके महत्त्वपूर्ण परिवारन, हाकिमन अउ दूसरे लोगन स कहेउँ, “हमरे दुस्मनन स डेराअ जिन। हमरे सुआमी क याद राखा। यहोवा महान अहइ अउ सक्तीसाली अहइ। तू पचन्क अपने भाइयन, अपने पूतन अउ अपनी बिटियन क बरे इ लडाई लडब ही अहइ। तू पचन्क अपनी मेहररूअन अउ अपने घरन क बरे जुद्ध करब ही होइ।”
15 एकरे पाछे हमरे दुस्मनन क कान मँ इ भनक पड गइ कि हम क ओनकी जोजनन क पता चल चुका ह। उ पचे जान गएन कि परमेस्सर ओनकी जोजनन पइ पानी फेर दिहस। एह बरे हम सबहिं नगर देवार क देवार पइ काम करइ क वापस लउटि गए। हर मनई फुन अपने जगह पइ वापस चला गवा अउर अपने हींसे क काम करइ लाग।
16 उ दिन क पाछे स मोरे आधे लोग देवार पइ काम करइ लागेन अउर मोर आधे लोग भालन, ढारन, तीरन अउर कवचन स सुसज्जित होइके पहरा देत रहे। यहूदा क ओन लोगन क पाछे जउन नगर देवार क देवार क निर्माण करत रहेन, फउज क अधिकारी खड़े रहत रहेन।
17 सामान ढोवइवाले मजदूर एक हाथ स काम करतेन तउ ओनके दूसर हाथे मँ हथियार रखत रहेन।
18 हर कारीगर क बगल मँ जब उ काम करत भवा होत, तरवार बँधी रहत रही। लोगन क सावधान करइ बरे तुरही बजावइवाला मनई मोरे लगे ही रहत।
19 फुन प्रमुख हथियारन, हाकिमन अउर बाकी दूसरे लोगन क सम्बोधित करत भए मइँ कहेउँ, “इ बहोत बड़ा काम अहइ। हम देवार क सहारे सहारे फइले भए अही। हर एक दूसरे स दूर पड गए अही।
20 तउ जदि तू तुरही क अवाज सुना, तउ उ निर्धारित जगह पइ भाग आवा हुँवइ हम सब बटुरब अउर हमरे बरे परमेस्सर जुद्ध करी।”
21 इ तरह हम यरूसलेम क उ देवार पइ काम करत रहे अउर हमरे आधे लोग भाले थामे रहे। हम भिंसारे क पहली किरण स लइके रात मँ तारे छिटकइ तलक काम किया करत रहे।
22 उ अवसर पइ लोगन स मइँ इ भी कहे रहेउँ: “रात क समइ हर मनई अउर ओकर सेवक यरूसलेम क भीतर ही ठहरइ ताकि राति क समइ मँ उ पचे पहरेदार रहइँ अउर दिन क समइ कारीगर।”
23 इ प्रकार हम मँ स कउनो भी कबहुँ अपने ओढ़ने नाहीं उतारत रहा न मइँ, न मेरे साथी, न मेरे लोग अउर न पहरेदार। हर समइ हम मँ स हर एक मनई अपने दाहिने हाथ मँ हथियार तइयार रखा करत रहा।
Nehemiah 5
1 बहोत स गरीब लोग अपने यहूदी भाइयन क खिलाफ सिकाइत करइ लगे रहेन।
2 ओनमाँ स कछू कहा करत रहेन, “हमरे बहोत स बच्चन अहइँ। जदि हम क खइया क खाब अहइ अउर जिअत रहब अहइ तउ हम क थोडा अनाज तउ मिलइ ही चाही।”
3 दूसर लोगन क कहब अहइ, “इ समइ अकाल पड़त अहइ। हम क अपने खेत अउ घर गिरवी रखइ पड़त अहइँ ताकि हम क थोड़ा अनाज मिलि सकइ।”
4 कछू लोग इ भी कहत रहेन, “हम क अपने खेतन अउर अँगूर क बगीचन पइ राजा क कर चुकावइ पड़त ह मुला हम कर चुकाइ नाहीं पाइत एह बरे हम क चुकावइ क बरे धन उधार लेइ पड़त ह।
5 ओन धनवान लोगन क तरफ लखा। हम भी वइसे ही अच्छे अही जइसे उ पचे हमरे पूत भी वइसे ही अच्छे अहइँ, जइसे उनके पूत। किन्तु हम क अपने पूत बिटिया दासन रूप मँ बेचइ पडत अहइ। हम मँ स कछू क तउ दासन क रूप मँ अपनी बिटियन क वेचइ भी पडा हे। अइसा कछू भी तउ नाहीं अहइ जेका हम कइ सकइँ। हम अपने खेतन अउ अँगूर क बगीचन क खोइ चुके अहइँ। अब दूसर लोग ओनके मालिक अहइँ।”
6 जब मइँ ओनकर इ सबइ सिकाइतन सुनेउँ तउ मोका बहोत किरोध आवा।
7 मइँ खुद क सांत किहेउँ अउर फुन धनी परिवारन अउ हाकिमन क लगे जाइ पहोचेउँ। मइँ ओनसे कहेउँ, “तू पचे अपने ही लोगन क उ धने पइ बियाज चुकावइ क बरे मजबूर करत अहा जेका तू ओनका उधार देत अहा। निहचइ ही तू पचन्क अइसा बन्द कइ देइ चाही।” फुन मइँ लोगन क एक ठु सभा बोलाएउँ
8 अउर फुन मइँ ओन लोगन स कहेउँ ‘दूसरे देसन मँ हमरे यहूदी भाइयन क दासन क रूप मँ बेचा जात रहा। ओनका वापस बेसहइ अउ अजाद करावइ क बरे हम स जउन बन पडा, हम कीन्ह अउर अब तू पचे ओनका फुन दासन क रूप मँ बेचत अहा अउर हम क फुन ओनका वापस लेइ पड़ी।’ इ तरह उ सबइ धनी लोग अउर उ सबइ हाकिम चुप्पी साधे रहेन। कहइ क ओनके लगे कछू नाहीं रहा।
9 तउ मइँ बोलत चला गवा। मइँ कहेउँ, “तू लोग जउन कछू करत अहा, उ उचित नाहीं अहइ। तू पचे इ जानत अहा कि तू पचन्क परमेस्सर स डेराइ चाही अउर ओकर सम्मान करइ चाही। तू पचन्क अइसे लज्जापूर्ण कार्य नाहीं करइ चाही जइसे दूसर लोग करत हीं।
10 मोर लोग, मोरे भाई अउर खुद मइँ भी लोगन क धन अउर अनाज उधार पइ देत ही। मुला आवा हम ओन कर्जन पइ बियाज चुकावइ क बरे ओनका मजबूर करब बन्द कइ देइ।
11 इहइ दिना तू पचन्क ओनके खेतन, अंगूरे क बगीचन, जैतून क बाग अउर ओनकर घर ओनका जरूर वापस लउटाइ देइ चाही अउर उ बियाज भी तू पचन्क ओनका लउटाइ देइ चाही जउन तू पचे ओनसे वसूल किहा ह।”
12 एह पइ धनी लोगन अउ हाकिमन कहेन, “हम इ ओनका लउटाइ देब अउर ओनसे हम कछू भी नाहीं माँगब। हे नहेमायाह, तू जइसा कहत ह, हम वइसा ही करब।”एकरे पाछे मइँ याजकन क बोलाएउँ। मइँ धनी लोगन अउ हाकिमन स इ प्रतिग्या करवाएउँ कि जइसा उ पचे कहेन ह, उ पचे वइसा ही करिहीं।
13 एकरे पाछे मइँ अपने ओढ़नन क सलवटन क फाड़त भए कहेउँ, “हर उ मनई क साथ, जउन अपने बचन क नाहीं निभाईर्, परमेस्सर तदनुवूल करी। परमेस्सर ओनका ओनके घरन स उखाड़ देइ अउर उ पचे जउन भी चिजियन क बरे काम किहन ह उ पचे सबहिं ओनके हाथ स जाती रही। उ मनई आपन सबहिं कछू खोइ बइठी।”मइँ जब एन बातन क कहब समाप्त किहेउँ तउ सबहिं लोग एनसे सहमत होइ गएन। उ पचे सबहिं बोलेन, “आमीन।” अउर फुन उ पचे यहोवा क बडकई किहन अउर इ तरह जइसा उ पचे बचन दिहे रहेन, वइसा ही किहन।
14 अउर फुन यहूदा क धरती पइ अपने राज्जपाल काल क दौरान ज तउ मइँ अउर न मोरे भाइयन उ भोजन क ग्रहण किहेन जउन राज्जपाल क बरे निआव पूर्ण नाहीं रहा। मइँ अपने भोजन क बेसहइ क वास्ते कर चुकावइ बरे कबहुँ कउनो पइ दबाव नाहीं डाएउँ। राजा अर्तछत्र क सासन काल क बीसवे साल स बत्तीसवे बरिस तलक मइँ हुवाँ क राज्जपाल रहा। मइँ बारह बरिस तलक यहूदा क राज्जपाल रहा।
15 मुला मोहसे क पहिले क राज्जपालन लोगन क जिन्नगी क दूभर बनाइ दिहे रहेन। उ सबइ राज्जपाल लोगन पइ लगभग एक पौण्ड चाँदी चालीस सकेल देइ क बरे दबाव डावा करत रहेन। ओन लोगन पइ उ पचे खाना अउ दाखरस देइ क बरे भी दबाव डावत रहेन। ओन राज्जपालन क नीचे क हाकिम भी लोगन पइ हुवूमत चलावत रहेन अउर जिन्नगी क अउर जियादा दूभर बनावत रहेन। किन्तु मइँ काहेकि परमेस्सर क आदर करत रहेउँ, अउर ओहसे डेरात रहेउँ, एह बरे मइँ कबहुँ वइसे काम नाहीं किहेउँ।
16 यरूसलेम क देवार क बनावइ मँ मइँ कड़ी मेहनत किहे रहेउँ। मोर सबहिं सेवकन देवार पइ काम करत रहेन। हम पचे कउनो भी ज़मीन नाही लिहेन।
17 मइँ, अपने भोजन क चउकी पइ नियमित रूप स हाकिमन क संग एक सौ पचास यहूदियन क खाइ पइ बोलाया करत रहेउँ। मइँ चारिहुँ ओर क देसन क लोगन क भी भोजन देत रहेउँ जउन मोरे लगे आवा करत रहेन।
18 मोरे संग मेरी मेज पइ खाइवाले लोगन क बरे ऍतना खाना सुनिहचित कीन्ह गवा रहा: एक ठु बर्धा, छ तगड़ी भेड़िन अउर अलग-अलग तरीके क पंछी। एकरे अलावा हर दसन दिन मोरी मेज पइ हर तरह क दाखरस लावा जात रहा। फुन भी मइँ कबहुँ अइसे भोजन क माँग नाहीं किहेउँ, जउन राज्जपाल क बरे अनुमोदित नाहीं रहा। मइँ अपने भोजन क दाम चुकावइ क वास्ते, ओन लोगन पइ कबहुँ दबाव नाहीं डाएउँ। मइँ इ जानत रहेउँ कि उ सबइ लोग जउने काम क करत अहइँ उ बहोत कठिन अहइ।
19 परमेस्सर, ओन लोगन क बरे मइँ जउन अच्छा किहेउँ ह, तू ओका याद राखा।
Nehemiah 6
1 एकरे पाछे सम्बल्लत, तोबियाह, अरब क रहइवाले गेसेम अउर हमार दुस्मनन इ सुनेन कि मइँ देवार क निर्माण कराइ चुका हउँ। हम उ देवार मँ दरवाजन बनाइ चुके रहेन किन्तु तब तलक दरवाजन पइ जोड़ियन नाहीं चढ़ाई गई रहिन।
2 तउ सम्बल्लत अउर गेसेम मोरे लगे इ सँदेसा पठएन: “नेहमायाह, तू आइके हम स मिला। हम ओनो क मइदान मँ कैफरीम नाउँ क कस्बे मँ मिल सकत ही।” किन्तु ओनकर जोजना तउ मोका नोस्कान पहोंचावइ क रही।
3 तउ मइँ ओनके लगे इ जवाब क संग सँदेस पठइ दिहेउँ: “मइँ हिआँ महत्त्वपूर्ण काम मँ लगा हउँ। तउ मइँ नीचे तोहरे लगे नाहीं आइ सकत। मइँ सिरिफ एह बरे काम बन्द नाहीं करइ चाहब कि तोहरे लगे आइके तोहसे मिल सकउँ।”
4 सम्बल्लत अउ गेमेस मोरे लगे चार दाईर् वइसे ही सँदेसा पठएन अउर हर दाईर् मइँ भी ओनका उहइ जवाब पठवाइ दिहेउँ।
5 फुन पाँचवी दाईर् सम्बल्लत उहइ सँदेसा क संग अपने सहायक क मोरे लगे पठएस। ओकरे हाथ मँ एक पत्र रहा जउने पइ मोहर नाहीं लगी रही।
6 उ पत्र मँ लिखा रहा: “चारिहुँ तरफ एक अफवाह फइली भइ अहइ। हर कहूँ लोग उहइ बात क चर्चा करत अहइँ अउर गेमेस क कहब अहइ कि उ फुरइ अहइ। लोगन क कहब अहइ कि तू अउर यहूदी, राजा स बगावत क जोजना बनावत रहे अहा अउर इहइ बरे तू यरूसलेम क नगर देवार क निर्माण करत अहा। लोगन क इ भी कहब अहइ कि तू ही यहूदियन क नवा राजा बनब्या।
7 “अउर इ अफवाह भी अहइ कि तू यरूसलेम मँ अपने विसय मँ इ घोसणा करइ बरे भविस्सबक्ता भी चुन लिहा ह: ‘यहूदा मँ एक ठु राजा अहइ।’“नहेमायाह! अब मइँ तोहका चितउनी देत हउँ। राजा अर्तछत्र इ बिसय क सुनवाई करी तउ हमरे लगे आ अउर हमसे मिलिके इ बारे मँ बातचीत कर।”
8 तउ मइँ सम्बल्लत क लगे इ जवाब पठवाइ दिहेउँ, “तू जइसा कहत रह्या ह वइसा कछू नाहीं होत अहइ। इ सब बातन तोहार अपनी खोपड़ी क उपज अहइँ।”
9 हमार दुस्मन बस हम क डेरावइ क जतन करत अहइँ। उ पचे अपने मने मँ सोचत रहेन, “यहूदी लोग डेराइ जइही अउर काम क चलत रखइ बरे बहोत निर्बल पड़ जइहीं अउर फुन देवार पूरी नाहीं होइ पाई।”किन्तु मइँ अपने मन मँ इ बिनती किहेउँ, “परमेस्सर मोका मजबूत बनावा।”
10 मइँ एक दिन दलायाह क पूत समायाह क घर गएउँ। दलायाह महेतबेल क पूत रहा। समायाह क अपने घरे मँ ही रूकइ पड़त रहा। समायाह कहेस,“नहेमायाह आवा हम परमेस्सर क मन्दिर क भीतर मिली। आवा चली भीतर हम पवित्तर ठउर क अउर बन्द दुआरन क कइ लेइ आवा, वइसा करी हम काहे काहेकि लोग अहइँ आवत रहे मारइ क तोहका। उ पचे आवत अहइँ आजु रात मार डावइ क तोहका।”
11 किन्तु मइँ समायाह स कहेउँ, “का मोरे जइसे कउनो मनई क पराइ जाइ चाही? तू तउ जानत ही अहा कि मोरे जइसे मनई क आपन परान बचावइ क बरे मन्दिर मँ भाग जाइ चाही। तउ मइँ हुवाँ नाहीं जाबउँ।”
12 मइँ जानत रहेउँ कि समायाह क परमेस्सर नाहीं पठएस ह। मइँ जानत रहेउँ कि मोरे खिलाफ उ एह बरे अइसी झूठ भविस्सबाणियन करत अहइ कि तोबियाह अउर सम्बल्लत ओका वइसा करइ बरे धन दिहस ह।
13 समायाह क मोका डेरावइ बरे भाड़े पइ रखा गवा रहा। उ पचे इ चाहत रहेन कि डरके छिपइ बरे मन्दिर मँ पराइके मइँ पाप करउँ ताकि मोका लज्जित करइ अउ बदनाम करइ क कउनो आधार होइ।
14 हे परमेस्सर! तोबियाह अउ सम्बल्लत क याद राखा। ओन बुरे कामन क याद राखा जउन उ पचे किहन ह। उ नबिया नोअद्याह अउ ओन नबियन क याद राखा जउन मोका भयभीत करइ क जतन करत अहइँ।
15 इ तरह एलूल नाउँ क महीने क पच्चीसवीं तारीख क यरूसलेम क परकोटा बनिके तइयार होइ गवा। देवार क बनिके पूरा होइ मँ बावन दिन लगेन।
16 फुन हमार सबहिं दुस्मनन सुनेन कि हम परकोटा बनाइके तइयार कइ लिहा ह। हमरे आस पास क सबहि देसन लखेन कि निर्माण कार्य पूरा होइ चुका ह। एहसे ओनकर हिम्मत टूट गइ काहेकि उ पचे जानत रहेन कि हम इ कार्य हमरे परमेस्सर क मदद स पूरा किहा ह।
17 एकरे अलावा ओन दिनन जब उ देवार बनिके पूरी होइ चुकी रही तउ यहूदा क धनी लोग तोबियाह क पत्र लिख-लिखके पत्र पठवइ लागेन, तोबियाह ओनके पत्रन क जवाब दिया करत।
18 उ पचे एन पत्रन क एह बरे पठवा करत रहेन कि यहूदा क बहोत स लोग ओकरे बरे वफादार बने रहइ क कसम उठाए भए रहेन। एकर कारण इ रहा कि तोबियाह सकम्याह क दामद रहा। जउन आरह क पूत रहा अउर तोबियाह क पूत यहोहानान बेरेक्याह क पूत मसुल्लाम क बिटिया स बियाह किहे रहे।
19 अउर उ सबइ लोग मोहसे कहत रहत रहेन कि तोबियाह केतना अच्छा अहइ अउर उधर उ पचे जउन काम मइँ किया करत रहेउँ, ओकरे बारे मँ तोबियाह क खबर देत रहेन। तोबियाह मोका डरावइ बरे पत्र पठवत रहत रहा।
Nehemiah 7
1 इ तरह हम देवार बनावइ क काम पूरा कीन्ह। फुन हम देवार पइ दरवाजन लगाए। फुन हम दुआर क पहरेदारन, मन्दिर क गायकन अउ लेबियन क चुनेन।
2 एकरे पाछे मइँ अपने भाई हनानी क यरूसलेम क हाकिम नियुक्त कइ दीन्ह। मइँ हनन्याह नाउँ क एक ठु अउर मनई क चुनेउँ अउर ओका किलेदार नियुक्त कइ दिहेउँ। मइँ हनानी क एह बरे चुने रहेउँ कि उ बहोत ईमानदार मनई रहा अउर उ परमेस्सर स आप लोगन स कहूँ जियादा डेरात रहा।
3 तब मइँ हनानी अउर हनन्याह स कहेउँ, “तोहका हर दिन यरूसलेम क दुआर खोलइ स पहिले घंटन सूरज चढ जाइ क पाछे तलक इंतजार करत रहइ चाही अउर सूरज छुपइ स पहिले ही तोहका दरवाजन बन्द कइके ओन पइ ताला लगाइ देइ चाही। यरूसलेम मँ रहइवाले लोगन मँ स तोहका कछू अउर लोग चुनइ चाही अउर ओनका नगर क रच्छा करइ बरे बिसेस जगहन पइ नियुक्त करा अउर कछू लोगन क ओनके घरन क लगे ही पहरे पइ लगाइ द्या।”
4 अब लखा, उ एक बहोत बडा नगर रहा जहाँ पर्याप्त जगह रही। किन्तु ओनमाँ लोग बहोत कम रहेन अउर मकान अबहिं तलक फुन स नाहीं बनाए गए रहेन।
5 एह बरे मोर परमेस्सर मोरे मन मँ एक बात पइदा किहस कि मइँ सबहि लोगन क एक सभा बुलाएउँ तउ मइँ सबहि महत्त्वपूर्ण लोगन क, हाकिमन क अउर सर्वसाधारण क एक संग बोलाएउँ। मइँ इ काम एह बरे किहेउँ कि मइँ ओन सबहि परिवारन क एक सूची तइयार कइ सकउँ। मोका अइसे लोगन क पारिवारिक सूचियन मिली जउन दासता स सब स पहिले छूटइवालन मँ स रहेन। हुवा जउन लिखा भवा मोका मिला, उ इ तरह अहइ।
6 इ सबइ पहँटा क उ सबइ लोग अहइँ जउन दासत्व स अजाद होइके लउटेन (बाबेल क राजा, नबूकदनेस्सर एन लोगन क बन्दी बनाइके लइ गवा रहा। इ सबइ लोग यरूसलेम अउ यहूदा क लउटेन। हर मनई अपने-अपने नगर मँ चला गवा।
7 इ सबइ लोग जरुब्बाबेल, येसू, नहेमायाह, अजर्याह, राम्याह, नहमानी, मोर्दकै, बिलसान, मिस्पेरेत, बिग्वै, नहूम अउर बाना क संग लउटे रहेन।
8 प्रोस क संतान 2,172
9 सपत्याह क संतान 372
10 आरह क संतान 652
11 पहत्मोआब क संतान (येसू अउर योआब क परिवार क संतानन) 2,818
12 एलाम क संतान 1,254
13 जत्तू क संतान 845
14 जव्वै क संतान 760
15 बिन्नूई क संतान 648
16 बेबै क संतान 628
17 अजगाद क संतानन 2,322
18 अदोनीकाम क संतान 667
19 बिग्वै क संतान 2,067
20 आदीन क संतान 655
21 आतेर क संतान (हिजीकयाह क परिवार स) 98
22 हासम क संतान 328
23 बेसै क संतान 324
24 हारीप क संतान 112
25 गिबोन क संतान 95
26 बेतलेहेम अउर नतोपा नगरन क लोग 188
27 अतानोत नगर क लोग 128
28 बेतजमावत नगर क लोग 42
29 किर्यत्यारीम, कपीर तथा बेरोत नगरन क लोग 743
30 रामा अउर गेबा नगरन क लोग 621
31 मिकपास नगर क लोग 122
32 बेतेल अउर ऐ नगर क लोग 123
33 नबो नाउँ क दूसर नगर क लोग 52
34 एलाम नाउँ क दूसर नगर क लोग 1,254
35 हरीम नाउँ क नगर क लोग 320
36 यरीहो नगर क लोग 345
37 लोद, हादीद अउर ओनो नाउँ क नगरन क लोग 721
38 सना नाउँ क नगर क लोग 3,930
39 याजकन क सूची यदायाह क संतान (येसू क परिवार स) 973
40 इम्मेर क संतान 1,052
41 पसहूर क संतान 1,247
42 हारीम क संतान 1,017
43 लेवी परिवार समूह क लोगन क सूची:येसू क संतान (कदमीएल क जरिये होदवा क परिवार स) 74
44 गायकन क सूची:आसाप क संतान 148
45 दुआरपालन क सूची:सल्लूम, आतेर, तल्मोन, अववूब, हतीता अउर सोबै क संतान 138
46 मन्दिर क सेवकन क सूची:सीहा, हसूपा अउर तब्बाओत क संतानन,
47 केरोस, सीआ अउर पादोन क संतानन,
48 लबाना, हगाबा अउर सल्मै क संतान,
49 हानान, गिद्देल, गहर क संतान
50 राया, रसीन अउर नकोदा क संतानन,
51 गज्जाम, उज्जा, अउर पासेह क संतान
52 बेसै, मूनीम, नपूसस क संतान,
53 बकबूक, हवूपा, हर्हूर क संतान,
54 बसलीत, महीदा अउर हर्सा क संतानन,
55 बकोर्स, सीसरा अउर तेमेह क संतानन,
56 नसीह अउर हतीपा क संतान।
57 सुलैमान क सेवकन क संतान:सोतै, सोपेरेत अउर परीदा क संतान
58 याला दकोर्न अउर गिद्दोल क संतान,
59 सपत्याह, हत्तील, पोकेरेत-हैस्सबायीम अउर आमोन क संतानन,
60 मन्दिर क सबहि सेवक अउ सुलैमान क सेवकन क संतान रहिन। 392
61 इ ओन लोगन क सूची अहइ जउन तेलमेलह, तेलहर्सा, करूब अद्दोन अउर इम्मेर नाउँ क नगरन स यरूसलेम आए रहेन। मुला इ सबइ लोग साबित नाहीं कइ सकेन कि ओनकर परिवार असल मँ इस्राएल क लोगन स सम्बन्धित रहेन:
62 दलायाह, तोबियाह अउ नेकोदा क संतानन 642
63 इ ओन याजकन क सूची अहइ जउनहोबायाह, हवकोस अउ बजिर्ल्लै (जउन कउनो भी मनई गिलाद क बजिर्ल्लै क बिटियन स बियाह किहा ओका बजिर्ल्लै कहा जात रहा) क सन्तानन रहेन।
64 जउन लोग अपने परिवारन क ऐतिहासिक दस्तावेजन क हेरेन अउर उ पचे ओनका पाइ नाहीं सकेन, ओनकर नाउँ याजकन क सूची मँ नाहीं जोरा जाइ सका। उ पचे असफल रहेन एह बरे याजक नाहीं बन सकत रहेन।
65 तउ राज्जपाल ओनका एक आदेस दिहस जेकरे तहत उ पचे कउनो भी बहोत पवित्तर भोजन क नाहीं खाइ सकत रहेन। उ भोजन मँ स उ पचे उ समइ तलक कछू भी नाहीं खाइ सकत रहेन जब तलक महायाजक ऊरीम अउर तुम्मीम क उपयोग न कइ लेत रहेन।
66 उ समूचे समूह मँ लोगन क गनती 42,360 रही
67 अउर ओनके लगे 7,337 दास अउर दासियन रहिन जउन गनती मँ नाहीं लीन्ह गवा रहेन, ओनके पास 245 गायक अउर गायिकन रहिन।
68 ओनके लगे 736 घोड़न अउर 245 खच्चर,
69 अउर 435 ऊँट अउर 6,720 गदहन रहेन।
70 परिवार क कछू नेता लोगन उ कामे क सहारा देइ बरे धन दिहे रहेन। राज्जपाल क जरिये निर्माण कोस मँ 19 पौण्ड सोना दीन्ह गवा रहा। उ याजकन क बरे 50 खोरन अउ 530 जोड़ी ओढ़नन भी दिहे रहेन।
71 परिवार क मुखिया लोग 375 पौण्ड सोना उ काम क सहारा देइ क बरे निर्माण कोस मँ दिहन अउर 1 1/3 टन चाँदी ओनके जरिये भी दीन्ह गइ।
72 दूसर लोग वुल मिलाइके 375 पौण्ड सोना उ काम क सहारा देइ बरे निर्माण कोस क दिहन। उ पचे 1 1/3 टन चाँदी अउर याजकन क बरे 67 जोड़े ओढ़नन भी दिहन।
73 इ तरह याजक लेवी परिवार समूह क लोग, गायक अउर मन्दिर क सेवक अपने-अपने नगरन मँ बस गएन अउर इस्राएल क दूसर लोग भी अपने-अपने नगरन मँ रहइ लागेन अउर फुन साल क सतएँ महीने तलक इस्राएल क सबहि लोग अपने-अपने नगरन मँ बस गएन।
Nehemiah 8
1 फुन इस्राएल क सबहिं लोग आपस मँ एकट्ठे भएन। उ पचे सबहिं एक रहेन अउर इ तरह एकमत रहेन जइसे माना उ पचे एक मनई होइँ। जल दुआर क समन्वा क खुले चौक मँ उ पचे आपुस मँ मिलेन। उ पचे लिपिक एज्रा स मूसा क व्यवस्था क किताब क लिआवइ बरे कहेन। इ उहइ व्यवस्था क विधान अहइ जेका इस्राएल क लोग यहोवा क दिहे रहेन।
2 तउ याजक एज्रा आपस मँ एकट्ठे भएन। ओन लोगन क समन्वा व्यवस्था क विधान क किताब क लइ आवा। उ दिन महीने क पहिली तारीख रही अउर उ महीना बरिस क सातवाँ महीना रहा। उ सभा मँ मनसेधू रहेन, मेहररूअन रहिन, अउर उ पचे सबहिं रहेन जउन बातन क सुन अउर समुझ सकत रहेन।
3 एज्रा भिंसारे क तड़के स लइके दोपहर तलक इ व्यवस्था क विधान क किताबे स पाठ किहा। उ समइ एज्रा क मुँह उ खुले चौक क तरफ रहा जउन जल दुआर क समन्वा पड़त रहा। उ सबहिं मनसेधुअन, मेहररूअन अउ ओन सबहिं लोगन क बरे ओका बाँचेस जउन सुन समुझ सकत रहेन। सबहि लोग व्यवस्था क विधान क सावधानी स सुनेन।
4 एज्रा काठे क उ ऊँच मंच पइ खड़ा रहा जेका इ बिसेस अवसर क बरे ही बनावा गवा रहा। एज्रा क दाहिन कइँती मत्तित्याह, सेमा, अनायाह, उरिय्याह, हिल्कियाह अउर मासेयाह खड़े रहेन अउर एज्रा क बाई कइँती पदायाह, मीसाएल, मल्कियाह, हासूम, हस्बद्दाना, जकर्याह अउर मसुल्लाम खड़े भए रहेन।
5 फुन एज्रा उ किताबे क खोलेस। एज्रा सबहि लोगन क देखाई देत रहा काहेकि उ सब लोगन स ऊपर एक ऊँचे मंच पइ खड़ा रहा। एज्रा व्यवस्था क विधान क किताब क जइसे ही खोलेस, सबहि लोग खड़े होइ गएन।
6 एज्रा महान परमेस्सर यहोवा क प्रसंसा किहस अउर सबहि लोग अपने हाथ ऊपर उठावत भए एक सुर मँ कहेन, “आमीन! आमीन!” अउर फुन सबहि लोग आपन मूँडि खाले निहुराइ दिहन अउर धरती पइ दण्डवत करत भए यहोवा क अराधना किहन।
7 लेवीबंस परिवार समूह क एन मनइयन व्यवस्था क विधान क व्याख्या तब किहेन सबहिं हुवाँ खड़े रहेन। लेवीबंस क ओन लोगन क नाउँ रहेन: येसू, बानी, सेरेब्याह, यामीन, अक्वूब, सब्बतै, होदियाह, मासेयाह, कलिता, अजर्याह, योजबाद, हानान अउ पलायाह।
8 लेवीबंस क एन लोग परमेस्सर क व्यवस्था क विधान क किताब क पाठ किहन। उ पचे ओनकर अइसी स्पस्ट किहेन कि लोग ओका समुझ सकइँ।
9 एकरे पाछे राज्जपाल नहेमायाह याजक अउ सिच्छक एज्रा अउ लेवीबंस क लोग जउन लोगन क सिच्छा देत रहेन, बोलेन। उ पचे कहेन, “आजु क दिन तोहरे परमेस्सर यहोवा क बिसेस दिन अहइ दुःखी जिन ह्वा, बिलाप जिन करा।” उ पचे अइसा एह बरे कहे रहेन कि लोग व्यवस्था क विधान मँ परमेस्सर क संदेसा सुनत भए रोवइ लगे रहेन।
10 नहेमायाह कहेस, “जा, अउर जाइके उत्तिम भोजन अउ सर्बत क आनन्द ल्या। अउर तनिक खाना अउर सर्बत ओन लोगन क भी द्या जउन कउनो खाना नाहीं बनावत ही। आजु यहोवा क खास दिन अहइँ। दुःखी जिन रहा। काहेकि यहोवा क आनन्द तोहका मज़बूत बनाइ देब।”
11 लेवीबंस परिवार क लोग लोगन क सांत होइ मँ मदद किहन। उ पचे कहेन, “चुप होइ जा, सांत रहा, इ एक बिसेस दिन अहइ। दुखी जिन ह्वा।”
12 एकरे पाछे सबहि लोग खावइ अउर पीवइ बरे चले गएन। उ पचे खइया क ओका दिहेन जेका ओकर जरूरत अहइ। उ पचे बहोत खुस रहेन अउर इ तरह उ पचे उ बिसेस दिन क मनाएन काहेकि उ पचे यहोवा क ओन सिच्छन क समुझ लिहन जेनका ओनका समुझावइ क सिच्छक जतन किया करत रहेन।
13 फुन महीने क दूसरी तारीख क सबहि परिवारन क मुखिया, एज्रा, याजकन अउ लेवीबंसियन, स भेटइ गएन अउर ब्यवस्था क विधान क बचनन क समुझइ क बरे सबहिं लोग सिच्छक एज्रा क घेरिके खड़े होइ गएन।
14 उ पचे समुझिके इ पाएन कि व्यवस्था क विधान मँ इ आदेस दीन्ह गवा ह कि साल क सतएँ महीने मँ इस्राएल क लोगन क एक बिसेस पवित्तर पर्व मनावइ क बरे यरूसलेम जाइ चाही। ओनका चाही कि उ पचे अस्थायी झोपड़ियन बनाइके हुवाँ रहइँ। लोगन क इ आदेस यहोवा मूसा क जरिये दीन्ह रहा।
15 लोगन क चाही रहा कि उ पचे अपने नगरन अउ यरूसलेम स गुजरत भए एन बातन क घोसणा करइँ: “पहाड़ी प्रदेस मँ जा अउर हुवाँ स तरह तरह क जइतून क बृच्छन क टहनियन लइके आवा। मेंहदी, खजूर अउर छायादार सघन बृच्छन क डारन लिआवा, फुन ओन टहनियन स अस्थायी आवास बनावा। वइसा ही करा जइसा व्यवस्था क विधान बनावत ह।”
16 तउ लोग बाहेर गएन अउर ओन-ओन बृच्छन क टहनियन लइ आएन अउर फुन ओन टहनियन स उ पचे अपने बरे अस्थायी झोपड़ियन बनाइ लिहन। अपने घरे क छतन पइ अउर अपने-अपने अँगनन मँ उ पचे झोपड़ियन डाइ लिहन। उ पचे मन्दिर क आँगन जल-दुआर क निअरे क खुले चौक अउर एप्रैम दुआरे क निअरे झोपडियन बनाइ लिहन।
17 इस्राएल क लोनग क उ समूची टोली जउन बँधुआपन स छूटिके आई रही, आवास बनाइ लिहस अउर उ पचे अपनी बनाई झोपड़ियन मँ रहइ लागेन। नून क पूत यहोसू क समइ स लइके उ दिन तलक इस्राएल क लोग झोपडियन क त्यौहार क कबहुँ इ तरह नाहीं मनाए रहेन। हर मनई आनन्द स मगन रहा।
18 उ पर्व क हर रोज एज्रा ओन लोगन बरे व्यवस्था क बिधान क किताब मँ स पाठ करत रहा। उ पर्व क पहिले दिन स अन्तिम दिन तलक एज्रा ओन लोगन क व्यवस्था क बिधान बाँचिके सुनावत रहा। इस्राएल क लोग सात दिन तलक उ पर्व क मनाएन। फुन व्यवस्था क विधान क मुताबिक अठएँ दिन लोग एक बिसेस सभा क बरे आपुस मँ एकट्ठा भएन।
Nehemiah 9
1 फुन उहइ महीने क चौबीसवीं तारीख क एक दिन क उपवास क बरे इस्राएल क लोग आपुस मँ एकट्ठे भएन। उ पचे इ देखावइ क बरे कि उ पचे दुःखी अउर बेचैन अहइँ, उ पचे सोक वस्त्र धारण किहन, अपने अपने मूँडन पइ राखी डाएन।
2 उ सबइ लोग जउन इस्राएल मँ जनमा रहेन, उ पचे बाहेर क लोगन स अपने आप क अलग कइ दिहन। इस्राएली लोग खड़े होइके अपने अउर अपने पुरखन क पापन क कबूल किहन।
3 उ सबइ लोग हुवाँ लगभग तीन घण्टे खड़े रहेन अउर उ पचे अपने यहोवा परमेस्सर क व्यवस्था क विधान क किताब क पाठ किहन अउर फुन तीन घण्टे उ पचे यहोवा परमेस्सर क समन्वा आपन मुँड़े क खाले निहुरेन अउर ओकर आराधना किहेन अउर अपने पापन क कबूल किहन।
4 फुन लेवीबंसी येसू, बानी, कदमीएल, सबन्याह, बुन्नी, सेरेब्याह, बानी अउर कनानी मंच पइ खड़े होइ गएन अउर उ पचे अपने परमेस्सर यहोवा क ऊँच सुर मँ गोहराएन।
5 एकरे पाछे लेवीबंसी येसू, कदमीएल, बानी, हसबन्याह, सेरेब्याह, होदियाह, सबन्याह अउर पतहयाह फुन कहेस। उ पचे बोलेन: “खड़े होइ जा अउर अपने यहोवा परमेस्सर क स्तुति करा।”परमेस्सर सदा स जिअत रहा। अउर सदा ही जिअत रही। लोगन क चाही कि स्तुति करइँ तोहरे बडकईवाले नाउँ क। सबहिं आसीसन अउ सारे गुण गानन स नाउँ ऊपर उठइ तोहार।
6 तू तउ परमेस्सर अहा। यहोवा, बस तू ही परमेस्सर अहा। अकासे क तू बनाया ह। सब स ऊँच अकासन क रचना किहा तू, अउर जउन कछू अहइ ओनमाँ सब तोहार बनावा अहइ! धरती क रचना किहा तू ही, अउर जउन कछू धरती पइ अहइ। सागर क, अउर जउन कछू अहइ सागर मँ। तू बनाया ह हर कउनो वस्तु क जिन्नगी तू देत ह! सितारे सारे अकास क, निहुरत हीं समन्वा तोहरे अउर उपासना करत हीं तोहार।
7 यहोवा तू ही परमेस्सर अहा। तू मोका कसदियन क ऊर जगह स बाहेर निकालेस ह। तू ओकर नाउँ बदलेस ह अउर ओका नाउँ इब्राहीम दिहेस ह।
8 तू इ लखे रह्या कि उ सच्चा अउर निस्ठावान रहा तोहरे बरे। कइ लिहा उ साथ ओकरे वाचा एक ओका देइ क धरती कनान क बचन दिहा तू धरती, जउन हुवा करत रही हित्तियन क अउर एमोरियन क। धरती, जउन हुवा करत रही परिज्जियन, यबूसियन अउर गिर्गासियन क। मुला बचन दिहा तू उ धरती क देइ क इब्राहीम क संतानन क अउर आपन बचन उ पूरा किहा तू काहे काहेकि तू उत्तिम अहा।
9 यहोवा लखत रहा तड़पत भए तू हमरे पुरखन क मिस्र मँ। गोहरावत मदद क लाल सागर क तट पइ तू ओनका सुने रह्या।
10 फिरौन क तू देखाए रह्या चमत्कार। तू हाकिमन क ओकरे अउर ओकरे लोगन क देखाए रह्या अद्भुत करम। तोहका इ गियान रहा कि सोचा करत रहे मिस्री कि उ पचे उत्तिम अहइँ हमरे पुरखन स। किन्तु साबित कइ दिहा तू कि तू केतना महान अहा। अउर अहइ ओकर याद बनी भइ ओनका आजु तलक भी।
11 सामने ओकरे लाल सागर क बाटँ दिहा तू, अउर उ पचे पार होइ ग रहेन झुरान धरती पइ चलत भए। मिस्र क फउजी पाछा करत रहेन ओनका। मुला बोर दिहा तू ही रह्या दुस्मन क सागर मँ। अउर उ पचे बूड़ गएन सागर मँ जइसे बूड़ जात ह पानी मँ पाथर।
12 मीनार जइसे बादर स दिन मँ ओनका राह तू देखँाया अउर आगी क खंभे क प्रयोग कइके राति मँ ओनका तू देखाँया राह। मार्ग क तू ओनके इ तरह कइ दिहा ज्योतिर्मय अउर देखाइ दिहा ओनका कि कहाँ ओनका जाब अहइ।
13 फुन तू उतर्या सीनै पहाड़ पइ अउर अकासे स तू रह्या ओनका सम्बोधित किहा। उत्तिम विधान दइ दिहा तू ओनका सच्ची सिच्छा क रहा तू दिहा ओनका। व्यवस्था क विधान ओनका तू दिहा अउर तू दिहा आदेस ओनका बहोत उत्तिम।
14 तू बताया ओनका सबित यानी अपने विस्राम क बिसेस दिन क विसय मँ। तू अपने सेवक मूसा क जरिये ओनका आदेस दिहा। व्यवस्था क विधान दिहा अउर दिहा सिच्छन।
15 जब ओनका भूख लगी बरसाइ दिहे भोजन रह्या, तू अकासे स। जब ओनका पियास लाग, चटान स परगट किहे तू रह्या जल क अउर कहे तू रह्या ओनसे आवा, ‘लइ ल्या इ प्रदेस क।’ तू बचन दिहा ओन क उठाइके हाथ इ प्रदेस क ओनका।
16 मुला उ सबइ पुरखन हमारे होइ गएन अभिमानी; उ पचे होइ गए हठी रहेन। कइ दिहन उ पचे मना आग्यन मानइ स तोहार।
17 कइ दिहन उ पचे मना सुनइ स। उ पचे भूलेन ओन अचरज भरी बातन क जउन तू ओनके संग किहे रह्या। उ पचे होइ गएन जिद्दी। बिद्रोह उ पचे किहन, अउर बनाइ लिहन, आपन एक नेता जउन ओनका लउटाइके लइ जाइ। फुन ओनकर उहइ दासता मँ मुला तू तउ अहा दयावान परमेस्सर। तू अहा दयालु अउर करुणापूर्ण, धीरजवान, अउ पिरेम स भरा अहा तू। एह बरे तू रह्या त्यागा नाहीं ओनका।
18 चाहे उ पचे बनाइ लिहन सोने क बछवा अउर कहेन, ‘बछवा अब देव अहइ तोहार’ इहइ स निकारा रहा तू पचन्क मिस्र स बाहर मुला ओनका तू त्यागा नाहीं।’
19 तू बहोत ही दयालु अहा। एह बरे तू ओनका रेगिस्ताने मँ त्यागा नाहीं। दूर ओनसे हटाया नाहीं दिन मँ तू बादर क खम्भन क मारग तू देखावत रहा ओनका। अउर राति मँ तू रह्या दूर किहे नाहीं ओनसे आगी क पुंज क। प्रकासित तू करत रह्या रास्ते क ओनके। अउर तू देखावत रह्या कहाँ ओनका जाब अहइ।
20 निज उत्तिम चेतना, तू दिहा ओनका ताकि तू बिवेकी बनाया ओनका। खाइ क देत रह्या, तू ओनका ‘मन्ना’ अउर पियास क ओनका तू देत्या रहा पानी।
21 तू रख्या ओनकर धियान चालीस बरिसन तलक रेगिस्तान मँ। ओनका मिली हर वस्तु जेकर ओनका दरकार रही। ओढ़ना ओनकर फटे तलक नाहीं गोड़न मँ ओनके कबहुँ नाहीं आई सूजन कबहुँ कउनो पीरा मँ।
22 यहोवा तू दिहा ओनका राज्ज, अउर ओनका दिहा जातियन अउर दूर सुदूर क जगह रहिन ओनका दिहा जहाँ बसत रहेन कछू लोग धरती ओनका मिल गइ सीहोन क, सीहोन जउन हसबोन क राजा रहा धरती ओनका मिल गइ ओग क, ओग जउन बासान क राजा रहा।
23 तू ओनका अनन्त संतान जेतने अंबर मँ तारे अहइँ दिहा ह। ओनका तू उ धरती लइ आया जेकरे बरे ओनके पुरखन क तू कहे रहा कि उ पचे हुवाँ जाइँ अउर ओह पइ अधिकार करइँ।
24 धरती उ ओन संतानन लइ लिहन। हुवाँ रह रहे कनानियन क उ पचे हराइ दिहन। पराजित कराया तू ओनसे ओन लोगन क साथ ओन प्रदेसन क अउर ओन लोगन क उ पचे जइसा चाहइँ वइसा करइँ अइसा रहा तू कराइ दिहा।
25 सक्तीसाली नगरन क उ पचे हराइ दिहन। कब्जा किहन उपजाउ धरती पइ उ पचे। उत्तिम चिजियन स भरे भए लइ लिहन उ पचे घर; खोदे भए वुँअन क लइ लिहन उ पचे। लइ लिहन उ पचे रहेन बगीचे अंगूर क। जइतून क बृच्छ अउ फलन क बृच्छ भर पेट खाया उ पचे करत रहेन तउ उ पचे होइ गएन मोटे। तोहार दीन्ह सबहि अद्भुत चिजियन क आनन्द उ पचे लेत रहेन।
26 अउर फुन उ पचे तोहार नाफ़रमानी किहेस अउर तोहार खिलाफ बिद्रोह किहेस। उ तोहरी नेम आपन पीठ क पीछे लोकाइ दिहन अउर तोहरे नबियन क मार डाएन। अइसे नबियन क जउन लोगन क सचेत करत रहेन। उ पेचे लोगन क तोहरी ओर वापिस लिआवइ क जतन किहेन। मुला हमार पुरखन तोहरे खिलाफ भयानक पाप किहेन।
27 तउ तू ओनका ओनके दुस्मनन क हाथन मँ पकड़इ दिहा। ओनका दुस्मन बहुतेरे कस्ट दिहन। जब हमार पुरखन पइ बिपदा पड़ी तउ उ पचे तोहका गोहारत रहेन। अउर सरग मँ तू रह्या ओनका सुन लिहा। तू दायलु अउर रहम दिल अहइ ऍह बरे तू ओन लोगन क बचावइ बरे लोगन क भेजेस। अउर ओन लोग ओनके दुस्मनन स छुड़ाइके ओनका बचाइ लिहन।
28 मुला, जइसे ही चैन ओनका मिलत रहा, वइसे ही उ पचे बुरे काम करइ लग जातेन बार बार। तउ दुस्मनन क हाथन ओनका सौंप दिहा तू ताकि उ पचे करइँ ओन पइ राज। फुन तोहार दोहाई उ पचे दिहन अउर सरग मँ तू सुन्या ओनकर अउर मदद ओनकर किहा। तू केतना दयालु अहा! होत रहा अइसा ही अनेकन बार।
29 तू चेताया ओनका! फुन स लउटि आवइ क तोहरे विधान मँ मुला उ पचे रहेन बहोत अभिमानी। उ पचे नकार दिहन तोहरे आदेस क। जदि चलत ह कउनो मनई नेमन पइ तोहरे तउ फुरइ जिएगा उ किन्तु हमरे पुरखन तउ तोड़े रहेन तोहरे नेमन क उ पचे रहेन हठीले। मुँह फेर, पीठ दिहे रहेन उ पचे तोहका। तोहार सुनइ स ही उ पचे रहेन मना किहे।
30 तू रह्या बहोत सहनसील, संग हमरे पुरखन क, तू ओनका करइ दिहा बर्त्ताव बुरा अपने संग बरिसन तलक। सजग किहा तू ओनका अपनी आतिमा स। ओनका देइ चितउनी पठए रह्या नबियन क तू। मुला हमरे पुरखन तउ ओनकर सुनेन ही नाहीं। एह बरे तू रह्या दूसरे देसन क लोगन क सौप दिहा ओनका।
31 मुला तू केतना दयालु अहा। तू किहे रह्या नाहीं पूरी तरह नस्ट ओनका। तू तज्या नाहीं ओनका रह्या। हे परमेस्सर। तू अइसा दयालु अउर करूणापूर्ण अइसा अहा।
32 हमार परमेस्सर महान परमेस्सर अहइ! तू एक अचरजमय अउर सक्तीसाली सैनिक अहा जउन बिस्सास करइ जोग्ग अहा। तू निज वाचा क निभावत ह अउर तू हमेसा दयालु अहा। हमार सबहिं परेसानियन क जेका हम पचन्क झेलेस ह साधारण जिन समुझा। साथ मँ हमरे राजा लोगन क अउर मुखिया लोगन क साथ बहोत परेसानियन घटि रहेन। याजकन क संग मँ हमरे अउर संग मँ नबियन क अउर हमरे सबहिं लोगन क संग बातन बुरी घटी रहिन। अस्सूर क राजा स लइके आजु तलक उ सबइ बातन भयानक घटी रहिन।
33 किन्तु हे परमेस्सर। जउन कछू भी घटब अहइ साथ हमरे घटी ओनके बरे निआव पूर्ण तू रहा। तू तउ अच्छा ही रहा, बुरे तउ हम ही रहे।
34 हमरे राजा लोगन मुखियन, याजकन अउर पुरखन नाहीं पालेन तोहरी सिच्छन क। उ पचे नाहीं दिहन कान तोहरे आदेसन, तोहार चिताउनियन उ पचे सुनेन ही नाहीं।
35 हिआँ तलक कि जब पुरखन हमरे अपने राज्ज मँ रहत रहेन, उ पचे नाहीं सेवा किहन तोहार। तजेन उ पचे नाहीं बुरे करमत क करब। जउन कछू भी उत्तिम वस्तु ओनका तू दिहे रह्या, ओनकर रस उ पचे रहेन लेत। आनन्द उ धरती क लेत रहेन जउन रही सम्पन्न बहोत। अउर जगह बहोत स रही ओनके लगे। किन्तु उ पचे नाहीं छोडेन निज बुरी राह।
36 अउर अब हम बने दास अही; हम दास अही उ धरती पइ, जेका तू दिहे रह्या हमरे पुरखन क। तू इ धरती रह्या ओनका दिहे, कि भोगइँ उ पचे ओकर फल अउर आनन्द लेइँ ओन सबहि चिजियन क जउन हिआँ उगत ही।
37 इ धरती क फसल अहइ भरपूर मुला पाप किहा हम तउ हमार उपज जात ह लगे ओन राजा लोगन क जेनका तू बइठाया ह मूँड़े पइ हमरे। हम पइ अउर गोरुअन पइ हमरे उ सबइ राजा राज करत हीं उ पचे चाहत हीं जइसा भी वइसा ही करत ही। हम अही बहोत कस्ट मँ।
38 तउ, सोचिके एन सबहि बातन क बारे मँ हम करित ह वाचा एक, जउन न बदला जाइ कबहुँ भी। अउर इ वाचा क लिखतम हम लिखत अही अउर इ वाचा पइ अंकित करित ह आपन नाउँ हाकिम हमरे, लेवी क संतान अउर उ पचे करत ही हस्ताच्छर लगाइके ओह पइ मुहर।
Nehemiah 10
1 मुहर लगी वाचा पइ निम्नलिखित नाउँ लिखे रहेन: हकल्याह क पूत राज्जपाल नहेमायाह। सिदकिय्याह,
2 सरायाह, अजर्याह, यिर्मयाह,
3 पसहूर, अमर्याह, मल्किय्याह,
4 हत्तूस, सबन्याह, मल्लूक,
5 हारीम, मरेमोत, ओबद्याह,
6 दानिय्येल, गिन्नतोन, बारूक,
7 मसूल्लाम, अबिय्याह, मिय्यामीन,
8 माज्याह, बिलगै अउर समायाह। इ सबइ ओन याजक क नाउँ अहइँ जउन मुहर लगी वाचा पइ आपन नाउँ अंकित किहेन।
9 इ सबइ ओन लेवीबंसियन क नाउँ अहइँ जउन मुहर लगी वाचा पइ आपन नाउँ अंकित किहन: आजन्याह क पूत येसू, हेनानाद क संतान बिन्नई अउर कदमिएल
10 अउर ओनके भाइयन क नाउँ इ सबइ रहेन: सबन्याह, होदियाह, कलीता, पलायाह, हानान,
11 मीका, रहोब, हसब्याह
12 जक्वूर, सेरेब्याह, सकन्याह,
13 होदियाह, बानी अउर बनीन।
14 इ सबइ नाउँ ओन मुखिया लोगन क अहइँ जउन उ मुहर लगी वाचा पइ अपने नाउँ अंकित किहन: परोस, पहत-मोआब, एलाम, जत्तू, बानी,
15 बुन्नी, अजगाद, बेबै,
16 अदोनिय्याह, बिग्वै, आदीन,
17 आतेर, हिजकिय्याह, अज्जूर,
18 होदियाह, हासूम, बेसै,
19 हारीफ अनातोत, नोबै,
20 मगपिआस, मसूल्लाम, हेजीर
21 मेसजबेल, सादोक, यद्दू,
22 पलत्याह, हानान, अनायाह,
23 होसै, हनन्याह, हस्सूब,
24 हल्लोहेस, पिलहा, सोबेक,
25 रहूम, हसब्ना, मासेयाह,
26 अहियाह, हानान, आनान,
27 मल्लूक, हारीम अउर बाना।
28 तउ अब इ सबइ सबहिं लोग जेनकर नाउँ ऊपर दीन्ह गए अहइँ परमेस्सर क समन्वा इ बिसेस प्रतिग्या लेत हीं। इ बचा भवा लोग भी प्रतिग्या किहेस ह: याजकन, लेवीबंसी, दुआरपाल, गायक, यहोवा क भवन क सेवक, अउर उ सबइ सबहिं लोग जउन आस-पास रहइवाले लोगन स परमेस्सर क नेमन क पालन करइ बरे, अपने आप क अलग कइ लिहे रहा। ओन लोगन क मेहररुअन, पूतन, बिटियन अउर हर उ मनई जउन जान अउर समझ सकत ह कि उ पचे का करत अहा।
29 इ सबइ लोग जउन अपने भाई बंधुअन अउ अपने मुखियन क संग इ प्रतिग्या क अपनावइ मँ सम्मिलित भएन कि उ पचे परमेस्सर क सेवक मूसा क जरिये दीन्ह गए बिधान क पालन करिही। उ पचे सहमत भएन कि जदि आपन प्रतिग्या मँ असफल होइ तउ सराप पाइहीं। परमेस्सर हमका आपन बिधान ओकर सेवक मूसा जरिये दिहेन। इ सबइ लोग प्रतिग्या किहेन कि उ पचे सावधानी क संग अपने यहोवा आपन परमेस्सर क आदेसन, नेमन अउर अध्यादेसन क पालन करिही। उ पचे सुआमी ओकर परमेस्सर क हुवुमन आदेसन अउर फइसलन क अनुसरण करिहीं।
30 “हम प्रतिग्या करित ह कि अपने आस-पास रहइवाले लोगन क संग अपनी बिटियन क बियाह नाहीं करिहीं अउर हम इ प्रतिग्या भी करित ह कि ओनकी बिटियन क संग अपने बेटवन क नाहीं बियाहब।
31 “हम इ प्रतिग्या करित ह कि सबित क दिन काम नाहीं करब अउर जदि हमरे आस-पास रहइवाले लोग सबित क दिन बेचइ क अनाज या दूसर चिजियन लिआउब तउ बिस्राम क उ बिसेस दिन या कउनो भी दूसर बिसेस क दिन, ओन चिजियन क नाहीं बेसहिही। हर सतएँ बरिस हम न तउ आपन धरती क जोतब अउर न बोउब, अउ हर सतएँ बरिस मँ हम दूसरे लोगन क कर्ज क माफ कइ देब।
32 “परमेस्सर क भवन क धियान रखइ क बरे ओकरे आदेसन पइ चलइ क जिम्मेदारी क हम ग्रहण करब। हम हर बरिस एक तिहाई सेकेल हमरे परमेस्सर क सम्मान मँ भवन क सेवा, उपासना क बढ़ावा देइ क बरे दिया करब।
33 इ धन क उपयोग उ बिसेस रोटी बरे कीन्ह जाइ जेका याजक मन्दिर क वेदी पइ अपिर्त करत ह। इ धने क उपयोग हर दिन क अन्नबलि अउ होमबलि बरे कीन्ह जाइ। सबित नवे चाँद क त्यौहार अउर दूसरी सभन पइ इहइ धने स खरचा होइ। ओन पवित्तर चढ़ावन अउ पाप बलियन बरे भी इ धन क ही उपयोग कीन्ह जाई जेनसे इस्राएल क लोग अभिसेक होइ। इ धन स ही हर उ काम क खरच चली जउन हमरे परमेस्सर क मन्दिर क बरे जरूरी अहइ।
34 “हम, यानी याजक, लेवीबंसी अउर लोग मिलिके इ निहचित करइ बरे पासे लोकाएन कि हमरे हर परिवार क हर बरिस एक निहचित समइ हमरे परमेस्सर क मन्दिर मँ काठे क उपहार कब लिआउब अहइ। उ काठ जेका हमरे परमेस्सर यहोवा क वेदी पइ बारा जात ह। हम क इ काम क जरूर करइ चाही काहेकि इ हमार व्यवस्था क बिधान मँ लिखा अहइ।
35 “हम क अपने फलन क हर बृच्छ अउर अपनी फसल क पहिले फलन क लिआवइ क जिम्मेदारी भी ग्रहण करित ह। हर बरिस यहोवा क मन्दिर मँ हम उ फसल क लिआइके अपिर्त किया करब।
36 “काहेकि ब्यवस्था क विधान मँ इ भी लिखा अहइ एह बरे हम एका भी किया करब: हम अपने पहिलौटे पूत, पहिलौटी गइया क बच्चन, भेड़िन अउर बोकरियन क पहिले छौनन क लइके परमेस्सर क मन्दिर मँ आवा करब। ओन याजकन क लगे हम एन सब क लइ जावा करब जउन हुवाँ मन्दिर मँ सेवा आराधना करत हीं।
37 “हम परमेस्सर क मन्दिर क भण्डार मँ याजकन क लगे इ सबइ चिजियन भी लिआवा करब: पहिला गूंधा भवा आटा, पहली अन्न बलियन, हमरे सबहिं बृच्छन क फल, हमरी नई दाखरस अउर तेल क पहिला भाग। हम लेवीबंसियन बरे अपनी उपज क दसवाँ हींसा भी दिया करब काहेकि हर एक नगर मँ जहाँ हम काम करित ह, लेवीबंसी हम स इ सबइ चिजियन लिया करत हीं।
38 “लेवीबंसी जब उपज क इ भाग एकट्ठा करइँ तउ हारून क परिवार क एक याजक ओनके संग जरुर होइ चाही, अउर फुन एन सबइ चिजियन क दसवे हीसे क हुवाँ स लइके लेवीबंसियन क चाही कि उ पचे ओनका हमरे परमेस्सर क मन्दिर मँ लइ आवइँ अउर ओनका मन्दिर क खजाने क कोठियारन मँ धइ देइँ।
39 इस्राएल क लोग अउर लेवीबंसियन क चाही कि उ पचे अपने उपहारन क कोठियारन मँ लइ आवइँ। उपहार क अन्न, नई दाखरस अउर तेल क ओनका हुवाँ लइ आवइ चाही। मन्दिर मँ काम आवइवाली सबहिं चिजियन ओन कोठियारन मँ रखी जात ही अउर अपने कार्य पइ नियुक्त याजक, गायक अउर दुआरपालन क कमरन भी उहइ रहेन।“हम सबहिं प्रतिग्या करित ह कि हम अपने परमेस्सर क मन्दिर क देख रेख किया करब।”
Nehemiah 11
1 लखा अब इस्राएल क लोगन क मुखिया यरूसलेम मँ बस गएन। इस्राएल क दूसरे लोगन क इ निहचित करब रहा कि नगर मँ अउर कउन लोग बसिहंी। एह बरे उ पचे पासे लोकाएन जेकरे मुताबिक हर दस मनइयन मँ स एक क यरूसलेम क पवित्तर नगर मँ रहब रहा अउर दुसर नौ मनइयन क अपने-अपने मूल नगरन मँ बसब रहा।
2 यरूसलेम मँ रहइ क बरे कछू लोग खुद अपने आप क प्रस्तुत किहन। अपने आप क खुद प्रस्तुत करइ क बरे दूसर मनइयन ओनका धन्नवाद देत भए आसीर्बाद दिहन।
3 इ सबइ प्रांतन क उ सबइ मुखिया अहइँ जउन यरूसलेम मँ बस गएन। (कछू इस्राएल क निवासी कछू याजक लेवीबंसी मन्दिर क सेवक अउर सुलैमान क ओन सेवकन क संतान अलग-अलग नगरन मँ अपनी निजी धरती पइ यहूदा मँ रहा करत रहेन,
4 अउर यहूदा अउर बिन्यामीन क परिवारन क दूसर लोग यरूसलेम मँ ही रहत रहे रहेन।)यहूदा क उ सबइ संतानन जउन यरूसलेम मँ बस गए रहेन, उ सबइ इ सब अहइँ: अतायाह। (अतायाह उज्जियाह क पूत रहा। उज्जिया जकर्याह क पूत रहा। जकर्याह अमर्याह क पूत रहा अउर अमर्याह सपत्याह क पूत रहा। सपत्याह महललेल क पूत रहा अउर महललेल पेरेस क संतान रहा।)
5 मासेयाह बारूक क पूत रहा (अउर बारूक कोल-होजे क पूत रहा। कोल-होजे हजायाह क पूत रहा। हजायाह अदायाह क पूत रहा। अदायाह योयारीब क पूत रहा। योयारीब जकर्याह क पूत रहा। जकर्याह सिलोई क संतान रहा।)
6 पेरेस क संतान यरूसलेम मँ रहत रहिन, ओनकर गनती रही चार सौ अडसठ। उ पचे सबहिं लोग सूरवीर रहेन।
7 बिन्यामीन क जउन संतान यरूसलेम मँ आइन उ सबइ इ सब रहिन: सल्लू। (सल्लू मसुल्लाम क पूत रहा। मसूल्लाम योएद क पूत रहा। योएद पदायाह क पूत रहा अउर पदायाह कोलायाह क पूत रहा। कोलायाह मासेयाह क पूत रहा, मासेयाह इतीएह क पूत रहा अउर इतीएह यसायाह क पूत रहा।)
8 जउन लोग यसायाह क अनुसरण किहन उ पचे रहेन गब्बै अउर सल्लै। एनके संग नौ सौ अटाईस मनसेधू रहेन।
9 जिवी क पूत योएल एनकर प्रधान रहा अउर हस्सनूआ क पूत यहूदा नगर क दूसर प्रधान रहा।
10 यरूसलेम मँ जउन याजक बस गएन, उ सबइ अहइँ; योयारीब क पूत यदायाह अउ याकीन,
11 अउर सरायाह हिलकियाह क पूत रहा। हिल्किय्याह मसुल्लाम क पूत रहा। मसुल्लाम सादोक क पूत रहा। सादोक मरायोत क पूत रहा। मरायोत अहीतूब क पूत रहा। अहीतूब परमेस्सर क भवन क देखरेख करइ वाला रहा।
12 ओनके भाइयन क आठ सौ बाइस मनसेधू जउन मन्दिर क बरे काम किहे रहेन अउर यरोहाम क पूत अदायाह। यरोहाम पलल्याह क पूत रहा। पलल्याह अम्सी क पूत रहा। अम्सी जकर्याह क पूत रहा। जकर्याह पसहूर क पूत रहा। पसहूर मल्किय्याह क पूत रहा।
13 मलकियाह क भाइयन क संख्या दुई सौ बियालीस रही। इ सबइ लोग अपने-अपने परिवारन क मुखिया रहेन। अमसै अजरेल क पूत रहा। अजरेल अहजै क पूत रहा। अहजै मसिल्लेमोत क पूत रहा। मसिल्लेमोत इम्मेर क पूत रहा),
14 अमसै अउर ओकर साथी वीर जोधा रहेन। उ पचे गनती मँ एक सौ चौबीस रहेन। हग्गदोलीन क पूत जब्दिएल ओनकर अधिकारी हुआ करत रहा।
15 इ सबइ उ सब लेवीबंसी अहइँ, जउन यरूसलेम मँ जाइ बसे रहेन: समायाह हस्सूब क पूत रहा। हस्सूब अज्रीकाम क पूत रहा। अज्रीकाम हुसब्याह क पूत रहा। हुसब्याह बुन्नी क पूत रहा।
16 सब्बत अउर योजाबाद (इ सबइ दुइ मनई लेवीबंसियन क मुखिया रहेन। उ पचे परमेस्सर क मन्दिर क बाहरी कामन देखरेख करइवालन रहेन।)
17 मत्तन्याह, (मत्तन्याह मीका क पूत रहा, अउर मीका जब्दी क पूत रहा, अउ जब्दी आसाप क पूत रहा। आसाप स्तुति गीत अउर पराथनन क गायन मँ लोगन क धन्यवाद देइवालन क अगुवाई किया करत रहा।) बकबुकियाह अपने भाइयन क ऊपर दूसरे दजेर् क अधीकारी रहा।) अउर अब्दा सम्मू क पूत रहा। (सम्मू गालाल क पूत रहा। गालाल यदूतून क पूत रहा।)
18 इ तरह दुइ सौ चौरासी लेवीबंसी यरूसलेम क पवित्तर नगर मँ जाइ बसे रहेन।
19 जउन दुआरपाल यरूसलेम चले गए रहेन, ओनकर नाउँ इ सबइ रहेन: अक्वूब, तलमोन, अउर ओनकर साथी। इ सबइ लोग नगर दुआरन पइ नजर रखत भए ओनकर रखवारी किया करत रहेन। इ सबइ गनती मँ एक सौ बहत्तर रहेन।
20 इस्राएल क दूसर लोग, दूसर याजक अउर लेवीबंसी यहूदा क सबहिं नगरन मँ रहइ लागेन। हर कउनो मनई उ धरती पइ रहा करत रहा जउन ओनकर पुरखन क रही।
21 मन्दिर मँ सेवकन ओपेल क पहाड़ी पइ बस गएन। सीहा अउ गिस्पा मन्दिर क ओन सेवकन क निगराँ कार रहेन।
22 यरूसलेम मँ लेवीबंसियन क ऊपर उज्जी क अधिकारी बनावा गवा। उज्जी बानी क पूत रहा। (बानी, मीका क पड़पोता, मत्तन्याह क पोता, अउर हसब्याह क पूत रहा।) उज्जी आसाप क संतान रहा। आसाप क संतान उ सबइ गायक रहेन जउने पइ परमेस्सर क मन्दिर क सेवा क भार रहा।
23 इ सबइ गायक राजा क आग्यन क पालन किया करत रहेन। राजा क आग्यन एन गायकर क बतावत रहिन कि ओनका हर रोज का करब अहइ।
24 मसेजबेल क पूत पतहियाह, लोगन स सम्बन्धित मामलन क बिसय मँ राजा क प्रतिनिधि रहा। मसेजबेल जेरह क पूत रहा। जेरह यहूदा क पूत रहा।)
25 यहूदा क लोग एन कस्बन मँ बस गएन: किर्यतर्बा अउर ओकरे आस-पास क नान्ह-नान्ह गाँव, दिबोन अउर ओकरे आस-पास क नान्ह-नान्ह गाँव यकब्सेल अउर ओकरे आस-पास क नान्ह-नान्ह गाँव
26 अउर येसू, मोलादा, बेतपेलेत,
27 हसर्यूयाल बेरसेबा अउर ओकरे आस-पास क नान्ह गाँव
28 अउर सिकलग, मकोना अउर ओकरे आस-पास क नान्ह गाँव।
29 एन्निम्मोन, सोरा, यर्मूत,
30 जानोह अउर यदुल्लाम अउ ओकरे आस-पास क नान्ह-नान्ह गाँव। लाकीस अउर ओकरे आस-पास क खेतन, अजेका अउर ओकरे आस-पास क नान्ह-नान्ह गाँव। इ तरह बरसेवा स लइके हिन्नौम क तराई तलक क इलाके मँ यहूदा क लोग रहइ लागेन।
31 जउने जगहन मँ बिन्यामीन क संतान रहइ लागे रहेन, उ सबइ इ सब रहिन: गेबा मिकमस, अय्या, बेतेल अउर ओकरे आस-पास क नान्ह-नान्ह गाँव,
32 अनातोत, नोब, अनन्याह
33 हासोर रामा, गित्तैम,
34 हादीद, सबोईम, नबल्लत,
35 लोद, ओनो अउर कारीगरन क तराई।
36 लेवीबंसियन क कछू समुदाय जउन यहूदा मँ रहा करत रहेन बिन्यामीन क धरती पइ बस गए रहेन।
Nehemiah 12
1 जउन याजक अउर लेवीबंसी यहूदा क धरती पइ लउटिके वापस आए रहेन, उ सबइ इ सब रहेन। उ सबइ सालतीएल क पूत जरूब्बाबेल अउ येसू क संग लउटे रहेन, ओनके नाउँन क सूची इ अहइ: सरायाह, यिर्मयाह, एज्रा,
2 अमर्याह, मल्लूक, हत्तूस,
3 सकन्याह, रहूम, मरेमोत,
4 इद्दो, गिन्तोई, अबियाह,
5 मिन्यामीन, माद्याह, बिल्गा,
6 समायाह, योआरीब, यदायाह,
7 सल्लू, आमोक, हिल्किय्याह अउर यदायाह। इ सबइ लोग याजकन अउर ओनके सम्बन्धियन क मुखिया रहेन। येसू क दिनन मँ इ सबइ ही ओनके मुखिया हुआ करत रहेन।
8 लेवीबंसी लोग इ सबइ रहेन: येसू, बिन्नूई, कदमिएल, सेरेब्याह, यहूदा अउर मत्तन्याह भी। मत्तन्याह क सम्बन्धियन समेत इ सबइ लोग परमेस्सर क धन्यवाद गीतन क अधिकारी रहेन।
9 बकबुकियाह अउ उन्नो एन लेवीबंसियन क सम्बन्धी रहेन। इ दुइनउँ आराधना सेवा क अवसरन पइ ओनके समन्वा खड़े रहा करत रहेन।
10 येसू योयाकीम क बाप रहा अउर योयाकीम एल्यासीब क बाप रहा अउर एल्यासीब योयादा क बाप रहा।
11 योयादा योनातान क बाप रहा। योनातान यहूदा बाप रहा।
12 योयाकीम क दिनन मँ इ सबइ मनसेधू याजकन क परिवारन क मुखिया हुआ करत रहेन:सरायाह क घराने क मुखिया मरायाह रहायिर्मयाह क घराने क मुखिया हनन्याह रहा।
13 मस्सूलाम एज्रा क घराने क मुखिया रहाअर्मयाह क घराने क मुखिया रहा यहोहानान।
14 योनातान मल्लूक क घराने क मुखिया रहायोसेप सबन्याह क घराने क मुखिया रहा।
15 अदना हारीम क घराने क मुखिया रहा।हेलैक मेरेमोत क घराने क मुखिया रहा।
16 जकर्याह इद्दो क घराने क मुखिया रहा।मसुल्लाम गिन्नतोन क घराने क मुखिया रहा।
17 जिवी अबियाह क घराने क मुखिया रहा।पिलतै मिन्यामीन अउर मोअद्याह क घराने क मुखिया रहा।
18 सम्मू बिल्गा क घराने क मुखिया रहा।यहोनातान सामायह क घराने क मुखिया रहा।
19 मतैन योयारीब क घराने क मुखिया रहा।उजी, यदायाह क घराने क मुखिया रहा।
20 कल्लै सल्लै क घराने क मुखिया रहा।एबेर आमोक क घराने क मुखिया रहा।
21 हसब्याह हिल्किय्याह क घराने क मुखिया रहा।अउर नतनेल यदायाह क घराने क मुखिया रहा।
22 फारस क राजा दारा क सासन काल मँ लेवी परिवारन क मुखिया लोगन अउर याजक घरानन क मुखिया लोगन क नाउँ एल्यासीब, योयादा, योहानान अउ यहूदा क दिनन मँ लिखे गएन।
23 लेवी परिवार क संतानन क बीच जउन परिवार क मुखिया रहेन, ओनकर नाउँ एल्यासीब क पूत योहानान तलक इतिहास क पुस्तक मँ लिखे गएन।
24 लेवियन क मुखिया लोगन क नाउँ इ सबइँ अहइँ: हसब्याह, सेरेब्याह, कदमिएल क पूत येसू ओकर भाईयन। ओनके भाईयन स्तुतिगान अउ धन्यवाद-गीत क वास्ते ओनके समन्वा खड़ा रहत रहेन। उ पचे आमने-सामने इ तरह खड़े होत रहेन कि एक गायक समूह दूसरे गायक समूह क जवाब मँ गीत गावत रहा। परमेस्सर क भक्त दाऊद क अइसी ही आग्या रही।
25 जउन दुआरपाल दुआरन क लगे क कोठियारन पइ पहरा देत रहेन, उ पचे इ सब रहेन: मत्तन्याह, बकबुकियाह, ओबाद्याह, मसुल्लाम, तलमोन अउर अक्कवूब।
26 इ सबइ दुआरपालक येसू क पूत योयाकीम क दिनन मँ सेवा कार्य किया करत रहेन। येसू जउन कि योसादाक क पूत रहा। एन दुआरपालन ही राज्जपाल नहेमायाह अउर याजक अउ विद्वान एज्रा क दिनन मँ सेवा कार्य किहे रहेन।
27 लोग यरूसलेम क देवार क समपिर्त किहन। उ पचे सबहिं लेवीबंसियन क बोलाएन। तउ लेवी जउने नगर मँ रहत रहेन, हुवाँ स उ पचे आएन। यरूसलेम क देवार क समर्पण क मनावइ क बरे उ पचे यरूसलेम आएन। परमेस्सर क धन्नवाद देइ अउ स्तुतिगीत गावइ क बरे लेवीबंसी हुवाँ आएन उ पचे आपन झाँझ, सारंगी अउर वीणन बजाएन।
28 दूसर सबइ गायकन भी यरूसलेम आएन। उ पचे गायक यरूसलेम क आसपास क नगरन स आए रहेन। उ पचे नतोपतियन क गाँवन स,
29 बेत-गिलगाल, गेबा अउर अजमाबेत क नगरन स आए रहेन। गायकन, यरूसलेम क इर्द-गिर्द नान्ह-नान्ह बस्तियन बनाइ रखी रहिन।
30 इ तरह याजकन अउ लेवियन एक समारोह क जरिये अपने अपने क सुद्ध किहन। फुन एक सभारोह क जरिये उ पचे लोगन, दुआरन अउर यरूसलेम क देवार क भी सुद्ध किहन।
31 फुन मइँ यहूदा क मुखिया लोगन स कहेउँ कि उ पचे ऊपर जाइके देवार क सिखर पइ खड़े होइ जाइँ। मइँ परमेस्सर क धन्नवाद देइ क बरे दुइ बडकी गायक मण्डलियन क चुनाव भी किहेउँ। एनमाँ स एक गायक मण्डली क वुरडी दुआर कइँती दाहिनी तरफ देवार क सिखर पइ जाब सुरू रहा।
32 होसायाह अउर यहूदा क आधे मुखिया ओन गायकन क पाछे होइ लिहन।
33 अजर्याह, एज्रा मसुल्लाम,
34 यहूदा बिन्यामीन, समायाह, अउर यिर्मयाह भी ओनके पाछे होइ लिहे रहेन।
35 तुरही बरे कछू याजक भी देवार पइ ओनकर अनुसरण करत भए गएन। जकर्याह भी ओनके पाछे पाछे रहा। जकर्याह योहानान क पूत रहा। योहानान समायाह क पूत रहा। समायाह मत्तन्याह क पूत रहा। मत्तन्याह मीकायाह क पूत रहा। मीकायाह जक्वूर क पूत रहा। जक्वूर आसाप क पूत रहा।)
36 हुवाँ जकरिया क भाई समायाह, अजरेल, मिल्लै, गिल्लै, माऐ, नतनेल, यहूदा अउर हनानी भी मौजूद रहेन। ओनके लगे परमेस्सर क मनसेधू, दाऊद क बनाए भए बाजन रहेन। देवार क समपिर्त करइ क बरे जउन लोग हुवाँ रहेन, ओनके समूह क अगुवाई, विद्वान एज्रा किहस।
37 अउर उ पचे स्रोत दुआर पइ चले गएन। फुन उ पचे सामने क सीढ़ियन स होत भए दाऊद क नगर पैदल ही गएन। फुन उ पचे नगर देवार क सिखर पइ जाइ पहोचेन अउर इ तरह दाऊद क घर पइ स होत भए उ पचे पूवीर् जल दुआर पइ पहोंच गएन।
38 गायकन क दूसर मण्डली बाई कइँती दूसर दिसा मँ चल पड़ी। उ पचे जब देवार क सिखर कइँती जात रहेन, मइँ ओनके पाछे होइ लिहेउँ। आधे लोग भी ओनके पाछे होइ लिहन। भट्ठन क मीनारन क पाछे छोड़त भए उ पचे चौड़े देवार पइ चले गएन।
39 एकरे पाछे उ पचे एन दुआरन पइ गएन एप्रैम दुआर, पुरान दरवाजा अउर मछरी फाटक अउर फुन उ पचे हननेल अउ हम्मेआ क बुर्जन पइ गएन। उ पचे भेड दुआर तलक जाइ पहोचेन अउर पहरेदारन क दुआर पइ जाइके रुक गएन।
40 फुन गायकन क उ सबइ दुइनउँ मण्डलियन परमेस्सर क मन्दिर मँ अपने-अपने जगहन क चली गइन अउर मइँ अपने जगह पइ खड़ा होइ गवा अउ आधे हाकिम मन्दिर मँ अपने अपने जगहन पइ जा खड़े भएन।
41 फुन एकरे पाछे अपने-अपने जगहन पइ जउन याजक जाइ खड़े भए रहेन, ओनकर नाउँ अहइँ एल्याकीम, मासेयाह, मिन्यामीन, मीकायाह, एल्योएनै, जकर्याह अउर हनन्याह। ओन याजकन अपनी अपनी तुर्रुहियन लइ रखे रहेन।
42 एकरे पाछे इ सबइ याजक मन्दिर मँ अपने-अपने जगहन पइ आइ खड़े भएन: मासेयाह, समायाह, एलियाजर, उज्जी, यहोहानाम, मल्कियाह, एलाम अउ एजेर।फुन दुइनउँ, गायक मण्डलियन यिज्रहियाह क अगुवाई मँ गाना सुरू किहन।
43 तउ उ बिसेस दिन, याजकन बहोत स बलियन चढ़ाएन। हर कउनो बहोत खुस रहा। परमेस्सर हर कउनो क आनंदित किहे रहा। हिआँ तलक कि मेहररूअन अउर बच्चन तलक बहोत उल्लास मँ भरे अउ खुस रहेन। दूर दराज क लोग भी यरूसलेम स आवत भए आनन्दपूर्ण सोर क सुन सकत रहेन।
44 उ दिन मुखिया लोग कोठियारन क अधिकारियन क नियुक्ति किहन। इ सबइ कोठियार ओन उपहार क रखइ क बरे रहेन जेनका लोग अपने पहिले फलन अउर अपनी फसल अउर आय क दसवें हीसे क रूप मँ लिआवा करत रहेन। ब्यवस्था क विधान क अनुसार लोगन क नगर क चारिहुँ ओर क खेतन अउ बगीचन स उपज क एक हीसा, याजकन अउ लेवियन बरे लिआवइ चाही। यहूदा क लोग जउन याजक अउ लेवी सेवा कार्य करत रहेन ओनके बरे अइसा करइ मँ खुसी क अनुभव करत रहेन।
45 याजकन अउ लेवियन अपने परमेस्सर बरे अपना कर्त्तव्य पालन किहे रहेन। उ पचे उ सबइ समारोह किहे रहेन जेनसे लोग पवित्तर भएन। गायकरन अउर दुआरपालन भी अपने हीसे क काम किहन। दाऊद अउर ओकर पूत सुलैमान जउन भी आग्यन दिहे रहा, उ पचे सब कछू वइसा ही किहे रहेन।
46 (बहोत दिनन पहिले दाऊद अउर आसाप क दिनन मँ उ धन्नवाद क गीतन अउर परमेस्सर क स्तुतियन अउ गायकन क मुखिया हुवा करत रहेन।)
47 तउ जरूब्बबेल अउ नहेमायाह क दिनन मँ गायकन अउर दुआरपालन क रखरखाव बरे इस्राएल क सबहिं लोग हर रोज दान दिया करत रहेन। दूसरे लेवियन क बरे भी उ पचे बिसेस दान दिया करत रहेन अउर फुन लेवी ओहमाँ स हारून क संतानन अउ याजकन क बरे बिसेस योगदान दिया करत रहेन।
Nehemiah 13
1 उ दिन मूसा क किताब क ऊँचे सुर मँ पाठ कीन्ह गवा ताकि सबहिं लोग ओका सुन सकइँ। मूसा क किताब मँ ओनका इ नेम लिखा भवा मिला कउनो भी अम्मोनी मनई क अउर कउनो भी मोआबी मनई क परमेस्सर क सभन मँ सामिल न होइ दीन्ह जाइ।
2 इ नेम एह बरे लिखा गवा रहा कि उ पचे इस्राएल क लोगन क भोजन या जल नाहीं दिया करत रहेन, अउ उ पचे इस्राएल क लोगन क सराप देइ क बरे बालाम क धन दिया करत रहेन। मुला हमार परमेस्सर उ सराप क हमरे बरे वरदान मँ बदल दिहस।
3 तउ इस्राएल क लोग इ नेम क सुनिके एकर पालन किहन अउर पराए लोगन क संतानन क इस्राएल स अलग कइ दिहन।
4 किन्तु अइसा होइ स पहिले एल्यासीब तोबियाह क मन्दिर मँ एक ठु बड़की कोठरी दइ दिहस। एल्यासीब परमेस्सर क मन्दिर क भण्डार घरन क अधिकारी याजक रहा। अउर एल्यासीब तोबियाह क घनिस्ठ मीत भी रहा।
5 पहिले उ कोठरी क प्रयोग भेट मँ चढ़ाए गए अन्न, सुगन्ध अउर मन्दिर क बर्तनन अउर दूसर चिजियन क रखइ क बरे कीन्ह जात रहा। उ कोठरी मँ गायकन लेवियन अउर दुआरपालन क बरे अन्न क दसवाँ हींसा, नई दाखरस अउर तेल भी रखा भवा रहेन। याजकन क दीन्ह गए उपहार भी उ कोठरी मँ रखे जात रहेन। किन्तु एल्यासीब उ कोठरी क तोबियाह क दइ दिहे रहा।
6 जउने समइ इ सब कछू भवा रहा, उ समइ मइँ यरूसलेम मँ नाहीं रहा। मइँ बाबेल क राजा क लगे वापस गवा भवा रहा। जब बाबेल क राजा अर्तछत्र क सासन क बत्तीसवाँ साल रहा, तब मइँ बाबेल गवा रहेउँ। पाछे मइँ राजा स यरूसलेम वापस लउट जाइ क अनुमति माँगेउँ
7 अउर इहइ तरह मइँ यरूसलेम लउट आएउँ। एल्यासीब क इ बुरा काम क बारे मँ मइँ सुनेउँ कि एल्यासीब हमरे परमेस्सर क मन्दिर क दालान क एक कोठरी तोबियाह क दइ दिहस।
8 एल्यासीब जउन किहे रहा, ओहसे मइँ बहोत कोहान रहेउँ। तउ मइँ तोबियाह क चिजियन उ कोठरी स बाहेर निकारि लोकाएउँ।
9 ओन कोठरियन क स्वच्छ अउर पवित्तर बनावइ क बरे मइँ आदेस दिहेउँ अउर फुन ओन कोठरियन मँ मइँ मन्दिर क भाँडी अउर दूसर चिजियन भेट मँ चढावा भवा अन्न अउ सुगन्धित द्रव्य फुन स रखवाइ दिहेउँ।
10 मइँ इ भी सुनेउँ कि लोग लेवियन क ओनकर हीसा नाहीं दिहन ह जेहसे लेवीबंसी अउर गायक अपने खेतन मँ काम करइ बरे वापस चले गएन ह।
11 तउ मइँ ओन अधिकारियन स कहेउँ कि उ पचे गलत अहइँ। मइँ ओन स पूछेउँ, “तू पचे परमेस्सर क मन्दिर क देखभाल काहे नाहीं किहा?” मइँ सबहिं लेवीबंसियन क बटोरेउँ अउर मन्दिर मँ ओनकी जगहन अउ ओनके कामन पइ वापस लउट आवइ क कहेउँ।
12 एकरे पाछे यहूदा क हर कउनो मनई ओनके दसवे हीसे क अन्न, नई दाखरस अउर तेल मन्दिर मँ लिआवइ लगा। ओन चिजियन क भण्डार गृहन मँ रख दीन्ह जात रहा।
13 मइँ एन मनइयन क भण्डार ग्रहन क देखरेख करइवाला नियुक्त किहेउँ: याजक सेलेम्याह, विद्वान सादोक अउ पादायाह नाउँ क एक लेवी साथ ही मइँ पत्तन्याह क पोतन अउर जक्वूर क पूत हानान क ओनकर सहायक नियुक्त कइ दिहेउँ। जक्वूर मत्तन्याह क पूत रहा। मइँ जानत रहेउँ कि ओन मनइयन पइ बिस्सास कीन्ह जाइ सकत रहा। ओन लोगन क कार्य आपन नातेदारन मँ खावइ अउर पीवइ क सामान बाँटइ क रहा।
14 हे परमेस्सर, मोरे कीन्ह गए कामन क तू मोका याद राखा अउर अपने परमेस्सर क मन्दिर अउर ओकरे सेवा कार्यन क बरे बिस्सास क संग जउन कछू मइँ किहेउँ ह, उ सब कछू क तू जिन बिसराया।
15 ओनही दिनन यहूदा मँ मइँ लखेउँ कि लोग सबित क दिन भी काम करत ही। मइँ लखेउँ कि लोग दाखरस बनावइ क बरे रस निकारत अहइँ। मइँ लोगन क अनाज लिआवत अउर ओका गदहन पइ लादत लखेउँ। मइँ लोगन क नगर मँ अंगूर, अंजीर अउ हर तरह क चिजियन लइके आवत भए लखेउँ। उ पचे एन सबहिं चिजियन क सबित क दिन यरूसलेम मँ लिआवत रहेन। तउ एकरे बरे मइँ ओनका चितउनी दिहेउँ। मइँ ओनसे कहि दिहेउँ कि ओनका सबित क दिन खाइ क चिजियन कबहुँ भी नाहीं बेचइ चाही।
16 यरूसलेम मँ कछू सीरी नगर क लोग भी रहा करत रहेन। उ सबइ लोग मछरी अउर दूसर तरह क दूसर चिजियन यरूसलेम मँ लिआवा करतेन अउर ओनका सबित क दिन बेचा करतेन अउर यहूदी ओन चिजियन क बेसहा करत रहेन।
17 मइँ यहूदा क महत्वपूर्ण लोगन स कहेउँ कि उ पचे ठीक नाहीं करत अहइँ। ओन महत्वपूर्ण लोगन स मइँ कहेउँ, “तू पचे इ बहोत बुरा काम करत अहा। तू पचे सबित क दिन भ्रस्ट करत अहा। तू पचे सबित क दिन क एक आम दिन जइसा बनाए डारत अहा।
18 तू पचन्क इ गियान अहइ कि तोहरे पचन्क पुरखन अइसे ही काम किहेन। एह बरे हमरे परमेस्सर हम पइ अउर हमरे नगर पइ बिपत्तियन पठए रहेन अउर बिनास ढाए रहेन। अब तू लोग वइसा ही काम अउर भी जियादा करत अहा, जेहसे इस्राएल पइ वइसी ही बुरी बातन अउर जियादा घटिही काहेकि तू सबित क दिन क बर्बाद करत अहा अउर एका अइसा बनाए डारत अहा जइसे इ कउनो महत्त्वपूर्ण दिन ही नाहीं अहइ।”
19 तउ हर सुववार क साम क साँझ होइ स पहिले ही मइँ इ किहेउँ कि दुआरपालन क आग्या दइके यरूसलेम क दुआर बंद करवाइके ओन पइ ताले डरवाइ दिहेउँ। मइँ इ भी आग्या दइ दिहेउँ कि जब तलक सबित क दिन पूरा न होइ जाइ दुआर न खोले जाइँ। कछू अपने ही लोग मइँ दुआरन पइ नियुक्त कइ दिहेउँ। ओन लोगन क इ आदेस दइ दीन्ह गवा रहा कि सबित क दिन यरूसलेम मँ कउनो भी माल असबाब न आवइ पावइ एका उ पचे सुनिहचित कइ लेइँ।
20 एक आध दाई बइपारियन अउ सौदागरन क यरूसलेम स बाहेर ही रात गुजारइ पडी।
21 किन्तु मइँ ओन बइपारियन अउ सौदागरन क चितउनी दइ दिहेउँ। मइँ ओनसे कहेउँ, “देवार क देवार क आगे न ठहरा करा अउर जदि तू पचे फुन अइसा करब्या तउ मइँ तू पचन्क बंदी बनाइ लेब।” तउ उ दिन क पाछे स सबित क दिन अपना सामान बेचइ बरे उ पचे फुन कबहुँ नाहीं आएन।
22 फुन मइँ लेवीबंसियन क आदेस दिहेउँ कि उ पचे खुद क पवित्तर करइँ। अइसा कर चुकइ क पाछे ही ओनका दुआरन क पहरे पइ जाब रहा। इ एह बरे कीन्ह गवा कि सबित क दिन क एक पवित्तर दिन क रूप मँ रखा गवा ह, एका सुनिहचित कइ लीन्ह जाइ।हे परमेस्सर! एन कामन क करइ क बरे तू मोका याद राखा। मोरे बरे दयालु हवा अउर मोह पइ अपना महान पिरेम परगट करा।
23 ओनही दिनन मइँ इ भी लखेउँ कि कछू यहूदी मनसेधूअन आसदोद, अम्मोन अउर मोआब पहँटन क मेहररूअन स बियाह किहे भएन ह,
24 अउर ओन बियाहन स पइदा भए आधे बच्चेन तउ यहूदी भाखा क बोलब तलक नाहीं जानत ही। उ पचे बच्चन अस्दौद, अम्मोन अउर मोआब क बोली बोलत रहेन।
25 तउ मइँ ओन लोगन स कहेउँ कि उ पचे गलती पइ अहइँ। ओन पइ परमेस्सर क कहर बरपा होइ। कछू लोगन पइ तउ मइँ चोट ही कर बइठेउँ अउर मइँ ओनके बार उखाड लिहेउँ। परमेस्सर क नाउँ पइ एक प्रतिग्या करइ क बरे मइँ ओन पइ दबाव डाएउँ। मइँ ओनसे कहेउँ, “ओन पराए लोगन क पूतन क संग तू पचन्क अपनी बिटियन क बियाह नाहीं करब अहइ अउर ओन पराए लोगन क बिटियन क भी अपने पूतन स बियाह नाहीं करइ देब अहइ। ओन लोगन क बिटियन क संग तू पचन्क बियाह नाहीं करब अहइ।
26 तू पचे जानत ह कि सुलैमान स इहइ तरह क बियाहन पाप करवाए रहेन। तू पचे जानत ह कि कउनो भी रास्ट्र मँ सुलैमान जइसा महान कउनो राजा नाहीं भवा। किन्तु परमेस्सर सुलैमान स पिरेम करत रहा अउर ओका सुलैमान क समूचे इस्राएल क राजा बनाए रहा। किन्तु ऍतना होइ पर भी बिजातीय मेहररूअन क कारण सुलैमान तलक क पाप करइ पड़ेन।
27 अउर अब का, हम तोहार पचन्क सुनी अउर वइसा ही भयानक पाप करी अउ बिजाति औरतन क संग बियाह कइके अपने परमेस्सर क बरे सच्चे नाहीं रही।”
28 योयादा क एक पूत होरोन क सम्बल्लत क दामाद रहा। योयादा महायाजक एल्यासीब क पूत रहा। तउ मइँ योयादा क उ पूत पइ दबाव डाएउँ कि उ मोरे पास स पराइ जाइ।
29 हे मोरे परमेस्सर! ओनका याद राखा काहेकि उ पचे याजकपन क भ्रस्ट किहे रहेन। उ पचे याजकपन क अइसा बनाइ दिहे रहेन जइसे ओनकर कउनो महत्त्व न होइ। तू याजकन अउ लेवियन क संग जउन वाचा किहे रह्या, उ पचे ओकर पालन नाहीं किहन।
30 तउ मइँ हर कउनो बाहरी चीज क याजकन अउर लेवियन क पवित्तर अउ स्वच्छ बनाइ दिहेउँ ह अउर मइँ हर एक मनसेधू क ओकरे अपने कर्त्तव्य अउ दायित्व भी सौपेउँ ह।
31 मइँ काठे क उपहारन अउर एक निहचित समइ पइ अपने फलन क लिआवइ सम्बन्धी जोजनन भी बनाइ दिहेउँ ह। हे मोरे परमेस्सर! एन नीक करमन बरे तू मोका याद राखा।
Esther 1
1 इ ओन दिनन क बात अहइ जब छयर्स नाउँ क राजा राज्ज किया करत रहा। भारत स लईक कुस क एक सो सत्ताईस प्रन्तन पइ ओनकर रज्ज रहा।
2 महारजा छयर्स, सुसन नाउँ क नगरी, जउन राजधानी भवा करत रही,मँ अपने सिहासन स ससान चलावा करत रहा।
3 अपने सासन क तीसरे बरिस मँ, छयर्स अपने अधिकरियन अउ मुखिया लोगन बरे एक भोज क प्रबध किहेस। फारस, अउ मादै क फउज क मुखियन अउर दुसर महत्तपूर्ण मुखियन अउर प्रन्तीय अधिकारियन उ भोज मँ मौजुद रहेन।
4 इ भोज ऐक सौ अस्सी दिन तलक चला। इ समइ क दौरन, महारजा छयर्स अपने राज क महान सम्पत्ति अउ आपनी महानता क भब्य सुन्दारता देखावत रहा।
5 एकरे पाछे जब एक सौ अस्सी दिन क इ भौज समाप्त भवा, तउ महारजा छयर्स एक ठु अउर भौज दिहेस जेहमाँ सुसा क जिला महल क सबहि लोगन साथ ही महत्यपूर्ण अउ बे-महत्वपूर्ण लोगन बोल गवा रहा। इ भोज सात दिन तालक चला। इ भोज क आयोजन महल क भतीरी बगीचे मँ कीन्ह गवा रहा। भोज क जगह सफेद अउ नीले रंग क मलमल सूती कपड़न स सजावा ग रहा। इ बैगनी रंग की डोरियन स पकड़ा रहा। उ संगमर क खम्भन क बीच मँ चाँदी क छड़न दुआरा पर लटकत रहा। हुवाँ सोने अउ चाँदी क चौकियन रहिन। इ सबइ चौकियन लाल अउ सफेद रंग क अइसी स्फटिक क भूमितल मँ जुड़ी भई रहिन जेहमाँ संगमरमर, प्रकेलास, सीप अउर दूसर कीमती पाथर जड़े रहेन।
6
7 सोने क पियालन मँ दाखरस परोसा गवा रहा। हर पियाला एक दूसरे ल अलग रहा। महारजा क ओकर महान सम्पत्ति क अनुसार दाखरस परोसा गवा रहा।
8 महारजा अपने सेवकन क आग्या दिहेस कि हर कउनो मेहमन क जेतना दाखरस उ चाहे ओतने दीन्ह जाइ। राजा क महल मँ हा महारनी वसती भी महररुअन क एक ठु भोज दिहस।
9 भोज क सातएँ दिन, महारजा छयर्स दाखरस पिअइ क कारण मगन रहा। उ ओन सात हिजड़न क आग्या दिहस जउन ओकर सेवा किया करत रहेन। एन हिजड़न क नाउँ रहेन: गहूमान, बिजेता, हबौना, बिगता, अबगता, देतेर अउर कर्कस।
10
11 महाराजा आपन सेवकन क आग्या किहेस उ पचे राजमुकुट धारण किए भए महारानी वसती क ओकरे लगे लिआवइँ। उ चाहत रहा कि उ मुखिया लोगन अउर महत्वपूर्ण लोगन क अपनी सुन्दारता देखाइ काहेकि उ फुरइ बहोत सुन्दर रही।
12 मुला उ सेवरन जब राजा क आदेस क बात महारानी वसती स कहेन तउ उ हुवाँ जाइ स मना कइ दिहस। राजा बहोत कोहाइ गवा अउर ओहे पइ क्रोध स जरइ लगा।
13 एह बरे महाराज इ ताज़ा घटना क बारे मँ अपने अनुभवी मनइयन स नेम अउ सज़ा क बारे सलाह लेत रहत रहेन। एनकर नाउँ रहेन: कर्सना, सेतार, अदमाता, तर्सीस, मेरेस, मर्सना अउर ममूकान। उ सबइ साताहुँ फारस अउर मादै क बहोत महत्वपूर्ण अधिकारी रहेन। एनके लगे राजा स मिलाइ क बिसेस अधिकार रहा। उ पचे राज्ज मँ सबन त उच्च अधिकारी रहेन।
14
15 राजा ओन लोगन स पूछेस, “महारनी वसती क संग का कीन्ह जाइ? इ बारे मँ नेम का कहत ह उ महाराजा छयर्स क मोर आग्या क माइन स मना कइ दिहस जेका हिजड़न ओकरे लगे लइ गए रहेन।”
16 एइ पइ दुसर अधिकारियन क उपस्थिति मँ महाराजा स ममुकन कहेस, “महारानी वसती अपराध किहस ह। महारानी महाराजा क संग-संग सबहिं मुखिया लोगन अउर महाराजा छयर्स क सबहिं प्रसन क लोगन क बिरुदूध अपराध किहेस ह।
17 मइँ अइसा एह बरे कहत हउँ कि दूसर मेहरुअन जउन महारानी वसती किहस ह, ओका जब सुनिहीं तउ उ पचे अपन भतारंन क आग्या मानब बंद कइ देइहीं, ‘महाराजा छयर्स महारानी वसती क अपन लगे लआवइ क आग्या दिहे रहा किन्तु उ आवह मना कइ दिहस।’
18 “आनु फारस अउ मादै क मुखिया लोगन क महेररुअन, रानी जउन किहे रही, सुनि लिहन ह अउर लखा अब उ सबइ मेहररुअन भी जउन कछू महारानी किहस ह, ओहसे प्रभावित होइहीं। उ सबइ मेहररुअन राजा लोगन क महत्वपूर्ण मुखिया लोगन क संग वइसा ही करिहीं अउर इ तरह बहोत जियादा अनादर अउर किरोध फाइल जाइ।
19 तउ जदि महाराजा क अच्छा लगइ तउ एक ठु सुआव इ अहइ: महाराजा क एक राजग्या देइ चाही अउर ओका फारस अउ मादै क नेम मँ लिख दीन्ह जाइ चाही एह बरे इ नेम ना ही बदला जाइ सकत ह या नही संसोधन कीन्ह जाइ सकत। राजा क आग्या इ होइ चाही: महाराजा छयर्स क समन्वा रानी वसती अब कबहूँ न आवइ। साथ ही महाराजा क रानी ़क पद भी कउनो अइसी मेहरारु क दइ देइ चाही जउन ओहसे उत्तिम होइ।
20 फुन जब राजा क इ आग्या ओकरे बिसाल राज्ज क सबहिं मँ धोसित कीन्ह जाइ, तउ सबहिं मेहररुअन अपने भतारन क आदर कइइ लगहीं,चाहे ओकर भातरन महत्वपूर्ण लोग अहइ या न अहइ।”
21 इ सुआव स महाराजा अउर ओकर बड़े-बड़े अधिकारी सबहीं खुस भएन। तउ महाराजा छयर्स वइसा ही किहस जइसा ममूकान सझाए रहा।
22 महाराजा छयर्स अपने राज्ज क सबहीं प्रान्तन मँ पत्रन पठइ दिहस। हर प्रान्त मँ जउन पत्रन पठवा गवा, उ उहइ प्रान्त क लिपि मँ लिखा गवा रहा। हर जाति मँ उ ओकरे भाखा मँ पत्रन पठइस। उपचे पत्रन मँ हरेक व्यक्ति क भाखा मँ धोसना कीन्ह ग रहेन कि हरेक मनई क आपन पररिवार नियंत्रन रखइ क होइ।
Esther 2
1 आगे चलिके महाराजा छयर्स क किरोध सान्त भवा तउ ओका वसती अउर क कार्य आवइ लागेन। वसती क बारे मँ उ जउन आदेस दिहे रहा, उ भी ओका याद आवा।
2 एकरे पाछे राजा क निजी सेवकन ओका एक ठु सुझाव दिहन। उ पचे कहेन, “राजा क बरे सुन्तर कुँवारी कन्यन क खोज करा।
3 हे राजा, तोहका अपने राज्ज क हर प्रान्त मँ नेतन क चुनाव कइर चाही। फुन ओन नेतन लोगन क चाही कि उ पचे सुन्तर कुवाँरी कन्याओं क सूसन क जिला महल मँ लइके आवइँ। उ पचे लड़िकयन राजा क हरम सरा मँ तोहर दूसरी मेहररुअन क संग रहब। उ पचे हेगे क देख-रेख मँ रखी जइही। हेगे महाराजा क हिजड़ा जउन कि ओन मेहररुअन क निगराँकार अहइ। फुन ओनका सुन्दरता क प्रसाधन दीन्ह जाइँ।
4 फुन उ लरकी जउन राजा क भावइ, वसती क जगह पइ राजा क नई महारानी बनाइ दीन्ह जाइ।” राजा क इ सुआव बहोत अच्छा लगा। तउ उ एका अंगीकार कइ लिहस।
5 बिन्यामीन परिवार समुह क मोर्दकै नाउँ क एक ठु य़हूदी हुवा करत रहा। मोर्दकै याईर क पूत रहा अउर याईर सिमी क पूत रहा अउर सिमी कीस क पूत रहा। सूसन क महल प्रान्त मँ रहत रहा।
6 ओहका यरुसलेम स बाबेल क राजा नबूकदनेस्सर बंन्दी बनाइक लइ गवा रहा। उ यहूदा क राजा यकोन्याह क संग उ दल मँ रहा, जेका बंदी बनाइ लीन्ह गवा रहा।
7 मोर्दकै क हदस्सा नाउँ क एक चचेरी बहिन रही। उ अनाथ रही। न ओकरे बाप रहा, न महतारी। तउ मोर्दकै ओकर धियान रखत रहा। मोर्दकै ओकरे महतारी बाप क मइर क पाछे ओका अपनी बिटिया क रुप मँ गोद लइ रहा। हदस्सा क नाउँ एस्तेर क मुहँ अउ ओकरे तने क बनावट बहोत सुन्नर रही।
8 जब राजा क आदेस सुनावा गवा, तउ सूसन क जिला महल मँ बहोत स जवान मेहररुअन क लिआवा गवा। ओन जावान मेहररुअन क हेगेक देख-रेख मँ रख दीन्ह गवा। एस्तेर एनही जवान मेहररुअन मँ स एक रही। एस्तेर क राजा क महल मँ लइ जाइके हेगे क देख-रेख मँ रख दीन्ह गवा रहा। हेगे मेहररुअन क महल क निगराँकार रहा।
9 हेगे क एस्तेर बहोत अच्छी लगी। उ ओकर मनपसंद बन गइ। हेगे हाली ही सुन्नरता क उपचार अउ जरुरी भोजन ओका दिहस। हेगे राजा क महल स सात दासियन चुनेस अउ ओनका एस्तेर क दइ दिहस। अउर एकरे पाछे हेगे एस्तेर अउ ओकर सातहुँ दासियन क जहाँ राजधराने क मेहररुअन रहा करत रहिन।
10 एस्तेर इ बात कउनो क नाही बताएस कि उ एक यहूदी अइह। काहेकि मोर्दक ओका मना कइ दिहे रहा, एह बरे उ अपने परिवार क पृस्ठभूमि क बारे मँ कउनो क कछु नाही बाताइस।
11 मोर्दकै जहाँ रनवास क मेहररुअन रहा करत रहिन, हुवाँ आसपास अउर आगे पाछे धूमा करत रहा। उ इ पता लगावइ चाहत रहा कि एस्तेर कइसी अहइ अउर ओकरे संग का कछु धटत अहइ? एह बरे उ अइसा करत रहा।
12 एहसे पहिले कि राजा छयर्स क लगे जाइ क बरे कउनो लड़की क बारी आवत, ओका इ सब कइर क पड़त रहा। बारह महीने तलक ओका सुन्नरता उपचार कइर पड़त रहा यानी छ: महीने तलक ओका गंधरस क तेल लगवा जात अउर छ: महीने तलक सुगंधित द्रव्य अउर तरह -तरह क प्रसाधन सामग्रिन क उपयोग कइर होत रहा।
13 रीति क अनुसार जब कउनो जवान लड़की राजा क लगे जाइ ओनका उ सबहिं दीन्ह जात ह जेका उ मेहरारु महल स राजा क महल मं लेइ जात चाहतह।
14 साँझ क समय उ लड़की राजा क महल मं रख दीन्ह अउर भिंसारे दूसर मेहररु क महल मं उ लउटि आवत। फुन ओका सासगज नाउँ क मनई क देखरेख मं जात अउर मँ रख दीन्ह जात। सासगज राजा क हिजड़ा रहा जउन राजा क रखैलन क अधिकारी रहा। यदि राजा ओहसे खुस न होता, तउ उ लड़की फुन कबहुँ राजा क लगे न जात। अउर जदि राजा ओहेसे खुस होत तउ ओका राजा नाउँ लइक वापस बोलावत।
15 जब एस्तेर क राजा क लगइ जाइ क बारी जाइ, तउ उ कछू नाही पूछेस। उ राजा क हिजड़ा, हेगेस, जउन हेगे रनवास क आधिकारी रहा, बस उहइ लिहस जउन हेगे ओका आपन संग लेइ क कहेस। (एस्तेर उ लड़की रही जेका मोर्दकै गोद लइ लिहे रहा अउर जउन ओकरे चाचा अबीहैल क बिटिया रही।) एस्तेर क जउन कछू भी लखत, ओका पसंद करत रहा।
16 तउ एस्तेर क महाराजा छयर्स क महल मं लइ जावा गवा। इ उ समइ भवा जब ओकरे राज्जकाल क सताएँ बरिस क तेबेत नाउँ क दसवाँ महीना चलत रहा।
17 राजा एस्तेर कउनो बी अउर स जियादा पिरेम किहस अउर उ ओकर कृपा पाएस। कउनो भी दुसर लरकी स जियादा, राजा क उ भाइ गइ। तउ राजा छयर्स एस्तेर क मूँड़ि पइ मुकुट पहिराके वसती क जगह पइ नई महारनी बनाइ लिहस।
18 तब राजा एस्तेर क बरे एक बहोत बड़का भोज दिहस। इ भोज ओकरे महत्वपूर्ण मनइयन अउर मुखिया लोगन क बरे रही। उ सबहिं प्रन्तन मँ छुट्टी क धोसणा कइ दिहस। लोगन क ओकरे साही सम्पति क अनुसार उपहार दिहेस।
19 मोर्दकै उ समइ राजदुआर क निअरे ही बइठा रहा, जब दुसरी दाई लरकियन क एकट्ठा कीन्ह गवा रहा।
20 एस्तेर भी अबहुँ भी इ रहस्य क छुपाए भए रही कि उ एक यहूदी रही। अपने परिवार क पृस्ठभूमि क बारे मं उ कउमो क कछूनाही बताए रही, काहेकि मोर्दकै ओका अइसा कइर स रोक दिहे रहा। उ मोर्दकै क आग्या क अब भी वइसे पालन करत रही, जइसे किहे, करत रहा, जब उ मोर्दकै क देख-रेख मँ रही।
21 उहइ समइ जब मोर्दक राजदुवार क निउरे बइठा करत रहा, इ धटना धटी: राजा क दुइ अधिकारियन बिकतान अफर तेरेस जउन साही दुवार क रच्छा करत रहेन, उ पचे राजा पइ बहोत कोहाई गएन अउर हत्या कइर क जोजना बनाएन।
22 मोर्दकै क उ सड्यंत्र क पता चल गवा अउर उ ओका महारानी एस्तेर क बताइ दिहस। फुन महारानी एस्तेर ओका राजा स कहि दिहस। उ राजा क इ भी बताइ दिहस कि मोर्दकै ही उ मनई अइह, जउन इ सड्यंत्र क पता चलाएस ह।
23 एकरे पाछे उ सुचना क जाँच कीन्ह गइ अउर इ पता चला कि मोर्दकै क सूचना सही रही अउर उ दुइ पहरेदारन क जउन राजा क मार डावइ क सड्यंत्र बनाए रहेन, एक ठु खम्भे पइ लटकाइ दीन्ह गवा। राजा क सामनेही इ सबहीं बातन राजा क इतिहास क पुस्तक मँ लिख दीन्ह गइन।
Esther 3
1 एन बातन क धटइ क पाछे महाराजा छयर्स हामान क सम्नान किहस। हामान अगागी हम्मदाता नाउँ क मनई क पूत रहा। महाराजा हामान क कउनो दुसर अधिकरियन स जउन ओकर संग रहेन स बड़का अउ महत्वपूर्ण रद दिहेस।
2 राजा क दुवार पइ महारजा क सबहिं मुखिया हामान क अगवा निहुरिके ओका आदर देइ लगेन। उ पचे महाराजा क आग्या क अनुसार ही अइसा किया करत रहेन। किन्तु मोर्दकै हामान क अगवा निहुरइ या ओका आदर देइ क मना कइ दिहस।
3 एँह बरे राजा क दुआर पइ राजा क दुसर सेवकन मोर्दकै स पूछेन, “तू महाराजा क आग्या क पालन काहे नाहीं किहा?”
4 राजा क सबइ अधिकारियन हररोज मोर्दकै स बात किहन, किन्तु उ हामान क आदेस क माइन स इन्कार करत रहा। तउ ओन अधिकारियन हामान स एकरे बारे मँ बताइ दिहन, काहेकि उ पचे इ सबइ जानइ चाहत रहेन कि का मोर्दकै क इ बेउहार क लगातार रहइक अनुमति होइ। काहेकि मोर्दकै ओन सबइ लोगन क बताइ दिहे रहा कि उ एक यहूदा रहा।
5 हामान जब इ लखेस कि मोर्दकै ओकरे अगवा निहुरइ अउर ओका आदर देइ क मना कइ दिहस ह तउ ओका बहोत किरोध आवा।
6 हामान क इ पता चल ही चुका रहा कि मोर्दकै एक यहूदी अहइ। किन्तु उ मोर्दकै क हत्या मात्र स संतुस्ट होइवाला नाहीं रहा। हामान तउ इ भी चाहत रहा कि उ कउनो एक अइसा रस्ता ढूँढ़ निकारइ जेहेसे छयर्स क समूचे राज्ज क ओन सबहीं यहूदियन क मार डावइ जउनो मोर्दकै क लोग अहइँ।
7 महाराजा छयर्स क राज्ज क बारहवें बरिस मँ नीसान नाउँ क पहिले महिने मँ, हामान क मोजूदगी मँ यहूदी लोगन क बर्बाद करइ क दिन चुनई बरे पासा लोकावा गवा। इ तरह अदार नाउँ क बारहवाँ महीना चुन लीन्ह गवा। (ओन दिनन लाटरी निकारइ बरे इ सबइ पासन, “पुर” कहवावा करत रहेन।)
8 फुन हामान महाराजा छयर्स क लगे आवा अउर ओहले बोला, “हे महाराजा छयर्स तोहरे राज्ज क हर प्रान्त मँ लोगन क बीच एक खास सनूह क लोग फइले भए एहइँ। इ सबइ लोग अपने आप क दूसर लोगन स अलग रखत हीं। एन लोग क रीतिरिवाज भी दूसर लोगन स अलग अहइँ अउर इ सबइ लोग राजा क नेमन क पालन नाहीं करत हीं। अइसे लोगन क अपने राज्ज मँ सखइ क अनुमति देब महाराजा क बरे अच्छा नाहीं अहइ।
9 “जदि महाराजा क अच्छा लगइ तउ मोरे लगे एक सुझाव अहइ: ओन लोगन क नस्ट कइ डावइ क आग्या दीन्ह जाइ। एकरे बरे मँइ साही अधिरियन क दस हजार चाँदी क सिवकन महाराजा क खजाने मँ जमा करइ बरे देब।”
10 इ तरह महाराजा राजकीय अंगूठी अपनी अँगुरि स निकारेस अउर ओका हामान क सौप दिहस। हामान अगागी हम्मदाता क पूत रहा। उ यहूदियन क दुस्मन रहा।
11 एकरे अउर ओन लोगन क संग जउन चाहत ह, करा।”
12 फुन उ पहिले महीने क तेरहवें दिन महाराजा क सचिवन क बोलावा गवा। उ पचे हामान क सबहिं आदेसन क हर प्रान्त क लिपि अउर हर लोगन क भाखा मँ अलग-अलग लिख दिहस। उ पचे राजा क मुखिया लोगन, विभिन्न प्रान्तन क राज्यपालन, अलग-अलग कबीलन क मुखिया लोगन क नाउँ पत्र लिख दिहस। उ पचे इ आदेस अगंठी स मोहर लगाइ दिहेस।
13 सँदेस वाहक क विभिन्न प्रान्तन मँ ओन पत्रन क लइ गएन। एन पत्रन पइ आदेस रहा कि सबहिं यहूदियन जवान, बुढ़े, मेहररु अउर नान्ह गदेलन क भी एक ही दिन मार दीन्ह जाइँ अउर पूरी तरह नस्ट कइ दिन्ह जाइ। उ दिन बारहवें महीने क तेरहवीं तारिख क रहा जउन अदार क महीना अहइ। अउर इ भी आदेस रहा कि यहूदियन क सब कछू चिजिय लइ लीन्ह जाइ।
14 एन पत्रन क प्रतियन उ आदेस क संग एक नेम क रुप मँ दीन्ह जाब रही। हर प्रान्त मँ एका एक नेम बनावा जाब रहा। सबहिं लोगन मँ एकर घोसना कीन्ह जाब रही, ताकि उ पचे सबहिं लोग उ दिन क बरे तइयर रहइँ।
15 महाराजा आग्या अनुसार सँदेस बाहक फउरन चल दिहन। अउर इ राजधानी नगरी सूसन मँ ङी इ एलान कइ दीन्ह गइ। महाराजा अउर हामान तउ दाखरस पिअइ क बरे बइठ गएन किन्तु सूसन नगर क लोग धबरा गए रहेन अउ चकित भए रहेन।
Esther 4
1 मोर्दकै, जउन कछू होत रहा, ओकरे बारे मँ सब कछू सुनेस। जब उ यहूदियन क बिरुद्ध राजा क आग्या सुनेस तउ अपने ओढ़नन फार डाएस। उ सोक वस्त्र धारण कइ लिहस अउर अपने मूँड़े पइ राखी डाइ लिहस। उ ऊँच सुर स बिलाप करत भए नगर मँ निकर पड़ा।
2 मोर्दकै राजा क दुआर तलक गएन, किन्तु उ दुआर क पार नाहीं किहेन जउन महल क छेत्र मँ जात ह, काहेकि सोक वस्त्रन क पहिरके दुआर क भीतर जाइ क आग्या कउनो क भी नाहीं रही।
3 हर तउनो प्रांन्त मँ जहाँ कहूँ भी राजा क इ आदेस पहोंचा, यहूदियन मँ रोउब-घोउब अउर सोक फइल गला। उ पचे खाना छोड़ दिहन अउर उ पचे ऊँच सुर मँ बिलपइ लागेन। बहोत स यहूदी अपने सोक बस्त्रन क धारण किहे भए अउर अपने मूंड़न पइ राखी डाए भए घरती पइ पड़े रहेन।
4 एस्तेर क दासियन अउर खोजन एस्तेर क लगे जाइके ओका मोर्दकै क बारे मँ बताएन। एहसे महारानी एस्तेर बहोत दुखी अउर बियाकुल होइ उठी। उ मोर्दकै क लगे सोक वस्त्रन क बजाय दूसर ओढ़नन पहिरइ क पठाएस। मुला उ उ सबइ ओढ़नन स्वीकार नाहीं किहस।
5 एकरे पाछे एस्तेर हताक क अपने लगे बोलाएस। हताक एक अइसा हिजड़ा रहा जेका राजा ओकरी सेवा बरे नियुक्त केहे रहा। एस्तेर ओका इ पता लगवइ क आदेस दिहस कि मोर्दकै क का बियाकुल बनाए भए अहइँ अउर काहे
6 एह बरे हताक नगर क खुले चौराहे मँ गएन जहाँ मोर्दकै मौजूद रहा।
7 हुवाँ मोर्दकै हताक स, जउन कछू भवा रहा, सब कहि डाएस। उ हताक क इ भी बताएस कि हामान यहूदियन क हत्या बरे राजा क खजाने मँ केतना धन जमा करावइ क वादा किहेस ह।
8 मोर्दकै हताक क यहूदियन क हत्या क बरे राजा क आदेस पत्र क एक प्रति भी दिहेस। उ आदेस पत्र पहिले ही सूसन नगर मँ हर कहूँ पठवा गवा रहा। मोर्दकै इ चाहत रहा कि हताक ओका एस्तेर क देखाइ देइ अउर हर बात ओका पूरी तरह निर्देस देइ अउर ओहसे इ भी कहेस कि उ एस्तेर क राजा क लगे जाइके मोर्दकै अउर अपने लोगन क बरे दया क याचना कइर क प्रेरित करइ।
9 हताक एस्तेर क लगे लउटि आवा अउर उ एस्तेर स मोर्दक जउन कछू कहइ क कहे रहा, सब बताइ दिहस।
10 फुन एस्तेर मोर्दकै क हताक स इ कहवाइ पठएस:
11 “मोर्दकै, राजा क सबहिं मुखिया अउर राजा क प्रान्तन क सबहिं लोग इ जानत हीं कि कउनो भी मनई या मेहररु क बरे राजा क बस इहइ नेम अहइ कि राजा क भीतरी आंगन मँ बिना बोलए जउन भी जात ह, ओका मारि दीन्ह जातेन। इ नेम क पालन बस एक ही स्थिति मँ उ समइ नाहीं कीन्ह जात रहा जब राजा अपने सोने क राजदण्ड क उ मनई कहँती बढ़ाइ देत रहा। जदि राजा अइसा कइ देत तउ उ मनई क प्राण बच जात रहेऩ। मुला मोका तीस दिन होइ गएन ह अउर राजा स मिलइ क बरे मोका नाहीं बोलावा गवा ह।”
12 एकरे पाछे एस्तेर क सँदेसा मोर्दकै क लगे पहोंचाइ दीन्ह गवा। उ संदेसा क पाइके मोर्दकै ओका वापस जवाब पठएस: “एस्तेर, अइसा जिन सोचा कि तू राजा क महल मँ रहइ क कारण बच जाब्या, जबकि सबइ यहूदियन मारा जाब।
13
14 जदि अबहिं तू चुप रहति अहा यहूदियन क मदद अउर मुक्ती कहुँ अउर स मिल जाब। मुला तू अउर तोहरे बाप क परिवार मारा डावा जाइ सकत्या। अउर कउन जानत ह कि तू कउनो अइसे ही समइ क लिए महारानी बनाइ गई अहा, जइसा समइ इ अहइ।”
15 एह पइ एस्तेर मोर्दकै क आपन इ जवाब पठएस: “मोर्दकै, जा अउर जाइके सबहिं सूसन नगर सबहिं यहूदी लोगन क एकट्ठा करा अउर मोरे बरे उपवास राखा। तीन दिन अउ तीन रात तलक न कछू खा अउर न कछू पिआ। तोहरी तरह मइँ अउर मोर मेहरारु ऩउकर भी उपवास रखब। हमरे उपवास ऱखइ क पाछे मइँ राजा क लगे जाब। मइँ जानत हउँ कि जदि राजा मोका न बोलावइ तउ ओकरे लगे जाब,नेम क खिलाफ अहइ। अगर मँ अइसा करब्य़ा तउ हो सकत ह कि मइँ मारा डवइ जाइ। किन्तु कउनो बात नाहीं मइँ अइसा करब।”
16
17 इ तरह मोर्दकै हुवाँ स चला गवा अउर एस्तेर ओहसे जइसा करइ क कहे रहा उ सब कछू वइसा ही किहस।
Esther 5
1 तीसरे दिन एस्तेर आपन बिसेस साही पोसाक पहिरेस अउर राजमहल क भीतरी आंगन मँ जाइ खड़ी भइ। इ जगह राजा क बैइठा क समन्वा रही। राजा दरबार मँ अपने सिंहासने पइ बइठा रहा। राजा उहइ कइँती मुहँ किहे बइठा रहा जाहाँ स लोग सिहांसन क कच्छ कइँती प्रवेस करत रहेन।
2 तउ राजा महारानी एस्तेर क हुवाँ दरबार मँ खड़े लखेस। ओका लखिके उ बहोत खुस भवा। उ ओकरी कइँती अपने हाथ मँ थामे भए सोने क राजदण्ड क आगे बढ़ाइ दिहस। इ तरह एस्तेर उ कमरे मँ प्रवेस किहस अउर उ राजा क लगे चली गइ अउर उ राजा क सोने क राजदण्ड क सिरे क छुइ लिहस।
3 एकरे पाछे राजा ओहसे पूछेस, “महारानी एस्तेर, तू बेचैन काहे अहा? तू मोहसे का चाहति अहा? तू जउन चाहा मइँ तोहका उहइ देब। हिआँ तक कि आपन आधा राज्ज तलक, मइँ तोहका दइ देब।”
4 एस्तेर कहेस, “मइँ आपके अउर हामान क बरे एक ठु भोज क आयोजन किहेउँ ह। कृपा कइ आप अउर हामान आजु मोरे हिआँ मँ पधारें।”
5 एइ पइ राजा कहेस, “हामान क तुरंत बोलाबा जाइ ताकि एस्तेर जउन चाहत ह, हम ओका पूरा कइ सकी।”तउ महाराजा अउर हामान एस्तेर ओनके बरे जउन भोजन आयोजित किहे रही, ओहमाँ आइ गएन।
6 जब उ पचे दाखरस पिअत रहेन तबहिं राजा एस्तेर स फुन पूछेस, “एस्तेर कहा अब तू का माँगति चाहति अहा? कछू भी माँग ल्या, मइँ तोहका उहइ दइ देब। कहा तउ उ का अहइ जेकर तोहका इच्छा अहइ? तोहर जउन भी इच्छा होइ उहइ मइँ तोहका देब। अपने राज्ज क आधा हीसां तलक।”
7 एस्तेर कहेस, “मइँ इ माँगइ चाहत हउँ।
8 जदि मोका महाराज अनुमति देइँ अउऱ जदि जउन मइँ चाहउँ, उ मोका देइ स महाराज खुस होइ तउ मोर इच्छा इ अहइ कि महाराज अउर हामान भियान मोरे हिआँ आवइँ। भियान मइँ महाराज अउर हामान क बरे एक अउर भोज देइ चाहत हउँ अउऱ इहइ समइँ इ बताउब कि असल मँ मइँ का चाहति हउँ।”
9 उ दिन राजमहल क बहोत जियादा खुस होइके बिदा भवा। किन्तु जब उ राजा क दुआर पइ मोर्दकै क लखेस तउ ओका मोर्दकै पइ बहोत किरोध आवा। हामान मोर्दकै क लखत ही किरोध स पागल होइ उठा, काहेकि जब हामान हुवाँ स गुजरा, मोर्दकै नाही खड़ा भवा अउर नाहीं काँपेस अउर नाहीं हामान बरे कउनो आदर देखाएस।
10 किन्तु हामान अपने किरोध पइ कबू किहस अउर घरे चला गवा। एकरे पाछे हामान अपने मेहररु जेरेस क एक संग बोलाएस।
11 उ आपने मीतन क अगवा अपने धन अउ अनेक पूतन क बारे मँ डीगं मारत भए इ बतावइ लागा कि राजा ओकार कउने प्रकार स सन्मान करत ह। उ बढ़इ चढ़ाइ के इ भी बतावइ लाग कि दूसर सबहिं हाकिमन स राजा कउने तरह ओका अउर जियादा ऊँच पद पइ पदोन्नति दिहस ह ।
12 “एतना ही नाहीं” हामान इ भी बताएस। “एक मात्र मइँ ही अइसा ममई हउँ जेका महारानी एस्तेर अपने भोज मँ राजा क संग बोलाइ पठए रही।
13 मुला मोका एन सब बातन स फुरइ कउनो खुसी नाहीं अहइ। असल मँ मइँ तसक खुस नाहीं होइ सकत जब तलक राजा क दुआर पइ मइँ उ यहूदी मोर्दकै क बइठे भए सखत हउँ।”
14 एह पइ हामान क मेहरारु जेरेस अउर ओकर मीतन ओका एक सुझाव दिहननन। उ पचे बोलेन, “कउनो स कहिके पचहत्तर फुट ऊँच ओका फासीं देइ क एक ठु फासीं क खाम्भा खड़ा करा। फुन भिंसारे राजा स कहा कि उ मोर्दकै क ओहे पइ लटतए क आदेस दे। फुन राजा क संग तू भोज पइ जाया अउर आनन्द स रह्य़ा।”हामान क इ सुआव नीक लगा। तउ उ फाँसी क खम्भा बनवावइ क बरे कउनो क आदेस दइ दिहस।
Esther 6
1 उ राति राजा सोइ नाही पावा। तउ उ अपने एक दास स इतिहास क किताब लिआइके अपने समन्वा ओका बाँचइ क कहेस।(राजा लोगन क इतिहास क किताबे मँ उ सब कछू अंकित रहत ह जउ एक राजा क सासनकाल क दौरन धरित होत ह।)
2 तउ उ दास राजा क बरे उ किताब बाँचेस। उ महाराजा छयर्स क मार डावइ क सड्यंत्रन क बारे मँ बाँचेस। बिगतना अउ तेरेस क सड्यंत्रन क पता मोर्दकै क जोजना क पता चल गवा रहा अउर ओकरे बारे मँ कउनो क बताइ दिहे रहा।
3 एइ पइ महाराजा सवाल किहस, “इ बात क बरे मोर्दकै क कउन सा आदर अउर कउन स उत्तिम चिजियन प्रदान कीन्ह गइ रहिन।” उ दासन राजा क जवाब दिहेन, “मोर्दकै बरे कछू नाहीं कीन्ह गवा रहा।”
4 उहइ समइ राजा क महल क बाहरी आँगन मँ हामान प्रवेस किहेस। उ, हामान फाँसी क जुन खम्भा बनवावा रहा, ओह पइ मोर्दक क लटकवावइ क बरे राजा स कहइ क आवा रहा।राजा ओकरे आहट सुनिके पूछेस, “अबहिं अबहिं आंगन मँ कउन आवा ह”
5 राजा क नौकरन जबाव दिहस, “आँगन मँ हामान खड़ा भवा ह।” तउ राजा कहेस, “ओका भीतर लइ आवा।”
6 हामान जब भीतर आवा तउ राजा ओहेसे एक सवाल पूछेस, “हामान, राजा जदि कउनो क आदर देइ चाहइ तउ उ मनऊ बरे ही बात करइ चाही?” हामान अपने मने मँ सोचेस, “अइसा कौन होइ सकत ह जेका राजा मोहेसे जियादा आदर देइ चाहत होइ? राजा निहचइ ही मोका आदर देइ क बरे ही बात करत होइ।”
7 तउ हामान जवाब देत भए राजा स कहेस, “राजा जेका आदर देइ चाहत ह, उ मनई क संग उ अइसा करइ:
8 राजा जउन ओढ़ना खुदपहिरे होइ, उहइ बिसेस ओढ़ना क तू अपने सेवकन स मँगवाइ लीन्ह जाइ अउर उ धोड़े क भी मँगवाइ लीन्ह जाइ जेह राजा खुद सवारी कीन्ह होइ। फुन सेवकन क जरिये उ धोड़े क मूँड़ि पइ राजा क बिसेस चीन्ह अंकित करवा जाइ।
9 एकरे पाछे, राजा क सज्जन अधिकारी उ मनई क, जेका राजा सन्मानित करइ चाहत ह, उ ओढ़ना क पहिरावइ अउर फुन एकरे पाछे उ पचे अधिकारी उ धोड़े क आगे आगे चलत भवा ओका नगर क गलियन क बीच स गुजारइ। उ पचे अपनी अगुवाइ मँ धोड़न क लइ जात भए इ धोसना करत जाइ, इ उ मनई क बरे कीन्ह गवा ह, राजा जेका आदर देइ चाहत ह।”
10 राजा हामान क आदेस दिहस, “तू फउरन चले जा अउर ओढ़ना अउ धोड़ा लइके यहूदा मोर्दकै क बरे वइसा ही करा, जइसा तू सुझाव दिहा ह। मोर्दकै राजदुआर क लगे बइठा बाटइ। जउन कछू तू सुझाया ह, सब कछू लइसा ही कराया।”
11 तउ हामान ओढ़ना अउ घोड़ा लिहस अउर ओढ़ना मोर्दकै क पहिराइके धोड़े पइ चढ़ाइके नगर क गलियन स होते भए धोड़े क आगे आगे चल दिहस। मोर्दकै क आगे आगे चलत भवा हामान धोसणा करत रहा, “इ सब उ मनई क बरे कीन्ह गवा ह, जेका राजा आदर देइ चाहत ह।”
12 एकरे पाछे, मोर्दकै फुन राजदुआर पइ चला गवा किन्तु हामान फउरन अपने घरे कइँती चल दिहस। उ आपन मुँडि छुपाए भए रहा काहेकि उ परेसान अउर लज्जित रहा।
13 एकरे पाछे, हामान अपनी मेहरारु जेरेस अउर अपने सबहिं मीतन स जउऩ कछू धटा रहा, सब कछू कहि सुनाएस। हामान क पत्नी अउर ओकार सलाहकारन ओहसे कहेन, “जदि मोर्दकै यहूदी अहइ, तउ तू जीत नाहीं सकत्या। तू आपन सक्ती खोइ सुरु करि चुका ह। तू निहचइ ही नस्ट होइ जाब्या।”
14 अबहिं उ सबइ लोग हामान स बात करत ही रहेन कि राजा क हिजड़ा हामान क घरे आएन अउर फउरन ही हामान क एस्तेर क भोज मँ बोलाइ लइ गएन।
Esther 7
1 फुन राजा अउ हामान एक संग महारानी एस्तेर क भोज बरे चले गएन।
2 एकरे पाछे जब उ पचे दुसरे दिन क भोज मँ दाखरस पिअत रहेन तउ राजा एस्तेर फुन एक सवाल किहस, “महारानी एस्तेर, तू मोहसे का माँगि चाहति अहा? जउन कछू तू माँगबिउ, पउबिउ। बतावा, तोहका का चाही? मइँ तोहका कछू भी दइ सकत हउँ। हिआँ तलक कि मोर आघा राज भी।”
3 एइ पइ महारानी एस्तेर जवाब दिहेस, “हे महाराज! जदि मइँ तोहका भावतिउँ, अउर जदि इ तोहका प्रसन्न करत ह। तउ कृपा कइके मोका जिअइ दया अउऱ मइँ तोहसे इ चाहति हउँ कि मोरे लोगन क भी जिअइ दया। बस मइँ इहइ माँगति हउँ।
4 अइसा मइँ एह बरे चाहति हउँ कि मोका अउर मोरे लोगन क बिनास, हत्या अउ पूरी तरह स नष्ट कइ डावइ क बरे बेच डावा गवा ह। जदि हमका दासन क रुप मँ बेचा जात, तउ मइँ कछू नाहीं कहतिउँ काहेकि कउनो एतनी बड़ी समस्या नाहीं होत जेकरे बरे राजा क कस्ट दीन्ह जात।”
5 एह पइ महाराजा छयर्स महारानी एस्तेर स पूछेस, “तोहरे संग अइसा कौन किहस? कहाँ अहइ उ मनई जउन तोहरे लोगन क संग अइसा बेउहार करइ क हिम्मत किहस?”
6 एस्तेर कहेस, “हमार बिरुधी अउर हमार दुस्मन इ दुस्ट हामान ही अहइ।” तब हामान राजा अउ रानी क सामने आतंकित होइ उठा।
7 राजा बहोत कोहान रहाष उ खड़ा भवा। उ आपन दाखरस हुवँइ तजि दिहस अउर बाहेर बगिया मँ चला गवा। मुला हामान, रानी एस्तेर स अपने प्राणन क भीख माँगइ बरे भीतर ही ठहरा रहा। हामान इ जानत रहा कि राजा ओकर प्राण लेइ क निहचइ कइ लिहस ह। एह बरे उ अपने प्राण क भीख माँगत रहा।
8 राजा जइसे ही बगिया स भोज क कमरे कइँती वापस आवत रहा, तउ उ का लखत ह कि जउने बिछौने पइ एस्तेर ओलरी अहइ, ओह पइ हामान निहुरा भवा अहइ। राजा किरोध भरे सुर मँ स इ सबइ सब्द निकरेन, राजा क सेबकन भीतरे आइके हामान क मार डाएस।
9 राजा क एक ठु हिजड़ा सेवक जेकर नाउँ हरर्बोना रहा, कहेस, “हुवाँ एक पचहत्तर फुट ऊँचा फाँसी क खाम्बा जउन हामान क दुआरा ओकरे घरे क लगे मोर्दकै क फाँसी देइ बरे खड़ा किहा गवा ह। मोर्दकै उहइ अहइ जउन तोहरी हत्या क सड्यंत्र बरे बाताइक तोहर मदद किहे रहा।” राजा बोला, “उ खम्भे पइ हामान क लटकाइ दीन्ह जाइ।”
10 तउ उ पचे उहइ खम्भे पइ जेका उ मोर्दकै क बरे बनाए रहा हामान क लटकाइ दिहस। एकरे पाछे राजा किरोध करब तजि दिहेस।
Esther 8
1 अहइ दिन राजा छयर्स यहूदी लोगक हामान क लगे जउन कछू रहा, उ सब महारानी एस्तेर क दइ दिहस। एस्तेर राजा क बताइ दिहस कि मोर्दकै रिस्ते मँ ओकर भाई लगत ह। एकरे पाछे मोर्दकै राजा स मिलइ आवा।
2 राजा हामान स अपनी जउन अँगुंलि वापस लइ लिहेस रहा, ओका अपनी अँगुंलि स निकारिके मोर्दकै क दइ दिहस। एकरे पाछे एस्तेर मोर्दकै क हामान क सारी सम्पत्ति क अधिकारी नियुक्त कइ दिहस।
3 तब एस्तेर राजा स फुन कहेस अउर उ राजा गोड़न मँ गिरिके सेवइ लाग। उ राजा स पराथन किहेस कि उ अगागी हामान क उ बुरी जोजना क खतम कइ जेका हामान यहूदियन क सोचे रहा।
4 एह पइ राजा अपने सोने क राजदण्ड क एस्तेर कइँती आगे बढ़ाएस। एस्तेर उठी अउरे राजा क अगवा खड़ी होइ गइ।
5 फुन एस्तेर कहेस, “मोर सुआमी! जदि तू मोका पसंद करत ह अउर इ तोहका प्रसन करत ह, तउ कृपा कइके मोरे बरे इ कइ दया। जदि तोहका लगि कि इ अच्छा सुझाव आहइ। तउ एका करा। जदि तू मोह पइ खुस अहइँ तउ कृपा कइके एक टठु आदेस पत्र लिखइँ, जउन उ आदेस पत्र क रदद कइ देइ जेका हामान राजा क राज्ज क सबहिं प्रान्तन मँ बसे यहूदियन क नस्ट करइ बरे पठइ दिहे रहा ह।
6 मइँ महाराजा स इ पराथना एह बरे करति हउँ कि मइँ अपने लोगन के संग उ भयानक तबाही क धटत लखब सहन नाहीं कइ पाउब। मइँ आपन परिवार क हत्या क लखब सहन नाहीं कइ पाउब।”
7 महाराजा छयर्स महारानी एस्तेर अउर यहूदी मोर्दकै क जवाब देत भए कहे रहा,उ इ अहइ, “हमान, काहेकि यहूदियन क बिरोध मँ रहा, एह बरे ओकर सम्पति मइँ एस्तेर क दइ दिहेउँ अउऱ मोरे सिपाहीयन ओका फाँसी देइ क खाम्भा पइ लटकाइ दिहन।
8 अब तू जइसन चाहत ह राजा नाउँ स यहूदीयन क नदद बरे एक ठू दुसर आग्या पत्र लिखा। फुन राजा क बिसेस अँगुठी स उ पत्र पइ मुहर लगाइ दया। काहेकि जउन पत्र राजा कइँती स लिखा गवा ह अउऱ राजा क अगुँठी स मुहर दीन्ह गइ होइ अइसा कउनो राजाधिकारी पत्र रदद नाहीं कीन्ह जाइ सकत।”
9 राजा क सचिवन क फउरन बोलवा गवा। सीवान नाउँ क तीसरे महीने क तेइसवी तारिख क उ आदेस पत्र लिखा गवा। यहूदियन क बरे मोर्दकै क सबहिं आदेसन क सचिवन लिखिके यहूदियन, मुखिया लोगन, राज्जपालन अउर एक सौ सत्ताईस प्रान्तन क अधिकारियन क लगे पहोंचाइ दिहन। इ सबइ प्रान्त भारत स लइके कुस तलक फइले भए रहेन। इ सबइ आदेस पत्र हर प्रान्त क लिपि अउ भाखा मँ लिखे गए रहेन अउर हर देस क लोगन क भाखा मँ ओकार अनुवाद कीन्ह गवा रहा। यहूदियन क बरे इ सबइ आदेस ओनकी अपनी भाखा अउर ओनकी अपनी लिपि मँ लिखे गए रहेन।
10 मोर्दकै इ सबइ आदेस महाराजा छयर्स कइँती स लिखे गए रहेन अउर फुन ओन पत्रन पइ उ राजा क अँगुठी स मुहर लगाइ दीन्ह रही। फुन ओन पत्रन क ओन सँदेसवाहकन क जरिये भेजा गएन रहेन जउन तेज रफ़तार धोड़न पइ सावर रहेन।
11 ओन पत्रन पइ राजा क इ सबइ आदेस लिख रहेन: यहूदियन क हरेक नगर मँ आपुस मँ ऐक जुट होइक, अपनी रच्छा करइ क अघिकार अहइ। ओनका अधिकार अहइ कि उ पचे कउऩे भी रास्ट्र या प्रान्त क कउऩो भी फउज जउऩ कि ओन लोगन पइ अउर ओनके मेहररुअन अउ गदेलन पइ हमला करइ सकत ह क नास कइ देइ, मार डावइँ अउर पुरी तरह स तबाह कइ देइ। यहूदियन क इ अधिकार भी अहइ कि उ पचे आपन दुस्मन क सम्पति लुट लेइँ।
12 जब यहूदियन क बरे अइसा कीन्ह जाइ, ओकरे बरे उदार नाउँ क बारहवें महीने क तेरहवीं तारिख क दिन निहचित कीन्ह गवा। महाराजा छयर्स अपने सबहिं प्रान्तन मँ यूहूदियन क अइसा करइ क अनुमति दइ दीन्ह गइ।
13 इ पत्र क एक प्रति राजा क आदेस क संग हर प्रान्त मँ पठई जाब रही। हर प्रान्त मँ इ एक नेम बन गवा। राज्ज मँ रहइवाले हर जाति क लोगन क बीच एकर प्रचार कीन्ह गवाष उ पचे अइसा एह बरे किहन ताकि यहूदी उ बिसेस दिन क बरे तइयार होइ जाइँ जउन दिन उ पचे अपने दुस्मनन स बदला लेइ सकइँ।
14 राजा क धोड़न पइ सवार संदेस वाहक हाली स बाहेर निकरि गएन। ओनका राजा आग्या दिहे रहा कि हाली करइँ। इ आग्या सूसन क महल प्रान्त मँ बी धोसना कीन्ह गएन।
15 फुन मोर्दकै राजा क लगे स चला गवा। मोर्दकै राजा स मिले ओढ़नन क धारण किहे भए रहा। ओकर ओढ़नन नीले अउ सफेद रंग क रहेन। उ एक ठु लम्बा सोने क मुकुट पहिर रखे रहा। बढ़िया सूत क बना बैगनी रंग क चोगा भी ओकरे लगे रहा। लोग बहोत खूस रहेन।
16 यहूदियन क बरे इ बिसेस खूसी क दिन रहा। इ आनन्द, खूसी अउऱ बड़े सन्मान क दिन रहा।
17 जहाँ कहुँ भी कउनो प्रान्त या कउनो भी नगर मँ राजा क इ आदेस-पत्र पहोंचा, यहूदियन मँ आनन्द अउ खूसी क लहर दउड़ गइ। यहूदी भोज देते रहेन अउर उत्सव मनावत रहेन अउर दूसर बहोत स सामान्य लोग यहूदी बन गएन। काहेकि उ पचे यहूदियन स बहोत डरा करत रहेन, इहइ बरे उ पचे अइसा किहन।
Esther 9
1 लोगन क आदर नाउँ क बारहवें महीने क तेरह तारिख क राजा क आग्या क पूरा करब रहा। यहूदी क दुस्मान क आसा रहने कि उहइ दिना उ पचन्क यहूदी क हराइ सकतेन। किन्तु अब सब कछू उलटा होइ चुकी रही अब यहूदी अपने दुस्मनन क हराब्या जउन ओसे घिना करत रहेन।
2 महाराजा छयर्स क सबहिं प्रान्तन क नगरन मँ यहूदी आपुस मँ उ पचन्क पइ हमला करइ बरे इकट्ठा भएन जउन ओनका नस्ट करइ चाहत रहा। इ तरह ओनके बिरोध मँ कउऩो भी जियादा सक्तिसाली नाहीं रहा काहेकि लोग यहूदी लोगन स डेराइ लागेन।
3 प्रान्तन क सबहिं हाकिम, मुखिया, राज्जपाल अउऱ राजा क प्रबंन्ध अधिकारी यहूदियन क मदद करइ लागेन। उ पचे सबहि अधिकारी यहूदियन क मदद एह बरे किया करत रहेन कि उ पचे मोर्दकै स डेरात रहेन।
4 राजा क महल मँ मोर्दकै एक बहोत महत्वपूर्ण बन गवा। सबहिं प्रान्तन मँ हर कउनो ओकार नाउँ जानत रहा अउर जानत रहा कि उ केतना महत्वपूर्ण अहइ। तउ मोर्दकै जियादा लक्तिसाली होत चला गवा।
5 यहूदियन अपने सबहिं दुस्मान क पराजित कि दिहन। अपने दुस्मान क मारइ अउ नस्ट करइ क बरे उ पचे तरवारन क प्रयोग किया करत रहेन। जउन लोग यहूदियन स घिना किया करत रहेन, ओनेक संग यहूदी जइसा चाहतेन, वइसा बेउहार करतेन।
6 सूसन क राजघानी नगरी मँ यहूदियन पाँच सौ लोगन क मारिके नस्ट कइ दिहन।
7 यहूदियन जउन लोगन क हत्या किहे रहेन ओनमाँ इ सबइ लोग भी सामिल रहेन: पर्मन्दाता, दल्पोन, अस्पता,
8 पोराता, अदल्या, अरीदता,
9 पर्मसता, अरीसै, अरीदै, अउर वैजता।
10 इ सबइ दस लोग हामान क पूत रहेन।हम्मदाता क पूत हामान यहूदियन क बैरी रहा। यहूदियन ओन सबहिं मनसेधुअन क मार तउ दिहेन किन्तु उ पचे ओनकर सम्पति नाहीं लिहन।
11 जउन दिन राजा सूसन क महल प्रान्त मँ बहोत स लोग मारे गएन ह।
12 तउ महारानी एस्तेर स कहेस, “सूसन नगर मँ यहूदियन पाँच सौ मनइयन क मार डाएन ह तथा उ पचे सूसन न हामान क दस पूतन क भी हत्या कइ दिहन ह। राजा क दूसर प्रान्तन मँ का होत जाहइ? अब मोका बतवा तू अउर का करावइ चाहति अहा?जउऩ कहा मइँ ओका पूरा कइ देब।”
13 एस्तेर कहेस, “जदि अइसा करइ क बरे महाराज खुस अहइँ तउ यहूदी लोगन जउन सूसन मँ अहइ ओका कल्ह फुन स सूसा मँ राजा क आग्या पूरी करइ दीन्ह जाइ, अउर हामान क दसहुँ पूतन क फाँसी क खाम्भे पइ लटकाइ दीन्ह जाइ।”
14 तउ राजा इ आदेस दइ दिहस कि सूसन मँ भियान भी राजा क इ आदेसलागु रहइ अउर उ पचे हामान क दसहु पूतन क फाँकी पइ लटकाइ दिहन।
15 आदार महीने क चौदहवीं तारिख क जउन यहूदी सूसन कमहल प्रान्त मँ अहइ एक संग बटुरेन। फुन उ पचे हुवाँ तीन सौ मनइयन क मउत क घाट उतार दिहन किन्तु उ पचे तीन सौ लोगन क सम्पति क नाहीं लिहन।
16 अदार क तेरहवें दिन दूसर प्रन्तन म रहइवाले दूसर यहूदी भी आपुस मँ बटुरेन। उ पचे बरे बटुरेन क् अपने बचाव क लिए उ पचे पर्याप्त बलसाली होइ जाइँ अउर इ तरह उ पचे अपने दुस्मान क छुटकारा पाइ लिहन। यहूदी लोग अपने पचहत्तर हजार दुस्मनन क मउत क घाट उतार दिहन। किन्तु उ पचे जउन दुस्मनन क हत्या किहे रहेन, ओनकर कउनो भी वस्तु क नाहीं लिहन।
17 इ अदार नाउँ क महीने क तेरहवीं तारिख क भवा अउर फुन चौदहवीं तैरिख क यहूदियन बिस्त्राम किहन। यहूदियन उ दिन क एक ठु खुसी भरे दिन क रुप मँ बनाइ दिहन।
18 किन्तु यहूदी लोग जउन चौदहीं तारिख मँ आपुस मँ बटुरेन, तउ पन्द्रहवीं तारिख मँ उ पचे बिस्त्राम किहन। उ पचे पन्द्रहवीं तारिख क फुन एक खुसी भरे छुट्टी क दिन बनाइ दिहन।
19 इहइ कारण उ गाँव क प्रदेस क नान्ह गाँवन मँ रहइवाले यहूदियन चौदहवीं तारिख क खुसियन भरी छुट्टी क रुप मँ रखेन। उ दिन उ पचे मँ एक दूसर क भोज दिहन।
20 जउन कछु घटा रहा हर बात क मोर्दकै पत्र मँ लिख लिहस अउर फुन पत्रन क महाराजा छयर्स क सबहिं प्रान्तन मँ बसे सबहिं यहूदी लोगन क पठइ दिहस। दूर-पास सब कहुँ उ पत्रन पठएस।
21 मोर्दकै यहूदियन क इ बतावइ बरे अइसा किहस कि उ पचे हर साल अदार महीने क चौदहवीं अउर पन्द्रहवीं तारिख क पूरिम क उत्सव मनाया करइँ।
22 यहूदी लोग एँन दिनन क पर्व क रुप मँ एह बरे माने रहेन कि ओनहीं दिनन यहूदियन अपने दुस्मनन स छुटकारा पाए रहेन। ओनका उ महीना क एह बरे भी मानब रहा जब ओनकर ओनके आनन्द मँ बदल गवा रहा। उहइ इ महीना रहा जब ओनकर रोउब धोउब एक ठु उत्सव क दिन क रुप मँ बदल गवा रहा। उ ओन लोगन स कहेस कि य पचे ओन दिनन क उत्सव क रुप मँ मनावइँ। इ समइ एक अइसा समइ होइ जब लोग आपुस मँ एक दूसरे क उत्तिम भोजन क उपहार पठइ तथा गरीब लोगन क भी उपहार देउँ।
23 इ तरह मोर्दकै यहूदियन क लिखे रहा, उ पचे ओका मानइ क तइयार होइ गएन। उ पचे इ बात पइ सहमत होइ गएन कि उ पचे जउन उत्सव क आरम्भ किहन ह, उ पचे ओका मनावत रहिहीं।
24 काहेकि अगागी हम्मदाता क पूत हामान यहूदी लोगन क दुस्मन रहा। उ पचे यहूदी लोगन क खिलाफ ओनका नस्ट करइ बरे बुरा योजोना बनाए रहा। उ पचे ओनका बर्बाद कइ डावइ बरे दिन चुनइ वास्ते पासा लोकाए रहा। ओन दिन पाँसा क “पुर” कहा जात रहा। इहइ बरे इ उत्सव क नाउँ “पुरीम” रखा गवा।
25 किन्तु राजा क लगे गइ अउ उ ओनसे बातचीत किहस। इहइ बरे राजा क नवे आदेस जारी कइ दिहे गएन। यहूदीयन क खिलाप हामान जउन सडयंत्र रचे रहा, ओका रोकइ क बरे राजा अपने पत्र जारी किहस। राजा ओन ही बुरी बातन क हामान अउ ओकरे परिवार क संग घटाइ दिहस। ओन आदेसन मँ कहा गवा रहा कि हामान अउ ओकर पूतन क फाँसी पइ लटकाइ दीन्ह जाइ।
26 इ समइ पासा “पुरीम”कहलाएन। एह बरे इ त्यौहार “पुरीम” कहलाएन। यहूदी लोग हर बरिस इन दुइ दिनन क उत्सव क रुप मँ मनावइ क सुरुआत करइ क निहचइ किहन। उ पचे इ बरे किहन ताकि अपने संग होत भाए जउन बातन उ पचे लखे रहेन, ओनका याद रखइ मँ ओनका मदद मिलइ। यहूदियन हर साल सही समइ पइ एन दिनन क मनावइ क जिम्मा आपन पइ लिहा। उ पचे इ भीसय किहेस कि ओकार सन्तानन अउर दूसर लोगन जउन ओकरे संग मिले, मोर्दकै क निर्दस क अनुसार जउन उ अपने आदेस पत्र मँ दिहे रहा उहइ रीति अउ उहइ समइ पइ मनाउब।
27
28 इ दुइ दिनन पीढ़ी दर पीढ़ी अउर हर परिवार क याद रखब अउर मनाब। एनका हर प्रान्त अउ हर नगर मँ निहचइ पूर्वक क मनवा जाइ चाही। यहूदी लोग क एनका मनाउब कबहुँ नाहीं तजइ चाही। यहूदी लोगन क सन्तानन क चाही कि उ पचे पुरीम क एन दुइ दिनन क मनाउब कबहुँ फेल नाही होइ चाही।
29 महारानी एस्तेर अबीहैल क बिटिया अउर यहूदी मोर्दकै इ दूसर पत्र पूरीम क बारे मँ लिखेस। उ पत्र फुरइ रहा, एँका साबित करइ बरे उ पचे एका राजा क स्मपूर्ण अधिकार क साथ लिखेन।
30 तउ महाराजा छयर्स क राज्ज क एक सौ सत्ताइस प्रान्तन मँ सवाहीं यहूदियन क लगे मोर्दकै पत्र पठएस। मोर्दकै सान्ति अउ सच्चाई क एक सँदेसा लिखेस।
31 मोर्दकै पूरीम लोगन क उत्सव क सुरु करइ क बारे मँ लिखेस। एँन दिनन क मोर्दकै अउर एस्तेर दूआरा अपने बरे अउर अपनी सन्तानन बरे उपवास अउर विलाप क बारे मँ ठीक ओकरे नियुक्त कीन्ह समइ पइ ही मनावा जाब रहा।
32 एस्तेर क पत्र पूरीम क बिसय मँ एन नेमन क स्थापना किहन अउर पूरीम एन नेमन क किताबन मँ लिख दीन्ह गवा।
Esther 10
1 महाराजा छयर्स लोगन पइ कर लगाएस। राज्ज क सबहीं लोगन हिआँ तलक कि सागर तट क सुदूर नगरन क भी कर चुकावइ पड़त रहेन
2 राजा छयर्स जउन महान कार्य अपनी सक्ति अउ सामरथ स किहे उ सबइ “मादै अउर फारस क राजा लोगन क इतिहास” क किताबे मँ लिखे अहइँ। ओन ‘इतिहासक किताबन’ मँ मोर्दकै जउन कछू किहे रहा, उ सब कछू भी लिखा अहइ। राजा मोर्दकै क एक महान मनऊ बनाइ दिहस।
3 महाराजा छयर्स क हिआँ यहूदी मोर्दकै महत्व की दृस्टि , दूसरी जगह पइ रहा। मोर्दकै यहूदियन मँ बहोंत महत्वपूर्ण मनई रहा। अउर ओकर साथी यहूदी ओकर बहूत आदर करत रहेन। उ पचे मोर्दकै क आदर एह बरे करत रहेन कि उ अपने लोगन क भले क बरे काम किहे रहा। मोर्दका सबहिं यहूदियन क कल्याण क बातन किया करत रहा।
Job 1
1 ऊज नाउँ क प्रदेस मँ एक ठु मनई रहा करत रहा। ओकर नाउँ अय्युब रहा। अय्युब एक बहोत ईमानदार अउ बिस्सासी मनई रहा। अय्यूब परमेस्सर क उपासना करत रहत रहा अउ बुराई स दूर रहा करत करत रहा।
2 ओकरे सात ठु बेटहना अउ तीन ठु बिटिहनी रहिन।
3 अय्यूब सात हजार भेड़िन, तीन हजार ऊँटन, एक हजार बर्धन अउ पाँच सौ गदहियन क सुआमी रहा। ओकरे लगे बहोत स नौकर रहेन। अय्यूब पूरब क सब स जियादा धन्नासेठ मँ स एक रहा।
4 अय्युब क बेटहनन बारी-बारी स आपन घरन मँ एक दूसर क खइया क खाइ बरे बोलवा करत रहेन। उ पचे आपन बहिनियन क भी हुआँ ओकरे खाइ अउ पिइ बरे बोलात रहेन।
5 अय्यूब क गदेलन जब भोज खाइ चुकतेन, तउ अय्यूब तड़के भिन्सारे उठत अउ आपन हर गदेला क बदले होमबलि अर्पित करत रहा। काहेकि उ सोचत, “होइ सकत ह, मोर गदेलन आपन हिरदइ मँ परमेस्सर क निन्दा कइ के पाप किहे रहेन।” एह बरे अय्यूब हमेसा अइसा करत रहत रहा।
6 फिन सरगदूतन बरे यहोवा क रिपोर्ट देइ क दिन आवा। सइतान भी ओनकर संग आवा।
7 यहोवा सइतान स कहेस, “तू कहाँ रहया?” सइतान जवाब देए भए यहोवा स कहेस, “मइँ धरती पइ एहर ओहर घूमत रहेउँ।”
8 एह पइ यहोवा सइतान स कहेस, “का तू मोर सेवक अय्यूब क लख्या? इ घरती पइ ओकरे तरह कउनो दूसर मनई नाहीं अहइ। अय्यूब एक ठु ईमानदार अउ बिस्ससी मनई अहइ। उ हमेसा परमेस्सर क आराघना करत ह अउर बुराई स सदा दूर रहत ह।”
9 सइतान जवाब दिहस, “निहचय ही! मुला अय्यूब परमेस्सर क एक खास कारण स आराधना करत ह!
10 तू सदा ओकर, ओकरे घराने क अउर जउन कछू ओकरे लगे अहइ ओकर रच्छा करत ह। जउन कछू उ करत ह तू ओका सफल बनावत ह। हाँ तू ओका बहोत सारा जनावरन झुण्ड अउर रेवड़ पूरे देस मँ फइलावइ बरे दिहस ह।
11 मुला जउन कछू ओकरे लगे अहइ उ सब कछू क अगर तू बर्बाद कइ दया तउ मइँ तोहका बिस्सास दियावत हउँ कि उ तोहरे मुँहे पइ तोहरे बिरुद्घ बोलइ लागी।”
12 यहोवा सइतान स कहेस, “अगर अइसा अहइ, अय्यूब क लगे जउन कछू अहइ ओकरे संग जइसा तू चाहत ह, करा। मुला ओकरे देह का चोट न पहोंेचावा।”एकरे पाछे सइतान यहोवा क लगे स चला गवा।
13 एक दिन, अय्यूब क पूत अउ बिटियन आपन सब स बड़का भइया क घर खइया क खात रहेन अउ दाखरस पिअत रहेन।
14 ठीक तबहिं अय्यूब क लगे एक ठु संदेसवाहक आवा अउ ओका बोला, “जब बर्धा हर जोतत रहेन अउर गदहन मइदान चरत रहेन,
15 कि सबाक लोग हम पचन पइ धावा बोल दिहन अउ तोहरे गोरुअन क लइ गएन। मोका तजिके तोहार सबहिं दासन क सबा क लोग मार डाएन। आप क इ खबर देइ बरे मइँ बचिके पराइ निकरि आवा हउँ।”
16 अबहिं उ सन्देसवाहक कछू कहत ही रहा कि अय्यूब क लगे दूसर संदेसवाहक आवा। दूसर संदेसवाहक कहेस, “अकासे स बिजुरी गिरी अउ आप क भेड़िन अउ दास जरिके राखी होइ गएन है। आप क खबर देइ बरे मइँ ही बचिके निकिरि पावा हउँ।”
17 अबहिं उ संदेसवाहक आपन बात कहत ही रहा कि एक ठु अउर संदेसवाहक आइ गवा। इ तीसर संदेसवाहक कहेस, “कसदी क लोग तीन टोलियन क पठए रहेन, जउन हम पइ हमला बोल दिहन अउर उ पचे सेवकन क मारि डाई क पाछे ऊँटन क छीन लइ गएन। आपक खबर देइ बरे सिरिफ मइँ ही बचिके निकरि पाएउँ ह।”
18 इ तीसर दूत अबहिं बोलत ही रहा कि एक अउर संदेसवाहक आइ गवा। इ चउथा संदेसवाहक कहेस, “आप क बेटवन अउ बिटियन सब स बड़का भाई क घर खइया क खात रहेन अउ दाखरस पिअत रहेन।
19 ठीक तबहिं रेगिस्तान स एका-एक एक ठु तेज आँधी उठी अउर उ मकान क उड़ाइके ढहाइ दिहस मकान आप क पूतन, अउ बिटियन क ऊपर आइ पड़ा अउर उ पचे मरि गएन। आप क खबर देइ बरे सिरिफ मइँ ही बचिके निकरि पावा हउँ।
20 अय्यूब जब इ सुनेस तउ उ आपन ओढ़ना फारि डाएस अउर इ देखावइ बरे उ दुःखी अउर वियाकुल अहइ, उ आपन मूड़ँ मुड़ाइ लिहेस। अय्यूब तब धरती पइ गिरिके दण्डवत किहेस।
21 उ कहेस:“मोर जब इ संसारे क बीच जनम भवा रहा, मइँ तब नंगा रहेउँ, मोरे लगे तब कछू भी नाहीं रहा। जब मइँ मरब अउ इ संसारे क तजब, मइँ नंगा होब अउर मोरे लगे कछू न होइ। यहोवा ही देत ह अउर यहोवा ही लेत, यहोवा क नाउँ क बड़कई करा।”
22 जब इ सबहिं कछू घटना घटत रहा, अय्यूब न ही कउनो पाप किहस अउर न ही परमेस्सर क दोख दिहस।
Job 2
1 फुन एक दिन, यहोवा स मिलइ बरे सरग दूत आएन। सइतान भी ओनके संग रहा। सइतान यहोवा स मिलइ आवा रहा।
2 यहोवा सइतान स पूछेस, “तू कहाँ रहया” सइतान यहोवा क जवाब दिहेस, “मइँ घरती पइ एहर-ओहर घूमत रहेउँ।”
3 एह पइ यहोवा सइतान स पूछेस, “का तू मोर सेवक अय्यूब पइ धियान देत रहत अहा? ओकर जइसा धरती पइ कउनो नाहीं अहइ। अय्यूब ईमानदार अउ बिस्सासी मनई अहइ। उ हमेसा परमेस्सार क उपासना करत ह, बूराई स दूर रहत ह। उ अबहुँ भी ईमानदारी राखत ह हालाँकि तू मोका प्रेरित किहे रहया कि मइँ बिना कारण ही ओका नस्ट कइ देउँ।”
4 सइतान जवाब दिहस, “खाल क बदले खाल! कउनो मनई जिअत रहइ बरे, जउन कछू ओकरे लगे अहइ, सब कछू दइ डावत ह।
5 यह बरे अगर तू आपन सवती क प्रयोग ओकरे देह क नोस्कान पहोंचावइ बरे करा, तउ उ सीधा ही तोहका कोसइ लागी।”
6 तउ यहोवा सइतान स कहेस, “अगर अइसा अहइ, तउ मइँ अय्यूब क तोहरे हवाले करत हउँ, मुला तोहका ओका मार डावइ क छूट नाही अहइ।”
7 एकरे पाछे सइतान यहोवा क लगे स चला गवा। उ अय्यूब क दुःख देइवाला फोड़न क दइ दिहस। इ सबइ पीरा देइवाला फोड़न ओकरे गोड़े क तलवा स लइके ओकरे मुँड़े क ऊपर तलक देह मँ फइल गएन।
8 तउ अय्यूब कूड़ा क ढेरी क लगे बइठ गवा। ओकरे लगे एक ठु ठीकरा रहा, जेहसे उ आपन पीरा दायक फोड़न क खजुआवा करत रहा।
9 अय्यूब क पत्नी ओसे कहेस, “का तू अबहुँ तलक ईमानदार रहइ चाहत ही? तू परमेस्सर क कोसिके मर काहे नाहीं जात्या!”
10 अय्यूब जवाब देत भए आपन पत्नी स कहेस, “तू तउ एक मूरख मेहरारु क तरह बातन करति अहा। देखा, जब परमेस्सर उत्तिम वस्तुअन क देत ह हम ओनका अंगीकार कइ लेइत ह। तउ हमका दुःख भी अपनावइ चाही अउ सिकाइत नाही करइ चाही।” इ सचमूइ दुःखे मँ भी अय्यूब कउनो पाप नाहीं किहस। परमेस्सर क खिलाफ उ कछू नाहीं बोला।
11 अय्यूब क तीन मित्र रहेन: तेमानी क एलीपज, सूही क बिलदद अउर नामाती क सोपर। एँन तीनहुँ मीतन अय्यूब क संग जउन बुरी घटना भइ रहिन, ओन सबन क बारे मँ सुनेन। एँन तीनहुँ मीत आपन-आपन घर तजिके आपुस मँ एक दूसर स भेंटेन। उ पचे इ निहचय किहेन कि उ पचे अय्यूब क लगे जाइके ओकरे बरे सहानुभूति परगट करइँ अउ ओकर हिम्मत बँधावइँ।
12 जब इ तीनहुँ मीत दूर स अय्यूब क लखेन, तउ उ पचे ओका बहोत मुस्किल स पहिचान पाएन। उ पचे भोंकारा मारिके रोवइ लागेन। उ पचे आपन ओढ़ना फाड़ि डाएन। आपन दुःख अउ आपन बेचैनी देखावइ बरे उ पचे आपन आपन मूँड़न पइ माटी डाएन।
13 फुन उ सबइ तीनहुँ मीत अय्यूब क संग सात दिन अउ सात रात तलक भुइँया पइ बइठा रहेन। अय्यूब स कउनो एक सब्द तलक नाहीं कहेस काहेकि उ पचे लखत रहेन कि अय्यूब भयानक पीरा मँ रहा।
Job 3
1 तब अय्यूब आपन मुँह खोलेस अउर उ दिन क कोसइ लग जब उ पइदा भवा रहा।
2 उ कहेस:“जउने दिन मइँ पइदा भवा रहेउँ, बर्बाद होइ चाही रहा। उ राति कबहुँ न आइ होइ चाही जब उ पचे कहे रहेन कि ‘एक ठु लरिका पइदा भवा अहइ।’
3
4 उ दिन अँधियारा स भरा जाइ चाही रहा। परमेस्सर उ दिन क बिसारि जात चाही रहा। उ दिन प्रकास न चमका चाही रहा।
5 उ दिन अँधियारा स पूर्ण बना होत चाही रहा जेतना कि मउत अहई। बादर उ दिन क घेरे रहतेन चाही रहा। जउनो दिन मइँ पइदा भवा करिया बादर प्रकास क डेरवाइ क खदेर देतेन चाही रहा।
6 उ राति क गहिर अँधियारा जकरि लेइ, उ राति क गनती न होइ। उ राति क कउनो महीना मँ सामिल जिन करा।
7 उ राति कछू भी पइदा न करइ। कउनो भी आनन्द क ध्वनि उ राति क सुनाइ न देइ।
8 सराप देइ मँ माहिर मनइयन क उ मनइयन क साथ जउन लिब्यातानक जगवाइ मँ सामर्थ अहइ, क उ दिना क सराप देइ दया जउन दिना मइँ पइदा भएउँ।
9 उ दिन क साँझ तारा करिया पड़ जाइ दया। उ रात भिन्सारे क रोसनी बरे तरसइ अउर उ प्रकास कबहुँ न आवइ दया। उ सूरज क पहिली किरन न लखि सकइ।
10 काहेकि उ रात मोका पइदा होइ स नाहीं रोकस। उ रात मोका इ सबइ कस्ट झेलइ स नाहीं रोकेस।
11 मइँ काहे नाहीं मरि गएउँ जब मइँ पइदा भवा रहेउँ? जन्म क समइ ही मइँ काहे नाहीं मरि के बाहर आए रहेउँ?
12 काहे मोर महतारी गोदी मँ मोका राखेस? काहे मोर महतारी क छतियन मोका दूध पियाएन।
13 अगर मइँ तबहिं मरि गवा होतेउँ जब मइँ पइदा भवा रहेउँ तउ अब मइँ सान्ति स होतउँ। अगर अइसा होतेन मइँ सोवत रहतेउँ अउऱ आराम पउतेउँ।
14 राजा लोगन अउ बुदिधमान मनइयन क संग जउन पृथ्थवी पइ पहिले रहेन। ओन लोग आपन बरे ठउर जगह बनाएन, जउन अब नस्ट होइक मिट चुका अहइँ।
15 मोका ओन सासक लोगन क संग दफनावा जात रहतेउँ जउन सोना-चादी स आपन घर भरे होतेन।
16 मइँ गर्भपात मँ ही मरि जात रहतेउँ। मइँ दिन क प्रकास नाहीं देखि रहतेउँ।
17 दुट्ठ जन दुःख देब तब तजि देत ही जब उ पचे कब्र मँ होत ही अउर थके लोग कब्र मँ आराम पावत हीं।
18 हिआँ तलक कि बंदी भी सुख स कब्र मँ रहत हीं। हुआँ उ पचे आपन अत्याचारियन क आवाज नाहीं सुनत हीं।
19 हर तरह क लोग कब्र मँ रहत हीं चाहे उ पचे महत्व नामा होइँ या साधारण। हुआँ दास आपन सुआमी स छुटकारा पावत ह।
20 अइसे मनई क प्रकास काहे देत रहा जउन दुःख झेल रहा ह अइसे मनई क काहे जिन्नगी देत रहा ह जेकर जिन्नगी कडुवापन स भरा रहत ह
21 अइसा मनई मनइ चाहत ह मुला ओकर मउत नाहीं आवत। अइसा दुःखी मनई मउत पावइ क उहइ तरह तरसत ह जइसे कउनो छुपे खजाना बरे।
22 अइसे मनइयन कब्र पाइके खुस होत हीं अउर आनन्द मनावत हीं।
23 परमेस्सर ओनसे ओनकर भविस्स छिपाए राखत ह अउर ओनकर चारिहुँ कइँती सुरच्छा बरे देवार खड़ी करत ह।
24 मोर गहरी उदासी मोर बरे रोटी बन गवा ह। मोर विलाप जल धारा क तरह बाहेर फूट पड़त ह।
25 मइँ जउने डेराउनी बात स डेरात रहेउँ कि कहुँ उहइ मोरे संग न घटि जाइ अहइ मोरे संग घटि गइ। अउर जउने बाते स मइँ सबन त जियादा डरेउँ, उहइ मोरे संग होइ गइ।
26 न ही मइँ सान्त होइ सकत हउँ, न ही मइँ आराम कइ सकत हउँ। मइँ बहोत ही विपत्ति मँ हउँ।”
Job 4
1 तब तेमान क एलीपज जवाब दिहेस: “अगर मइँ तोहका कउनो राय देउँ तउ का तू नाराज़ होब्या? अगर अइसा अहइ तउ भी मोका बोलइ चाही।
2
3 “हे अय्यूब, तू बहोत स लोगन क सिच्छा दिहा अउर दुर्बल हाथन क तू सक्ती दिहा।
4 जउन लोग लड़खड़त रहत रहेन तोहार सब्दन ओनका हिम्मत बँधाए रहेन तू निर्बल गोड़न क आपन उत्साह स सबल किहा।
5 मुला अब तोह पइ विपत्ति क पहाड़ टूट पड़ा बाटइ अउर तोहार हिम्मत टूट गइ अहइ। विपदा क मार तोह पइ पड़ी अउर तू ब्याकुल होइ उठ्य़ा।
6 तोहका उ परमेस्सर पइ बिस्सास करइ चाही जेका तू उपासना करत ह। आपन ईमानदारी क आपन आसा बनने दया।
7 अय्यूब, इ बात क याद राखा कि कउनो भी निर्दख कबहुँ नाही नस्ट कीन्ह गएन। नीक मनई कबहुँ नाहीं तबाह कीन्ह गवा अहइ।
8 मइँ अहसे लोगन क लखेउँ ह जउन कस्टन क बढ़ावत हीं अउर जउन जिन्नगी क कठिन करत हीं। मुला उ पचे सदा ही दण्ड भोगत हीं।
9 परमेस्सर क दण्ड ओन लोगन क मारि डावत ह, अउर ओकर किरोध ओनका नस्ट करत ह।
10 दुर्जन सेर क तरह गुर्रात अउ दहाड़त हीं। मुला परमस्सर ओन दुर्जनन क चुप करावत ह।
11 बुरे लोग ओन सेरन क तरह होत हीं जेनके लगे सिकार बरे कछू नाहीं होत। उ पचे मरि जात हीं अउर ओनकर गदेलन एहर-ओहर बिखराइ जात हीं।
12 मोरे लगे एक सँदेसा चुपचाप पहुँचावा गवा, अउर मोरे काने मँ ओकर भनक पड़ी।
13 जउने तरह राति क बुरा सपना नींद क उड़ाइ देत ह,
14 मइँ डेराइ गएउँ अउ काँपते लगेउँ। मोर सबइ हडिडयन हिल गइन।
15 मोरे समन्वा स एक आतिमा जइसी गुजरी जेहसे मोरे बदन मँ रोंगटा खड़ा होइ गएन।
16 उ आतिमा मोर समन्वा उठेस, मुला मइँ एका नाहीं पहिचान सकउँ। मोरी आँखिन क समन्वा एक सरुप खड़ा रहा। हुवाँ सन्नाटा स छावा रहा। फुन मइँ एक बहोत स सान्त आवाज सुनेउँ। उ पचे कहेस,
17 ‘का एक मनई परमेस्सर क समन्वा दोखरहित होइ सकत ह का एक मनई आपन सृजनहार स जियादा सुदध होइ सकत ह
18 परमेस्सर आपन सरग क सेवकन तक पइ भरोसा नाहीं कइ सकत। परमेस्सर क आपन दूतन तलक मँ दोख मिलि जात हीं।
19 तउ मनई तउ अउर भी जियादा गवा गुजरा बा। मनई तउ कच्ची माटा क घरौंदा मँ रहत हीं। एँन माटी क घरौंदन क नींव धूरि मँ रखी गइ अहइ। इ सबइ लोगन क ओहसे भी जियादा आसानी स मसलिके मार दीन्ह जात ह, जउने तरह भुनगन मसलिके मार दीन्ह जात ह।
20 लोग भोर स साँझ क बीच मँ मर जात हीं मुला ओन पइ कउनो धियान तलक नाहीं देत ह। उ पचे मरि जात हीं अउर सदा बरे चला जात हीं।
21 ओनके तम्बूअन क खूंटी उखाड़ दीन्ह जात हीं अउर इ सबइ लोग बिना बुद्धि क मरि जात हीं।
Job 5
1 “अय्यूब अगर तू चाहा तउ पुकारिके लखि ल्या मुला तोहका कउनो भी जवाब नाही देइ। तू कउनो भी सरगदूत कइँती मुड़ नाहीं सकत ह।
2 मूरख क किरोध उहइ क नास कइ देइ। मूरख मनई क ईस्य़र्ा ओका ही मरि डइहीं।
3 मइँ एक मूरख क लखे रहेउँ जउन सोचत रहा कि उ सुरच्छित बाटइ। जेकर घर एका-एक सरापित कइ दीन्ह ग रहा।
4 अइसे मूरख मनई क सन्तानन क कउनो भी मदद नाहीं कइ सका। कचहरी मँ ओनका बचइया कउनो नाहीं रहा।
5 ओकरी फसल क भूखे लोग खाइ गएन। हिआँ तलक कि भूखे लोग काँटन क झाड़ियन क बीच जमा भवा अन्न क उठाइ लइ गएन। जउन कछू भी ओन लोगन क लगे रहा उ सबइ चिजियन क लालची मनइयन उठाइके लइ गएन।
6 मुसीबत माटी स नाहीं निकरत ह, न ही विपत्ति मैदान मँ जामत ह।
7 मनई क जन्म दुःख भोगइ बरे भवा ह। इ ओतना ही फुरइ अहइ जेतना फुरइ अहइ कि आगी स चिनगारी ऊपर उठत ह।
8 मुला अय्यूब, अगर तोहरी जगह मइँ होतेउँ तउ मइँ परमेस्सर क लगे जाइके आपन दुःखड़ा कहितेउँ अउर ओकरे लगे राय माँगतेउँ।
9 परमेस्सर क कारनामा समुझइ मँ बहोत अदभुत अहइँ। परमेस्सर क अजूबा गना नाहीं जाइँ।
10 परमेस्सर धरती पइ बर्खा क पठवत ह, अउर उहइ खेतन मँ पानी पठवा करत ह।
11 परमेस्सर विनम्र लोगन क ऊपर उठावत ह। उ ओका ऊपर उठाइके दुःखी क धन क बचावत ह।
12 परमेस्सर चालाक अउ दुट्ठ लोगन क कुचाल क रोक देत ह। एह बरे ओनका सफलता नाहीं मिला करत।
13 परमेस्सर चतुर क उहइ क चतुराइ भरी जोजना मँ पखरि लेत ह। एह बरे ओनकर चतुराइ भरी सबइ जोजना असफल होतिन।
14 उ सबइ चालाक लोग दिन क प्रकास अँन्धियारा क नाई होइ गवा। हिआँ तलक कि दुपहर मँ भी उ पचे आधी-रात क जइसा ठोकर खात हीं।
15 परमेस्सर दीन मनई क मउत स बचावत ह अउर ओनका सक्तीसाली चतुर लोगन क सक्ती स बचावत ह।
16 एह बरे दीन मनई क भरोसा अहइ कि परमेस्सर इ होइ क निआव नाही करब।
17 उ मनई भाग्यवान अहइ, जेकर परमेस्सर सुधार करत ह एह बरे जब सर्व सक्तीसाली परमेस्सर तू पचन्क सजा देत होइ तउ तू आपन दुःखड़ा जिन रोआ।
18 परमेस्सर ओन घावत पइ पट्टी बाधँत ह जेनका उ दिहस ह। उ चोट पहोंचावत ह मुला ओकर ही हाथ चंगा भी करत हीं।
19 उ तोहका छ: विपत्तियन स बचावा। हा!सात विपत्तियन मँ तोहका कउनो नोस्कान न होइ।
20 अकाल क समइ परमेस्सर तोहका मउत स बचाइ अउर परमेस्सर जुदध मँ तोहर मउत रच्छा करी।
21 जब लोग आपन कठोर सब्दन स तोहरे बरे बुरी बात बोलिहीं, तब परमेस्सर तोहर रच्छा करी। विपत्तियन क समइ तोहका डेराइ क जरुरत नाहीं होइ।
22 तू विनास अउ भुखमरी स समइ मँ भी खुस रहब्य़ा। अउर तोहका जगंली जनावरन स भी कबहुँ नाहीं डेराइ चाहीं।
23 मैदानन क चट्टानन तोहार साथी क होइ। जंगली जनावरन भी तोहरे संग सान्ति रखत हीं।
24 तू सान्ति स रहब्या काहेकि तोहार तम्बू सुरच्छित अहइ। तू पचे आपन भेड़न क बाड़ा भी लखब्या, अउर ओहमाँ एक भी भेड़ हेराइ नाहीं।
25 तोहर बहोत सन्तानन होइहीं। उ सबइ एँतना होइहीं जेतना घासे क पाती भुइयाँ पइ अहइँ।
26 तू उ पका भवा गोहूँ जइसा होब्या जउन कटनी क समइ तलक पकत ह। हाँ, तू पूरी उमर तलक जिअत रहब्या।
27 अय्यूब, हम पचे इ सबइ बातन जाँचित ह अउर हम पचे जानित ह कि इ सबइ फुर अहइँ। एह बरे अय्यूब मोर सुना अउर तू इ सबन्क खुद आपन समुझ ल्या।”
Job 6
1 फुन अय्यूब जवाब दिहेस,
2 “मोरे पीरा अउ दुःख क तराजु मँ तउलइ दया।
3 मोर व्याथा समुद्दर क समूची रेत स भी जियादा भारी होइ। एह बरे मइँ गँवार जइसा बात किहेउँ ह।
4 सर्वसक्तीमान परमेस्सर क बाण मोह माँ घुसा अहइँ अउर मोर प्राण ओन बाणन क विख क पिअत रहत ह। परमेस्सर क उ सबइ भयानक सस्त्र मोरे खिलाफ एक संग रखा भवा अहइँ।
5 तोहरे सब्दन कहइ बरे आसान अहइ जब कछू भी बुरा नाहीं भएन ह। हिआँ तलक कि जंगली गदहा भी नाहीं रेकंत अगर ओकरे लगे खाइ क रहइ। इहइ तरह कउनो भी गइया तब तलक नाहीं रँभात जब तलक ओकरे लगे चइर क चारा अहइ।
6 बे नमक क भोजन बिना स्वाद क होत ह। अउर अण्डा क सफेदी मँ भी स्वाद नाहीं होत ह।
7 मोरे बरे तोहार सब्द ठीक उहइ तरह अहइ। इ भोजन क छुअइ स मइँ इन्कार करत हउँ। इ तरह क भोजन मोका सड़ा भवा लागत ह।
8 परमेस्सर क मोर माँग क अनुमोदन करइ दया अउर मोका उ देइ दया जे मँ चाहत हउँ।
9 परमेस्सर क मोका सराप अउर मार डावइ दया!
10 अगर उ मोका मारत ह तउ एक ठु बात क चैन मोका रहीं, आपन अनन्त पीरा मँ भी मोका एक ठु बाते क खुसी रही, कि मइँ कबहुँ भी आपन पवित्र क हुकुमन पइ चलइ स इन्कार नाहीं किहउँ।
11 मोर सक्ती छीण होइ चुकी बाटइ एह बरे मोका जिअत रहइ क आसा नाहीं अहइ। मोका पता नाहीं कि आखीर मँ मोरे संग का होइ? एह बरे धीरज धइर क मोरे लगे कउनो कारण नाहीं अहइ।
12 मइँ चट्टान क नाई मजबूत नाहीं अहउँ। न ही मोर देह काँसे स रची गइ अहइ।
13 अब तउ मोहमाँ एँतनी भी सक्ती नाहीं कि मइँ खुद क बचाइ लेउँ। काहेकि मोहसे कामयाबी छीन लीन्ह गइ अहइ।
14 काहेकि उ जउन आपन दोस्तन खातिर निस्ठा देखावइ स इन्कार करत ह। उ सर्वसक्तीमान परमेस्सर क भी अपमान करत ह।
15 मुला मोरे बन्धु लोगो, तू बिस्सास क जोग्ग नाहीं रहया। तू पचे नदी-तल क नाई अबिस्ससी ह जेहमाँ बरिस क कछू भाग मँ ही जल रहत ह।
16 उ सबहिं अँन्धियारा नदी-तल, बरफ स उमड़ि जात ह जब बरफ टेघरत ही।
17 मुला जब मौसम गरम अउ सूखा होत ह, तब पानी बहब बंद होइ जात ह, अउर जन क धारा झुराइ जात हीं।
18 बइपारी लोगन क दल आपन रास्ता क तजि देत ही अउर रेगिस्ताने मँ प्रवेस कइ जात ही अउर उ पचे तुप्त होइ जात हीं।
19 तेमा क वइपारी दल जल क हेरत रहेन अउर सबा क राही आसा क संग लखत रहेन।
20 उ पचन्क विस्सास रहा कि पानी मिली मुला ओनका निरासा मिली।
21 अब तू पचे ओन जल धारन क समान अहा। तू पचे मोर सबइ यातना क लखत अहा अउ डेरान अहा।
22 का मइँ कहेउँ कि ‘मोका उपहार द्या?’ का मइँ कहेउँ कि ‘मोर बरे रिस्वत क रूप मँ एक भेंट द्या?’
23 का मइँ तू पचन्स कहेउँ, मोर दुस्मनन स मोका बचाइ ल्या? का मइँ तोहका कह्उँ कि ओका मुक्ती-धन द्या जउन मोका पकरेस ह
24 एह बरे अब मोका सिच्छा दया अउर मइँ सान्त होइ जाब। मोका देखाँइ दया कि मइँ का बूरा किहेउँ ह।
25 सच्चा सब्द ताकतवर होत हीं, मुला तू पचे का आलोचना करत ह
26 का तू आलोचना क अविस्कार करत ह का तू एहसे भी जिआदा निरासाजनक सब्द बोलब्या?
27 हिआँ तलक कि जुआ मँ अनाथ क भी वस्तुअन क लेइ चाहत ह। हिआँ तलक कि तू आपन निज मीत क भी बेचइ चाहत ह।
28 मुला अब, मोरे मुख क परखा। मइँ तोहसे झूठ नाहीं बोलब।
29 एह बरे, आपने मने क बदल डावा। एक भी अनियाय जिन होइ दया, फुन स जरा सोचा काहेकि मइँ कउनो बुरा काम नाहीं किहेउँ ह।
30 मइँ झूठ नाहीं कहत हउँ। मोका भला अउ बुरे लोगन क पहिचान अहइ।”
Job 7
1 अय्यूब कहेस, “मनई क धरती पइ कड़ा सघर्ष करइ क पड़त ह। ओकर जिन्नगी भाड़े क मजदूर क जिन्नदी जइसी होत ह।
2 मनई उ भाड़ा क मजदूर जइसा अहइ, जउन दिन क अन्त मँ ठंडी छाँह चाहत ह, अउ मजदूरी क इन्तज़ार करत ह।
3 महीना दर महीना बेचइनी क बीत गवा अहइँ अउर पीरा भइ राति दर रात मोका दइ दीन्ह गइ अहइ।
4 जब मइँ ओलरत हउँ, मइँ सोचत रहत हउँ, ‘मोरे उठइ क कबहुँ अउर कितनी देर अहइ?’ मुला इ रात तउ घसेटत चला जात ह। मइँ तउ पीरा झेल रहत हउँ अउ करवट बदलत हउँ जब तलक सूरज नाहीं निकरि आवत।
5 मोर तन कीरन अउ धूरि स ढाक लीन्ह अहइ। मोर चमड़ी चटक गइ अहइ अउर एहमाँ रिसत भए फोड़ा भरि गवा अहइँ।
6 मोर दिन जुलाहा क फिरकी स भी जियादा तेज चाल स बीतत अहइँ। मोर जिन्नगी क आखीर बिना कउनो आसा क होत अहइ।
7 हे परमेस्सर,याद राखा मोर जिन्नगी सिरिफ एक ठु साँस अहइ। अब मोर आँखी कछू भी नाहीं लखिहीं।
8 अबहिं तू मोका लखत अहा मुला फुन तू मोका नाहीं लख पउब्या। तू मोका हेरब्या मुला तब तलक मइँ जाइ चुका होब।
9 एक बादर छोटा होइ जात ह अउर आखर मँ लुप्त होइ जात ह। इ तरह एक मनई जउन मर जात ह अउर कब्र मँ गाड़ दीन्ह जात ह, उ फुन वापिस नाहीं आवत ह।
10 उ आपन पुराना घरे क वापिस कबहुँ नाहीं लउटी। ओकर घर ओका फुन कबहुँ भी नाहीं जानी।
11 एह बरे मइँ चुप नाहीं रंहब। मइँ सब कहि डाउब। मोर आतिमा दुखी अहइ अउर मोर मन कडुआहट स भरा अहइ, एह बरे मइँ उ सब बातन क बारे मँ सिकायत करब जउन मोर संग घटेस ह।
12 हे परमेस्सर,तू मोर पइ पहरेदार काहे राखेस हका मइँ समुददर हउँ, या समुददर क कउनो दैत्य?
13 हे परमेस्सर, जब मोका लगत ह कि खाट मोका सान्ति देइ अउर मोर पलंग मोका चइन अउ बिस्त्राम देइ, तब मोका सपना मँ डरावत ह।
14
15 मइँ आपन गला घोंटि जाइ पसन्द करब्या। मउत इ देह मँ रहइ स बेहतर अहइ।
16 मइँ आपन जिन्नगी स घिना करत हउँ। मइँ हमेसा अइसा जिअत रहब नाहीं चाहत हउँ। मोका अकेल्ला रहइ दया। मोर जिन्नगी बेकार अहइ।
17 हे परमेस्सर, मनई तोहरे बरे काहे एँतना महत्वपूर्ण अहइ? काहे मनई पइ तोहका एँतना धियान देइ चाहीं?
18 हर भिन्सारे काहे तू मनई क लगे आवत ह अउर हर छिन तू काहे ओका परखा करत अहा?
19 हे परमेस्सर, तू कबहुँ भी मोका नज़र अन्दाज़ नाही करत ह अउर मोका एक छन अकेल्ला नाहीं छोड़त ह।
20 हे परमेस्सर, तू हरेक चिजियन पइ जउन हम पचे करत हीं निगाह रखत ह! जदि मइँ पाप किहा तउ मइँ का किहा? तू मोका काहे निसाना बनाया ह मइँ तोहार बरे काहे बोझ बन गवा हउँ।
21 का तू मोर सबइ गलती क छिमा नाहीं करत्या अउर मोरे पापन क तू काहे छिमा नाहीं करत्या? मइँ हाली ही मरि जाब अउर कब्र मँ चला जाब। जब तू मोका हेरब्या मुला तब तलक मइँ जाइ चुका होब।”
Job 8
1 एकरे पाछे सूह प्रदेस क बिलदद जवाब देत भए कहेस।
2 “तू कब तलक अइसी बातन करत रहब्या? तोहार सब्द तेज आँधी क तरह बहत अहइँ।
3 परमेस्सर सदा स्वच्छ रहत ह। निआउवाली बातन क सर्वसक्तीवाला परमेस्सर कबहुँ नाहीं बदलत ह।
4 एह बरे अगर तोहर सन्तानन परमेस्सर क खिलाफ पाप किहन ह तउ ओनका राजा दिहस ह। आपन पापन खातिर ओनका भोगइ क पड़ा ह।
5 मुला अब अय्यूब, परमेस्सर कइँती निगाह करा, अउर सर्वसक्तीमान परमेस्सर स ओकर दाया पावइ खातिर बिनती करा।
6 अगर तू पवितर अउर ईमानदार अहा, तउ उ हाली तोहार मदद बरे आइ। उ तोहार नीक घरे क रच्छा करब।
7 जउन कछू भी खोया उ तोहका नान्ह स बात लगी। काहेकि तोहार भविस्स बड़ा सुफल होइ।
8 ओन बुढ़वा लोगन स पूछा अउर पता करा कि ओनकर पुरखान क सीखे रहेन।
9 काहेकि अइसा लागत ह जइसा कि हम तउ बस काल्ह ही पइदा भएन ह, हम कछू नाहीं जानित। परछाई क तरह हमार उमर भुइँया पइ बहोत छोट क अहइ।
10 होइ सकत ह कि बूढ़वा लोग तोहका कूछ सिखाइ सकइँ। होइ सकत ह जउऩ उ पचे सीखेन ह उ पचे मोका सिखाइ सकइँ।”
11 बिलदद कहेस, “का भोजपत्र क बृच्छ दलदल भुइँया क इलावा कहुँ बढ़ सकत ह का नरकट बे पानी क बाढ़ि सकत ह
12 नाहीं, अगर पानी झुराइ जात ह तउ उ पचे भी मुरझाइ जइहीं। ओनका काटा जाइ जोग्ग काटिके काम मँ लिआवइ क उ पचे बहोत छोट रहि जइहीं।
13 उ मनई जउन परमेस्सर क बिसारि जात ह, नरकट क तरह होत ह। उ मनई जउन परमेस्सर क बिसारि जात ह ओकरे बरे कउनो आसा नाहीं अहइ।
14 उ मनई क बिस्सास बहोत दुर्बल होत ह। उ मनई मकड़ी क जाला क सहारे रहत ह।
15 अगर कउनो मनई मकड़ी क जाले क सहारा लेत ह, इ टुटि जाइ। अगर उ मकड़ी क जाल क पकरत ह, इ नस्ट होइ जाइ।
16 उ मनई उ पौधे क नाई अहइ जेकरे लगे पानी अउ सूरज क रोसनी बहोतइ अहइ। ओकर डारियन बगिया मँ हर कइँती सँचरत हीं।
17 उ पाथर क टीला क चारिहुँ कइँती आपन जड़न क फइलावत ह अउ चटटान मँ जमइ बरे कउनो ठउर हेरत ह।
18 जब पौधा आपन जगह स उखाड़ दीन्ह जात ह, तउ कउनो भि नाहीं जान पात ह कि हुआँ कबहुँ कउनो पौधा रहा।
19 मुला उ पौधा हुआँ खुस रहा, अब दूसर पउधन हुआँ जमिहीं, जहाँ कबहुँ उ पउधा रहा।
20 मुला परमेस्सर कबहुँ भी निर्दोख मनई का नाहीं तजी अउर उ बुरे मनई क सहारा नाहीं देइ।
21 अबहुँ भी परमेस्सर तोहरे मुँह क हँसी स भरि देइ। तोहरे ओंठन क खुसी स चहकाइ देइ।
22 परमेस्सर तोहरे दुट्ठ दुस्मनन क लज्जा स झुकाइ देइ। अउर ओनकर घरन क नास कइ देइ।
Job 9
1 फुन अय्यूब जवाब दिहस।
2 “हाँ,मइँ जानत हउँ कि तू फुरइ कहत ह मुला मनई परमेस्सर क समन्वा निर्दोख कइसे होइ सकत ह
3 मनई परमेस्सर स बहस नाहीं कइ सकत। परमेस्सर मनई स हजारन सवाल कइ सकत ह अउर कउनो ओनमाँ स एक ठु क भी जवाब नाहीं दइ सकत ह।
4 परमेस्सर बुद्धिमान अउर सक्तीसाली बाटइ। अइसा कउनो मनई नाहीं जउन पारमेस्सर क कामयाबी क खिलाफ करी।
5 जब परमेस्सर कोहाइ जात ह, उ पहाड़न क हटाइ देत ह, अउर उ सबइ समुझ तलक नाहीं पउतेन।
6 परमेस्सर भुइँया क कँपावइ बरे भुइँडोल पठवत ह। परमेस्सर भुइँया क खम्भन क हिलाइ देत ह।
7 परमेस्सर सूरज क आग्या दइ सकत ह अउर ओका उगइ स रोक सकत ह। उ तारन क बंद कइ सकत ह ताकि उ सबइ न चमकाइँ।
8 सिरिफ परमेस्सर अकासन क रचेत ह। उ सागरे क लहरन पर बिचरि सकत ह।
9 परमेस्सर सप्तर्सि, मृगसिरा अउर कचपचिया तारन क बनाएस ह। उ ओन ग्रहन क बनाएस जउन दक्खिन क अकास पार करत हीं।
10 परमेस्सर अइसेन अदभुत करम करत ह जेनका मनई नाहीं समुझ सकत। परमेस्सर क महान अचरज भरे करमन क कउनो अन्त नाहीं अहइ।
11 परमेस्सर जब मोरे लगे स निकरत ह तउ मइँ ओका लख नाहीं पावत हउँ। परमेस्सर जब मोरी बगल स निकरि जात ह तउ भी मइँ जान नाहीं पावत हउँ।
12 अगर परमेस्सर छोरइ लागत ह तउ कउनो भी ओका रोक नाहीं सकत। कउनो भी ओहसे कह नाहीं सकत कि ‘तू का करत अहा?’
13 परमेस्सर आपन किरोध क रोकी नाहीं। हिआँ तलक कि राहाबक सहायक भी परमेस्सर क सक्ती क आगे झुकत ही।
14 एह बरे परमेस्सर स मइँ बहस नाहीं कइ सकत। मइँ नाही जानत कि ओहसे का कहा जाइ।
15 यद्दापि मइँ तउ निर्दोख अहउँ, मोरे लगे कउनो विकल्प नाहीं अहइ किन्तु ओहसे जउनो कि मोका निआव करत ह दाया क आग्रह कइ सकत हउँ। मइँ सिरिफ ओसे जउन मोर निआउ करत ह, दाया क भीख माँग सकत हउँ।
16 अगर मइँ ओका गोहरावउँ अउर उ जवाब देइ, तबहुँ मोका बिस्सास नाहीं होइ कि उ सच ही ओह पइ धियान देत ह, ‘जउन मइँ कहत हउँ।
17 परमेस्सर मोका कुचरइ बरे तूफान पठइ अउर उ मोका अकारण ही जियादा घाव देइ।
18 परमेस्सर मोका फुन साँस नाहीं लेइ देइ। उ मोका अउर जियादा दुख देइ।
19 कउनो मनई परमेस्सर क सक्ती क मुकाबला मँ हराइ नाहीं सकत ह। कउनो मनई परमेस्सर क अदालत मँ लइ बरे मजबूर नाहीं कइ सकत ह।
20 चाहे मइँ निर्दोख अहउँ, जउन कछू भी मइँ कहत हउँ उ मोका दोखी ठहराउब। चाहे मइँ कउनो बुरा काम नाहीं किहा, उ मोका भ्रस्ट क जइसा बनाउब्या।
21 मइँ पाप रहित हउँ। मुला मोका आपन ही परवाह नाहीं अहइ मइँ खुद आपन ही जिन्नगी स घिना करत हउँ।
22 मइँ खुद स कहत हउँ, ‘हर कउनो क संग एक समान ही घटित होइ। निरपराध लोग वइसेन ही मरत हीं जइसे अपराधी मरत हीं। परमेस्सर ओन सबक जिन्नगी क अन्त करत ह।’
23 का परमेस्सर मज़ाक करत ह जब अचान्क विपति आवत अउर कउनो निर्दोख मनई मारा जात ह
24 अगर निआधीस क आँखिन क ढाँपि दीन्ह जाइ तउ घरती पइ दुट्ठन क राज होइ जाब्या। अगर इ परमेस्सर नाहीं किहस, तउ फुन कउन किहस ह
25 कउनो तेज धावक स तेज मोर दिन परात अहइँ। मोर दिन उड़िके बीतत अहइँ अउऱ ओनमाँ कउनो खुसी नाहीं अहइँ।
26 तेजी स मोर दिन बीतत अहइँ जइसे भोजपत्र क नाब बहत चली जात ह। मोर दिन अइसे हीं बीतत अहइँ जइसे उकाब आपन सिकारे पइ टूट पड़त होइ!
27 जदि मइँ कह सकब, ‘मइ सिकाइत नाहीं करब। मइँ जानत दर्द भुल जाब। अउर खुस होइ जाब्या।’
28 किन्तु मइँ अबहुँ तलक पीरा स डेरात हउँ काहेकि मइँ जानत हउँ कि अबहुँ भी तू (परमेस्सर) मोका निर्दोख नाहीं बनाउब्या।
29 मइँ परमेस्सर क संग आपन दलील क खोइ देब। तउ कोसिस करइ मँ मोका आपन समइ काहे बरबाद करइ चाही।
30 चाहे मइँ आपन हाथ धोइ बरे सबन त सुद्ध पानी अउर बड़िया साबुन क प्रयोग करा।
31 फुन भी परमेस्सर मोका घिनौना गड़हा मँ ढकेल देइ जहाँ मोर ओढ़ना तलक मोहसे घिना करिहीं।
32 परमेस्सर, मोर जइसा मनई नाहीं अहइ। एह बरे ओका मइँ जवाब नाहीं दइ सकत। हम दुइनउँ अदालत मँ एक दूसरे स मिल सकित नाहीं।
33 हुवाँ कउनो एक बिचौलिया नाहीं जउन हमार बीच क बातन सुन सकत। हुवाँ कउनो एक नाहीं जउन हम दुइनउँ क ऊपर अधिकार रखइ सकत।
34 अगर परमेस्सर मोका सज़ा देइ बन्द कइ देइ, अउर उ मोका बहोत जियादा नाहीं डेरावइ।
35 तब मइँ बगैर डरे परमेस्सर स उ सब कहि सकत हउँ, काहेकि मइँ जानत हउँ कि मइँ अइसा दोखी नाहीं हउँ जइसा मोह क दोखी ठहराइ गवा ह।
Job 10
1 मुला हाथ, अब मइँ वइसा नाहीं कइ सकत। मोका खुद आपन जिन्नगी स घिना अहइ एह बरे मइँ अजाद भाव स आपन दुखड़ा रोउब। मोरे मने मँ कडुआहट भरी अहइ एह बरे अब मइँ बोलब।
2 मइँ परमेस्सर स कहब ‘मोह पइ दोख जिन लगावा। मोरे खिलाफ तोहरे लगे लगावइ बरे का अहइ?
3 हे परमेस्सर, का तू मोका चोट पहोंचाइके खुस होत ह अइसा लगत ह जइसे तोहका आपन सृस्टि बरे कउनो चिंता नाहीं अहइ। अउर सायद, तू दुस्टन क कुचालन क पच्छ लेत अहा।
4 हे परमेस्सर, का तोहर आँखिन मनई क समान अहइँ का तू चिजियन क अइसे ही लखत ह, जइसे मनइयन लखा करत हीं।
5 का तोहार आयु हम जइसे मनइयन क तरह अल्प अहइ? का तोहार जिन्नगी हम मनइयन क जइसे अल्प अहइ?
6 तू मोर गलतियन खोजत ह अउर मोरे पापन क हेरत ह।
7 तू जानत ह कि मइँ निरपराध हउँ मुला मोका कउनो भी तोहर सक्ती स बचाइ नाहीं सकत।
8 परमेस्सर, तू मोका रच्या अउर तोहर हाथन मोरे तन क सँवारेन, मुला अब ही मोरे खिलाफ होइ गया अउर मोका नस्ट करत अहा।
9 हे परमेस्सर, याद करा कि तू मोका चिकनी माटी स मढ़या, मुला अब तू ही मोका फुन स धूलि मँ बदलब्या।
10 तू मोका दुधे क नाई उड़ेरत स मँ ह, तब तू मोका दही बनावत ह अउर निचोड़त ह अउर फुन तू मोका दुधे स पनीर बनावत ह।
11 तू मोका हाड़न अउ माँस पेसियन स बनाएस ह। तू मोका चमड़ी अउ माँस स ढँकेस ह।
12 तू मोका जिन्नगी क दान दिहा अउर मोरे बरे दयालु रहया। तू मोरे धियान राख्या अउर तू मोरे प्राणन क रखवरी किहा।
13 मुला इ उ अहइ जेका तू आपन मने मँ छुपाए राख्या। मइँ जानत हउँ कि इ उ अहइ जेकर तू आपन मने मँ गुप्त रुप स जोजना बनाया ह।
14 अगर मइँ पाप किहेउँ तउ तू मोका लखत रहया। यह बरे तू मोका निर्दोख घोसित नाहीं कर सकत्य़ा ह काहेकि मइँ बुरा काम किहेउँ ह।
15 अगर मइँ दुस्ट जइसा बेउहार किहेउँ ह तउ तू मोका इ सब झेलइ चाही। अगर मइँ निरपराध भी हउँ तउ भी आपन मूँड़ नाहीं उठाइ पउतेउ काहेकि मइँ लज्जा अउ पीरा स भरा भवा हउँ।
16 इ अइसा ही लागत ह कि तोहका सिंह क तरह मोर सिकार करइ पसन्द ह। तू आपन सक्ती मोर खिलाफ बार-बार देखावत ह।
17 तू मोरे खिलाफ सदा ही कउनो न कउनो क नवा गवाह बनावत ह। तोहर किरोध मोरे खिलाफ अउर जियादा भड़क उठी अउर मोरे खिलाफ तू नई ऩई दुस्मन क सेना लिअउब्या।
18 हे परमेस्सर, तू मोका काहे जन्म दिहा?एहसे पहिले कि मोका कउनो लख सकत कास! मइँ मरि जातेउँ!
19 कास!मइँ जिउत न रहतेउँ। कास! मोका माता क गर्भ स सोझइ ही कब्रा मँ उतार दीन्ह जातेउँ!
20 मोर जिन्नगी कहीब करीब खतम होइ चुकी अहइ। कृपा कइके मोका अकेल्ले रही दया। ताकि मइँ इ अल्प समइ क अनन्द लेइ सकब।
21 एहसे पहिले कि मइँ हुआँ चला जाउँ स कबहुँ मइँ वापस नाहीं आइ सकउँ, जउन जगह पइ अँधियारा अउर घोर अन्धाकर बाटइ,
22 जउन तनिक समइ बचा अहइ मोका जिअइ लेइ दया। एहसे पहिले कि मइँ हुआँ चला जाउँ जउने जगह क कउनो लखि नाहीं पावत, अँधियारा क जगह, छाया अउर गड़वड़ क जगह, उ जगह पइ जहाँ रोसनी भी अँधियारा स भरी होत ह।”
Job 11
1 एह पइ नामात नाउँ क पहँटा क सोपर अय्यूब क जवाब देत भए कहेस,
2 “इ सब्दन क प्रवाह क जवाब मिलइ चाही! का कउनो मनई आपन क सिरिफ जियाद बोलइ के निर्दोख बनावइ सकत ह।
3 का तू सोचत ह कि तोहार सेखी हम लोगन क सांत कइ सकत? का तू सोचत ह कि बिना हमार स डांट खाए मज़ाक उड़ा सकत ह।
4 अय्यूब, तू परमेस्सर स कहत रह्या, ‘मोर सिद्धान्त सुद्ध अहइ। तू लख सकत ह कि मइँ निर्दोख अहउँ।’
5 सचमुच मँ मोर इ इच्छा अहइ कि परमेस्सर बोलइ अउर तोहसे बात करिहीं।
6 तउ तोहका बुद्धि क रहस्य बताइ। बुद्धि अनेक सच्चाइ राखत ह। अय्यूब, मोर सुना। परमेस्सर सचमुच ही तोहार कछू पापन क नज़र अन्दाज करत ह।
7 अय्यूब का तू परमेस्सर क रहस्य समुझ सकत ह का तू सर्वसाक्तीमान परमेस्सर क बुद्धि क सीमा समुझ सकत ह
8 ओकर बूद्धि अकासे स ऊँच अहइँ, तू का कइ सकत्या? ओकर बुद्धि मृत्यलोक स गहिर अहइँ, का तू एका समुझ सकत्या?
9 उ सबइ सीमा धरती स बड़ा अउर सागर स बिसाल अहइँ।
10 अगर परमेस्सर तोहका बन्दी बनावइ अउर तोहका अदालत मँ लइ जाइ, तउ कउन ओका रोक सकत्य़ा?
11 परमेस्सर सचमुच जानत ह कि कउन धोखेबाज़ अहइ। परमेस्सर जब बुरी काम क लखत ह, तउ उ ओकर नज़र अन्दाज़ नाही करब्या।
12 मुला कउनो मूरख मनई कबहुँ बुद्धिमान नाहीं होइ सकत ह। जइसे एक जंगली गदहा एक मनई क जन्म नाहीं देइ सकत ह।
13 तउ अय्यूब, तोहका आपन सोच-बिचार पइ जरुर रोक लगावइ चाही, अउर आपन हाथन पराथना मँ फइलावइ चाहीं।
14 कउनो दुट्ठता जउन तोहरे हाथन मँ बसा अहइ, ओका तू दूर करा। अउर आपन घरे मँ कउनो बुराइ क जिन रहइ दया।
15 तबहिं सिरिफ तोहर दोख क छिमा कीन्ह जाब्या। तू मजबूती स खड़ा रहब्या अउर नाहीं डेराब्या।
16 अय्यूब, तब तू आपन विपत्ति क बिसरि जाब्या। तू आपन दुखड़ा क बस उ पानी जइसा सुमिरन करब्या जउन तोहरे लगे स बहिके चला गवा।
17 तोहर जिन्नगी दुपहर क सूरज स भी जियादा उज्जर होइ। जिन्नगी क अंधियर घड़ियन अइसेन चमकिहीं जइसे भिन्सारे क सूरझ।
18 अय्यूब, तू सुरच्छित अनुभव करब्य़ा काहेकि हुआँ आसा होइ। परमेस्सर तोहार रखवारी करी अउर तोहका आराम देइ।
19 चइन स तू सोउब्या, कउनो तोहका नाहीं डेराई अउर बहोत स लोग तोहसे मदद मंगिहीं।
20 मुला जब बुरे लोग आसरा हेरिहीं, तब ओनका नाहीं मिली। ओनके लगे कउनो आस नाहीं होइ। मउत ही ओनकर सिरिफ आसा होइ।”
Job 12
1 फुन अय्यूब सोपर क जवाब दिहस।
2 “बिना संदेह क तू सोचत अहा कि सिरिफ तू ही लोग बुद्धिमान अहा, तू सोचत अहा कि जब तू मरब्या तउ विवेक मर जाइ तोहरे संग।
3 मुला तोहार जेतँनी बुद्धि भी उत्तिम बाटइ, मइँ तोहसे कछू घटिके नाहीं अहउँ। अइसी बातन क जइसी तू कहत ह, हर कउनो जानत ह।
4 अब मोरे मीत मोरे मसखरी उड़ावत हीं। ‘मइँ प्रतिदिन परथना किहा करत रहा अउर उ मोर परथना क जवाब देत रहा। किन्तु अब भी मइँ बेगुनाह अउर निर्दोख अहउँ, मोर परोसी मोर खिल्ली उड़ावत हीं।’
5 अइसे लोग जेह पइ कबहुँ विपति नाहीं पड़ी, विपदा स घिरा लागेन क हँसी किया करत हीं। मगर विपदा हमेसा उ लोगन पइ आइ बरे तइयार रहत ही जेकर गोड़ दृढ़ नाहीं अहइँ।
6 डाकुअन आपन डेरन मँ बगैर चिन्ता क रहत हीं। अइसे लोग जउन परमेस्सर क क्रोधित करत हीं, सान्ति स रहत हीं। परमेस्सर ओनका धियान रखत हीं।
7 चाहे तू पसु स पूछिके लखा, उ पचे तोहका सिखाइ देइहीं, या हवा क पंछियन स पूछा उ पचे तोहका बताइ देइहीं।
8 या तू धरती स पूछि ल्या उ तोहका सिखाइ देइ या सागरे क मछरियन क आपन गियान तोहका बतावइ दया।
9 हर कउनो जानत ह कि यहोवा एँन सबइ चिजियन क रचेस ह।
10 हर जिअत पसु अउर हर एक प्राणी जउन साँस लेत ह, परमेस्सर क आधीन अहइ।
11 जइसे जीभ भोजन क सुआद चखत ह वइसे ही कानन क सब्दन क परखत ह।
12 लोग कहित ह, ‘अइसा ही बूढ़न क लगे विवेक रहत ह। अउर लम्बी उमर समुझ बुझ देत हीं?’
13 किन्तु उ परमेस्सर अहइ जेकर लगे बुदिध अउर सक्ती अहइ। उ अच्छा सलाह अउर सूझबूझ रखत हीं।
14 अगर परमेस्सर कउनो चिज क ढहाइ क गिराइ देइ तउ, फुन लोग ओका नाहीं बनाइ सकतेन। अगर परमेसस्र कउनो मनई क बन्दी बनावइ, तउ लोग ओका अजाद नाहीं कइ सकतेन।
15 अगर परमेस्सर बर्खा क रोकइ तउ धरती झुराइ जाइ। अगर परमेस्सर बर्खा क छूट दइ दइ, तउ उ धरती पइ बाढ़ लइ आई।
16 परमेस्सर सक्तीसीली अहइ। उ सदा विजयी होत ह। उ मनई जउन छलत ह अउर उ मनई जउन छला जात ह दुउनउँ परमेस्सर क अहइँ।
17 परमेस्सर सलाहकारन स ओनकर बूदिध लेइ लेत ह। उ प्रमुखन क अइसा बनाइ देत ह कि उ पचे मूर्ख मनइयन जइसा बेउहार करइ लागत हीं।
18 परमेस्सर राजा लोगन क अधिकार हटाइ लेत ह अउर ओनका दास बना देत ह।
19 परमेस्सर याजक लोगन ओनकर सक्ती स वंचित कर देत ह अउर ओनकर दर्जा क सुरच्छा क छीन लेत ह।
20 परमेस्सर बिस्सासनीय सलाहकार क चुप कराइ देत ह। उ बूढ़े लोगन क बूद्धि लइ लेत ह।
21 परमेस्सर महत्वपूर्ण अधिकारियन क साथ अइसा बेउहार करत ह जइसा उ कछू नाहीं अहइ। उ सासकन क सक्ती लेइ लेत हीं।
22 परमेस्सर अँधियारा स रहस्य स भरी सच्चाई क परगट करत ह। उ घना अँधियारा स घिरा जगहियन पइ, रोसनी पठवत ह।
23 परमेस्सर रास्ट्रन क विसाल अउ सक्तीसाली होइ देत ह, अउऱ फुन ओनका उ नस्ट कइ डावत ह। उ रास्ट्रन क विकसित कइके विसाल बनइ देत ह, फुन ओनकर लोगन क उ तितर बितर कइ देत ह।
24 परमेस्सर धरती क रास्ट्रन क प्रमुखन क मूरख अउर नासमुझ बनाइ देत ह। उ ओनका मरुभूमि मँ जहाँ कउऩो राह नाहीं भटक बरे पठवत ह।
25 उ पचे प्रमुख लोग अँधियारा मँ आपन राह टटरोत रहत हीं। कउनो भी प्रकास ओनके लगे नाहीं होत ह। परमेस्सर ओनका अइसे चलावत ह, जइसे पीके धुत भए लोग चलत हीं।”
Job 13
1 मोर आँखिन पहिले स ही उ सब चिजियन क गवाही अहा जउन तू कह्या ह। मोर कानन पहिले ही सुन अउर समुझ चुका ह जउन कछू तू करत अहा।
2 मइँ भी ओतना ही जानत हउँ जेतना तू जानत अहा, मइँ तोहसे कम नाहीं हउँ।
3 किन्तु मइँ सर्वसक्तीमान परमेस्सर स बोलइ चाहत हउँ, अउर मइँ ओकर समन्वा आपन मुकद्दमा क सफ़ाइ देउँ।
4 मुला तू तीनउँ लोग आपन छूठ बातन स सच्चाई क ढाँपइ चाहत अहा। तू उ बेकार क चिकित्सक नाई अहा जउन कउनो क नीक नाहीं कइ सकत।
5 मोर इ कामना अहइ कि तू पूरी तरह चुप होइ जा। इ तोहरे बरे बूद्धिमानी क बात होइ जउन तू कइ सकत ह।
6 “अब मोर तर्क सुना। सुना जब मइँ आपन सफाई देउँ।
7 का तू परमेस्सर बरे झूठ बोलब्या? का तू सचमुच परमेस्सर क बारे मँ झूठ बोलब्या?
8 का तू मोरे खिलाफ परमेस्सर क पच्छ लेब्या? का तू अदालत मँ परमेस्सर क बचावइ जात अहा?
9 अगर परमेस्सर तोहका बहोत करीब स जाँच लिहस तउ का उ कछू भी नीक बात पाई? का तू सोचत अहा कि तू परमेस्सर क छल पउब्या, ठीक उहइ तरह जइसे तू लोगन क छलत अहा?
10 अगर तू अदालत मँ छुपा छुपा कउनो तरफ़दारी करब्या, तउ परमेस्सर निहचय ही तोहका लताड़ी।
11 ओकर तेज तोहका डरावत ह अउऱ तू डर जात ह।
12 तोहार कहब धूलि जइसे बेकार अहइँ। तोहार तर्कन माटी जइसी दुर्बल अहइँ।
13 चुप रहा अउ मोका कहि लेइ दया। मोरे संग कछू बात होइ जाइ दया।
14 मइँ खुद क संकट मँ डावत हउँ अउर मइँ खुद आपन जिन्नगी आपन हाथन मँ लेत हउँ।
15 होइ सकत ह परमेस्सर मोका मारि देइ। यद्यापि मोका जीत क कछू आसा नाहीं अहइ, तउ भी मइँ आपन मुकदमा क तर्क ओकरे समन्वा देब।
16 परमेस्सर मोर मुक्ति अहइ, काहेकि कउनो दुट्ठ मनई ओकर आपने-सामने नाहीं आइ सकत।
17 ओका धियान स सुना जेका मइँ कहत हउँ, ओह पइ कान दया जेकर व्याख्या मइँ करइ चाहत हउँ।
18 अब मइँ आपन बचाव करइ क तैयार हउँ। इ मोका पता अहइ कि मोका निर्दोख सिदध कीन्ह जाइ।
19 कउनो भी मनई इ प्रमाणित नाहीं कइ सकत कि मइँ गलत हउँ। अगर कउनो मनई इ सिदध कइ देइ तउ मइँ चुप होइ जाब अउर मरि जाब।
20 हे परमेस्सर, तू मोका दुइ बातन दइ दया, फिन मइँ तोहसे नाहीं छुपब।
21 मोका दण्ड देइ रोकि दया, अउर मोसा जियादा लड़इ छोड़ द्या।
22 फिन तू मोका पुकारा अउर मइ तोहका जवाब देब, या मोका बोलइ दया अउर तू मोका जावब दया।
23 केतँना पाप मइँ किए हउँ? कउन सा अपराध मोहसे होइ गवा? मोका मोर पाप अउर अपराध देखाँवा।
24 हे परमेस्सर, तू मोहसे काहे बचत अहा?तू मोर संग दुस्मन जइसा बेउहार काहे करत अहा?
25 का तू मोका डेरउब्या? मइँ एक पत्ता जइसा हउँ जेका पवन उड़ावत ह। एक झुरान तिनका क तू खदेड़त अहा।
26 हे परमेस्सर, तू मोरे विरोध मँ गंभीर दोसपूर्ण बात लिखत अहा। का तू मोका अइसे पापन बरे दुःख देत ह जउन मइँ आपन जवानी मँ किहे रहेउँ?
27 मोरे गोड़न मँ तू काठ डाइ दिहया ह। तू मोर हर कदम पइ आँखी गड़ए रखत ह। मोरे कदमन क तू सीमा बाँध दिहा ह।
28 मइँ सड़ी चीज जइसा छीन होत जात हउँ कीरन स खाए भए ओढ़नन क टुका जइसा।”
Job 14
1 “उहइ दिना स जब हमार मताहरी हम पचन क जन्मेस ह, हमार जिन्नगी छोट अउ दुःख स भरी अहइ।
2 मनई क जिन्नगी फूल क नाई अहइ जउन हाली जमत ह अउर फुन खतम होइ जात ह। मनई क जिन्नगी अहइ जइसे कउनो छाया तनिक देर टोकत ह अउर बनी नाहीं रहत।
3 हे परमेस्सर, का तू उ मनई पइ धियान देब्या जउन मरा भवा लागत ह का तू मोर निआउ करइ मोका समन्वा लिअउब्या?
4 “कउनो अइसी चीज स जउन खुद स्वच्छ नाहीं अहइ स्वच्छ चीज कउन पाइ सकत ह कउनो नाहीं।
5 मनई क जिन्नगी सीमित अहइ। तू ओकर जीवन काल क सीमित कइ दिहेस ह। तू मनई बरे जउन सीमा बाँध्या ह, ओका कउनो भी नाहीं बदल सकत।
6 तउ परमेस्सर, तू हम पइ आँखी रखब तजि दया। हम लोगन क अकेल्ला तजि दया। हम पचन्क क आपन जिन्नगी क उहइ तरह समाप्त करइ दया जे तरह मजदूरन आपन काम क समाप्त करत ह।
7 मुला अगर बृच्छ क काटिके गिराइ दीन्ह जाइ तउ भी आसा ओका रहतह कि उ फुन स पनप सकत ह, काहेकि ओहमा नई नई डारन फूटत रइहीं।
8 चाहे ओकर जड़न धरती मँ पुरान काहे न होइ जाँइ अउर ओकार तना चाहे माटी मँ गल जाइ।
9 मुला पानी क सिरिफ गंध स उ नई बढ़त देत ह अउर एक पउध क तरह ओहसे डारन फूटत हीं।
10 मुला एक मनई कमज़ोर होइ जात ह अउ मरि जात ह, अउर तब उ चला जात ह।
11 समुददर स पानी गाएब होइ सकत ह अउर नदियन सूख कइ फट सकत ह,
12 अउर तउ भी जउऩ कउनो आपन कब्र मँ मरा भवा अहइ कबहुँ भी नाहीं जी उठब! ओकर नींद स जगाइ स पहिले ही आकास लुप्त होइ जाइ।
13 मोर इच्छा अहइ कि तू मोरी कब्र मँ तक तलक छुपाइ लेइ चाही जब तलक तोहार किरोध कम नाहीं होइ जाइ। अउर तोहका आदेस दीन्ह जाइतेन अउर मोका जगावा जातेन।
14 अगर कउनो मनई मरि जाइ तउ का जिन्न कबहुँ पउब्या? मइँ तब तलक बाट जोहब, जब तलक मोर कर्तव्य पूरा नाहीं होइ जात अउर जब तलक मइँ अजाद न होइ जाऊँ।
15 हे परमेस्सर, तू मोका बोलउब्या अउर मइँ तोहका जवाब देब। उ तू ही अहइ जउन मोका बनाया ह यह बरे तोहका मोह पइ धियान देइ चाही।
16 तब मोरी इच्छा अहइ कि तू मोर हर कदम क जाँच करा, मुला तोहका मोहमाँ कउनो गल्ति खोजइ क कोसिस नाहीं करइ चाही।
17 तउ इ अइसा होइतेन कि मोर पापन क एक थइला मँ बन्दा कीन्ह जातेन। अउर तू मोरे पापन क हटाइ देतेन।
18 एक नस्ट भवा पहाड़ क जइसा जेकर टूका ले लइ जात ह अउर एक चट्टान जउन आपन जगह स हटाइ लेइ जात ह।
19 जइसे पानी पाथर क घाँसि डावत ह अउ माटी क पानी बहाइके तल मँ लइ जात ह। हे परमेस्सर, उहइ तरह मनई क आसा क तू नस्ट करत अहा।
20 तू एक दाँइ मनई क हरावत अहा अउर उ खतम होइ जात ह। तू ओकरे मुँह बिगाड़न ह अउर ओका पठइ देत ह।
21 अगर ओकर पूत कबहुँ सन्मान पावत हीं तउ ओका कबहुँ ओकर पता नाहीं चल पावत। अगर ओकर पूत कबहुँ अपमान भोगत हीं, तउ उ कबहुँ ओका लखि नाहीं पावत ह।
22 तउ मनई क देह क कारण ही ओका पीड़ा होत ह अउर ओकर आतिमा ओकरे बरे सोक मनावत ह।”
Job 15
1 एह पइ तेमान नगर क बसइया एलीपज अय्यूब क जवाब दिहेस।
2 “का तू सोचत अहा कि कउनो बुद्धिमान मनई बे अरथ सब्द स जवाब देत ह अउ आपन आप क गर्म हवा स भरि देत ह
3 का तू सोचक ह कि कउनो बुद्धिमान मनई व्यर्थ क सब्दन स अउर ओन भासणन स बहस करी जेनकर कउनो लाभ नाहीं अहइ?
4 अय्यूब, तोहर जवाब लोगन क परमेस्सर क आदर अउर ओकर उपासना करइ स रोकइ क कारण होइ।
5 तू जउने बातन क कहत ह उ तोहार पाप साफ साफ देखावत ह। अय्यूब, तू चतूराई स भरे भए सब्दन क प्रयोग कइके आपन पापन क छुपावइ क प्रयत्न करत अहा।
6 मोका जरुरी नाहीं कि तोहका गलत सिदध करउँ। काहे तू खुद आपन मुहँ स जउन बातन कहत ह, उ देखाँवत हीं कि तू बुरा अहा अउर तोहर ओठं खुद तोहरे खिलाफ बोलत हीं।
7 अय्यूब, का तू सोचत ह कि जन्म लेइवाला पहिला मनई तू ही अहा अउर पहाड़न क रचना स पहिले तोहार जन्म भवा रहा।
8 का तू परमेस्सर क रहस्य स भरी सबइ जोजना क सुने रहया? का तू सोचत ह कि तू बुद्धिमान अहा?
9 अय्यूब, तू हम पचन स जियादा कछू नाहीं जानत अहा। उ सबइ बातन हम पचन समझत अही, जेनकर तोहका समुझ अहइ।
10 उ सबइ लोग जेनकर बार सफेंद अहइँ अउर बुढ़वा मनई अहइ उ पचे हम स सहमत रहत हीं। हाँ, तोहरे बाप स भी बुढ़वा लोग हमरे समर्थन मँ अहइँ।
11 परमेस्सर तोहका सुख देइ क जतन करत ह। अउर तोहमा नर्मी स बात करत ह। का इ तोहरे बरे काफी नाहीं अहइ? मुला तू सोचत अहा कि तोहर बरे काफी नाहीं अहइ।
12 अय्यूब, तू काहे नाहीं समुझब्या? तू सच्चाइ क काहे नाहीं लखइ सकब्या?
13 जब कभी तू इ तरह बोलत ह तू परमेस्सर क खिलाफ होत ह।
14 फुरइ कउनो मनई सुद्ध नाहीं होइ सकत। मरनसील मनई नीक नाहीं होइ स्सकत ह।
15 हिआँ तलक कि परमेस्सर आपन दूतन तलक पइ भी निभर नाही रहत ह। हिआँ तलक कि सरग भी परमेस्सर क अपेच्छा सुद्ध नाही अहइ।
16 मानव जाति बहोत जियादा पापी अउर भ्रस्ट अहइँ। उ बुराइ क पानी क तरङ गटक जात ह।
17 अय्यूब, मोरी बात सुना अउर मइँ ओकर व्याख्या तोहसे करब। मइँ तोहका बताउब, जउन मइँ जानत हउँ।
18 मइँ तोहका उ सहइ बतउब्या जउन बुद्धिमान मनई बतउब्या। उ पचे एन बातन क आपन पूरखन स सुनेस ह अउर ओनका छिपाइ बिना बताएस।
19 सिरिफ ओनकर पूरखन क ही भुइँया दीन्ह गवा रहा। ओनकर देस मँ कउनो परदेसी नाहीं रहा।
20 दुट्ठ मनई जिन्नगी भइ पीरा झेली। एक क्रूर मनई ओन सबहिं बरिसन मँ जउन ओकरे बरे निहचित कीन्ह ग अहइँ, दुःख भोगत रही।
21 ओकरे कानन मँ भयंकर ध्वनियन होत रइहीं। जब उ सोची उ सुरच्छित अहइ तबहीं ओकर दुस्म ओह पइ हमला करिहीं।
22 दुट्ठ मनई कउनो आसा नाहीं अहइ कि उ आँधियारा बचिके निकरि पावइ। कहुँ एक अइसी तरवार अहइ जउन ओका मार डावइ क इन्तज़ार करत अहइ।
23 उ एँह कइँती ओह कइँती भटकत भवा फिरत ह मुला ओकर देह गधीन क चारा बनि जाइ। ओका इ पता अहइ कि ओकर मउत बहोत निचके अहइ।
24 चिन्ता अउ यातना ओका डरपोक बनावत हीं। इ सबइ बातन ओह पइ अइसे वार करत हीं जइसे कउनो राजा जुदध करइ बरे तइयार होत ही।
25 काहेकि दुट्ठ मनई परमेस्सर क हुकुम मनइ स इन्कार करत ह अउर सर्वसक्तीमान क नज़र-अन्दाज़ करत ह।
26 उ दुट्ठ मनई बहोत हठी अहइ। उ परमेस्सर क खिलाफ लड़इ चाहत ह, सोचत अहा कि उ मजबूत ढाल स ओका हराइ सकत ह।
27 दुट्ठ मनई बहोत क मुँहे पइ चर्बी चढ़ी रहत ह। ओकर कमर माँस भर जाइ स मोटवार होइ जात ह।
28 मुला उ उजाड़ सहरन मँ रही। उ अइसे घरन मँ रही जहाँ कउनो नाहीं रहत ह।ओकर घरन हाली ही रौंदा जइहीं।
29 दुट्ठ मनई जियादा समइ तलक धनी नाहीं रही। ओनकर भाग्य क धरती पइ स्थित रुप मँ ठहरवा नाहीं जाब्य़ा।
30 दुट्ठ मनई अँधियारा स न बच पाई । उ उ बृच्छ क नाई होइ जेकर सबइ डारन आगी स झउँस गइ अहइँ। परमेस्सर क साँस दुट्ठन क उड़ाइ देइ।
31 दुट्ठ लोग बेकार क चिजियन क भरोसे रहिके आपन क मुरख न बनावइँ काहेकि ओका कछू प्राप्त न होइ पाई।
32 दुट्ठ मनई समइ स पहिले ही मरि जाब। उ पचे उ बृच्छ क नाई होइ जाइ जेकर चोटी क डारन मरि गवा ह।
33 दुट्ठ मनई उ अंगूरे क बेल क नाई होत ह जेकर फल पाकइ स पहिले ही झरि जात हीं। अइसा मनई जइतून क बृच्छ क नाई होत ह, जेकर फूल सारि जात हीं।
34 काहेकि परमेस्सर क बगइर लोग खाली हाथ रहहीं। अइसे लोग जेनका पइसन स पियार अहइ,घूस लेत हीं। ओनकर घर आगी स नस्ट होइ जइहीं।
35 उ पचे मूसिबत क कुचक्र रचत हीं अउर बुरे करम करत हीं। उ पचे लोगन क छलइ क तरकीब क जोजना बनावत हीं।”
Job 16
1 एह पइ अय्यूब जावाब देत भए कहेस:
2 “मइँ पहिले ही इ सबइ बातन क बहोत बार सुनेउँ ह। तू “आरामदेइवाला लोग” सचमुच सिरिफ मोका तंग करत ह!
3 तोहार बेकार क लम्बी बातन कबहुँ खतम नाहीं होतिन। तू काहे तर्क करत ही रहत ह
4 जइसे तू कहत अहा वइसे बातन तउ मइँ भी कहइ सकत्या। अगर तू पचन्क मोर दुःख झेलइ क पड़त, मइँ भी तोहार खिलाफ तर्क देइ सकत हउँ अउर तोहार अपमान कइ सकत्या।
5 मुला मइँ आपन बचनन स तोहार हिम्मत बढ़ाइ सकत्या अउर तोहरे बरे आसा बँधाइ सकत्या।
6 मुला जउन कछू मइँ कहत हउँ ओहसे मोर दुःख दूर नाहीं होइ सकत। मुला अगर मइँ कछू भी न कहउँ तउ भी मोका चइन नाहीं पड़त।
7 पुरइ हे परमेस्सर तू मोर सक्ती क हर लिहा ह। तू मोर सारा घराने क बर्बाद कइ दिहा ह।
8 तू मोर सरीर क झूररीदार बनाइ दिहेस ह, अउर इ मोर खिलाफ गवाही दिहेस ह। मइँ खउफनाक देखाँत हउँ अउर लोग अइसा सोचत हीं कि मइँ बुराइ करइ क कारण अपराधी हउँ।
9 परमेस्सर मोह पइ प्रहार करत ह। उ मोह पइ कोहान अहइ। उ मोरी देह क फारिके अलगाइ दिहस ह। परमेस्सर मोरे ऊपर दाँत पीसत ह। मोर दुस्मन घिना स भरी निगाह स घूरत हीं।
10 लोग मोर हँसीं करत हीं। उ पचे सबहीं मोर खिलाफ इकट्ठा होत ह अउर मोरे मुँह क थपड़ावत ह।
11 परमेस्सर मोका दुट्ठ लोगन क हाथे मँ अर्पण कइ दिहे अहइ। उ दुट्ठ मनई मोहे पइ सक्ती दिहस ह।
12 मोरे संग सब कछू भला चंगा रहा। तबहीं परमेस्सर मोका कुचर दिहस। हाँ, उ मोका गटई स धइ लिहेस अउर मोर चिथरा चिथरा कइ डाएस। परमेस्सर मोका निसाना बनाइ लिहस।
13 परमेस्सर क तीरंदाज मोरे चारिहुँ कइँती अहइँ। उ मोरे गुर्दन क बाणन स बेधत ह। उ मोहे पइ दाया नाहीं देखावत ह। उ मोरे पिप्त क धरती पइ बहाइ देत ह।
14 परमेस्सर मोह पइ बार बार वार करत ह। उ मोह पइ अइसे झपटत ह जइसे कउनो फउजी जुदध मँ नाहीं झपटत ह।
15 मइँ बहोत ही दुःखी हउँ। एह बरे मइँ विलाप क ओढ़ना पहिरत हउँ। मइँ हिआँ धूलि मँ बइठा भवा हउँ अउर हरा भवा अनुभव करत हउँ।
16 मोरे मुँह रोवत बिलखत भए लाल भवा। मोरि आँखिन क खाल् करिया घेरा अहइँ।
17 मइँ कउनो क संग कबहुँ भी क्रूर नाहीं भएउँ। मुला इ सबइ बुरी बातन मोरे संग घटित भएन। मोरे पराथनन सही अहइँ।
18 हे भुइयाँ, तू कबहुँ ओन अत्याचारन क जिन छिपाया जउन मोरे संग कीन्ह गवा अहइँ। मोर निआउ क बिनती क तू कबहुँ रुकइ जिन दया।
19 अब तलक भी होइ सकत ह कि हुआँ आकास मँ कउनो तउ मोरे पच्छ मँ होइ। कउनो ऊपर अहइ जउन मोका दोख स रहित सिदध करी।
20 मोर मीत मोर बारे मँ बोलत अहइँ, जब मइँ आसा स रोवत रही कि परमेस्सर मोर मदद करब।
21 मोर इच्छा अहइ कि कउनो एक मोर अउर परमेस्सर क बिचउली करी जइसे कउनो एक मनई अउर परोसी क बीच बिचउली करत ही।
22 कछू ही बरिस बाद मइँ हुआँ चला जाब जहाँ स फुन मइँ कबहुँ वापस न आउब।
Job 17
1 मोर जिउने कि इच्छा नस्ट कीन्ह ग अहइ। मोर प्राण लगभग जाइ चुका अहइ। कब्र मोर बाट जोहत अहइ।
2 लोग मोका घेर लेत हीं अउर मोह पइ हँसत हीं। मइँ ओनका लखत हउँ जब लोग मोर अपमान करत हीं।
3 परमेस्सर, मोर बेकसुर होइ क पुस्टि करा। मोर निर्दोख होइ क गवाही देइ बरे कउनो तइयार नाहीं होइ।
4 मोरे मीतन क मन तू मूदँ ल्या ह। एह बरे उ पचे जीत नाहीं सकब।
5 लोग जउन कहत ह उ तू जानत ह, ‘मनई आपन मीत क मदद करइ बरे आपन गदेलन क नज़र अन्दाज़ करत ह।’
6 परमेस्सर मोर नाउँ हर कउनो बरे अपसब्द बनाएस ह अउर लोग मोरे मुँहे पइ थूका करत हीं।
7 मोर आँखी लगभग आँधर होइ चुकी अहइ काहेकि मइँ बहोत दुःखी हउँ। मोर देह एक छाया क तरह दुर्बाल होइ चुकी अहइ।
8 नीक लोगन ब्याकुल अहइं कि इ घटि सकत ह। निरअपराध लोग ओन क खिलाफ उत्तेजित अहइ। जउन परमेस्सर क मज़ाक उड़ावत ह।
9 मुला सज्जन नेकी क जिन्नगी जिअत रहहीं। निरापाराधी लोग सक्तीसाली होइ जइहीं।
10 जदि तू लउटि आउब्या, तउ आवा। किन्तु मइँ दिखाउब कि तू पचन मँ स कउनो बुदिघमान नाहीं अहइँ।
11 मोर जिन्नगी यो ही बीतन अहइ। मोर सबइ जोजना टूट गइ अहइँ अउर आसा चली गइ अहइ।
12 हरेक चीज क उलझा दीन्ह ग ह, उ पचे रात क दिन कहत ह अउर प्रकास अँधियारा लिआवत ह।
13 मइँ आसा करउँ कि कब्र मोर घर अउ अँधियारा मोर बिछउना होइ।
14 अगर मइँ कब्र स कहउँ,’तू मोरे बाप अहा,’ अउर कीरा स ‘तू मोर महतारी अहा,’ या ‘तू मोर बहिन अहा।
15 अगर उ मोर सिरिफ एक ठु आसा अहइ तबइ तु कउनो आसा मोका नाहीं अहइ अउर कउनो भी मनई मोरे बरे कउनो आसा नाहीं लखि सकत ह।
16 का मोर आसा भी मोरे संग मरि जाइ?का मइँ अउर मोरे आसा एक संग कब्र मँ मिलिहीं?”।अय्यूब क बिल्दद क जवाब
Job 18
1 फिन सूहू प्रदेस क बिल्दद जावाब देत भए कहेस।
2 “अय्यूब, इ तरह क बातन करब तू कब तज देब्या? तोहका चुप रहइ चाही अउर सुनइ चाही, सिरिफ तब ही हम कहि सकित ह।
3 तू काहे इ सोचत ह कि हम ओतँना मूरख अही जेतना मूरख एक ठु बर्धा होत ह
4 अय्यूब, तू आपन किरोध स आपन ही नोस्कान करत अहा। का लोग भुइँया बस तोहरे बरे तजि देइँ? का तु इ सोचत अहा कि बस तोहका तृप्त करइ क परमेस्सर धरती क हलाइ देई।
5 हाँ, बुरा मनई क प्रकास बुझी अउर ओकर आगी क लौ न चमकी।
6 ओकरे घरे क प्रकास करिया पड़ि जाइ अउर जउन दिया ओकरे लगे अहइ उ बुझ जाइ।
7 सक्तीसाली मनई क कदम धीमे स बढ़त ह। आपन ही बुरा जोजनन स उ पतन क झेलब्या।
8 ओकर आपन ही कदम ओका एक जाल क फंदा मँ गिराए देइहीं। उ चलिके जालि मँ जाई अउर फँस जाई।
9 कउनो जाल ओकर एड़ी क पकड़िके धइ लेइ। एक ठु जाल ओका कसिके जकर लेइ।
10 एक रस्ता ओकरे बरे धरती मँ छुपा रही। कछू फंदा ओकरे राहे मँ झुठ बोलब्या।
11 ओकरे चारिहुँ कइँती सबहिं आतंक होइ । ओकर हर कदम क डर पाछा करत रही।
12 खुउफनाक मुसीबतन ओकरे बरे भुखान होइँ। जब उ गिरी,विध्वंस ओकरे बरे तइयार रहहीं।
13 महा बियाधि ओकरे चमड़ी क हींसन क लील जाई। उ ओकरे बाँहिन अउ ओकर हँगियन क सड़ाइ देइ।
14 आपन घरे सुरच्छा स दुट्ठ व्यक्ती क दूर कीन्ह जाइ। आतंक क राजा क लगे ओका लइ जावा जाइ।
15 ओकरे घरे मँ तब तलक कछू भी न बची जब तलक ओकरे सचमुच घरे मँ धधकत भइ गन्धक बिखेरी जाइ।
16 ओकरे खाले गइ भइ जड़न झुराइ जइहीं अउर ओकरे ऊपर क डारन मुरझाइ जइहीं।
17 धरती क लोग ओका याद नाहीं करिहीं। बस अब कउनो भी ओका याद नाहीं करी।
18 प्रकास स ओका हटाइ दीन्ह जाइ अउर उ अँधियारा मँ ढकेला जाइ। उ पचे ओका दुनिया स दूर भगाए देइहीं।
19 ओकर कउनो गदेलन अउ सन्तानन नाहीं होइहीं। ओकरे घरे मँ कउनो जिअत नाहीं बची।
20 पच्छिम क लोग सहमा रहि जइहीं जब उ पचे जानिहीं कि उ दुट्ठ मनइयन क संग का घटेस ह। पूरब मँ लोग आतंकित होइके सन्न रहि जइहीं।
21 फुरइ दुर्जन व्यक्ति क घरे क संग अइसा ही घटी। अइसा ही घटी उ मनई जउन परमेस्सर क नाहीं जानतेन।”
Job 19
1 तब अय्यूब जवाब देत भए कहेस।
2 “कब तलक तू पचे मोका सतावत रहब्या अउर सब्दन स मोका ताड़क रहब्या?
3 अब लखा, तू पचे दसउ दाई मोका बेज्जत किहा ह। मोह पइ वार करत तू पचन्क सर्म नाहीं आवति ह।
4 अउर जदि मइ कउनो बुराई किहेउँ तउ इ मोर गल्ती अहइ।
5 तू पचे इहइ चाहत अहा कि तू पचे मोहसे उत्तिम देखाँउन। तू पचे कहत अहा कि मोर कस्ट मोका दोखी साबित करत हीं।
6 मुला उ तउ परमेस्सर अहइ जउन मोरे संग बुरा किहस ह अउर जउन मोरे चारिहुँ कइँती आपन फदां फइलाएस ह।
7 मइँ गोहरावत हउँ ‘मोरे संग बुरा किहा ह’। मुला मोका कउनो जवाब नाहीं मिलत ह। चाहे मइँ निआउ क गुहार गोहरावउँ मोर कउनो नाहीं सुनत ह।
8 मोर रस्ता परमेस्सर रोकेस ह, एह बरे ओका मइँ पार नाहीं कइ सकत। उ अँधियारा मँ मोर रस्ता छुपाइ दिहस ह।
9 मोर सम्मान परमेस्सर छोर लिहस ह। उ मोरे मूँड़ स मुकुट छोर लिहस ह।
10 परमेस्सर मोर पूरा सरीर मँ मोर प्राण निकरि तलक मारब। उ मोर आसन क अइसे उखाड़ देत ह जइसे कउनो जड़ स बृच्छ क उखाड़ि देइ।
11 मोरे खिलाफ परमेस्सर क किरोध भड़कत अहइ। उ मोका आपन दुस्मन कहत ह।
12 परमेस्सर आपन फउज मोह पइ प्रहार करइ क पठवत ह। उ पचे मोरे चारिहुँ कइँती बुर्जियन खरा करत हीं। उ पचे मोरे तम्बू क चारिहुँ कइँती छावनी बनावत हीं।
13 परमेस्सर मोरे बन्धुअन क मोर दुस्मन बनाइ दिहेस। आपन मीतन बरे मइँ पराया होइ गएउँ।
14 मोर रिस्तेदारन मोका तजि दिहन। मोर मीतन मोका बिसराइ दिहन।
15 मोर घरे क अतिथियन स लइके मेहरारु नउकरन तलक मोरे संग अइसा बेउहार करत ह जइसा मइँ कउनो अजनबी अहउँ।
16 मइँ आपन नउकर क बोलावत हउँ पर उ मोर नाहीं सुनत ह। उ पचे मोका मदद बरे भीख माँगाएस ह।
17 मोर पत्नी मोरे साँस क गंध स घिना करत ह। मोर आपन ही गदेलन मोहसे घिना करत हीं।
18 नान्ह गदेला तलक मोर हँसी उड़ावत हीं। जब कबहुँ मइँ जागत हउँ, तउ उ पचे मोरे खिलाफ बोलत हीं।
19 मोर आपन मीत मोहसे घिना करत हीं। हिआँ तलक कि अइसे लोग जउन प्रिय अहइँ, मोर बिरोधी होइ गवा अहइँ।
20 मइँ एँतना दुर्बल अहउँ जइसे मइँ सिरिफ खाल अउर हाड़न होइ गवा अहउँ। अब मइँ सिरिफ जिअत हउँ।
21 हे मोर मोती मोह पइ दाया करा, दाया करा मोह पइ काहेकि परमेस्सर क हाथ मोहका छू गवा अहइ।
22 काहे मोका तू भी सतावत अहा जइसे मोका परमेस्सर सताएस ह काहे तू मोका दुख देत भए कबहुँ अघात्या नाहीं?
23 जउन मइँ कहत हउँ ओका कउनो क याद राखइ चाही अउ किताबे मँ लिख देइ चाही! मोर सब्द कउनो क गोल पत्रक पइ लिख देइ चाही!
24 मइँ जउने बातन क कहत ओनका कउनो लोहा क कलम स सीसा पइ लिखा जाइ चाही या ओनका चट्टाने पइ खोद दीन्ह जाइ चाही ताकि उ हमेसा बरे रहइ जाइ।
25 मोका इ जानत हउँ कि कउनो एक अइसा अहइ जउन मोर बरे बोलब्या अउर मोर रच्छा करब्या। मोका बिस्सास अहइ कि आखिर मँ उ धरती पइ खड़ा होब्या अउर मोरे बचाव करब्या।
26 मोरे आपन देह छोड़इ अउर मोर चमड़ी तबाह होइक पाछे भी मइँ जानत हउँ कि मइँ परमेस्सर क लखब।
27 मइँ परमेस्सर क खुद आपन आँखिन स लखब। खुद स कउनो दूसर नाहीं, परमेस्सर क लखब। मइँ बता नाहीं केतँना खुसी अनुभव करत हउँ।
28 होइ सकत ह तू कहा, ‘हम अय्यूब क तंग करब। मइँ मामला क जड़ तलक जाब।’
29 मुला तोहका तरवारे स डरइ चाहीं, काहेकि परमेस्सर किरोधित होब्या अउर तोहका तरवार स सजा देब्या। अउर तब तू पचन्क समझब्या कि हुआँ निआउ क एक निहचित समइ अहइ।”
Job 20
1 एह पइ नामात प्रदेस क सोपर जवाब दिहस।
2 “अय्यूब, धियान दया। मइँ परेसानी मँ हउँ। यह बरे मइँ हाली तोहका बताएउँ क कि मइँ का सोचत हउँ।
3 तोहार आलोचना हमार अपमान करत हीं। मुला मइँ बुद्धिमान हउँ अउर जानत हउँ कि तोहका कइसे जवाब दीन्ह जाइ चाही।
4 एका तू तब स जानत ह जब बहोत पहिले लोगन क धरती पइ पठवा ग रहा, दुट्ठ मनई क आनन्द बहोत दिन नाहीं टिकत ह। अइसा मनई जेका परमेस्सर क चिन्ता नाहीं अहइ उ तनिक समइ बरे आनन्द मँ भरि जात ह।
5
6 चाहे दुट्ठ मनई क अपमान अकासे तलक छू जाइ।
7 उ आपन तने क मल क नाई नस्ट होइ जाइ। उ सबइ लोग जउन ओका जानत हीं कइहीं, ‘उ कहाँ अहइ?’
8 उ अइसे बिलाइ जाइ जइसे सपन हाली ही कहूँ उड़ जात ह। फिन कबहुँ कउनो ओका लखि नाहीं सकी, उ नस्ट होइ जाइ, ओका राति क सपना क तरह हाँक दीन्ह जाइ।
9 उ सबइ मनई जउन ओका लखे रहेन फुन कबहुँ नाहीं लखेन। ओकर परिवार फुन कबहुँ ओका नाहीं लखि पाइ।
10 जउन कछू भी उ(दुट्ठ) गरीबन स लिहे रहा ओकार संतानन चुकइहीं। ओनका आपन हीं हाथन स धन लौटाए होइ।
11 जब उ जवान रहा, ओकर सरीर मजबूत रही, मुला उ हाली ही धूलि होइ जाइ।
12 दुस्ट क मुहँ क दुस्टता बड़ी मीठी लागत ह, उ ओका आपन जिभिया क खाले छुपाइ लेइ।
13 बुरा मनई उ बुराई क थामे रही, ओकर दूर होइ जाब ओका कबहुँ नाहीं भाई, तउ उ ओका आपन मुँहे मँ थामे रही।
14 मुला ओकरे पेटे मँ ओकर भोजन जहर बन जाइ, उ ओकरे भीतर अइसे बन जाइ जइसे कउनो नाग क विख सा कडुवा जहर।
15 दुस्ट धन दौलत क लील जात ह मुला उ ओन सबका बाहेर उगिली। परमेस्सर दुस्ट क पेटे स ओन सबका उगालिवाइ।
16 दुस्ट मनई क विख चुसब साँपे क नाई होइ। मुला साँपे क विसैला जीभ ओका मारि डइहीं।
17 मुला दुस्ट मनई लखइ क आनन्द नाहीं लेइहीं अइसी ओन नदियन क जउन सहद अउर मलाई बरे बहा करत ह।
18 दुट्ठ क ओकर लाभ वापिस करइ क दबावा जाइ। ओका ओन चिजियन क आनन्द नाहीं लोइ दीन्ह जाइ जेनके बरे उ मेहनत किहे अहइ।
19 कहेकि उ दुस्ट मनई दीन मनई क चिन्ता नाहीं किहस। बलकि, उ दूसर लोगन क घरन क भी लइ लिहस जेका उ पचे आपन बरे बनाएस रहा।
20 दुस्ट मनई कबहुँ संतुट्ठ नाहीं होत ह। उ आपन सबहिं धन क लइ ले जात ह।
21 जब उ खात ह तउ कछू नाहीं तजत ह, तउ ओकर कामयाबी बनी नहीं रही।
22 जब दुस्ट जन क लगे भरपूर होइ तबहिं ओन पइ विपत्ती आइहीं अउर उ कस्ट क अनुभव करिहीं।
23 दुस्ट जन उ सब कछू खाइ चुकी जेका उ खाइ चाहत ह। परमेस्सर आपन बरत भवा किरोध ओह पइ डाइ। उ दुस्ट मनई पइ परमेस्सर सजा बरसाइ।
24 होइ सकत है कि उ दुस्ट लोहा क तरवार स बच निकरइ, मुला कहुँ स काँसा क बाण ओका मार गिरावइ।
25 तीर खींचत लिहेस ह, अउर बिजुरि क नाई ओकरे पीठ मँ घुसत ह, अउर ओकरे करेजा बाहर आ जात ह, अउर उ आंतकित होइके काँप उठत ह।
26 ओकर सबहिं खजाना नस्ट होइ जइहीं, एक ठु अइसी आगी जेका कउनो नाहीं बारेस ओका नस्ट करी, उ आगी ओनका जउन ओकरे घरे मँ बचा अहइँ नस्ट कइ डाइ।
27 सरग सिद्ध करी कि उ दुस्ट अपराधी अहइ, इ गबाही धरती ओकरे खिलाफ देइ।
28 जउन कछू भी ओकरे घरे मँ अहइ, उ परमेस्सर क किरोघ क बाढ़ मँ बहि जाइ।
29 इ उहइ जेका परमेस्सर दुस्टन क संग करइ क जोजना रचत ह। इ उहइ जइसा परमेस्सर ओनका देइ क जोजना बनावत ह।”
Job 21
1 एह पइ अय्यूब जवाब देत भए कहेस।
2 “तू पचे चित्त दइके सुना जउन मइँ कहत हउँ, तोहार सुनइ क आपन तरिके स मोर दिलासा होइ जाइ।
3 जब मइँ बोलत हउँ तू धीरा धरा, “फुन जब मइँ बोल चुकउँ तब तू मोर हँसी उड़ाइ सकत ह।
4 मोर सिकाइत मनइयन क खिलाफ नाहीं अहइ, मइँ काहे सहनसील नाहीं अहउँ ओकर खास वजह अहइ।
5 तू मोका लखा अउर चकित होइ जा, आपन सोक दिखाइ बरे आपन हाथ आपन मुँहे पइ धरा।
6 जब मइँ सोचत हउँ ओन सब क जउन मोर संग घटा तउ मोका डर लागत ह अउर मोर देह थर थर काँपत ह।
7 काहे बुरे लोगन क उमर लम्बी होत ह काहे उ पचे बूढ़ाइ जात हीं अउर कामयाब होत हीं?
8 बुरे लोग आपन संतानन क आपन संग बढ़त भए लखत हीं। बुरे लोग आपन आपन नाती पोतन क लखइ क जिअत रहत हीं।
9 ओनकर घर सुरच्छित रहत हीं अउर उ पचे डेरातेन नाहीं। परमेस्सर दुस्टन क सजा देइ बरे आपन सजा काम मँ नाहीं लिआवत ह।
10 ओकर साँड़ कबहुँ भी मिला कइ मँ नाहीं चुकत ह। ओनकर गइयन बछवन क जनम देइ बरे गाभिन होत। ओनकर भ कबहुँ नाहीं गिरत हीं।
11 बुरे लोग गदेलन क बाहेर खेलइ पठवत हीं मेमनन क जइसे, ओनकर गदेलन नाचत हीं चारिहुँ ओर।
12 मजीरा, वीणा अउर बाँसुरी क धून पइ उ पचे गावत हीं अउर नाचत हीं।
13 बुरे लोग आपन जिन्नगी भइ कामयाबी क आनन्द लेत हीं। फुन बिना दुख भोगे उ पचे मरि जात हीं अउर आपन कब्रन क बीच चला जात हीं।
14 मुला बूरे लोग परमेस्सर स कहा करत हीं, ‘हमका अकेला तजि दया। अउर एकर हमका परवाह नाहीं कि तू हमसे कइसा जिन्नगी जिअइ चाहत ह।’
15 दुट्ठ लोग कहा करत हीं, ‘सर्वसक्तीमान परमेस्सर कउन अहइ? हमका ओकरी सेवा क जरुरत नाहीं अहइ। ओकरी परथाना करइ क कउनो लाभ नाहीं।’
16 दुस्ट मनई सोचत हीं कि ओनका आपन ही करण कामयाबी मिलत ह, मुला मइँ ओनकर विचारन क नाहीं अपनाइ सकत हउँ।
17 मुला का अइसा होत ह कि दुस्ट जन क प्रकास बुताइ जावा करत ह केतनी दाई दुस्टन क दुःख घेरा करत हीं? का परमेस्सर ओनसे कोहाइ जात ह, अउर ओनका सजा देत ह
18 का परमेस्सर दुस्ट लोगन क अइसे उड़ावत ह जइसे हवा तिनके क उड़ावत ह अउर तेज हवा अनाजे क भूसा उड़ाइ देत हीं?
19 मुला तू कहत ह: ‘परमेस्सर एक गदेला क ओकरे बाप क पापन्क सजा देत ह।’ नाहीं, परमेस्सर क चाही कि बुरे जन क राजा देइ। तबहीं उ बूरा मनई जानी कि ओका ओकरे निज पापन बरे सजा मिलती अहइ।
20 तू पापी क ओकरे आपन राजा क देखाँइ दया, तब उ सर्वसक्तीसाली परमेस्सर क कोप क अनुभव करी।
21 जब बुरा मनई क उमर क महीना खतम होइ जात हीं अउर उ मर जात ह: उ उ परिवार क परवाह नाहीं करत जेका उ पाछे तजि जात ह।
22 कउनो मनई परमेस्सर क गियान नाहीं दइ सकत, उ ऊँच ओहदन क लोगन क भी निआउ करत ह।
23 एक पूरा अउ सफल जिन्नगी क जिअइ क पाछे एक मनई मरत ह, उ एक सुरच्छित अउ सुखी जिन्नगी जिअत ह।
24 ओकर लगे पिवइ बरे भरपूर दुध रहा। अब समइ तलक ओकर हाड़ तन्दुरुस्त रहीन।
25 मुला कउनो एक अउर मनई कठिन जिन्नगी क पाछे दुःख भरे मने स मरत ह, उ जिन्नगी क कबहुँ कउनो रस नाहीं चाखेस।
26 इ सबइ दुइनउँ मनई एक संग माटी मँ गड़ा सोवत हीं किरउनन दुइनउँ क एक संग ढाँपि लेइहीं।
27 मुला मइँ जानत हउँ कि तू का सोचत अहा, अउर मोका पता अहइ कि तोहरे लगे मोरा बूरा करइ क कुचाल अहइ।
28 मोरे बरे तू इ कहा कहत ह, ‘अब कहाँ बाटइ उ महामानुस क घर? कहाँ बा उ घर जेहमाँ उ दुस्ट रहत रहा?’
29 मुला तू कबहुँ बटोहियन क नाहीं पूछ्या? का तू ओकर कहानियन पइ बिस्सास नाहीं किहस कि उ दिन जब परमेस्सर कोहाइके सजा देत ह दुस्ट मनई सदा बच जात ह
30
31 अइसा कउन मनई नाहीं जउन ओकरे समन्वा ही ओकरे करमन क बूराइ करइ। ओकरे पाप क सजा कउनो मनई ओका नाहीं देत ह।
32 जब कउनो मनई कब्र मँ लेइ जावा जात ह, तउ ओकरे कब्र क लगे एक पहरुवा खड़ा ह।
33 उ दुट्ठ मनई बरे उ घाटी क माटी मुलायम होइ। अनगिनत लोग भी लोग ओहस मिली।
34 तउ आपन कोरे सब्दन स तू मोका चइन नाहीं दइ सकत्या,तोहार जवाब सिरिफ झुठा अहइँ।”
Job 22
1 फुन तेमान क एलीपज जवाब देत भए कहेस।
2 “परमेस्सर क कउनो भी मनई सहारा नाहीं दइ सकत, हिआँ तलक कि उ भी जउन बहोत बुद्धिमान मनई होइ परमेस्सर बरे हितकर नाहीं होइ सकत।
3 अगर तू अहइ किहा जउन उचित रहा एहसे सर्वसक्तीमान परमेस्सर क आनन्द नाहीं मिली, अउर आगर तू खरा रहा हवा तउ एहसे ओका पछू नाहीं मिली।
4 अय्यूब तोहका परमेस्सर काहे सजा देत ह अउर काहे तोह पइ दोख लगावत ह का इ एह बरे कि तू भक्त अहा।
5 नाहीं, इ सबइ एह बरे कि तू बहोत स पाप किहा ह, अय्यूब, तोहार पाप नाहीं रुकत अहइँ।
6 अय्यूब, होइ सकत ह कि तू आपन कउनो भाई क कछू चिज बिना कउनो कारण क गिरवी रख सकत ह। होइ सकत ह कि तू कउनो दीन मनइ क ओढ़ना रख लिहे ह्वा अउर ओनका नंगा बना किहे हवा्।
7 तू थके-माँदे लोगन क पानी नाहीं दिहा, तू भुखान मनइयन क भोजन नाहीं दिहा।
8 अय्यूब, अगर तू सक्तीसाली अउ धनी रह्या, तू ओन लोगन क सहारा नाहीं दिहा। तू बड़का जर्मीदार अउ समरथ वाला मनई रहया।
9 मुला तू राँड़ अउरतन क बगइर कछू दिहे लउटाइ दिहा। अय्यूब, तू अनाथ गदेलन क लूट लिहा अउर ओनसे बुरा बेउहार किहा।
10 एह बरे तोहरे चारिहुँ कइँती जाल बिछा भवा अहइँ अउर तोहका एकाएक आवत विपत्तियन डेरावत हीं।
11 एह बरे घना अँधियारा तोहका ढाँक लिहन ह अउर एह बरे बाढ़ क पानी तोहका लीलत बाटइ।
12 परमेस्सर अकास क सब स ऊँच हींसा मँ रहत ह। उ आपन जगह स सबन स ऊँच तारन क लखइ बरे खाले लखत ह।
13 मुला अय्यूब. तू कहा करत ह, ‘परमेस्सर कछू नाहीं जानत, करिमा बरदान स कइसे परमेस्सर हमका जाँच सकत ह
14 धना बादर ओका छुपाइ लेइ हीं, एह बरे जब उ आकास क सबन ऊँच हींसा मँ बिचरत ह तउ हमका ऊपर अकासे स लखि नाहीं सकत।’
15 अय्यूब, तू उ ही पुरानी राह पइ जेन पइ दुस्ट लोग चला करत हीं, चलत अहा।
16 आपन मउत क समइ स पहिले ही दुट्ठ लोग मर गएन। बाढ़ ओनका बहाइके लइ गइ रही।
17 इ सबइ उहइ लोग अहइँ जउन परमेस्सर स कहत हीं, ‘हमका अकेल्ले तजि द्या। उ पचे सोचेन कि सर्वसक्तीमान परमेस्सर हमार कछू नाहीं कइ सकत ह।’
18 मुला परमेस्सर ओन लोगन क कामयाब बनाएस ह अउर ओनका धनवान बनाइ दिहा। मुला मइँ उ ढंग स जेहसे दुस्ट सोचत हीं, अपनाइ नाहीं सकत हउँ।
19 सज्जन जब बुरे लोगन क नास देखत हीं, तउ उ पचे खुस होत हीं। पाप स रहीत लोग दुस्टन पइ हँसत हीं, अउर कहा करत हीं।
20 ‘हमार दुस्मन फुरइ नस्ट होइ गएन। आगी ओनके धने क बारि देत ह।’
21 अय्यूब, अब खुद क तू परमेस्सर क अर्पित कइ दया, तब तू सान्ति पउब्या। अगर तू अइसा करा तउ तू धन्य अउर कामयाब होइ जाब्या।
22 ओकर सीख अपनाइ ल्या अउर ओकरे सब्द आपन मने मँ सुरच्छित रखा।
23 अय्यूब, अगर तू फुन सर्वसक्तीमान परमेस्सर क लगे आवा तउ फिन स पहिले जइसा होइ जाइ। तोहका अपने घरे स पाप क बहोत दूर करइ चाही।
24 तोहका सोना क धूरि क नाई अउर ओफीर क सोना क नदी क तराई क चट्टान क नाई समझइ चाही।
25 तब सर्वसक्तीमान परमेस्सर तोहरे बरे सोना अउर चाँदी बन जाइ।
26 तब तू बहोत खुस होब्या अउर तोहका सुख मिली। परमेस्सर क समन्वा तू बिना कउनो सर्म क मूँड़ि उठाइ सकब्या।
27 जब तू ओकर बिनती करब्य़ा तउ उ तोर सुना करी, जउन प्रतिग्या तू ओहसे किहे रहया, तू ओका पूरा कइ सकब्या।
28 जउन कछू तू करब्या ओहमाँ तोहका कामयाबी मिली, तोहरे रास्ते पइ प्रकास चमकी।
29 परमेस्सर अहंकारी जन क लज्जित करी, मुला परमेस्सर नम्र मनई क रच्छा करी।
30 परमेस्सर जउन मनई भोला नाहीं अहइ ओकर भी रच्छा करी, तोहरे हाथन क सफाई स ओका उद्धार मिली।”
Job 23
1 फिन अय्यूब जवाब देत भए कहेस
2 “मइँ आजु भी बुरी, सिकाइत करत हउँ कि परमेस्सर मोका करर् सजा देत अहइ, एह बरे मइँ सिकाइत करत रहत हउँ।
3 कास! मइँ इ जान पावत कि ओका कहाँ हेरउँ। कास! मइँ इ जान पावत कि परमेस्सर क लगे कइसे जाउँ।
4 मइँ आपन मुकद्मा क सफाई परमेस्सर क समन्वा पेस करब्य्। मइँ आपन क निर्दोख साबित करइ बरे बहस करब्या।
5 मइँ इ जानइ चाहत हउँ कि परमेस्सर कइसे मोरे दलीलन क जवाब देत ह, तब मइँ परमेस्सर क जवाब समुझ पउतेउँ।
6 का परमेस्सर आपन महासाक्ती क संग मोरे खिलाफ होत? नाहीं! उ मोर सुनी।
7 मइँ एक नेक मनई हउँ। परमेस्सर मोका आपन कहानी क कहइ देइ, तब मोर निआउ कत्ती परमेस्सर मोका अजाद कइ देइ।
8 मुला अगर मइँ पूरब क जाउँ तउ परमेस्सर हुआ नाहीं अहइ अउर अगर मइँ पच्छिउँ क जाउँ तउ भी परमेस्सर मोका नाहीं देखात ह।
9 परमेस्सर जब उत्तर मँ छिपत हतउ मइँ ओका देख नाहीं पावत हउँ। जब परमेस्सर दक्खिन क छिपत ह तउ भी उ मोका नाहीं देखात ह।
10 मुला परमेस्सर मोरे हर चरण क लखत ह, जेका मइँ उठावत हउँ। जब उ मोर परीच्छा लइ उठी तउ उ लखी कि मोहमाँ कछू भी बुरा नाहीं अबइ, उ लखी कि मइँ खरा सोना जइसा अहउँ।
11 परमेस्सर जउन चाहत ह मइँ हमेसा उहइ पइ चलत हउँ मइँ कबहुँ भी परमेस्सर क राहे पइ चलइ स नाहीं रुकेहउँ।
12 मइँ हमेसा उहइ बात करत हउँ जेनकर आसा परमेस्सर देत ह।मइँ आपन मुँहे क भोजन स जियादा परमेस्सर क मुँहे क सब्दन स पिरेम किहेउँ ह।
13 मुला परमेस्सर एक मन वाले अहा, अउर कउनो भी ओका बदल नाहीं बदलत। परमेस्सर जउन चाहत ह उहइ करत ह।
14 परमेस्सर जउन भी जोजना मोरे विरोध मँ बनाइ लिहस ह उहइ करी, ओकरे लगे मोरे बरे अउर भी बहोत सारी जोजना अहइँ।
15 एह बरे मइँ ओसे डेरात हउँ। एह बरे परमेस्सर मोका भयभीत करत ह।
16 परमेस्सर मोर हिरदइ क दुर्बल करत ह अउर मोर हिम्मत टूट जात ह। सर्वसक्तीमान परमेस्सर मोका भयभीत करत ह।
17 अगर तउ मोर मुहँ सघन अँधियारा ढकत ह तउ भी अँधियारा मोका चुप नाहीं कइ सकत ह।
Job 24
1 “सर्वसक्तीमान परमेस्सर काहे नाहीं निआउ करइ बरे समइ मुकर्रर करत ह लोग जउन परमेस्सर क मानत हीं ओनका काहे निआउ क समइ क बेकार बाट जोहइ क पड़त ह
2 “लोग आपन धन दौलत क चीन्हन क, जउन ओकर चउहद्दी बतावत हीं, सरकावत रहत हीं ताकि आपन पड़ोसी क थोड़ी अउर घरती हड़प लेइँ। लोग पसु क चोराइ लेत हीं अउर ओनका दूसर चरागाहन मँ हाँक लइ जात हीं।
3 अनाथ बच्चन क गदहन क उ पचे चोराइ लइ जात हीं। उ पचे राँड़ मेहरारुअन क बर्धन खोल लइ जात हीं जब तलक कि उ ओनकर कर्ज नाहीं चुकावत हीं।
4 उ पचे दीन जन क मजबूर करत ही कि उ तजिके दूर हटि जाइके मजबूर होइ जात ह, एन दुस्टन स खुद क छुपावइ क।
5 उ सबइ दीन लोग ओन जंगली गदहन जइसे अहइँ जउन मरु भूमि मँ आपन चारा हेरा करत हीं। गरीबन अउ ओनकर बच्चन क मरुभूमि भोजन देत रहत ह।
6 गरीब लोगन क कउनो दूसर क खेत मँ अनाज काटइ चाही। दुस्टन क अंगूरन क बगियन स बच भवा फलन उ पचे चुना करत हीं।
7 दीन लोगन क बगइर ओढ़नन क सबइ रात बितावइ क होइ। सर्दी मँ ओनके लगे आपन क ढाँकइ बरे कछू नाहीं होइ।
8 उ पचे बर्खा स पहाड़न मँ भिज गवा अहइँ, ओनका बड़की चट्टानन स लिपट क रहइ क होइ, काहेकि ओनके लगे कछू नाहीं जउन ओनका मौसम स बचाइ लेइ।
9 बूरे लोग ओन गदेलन क जेकर बाप नाहीं अहइ ओनकर महतारी स छिन लेत हीं। उ पचे गरीब लोगन क आपन दास बनावत हीं।
10 गरीब लोगन क लगे ओढ़ना नाहीं होत हीं। यह बरे ओन लोगन क नंगा ही घूमइ क होइ। उ पचे दुस्टन क गठरी क भार ढोवत हीं, मुला फुन भी उ पचे भुखान रहत हीं।
11 गरीब लोग जइतून क तेल पेरिके निकारत हीं। उ पचे कुंडन मँ अगूर सूँदत हीं फुन भी उ पचे पिआसा रहत हीं।
12 मरत भए लोग जउन आहें भरत हीं उ सबइ सहर मँ सुनाइ पड़त ह। सतावा भवा लोग सहारा क पुकारत हीं, मुला परमेस्सर नाहीं सुनत ह।
13 कछू अइसे लोग अहइँ जउन प्रकास क खिलाफ होत हीं। उ पचे नाहीं जानइ चाहत हीं कि परमेस्सर ओनसे का करवावइ चाहत ह। परमेस्सर क राह पइ उ पचे नाहीं चलत हीं।
14 हत्यारा भिंसारे जाग जात ह गरीबन अउ जरुरतवाले लोगन क हत्या करत ह। उ राति मँ चोर क नाई बन जात ह।
15 उ मनई जउन बिभिचार करत ह, रात आवइ क बाट जोहा करत ह, उ सोचत ह, ‘ओका कउनो नाहीं लखी’ अउर उ आपन मुँह ढाँपि लेत ह।
16 दुटठ मनई जब रात मँ अँधेरा होत ह तउ सेधे लगाइके घरे मँ घुसत हीं। मुला दिन मँ उ पचे आपन हि घरन मँ छुपा रहत हीं। उ पचे प्रकास स बचत हीं।
17 ओन दुट्ठ लोग्गन क आँधियारा सबुह क नाई होत ह, उ पचे आतंक अउ आँधियारा क मीत होत हीं।
18 दुट्ठ लोग अइसे बाहइ दीन्ह जात हीं जइसे झाग बाढ़ क पानी पाइ। उ धरती अभीसाप स ढकी बा जेकर उ पचे मालिक अहइँ। कउनो भी अंगूर क बगियन मँ अंगुर जमा करइ बरे नाहीं जात ह।
19 जइसे गरम व सूखा मौसम पिघलत बरफ क पानी क सोख लेत ह, वइसे ही दुस्ट लोग कब्र क जरिये लील जइहीं।
20 दुस्ट मनइयन मरइ क पाछे ओकर महतारी तलक ओका बिसरि जाइ। दुस्ट लोगन क देह क कीरा खाइ जइहीं। कउनो भी ओन लोगन क याद नाहीं रखइहीं। दुस्ट जन गिरे भए बृच्छ क नाई नष्ट कीन्ह जइहीं।
21 दुस्ट मनई बाँझ मेहरारुअन क सतावा करत हीं। उ पचे उ तरह क मेहरारु क दुःख देत हीं। उ पचे कउनो भी राँड़ अउरत बरे दाया नाहीं देखाँवत हीं।
22 दुस्ट मनई आपन सक्ती क उपयोग बलसाली क नस्ट करइ बरे करत हीं। बुरे लोग सक्तीसाली होइ जइहीं मुला आपन ही जन्नगी क भरोसा नाहीं होइ कि उ पचे जियादा दिन जी पइहीं।
23 होइ सकत ह कि तनिक समइ बरे परमेस्सर सक्तीसाली क सुरच्छित रहइ देइ, मुला परमेस्सर सदा ओन पइ आँखी रखत ह।
24 दुस्ट मनई तनिक समइ बरे कामयाबी पाइ जात हीं, मुला फुन उ पचे नस्ट होइ जात हीं। दूसर लोगन क तरह उ पचे भी मुर्झा जात हीं अउर उदास होइ जात हीं। अनाजे क कटी भइ बाले क नाई उ पचे गिर जात हीं।
25 अगर इ सबइ बातन फुरइ नाहीं अहइँ तउ कउन सिध्द कइ सकत ह कि मइँ झूठ कहेउँ ह। कउन देखाँइ सकत ह कि मोर सब्द सत्तय नाहीं अहइँ?
Job 25
1 फिन सूह प्रदेस क निवासी बिल्दद जवाब देत भए कहेस।
2 “परमेस्सर सासक अहइ अउर हर मनई क चाही कि परमेस्सर स डेराइ अउर ओकर मान करइ। परमेस्सर आपन सरग क राज्ज मँ सान्ति राखत ह।
3 कउनो आपन फउजन क गन नाहीं सकत ह, परमेस्सर क प्रकास सब पइ चमकात ह।
4 मुला फुरइ परमेस्सर क अगवा कउनो मनई उचित नाहीं ठहर सकत ह। कउनो मनई जउन मेहरारु स पइदा भवा होइ फुरइ निर्दोख नाहीं होइ सकत ह।
5 परमेस्सर क आँखिन क समन्वा चाँद तलक चमकीला नाहीं अहइ। परमेस्सर क आँखिन क समन्वा तारन निर्मल नाहीं अहइँ।
6 मनई तउ बहोत कम भला अहइँ। मनई तउ बस कीरा अहइ एक ठु अइसा कीरा जउन बेकार क होत ह।”
Job 26
1 तब अय्यूब कहेस।
2 “हे बिल्दद, सोपर अउर एलीपज़ जउन लोग दुर्बल अहइँ तू फुरइ ओनका सहारा देइ सकत ह।अरे हाँ, तू दुर्बल बाहँन क फुन स सक्तीसाली बनाया ह।
3 हाँ तू निर्बुध्दि क सम्मति दिहा ह। कइसा महागियान तू देखाँया ह।
4 इ बातन क कहइ मँ कउन तोहर मदद किहस?केकर आतिमा तोहका प्रेरणा दिहस।?
5 जउन लोगन मरि गवा अहइँ ओनकर आतिमा धरती क खाले पानी मँ भय स बहोत काँपति अहइँ।
6 मउत क जगह परमेस्सर क आँखी क समन्वा खुली अहइ, परमेस्सर क अगवा विनास क जगह ढका नाहीं अहइ।
7 परमेस्सर उत्तरी अकासे क खाली जगह पइ फइलावत ह। परमेस्सर खाली जगह मँ धरती लटकाएस ह।
8 परमेस्सर घने बादरन क पानी स भरत ह, मुला पानी क भारी भार स बारदान क फाइट नाहीं देत ह।
9 परमेस्सर पूरा चन्दमा क ढाँपत ह, परमेस्सर चाँद पइ आपन बादर फइलावत ह अउर ओका ढाँकि लेत ह।
10 परमेस्सर छितिज क रचत ह प्रकास अउ अँधिरा क सीमा रेखा क रुप मँ समुन्ददर पइ।
11 जब परमेस्सर डाँटत ह तउ उ सहइ नेवंन जउने पइ आकास टिका अहइ डर स काँपइ लागत हीं।
12 परमेस्सर क सक्ती सागर क सांत कइ देत ह। परमेस्सर क बुध्दि राहबक नस्ट किहस।
13 परमेस्सर क साँस अकास क साफ पकइ देत ह। परमेस्सर क हाथ उ साँप क मारि दिहस जउन पराइ जाइ क जतन किहेस।
14 इ सबइ तउ परमेस्सर क अजूबा कारजन क तनिक सी बातन अहइं। बस हम थोड़के परमेस्सर क अवाज क फुसफुसाहट क सुनित ह। मुला फुरइ कउनो मनई परमेस्सर क सक्ती क गर्जन क नाहीं समुझ सकत ह।”
Job 27
1 फुन अय्यूब कहइ क जारी राखेस। उ कहेस,
2 “फुरइ परमेस्सर जिअत ह अउर इ जेतँना सच अहइ कि परमेस्सर जिअत ह फुरइ उ वइसेन ही मोरे बोर अनिआउ स भरा रहा अहइ। हाँ! सर्वसाक्तीसाली परमेस्सर मोरे जीवन मँ कड़वाहट भरेस ह।
3 मुला जब तलक मोहमाँ प्राण अहइ अउर परमेस्सर क साँस मोहे मँ अहइ।
4 तब तलक मोरे होंठ झूठी बातन नाहीं बोलिहीं, अउर मोर जिभिया कबहुँ झूठ नाहीं बोली।
5 मइँ कबहुँ न मानब कि तू लोग सही अहा। जब तलक मइँ मरब उ दिन तलक कहत रहब कि मइँ निर्दोख हउँ।
6 मइँ आपन घार्मिक भाव क मजबूती क थामे रहब।मइँ कबहुँ उचित करम करब मोर चेतना मोका तंग नाहीं करी जब तलक मइँ जिअत हउँ।
7 मोरे दुस्मनन क दुस्ट जइसा बनइ दया, अउर ओनका सजा पावइ द्या जइसे दुस्ट लोग दण्डित होत हीं।
8 अइसे उ मनई बरे मरत वक्त कउनो आसा नाहीं अहइ जउन परमेस्सर क परवाह नाहीं करत ह। जब परमेस्सर ओकर प्राण लेइ तब भी ओकरे बरे कउनो आसा नाहीं अहइ।
9 जब उ बुरा मनई बुरा दुःखी पड़ी अउर ओका पुकारी, परमेस्सर नाहीं सुनी।
10 ओका चाही कि उ उ आनन्द क चाहइ जेका सिरिफ सर्वसाक्तीमान परमेस्सर देत ह। ओका चाही कि उ हर समइ परमेस्सर स पराथना करत रहा।
11 मइँ तोहका परमेस्सर क सक्ती सिखाउब। मइँ सर्वसक्तीसाली परमेस्सर क योजनन क नाहीं छिपाउब।
12 खुद तू आपन अँखिन स परमेस्सर क सक्ती लख्या ह, तउ काहे तू बेकार क बातन बोलत ह
13 दुस्ट लोगन बरे अइसी जोजना बनाया ह। दुस्ट लोगन क सर्वसक्तीसाली परमेस्सर स अइसा ही मिली।
14 दुस्ट क चाहे केतँनी ही सन्तानन होइँ, मुला ओकर संतानन जुदध मँ मारी जइहीं। दुस्टन क सन्तानन कबहुँ भरपेट खाना नाहीं पइहीं।
15 अउर अगर दुस्टन क सन्तानन ओकरी मउत क पाछे भी जिअत रहइँ तउ महामारी ओनका मारि डाई। ओकर राँड़ ओनके बरे दुःखी नाहीं होइहीं।
16 दुस्ट जन चाहे चाँदी क ढेर बटोरइँ, एतना बड़का ढेर जेतँना माटी क ढूहा होत ह, माटी क ढूहन जइसे ओढ़ना होइँ ओकरे लगे।
17 जउने ओढ़नन क दुस्ट मनई जुटावत रहा ओन ओढ़नन क सज्जन पहिरी, दुस्ट क चाँदी निर्दोखन मँ बँटी।
18 दुस्ट क बनवा घर जियादा दिनन नाहीं टिकत ह, उ मकड़ी जाल जइसा या कउनो चौकीदार क झोपड़ी जइसा कमजोर होत ह।
19 दुस्ट लोग आपन खुद क दौलत क संग आपन बिछउना पइ सोवइ जात ह, मुला एक अइसा दिन आइ जब उ फुन बिस्तरे मँ वइसे ही नाहीं जाइ पाई। जब उ आँखी खोली तउ ओकर सम्पत्ति जाइ चुकी होइ।
20 दुःख ओका बाढ़ क जइसा ढाँक लेइहीं, रातउ रात तूफान ओका उड़ाइ लइ जाइ।
21 पुर वइया हवा ओका दूर उड़ाइ देइ, तुफान ओका ओकरे घरे क बाहेर खींचली।
22 तू फान ओह पइ बगैर दाया किए भए पइ आइ अउर उ ओमँ स दुर भागए क जतन करी। मुला लपेटके मारि।
23 जब दुस्ट मनई पराई, लोग ओह पइ तालियन बजाइहीं, दुस्ट जन जब निकरिके पराइ, अपने घरे स तउ लोग ओह पइ सीटियन बजइहीं।
Job 28
1 “हुआँ चाँदी क खान बाटि जहाँ लोग चाँदी पावत हीं, हुआँ अइसे ठउर अहइँ लोग सोना देघराइके ओका सुदध करत हीं।
2 लोग धरती स खनिके तोहा निकारत हीं, अउर चट्टानन स टेघाराइके ताँबा निकरत हीं।
3 लोग सबइ गुफा मँ प्रकास लिआवत हीं उ पचे सबइ गुफा क गहिराइ मँ हेरा करत हीं,घना अँधियारा मँ उ पचे खनिज क चट्टानन हेरत हीं।
4 जहाँ लोग रहत हीं ओहसे बहोत दूर लोग गहिर गड़हा खना करत हीं कबहुँ कउनो अउर एँन गड़हन क नाहीं छुएस। जब मनई गहिरे गड़हन मँ रस्सन लटकत ह, तउ उ दूसरन बहोत दूर होत ह।
5 भोजन धरती क सतह स मिला करत ह, मुला घरती क भीतर उ बढ़त जावा करत ह जइसे आगी चिजियन क बदल देत ह।
6 धरती क भितरे चट्टानन क खाले नीलम मिलि जात हीं, अउर धरती क खाले माटी आपन आप मँ सोना राखत ह।
7 जंगली पंछी धरती क खाले क राहन नाहीं जानत हीं न हीं कउनो बाज इ मारग लखत ह।
8 उ राहन पइ कउनो बड़का डीलडोल वाला पसु नाहीं चलेन, कबहुँ सेर इ राहे पइ नाहीं विचरेन।
9 मजदूर सब स कठोर चट्टानन क खनत हीं अउर उ पचे पहाड़न क ओकार जड़ स खनिके गिरा देत हीं।
10 काम करइवालन चट्टानन स सुरंग काटत हीं उ पचन्क आँखन हुआँ खजानन क लखि लेत हीं।
11 काम करइवालन बाँध बनवा करत हीं कि पानी ऊपर स होइके न बहइ। उ पचे छिपी भइ चिजियन क ऊपर प्रकास मँ बिआवत हीं।
12 मुला कउनो मनई विवेक कहाँ पाइ सकत ह अउर हम कहाँ जाइ सकित ह समुझ पावइ क?
13 गियान कहाँ रहत ह लोग नाहीं जानत हीं लोग जउन धरती पइ रहत हीं, ओमाँ इ नाहीं पाइ जात ह।
14 सागरे क गहराइ बतावत ह, ‘मोह माँ गियान नाहीं।’ अउर समुद् कहत ह, हिआँ मोहमाँ गियान नाहीं अहइ।’
15 गियान क बहोत कीमती सोना भी मोल नाहीं लइ सकत ह, गियान क दाम चाँदी स नाहीं गना जाइ सकत ह।
16 गियान ओपरी देस क सोना स या कीमती सुलैमानी पाथर या नीलमणियनन स नाहीं बेसहा जाइ सकत ह।
17 गियान सोना अउ स्फटिक ल जियादा कीमती बाटइ, कउनो मनई बहोत कीमती सोना स जड़े भए रत्तन स गियान नाहीं बेसहि सकत ह।
18 गियान मूँगा अउ सूर्यकान्त मणि स जियादा कीमती बा। गियान क कनोउ मनई सिद्ध सोने मँ जुरे कीमती रतन स नाहीं बेसहा सकत ह।
19 जेतना उत्तिम गियान अहइ कूस देस क पद्मराग भी ओतना उत्तिम नाहीं अहइ। गियान क तू चोख सोना स मोल नाहीं लइ सकत्या।
20 तउ फुन हम कहाँ गियान क पावइ जाइ?हम कहाँ समुझ सीखइ जाइ?
21 गियान धरती क हर मनई स लुका भवा अहइ। हिआँ तलक कि ऊँच अकास क पंछी भी गियान क नाहीं लखि पावत हीं।
22 मउत अउ विनास कहा करत हीं, ‘हम तउ बस गियान क बातन सुनी ह।’
23 मुला बस परमेस्सर गियान तलक पहोंचाइ क राहे क जानत ह। परमेस्सर जानत ह गियान कहाँ रहत ह।
24 परमेस्सर गियान क जानत ह काहेकि उ धरती क अखिरी छोर तलक लखा करत ह। परमेस्सर उ हर वस्तु क जउन अकास क खाले अहइ लखा करत ह।
25 जब परमेस्सर हवा क ओकर सक्ती दइ दिहस अउर इ निहचित किहस कि समुद्दरन क केतना बड़का बनावइ क अहइ।
26 अउर जब परमेस्सर निहचय किहस कि ओका कहाँ स बर्खा पठवइ क अहइ, अउर बउड़रन क कहाँ तलक जात्रा करइ क अहइ।
27 तब परमेस्सर गियान क लखे रहा। उ ओका मापेस, ओका साबित किहेस अउर इका परखेस।
28 अउर लोगन स परमेस्सर कहे रहा कि ‘यहोवा क भय माना अउर ओका आदर दया।’ बुराइयन स मुहँ मोड़ि लेब ही गियान अहइ, इहइ समझदारी अहइ।”
Job 29
1 आपन बात क जारी रखत भए अय्यूब काहेस।
2 “मोर जिन्नगी वइसे ही होइ चाही रही जइसे गुजरे महीने मँ रही। जब परमेस्सर मोर रखवारी करत रहा, अउर मोर धियान रखत रहा
3 मइँ अइसे उ समइ क इच्छा करत हउँ जब परमेस्सर क प्रकास मोरे मूँड़े चमचमात रहा। मोका प्रकास देखाँवइ क उ समइ जब मइँ अँधियारा स होइके चलत रहेउँ।
4 अइसे ओन दिनन क इच्छा करत हउँ, जब मोर जिन्नगी सफल रही, अउर परमेस्सर मोरे निचके मीत रहा। उ सबइ अइसेन दिन रहेन जब परमेस्सर मोरे घरे क असीसे रहा।
5 अइसे समइ क मइँ इच्छा करत हउँ, जब सर्वसक्तीसाली परमेस्सर अबहुँ तलक मोर संग मँ रहा अउर मोरे संग मोरे गदेलन रहेन।
6 अइसा लगा करत रहा कि दूध-दही क नदियन बहा करत रहिन, अउर मोरे बरे चट्टानन जइतून क तेल क नदियन उडेरत रहीन।
7 इ सबइ ओ दिन रहेन जब मइँ नगर क दुआर अउर गलीयन क चौराहन पइ जात रहेउँ, अउर नगर नेता लोगन क संग बइठत रहेउँ।
8 हुवाँ सबइ लोग मोर सन्मान किहा करत रहेन। जवान मनसेधू जब मोका लखत रहेन तउ मोरी राह स हट जावा करत रहेम अउर बुढ़वा मनसेधू मोरे बरे सन्मान देखाँवइ बरे उठ खड़ा होत रहेन।
9 जब लोगन क नेता लोग मोका लखि लेत रहेन, तउ बोलब बंद कइ देत रहेन।
10 हिआँ तलक कि बहोतइ महत्ववाले नेता भी आपन स्वर हल्का कइ लेत रहेन, जब मइँ ओनके नियरे जात रहेउँ। हाँ! अइसा लागत रहा कि ओनकर जिभियन ओनकर तालु स चिपक गइ होइँ।
11 जउन कउनो भी मोका बोलत सुनेस, मोरे बारे मँ नीक बात कहेस, जउनो कउनो भी मोका लखे रहा, मोर बड़कई किहे रहा।
12 काहेकि जब कउनो दीन मदद बरे गोहँराएस, मइँ मदद किहेउँ। उ गदेला क मइँ सहारा दाहेउँ जेकरे महतारी बाप नाहीं अउर जेकर कउनो भी नाहीं धियान रखइ क।
13 मोका मरत भए मनई क आसीस मिला, मइँ ओन राँड़ मेहररुअन क जउन जरुरत मँ रहिन, मइँ सहारा दिहेउँ अउर ओनका खुस किहेउँ।
14 मोर ओढ़ना पहिरब मोर खरी जिन्नगी रही, निस्पच्छ होब मोर चोगा अउर मोर पगड़ी सी रहीं।
15 मइँ आँधरन बरे आँकी बन गएउँ अउर मइँ ओनकर गोड़ बनेउँ जेनकर गोड़ नाहीं रहेन।
16 दीन लोगन बरे मइँ बाप तरह रहेउँ, मइँ पच्छ लेत रह्उँ अउसे अनजानन क जउन विपत्तियन मँ पड़ा रहेन।
17 मइँ दुस्ट लोगन क सक्ती नस्ट करत रहेउँ। निर्दोख लोगन क मइँ दुस्टन स अजाद करावत रहेउँ।
18 मइँ सोचत रहेउँ कि मइँ बहोत लम्बी जिन्नगीजिअब अउर फुन आपन ही घरे मँ प्राण तजब।
19 मइँ एक ठु अइसा बृच्छ बनब जेकर जड़न सदा जल मँ रहत होइँ अउर जेकर डारन सदा ओस स भीजी रहत होइँ।
20 मोर सान सदा ही नई बनी रही, मइँ सदा ही वइसा बलवान रहब जइसे मोरे हाथे मँ एक नवा धनुष।
21 पहिले,लोग मोर बात सुनत रहत रहेन, अउर उ सबइ जब मोर सलाह मसवरा क इंतजार करत रहेन तउ चुप रहा करत रहेन।
22 मोर चुकइ पाछे, ओन लोगन क लगे जउन मोर बात सुनत रहेन, कछू भी बोलइ क नाहीं होत रहा। मोर सब्द धीरे-धीरे ओनकर काने मँ बर्खा क तरह पड़ जात रहेन।
23 लोग जइसे बर्खा क बाट जोहत हीं वइसे ही उ पचे मोर बोलइ क बाट जोहा करत रहेन। मोरे सब्दन क उ पचे पी जावा करत रहेन, जइसे मोर सब्द बसन्त मँ बरसा होइ।
24 जब मइँ दाया करइ क ओन पइ मुस्कात रहेउँ, तउ ओनका पहिले पहल ए पइ बिस्सास नाहीं होत रहा। फुन मोर खुस मुँह दुखी जन क सुख देत रहा।
25 मइँ जिम्मेदारी बिहेउँ अउर लोगन बरे पइसला किहेउँ, मइँ नेता बन गएउँ। मइँ ओनकर सोना क दलन क बीच राजा जइसा जिन्नगी जिएउँ। मइँ अइसा मनई रहेउँ जउन लोगन क चइत देत रहा जउन बहोत ही दुःखी बाटइ।
Job 30
1 अब, उमर मँ छोटा लोग मोर मसखरी करत हीं। ओन जवान मनसेधुअन क बाप बिल्कुल ही निकम्मा रहेन। ओन कूकुरन जउन मोर भेड़िन क रखवारा करत ह ओन लोगन स बेहतर अहइँ।
2 ओन जवान मनसेधुअन क बाप मोका मदद देइ क कउनो सक्ती नाहीं राखत हीं, उ पचे बुढ़वा होइ चुका अहइँ अउ थका भवा अहइँ।
3 उ सबइ मनई भूख स मरत अहइँ यह बरे उ पचे झुरान अउर उजाड़ धरती खावत ह।
4 उ सबइ मनई रेगिस्तान मँ खारे पउधन क उखाड़त हीं अउर उ पचे झाड़ीदार बृच्छन क जड़न क खात हीं
5 उ पचन्क दूसर लोगन स भगाइ दइ गएन। उ पचे ओन लोगन पइ अउसे गोहरावत हीं जइसे लोग चोर पइ गोहरावत हीं।
6 अइसे उ सबई बुढ़वा लोग झुरान भइ नदी क तलन मँ चट्टानन क सहारे अउ धरती बिलन मँ रहइ क मजबूर अहइँ।
7 उ पचे झाड़ियन क बीच गुरर्त हीं। कँटहरी बृच्छन क नीचे उ पचे आपुस मँ बटुर जात हीं।
8 ओन पचन्क फसादी लोगन क दल अहइ,जेनकर नाउँ तलक नाहीं अहइ। ओनका आपन भुइँया तजि देह क मजबूर कीन्ह गवा अहइ।
9 अब अइसे ओन लोगन क पूत मोर हँसी उड़ावइ क मोेरे बारे मँ गीत गावत हीं। मोर नाउँ ओनके बरे अपसब्द जइसा बन गवा अहइ।
10 उ सबइ नउजवान मोहसे घिना करत हीं। उ पचे मोसे दूर खड़ा रहत हीं। हिआँ तलक कि उ पचे मोरे मुँहे पइ थूकत हीं।
11 परमेस्सर मोरे धनुष स ओकर डोर छोर लिहस ह अउर मोका दुर्बल किहस ह। उ पचे मोह पइ कोहान होत भए मोरे खिलाफ होइ जात ह।
12 उ सबइ जवान मोर दाहिनी कइँती स मोह पइ प्रहार करत हीं। उ पचे मोर गोड़न पइ हमला कइके मोका गिरावत ह अउर मोका चारिहुँ कइँती स घेर लेत ह।
13 उ पचे नव जवान मोरि राह पइ निगरानी रखत हीं कि मइँ बचिके निकरिके पराइ न सकउँ। उ पचे मोका नस्ट करइ मँ सफल होइ जात हीं। ओनके खिलाफत मँ मोर मदद करइ क मोरे संग कउनो नाहीं अहइ।
14 उ पचे मोह पइ अइसे वार करत हीं जइसे कि सहर क दिवार क दरार स होत ह। उ पचे टुटे हुए हिस्से स अन्दर आवत हीं।
15 मोका भय जकड़ लेत ह। जइसे हवा चिजियन क उड़ाइ लइ जात ह, वइसेन ही उ पचे जवान मोरे इज्जत धुवस्त करइ देत हीं। जइसे बादर अदृस्य हेइ जात ह , वइसे ही मोर सुरच्छा अदृस्य होइ जात ह।
16 जब मोर जिन्नगी बीतइ क अहइ अउर मइँ हाली ही मर जाब। मोका, संकट क दिन दहबोच लिहे अहइँ।
17 मोर सबइ हाड़न राति क दुख देत हीं, पीरा मोका चबाव नाही छोड़त ह।
18 मोरे कोट क गिरेबान क परमेस्सर बड़ी ताकत स धरत ह, उ मोरे लिबास क ताकत स पकड़ लेत ह।
19 परमेस्सर मोका कीचं मँ बहाइ दिहस अउर मइँ माटी व रा़खी स बनत हउँ।
20 हे परमेस्सर, मइँ सहारा पावइ क तोहका गोबरावत हउँ, मुला तू उत्तर नाहीं देत ह। मइँ खड़ा होत हउँ अउ पराथना करत हउँ, मुला तू मोह पइ धियान नाहीं देत्या।
21 हे परमेस्सर, तू मोर बरे निर्दयी होइ गवा अहा तू मोका नोस्कान पहोंचावइ क आपन सक्ती क प्रयोग करत अहा।
22 हे परमेस्सर, तू मोका देज आँधि स उड़इ देत ह। तू मोका तू फाने क बीच मँ डाल देत ह।
23 मइँ जानत हउँ तू मोका मोर मउत कइँती लइ जात अहा आखीर माँ हर कउनो क जाब अहइ।
24 मुला इ निहचय ह कि तू कउनो मनई जउन मदद बरे गोहरावत ह, ओन स नाहीं मुड़त ह।
25 हे परमोस्सर, तू तउ जानत ह कि मइँ ओनके खातिर रोएउँ जउन संकट मँ पड़ा अहइँ। तू तउ इ जानत ह कि मोर मन गरीब लोगन बरे बहोत दुखी रहत रहा।
26 मुला जब मइँ भला चाहत रहा, तउ बुरा होइ जात रहा। मइँ प्रकास हेरत रहेउँ अउर अँधियारा छाइ जात रहा।
27 मइँ भितरे स फट गवा हउँ अउर इ अइसा अहइ कि संकट कबहुँ नाहीं थम जात। अउर जियादा संकट आवइ क अहइ।
28 मइँ सोक क ओढ़ना पहिनके माना बगइर सूरज की गर्मी स करिया होइ गना हूँ। मइँ सभा क बीच मँ खड़ा होत हउँ, अउर मदद क गोहरावत हउँ।
29 मइँ जंगली कूकुरन क भइया अउर सुतुरमुर्ग क मीत होइ गवा हउँ।
30 मोर चमड़ी करिया पड़ि गइ बाटइ। मोर तन बुखारे स तपत बाटइ।
31 मोर वीणा करुण गीत गावइ क सधी बाटइ अउर मोर बाँसुरी स दुःख क रोवइ जइसे स्वर निकरत हीं।
Job 31
1 “मइँ आपन अँखिन क संग एक समझौता किहेउ ह कि उ सबइ कउनो लड़िकी क वासना क निगाह स न लखहीं।
2 सर्वसक्तीमान परमेस्सर लोगन क संग कइसा करत ह उ कइसे आपन ऊँच सरगे क घरे से ओनकर करमन क प्रतिफल देत ह
3 परमेस्सर दुस्ट लोगन बरे संकट अउ विनास पठवत ह, अउर जउन बुरा करम करत हीं ओनके बरे बर्बादी पठवत ह।
4 मइँ जउन भी करत हउँ परमेस्सर जानत ह। अउर मोरे हर कदम क उ लखत ह।
5 अउर मइँ झूठी जिन्नगी जिया हउँ या झूठ बोलिके लोगन क मुरख बनाए हउँ।
6 तउ उ मोका खरी तरजू स तौलेइ, तब परमेस्सर जान लेइ कि मइँ निरपराघ हउँ।
7 अगर मइँ खरा रास्ता स हटा होउँ, अगर मइँ आपन आप क बुरे लालसा मँ लइ गइ होइ या अगर मइँ आपन हाथ क पवित्तर नाहीं राखत हइँ।
8 तउ मोर उपजाई भइ फसल दूसर लोग खाइ जाइँ अउर मोर फसलन क उजारिके लइ जाइँ।
9 अगर मइँ मेहररुअन बरे कामुक रहा होउँ, या अगर मइँ आपन पड़ोसी क दुआरे क ओकरी पत्नी क संग व्याभिचार करइ क बरे ताकत रहा होउँ,
10 तउ मोर पत्नी दूसर लोगन क भोजन बनावइ अउर ओकरे संग दूसर लोग सोवइँ।
11 काहेकि यौन पाप लज्जा स भरा होत ह इ अइसा पाप अहइ जेका निहचय ही सजा पावइ चाही.
12 व्याभिचार उ पाप क समान अहइ, जउन बारत अउ बर्बाद कइ डावत ह। मोरे लगे जउन कछू भी अहइ बिभिचार क पाप ओका बारि डाइ।
13 “अगर मइँ आपन दास-दासियन क समन्वा उ समइ निस्पच्छ नाहीं रहेउँ जब ओनका मोसे कउनो सिकाइत रही। तउ जब मोका परमेस्सर क समन्वा जाइ क होइ, तउ मइँ का करब? जब उ मोका मोरे करमन क सफाई माँगइ बोलइ तउ मइँ परमेस्सर क का जावाब देब?
14
15 परमेस्सर मोका अउर मोरे सेवकन क हमरी आपन-आपन महतारी क गर्भ मँ बनाएस ह।
16 मइँ कबहुँ भी दीन जन क मदद क मना नाहीं किहेउँ। मइँ राँड़ मेहररुअन क सहारे क बिना नाहीं रहइ दिहेउँ।
17 मइँ स्वार्थी नाहीं रहेउँ। मइँ आपन भोजन क संग अनाथ बच्चन क भूखा नाहीं रहइ दिहेउँ।
18 मइँ अइसे गदेलन क जेनके बाप नाहीं अहइँ, मइँ बाप जइसा रहेउँ ह। मइँ जिन्नगी भइ राँड़ मेहररुअन क धियान रखेउँ ह
19 जब मइँ कउनो क एह बरे कस्ट भोगत भए पाएउँ ह कि ओकरे लगे ओढ़ना नाहीं अहइ, या मइँ कउनो दीन क बगैर कोट क पाएउँ।
20 तउ मइँ सदा ओन लोगन क ओढ़ना देत रहेउँ, मइँ ओनका गरम राखइ क मइँ खुद आपन भेड़िन क ऊन बइपरेउँ, तउ उ पचे मोका समूचइ मने स असीसत रहेन।
21 मइँ कउनो अनाथे क खिलाफ कबहुँ आपन हाथ नाहीं उठाएस जब कबहुँ मइँ ओका सहर क फाटके पइ मदद माँगत भए निहारेउँ।
22 अगर मइ अइसा किहेउँ तउ मोर काँधा आपन जगह स छूट कइ गिर जाइ अउर मोर बाजू आपन जोड़ स अलग होइ जाइ।
23 मुला मइँ तउ ओनमाँ स कउनो बुरा करम नाहीं किहेउँ। मइँ परमेस्सर क दण्ड स डेरात हउँ। ओकरी तेजस्विता स डेरात हउँ।
24 मइँ कबहुँ आपन धन दौलत क भरोसा नाहीं किहेउँ, अउर मइँ कबहुँ नाहीं चोखा सोने स कहेउँ कि ‘तू मोर आसा अहा।
25 मइँ धने स सम्पम्न रहेउँ। मुला मइँ ओसे घमण्डी नाहीं भएउँ। मइँ खूवइ धन कमाएउँ। मुला उहइ नाहीं जेहसे आनन्दित भएउँ।
26 मइँ कबहुँ भी नाहीं चमकत सूरज क पूजा किहेउँ या मइँ सुन्नर चाँद क पूजा नाहीं किहेउँ।
27 मइँ कबहुँ भी आपन हाथ क चूम कइ सूकज अउर चाँद क पूजा करइ क मूरखता नाहीं किहा रहा।
28 अगर मइँ एनमाँ स कछू किहेउँ तउ उ मोर पाप होइ अउ मोका सजा मिलइ। अगर मइँ ओन बातन क पूजा किहे होतेउँ तउ सर्वसाक्तीसाली परमेस्सर क अबिस्सासी होइ जातेउँ।
29 “जब मोर दुस्मन बर्बाद भएन तउ मइँ खुस नाहीं भएउँ। जब मोरे दुस्मनन क दुख-मुसीबत डाली गवा, तउ मइँ ओकर बरे खूस नाहीं भवा।
30 मइँ आपन मुहँ खोलिके आपन दुस्मनन क सरापत भए पाप नाहीं किहेउँ अउ मइँ ओकरे मोत क इच्छा नाहीं कहेस।
31 मोरे घरे क सबहिं लोग जानत हीं कि मइँ सदा अजनबी लोगन क खइया क दिहेउँ।
32 मइँ सदा अजनबी लोगन क घरे मँ बोलाएउँ, ताकि ओनका राति मँ गलियन मँ सोवइ क न पड़इ।
33 दूसर लोग आपन पापे क छूपावइ क जतन करत हीं, मुला मइँ आपन दोख कबहुँ नाहीं छुपाएउँ।
34 मइँ कबहुँ नाहीं डेराउँ कि लोग का कहत रहत हीं।मइँ कबहुँ चुप नाहीं रहेउँ अउ मइँ आपन घर बाहेर जाइ बरे कबहुँ नाहीं डेराउँ।
35 कास! कउनो होत जउन मोर सुनत। मोका आपन बात अपनी कइँती स समझावइ द्या। कास! सक्तीसाली परमेस्सर मोका अउर कास उ ओनँ बातन क लिखत जउन मइँ ओकरी निगाहे मँ गलत किहे रहेउँ।
36 काहेकि फुरइ ही मइँ उ लिकावट आपन खुद क काँधे पइ घइ लेब अउर मइँ ओका मुकुट क तरह मूँड़े पइ धइ लेब।
37 “अगर परमेस्सर किहेस तउ जउन कछू मइँ किहेउँ ह,मइँ ओका परमेस्सर क समुझाउब। मइँ परमेस्सर क लगे आपन मूँड़ि उठाइके जाब, जइसे मइँ कउनो मुखिया होउँ।
38 मइँ आपन भुइँया पइ कबहुँ बेगुनाह क खुन नाहीं बहाया हउँ एँह बरे मोर मिट्टी या मोर धरती क खिलाफ कबहुँ आवाज़ा नाहीं उठाएस।
39 मइँ हमेसा मजदूरन क फसल काटइ बरे ओनकर मजूरी दिहेउँ। मइँ कबहुँ भी ओकर मालिक स जबरदस्ती अनाज़ नाहीं लिहेउँ।
40 हाँ!एनमाँ स अगर कउनो भी बुरा काम मइँ किहे होउ, तउ गोहूँ क जगह पइ काँटा अउर जौ क बजाय खर-पतवर खेतन मँ उग जाइँ।”अय्यूब क सब्द खतम भएन।
Job 32
1 फुन अय्यूब क तीनउँ मीत अय्यूब क जवाब देइ क जतन करब तजि दिहेन। काहे कि उ अपने नजर मँ सच्चा रहेन।
2 हुआँ एलीहू नाउँ क एक मनई भी रहा।एलीहू बारकेन क पूत रहा। बारकेल बुज क निवासी रहा। एलीहू राम क परिवारे स रहा। एलीहू क अय्यूब पइ बहोत किरोध आवा काहेकि अय्यूब अपने आप क सही ठहराएस बजाए परमेस्सर क सही ठहरइ क।
3 एलीहू अय्यूब क तीनउँ मीतन स भी कोहान रहा काहेकि उ पचे तीनउँ ही अय्यूब क सवालन क जुक्ति संगत जवाब नाहीं दइ पाए रहेन अउर इ साबित नाहीं कइ सकन कि अय्यूब कसूरवार अहइ।
4 हुआँ जउन लोग रहेन ओनमाँ एलीहू सबसे लहुरा रहा। एह बरे उ तब तलक बाट जोहत रहा जब तलक हर कउनो आपन आपन बात पूरी नाहीं कइ चुका।
5 एलीहू जब इ लखेस कि अय्यूब क तीनहुँ मीतन क लगे कहइ क अउर कछू नाहीं अहइ तउ ओका बहोत किरोध आवा।
6 तउ बुज क निवासी बारकेल क पूत एलीहू आपन बात कहब सुरु किहस। उ बोला:“मइँ लहुरा अहउँ अउर तू लोग मोहसे जेठ अहा, मइँ एह बरे तोहका उ बतावइ मँ डेरात रहेउं जउन मइँ सोचत रहेउँ।
7 मइँ मन मँ सोचेउँ, ‘बड़के क पहले बोलइ चाही. अउर ओका बुद्धि सिखाइ चाही।’
8 मुला मनई मँ परमेस्सर क आतिमा बुद्धि देत ह अउर सर्वसक्तीसाली परमेस्सर क जरिये दिया भवा साँस मनई क गियान देत ह।
9 उमर मँ ज़ेठ मनई ही नाहीं गियानी होत हीं। का बस बड़ी उम्र क लोग ही इ जानत हीं कि उचित का अहइ?
10 एँह बरे मइँ जउन कछू जानत हउँ तोहका कहत हउँ। तू पचे मोर बात सुना मइँ तू पचन्क बताउब कि मइँ का सोचत हउँ।
11 जब तलक तू लोग बोलत रहया, मइँ बाट जोहत रहा।मइँ तोहार बुद्धि सुनइ चाही रहा। मइँ खामूस रह्या जब तू पचे बोलइ बरे सोच बिचार किहस।
12 मइँ तोहरे मर्म स भरे सब्दन क अय्यूब क उत्तर देइ खातिर धियान स सुनत रहेउँ। मुला तीनउँ ही इ सिद्ध नाहीं कइ पाया कि अय्यूब बुरा अहइ। तोहमाँ स कउनो भी अय्यूब क तर्कन क जवाब नाहीं दइ पावा।
13 तू लोगन क इहइ नाहीं कहइ चाही कि तू पचे गियान क पाइ लिहा ह। लोग नाहीं, परमेस्सर निहचय ह अय्यूब क तर्कन क जवाब देइ।
14 मुला अय्यूब मोरे खिलाफत मँ नाहीं बोलत रहा, एह बरे मइँ ओन तर्कन क प्रयोग नाहीं करब जेकर प्रयोग तू पचे तीनहुँ किहा ह।
15 अय्यूब, तोहरे तीनहुँ मीत असमंजस मँ पड़ा अहइँ, ओनके लगे कछू भी अउर कहइ क नाहीं अहइ, ओनके लगे जवाह दइ बरे अउर कछु नाहीं अहइ
16 इ सबइ तीनहुँ लोग हिआँ चुप खड़ा अहइँ अउर ओनके लगे जवाब नाहीं अहइ । तउ का अबहिं भी मोका प्रतिच्छा करइ चाही?
17 नाहीं! मइँ भी आपन जवाब देब। मइँ भी बताउब तू पचन्क कि मइँ का सोचत हउँ।
18 काहेकि मोरे लगे कहइ क बहोत अहइ। मोरे भितरे जउन आतिमा अहइ, उ मोका बोलइ क मजबूर करत ह।
19 मइँ आपन भितरे अइसी नई दाखरस सा हउँ, जउन हाली ही बाहर उफनइ क अहइ। मइँ उ नई दाखरस मसक जइसा हउँ जउन हाली ही फट जाइ क अहइ।
20 तउ निहचय ही मोका बोलइ चाही, तबहीं मोका नीक लागी। आपन मुँह मोका खोलइ चाही अउर मोका अय्यूब क सिकाइतन क जवाब देइ चाही।
21 इ बहस मँ मइँ कउनो क पच्छ नाहीं लेबइँ अउ अय्यूब क वइसे ही पच्छ लेबउँ जइसे दूसर क होइ चाहीं।मइँ कउनो क खुसामाद न करब।
22 मइँ नाहीं जानत हउँ कि कइसे कउनो क खुसामद कीन्ह जात ह। अगर मइँ कउनो क खुसामद करइ जानत तउ हाली ही परमेस्सर ओका सजा देत।
Job 33
1 “मुला अय्यूब अब, मोर संदेस सुना। ओन बातन पइ धियान दया जेनका मइँ कहत हउँ।
2 मइँ आपन बात कहइ क तइयार हउँ। मइँ आपन सब्द चुनत हउँ।
3 मोर मन सच्चा अहइ तउ मइँ सच बोलब। ओन बातन क बारे मँ जेनका मइँ जानत हउँ मइँ सच कहब।
4 परमेस्सर क आतिमा मोका बनाएस ह, मोका सर्वसक्तीसाली परमेस्सर स जिन्नगी मिलत ह।
5 अय्यूब, सुना अउ मोका जवाब द्या अगर तू सोचत ह कि तू दइ सकत ह। आपन जवाबन क तइयार रखा ताकि तू मोहसे तर्क कइ सक्या।
6 परमेस्सर क समन्वा हम दुइनउँ एक जइसे अहइँ, अउर हम दुइनउँ क ही उ माटी स बनाएस ह।
7 अय्यूब तू मोहसे जिन डेराअ। मइँ तोहरे संग कठोर न होब।
8 मुला अय्यूब, मइँ सुनेउँ ह कि तू जउन कहा करत ह।
9 तू इ कहे रह्या, ‘मइँ अय्यूब, दोखी नाहीं हउँ, मइँ पाप नाहीं किहेउँ, या मइँ कछू भी अनुचित नाहीं करत हउँ।
10 अगर मइँ कछू भी अनुचित नाहीं किहेउँ, तउ भी परमेस्सर कछू खोट मोहमाँ पाएस ह। परमेस्सर सोचत ह कि मइँ अय्यूब, ओकर दुस्मन हउँ।
11 एह बरे परमेस्सर मोरे गोड़े मँ बेड़ी डावत ह, मइँ जउन कछू भी करत हउँ, उ लखत रहत ह।’
12 मुला अय्यूब, मइँ तोहका निहचय क संग बतावत हउँ कि तू इ बारे मँ गैर मुनासिब अहा। काहेकि परमेस्सर कउनो भी मनई स जियादा जानत ह।
13 तू काहे सिकाइत करत अहा कि परमेस्सर तोहरे इलजाम जवाब नाहीं देत ह
14 मुला परमेस्सर निहचय ही हर उ बात क जेका उ करत ह स्पस्ट कइ देत हपरमेस्सर अलग अलग रीति स बोलत ह मुला लोग ओका समुझ नाहीं पउतेन।
15 होइ सकत ह कि परमेस्सर सपन मँ लोगन क काने मँ बोलत होइ, या कउनो दिब्यदर्सन मँ राति क जब उ पचे आपन बिसतरा पइ गहिर निंदिया मँ होइँ। जब परमेस्सर क चितउनियन सुनत हीं तउ बहोतइ डर जात हीं।
16
17 परमेस्सर मनइयन क बुरी बात करइ रोकइ क होसियार करत ह, अउ ओनका अंहकारी बनवइ स रोकइ क।
18 परमेस्सर मनइयन क मउत क देस मँ जाइ स बचावइ खातिर होेसियार करत ह। परमेस्सर मनई क नास स बचावइ बरे अइसा करत ह।
19 कउनो मनई परमेस्सर क वाणी तब सुन सकत ह जब उ बिस्तरे पइ ओलरा होइ अउर परमेस्सर क सजा स दुःख भोगत होइ। उ मनई एँतनी गहिर पीरा मँ होता ह, कि ओकर हाड़न दुःखत हीं।
20 फुन अइसा मनई कछू खाइ नाहीं सकत, उ मनई क एँतनी जियादी पीरा होत ह कि ओका सबन ते बढ़िया खइया क नाहीं सोहात।
21 ओकरे देहे क छय तब तलक होत जात ह, जब तलक उ कंकाल मात्र नाहीं होइ जात, अउर ओकर सबइ हाड़न नाहीं देखाँइ लग जातिन।
22 अइसा मनई मउत क देस क तिअरे होत ह, अउर ओकर जिन्नगी मउत क निअरे होत ह।
23 मुला होइ सकत ह कि कउनो सरगदूत, हजारन सरगदूत मँ स एक होइ जउन ओकरे उत्तिम चरित्तर क गवाही देइ।
24 उ सरगदूत उ मनई पइ दयालु होइ, उ दूत परमेस्सर स कहीं: ‘महारबानी कइ क इ मनई क मउत क देस स बचा। एकर दाम चुकावइ क एक रस्ता मोका मिली गवा अहइ।’
25 फिन मनई क देह जवान अउ खूब मजबूत होइ जाइ। उ मनई वइसा ही होइ जाइ जइसा उ तब रहा, जब उ जवान रहा।
26 उ मनई परमेस्सर क स्तुति करी अउर परमेस्सर ओकरी स्तुति क जवाब देइ । फुन उ परमेस्सर क व्यक्तित्व मँ खुसी खुसी आइ जाब। अउर उ बहोत खुस होइ काहेकि परमेस्सर ओका ओकर ईमानदारी बरे बदला देहीं।
27 फिन उ मनई मनइयन क मन्वा स्वीकार करी। उ कही; ‘मइँ पाप किहे रहउँ, भले क बुरा मइँ किहे रहेउँ, मुला मोका एहसे क मिला!
28 परमेस्सर मउत क देस मँ गिरइ स मोर आतिमा क बचाएस। मइँ अउर जियादा जिअब अउर फुन जिन्गी क रस लेब।’
29 परमेस्सर मनई क संग ओका मउत क देस मँ दाखिल होवइ स रोक कि अहसा बार-बार करत ह। अइसा मनई फिन जिन्नगी क रह लेत ह।
30
31 अय्यूब, धियान द्या अउर मोर बात सुना। तू चुप रहा अउर मोका कहइ द्या।
32 अगर तोहार लगे कहइ बरे कछू अहइ तउ ओका कहा काहेकि मइँ तोहका निर्दोख लखइ चाहत हउँ।
33 अय्यूब, अगर तोहका कछु नाहीं कहइ क अहइ तउ तू मोर बात सुना। चुप रहा, मइँ तोहका बुध्दिमान बनवइ सिखाउबउँ।”
Job 34
1 फिन एलीहू बात क जारी रखत भए कहेस:
2 “अरे ओ गियानी मनइयो । तू पचे धियान स सुना जउन बातन मइँ कहत हउँ। अरे ओ चतुर लोगो,मोग पइ धियान दया।
3 कान ओन सबन्क परखत ह जेनका उ सुनत ह, जइसेन जीभ जउने खइया क छुअति ह, ओकार सुआद पता करत ह।
4 तउ आवा इ परिस्थिति क परखा अउर खुद फइसला करा कि उचित का बाटइ। हम संग संग सीखब कि का खरा बाटइ।
5 अय्यबू कहेस: ‘मइँ निर्दोख हउँ, मुला परमेस्सर मोरे बरे निस्पच्छ नाहीं अहइ।
6 मइँ निरीह अहउँ मुला लोग सोचत हीं कि मइँ बुरा अहउँ। उ पचे सोचत हीं कि मइँ एक झूठा हउँ अउर चाहे मइँ निर्दोख भी होउँ फुन भी मोर घाव नाहीं भरि सकत।’
7 अय्यूब क नाई कउनो भी मनई नाहीं अहइ जेकर मुँह परमेस्सर क निन्दा स भरा रहत ह। अय्यूब बरे परमेस्सर क बेज्जती करइ मँ आसानी स पानी क पीवइ जइसा अहइ।
8 अय्यूब बुरे लोगन क साथी अबइ अउर अय्यूब क बुरे लोगन क संगत भावत ह।
9 काहेकि अय्यूब कहत ह, ‘अगर कउनो मनई परमेस्सर क हुकुम मानई क जतन करत ह तउ एहसे उ मनई क कछू भी भला न होइ।
10 “अरे ओ लोगो जउन समुझ सकत हवा, तउ मोर बात सुना, परमेस्सर कबहुँ भी बुरा नाहीं करत ह।सर्वसक्तीमान परमेस्सर कबहुँ भी बुरा नाहीं करी।
11 परमेस्सर मनई क ओकर कीन्ह करमन क फल देइ। उ मनइयन क जउन मिलइ चाही,देइ।
12 उ फुरइ अहइ परमेस्सर कबहुँ बुरा कारज नाहीं करत ह। सर्वसक्तीसाली परमेस्सर सदा निस्पच्छ रही।
13 कउनो इनसान ओका धरती क प्रभारी नाहीं बनाएस। कउनो भी मनई ओका इ सचमुच जगत क जिम्मेदारी नाहीं दिहस।
14 अगर परमेस्सर ठान लेत तउ उ लोगन स जिन्नगी क साँस लइ लेत ह।
15 तउ धरती क सबहिं मनई मर जातेन, फिन सबहिं लोग माटी बन जातेन।
16 “अगर तू पचे विवेकी अहा तउ तू पचे ओका सुनब्या जेका मइँ कहत हउँ।
17 अइसा कउनो मनई जउनो निआउ स घिना राखत ह सासक नाहीं बन सकत ह। अय्यूब, का तू सोचत अहा कि तू परमेस्सर क दोखी साबित कइ सकत अहइ?
18 सिरिफ परमेस्सर अइसा अहइ जउन राजा लोगन स कहत रहत ह कि ‘तू पचे बेकार अहइ।’ परमेस्सर नेता लोगन स कहत रहत ह कि ‘तू पचे दुस्ट अहा।’
19 परमेस्सर प्रमुखन स दूसर मनइयन क अपेच्छा अधिक पिरेम नाहीं करत, अउर परमेस्सर धन्नासेठन क अपेच्छा गरीबन स जियादा पिरेम नाहीं करत ह। काहेकि सबहिं क परमेस्सर रचेस ह।
20 होइ सकत ह रात मँ अचानक कउनो मनई मरि जाइ। परमेस्सर बहोत जल्दी ही लोगन क रोगी करत ह अउर उ पचे प्राण तउ देत हीं। परमेस्सर बगइर कउनो जतन क सक्तीसाली लोगन क उठाइ लइ जात ह।
21 मनई जउन करत ह परमेस्सर ओका देखत ह। मनई जउन भी चरण उठावत ह परमेस्सर ओका जानत ह।
22 कउनो जगहिया अइसी अँधियारा नाहीं अहइ, चाहे उ जगह कइसा भी अँधियारा होइ, जेह मँ कि कउनो भी दुस्ट मनई अपने क परमेस्सर स छुपाइ पावइस।
23 कउनो मनई बरे इ उचित नाहीं कि उ परमेस्सर स निआउ क अदालत मँ मिलइ क समइ निहचित करइ।
24 परमेस्सर क प्रस्नन क पूछइ क जरुरत नाहीं, मुला परमेस्सर बरिआरन क नस्ट करी अउर ओनकर जगह पइ कउनो अउर क बइठाई।
25 तउ परमेस्सर जानत ह कि लोग का कर हीं। एह बरे परमेस्सर राति मँ दुस्टन क हराई, अउर ओनका नस्ट कइ देइ।
26 परमेस्सर बुरे लोगन क ओनके बुरे करमन क कारण नस्ट कइ देइ अउर बुरे मनई क सजा क सब लखइ देइ।
27 काहेकि बुरे लोग परमेस्सर क आग्या मनाइ क तजि दिहेन अउर उ पचे बुरे लोग परवाह नाहीं करत हीं ओन कामन क करइ क जेनका परमेस्सर चाहत ह।
28 ओन बुरे लोग गरीबन क दुःख दिहन अउर ओनका मजबूर किहन परमेस्सर क मदद बरे गोहरावइ क। गरीब मदद बरे गोहरानत ह, तउ परमेस्सर ओकर सुनत ह।
29 जब परमेस्सर खामोस रही क फइसला करत ह तउ कउनो मनई परमेस्सर क दोखी नाहीं ठहराइ सकत ह। अगर परमेस्सर आपना मुख छिपा लेत ह तउ कउनो भी रास्ट्र या कउनो मनई ओका नाहीं पाइ सकत ह।
30 तउ फुन एक ठु अइसा मनई अहइ जउन परमेस्सर क खिलाफ अहइ अउर लोगन पइ जुलम करत ह। तउ परमेस्सर ओका राजा बनइ नाहीं गइ सकत ह।
31 होइ सकत ह कि कउनो परमेस्सर स कहइ, ‘मइँ अपराघी हउँ अउर फुन मइँ पाप नाहीं करब।
32 हे परमेस्सर, तू मोका उ सबइ बातन सिखावा जउन मइँ नाहीं जानत हउँ। अगर मइँ कछू बुरा किहेउँ तउ फुन, मइँ ओका नाहीं करबउँ।’
33 मुला अय्यूब, जब तू बदलइ क मना करत अहा, तउ क परमेस्सर तोहका वइसा प्रतिफल देइ, जइसा तू चाहत अहा? इ तोहार फइसला अहइ इ मोर नाहीं अहइ। तू ही बतावा कि तू का सोचत अहा?
34 कउनो भी मनई जेहमाँ विवेक अहइ अउर जउन समझत ह उ मोरे संग सहमत होइ। कउनो भी विवेकवाला मनई जउन मोर सुनत, उ कही,
35 ‘अय्यूब, अबोध मनई क जइसी बातन करत अहा, जउन बातन अय्यूब करत ह ओऩमाँ कउनो सच्चाइ नाहीं।’
36 मोर इ इच्छा अहइ कि अय्यूब क परखइ क अउर भी जियादा कस्ट दीन्ह जाइँ। काहेकि अय्यूब हमका अइसा जवाब देत ह, जइसा कउनो दुस्ट मनई जवाब देत होइ।
37 अय्यूब पाप पइ किए जात ह अउर ओह पइ उ बगावत किहेस। तोहरे ही समन्वा उ परमेस्सर क खिलाफ बहोत सारे इलाजाम लगावत रहत ह।”
Job 35
1 एलीहू कहत चला गवा। उ बोल।
2 “मइँ अय्यूब, इ तोहरे बरे कहब उचित नाहीं कि “मइँ अय्यूब. परमेस्सर क खिलाफ निआउ पइ हउँ।’
3 अय्यूब, तू परमेस्सर स पूछत अहा, ‘मनई परमेस्सर क खुस कइके का पाई? अगर मइँ पाप न करउँ तउ मोका का फायदा होइ?
4 अय्यूब, मइँ तोहका अउ तोहरे मीतन क जउन हिआँ तोहरे संग अहइँ जवाब देइ चाहत हउँ।
5 अय्यूब! ऊपर लख अकासे मँ निगाह उठाइके कि बादर तोहसे जियादा ऊँचा अहइँ।
6 अय्यूब, अगर तू पाप करा तउ परमेस्सर क कछू नाहीं बिगड़त, अउर अगर तोहार पाप बहोत होइ जाइँ तउ ओहसे परमेस्सर क कछू नाहीं बिगड़त।
7 अय्यूब, अगर तू भला अहा तउ एहसे परमेस्सर क भला नाहीं होत, तोहसे परमेस्सर क कछु नाहीं मिलत।
8 अय्यूब, तोहार पाप खुद तोहरे जइसे मनई क नोस्कान पहुँचावत हीं, तोहार नीक करम बस तोहरे जइसे मनई क हीं भला करत हीं।
9 अगर बुरे मनइयन क संग अनिआउ होत ह अउर बुरा बेउहार कीन्ह जात ह, तउ उ पचे मदद क पुकारत हीं, उ पचे बड़के बड़के बरिआर क मदद पावइ क दोहाइ देत हीं।
10 मुला बुरे मनइयन परमेस्सर स मदद नाहीं माँगतेन। उ पचे नाहीं कहत हीं, ‘परमेस्सर जउन हमका रचेस ह उ कहाँ बा? परमेस्सर हम लोगन क रात मँ गावइ बरे गीत देत ह।
11 उ बुरे मनइयन इ नाहीं कहा करतेन कि, ‘परमेस्सर जउन गोरु अउ चिरइयन स जियादा बुध्दिमान मनई क बनाएस ह उ कहाँ बा?
12 अगर बुरे लोग परमेस्सर क मदद पावइ क दुहाइ देत हीं तउ परमेस्सर ओनका जवाब नाहीं देत ह। काहेकि उ पचे बहोत घमंडी अउर बुरा होत हीं।
13 इ सच अहइ कि परमेस्सर ओनकर बेकार क दुहाइ क नाहीं सुनी। सर्वसक्तीमान परमेस्सर ओनँ पइ धियान नाहीं देत।
14 अय्यूब, इहइ तरह जब तू परमेस्सर क समन्वा आपन मामला पइ बहस कइ बरे इन्तजार करत ह, अउर अगर तू सिकायत करत ह कि उ तोहरे समन्वा प्रकट नाहीं होएइ, तउ परमेस्सर तोहका जवाब नाहीं देब्या।
15 अय्यूब, तू सोचत अहा कि परमेस्सर दुस्टन क सजा नाहीं देत ह अउर परमेस्सर पाप पइ धियान नाहीं देत ह।
16 एह बरेअय्यूब आपन बेकार क बातन करत रहत ह। अय्यूब बहोत बोलतह मुला उ नाहीं जानत कि उ का कहत रहत ह।”
Job 36
1 एलीहू बात जारी राखत भए कहेस।
2 “अय्यूब, मोरे संग तनिक देर अउर धीरा धरा। मइँ तोहका देखाँउब कि परमेस्सर क पच्छ मँ अबहिं कहइ क अउर अहइ।
3 मइँ आपन गियान क सब स बाँटब। मोका परमेस्सर रचेस ह। मइँ जउन कछू भी जानत हउँ मइँ ओकर प्रयोग तोहका इ देखाँवइ बरे करब कि परमेस्सर निस्पच्छ अहइ।
4 अय्यूब, मइँ तोहका फुरइ कहत हउँ कि मइँ झूट नाहीं कहत हउँ। मइँ जानत कि मइँ का बात करत हउँ।
5 परमेस्सर महान अहइ मुला उ आम लोगन क तुच्छ नाहीं समुझत ह। परमेस्सर बहोत सामर्थी बाटइ अउ विवेक स पूर्ण बाटइ।
6 परमेस्सर दुट्ठ लोगन क जिअइ नाहीं देइ अउर परमेस्सर हमेसा गरीब लोगन क संग खरा बेउहार करत ह।
7 उ सबइ लोग जउन मुनासिब बेउहार करत हीं, परमेस्सर ओनकर धियान राखत ह। उ राजा लोगन क संग ओनका सिंहासन देत ह अउर उ पचे सदा आदर पावत हीं।
8 मुला अगर लोग सजा पावत होइँ अउर अउर बेड़ियन मँ जकरि गवा होइँ। अगर उ पचे पीरा भोगत रहत होइँ अउर संकटे मँ होइँ।
9 तउ परमेस्सर ओनका बताई कि उ पचे कउन सा बुरा करम किहेन ह। परमेस्सर ओनका बताई कि उ पचे पाप किहेन ह अउर उ पचे अहंकारी रहेन।
10 परमेस्सर ओनका ओकर चिताउनी सुनइ क मजबूर करी। उ ओनका पाप करइ स रोकइ खातिर आदेस देइ।
11 जदि लाग परमेस्सर क सुनिहीं अउर ओकर अनुसरण करिहीं तउ परमेस्सर ओनका खुसहाल दिन आनन्दित बरिस देब्या।
12 मुला अगर उ पचे परमेस्सर क आग्या क नकारिहीं तउ उ पचे बिना जाने ही मउत क दुनिया मँ चला जइहीं।
13 अइसे लोग जेनका परमेस्सर क परवाह नाहीं अहइ उ पचे सदा कडुवाहट स भरा रहत हीं। हिआँ तलक कि जब परमेस्सर ओनका सजा देत ह, उ पचे परमेस्सर स सहारा पावइ क विनती नाहीं करतेन।
14 अइसे लोग जवान होत ही मरि जइहीं। उ पचे भ्रस्ट लोगन क संग सर्म स मरिहीं।
15 मुला परमेस्सर दुखिन लोगन क बचाब। परमेस्सर लोगन क जगावइ बरे विपत्ति पठवत ह ताकि लोग ओकर सुनइँ।
16 सचमुच मँ परमेस्सर तोहार दुख-मुसीबत मँ तोहार मदद करइ चाहत ह। उ तोहार बोझन क दुर करइ चाहत ह जउन तोहका कुचरत ह। उ तोहार मेजे पइ भरपूर खइया रखइ चाहत ह।
17 किन्तु तू दोख, निर्णय अउर निआव क बातन स भरा भवा अहा!
18 अय्यूब, तू आपन किरोध क परमेस्सर बरे संका क कारण जिन बना द्या। मुक्ति क बड़ा मूल्य तोहका राह स दुर भटकावइ क कारण जिन बना दया।
19 तू इ जान ल्या कि न तउ जब तोहार समूचा धन अउर न ही तोहार सक्ती तोहार मदद कइ सकत ह।
20 तू राति क अवाई क इच्छा जिन करा। जब लोग आपन ठउरन स गाइब हो जात ह।
21 अय्यूब बुरा करम करइ स तू होसियार रहा। तोह पइ मुसीबतन पठइ गइ अहइँ ताकि तू पापे क ग्रहण न करा।
22 लखा, परमेस्सर क सक्ती ओेका महान बनावत ह। परमेस्सर सबहिं स महानतम सिच्छक अबइ।
23 कउनो भी मनई परमेस्सर स नाहीं कह सकत ह कि का करब। कउनो भी परमेस्सर स नाहीं कहिं सकत,’ परमेस्सर तू बुरा किहा ह।’
24 परमेस्सर क कर्मन क बड़कइ करब तू जिन बिसरा। लोग गीत गाइके परमेस्सर क सबइ काम क बड़कइ किहेन ह।
25 परमेस्सर क करम क हर कउनो मनई लखि सकत ह। दूर देसन क लोग ओन कर्मन क लखि सकत हीं।
26 इ फुरइ अहइ कि परमेस्सर महान अहइ । ओकरी महिमा क हम नाहीं समुझ सकित ह। परमेस्सर क उमर क बरिसन क गनती क कउनो गन नाहीं सकत।
27 परमेस्सर पानी क धरती स ऊपर उठावत ह अउर ओका बर्खा अउ कुहरा क रुप मँ बदल देत ह।
28 परमेस्सर बादरन स लोगन पइ भरपूर पानी बरसावत ह।
29 का कउनो मनइ इ ब्यान कइ सकत ह कि परमेस्सर कइसे बादरन क फैलावत ह, या ओकर घर, आकास मँ बिजुरि क गरज क समझ सकत ह
30 लखा, परमेस्सर कइसे आपन बिजुरि क अकासे मँ चारिहुँ कइँती बिखेरत ह अउर कइसे समुझदार क गहिरे हींसा क ढाँपि लेत ह।
31 परमेस्सर रास्ट्रन क नियंत्रण मँ रखइ अउर ओनका भरपूर भोजन देइ बरे बारदन क उपयोग करत ह।
32 परमेस्सर आपन हाथे स बिजरी क पकरि लेत ह अउर जहाँ, उ चाहत ह. हुआँ बिजुरि क गिरइ क हुकुम देत ह।
33 गर्जन लोगन क तूफाने क अवाइ क चिताउनी देत ह। इ गर्जन दिखावत ह कि इ दुस्टता क खिलाफ किरोध मँ अहइ।
Job 37
1 “हे अय्यूब, जब एँन बातन क बारे मँ मइँ सोचत हउँ, मोर हिरदइ बड़े जोर स धक धक करत ह।
2 हर कउनो सुनइ, परमेस्सर क वाणी बादर क गर्जन जइसी सुनाई देत ह। अनका गरजत भी ध्वनि क जउन परमेस्सर क मुँहे स आवति अहइ।
3 परमेस्सर आपन बिजुरी क सारे अकासे स होइके चमकइ क पठवत ह। उ सारी धरती क ऊपर चमका करत ह।
4 बिजुरी क कौधइ क पाछे परमेस्सर क गर्जन भरी वाणी क सुना जाइ सकत ह। जब परमेस्सर आपन अदभुत वाणी क संग गरजत ह। तब परमेस्सर क वाणी गरजत ह तउ बिजुरी कौधत ह तब।
5 परमेस्सर क गरजत भइ वाणी अदभुत अहइ। उ अइसे बड़े करम करत ह, जेनका हम समुझ नाहीं पावत अही।
6 परमेस्सर बर्फ स हुकुम देत ह, ‘तू धरती पइ गिरा’ अउर परमेस्सर बर्ख स कहत ह ‘तू धरती पइ जोर स बरसा।’
7 परमेस्सर अइसा एह बरे कहत ह कि सबहिं मनई जेनका उ बनाएस ह जान लेइ कि उ का कइ सकत ह। उ ओकर प्रमाण अहइ।
8 पसु आपन खोहन मँ पराइ जात हीं, अउर हुआँ ठहरा रहत हीं।
9 ओनका कमरन स आँधी आवत हीं, अउ हवा सर्दि मोसम लियावत ह।
10 परमेस्सर क साँस बर्फ बनवत ह, अउर समुद्दरन क जमाइ देत ह।
11 परमेस्सर बादरन क जल स भरा करत ह, अउ बिजुरी क बादर क जरिये बिखेर देत ह।
12 परमेस्सर बादरन क चारिहुँ कइँती मोड़ देत ह ताकि उ पचे उहइ कइ सकइ जेका उ ओनका करइ क हुकुम दिहेस ह उ पचे पूरी धरती पइ छाइ जात ह।
13 परमेस्सर लोगन क सजा देइ बरे कबहुँ बाढ़ लिआवत ह। कबहुँ आपन सहानुभूती देखावइ बरे बादरन क पठवत ह अउर धरती पइ पानी बरसावत ह।
14 अय्यूब, तू छिन बरे रुका अउ सुना। रुक जा अउ सोचा ओन अदभुत कारजन क बारे मँ जेनका परमेस्सर किया करत ह।
15 अय्यूब, का तू जानत अहा कि परमेस्सर बादरन पइ कइसे काबू राखत ह का तू जानत ह कि परमेस्सर आपन बिजुरी क काहे चमकावत ह
16 का तू जानत ह कि आकास मँ बादर कइसे लटका रहत हीं। इ सबइ बादरन एक ठु उदाहरण अहइँ। परमेस्सर क गियान संपूर्ण अहइ अउर इ सबइ बादर परमेस्सर क अदभुत कारज अहइँ।
17 मुला अय्यूब, तू इ सबइ बातन क नाहीं जानत ह। तू बस एँतना जानत अहा कि तोहका पसीना आवत ह अउर तोहार ओढ़ना तोहसे चिपका रहत हीं जब सब कछू आराम करत रहत होत ह अउर दक्खिन स गरम हवा बहत ह।
18 अय्यूब, का तू परमेस्सर क मदद आकास मण्डल क तानइ मँ अउर ओका झलकत भए दर्पण क नाई चमकावइ मँ कइ सकत अहा?
19 अय्यूब, हमका बतावा कि हम परमेस्सर स का कहीं? हम ओसे कछू भी कहइ क सोच नाहीं पाइत काहेकि हम पर्याप्त कछू भी नाहीं जानित।
20 का परमेस्सर क बतावा जाइ कि मइँ ओकरे खिलाफ बोलइ चाहत हउँ। इ वइसे ही होइ जइसे आपन विनास माँगबा।
21 लखा, कउनो भी मनई चमकत भए सूरज क नाहीं लख सकत ह। जब हवा बादरन क उड़ाइ देत ह ओकरे पाछे उ बहोतइ उज्जवर अउ चमचमात भवा होत ह।
22 अउ परमेस्सर भी ओकरे समान अबइ। परमेस्सर क सुनहरी महिमा चमकत ह। परमेस्सर अदभुत महिमा क संग उत्तर कइँती स आवत ह।
23 सर्वसाक्तीमान परमेस्सर सचमुच महान अहइ, हम परमेस्सर क नाहीं जान सकित। परमेस्सर सदा ही लोगन क संग निआउ, अउ निस्पच्छ होइके बेउहार करत ह। उ कउनो लोग क संग ना इनसाफी क संग पीड़ा नाहीं देत ह।
24 एह बरे लोग परमेस्सर क आदर करत हीं, मुला परमेस्सर ओन अभिमानी लोगन क आदर नाहीं देत ह जउन खुद क बुध्दिमान समुझत हीं।”
Job 38
1 फिन यहोवा बौडंर मँ स अय्यूब क जवाब दिहस। परमेस्सर कहेस।
2 “इ कउन मनई अहइ जउन मूर्खता स भरी भइ बातन करत अहइ?”
3 अय्यूब, तू मनई क तरह सुदृढ़ बना। जउन सावत मइँ पूछउँ ओकर जवाब देइ क तइयार होइ जा।
4 अय्यूब, बतावा तू कहाँ रहया, जब मइँ भुइँया क रचना किहे रहेउँ? अगर तू एँतना समुझदार अहा तउ मोका जवाब दया।
5 अय्यूब, अगर तू एँतना हाज़िर जवाब अहा तउ मोका बता कि इ संसारे क विस्तार कउन तय किहेस?कउन इ संसार क नापइ वाला सूत स नापेस?
6 इ पृथ्वी क नींव काहे पइ धरी गइ अहइ? कउन पृथ्वी क नींव क रुप मँ सवन त जियादा महत्व क पाथर क धरेस ह
7 जब परमेस्सर अइसा करत रहेन तउ भोर क तारन एक संग खुस होइके गाना गाएन। अउर सरगदूतन खुस होअके चिल्ला उठेन।
8 अय्यूब, जब सागर धरती क गरम स फूट बहत निकरा, तउ कउन ओका रोकइ बरे दुआर क बँद किहे रहा।
9 उ समइ मइँ बादरन स समुददर क ढाँपि दिहेउँ अउ अंधियारा मँ सागर क लपेट दिहे रहेउँ(जइसे गदेला क चादर मँ लपेटा जात ह।)
10 “सागर क चउहद्दी मइँ निहचित किहे रहेउँ अउर ओहमाँ ताला डाइके दुआरन क पाछे रख दिहे रहेउँ।
11 मइँ समुददरे स कहेउँ, तू हिआँ तलक आइ सकत ह मुला अउर जियाद आगो नाहीं।तोहार घमण्डी लहरन हिआँ पइ रुकि जइहीं।’
12 अय्यूब, का तू कबहुँ आपन जिन्नगी मँ भोर क हुकुम दिहा ह निकरि आवइ अउर दिन क सुरु करइ क?
13 अय्यूब, का तू कबहुँ भिन्सारे क प्रकास क धरती पइ छाइ जाइ क कहया ह अउर का कबहुँ ओहसे दुस्टन क लुकाइ क जगहिया क तजि देइ क मजबूर करइ क कहया ह
14 जब भिंसारे क प्रकास धरती पइ पड़त ह तउ धरती क रूप व आकृति अइसा प्रगट होत ह जइसे नरम मिट्टी क मुहर स दबाइ स होत ह। एकर रूप रेखा ओढ़नन क सलवटन क नाईं उभरत ह।
15 दुस्ठ लोगन स प्रकास लइ लीन्ह गवा ह। नीक अउर ओन बाजूअन क जउन कि उ पचे बुरा करम करइ बरे उठाएस तोड़ दीन्ह ग रहेन।
16 अय्यूब, बतावा का तू कबहुँ सागर क गहिर तहे मँ गवा अहा जहाँ स सुरु होत हका तू कबहुँ सागर क स्त्रितों पइ चला अहा?
17 अय्यूब, का तू कबहुँ उ फाटकन क लख्या ह, जउन मउते क लोक लइ जात हीं? का तू कबहुँ ओन फाटकन क लख्या जउन मउत क अँधियार जगह क लइ जात हीं?
18 अय्यूब, तू जानत अही कि इ धरती केतँनी बड़ी अहइ? तू मोका बतावा अउर तू इ सब कछु जानत अहा।
19 अय्यूब, प्रकास कहाँ स आवत अहइ? अउर अँधियारा कहा स आवत ह
20 अय्यूब, का तू प्रकास अउ अँधियारा क अइसी जगह लइ जाइ सकत ह जहाँ स उ सबइ आए होइँ? जहाँ उ सबइ रहत हीं हुआँ पइ जाइ क मारग का तू जानत अहा?
21 अय्यूब, मोका निहचय अहइ कि तोहका सारी बातन मालूम अइँ काहेकि तू बहोत ही बूढ़ा अहा। जब वस्तुअन क रचना भइ रही तब तू हुआँ रहया।
22 अय्यूब, का तू कबहुँ ओन भण्डार क कोठरियन मँ गना अहा जहाँ मइँ बरफ अउ ओलन क धरा करत हउँ?
23 मइँ बरफ अउ ओलन क विपत्ति क समइ मँ अउ जुद्ध अउर लड़ाई क समइ मँ उपयोग करइ बरे बचाए राखत हउँ।
24 अय्यूब, का तू कबहुँ अइसी जगह गवा अहा, जहाँ स सूरज उगत ह अउ जहाँ स पुरवइया सारी धरती पइ छाइ जाइ बरे आवत ह
25 अय्यूब, भारी बर्खा बरे अकास मँ कउन नहर खोदेस ह, अउर कउन गरजनवाले बिजली क रस्ता बनाएस ह
26 अय्यूब, कउन हुआँ भी पानी बरसाएस, जहाँ कउनो भी नाहीं रहत ह
27 उ बर्खा उ खानी भुइँया क खूब देर क पानी देत ह अउ घास जामब सुरु होइ जात ह।
28 अय्यूब, का बर्खा क कउनो बाप अहइ? ओस क बूँदन क कउन बनावत अहइ?
29 अय्यूब,बरफ क महतारी कउन अहइ? आकास क पाला क कउन पइदा करत ह
30 पानी जमिके चट्टान जइसा कठोर बन जात ह, अउर सागर क ऊपर क सतह जम जावा करत ह।
31 अय्यूब, सप्तर्षि तारन क का तू बाँध सकत हका तू मिरगसरा का बन्धन खोल सकत ह
32 अय्यूब,का तू तारा समूहन(कहकसाँ) क ठीक वेला पइ निकार सकत हका तू भालू क ओकरे बच्चन क संग अगुअइ कइ सकत ह
33 का तू ओन नेमन क जानत ह, जउन नभ पइ सासन करत हीं? का तू ओन नेमन क धरती पइ लागू कइ सकत ह
34 अय्यूब, का तू गोहराइके बादरन क आदेस दइ सकत ह, कि उ पचे भारी बर्खा क साथ घेरि लेइँ।
35 अय्यूब बतावा, का तू बिजुली क जहाँ चाहत्या पठइ सकत अहा? अउर का तोहरे निअरे आइके बिजुरी कही अय्यूब, ‘हम हिआँ अही बतावा तू का चाहत ह’
36 मनई क मन मँ विवेक क कउन राखत ह लोगन क चिजियन क समझइ बरे छमता कउन देत ह
37 अय्यूब कउन आपन बुदिध स बादरन क गनेस हकउन आकास क पानी क चाम थेले क उंडेल सकत ह
38 बर्खा धूरि क कीचंड़ बनाइ देत ह अउर माटी क लौदा आपुस मँ चिपक जात हीं।
39 अय्यूब, का तू सिंह क आहार पाइ सकत हका तू मुखान सेरनी क बच्चन क पेट भरि सकत ह
40 उ सबइ सेर आपन खोहन मँ पड़ा रहत हीं अउर सिकार बरे झाड़ी मँ दुबक क घात लगनवइ बरे बइठा रहत हीं।
41 अय्यूब, कउआ क कबेला चारा पाए बगइर एहरओहर भटकत भए परमेस्सर क दुहाइ देत हीं। कउन ओनका चारा देत ह
Job 39
1 “अय्यूब का तू जानत अहा कि कब पहाड़ी बोकरियन बियात हीं? का तू कबहुँ लख्या जब हिरणी बियात ह
2 अय्यूब, का तू जानत ह पहाड़ी बोकरियन अउ महतारी हरिणियन केतँने महीने आपन बच्चन क गर्भ मँ राखत हीं? का तोहका पता अहइ कि ओनकर बियाइ क उचित समइ का अहइ?
3 का तू जानत ह क उ पचे बच्चा क जनम दइ बरे कब झुकत ह। का तू जानत ह कि उ पचे आपन बच्चन क कब जनम देत ह।
4 पहाड़ी बोकरियन अउर हरिणि महतारी क बच्चन खेतन मँ हट्टा कट्टा होइ जात हीं। फुन उ पचे आपन महतारी क तजि देत हीं, अउर फुन लउटिके वापस नाहीं अउतेन।
5 अय्यूब, जंगली गदहन क कउन अजाद छोड़ देत ह कउन ओनकर रस्सन क खोलेस अउर ओनका बन्धन स अजाद किहेस?
6 इ मइँ परमेस्सर हउँ जउन बनेर गदहा क घर क रुप मँ रेगिस्तान दिहेउँ। मइँ ओनका रहइ बरे उजाड़ धरती दिहेउँ।
7 बनेर गदहा सोर स भरा भवा सहरन क लगे नाहीं जात ह अउर कउनो भी मनई ओका काम करवावइ बरे नाहीं साधत ह।
8 बनेर गदहन पहाड़न मँ घूमत हीं अउर उ पचे हुअँइ घास चरत रहत हीं। उ पचे हुअँइ पर हरिअर घास चरइ क हेरत रहत हीं।
9 अय्यूब,बतावा, का कउनो जंगली साँड़ तोहरी सेवा बरे राजी होइ? का उ तोहरे चरही मँ राति क रुकी?
10 अय्यूब, का तू जंगली बर्धा पइ जुआ रख पइ आपन खेत जोतँवाइ सकत ह का घाटी क तोहरे वास्ते जोतँइ बरे उ पचन पइ जुआ रखइ जाब्या?
11 जंगली साँड़ बहोत मजबूत होत ह। मुला का तू आपन काम करइ बरे ओन पइ भरोसा कइ सकत ह
12 का तू ओह पइ भरोसा कइ सकत ह कि उ तोहार अनाज बटोरइ अउर ओका दाँवइ मँड़ाइक खरिहाने मँ लिआवइ।
13 सुतुरमुर्ग जब खुस होत ह उ आपन पंख फड़फड़ावत ह। मुला ओकर पंख सारस क पंख जइसे नाहीं होतेन।
14 मादा सुतुरमुर्ग धरती पइ अण्डा देत ह। सबइ अण्डा रेत मँ गरम होइ जात ह।
15 मुला सुतुरमुर्ग बिसरि जात ह कि कउनो ओकरे अण्डन पइ चलिके कुचर सकत ह, या कउनो बनेर पसु ओनका तोड़ सकत ह।
16 मादा सुतुरमुर्ग आपन नान्ह बच्चन पइ कठोर होइ जात ह जइसे उ पचे ओकर बच्चन नाहीं अहइँ। अगर ओकर बच्चन मरि भी जाइँ तउ भी ओका चिन्ता नाहीं होतह, अउर ओकर सब काम अकारथ होत ह।
17 परमेस्सर सुतुरमुर्ग क विवेक नाहिं दिहेस, अउर उ ओका कउनो समझदारी नाहीं दिहस ह।
18 मुला जब सुतुरमुर्ग दउड़इ क उठत ह तब धोड़न अउ ओकरे सवार पइ हँसत ह।
19 अय्यूब, बतावा का तू धोड़न क बल दिहा अउर का तू ही ओकर गटई पइ फहरती अयाल जमाया ह
20 अय्यूब, बतावा जइसे टिड्डी कूद जात ह तू वइसे धोड़ा क कुदाया ह घोड़ा ऊँची अवाजे मँ हिनहिनात ह अउर लोग डेराइ जात हीं।
21 घोड़ा घुस अहइ कि उ बहोत बलवान बाटइ अउर आपन खुरे स धरती क खतन रहत ह। जुदध मँ जात भवा घोड़ा तेज दौड़ जात ह।
22 घोडा डरे क हँसी उड़ावत ह काहेकि उ कबहुँ नाहीं डेरात। घोड़ा कबहुँ भी जुदध स मुँह नाही मोड़त ह।
23 घोड़ा क बगल मँ तरकस थिरकत रहत हीं। घोड़सवारन क भलन अउ हथियार धूपे मँ चमचामत रहत हीं।
24 घोड़ा बहोत उत्तेजित अहइ, मैदान पइ उ तेज चाल स दउड़त ह। घोड़ा जब बिगुल क आवाज सुनत ह तब उ सान्त खड़ा नाहीं रहि सकत।
25 बिगुल क ध्वनी पइ घोड़ा हिन हिनावत ह। उ बहोत ही दूर स जुदध क सूँध लेत ह। उ सेना क सनापती क आदेस अउर जुदधा क हाहाकार अउ जयजयकार क सुन लेत ह।
26 अय्यूब, का तू बाज क सिखाया आपन पखनन क फइलाउब अउर दक्खिन कइँती उड़ि जाब।
27 अय्यूब का तू उकाब क उड़इ क अउर ऊँच पहाड़न मँ आपन झोंझ बनावइ क आग्या देत ह।
28 उकाब चट्टाने पइ रहा करत ह। ओकर किला चट्टान होत ह।
29 उकाब किला स आपन सिकार पइ निगाह राखत ह। उ बहोत दूर स आपन सिकार क लखि लेत ह।
30 गिद्ध क बच्चन लहु चाटा करत हीं। जहाँ भी ल्हासन पड़ा होत हीं हुवाँ गिदध बटुर जात हीं।”
Job 40
1 यहोवा अय्यूब स कहत ह:
2 “अय्यूब तू सर्वसक्तीमान परमेस्सर स तर्क किहा। तू मोर निन्दा किहस। अब तोहका जवाब दइ चाही।”
3 एह पइ अय्यूब कहइ बरे देत भए परमेस्सर स कहेस:
4 “मइँ तउ कछू कहइ बरे बहोत ही तुच्छ हुउँ। मइँ तोहसे का कहि सकत हउँ? मइँ आपन हाथ आपन मुँहे पइ रख लेब।
5 मइँ एक दाई कहेउँ मुला अब मइँ जवाब नाहीं देबउँ। फुन मइँ दुबारा कहेउँ मुला अब अउर कछू नाहीं बोलब।”
6 एकरे पाछे यहोवा आँधी मँ बोलत भए अय्यूब स कहेस।
7 अय्यूब, तू मनई क तरह तइयार होइ ज। मइँ तोहसे कछू सवाल पूँछब अउर तू ओन सवालन क जवाब मोका देब्य़ा।
8 अय्यूब का तू सोचत अहा कि मइँ निआउ स पूरा नाहीं हउँ। का तू मोका बुरा काम करइ क दोखी मानत अहा ताकि तू इ देखाँइ सका कि तू उचित अहा?
9 अय्यूब, बतावा का मोर सस्त्र एँतना सक्तीसाली अहइँ जेतँना कि मोर(परमेस्सर) सस्त्र अहइ!? का तू आपन वाणी क ओतँना ऊँच गरजिके बोल सकत ह जेतँना मोर वाणी अहइ!?
10 अगर तू वइसा कइ सकत ह तउ तू खुद क आदर अउर महिमा द्या अउ ओढ़ना क तरह वफादारी क सान क ओढ़ ल्या।
11 अय्यूब, अगर तू मोरे समान अहा, तउ अभिमानी लोगन स घिना करा। अय्यूब तू ओन अंहकारी लोगन पइ आपन किरोध बरसावा अउ तू ओनका विनम्र बनाइ दया।
12 हाँ,अय्यूब, ओन अंहकारी लोगन क लखा अउर तू ओनका विनम्र बनाइ दया। ओन दुस्टन क तू कुचर दया जहाँ भी उ पचे खड़ा होइँ।
13 तू सबहिं घमण्डियन क माटी मँ गाड़ दया अउर ओनकइ देहन पइ कफन लपेटिके तू कब्रन मँ धइ दया।
14 अय्यूब, अगर तू एँन सबइ बातन क कइ सकत ह तउ मइँ तहार परसंसा लरब काहेकि तू खुद क बचाइ सकत ह।
15 अय्यूब, लखा मइँ उ बहमोथ (जलगजे)क पैदा किहेउँ। अउर उ मइँ ही ह जउऩ तोहका बनाएउँ ह। उ बहमोथ उहइ तरह घास खात ह, जइसे गइया घास खात ह।
16 बहमोथ क बदन मँ बहोत ताकत होत ह। ओकरे पेटे क माँसपेसियन बहोत ताकतवर होत हीं।
17 बहमोथ क पूँछ मजबूत अइसी होत ह जइसे देवदार क बृच्छ खड़ा रहत ह। ओकरे गोड़े क माँसपेसियन बहोत मजबूत होत हीं।
18 बहमोथ क हाड़न काँसा क तरह मजबूत होत हीं, अउर गोड़ ओकरे लोहे क ढूड़न जइसे।
19 बहमोथ महानतम पसु अहइ जेका मइँ बनाएउँ ह। हिआँ तलक कि ओकर सिरजनहार भी ओका लगे तरवार लइ क जात ह।
20 बहमोथ ओन घासे क खात ह जउन पहाड़े पइ उपजात ह जहाँ बनेर पसु खेलत हीं।
21 बहमोथ कमल क पउधन क नीचे सोवत रहत ह अउ कीचंड़ मँ सरकणडन क आड़ मँ छूपा रहत ह।
22 कमल क पउधन बहमोथ क आपन छाया मँ छिपावत हीं। उ बेंत क पेड़न क खाले रहत ह, जउन नदी क निचके उगत हीं।
23 अगर नदी मँ बाढ़ आइ जाइ तउ भी जलगज परात नाहीं ह। अगइ यरदन नदी भी ओकरे मुँहे पइ थपड़ियावइ तउ भी उ डेरात नाहीं ह।
24 बहमोथ क कउनो भी हुक लगाइ क नाहीं पकड़ सकत ह। कउनो भी ओका जाली मँ नाहीं फँसाइ सकत।
Job 41
1 “अय्यूब बतावा, का तू लिब्यातान क कउनो मछरी क काँटा स धइ सकत ह का तू एकर जिभ क रसी स बंध सकत ह
2 अय्यूब, का तू लिव्यातान क नाक मँ नकेल डाइ सकत हया ओकरे जबड़न मँ काँटा फँसाइ सकत ह
3 अय्यूब,का तू लिव्यातान क अजाद होइके बरे तोहसे बिनती करी? का उ तोहसे मीठी मीठी बातन करीं?
4 अय्यूब, का तू लिब्यातान तोहसे सन्धि करी अउर सदा तोहरी सेवा क तोहका वचन देइ?
5 अय्यूब, का तू लिब्यातान क वइसे ही खेलब्या जइसे तू कउनो चिड़िया स खेलत ह का तू ओका रस्सा स बँधब्या जेहसे तोहार दासियन ओहसे खेल सकइँ।
6 अय्यूब, का तू मछुआरा लिब्यातान क तोहसे बेसहइ क कोसिस करिहीं? का उ पचे ओका कटिहीं अउर ओनका बइपारियन क हाथे बेचि सकहीं?
7 अय्यूब, का तू लिब्यातान क खाल मँ अउर माथे पइ भाला फेंक हमला कइ सकत ह
8 अय्यूब,लिब्यातान पइ अगर तू हाथ डावा तउ जउन भयंकर जुदध होइ, तू कबहुँ भी बिसाहि नाहीं पउब्या अउर फुन तू ओहसे कबहुँ जुदध न करब्या।
9 अउर अगर तू सोचत ह कि तू लिब्यातान क पकड़ सकत ह, तउ इ बात क तू भूल जा। काहेकि ओका पकड़इ बरे कउनो आसा नाहीं अहइ। तू तो बस ओका लखइ भर सही डेराइ जाब्या।
10 कउनो भी एतना वीर नाहीं अहइ , जउन लिब्यातान क जगाइके भड़कावइ। तउ फुन अय्यूब बतावा, मोरे विरोध मँ कउन टिक सकत ह
11 कउनो भी मनई जउन कि मोहे स मुकाबला करह उ सुउच्छित नाहीं रब्या। सारे अकासे क खाले जउन कछू भी अहइ,उ सब कछू मोर ही अहइ।
12 अय्यूब मइँ तोहका लिब्यातान क सक्ती क बारे मँ बताउब। मइँ ओकर सक्ती अउर रुप क सोभा क बारे मँ बताउब।
13 कउनो भी मनई ओकर बाहरी आवरण (खाल) क भेद नाहीं सकत। ओकर खाल दोहरी कवच क नाई अहइ।
14 लिव्यातान क कउनो भी मनई मुँह खोलइ बरे मजबूर नाहीं कइ सकत ह। ओकरे भी जबडे क दाँत सबहिं क भयभीत करत हीं।
15 लिव्यातान क पिठिया पइ ढालन क कतार होत हीं, जउन आपुस मँ जुड़ी होत हीं।
16 इ सबइ ढालन आपुस मँ एँतनी सटी होत हीं कि हवा तलक ओहमाँ प्रवेस नाहीं कइ पावत ह।
17 इ सबइ ढालन एक दूसर स जुड़ी होत हीं। उ सबइ मजबूती स एक दूसरे स जुड़ी भई अहइ कि कउऩो भी ओनका उखाड़िके अलग नाहीं कइ सकत।
18 लिव्यातान जब छींकत ह तउ अइसा लागत ह जइसे बिजली सी कौधं गइ होइ। आँखी ओकर अइसी चमकत हीं जइसे कउनो तेज प्रकास होइ।
19 ओकरे मुँहना स बरत भइ मसान निकरत हीं, अउर ओहसे आगी क चिनगारियन बिखत हीं।
20 लिब्यातान क नथुनन स धुआँ अइसा नकरत ह, जइसे उबलत भइ हाँड़ी स भाप निकलत होइ।
21 लिब्यातान क फूँक स कोयला सुलग उठत हीं अउर ओकरे मुँहे स लपक निकरत हीं।
22 लिब्यातान क गटई बड़ी जबरदस्त अहइ, अउर लोग ओसे उरिके दूर पराइ जात हीं।
23 ओकरे खाल मँ कहीं भी कोमल जगह नाहीं अहइ। उ लोहा क तरह कठोर अहइ।
24 लिब्यातान क हिरदइ चट्टान क तरह होत ह। ओकर हिरदइ चक्की क नीचे क पाट क तरह सख्त अहइ।
25 लिब्यातान स सरगदूत भी डर जात हीं। लिब्यातान जब पूँछ फटकारत ह, तउ ओन सबइ भाग जात हीं।
26 लिब्यातार पइ जइसे ही भालन, तीर अउ तरवार पड़त हीं उ सबइ उछरिके दूर होइ जात ह।
27 लोहा क मोटी छड़न क उ तिनका जइसा अउर काँसा क सड़ी लकड़ी क तरह तोड़ देत ह।
28 बाण लिब्यातान क नाहीं भगाइ पावत हीं। ओह पइ पाथर फेंकना, एक सुखा तिन्का फेंकन क नाई अहइ।
29 लिब्यातान पइ जब मुगदर पड़त ह तउ ओका अइसा लागत ह माना उ कउनो बिनका होइ। जब लोग ओह पइ भालन फेंकत हीं, तब उ हँसा करत ह।
30 विब्यातान क पेट क नीचे सिरा टूटा भए मट्टी क बासन क नाई तेज अहइ। जब उ चलत ह तउ कीचड़ मँ अइसा निसान छोड़त ह माना कि खेतन मँ हेगा लगावा गवा होइ।
31 लिब्यातान पानी क अइसे मथत ह, माना कउनो हाड़न उबलत होइँ। उ अइसे बुलबुले बनावत ह माना बासन मँ खउलत भवा तेल होइ।
32 लिब्यातान जब सागर मँ तैरत ह तउ आपन पीछे उ सफेद झागन जइसी राह छोड़त ह, जइसे कउनो उज्जर बारे क सफेद बिसाल पूँछ होइ।
33 लिब्यातान सा कउनो अउर जन्तु धरती पइ नाहीं अहइ। उ अइसा पसु अहइ जेका निडर बनावा गवा।
34 उ हर एक घमण्डी जानेबर क ऊपर नजर रखत ह सबहिं जंगली पसुअन क उ राजा अहइ।”
Job 42
1 एँह पइ अय्यूब यहोवा क जवाब दे भए कहेस।
2 “यहोवा, मइँ जानत हउँ कि तू सब कछू कइ सकत अहा। तू सबइ जोजना बनाइ सकत अहा अउर तोहर सबइ जोजना क कउनो भी नाहीं बदल सकत अउर न ही एका रोका जाइ सकत ह।
3 यहोवा, तू इ सवाल पूछ्या कि ‘इ अबोध मनई कउन अहइ? जउन इ सबइ मूर्खता स भरी बातन कहत अहइ?’ यहोवा, मइँ ओन चीजन क बारे मँ बातन किहेउँ जेनका मइँ समझत नाहीं रहेउँ। यहोवा, मइँ ओन चीजन क बारे मँ बातन किहेउँ जउन मोरे समुझ पावइ बरे बहोत अचरज भरी रहिन।
4 यहोवा,तू मोस् कहया, ‘हे अय्यूब सुना अउर मइँ बोलब। मइँ तोहसे सवाल पूँछब अउर तू मोका जवाब देब्या।
5 यहोवा, बीते भए काल मँ मइँ तोहरे बारे मँ सुने रहेउँ मुला खुद आपन आँखिन स मइँ तोहका देखि लिहेउँ ह।
6 एह बरे अब मइँ खुद आपन बरे लज्जात हउँ। मइँ आपन जिन्नगी क राह बदलइ क इच्छा दिखावइ बरे धूर अउर राखी मँ बैठा करत हउँ।”
7 यहोवा जब अय्यूब स आपन बात कइ चुका तउ यहोवा तेमान क निवासी एलीपज स कहेस: “मइँ तोहसे अउर तोहरे दुइनउ दोस्तन स कोहान हउँ काहेकि तू मोरे बारे मँ उचित बातन नाहीं कहे रहया। मुला अय्यूब मोरे बारे मँ उचित बात कहे रहा। अय्यूब मोर दास अहइ।
8 एह बरे अब एलीपज तू सात बर्धा अउऱ सात ठु भेडिंन लइके मोर दास अय्यूब क लगे जा अउर आपन बरे होमबलि क रुप मँ ओनकर भेंट चढ़ावा। मोर सेवक अय्यूब तोहरे बरे परथना करी। तब निहचइ ही मइँ ओकरी परथना क जवाब देहउँ। फुन मइँ तोहका वइसी सजा नाहीं देब जइसे सजा दीन्ह जाइ चाही रही काहेकि तू बहोतइ मूरख रहया। मोरे बारे मँ उचित बातन नाहीं किह्या जबकि मोरे सेवक अय्यूब मोरे बारे मँ उचित बातन कहे रहा।”
9 तउ तेमान क निवासी एलीपज, सूह क निवासी बिल्दद अउर नामात क निवासी सोपर यहोवा क आग्या क मानेस एँह पइ यहोवा अय्यूब क पराथना सुन लिहस।
10 इ तरह जब अय्यूब आपन मीतन बरे परथना कइ चुका तउ यहोवा अय्यूब क फुन स कामयाब किहेस। परमेस्सर जेतना ओकरे लगे पहिले रहा, ओहसे भी दुगुना ओका दइ दिहस।
11 अय्यूब क सबहिं भाई अउ बहिनियन अय्यूब क घर वापस आइ गएन अउर कउनो जउन अय्यूब क पहिले जानत रहा, ओकरे घरे आवा। अय्यूब क संग उ सबइ एक बड़की दावत मँ खाना खाएन. काहेकि यहोवा अय्यूब क बहोत कस्ट दिहे रहा, एह बरे उ पचे अय्यूब क दिलासा दिहेन। ओन मँ स हर कउनो अय्यूब क सोने क सिक्का अउर सोना क कान क बाली भेटं मँ दिहस।
12 यहोवा अय्यूब क जिन्नगी क पहिले हींसा स भी जियादा ओकरी जिन्नगी क पिछला हींसा क आपन आसीरार्वाद दिहस। अय्यूब क लगे चौदह हजार भेड़, छ: हजार ऊँट, दो हजार बैल जउर एक हजार गदहिन होइ गइन।
13 अय्यूब क सात पूत अउ तीन बिटियन भी होइ गइन।
14 अय्यूब आपन सब स बड़की बिटिया क नाउँ राखेस यामीना। दुसर की बिटिया क नाउँ धेरस कसीआ। अउर तीसरी क नाउँ राखेस केरेन्हप्पूक।
15 सारे प्रदेस मँ अय्यूब क बिटियन सब स सुन्नर मेहररुअन रहिन। अय्यूब आपन पूतन क साथ आपन दौलत क एक हींसा आपन बिटियन क भी वसीयत मँ दिहस।
16 एकरे पाछे अय्यूब एक सौ चालीस साल तलक अउर जिअउ रहा। उ आपन बच्चन, आपन पोतन, आपन परपोतन अउर परपोतन क भी संतानन यानी चार पीढ़ियन क लखइ बरे जिअत रहा।
17 जब अय्यूब क मउत भइ, उ समइ उ बहोत बुढ़ान रहा. ओका बहोत नीक अउर लम्बी जिन्नगी प्राप्त भइ रही।
Psalm 1
1 उ मनई सचमुच धन्य होइ जउन दुस्टन क सलाह न मानी, अउर पापियन क संग सामिल नाहीं होत ह अउर ओनकर संग नाहीं रहत ह जउन परमेस्सर क बरे सम्मान नाहीं दिखावत ह।
2 उ नीक मनई अहइ जउन यहोवा क उपदेसन स पिरेम राखत ह। उ तउ दिन रात ओन उपदेसन क मनन करत ह।
3 एहसे उ मनई उ बृच्छ जइसा मजबूत बनत ह जेका सिंचाई क नहर क किनारे रोपा गवा ह। उ उ बृच्छ क नाईर् बाटइ, जउन छेत्र मँ फल देत ह अउ जेकर पत्ता कबहुँ नाहीं मुरझातेन। उ जउन भी करत ह सफल ही होत ह।
4 मुला टुस्ट मनई अइसे नाहीं होतेन। दुस्ट मनई उ भूसा क नाईर् होत हीं जेनका हवा क झोकंाा उड़ाइ लइ जात ह।
5 एह बरे दुस्ट मनई निआव क मुकाबला नाहीं कइ पइहीं। सज्जन लोगन क सभा मँ उ पचे दोखी ठहरावा जइहीं अउर ओन पापी लोगन क बख्सा न जाइ।
6 एकर कारण इ बाटइ कि यहोवा सज्जन लोगन क अगुवाइ करत ह, मुला दुर्जन लोग खो जाइहीं।
Psalm 2
1 दूसरे देसन क मनइयन काहे ऍतना हुल्लड़ मचावत हीं अउर रोवत ह? अउर काहे बियर्थ सड्यन्त्र रचत हीं?
2 अइसे देसन क राजा अउर नेता यहोवा अउर ओकरे चुने भएन राजा क खिलाफ होइ बरे आपुस मँ एकजुट होइ जात हीं।
3 उ सबइ नेता लोग कहेन, “आवा परमेस्सर स अउ उ राजा स जेका उ चुनेस ह, हम पचे एकजुट होइ क वि़द्रोह करी। आवा ओकरे बन्धनन क हम उतारिके फेंकि देइ।”
4 मुला मोर सुआमी, सरग क राजा, ओन लोगन प हँसत ह।
5 परमेस्सर कोहान ह अउर उ ओनसे कहत ह, “मइँ इ पुरूस क राजा बनवइ बरे चुनेउँ ह। उ मोर पवित्तर पहाड़ सिय्योन पइ राज्ज करी अउर इहइ ओन नेता लोगन क डेरावत ह।
6
7 अब मइँ यहोवा क फ़रमान क बारे मँ तोहका बतावत हउँ। यहोवा मोसे कहे रहा, “आजु मइँ तोहार बाप बनत हउँ अउर तू आजु मोर पूत बन गवा ह।
8 अगर तू मोसे मँगब्या, तउ इ सबइ देसन क मइँ तोहका दइ देबउँ अउ इ धरती क सबहिं जन तोहार होइ जइहीं।
9 तोहरे लगे ओनका बर्बाद करइ क वइसे ही सक्ती होइ जइसे कउनो माटी क भाँड़ी क कउनो लोहे क डण्डा स चूर चूर कइ देइ।”
10 एह बरे, हे राजा लोगो, तू पचे बुद्धिमान बना। हे सासक लोगो, तू पचे इ पाठे क सीख ल्या।
11 तू पचे बहोतइ भय स यहोवा क आग्या माना।
12 खुद क ओकर क पूत क बिस्सासपात्र देखाँवा। वरना उ कोहाइ जाइ अउर तू पचन्क नास कइ देइ। असल मँ उ पहिले ही काफी कोहाइ चुका भवा ह। मुला जउन परमेस्सर पइ निर्भर करत अहइँ धन्य होब।
Psalm 3
1 हे यहोवा, मोरे केतॅना ही केतॅना दुस्मन अहइँ, केतॅना लोग मोरे खिलाफ ठाड़ होइ ग अहइँ।
2 केतॅना ही लोगन मोर खिलाफ सड्यंत्र रचेन, उ कहत हीं, “परमेस्सर ऍकर रच्छा नाहीं करी।”
3 मुला यहोवा, तू मोर ढाल अहा। जउन मोर सम्मान बा उ तू ही अहा। हे यहोवा, तू ही मोर मूँड़ ऊँच करत अहा।
4 मइँ यहोवा क ऊँची अवाजे मँ पुकारबउँ। उ आपन पवित्तर पर्वते स मोका जवाब देइ।
5 मइँ आराम करइ बरे ओलर सकत हउँ। मइँ जानत हउँ कि मइँ जाग जाबेउँ, काहेकि यहोवा मोका बचावत अउर मोर रच्छा करत ह।
6 चाहे हज़ारन सैनिक मोका घेर लेइहीं मुला ओन दुस्मनन स नाहीं डेराब।
7 हे यहोवा, उठा! मोरे परमेस्सर मोका बचावा। तू बहोत सक्तीसाली अहा। अगर तू मोरे दुस्मनन क मुँहना पइ प्रहार करा, तउ ओनकइ सबहिं दाँतन टूटि जाइहीं।
8 यहोवा आपन लोगन क रच्छा कइ सकत ह। हे यहोवा, तोहरे मनइयन पइ तोहार आसीस रहइ।
Psalm 4
1 मोर उत्तिम परमेस्सर, जब भी मइँ तोहका गोहरावउँ तू मोका जवाब दिया। मोर बिनती क सुना अउर मोहे पइ कृपा करा। जब कबहुँ बिपत्तियन मोका घेरेस तू मोका बचाएस।
2 अरे लोगो, कब तलक तू पचे मोरे बारे मँ बुरे सब्द कहब्या? तू लोग मोरे बारे मँ कहइ बरे नवा झूठ हेरत रहत अहा। ओन झूठन क कहइ स तू लोग पिरेम रखत ह।
3 तू पचे जानत अहा कि आपन नेक लोगन क यहोवा सुनत ह। जब भी मइँ यहोवा क पुकारत हउँ, उ मोर पुकार क सुनत ह।
4 जब भी तोहका कउनो बात क परेसानी होइ, तउ होइ सकत क तोहका किरोध आ जाइ, मुला पाप जिन कर्या। जब तू आपन बिछउना पइ जा, ओन बातन पइ बिचार करा अउ सांत होइ जा।
5 ठीक तरह बलि क अर्पण करा अउ यहोवा पइ भरोसा रखा।
6 बहोत स लोग कहत हीं, “परमेस्सर क नेकी हम पचन्क क कउन देख्ॅॅााइ? हे यहोवा, आपन प्रकास स चमकत मुँहना क प्रकास हम पचन पइ चमकावा।”
7 हे यहोवा, तू मोका बहोत खुस बनाइ दिहा। कटनी क समइ भरपूर फसल अउ दाखरस पाइके जब हम पचे आनन्द अउ खुसी मनाइत ह ओसे भी कहूँ जियादा खुस अब मइँ अहउँ।
8 मइँ बिछउना पइ ओलरत हउँ अउर सान्ति स सोवत हउँ। काहेकि यहोवा, तू ही मोका सुरच्छित कइके सोवइ बरे ओलारत ह।
Psalm 5
1 हे यहोवा, मोरे सब्द क सुना अउर तू ओकर सुध ल्या जेका तोका कहइ क मइँ जतन करत हउँ।
2 हे मोरे राजा, मोर परमेस्सर मोर दुहाइ पइ धियान द्या, काहेकि मइँ तोहसे ही पराथना करत हउँ।
3 हे यहोवा, हर भिंसारे तोहका, मइँ आपन भेंटन क अर्पण करत हउँ। तू ही मोर सहायक अहा। मोर निगाह तोहे पइ लागि अहइ अउर तू ही मोर पराथना हर भिंसारे सुनत अहा।
4 तू अइसा परमेस्सर नाहीं जउन झूठे देवतन क नाईं दुट्ठता क चाहत ह। बद लोग तोहरे चारिहुँ कइँती नाहीं रहइ सकतेन!
5 सेखी हाँकइ वाल लोग तोहार समन्वा नाहीं रुक सकतेन जउन दुस्टता करत ह तू ओनसे नफरत करत ह।
6 जउन झूठ बोलत हीं ओनका तू नस्ट करत ह। यहोवा अइसेन मनइयन स घिना करत ह, जउन दूसर लोगन क नोस्कान पहुँचावइ क सड़यन्त्र रचत रहत हीं।
7 मुला हे यहोवा, तोहरी अपार करुणा स मइँ तोहरे मन्दिर मँ आउब। हे यहोवा, मोका तोहार डर अहइ मइँ सम्मान तोहका देत अहउँ। एह बरे मइँ तोहरे पवित्तर मन्दिर कइँती निहुरिके तोहार पइलगी करब।
8 हे यहोवा, तू मोका आपन नेकी क राह देखाँवा। तू आपन राह क मोरे समन्वा सोझ करा काहेकि मइँ दुस्मनन स घिरा भवा अहउँ।
9 उ सबइ लोग फुरइ नाहीं बोलतेन। उ सबइ लबार अहइँ, जउन फुरइ क तोड़त मरोड़त रहत हीं। ओनकर मुँह खुली कब्र क नाईर् अहइँ। उ सबइ अउरन स उत्तिम चिकनी-चुपरी बातन करत उ पचे ओनका बस जालि मँ फँसावा चाहत हीं।
10 हे परमेस्सर, ओनका सजा द्या। ओनकर आपन ही जालन मँ ओनका अरझइ द्या। इ सबइ लोग तोहरे खिलाफ होइ ग अहइँ, ओनका ओनकर आपन ही बहोत स पापन क सजा द्या।
11 मुला जउन परमेस्सर मँ आस्था धरत रहत हीं, उ सबइ प्रसन्न होइँ अउ उ सबइ सदा सदा ही आनन्दित रहइँ। हे परमेस्सर, तू ओनकर रच्छा करा अउर ओनका सक्ती द्या जउन लोग तोहरे नाउँ स पिरेम राखत हीं।
12 हे यहोवा, तू निहचय ही धर्मी क आसिस देत ह। आपन कृपा स तू ओन पचन्क एक ठु बड़की ढ़ाल बनिके फुन ढक लेत ह।
Psalm 6
1 हे यहोवा, जब तू किरोध मँ होब्या तउ मोका सज़ा मत द्या। मोका मत सुधारा जब तू बहोत कोहाइ भवा ह्वा।
2 हे यहोवा, मोहे प दाया करा। मइँ रोगी अउ दुर्बल अहउँ। मोरे बेरामियन क हर ल्या। मोर हाड़ काँपत हीं।
3 मोर समूचा देह थर-थर काँपत ह। हे यहोवा, मोर भारी दुःख तू कब तलक रखब्या।
4 हे यहोवा, मोका फुन स बलवान करा। तू महा दयावान अहा, मोर रच्छा करा।
5 मरे भए लोग तोका आपन कब्रन मँ याद नाहीं करतेन। मउत क देस मँ उ पचे तोहार स्तुति नाहीं करतेन। एह बरे मोका बचावा।
6 हे यहोवा, सारी रात मइँ तोहका पुकारत रहत हउँ। मोर बिछउना मोरे आँसुअन स भीज गवा ह। मोरे बिछउना स आँसू टपकत रहत हीं। तोहरे बरे मइँ रोवत भवा छीन होइ गवा हउँ।
7 मोर दुस्मनन मोका बहुतेरा दुःख दिहन। इ मोका सोक मँ डाइके अउर बहोत दुःखी कइ डाएन अउर अब मोर अँखियन बिलखइ स थकी भइ हारी अउर दुर्बल अहइँ।
8 अरे ओ दुर्जन लोगो, तू मोसे दूर हटा। काहेकि यहोवा मोका रोवत भवा सुनि लिहस ह।
9 मोर बिनती यहोवा क काने तलक पहोंच चुकी बाटइ अउर मोरी पराथना क सुनिके यहोवा जवाब दइ दिहस ह।
10 मोर सबहिं दुस्मनन डर जाईं अउ निरास होइहीं। कछू अचानक ही घटित होइ अउर उ फुस स अपमानित कीन्ह जाइहीं।
Psalm 7
1 हे मोर यहोवा परमेस्सर, मोका तोहे प भरोसा बा ओन मनइयन स तू मोर रच्छा कर, जउन मोरे पाछे पड़ा अहइँ। मोका तू बचाइ ल्या।
2 अगर तू मोका नाहीं बचउत्या तउ मोर दसा उ निरीह गोरू क नाईर् होइ, जेका कउनो सेर धइ दबोच लेत ह। उ मोका घेर्राइके लइ जाइ कउनो भी मनई मोका नाहीं बचाइ पाइ।
3 हे मोर यहोवा परमेस्सर कउनो पाप करइ क मइँ दोखी नाहीं हउँ। मइँ तउ कउनो भी पाप नाहीं किहेउँ।
4 मइँ आपन मीतन क संग बुरा नाहीं किहेउँ अउर आपन मीत क दुस्मनन क भी मइँ मदद नाहीं किहेउँ।
5 मुला एक दुस्मन मोका पाछे खदेरत बाटइ उ मोर हत्या करइ-चाहत ह। उ दुस्मन चाहत ह कि मोर जिन्नगी क धरती पइ रउँद डावइ अउर मोर आतिमा क धूरि मँ मिलाइ देइ।
6 यहोवा उठा, अउर आपन किरोध मोर दुस्मन क बिरुद्ध परगट करा। मोरे बरे निआव करा जेकर माँग तू हमेसा करत रहा ह।
7 हे यहोवा, मनइयन क निआउ करा। आपन चारिहुँ कइँती क रास्ट्र क बटोरा अउ मनइयन क निआव करा।
8 हे यहोवा, आपन निआव क कुर्सी पइ बइठा। आपन निअरे क देसन क इकट्ठा करा अउर ओनका निआव करा यहोवा मइँ निदोर्ख अहउँ, मोका निआव द्या जेका मइँ हकदार अहउँ।
9 दुर्जन क दण्ड द्या अउर सज्जन क मदद करा। हे परमेस्सर, तू उत्तिम अहा। तू अन्तर्जामी अहा। तू तउ मनइयन क हिरदइ मँ निहारि सकत अहा।
10 जेनकर मन सच्चा अहइँ, परमेस्सर ओन मनइयन क मदद करत ह। एह बरे उ मोर भी मदद करी।
11 परमेस्सर उत्तिम निआवकर्ता अहइ। उ कबहुँ भी आपन किरोध परगट कइ देइ।
12 परमेस्सर जब कउनो निर्णय लइ लेत ह, तउ फिन आपन मन नाहीं फेरत।
13 ओहमाँ मनइयन क सजा देइ क छमता बाटइ। उ मउत क सब सामान साथे रखे बाटइ।
14 कछू अइसे लोग होत हीं जउन हमेसा कुकर्मन क जोजना बनावत रहत हीं। अइसेन ही लोग गुप्त सड्यन्त्र रचत रहत हीं। अउर झूठ बोलत रहत हीं।
15 उ पचे दूसर लोगन क जालि मँ फाँसइ अउर नोस्कान पहुँचावइ क जतन करत रहत हीं। मुला आपने ही जालि मँ फँसिके उ पचे नोस्कान उठइहीं।
16 उ पचे आपन ही कमेर् क उचित सजा पइहीं। उ पचे दूसर लोगन क संग क्रूर रहेन। मुला जइसे ओनका चाही वइसेन ही फल पइहीं।
17 मइँ यहोवा क जस गावत हउँ, काहेकि उ उत्तिम अहइ। मइँ यहोवा क सबन त ऊँच नाउँ क बड़कइ करत हउँ।
Psalm 8
1 हे यहोवा, हमार सुआमी, तोहार नाउँ सारी भुइँया पइ बहोतइ अद्भुत बाटइ। तोहार नाउँ सरगे मँ हर कइँती तोहका बड़कइ देत बाटइ।
2 लरिकन अउ नान्ह गदेलन क मुँहन स, तोहरी बड़कइ क गीत गावा जात हीं। तू आपन दुस्मनन क चुप करावइ मँ अइसा करत ह।
3 हे यहोवा, जब मोर निगाह अकासे पइ पड़त ह, जेका तू आपन हाथे स रच्या ह। अउर जब मइँ चाँद तारन क लखत हउँ जउन तोहार रचना बाटइ, तउ मइँ अचम्भा स भरि जात हउँ।
4 मनइयन तोहरे बरे काहे ऍतना महत्वपूर्ण होइ गएन? तू ओनका काहे बरे सुमिरत अहा? मनई क पूत तोहरे बरे काहे महत्वपूर्ण बाटइ? काहे तू ओन पइ धियान तलक देत अहा?
5 मुला तोहरे बरे मनई महत्वपूर्ण अहइ! तू मनई क देवता क प्रतिरूप बनाया ह, अउ ओनके मूँड़े पइ महिमा अउ सम्मान क मुकुट धरे अहा।
6 तू आपन सृस्टि क जउन कछू भी रच्या ह मनइयन क ओकर हकदार बनाया ह।
7 मनई भेड़िन पइ, गोरू धने पइ अउ जंगल क सबहिं हिंसक जन्तुअन पइ राज्ज करत ह।
8 उ अकासे मँ पंछियन पइ अउ समुद्दर मँ तैरत भए जलचरन पइ राज्ज करत ह।
9 हे यहोवा, हमार सुआमी, सारी धरती पइ तोहार नाउँ बहोतइ अद्भुत अहइ।
Psalm 9
1 मइँ आपन सम्पूर्ण मन स यहोवा क स्तुति करत हउँ। हे यहोवा, तू जउन अद्भुत कर्म किहे अहा मइँ ओन सबन्क वर्णन करबउँ।
2 तू ही मोका ऍतना आनन्द मँ रहइवाला बनाया ह। हे परम परमेस्सर, मइँ तोहरे नाउँ क बड़कई क गीत गावत हउँ।
3 जब मोर दुस्मन मोसे पलटिके मोरे खिलाफ होत हीं, तब परमेस्सर ओनकर पतन करत ह अउ उ पचे बिलाइ जात हीं।
4 तू सच्च निआव करवइया अहा। तू आपन सिंहासन पइ निआव करवइया क रूप मँ बिराजा। तू मोरे मुकदमा क सुनवाई किह्या अउर मोर निआव किहा।
5 हे यहोवा, तू ओन दुस्मनन क कठोर झिड़की दिहा अउ हे यहोवा, तू ओन दुस्टन क नास किहा। ओनकइ नाउँ तू जिअत मनइयन क सूची स हमेसा हमेसा बरे मेट दिहा।
6 दुस्मन नस्ट होइ गवा ह! हे यहोवा, तू ओनकर नगर मेट दिहा ह। ओनकर भवन अब सिरिफ खण्डहर होइ गवा अहइँ ओन बुरे मनइयन क हम पचन्क सुमरन तलक दिआवइ क कछू भी नाहीं बचा बाटइ।
7 मुला यहोवा, तोहार सासन अविनासी अहइ। यहोवा आपन राज्ज क सक्तीसाली बनाएस। उ दुनिया मँ निआव लिआवइ बरे इ किहस।
8 यहोवा धरती क सबहिं मनइयन क निस्पच्छ होइके निआव करत ह। यहोवा सबहिं जातियन क बे पच्छपात क निआव करत ह।
9 यहोवा दलित अउ सोसितन क सरण क ठउर अहइ। विपत्ति क समइ उ एक सुदृढ़ किला अहइ।
10 जउन तोहे पइ भरोसा राखत हीं, तोहार नाउँ जानत हीं। हे यहोवा, अगर कउनो तोहरे दुआरे पइ आइ जाइ तउ बिना मदद पाए लउटत नाहीं।
11 अरे ओ सिय्योन क निवासी लोगो यहोवा क गीत गावा जउन सिय्योन मँ विराजत अहइ। सबहिं जातियन क ओन बातन क विसय मँ बतावा जउन बड़की बातन यहोवा कहेस ह।
12 यहोवा हत्यारन क सज़ा देत ह अउर ओनका याद रखत ह जउन ओकरे लगे मदद बरे जात ह। उ दीन लोगन क नाहीं भूलत जउन ओकरे लगे सहायता बरे रोवत अहइँ।
13 यहोवा क स्तुति मइँ गाएउँ ह: “हे यहोवा, मोहे पइ दाया करा। लखा, कउने तरह मोरे सत्रु मोका दुःख देत हीं। ‘मउत क दुआर’ स तू मोका बचाइ ल्या।
14 जेहसे यहोवा यरूसलेम क फाटक पइ मइँ तोहार स्तुति क गीत गाइ सकउँ। मइँ बहोतइ प्रसन्न होब काहेकि तू मोका बचाइ लिहा।”
15 दूसर जातियन गड़हा खोदेन जेहसे लोग ओनमाँ भहराइ जाइँ मुला उ पचे आपन ही खने भए गड़हन मँ खुद बिलाइ जइहीं। दुट्ठ लोग जालि छुपाइ छुपाइके बिछाएन, जेहसे उ पचे ओहमाँ दूसर लोगन क फाँसि लेइँ। मुला ओनमाँ ओनकर ही गोड़ धँसि गएन।
16 यहोवा जउन निआव किहस उ ओहसे पहिचाना गवा कि जउन बुरा करम करत हीं। उ पचे आपन ही हाथन स कीन्ह भए करम स जाँलि मँ फँस गएन। (हिग्गायोन, सेला)
17 उ पचे दुर्जन होत हीं, जउन परमेस्सर क बिसरत हीं। अइसे लोग मउत क देस जइहीं।
18 कबहुँ कबहुँ लागत ह जइसे परमेस्सर दुखियन क पीरा मँ बिसरि जात ह। इ अइसा लागत ह जइसे दीन लोग बिना आसा क अहइँ। मुला परमेस्सर दीन लोगन क हमेसा हमेसा बरे कबहुँ नाहीं बिसरत।
19 हे यहोवा, उठा अउ रास्ट्रन क निआव करा। कहूँ उ पचे इ सोच न बइठइँ उ पचे प्रबल अउ सक्तीसाली बाटेन।
20 मनइयन क पाठ सिखाइ द्या, जेहसे उ पचे जान जाइँ कि उ पचे बस सिरिफ मनई अहइँ।
Psalm 10
1 हे यहोवा, तू ऍतना दूर काहे खड़ा रहत ह? कि संकट मँ पड़ा लोग तोहका निहारि नाहीं पउतेन।
2 अहंकारी दुट्ठ जन दुर्बल क दुःख देत हीं। उ पचे आपन सड़यन्त्र क रचत रहत हीं।
3 दुट्ठ जन ओन चिजियन पइ घमण्ड करत हीं, जेनकर ओनका गहरी इच्छा अहइ अउ लालची मनई परमेस्सर क कोसत रहत हीं। इ तरह दुट्ठ देखाँवत हीं कि उ पचे यहोवा स घिना करत रहत हीं।
4 दुट्ठ लोग ऍतना घमण्डी होत हीं कि उ पचे परमेस्सर क पाछे नाहीं चल सकतेन। उ पचे खराब खराब जोजना रचत हीं। उ पचे अइसा करम करत हीं, जइसे परमेस्सर क कउनो अस्तित्व ही न बाटइ।
5 दुट्ठ जन सदा कुटिल करम करत हीं। उ पचे परमेस्सर क विवेक स पूरी व्यवस्था अउ सिच्छन पइ धियान नाहीं देतेन। हे परमेस्सर, तोहार सबहिं दुस्मन तोहरे उपदेसन क उपेच्छा करत हीं।
6 उ पचे सोचत हीं, जइसेन कउनो बुरी बात ओनके संग नाहीं घटि जाइ। उ पचे कहत रहत हीं, “हम पचे मउज मँ रहब अउ कबहुँ भी दण्डित नाहीं होब।”
7 अइसेन दुट्ठ क मुँह सदा साप देत रहत ह। उ पचे दूसर जन क निन्दा करत हीं अउर काम मँ लिआवइ क सदा ही बुरी बुरी जोजना रचत रहत हीं।
8 अइसे लोग गुप्त ठउरन मँ लुकान रहत हीं, अउर लोगन क फँसावइ क प्रतीच्छा करत हीं। उ पचे लोगन क नस्कान पहुँचावइ खातिर लुकान रहत हीं अउ निरपराधी लोगन क हत्या करत हीं।
9 दुट्ठ जन सिंह क नाईर् होत हीं जउन ओन गोरूअन क धरइ क घात मँ रहत हीं। जेनका उ पचे खाइ जइहीं। दुट्ठ जन दीन लोगन पइ मार करत हीं ओनकर बनाए भए जालि मँ बेसहारा दीन फँसि जात हीं।
10 दुट्ठ जन बार-बार दीनन पइ घात करत अउ ओनका दुःख देत ह।
11 एह बरे दीन जन सोचइ लागत हीं, “परमेस्सर हमका बिसराइ ही दिहस। हमसे तउ परमेस्सर सदा-सदा बरे दूर होइ गवा बाटइ। उन कछू भी मोरे संग घटत अहइ, ओहसे परमेस्सर दृस्टि फेरि लिहस ह!”
12 हे यहोवा, उठा अउर कछू तउ करा! हे परमेस्सर, ओन दुट्ठ जनन क आपन हाथ उठाइके सजा द्या! अउर ऍन दीन दुःखियन क जिन बिसरा।
13 दुट्ठ जन काहे परमेस्सर क खिलाफ होत हीं? काहेकि उ पचे सोचत हीं कि परमेस्सर ओनका कबहुँ नाहीं दण्डित करी।
14 हे यहोवा, तू ही अहइ जउन बुरे लोगन दुआरा कीन्ह भावा अत्याचार अउर बुरे कामन क कउनो स भी जियादा लखत ह। तू एकर बारे मँ कछू कदम उठा। दुःखन स घिरा लोग मदद माँगइ तोहरे लगे आवत हीं। हे यहोवा, सिरिफ तू ही अनाथ लोगन क सहायक अहा, एह बरे ओनकर रच्छा करा।
15 हे यहोवा, दुट्ठ जनन क तू नस्ट कइ द्या।
16 तू ओनका आपन धरती स ढकेलिके बाहेर करा!
17 हे यहोवा, दीन दुःखी लोग जउन चाहत हीं उ तू सुनि लिहा। ओनकर पराथना सुना अउर ओनका पूरा करा जेनका उ पचे माँगत हीं।
18 हे यहोवा, अनाथ गदेलन क तू रच्छा करा। दुःखी लोगन क अउर जियादा दुःख जिन पावइ द्या। दुट्ठ लोगन क तू ऍतना भयभीत कइ द्या कि उ पचे हिआँ न टिक पावइँ।
Psalm 11
1 मइँ यहोवा पइ भरोसा करत हउँ! फुन तू मोसे काहे कहत ह कि मइँ पराइके कहूँ जाउँ। तू कहत अहा मोसे कि, “पंछी क नाईर् आपन पहाड़े पइ उड़ि जा!”
2 दुट्ठ जन ओन सिकारी क समान अहइँ। उ पचे अँधियारे मँ लुकात हीं। उ पचे धनुस क डोरी क पाछे हींचत हीं। उ पचे आपन बाणन क साधत हीं अउर उ पचे नीक, नेक मनइयन क हिरदइ मँ सोझइ बाण छोड़त हीं।
3 धर्मी का कइ सकहीं जब समाज क नींव ही तबाह कइ दीन्ह जाइ?”
4 यहोवा आपन विसाल पवित्तर मन्दिर मँ विराजा बाटइ। यहोवा सरगे मँ आपन सिंहासने पइ बइठत ह। यहोवा सब कछू लखत ह, जउन भी होनी होत ह। यहोवा क आँखिन लोगन क सज्जनाई व दुर्जनाई क परखइ मँ लाग रहत हीं।
5 यहोवा धमीर् अउ दुट्ठ लोगन क परख करत ह, अउर उ ओन लोगन स घिना करत ह जउन हिंसा स प्रीति धरत हीं।
6 उ गरम कोयलन अउ बरत भइ गन्धक क बरखा क तरह ओन बुरे लोगन पइ गिराई। ओन बुरे लोगन क हींसा मँ बस झुरसत भइ हवा बही।
7 मुला यहोवा, तू धर्मी अहा। तोहका अच्छे जन भावत हीं। अच्छे मनई यहोवा क संग रइहीं अउर ओकरे मुँहना क दर्सन पइहीं।
Psalm 12
1 हे यहोवा, मोका बचावा, काहेकि सबहिं वफ़ादार अउ दयालु जन चला गवा अहइँ। लोग वफ़ादारी क अरथ भूलि गवा बाटइ।
2 लोग आपन साथी संगियन स झूठ बोलत हीं। हर कउनो आपन पड़ोसियन क झूठ बोलिके चापलूसी करत रहत हीं।
3 यहोवा ओन ओंठन क सी देइ जउन झूठ बोलत हीं। यहोवा, ओन जिभियन क काट जउन आपन ही बारे मँ डींग हाँकत हीं।
4 अइसे जन सोचत हीं, “हमार झूठ हमका बड़का मनई बनइहीं। कउनो भी मनई हमरी जीभ क कारण हमका जीत नाहीं पाई।”
5 मुला यहोवा कहत ह: “बुरे मनइयन दीन दुर्बलन स चिजियन चुराइ लिहन ह। उ पचे असहाय दीन जनन स ओनकर चिजियन लइ लिहन ह। मुला अब मइँ ओन हारे थके लोगन क रच्छा ठाड़ होइके करब।”
6 यहोवा क वचन फुरइ अहइँ अउर ऍतना सुद्ध जइसे आगी मँ टेघराइ भइ सफेद चाँदी। उ सबइ वचन उ चाँदी क तरह सुद्ध अहइँ, जेका टेघराइ टेघराइके सात दाईर् सुद्ध बनावा गवा अहइँ।
7 हे यहोवा, बेसहारा जन क सुधि ल्या। ओनकइ रच्छा अब अउर सदा सर्वदा करा।
8 सबइ दुर्जन अकड़त हीं अउ बना ठना घूमत हीं। मुला उ पचे अइसेन होत हीं जइसे कउनो नकली आभूसण धारन करत ह। जउन लखइ मँ कीमती लागत हीं, मुला असलियत मँ बहोतइ सस्ता होत हीं।
Psalm 13
1 हे यहोवा, तू कब तलक मोका बिसरा रहब्या? कब तलक तू मोका अंगीकार नाहीं करब्या?
2 तू मोका बिसरि गया इ कब तलक मइँ सोचउँ? आपन हिरदइ मँ कब तलक इ दुःख भोगउँ? कब तलक मोर दुस्मन मोका जीतत रइहीं?
3 हे यहोवा, मोर परमेस्सर, मोर सुनि ल्या! अउर तू मोरे सवाल क जवाब द्या, मोका जवाब द्या नाहीं तउ मइँ मरि जाबउँ।
4 साइद मोर सत्रु अइसेन ही कहइ लागेन, “मइँ ओका पीट दिहउँ।” मोर दुस्मन खुस होइहीं कि मोर अंत होइ गवा बाटइ।
5 हे यहोवा, मइँ तोहरी करुणा पइ मदद पावइ बरे भरोसा राखेउँ। तू मोका बचाइ लिहा अउर मोका सुखी किहा।
6 मइँ यहोवा बरे खुसी क गीत गावत हउँ, काहेकि उ मोरे बरे बहोत सी अच्छी बातन किहस ह।
Psalm 14
1 मूरख आपन मने मँ कहत बाटइँ, “परमेस्सर नाहीं अहइ।” मूरख लोग तउ अइसे कारज करत हीं जउन भ्रस्ट अउ घिन स भरा होत हीं। ओनमाँ स कउनो भी भला काम नाहीं करत ह।
2 यहोवा अकासे स मनइयन क लखत ह, कि कउनो बुद्धिमान मनई ओका मिलि जाइ। बुद्धिमान मनई परमेस्सर कइँती मदद पावइ बरे मुड़ि जात ह।
3 मुला परमेस्सर स मुड़िके सबहिं दूर होइ ग अहइँ। आपुस मँ मिलिके सबहिं लोग पापी होइ ग अहइँ। कउनो भी मनई नीक काम नाहीं करत अहइ।
4 मोरे मनइयन क दुष्ट लोग नस्ट कइ दिहन। उ सबइ दुर्जन परमेस्सर क नाहीं जनतेन। दुस्टन क लगे खाइ बरे भरपूर भोजन बाटइ। इ सबइ लोग यहोवा क उपासना तलक भी नाहीं करतेन।
5 इ सबइ दुस्ट मनई निर्धन क राय सुनइ नाहीं चाहतेन। अइसा काहे अहइ? काहेकि दीन लोग तउ परमेस्सर पइ निर्भर अहइँ। मुला दुट्ठ लोगन पइ भय छाइ गवा अहइ। काहेकि परमेस्सर खरे लोगन क संग अहइ।
6
7 सिय्योन पइ कउन जउन इस्राएल क बचावत ह? उ तउ यहोवा अहइ, जउन इस्राएल क रच्छा करत ह! यहोवा क मनइयन क दूर लइ गवा जवा अउर ओनका दबाव डाइके बन्दी बनावा गवा। मुला यहोवा आपन मनवइयन क वापिस छुड़ाइ लिआइ। तब याकूब बहोतइ खुस होइ।
Psalm 15
1 हे यहोवा, तोहरे तम्बू मँ कउन समइ बिताई सकत ह? कउन व्यक्ति तोहरे पवित्तर पर्वते पइ रहि सकत ह?
2 सिरिफ उहइ मनई जउन खरी जिन्नगी जिअत ह, अउर जउन उत्तिम करमन क करत ह, अउर जउन हिरदइ स फुरइ बोलत ह। उहइ तोहरे पर्वते पइ रह सकत ह।
3 अइसा मनई अउरन क बारे मँ कबहुँ बुरा नाहीं बोलत ह। उ आपन घराने क बुराई नाहीं करत ह।
4 उ ओन मनइयन क इज्जत नाहीं करत जउन परमेस्सर स घिना राखत हीं। अउर उ ओन सबहिं क सम्मान करत ह, जउन यहोवा क सेवक अहइँ। अइसा मनई अगर कउनो वचन देत ह तउ उ उ वचन क पूरा भी करत ह, जउन उ दिहे रहा।
5 उ मनई अगर कउनो क धन उधार देत ह तउ ओह पइ ब्याज नाहीं लेत। उ मनई कउनो निरपराध मनई क नस्कान पहोंचावइ बरे घूस नाहीं लेत। अगर कउनो मनई उ खरा मनई क तरह जिन्नगी जिअत ह तउ उ मनई कबहुँ भी ठोकर नाहीं खाइहीं।
Psalm 16
1 हे परमेस्सर, मोर रच्छा करा, काहेकि मइँ तोहे पइ निर्भर अहउँ।
2 मोर यहोवा स निवेदन अहइ, “यहोवा, तू मोर सुआमी अहा। मोरे लगे जउन कछू उत्तिम अहइ उ सबइ तोहसे ही अहइ।”
3 यहोवा आपन लोगन क धरती पइ अद्भूत काम करत ह। यहोवा इ देखाँवत ह कि उ फुरइ ओनसे पिरेम करत ह।
4 मुला जउन दूसर देवतन क पाछे ओनकर पूजा बरे परात हीं, उ पचे दुःख उठइहीं। ओन मूत्तिर्यन क जउन रकत अर्पण कीन्ह गवा, ओनकर ओन बलियन मँ मइँ हीसंा नाहीं लेब। मइँ ओन मूरतियन क नाउँ तलक नाहीं लेब।
5 नाहीं, बस मोर हींसा यहोवा मँ अहइ। बस यहोवा स ही मोर अंस अउर मोर पात्र आवत ह। हे यहोवा मोका सहारा द्या अउर मोर हींसा द्या।
6 मोर हींसा बहोतइ अद्भुत अहइ। असल मँ मोरे लगे बहोत स सुन्नर उत्तराधिकार अहइ।
7 मइँ यहोवा क गुण गावत हउँ काहेकि उ मोका गियान दिहस। मोरे अन्तर्मन स राति मँ सिच्छन निकरिके आवत हीं।
8 मइँ यहोवा क सदा ही आपन सम्मुख राखत हउँ। मइँ ओकर दाहिने छोर कबहुँ नाहीं छोड़ब।
9 इहइ स मोर मन अउर मोर आतिमा बहोतइ आनन्दित होइ अउर मोरी देह तलक सुरच्छित रही।
10 काहेकि, यहोवा, तू मोर प्राण कबहुँ भी मउत क जगह मँ न तजी। तू आपन वफ़दार क कब्र मँ सड़इ नाहीं देब्या।
11 तू मोका जिन्नगी क राह देखउब्या जउन मोका तोहार मौजूदगी मँ पूरा आनन्द देत ह। तोहार दाहिन कइँती होब मोका सदा सदा ही आनन्द देइ।
Psalm 17
1 हे यहोवा, मोरी पराथना निआव क खातिर सुना। मइँ तोहका ऊँच अवाज स गोहरावत अहउँ। मइँ आपन बात ईमानदारी स कहत हउँ। तउ कृपा कइके मोर पराथना सुना।
2 यहोवा तू ही मोर उचित निआव करब्या तू ही फुरइ क लख सकत अहा।
3 मोर मन परखइ क तू ओकरे बीच गहिराई मँ निहारि लिहा ह। तू मोरे संग राति भइ रहा तू मोका जाँचा, अउ तोका मोहे मँ कउनो खोट नाहीं मिला। मइँ कउनो बुरी जोजना नाहीं रचेउँ रहे।
4 तोहरे आदेसन क मानइ मँ मइँ कठिन जतन किहेउँ जेतॅना कि कउनो मनई कइ सकत ह।
5 मइँ तोहरी राहे पइ चलत रहत हउँ। मोर गोड़ तोहरे जिन्नगी क रीति स नाहीं डुगेन।
6 हे परमेस्सर, मइँ हर कउनो अवसर पइ तोहका पुकारेउँ ह अउर तू मोका जवाब दिहा ह। तउ अब भी तू मोर सुना।
7 हे परमेस्सर, तू आपन विस्सासी चेलन क दिखावा कि तू केतॅना अजूबा अहा! तू ओन लोगन क बचाया जउन ओन लोगन पइ हमला करत ह जउन ओन बचइ बरे तोहार सक्ती पइ निर्भर करत ह।
8 मोर रच्छा तू आपन आँखी क पुतली क नाईं करा। मोका आपन पखना क छाया क खाले तू छुपाइ ल्या।
9 हे यहोवा, मोर रच्छा ओन दुट्ठ जनन स करा जउन मोका नस्ट करइ क जतन करत अहइँ। उ सबइ मोका घेरे अहइँ अउ मोका हानि पहोंचाकाइ क प्रयत्नसील अहइँ।
10 दुट्ठ लोग घमण्ड क कारण परमेस्सर क बात पइ कान नाहीं लगावत अहइँ। इ सबइ आपन ही डींग हाँकत रहत हीं।
11 उ सबइ लोग मोरे पाछे पड़ा भवा अहइँ, अउर अब मइँ ओनके बीच मँ घिर गवा हउँ। उ पचे मोह पइ वार करइ क तय्यार ठाड़ बाटेन।
12 उ सबइ दुट्ठ जन अइसे अहइँ जइसे कउनो सिंह घात मँ दूसर पसु क मारइ क बइठा होइ। उ पचे सिंह क नाईर् झपटइ बरे छुपा रहत हीं।
13 हे यहोवा, दुस्मन क खिलाफ उठा अउर ओनका आत्मसर्मपन करइ बरे मज़बूर करा। आपनि तरवार उठावा अउ इ सबइ दुट्ठ जनन स मोर रच्छा करा।
14 हे यहोवा, जउन मनई सजीव अहइँ ओनका धरती स दुट्ठन क आपन सक्ती स दूर करा। हे यहोवा, बहुतेरे तोहरे लगे सरण माँगइ आवत हीं। तू ओनका बहुतायत स भोजन द्या। ओनकर सन्तानन क परिपूर्ण कइ द्या। ओनके लगे आपन गदेलन क देइ क बहुतायत स धन होइ।
15 मोर विनय निआव बरे अहइ। तउ मइँ यहोवा क मुँह क दर्सन करब । हे यहोवा, तोर दर्सन करतइ ही, मइँ पूरी तरह सन्तुट्ठ होइ जाबउँ।
Psalm 18
1 उ कहेस, “यहोवा मोर सक्ती अहइ, मइँ तोहसे पिरेम करत हउँ।
2 यहोवा मोर चट्टान, मोर गढ़, मोर सरणस्थल बाटइ।” मोर परमेस्सर मोर चट्टान अहइ। मइँ तोहरी सरण मँ आवा हउँ। ओकर सक्ती मोका बचावत ह। यहोवा ऊँचके पहाड़न पइ मोर सरणस्थल अहइ।
3 यहोवा क जउन स्तुति क जोग्य अहइ, मइँ गोहराउब अउर मइँ आपन दुस्मनन स बचावा जाब।
4 मोर दुस्मनन मोका मारइ क जतन किहन। मइँ चारिहुँ कइँती मउत क लसुरी स घिरा अहउँ। मोका अधर्म क बाढ़ भयभीत कइ दिहस।
5 मोरे चारिहुँ कइँती पाताल क लसुरी रहिन। अउर मोह पइ मउत क फंदा रहेन।
6 मइँ घेरा भवा रहेउँ अउर यहोवा क मदद बरे गोहराएउँ। मइँ आपन परमेस्सर क गोहराएउँ। परमेस्सर पवित्तर मन्दिर मँ बिराजा। उ मोर पुकार अनकेस अउ मदद किहेस।
7 तब्बइ भुइँया हल गइ अउ थर्राइ उठी; अउ पहाड़न क नेेंव थर्राइके हल उठिन काहेकि यहोवा बहोतइ कोहान रहा।
8 परमेस्सर क नथुना स धुआँ फूटि पड़ा। परमेस्सर क मुँह स ज्वाला फूटि पड़िन, अउ ओहसे चिंगारियन छटक गइन।
9 यहोवा सरगे क चीरिके खाले उतरा। खूब घना करिआ बादर ओकरे गोड़े तरे रहेन।
10 उ करूब सरगदूत पइ उ़डि गवा अउर हवा क पंख पइ सवार होइके ऊँचे आकास मँ उड़ि गवा।
11 यहोवा खुद क अँधियारे मँ छुपाइ लिहस, ओका अकासे क चँदोबा घेरे रहा। उ गरजत बादर क खूब घना घटा-टोप मँ लुकान भवा रहा।
12 फिन, परमेस्सर क तेज बादर फाड़िके निकरा। बरसा अउ बिजुरियन कौंधिन।
13 यहोवा क उद्घोष नाद अकासे मँ गूँजा। परम परमेस्सर आपन वाणी क सुनइ दिहस। फुन अंगारे गिरेन अउ बिजुरियन कौंधिन।
14 यहोवा बाण छोड़ेस अउर दुस्मन बिखराइ गएन। ओकर अनेक बिजुरी क बज्रन ओनका हराइ दिहन।
15 हे यहोवा, तू गरज्या अउ मुँह स आँधी बहाया। पानी पाछे हटिके दब गवा अउ समुद्रे क पानी बगइर तले क देखँाइ लाग, अउर धरती क नेंव तलक उधरि गइ।
16 यहोवा ऊपर अकासे स खाले उतरा अउर मोर रच्छा किहस। मोका मोरे कस्टन स उबारि लिहस।
17 मोर सत्रु मोहसे कछूँ जियादा ताकतवर रहेन। उ पचे मोहसे कहूँ जियादा बरिआर रहेन, अउ मोहसे दुस्मनी राखत रहेन। तउ परमेस्सर मोर रच्छा किहस।
18 जब मइँ विपत्ति मँ रहेउँ, मोर दुस्मनन मोह पइ वार किहन मुला तबहिं यहोवा मोका सँभारेस!
19 यहोवा क मोहसे पिरेम रहा, तउ उ मोका बचाएस अउर मोका सुरच्छित ठउरे पइ लइ गवा।
20 यहोवा मोका आपन अच्छाई क अनुसार इनाम देइ। उ मोका मोरे सुद्धता क अनुसार बदल देइ।
21 काहेकि मइँ यहोवा क आग्या क पालन किहेउँ ह! आपन परमेस्सर यहोवा बरे मइँ कउनो भी बुरा काम नाहीं किहेउँ।
22 मइँ तउ यहोवा क व्यवस्था विधानन क अउ हुकुमन क हमेसा धियान मँ राखत हउँ!
23 खुद क मइँ ओकरे समन्वा पवित्तर राखत हउँ अउ अबोध बना रहत हउँ।
24 काहेकि मइँ अबोध अहउँ! एह बरे मोका मोर पुरस्कार देइ! जइसा परमेस्सर लखत ह कि मइँ कउनो बुरा काम नाहीं किहेउँ, एह बरे उ मोरे बरे उत्तिम चिजियन करी।
25 हे यहोवा, तू वफ़ादार लोगन क संग वफ़ादार अहा अउ खरे लोगन्क संग तू आपन क खरा दिखावत ह।
26 हे यहोवा, तू सुद्ध लोगन क संग सुद्ध अहा, किन्तु तू दुट्ठ लोगन स जियादा चालाक अहा।
27 हे यहोवा, तू नम्र जनन बरे सहाय अहा, मुला जेनमाँ अहंकार भरा अहइ ओन मनइयन क तू बड़ा नाहीं बनइ देत्या।
28 उ तू ही अहा जउन मोर दीप बरत ह। हे मोरे परमेस्सर तू मोरे अंधकार क जोति मँ बदल देत अहा!
29 हे यहोवा, तोहरी मदद स, मइँ फउजियन क संग पराइ सकत हउँ। तोहरी ही मदद स, मइँ दुस्मनन क चहरदीवार फाँद सकत हउँ।
30 परमेस्सर क विधान पवित्तर अउ उत्तिम अहइ अउ यहोवा क सब्द सच स पूरा होत हीं। उ ओका बचावत ह जउन ओकरे भरोसे अहइँ।
31 यहोवा क छाँड़ि बस अउर कउन परमेस्सर बाटइ? सिरिफ हमरे परमेस्सर क अउर कउन चट्टान अहइ?
32 मोका परमेस्सर सक्ति देत ह। उ मोर रास्ता आसान बनावत ह।
33 परमेस्सर मोरे गोड़न क हिरन क नाईर् तेज चाल देत ह। उ मोका स्थिर बनावत अउर मोका चट्टानी सिखरन स गिरइ स बचावत ह।
34 परमेस्सर जुद्ध बरे मोरे बाँहन क प्रसिच्छित करत ह, एह बरे मइँ बहोत सक्तीसाली धनुसक मोड़ सकत हउँ अउ तीर छोड़ सकत हउँ।
35 हे परमेस्सर, आपन ढार स मोर रच्छा करा। तू मोका आपन दाहिन भुजा स आपन महान सक्ती प्रदान कइके मदद द्या।
36 हे परमेस्सर, तू मोरे गोड़े क अउर टखना क मजबूत बनावा ताकि मइँ तेज होइके बगइर लड़खड़ाहट क बढ़ चलउँ।
37 फुन आपन दुस्मनन क पाछा करउँ, अउ ओनका धइ सकउँ। ओनमाँ स एक क भी बच पावइ देउँ।
38 मइँ आपन दुस्मनन क हराउब। ओनमाँ स एक भी फुन ठाड़ नाहीं होइ। मोर सबहिं दुस्मन मोरे गोड़वा प गिरि जइहीं।
39 हे परमेस्सर, तू मोका जुद्ध मँ सक्ती दिहा, अउर मोरे सब दुस्मनन क मोरे समन्वा निहुराइ दिहा।
40 तू मोरे दुस्मनन क पीठ मोरी कइँती फेरि दिहा, ताकि मइँ ओनका काटि डावउँ जउन मोसे जलन राखत हीं।
41 जब मोर दुस्मनन मदद क गोहार लगाएन, ओनका मदद देइ अगवा कउनो नाहीं आवा। हिआँ तलक कि उ पचे यहोवा तलक क पुकारेन, मुला यहोवा स ओनका जवाब न मिला।
42 मइँ आपन दुस्मनन क कूट कूट कइ धूरि मँ मिलइ देबउँ, जेका ब्यार उड़ाइ देत ह। मइँ ओनका कुचर दिहेउँ अउर माटी मँ मिलाइ दिहेउँ।
43 मोका ओनसे बचाइ ल्या जउन मोसे जुद्ध करत हीं। मोका ओन जातियन क मुखिया बनाइ द्या, जेनका मइँ जानत तलक नाहीं हउँ ताकि उ पचे मोर सेवा करिहीं।
44 फिन उ सबइ लोग मोर सुनिहीं अउर मोरे हुकुमन क मनिहीं, दूसर रास्ट्रन क लोग मोसे डेरइहीं।
45 उ पचे विदेसी लोग मोरे समन्वा निहुरिहीं काहेकि उ पचे मोसे भयमीत होइहीं। उ पचे भय स थर्रात भए आपन छुपा ठउरन स बाहेर निकारि अइहीं।
46 यहोवा सजीव अहइ! मइँ आपन चट्टान क जस गीत गावत हउँ। मोर महान परमेस्सर मोर रच्छा करत ह।
47 धन्न बाटइ, मोर पटक देइवाला परमेस्सर जउन देस-देस क मनइयन क मोरे बस मँ कइ दिहस ह।
48 यहोवा, तू मोका मोरे दुस्मनन स छोड़ाया ह। तू मोर मदद किहा ताकि मइँ ओन लोगन क हराइ सकउँ जउन मोरे खिलाफ खड़ा भएन। तू मोका कठोर मनइयन स बचाया ह।
49 हे यहोवा, इहइ कारण मइँ देसन क बीच तोहार स्तुति करत हउँ। इहइ कारण मइँ तोहरे नाउँ क भजन गावत हउँ।
50 यहोवा आपन राजा क मदद बहोत स जुद्धन क जीतइ मँ करत ह। उ आपन सच्चा पिरेम, आपन चुने भए राजा पइ देखाँवत ह। उ दाऊद अउ ओकरे संताने बरे सदा बिस्सास क जोग्ग रही।
Psalm 19
1 अकास परमेस्सर क महिमा बखानत ह, अउ अकासमण्डल परमेस्सर क उत्तिम सबइ रचना क देखाँवत ह।
2 हर नवा दिन ओकर नई कथा कहत ह, अउ हर रात परमेस्सर क नई नई सक्तियन क परगट करत ह।
3 हुवाँ न कउनो भासन या सब्दन होइ। न कउनो आवाज़ सुनाइ पड़त।
4 मुला ओकर “वाणी” भूमण्डल मँ बियापत ह अउर ओकर “सब्दन” धरती क छोर तलक पहोंचत हीं। ओनमाँ उ सूरज बरे एक घर जइसा तय्यार किहस ह।
5 सूरज नवखिल दुल्हा क नाईर् आपन सयन कच्छ स निकरत ह। सूरज आपन राहे पइ अकास क पार करइ निकरि पड़त ह, जइसे कउनो खिलाड़ी आपन दउड़ पूरी करइ बरे तइयार होइ।
6 अकासे क एक छोर स सूरज चल पड़त ह अउर ओह पार पहोंचइ क, उ सारी राह दउड़त रहत ह। अइसी कउनो वस्तु नाहीं जउन आपन क ओकरी गमीर् स छुपाइ लेइ। यहोवा क उपदेस भी अइसेन ही होत हीं।
7 यहोवा क सिच्छन सम्पूर्ण होत हीं, इ सबइ भक्त जनन क सक्ती देत हीं। यहोवा क करार पइ भरोसा कीन्ह जाइ सकत ह। जेनके लगे बुद्धि नाहीं अहइ इ ओनका सुबुद्धि देत ह।
8 यहोवा क नेम निआव स पूरा होत हीं, उ सबइ लोगन्क खुसी स भरि देत हीं। यहोवा क आदेस उत्तिम अहइँ, उ सबइ मनइयन क जिअइ क नई राह देखाँवत हीं।
9 यहोवा क आराधना प्रकास जइसी होत ह, इ तउ सदा सर्वदा जोति स भरी रही। यहोवा क निआव निस्पच्छ होत हीं, उ सबइ पूरी तरह निआव स पूरा होत हीं।
10 यहोवा क उपदेस उत्तिम सुबरन अउ कुन्दन स भी बढ़िके मनोहर अहइँ, उ सबइ उत्तिम सहद स भी जियादा मधुर अहइँ, जउन सोझ सहद क छत्ता स टपक आवत ह।
11 हे यहोवा, तोहार उपदेस तोहरे सेवक क आगाह करत हीं। अउर जउन ओनकइ पालन करत हीं ओनका तउ बरदान मिलत ह।
12 हे यहोवा, आपन सबहिं दोसन क कउनो नाहीं लख पावत। एह बरे तू मोका ओन पापन्स बचावा जउन एकान्त मँ छुपिके कीन्ह जात हीं।
13 हे यहोवा, मोका ओन पापन्क करइ स बचावा जेनका मइँ करइ चाहत हउँ। ओन पापन्क मोह पइ सासन न करइ द्या। अगर तू मोका बचावत ह तउ मइँ इमानदारी स भरि भवा होइ सकत हउँ अउ बहोत सारा पापन्स मुक्त होइ सकत हउँ।
14 मोका आसा अहइ कि, मोर वचन अउ चिंतन तोहका प्रसन्न करिहीं। हे यहोवा, तू मोर चट्टान, अउर मोर बचावइवाला अहा।
Psalm 20
1 तोहरी पुकार क यहोवा जवाब देइ, अउर जब तू विपत्ति मँ ह्वा तउ याकूब क परमेस्सर तोहरे नाउँ क बढ़ावइ।
2 परमेस्सर आपन पवित्तर ठउर स तोहार मदद करइ। उ तोहका सिय्योन स सहारा देइ।
3 परमेस्सर तोहरी सब भेंटन क याद राखइ, अउर तोहरे सबइ बलिदानन क अंगीकार करइ।
4 परमेस्सर तोहका ओन सबहिं वस्तुअन क देइ जेनका तू फुरइ फुरइ चाह्या। उ तोहार सबहिं योजनन पूरी करइ।
5 परमेस्सर जब तोहार मदद करइ हम पचे बहोतइ खुस होब। अउर हम पचे परमेस्सर क बड़कई क गीत गाउब। यहोवा उ सबइ चीज करी जेका तू पचे मँग्या।
6 मइँ अब जानत हउँ कि यहोवा मदद करत ह आपन उ राजा क जेका उ चुनेस। परमेस्सर तउ आपन सरगे मँ बिराजा अहइ अउर उ आपन चुने भए राजा क, जवाब दिहस उ राजा क रच्छा करइ बरे परमेस्सर आपन महासक्ती क प्रयोग मँ लिआवत ह।
7 कछू क भरोसा आपन रथन पइ अहइ, अउर कछू क आपन फउजियन पइ भरोसा बा मुला हम पचे तउ आपन यहोवा परमेस्सर क सुमिरन करत अही।
8 मुला उ सबइ लोग हारि गएन अउर जंगल मँ मार डावा गवा गएन अउर हम लोग जीते अउ खुसी मनावइ बरे इकट्ठा होब।
9 अइसा कइसा भवा? काहेकि यहोवा आपन चुने भए राजा क रच्छा किहा उ परमेस्सर क गोहराए रहा अउर परमेस्सर ओकर सुनेस।
Psalm 21
1 हे यहोवा, तोर महिमा राजा क प्रसन्न करत ह, जब तू ओका बचावत ह। उ बहोतइ आनन्दित होत ह।
2 तू राजा क उ सबइ वस्तुअन दिहा जेका उ चाहे रहा, राजा जउन भी पावइ क बिनती किहस। हे यहोवा, तू मन क चाहा भवा ओका दइ दिहा।
3 हे यहोवा, सचमुच तू बहोत आसीस राजा क दिह्या। ओकरे मूँड़े पइ तू सुवर्ण क मुकुट धइ दिह्या।
4 उ तोहसे जिन्नगी क भीख माँगेस अउर तू ओका इ दइ दिह्या। परमेस्सर, तू सदा सर्वदा बरे राजा क अमर जीवन दिह्या।
5 तू रच्छा किहा तउ राजा क महा वैभव मिल गवा। तू ओका आदर अउ प्रसंसा दिहा।
6 हे परमेस्सर, सचमुच तू राजा क सदा सर्वदा बरे, आसीर्वाद दिहा। जब राजा क तोहार दर्सन मिलत ह, तउ उ बहोत खुस होत ह।
7 राजा क सचमुच यहोवा पइ भरोसा अहइ, तउ परमेस्सर ओका निरास नाहीं करी।
8 हे परमेस्सर! तू देखाँइ द्या आपन सबहिं दुस्मनन क कि तू खूब मजबूत अउ सक्तीसाली अहा। जउन तोहसे घिना करत हीं तोहार सक्ती ओनका हराइ देइ।
9 हे यहोवा, जब तू राजा क साथ होत अहा तउ उ भभकत भार जइसा होइ जात ह, जउन सब कछू भसम करत ह। ओकर किरोध क आगी आपन सबहिं दुस्मनन क भसम कइ देत ह।
10 परमेस्सर क दुस्मनन क बंस नस्ट होइ जइहीं, धरती क ऊपर स उ सब मिटिहीं।
11 अइसा काहे भवा? काहेकि यहोवा, तोहरे खिलाफ ओन मनइयन खड़यन्त्र रचे रहेन। उ पचे बुरा करइ क जोजना रचे रहेन, मुला उ पचे ओहमाँ सफल नाहीं भएन।
12 यहोवा जब तू ओन लोगन पइ आपन तीर स निसाना साध्या, तउ तू ओनका पीछे घुमाई दिहा अउर भगाइ दिहा।
13 यहोवा क अउर ओकर सक्ती क गुण गावा आवा हम पचे गाई अउर ओकरे गीतन क बजाई जउन ओकर गरिमा स जुर ग अहइँ।
Psalm 22
1 हे मोरे परमेस्सर, हे मोरे परमेस्सर, तू मोका काहे तजि दिहा ह? मोका बचावइ बरे तू काहे बहोतइ दूर अहा? मोर मदद क पुकार क सुनइ बरे तू बहोतइ दूर अहा।
2 हे मोरे परमेस्सर, मइँ तोहका दिन मँ पुकारेउँ मुला तू जवाब नाहीं दिहा, अउर मइँ राति भर तोहका पुकारत रहेउँ।
3 हे परमेस्सर, तू पवित्तर अहा। तू राजा क नाईर् बिराजमान अहा। इस्राएल क स्तुतियन तोहार सिंहासन अहइ।
4 हमार पुरखन तोह पइ बिस्सास किहन। हाँ हे परमेस्सर उ पचे तोहार भरोसा रहेन। अउर तू ओनका बचाए रह्या।
5 हे परमेस्सर, हमार पुरखन तोहका मदद क गोहराएन अउर उ पचे आपन दुस्मनन स बच निकरेन। उ पचे तोह पइ बिस्सास किहन अउर उ पचे निरास नाहीं भएन।
6 तउ का मइँ फुरइ कउनो कीरा हउँ, जउन लोग मोहसे लज्जित भए बाटेन अउर मोहसे घिना करत हीं?
7 जउन भी मोका लखत ह मोर हँसी उड़ावत ह, उ पचे आपन मूड़ँ हलावत अउ आपन ओंठ बिरावत हीं।
8 उ पचे मोसे कहत हीं कि, “आपन रच्छा बरे तू यहोवा क गोहँराइँ सकत ह। उ तोहका बचाइ लेइ। अगर तू ओका ऍतना भावत ह तउ, निहचय ही उ तोहका बचाइ लेइ।”
9 हे परमेस्सर फुरइ तउ इ अहइ कि सिरिफ तू ही अहा जेकरे ऊपर मइँ निर्भर हउँ। तू मोका उ दिन स संभालया ह, जब स मोर जन्म भवा। तू ही अहा जेकर कारण स मइँ बच्पन स बिस्सास किहेउँ।
10 ठीक उहइ दिना स जब स मइँ जन्म लिहेउँ ह, तू मोर परमेस्सर रहवा ह। जइसे ही मइँ आपन महतारी क कोख स बाहेर आए रहेउँ, मोका तोहरी देखरेख मँ रख दीन्ह ग रहा।
11 तउ हे, परमेस्सर! मोका जिन बिसरि जा, संकट निअरे बाटइ, अउर कउनो भी मनई मोर मदद क नाहीं अहइ।
12 मइँ ओन लोगन स घिरा अहउँ, जउन सक्तीसाली साँड़न जइसे मोका घेरे भए अहइँ।
13 उ पचे ओन सिंहन जइसे अहइँ, जउन कउनो जन्तु क चीरत होइँ अउ दहाड़त होइँ अउर ओनकर मुँह विकराल खुला भवा होइँ।
14 मोर सक्ती धरती पइ बिखरे जल स लुप्त होइ गइ। मोर हाड़न अलगाइ ग अहइँ। मोर साहस खतम होइ चुका अहइ।
15 मोर मुँह एक पुराना टूटा भवा बर्तन क टूका क नाईं सूख गवा अहइ। मोर जीभ आपन ही तालु स चिपकत अहइ। तू मोका कब्र क धूरि मँ डार दिहा ह।
16 दुट्ठ लोग मोर चारिहुँ कइँती कुकुरन क नाईं घेरे भए अहइँ, दुस्ट जनन क उ समूह मोका फँसाएस ह। उ पचे मोरे हथवन अउर गोड़न क छेद दिहेन ह।
17 मोका आपन हाड़ देखाँइ देत ह। इ सबइ लोग मोका घूरत अहइँ। इ सबइ मोका नस्कान पहोंचावइ क ताकत रखत हीं।
18 उ पचे मोर कपड़ा आपुस मँ बाँटत अहइँ। मोरे ओढ़नन बरे उ पचे पाँसा लोकावत अहइँ।
19 हे यहोवा, तू मोका जिन तजा। तू मोर बल अहा, मोर मदद करा। अब तू देर जिन लगावा।
20 हे यहोवा, मोर प्राण तलवार स बचाइ ल्या। ओन कुत्तन स तू मोर मूल्यवान जिन्नगी क रच्छा करा।
21 मोका सेर क मुँह स बचाइ ल्या अउ साँड़ क सीगंन स मोर रच्छा करा।
22 हे यहोवा, मइँ आपन भाइयन मँ तोर प्रचार करब। मइँ तोर प्रसँसा तोहरे भक्तन क सभा क बीच करब।
23 ओ यहोवा क उपासक लोगो, यहोवा क बड़कई करा। इस्राएल क सन्तानन यहोवा क आदर करा। ओ इस्राएल क सबहिं लोगो, यहोवा क भय माना अउ आदर करा।
24 काहेकि यहोवा अइसे मनइयन क मदद करत ह जउन विपत्ति मँ होत हीं। यहोवा ओनसे घिना नाहीं करत ह। अगर लोग मदद बरे यहोवा क पुकारइँ तउ उ खुद क ओनसे न छिपाइ।
25 मइँ तोहका धामिर्क सभा मँ स्तुति बरे का भेंट कइ सकत हउँ। तोहार भक्त लोगन क समन्वा मइँ तोहका उ देबउँ जेका मइँ वादा किहेउँ ह।
26 दीन जन भोजन पइहीं अउर सन्तुट्ठ होइहीं। तू लोग जउन ओका हेरत भए आवत अहा ओकर स्तुति करा। मन तोहार हमेसा हमेसा आनन्द स भरि जाइँ।
27 तब सबहिं दूर भुइँयन क लोग यहोवा क सुमिरइँ अउर ओकर लगे लउटि आवइँ। हे यहोवा, धरती क सबइ परिवार क हरेक लोग तोहार समन्वा निहुरिहीं।
28 काहेकि यहोवा राजा अहइ। उ हर एक रास्ट्र पइ सासन करत ह।
29 मानव जाति घास क नाईं स्थाइ नाहीं अहइँ जउन कि समूचइ धरती मँ उगत हीं। हम सबहिं आपन खइया क खाब अउर परमेस्सर क समन्वा निहुरि दण्डवत करब।हाँ मानव जाति मरत ह अउ ओनका कब्र मँ डार दीन्ह जात ह। सबइ लोग जउन जीवित अहइ या नाहीं अहइ परमेस्सर क समन्वा नम्रता स निहुरिके दण्डवत करइँ।
30 अउर भविस्स मँ हमार सन्तान यहोवा क सेवा करिहीं। लोग सदा सदा ही ओकरे बारे मँ बखनिहीं।
31 उ सबइ लोग अइहीं अउर परमेस्सर क भलाई क प्रचार करिहीं जेनकर अबहिं जन्म ही नाहीं भवा।
Psalm 23
1 यहोवा मोर गड़रिया अहइ। जउन कछू भी मोका अपेच्छित होइ, सदा मोरे लगे रही।
2 हरे भरे चरागाह मँ मोका सुख स उ राखत ह। उ मोका सांत झरनन पइ लइ जात ह।
3 उ आपन नाउँ क निमित्त मोरी आतिमा क नई सक्ती देत ह। उ मोर अगुआई करत ह कि उ फुरइ उत्तिम अहइ।
4 मइँ मउत क अँधिअर घाटी स गुजरत भइ नाहीं डेराब, काहेकि यहोवा तू मोरे संग अहा। तोहार चरवाहे क लाठी मोका सुख देत हीं।
5 हे यहोवा, तू मोरे दुस्मनन क समन्वा मोर खइया बरे मेज सजाया ह। तू मोरे मूँड़े पइ तेल उड़ेर्या ह। मोर कटोरा भरा ह अउ छलकत बाटइ।
6 निचहय नेकी अउ करुणा मोर बाकी जिन्नगी तलक मोरे संग रही। मइँ यहोवा क मन्दिर मँ लम्बी समइ तलक बार-बार जाबिउँ।
Psalm 24
1 धरती अउ ओह प क सब चिजियन यहोवा क अहइँ; संसार अउ हर कउनो जउन एहमाँ रहत हीं ओकर अहइँ।
2 यहोवा इ धरती क जल पइ रचे अहइ। उ एका जल क धारन पइ बनाएस।
3 यहोवा क पहाड़े क मन्दिर मँ कउन जाइ सकत ह? कउन यहोवा क पवित्तर ठउर मँ खड़ा होइ सकत अउर आराधना कइ सकत ह?
4 अइसा मनई जउन हाथन क साफ किहे ह, अइसा मनई जउन पवित्तर जीवन क अगुवाइ करत ह, अइसा मनई जउन मोरे नाउँ क प्रयोग कइके दूसर बरे गलत नाहीं किहे ह, अउर अइसा मनई जउन झूठ न बोलेस, अउ न ही झूठा वचन दिहेस ह। बस अइसेन मनई ही हुआँ आराधना कइ सकत हीं।
5 सज्जन तउ चाहत हीं यहोवा सब क भला करइ। उ पचे सज्जन परमेस्सर स जउन ओनकर उद्धारक अहइ, नेक चाहत हीं।
6 उ पचे सज्जन परमेस्सर क अनुसरण क जतन करत हीं। उ पचे याकूब क परमेस्सर क लगे मदद पावइ जात हीं।
7 फाटकन, आपन मूँड़ी ऊँची करा! सनातन दुआरन, खुलि जा! प्रतापी राजा भितरे आई।
8 इ प्रतापी राजा कउन अहइ? यहोवा ही उ राजा अहइ, उहइ सबल सैनिक अहइ, यहोवा ही उ राजा अहइ, उहइ जुद्ध नायक बा।
9 फाटकन, आपन, मूँड़ी ऊँची करा! सनातन दुआरन, खुलि जा! प्रतापी राजा भितरे आई।
10 उ प्रतापी राजा कउन अहइ? यहोवा सर्वसक्तिमान ही उ राजा अहइ। उ प्रतापी राजा उहइ अहइ।
Psalm 25
1 हे यहोवा, मइँ खुद क तोहका समपिर्त करत हउँ।
2 मोरे परमेस्सर, मोर सिरिफ तोह पइ बिस्सास बाटइ। मोका अपमानित होइ क अनुमति जिन द्या; मोर दुस्मनन क मोह पइ हँसी उड़ावइ क अनुमति जिन द्या।
3 अइसा मनई, जउन तोहमँा बिस्सास धरत ह, उ निरास नाहीं होइ। मुला बिस्सासघाती निरास होइहीं अउर, उ पचे कबहुँ भी कछू नाहीं प्राप्त करिहीं।
4 हे यहोवा, मोर मदद करा कि मइँ तोहरी राहन क सीखउँ! तू आपन मार्गन क मोका सिच्छा द्या।
5 आपन सच्ची राह तू मोका देखाँवा अउर ओकर उपदेस मोका द्या। तू मोर परमेस्सर तू मोर उद्धारकर्त्ता अहा। मोका हर दिन तोहार भरोसा अहइ।
6 हे यहोवा, मोह पइ आपन दाया राखा अउर उ ममता क मोह पइ परगट करा, जेका तू हरदम राखत ह।
7 आपन जवानी मँ जउन पाप अउर कुकर्म मइँ किहेउँ, ओनका जिन याद राखा। हे यहोवा आपन निज नाउँ निमित्त, मोका आपन करुणा स सुमिर ल्या।
8 हे यहोवा, सचमुच उत्तिम अहइ, उ पापियन क जिन्नगी क नेक राह देखाँवत ह।
9 उ दीन लोगन क आपन राहन क सीख देत ह। बिना पच्छपात क उ ओनका मारग देखाँवत ह।
10 यहोवा क राहन ओन लोगन बरे छिमा स भरी अउ सच अहइँ, जउन ओकर करार अउर कानून क अनुसरण करत हीं।
11 हे यहोवा, मइँ बहुतेरा पाप किहेउँ ह, मुला तू आपन नाउँ बरे मोर हर पापे क दयालुता स छिमा कइ दिहा।
12 जदि कउनो मनई यहोवा क अनुसरण करइ चाहइ, तउ ओका परमेस्सर जिन्नगी क उत्तिम राह देखाँइ।
13 उ मनई उत्तिम वस्तुअन क सुख भोगी, अउर उ मनई क सन्तानन उ धरती क जेका परमेस्सर वचन दिहे रहा स्थायी रइहीं।
14 यहोवा आपन भक्तन पइ आपन भेद खोलत ह। उ आपन निज भक्तन क आपन करार क सिच्छा देत ह।
15 मोर आँखिन मदद पावइ क यहोवा पइ सदा टिकी रहत हीं। मोका मोरी बिपत्ति स उ सदा छोड़ावत ह।
16 हे यहोवा, मइँ पीड़ित अउ अकेल्ला अहउँ। मोरी कइँती मूड़ अउ मोह पइ दाया देखाँवा।
17 मोरी बिपत्तियन स मोका अजाद करा। मोर समस्या सुलझाने क मदद करा।
18 हे यहोवा, मोका परखा अउर मोरी बिपत्तियन पइ निगाह डावा। मोका जउन पाप मइँ किहे हउँ, ओन सबहिं बरे छिमा करा।
19 लखा मोर केतॅना दुस्मनन अहइँ, अउ लखा उ मोहसे केतॅना नफ़रत करत हीं।
20 हे परमेस्सर, मोर रच्छा करा अउर मोका बचाइ ल्या। मइँ तोहार भरोसा राखत हउँ। तउ मोका निरास जिन करा।
21 हे परमेस्सर, तू सचमुच उत्तिम अहा। मोका तोहार भरोसा अहइ, तउ मोर रच्छा करा।
22 हे परमेस्सर, इस्राएल क लोगन क ओनकर सबहिं दुस्मनन स रच्छा करा।
Psalm 26
1 हे यहोवा, मोर निआव करा, प्रमाणित करा कि मइँ पवित्तर जिन्नगी बिताएउँ ह। मइँ यहोवा पइ कबहुँ बिस्सास करब नाहीं तजे रहेउँ।
2 हे यहोवा, मोका परखा अउर मोर जाँच करा, मोर हिरदइ मँ अउर बुद्धि क निचके स लखा।
3 मइँ तोहरे पिरेम क सदा ही लखत हउँ, मइँ तोहरे सत्य क सहारे जिअत रहत हउँ।
4 मइँ ओन बेकार लोगन मँ स नाहीं अहउँ।
5 मइँ बुरे लोगन क संगति स घिना करत हउँ। मइँ दुस्ट लोगन मँ सामिल नाहीं होत हउँ।
6 हे यहोवा, मइँ निदोर्खी दिखाइ बरे आपन हथवा धोए हउँ, एह बरे सायद मइँ तोहार वेदी पइ आइ सकत हउँ।
7 हे यहोवा, मइँ तोहरी प्रसंसा क गीत गावत हउँ, अउर जउन अचम्भा स भरा करम तू किह्या ह, ओनके बारे मँ मइँ गीत गावत हउँ।
8 हे यहोवा, मइँ तोहार मनोहर मन्दिर स अउ उ तम्बू स जहाँ तोहार महिमानिवास करत ह पिरेम करत हउँ।
9 हे यहोवा, तू मोका ओन पापियन क दले मँ जिन मिलावा, जब तू ओन हत्तियारन क प्राण लेब्या तब मोका जिन मार्या।
10 उ हमेसा दूसर लोगन क धोखा देइ बरे अउर रिसवत लेइ बरे तइयार रहत ह।
11 लेकिन मइँ अटल हउँ, तउ हे परमेस्सर, मोहे पइ दयालु ह्वा अउर मोर रच्छा करा।
12 मइँ नेक जिन्नगी जिअत रहेउँ। मइँ तोहरी बड़कई गीत, हे यहोवा, जब भी तोहार भक्त मण्डली साथे मिलि गइ, गावत रहेउँ।
Psalm 27
1 हे यहोवा, तू मोरे जोति अउ मोर उद्धारकर्ता अहा। मोका तउ कउनो स भी नाहीं डरइ चाही। यहोवा मोरी जिन्नगी बरे सुरच्छित ठउर अहइ। तउ मइँ कउनो भी मनई स नाहीं डरब।
2 होइ सकत ह, दुट्ठ जन मोहे पइ चढ़ाई करइँ। होइ सकत ह, उ पचे मोरे सरीर क नस्ट करइ क जतन करइँ। होइ सकत ह मोर सत्रु मोका नस्ट करइ क मोह पइ आक्रमण क जतन करइँ।
3 मुला चाहे पूरी फउज मोका घेरि लेइ, मइँ नाहीं डेराब। चाहे जुद्ध छेत्र मँ मोह पइ लोग प्रहार करइँ, मइँ नाहीं डेराब। काहेकि मइँ यहोवा पइ भरोसा करत हउँ।
4 मइँ यहोवा स सिरिफ एक बर माँगइ चाहत हउँ, “मइँ आपन जिन्नगी भइ यहोवा क मन्दिर मँ बइठा रहउँ, ताकि मइँ यहोवा क सुन्दरता क लखउँ, अउर ओकरे मन्दिर मँ धियान करउँ।”
5 जब कबहुँ कउनो बिपत्ति मोका घेरी, यहोवा मोर रच्छा करी। उ मोका आपन तम्बू मँ छुपाइ लेइ। उ मोका आपन सुरच्छित जगह पइ ऊपर उठाइ लेइ।
6 मोका मोर दुस्मनन घेरि रखे अहइँ। मुला अब ओनका पराजित करइ मँ यहोवा मोर सहारा होइ। मइँ ओकरे तम्बू मँ फुन भेंट चढ़ाउब। जय जयकार कइके बलियन अपिर्त करब। मइँ यहोवा क स्तुति बरे भजन गाउब अउर बनाउब।
7 हे यहोवा, मोर पुकार सुना, मोका जवाब द्या। मोह पइ दयालु रहा।
8 मोर हिरदइ कहत ह, “जा, ओकरे दर्सन बरे जा।” एह बरे यहोवा मइँ तोहसे बात करउँ बरे तोहार समन्वा आवा हउँ।
9 हे यहोवा, किरोध मँ आपन सेवक स जिन मोड़या! एक जउन मोर मदद कइ सकत ह उ तू अहा। मोका अकेल्ला जिन छोड़्या! मोका जिन त्यागा। परमेस्सर जउन मोका बचाइ सकत ह उ तू अहा!
10 मोर महतारी अउ मोर बाप मोका तजि दिहन, पर यहोवा मोका अंगीकार किहस अउर आपन बनाइ लिहस।
11 हे यहोवा, मोरे दुस्मनन क कारण, मोका आपन मारग देखावा। मोका नीक काम क सिच्छा द्या।
12 मोह पइ मोर दुस्मनन हमला किहे अहइँ। उ पचे मोरे बरे झूठ बोलेन ह। उ पचे मोका नस्कान पहोंचावइ बरे झूठ बोलेन।
13 मोका भरोसा अहइ कि मरइ स पहिले मइँ फुरइ यहोवा क धरम भावना क लखउँ।
14 यहोवा क मदद क बाट जोहत रहा! साहसी अउ सुदृढ़ बना रहा अउर यहोवा क मदद क प्रतीच्छा करत रहा।
Psalm 28
1 हे यहोवा, तू मोर चट्टान अहा, मइँ तोहका मदद पावइ क गोहरावत हउँ। मोरा पराथनन स आपन कान जिन मूँदा, अगर तू मोर मदद क पुकार क जवाब नाहीं देब्या, तउ लोग मोका कब्र मँ मरा भवा जइसा पइहीं।
2 हे यहोवा, आपन पवित्तर तम्बू कइँती बढ़्या, मइँ तोहार पराथना बरे आपन हाथ उठाए हउँ। जब मइँ तोहका पुकारउँ, तू मोर सुना। तू मोहे पइ आपन करुणा देखाँवा।
3 हे यहोवा, मोका ओन बुरे मनइयन क तरह जिन सोचा जउन बुरा काम करत हीं। जउन आपन पड़ोसियन स सान्ति करत हीं, मुला आपन हिरदइ मँ आपन पड़ोसियन क बारे मँ कुचक्र रचत हीं।
4 हे यहोवा, उ सबइ मनइयन दूसर लोगन क बुरा करत हीं। तउ तू ओनकी संग बुरी घटना क घटावा ओन दुर्जनन क तू वइसेन ही दण्ड द्या जइसे ओनका देइ चाही।
5 दुर्जन ओन उत्तिम बातन क जउन यहोवा करत ओका नाहीं समुझतेन। उ पचे परमेस्सर क उत्तिम कारजन क नाहीं लखतेन। उ पचे ओकर भलाई क नाहीं समुझतेन। उ पचे तउ सिरिफ कउनो क नास करइ क जतन करत हीं।
6 यहोवा क स्तुति करा! उ मोहे पइ करुणा करइ क बिनती सुनेस।
7 यहोवा मोर सक्ती अहइ, उ मोर ढार अहइ। मोका ओकर भरोसा रहा। उ मोर मदद किहेस। मइँ बहोतइ खुस हउँ, अउ ओकर खुसी क गीत गावत हउँ।
8 यहोवा आपन चुना राजा क रच्छा करत ह। उ ओका हर पल बचावत ह। यहोवा ही ओकर सक्ती अहइ।
9 हे परमेस्सर, आपन लोगन क रच्छा करा। जउन तोहार अहइँ ओनका आसीस द्या। ओनका धियान रखा अउर हमेसा ओनका लइके चला।
Psalm 29
1 परमेस्सर क पूत लोगो, यहोवा क स्तुति करा। ओकर महिमा अउ सक्ती क प्रसंसा गीत गावा।
2 यहोवा क प्रसंसा करा अउ ओकरे नाउँ क आदर करा। पवित्तर ओढ़ना पहिरिके यहोवा क आराधना करा।
3 समुद्र क ऊपर यहोवा क वाणी खुद क गरजत ह। परमेस्सर क वाणी महासागर क ऊपर मेघ क गरजन क तरह गरजत ह।
4 यहोवा क वाणी ओकर सक्ती क देखाँवत ह। ओकर ध्वनि ओकर महिमा क परगट करत ह।
5 यहोवा क वाणी देवदार बृच्छन क तोड़के चकनाचूर कइ देत ह। यहोवा लबानोन क विसाल देवदार बृच्छन क तोड़ देत ह।
6 यहोवा लबानोन क पहाड़न क कपाँइ देत ह। उ नाचत भए बछवा क तरह देखाँइ लागत ह। हेमोर्न क पहाड़ काँप उठत ह अउर उछरत जवान बकरी क तरह देखाँत ह।
7 यहोवा क वाणी बिजली क कौंध स टकरात ह।
8 यहोवा क वाणी मरुस्थल क कँपाइ देत ह। यहोवा क स्वर स कादेस क मरुस्थल काँप उठत ह।
9 यहोवा क वाणी स हिरन डेराइ जात हीं। यहोवा दुर्गम जंगलन क नस्ट कइ देत ह। मुला ओकरे मन्दिर मँ लोग ओकर प्रसंसा क गीत गावत हीं।
10 जल प्रलय क समय यहोवा राजा रहा। उ सदा बरे राजा रही।
11 यहोवा आपन भगतन क रच्छा सदा करी, अउर आपन जनन क संाति क आसीस देइ।
Psalm 30
1 हे यहोवा, तू मोरी बिपत्तियन स मोर उद्धार किहा ह। तू मोरे दुस्मनन क मोका हरावइ अउर मोर खिल्ली उड़ावइ नाहीं दिहा। तउ मइँ तोहरे बरे आदर परगट करब।
2 हे मोर परमेस्सर यहोवा, मइँ तोहसे पराथना किहेउँ। तू मोका चँगा कइ दिहा।
3 कब्र स तू मोर उद्धार किहा, अउर मोका जिअइ दिहा। मोका मुर्दन क संग मुर्दन क गड़हा मँ पड़े भए नाहीं रहइ पड़ा।
4 परमेस्सर क भगतन, यहोवा क स्तुति करा! ओकरे सुभ नाउँ क प्रसंसा करा।
5 यहोवा कोहाइ गवा, तउ निर्णय भवा “मउत!” मुला उ आपन पिरेम परगट किहस अउर मोका “जिन्नगी” दिहस। मइँ राति क रोवत विलापत सोएउँ। दूसर भिन्सारे मइँ गावत भवा खुस रहेउँ।
6 मइँ अब इ कहि सकत हउँ, अउर मइँ जानत हउँ इ निहचय फुरइ अहइ, “मइँ कबहुँ नाहीं हारब!”
7 हे यहोवा, जब तू मोहे पइ दयालु भया अउ तउ मइँ महसूस किहेउँ कि मइँ अइसा सुरच्छित अहउँ जइसा पहाड़े पइ एक किला। मुला मइँ डर स काँपि गएउँ जब तू मोका अस्वीकार कइ दिहा।
8 हे परमेस्सर, मइँ तोहरी कइँती लउटेउँ अउर बिनती किहेउँ। मइँ आपन पइ दाया देखावइ क विनती किहेउँ।
9 मइँ कहेउँ, “परमेस्सर का इ नीक अहइ कि मइँ मरि जाउँ अउर कब्र क भीतर खाले चला जाऊँ? मरे भए मनई तउ माटी मँ ओलरा रहत हीं, उ पचे तोहरे नेक क स्तुति जउन सदा सदा बनी रहत ह नाहीं करतेन।
10 हे यहोवा, मोर पराथना सुना अउर मोह पइ करुणा करा! हे यहोवा, मोर मदद करा!”
11 मइँ पराथना किहेउँ अउर तू मोर मदद किहा! तू मोरे रोवइ क नाच मँ बदल दिहा मोरे सोक वस्त्र क तू उतारिके बहाइ दिहा, अउर मोका आनन्द मँ सराबोर कइ दिहा।
12 हे यहोवा, मइँ तोर सदा जसगान करब। मइँ अइसा करब जेहसे कबहुँ नीरवता न बियापइ। तोहार प्रसंसा मँ हमेसा कउनो न कउनो गावत रही।
13
Psalm 31
1 हे यहोवा, मइँ तोहरे भरोसे हउँ, मोका निरास जिन करा। मोह पइ कृपालु ह्वा अउर मोर रच्छा करा।
2 हे यहोवा, मोर सुना, अउर तू हालि आइके मोका बचाइ ल्या। मोर चट्टान बनि जा, मोर रच्छा करा!
3 हे परमेस्सर, तू मोर चट्टान अहा, तउ आपन निज नाउँ बरे मोका राह देखाँवा अउर मोर अगुआई करा।
4 मोरे बरे मोर दुस्मनन जाल फइलाएन ह। ओनके फँदा स तू मोका बचाइ ल्या, काहेकि तू मोर सुरच्छा स्थल अहा।
5 हे परमेस्सर यहोवा, मइँ तउ तोहे पइ भरोसा कइ सकत हउँ। मइँ आपन जिन्नगी तोहरे हाथे मँ सउँपत हउँ। मोर रच्छा करा।
6 जउन लबार देवतन क पूजत रहत हीं, ओन लोगन स मोका घिना अहइ। मइँ तउ बस यहोवा मँ बिस्सास रखत हउँ।
7 हे यहोवा, तोहार करुणा मोका बहोतइ आनन्दित करत ह। तू मोरे दुुु:खन क लखि लिहा अउ तू मोर पीरा क बारे मँ जानत अहा।
8 तू मोरे दुस्मनन क मोहे पइ भारी पड़इ नाहीं देब्या। तू मोका ओनके फँदन स छोड़उब्या।
9 हे यहोवा, मोह पइ अनेक संकट अहइँ। तउ मोह पइ कृपा करा। मइँ ऍतना बियाकुल अहउँ कि मोर आँखिन दुःखत अहइँ। मोर गटइ अउ पेट पिरात अहइँ।
10 मोरी जिन्नगी क अंत दुःख मँ होत अहइ। मोर बरिस आह भरइ मँ बीतत अहइँ। मोर सबइ बेदना मोर सक्ती क निचोड़त अहइँ। मोर बल मोर साथ छोड़त जात अहइ।
11 मोर सत्रु मोसे घिना राखत हीं। मोर पड़ोसी मोर बैरी बना अहइँ। मोर सबहिं रिस्तेदार मोका राहे मँ लखिके मोसे डेराइ जात हीं अउर मोसे सब कतरात हीं।
12 मोका लोग पूरी तरह स बिसरि चुका अहइँ। मइँ तउ कउनो हेरान अउजार सा होइ गवा हउँ।
13 मइँ ओन भयंकर बातन क सुनत हउँ जउन लोग मोरे बारे मँ करत हीं। उ पचे सबहिं लोग मोरे खिलाफ होइ ग बाटेन। उ पचे मोका मारि डावइ क जोजना रचत हीं।
14 हे यहोवा। मोर भरोसा तोहे पइ अहइ। तू मोर परमेस्सर अहा।
15 मोर जिन्नगी तोहरे हाथन मँ अहइ। मोरे दुस्मनन स मोका बचाइ ल्या। ओन लोगन स मोर रच्छा करा, जउन मोरे पाछे पड़ा अहइँ।
16 कृपा कइके आपन दास क अपनाइ ल्या। मोह पइ दाया करा अउर मोर रच्छा करा।
17 हे यहोवा, मइँ तोहार बिनती किहेउँ। एह बरे मइँ निरास नाहीं होब। बुरे मनइयन तउ निरास होइ जइहीं। अउर उ पचे कब्र मँ नीरव चला जइहीं।
18 दुर्जन लोग डींग हाँकत हीं अउर सज्जन क बारे मँ झूठ बोलत हीं। उ सबइ दुर्जन बहोत ही अभिमानी होत हीं। मुला ओनके होंठ जउन झूठ बोलत रहत हीं, बिना सब्दन क होइहीं।
19 हे परमेस्सर, तू आपन भगतन बरे बहोत स अजूबा चीजन क छुपाइके धरे अहा। तू सबन्क समन्वा अइसे मनइयन बरे जउन तोहार बिस्सासी अहइँ, भला काम करत अहा।
20 दुर्जन लोग सज्जनन क नस्कान पहोंचावइ क बरे जुट जात हीं। उ सबइ दुर्जन लड़ाइ भड़कावइ क जतन करत हीं। मुला तू सज्जनन क ओनसे छुपाइ लेत अहा, अउर ओनका बचाइ लेत अहा। तू सज्जन लोगन क रच्छा आपन सरण मँ करत अहा।
21 यहोवा क स्तुति करा। जब नगर क दुस्मन लोग घेर लिहे रहेन, तब उ आपन सच्चा पिरेम अजूबी रीति स देखाँएस।
22 मइँ डेरान रहेउँ, अउर मइँ कहे रहेउँ, “मइँ तउ अइसे जगह पइ हउँ जहाँ मोका परमेस्सर नाहीं देख सकत ह।” मुला हे परमेस्सर, मइँ तोहार बिनती किहेउँ, अउर तू मोर सहायता क पुकार सुनि लिहा।
23 परमेस्सर क भगतन, तोहका यहोवा स पिरेम करइ चाही। यहोवा ओन लोगन क जउन ओकरे बरे सच्चा अहइँ, रच्छा करत ह। मुला यहोवा ओनका जउन आपन ताकत क ढोल पीटत हीं। ओनका उ वइसा ही दण्ड देत ह, जइसा दण्ड ओनका मिलइ चाही।
24 अरे ओ मनइयो जउन यहोवा क मदद बरे प्रतीच्छा करत अहा, सुदृढ अउ हिम्मती बना!
Psalm 32
1 धन्न अहइ उ जेकर पाप छमा भएन। धन्न अहइ उ जन जेकर पाप धुल गएन।
2 उ पचे कइसे धन्य अहइँ जेका यहोवा दोखी नाहीं समुझत ह। उ जन जउन आपन गुप्त पापन क छुपावइ क जतन न करइ आसीसित होइहीं।
3 हे परमेस्सर, मइँ तोहसे बार बार बिनती किहेउँ, मुला आपन छुपा पाप तोहका नाहीं बताएउँ। जेतनी दाईर् मइँ तोहार बिनती किहेउँ मइँ तउ अउर जियादा दुर्बल होत चला गएउँ।
4 हे परमेस्सर, तू मोर जिन्नगी दिन रात कठिन स जियादा कठिन बनाइ दिहा। मोर ताकत अइसा झुराइ गवा अहइ जइसा गरर्मी क मोसम क ताप झुलसाइ दिहे अहइ।
5 मुला फिर मइँ यहोवा क समच्छ आपन सबहिं पापन क मानइ क निहचय कइ लिहे हउँ। हे यहोवा, मइँ तोहका आपन पाप बताइ दिहेउँ। मइँ आपन कउनो अपराध तोहसे नाहीं छुपाएउँ। अउर तू मोरे पापन क दोख छिमा कइ दिहा।
6 एह बरे, परमेस्सर, तोहरे भगतन क तोहार बिनती करइ चाही। हिआँ तलक कि जब विपत्ति जल प्रलय स उमड़इ तब भी तोहरे भगतन क तोहार बिनती करइ चाही।
7 हे परमेस्सर, तू मोर रच्छा क ढाल अहा तू मोका मोरी बिपत्तियन स उबारत अहा। तू मोका सुरच्छा क गीत स घेरि लिहा ह। तउ एह बरे मइँ, जइसे तू रच्छा किहा ह, ओनही बातन क गीत गावा करत हउँ।
8 यहोवा कहत ह, “मइँ तोहका जइसे चलइ चाही सिखाउब अउर तोहका उ राह देखाउब। मइँ तोहार रच्छा करब अउर मइँ तोहार अगुआ बनब।
9 तउ तू घोड़न या गदहन स बुद्धिहीन जिन बना। ओन पसुअन क तउ मुखरी अउ लगाम स चलावा जात ह। अगर तू ओनका लगाम या रास नाहीं लगउब्या, तउ उ सबइ पसु निअरे नाहीं अइहीं।”
10 दुर्जनन क बहोत स पीड़ा घेरिहीं। मुला ओन लोगन क जेनका यहोवा पइ भरोसा अहइ, यहोवा क सच्चा पिरेम ढाक लेइ।
11 सज्जन तउ यहोवा मँ सदा मगन अउ आनन्दित रहत हीं। अरे ओ लोगो, तू सब पवित्तर मन क साथ आनन्द मनउब्या।
Psalm 33
1 हे सज्जन लोगो, यहोवा मँ आनन्द मनावा! सज्जनो सत मनइयो, ओकर स्तुति करा।
2 वीणा बजावा अउर ओकर स्तुति करा। यहोवा बरे दस तार वाले सारंगी बजावा।
3 अब ओकरे बरे नवा गीत गावा। खुसी क धुन सुन्दरता स बजावा!
4 परमेस्सर क वचन सत्य अहइ। जउन भी उ करत ह ओकर तू पचे भरोसा कइ सकत ह।
5 नेकी अउ निस्पच्छता परमेस्सर क भावत ह। यहोवा आपन खुद क करुणा स इ धरती क भरि दिहेस।
6 यहोवा आदेस दिहस अउ सृस्टि फउरन पइदा होइ गइ। परमेस्सर क साँस स धरती पइ हर चीज बनी।
7 परमेस्सर सागर मँ एक ही जगहिया पइ जल बटोरेस। उ सागर क आपन जगह पइ रखत ह।
8 धरती क हर मनई क यहोवा क आदर करइ अउ डेराइ चाही। इ संसार मँ जउन भी मनई बसा अहइँ, ओनका चाही कि उ पचे ओसे डेराइँ।
9 काहेकि परमेस्सर क सिरिफ बात भइ कहब अहइ, अउर उ बात तुरंत घटि जात ह। अगर उ कउनो क रुकइ क आदेस देइ, तउ उ तुरंत थम जात ह।
10 परमेस्सर चाहइ तउ सबहिं सुझाव बिअर्थ करइ। उ कउनो भी मनई क सब कुचक्रन क बिअर्थ कइ सकत ह।
11 मुला यहोवा क उपदेस सदा ही खरे होत हीं। ओकर सब जोजना पीढ़ी दर पीढ़ी खरी होत हीं।
12 धन्न अहइँ उ सबइ मनई जेनकर परमेस्सर यहोवा अहइ। परमेस्सर ओनका आपन ही मनई होइ क चुनेस ह।
13 यहोवा सरग स खाली लखत रहत ह। उ सबहिं लोगन क लखत रहत ह।
14 उ ऊपर ऊँचे पइ बनाए भए आसन स धरती पइ रहइवाले सब मनइयन क लखत रहत ह।
15 परमेस्सर हर कउनो क मन रचेस ह। तउ कउनो का सोचत अहइ उ समुझत ह।
16 राजा क रच्छा ओकरे बड़की सक्ती स नाहीं होत ह, अउर कउनो सिपाही आपन निज सक्ती स सुरच्छित नाहीं रहत।
17 जुद्ध मँ फुरइ अस्वबल नाहीं जितावत। सचमुच तू ओकरी सक्ती स नाहीं बचि सकत्या।
18 जउन लोग यहोवा क अनुसरण करत हीं, ओनका यहोवा लखत ह अउ रखवारी करत ह। जउन मनई ओकर आराधना करत हीं, ओनका ओकर महान पिरेम बचावत ह।
19 परमेस्सर ओन लोगन क मउत स बचावत ह। उ सबइ जब भुखान होतेन तब उ ओनका सक्ती देत ह।
20 एह बरे हम यहोवा क बाट जोहब। उ हमार मदद अउर हमार ढाल अहइ।
21 परमेस्सर मोका आनन्दित करत ह। मोका फुरइ ओकरे पवित्तर नाउँ पइ भरोसा अहइ।
22 हे यहोवा, हम सचमुच तोहार आराधना करित ह। तउ तू हम पइ आपन महान पिरेम देखावा।
Psalm 34
1 मइँ यहोवा क सदा धन्न कहब। मेरे ओंठन पइ सदा ओकर स्तुति अहइ।
2 हे नम्र लोगो! सुना अउ खुस होइ जा। मोर सेखी यहोवा क बारे मँ अहइ।
3 मोरे संग यहोवा क गरिमा क गुणगान करा। आवा, हम एक साथ घोसना करी कि उ केतॅना अच्छा अहइ।
4 मइँ परमेस्सर क लगे मदद माँगइ गएउँ। उ मोर सुनेस। उ मोका ओन सबहिं बातन स बचाएस जेनसे मइँ डेरात हउँ।
5 गरीब लोग ओकरे कइँती मदद बरे लखत हीं। ओनकर फीका चेहरन खुसी स गाइ उठेन काहेकि उ ओनका उत्तर दिहस।
6 इ दीन जन यहोवा क मदद बरे पुकारेस, अउर यहोवा मोर सुनि लिहस। अउर उ सब विपत्तियन स मोर रच्छा किहस।
7 यहोवा क दूत ओकरे भगत जनन क चारिहुँ कइँती डेरा डाए रहत ह। अउर यहोवा क दूत ओन लोगन क रच्छा करत ह।
8 चखा अउर समझा कि यहोवा केतॅना भला बाटइ। उ मनई जउन यहोवा क भरोसे अहइ फुरइ खुस रही।
9 यहोवा क पवित्तर जन क ओकर आराधना करइ चाही। यहोवा क भगतन बरे कउनो दूसर सुरच्छित ठउर नाहीं बा।
10 आजु जउन बरिआर अहइँ दुर्बल अउ भूखा होइ जइहीं। मुला जउन परमेस्सर क सरण आवत हीं उ सबइ लोग हर उत्तिम वस्तु पइहीं।
11 हे बालको, मोर सुना, अउर मइँ तू पचन्क सिखाउब कि यहोवा क सेवा कइसे करइँ।
12 अगर कउनो मनई जिन्नगी स पिरेम करत ह, अउर बढ़िया अउ बड़की जिन्नगी क जिअइ चाहत ह,
13 तउ उ मनई क बुरा नाहीं बोलइ चाही, उ मनई क झूठ नाहीं बोलइ चाही।
14 बुरा काम जिन करा। नेक काम करत रहा। सान्ति क कारज करा। सान्ति क प्रयास मँ जुटा रहा जब तलक ओका पाइ न ल्या।
15 यहोवा सज्जन लोगन क रच्छा करत ह। ओनकर पराथनन पइ उ कान देत ह।
16 मुला यहोवा, जउन बुरा करम करत हीं, अइसे मनइयन क खिलाफ होत ह। एह बरे उ लोग मरइ क पाछे बिसरि दीन्ह जाइहीं।
17 यहोवा स बिनती करा, उ तोहार सुनी। उ तू पचन्क तोहरी सबहिं मुसीबतन स बचाइ लेइ।
18 लोगन पइ मुसीबत आइ सकत हीं अउर उ पचे अभिमानी होब तजि देत हीं। यहोवा ओन लोगन क निअरे रहत ह। जेनकर टूटा मन अहइँ ओनका उ बचाइ लेइ।
19 होइ सकत ह सज्जन भी बिपदन मँ घिर जाइँ। मुला यहोवा ओन सज्जन लोगन क ओनकर हर समस्या स रच्छा करी।
20 यहोवा ओनकइ सब हाड़न स रच्छा करी। ओनकर एक भी हाड़ नाहीं टूटी।
21 दुट्ठता दुटठ लोगन बरे मउत लावत ह। सज्जन क विरोधी नस्ट होइ जइहीं।
22 यहोवा आपन हर दास क आतिमा बचावत ह। जउन लोग ओह पइ भरोसा रखत हीं, उ ओन लोगन क नस्ट नाहीं होइ देइ।
Psalm 35
1 हे यहोवा, मोरे मुकदमन क लड़ा। मोरे जुद्धन क लड़ा।
2 हे यहोवा, कवच अउ ढार धारण करा, खड़ा ह्वा अउ मोर रच्छा करा।
3 बरछी अउ भाला उठावा, अउर जउन मोरे पाछे पड़ा अहइँ ओनसे जुद्ध करा। हे यहोवा, मोरी आतिमा स कहा, “मइँ तोहार उद्धार करब।”
4 कछू लोग मोका मारइ पाछे पड़ा अहइँ। ओनका निरास अउ लज्जित करा। ओनका मोड़ द्या अउ ओनका भगाइ द्या। मोका नस्कान पहोंचावइ क कुचक्र जउन रचत अहइँ ओनका असमंजस मँ डाइ द्या।
5 तू ओनका अइसा भूसा स बनाइ द्या, जेका हवा उड़ाइ लइ जात ह। ओनके संग अइसा होइ द्या कि, ओनके पाछे यहोवा क दूत पड़इँ।
6 हे यहोवा, ओनकर राह अँधियारी अउ फिसल जाइवाली होइ जाइ। यहोवा क दूत ओनकइ पाछे पड़इँ।
7 उ पचे बिना कारण मोर बरे फंदा लगाएस ह। उ पचे बिना कारण मोका फँसावा चाहत हीं।
8 तउ, हे यहोवा, अइसे लोगन क ओनकर आपन ही जालि मँ गिरइ द्या। ओनका आपन ही फंदन मँ पड़इ द्या। अउर कउनो न मालूम भवा खतरा ओन पइ पड़द द्या।
9 फुन तउ यहोवा मइँ तोहे मँ आनन्द मनाउब। यहोवा क संरच्छण मँ मइँ प्रसन्न होब।
10 मइँ आपन पूरे मन स कहब, “हे यहोवा, तोहरे समान कउनो नाहीं अहइ। तू सबलन स दुर्बलन क बचावत ह। जउन लोग सक्तीवाला होत हीं, ओनसे तू चिजियन क छोर लेत अहा अउर दीन अउ बेसहारा लोगन क देत ह।”
11 एक लबार साच्छी दल मोका दुःख देइ बरे कुचक्र रचत अहइ। उ पचे मोह पइ अपराधन क इलज़ाम लगवात ह जेकरे बरे मइँ जानत ही नाहीं हउँ।
12 मइँ तउ बस भलाई ही भलाई किहेउँ ह। मुला उ पचे मोसे बुराई करिहीं। हे यहोवा, मोका उ उत्तिम फल द्या जउन मोका मिलइ चाही।
13 ओन पइ जब दुःख पड़ा, ओनके बरे मइँ दुःख भएउँ। मइँ खइया क तजिके आपन दुःख परगट किहेउँ। जउन मइँ ओनके बरे पराथना किहेउँ, का मोका इहइ मिलइ चाही?
14 ओन लोगन बरे मइँ सोक वस्त्र धारण किहेउँ। मइँ ओन लोगन क संग मीत वरना भाई जइसा बेउहार किहेउँ। मइँ उ रोवत मनई जइसा दुःखी भएउँ, जेकर महतारी मरि गइ होइ। अइसे लोगन स सोक परगट करइ बरे मइँ करिआ वस्त्र पहिर लिहेउँ। मइँ दुःखे मँ बूड़ेउँ अउर मूँड़ निहुराइके चलेउँ।
15 मुला जब मोसे कउनो एक चूक होइ गइ, उ सबइ लोग मोर खिल्ली उड़ाएन। उ सबइ लोग फुरइ मोर मीत नाहीं रहेन। मइँ ओन लोगन क जानत तउ नाहीं। उ पचे मोका घेरि लिहन अउर मोह पइ प्रहार किहन।
16 उ पचे मोह पइ दुर्जनता क संग मसखरी किहन अउ उ पचे मोह पइ दाँत पीसेन।
17 मोर सुआमी, तू कब तलक इ सब बुरा होत लखब्या? इ सबइ लोग मोका नास करइ क जतन करत अहइँ। हे यहोवा, मोर प्राण बचाइ ल्या। मोरी पियारी जिन्नगी क रच्छा करा। उ सबइ सिंह जइसा बन गवा अहइँ।
18 हे यहोवा, मइँ महासभा मँ तोहार स्तुति करब। मइँ बरिआर लोगन क संग रहत भए तोहार जस बखानब।
19 मोर लबार सत्रु हँसत नाहीं रहिहीं। फुरइ मोर दुस्मन आपन छुपी भइ जोजना बरे सजा पइहीं।
20 मोर दुस्मन सचमुच सान्ति क जोजनन क नाहीं रचतेन। उ पचे इ देस क सान्ति प्रिय लोगन क खिलाफत मँ छुप हुपिके बुरा करइ क कुचक्र रचत अहइँ।
21 मोर दुस्मन मोरे बरे बुरी बातन क कहत अहइँ। उ सबइ झूठ बोलत भए कहत अहइँ, “अहा! हम सबइ जानत अही तू का करत अहा!”
22 हे यहोवा, तू सचमुच लखत अहा कि का कछू घटत बाटइ। तउ तू जिन छुपा रहा, मोका जिन तजा।
23 हे यहोवा, जागा! मोका रच्छा बर तइयार होइ जा! मोरे परमेस्सर यहोवा मोर लड़ाई लड़ा, अउर मोर निआउ करा।
24 हे मोरे परमेस्सर यहोवा, आपन बगइर पच्छ लिहे मोर निआउ करा, तू ओन लोगन क मोह पइ हँसइ जिन द्या।
25 ओन लोगन क अइसा जिन कहइ द्या, “अहा! हमका जउन चाही रहा ओका पाइ लीन्ह!” हे यहोवा, ओनका जिन कहइ द्या, “हम ओका बरबाद कइ दीन्ह।”
26 मइँ आसा करत हउँ कि मोर दुस्मन निरास अउ लज्जित होइहीं। उ सबइ लोग खुस रहेन जब मोरे संग बुरी बातन घटत रहिन। उ सबइ सोचा करतेन कि उ सबइ मोसे स्रेस्ठ अहइँ! तउ अइसे लोगन क लाज मँ बूड़ि जाइ द्या।
27 ओन लोगन क जउन मोका निदोर्ख घोसित करइ चाहत ह, खुसी अउ आनन्दित होइ द्या। उ पचन क हमेसा कहइ द्या, “यहोवा महान बा! उ आपन सेवक क अच्छाई चाहत ह।”
28 तउ, हे यहोवा, मइँ लोगन क तोहार अच्छाई बताउब। हर दिन, मइँ तोहार स्तुति करब।
Psalm 36
1 बुरा मनई बहोत बुराई करत ह जब उ खुद स कहत ह, “मइँ परमेस्सर क आदर नाहीं करत हउँ अउ न ही डेरात हउँ।”
2 उ मनई खुद स झूठ बोलत ह। उ मनई खुद क आपन खोट नाहीं लखत। एह बरे उ छिमा नाहीं माँगत।
3 ओकर वचन सिरिफ बियर्थ अउ झूठा होत हीं। उ विवेकवाला नाहीं होत अउर न ही अच्छा काम सीखत ह।
4 राति क उ बिछउना मँ कुचक्र रचत ह। उ जागिके कउनो भी नीक काम नाहीं करत। उ कुकरम क तजई नाहीं चाहत।
5 हे यहोवा, तोहार बिस्ससनीय पिरेम अकासे स भी ऊँच बाटइ। हे यहोवा, तोहार सच्चाई बादर स भी ऊँच बाटइ।
6 हे यहोवा, तोहार धमीर् भावना सबन त ऊँची पर्वते स भी ऊँची बाटइ। तोहार सोभा गहिर सागर स भी गहिर अहइ। हे यहोवा, तू मनइयन अउ गोरूअन क रच्छक अहा।
7 तोहरी करुणा स जियादा मूल्यवान कछू भी नाहीं अहइ। मनई अउ दूत तोहरे सरण मँ आवा अहइँ।
8 हे यहोवा, तोहरे मन्दिर क उत्तिम बातन स उ सबइ नई सक्ती पावत हीं। तू ओनका आपन अद्भुत नदी क पानी क पिअइ देत अहा।
9 हे यहोवा, तोहसे जिन्नगी क झरना फूटत ह! तोहार जोति ही हमका प्रकास देखाँवत ह।
10 हे यहोवा, जउन तोहका सच्चाई स जानत हीं, ओनसे पिरेम करत रहा। ओन लोगन पइ तू आपन खुद क नेकी बरसावा जउन तोहरे बरे सच्चा अहइँ।
11 हे यहोवा, तू मोका घमण्डियन क जाल मँ जिन फँसइ द्या। दुट्ठ लोग मोका कबहुँ धइ न पावइँ।
12 ओनकर कब्रन क पाथरन पइ इ लिखि द्या: “दुट्ठ लोग हिआँ पइ गिरेन ह। उ सबइ कुचर दीन्ह गएन। उ पचे फिन कबहुँ खड़ा नाहीं होइ पइहीं।”
Psalm 37
1 दुर्जन लोगन स जिन घबरा, जउन बुरा करत हीं अइसे मनइयन स ईर्स्या जिन राखा।
2 दुर्जन मनई घास अउ हरियर पौधन क नाईर् हाली पिअराइ जात हीं अउर मरि जात हीं।
3 अगर तू यहोवा पइ भरोसा रखब्या अउर भला काम करब्या तउ तू जिअत रहब्या अउ ओन चिजियन क भोग करब्या जउन धरती देत ह।
4 यहोवा क सेवा मँ आनन्द लेत रहा, अउर यहोवा तोहका तोहार मन चाहा देइ।
5 यहोवा क भरोसे रहा। ओकर बिस्सास करा। उ वइसा करी जइसा करइ चाही।
6 दुपहरिया क सूरज जइसा, यहोवा तोहार नेकी अउ खरेपन क चमकावइ।
7 यहोवा पइ भरोसा धरा अउ ओकरे सहारे क बाट जोहा। तू दुट्ठन क कामयाबी लखिके घबरावा जिन करा। तू दुट्ठन क दुट्ठ जोजनन क कामयाब होत लखिके जिन घबरा।
8 तू किरोध जिन करा। तू उन्मादी जिन बना। ओतना जिन घबराइ जा कि तू बुरा काम करइ चाहा।
9 काहेकि बुरे मनइयन क तउ नास कीन्ह जाइ। मुला उ सबइ लोग जउन यहोवा पइ भरोसा रखत हीं, उ धरती क पइहीं जेका देइ क परमेस्सर वचन दिहेस ह।
10 तनिक समइ क पाछे कउनो दुर्जन नाहीं बच पाई। हेरइ स भी तोहका कउनो दुट्ठ नाहीं मिली।
11 नम्र लोग उ धरती पइहीं जेका परमेस्सर देइ क वचन दिहेस ह। उ सबइ सान्ति क आनन्द लेइहीं।
12 दुट्ठ लोग सज्जनन बरे कुचाल चलत हीं। दुट्ठ जन सज्जनन क ऊपर दाँत पीसिके देखाँवत हीं कि उ पचे कोहान अहइँ।
13 मुला हमार सुआमी ओन दुर्जनन पइ हँसत ह। उ ओन बातन क लखत ह जउन ओन पइ पड़इ क अहइ।
14 दुर्जन तउ आपन तरवार उठावत हीं अउर धनुस साधत हीं। उ पचे दीन लोगन, बेसहारा लोगन क मारइ चाहत हीं। उ सबइ सच्चे लोगन, सज्जन लोगन क मारइ चाहत हीं।
15 मुला ओनकर धनुस चूर चूर होइ जइहीं। अउर ओनकर तरवारन ओनकर आपन ही हिरदय मँ उतरिहीं।
16 थोड़ा स भला मनई, दुर्जनन क भीड़ स भी उत्तिम अहइँ।
17 काहेकि दुर्जनन क तउ नस्ट कीन्ह जाइ। मुला भले मनइयन क यहोवा धियान रखत ह।
18 सुद्ध सज्जन लोगन क यहोवा ओनकइ जिन्नगी भइ बचावत ह। ओनकर प्रतिफल सदा बना रही।
19 जबहिं संकट होइ, सज्जन बरबाद नाहीं होइहीं। जब अकाल पड़ी, सज्जन लोगन क लगे खइया क भरपूर होइ।
20 मुला बुरा मनई यहोवा क दुस्मन होत रहत हीं। तउ ओन बुरे लोगन क नस्ट कइ दीन्ह जाइ, ओनकर सबइ घाटी झुराइ जइहीं अउर बर जइहीं। ओनका तउ पूरी तरह स मेट दीन्ह जाई।
21 दुट्ठ तउ फउरन ही धन उधार माँग लेत ह, अउर ओका फुन कबहुँ नाहीं चुकावत। मुला एक सज्जन अउरन क खुसी स देत रहत ह।
22 अगर कउनो सज्जन कउनो क आसीर्बाद देइ, तउ उ सबइ मनई उ धरती क जेका परमेस्सर देइ क वचन दिहस ह, पइहीं। मुला अगर उ सराप देइ मनइयन क तउ उ सबइ नास होइ जइहीं।
23 यहोवा, सिपाही क होसियारी स चलइ मँ मदद करत ह। अउर उ ओका पतन स बचाइ लेत ह।
24 फउजी अगर धावत भए दुस्मन पइ प्रहार करइँ, तउ ओकरे हाथे क यहोवा सहारा देत ह, अउर ओका गिरइ स बचावत ह।
25 मइँ जुवक भवा रहेउँ पर अबहुँ मइँ बुढ़ाइ ग हउँ। मइँ कबहुँ यहोवा क सज्जन लोगन क बेसहारा तजत भए नाहीं लखेउँ। मइँ कबहुँ सज्जन लोगन क संतानन क भीख माँगत नाहीं लखेउँ।
26 सज्जन सदा मुक्त भाव स दान देत ह। सज्जन लोगन क गदेलन वरदान होत हीं।
27 अगर तू कुकरमन स आपन मुँह मोड़ ल्या, अउर अगर तू नीक करमन क करत रहा, तउ फिन तू सदा ही जिअत रहब्या।
28 यहोवा खरेपन स पिरेम करत ह, उ आपन निज मनवइयन क बेसहारा नाहीं तजत। यहोवा आपन निज मनवइयन क हमेसा रच्छा करत ह, अउर उ दुट्ठ जन क नस्ट कइ देत ह।
29 सज्जन उ धरती क पइहीं जेका देइ क परमेस्सर वचन दिहस ह, उ पचे ओहमाँ सदा सदा ही रहा करिहीं।
30 भला मनई तउ खरी सलाह देत ह। ओकर निआउ सब क बरे निस्पच्छ होत ह।
31 सज्जन क हिरदय मँ यहोवा क उपदेस रहत हीं। उ सोझ मारग पइ चलब नाहीं तजत।
32 मुला दुर्जन सज्जन क दुःख पहोंचावइ क रस्ता हेरत रहत ह, अउर दुर्जन सज्जन क मारइ क जतन करत हीं।
33 मुला यहोवा दुर्जनन क मुक्त नाहीं तजी। उ सज्जन क अपराधी नाहीं ठहरइ देइ।
34 यहोवा क मदद क बाट जोहत रहा। यहोवा क पाछे पाछे चलत रहा। दुर्जन नस्ट होइहीं। यहोवा तोहका महत्वपूर्ण बनाई। तू उ धरती पउब्या जेका देइ क यहोवा वचन दिहस ह।
35 मइँ दुट्ठ क बरिआर लखेउँ ह। मइँ ओका मजबूत अउ तन्दुरुस्त बृच्छ क नाईर् सक्तीसाली लखेउँ।
36 मुला उ सबइ फुन मिट गएन। मोरे हेरे पइ ओनकर पता तलक नाहीं मिला।
37 सच्चा अउ खरा बना, काहेकि इहइ स सान्ति मिलत ह।
38 मुला जउन लोग व्यवस्था नेम तोड़त हीं नस्ट कइ दीन्ह जइहीं।
39 यहोवा नेक मनइयन क रच्छा करत ह। उ आपन किला मँ रहा जब विपत्तियन आइन।
40 यहोवा नेक लोगन क सहारा देत ह, अउर ओनकर रच्छा करत ह। सज्जन यहोवा क सरण मँ आवत हीं अउर यहोवा ओनका दुर्जनन स बचाइ लेत ह।
Psalm 38
1 हे यहोवा, जब तू किरोध मँ रहा तउ मोका फटकार जिन लगावा; जब तू परेसानी मँ रहा मोका जिन सुधारा।
2 हे यहोवा, तू मोका चोट दिहा ह। तोहार बाण मोहमाँ गहिर उतरा अहइँ।
3 तू मोका सजा दिहा ह अउर मोर पूरी देह दुःखत बाटइ, मइँ पाप किहेउँ अउ तू मोका सजा दिहा। एह बरे मोर हाड़ दुःखत अहइ।
4 मइँ बुरा काम करइ क अपराधी हउँ, अउर उ अपराध एक बड़का बोझा क नाईर् मोरे काँधे पइ चढ़ा अहइ।
5 मइँ बना रहेउँ मूरख, अब मोर घाव दुर्गन्ध स भरिके रिसत अहइँ, अउर उ सबइ सड़त अहइँ।
6 मइँ निहुरा अउ दबा भवा अहउँ। मइँ दिन भइ उदास रहत हउँ।
7 बोखार स मोर गुर्दन दर्द करत ह, अउर मोर समूचे बदन मँ बेमारी अहइ।
8 मइँ बहोत दुर्बल अउ थका भवा हउँ। मइँ कराहत हउँ काहेकि मोर हिरदइ कस्ट झेलत अहइ।
9 हे यहोवा, तू मोर कराहब सुनि लिहा। मोर आह तउ तोहसे छुपी नाहीं।
10 मोर हिरदइ चूर-चूर होइ गवा अहइ अउर मोर सक्ती मोका छोड़ दिहेस ह। मोरी आँखिन क जोति लगभग जात रही।
11 काहेकि मइँ रोगी हउँ, एह बरे मोरे मीत अउ मोर पड़ोसी मोसे मिलइ नाहीं अउतेन। मोरे परिवार क लोग तउ मोरे लगे तलक नाहीं फटकतेन।
12 मोर दुस्मन मोर निन्दा करत हीं। उ सबइ झूठ बातन अउ प्रतिवादन क फइलावत रहत हीं। मोरे ही बारे मँ उ सबइ हरदम बातचीत करत रहत हीं।
13 मुला मइँ बहरा बना कछू नाहीं अनकत हउँ। मइँ गूँगा होइ गवा, जउन कछू नाहीं बोल सकत।
14 मइँ उ मनई क तरह बना हउँ, जउन कछू नाहीं सुन सकत कि लोग ओकरे बारे मँ का कहत अहइँ। अउर मइँ इ तर्क नाहीं दइ सकत अउर सिद्ध नाहीं कइ सकत कि मोर दुस्मन अपराधी अहइँ।
15 तउ, हे यहोवा, मोका तू ही बचाइ सकत ह। मोर परमेस्सर अउर मोर सुआमी मोरे दुस्मनन क तू ही फुरइ बताइ द्या।
16 काहेकि मइँ पराथना किहेउँ, “ओनका दुर्जन स प्रसन्न होइ क अनुमति जिन द्या जब मइँ कउनो गलती किहेउँ। ओनका आपन क बारे मँ सेखी हाँकइ क अनुमति जिन द्या।
17 मइँ जानत हउँ कि मइँ आपन कुकरमन बरे पापी हउँ। मइँ आपन पीरा क बिसरि नाहीं सकत हउँ।
18 हे यहोवा, मइँ तोहका आपन कुकरम बताइ दिहेउँ। मइँ आपन पापन बरे दुःखी हउँ।
19 मोर दुस्मन जिअत अउ पूरी तरह तन्दुरुस्त अहइँ। उ पचे बहोत-बहोत झूठी बातन बोलेन ह।
20 मोर दुस्मन मोरे संग बुरा बेउहार करत हीं, जबकि मइँ ओनके बरे भला ही किहेउँ ह। मइँ बस भला करइ क जतन करत रहेउँ, मुला उ सबइ लोग मोरे खिलाफ होइ ग अहइँ।
21 हे यहोवा, मोका जिन बिसरा। मोरे परमेस्सर, मोसे तू दूर जिन रहा।
22 देरी जिन करा, आवा अउर मोर सुधि ल्या। हे मोर परमेस्सर मोका तू बचाइ ल्या।
Psalm 39
1 मइँ कहेउँ, “जब तलक इ सबइ दुट्ठ मोरे समन्वा रइहीं, तब तलक मइँ आपन कहनी बरे सचेत रहब। मइँ आपन वाणी क पाप स दूर रखब। अउर मइँ आपन मुँह क बंद कइ लेबउँ।”
2 तउ एह बरे मइँ कछू नाहीं कहेउँ। मइँ भला भी नाहीं कहेउँ। मुला मइँ बहोत परेसान भएउँ।
3 मइँ बहोत गुस्सान रहेउँ। इ बारे मँ मइँ जेॅतना सोचत चला गएउँ, ओॅतना ही मोर किरोध बाढ़त चला गवा। तउ मइँ आपन मुँह तनिकउ नाहीं खोलेउँ।
4 हे यहोवा, मोका बतावा कि मोरे संग का कछू घटित होइवाला अहइ? मोका बतावा, मइँ कब तलक जिअत रहब? मोका जानइ द्या फुरइ मोर जिन्नगी केॅतनी छोट अहइ।
5 तू मोका जिअइ बरे बहोत कम समइ दिहा ह। तोहार तुलना मँ मोर जिन्नगी बहोत अल्प अहइ। एक मनई क जिन्नगी सिरिफ एक साँस अहइ। कउनो भी सदा नाहीं जिअत।
6 उ जिन्नगी जेका हम लोग जिअत ह, उ झूठी छाया भइ होत ह। जिन्नगी क सारी भाग दौड़ निस्प्रयोजन होत ह। हम पचे तउ बेकार ही चिन्ता पालित ह। धन दौलत वस्तुअन क हम जोरिके धरित ह, मुला हम नाहीं जानित ओनका कउन भोगी।
7 तउ, मोरे यहोवा, मइँ का आसा रखउँ? तू ही बस मोर आसा अहा!
8 हे यहोवा, जउन कुकरम मइँ किहेउँ ह, ओनसे तू ही मोका बचउब्या। तू मोरे संग कउनो क भी कउनो विवेकी न होइवाला जन क संग क नाईर् बेउहार नाहीं करइ देब्या।
9 मइँ आपन मुँह नाहीं खोलब। मइँ कछू भी नाहीं कहब। यहोवा तू वइसे किह्या जइसे करइ चाही रहा।
10 मुला परमेस्सर, मोका सजा देब तजि देइ। अगर तू मोका सजा देब नाहीं तज्या, तउ तू मोर नास करब्या।
11 हे यहोवा, तू लोगन क ओनकर कुकरमन क सजा देत अहा। अउर इ तरह जिन्नगी क खरी राह लोगन क सिखावत ह। हमार काया पुरान अउ दुबराइ जात ह। अइसे उ ओढ़ना क नाईं जेहमाँ कीरा लाग होइ। हमार जिन्नगी एक ठु नान्ह बादर जइसे लखत बिलाइ जात ह।
12 हे यहोवा, मोर विनती सुना। मोरे ओन सब्दन क सुना जउन मइँ तोहसे गोहराइके कहत हउँ। मोरे आँसुअन क लखा। मइँ बस राहगीर हउँ, तोहका संग लिए इ जिन्नगी क राहे स गुजरत हउँ। इ जिन्नगी क राहे पइ मइँ आपन पुरखन क तरह कछू समइ मात्र पइ टिका भवा हउँ।
13 हे यहोवा, मोका अकेल्ले रहइ द्या। मरइ स अउ चलि जाइ स पहिले मोका फुन स आनन्दित होइ द्या।
Psalm 40
1 यहोवा क मइँ पुकारेउँ। उ मोर सुनेस। उ मोर रोदन क सुन लिहस।
2 यहोवा मोका विनास क गड़हा स उबारेस। उ मोका दलदल गड़हा स उठाएस, अउर उ मोका चट्टाने पइ बइठाएस। उ ही मोरे कदमन क टेकाएस।
3 यहोवा मोरे मुँह मँ एक ठु नवा गीत बसाएस। परमेस्सर क एक ठु स्तुति गीत। बहुतेरे लोग लखिहीं जउन मोरे संग भवा ह। अउर फुन परमेस्सर क आराधना करिहीं। उ पचे यहोवा क बिस्सास करिहीं।
4 अगर कउनो मनई यहोवा क भरोसे रहत ह, तउ उ मनई सचमुच खुस होइ। अउ अगर कउनो मनई मूतिर्यन अउ झूठ देवतन क सरण मँ नाहीं जाइ, तउ उ मनई फुरइ खुस होइ।
5 हमार परमेस्सर यहोवा, तू बहुतेरा अद्भुत काज किहा ह। हमरे बरे तोहरे लगे अद्भुत जोजना अहइँ। कउनो मनई नाहीं जउन ओका गन सकइ। मइँ तोहरे कीन्ह काम क बारंबार बखानबउँ।
6 हे यहोवा, तू मोका इ समुझाया ह: तू फुरइ कउनो अन्नबलि अउ पसुबलि नाहीं चाहत रह्या। कउनो होमबलि अउ पापबलि तोहका नाहीं चाही।
7 तउ मइँ कहेउँ, “लखा मइँ आवत हउँ! किताबे मँ मोरे बारे मँ इहइ लिखा अहइ।”
8 हे मोरे परमेस्सर, मइँ उहइ करइ चाहत हउँ जउन तू चाहत ह। मइँ मनवा मँ तोहरी सिच्छन क बसाइ लिहेउँ।
9 मइँ महासभा क बीच लोगन क उद्धार क खुस खबरी कहेउँ। हे यहोवा, तू जानत अहा कि एकरे बारे मँ कहइ स डरेउँ नाहीं।
10 मइँ तोहार उद्धार बरे चुप नाहीं रहब। हे यहोवा, मइँ तोहार बिस्सासी अउर मुक्ती बरे खुलके बोलेउँ। मइँ महासभा मँ तोहार बिस्ससनीय पिरेम अउर दयालुता क बिना छुपाए बोलेउँ।
11 एह बरे हे यहोवा, तू आपन दाया मोहसे जिन छुपावा। तू आपन करुणा अउ सच्चाई स मोर रच्छा करा।
12 मोका दुट्ठ मनइयन घेरि लिहन, उ पचे ऍतना जियादा बाटेन कि गना नाहीं जातेन। मोका आपन पापन घेरि लिहे अहइँ, अउर मइँ ओनसे बचिके पराइ नाहीं सकत हउँ। मोर पाप मोरे मूँड़े क बारे स जियादा अहइँ। मोर साहस मोहसे हेराइ चुका बाटइ।
13 हे यहोवा, मोरी कइँती दउड़ा अउ मोर रच्छा करा। आवा, देरी जिन करा, मोका बचाइ ल्या।
14 उ सबइ दुट्ठ मनई मोका मारइ क जतन करत हीं। हे यहोवा, ओनका लज्जित करा अउ ओनका निरास कइ द्या। उ सबइ मनई मोका दुःख पहोंचावइ चाहत हीं। तू ओनका अपमानित होइके पराइ द्या।
15 उ सबइ दुट्ठ लोग मोर मसखरी उड़ावत हीं। ओनका ऍतना समिर्न्दा करा कि उ पचे बोल तलक न पावइँ।
16 मुला उ सबइ मनई जउन तोहका हेरत हीं, आनन्द मँ भरि जाइँ। उ सबइ मनई सदा इ कहत रहइँ, “यहोवा क गुण गावा!” ओन लोगन क तोहसे ही रच्छित होब नीक लागत ह।
17 हे मोर सुआमी, मइँ तउ बस दीन, बेसहारा मनई अहउँ। मोर रच्छा करा, तू मोका बचाइ ल्या। हे मोर परमेस्सर, अब जियादा देर जिन करा।
Psalm 41
1 जउन दीन क कामयाब होने मँ मदद करत ह उ धन्य अहइ। यहोवा ओनका बचावत ह जब उ पचे विपत्ती मँ होत हीं।
2 यहोवा उ मनई क रच्छा करी अउ ओकर जिन्नगी बचाइ। उ मनई धरती पइ बहोतइ बरदान पाई। परमेस्सर ओकरे दुस्मनन क जरिये ओकर नास नाहीं होइ देइ।
3 जब मनई रोगी होइ अउर बिछउना मँ पड़ा होइ, ओका यहोवा सक्ती देइ। उ मनई बिछउना मँ चाहे रोगी पड़ा होइ, मुला यहोवा ओका चंगा कइ देइ।
4 मइँ कहेउँ, “यहोवा, मोहे पइ दाया करा। मइँ तेरे खिलाफ पाप किहेउँ ह, मुला मोका अउर अच्छा करा।”
5 मोर दुस्मन मोरे बरे अपसब्द कहत अहइँ, उ पचे कहत अहइँ, “इ कब मरी अउर कब बिसराइ दीन्ह जाई?”
6 कछू लोग मोरे लगे मिलइ बरे आवत हीं। उ पचे कउनो लाभदायक बात नाहीं बोलत हीं, उ पचे सिरिफ कछू समाचार मोरे बरे जमा करत हीं। बाद मँ इ ओनका हर जगह फइलावत हीं।
7 मोर दुस्मन छुपे छुपे मोर निन्दा करत रहत हीं। उ पचे मोरे खिलाफ कुचक्र रचत हीं।
8 उ पचे कहा करत हीं, “उ कउनो बुरा करम किहेस ह, इहइ स ओका कउनो बुरा लोग लगा ह। मोका आसा अहइ उ कबहुँ तन्दुरुस्त नाहीं होइ।
9 मोर परम मित्र मोरे संग खात रहा। ओह पइ मोका भरोसा रहा। मुला अब मोर परम मित्र भी मोरे खिलाफ होइ ग अहइ।
10 तउ हे यहोवा, मोह पइ कृपा करा अउ मोहे पइ कृपालु ह्वा। मोका खड़ा करा कि मइँ बदला लेउँ।
11 हे यहोवा, अगर तू मोरे दुस्मनन क बुरा नाहीं करइ देब्या, तउ मइँ समुझब कि तू मोका अपनाइ लिहा ह।
12 मइँ निदोर्ख रहेउँ अउर तू मोर मदद किहा। तू मोका खड़ा किहा अउर मोका तोहार सेवा करइ दिहा।
13 इस्राएल क परमेस्सर, यहोवा क प्राचीन काल स लइके अन्तिम समई तलक धन्न होइ।आमीन, आमीन!
Psalm 42
1 एक ठु पिआसा हिरन क नाईं जउन धार क पानी पिअइ क इच्छुक अहइ, वइसे ही, हे परमेस्सर, मोर प्राण तोहरे इच्छा रखत हीं।
2 मोर प्राण जिअत परमेस्सर क पिआसा अहइ। मइँ ओहसे मिलइ बरे कब आइ सकत हउँ?
3 राति अउ दिन मोर हर दिन क भोजन सिरिफ आँसू बाटइ। मोर दुस्मन कहत हीं, “तोहार परमेस्सर कहाँ बा?”
4 तउ मोका इ सबइ बातन क सुमिरइ द्या। मोका आपन हिरदइ बाहेर उड़ेरइ द्या। मोका सुमिरन अहइ मइँ परमेस्सर क मन्दिर मँ चलेउँ अउ भिड़िया क अगुआई करत रहेउँ। मोका सुमिरन अहइ उ लोगन क संग आनन्द स भरा बड़कई क गीत गाउब अउर उ उत्सव मनाउब।
5 मइँ ऍतना दुःखी काहे हउँ? मइँ ऍतना बियाकुल काहे हउँ? मोका परमेस्सर क सहारे क बाट जोहइ चाही। मोका अबहुँ ओकर स्तुति क अवसर मिली। उ मोका बचाई।
6 हे मोरे परमेस्सर, मइँ बहोतइ दुःखी हउँ। एह बरे मइँ यरदन नदी क स्रोत मँ, हमोर्न पहाड़ क आधार पइ छोटा पहाड़ीमँ तोहार आराधना किहेउँ ह।
7 जइसे नदी क लहरन आवत अउ गरजत ह मइँ झरना क कोलाहल करत भए सब्द सुनत हउँ। वइसे ही मोका विपत्तियन बारम्बार घेरी रहिन। हे यहोवा, तोहार लहरन एक क बाद दूसरा आवत ह, मोर चारिहुँ कइँती घेरिके मोका दहबोच रखेन ह।
8 अगर हर दिन यहोवा बिस्ससनीय पिरेम देखाइ। फुन तउ राति मँ मइँ ओकर गीत गाइ पाउब। मइँ आपन सजीव परमेस्सर क पराथना कइ सकब।
9 मइँ आपन परमेस्सर, आपन चट्टान स बातन करत हउँ। मइँ कहा करत हउँ, “हे यहोवा, तू मोका काहे बिसराइ दिहा? ये यहोवा, तू मोका इ काहे नाहीं देखाँया कि मइँ आपन दुस्मनन स बचिके कइसे निकरउँ?”
10 मोर दुस्मनन मोका मारइ क जतन किहेन। उ पचे मोहे पइ आपन घिना देखाँवत हीं जब उ पचे कहत हीं, “तोहार परमेस्सर कहाँ अहइ?”
11 मइँ ऍतना दुःखी काहे हउँ? मइँ काहे ऍतना बियाकुल हउँ? मोका परमेस्सर क सहारे क बाट जोहइ चाही? मोका अब भी ओकर स्तुति करइ क अवसर मिली। उ मोका बचाइ।
Psalm 43
1 हे परमेस्सर, एक मनई अहइ जउन तोहार अनुसरण नाहीं करत। उ मनई दुट्ठ अहइ अउ झूठ बोलत ह। हे परमेस्सर, मोर मोकदमा लड़ा अउर इ निर्णय करा कि कउन सत्य बाटइ। मोका उ मनई स बचाइ ल्या।
2 हे परमेस्सर, तू ही मोर सरणस्थल अहा! मोका तू काहे बिसराइ दिहा? तू मोका इ काहे नाहीं देखाँया कि मइँ आपन दुस्मनन स कइसे बचिके निकरउँ?
3 हे परमेस्सर, तोहार जोति अउ सच्चाई क मोह पइ चमकइ द्या। उ मोका तोहार पवित्तर पर्वत पइ तोहार आपन वास-स्थान जाइ मँ अगुवाइ करइ।
4 मइँ तउ परमेस्सर क वेदी क लगे जाब। परमेस्सर मइँ तोहरे पास आउब। उ मोका आनन्दित करत ह। हे परमेस्सर, हे मेरे परमेस्सर, मइँ वीणा पइ तोहार स्तुति करब।
5 मइँ ऍतना दुःखी काहे हउँ? मइँ काहे ऍतना बियाकुल हउँ? मोका परमेस्सर क सहारे क बाट जोहइ चाही। मोका अब भी ओकर स्तुति क अवसर मिली। उ मोका बचाई।
Psalm 44
1 हे परमेस्सर, हम पचे तोहरे बारे मँ सुने अही। हमार पुरखन ओनकइ दिनन मँ जउन काम तू किहे रह्या ओनके बारे मँ हम पचन्क बताया। उ पचे पुराने जमाने मँ जउन तू किह्या ह, ओनका हम पचन्क बताया।
2 हे परमेस्सर, तू इ धरती आपन महासक्ती स पराये लोगन्स लिहा अउर हम का दिहा। ओन बिदेसी लोगन्क तू कुचर दिहा, अउर ओनका इ धरती तजिके देइ क दबाव डाया।
3 हमार पुरखन इ धरती आपन तरवारन क बल पइ नाहीं लिहे रहेन आपन भुजदण्डन क बल पइ बिजयी नाहीं भएन। इ एह बरे भवा रहा। काहेकि तू हमरे पुरखन क संग रह्या। हे परमेस्सर, तोहार महान सक्ती हमरे पुरखन क रच्छा किहस। काहेकि तू ओनसे पिरेम करत रह्या।
4 हे मोरे परमेस्सर, तू मोर राजा अहा। उ आदेस द्या जउन कि याकूब क लोगन क जीत मँ अगुवाइ करी।
5 परमेस्सर, तोहरी सक्ती स हम आपन दुस्मनन क पीछे ढकेल दिहन। तोहार नाउँ स हम आपन दुस्मन क कुचरि देब।
6 मोका आपन धनुस अउ बाणन पइ भरोसा नाहीं। मोर तरवार मोका बचाइ नाहीं सकत।
7 हे परमेस्सर, तू ही हमका मिस्र स बचाया। तू हमरे दुस्मनन क लज्जित किहा।
8 हर दिन हम परमेस्सर क गुण गाउब। हम तोहरे नाउँ क स्तुति सदा करब।
9 मुला अब, हे यहोवा, तू हम लोगन स पीछे मुड़ि गवा ह अउ हमका नीचा कइ दिहा ह! तू हमरे फउज मँ जुरइ स इन्कार कइ दिहा ह जब हम जुद्ध मँ गए रहेन!
10 तू हमका हमरे दुस्मनन क लगे छोड़ि दिहेस, तउ उ पचे हमार सारा धन दौलत छील लइ गएन।
11 तू हमका उ भेड़ी क नाईर् तज्या जउन खइया क तरह खाइ क होत ह। तू हमका रास्ट्रन क बीच छितराइ दिहा।
12 हे परमेस्सर, तू आपन लोगन क यूँ ही बेच दिहा, अउ ओनके मूल्य पइ भाव ताव नाहीं किहा।
13 तू हमका हमरे पड़ोसियन मँ हँसी क पात्र बनाया। हमरे पड़ोसी हमार मसखरी करत हीं, अउर हमार मजाक बनावत हीं।
14 लोग हमरी भी कथा उपहास कथा मँ कहत हीं। हिआँ तलक कि उ सबइ लोग जेनका आपन कउनो रास्ट्र नाहीं अहइ, आपन मूँड़ी हलाइके हमार मसखरी करत हीं।
15 मइँ लज्जा मँ बूड़ा अहउँ। मइँ सारे दिन भइ निज लज्जा निहारत रहत हउँ।
16 मोर दुस्मन मोका लज्जित किहेन ह। मोर मसखरी उड़ावत भए मोर दुस्मन, आपन बदला लेइ चाहत ह।
17 हे परमेस्सर, हम तोहका बिसरावा नाहीं। फिन भी तू हमरे संग अइसा करत ह। हम जब आपन करार पइ तोहरे संग हस्ताच्छर किहे रहे, झूठ नाहीं बोले रहे।
18 हे परमेस्सर, हम तउ तोहसे मुँह नाहीं मोड़ा। अउर न ही तोहार अनुसरण करब तजा ह।
19 मुला, हे यहोवा, तू हमका इ ठउरे पइ अइसे ठूँस दिहा ह जहाँ सियार रहत हीं। तू हमका इ जगह मँ जउन मउत क तरह अँधियर अहइ मूँद दिहा ह।
20 का हम आपन परमेस्सर क नाउँ बिसरी? का हम विदेसी देवतन क अगवा निहुरी? नाहीं।
21 निहचय ही, परमेस्सर ऍन बातन क जानत ह। उ तउ हमार गहिर रहस्य तलक जानत ह।
22 हे परमेस्सर, हम तोहरे बरे रोज रोज मारा जात अही। हम ओन भेड़िन जइसा बना अही जउन बधइ बरे लइ जाई जात अहइँ।
23 मोर सुआमी, उठ! नींदिया मँ काहे ओलरा अहा? उठा! हमका सदा बरे जिन तजा।
24 हे परमेस्सर, तू हमसे काहे छुपत ह? का तू हमार दुःख अउर सबइ वेदना क बिसरि गवा अहा?
25 हमका धूरि मँ पटक दीन्ह गवा ह। हम ओंधा मुँह कइके धरती पइ पड़ा भवा अही।
26 हे परमेस्सर, उठा अउर हमका बचाइ ल्या। आपन नित्य पिरेम क कारण हमार रच्छा करा।
Psalm 45
1 सुन्नर सब्द मोरे मनवा मँ भरि जात हीं, जब मइँ राजा बरे बातन लिखत हउँ। मोरी जिभिया पइ सब्द अइसे आवइ लागत हीं जइसे उ पचे कउनो कुसल लेखक क लेखनी स निकरत होइँ।
2 सबइ मनइयन मँ, तू अति सुन्नर अहइ। तोहार मुँहे स कृपालु सब्द निकलत अहा। एह बरे परमेस्सर तोहका सदा-सर्वदा आसीस देइ।
3 तू आपन तरवार क जोद्धन क कमर पइ बाँधा। तू महिमा वाला वस्त्र धारण करा।
4 तू अद्भुत देखाँत अहा। जा, धरम अउ निआउ क जुद्ध जीत ल्या। अद्भुत करम क करइ बरे सक्ती स भरी दाहिनी भुजा क प्रयोग करा।
5 तोहार तीर तइयार अहइँ। तू बहुतेरन क हराइ देब्या। तू आपन दुस्मनन पइ हुकूमत करब्या।
6 हे परमेस्सर,तोहार सिंहासन हमेसा रहब। तोहार साही राजदण्ड अच्छाई तोहार राज्ज क मज़बूत बनावत ह।
7 तू नेकी स पिआर अउ बुराई स घिना करत अहा। एह बरे सक्तीमान निआवाधीस, तोहार परमेस्सर तोहका तोहार साथियन क ऊपर राजा चुनेस ह।
8 तोहार ओढ़ना महकत अहइँ जइसे गंध रस, अगर अउ तेज पात स मधुर गंध आवति होइ। हाथी दाँत स जड़ा भवा राजमहलन स तोहका आनन्द मँ भरि देइ क मधुर संगीत क झंकार फइलति अहइँ।
9 राजा लोगन क बिटियन अइसा सेवा किहेन जइसा कि उ राजा क बिवाह मँ दुल्हन क सेविकन अहइँ। तोहार महरानी ओपीर क सोना स बना मुकुट पहिरे तोहरे दाहिन कइँती विराजति अहइँ।
10 हे राजपुत्री, मोरी बात क सुना। धियानदइके सुना, तबहिं तू मोरी बात क समझबू। तू आपन निज लोगन अउर बाप क घराने क बिसरि जा।
11 राजा तोहरे सुन्दरता पइ मोहित अहइ। इ तोहार नवा सुआमी होइ। तोहका एकर सम्मान करब अहइ।
12 सूर सहर क लोग तोहरे बरे उपहारलइ अइहीं। अउर धनी मानी तोहसे मिलइ चइहीं।
13 उ राजकन्या उ मूल्यवान रत्न क नाईर् अहइ जेका सुन्नर मूल्यवान सुवर्ण मँ जड़ा गवा होइ।
14 ओका रमणीक वस्त्र पहिराइके लिआवा गवा बाटइ। ओकरी सखियन क भी जउन ओकरे पाछे अहइँ राजा क समन्वा लावा गवा।
15 उ पचे हिआँ उल्लास मँ आई अहइँ। उ पचे आनन्द मँ मगन होइके राजमहल मँ प्रवेस करिहीं।
16 राजा, तोहरे पाछे तोहार पूत सासक होइहीं। तू ओनका समूचे धरती क राजा बनउब्या।
17 मइँ तोहरे नाउँ क प्रचार जुग जुग तलक करब। तू प्रसिद्ध होब्या, तोहरे जसे क गीतन क लोग सदा सदा ही गावत रइहीं।
Psalm 46
1 परमेस्सर हमरे पराक्रम क भण्डार अहइ। संकट क समइ उ हमेसा मदद बरे हुवाँ होइ।
2 एह बरे जब धरती काँपत ह अउर जब पर्वत समुद्र मँ भहराइ लागत ह, हमका डर नाहीं लागत।
3 हम नाहीं डेराइत जब सागर उफनत अउ मटमैला होइ जात ह, अउर धरती अउ पहाड़ काँपइ लागत हीं।
4 हुआँ एक ठु नदी अहइ, जउन परम परमेस्सर क नगरी क आपन धारा स खुसी स भरि देत ह।
5 उ सहर मँ परमेस्सर अहइ, इहइ स ओकर कबहुँ पतन नाहीं होइ। परमेस्सर ओकर मदद भोर स पहिले ही करी।
6 यहोवा क गरजत ही, रास्ट्र डर स काँपि जइहीं। ओनकर राजधानियन क पतन होइ जात ह अउ धरती पिघल उठत ह।
7 सर्वसक्तिमान यहोवा हमरे संग अहइ। याकूब क परमेस्सर हमार सरणस्थल अहइ।
8 आवा ओन सक्ती स भरा कामे क लखा जेनका यहोवा करत ह। उ सबइ काम ही धरती पइ यहोवा क मसहूर करत हीं।
9 यहोवा धरती पइ होत भए कहूँ भी जुद्ध क रोक सकत ह। उ सबइ फउजी क धनुसन क तोड़ सकत हीं, अउ ओनके भालन क चकनाचूर कइ सकत ह, रथन क उ बारिके भसम कइ सकत ह।
10 परमेस्सर कहत ह, “सांत बना अउ जाना कि मइँ ही परमेस्सर अहउँ! रास्ट्रन क बीच मोर बड़कई होइ। धरती पइ मोर महिमा फइलि जाइ!”
11 यहोवा सर्वसक्तिमान हम पचन्क संग बा। याकूब क परमेस्सर हमार ढाल अहइ।
Psalm 47
1 हे सबहिं लोगो, ताली बजावा, अउर आनन्द मँ भरिके परमेस्सर क जय जयकार करा!
2 महिमा महिम यहोवा भय अउर विस्मय स भरा बाटइ। सारी भुइँया क उहइ महान राजा अहइ।
3 उ हुकुम दिहेस कि रास्ट्रन हमार नियंत्रन मँ होब ऍह बरे हम पचन्क ओनका हराइ दिहा ह।
4 हमार धरती उ हमरे बरे चुनेस ह। उ याकूब बरे अद्भुत धरती चुनेस जेहसे उ पिरेम करत ह।
5 यहोवा परमेस्सर तुरही क ध्वनि अउर जुद्ध क नरसिंहे क स्वर क संग ऊपर उठत ह।
6 परमेस्सर क गुणगान करत भए गुण गावा। हमरे राजा क बड़कई क गीत गावा। अउर ओकर जस क गीत गावा।
7 परमेस्सर सारी भुइँया क राजा अहइ। ओकर बड़कई क गीत गावा।
8 परमेस्सर आपन पवित्तर सिंहासन पइ बिराजत ह। परमेस्सर सबहिं रास्ट्रन पइ हुकूमत करत ह।
9 रास्ट्रन क नेता, इबाहीम क परमेस्सर क लोगन क संग मिलत हीं। सबहिं रास्ट्रन क नेता, परमेस्सर क अहइँ। परमेस्सर ओन सबन क ऊपर अहइ।
Psalm 48
1 यहोवा महान अहइ। उ हमेसा मोर परमेस्सर क नगर मँ आपन पवित्तर पर्वत पइ बड़कई करत अहइ।
2 सिय्योन पर्वत असल मँ परमेस्सर क पवित्तर पर्वत बाटइ। इ महान राजा क नगर बाटइ। समूचइ संसार क लोग हिआँ खुस रहत हीं काहेकि इ प्रसन्नता क सिखर पइ अहइँ।
3 उ सहर क महलन मँ, परमेस्सर क सरणस्थल क नाउँ स जाना जात ह।
4 एक दाईर् कछू राजा आपुस मँ आइके मिलेन अउर उ पचे इ सहर पइ हमला करइ क कुचक्र रचेन। सबहिं एक अउटिके चढ़ाई बरे अगवा बढ़ेन।
5 राजा क लखिके उ सबइ सबहिं चकित भएन। ओनमाँ भगदड़ मची अउ उ सबइ सबहिं पराइ गएन।
6 ओनका डर दहबोच लिहस, उ सबइ डर स काँपि उठेन।
7 प्रचण्ड पुरवइया हवा ओनके जहाजन क चकनाचूर कइ दिहस।
8 हाँ, हम पचे तोहार प्रबलता क कहानी सुना ह। अउर हम पचे तउ ऍका सर्वसक्तिमान यहोवा क सहर मँ हमरे परमेस्सर क सहर मँ घटत भए भी लखा। यहोवा उ सहर क हमेसा बरे सुद़ृढ बनाएस ह।
9 हे परमेस्सर, हम तोहरे मन्दिर मँ तोहरी पिरेम स भरी करुणा पइ विचार करित ह।
10 हे परमेस्सर, तू मसहूर अहा, लोग धरती पइ हर कहूँ तोहार स्तुति करत हीं। हर मनई जानत ह कि तू केतॅना भला अहा।
11 हे परमेस्सर, तोहरे उचित निआउ क कारण सिय्योन पर्वत खुस अहइ। अउर यहूदा क नगरियन आनन्द मनावत अहइँ।
12 सिय्योन क परित्रमा करा। नगरी क दर्सन करा। तू मीनारन क लखा।
13 ऊँच चहरदीवारन क लखा। सिय्योन क महलन क सराहा, तबहिं तू आवइवाली पीढ़ी स ऍकर बखान कइ सकब्या।
14 सचमुच हमार परमेस्सर सदा सदा ही परमेस्सर रही। उ हमका सदा ही राह देखाई। ओकर कबहुँ भी अंत नाहीं होई।
Psalm 49
1 अलग अलग देसन क निवासियो, इ सुना। धरती क वासियो इ सुना।
2 सुना अरे दीन लोगो, अरे धनिको सुना।
3 मइँ तू पचन्क गियान अउ विवेक क बातन बतावत हउँ।
4 मइँ सबइ कथा सुनेउँ ह, मइँ अब उ सबइ कथा तू पचन्क आपन वीणा पइ सुनाउब।
5 अइसा कउनो कारण नाहीं जउन मइँ कउनो भी बिनास स डेराइ जाउँ। अगर लोग मोका घेरइँ अउ फँदा फइलावइँ, मोका डेराइ क कउनो कारण नाहीं।
6 उ सबइ लोग मूरख अहइँ जेनका आपन निज सक्ती अउ आपन धन पइ भरोसा अहइ।
7 कउनो मानव मीत ओनका छोड़ा नाहीं सकत। कउनो मनई परमेस्सर क रिसवत दइके बिना सज़ा क जाई देइ नाहीं सकत।
8 कउनो मनई क लगे ऍतना धन नाहीं होई कि जेहसे उ खुद आपन निज जिन्नगी मोल लइ सकइ।
9 कउनो मनई क लगे ऍतना धन नाहीं होइ सकत कि उ आपन देह कब्र मँ सड़इ स बचाइ सकइ।
10 लखा, बुद्धिमान जन, बुद्धिहीन जन अउ पाथर जइसा मूरख जन एक जइसे मरि जात हीं, अउर ओनकर सारा धन दूसर लोगन क हाथे मँ चला जात ह।
11 कब्र सदा ही बरे हर कउनो क घर बनी, एकर कउनो अरथ नाहीं कि उ पचे केॅतनी भुइँया क सुआमी रहेन।
12 धनी मनई मूरख लोगन स अलग नाहीं होतेन। सबहिं लोग गोरूअन क तरह मर जात हीं।
13 मूरख लोगन बरे इहइ होत ह। इ ओनकर भाग्य अहइ अउर ओकरे संतानन क भाग्य जउन ओकरे जइसा इच्छा रखत ह।
14 सबहिं लोग भेड़ी जइसेन बाटेन। कब्र ओनकर बरे बाड़ा बन जाइ। मउत ओनके चरवाहा बनी। ओनकर काया छीन होइ जाइ अउर उ पचे कब्र मँ सड़ गल जइहीं।
15 मुला यहोवा मोर मूल्य चुकाई अउर मोका कब्र स बचाइ। काहेकि उ मोका आपन संग लेब।
16 धनवानन स जिन डेराअ कि उ पचे धनी अहइँ। लोगन स ओनकर धन दौलत स भरा घरन क लखिके जिन डेराअ।
17 उ सबइ लोग जब मरिहीं कछू भी संग न लइ जाइ जइहीं। ओन सुन्नर वस्तुअन मँ स कछू भी न लई जाइ पइहीं।
18 लोगन क चाही कि उ सबइ जब तलक जिअत रइहीं परमेस्सर क स्तुति करइँ। जब परमेस्सर ओनके संग भलाई करइ, तउ लोगन क ओकर स्तुति करइ चाही।
19 मनइयन बरे एक अइसा समइ आइ जब उ पचे आपन पुरखन क संग मिल जइहीं। फिर उ पचे कबहुँ दिन क प्रकास नाहीं लखि पइहीं।
20 धनी मनई मूरख लोगन स अलग नाहीं होतेन। सबहिं लोग गोरुअन क नाईं मरत हीं।
Psalm 50
1 देवतन क देवता यहोवा कहेस ह। पूरब स पच्छिम तलक धरती क सब मनइयन क उ बोलाएस।
2 सिय्योन स परमेस्सर क सुन्नरता प्रकासित होत बाटइ।
3 हमार परमेस्सर आवत अहइ, अउर उ चुप नाहीं रही। ओकरे समन्वा बरत ज्वाला बा, ओका एक ठु बड़का तूफान घेरे बाटइ।
4 हमार परमेस्सर आकास अउ धरती क गोहराइके आपन निजी लोगन क निआउ करइ बोलावत ह।
5 “मोर मनवइयो, मोरे लगे बटुरा। मोर उपासको आवा हम आपुस मँ एक ठु करार किहे अही।”
6 परमेस्सर निआउ क जज अहइ अकास ओकरी धामिर्क भावना क घोसणा करत ह।
7 परमेस्सर कहत ह, “सुना मोरे भक्तो! इस्राएल क लोगो, मइँ तू पचन्क खिलाफ साच्छी देबउँ। मइँ परमेस्सर हउँ, तोहार परमेस्सर।
8 मोका तोहरी बलियन स सिकाइत नाहीं। इस्राएल क लोगो, तू पचे सदा होम बलियन मोका चढ़ावत रहा। तू पचे हर रोज अपिर्त करा।
9 मइँ तोहरे घरे स कउनो बर्धा नाहीं लेब। मइँ तोहरे गोरू घरे स कउनो बोकरा नाहीं लेब।
10 मोका तोहरे ओन गोरुअन क जरूरत नाहीं। मइँ ही तउ वन क सबहिं गोरुअन क सुआमी हउँ। हजारन पहाड़न पइ जउन गोरू विचरत हीं, ओन सबन क मइँ सुआमी हउँ।
11 जिन चिरइयन क बसेरा सब स ऊँच पहाड़ पइ अहइ, ओन सबन क मइँ जानत हउँ। अचलन पइ जउन सचल अहइँ उ सबइ सब मोरे ही अहइँ।
12 मइँ भुखान नाहीं हउँ। अगर मइँ भूखा होतउँ, तउ भी तू पचन्स मोका भोजन नाहीं माँगइ क पड़त। मइँ जगत क सुआमी हउँ अउर ओकर भी हर चीज जउन इ जगत मँ बाटइ।
13 मइँ बर्धा क गोस नाहीं खावा करत हउँ। बोकरन क खून नाहीं पिअत हउँ।”
14 फुरइ जउन बलि क परमेस्सर क प्रसन्न करत ह धन्यवाद क भेंटन होइ अउर उ प्रतिग्या क पूरा करत ह जउन तू सवोर्च्च परमेस्सर क समन्वा किहे रह्या।
15 “परमेस्सर कहत ह, “मोका पुकारा जब तू मुसीबत मँ रह्या, मइँ तू पचन्क खतरा स निकारब, अउर तब तू पचे मोर मान कइ सकब्या।”
16 दुट्ठ लोगन स परमेस्सर कहत ह, “तू पचे मोर व्यवस्था क बातन करत अहा, “तू पचे मोरे करार क भी बातन करत अहा।
17 फुन जब मइँ तू पचन्न्क सुधारत हउँ, तब भला तू पचे मोसे बैर काहे धरत अहा। तू पचे ओन बातन क उपेच्छा काहे करत अहा जेनका मइँ तू पचन्क बतावत हउँ?
18 तू पचे चोर क लखिके ओसे मिलइ बरे दौड़ जात अहा। तू पचे ओनके संग बिछउना मँ कूद पड़त अहा जउन बिभिचार करत हीं।
19 तू पचे बुरा वचन अउ झूठ बोलत अहा।
20 तू पचे दूसर लोगन क हिआँ तलक कि आपन भाइयन क निन्दा करत अहा।
21 तू पचे बुरा करम करत अहा, अउर तू सोचत अहा मोका चुप रहइ चाही। तू कछू नाहीं कहत अहा अउर सोचत अहा कि मोका चुप रहइ चाही। लखा, मइँ चुप नाहीं रहब, तोहका स्पस्ट कइ देब। तोहरे ही मुँहे पइ तोहार दोख बताउब।
22 तू लोग परमेस्सर क बिसरि गवा अहा। एकरे पहिले कि मइँ तोहका चीर डावउँ, अच्छी तरह समुझ ल्या। जब वइसा होइ कउनो भी मनई तू पचन्क बचाइ नाहीं पाई।
23 अगर कउनो मनई स्तुति अउ धन्यवादन क बलि च़ढ़ावइ, तउ उ सचमुच मोर मान करी। अगर कउनो मनई आपन जिन्नगी बदल डावइ तउ ओका मइँ परमेस्सर क सक्ती देखाँउब जउन बचावत हीं।”
Psalm 51
1 हे परमेस्सर, आपन बिसाल पिरेम स भरी आपन करुणा स मोह पइ दाया करा। आपन बड़ी दयालुता स मोरे सबहिं पापन क तू मेट द्या।
2 मोर सबइ पापन क धोइ डावा, अउर फुन स मोका स्वच्छ बनाइ द्या।
3 मइँ जानत हउँ, जउन पाप मइँ किहे अहउँ। मइँ आपन पापन क सदा आपन समन्वा लखत हउँ।
4 हे परमेस्सर, मइँ उहइ काम किहेउँ जेनका तू बुरा कह्या। तू उहइ अहा, जेकरे खिलाफ मइँ पाप किहेउँ। मइँ स्वीकार करत हउँ इ सबइ बातन क, ताकि लोग जानि जाइँ कि मइँ पापी हउँ अउर तू निआउ स पूर्ण अहा, अउ तोहार निर्णय निस्पच्छ होत हीं।
5 मोर महतारी मोका दोखी मँ जनमेस, अउर पाप मँ मोर महतारी मोका गर्भ मँ धारण किहस।
6 हे परमेस्सर, तू चाहत अहा, हम बिस्सासी बनी। अउर निर्भय बन जाउँ। एह बरे तू मोका सच्चा विवेक स रहस्यन क सिच्छा द्या।
7 मोह पइ जूफा क पौंधा क प्रयोग करा अउर मोका पापे स स्वच्छ करा। मोका तब तलक धोआ, जब तलक मइँ बर्फ स जियादा उज्जवर न होइ जाउँ।
8 मोका खुस बनाइ द्या। बताइ द्या मोका कि कइसे खुस बनउँ? मोर उ सबइ हड्डियन जउन तू तोड़्या, फिन आनन्द स भरि जाइँ।
9 मोरे पापन्क जिन लखा। ओन सबन्क धोइ डावा।
10 हे परमेस्सर, मोहेमाँ एक ठु नवा, सुद्ध हिरदइ बनावा। मोरी आतिमा क फुन सुदृढ़ कइ द्या।
11 मोका आपन समन्वा स जिन दूर हटावा, तोहार पवित्तर आतिमा क मोहसे जिन छोर ल्या।
12 उ उल्लास जउन तोहसे आक्त ह, मोहमाँ भरि जाइ। मोरे चित्त क अडिग अउ तइयार करा सुरच्छित होइ बरे अउर तोहार हुकुम मानइ बरे।
13 मइँ पापियन क तोहार जिन्नगी विधि सिखाउब, जेहसे उ सबइ लउटिके तोहरे लगे आवइँ।
14 हे परमेस्सर, धरती पइ क हर कउनो दोख स मोर रच्छा करा, मोर परमेस्सर, परमेस्सर जउन मोका बचाएस, मोका तोहार सदाचारी क बारे मँ गावइ क अनुमति द्या?
15 हे मोर सुआमी, मोका मोर मुँह खोलइ द्या कि मइँ तोहार बड़कई क गीत गावउँ।
16 जउन बलियन तोहका नाहीं नीक लगतिन तउ मोका चढ़ाउब नाहीं अहइँ। उ सबइ बलियन तोहका बांछित तलक नाहीं अहइँ।
17 हे परमेस्सर, मोर टुटही आतिमा ही तोहरे बरे मोर बलि अहइ। हे परमेस्सर, तू एक कुचरा अउ टुटहा हिरदइ स मुँह नाहीं फेरब्या।
18 हे परमेस्सर, सिय्योन बरे दयालु होइके, उत्तिम बना। तू यरूसलेम क सहर क चहरदीवारी क बनावा।
19 तू उत्तिमा बलियन क अउ सम्पूर्ण होमबलियन क आनन्द ल्या। लोग फुन स तोहरी वेदी पइ बर्धन क बलियन द्या।
20
Psalm 52
1 अरे ओ, बड़का मनई! तू काहे सेखी बघारत अहा जउन बुरे करमन क तू करत अहा? तू लगातार परमेस्सर क अपमान करत अहा।
2 तू मूरखता भरा कुचक्र रचत अहा। तोहार जीभ वइसी ही भयानक अहइ, जइसे तेज उस्तरा होत ह। काहेकि तोहार जीभ झूठ बोलत रहत ह!
3 तोहका नेकी स जियादा बदी भावत ह। तोहका झूठ क बोलब, फुरइ बोलइ स जियादा भावत ह।
4 तोहका अउ तोहरी झूठी जीभ क, लोगन क हानि पहोंचाउब नीक लागत ह।
5 तोहका परमेस्सर सदा बरे नस्ट कइ देइ। उ तोह पइ झपटी अउर तोहका धरिके घरे से बाहेर करी। उ तोहका मारी अउ तोहार कउनो भी संतान नाहीं रही।
6 सज्जन लोग ऍका लखिहीं अउ परमेस्सर स डेराब अउर ओकर आदर करब सिखिहीं। उ पचे तोह पइ, जउन घटा ओह पइ हँसिहीं अउर कइहीं,
7 “लखा उ मनई क संग का भवा जउन यहोवा पइ निर्भर नाहीं रहा। उ मनई सोचेस कि ओकर धन अउर झूठ ऍकर रच्छा करिहीं।”
8 मुला मइँ परमेस्सर क मन्दिर मँ एक ठु हरिअर जइतून क बृच्छा जइसा अहउँ। मोर परमेस्सर क बिस्सासी पिरेम मँ सदा-सदा बरे भरोसा अहइ।
9 हे परमेस्सर, मइँ ओन कामे क बरे जेनका तू किह्या हमेसा स्तुति करब। मइँ तोहरे बिस्सासी मनवइयन क समन्वा तोहरे नाउँ क घोसना करब।
10
Psalm 53
1 मूरख ही सोचत ह कि परमेस्सर नाहीं होत ह। इ तरह क लोग विनासकारी, भ्रस्ट, कुटिल होत हीं। उ पचे तउ कउनो नीक काम नाहीं करतेन।
2 परमेस्सर अकासे मँ स नीचे सबइ लोगन क लखेस। इ लखत ह कि का हिआँ स कउनो बुद्धिमान मनई ओका हेरत रहत रहा?
3 मुला सबहिं लोग परमेस्सर स भटक गवा अहेन। हर मनई बुरा अहइ। कउनो भी मनई कउनो नीक करम नाहीं करत, एक ठु भी नाहीं।
4 परमेस्सर कहत ह, “निहचय ही उ सबइ दुट्ठ लोग सत्य क जानत हीं। उ सबइ दुट्ठ लोग मोरे मनवइयन क अइसे बरबाद करइ क तइयार अहइँ, जइसे उ सबइ निज खइया क खाइ क तइयार रहत हीं”
5 मुला उ सबइ दुट्ठ लोग ऍतना डेराइ जइहीं, जेतँना उ सबइ दुट्ठ लोग पहिले कबहुँ डेरानेन नाहीं। एह बरे परमेस्सर इस्राएल क ओन दुट्ठ दुस्मन लोगन क तजेस ह। परमेस्सर क मनवइयन ओनका हरइहीं अउर परमेस्सर ओन दुट्ठन क हड्डियन क छितराइ देइ।
6 कउनो एक सिय्योन पर्वत स इस्राएल क बचाइ! जब परमेस्सर आपन लोगन क स्थिति पुन: स्थापित करी, याकूब क लोग खुस होइहीं। हाँ इस्राएल बहोत खुस होइ।
Psalm 54
1 हे परमेस्सर, आपन सक्तीक प्रयोग करा अउर हम पचन्क क बचावा। आपन महान सक्ती क प्रयोग इ सिद्ध करइ बरे करा कि हम पचन क निदोर्ख अही।
2 हे परमेस्सर, मोर पराथना सुना। जउन मइँ कहत हउँ सुना।
3 अजनबी लोग मोरे खिलाफ उठ खड़ा भएन अउ बरिआर लोग मोका मारइ क जतन करत अहइँ। हे परमेस्सर, अइसे इ सबइ लोग तोहरे बारे मँ सोचत भी नाहीं।
4 लखा, मोर परमेस्सर, मोर मदद करी। मोर सुआमी मोका सहारा देइ।
5 मोर परमेस्सर ओन लोगन क सजा देइ, जउन मोरे खिलाफ उठ खड़ा भवा अहइँ। परमेस्सर मोरे बरे सच्चा सिद्ध होइ, अउर उ ओन लोगन क बरबाद कइ देइ।
6 हे परमेस्सर, हम पचे आपन इच्छा स तोहका बलियन अपिर्त करब। हे यहोवा, हम पचे तोहरे नीक नाउँ क बड़कई करब।
7 मुला, मइँ तोहसे इ विनय करत हउँ, कि मोका तू मोरे दुःखन स बचाइ ल्या। तू मोका मोरे दुस्मनन क हारा भवा देखाँइ द्या।
8
Psalm 55
1 हे मोर परमेस्सर, मोर पराथना सुना। कृपा कइके तू मोहसे दूर जिन ह्वा।
2 हे परमेस्सर, कृपा कइके मोर सुना अउर मोका जवाब द्या। तू मोका आपन दुःख तोहसे कहइ द्या।
3 मोर दुस्मन मोहसे दुर्बचन बोलेन ह। दुट्ठ लोग मोह पइ चीखेन ह। मोर दुस्मन किरोध कइके मोह पइ टूट पड़ा अहइँ। उ पचे मोका नास करइ बिपत्ति ढावत अहइँ।
4 मोर मनवा भितरे स चूर-चूर होत बा, अउर मोका मउत स बहोत डर लागत अहइ।
5 मइँ बहोत डेरान अहउँ। मइँ थरथर काँपत अहउँ। मइँ डेरान अहउँ।
6 ओह, अगर कबूतरे क नाईर् मोरे पखना होतेन, अउर मइँ पखना पवतेउँ तउ दूर कउनो चैन पावइ क जगह उड़ि जातेउँ।
7 मइँ उड़िके दूर निर्जन जगह मँ जातेउँ।
8 मइँ दूर चला जाब अउर इ बिपत्ति क आँधी स बचिके दूर भाग जाब।
9 हे मोर सुआमी, हवाँ सहर मँ मतभेद अउर हिंसा अहइ। ओनके झूठन क रोका जउन मतभेद का कारण अहइँ।
10 बाहेर दिन अउर रात इ सहर ओन स घेरे अहइ, अउर अन्दर मँ हुवाँ परेसानियन अउर अपराधन अहइँ।
11 गलियन मँ बहोत जियादा अपराध फइलत अहइ। हर कहूँ लोग झूठ बोलिके छलत अहइँ।
12 जदि इ मोर दुस्मन होत अउर मोका नीचा देखाँवत तउ मइँ ऍका सहि लेतेउँ। अगर इ सबइ मोर दुस्मन होतेन, अउर मोह पइ वार करतेन तउ मइँ छिप सकत रहेउँ।
13 ओ। मोरे संगी, मोरे हमजोली, मोरे मीत, इ मगर तू अहा अउर तू ही मोका कस्ट पहोंचावत अहा।
14 हम आपुस मँ गुप्त बातन बाँटे रहेन। हम परमेस्सर क मन्दिर मँ साथ-साथ उपासना कीन्ह।
15 कास कउनो दुस्मन आपन समइ स पहिले ही मरि जाइँ। कास ओनका जिअत ही गाड़ दीन्ह जाइ, काहेकि उ पचे आपन घरन मँ अइसे भयानक कुचक्र रचा करत हीं।
16 मइँ तउ मदद बरे परमेस्सर क पुकारब। यहोवा ओकर जवाब मोका देइ।
17 मइँ तउ आपन दुःख क परमेस्सर स भिन्सारे दुपहरिया अउ राति मँ कहब। उ मोर सुनी।
18 मइँ केतनी जुद्धन मँ लड़ाई लड़ेउँ ह। मुला परमेस्सर मोरे संग अहइ, अउर हर जुद्ध स मोका सुरच्छित लउटाइ।
19 परमेस्सर मोर सुना अउर ओनका हराइ देब। उ अनन्त राजा बाटइ।
20 मोर दुस्मन कबहुँ नाहीं बदलिहीं। उ पचे परमेस्सर स नाहीं डरतेन, अउर न ही ओकर आदर करतेन।
21 मोर दुस्मन आपन ही मीतन पइ वार करतेन। उ सबइ ओन बातन क नाहीं करतेन, जेनका करइ क उ पचे सहमत होइ ग रहेन।
22 मोर दुस्मन फुरइ मीठा बोलत हीं, अउर सुसान्ति क बातन करत रहत हीं। मुला असलियत मँ, उ पचे जुद्ध क कुचक्र रचत हीं। ओनकर सब्द काट करत हीं छुरी क तरह अउ फिसलन भरा अहइँ जइसे तेल होत ह।
23 आपन सबइ चिन्ता क तू यहोवा क सौंप द्या। फुन उ तोहार रखवारी करी। यहोवा सज्जन क कबहुँ हारइ न देइ।
24 एहसे पहिले कि ओनकर आधी उमर बीत जाइ। हे परमेस्सर, ओन हत्यारन क अउर ओन झूठन क कब्र मँ पठवा। जहाँ तलक मोर अहइ, मइँ तउ तोह पइ भरोसा रखब।
Psalm 56
1 हे परमेस्सर, मोह पइ दयालु रहा, काहेकि लोग मोह पइ वार किहेन ह। उ पचे मोरे खिलाफ समूचइ दिन लड़त रहत रहेन।
2 मोर दुस्मन सारा दिन मोह पइ वार करत रहेन। हुआँ पइ डटा भए अनगिनत जोद्धा अहइँ।
3 समूचइ दिन, जब कबहुँ मइँ डेरात हउँ, तउ मइँ तोह पइ भरोसा करबउँ।
4 मइँ परमेस्सर क भरोसे अहउँ, तउ मइँ डेरान नाहीं अहउँ। लोग मोका नस्कान नाहीं पहोंचाइ सकतेन। मइँ परमेस्सर क बचनन बरे ओकर बड़कई करत हउँ जउन मोका दिहेस।
5 मोर दुस्मन सदा मोरे सब्दन क तोड़त मरोड़त रहत हीं। मोरे खिलाफ उ पचे सदा कुचक्र रचत रहत हीं।
6 उ पचे आपुस मँ मिलिके अउर लुक छिपिके मोर हर बाते क टोह लेत रहत हीं। मोर प्राण हर लेइ क कउनो राह सोचत हीं।
7 हे परमेस्सर, ओनका बचिके निकरइ जिन द्या। ओनके बुरे करमन क सजा ओनका द्या।
8 तू इ जानत अहा कि मइँ बहोत बियाकुल अहउँ। तू इ जानत अहा कि मइँ तोहका केतना पुकारेउँ ह? तू निहचय ही मोरे सबइ आँसुअन क लोखा-जोखा रखे भए अहा।
9 तउ अब मइँ तोहका मदद पावइ क पुकारब। मोरे दुस्मनन क तू हराइ द्या। मइँ इ जानत हउँ कि तू इ कइ सकत अहा। काहेकि तू परमेस्सर अहा।
10 मइँ परमेस्सर क गुण ओकरे वचन बरे गावत हउँ। मइँ परमेस्सर क गुणन क ओकरे उ वचन बरे गावत हउँ जउन उ मोका दिहेस ह।
11 मोका परमेस्सर पइ भरोसा अहइ एह बरे मइँ नाहीं डेरात हउँ। लोग मोर बुरा नाही कइ सकतेन।
12 हे परमेस्सर, मइँ जउन तोहार मन्नतन मानेउँ ह, मइँ ओनका पूरा करब। मइँ तोहका धन्यवादे क भेंट चढ़ाउब।
13 काहेकि तू मोका मउत स बचाया ह। तू मोका हार स बचाया ह एह बरे मोका परमेस्सर क सेवा हिआँ रहइवाला लोगन क समन्वा करइ चाही।
Psalm 57
1 हे परमेस्सर, मोह पइ करुणा करा। मोह पइ दयालु ह्वा काहेकि मोरे मनवा क आस्था तोहमाँ बाटइ। मइँ तोहरे लगे तोहार ओट पावइ क आवा हउँ। जब तलक संकट दूर न होइ।
2 मइँ सवोर्च्च परमेस्सर क मदद बरे बुलाएउँ। उ मोर पूरी तरह धियान रखत ह।
3 उ सरग स मोरे बरे मदद पठवत ह अउ मोका बचाइ लेत ह। जउन लोग मोका सतावा करत हीं। परमेस्सर आपन सच्चा पिरेम अउर विस्सासी मोह पइ देखाँवत ह।
4 मोर दुस्मनन मोका चारिहुँ कइँती स घेरि लिहन ह। मोर प्राण संकट मँ अहइँ। उ पचे अइसेन अहइँ, जइसे नर भच्छी सिंह अउर ओनकर तेज दाँत भालन अउ तीर स अउर ओनकर जीभ तेज तरवार क जइसी अहइ।
5 हे परमेस्सर, तू महान अहा। तोहार महिमा धरती पइ छाई बाटइ, जउन अकासे स ऊँच अहइ।
6 मोर दुस्मनन मोरे बरे जाल फइलाएन ह। मोका फँसावइ क उ पचे जतन करत अहइँ। उ पचे मोरे बरे गहिर गड़हा खोदे अहइँ, कि मइँ ओहमाँ गिरि जाउँ।
7 मुला परमेस्सर मोर रच्छा करी। मोर भरोसा अहइ, कि उ मोरे हिम्मत क बनाए रक्खी। मइँ ओकर जस गाथा क गावा करब।
8 मोर मन खड़ा ह्वा! ओ सितारो अउ वीणाओ, बजब सुरू करा! आवा, हम मिलिके भिन्सारे क जगाइ।
9 हे मोरे सुआमी, हर कउनो बरे, मइँ तोहार जस गावत हउँ। मइँ तोहार जस गाथा हर रास्ट्र क सुनावत हउँ।
10 हे परमेस्सर तोहार बिस्ससनीय पिरेम सरगे स ऊँचा अहइ। तोहार बिस्ससी ओतॅना ऊँचा अहइ जेतॅना आकास।
11 हे परमेस्सर तू सरगे स ऊँच अहइ, तोहार महिमा समूचइ धरती पइ छाइ जाइ।
Psalm 58
1 निआवधीसो, तू पचे पच्छपात रहित नाहीं रह्या। तू लोगन क निआउ निज निर्णयन मँ निस्पच्छ नाहीं करत अहा।
2 नाहीं, तू पचे तउ सिरिफ बुरी बातन ही सोचत अहा। इ देस मँ तू पचे हिंसा स भरा अपराध करत अहा।
3 उ सबइ दुट्ठ लोग जइसे ही पइदा होत हीं, बुरे कामन क करइ लग जात हीं। उ पचे पइदा होत ही झूठ बोलइ लग जात हीं।
4 उ पचे उ भयानक साँप अउ नाग जइसे होत हीं, जउन सुन नाहीं सकत। उ सबइ दुट्ठ जन भी आपन कान सच्चाई स मूँद लेत हीं।
5 बुरे लोग वइसे ही होत हीं जइसे सँपेरन क गीतन क या ओनकर संगीतन क करिया नाग सुन नाहीं सकत।
6 हे यहोवा! उ सबइ लोग अइसेन होत हीं जइसे सिंह। एह बरे हे यहोवा, ओनकर दाँत तोड़ा।
7 जइसे बहत जल लुप्त होइ जात ह, वइसेन ही उ सबइ लोग लुप्त होइ जइहीं। अउर जइसे राह क उगी भइ दूब कुचर दीन्ह जात ह, वइसेन उ सबइ भी कुचरि दीन्ह जइहीं।
8 उ सबइ घोंघा क नाईर् होइँ जउन चलइ मँ गल जात हीं। उ सबइ उ गदेला क नाईर् होइँ जउन मरा ही पइदा भवा, जउन दिन क प्रकास कबहुँ नाहीं लखेस।
9 उ सबइ उ बाड़े क काँटन क तरह हाली ही बरबाद होइँ, जउन आगी पइ चढ़ी भइ हाँड़ी गरमावइ बरे हाली जरि जात हीं।
10 जब सज्जन ओन लोगन क सजा पावत लखत ह जउन ओकरे संग बुरा किहेन ह, उ खुस होत ह। उ आपन गोड़ ओन दुट्ठन क खून मँ धोइ।
11 जब अइसा होत ह, तउ लोग कहइ लागत हीं, “सज्जनन क ओनकर फल निहचय मिलत ह। फुरइ परमेस्सर जगत क निआउ कर्ता अहइ।”
Psalm 59
1 हे परमेस्सर, तू मोका मोरे दुस्मनन स बचाइ ल्या मोर मदद ओनसे विजयी बनवइ मँ करा जउन मोरे खिलाफ जुद्ध करइ आवा अहइँ।
2 अइसे ओन लोगन स, तू मोका बचाइ ल्या। तू ओन हत्यारन स मोका बचाइ ल्या। जउन बुरे कामन क करत रहत हीं।
3 लखा! बलवान लोग मोका घात लगाए अहइँ। उ पचे मोका मारि डावइ क बाट जोहन अहइँ। एह बरे नाहीं कि मइँ कउनो पाप किहेउँ ह या मोसे कउनो अपराध बन पड़ा अहइ।
4 उ पचे मोरे पाछे पड़ा अहइँ, मुला मइँ कउनो भी बुरा करम नाहीं किहेउँ ह। हे यहोवा, आवा! तू खुद अपने आप लख ल्या!
5 हे परमेस्सर! इस्राएल क परमेस्सर! तू सर्वसक्तिसाली अहा। तू उठा अउर ओन लोगन क दण्डित करा। ओन बिस्सासघातियन ओन दुर्जन लोगन पइ तनिकउ भी दया जिन देखाँवा।
6 उ सबइ दुर्जन साँझ क होत ही सहर मँ घुसि आवत हीं। उ सबइ लोग गुर्रात कूकुरन स सहर क बीच मँ घूमत रहत हीं।
7 तू ओनकर धमकियन अउर अपमानन क सुना। उ पचे अइसी क्रूर बातन कहा करत ही। उ सबइ इ बात क चिंता तलक नाहीं करतेन कि ओनकर कउन सुनत ह।
8 हे यहोवा, तू ओनकर उपहास कइके ओन सबहिं लोगन क मजाक बनाइ द्या।
9 हे परमेस्सर, तू मोर सक्ती अहा। मइँ तोहार बाट जोहत हउँ। हे परमेस्सर, तू ऊँचे पहाड़न पइ मोर सुरच्छा क ठउर अहा।
10 परमेस्सर मोहसे पिरेम करत ह, अउर उ जीतइ मँ मोर राहायक होइ। उ मोरे दुस्मनन क हरावइ मँ मोर मदद करी।
11 हे परमेस्सर, बस ओनका जिन मार डावा। नाहीं तउ होइ सकत ह मोर लोग बिसरि जाइँ। हे मोर सुआमी अउ संरच्छक, तू आपन सक्ती स ओनका छितराइ द्या अउर हराइ द्या।
12 उ सबइ बुरे लोग कोसत अउ झूठ बोलत रहत हीं। ओन बुरी बातन क सजा ओनका द्या, जउन उ पचे कहे अहइँ। ओनका आपन अभिमान मँ फँसइ द्या।
13 तू आपन किरोध स ओनका बरबाद करा। ओनका पूरी तरह बरबाद करा। लोग तबहिं जनिहीं कि परमेस्सर, याकूब क लोगन क अउर उ सारे संसार क राजा अहइ।
14 फुन अगर उ सबइ लोग संझा क एहर ओहर टहरत गुर्रातन कूकुरन स सहर मँ आवइँ,
15 तउ उ सबइ खाइ क कउनो क चीज हेरत फिरिहीं, अउर खाइ क कछू भी नाहीं पइहीं अउर न ही सोवइ क कउनो ठउर पइहीं।
16 मुला मइँ तोहार बड़कई क गीत गाउब। हर भिन्सारे मइँ तोहरे पिरेम मँ आनन्दित होब। काहेकि तू पर्वतन क ऊपर मोर सरणस्थल अहा मइँ तोहरे लगे आइ सकत हउँ, जब मोका विपत्तियन घेरिहीं।
17 मइँ आपन गीतन क तोहरी बड़कइ मँ गाउब काहेकि पर्वतन क ऊपर तू मोर सरणस्थल अहा। तू परमेस्सर अहा, जउन मोका पिरेम करत ह।
Psalm 60
1 हे परमेस्सर, तू हमका बिसराइ दिहा। तू हमका तितर-बितर कइ दिहा। तू हम पइ कोहाइ गवा। तू कृपा कइके वापस आवा।
2 तू धरती कँपाया अउर ओका फारि दिहा। हमार जगत बिखरत अहइ कृपा कइके ओका जोर द्या।
3 तू आपन लोगन क बहोतइ यातना दिहा ह। हम दाखरस पिए लोग जइसे लड़खड़ात रहेन अउर भहरात अही।
4 मुला तू आपन बिस्सासी मानइवालन क चेताइ बरे कि उ पचन क अब आपन दुस्मन क धनुस चलाइवालन दुआरा तितर-बितर होइ क पाछे कहाँ जमा होइ चाही।
5 तू आपन महासक्ति क प्रयोग कइके हमका बचाइ लिहा। मोर पराथना क जवाब द्या अउर उ मनई क बचाइ ल्या जउन तोहका पियारा अहइ।
6 परमेस्सर आपन मन्दिर मँ कहेस:”मोर विजय होइ अउर मइँ विजय पइ खुस होब। मइँ इ धरती क आपन लोगन क बीच बाँटब। मइँ सकेम अउ सुक्कोत घाटी क बँटवारा करब।
7 गिलाद अउ मनस्से मोर बनिहीं। एप्रैम मोरे मूँड़े क टोप (हेलमेट) बनी। यहूदा मोर राजदण्ड बनी।
8 मइँ मोआब क अइसा बनाउब, जइसा कउनो मोर गोड़ धोवइ क पात्र। एदोम एक दास जइसा जउन मोर पनहियन उठावत ह। मइँ पलिस्ती लोगन क हराउब अउर विजय क उद्घोस करब।”
9 कउन मोका ओकरे खिलाफ जुद्ध करइ क सुरच्छित मजबूत सहर मँ लइ जाइ? मोका कउन एदोम तलक लइ जाइ?
10 हे परमेस्सर, बस तू ही इ करइ मँ मोर मदद कइ सकत ह। मुला तू तउ मोका बिसराइ दिहा। परमेस्सर हमरे साथे नाहीं जाइ अउर उ हमरी सेना क संग नाहीं जाइ।
11 हे परमेस्सर, तू ही हमका इ संकट क भुइँया स उबार सकत ह। मनई हमार रच्छा नाहीं कइ सकतेन।
12 मुला हमका परमेस्सर ही मजबूत बनाइ सकत ह। परमेस्सर हमार दुस्मनन क पराजित कइ सकत ह।
13
Psalm 61
1 हे परमेस्सर, मोर पराथना गीत सुना। मोर विनती सुना।
2 जब मइँ मातम स भरि ग रहेउँ, मइँ तोहार मदद पावइ बरे तोहका पुकारब जहाँ कहेउँ भी मइँ होउँ! तू मोह पइ दयालु ह्वा अउर मोका बहोत ऊँच सुरच्छित ठउरे पइ जाइ बरे मोर अगुवाइ करा।
3 तू ही मोर सरणस्थल अहा। तू ही मोर सुदृढ गढ़ अहा। जउन मोका मोरे दुस्मनन स बचावत ह।
4 तोहरे डेरा मँ, मइँ सदा सदा बरे बसव। मइँ हुअँई छिपब जहाँ तू मोका बचाइ सका।
5 हे परमेस्सर, तू मोर उ मन्नत सुन्या ह, जेका तोहे पइ चढ़ाउब, मुला तोहरे मनवइयन क लगे हर वस्तु ओनका तोहसे ही मिली अहइँ।
6 राजा क लम्बी उमर देइ। ओका हमेसा जिअइ द्या।
7 ओका सदा परमेस्सर क आसीर्बाद मँ बना रहइ द्या। ओकर रच्छा बिस्ससनीय पिरेम अउ दयालुता स करा।
8 मइँ तोहरे नाउँ क गुण सदा गाउब। ओन बातन क करब जेनका करइ क वचन मइँ दिहेउँ ह।
Psalm 62
1 मोर प्राण सान्ति स बाट जोहत अहइ कि परमेस्सर मोर रच्छा करी।
2 परमेस्सर मोर किला अहइ। परमेस्सर मोका बचावत ह। ऊँच पहाड़ पइ, परमेस्सर मोर सुरच्छित ठउर अहइ। मोका बड़की फउजियन भी हराइ नाहीं सकतिन।
3 तू मोह पइ कब तलक वार करत रहब्या? मइँ एक ठु निहुरी देवार क नाईं होइ गवा हउँ, अउर एक बाड़ा जइसा जउन भहराइ वाला अहइ।
4 उ सबइ लोग मोरे नास क कुचक्र रचत अहइँ। मोरे बारे मँ उ सबइ झूठी बातन बनावत अहइँ। लोगन क बीच मँ, उ पचे मोर बड़कई करतेन, मुला उ पचे मोका लुकान-छिपान कोसत हीं।
5 मोर प्राण सान्ति स परमेस्सर क बाट जोहत अहा काहेकि सिरिफ उ ही मोर उद्धार क आसा अहइ।
6 परमेस्सर मोर गढ़ अहइ। परमेस्सर मोका बचावत ह। ऊँच पर्वत मँ परमेस्सर मोर सुरच्छा स्थल अहइ।
7 महिमा अउ विजय, मोका परमेस्सर स मिलत ह। उ मोर सुदृढ़ गढ़ अहइ। परमेस्सर मोर सुरच्छा स्थल अहइ।
8 लोगो, परमेस्सर पइ हर घड़ी भरोसा राखा। आपन सबइ समस्या परमेस्सर स कहा। परमेस्सर हमार सुरच्छा स्थल अहइ।
9 फुरइ लोग कउनो मदद नाहीं कइ सकतेन। फुरइ तू ओनके भरोसे मदद पावइ क नाहीं रहि सकत्या। परमेस्सर क तुलना मँ उ पचे हवा क झोंका क नाईं अहइँ।
10 तू बल पइ भरोसा जिन रक्खा कि तू सक्ती क संग चिजियन क छोर लेब्या। जिन सोचा तू पचन्क चोरी करइ स कउनो लाभ होइ। अउर अगर धनवान भी होइ जाइ तउ कबहुँ दौलत पइ भरोसा जिन करा कि उ तू पचन्क बचाई लेइ।
11 एक ठु बात अइसी अहइ जउन परमेस्सर कहत ह जेकरे भरोसे तू फुरइ रहि सकत अहा: ‘सक्ती परमेस्सर स आवत ह!’
12 मोरे सुआमी, तोहार पिरेम सच्चा अहइ। तू कउनो जन क ओकरे ओन कामन क प्रतिफल या सजा देत ह। जेनका उ करत ह।
Psalm 63
1 हे परमेस्सर, तू मोर परमेस्सर अहा। वइसे केतॅना मइँ तोहका चाहत हउँ। जइसे उ पियासी छीन धरती जेह पइ जल न होइ वइसे मोर देह अउर मन तोरे बरे पिआसा अहइ।
2 हाँ, तोहरे मन्दिर मँ तोहार दर्सन किहेउँ। तोहार सक्ती अउर तोहार महिमा देख लिहेउँ ह।
3 मोर बिस्ससयनीय पिरेम जिन्नगी स उत्तिम अहइ। मोर होंठ तोहार बड़कई करत हीं।
4 हाँ, मइँ निज जीवन मँ तोहार गुण गाउब। मइँ हाथ ऊपर उठाइके तोहरे नाउँ पइ तोहार पराथना करब।
5 जइसा मोर जु़बानमज़ेदार भोजन स आनन्दित होत ह, ठीक वइसा ही मोर होंठ तोहार स्तुति गाइके खुस होइहीं।
6 मइँ आधी रात मँ बिछउना पइ ओलरा भवा तोहका याद करब।
7 फुरइ तू मोर मदद किहा ह। मइँ खुस हउँ कि तू मोका बचाया ह।
8 मोर मनवा तोहमाँ समात ह। तू मोर हथवा थामे रहत ह।
9 कछू लोग मोका मारइ क जतन करत अहइँ। मुला ओनका नस्ट कइ दीन्ह जाइ। उ पचे आपन कब्रन मँ समाइ जइहीं।
10 ओनका तरवारन स मार दीन्ह जाई। ओनकर ल्हासन क जंगली कूकुरन खइहीं।
11 मुला राजा तउ आपन परमेस्स्सर क संग खुस होइ। उ सबइ लोग जउन ओकरे आग्या मानइ क वचन बद्ध अहइँ, ओकर स्तुति करिहीं। काहेकि उ सबहिं झूठन क हराइ दिहस।
Psalm 64
1 हे परमेस्सर, मोर सुना जइसा मइँ बोलउँ। आपन दुस्मनन क डर स मोर रच्छा करा।
2 तू मोका मोरे दुस्मनन क गहिर सड्यंत्रन स बचाइ ल्या। मोका तू ओन दुट्ठ लोगन स छिपाइ ल्या।
3 मोरे बारे मँ उ पचे बहोत बुरा झूठ बोलेन ह। ओनकर जिभिया तेज तरवार जइसी अउर ओनकर कटु सब्द बाणन जइसे अहइँ।
4 उ पचे निदोर्ख व्यक्ति पइ बाणन चलावइ बरे लुकाइ जात हीं। बिना डर स उ पचे अचानक बाण चलावत ह अउर निदोर्ख व्यक्ति कबहुँ नाहीं लख सकत ह कि तीर ओकरे कइंँती आवत हीं।
5 उ पचे ओका हरावइ क बुरा काम करत हीं। उ पचे झूठ बोलतेन अउ आपन जाल फइलावत हीं। अउर उ पचे इ अच्छी तरह तय किहे अहइँ कि ओनका कउनो नाहीं धरी पकड़ी।
6 लोग बहोत कुटिल होइ सकत हीं। उ सबइ लोग का सोचत अहइँ? ऍका समुझ पाउब बड़ा कठिन अहइ।
7 मुला परमेस्सर आपन “बाण” मार सकत ह! अउर एकरे पहिले कि ओनका पता चलइ, उ सबइ दुट्ठ लोग घायल होइ जात हीं।
8 दुट्ठ जन दूसरन क संग बुरा करइ क जोजना बनावत हीं। मुला परमेस्सर ओनकर कुचक्रन क चउपट कइ सकत ह। उ ओन बुरी बातन क खुद ओनके ऊपर खुद घटाइ देत ह। फुन हर कउनो जउन ओनका लखत अचरजे स भरिके आपन मूँड़ी हिलावत ह।
9 जउन परमेस्सर किहेस ह, लोग ओन बातन क लखिहीं अउर उ पचे ओन बातन क वर्णन दूसर लोगन स करिहीं, फुन तउ हर कउनो परमेस्सर क बारे मँ अउर जियादा जानी। उ पचे ओकर आदर करब अउ डेराब सिखिहीं।
10 तउ सबइ बिस्सासी लोगन क लगे एक साथ परमेस्सर क स्तुति करइ क कारण होइ।
Psalm 65
1 हे परमेस्सर सिय्योन पर्वत पइ, हम पचे तोहका इ सान्ति पराथना भेंट किहउँ ह अउर आपन प्रतिग्या क पूरा किहेउँ ह।
2 मइँ तोहरे ओन कामन क बखान करत हउँ, जउन तू किहा ह। उ तू ही बाटइ जउन पराथनन क उत्तर दिह्या। एह बरे हर कउनो मनई तोहार लगे मँ आवत हीं।
3 जब हमार पाप हम पइ भारी पड़त हीं, हमस सहा नाहीं जाइ पावत, तउ तू हमार ओन पापन्क हरिके लइ जात ह।
4 हे परमेस्सर, जेका तू चुन्या ह अउर आपन आँगनन मँ बसइ बरे लिआवा ह उ पचे बहोत असीसित होइहीं। उ पचे तोहार घर, तोहार पवित्तर मन्दिर क बहोत बढ़ियाँ चिजियन स भरि देइहीं।
5 परमेस्सर मोर उद्धारकर्त्ता, तू जउने तरह स लोगन क सम्मान दिहा ह इ बहोत नीक बाटइ। तू अचरज भरा काम करा, एह बरे दूर रास्ट्रन क लोगन अउर दूर क समुद्दरन तोहार लगे सुरच्छा बरे आइहीं।
6 परमेस्सर आपन महासक्ती क प्रयोग किहस अउ पर्वत रच डाएस। ओकर सक्ती हम आपन चारिहुँ कइँती लखत अही।
7 परमेस्सर उफनत भवा सागर सांत किहस। परमेस्सर जगत क सबहिं अनगिनत लोगन क बनाएस।
8 जउन अद्भुत बातन क परमेस्सर करत अहइ, ओनसे धरती क हर मनई डेरात अहइ। परमेस्सर तू ही हर कहूँ सूरज क उगावत अउ डुबावत ह। हर जगह लोग तोहार गुणगान करत हीं।
9 भुइँया क सारी रखवारी तू करत ह। तू ही ऍका सींचत अउ तू ही ऍहसे बहोत सारी वस्तुअन क उपजावत अहा। हे परमेस्सर, नदियन क पानी स तू ही भरत अहा। तू ही फसलन क बढ़त करत अहा।
10 तू जोता भए खेतन पइ बर्खा करत अहा। तू खेतन क जल स लबालब कइ देत ह, अउर धरती क बर्खा स नरम बनावत ह, अउर तू फिन पौधन क बढ़त करत ह।
11 तू नवा बरिस क सुरूआत उत्तिम फसलन स करत ह। तू भरपूर फसलन स गाड़ियन भर देत अहा।
12 बन अउ पर्वत दूब घासे स ढँकि जात हीं।
13 भेड़िन स चरागाहन भर गइन। फसलन स घाटियन भरपूर होत अहइँ। हर कउनो गावत अउ आनन्द मँ ऊँचा पुकारत अहइ।
Psalm 66
1 हे धरती क हर वस्तु, आनन्द क संग परमेस्सर क जय बोला।
2 ओकर महिमामय नाउँ क स्तुति करा। ओकर आदर ओकर स्तुति गीतन स करा।
3 ओकर जियादा अद्भुत कामन स परमेस्सर क बखान करा। हे परमेस्सर, तोहार सक्ती बहोतइ बड़ी अहइ। तोहार दुस्मन निहुरि जात अउ तोहसे डेरात हीं।
4 जगत क सबहिं लोग तोहार उपासना करइँ अउर तोहरे नाउँ क हर कउनो गुण गावइ।
5 तू ओनका लखा जउन अचरजे स भरा काम परमेस्सर किहस। उ सबइ चिजियन हमका अचरजे स भरि देत हीं।
6 परमेस्सर लाल सागर क झुरान भुइँया मँ बदल दिहस। अउर ओकर लोग पैदर यरदन नदी क समूचइ रास्ता खुसी स पार किहेन।
7 परमेस्सर आपन महासक्ती स इ संसार क सासन करत ह। परमेस्सर हर कहूँ लोगन पइ निगाह रखत ह। कउनो भी मनई ओकरे खिलाफ नाहीं होइ सकत।
8 लोगो, हमरे परमेस्सर क गुणगान तू पचे ऊँच स्वर मँ करा।
9 परमेस्सर हमका इ जिन्नगी दिहस ह। उ हमार रच्छा करत ह।
10 परमेस्सर हमार परीच्छा लिहस ह। परमेस्सर हमका वइसे ही परखेस, जइसे लोग चाँदी आगी मँ डाइके परखत हीं।
11 हे परमेस्सर, तू हमका फँदा मँ फँसइ दिहा। तू हम पइ भारी बोझा लाद दिहा।
12 तू हमका दुस्मनन स गोड़े तरे रौंदवाया। तू हमका आग्री अउ पानी मँ घसीट्या। मुला तू फिन भी हमका सुरच्छित ठउर पइ लइ आया।
13 एह बरे मइँ तोहरे मन्दिर मँ बलियन चढ़ावइ आउब। जब मइँ विपत्ति मँ रहेउँ, मइँ तोहार सरण माँगेउँ अउर मइँ तोहार बहुतेरी मन्नत माँगेउँ। अब ओन वस्तुअन क जेनकर मइँ मन्नत माँगेउँ, अपिर्त करत हउँ।
14
15 मइँ तोहका सुद्धिकरण क भेंट अपिर्त करत हउँ, अउर भेड़न क संग सुगन्धि अपिर्त करत हउँ। तोहका बर्धन अउ बोकरन क बलि अपिर्त करत हउँ।
16 ओ सबहि लोगो, परमेस्सर क आराधको! आवा, मइँ तू पचन्क बताउब कि परमेस्सर मोरे बरे का किहस ह।
17 मइँ ओकर बिनती किहेउँ। मइँ ओकर गुणगान किहेउँ।
18 मोर मनवा पवित्तर रहा, मोर सुआमी मोर बात सुनेस।
19 परमेस्सर मोर सुनेस। परमेस्सर मोर बिनती सुन लिहस।
20 परमेस्सर क गुण गावा। परमेस्सर मोहसे मुँह नाहीं मोड़ेस। उ मोर पराथना क सुन लिहस। परमेस्सर निज करुणा मोह पइ देखाँएस।
Psalm 67
1 हे परमेस्सर, हम पइ करुणा करा, अउ हमका असीस द्या। आपन मुस्कुरात भवा चेहरा हमका दिखावा।
2 एह बरे समूचइ संसार तोहार रास्ता सीखइ सकी अउर हर कउनो मनई तोहार इ जान सकइ कि तू कइसा आपन लोगन क रच्छा करत ह।
3 हे परमेस्सर, लोग तोहार गुण गावइँ। सबहिं लोग तोहार बड़कई करइँ।
4 सबहिं रास्ट्र आनन्द मनावइँ अउ आनन्द मँ भरा होइँ। काहेकि तू लोगन क निआउ निस्पच्छ करत अहा। अउर हर रास्ट्र पइ तोहार सासन अहइ।
5 हे परमेस्सर, लोग तोहार गुण गावइँ। सबहिं लोग तोहार बड़कई करइँ।
6 हमार भुइयाँ हमका भरपूर फसल देइ। परमेस्सर, हे हमरे परमेस्सर हमका असीस द्या।
7 हे परमेस्सर, हमका असीस द्या पृथ्वी क सबहिं लोग परमेस्सर स डेराइँ, ओकर आदर करइँ।
Psalm 68
1 हे परमेस्सर, उठा, आपन दुस्मनन क एहर ओहर करा। ओकर सबहिं दुस्मनन ओकरे लगे स पराइ जाइँ।
2 जइसे हवा स उड़ावा भवा धुआँ बिखरि जात ह, वइसे ही तोहार दुस्मन बिखरि जाइँ। जइसे आगी मँ मोम टेघर जात ह, वइसे ही तोहरे दुस्मनन क नास होइ जाइ।
3 परमेस्सर क संग सज्जन सुखी होत हीं, अउर सज्जन सुखद पल बितावत हीं। सज्जन खुद ही आनन्द मनावत अउ खुद ही बहोत खुस रहत हीं।
4 परमेस्सर क गीत गावा। ओकरे महिमा नाउँ क गुणगान करा। परमेस्सर बरे राह तइयार करा जउन आपन रथे क रेगिस्तान मँ हाँकत ह। ओकरे समन्वा आन्दित भवा जेकर नाउँ याह अहइ।
5 परमेस्सर अनाथन क पिता क समान अहइ अउर राँड़ मेहरूअन क धियान रखत ह। उ आपन पवित्तर मन्दिर मँ अहइ।
6 जेकर कउनो घर नाहीं होत, अइसे अकेले मनई क परमेस्सर घर देत ह। आपन मनवइयन क परमेस्सर बंधन स अजाद करत ह। उ पचे बहोत खुस रहत हीं। मुला जउन परमेस्सर क खिलाफ होत हीं, ओनका तपत भइ भुइँया पइ रहइ क होइ।
7 हे परमेस्सर, तू आपन मनवइयन क मिस्र स निकार्या, अउ रेगिस्तान स पैदर ही पार निकार्या।
8 इस्राएल क परमेस्सर जब सिय्योन पर्वत पइ आवा रहा, तउ धरती काँप उठी रही, अउ अकास टेघरा रहा।
9 हे परमेस्सर, बर्खा क तू पठए रह्या, अउ पुरान अउ दुर्बल पड़ी धरती क तू फुन ससक्त किहा।
10 उहइ धरती पइ तोहार गोरू वापस आइ गएन। हे परमेस्सर, हुआँ क दीन लोगन क तू उत्तिम चिजियन दिहा।
11 परमेस्सर हुकुम दिहस अउर बहोत लोग सुसंदेस सुनावइ गएन।
12 “बरिआर राजा लोगन क फउजन एहर ओहर पराइ गइन। जुद्ध स जउन चिजियन क फउजी लिआवत हीं, ओनका घरे पइ रुकी मेहररूअन बाँटि लेइही। जउन लोग धरे म्ँा रूका बाटेन, उ सबइ उ धने क बाँटि लेइहीं।
13 उ सबइ चाँदी स मढ़ा भवा कबूतरे क पखना पइहीं। उ सबइ सोना स चमकत भवा पखनन क पइहीं।”
14 परमेस्सर जब सल्मोन पर्वत पइ दुस्मन राजा लोगन क बिखेर दिहस, तउ उ पचे अइसे छितरानेन जइसे बरफ गिरत ह।
15 बासान पर्वत महान पर्वत अहइ, जेकर चोटियन बहोत सी बाटिन।
16 बासान पर्वत, तू काहे सिय्योन पर्वत क नान्ह समुझत बाट्या? परमेस्सर ओहसे पिरेम करत ह। परमेस्सर ओका हुआँ सदा रहइ बरे चुनेस ह।
17 यहोवा पवित्तर पर्वत सिय्योन पइ आवत अहइ। अउ ओकरे पाछे कई लाख रथ अहइँ।
18 उ ऊँचे पइ चढ़ गवा। उ बंदियन क अगुआई किहस, उ मनइयन स हिआँ तलक कि आपन विरोधी लोगन स भेेंट लिहस। यहोवा परमेस्सर हुआँ रहइ गवा।
19 यहोवा क गुण गावा। उ हर दिन हमार, हमरे संग भार उठावइ मँ मदद करत ह। परमेस्सर हमार रच्छा करत ह।
20 उ हमार परमेस्सर अहइ। उ उहइ परमेस्सर अहइ जउन हमका बचावत ह। हमार यहोवा परमेस्सर मउत स हमार रच्छा करत ह।
21 परमेस्सर देखाँइ देइ कि आपन दुस्मनन क उ हराइ दिहस ह। अइसे ओन मनइयन क जउन ओकरे खिलाफ लड़ेन, उ सजा देइ।
22 मोर सुआमी कहेस, “मइँ बासान स दुस्मन क वापस लिआउब, मइँ दुस्मन क समुद्दर क गहराई स वापस लाउब,
23 ताकि तू ओनकर खून मँ विचरि सका, तोहार कूकुरन ओनकर खून चाट जाइँ।”
24 लोग लखत हीं, परमेस्सर क विजय अभियान क अगुआइ करत भए। लोग मोरे पवित्तर परमेस्सर, मोरे राजा क अभियान क अगुआई करत लखत हीं।
25 अगवा-अगवा गवइयन क मण्डली चलत ह, पाछेे-पाछे वादक लोगन क मण्डली आवति अहइ, अउ बीच मँ कुमारियन तम्बूरन बजावति अहइँ।
26 परमेस्सर क बड़कई महासभा क बीच करा। इस्राएल क लोगो, तू यहोवा क गुण गावा।
27 नान्ह बिन्यामीन ओनकर अगुआई करत बाटइ। यहूदा क ब़ड़का परिवार हुआँ बाटइ। जबूलून अउ नपताली क नेता हुआँ पइ अहइँ।
28 हे परमेस्सर, हमका आपन सक्ती देखाँवा। हमका उ आपन सक्ती देखाँवा जेकर उपयोग तू हमरे बरे बीते भए जमाने मँ किहे रहा।
29 राजा लोग, जरूसलेम मँ तोहरे मन्दिर क बरे निज सम्पत्ति लिअइहीं।
30 ओन “गोरूअन” स काम मनचाहा करावइ बरे आपन कुबरी क प्रयोग करा। ओन जातियन क “बर्धन” अउर “गइयन” क आग्या मानइवालन बनावा। तू जउन रास्ट्रन क जुद्ध मँ हराया। अब तू ओनसे चाँदी मँगवाइ ल्या।
31 तू ओनसे मिस्र स धन मँगवाइ ल्या। हे परमेस्सर, तू आपन धन कूस स मँगवाइ ल्या।
32 धरती क राजा लोगो, परमेस्सर बरे गावा। हमरे सुआमी बरे तू जसगान गावा।
33 परमेस्सर बरे गावा। उ रथे पइ चढ़िके सनातन अकासन स निकरत ह। तू ओकरे सक्तीसाली स्वर क सुना।
34 इस्राएल क परमेस्सर, तोहरे कउनो भी देवतन स जियादा बलवान अहइ। उ जउन निज मनवइयन क सुदृढ़ बनावत ह।
35 परमेस्सर आपन मन्दिर मँ अद्भुत बाटइ। इस्राएल क परमेस्सर भक्तन क सक्ती अउ सामरथ देत ह। परमेस्सर क गुण गावा।
Psalm 69
1 हे परमेस्सर, मोका मोर सब मुुसीबतन स बचावा। मोरे मुँहना तलक पानी चढ़ि आवा अहइ।
2 कछू भी नाहीं अहइ जउने पइ मइँ खड़ा होइ जाउँ। मइँ दलदले क बीच खाले धँसत ही चला जात हउँ। मइँ नीचे धँसत हउँ। मइँ अथाह जले मँ अहउँ अउर मोरे चारिहुँ कइँती लहरियन थपेड़ा मारति अहइँ। बस, मइँ बूड़इ क अहउँ।
3 मदद क गोहार लगावत मइँ दुर्बल होत जात हउँ। मोर गटइ मदद बरे गोहराव क कारण सुखन बाटइ। मइँ बाट जोहत हउँ। तोहसे मदद पावइ अउ लखत लखत मोर अँखियन दुःखति अहइँ।
4 मोर दुस्मन। मोरे मूँड़े क बारे स भी जियादा अहइँ। उ सबइ मोहसे बेकार दुस्मनी रखत हीं। उ पचे मोरे विनास क बहोतइ जुगत करत हीं। मोर दुस्मन मोरे बारे मँ झूठी बातन बनावत हीं। उ पचे मोका झूठइ ही चोर बताएन। अउर ओन चिजियन क भरपाई करइ क मोका मजबूर किहन, जेनका मइँ चोराए नाहीं रहेउँ।
5 हे परमेस्सर, तू तउ जानत अहा कि मइँ कछू अनुचित नाहीं किहेउँ। मइँ आपन पाप तोहसे नाहीं छुपाइ सकित।
6 हे मोर सुआमी, हे सर्वसक्तिमान यहोवा, तू आपन मनवइयन क मोरे कारण लज्जित जिन होइ द्या। हे इस्राएल क परमेस्सर, अइसे ओन लोगन क मोरे बरे असमंजस मँ मत डावा जउन तोहार उपासना करत हीं।
7 तोहार बरे मोर मुँह लज्जा स ढाँपि गवा। तोहार सेवा बरे मइँ इ लज्जा क जन्मेउँ ह।
8 मोरे ही भाई, मोरे संग यूँ ही बर्ताव करत हीं। जइसे बर्ताव कउनो अजनबी स करत होइँ। मोरे ही सगे भाई, मोका पराया समुझत हीं।
9 तोहरे मन्दिर क खातिर मोर गहरी लगन ही मोका जराइ डावत अहइ। उ पचे जउन तोहार मसखरी करत हीं उ मोह पइ आइ पड़ी बाटइ।
10 मइँ तउ गोहरावत हउँ अउर उपवास करत हउँ, एह बरे उ पचे मोर हँसी उड़ावत हीं।
11 मइँ आपन सोक दर्सावइ बरे मोटवार ओढ़नन क पहिरत हउँ, अउर लोग मोर मसखरी करत हीं।
12 उ पचे जनता क बीच सबइ चर्चा करत हीं, अउर पियक्कड़, मोर गीत रचा करत हीं।
13 हे यहोवा, जहाँ तलक मोर बात बाटइ, मोर तोहसे इ बिनती अहइ कि मइँ चाहत हउँ:तू मोका अपनाइ ल्या। हे परमेस्सर, मइँ चाहत हउँ कि तू मोका पिरेम भरा जवाब द्या मइँ जानत हउँ कि मइँ तोह पइ सुरच्छा क भरोसा कइ सकत हउँ।
14 मोका दलदले स उबार ल्या। मोका दलदल क बीच जिन बूड़इ द्या। मोका मोरे बैरी लोगन स तू बचाइ ल्या। तू मोका इ गहिर पानी स बचाइ ल्या।
15 बाढ़ क लहरन क मोका बुड़ावइ न द्या। गहराई क मोका लीलइ न द्या। कब्र क मोरे ऊपर आपन मुँह बन्द न करइ द्या।
16 हे यहोवा, तोहार करुणा खरी अहइ। तू मोका आपन सम्पूर्ण पिरेम स जवाब द्या। मोर मदद बरे आपन सम्पूर्ण कृपा क संग मोरी कइँती मुँह करा।
17 आपन दास स जिन मुँह मोड़ा। मइँ संकटे मँ पड़ा अहउँ। मोका हाली सहारा द्या।
18 आवा, मोर परान बचाइ ल्या। तू मोका मोरे दुस्मनन स छोड़ाइ ल्या।
19 तू मोर निरादर जानत अहा। तू जानत अहा कि मोर दुस्मनन मोका लज्जित किहेन ह। ओनका मोरे संग तू अइसा करत लख्या ह।
20 निन्दा मोका चकनाचूर कइ दिहस ह। बस निन्दा क कारण मइँ मरइवाला अहउँ। मइँ सहानुभूति क बाट जोहत रहेउँ, मइँ दिलासा क बाट जोहत रहेउँ, मुला मोका तउ कउनो नाहीं मिला।
21 उ पचे मोका जहर दिहन, खइया क नाहीं दिहन। सिरका मोका दइ दिहन, दाखरस नाहीं दिहन।
22 ओनकर मेजन खाना स भरी अहइ उ पचे ऍतना बड़का मैत्री भोज करत अहइँ। मइँ आसा करत हउँ कि उ सबइ भोजन ओनका बरबाद करइँ।
23 उ सबइ आँधर होइ जाइँ अउर ओनकर करिहाउँ निहुरिके दुहरी होइ जाइ।
24 अइसा लगइ कि ओन पइ तोहार भरपूर किरोध फूट पड़ा बा।
25 ओनकर घरन क तू खाली बनाइ द्या। हुआँ कउनो जिअत न रहइ।
26 ओनका सजा द्या, अउर उ सबइ दूर पराइ जाइँ। फुन ओनके लगे, ओनकर बातन क बारे मँ ओनकर दर्द अउर घाव होइँ।
27 ओनकर बुरे कर्मन क ओनका सजा द्या, जउन उ पचे किहे अहइँ। ओनका जिन देखाँवा कि तू अउर केतॅना भला होइ सकत ह।
28 जिन्नगी क किताबे स ओनकर नाउँ मेट द्या। सज्जनन क नाउँ क संग तू ओनकर नाउँ उ किताबे मँ जिन लिखा।
29 मइ दुःखी हउँ अउ दर्द मँ हउँ। हे परमेस्सर, मोका उबार ल्या। मोर रच्छा करा।
30 मइँ परमेस्सर क नाउँ क गुण गीतन मँ गाउब। मइँ ओकर जस धन्यवाद क गीतन स गाउब।
31 परमेस्सर एहसे खुस होइ जाइ। अइसा करब एक ठु बर्धा क बलि या पूरा गोरू क ही बलि चढ़ावइ स जियादा उत्तिम अहइ।
32 अरे दीन लोगो, तू पचे परमेस्सर क आराधना करइ आवा अहा। अरे दीन लोगो! ऍन बातन क जानिके तू पचे खुस होइ जाब्या।
33 यहोवा, दीन लोगन अउ बेसहारा लोगन क सुना करत ह। यहोवा ओनका अबहुँ चाहत ह, जउन लोग बंधन मँ पड़ा अहइँ।
34 हे सरग अउ हे धरती, हे सागर अउ एकरे बीच जउन भी समावा अहइ। परमेस्सर क स्तुति करा।
35 यहोवा सिय्योन क रच्छा करी। यहोवा यहूदा क नगर क फुन निर्माण करी। उ लोग जउन इ धरती क सुआमी अहइँ, फिन हुआँ रइहीं।
36 ओकरे सेवकन क संतानन उ धरती क पाई। अउर अइसे उ सबइ लोग निवास करिहीं जेनका ओकर नाउँ पियारा बाटइ।
Psalm 70
1 हे परमेस्सर, मोर रच्छा करा। हे परमेस्सर, हाली करा, अउर मोका सहारा द्या।
2 लोग मोका मार डावइ क जतन करत अहइँ। ओनका निरास अउ बेज्जत कइ द्या। अइसा चाहत हीं कि लोग मोर बुरा कइ डावइँ। ओनकर पतन अइसा होइ जाइ कि उ पचे समिर्न्दा होइँ।
3 लोग मोर हँसी ठट्ठन उड़ाएन। मइँ ओनकर पराजय क आसा करत हउँ अउर इ बात क कि ओनका लज्जा महसूस होइ।
4 मोका इ आस अहइ कि अइसे उ पचे सबहिं लोग जउन तोहार आराधन करत हीं, उ खूब खुस होइ। उ पचे सबहिं लोग तोहरी मदद क आसा मँ रहत हीं उ पचे सदा तोहार स्तुति करत रहइँ।
5 हे परमेस्सर, मइँ दीन अउ बेसहारा हउँ। हाली करा! आवा, अउर मोका सहारा द्या। हे परमेस्सर, तू ही बस अइसा अहा जउन मोका बचाइ सकत अहा, जियादा देर जिन करा।
Psalm 71
1 हे यहोवा, मोका तोहार भरोसा अहइ, एह बरे मइँ कबहुँ निरास नाहीं होब।
2 आपन नेकी स तू मोका बचाई। तू मोका छोड़ाइ लेब्या। मोर सुना। मोर उद्धार करा।
3 तू मोर गढ़ बना। सुरच्छा बरे अइसा गढ़ जेहमाँ मइँ दौड़ जाउँ। मोर सुरच्छा बरे तू हुकुम द्या, काहेकि तू ही तउ मोर चट्टान अहा:मोर सरणस्थल अहा।
4 मोर परमेस्सर, तू मोका दुट्ठ जनन स बचाइ ल्या। तू मोका क्रूर कुटिल लोगन स छोड़ाइ ल्या।
5 मोर सुआमी, तू मोर आसा अहा। मइँ आपन बचपन स ही तोहरे भरोसे हउँ।
6 जब मइँ आपन महतारी क गरभ मँ रहेउँ, तबहिं स तोहरे भरोसे रहेउँ। जउने दिन स मइँ जन्म धारण किहेउँ, मइँ तोहरे भरोसे हउँ। मइँ तोहार पराथना सदा करत रहत हउँ।
7 मइँ दूसर लोगन बरे एक उदाहरण रहेउँ ह। काहेकि तू मोर सक्ती क सोता रह्या ह।
8 ओन अद्भुत कामन क सदा गावत रहेउँ ह, जेनका तू करत अहा।
9 सिरिफ इ कारण कि मइँ बुढ़वा होइ गवा हउँ मोका निकारिके जिन लोकावा। सिरिफ इ कारण कि मइँ दुर्बल होइ गवा हउँ मोका निज छोड़्या।
10 फुरइ, मोर दुस्मनन मोरे खिलाफ कुचक्र रच डाए बाटेन। फुरइ उ पचे सब बटुर ग अहइँ, अउर ओनकर जोजना मोका मार डावइ क अहइ।
11 मोर दुस्मन कहत हीं, “परमेस्सर ओका तजि दिहस ह। जा, ओका धइ ल्या। कउनो भी मनई ओका मदद न देई।”
12 हे परमेस्सर, तू मोका जिन बिसरा। हे परमेस्सर, हाली करा। मोका सहारा द्या।
13 मोरे दुस्मनन क पूरी तरह स हराइ द्या। तू ओनकर नास कइ द्या। मोका कस्ट देइ क उ पचे जतन करत अहइँ। उ पचे लज्जा महसूस करइँ अउ अपमान सहइँ।
14 फुन मइँ तोहरे ही भरोसे, सदा रहब। अउर तोहार गुण मइँ जियादा अउ जियादा गाउब।
15 सबहिं लोगन स, मइँ तोहार बखान करब कि तू केतॅना उत्तिम अहा। उ समइ क बातन मइँ ओनका बताउब, जब तू अइसे मोका एक नाहीं अनगिनत अवसर पइ बचाए रह्या।
16 हे यहोवा, मोर सुआमी। मइँ तोहरी महानता क वर्णन करब। बस सिरिफ मइँ तोहार अउ तोहरी ही अच्छाई क चर्चा करब।
17 हे परमेस्सर, तू मोका बचपन स ही सिच्छा दिहा। मइँ आजु तलक बखानत रहा हउँ, ओन अद्भुत कामन क जेका तू करत अहा।
18 अब मइँ बुढ़वा होइ गवा हउँ अउर मोर बार सफेद होइ ग अहइँ। मुला मइँ जानत हउँ कि तू मोका नाहीं तजब्या। हर नई पीढ़ी स, मइँ तोहरी सक्ती क अउर तोहरी महानता क वर्णन करब।
19 हे परमेस्सर, तोहार धामिर्क भावना अकासन स ऊँच अहइ। हे परमेस्सर, तोहरे समान दूसर कउनो नाहीं। तू अजूबा अचरजभरा काम किहा ह।
20 तू मोका बुरा समइ अउ कस्ट लखइ दिहा। मुला तू ही मोका ओन सब स बचाइ लिहा अउर जिअत राख्या ह। एकर कउनो अरथ नाहीं, मइँ केतॅना ही गहिर बूड़ेउँ तू मोका मोर संकटन स उबारि लिहा।
21 तू अइसे काम करइ क मोका मदद द्या जउन पहिले स भी बड़ा होइँ। मोका सुख चैन देत रहा।
22 वीणा क संग, मइँ तोहार गुण गाउब। हे मोरे परमेस्सर, मइँ इ गाउब कि तोह पइ भरोसा धरा जाइ सकत ह। मइँ ओकरे बरे गीत आपन सितार पइ बजावा करब जउन इस्राएल क पवित्तर यहोवा अहइ।
23 मोरे प्राणन क तू रच्छा किहा ह। मोर मन मगन होइ अउर आपन होंठन स, मइँ प्रसंसा क गीत गाउब।
24 मोर जिभिया हर घड़ी तोहार धामिर्क भावना क गीत गावा करी। अइसे उ सबइ लोग जउन मोका मारइ चाहत हीं, उ पचे हारि जइहीं अउ अपमानित कीन्ह जइहीं।
Psalm 72
1 हे परमेस्सर, राजा क मदद करा ताकि उ भी तोहरी तरह स विवेक स भरिके निआउ करइ। राजपुत्र क सहायता करा ताकि उ तोहार धामिर्क भावना क जानि सकइ।
2 राजा क सहायता करा कि तोहरे मनवइयन क उ निस्पच्छ निआउ करइ। सहायता करा कि उ दीन जनन क संग उचित बेउहार करइ।
3 पहाड़न क सबइ बरे सान्ति लिआवइ द्या। समूचइ भुइँया बरे सान्ति अउर निआउ लिआवइ द्या।
4 राजा निर्धन लोगन बरे निआउ स भरा रहइ। उ बेसहार लोगन क मदद करइ। उ सबइ लोग सजा पावइँ जउन ओनका सतावत होइँ।
5 मोर इ कामना अहइ कि जब तलक सूरज अकास मँ चमकत ह, अउर चन्द्रमा अकासे मँ अहइ। लोग राजा क डर मानइँ। मोर आसा अहइ कि लोग ओकर डर सदा मनिहीं।
6 राजा क मदद, धरती प पड़इवाली बरसात बनावइ मँ करा। ओकर मदद करा कि खेतन मँ पड़इवाली बौछार बनइ।
7 जब तलक उ राजा अहइ, भलाइ फूलइ-फरइ। जब तलक चन्द्रमा अहइ, सान्ति बनी रहइ।
8 ओकर राज्ज समुद्दर स समुद्दर तलक अउ परात नदी स लइके सुदूर तलक फइलि जाइ।
9 रेगिस्ताने क लोग ओकरे अगवा निहुरइँ। अउर ओकर सबइ दुस्मन ओकरे अगवा औधे मुँह भहरान भए धरती पइ निहुरइँ।
10 तसीर्स क राजा अउ दूर देसन क राजा ओकरे बरे उपहार लिआवइँ। सेबा क राजा अउ सबा क राजा ओका उपहार देइँ।
11 सबइ राजा हमरे राजा क अगवा निहुरइँ। सबहिं रास्ट्र ओकर सेवा करत रहइँ।
12 हमार राजा बेसहारन क सहायक अहइ। हमार राजा दीनन पइ अउर बेसहारा लोगन क सहारा देत ह।
13 दीन, बेसहारा लोग ओकरे सहारे अहइँ। इ राजा ओनका जिअत रखत ह।
14 इ राजा ओनक ओन लोगन स बचावत ह, जउन क्रूर अहइँ अउर जउन ओनका दुःख देइ चाहत हीं। राजा बरे ओन दीनन क जीवन बहोतइ महत्वपूर्ण अहइ।
15 राजा लम्बी उमर क होइ! अउर सेबा स सोना प्राप्त करइ। राजा बरे सदा पराथना करत रहा, अउर तू हर दिन ओका असीस द्या।
16 खेत भरपूर फसल देइ। पहाड़ियन फसलन स ढकि जाइँ। इ सबइ खेत लबानोन क खेतन स उपजाऊ होइ जाइँ। सहर लोगन क भीड़ स भरि जाइ, जइसेन खेत घनी घासे स भरि जात हीं।
17 राजा क जस सदा बना रहइ। लोग ओकरे नाउँ क सुमिरन तब तलक करत रहइँ, जब तलक सूरज चमकत ह। ओकरे कारण सारी प्रजा धन्य होइ जाइ अउ उ पचे सबहिं ओका असीसइँ।
18 यहोवा परमेस्सर क गुण गावा, जउन एस्राएल क परमेस्सर अहइ। उहइ परमेस्सर अइसे अचरज क कर्म कइ सकत ह।
19 ओकरे महिमा स भरा नाउँ क बड़कई सदा करा। ओकर महिमा सारी दुनिया मँ भरि जाइ। आमीन अउ आमिन।
20 यिसै क पूत दाऊद क पराथनन समाप्त भइन।
Psalm 73
1 इस्राएल बरे परमेस्सर नीक अहइ। परमेस्सर ओन लोगन बरे नीक होत ह जेनकर हिरदइ पवित्तर अहइ।
2 मइँ तउ करीब करीब फिसल गवा रहा अउर मइँ तउ करीब करीब गिर गवा रहा।
3 काहेकि मइँ लखेउँ कि पापी सफल होत अहइँ अउर सान्ति स रहत अहइँ। तउ ओन अभिमानी लोगन स मोका जलन भइ।
4 उ सबइ लोग तन्दुरुस्त अहइँ। ओनके जिन्नगी मँ कउनो संघर्स नाहीं अहइ।
5 ओन अहंकारी लोग दूसर लोगन क नाईं परेसानी नाहीं उठावत हीं। उ पचे दूसर क नाईर् तकलीफ नाहीं झेलत हीं।
6 एह बरे उ पचे सदा अहंकार स भरा रहत हीं। अउर उ पचे हिंसा स भी भरा भवा रहत हीं।
7 उ पचे बुरे बिचारन स भरा भवा अहइँ अउर उ पचे बुरे जोजना मँ बह गवा रहेन।
8 उ पचे लोगन क बारे चिन्ता नाहीं करत हीं अउर ओनका सोसण करइ बरे बुरी जोजना बनावत हीं। उ पचे घमण्ड मँ बात करत हीं।
9 उ घमण्डी लोगन अइसे बात करत हीं जइसे उ पचे देवता अहइँ। उ पचे अइसे बात करत हीं जइसे उपचे धरती क सासक हीं।
10 ऍह बरे हिआँ तलक कि परमेस्सर क जन भी ओन दुट्ठन कइँती मुड़त अउर जइसा उ पचे कहत हीं, वइसा बिस्सास कइ लेत हीं।
11 उ सबइ दुट्ठ जन कहत ही, “हमरे ओन कामन क परमेस्सर नाहीं जानत जेनका हम करत अही।
12 दुट्ठ जन आराम क जिन्नगी जिअत हीं अउर उ पचे धनवान होत चला जात हीं।
13 तउ मोका आपन हिरदय क पवित्तर रखइ क का लाभ अहइ! आपन मँूड़े क निर्मल रखइ क का लाभ अहइ!
14 हे परमेस्सर, मइँ सारे ही दिन दुःख भोगा करत हउँ। तू हर भिन्सारे मोका दण्ड देत अहा।
15 हे परमेस्सर, मइँ इ सबइ बातन दूसरन क बतावइ क निर्णय कइ लिहे रहेउँ। मुला मइँ जानत रहेउँ कि मइँ तोहार लोगन क धोका देते रहेउँ।
16 ऍन बातन क समुझइ क, मइँ जतन किहेउँ मुला ऍनका समुझब मोरे बरे बहोत कठिन रहा।
17 जब तलक मई परमेस्सर क मन्दिर मँ नाहीं गवा तब तलक मइँ एका नाहीं समुझेउँ।
18 हे परमेस्सर, फुरइ तू ओन लोगन क भाग फिसलइ वाले मार्ग मँ राख्या ह। तू ओन लोगन क गिरइ द्या अउर बर्बाद होइ द्या।
19 एकाएक ओन पइ विपत्ति अइहीं। उ सबइ घमण्डी लोग बरबाद होइ जात हीं। ओनके संग भयंकर घटना घटिहीं। अउर फुन ओनकर अंत होइ जात ह।
20 हे यहोवा, उ सबइ मनई अइसे होइहीं जइसे सपन जेका हम जागत ही बिसरि जात अहीं। ऍह बरे तू अइसे लोगन क हमरे सपन क भयानक जानवर क नाईर् अछन्न कइ द्या।
21 जब मोर हिरदय किरया रहा अउर मोरे दिमाग जख़मी रहा,
22 मइँ विवेकहीन रहा अउर मइँ समुझइ मँ असमर्थ रहा। मइँ एक तोहार संग एक निर्बुद्धि जनावर जइसा बेउहार किहेउँ।
23 तउ पइ भी मइँ सदा तोहार संग अहउँ। हे परमेस्सर, तू मोरे हाथ थामइ क मोर मदद किहा ह।
24 हे परमेस्सर, तू मोका राह देखाँवत, अउर मोका सलाह देत अहा। आखीर मँ तू आपन महिमा क मौजूदगी मँ मोका अगुवाई करब्या।
25 हे परमेस्सर, सरगे मँ बस तू ही अकेला मोर अहा, अउर धरती पइ मोका का चाही, जब तू मोरे साथ अहा?
26 चाहे मोर मनवा टूटि जाइ अउर मोर काया नस्ट होइ जाइ। मुला उ चट्टान मोरे लगे बाटइ जउन मोर सहायता करत ह। परमरेस्सर मोरे लगे सदा अहइ।
27 हे परमेस्सर, जउन लोग तोहका तजत हीं, उ पचन्क तू नास कइ देब्या। तू ओन लोगन क जउन तोहेसे मुड़ जात हीं, बर्बाद कइ देब्या।
28 मुला मोरे बरे, परमेस्सर क निअरे रहब नीक अहइ। मइँ आपन सुरच्छा स्थान आपन सुआमी यहोवा क बनाएउँ ह। हे परमेस्सर, मइँ ओन सबहिं बातन क बखान करब जेनका तू किहा ह।
Psalm 74
1 हे परमेस्सर, तू हमका सदा बरे काहे बिसराइ दिहा ह? तू अबहिं तलक आपन निज लोगन स काहे कोहान अहा?
2 ओन लोगन क सुमिरा जेनका तू बहोत पहिले मोल लिहे रह्या। तू हम लोगन क आपन लोग बनाइ बरे बचाइ लिहा ह। सिय्योन क पहाड़े क सुमिरा जहाँ तू रहत रहा।
3 हे परमेस्सर, आवा अउ ऍन बहोत पुरान खण्डहरन स होइके चला। तू उ पवित्तर ठउर पइ लउटिके आवा जेका दुस्मन बरबाद कइ दिहे अहइँ।
4 दुस्मनन मन्दिर मँ सेस्न क नाईर् दहाड़ेन। उ खुद क बिसेस चिन्हक एक प्रमाण क रूप मँ, कि उ पचे जुद्ध जीत गएन, स्थापित किहेन।
5 दुस्मनन क फउजियन एक अइसे कुलहारी क नाईर् परगट भवा रहेन जेका प्रयोग जलावन क लकड़ी क काटइ बरे कीन्ह गवा रहा।
6 हे परमेस्सर, ऍन दुस्मन फउजियन निज कुल्हाड़न अउ फर्सन क प्रयोग किहन, अउर तोहरे मन्दिर क नक्कासी फाड़िके लोकाएन।
7 सबइ फउजियन तोहार पवित्तर ठउर बार दिहन। उ पचे तोहरे मन्दिर क धूरि मँ मिलइ दिहन जेका तोहरे नाउँ क मान देइ बरे बनावा ग रहा।
8 उ दुस्मन हमका पूरी तरह बरबाद करइ क ठान लिहन। तउ उ पचे देस क हर पवित्तर ठउर क फूँक दिहन।
9 हम लोग कउनो बिसेस चिन्ह नाहीं लखे। हुआँ अउर कउनो नबी जिअत नाहीं अहइ। एह बरे कउनो भी नाहीं जानत ह कि इ परिस्थिति कब तलक जारी रही।
10 हे परमेस्सर, इ सबइ दुस्मन कब तलक हमार हँसी उड़इहीं? का तू ऍन दुस्मनन क तोहरे नाउँ क अपमान सदा सदा ही करइ देब्या?
11 हे परमेस्सर, तू आपन सक्ती क काहे रोके रखा ह अउर तू हस्तछेप काहे नाहीं करत ह। ओन लोगन क नास करइ बरे कारवाई करा।
12 हे परमेस्सर, बहोत दिनन स तू ही हमार सासक रह्या। इ देस मँ तू हम लोगन क अनेक जुद्ध मँ विजय दिहा।
13 हे परमेस्सर, तू आपन महासक्ती स लाल सागर क दुइ हींसा कइ दिहा। तू विसाल काय क दानवन क मूड़न समुद्दर मँ चूर चूर कइ दिहा।
14 तू लिव्यातान क मूँड़न कुचर दिहा, अउर ओकरे बदन क जंगली जनावरन क खाइ बरे लोकाइ दिहा।
15 तू नदी, झरनन रच्या, चटान फोड़िके पानी बहाया। तू सदा बहइ वाली नदियन क झुराइ दिहा।
16 हे परमेस्सर, तू दिन क सासक अहा, अउ राति क भी सासक तू ही अहा। तू ही चाँद अउ सूरज क बनाया।
17 तू समुचइ धरती पइ सब बरे चउहद्दी बाँधत अहा। तू ही गमीर् अउ सदीर् क बनाया।
18 हे यहोवा, इ बातन क सुमिर ल्या। अउर याद करा कि दुस्मन तोहार मजाक उड़ाएस ह। उ सबइ मूर्ख लोग तोहरे नाउँ क अपमान किहेन ह।
19 ओनॅ जंगली जनावरन क आपन फारवता क जिन लेइ द्या। आपन दीन जनन क तू हमेसा जिन बिसरा।
20 हम आपुस मँ जउन करार कीन्ह ह ओका याद करा, इ देस मँ हर कउनो अँधियारे ठउरे पइ हिंसा अहइ।
21 हे परमेस्सर, तोहरे लोगन क संग अत्याचार झेलइ क रहा, ओनका अउर अधिक सतावा अउ दुःख दीन्ह जाइ जिन द्या। तोहार असहाय जन, तोहार गुण गावइँ।
22 हे परमेस्सर, उठा अउर बदला ल्या। याद करा कि ओन मूरख लोग सदा ही तोहार अपमान किहेन ह।
23 उ सबइ बुरी बातन जिन बिसरा जेनका तोहार दुस्मनन हर रोज तोहरे बरे कहेन। जिन बिसरा कि उ पचे तोहार खिलाफ लगातार चिचियाएन जब उ पचे तोहार खिलाफ जुद्ध करत रहेन।
Psalm 75
1 हे परमेस्सर, हम तोहार बड़कई करत अही। हम तोहार बड़कई करत अही काहेकि तोहार मौजूदगी निअरे अहइ। अउर लोग तोहरे ओन अद्भुत करमन क जेनका तू करत अहा, बयान करत हीं।
2 परमेस्सर कहत ह, “मइँ निआउ क समइ चुन लिहेउँ, मइँ निस्पच्छ होइके निआउ करब।
3 धरती अउ धरती क हर वस्तु डगमगाइ सकत ह अउर गिरइ क तइयार होइ सकत ह, किन्तु मइँ ही ओका स्थिर राखत हउँ।”
4 कछू लोग बहोत ही घमण्डी होत हीं। उ पचे सोचत रहत हीं कि उ पचे बहोत मजबूत अउ महत्वपूर्ण बाटेन। मुला मई उनसे कहत हउँ। ‘घमण्डी जिन बना!’ ‘अइसा बिउहार जिन करा कि तू बहोत मजबूत अउ महत्वपूर्ण अहइ। अइसा जिन दिखावा कि तू बहोत सक्तीसाली अहइ अउर अहंकारी जिन बना।’”
5
6 इ फुरइ अहइ कि कउनो भी मनई धरती पइ नीच क महान नाहीं बनाइ सकत।
7 परमेस्सर सासक ह। परमेस्सर ऍकर फैसला करत ह कि कउन मनई महान होइ। परमेस्सर ही कउनो मनई क महत्व स भरा पद पइ बइठावत ह। अउर कउनो क महत्वहीन पद पइ उहइ बइठावत ह।
8 परमेस्सर क पिआला मिलावटी मधु स भरा बाटइ। परमेस्सर दण्ड क इ दाखरस क उड़ेरत ह। अउर दुट्ठ जन ओका आखिरी बूँद तलक पिअत हीं।
9 मइँ इ बातन क घोसना करब जउन परमेस्सर सदा बरे करत ह। मइँ इस्राएल क परमेस्सर क महिमा क गुण गाउब।
10 परमेस्सर कहत ह, “मइँ दुट्ठ लोगन क सक्ती क हटाइ देब। किन्तु सबइ नीक लोगन क सम्मान सक्ती स कीन्ह जाइ।
Psalm 76
1 यहूदा क लोग परमेस्सर क जानत हीं। इस्राएल जानत ह कि फुरइ परमेस्सर क नाउँ बड़का अहइ।
2 परमेस्सर क मन्दिर सालेम मँ बना अहइ। परमेस्सर क घर सिय्योन क पहाड़े पइ अहइ।
3 उ जगह पइ परमेस्सर बारत भवा बाणन, ढालन, तरवारन अउ जुद्ध क दूसर सस्त्रन क तोड़ दिहस। (सेला)
4 हे परमेस्सर, तू प्रकास क संग चमकत ह। तू जंगली पहाड़रन स जियादा प्रताप वाला अहइ।
5 ओन सिपाहियन सोचेन कि उ पचे बरिआर अहइँ। मुला उ पचे अब रणछेत्रन मँ मरा पड़ा अहइँ। ओनकर ल्हासन क लूट लीन्ह ग ह अउर नंगा पड़ा अहइँ। ओन बलवान सिपाहियन मँ कउनो अइसा नाहीं रहा, जउन खुद आपन क रच्छा कइ पावत।
6 याकूब क परमेस्सर ओन फउजियन पइ फटकारेस। अउ उ फउज रथन अउर घोड़न सहित असहा मर गइ।
7 हे परमेस्सर, तू अद्भुत अहा। जब तू कोहाइ जात ह तोहरे समन्वा कउनो मनई टिक नाहीं सकत।
8 जब परमेस्सर सरग स निआउ किहस तउ सारी धरती डर स काँप गइ।
9 जब परमेस्सर निआवाधीस क रूप मँ धरती क विनम्र लोगन क बचावइ बरे कर्ारवाई किहस तब इ भवा।
10 हे परमेस्सर, लोगन क उ समइ भी तोहार स्तुति करइ चाही जब उ पचे किरोध मँ होइ। जब उ पचे किरोध करइ बंद कइ देइँ तउ उ पचे बरिआर होइ जाइँ।
11 योहवा आपन परमेस्सर क संग वाचा करा अउर जउन वाचा किहा ओका पूरा करा। लोग हर कउनो ठउर स लोग परमेस्सर क भेंट लिअइहीं जउन सम्मान क जोग्य अहइँ।
12 परमेस्सर महान नेतन क डरावत ह। धरती क सबहिं सासक लोग ओकर रुतबा माना।
Psalm 77
1 मइँ मदद पावइ बरे परमेस्सर क गोहराउब। मइँ परमेस्सर क गोहराउब अउर उ मोका सुनी।
2 जब मइँ दुःख मँ रहेउँ तउ मइँ यहोवा क सरण मँ आवा। मइँ सारी रात तोह तलक पहोंचइ जूझा हउँ। मइँ एका नाहीं छोड़ा अउर आराम तलक नाहीं किहेउँ।
3 मइँ परमेस्सर क याद करत हउँ किन्तु मइँ बेचेन हउँ। अउर ओका बतावा कि मइँ कइसा अनुभव करत हउँ। किन्तु फुन भी मइँ अइसा नाहीं कइ सकत हउँ। मइँ बोलन चाहता रहेउँ, किन्तु मइँ बहोत उदास रहेउँ। (सेला)
4 तू मोका सोवइ नाहीं दिहा। मइँ उदास रहेउँ, ऍह बरे मइँ कछू नाहीं कह सकत हउँ।
5 मइँ अतीत क बातन बरे सोचेउँ। बहोत दिना पहिले जउन बातन घटी भइ रहिन ओन घटनन क बारे मँ मइँ सोचेउँ।
6 राति मँ, मइँ आपन गीतन क बारे मँ सोचा करत रहेउँ। मइँ आपन आप स बातन किहेउँ। मइँ समुझइ बरे जतन किहेउँ।
7 मोका इ हैरानी अहइ कि का मोर सुआमी मोका सदा बरे तजि दिहे अहइ? का उ हमका फुन नाहीं चाही?
8 का परमेस्सर क पिरेम हमेसा बरे खतम होइ गवा अहा? का उ मोेहे स फिन कबहुँ बात नाहीं करी?
9 का परमेस्सर दाया दिखावइ भूल गवा ह? का ओकर करुणा किरोध में बदल गइ बाटइ?”
10 मइँ फुन इ सोचा करत हउँ, “उ सोच जउन मोका दर्द देत अहइ: ‘का सवोर्च्च परमेस्सर आपन निज सक्ती दिखावइ बन्द कइ दिहस ह?’”
11 सक्ती भरा उ काम जेनका यहोवा किहस ह ओका याद रखा। हाँ उ कामन जेनका तू पहिले किहा ह मोका याद बाटइ।
12 मइँ ओन सबहिं कामन क जेनका तू किहा ह सोचे हउँ। जेन कामन क तू किहा मइँ धियान देत हउँ।
13 हे परमेस्सर, तोहार निवास स्थान पवित्तर अहइँ। कउनो भी अइसा महान नाहीं अहइ जइसा तू अहा।
14 तू ही उ परमेस्सर अहा जउन अद्भुत काम किहा। तू रास्ट्रन क आपन निज महासक्ती देखाँया।
15 तू आपन सक्ती क प्रयोग किहा अउर आपन लोगन क बचाइ लिहा। तू याकूब अउ यूसुफ क संतानन क बचाइ लिहा।
16 हे परमेस्सर, सागर तोहका लखेस अउर जब उ तोहका लखेस तउ डेराइ गवा। गहिर समुद्दर डर स थर थर काँप उठा।
17 घनघोर बादरन स ओनकर पानी छूट पड़ा रहा। ऊँच बादरन स जोर क गर्जब लोग सुनेन। फुन ओन बादरन स बिजुरी क तोहार बाण नीचे चलेन।
18 तोहार बिजुरी क गर्जन आंधी भरे हवा मँ फुन गजेज्र्सि, तोहार बिजुरी चमचमात भवा जगत पइ चमक उठी। धरती हिल गइ अउर थर थर काँपि गइ।
19 हे परमेस्सर, तू गहिर समुद्दर मँ पैदर चल्या। तू चलिके ही सागर पार किहा। मुला तू कउनो पद चीन्हा नाहीं छोड़्या।
20 तू मूसा अउ हारून क उपयोग आपन मनवइयन क अगुआई भेड़िन क झुण्ड क नाईर् करइ मँ किहा।
Psalm 78
1 मोर मनवइयो, तू पचे मोरे उपदेसन क सुना। ओन बातन पइ कान द्या जेनका मइँ बतावत हउँ।
2 मइँ तू पचन्क इ कथा सुनाउब। मइँ तू पचन्क पुरान कथा सुनाउब।
3 हम पचे इ कहानी सुना ह, अउर ऍका अच्छी तरह जानित ह। हम लोगन क पुरखन इ कहानी कहेन ह।
4 हम लोग ऍन बातन क आपन सन्तानन स नाहीं छुपाउब। हम लोग ऍन बातन क आपन अगवा पीढ़ी क बताउब। हम लोग ओनसे यहोवा क सक्ती अउर ओकरे अद्भुत कामन क बारे मँ बताउब। हम पचे ओनका ओन कामन बरे जेनका उ किहस ह बखान करब।
5 यहोवा याकूब स वाचा किहस। परमेस्सर इस्राएल क व्यवस्था क विधान दिहस, अउर हमार परमेस्सर हमरे पुरखन क हुकुम दिहन। उ हमरे पुरखन क व्यवस्था क विधान आपन संतानन क सिखावइ क किहेस।
6 इ तरह अगवा पीढ़ी ऍन बातन क बरे मँ जानिहीं। अउर हर एक पीढ़ी मँ गदेलन पइदा होइ अउर बढ़ीइ अउर फुन उ पचे इ कहानी क आपन गदेलन क बतइहीं।
7 ऍह बरे उ सबहिं लोग यहोवा पइ भरोसा करिहीं। उ पचे ओन सक्ती स भरा कामम क नाहीं बिसरिहीं। जेन्का परमेस्सर किहे रहा। उ पचे धियान स रखवारी करिहीं अउर परमेस्सर क हुकुम क मनिहीं,
8 एह बरे उ पचे आपन पुरखन क नाईर् नाहीं होइ। ओनकर पुरखन परमेस्सर क अनसुनी किहे रहेन अउर ओकर अनुसरण करइ स इन्कार किहे रहेन उ पचे हठी रहेन। उ पचे विस्सासी होइ क परमेस्सर क अनुसरण नाहीं किहेन।
9 ओन मुड़ी भइ कमान की तरह जेका उ पचे लइ रहेन एप्रैम क लोग जुद्ध स पीठ दिखाइ गए।
10 उ पचे ओन करार क नाहीं मानेन जउन उ पचे यहोवा स किहे रहेन। उ पचे उ नाहीं किहे जउन उ ओन लोगन क करइ क हुकुम दिहे रहा।
11 एप्रैम क उ सबइ लोग ओन बड़की बातन क बिसरि गएन जेनका परमेस्सर किहे रहा। उ पचे ओन अद्भुत बातन क बिसरि गएन जेनका उ ओनका देखाँए रहा।
12 परमेस्सर ओनकर पुरखन क मिस्र क भुइयाँ सोअन मँ निज महासक्ती देखाँइस।
13 परमेस्सर लाल सागर क चीरिके दुइ भाग कइके लोगन क पार उतार दिहस। उ पानी क मजबूत देवार क तरह दुइनउँ कइँती खड़ा कइ दिहस रहा।
14 परमेस्सर ओन लोगन क दिन क समइ मँ महा बादर स अगुवाई किहस। अउर रात क समइ मँ चमकत भवा आगी स राह देखाँएस।
15 उ चट्टान क फारेस अउर पानी तेजी स बाहर निकर आवा वइसे ही जइसे झ़ड़ना स निकरत ह।
16 परमेस्सर चट्टान स पानी क धारा नदी क नाईं निकारे रहा।
17 मुला लोग रेगिस्तान मँ सवोर्च्च परमेस्सर क खिलाफ पाप करत जारी रखे रहेन।
18 फिन ओन लोग परमेस्सर क परखइ क पक्का इरादा किहन। उ पचे बस आपन भूख मिटावइ बरे परमेस्सर स खइया क माँगेन।
19 परमेस्सर क खिलाफ उ पचे बतियाइ लागेन, उ पचे कहइ लागेन, “का रेगिस्ताने मँ परमेस्सर हमका खाइ क दइ सकत ह?
20 लोगन ने कहा, “जब परमेस्सर चट्टाने पइ चोट किहस तउ पानी क एक ठु रेला फूटि पड़ा। किन्तु का उ हमका कछू रोटी अउ गोस भी दइ सकत ह?”
21 जब यहोवा इ सुनि लिहस जउन लोग कहे रहेन तउ ओकर किरोध इस्राएल क रास्ट्र याकूब क खिलाफ भड़क गवा।
22 काहेकि लोग ओह पइ भरोसा नाहीं रखे रहेन, ओनका भरोसा नाहीं रहा, कि परमेस्सर ओनका बचाइ सकत ह।
23 तब भी परमेस्सर ओन पइ बादर क खोल दिहस। ओनका खाइ बरे खाले मन्ना बरसाइ दिहस। इ ठीक वइसेन ही भवा जइसे कि उ अकासे क दुआर खोल दिहस ह अउर ओनसे अनाज बाहेर उड़ेर दिहस ह।
24
25 लोग उ भोजन खाएन अउर उ पचे बहोत ताकतवर होइ गएन। परमेस्सर ओन लोगन क तृप्त करइ बरे भर पूर भोजन पठएस।
26 फिन परमेस्सर पूरब स तेज हवा चलाएस अउर ओन लोगन बरे बटेर क बर्खा बरसात क नाईर् बरसाएस। परमेस्सर क महासक्ती तैमान कइँती स एक ठु आँधी उठाएस अउर नीला अकास करिआ होइ गवा काहेकि हुवाँ अनगिनत पंछी छाइ ग रहेन।
27
28 उ सबइ पंछी क ठीक ओनकर डेरे क बीच मँ खेमन क चारिहुँ कइँती गिरा दिहे रहेन।
29 ओनके लगे खाइ बरे भरपूर भोजन रहा। उ ओनका उहइ दिहस जउन उ पचन्क इच्छा रहेन।
30 उ पचे उ भोजन अबहुँ तलक खाइ क खतम नाहीं किहे रहेन जेन्का इच्छा उ पचन्क रहेन अउर गोस अबहुँ तलक ओनकर मुँह मँ ही रहेन।
31 तउ ओन लोगन पइ परमेस्सर बहोत कोहाइ गवा अउर ओनमाँ स सबन्क नीक क मारि दिहस। उ बरिआर जवानन क मउत दइ दिहस।
32 फिन भी लोग पाप करत जारी राखे रहेन! उ पचे परमेस्सर क अद्भुत करमन पइ भरोसे नाहीं किहेन।
33 तउ परमेस्सर ओनकर जिन्नगी क बियर्था मँ अउर बरिसन क डर मँ खतम किहस।
34 जब कबहुँ परमेस्सर ओनमाँ स कउनो क मारेस ओनमाँ स बाकी लोग परमेस्सर कइँती लउटि गएन।
35 उ सबइ लोग याद किहेन कि परमेस्सर ओनकर चट्टान रहत रहा। उ पचे याद किहन कि परमेस्सर ओनकर मदद किहे रहा।
36 किन्तु ओकर पाछे उ पचे अइस किहेन जइसे उ पचे ओन पइ विस्सास करत हीं, किन्तु असल मँ उ पचे झूट बोले रहेन। उ पचे ओकर विस्सासी नाहीं रहेन।
37 उ पचे फुरइ मनवा स यहोवा क संग नाहीं रहेन। उ पचे आपन करार बरे सच्चा नाहीं रहेन।
38 मुला परमेस्सर करुणा स भरा नाहीं रहा। उ ओनकइ पापन बरे छिमा किहेस, अउर उ ओनकर विनास नाहीं किहस। परमेस्सर अनेक अवसरन पइ आपन किरोध रोकेस। परमेस्सर आपन क बहोत किरोधी नाहीं होइ दिहस।
39 परमेस्सर क याद रहा कि उ पचे सिरिफ मानव जात अहइँ। लोग सिरिफ हवा जइसे अहइँ जउन बहिके चली जात ह अउर कबहुँ नाहीं लउटत ह।
40 हाय, उ पचे सबइ मरुभूमि मँ परमेस्सर क खिलाफ विद्रोह किहेन ह। उ पचे मरुभूमि मँ ओका बहोत दुःखी किहे रहेन।
41 उ पचे लगातार परमेस्सर पइ सक किहेन अउर इस्राएल क पवित्तर क चोट पहुँचाएन।
42 उ सबइ लोग परमेस्सर क सक्ती क बिसरि गएन। उ सबइ लोग बिसरि गएन कि परमेस्सर ओनका दुस्मन स कइसे बचाए रहा।
43 उ सबइ लोग ओन अद्भुत बातन क बिसरि गएन जउन कि उ मिस्र क सोआन मँ किहे रहा अउर ओन चमत्कारन क बिसरि गएन जउन उ उस भुइयाँ मँ किहे रहा।
44 उ ओनकर नदियन क रकत मँ बदल दिहे रहा। मिस्र क लोग आपन नदी-नाला स पानी पी नाहीं सकत रहेन।
45 परमेस्सर भिड़न क झुण्ड पठए रहा जउन मिस्र क मनइयन क काटेन। परमेस्सर ओन मेघन क पठएस जउन ओन लोगन क भुइयाँ क नास कइ दिहन।
46 उ ओनकर फसलन क जेकर बरे उ पचे बहोत सखत मेहनत किहे रहेन टिड्डन अउर झिंगुरन क दइ दिहस।
47 उ मिस्रियन क अंगूरे क बगिया ओलन स बर्बाद किहस, अउर ओनकर गोलर क बृच्छन क पाला स बर्बाद कइ दिहस।
48 उ ओनकर जनावरन क ओलन स मारि दिहस अउ बिजुरी गिराइके मवेसियन क बर्बाद कइ दिहस।
49 उ मिस्री लोगन क खिलाफ आपन प्रचण्ड किरोध अउर फटकार देखाँएस, अउर ओन लोगन पइ मुसीबत लिआएस। उ आपन विनास क दूत ओन लोगन क खिलाफ पठएस।
50 उ किरोध परगट करइ बरे एक राह पाएस। उ ओन लोगन क मउत स नाहीं बचाएस। उ ओनकर गोरुअन क बेरामी स मरि जाइ दिहस।
51 परमेस्सर मिस्र क हर पहिलउटी पूत क मार डाएस। हाम क घराने क हर पहिलउटी पूत क उ मार डाएस।
52 फिन उ इस्राएल क चरवाहा क नाईर् अगुवाई किहस। उ ओन लोगन क भेड़न क झुण्ड क नाई रेगिस्तान स होत भए निकारेस।
53 उ आपन निज लोगन क सुरच्छा क संग लइ चला। परमेस्सर क भगतन क कउनो स डर नाहीं रहा। परमेस्सर ओनकर दुस्मनन क लाल सागर मँ डुबाएस।
54 परमेस्सर आपन मनवइयन क आपन पवित्तर भुइँया पइ लइ आवा। उ ओनका उ पहाड़े पइ लिआवा जउन उ आपन सक्ती स पाएस।
55 परमेस्सर दूसर जातियन क उ भुइँया तजइ क मजबूर किहस। परमेस्सर हर एक परिवारन क उ भुइँया मँ ओनकर खुदकास्त क हींसा दिहस। इ तरह इस्राएल क परिवारन आपन ही घरन मँ बस गएन।
56 उ पचे लगातार सवोर्च्च परमेस्सर पइ सक किहेन अउर ओकर खिलाफ विद्रोह किहेन उ सबइ लोग परमेस्सर क आग्या क नाहीं मानेन।
57 इस्राएल क लोग परमेस्सर स भटकिके विमुख होइ ग रहेन। उ सबइ आपन पुरखन क नाईं परमेस्सर क अविस्सासी रहेन। उ पचे मुड़ा भवा धनुसक जइसे होइ गवा रहेन।
58 इस्राएल क लोग ऊँच पूजा क ठउरन बनाएन अउर परमेस्सर क कोहाइ दिहन। उ पचे मूतिर्यन गढ़ेन जउन परमेस्सर क किरोधित बनाएन।
59 परमेस्सर इ सुनेस अउर बहोत कोहाइ गवा। उ इस्राएल क पूरी तरह रद्द कइ दिहस।
60 परमेस्सर सिलोह क पवित्तर तम्बू क तजि दिहस। जहाँ उ लोगन क बीच निवास करत रहा।
61 फिन उ दूसर रास्ट्रन क, करार क संदूख क कब्जा करइ क दिहस। दुस्मन ओकर महिमा क संकेत क लइ लिहस।
62 उ आपन ही लोगन पइ आपन किरोध परगट किहस। उ ओनका जुद्ध मँ मार दिहस।
63 ओनकर जवान मनइयन आगी मँ जरिके नास होइ गएन। अउर ओकर जवान कुआँरी लड़कियन कबहुँ आपन बियाह गीत नाहीं सुनि पाएन।
64 याजक मार डावा गएन मुला ओनकर राँड़ मेहरारूअन ओनके बरे नाहीं रोइ सकेन।
65 आखिर मँ यहोवा उठ बइठा जइसे कउनो नींदे स जागिके उठी बइठत होइ। या कउनो जोद्धा क नाई जउन कि दाखरस क नसा स होस मँ आवा होइ।
66 फुन तउ उ आपन दुस्मनन क मारिके भगाइ दिहस अउर ओनका हराइ दिहस। उ आपन दुस्मनन क हराइ दिहस अउर सदा बरे ओनका अपमानित किहस।
67 मुला परमेस्सर यूसुफ क तम्बूक रद्द कइ दिहस। उ इब्राहीम परिवार क नाहीं चुनेस।
68 परमेस्सर यहूदा क पिरवार क चुनेस अउर उ सिय्योन क पहाड़ क चुनेस जउन ओका पियारा अहइ।
69 उ ऊँचे पहाड़न नाई अउर धरती क नाई जेका उ सदा बरे स्थापित किहस ह आपन पवित्तर मन्दिर क सुरच्छित बनाएस।
70 परमेस्सर दाऊद क आपन विसेस सेवक बनावइ मँ चुनेस। दाऊद तउ भेड़िन क देखरेख करत रहा, मुला परमेस्सर ओका उ काम स लइ आवा।
71 उ दाऊद क भेड़िन क रखवाली स लइ आवा। तउ उ ओका आपन लोगन याकूब क सन्तानन, इस्राएलक रखवाली क काम बरे बहाल किहा।
72 तउ फिन दाऊद पुरे मन स ओन लोगन क देख-भाल किहस। उ ओनका पूरी बुद्धिमानी स राह देखाँएस।
Psalm 79
1 हे परमेस्सर, विदेसी लोग तोहरे सेवकन क संग लड़इ बरे आवा अहइँ। उ मनइयन तोहरे पवित्तर मन्दिर क बर्बाद किहन, अउ यरूसलेम क उ पचे खण्डहर बनाइ दिहन।
2 तोहरे चेलन क ल्हासन क उ पचे जंगली पंछी क खाइ बरे डाइ दिहन। तोहरे मनवइयन क ल्हासन क उ पचे जनावरन क खाइ बरे डाइ दिहन।
3 ओन लोगन तोहार लोगन क रकत पानी जइसा यरूसलेम क चारिहुँ कइँती फइलाएन। ओनकर ल्हासन क दफनावइ क कउनो भी नाहीं बचा।
4 हमार पड़ोसी देस हमका अपमानित किहन ह। हमरे आस पास क लोग सबहिं हँसत हीं, अउर हमार मसखरी उड़ावत हीं।
5 हे यहोवा कब तलक अइसा रहब्या, का तू सदा क बरे हम पइ कोहान रहब्या? का तोहार किरोध आगी क तरह धधकत रही?
6 आपन किरोध क ओन रास्ट्रन क विरोध मँ जउन तोहका नाहीं पहिचानतेन मोड़ द्या आपन किरोध क ओन रास्ट्रन क खिलाफ मोड़ द्या जउन तोहरे नाउँ क मदद बरे नाहीं पुकारतेन।
7 काहेकि उ सबइ रास्ट्र याकूब क नास किहन। उ पचे याकूब क देस क नास किहन।
8 तू हमरे पुरखन क पापन बरे कृपा कइके हमका सजा जिन द्या। हाली करा, तू हम पइ निज करुणा हाली देखॅावा काहेकि हम पचन्क बहोत अपमानित बाटइ।
9 मोर परमेस्सर, मोर उद्धारकर्ता, हमका सहारा द्या। आपन ही नाउँ क महिमा बरे हमार मदद करा। हमका बचाइ ल्या। निज नाउँ क महिमा क खातिर हम लोगन क पाप क प्रायस्चित करा।
10 दूसर रास्ट्रन क लोगन क तू इ जिन कहइ द्या, “ओनकर परमेस्सर कहाँ बाटइ? का उ ओनका सहारा नाहीं दइ सकत ह?” हे परमेस्सर, ओन लोगन क दण्ड द्या ताकि उ सजा क हम भी लखि सकी। ओन लोगन क तोहरे सेवकन क मारइ क सजा द्या।
11 जेलि मँ बंद भए लोगन क कराहब कृपा कइके सुना। हे परमेस्सर, तू निज महासक्ती प्रयोग मँ लिआवा अउर ओन लोगन क बचाइ ल्या जेनका मरइ बरे ही चुना गवा ह।
12 हे यहोवा हमरे आस-पास क रास्ट्रन क सात गुना सज़ा द्या काहेकि उ पचे तोहका अपमानित किहेन ह।
13 हम तउ तोहार लोग अही। हम तोहरे झुण्ड भेड़ी अही जेका तू पालत ह। हम तोहार गुनगान सदा करब। हे परमेस्सर हम सदा तोहार महिमा क बारे मँ बताउब।
Psalm 80
1 हे इस्राएल क चरवाहा, तू हमार सुनि ल्या। तू जउन यूसुफ क लोगन क अगुवाई करत ह। तू जउन राजा क तरह करूब सरगदूत पइ विराजत अहा। तू आपन आप क परगट करा।
2 एप्रैम, बिन्यामीन अउ मनस्से क सामने तू आपन महिमा देख्ॅॅाावा, अउर आपन सक्ती स हमका बचाइ ल्या।
3 हे परमेस्सर, हमका आपन बरे पुन: स्थापित कइ ल्या। तू हम लोगन पइ कृपा करा ताकि हम लोग बच सकी।
4 हे सर्वसक्तिमान परमेस्सर यहोवा, कब तलक तू कोहान रहब्या अउर कब तलक तू हमरी पराथना क रद्द करब्या।
5 आपन मनवइयन क तू बस खाइ क आँसू दिहा ह। तू आपन मनवइयन क पिअइ बरे आँसुअन स लबालब पिआला दिहा।
6 तू हम लोगन क कूछ अइसा बिसय बनइ दिहा जउने पइ हमार पड़ोसियन झगड़त हीं। हमार दुस्मन हम लोगन क मसखरी उड़ावत हीं।
7 हे परमेस्सर तू हम लोगन क आपन बरे पुन:स्थापित कइ ल्या। तू हम लोगन पइ कृपा करा ताकि हम बच सकी।
8 पुराने जमाना मँ, तू हमका एक ठु बहोत महत्वपूर्ण पउधा सा समुझया। तू आपन दाखलता मिस्र स बाहेर लिआया। तू दूसर लोगन क इ धरती तजि देइ क मजबूर किहा अउर हिआँ तू आपन खुद क दाखलता रोप दिहा।
9 तू दाखलता रोपइ क धरती तइयार किहा, ओकरी जड़न क पक्की करइ बरे तू सहारा दिहा अउर फिन हाली ही दाखलता धरती पइ हर कइँती फइल गइ।
10 इ आपन छाया स पहाड़न क ढाँपि लिहा हिआँ तलक कि ओकर पात बड़का देवदार बृच्छ क भी ढाँकि लिहस।
11 ऍकर दाखलता भूमध्य सागर तलक फइलि गइन। ऍकर जड़ परात नदी तलक फइला गइ।
12 हे परमेस्सर, तू उ सबइ देवार काहे गिराइ दिहा, जउन तोहरी दाखलता क रच्छा करत रही। अब उ हर कउनो जउन हुवाँ स गुजरत ह, हुवाँ स अंगूर क तोड़ लेत हीं।
13 बनैला सुअरन आवत हीं, अउर तोहार दाखलता क रौंदन भए गुजर जात हीं। जंगली जनावर आवत हीं, अउर ओकर पातिन चर जात हीं।
14 हे सर्वसक्तीमान परमेस्सर, वापिस आवा। फुन स आपन दाखलता पइ सरगे स खाले लखा, अउर एकर रच्छा करा।
15 हे परमेस्सर, आपन उ जड़ क लखा, जेका तू खूद आपन हाथे स रोपे रह्या। इ नान्ह पौधन क लखा जेका तू बढ़ाया ह।
16 तोहार दाखलता गोबर क उपलन जइसा आगी मँ जरावा गवा। तोहरे डाँट फटकारन क कारण एकर लता नास होइ गवा।
17 हे परमेस्सर, तू आपन हाथ उ मनई पइ धरा जउन तोहरे दाहिन कइँती अहइ। उ मनईपइ आपन हथवा धरा जेका तू खुद पाल्या।
18 तउ मइँ तोहका नाहीं तजब। तू हम पचन क नवा जिन्नगी द्या ताकि हम लोग तोहार आराधना करइ सकब।
19 सर्वसक्तिमान यहोवा परमेस्सर, तू आपन बरे पुन:स्थापित कइ ल्या। तू हम लोगन पइ कृपा करा ताकि हम पचे जी सकी।
Psalm 81
1 परमेस्सर जउन हमार सक्ती अहइ ओकरे बरे आनन्द क गीत गावा। याकूब क परमेस्सर क जय जयकार करा।
2 संगीत सुरू करा। तम्बूरा बजावा। वीणा सारंगी स मधुर धुन निकारा।
3 नवा चंदा क समय मँ तू पचे नरसिंहा फूँका। पूर्णमासी क अवसर पइ तू पचे हम लोगन क त्यौहार क दिन मँ नरसिंहा फूँका।
4 इस्राएल क लोगन क बरे अइसा ही नेम अहइ। इ आदेस परमेस्सर याकूब क दिहस ह।
5 परमेस्सर यूसुफ क संग एक करार तब किहे रहा जब उ मिस्र गवा रहा जहाँ उ उ रास्ट्र क भाखा नाहीं जानेस रहेन।
6 परमेस्सर कहत ह, “तोहरे काँधे क बोझा मइँ लइ लिहेउँ ह। ओकर हाथन मँ मजदूर क टोपा मँ स छुरावा गवा।
7 जब तू मुसीबत मँ रह्या तू मदद क गोहार लगाया अउर मइँ तोहका बचाएउँ। मइँ तूफानी बदरन मँ छुपा रहेउँ अउर मइँ तू पचन्क जवाब दिहेउँ। मइँ तू पचन्क मरिबा क जल क लगे परखेउँ।
8 अरे मोर मनइयो, तू पचे मोर बात सुना। अउर मइँ तू पचन्क चेताउनी देब। इस्राएल, तू मोका सुन्या।
9 तू कउनो कउनो विदेसी देवता क पूजा जिन करा। कउनो विदेसी लोगन क देवता क समन्वा आपन मुँड़ि जिन झुकावा।
10 मइँ, यहोवा तोहार परमेस्सर हउँ। मइँ उहइ परमेस्सर हउँ जउन तू पचन्क मिस्र स बाहेर लिआए रहेउँ। तू आपन मुँहना खोला, मइँ ओका भर देब।
11 मुला मोर मनइयन मोर नाहीं सुनेन। इस्राएल मोर आग्या नाहीं मानेस।
12 एह बरे मइँ ओनका ओकरे हठी जिद् पइ छोर दिहेउँ। इस्राएली लोग उहइ चिजियन क किहेन जेका उ उत्तिम समझेन।
13 भला होत इस्राएल क लोग मोर बात सुन लेतेन, अउर उ लोग वइसी ही जिन्नगी जिअतेन जइसा मइँ ओहसे चाहत रहेउँ।
14 तब मइँ इस्राएल क दुस्मनन क हाली हराइ देतेउँ। अउर मइँ ओन लोगन क सजा देतेउँ जउन इस्राएल क दुःख देतेन।
15 तब यहोवा क दुस्मन डर स थर थर काँपत हीं। अउर उ पचे सदा सर्वदा सजा पइहीं।
16 परमेस्सर आपन चेलन क उत्तम गोहूँ देइ। चट्टान ओनका समूर्ण तृप्त होइ तलक सहद देब।
Psalm 82
1 परमेस्सर देवन क सभाक बीच निआवाधीस क रूप मँ विराजत ह। सरगदूत क बीच उ निआव करत ह।
2 परमेस्सर कहत ह, “कब तलक तू लोग अनिआव स भरा निआव करब्या? कब तलक तू लोग दुराचारी लोगन क खास सार्मथ दिखावा?
3 अनाथन अउ कमज़ोर लोगन क रच्छा करा। जेनका संग उचित बेउहार नाहीं कीन्ह गवा ह। अउर दीन लोगन क अधिकारन क रच्छा करा।
4 गरीब अउ बेसहारा लोगन क बचावा। दुस्टन क चंगुल स ओनका बचाइ ल्या।
5 इस्राएली नाहीं जानते कि का कछू घटत बा एब बरे उ पचे नाहीं समझतेन। उ पचे नाहीं जानतेन कि बदी करने वाला का करत रहेन।”
6 मइँ कहेउँ, “तू देवतनअहा। तू सवोर्च्च परमेस्सर क पूत अहा।
7 फिर भी तू मानव जाति क नाईं मरब्या। तू पचे वइसेन मरब्या जइसे दूसर नेतन मरि जात हीं।”
8 हे परमेस्सर, खड़ा ह्वा! धरती पइ निआव लइ आवा, काहेकि तू सारे ही देसन पइ नियन्त्रन रखत ह।
Psalm 83
1 हे परमेस्सर, तू मौन जिन रहा! चुपचाप जिन रहा। हे सर्वसक्तीमान परमेस्सर, कृपा कइके सान्त जिन रहा।
2 हे परमेस्सर, तोहार दुस्मन तोहरे विरोध मँ सड्यंत्र रचत बाटेन। जउन तोहसे घिना करत हीं अहंकारी बन जात हीं।
3 उ पचे तोहरे मनवइयन क खिलाफ सडयंत्र रचत बाटेन। तोहार दुस्मन ओन लोगन क खिलाफ जउन तोहका पिआरा अहइँ सबइ जोजना बनावत अहइँ।
4 उ सबइ दुस्मन कहत अहइँ, “आवा, हम ओन लोगन क पूरी तरह मेट डाइ। तब कउनो भी मनई इस्राएल क नाउँ सुमिरन नाहीं करी।”
5 काहेकि इ सबहिं रास्ट्रन इकट्ठा होइके तोहरे विरोध मँ जोजना बनावत हीं। उ पचे तोहार खिलाफ एक ठ समझौता किहेन।
6 उ पचे इ सामिल परिवारन एदोमी, इस्माएली, मोआबी अउर हाजिरा क संतानन क पूतन, गबाली अउर,
7 अम्मोनी, अमालेकी अउर पलिस्ती, अउर सूर क लोगन क परिवारन क इ सबइ लोग हम लोगन क खिलाफ जुद्ध करइ बरे एक जुट होइ गएन।
8 हिआँ तलक कि अस्सूरी भी ओन लोगन स मिल गएन। उ पचे लूत क संतानन क बहोत बलवान बनाएन।
9 हे परमेस्सर तू दुस्मनन क वइसेन हरावा जइसेन तू मिद्यानी लोगन क, सिसरा क, यार्बान क, किसोन नदी क लगे याबीन क हराया।
10 उ पचे एन्दोर मँ नास भएन। ओनकर ल्हासन धरती पइ पड़ी सड़त रहिन।
11 दुस्मनन क सेनापतियन क वइसेन हरावा जइसेन तू ओरबे अउ जायेब क संग किहे रह्या। ओकरे सेनापतियन वइसेन हरावा जइसेन तू जेबह अउ सलमुन्ना क संग किहा।
12 हे परमेस्सर, उ सबइ लोग हम पचन क धरती तजइ क दबावइ चाहत रहेन।
13 मोर परमेस्सर ओनका तू उखड़ा भवा पौधा सा बनावा जेका आँधी उड़ाइ लइ जात ह। ओन लोगन क अइसेन बिखराइ द्या जइसे भूसा क आँधी बिखराइ देत ह।
14 दुस्मन क अइसेन बर्बाद करा जइसे वन क आगी बृच्छन क बर्बाद करत ह, अउर जइसेन जंगली आगी पहाड़न क बार डावत ह।
15 एह बरे ओनका आँधी क नाईं पाछा करा अउर ओनका कँपावा अउ फूँकिके उड़ा द्या जइसे कि आँधी करत ह।
16 हे यहोवा उ सबइ क लज्जा स भरि द्या कि लोग तोहरे बारे मँ जानइ बरे तोहका तलास करइँ।
17 हे यहोवा, ओन लोगन क भयभीत कइ द्या अउ ओन लोगन क हमेसा अपमानित करा, ताकि उ तिरस्कार मँ मरि जाइँ।
18 तउ उ पचे जनिहीं कि तू यहोवा अहा! अउर तू ही अकेल्ला सवोर्च्च परमेस्सर अहइ जउन सारे संसार पइ सासन करत अहा।
Psalm 84
1 सर्वसक्तिमान यहोवा, फुरइ तोहार पवित्तर मन्दिर केतॅना मनोहर अहइ।
2 मोर इच्छा अहइ कि मइँ यहोवा क मन्दिर क आंगन मँ रहेउँ। मइँ तोहार आवइ क बाट जोहत भए थक गवा हउँ। मोर पूरा सरीर जिअत यहोवा क संग होइ बरे रोवत ह।
3 सर्वसक्तिमान यहोवा, मोर राजा, मोर परमेस्सर, गौरइया अउ सूपाबेनी तलक क आपन झोंझ होत हीं। इ सबइ पंछी तोहरी बेदी क लगे झोंझ बनावत ही अउर ओनहीं घोसलन मँ ओनकइ बच्चे होत हीं।
4 जउन लोग तोहरे मन्दिर मँ रहत हीं, बहोत खुस रहत हीं। उ पचे तउ सदा ही तोहार गुन गावत हीं।
5 उ सबइ लोग आपन हिरदइ मँ गीतन क संग जउन तोहरे मन्दिर मँ आवत हीं, बहोतइ आनन्दित अहइँ।
6 उ सबइ खुस लोग बाका घाटि जेका परमेस्सर झरना क तरह बनाएस ह गुजरत हीं गमीर् क गिरत भइ बर्खा क बूँदन जल क सरोवर बनावत हीं।
7 लोग आपन परमेस्सर स मिलइ बरे सहर स सहर होत भए इ रास्ता पइ सिय्योन पहाड़ पइ जात हीं।
8 फउजन क परमेस्सर यहोवा, मोर पराथना सुना। याकूब क परमेस्सर तू मोर सुनि ल्या।
9 परमेस्सर, हमरे संरच्छक क रच्छा करा। आपन अभिसिक्त भए राजा पइ दयालु ह्वा
10 हे परमेस्सर, कहूँ अउर हजार दिन ठहरइ स तोहरे मन्दिर मँ एक दिन ठहरब उत्तिम अहइ। दुट्ठ लोग क बीच बसइ स, आपन परमेस्सर क मन्दिर क दुआरे क लगे खड़ा रइहउँ इहइ उत्तिम बाटइ।
11 यहोवा हम लोगन क सूर्य अउर ढार अहइ। यहोवा महिमा अउ सम्मान देइ। उ जउन खरी जिन्नगी गुजारत ह ओका उ हर एक नीक चीज देत ह।
12 हे सर्वसक्तिमान यहोवा, जउन लोग तोहरे भरोसे अहइँ उ पचे फुरइ बहोत खुस अहइँ।
13
Psalm 85
1 हे यहोवा, तू आपन देस पइ कृपालु भवा। तू विदेस भुइँया मँ स याकूब क सन्तानन वापिस लिआवा।
2 हे यहोवा, तू आपन लोगन क पापन्क छिमा करा। तू ओनकर सबइ पाप मेट द्या। (सेला)
3 हे यहोवा, कोहाइ जाब क तजि द्या। अउर तू आपन गुस्सा क लइ लिहा।
4 परमेस्सर, हमार मुक्तिदाता, कृपा कइके हम पचन पइ कोहाइ जाब तजि द्या अउर हम लोगन क फुन हमार भुइयाँ पइ वापिस लइ आवा।
5 का तू हमेसा हमेसा कोहान रहब्या? का तू सदा आपन कोहान जारी रखब्या?
6 कृपा कइके हमका फुन जिआइ द्या ताकि तोहार लोग तोहसे फुन स खुस होइ सकइँ।
7 हे यहोवा, तू हमका आपन बिस्सासनीय पिरेम देखावा। हमार रच्छा करा।
8 जउन परमेस्सर कहत ह, मइँ ओह पइ कान दिहेउँ। उ अपने लोगन अउर अपने विस्वासी चेलों से सान्ति क वाचा करत ह उ नाहीं चाहत ह कि उ पचे बेवकूफी क राहे पइ लउटि जाइँ।
9 फुरइ, ओकर उद्धार ओन लोगन क निचके बाटइ जउन ओहसे डेरात ह, एह बरे ओकर महिमा तोहार देस मँ निवास करी।
10 पिरेम अउर सच्चाई एक साथ मिलब। धर्मता अउ सान्ति एक दूसर क चुम्मा क संग स्वागत करिहीं।
11 सच्चाई धरती स अंकुरित होइहीं, अउर धामिर्कता अकासे स बसिर्हीं।
12 यहोवा बहोत स उत्तिम वस्तुअन क देइहीं। अउर हमार धरती प्रचुर मात्रा मँ फसल उपजिहीं।
13 परमेस्सर क अगवा अगवा नेकी चली, अउर उ ओकरे बरे राह बनाई।
14
Psalm 86
1 मइँ एक दीन, असहाय मनई अहउँ। हे यहोवा, तू कृपा कइके मोर सुनि ल्या, अउर तू मोर विनती क जवाब द्या।
2 मइँ तोहार भगत हउँ, कृपा कइके मोर रच्छा करा। मइँ तोहार सेवक अहउँ अउर तू मोर परमेस्सर अहा। मइँ तोह पइ भरोसा किहेउँ, कृपा कइके मोका बचावा।
3 मोर सुआमी, मोह पइ दाया करा। मइँ सारा दिन तोहार बिनती करत रहत हउँ।
4 हे मोर यहोवा, मइँ आपन जिन्नगी तोहार हाथन मँ देत हउँ। हे मोर सुआमी, मोका, आपन सेवक क सुखी बनावा।
5 हे सुआमी, तू नीक अउ छिमाकर्ता अहा। तू आपन मनवइयन स बहोत पिरेम करत अहा, जउन सहारा पावइ क तोहका गोहरावत हीं।
6 हे यहोवा, मोर बिनती सुनि ल्या। कृपा कइके तू आपन कान क मोर पराथना पइ दाया बरे द्या।
7 हे यहोवा, आपन संकट क घरी मँ मइँ तोहार बिनती करत हउँ। मइँ जानत हउँ तू मोका जवाब देब्या।
8 हे सुआमी, तोहरे जइसा कउनो देवता नाहीं अहइ। जइसेन काम तू किहा ह वइसा काम कउनो भी नाहीं कइ सकत।
9 हे सुआमी, तू ही सब लोगन क रच्या ह। उ पचे आइहीं अउर तोहार आराधना करिहीं। उ पचे सबहिं तोहरे नाउँ क आदर करिहीं।
10 हे परमेस्सर, तू महान अहा। तू अजूबा करम करत अहा। तू अकेल्ले ही परमेस्सर अहा।
11 हे यहोवा, मोका आपन राहन क सिच्छा द्या, तउ मइँ तोहरे सच्चाइ क अनुसार रहेबउँ। कृपा कइके मोर मदद करा, तउ मइँ पूरे हिरदय स तोहार उपासना करबउँ।
12 हे मोर सुआमी परमेस्सर, मइँ सम्पूर्ण हिरदय स तोहार गुण गावत हउँ। मइँ तोहरे नाउँ क आदर सदा सदा ही करबउँ।
13 काहेकि तू मोका बहोत जिआदा पिरेम किहा ह। तू मोका मउत क गहड़ा खाइ स बचाया ह।
14 परमेस्सर, अहंकारी लोग मोह पइ वार करत अहइँ। क”ाूर लोगन क समूह मोका मार डावइ चाहत अहइँ। अउर उ सबइ मनई तोहार आदर नाहीं करत अहइँ।
15 हे सुआमी, तू दयालु अउ कृपा स भरा परमेस्सर अहा। तू धीरज स भरा, बिस्सासी अउ पिरेम स भरा अहा।
16 हे परमेस्सर, देखावा कि तू मोर सुनत ह अउर मोह पइ कृपालु रहत ह। मइँ तोहार सेवक हउँ। तू मोका सक्ती द्या। मइँ तोहार सेवक हउँ। मोका बचावा!
17 हे यहोवा, कछू अइसा करा जेहसे इ साबित होइ कि तू मोर सहायता करब्या। तब मोर दुस्मन एका जानिहीं अउ निरास होइ जइहीं। तउ इ परगट होइ तू उहइ अहा जउन मोर मदद किह्या अउर मोका आराम दिह्या।
Psalm 87
1 परमेस्सर यरूसलेम क पवित्तर पहाड़ियन पइ आपन मन्दिर बनाएस।
2 यहोवा इस्राएल मँ कउनो भी दूसर सहर स जियादा सिय्योन क दुआर क पसंद करत हीं।
3 हे परमेस्सर क नगर, तोहरे बारे मँ लोग अजूबा बातन कहत हीं।
4 मइँ सिय्योन ओन लोगन क सूची बनाउब जउन मोका जानत ह, एहमाँ ओन लोगन भी सामिल अहइँ जउन मिस्र, बाबुल, पलिस्ती, सोर अउ इथोपिया मँ भी रहत हीं।
5 उ हरेक जन क जउन सिय्योन मँ पइदा भएन जानत ह। सवोर्च्च परमेस्सर इ सहर क स्थापना किहेस ह।
6 यहोवा आपन रास्ट्रन क सूची राखत ह। उ जानत ह कि कउन सिय्योन मँ पइदा भवा ह। सेला
7 ओकर मनवइयन बहोत खुसी स गावत अउर नाचत हीं। उ पचे कहा करत हीं, “सबहिं उत्तिम चिजियन यरूसलेम स आइन।”
Psalm 88
1 हे परमेस्सर यहोवा, तू मोर उद्धारकर्त्ता अहा। मइँ तोहार रात-दिन विनती करत रहत हउँ।
2 कृपा कइके मोर पराथना पइ धियान द्या। मोह पइ दाया कइके मोर पराथना सुना।
3 मइँ आपन दुर्दसा स तंग होइ गवा हँउ। बस मइँ हाली ही मरि जाब।
4 लोग मोरे संग मुर्दा जइसा बेउहार करइ लागेन ह। उ मनई क तरह जउन जिअत रहइ बरे बहोत कमजोर अहइँ।
5 मोका मुर्दा लोगन क बीच मँ रखा गवा ह। मइँ कब्र क मुर्दन जइसा हउँ जेका तू बिसर जाब्या। अउर जेका तोहरे उपस्थिति स हटाई दीन्ह गवा अहइ।
6 हे यहोवा, तू मोका कब्र क सबसे गहरी खाईं मँ डाइ दिहा ह। तू मोका घोर अँधेरी जगह मँ रख दिहा ह।
7 हे परमेस्सर, तोहका मोह पइ किरोध रहा, एह बरे तू मोका आपन किरोध क तरंगन स बर्बाद किहा ह।
8 तू मोका मोरे मीत लोगन स अलगाइ दिहा। एह बरे उ पचे मोसे अलग रहइ क जतन करत अहइँ, काहेकि तू मोका अइसा मनई बनाए अहा जेका कउनो भी छुअइ नाहीं चाहत ह। मइँ आपन घरे क ही भीतरे बंदी बनि गवा हउँ अउर मइँ बाहेर जाइ नाहीं सकत हउँ।
9 विपदा क कारण मोर आँखिन मँ पीड़ा अहइँ। हे यहोवा, मइँ तोहसे निरन्तर पराथना करत हउँ अउर तोहार समर्थन मँ मइँ आपन हाथ उठावत हउँ।
10 हे यहोवा, का तू मृतक लोगन बरे अचरज भरा काम करब्या? का इ सम्भव अहइ कि एक मरा भवा आतिमा तोहार उपासना करी? (सेला)
11 जउन मरा भए अहइँ उ पचे आपन कब्र मँ स ओकरे कइँती तोहरे पिरेम क बारे मँ बताइ सकतेन। मरे भए लोगन मृत्युलोक स ओकरे कइँती तोहरी बिस्सास क नाहीं बताइ सकतेन।
12 मरे भए लोग अँधियारे मँ सोवत हीं उ पचे ओन अद्भुत बातन क जेनका तू करत अहा, नाहीं लखि सकतेन। उ पचे छोड़ा भवा भुइँया मँ तोहार कीन्ह भवा धामिर्कता क बारे मँ नाहीं बताइ सकतेन।
13 मुला मइँ मदद बरे तोहका गोहराएउँ ह, हे यहोवा। हर भिन्सारे मइँ तोहार समन्वा पराथना करत हउँ।
14 हे यहोवा, तू मोका काहे तजि दिहा ह? तू मोर सुनइ स काहे मना करत अहा?
15 बचपन स ही मइँ सतावा गवा हउँ अउर मउत क धमकी दीन्ह गवा हउँ। मइँ असहाय हउँ।
16 तोहार गुस्सा मोका ढाँपि लिहे अहइ अउर तोहार आतंक मोका मार डावत ह।
17 उ मोका बाढ़ क पानी क समान चारिहुँ कइँती स घेरिके राखेस ह। उ मोका पूरी तरह स ढाँपिके राखेस ह।
18 हे यहोवा, तू मोरे मीत अउ प्रिय मनइयन क मोका छोड़िके चला जाइ क मजबूर कइ दिहा। मोरे संग सिरिफ केवल अँधियारा ही रहत ह।
Psalm 89
1 मइँ हमेसा यहोवा क पिरेम क गीतन क गाउब। मइँ ओकरी हमेसा ओकरी बिस्सासी क गीत गावत रहब।
2 हे यहोवा, मोका सचमुच बिस्सास अहइ, तोहार पिरेम अमर अहइ। तोहार बिस्सास लम्बी अकास क नाईं अहइ।
3 यहोवा परमेस्सर कहत ह, “मइँ आपन चुने भए राजा क संग एक ठु करार किहेउँ ह। आपन सेवक दाऊद क मइँ वचन दिहेउँ ह।
4 दाऊद तोहरे बंस क मइँ हमेसा बरे अमर बनाउब। तोहरे राज्ज सदा सदा बरे बनाइ रखबेउँ।”
5 हे यहोवा, तोहरे ओन अद्भुत करमन क अकास स्तुति करत हीं। सरगदूतन क सभा तोहरी ईमानदारी क गीत गावत हीं।
6 सरगे मँ कउनो मनई यहोवा क तुलना नाहीं कइ सकत। कउनो भी देवता यहोवा क समान नाहीं।
7 पवित्तर सरगदूतन क सभा मँ परमेस्सर अत्यंत सम्मानित बाटइ। उ सबइ जउन ओकर चारिहुँ कइँती अहइ, क जरूर डरइ चाही अउर ओकर आदर करइ चाही।
8 सर्वसक्तिमान परमेस्सर यहोवा, तोहस जियादा कउनो सक्तीसाली नाहीं अहइ। अउर यहोवा तू हमेसा भरोसेमन्द अहा।
9 तू गरजत समुद्दर पइ सासन करत अहा। तू ओकर उमंगित तंरगन क सांत करत अहा।
10 हे परमेस्सर, तू ही अहा जउन राहाबक हराए रह्या अउर ओका जुद्ध मँ मार डाए रह्या। तू आपन महासक्ती स आपन दुस्मन बिखराइ दिह्या।
11 सरग अउ धरती तोहार अहइ। उ तू ही अहा जउन इस संसार क बनाय अउर संसार मँ क हर वस्तु रच्या।
12 तू ही सब कछू उत्तर दकिाखन रच्या ह। ताबोर अउ हमोर्न पर्वत तोहार गुन गावत हीं।
13 तू सक्तीसाली अहा। तोहार सक्ती महान अहइ। तोहार सक्ती क सम्मान कीन्ह जात हीं।
14 तोहार राज्ज धामिर्कता अउ निआउ पइ टिका बाटइ। पिरेम अउ बिस्सासी तोहरे सेवा करत अहइँ।
15 जउन तोहमाँ खुस अहइँ उ धन्न अहइँ। उ पचे तोहरी समर्थन क प्रकास मँ जिअत रहत हीं।
16 तोहार नाउँ ओनका सदा खुस करत ह अउर तोहार धामिर्कता क कारण उ सम्मान पावत ह।
17 तू ओनकर सक्ती क अद्भुत स्रोत अहा। उ तोहार समर्थन क कारण तोहसे सक्ती पावत ह।
18 काहेकि हमार रच्छा यहोवा स सम्बंधित अहइ। हम लोगन क राजा इस्राएल क पवित्तर क कइँती स अहइ।
19 एक बार दर्सन मँ तू आपन सच्चे मनइयन स कहे रहा, “मइँ ओनका मदद दिहे हउँ जउन मज़बूत अहइ, मइँ लोगन क बीच मँ स नउ जवान मनई क प्रतिस्ठित किहेउँ।
20 मइँ आपन सेवक दाऊद क पाइ लिहेउँ, अउर मइँ ओकर ताजपोसी किहेउँ ह अउ ओकरे अभिसेक आपन तेल स किहेउँ ह।
21 मइँ आपन दाहिने हाथे स दाऊद क सहारा दिहेउँ, अउर मइँ ओका आपन सक्ती स बलवान बनाएउँ।
22 कउनो दुस्मन चुने भए राजा क धोखा नाहीं देइ सकतेन। दुट्ठ जन ओहे पइ अत्याचार नाहीं कइ सकतेन।
23 मइँ ओकरे दुस्मनन क समाप्त कइ दिहेउँ। जउन लोग चुने भए राजा स बैर राखत रहेन, मइँ ओनका हराइ दिहेउँ।
24 मइँ हमेसा आपन चुने भए राजा स पिरेम राखब अउर ओका समर्थन देब। उ मोहे पइ निर्भर रहिके मोर सक्ती स भरि जाइ।
25 मइँ आपन चुने भए राजा क महासागर क नियंत्रक तइनात करब। उ नदियन पइ हुकुमत करी।
26 उ मोहसे कही, ‘तू मोर पिता अहा। तू मोर परमेस्सर। मोर चट्टान अउ मोर उद्धारकर्ता अहा।’
27 मइँ ओका आपन पहिलौटा पूत बनाउब। उ सबइ राजन पइ प्रमुख होइ।
28 मइँ सदा ओका आपन पिरेम दिखावत हउँ। मोर करार ओकरे संग दृढ़ता स स्थापित होइ।
29 मइँ इ बंस क अमर बनाउब। ओकर सासन हुआँ तब तलक टिका रही जब तलक कटनी क समई रही।
30 अगर ओकर संतानन मोर कानून अउर आदेस क पालन तजि दिहन ह, अउर अगर उ लोग मोरे उपदेसन क मानब तजि दिहन ह।
31 अगर मोर अभिसिक्त राजा क संतानन मोरे कानून क पालन नाहीं किहन अउर अगर मोरे आदेसन क न मानेन।
32 तउ मइँ ओकर बिद्रोह बरे ओका दण्ड देइ बरे अधर्म चिजियन क न होइ देब, अउर मइँ ओकरे आग्याभंग करइ बरे मनइयन क दण्ड क रूप मँ देब।
33 मुला मइँ ओन लोगन क परिवार स आपन पिरेम क नाहीं हटाउब। मइँ सदा ही ओनके बरे बिस्सासी रहब।
34 जउन करार मोर दाऊद क संग अहइ, मइँ ओका नाहीं तोड़ब। मइँ आपन वाचा क नाहीं बदलब।
35 मइँ आपन पवित्तरता प्रतिग्या लेब, अउर मइँ ओहे स आपन वाचा क नाहीं तोड़ब।
36 दाऊद क बंस हुवाँ सदा बना रही। जब तलक हुवाँ सूरज रही तब तलक ओकर सिंहासन भी रही।
37 उ सदा हुवाँ रहब। निहचय ही जब तलक आकासे मँ चन्द्रमा साच्छी रही तब तलक लगातार रही। (सेला)
38 मुला अब, तू ओकर अपमान किहा ह अउर ओका तजि दिहा ह। तू आपन अभिसिक्त राजा पइ कोहाइ गवा ह।
39 तू आपन सेवक क कीन्ह भवा करार क रद्द कइ दिहा। तू ओकरे मुकुट धूरि मँ लोकाइ दिहा।
40 तू राजा क नगर क देवारन बर्बाद कइ दिहा, तू ओकरे सब किला क तहस नहस कइ दिहा।
41 राजा क पड़ोसी ओह पइ हँसत अहइँ, अउर उ सबइ लोग जउन पास स गुजरत हीं, ओनकर चिजियन क चोराइ लइ जात हीं।
42 तू राजा क दुस्मनन क खुस किहा। तू ओकरे दुस्मनन क जुद्ध मँ जिताइ दिहा।
43 तू ओकरे तरवार क जुद्ध मँ असफल किहा। तू आपन राजा क जुद्ध जीतइ मँ मदद नाहीं किहा।
44 तू ओकरे खास स्थान क समाप्त कइ दिहा ह, अउर तू ओकर पवित्तर सिंहासन क तू धरति पइ पटक दिहा।
45 तू ओकरे जवानी क दिनन क घटा दिहा ह।
46 हे यहोवा, इ कब तलक रही? का सदा-सदा हमार मदद नाहीं करब्या? का तू सदा सदा बरे आपन किरोध आगी क नाईं धधकत भए रखब्या?
47 याद करा मोर जिन्नगी केॅतनी अल्पकालीन अहइ। तू ही हमका नान्ह जिन्नगी जिअइ अउर फुन मरि जाइ क रच्या ह।
48 अइसा कउनो मनई नाहीं जउर सदा जिई अउर कबहुँ नाहीं मरी। कब्र स कउनो मनई बच नाहीं पाई। (सेला)
49 हे सुआमी, उ पिरेम कहाँ अहइ जउन तू अतीत मँ देखाँए रह्या अउर तू आपन बिस्सास क दाऊद क वचन दिह्या।
50 हे सुआमी, कृया कइके याद करइ क जतन करा, कि लोगन तोहरे सेवक क कइसे अपमानित किहन।
51 मइँ आपन हिरदय मँ बहोत सारे रास्ट्रन क अपमान क सहन किहे हउँ। केकरे बारे मँ तोहार दुस्मन मज़ाक उड़ाएन, हे यहोवा? तोहरे चुने भए राजा क उ पचे अपमानित किहेन ह।
52 यहोवा, क हमेसा ही स्तुति होइ। आमीन आमीन!
Psalm 90
1 हे सुआमी, तू अनादि काल स हमार घर (सुरच्छा स्थल) रहा बाटइ।
2 हे परमेस्सर, तू पर्वतन क पइदा होइ स पहिले मौजूद रह्या। तू धरती अउर संसार क रचई स पहिले मौजूद रह्या। सुरू स अन्त तलक रह्या। तू सदा ही परमेस्सर रहब्या।
3 तू ही इ जगत मँ लोगन क लिआवत ह। फुन स तू ही ओनका धूरी मँ बदल देत ह।
4 तोहरे बरे हजार बरिस बीते भए काल्हि जइसेन या राति क एक ठ पहर बीत गवा बाटइ।
5 तू मोर जिन्नगी क सपना क झरना क आसीस दिहा। अउर हम पचे बहोत भिंसार ही चला जात अही।
6 जउन भिंसारे उगत ह अउर उ साँझ क सूखिके मुरझाइ जात ह।
7 हे परमेस्सर, जब तू कोहाइ जात ह हम पचे बर्बाद होइ जात अही। हम तोहरे कोप स घबरान अही।
8 तू हमरे सब पापन क जानत अहा। तू हमार हर छिपा भवा पाप क लखा करत अहा।
9 जब तू किरोधित होत ह, हमार सबइ दिनन लुप्त होइ जात हीं अउर हमार बरिसन फुसफुसाहट क नाईर् खतम होइ जात हीं।
10 हम पचे सत्तर बरिस तलक जिअत रहि सकित ह, अगर हम पचे सक्तीसाली अही तउ अस्सी बरिस जी सकी। हमार जिन्नगी कठिन परिस्रम अउ पीरा स भरी अहइ। एकाएक हमार जिन्नगी खतम होइ जात ह अउर हम पचे उड़िके चला जाइत ह।
11 तोहरे किरोध क सक्ती क अउर तोहार भय योग्य गुस्सा क कउन जानत ह।
12 तू हमका सिखाइ द्या कि हम पचे फुरइ इ जानी कि हमार जिन्नगी केतॅनी कम अहइ। ताकि हम पचे बुद्धिमान बनि सकी।
13 हे यहोवा, तू सदा हमरे लगे लउटि आवा। हम केतॅना दिन प्रतीच्छा करी? आपन सेवकन पइ दाया करा।
14 हर रोज भिंसारे हम पचन क आपन सच्चा पिरेम स भरि दया। ताकि हम लोग आपन जिन्नगी क हर एक दिन आनन्दित होइ खुसी मनाइ।
15 तू हम पचन क वइसा ही आनन्दित होइ द्या जइसा तू पहिले हमका पीरा दिहा रहा।
16 तोहरे दासन क ओन अद्भुत बातन क लखइ द्या जेनका तू ओनके बरे कइ सकत ह, अउ आपन सन्तानन क आपन महिमा देखाँवा।
17 परमेस्सर, हमार सुआमी, हम पचन पइ कृपालु ह्वा। हम लोगन क उ कार्य दिखावा जेका हम लोगन क करइ चाही अउर हम लोगन क कार्य क कामयाब बनावा।
Psalm 91
1 उ जउन कउनो सवोर्च्य परमेस्सर क सरण मँ रहत ह, तउ उ सर्वसक्तिमान परमेस्सर क सुरच्छा मँ रहत ह।
2 मइँ यहोवा स कहत हउँ, “तू मोर सुरच्छा स्थल अहा मोर गढ़। हे परमेस्सर, मइँ तोहरे भरोसे हउँ।”
3 यहोवा तोहका सबहिं छिपे भए खतरा स बचाइ। उ तोहका सब खउफनाक विपत्तियन स बचाइ।
4 तू परमेस्सर क सरण मँ संरच्छण पावइ बरे जाइ सकत ह। उ तोहार अइसे रच्छा करी जइसे एक ठु पंछी आपन पखना फइलाइके आपन बच्चन क रच्छा करत ह। परमेस्सर क बिस्सास एक बिसाल ढाल क नाईं अहइ जउन चारिहुँ कइँती स रच्छा करत ह।
5 राति मँ तोहका कउनो क भय नाहीं होइ, अउ दुस्मन क बाणन स तू दिन मँ डेराब्या नाहीं।
6 तोहका अँधियारे मँ आवइवालन रोगन अउ उ खउफनाक रोग स जउन दुपहर मँ आवत हीं डर नाहीं होइ।
7 तू हजार दुस्मनन क हराइ देब्या। तोहार खुद दाहिना हाथ दस हजार दुस्मनन क हराइ। अउर तोहार दुस्मन तोहका छुइ तलक नाहीं पइहीं।
8 जरा लखा, अउर तोहका देखाँइ देइ कि उ पचे कुटिल मनई सजा पाइ चुका अहइँ।
9 काहेकि तू यहोवा क भरोसे अहा। तू परम परमेस्सर क आपन सरणस्थल बनाया ह।
10 तोहरे संग कउनो भी बुरी बात नाहीं घटी। कउनो भी रोग तोहरे घर क नजदीक नाहीं आइ।
11 काहेकि परमेस्सर आपन सरगदूतन क तू जहाँ भी जाब्या हुआँ तोहार रच्छा करइ बरे नियुक्त करी।
12 ओकर सरगदूतन तोहका आपन हाथन पइ ऊपर उठइहीं, ताकि तोहार गोड़ चट्टान स न टकराइ।
13 तू कोबरा अउर नाग पइ बगैर कउनो नोस्कान क चलब्या; तू सेर अउर अजगर क कुचरब्या।
14 यहोवा कहत ह, “मइँ आपन सेवकन क रच्छा करब जउन मोहसे पिरेम करत ह। मइँ ओनॅ व्यक्ति क पालन-पोसन करब जउन मोर उपासना करत ह।”
15 उ सहारा पावइ बरे मोका गोहरइहीं, मइँ ओनकर जवाब देब। उ पचे जब कस्ट मँ होइहीं मइँ ओनके संग रहब। मइँ ओनकर बचाव करब अउर ओनका आदर देब।
16 मइँ आपन व्यक्तियन क एक लम्बी उमिर क आसीस देब। अउर मइँ ओका ओकर आपन बचान क सक्ति दिखाउब।
Psalm 92
1 यहोवा क महिमा क स्तुति करइ नीक अहइ। हे सवोर्च्च परमेस्सर, तोहरे नाउँ क गुणगान बरे नीक अहइ।
2 भोर मँ तोहरे पिरेम क गीत गाउब अउ राति मँ तोहरे बिस्सास क गीत गाउब नीक अहइ,
3 हे यहोवा तोहरे बरे दस तार वाद्य यंत्रन, सारंगियन अउ वीणन पइ संगीत बजाउब नीक बाटइ।
4 हे यहोवा, तू फुरइ हमका आपन कीन्ह कामन स आनन्दित करत ह। हम आनन्द स भरिके ओन गीतन क गाइत ह, जउन काम तू किहा ह।
5 हे यहोवा, तू महान कारज किहा ह। तोहार सोच-बिचार हमरे बरे समुझि पावइ आसान नाहीं अहइँ।
6 लोग मूरख गोरुअन क जइसे अहइँ। मूरख जइसे तोहार सोच-बिचार क नाहीं समुझ पाइत।
7 दुट्ठ जन घास क नाईर् पनपत हीं। उ पचन्क दुआरा कीन्ह भवा सबइ बेकार अबहीं फलत-पूलत हीं, किन्तु सदा-सदा बरे खतम होइ जइहीं।
8 मुला हे यहोवा, अनन्त काल तलक तोहार आदर रही।
9 हे यहोवा, तोहार दुस्मनन बर्बाद कइ दीन्ह जइहीं। उ सबहिं मनई जउन बुरा काम करत हीं, तितर-बितर कइ दीन्ह जइहीं।
10 मुला तू मोका जंगली बर्धा क नाईं मज़बूत बनाया ह। हम बरियार भेड़ा स बन जाब जेकर करेर् सींग होत हीं तू मोह पइ खास तेल उड़ेर्या ह जउन ठंडापन देत ह।
11 मइँ लखेउँ ह कि मोर दुस्मन मोका लखत हीं; मइँ सुनेउँ ह कि दुट्ठ लोग मोह पइ हमला करइ बरे तइयार बाटेन।
12 नीक मनइयन लबानोन क बड़वार देवदार बृच्छ क तरह अहइँ जउन यहोवा क मन्दिर मँ रोपा ग अहइँ।
13 नीक मनइयन बाढ़त भए ताड़ क बृच्छ क नाईर् अहइँ, जउन हमार परमेस्सर क मन्दिर क आँगन मँ फलदार होत अहइँ।
14 उ पचे जब तलक बुढ़वा होइहीं तब तलक उ पचे फल देत रइहीं। उ पचे हरे भरे मोटा बृच्छ जइसे होइहीं।
15 उ पचे हर कउनो क इ देखाँवइ बरे हुआँ अहइँ कि यहोवा बिस्सास योग्य अहइ। उ मोर चट्टान अहइ। ओहमाँ कछू बुराइ नाहीं बाटइ।
Psalm 93
1 यहोवा सासन करत ह! उ महिमा अउर सक्ति क पहिर लिहस ताकि धरती स्थिर रहइ अउर गिरे नाहीं।
2 हे परमेस्सर, तोहार साम्राज्य अनादि काल स टिका भवा अहइ। तू सदा जिअत अहा।
3 हे यहोवा, नदियन क गर्जन बहोत तीव्र बा। ओनकर लहरन क नस्ट करइया अहइ।
4 समुद्र क पछारा खात भइ लहरन गरजत हीं, अउर उ सबइ सक्तीसाली अहइँ। मुला ऊपर वाला यहोवा जियादा सक्तीसाली अहइ।
5 हे यहोवा, तोहार कानून बहोत स्थिर अहइ। तोहार पवित्तर मन्दिर लम्बी समई तलक खड़ा रही।
Psalm 94
1 यहोवा तू परमेस्सर अहा जउन कि निआव लिआवत ह। निआव क परमेस्सर आपन क परगट करा।
2 उठा, हे धरती क निआउकर्त्ता। तू घमण्डी लोगन क उचित सजा देत ह।
3 हे यहोवा, दुट्ठ जन कब तलक मजा मारत रइहीं? केतॅना देरी तलक?
4 उ सबइ दुट्ठ-जन कब तलक आपन बुरे कामन क बारे मँ डीगं हाँकत अउर सेखी बघारत रइहीं?
5 हे यहोवा, उ सबइ लोग तोहार लोगन क मुसीबत मँ डालेन ह। उ पचे तोहरे आपन लोगन क सतावा करत हीं।
6 उ पचे राँड़ अउरतन अउर ओन मेहमानन क जउन ओनके देस मँ ठहरा अहइँ, मारत हीं। उ पचे ओन अनाथ गदेलन क कतल करत हीं।
7 उ पचे कहत हीं, यहोवा ओनकर बुरा करम करत भए नाहीं लखि सकत। अउर कहत हीं, ‘इस्राएल क परमेस्सर ओन बातन क नाहीं समुझत जउन घटति अहइँ।’
8 ओ बुद्धिहीन लोग, तू कब आपन पाठ सिखब्या? अरे मूरख लोगो, जतन करा अउर समुझ्या।
9 परमेस्सर हमार कान बनाएस ह, तउ निहचय ही उ सुन सकिहीं। परमेस्सर हमार आँखिन बनाएस ह, तउ निहचय ही देख सकत हीं।
10 उ रास्ट्रन क सम्मान करत हीं, तउ निहचय ही उ तोहार निआव कइ सकत ह। उ ओन लोगन क ओन सबहिं बातन क सिच्छा देइ जउन ओनका करइ चाही।
11 तउ जउन बातन क लोग सोचत अहइँ यहोवा जानत अहइ। उ इ जानत अहइ कि ओकर जोजनन हवा क झोंका अहइँ।
12 तू लोग धन्न अहा जेका तू सम्मान देत ह, हे यहोवा। तू ओन लोगन क आपन कानून सिखावत ह।
13 तू ओनका ओकरे विपत्तियन मँ सांत होइके सहायक करत ह, जब तलक दुट्ठ लोग कब्र मँ नाहीं दफनाइ दीन्ह जइहीं।
14 यहोवा आपन लोगन क कबहुँ नाहीं तजी। उ बिना सहारे ओका रहइ नाहीं देइ।
15 निआउ लउटब अउर इमानदारी लिआइ। फुन लोग खरा बनिहीं।
16 मोका दुट्ठन क खिलाफ जुद्ध करइ मँ कउनो मनई सहारा नाहीं दिहस। कुकमिर्यन क खिलाफ जुद्ध करइ मँ कउनो मोर संग नाहीं दिहस।
17 यहोवा मोर सहायक नाहीं होत, तउ मोर जिन्नगी मउत क दुआरा सांत होइ जाइतेन।
18 जब मइँ गिरइ क रहेउँ, तोहार पिरेम मोका उठाएस, हे यहोवा।
19 जब मइँ बहोतइ चिंतित अउ बियाकुल रहेउँ, तोहार सुख मोका आनन्दित किहस।
20 हे परमेस्सर, तू कुटिल निआउ क मदद नाहीं करत्या, जउन परीसानी पइदा करइ बरे नेमन क घेर लेत ह।
21 उ पचे नीक लोगन पइ हमला करत ह अउर निदोर्ख व्यक्ति क कसूरवार कहत ह।
22 मुला यहोवा मोर सुरच्छा क ठउर बाटइ। परमेस्सर मोर चट्टान अउर मोर सरण क ठउर अहइ।
23 परमेस्सर ओनका ओकरे बुरा करमन बरे सजा देइ। उ ओका ओकरे पाप क कारण खतम कइ देइ। हमार परमेस्सर यहोवा ओनका नस्ट कइ देइ।
Psalm 95
1 आवा हम यहोवा क गुण गाई। आवा हम पचे उ चट्टान क जय जयकार करी जउन हमार रच्छा करत ह।
2 आवा हम यहोवा क धन्यवाद बरे गीत गाई। आवा हम ओकर बड़कई क गीत आनन्द क संग गाई।
3 काहेकि यहोवा महान परमेस्सर अहइ। उ महान राजा सबहिं दूसर “देवतन” पइ सासन करत ह।
4 गहिर सबइ गुफा अउ ऊँच पहाड़ यहोवा क अहइँ।
5 सागर ओकर बा, उ ओका बनाएस ह। परमेस्सर खुद आपन हाथन स झुरान धरती क बनाएस ह।
6 आवा, हम ओका पइलगी करी अउर ओकर उपासना करी। आवा हम परमेस्सर क गुण गाई जउन हमका बनाएस ह।
7 उ हमार परमेस्सर अउर हम पचन ओकर बगल मँ भ़ेड अही। कम स कम जदि तू आजु ओकर आवाज़ क पालन करब्या।
8 यहोवा कहत ह, “तू मोका सुनई स वइसा इनकार जिन करा जइसा मरीबा मँ तोहार पुरखन किहे रहेन, अउ वइसा जिन करा जइसा उ पचे मस्सा मँ रहइ क दिन मँ किहे रहेन।
9 तोहार पुरखन मोका परखे रहेन। उ पचे मोका परखेन, पर तब उ पचे लखेन कि मइँ का कइ सकत हउँ।
10 मइँ ओन लोगन क चालीस बरिस तलक सहन किहे रहेउँ। मइँ इ अच्छी तरह जानत रहेउँ कि उ पीढ़ी इमान्दार नाहीं अहइ। ओन लोगन मोर सिच्छा क नाही सीखेन।
11 तउ मइँ कोहाइ गएउँ अउर मइँ प्रण किहेउँ कि उ पचे मोर भुइँया मँ आइववाले समई मँ प्रवेस नाहीं कइ पइहीं।”
Psalm 96
1 यहोवा बरे एक ठु गीत गावा। हे समस्त ब्रहनाण्ड यहोवा बरे गीत गावा।
2 यहोवा बरे गावा। ओकरे नाउँ क धन्न कहा। हर दिन इ ओकरे उद्धार क बारे मँ सुसमाचार क सुनावा।
3 दूसर रास्ट्रन क बतावा कि यहोवा फुरइ अद्भुत बाटइ। सब कतहँू क लोगन मँ ओन अद्भुत बातन क जेनका उ करत ह बखान करा।
4 यहोवा महान बा अउर बड़कई क जोग बा। उ कउनो “देवतन” स जियादा स्रद्धालु बा।
5 दूसर रास्ट्रन क सबहिं “देवतन” सिरिफ मूतिर्यन अहइँ, मुला यहोवा अकासन क रचेस।
6 ओकरे समन्वा सुन्दर महिमा दमकत बा। परमेस्सर क पवित्तर मन्दिर सामरथ अउ सुरन्दरता अहइँ।
7 हे वंसो, अउर रास्ट्रो, यहोवा बरे महिमा अउर बड़कई क गीत गावा।
8 यहोवा क नाउँ क गुणगान करा। आपन भेंटन उठावा अउ मन्दिर मँ जा।
9 यहोवा क ओकर भव्य, मन्दिर मँ उपासना करा। अरे ओ धरती क मनइयो, यहोवा क उपासना करा।
10 रास्ट्रन क जानइ द्या कि यहोवा राजा अहइ। निहचय ही उ उहइ अहइ जउन जगत क स्थिर अउर अखण्ड बनाएस ह। यहोवा मनइयन पइ निआउ स सासन करी।
11 अरे अकास, खुस ह्वा। हे धरती, आनन्द मनावा। हे सागर, अउर ओहमाँ क सबइ चिजियन क आनन्द स ललकारा।
12 अरे ओ खेतो अउर ओहमाँ उगइवाली हर वस्तु आनन्द स भरपूर होइ जा। हे जंगल क बृच्छो गावा अउर आनन्द मनावा।
13 आनन्द स भरपूर होइ जा काहेकि यहोवा आवत अहइ। यहोवा जगत क सासन करइ आवत अहइ, उ खरेपन स निआउ करी।
Psalm 97
1 यहोवा सासन करत ह, धरती क खुस रहइ द्या; दूर क देसन क प्रसन्न होइ द्या।
2 यहोवा क करिया गहिर बादर घेरे भए अहइँ। नेकी अउ निआउ ओकरे राज्ज क मजबूत किहे अहइँ।
3 यहोवा क समन्वा आगी चला करत ह, अउर उ ओकरे आपन दुस्मनन क नास करत ह।
4 ओकर बिजुरी संसार क प्रकासित करत ह। लोग ओका लखत हीं अउर डेरान रहत हीं।
5 यहोवा क समन्वा पहाड़ अइसे पिघल जात हीं, जइसे मोम पिघल जात ह। उ समूचइ धरती क सुआमी अहइ।
6 अकास ओकरी नेकी क बखान करत हीं। हर कउनो परमेस्सर क महिमा लखि लेइ।
7 सबइ लोग जउन मूरतियन क पूजा करत हीं अउर ओकरे बियर्थ बातन बरे डींग हाँकत हीं, लजाइ जाइहीं। सबइ देवतन ओकरे समन्वा निहुरिहीं।
8 हे सिय्योन, सुना अउ खुस ह्वा। हे यहूदा क सहरन, खुस ह्वा, तोहार निआउ क कारण, हे यहोवा।
9 हे सवोर्च्च यहोवा, फुरइ तू ही धरती पइ सासन करत ह। तू दूसर “देवतन” स जियादा उत्तिम अहा।
10 जउन लोग यहोवा स पिरेम रखत हीं, उ पचे पाप स घिना करत हीं। एह बरे उ आपन लोगन क रच्छा करत ह। उ ओन लोगन क दुट्ठ लोगन स बचावत ह जउन ओकरे बिस्सासी अहइँ।
11 धर्मी लोगन पइ जोति छितराएस ह अउ इमानदार-जन बरे आनन्द फइलाएस ह।
12 हे धर्मी लोगो, परमेस्सर मँ खुस रहा। ओकरे पवित्तर नाउँ क धन्यवाद द्््या।
Psalm 98
1 यहोवा बरे एक नवा गीत गावा, काहेकि उ नई अउ अद्भुत बातन क किहस ह। ओकर पवित्तर दाहिन भुजा ओकरे बरे फुन बिजय बनाई।
2 यहोवा रास्ट्रन क समन्वा आपन रच्छा क सक्ती क परगट किहेस ह। उ ओनका आपन बिजय देखाँएस ह।
3 उ इस्राएल पइ आपन पिरेम अउर बिस्सास क स्मरण किहेस ह। दूर रास्ट्रन क लोग हमरे परमेस्सर क रच्छासक्ती निहारेन।
4 हे धरती क हर मनई, चिचियाइके स्तुति कइके यहोवा क सुआगत करा। फूट पड़ा! चिचियावा! गावा!
5 वीणन क संग यहोवा बरे गावा। मधुर स्वर स वीणा बजाइके, ओकर महिमा क स्तुति करा।
6 वीणाओ, यहोवा क गुण गावा। हे बिगुल के मधुर संगीत ओकर गुण गावा, ओकर महिमा क स्तुति करा।
7 बाँसुरी बजावा अउर नरसिंगन क फूँका। आनन्द स यहोवा, हमरे राजा क जय जयकार करा।
8 हे सागर अउ धरती, अउ ओनमाँ क सबइ चिजियन ऊँच सुर मँ गावा।
9 इ यहोवा क समन्वा होइ, काहेकि उ संसार क निआव करइ बरे जात ह। उ संसार क धामिर्कता स अउर ओकरे लोगन क इमानदारी स निआव करी।तू यहोवा क समन्वा गावा, काहेकि उ जगत क सासन करइ जात अहइ, उ जगत क निआउ नेकी अउ सच्चाई स करी।
10
Psalm 99
1 यहोवा सासन करत ह। तउ हे रास्ट्रन, भय स काँप उठा। उ करूब दूतन ऊँपर आपन सिंहासन पइ विराजमान अहा। तउ हे संसार भय स काँपि उठा।
2 यहोवा सिय्योन मँ महान अहइ। सारे रास्ट्रन क उहइ राजा अहइ।
3 सबहिं लोगन क तोहरे महान अउर भय योग्य नाउँ क गुण गावइ द्या। परमेस्सर पवित्तर बा।
4 सक्तीसाली राजा क निआउ भावत ह। तू ही अहा जउन नेकी क स्थापना किहा ह। तू ही अहा जउन इस्राएल बरे निआव अउर खरापन क स्थापना किहा ह।
5 यहोवा हमरे परमेस्सर क गुणगान करा। अउर ओकरे चउकीचरण निहुरिके दण्डवत करा। उ पवित्तर अहइ।
6 मूसा अउ हारून यहोवा क याजकन रहेन। समूएल ओन मँ स एक रहा जउन ओकरे नाउँ लेइवाला रहा। उ सबइ ओकर पराथना किहेन। अउर उ ओनका जवाब दिहस।
7 उ बादर क खम्भा मँ स बातन किहेस। उ पचे ओकरे आदेसन क मानेन। परमेस्सर ओनका कानूनन क हुकुमन दिहेस।
8 हे यहोवा हमार परमेस्सर, तू ओनकर पराथना क जवाब दिहा। तू ओनका इ देखाया कि छमा करइवाला परमेस्सर अहा, अउर तू लोगन क ओनकर बुरा कर्मन बरे सजा देत अहा।
9 हमार परमेस्सर यहोवा बरे एक ठु गीत गावा। ओकरे पवित्तर पहाड़े कइँती निहुरिके ओकर उपासना करा। फुरइ यहोवा हमार परमेस्सर पवित्तर अहइ।
Psalm 100
1 हे धरती, तू यहोवा बरे गावा।
2 आनन्द स रहा जब तू यहोवा क सेवा करा। खुसी क गीतन क संग यहोवा क समन्वा आवा।
3 तू जान ल्या कि यहोवा ही परमेस्सर अहइ। उ हमका बनएस ह अउ हम ओकर भगत अही। हम ओकर भेड़ अही।
4 धन्यवाद क गीत संग लिए यहोवा क नगर मँ आवा, गुणगान क गीत संग लिए यहोवा क मन्दिर मँ आवा। ओकर आदर करा अउर ओकर नाउँ क धन्य करा।
5 यहोवा उत्तिम अहइ। ओकर पिरेम सदा सदा ही अहइ। हम ओह पइ सदा सर्वदा बरे भरोसा कइ सकित ह।
Psalm 101
1 मइँ पिरेम अउ खरेपन क गीत गाउब। यहोवा मइँ तोहरे बरे गाउब।
2 मइँ पूरी सावधानी स सुद्ध जिन्नगी बिताउब। मइँ आपन घर मँ सुद्ध जिन्नगी जिअब। हे यहोवा तू मोरे लगे कब अउब्या?
3 मइँ कउनो भी बियर्र्थ मूरति समन्वा नाहीं राखब। जब लोग तोहार खिलाफ विद्रोह करत हीं तउ मइँ इ स घिना करत हउँ। मइँ कबहुँ भी एकर हिस्सा नाहीं बनब।
4 मइँ इमानदार रहब। मइँ बुरा काम स कबहुँ सम्बंध नाहीं राखब।
5 अगर कउनो मनई छिप छिपके आपन पड़ोसी बरे चुगली कहइ, मइँ ओनका रोकब। मइँ डींग हाँकइवाला अउर महत्त्वाकांच्छी व्यक्तियन क सहन नाहीं करब।
6 मइँ आपन संग काम करई बरे बिस्सासी लोगन क दूढ़ता हउँ। सिरिफ ओन लोग मोर सेवक होइ सकत हीं जउन इमानदारी स जिन्नगी जिअत हीं।
7 मइँ आपन घरे मँ अइसे लोगन क रहइ नाहीं देब जउन झूठ बोलत हीं। मइँ झूठ लोगन क आपन लगे भी फटकइ नाहीं देब।
8 मइँ ओन दुट्ठन क सदा ही नस्ट करब, जउन इ देस मँ रहत हीं। मइँ ओन दुट्ठ लोगन क मजबूर करब, कि उ पचे यहोवा क नगर क तजि देइँ।
Psalm 102
1 हे यहोवा, मोर पराथना क सुना। मोर पराथना क तोहे तलक आवइ द्या।
2 जब मइँ विपत्ति मँ रहेउँ मोका नज़र अंदाज़ जिन करा। जब मइँ तोहार पराथना करेउँ तउ तू मोर सुना मोर पराथना क हाली जवाब द्या।
3 मोर जिन्नगी वइसे बीती रही जइसे उड़त भवा धुआँ। मोर सक्ति अइसे अहइ जइसे धीरे धीरे बुझत आग।
4 मोर सकती छीन होइ चुकी अहइ। मइँ वइसा ही अहउँ जइसा झुरान मुरझान घास। आपन सबइ वेदना मँ मोका भूख नाहीं लागत।
5 दुःख क कारण, मइँ सिरिफ चमड़ा अउर हड्डियन होइ गवा अहउँ।
6 मइँ अकेला अहउँ जइसे कउनो एकान्त निर्जन जगह मँ उल्लू रहत होइ। मइँ अकेला अहउँ जइसे कउनो पुरान खण्डहर मँ उल्लू रहत होइ।
7 मइँ जाग कइ पूरी रात पहरा करत हउँ। मइँ उ अकेले पंछी जइसा होइ गवा हउँ, जउन छते पइ बइठा भवा होइ।
8 मोर सत्रु सदा मोका बेइज्जत करत हीं, अउर लोग मोर नाम लइके मोर हँसी उड़ावत हीं।
9 दुःख मोर खइया होइ गवा अहइ। आँसू नीचे लुढ़किके मोर पिअइया बन जात ह।
10 काहेकि यहोवा तू मोसे रूठ गवा अहा। तू ही मोका ऊपर उठाए रह्या, अउर तू ही मोका बहाइ दिहा।
11 मोर जिन्नगी क लगभग अंत होइ चुका अहइ। वइसे ही जइसे साँझ क लम्बी छाया हेराइ जात हीं। मइँ वइसा ही अहउँ जइसे झुरान अउ मुरझान घास।
12 मुला हे यहोवा, तू तउ सदा ही अमर रहब्या। तोहार नाउँ सदा अउ सदा ही बना रही।
13 तोहार उत्थान होइ अउ तू सिय्योन क चइन देब्या। उ समइ आवत अहइ, जब तू सिय्योन पइ कृपालु होब्या।
14 तोहार सेवकन सिय्योन क पाथरन स पिरेम करत हीं। उ पचे ओकरे धूरि स भी पिरेम करत हीं।
15 रास्ट्रन यहोवा क नाउँ क आराधना करिहीं। हे यहोवा, धरती क सबहिं राजा तोहार आदर करिहीं।
16 जब यहोवा फुन स सिय्योन क बनाई। तउ उ आपन पूरी महिमा मँ परगट होइ।
17 जउन लोगन जिअत अहइ, उ ओनकर पराथना सुनीहीं। उ ओनकर पराथनन क नज़र अंदाज़ नाहीं करी।
18 ओन बातन क लिखा ताकि भविस्स क पीढ़ी पढ़इ। ताकि जउन लोग अवइ वाला समइ मँ पइदा होइहीं यहोवा क स्तुति करिहीं।
19 यहोवा आपन ऊँच पवित्तर ठउर स खाले निहारी यहोवा सरण स खाले धरती पइ निहारी।
20 उ कैदी लोगन क पराथना सुनी। उ ओन मनइयन क मुक्त करी जेनका राजा स मउत दीन्ह गइ रही।
21 फुन सिय्योन मँ लोग यहोवा क बखान करिहीं। यरूसलेम मँ लोग यहोवा क गुण गइहीं।
22 अइसा तब होइ जब यहोवा लोगन क फिन बटोरी, अइसा तब होइ जब राज्ज यहोवा क सेवा करिहीं।
23 मोर सक्ती मोका बिसराइ दिहस ह। यहोवा मोर जिन्नगी घटाइ दिहस ह।
24 एह बरे मइँ कहेउँ, “मोर प्राण छोटी उमर मँ जिन ल्या। हे परमेस्सर, तू सदा अउ सर्वदा अमर रहब्या!
25 पुराने जमाने मँ तू संसार रच्या ह। तू खुद अपने हाथन स आकास रच्या।
26 इ जगत अउ आकास नस्ट होइ जइहीं, मुला तू ही सदा जिअत रहब्या। उ सबइ ओढ़नन क नाईर् फट जइहीं। ओढ़नन क नाईर् ही तू ओनका बदलब्या। उ पचे सबहिं बदल दीन्ह जइहीं।
27 हे परमेस्सर, मुला तू कबहुँ नाहीं बदलत्या; तू सदा बरे अमर रहब्या।
28 आज हम तोहार दास अही। हमार संतान भविस्स मँ हिअँइ रइहीं अउर ओनकर संतानन हिअँइ तोहार उपासना करिहीं।”
Psalm 103
1 हे मोर आतिमा, यहोवा क स्तुति करा। हे मोर अंग-प्रत्यंग ओकरे पवित्तर नाउँ क बड़कई करा।
2 हे मोर आतिमा, यहोवा क स्तुुति करा अउर ओकरे सबइ कृपालु कामन क जिन बिसरा।
3 उ तोहार पापन क छमा करत ह। उ तोहार सबइ बेरामियन स तोहका चंगा करत ह।
4 उ तोहार प्राण क कब्र स बचावत ह, अउर उ तोहका पिरेम अउ करुणा स सज़वत ह।
5 परमेस्सर हमका भरपूर उत्तिम वस्तुअन देत ह। उ हमका फुन उकाब क नाईर् जवान करत ह।
6 यहोवा खरा कामन करत ह। परमेस्सर ओन लोगन क निआउ देत ह, जउने पइ दूसर लोग अत्याचार किहन ह।
7 उ मूसा क आपन मारग सिखाएस। उ इस्राएलियन क आपन कार्यन बताएस।
8 यहोवा करुणा स भरा अउर दयालु अहइ। परमेस्सर सहनसील अउ पिरेम स भरा अहइ।
9 यहोवा सदा ही आलोचना नाहीं करत। अउर ठीक इहइ तहर उ सदा हम पइ कोहान नाहीं रहत ह।
10 उ हम लोगन क संग हमार कीन्ह गवा पाप क अनुसार बेउहार नाहीं करत ह, अउर उ हमका वइसा सजा नाहीं देत जेका हम हकदार अहइँ।
11 आपन बिस्सासी पइ परमेस्सर क पिरेम वइसे महान अहइ जइसे धरती पइ अहइ ऊँचा उठा भवा अकास।
12 उ हमरे पापन क हम से ऍतना ही दूर हटाएस जेतना पूरब क दूरी पच्छिम स अहइ।
13 उ ओहे पइ जउन ओहसे डेरात ह वइसे ही दयालु अहइ, जइसे बाप आपन गदेलन पइ दाया करत ह।
14 परमेस्सर हमार सब कछू जानत ह। परमेस्सर जानत ह कि हम माटी स बना अही।
15 परमेस्सर जानत ह कि मानव जिन्नगी नान्ह स अहइ। उ जानत ह हमार जिन्नगी घास जइसी अहइ। परमेस्सर जानत ह कि हम लोगन क जिन्नगी बनफूल जइसा अल्प अहइ।
16 उ फूल जल्दी ही उगत ह। फिन गरम हवा चलत ह अउर उ फूल मुरझात ह। अउर फुन हाली ही तू लख नाहीं पउत्या कि उ फूल कइसे ठउर पइ उगत बाटइ।
17 मुला यहोवा क पिरेम सदा बना रहत ह। परमेस्सर सदा सदा ही आपन भगतन स पिरेम करत ह। परमेस्सर क दया ओकरे गदेलन स गदेलन तलक बनी रहत ह।
18 उ अइसन पइ दयालु अहइ, जउन ओकरी करार पइ चलत हीं। उ अइसन पइ दयालु अहइ जउन ओकरे आदेसन क पालन करत हीं।
19 परमेस्सर क सिंहासन सरगे मँ बना अहइ। हर चीज पइ ओकर हुकूमत अहइ।
20 हे सरगदूतो, यहोवा क स्तुति करा। हे सक्तीसाली सरगदूतन जउन ओकरे वचन क सुनत ह अउर ओकर पालन करत, ओकर गुण गवा।
21 हे सबइ ओकर दुस्मनो, यहोवा क स्तुति करा। तू जउन ओकर सेवा करत ह अउर उहइ करत ह जउन उ चाहत ह, ओकर गुण गवा।
22 हे समूचइ जगत, यहोवा क स्तुति करा जउन हर जगह पइ सासन करत ह। हे मोर आतिमा, यहोवा क बड़कई करा
Psalm 104
1 हे मोर आतिमा, यहोवा क स्तुति करा। हे यहोवा, हे मोरे परमेस्सर, तू अति महान अहा। तू महिमा अउ आदर क ओढ़ना पहिरे अहा।
2 जइसे कउनो मनई चोगा पहिरत ही वइसा ही उ प्रकास क पहिरत हीं। पर्दा क नाईं उ आकासे क फइलावत ह।
3 उ ओनके ऊपर आपन निवास स्थान बनाएस। उ गहिर बादर क प्रयोग आपन रथ बनावइ मँ करत ह। उ पवन क पखना पइ चढ़िके अकास पार करत ह।
4 उ निज सरगदूतन क पवन क नाईं बनावत ह। उ निज सेवक क पवन क नाईर् बनाएस।
5 इ उहइ अहइ जउन धरती क ओकरी नेंव पइ निर्माण किहस। इ कबहुँ न गिरी।
6 उ जल क चादर स धरती क ढकेस। जल पहाड़न क ढाँकि लिहस।
7 तू आदेस दिहा अउर जल दूरि हट गवा। तू जल पइ गरज्या, अउर जल दूर भागा।
8 पहाड़न स खाले घाटियन मँ ओन सबइ ठउरन पइ जेका तू ओकरे बरे तइयार किहे रहा या जल बहा।
9 तू समुद्दर क चउहद्दी बाँध दिहा अउर फुन जल कबहुँ धरती क ढाँकइ नाहीं जाई।
10 उ पानी क पठवत ह जउन कि झरनन स पहाड़ियन क बीच मँ घाटियन मँ बहत ह।
11 सबहिं जंगली पसुअन क सबइ धारा पानी देत हीं, जेनमाँ जंगली गदहा तलक आइके पिआस बुझावत हीं।
12 जंगल क परिन्दा तलाबन क किनारे रहइ बरे आवत हीं। अउ निचके ठाड़ भए बृच्छन क डालियन पइ गावत हीं
13 तू पहाड़न क ऊपर बर्खा पठया ह अउर ओन चिजियन ओनका दिहा जेका तू बनाया जउन ओनका चाही।
14 परमेस्सर, पसुअन क खाइ बरे घास उपजाया, हम स्रम करित ह अउर उ हमका पैाधा देत ह। इ सबइ पौधन उ भोजन अहइँ जेका हम धरती स पाइत ह।
15 परमेस्सर, हमका दाखरस देत ह, जउन हमका खुस करत ह। हमार चाम नरम रखइ क तू हमका तेल देत ह। हमका पुट्ठ करइ क उ हमका खइया क देत ह।
16 परमेस्सर लबानोन क जउन देवदारू क विसाल बृच्छ लगाएस ह। ओन विसाल बृच्छ खातिर ओनकर बढ़वार बरे बहोत पानी रहत ह।
17 पंछी ओन बृच्छन पइ आपन घोंसला बनावत हीं। देवदार क बृच्छन पइ सारस क बसेरा अहइ।
18 बनैले पहाड़ी बोकरन क घर ऊँच पहाड़ मँ बना अहइँ। बीछियन खुद क बड़की चट्टान क आड़ मँ छुपावत अहइँ।
19 तू मौसम क पता लगावइ बरे चाँद क रच्या ह। सूरज सदा जानत ह कि ओका कहाँ बूढ़ब अहइ।
20 तू अँधियारा बनाया जेहसे रात होइ ताकि जंगल क बनैला पसु एहर-ओहर घूमि सकिहीं।
21 उ पचे झपटत सेर जब दहाड़त हीं तब अइसा लगत ह जइसे उ पचे यहोवा क पुकारत होइँ, जेका माँगइ स उ ओनका अहार देत।
22 अउर पउ फाटइ पइ जीवजन्तु वापिस घरन क लउटत अउ आराम करत हीं।
23 फिन लोग आपन काम करइ क बाहेर निकरत हीं। साँझ तलक उ पचे काम मँ लगा रहत हीं।
24 हे यहोवा, तू अचरज भरा बहुतेरा काम किहा। धरती तोहरी वस्तुअन स भरी पड़ी अहइ। तू जउन कछू करत अहा, ओहमा आपन विवेक देखाँत ह।
25 इ समुद्दर क लखा, इ केतॅना विसाल अहइ! हुआँ बहुतेरी जीव-जन्तु अहइ जेका गना नाहीं जाइ सकिहीं। ओहमाँ कछू बिसाल अहइँ अउर कछू नान्ह।
26 समुद्दर क ऊपर जलपोत तैरत हीं, अउर लिब्याथानजेका तू बनाएस ह समुद्दर मँ खेल-खेलत ह।
27 यहोवा, इ सब कछू तोहरे आसरे पइ अहइ। हे परमेस्सर, ओन सबहीं जीवन क खाना तू ठीक समइ पइ देत अहा।
28 हे परमेस्सर, तू ही अहा जउन सबइ जीव-जन्तुअन क खाना जेका उ पचे खात हीं, उपलब्ध करावत अहा।
29 फुन जब तू ओनसे मुँह मोड़ लेत अहा तब उ पचे डेराइ जात हीं। ओनकर साँस रुकि जात हीं। उ पचे दुर्बल होइ जात हीं अउर मर जात हीं। अउर ओनकर देह फुन धूरि मँ बदलि जात हीं।
30 जब तू आपन आतिमा भेज्या ह, उ ओहसे जीवित होइ जात ह अउर अउर धरती पइ जिन्नगी क संग फुन नवा कइ दीन्ह जात ह।
31 यहोवा क महिमा सदा-सदा बनी रहइ। यहोवा आपन रचना स सदा आनन्द मँ रहइ।
32 यहोवा क दृस्टि स इ धरती काँप उठी। पहाड़न स धुआँ उठइ लग जाइ।
33 मइँ जिन्नगी भइ यहोवा बरे गाउब। मइँ जब तलक जिअत हउँ यहोवा क गुण गावत रहब।
34 मोर सोच-विचार ओका खुस करी। मइँ यहोवा क संग खुस अहउँ।
35 धरती स पाप क लोप होइ जाइ। दुट्ठ लोग सदा बरे मिटि जाइँ। हे मोर आतिमा, यहोवा क स्तुति करा।
Psalm 105
1 यहोवा क धन्यवाद करा। ओकरे नाउँ क पुकारा। रास्ट्रन क ओकरे अदूभुत कारजन क बारे मँ बतावा।
2 यहोवा बरे तू गावा। तू ओकर बड़कई क गीत गावा। ओन सबहिं अचरज स भरी बातन कर् वर्णन करा जेनका उ करत ह।
3 यहोवा क पवित्तर नाउँ पइ गर्व करा। ओ सबहिं लोगो जउन यहोवा क उपासक अहा, तू पचे खुस होइ जा।
4 सामरथ पावइ क तू यहोवा क लगे जा। सहारा पावइ क तू ओकरे लगे जा।
5 ओन अद्भुत बातन क सुमिरा जेनका यहोवा करत ह। ओकरे अचरज कर्म अउर ओकर विवेक स भरा फइसला क याद राखा।
6 तू परमेस्सर क सेवक इब्रार्हाम क संतान अहा। तू याकूब क संतान अहा, उ मनई जेका परमेस्सर चुने रहा।
7 यहोवा ही हमार परमेस्सर अहइ। सारे संसार पइ यहोवा क सासन अहइ।
8 उ आपन करार क सदा याद रखत ह। उ आपन आदेसन क हजार पीढ़ियन तलक याद रखत ह।
9 इब्राहीम क संग परमेस्सर करार बाँधे रहा। परमेस्सर इसहाक क वचन दिहे रहा।
10 उ याकूब क आपन करार क कानून क रूप मँ दिहे रहा। परमेस्सर इस्राएल क संग करार किहस। इ सदा सदा ही बना रही।
11 परमेस्सर कहे रहा, ‘मइँ कनान क भुइँया क तोहका आपन सम्पत्ति क रूप देब।’
12 जब इब्राहीम क परिवार छोटा रहा, अउर उ पचे हुवाँ महज़ ही बिदेसी रहेन।
13 उ पचे एक रास्ट्र स दूसर रास्ट्र मँ, एक राज्ज स दूसर राज्ज मँ घूमत रहेन।
14 मुला परमेस्सर उ घराने क दूसर लोगन स नस्कान नाहीं पहोंचइ दिहस। परमेस्सर राजा लोगन क सावधान किहस कि उ पचे ओका हानि न पहोंचावइ।
15 उ ओनका चेताउनी दिहे रहेन, “मोर अभिसिक्त भवा कतू नस्कान जिन पहोंचावा। तू मोर कउनो नबियन क बुरा जिन करा।”
16 परमेस्सर उ देस मँ अकाल पठएस। अउर लोगन क लगे खाइ क खूब भोजन नाहीं रहा।
17 मुला यहोवा एक मनई क ओनके लगे जेकर नाउँ यूसुफ रहा, ओनका अगवा मिस्र तलक पठएस। यूसुफ क एक ठु दास क नाईर् बेचा ग रहा।
18 उ पचे यूसुफ क गोड़ मँ जंज़ीर डालेन, अउर उ ओका विनम्र बनाएस। उ पचे ओकरी गटइ मँ एक लोहे क कड़ा डाइ दिहन।
19 यूसुफ क कैद मँ रखा गवा रहा जब तलक उ पचे बातन जउन उ कहे रहा फुरइ घटि नाहीं गइन। यहोवा सुसन्देस स प्रमाणित कइ दिहस कि यूसुफ नीक रहा।
20 मिस्र क राजा, आग्या दिहन कि यूसुफ क बंधनन स अजाद कइ दीन्ह जाइ। उ रास्ट्र क एक नेता ओका कैद स आजाद कइ दिहस।
21 यूसुफ क आपन घर बार क अधिकारी बनाइ दिहन। यूसुफ राज्ज मँ हर बात क धियान रखइ लाग।
22 यूसुफ आपन राजकुमार क वइसा ही निदेर्स देत रहा जइसा उ चाहेन। यूसुफ राजा क सलाहकारन क सिच्छा दिहे रहा।
23 जब इस्राएल मिस्र गवा, याकूब हाम क देसमँ रहइ लाग।
24 याकूब क सन्तानन बहोत स होइ गएन। उ पचे मिस्र क लोगन स जियादा बलवान बन गएन।
25 एह बरे मिस्री लोग याकूब क घराना स घिना करइ लागेन। मिस्र क लोग आपन दासन क खिलाफ कुचक्र रचइ लागेन।
26 एह बरे यहोवा निज सेवक मूसा अउर हारून जेका उ चुने रहा, पठएस।
27 उ हाम क भुइँया मँ अचरज अउ अद्भुत करम किहेस।
28 परमेस्सर गहिरा अँधियारा पठए रहा, मुला मिस्रियन ओकर नाहीं सुनेन।
29 तउ फुन परमेस्सर पानी क खून मँ बदल दिहस, अउर ओनकर सबइ मछरियन मरि गइन।
30 बाद मँ, मिस्री लोगन क भुइँया मेघन स भरि गवा। हिआँ तलक कि मेघन राजा क सयन कच्छ तलक भरि गएन।
31 यहोवा आदेस दिहा, अउर माखियन अउ पिस्सू आएन अउर उ सबइ हर कतहूँ फइल गएन।
32 परमेस्सर बर्खा क ओलन मँ बदलि दिहस। मिस्रियन क देस मँ हर कतहँू आगी अउ बिजरी गिरइ लाग।
33 परमेस्सर मिस्रियन क अंगूरे क ब्गिया अउ अंजीर क बृच्छ बर्बाद कइ दिहस। परमेस्सर ओनकर देस क हर बृच्छ क तहस नहस कइ दिहस।
34 परमेस्सर हुकुम दिहस अउर टिड्डी दल आइ गएन। टिड्डी आइ गइन अउर ओनकर गनती अनगिनत रहीं।
35 टिड्डी दल अउ टिड्डीयन उ देस क सबहिं पैाधन चट कइ गएन। उ सबइ धरती पइ जउन भी फसलन ठाड़ रहिन, सबहिं क खाइ डाएन।
36 फिन परमेस्सर मिस्रियन क पहिलउटी सन्तान क मार डाएस। परमेस्सर ओनकर सब स बड़कन पूतन क मारेस।
37 बाद मँ परमेस्सर निज सेवकन क मिस्र स बाहेर निकारेस। उ पचे आपन संग सोना अउ चाँदी लइ आएन। परमेस्सर क कउनो भी सेवक नाहीं लड़खड़ान।
38 ओन लोगन क जात भए लखिके मिस्र आनन्द मँ रहा, काहेकि उ पचे ओनसे डेराइ ग रहेन।
39 परमेस्सर ओनके ऊपर कमरी जइसा एक बादर फइलाएस। उ राति मँ उजियारा देइ क बरे आगी क खम्भा क काम मँ लिआएस।
40 लोग खाइ क माँग किहन अउ परमेस्सर ओनके खातिर बटेरन क लइ आवा। परमेस्सर अकास स ओनका भरपूर खइया क दिहस।
41 परमेस्सर चट्टान क फाड़ेस अउर जल उछरत भवा बाहेर फूटि पड़ा। उ रेगिस्ताने क बीच एक ठु नदी बहइ लाग।
42 उ आपन पवित्तर वचन सुमिरेस जउन उ आपन दास इब्राहीम क संग किहे रहा।
43 परमेस्सर आपन खास क मिस्र स बाहेर निकारि लिआवा। लोग खुसी क गीत गावत भए अउर खुसियन मनावत भए बाहेर आइ गएन।
44 फिन परमेस्सर निज भगतन क उ देस दिहस जहाँ अउर लोग रहत रहेन। परमेस्सर क भगतन उ सबइ चिजियन क पाइ लिहन जेनके बरे अउर लोग मेहनत किहे रहेन।
45 परमेस्सर अइसा एह बरे किहस ताकि लोग ओकर व्यवस्था मानइँ। परमेस्सर अइसा एह बरे किहस ताकि उ पचे ओकरी सिच्छा पइ चलइँ। यहोवा क गुण गावा।
Psalm 106
1 यहोवा क बड़कई करा। यहोवा क धन्यवाद करा काहेकि उ उत्तिम अहइ। परमेस्सर क पिरेम सदा ही रहत ह।
2 फुरइ यहोवा केतॅना महान अहइ, एकर बखान कउनो मनई कइ नाहीं सकत। परमेस्सर क पूरी बड़कई कउनो नाहीं कइ सकत।
3 जउन लोग परमेस्सर क आदेस क पालन करत हीं, उ पचे धन्न अहइ। उ पचे हमेसा उत्तिम करम करत हीं।
4 यहोवा, जब तू आपन भगतन पइ कृपा करा मोका याद करा। मोर भी उद्धार करइ बरे याद करा।
5 यहोवा, मोका भी ओन भली बातन मँ हींसा बटावइ द्या जेनका तू आपन लोगन बरे करत अहा। तू आपन रास्ट्रन क संग मोका भी खुस होइ द्या। तोह पइ तोहार लोगन क संग मोका भी गर्व करइ द्या।
6 हम पचे वइसेन ही पाप किहेन ह जइसे हमार पुरखन किहेन ह। हम गलत किहेन। हम बुरा काम किहे अही।
7 हे यहोवा, मिस्र मँ हमार पुरखन तोहार अचरज कर्मन स कछू भी नाहीं सीखेन। उ पचे तोहरे पिरेम क अउर तोहार करुणा क याद नाहीं रखेन। हमार पुरखन हुआँ लाल सागर क किनारे तोहरे खिलाफ भएन।
8 मुला परमेस्सर निज नाउँ क कारण ओनका बचाए रहा। उ आपन सक्ती क परगट किहेस।
9 परमेस्सर हुकुम दिहस अउर लाल सागर झुरान होइ गवा। उ ओनका उ गहिर समुद्दर स अइसा निकारि चला जइसे कउनो रेगिस्तान होइ।
10 परमेस्सर हमरे पुरखन क ओनकर दुस्मनन स बचाएस। उ ओनका आपन दुस्मनन स आजाद किहस।
11 अउर फिन ओनकर दुस्मनन क उहइ सागर क बीच ढँापिके बोर दिहस। ओनकर एक दुस्मन बचिके निकर नाहीं पाएस।
12 तब हमार पुरखन परमेस्सर क वचन पइ बिस्सास किहन। उ पचे ओकर गुण गाएन।
13 मुला हमार पुरखन ओन बातन क हाली बिसरि गएन जउन परमेस्सर किहे रहा। उ पचे परमेस्सर क सम्मति पइ कान नाहीं दिहन।
14 उ पचे दूसर चिजियन क कामना किहेन। रेगिस्तान मँ उ पचे परमेस्सर क परखेन।
15 मुला हमार पुरखन जउन कछू भी माँगेन परमेस्सर ओनका दिहस मुला परमेस्सर ओनका एक महामारी भी दइ दिहस।
16 लोग मूसा स डाह रखइ लागेन अउर हारून स उ पचे डाह रखइ लागेन जउन यहोवा क पवित्तर याजक रहा।
17 एह बरे धरती फट गई अउ दातान क निगल गवा। अउर उ अबिराम क समूह क निगल लिहस।
18 फिन आगी ओन दुट्ठ लोगन क बारि दिहस।
19 ओ लोग होरब क पहाड़े पइ एक ठु सोना क बछवा बनाएन। उ पचे उ मूरति क पूजा करइ लागेन।
20 उ पचे आपन महिमावान परमेस्सर क एक घास खाइवाला बछवा क प्रतिमा स बदल डालेन।
21 हमार पुरखन परमेस्सर क बिसरि गएन जउन ओनका मुक्ति दियाए रहा। उ पचे परमेस्सर क बिसरि गएन जउन मिस्र मँ अचरज भरा करम किहे रहा।
22 परमेस्सर हाम क देस मँ अचरज भरा करम किहे रहा। परमेस्सर लाल सागर क लगे भय विस्मय भरा काम किहे रहा।
23 परमेस्सर ओन लोगन क नस्ट करइ चाहत रहा। मुला परमेस्सर क चुना भवा सेवक मूसा, परमेस्सर क समन्वा ओन लोगन क नास करइ स बचाइ बरे बीच मँ आइ गएन।
24 तब ओन लोग उ अद्भुत देस कनान मँ जाइ स मना कइ दिहन। उ पचे ओकरे वाचा क बिस्सास नाहीं किहेस।
25 आपन तम्बुअन मँ उ पचे सिकाइत करत रहेन। हमार पुरखन परमेस्सर क बात मानइ स नकारेन।
26 तउ परमेस्सर किरिया खाएस कि उ पचे रेगिस्तान मँ मरि जइहीं।
27 परमेस्सर किरिया खाएस कि ओनकर सन्तानन क दूसर लोगन क हरावइ देइ। परमेस्सर कसम खाएस कि उ हमरे पुरखन क देसन मँ छितराइ।
28 बाद मँ परमेस्सर क लोग “बाल-पिऑर” मँ “बाल” क पूजइ करइ सुरू कइ दिहेन। उ पचे उ माँस खाइ लागेन जेका निर्जीव देवतन पइ चढ़ावा ग रहा।
29 यहोवा ओन लोगन क करमन पइ बहोत कोहाइ गवा। अउर उ ओन लोगन क खिलाफ महामारी लिआएन।
30 मुला पीनहास बिनती किहस अउ परमेस्सर उ बियधि क रोकेस
31 परमेस्सर इ काम क ओकरे बरे आवइवालन पीढ़ियन बरे बहोत उत्तिम करम समझेस।
32 लोग मरिबा मँ यहोवा क किरोध भड़काएन, अउर ओकरे कारण मूसा स बुरा काम कराएन।
33 उ सबइ लोग मूसा क बहोत उदास किहन। तउ मूसा बिना ही बिचारे बोल उठा।
34 तउ उ कनान क रास्ट्र क नस्ट नाहीं किहेस, हाँलाकि यहोवा ओनका इ करइ बरे कहे रहा।
35 इस्राएल क लोग दूसर लोगन स हिल मिल गएन, अउर उ पचे भी वइसेन काम करइ लागेन जइसे दूसर लोग करत रहेन।
36 उ सबइ दूसर लोग परमेस्सर क जनन बरे फंदा बन गएन। परमेस्सर क लोग ओन देवन क पूजइ लागेन जेनकर उ पचे दूसर लोग पूजा करत रहेन।
37 हिआँ तलक कि परमेस्सर क जन आपन ही गदेलन क हत्या करइ लागेन। अउर उ पचे ओन गदेलन क ओन दानवन क प्रतिमा पइ अपिर्त करइ लागेन।
38 परमेस्सर क लोग निदोर्ख गदेलन क हत्या किहन। उ पचे आपन ही गदेलन क मारि डाएन अउर ओनका कनान क देवन क अपिर्त किहेन। उ पचे खून स धरती क दूसित किहेन।
39 उ पचे आपन कामन स असुद्ध भएन अउर आपन कार्यन दुआरा अबिस्सासी बन गए रहेन।
40 परमेस्सर आपन ओन लोगन पइ कोहाइ गवा। परमेस्सर ओनसे तंग आइ चुका रहा।
41 तब परमेस्सर आपन ओन लोगन क दूसर जातियन क दइ दिहस। परमेस्सर ओन पइ ओनकर दुस्मनन क हुकूमत करवावइ दिहस।
42 ओनकर दुस्मनन ओन पइ अत्याचार किहन अउ ओनकर जिअब बहोत कठिन कइ दिहन।
43 परमेस्सर आपन लोगन क बहोत बार बचाएस। मुला उ पचे ओनका स मुँह मोड़ लिहन। अउर उ पचे अइसी बातन करइ लागेन जेनका उ पचे करइ चाहत रहेन। एह बरे उ पचे आपन पाप क कारण हराइ दीन्ह गवा रहेन।
44 मुला जब कबहूँ परमेस्सर क जनन पइ विपद पड़ी उ पचे सदा ही मदद पावइ क परमेस्सर क गोहराएन। परमेस्सर हर दाईं ओनकर सबइ पराथना क सुनेस।
45 परमेस्सर सदा आपन करार क याद राखेस। परमेस्सर आपन महा पिरेम स ओनका सदा ही सुख चैन दिहस।
46 परमेस्सर ओन लोगन बरे दूसर कैदियन क समन्वा दयालुता दिखाएस।
47 यहोवा हमार परमेस्सर, हमार रच्छा किहस। परमेस्सर ओन दूसर देसन स हमका ऍकट्ठा कइके लइ आवा, ताकि हम ओकरे पवित्तर नाउँ क गुणगान कइ सकी; तकि हम ओकर बड़कई क गीत गाइ सकी।
48 इस्राएल क परमेस्सर यहोवा क धन्य कहा। परमेस्सर सदा ही जिन्दा रहत आवा ह। उ सदा ही जिन्दा रही। अउर सबइ जन बोलइँ, “आमीन।” यहोवा क गुण गावा।
Psalm 107
1 यहोवा क धन्यवाद द्या, काहेकि उ उत्तिम अहइ। ओकर पिरेम हमेसा रहत ह।
2 हर कउनो अइसा मनई जेका यहोवा बचाएस ह, ऍन रास्ट्रन क कहा। हर कउनो अइसा मनई जेका यहोवा आपन दुस्मनन स छोड़ाएस ओकर गुण गावा।
3 यहोवा आपन लोगन क बहोत स अलग अलग देसन स बटोरेस ह। उ ओनका पूरब अउ पच्छिम स, अउर उत्तर अउ दक्खिन स जुटाएस ह।
4 कछू लोग अइसे रेगिस्तान मँ खोइ गए रहेन जहाँ कउनो लोग नाहीं। उ सबइ लोग अइसेन एक ठु नगर क खोज मँ रहेन। मुला ओनका कउनो अइसा नगर नाहीं मिला।
5 उ सबइ लोग भुखान अउ पियासा रहेन अउर उ पचे दुर्बल होत जात रहेन।
6 उ पचे संकट मँ रहेन, तउ उ पचे मदद पावइ क यहोवा क गोहराएन। उ ओन सबइ क आपन संकटन स बचाइ लिहस।
7 यहोवा ओनका सोझइ उ सहरन मँ लइ गवा जहाँ उ पचे बसि सकिहीं।
8 यहोवा क ओकरे विस्सनीय पिरेम बरे अउर ओन अद्भुत करमन बरे धन्यवाद द्या जेनका उ सबइ लोगन बरे करत ह।
9 पियासी व्यक्ति परमेस्सर क सन्तुट्ठी बरे अउर उत्तिम वस्तुअन स भूखी व्यक्ति क पेट भरत ह।
10 कछू लोगन क कारावासन मँ राखेन, जहाँ बहोत अँधियारा रहा। उ पचे कस्ट झेलेन, अउ जंजीर मँ बांध दीन्ह गएन।
11 काहेकि उ पचे परमेस्सर क वचन क खिलाफ बिद्रोह किहेन अउर सवोर्च्च परमेस्सर क सलाह क सुनइ स नकारे रहेन।
12 उ ओनका कठिनाइयन देइके उ पचन्क दिमाग क विनम्र बनाइ दिहेस। उ पचे ठोकरन खाएन अउर उ पचे भहराइ पड़ेन, अउर ओनका सहारा देइ क कउनो भी नाहीं मिला।
13 उ पचे संकट मँ रहेन, तउ उ पचे मदद पावइ क यहोवा क गोहराएन। उ ओन सबइ क आपन संकटन स बचाइ लिहस।
14 परमेस्सर ओनका ओनकर अँधियारे जेलन स उबार लिहस। परमेस्सर उ सबइ जंजीरन, अउर बंधन क काटेस जेनसे ओनका बाँधा गवा रहा।
15 यहोवा क ओकरे विस्सनीय पिरेम बरे अउर ओन अद्भुत करमन बरे धन्यवाद द्या जेनका उ सबइ लोगन बरे करत ह।
16 परमेस्सर हमार दुस्मनन क हरावइ मँ हमका मदद देत ह। ओनकर काँसे क दुआरन क परमेस्सर तोड़ गिराइ सकत ह। परमेस्सर ओनकर दुआरन पइ लगी भइ लोहा क आगल क छिन्न-भिन्न कइ सकत ह।
17 कछू मूरख लोग आपन अपराधन अउ पापन क कारण पीरा झेलेन ह।
18 ओन लोग खइया क इच्छा तजि दिहेन अउर उ पचे मरे भए स होइ गएन।
19 उ पचे संकट मँ रहेन, तउ उ पचे मदद पावइ क यहोवा क गोहराएन। उ ओन सबइ क आपन संकटन स बचाइ लिहस।
20 परमेस्सर आदेस दिहस अउर लोगन क चँगा किहस। इ तरह उ पचन्क बर्बाद होइ स बच गएन।
21 यहोवा क ओकरे विस्सनीय पिरेम बरे अउर ओन अद्भुत करमन बरे धन्यवाद द्या जेनका उ सबइ लोगन बरे करत ह।
22 ओनका यहोवा क धन्यवाद देइ बरे बलि अपिर्त करइ द्या, उ जउन किहे अहइ ओन बातन क आनन्द क संग बखाना।
23 कछू लोग आपन काम करइ आपन नइयन स समुद्दर पार कइ गएन।
24 ओन लोगन अइसी बातन क लखेन ह जेनका यहोवा कइ सकत ह। उ पचे ओन अद्भुत बातन क लखेन ह जेनका यहोवा सागर पइ किहे रहा।
25 परमेस्सर आदेस दिहस, फिन एक तेज हवा चलइ लाग। बड़की स बड़की लहरन आकार लेइ लागिन।
26 लहरन ऍतना ऊपर उठिन जेतना अकास होइ तूफान ऍतना भयानक रहा कि लोग डेराइ गएन।
27 लोग लड़खड़ात रहेन, भहरान जात रहेन जइसे नसा मँ धुत होइँ। खेवैया ओनकर बुद्धि जइसे बियर्र्थ होइ गइ होइ।
28 उ पचे संकट मँ रहेन, तउ उ पचे मदद पावइ क यहोवा क गोहराएन। उ ओन सबइ क आपन संकटन स बचाइ लिहस।
29 परमेस्सर तूफान क रोकेस अउर लहरन सान्त होइ गइन।
30 खेवैया खुस रहेन कि सागर सांत भवा होइ गवा। परमेस्सर ओनका अहइ सुरच्छित ठउरे पइ लइ गवा जहाँ उ पचे जाइ चाहत रहेन।
31 यहोवा क ओकरे विस्सनीय पिरेम बरे अउर ओन अद्भुत करमन बरे धन्यवाद द्या जेनका उ सबइ लोगन बरे करत ह।
32 महान सभा क बीच ओनका ऊँच होइ द्या। नेतन मिलन मँ ओकर बड़कई करइ द्या।
33 उ नदियन क रेगिस्ताने मँ बदल दिहस। भुइँया सुखाइ बरे उ झरनन क प्रवाह क रोकेस।
34 परमेस्सर उपजाऊ भुइँया क बेकार क रेही भुइँया मँ बदल दिहस। काहेकि हुआँ बसे दुट्ठ लोग बुरे करम किहे रहेन।
35 अउर परमेस्सर मरूभूमि क झीलन क धरती मँ बदलेस। उ झुरान धरती स जल क स्रोत बहाइ दिहस।
36 परमेस्सर भूखे लोगन क उ अच्छी धरती पइ लइ गवा अउर ओन लोग आपन रहइ बरे हुआँ एक ठु सहर बसाएन।
37 फिन ओन लोग आपन खेतन मँ बीजन क रोप दिहन। अउर अगूंर क बगिया लगाएन, अउर उ पचे एक उत्तिम फसिल पाइ लिहन।
38 परमेस्सर ओन लोगन क आसीर्बाद दिहस। ओनकर परिवार फलइ फूलइ लोगन। ओनके लगे बहोत सारे पसु भएन।
39 भयानक महामारी अउर संकट क कारण ओनकर परिवार नान्ह अउर कमज़ोर होइ गएन।
40 परमेस्सर ओनकर प्रमुखन क कुचरि दिहस अउर बेज्जत किहे रहा। उ ओनका दिसाहीन रेगिस्ताने मँ भटकइ दिहेस।
41 मुला परमेस्सर तबहिं ओन दीन लोगन क ओनकर बिनती स बचाइके निकारि लिहस। अब तउ ओनकर घरानन बड़वार अहइँ, ओतना बड़वार जेतना भेड़िन क झुण्ड।
42 इमानदार मनइयन एका देखत हीं अउर आनन्दित होत हीं, किन्तु दुट्ठ लोग एका लखत हीं आपन मुँह बंद रखत हीं।
43 एक विवेकी मनई ओन बातन क धियान देत ह। अउर जउन कउनो मनई बुद्धिमान अहइ, यहोवा के सच्चा पिरेम क बारे मँ जान जाइहीं।
Psalm 108
1 हे परमेस्सर, मइँ आपन हिरदय क तइयार कहेउँ ह। मइँ गाउब अउर उमंग क संगीत बजाउब।
2 मोर आतिमा, जगा! वीणओ अउर सारंगियो, जगा। आवा हम भोर क जगाइ!”
3 हे मोर सुआमी, मइँ तोहरे बड़कइ क रास्ट्रन क समन्वा गाउब। मइँ विभिन्न लोगन क बीच तोहार स्तुति करब।
4 हे परमेस्सर, तोहार पिरेम ओतॅना ऊँच अहइ जेतॅना अकास। तोहार बिस्सास ओतॅना ऊँच अहइ जेतॅना बादरन।
5 हे परमेस्सर, तोहार सम्मान अकासन क ऊपर होइ, तोहार महिमा क सारा जगत क ढाँपि लेइ द्या।
6 आपन भगत लोगन क बचावइ बरे इ करा। मोर बिनती क जवाब द्या, अउर हमका बचावइ क आपन महासक्ती क प्रयोग करा।
7 परमेस्सर आपन मन्दिर स बोला। उ कहेस, “मइँ खुसी स चिचियाब। मइँ आपन लोगन क सोकेम प्रदान करब, अउर सुक्कोत क घाटी ओनकर होइ।
8 गिलाद अउ मनस्से मोर अहइँ। एप्रैम मोर सिरवाण अहइ अउर यहूदा मोर राजदण्ड अहइ।
9 मोआब मोर गोड़ पखारइ क पात्र बनी। एदोम उ दास होइ जउन मोर पादूका लइके चली, मइँ पलिस्तियन क हराइ क पाछे विजय-उल्लास स चिचियाब।”
10 मोका दुस्मन क दुर्ग्ा मँ कउन लइ जाइ? एदोम क हरावइ कउन मोर मदद करी!
11 हे परमेस्सर, का इ फुरइ नाहीं बाटइ कि तू हमका तजि दिहा ह? अउर का तू हमरी सेना क संग नाहीं रहब्या?
12 हे परमेस्सर, कृपा कइके, हमरे दुस्मन क हरावइ मँ हमार मदद करा। मनइयन तउ हमका बचाइ नाहीं सकतेन।
13 हम महान कारज कइ सकित ह सिरिफ जब परमेस्सर हमार साथ होइ। सिरिफ परमेस्सर हमरे दुस्मनन क हराई सकत ह।
Psalm 109
1 हे परमेस्सर, जब मइँ तोहरे आगे पराथना करउँ तउ चुप नाहीं रह्या।
2 लोग मोरे बारे मँ बुरी बातन अउ झूठ बोलत ह। उ पचे मोरे बारे मँ उ सबइ कहत अहइँ जउन फुरइ नाहीं बाटइ।
3 लोग मोरे बारे मँ घिना स बोलत अहइँ। उ पचे मोर खिलाफ बिना कारण हमला करत हीं।
4 मइँ ओनका पिरेम किहेउँ, फिर भी उ पचे मोहसे दुस्मनी करत हीं। यद्यपि मइँ पराथना मँ वफ़ादार हउँ।
5 मइँ ओन मनइयन क संग भला किहे रहेउँ। मुला उ पचे मोरे बरे बुरा करत अहइँ। मइँ ओनसे पिरेम किहेउँ, मुला उ पचे मोसे बइर रखत अहइँ।
6 ओकरे खिलाफ एक ठु दुट्ठ मनई क नियुक्त करा, अउर कउनो दोख लगवइया ओका दोख लगावइ बरे ओकरे बगल मँ खड़ा करा।
7 ओनमाँ दोख पावइ द्या जब उ अदालत मँ निआउ पइहीं, ओकर पराथना क ओकरे पाप क सबूत होइ द्या।
8 मोर दुस्मन क हाली मरि जाइ द्या। ओकरे क जगह कउनो दूसर क लेइ द्या।
9 मोरे दुस्मनन क सन्तानन क अनाथ कइ द्या अउर ओकरी पत्नी क तू राँड़ कइ द्या।
10 ओनका आवारा अउर भिखारी होइ द्या, अउर ओनका आस्रय क खोज तब तलक करइ द्या जब तलक कि ओकर आपन घर बर्बाद न होइ जाइँ।
11 मोरे दुस्मन कर्जदार लोगन क जउन कछू मोर दुस्मन क लगे होइँ लइ जाइ द्या। अजनबियन क ओकर मेहनत क कमाइ क लूटिके जाइ द्या।
12 कउनो मनई क मोरे दुस्मन पइ कउनो दाया न देखाँवइ। अउर ओकरे अनाथ गदेलन पइ कउनो भी मनई दाया नाहीं देखाँवइ।
13 मोर दुस्मन क सन्तानन बर्बाद कइ द्या। आवइवाली पीढ़ी स ओकर नाउँ मिटइ द्या।
14 मोरे दुस्मन क पुरखन क पापन क परमेस्सर सदा ही याद राखइ। ओकरे महतारी क पापन न मेटाइ।
15 यहोवा सदा ही ओन पापन क याद रखी। अउर उ लोगन बरे मोरे दुस्मन क बिसिरइ क कारण होइ।
16 काहेकि दुट्ठ लोगन कउनो भी अच्छा करम कबहुँ नाहीं किहेन अउर उ लोगन क बिना आसा क मउत मँ धकेल दिहा। उ दीन लोगन असहाय लोगन क जिअब कठिन बनाइ दिहा।
17 ओन दुट्ठ लोगन क सरापब भावत रहा। तउ अहइ सराप ओह पइ लउटिके गिर जाइ। उ बुरा मनई असीस कबहुँ नाहीं दिहस कि लोगन बरे कउनो अच्छी बात घटइ। तउ ओकरे संग कउनो भी भली बात मत होइ द्या।
18 सराप ओकरे बरे ओढ़नन क नाईं होइ। सराप ओकरे सरीर मँ पानी क नाईं भरि जाइ। अउर सराप ओकरे हड्डियन मँ चर्बी क नाईं रहइ।
19 उ दुट्ठ मनई बरे सराप क ओढ़ना बनी द्या। सराप क ओकरे बरे हमेसा बरे कमर बन्द बनइ द्या।
20 यहोवा मोहे पइ दोख लगावइवालन क अउर ओन लोगन क जउन मोरे खिलाफ बुरा जोजना बनावत ह क, उ सबइ चिजियन क भुगतान क रूप मँ देइ द्या।
21 किन्तु हे यहोवा, तू मोर सुआमी अहा। तउ मोरे संग अइसा बेउहार करा जेहसे तोहरे नाउँ क जस बाढ़इ। तोहार करुणा महान अहइ, तउ मोर रच्छा करा।
22 काहेकि मइँ बस एक गरीब अउर असहाय व्यक्ति अहउँ। मइँ फुरइ दुःखी अहउँ।
23 मोका अइसा लागत बाटइ जइसे मोर जिन्नगी साँझ क समइ क लम्बी छाया क तरह बीति चुकी बाटइ। मोका अइसा लागत रहा मइँ महसूस करत हउँ कि मइँ किरवा क नाईं हउँ जउन मोका हिराइ दिहेस ह।
24 उपवास क कारण मोर घुटना दुर्बल होइ ग अहइँ। मोर वजन घटत ही जात अहइ, अउर मइँ झुरान जात अहउँ।
25 बुरे लोग मोका अपमानित करत हीं। उ पचे मोका घूरत अउ आपन मूँड़ी मटकावत हीं।
26 यहोवा मोर परमेस्सर, मोका सहारा द्या। आपन बिस्ससनीय पिरेम देखाँवा अउर मोका बचाइ ल्या।
27 फुन उ पचे लोग जान जइहीं कि तू ही मोका बचाया ह। ओनका पता चल जाइ कि उ तोहार सक्ति रही जउन मोका सहारा दिहस।
28 यद्यपि दुट्ठ लोग मोका सराप देत ह, हे यहोवा तू मोका आसीर्बाद दे। यद्यपि उ पचे मोह पइ वार करत हीं, ओनका अपमानित होइ द्या। किन्तु तोहार सेवक क खुस होइ द्या।
29 मोर विरोधियन क अपमान स ढाँपि लेइ द्या। ओनका लज्जा स घेरी लेइ द्या।
30 मइँ यहोवा क बहोत अधिक धन्यवाद देत हउँ। बहोत लोगन क समन्वा ओकर गुण गावत हँउ।
31 काहेकि यहोवा असहाय लोगन क साथ देत ह। उ ओनका लोगन स बचावत ह, जउन ओन पइ निआव करत ह।
Psalm 110
1 यहोवा मोर सुआमी स कहेस, “तू मोर दाहिन कइँती तब तलक बैठि जा, जब तलक कि मइँ तोहरे दुस्मनन क तोहरे गोड़न क चौकी न बनाइ देउँ।”
2 यहोवा तोहार राज्ज क अधिकार सिय्योन स स्थापित करी। तू आपन दुस्मनन पइ सासन करी।
3 तोहरे पराक्रम क दिन तोहरी प्रजा क लोग स्वेछा बलि बनिहीं। तोहार जवान पवित्तर होइ स सुसोभित भिन्सारे क गर्भ स जन्मी ओसे क नाईर् तोहरे लगे अहइँ।
4 यहोवा एक वचन दिहस, अउर उ आपन मन नाहीं बदली। “तू हमेसा बरे याजक अहा, जइसा मेल्कीसेदेक क समूह क याजक रहा।”
5 मोर सुआमी, तोहार मदद बरे तोहार निचके खड़ा रहत ह। ओकरे गुस्सा दिखावइ क दिन उ दूसर राजा लोगन क हराइ दिहे रहा।
6 परमेस्सर रास्ट्रन क निआउ करी। परमेस्सर उ महान धरती प नेता लोगन क हराइ दिहस। ओनकर मरी देहन स धरती भरि गइ रही।
7 राहे क झरना स पानी पिए क पाछे ही राजा आपन मूँड़ि उठाई अउर फुरइ बलवान होइ।
Psalm 111
1 यहोवा क गुण गावा। यहोवा क आपन सम्पूर्ण मने स अइसी उ सभा मँ धन्यवाद करत हउँ जहाँ सज्जन मिला करत हीं।
2 यहोवा महान करम करत ह। लोगन जउन ओन चिजियन क महत्त्व जानत हीं ओनका खोजत हीं।
3 यहोवा फुरइ इ महिमामय अउर अचरजे स भरा काम करत हीं। ओकरा खरापन सदा-सदा बना रहत ह।
4 परमेस्सर अद्भुत करम करत ह ताकि हम याद राखी कि यहोवा करुणा स भरा अउर दाया स भरा बाटइ।
5 उ आपन भगतन क भोजन देत ह। उ हमेसा आपन करार क याद राखत ह।
6 उ आपन लोगन क ओन भुइँया देइके जउन दूसर रास्ट्रन अहइ महान कारज देखाएस ह।
7 परमेस्सर जउन कछू करत ह उ बिस्सास योग्य अउर फुरइ बाटइ। ओकर सबहिं आग्यन नियावपूर्वक अहइँ।
8 परमेस्सर क आग्यन सदा ही बना रइहीं। परमेस्सर क ओन आदेसन क देइ क प्रयोजन फुरइ अउ निस्पच्छ रहेन।
9 उ आपन लोगन क मुक्त करत ह। उ ओनसे एक करार किहेस ह जउन सदा-सदा रहइ। परमेस्सर क नाउँ अचरजे स भरा अउर पवित्तर अहइ।
10 विवेक भय अउर यहोवा क आदर स उपजत ह। उ पचे लोग बुट्धिमान होत हीं जउन यहोवा क आदर करत हीं। यहोवा क स्तुति सदा सदा गाई जात रही।
Psalm 112
1 यहोवा क बड़कई करा। अइसा मनई जउन यहोवा स डेरात ह अउर ओकर आदर करत ह उ बहोत सफल होइ। परमेस्सर क आदेस अइसे लोग क भावत हीं।
2 धरती पइ अइसे मनई क संतानन मज़बूत होइहीं। अच्छे मनई क संतानन आसीर्बाद पाइहीं।
3 अइसे मनई क परिवार बहोत धनवान होइ। ओकर नीक करम सदा सदा बनी रही।
4 सच्चे लोगन बरे परमेस्सर अइसा होत ह जइसे अँधियारा मँ चमकत प्रकास होइ। उ सच्चा अहइ, अउर करुणा स भरा बाटइ अउर दाया स भरा बा।
5 इ मनई बरे नीक बाटइ कि उ दयालु अउर उदार होइ। मनई क इ उत्तिम अहइ कि उ आपन वादा मँ खरा रहइ।
6 अइसा मनई क पतन कबहुँ नाहीं होइ। एक सच्चा मनई क सदा याद कीन्ह जाइ।
7 सज्जन व्यक्ति बुरी खबरन स नाहीं डेरात। अइसा मनई यहोवा क भरोसे अहइ अउर आस्वस्त रहत ह।
8 अइसा मनई आस्वस्त रहत ह उ ससान नाहीं रहत। उ आपन दुस्मनन क हराइ देइ।
9 अइसा मनई दीन जनन क मुक्त दान देत ह। ओकर नीक करम जेका उ दीन लोगन बरे दिखावत ह उ सदा सदा बना रइहीं। उ बहोत सम्मानित कीन्ह जाइ।
10 कुटिल लोग ओका लखिहीं अउर कुपित होइहीं। उ पचे किरोध मँ आपन दाँतन क पिसिहीं अउर फुन लुप्त होइ जइहीं। दुट्ठ लोग ओका कबहुँ नाहीं पइहीं जेका उ सब स जियादा पावइ चाहत हीं।
Psalm 113
1 यहोवा क स्तुति करा, हे यहोवा क सेवकन, ओकर स्तुति करा। यहोवा क नाउँ क बड़कई करा।
2 यहोवा क नाउँ अबहुँ अउर सदा सदा बरे आसीसित होइ।
3 मोर इ कामना अहइ, यहोवा क नाउँ क गुण पूरब स जहाँ सूरज उगत ह, पच्छिउँ तलक उ ठउरे मँ जहाँ सूरज बूड़त ह गावा जाइ।
4 यहोवा सबहिं रास्ट्रन स महान अहइ। ओकर महिमा अकासे तलक उठति ह।
5 यहोवा हमरे परमेस्सर क नाईर् कउनो भी मनई नाहीं अहइ जउन ऊँचाइ पइ विराजमान अहइ।
6 भले ही उ सबइ बातन क जउन धरती अउर आकासे पइ घटत ह, लखइ बरे उ नीचे झुकिके निगाह डावइ ह।
7 परमेस्सर गरीब मनइयन क धूरि स उठावत ह। उ ओनका क गन्दगी स निकारत ह।
8 परमेस्सर ओनका महत्वपूर्ण्ा बनावत ह। परमेस्सर ओन लोगन क महत्वपूर्ण्ा मुखिया बनावत ह।
9 कउनो मेहरारू बे औलाद होइ सकत ह, किन्तु परमेस्सर ओका बच्चा स आसीसित करी, अउर ओका खुस करी। यहोवा क गुणगान करा।
Psalm 114
1 जब याकूब क घराना बिदेसियन क रास्ट्र मिस्र क तजेस।
2 उ समइ यहूदा परमेस्सर क खास मनई बना, इस्राएल ओकर राज्ज बन गवा।
3 लाल सागर ऍका लखेस, उ पराइ गवा। यरदन नदी उलटिके बह चली।
4 पर्वत मेमनन क नाईर् नाच गएन। पहाड़ी भ़ेडन क नाईर् नाचि गइन।
5 हे लाल सागर, तू काहे पराइ गया? हे यरदन नदी, तू काहे उलटी बहिउ?
6 हे पहाड़ो, काहे तू पचे भ़ेडन क नाईर् नाच्या? हे पहाड़ियो, तू पचे काहे मेमनन जइसी नाचिउ?
7 हे धरती, यहोवा याकूब क परमेस्सर, सुआमी क समन्वा काँप।
8 परमेस्सर ही चट्टानन क चीरिके जल क बाहेर बहाएस। परमेस्सर पक्की चट्टान स जल क झरना बहाए रहा।
Psalm 115
1 यहोवा। हमका कउनो गैारव ग्रहण नाहीं करइ चाही। गौरव तउ तोहार अहइ। तोहार पिरेम अउ निस्ठा क कारण गौरव तोहार अहइ।
2 रास्ट्रन काहे कहिइ, ‘ओकर परमेस्सर कहाँ अहइ?’
3 मोर परमेस्सर सरगे मँ अहइ। उ उहइ करत ह जउन कछू उ चाहत ह।
4 ओन जातियन क “देवता” बस सिरिफ पुतला अहइँ जउन सोना चाँदी क बना अहइँ। उ सबइ बस सिरिफ पुतलन अहइँ जेनका कउनो मनई बनाएस ह।
5 ओन पुतलन क मुँह अहइँ, मुला उ सबइ बोल नाहीं पउतेन। ओनकर आँखिन अहइँ, पर उ सबइ लखि नाहीं पउतेन।
6 ओनके कान अहइँ, मुला उ सबइ सुन नाहीं सकतेन। ओनके लगे नाक अहइँ, मुला उ सबइ सूँघ नाहीं पउतेन।
7 ओनके हाथ अहइँ, मुला उ पचे कउनो चीज क छुइ नाहीं सकतेन। ओनके गोड़ अहइँ, मुला उ पचे चल नाहीं सकतेन। उ पचे आपन गटइ स कउनो आवाज़ नाहीं निकारइ सकतेन।
8 जउन मनई इ सबइ पुतलन बनावत हीं, अउर ओनमाँ बिस्सास धरत हीं बिल्कुल इ सबइ मूरतियन जइसे बन जइहीं।
9 ओ इस्राएल क लोगो, यहोवा मँ भरोसा रखा। यहोवा इस्राएल क मदद देत ह अउर ओकर रच्छा करत ह।
10 ओ हारून क घराने, यहोवा मँ भरोसा रखा। हारून क घराने क यहोवा सहारा देत ह, अउ ओकर रच्छा करत ह।
11 हे यहोवा क सबइ मनवइयो, ओनमाँ भरोसा रखा। उ सहारा देत ह अउर आपन लोगन क रच्छा करत ह।
12 यहोवा हमका याद राखत ह। यहोवा हमका वरदान देइ, यहोवा इस्राएल क आसीसित करी। यहोवा हारून क परिवार क आसीसित करी।
13 उ ओन लोगन क आसीसित करी जउन ओहसे डेरात ह, छोटा स लइके बरा तलक।
14 मोका आसा अहइ यहोवा तोहार बढ़ोतरी करी अउर मोका आसा अहइ, उ तोहार संतानन क भी जियादा स जियादा देइ।
15 यहोवा जउन सरग अउ धरती क बनाएस ह, तोहका आसीस देइ।
16 सरग यहोवा क अहइ। मुला उ धरती क मानव जाति क दिहेस ह।
17 मरे भए लोग यहोवा क गुण नाहीं गउतेन। कब्र मँ पड़े भए लोग यहोवा क गुणगान नाहीं करतेन।
18 मुला हम अबहुँ यहोवा क स्तुति करति ह, अउर हम ओकर स्तुति सदा-सदा करब!
Psalm 116
1 मइँ यहोवा स पिरेम करत हउँ जब उ मोर पराथनन क सुनत ह अउर एकर जवाब देत ह।
2 मइँ ओका पिरेम करत हउँ काहेकि उ मोर सुनत ह। मइँ आपन सारी जिन्नगी ओका मदद बरे बुलावत हउँ।
3 मइँ लगभग मरि चुका रहेउँ। मोरी चारिहुँ कइँती मउत क रस्सा बँधि चुका रहेन। कब्र मोका लीलत रही। मइँ डेरान रहेउँ अउर मइँ चिंतित रहेउँ।
4 तब मइँ यहोवा क ओकर मदद लेइ बरे गोहराएउँ, मइँ कहेउँ, “यहोवा, मेहरबानी कइक मोका बचाइ ल्या।”
5 यहोवा खरा अहइ अउर दया स पूर्ण अहइ। परमेस्सर करुणा स पूर्ण अहइ।
6 यहोवा असहाय लोगन क देख-रेख करत ह। मइँ परेसानी मँ रहेउँ अउर यहोवा मोका बचाएस।
7 हे मोर प्राण, फुन स आराम करा। काहेकि यहोवा तोहार देख-रेख करत ह।
8 हे परमेस्सर, तू मोर प्राण मउत स बचाया। मोर आँसुअन क तू रोक्या अउर गिरइ स तू मोका थाम लिहा।
9 जीवित लोगन क धरती मँ मइँ यहोवा क सेवा करत हउँ।
10 मइँ लगातार बिस्सास बनाए राखेउँ हिआँ तलक कि जब मइँ कहि दिहे रहेउँ, “मइँ बहोत पीड़ा मँ होइ गवा रहेउँ।”
11 मइँ हिआँ तलक विस्सास संभाले राखेउँ जब कि मइँ डेरान रहेउँ अउर मइँ कहेउँ, “सबहिं लोग झूठा अहइँ।”
12 मइँ भला यहोवा क ओन नीक कामन क बदले मँ का अपिर्त कइ सकत हउँ जउन उ मोर बरे किहेस?
13 मइँ ओका पेय भेंट देब काहेकि उ मोका बचाएस ह। मइँ यहोवा पइ आस्रित रहब।
14 मइँ यहोवा क लोगन क समन्वा आपन वचन क पूरा करब जउन मइँ ओहसे किहे रहेउँ।
15 हिआँ तलक कि कउनो एक मउत भी ओन लोगन क जउन यहोवा बरे अपराध किहेन ह, ओकरे बरे बहोत महत्वपूर्ण अहइ।
16 हे यहोवा मइँ तोहार एक मेहरारु नउकर क सन्तान हउँ। हे यहोवा, तू ही मोका मोरे बंधन स अजाद किहा।
17 मइँ तोहका एक धन्यवाद बलि अपिर्त करब। मइँ यहोवा क नाउँ स गोहराउब।
18 मइँ यहोवा क लोगन क समन्वा आपन वचन क पूरा किहेउँ ह जउन मइँ ओहसे किहे रहेउँ।
19 मइँ यहोवा क मन्दिर क आंगन मँ जाब जउन यरूसलेम मँ अहइ। यहोवा क क स्तुति करब।
Psalm 117
1 समूचइ रास्ट्रन यहोवा क नाउँ क बड़कई करा। हे लोगो, यहोवा क गुण गावा।
2 काहेकि उ हम पइ बहोत पिरेम दिखावत ह। ओकर बिस्सास सदा-सदा बरे रही। यहोवा क बड़कई करा।
Psalm 118
1 मइँ यहोवा क धन्यवाद देत हउँ, काहेकि उ नीक अहइ। ओकर पिरेम सदा ही रहत ह।
2 इस्राएल इ कहइ द्या, “ओकर बिस्ससनीय पिरेम सदा ही रहत ह।”
3 याजक अइसा कहत हीं, “ओकर बिस्ससनीय पिरेम सदा अटल रहत ह।”
4 तू लोग जउन यहोवा क उपासना करत अहा, कहा करत अहा, “ओकर बिस्ससनीय पिरेम सदा ही अटल रहत ह।”
5 मइँ परेसानी मँ रहेउँ, एह बरे मइँ मदद बरे यहोवा क पुकारेउँ। उ मोका जवाब दिहस अउर यहोवा मोका अजाद किहस।
6 यहोवा मोरे कइँती अहइ, मइँ कबहुँ नाहीं डेराब। लोग मोका कउनो हानि नाहीं पहोंचावइ सकतेन।
7 यहोवा मोर सहायक अहइ। मइँ आपन दुस्मनन क हारा देखब।
8 मनइयन पइ भरोसा रखइ स यहोवा पइ भरोसा राखब उत्तिम अहइ।
9 इ हमेसा उत्तिम अहइ कि पहिले आपन यहोवा पइ भरोसा करा तउ आपन मुखियन पइ।
10 मइँ आपन दुस्मनन दुआरा घेरि लिहे गवा रहेउँ। यहोवा क सक्ति स मइँ आपन बैरी लोगन क हराइ दिहेउँ।
11 बहोत सारा दुस्मनन मोका चारिहउँ कइँती स घेरि लिहन ह। मइँ आपन दुस्मन क यहोवा क सक्ति स हराएउँ।
12 दुस्मनन मोका मधु माखियन क झुण्ड क नाईर् घेरि लिहन। मुला, उ सबइ हाली बरत भइ झाड़ी क नाईर् बर्बाद भएन। यहोवा क सक्ती स मइँ ओका हराएउँ ह।
13 मोर दुस्मनन मोह पइ वार किहन अउ मोका लगभग बर्बाद कइ दिहन मुला यहोवा मोका सहारा दिहस।
14 यहोवा मोर सक्ती अउर मेार विजय गीत अहइ। अउर उ रच्छक बनि गवा ह।
15 सज्जनन क घर मँ जउन विजय पर्र्व मनत अहइ तू ओका सुन सकत ह। देखा, यहोवा आपन महासक्ती फुन देखाएस ह।
16 यहोवा क भुजन विजय मँ उठी भइ अहइँ। देखा यहोवा आपन महासक्ती फुन स देखाएस।
17 मइँ जिअत रहब, मइँ मरब नाहीं, अउर जउन करम यहोवा किहस ह, मइँ ओन लोगन क गनती फुन स करब।
18 यहोवा मोका दण्ड दिहस, मुला उ मोका मरइ नाहीं दिहस।
19 सच्चाई क दुआरन क खोला, ताकि मइँ भीतर आइ पाउँ अउर यहोवा क आराधना करउँ।
20 यहोवा क मौजूदगी मँ जाइ क दुआर हिआँ अहइ। बस सिरिफ धमीर् लोग ही ओन दुआरन स होइके जाइ सकत हीं।
21 हे यहोवा, मोर पराथना क जवाब देइ बरे अउर मोका रच्छा करइ बरे तोहका धन्यवाद देत अहउँ।
22 जउन पाथार क राज मिस्त्रियन नकार दिहे रहेन उहइ पाथर क प्रयोग कोना क पाथर क रूप मँ कीन्ह गवा।
23 यहोवा इ घटना क होइ दिहस। अउर हम सबइ एहमाँ अद्भूत महसूस कीन्ह।
24 इ उहइ दिना अहइ जेका यहोवा बनाएस ह। आवा हम खुसी क अनुभव करी अउर आजु आनन्दित होइ जाइ।
25 लोग कहेन, “हे यहोवा, हम पचन क बचाव करा, हे यहोवा हमार रच्छा करा।
26 उ मनई धन्न होइ जउन यहोवा क नाउँ मँ आवत अहइ।” मइँ यहोवा क घर मँ तोहार स्तुति करित हउँ।
27 यहोवा परमेस्सर अहइ। उ आपन प्रकास स हम पचन क छाया दिहेस ह। वेदी क कोनन पइ भेंट क मेमना क बाँधा।”
28 हे यहोवा, तू हमार परमेस्सर अहा, अउर मइँ तोहार धन्यवाद करत हउँ। मइँ तोहार गुण गावत हउँ, हे मोर परमेस्सर।
29 यहोवा क बड़कई करा काहेकि उ उत्तिम अहइ। ओकर सच्ची करुणा सदा सदा बनी रहत ह।
Psalm 119
1 जउन लोग इमानदारी स जीवन जिअत हीं, उ सबइ कामयाब रहत हीं। अइसे लोग यहोवा क सिच्छा पइ चलत हीं।
2 लोग जउन यहोवा क करार पइ चलत हीं, उ पचे कामयाब रहत हीं। आपन समूचइ मन स उ पचे यहोवा क मानइ बरे खोजत हीं।
3 उ पचे लोग बुरा काम नाहीं करतेन। उ पचे यहोवा क आग्या क मानत हीं।
4 हे यहोवा, तू आपन उपदेस इ बरे दिहा ह, हम पचे ओका धियान स पालन कइ सकी।
5 हे यहोवा, मइँ सदा तोहरे कानून क नियमित रूप स पालन करेउँ,
6 तब जब मइँ तोहर सबइ आग्यन क पढ़ब मइँ कबहुँ भी नाहीं लजाब।
7 मइँ तोहार स्तुति पूरी मन स करब जेतॅना जियादा मइँ तोहरे फइसलन क बारे मँ सिखेउँ ह।
8 हे यहोवा, मइँ तोहरे कानूनन क पालन करब। तउ कृपा कइके मोका पूरी तरह स जिन बिसरा।
9 एक जवान मनई तोहरे निदेर्सन पइ चलइ कइ कइसे आपन जीवन पवित्तर रख पावइ?
10 मइँ, आपन पूर्ण मन स यहोवा क सेवा क जतन करत हउँ। कृपा कइके तोहरे आग्यन क मानइ मँ मोका जिन गल्ती करइ द्या।
11 मइँ धियान पूर्वक तोहार वचन याद किहेउँ ह। काहेकि मइँ तोहरे खिलाफ फुन स पाप न करइ चाहत हउँ।
12 हे यहोवा, मइँ तोहार स्तुति किहेउँ ह। कृपा कइके मोका तोहार कानून क सिखावा।
13 मइँ तोहार सबहिं फइसलन क बरे मँ बताउब।
14 तोहरे करार क निदेर्सन क पालन करब मोका दूसर कउनो धन स जियादा भावत अहइ।
15 मइँ तोहरे उपदेसन पइ विचार किहेउँ ह, अउर मइँ तोहरे सिद्धान्तन पइ चलत हउँ।
16 मइँ तोहरे नियमन मँ आनन्द लेत हउँ। मइँ तोहरे बचनन क नाहीं भूलब।
17 आपन सेवक, मोर बरे अच्छा करा ताकि मइँ जी सकेउँ अउर तोहरे वचन पइ चलि सकेउँ।
18 हे यहोवा, मोर आँखी खोला तउ होइ सकत ह कि मइँ एका लखि सकत हउँ। अउर तोहरी अद्भुत बातन पढ़ सकेउँ जेका तू किहा ह।
19 मइँ इ धरती पइ एक अनजाना परदेसी हउँ। हे यहोवा, आपन सिच्छन क मोसे जिन छिपावा।
20 मोर हमेसा तोहरे जरिए पइ बना भवा फइसलन क अध्ययन क अभिलासा रखत हउँ।
21 हे यहोवा, तू अहंकारी जन क फटकारत ह। ओन अहंकारी लोगन पइ बुरी बातन घटित होइहीं। उ सबइ तोहरे आदेसन स मुरि गवा अहइँ।
22 लज्जा अउर अपमान क मोसे हटाइ द्या। मइँ तोहरी करार क पालन किहेउँ ह।
23 हिआँ तलक कि नेता लोगन भी मोरे बरे बुरी बातन किहेन ह। मुला मइँ तउ तोहार सेवक अहउँ। मइँ तोहरे विधियन क समुझत हउँ।
24 तोहार करार मोर सवोर्त्तम मीत अहइ। इ मोका नीक सलाह दिया करत ह।
25 मइँ हाली दाल्थ मरि जाब। हे यहोवा, तू आदेस द्या अउर मोका जिअइ द्या।
26 मइँ तोहका आपन जिन्नगी क बारे मँ बताएउँ ह, तू मोका जवाब दिहा ह अबइ तू मोका आपन विधान बतावा।
27 हे यहोवा, मोर सहायता करा ताकि मइँ समुझ सकेउँ कि तोहार उपदेसन क पालन कइसे कीन्ह जाई सकी। मोका ओन अद्भुत कर्मन क चिंतन करइ द्या जेनका तू किहा ह।
28 मइँ दुःखी अउर थका हउँ। वचन क मुताबिक मोका तू फुन स मज़बूत बनाइ द्या।
29 हे यहोवा, मोका कउनो परेसानी क जीवन जिन जिअइ द्या। तोहार कानून क मोका दयालुता स सिखावा।
30 मइँ तोहार करार क मानइ बरे चुने रहेउँ। मइँ आपन आप क तोहार विवेकी फइसलन क अध्ययन अउर पालन करइ क वचन बद्ध किहेउँ ह।
31 तोहार करार क संग मइँ लगनसील अहउँ। हे यहोवा, मोका असफल जिन होइ द्या।
32 मइँ तोहरे आग्यन क पालन उत्सुकता स किह्या ह जब तू मोर समुझदारी क बढ़ाया ह।
33 हे यहोवा, तू मोका आपन व्यवस्था सिखावा तब मइँ धियानपूर्वक ओनकर अनुसरण करब।
34 ओनका समुझइँ मँ मोर मदद करा। अउर मइँ तोहरी सिच्छन क पालन करब। मइँ पूरी मन स ओनकर पालन करब।
35 मोका आपन आग्यन क राहे पइ चलावा। मइँ ओन पइ प्रसन्न हउँ।
36 मोर मदद करा कि मइँ तोहरे करार क मनन करउँ, बजाय ओकरे कि कइसे धन हासिल करेउँ।
37 मोका बियर्र्थ चिजियन पइ धियान जिन देइ द्या। तोहार राहे मँ रहइ बरे मोर मदद करा।
38 मइँ तोहार सेवक अहउँ। तउ ओन बातन क करा जेनकर वचन तू दिहा ह ताकि मइँ तोहार सम्मान कइ सकउँ।
39 मोका उ अपमान स मुक्त करा जेसा मइँ डेरात हउँ। तोहार फइसलन हमेसा नीक होत हीं।
40 मइँ तोहरे उपदेसन क अभिलासी हउँ। मोर भला करा अउर मोका जिअइ द्या।
41 हे यहोवा, तू सच्चा निज पिरेम मोह पइ परगट करा। मोर रच्छा वइसे ही करा जइसे तू वचन दिहा।
42 तब मोरे लगे ओन लोगन बरे एक जवाब होइ जउन मोर अपमान करत हीं। काहेकि मइँ तोहार वचन पइ भरोसा रखत हउँ।
43 तोहार सच्ची सिच्छा क बोलइ मँ सदा मोरे मदद करा। मइँ तोहरे बुद्धिमान फइसलन पइ निर्भर अहउँ।
44 हे यहोवा, मइँ तोहरी सिच्छन क पालन सदा अउ सदा बरे करब।
45 तउ मइँ सुरच्छित जिन्नगी जिअब। मइँ तोहरी व्यवस्था क पालइ क कठिन जतन करत हउँ।
46 मइँ यहोवा क करार क चर्चा राजा लोगन क संग करब अउर उ पचे उत्साह मँ होइके सुनिहीं मोहसे लजाइहीं नाहीं।
47 हे यहोवा, मोका तोहरी सबइ आग्यन क मनन जेहसे मइँ पिरेम करत हउँ भावत ह।
48 मइँ तोहरी आग्यन कइँती जेहसे मइँ पिरेम करत हउँ हाथ फइलाउब, अउर मइँ तोहार कानून पइ बिचार करत हउँ।
49 हे यहोवा, कृपा कइके आपन वचन क याद रखा, जउन तू मोहसे किह्या ह। उहइ वचन मोका आसा देत ह।
50 जब मइँ झेलत रहेउँ, तू मोका चइन दिहा। तोहार वचन मोका जीवन देत ह।
51 लोग जउन खुद क मोहसे उत्तिम सोचत हीं, निरन्तर मोर अपमान करत अहइँ। मुला हे यहोवा मइँ तोहार सिच्छन पइ चलब नाहीं तजेउँ।
52 मइँ तोहरे ओन फइसलन क याद करत हउँ जेका तू बहोत पहिले दिहा ह, अउर मइँ मोका चइन देत अहइँ।
53 जब मइँ अइसे दुट्ठ लोगन क लखत हउँ, जउन तोहरी सिच्छन पइ चलब तजेन ह, तउ मइँ बहोत कोहाइ जात हउँ।
54 तोहार सबइ कानून मोर बरे आनन्दित भजन होत जहाँ कहिउँ भी मइँ रहत हउँ।
55 हे यहोवा, राति मँ मइँ तोहरे नाउँ क धियान अउर तोहरी नेमन क पालन करत हउँ।
56 इ मोर अभ्यास होत रहत ह। मइँ होसियारी स तोहरे उपदेसन क मानत हउँ।
57 हे यहोवा, तू मोर अंग अहइ, एह बरे मइँ तोहार आग्यन क पालन करब।
58 हे यहोवा, मइँ पूरी मन स तोहार खोज किहेउँ ह, जइसा वचन तू दिहा मोह पइ दयालु ह्वा।
59 मइँ आपन राहे पइ बहोत धियान दिहेउँ ह, ताकि मइँ तोहरी करार क मुताबिक चल सकउँ।
60 मइँ बिना देरी किहे तोहरे आग्यन पइ चलइ क इच्छुक अहउँ।
61 दुट्ठन आपन फन्दन मोका फंसाइ लिहेन ह। मइँ तोहरी सिच्छन क कबहुँ नाहीं बिसरेउँ।
62 तोहरे सच्चा फइसलन क तोहका धन्यवाद देइ बरे मइँ आधी रात क बीच जगत हउँ।
63 जउन कउनो मनई तोहसे डेरात ह तउ मइँ ओकर मीत अहउँ। अगर कउनो मनई तोहरे उपदेसन पइ चलत ह, मइँ ओकर मीत अहउँ।
64 हे यहोवा, इ समूचइ धरती तोहरी बिस्ससनीय पिरेम स भरी भइ बा। मोका तू मोका अपने विधान क सिच्छा द्या।
65 हे यहोवा, तू आपन दास बरे अच्छा काम किहे अहा। तू ठीक वइसा ही किहा जइसा तू करइ क वचन दिहा रह्या।
66 हे यहोवा, मोका सही बुद्धि अउ गियान द्या कि मइँ तोहार आदेसन पइ बिस्सास करेउँ।
67 पीड़ित होइ स पहिले मूरखता स मइँ बुरे करम किहे रहेउँ। मुला अब, मइँ धियानपूर्वक तोहरे आग्यन क पालन करत हउँ।
68 तू अच्छा अहइ, अउर अच्छा काम करत अहा। मोका आपन कानून क सिच्छा द्या।
69 घमण्डी लोग मोरे बरे बहोत सारा झूठी बात बोलत हीं। किन्तु यहोवा मइँ आपन पूर्ण वचन बद्धता स तोहरे उपदेसन क पालन करब।
70 उ लोगन क दिमाग तोहार उपदेसन क नाहीं समुझ सकतेन। मुला, मइँ तोहरी उपदेसन क अध्ययन कइके बहोत खुसी पावत हउँ।
71 हिआँ तलक कि कस्ट भी मोर बरे बढ़िया बनि गवा रहा। उहइ तरह मइँ तोहरी कानून क सीख लिहेउँ।
72 तोहरी सीखन मोरे बरे भली होत अहइँ। तोहार सीखन हजारन सोना अउ चाँदी क टूकन स उत्तिम अहइँ।
73 हे यहोवा, तू मोका बनाया ह मोर स्थापना आपन निज हाथन स किह्या ह। आपन आग्यन क पढ़इ समुझ मँ तू मोर मदद करा।
74 हे यहोवा, तोहार भगत मोका लखत हीं, अउर उ पचे खुस अहइँ, काहेकि मइँ तोहार बातन पइ भरोसा रखत हउँ।
75 हे यहोवा, मइँ इ जानत हउँ कि तोहार फइसला हमेसा नीक अउ खरा होत हीं। एह बरे इ मोरे बरे उचित रहा कि तू मोका कस्ट दिहा ह।
76 अब, आपन सच्चे पिरेम स मोका आराम द्या। मोका आराम द्या जइसा तू आपन सेवक स किह्या ह।
77 मोह पइ कृपा करा तइ मइँ जी सकेउँ। फुरइ मइँ तोहार उपदेसन मँ आनन्दित अहउँ।
78 ओन लोगन क जउन सोचा करत हीं कि उ पचे मोसे उत्तिम बाटेन, ओनका लजाइ द्या। काहेकि उ पचे मोरे बारे मँ झूठी बातन कहेन ह। हे यहोवा, मइँ तोहरे उपदेसन क बिचार किहेउँ ह।
79 आपन भगतन क मोरे लगे लउटि आवइ द्या। अइसे ओन लोगन क मोरे लगे लउटि आवइ द्या, जेनका तोहरी करार क जानकारी अहइ।
80 मोरे हिरदय क हमेसा तोहार कानून क मानइ द्या, ताकि मइँ कबहुँ लज्जित न होबेउँ।
81 मइँ तोहार इन्त़ज़ार करइ मँ कमज़ोर होइ गवा हउँ कि तू मोका बचउब्या। मुला यहोवा, मोका तोहार वचन पइ भरोसा बा।
82 जउन बातन क तू वचन दिहे रह्या, मइँ ओनकर बाट जोहत रहत हउँ। मुला मोर आँखिन दुर्बल होइ गइ अहउँ। तू मोका कब आराम देब्या?
83 हिआँ तलक जब मइँ कचड़ा क धुआँ पइ क दाखरस क झुरान मसक जइसा हउँ, बूढ़ा अउर झुरीर्दार तबहुँ भी तोहरे कानून क न भूलब।
84 मइँ कब तलक जिअब? हे यहोवा, कब सज़ा देब्या तू अइसे ओन लोगन क जउन मोहका सतावत हीं?
85 कछू अहंकारी लोग आपन फंदन स मोह पइ वार किहे रहेन। इ तोहरी सीखन क खिलाफ अहइ।
86 हे यहोवा, सब लोग तोहरी आग्यन क भरोसे कइ सकत हीं। उ पचे मोका बिना कउनो कारण सतावत रहत हीं। मोर मदद करा।
87 ओन सबइ लोग धरती स करीब करीब मोका बर्बाद कइ दिहन ह। तउ प भी मइँ तोहरे उपदेसन क नाहीं तजेउँ।
88 हे यहोवा, आपन बिस्सासी पिरेम क मोह पइ परगट करा। अउर मोका जिन्नगी द्या। तउ मइँ तोहार करार क पालन कइ सकेउँ।
89 हे यहोवा, तोहरे वचन सरग मँ, उ सबइ सदा रहत हीं।
90 तू हमेसा हमेसा बरे बिस्सासी अहा। तू ही धरती ओकरे जगह पइ रच्या अउर इ हमेसा स हिआँ रहत रह्या।
91 तोहरे फइसलन क कारण ही अब तलक सबहिं वस्तु मौजूद अहइँ। काहेकि सबहिं चिजियन तोहार सेवक अहइँ।
92 अगर तोहार सीखन मीत जइसी नाहीं होतिन, तउ मोर संकट मोका बर्बाद कइ डउतेन।
93 हे यहोवा, तोहरे आदेसन क मइँ कबहुँ नाहीं बिसरब। काहेकि उ सबइ ही मोका जिअत राखत हीं।
94 हे यहोवा, मइँ तउ तोहार अहउँ, मोर रच्छा करा। काहेकि तोहरे उपदेसन पइ चलइ क मइँ कठिन जतन करत हउँ।
95 दुट्ठ जन मोका विनास करइ क इन्तज़ार करत हीं, मुला मइँ तोहार करार क समुझइ बरे ओहे पइ विचार करत हउँ।
96 सब कछू क सीमा अहइ, किन्तु तोहरी आग्यन आपन छेत्र मँ असीमित अहइँ।
97 मइँ तोहरी उपदेसन स बहोत जिआदा पिरेम करत हउँ। हर घड़ी मइँ ओनकर ही बारे मँ सोचत हउँ।
98 तोहार आदेसन मोका मोर दुस्मनन स जियादा बुद्धिमान बनाएन। तोहार कानून क वजह स उ सदा मोरे संग रहत ह।
99 मइँ आपन सबइ सिच्छकन स जियादा बुद्धिमान हउँ, काहेकि मइँ तोहरी करार क अध्ययन किया करत हउँ।
100 मइँ बुजुर्ग प्रमुखन स जियादा समुझत हउँ। काहेकि मइँ तोहरे आदेसन क मानत हउँ।
101 मइँ तोहार आदेसन क पालन करइ बरे हर बुरे काम स बचा हउँ।
102 हे यहोवा, तू मोर सिच्छक अहा। एह बरे मइँ तोहरे फइसलन स नाहीं मुरेउँ ह।
103 तोहार वचन मोर मुहे मँ मधु स भी जियादा मीठा अहइँ।
104 तोहार उपदेसन क मइँ सावधान पूर्वक अध्यन करत हउँ, ऍह बरे मइँ झूठापन स घिना करत हउँ।
105 हे यहोवा, तोहार सिच्छन मोका बुद्धिमान बनावत हीं। तउ झूठी सिच्छन स मइँ घिना किया करत हउँ।
106 तोहार फइसलन बहोत नीक अहइँ। मइँ ओनका पालन करइ क प्रतिग्या किहेउँ, एह बरे मइँ पालन करब।
107 हे यहोवा, बहोत समइ तलक मइँ विपदन झेलेउँ ह, कृपा कइके मोका वइसी जिन्नगी द्या जइसा तू देइ क वादा किहा ह।
108 हे यहोवा, मोरी बिनती क तू अंगीकार करा जउन मइँ तोहका भेंट करत हउँ, अउर मोका आपन फइसलन क सिच्छा द्या।
109 होइ सकत ह कि मइँ हर दिन आपन जीवन जोखिम मँ डालत हउँ, किन्तु मइँ तोहार उपदेसन क कबहुँ नाहीं बिसरत हउँ।
110 दुट्ठ जन मोका फँसावइ क जतन करत हीं, मुला मइँ तोहरे उपदेसन नाहीं मुरेउँ ह।
111 तोहार करार सदा बरे मोर खज़ाना अहइ। इ मोका बहोत खुस किया करत ह।
112 मइँ सदा तोहरे विधान पइ चलइ क बहोत कठोर जतन करब।
113 हे यहोवा, मोका अइसे ओन लोगन स घिना अहइ, जउन पूरी तरह स तोहरे बरे सच्चा नाहीं अहइँ। मोका तउ तोहार सिच्छन भावत हीं।
114 तू मोर ढाल अउर रच्छक अहा। मइँ तोहार वचन पइ भरोसा किहउँ ह।
115 दुट्ठ लोगन क मोहसे दूर करा, ताकि मइँ आपन परमेस्सर क आग्यन क पालन कइ सकेउँ।
116 हे यहोवा, मोका अइसे ही सहारा द्या जइसे तू वचन दिहा, ताकि मइँ जी सकेउँ। मोका तोहेमाँ बिस्सास अहइ, मोका निरास जिन करा।
117 हे यहोवा, मोका सहारा द्या कि मोर उद्धार होइ। मइँ सदा तोहरे आदेसन क पाठ किया करब।
118 हे यहोवा, तू हर अइसे मनई स विमुख होइ जात ह, जउन तोहार नेम तोड़त हीं। काहेकि उ पचे छल क बियर्र्थ राहन क पालन करत हीं।
119 हे यहोवा, तू इ धरती स सबहिं दुट्ठ लोगन क अइसा हटावा, जइसेन उ पचे बेकार पदार्थ होइ, मइँ तोहरी करार स सदा पिरेम करब।
120 हे यहोवा, मइँ तोहसे डेरान हउँ, मइँ डेरात अहउँ, अउर तोहरे विधान क आदर करत हउँ।
121 मइँ उ सबइ बातन किहेउँ ह जउन नीक अउर खरा अहइँ। हे यहोवा, तू मोका अइसेन ओन लोगन क जिन सौंपा जउन मोका हानि पहोंचावइ चाहत हीं।
122 मोका वचन द्या कि तू मोरे बरे अच्छा करब्या। मइँ तोहार दास अहउँ। हे यहोवा, अहंकारी लोगन क मोह पइ अत्याचार जिन करइ द्या।
123 हे यहोवा, तू आपन अच्छाई स मोका वचन दिहे रह्या कि तू मोर मदद करब्या। मुला मोर आँखी तोहार राह निहारत भए थकी गइन।
124 तू आपन बिस्ससनीय पिरेम मोह पइ परगट करा। मइँ तोहार दास हउँ। तू मोका आपन विधान क सिच्छा द्या।
125 मइँ तोहार सेवक हउँ। आपन विवेस स मोका आसीस द्या तउ मइँ तोहार करार क समुझ सकेउँ।
126 कार्यवाही करा, हे यहोवा, काहेकि ओन लोग तोहरे कानून क नाफ़रमानी करत हीं।
127 हे यहोवा, उत्तिम सुवर्ण स भी जियादा मोका तोहार आदेस भावत हीं।
128 तोहरे सब उपदेसन क बहोत सावधानी स मइँ पालन करत हउँ। मइँ सबइ झूठे रास्तन स घिना करत हउँ।
129 हे यहोवा, तोहार करार अद्भुत बा। एह बरे मइँ ओकर अनुसरण करत हउँ।
130 तोहार वचन क व्याख्या प्रकास लावत ह। तोहार सिच्छन बुद्धिहीन लोगन क समुझ देत ह।
131 हे यहोवा, मइँ तोहरे आदेसन क पालन करइ इच्छुक हउँ। मइँ दौड़वालन क नाईं हाँफब।
132 हे परमेस्सर, मोरी कइँती निगाह करा अउर मोह पइ दयालु ह्वा। तू ओन लोगन बरे वइसा ही करा जउन ओकरे बरे नीक अहइ जउन तोहार नाउँ स पिरेम किया करत हीं।
133 हे यहोवा, मोका ओन लोगन स बचाइ ल्या जउन मोका दुःख देत हीं अउर मइँ तोहरे आदेसन क पालन करब।
134 हे यहोवा मोका ओन आदेसन स बचाइ ल्या जउन मोका दुःख देत हीं। अउर मइँ तोहरे आदेसन क पालन करब।
135 हे यहोवा, आपन सेवक पइ दाया दिखावा अउर आपन विधान तू मोका सिखावा।
136 रोवत रोवत आँसुअन क एक नदी मइँ बहाइ चुका हउँ। काहेकि लोग तोहरी सिच्छन क पालन नाहीं करत अहइँ।
137 हे यहोवा, तू सच्चा अहा अउर तोहार फइसला खरा अहइँ।
138 उ सबइ चिजियन उत्तिम अहइँ जउन तू हमका करार मँ दिहा। हम पूरी तरह स तोहरे विधान क भरोसे रहि सकित ह।
139 तोहरे बरे मोर धुन मोका बर्बाद करत ह। मइँ बहोत बेचैन हउँ, काहेकि मोर दुस्मन लोग तोहरे वचन क बिसराइ दिहन।
140 हे यहोवा, तोहार वचन प्रमाणित अउर फुरइ अउर सच्चा बाटइ, अउर मइँ तोहार सेवक एहसे पिरेम करत हउँ।
141 मइँ एक महत्त्वहीन हउँ अउर लोग मोर आदर नाहीं करत बाटेन। मुला मइँ तोहरे उपदेसन क बिसरत नाहीं अहउँ।
142 हे यहोवा, तोहार अच्छाई अनन्त अहइ। तोहरे सिच्छन क भरोसे रहा जाइ सकत ह।
143 संकट अउर परेसानी मोका घेरि लिहेस ह। मुला, मइँ तोहार उपदेसन क नाहीं बिसारे रहेउँ।
144 तोहार करार हमेसा नीक बाटइ। एका समुझइ मँ मोर सहायता करा ताकि मइँ जी सकउँ।
145 सम्मूर्ण मन स यहोवा मइँ तोहका गोहरावत हउँ, मोका जवाब द्या। मइँ तोहरे आदेसन क पालन करत हउँ।
146 हे यहोवा, मोर तोहसे बिनती बाटइ। मोका बचाइ ल्या। मइँ तोहरी करार क पालन करब।
147 यहोवा, मइँ तोहरी पराथना करइ क भोर क तड़के उठा करत हउँ। मोका ओन बातन पइ भरोसा अहइ, जेनका तू कहत ह।
148 पूरी रात मइँ तोहरे वचन पइ विचार करइ बरे बइठा रहत हउँ।
149 हे यहोवा, तू आपन पूरे पिरेम स मोह पइ कान द्या, तू वइसा ही करा जेका तू ठीक कहत ह, अउर मोर जिन्नगी बनाए राखा।
150 लोग मोरे विरूद्ध कुचक्र रचत अहइँ अउर मोर कइँती आवत हीं। अइसे इ सबइ लोग तोहरी सिच्छन पइ चला नाहीं करतेन।
151 मुला तू मोरे लगे अहा। तोहरे सबइ आग्यन पइ बिस्सास कीन्ह जाइ सकत ह।
152 बहोत दिनन पहिले ही तोहार करार दुआरा मइँ सीख लिहे रहेउँ कि ओकर नींव सदा बरे डाली गइ अहइ।
153 हे यहोवा, मोर यातना क लखा अउर मोका बचाइ ल्या, मइँ तोहरे उपदेसन क बिसरा नाहीं अहउँ।
154 हे यहोवा, मोरे मुकदद्मा बरे बहस करा अउर मोका छुरावा। कृपा कइके मोका तोहार वाचा क अनुसार जिअइ द्या।
155 दुट्ठ बिजयी नाहीं होइहीं। काहेकि उ पचे तोहरे विधान पइ नाहीं चलत अहइँ।
156 हे यहोवा, तू बहोत दयालु अहा। आपन नीक सासन क अनुसार मोका फुन स जिन्नगी द्या।
157 मोर बहोत स सत्रु अहइँ जउन मोका हानि पहोंचावइ बरे जतन करतेन; मुला मइँ तोहरी करार क अनुसरण नाहीं तजेउँ।
158 मइँ ओन बिस्सासघातियन क लखत हउँ। उ पचे तोहरे वचन क पालन नाहीं करतेन। मइँ ओनका तजि दिहेउँ ह।
159 लखा, मइँ तोहार उपदेसन स पिरेम करत हउँ। हे यहोवा, कृपा कइके मोका तोहरे दयालु पिरेम स जिअइ द्या।
160 सुरू स ही तोहार सबहिं वचन बिस्सास क जोग्ग रहेन ह। अउर तोहार खरा फइसलन सदा बरे रहिहीं।
161 सक्तीसाली नेता मोह पइ बियर्थ ही वार करत हीं, मुला मइँ डेरात हउँ अउर बस तोहरे वचन क मइँ आदर करत हउँ।
162 तोहार वचन मोका वइसेन आनन्दित करत हीं, जइसा एक जोद्धा आनन्दित होत ह, जेका अबहुँ अबहुँ कउनो जुद्ध क लूट क माल मिल गवा होइ।
163 मइँ झूठ क नकारत हउँ। मइँ ओहसे घिना करत हउँ। किन्तु, मइँ तोहरी सिच्छन स पिरेम करत हउँ।
164 मइँ दिन मँ सात दाईर् तोहरे उत्तिम फइसला बरे तोहार स्तुति करत हउँ।
165 उ पचे लोगन बहोत सान्ति पइहीं, जउन तोहार सिच्छन स पिरेम करत हीं। ओका कछू भी गिराइ नाहीं पाई।
166 हे यहोवा, मइँ तोहरी प्रतीच्छा मँ हउँ कि तू मोर रच्छा करा। मइँ तोहरे आग्यन क पूरा किहेउँ ह।
167 मइँ तोहरी करार पइ चलत रहत हउँ। हे यहोवा, मोका तोहरे विधान स गहन पिरेम अहइ।
168 मइँ तोहरी करार क अउ तोहरे उपदेसन क पालन किहेउँ ह। तू सब कछू जानत ह जउन मइँ किहेउँ ह।
169 हे यहोवा, मदद बरे लगावा गवा मोर उँच गोहार तोहे तलक पहोंचइ मोका बुद्धिमान बनावा जइसा तू वचन दिहा ह।
170 हे यहोवा, मोर बिनती सुना। तू जइसा वचन दिहा मोर उद्धार करा।
171 मइँ बड़कई क गुण गावत हउँ। काहेकि तू मोका आपन कानून सिखाया ह।
172 मोका तू आपन गीत गावइ द्या। काहेकि तोहार सबइ आग्यन सच्चा अहइँ।
173 तू मोरे लगे आवा, अउर मोका सहारा द्या काहेकि मइँ तोहरे आदेसन पइ चलब चुन लिहेउँ ह।
174 हे यहोवा, मइँ इ चाहत हउँ कि तू मोर उद्धार करा, तोहार सिच्छन मोका खुस करत हीं।
175 मोका जिअइ द्या तउ मइँ तोहार स्तुति कइ सकेउँ। तोहार आदेस स मोका मदद मिलइ द्या।
176 एक ठु खोइ भइ भेड़ क तरह, मइँ आपन रास्ता भटक गएउँ ह। आपन सेवक, मोका तलास करा, अउर मइँ तोहरे आग्यन क बिसरा नाहीं हउँ।
Psalm 120
1 मइँ संकटे मँ पड़ा रहेउँ, सहारा पावइ बरे मइँ यहोवा क गोहराएउँ अउर उ मोका बचाइ लिहस।
2 हे यहोवा, मोका तू अइसे लोगन स बचावा जउन मोर खिलाफ झूठ बोलेन ह।
3 अरे ओ झूठो, का तू उ जानत अहा कि परमेस्सर तोहका कइसे सजा देइ?
4 तू पचन्क दण्ड देइ बरे परमेस्सर जोद्धा क नोकांदार तीर अउ धधकत भए अंगारन क काम मँ लाइ।
5 झूठो, तोहरे निचके रहब अइसा अहइ जइसे कि मेसेक मँ रहब। इ रहब अइसा अहइ माना कि कउनो केवार क तम्बू मँ रहब बा।
6 जउन सान्ति क दुस्मन अहइँ, अइसे लोगन क संग बहोत लम्बी समइँ तलक रहा हउँ।
7 मइँ इ कहे रहेउँ मोका सान्ति चाही। मुला उ पचे जुद्ध चाहत हीं।
Psalm 121
1 मइँ ऊपर ऊँच पहाड़न क कइँती लखत हउँ। मुला फुरइ मइँ कहाँ स पावइँ?
2 मोका तउ सहारा यहोवा स मिली जउन सरग अउ धरती क बनावइवाला अहइ।
3 परमेस्सर तोहका गिरइ नाहीं देइ। तोहर बचवइया कबहुँ भी नाहीं सोइ।
4 इस्राएल क उद्धारकर्त्ता कबहुँ न ही ओंघात ही अउर न ही सोवत अहइँ।
5 यहोवा तोहार रच्छक अहइ। उ तोहका आस्रय देइ बरे तोहार बगल मँ अहइ।
6 दिन क समइ सूरज तोहका हानि नाहीं पहोंचाइ सकत। राति मँ चाँद तोहार नोस्कान नाहीं कइ सकत।
7 यहोवा तोहार रच्छा हर संकट स करी। यहोवा तोहरी आतिमा क रच्छा करी।
8 यहोवा उ सबइ पइ धियान रखी जउन कछू तू करब्या। जहाँ कहुँ भी तू जाब्या अउ आउब्या, अबहुँ अउ सदा सर्वदा उ तोहार रच्छा करी।
Psalm 122
1 जब लोग मोसे कहेन, “आवा, यहोवा क मन्दिर मँ चली तब मइँ बहोत खुस भएउँ।”
2 हिआँ हम यरूसलेम क दुआरन पइ खड़ा अही।
3 यरूसलेम नगर एक ठु संगठित नगर नाईं बनि गवा ह।
4 उ उ जगहिया बा जहाँ उ परिवार समूह जात रहेन, जउन यहोवा क परिवार समूह अहइ, काहेकि इ इस्राएल क लोग दुआरा यहोवा क धन्यवाद देइ क नेम अहइ।
5 इ उहइ जगहिया बा जहाँ दाऊद क परिवार क राजा लोगन आपन सिंहासन कायम किहेन। उ पचे आपन सिंहासन लोगन क निआउ करइ बरे कायम किहन।
6 तू यरूसलेम मँ सान्ति हेतु बिनती करा। “अइसे लोग जउन तोहसे पिरेम राखत हीं हुआँ रच्छा मँ रहा।
7 तोहरे परकोटन क भितरे सान्ति फइल जाइ, तोहरे बिसाल भवनन मँ सुरच्छा बनी रहइ।”
8 मइँ पराथना करत हउँ आपन भाइयन अउ साथियन बरे कि हुवाँ सान्ति क बास होइ।
9 यहोवा हमरे परमेस्सर क मन्दिर क भले बरे, मइँ पराथना करत हउँ कि इ नगर मँ भली बातन घटित होइँ।
Psalm 123
1 हे परमेस्सर, मइँ आँखी उठाइके तोहार पराथना करत हउँ। तू सरग मँ राजा क रूप मँ बिराजत अहा।
2 दास लोग आपन सुआमियन क ऊपर ओन चिजियन बरे आसरे पइ रहा करत हीं, जेकर ओनका जरूरत अहइ। दासियन आपन सुआमिनियन क ऊपर आसरे पइ रहा करत हीं। इहइ तरह हमका यहोवा हमरे परमेस्सर तब तलक लखत हउँ जब तलक उ हम पइ दाया देखाँवइ।
3 हे यहोवा, हम लोगन पइ कृपालु ह्वा। हम लोगन पइ दयालु ह्वा काहेकि बहोत लम्बी समइ स हम लोगन क अपमान होत अहइ।
4 घमण्डी लोग बहोत दिनन स हम लोगन क अपमानित कइ चुका अहइँ।
Psalm 124
1 अगर यहोवा हमरे संग नाहीं होतेन तउ इस्राएल क कहइ द्या,
2 अगर यहोवा हमरे संग नाहीं होत, जब हमार बिरोधी हम लोगन पइ हमला किहे रहेन?
3 तब हमार दुस्मन हमका जिअत ही निगल गए होतेन जब उ पचे गुस्सा भए रहेन।
4 तब हमार सत्रुअन क फउजन बाढ़ क तरह हमका बहावत भइ उ नदी क जइसी होइ जातिन जउन हमका बोरत रही होइँ।
5 तब उ सबइ घमण्डी लोग उ पानी जइसे होइ जातेन जउन हमका बोरत भवा हमरे मुँहना तलक बाढ़त आवति होइ।
6 यहोवा क गुण गावा। उ हमरे दुस्मनन क हमका धरइ नाहीं दिहस अउर न ही मारइ दिहस।
7 हम पचे जालि मँ फँसा भवा उ पंछी जइसा रहेन जउन फुनि बचि निकरा होइ। जालि फाटि फुट गवा अउर हम बचिके निकरे।
8 यहोवा जउन सरग अउ धरती क बनाएस ह। हमार मदद किहेस।
Psalm 125
1 जउन लोग यहोवा क भरोसे रहत हीं, उ पचे सिय्योन क पहाड़ जइसे होइहीं। ओनका कबहुँ कउनो डुगाइ नाहीं पाई। उ पचे सदा ही अटल रइहीं।
2 यहोवा आपन लोगन क वइसे ही आपन आस्रय मँ लिहस ह, जइसे यरूसलेम चारिहुँ कइँती पहाड़न स घिरा बाटइ। यहोवा सदा-सर्वदा आपन लोगन क रच्छा करी।
3 बुरे लोग भले लोगन क धरती क ऊपर राज्ज नाहीं कइ सकिहीं, अगर बुरे लोग अइसा करइ लग जाइँ तउ होइ सकत ह सज्जन लोग भी बुरा काम करइ लागइँ।
4 हे यहोवा, भले लोगन क संग भला करा, जेनकर मन बेकसूर अहइँ।
5 मुला यहोवा ओन लोगन क सज़ा देइ जउन दुट्ठ मनई क संग ओनका मानइ तजि दिहस ह। हुवाँ इस्राएल मँ सान्ति रहइ द्या।
Psalm 126
1 जब यहोवा सिय्योन क लोगन क कैद स वापिस लिआइ तउ इ कउनो सपना क नाईं होइ।
2 तब हम पचे हँसत रहत होब अउ खुसी क गीत गावत रहत होब। तब दूसर रास्ट्र क लोग कहत रहत रहब, “यहोवा ओकरे बरे महान कार्य किहस ह।”
3 यहोवा हम लोगन बरे एक अद्भुत करम किहे होतेन, तउ हम पचे बहोत खुस होतेन।
4 हे यहोवा, हमका रेगिस्तान मँ बहत रहे जलधारन क नाईं, कैद स वापिस लिआवा।
5 जउन कउनो रोवत भए बिआ बोवत ह, मुला उ कटनी क समइ खुसी क गीत गाउब।
6 जउन कउनो आँसुअन क संग बिआ लइके जात ह, उ पचे जब फसल लिआवत हीं तउ आनन्दित होत हीं।
Psalm 127
1 अगर घर क निर्माता खुद यहोवा नाहीं अहइ, तउ घरे क बनावइ वाला बेकार समइ गँवावत ह। अगर सहर क रखवाला खुद यहोवा नाहीं अहइ, तउ रखवारे बेकार समइ गँवावत हीं।
2 अगर भिन्सारे जागिके तू देर राति तलक काम करा। एह बरे कि तू सबन्क बस खइया बरे कमाइ क अहइ, तउ तू पचे बेकार समइ गँवावत ह। परमेस्सर आपन भगतन क ओनके सोवत तलक मँ धियान रखत ह।
3 गदेलन यहोवा क उपहार अहउँ। गदेलन क जनम माता बरे ओकर उपहार अहइँ।
4 जवान मनई क पूत जोद्धा क हाथन मँ बाण क नाईं होत हीं।
5 जउन मनई बाण रूपी पूतन स तरकस क भरत ह उ बहोत खुस होइ।
6 उ मनई कबहुँ हारी नाहीं। ओकर पूत आपन दुस्मनन स सार्वजनिक जगहियन पइ ओकर रच्छा करिहीं।
Psalm 128
1 जउन कउनो यहोवा क सम्मान करत हीं धन्न अहइँ। उ पचे ओकरे राहन पइ चलत हीं।
2 तू पचे जेनके बरे काम किहा ह, ओन चिजियन क तू आनन्द लेब्या। ओन अइसी वस्तुअन क कउनो भी मनई तू सबन्स नाहीं छोरी। तू पचे खुस रहब्या अउर तोहरे संग भली बातन घटिहीं।
3 घरे पइ तोहार घरवाली अंगूरे क बेल क नाईर् फलवती होइ। मेज क चारिहुँ कइँती तोहार संतानन अइसी होइहीं, जइसे जइतून क उ सबइ बृच्छ जेनका तू रोप्या ह।
4 जउन मनई यहोवा क सम्मान करत हीं उ वइसा ही धन्न अहइँ।
5 यहोवा सिय्योन स तोहका आसीस दइ। जीवन भर यरूसलेम मँ तोहका वरदानन क आनन्द मिलइ।
6 तू आपन नाती पोतन क लखइ बरे जिअत रहा। इ मोर कामना अहइ। इस्राएल मँ सान्ति रहइ।
Psalm 129
1 पूरी जिन्नगी भइ मोर अनेक दुस्मन रहेन ह। इस्राएल क घोसना करइ द्या
2 पूरी जिन्नगी भइ मोर अनेक दुस्मन रहेन ह। बहोत सारे दुस्मन मोह पइ हमला किहन। मुला उ पचे हमका हराइ नाहीं पाएन।
3 उ पचे मोका तब तलक पीटेन जब तलक मोरी पिठिया पइ गहिर घाव नाहीं बनेन। मोरे बड़का बड़का अउर गहिर घाव होइ गएन।
4 मुला यहोवा उ किहेस जउन नीक रहा अउर रस्सा काट दिहस। उ मोका ओन दुट्ठ लोगन स अजाद किहस।
5 ओन सबइ क जउन सिय्योन स घिना करत ह हारइ द्या, उ पचन क खदेड़इ द्या।
6 उ सबइ लोग अइसे रहेन, जइसे कउनो घरे क छत पइ क घास जउन उगइ स पहिले ही मुरझाइ जात ह।
7 उ घसिया स कउनो मजदूर आपन मूठी तलक नाहीं भरि पावत अउर इ गठरी पुलंदा बनाइ बरे भी प्रयाप्त नाहीं होइ।
8 अइसे ओन दुट्ठ जनन क लगे स जउन लोग गुजरत हीं। उ पचे नाहीं कइहीं, “यहोवा तोहार भला करइ।” उ पचे नाहीं कहिहीं, “हम तू पचन्क यहोवा क नाउँ पइ आसीस देत अही।”
Psalm 130
1 हे यहोवा, मइँ गहिर कस्ट मँ हउँ तउ सहारा पावइ क मइँ तोहका गोहरावत हउँ।
2 मोर सुआमी, तू मोर सुनि ल्या। मोर मदद क गोहार पइ कान द्या।
3 हे यहोवा, अगर तू लोगन क ओनकर सबहिं पापन्क सचमुच सजा द्या तउ फुन कउनो भी बच नाहीं पाइ।
4 मुला तू, यहोवा, आपन लोगन क छिमा करा; तउ उ लोग तोहार सम्मान करिहीं।
5 मइँ यहोवा क बाट जोहत अहउँ कि उ मोका मदद देइ। मोर आतिमा ओकरी प्रतीच्छा मँ अहइ। यहोवा जउन कहत ह ओह पइ मोर भरोसा अहइ।
6 मइँ आपन सुआमी क बाट जोहत हउँ। मइँ उ रच्छक जउन उसा क अवाई क प्रतीच्छा मँ लगा रहत ह स जियादा उत्सुकता स ओकर प्रतीच्छा किहस।
7 इस्राएल, यहोवा पइ बिस्सास करा। काहेकि सिरिफ उ ही बिस्ससनीय पिरेम देत ह। उ हमरी बार बार रच्छा किया करत ह। उ इस्राएल क ओनके सारे पापन स बचाइ।
Psalm 131
1 हे यहोवा, मइँ घमण्डी या अभिमानी नाहीं हउँ। मइँ महत्वपूर्ण्ा होइ क जतन नाहीं करत हउँ। मइँ उ काम करइ क जतन नाहीं करत हउँ। जउन मोरे बरे बहोत अद्भुत अहइँ।
2 बदले मँ, मइँ आपन आतिमा क सान्त अउ चुप कइ दिहे हउँ।
3 मोर आतिमा आपन महतारी क बाँहे मँ एक संतुट्ठ गदेला क नाईं अहइ।
4 इस्राएल, यहोवा पइ भरोसा रखा। ओकर भरोसा रखा। अउर अब सदा सदा ही ओकर भरोसा रखा।
Psalm 132
1 हे यहोवा, जइसे दाऊद यातना भोगे रहा, ओका याद करा।
2 मुला दाऊद यहोवा स एक सपथ लिहेस। दाऊद याकूब क सक्तीसाली परमेस्सर क एक मन्नत माने रहा।
“मइँ आपन घरे मँ तब तलक न जाब, आपन बिछउना पइ न ही ओलरब, न ही सोउब।
4 मइँ आपन आँखिन क नाहीं सोवइ देब। अउर आपन पलकन क बन्द नाहीं होइ देब।
5 एहमाँ स मइँ कउनो बात भी नाहीं करब जब तलक मइँ यहोवा बरे एक घर न प्राप्त कइ लेउँ। मइँ याकूब क सक्तीसाली परमेस्सर बरे एक ठु मन्दिर पाइ क रहब।”
6 एप्राता मँ हम दाऊद क वचन क बारे मँ सुनेउँ। हमका किरीयथ योरीम क वन मँ करार क सन्दूख मिली रही।
7 आवा, पवित्तर तम्बू मँ चला। आवा, ओकरे सिंहासन क समन्वा आराधना करी।
8 हे यहोवा, आपन आराम क जगह स उठा, अउ करार क सन्दूख संग होआ जहाँ तू सक्ती क संग सासन करत ह।
9 हे यहोवा, तोहार याजक धरम क भावना क धारण किया करी। तोहर बिस्सासी भगतन बहोत खुस रहीं।
10 तू आपन चुने भए राजा क आपन सेवक दाऊद क भले बरे जिन अस्वीकार करा।
11 यहोवा दाऊद क एक वचन दिहेस ह जेका उ कबहुँ नाहीं तोड़िही। उ वचन दिहस ह कि दाऊद क बंस स राजा अइहीं।
12 यहोवा कहे रहा, “अगर तोहार संतानन मोर करार पइ अउर मइँ ओनका जउन सिच्छन सिखाइन ओन पइ चलिहीं तउ फुन तोहरे परिवार क कउनो न कउनो सदा ही राजा रही।”
13 आपन मन्दिर क जगह बरे यहोवा सिय्योन क चुने रहा। इ उ जगह अहइ जेका उ आपन भवन बरे चाहत रहा।
14 यहोवा कहे रहा, “इ मोर जगह सदा-सदा बरे होइ। मइँ एका आपन जगह पइ रहइ बरे चुनेउँ ह।”
15 भरपूर भोजन स मइँ इ सहर क आसीर्बाद देब, हिआँ तलक कि गरीब लोगन क लगे खाइ क भरपूर होइ।
16 ओकरे याजकन क उद्धार क मइँ ओढ़ना पहिराउब। मोर भगत बहोत खुस होइहीं।
17 इ जगह पइ मइँ हिआँ दाऊद क परिवार क सुद़ृढ करब। मइँ आपन चुने भए राजा क एक दीपक स्थापित करब।
18 मइँ दाऊद क दुस्मनन क लज्जा स ढाँपि देब। अउर दाऊद क राज्ज क चमकाउब।
Psalm 133
1 इ फुरइ नीक अउ सुखदायी अहइ जब भाइयन आपुस मँ मिलिजुलिके रहइँ।
2 इ वइसे महकउआ तेल जइसा होत ह जेका हारून क मूँड़ी पइ उड़ेरा गवा रहा। इ, उ तेल जइसा होत ह जउन हारून क दाढ़ी क पइ बहत होइ। इ, उ तेल जइसा होत ह जउन हारून क खास ओढ़नन पइ बहत रहा।
3 इ उ कोमल बर्खा क बूँदन क समान अहइ जउन हेमोर्न क पहाड़ी स आवति हीं अउ सिय्योन क पहाड़ पइ गिरत हीं,
4 काहेकि हुवँइ यहोवा आपन अन्नतकालीन जिन्नगी क आसीस दिहे रहा।
Psalm 134
1 यहोवा क बड़कई करा, ओकरे सब सेवको, जउन सारी राति मन्दिर मँ सेवा किह्या।
2 हे सेवको, पवित्तर ठउर मँ आपन हाथन उठावा अउर यहोवा क बड़कई करा।
3 यहोवा तोहका सिय्योन स आसीस देइ। यहोवा सरग अउ धरती रचेस ह।
Psalm 135
1 यहोवा क बड़कई करा। हे यहोवा क सेवको, यहोवा क नाउँ क बड़कई करा।
2 तू लोग मन्दिर मँ खड़ा अहा। यहोवा क नाउँ क बड़कई करा। तू लोग मन्दिर क आँगन मँ खड़ा ह्वा। ओकरे नाउँ क बड़कई करा।
3 यहोवा क बड़कई करा काहेकि उ खरा अहइ। ओकरे नाउँ क गुण गावा काहेकि उ आन्नदायक अहइ।
4 यहोवा याकूब क चुने रहा। इस्राएल परमेस्सर क अहइ।
5 मइँ जानत हउँ, यहोवा महान अहइ। हमार सुआमी दूसर देवन स महान अहइ।
6 यहोवा जउन कछू चाहत ह सरग मँ, अउर धरती पइ, समुद्दर मँ या गहिर महासागरन मँ, करत ह।
7 यहोवा धरती पइ सब कहूँ बादरन क रचत ह। उ बिजुरी अउ बर्खा क रचत ह। उ हवा क ओकर जगह स निकारत ह।
8 परमेस्सर मिस्र मँ मनइयन अउ गोरुअन क सबहिं पहिलउटी बच्चन क नास कइ दिहस।
9 यहोवा मिस्र मँ बहोत स अद्भुत अउर अचरज भरे कामन किहस। उ फिरौन अउ ओकरे सब अधिकारियन क खिलाफ अद्भुत बातन क दिखाएस।
10 परमेस्सर बहोत स देसन क हराएस। परमेस्सर बलवान राजा लोगन क मारेस।
11 यहोवा एमोरियन क राजा सीहोन क हराइ दिहस। उ बासान क राजा ओग क हराएस। उ कनान क सारी राज्जन क हराएस।
12 यहोवा ओनका ओनकर धरती क अधिकार क रूप मँ दिहेस, उ इस्राएल क स्थाई रूप स लेइ बरे दिहेस।
13 हे यहोवा, तू सदा बरे प्रसिद्ध होब्या। हे यहोवा, लोग तोहका सदा सर्वदा याद करत रइहीं।
14 काहेकि यहोवा आपन लोगन बरे निआव लावत ह अउर उ आपन सेेवकन प तरस खात ह।
15 दूसर रास्ट्रन क लोग बस सोना अउर चाँदी क देवता बनावत रहेन। ओनकर देवता मात्र लोगन क जरिये बनाए भए पुतलन रहेन।
16 पुतलन क मुँइ अहइँ, पर बोल नाहीं सकतेन। पुतलन क आँखी अहइँ, पर लखि नाहीं सकतेन।
17 पुतलन क कान अहइँ, पर ओनका सुनाई नाहीं देत। पुतलन क नाक अहइँ, पर उ पचे साँस नाहीं लेइ सकतेन।
18 उ सबइ लोग जउन ऍन पुतलन क बनाएन, ओन पुतलन क समान होइ जइहीं। काहेकि उ सबइ लोग ओन पइ बिस्सास किहेन ह।
19 इस्राएल क संतानन, यहोवा क बड़कई करा। हारून क संतानन, यहोवा क बड़कई करा।
20 हे लेवी क संतानन, यहोवा क बड़कई करा। तू जउन यहोवा क सम्मान दिहा, यहोवा क बड़कई करा।
21 यहोवा यरूसलेम मँ बास करत ह, सिय्योन स ओकर स्तुति होइ।
Psalm 136
1 यहोवा क बड़कई करा, काहेकि उ उत्तिम अहइ। ओकर बिस्ससनीय पिरेम सदा ही बना रहत ह।
2 देवतन क परमेस्सर क बड़कई करा। ओकर बिस्ससनीय पिरेम सदा बना रहत ह।
3 पर्भुअन क पर्भू क बड़कई करा। ओकर बिस्ससनीय पिरेम सदा बना रहत ह।
4 परमेस्सर क गुण गावा। बस उहइ एक अहइ, जउन बहोत अद्भुत करम करत ह। ओकर बिस्ससनीय पिरेम सदा बना रहत ह।
5 ओकर बड़कई करा, जउन आपन बुद्धि स आकास क रचेस ह। ओकर बिस्ससनीय पिरेम सदा बना रहत ह।
6 परमेस्सर सागर क बीच मँ झुरान धरती क कायम किहस। ओकर बिस्ससनीय पिरेम सदा बना रहत ह।
7 परमेस्सर महान ज्योतियन क रचेस। ओकर बिस्ससनीय पिरेम सदा बना रहत ह।
8 परमेस्सर सूरज क दिन पइ हुकूमत करइ बरे बनाएस। ओकर बिस्ससनीय पिरेम सदा बना रहत ह।
9 परमेस्सर चाँद तारन क बनाएस कि उ पचे रात पइ हुकूमत करइँ। ओकर बिस्ससनीय पिरेम सदा बना रहत ह।
10 उ मिस्र मँ पहिलउठी मनइयन अउर जनावरन क मारेस। ओकर बिस्ससनीय पिरेम सदा बना रहत ह।
11 परमेस्सर इस्राएल क मिस्र स बाहेर लइ आवा। ओकर बिस्ससनीय पिरेम सदा बना रहत ह।
12 परमेस्सर आपन सामरथ अउ आपन महासक्ती क परगट किहेस। ओकर बिस्ससनीय पिरेम सदा ही बना रहत ह।
13 परमेस्सर लाल सागर क दुइ हींसा मँ फाड़ेस। ओकर बिस्ससनीय पिरेम सदा ही बना रहत ह।
14 परमेस्सर इस्राएल क सागर क बीच स पार उतारेस। ओकर बिस्ससनीय पिरेम सदा ही बना रहत ह।
15 परमेस्सर फिरौन अउ ओकर फउज क लाल सागर मँ बोड़ि दिहस। ओकर बिस्ससनीय पिरेम सदा ही बना रहत ह।
16 परमेस्सर आपन निज भगतन क रेगिस्तान मँ राह देखाँएस। ओकरे बिस्ससनीय पिरेम सदा ही बना रहत ह।
17 परमेस्सर बलवान राजा क हराएस। ओकर बिस्ससनीय पिरेम सदा ही बना रहत ह।
18 उ सद़ृढ राजा लोगन क मारेस। ओकर बिस्ससनीय पिरेम सदा ही बना रहत ह।
19 परमेस्सर एमोरियन क राजा सीहोन क मारेस। ओकर बिस्ससनीय पिरेम सदा ही बना रहत ह।
20 परमेस्सर बासान क राजा ओग क मारेस। ओकर बिस्ससनीय पिरेम सदा ही बना रहत ह।
21 उ आपन भुइँया क मीरास क रूप मँ दइ दिहस। ओकर बिस्ससनीय पिरेम सदा ही बना रहत ह।
22 उ उ भुइँया क आपन सेवक इस्राएल क अधिकार क रूप मँ दिहस। ओकर बिस्ससनीय पिरेम सदा ही बना रहत ह।
23 उ हमका याद राखेस, जब हम लोगन क हरा दीन्ह गवा रहेन। ओकर बिस्ससनीय पिरेम सदा ही बना रहत ह।
24 उ हमका हमरे दुस्मनन स मुक्त किहेस। ओकर बिस्ससनीय पिरेम सदा ही बना रहत ह।
25 परमेस्सर हर एक क खइया क देत ह। ओकर बिस्ससनीय पिरेम सदा ही बना रहत ह।
26 सरग क परमेस्सर क गुण गावा। ओकर बिस्ससनीय पिरेम सदा ही बना रहत ह।
Psalm 137
1 बाबुल क नदियन क किनारे बइठिके हम सिय्योन क याद कइके रोइ पड़ेन।
2 हम लगिचे क बेंत क झाड़ियन पइ आपन सबइ वीणा टाँगेन।
3 बाबुल मँ जउन लोग हमका बन्दी बनाए रहेन, उ पचे हम से गावइ क कहेन। अत्याचारियन हम से खुसी क गीत गावइ क कहेन। उ पचे कहेन, ‘हमरे बरे सिय्योन क गीत गावा।’
4 मुला हम यहोवा क गीतन क कउनो दूसर देस मँ कइसे गाइ सकित ह।
5 हे यरूसलेम, अगर मइँ तोहका बिसरउँ, तउ मइँ बिसरि जाउँ कि कइसा गीत गाइ जात ह।
6 हे यरूसलेम, अगर मइँ तोहका याद न रखेउँ, अगर मइँ बड़ा खुसी क जइसा बेउहार न करेउँ, तउ मइँ कउनो गीत गावइ मँ असमर्थ रहेउँ।
7 हे यहोवा, याद करा एदोमियन उ दिना जउन किहे रहेन। जब यरूसलेम हार ग रहा, उ पचे चीखिके बोले रहेन, ऍका चीर डावा अउर नेंव तलक एका बर्बाद करा।
8 हे बाबुल, तोहका उजार दीन्ह जाइ। उ मनई क धन्य कहा जउन तोहका उ सजा देइ जउन तोहका मिलइ चाही। उ मनई क धन्य कहा जउन तोहका उ मुसीबत देइ जइसा तू हमका मुसीबत दिहे रहा।
9 उ मनई क धन्य कहा जउन तोहरे गदेलन क चट्टान पइ झपटिके पछार देइ।
Psalm 138
1 हे परमेस्सर, मइँ आपन पूर्ण मन स तोहार गीत गावत हउँ। मइँ सबहिं देवन क समन्वा मइँ तोहार पद गाउब।
2 हे परमेस्सर, मइँ तोहरे पवित्तर मन्दिर कइँती दण्डवत करब। मइँ तोहरे नाउँ क बड़कई करब, काहेकि तोहार बिस्ससनीय पिरेम सच्चा अउर पिआरा अहइ, अउर काहेकि तू आपन वचन क आपन महान सक्ती स किहा ह।
3 हे यहोवा, जब मइँ मदद पावइ बरे तोहार पराथना करेउँ तउ मोका जवाब द्या। तू मोका बल देइके मोर साहस बढ़ाया।
4 हे यहोवा, धरती क सबहिं राजा तोहार अच्छाई क गुण गावइँ। जब उ पचे तोहार वचन क सुनिहीं।
5 उ पचे यहोवा क स्तुति करइँ, काहेकि यहोवा क महिमा महान अहइ।
6 काहेकि यहोवा महान अहइ, मुला उ अबहुँ तलक विन्रम मनई क धियान रखत ह। उ घमण्डी लोगन क कामन क पता दूर स ही जानत हीं।
7 हे यहोवा, अगर मइँ संकट मँ पड़उँ तउ मोका जीवित रहइ द्या। अगर मोर दुस्मन मोह पइ किरोध करइँ तउ ओनसे मोका बचावा।
8 यहोवा उ सबइ बातन क करी जेनका उ मोका वचन दिहेस ह। हे यहोवा, तोहार बिस्ससनीय पिरेम सदा ही बना रहत ह। हे यहोवा, तू हमका रच्या ह। तउ तू हमका जिन बिसरा।
Psalm 139
1 हे यहोवा, तू मोका जाँच्या ह। मोरे बारे मँ तू सब कछू जानत अहा।
2 तू जानत अहा कि मइँ कब बइठत अउ कब खड़ा होत हउँ। तू दूर रहत भए मोरे मन क बात जानत अहा।
3 हे यहोवा, तू जानत ह कि मइँ कहाँ जात अउ कहाँ ओलरत हउँ। तू बहोत अच्छी तरह जानत ह जउन कछू मइँ करत हउँ।
4 हे यहोवा, एहसे पहिले क सब्द मोरे मुख स निकलइ तोहका पता होत ह कि मइँ का कहइ चाहत हउँ।
5 हे यहोवा, तू मोरे चारिहुँ कइँती मौजूद अहा। मोरे समन्वा भी अउर पाछा भी, तू आपन निज हाथ मोरे ऊपर हौले स रखत अहा।
6 मोका अचरज अहइ ओन बातन पइ जेनका तू जानत अहा। जेनका मोरे बरे समुझब बहोत कहिन अहइ।
7 हर जगह जहाँ भी मइँ जात हउँ हुआँ तोर आतिमा होत ह। हे यहोवा, मइँ तोहसे बचिके कहँू नाहीं जाइ सकत।
8 हे यहोवा, अगर मइँ आकासे पइ जाब हुआँ पइ भी तू ही अहा। अगर मइँ मउत क देस पाताल मँ जाब हुआँ पइ तू ही अहा।
9 अगर मइँ पूरब मँ जहाँ स सूरज निकरत ह, अगर मइँ समुद्दर क पीछे रहब,
10 हुआँ तलक भी तोहार दायाँ हाथ पहोंचत ह। तू मोका आपन हाथ स धइके अगुवाइ करत ह।
11 होइ सकत ह मइँ सोचउँ कि तोहसे छुपा अहउँ अउर कहइ लागूँ, “दिन रात मँ बदल गवा ह। निहचय ही अँधियारा मोका ढँापि लेइ।”
12 मुला यहोवा अँधेरा भी तोहरे बरे अँधेरा नाहीं अहइ। हिआँ तलक कि तोहरे बरे रात भी दिन जइसी ही उजरी अहइ, काहेकि दुइनउँ अँधेरा अउर उजियारा तोहार समान अहइ।
13 तू मोर देह क अन्दरोनी भाग क बनाया ह। तू मोका आपन महतारी क कोख मँ ही रचे रहा।
14 हे यहोवा, मइँ तोहका ओन सबहिं अचरज भरे काम बरे धन्यवाद देत हउँ जउन रास्ते स तू मोका बनाया ह, अउर मइँ सचमुच जानत हउँ कि तू जउन कछू करत अहा उ अचरजे स पूर्ण अहइ।
15 जब मइँ आपन महतारी क कोख मँ रहा अउर मोरे देह गुप्त रूप मँ रूपधारण करत रहेन तबहिं तू मोर हाड़न क लख्या।
16 तू मोरी देह क मोरी महतारी क गर्भ मँ बनत भए लख्या। अउर मोर सरीर क सबइ हींसा जउन दिन ब दिन बनत रहा, उ सबइ क बनइ स पहिले तोहार किताब मँ लिखा भवा रहेन।
17 तोहार विचारन मोरे बरे बहोत कीमती अहइँ। उ गिनती मँ बहोत जियादा अहइँ।
18 तू जउन कछू जानत अहा, ओन सब क अगर मइँ गन सकउँ, तउ उ सबइ सबहिं धरती क रेत क कणन स भी जियादा होइहीं। यद्यपि अगर मइँ लगातार जगा रहेउँ, तउ भी मइँ ओनकर बरे तोहरे साथ गना जाब।
19 हे परमेस्सर, दुर्जन क नस्ट करा। तू हत्यारन, मोसे दूर रहा।
20 उ पचे बुरे लोग तोहरे बरे बुरी बातन कहत हीं। तोहार दुस्मन झूठ स तोहार नाउँ लेत ह।
21 हे यहोवा, मोका ओन लोगन स घिना अहइ जउन तोहसे घिना करत हीं। मइँ ओन लोगन स घिना करत हउँ जउन तोहार खिलाफ बिद्रोह करत ह।
22 मोका ओनसे पूरी तरह घिना अहइ। तोहार दुस्मन मोर भी दुस्मन अहइँ।
23 हे परमेस्सर, मोका जाँच्या अउर मोर मन जान ल्या। मोका परख्या अउर मोर चिन्तन क जान ल्या।
24 मोह पइ निगाह करा अउर लखा कि मोर लच्छ बुरे नाहीं अहइँ। तू मोका उ पथ पइ लइ चला जउन अन्नतकाल स परगट अहइ।
Psalm 140
1 हे यहोवा, दुट्ठ लोगन स मोका बचावा। क”ाूर लोगन स मोर रच्छा करा।
2 उ सबइ लोग नोस्कान पहोंचावइ कुचक्र रचत बाटेन। उ सबइ लोग सदा ही लड़ जात हीं।
3 ओन लोगन क जिभियन अइसन तेज बाटइ जइसे साँप। ओन लोगन क सब्दन साँप क बिख क नाईं अहइ। (सेला)
4 हे यहोवा, तू दुट्ठ लोगन स मोर रच्छा करा। क्रूर लोग स मोर रच्छा करा। उ सबइ मोर पाछे मोका खाले मँ लोकइ बारे अहइँ।
5 ओन घमण्डी लोग मोरे बरे फँदा डाएन। मोका फँसावइ क उ पचे जाली फइलाएन ह। उ पचे मोर राहे मँ फँदा लगाएन।
6 किन्तु मइँ यहोवा क स्वीकार किहेउँ, तू मोर परमेस्सर अहा। हे यहोवा, मोर पराथना सुना।
7 हे यहोवा मोर सुआमी, तू मोर मज़बूत उद्धारकर्ता अहा। तू मोर मूँड़े क टोप जइसा अहा। जउन मोर मूँड़ क जुद्ध मँ बचावत ह।
8 हे यहोवा, दुट्ठ लोगन क इच्छा क पूरी न होइ द्या। ओनकर कउनो जोजना क सफल जिन होइ द्या, वरना उ पचे घमण्डी होइ जाइहीं।
9 मोरे दुस्मनन जउन मोका घेरि लिहेस बुरा जोजनन बनावत ह। ओनकर बुरा जोजनन ओनही क मुँड़न पइ गिरइ द्या।
10 ओनके मूँड़े पइ दहकत अंगारन क उड़ेर द्या। मोरे दुस्मनन क आगी मँ झोंकि द्या। ओनका गड़हन (कब्रन) मँ लोकाइ द्या। उ पचे ओहसे कबहुँ बाहेर न निकरि पावइँ।
11 ओन क्रूर बोलइवालन क इ धरती मँ स्थापित जिन होइ द्या। उ हिंसक लोगन क संग बुरी बातन बार-बार घटइ द्या।
12 मइँ जानत हउँ यहोवा कांगालन क निआउ खराइ स करी। परमेस्सर असहायन क सहायता करी।13हे यहोवा, सच्चे लोग तोहरे नाउँ क स्तुति करिहीं। इमानदार लोग तोहार समन्वा बास करिहीं।
Psalm 141
1 हे यहोवा, मइँ तोहका मदद पावइ बरे गोहरावत हउँ। जब मइँ गोहराएउँ तब तू मोर सुनि ल्या। मोका मदद हाली करा।
2 मोर बिनती तोहार समन्वा बरत धूप क उपहार क तरह होइ। मोर बिनती तोहार बरे दीन्ह गइ साँझ क बलि जइसी होइ।
3 हे यहोवा, मोरी वाणी पइ मोर काबू होइ। आपन वाणी पइ मइँ धियान रख सकउँ, एहमाँ मोर सहायक ह्वा।
4 मोका बुरी बात जिन करइ द्या। मोका रोके रहा बुरे लोगन क संगति स ओनकर सरस भोजन स अउर बुरे कामन स। मोका सामिल जिन होइ द्या अइसे ओन कामन मँ जेनका करइ मँ बुरे लोग रख लेत हीं।
5 सज्जन लोगन क मोर सुधार करइ द्या। इ दयलुता क काम क नाईं होइ। तोहार भगतन क मोर बुराई क निकारइ द्या। इ मोर मुड़े बरे अभिसेक क तेल क नाईं होइ। मुला मोर पराथना दुट्ठ लोगन क कुकर्मन क खिलाफ अहइ।
6 ओनकर राजा लोगन क सजा पावइ द्या अउर तब लोग जान जइहीं कि मइँ सच कहे रहेउँ।
7 लोग खेत क खोदके जोता करत हीं अउर माटी क एहर-ओहर छितराइ देत हीं। ओन दुट्ठ लोगन क हाड़न भी इहइ तरह कब्रन क चारिहुँ तरफ एहर-ओहर छितरइहीं।
8 हे यहोवा, मोर सुआमी, सहारा पावइ क मोर निगाह तोहे पइ लगी अहइ। मोका तोहार भरोसा अहइ। कृपा कइके मोका जिन मरइ द्या।
9 मोका दुट्ठन क फँदन मँ जिन पड़इ द्या। ओन दुट्ठन क जरिये मोका जिन पँसाइ द्या।
10 उ सबइ दुट्ठ खुद आपन फँदन मँ फँसि जाइँ जब मइँ बचिके निकर जाउँ बगैर नोस्कान उठाए भए।
Psalm 142
1 मइँ मदद बरे यहोवा क गोहराएउँ। मइँ यहोवा क समन्वा पराथना किहेउँ ह।
2 मइँ यहोवा क समन्वा आपन दुःख रोउब। मइँ यहोवा स आपन कठिनाइयन कहब।
3 मोर दुस्मनन मोरे बरे जाल बिछाएन ह। मइँ आसा छोरइ बरे तइयार अहउँ। मुला यहोवा जानत अहइ कि मोरे संग का घटत अहइ।
4 मोर चारिहुँ कइँती नज़र करा अउ लखा, कउनो मीत कहूँ भी देखॉत नाहीं अहइ। हिआँ बचइ क कउनो जगह नाहीं बा। कउनो मनई मोका बचावइ क जतन नाहीं करत अहइ।
5 एह बरे मइँ यहोवा क मदद बरे गोहराएउँ ह। मइँ कहेउँ, “हे यहोवा, तू मोर सरणस्थल अहा। तू ही अकेल्ले मोर जिन्नगी मँ एक स्रोत अहइ।
6 हे यहोवा, मोर पराथना क जवाब दया, काहेकि मोर बहोत दुर्दसा होइ गवा ह। तू मोका ओन लोगन स बचाइ ल्या जउन मोर पाछा करत ह काहेकि उ पचे मोहे स जियादा मज़बूत अहइँ।
7 मोका सहारा द्या कि इ कैद स पराइ जाउँ अउर तोहार नाउँ क स्तुति कइ सकेउँ। सच्चे लोगन मोर चारिहुँ कइँती इकट्ठा होइहीं। उ पचे आपस मँ मिलिहीं अउर तोहार गुणगान करिहीं काहेकि तू मोर रच्छा किहा ह।
Psalm 143
1 हे यहोवा, मोर पराथना सुना। मोर विनती सुना अउर फुन एकर जवाब द्या। मोका जवाब दया, काहेकि तू फुरइ भला अउ खरा अहा।
2 आपन दास मोह पइ निआव जिन करा, इ कारण कि कउनो भी जिअत मनई तोहरे समन्वा निदोर्ख नाहीं ठहर सकत।
3 मोर दुस्मन मोरे पाछे पड़ा अहइँ। उ मोर जिन्नगी चकनाचूर कइके धूरि मँ मिलाएन। उ पचे मोका बहोत दिन क मुरदे क समान अँधिअर कब्र मँ ढकेलत अहइ।
4 मइँ निरास होत हउँ। मोर साहस छूटत अहइ।
5 मुला मोका उ सबइ बातन याद अहइँ, जउन बहोत पहिले घटी रहिन। मइँ ओन अद्भुत कामन क बारे मँ सोचा करत हउँ जेनका तू किहे रह्या।
6 हे यहोवा, मइँ आपन हाथ उठाइके तोहार बिनती करत हउँ। मइँ तोहरी मदद क बाट जोहत हउँ जइसे झुरान धरती बर्खा क बाट जोहत ह। (सेला)
7 हे यहोवा, मोका हाली जवाब द्या। मइँ कमज़ोर होत रहत हउँ। मोका नज़र अन्दाज़ जिन करा। मोका ओन लोगन क जइसा जिन होइ द्या, जउन कब्र मँ ओलरा होइँ।
8 हे यहोवा, भोर क फूटत ही मोका आपन बिस्ससनीय पिरेम देखाँवा। मइँ तोहरे भरोसे हउँ। उ सबइ बातन मँ मोर अगुवाइ जेनका मोका करइ चाही, काहेकि मइँ मदद बरे तोहका लखत हउँ।
9 हे यहोवा, मोरे दुस्मनन स रच्छा पावइ बरे मइँ तोहरी सरण मँ आवत हउँ। तू मोका बचाइ ल्या।
10 सिच्छा द्या, तू मोहसे का करवावइ चाहत अहा? काहेकि तू मोर परमेस्सर अहा। तोहार नीक आतिमा क जमीन क तल क ऊपर मोर अगुवाइ करइ द्या।
11 हे यहोवा, मोका तोहार नाउँ बरे जिअत रहइ द्या। मोका मुसीबत स बाहर निकारा काहेकि तू नीक अहा।
12 हे यहोवा, मोह पइ आपन बिस्ससनीय पिरेम परगट करा। अउर मोर सत्रुअन क नस्ट करा जउन मोका मारइ क जतन करत हीं। काहेकि मइँ तोहार सेवक हउँ।
Psalm 144
1 यहोवा मोर चट्टान अहइ। यहोवा क धन्य कहा। यहोवा मोका लड़ाई बरे प्रसिच्छण देत अहइ। यहोवा मोका जुद्ध बरे प्रसिच्छण देत अहइ।
2 यहोवा मोसे पिरेम रखत ह। उ मोर किला अहइ। उ पर्वत क ऊपर, मोर ऊँच सुरच्छा क सरण अहइ। उ मोका बचावत ह। उ मोर ढाल अहइ। मइँ ओकरे भरोसे हउँ। उ मोरे लोगन पइ राज्ज करइ मँ मोर मदद करत ह।
3 हे यहोवा, मानव जाति तोहरे बरे काहे महत्वपूर्ण बना अहइँ? तू मानव जाति पइ काहे धियान देत अहा?
4 मनई क जिन्नगी एक फूँक क तरह होत ह। मनई क जिन्नगी ढलत भइ छाया क तरह होत ह।
5 अकासे क चीरके खाले उतरि आवा। पहाड़न क छुइ ल्या ताकि ओनसे धुआँ उठइ लाग।
6 हे यहोवा, बिजुरियन पठइ द्या अउर मोरे दुस्मनन क कहूँ दूर भगाइ द्या। आपन बाणन क चलावा अउर ओनका मजबूर करा कि उ पचे कहूँ पराइ जाइँ।
7 अकासे स मदद पठवा अउर मोका मुक्त करा अउ मोका बचाइ ल्या। एन, दुस्मनन क सागर मँ मोका जिन बूड़इ द्या। मोका ऍन बिदेसियन स बचाइ ल्या।
8 इ सबइ दुस्मन लबार अहइँ। उ पचे धोखेबाज़ अहइँ।
9 हे यहोवा, मइँ नवा गीत गाउब तोहरे ओन अद्भुत कर्मन क तू जेनका करत ह। मइँ तोहार जस दस तार वाली वीणा पइ गाउब।
10 तू राजा लोगन क मदद ओनकर जुद्धन जीतइ मँ करत ह। तू आपन सेवक दाऊद क ओकरे दुस्मनन क तरवारन स मुक्त किहा ह।
11 मोका ऍन परदेसियन स मुक्त करा अउ मोका बचाइ ल्या। इ सबइ दुस्मन लबार अहइँ। उ पचे धोखेबाज़ अहइँ।
12 हमार पूतन जवान होइके बिसाल बृच्छन जइसे मजबूत होइँ, हमार बिटियन महल क सुन्नर सजावटी कोने क पाथर जइसी होइँ।
13 तोहार गोदाम फसलन स भरपूर होइँ। हमार भेड़िन चरागाहन मँ हजारन-हजारन मेमनन जनमत रहइँ।
14 हमार बर्धन बहोत स पइदावार ढोइहीं। हम पइ कउनो दुस्मन हमला न करी। हम मँ स कउनो कबहुँ जुद्ध मँ नाहीं जाई। हमार गलियन मँ चिचियाहट नाहीं होई।
15 जउन लोगन बरे इ बातन नीक अहइँ उ धन्य अहइँ। जउन लोगन परमेस्सर यहोवा अहइ उ धन्य अहइँ।
Psalm 145
1 हे मोरे परमेस्सर, हे मोरे राजा, मइँ तोहार गुण गावत हउँ। मइँ सदा-सदा तोहरे नाउँ क धन्य कहत हउँ।
2 मइँ हर दिन तोहका सराहत हउँ। मइँ तोहरे नाउँ क सदा-सदा बड़कई करत हउँ।
3 यहोवा महान अहइ। ओकर बहोत स्तुति होइ चाही। मइँ उ सबइ चिजियन क पता नाहीं लगाइ सकब जउन उ करत ह।
4 पीढ़ी दर पीढ़ क ओन बातन क गरिमा क बखानइ द्या जेनका तू सदा-सर्वदा करत ह। अउर ओनका तोहार सक्तीसाली करमन क घोसणा करइ द्या।
5 तोहरे महिमामय प्रताप सुन्नर अहइ। मइँ तोहरे अचरज भरे करमन क बखानब।
6 लोगन क ओन अचरज भरा सक्ती क बारे मँ कहइ द्या जेनका तू करत ह। मइँ ओन महान करमन क बखानब जेनका तू करत ह।
7 लोगन क उ बहोत सारी नीक बातन क बारे मँ कहइ द्या जउन तू किहा ह। उ पचे तोहार सच्चाई क बारे मँ कहिहीं।
8 यहोवा दयालु अहइ अउर करुणा स पूर्ण्ा अहइ, उ धीरज अउ पिरेम स पूर्ण अहइ।
9 यहोवा सब क बरे भला अहइ। उ जउन सबइ कछू रचेस ह ओकरे प्रति करुणा प्रगट करत ह।
10 हे यहोवा, ओनका जेका तू रच्या ह तोहार बड़कई करइ द्या। तोहका तोहार भगत धन्य कहत हीं।
11 उ सबइ लोग तोहरे महिमा स भरा राज्ज क बखान करत रहत हीं। ओनका तोहरी सक्ती क बारे मँ कहइ द्या।
12 ताकि सबइ मानव जाति ओकरे सक्तीसाली करमन बारे मँ अउर ओकरे राज्ज क महिमामय प्रताप क बारे मँ जानइँ।
13 हे यहोवा, तोहार राज्ज सदा सदा बना रही। तू सर्वदा राज्ज करब्या।
14 यहोवा गिरे भए लोगन क उठावत ह। यहोवा ओन लोगन क उठावत ह जउन बोझन क ढोवत ह।
15 सबहिं प्राणी तोहरी कइँती खाना पावइ बरे लखत हीं। तू ओनका ठीक समइ पइ खइया क देत रहत ह।
16 तू आपन मूठी खोलत ह, अउर तू सबहिं प्राणियन क ओकरे जरूरत क चिजियन स संतुट्ठ करत अहा।
17 जउन कछू यहोवा करत ह उ नीक बाटइ। यहोवा जउन भी करत ओहमाँ निज बिस्ससनीय पिरेम प्रकट करत ह।
18 यहोवा हमेसा ओन लोगन क निचके रहत ह जउन इमानदारी क संग यहोवा स मदद क बिनती करत ह।
19 यहोवा क भगत जउन ओहसे चाहत हीं, उ ओन बातन क करत ह। यहोवा आपन भगतन क सुनत ह। उ ओनकर पराथनन क जवाब देत ह अउर ओनकर रच्छा करत ह।
20 यहोवा ओन सबइ क जउन ओह स पिरेम करत ह, क रच्छा करत ह। किन्तु उ हर टुट्ठ क नस्ट करत ह।
21 मइँ यहोवा क गुण गाउब। हर कउनो ओकर पवित्तर नाउँ क सदा अउ सर्वदा स्तुति करइ द्या।
Psalm 146
1 यहोवा क गुणगान करा। मोर मनवा, यहोवा क बड़कई करा।
2 मइँ आपन जिन्नगी भइ यहोवा क गुण गाउब। मइँ जब तलक जिअब आपन परमेस्सर बरे संगीत बजावत रहब।
3 आपन प्रमुखन क भरोसे जिन रहा। मदद पावइ बरे मनई क भरोसे जिन रहा, काहेकि तोहका मनई बचाइ नाहीं सकत ह।
4 लोग मर जात हीं अउर दफनाइ दीन्ह जात हीं। फुन ओनकर मदद देइ क सबहिं जोजना यूँ ही चली जात हीं।
5 ओनका धन्य होइ जउन याकूब क परमेस्सर क आपन सहायक क रूप मँ राखेस ह। ओनका धन्य होइ जउन यहोवा आपन परमेस्सर क भरोसे रहा करत हीं।
6 उ सरग अउ धरती क बनाएस ह। उ सागर अउर ओहमाँ क हर चिजियन क बनाएस ह। उ हमेसा बिस्सासी रही।
7 उ सताया भवा लोगन क संग उचित बेउहार करत ह। उ भुखान लोगन क भोजन देत ह। यहोवा बन्दी लोगन क छोड़ाइ दिया करत ह।
8 यहोवा आँधर क आँखियन क खोलि दिहेस। यहोवा ओन लोगन क सहारा देत ह जउन ठोकर खाएन हीं। यहोवा सच्चे लोगन स पिरेम करत ह।
9 यहोवा हमरे देस मँ रहइवालन बिदेसियन क रच्छा करत ह। यहोवा अनाथन अउ राँड़ मेहररूअन क धियान रखत ह। किन्तु दुर्जनन क मकसदन क विफल करत ह
10 यहोवा सदा राजा क रूप मँ सासन करत रहइ। हे सिय्योन तोहार परमेस्सर पीढ़ी दर पीढ़ी राज करत रहइ। यहोवा क गुणगान करा।
Psalm 147
1 यहोवा क बड़कई करा काहेकि उ नीक अहइ। हमरे परमेस्सर क स्तुति क गीत गावा, काहेकि इ नीक अहइ अउ ओकरे बरे सुखदायी अहइ।
2 उ यहोवा अहइ जउन यरूसलेम क बनाएस ह। उ उहइ जउन ओन लोगन क एक संग जमा किहेस ह जेनका इस्राएल स तितर-बितर कीन्ह गवा रहा।
3 परमेस्सर ओनकर टूटे मनवा क चंगा करत रहत अउर ओनकर घावन पइ पट्टी बाँधत रहा।
4 परमेस्सर तारन क गनत ह अउर हर एक तारा क नाउँ जानत ह।
5 हमार सुआमी बहोत महान अउर सक्तीसाली अहइ। ओकरे गियान क सीमा न अहइ।
6 यहोवा दीन लोग क सहारा देत ह। उ दुट्ठ लोगन क खाले मँ हींच लेत ह।
7 गाइके यहोवा क धन्यवाद द्या। हमरे परमेस्सर क गुणगान वीणा क संग करा।
8 उ बादरन स अकासे क ढाँपत ह। उ धरती पइ बर्खा करावत ह। उ पहाड़न पइ हरी घास क उगावत ह।
9 उ गोरूअन क अउर नान्ह कउअन क जउन ओकरे मदद बरे गोहरावत हीं, चारा देत ह।
10 ओका जुद्ध क घोड़न अउर सक्तीसाली सैनिक नाहीं भावत हीं।
11 यहोवा ओन लोगन स प्रसन्न होत ह, जउन ओकर सम्मान करत हीं। यहोवा प्रसन्न अहइ, अइसे ओन लोगन स जेनकर आस्था ओकरे सच्चे पिरेम मँ अहइ।
12 हे यरूसलेम, यहोवा क गुण गावा। सिय्योन, आपन परमेस्सर क बड़कई करा।
13 हे यरूसलेम, तोहरे फाटकन क परमेस्सर सुदृढ़ बनावत ह। तोहरे नगर क लोगन क परमेस्सर असीस देत ह।
14 परमेस्सर तोहार देस क सान्ति स आसीस देत ह, एह बरे तोहरे लगे खाइ बरे अनाज क ढेर अहइ।
15 परमेस्सर धरती क आदेस देत ह अउर ओकर आदेस क फउरन पालन होत ह।
16 परमेस्सर धरती पइ तब तलक पाला गिरावत जब तलक धरातल वइसा सफेद नाहीं होइ जात जइसा उज्जर ऊन होत ह। उ बर्फ क छोटा टूकन क हवा क संग धूरि क नाईर् उड़त ह।
17 परमेस्सर ओलन क अइसा बनावत ह मानो पाथरन अकासे स गिरत हीं। कउनो मनई उ ठिठुरन क नाहीं सह सकत ह जउन ओकरे दुआरा भेजा जात ह।
18 फुन परमेस्सर दूसर आग्या देत ह, अउर गरम हवा फुन बहइ लग जात ह। बफर् टेघरइ लागत अउर जल बहइ लग जात ह।
19 परमेस्सर आपन आदेस याकूब क दिहे रहा। परमेस्सर इस्राएल क निज बिधि क विधान अउ नेमन क दिहस।
20 यहोवा कउनो दूसर रास्ट्र क बरे अइसा नाहीं किहस। परमेस्सर आपन नेमन क, कउनो दूसर जाति क नाहीं सिखाएस। यहोवा क जस गावा।
Psalm 148
1 यहोवा क बड़कई करा। ओकर बड़कई सरग स करा।
2 हे सबहिं सरगदूतो, यहोवा क जस गावा। ग्रहो अउ नछत्रो ओकर गुण गान करा।
3 सूरज अउ चाँद, तू पचे यहोवा क गुण गावा। अकासे क तारो अउ जेातियो, ओकर बड़कई करा।
4 यहोवा क बड़कई सबन त ऊँच पर्वत मँ करा! हे जल अकासे क ऊपर, ओकर बड़कई करा।
5 यहोवा क नाउँ क बड़कई करा। काहेकि उ आदेस दिहस, अउर सब कछू रचे रहा।
6 उ ऍन सबन्क बनाएस एह बरे उ सबइ सदा-सदा बना रहइँ। उ अपरिवर्तनसील कानून बनाएस।
7 ओ धरती पइ क हर वस्तु, यहोवा क गुण गावा। ओ बिसाल जन्तुओ अउ सबइ महासागरो, ओकर गुण गावा।
8 आगी अउ ओलन, बरफ अउ कुहासा, तूफानी पवन जउन ओकर वचन क पूरा किहेन, ओकर गुण गावा।
9 पर्वतन अउ सबइ पहाड़न, फलदार बृच्छ अउ देवदार क बृच्छ, ओकरे गुण गावा।
10 बनेर पसुअन अउ सब पालतु मवेसी, रेंगइवाले जीव अउ पंछियन, ओकर गुण गावा।
11 धरती क सबहिं राजा लोग अउ सबइ रास्ट्रन, प्रमुखन अउ धरती पइ क सबहिं निआवाधीसन, ओकर स्तुति करा।
12 नव जवान मनसेधू अउ नव जवान मेहरारू, ओकर स्तुति करा। परमेस्सर बूढ़े लोगन अउ गदेलन क रचेस ह।
13 ओनका यहोवा क नाउँ क स्तुति करइ द्या। अकेल्ले ओकरे नाउँ ही ऊँच सम्मानित अहइ। धरती अउ अकास ओकर चमक-दमक स भरि जाइहीं।
14 उ आपन लोगन क मजबूती क स्रोत क निर्माण किहेस। उ आपन सबइ भगतन अरथ इस्राएलियन, अउ ओकरे समीप रहइवाले रास्ट्रन बरे, स्तुति क स्रोत क निर्माण किहेस। यहोवा क बड़कई करा।
Psalm 149
1 यहोवा बरे एक ठु नवा गीत, ओन नई बातन क बारे मँ गावा जेनका यहोवा किहस ह। ओकरे भगतन क मण्डली मँ ओकर गुणगान करा।
2 इस्राएलियन क आपन रचनाकर्ता मँ खुसी मनावइ द्या। सिय्योन क लोगन आपन राजा क संग आनन्द मनावइ द्या।
3 उ सबन क ओकरे नाउँ क स्तुति नाच क संग करइ द्या अउर उ पचन क तंबूरा अउ वीणन क ओकरे पराथना बरे बजावइ द्या।
4 यहोवा आपन लोगन स खुस अहइ। उ पीड़ितन क बचावइ स उद्धार किहस।
5 परमेस्सर क भगतन क विजय उत्सव मनावइ द्या। हिआँ तलक कि बिछोना पइ जाए क पाछे भी उ पचन क खुसी मनावइ द्या।
6 ओनका परमेस्सर क विजय क जयजयकार करइ द्या। ओनका आपन मँ तेज तरवारन क धारण करइ द्या।
7 तउ उ पचे दूसर रास्ट्रन स बदला लेइ सकइँ अउर ओन लोगन क सजा देइ सकइँ।
8 परमेस्सर क लोग ओन राजा लोगन क बाँधेइँ, ओकर सज्जन लोगन क जंजीरे स बाँधेइँ।
9 परमेस्सर क लोग ओनकर निआव परमेस्सर क आदेसन क अनुसार करिहीं। ओकरे सबहिं बिस्सासी भगतन क ओका सम्मान देइ क बिसेस अधिकार प्राप्त अहइ। यहोवा क स्तुति करा।
Psalm 150
1 यहोवा क बड़कई करा। परमेस्सर क मन्दिर मँ ओकर गुणगान करा। आकासे मँ ओकर बड़कई करा जउन ओकर सक्ती दिखावत ह।
2 ओकर ओन बड़के कारजन बरे ओकर बड़कई करा। ओकर सबहिं महानता बरे ओकर स्तुति करा।
3 तुरही पूँकत अउ नरसिंहा बजावत भए ओकर स्तुति करा। ओकर गुणगान वीणा अउ सारंगी बजावत भए करा।
4 तम्बूरन बजाइके अउ नाचिके ओकर स्तुति करा। तारवाला यंत्रन अउर बाँसुरियन बजाइके ओकर गुण गावा।
5 तू परमेस्सर क जस झंकारत भए झाँझन क बजावत गावा। ओकर बड़कई करा।
6 सबइ जिअत पराणियन यहोवा क स्तुति करइँ। यहोवा क बड़कई करा!
Proverbs 1
1 दाऊद क पूत अउ इस्राएल क राजा सुलैमान क नीतिवचन (कहावतन)।
2 इ सबइ बातन क मनइ क बुद्धि क पावइ, अनुसासन क ग्रहण करइ, जेनसे समुझ स भरी बातन क गियान होइ,
3 मनई धरम स पूर्ण, निआव स पूर्ण सत्तय स पूर्ण क करम करइ क विवेकसील अउर अनुसासन मँ रहइ क जिन्नगी पावइ,
4 सहल सोझवाले लोगन क इ सिखावाइ बरे कि विवेकसील जिन्नगी कइसे बिताइ जाइ, अउर जवान लोगन क गियान अउर बुद्धीमत्ता सिखावइ बरे, लिखा गवा अहइँ।
5 बुद्धिमान लोगन क ओनका सुनिके आपन बुद्धि अउर समुझदारी बढ़ावइ द्या।
6 एह बरे लिखा गवा, ताकि मनई नीतिवचन, गियानी क दृष्टान्तन क अउर पहेली भरी बातन क समुझ सकइँ।
7 यहोवा क डर मानब गियान क प्रारम्भ अहइ। मुला मूरख जन तउ बुद्धि अउ सिच्छा क निरर्थक मानत हीं।
8 हे मोर पूत, आपन बाप क सिच्छा पइ धियान द्या अउर आपन महतारी क नसीहत क जिन बिसरा।
9 उ पचे तोहार मूँड़ सजावइ क मुवुट अउ सोभा स जोरइ तोहरे गले क हार बनिहीं।
10 हे मोर पूत, अगर पापी लोग तोहका बहलावइ फुसलावइ आवइँ ओनकर कबहुँ जिन मान्या।
11 अउर अगर उ पचे कहइँ, “आवा हमरे संग। आ, हम पचे कउनो क घाते मँ बइठी। आ, निदोर्ख पइ छुपिके वार करी।
12 आ, हम पचे ओनका जिअत ही सारा क सारा लील जाइ वइसे ही जइसे कब्र लील लेत हीं। जइसे खाले पाताल मँ कहूँ फिसरत चला जात ह।
13 हम सबहिं बहोत कीमती चिजियन पाइ जाब अउर आपन इ लूट स घरवा भरि लेब।
14 आपन भाग्य क पाँसा हम लोग आपन बीच लोकावा, हम पचे सामुहिक बटुआ क सहभागी होब।”
15 हे मोर पूत, तू ओनकर राहन पइ जिन चला, तू आपन गोड़ ओन लोगन क राहे पइ जिन रखा।
16 काहेकि ओनकर गोड़ बुराई क ओर बढ़त हीं। उ पचे रकत बहावइ क बहोत सन्नध रहत हीं।
17 उ समइ जाल क फइलाना केतना बेकार अहइ जबकि पंछी पूरी तरह स लखत हीं।
18 जउन कउनो क रकत बहावइ क इंतजार मँ बइठा अहइँ उ पचे अपने आप जालि मँ फँसि जइहीं।
19 उ सबइ जउन बेइमानी क धन हासिल करइ क जतन करत ह उ पचे आपन जिन्नगी उहइ मँ खो देत हीं।
20 बुद्धि, गलियन मँ गोहरावत ह, उ सर्वजनिक जगहन मँ आपन आवाज उठावत ह।
21 सोर स भरी गलियन क नोवकड़ पइ गोहरावत ह, सहर क फाटक पइ आपन भासण देत ह:
22 “अरे नादान लोगो! तू कब तलक आपन नादानी स पिरेम करत रहब्या? हँसी ठटाकरइवालो, तू कब तलक ठटा करने मँ आनन्द लेब्या? अरे मूखोर्, तू कब तलक गियान स घिना करब्या?
23 अगर मोर फटकार तोह पइ असर डावत तउ मइँ तोह पइ आपन हिरदय उड़ेर देत अउर तोहका अपने सबहिं विचार देखाइ देतेउँ।
24 “मुला काहेकि तू तउ मोका नकार दिहा जब मइँ तोहका गोहराएउँ, अउर कउनो धियान नाहीं दिहस, जब मइँ आपन हथवा बढ़ाए रहेउँ।
25 तू मोर सबहि उपदेस क उपेच्छा किहा अउर मोर फटकार कबहुँ नाहीं स्वीकार किहा।
26 एह बरे, बदले मँ, मइँ तोहरे नासे पइ हँसब। मइँ हँसी ठट्टा करब जब तोहार बिनास तोहका घेरी।
27 जब बिनास तोहका वइसे ही घेरी जइसे खउफनाक बबूला क चत्रवाद घेरत ह, जब बिनास जकड़ी, अउर जब बिनास अउ संकट तोहका बोर देइहीं।
28 “तब, उ पचे मोका गोहरइहीं किंतु मइँ कउनो भी जवाब नाहीं देबउँ। उ पचे मोका हेरत फिरिहीं मुला नाहीं पइहीं।
29 काहेकि उ पचे हमेसा गियान स घिना करत रहेन, अउर उ पचे कबहुँ नाहीं चाहेन कि उ पचे यहोवा स डेराइँ।
30 काहेकि उ पचे, मोर उपदेस कबहुँ धारन नाहीं किहन, अउर मोर डाट-फटकार क रद्द करिहीं।
31 उ पचे अपन जीवन क करमन क फल जरूर भोगिहीं, उ पचे आपन बुरे जोजना स खुद आपन पेट भरिहीं।
32 “नादान लोगन क हटी ओनका ही बिनास करिहीं मूरखन लोगन क लापरवाही वाला रवैया ओनका नस्ट कइ देइ।
33 मुला जउन मोर सुनी उ सुरच्छित रही, उ बगैर कउनो नोस्कान अउर कउनो डर क हमेसा चैन स रही।”
Proverbs 2
1 हे मारे पूत, अगर तू मोरे बोध बचनन क सुना अउर मोर हुवुम मन मँ बटोरा,
2 अउर तू बुद्धि क बातन पइ कान लगावा, मन आपन समुझदारी मँ लगावत भए,
3 अउर अगर तू अन्तदृस्टि बरे गोहरावा, अउर तू समुझबूझ क बरे पुकारा,
4 अगर तू एका अइसे हेरा जइसे कउनो कीमती चाँदी क हेरत ह, अउर तू एका हेरा, जइसे कउनो छुपे भए खजाना क हेरत ह,
5 तब तू यहोवा क डर क समुझब्या अउर परमेस्सर क गियान पउब्या।
6 काहेकि यहोवा बुद्धि देत ह अउर ओकरे मुँह स ही गियान अउ समुझदारी क बातन फूटत हीं।
7 ओकरे भंडारे मँ खरी बुद्धि ओनके बरे रहत ह जउन खरा अहइँ। अउर ओनके बरे जउन कि इमानदारी स रहत ह एक ढाल जइसे अहइ।
8 उ निआव क मारग क रखवारी करत ह अउर आपन वफादार लोगन क राह क रच्छा करत ह।
9 तबहिं तू समुझब्या कि नेक निआब अउर इमानदारी का अहइ। इ सबइ नीक चिजियन अहइ।
10 तउ बुद्धि तोहरे मने मँ प्रवेस करी अउर गियान तोहरी आतिमा क आनन्दित करी।
11 तोहका नीक बुरा क बोध बचाइ, समुझबूझ भरी बुद्धि तोहार रखवारी करी।
12 बुद्धि तोहका बुरे लोगन क राहे स बचाइ। बुद्धि तोहका ओन लोगन स बचाइ जउन बुरी बात बोलत हीं।
13 अँधियारी गलियन मँ भटकइ बरे उ पचे सहल-सोझ राहन क तजि देत रहत हीं।
14 उ पचे बुरे करम करइ मँ हमेसा आनन्द मनावत हीं। उ पचे बुरे कार्य मँ हमेसा मगन रहत हीं।
15 ओन लोगन पइ बिस्सास नाहीं कइ सकित। उ पचे लबार अहइँ अउर छल करइवाला अहइँ। मुला तोहार बुद्धि अउर समुझ तोहका इन बातन स बचायेगी।
16 इ बुद्धि तोहका बदकार मेहरारु अउ ओकर चापललूसी स भरी बातन स बचाइ।
17 जउन आपन जवानी क साथी तजि दिहन वाचा क उपेच्छा परमेस्सर क समच्छ किहे रहा।
18 काहेकि ओकर घर मउत क गड्ढा मँ अहइ अउर ओकर राहन नरक मँ लइ जात हीं।
19 जउन भी ओकरे घर जात ह उ कबहुँ नाहीं लउटि पावत अउर ओका जिन्नगी क राहन कबहुँ नाहीं मिलतिन।
20 एह बरे तू नीक लोगन क मार्ग पइ चलइ चाही अउर तेहका हमेसा सत्यता क मागेर् पइ बना रहे चाही।
21 इमानदार जन अउर बे कसूर लोग आपन धरती पइ बसा रइहीं।
22 मुला जउन दुट्ठ धोका बाज अहइँ ओनका धरती स हटा दीन्ह जइहीं।
Proverbs 3
1 हे मोर पूत, मेरी सिच्छा क जिन बिसरा, बल्कि तू मोर आदेसन क आपन हिरदय मँ बसाइ ल्या।
2 काहेकि उ सबइ तोहार जिन्नगी क लम्बी अउर सान्तिमइ बनाहीं।
3 वफादारी अउर सच्चाई क कबहुँ भी आपन स अलग न होइ द्या। तू एनका हार क नाई अपने गले मँ डावा। एनका आपन हिरदय क पटल पइ लिख ल्या।
4 इ तरह स तू सफल होब्या अउर परमेस्सर अउ मनई दुइनउँ तोहसे आन्नदित होब्या।
5 आपन पूरे हिरदय स यहोवा मँ बिस्सास राखा। तू अपनी समुझ पइ निर्भर जिन करा।
6 तू आपन सबइ करमन मँ जेका तू करत ह परमेस्सर क इच्छा क याद राखा। उहइ तोहार सब राहन क सोझ करी।
7 आपन ही आँखिन मँ तू बुद्धिमान जिन बना, यहोवा स डरेत रहा अउर बुराई स दूर रहा।
8 एहसे तोहार बदन पूरा तन्दुरूस्त रही अउर तोहार हाड्डियन पुट्ठ होइहीं।
9 आपन सम्पत्ति स, अउर आपन उपज स पहिले फलन स यहोवा क आदर करा।
10 तोहार भण्डार बहुतायत स भरि जइहीं, अउर तोहार मधु क बर्तन दाखरस स उमण्डत रइहीं।
11 हे मोर पूत, यहोवा क अनुसासन क रद्द जिन करा। तोहका सुधार करइ क ओकर प्रयास बरे बुरा जिन बोला।
12 काहेकि यहोवा सिरिफ ओनहीं क डाँटत ह जेनसे उ पिआर करत ह। वइसे ही जइसे बाप उ पूत क डाँटइ जउन ओका बहोतइ पिआरा अहइ।
13 धन्य अहइ उ मनई, जउन बुद्धि पावत ह। उ मनई धन्य अहइ जउन समुझ प्राप्त करइ।
14 बुद्धि, कीमती चाँदी स जियादा लाभ देइवाली अहइ, अउर सोना स जियादा उत्तिम प्रतिदान देत ह।
15 बुद्धि मणि माणिक स जियादा कीमती अहइ। जेका तू चाह सवया। सबइ चिजियन मँ स कउनो भी चीज जेका तू सायद कि चाह रखत ह ओकर बराबरी क नाहीं हो सकत ह।
16 बुद्धि क दाहिन हाथे मँ सुदीर्घ जिन्नगी अहइ अउर ओकरे बाएँ हाथे मँ सम्पत्ति अउ सम्मान अहइ।
17 ओकर मारग मनोहर अहइँ अउर ओकर सबहिं राह सान्ति क रहत हीं।
18 बुद्धि ओनके बरे जिन्नगी क दरखत अहइ जउन एका गले लगावत ह। उ पचे हमेसा धन्य रइहीं जउन मजबूती स बुद्धि क थामे रहत हीं।
19 यहोवा धरती क नेेंव बुद्धि स धरेस, उ समुझ अकासे क स्थिर किहस।
20 ओकरे ही गियान स गहिर सोतन फूटि पड़ेन अउ बादर ओसे क कण बरसावत हीं।
21 हे मोर पूत, तू अपनी निगाह स बुद्धि क लुप्त जिन होइ द्या। किन्तु बजाए एका आपन जोग्यता क सही फैसला लइ बरे अउर विवेक बरे रच्छा करा।
22 उ पचे तउ तोहरे बरे जिन्नगी बन जइहीं, अउर तोहरे कंठे क सजावइ क एक ठु आभूसण।
23 तब तू सुरच्छित बना अपना मागेर् पर चलेहीं अउर तोहार गोड़ कबहुँ ठोकर नाहीं खइहीं।
24 तोहका सोवइ पइ कबहुँ डर नाहीं खाहीं अउर सोइ जाए पइ तोहार नींद मधुर होइ।
25 तू आकस्मिक बिनासे स या उ तबाही स जउन दुट्ठ लोगन पइ आवत ह जिन डेराअ।
26 काहेकि यहोवा तोहार संग होइ, अउर उ तोहरे गोड़े क फँदा मँ फँसइ स बचाइ।
27 जउन लोग नीक चीज क हकदार अहइ ओनका उहइ दइ स इन्कार जिन करा। जब तू नीक करइ क जोग्य ह तउ एका करा।
28 जब आपन पड़ोसी क देब तोहरे लगे धरा होइ तउ ओहसे अइसा जिन कहा कि “बाद मँ आया काल्हि तोहका देब।”
29 तोहार पड़ोसी बिस्सास स तोहरे लगे रहत होइ तउ ओकरे खिलाफ ओका नोस्कान पहोंचावइ बरे कउनो सडयंत्र जिन रचा।
30 बिना कउनो कारण क कउनो मनइ क संग जउन कि तोहका कउनो छति नाहीं पहोंचाएस ह बहस जिन करा।
31 कउनो उपद्रवी मनई स तू जलन जिन करा, अउर ओकर कउनो भी राहे क अनुसरन जिन करा।
32 काहेकि यहोवा वुटिल लोगन स घिना करत ह अउ इमानदार लोगन क अपनावत ह।
33 दुट्ठ मनई क घरे यहोवा क सराप रहत ह, उ नेक क घरे क आसीर्वाद देत ह।
34 उ स्वाथीर् अउर घमंडी लोगन क हँसी उड़ावत ह, मुला विनर्म लोगन पइ उ मेहरबानी करत ह।
35 विवेकी जन तउ आदर पइहीं, मुला उ मूर्खन क, लज्जित ही करी।
Proverbs 4
1 हे मोर पूतो, बाप क सिच्छा क सुना ओह पइ धियान द्या अउर तू समुझबूझ पाइ लया।
2 मइँ तू पचन्क गहिर-गंभीर सिच्छा देत हउँ। मोर इ सिच्छा क तू पचे जिन तज्या।
3 जब मइँ आपन बाप क घर एक बालक रहेउँ अउर महतारी क बहोतइ कोमल एकलौता गदेला रहेउँ,
4 उ मोका सिखावत रहा, “मोरे सिखिया का पूर्ण रूप स पालन करा। जदि तू मोर आदेसन क माना तउ तू जिअब।
5 तू बुद्धि प्राप्त करा अउ समुझबूझ प्राप्त करा, मोर वचन जिन बिसरा अउर ओनसे जिन डुगा,
6 बुद्धि जिन तजा। उ तोहार रच्छा करी। ओहसे पिरेम करा उ तोहार धियान राखी।”
7 बुद्धि सबन त नीक बाटइ: सब कछू दइके भी बुद्धि प्राप्त करा। गियान प्राप्त करा।
8 बुद्धि स पिरेम करा। उ तोहका महान बनाहीं। ओका तू गले स लगाइ ल्या, उ तोहार सम्मान बढ़ाई।
9 उ तोहरे मूँड़े पइ सोभा क माला धरी अउर उ तोहका एक ठु वैभव क मुवुठ देइ।
10 सुना, हे मोर पूत! जउन कछू मइँ कहत हउँ तू ओका ग्रहण करा। तू अनगिनत बरिस जिअत रहब्या।
11 मइँ तोहका बुद्धि क मागेर् पइ चलइ क राह देखावत हउँ, अउर सरल मार्गन पइ अगुवाई करत हउँ।
12 जब तू अगवा बढ़ब्या तोहार गोड़ रूकावट नाहीं पइहीं, अउर जब तू दउड़ब्या ठोकर नाहीं खाब्या।
13 सिच्छा क थामे रहा, ओका तू जिन छो़ड़ा। एकर रखवारी करा। इहइ तोहार जिन्नगी अहइ।
14 तू दुट्ठ लोगन क राहे पइ कदम जिन धरा। बुरे लोगन क राहे पइ जिन चला।
15 तू एहसे बचत रहा। एह क ओर कदम जिन बढ़ावा। एहसे तू मुड़ि जा अउर एकरे बगल स गुजर जा।
16 उ पचे बुरे करम किए बगैर सोइ नाहीं पउतेन। उ पचे नींद खोइ चुकत हीं जब तलक कउनो क नाहीं गिरउतेन।
17 उ पचे तउ बस हमेसा नीच होइ क रोटी खात हीं अउर हिंसा क दाखरस पिअत हीं।
18 मुला नीक लोगन क राह वइसे होत ह जइसे भिंसारे क किरण होत ह, जउन दिन क पूर्ण होइ तलक आपन प्रकास मँ बढ़त ही चली जात ह।
19 मुला दुठ्न लोगन क मारग अँधियारा जइसा होत ह। उ पचे नाहीं जानत ह कि केकर कारण उ पचे ठोकर खात ह या गिरत ह।
20 हे मोर पूत, जउन कछू मइँ कहत हउँ ओह पइ तू धियान द्या। मोर बचनन क तू कान लगाइके सुना।
21 ओनका आपन दृस्टि स ओझर जिन होइ द्या। आपन हिरदय पइ तू ओनका धरे रहा।
22 काहेकि जउन ओनका पावत हीं ओनके बरे उ सबइ जिन्नगी बन जात हीं अउर उ पचे एक मनई क संपूर्ण तने क तन्दुरूस्ती बनत हीं।
23 सबन स बड़की बात इ अहइ कि तू आपन विचार क बारे मँ होसियार रहा। काहेकि तोहार विचार जिन्नगी क कब्जे मँ राखत हीं।
24 तू आपन मुँह स वुटिलता क दूर राखा। तू आपन ओंठनस गलत बात दूर राखा।
25 आपन आंखिन क हमेसा सिधे रखा, आपन पलकन क समन्वा क ओर रखा।
26 आपन गोड़न बरे तू सोझ मारग बनावा। बस तू ओन राहन पइ चला जउन निहचइ ही सुरच्छित अहइँ।
27 दाहिने क या बाएँ क जिन डुगा। तू आपन गोड़न क बुराई स रोके रहा।
Proverbs 5
1 हे मोर पूत तो मोरी बुद्धि क बातन पइ धियान द्या। मोर बुद्धिमानी क सिच्छा क धियान स सुना।
2 ताकि तोहार भला-बुरा क चेतना सुरच्छित रहइ अउर तोहरे ओंठन गियान कि सुरच्छा करइ।
3 काहेकि कउनो पराई मनइ क पतनी आपन ओंठन क मधुर बातन स तोहका लुभा सकत ह, ओकर ओंठन क वाणी तेल स भी जियादा चिकनी होत ह।
4 अंत मँ उ तोहरे बरे भयंकर दुःख दर्द लाहीं उ दुधारी तरवार क नाई अहइ।
5 ओकर गोड़ मउत क गड्ढा कइँती बढ़त हीं अउर उ तोहका सिधे कब्र तलक लइ जात हीं।
6 उ कबहुँ भी जिन्नगी क मारग क नाहीं सोचत। ओकर राहन खोटी अहइँ। किंतु हाय्य, ओका मालूम नाहीं।
7 अब हे मोरे पूतन, तू मोर बात सुना। जउन कछू भी मइँ कहत हउँ ओहसे जिन मोड़ा।
8 तू अइसी राह पइ चला जउन ओहसे काफी दूर होइ। ओकर घरे तलक जिन जा।
9 नाहीं तउ दूसर कउनो तोहरे ताकत क उपयोग करिहीं, अउर तोहार जिन्नगी क बरिस कउनो अइसे मनइ लइ ले हीं जउन कि करुर होइ।
10 अइसा न होइ, तोहरे धने पइ अजनबी मउज करइँ। तोहार मेहनत अउरन क घर भरइ।
11 तोहार जिन्नगी क अंतिम दिना मँ जब तू बिमार होब्या अउर तोहार लगे कछू भी न होइ, तउ तोहका रोवत बिलबिलात भवा छोड़ दीन्हा जाहीं।
12 अउर तू कहब्या, “हाय! मइँ अनुसासन स काहे घिना किहा? मइँ सुधार क काहे उपेच्छा किहा?
13 मइँ आपन सिच्छकन क बात नाहीं मानेउँ या मइँ आपन प्रसिच्छकन पइ धियान नाहीं दिहेउँ।
14 मइँ महानासे क किनारे पइ आइ गावा हउँ अउर हर एक इ जानत ह।”
15 तू आपन हौज स ही पानी पिया करा अउ तू आपन झरना स ही सुद्ध पानी पिया करा। तू आपन पानी क गलियन मँ इधर-उधर फइलइ जिन दया। एका गलियन मँ नदी क नाई बहव जिन द्या।
16
17 इ तउ बस तोहार ही होइ, एकमात्र तोहार ही। ओनमाँ कबहुँ कउनो अजनबी क हींसा न होइ,
18 आपन पत्नी क संग धन्न रहा। ओकरे संग ही तू जीवन रस क पान करा जेक तू आपन जवानी क समइ सादी कीन्ह रहा।
19 ओकर छातियन हरिणी अउर खुबसुरत पहाड़ी बोकरी क नाई तोहका हमेसा सन्तुस्त करइ, ओकर पिरेम जाल तोहका हमेसा फाँस लइ
20 हे मोर पूत, कउनो बिभिचारिणी क तोहका विनासे क ओर काहे लइ जावइ चाही? तोहका कउनो अजनबी मेहरारु क काहे गले लगावइ चाही?
21 यहोवा तोहार राहन पूरी तरह लखत अहइ अउ उ तोहार सबहिं राहन परखत बाटइ।
22 दुट्ठ क बुरे करम ओका बाँध लेत हीं। ओकर ही पाप जाल ओका फाँसि लेत ह।
23 उ अनुसासन क कमी क कारण मरि जात ह। ओकर महान मूरखता ओका विनास क ओर लइ जावत ह।
Proverbs 6
1 हे मोर पूत, जदि तू बगैर समुझबूझिके कउनो अजनबी मनइ क बदले मँ कउनो क जमानत दिहा ह या कउनो स कउनो बचन किहस ह
2 तउ तू आपन ही कहनी क जालि मँ फँसि गवा अहा, तू आपन मुँह क ही सब्दन क पिंजरे मँ बंद होइ गवा अहा।
3 हे मोर पूत, काहेकि तू अउरन क हाथन क पुतला होइ गवा ह। तू आपन क रच्छा बरे अइसा ही करा जइसा मइँ कहत हउँ। ओन लोगन क निआरे जा अउ विनम्र होइके आपन पड़ोसियन स आग्रह करा।
4 आपन आँखिन क आराम जिन करइ द्या। आपन आँखियन क पलक झपकी तलक न लइ द्या।
5 खुद क हरिणी क नाईं या सिकारी क हाथे स भागा भवा कउनो पंछी क नाईं आजाद कइ ल्या।
6 अरे ओ आलसी, चोंटी क लगे जा। ओकर कार्य विधि लखा अउर ओहसे सीख ल्या।
7 ओकर न तउ कउनो नायक अहइ, न ही कउनो निरीच्छक, न ही कउनो सासक अहइ।
8 फुन भी उ गरमी मँ खइया क बटोरत ह अउ कटनी क समइ अन्न क दाना बटोरत ह।
9 अरे ओ सुस्त मनइ, कब तलक तू हिआँ पड़ा रहब्या? आपन नींद स तू कब जाग उठब्या?
10 तू तनिक सोब्या, तनिक झपकी लेब्या, तनिक सुस्ताइ बरे आपन हाथन पइ हाथ धइ लेब्या
11 अउर बस तोहका गरीबी लुटेरा क नाईं आइके घेरी अउर अभाव तोहका हतयार स लैस डाकोअन क नाई घेर लेइ।
12 नीच अउ दुट्ठ मनइ उ होत ह जउन धोका दइवाले बातन बोलत भवा फिरत रहत ह।
13 जउन आँख मारइ क इसारा करत ह अउर आपन अँगुरियन अउर पैरन स संकेत देत ह।
14 उ सडयंत्र रचत ह अउर हमेसा बहस व मुबाहिसा करत ह।
15 एह बरे ओह पइ एकाएक महानास गिरी अउर फउरन नस्ट होइ जाइ। ओकरे लगे बनइ क उपाय नाहीं होइ।
16 यहोवा छ: चिजियन स घिना करत ह, अउर सातवे चीज ओकर बरे घृणित अहइ।
17 गर्व स भरी आँखिन, झूठ स भरी वाणी, उ सबइ हाथन जउन निदोर्ख लोगन क हतियारा अहइँ।
18 अइसा हिरदय जउन सडयंत्र रचत रहत ह, उ सबइ गोड़ जउन बुराइ क मारग पइ तुरन्त दउड़ पड़त हीं।
19 उ लबार गवाह, जउन लगातार झूठ उगलत ह अउर अइसा मनई जउन भाइयन क बीच फूट डावइ।
20 हे मोर पूत, आपन बाप क आग्या क माना अउर आपन महतारी क सिच्छा क कबहुँ जिन तजा।
21 आपन हिरदय पइ ओनका हमेसा ही बाँधे रहा अउर ओनका आपन गटइया क हार बनाइ ल्या।
22 जब तू अगवा बढ़ब्या, उ पचे राह देखइहीं। जब तू सोइ जाब्या, उ पचे तोहार रखवारी करिहीं अउर जब तू जागब्या, उ पचे तोहसे बातन करिहीं।
23 काहेकि आदेस दीपक क नाई अहइँ अउर सिच्छा एक जोति क नाई हइ। अनुसासन क डाँट फटकार तउ जिन्नगी क मारग अहइ।
24 उ सबइ तोहका चरित्रहीन मेहरारू स अउर बिभिचारणी क फुसलाहट स रच्छा करत हीं।
25 तू आपन मन क ओकर सुन्नर क चाह जिन करइ द्या अउर ओकर आँखिन क जादू क सिकार जिन बना।
26 काहेकि उ रण्डी तउ तोहका रोटी-रोटी क मोहताज कइ देइ। मुला उ वुलटा तउ तोहार जिन्नगी हर लेइ।
27 का इ होइ सकत ह कि कउनो केउ क गोदी मँ आगी रखि देइ अउर ओकर ओढ़ना फुन भी तनिकउ भी न जरइ?
28 दहकत भए कोएले क अंगारन पइ का कउनो मनई अपन गोड़वन क बगैर झुरसाए भए चल सकत ह
29 उ मनई अइसा ही अहइ जउन कउनो दूसर क पत्नी स समागम करत ह। अइसी पइ मेहरारू क जउन भी कउनो छुइ, उ बगैर दण्ड पाए नाहीं रहि पाइ।
30 अगर कउनो चोर कबहुँ भूखन मरत होइ, अउर उ भूख मिटावइ बरे चोरी करइ तउ लोग ओहसे घिना नाहीं करिहीं। फुन भी अगर उ धरा जाइ तउ ओका सात गुना भरइ पड़त ह चाहे ओहसे ओकरे घरे क समूचा धन चुक जाइ।
31
32 मुला एक मनइ जउन दूसर क पत्नी क संग सारीरिक सम्बंध करत ह तउ ओकरे लगे विवेक क कमी अहइ। जउन मनइ अइसा करत ह उ खुद बरे विनास लावत ह।
33 प्रहार अउ अपमान ओकर भाग्य अहइ। ओकर कलंक कबहुँ नहीं धोइ जाइ।
34 काहेकि पति क ईर्स्या किरोध जगावत ह अउर जब उ एकर बदला लेइ तब उ ओह पइ दाया नाहीं करी।
35 उ कउनो नोस्कान क पूतिर् अंगीकार नाहीं करी अउर कउनो ओका केतना ही बड़ा लालच देइ, ओका उ अंगीकार किए बगैर ठुकराइ।
Proverbs 7
1 हे मोर पूत, मोरे वचनन क पाला अउ अपने मने मँ मोर आदेस संचित करा।
2 जदि तू मोरे आदेसन क मानब्या तउ तू जियबा। तोहका मोहरे उपदेसन क आपन आँखी क पुतरी सरीखा सँभारिके राखइ चाही।
3 ओनका आपन अँगुरियन पइ बाँधि ल्या, तू आपन हिरदय पटल पइ ओनका लिख ल्या।
4 बुद्धि स कहा, “तू मोर बहिन अहा” अउर तू समुझबूझिके आपन वुटुम्बी जन कहा।
5 उ सबइ हि तोहका बदकार मेहरारु क चिकनी व लुभावन बातन स बचाई।
6 एक दिना मइँ अपन खिड़की क झरोखा स झाँकेउँ,
7 सरल नउजवानन क बीच एक अइसा नउजवान लखेउँ जेका नीक-बुरा क पहिचान नाहीं रहा।
8 उ उहइ गली स होइके उहइ बदकार मेहरारु क नुवकड़ क लगे स जात रहा। उ ओकरे ही घरवा कइँती बढ़त जात रहा।
9 सूरज साँझ क धुँधल मँ बूड़त रहा, राति क अँधियारा क तहन जमत जात रहिन।
10 तबहिं एक मेहरारु ओहसे मिलइ बरे निकरिके बाहेर आइ। उ रण्डी क भेस मँ सजीभइ रही। अउर ओकरी इरादा बहोत प्रबल रही।
11 उ वाचाल अउर ओकर प्रबल इरादे क रही। उ घरे मँ कबहुँ ठहिरइ नाहीं चाहेस।
12 उ कबहुँ-कबहुँ गलियन मँ, कबहुँ चउराहन पइ, अउर हर केउ क नोवकड़े पइ घात लगावत रही।
13 उ ओका रोक लिहस अउ ओका धरेस। उ ओका निर्लज्ज मुँहे स चूमेस, फुन ओहसे बोली,
14 “आजु मोका मेलबलि अर्पण किहा। मइँ आपन प्रतिग्या परमेस्सर बरे पूरी कइ लिहेउँ।
15 एह बरे मइँ तोहसे मिलइ अउर तोहका यह कहे बरे बाहेर आएहउँ कि आ अउर मोर दावत मँ सामिल होजा। मइँ तोहार तलास मँ रही अउर अंत मँ तोहका पाए लिहेउँ।
16 मइँ मिस्र क मलमले क रंगन स भरी भइ चादर स सेज सजाएउँ ह।
17 मइँ आपन सेज क गंधरस, दालचीनी अउर अगर गंध स सुगंधित किहेउँ ह।
18 तू मोरे लगे आवा। भोर क किरण तलक दाखरस पिअत रही, हम आपुस मँ भोग करत रही।
19 मोर पति घरे पइ नाहीं अहइँ। उ दूर जात्रा पइ गवा अहइ।
20 उ आपन थैली रूपाया स भरिके लइ गवा अहइ अउर पुन्नवासी तलक घरे पइ नाहीं होइ।”
21 उ ओका लुभावना सब्दन स मोह लिहस। ओका मीठ मधुरवाणी स फुसलाइ लिहस।
22 उ फउरन ओकरे पाछे अइसे होइ लिहस जइसे कउनो बर्धा क जबह करइ बरे ले जाया जात ह। उ अइस चलत ह जइसे कउनो मूरख जालि मँ गोड़ धरत होइ।
23 जब तलक एक तीर ओकर हिरदय नाहीं बेधी तब तलक उ पंछी सा जालि पइ बगैर इ जाने दूट पड़ी कि जालि ओकर प्राण हरि लेइ।
24 तउ मोरे पूतो, अब मोर बात सुना अउर जउन कछू मइँ कहत हउँ ओह पइ धियान द्या।
25 आपन मन वुलटा क राहन मँ जिन हींचइ द्या अउर ओका ओकरे राहन पइ जिन भटकइ द्या।
26 केतने ही सिकार उ मार गिराएन ह। उ जेनका मारेस ओनकर जमघट बहोत बड़ा बाटइ।
27 ओकर घर उ राजमार्ग अहइ जउन कब्र क जात ह अउर तरखाले मउते क कालकोठरी मँ उतरत ह।
Proverbs 8
1 का बुद्धि तोहका गोहरावत नाहीं अहइ? का समुझबूझ ऊँचकी अवाज स तोहका नाहीं बुलावत अहइ?
2 उ राह क किनारे ऊँचे ठउरन पइ अउर चौराहे पइ खड़ी रहत ह।
3 उ सहर क जाइवालो दुआरन क सहारे सिंह दुआर क ऊपर गोहराइके कहत ह,
4 “हे लोगो, मइँ तोहका गोहरावत हउँ, मइ समूची मानवजाति बरे अवाज अठावत हउँ।
5 अरे नादा लोगो! बुद्धिमानी स रहइ क सिखा तू जउन मूरख बना अहा समुझबूझ सिखा।
6 सुना। काहेकि मोरे लगे कहइ क उत्तिम बातन अहइँ, आपन मुँहन खोलति हउँ, जउन कहइ क उचित बा
7 मेरे मुखे स तउ उहइ निकरत ह जउन फुरइ अहइ, काहेकि मोरे ओंठन क दुट्ठता स घिन अहइ।
8 मोरे मुँहे स नकलइ वाले सबइ सब्द निआव स पूर्ण अहइ। ओन मँ स कउनो भी धोका देइ वाला नाहीं अहइ।
9 विचारवान मनई बरे उ सबइ साफ साफ अहइँ अउर गियानी जन बरे उ सबइ सब दोख रहित अहइँ।
10 चाँदी नाहीं बल्कि तू मोर हिदायत ग्रहण करा उत्तिम सोना नाहीं बल्कि तू मोर गियान ल्या।
11 सुबुद्धि रत्नन मणि माणिकन स जियादा कीमती अहइँ। तोहार अइसी मनचाही कउनो वस्तु स ओकर तुलना नाहीं होइ।”
12 “मइँ बुद्धि अउर गियान क संग रहत हउँ। नीक अउर विवेक मोर मीत अहइ।।
13 यहोवा स डरब, बुराई स घिना करब अहइ। स्वाथीर्पन अउर घमण्ड, बुराइ क मारग झुटी मुँह स मइँ घिना करत हउँ।
14 मोर लगे परामर्स अउ गियान अहइ। मोरे लगे बुद्धि सक्ती अहइ।
15 मोरे ही सहारे राजा राज्ज करत हीं, अउर सासक नेम रचत हीं, जउन निआउ स पूर्ण अहइ।
16 केवल मोरी ही मदद स धरती क सबइ नीक सासक राज्ज चलावत हीं।
17 जउन मोहसे पिरेम करत हीं, मइँ भी ओनसे पिरेम करत हउँ, मोका जउन हेरत हीं, मोका पाइ लेत हीं।
18 सम्पत्तियन अउ आदर मोर संग अहइँ। मइँ खरी सम्पत्ति अउ जस देत हउँ।
19 मोर फल सोना स उत्तिम अहइँ। मइँ जउन उपजावत हउँ, उ सुद्ध-चाँदी स जियादा नीक अहइ।
20 मइँ निआउ क मारग क संग संग सत्य क मारग पइ चलत आवत हउँ।
21 मोहसे जउन पिरेम करतेन ओनका मइँ धन देत हउँ, अउर ओनकर भंडार भरि देत हउँ।
22 यहोवा सबइ चिजियन क रचइ स पहिले आपन पुराने करमन स भी पहिले मोका रचेस ह।
23 मोर रचना सनातन काल मँ भइ रहा। धरती क रचान स पहिले मोर रचान भइ रहा।
24 जब मोरे रचना कीन्हा गवा रहा तब न तउ सागर रहा अउर न ही पानी क सोता रहेन।
25 मोका पहाड़न पहाड़ियन क थिर करइ स पहिले ही जन्म दीन्ह गवा।
26 धरती क रचना, या ओकर खेत या जब धरती क, धूल कण रचा गएन। ओसे पहिले मोका रचेस ह।
27 जब यहोवा अकासे क कायम किहे रहा ओहसे भी पहिले मोर अस्तित्व रहा। जब यहोवा सागार क पइ छितिज रेखा खिँचे रहा ओहसे भी पहिले मोर अस्तित्व रहा।
28 उ जब अकासे मँ सघन बादल टिकाए रहा, अउर गहिर सागर क पानी स भरे रहा तउ स भी मइँ हुवाँ रहा।
29 जब उ समुद्दर क चउहद्दी बाँधे रहा ताकि पानी ओहसे आगे न चला जाइ मइँ हुवाँ रहा। जब उ धरती क नेवन रखे रहा ओहेस पहिले मइँ राह।
30 तब मइँ ओकरे संग वुसल सिल्पी स रहेउँ, मइँ दिन-प्रतिदिन आनन्द स पूरिपूर्ण होत चली गएउँ। ओकर समन्वा हमेसा आनन्द मनावत।
31 ओकर पूरी दुनिया स मइँ आनन्दित रहेउँ। मोर खुसी समूचइ मानवता रही।
32 तउ अब, मोर पूतो, मोर बात सुना। ओ धन्न अहइ जउन जन मोर राह पइ चलत हीं।
33 मोर उपदेस सुना अउर बुद्धिमान बना। एनकर उपेच्छा जिन करा।
34 उहइ जन धन्न अहइ, जउन मोर बात सुनत अउर रोज मोरे दुआरन पइ दृस्टि लगाए रहत एवं मोर ड्योढ़ी पइ बाट जोहत रहत ह।
35 काहेकि जउन मोका पाइ लेत उहइ जिन्नगी पावत अउर उ यहोवा क अनुग्रह पावत ह।
36 मुला उ जउन मोर खिलाफ पाप करत ह खूद ही चोट खावत ह उ जउन मोहे स घिना करत ह उ मउत स गले लगावत ह।”
Proverbs 9
1 बुद्धि आपन घर बनाएस ह। उ आपन सात खम्भनगढ़ेन ह।
2 उ आपन खइया क तइयार किहस अउर मिलावा भवा दाखरस आपन खइया क खाइ क मेजे पइ सजाइ लिहस ह।
3 अउर आपन दासियन क सहर क सबन त ऊँचके जगहिया स बोलावइ क पठएस ह।
4 “जउन भी नादान अहइ, किरपा कइ क हिआँ पइ आइ।” जउन मनइ क समुझ नाहीं अहइ उ ओनसे कहत ह,
5 “आवइँ, मोर खइया क खाइँ, अउर मोर दाखरस पिअइँ जेका मइँ बनाएस हउँ।
6 तू पचे आपन नादानी तजि द्या तउ तू जिअब्या। समुझ-बूझिके मारग पइ सिधे आगे बढ़ा।”
7 जउन कउनो मसखरी करइवाले क सुधार देत ह उ अपमाने क बोलावत ह, अउर जउन कउनो दुठ्ट मनइ क डाँट फटकार करइ चोट खात ह।
8 मसखरी करइवाले वाले क कबहुँ भी जिन डाँटा-फटकारा, नाहीं तउ उ पचे तू पचन स ही घिना करइ लागी। मुला अगर तू कउनो विवेकी क डाँटा-टफकारा तउ उ तू पचन स पिरेम ही करी।
9 बुद्धिमान व्यक्ति क चेतावा, उ अउर जियादा बुद्धिमान होइ। कउनो नीक व्यक्ति क क सिखावा, उ आपन गियन क बृद्धि करी।
10 यहोवा स डर, बुद्धि क हासिल करब क पहिला कदम बाटइ। यहोवा क गियान, समझबूझ क हासिल क पहिला कदम अहइ।
11 काहेकि मोर जरिये ही तोहार उमिर बढ़ी, तोहार दिन बढ़िहीं, अउर तोहरी जिन्नगी मँ बरिस जुड़त ही जइहीं।
12 “अगर तू बुद्धिमान अहा, सुद्बुद्धि तोहका प्रतिफल देइ। अगर तू मसखरी करइवाले अहा, तउ तू अकेल्ले कस्ट झेलब्या।
13 मूरखता अइसी मेहरारू क नाई अहइ जउन बातन बनावत ह किन्तु कछू नाहीं जानत ह। ओनके लगे गियान नाहीं अहइ।
14 आपन घरे क दुआरे पइ उ बइठी रहत ही, सहर क सवोर्च्च बिंदु पइ उ आसन जमावत ह।
15 उ हर एक क जउन ओकर ओर निगाह भी नाहीं करत हीं, पुकारती ह,
16 “अरे नादान लोगो तू पचे भितरे चले आवा!” उ इ ओनसे कहत ह जेनके लगे सुझ-बूझ क कमी अहइ।
17 “चोरी क पानी तउ मीठ-मीठ होत ह, छुपके खइया क खावा गवा भोजन, बहोतइ सुआद देत ह।”
18 मुला उ पचे इ नाहीं जानतेन कि हुआँ मृतकन क बास होत ह अउर उ सबइ जेका उ पहिले निओता दिहस रहा अब कब्र मँ अहइँ।
Proverbs 10
1 इ सबइ सुलैमान क नीतिवचन (कहावतन) अहइ।एक बुद्धिमान पूत अपने बाप क आनन्द देत ह। मुला एकठु मूरख पूत, महतारी क दुःख देत ह।
2 बुराई स कमाए भए धन क खजाना हमेसा बियर्थ रहत हीं। जबकि धामिर्कता मउत स छोड़ावत ह। सत्य क मारग हम लगन क मउत स बचावत ह।
3 यहोवा कउनो भी नेक व्यक्ति क भूखा नाहीं रहइ देत ह। मुला दुट्ठ क लालसा पइ पानी फेरि देत ह।
4 सुस्त हाथ मनई क दरिद्र कइ देत ह, मुला मेहनती हाथ सम्पत्ति लिआवत हीं।
5 ग्रीस्मकाल मँ जउन उपज क बटोरके राखत ह, उहइ पूत बुद्धिमान अहइ; किन्तु जउन कटनी क समइ मँ सोवत ह उ पूत सर्मनाक होत ह।
6 नीक लोगन क मूँड़ पइ आसीसन क मुवुट होत ह मुला दुद्ठ क मुँह हिंसा स भरा होत ह।
7 नीक लोगन क यादगर आसीस होत ह, मुला दुट्ठ लोगन क नाउँ मिट जाहीं।
8 उ आग्या मानी जेकर मन विवेकसील अहइ, जबकि बववास मूरख नस्ट होइ जाइ।
9 विवेकवाला मनई सुरच्छित रहत ह, मुला टेंढ़ी चाल चलइवाले क भण्डा फूटी।
10 जउन बुरे इरादे स आँखी क इसारा करइ, तउ ओका ओहसे दुःख ही मिली। अउर बकवासी मूरख नस्ट होइ जाइ।
11 धमीर् व्यक्ति क मुँह तउ जिन्नगी क सोता अहइ, मुला दुट्ठ व्यक्ति क मँुहे हिंसा स भरा पड़त ह।
12 घिना वाद-विवाद क कारण अहइ। जबकि पिरेम सबइ अपराध क ढाँपि लेत ह।
13 बुद्धि क निवास हमेसा समुझदार ओंठन पइ होत ह, मुला जेनमाँ नीक बुरा क बोध नाहीं होत, ओकरे पिठिया पइ डंडा होत ह।
14 बुद्धिमान लोग, गियान क संचित करत रहेन, भुला मूरख क बाणी विपत्ति क बोलावत ह।
15 धनिक क धन, ओनकर मजबूत किला होत, दीन क दीनता पइ ओकर बिनास अहइ।
16 धमीर् मनइ क कमाई ओनका जिन्नगी प्रदान करत ह। मुला दुट्ठ मनइ आपन पाप बरे कीमत चुकावत ह।
17 उ जउन अनुसासन स सीखत ह उ दूसर क जिन्नगी क मारग बरे निदेर्स दे सकत ह। मुला उ जउन हिदायत क उपेच्छा करत ह अइसा मनई दूसर क भटकावा करत ह।
18 जउन मनई बैर पइ परदा डाए राखत ह, उ मिथ्यवादी अहइ अउर उ जउन निन्दा फइलावत ह, मूरख अहइ।
19 जियादा बोलइ स, कबहुँ पाप दूर नाहीं होत मुला जउन आपन जवान क लगाम देता ह, उहइ बुद्धिमान अहइ।
20 धमीर् क वाणी विसुद्ध चाँदी अहइ, मुला दुट्ठ क हिरदय क कउनो मोल नाहीं।
21 धमीर् जन क बातन चाँदी क नाई होत ह। मुला दुट्ठ मनइ क सुझाव क कउनो कीमत नाहीं होत ह।
22 यहोवा क वरदान स जउन धन मिलत ह, ओकरे संग उ कउनो दुःख नाहीं जोड़त।
23 बुरे आचार मँ मूरख क सुख मिलत ह, मुला एक समुझदार विवेक मँ सुख लेत ह।
24 जेहसे मूरख भयभीत होत ह ओका उहइ क कस्ट झेलइ क होइ। किन्तु एक धमीर् मनइ आपन इच्छा स आसिसित कीन्ह जाइ।
25 आँधी जब गुजरत ह, दुट्ठ उड़ जात हीं, मुला धमीर् लोग तउ सदा ही बिना हिले डुले खड़ा रहत हीं।
26 काम पइ जउन कउनो आलसी क पठवत ह, उ बन जात ह जइसे अम्ल सिरका दाँत क खटावत ह, अउर धुआँ आँखिन क तड़पावत दुःख देत ह।
27 यहोवा क भय उमिर बढ़ावत ह। मुला एक दुट्ठ मनई क उमिर तउ घट जात ह।
28 धमीर् क भविस्स आनन्द-उल्लास अहइ। मुला दुट्ठ क आसा तउ बियर्थ रहि जात ह।
29 इमानदार लोगन बरे यहोवा क मारग सरणस्थल अहइ; मुला जउन बुरा जन अहइँ, ओनकर इ बिनास अहइ।
30 धमीर् जन क कबहुँ उखाड़ा न जाइ, मुला दुट्ठ धरती पइ कबहुँ टिक नाहीं पाइ।
31 धमीर् क मुँहे स बुद्धि क धार बहत ह, मुला वुटिल जीभ क तउ काटिके लोकावा जाइ।
32 धमीर् क ओंठ जउन उचित अहइ जानत हीं, मुला दुट्ठ क मुँह बस वुटिल बातन बोलन ह।
Proverbs 11
1 यहोवा छले क तराजू स घिना करत ह, मुला ओकर आंनद सही नाप-तौल पइ अहइ।
2 अभिमान क संग अपमान आवत ह, मुला नम्रता क संग विवेक आवत ह।
3 इमानदार लोगन क नेकी ओनकर अगुवाई करत ह, मुला बिस्सासघाती क कपट ओनका विनास करत ह।
4 जब परमेस्सर लोगन क परखत ह तउ धन बियर्थ रहत ह। इ काम नाहीं आवत ह। मुला तब नेकी लोगन क मउत स बचावत ह।
5 नेकी निदोर्ख जन बरे मारग सरल सोझ बनावत ह, मुला दुट्ठ जन क ओकर आपन ही दुट्ठई धूरि चटाइ देत ह।
6 नेकी सज्जन लोगन क छोड़ावत ह। मुला धोकाबाज आपन ही बुरे जोजना जालि क मँ फँस जात ह।
7 जब दुट्ठ मरत ह तउ ओकर बरे कउनो आसा नाही रहत ह। बुरे मनइ क आसा बियर्थ होइ जाइ।
8 धमीर् जन तउ बिपत्ति स छुटकारा पाइ लेत ह, जबकि ओकरे बदले उ दुट्ठ पइ आइ पड़त ह।
9 बुरे लोगन क वाणी आपन पड़ोसी क लइ बूड़त ह। मुला गियान क जरिये धमीर् जन तउ बचि निकरत ह।
10 धमीर् क विकास सहर क आनन्द स भरि देत ह। जबकि दुट्ठ क नास हर्सनाद उपजावत।
11 सच्चे जने क आसीस तउ सहर क ऊँच उठाइ देत ह मुला दुट्ठ क बातन खाले गिराइ देत हीं।
12 अइसा मनई जेकरे लगे विवेक नाहीं होत, उ आपन पड़ोसी क अपमान करत ह, मुला समुझदार मनई चुपचाप रहत ह।
13 जउन अफवाह फैलावत ह उ भेद परगट करत ह, किन्तु बिस्सासी जन भेद क छुपावत ह।
14 जहाँ मारग दर्सन नाहीं, हुआँ रास्ट्र पतित होत ह, मुला बहुत सलाहकार जीत क सुनिस्चित करत हीं।
15 जउन अनजाने मनइयन क जामिन बनत ह, उ निहचइ ही पीड़ा उठाइ। मुला जउन जामिन बनावइ स बचत ह उ आपन आप क सुरच्छा करत ह।
16 दयालु मेहरारू तउ आदर पावत ह जबकि वूर मनई क लाभ सिरिफ धन अहइ।
17 दयालु मनई खुद आपन भला करत ह, जबकि निर्दयी मनई खुद पइ विपत्ति लिआवत ह।
18 दुट्ठ जन कपट भरी कमाई कमाता ह, मुला जउन नेकी क बोवत ह, ओका तउ सच्चा प्रतिफले क पाउब अहइ।
19 उ जउन धामिर्कता मँ मजबूत अहइ लम्बी उमिर पावत ह। किन्तु जउन बुराई क अनुसरण करत ह वुसमइ मरि जात ह।
20 वुटिल जनन स, यहोवा घिना करत ह मुला उ ओनसे खुस होत ह जेनका जिन्नगी स्वच्छ होत हीं।
21 इ जाना निहचित अहइ कि दुट्ठ जन कबहुँ सजा स नाहीं बचिहीं। किन्तु धमीर् जन अउर ओनकर गदेलन सजा स बचिहीं।
22 जउन नीक बुरा मँ फरक नाहीं करत, उ मेहरारू क सुन्नरता अइसी अहइ जइसे कउनो सुअरे क थूथुन मँ सोना क नथुनी।
23 धमीर् मनई क अभिलासा क भलाई मँ अंत होत ह। मुला दुट्ठ क आसा सिरिफ किरोध मँ अंत होत ह।
24 जउन उदार अजाद भाव स दान देत ह, उन्नती करिहीं। मुल उ जउन ओन चिजियन क आपन लगे रखत ह जेका देइ चाही, ओकर लगे उ नाही होइ जेन्का जरुरत ओका अहइ।
25 उदार जन तउ हमेसा, फूली फली अउर जउन दूसरन क पिआस बुझाइ, ओकर तउ पिआस अपने आप ही बुझी।
26 अन्न क जमाखोर लोगन क गारी खात हीं, मुला जउन ओका बेचइ क राजी होत ह ओकरे मूँड़ बरदान क मवुट स सजत ह।
27 जउन भलाई पावइ क जतन करत ह उहइ जस पावत ह; मुला जउन बुराई क पाछे पड़ा रहत ओकरे तउ हथवा बुराई ही लागत ह।
28 जउन कउनो आपन धने क भरोसा करत ह, झरि जाइ उ बेजीव झुरान पाते जइसा; मुला धमीर् जन नवी हरियर कोंपर स हरा-भरा ही रही।
29 जउने आपन घराने पइ अपमान लिआइ ओका कछू भी नाही मिली। एक मूरख, बुद्धिमान क दास बनिके रही।
30 धमीर् मनई क करम-फल “जिन्नगी क बृच्छ” अहइ, अउर जउन जन आतिमान क जीत लेत ह, उहइ बुद्धिमान अहइ।
31 अगर इ धरती पइ धमीर् जन आपन उचित प्रतिफल पावत हीं, तउ फुन पापी अउ दुट्ठ जन आपन वुकरमन क केँतना फल हिआँ पइहीं।
Proverbs 12
1 जउन अनुसासन स पिरेम करत ह, उ तउ गियान स भी पिरेम करत ह। किन्तु जउन सुधार स घिना करत ह तउ उ निरा मूरख अहइ।
2 सज्जन मनई यहोवा क किरपा पावत ह, मुला छल छछंदी क यहोवा सजा देत ह।
3 दुट्ठता, कउनो जने क थिर नाहीं कइ सकत किन्तु धमीर् जन कबहुँ उखड़ नाहीं पावत ह।
4 एक उत्तिम पत्नी क संग पति खुस अउर अभिमानी होत ह। किंतु उ पत्नी जउन आपन मनसेधू क लजावत ह उ ओका तने क बेरामी जइसे होत ह।
5 धमीर् मनई क सबइ जोजना निआव स पूर्ण होत हीं जबकि दुट्ठ क सलाह कपट स भरी होत हीं।
6 दुट्ठ क सब्द लोगन क मारइ बरे घात मँ रहत हीं। मुला सज्जन क मुहँ ओनका बचावत ह।
7 जउन खोट होत हीं उखाड़ पेंका जात हीं, मुला धमीर् मनई क घराना टिका रहत ह।
8 मनई आपन अच्छा बातन जउन उ बोलत ह क मुताबिक तारीफ पावत ह। मुला उ जउन मुरख अहइ ओका तुच्छ जाना जात ह।
9 सामान्य मनई बनिके मेहनत करब उत्तिम अहइ एकरे कि भूखा रहिके महत्वपूर्ण मनई स सुआँग भरब।
10 धमीर् मनई आपन जानाबरन तलक क धियान रखत ह; किन्तु दुट्ठ मनइ सदा ही जालिम होत ह।
11 जउन अपने खेते मँ काम करत ह ओकरे लगे खाइके इफरात होइ। मुला जउन बियर्थ बिचारन क पाछा करत ह ओकरे लगे विवेक क अभाव रहत ह।
12 दुट्ठ जन बुरे जोजना क इच्छा करत ह। मुला धमीर् जन क जड़ फल लावत ह।
13 पापी मनई क ओकर आपन ही सब्द ओका जाल मँ फँसाइ लेत ह। किंतु खरा मनई बिपत्ति स बच निकरत ह।
14 आपन अच्छी बातन स जउन उ कहत ह मनइ अच्छा प्रतिफल पावत ह। इहइ तरह स एक मनइ आपन कार्य क अनुसार लाभ पावत ह।
15 मूरख क आपन मारग ठीक जान पड़त ह, मुला बुद्धिमान मनई सम्मति सुनत ह।
16 मूरख जन आपन झुँझलाहट झटपट देखावत ह मुला बुद्धिमान अपमान क उपेच्छा करत ह।
17 फुरइ स पूर्ण गवाह खरी गवाही देत ह, मुला लबार साच्छी झूठी बातन बनावत ह।
18 बिन बिचारे वाणी तरवार स छेदत, मुला विवेकी क वाणी घावन क भरत ह।
19 फुरइ स भरी वाणी हमेसा हमेसा टिकी रहत ह, मुला झूठी जीभ बस छिन भर क टिकत ह।
20 ओनके मने मँ छल-कपट भरा रहत ह, जउन वुचत्रे स भरी जोजना रचत हीं। मुला जउन सान्ति क बढ़ावा देत हीं, आनन्द पावत हीं।
21 धमीर् जने पइ कबहँ विपत्ति नाहीं पड़ी, मुला दुट्ठन क तउ विपत्तियन घेरिहीं।
22 अइसे ओंठन क यहोवा घिना करत ह जउन झूठ बोलत हीं; मुला ओन लोगन स जउन सच स पूर्ण अहइँ, उ खुस रहत ह।
23 गियानी जियादा बोलत नाहीं ह, चुप रहत ह मुला मूरख जियादा बोलिके आपन अगियानी क देखावत ह।
24 मेहनती हाथ तउ सासन करिहीं, मुला आलस क परिणाम बेगार होइ।
25 चिंता स भरा मन मनई क दबोच लेत ह। किंतु सुभ समाचार ओका हर्स स भरि देत हीं।
26 धमीर् मनई आपन पड़ोसी क मार्गदर्सन करत ह। मुला दुट्ठन क चाल ओनहीं क भटकावत ह।
27 आलसी मनई आपन आलस क कारण आपन काम पूरा नाही कर सकत ह। मुला एक मेहनती मनइ आपन सखत मेहनत स धन दोलत पावत ह।
28 नेकी क मारग मँ जिन्नगी रहत ह, अउर उ राहे क किनारे अमरता बसत ह।
Proverbs 13
1 समुझदार पूत आपन बाप क सिच्छा पइ कान देत ह। मुला बिद्रोह पूत झिड़की पइ भी धियान नाहीं देत ह।
2 सज्जन आपन वाणी क सुफल क आनंद लेत हीं मुला दुर्जन तउ सदा हिंसा चाहत ह।
3 जउन आपन वाणी क बरे चौकस रहत ह, उ आपन जिन्नगी क रच्छा करत ह। पर जउन गाल बजावत रहत ह, आपन बिनास क पावत ह।
4 आलसी मनइ चिजियन क लालसा करत ह पर कछू नाहीं पावत, मुला एक ठू परिस्रमी क जेतनी भी इच्छी अहइ, पूर्ण होइ जात ह।
5 धमीर् मनई ओहसे घिना करत ह, जउन झूठ अहइ जबकि दुट्ठ लज्जा अउ अपमान लिआवत हीं।
6 सच्चरित्र मनई क रच्छा करइवाली नेकी अहइ; जबकि दुट्ठता पापी मनइयन क नास करत ह।
7 एक ठु मनई जउन धन क देखावा करत ह, किंतु ओकरे लगे कछु भी नाहीं होत ह। किन्तु एक दूसर जउन गरीबी क जिन्नगी गुजारत ह ओकरे लगे बहोत धन होत ह।
8 धनवान क आपन जिन्नगी बचावइ ओकर धन फिरौती मँ लगावइ पड़ी मुला दीन जन कउनो धमकी क भय स अजाद अहइ।
9 धमीर् मनई क जिन्नगी प्रकास क नाईं चमचमात ह। किंतु दुट्ठ मनई क दिया बुझाइ दीन्ह जात ह।
10 अहंकार सिरिफ झगड़न क पनपावत ह। मुला विवेक उ अहइ जउन दूसर क राय क मानत ह।
11 बेइमानी क धन यूँ ही धूरि होइ जाता ह मुला जउन परिस्रम कइके धन संचित करत ह, ओकर धन बा़ढ़त ह।
12 जदि कउनो आसा नाही होइ तउ मन उदास होइ जात ह, मुला कामना क पूतिर् खुसी देत ह।
13 जउन जन सिच्छा क निरादर करत ह, ओका एकर कीमत चुकावइ क पड़ी। मुला जउन सिच्छा क आदर करत ह, उ तउ एकर प्रतिफल पावत ह।
14 विवेक क सिच्छा जिन्नगी क उद्गम सोता बाटइ, उ लोगन क मउत क फंदे स बचावत ह।
15 उ जउन अच्छा समुझ बूझ रखत ह खियाती अजिर्त करत ह, पर विस्सासघात सिरफ विस्साघात ही लावत ह।
16 हर एक विवेकी गियान क साथ काम करत ह, मुला एक मूरख आपन बेववूफी परगट करत ह।
17 दुट्ठ सन्देसवाहक बिपत्ति मँ पड़त ह, मुला बिस्सास क जोग्ग दूत सांति देत ह।
18 अइसा मनई जउन सिच्छा क उपेच्छा करत ह, ओह पइ लज्जा अउ गरीबी आइ पड़त ह। मुला जउन डाँट फटकार पइ कान देत ह, उ महत्व वाला मनइ होइ जाइ।
19 कउनो इच्छा क पूर होइ जाब मने क मधुर लागत ह। किन्तु मूरखन क बुरा क तजब नाहीं भावत ह।
20 बुद्धिमान क संगति, मनई क बुद्धिमान बनावत ह। किंतु मूरखन क साथी नस्ट होइ जात ह।
21 दुर्भाग्य पापियन क पाछा करत रहत ह; किंतु धमिर्यन प्रतिफले मँ खुसहाली पावत हीं।
22 सज्जन आपन नाती-पोतन क धन सम्पत्ति छोड़तह जबकि पापी क धन धमिर्यन क खातिर संचित होत रहत ह।
23 दीन जन क खेत भरपूर फसल देत ह, मुला अनिआव ओका बुहार लइ जात ह।
24 जउन आपन पूते क कबहुँ नाहीं दण्डित करत, उ आपन पूत क दुसमन अहइ। मुला जउन आपन पूत स पिरेम करत ह तउ उ ओका अनुसासन मँ राखत ह।
25 धमीर् जन, मने स खात अउर पूरी तरह तृप्त होत हीं किन्तु दुट्ठ क पास प्रयाप्त भोजन नाही होत ह।
Proverbs 14
1 बुद्धिमान मेहरारू आपन घर बनावत ह; मुला मूरख मेहरारू आपन ही हाथन स आपन घर उजाड़ देत ह।
2 उ लोग जउन सच्ची राह पइ चलत ह आदर क संग उ यहोवा स डेरात ह। मुला ओकर जेका राह टेढ़ी अहइ उ यहोवा स घिना करत ह।
3 मूरख क बातन ओकरे बरे मुसीबत लावत ह। किंतु बुद्धिमानन क वाणी ओकर रच्छा करत ह।
4 जहाँ बर्धा नाहीं होतेन, खरिहान खाली रहत हीं, बर्धा क बल पइ ही भरपूर फसल होत ह।
5 एक सच्चा साच्छी कबहुँ नाहीं छलत ह मुला झूठा गवाह, झूठ उगलत रहत ह।
6 एक अनुसासनहीन मनइ बुद्धि तलास करत ह किन्तु एका नाहीं पावत ह। मुला जउन सिखइ क इच्छा करत ह आसानी स गियान पावत ह।
7 मूरख क संगत स दूरी बनाए राखा, काहेकि ओकरी वाणी मँ तू गियान नाहीं पउब्या।
8 गियानी जनन क गियान इहइ मँ अहइ कि उ पचे आपन राहन क चिंतन करइँ। किन्तु मूरखन आपन मूरखता स धोका खात ह।
9 एक मूरख आपन कीन्ह भवा बुरा करम क दण्ड पइ जेका ओका देइ होइ हसँत ह। किन्तु एक बुद्धि मान मनइ छमा पावइ क जतन करत ह।
10 हर मन आपन निजी पीड़ा क जानत ह, अउर ओकर दुःख कउनो नाहीं बाँटि पावत ह।
11 दुट्ठ क इमारत क ढहाइ दीन्ह जाइ, मुला सज्जन क डेरा फूली फली।
12 अइसी ही राह होत ह जउन मनई क उचित जान पड़त ह; मुला परिणाम मँ उ मउत क लइ जात ह।
13 हँसत भए भी हिरदय रोवत रहि सकत ह, अउर आनन्द दुःखे मँ बदल सकत ह।
14 बिस्सासहीन क, आपन वुमार्गन क फल भोगइ क पड़ी; अउर सज्जन सुमार्गन क प्रतिफल पाइ।
15 एक नादान सब कछू क बिस्सास कइ लेत ह। मुला विवेकी जन सोच-समुझिके गोड़ धरत ह।
16 बुद्धिमान मनई सचेत रहत ह अउर आपन क पापे स दूर रखत ह। मुला मूरख मनई लापरवाह होत ह अउर अतिबिस्सास रखत ह।
17 अइसा मनई जेका हाली किरोध आवत ह, उ मूरखता स भरा काम कइ जात ह अउर उ मनई छल-छंदी होत ह उ तउ सब ही क पावत ह
18 एक नादान जन क बस मूरखता मिल पावत ह मुला एक बुद्धिमान मनइ क सिरे पइ गियान क मवुट होत ह।
19 दुर्जन नीक लोगन क समन्वा सिर निहुरइहीं, अउर दुट्ठ मनइ इमानदार लोगन क जरिए हराइ जाइ।
20 गरीब क ओकर पड़ोसी भी दूर राखत हीं; मुला धनी जन क मीत बहोत होत हीं।
21 जउन आपन पड़ोसी क तुच्छ मानत ह उ पाप करत ह मुला जउन गरीबन पइ दाया करत ह उ जन धन्न अहइ।
22 अइसे मनइयन जउन सडयंत्र रचत हीं का गलती नाही करत हीं? मुला जउन भली जोजना रचत हीं, उ तउ पिरेम अउर बिस्सास पावत हीं।
23 मेहनत क प्रतिफल मिलत हीं; मुला कोरा बकवास बस दीनता लावत ह।
24 विवेकी क प्रतिफले मँ धन मिलत ह; पर मूरखन क प्रतिफले मँ सिरिफ मूरखता मिलत ह।
25 एक सच्चा गवाह अनेक जिन्नगी बचावत ह। पर झूठा गवाह, तबाही लावत ह।
26 अइसा मनई जउन परमेस्सर स डेरात ह, उ परमेस्सर म सुरच्छित जगह पावत ह। अउर हुवँइ ओनके गदेलन क भी सरण मिलत ह।
27 यहोवा क भय जिन्नगी क सोता होत ह, उ मनई क मउत क फंदे स बचावत ह।
28 विस्तृत बिसाल परजा राजा क महिमा अहइ, मुला परजा बिना राजा नस्ट होइ जात ह।
29 धीरज स पूर मनई बहोतइ समुझ-बूझ राखत ह। मुला अइसा मनई जेका हालीं स किरोध आवइ उ तउ आपन ही बेववूफी देखावत ह।
30 सान्त मन तने क जिन्नगी देत ह मुला जलन हाड़न तलक नास कइ देत ह।
31 जउन गरीब क सतावत ह, उ तउ सबक सिरजनहार क अपमान करत ह। मुला उ तउ कउनो गरीब पइ दयालु रहत ह, उ परमेस्सर क आदर करत ह।
32 जब विनास आवत ह तउ दुट्ठ मनइ तबाह होइ जाइ; मुला धमीर् जन तउ मउत मँ भी सुरच्छित स्थान पइ रहत ह।
33 बुद्धिमान क हिरदय मँ बुद्धि क निवास होत ह, अउर मूरखन क बीच भी उ आपन क जनावत ह।
34 नेकी स रास्ट्र क उत्थान होत ह; मुला पाप हर जाति क कलंक होत ह।
35 विवेकी सेवक, राजा क खुसी अहइ, मुला उ सेवक जउन मूरख होत ह उ ओकर किरोध जगावत ह।
Proverbs 15
1 कोमल जवाबे स किरोध सांत होत ह; किन्तु कठोर वचन किरोध क भड़कावत ह।
2 जब कउनो बुद्धिमान बोलत ह तउ दूसर ओका सुनइ चाहत ह, मुला मूरख क मुँह बेववूफी उगलत ह।
3 यहोवा क आँखी हर कहूँ लगी भई अहइ। उ नीक-बुरे क देखत रहत ह।
4 दयावाली बात जिन्नगी क बृच्छ क नाईं अहइ। मुला कपट स भरी वाणी मने क तोड़ देत ह।
5 मूरख आपन बाप क डाँट फटकार क तिरस्कार करत ह। मुला जउन डाँट फटकार पइ कान देत ह बुद्धिमान होत ह।
6 धमिर्न क घरे मँ बहोत सारा चिज रहत ह। दुट्ठ क कमाई ओह पइ मुसिबत लिआवत ह।
7 बुद्धिमान क वाणी गियान फइलावत ह, मुला मूरखन क मन अइसा नाहीं करत ह।
8 यहोवा दुट्ठ क चढ़ावा स घिना करत ह मुला ओका सज्जन क पराथन ही खुस कइ देत ह।
9 दुट्ठन क राहन स यहोवा घिना करत ह। मुला जउन धामिर्कता क राहे पइ चलत हीं, ओनसे उ पिरेम करत ह।
10 ओकरी प्रतीच्छा मँ कठोर दण्ड रहत ह जउन राहे स भटक जात, अउर जउन सुधार स घिना करत ह, उ निहचय मरि जात ह।
11 जबकि यहोवा क समन्वा मउत अउ बिनासे क रहस्य खुला पड़ा अहइँ। तउ निहचित रूप स उ लोगन क हिरदयन क बारे मँ बहोत जियादा जानत ह।
12 उ व्यक्ति जउन डाँट फटकार करइवालन क मजाक उड़ावत ह, उ विवेकी स परामर्स नाहीं लेत।
13 मने क खुसी मुँह क चमकावत, मुला मने क दर्द आतिमा क वुचरि देत ह।
14 जउने मने क नीक-बुरा क बोध होत ह उ तउ गियान क खोज मँ रहत ह मुला मूरख क मन, मूरखता पइ लागत ह।
15 गरीब व्यक्ति बरे हर एक दिन बुरा अहइ, किन्तु आनन्दित हिरदय बरे हर एक दिन उत्सव क नाईं अहइ।
16 बेचैनी क संग प्रचुर धन उत्तिम नाहीं, यहोवा भय मानत रहइ स तनिक भी धन उत्तिम अहइ।
17 घिना क संग जियादा खइया स, पिरेम क संग थोड़ा भोजन उत्तिम अहइ।
18 किरोधी जन वाद-विवाद भड़कावत ह। जबकि सहइवाला मनई वाद-बिवाद क सुलझावत ह।
19 आलसी क राह काँटन स रूँधी रहत हीं, जबकि सज्जन क मारग राजमार्ग होत ह।
20 विवेकी पूत अपने बाप क खुस करत ह, मुला मूरख मनई अपनी महतारी स घिना करत ह।
21 निर्बुद्धि मनई सोचत ह कि मूरखता मजाक अहइ। मुला समुझदार मनई सोझ राह चलत ह।
22 बिना परामर्स क जोजना बिफल होत हीं। किंतु एक मनई अनेक सलाहकारन क परामर्स स सफल होत हीं।
23 मनई उचित जवाब देइ स खुस होत ह। जइसा उचित होइ समय क बचन केतना उत्तिम अहइ।
24 बुद्धिमान जन क मारग ओका ऊँच स ऊँच लइ जात ह, अउर ओका मउत क गड़हा मँ गिरइ स बचा रहइ।
25 यहोवा अभिमानी क घरे क छिन्न-भिन्न करत ह। मुला उ गरीब राँड़ क भुइयाँ क देखरेख करत ह।
26 दुट्ठन क जोजना स यहोवा क घिना अहइ। पर सज्जनन क जोजना ओका हमेसा भावत हीं।
27 लालची मनई अपने घराने पइ हमेसा बदनामी लिआवत ह मुला उहइ सांति स जिअत रहत ह जउन जन-घूस स घिना भाव राखत ह।
28 धमीर् जन बोलइ स पहिले सोचत ह। मुला दुट्ठ जन बेसोचे समुझे बियर्थ बातन बोलत ह।
29 यहोवा दुट्ठन स दूर रहत ह, बहोत दूर; मुला उ धमीर् क पराथना सुनत ह।
30 आंनद स भरी आँखी क चमक मने क हसिर्त करत ह, नीक खबर हाड़न तलक ताकत पहोंचावत ह।
31 जउन जीवनदायी डाँट सुनत ह, उहइ बुद्धिमान जनन क बीच चैन स रही।
32 अइसा मनई जउन अनुसासन क उपेच्छा करत, उ तउ आपन जिन्नगी क ही रद्द करत ह। मुला जउन सुधार पइ धियान देत ह समुझ-बूझ पावत ह।
33 यहोवा क भय लोगन क गियान सिखावत ह। आदर पावइ स पहिले नम्रता आवत ह।
Proverbs 16
1 मनई तउ आपन जोजना क बनावत ह, मुला ओनका यहोवा ही कारज क रूप देत ह।
2 मनई क आपन राहन पाप रहित लागत ही; मुला यहोवा ओकरी नियत क परखत ह।
3 जउन कछू तू यहोवा क समर्पण करत अहा तोहार सारी जोजनन सफल होइहीं।
4 यहोवा हर एक चिजियन बरे जोजना बनाएस ह, अउर आपन जोजना क मुताबिक दुट्ठन क नास कीन्ह जाब।
5 जेनके मने मँ अहंकार भरा भवा अहइ, ओनसे यहोवा घिना करत ह। एका तू सुनिहचित जाना, कि उ पचे बगैर सजा पाए नाहीं बचिहीं।
6 वफादारी अउर सच्चाइ स अपराध क खतम किया जा सकत ह। यहोवा क आदर करइ स तू बुराइ स बचब्या।
7 यहोवा क जब मनई क राहन भावत हीं, उ ओकरे दुस्मनन क भी संग सान्ति स रहइ क मीत बनाइ देत ह।
8 अनिआव स मिले जियादा क अपेच्छा, नेकी क संग तनिक मिलब ही उत्तिम अहइ।
9 मने मँ मनई निज राहन रचत ह, मुला यहोवा ओकरे गोड़न क सुनिहचित करत ह।
10 राजा जउन बोलत ह नेम बन जात ह। ओका चाही उ निआव स नाहीं चूकइ।
11 यहोवा चाहत ह कि सबइ तराजू अउ बाट खरा होइ। उ चाहत ह कि सबइ व्यापारिक कारोबार निस्पच्छ होइ।
12 विवेकी राजा, बुरे करमन स घिना करत ह काहेकि नेकी पइ ही सिंहासन टिकत ह।
13 राजा लोगन क निआव स भरी वाणी पसन्द करइ चाही। जउन जन फुरइ बोलत ह, उ पचन्क ओका सम्मान देइ चाइही।
14 राजा क कोप मउत क दूत होत ह मुला गियानी जन स ही उ संात होइ।
15 राजा जब खुस होत ह तब सबइ क जिन्नगी उत्तिम होत ह, अगर राजा तोहसे खुस अहइ तउ उ बसंत ऋतु क बर्खा जइसी अहइ।
16 विवेक सोना स जियादा उत्तिम अहइ, अउर समुझबूझ पाउब चाँदी स उत्तिम अहइ।
17 सज्जन लोगन क राह बदी स दूर रहत ह। जउन आपन राहे क चौकस करत ह, उ आपन जिन्नगी क रखवारी करत ह।
18 नास आवइ स पहिले अहंकार आइ जात ह; अउ पतन स पहिले अहंकारी आवत ह।
19 स्वाभिमानी लोगन क संग लूटक सम्पत्ति बाँट लेइ स, दीन अउ गरीब लोगन क संग विनम्र रहब उत्तिम अहइ।
20 जउन भी आपन कारोबार म अच्छा अहइ उ फूली-फली। अउर जेकर भरोसा यहोवा पइ अहइ उहइ धन्न अहइ।
21 बुद्धिमान मनवाला विवेक कहवावत हीं। अउर उ व्यक्ति जउन सवधानी स सब्दन क चुनत ह उ जियादा बिस्सास जोग्ग होत ह।
22 जेनके लगे समुझबूझ अहइ, ओनके बरे समुझबूझ जिन्नगी सोता होत ह, मुला मूरखन क मूढ़ता ओनका सजा दिआवत ह।
23 बुद्धिमान क हिरदय आपन वाणी क अनुसासन मँ धरत ह; अउर बिस्सास जोग्ग सब्दन क जाड़त ह।
24 मन क भावइ वाली वाणी सहद जइसी होत ह। ओनका सरलता स ग्रहण किया जात ह अउर तोहार स्वास्थ्य बरे नीक होत ह।
25 मारग अइसा भी होत ह जउन उचित जान पड़त ह, मुला परिणाम मँ उ मउत क जात ह।
26 काम करइवाला क भूखे स भरी सबइ इच्छा ओहसे काम करवावत रहत हीं। इ भूख ही ओका अगवा ढकेलत ह।
27 बुरा मनई सडयंत्र रचत ह, अउर ओकर वाणी अइसी होत ह जइसी झुरसत आगी।
28 उत्पाती मनई बात-विवाद भड़कावत ह। अउर कानाफूसी करइ वाला निचके क मीतन क फोड़ देत ह।
29 आपन पड़ोसी क उ हिसंक फँसाइ लेत ह अउर वुमारग पइ ओका हींच लइ जात ह।
30 जब भी मनई आँखी स इसारा कइके योजनन क रचत रहत ह उ बिनासकारी ह। जब पड़ोसी क चोट पहुचावइ बरे जोजना रच लेत ह तउ उ हसँत ह।
31 सफेद बार महिमा मुवुट होत हीं जउन धमीर् जिन्नगी स मिलत हीं।
32 धरि जन कउनो जोधा स भी उत्तिम अहइँ, अउर जउन किरोध पइ नियंत्रण धरत ह, उ अइसे मनई स उत्तिम होत ह, जउन पूरे सहर क जीत लेत ह।
33 पासा तउ झोरी मँ डाइ दीन्ह जात ह, मुला ओकर हर फैसला यहोवा ही करत ह।
Proverbs 17
1 झंझट झमेला भरे घरे क दावत स चैन अउ सान्ति क सूखी रोटी क टूका खाउब उत्तिम अहइ।
2 बुद्धिमान दास एक अइसे पूत पइ सासन करी जउन घरे बरे सर्मनाक होत ह। बुद्धिमान दास उ पूत क जइसा ही बसीयत पावइ मँ सहभागी होइ।
3 जइसे चाँदी अउ सोना क आगी मँ डाइ क सुद्ध कीन्ह जात ह वइसे ही यहोवा लोगन क हिरदय क परखत सोधत ह
4 दुट्ठ जन, दुट्ठ क वाणी क सुनत ह, लबार बैर भरी वाणी पइ धियान देत ह।
5 अइसा मनई जउन गरीब क हँसी उड़ावत ह, उ ओकरे सिरजनहार क अपमान करत ह। अउर उ जउन कउनो दूसर क समस्या पइ खुस होत ह सजा झेलब्या।
6 नाती-पोतन बृद्ध जन क मवुट होत हीं, अउर महतारी-बाप ओनके लरिकन क मान अहइँ।
7 मूरख बरे जियादा बोलब उत्तिम नाहीं अहइ वइसे ही सासक क झूठ बोलब केतना बुरा होइ!
8 घूस देइवाले क घूस महामंत्र जइसे लागत ह, जेहसे उ जहाँ भी जाइ, सफल ही होइ जाइ।
9 जदि कउनो मनइ कउनो क जउन ओकर बुरा किहस ह छमा कइ देत ह तउ उ पचे दोस्त होइ सकत ह। किन्तु उ मनइ जउन छमा करत ह उ लगातार दूसर क गलती क याद करत ह तउ ओनकर दोस्ती टूट जात ह।
10 विवेकी क धमकाउब ओतना प्रभावित करत ह; जेतना मूरखन क सौ-सौ कोड़न भी नाहीं करतेन।
11 दुट्ठ जन तउ बस हमेसा विद्रोह करत रहत ही; ओकरे बरे दाया स हीन अधिकारी पठवा जाइ।
12 आपन बेववूफी मँ चूर कउनो मूरख स मिलइ स अच्छा बाटइ, कि उ रीछिन स मिलब जेहसे ओकर बच्चन क छीन लीन्ह गवा होइ।
13 भलाई क बदले मँ अगर कउनो बुराई करइ तउ ओकरे घरे क बुराई नाहीं तजी।
14 झगड़ा सुरू करब अइसा अहइ जइसे बाँध क टूटब अहइ, तउ, एकरे पहिले कि तकरार सुरू होइ जाइ बात खतम करा।
15 यहोवा एन दुइनउँ ही बातन स घिना करत ह, दोखी क छोड़ब, अउर निदोर्ख क सजा देब।
16 मूरख क हाथन मँ धने क का प्रयोजन। काहेकि, ओका चाह नाहीं कि बुद्धि क मोल लेइ।
17 मीत तउ सदा-सर्वदा पिरेम करत ह। एक सच्चा भाइ बुरे दिनन मँ साहयता करत ह।
18 विवेकहीन जन ही किरिया स हाथ बँधाइ लेत अउर आपन पड़ोसी क ऋृण ओढ़ लेत ह।
19 जेका लड़ाई - झगड़ा भावत ह, उ तउ सिरिफ पापे स पिरेम करत ह अउर जउन डींग हाँकत रहत ह उ तउ आपन ही नास बोलावत ह।
20 वुटिल हिरदय जन कबहुँ फूलत फलत नाहीं अउर जेकर वाणी छली भइ अहइ, विपद मँ गिरत ह।
21 मूरख पूत बाप बरे पीरा लिआवत ह, मूरख क बाप क कबहुँ आनंद नाहीं होत।
22 खुस रहब सब स बड़की दवा अहइ, मुला बुझा मन हाड़न क झुराइ देत ह।
23 दुट्ठ मनई, निआव क गलत उपयोग करइ बरे एकंात मँ घूस लेत ह।
24 बुद्धिमान जन बुद्धि क समन्वा धरत ह, मुला मूरख क आँखिन धरती क छोरन तलक भटकत हीं।
25 मूरख पूत बाप क तेज ब्यथा देत ह, अउर महतारी बरे जउन ओका जनम दिहस, कड़ुवाहट भरि देत ह।
26 कउनो निदोर्ख क दण्ड देब उचित नाहीं, ईमानदार नेता क पीटब नीक नाहीं अहइ।
27 गियानी जन खामूस रहत ही, समुझ-बूझ वाला जन आपन पइ काबू राखत ह।
28 मूरख भी जब तलक नाहीं बोलत नीक लागत ह। अउर अगर आपन वाणी रोकइ तउ गियानी जाना जात ह।
Proverbs 18
1 कछू मनई आपन इच्छा क अनुसार काम करत ही। जदि दूसर कउनो ओनका सलाह देत ह तउ उ कोहान जात ह।
2 मूरख जन दूसर स सीखइ मँ खुस नाही होत ह। उ जउन कछू सोचत ह उहइ बोलत मँ खुस होत ह।
3 लोग दुट्ठ व्यक्ति क नाही चाहवत ह। लोग मूरख लोग क मजाक उड़ावत ह।
4 बुद्धिमान क सब्द गहिर जल क नाईं होत हीं, उ पचे बुद्धि क सोता स उछरत भए आवत हीं।
5 दुट्ठ जन क पच्छ लेब अउर निदोर्ख क निआव स वंचित राखब उचित नाहीं होत।
6 मूरख क होठंन बात-विबाद क जनम देत ह अउर आपन मुँह क कारण उ पिटा जात ह।
7 मूरख क मुँह ओकरे कामे क बिगाड़ देत ह अउर ओकर आपन ही होंठन क जाले मँ ओकर परान फंसि जात ह।
8 लोग हमेसा गपसप सुनइ चाहत ही। इ उत्तिम भोजन क नाईंर् अहइ जउन पेट क भीतर उतरत चला जात ह।
9 जउन अपन काम मंद गति स करत ह, उ ओकर भाई अहइ, जउन विनास करत ह।
10 यहोवा क नाउँ एक सुदृढ़ गढ़ क नाईं अहइ। उ कइँती धमीर् जन दौड़ जात हीं अउर सुरच्छित रहत हीं।
11 धनिक समुझत हीं कि ओनकर धन ओनका बचाइ लेइ उ पचे समुझत हीं कि उ एक सुरच्छित किला अहइ।
12 पतन स पहिले मन अंहकारी बन जात ह, मुला सम्मान स पूर्व विनम्रता आवत ह।
13 बात क बिना सुने ही, जउन जवाब मँ बोल पड़त ह, उ ओकर बेववूफी अउ ओकर अपजस अहइ।
14 मनई क मन ओका बियाधि मँ थामे राखत ह; मुला टूटे हिरदय क भला कउनो कइसे थामइ।
15 बुद्धिमान क मन गियान क पावत ह, बुद्धिमान क कान एका खोज लेत हीं।
16 उपहार देइवाले क मारग उपहार खोलत ह अउर ओका महापुरुसन क समन्वा पहोंचाइ देत ह।
17 पहिले जउन बोलत ह ठीक ही लागत ह मुला बस तब तलक ही जब तलक दूसर ओहसे सवाल नाहीं करत ह।
18 अगर दुइ बरिआर आपुस मँ झगड़त होइँ, उत्तिम अहइ कि ओनके झगड़न क पाँसा बहाइके निपटाउब।
19 रूठे भए बन्धु क मनाउब कउनो गढ़ वाला सहर क जीत लेइसे जियादा कठिन अहइ। अउर आपुसी झगड़न अइसे होत ही जइसे गढ़ी क मुँदे दुआर होत हीं।
20 मनई क पेट ओकरे मुँहे क फले स ही भरत ह, ओकरे होंठन क खेती क प्रतिफल ओका मिलत ह।
21 जीभ क वाणी जिन्नगी अउर मउत क सवती रखत ह। अउर जउन वाणी स पिरेम राखत हीं, उ पचे ओकर फल स आनन्दित होत हीं।
22 जेका नीक पत्नी मिली अहइ, उ उत्तिम पदार्थ पाएस ह। ओका यहोवा क अनुग्रह मिलत ह।
23 गरीब जन तउ दाया क माँग करत ह, मुला धनी जन तउ कठोर जवाब देत ह।
24 बहोत सारे मीतन क संगत तबाही लाइ सकत ह। किंतु आपन घनिष्ठ मीत भाई स भी उत्तिम होइ सकत ह।
Proverbs 19
1 उ गरीब मनइ ओन व्यक्ति स बेहतर अहइ जउन झूट बोलत ह अउ मूरख अहइ।
2 बिना गियान क उत्साह राखब नीक नाहीं अहइ एहसे उतावली मँ गलती होइ जात ह।
3 मनई आपन बेववूफी स आपन जिन्नगी बिगाड़ लेत ह, मुला उ यहोवा क दोखी ठहरावत ह।
4 धन स बहोत सारे मीत बन जात हीं, मुला गरीब जन क ओकर मीत भी तजि जात ह।
5 लबार गवाह बगैर सजा पाए नाहीं बची अउर जउन झूठ उगलत रहत ह, छूटइ नाहीं पाई।
6 बहोत स लोग सासक क खुस करइ क जतन करत ह अउर हर एक मनइ ओकर मीत बन जावा चाहत हीं, जउन उपहार देत रहत ह।
7 निर्धन क सब संबंधी ओहसे कतरात हीं। ओकर मीत ओहसे केतना बचत फिरत हीं, जदपि उ ओन लोगन स मदद बरे बिनती करत हीं तउ पइ भी उ पचे ओकर लगे नाहीं जाइहीं।
8 जउन गियान पावत ह उ आपन प्राण स ही प्रीति राखत ह, उ जउन समुझ-बूझ बढ़ावत रहत ह फलत अउर फूलत ह।
9 लबार गवाह सजा पाए बिना नाहीं बची, अउर उ, जउन झूठ उगलत रहत ह, ध्वस्त होइ जाइल।
10 मूरख धनी नाहीं बनइ चाही। उ अइसे होइ जइसे कउनो दास युवराजन पइ राज करइ।
11 बुद्धिमान मनइ सदा साँत रहत ह। जब उ ओन लोगन क छिमा करत ह जउन ओकरे खिलाफ होइँ, तउ ओकर सम्मान अउर भी बढ़ जात ह।
12 राजा क किरोध सेर क दहाड़ जइसा अहइ, मुला ओकर कृपा घास पइ ओसे क बूँद स होत ह।
13 मूरख पूत आपन बाप बरे बिनासे क लावत ह। अउर एक झगरालू पत्नी हमेसा टपकइ वाला पानी क नाईं अहइ।
14 भवन अउ धन-दौलत महतारी बाप स विरासत मँ मिल जात ह। मुला बुद्धिमान पत्नी यहोवा क ओर स धन्न अहइ।
15 आलस गहिर घोर नींद देत ह; मुला उ आलसी भूखा मरत ह।
16 अइसा मनई जउन आदेसन पइ चलत ह उ आपन जिन्नगी क रच्छा करत ह। मुला जउन आदेसन क उपेच्छा करत ह उ निहचय ही मउत अपनावत ह।
17 गरीब पइ किरपा देखाउब यहोवा क उधार देब अहइ, यहोवा ओका, ओकरे इ कामे क प्रतिफल देइ।
18 तू आपन पूत क अनुसासित करा अउर ओका सजा द्या, जब उ अनुचित होइ। बस इहइ आसा अहइ। अगर तू अइसा करइ क मना करा, तब तउ तू ओकरे बिनासे मँ ओकर सहायक बनत अहा।
19 अगर कउनो मनई क तुरंत किरोध आवइ, ओका एकर कीमत चुकावइ क होइ। अगर तू ओकर रच्छा करत अहा, तउ केतनी ही बार तोहे ओका बचावइ क होइ।
20 सुमति पइ धियान द्या अउर सुधार क अपनाइ ल्या तू जेहसे आखीर मँ तू बुद्धिमान बन जा।
21 मनई अपने मने मँ का का करइ क सोचत ह; कितुं यहोवा क जोजना पूरा होत ह।
22 लोग चाहत हीं मनई बिस्सास जोग्ग अउ सच्चा होइ। एह बरे गरीबी मँ बिस्सास क जोग्ग अउ सच्चा बनके रहब उचित अहइ अइसा मनई स जउन झूटा अउर धनी अहइ।
23 यहोवा क भय सच्ची जिन्नगी क राह देखावत ह, एहसे मनई सान्ति पावत ह अउर कस्ट स बचत ह।
24 एक आलसी आपन हाथ थारी मँ डालत ह मुला उ ओका मुँहे तलक उठावइ मँ बहोत सुस्ती क अनुभव करत ह।
25 ठट्ठा करइवाला मनई क मारा ताकि एक साधारन जन आहसे सीख पाइ। मामूली डाँट डपट ही एक बुद्धिमान मनई बरे काफी होत ह।
26 अइसा पूत जउन निन्दा क जोग्ग करम करत ह घरे क अपमान होत ह; उ अइसा होत ह जइसे पूत कउनो आपन बाप स छोरइ अउर घरे स असहाय महतारी क निकारि बाहेर करइ।
27 हे मोर पूत अगर अनुसासन पइ धियान देब तजि देब्या, तउ तू गियान क बचनन स भटक जाब्या।
28 भ्रस्ट गवाह निआव क सम्मान नाहीं देत ह। अउर दुस्ट क मुँह बुराई क भस्म कर देत ह।
29 उ जउन सम्मान नाहीं देत ह सजा पाइ, अउर मूरख जन क पीठ कोड़न खाइ।
Proverbs 20
1 सराब अउ दाखरस लोगन क काबू मँ नाहीं रहइ देतेन। उ ओनका हल्ला करइवाला अउर सेरवी जतावइ वाला बनावत ह। अउर उ जउन मदमसत होइ जात ह मूरखता क कार्य करत ह।
2 राजा क किरोध सेर क दहाड़ क सम्मान होत ह, जउन ओका किरोधित करत ह, प्राण स हाथ धोवत ह।
3 झगड़न स दूर रहब मनई क आदर अहइ। मुला मूरख जन तउ सदा झगड़ा करइ बरे तइयार रहत ह।
4 मौसम आवइ पइ अदूरदसीर् आलसी हर नाहीं डावत ह, तउ कटनी क समइ उ ताकत रहि जात ह अउर कछू भी नाहीं पावत ह।
5 व्यक्ति क सोच गहिर पानी क नाईं होत ह। कितुं समुझदार मनई ओनका बाहेर हींच लेत ह।
6 लोग आपन बिस्सास जोग्गता क बहोत ढोल पीटत हीं। मुला बिस्सास क जोग्ग जन क कउन खोज सकत ह
7 धमीर् जन बेकलके क जिन्नगी जिअत ह ओकरे पाछे आवइवाली संतानन धन्न अहइँ।
8 जब राजा निआव क सिंहासने पइ विराजत भवा आपन दृस्टि माय स बुराई क फटकि के छाँटत हइ।
9 कउन कहि सकत ह, “मइँ आपन हिरदय रखेउँ ह, मइँ बिसुद्ध, अउर पाप रहित हउँ?”
10 एन दुइनउँ स, खोट बाटन अउर खोट नापन स यहोवा घिना करत ह।
11 बालक भी आपन करमन स जाना जात ह, कि ओकर चालचलन सुद्ध अहइ, या नाहीं।
12 यहोवा कान बनाएस ह कि हम सुनी। यहोवा आँखिन बनाएस ह कि हम लखी। यहोवा इ दुइनउँ क एह बरे हमरे बरे बनाएस।
13 नींद स पिरेम जिन करा दरिद्र होइ जाब्या; तू जागत रहा तोहरे लगे भरपूर भोजन होइ।
14 गाहक बेसहत समइ कहत ह, “अच्छा नाहीं, बहोत मँहग!” मुला जब उ हुआँ स उ दूर चला जात ह आपन खरीद क सेखी बघारत ह।
15 कउनो मनई क लगे सोना बहोत बाटइ अउर मणिमाणिक बहोत ढेर अहइँ, मुला अइसे ओंठ जउन बातन गियान क बतावत दुर्लभ रतन होत हीं।
16 जउन कउनो अजनबी क ऋृण क जमानत देत ह उ आपन ओढ़ना तलक गँवाइ बइठत ह।
17 छले स कमाई रोटी मीठ लागत ह पर अंत मँ ओकर मुँह काँकरे स भरि जात ह।
18 सबइ जोजना स पहिले तू उत्तिम सलाह पाइ लिहा करा। जदि तोहका जुद्ध करब होइ तउ उत्तिम लोगन स अगुवाइ ल्या।
19 बकवादी रहस्य क फास कइ देत ह। यह बरे रहस्यमय बातन क बकवादी मनई स जिन कहा।
20 कउनो मनई आपन बाप क या आपन महतारी क कोसइ, ओकर दीया बुझ जाइ अउर गहिर अँधियारा होइ जाइ।
21 बेइमानी स प्राप्त कीन्ह गवा सम्पत्ति अंत मँ आसीस नाही लाइहीं।
22 इ बुराई क बदला मइँ तोहसे लेब। अइसा तू जिन कहा, यहोवा क बाट जोहा तोहका उहइ अजाद करी।
23 यहोवा खोटे बटखरन, गलत तराजू अउ पेमाना स घिना करत ह। खोटा माप नीक नाहीं बाटइ।
24 यहोवा फैसला करत ह कि हर एक मनई क जिन्नगी मँ का होइ। कउनो मनई कइसा समुझ सकत ह कि ओकरे जिन्नगी मँ का घटइवाला अहइ?
25 परमेस्सर क कछू अर्पण करइ क प्रतिग्या स पहिले ही विचार ल्या; भली भाँति विचार ल्या। होइ सकत ह जदि तू पाछे अइसा सोचा, “मइँ उ प्रतिग्या नाहीं करत। किन्तु तोहका उ प्रतिग्या पूरा करइ क होइ जउन तू परमेस्सर स किहा ह।”
26 विवेकी राजा इ फैसला करत ह कि कउन बुरा जन अहइ। अउर उ राजा उ जन क सजा देइ।
27 यहोवा क दीपक जन क आतिमा क जाँच लेत ह। यहोवा जने क अन्दर तलक लखा सकत ह।
28 वफादारी अउर सच्चाइ राजा क सुरच्छित रखत ह। किन्तु ओकर सिंहासन सिरिफ ओकर वफादारी पइ टिकत ह।
29 नउजवानन क महिमा ओनके बल स होत ह अउर बृद्धन क गौरव ओनकर पके बाल अहइँ।
30 अगर हमका सजा दीन्ह जाइ तउ हम बुरा करब तजि देइत ह। दर्द मनई क परिवर्तन कइ सकत ह।
Proverbs 21
1 राजा लोगन क मन यहोवा क हाथे होत ह, जहाँ भी उ चाहत ह ओका मोड़ देत ह वइसे ही जइसे कउनो किसान पानी क खेते क।
2 सबहिं क आपन आपन राहन उत्तिम लागत हीं; मुला यहोवा तउ मने क तउलत ह।
3 तोहार उ करम क करब जउन उचित अउर नेक अहइ यहोवा क जियादा चढ़ावा चढ़ावइ स ग्राह्य बाटइ।
4 घमण्डी आँखिन अउ दपीर्ला मन पाप अहइँ इ सबइ दुट्ठ क दुट्ठता प्रकास मँ लिआवत हीं।
5 परिश्रमी क योजनन फायदा देत हीं इ वइसे ही निहचित अहइ जइसे उतावली स गरीबी आवत ह।
6 झूठ बोलि बोलिके कमावा धन दौलत अउ महिमा भाप क नाईं स्थिर नाहीं अहइ। अउर नाहीं अहइ, अउ उ घातक फंदा बन जात ह।
7 दुट्ठ क हिंसा ओनका हींच लइ बूड़ी काहेकि उ पचे उचित करम करइ नाहीं चाहतेन।
8 अपराधी क मारग वुटिलतापूर्ण होत ह मुला जउन नीक अहइँ ओनकर राह सोझ सच्चा होत हीं।
9 झगड़ालू मेहरारू क संग घरे मँ निवास स, छत क कउने कोने पइ रहब नीक अहइ।
10 दुट्ठ जन हमेसा बुराइ करइ क इच्छुक रहत ह। ओकर पड़ोसी ओहसे दाया नाहीं पावत।
11 जब उच्छृंखल सजा पावत ह तब सरल जन क बुद्धि मिलि जात ह। मुला बुद्धिमान तउ डाँट फटकार करइ पइ ही गियान क पावत ह।
12 निआव स पूर्ण परमेस्सर दुट्ठ क घरे पइ आँखी धरत ह, अउर दुट्ठ जन क उ नास कइ देत ह।
13 अगर कउनो गरीब क, करुणा पुकार पइ कउनो मनई आपन कान बंद करत ह, तउ जब उ पुकारी तउ ओकर पुकार पइ भी कउनो उत्तर नाहीं दिहीं।
14 गुप्त रूप स दीन्ह गवा भेंट किरोध क सांत करत ह। अउर गुप्त रूप स दीन्ह गवा उपहार खउफनाक किरोध क सांत करत ह।
15 निआव जब पूर्ण होत ह धमीर् क सुख देत ह, मुला वुकमिर्यन क महा भय होत ह।
16 जउन मनई विवेक क पथ स भटकि जात ह, उ विस्राम करइ बरे मृतकन क साथी होइ जात ह।
17 जउन सुख भोगन स पिरेम करत रहत ह उ दरिद्र होइ जाइ, अउर जउन दाखरस अउ अतर स पिरेम करत ह कबहुँ धनी नाहीं होइ।
18 दुर्जन क कबहुँ ओन सबहिं चिजियन क फल भुगतइ क ही पड़ी, जउन सज्जन क खिलाफ करत हीं। बेईमान लोगन क ओनके किए गए क फल भुगतइ पड़ी जउन ईमानदार लोगन क विरुद्ध करत हीं।
19 चिड़चिड़ी झगड़ालू मेहरारू क संग रहइ स रेतिस्तान मँ रहब उचित अहइ।
20 विवेकी क घर मँ मनचाहा खइया क अउर इफरात तेल क भंडारा भरा होत ह मुला मूरख मनई जउन ओकरे लगे होत ह चट कइ जात ह।
21 जउन जन नेकी अउ पिरेम क पालन करत ह, उ जिन्नगी संपन्नता अउर समादर क पावत ह।
22 बुद्धिमान जन क कछू भी कठिन नाहीं अहइ। उ अइसे सहर पइ चढ़ाई कइ सकत ह जेकर रखवारी सूरवीर करत होइँ, उ उ परकोटे क ध्वस्त कइ सकत ह जेकरे बरे उ आपन सुरच्छा क बिस्सास मँ रहेन।
23 उ जउन आपन मुँह क अउर आपन जीभ क बस मँ राखत ह उ आपन आप क बिपत्ति स बचावत ह।
24 अइसा मनई अहंकारी होत ह, जउन आपन क औरन स स्रेस्ठ समुझत ह, ओकर नाउँ हीं “अभिमानी” होत ह। आपन ही करमन स उ देखाइ देत ह कि उ दुट्ठ होत ह।
25 आलसी मनई बरे ओकर ही सबइ लालसा ओकरे मरण क कारण बन जात हीं काहेकि ओकरे हाथे करम क नाहीं अपनउतेन।
26 कछू लालची लोग दिन भइ इच्छा करत ही कि ओका अउर मिलाइ। अउर किन्तु धमीर् जन तउ उदारता स देत ह।
27 दुट्ठ क चढ़ावा यूँ ही घिना स पूर्ण होत ह फिन केतना बुरा होइ जब उ ओका बुरे भाव स चढ़ावइ?
28 लबार गवाह क नास होइ जाइ अउर जउन ओकर झूठी बातन क सुनी उ भी ओकरे संग हमेसा सर्वदा बरे नस्ट होइ जाइ।
29 दुट्ठ मनई बुरा करइ बर ठान लेत ह। किन्तु एक ईमानदार व्यक्ति जानत ह कि ओकर राह सीधी अहइ।
30 जदि यहोवा न चाहइ तउ, न ही कउनो बुद्धि अउर न ही कउनो अन्तदृस्टि, न ही कउनो जोजनन पूरी होइ सकत ह।
31 जुद्ध क दिन तउ घोड़ा तैयार कीन्ह ह, मुला विजय तउ बस यहोवा पइ निर्भर अहइ।
Proverbs 22
1 अच्छा नाउँ अपार धन पावइ स जोग्ग अहइ। चाँदी, सोना स, तारीफ क पात्र होब जियादा उत्तिम अहइ।
2 धनियन मँ अउर निर्धनन मँ इ एक समता अहइ। यहोवा ही एन सबहिं क सिरजनहार अहइ।
3 वुसल जन जब कउनो विपत्ति क लखत ह, ओका बचइ बरे एहर ओहर होइ जात ह मुला मूरख उहइ राहे पइ बढ़त ही जात ह। अउर उ एकरे बरे दुःख ही उठत ह।
4 जब मनई विनम्र होत ह अउ यहोवा क भय करत ह उ धन-दौलत, आदर अउर जिन्नगी पाइहीं।
5 वुटिल क राहन काँटन स भरी होत ह अउर हुआँ पइ फंदन फइला होत ही; मुला जउन आतिमा क रच्छा करत ह उ तउ ओनसे दूर ही रहत ह।
6 बच्चन क जबकि उ छोटा अहइ जिन्नगी क नीक राह क सिच्छा दइ। तउ उ बुढ़ापा मँ भी ओहसे भटकी नाहीं।
7 धनी दरिद्रन पइ सासन करत हीं। उधार लेइवाला, देइवाल क दास होत ह।
8 अइसा मनई जउन दुट्ठता क बीज बोवत ह उ तउ संकट क फसल काटी; अउर ओकर किरोध क लाठी नस्ट होइ जाइ।
9 उदार मने क मनई खुद ही धन्न होइ, काहेकि उ आपन भोजन गरीब जने क संग बाँटिके खात ह।
10 गुस्ताख मनई जउन कि कउनो क सम्मान नाहीं देत ह क दूर करा तउ कलह दूर होइ। एहसे झगड़ा अउ अपमान मिट जात हीं।
11 उ जउन पवित्तर मने स पिरेम करत ह अउर जेकर वाणी मनोरम होत ह ओकर तउ राजा भी मीत बन जात ह।
12 यहोवा सदा विवेक क धियान राखत ह; मुला उ बिस्सासघाती क कार्य क नास करत ह।
13 काम नाहीं करइ क बहाना बनावत भवा आलसी कहत ह, “बाहेर सेर बइठा अहइ, “होइ सकत ह कि गलियन मँ मोका मार डावा जाइ।”
14 बिभिचार क पाप गहिर गढ़ा क नाईं अहइ। यहोवा ओहसे बहोतइ कोहाइ जाइ जउन भी इ मँ गिरी।
15 लरिकन सैतानी करत रहत हीं; मुला अनुसासन क छड़ी ही सैतानी दूर कइ देत ह।
16 अइसा मनई जउन आपन धन बढ़ावइ बरे गरीब पइ अत्याचार करत ह; अउर उ, जउन धनी क उपहार देत ह, दुइनउँ ही अइसे जन अहइ जउन निर्धन होइ जात हीं।
17 बुद्धिमान क कहावतन सुना अउर धियान द्या। ओह पइ धियान लगावा जउन मइँ सिखावत हउँ।
18 अगर तू ओनका आपन मने मँ बसाइ ल्या तउ बहोत नीक होइ; तू ओनका हरदम आपन ओंठन पइ तैयार राखा।
19 मइँ तोहका आजु सिच्छा देत हउँ ताकि तोहार यहोवा पइ बिस्सास पैदा होइ।
20 इ सबइ तीस सीखन मइँ तोहरे बरे रचेउँ, इ सबइ बचन सम्मति अउर गियान क अहइँ।
21 उ सबइ बचन जउन महत्वपूर्ण होतिन, इ सबइ सत्य बचन तोहका सिखइहीं ताकि तू ओका उचित जवाब दइ सका, जउन तोहका पठएस ह।
22 तू गरीब क सोसण जिन करा। एह बरे कि उ पचे बस दरिद्र अहइँ; अउर कंगाले क कचहरी मँ जिन हीचा।
23 काहेकि परमेस्सर ओनकर सुनवाई करी अउर जउन ओनका लूटेन ह उ ओनका लूट लेइ।
24 तू किरोधी सुभाव क मनइयन क संग कबहुँ मिताई जिन करा अउर ओकरे संग, आपन क जिन जोड़ा जेका हाली किरोध आइ जात ह।
25 नाहीं तउ तू भी ओकरे राहे चालब्या अउर आपन क जालि मँ फँसाइ बइठब्या।
26 तू कउनो दूसर क कर्ज बरे जमानतदार नाहीं बना।
27 जदि ओका चुकावइ मँ तोहार साधन चुकिहीं तउ खाले क बिस्तर तलक तोहसे छोर लीन्ह जाइ।
28 तोहरे धरती क सम्पत्ति जेकर चउहद्दिन तोहार पुरखन निर्धारित किहन उस सीमा रेखा कबहुँ भी जिन हिलावा।
29 अगर कउनो मनई आपन कारज मँ वुसल अहइ, तउ उ राजा लोगन क सेवा करइ क जोग्ग अहइ। अइसे मनइयन बरे जेनकर कछू महत्व नाहीं ओका काम करइ क जरूरत नाहीं अहइ।
Proverbs 23
1 जब तू कउनो अधिकारी क संग खइया क बरे बइठा तउ एकर धियान राखा, कि कउन तोहरे समन्वा अहइ।
2 अगर तू पेटू अहा तउ खाना पइ नियंत्रण राखा।
3 ओकरे स्वादिस्ट पकवानन क लालसा जिन करा काहेकि उ खइया धोका बाज़ अहइ।
4 धनवान बनइ क काम कइ कइके आपने क जिन थकावा। तू संयम देखावइ क, बुद्धि अपनाइ ल्या।
5 इ सबइ धन सम्पत्तियन लखत हीं लखत लुप्त होइ जइहीं निहचय ही आपन पंखन क फइलाइके उ पचे गरूड़ क नाईं अकासे मँ उड़ि जइहीं।
6 अइसे मनई क संग जउन स्वाथीर् अहइ भोजन जिन करा। तू ओकरे स्वादिस्ट पकवाने क लालसा जिन करा।
7 काहेकि उ अइसा मनई अहइ जउन मन मँ हरदम ओकरी कीमत क हिंसाब लगावत रहत ह; तोहसे तउ उ कहत ह- “तू खा अउर पिआ” मुला उ मने स तोहरे संग नाहीं अहइ।
8 जउन कछू थोड़ा बहोत तू ओकर खाइ चुका अहा, तोहका तउ उ भी उलटइ पड़ी अउर उ पचे तोहार कहे भए आदर स पूर्ण वचन बियर्थ चला जइहीं।
9 तू मूरख क संग बातचीत जिन करा, काहेकि उ तोहरे विवेक स भरे वचनन स धिना ही करी।
10 पुराने जमाने क सीमा क पत्थर क जिन सरका। अउर अनाथे क भुइयाँ क जिन हड़पा।
11 काहेकि ओनकर संरच्छक सामरथ स पूरा अहइ, तोहरे खिलाफ ओनकर मुकदमा उ लड़ी।
12 तू आपन मन सीख क बातन मँ लगावा। तू गियान स भरे बचनन पइ कान द्या।
13 तू कउनो गदेला क अनुसासित करइ मँ कबहुँ जिन रोका अगर तू कबहुँ ओका छड़ी स सजा देब्या तउ उ एहसे नाहीं मरी।
14 तू छड़ी स पीटिके ओका अउर ओकर जिन्नगी क मउत स बचाइ लेब्या।
15 हे मोर पूत, जदि तोहार मन विवेक स पूर्ण रहत ह तउ मोर मन भी आनंद स पूर्ण रही।
16 अउर जदि तोहार ओंठ उचित बोलत हीं, तउ मइँ बहोत खुस होब्या।
17 तू आपन मने मँ भी पापे स भरा मनइयन क बरे जलन जिन करा। मुला तू एकर बजाए यहोवा स सदा डरा।
18 तउ तोहार लगे भविस्य होई, अउर तोहार आसा कबहुँ ध्वस्त नाहीं होई।
19 मोर पूत सुना! अउर विवेकी बनि जा अउर आपन मन क नेकी क राहे पइ चलावा।
20 तू ओनके संग जिन रहा जउन पियवकड़ अहइँ, अथवा अइसे, जउन ठँूस ठँूस गोस खात हीं।
21 काहेकि इ पचे पियवकड़ अउर इ सबइ पेटू दलिद्र होइ जइहीं, अउर इ ओनकर खुमारी, ओनका चिथड़न पहिरइहीं।
22 आपन बाप क सुना जउन तोहका जिन्नगी दिहेस ह, अपनी महतारी क निरादर जिन करा जब उ बुढ़िया होइ जाइ।
23 सच्चाई क खरीद ल्या अउर ओका जिन बेचा। अइसे ही विवेक, अनुसासन अउ समुझ क भी खरीद ल्या।
24 नेक पूत क बाप महा आनंद मँ रहत अउर जेकर पूत विवेक स पूर्ण होत ह उ तउ ओहमाँ ही खुस रहत ह।
25 तोहार महतारी अउ तोहार बाप क आनंद प्राप्त होइ अउर तोहार महतारी जउन तोहका जन्म दिहस, ओका खुसी मिलत रहइ।
26 मोर पूत, मोहमाँ मन लगावा अउर तोहार आँखिन मोह पइ टिकी रहइँ। मोका आदर्स माना।
27 एक वेस्या गहिर गड़हा होत ह। अउर एक बदकार मेहरारु मुसीबत स भरा वुआँ अहइ।
28 उ घात मँ रहत ह जइसे कउनो डाकू अउर उ लोगन मँ बिस्सास हीनन क संख्या बढ़ावत ह।
29 कउन बिपत्ति मँ अहइ? कउन दुःखे मँ पड़ा अहइ? कउन झगड़न-टंटन मँ अहइ? कउने क सिकाइतन अहइँ? कउन क घाव अहइ? केकर आँखिन लाल अहइँ?
30 उ पचे जउन लगातार दाखरस पिअत रहत हीं अउर जेनमाँ मसाला मिली भइ दाखरस क ललक होत ह।
31 जब दाखरस लाल होइ, अउर पिआलन मँ झिलमिलात होइ अउ धीरे धीरे डावत जात होइ, ओका ललचाही आँखिन स जिन लखा।
32 सर्प क समान उ डसत, आखीर मँ जहर भरि देत ह जइसे नाग भरि देत ह।
33 तोहरी आँखिन मँ अजीब दृस्य तैरइ लगिहीं, तोहार मन उल्टी-सोझ बातन मँ उलझी।
34 तू अइसा होइ जाइ, जइसे उफनत सागरे पइ सोवत रहत होइ अउर जइसे मस्तूल क सिखर ओलरा होइ।
35 तू कहब्या, “उ पचे मोका मारेन पर मोका तउ दर्द क अनुभव नाहीं हुआ। उ पचे मोका पीटेन, पर मोका याद ही नाहीं मइँ उठी क लायक नाहीं हउँ, मोका पिअइ क अउर द्या।”
Proverbs 24
1 बुरे जन स तू कबहुँ डाह जिन करा। ओनकर संगत क तू चाहत जिन करा।
2 काहेकि ओनके मन हिंसा क योजनन रचत अउर ओनकर ओंठ दुःख देइ क बातन करत हीं।
3 बुद्धि स घरे क निर्माण होइ जात ह, अउर समुझ स ही उ थिर रहत ह।
4 गियान क जरिये ओकर कमरा अद्भुत अउर सुन्नर खजानन स भरि जात हीं!
5 बुद्धिमान जन मँ महासवती होत ह अउर गियानी पुरूख सवती क बढ़ावत ह।
6 जुद्ध लड़इ बरे परामर्स चाही अउर विजय पावइ बरे बहोत स सलाहकार।
7 मूरख बुद्धि क नाहीं समुझत जब महत्व स पूर्ण बातन क चर्चा करत हीं तउ मूरख समुझ नाहीं पावत।
8 सड्यंत्रकारी उहइ कहवावत ह, जउन बुरी योजनन बनावत रहत ह।
9 मूरख क योजनन पापी अहइ अउर घमण्डी निन्दक जन क लोग तजि देत हीं।
10 अगर तू बिपत्ति मँ हिम्मत छोड़ बइठब्या, तउ तोहार सवती केतनी थोड़ स अहइ।
11 जदि कउनो क हत्तिया क कउनो सड्यंत्र रचइ तउ ओका बचावइ क तोहका जतन करइ चाही।
12 तू अइसा नाहीं कहि सकत्या, “मोका एहसे का लेब।” यहोवा सब कछू जानत ह अउर इ भी उ जानत ह कि तू काहे काम करत अहा? यहोवा तोहका लखत रहत ह। उ तोहरे भीतर क जानत ह अउर उ हर एक क ओकर करमन क अनुसार प्रतिफल देत ह।
13 हे मोर पूत, तू सहद खावा करा काहेकि उ उत्तिम अहइ। इ तोहका मीठ लागी।
14 इहइ तरह इ तू भी जान ल्या कि आतिमा क तोहार बुद्धि मीठ लागी, अगर तू एका पउब्या तउ ओहमाँ निहित बाटइ तोहरी भविस्स क आसा अउर उ तोहार आसा कबहुँ भंग नाहीं होइ।
15 धमीर् मनई क घरे क विरोध मँ लुटेरा क नाईं घात मँ जिन बइठा अउर ओकरे निवासे पइ जिन छापा मारा।
16 काहेकि एक नेक चाहे सात दाईं गिरइ, फुन भी उठि बइठी। मुला दुट्ठ जन विपत्ति मँ बूड़ि जात ह।
17 सत्रु क पत्तन पइ आनन्द जिन करा। जब ओका ठोकर लागइ, तउ आपन मन खुस जिन होइ द्या।
18 अगर तू अइसा करब्या, तउ यहोवा लखी अउर उ तोहसे खुस नाहीं होइ, अउर उ तोहार दुस्मन पइ कोहाइ तजि देब।
19 तू दुर्जनन क संग कबहुँ जलन जिन राखा, ओन लोगन क कारण किरोधित जिन होवा।
20 काहेकि दुट्ठ जन क कउनो भविस्स नाहीं अहइ। दुट्ठ जन क दीया बुझाइ दीन्ह जाइ।
21 हे मोर पूत, यहोवा स अउर राजा स डरा विद्रोहियन क संग कबहुँ जिन मिला।
22 काहेकि उ पचे दुइनउँ अचानक नास ढाइ देइहीं ओन पइ; अउर कउन जानत ह केतनी खउफनाक विपत्तियन उ पचे पठइ देइँ।
23 इ सबइ सूवितयन बुद्धिमान जनन क अहइँ:निआव मँ पच्छपात करब उचित नाहीं अहइ।
24 अइसा जन जउन अपराधी स कहत ह, “तू निरपराध अहा” लोग ओका कोसिहीं अउर जातियन तजि देइहीं।
25 मुला जउन अपराधी क सजा देइहीं, सबहिं जन ओनसे खुस होइहीं अउर ओन पइ असीर्वाद क बर्खा होइ।
26 निर्मल जवाबे स मन खुस होत ह, जइसे ओठंन पइ चुम्बन अंकित कइ देइ।
27 पहिले बाहेर खेतन क काम पूरा कइ ल्या एकरे पाछे तू आपन घर बनावा।
28 आपन पड़ोसी क विरूद्ध बगैर कउनो कारण गवाही जिन द्या, या तू आपन वाणी क कउनो क छलइ मँ जिन प्रयोग करा।
29 जिन कहा अइसा, “ओकरे स्ंाग भी मइँ ठीक वइसा ही करब, मोरे संग जइसा उ किहेस ह।”
30 मइँ आलसी व्यक्ति क खेते स निर्बुद्धि व्यक्ति क अंगुर क खेत स होत भए गुजरउँ।
31 वंटीरी झाड़ियन निकरि आइ रहिन हर कहूँ खरपतवारे स खेत ढकि गवा रहा। अउर बाड़ पाथर क खंडहर होत रही।
32 जउन कछू मइँ लखेउँ, ओहसे मोका एक सीख मिली।
33 जरा एक झपकी, अउर तनिक स नींद, थोड़ा स सुस्ताब, धरिके हाथन पइ हाथ (दलिद्रता क बोलाउब अहइ)
34 उ तोह पइ टूट पड़ी जइसे कउनो लुटेरा टूट पड़त ह, अउर अभाव तोह पइ टूट पड़ी जइसे कउनो सस्रधारी टूट पड़त ह।
Proverbs 25
1 इ सबइ भी सुलैमान क कहावतन अहइ: एन सबइ क यहूदा क राजा हिजकिय्याह क सेवक लोग जमा किहे रहेन।
2 कउनो विसय-वस्तु क रहस्य स पूर्ण राखइ मँ परमेस्सर क अधिकार अहइ। अउर राजा क कउनो बात पइ निर्णय करइ स पहिले खोज विचार करइ क अधिकार अहइ।
3 जइसे ऊपर अन्तहीन अकास अहइ अउर खाले अटल धरती अहइ, वइसे ही राजा लोगन क मन होत हीं जेनकर ओर-छोर क अता पता नाहीं। ओकर थाह लेब कठिन अहइ।
4 जदि तू चाँदी स ओकर मैल हटाउब्या तउ सुनार ओहसे पात्र बनाइ सकत ह।
5 वइसे ही, जदि तू राजा क समन्वा स दुट्ठ क दूर करब तउ भलाइ ओकरे सिंहासने क मजबूत कइ देब।
6 राजा क समन्वा आपन बड़ाई जिन बखाना अउर महापुरूखन क बीच ठउर जिन चाहा।
7 काहेकि उत्तिम इ होइ जदि राजा तोहसे कहइ, “आवा हिआँ, आइ जा” अपेच्छा एकरे कि महापुरुखन क समच्छ तोहार अपमान कीन्ह जाइ।
8 तू कउनो व्यक्ति क जल्दी मँ कचहरी जिन घसीटा। काहेकि होइ सकत ह कि उ तोहार गलती क पोल खोल दइ। तउ तू क कहब्या।
9 जब तू आपन विरोधी क खिलाफ मँ मुकद्दमा प वाद-विवाद करत ह तउ दूसर व्यक्ति क राज फास जिन करा।
10 अइसा न होइ जाइ कि कउनो जउन ऍका सुनत ह तोहका लज्जित करइ, तउ तू बदनाम होइ जाइही जेका कबहुँ मिटाइ नाहीं जाइ।
11 उचित अवसर पइ बोला बात अइसा ही अहइ जइसे चाँदी क तस्त म सुनहरा सेब।
12 बुद्धिमान मनई क कान बरे झिड़की सोना क बाली क नाईं अहइ।
13 एक बिस्सास क जोग्ग दूत, जउन ओका पठवत हीं ओनके बरे फसल कटनी क समइ क ठंडी बयार क जइसे होत ह। उ आपन स्वामी क आतिम क ताजा कर देत ह।
14 उ मनई बर्खा रहित बादरन अउर पवन क जइसा होत ह, जउन कछू देइ क वचन देत ह किन्तु एका देइ नाहीं चाहत ह।
15 धीरा स पूर्ण बातन स राजा तलक मनावा जात हीं अउर नम्र वाणी हाड़ तलक तोरि सकत ह।
16 जदपि सहद बहोत उत्तिम अहइ, पर तउ भी तू बहोत जियादा जिन खा। अउर जदि तू जियादा खाब्या, तउ उल्टी आइ जाइ अउर तू रोगी होइ जाब्या।
17 वइसे ही तू पड़ोसी क घरे मँ बार-बार गोड़ जिन रखा। वरना उ तोहसे उब जाइ अउर तोहसे घिना करइ लागी।
18 उ मनई, जउन झूटी गवाही आनप साथी क खिलाफ देत ह उ तउ अहइ हथौड़ा सा या तरवार सा या तीखे बाण सा।
19 बिपत्ति क काल मँ भरोसा बिस्सासघाती पइ होत ह अइसा जइसे दुःख देत दाँत या लँगड़ात गोड़।
20 जउन कउनो ओकरे समन्वा खुसी क गीत गावत ह जेकर मन भारी अहइ, तउ उ अइसा ही अहइ जइसा जाड़े मँ ओकर ओढ़ना उतार लइ या ओकरे फोड़े पइ सिरका उड़ेलना।
21 अगर तोहार दुस्मन कबहुँ भुखान होइ, ओकरे खाइ क बरे, तू खइया क दइ द्या, अउर जदि उ पिआसा होइ, तउ ओकरे करे पानी पिअइ क दइ द्या।
22 अगर तू अइसा करब्या उ लज्जित होइ। इ ओकर सिर पइ जलत भवा कोयला क अंगार रखइ क जइसा होइ। यहोवा तोहका ओकर प्रतिफल देइ।
23 उत्तर क हवा जइसे बर्खा लिआवत ह वइसे ही बेकार क बातन किरोध क बढ़ावत ह।
24 झगड़ालू मेहरारू क संग घरे मँ रहइ स छते क कउनो कोने पइ रहब उत्तिम अहइ।
25 कउनो दूर देस आई कउनो अच्छी खबर अइसी लागत ह जइसे थके माँदे पिआसे क सीतल जल।
26 गाद भरा झरना या कउनो दूसित वुआँ सा होत उ धमीर् पुरूस जउन कउनो दुट्ठ आगे निहुर जात ह।
27 जइसे बहोत जियादा सहद खाब अच्छा नाहीं वइसे आपन मान बढ़ावइ क जतन करब नीक नाहीं अहइ।
28 अइसा जन जेका खुद पइ निंयत्रण नाहीं, तउ उ उ नगर जइसा अहइ, जेकर देवारन नाही अहइ।
Proverbs 26
1 जइसे बरफ क गमीर् मँ पड़ब अउर जइसे कटनी क समइ पइ बर्खा का आउब उपयुक्त नाहीं अहइ वइसे ही मूरख क मान देब उपयुक्त नाहीं अहइ।
2 अगर तू कउनो क कछू बिगाड़्या नाहीं अउर तोहका उ सराप देइ, तउ उ सराप बियर्थ होइ। ओकर सरापपूर्ण बचन तोहरे ऊपरि स यूँ उड़िके निकरि जाइ जइसे चंचल चिरइया जउन टिकिके नाहीं बइठत।
3 जइसे घोड़े क चाबुक अहइ अउर खच्चर लगाम स काबू होत ह अइसे ही मूरख बरे डंडा अहइ।
4 मूरख क ओकर मूरखता क अनुसार जवाब जिन द्या नाहीं तउ तू भी खुद मूरख सा देखब्या।
5 तउ मूरख क मूरख वाला जवाब द्या नाहीं तउ उ आपन ही आँखिन मँ बुद्धिमान बन बइठी।
6 मूरख क हाथन सँदेसा पठउब वइसा ही होत ह जइसे आपन ही गोड़न पइ वुल्हाड़ी मारब। इ बिपत्ति क बोलाउब क नाईं अहइ।
7 कउनो मूरख क कहावत कहइ क जतन करइ वइसा ही अहइ जइसे कउनो लँगड़े क आपन लँगाड़ा गोड़ पइ चलइ क जतन करब।
8 मूरख क सम्मान देब वइसा ही होत ह जइसे कउनो गुलेल मँ पाथर राखब।
9 मूरख क मुँहे मँ सूवित अइसी होत ह जइसे सराबी क होथे मँ काँटेदार झाड़ी होइ।
10 कउनो मूरख क या कउनो अनजाने मनई क काम पइ लगाउब खतरनाक होइ सकत ह। तू नाहीं जानत्या कि केका दुःख पहोंची।
11 जइसे कउनो वूवुर खाइके बेराम होइ जात ह अउर उल्टी कइके फुन ओका खात ह वइसे ही मूरख आपन मूरखता बार-बार दोहरावत ह।
12 उ मनई जउन आपन क बुद्धिमान मानत ह, मुला होत नाहीं ह तउ उ कउनो मूरख स भी बुरा होत ह। ओकर बरे कउनो आसा नाहीं अहइ।
13 आलसी चिचियात रहत ह, काम नाहीं करइ क बहाने कबहुँ उ कहत ह सड़क पइ सेर बाटइ।
14 जइसे आपन चूड़ी पइ चलत रहत ह किवाड़। वइसे ही आलसी बिस्तर पइ आपन ही करवटन बदलत ह।
15 आलसी आपन हाथ थारी मँ डावत ह मुला ओकर आलस, ओकरे आपन ही मँुहे तलक ओका खइयाके नाहीं लिआवइ देत।
16 आलसी मनई, निज क मानत ह महाबुद्धिमान। सातउँ गियानी पुरुखन स भी बुद्धिमान।
17 अइसे राही जउन दूसरन क झगड़न मँ टाँग अड़ावत ह जइसे वूवुर पइ काबू पावइ बरे कउनो ओकर कान धरइ।
18 कउनो मनई जउन आपन पड़ोसी क छलत ह अउर तउ कहत ह: मइँ तउ बस यूँ ही मजाक करत रहेउँ। वइसा ही अहइ जइसे कउनो पागल घातक तीर फेंकत ह अउर कउनो क मार देत ह।
19
20 जइसे ईंधन बगैर आग बुझि जात ह वइसे ही कानाफूसी क बिना झगड़े मिटि जात हीं।
21 कोयला अंगारन क अउर आगी क लपट क काठ जइसे भड़कावत ह, वइसे ही झगड़ालू झगड़न क भड़कावत ह।
22 कानाफूसी करइ वाला क सब्दन वइसा ही सुआदिस्ट अहइ जइसा कि उ भोजन जउन आसानी स लोगन क पेट मँ उतरत चला जात ह।
23 दुट्ठ मनवाले क चिकनी चुपड़ी बातन होत हीं अइसी, जइसे माटी क बर्तन पइ चिपके चाँदी क बकर्।
24 घिना स पूर्ण मनई आपन मीठ वाणी स घिना क ढाँपत ह। किंतु आपन हिरदय मँ उ छले क पालत ह।
25 ओकर मोहक वाणी स ओकर भरोसा जिन करा, काहेकि ओकरे मने मँ घिना स भरी बातन समाई अहइँ।
26 छले स कउनो क घिना चाहे छुप जाइ मुला ओकर दुट्ठता सभा क बीच परगट हो जाइ।
27 अगर कउनो गड़हा खोदत ह कउनो क बरे तउ उ खुद ही ओहमाँ गिरी सकत ह; अगर कउनो मनई कउनो पाथर क कउनो पइ लुढ़कावत जतन करत ह तउ उ उहइ पाथर स वुचला जाइ सकत ह।
28 अइसा मनई जउन झूठ बोलत ह, ओनसे घिना करत ह जेनका नोस्कान पहोंचावत अउर चापलूस खुद क नास करत ह।
Proverbs 27
1 भविस्य क बरे सेखी जिन बघाड़ा। कउन जानत ह कि आगे का घटइ।
2 आपन ही मुँहे स आपन बड़कई जिन करा दूसरन क तोहार तारीफ करइ द्या।
3 कठिन अहइ पाथर ढोउब, अउर ढोउब रेत क, मुला इन दुइनउँ स कहूँ जियादा कठिन अहइ मूरख क जरिये उपजावा भवा कस्ट।
4 किरोध त्रूर होत ह। प्रकोप बाढ़ क नाईं अहइ मुला जलन बहोत ही घातक अहइ।
5 छुपे भए पिरेम स, खुली घुड़की उत्तिम अहइ।
6 दोस्त क तमाचा पइ विस्सास कइ जा सकत ह कि तोहार मदद कइ सकत ह। किन्तु दुस्मन तोहार संग दाया करइ क बहाना बनावत ह। उ तोहका नोस्कान पहोंचाहीं।
7 पेट भरि जाए पइ सहद भी नाहीं भावत मुला भुखिया मँ तउ हर चीज भावत ह।
8 आपन घर स दूर भटकत भवा मनई अइसा अहइ जइसे कउनो चिरइया आपन घोंसला स दूर भटकत ह।
9 इत्र अउर सुगंधित धूप मने क आनन्द स भरि देत हीं अउर मीत क सच्ची सम्मति स मन उल्लासे स भरि जात ह।
10 आपन मीत क जिन बिसरा न ही आपन बाप क मीत क। अउर बिपत्ति मँ मदद बरे दूर आपन भाई क घरे जिन जा। दूर क भाई स पास क पड़ोसी नीक बा।
11 हे मोर पूत, तू बुद्धिमान बन जा अउर मोर मन आनन्द स भरि द्या। ताकि मोरे निन्दा करइ वाला क मइँ जवाब दइ सकउँ।
12 बिपत्ति क आवत लखिके बुद्धिमान जन दूर हट जात हीं किंतु मूरख जन बगैर राह बदले चलत रहत हीं अउर फँस जात हीं।
13 जउन कउनो पराए मनई क जमानत भरत ह ओका आपन ओढ़ना भी खोवइ पड़ी।
14 ऊँच सुरे मँ ‘सुप्रभात’ कहिके अलख भिंसारे आपन पड़ोसी क जिन जगाया करा। उ एक सराप क रूप मँ झेली आसीर्वाद मँ नाहीं।
15 झगड़ालू मेहरारू अइसी होत ह जइसी बर्खा क दिनन मँ लगातार टपकइ वाला बर्खा।
16 ओका रोकब वइसा ही होत ह जइसे कउनो हवा क रोकइ क बेकार जतन करत ह या मूठी मँ तेल क धरइ क जतन करत ह।
17 जइसे लोहे स लोहा धार धरत ह, वइसे ही एक व्यक्ति दूसर व्यक्ति स सीखत ह।
18 जउन कउनो अंजीरे क बृच्छ सींचत ह, उ ओकर फल खात ह। वइसे ही जउन आपन सुआमी क सेवा करत ह, उ आदर पाइ लेत ह।
19 जइसे जल मुखड़ा क प्रतिबिंबित करत ह, वइसे ही हिरदय मनई क प्रतिबिंबित करत ह।
20 मउत अउ कबर कबहुँ तृप्त नाहीं अइसा ही मनई क आँखिन भी तृप्त नाहीं होत ह।
21 चाँदी अउ सोना क भट्ठी-वुठाली मँ परख लीन्ह जात ह। वइसे ही मनई उ तारीफ स परखा जात ह जउन उ पावत ह।
22 तू कउनो मूरख क चूना मँ पीसिके चाहे जेतना महीन करा अउर ओका पीसिके अनाज जइसा बनाइ द्या ओकर चूरन मुला ओकरी मूरखता क, कबहुँ भी ओहसे दूर न कइ पउब्या।
23 आपन रेवड़ क हानत तोहका निहचित ही जानइ चाही। आपन रेवड़ क धियान स देखरेख करा।
24 काहेकि धन-दौलत तउ टिकाऊ नाहीं होतेन। इ राजमवुट पीढ़ी-पीढ़ी तलक बना नाहीं रहत ह।
25 जब चारा कट जात ह, तउ नवी घास उग आवत ह। उ घास पहाड़ियन पइ स फुन बटोर लीन्ह जात ह।
26 मेमनन क ऊन काट ल्या अउर ओढ़ना बना ल्या बोकरियन क खेतन खरीदइ बरे बेच ल्या।
27 तोहरे परिवार क, तोहरे दास दासियन क अउर तोहरे आपन बरे भरपूर बोकरी क दूध होइ।
Proverbs 28
1 दुट्ठ क मने मँ सदा भय समाया रहत ह अउर जब कउनो पाछा नाहीं करत ह तउ भी भागत फिरत ह। किन्तु एक धमीर् जन क सदा निर्भय रहत ह वइसे होइ जइसे सेर निर्भय रहत ह।
2 देस मँ जब पाप ही पाप होइ तउ उ देस क सासक लम्बी समइ बरे सासन नाहीं करब्या। अइसा मनई ही देस क स्थिर रखत ह अउर लम्बी समइ तलक सासन करब्या।
3 उ राजा जउन गरीबे क दबावत ह, उ बर्खा क बाढ़ सा होत ह जउन फसल नाहीं छोड़त।
4 जउन व्यवस्था क विधाने क तजि देत हीं, दुट्ठन क तारीफ करत हीं, मुला जउन व्यवस्था क विधान क पालन करत हीं ओनकर विरोध मँ लड़ाइ करत हीं।
5 दुट्ठ जन निआव क नाहीं समुझत हीं। मुला जउन यहोवा क खोज मँ रहत हीं, ओका पूरी तरह जानत हीं।
6 उ निर्धन जेकर राह खरी अहइ उ धनी मनई स जेकर राह दुट्ठ अहइ उत्तिम अहइ।
7 विवेकी पूत व्यवस्था क विधानन क पालन करत ह। मुला जउन वियर्थ दोस्तन क साथी बनत ह, उ आपन बाप क निरादर करत ह।
8 उ जउन मोट ब्याज उसूलिके आपन धन बढ़ावत ह, उ तउ इ धन जोरत ह कउनो अइसे दयालु बरे जउन गरीबन पइ दाया करत ह।
9 जदि कउनो व्यक्ति परमेस्सर क सिच्छा पइ कान नाहीं देत तउ परमेस्सर ओनकर पराथना पइ धियान नाहीं देत ह।
10 उ तउ आपन ही जालि मँ फँस जाइ जउन सीधे लोगन क बुर मागेर् पइ भटकावत ह। मुला निदोर्स लोगन उत्तिम आसीस पाइ।
11 धनी मनई आपन आँखिन मँ बुद्धिमान होइ सकत ह किन्तू गरीब जन जउन बुद्धि होत ह सच्चाई क लखत ह।
12 सज्जन जब जीतत हीं, तउ सब खुस होत हीं। मुला जब दुट्ठ क सक्ती मिल जात ह तउ एक भी अइसा मनई क खोज पाउब कठिन अहइ जउन कि खुस अहइ।
13 जउन आपन पापन पइ पर्दा डावत ह, उ तउ कबहुँ नाहीं पूलत-फलत ह। मुला जउन आपन दोखन क कबूल करत ह अउर जउन गलत ह ओका तजत ह, उ दाया पावत ह।
14 धन्न अहइ, उ पुरुस जउन यहोवा स डेरात ह। मुला जउन आपन जिद्दी अहइ, विपत्ति मँ गिरत ह।
15 दुट्ठ सासक जउन असहाय जन पइ सासन करत हीं अइसे अहइ जइसे दहाड़त भवा सेर या झपट भवा रीछ।
16 एक अविवेक सासक आपन लोगन पइ अत्याचार करत ह मुला जउन बुरे मारग स आए भए धने स घिना करत ह, लम्बी समइ तलक सासन करब्या।
17 कउनो मनई क दूसर क हत्तिया क दोख ठहराया तउ उ मनई क सान्ति नाहीं मिली जब तलक कि उ नाही मरत ह। ओकर मदद जिन करा।
18 अगर कउनो निहकलंक होइ तउ उ सुरच्छित अहइ। जदि उ बुरा मनई होइ तउ उ आपन सामरथ खोइ बइठी।
19 जउन आपन धरती जोतत-बोवत ह अउर मेहनत करत ह, उसके लगे हमेसा भरपूर खाई क होइ। मुला जउन सदा सपनन मँ खोवा रहत ह, सदा दलिद्र होइ।
20 एक इमानदार मनई बहोत सारा आसीस पावत ह। मुला उ मनई जउन हाली धनी बनइ क जतन करत रहत ह; बिना दण्ड क नाहीं बची।
21 निर्णय देइ मँ पच्छपात करब अच्छा नाही होत ह। किन्तु कछू लोग तउ सिरिफ रोटी क एक टुकरा बरे अनिआय करब।
22 सूम सदा धन पावइ क लालच करत रहत ह अउर नाहीं जानत कि ओकरी ताक मँ दलिद्रता बाटइ।
23 उ जउन कउनो जने क सुधारइ क डाँटत ह, उ जियादा पिरेम पावत ह, अपेच्छा ओकरे जउन चापलूसी करत ह।
24 कछू लोग होत हीं जउन आपन बाप अउर महतारी स चोरावत हीं। उ कहत ह, “इ बुरा नाहीं अहइ।” इ उ बुरा मनई जइसा अहइ। जउन घरे क भीतर आइके सबहिं चिजियन क तोड़-फोड़ कइ देत ह।
25 लालची मनई तउ मतभेद भड़कावत ह, मुला उ मनई जेकर भरोसा यहोवा पइ अहइ पूली-फली।
26 मूरख क आपन पइ बहोत भरोसा होत ह। मुला जउन गियान क राहे पइ चलत ह, सुरच्छित रहत ह।
27 जउन गरीबन क दान देत रहत ह ओका कउनो बातन क अभाव नाहीं रहत। मुला जउन ओनसें आँखी मूँद लेत ह, उ सराप पावत ह।
28 जब कउनो दुट्ठा सक्ती पाइ जात ह तउ सज्जन छुप जाइ क दूर चला जात हीं। मुला जब दुट्ठा जन क बिनास होत ह तउ सज्जनन क बृद्धि परगट होइ लागत ह।
Proverbs 29
1 जउन बार बार डाँट डपट खाइ क बाद भी उहइ बेउहार करत ह तउ निहचय ही उ अचानक बर्बाद होइ जाइ। ओकर बरे कउनो आसा तलक नाहीं बची।
2 जब धर्मी जन क अधिकार पावत ह तउ लोग आनन्द मनावत हीं। जब दुट्ठ सासक बन जात ह तउ लोग कराहत हीं।
3 अइसा जब जउन विवेक स पिरेम राखत ह, बाप क आनन्द पहोंचावत ह। मुला जउन रंडियन क संगत करत ह, आपन धन खोइ देत ह।
4 निआव स राजा देस क स्थिरता देत ह। किन्तु राजा जब लालची होत ह तउ लोग आपन काम करवावइ बरे ओका घूस देत हीं। तब देस दुर्बल होइ जात ह।
5 जउन अपने साथी क चापलूसी करत ह उ आपन गोड़वन बरे जाल पसारत ह।
6 पापी खुद आपन बिछाइ भइ जालि मँ फँसत ह। मुला एक धर्मी गावत अउर खुस रहत ह।
7 सज्जन चाहत हीं कि गरीब क निआव मिलइ किन्तु दुट्ठन क ओनकी तनिकउ चिन्ता नाहीं होत ह।
8 जउन अइसा सोचत हीं कि हम दूसरन स उत्तिम अही, उ पचे विपत्ति उपजावत अउर सारे सहर क तहस-नहस कइ देत हीं। मुला जउन जन बु्द्धिमान होत हीं, सान्ति क कायम करत हीं।
9 बुद्धिमान जन जदि मूरख क साथ मँ वाद-विवाद सुलझावइ चाहत ह, तउ मूरख उत्तेजित हो जात ह मूरखता क बातन करत ह जेहसे दुइनउँ क बीच सन्धि नाहीं होइ पावत
10 खून क पिआसे लोग, सच्चे लोगन स घिना करत हीं। किन्तु सच्चे लोग ओनकर जिन्नगी बचावइ क जतन करत ह।
11 मूरख मनई क लउ बहोतइ हाली किरोध आवत ह। मुला बुद्धिमान धीरा धइके आपन पइ नियंत्रण राखत ह।
12 जदि एक सासक झूठी बातन क सुनत ह तउ ओकर सब अधिकारी भ्रस्ट होइ जात हीं।
13 एक हिंसाब स गरीब अउर जउन मनई क लूटत ह, उ समान अहइ। यहोवा ही दुइनउँ क बनाएस ह।
14 अगर कउनो राजा गरीब पइ निआव स पूर्ण रहत ह तउ ओकर सासन बहोत लम्बे काल बना रही।
15 सजा अउर डाँट स सुबुद्धि मिलत ह किन्तु जदि महतारी-बाप मनचाहा करइ क खुला छोड़ि देइँ, तउ उ आपन महतारी क लज्जा बनी।
16 दुट्ठ क राज मँ पाप पनप जात हीं मुला अन्तिम जीत तउ सज्जन क ही होत ह।
17 पूत क दण्डित करा जब उ अनुचित करइ, फुन तउ तोहका ओह पइ सदा ही घमण्ड होइ। उ तोहरी लज्जा क कारण कबहुँ नाहीं होइ।
18 अगर कउनो देस परमेस्सर क राहे पइ नाहीं चलत तउ उ देस मँ सान्ति नाहीं होइ। किन्तु उ देस जउन परमेस्सर क व्यवस्था पइ चलत ह, आनन्दित रही।
19 सिरिफ सब्द मात्र स दास नाहीं सुधरत ह। चाहे उ तोहार बात क समुझ लेइ, मुला ओकर पालन नाहीं करी।
20 अगर कउनो बगैर बिचारे भए बोलत ह तउ ओकरे बरे कउनो आसा नाहीं। जियादा आसा होत ह एक मूरख बरे अपेच्छा उ मनई क जउन बिचारे बिना बोलइ।
21 अगर तू आपन दास क सदा उ देब्या जउन भी उ चाहइ, तउ अंत मँ उ तोहार एक उत्तिम दास नाहीं रही।
22 किरोधी मनई मतभेद भड़कावत ह, अउर अइसा जन जेका किरोध आवत होइ, बहोत स पापन क अपराधी बनत ह।
23 मनई क अहंकार नीचा देखावत ह, मुला उ मनई जेकर हिरदय विनम्र होत आदर पावत ह।
24 जउन चोर क संग धरत ह उ आपन स दुस्मनी करत ह। काहेकि अदालत मँ जब ओका फुरइ बोलइ क होइ तउ उ कछू भी कहइ स बहोत डेरान रहब्या।
25 डर मनई बरे फंदा साबित होत ह, मुला जेकर आस्था यहोवा पइ रहत ह, सुरच्छित रहत ह।
26 बहोत लोग सासक क मीत होइ चाहत हीं, मुला उ यहोवा ही अहइ, जउन लोगन क फुरइ निआव करत ह।
27 सज्जन घिना करत हीं अइसे ओन लोगन स जउन सच्चे नाहीं होतेन, अउर दुट्ठ सच्चे लोगन स घिना राखत हीं।
Proverbs 30
1 इ सबइ सूक्तियन आगूर क अहइँ, जउन याके क पूत रहा। इ पुरुस ईतीएल अउ उक्काल स कहत ह।
2 मइँ महा बुद्धिहीन हउँ। मोहमाँ मनई क समुझदारी बिल्वुल नाहीं अहइ।
3 मइँ बुद्धि नाहीं पाएउँ अउर मोरे लगे उ पवित्तर क गियान नाहीं अहइ।
4 सरग स कउनो नाहीं आवा अउर हुआँ क रहस्य लिआइ सका पवन क मूठी मँ कउनो नाहीं बाँधि सका। कउनो नाहीं बाँधि सका पानी क ओढ़ना मँ अउर कउनो नाहीं जानि सका धरती क छोर। अउर अगर कउनो एन बातन क करि सका ह, तउ मोहसे कहा, ओकर नाउँ अउर नाउँ ओकरे पूत क मोका बतावा, अगर तू ओका जानत अहा।
5 परमेस्सर क सब्द दोखरहित होत ह, जउन कउनो भी ओकरी सरण जात हीं उ ओनकर ढाल होत ह।
6 ‘तू ओकरे सब्दन मँ कछू जिन बढ़ा। नाहीं तउ उ तोहका सजा दइ अउर झूठा ठहराइ।
7 हे यहोवा, मइँ तोहसे दुइ बातन माँगत हउँ: ओनका मोरे मउत स पहिले इनकार जिन करा।
8 तू मोहसे मिथ्या क, छल क दूर रखा। मोका दरिद्र जिन करा अउर न ही मोका धनी बनावा। मोका बस रोज खाइ क देत रहा।
9 कहूँ अइसा न होइ जाइ बहोत कछू पाइके मइँ तहका तजि देउँ, अउर कहइ लागूँ ‘कउन परमेस्सर अहइ?’ अउर जदि निर्धन बनउँ अउर चोरी करउँ, अउर इ तरह मइँ आपन पमेस्सर क नाउँ क लजाउँ।
10 तू सुआमी स सेवक क निन्दा जिन करा नाहीं तउ तोहका, उ अभिसाप देइ अउर तोहका ओकर भरपाइ करइ क होइ।
11 अइसे भी होत हीं जउन आपन बाप क कोसत हीं, अउर आपन महतारी क धन्न नाहीं कहत हीं।
12 होत हीं अइसे भी, जउन आपन आँखिन मँ तउ पवित्तर बने रहत हीं किन्तु अपवित्तरता स आपन नाहीं धोवा होत हीं।
13 अइसे भी लोग अहइ जउन सोचत हीं कि उ पचे बहोत नीक अहइ। उ पचे सोचत हीं कि उ पचे दूसर स बेहतर अहा।
14 अइसे भी होत हीं जेनकर दाँत कटार अहइँ अउर जेनकर जबड़न मँ खंजर जड़ा रहत हीं जेहसे उ पचे इ धरती क गरीबन क हड़प जाँइ, अउर जउन मानवन मँ स अभावग्रस्त अहइँ ओनका उ पचे लील लेइँ।
15 जोंक क दुइ बिटियन होत हीं उ पचे सदा चिचियात रहत हीं, “द्या, द्या।” तीन चिजियन अइसी अहइँ जउन कबहुँ नाहीं अघातिन अउर चार अइसी जउन कबहुँ बस नाहीं कहतिन।
16 कब्र, बाँझ कोख अउर धरती जउन जल स कबहुँ आघात नाहीं, अउर उ आगी जउन कबहुँ ‘बस’ नाहीं कहतिन।
17 जउन आँखिन आपन ही बापे पइ हँसत हीं, अउर महतारी क बात मानइ स घिना करत ह, घाटी क कउआ ओका नोंच लेइहीं अउर ओका गीध खाइ जइहीं।
18 तीन बातन अइसी अहइँ जउन मोका बहोत विचित्र लागत हीं, अउर चउथी अइसी जेका मइँ समुझ नाहीं पावत हउँ।
19 अकासे मँ उड़त भए गरूड़ क मारग, अउर लीक नाग क जउन चट्टान पइ चला, अउर महासागरे पइ चलत जहाज क राह अउर उ पुरूस क मारग जउन कउनो कामिनी क पिरेम जाल मँ बँधा होइ।
20 बिभीचारी मेहरारू क स्वभाव अइसी होत ह, उ खात रहत अउर आपन मुँह पोंछ लेत, अउर कहा करत ह, “मइँ तउ कछू भी बुरा नाहीं किहेउँ।”
21 तीन बातन अइसी अहइँ जेनसे धरती काँपत ह अउर एक चउथी अहइ जेका उ सह नाहीं कइ पावत।
22 दास जउन राजा बन जात अउर मूरख जेकर लगे प्रयाप्त भोजन होत ह,
23 अउर अइसी मेहरारू जेहसे घिना करत ह अउर अइसी दासी जउन सुआमिनी क जगह लइ लेइ।
24 चार जीव धरती पइ क अइसा अहइ जउन कि बहोत छुद्र अहइँ मुला ओनमाँ बहोत जियादा विवेक भरा भवा अहइ।
25 चींटियन जेनमाँ सक्ती नाहीं होत हीं फुन भी उ पचे गर्मी मँ आपन खइया क बटोरत हीं,
26 बिज्जू (सापान) दुर्बल प्राणी अहइँ फुन भी उ पचे कड़ी चट्टानन मँ आपन घर बनावत हीं,
27 टिड्डियन क कउनो भी राजा नाहीं होत ह फुन भी उ पचे पंक्ति बाँधिके साथ अगवा बढ़त हीं।
28 अउर उ छिपकिली जउन जब सिरिफ हाथ स ही धरी जाइ सकत ह, फुन भी उ राजा क महलन मँ पाई जात ह।
29 तीन प्राणी अइसे अहइँ जउन आन-बान स चलत हीं, किन्तु नाहीं, दर असल उ चार अहइ:
30 एक सेर, जउन सबहिं पसुअन मँ सक्तीवाला होत ह, जउन कबहुंँ कउनो स नाहीं डेरात,
31 घमण्डी चाल स चलत भवा मुर्गा अउ एक बोकरा अउर उ राजा जउन आपन सेना क अगवाइ करत ह।
32 तू जदि कबहुँ आपन बेववूफी क कारण स घमण्डी हो जात ह अउर दूसर क बिरुद्ध जोजना बनावत ह तउ एका बन्द करा अउर जउन तू करत ह ओकरे बरे सोच्या।
33 जइसे मथानी स दूध निकरत ह माखन अउर नाक मरोड़इ स लहू निकरि आवत ह वइसे ही जगाउब किरोध क होत ह झगड़न क भड़काउब।
Proverbs 31
1 इ सबइ सूक्तियन राजा लमूएल क, जेनका ओका ओकर महतारी सिखाए रही।
2 तू मोर पूत अहा उ पूत जउन मोका पिआरा अहइ। तोहका पावइ क मइँ परमेस्सर स मन्नत माने रहेउँ।
3 तू बियर्थ मँ आपन सक्ती मेहररूअन पइ जिन खर्च करा। मेहरारू ही राजा लोगन क बिनास क कारण होत ह एह बरे तू ओन पइ आपन छय जिन करा।
4 हे लमूएल! राजा क मधूपान सोभा नाहीं देता, अउर न ही इ कि सासक क यवसुरा ललचाइ।
5 नाहीं तउ, उ पचे दाखरस क बहोत जियादा पान कइके, विधान क व्यवस्था क बिसरि जइहीं अउर उ पचे सारे दीन दलितन क अधिकारन क छोरि लेइहीं।
6 ओन लोगन क जौ क दाखरस पिअइ द्या जउन बहोत बड़ा विपत्ती मँ अहइ।
7 उ पचे पिअइ अउर आपन दीनता क बरे मँ बिसर जाइ। उ पचे आपन मुसीबतन क याद नाही राखइही।
8 तू ओनके बरे बोल जउन कबहुँ भी आपन बरे बोल नाहीं पावत हीं, अउर ओन सबन क, अधिकारन बरे बोल जउन असाहय अहइ अउर विपत्ती क मारा अहइ।
9 तू ओन बातन क हेतु डटिके खड़ा रह जेनका तू जानत ह कि पचे उचित, निआवपूर्ण अहा। अउर बिना पच्छ-पात क सब क निआव कर। गरीब अउर जरुरत मन्द लोगन क अधिकार क रच्छा करा।
10 गुणवन्ती पत्नी कउन पाइ सकत ह उ जन मणि-मणिकन स कहँू जियादा कीमती अहइ।
11 ओकर पति ओकर बिस्सास कइ सकत ह। ओका कउनो भी अच्छी चिजियन क कमी नाही होइ।
12 सतपत्नी पति क संग उत्तिम व्यवहार करत ह। आपन जिन्नगी भर ओकरे बरे कबहुँ विपत्ति नाहीं उपजावत।
13 उ हमेसा ऊनी अउ सूती ओढ़ना बनावइ मँ व्यस्त रहत ह।
14 उ उ पानी क जहाज क नाईं अहइ जउन दूर देस स आवात ह अउर हर कहुँ स घरे पर भोज्य वस्तु लिआवत ह।
15 भिंसारे उठिके उ खइया क बनावत ह। अपने परिवारे क अउर दासियन क हींसा ओनका देत ह।
16 उ लखिके अउ परखिके खेत मोल लेत ह। आपन कमात भवा धन स दाख क बारी लगावत ह।
17 उ बड़ी मेहनत करत ह। उ आपन सबहिं काम करइ क समर्थ अहइ।
18 जब भी उ आपन बनाईं चीज क बेंचत ह, तउ लाभ कमात ह। उ देर रात तलक दीप जलाइ क काम करत ह।
19 उ सूत कातत अउर आपन वस्तु बुनत ह।
20 उ हमेसा ही दीनदुःखी क दान देत ह, अउर वंगाल जल क सहायता करत ह।
21 जब सर्दी पड़त ह तउ उ आपन परिवार बरे चिंतित नाहीं होत ह। काहेकि उ सबहिं क उत्तिम गरम ओढ़ना दइ रखे अहइ।
22 उ चादर बनावत ह अउर बिस्तरा पइ फैलावत ह। उ सने स बना भवा बढ़िया अउर बेंगनी ओढ़ना पहिरत ह।
23 लोग ओकरे पति क आदर करत ही उ जगह पावत ह नगर प्रमुखन क बीच।
24 उ अति उत्तिम बइपारी बनत ह। उ ओढ़नन अउर कमरबंदन क बनाइके ओनका बइपारी लोगन क बेचत ह।
25 उ सक्तीवाली अहइ, अउर आन-बान वाली अहइ। अउर बिस्सास क संग भविस्य क ओर लखत ह।
26 जब उ बोलत ह, उ विवेकपूर्ण रहत ह। ओकरी जीभ लोगन क पिरेम करइ अउर दाया करइ क सिच्छा देत ह।
27 उ कबहुँ भी आलस नाहीं करत अउर आपन घर बार क चिजियन पइ हर एक दिन धियान रखत ह।
28 ओकर बच्चन खड़ा होत हीं अउर ओका आदर देत हीं अउर ओकरे बारे मँ अच्छी बातन करत ह। ओकर पति ओकरी तारीफ करत ह।
29 ओकर पति कहत ह, “बहोत स उच्चकोटि क मेहरारूअन अहइ। किन्तू ओन सब मँ तू ही सवोर्त्तम पत्नी अहा।”
30 आकर्षण धोकाबाज़ अहइ अउर सुन्नरता दुइ पल क अहइ। मुला उ मेहरारू जेका यहोवा क डर बाटइ, ओकरी तारीफ हाइ चाही।
31 ओका उ प्रतिफल द्या जेकर उ जोग्ग अहइ। अउर जउन काम उ किहेस ह, ओनके बरे सारे लोग क बीच मँ ओकर तारीफ करा।
Ecclesiastes 1
1 इ सबइ दाऊद क पूत अउर यरूसलेम क राजा, उपदेसक क सब्द अहइँ।
2 उपदेसक क कहब अहइ कि हर चीज बेमतलब क अहइ अउर अकारथ अहइ। मतलब इ कि हर बात बियर्थ अहइ।
3 इ जिन्नगी मँ लोग जउन कड़ी मेहनत करत हीं, ओहसे ओनका फुरइ का कउनो लाभ होत ह नाहीं।
4 एक पीढ़ी आवत ह अउर दूसर चली जात ह मुला संसार हमेसा अइसहिन बना रहत ह।
5 सूरज उगत ह अउर फुन ढल जात ह अउर फुन सूरज हाली ही उहइ ठहर स उदय होइके जल्दी करत ह।
6 हवा दविखन दिसा कइँती बहत ह अउर हवा उत्तर कइँती बहइ लागत ह। हवा एक चत्र मँ घूमत रहत ह अउर फुन हवा जहाँ स चली रही वापस हुवँइ बहइ लागत ह।
7 सबहिं नदियन एक हीं जगह कइँती बार बार बहा करत ही। उ सबइ समुद्दर स आइके मिलत हीं, किन्तु फुन भी समुद्दर कबहुँ नाहीं भरत।
8 सबइ सब्दन कस्ट दायक अहइ; लोग ओहका पूरा-पूरा वर्णन नाहीं कइ सकतेन। हमेसा बोलत ही रहत हीं। सब्द हमरे काने मँ बार बार पड़त हीं मुला ओनसे हमार कान कबहुँ भी भरतेन नाहीं ह। हमार आँखिन भी, जउन कछू उ सबइ लखत हीं, ओहसे कबहुँ नाहीं अघातिन।
9 सुरू स वस्तुअन जइसी रहिन वइसी ही बनी भई अहइँ। सब कछू वइसे ही होत रही, जइसे सदा स होत आवत अहइ। इ संसार मँ कछू भी नवा नाहीं अहइ।
10 कउनो मनई कहि सकत ह, “लखा, इ बात नई अहइ।” मुला उ बात तउ हमेसा स होत रही। उ तउ हमसे भी पहिले स होत रही।
11 उ सबइ बातन जउन पहिले घट चुकी अहइँ, ओनका लोग याद नाहीं करतेन अउर आगे भी लोग ओन बातन क याद नाहीं करिहीं जउन अब घटत अहइँ ओकरे बाद भी दूसर लोग ओन बातन क याद नाहीं रखिहीं जेनका ओनके पहिले क लोगन किहे रहेन।
12 मइँ उपदेसक, यरूलेम मँ इस्राएल क राजा भवा।
13 निहचय किहेउँ कि इ जिन्नगी मँ जउन कछू होत ह ओका बुद्धि क जरिए ढूँढउँ अउर जाँच पड़ताल करेउँ। इ एक दुःखद तरीका परमेस्सर मानव जाति क दिहेस ह ताकि उ नम्र होइ सकीं।
14 इ पृथ्वी पइ सबहिं वस्तुअन पइ मइँ निगाह डाएउँ अउर लखेउँ कि इ सब कछू बियर्थ अहइ। इ वइसा ही अहइ जइसे हवा क धरब।
15 तू ओन बातन क बदल नाहीं सकत्या। जदि कउनो बात टेंढ़ अहइ तउ तू ओका सोझ नाहीं कइ सकत्या अउर अगर कउनो वस्तु क लेइ चाहत तउ तू ओका नाहीं गिन सकत।
16 मइँ अपने आप स कहेउँ, “मइँ बहोत बुद्धिमान अहउँ। मोहसे पहिले यरूसलेम मँ जउन राजा लोग राज्ज किहेन ह, मइँ ओन सब स जियादा बुद्धिमान अहउँ। मइँ जानत हउँ कि असल मँ बुद्धि अउ गियान का अहइ।”
17 मइँ इ जानइ क निहचय किहेउँ कि मूर्खता स भरे चिन्तन स विवेक अउर गियान कउने तरह स स्रेस्ठ बाटइ। मुला मोका मालूम भवा कि विवेकी बनइ क प्रयास वइसा ही अहइ जइसे हवा क धरइ क जतन।
18 काहेकि जियादा गियान क संग हतासा भी उपजत ह। उ मनई जउन जियादा गियान पाइ जात ह उ जियादा दुःख भी पाइ जात ह।
Ecclesiastes 2
1 मइँ अपने मने मँ कहेउँ, “मोका मनोविनोद करइ चाही। मोका हर वस्तु क जेतना रस मइँ लइ सकउँ।” ओतना लेइ चाहीं।” मुला मइँ जानेउँ कि इ भी बियर्थ अहइ।
2 हर समइ हँसत रहब भी मूर्खता अहइ। आनन्द स का प्राप्त होत ह
3 तउ मइँ निहचय किहेउँ कि मइँ आपन देह क दाखरस स भरि लेउँ जदपि मोर दिमाग मोका अबहिं गियान क राह देखावत रहा। मइँ इ मूर्खता स भरा आचरण किहेउँ, मइँ चाहत रहेउँ कि लोगन क बरे आपन जिन्नगी क थोड़ा स दिनन मँ का करब उत्तिम अहइ, एका हेर लेउँ।
4 फुन, मइँ बड़के बड़के काम करब सुरू किहेउँ। मइँ अपने बरे घर बनवाए। अउर अंगूरे क बाग लगवाएउँ।
5 मइ बगियन लगवाएउँ अउर बाग बनवाएउँ। मइँ सबहिं तरह क फलन क बृच्छ लगवाएउँ।
6 मइँ आपन बरे पानी क तालाब बनवाएउँ अउर फुन एन तालाबन क पानी क मइँ आपन बाढ़त बृच्छन क सींचइ क काम मँ लिआवइ लागेउँ।
7 मइँ दास अउर दासियन खरीदेउँ अउर फुन मोरे घरे मँ पइदा भए दास भी रहेन। मइँ बड़की बड़की वस्तुअन क सुआमी बन गएउँ। मोरे लगे झुंड क झुंड पसु अउर भेड़न क ढेर रहेन। यरूसलेम मँ कउनो भी मनई क लगे जेतनी वस्तुअन रहिन, मोरे लगे ओसे भी जियादा रहिन।
8 मइँ आपन बरे चाँदी सोना भी जमा किहेउँ। मइँ राजा लोगन अउर ओनके देसन स भी खजानन क बटोरेउँ। मोरे लगे बहोत सी रंडियन रहिन।
9 मइँ बहोत धनवान अउर प्रसिद्ध होइ गएउँ। मोहसे पहिले यरूसलेम मँ जउन भी कउनो रहत रहा, मइँ ओहसे जिआदा महान रहा तउ मोर बुद्धि मोर संग रही।
10 मइँ हर उ चीज जेका मइँ चाहत रहा प्राप्त किहेउँ। मउँ जउन कछू करत, मोर मन सदा ओसे खुस रहा करत अउर इ खुसी मोरे कठिन मेहनत क प्रतिफल रही।
11 मुला मइँ जउन कछू किहे रहेउँ जब ओह पइ निगाह डालेउँ अउर आपन कीन्ह गवा कठिन मेहनत क बारे मँ बिचार किहेउँ तउ मोका लाग इ सब अरथहीन अहइ। इ अइसा ही रहा जइसे हवा क धरब। सच-मुच मँ इ जिन्नगी मँ हम लोगन क सारे काम बरे संतोसजनक लाभ नाहीं अहइ।
12 जेतना एक राजा कइ सकत ह, ओहसे जियादा कउनो भी मनई नाहीं कइ सकत। तू जउन भी कछू करइ चाह सकत ह, उ सब कछू कउनो राजा अब तलक कइ भी चुका होइ। मोरी समझ मँ आइ गवा कि एक राजा तलक जउन कामन क करत ह, उ सबइ सब भी बेकार अहइँ। तउ मइँ फुन बुद्धिमान बनइ, बेववूफ बनइ अउर सनकीपन क कामन क करइ क बारे मँ साचेब सुरू किहेउँ।
13 मइँ लखेउँ कि बुद्धि मूर्खता स उहइ प्रकार उत्तिम अहइ जउने तरह अँधियारा स प्रकास उत्तिम होत ह।
14 इ वइसे ही अहइ जइसे: एक बुद्धिमान मनई, उ कहाँ जात अहइ, ओका लखइ क आपन बुद्धि क प्रयोग, आपन आँखिन क तरह करत ह। किन्तु एक मूर्ख मनई उ मनई क समान अहइ जउन अँधियारा मँ चलत अहइ।किन्तु मइँ इ लखेउँ कि मूरख अउर बुद्धिमान दुइनउँ क अंत एक ही तरह स होत ह। दुइनउँ ही आखिर मँ मउत क पावत हीं।
15 अपने मने मँ मइँ सोचेउँ, “कउनो मूरख मनई क संग जउन घटत ह उ मोर संग भी घटी तउ ऍतना बुद्धिमान बनइ बरे एतना कठिन मेहनत मइँ काहे किहेउँ?” आपन खुद स मइँ कहेउँ, “बुद्धिमान बनब भी बेकार अहइ।”
16 बुद्धिमान मनई अउर मूर्ख मनई दुइनउँ ही मरि जइहीं अउर लोग सदा बरे न तउ बुद्धिमान मनई का याद रखिहीं अउर नही कउनो मूरख मनई क। उ पचे जउन कछू किहे रहेन, लोग ओका जल्दी बिसराइ देइहीं। इ सही नाहीं अहइ कि बुद्धिमान मनई मूरख मनई क जइसा मरइ चाहीं।
17 एकरे कारण मोका जिन्नगी स घिना हो गइ। इ विचार स मइँ बहोत दुःखी भएउँ कि इ जिन्नगी मँ जउन कछू बाटइ सब बेकार अहइ। बिल्वुल वइसे ही जइसे हवा क धरइ क कोसिस करब।
18 मइँ जउन कठिन मेहनत किहे रहेउँ, ओहसे घिना करब सुरू कइ दिहेउँ। मइँ लखेउँ कि उ सबइ लोग जउन मोरे पाछे जिअत रइहीं ओन चिजियन क लइ लेइहीं जेनके बरे मइँ कठिन मेहनत किहे रहेउँ। मइँ आपन ओन चिजियन क आपन संग नाहीं लइ गाइ सकब।
19 कउनो दूसर मनई इ संसार म जउन चिजियन बरे मइँ मन लगाइके कठिन मेहनत किहे रहउँ पइ नियंत्रण होइ। मइँ तउ इ भी नाहीं जानत कि उ मनई बुद्धिमान होइ या मूरख। पर इ सब भी तउ अर्थहीन ही अहइ।
20 एह बरे मइँ जउन भी कठिन परिस्रम किहे रहेउँ, उ सबइ क बारे मँ मइँ बहोत दुःखी भएउँ।
21 एक मनई आपन बुद्धि, आपन गियान अउर आपन चतुराई क प्रयोग करत भए कठिन मेहनत कइ सकत ह। मुला उ मनई तउ मरि जाइ अउर जिन चिजियन बरे उ मनई कठिन मेहनत किहे रहा, उ सबइ कउनो दूसर मनई क गिल जइहीं। ओन मनइयन ओन चिजियन बरे कउनो काम तउ नाहीं किहे रहा, मुला ओनका सबहिं कछू हाल होइ जाइ। एहसे मोका बहोत दुःख होत ह। इ निआव स पूर्ण तउ नाहीं अहइ।
22 आपन जिन्नगी मँ सारी मेहनत अउर सघंर्स क पाछे आखिर एक मनई क असल मँ का मिलत ह
23 आपन सारी जिन्नगी उ कठिन मेहनत करत रहा मुला पीरा अउर निरासा क अलावा ओकरे हाथे कछू भी नाहीं लगा। राति क समइ भी मनई क मन आराम नाहीं पावत। इ सब भी अर्थहीन अहइ।
24 जिन्नगी क जेतना आनन्द मइँ लिहेउँ ह का कउनो भी अइसा मनई अउर अहइ जउन मोका जियादा जिन्नगी क आनन्द लेइ क जतन किहे होइ? नाहीं। मोका जउन गियान भवा ह उ इ अहइ: कउनो मनई जउन नीक स नीक कइ सकत ह उ अहइ खाब, पिअब अउर उ करम का आनन्द लेब जउन ओका करइ चाही। मइँ इ भी समझेउँ ह कि सब कछू परमेस्सर स मिलन ह।
25
26 जउन मनई क उ चाहत ओका उ बुद्धि अउर ग्यान अउर आनन्द देही। मुला जेका उ कस्ट देइ चाही ओका दुःख देब, उ आर्स्चयजनक वस्तुअन क जमा करब, उ सिरफ ओहका देब जेका परमेस्सर चाहत अहा। उ भी अरथहीन अहइँ। इ वइसा ही अहइ जइसे हवा क धरइ क जतन करब।
Ecclesiastes 3
1 हर बात एक उचित समय होत ह। अउर इ धरती पइ हर बात एक उचित समय पइ ही घटित होइ।
2 जन्म लेइ क एक उचित समय निहचित अहइ, अउर मउत क भी। एक समय होत ह पेड़न क रोपइ क, अउर ओनका काटइ क।
3 मारइ क होत ह एक समय, अउर एक समय होत ह ओकरे उपचार का। एक समय होत ह जब ढहाइ दीन्ह जात, अउर एक समय होत ह करइ क निर्माण।
4 एक समय होत ह रोवइ-विलपइ क, अउर एक समय होत ह करइ क अट्ठहास। एक समय होत ह होइ क दुखे मँ मगन, अउर एक समय होत ह उल्लास भरे नाच क।
5 एक समय होत ह जब पाथर फेंका जात हीं, अउर एक समय होत ह ओनके एकत्र करइ क। केहउँ क गले लागन क एक समय होत ह। अउर गले लगावइ स रुकइ क भी एक समय होत ह।
6 एक समय होत ह खोज क, अउर एक समय होत ह रूकए क। एक समय होत ह वस्तुअन क धरइ क, अउर एक समय होत ह चिजियन क फेंकइ क।
7 होत ह एक समय ओढ़नन क फारइ क, फुन एक समय होत ह जब ओनका सिया जात ह। एक समय होत ह साधइ क चुप्पी, अउर होत ह एक समय फुन बोल उठइ क।
8 एक समय होत ह पिआर क, अउर एक समय होत जब घिना कीन्ह जात ह। एक समय होत ह करइ क लड़ाई, अउर होत ह एक समय सान्ति क।
9 का कउनो मनई क आपन कठिन मेहनत स असल मँ कछू मिल पावत ह
10 मइँ उ कठिन मेहनत लखेउँ ह जेका परमेस्सर हमका करइ क बरे दिहेस ह।
11 अपने संसार क बारे मँ सोचइ बरे परमेस्सर हमका छमता प्रदान किहेस ह। मुला परमेस्सर जउन करत ह, ओन बातन क पूरी तरह हम कबहुँ नाहीं समुझ सकित। फुन भी परमेस्सर हर एक चीज ठीक समय पइ करत ह।
12 मइ लखेउँ ह कि लोगन बरे सबसे उत्तिम बात इ अहइ कि उ पचे कोसिस करत रहइँ अउर जब तलक जिअत रहइँ आनन्द करत रहइँ।
13 अउर अगर एक मनई खाइ, पिअइ अउर इ सबइ करम क आनन्द लेत रहइ, तउ इ बातन परमेस्सर कइँती स मिला भवा उपहार अहइ।
14 मइँ जानत हउँ कि परमेस्सर जउन कछू भी घटित करत ह उ सदा घटी ही। लोग परमेस्सर क काम मँ कछू भी बृद्धि नाहीं कइ सकतेन अउर इहइ तरह लोग परमेस्सर क कामे मँ कछू घटत भी नाहीं कइ सकत हीं। परमेस्सर अइसा एह बरे किहस कि लोग ओकर आदर करइँ।
15 जउन अब होत अहइ पहिले भी होइ चुका अहइ। जउन कछू भविस्स मँ होइ उ पहिले भी भवा रहा। परमेस्सर घटनन क बार बार घटित करत रहत ह।
16 इ जिन्नगी मँ मइँ इ सबइ बातन लखेउँ ह। मइँ लखेउँ ह कि कचहरी जहाँ निआव अउर अच्छाइ होइ चाही, हुवाँ आजु बुराई भरि गइ अहइ।
17 एह बरे मइँ आपन मन स कहेउँ, “हर बात बरे परमेस्सर एक समय निहचित किहे अहइ। मनइयन जउन कछू करत हीं ओकर निआव करइ बरे भी परमेस्सर एक समय निहचित किहे अहइ। परमेस्सर नीक लोगन अउ बुरे लोगन क निआव करी।”
18 लोग एक दूसर बरे जउन कछू करत हीं ओनके बारे मँ मइँ सोचेउँ अउर आप स कहेउँ, “परमेस्सर चाहत ह कि लोग आपन खुद क उ रूपे मँ लखइँ जउने रूपे मँ उ पचे पसुअन क लखत हीं।”
19 का एक मनई एक पसु स उत्तिम अहइ? नाहीं। काहे काहेकि हर वस्तु नाकारा अहइ। मउत जइसे पसुअन क आवत ह उहइ तरह मनइयन क भी। मनई अउर पसु एक ही “साँस” लेत हीं। का एक मरा भवा पसु एक मरे भए मनई स भिन्न होत ह
20 मनइयन अउर पसुअन क तने क अंत एक ही तरह स होत ह। उ सबइ माटी स पइदा होत हीं अउर माटी मँ ही समाइ जात हीं।
21 कउन जानत ह कि मनई क आतिमा क का होत ह का कउनो जानत ह कि एक मनई क आतिमा परमेस्सर क लगे जात ह जबकि एक पसु क आतिमा खाले उतरिके धरती मँ जाइके समात ह।
22 तउ मइँ इ लखेउँ कि मनई जउन सब स नीक बात कइ सकत ह उ इ अहइ कि उ आपन करम मँ आनन्द लेत रहइ। बस ओकरे लगे इहइ अहइ कि। कउनो मनई क भविस्स क चिन्ता भी नाहीं करइ चाही। काहेकि भविस्स मँ का होइ ओका लखइ मँ कउनो भी ओकर मदद नाहीं कइ सकत।
Ecclesiastes 4
1 मइँ फुन इ भी लखेउँ ह कि कछू लोगन क संग बुरा बेउहार कीन्ह जात ह। मइँ ओनकर आँसू लखेउँ ह अउर फुन इ भी लखेउँ ह कि ओन दुःखी लोगन क ढाढ़स बँधावइवाला भी कउनो नाहीं अहइ। मइँ लखेउँ ह कि कठोर लोगन क लगे समूची सवती अहइ अउर ओका ढाढ़स देइवाला कउनो नाहीं अहइ।
2 मइँ इ निर्णय पइ पहोंचा अहउँ कि इ सबइ बातन ओन मनइयन बरे जियादा नीक अहइँ जउन मरि चुके अहइँ बजाय ओनके बरे जउन अबहिं तलक जिअत अहइँ।
3 ओन लोगन बरे तउ इ सबइ बातन अउर भी नीक अहइँ जउन जन्म लेत ही मरि जाइँ। काहे काहेकि, उ पचे इ संसार मँ जउन बुराइयन होत अहइँ, ओनका लखेन ही नाहीं।
4 फुन मइँ सोचेउँ, “लोग ऍतनी कड़ी मेहनत काहे करत हीं?” मइँ लखेउँ ह कि लोग सफल होइ अउर दूसर लोगन स अउर जियादा ऊँच होइ क कोसिस मँ लगा रहत हीं। अइसा एह बरे होत ह कि लोग ईर्स्यालु अहइँ। उ पचे नाहीं चाहतेन कि जेतना ओनके लगे अहइ, दूसर क लगे ओहसे जियादा होइ। इ सब अर्थहीन अहइ। इ वइसा ही अहइ जइसे हवा क धरब।
5 कछू लोग कहा करत हीं, “हाथे पइ हाथ धइके बइठ रहब अउर कछू नाहीं करब बेववूफी अहइ। अगर तू काम नाहीं करब्या तउ भूखन मरि जाब्या।”
6 जउन कछू मूठी भइ तोहरे लगे अहइ ओहमाँ संतुट्ठ रहब नीक अहइ बजाय कि जियादा स जियादा पावइ क तलब मँ जूझत भए हवा क पाछे दौड़त जात रहब।
7 फुन मइँ एक अउर बात लखेउँ, जेकर कउनो अरथ नाहीं अहइ।
8 एक मनई बे परिवारे क होइ सकत ह। होइ सकत ह ओकर कउनो पूत अउर हिआँ तलक कि कउनो भाई भी न होइ किन्तु उ मनई कठिन स कठिन मेहनत करइ मँ लगा रहत ह अउर जउन कछू ओकरे पास होत ह, ओहसे कबहुँ संतुट्ठ नाहीं होत, “तउ मइँ भी ऍतनी कड़ी मेहनत काहे करत हउँ? मइँ खुद आपन जिन्नगी क आनन्द काहे नाहीं लेत हउँ?” अब लखा इ भी एक दुःखभरी अउर बियर्थ क बात अहइ।
9 एक मनई स दुइ मनई भला होत हीं। जब दुइ मनई मिलिके साथ साथ काम करत हीं तउ जउने कामे क उ पचे करत हीं, उ काम स ओनका जियादा लाभ मिलत ह।
10 यदि एक मनई गिरि जाइ तउ दूसर मनई ओकर मदद कइ सकत ह। मुला कउनो मनई बरे अकेल्ला रहब नीक नाहीं अहइ काहेकि जब उ गिरत ह तउ ओकर सहायता बरे हुवाँ अउर कउनो नाहीं होत।
11 अगर दुइ मनई एक संग सोवत हीं तउ ओनमाँ गरमाहट रहत ह मुला अकेल्ला सोवत भवा मनई कबहुँ गरम नाहीं होइ सकत।
12 अकेले मनई क दुस्मन हराइ सकत ह मुला उहइ दुस्मन दुइ मनइयन क नाहीं हराइ सकत ह अउर तीन मनइयन क सवित तउ अउर भी जियादा होत ह। उ पचे एक ठु अइसे रस्सा क नाईर् होत हीं, जेकर तीन लटन आपुस मँ गुंथी भई होत हीं, जेका तोड़ पाउब बहुत कठिन अहइ।
13 एक ठु गरीब मुला बुद्धिमान नउजवान नेता, एक बुढ़वा मुला मूरख राजा स नीक अहइ। उ बुढ़वा राजा चिताउनियन पइ कान नाहीं देत।
14 होइ सकत ह उ नउजवान सासक उ राज्ज मँ गरीबी मँ पइदा भवा होइ अउर होइ सकत ह उ जेल स छूटिके देस पइ हुवूमत करइ आवा होइ।
15 मुला इ जिन्नगी मँ मइँ लोगन क लखेउँ ह अउर मइँ इ जानत हउँ कि लोग उ दूसर नउजवान नेता क ही अनुसरण करत हीं अउर उहइ नवा राजा बन जात ह।
16 बहोत स लोग इ नउजवान क पाछे होइ लेत हीं। मुला अगवा चलिके उ सबइ लोग भी ओका पसन्द नाहीं करतेन एह बरे उ सब भी बियर्थ अहइँ। इ वइसा ही अहइ जइसे कि हवा क धरइ क जतन करब।
Ecclesiastes 5
1 जब परमेस्सर क उपासना बरे जा तउ बहोत जियादा होसियार रहा। अग्यानियन क नाईर् बलियन चढ़ावइ क अपेच्छा परमेस्सर क आग्या मानब जियादा उत्तिम अहइ। अज्ञानी लोग अवसर बुरे करम किया करत हीं अउर ओका जानत तलक नाहीं ही।
2 परमेस्सर क वाचा मानत समय होसियार रहा। परमेस्सर स जउन कछू कहा ओन बातन बरे होसियार रहा। भावना क आवेस मँ, जल्दी मँ कछू जिन कहा। परमेस्सर सरग मँ अहइ, अउर तू धरती पइ अहा। एह बरे तोहका परमेस्सर स बहोत तनिक बोलइ क जरूरत अहइ। इ कहतूत फुरइ अहइ
3 अति चिंता स बुरे सपना आवा करत हीं। अउर जियादा बोलइ स मूरखता उपजत ही।
4 अगर तू परमेस्सर स कउनो वाचा माँगत ह तउ ओका पूरा करा। जउने बाते क तू वाचा मान्या ह ओका पूरा करइ मँ देर जिन करा। परमेस्सर मूरख मनइयन स खुस नाहीं रहत। तू परमेस्सर क जउन कछू अपिर्त करइ क बचन दिहा ह ओका अपिर्त करा।
5 इ नीक बा कि तू कउनो वाचा माना ही नाहीं बजाय एकरे कि कउनो मनौती माना अउर ओका पूरा न कइ पावा।
6 एका नाहीं होइ देइ कि तोहार सब्द तोहार पापे क कारण बनी। याजक स अइसा जिन बोला कि, “जउन कछू मइँ कहे रहेउँ ओकर इ अरथ नाहीं बाटइ।” जदि तू अइसा करब्या तउ परमेस्सर तोहरे सब्दन स रिसियाइके जउन वस्तुअन बरे तू करम किहा ह, ओन सबन्क उ बर्बाद कइ देइ।
7 आपन बेकार क सपनन अउर डींग मारइ स मुसीबतन मँ जिन पड़ा। तोहका परमेस्सर क सम्मान करइ चाही।
8 कछू देसन मँ तू अइसे दीन-हीन लोगन क लखब्या जेनका कड़ी मेहनत करइ क मजबूर कीन्ह जात ह। तू लखि सकत ह कि निर्धन लोगन क संग इ बेउहार उचित नाहीं अहइ। इ गरीब लोगन क अधिकारन क खिलाफ अहइ। मुला अचरज जिन करा। जउन अधिकारी ओन मनइयन क कारज करइ बरे मजबूर करत ह, अउर उ पचे दुइनउँ अधिकारी कउनो दूसर अधिकारी क जरिये मजबूर कीन्ह जात हीं।
9 ऍतना होइ पइ भी कउनो खेती क जोग्ग भुइँया पइ एक राजा क होब देस बरे फायदेमंद अहइ।
10 उ मनई जउन धने स पिरेम करत ह उ उ धने स जउन ओकरे लगे अहइ कबहुँ संतुट्ठ नाहीं होइ। उ मनई जउन धन स पिरेम करत ह, जब जियादा स जियादा धन पाइ जात ह तब भी ओकर मन नाहीं भरत। तउ उ भी बियर्थ अहइ।
11 कउनो मनई क लगे जेतना जियादा धन होइ ओका खरच करइ बरे ओकरे लगे ओतना ही जियादा “मीत” होइहीं। तउ उ धनी मनई क असल मँ प्राप्त कछू नाहीं होत ह। उ आपन धन क बस लखत भर रहि सकत ह।
12 एक ठु अइसा मनई जउन सारे दिन कड़ी मेहनत करत ह, आपन घर लउटइ पइ चइन क संग सोवत ह। इ महत्व नाहीं रखत ह कि ओकरे लगे खाइ क कमती अहइ या जियादा अहइ। एक धनी मनई आपन धने क चिंता म बूड़ रहत ह अउर सोइ तलक नाहीं पावत।
13 बहोत बड़के दुःखे क बात अहइ कि एक ठु जेका मइँ इ जिन्नगी मँ घटत लखेउँ ह। लखा एक मनई भविस्स बरे आपन धन बचाइके रखत ह।
14 अउर फुन कउनो बुरी बात घटि जात ह अउर ओकर सब कछू जात रहत ह अउर मनई क लगे आपन पूत क देइ बरे कछू भी नाहीं रहत।
15 एक मनई संसार मँ अपनी महतारी क गरभ स आवत ह अउर जब उ मनई क मउत होत ह तउ उ बगैर कछू अपने संग लिए सब हिअँइ छोड़िके चला जात ह। वस्तुअन क पावइ बरे उ कठिन मेहनत करत ह। किन्तु जब उ मरत ह तउ आपन संग कछू नाहीं लइ जात पावत।
16 इ बड़े दुःखे क बात अहइ। इ संसार ओका उहइ तरह तजइ क होत ह जउने तरह उ आवा रहा। एह बरे “हवा क धरइ क कोसिस” स कउनो मनई क हाथे क लगत ह
17 ओका अगर कछू मिलत ह तउ उ अहइ दुःख अउर सोक स भरे हुआ दिन। तउ आखिरकार उ हतास, रोगी अउ चिड़चिड़ा होइ जात ह।
18 मइँ तउ इ लखेउँ ह कि मनई जउन कइ सकत ह ओहमाँ सब स उत्तिम इ अहइ - एक मनई क चाही कि उ खाइ-पिअइ अउर जउने कामे क उ इ धरती पइ आपन छोटी स जिन्नगी क दौरान करत ह ओकर आनन्द लेइ। परमेस्सर इ सबइ तनिक क दिन स दिहेस ह अउर बस इहइ तउ ओकरे लगे अहइ।
19 अगर परमेस्सर कउनो क धन, सम्पत्ति अउर ओन वस्तुअन का आनन्द लेइ क सवती देत ह तउ उ मनई क ओनकर आनन्द लेइ चाही। उ मनई क जउन कछू ओकरे लगे अहइ ओका कबूल करइ चाही अउर आपन कामे क जउन परमेस्सर कइँती स एक उपहार अहइ ओकर रस लेइ चाही।
20 तउ अइसा मनई कबहुँ इ सोचत ही नाहीं कि जिन्नगी केतॅनी छोट स बाटइ। काहेकि परमेस्सर ओहका दिमाग क आनन्द स भरी ही राखी हीं।
Ecclesiastes 6
1 मइँ जिन्नगी मँ एक अउर बुरी बात लखेउँ ह अउर इ बहोत समान्य अहइ।
2 परमेस्सर कउनो मनई क बहोत स धन देत ह, सम्पत्तियन देत ह अउर आदर देत ह। उ मनई क लगे ओकर जरूरत की चीज होत ह अउर जउन कछू भी उ चाह सकत ह उ भी होत ह। किन्तु परमेस्सर उ मनई क ओन वस्तुअन क भोग नाहीं करइ देत। तबहिं कउनो अजनबी आवत ह अउर ओन सबहिं वस्तुअन क छोरि लेत ह। इ एक बहोत बुरी अउर बियर्थ बात अहइ।
3 कउनो मनई बहोत दिनन तलक जिअत ह अउर होइ सकत ह ओकर सौ बच्चन होइ जाइँ। किन्तु अगर उ मनई ओन अच्छी वस्तुअन स सन्तुट्ठ नाहीं होत अउर अगर ओकर मउत क बाद कउनो ओका सुमिरत नाहीं तउ मइँ कहत हउँ कि
4 उ मनई स तउ उ बच्चा ही अच्छा अहइ जउन जन्मत ही मरि जात ह। उ बच्चा क कउनो नाउँ नाहीं दीन जात अउर फउरन ही ओका एक अँधेरी कब्र मँ दफनाइ दीन्ह जात ह।
5 उ बच्चा तउ कबहुँ सूरज तउ लखेस ही नाहीं। उ बच्चा कबहुँ कछू नाहीं जानेस किन्तु उ मनई क भाग्ग जउन परमेस्सर क दीन्ह गइ वस्तुअन क कबहुँ आनन्द नाहीं लिहेस, उ बच्चा क जियादा चइन मिलत ह।
6 अगर कउनो मनई दुइ हजार बरिस जिअत ह किन्तु जिन्नगी क आनन्द नाहीं उठावत, तउ का दुइनउँ क अन्त एक समान नाहीं अहइ।
7 एक मनई लगातार काहे काम करत रहत ह काहेकि ओका आपन सबइ इच्छा पूरी करइ क अहइँ। मुला उ संतुट्ठ तउ कबहुँ नाहीं होत।
8 इ तरह स एक बुद्धिमान मनई भी एक मूरख मनई स कउनो तरह उत्तिम नाहीं अहइ। एक दीनहीन मनई क बेहतर व्यवहार करइ जान लेइ मँ ओकर का भलाइ अहइ।
9 उ सबइ वस्तुअन जउन तोहरे पास अहइँ, ओनमाँ संतोस करब नीक अहइ बजाय एकरे कि अउर लगन लगी रहइ। सदा जियादा क कामना करत रहब बेकार अहइ। इ वइसे ही अहइ जइसे हवा क धरइ क जतन करब।
10 जउन कछू घटत अहइ ओकर योजना बहोत पहिले बन चुकी होत ह। एक मनई वइसा ही होत ह जइसा होइ बरे ओका बनावा गवा अहइ। हर कउनो जानत ह कि लोग कइसे होत हीं।
11 तउ इ बारे मँ परमेस्सर स तर्क करब बेकार अहइ जउन कि कउनो भी मनई स जियादा सवतीसाली अहइ। बहोत सी अइसी बातन अहइ जेकर बरे हम कउनो अन्त क तर्क कइ सकत हीं, किन्तु इ कउनो लाभ नाहीं देत ह।
12 कउन जानत ह कि इ धरती पइ मनई क छोटी स जिन्नगी मँ ओकरे बरे सबस अच्छा का अहइ? ओकर जिन्नगी तउ छाया क नाईर् ढलि जात ह। बाद मँ का होइ कउनो नाहीं बताइ सकता।
Ecclesiastes 7
1 सुजस, अच्छी सुगन्धि स उत्तिम अहइ। अउर उ दिन जब मनई मरी, इ दिन उ दिन स उत्तिम होइ जब उ पइदा होइ।
2 उत्सव मँ जाइ स जाब, सदा उत्तिम हुआ करत ह। काहेकि सबहिं लोगन क मउत तउ निहचित अहइ। हर जिअत मनई क सोचइ चाही एका।
3 हँसी क ठहाके स सोक उत्तिम अहइ। काहेकि जब हमारे मुखे पइ उदासी क वास होत ह, तउ हमार हिरदय सुद्ध होत हीं।
4 विवेकी मनई तउ सोचत ह मउत क किन्तु मूरख जन तउ बस सोचत रहत हीं कि गुजरइ समय नीक।
5 विवेकी स निन्दित होब उत्तिम होत ह, बनिस्बत एकरे कि मूरख स तारीफ कीन्ह जाइ।
6 मूरख क ठहाका तउ बेकार होत ह। इ वइसे ही होत ह जइसे बर्तन क नीचे काँटे दरदराई।
7 अत्याचार विवेकी क भी मूरख बनाइ देत ह, अउर घूस मँ मिला धन ओकर मति क हर लेत ह।
8 बात क सुरू करइ स अच्छा ओकर अन्त करब अहइ। नम्रता अउर धीरज, गुस्सा दिखावइ अउर अहंकार स उत्तिम अहइ।
9 किरोध मँ हाली स जिन आवा। काहेकि किरोध मँ आउब मूर्खता अहइ।
10 जिन कहा, “अच्छे दिनन क का भएन, तब सबकछू ठीक-ठाक रहेन। इ सवाल बुद्धि स नाहीं आवत हीं।
11 जइसे वसीयतनामा मँ सम्पत्ति क पाउब अच्छा अहइ वइसे ही बुद्धि क पाउब भी उत्तिम अहइ। जिन्नगी बरे इ लाभदायक अहइ।
12 धने क समान बुद्धि भी रच्छा करत ह। बुद्धि क गियान मनई क जिन्नगी क रच्छा करत ही।
13 परमेस्सर क रचना क लखा। जेका परमेस्सर टेढ़ा कइ देइहीं ओका तू सीधा कर सकत्या।
14 जब जिन्नगी उत्तिम अहइ तउ ओकर रस ल्या मुला जब जिन्नगी कठिन अहइ तउ याद राखा कि परमेस्सर हमका कठिन समय देत अहइ अउर अच्छा समय भी देत अहइ इसलिए भियान का होइ इ तउ कउनो नाहीं जानत।
15 आपन छोटी स जिन्नगी मँ मइँ सब कछू लखेउँ ह। मइँ लखेउँ ह अच्छे लोग जवानी मँ ही मरि जात हीं। मइँ लखेउँ ह कि बुरे लोग लम्बी आयु तलक जिअत रहत हीं।
16 तउ अपने क हलाकान काहे करत अहा? न तउ बहोत जियादा धर्मी बना अउर न ही बुद्धिमान इ तोहका नास करब। न तउ बहोत जियादा दुट्ठ बना अउर न ही मूरख अन्यथा समय स पहिले तू मरि जाब्या।
17
18 तनिक इ बना अउर तनिक उ। हिआँ तलक कि परमेस्सर क मनवइयन भी कछू अच्छा करिहीं तउ पाप भी।
19 निहचय ही इ धरती पइ कउनो अइसा नीक मनई नाहीं अहइ जउन सदा अच्छा ही अच्छा करत ह अउर बुरा कबहुँ नाहीं करत। बुद्धि मनई क सवती देत ह। कउनो सहर क दस मूरख सासकन स एक साधारण बुद्धिमान मनई जियादा सवतीसाली होत ह।
20
21 लोग जउन बातन कहत रहत हीं ओन सब पइ कान जिन द्या। होइ सकत ह तू आपन सेवक क ही तोहरे बारे मँ बुरी बातन कहत सुना।
22 अउर तू जानत अहा कि तू भी अनेक अवसरन पइ दूसर लोगन क बारे मँ बुरी बातन कहया ह।
23 एन सब बातन क बारे मँ मइँ आपन बुद्धि अउर विचारन क प्रयोग किहा ह। मइँ फुरइ बुद्धिमान बनइ चाहेउँ ह मुला इ तउ असंभव रहा।
24 मइँ समुझ नाहीं पावत कि बातन वइसी काहे अहइँ जइसी उ सबइ अहइँ। कउनो क बरे इ समुझब बड़ा मुस्किल अहइ।
25 मइँ अध्ययन किहेउँ अउर सच्ची बुद्धि क पावइ बरे बहुत कठिन मेहनत किहेउँ। मइँ हर चीज क कउनो कारण हेरइ क प्रयास किहेउँ किन्तु मइँ जानेउँ का? मइँ जानेउँ कि बुरा होब बेववूफी बाटइ मूरखपन पागलपन अहइ।
26 मइँ इ भी पाएउँ कि कछू मेहररूअन एक फन्दा क नाईर् खतरनाक होत हीं। ओनकर हिरदय जाल जइसे होत हीं अउर ओनकर बाहन जंजीरन क तरह होत हीं। जउन लोग परमेस्सर क खुस करत हीं, अइसी मेहररूअन स बच निकरत हीं मुला उ सबइ लोग जउन परमेस्सर क नाखुस करत हीं ओनके जरिये फाँस लीन्ह जात हीं।
27 उपदेसक कहत ह, “इ सब कछू एकत्र कइके इहइ अहइ जउन मइँ पाएस।
28 मोर पूरा खोज बिचार क पाछा इहइ मइँ पाएउँ। हजारन मँ एक ठु मनई रहा जेका एकर छूट रही, कउनो मेहरारु क नाहीं।
29 “इहइ अहइ जउन मइँ पाएन, परमेस्सर लोगन क इमान्दार अउर सीधा बनावत ह, किन्तु लोग जल्द ही आपन राह पावइ बरे जोजना बनावत ह।”
Ecclesiastes 8
1 वस्तुअन क जउने तरह एक बुद्धिमान मनई समुझ सकत ह अउर ओनकर बियाख्या कइ सकत ह, वइसे कउनो भी नाहीं कइ सकत ह। बुद्धि एक दुःखी मुँह क खुस मुँहे मँ बदल देत ह।
2 मइँ तू पचन्स कहत हउँ कि तू पचन्क सदा ही राजा क आग्या मानइ चाही। अइसा एह बरे करा काहेकि तू पचे परमेस्सर क बचन दिहे रह्या।
3 राजा क उपस्थिति स हटि मँ हाली जिन करा अउर बुरा जोजनन मँ सामिल जिन हो। जदि हालात प्रतिवूल होइँ तउ ओकरे इर्द-गिर्द जिन रहा काहेकि उ तउ उहइ करी जउन ओका नीक लागी।
4 आग्यन देइ क राजा क अधिकार अहइ, कउनो नाहीं पूछ सकत कि उ का करत अहइ।
5 जदि हुवूम क पालन करत ह तउ उ सुरच्छित रही। एक बुद्धिमान मनई जानत अहइ कि का उचित ह अउर कब अहइ।
6 काहेकि सबइ कार्य के लिए उचित समइ अउर रास्ता अहइ, मुला लोग उ प बदकिस्मती स काफी झूठ बोलइही।
7 अगर अगवा अनिहचित होइ। काहेकि भविस्स मँ का होइ इ तउ ओका कउनो भी बताइ नाहीं सकत।
8 कउनो मँ इ सक्ती नाहीं कि उ हवा क रोक सकत। इहइ तहर स कउनो मनई मँ अइसी सक्ती नाहीं अहइ कि उ आपन मउत क रोकि देइ। जब जुद्ध चलत रहत होइ तउ कउनो भी फउजी क इ अजादी नाहीं अहइ कि उ जहाँ चाहइ चला जाइ। इहइ तरह जदि कउनो मनई बुरा करत ह तउ उ बुराई उ मनई क अजाद नाहीं रहइ देत।
9 मइँ इ सबइ बातन लखेउँ ह। इ जगत मँ जउन कछू घटत ह ओन बातन क बारे मँ मइँ बड़ी हलबुली मँ सोचेउँ ह उ समइ जब दूसर सासन करइ हीं ओका नोवसान पहोंचात अहइ।
10 मइँ ओन बुरे मनइयन क बहोत बिसाल सुन्दर ल्हास-जात्रन लखेउँ ह। अउर ल्हास जात्रन क पाछे लोग जब घरे लउटत हीं तउ उ पचे जउन बुरा मनई मरि चुका अहइ ओकरे बारे मँ नीक नीक बातन करत हीं। अइसा उहइ नगर मँ हुआ करत ह जहाँ उ बुरा मनई बहोत स बुरा काम किहेस ह। इ बगैर अरथ क अहइ।
11 कबहुँ कबहुँ लोग जउन बुरे काम किहेन ह, ओनके बरे ओनका तुरंत दण्ड नाहीं मिलता। एकरे कारण दूसर लोग भी बुरे करम करइ चाहइ लागत हीं।
12 कउनो पापी चाहे सैकड़न पाप करइ ओकर उमिर केतनी ही लम्बी होइ। मुला मइँ इ जानत हउँ कि जे परमेस्सर क सम्मान करब ओकर साथ उत्तिम होब।
13 बुरे लोग परमेस्सर क सम्मान नाहीं करतेन। तउ अइसे लोग अच्छा नाहीं करतेन। उ सबइ बुरे लोग अधिक समइ तलक जिअत नाहीं रइहीं। ओनकर जिन्नगी बूड़त सूरज मँ लम्बी स लम्बी होत जात छाया क नाईर् बड़ी नाहीं होइहीं।
14 इ धरती पइ एक बात अउर होत ह जउन मोका निआव क लायक नाहीं लागत। बुरे लोगन क संग बुरी बातन घटइ चाही अउर नीक लोगन क संग नीक बातन। मुला कबहुँ कबहुँ नीक लोगन क संग बुरा बातन घटत हीं अउर बुरे लोगन क संग नीक बातन। इ तउ निआव नाहीं अहइ।
15 तउ मइँ निहचय किहेउँ कि जिन्नगी क आनन्द लेब सबसे अच्छा अहइ। काहेकि इ जिन्नगी मँ एक मनई जउन सबसे नीक बात कइ सकत ह उ बाटइ खाब, पिअब अउर जिन्नगी क रस लेब। एहसे कम स कम मनई क इ धरती पइ ओकरे जिन्नगी क दौरान परमेस्सर करइ बरे जउन कठिन काम दिहेस ह ओकर आनन्द लेइ मँ मदद मिली।
16 इ जिन्नगी मँ लोग जउन कठिन काम करत हीं ओकर मइँ बड़े धियान क साथ अध्ययन किहेउँ ह। मइँ लखेउँ ह कि लोग केतना व्यस्त अहइँ। उ पचे अवसर बगैर सोए राति दिन कामे मँ लगा रहत हीं।
17 परमेस्सर जउन करत ह ओन बहोत स बातन क भी मइँ लखेउँ ह कि धरती पइ परमेस्सर जउन कछू करत ह, लोग ओका समुझ नाहीं सकतेन। ओका समुझइ बरे मनई बार बार जतन करत ह। मुला फुन भी समुझ नाहीं पावत। अगर कउनो बुद्धिमान मनई इ भी कहइ कि उ परमेस्सर क कामन क समुझत ह तउ इ भी फुरइ नाहीं बाटइ। ओन सब बातन क तउ कउनो भी समुझ हीं सकत।
Ecclesiastes 9
1 मइँ इन सबहिं बातन क बारे मँ बड़े धियान स सोचेउँ ह अउर लखेउँ ह कि नीक अउर बुद्धिमान लोगन क संग जउन घटित होत ह अउर उ पचे जउन काम करत हीं ओन पर नियंत्रण परमेस्सर करत ह। लोग नाहीं जानतेन कि ओनका पिरेम मिली या घिना अउर लोग नाहीं जानतेन कि भियान का होइवाला अहइ।
2 किन्तु एक ठु बात अइसी अहइ जउन हम सबन क संग घटत ह - हम सबहिं मरित ह। मउत नीक लोगन क भी आवत ह अउर बुरे लोगन क भी। अपित्तर लोगन क जइसा पवित्तर लोगन क भी मउत आवत ह। धर्मी लोग जउन बलिदान चढ़ावत ह उ भी वइसे ही मरत ह जइसे उ लोग जउन बलिदान नाहीं चढ़ावत ह। अच्छे लोग भी बुरे लोग जइसा मरत हीं। उ मनई जउन परमेस्सर क बिसेस बचन देत ह, उ भी वइसे ही मरत ह जइसे उ मनईर् जउन परमेस्सर क बचन देइ स घबरात ह।
3 इ जिन्नगी मँ जउन भी कछू घटित होत ह ओहमाँ सबसे बुरी बात इ अहइ कि सबहि लोगन क अंत एक ही तरह स होत ह। साथ ही इ भी बहोत बुरी बात अहइ कि लोग जिन्नगी भर सदा ही बुरे अउर बेववूफी स भरे विचारन मँ पड़ा रहत हीं अउर आखिर मँ मरि जात हीं।
4 हर उ मनई क बरे जउन अबहिं जिअत अहइ, एक आसा बची अहइ। एहसे कउनो अंतर नाहीं पड़त कि उ कउन अहइ? इ कहावत फुरइ अहइ:“कउनो मरे भए सेर स एक जिअत वूवूर नीक अहइ।”
5 जिअत लोग जानत हीं कि ओनका मरब अहइ। किन्तु मरे भए तउ कछू भी नाहीं जानतेन। मरे भएन क कउनो अउर प्रतिदान नाहीं मिलत। लोग ओनका हाली ही बिसरि जात हीं।
6 कउनो मनई क मरि जाए क पाछे ओकर पिरेम घिना अउर ईर्स्या सब समाप्त होइ जात हीं। मरा भवा मनई संसार मँ जउन कछू होत अहइ, ओहमाँ कबहुँ हींसा नाहीं बटावत।
7 तउ तू अब जा अउर आपन खइया क खा अउर ओकर आनन्द ल्या। आपन दाखमधु पिआ अउर खुस रहा। अगर तू इ सबइ बातन करत अहा तउ इ सबइ बातन परमेस्सर स समथिर्त अहइँ।
8 उत्तिम ओढ़ना पहिरा अउर सुन्नर दिखा।
9 जउन पत्नी क तू पिरेम करत अहा ओकरे संग जिन्नगी क भोग करा। आपन अरथहीन जिन्नगी क जेका परमेस्सर तोहका इ धरती मँ दिहस, उ सबइ क बरे जेका तू अपने जिन्नगी मँ पाइ, इ संसार मँ कठिन करम करइ क पाइ, स हर एक दिन क आनन्द ल्या।
10 जेका तू कइ सकत ह, एका तू जेतॅनी उत्तिमता स कइ सकत ह करा। कब्र मँ तउ कउनो काम होइ ही नाहीं। हुआँ न तउ चिन्तन होइ, न गियान अउर न विवेक अउर मउत क उ ठहर क हम सबहिं तउ जात अही।
11 मइँ इ जिन्नगी मँ कछू अउर बातन लखेउँ ह। सबसे जियादा दउड़इवाला सदा ही दउड़ मँ नाहीं जीतत, सवतीसाली सेना ही जुद्ध मँ सदा नाहीं जीतत। सबसे जियादा बुद्धिमान मनई ही सदा कमाई क नाहीं खात। सबसे जियादा चुस्त मनई ही सदा धन दौलत हासिल नाहीं करत ह अउर एक पढ़ा लिखा मनई ही सदा वइसी तारीफ नाहीं पावत जइसी तारीफ क उ जोग्ग अहइ। जब समय आवत ह तउ हर कउनो क संग बुरी बातन घट जात हीं।
12 कउनो भी मनई इ नाहीं जानत ह कि एकरे पाछे ओकरे संग का होइवाला अहइ। उ जाल मँ फँसी उ मछरी क नाईर् होत ह जउन इ नाहीं जानत कि आगे का होइ। उ उ जाल मँ फँसी चिरइया क समान होत ह जउन इ नाहीं जानत कि का होइवाला अहइ? इहइ प्रकार मनई ओन विपत्ति मँ फाँस जात अहइ, जे ओन प हाली अहइ।
13 इ जिन्नगी मँ मइँ एक मनई क एक विवेकपूर्ण कार्य करत लखेउँ ह अउर मोका इ बहोत महत्वपूर्ण लाग ह।
14 एक ठु नान्ह स नगर भवा करत रहा। ओहमाँ थोड़ा स लोग रहत रहेन। एक बहोत बड़ा राजा ओकरे खिलाफ जुद्ध किहेस अउर नगर क चारिहुँ कइँती आपन फउज लगाइ दिहस।
15 उहइ नगर मँ एक बुद्धिमान मनसेधू रहत रहा। उ बहोत निर्धन रहा। किन्तु उ उ नगर क बचावइ बरे आपन बुद्धि क उपयोग किहस। जब नगर क बिपद टरि गइ अउर सब कछू खतम होइ गवा तउ लोग उ गरीब क बिसारि दिहन।
16 किन्तु मइँ लखइ अहइ कि बल स बुद्धि स्रेस्ठ बाटइ। जदपि लोग गरीब मनई क बुद्धि क नज़र-अन्दाज़ कइ देत अहइ ओका नाहीं सुनत अहइ।
17 धीमे स बोलि गएन, विवेकी क तनिक स सब्द जियादा उत्तिम होत हीं, बजाय ओन अइसे सब्दन क जेनका मूरख सासक ऊँची आवाज मँ बोलत ह।
18 बुद्धि, ओन भोलन स अउर अइसी तरवारन स उत्तिम अहइ, जउन जुद्ध मँ काम आवत हीं। बुद्धिहीन मुला एउटा मनई, बहोत स उत्तिम बातन नस्ट कइ सकत ह।
Ecclesiastes 10
1 कछू मरी भइ माखियन सवोर्त्तम सुगंध तलक क दुर्गधिंत कइ सकत हीं। इहइ तरह छोटी सी बेववूफी स समूनइ बुद्धि अउर प्रतिस्ठा नस्ट होइ सकत ह।
2 बुद्धिमान क विचार ओका उचित मारग पइ लइ चलावत हीं। किन्तु मूरख क विचार ओका बुरे सस्ते पइ लइ जात हीं।
3 मूरख की मूरखता स्पस्ट हो जात ह जउन उ राह पइ चलत मात्र सुरू करत ह। हर मनई लखि सकत ह कि उ मूरख अहइ।
4 तोहार अधिकारी तोहसे रिसियान अहइ, बस इहइ कारण स आपन काम कबहुँ जिन तजा। अगर तू सांत अउर सहायक बना रहा तउ बड़की स बड़की गलतियन क सुधार सकत अहा।
5 अउर लखा इ बात कछू अलग अहइ जेका मइँ इ जिन्नगी मँ लखेउँ ह। इ बात निआवोचित भी नाहीं अहइ। इ वइसी भूल अहइ जइसी सासक जिया करत हीं।
6 मूरख मनइयन क महत्वपूर्ण पद दइ दीन्ह जात हीं अउर धनी मनई अइसे कामन क पावत हीं जेनकर कउनो महत्व नाहीं होत।
7 मइँ अइसे मनई लखेउँ ह जेनका नोकर होइ चाही रहा। किन्तु उ पचे घोड़न पइ चढ़ा रहत हीं। जबकि उ पचे मनई जेनका सासक होइ चाही रहा, नोकर क नाईर् ओनके आगे पाछे घूमत रहत हीं।
8 उ मनई जउन कउनो गड़हा खनत ह ओहमाँ गिर भी सकत ह। उ मनई जउन कउनो देवारे क गिरावत ह, ओका साँप काट भी सकत ह।
9 एक मनई जउन बड़के बड़के पाथरन क ढकेलत ह, ओनसे चोट भी खाइ सकत ह अउर उ मनई जउन बृच्छन क काटत ह, ओकरे बरे उ खतरा भी बना रहत ह कि बृच्छ ओकरे ऊपर न भहराइ जाइ।
10 किन्तु बुद्धि क कारण हर काम आसान होइ जात ह। भोंटे, बेधार चावू स काटब बहोत कठिन होत ह किन्तु अगर उ आपन चावू पइना कइ ले तउ काम आसान होइ जात ह। बुद्धि इहइ प्रकार क अहइ।
11 कउनो मनई इ जानत ह कि कीरा क बस मँ कइसे कीन्ह जात ह किन्तु जब उ मनई आस पास नाहीं अहइ अउर कीरा कउनो क डस लेत ह तउ उ बुद्धि बेकार होइ जात ह। बुद्धि इहइ प्रकार क अहइ।
12 बुद्धिमान क सब्द तारीफ दियावत हीं। किन्तु मूरख क सब्दन स बिनास होत ह।
13 एक ठु मूरख मनई बेववूफी स भरी बातन कहिके सुरूआत करत ह। अउर आखिर मँ उ पागलपन स भरी भइ खुद क ही नोस्कान पहोंचावइ वाली बातन कहत ह।
14 एक मूरख मनई मूरख बातन बोलइ से कबहुँ नाहीं रूकत ह। किन्तु भविस्स मँ का होइ इ तउ कउनो नाहीं जानत। भविस्स मँ का होइ जात अहइ, इ तउ कउनो बताइ ही नाहीं सकत।
15 मूरख ऍतना चतुर नाहीं कि आपन घरे क मारग पाइ जाइ। एह बरे ओका तउ जिन्नगी भइ कठोर काम करब अहइ।
16 कउनो देस क बरे इ बहोत बुरा अहइ कि ओकर राजा कउनो बच्चे जइसा होइ अउर कउनो देस क बरे इ बहोत बुरा अहइ कि ओकर अधिकारी आपन सारा समय खाइ मँ ही गुजारत होइँ।
17 मुला कउनो देस क बरे इ बहोत अच्छा अहइ कि ओकर राजा कउनो उत्तिम बंस क होइ। कउनो देस बरे इ बहोत उत्तिम अहइ कि ओकर अधिकारी आपन खाइ अउर पिअइ पर काबू रखत हीं। उ सबइ अधिकारी बलसाली होइ बरे खात पिअत हीं ब कि मतवाले होइ जाइ बरे।
18 अगर कउनो मनई काम करइ मँ सुस्त अहइ, तउ ओकर घर टपकब सुरू कइ देइ अउर ओकरे घर क छत ध्वंस्त होइ जाब।
19 लोग भोजन क आनन्द लेत हीं अउर दाखरस जिन्नगी क अउर जियादा खुसियन स भरि देत हीं। किन्तु धन बहोत समस्या क हल करइ देत ह।
20 राजा क बारे मँ बुरी बातन जिन करा। ओकरे बारे मँ बुरी बातन सोचा तलक जिन। संपन्न मनइयन क बारे मँ भी बुरी बातन जिन करा। चाहे तू आपन घरे मँ अकेल्ले ही काहे न ह्वा। काहेकि होइ सकत ह कउनो एक छोटी सी चिरइया उड़िके तू जउन कछू कह्या ह, उ हर बात ओनका कहइ देइ।
Ecclesiastes 11
1 तू जहाँ भी जा, हुवाँ उत्तिम काम करा। थोड़े समय पाछे तोहरे उत्तिम कार्य वापिस लउटिके तोहरे लगे अइहीं।
2 जउन कछू तोहरे लगे अहइ ओकर कछू भाग सात, आठ अलग-अलग चिजियन पइ खरच कइ द्या। तू जान ही नाहीं सकत्या कि इ धरती पइ कब का बुरा घटि जाइ?
3 कछू बातन अइसी अहइँ जेनके बारे मँ तू निहचित होइ सकत ह। जइसे बादल बर्खा स भरा अहइँ तउ उ सबइ धरती पइ जल बरसइहीं ही। जदि कउनो बृच्छ गिरत ह चाहे दाहिनी कइँती गिरइ, चाहे बाईर् तरफ गिरत ह। उ हुवँइ पड़ा रही जहाँ उ गिरा अहइ।
4 किन्तु कछू बातन अइसी होत हीं जेनके बारे मँ तू निहचित नाहीं होइ सकत्य। फुन भी तोहका एक मौका तउ लेइ ही चाही। जइसे अगर कउनो मनई पूरी तरह स उत्तिम मौसम क इंतजार करत रहत ह तउ उ आपन बीज बोइ ही नाहीं सकत ह अउर इहइ तरह कउनो मनई इ बात क डेरात रहत ह कि हर बादल बरसी ही तउ उ आपन फसल कबहुँ नाहीं काटि सकी।
5 हवा कहाँ स आवत अहइ तू नाहीं जान सकत्या। तू नाही जानत्या कि महतारी क गरभ मँ बच्चा प्राण कइसे पावत ह इहइ तरह तू इ नाहीं जान सकत्या कि परमेस्सर का करी? सब कछू क घटित करइवाला तउ उहइ अहइ।
6 एह बरे भिंसार होत ही रोपाई सुरू कइ द्या अउर दिन ढले तलक काम जिन रोका। काहेकि तू नाहीं जानत्या कि कउन स बीज सफलता स उगब - होइ सकत ह इहइ या उहइ या सबइ क सब।
7 जिअत रहब उत्तिम अहइ। सूरज क प्रकास लखब नीक अहइ।
8 तोहका आपन जिन्नगी क हर दिन क आनन्द उठावइ चाही। तू चाहे केतनी ही लम्बी उमिर पावा। पर याद राखा कि तोहका मरब अहइ अउर तू जेतने समय तलक जिए अहा ओहसे कहूँ जियादा समय तलक तोहका मरा रहब अहइ अउर मरि जाए क पाछे तउ तू कछू कर नाहीं सकत्या।
9 तउ हे जवानो! जब तलक तू जवान अहा, आनन्द मनावा। खुस रहा। अउर जउन तोहार मन चाहइ, उहइ करा। जउन तोहार रच्छा होइ उ करा। किन्तु याद राखा कि तोहरे हर कामे बरे परमेस्सर तोहार निआव करी।
10 किरोध क खुद पइ काबू जिन पावइ द्या अउर आपन सरीर क भी कस्ट जिन द्या। तू जियादा समय तलक जवान नाहीं बना रहब्या।
Ecclesiastes 12
1 लरकपन स ही आपन बनावइ वाला क सुमिरन करा। एहसे पहिले कि बुढ़ाई क बुरे दिन तोहका आइके घेरइँ। पहिले एकरे कि तोहका इ कहइ क पड़इ कि, “हाय, मइँ जिन्नगी क रस नाहीं लइ सकत्या।” लरकपन स ही आपन बनावइ वाला क सुमिरन करा।
2 जब तू बुढ़वा होब्या तउ सूरज चन्द्रमा अउर सितारन क रोसनी तोहका अँधियारी लगिहीं। अउर तोहार समस्या लगातार वापस आत रहब्या अउर इ सबइ समस्या ओन बादलन क तरह ही होइहीं जउन बर्खा करत हीं अउर सीध्र वापस नाहीं छटँत हीं।
3 उहइ समइया तोहार बलवान भुजन निर्बल होइ जइहीं। तोहार सुद़ृढ गोड़ कमजोर होइ जइहीं। तू आपन कछू बचे भए दाँतन क संग खाना तलक भी चबाइ नाहीं सकत्या। आँखियन स साफ देखाई तलक नाहीं देइ।
4 तू बहिर होइ जाब्या। बाजार क सोर भी तू सुनि नाहीं पउब्या। चलत चवकी भी तोहका सांत देखाइ देइ। तू बड़ी मुस्किल स लोगन क गावत सुन पउब्या। मूला चिरइयन क चहचहाट तोहका जगाई देब तू बढ़िया नींद स नाहीं सोइ सकब।
5 चढ़ाइवाले जगहियन स तू डेराइ लगब्या। राहन क हर नान्ह स नान्ह चीज स तू डेराइ लगब्या कि तू कइँ ओह पइ ठोकर खाइके गिर परब। तोहार बाल बादाम क फूलन क नाईर् उज्जवर होइ जइहीं। तू जब चलब्या तउ उ प्रकार घेरीत चलब्या जइसे कउनो टिड्डा होइ। तू अपन जीअइ क इच्छा खो देब्या। फुन तोहका आपन क भीतरी नवा घर यानी तोहार कब्र मँ नित निवास बरे जाइ क होइ अउर तोहार मुर्दनी मँ सामिल लोगन क भीड़ स गलियन भरि जइहीं।
6 अबहिं जब तू जवान अहा, आपन बनावइवाला क याद राखा। एकरे पहिले कि चाँदी क डोर टूटि जाइ। अउर सोना क पात्र टूटिके बिखर जाइ। एकरे पहिले कि तोहार जिन्नगी बेकार होइ जाइ जइसे कउनो वुएँ लगे पात्र टूट पड़ा होइ। एकरे पहिले कि तोहार जिन्नगी उ पाथर जइसे होइ जाइ जेका उपयोग दीवार क ढाकन मँ किया जात अहइ, मुला उ टूट कइ इ मँ गिर परत ह।
7 तोहार देह माटी स उपजी अहइ अउर जब मउत होइ तउ तोहार उ देह वापिस माटी होइ जाइ। किन्तु इ प्राण तोहार परमेस्सर स आवा अहइ अउर जब तू मरब्या, तोहार इ प्राण वापिस परमेस्सर क लगे जाइ।
8 सब कछू बेकार अहइ, उपदेसक कहत ह कि सब कछू बियर्थ अहइ।
9 उपदेसक बहोत बुद्धिमान रहा। उ लोगन क सिच्छा देइ मँ आपन बुद्धि क प्रयोग करत रहा। उपदेसक बड़ी होसियारी स अध्ययन किहस अउर अनेक सूवितयन क व्यवस्थित किहस।
10 उपदेसक उचित सब्दन क बचन बरे कठिन मेहनत किहस अउर उ एन सीखन क लिखेस जउन फुरइ अहइँ अउर जेन पइ भरोसा कीन्ह जाइ सकत ह।
11 विवेकी मनइयन क बचन ओन नोकीली छड़ियन क समान होत हीं जेनकर उपयोग पसुअन क उचित मारग पइ चलावइ बरे कीन्ह जात ह। इ सबइ उपदेसक ओन मजबूत खूँटन क समान होत हीं जउन कबहुँ टूटतेन नाहीं। जिन्नगी क उचित मारग देखावइ बरे तू एन उपदेसकन पइ बिस्सास कइ सकत ह। उ सबइ सबहिं विवेक स पूरी सीखन उहइ गड़रिया (परमेस्सर) स आवत हीं।
12 तउ पूत! एक चिताउनी अउर लोग तउ सदा पुस्तकन लिखत ही रहत हीं। बहोत जियादा अध्ययन तोहका बहोत थकाइ देइ।
13 इ सब कछू क सुन लेइ क पाछे अब एक अन्तिम बात इ बतावइ क बाटइ कि परमेस्सर क आदर करा अउर ओकरे आदेसन पइ चला काहेकि इ नियम हर मनई पर लागू होत ह। काहेकि लोग जउन करत हीं, ओका हिआँ तलक कि ओनकी छिपी स छिपी बातन क भी परमेस्सर जानत ह। उ ओनकर सबहिं नीक बातन अउर बुरी बातन क बारे मँ जानत ह। मनई जउन कछू भी करत हीं उ हर एक करम क उ निआव करी।
14
Song of Solomon 1
1 सुलैमान क स्रेस्ठ गीत।सस्प्रेमिका क आपन प्रेमी क खातिर
2 ओकरे ओंठन क चुम्बनन स मोका ढाँपि लेइ द्या। ओसे उ कहेस, “तोहार पिरेम दाखरस स भी मीठा अहइ।
3 तोहार इत्र क सुगन्ध मोहक अहइ, मुला तोहार नाउँ मोरे बरे मूल्यवान इत्र स भी जियादा मोहक अहइ! इहइ कारण अहइ कि वुँवरियन तोहसे पिरेम करत हीं!
4 हे मोर राजा, तू मोका आपन संग लइ ल्या। हाली चला! राजा मोका आपन कमरा मँ लइ आवा ह।हम तोहमाँ आनन्दित अउ मगन अही। हम मानत अही कि तोहार पिरेम दाखरस स उत्तिम अहइ। अच्छा कारण क बरे वुँवरियन तोहसे पिरेम करत हीं।
5 हे यरूसलेम क बिटियो, मइँ करिया हउँ, मुला मइँ सुन्नर हउँ। मइँ केदार क तम्बुअन जइसा अउ सलमोनक तम्बूअन क पर्दा जइसे करिया हउँ।
6 किन्तु मोका करिया मँ सामिल जिन करा। इ सूरज अहइ जउन मोका करिया कइ दिहस ह। मोर भइयन एकर कारण अहइँ। उ मोका आपन अंगूरे क बगीचन क रखवारी करइ बरे मज़बूर किहेन ह। एह बरे मइँ आपन क धियान नाहीं रखि सकेउँ।
7 मइँ तोहका आपन पूरी आतिमा स पिरेम करत हउँ। मोर सच्चा पिरेमी, मोका बतावा कि तू आपन भेड़िन क कहाँ चरावत अहा? दुपहरिया मँ ओनका आरम करइ बरे कहाँ बइठावत अहा? मोका अइसी एक ठु लड़िकी क लगे काहे होइ चाही जउन घूँघट डारिके तोहरे मीतन क झुण्डन क रखवारी करत ह।
8 हे मेहररुअन सबन त सुन्नरी, अगर तू नाहीं जानत ह मइँ कहाँ होब, तउ भेड़ियन क पथ पाछा करा। तोहार बोकरियन क बच्चन क गड़रियन क तम्बुअन क लगे चरा।
9 हे मोर प्रिय मइँ तोहार तुलना उ घोड़ी स करत हउँ जउन घो़डिन फिरौन क रथ क हींचइवाल घोड़न क आकसिर्त करत ह।
10 मइँ तोहार कल्पना चाँदी अउर रतन स सज़ा भवा घोड़ा स कइ सकत हउँ। तोहार गाल खूबसूरत आभूसण अउर कर्नफूल स भवा अहइ। तोहार गर्दन पइ माला बहोत सुन्नर लगत अहइँ।
11 जउन सोना अउर चाँदी क पत्तर लागत ह खास तोहरे बरे बना अहइँ।
12 जब राजा गद्दी पइ लेटत अहइ, मोरे इत्र क सुगन्ध ओह तलक पहोंचत ह।
13 मोर प्रियतम रस गन्ध क वुप्पे जइसा अहइ। उ मोरे सीते क बीच सारी रात सोइ।
14 मोर प्रिय मोरे बरे मेंहदी क फूलन क गुच्छन जइसा अहइ जउन एनगदी क अंगूरे क बगीचे मँ फलत ह।
15 मोर प्रिये, तू रमणीय अहा। ओह, तू केतनी सुन्नर अहा। तोहार आँखिन कबूतरन क जइसी सुन्नर अहइँ।
16 हे मोर प्रियतम, तू केतना सुन्नर अहा। हाँ, तू केतना मनमोहक अहा। हमार बिछाउन केतना ताज़ा अउर आनन्दित महक प्रदान करत हीं।
17 हमार घरे क छत देवदारू क पउधन स बना अहइँ। अउर देवारन सनोवर पउधन स बना अहइँ।
Song of Solomon 2
1 मइँ सारोन क केसर क पाटल जइसा हउँ। मइँ घाटियन क कोका बेली हउँ।
2 हे मोर प्रिये, दूसर जुवतियन तुलना मँ तू वइसी ही अहा माना काँटन क झारी क बीच लिली अहा।
3 मोर प्रिय, दूसर नउजवानन क बीच तू अइसे लागत अहा जइसे जंगले क बृच्छन मँ कउनो सेब क पेड़।मोका आपन प्रियतम क छाया मँ बइठब नीक लागत ह; ओकर फल मोका खाइ मँ बहोत मीठ लागत ह।
4 मोर प्रिय मोका मधुसाला मँ लइ आवा अउर मोका आपन पिरेम क बारे मँ एक झण्डा क नाईं लहराइके स्पस्ट किह्या।
5 मइँ पिरेम क रोगी हउँ एह बरे किसमिस स मोका मज़बूत बनावा अउर मीठा सेबन स मोका ताजा करा।
6 ओकरे बाँया हाथ मोर मुड़ि क पिआर स छुअत हीं, अउर ओकर दाहिन हाथ सरीर क पिआर स छुअत हीं।
7 यरूसलेम क वुँवरियन वुरंगन अउ जंगली हिरनियन क साच्छी मानिके मोका बचन द्या, पिरेम क जिन जगावा अउ उसकावा जब तलक एकर इच्छा न होइ!”
8 मइँ आपन प्रियतम क अवाज अनकत हउँ। इ पहाड़न स उछरत भइ अउर पहाड़ियन स वूदत भइ आवत ह।
9 मोर प्रियतम वुरंग या जवान हरिन जइसा सुन्नर अहइ। लखा, उ हमरी देवारे क पीछे खड़ा अहइ, खिरकी स लखत अहइ, पर्दा क छेद स झाँकत अहइ।
10 मोर प्रियतम मोसे बोलेत ह: हे मोर प्रिये, उठा, हे मोर सुन्नरी, आवा कहूँ चली।
11 लखा, सीत-रितु बीत गइ अहइ। बर्खा खतम होइ गइ अउ चली गइ अहइ।
12 धरती पइ फूल खिले भए अहइँ। चिरइयन क गावइ क समइ आइ ग अहइ। धरती पइ कबूतरे क अवाज गूँजत अहइ।
13 अंजीर क बृच्छन पइ अंजीर, पकइ लागेन हँ। अंगूरे क बेल फूलत अहइँ अउर ओनकर भीती गन्ध फइलत अहइ। मोर प्रिय उठा, हे मोर सुन्नर, आवा कहूँ दूर चली।”
14 हे मोर कबूतर, जउन ऊँच चट्टानन क सबइ गुफा मँ अउर पहाड़न मँ लुकान अहा, मोका आपन मुँह देखावा मोका आपन आवाज सुनावा काहेकि तोहार आवाज मीठ अउ तोहार मुँह सुन्नर अहइ।”
15 जउन नान्ह लोखरियन दाख क बगियन क बिगाड़त ही हमरे बरे ओनका धरा। हमार अंगूर क बगियन अब फूलत अहइँ।
16 मोर प्रिय मोर अहइ अउर मइँ ओकर हउँ। मोर प्रिय आपन भेड़ी बोकरियन क कोकाबेलियन क बीच चरावत ह,
17 हे प्रियतम, वुरंग स या जवान हरिन स रहा, जब तलक दिन नाहीं ढल जात ह अउर छाया लम्बी अउर खतम नाहीं होइ जात ह पहाड़न पइ चला।
Song of Solomon 3
1 हर राति आपन सेज पइ मइँ आपन मने मँ ओका हेरत हउँ। जउन मनसेधू मोर प्रिय अहइ, मइँ ओका हेरेउँ ह, मुला मइँ ओका नाहीं पाएउँ।
2 अब मइँ उठब। मइँ सहर क चारिहुँ गलियन, बजारन मँ जाब। मइँ ओका हेरब जेका मइँ पिरेम करत हउँ। मइँ उ मनसेधू हेरेउँ उ मोका नाहीं मिला।
3 मोका सहर क पहरेदारी मिलेन। मइँ ओनसे पूछेउँ, “का तू उ मनसेधू क लख्या जेका मइँ पियार करत हउँ?”
4 पहरेदारन स मइँ अबहिं तनिक दूर गएउँ कि मोका मोर प्रियतम मिलि गवा। मइँ ओका धइ लिहेउँ। मइँ ओका जाइ क अनुमति नाहीं दिहा अउर मइँ ओका आपन मताहरी क घरे लइ आवा, मइँ ओका उ कमरा मँ लइ आवा जहाँ पइ उ मोका जनम दिहे रहा।
5 हे यरूसलेम क वुँवरियन, वुरंगन अउ जंगली हिरणियन क साच्छी मानिके मोका बचन द्या, पिरेम क जिन जगावा अउ उसकावा जब तलक एकर इच्छा न होइ।
6 इ मेहरारु कउन अहइ जउन धूल क बादर क संग रेगिस्तान स होत भए आवत हीं, अउर गन्धरस अउर लोबान अउ उ सबइ तरह क खुसबू जउन व्यपारियन रखत ह स सुगन्धित अहइ?
7 सुलैमान क पालकी क लखा। ओन जात्र क पालकी क साठ फउजी घेरे भए अहइँ। इस्रएल क सवतीसाली फउजी।
8 उ पचे सबहिं फउजी तरवारन स सुन्नर ढंग स सज्जित अहइँ। जउन जुद्ध मँ निपुण अहइँ; हर मनई क बगल मँ तरवार लटकत अहइ, जउन राति क खउफनाक खतरन बरे तइयार अहइँ।
9 राजा सुलैमान लोगन स एक ठु पालकी लेबानोन क देवदारू काठे स बनावाए रहा।
10 उ जात्रा क पालकी क बल्लन क चाँदी स बनाएस अउर ओकर टेक सोना स बनावा गवा। पालकी क गद्दी क उ बैंगनी ओढ़ना स ढाँपि दिहस अउर इ यरूसलेम क बिटियन क जरिये पिरेम स बुना गवा रहा।
11 सिय्योन क बिटियो, बाहेर आइके राजा सुलैमान क ओकरे मुवुट क साथ लखा जउन ओका ओकर महतारी उ दिन पहिराए रही जब उ बियाहा गवा रहा, उ दिन उ बहोत खुस रहा।
Song of Solomon 4
1 मोर प्रिये, तू बहोत सुन्नर अहा। घूँघट क ओट मँ तोहार आँखिन कबूतरे क आँखिन जइसी सरल अहइँ। तोहार केस लम्बा अउ लहरात भवा अहइँ जइसे बोकरी क बच्चन गिलाद क पहाड़ क ऊपर स नाचत उतरत होंइ।
2 तोहार दाँत एक भेड़न क झुण्ड जइसे अहइँ जउन धोइके निकर आई; हरेक भेड़ जुड़ौवा बच्चन रखत हीं; ओकर बच्चन मँ स कउनो भी गाएब नाहीं होत हीं।
3 तोहार ओंठ लाल धागा जइसा अहइ। तोहार मुँह सुन्नर अहइ। तोहार गाल घूँघट क खाले अनार क दुइ फाँकन क जइसी अहइँ।
4 तोहार गटइ पातर अउर ऊँच अहइ जइसा दाऊद क मीनार जउन कि हज़ारन सुनहरी ढालन क संग पाथरन क कतारन क ऊपर बना अहइ। हर ढाल जोद्धन क अहइ।
5 तोहार दुई चूचियन जुड़वा दुई बाल हरिण जइसे अहइँ, जइसे जुड़वा वुरंग लिलियन क बीच चरत होइ।
6 मइँ गन्धरस क पहाड पइ जाब। मइँ पहाड़ी पइ तब तलक जाब जब तलक सुबह की सुहावनी हवा न बहइ अउर अंधेरापन फीका न होइ जाइ।
7 मोर प्रिये, तू केतना अद्भुत अहा। कउनो दोख तोहार सुन्नरता क नाहीं लिहेस ह।
8 ओ मोर दुलहिन, लबानोन स आवा, लबानोन स मोर संग आइ जा, मोरे साथ आइ जा, अमाना क चोटी स, सनीर क ऊँचाई स सेर क गुफन स अउर चीतन क पहाडन स आवा।
9 हे मोर बहिन, हे मोर दुलहिन, तू मोका उत्तेजित करति अहा। तू मोर हिरदइ क आपन आँखिन क सिरिफ एक नज़र स अउर आपन माला क बस एक ही रतन स, कब्जा कइ लिहा ह।
10 मोर बहिन,हे मोर दुलहिन, तोहार पिरेम केतना आनन्दप्रद अहइ! तोहार पिरेम दाखरस स जियादा उत्तिम बाटइ, तोहार इत्र क सुगन्ध कउनो भी सुगन्धि स उत्तिम अहइ।
11 तोहारे ओंठन स मधु टपकत ह। तोहरी जीभ क खाले मँ सहद अउ दूध अहइ। तोहारे ओढ़नन क गंध लबानोन क देवदारू जइसी अहइ।
12 मोर बहिन, हे मोर दुलहिन, तू ताला लगा भवा बा़ग जइसी अहइ। तू रोका भवा तालाब क जइसा अउर बंद कीन्ह गवा फ़व्वारा जइसा अहइ।
13 तोहार अंग उ उपवन जइसे अहइँ जउन अनार अउर मोहक फलन स भरा होइ, जेहमाँ मेंहदी अउर जटामासी क फूल भरा होइ;
14 जेहमाँ जटामासी, केसर, मुस्क अउ दालचीनी अउर हर तरह क मसाला, गन्धरस, अगर अउ सबइ उत्तिम मसाला भरा होइँ।
15 तू एक फव्वारे क बा़ग क नाईं, एक ताज़ा पानी क वुवाँ क नाईं, अउर एक झरना होई जउन लबानोन पहाड़ी स खाले बहत ह।
16 जागा, हे उत्तर क हवा। आवा, तू दक्खिन पवन। मोरे उपवन पइ बहा। जेहसे एकर मीठ, गन्ध चारिहुँ ओर फइल जाइ। मोर प्रिय मोरे उपवन मँ प्रवेस करइ अउर उ एकर मीठ फल खाइ।
Song of Solomon 5
1 मोर बहिन, हे मोर दुलहिन, मइँ आपन बा़ग मँ प्रवेस कइ लिहउँ ह। मइँ आपन गन्धरस क सुगन्धित मसाला बटोरेउँ ह। मइँ आपन सहद क छत्ता क सहद समेत खाइ चुकेउँ ह; मइँ आपन दाखरस अउ दुध पी चुकेउँ ह।हे मीतो, खा, हे प्रेमियो, पिआ। पिरेम स मस्त होइ जा।
2 मइँ सोवत हउँ किन्तु मोर दिमाग सपना मँ जागत रहा। मइँ एक ध्वनि सुनेउँ! मोर प्रियतम दुआरे पइ दस्तक देत रहा!“मोरे बरे खोला, मोर बहिन, मोर प्रिये, मोर फाख़ता, मोर निर्मल! मोरे सिरे ओस स गीला होइ गवा ह, मोर केस राति क नमी स भीगा अहइँ।”
3 मइँ आपन ओढ़ना उतार दिहेउँ ह। मइँ एक फुन स पहिरइ चाहत हउँ। मइँ आपन पाँच पखार चुकी हउँ, फुन स मइँ एका मइला नाहीं करइ चाहत हउँ।
4 मोर प्रियतम विंवाड़ा क चाबी क छेद स हाथ डाएस, अउर ओकरे बरे मोर प्रेम उमड़ पड़ेस।
5 मइँ आपन प्रियतम बरे दुआर खोलइ बरे उठिउँ। मोरे हाथन स गन्धरस टपकत ह। गन्धरस मोर अँगुरियन स ताल क हत्थे पइ टपकत ह।
6 आपन प्रियतम बरे मइँ दुआर खोल दिहेेउँ, मुला मोर प्रियतम तब तलक जाइ चुका रहा। जब उ चला गवा तउ जइसे मोर प्राण निकरि गवा। मइँ ओका हेरत फिरेउँ मुला मइँ ओका नाहीं पाएउँ, मइँ ओका गोहरावत फिरेउँ विंतु उ मोका जवाब नाहीं दिहस।
7 नगर क पहरेदारन मोका पाएन। उ पचे मोका मारेन अउर मोका घायल किहेन। नगर क परकोटे क पहरेदारन मोहसे मोर चोगा लइ लिहन।
8 हे यरूसलेम क मेहररुअन, मइँ तू पचन्क आदेस देत हउँ। अगर तू पचे मोर प्रियतम क पाइ जा तउ तू ओका का बताइ? बताइ द्या कि मइँ ओकरे पिरेम क रोगी हउँ।यरूसलेम क बिटियन क ओकर जवाब
9 हमका कहा कि तोहार प्रियतम अउरन स कइसे उत्तिम अहइ। हे सबन त सुन्नर मेहररुअन, तोहार प्रिय अउरन स उत्तिम काहे अहइ? तू हम पचन स इ बचन काहे करइ क कहेस?
10 मारे प्रियतम तेजस्वी अउ मज़बूत अहइ। उ दसियउँ हजार मनसेधुअन मँ एक अहइ।
11 ओकर माथा निखालिस सोना जइसा अहइ। ओकर घुँघराला केस खजूर क गुच्छन क जइसा अहइ अउ कउअन जइसा करिया अहइँ।
12 ओकरी आँखिन जलधारा क किनारे बइठा फ़ाखतन नाईं अहइ। ओकर आँखिन दूधे क तालाब मँ नहाए फ़ाखतन क जइसी अहइँ अउर अइसी अहइँ जइसे सही तरीका स रतन जड़ होइँ।
13 ओकरे गाल बा़ग क नाईं अहइ जउन गुल महेन्दी क पउधा क खुसबू स भार अहइ। ओकर ओंठ लिलियन जइसेन अहइँ जेनसे गंधरस टपकत ह।
14 ओकर बाँहन सोना क छड़न जइसी अहइँ जेनमाँ हरितमणि जड़ा होइँ। ओकर देह नक्कासी कीन्ह भवा हाथी दाँत अहइ जेहमाँ नीलमनियन जड़ा होइँ।
15 ओकर जाँघन संगमरमर क खम्मन जइसी अहइँ जेनका उत्तिम सुवर्ण पइ बइठावा गवा होइ। ओकर ऊँचा कद लबनोन क देवदार जइसा अहइ जउन देवदार बृच्छन मँ उत्तिम अहइ।
16 ओकर मुँह बहोत मीठा अहइ; ओकर हर चीज चाहनेयोग्य अहइ। हे यरूसलेम क मेहररुअन, उ मोर प्रियतम अहइ! उ मोर प्रेमी अहइ!
Song of Solomon 6
1 मेहररुअन मँ सबसे सुन्दर मेहरारू, बतावा तोहार प्रियतम कहाँ चला गवा? कउने राह स तोहार प्रियतम चला गवा ह हमका बतावा ताकि हम तोहरे साथ ओका हेरि सकी।
2 मोर प्रिय आपन बंगिया मँ चला गवा, मसालन क खेत मँ आपन भेड़ी चरावइ बरे अउर लिलियन क बटोरइ बरे।
3 मइँ आपन प्रियतम स हउँ अउर उ मोर प्रियतम मोसे अहइ। उ लिलियन क बीच भेड़ चरावा करत ह।
4 मोर प्रियतम, तू तिरसा क नाईं सुन्नर अहा। तू यरूसलेम मँ एक अद्भुत क नाईर् अहा। तू ऍतना अजूबा अहा जइसे कउनो फउज झण्डा क संग चलत ह।
5 तू मोह पइ स आपन आँखिन हटाइ ल्या, उ मोका उत्तेजित करत अहइँ। तोहार केस ऍतना लम्बा अउ लहरत अहइँ जइसे गिलाद क पहाड़ी क ढलान स बोकरियन क झुण्ड उछरत भवा उतरत आवत होइ।
6 तोहार दाँत एक भेड़न झुण्ड जइसे अहइँ जउन धोइके निकर आई; हरेक भेड़ जुड़ौवा बच्चन रखत हीं; ओन मँ स कउनो एक ठू भी गाएब नाहीं होत हीं।
7 घँूघट क नीचे तोहार गाल अनार क दुइ ठू फाँकन क तरह अहइँ।
8 होइ सकत ह हुआँ साठ रानियन, अस्सी रखैलन अउर अनगिनत जवान वुँवरियन होइँ,
9 विंन्तु हुवाँ ओकरे जइसा कउनो नाहीं अहइ! उ आपन महतारी क एक खास बिटिया अहइ, उ ओनमाँ बहोत प्रिय अहइ जउन ओका जनम दिहेस ह। वुँवरियन ओका लखेन अउ ओका सराहेन। हाँ, रानियन अउ सबइ रखैलन भी ओकर तारीफ किहे रहिन।
10 उ पचे कहेस: “उ कउन अहइ जउन बढ़त भवा उसा क समान अहइ? उ कउन अहइ जउन चाँद क नाईं सुन्नर अहइ? उ कउन अहइ जउन सूर्य क नाईं चमकत अहइ? उ कउन अहइ जउन फउज जइसा अजूबा अहइ जउन झण्डा लइ जात अहइ?
11 मइँ अख़रोट क बगीचा स होत भवा इ देखइ बरे गवा कि का अंगूर क बेलन खिला अहइ अउर का अनार क कलियन खिली अहइँ या नाहीं।
12 मोर राजवुमार, मइँ खुसी स भरि गवा जब तू मोका गन्धरस दिहे रहा।
13 हे “परिपूर्ण” मोर तरफ लउटि आवा! मोर तरफ आवा, मोर तरफ आवा, ताकि हम तोहका लखि सकी! काहे अइसे सुलेम्मिन क घूरति अहा जइसे उ महनैम क नाच क नर्तकी होइ?
Song of Solomon 7
1 हे सज्जन अउरत, तोहार गोड़ पनहियन मँ केतॅना सुन्नर अहइँ! तोहार जाँघन क गोलाइ कउनो कलाकार क बना गवा गहना क नाईं अहइँ
2 तोहार नाभी क नीचे क भाग गोल कटोरा क समान अहइँ। होइ सकत ह एहमाँ कभी मिस्रित दाखरस कमी नाहीं होत। तोहार पेट गोहूँ क ढेरी क समान अहइ जेकर चउहददी लिलियन क अहइँ।
3 तोहार चूचियन दुई जवान हिरण क जइसा अहइ, वुरंगी क जुड़वा।
4 तोहार गटइ हाथी दाँत क मीनार क समान अहइँ। तोहार आँखिन हेसबोन क उ सबइ वुण्ड क समान अहइ जउन बेत-रब्बीम क फाटक क लगे अहइ। तोहार नाक लबानोन क मीनार क जइसा लम्बी अहइ जउन दमिस्क कइँती मुहँ किहे अहइ।
5 तोहार मूँड़ कमेर्ल क पहाड़ क जइसा अहइ। तोहार मूँड़े क बार राजा क देवारन पइ लहरत भवा लम्बा वस्त्र क नाईं अहइ।
6 तू केतनी सुन्नर अउ मनमोहक अहा ओ मोर प्रिय! तू मोका केतॅॅना आनन्द देति अहा।
7 तू खजूरे क बृच्छ जइसी लम्बी अहा। तोहार चूचियन अइसे अहइँ जइसे खजूर क गुच्छन।
8 मइँ खजूर क बृच्छ पइ चढ़ब, मइँ एकर डारन क धरब, तू आपन चूचियन क अंगूरे क गुच्छन स बनने द्या। तोहार साँस क गंध सेब क जइसा होइ द्या।
9 तोहार मुँहना उत्तिम दाखरस जइसा होइ द्या, जउन धीरे स मोर प्रियतम मँ बहत होइ, जउन ओठंन तलक बहत होइ जब हम साथ सोवत ह।
10 मइँ आपन प्रियतम क अहउँ अउर उ मोका चाहत ह।
11 आवा, मोर प्रियतम, आवा! हम खेतन मँ निकरी चली, हम गाँवन मँ राति बिताइ।
12 हम बहोत हाली उठी अउर अंगूरे क बागन मँ निकरी जाइ। आवा, हम हुआँ लखी का अगूंरे क बेलन पइ कलियन खिलति अहइँ। आवा, हम लखी का बहारन खिल गइ अहइँ अउर का अनार क कलियन चटकति अहइँ। हुवँइ पइ मइँ आपन पिरेम तोहका अर्पण करबउँ।
13 दोदफलनक सुगन्ध फइल चुका अहइ। अउर सबहिं प्रकार क कीमती फलन हमरे दुआरन क ऊपरजमा अहइँ। तोहार बरे नवा अउ पुराना दुइनउँ प्रकार क चीज बचाइ रखेउँ ह, हे मोर प्रिय।
Song of Solomon 8
1 कास, तू मोर सिसु भाइ होत्या, मोर महतारी क छाती क दूध पिअत भए। अगर मइँ तोहसे हुवँइ बाहेर मिल जाइत तउ तोहार चुम्बन मइँ लइ लेतेउँ, अउर कउनो मनई मोर निन्दा नाहीं कइ पावत।
2 तोहका मइँ आपन महतारी क घरे मँ लइ अवतेउँ जहाँ तू मोका सिच्छा देइ सकतेउँ। मइँ तोहका पिअइ बरे, आपन मिस्रित अनारे स निकरा भवा दाखरस देतेउँ।
3 ओकर बाँया हाथ मोरे मूँड़े क छुअत ह, अउर ओकर दाहिन हाथ मोरे सरीर क छुअत ह।
4 मइँ तोहका चेताउनी देत हउँ हे यरूसलेम क वुँवरियन: पिरेम क जिन जगावा अउ उसकावा जब तलक एकर इच्छा न होइ!
5 इ कउन अहइ जउन आपन प्रियतम स लपटा भवा, रेगिस्तान स चली आवत हमइँ तोहका सेब क बृच्छ क खाले जगाए रहेउँ; हुवाँ तोहार महतारी तोहका गरभ मँ धरेस; हुवाँ तोहार मताहरी तोहार बरे प्रसव-पीड़ा सहेस अउर तोहार जनम भवा।
6 मोका तू आपन हिरदय मँ महर क नाईर् धरा। ताबजि क समान मोका आपन बाँहे बांध ल्या। काहेकि पिरेम मउत क जइसा मज़बत अहइ। भावना कब्र क नाईं तेज होत ह। एकर चिंगारी आग क लपटन क नाईं होत ह। एकर धधक धधकत भइ लपटन स होइ जात ह।
7 बाढ़ पिरेम क नाहीं बूझाइ सकत। नदियन एका नीचा नाहीं कइ सकत। अगर कउनो मनई पिरेम आपन सारा धन देकर खरीदइ चाही, तउ पर भी ओकर धन बेकार ही समुझा जाब।
8 हमार एक छोटकी बहिन अहइ, जेकर चूची अबहिं फूटी नाहीं। हमका का करइ चाही जउने दिन ओकर सगाई होइ?
9 अगर उ देवार अहइ तउ मइँ ओह पइ चाँदी क मीनार बनाइ देब। अगर उ दुअर अहइ तउ मइँ ओकरे पइ देवदारू क मुल्यवान पल्ला लगाइ देब।
10 मइँ परकोट हउँ अउर मोर चूची गुम्बद जइसे अहइँ। तउ मइँ ओकरे बरे सान्ति क दाता हउँ।मनसेधू क बचन
11 बाल्हामोन मँ सुलैमान क अंगूरे क बगिया रही। उ आपन बाग क रखवारी बरे दइ दिहस। हर रखवारा ओकरे फलन क बदले मँ चाँदी क एक हजार सेकेल लिआवत रहा।
12 मुला सुलैमान, मोर आपन अंगूर क बाग मोरे बरे अहइ। हे सुलैमान, मोरी चाँदी क एक हजार सेकेल सब तू ही रख ल्या, अउर इ सबइ दुइ सौ सेकेल ओन लोगन बरे अहइँ। जउन खेतन मँ फलन क रखवारी करत हीं।
13 तू जउन बागे मँ रहति अहा, मोरे मित्र तोहार आवाज़ धियानपूवर्क सुनत अहइँ; मोका भी सुनइ दया!
14 मोर प्रियतम, हाली आवा! महकत द्रव्यन क पहाड़े पइ चिकारे या जवान हरिन जइसा बनि जा!
Isaiah 1
1 इ सबइ परमेस्सर क दर्सन अहइ जउन आमोस क पूत यसायाह यहूदा अउर यरूसलेम क बारे लखेस ह। यसायाह ऍन दर्सन क यहूदा क राजा लोगन उज्जियाह, योताम, आहाज अउ हिजकिय्याह क समय मँ लखे रहा।
2 हे सरग अउ धरती, यहोवा क वाणी सुना! यहोवा कहत ह, “मइँ आपन बच्चन क परवान चढ़ाएउँ अउर ओका मजबूत स बढ़इ मँ मदद किहेउँ, किन्तु उ पचे मोहसे विद्रोह किहन।
3 बैल आपन सुआमी क जानत ह अउर गद्हा उ जगह क जानत ह जहाँ ओकर सुआमी ओका चारा देत ह। किन्तु इस्राएल क लोग मोका नाही पहिचानतेन। उ पचे मोर आपन अहइँ किन्तु मोका नाहीं समुझतेन ह।”
4 इस्राएल रास्ट्र पापे अउ दोख स भरि गवा अहइ। जउन कि भारी बोझे क समान ह जेका लोगन क उठाइ क होइ। उ पचे बुरे परिवारन स बुरे अउ दुट्ठ बच्चन क समान अहइँ। उ पचे यहोवा क तजि दिहन। उ पचे इस्राएल परमेस्सर क पवित्तरता क अपमान किहन। उ पचे ओका तजि दिहेन अउर ओकरे संग अजनबी जइसा बेउहार किहन।
5 परमेस्सर कहत ह, “मइँ तू सबइ लोगन क अउर दण्ड काहे देत रहउँ? मइँ तू पचन्क दण्ड दिहेउँ, मुला तू पचे नाहीं बदल्या। तू पचे मोरे बिरूद्ध विद्रोह करत ही रह्या। अब हर मूँड़ घायल अहइ अउ हर हिरदय दुखी अहइ।
6 तोहरे सबन गोड़े क तलुअन स लइके मूँड़े क ऊपरी हींसा तलक तोहरे बदन क हर अंग घावत स भरा अहइ। ओनमाँ चोट लगी अहइँ अउर फूटे भए फोड़न अहइँ। तू पचे आपन फोड़न क कउनो परवाह नाहीं किह्या। तोहार पचन्क घाव न तउ साफ कीन्ह ग अहइँ नही ओनका ढका गवा अहइ।
7 “तोहार सबन्क धरती बर्बाद होइ ग अहइ। तोहार पचन्क नगर आगी मँ बरि गवा अहइँ। तोहार पचन्क धरती तोहार पचन्क दुस्मनन हथियाइ लिहेन। तोहार पचन्क भुइँया अइसे उजारि दीन्ह ग अहइ कि जइसे दुस्मनन क जरिये उजाड़ा गवा कउनो प्रदेस होइ।
8 सिय्योन क बिटिया (यरूसलेम) अब तजि भए सिबिर जइसा होइ गवा। उ ककड़ी क खेत मँ एक अइसा झोपड़ी क नाईं अहइ जेका फसल काटइ क पाछे छोड़ दीन्ह गवा होइ। इ उ नगरी क समान अहइ जेका घेर लीन्ह गवा होइ।”
9 इ फुरइ अहइ किन्तु फुन भी सवतीसाली यहोवा कछू लोगन क हुआँ जिअत रहइ बरे छोड़ दीन्ह ग रहा। सदोम अउर अमोरा सहरन क समान हमार पूरी तरह बिनास नाहीं कीन्ह गवा रहा।
10 हे सदोम क मुखिया लोगो, यहोवा स सँदेसा सुना। हे अमोरा क लोगो, परमेस्सर क उपदेसन पइ धियान द्या।
11 परमेस्सर कहत ह, “मोका इ सबइ सबहिं बलियन नाहीं चाही। मइँ तोहार पचन्क भेड़िन अउ पसुअन क चर्बी क काफी होमबलियन लइ चुका हउँ। बर्धन, मेमनन, बोकरन क खून स मइँ प्रसन्न नाहीं हउँ।
12 “तू लोग जब मोहसे मिलइ आवत अहा तउ मोरे आँगन क हर वस्तु रौंद डावत अहा। अइसा करइ बरे तू पचन्स कउन कहेस ह
13 “बेकार क बलियन तू पचे मोका जिन चढ़ावत रहा। जउन सुगंधित सामग्री तू पचे मोका अपिर्त करत अहा, मोका ओहसे घिना अहइ। नवा चाँद क दावतन, बिस्राम अउर सबित मोहसे सहन नाहीं होइ पउतेन। आपन पवित्तर सभन क बीच जउन बुरे करमन तू पचे करत अहा, मोका ओनसे घिना अहइ।
14 तोहार पचन्क माहवारी बैठकन अउर सबइ सभा स मोका आपन सम्पूर्ण मन स घिना अहइ। इ सबइ सभन मोरे बरे एक भारी भरकम बोझ स बन गइ अहइ। अउर ओन बोझन क उठावत अब मइँ थक चुका हउँ।
15 “तू लोग हाथ उठाइके मोर प्रार्थना करब्या, किन्तु मइँ तोहार सबन कइँती लखइ तलक नाहीं। तू लोग जियादा स जियादा परार्थना करब्या, किन्तु मइँ तोहार सबन्क सुनइ तलक क मना कइ देब काहेकि तोहार सबन्क हाथ खून स सना अहइँ।
16 “आपन क धोइ अउ आपन क पवित्तर करी। तू पचे जउन बुरे करम करत अहा ओनका मोर आँखि क नज़र स दूर करा। ओन बुरे कामन क तजा!
17 “अच्छे करम करब सीखा। दूसर लोगन क संग निआव करा। जउन लोग दूसर लोगन क सतावत हीं, ओनका दण्ड द्या। अनाथ बच्चन क अधिकारन बरे संघर्स करा। जउन मेहररूअन क मनसेधू मरि गवा अहइँ, ओनका निआव दियावइ बरे पैरवी करा।”
18 यहोवा कहत ह, “आवा, हम ऍन बातन पइ विचार करी। तोहार सबन्क पाप गहरा लाल रंग क नाईं अहइँ मुला ओनका धोवा जाइ सकत ह अउर बरफ क नाईर् उज्ज्वर होइ सकत ह। तोहार पचन्क पाप लाल कपड़ा क नाईं सुर्ख अहइँ, किन्तु उ सबइ ऊन क नाईं सफेद होइ सकत अहा।
19 “अगर तू पचे मोर कही बातन पइ धियान देत अहा, तउ तू पचे इ धरती क नीक वस्तुअन पउब्या।
20 किन्तु अगर तू पचे सुनइ स मना करत अहा तू पचे मोरे खिलाफ होत अहा, अउर तोहार दुस्मनन तू पचन्क नस्ट कइ डाइहीं।” यहोवा इ सबइ बातन खुद ही कहे रहा।
21 परमेस्सर कहत ह, “यरूसलेम कइँती लखा। यरूसलेम एक ठु अइसी नगरी रही जउन मोहमाँ बिस्सास राखत रही अउर मोर अनुसरण करत रही। उ रण्डी क नाईर् कउनो कारण बन गई? अब उ मोर अनुसरण नाहीं करत। यरूसलेम क निआव स परिपूर्ण होइ चाही। यरूसलेम क बसइयन क, जइसे परमेस्सर चाहत ह, वइसे ही जिअइ चाही। किन्तु अब तउ हुवाँ हत्तियारन रहत हीं।
22 “तू पचन क नेकी चाँदी क समान अहइँ जउन अब बेकार अउर असुद्ध समुझा जात ह। इ उ दाखरस का नाईं अहइ जउन कि बहोत जियादा पानी क कारण पतरा होइ गवा अहइ।
23 तोहार पचन्क सासक विद्रोही अहइँ अउर चोरन क साथी अहइँ। तोहार पचन्क सबहिं सासक घूस लेइ चाहत हीं। गलत काम करइ बरे उ पचे घूस क धन लइ लेत हीं। तोहार पचन्क सबहिं सासक लोगन्क ठगइ बरे मेहनताना लेत हीं। तोहार पचन्क सासक अनाथ बच्चन क सहारा देइ क जतन नाहीं करतेन। तोहार पचन्क सासक ओन मेहररूअन क जरूरतन पइ कान नाहीं देतेन जेनकर मनसेधू मर चुके अहइँ।”
24 एन सबइ बातन क कारण, सुआमी सर्वसवतीमान यहोवा अरथात इस्राएल क सर्वसवतीमान कहत ह, “हे मोर बैरियो मइँ तू पचन्क दण्ड देबउँ। तू पचे मोका अब अउर जियादा नाहीं सताइ पउब्या।
25 जइसे लोग चाँदी क साफ करइ बरे खार मिले भए पानी क प्रयोग करत हीं, वइसे ही मइँ तोहार पचन्क सबहिं खोट दूर करबउँ। सबहिं निरर्थक वस्तुअन तू पचन लइ लेबउँ।
26 जइसे निआव क करवाइयन तोहरे सबन्क लगे सुरु मँ रहेन अब वइसे ही निआव क करवइया मइँ फुन स वापिस लिआउब। जइसे सलाहकार बहोत पहिले तोहरे सबन क लगे हुवा करत रहेन, वइसे ही सलाहकार तोहरे पचन्क लगे फुन होइहीं। तू पचे तब फुन ‘नेक अउर बिस्सासी नगरी’ कहवउब्या।”
27 नीक फइसला अब सिय्योन क दीन्ह जाई अउ उ आजाद होइ जाइ। परमेस्सर उ लोगन क निआव देइ जउन अब हुवाँ रहत हीं।
28 मुला सबहिं अपराधियन अउर पापियन जउन यहोवा क अस्वीकार किहेस ह, क पूरी तरह स तोड़ दीन्ह जाइ अउ बरबाद कइ दीन्ह जाइ।
29 भविस्स मँ, तू लोग ओन बाँझबृच्छन बरे ओन बिसेस बगीचन बरे, जेनका पूजइ बरे तू पचे चुने रह्या, लज्जित होइहीं।
30 इ एह बरे घटित होइ काहेकि तू लोग अइसे बाँझ बृच्छन जइसे होइ जाब्या जेनकर पातियन मुरझात होइँ। तू पचे एक अइसे बगियन क नाईर् होइ जाब्या जउन पानी क बिना मर रहा होइ।
31 बरिआर लोग झुरान काठे क नान्ह नान्ह टूकन जइसा होइ जइहीं अउर उ सबइ लोग जउन काम करिहीं, उ पचे अइसी चिनगारियन क समान होइहीं जोनसे आगी लगि जात ह। उ सबइ बरिआर लोग अउर ओनकर काम बरइ लगिहीं अउर कउनो भी मनई अइसा नाहीं होइ जउन उ आगी क रोकि पाई।
Isaiah 2
1 आमोस क पूत यसायाह यहूदा अउर यरूसलेम क बारे मँ इ संदेस लखेस।
2 आखिरी दिना मँ यहोवा क मन्दिर उ पर्वते पई बनावइ जाइ जउन आपन अगल-बगल क सबहिं पर्वतन मँ सबसे ऊँचा होइ। सबइ रास्ट्रन क लोगन हुवाँ बाढ़ क नाईं आइ।
3 अनेक लोग इ कही सरू करि, “आवा, हमका यहोवा क पर्वते पइ, याकूब क परमेस्सर क मंदिर मँ जाइ चाही। उ हमका आपन जिन्नगी विधि क सिच्छा देइ अउर हम ओकर अनुसरण करब।”सिय्योन पर्वत पइ यरूसलेम मँ स परमेस्सर क उपदेसन क संदेस सुरू करी अउर हुवाँ स उ समूचइ संसार मँ चलि जाइ।
4 तब परमेस्सर सबहिं देसन क निआवी होइ। परमेस्सर बहोत स लोगन क विवादन निपटारा करी अउर उ सबइ लोग लड़ाई बरे अपने हथियारन क प्रयोग करब बंद कइ देइहीं। आपन तरवारन स उ पचे हरे क फार बनइहीं अउर उ पचे आपन भालन क पौधन क काटइ क दँराती क रूपे मँ काम मँ लइहीं। लोग दूसर लोगन क खिलाफ लड़ब बंद कइ देइहीं। लोग जुद्ध बरे कबहुँ प्रसिच्छित नाहीं होइहीं।
5 हे याकूब क परिवार, तू पचे यहोवा क अनुसरण करा।
6 हे यहोवा, तू याकूब (इस्राएल) क घरे स पीछे मुड़ि गवा ह, जबकि उ तोहार लोग अहइ। तोहार लोग पूरी तरह स पूरब (असीरिया) क कबूल कइ लिहेन ह, अउ तोहर लोग पलिस्तियन (पस्चिम) क नाईर् भविस्स बतावइ क सुरू करइ दिहेन ह। तू लोग ओन विचित्र विचारन क पूरी तरह स स्वीकार कइ लिहेस ह।
7 हाँ, तोहार धरती सोना अउ चाँदी स भरि गइ अहइ, अउ हुवाँ क धन-सम्पत्ति क गना न जाइ। हुवाँ अनगिनत जुद्ध क घोड़न रथन भी अहइँ।
8 मुला ओनकर धरती मूरतियन स भी भरी पड़ी अहइँ; तोहार लोग ऍनका खुद की आकार दिहेस ह, अपने हाथन स ओका बनाएन ह अउर उ पचे ही ओनकर पूजा करत हीं।
9 लोग बुरा स बुरा होइ ग अहइँ। लोग बहोत नीच होइ ग अहइँ। हे परमेस्सर, निहचय ही तू ओनका छिमा करब्या, का तू अइसा करब्या?
10 जा, कतहूँ कउनो गड़हा मँ या कउनो चट्टाने क पाछे लुकाइ जा। तू परमेस्सर स डेराअ अउर ओकर महान सवती क समन्बा स ओझर हीइ जा।
11 अहंकारी लोग अहंकार करब तजि देइहीं। अहंकारी लोग धरती पइ लाज स मूँड़ नीचे निहुराइ लेइहीं। उ समय सिरिफ यहोवा ही ऊँच ठउरे पइ बिराजमान होइ।
12 यहोवा एक खास दिन क जोजना बनाएस ह। उ दिन, यहोवा अहंकारियन अउर बड़बोलन लोगन क सजा देइ। तब ओन अहंकारी लोगन क साधारण बनाइ दीन्ह जाइ।
13 उ सबइ अहंकारी लोग लबानोन क लम्बे देवदार बृच्छन क समान अहइँ। उ पचे बासान क बाँझ बृच्छन जइसे अहइँ किन्तु परमेस्सर ओन लोगन क दण्ड देइ।
14 उ सबइ अहंकारी लोग ऊँच पहाड़ियन जइसे लम्बे अउर पहाड़न जइसे ऊँच अहइँ।
15 उ पचे अहंकारी लोग अइसे अहइँ जइसे लम्बी अउ ऊँच मीनारन तथा मजबूत परकोटा होइ। किन्तु परमेस्सर ओन लोगन क दण्ड देइ।
16 उ सबइ अहंकारी लोग तर्सीस क बिसाल जहाउन के समान अहइँ। एन जहाजन मँ महत्वपूर्ण चिजियन भरी अहइँ। किन्तु परमेस्सर ओन अहंकारी लोगन क सजा देइ।
17 उ समय, लोग अहंकार करब तजि देइहीं। उ सबइ लोग जउन अब अहंकारी अहइँ, धरती पइ खाले निहुराइ दीन्ह जइहीं। फिन उ समय केवल यहोवा ही ऊँचा बिराजमान होइ।
18 सबहिं मूरतियन लबार देवता खतम होइ जइहीं।
19 लोग चट्टानन सबइ गुफा अउर धरती क भीतर जाइ लुकइहीं। उ पचे यहोवा अउर ओकर महान सवित स डर जइहीं। अइसा उ समय होई जब यहोवा धरती क हिलावइ बरे खड़ा होइ।
20 उ समय, लोग आपन सोने, चाँदी क मूरतियन क दूर लोकाइ देइहीं (एन मूरतियन क लोग एह बरे बनाए रहेन कि लोग ओनका पूजि सकइँ।) लोग ओन मूरतियन क धरती क ओन बिलन मँ लोकाइ देइहीं जहाँ चमगादड़ अउर छछूँदर रहत हीं।
21 फुन लोग चट्टानन क गुफन मँ छुप जइहीं। उ पचे यहोवा अउर ओकर महान सवती स डेराइके अइसा करिहीं। अइसा उ समय घटित होइ जब यहोवा धरती क हिलावइ बरे खड़ा होइ।
22 ओ इस्राएल क लोगो। तू पचन्क आपन रच्छा बरे दूसर लोगन पइ निर्भर रहब तजि देइ चाही। उ सबइ तउ मनई मात्र अहइँ अउर मनई मरि जात ह। एह बरे, तू पचन्क इ नाहीं सोचइ चाही कि उ पचे परमेस्सर क समान सवतीसाली अहइँ।
Isaiah 3
1 इ सबइ बातन मइँ तू पचन्क बतावत हउँ, तू पचे समुझ ल्य। सर्वसवतीसाली यहोवा सुआमी, ओन सबहिं वस्तुअन क छोरि लेइ जेन पइ यहूदा अउ यरूसलेम निर्भर रहत हीं। परमेस्सर समूचइ भोजन अउ जल भी छोरि लेइ।
2 परमेस्सर सबहिं नायकन अउ महाजोधन क छोरि लेइ। सबहिं निआवा धीसन, भविस्सववतन, जूतिसियन अउ बुजुर्गन क परमेस्सर छोरि लेइ।
3 परमेस्सर सेनानायकन अउर प्रसासनिक नेतन क छोरि लेइ। परमेस्सर सलाहकारन अउर ओन बुद्धिमान क छोरि लेइ जउन जादू करत हीं अउर भविस्स बतावइ क जतन करत हीं।
4 परमेस्सर कहत ह, “मइँ जवान बच्चन क ओनका नेता बनाइ देबउँ। बच्चन ओन पइ राज्ज करिहीं।
5 हर मनई आपुस मँ एक दूसर क बिरुद्ध होइ जाइ। नवयुवक बड़के बूढ़न क आदर नाहीं करिहीं। साधारण लोग महत्वपूर्ण लोगन क आदर नाहीं देइहीं।”
6 उ समय, आपन ही परिवारे स कउनो मनई आपन ही कउनो भाई क धरि लेइ। उ मनई आपन भाई स कही, “काहेकि तोहरे लगे एक ठु ओढ़नाबा, तउ तू हमार नेता होब्या। एन सबहिं खण्डरहन क तू नेता बनिजा।”
7 किन्तु उ भाई ठाड़ होइके कही, “मइँ तू पचन्क सहारा नाहीं दइ सकत। मोरे घरे काफी भोजन अउ ओढ़ना नाहीं बाटइ। तू मोका आपन मुखिया नाहीं बनउब्या।”
8 अइसा एह बरे होइ काहेकि यरूसलेम ठोकर खाएस अउर उ बुरा किहस। यहूदा क पतन होइ गवा अउर उ परमेस्सर क अनुसरण करब तजि दिहस। उ पचे जउन कहत हीं अउर जउन करत हीं उ यहोवा क खिलाफ अहइ। उ पचे यहोवा क महिमा बरे विद्रोह किहन।
9 लोगन क चेहरन पइ जउन भाव अहइँ ओनसे साफ देखाइँ देत ह कि उ सबइ बुरा करम करइ क अपराधी अहइँ। किन्तु उ पचे एन अपराधन क छुपावत नाहीं अहइ, बल्कि ओन पइ गर्व करत भए आपन पापन क डोंडी पीटत हीं। उ पचे ढीठ अहइँ। उ पचे सदोम नगरी क लोगन जइसे अहइँ। ओनका इ बात क परवाह नाहीं अहइ कि ओनके पापे क कउन लखत अहइ। इ ओनके बरे बहोत बुरा होइ। आपन ऊपर ऍतनी बड़की विपद उ पचे खुद बोलाएन ह।
10 अच्छे लोगन क बताइ द्या कि ओनके संग अच्छी बातन घटिहीं। जउन नीक करम उ पचे करत हीं, ओनकर सुफल उ पचे पइहीं।
11 किन्तु बुरे लोगन बरे इ बहोत बुरा होइ। ओन पइ बड़ी विपद टूट पड़ी। जउन बुरे करम उ पचे किहेन ह, ओन सबन बरे ओनका सजा दीन्ह जाइ।
12 मोर लोगन क बच्चन बेरहमी स सतइहीं। ओन पइ मेहररूअन राज करिहीं। हे मोर लोगो, तोहार पचन्क अगुआ तू पचन्क बुरे राहन पइ लइ जइहीं। सही मारग स उ पचे तू पचन्क भटकाइ देइहीं।
13 यहोवा आपन लोगन क विरोध मँ मुकदमा लड़इ बरे खड़ा होइ। उ आपन लोगन क निआव करइ बरे खड़ा होइ।
14 बुजुर्गन अउ अगुवा लोग जउन काम किहेन ह यहोवा ओनके बिरुद्ध मुकदमा चलाइ।यहोवा कहत ह, “तू लोग अंगूरे क बागन क (यहूदा क) बारि डाया ह। तू पचे गरीब लोगन क चिजियन क लइ लिहा अउर उ सबइ वस्तुअन अबहिं भी तोहरे पचन्क घरन मँ अहइँ।
15 मोरे लोगन क सतावइ क अधिकार तू पचन्क कउन दिहस? गरीब लोगन क मुँहे क बल धूरि मँ ढकेलइ क अधिकार तू पचन्क कउन दिहस?” मोर सुआमी, सर्वसवतीमान यहोवा इ सबइ बातन कहे रहा।
16 यहोवा कहत ह, “सिय्योन क मेहररूअन बहोत घमण्डी होइ गइ अहइँ। उ पचे मूँड़ी उठाए भए अउर अइसा आचरण करत भए, जइसे उ पचे दूसर लोगन स उत्तिम होइँ, एहर-ओहर घूमति रहत हीं। उ सबइ मेहररूअन आपन आँखिन मटकावत रहत हीं तथा आपन गोड़े क पाजेब झंकारत भइ एहर-ओहर ठुमकत फिरत हीं।”
17 सिय्योन क अइसी मेहररूअन क मूँड़े पइ मोर सुआमी फोड़न निकारी। यहोवा ओन मेहररूअन क गंजा कइ देइ।
18 उ समय, यहोवा ओनसे उ सब चिजियन छोरी लेइ जउने पइ ओनका नाज रहा: गोड़न क सुन्नर पाजेब, सूरज अउर चाँद जइसे देखाइवाले वंठहार,
19 बुन्दे, वंगना अउर ओढ़नी,
20 माथापट्टी, गोड़े क झाँझर, कमरबंद, इत्र क सीसियन अउ ताबीज जेनका उ पचे आपन वंठहारन मँ धारण करत रहिन।
21 मुहरदार अंगूठियन, नाके क बालियन,
22 उत्तिम ओढ़ना, टोपियन, चद्दरन, बटुअन,
23 दर्पण, मलमले क कपड़न, पगड़ीदार टोपियन अउर लम्बा दुसालन।
24 उ समय मँ सुगंधित इत्र जउन अबहुँ अच्छा सुगंध देत अहइ, ओकर उ सुगंध सड़ा भवा फफूँद क संग दुर्गन्ध मँ बदल जाइ। अब उ पचे कमर-बंध पहिरत हीं, किन्तु उ समय पहिरइ क बस ओनके लगे रस्सन होइहीं। इ समय उ पचे आपन बार मँ सुसोभित जूड़न बाँधत हीं, किन्तु उ समय ओनकर मूँड़ मुड़वाइ दीन्ह जइहीं। ओनके एक ठु बार तलक नाहीं होइ।अब ओनके लगे सुन्नर पोसाकन अहइँ। किन्तु उ समय ओनके लगे सिरिफ सोक वस्त्र होइहीं। ओकर सुन्नरता क चीन्ह दासिता क चीन्ह मँ बदलि जाइ।
25 तू पचन्क मनइयन तरवारन स काटि जाइ अउर तोहार मेहरारुअन जुद्ध मँ मारि जाइ।
26 नगर दुआर क निअरे सभा ठउरन मँ रोउब बिलखब अउर दुःख ही फइला होइ। यरूसलेम उ मेहरारू क नाईर् हर चीज स वंचित होइ जाइ जेकर सब कछू चोर अउ लुटेरन लूट गवा होंइ। उ धरती पइ बइठी अउर बिलखी।
Isaiah 4
1 उ समय, सात सात मेहररूअन एक ठु मनसेधू क दबोच लेइहीं अउर ओहसे कहिहीं, “आपन खाइ क बरे हम आपन रोटियन क जुगाड़ खुद कइ लेब, आपन पहिरइ बरे ओढ़ना हम खुद बनाउब। बस तू हमसे बियाह कइ ल्या। इ सबइ काम अपने बरे हम खुद कइ लेब। बस तू हमका आपन नाउँ द्या। कृपा कइके हमरी सरम पइ पर्दा डाइ द्या।”
2 मुला इ मुसीबत क समइ मँ भी यहोवा क पौधा इस्राएल क सेवकन क खुस करिहीं। इ एक सुन्नर अउ सम्मानित क रास्ट्र होइ!
3 सिय्योन अउर यरूसलेम मँ जिअत बचा भवा सबइ लोग परिवत्तर कहलाउब्या। यरूसलेम मँ उ पचे ही अहइँ जेकर नाउँ क जिअत रहइ बरे जिन्नगी क पुस्तक मँ सूचीबंध कीन्ह गवा रहेन।
4 यहोवा सिय्योन क मेहररूअन क असुद्धता क धोइ देइ। यहोवा यरूसलेम स खून क धोइ क बहाइ देइ। यहोवा निआव क चेतना क प्रयोग करी अउर बिना कउनो पच्छपात क निर्णय लेइ। वह दाहक चेतना क प्रयोग करी अउर हर वस्तु क सुद्ध कइ देइ।
5 तब परमेस्सर इ साबित करी कि उ आपन मनइयन क संग अहइ। उ दिन क समय, धुँए क एक बादर क रचना करी अउर रात क समय एक चमचमात लपट स मिली भइ आगी। इ सबइ चीन्ह सिय्योन पर्वते पइ, लोगन क हर सभा क ऊपर अउर उ सहर मँ ओकरे हर भवन क ऊपर परगट होइहीं। सुरच्छा बरे हर मनई क ऊपर एक आवरण छाइ जाइ।
6 मण्डप क इ आवरण एक ठु सुरच्छा ठउर होइ। इ आवरण लोगन क सूरज क गर्मी स बचाइ। मण्डप क इ आवरण सब प्रकार क बाढ़न अउ बर्खा स बचइ क एक सुरच्छित ठउर होइ।
Isaiah 5
1 अब मइँ आपन मीत बरे एक ठु गीत गाउब। इ गीत मोरे मीत क अंगूर क बागीचा क बारे मँ अहइ। ओकरे लगे अंगूर क इ बागीचा बहोत उपजाऊ पहाड़ी पइ अहइ।
2 मोर मीत धरती खोदेस अउ काँकड़ पाथर हटाइके ओका साफ किहेस अउर हुवाँ पइ अंगूरे क उत्तिम बेलन रोपि दिहस। फुन खेत क बीच मँ उ अंगूर क रस निकारइ क वुण्ड बनाएस। मीत क आसा रही कि हुवाँ उत्तिम अंगूर होइहीं। किन्तु हुवाँ जउन अंगूर लाग रहेन उ सबइ बुरा रहेन।
3 तउ परमेस्सर कहेस: “हे यरूसलेम क लोगो, अउर यहूदा क बसइयो, मोर अउ मोरे अंगूर क बाग क बारे मँ निर्णय करा।
4 मइँ अउर क आपन अंगूर क बाग क बरे कइ सकत रहेउँ? मइँ उ सब किहेउँ जउन कछू भी मइँ कइ सकत रहेउँ। मोका उत्तिम अंगूरन क लगइ क आसा रही, किन्तु हुवाँ अंगूर बुरे ही लागेन। इ अइसा काहे भवा?
5 अब मइँ तोहका बताउब कि आपन अंगूर क बगीचा बरे मइँ का कछू करउँ:उ कँटेहरी झाड़ी जउन खेते क रच्छा करत ह मइँ उखाड़ि देब, अउर ओन झाड़ियन क आगी मँ बारि देबउँ। पाथर क परकोटा तोड़िके भहराइ देब। बगिया क रौंदि दीन्ह जाइ।
6 मइँ अंगूरे क बगीचे क खाली खेते मँ बदली देबउँ। कउनो पउधन क काटा-छाँटा नाहीं जाइ अउर नाहीं वुदाल स मिटी क खोदी जाइ। ऍह बरे हुवाँ सिरिफ काँटा अउर खरपतवार उगीहीं। मइँ बादरन क आदेस देब कि उ सबइ हुवाँ न बरिसइँ।”
7 सर्वसवतीसाली यहोवा क अंगूरे क बगीचा इस्राएल क रास्ट्र अहइ, अउर अंगूरन क बेलन यहूदा क राजा अहइँ। यहोवा निआव क आसा किहे रहा, किन्तु हुवाँ हत्तिरा दबदबा रही। यहोवा निस्पच्छता क आसा किहस, किन्तु हुवाँ बस मदद माँगइवालन क रोना रहा जेनके संग जुल्म कीन्ह गवा रहा।
8 सराप ओनका जउन मकान दर मकान लेत ही चला जात हीं अउर एक खेत क पाछे दूसर खेत अउर दूसर क पाछे तीसर खेत तब तलक घेरत ही चला जात हीं जब तलक कउनो अउर बरे कछू भी जगह नाहीं बची रहत। अइसे लोगन क इ भूइँया मँ अकेले ही रहइ पड़ी।
9 सर्वसवतीसाली यहोवा क मइँ मोहसे इ कहत भए सुना ह, “अब लखा हुवाँ बहोत सारे भवन अहइँ किन्तु मइँ तोहसे कसम लइके कहत हउँ कि उ सब सबहिं भवन नस्ट कइ दीन्ह जइहीं। अबहिं हुवाँ बड़के बड़के भव्य भवन अहइँ किन्तु उ सबइ भवन उजड़ जइहीं।
10 उ समय दस एकड़ भुइँया क अंगूरन स एक ही बेरल दाखरस तइयार होइ, अउर दस बोरी बिअन स एक बोरी अनाज पइदा होइ।”
11 तू पचन्क धिवकार अहइ, तू लोग अलख भिन्सारे उठत ह अउर अब सराब पिअइ क ताक मँ रहत ह। राति क देर तलक जागत भए दाखरस पिअके धुत होत अहा।
12 तू आपन प्रतिभोज मँ दाखरस पीअत ह अउर वीणा, ढोल, बाँसुरी अउर अइसे ही दूसर बाजन यत्रं स संगीत सुनत ह तू पचे ओन बातन पइ दृस्टि नाहीं डउत्या जेनका यहोवा किहस ह! तू उ चिजियन क भी नाहीं लखेस ह जेका यहोवा आपन हाथन स बनाएस ह। ऍह बरे तू लोगन बरे इ बहोत बुरा होइ।
13 यहोवा कहत ह, “मोरे लोगन क बंदी बनाइके कैदी क रूप मँ लइ जावा जाइ, काहेकि उ पचे मोका नाहीं जानतेन। अउ महत्वपूर्ण लोग भूख स झूझत रही। अउर आम लोग बहोत पियासा होइ जइहीं।”
14 फुन ओनकर मउत होइ जाइ अउर सियोल, जियादा स जियादा लोगन क निगलि जाइ। मउत क उ प्रदेस आपन असीम मुँह पसारी अउर उ पचे सबहिं महत्वपूर्ण अउर साधारण लोग अउर हुल्लड़ मचावत उ पचे सबहिं खुसियन मनावत अउर सियोल मँ धँसि जइहीं।”
15 ओन लोगन क नीच देखाँवा जाइ। उ सबइ बड़के लोग आपन मूँड़ नीचे लटकाए धरती कइँती लखिहीं।
16 सर्वसवतीसाली यहोवा निआव क संग निर्णय देइ, अउर लोग जान लेइहीं कि उ महान अहइ। पवित्तर परमेस्सर ओन बातन क करी जउन उचित अहइँ, अउर लोग ओका आदर देइहीं।
17 इस्राएल क लोगन स परमेस्सर ओनका आपन देस छोड़वाइ देइ। धरती वीरान होइ जाइ। भेड़िन जहाँ चइहीं, चली जइहीं। उ धरती जउन कबहुँ धनवान लोगन क रही, ओह पइ भेड़िन घूमा करिहीं।
18 ओन लोगन क बुरा होइ, उ पचे आपन अपराध अउर आपन पापन क आपन पाछे अइसे ढोवत अहइँ जइसे लोग रस्सन स छकड़न हींचत हीं।
19 ओह, तू कहत हीं, “ओका उ हाली करी द्या जे उ करइ बरे जात अहा, ताकि हम एकॉ लख सकत हीं! यहोवा जउन चाहत ह ओका होइ द्या ताकि हम जान सकि कि असल मँ इ का अहइ!”
20 ओन लोगन क बुरा होइ जउन कहा करतेन कि अच्छी बातन बुरी अहइँ, अउर बुरी बातन अच्छी अहइँ। उ सबइ लोग सोचा करत हीं कि प्रकास अँधेरा बाटइ, अउर अँधेरा प्रकास अहइ। ओन लोगन क विचार अहइ कि कड़ुवा, मीठ अहइ अउर मीठ कड़ुवा अहइ।
21 बुरा होइ ओन अभिमानियन क जउन खुद क बहोत चतुर मानत हीं। वे पचे सोचा करत हीं कि उ पचे बहोत बुद्धिमान अहइ।
22 बुरा होइ ओनकर जउन दाखरस पिअइ बरे जाना माना जात हीं। दाखरस क मिस्रन मँ जेनका वुसलता हासिल अहइ।
23 अउर यदि तू पचे ओन लोगन क रिस्वत दइ द्या तउ उ पचे एक अपराधी क भी छोड़ देइहीं। किन्तु उ पचे अच्छे मनई क भी निस्पच्छता स निआव नाहीं होइ देतेन।
24 अइसे लोगन क साथ बुरी बातन घटिहीं। ओनकर सन्तान पूरी तरह वइसे ही बर्बाद होइ जइहीं जइसे घास फूस आगी मँ बारि दीन्ह जात हीं। ओनकर सन्तान उ वंद मूल क तरह नस्ट होइ जइहीं जउन मरिके धूरि बन जात ह। ओनकर सन्तान अइसे बर्बाद कइ दीन्ह जइहीं जइसे आगी फूलन क बारि डावत ह अउर ओकर राखी हवा मँ उड़ि जात ह।अइसे लोग सर्वसवतीसाली यहोवा क उपदेसन क पालन करइ स इन्कार कइ दिहन ह। ओ लोग इस्राएल क पवित्तर परमेस्सर क कथन स बइर किहन ह।
25 एह बरे यहोवा आपन लोगन स बहोत जियादा कोहाइ गवा ह। यहोवा आपन हाथ उठाएस अउर ओनका दण्ड दिहस। हिआँ तक कि पर्वत भी डेराइ ग रहेन। गलियन मँ वूड़न क तरह ल्हासन बिछी पड़ी रहिन। किन्तु यहोवा अबहिं भी कोहान अहइ। ओकर हाथ लोगन क दण्ड देइ बरे अबहिं भी उठा भवा बाटइ।
26 लखा! परमेस्सर दूर देसन क लोगन क संकेत देत अहइ। परमेस्सर एक ठु झण्डा उठावत अहइ, अउर ओन लोगन क बोलावइ बरे सीटी बजावत अहइ। कउनो दूर देस स दुस्मन आवत अहइ। उ दुस्मन हाली ही देस मँ घुसि आइ। उ पचे बड़ी तेजी स अगवा बढ़त अहइँ।
27 दुस्मन कबहुँ थका नाहीं करत या कबहुँ नीचे नाहीं गिरत। दुस्मन कबहुँ न तउ ओंघात ह अउर न ही सोवत ह। ओनकर हथियारन क कमर बंद सदा कसा रहत हीं। ओनकर जूतन क तस्मन कबहुँ टूटतेन नाहीं ह।
28 दुस्मन क बाण पैना अहइँ। ओनकर सबहिं धनुस बाण छोड़इ बरे तइयार अहइँ। ओनकर घोड़न क खुर चट्टानन जइसे कठोर अहइँ। ओनकर रथन क पाछे धूरि क बादर उठा करत हीं।
29 दुस्मन गरजत ह, अउर ओनकर गरजब सेर क दहाड़ क जइसा अहइ। उ ऍतना तीव्र अहइ जेतना जवान सेर क गरजब। दुस्मन जेनके खिलाफ जुद्ध करत अहइ ओनके ऊपर गुर्गत ह अउर ओन पइ झपट पड़त ह। उ ओनका हुवाँ स घसीट लइ आवत ह अउर हुवाँ बचावइवाला कउनो नाहीं होत। किन्तु ओनके बच पावइ क कउनो वजह नाहीं।
30 तउ, उ दिन उ ‘सिंह’ समुद्दर क तरगन क नाईर् दहाड़न मारी अउर बंदी बनाए गए लोग धरती ताकत रहि जइहीं, अउर फुन हुवाँ अँधेरा अउर दुःख ही रहि जाइ। इ घने बादर मँ समूचइ प्रकास अँधेरा मँ बदलि जाइ।
Isaiah 6
1 जउने बरिस उज्जिय्याह क मउत भइ, मइँ आपन अद्भुत सुआमी क दर्सन किहेउँ। उ एक बहोत ऊँच सिंहासन पइ विराजमान रहा। ओकर लम्बे चोगे स मंदिर भर गवा रहा।
2 यहोवा क चारिहुँ कइँती साराप सरगदूतन खड़ा रहेन। हर साराप सरगदूतन क छ: छ: पंख रहेन। एनमाँ स दुइ पंखन क प्रयोग उ पचे आपन मुँह क ढकइ क बरे किया करत रहेन अउर दुइ पंखन क प्रयोग आपन गोड़न क ढकइ बरे करत रहेन अउर दुइ पंखन क उ पचे उड़इ क कामे मँ लिआवत रहेन।
3 हर सरगदूत दूसर सरगदूत स गोहराइ गोहराइ के कहत रहेन, “पवित्तर, पवित्तर, पवित्तर सर्वसवतीसाली यहोवा परम पवित्तर अहइ। यहोवा क महिमा सारी धरती पइ फइली अहइ।” सरगदूतन क वाणी क स्वर बहोत ऊँच रहेन।
4 सरगदूतन क आवाज स दुआरे क चौखटन हिल उठिन अउर फुन मंदिर धुआँ स भरइ लाग।
5 मइँ बहोत डेरा गएउँ। मइँ कहेउँ, “अरे, नाहीं। मइँ तउ बर्बाद होइ जाब। मइँ ओतॅॅना सुद्ध नाहीं हउँ कि परमेस्सर स बातन करउँ अउर मइँ अइसे लोगन क बीच रहत हउँ जउन ओतने सुद्ध नाहीं अहइँ कि परमेस्सर स बातन कइ सकइँ। किन्तु फुन भी मइँ उ राजा, सर्वसवतीमान यहोवा क दर्सन कइ लिहेउँ ह।”
6 हुवाँ वेदी पइ आगी बरत रही। ओन साराप सरगदूतन मँ स एक उ आगी मँ स चिमटा स एक दहकत भवा कोइला उठाइ लिहेउँ।
7 तब उ दहकत भए कोइला स मोरे मुँहे क धुआइ दिहस अउर कहेस, “जब इ दहकत कोइला तोहरे ओंठन क छुइ, तउ तू जउन बुरे करम किह्या ह, उ सबइ तोहमाँ स खतम होइ जाइ अउर तोहार पाप धोइ जाइ।”
8 एकरे पाछे मइँ आपन यहोवा आवाज सुनेउँ। यहोवा कहेस, “मइँ केका पठइ सकत हउँ? हमरे बरे कउन जाइ?” तउ मइँ कहेउ, “मइँ हिआँ हउँ। मोका पठवा।”
9 फिन यहोवा बोला, “जा अउर लोगन स कहा, ‘धियान स सुना, किन्तु समुझा जिन। निआरे स लखा, किन्तु बूझा जिन।’
10 लोगन क लोगन क समझइ क छमता क कठिन कइ द्या। ओनका सुनन मँ मुसकिल कइ देइ अउर लखइ नाहीं सकी। जदि तू अइसा नाहीं करब्या, तउ होइ सकत ह उ आपन आँखन स लखि सकत ही, आपन कानन स सुनि सकत हीं, अउर आपन हिरदइ स समुझ सकत हीं अउर तउ उ पचे पछतावा करी अउर चिकित्सा पाइ।”
11 मइँ फुन पूछेउँ, “सुआमी, मइँ अइसा कब तक करत रहउँ?”यहोवा जवाब दिहेस, “तू तब तलक अइसा करत रहा, जब तलक देस उजरिके बर्बाद न होइ जाइ।”
12 यहोवा लोगन क दूर चले जाइ पइ मजबूर करी। इ देस मँ बड़के-बड़के छेत्र उजड़ जइहीं।
13 उ देस मँ सिरिफ दस प्रतिसत लोग ही बचा रहि जइहीं, अउर दुस्मन ओका बर्बाद करइ बरे फुन स आइ।इ सबइ लोग बँझ बृच्छ क नाईर् होइहीं। जब उ काट दिहे जाइ अउ ओकर सिरिफ ठूँठ बचा रहि जात ह, उ ठुँठ फुन स नवा टहरी उगात ह अउर एकॉ डार बनाइ डावत ह। इ ठुँठ पवित्तर बिया स बढ़ेस ह।
Isaiah 7
1 आहाज, योताम क पूत रहा। योताम उज्जिय्याह क पूत रहा। ओनहीं दिनन मँ रसीन आराम क राजा भवा रहा अउर इस्राएल पइ रमल्याह क पूत पेकह राजा रहा। जउने दिनन यहूदा पइ आहाज सासन करता रहा, रसीन अउ पेकह जुद्ध बरे यरूसलेम पइ चढ़ बइठेन। किन्तु उ पचे इ सहर क हराइ नाहीं सकेन।
2 दाऊद क साही घराना क इ सँदेसा मिला, “आराम अउ इस्राएल क फउजन आपुस मँ मिली गए रहेन अउर एक संग सिबिर लगाएस ह।”राजा आहाज जब इ खबर सुनेस तउ उ अउर ओकर प्रजा बहोत डेराइ गएन। उ पचे आँधी मँ हिलत भए जंगल क बृच्छन क नाईर् डर स काँपइ लागेन।
3 तबहिं यसायाह स यहोवा कहेस, “तोहका अउर तोहार पूत सार्यासूब क आहाज क लगे जाइके बतियाइ चाही। तू उ ठउरे पइ आवा, जहाँ ऊपर क तलाव मँ पानी गिरा करत ह। इ उ गली मँ अहइ जउन धोबी-घाट कइँती जात ह।
4 “आहाज स जाइके कह्या, ‘होसियार रहा, किन्तु साथ ही सान्त भी रहा। डेराअ जिन। ओन दुइनउँ मनइयन रसीन अउ रमल्याह क पूतन स जिन डेराअ। उ पचे दुइ मनई तउ बरी भइ काठन क नाईर् अहइँ। पहिले उ पचे दहका करत रहेन किन्तु अब उ पचे, बस धुआँ मात्र रहि ग अहइँ। रसीन, आराम अउ रमल्याह क पूत कोहान अहइँ।
5 आराम, एप्रैम क प्रदेसन अउ रमल्याह क पूत तोहरे खिलाफ सबइ योजना बनाइ रखे अहइँ। उ पचे कहेन,
6 हमका यहूदा पइ चढ़ाई करइ चाही। हम अपने बरे ओका बाँटि लेब। हम ताबेल क पूत क यहूदा क नवा राजा बनाउब।”‘
7 मोर सुआमी यहोवा क कहब बाटइ, “ओकर योजना सफल नाहीं होइ। उ कबहुँ पूरी नाहीं होइ।
8 जब तलक दमिस्क क राजा रसीन अहइ, तब तलक इ नाहीं घटी। इस्राएल अब एक ठु रास्ट्र अहइ किन्तु पैसंठ बरिस क भीतर इ एक रास्ट्र नाहीं रही।
9 जब तलक इस्राएल क राजधानी सोमरीन अहइ अउर जब तलक सोमरोन क राजा रमल्याह क पूत बाटइ तब तलक ओनकर सबइ योजना सफल नाहीं होइहीं। जदि इ संदेस पइ तू बिस्सास नाहीं करब्या तउ लोग तोह पइ बिस्सास नाहीं करिहीं।”
10 यहोवा आहाज स आपन बात जारी राखत भए कहेस,
11 यहोवा बोला, “इ सबइ बातन फुरइ अहइँ, एका खुद साबित करइ बरे कउनो संकेत माँग ल्या। तू जइसा भी चाहा वइसा संकेत माँग सकत ह। उ संकेत चाहे गहिरे मउत क पहँटा स होइ अउर चाहे आकासन स भी ऊँच कउनो ठउरे स।”
12 किन्तु आहाज कहेस, “सबूत क रूप मँ मइँ कउनो संकेत नाहीं माँगब। मइँ यहोवा क परीच्छा नाहीं लेब।”
13 तब यसायाह कहेस, “हे दाऊद क साही परिवार, होसियार होइके सुना। तू लोगन क धीरज क परीच्छा लेत अहा। का इ तोहरे बरे काफी नाहीं अहइ, अब तू मोर परमेस्सर क परीच्छा लेत अहा?
14 ऍह बरे, मोर सुआमी परमेस्सर तू पचन्क इ संदेसा देब:लखा जवान लड़की क! उ गर्भवती अहइ। उ एक ठु पूत क जनम देइ। उ इ पूत क नाउँ इम्मानुएलराखी।
15 इम्मानुएल दहिउ अउ सहद खाइ। उ इहइ तरह रही जब तलक उ इ नाहीं सीख जात उत्तिम क चुनब अउर बुरे क नकारब।
16 किन्तु जब तलक उ भला क चुनब अउर बुरे क तजब जानी एप्रैम अउ आराम क धरती उजाड़ होइ जाइ।“आजु तू ओन दुइ राजा लोगन स डेरात अहा।
17 किन्तु तोहका यहोवा स डेराइ चाही। काहेकि यहोवा तोह पइ बिपत्ति क समय लिआवइवाला अहइ। उ सबइ विपत्तियन तोहरे लोगन पइ अउर तोहरे पचन्क पिता क परिवारे क लोगन पइ अइहीं। विपत्ति क इ समय ओन सबहिं विपत्तियन मँ जियादा बुरा होइ जउन समइ एप्रैम यहूदा स अलग भवा ह, तब स अबइ तलक घटी बाटइ। एकरे बरे परमेस्सर का करी? परमेस्सर अस्सूर क राजा क तोहसे लड़ावइ बरे लिआइ।
18 “उ समय, यहोवा ‘माखियन क बुलाइ। (फिलहाल उ सबइ माखियन मिस्र क जलधारन क निअरे अहइँ।) अउर यहोवा ‘मधुमाखियन’ क बुलाइ। (फिलहाल उ सबइ मधुमाखियन अस्सूर देस मँ रहत हीं।) इ सबइ दुस्मन तोहरे देस मँ अइहीं।
19 इ सबइ दुस्मन चट्टानी छेत्रन मँ, रेगिस्ताने मँ जल धारन क निअरे झाड़ियन क आस-पास अउर पानी पिअइ क जगहन क इर्द-गिर्द आपन डेरन डइहीं।
20 यहोवा यहूदा क दण्ड देइ बरे अस्सूर क प्रयोग करी। अस्सूर बलेड क नाई प्रयोग करी बरे भाड़े पइ लेइ जाइ। इ अइसा होइ जइसे यहोवा यहूदा क मूँड़ अउ गोड़े क बाल क मूड़न करत होइ। इ अइसा होइ जइसे यहोवा यहूदा क दाढ़ी मूँड़त होइ।
21 “उ समय, एक मनई बस एक जवान गाय अउ दुइ भेड़न ही बस जिअत रखि पाइ।
22 उ सबइ सब ऍतना दूध देइहीं जउन उ मनई क दहिउ खाइ बरे काफी होइ। उ देस मँ बाकी बचा भवा हर मनई दहिउ अउर सहद ही खावा करी।
23 आजु इ धरती पइ हर खेते मँ एक हजार अंगूरे क बेलन अहइँ। अंगूरे क हर बगिया क कीमत एक हजार चाँदी क सिवका क बराबर अहइँ। किन्तु एन खेतन मँ खरपतवार अउर काँटन भरि जइहीं।
24 इ धरती जंगली होइ जाइ अउर ओकर प्रयोग एक सिकारघर क रूप मँ ही होइ सकी।
25 एक समय रहा जब एन पहाड़ियन पइ लोग काम किया करत रहेन अनाज पइदा करत रहेन। किन्तु उ समय लोग हुआँ नाहीं जावा करिहीं। उ धरती खरपतवारन अउर काँटन स भरि जाइ। ओन ठउरन पइ बस भेड़िन अउर मवेसी ही घूमा करिहीं।”
Isaiah 8
1 यहोवा मोसे कहेस, “लिखइ बरे माटी क बड़की स तख़्ती ल्या अउर ओह पइ सुआ स इ लिखा, महेर्शालाल्हशबज (अर्थात् ‘हिआँ हाली ही लूटमार अउ चोरियन होइहीं।”‘)
2 मइँ कछू अइसे लोग बटोरेउँ जिन पइ साच्छी होइ बरे बिस्सास कीन्ह जाइ सकत रहा। इ सबइ लोग रहेन याजक ऊरिय्याह जकर्याह जउन जेबरेक्याह क पूत रहा। उ लोग मोका निहारत रहेन जउन टेम मँ मइँ ऍन बातन क लखे रहेन।
3 फुन मइँ ओन नबिया क लगे गएउँ। मोर ओकरे संग संग रहइ क पाछे, उ गर्भवती भइ अउर ओकरे एक पूत भवा। तब यहोवा मोसे कहेस, “तू बेटवा क नाउँ महेर्शालाल्हशबज राखा।
4 काहेकि एहसे पहिले कि बचवा, ‘महतारी’ अउर ‘बाप’ कहब सीखइ, ओहसे पहिले ही दमिस्क अउ सोमरोन क समूचइ धनदौलत क छोरि लेइ अउर ओन वस्तुअन क अस्सूर क राजा क दइ देइ।”
5 यहोवा मोसे फुन कहेस।
6 मोर सुआमी कहेस, “इ सबइ लोग सीलोह क तालाब स सान्त पानी क लेइ स इन्कार करत हीं। इ सबइ लोग रसीनअउ रमल्याह पूत क असान्त पानी क लेइ क प्राथमिकता दिहेस।
7 किन्तु एह बरे मइँ, यहोवा, अस्सूर क राजा अउर ओकर समूची सवती क तोहरे विरोध मँ लइके आउब। उ पचे परात नदी क खउफनाक बाढ़ क तरह अइहीं। इ अइसा होइ जइसे किनारन क तोड़त बोरत नदी उफना पड़त ह।
8 जउन पानी उ नदी स उफनिके निकरी उ यहूदा मँ भरि जाइ अउर यहूदा क प्राय: बोर देइ।“इम्मानूएल, इ बाढ़ क पानी तब तलक फइलत चली जाइ जब तलक तोहरे पचन्क समूचइ देस मँ बाढ़ न आ जाइ।”
9 हे जातियो, तू सबहिं जुद्ध बरे तइयार रहा। तू पचन्क हराइ दीन्ह जाइ। अरे, सुदूर क देसो, सुना, तू सबहिं जुद्ध बरे तइयार रहा। तू पचन्क हराइ दीन्ह जाइ।
10 आपन जुद्ध क जोजनन क रचा। तोहार जोजनन हराइ दीन्ह जइहीं। तू अपनी फउजन क हुवुम द्या। तोहार उ सबइ हुवुम बेकार होइ जइहीं। काहेकि परमेस्सर हमार संग अहइ।
11 यहोवा आपन महान सवती क संग मोसे कहेस। यहोवा मोका चितउनी दिहस कि मइँ एन दूसर लोगन क नाईर् न बनउँ। यहोवा कहेस,
12 “तू पचन क इ नाहीं सोचइ चाही कि इ सडयंत्र सिरिफ इ कारण स रचा गवा अहइँ कि लोग अइसा कहत ह! नाहीं, तू पचन क उ बातन स डेरात नाहीं चाही जे बातन स उ पचे डेरात अहइँ।”
13 तू पचन्क बस सर्वसवतीमान यहोवा स डेराइ चाही। तू पचन्क बस उहइ क आदर करइ चाही। तू पचन्क उहइ स डेराइ चाही।
14 जदि तू पचे यहोवा क आदर रखब्या अउर ओका पवित्तर मनब्या तउ उ तोहरे पचन बरे एक ठु सुरच्छित ठउर होइ। किन्तु तू पचे ओकर आदर नाहीं करत्या। एह बरे परमेस्सर एक ठु अइसी चट्टान होइ ग अहइ जेकरे ऊपर तू लोग भहराब्या। उ एक अइसी चट्टान होइ ग अहइ जेह पइ इस्राएल क दुइ परिवार ठोकर खइहीं। यरूसलेम क सबहिं लोगन क फँसावइ बरे उ एक फन्दा बन गवा ह।
15 (इ चट्टान पइ बहोत स लोग भहरइहीं। उ पचे गिरहीं अउर चकनाचूर होइ जइहीं। उ पचे जाल मँ पड़ितीं अउर धइ लीन्ह जइहीं।)
16 यसायाह कहेस, “एक ठु समझौता करा अउर ओह पइ मोहर लगाइ द्या। भविस्स बरे, मोरे उपदेसन क रच्छा करा। मोर चेलन क लखत भए क टेँम ही अइसा करा।
17 उ वाचा इ अहइ:मइँ सहायता पावइ बरे यहोवा क प्रतीच्छा करब। यहोवा याकूब क घराने स लज्जित अहइ। उ ओनका लखइ तलक नाहीं चाहत ह। किन्तु मइँ यहोवा क प्रतीच्छा करब। उ हमार रच्छा करी।
18 “मइँ अउर मोर बच्चा इस्राएल क लोगन बरे संकेत अउर प्रमाण अहइँ। हम उ सर्वसवतीमान यहोवा क जरिये पठवा ग अहइ, जउन सिय्योन पर्वते पइ रहत ह।”
19 कछू लोग कहा करत हीं, “भविस्स बतावइवालन अउर जादूगरन स पूछा, ‘का करब अहइ?” (इ सबइ भविस्स बतावइवालन अउर जादूगर फुस-फुसाइके बोलत हीं। इ सबइ लोगन पइ इ प्रभाव डावइ बरे कि ओनके लगे अर्न्तदृस्टि अहइँ, उ पचे चुपचाप बातन करत हीं।) किन्तु मइँ तू पचन्क बतावत हउँ कि लोगन क आपन परमेस्सर स सहायता माँगइ चाही। उ पचे भविस्स बतावइवालन अउर जादूगर मरे भए लोगन स पूछिके बतावत हीं कि का करइ चाही? किन्तु भला जिअत लोग मरे भएन स कउनो बात काहे पूँछइ।
20 तू पचन्क सिच्छन अउर वाचा क अनुसार चलइ चाही। जदि तू पचे एन हुवुमन क पालन नाहीं करब्या तउ होइ सकत ह तू गलत हुवुमन क पालन करइ लागा। (इ सबइ हुवुमन उ सबइ अहइँ जउन जादूगरन अउ भविस्स बतावइवालन क जरिये मिलत हीं। इ सबइ हुवुमन बेकार अहइँ। ओन हुवुमन पइ चलिके तू पचन्क कछू नाहीं मिली।)
21 जदि तू पचे ओन गलत हुवुमन पइ चलब्या, तउ तोहरे पचन्क देस पइ विपत्ति आइ अउर भूखमरी फइली। लोग भूखा मरिहीं। फुन उ पचे कोहाइ जइहीं अउर आपन राजा अउर आपन देवतन क खिलाफ बातन कहिहीं। एकरे पाछे उ पचे मदद बरे परमेस्सर कइँती निहरिहीं।
22 अगर आपन देस मँ उ पचे चारिहुँ तरफ लखिहीं तउ ओनका चारिहुँ कइँती विपत्ति अउर चिन्ताजनक अँधियारा ही देखाइ देइ। लोगन्क उ अंधकार स भरा दुःख ओनका देस तजइ पइ मजबूर करी अउर उ सबइ लोग जउन उ अँधेरे मँ फँसा होइहीं, आपन आपका ओहसे अजाद नाहीं कराइ पइहीं।
Isaiah 9
1 पहिले लोग सोचा करत रहेन कि जबूलून अउर नप्ताली क धरती महत्वपूर्ण नाहीं अहइ। किन्तु पाछे परमेस्सर उ धरती क महान बनाइ। समुद्दर क लगे क धरती पइ, यरदन नदी क पार अउ गलील मँ गैर यहूदी लोग रहत हीं।
2 जदपि आनु इ सबइ लोग अंधकार मँ निवास करत हीं, किन्तु एनका महान प्रकास रूप मँ दर्सन होइ। इ सबइ लोग एक अइसे अँधियारा मँ रहत हीं जउन मउत क देस क नाईर् अहइ। किन्तु उ “अद्भुत जोति” ओन पइ प्रकासित होइ।
3 तू इ जाति क बढ़ोतरी करब्या, का तू नाहीं करब्या? तू ओकर खुसहाली क बढ़ाउब्या, का इ सही नाहीं अहइ? इ सबइ लोग तोहार मोजूदगी मँ अइसे ही खुस होइ जइसे लोग कटनी क समय पइ खुस होत ह, या इ सबइ वइसी ही खुस होइ जइसी जुद्ध मँ लूटा भवा चिजियन क आपुस मँ बाँटइ क समइ मँ खुसी मनावत हीं।
4 अइसा काहे होइ? काहेकि तू पचन्क इ भारी जूए क तोड़ी देब्या जउन अत्याचारी लोग तोहार कंधा पइ धरेस ह। तू पचे एकॉ वइसा ही हराउब्या जइसा तू पचे मिद्यानियन क हराए रह्या!
5 हर उ कदम जउन जुद्ध मँ आगे बढ़ा, बर्बाद कइ दीन्ह जाइ। हर उ वर्दी जेइ पउ लहू क धब्बन बाटेन, बर्बाद कइ दीन्ह जाइ। इ सबइ वस्तुअन आगी मँ झोंकि दीन्ह जइहीं।
6 इ सब कछू तब घटी जब उ बिसेस बच्चा क जनम होइ। परमेस्सर हमका एक ठु पूत प्रदान करी। इ पूत लोगन क अगुवाइ बरे उत्तरदायी होइ। ओकर नाउँ होइ: “अद्भुत, उपदेसक, सामर्थी परमेस्सर, पिता चिर अमर अउ सान्ति क राजवुमार।”
7 ओकरे राज्ज मँ सवती अउर सान्ति क निवास होइ। दाउद क बंसज, उ राजा क राज्ज क लगातार विकास होत रही। उ राजा नेकी अउ निस्पच्छ निआव क आपन राज्ज क सासन मँ हमेसा हमेसा उपयोग करत रही।उ सर्वसवतीमान यहोवा आपन प्रजा स गहिर पिरेम राखत ह अउर ओकर इ गहिर पिरेम ही ओहसे अइसे काम करवावत ह।
8 याकूब क लोगन क खिलाफ मोर यहोवा एक आग्या दिहेस। इस्राएल क खिलाफ दीन्ह गइ उ आग्या क पालन होइ।
9 तब एप्रैम क हर मनई क अउर हिआँ तलक कि सोमरोनक मुखिया लोगन क इ पता चलि जाइ कि परमेस्सर ओनका सजा दिहे रहा। आजु उ सबइ लोग अभिमानी अउ बड़बोला अहइँ। उ सबइ लोग कहा करत हीं,
10 “होइ सकत ह इ सबइ ईरटन भहराइ जाइँ किन्तु हम एकर अउर जियादा मजबूत पाथरन स निर्माण करब। सम्भव अहइ इ सबइ नान्ह नान्ह बृच्छ काट गिराव जाइँ। किन्तु हम नवा नवा बृच्छ खड़ा कइ देब अउर इ सबइ बृच्छ बिसाल तथा मजबूत बृच्छ होइहीं।”
11 तउ यहोवा इस्राएल क लोगन क खिलाफ जुद्ध करइ बरे हुसकाइ। यहोवा रसीन क सत्रुअन क ओनकर विरुद्ध लइ आई।
12 यहोवा पूरब स आराम क लोगन क अउ पच्छिम स पलिस्तियन क लिआइ। उ सबइ सत्रु आपन फउज स इस्राएल क हराइ देइहीं। किन्तु परमेस्सर इस्राएल स तब भी वुपित रही। यहोवा तब भी लोगन क सजा देइ क तत्पर रही।
13 परमेस्सर लोगन क सजा देइ, किन्तु उ पचे फुन भी पाप करब नाहीं छोड़िहीं। उ पचे परमेस्सर कइँती नाहीं मु़डिहीं। उ पचे सर्वसवतीमान यहोवा क अनुसरण नाहीं करिहीं।
14 तउ यहोवा इस्राएल क मूँड़ अउ पूँछ काट देइ। एक ही दिन मँ यहोवा ओकर साखा अउर ओकरे तने क लइ लेइ।
15 (हिआँ मूँड़ क अरथ अहइ अग्रज तथा महत्वपूर्ण अगुवा लोग अउर पूँछ स अरथ अहइ अइसे नबी जउन झूठ बोला करत हीं।)
16 उ सबइ लोग जउन अगुवाइ करत हीं ओनका बुरे मारग पइ लइ जात हीं। जउन लोग ओनके पाछे चलत हीं, बर्बाद कइ दीन्ह जइहीं।
17 इ सबइ सबहिं लोग दुस्ट अहइँ। एह बरे यहोवा एन युवकन स खुस नाहीं अहइ। यहोवा ओनकर राँड़ अउरत अउ ओनकर अनाथ लरिकन पइ दाया नाहीं करी। काहेकि इ सबइ लोग दुस्ट अहइँ। इ सबइ लोग अइसे काम करत हीं जउन परमेस्सर क खिलाफ अहइँ। इ सबइ लोग झूठ बोलत हीं। तउ परमेस्सर एन लोगन क बरे वुपित बना रही अउ सजा देत रही।
18 बुराई एक ठु छोटकी सी आगी अहइ, आगी पहिले घास फूस अउर काँटन क बारत ह, फुन उ बड़की बड़की झाड़ियन अउ जंगल क बारइ लागत ह अउर अंत मँ जाइके उ बियापक आगी का रूप लइ लेत ह अउर हर वस्तु छुआँ बनिके ऊपर उड़ि जात ह।
19 सर्वसवतीमान यहोवा वुपित अहइ। एह बरे इ प्रदेस भसम होइ जाइ। उ आगी मँ सबहिं लोग भसम होइ जइहीं। कउनो मनई आपन भाई तलक क बचावइ क जतन नाहीं करी।
20 तब ओनके आस-पास, जउन भी कछू होइ, उ पचे ओका जब दाहिन कइँती लेइहीं, या बाईर् कइँती स लेइहीं, भूखा ही रइहीं। फुन उ सबइ लोग आपुस मँ आपन ही परिवार क लोगन क खाइ लगिहीं।
21 (अर्थात् मनस्से, एप्रैम क खिलाफ लड़ी अउर एप्रैम मनस्से क खिलाफ लड़ाइ करी अउर फुन दुइनउँ ही यहूदा क खिलाफ होइ जइहीं।)यहोवा इस्राएल स अबहिं भी कोहान अहइ। यहोवा ओकर लोगन क सजा देइ बरे अबहिं भी तत्पर अहइ।
Isaiah 10
1 ओन नेम बनावइवालन क लखा अउर जउन अनिआव स भरा नेम बनाइके लिखत हीं। अइसे नेम बनावइवाले अइसे नेम बनाइके लिखत हीं जेहसे लोगन क जिन्नगी दूभर होत ह।
2 उ पचे गरीब लोगन क खिलाफ नेम बतावइ बरे उचित मार्ग स हटत ही। उ पचे राँड़ क जब्त करत हीं अउर अनाथन क हिआँ चोरी करत हीं।
3 अरे ओ, नेम क बनावइवालो, जब तू पचन्क, जउन काम तू पचे किहा ह, ओनकर हिसांब देइ क होइ तब तू पचे का करब्या? सुदूर देस स तोहार पचन्क बिनास आवत अहइ। मदद बरे तू पचे केकरे लगे दउड़ब्या? तोहार पचन्क धन अउर तोहार पचन्क सम्पत्ति तोहार सबन्क रच्छा नाहीं करि पइहीं।
4 तू पचन्क एक ठु बंदी क नाईर् खाले निहुरइ ही होइ। तू पचे मुर्दा क नाईर् धरती मँ भहराइके प्रणाम करब्या किन्तु ओहसे तू पचन्क कउनो मदद नाहीं मिली। परमेस्सर तब भी वुपित रही। परमेस्सर तू पचन्क दण्ड देइ बरे तब भी तत्पर रही।
5 परमेस्सर कही, “मइँ एक छड़ी क रूप मँ अस्सूर क प्रयोग करब। मइँ किरोध मँ भरिके इस्राएल क सजा देइ बरे अस्सूर क प्रयोग करब।
6 अइसे लोगन क खिलाफ, जउन पाप करम करत ही जुद्ध करइ बरे मइँ अस्सूर क पठउब। मइँ ओन लोगन स कोहान हउँ अउर ओन लोगन स जुद्ध करइ बरे मइँ अस्सूर क आदेस देब। अस्सूर ओन लोगन क हराइ देइ अउर फुन ओनसे कीमती वस्तुअन छोरी लेइ। अस्सूर बरे इस्राएल गलियन मँ पड़ी उ धूरि जइसा होइ जेहसे उ आपन ओड़न तले रउँदी।
7 “किन्तु अस्सूर इ नाहीं समुझत ह कि मइँ ओकर प्रयोग करब। उ इ नाहीं सोचत कि उ मोर एक साधन अहइ। अस्सूर तउ बस दूसर लोगन क नस्ट करइ चाहत ह। अस्सूर की तउ मात्र इ जोजना अहइ कि उ बहोत स जातियन क नस्ट कइ देइ।
8 अस्सूर आपन मने मँ कहत ह, ‘मोर सबहिं राजवुमार राजा लोगन क समान अहइँ।
9 कलनो नगरी कर्कर्मास क जइसी अहइ अउर हमात नगर अर्पद नगर क जइसा अहइ। सीमरोन क नगरी दमिस्क नगर क जइसी अहइ।
10 मइँ एन सबहिं बुरे राज्जन क हराइ दिहेउँ ह अउर अब एन पइ मोर अधिकार अहइ। जउने मूरतियन क उ पचे लोग पूजा करत हीं, उ पचे यरूसलेम अउ सोमरोन क मूरतियन स जियादा अहइँ।
11 मइँ सोमरोन अउ ओकर मूरतियन क पराजित कइ दिहेउँ। मइँ यरूसलेम अउ ओकर मूरतियन का भी जेनका ओकर लोग बनाएन ह पराजित कइ देबउँ।”‘
12 मोर सुआमी जब यरूसलेम अउ सिय्योन पर्वते क बरे, जउन ओकर योजना अहइ, ओकर बातन क करब खतम कइ देइ, तउ यहोवा अस्सूर क सजा देइ। अस्सूर क राजा बहोत अभिमानी अहइ। ओकर घमंड ओहसे बुरे करम करवाएस ह। तउ परमेस्सर ओका सजा देइ।
13 अस्सूर क राजा कहा करत ह, “मइँ बहोत बुद्धिमान अहउँ। मइँ खुद आपन बुद्धि अउ सवती स अनेक महान कारज किहेउँ ह। मइँ बहोत स जातियन क हराएउँ ह। मइँ ओनकर धन छोर लिहेउँ ह अउर ओनके लोगन क दास बनइ लिहेउँ ह। मइँ एक बहोत सवतीसाली मनई हउँ।
14 मइँ खुद आपन हाथन स ओन सब लोगन क धन दौलत अइसे लइ लिहेउँ ह जइसे कउनो मनई चिरइयन क घोंसलन स अण्डन उठाइ लेत ह। चिरइयन जउन अवसर आपन घोंसलन अउ अण्डन क तजि जात हीं अउर उ घोसंला क रखवारी करइ बरे कउनो भी नाहीं रहि जात। हुवाँ आपन पखनन अउ आपन चोंच स सोर मचावइ अउर लड़ाई करइ बरे कउनो पंछी नाहीं होत। एह बरे लोग अण्डन क उठाइ लेत हीं। इहइ तरह धरती क सबहि लोगन क उठाइ लइ जाइ स रोकइ बरे कउनो भी मनई हुवाँ नाहीं रहा।”
15 वुल्हाड़ा उ मनई स नीक नाहीं होत, जउन वुल्हाड़ा क चलावत ह। कउनो आरा उ मनई स नीक नाहीं होत, जउन उ आरे स काटत ह। किन्तु अस्सूर क विचार अहइ कि उ परमेस्सर स भी जियादा महत्वपूर्ण अउर बलवान अहइ। जउन ओका उठावत ह अउर कउनो क सजा देइ बरे ओकर प्रयोग करत ह।
16 अस्सूर क विचार अहइ कि उ महान अहइ किन्तु सर्वसवतीमान यहोवा अस्सूर क दुर्बल कइ डावइवाली महामारी पठइ अउर अस्सूर आपन धन अउ आपन सवती क वइसे ही खोइ बइठी जइसे कउनो बेराम मनई आपन सवती गँवाइ बइठन ह। फुन अस्सूर क बैभव बर्बाद होइ जाइ। इ उ आगी क समान होइ जउन उ समय तलक बरत रहत ह जब तलक सब कछू खतम नाहीं होइ जात।
17 इस्राएल क प्रकास (परमेस्सर) एक आगी क समान होइ। उ पवित्तरतम लपट क नाईर् होइ। उ उ आगी क दाईर् होइ जउन खरपतवार अउर काँटन क तत्काल बार डावत ह।
18 अउर फुन बढ़िके बड़के बड़के बृच्छन अउर अंगूरे क बगीचन क बार देत ह अउर आखिर मँ सब कछू बर्बाद होइ जात ह हिआँ तलक कि लोग भी। अइसा उ समइ होइ जब परमेस्सर अस्सूर क बर्बाद कइ देइ। अस्सूर सड़त-गलत लट्ठा क जइसा होइ जाइ।
19 जंगल मँ होइ सकत ह थोड़ा स बृच्छ खड़ा रहि जाएँ। पर उ सबइ एतना थोड़ा स होइहीं कि कउनो बच्चा तलक गन सकी।
20 उ समइ, उ सबइ लोग जउन इस्राएल मँ जिअत रइहीं, यानी याकूब क बंस क इ सबइ लोग उ मनई पइ निर्भर नाहीं करत रइहीं जउन ओनका मारत पीटत ह। उ सबइ सचमुच उ यहोवा पइ निर्भर करब सीख जइहीं जउन इस्राएल क पवित्तर परमेस्सर अहइ।
21 याकूब क बंस क उ सबइ बाकी बचे लोग सवतीसाली परमेस्सर क फुन अनुसरण करइ लगिहीं।
22 जद्पि तोहार इस्राएली लोग सागर क रेत कणन क समान अहइँ तब पर ओनमाँ स कछू ही वापस मुड़ आवइ काहेकि परमेस्सर क निआव बाढ़ क नाई आवत हीं जउन हरेक चिजियन क पूरी तरह नास कइ देब।
23 मोर सुआमी सर्वसवतीमान यहोवा, इ प्रदेस क निहचय ही बर्बाद करी।
24 मोर सुआमी सर्वसवतीमान यहोवा कहत ह, “हे! सिय्योन मँ बसइया लोगो, अस्सूर स जिन डेराअ। उ भविस्स मँ तू पचन्क आपनी छड़ी स इ तरह पीटी जइसे पहिले मिस्र मँ तू पचन्क पीटे रहा। इ अइसा होइ जइसे माना तू पचन्क नोस्कान पहोंचावइ बरे अस्सूर कउनो लाठी क प्रयोग करत रहत होइ।
25 किन्तु थोड़े समइ क पाछे मोर किरोध सांत होइ जाइ, मोका संतोख होइ जाइ कि अस्सूर तू पचन्क काफी सजा दइ दिहस ह।”
26 एकरे पाछे सर्वसवतीमान यहोवा अस्सूर क कोड़न स मारी। जइसा पहिले यहोवा जब ओरेब क चट्टान पइ मिद्यानियन क हराए रहा, तब भवा रहा। वइसा ही उ समइ होइ जब यहोवा अस्सूर पइ हमला करी। पहिले यहोवा मिस्र क सजा दिहे रहा। उ समुद्दर क ऊपर छड़ी उठाए रहा अउर मिस्र आपन लोगन क लइ गवा रहा। यहोवा जब अस्सूर स आपन लोगन क रच्छा करी, तब भी अइसा ही होइ।
27 अस्सूर तू पचन्पइ बिपत्तियन लियाइ। उ सबइ बिपत्तियन अइसे बोझन क नाईर् होइहीं, जेनका तू पचन आपन ऊपर एक जुए क रूप मँ उठावइ ही होइ। किन्तु फुन तोहार पचन्क गर्दन पइ उ जुए क उतारके लोकावा जाइ। उ जुआ तोहार पचन्क सवती (परमेस्सर) क जरिये तोरि दीन्ह जाइ।
28 अय्यात क निअरे फउजन प्रवेस होइ। मिस्रोन, मिग्रोन यानी ‘खलिहानन’ क फउजन रउँदि डइहीं। फउजन एकरे खाइ क चीज क ‘कोठिलन’ (मिकमास) मँ रखि देइहीं।
29 ‘पार करइ क ठउर’ (माबरा) स फउजन नदी पार करिहीं। उ सबइ फउजन जेबा मँ राति बितइहीं। रामा डेराइ जाइ। साउल क गिबा क लोग निकरिके परइहीं।
30 हे गल्लीम क पुत्री चिल्ला! हे लैसा सुना! हे, अनातोत मोका जवाब द्या।
31 मदसेना क लोग भागत परात अहइँ। गेबीम क लोग लुकान अहइँ।
32 आजु फउज नोब मँ टिकी अउर यरूसलेम क पर्वते पइ सिय्योन पइ चढ़ाई करइ क तैयारी करी।
33 लखा! हमार सुआमी सर्वसवतीमान यहोवा बिसाल बृच्छ (अस्सूर) क काटि गिराई। यहोवा आपन महान सवती स अइसा करी। बड़के अउर महत्वपूर्ण लोग काट गिरावा जइहीं। उ पचे महत्वहीन होइ जइहीं।
34 यहोवा आपन वुल्हाड़ा स जँगल क काटि डाइ। अउर लबानोन क बिसाल बृच्छ (मुखिया लोग) गिर पड़िहीं।
Isaiah 11
1 एक ठू अंवुर क नाई जे उ पेड़ स उगत ह जउन कटा जात रहा, एक ठू अंवुर (पूत) यिसै क ठुँठ (परिवार) स उगब सुरू होइ। हाँ, इ अब डार यिसै क जड़ स उगी।
2 उ पूत मँ यहोवा क आतिमा होइ। उ आतिमा विवेक, समझबूझ, मार्ग दर्सन अउ सवती क आतिमा होइ। उ आतिमा
3 इ पूत क यहोवा क समुझइ अउर ओकर आदर करइ मँ मदद देइ। उ इ पूत यहोवा क आदर करी अउर एहसे उ खुस होइ।इ पूत वस्तुअन जइसी देखॉइ देत रही होइ, ओकरे अनुसार लोगन क निआव नाहीं करी। उ सुनी, सुनाई क आधार पइ ही निआव नाहीं करी।
4 उ गरीब लोगन क निआव ईमानदारी अउर सच्चाई क साथ करी। धरती क दीन जनन बरे जउन कछू करइ क उ निर्णय लेइ, ओहमाँ उ पच्छपात रहित होइ। जदि उ निर्णय करत ह कि लोगन पइ मार पड़इ तउ उ आदेस देइ अउर ओन लोगन पइ मार पड़ी। जदि उ निर्णय करत ह कि ओन लोगन क मउत होइ चाही तउ उ आदेस देइ अउर ओन दुस्टन क मउत क घाट उतार दीन्ह जाइ। नेकी अउर सच्चाई इ पूत क सवती प्रदान करी। ओकरे बरे नेकी अउर सच्चाई एक अइसे कमर बंद क नाई होइहीं जेका उ आपन कमर क चारिहुँ कइँती लपेटत ह।
5
6 ओकरे सासन काल मँ मेमना अउर जंगली भेड़िया सांति स एक साथ रइहीं। चीता अउ बोकरी क बच्चा एक संग सान्ति स पड़ा रइहीं। बछवन, सेर अउर साँड़ आपुस मँ सान्ति क साथ रइहीं। एक ठु नान्ह सा गदेला ओकर अगुवाई करी।
7 गइयन अउर रीछिन सान्ति क संग संग आपन खइया क खइहीं। ओनकर बच्चन साथे-साथे बइठा करिहीं अउर आपुस मँ एक दूसर क नोस्कान नाहीं पहोंचइही। सेर गइयन क नाईं घास चरिहीं
8 अउर हिआँ तलक कि साँप भी लोगन क नोस्कान नाहीं पहोंचइहीं। काले नाग क बिल क लगे एक गदेला तलक खेल सकी। कउनो भी गदेला बिसैला नाग क बिले मँ हाथ डाइ सकी।
9 इ सबइ बातन देखाँवत हीं कि हुवाँ सब कहूँ सान्ति होइ। कउनो मनई कउनो दूसर क नोस्कान नाहीं पहोंचाइ। मोर पवित्तर पर्वत क लोग वस्तुअन क नस्ट नाहीं करइ चइहीं। काहेकि लोग यहोवा क फुरइ जान लेइहीं। उ सबइ ओकरे गियान स अइसे परिपूर्ण होइहीं जइसे सागर जल स परिपूर्ण होत ह।
10 उ समय यिसै क परिवार मँ एक खास मनई होइ। एक मनई एक झंडा क समान होइहीं। इ ‘झंडा’ देखाँई कि समुचय रास्ट्रन क ओकरे आसपास बटोर जाइ चाही। इ सबइ रास्ट्र ओहसे पूछा करिहीं कि ओनका का करइ चाही? अउर उ ठउर, जहाँ उ होइ, भव्यता स भरि जाइ।
11 अइसे समइ मँ, मोर सुआमी फुन आपन लोगन क एक संग जमा करी। उ आपन लोगन मँ स जिअत भवा क अस्सूर, उत्तरी मिस्र, दविखनी मिस्र, वूस, एलाम, बाबुल, हमात तथा समूचइ संसार मँ फइला भवा अइसे ही सुदूर देसन मँ “वापिस खरीदी।”
12 परमेस्सर सब लोगन बरे संकेत क रूप मँ झंडा उठाइ। इस्राएल अउ यहूदा क लोग आपन-आपन देसन क तजइ बरे मजबूर कीन्ह ग रहेन। उ सबइ लोग धरती पइ दूर-दूर फइल ग रहेन किन्तु परमेस्सर ओनका परस्पर बटोरी।
13 उ समय एप्रैम यहूदा स जलन नाहीं रखी। यहूदा क कउनो दुस्मन नाहीं बची। यहूदा एप्रैम क बरे कउनो कस्ट पइदा नाहीं करी।
14 बल्कि एप्रैम अउ यहूदा पलिस्तियन पइ हमला करिहीं। इ सबइ दुइनउँ देस उड़त भए ओन पंछियन क नाईर् होइहीं जउन कउनो नान्ह स जनावर क धरइ बरे झपट्टा मारत हीं। एक संग मिलिके उ सबइ दुइनउँ पहिले क धन दौलत लूट लेइहीं। एप्रैम अउ यहूदा एदोम, मोआब अउ अम्मोनी क लोगन पइ कब्जा कइ लेइहीं।
15 यहोवा कोहाइ जाइ अउर जइसे उ मिस्र क सागर क दुइ हींसा मँ बाँट दिहे रहा, उहइ तरह परात नदी पइ तु आपन हाथ उठाइ अउर ओह पइ वार करी। जेहसे उ नदी सात नान्ह धारन मँ बँटि जाइ। इ सबइ नान्ह जलधारन गहिर नाहीं होइहीं। लोग आपन जूतन पहिरे भए पैदल चलिके ओनका पार कइ लेइहीं।
16 परमेस्सर क लोग जउन हुवाँ छूट ग रहेन अस्सूर क तजि देइ बरे राह पाइ जइहीं। इ वइसा ही होइ, जइसा उ समय भवा रहा, जब परमेस्सर लोगन क मिस्र स बाहेर निकारिके लिआवा रहा।
Isaiah 12
1 उ समइ तू कहब्या:“हे यहोवा, मइँ तोहार गुण गावत हउँ! तू मोहसे कोहान अहा किन्तु अब मोहे पइ किरोध जिन करा। तू मोहे पइ आपन पिरेम देखॉवा।”
2 परमेस्सर मोका बचावत ह। मोका ओह पइ भरोसा अहइ। मोका कउनो अउर डर नाहीं अहइ। उ मोका बचावत ह। यहोवा ही मोर सवती अहइ। उ मोका बचावत ह, अउर मइँ ओकरे बरे स्तुति गीत गावत हउँ।
3 तू आपन जल मुवती क झरना स ग्रहण करा। तबहिं तू खुस होब्या।
4 फुन तू कहब्या, “यहोवा क स्तुति करा! ओकरे नाउँ क तू उपासना किया करा। उ जउन कार्य किहेन ह ओकर लोगन स बखान करा। तू ओनका बतावा कि उ केतना महान अहइ।”
5 तू यहोवा क स्तुति गावा। काहेकि उ महान कार्य किहेस ह। इ सुभ समाचार क जउन परमेस्सर क अहइ, सारी दुनियाँ फइलावा ताकि सबहिं लोग इ सबइ बातन जान जाएँ।
6 हे सिय्योन क लोगो, आनन्द क साथ खुस रहा, काहेकि इस्राएल क पवित्तर चीज तोहरे बीच एक सक्तीसाली मारग क रूप मँ अहइ।
Isaiah 13
1 परमेस्सर क बाबुल क बारे मँ इ सोक संदेस अहइ। इ दर्सन आमोस क पूत यसायाह दुआरा लखा ग रहा।
2 परमेस्सर कहेस:“इ बंजर पर्वत पइ ध्वज उठावा। ओन लोगन क गोहरइ अउर आपन हाथ संकेत क रूप मँ हलाइ के ओन लोगन क बतावा कि उ पचे सज्जन मनइयन क प्रवेस दुआर पइ अहइँ।”
3 परमेस्सर कहेस, “मइँ इ सबइ फउजन क आदेस दिहउँ जउन जुद्ध बरे आपन आपका समपिर्त कइ दिहेस ह। उ मइ हउँ जउन इ सबइ जोद्धन क बोलाएस ह। मइँ आपन गुस्सा देखाउब्या। मइँ उ जोद्धन पइ गर्व करत हउँ जउन मोर सेवा करइ बरे बहोत खुस अहइ।
4 पहाड़ मँ एक जोरदार सोर भवा ह। तू उ सोर क सुना। इ सोर अइसा लागत ह जइसे बहोत ढेर सारे लोगन क। बहोत सारे देसन क लोग आइके बटुरा अहइँ। सर्वसवतीमान यहोवा आपन फउज क एक संग बोलावत अहइ।
5 यहोवा अउर इ सेना कउनो दूर क देस स आवत अहइँ। इ सबइ लोग छितिज क पार स किरोध परगट करइ आवति अहइँ। यहोवा इ सेना क उपयोग अइसे करी जइसे कउनो किसी सस्त्र क उपयोग करत ह। इ फउज सारे देस क बर्बाद कइ देइ।”
6 यहोवा क निआव क खास दिन आवइ क अहइ। एह बरे रोआ। अउ खुद आपन बरे दुःखी ह्वा। समय आवत अहइ जब सत्रु तोहार सम्पत्ति चुराइ लेइ। सर्वसवतीमान परमेस्सर वइसा करवाइ।
7 लोग आपन हिम्मत छोड़ि देइहीं अउर डर लोगन क दुर्वल बनाइ देइ।
8 हर कउनो भयभीत होइ। डर स लोगन क अइसे दुःखइ लगिहीं जइसे कउनो बच्चा क जन्मइवाली महतारी क पेट दुःखइ लागत ह। ओनकर मुँह लाल होइ जइहीं, जइसे कउनो आगी होइ। लोग अचरजे मँ पड़ि जइहीं काहेकि ओनकर सबहिं पड़ोसियन क मुँहे पइ भी भय देखाई देइ।
9 लखा, यहोवा क खास दिन आवइ क अहइ। उ एक खउफनाक दिन होइ। परमेस्सर महान किरोध मँ देस क बिनास कइ देब। उ पाप क उ भुइँया स निकार देब।
10 आकास करिया पड़ि जइहीं, सूरज अउ चाँद नाहीं चमकिहीं। तारन आपन तारा-मण्डल मँ नाहीं टिमटिमाइ।
11 परमेस्सर कहेस, “मइँ इ दुनियाँ लोगन क उ बुरा चिजियन जउन उ किहेस ह क बरे जिम्मवार ठहरउब। मइँ लोगन क उ सेखी क नस्ट करब जउन दूसर लोगन बरे अरथ होइ।
12 हुवाँ बस थोड़े स लोग ही बचिहीं। जइसे सोना क मिलब दुरलभ अहइ, वइसे ही हुवाँ लोगन का मिलव दुर्लभ होइ जाइ। किन्तु जउन लोग मिलिहीं, उ पचे निखालिस सोना स भी जियादा मूल्यवान होइहीं।
13 आपन किरोध स मइँ आकास क हलाइ देबउँ। धरती आपन धुरी स डिगाइ दीन्ह जाइ।”इ सब उ समय घटी जब सर्वसवतीमान यहोवा आपन किरोध दर्साइ।
14 तब बाबुल क निवासी अइसे परइहीं जइसे घायल हिरन परात ह। उ पचे अइसे परइहीं जइसे बगैर गड़रिये क भेड़ी परात ह। हर कउनो मनई पराइके आपन देस अउर आपन लोगन कइँती मुड़ आई।
15 किन्तु बाबुल क लोगन क पाछा ओनकर दुस्मन नाहीं छोड़िहीं अउर जब सत्रु कउनो मनई क धर पकड़ी तउ उ ओका तलवार क घाट उतारि देइ।
16 ओनकर घरे क हर वस्तु चुराइ लीन्ह जाइ। ओनकर पत्नियन क संग वुकरम कीन्ह जाइ अउर ओनकर नान्ह नान्ह गदेलन क लखत पीटि पीटिके मार डावा जाइ।
17 परमेस्सर कहत ह, “लखा, मइँ मादी क फउजन स बाबुल पइ हमला कराउब। मादी क फउजन जदि सोना अउ चाँदी क भुगतान लइ भी लेइहीं तउ भी उ पचे ओन पइ हमला करब बंद नाहीं करिहीं।
18 फउजन बाबुल क नउजवान मनइयन क धनुस क छिन-भिन कइ देब्या। उ पचे नान्ह लरिकन पइ दाया नाहीं देखाँइ या गदेलन तलक भी करूणा नाहीं करिहीं।
19 “तब बाबुल, सबइ समराज्ज मँ सबन त सुन्नर, कसदी क चमत्कारी गर्व क पूरी तरह स बर्बाद कइ दीन्ह जाब। इ उहइ तरह होइ जइसा परमेस्सर सदोम अउर अमोरा क नास किहे रहा!
20 किन्तु बाबुल क सुन्नरपन बना नाहीं रही। भविस्स मँ हुवाँ लोग नाहीं रइहीं। अराबी क लोग हुवाँ आपन तम्बू नाहीं गड़िहीं। गड़रियन चरावइ बरे हुवाँ आपन भेड़िन क नाहीं लिअइहीं।
21 जउन पसु हुवाँ रइहीं उ सबइ बस रेगिस्तान क पसु ही होइहीं। बाबुल मँ आपन घरन मँ लोग नाहीं रहि पइहीं। घरन मँ जंगली वुत्तन अउ बड़के वूवुरन चिल्लइहीं। घरन क भितरे जंगली बोकरन बिहार करिहीं।
22 बाबुल क बिसाल भवनन मँ जंगली वूवुरन अउर सियारन गुर्राइ। बाबुल बर्बाद होइ जाइ। बाबुल क अंत निअरे अहइ अब बाबुल क बिनास मँ अउर जियादा देरी नाहीं होइ।”
Isaiah 14
1 जब यहोवा याकूब क सुख देइ अउर इस्राएल क फुन आपन लोगन क रूप मँ चुनी उ ओनका क ओकर आपन धरती मँ बसाइ। उ समइ मँ कछू बिदेसियन ओकर संग सामिल होइ जाइ अउर याकूब क परिवार क निअँबर बन जाइ।
2 उ सबइ जातियन इस्राएल क धरती बरे इस्राएल क लोगन क फुन वापस लइ लेइहीं। दूसर जातियन क उ सबइ मेहरारू मनसेधू इस्राएल क दास होइ जइहीं। बीते भए समय मँ ओन लोग इस्राएल क लोगन क बलपूर्वक आपन दास बनाए रहेन। इस्राएल क लोग ओन जातियन क हरइहीं अउर फुन इस्राएल ओन पइ हुवूमत करी।
3 यहोवा तोहरे मेहनत क खतम करी अउर तोहका आराम देइ। पहिले तू दास हुवा करत रह्या, लोग तोहका कड़ी मेहनत करइके मजबूर करत रहेन किन्तु यहोवा तोहार इ कड़ी मेहनत क अब खतम कइ देइ।
4 उ समय बाबुल क राजा क बारे मँ तू इ गीत गावइ लगब्या: उ राजा दुट्ठ रहा जब उ हमार सासक रहा। किन्तु अब ओकरे राज्ज क अन्त भवा।
5 यहोवा दुट्ठ सासकन क राज दण्ड तोड़ देत ह। यहोवा ओनसे ओनकर सवती छोरि लेत ह।
6 बाबुल क राजा किरोध मँ भरिके लोगन क पीटा करत ह। उ दुट्ठ सासक लोगन क पीटब कबहुँ बंद नाहीं किहस। उ दुट्ठ राजा किरोध मँ भरिके लोगन पइ राज किहस। उ लोगन क साथ बुरे कामन क करब नाहीं तजेस।
7 किन्तु अब सारा देस आराम मँ अहइ। देस मँ सान्ति अहइ। लोग अब उत्सव मनाउब सुरू किहेन ह।
8 तू एक बुरा सासक रह्या, अउर अब तोहार अन्त भवा ह। हिआँ तलक की चीड़ क बृच्छ भी सुस्त अहँइ। लबानोन मँ देवदार का बृच्छ भगन अहइँ। बृच्छ इ कहत हीं, “जउन राजा हमका गिराए रहा। आजु उ राजा क हीं पतन होइ ग अहइ, अउर अब उ राजा कबहुँ खड़ा नाहीं होइ।”
9 अधोलोक, यानी मउत क प्रदेस उत्तेजित अहइ काहेकि तू आवत अहा। अधोलोक तोहार बरे संसार क प्रमुखन क आतिमा क उठावत रहा हीं। अधोलोक तोहार स्वागत करइ बरे सिंहासन स ओन प्राचीन राजा लोगन क खड़ा करत हीं।
10 इ सबइ प्रमुख तोह पइ हँसी उड़इ अउर कहिहीं, “तू भी अब हमरी तरह मरा भवा सरीर अहा। अब लोग तोहार बरे भी उहइ गीतन लेखब जउन उ पचे मोरे बरे लेखेस ह।”
11 तोहरे अभिमान क मउत क लोक मँ खाले उतारा गवा। तोहार अभिमानी आतिमा क अवाइ क घोसणा तोहरी वीजन क संगीत करत ह। तोहरे बदन क माखियन खाइ जइहीं। तू ओन पइ अइसे ओलरब्या माना उ पचे तोहार बिछउना होइँ। कीरन अइसे तोहरी देह क ढक लेइहीं माना कउनो कमरी होइ।
12 हे भोर क तारा, तू धरती पइ भहराइ पड़्या। हे पेड़ तू सबहिं रास्ट्र क कमज़ोर बनाइ दिहेस, किन्तु तोहका अब काटिके गिराइ दीन्ह गवा!
13 तू हमेसा आपन स कहत रह्या, “मइँ अकासन पइ आरोहण करब अउर परमेस्सर क तारन क ऊपर अपना सिंहासन कायम करब अउर देवी पर्व जप्पा क चोटी पइ बैठब, जहाँ पइ जप्पा क सबन त ऊँची चोटीयन पइ देवतन अकत्र होत ह।
14 मइँ बादरन क वेदी तलक जाब। मइँ सवोर्च्च परमेस्सर जइसा बनब।”
15 किन्तु वइसा नाहीं भवा। तू परमेस्सर क संग ऊपर अकासे मँ नाहीं जाइ पाया। तोहका अधोलोक क खाले गहिर पताल मँ लइ आवा गवा।
16 लोग जउन तोहका टकटकी लगाइके लखा करत हीं, उ सबइ तोहरे बरे सोचा करत हीं। लोगन क आजु इ देखॉत ह कि तू बस मरा भवा अहा, अउर लोग कहा करत हीं, “का इहइ उ मनई अहइ जउन धरती क सारे राज्जन मँ भय फइलावा भवा अहइ?
17 का इ उहइ मनई अहइ जउन नगर बर्बाद किहेस अउर जउन धरती क उजाड़ मँ बदल दिहस? का इ उहइ मनई अहइ जउन लोगन क जुद्ध मँ बन्दी बनाएस अउर ओनका आपन घरन मँ नाहीं जाइ दिहस?”
18 धरती क हर राजा सान स मउत क पाएस। हर कउनो राजा क मकबरा बना अहइ।
19 किन्तु हे बुरे राजा, तोहका तोहरी कब्र स निकारि बहावा दीन्ह ग अहइ। तू एक ठु गिरी भई ल्हास अहा जेका जुद्ध मँ मारा गवा, अउर दूसर फउजी ओका रौंदन चला गएन। अब तू अइसा देखॉवत अहा जइसे दूसर मरे मनई देखॉत हीं। तोहका कफन मँ लपेटा गवा ह।
20 बहोत स अउर भी राजा लोग मरेन। ओनके लगे आपन आपन कब्र अहइँ। किन्तु तू ओनमाँ नाहीं मिलब्या। काहेकि तू आपन ही देस क बिनास किह्या। आपन ही लोगन क तू बध किहा ह। जइसा बिनास तू मचाए रह्या।
21 ओकरी सन्तानन क बध तइयारी करा। तू ओनका मउत क घाट उतारा काहेकि ओनकर पिता अपराधी अहइ। अब कबहुँ ओकरे पूत नाहीं होइहीं। ओकर सन्तानन अब कबहुँ भी संसार क आपन नगरन स नाहीं भरिहीं। तोहार सन्तानन वइसा करत नाहीं रहिहीं। तोहरी सन्तानन क वइसा करइ स रोक दीन्ह जाइ।
22 सर्वसवतीमान यहोवा कहेस, “मइँ खड़ा होब अउर ओन लोगन क खिलाफ लड़ब। मइँ मसहूर नगर बाबुल क उजारि देबउँ। बाबुल क सबहिं लोगन क मइँ नस्ट कइ देब। मइँ ओनकर सन्तानन, पोते-पोतियन अउर सन्तानन क मेट देबउँ।” इ सबइ सब बातन यहोवा खुद कहे रहा।
23 यहोवा कहे रहा, “मइँ बाबुल क बदल डाब। उ ठउरे मँ पसुअन क बास होइ, न कि मनइयन क। उ ठउर दलदल क प्रदेस बनि जाइ। मइँ ‘विनास क झाड़ू’ स बाबुल क बाहेर कइ देब।” सर्वसवतीमान यहोवा इ सबइ बातन कहे रहा।
24 सर्वसवतीमान यहोवा एक बचन दिहे रहा। यहोवा कहे रहा, “मइँ बचन देत हउँ, कि इ सबइ बातन ठीक वइसे ही घटिहीं, जइसे मइँ एनका सोचेउँ ह। इ सबइ बातन ठीक वइसे ही घटिहीं जइसे कि मोर योजना अहइ।
25 मइँ आपन देस मँ अस्सूर क राजा क नास करब आपन पहाड़न पइ मइँ अस्सूर क राजा क आपन गोड़न तले वुचरि डाउब। उ राजा मोरे लोगन क आपन दास बनाइके ओनकर कन्धन पइ एक जूआ रख दिहेस ह। यहूदा क गर्दन स उ जूआ उठाइ लीन्ह जाइ। उ बिपत्ति क उठावा जाइ।
26 मइँ आपन लोगन बरे अइसी ही जोजना बनावत हउँ। सबहिं जातियन क सजा देइ बरे, मइँ आपन सवती क प्रयोग करब।”
27 यहोवा जब कउनो जोजना बनावत ह तउ कउनो भी मनई उ जोजना क रोक नाहीं सकत। यहोवा लोगन क सजा देइ बरे जब आपन हाथ उठावत ह तउ कउनो भी मनई ओका रोक नाहीं सकता।
28 इ दुःखद सँदेसा उ बरिस दीन्ह गवा रहा जब राजा आहाज क मउत भइ रही।
29 हे, पलिस्तियो क प्रदेसो! तू बहोत खुस अहा काहेकि जउन राजा तोहका मार लगावा करत रहा, आजु मर चुका अहइ। किन्तु तोहका असलियत मँ खुस नाहीं होइ चाही। इ फुरइ अहइ कि ओकरे सासन क अंत होइ चुका अहइ। किन्तु उ राजा क पूत अबहिं आइके राज करी अउ उ एक अइसे साँप क समान होइ जउन खउफनाक नागन क जन्म दिया करत ह। इ नवा राजा तू लोगन बरे एक ठु बड़के फुर्तीले खउफनाक नाग क जइसा होइ।
30 किन्तु मोरे दीन जन सुरूच्छा पूर्वक खात पिअत रहि पइहीं। ओनकर सन्तानन भी सुरच्छित रइहीं। मोरे दीनजन, सोइ सकिहीं अउर सुरच्छित अनुभव करिहीं। किन्तु तोहरे परिवार क भूख स मार डाउब अउर तोहार सबहिं बचे भए लोग मरि जइहीं।
31 हे नगर दुआर क बासियो, रोवा! नगर मँ बसइयो तू लोग, चीखा-चिल्ला! पलिस्ती क तू सब लोगो डेराइ जाब्या। तोहार हिम्मत गरम मोम क नाईर् टेघरिके ढल जाइ। उत्तर दिसा कइँती लखा! हुवाँ धूरि क एक बादर अहइ। लखा, अस्सूर स एक फउज आवति अहइ। उ फउज क सबहिं लोग बलवान अहइँ।
32 उ फउजी आपने नगर मँ दूत पठइहीं। दूत आपन लोगन स का कहिहीं? उ पचे एलान करिहीं: पलिस्ती हार गवा, किन्तु यहोवा सिय्योन क सुदृढ़ बनाएस ह, अउर ओकर दीन्ह जन हुवाँ रच्छा पावइ क गएन।
Isaiah 15
1 इ दुःखद संदेस मोआब क बारे मँ अहइ: एक राति मोआब मँ स्थित आर नगर लूटा गवा, उ तहस नहस कइ दीन्ह गवा। एक राति मोआब मँ स्थित आर नगर लूटा गवा, उ नगर तहस नहस कइ दीन्ह गवा।
2 राजा क घराना अउ दिबोन क निवासी आपन दुःख रोवइ क ऊँचके पइ पूजा ठउरन पइ चला गएन। मोआब क निवासी नबो अउर मेदबा बरे रोवत हीं। ओन सबहिं लोग आपन दाढ़ी अउ मूँड़ आपन सोक दर्सावइ बरे मुड़वाए रहेन।
3 मोआब मँ सब कहूँ घरन अउ गलियन मँ, लोग सोक वस्त्र पहिरिके हाय हाय करत हीं।
4 हेसबोन अउ एलाले नगरन क निवासी बहोत ऊँच सुर मँ विलपत अहइँ। बहोत दूर यहस क नगरी तलक उ विलाप उनका जाइ सकत ह। हिआँ तलक कि फउजी भी डेराइ ग अहइँ। उ सबइ फउजी भय स काँपत अहइँ।
5 मोर मन दुःख स मोआब बरे रोवत अहइ। लोग कहूँ सरण पावइ बरे दउड़त अहइँ। उ पचे सुदूर जोआर मँ जाइ क भागत अहइँ। लोग दूर क देस एग्लतसलीसिय्या क परात अहइँ। लोग लूहीत क पहाड़ी चढ़ाइ पइ रोवत बिलखत भए परात अहइँ। लोग होरोनैम क मार्ग पइ अउर उ पचे बहोत ऊँच ऊँच सुर मँ बिलखत भए जात अहइँ।
6 निम्रीम क नाला अइसे झुराइ गवा जइसे रेगिस्तान झुरान होत ह। सबहिं गेहुँअन क पउधा काटइ क पहिले मुरझा गएन। सबइ घास खतम होइ गएन। हुवाँ कछू भी हरा नाहीं बचा बाटइ।
7 तउ लोग जउन कछू ओनके लगे अहइ ओका बटोरा करत हीं, अउर मोआब क तजत हीं। ओन वस्तुअन क लइके उ पचे नाले (पाप्लर या अराबा) स सीमा पार करत अहइँ।
8 मोआब मँ हर कहूँ विलाप ही सुनाई देत ह। दूर क नगर एगलैम मँ लोग बिलखत बाटेन। बेरेलीम नगर क लोग विलाप करत अहइँ।
9 दीमोननगर क जल खून मँ बदलि गवा अहइ। अउर मइँ दीमोन पइ अबहिं अउर बिपत्तियन डाउब। मोआब क कछू निवासी सत्रु स बचि गवा अहइँ। मइँ ओन लोगन क खाइ बरे सेरन क पठउब।
Isaiah 16
1 सेला क नगर स मेमनन यहूदा क नवा राजा बरे नज़राना पठावा; तू पचन्क रेगिस्तान स होत भए सिय्योन क बिटिया क पठवा।
2 मोआब क मेहररूअन उ बे सहारे नान्ह चिरइयन क जइसा अहइँ जउन आपन घोंसला स धरती पइ गिर गवा ह। उ पचे अर्नीन नदी क पार करइ बरे इधर-उधर दउड़त अहइ।
3 उ सबइ विन्ती करत अहइँ, “हमार मदद करा! बतावा हम का करी! तू हमका मुसीबत स अइसा बचावा जइसा दोपहर क धूप स एक आंधर छाया हमका बचावत ह। हम सत्रुअन स भागत अही। तू हमका छुपाइ ल्या। हम का तू सत्रुअन क हाथन मँ पड़इ न द्या।”
4 ओन मोआब बासियन क आपन घर तजइ क मजबूर कीन्ह गवा रहा। एह बरे तू ओनका आपन धरती पइ रहइ द्या। तू ओनके सत्रुअन क छुवाइ ल्या। इ लूट रुक जाइ। सत्रु हार जइहीं अउर अइसे मनसेधू दूसर क नोस्कान करत हीं, इ धरती स उखड़िहीं।
5 फुन एक ठु नवा राजा आइ। इ राजा दाउद क घराने स होइ। उ सच्चाई स पूर्ण, करूणावाला अउ दयालु होइ। इ राजा निआव कर्ता अउ निस्पच्छ होइ। उ खरे अउ नीक काम करी।
6 हम सुना ह कि मोआब क लोग बहोत अभिमानी अउ घमण्डी अहइँ। इ सबइ लोग हिंसक अहइँ अउ बड़ा बोले भी। एनकर बड़ा बोल फुरइ नाहीं अहइ।
7 समूचा मोआब देस आपन अभिमान क कारण कस्ट उठाई। मोआब क सारे लोग विलाप करिहीं। उ सबइ लोग बहोत दुःखी रइहीं। उ पचे अइसी वस्तुअन क इच्छा करिहीं जइसी ओनके लगे पहिले हुवा करत रहीं। उ पचे कीरहरासत मँ बने भए अंजीर क पूड़न क इच्छा करिहीं।
8 उ सबइ लोग बहोत दुःखी रहा करिहीं काहेकि हेसबोन क खेत अउर सिबमा क अंगूर क बेलन मँ अंगूर नाहीं लगाइ पावत अहइँ। बाहेर क सासकन अंगूर क बेलन क काट फेकेन ह। याजेर क नगरी स लइके रेगिस्ताने मँ दूर दूर तलक सत्रु क फउजन फइल गइ अहइँ। उ पचे सागर क किनारे तलक जाइ पहोंची अहइँ।
9 “मइँ ओन लोगन क साथ बिलाप करब जउन याजेर अउ सिबमा क निवासी अहइँ काहेकि अंगूर नस्ट कीन्ह गएन। मइँ हेसबोन अउ एलाले क लोगन क साथ सोक करब काहेकि हुवाँ फसल नाहीं होइ। हुवाँ गर्मी क कउनो फल नाहीं होइ। हुवाँ पइ आनन्द क ठहाके भी नाहीं होइहीं।
10 अंगूरे क बगिया मँ आनन्द नाहीं होइ अउर न ही हुवाँ गीत गावा जइहीं। मइँ कटनी क समय क सारी खुसी खतम कइ देब। दाखरस बनवइ बरे अंगूर तउ तइयार अहइँ, किन्तु उ सबइ बर्बाद होइ जइहीं।
11 एह बरे मइँ मोआब बरे बहोत दुःखी हउँ। मइँ कीरहरैम बरे बहोत दुःखी हउँ। मइँ ओन नगरन बरे बहोत जियादा दुःखी हउँ।
12 मोआब क निवासी आपन ऊँचे पूजा क ठउरन पइ जइहीं। उ सबइ लोग पराथना करइ क जतन करिहीं। किन्तु उ सबइ ओन सबहिं बातन क लखिहीं। जउन कछू घटि चुकी अहइ, अउर उ पचे पराथना करइ क दुर्बल होइ जइहीं।”
13 यहोवा मोआब क बारे मँ पहिले अनेक दाईर् इ सबइ बातन कहे रहा।
14 अउर अब यहोवा कहत ह, “तीन बरिस मँ (उ रीति स जइसे किराये क मजदूर समय गनत ह) उ पचे सबहिं मनई अउर ओनकर उ सबइ वस्तुअन जेन पइ ओनका गर्व रहा, नस्ट होइ जइहीं। हुवाँ बहोत थो़डे स लोग बचिहीं, बहोत स नाहीं।”आराम बरे परमेस्सर क सँदेसा
Isaiah 17
1 इ दमिस्क बरे दुःखद सँदेसा अहइ। यहोवा कहत ह कि दमिस्क क साथ मँ बातन घटिहीं:“दमिस्क जउन आज नगर अहइ किन्तु कल उ उजड़ि जाइ। दमिस्क मँ बस टूटे फूटे भवन ही बचिहीं।
2 अरोएर क नगरन क लोग तजि जइहीं। ओन उजड़े भए नगरन मँ भेड़िन क खरका खुली घुमिहीं। हुवाँ कउनो ओनका डरावइवाला नाहीं होइ।
3 समारिया, एप्रैम क गढ़ नगर ध्वस्त होइ जइहीं। दमिस्क क सासन क अन्त होइ जाइ। इस्राएल अउर आराम दुइनउँ देसन मँ इ सबहिं घटना एक समान घटिहीं। दुइनउँ देस आपन सक्ती अउर महिमा खोइ देब।” सर्वसवतीमान यहोवा बताएस कि इ सबइ बातन होइहीं।
4 ओन दिनन याकूब अपनी सारी सम्पत्ति खोइ देइ। याकूब वइसा होइ जाइ जइसा मनई रोग स दुबला होइ।
5 उ समय क सज़ा अइसा होइ जइसे रपाईम घाटी मँ फसल काटइ क समय होत ह। मजदूर ओन पउधन क बटोरत हीं जउन खेते मँ उपजत हीं। फुन उ पचे ओन पउधन क बालन क काटत हीं अउर ओनसे अनाजे क दाना निकारत हीं।
6 उ समय ओह समय क समान होइ जब लोग जैतून क फसल उतारत हीं। लोग जैतून क बृच्छन स जैतून झाड़त हीं। किन्तु बृच्छ क चोटी पइ प्राय: कछू फल तब भी बचा रहत हीं। चोटी क कछू डारन पइ चार पाँच जइतून क फल छूट जात हीं। ओन नगरन मँ भी अइसा ही होइ। सर्वसवतीमान यहोवा इ सबइ बातन कहे रहा।
7 उ समय लोग परमेस्सर कइँती निहरिहीं। परमेस्सर, जउन ओनकर रचना किहेस ह। उ सबइ इस्राएल क पवित्तर कइँती मदद खातिर लखिहीं।
8 लोग ओन वेदियन पइ बिस्सास करब खतम कइ देइहीं जेनका उ पचे खुद आपन हाथन स बनाए रहा। असेरा देवी क जेन खम्मन अउ धूप बारइ क बेदियन क उ पचे आपन अँगुरियन स बनाए रहा, उ पचे ओन पइ भरोसा करब बंद कइ देइहीं।
9 उ समय, सबहिं गढ़-नगर उजड़ जइहीं। उ सबइ नगर अइसे पर्वत अउर जंगलन क समान होइ जइहीं, जइसे उ पचे इस्राएलियन क आवइ स पहिले हुवा करत रहेन। बीते भए दिनन मँ हुवाँ स सबहिं लोग दूर भाग गए रहेन काहेकि इस्राएल क लोग हुवाँ आवत रहेन। भविस्स मँ इ देस फुन उजड़ जाइ।
10 अइसा एह बरे होइ काहेकि तू आपन उद्धारकर्ता परमेस्सर क बिसराइ दिहा ह। तू इ याद नाहीं राख्या कि परमेस्सर ही तोहार सरणस्थल अहइ।तू सुदूर जगहन स बहोत नीक अंगूर क बेलन लिआए रह्या। तू अंगूरे क बेलन क रोप सकत ह किन्तु ओन पउधन मँ बढ़वार नाहीं होइ।
11 एक दिन तू आपन अंगूर क ओन बेलन क रोपब्या अउर ओनकर बढ़वार क जतन करब्या। अगवा दिन, उ सबइ पउधन बड़इ भी लगिहीं किन्तु फसल उतारइ क समय जब तू ओन बेलन क फल बटोरइ जाब्या तब लखब्या कि सब कछू झुराइ चुका अहइ। एक बेरामी सबहिं पउधन क अंत कइ देइ।
12 हे लोगन क भीड़ क सुना, उ गर्जत भवा समुद्दर क नाईं आवाज करत हीं! हे भीड़ क सोर सुना, उ सागर क ज्वार-भाट क टकराइ क नाईं आवाज करत ह।
13 हाँ उ भीड़ ओनहीं लहरन जइसे अहइ। मुला उ पचे सबहिं लहरन क नाईं पराइ जाइ जब परमेस्सर ओनका झिड़की! लोग उ भूसे क नाईर् होइहीं जेकरी पहाड़ी पइ हवा उड़ावत फिरत ह। लोग वइसे ही होइ जइही जइसे आँधी क जरिया वस्तुअन क उखाड़े जात अहइ। आँधी ओनका उड़ावत ह अउर दूर लइ जात ह।
14 उ रात लोग बहोत ही डेराइ जइहीं। सुबह होइस पहिले, कछू भी नाहीं बच पाई। तउ सत्रुअन क हुवाँ कछू भी हाथ नाहीं आई। उ पचे हमार धरती कइँती अइहीं, किन्तु हुवाँ भी कछू नाहीं होइ।
Isaiah 18
1 उ धरती क लखा जउन इथोपिया क नदियन क साथ-साथ फइली अहइ। इ धरती मँ कीड़े-मकोड़े भरे पड़ा अहइँ। तू ओनके पखनन क भिन्नाहट सुन सकत ह।
2 इ धरती लोगन क सरकण्डन क नइयन स सागर क पार पर पठवत ह। हे तेज चलइवाले हरकारो, एक अइसी जाति क लोगन क लगे जा जउन लम्बे अउर सवतीसाली अहइँ! (एन लम्बे सवतीसाली लोगन स सब कहूँ क लोग डेरात हीं। उ पचे एक बलवान जाति क लोग अहइँ। ओनकर जाति दूसर जातियन क हराइ देत ह। उ पचे एक अइसे देस क अहइँ जेका नदियन बाँट देत हीं।)
3 उ अइसे ओन लोगन क सावधान कइ द्या कि ओनके संग कउनो बुरी घटना घटइ क अहइ। उ जाति क साथ घटत भइ इ घटना क दुनिया क सब लोग लखिहीं। लोग एका इ तरह साफ साफ लखिहीं, जइसे पहाड़ पइ लगे भए झण्डे क लोग निहारत हीं। एन लम्बे अउर सवतीसाली मनइयन क साथ जउन बातन घटिहीं, ओनके बारे मँ इ धरती क सबहिं निवासी सुनिहीं। एका उ पचे ऍतनी स्पस्टता स सुनिहीं जेतनी स्पस्टता स जुद्ध स पहिले बजइवाले नरसिंहे क अवाज सुनाई देत ह।
4 यहोवा कहेस, “जउन ठउर मोरे बरे तइयार कीन्ह ग अहइ, मइँ उ ठउर पइ होब। मइँ चुपचाप एन बातन क घटत भए लखब। गर्मी क एक सुहावने दिन दोपहर क समय जब लोग अराम करत रहे होइहीं (यह तब होइ जब कटनी क गर्म समय होइ, बर्खा नाहीं होइ, बस अलख सुबह क ओस ही पड़ी।)
5 तबहिं कउनो बहोत भयानक बात घटी। इ उ समय होइ जब फूल खिल चुका होइहीं अउर ओनकर बढ़त होत रही होइ। किन्तु फसल उतारइ क समय स पहिले ही दुस्मन आइ अउर एन पउधन क काटि डाइ। सत्रु आइके अंगूरे क सबइ लता क तोरि डाइ अउर ओनका कहूँ दूर लोकाइ देइ।
6 अंगूरे क इ सबइ बेलन सिकारी पहाड़ी पंछियन अउर जंगली जानवरन क खाइ बरे छोड़ि दीन्ह जाइ। गमिर्यन मँ पंछी एन दाख क सबइ लता मँ बसेरा करिहीं अउर उ सर्दी मँ जंगली पसु एन दाख क सबइ लता क चरिहीं।”
7 उ समय, लम्बे अउर सक्तीमान लोगन क सर्वसवतीमान यहोवा क एक खास भेंट क रूप मँ चढ़ाई जाइँ। सब कहूँ क लोग एन लोगन स डेरात हीं। इ सबइ एक सवतीसाली रास्ट्र क लोग अहइँ। उ पचे बिदेसी भासा बोलइ। इ रास्ट्र दूसर रास्ट्र क लोगन क जीतइ लेइ। इ सबइ एक अइसे देस क अहइँ, जउन नदियन स बँटा अहइँ। इ भेंट यहोवा क ठउर, सिय्योन पर्वत पइ स्वीकार करी जाइँ।
Isaiah 19
1 मिस्र क बारे मँ दुःखद सँदेसा: लखा! एक उड़त भए बादर पइ यहोवा आवत अहइ। यहोवा मिस्र मँ प्रवेस करी अउर मिस्र क सारे लबार देवता डर स थर थर काँपइ लगिहीं। मिस्र वरि रहा किन्तु ओकर बहादुरी मोम क तरह टेघरिके बहि जाइ।
2 परमेस्सर कहत ह, “मइँ मिस्र क लोगन क आपुस मँ ही एक दूसर क खिलाफ जुद्ध करइ बरे हुस्काउब। लोग आपन ही भाइयन स लड़िहीं। पड़ोसी, पड़ोस क विरोध मँ होइ जाइ। नगर, नगर क विरोध मँ अउर राज्ज, राज्ज क खिलाफ होइ जाइ।
3 मिस्र क लोग चवकर मँ पड़ि जइहीं। उ सबइ लोग आपन लबार देवतन क अउर बुद्धिमान लोगन स पूछिहीं कि ओनका का करइ चाही। उ पचे लोग आपन ओझन अउ जादूगरन स पूछताछ करिहीं किन्तु ओनकर सलाह बेकार होइ।”
4 सुआमी, सर्वसवतीमान यहोवा कहेस: “मइँ (परमेस्सर) मिस्र क कठोर सुआमियन क सौंपब। एक सवतीसाली राजा लोगन पइ राज करी।
5 नील नदी क पानी झुराइ जाइ। नदी क तल मँ पानी नाहीं रही।
6 सबहिं नदियन स दुर्गन्ध आवइ लागी। मिस्र क नहरन झुराइ जइहीं। हवाँ पानी नाहीं रहइँ। पानी क सबहिं पउधन सड़ जइहीं।
7 उ पचे सबहिं पउधन जउन नदी क किनारे उगे होइहीं, झुराइके उड़ि जइहीं। हिआँ तलक कि उ सबइ पउधन भी, जउन नदी क सबन ते चौड़े हीँसा मँ होइहीं, बेकार होइ जइहीं।
8 “मछुआरे, अउर उ सबइ लोग जउन नील नदी स मछरियन पकड़ा करत हीं, दुःखी होइके त्राहि-त्राहि कइ उठिहीं। उ पचे आपन भोजन बरे नील नदी क सहारे पइ अहइँ किन्तु उ झुराइ जाइ।
9 उ सबइ लोग जउन कपड़ा बनावा करत हीं, बहोत जियादा दुःखी होइहीं। एन लोगन क सन क कपड़ा बनावइ बरे पटसन क जरूरत होइ किन्तु नदी क झुराइ जाइ स सने क पौधन क बढ़ोतरी नाहीं होइ पाई।
10 पानी ऍकट्ठा करइ बरे बाँध बनावइवाले लोगन क पास काम नाहीं रहि जाइ। तउ उ पचे बहोत दुःखी होइहीं।
11 “सोअन नगर क मुखिया मूरख अहइँ। फिरौन क बुद्धिमान मन्त्री गलत सलाह देत हीं। उ सबइ मुखिया लोग कहत हीं कि उ पचे बुद्धिमान अहइँ। ओनकर कहब अहइ कि उ पचे पुराना राजा लोगन क सन्तान अहइँ। किन्तु जइसा उ पचे सोचत हीं, वइसे बुद्धिमान नाहीं अहइँ।”
12 हे मिस्र, तोहार बुद्धिमान मनसेधू कहाँ अहइँ? ओन बुद्धिमान लोगन क सर्वसवतीमान यहोवा मिस्र बरे जउन जोजना बनाएस ह, ओनकर पता होइ चाही। ओन लोगन क, जउन होइवाला अहइ, तू पचन्क बतावइ चाही।
13 सोअन क मुखिया मूर्ख बनाइ दीन्ह ग अहइँ। नोप क मुखिया लोग झूठी बातन पइ बिस्सास किहेन ह। तउ मुखिया लोग मिस्र क गलत राहे पइ लइ जात हीं।
14 यहोवा मुखिया लोगन क उलझन मँ डाइ दिहस ह। उ सबइ भटक ग अहइँ अउर मिस्र क गलत राहे पइ लइ जात अहइँ। उ पचे नसे मँ धुत अइसे लोगन क नाईर् अहइ जउन बेरामी क कारण धरती मँ लउटत अहइँ।
15 मिस्र क बरे कउनो वुछ नाहीं कइ पाइ। (फिन चाहे उ सबइ मँूड़ होइँ या पूँछ, “खजूरे क डारि होइ या सरवंडा।” (अर्थात् ‘महत्व स पूर्ण होइ या बगैर महत्व क लोग।”)
16 उ समय, मिस्र क निवासी डेरान मेहररूअन क नाईर् होइ जइहीं। उ सबइ सर्वसवतीमान यहोवा स डेरइहीं। यहोवा लोगन क सजा देइ बरे हाथ उठाइ अउर लोग डेराइ जइहीं।
17 मिस्र मँ सब लोगन बरे यहूदा क प्रदेस भय क कारण होइ। मिस्र मँ कउनो भी यहूदा क नाउँ सुनिके डेराइ जाइ। अइसा एह बरे होइ काहेकि सर्वसवतीमान यहोवा सबइ खउफनाक घटना क घटावइ बरे जोजना बनाएस ह।
18 उ समइ मँ, मिस्र मँ अइसे पाँच सहर होइहीं जहाँ लोग कनान क भाखा (यहूदी भाखा) बोलिहीं। एनॅ नगरन मँ एक नगर क नाउँ “नास क नगरी”होइ।लोग सर्वसवतीमान यहोवा क अनुसरण क प्रतिग्या करिहीं।
19 उ समय मिस्र क बीच मँ यहोवा बरे एक वेदी होइ। मिस्र क सीमा पइ यहोवा क आदर देइ बरे एक ठु स्मारक होइ।
20 इ इ बात क प्रतीक होइ कि सर्वसक्तीमान यहोवा सवतीमान कार्य करत ह। जब कबहुँ लोग मदद बरे यहोवा क गोहरइहीं, यहोवा मदद पठई। यहोवा लोगन क बचावइ अउर ओनकर रच्छा करइ बरे एक मनई पठइ। उ मनई ओन मनइयन क ओन दूसर लोगन स बचाई जउन ओने साथ बुरी बातन करत हीं।
21 फुरइ उ समय, मिस्र क लोग यहोवा क जानिहीं। उ सबइ लोग परमेस्सर स पिरेम करिहीं। उ सबइ लोग परमेस्सर क सेवा करिहीं अउर बहोत स बलियन चढ़इहीं। उ सबइ लोग यहोवा क मनौतियन मनिहीं अउर ओन मनौतियन क पालन करिहीं।
22 यहोवा मिस्र क लोगन क सजा देइ। फुन यहोवा ओनका (चंगा) छिमा कइ देइ अउर उ पचे यहोवा कइँती लउटि अइहीं। यहोवा ओनकर पराथनन सुनी अउर ओनका छिमा कइ देइ।
23 उ समय, हुवाँ एक अइसा राजमार्ग होइ जउन मिस्र स अस्सूर जाइ। फुन अस्सूर स लोग मिस्र मँ जइहीं अउर मिस्र स अस्सूर मँ। मिस्र अस्सूर क लोगन क संग परमेस्सर क उपासना करी।
24 उ समय, इस्राएल अस्सूर अउ मिस्र आपुस मँ एक होइ जइहीं अउर पृथ्वी पइ सासन करिहीं। इ सासन धरती बरे वरदान होइ।
25 सर्वसवतीमान यहोवा एन देसन क आसीर्बाद देइ। उ कही, “हे मिस्रियो! तू पचे मोर लोग अहा। हे अस्सूर क लोगो, उ मइँ हउँ जउन तोहका बनाएस। हे इस्राएलियो, तू अहा। मइँ तू सबन क आसीर्बाद देउँ ह!”
Isaiah 20
1 सगोर्न अस्सूर क राजा रहा। सगोर्न तर्तान क नगर क खिलाफ जुद्ध करइ बरे असदोद पठएस। तर्तान हुवाँ जाइके सहर पइ कब्जा कइ लिहस।
2 उ समय आमोस क पूत यसायाह क जरिये यहोवा कहेस, “जा, अउर अपने कमर स सोक वस्त्र उतारिके लोकावा। अपने गोड़न क जूतियन उतारि द्या।” यसायाह यहोवा क हुवुम क पालन किहस अउर उ बगैर कपड़न अउ बगैर जूतन क एहर-ओहर घूमा।
3 फुन यहोवा कहेस, “यसायाह तीन बरिस तलक बगैर कपड़न अउर बगैर जूतियन पहिरे एहर-ओहर घूमत रहा ह। मिस्र अउ इथोपिया बरे इ एक संकेत अहइ कि
4 अस्सूर क राजा मिस्र अउ इथोपिया क हराइ। अस्सूर हुवाँ क बंदियन क लइके, ओनकर देसन स दूर लइ जाइ। बूढ़े मनई अउ जवान लोग बगैर कपड़न अउ नंगे गोड़न लइ जावा जइहीं। उ पचे पूरी तरह स नंगा होइहीं। मिस्र क लोग लजाइ जइहीं।
5 जउन लोग मदद बरे इथोपिया कइँती लखा करत रहेन, उ सबइ टूट जइहीं। जउन लोग मिस्र क महिमा स चकित रहेन उ पचे लज्जित होइहीं।”
6 समुद्दर क लगे बसइया लोग, उ पचे कहिहीं, “हम मदद बरे ओन देसन पइ बिस्सास कीन्ह। हम पचे ओनके लगे धावत गए ताकि उ पचे हमका अस्सूर क राजा स बचाइ लें किन्तु ओन देसन क लखा कि ओन देसन पइ ही जब कब्जा कइ लीन्ह गवा तब हम कइसे बच सवित रहे”
Isaiah 21
1 सागर क रेगिस्तान क बारे मँ दुःखद सँदेसा:रेगिस्ताने स कछू आवइवाला अहइ। इ नेगव स आवत हवा जइसा आवति बाटइ। इ कउनो खउफनाक देस स आवति अहइ।
2 मइँ कछू लखेउँ ह जउन बहोत ही भयानक अहइ अउर घटइ ही वाला अहइ। मोका गद्दार तोहका धोखा देत भए देखॉत हीं। मइँ लोगन क तोहार पचन्क धन छोरत भए लखत हउँ। एलाम, तू जा अउर जुद्ध करा! मादै, तू आपन फउजन लइके नगर क घेरि ल्या अउर ओका हरावा। मइँ उ बुराई क अन्त करब जउन उ नगर मँ बाटइ।
3 मइँ इ सबइ भयानक बातन लखेउँ अउर अब मइँ बहोत डेराइ गएउँ ह। डर क मारे पेट मँ दर्द होत अहइ। इ दर्द जच्चा क पीरा जइसा अहइ। जउन बातन मइँ सुनत हउँ, उ सबइ मोका बहोत डेरावत अहइ। जउन बातन मइँ लखत हउँ, ओनके कारण मइँ डर क मारे कँापइ लागत हउँ।
4 मइँ चिन्तित हउँ अउर भय स थर-थर काँपत हउँ। मोर सुहावनी साँझ डर क रात बन गई ह।
5 लोगन सोचत हीं, सब कछू ठीक अहइ। लोग कहत हीं, “चौकी तइयार करा अउर ओह पइ आसन बिछावा, खा, पिआ।” किन्तु मोर कहब अहइ, “मुखिया लोगो! खड़ा ह्वा अउर जुद्ध क तइयारी करा।” उहइ समय फउजी कहत अहइँ, “पहरूअन क तैनात करा। अधिकारी लोगो, खड़ा होइ जा अउर आपन ढालन क झलकावा!”
6 मोर सुआमी मोका इ सबइ बातन ह, “जा अउर नगर क रच्छा बरे कउनो मनई क हेरा।
7 जदि उ रखवारा घुड़सवारन क, गदहन क या ऊँटन क कतारन क लखइँ तउ ओका होसियारी क साथ सुनइ चाही।”
8 तउ फुन उ पहरूआ जोर स बोला पहरूआ कहेस, “मोर सुआमी, मइँ हर दिन चौकीदार क बुर्ज पइ चौकादारी करत आएउँ ह। हर राति मइँ खड़ा भवा पहरा देत रहत हउँ।
9 मुला लखा! उ पचे आवत अहइँ। मोका घुड़सवारन क कतारन देखॉइ देत अहइँ।” फुन सँदेसवाहक कहेस, “बाबुल हार गवा, बाबुल धरती पइ ध्वस्त कीन्ह गवा। ओकरे मिथ्या देवन क सबहिं मूरतियन धरती पइ लुढ़काइ दीन्ह गइन अउर उ सबइ चकनाचूर हो गइन ह।”
10 यसायाह कहेस, “हे खरिहाने मँ अनाज क तरह रौंदे भए मोर लोगो, मइँ सर्वसवतीमान यहोवा, इस्राएल क परमेस्सर स जउन कछू सुना ह, सबइ तू पचन्क बताइ दीन्ह ह।”
11 दूमा बरे दुःखद सँदेसा। सेईर स मोका कउनो गोहराएस। उ मोहसे कहेस, “हे पहरू, रात अबहिं केतॅनी बाकी बची बाटइ? अबहिं अउर केतनी देर इ रात रही।”
12 पहरूआ कहेस, “भोर होइ क अहइ मुला राति फुन स आई। अगर तोहका कउनो बात पूछब अहइ तउ लउट आवा अउर मोहसे पूछ ल्या।”
13 अरब बरे दुःखद सँदेसा हे ददानी क काफिले, तू रात क रेगिस्तान मँ कछू बृच्छन क लगे गुजार ल्या।
14 कछू पियासे यात्रियन क पिअइ क पानी द्या। तेमा क लोगो, ओन लोगन क खइया क द्या जउन जात्रा करत अहइँ।
15 उ सबइ लोग अइसी तरवारन स परात अहइँ जउन ओनका मारइ क तत्पर रहेन। उ सबइ लोग ओन धनुसन स बचिके परात रहेन जउन ओन पइ छूटइ बरे तने भए रहेन। उ सबइ भीसण लड़ाइ स परात रहेन।
16 मोर सुआमी यहोवा मोका बताए रहा कि अइसी बातन घटिहीं। यहोवा कहे रहा, “एक बरिस मँ (एक अइसा ढंग जेहसे मजदूर किराये क समय क गनत ह।) केदार क वैभव बर्बाद होइ जाइ।
17 उ समय केदार क थोड़े स धनुसधारी, प्रतापी फउजी ही जिअत बच पइहीं।” इस्राएल क परमेस्सर यहोवा मोका इ सबइ बातन बताए रहा।
Isaiah 22
1 दिव्य दर्सन क घाटी क बारे मँ दुःखद सँदेसा:तू लोगन क साथ का भवा ह काहे तू पचे आपन घरन क छतन पइ छिपत अहा?
2 बीत गए समय मँ इ सहर बहोत व्यस्त सहर रहा। इ सहर बहोत सोरगुल स भरा अउर बहोत खुस रहा। किन्तु अब बातन बदलि गइन। तोहार लोग मारा गएन किन्तु तरवारन स नाहीं, अउर उ पचे मारा गएन किन्तु जुद्ध मँ लड़ते समय नाहीं।
3 तोहार सबहिं सैनिक अधिकारी पराइ गएन, किन्तु उ सबहिं बिना हथियारन क पकड़ि गवा। उ सबहिं खोजा गएन अउर एक साथ पकड़ा गएन, जबकि उ फ़राइके कहूँ दूर भाग गए रहेन।
4 एह बरे मइँ कहत हउँ, “मोरी कइँती जिन लखा, बस मोका रोवइ द्या! यरूसलेम क बिनास पइ मोका सान्त्वना देइ बरे मोरी कइँती जिन लपका।”
5 यहोवा एक खास दिन चुनेस ह। उ दिन हुवाँ ब़गावत अउर भगदड़ मचि जाइ। दिव्य दर्सन क घाटीमँ लोग एक दूसर क रौंद डइहीं। नगर क चार दीवारी ओकर नीव स उखाड़ फेंकी जाइ। घाटी क लोग पहाड़े पइ के लोगन क ऊपर चिल्लाइहीं।
6 एलाम क घुड़सवार फउजी आपन आपन तरकसन लइके घोड़न पइ चढ़े भए जुद्ध क प्रस्थान करिहीं। किर क लोग आपन ढालन स आवाज करिहीं।
7 तोहार इ खास घाटी मँ फउजन आइ जुटिहीं। घाटी रथन स भरि जाइ। घुड़सवार फउजी क नगर दुआरन क समन्वा तैनात कीन्ह जइहीं।
8 तब यहूदा क रच्छा-अवरणहटाइ लेइ जाइ। लोग जंगल-महल मँ जमा कइ भए हथियरन क लइ बरे जाब्या।
9 तू पचन्क दाऊद क नगर क चहारदीवारी क दरारन क लख सकत हीं। तउ तू पचे मकानन क गनइ सुरू करब्या यह तय करइ बरे कि ओहमाँ स वेॅतना मकान क धवस्त करइ क जरूरत, दीवार क मरम्मत करइ बरे होइ। तू पचे निचली तालाबस पानी भी जमा करइ सुरू करब्या। तू पचे दूसर तालाबदीवारन क बीच मँ सहर क निचला भाग मँ पुराने तालाबस पानी जमा करइ बरे बनाउब्या।फुन भी उ परमेस्सर पइ तोहार पचन्क भरोसा नाहीं होइ जउन ऍन सबइ वस्तुअन क बनाएस ह। तू पचे ओकरी (परमेस्सर) कइँती नाहीं लखब्या जउन बहोत पहिले ऍन सबइ वस्तुअन क रचना किहे रहा।
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12 तउ, मोर सुआमी सर्वसवतीमान यहोवा लोगन स ओनके मरे भए मीतन बरे बिलाप करइ अउर दुःखी होइ बरे कही। लोग आपन मूँड़ि मुँड़वाइ लेइहीं अउर सोक-वस्त्र धारण करिहीं।
13 किन्तु लखा! अब लोग खुस अहइँ। लोग खुसियन मनावत अहइँ। उ सबइ लोग कहत अहइँ: मवेसियन क मारा, भेड़िन क बध करा। हम उत्सव मनाउब। तू पचे आपन खइया क खा अउर आपन दाखरस पिआ। खा अउर पिआ काहेकि भियान तउ हमका मरि जाब अहइ।
14 सर्वसक्तीमान यहोवा इ सबइ बातन मोहसे कहे रहा अउर मइँ ओनका अपने काने स सुने रहेउँ: “तू पचे बुरे करम करइ क अपराधी अहा अउर मइँ निहचय क साथ कहत हउँ कि इ अपराध क छिमा कीन्ह जाइ स पहिले ही तू पचे मरि जाब्या।” मोर सुआमी सर्वसवतीमान यहोवा इ सबइ बातन कहे रहा।
15 मोर सुआमी सर्वसवतीमान यहोवा मोहसे इ सबइ बातन कहेस: “उ सेबना नाउँ क सेवक क लगे जा। उ महल क प्रबन्ध-अधिकारी अहइ।
16 ओहसे पूछ्या, ‘उ का करत अहा? का हिआँ ओकरे परिवार क कउनो मनइ गड़ा भवा अहइ? उ हिआँ एक कब्र काहे बनावत अहा?”यसायाह कहेस, “लखा इ मनई क! इ एक ऊँच जगहिया पइ आपन कब्र बनावत अहइ। आपन कब्र बनावइ बरे इ चट्टान क काटत अहइ।
17 “हे मनसेधू, यहोवा तोहका वुचरि डाइ। यहोवा तोहका बाँधिके एक ठु नान्ह स गेंदे क तरह गोल बनाइके कउनो बिसाल देसे मँ लोकाइ देइ अउर हुवाँ तोहार मउत होइ जाइ।”यहोवा कहेस, “तोहका आपन रथन पइ बड़ा अभिमान रहा। किन्तु उ दूर देस मँ तोहरे नवे सासक क लगे अउर भी नीक रथ अहइँ। ओकरे महल मँ तोहार रथ महत्वपूर्ण नाहीं देखाइ देइहीं।
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19 हिआ मइँ तोहका तोहार महत्व स पूर्ण काम स ढकेल के बाहेर करब। तोहरे महत्व क पूर्ण काम स तोहार नवा मुखिया तोहका दूर कइ देइ।
20 उ समय मइँ आपन सेवक एल्याकीम क जउन हिज्जिक्याह क पूत अहइ, बोलाउब
21 अउर तोहार चोगा लइके उ सेवक क पहिराइ देब। तोहार राजदण्ड भी मइँ ओका दइ देव। जउन महत्वक पूर्ण काम तोहरे पास अहइ, मइँ ओका भी उहइ क दइ देब। उ सेवक यरूसलेम क लोगन अउर यहूदा क परिवार बरे पिता क समान होइ।
22 यहूदा क भवन क चाभी मइँ उ मनसेधू क गले मँ डाइ देब। अगर उ कउनो दुआर क खोली तउ उ दुआर खुला ही रही। कउनो भी मनई ओका बंद नाही कइ पाई। जदि उ कउनो दुआर क बंद करी तउ उ दुआर बंद होइ जाइ। कउनो भी मनई ओका खोल नाहीं पाई। उ सेवक पिता क घरे मँ एक सिंहासन क समान होइ।
23 मइँ ओका एक अइसी खूँटी क समान सुदृढ़ बनाउब जेका बहोत सख्त तखत मँ ठोका गवा ह।
24 ओकरे पिता क घर क सबहिं माननीय अउर महत्व स पूर्ण वस्तुअन ओकरे ऊपर लटकिहीं। सबहिं वयस्क अउर नान्ह बच्चन ओह पइ निर्भर रहिहीं। उ सबइ लोग अइसे होइहीं जइसे नान्ह नान्ह पात्र अउर बड़ी बड़ी सुराहियन ओकरे ऊपर लटकत होइँ।
25 “उ समय, उ खूँटी (सेबना) जउन अब एक बड़े कठोर तख्ते मँ गाड़ी भइ खूँटी अहइ, दुर्बल होइके टूट जाइ। उ खूँटी धरती पइ गिर पड़ी अउर उ खूँटी पइ लटकी भइ सबहिं वस्तुअन बर्बाद होइ जइहीं। तब उ प्रत्येक बात जउन मइँ उ सँदेसा मँ बताए रहेउँ, घटित होइ।” (इ सबइ बातन घटिहीं काहेकि एनका यहोवा कहे अहइ।)
Isaiah 23
1 सोर क बारे मँ दुःखद सँदेसा: हे तर्सीस क जहाजो, दुःख मनावा। तोहार बंदरगाह उजाड़ दीन्ह गवा ह। (एन जहाजन पइ जउन लोग रहेन, ओनका इ समाचार उ समय बतावा ग रहा जब उ पचे कित्तियन क देस मँ आपन राहे जात रहेन।)
2 हे सागरे क निचके बसइया लोगो, रूका अउर सोक मनावा! हे, सीदोन क सौदागरो सोक मनावा। सीदोन तोहरे सँदेसावाहक समुद्दर पर जावा करत रहेन। ओ लोग तोहका धन दौलत स भरि दिहेन।
3 उ सबइ लोग अनाजे क तलास मँ समुद्दर मँ जात्रा करत रहेन। सोर क उ सबइ लोग नील नदी क आस पास जउन अनाज पैदा होत रहा, ओका मोल लइ लेत रहा करत रहेन अउर फुन उ अनाज क दूसर देसन मँ बेचा करत रहेन।
4 हे सीदोन, तोहका सर्म आवइ चाही। काहेकि अब सागर अउर सागर क किला कहत ह: मइँ सन्तान रहित हउँ। मोका जच्चा क बेदना क गियान नाहीं अहइ। मइँ कउनो बच्चे क जनम नाहीं दिहेउँ। मइँ युवती व युवक क पालिके बड़ा नाहीं किहेउँ।
5 मिस्र सोर क खबर सुनी अउर इ खबर मिस्र क दुःख देइ।
6 तोहार जलयान तर्सीस क लउटि जाइ चाही। हे सागरतट वासियो! दुःखे मँ बूड़ जा।
7 बीते दिनन मँ, तू पचे सोर क महिमा स आनन्द लिहा। इ नगरी सुरू स ही विकसित होत रही। उ नगर क लोग नगरन स कहूँ दूर बसइ बरे जात्र किहेन।
8 सोर क नगर बहोत सारे नेता पैदा किहेस। हुवाँ क बइपारी राजपूतन क समान होत हीं अउर उ सबइ लोग वस्तुअन खरीदत अउ बेचत हीं। उ पचे हर कहूँ आदर पावत हीं। तउ कउन सोर क खिलाफ जोजनन रचेस ह।
9 हाँ, सर्वसवतीमान यहोवा उ सबइ जोजना बनाए रहा। उहइ ही ओनका महत्व स पूर्ण न बनावइ क निहचय किहे रहा।
10 हे तर्सीस क जहाजो तू पचे अपने देस क लउटि जा। तू पचे सागरे क अइसे पार करा जइसे उ नान्ह स नदी होइ। कउनो भी मनई अब तू सबन्क नाहीं रोकी।
11 यहोवा आपन हाथ सागर क ऊपर फइलाएस ह अउर राज्जन क कँपाइ दिहस। यहोवा कनान देस क बारे मँ आदेस दइ दिहस कि ओकरे गढ़ियन क नस्ट कइ दीन्ह जाइ।
12 यहोवा कहत ह, हे! सीदोन क वुँवारी बिटिया, तोहका बर्बाद कीन्ह जाइ। अब तू अउर जियादा आनन्द न मनाइ पाई।” किन्तु सोर क निवासी कहत हीं, “हमका कित्तीम बचाई।” किन्तु अगर तू सागरे क पार कइके कित्तीम जा हुवाँ भी तू चैन क ठउर न पउब्या।
13 एह बरे सोर क निवासी कहा करत हीं, “बाबुल क लोग हम क बचइहीं।” किन्तु तू बाबुल क लोगन क धरती पइ लखा। एक देस क रूप मँ आजु बाबुल क कउनो अस्तित्व नाहीं अहइ। बाबुल क ऊपर अस्सूर चढ़ाई किहस अउर ओकरे चारिहुँ ओर बुजिर्यन बनाएस। फउजियन सुन्नर घरन क सब धन लूट लिहन। अस्सूर बाबुल क जँगली पसुअन क घर बनाइ लिहस। उ पचे बाबुल क खण्डहरन मँ बदल दिहन।
14 तउ तर्सीस क जलयानो तू पचे बिलाप करा। तोहार सबन्क सुरच्छा ठउर (सोर) बर्बाद होइ जाइ।
15 सत्तर बरिस तलक लोग सोर क बिसरि जइहीं। (इ समय, कउनो राजा क सासनकाल क बराबर समय माना जात रहा।) सत्तर बरिस क पाछे, सोर एक रण्डी क नाईर् होइ जाइ। इ गीत मँ:
16 हे रण्डी! जेका मनसेधूअन बिसराइ दिहन। तू आपन वीणा उठावा अउर इ नगर मँ घूमा। तू आपन गीत क अच्छी तरह बजावा। तू अवसत आपन गीत गावा करा। तबहिं तोहका लोग फुन स याद करिहीं।
17 सत्तर बरिस क पाछे, परमेस्सर सोर क समस्या पइ विचार करब। सोर फुन आपन मज़दूरी एक रण्डी क नाईर् धरती क सबहिं रास्ट्रन क संग बइपार कइके प्राप्त करइ लागी।
18 किन्तु सोर जउने धन क कमाई ओका रख नाहीं पाई। सोर उ लाभ क जउन उ बइपार मँ कमाएस ह, यहोवा बरे सुरच्छित रहीं। सोर ओका ओन लोगन क देइ जउन यहोवा क सेवा करत अहा। एह बरे यहोवा क सेवक भर पेट खइया क खइहीं अउर नीक ओढ़ना पहिरहीं।
Isaiah 24
1 लखा! यहोवा इ धरती क बर्बाद करी। यहोवा भूचालन क जरिये इ धरती क मरोड़ देइ। यहोवा लोगन क कहूँ दूर जाइ क मजबूर करी।
2 उ समय, हर कउनो क संग एक जइसी घटनन घटिहीं, साधारण मनई अउ याजक एक जइसे होइ जइहीं। सुआमी अउर सेवक एक जइसे होइ जइहीं। दासियन अउर ओनकर सुआमियन एक समान होइ जइहीं। मोल लेइवाले अउर बेसइवाले एक जइसे होइ जइहीं। कर्जा लेइवालन अउर कर्जा देइवालन लोग एक जइसे होइ जइहीं। धनवान अउर दीन लोग एक जइसे होइ जइहीं।
3 सबहिं लोगन क हुवाँ स ढकेल बाहेर कीन्ह जाइ। सारी धन दौलत छोरी लीन्ह जइहीं। अइसा एह बरे घटी काहेकि यहोवा अइसा ही आदेस दिहस ह।
4 देस उजड़ जाइ अउर दुःखी होइ। दुनिया खाली होइ जाइ अउर उ दुर्वल होइ जाइ। इ धरती क महान नेता सवितहीन होइ जइहीं।
5 इ धरती उ लोगन दुआरा दूसित कइ दीन्ह ग अहइ जउन एह पइ रहत हीं। अइसा कइसा होइ गवा? लोग परमेस्सर क सिच्छा क विरोध मँ गलत काम किहेन। लोग परमेस्सर क नेमन क पालन नाहीं किहन। बहोत पहिले उहइ लोग परमेस्सर क संग एक करार किहे रहेन। किन्तु परमेस्सर क समन्वा कीन्ह गवा उ करार क उ पचे उल्लंघन किहेस।
6 इ धरती क रहइवाले लोग अपराधी अहइँ। एह बरे परमेस्सर इ धरती क नस्ट करइ क निहचय किहस। ओन लोगन क सजा दीन्ह जाइ अउर हुवाँ थोड़े स लोग ही बचि पइहीं।
7 अगूंर क बेलन मुरझात अहइँ। नई दाखरस क कमी पड़ति अहइ। पहिले लोग खुस रहेन। किन्तु अब उ पचे ही लोग दुःखी अहइँ।
8 लोगन आपन खुसी वियक्त करइ तजि दिहे अहइँ। खुसी क सबहिं ध्वनियन रूकि गइ बाटिन। खँजरियन अउ वीणन क आनन्द स भरा संगीत खतम होइ चुका अहइ।
9 अब लोग दाखरस पिअत अहइँ, तउ खुसी क गीत नाहीं गउतेन। अब जब मनई दाखरस पिअत हीं, तब उ ओका कड़ुई लागत ह।
10 इ सहर क एक नीक स नाउँ अहइ, “गड़बड़ स भरा, इ नगर क बिनास कीन्ह गवा। लोग घरन मँ नाहीं घुस सकतेन। दुआर बंद होइ चुका अहइँ।
11 गलियन मँ दुकानन पइ लोग अबहुँ भी दाखरस क पूँछत हीं, किन्तु समूची खुसी जाइ चुकी अहइ। आनन्द तउ दूर कइ दीन्ह ग अहइ।
12 नगर बरे बस बिनास ही बचत अहइ। दुआर तलक चकनाचूर होइ चुका अहइँ।
13 “फसल क समय लोग जइतून क बृच्छ स जइतून क गिरावा करिहीं। किन्तु केवल कछू ही जइतून बृच्छन पइ बचिहीं! जइसे अंगूरे क फसल उतारइ क पाछे थोड़ा स अंगूर बचे रहि जात हीं। अइसा ही इ धरती क रास्ट्रन क संग होइ।
14 बचे भए लोग ऊँची आवाज़ मँ स्तुति करीं। दूरगामी देस क लोग यहोवा क महानता क स्तुति करिहीं अउर उ पचे, खुस होइहीं।
15 उ सबइ लोग कहा करिहीं, “पूर्व क लोगो, यहोवा क तारीफ करा।” दूर देस क लोगो, इस्राएल क परमेस्सर यहोवा क नाउँ क गुण गान करा।”
16 इ धरती पइ हर कहूँ हम परमेस्सर क स्तुति क गीत सुनब। ऍन गीतन मँ परमेस्सर क स्तुति होइ। किन्तु मइँ कहत हउँ, “मइँ बरबाद होत रहत हउँ। मइँ जउन कछू भी लखत हउँ सब कछू खउफनाक अहइ। गद्दार लोग, लोगन क विरोधी होत रहत हीं, अउर ओनका चोट पहोंचावत हीं।
17 मइँ धरती क बसइयन पइ खतरा आवत लखत हउँ। मइँ ओनके बरे भय, गड़हन अउर फँदन लखत हउँ।
18 लोग खतरे क सुनिके डर स काँपि जइहीं। कछू लोग, पराइ जइहीं किन्तु उ सबइ गड़हन अउर फँदन मँ जाइ गिरिहीं अउर ओन गड़हन स कछू चढ़िके बचि निकरि अइहीं। किन्तु उ पचे फुन दूसर फंदन मँ फँसिहीं। ऊपर अकासे क छाती फटि जाइ जाइसे बाढ़ क दुआर खुलि गवा होइँ।” बाढ़न आवइ लगिहीं अउर धरती क नेंव डगमग हिलइ लागी।
19 भूचाल आइ अउर धरती फट जाइहीं।
20 संसार क पाप बहोत भारी अहइँ। उ भारे स दबिके इ धरती गहराइ जाइ। इ धरती कउनो झोपड़ी स काँपी अउर नसे मँ धुन्त कउनो मनई क तरह धरती गिर जाइ। इ धरती बनी न रही।
21 उ समय यहोवा सब क निआव करी। उ समय यहोवा अकासे मँ सरग क फउजन अउर धरती क राजा उ निआव क विषय होइहीं।
22 एन सबन क एक संग एकट्ठा कइ दीन्ह जाइ। ओनमाँ स कछू काल कोठरी मँ बन्द होइहीं अउर कछू कारागार मँ रइहीं। किन्तु अंत मँ बहोत समय क पाछे एन सबन्क निआव होइ।
23 यरूसलेम मँ सिय्योन क पहाड़े पइ यहोवा राजा क रूप मँ राज्ज करी। अग्रजन क समन्वा ओकर महिमा होइ। ओकर महिमा ऍतनी भव्व होइ कि चँदा व्यावुल होइ जाइ, सूरज लजाइ जाइ।
Isaiah 25
1 हे यहोवा, तू मोर परमेस्सर अहा। मइँ तोहरे नाउँ क स्तुति करत हउँ अउर मइँ तोहका सम्मान देत हउँ। तू अनेक अद्भुत कार्य किहा ह। जउन भी सब्द तू बहोत पहिले कहे रह्या उ सबइ पूरी तरह स फुरइ अहइँ। हर बात वइसी ही घटी जइसी तू बताए रह्या।
2 तू नगर क नस्ट किहा। उ नगर सुदृढ़ चहरदीवारी स संरच्छित रहा। किन्तु अब उ मात्र पाथरन क ढेर रहि गवा। परदेसियन क महल नस्ट कइ दीन्ह गवा। अब ओकर फुन स निर्माण नाहीं होइ।
3 सामर्थी लोग तोहार महिमा करिहीं। त्रूर जातियन क नगर तोहसे डेरइहीं।
4 यहोवा तू निर्धन लोगन बरे जउन जरूरतमंद अहइँ, सुरच्छा क ठउर अहा। अनेक बिपत्तियन ओनका पराजित करइ क आवत हीं किन्तु तू ओनका बचावत ह। तू एक अइसा भवन अहा जउन ओनका तूफानी बर्खा स बचावत ह अउर तू एक अइसी हवा अहा जउन ओनका गर्मी स बचावत ह। बिपत्तियन खउफनाक आँधी अउर घनघोर बर्खा जइसी आवत ह। बर्खा देवारन स टकरात ह अउर खाले बहि जात ह किन्तु मकाने मँ जउन लोग अहइँ, ओनका नोस्कान पहोंचावत ह।
5 नारा लगावत भए दुस्मन ललकारेस। घोर दुस्मन चुनौती देइ क ललकारेस। किन्तु तू हे परमेस्सर, ओनका रोक लिहा। उ सबइ अइसे रहेन जइसे गर्मी कउनो खुस्क जगह पइ। तू ओन त्रूर लोगन क विजय गीत अइसे रोक दिहे रह्या जइसे सघन मेघन क छाया गर्मी क दूर करत ह।
6 उ समय, सर्वसवतीमान यहोवा इ पर्वते प सबहिं रास्ट्रन बरे एकठु भोज क प्रबंध करी। भोजे मँ स्वादिस्ट खइया क अउ दाखरस परोसा जाइ। भोज मँ नर्म अउ मज़ेदार गोस्त परोसा जाइ।
7 किन्तु अब लखा, एक अइसा पर्दा अहइ जउन सबहिं जातियन अउर सबहिं मनइयन क ढके अहइ। इ पर्दे क नाउँ अहइ, “मउत।”
8 किन्तु मउत क हमेसा बरे अंत कइ दीन्ह जाइ अउर मोर सुआमी यहोवा हर आँखी क आँसू पोंछ देइ। बीते समय मँ ओकर सबहिं लोग समिर्न्दा रहेन। यहोवा ओनकर लज्जा क इ धरती पइ स हरण कइ लेइ। इ सब कछू घटी काहेकि यहोवा कहे रहा, अइसा होइ।
9 उ समय लोग अइसा कहिहीं, “लखा इ हमार परमेस्सर अहइ। इ उहइ अहइ जेकर हम बाट जोहत रहे। इ हमका बचावइ क आवा अहइ। हम आपन यहोवा क प्रतीच्छा करत रहे। एह बरे हम खुसियन मनाउब अउर खुस होब कि यहोवा हमका बचाएस ह।”
10 इ पहाड़े पइ यहोवा क सवती अहइ अउर मोआब पराजित होइ। यहोवा सत्रु क अइसा वुचिर डाइ जइसे भूसा वुचरा जात ह जउन खाद क ढेर मँ होत ह।
11 यहोवा आपन हाथ अइसे पसारी जइसे कउनो तैरत भवा मनई फइलावत ह। तब यहोवा ओन सबहिं वस्तुअन क एकट्ठा करी जेन पइ लोगन क गर्व अहइ। यहोवा ओन सबहिं सुन्नर वस्तुअन क बटोर लेइ जेनका उ पचे बनाए रहेन अउर उ एन वस्तुअन क लोकाइ देइ।
12 यहोवा लोगन क ऊँच देवारन क नस्ट कइ देइ। यहोवा ओनके सुरच्छा ठउरन क नस्ट कइ देइ। यहोवा ओनका धरती क धूरि मँ पटक देइ।
Isaiah 26
1 उ समय, यहूदा क लोग इ गीत गइहीं: यहोवा हमका मुवित देत ह। हमार एक सुदृढ़ नगरी अहइ। हमरे नगर क सुदृढ़ परकोटा अउ सुरच्छा अहइ।
2 ओकरे दुआरन क खोला ताकि भले लोग ओहमाँ प्रवेस करइँ। उ सबइ लोग परमेस्सर क जिन्नगी क खरी राहे का पालन करत हीं।
3 हे यहोवा, तू हमका सच्चा सान्ति प्रदान करत ह। तू ओनका सान्ति दिया करत ह, जउन तोहरे भरोसे अहइँ अउर तोह पइ बिस्सास रखत हीं।
4 एह बरे सदा ही यहोवा पइ बिस्सास करा। काहेकि “यहोवा याह” ही तोहार हमेसा सर्वदा बरे सरण क ठउर होइ।
5 किन्तु अभिमानी नगर क यहोवा निहुराएस ह अउर हुवाँ क निवासियन क उ सजा दिहेस ह। यहोवा उ ऊँच बसी नगरी क धरती पइ गिराएस। उ एका धूरि मँ मिलावइ गिराएस ह।
6 तब दीन अउ नम्र लोग नगरी क खण्डहरन क आपन गोड़े तले रौंदि देइहीं।
7 खरापन खरे लोगन क जिअइ क ढंग अहइ। खरे लोग उ राहे पइ चलत हीं जउन सोझ अउ सच्ची होत ह। परमेस्सर, तू उ राहे क चलइ बरे सुखद व सहल बनावत ह।
8 किन्तु हे परमेस्सर! हम तोहरे निआव क मारग क बाट जोहत अही। हमार मन तोहका अउर तोहरे नाउँ क सुमिरान करइ चाहत ह।
9 मोर मत राति भर तोहरे साथ रहइ चाहत ह अउर मोरे अन्दर क आतिमा हर नए दिन क सबेरे तोहरे साथ रहइ चाहत ह। जब धरती पइ तोहार निआउ आइ, लोग खरी जिन्नगी जिअइ सीख जइहीं।
10 जदि तू सिरिफ दुट्ठ पइ दाया देखावत रह्या तउ उ कबहुँ भी अच्छे करम करब नाहीं सीखी। दुट्ठ जन चाहे भले लोगन क बीच मँ रहइ मुला तब उ भी बुरे करम करत रही। उ दुट्ठ कबहुँ भी यहोवा क बड़प्पन नाहीं देख पाइ।
11 हे यहोवा तू ओनका सजा देइ क तत्पर अहा किन्तु उ पचे एका नाहीं लखतेन। हे यहोवा तू आपन लोगन पइ आपन असीम पिरेम देखॉवत अहा जेका लखिके दुट्ठ जन लज्जित होइ जात हीं। तोहार दुस्मन आपन ही पापे क आगी मँ जरिके भसम होइ जइहीं।
12 हे यहोवा, हमका कामयाबी तोहरे ही कारण मिली ह। तउ कृपा कइके हमका सान्ति द्या।यहोवा आपन लोगन क नवा जीवन देइ
13 हे यहोवा, तू हमार परमेस्सर अहा किन्तु पहिले हम पइ दूसर देवता राज करत रहेन। हम दूसर सुआमियन स जुड़े भए रहेन किन्तु अब हम इ चाहित ह कि लोग बस एक ही नाउँ याद करइँ उ अहइ तोहार नाउँ।
14 अब उ पचे सुआमी जिअत नाहीं अहइँ। उ सबइ भूत आपन कब्रन स कबहुँ भी जिअत नाहीं उठिहीं। तू ओनका बर्बाद करइ क निहचय किहे रह्या अउर तू ओनकर याद तलक क मेट दिया।
15 हे यहोवा, तू जाति क बढ़ाया। जाति क बढ़ाइके तू महिमा पाया। तू प्रदेस क चउहद्दी क बढ़ाया।
16 हे यहोवा, तोहका लोग दुःखे मँ याद करत हीं, अउर जब तू ओनका सजा दिया करत ह तब लोग तोहार गँूगी पराथनन करत हीं।
17 हे यहोवा, हम तोहरे कारण अइसे होत हँ जइसे जच्चा पीरा क झेलत मेहरारू होइ जउन बच्चा क जनम देत समय रोवत बिलखत अउर पीरा भोगत ह।
18 इहइ तरह हम भी गर्भधारण कइके पीरा भोगित ह। हम जनम देइत ह किन्तु सिरिफ वायु क। हम संसार क नवा लोग नाहीं दइ पाए। हम धरती क उद्धार पइ नाहीं लिआए पाए।
19 यहोवा कहत ह, “मरे भए तोहार लोग फुन स जी जइहीं। मरे लोगन क देह मउत स जी उठी। हे मरे भए लोगो, हे धूरि मँ मिल भवो, उठा अउ तू पचे खुस होइ जा। उ ओस जउन तोहका घेरे भए अहइ, अइसी अहइ जइसे रोसनी मँ चमकत भइ ओस। धरती ओनका फुन जनम देइ जउन अबहिं मरे भए अहइँ।”
20 हे मेरे लोगो, तू पचे आपने कोठरियन मँ जा। आपन क थोड़े समय बरे आपन कमरन मँ छिपा ल्या। परमेस्सर क किरोध बहोत जल्द सान्त होइ जाइ।
21 यहोवा धरती क लोगन क पापन क निआव करी बरे सरग क आपन ठउरे क तजि देइ। धरती अब मरा भवा लोगन क अउर न ढाँपिहीं। धरती खुद पइ बहाइ गवा खून क राज क फास करिहीं।
Isaiah 27
1 उ समय, यहोवा लिब्यातान क निआव करी जउन एक फ़रार सरप अहइ। यहोवा आपन बड़की अउ सवतीसाली तरवार क उपयोग वुंडली मारे सरप लिब्यातान क मारइ मँ करी। यहोवा सागरे क भीमकाय प्राणी क मारि डाइ।
2 उ समय, हुवाँ खुसियन स भरा अंगूरे क एक बाग होइ। तू पचे ओकर गीत गावा।
3 “मइँ यहोवा, उ बाग का धियान रखब। मइँ बागे क उचित समये पइ सींचब। मइँ बगीचे क रात दिन रखवारी करब ताकि कउनो भी ओका नोस्कान न पहोंचाइ पावइ।
4 मइँ वुपित नाहीं होब। जदि काँटा कँटेरी मोका हुवाँ मिलइ तउ मइँ वइसे रौंदब जइसे फउजी रौंदत चला जात ह अउर ओनका फूँक डाउब।
5 लेकिन अगर कउनो मनई मोरी सरण मँ आवइ अउर मोहसे मेल करइ चाहइ तउ उ चला आवइ अउर मोहसे मेल करि लेइ।
6 आवइ वाले दिनन मँ याकूब क लोग उ पउधे क समान होइहीं जेकर उड़न उत्तिम होत हँ। याकूब क बिकास उ पनपते पउधे सा होइ जेह पइ बहार आई होइ। फुन धरती याकूब क बंसजन स भरि जाई जइसे बृच्छन क फलन स उ भर जात ह।”
7 यहोवा आपन लोगन क ओतना दण्ड नाहीं दिहस ह जेतना उ ओनके दुस्मनन क दिहस ह। ओकर लोग ओतने नाहीं मरेन ह जेतने उ सबइ लोग मरेन ह जउन एन लोगन क मारइ बरे प्रयत्नसील रहेन।
8 यहोवा इस्राएल क दूर पठइके ओकरे संग आपन विवाद सुलझाइ लेइ। यहोवा इस्राएल क उ तेज हवा क झोंके स उड़ाइ दिहस जउन रेगिस्ताने क गरम लू क समान होत ह।
9 याकूब क अपराध कइसे छिमा कीन्ह जाइ? ओकरे पापन्क कइसे दूर कीन्ह जाइ? इ सबइ बातन घटिहीं, वेदी क सबइ सिला चकनाचूर होइके धूरि मँ मिल जइहीं, लबार देवतन क स्तम्भ अउर ओनकर पूजा क वेदियन तहस-नहस कइ दीन्ह जाइ।
10 इ नगरी नस्ट होइ जाब्या। सब लोग कहूँ दूर भाग जाब्या। उ नगर एक खुली चरागाह जइसा होइ जाब। मवेसियन क बच्चन हुआँ घाँस खाइहीं मवेसी अंगूरे क बेलन स पातियन खाइहीं होइ।
11 इ सहर उ अंगूर क बेलन क नाईं अहइ जउन फसल काटि स पहिले ही सूख ग अहइ, काहेकि एकर डारन मरि गवा अहइ। एह बरे डारन टूटिके गिर ग अहइँ। मेहररूअन ओन डारन जराइ बरे आइँ। इ सबइ लोग मूरख अहइँ। एह बरे ओकर बनाइवाला ओकर प्रति दया नाहीं देखॉइ। ओनकर रचयिता ओनके बरे दयालु नाहीं होइ।
12 उ समय, यहोवा दूसर लोगन स आपन लोगन क अलग करइ लागी। परात नदी स उ इ कारज क आरम्भ करी। परात नदी स लइके मिस्र क नदी तलक यहोवा तू इस्राएलियन क एक एक क कइके एकट्ठा करी।
13 अस्सूर मँ अबहिं मोर बहुत स लोग खोए भए अहइँ। मोर कछू लोग मिस्र क पराइ ग अहइँ। किन्तु उ समय तलक एक बिसाल भेरी बजाई जाइ अउर उ सबइ सबहिं लोग वापिस यरूसलेम आइ जइहीं अउ उ पवित्तर पर्वत पइ यहोवा क समन्वा उ सबइ सबहिं लोग निहुरि जइहीं।
Isaiah 28
1 सोमरोन क लखा। एप्रैम क मदमस्त लोग उ नगर पइ गर्व करत हीं। उ नगर पहाड़ी पइ बसा ह जेकरे चारिहुँ कइँती एक संपन्न घाटी अहइ। सोमरोन क वासी इ सोचा करत हीं कि ओनकर सहर फूलन मुवुट जइसा अहइ। किन्तु उ पचे दाखरस स धुत्त अहइँ अउर इ “सुन्नर मुवुट” मुरझाए पौधा स अहइ।
2 लखा, मोर सुआमी एक मनई क चुनेस ह जउन मज़बूत अउर वीर अहइ। उ व्यक्ति इ देस मँ इ तरह आइ जइसे ओलन अउ बर्खा क तूफ़ान आवत ह। उ देस मँ इ तरह आइ जइसे बाढ़ आवा करत ह। उ समारिया क धरती पइ फेंकी।
3 नसे मँ धुत्त एप्रैम क लोग आपन “सुन्नर मुवुट” पइ गर्व करत हीं किन्तु उ नगरी गोड़े तले रौंदी जाइ।
4 उ नगर पहाड़ी पइ बसा अहइ जेकरे चारिहुँ कइँती एक सम्पन्न घाटी अहइ। किन्तु उ “फूलन क सुन्नर मवुट” बस एक मुरझात भवा पौंधा अहइ। उ नगर गर्मी मँ अंजीर क पहिले फले क समान होई। जब कउनो उ पहली अंजीर क लखत ह तउ हाली स तोड़के ओका चट कइ जात ह।
5 उ समय, सर्वसवतीमान यहोवा, “सुन्नर मवुटट” बनी। उ ओन बचे भए आपन लोगन बरे “फूलन क सानदार मवुट” होइ।
6 फुन यहोवा ओन निआव क अर्धासन क बुद्धि प्रदान करी जउन ओकर आपन लोगन क सासन करत हीं। नगर दुआरन पइ जुद्धन मँ लोगन यहोवा सवती देइ।
7 किन्तु अबहिं उ सबइ मुखिया लोग मदमस्त अहइँ। याजक अउ नबी सबहिं दाखरस अउर सुरा स धुत्त अहइँ। उ सबइ लड़खड़ात अहइँ अउर खाले भहराइ पड़त अहइँ। नबी जब आपन सपनन लखत हीं। निआव क अधीस जब निआव करत हीं तउ उ पचे नसे मँ बूड़े भए होत हीं।
8 हर खाइ क मेज उल्टी स भरी भइ अहइ। कहूँ भी कउनो स्वच्छ ठउर नाहीं रहा अहइ।
9 उ पचे कहा करत हीं, इ मनई कउन अहइ? इ केका सिच्छा देइ क कोसिस करत अहइ? उ आपन सँदेसा केका समुझावत अहा? का ओन बच्चन क जेनकर अबहिं-अबहिं दूध छोड़ॅवा गवा अहइ? का ओन बच्चन क जेनका अबहिं अबहिं आपन महतारियन क छाती स दूर कीन्ह गवा ह
10 एह बरे यहोवा ओनसे इ तरह बोलत ह जइसे उ पचे दुधमुहाँ बच्चन होइँ।“सौ लासौ सौ लासौ काव लाकाव काव लाकाव ज़ेइर साम ज़ेइर साम।”
11 फिन यहोवा ओन लोगन स बात करी ओकर होंठ कॉपत भए होइहीं अउर उ ओन लोगन स बातन करइ मँ दूसर विचित्र भाखा प्रयोग करी।
12 यहोवा पहिले ओन लोगन स कहे रहा, “हिआँ विस्राम क एक ठउर अहइ। थके माँदे लोगन क हिआँ आवइ द्या अउर विस्राम पावइ द्या। इ सान्ति क ठउर अहइ।”किन्तु लोग परमेस्सर क सुनइ नाहीं चाहेन।
13 तउ परमेस्सर क बचन कउनो विचित्र भासा क जइसे होइ जइहीं।“सौ लासौ सौ लासौ काव लाकाव काव लाकाव ज़ेइर साम ज़ेइर साम।”तउ लोग जब चलिहीं तउ पाछे कइँती लुढ़क जइहीं अउर जख्मी होइहीं। लोगन क फँसाइ लीन्ह जाइ अउर उ पचे धरा जइहीं।
14 हे, यरूसलेम क आग्या क नाहीं मानइवाले अभिमानी मुखिया लोगो, तू यहोवा क सँदेसा सुना।
15 तू लोग कहत अहा, “हम मउत क संग एक वाचा कीन्ह ह। सेओल (मौत क पहँटा) क संग हमार एक अनुबंध अहइ। एह बरे हम दण्डित नाहीं होब। दण्ड हम पचन्क नोस्कान पहोंचाए बगैर हमरे पास स निकरि जाइ। आपन चालाकियन अउर आपन झूठन क पाछे हम पचे लुकाइ जाबइ।”
16 एन बातन क कारण मोर सुआमी यहोवा कहत ह: “मइँ एक पाथर एक ठु कोने क पाथर सिय्योन मँ धरती पइ गड़ब। इ एक अत्यन्त मूल्यवान पत्थर होइ। इ बहोत महत्वपूर्ण पाथर पई ही हर कउनो वस्तु क निर्माण होइ। जेहमाँ बिस्सास होइ, उ कबहुँ घबराई नाहीं।
17 “लोग देवारे क सोझ लखइ बरे जइसे सूत डाइके लखत हीं, वइसे ही मइँ जउन उचित अहइ ओकरे बरे निआव अउर खरेपन क प्रयोग करब।“तू दुट्ठ लोग आपन झूठ अउर चालाकियन बरे आपन क छुपावइ क जतन करत अहा, किन्तु तोहका दण्ड दीन्ह जाइ। उ दण्ड अइसा ही होइ जइसे तोहरे सबन्क छुपावइ क ठउरन क नस्ट करइ बरे कउनो तूफान या कउनो बाढ़ आवत होइ।
18 मउत क साथे तोहरे वाचा क मेट दीन्ह जाइ। अधोलोक क संग भई तोहार संधि भी तोहार मदद नाहीं करी।“जब खउफनाक सजा तोहे सबन पइ पड़ी तू पचे वुचरा जाब्या।
19 उ हर दाईर् जब आई तू पचन्क हुवाँ लइ जाइ। तोहार पचन्क सजा भयानक होइ। तू पचन्क भिन्सारे दर भिन्सारे अउर दिन रात सजा मिली।
20 जब तू पचे इ कहानी क समुझब्या: कउनो मनसेधू एक अइसे बिछउना पइ सोवइ क जतन करत रहा जउन ओकरे बरे नान्ह रहा। ओकरे लगे एक वंबल रहा जउन एतना चौड़ा नाहीं रहा कि ओका ढाक लेइ। त उ बिछउना अउर उ कम्बल ओकरे बरे बियर्थ रहेन अउर लखा तोहार वाचा भी तोहरे सबन्क बरे अइसा रही।”
21 “यहोवा वइसे ही जुद्ध करी जइसे उ पराजीम नाउँ क पहाड़ पइ किहे रहा। यहोवा वइसे ही कोहाइ जाइ जइसे उ ‘गिबोन क घाटी मँ भवा रहा। तब यहोवा ओन कामन क करी जउन ओका निहचय ही करइ क अहइँ। यहोवा कछू बिचित्र काम करी। किन्तु उ आपन काम क कर देइ। ओकर काम कउनो एक अजनबी क काम अहइ।
22 अब तू पचन्क इ सबइ बातन क मजाक नाहीं उड़ाबइ चाही। जदि तू पचे अइसा करब्या तउ तोहार पचन्क बन्धन क रस्सियन अउर जियादा कस जइहीं। सर्वसवतीमान यहोवा इ समूचे प्रदेस क नस्ट करइ क ठान लिहस ह। जउन सब्द मइँ सुने रहेउँ, अटल अहइँ। तउ उ सबइ बातन जरूर घटिहीं।
23 जउन सँदेसा मइँ तू पचन्क सुनावत हउँ, ओका धियान स सुना।
24 का कउनो किसान आपने खेते क हर समय जोनत रहत ह नाहीं। का उ माटी क हर समय सँवारत रहत ह नाहीं।
25 किसान आपन धरती क तइयार करत ह, अउर फुन ओहमाँ बिआ अलग अलग डावत ह। किसान अलग-अलग बीजन क रोपाई, ढंग स करत ह। किसान सौंफ क बिआ बिखेरत ह अउर एक किसान कठिए गोहूँ क बोवत ह। एक किसान खास जगह पइ अउ लगावत ह। एक किसान कठिए गोहूँ क बिअन क खेत क मेेंड पइ लगावत ह।
26 ओकर परमेस्सर ओका सिच्छा देत ह अउर अच्छे तरह स ओका निर्देस देत ह।
27 का कउनो किसान तेज दाँतदार तखन क प्रयोग सौंफ क दानन क गहावइ बरे करत ह नाहीं। का कउनो किसान जीरा क गहावइ बरे कउनो छकड़े क प्रयोग करत ह नाहीं। एक किसान इ मसालन क बीअन क छिलका उतारइ बरे एक नान्ह स वुबरी क प्रयोग ही करत ह।
28 लोगन क रोटी बनावइ बरे अनाज क पीसइ परी, किन्तु उ पचे लगातार अनाज जिन पीसत रहतेन। एक किसान अनाज क दलइ क बरे अनाज दलइ क पहिया अनाजे पइ फिराइ क परी, किन्तु ओका अनाजे क रौंदइ बरे घोड़न क समूह क जरूरत नाहीं परी! ठीक इहइ तरह, परमेस्सर आपन लोगन क लगातार सज़ा नाहीं देत ह!
29 सर्वसवतीमान यहोवा स इ पाठ मिलत ह। यहोवा अद्भुत सलाह देत ह। यहोवा फुरइ बहोत बुद्धिमान अहइ।
Isaiah 29
1 परमेस्सर कहत ह, “हे अरीएल, अरीएल! तू उ सहर अहइ जहाँ दाऊद छावनी डाए रहा। लोग इ सहर क बरिस दर बरिस पवित्तर भोज बरे जात्र किहेस।
2 किन्तु जब मइँ अरीएल क अन्त करब्या, तउ हुवाँ सोक अउ विलाप होइ। किन्तु उ तब भी मोर अरीएल होइ!
3 तब मइँ तोहका फउजन क सिबिर स घेरउब। मइँ तोहार विरोध मँ जुद्ध क बुर्ज अउर ढलवान बनाउब।
4 तू पचे धरती पइ गिरि जाब। धूल स तोहार कमज़ोर धीमा फुसफुसाहत क आवाज़ अइसा होइ जइसे धरती प कउनो भूत होइ।”
5 तोहार दुस्मन धूर क कण क भाँति अनगिनत होइहीं। तोहार वूर अत्याचार अनगिनत होइहीं जइसे भूसे आँधी मँ उड़त भए अहा।
6 सर्वसवतीमान यहोवा बादरन क गर्जन स, धरती क काँपे स, अउर जहा ध्वनियन स तोहरे लगे आइ। यहोवा दण्डित करी। यहोवा तूफान, तेज आँधी अउर आगी क प्रयोग करी जउन बारिके सबहिं क नस्ट कइ देइ।
7 तउ रात क सपना क नाईं जउन कि जागते ही गाइब होइ जात ह अइसा ही अरीएल क चारिहुँ कइँती स घेरा भवा फउज अउर ओनके जुद्ध यंत्र जउन कि ओकर खिलाफ घूमत रहत ह, गाइब होइ जात हीं।
8 मुला ओन फउजन क एक सपना जइसा होइ। उ सबइ फउजन उ सब चिजियन न पइहीं जेनका उ पचे चाहत हीं। इ वइसा ही होइ जइसा भूखा मनई भोजन क सपन लखइ अउर जागइ पइ उ आपन क वइसा ही भूखा पावइ। इ वइसा ही होइ जइसे कउनो पिआसा पानी क सपन लखइ अउर जब जागइ तब आपन क पियासा पावइ।सिय्योन क विरोध मँ लड़त भए सबहिं देस फुरइ अइसे ही होइहीं। इ बात ओन पइ खरी उतरी। देसन क उ सबइ चिजियन नाहीं मिलिहीं जेनका ओनका चाह अहइ।
9 आस्चर्य चकित होइ जा अउर अचरज स भरि जा। तू पचे सबहिं धुत्त होब्या किन्तु दाखरसु स नाहीं। लखा अउर अचरज करा। तू लड़खड़ाब्या अउर भहराइ जाब्या किन्तु सराबे स नाहीं।
10 यहोवा तोहका सबन्क सोवाएस ह। यहोवा तोहार आँखिन मूँदि दिहस ह। (तोहार आँखिन नाहीं अहइँ)
11 मइँ तू पचन्क बतावत हउँ कि इ सबइ बातन घटिहीं। किन्तु तू पचे मोका नाहीं समुझ रह्या। मोर सब्द उ किताबे क समान अहइँ, जउन बन्द अहइँ अउर जेह पइ एक मोहर लगी बाटइ।
12 तू पचे उ किताबे क एक अइसे मनई क दइ सकत ह जउन पढ़ सकत ह अउर उ मनई स कहि सकत ह कि उ उ किताबे क पढ़इ। मुला उ मनई कही, “मइँ किताबे क बाँच नाहीं सकत काहेकि इ बन्द अहइ अउर मइँ एका खोल नाहीं सकत।” या तू उ किताबे क कउनो भी अइसे मनई क दइ सकत ह जउन बाँच नाहीं सकत, अउर उ मनई स कहि सकत ह कि उ उ किताबे क पढ़इ। तब उ मनई कही, “मइँ इ किताबे क नाहीं बाँचि सकत काहेकि मइँ पढ़ब नाहीं जानत।”
13 मोर सुआमी कहत ह, “इ सबइ लोग कहत हीं कि उ पचे मोहसे पिरेम करत हीं। आपन मुँहे क सब्दन स उ पचे मोरे बरे आदर परगट करत हीं। मुला ओनकर मन मोहसे दूर अहइँ। उ आदर जेका उ पचे मोरे बरे देखॉवत हीं, बस कोरे मानव नेम अहइँ जउन उ पचे रट डाए अहइँ।
14 तउ मइँ एन लोगन क सवती स पूर अउर अचरज भरी बातन करत भए आस्चर्य चकित करत रहब। ओनकर बुद्धिमान मनई समझइ मँ असमर्थ होइ जइहीं।”
15 धिवकार अहइ ओन लोगन क जउन यहोवा स बातन छिपावइ क जतन करिहीं। उ पचे सोचत हीं कि यहोवा तउ समझी ही नाहीं। उ सबइ लोग आँधियारा मँ काम करत हीं। उ सबइ लोग आपन मन मँ कहा करत हीं, “हम पचन्क कउनो लख सकत नाहीं। हम पचे कौन अही, एका कउनो मनई नाहीं जानी।”
16 तू पचे भ्रम मँ पड़ा अहा। तू पचे सोचा करत अहा, कि माटी कोहार क बराबर अहइ। तू पचे सोचा करत अहा कि कृति आपन कर्त्ता स कह सकत ह, “तू मोर रचना नाहीं किहा ह।” इ वइसा ही अहइ, जइसे गगरी क आपन बनावइवाले कोहार स इ कहब, “तू समझत्या नाहीं तू का करत अहा।”
17 इ फुरइ अहइ: कि लबानोन थोड़े समय पाछे, आपन बिसाल ऊँच बृच्छन बरे सपाट जोते खेतन मँ बदल जाइ अउर सपाट खेत ऊँच-ऊँच बृच्छन वाले सघन जंगलन क रूप लइ लेई।
18 किताबे क सब्दन क बहिरे सुनिहीं, आँधर आँधियारे अउ कोहरे मँ स लखि सकिहीं।
19 यहोवा दीन जनन क खुस करी। दीन जल इस्राएल क उ पवित्तरतम मँ आनन्द मनइहीं।
20 अइसा तब होइ जब नीच अउ त्रूर मनई खत्म होइ जइहीं। अइसा तब होइ जब बुरा काम करइ मँ आनन्द लेइवाले लोग चले जइहीं।
21 (उ सबइ लोग दूसर लोगन क बारे मँ झूठ बोला करत हीं। उ पचे कचहरी मँ लोगन क फँसावइ क जतन करत हीं। उ पचे भोले भाले लोगन क नस्ट करइ मँ जुटे रहत हीं।)
22 तउ यहोवा याकूब क परिवार स कहेस। (इ उहइ यहोवा अहइ जउन इब्राहींम क अजाद किहे रहा।) यहोवा कहत ह, “अब याकूब (इस्राएल क लोग) क लज्जित नाहीं होब होइ। अब ओकर मुँह कबहुँ पिअर नाहीं होइ चाही।
23 उ आपन सबहिं संतानन क लखी अउर कही कि मोर नाउँ पवित्तर अहइ। एन संतानन क मइँ आपन हाथन स बनाएउँ ह अउर इ सबइ संतानन मनिहीं कि याकूब क पवित्तर परमेस्सर वास्तव मँ पवित्तर अहइ अउर इ सबइ संतानन इस्राएल क परमेस्सर क आदर देइहीं।
24 उ सबइ लोग जउन गलतियन करत हीं, अब समुझ जइहीं। उ सबइ लोग जउन सिकाइत करत रहत हीं अब निर्देसन क अंगीकार करिहीं।”
Isaiah 30
1 यहोवा कहेस, “मोरे एन बच्चन क लखा, इ सबइ मोर बात नाहीं मानतेन। इ सबइ योजनन बनावत हीं मुला मोर मदद नाहीं लेइ चाहतेन। इ सबइ दूसर जातियन क साथ समझौता करत हीं जबकि मोर आतिमा ओन समझौतन क नाहीं चाहत। इ सबइ लोग आपन मूँड़े पइ पाप क बोझ बढ़ावत चला जात बाटेन।
2 इ सबइ बच्चन मोहसे कछू नाहीं पूछतेन कि का अइसा करब उचित अहइ। ओनका उम्मीद अहइ कि फिरौन ओनका बचाइ लेइ। उ पचे चाहत हीं कि मिस्र ओनका बचाइ लेइ।
3 “मुला मइँ तू पचन्क बतावत हउँ कि मिस्र मँ सरण लेइ स तोहार पचन्क बचाव नाहीं होइ। मिस्र तोहार सबन्क रच्छा करइ मँ सफल नाहीं होइ।
4 तोहार पचन्क अगुअन सोअन मँ गवा अहइँ अउर तोहार पचन्क राजदूत हानेस क चला गवा अहइँ।
5 किन्तु ओनका निरासा ही हाथे लागी। उ पचे एक अइसे रास्ट्र पइ बिस्सास करत अहइँ जउन ओनका नाहीं बचाइ पाइ। मिस्र बेकार अहइ, मिस्र कउनो मदद नाहीं देइ। मिस्र क कारण ओनका अपमानित अउ लज्जित होइ पड़ी।”
6 दविखन क गोरूअन बरे दुःखद सँदेसा:नेगव बिपत्तियन अउर खतरन स भरा एक ठु देस अहइ। इ पहँटा सेरन, नागन अउर उड़इवाले साँपन स भरा पड़ा अहइ। किन्तु कछू लोग नेगव स होत भए जात्रा करत अहइँ उ पचे मिस्र कइँती जात अहइँ। ओन लोग गदहन क पीठन पइ आपन धन-दौलत लादे भए अहइँ। ओन लोग आपन खजाना ऊँटन क पीठन पइ लाद रखे अहइँ अर्थात् इ सबइ लोग एक अइसे देस पइ भरोसा रखे अहइँ जउन ओनका नाहीं बचाइ सकत।
7 मिस्र ही उ बेकार क देस अहइ। मिस्र क मदद बेकार अहइ। एह बरे मइँ मिस्र क एक ठु अइसा रहाब कहत हउँ जउन निठल्ला पड़ा रहत ह।
8 अब एका एक चिह्न पइ लिख द्या ताकि सबहिं लोग एका लखि सकइँ। एका एक ठु किताबे मँ लिख द्या। एनका अन्तिम दिनन बरे लिख द्या। इ सबइ बातन सुदूर भविस्स क साच्छी होइही।
9 इ सबइ लोग ओन बच्चन क जइसे अहइँ जउन आपन महतारी-बाप क बात नाहीं मानतेन। उ सबइ लबार अहइँ अउर यहोवा क सिच्छन क सुनइ तलक नाहीं चाहतेन।
10 उ पचे नबियन स कहा करत हीं, “हम क जउन कछू ठीक बातन करइ चाही ओनके बारे मँ दर्सन जिन किया करा। हम क सच्चाई जिन वतावा। हम स अइसी अच्छी बातन कहा, जउन हम क नीक लाग सकत। हमरे बरे केवल अच्छी बातन ही लखा।
11 जउन बातन फुरइ घटइ क अहइँ, ओनका लखब बन्द करा। हमरे राहे स हटि जा। इस्राएल क उ पवित्तर परमेस्सर क बारे मँ हम का बताउब बन्द करा।”
12 इस्राएल क पवित्तर परमेस्सर कहत ह, “तू लोग यहोवा स इ सँदेसा क मानइ स मना कइ दिहा ह। तू लोग सहायता बरे लड़ाई-झगड़न अउर झूठ पइ निर्भर रहइ चाहत अहा।
13 तू पचे काहेकि एन बातन बरे अपराधी अहा, एह बरे तू पचे एक ठु अइसी ऊँच देवार क समान अहा जेहमाँ दरारन आइ चुकी अहइँ। उ देवार ढह जाइ अउर नान्ह नान्ह टूकन मँ टूटिके ढेर होइ जाइ।
14 तू पचे माटी क उ बड़के बर्तन क समान होइ जाब्या जउन टूटि टूटिके नान्ह नान्ह टूकन मँ बिखरि जात ह। इ सबइ टूकन बेकार होत हँ। एन टूकन मँ स तू पचे न तउ आगी स बरत कोयला ही उठाइ सकत ह अउर न ही क उनो जोहड़ स पानी।”
15 इस्राएल क उ पवित्तर, मोर सुआमी यहोवा कहत ह, “जदि तू पचे मोरी कइँती लउट आवा तउ तू पचे बचि जाब्या। जदि तू पचे मोहे पइ भरोसा रखब्या तबहिं तू पचन्क तोहार सबन्क बल मिली मुला तू पचन्क सान्त रहब होइ।”मुला तू पचे तउ वइसा करइ ही नाहीं चाहत्या।
16 तू पचे कहत अहा, “नाहीं, हम पचन्क घोड़न क जरूरत अहइ जेन पइ चढ़िके हम पचे दूर पलाइ जाइ।” इ फुरइ अहइ तू पचे घोड़न पइ चढ़िके दूर पलाइ जाब्या मुला दुस्मन तोहार सबन्क पाछा करी अउर उ तोहारे सबन्क घोड़न स जियादा तेज होइ।
17 एक दुस्मन ललकारी अउर तोहार पचन्क सबहिं लोग ओकरे समन्ना स भाग खड़ा होइ जइहीं। हुवाँ तू पचे अइसे अकेल्ले बचा रहि जाब्या, जइसे पहाड़ी पइ लगा तोहार पचन्क झण्डे क डण्डा।
18 यहोवा तू पचन्पइ आपन करूणा दर्सावत ह। यहोवा बाट जोहत ह। यहोवा तू पचन्क सुख चैन देइ बरे तइयार खड़ा अहइ। यहोवा खरा परमेस्सर अहइ अउर हर उ मनई जउन यहोवा क मदद क इंतजार मँ अहइ, धन्न (आनन्दित) होइ।
19 हाँ, हे सिय्योन पर्वत पइ रहइ वालो, हे यरूसलेम क बसइयो, तू लोग रोवत बिलखत नाहीं रहब्या। यहोवा तोहरे पचन्क रोवइ क सुनी अउर उ तू पचन्पइ दाया करी। यहोवा तोहार पचन्क सुनी अउर उ तोहार पचन्क मदद करी।
20 जदपि मोर यहोवा परमेस्सर तू पचन्क दुःख अउ कस्ट दइ सकत ह अइसे ही जइसे माना उ अइसा रोटी-पानी होइ, जेका तू पचे हर दिन खात-पिअत ह्वा। किन्तु असल मँ परमेस्सर तउ तोहार पचन्क सिच्छक अहइ, अउर उ तू पचन्स छिपा नाहीं रही। तू पचे खुद आपन आँखिन स आपन उ सिच्छक क लखब्या।
21 तब अगर तू पचे बुरे काम करब्या अउर बुरी जिन्नगी जीब्या (दाहिन कइँती या बाईर् कइँती) तउ तू पचे आपन पाछे एक आवाज क कहत सुनब्या, “खरी राह इ अहइ। तू पचन्क इहइ राहे मँ चलब अहइ।”
22 तोहरे पचन्क लगे चाँदी सोने स मढ़ी मूरतियन अहइँ। ओन झूठे देवतन तू पचन्क (पाप पूर्ण) बनाइ दिहेन ह। लेकिन तू पचे ओन झूठे देवतन क सेवा करब तजि देब्या। तू पचे ओन देवतन क वूड़े कचरे अउर मइले चिथड़न क समान दूर लोकउब्या।
23 उ समय, यहोवा तोहरे पचन्बरे बर्खा पठइ। तू पचे खेतन मँ बिआ बोउब्या, अउर धरती तोहरे पचन्बरे भोजन उपजाइ। तू सबन्क भरपूर उपज मिली। तोहार पचन्क पसुअन बरे खेतन मँ भरपूर चारा होइ। तोहरे पचन्क पसुअन बरे हुवाँ बड़ी-बड़ी चरागाहन होइहीं।
24 तोहरे पचन्क मवेसियन अउ तोहरे सबन्क गदहन क जइसे चारा क जरूरत होइ, उ सब ओनका मिली। खइया क ऍतना इफरात होइ कि तू पचन्क आपन पसुअन क खाइ बरे भी फावड़न अउर पंजन स चारा क फइलाउव होइ।
25 हर पर्वत अउर पहाड़ियन पइ पानी स भरी जल धारन होइहीं। इ सबइ बातन तब घटिहीं जब बहोत स लोग मरि चुकिहीं अउर मीनारन ढहि चुकिहीं।
26 उ समय चाँद क चाँदनी सूरज क धूप जइसी उज्जर होइ जाइ। सूरज क रोसनी आज स सात गुना जियादा उज्जर होइ जाइ। सूरज एक दिन मँ ऍतनी रोसनी देइ लागी जितनी उ पूरे सप्ताह मँ देत ह। इ सबइ बातन उ समय घटिहीं जब यहोवा आपन टूटे लोगन क मरहम पट्टी करी अउर सजा क कारण जउन चोटन ओनका आई अहइँ, ओनका चंगा करी।
27 लखा! बहोत दूर स यहोवा क नाउँ आवत अहइ। उ बहोत किरोधित अहइ। उ सँदेसा जउन उ लावत ह भाड़ी वजन क नाईं अहइ। ओकर होंेंठ क सब्द रूखा अहइ, ओकर जीभ एक बरत भए आग जइसी अहइ।
28 यहोवा क साँस (आतिमा) एक अइसी बिसाल नदी क तरह अहइ जउन तब तलक चढ़त रहत ह, जब तलक उ गटइ तलक नाहीं पहुँच जात। यहोवा सबहिं रास्ट्रन क निआव करी। इ वइसा ही होइ जइसे उ ओनका बिनासे क छलनी स छान डावइ। इ नियंत्रन वइसा होइ जइसे घोड़सवार लगाम क जरिया स घोड़ा क नियंत्रन करत ह, यहोवा रास्ट्रन क नियंत्रन करब अउर ओनकर अगुवाइ उ जगह तलक करब जहाँ उ ओनका लेइ जाइ चाहत ह।
29 उ समय, तू पचे खुसी क गीत गउब्या। उ समय ओन रातिन क जइसा होइ जब तू पचे आपन उत्सव मनाउब सुरू करत अहा। तू पचे ओन मनइयन क समान खुस होब्या जउन इस्राएल क चट्टान यहोवा क पर्वत पइ जात समय बाँसुरी क सुनत भए प्रसन्न होत हीं।
30 यहोवा सबहिं लोगन क आपन महान वाणी सुनइ क मजबूर करी। यहोवा लोगन क किरोध क संग खाले आवत भइ आपन सवतीसाली भुजा लखइ क मजबूर करी। इ भुजा उ महा आगी क नाईर् होइ जउन सब कछू भसम कइ डावत ह। यहोवा क सवती उ आँधी क जइसी होइ जउन तेज बर्खा अउ ओलन क संग आवत ह।
31 अस्सूर जब यहोवा क अवाज सुनी तउ उ डेराइ जाइ। यहोवा लाठी स अस्सूर पइ वार करी।
32 यहोवा अस्सूर क पीटी अउर इ पिटाई अइसी होइ जइसे कउनो नगाड़न अउ वीणन पइ संगीत बजावत हउँ। यहोवा आपन सवतीसाली भुजा (सवती) स अस्सूर क हराई।
33 तोपेत क बहोत पहिले स ही तइयार कइ लीन्ह गवा अहइ। राजा बरे इ तइयार अहइ। इ भट्टी बहोत गहिर अउर बहोत चौड़ी बनाई गइ अहइ। हुवाँ काठे क एक बहोत बड़का ढेर अउ आगी मौजूद अहइ। यहोवा क आतिमा बरत भइ गंधक क नदी क रूप मँ आइ अउर एका भसम कइके नस्ट कइ देइ।
Isaiah 31
1 ओन लोगन क धिवकार अहइ जउन मदद पावइ बरे मिस्र कइँती उतरत अहइँ। इ सबइ लोग घोड़न चाहत हीं, घोड़न ओनका बचाइ लेइहीं। लोगन क आसा बाटइ कि मिस्र क रथ अउर घुड़सवार सैनिक ओनका बचाइ लेइहीं। लोग सोचत हीं कि उ पचे सुरच्छित एह बरे अहइँ कि इ एक बिसाल सेना अहइ। लोग इस्राएल क पवित्तर (परमेस्सर) पइ भरोसा नाहीं रखतेन। लोग यहोवा स मदद नाहीं माँगतेन।
2 किन्तु, यहोवा ही बुद्धिमान अहइ अउर उ यहोवा ही अहइ जउन ओन पइ विपत्तियन ढाइ। लोग यहोवा क आदेस क नाहीं बदल पइहीं। यहोवा बुरे लोगन (यहूदा) क खिलाफ खड़ा होइ अउर जुद्ध करी। यहोवा ओन लोगन (मिस्र) क खिलाफ जुद्ध करी, जउन ओनका मदद पहोंचावइ क जतन करत हीं।
3 मिस्र क लोग मात्र मनई अहइँ परमेस्सर नाहीं। मिस्र क घोड़न मात्र पसु अहइँ, आतिमा नाहीं। यहोवा आपन हाथ अगवा बढ़ाई अउर सहायक (मिस्र) हार जाइ अउर मदद चाहइवाले लोगन (यहूदा) क पतन होइ। उ पचे सबहिं लोग साथ साथ मिट जइहीं।
4 यहोवा मोहसे इ कहेस, “जब कउनो सेर या सेर क कउनो बच्चा कउनो पसु क भच्छइ बरे धरत ह तउ उ मरे भए पसु पइ खड़ा होइ जात ह अउर दहाड़त ह। उ समय उ सवतीसाली सेर क कउनो भी डेराइ नाहीं पावत। अगर चरवाहन आवइँ अउर उ सेर क हाँका करइ लागइँ तउ भी उ सेर डेराइ नाहीं। लोग केतॅना ही सोर करत रहइँ, मुला उ सेर नाहीं पराई।”इहइ तरह सर्वसवतीमान यहोवा सिय्योन पर्वत पइ उतरी। उ पर्वत पइ यहोवा जुद्ध करी।
5 सर्वसवतीमान यहोवा वइसे ही यरूसलेम क रच्छा करी जइसे आपन घोंसलन क ऊपर उड़त भइ चिरइयन। यहोवा ओका बचाइ अउर ओकर रच्छा करी। यहोवा ऊपर स होइके निकरि जाइ अउर यरूसलेम क रच्छा करी।
6 हे, इस्राएल क सन्तान! तू पचे परमेस्सर स विद्रोह किहा। तू पचन्क परमेस्सर कइँती मुड़ आवइ चाही।
7 तब लोग ओन सोना चाँदी क मूरतियन क पूजब तजिहीं अउर जेनका तू पचे बनाया ह।
8 अस्सूर क लोग तरवार क जरिये मारि दीन्ह जाइ, मुला उ तरवार कउनो मनई क नाहीं होइ। हाँ अस्सूर क लोग तरवार स भाग जाइ क कोसिस करी, किन्तु ओनका जवान मनइयन क धइ लेहीं अउ दास बनाइ लेहीं।
9 ओन लोगन क पनाह क स्थान क तबाह कीन्ह जाइहीं। ओनकर नेता पराजित कइ दीन्ह जइहीं अउर उ पचे आपन झण्डन क तजि देइहीं। इ सबइ संदेसा उ यहोवा क अहइ जेकर आगी थल (वेदी) सिय्योन पवर्त पइ अहइ। हाँ ओकर भट्टी (वेदी) यरूसलेम मँ अहइ।
Isaiah 32
1 लखा, राजा लोग आपन राज्ज क निआव बरे सासन करब्या। अधिकारियन भुइँया क निआव करइ बरे सक्ती राखब्या।
2 जदि अइसा होइ तउ राजा उ जगहिया क नाईर् होइ जाइ जहाँ लोग आँधी अउ बर्खा स बचइ बरे आस्रय लेत हीं। इ झुरान धरती मँ जल धारन क नाईर् होइ। इ अइसा ही होइ जइसे गरम प्रदेस मँ कउनो बड़की चट्टान क ठण्डी छाया।
3 तब लोग ओका ठीक स देखत ही जउन ओकर आँख लखत ह। लोग ओका धियान स सुनिही जउन ओकर कान सुनत ह।
4 उ पचे लोग जउन उतावला अहइँ, उ सबइ सही फैसला लेइहीं। उ सबइ लोग जउन अबहिं साफ साफ नाहीं बोल पावत हीं, उ पचे साफ साफ अउर जल्दी बोलइ लगिहीं।
5 मूरख लोग महान मनई नाहीं कहवइहीं। लोग सड्यंत्र करइवालन क सम्मान जोग्ग नाहीं कहिहीं।
6 एक मूरख मनई तउ बेववूफी स भरी बातन कहत ह अउर उ आपन मने मँ बुरी बातन क ही जोजनन बनावत ह। मूरख मनई अनुचित कारज करइ क ही सोचत ह। मूरख मनई यहोवा क बारे मँ गलत बातन कहत ह। मूरख मनई भुखान क खइया क खाइ नाहीं देत। मूरख मनई पियासे लोगन क पानी नाहीं पिअइ देत।
7 उ मूरख मनई बुराई क एक हथियार क रूप मँ इस्तेमाल करत ह। उ निर्धन लोगन स झूठ क जरिये बरबाद करइ बरे बुरे बुरे राहन बनावत ह। ओकर इ सबइ झूठी बातन गरीब लोगन क निस्पच्छ निआव मिहाइ स दूर रखत ह।
8 मुला एक ठु नीक मुखिया नीक काम करइ क योजना बनावत ह अउर ओकर उ सबइ नीक बातन ही ओका एक बढ़िया नेता बनावत ह।
9 तोहमाँ स कछू मेहररूअन अबहिं खुस अहइँ। तू पचे सुरच्छित अनुभव करति अहा। मुला तू पचन खड़े होइके जउन बचन मइँ बोलत हउँ ओनका सुनइ चाही।
10 मेहररूओ तू पचे अबहिं सुरच्छित अनुभव करति अहा किन्तु एक बरिस पाछे तू पचन बिपत्ति आवइवाली अहइ। काहेकि तू पचे अगले बरिस अंगूर एकट्ठा नाहीं करिब्यू एकट्ठा करइ बरे अँगूर होइहीं ही नाहीं।
11 मेहररूओ, अबहिं तू पचे चइन स अहा, किन्तु तू पचन्क डेराइ चाही। मेहररूओ, अबहिं तू पचे सुरच्छित अनुभव करति अहा, किन्तु तू पचन्क चिन्ता नाहीं करइ चाही। आपन सुन्नर ओढ़नन क उतारि बहावा अउर सोक वस्त्रन क धारण कइ ल्या। ओन वस्त्रन क आपन कमर पइ लपेट ल्या।
12 आपन सोक स भरी छातियन पइ ओन सोक वस्त्रन क पहिर ल्या।विलाप करा काहेकि तोहार खेत उजरि गवा अहइँ। तोहार पचन्क अंगूरे क बगीयन जउन कबहुँ अंगूर दिया करत रहेन, अब खाली पड़ा अहइँ।
13 मोरे लोगन क धरती बरे बिलाप करा। बिलाप करा, काहेकि हुवाँ बस काँटन अउ खरपतवार ही उगा करिहीं। विलाप करा इ नगर बरे अउर ओन सब भवनन बरे जउन कबहुँ आनन्द स भरे भए रहेन।
14 लोग इ प्रमुख नगर क छोड़ जइहीं। इ महल अउर इ मीनारन वीरान छोड़ दीन्ह जइहीं। उ पचे जनावरन क माँद जइसे होइ जइहीं। नगर मँ जंगली गदहन बिहार करिहीं। हुवाँ भेड़िन घास चरत फिरिहीं।
15 तब तलक अइसा ही होत रही, जब तलक परमेस्सर ऊपर स हमका आपन आतिमा नाहीं देइ। अब धरती पइ कउनो अच्छाई नाहीं अहइ। इ रेगिस्तान स बनी भई अहइ मुला आवइवाले समय मँ इ रेगिस्तान उपजाऊ मैदान होइ जाइ अउर इ उपजाऊ मैदान एक हरे भरे वन जइसा वन जाइ। चाहे जंगल होइ चाहे उपजाऊ धरती हर कहूँ निआव अउ निस्पच्छता मिली।
16
17 उ नेकी सदा-सदा क बरे सान्ति अउ सुरच्छा क लियाइ।
18 मोर लोग सान्ति क इ सुन्नर छेत्र मँ बसा करिहीं। मोर लोग सुरच्छा क तम्बुअन मँ रहा करिहीं। उ पचे निहचिंतता क संग सान्ति स पूर्ण जगहन मँ निवास करिहीं।
19 किन्तु इ सबइ बातन घटइँ एहसे पहिले उ वन क गिरब होइ। उ नगर क पराजित होइ क होइ।
20 तू पचन्मँ स कछू लोग हर जलधारा क निअरे बिआ बोवत अहा। तू पचे आपन मवेसियन अउ आपन गदहन क एहर-ओहर चरइ बरे खुला छोड़ देत अहा। तू लोग बहोत खुस रहब्या।
Isaiah 33
1 लखा, तू लोग लड़ाई करत अहा अउर ओन लोगन क वस्तुअन लूटत अहा अउर उ भी अइसे लोगन क जउन कबहुँ कउनो तोहार पचन्क वस्तु नाहीं चोराएन। तू पचे अइसे लोगन क धोखा देत रह्या जउन कबहुँ तू पचन्क धोखा नाहीं दिहन। एह बरे जब तू पचे चोरी करब बंद कइ देब्या तउ दूसर लोग तोहार वस्तुअन चोरी करब सुरू कइ देइहीं। जब तू लोगन क धोखा देब बंद कइ देब्या तउ लोग तू पचन्क धोखा देब आरम्भ कइ देइहीं।तब तू पचे कहब्या,
2 “हे यहोवा, हम पइ दाया करा। हम पचे तोहरे सहारे बाट जोहा ह। हे यहोवा, हर सुबह तू हमका सवती द्या जब हम बिपत्ति मँ होइ, तू हमका बचाइ ल्या।
3 तोहरी सवतीसाली ध्वनि स लोग डरा करत हीं अउर उ पचे तोहसे दूर भाग जात हीं। तोहरी महानता क कारण रास्ट्र दूर भाग जाती हीं।”
4 तू पचे जुद्ध मँ लूटेस, किन्तु तू पचन्क छीना जाइ अउर तोहस लइ लेइ जाइ! इ अइसा ही होइ जइसा टिड्डियन आवा रहा अउर तोहार सारा फसल खाइ लेत रहा!
5 यहोवा बहोत महान अहइ, काहेकि उ बहोत ऊँचाइ (सरग) पइ रहत ह। यहोवा सिय्योन क सच्चाई अउर निआव स भरि दिहेस ह।
6 हे यरूसलेम, तोहार धामिर्क सभा लगातार होत रही। परमेस्सर क बुद्धि अउ गियान कवच क नाईं होइ जउन तोहार छाती क रच्छा करी। यहोव स तोहार डर अइसा होइ जइसा तू पचन क धन क खजाना।
7 मुला सुना! सरगदूत बाहेर गोहरावत अहइँ अउर सान्ति-संदेसवाहक बहोत रोवत अहइँ।
8 उच्च मार्गन रौंदा ग अहइँ। गलियन मँ कउनो नाहीं चलत फिरत अहइ। लोगन उ करार क उल्लंघन करिहीं जउन उ बनाए रहा। लोग साच्छी क जउन गवाही क रूप मँ पेस करि स जाइ इन्कार करी। कउनो भी कउनो दूसर लोगन क आदर नाहीं करत।
9 भुइँया बेरामी अहइ अउर अइसा लागत अहइ कि उ आपन आखरी सांस लेत अहइ। लबानोन आपन आखरी साँस लेत अहइ अउर सारोन क घाटी झुरान अउ उजाड़ अहइ। बासान अउ कमेर्ल जउन कबहुँ पौधन अउर बृच्छन स हरा भरा रहा किन्तु अब हुआँ कछू नाहीं उगत ह।
10 यहोवा कहत ह, “मइँ अब खड़ा होब अउर आपन बड़कइ देखाउब। अब मइँ लोगन बरे एक महत्वपूर्ण बनब।
11 तू लोग बेकार क काम किहा ह। उ सबइ चिजियन भूसा अउर झुरान घासे क जइसे अहइँ। उ पचे बेकार अहइँ। तोहार पचन्क आतिमा आगी क नाईर् होइ जाइ अउर तू पचन्क बारि देइ।
12 लोग तब तलक बरत रइहीं जब तलक ओनकर हाड़न बरिके चूना जइसी नाहीं होइ जातीं। लोग काँटन अउर झुरान झाड़ियन क समान हाली स बरि जइहीं।
13 “दूर देसन क लोगो, जउन काम मइँ किहेउँ ह, तू पचे ओनके बारे मँ सुनत अहा। हे मोरे लगे क लोगो, तू पचे मोर सवती क समुझत अहा।”
14 सिय्योन मँ पापी डेरान अहइँ। उ पचे जउन बुरे करम किया करत हीं, डर स थर थर काँपत अहइँ। उ पचे कहत हीं, “का इ बिनासकारी आगी स हम पचन क कउनो बचि सकत ह कउन रह सकत ह इ आगी क निअरे जउन हमेसा हमेसा बरे बरत रहत ह”
15 उ सबइ लोग इ आगी मँ स बचि पइहीं जउन अच्छा अहइँ, सच्चा अहइँ। उ सबइ लोग पइसा बरे दुसरन क नोस्कान नाहीं पहुँचाव चाहतेन। उ सबइ लोग घूस नाहीं लेतेन। दूसर लोगन क कतल क जोजनन क उ पचे सुनइ तलक स मना कइ देत हीं। बुरे करम करइ क जोजनन क उ पचे लखब भी नाहीं चाहतेन।
16 अइसे लोग ऊँच ठउरन पइ सुरच्छा क साथ निवास करिहीं। ऊँच चट्टानन क गढ़ियन मँ उ पचे सुरच्छित रइहीं। अइसे लोगन क लगे सदा ही खाइ क भोजन अउर पिअइ क पानी रही।
17 तोहार पचन्क आँखिन उ राजा (परमेस्सर) क सुन्नरता क दर्सन करिहीं। तू पचे उ महान भइँया क लखब्या।
18 बीते भए दिनन मँ तू पचे जउन कस्ट उठाया ह, तू पचे ओकरे बारे मँ सोचब्या, “दूसर देसन क उ सबइ लोग कहाँ अहइँ? उ सबइ लोग अइसी बोली बोला करत रहेन, जेका हम समुझ नाहीं सकत रहेन। दूसर देसन क उ सबइ सेवक अउर कर एकट्ठा करइवाले कहाँ अहइँ? उ पचे गुप्तचर जउन हमार सुरच्छा मीनारन क लेखा जोखा लिए रहेन, कहाँ अहइँ? उ सबइ सब खतम होइ गएन।”
19
20 हमरे धामिर्क उत्सवन क नगरी, सिय्योन क लखा। विस्राम निवास क उ सुन्नर ठउर यरूसलेम क लखा। यरूसलेम उ तम्बू क समान अहइ जेका कबहुँ उखाड़ा नाहीं जाई। उ सबइ खूँटन जउन ओका आपन ठउरे पइ थामे रखत हीं, कबहुँ उखाड़ा नाहीं जइहीं। ओकर रस्सन कबहुँ टुटिहीं नाहीं।
21 हुवाँ हमरे बरे सवतीसाली यहोवा विस्तृत झरनन अउर नदियन वाले एक ठउरे क समान होइ। किन्तु ओन नदियन पइ कबहुँ सत्रु क नउकन या सवतीसाली जहाज वाहीं होइहीं। ओन नउकन पइ काम करइवाले तू लोग रस्सियन क नाहीं थामे रख सक्या। तू पचे मस्तूल क मजबूत नाहीं बनाए नाहीं रख सक्या। तउ तू पचे आपन पालन क भी नाहीं खोल पउब्या। काहेकि यहोवा हमार निआवकर्ता अहइ। यहोवा हमारे बरे नेम बनावत ह। यहोवा हमार राजा अहइ। उ हमार रच्छा करत ह। इहइ स यहोवा हमका बहोत सा धन देइ। हिआँ तलक कि अपाहिज लोग भी जुद्ध मँ बहुत सा धन जीत लेइहीं।
22
23
24 हुवाँ रहइवाला कउनो भी मनई अइसा नाहीं कही, “मइँ रोगी हउँ।” हुवाँ रहइवाले लोग अइसे लोग अहइँ जेनकर पाप छिमा कइ दीन्ह गवा अहइँ।
Isaiah 34
1 हे सबहिं रास्ट्र क लोगो, पास आवा अउर सुना। तू सब लोगन क धियान स सुनइ चाही। हे धरती अउ धरती पइ क सबहिं वासियो, हे जगत अउ ऐह मँ स आइ सबहिं वस्तुओ, तू सबन्क एन बातन क सुनइ चाही।
2 यहोवा सबहिं देसन अउर ओनकर फउजन पइ कोहान अहइ। यहोवा ओन सब क बर्बाद कइ देइ। उ ओन सबहिं क मरवाइ डाइ।
3 ओनकर ल्हासन बाहेर बहाइ दीन्ह जइहीं। ल्हासन स दुर्गन्ध उठी अउर पहाड़ क ऊपर स खून खाले क बही।
4 अकास चर्मपत्र क नाईर् लपेटिके मूँदि दीन्ह जइहीं। ग्रह तारन मरिके अंगूरे क बेल या अंजीरे क पत्तन क नाईर् गिरइ लगिहीं। अकासे क सबहिं तारन टेघर जइहीं।
5 यहोवा कहत ह, “अइसा उ समय होइ जब अकासे मँ मोर तरवार खूने मँ सन जाइ।”लखा! यहोवा क तरवार एदोम क काटि डाइ। यहोवा ओन लोगन क अपराधी ठहराएस ह तउ ओन लोगन क मरब ही होइ।
6 यहोवा क तरवार मेमना अउर बोकरियन क खून स लतपत होइ गवा अहइ। अउर भेड़ा क गुर्दन क चबीर् स चिकनाई गवा अहइ। काहेकि यहोवा निहचइ किहस ह बोसरा मँ कत्लेआम होइ उ समइ बहोत सारे लोग एदोम मँ मारइ जाइहीं।
7 तउ भेड़न, मवेसी अउ हट्टे कट्टे जंगली बर्धन मारा जइहीं। धरती ओनकर खून स भरि जाइ। माटी ओनकी चर्बी स पट जाइ।
8 अइसी बातन घटिहीं काहेकि यहोवा सजा देइ क एक समय तय किहेस ह। यहोवा एक साल अइसा चुन लिहस ह जेहमाँ लोग आपन ओन बुरे कामन बरे जउन सिय्योन क खिलाफ किहेन ह, जरूर ही भुगतान कइ देइहीं।
9 एदोम क नदियन अइसी होइ जइहीं जइसे माना उ सबइ गरम तारकोल क होइँ। एदोम क धरती बरत भइ गंधक अउ तारकोल क समान होइ जाइ।
10 उ पचे आगे रात दिन बरा करिहीं। कउनो भी मनई उ आगी क रोकि नाहीं पाई। एदोम स सदा धुआँ उठा करी। उ धरती सदा सदा बरे बर्बाद होइ जाइ। उ धरती स होइके फुन कबहुँ कउनो नाहीं गुजरा करी।
11 उ धरती परिंदन अउर नान्ह-नान्ह जनावरन क होइ जाइ। हुवाँ वुचवचवन अउर कउअन क बास होइ। परमेस्सर उ धरती क “सूनी उजाड़” भुइँया मँ बदल देइ। इ वइसी ही होइ जइसी इ सृस्टि स पहिले रही।
12 स्वतंत्र मनई अउर मुखिया लोग खतम होइ जइहीं। ओन लोगन क हुवूमत करइ बरे हुवाँ कछू भी नाहीं बची।
13 हुवँा क सबहिं सुन्नर भवनन मँ काँटन अउर जंगली झाड़ियन जमि अहइी। जंगली वूवुरन अउर वुचवुचवन ओन मकानन मँ बास करिहीं। परकोटन स जुवत नगरन क जंगली जानवर आपन निवास बनाइ लेइहीं। हुवाँ जउन घास जमी ओहमाँ बड़के बड़के पंछी रइहीं।
14 हुवाँ जंगली बिल्लियन अउर लकड़ बग्धन साथ रहा करिहीं अउर जंगली बोकरियन हुवाँ आपन मीतन क बोलइहीं। राति क जीवजन्तु हुवाँ आपन बरे आस्रय खोजत फिरिहीं अउर हुवँइ विस्राम करइ बरे आपन जगह बनाइ लेइहीं।
15 साँप हुवँा आपन घर बनाइ लेइहीं। हुवाँ साँप आपन अण्डन दिया करिहीं। अण्डन फूटिहीं अउर ओन अँधियारा स भरे जगहन स रेगत भए साँप क बच्चन बाहेर निकरिहीं। हुवाँ मरी चिजियन क खाइवाले पंछी एक क पाछे एक एकट्ठा होत चला जइहीं।
16 यहोवा क चर्म-पत्र क लखा। पढ़ा ओहमाँ का लिखा अहइ। कछू भी नाहीं छूटा अहइ। उ चर्म-पत्र मँ लिखा अहइ कि उ पचे सबहिं पसु पंछी एकट्ठा होइ जइहीं। एह बरे परमेस्सर क मुँह इ आदेस दिहन अउर ओकर आतिमा ओनका एक संग एकट्ठा कइ दिहस। परमेस्सर क आतिमा ओनका परस्पर एकट्ठा करी।
17 परमेस्सर ओनके साथ का करी, इ उ निहचय कइ लिहस ह। एकरे पाछे परमेस्सर ओनके बरे एक जगह चुनेस। परमेस्सर एक रेखा हींचेस अउर ओनका ओनकर धरती देखाइ दिहस। एह बरेे उ धरती सदा सदा पसुअन क ही होइ जाइ। उ पचे हुवाँ साल दर रहत साल चला जइहीं।
Isaiah 35
1 झुरान रेगिस्तान बहोत खुसहाल होइ जाइ। रेगिस्तान खुस रही अउर एक फूल क नाईर् विकसित होइ।
2 उ रेगिस्तान खिलत भए फूलन स भरि उठी अउर आपन खुसी देखावइ लागी। अइसा लागी जइसे रेगिस्तान आनन्द मँ भरा नाचत होइ। इ रेगिस्तान अइसा सुन्नर होइ जाइ जइसा लबानोन क बन बाटइ, कमेर्ल क पहाड़ अहइ अउर सारोन क घाटी अहइ। अइसा एह बरे होइ, काहेकि सबहिं लोग यहोवा क महिमा क दर्सन करिहीं। लोग हमरे परमेस्सर क महानता क लखिहीं।
3 दुर्बल बाँहन क फुन स सवती स भरा बनावा। दुर्बल घुटनन क मजबूत करा।
4 लोग डेरान अहइँ अउर असमंजस मँ पड़ा अहइँ। ओन लोगन स कहा, “सवतीसाली बना। डेराअ जिन।” लखा तोहार पचन्क परमेस्सर आइ अउर तोहार पचन्क दुस्मनन क जउन उ पचे किहन ह, ओकर सजा देइ। उ आइ अउर तू पचन्क तोहार सबन्क प्रतिफल देइ अउर तोहार पचन्क रच्छा करी।
5 फुन तउ आँधर लखइ लगिहीं। ओनकर आँखिन खुल जइहीं।
6 लूले लंगड़े लोग हिरन क तरह नाचइ लगिहीं अउर अइसे लोग जउन अबहिं गूँगन अहइ, खुसी क गीत गावइ मँ आपन वाणी क उपयोग करइ लगिहीं। अइसा उ समय होइ जब मरूभूमि मँ पानी क झरनन बहइ लगिहीं। झुरान धरती पइ झरनन बहि चलिहीं।
7 लोग अबहिं जत क रूप मँ मृग मरीचिका क लखत हीं किन्तु उ समय जल क फुरइ सरोवर होइहीं। झुरान धरती पइ वुअँन होइ जइहीं। झुरान धरती स जल फूट बही। जहाँ एक समय जंगली जनावरन क राज रहा, हुवाँ लम्बे लम्बे पानी क पउधन जमि पइहीं।
8 उ समय, हुवाँ एक राह बन जाइ अउर इ राजमार्ग क नाम होइ “पवित्तर मार्ग।” उ राह पइ असुद्ध लोगन क चलइ क अनुमति नाहीं होइ। कउनो भी मूरख उ राहे पइ नाहीं चली। बस परमेस्सर क पवित्तर लोग ही ओह पइ चला करिहीं।
9 उ सड़क पइ कउनो खतरा नाहीं होइ। लोगन क नोस्कान पहोंचावइ बरे उ सड़क पइ सेर नाहीं होइहीं। कउनो भी भयानक जन्तु हुवाँ नाहीं होइ। उ सड़क ओन लोगन बरे होइ जेनका परमेस्सर अजाद किहेस ह।
10 परमेस्सर आपन लोगन क अजाद करी अउर उ सबइ लोग फुन लउटिके हुवाँ अइहीं। लोग जब सिय्योन पइ अइहीं तउ उ पचे खुस होइहीं। उ पचे सदा-सदा बरे खुस होइ जइहीं। ओनकर खुसी ओनकर माथन पइ एक मुवुट क नाईर् होइ। उ पचे आपन खुसी अउ आनन्द स पूरी तरह भरि जइहीं। सोक अउ दुःख ओनसे दूर बहुत दूर चले जइहीं।
Isaiah 36
1 हिजकिय्याह यहूदा क राजा रहा अउर सन्हेरीब अस्सूर क राजा रहा। हिजकिय्याह क सासन क चउदहवें बरिस मँ सन्हेरीब यहूदा क किलाबन्द नगरन स जुद्ध किहन अउर उ ओन नगरन क हराइ दिहन।
2 लाकीस स सन्हेरीब आपन सेनापति अउर बहोत सारे सेना क यरूसलेम मँ यहूदा क राजा हिजकिय्याह क लगे आपन माँगन क बतावइ बरे पठएस। उ ऊपरवाले तालाब क कइँती जात भवा नालापइ रुक गएस जउन धोबी लोगन क खेत क सड़क पइ रहा।
3 यहूदा क तीन अधिकारी ओसे मिलइ बरे गएन। इ सबइ लोग रहेन: महल क देखरेख करइवाला हिल्किय्याह क पूत एल्याकीम, लिपिकार सेब्ना, अउर कागजात क संभारिके रखइ क काम करइवाला आसाप क पूत योआह।
4 सेनापति ओनसे कहेस, “तू लोग, राजा हिजकिय्याह स जाइके इ सबइ बातन कहा: महान राजा अस्सूर क राजा कहत ह:“तू आपन सहायता बरे कउने पइ भरोसा रखत ह
5 मइँ तू पचन्क बतावत हउँ कि जदि जुद्ध मँ तोहार बिस्सास सवती अउर वुसल जोजनन पइ अहइ तउ उ बेकार अहइ। उ सबइ कोरे सब्दन क अलावा कछू नाहीं अहइँ। एह बरे तू मोहसे काहे जुद्ध करत अहा?
6 अब मइँ तोहसे पूछत हउँ, तू मदद पावइ बरे कउने पइ भरोसा करत अहा? का तू मदद बरे मिस्र क सहारे अहा? मिस्र तउ एक टूटी भइ लाठी क नाईर् अहइ। जदि तू सहारा पावइ क ओह पइ टिकब्या तउ उ तू पचन्क बस नोस्कान ही पहोंचाइ अउर तोहरे हाथे मँ एक ठु छेद बनाइ देइ। मिस्र क राजा फिरौन पइ कउनो भी मनई क जरिये मदद पावइ क भरोसा नाहीं कीन्ह जाइ सकत।
7 मुला होइ सकत ह तू कहा, “हम मदद पावइ बरे आपन यहोवा परमेस्सर पइ भरोसा रखित ह।’ किन्तु मइँ सुना अहइ कि हिजकिय्याह यहोवा क वेदियन क अउर आराधना क ऊँच ठउरनक बर्बाद कइ दिहस ह अउर यहूदा अउ यरूसलेम क लोगन स कहेस, “तू हिआँ यरूसलेम मँ बस एक इहइ वेदी पइ उपासना किया करब्या।”
8 अगर तू अब भी मोर सुआमी स जुद्ध करइ चाहत अहा तउ अस्सूर क राजा तोहसे इ सौदा करइ चाही: राजा क कहब अहइ, ‘जदि जुद्ध मँ तोहरे लगे घुड़सवार पूरा अहइँ तउ मइँ तू पचन्क दुइ हजार घोड़न दइ देब।’
9 किन्तु एतना होइ पइ तू मोर सुआमी क एक सेवक तलक क नाहीं हराइ पउब्या। ओकर कउनो नान्ह स नान्ह अधिकारी तलक क तू नाहीं हराइ पउब्या। एह बरे तू मिस्र क घुड़सवार अउर रथन पइ आपन भरोसा काहे बनाए रखत अहा।
10 अउर अब लखा जब मइँ इ देस मँ आवा रहेउँ अउर मइँ जुद्ध किहे रहेउँ, यहोवा मोरे संग रहा। जब मइँ नगरन क उजाड़ेउँ, यहोवा मोरे संग रहा। यहोवा मोहसे कहा कहत रहा, “खड़ा ह्वा। इ नगरी मँ जा अउर एक ध्वस्त कइ द्या।”
11 यहूदा क तीनहुँ अधिकारियन, एल्याकीम, सेब्ना अउर योआह सेनापति स कहेस, “वृपा कइके हमरे संग अरामी भासा मँ ही बात करा ताकि एका हम समुझ सकित। तू यहूदी भासा मँ हम से जिन बोला। जदि तू यहूदी भासा क प्रयोग करब्या, तउ नगर दीवारे क पार क सबहिं लोग एका समुझ जइहीं।”
12 एह पइ सेनापति कहेस, “मोर सुआमी मोहसे इ सबइ बातन बस तू पचन्क अउर तोहरे पचन्क सुआमी हिजकिय्याह क ही सुनावइ बरे नाहीं पठएस ह। मोर सुआमी मोका एन बातन क ओनका बतावइ बरे पठएस ह जउन लोग नगर परकोटन पइ बइठा अहइँ। ओन लोगन क न तउ पूरा खइया क मिलत ह अउर न पानी। तउ ओनका आपन मलमूत्र क तोहरे पचन्क तरह खाब-पिअब होइ।”
13 फुन सेनापति खड़ा होइके ऊँच सुर मँ कहेस। उ यहूदी भासा मँ बोला।
14 सेनापति कहेस, “महासम्राट अस्सूर क राजा क सब्दन क सुना:तू आपन खुद क हिजकिय्याह क जरिये मूरख जिन बनइ द्या, उ तू पचन्क बचाइ नाहीं पाइ।
15 हिजकिय्याह जब इ कहत ह, ‘यहोवा मँ बिस्सास राखा। यहोवा अस्सूर क राजा हमार रच्छा करी। यहोवा अस्सूर क राजा क हमरे नगर क हरावइ नाहीं देइ तउ ओह पइ बिस्सास जिन करा।’
16 हिजकिय्याह क एन सब्दन क अनसुनी करा। अस्सूर क राजा क सुना। अस्सूर क राजा क कहब अहइ, “हमका एक ठु सन्धि करइ चाही। तू लोग नगर स बाहेर निकरिके मोरे लगे आवा। फुन हर मनई आपन घरे जाइ क अजाद होइ। हर मनई आपन अंगूर क बेलन स अंगूर खाइ क अजाद होइ अउर हर मनई आपन अंजीर क बृच्छन क फल खाइ क अजाद होइ। खुद आपन वुआँ क पानी पिअइ क हर मनई अजाद होइ।
17 जब तलक मइँ आइके तू पचन्क तोहरे पचन्क जइसे एक देस मँ न लइ जाउँ, तब तलक तू पचे अइसा करत रहि सकत ह। उ नवा देस मँ तू पचे बढ़िया अनाज अउर नवा दाखरस पउब्या। उ धरती पइ तू पचन्क रोटी अउ अंगूर क खेत मिलिहीं।”
18 हिजकिय्याह क तू आपन क मूरख जिन बनावइ द्या। उ कहत ह, “यहोवा हमार रच्छा करी।” किन्तु मइँ तोहसे पूछत हउँ का कउनो दूसर देस क कउनो भी देवता हुवाँ क लोगन क अस्सूर क राजा क सवती स बचाइ पाइ नाहीं। हम हुवाँ क हर मनई क हराइ दीन्ह।
19 हमात अउ अर्पाद क देवता आजु कहाँ अहइँ? ओनका हराइ दीन्ह गवा अहइ। सपवेर्म क देवता कहाँ अहइँ? उ सबइ हराइ दीन्ह ग अहइँ अउर का सोमरोन क देवता हुवाँ क लोगन क मोर सवती स बचाइ पाएन? नाहीं।
20 कउनो भी देस अथवा जाति क अइसे कउनो भी एक देवता क नाउँ मोका बतावा जउन हुवाँ क लोगन क मोर सवती स बचाएस ह। मइँ सबन्क हराइ दिहेउँ। एह बरे लखा मोर सवती स यरूसलेम क यहोवा नाहीं बचाइ पाइ।”
21 यरूसलेम क लोग एक दम चुप रहेन। उ पचे सेनापति क कउनो जवाब नाहीं दिहन। हिजकिय्याह लोगन क हुवुम दिहे रहा कि उ पचे सेनापति क कउनो जवाब न देइँ।
22 एकरे पाछे महल क देखरेख करइवाला हिल्किय्याह क पूत एल्याकीम लिपिकार सेब्ना अउर कागजात क संभारिके रखइ क काम करइवाला आसाप क पूत योआह इ देखावइ बरे कि उ दुःखी रहेन आपन ओढ़ना फाड़ि डाएन। उ पचे तीनउँ मनइयन हिजकिय्याह क लगे गएन अउर सेनापति जउन कछू ओनसे कहे रहा, उ सब ओका कहि सुनाएन।
Isaiah 37
1 हिजकिय्याह जब सेनापति क सँदेसा सुनेस तउ उ आपन ओढ़ना फाड़ि डाएस। फुन बिसेस सोक वस्त्र धारण कइके उ यहोवा क मंदिर मँ गवा।
2 हिजकिय्याह महल क सेवक एल्याकीम क राजा क सचिव सेब्ना क अउर याजकन क अग्रजन क आमोस क पूत यसायाह नवी क लगे पठएस। एन तीनउँ ही लोग बिसेस सोक-वस्त्र पहिरे भरे रहेन।
3 एन लोगन यसायाह स कहेन, “राजा हिजकिय्याह कहेस ह कि आजु क दिन सोक अउर दुःख क एक बिसेस दिन होइ। इ दिन एक अइसा दिन होइ जइसे जब एक बच्चा जन्म लेत ह। किन्तु बच्चा क जन्म देइवाली महतारी मँ जेतनी सवती होइ चाही ओहमाँ ओतनी ताकत नाहीं होत।
4 सम्भव अहइ तोहार परमेस्सर यहोवा, सेनापति क जरिये कही बातन क सुन लेइ। अस्सूर क राजा सेनापति क साक्षात परमेस्सर क बेज्जत करइ पठएस ह। होइ सकत ह तोहार परमेस्सर यहोवा ओन बुरी अपमान स भरी बातन क सुन लिहस ह अउर उ ओनका एकर सजा देइ। कृपा कइके इस्राएल क ओन थोड़े स लोगन बरे पराथना करा जउन बचे भए अहइ।”
5 हिजकिय्याह क सेवक यसायाह क लगे गएन। यसायाह ओनसे कहेस, “अपने मालिक क इ बताइ द्या: ‘यहोवा कहत ह तू पचे सेनापति स जउन सुन्या ह, ओन बातन स जिन डेराअ। अस्सूर क राजा क लरिकन मोर अपमान करइ बरे जउन बातन कहेन ह, ओन बातन स जिन डेराअ।
6
7 लखा अस्सूर क राजा क मइँ एक अफवाह सुनवाउब। अस्सूर क राजा क एक अइसी रपट मिली जउन ओकरे देस पइ आवइ वाले खतरा क बारे मँ होइ। एहसे उ अपने देस वापस लउटि जाइ। उ समय मइँ ओका, ओकरे आपन ही देस मँ तरवार स मउत क घाट उतार देब।’”
8 अस्सूर क राजा क एक खबर मिली, सूचना मँ कहा ग रहा, “इथोपिया क राजा तिर्हाका जुद्ध करइ आवति अहइ।” तउ अस्सूर क राजा लाकीस क तजिके लिबना चला गवा। सेनापति इ सुनेस अउर लिबना नगर क चला गवा जहाँ अस्सूर क राजा जुद्ध करत रहा। फुन अस्सूर क राजा हिजकिय्याह क लगे दूत पठएस। राजा ओन दूतन स कहेस,
9
10 “यहूदा क राजा हिजकिय्याह स तू पचे इ बातन कह्या:जउने देवता पइ तोहार बिस्सास अहइ, ओहसे तू पचे मूरख जिन बना। अइसा जिन कहा कि अस्सूर क राजा परमेस्सर यरूसलेम क पराजित नाहीं होइ देइ।
11 लखा, तू पचे अस्सूर क राजा लोगन क बारे मँ सुन ही चुका अहा। उ पचे हर कउनो देस मँ लोगन क संग का कछू किहेन ह। ओनका उ पचे बुरी तरह हराएन ह। का तू पचे ओनसे बचि पउब्या? नाहीं, कदापि नाहीं।
12 का ओन लोगन क देवतन ओनकर रच्छा किहे रहेन? नाहीं। मोर पुरखन ओनका नस्ट कइ दिहन। मोर लोग गोजान, हारान अउ रेसेप क नगरन क बुरी तरह हराइ दिहे रहेन अउर उ पचे एदेन क लोग जउन तलस्सार मँ रहा करत रहेन, ओनका भी हराइ दिहे रहेन।
13 हमात अउर अर्पाद क राजा कहाँ गएन। सपरवैम क राजा आज कहाँ अहइ? हेना अउर इव्वा क राजा अब कहाँ अहइँ? ओनकर अन्त कइ दीन्ह गवा। उ पचे सबहिं बर्बाद कइ दीन्ह गएन।”
14 हिजकिय्याह ओन लोगन स उ सँदेसा लइ लिहस अउर ओका बाँचेस। फुन हिजकिय्याह यहोवा क मंदिर मँ चला गवा। हिजकिय्याह उ सँदेसा क खोलेस अउर यहोवा क समन्वा रख दिहस।
15 फुन हिजकिय्याह यहोवा स पराथना करइ लाग। हिजकिय्याह बोला:
16 “इस्राएल क परमेस्सर सर्वसवतीमान यहोवा, तू राजा क समान करूब सरगदूतन पइ बिराजत अहा। तू अउर बस तू ही परमेस्सर अहा, जेकर धरती क सबहिं राज्जन पर सासन अहइ। तू सरगन अउर धरती क रचना किहा ह।
17 मोर सुना। आपन आँखिन खोला अउर लखा, कान लगाइके सुना इ सँदेसा क सब्दन क, जेका सन्हेरीब मोका पठएस ह। एहमाँ तू साक्षात परमेस्सर क बारे मँ अपमान स भरी बुरी बुरी बातन कह्या ह।
18 हे यहोवा, अस्सूर क राजा लोग असल मँ सबहिं देसन अउर हुवाँ क धरती क तबाह कइ दिहेस ह।
19 अस्सूर क राजा लोग ओन देसन क देवतन क बारि डाएन ह किन्तु उ पचे सच्चे देवतन नाहीं रहेन। उ पचे तउ सिरिफ अइसे मूरतियन रहेन जेनका लोग बनाए रहेन। उ सबइ तउ कोरी काठ रहेन, कोरे पाथर रहेन। एह बरे उ पचे खतम होइ गएन। उ सबइ बर्बाद होइ गएन।
20 तउ अब हे हमार परमेस्सर यहोवा। अब कृपा कइके अस्सूर क राजा क सवती स हमार रच्छा करा। ताकि धरती क सबहिं राज्जन क पता चलि जाइ कि तू यहोवा अहा अउर तू ही हमार एकमात्र परमेस्सर अहा।”
21 फुन आमोस क पूत यसायाह हिजकिय्याह क लगे इ सँदेसा पठएस, “इ उ अहइ जेका इस्राएल क परमेस्सर यहोवा कहेस ह, ‘अस्सूर क राजा सन्हेरीब क बारे मँ तू मोका पराथना किहेस ह।’
22 “तउ मोका जउन सन्हेरीब विरोध मँ कहेस,‘उ इ अहइ: सिय्योन क वुवाँरी पुत्री तोहका तुच्छ जानत ह। उ तोहार हँसी उड़ावत ह। यरूसलेम क पुत्री तोहार हँसी उड़ावत ह।
23 तू मोरे बरे विरोध मँ बुरी बातन कह्या। तू बोलत रह्या। तू आपन आवाज मोरे विरोध मँ उठाए रह्या। तू मोका इस्राएल क पवित्तर परमेस्सर क अभिमान भी आँखिन स घूरे रह्या।
24 मोर सुआमी यहोवा क बारे मँ तू बुरी बातन कहलवावइ बरे तू आपन सेवकन क प्रयोग किहा। तू कह्या “मइँ बहोत सवतीसाली हउँ! मोरे लगे बहोत स रथ अहइँ। मइँ आपन सवती स लबानोन क हराया जब मइँ आपन रथन क लबानोन क महान पर्वत क ऊँच सिखरन क ऊपर लइ आएउँ। मइँ लबानोन क सबहिं महान बृच्छ काट डाएउँ। मइँ उच्चतम सिखर स लइके गहिर जंगलन तलक प्रवेस कइ चुका हउँ।
25 मइँ बिदेसी धरती पइ वुअँन खनेउँ अउर पानी पिएउँ। मइँ मिस्र क नदियन सुखाइ दिहेउँ अउर उ देस पइ चलिके गएउँ ह।”
26 इ सबइ उ जउन तू कह्या। का तू इ नाहीं सुन्या कि परमेस्सर का कहेस? “मइँ (परमेस्सर) बहोत बहोत पहिले ही इ जोजना बनाइ लिहेउँ रहे। बहोत बहोत पहिले ही मइँ एका तइयार कइ लिहे रहेउँ अब एका मइँ घटित किहेउँ ह। मइँ ही तू पचन्क ओन नगरन क नस्ट करइ दिहेउँ अउर मइँ ही तू पचन्क ओन नगरन क पाथरन क देर मँ बदलइ दिहेउँ।
27 ओन नगरन क निवासी कमजोर रहेन। उ सबइ लोग भयभीत अउर लज्जित रहेन। उ पचे खेते क पउधन जइसे रहेन, उ पचे नई घास क जइसे रहेन। उ पचे उ घासे क नाईर् रहेन जउन मकानन क छतन पइ जमा करत हीं। उ घास लम्बी होइ स पहिले ही रेगिस्तान क गरम हवा झुलसाइ दीन्ह जात ह।
28 तोहार सेना अउ तोहरे जुद्ध क बारे मँ मइँ सब कछू जानत हउँ। मोका पता अहइ जब तू विस्राम किहे रह्या। जब तू जुद्ध बरे गवा रह्या, मोका तब क भी पता अहइ। तू जुद्ध स घरे कब लउट्या, मइँ इ भी जानत हउँ। मोका एकर भी गियान अहइ कि तू मोह पइ कोहान अहा।
29 तू मोहसे खुस नाहीं अहा अउर मइँ तोहार अहंकार स भरा अपमान क सुना ह। तउ मइँ तोहका सजा देब। मइँ तोहरे नाके मँ नकेल डाउब। मइँ तोहरे मुँहे पइ लगाम लगाउब अउर तब मइँ तोहका मजबूर करब कि तू जउने राहे स आया रह्या, उहइ राहे स मोरे देस क तजिके वापिस चला जा।”“‘
30 एह पइ यहोवा हिजकिय्याह स कहेस, “हिजकिय्याह, तू इ देखावइ बरे कि इ सबइ सब्द सच्चा अहइँ, मइँ तोहका एक संकेत देब। इ बरिस तू खाइ बरे कउनो अनाज नाहीं बोया। तउ इ बरिस तू पिछले बरिस क फसल स यूँ ही जम आए अनाजे क खाब्या। अगले बरिस भी अइसा ही होगा किन्तु तीसरे बरिस तू उ अनाजे क खाब्या जेका तू जमाए होब्या। तू आपन फसलन क कटब्या। तोहरे लगे खाइ क भरपूर होइ। तू अंगूरे क बेलन रोपब्या अउर ओनकर फल खाब्या।
31 “यहूदा क परिवार क कछू लोग बच जइहीं। उ पचे ही लोग बढ़त भए एक बड़की जाति क रूप लइ लेइहीं। उ पचे लोग ओन बृच्छन क नाईर् होइहीं जेनकर जड़न धरती मँ बहोत गहिर जात हीं अउर जउन बहोत तगड़े होइ जात हीं अउर बहोत स फल देत हीं।
32 यरूसलेम म कछू ही लोग जिअत बचिके बाहेर जाइ पइहीं। सिय्योन पर्वते स बचे भए लोगन क एक समूह ही बाहेर जाइ पाइ। सर्वसवतीमान यहोवा क सुद़ृढ पिरेम ही अइसा करी।
33 तउ यहोवा अस्सूर क राजा क बारे मँ इ कहेस:“उ इ नगर मँ नाहीं आइ। उ इ नगर पइ एक भी बाण नाहीं छोड़ी! उ आपन दालन क मुँह इ नगर कइँती नाहीं करी। उ इ नगर पइ हमला करइ क बरे माटी क टीला खड़ा नाहीं करी।
34 उहइ राहे स जेहसे उ आवा रहा, उ वापस आपन नगर क लउटि जाइ। इ नगर मँ उ प्रवेस नाहीं करी।” इ सँदेसा यहोवा कइँती स अहइ।
35 यहोवा कहत ह, मइँ बचाउब अउर इ नगर क रच्छा करब। मइँ अइसा खुद आपन बरे अउर आपन सेवक दाऊद बरे करब।”
36 तउ यहोवा क सरगदूत अस्सूर क सिबिर मँ जाइके एक लाख पचासी हजार फउजी मनइयन क मार डाएस। अगली सुबह जब लोग उठेन, तउ उ पचे लखेन कि ओनके चारिहुँ कइँती मरे भए फउजियन क ल्हासन बिखरी अहइँ।
37 एह पइ अस्सूर क राजा सन्हेरीब वापस लउटिके आपन घरे नीनवे चला गवा अउर हुँवइ रहइ लाग।
38 एक दिन, जब सन्हेरीब आपन देवता निस्रोक क मंदिर मँ ओकर पूजा करत रहा, उहइ समय ओकर पूत अद्रम्मेलेक अउर सरेसेर तरवार स ओकर कतल कइ दिहस अउर फुन उ पचे असरात क भुइँया मँ पराइ गएन। एह बरे सन्हेरीब क पूत एसर्हद्देन (अस्सूर क) नवा राजा बन गवा।
Isaiah 38
1 उ समय क आसपास हिजकिय्याह बहोत बीमार पड़ा। ऍतना बीमार कि जइसे उ मरि ही गवा होइ। तउ आमोस क पूत यसायाह ओहसे मिलइ गवा।यसायाह राजा स कहेस, “यहोवा तू पचन्क इ सबइ बातन बतावइ बरे कहेस ह: ‘हाली ही तू मरि जाब्या। तउ जब तू मरा, तोहार परिवार का करइँ, इ तोहका ओनका बताइ देइ चाही। अब तू फुन कबहुँ नीक नाहीं होब्या।’”
2 हिजकिय्याह उ देवार क नाईर् करवट लिहस जेकर मुँह मन्दिर कइँती रहा। उ यहोवा क पराथना किहस, उ कहेस,
3 “हे यहोवा, कृपा करा, याद करा कि मइँ सदा तोहरे समन्वा बिस्सास स भरी अउर सच्चे हिरदय क संग जिन्नगी जिएउँ ह। मइँ उ सबइ बातन किहेउँ ह जेनक तू उत्तिम कहत ह।” एकरे पाछे हिजकिय्याह ऊँच सुर मँ रोउब सुरू कइ दिहस।
4 यसायाह क यहोवा स इ संदेस मिला:
5 “हिजकिय्याह क लगे जा अउर ओहसे कहि द्या: इ सबइ बातन उ सबइ अहइँ जेनका तोहार बाप दाऊद क परमेस्सर यहोवा कहत ह, ‘मइँ तोहार पराथना सुनेउँ ह अउर तोहार दुःख भरे आँसू लखेउँ ह। तोहरी जिन्नगी मँ मइँ पन्द्रह बरिस अउर जोड़त हउँ।
6 अस्सूर क राजा क हाथन स मइँ तोहका छोड़ाइ डाउब अउर इ नगर क रच्छा करब।”‘22किन्तु हिजकिय्याह यसायाह स पूछेस, “यहोवा कइँती स अइसा कउन सा संकेत अहइ जउन साबित करत ह कि मइँ नीक होइ जाब? कउन सा संकेत अहइ जउन प्रमाणित करत ह कि मइँ यहोवा क मंदिर मँ जाइ क जोग्य होइ जाब?”
7 तोहका इ बात बतावइ बरे जउन बातन क उ कहत ह, ओनका उ पूरा करी। यहोवा कइँती इ संकेत अहइ:
8 “लखा, आहाज क धूप घड़ी क उ छाया जउन अंसन पइ पड़त ह, मइँ ओका दस अंस पाछे हटाइ देब। सूरज क उ छाया दस अंस तलक पाछे चली जाइ।”21फुन एह पइ यसायाह कहेस, “अंजीरन क आपुस मँ मसलवाइके ओकरे फोड़न पइ बाँधा। एहसे उ नीक होइ जाइ।”
9 इ हिजकिय्याह क उ पत्र अहइ जउन उ बेरामी स नीक होइ क पाछे लिखे रहा:
10 मइँ आपन मन मँ कहेउँ कि मइँ तब तलक जिअब जब तलक बूढ़ा होबउँ। किन्तु मोर काल आइ गवा रहा कि मइँ मउत क दुआरे स गुजरउँ। अब मइँ आपन समय हिऊँइ पइ बिताउबउँ।
11 एह बरे मइँ कहेउँ, “मइँ यहोवा याह क फुन कबहुँ जिअतन क धरती पइ नाहीं लखब। धरती पइ जिअत भए लोगन क मइँ नाहीं लखब।
12 मोर घर, चरवाहे क अस्थिर तम्बू सा उखाड़िके गिरावा जात अहइ अउर मोहसे छीना जात अहइ। अब मोर वइसा ही अन्त होइ गवा ह जइसे करघे स कपड़ा लपेटि के काट लीन्ह जात ह। क्षिनभर मँ तू मोहका इ अंत तलक पहोंचाइ दिहा।
13 मइँ भोर तलक आपन क सान्त करत रहेउँ। उ सेर क नाईर् मोर हाड़न क तोरत अहइ। एक ही दिन मँ तू मोर अन्त कइ डावत ह।
14 मइँ कबूतर स रोवत रहेउँ। मइँ एक पंछी जइसा रोवत रहेउँ। मोर आँखिन थक गइन तउ भी मइँ लगातार अकासे कइँती निहारत रहेउँ। मोर सुआमी, मइँ विपत्ति मँ हउँ मोका उबारइ क बचन द्या।”
15 मइँ अउर का कहि सकत हउँ? मोर सुआमी मोका बताएस ह जउन कछू भी होइ, अउर मोर सुआमी ही उ घटना क घटित करी। मइँ एन बिपत्तियन क आपन आतिमाँ मँ झेलेउँ ह एह बरे मइँ जिन्नगी भइ विनम्र रहब।
16 हे मोर सुआमी, इ कस्ट क समय क उपयोग फुन स मोर चेतना क ससवत बनावइ मँ करा। मोरे मने क ससवत अउर स्वस्थ होइ मँ मोर मदद करा। मोका सहारा द्या कि मइँ नीक होइ जाउँ। मोर मदद करा कि मइँ फुन स जी उठउँ।
17 लखा! मोर बिपत्तियन खतम भईन! अब मोरे लगे सान्ति अहइ। तू मोहसे बहोत जियादा पिरेम करत ह। तू मोका कब्र मँ सड़इ नाहीं दिहा। तू मोर सब पाप छिमा किहा। तू मोर सब पाप दूर लोकाइ दिहा।
18 तोहार स्तुति मरे मनई नाहीं गावतेन। मउत क देस मँ पड़े लोग तोहार यसगीत नाहीं गावतेन। उ पचे मरे भए मनई जउन कब्र मँ समावा अहइँ, मदद पावइ क तोह पइ भरोसा नाहीं रखतेन।
19 उ सबइ लोग जउन जिअत अहइँ जइसा आजु मइँ हउँ तोहार जस गावत हीं। एक बाप क आपन सन्तानन क बतावइ चाही कि तोह पइ भरोसा कीन्ह जाइ सकत ह।
20 एह बरे मइँ कहत हउँ: “यहोवा मोका बचाएस ह तउ हम आपन जिन्नगी भइ यहोवा क मन्दिर मँ गीत गाउब अउर बाजा बजाउब।”
21
22
Isaiah 39
1 उ समय, बलदान क पूत मरोदक बलदान बाबुल क राजा भवा करत रहा। मरोदक हिजकिय्याह क लगे पत्र अउर उपहार पठएस। मरोदक ओकरे लगे उपहार एह बरे पठए रहा कि उ अनके रहा कि हिजकिय्याह बेराम रहा अउर फुन नंगा होइ गवा।
2 एन उपहारन क पाइके हिजकिय्याह बहोत खुस भवा। एह बरे हिजकिय्याह मरोदक क लोगन क आपन खजाने क कीमती चिजियन देखाएस। हिजकिय्याह ओन लोगन क आपन सारी सम्पत्ति देखाएस। चाँदी, सोना, कीमती तेल अउर इत्र ओनका देखाएस। हिजकिय्याह ओनका जुद्ध मँ काम आवइवाली तरवारन अउर ढालन भी देखाएस। हिजकिय्याह ओनका सबहिं चिजियन देखाएस जउन उ जमा कइ रखे रहा। हिजकिय्याह आपन घरे क अउर आपन राज्ज क हर वस्तु ओनका देखाएस।
3 यसायाह नबी राजा हिजकिय्याह क लगे गवा अउर ओहसे बोला, “इ सबइ लोग का कहत अहइँ? इ सबइ लोग कहाँ स आएन ह”हिजकिय्याह कहेस, “इ सबइ लोग दूर देस स मोरे लगे आएन ह। इ सबइ लोग बाबुल स आएन ह।”
4 एह पइ यसायाह ओहसे पूछेस, “उ पचे तोहरे गहल मँ का लखेन?”हिजकिय्याह कहेस, “मोर महल क हर वस्तु उ पचे लखेन। मइँ आपन सारी सम्पत्ति ओनका देखाए रहेउँ।”
5 यसायाह हिजकिय्याह स इ कहेस, “सर्वसवतीमान यहोवा क सब्दन क सुना।
6 ‘भविस्स मँ जउन कछू तोहरे घर मँ अहइ, उ सब कछू बाबुल लइ जावा जाइ। अउर तोहरे बुजुर्गन क उ सारी धन दौलत जउन अचानक उ पचे बटोरेन ह, लइ लीन्ह जाइ। तोहरे लगे कछू नाहीं छोड़ा जाइ। सर्वसवतीमान यहोवा इ कहेस ह।
7 बाबुल क राजा तोहरे पूतन क लइ जाइ। उ सबइ पूत जउन तोहसे पइदा होइहीं। तोहार पूत बाबुल क राजा क महल मँ हाकिम बनिहीं।
8 हिजकिय्याह यसायाह स कहेस, “यहोवा क एन बचनन क सुन मोरे बरे बहोत उत्तिम होइ।” (हिजकिय्याह अइसा एह बरे कहेस काहेकि ओकर विचार रहा, “जब मइँ राजा होब, तब सान्ति रही अउर कउनो उत्पात नाहीं होइ।”)
Isaiah 40
1 “चैन द्या, मोरे लोगन कचैन द्या! तोहार पचन्क परमेस्सर कहत ह।
2 तू यरूसलेम स दाया स बातन करा। यरूसलेम क बताइ द्या, ‘तोहरी सेवा क समय पूरा होइ चुका। तू आपन पापन क कीमत दइ दिहे अहा।”‘ यहोवा यरूसलेम क कीन्ह भए पापन क दुइ गुणा दण्ड ओका दिहेस ह।
3 सुना! एक मनई क जोर स गोहरावत भए सुर: “यहोवा बरे बियाबान मँ एक राह बनावा। हमार परमेस्सर बरे बियाबान मँ एक रास्ता चौरस करा।
4 हर घाटी क भरि द्या हर एक पर्वत अउ पहाड़ी क समथर करा। टेढ़-मेढ़ राहन क सोझ करा। उबड़-खाबड़ क चौरस बनाइ द्या।
5 तब यहोवा क महिमा परगट होइ। सब लोग एकट्ठा यहोवा क तेज क लखिहीं। हाँ, यहोवा खुद इ सबइ कहेस ह।”
6 एक वाणी मुखरित भइ, उ कहेस, “बोला।” तउ मनई पूछेस, “मइँ का कहउँ?” वाणी कहेस, “लोग सदा जिअत नाहीं रहिहीं। उ सबइ रेगिस्ताने क घास क नाईर् अहइँ। ओनकर धामिर्कता जंगली फूल क समान अहइ।
7 एक सवतीसाली आँधी यहोवा कइँती स उ घासे पइ चलत ह, अउर घास झुराइ जात ह, जंगली फूल नस्ट होइ जात ह।” हाँ सबहिं लोग घास क समान अहइँ।
8 घास मरि जात ह अउर जंगली फूल नस्ट होइ जात ह। किन्तु हमरे परमेस्सर क बचन सदा बने रहत हीं।”
9 हे, सिय्योन, तोहरे लगे सुसंदेस कहइ क अहइ। तु पहाड़े पइ चढ़ि जा अउर ऊँचे सुर स ओका गोह रावा। यरूसलेम, तोहरे लगे एक सुसंदेस कहइ क अहइ। भयभीत जिन ह्वा, तू ऊँच सुर मँ बोला। यहूदा क सारे नगरन क तू इ सबइ बातन बताइ द्या: “लखा, इ रहा तोहार परमेस्सर!
10 मोर सुआमी यहोवा सवती क संग आवत अहइ। उ आपन सवती क उपयोग लोगन पइ सासन करइ मँ लगाइ। यहोवा आपन लोगन क प्रतिफल देइ। ओकरे लगे देइ क ओनकर मजदूरी होइ।
11 यहोवा आपन लोगन क वइसे ही अगुवाई करी जइसे कउनो गड़रिया आपन भेड़िन क अगुवाई करत ह। यहोवा आपन बाहु क काम मँ लिआई अउर आपन भेड़िन क बटोरी। यहोवा नान्ह भेड़िन क उठाइके गोद मँ थामी, अउर ओनकर महतारिन ओकरे संग संग चालिहीं।
12 कउनो अँजुरी मँ भरिके समुद्र क नाप दिहेस? कउन हाथे स अकास क नाप दिहस? कउन कटोरा मँ भरिके धरती क सारी धूरि क नाप दिहस? कउन नापइ क धागा स पर्वतन अउर चोटियन क नाप दिहेस? इ यहोवा किहे रहा।
13 यहोवा क आतिमा क कउनो मनई इ नाहीं बताएस कि ओका का करब रहा। यहोवा क कउनो इ नाहीं बताएस कि ओका जउन उ किहेस ह, कइसे करब रहा।
14 का यहोवा कउनो स मदद माँगेस? का यहोवा क कउनो निस्पच्छता क पाठ पढ़ाएस ह का कउनो मनई यहोवा क गियान सिखाएस ह का कउनो मनई यहोवा क बुद्धि स काम लेब सिखाएस ह नाहीं। एन सबहिं बातन क यहोवा क पहिले ही स गियान अहइ।
15 लखा, जगत क सारे देस गगरी मँ एक नान्ह बूँद जइसे अहइँ। जदि यहोवा सुदूरवर्ती देसन तलक क लइके आपन तराजू पइ धइ देइ, तउ उ पचे नान्ह स रजकन जइसे लगिहीं।
16 लबानोन क सारे बृच्छन भी काफी नाहीं अहइ कि ओनका यहोवा बरे बारा जाइ। लबानोन क सारे पसु काफी नाहीं अहइँ कि ओनका ओकर एक बलि बरे मारा जाइ।
17 परमेस्सर क तुलना मँ विस्व क सबहिं रास्ट्र व्छ भी नाहीं अहइँ। परमेस्सर क तुलना मँ विस्व क सबहिं रास्ट्र बिल्वुल बगैर कीमत क अहइँ।
18 का तू परमेस्सर क तुलना कउनो भी चीज स कइ सकत ह नाहीं। का तू परमेस्सर क चित्र बनाइ सकत ह नाहीं।
19 किन्तु कछू लोग अइसे अहइँ जउन पाथर अउर काठे क मूरतियन बनावत हीं अउर ओनका देवता कहत हीं। एक कारीगर मूरति क बनावत ह। फुन दूसर कारीगर ओह पइ सोना मढ़ देत ह अउर ओकरे बरे चाँदी क जंजीरन बनावत ह।
20 तउ उ मनई आधार बरे एक खास तरह क काठ चुनत ह जउन सड़त नाहीं ह। तब उ एक अच्छे काठे क कारीगर क हेरत ह। उ कारीगर एक अइसा देवता बनावत ह जउन लुढ़कत नाहीं ह।
21 निहचय ही, तू पचे फुरइ जानत अहा, बोला? निहचय ही तू पचे सुन्या ह। निहचइ ही बहोत पहिले कउनो तू पचन्क बताएस ह। निहचइ ही तू पचे जानत अहा कि धरती क कउन बताएस ह।
22 यहोवा ही सच्चा परमेस्सर अहइ। उहइ धरती क चव क ऊपर बइठत ह। ओकर तुलना मँ लोग टिड्डी स लगत हीं। उ अकासन क कउने कपड़े क टूकन क नाईर् खोल दिहस। उ अकासे क ओकरे खाले बइठइ क एक तम्बू क नाईर् तान दिहस।
23 सच्चा परमेस्सर सासकन क महत्वहीन बनावत ह। उ इ जगत क निआवकर्त्तन क पूरी तरह बियर्थ बनाइ देत ह।
24 उ सबइ सासक अइसे अहइँ जइसे उ पचे पउधन जेनका धरती मँ रोपा गवा होइ, किन्तु एहसे पहिले कि उ पचे आपन जड़न धरती मँ जमाइ पावइँ, परमेस्सर ओनका बहाइ देत ह अउर उ सबइ झुराइके मरि जात हीं। आँधी ओनका तिनका सा उड़ाइके लइ जात ह।
25 “का तू कउनो स भी मोर तुलना कइ सकत ह नाहीं। कउनो भी मोरे बराबर क नाहीं अहइ।
26 ऊपर अकासन क लखा। कउन ऍन सबहिं तारन क बनाएस? कउन उ सबइ अकास क सेना बनाएस? केका सबहिं तारन नाम-बनाम मालूम अहइँ? सच्चा परमेस्सर बहोत ही सुदृढ़ अउर सवतीसाली अहइ एह बरे कउनो तारा कबहुँ निज मार्ग नाहीं बिसरा।”
27 हे याकूब, इ सच अहइ। हे इस्राएल, तोहका एका बिस्सास करइ चाही। तउ तू काहे अइसा कहत ह कि “ जइसी जिन्नगी मइँ जिअत हउँ ओका यहोवा नाहीं लखि सकत। परमेस्सर मोका धइ नाहीं पाइ अउर न सजा दइ पाई।”
28 सचमुच तू सुन्या ह अउर जानत ह कि यहोवा परमेस्सर बुद्धिमान अहइ। जउन कछू उ जानत ह ओन सबहिं बातन क मनई नाहीं सीख सकत। यहोवा कबहुँ थकत नाहीं, ओका कबहुँ विस्राम क जरूरत नाहीं होत। यहोवा ही सबहिं दूरदराज क ठउर धरती पइ बनाएस। यहोवा सदा जिअत ह।
29 यहोवा सक्तीहीनन क सवतीसाली बनइ मँ सहायता देत ह। उ अइसे ओन लोगन क जेनके लगे सवती नाहीं अहइ, प्रेरित करत ह कि उ सवतीसाली बनइ।
30 नउजवान थक जात हीं अउर ओनका विस्राम क जरूरत पड़जात ह। हिआँ तलक कि किसोर भी ठोकर खात हीं अउर गिरत हीं।
31 किन्तु उ सबइ जउन यहोवा क भरोसा करत अहइँ आपन सवती क प्राप्त कइ लेइ। उ पचे उँचाई पइ उड़ि ओकर पखना बाज़ क नाई होइ। उ पचे दौड़ी किन्तु कमज़ोर नाहीं होइ। उ पचे चली किन्तु थकी नाहीं
Isaiah 41
1 यहोवा कहा करत ह, “सुदूरवर्ती देसो, चुप रहा अउर मोरे लगे आवा। जातियो, फुन स सुदृढ़ बना। मोरे लगे आवा अउर मोहसे बातन करा। आपुस मँ मिलिके हम निहचय करी कि उचित का अहइ।
2 कउन उ बिजेता क जगाएस ह, जउन पूरब स आइ? कउन ओहसे दूसर देसन क हरवावत अउर राजा लोगन क अधीन कइ देत? कउन ओकर तरवारन क एतना बढ़ाइ देत ह कि उ पचे अनगिनत होइ जात जेतना रेत-कण होत हीं? कउन ओकरे धनुसन क ऍतना अनगिनत कइ देत जेतना भूसे क छिलकन होत हीं?
3 उ मनई पाछा करी अउर ओन रास्ट्रन क पाछा बगैर नोस्कान उठाए करत रही अउर अइसे ओन ठहरन तलक जाइ जहाँ उ पहिले कबहुँ गवा ही नाहीं।
4 कउन इ सबइ सब घटित करत ह कउन इ किहेस? कउन आदि स सबलोगन क बोलाएस? मइँ यहोवा एन सबइ बातन क किहेउँ। मइँ यहोवा ही सबसे पहिला हउँ। आदि क पहिले स मोर अस्तित्व रहा ह, अउर जब सब कछू चला जाइ तउ भी मइँ हिअँइ रहब।
5 सुदूरवर्ती देस एका लखिहीं अउर भयभीत होइँ। दूर धरती क छोर क लोग फुन आपुस मँ एक जुट होइके भय स काँपि उठइँ।”
6 “काम करइवालन एक दूसर क मदद करत ह अउर मज़बूत होइवइ बरे हिम्मत बढ़ावत ह।
7 मूतिर् बनावइ बरे एक कारीगर लड़की काटत अहइ। फुन उ मनई सुनारे क उत्साहित करत ह। एक कारीगर हथौड़े स धातु क पत्तर बनावत अहइ। फुन उ कारीगर निहायी पइ काम करइवाले मनई क प्रेरित करत अहइ। इ आखिरी कारीगर कहत अहइ, काम अच्छा अहइ, ‘किन्तु इ धातु बाहेर नाहीं निकरी।’ किन्तु उ तउ प भी मूरति क आधार पइ कीले स जड़ि द्या, ताकि इ कबहुँ हिल-डुल तलक नाहीं पाई।”
8 यहोवा कहत ह: “हे मोर सेवक इस्राएल, हे याकूब मोर मीत इब्राहींम क सन्तान तोहका मइँ चुनेउँ ह,
9 मइँ तोहका भूइँया क दूर जगह स उठाएउँ। मइँ तू पचन्क उ दूर देस स बोलाएउँ। मइँ कहेउँ, तू मोर सेवक अहा।” मइँ तोहका चुनेउँ ह अउर मइँ तोहका रद्द किहेउँ ह।
10 तू चिन्ता जिन करा, मइँ तोहरे संग हउँ। तू भयभीत जिन ह्वा, मइँ तोहार परमेस्सर हउँ। मइँ तोहका सुदृढ़ करब। मइँ तोहका आपन नेकी क दाहिने हाथे स सहारा देब।
11 लखा, कछू लोग तोहसे नाराज अहइँ किन्तु उ पचे लजइहीं। जउन तोहार दुस्मन अहइँ उ पचे नाहीं रहिहीं, उ पचे सब हेराइ जइहीं।
12 तू अइसे ओन लोगन क खोज करब्या जउन तोहरे बिरुद्ध रहेन। किन्तु तू ओनका नाहीं पउब्या। उ पचे सबइ लोग जउन तोहसे लड़ा रहेन, पूरी तरह लुप्त होइ जइहीं।
13 मइँ तोहार परमेस्सर यहोवा हउँ। मइँ तोहार सीधा हाथ थाम रखे हउँ। मइँ तोहसे कहत हउँ कि जिन डेराउन। मइँ तोहका सहारा देब।
14 कीमती यहूदा, तू निर्भय रहा। हे मोर प्रिय इस्राएल क लोगो! भयभीत जिन रहा। फुरइ मइँ तोहका मदद देबउँ। खुद यहोवा ही इ सबइ बातन कहे रहा। इस्राएल क पवित्तर परमेस्सर जउन तोहार रच्छा करत ह, कहे रहा:
15 “लखा, मइँ तोहका एक नवे दाँवइ क औजार जइसा बनाएउँ ह। इ औजारे मँ बहोत स दाँतन अहइँ जउन बहोत तीखे अहइँ। किसान एका अनाज क छिलका उतारइ क काम मँ लिआवत हीं। तू पर्वतन क गोड़न तले मसलब्या अउर ओनका धूरि मँ मिलाइ देब्या। तू पर्वतन क अइसा कइ देब्या जइसे भूसा होत ह।
16 तू ओनका हवा मँ उछरब्या अउर हवा ओनका उड़ाइके दूर लइ जाइ अउर ओनका कहूँ छितराई देइ। तब तू यहोवा मँ टिकिके आनन्दित होब्या। तोहका इस्राएल क पवित्तर परमेस्सर प बहोत गर्व होइ।
17 गरीब जन, अउर जरूरतमंद जल हेरत हीं किन्तु ओनका जल नाहीं मिलत ह। उ पचे पियासा अहइँ अउर ओनकर जीभ झुरान अहइ। मइँ ओनकर बिनतियन क जवाब देब। मइँ ओनका न ही तजब अउर न ही मरइ देब।
18 मइँ झुरान पहाड़ पइ नदियन बहाइ देब। घाटियन मँ स जलस्रोत बहाइ देब। मइँ रेगिस्तान क जल स भरी झील मँ बदल देब। उ झुरान धरती पइ पानी क सोतन मिलिहीं।
19 रेगिस्तान मँ देवदार क, कीकर क, जैतून क, सनावर क, तिघारे क, चीड़ क बृच्छ जमिहीं।
20 लोग अइसा होत भए लखिहीं अउर उ पचे जानिहीं कि यहोवा क सवती इ सब किहेस ह। लोग एनका लखिहीं अउर समुझब सुरू करिहीं कि इस्राएल क पवित्तर परमेस्सर इ बातन किहेस ह।”
21 यहोवा, याकूब क राजा कहत ह, “आ, अउर मोका आपन मुकदमा द्या। आपन सबूत मोका देखावा। तब हम इ निहचय करब कि का उचित अहइँ?”
22 तोहरे पचन्क मूरतियन क हमरे लगे आइके, जउन घटत अहइ, उ बतावइ चाही।“सुरू मँ का कछू घटा रहा अउर भविस्स मँ का घटइवाला अहइ। हमका बतावा हम बड़े धियान स सुनब। जेहसे हम इ जान जाइ कि अगवा का होइवाला अहइ।
23 हमका ओन बातन क बतावा जउन घटइवाली अहइँ। जेनका जानइ क हमका इन्तजार अहइ ताकि हम पतियायी कि फुरइ तू देवता अहा। कछू करा। चाहे भला चाहे बुरा ताकि हम लखि सकी अउर जान सकी कि तू जिअत अहा अउर तोहार अनुसरण करी।
24 “लखा, हे लबार देवता, तू पचे बेकार स भी जियादा बेकार अहा! तू पचे कछू भी नाहीं कइ सकत्या। केवल बेकार क भ्रस्ट लोग ही तू पचन्क पूजइ चाहत हीं।”
25 “जवाब मँ मइँ एक मनई क उठाएउँ ह। उ पूरब स जहाँ सूरज उगा करत ह, आवत अहइ। उ मोरे नाउँ क उपासना किया करत ह। जइसे कोहार माटी रौंदा करत ह वइसे ही उ बिसेस मनई राजा लोगन क रौंदी।”
26 इ सबइ घटइ स पहिले ही हमका जउन बताएस ह, हमका ओका परमेस्सर कहइ चाही। का हमका इ सबइ बातन तू पचन्क कउनो मूरति बताएस? नाहीं। कउनो भी मूरति कछू भी हमका नाहीं बताए रही। उ सबइ मूरतियन तउ एक भी सब्द नाहीं बोल पावत हीं। उ सबइ लबार देवतन एक भी सब्द जउन तू पचे बोला करत ह नाहीं सुन पावत हीं।
27 मइँ, यहोवा पहिले रहेउँ जउन इ बातन क बिसय मँ सिय्योन क बताएउँ ह! उ मइँ ही रहेउँ जउन दूत क इ बड़िया संदेस क साथ यरूसलेम पठएउँ! “लखा, तोहार लोग वापस आवत अहइँ।”
28 जइसा मइँ लखेस, हुवाँ कउनो एक भी मोजूद नाहीं रहा जउन आपन तर्क पेस करी! का एकर मतलब अहइ कि ओन देवतन मँ स एक भी वकील न रही! मइँ ओका प्रस्न पूछेस, किन्तु ओनमाँ स कउनो भी कछू नाहीं बोलेस!
29 लखा, इ सबइ देवतन बिल्वुल ही बियर्थ अहइँ! उ पचे कछू नाहीं कइ पावतेन! उ कछू नाहीं सिरिफ हवा अहइ।
Isaiah 42
1 “मोरे दास क लखा। मइँ ओकर हाथ सँभारेउँ ह। उहइ एक अहइ जेका मइँ चुनेउँ ह, मइँ ओहसे बहोत खुस हउँ। मइँ आपन आतिमा ओह पइ रखत हउँ। उ ही सब रास्ट्रन मँ निआव कइ सकत ह।
2 उ गलियन मँ जोर स नाहीं बोली। उ नाहीं गोहराई अउर न चीखी।
3 उ विनम्र होब्या। उ वुचाल भवा सरकण्डा तलक क नाहीं तोड़ी। उ टिमटिमात भइ लौ तलक क भी नाहीं बुझाई। उ सच्चाई स निआव क कायम करी।
4 उ कमजोर या वुचरा भवा तब तलक नाहीं होइ जब तलक उ निआव क दुनियाँ मँ न लइ आवइ। दूर देसन क लोग ओकर सिच्छन पइ बिस्सास करिहीं।”
5 सच्चा परमेस्सर यहोवा इ सबइ बातन कहेस ह: (यहोवा अकासन क बनाएस ह। यहोवा अकास क धरती पइ तानेस ह। धरती पइ जउन कछू अहइ उ भी उहइ बनाएस ह। धरती पइ सबहिं लोगन पइ उहइ प्राण फूँक्त ह। धरती पइ जउन भी लोग चलत फिरत अहइँ, ओन सबन क उहइ जिन्नगी प्रदान करत ह।)
6 “मइँ, यहोवा, तोहका नीक मकसद स बुलाएस रहा! मइँ तोहार हाथ थामब अउर तोहार रच्छा करब। तू एक चिह्न इ प्रगट करइ क होब्या कि लोगन क संग मोर एक वाचा अहइ। तू सब लोगन पइ चमकइ क एक प्रकास होब्या।
7 तू आँधरन क आँखी क प्रकास देब्य अउर उ सबइ लखइ लगिहीं। अइसे बहोत स लोग जउन जेल मँ पड़ा अहइँ, तू ओन लोगन क अजाद करब्य। तू बहोत स लोगन क जउन अँधियारा मँ रहत हीं। ओनका उ कारागार स तू बाहेर छुड़ाइ लउब्या।”
8 मइँ यहोवा हउँ। मोर नाउँ यहोवा अहइ। मइँ आपन महिमा दूसर क नाहीं देब। मइँ आपन ओन मूरतियन क उ तारीफ जउन मोर अहइँ, नाहीं लेइ देब।
9 सुरू मँ मइँ कछू बातन जेनका घटब रहा, बताए रहेउँ अउर उ सबइ घटि गइन। अब तोहका उ सबइ बातन घटइ स पहिले ही बताउब जउन अगवा चलिके घटिहीं।”
10 यहोवा बरे एक नवा गीत गावा, तू पचे जउन दूर दराज क देसन मँ बसा अहा, तू पचे जउन सागरे पइ जलयान चलावत अहा, तू पचे समुद्दर क सबहिं जीवन, दूरवर्ती देसन क सबहिं लोगन, यहोवा क यसगान करा।
11 हे रेगिस्तान एवं नगरन अउर केदार क गाँवन, यहोवा क तारीफ करा। सेना क लोगो, आनन्द बरे गावा। आपन पर्वतन क चोटी स गावा।
12 यहोवा क महिमा द्या। दूर देसन क लोगो ओकर यसगान करा।
13 यहोवा वीर योद्धा स बाहेर निकरी उ मनई स जउन जुद्ध बरे तत्पर अहइ। उ बहोत उत्तेजित होइ। उ पुकारी अउर जोर स ललकारी उ गोहराई अउर जोर स ललकारी अउर आपन दुस्मनन क पराजित करी।
14 “बहोत समय स मइँ कछू भी नाहीं कहेउँ ह। मइँ अपने ऊपर नियन्त्रण बनाए रखेउँ ह अउर मइँ चुप रहेउँ ह। किन्तु अब मइँ ओतने जोर से चिल्लाब जेतने जोर स बच्चे क जनत भए मेहरारू चिल्लात ह। मइँ बहोत तेज अउर जोर स साँस लेब।
15 मइँ पर्वतन-पहाड़ियन क नस्ट कइ देब। मइँ जउन पौधे हुवाँ उगत हीं। ओनका झुराइ देबउँ। मइँ नदियन क झुरान धरती मँ बदल देबउँ। मइँ जल क सरोवरन क सुखाइ देव।
16 फुन मइँ आँधरन क अइसी राह देखाँउब जेन पइ ओका कबहुँ नाहीं लइ जाइ गवा। मइँ आँधर लोगन क अइसी जगह पइ लेइ जाब जहाँ उ पचे कबहुँ नाहीं भवा। ओनके बरे मइँ अँधियारा क प्रकास मँ बदल देबउँ। ऊँच नीच धरती क मइँ समथर बनाउब। मइँ ओन कामन क करब जेनकर मइँ बचन दिहेउँ ह। मइँ आपन लोगन क कबहुँ नाहीं तजब।
17 किन्तु कछू लोग मोर अनुसरण करी तजि दिहेन। उ पचे सोना स मढ़ी मूरतियन पइ विस्सास कइके आपन-आप क लज्जित किहेन। ओनसे उ पचे कहा करत हीं कि ‘तू पचे हमार देवतन अहा।’ उ पचे आपन लबार देवतन क बिस्सासी अहइँ। किन्तु अइसे लोग बस निरास ही होइहीं!”
18 “तू सबइ बहिर लोगन क मोर सुनइ चाही। तू सबइ आँधर लोगन क एहर दृस्टि डावइ चाही अउर मोका लखइ चाही।
19 कउन अहइ ओतना आँधर जेतना मोर दास अहइँ? कउनो नाहीं। कउन अहइ ओतना बहिर जेतना मोर दूत अहइ जेका मइँ इ संसार मँ पठएउँ ह कउनो नाहीं। इ आँधर कउन अहइ जेकरे संग मइँ वाचा किहेउँ? इ पचे ऍतना आँधर अहइँ जेतना आँधर यहोवा क दास अहइ।
20 उ लखत बहोत ह, किन्तु मोर हुवुम नाहीं मानत। उ आपन कानन स साफ साफ सुनि सकत ह किन्तु उ मोर सुनइ स इन्कार करत ह।”
21 यहोवा उहइ चाहत ह जउन ओकरे सेवक इस्राएल बरे बड़ियार होइ, ऍह बरे उ (यहोवा) ओनका महान अउर अद्भुत उपदेस देत ह।
22 किन्तु ओनका कइँती लखा। उ पचे हराइ दिहे गएन अउर ओनकर धन जुद्ध मँ लूटि लिहे गएन। उ पचे सबहिं जैल मँ बन्द कीन्ह गएन। लोग ओनसे ओनकर धन छीनी लिहेन ह। कउनो मनई ओकार रच्छा करइ क लाइक नाहीं अहा। दूसर मनई ओकर धन क लूटि लिहेन। कउनो मनई अइसा नाहीं जउन कहइ “एका वापिस करा।”
23 तू पचन्मँ स का कउनो मनई एका सुनत ह का तू पचन्मँ स कउनो क भी इ बात क परवाइ अहइ अउर का कउनो सुनत ह कि भविस्स मँ तू पचन्क साथ का होइवाला अहइ?
24 याकूब अउर इस्राएल क सम्पत्ति लोगन क कउन लेइ दिहस? यहोवा ही ओनका अइसा करइ दिहस। हम यहोवा क विरुद्ध पाप किहे रहे तउ यहोवा लोगन क हमार सम्पत्ति छोरइ दिहस? इस्राएल क लोग उस ढंग स जिअब नाहीं चाहत रहेन जउने ढ़ग स यहोवा चाहत रहा। इस्राएल क लोग ओकरी सिच्छा पइ कान नाहीं दिहन।
25 तउ यहोवा ओन पइ कोहाइ गवा। यहोवा ओनके खिलाफ भयानक लड़ाइयन लड़वाइ दिहस। इ अइसे भवा जइसे इस्राएल क लोग आगी मँ बरत होइँ अउर उ पचे जान ही न पाए होइँ कि का होत अहइ। इ अइसा रहा जइसे उ पचे बरत होइँ। किन्तु उ पचे जउन वस्तुअव घटत रहिन, ओनका समुझावइ क जतन ही नाहीं किहेन।
Isaiah 43
1 याकूब, तोहका यहोवा बनाए रहा। इस्राएल, तोहार रचना यहोवा किहे रहा। अब यहोवा कहत ह: “भयभीत जिन ह्वा! मइँ तोहका बचाइ लिहेउँ। मइँ तोहका नाउँ स पुकारेउँ ह। तू मोर अहा।
2 जब तोहे पइ बिपत्तियन पड़त हीं, मइँ तोहरे संग रहत हउँ। जब तू नदी पार करब्या, तू बहब्या नाहीं। तू जब आगी स होइके गुजरब्या, तउ तू बरब्या नाहीं। लपटन तोहका नोस्कान नाहीं पहोंचइही।
3 काहेकि मइँ तोहार परमेस्सर यहोवा हउँ। मइँ इस्राएल क पवित्तर तोहार उद्धारकर्ता हउँ। तोहरे बदले मँ मइँ मिस्र क दइके तोहका आजाद कराएउँ ह। मइँ इथोपिया अउ सबा क तोहका आपन बनावइ क दइ डाएउँ ह।
4 तू मोरे बरे बहोत महत्वपूर्ण अहा। एह बरे मइँ तोहार आदर करब। मइँ तोहसे पिरेम करत हउँ, ताकि तू जी सका, अउर मोर होइ सका। एकरे बरे मइँ सबहिं मनइयन अउर जातियन क बदले मँ देबउँ।”
5 “एह बरे जिन डेराअ। मइँ तोहरे सगं हउँ। तोहार बच्चन क एकट्ठा कइके मइँ ओनका तोहरे लगे लिआउब। मइँ तोहरे लोगन क पूरब अउ पच्छिम स एकट्ठा करब।
6 मइँ उत्तर स कहब: मोर बच्चे मोका लौटाइ द्या।” मइँ दविखन स कहब: “मोरे लोगन क बंदी बनाइके जिन रखा। दूर-दूर स मोरे पूत अउर बिटियन क मोरे लगे लिआवा।
7 ओन सबहिं लोगन क, जउन मोर अहइँ, मोरे लगे लइ आवा अर्थात् ओन लोगन क जउन मोर नाउँ लेत हीं। मइँ ओन लोगन क खुद अपने बरे बनाएउँ ह। ओनकर रचना मइँ किहेउँ ह अउर उ पचे मोर अहइँ।”
8 “अइसे लोगन क जेनकर आँखिन तउ अहइँ किन्तु फुन भी उ पचे आँधर अहइँ, ओनका निकार लिआवा। अइसे लोगन क जउन कानन क होत भए भी बहिर अहइँ, ओनका निकार लिआवा।
9 सबहिं लोगन अउ सबहिं रास्ट्रन क एक संग बटोरा। अगर कउनो भी लबार देवता कबहुँ इ कहेस कि प्रारम्भ मँ का भवा रहा अउर भूतकाल मँ इ बताए रहा कि आगे का कछू होइ तउ ओनका आपन गवाह लिआवइ द्या अउर ओनका सच साबित करइ द्या। अगर उ सुन सकत ह तउ ओका आवइ द्या अउर सच्चाइ क कहइ द्या।”
10 यहोवा कहत ह, “तू ही लोग मोर साच्छी अहा। तू मोर उ सेवक अहा जेका मइँ चुनेउँ ह। मइँ तोहका एह बरे चुनेउँ ह ताकि तू समुझ ल्या कि ‘उ मइँ ही हउँ’ अउर मोह माँ बिस्सास करइ। मइँ फुरइ परमेस्सर हउँ। मोसे पहिले कउनो परमेस्सर नाहीं होइ।
11 मइँ खुद ही यहोवा हउँ। मोरे अलावा अउर कउनो दूसर उद्धारकर्ता नाहीं अहइ, बस केवल मइँ ही हउँ।
12 उ मइँ ही हउँ जउन तोहसे बात किहे रहा। तोहका मइँ बचाएउँ ह। उ सबइ बातन मइँ तोहका बताए रहेउँ। जउन तोहरे संग रहा, उ कउनो अनजाना देवता नाहीं रहा। तू मोर साच्छी अहा अउर मइँ परमेस्सर हउँ।” (इ सबइ बातन यहोवा कहे रहा।)
13 “मइँ तउ सदा स ही परमेस्सर रहा हउँ। जब मइँ कछू करत हउँ तउ मोर कीन्ह क कउनो भी मनई नाहीं बदल सकत अउर मोर सवती स कउनो भी मनई कउनो क बचाइ नाहीं सकत।”
14 इस्राएल क पवित्तर यहोवा तोहका छोड़ावत ह। यहोवा कहत ह, “मइँ तोहरे बरे बाबुल मँ फउजन पठउब। सबहिं ताले लगे दरवाजन क मइँ तोड़ देब। कसदियन क जीत क नारे दुःख भरी चीखन मँ बदल जइहीं।
15 मइँ तोहार पवित्तर यहोवा हउँ। इस्राएल क मइँ रचेउँ ह। मइँ तोहार राजा हउँ।”
16 यहोवा सागर मँ राहन बनाई। हिआँ तलक कि पछाड़न खात भए पानी क बीच भी उ आपन लोगन बरे राह बनाई। यहोवा कहत ह,
17 “उ पचे लोग जउन आपन रथन, घोड़न अउर फउजन क लइके मोहसे जुद्ध करिहीं, पराजित होइ जइहीं। उ पचे फुन कबहुँ नाहीं उठि पइहीं। उ पचे नस्ट होइ जइहीं। उ पचे दीये क लौ क तरह बुझ जइहीं।
18 तउ ओन बातन क याद जिन करा जउन प्रारंभ मँ घटी रहिन। ओन बातन क जिन सोचा जउन कबहुँ बहोत पहिले घटी रहिन।
19 काहेकि मइँ चिजियन क नवा जइसा बनावत हउँ! अब एक नवे बृच्छ क नाईर् तोहार अंवुरन होइ। तू जानत अहा कि इ सच नाहीं अहइ! मइँ तोहार बरे रेगिस्ताने मँ फुरइ एक मारग बताउब। मइँ फुरइ झुरान धरती पइ नदियन बहाइ देब।
20 हिआँ तलक कि बनेर पसु अउर वुचवुचवा भी मोर आदर करिहीं। विसालकाय पसु अउर पच्छी मोर आदर करिहीं। जब मरूभुमि मँ मइँ पानीरह देब तउ उ पचे मोर आदर करिहीं। झुरान धरती मँ जब मइँ नदियन रचना कइ देब तउ उ पचे मोर आदर करिहीं। मइँ अइसा आपन लोगन क पानी देइ बरे करब। ओन लोगन क जेनका मइँ चुनेउँ ह।
21 इ सबइ उ पचे लोग अहइँ अउर इ सबइ लोग मोर तारीफ क गीत गावा करिहीं।
22 “याकूब, तू मोका नाहीं गोहराया। काहेकि हे इस्राएल, तोहार मन मोहसे भरि गवा रहा।
23 तू लोग भेड़ी क आपन बलियन मोरे लगे नाहीं लिआया। तू पचे मोर मान नाहीं रख्या। तू पचे मोका बलियन नाहीं अपिर्त किहा। मोका अन्न बलियन अपिर्त करइ बरे मइँ तू पचन पइ जोर नाहीं डावत हउँ। तू पचे मोरे बरे धूप बारत-बारत हार जाब्या, एकरे बरे मइँ तोह पइ दबाव नाहीं डावत।
24 “तू पचे आपन बलियन क चर्बी स मोका तृप्त नाहीं करत्या मोका आदर देइ बरे चिजियन मोल लेइ बरे आपन धने क उपयोग नाहीं करत्य। आपन बलियन क चर्बी स मोका तृप्त नाहीं करत्या। किन्तु तू मोहे पइ दबाव डावत अहा कि मइँ तोहरे दास क नाईर् आचरण करउँ। तू तब तलक पाप करत चला गया जब तलक मइँ तोहरे पापन स पूरी तरह तंग नाहीं आइ गएउँ।
25 “मइँ उहइ हउँ जउन तोहरे पापन्क धोइ डावत हउँ। खुद आपन खुसी बरे मइँ अइसा ही करत हउँ। मइँ तोहरे पापन्क याद नाहीं रखब।
26 अब, मोका उ याद दिलावा कि का भवा! बहस व मुबाहिसा करइ बरे अउर इ फइसला लेइ बरे कि कउन सत्य अहइ हमका एक संग मिलइ द्या। तू आपन पच्छ मँ तर्क पेस किया ह ऍह बरे तू इ कोसिस किहा कि तू निदोर्स अहइ!
27 तोहार पचन्क आदि बाप पाप किहे रहा अउर तोहार हिमायतियन मोरे खिलाफ काम किहे रहेन।
28 मइँ तोहरे पचन्क पवित्तर सासकन क अपवित्तर बनाइ दिहेउँ। मइँ याकूब क लोगन क अभिसप्त बनाएउँ। मइँ इस्राएल क अपमान कराएउँ।”
Isaiah 44
1 “याकूब, तू मोर सेवक अहा। इस्राएल, मोर बात सुना। मइँ तोहका चुनेउँ ह। जउन कछू मइँ कहत हउँ ओह पइ धियान द्या।
2 मइँ यहोवा हउँ अउर मइँ तोहका बनाएउँ ह। तू जउन कछू अहा ओहका बनावइवाला मइँ ही हउँ। जब तू महतारी क देह मँ ही रह्या, मइँ तबहिं स तोहार सहायता किहे रहेउँ। मोर सेवक याकूब डेराअ जिन। यसरून (इस्राएल) तोहका मइँ चुनेउँ ह।
3 “जइसे मइँ पियासे लोगन बरे पानी बरसाउब अउर जइसे झुरान धरती पइ मइँ जलधारन बहाउब, उसी तरह तोहरी संतानन पइ मइँ आपन आतिमा डाउब। मोर आसीर्बाद तोहार गदेलन पइ अइसा ही बहब जइसा पानी क टंकी स पानी बहत ह।
4 उ पचे हर मोसम मँ चिनार क बृच्छन क नाईर् बढ़त भए होइहीं।
5 “लोगन मँ कउनो कही, ‘मइँ यहोवा क अहउँ।’ तउ दूसर मनई याकूब क नाउँ लेइ। कउनो मनई आपन हाथे पइ लिखी, ‘मइँ यहोवा क हउँ अउर दूसर मनई ‘इस्राएल’ नाउँ क उपयोग करी।”‘
6 यहोवा इस्राएल क राजा अहइ। सर्वसवतीमान यहोवा इस्राएल क रच्छा करत ह। यहोवा कहत ह, “परमेस्सर केवल मइँ ही हउँ। अन्य कउनो परमेस्सर नाहीं अहइ। मइँ ही आदि हउँ। मइँ ही अंत अहउँ।
7 मोरे जइसा परमेस्सर कउनो दूसर नाहीं अहइ अउर जदि कउनो अहइ तउ ओका अब बोलइ चाही। ओका आगे आइके कउनो प्रमाण देइ चाही कि उ मोरे जइसा अहइ। भविस्स मँ का कछू होइवाला अहइ ओका बहुत पहले ही कउन बनाइ दिहे रहा? तउ उ पचे हम का अब बताइ देइँ कि अगवा का होइ?
8 डेराअ जिन, चिंता जिन करा। जउन कछू घटइवाला अहइ, उ मइँ तू पचन्क सदा बताएउँ ह। तू लोग मोर साच्छी अहा। कउनो दूसर परमेस्सर नाहीं अहइ। केवल मइँ ही हउँ। कउनो दूसर ‘सरण स्थान’ नाहीं अहइ। मइँ जानत हउँ केवल मइँ ही हउँ।”
9 कछू लोग मूरति (लबार देवता) बनाबा करत हीं। किन्तु उ पचे बेकार अहइँ। लोग ओन बुतन स पिरेम करत हीं किन्तु उ सबइ बुत बेकार अहइँ। उ सबइ लोग ओन बुतन क साच्छी अहइँ किन्तु उ सबइ लख नाहीं पउतेन। उ पचे लज्जित होइहीं।
10 एन लबार देवतन क कउनो काहे गढ़ी? एन बेकार क बुतन क कउनो काहे ढाली?
11 ओन देवतन क कारीगरन गढ़ेन ह अउर उ सबइ कारीगर तउ मात्र मनई अहइँ, न कि देवता। जदि उ पचे सबहिं एकजुट होइके पक्ति मँ आवइँ अउर एन बातन पइ विचार क लेन-देन करइँ तउ उ सबइ लजाइ जइहीं अउर डर जइहीं।
12 कउनो एक कारीगर कोयलन पइ लोहा क तपावइ बरे आपन अउजारन क उपयोग करत ह। उ मनई धातु क पीटइ बरे आपन हथौड़ा कामे मँ लिआवत ह। एकरे बरे उ आपन बाँहन क सवती क प्रयोग करत ह। किन्तु उहइ मनई क जब भूख लागत ह, ओकर सवती जात रहत ह। उहइ मनई अगर पानी न पियइ तउ कमजोर होइ जात ह।
13 दूसर मनई आपन रेखा पटकइ क सूत क उपयोग करत ह। उ तख्ते पइ रेखा हींचइ बरे परकार क काम मँ लिआवत ह। इ रेखा ओका बतावत ह कि उ कहाँ स काटइ। फिन उ मनई निहानियन क उपयोग करत ह अउर काठे मँ मूरतियन क उभारत ह। उ मूरतियन क नापइ बरे परकार क प्रयोग करत ह अउर इ तरह उ कारीगर लकड़ी क ठीक मनई क रूप दइ देत ह। फुन मनई क सा इ मूरति घरे मँ बइठाइ दीन्ह जात ह।
14 कउनो मनई देवदार, सनोवर अथवा बाँज क बृच्छ क काट गिरावत ह। (किन्तु उ मनई ओन बृच्छन क उगावत नाहीं। इ सबइ बृच्छ बन मँ खुद अपने आप उगत हीं। जदि कउनो मनई बृच्छ उगावइ तउ ओकर बढ़वार बर्खा करत ह न कि उ मनई।)
15 फुन उ मनई उ बृच्छ क आपन बारइ क काम मँ लिआवत ह। उ मनई उ बृच्छ क काटिके काठे क मुढ्ढियन बनावत ह अउर ओनका भोजन बनावइ अउर खुद क गरमावइ क काम मँ लिआवत ह। मनई थोड़ी सी लकड़ी क आगी सुलगाइ के आपन रोटियन सेेंकत ह। किन्तु तउ भी मनई उहइ लकड़ी स देवता क मूरति बनावत ह अउर फुन उ देवता क पूजा करइ लागत ह। इ देवता तउ एक मूरति अहइ जेका उ मनई बनाएस ह। किन्तु उहइ मनई उ मूरति क आगे आपन माथा नवावत ह।
16 उहइ मनई आधी लकड़ी क आगी मँ बारि देत ह अउर उ आगी पइ माँस पकाइके भर पेट खात ह अउर फुन अपने आप क गरमावइ बरे मनई उहइ लकड़ी क बारत ह अउर फुन उहइ कहत ह, बहोत अच्छे! अब मइँ गरम हउँ अउर आगी क लपटन क लखि सकत हूँ।”
17 किन्तु थोड़ी बहोत लकड़ी बच जात ह। तउ लकड़ी स मनई एक मूरति बनाइ लेत ह अउर ओका आपन देवता कहइ लागत ह। उ उ देवता क आगे माथा नवावत ह अउर ओकर पूजा करत ह। उ उ देवता स पराथना करत भए कहत ह, “तू मोर देवता अहा, मोर रच्छा करा।”
18 इ सबइ लोग इ नाहीं जानतेन कि इ सबइ का करत अहइँ? इ सबइ का करत अहइ:? इ सबइ लोग समझतेन नाहीं। अइसा अहइ जइसे एनकर आँखिन बंद होइँ अउर इ सबइ कछू लख ही नाहीं पावत होइँ। एनकर मन समुझइ क जतन ही नाहीं करत।
19 एन वस्तुअन क बारे मँ इ सबइ लोग कछू सोचत ही नाहीं ह। इ सबइ लोग ना समुझ अहइँ। एह बरे एन लोग आपन मने मँ कबहुँ नाहीं सोचेन। “आधी लकड़ियन मइँ आगी मँ बारि डाएउँ। दहकत कोयलन क प्रयोग मइँ रोटी सेकइ अउर माँस पकावइ मँ किहेउँ। फुन मइँ माँस खाएउँ अउर बची भइ लकड़ी क प्रयोग मइँ भ्रस्ट वस्तु (मूतिर्) बनावइ मँ किहेउँ। अरे, मइँ तउ एक लकड़ी क टूका क पूजा करत हउँ।”
20 इ तउ बस उ राख क खाइ जइसा अहइ। उ मनई इ नाहीं जानत कि उ का करत अहइ? उ भ्रम मँ पड़ा भवा अहइ। एह बरे ओकर मन ओका गलत राह पइ लइ जात ह। उ मनई आपन बचाव नाहीं कइ पावत ह अउर उ इ देख नाहीं पावत ह कि उ गलत काम करत अहइ। उ मनई नाहीं कही, “इ मूरति जेका मइँ थामे हउँ एक लबार देवता अहइ।”
21 “हे याकूब, इ सबइ बातन याद रखा। इस्राएल, याद रखा कि तू मोर सेवक अहा। मइँ तोहका बनाएँउ। तू मोर सेवक अहा, एह बरे इस्राएल, मइँ तोहका नाहीं बिसराउब।
22 तोहार पाप एक बड़के बादर जइसे रहेन। किन्तु मइँ तोहरे पापन्क उड़ाइ दिहेउँ। तोहार पाप बादर क नाईर् हवा मँ बिलाइ गएन। मइँ तोहका बचाएउँ अउर तोहार रच्छा किहेउँ। एह बरे मोरे लगे लउटि आवा।”
23 अकास खुस अहइ, काहेकि यहोवा महान काम किहेस। धरती अउ हिआँ तलक कि धरती क तले बहोत गहिर ठउर भी खुस अहइँ। पर्वत परमेस्सर क धन्यवाद देत भए गावा। बने क सबहिं बृच्छ तू पचे भी खुसी गवा। काहेकि यहोवा याकूब क बचाइ लिहस ह। यहोवा इस्राएल बरे महान कार्य किहे अहइ।
24 जउन कछू भी तू अहा यहोवा तोहका बनाएस। यहोवा इ किहेस जब तू अबहिं महतारी क गरम मँ ही रह्या। यहोवा तोहार रखवारा कहत ह। “मइँ यहोवा सब कछू बनाएउँ। मइँ ही हुआँ अकास तानेउँ ह, अउर आपन समन्वा धरती क बिछाएउँ।”
25 लबार नबी सगुन देखाया करत हीं किन्तु यहोवा दर्सावत ह कि ओकर सगुन झूठ अहइँ। जउन लोग जादू टोना कइके भविस्स बतावत हीं, यहोवा ओनका मूरख सिद्ध करी। यहोवा तथाकथित बुद्धिमान मनइयन तलक क भ्रम मँ डाइ देत ह। उ पचे सोचत हीं कि उ पचे बहोत कछू जानत हीं किन्तु यहोवा ओनका अइसा बनाइ देत ह कि उ पचे मूरख देखाइ देइँ।
26 यहोवा आपन सेवकन क लोगन क सन्देस सुनावइ बरे पठवत ह अउर फुन यहोवा ओन सन्देसन क फुरइ कइ देत ह। यहोवा लोगन क का करइ चाही ओनका इ बतावइ बरे दूत पठवत ह अउर फुन यहोवा देखाइ देत ह कि ओनकर सम्मति अच्छी अहइ।परमेस्सर वुसू क यहूदा क पुन:निर्माण बरे चुनत हयहोवा यरूसलेम स कहत ह, “लोग तोहमाँ आइके फुन बसिहीं।” यहोवा यहूदा क नगरन स कहत ह, “तोहार फुन स निर्माण होइ। यहोवा ध्वस्त भए नगरन स कहत ह, “मइँ तू सबइ नगरन क फुन स उठाउब।”
27 यहोवा गहिर सागर स कहत ह, ‘झुराइजा”‘ मइँ तोहार जल धारन क सूखा बनाइ देब।”
28 यहोवा वुसू स कहत ह, “तू मोर चरवाहा अहा। जउन मइँ चाहत हउँ तू उहइ काम करब्या। तू यरूसलेम स कहब्या, “तोहका फुन स बनावा जाइ।” तू मन्दिर स कहब्या, ‘तोहार नींवन क फुन स निर्माण होइ।”‘
Isaiah 45
1 इ सबइ उ बातन अहइँ जेनका यहोवा आपन चुने भए राजा वुसू कहत ह, “मइँ वुसू क दाहिन हाथ थामव। मइँ राजा लोगन क सवती छोरइ मँ ओकर मदद करब। नगर दुआर वुसू क रोक नाहीं पइहीं। मइँ नगर क दुआर खोल देब, अउर वुसू भीतर चला जाइ।
2 “वुसू, तोहार फउजन अगवा बढ़िहीं अउर मइँ तोहरे अगवा चलब। मइँ पर्वतन क समथर कइ देब। मइँ काँसे क नगर-दुआर क तोड़ डाउब। मइँ दुआरे पइ लगी लोहा क आँगल क काट डाउब।
3 मइँ अँधियारा कमरा मँ रखी भइ दौलत तोहका देब। मइँ तोहका उ छिपा भवा धन देब। मइँ अइसा करब ताकि तोहका पता चलि जाइ कि मइँ यहोवा इस्राएल क परमेस्सर हउँ, अउर मइँ तोहका तोहार नाउँ स पुकारेस हउँ।
4 मइँ इ सबइ बातन आपन सेवक याकूब बरे करत हउँ। मइँ इ सबइ बातन इस्राएल क आपन चुने भए लोगन बरे करत हउँ। वुसू, यद्यपि तू मोका नाहीं जानत अहा, किन्तु मइँ तोहका तोहार नाउँ स पुकारे हउँ, यहाँ तलक कि तोहार आपन नाउँ स पुकारे हउँ।
5 मइँ यहोवा हउँ। मइँ सिरिफ परमेस्सर हउँ। मोरे सिवा दूसर कउनो परमेस्सर नाहीं अहइ। मइँ तोहका मज़बूत बनाए हउँ,यद्यपि तू मोका नाहीं पहिचानत ह।
6 मइँ इ काम करत हउँ ताकि सब लोग जान जाइँ कि मइँ ही परमेस्सर हउँ। पूरब स पच्छिम तलक सबहिं लोग इ सबइ जानिहीं कि मइँ यहोवा हउँ अउर मोरे सिवा दूसर कउनो परमेस्सर नाहीं।
7 मइँ प्रकास क बनाएउँ अउर मइँ ही अँधियारा क रचेउँ। मइँ सान्ति क सृजेउँ अउर विपत्तियन भी मइँ ही बनाएउँ ह। मइँ यहोवा हउँ। मइँ ही इ सबइ बातन करत हउँ।
8 ऊपर अकासे मँ निआव अइसे बरसब जइसे मेघ स बर्खा बरसत ह। धरती खुल जात ह। मुवित अइसा फलब फूलब जइसा कउनो पउधा धरती स उगत ह। पुण्य कर्म आपन चारिहुँ कइँती बढ़ब! मइँ यहोवा ही इ सबइ कइ क कारण हउँ।
9 “धिवकार अहइ ऍन लोगन क, इ सबइ उहइ स बहस करत अहइँ जउन ऍतका बनाएस ह। इ सबइ कउनो टूटे भए घड़े क ठीकरन जइसे अहइँ। कोहार नरम गीली माटी स घड़ा बनावत ह पर माटी ओहसे नाहीं पूछत, ‘अरे, तू का करत अहा?’ वस्तुअन जउन बनाई गइ अहइँ, उ सबइ इ सवती नाहीं रखतिन कि आपन बनावइवाले स सवाल पूछइ। इ सबइ लोग भी माटी क टूटे घड़न क ठीकरन क जइसे अहइँ।
10 या, बच्चा आपन बाप स इ नाहीं पूछ सकतेन कि ‘तू हमका जिन्नगी काहे देत अहा?’ बच्चा आपन महतारी स इ सवाल नाहीं कइ सकत हीं कि “तू हमका काहे पइदा करति अहा?’”
11 यहोवा इस्राएल क परमेस्सर पवित्तर अहइ। उ इस्राएल क बनाएस। यहोवा कहत ह,“का तू मोहसे मोरे बच्चन क बारे मँ पूछब्या अथवा तू मोका आदेस देब्या ओनके ही बारे मँ जेका मइँ आपन हाथन स रचेउँ।
12 तउ लखा, मइँ धरती बनाएउँ अउर उ पचे सबहिं लोग जउन एह पइ रहत हीं, मोर बनाए भए अहइँ। मइँ खुद आपन हाथन स अकासन क रचता किहेउँ, अउर मइँ अकास क सितारन क आदेस देत हउँ।
13 मइँ हउँ जउन वास्तव मँ ओका इ काम करइ बरे उकसाएस ह। मइँ ओकर रास्ता क सहल बनाउबउँ। मइँ आपन नगर क फुन स बनाब। उ मोरे क लोगन बिना किसी रिस्वत दिए या बिना कउनो मोल चुकाए अजाद कइ देइ!” सर्वसवतीमान यहोवा इ सबइ बातन कहेस।
14 यहोवा कहत ह, “मिस्र अउ वूस बहोत वस्तुअन रचेस रहेन, किन्तु हे इस्राएल, तू उ सबइ वस्तुअन पउब्या। सेबा क लम्बे लोग तोहार होइहीं। उ पचे आपन गर्दन क चारिहुँ कइँती जंजीर लिए भए तोहरे पाछे-पाछे चलिहीं। उ सबइ लोग तोहरे समन्ना निहुरिहीं, अउर उ पचे तोहसे बिनती करिहीं।” इस्राएल, परमेस्सर तोहरे संग अहइ, अउर ओका तजिके कउनो दूसर परमेस्सर नाहीं अहइ।
15 हे परमेस्सर, तू उ परमेस्सर अहा जेका लोग लख नाहीं सकतेन। तू ही इस्राएल क उद्धार कर्त्ता अहा।
16 बहोत स लोग मिथ्या देवता बनावा करत हीं। किन्तु उ सबइ लोग तउ निरास ही होइहीं। उ सबइ सबहिं लोग तउ लजाइ जइहीं।
17 किन्तु इस्राएल यहोवा क जरिये बचाइ लीन्ह जाइ। उ मुवित जुगन तलक बनी रही। फुन इस्राएल कबहुँ भी लज्जित नाहीं होइ।
18 यहोवा ही परमेस्सर अहइ। उ अकास रचेस ह, अउर अहइ धरती बनाएस ह। यहोवा ही धरती क अपने जगहिया पइ टेकाएस ह। जब यहोवा धरती बनएस उ इ सबइ नाहीं चाहेस कि धरती खाली रहइ। उ एका रचेस ताकि एहमाँ जिन्नगी रहइ। मइँ यहोवा हउँ। मोरे अलावा कउनो दूसर परमेस्सर नाहीं अहइ।
19 मइँ अकेल्ले इ सबइ बातन नाहीं किहेउँ। मइँ अजाद भाव स कहेउँ ह। संसार क कउनो भी अँधियारा मँ मइँ आपन बचन नाहीं छुपावत। मइँ याकूब क लोगन स नाहीं कहेउँ कि उ पचे मोका बीरान जगहन पइ हेरइँ। मइँ परमेस्सर हउँ अउर मइँ फुरइ बोहात हउँ। मइँ उहइ बातन कहत हउँ जउन फुरइ अहइँ।”
20 “तू लोग दूसरी जातियन स बच पराया। तउ आपुस मँ बटुर जा अउर मोरे समन्वा आवा। (इ सबइ लोग अपने संग मिथ्या देवन क मूरतियन रखत हीं अउर एन बेकार क देवतन स पराथना करत हीं। किन्तु इ सबइ लोग इ नाहीं जानतेन कि उ पचे का करत अहइँ?
21 एन लोगन क मोरे लगे आवइ क कहा। एन लोगन क आपन तर्क पेस करइ द्या।)“उ पचे बातन बहुत दिनन पहिले घटी रहिन, ओनके बारे मँ तू पचन्क कउन बोलाएस? बहोत-बहोत दिनन पहिले ही एन बातन क लगातार कउन बतावत रहा? उ मइँ यहोवा ही हउँ जउन इ सबइ बातन बताए रहा। मइँ ही एकमात्र यहोवा हउँ। मोरे अलावा कउनो अउर परमेस्सर नाही अहइ? का अइसा कउनो अउर अहइ जउन आपन लोगन क रच्छा करत ह नाहीं, अइसा कउनो दूसर परमेस्सर नाहीं अहइ।
22 हे हर कतहुँ क लोगो, तू पचन्क एन लबार देवतन क पाछे चलब छोड़ देइ चाही। तू पचन्क मोर अनुसरन करइ चाही अउर होइ जाइ चाही। मइँ परमेस्सर हउँ। मोहसे दूसर कउनो दूसर परमेस्सर नाहीं अहइ। परमेस्सर केवल मइँ ही हउँ।
23 “मइँ खुद आपन सवती क साच्छी कइके प्रतिग्या किहेउँ ह। इ एक उत्तिम बचन अहइ। इ एक आदेस अहइ जउन पूरा होइ ही। हर मनई मोर (परमेस्सर क) आगे निहुरी अउर हर मनई मोर अनुसरण करइ क बचन देइ।
24 यहोवा आपन आप स सपथ लेइ के मोसे वाचा किहेस, ‘अच्छाई अउर मज़बूती तोहमाँ आउब्या।”‘उ सबइ जउन ओहे (कुस्रू) पइ कोहाइ उ अपमानित होइ।
25 यहोवा अच्छे करम करइ बरे इस्राएल क लोगन क बिजयी बनाई अउर लोग ओकर तारीफ करिहीं।
Isaiah 46
1 बेल अउर नेबो तोहरे अगवा निहुराइ दीन्ह ह अहइँ। लबार देवता तउ बस केवल मूरति अहइँ। लोग एन बुतन क जानवरन क पीठ पइ लाद दिहेन ह। इ सबइ बुत बस एक बोझ अहइँ, जेनका ढोउब ही अहइ। इ सबइ लबार देवता कछू नाहीं कइ सकतेन। बस लोगन क थकाइ सकत हीं।
2 एन सबहिं लबार देवतन क निहुराइ दीन्ह जाइ। इ सबइ बचिके कहुँ नाहीं पराइ सकिहीं। ओन सबहिं क बन्दियन क तरह लइ जावा जाइ।
3 “याकूब क परिवार, मोर सुना। हे इस्राएल क लोगो जउन अबहिं जिअत अहा, सुना। मइँ तू पचन्क तब स धारण किहे अहउँ जब अबहिं तू पचे महतारी क गर्भ मँ ही रह्या।
4 मइँ तू पचन्क तबइ स धारन किहे हउँ जब स तू पचन्क जन्म भवा ह अउर मइँ तू पचन्क तबइ भी धारण करब, जब तू पचे बुढ़वा होइ जाब्या। तोहार पचन्क बार सफेद होइ जइहीं, मइँ तब भी तू पचन्क धारण किहे रहब काहेकि मइँ तोहार पचन्क रचना किहेउँ ह। मइँ तू पचन्क धारण किहे रहब अउर तोहार पचन्क रच्छा करब।
5 “केकर संग तू मोर तुलना कइ सकत ह कउनो भी मनई नाहीं अहइ जेकर तुलना मोहसे कीन्ह जाइ सकी! तोहार तुलना मँ स कउनो भी मोर सही तरीका स वर्णन नाहीं कइ सकत हीं।
6 कछू लोग सोना अउ चाँदी आपन थैलियन स निकालेस, उ पचे ओनका तराजुअन स तौलेस अउर ओनका लबार देवता बनावइ बरे सोनार जेका उ मजदूरी पइ आपन बरे मूतिर्यन बनावइ बरे लाएस ह क देत हीं। तब फुन उ सबइ लोग उहइ लबार देवतन निहुरत हीं अउर ओकर सम्मान करत हीं।
7 हाँ उ सबइ लोग लबार देवतन लेब्या अउर ओका आपन काँधन पइ रखिके लइ चलब्या। किन्तु जब उ पचे एका धरती पइ थापिब, इ न ही उठ सकत या हिल-डुल कइ पावत। इ नाहीं कइ सकत काहेकि इ मूतिर् अहइ! लोग आपन लबार देवतन क समन्वा मदद बरे चिचियात हीं, किन्तु इ कबहुँ जबाव नाहीं देइ। इ लोगन क ओनकर विपत्तियन अउर कस्टन स नाहीं उबार सकत।
8 “तू लोग पाप किहा ह। तू पचन्क एन बातन क फुन स याद करइ चाही। एन बातन क याद करा अउर सुदृढ़ होइ जा।
9 ओन बातन क सुमिरा जउन बहोत पहिले घटी रहिन। याद राखा कि मइँ परमेस्सर हउँ। कउनो दूसर अन्य परमेस्सर नाहीं अहइ। उ सबइ लबार देवता मोरे जइसे नाहीं अहइँ।
10 “सुरू मँ मइँ तू पचन्क ओन बातन क बारे मँ बताइ दिहे रहेउँ जउन अंत मँ घटी। बहोत पहिले स ही मइँ तू पचन्क उ सबइ बातन बताइ दिहे हउँ, जउन अबहिं घटी नाहीं अहइँ। जब मइँ कउनो बात क कउनो योजना बनावत हउँ तउ उ घटत ह। मइँ उहइ करत हउँ जउन करइ चाहत हउँ।
11 लखा, पूरब दिसा स मँ एक मनई क बोलावतहउँ उ मनई एक उकाब क समान होइ। उ एक दूर देस स आई अउर उ ओन कामन क करी जेनका करइ क जोजना मइँ बनाएउँ ह। मइँ तू पचन्क बतावत हउँ कि मइँ एका करब अउर मइँ ओका करब ही। काहेकि ओका मइँ ही बनाएउँ ह। मइँ ओका लिआउब ही।
12 “तू पचन मँ स कछू सोचा करत हीं कि तू पचन सवती अहइ किन्तु तू पचे भले काम नाहीं करत अहा। मोर सुना।
13 मइँ भले काम करब। मइँ हाली ही आपन लोगन क रच्छा करब। मइँ आपन सिय्योन अउर आपन अद्भुत इस्राएल क बरे उदद्धार लिआउब।”
Isaiah 47
1 “हे बाबुल क वुँवारी पुत्री, खाले धूरि मँ गिरि जा अउर हुँवा पइ बइठ जा। अब तू रानी नाहीं अहा। लोग अब तोहका कोमल अउर सुन्नर नाहीं कहा करिहीं।
2 अब तोहका आपन कोमल ओढ़ना उतारिके कठिन परिस्रम करइ चाही। अब तू चवकी ल्या अउर ओह पइ आटा पीसा। तू आपन घाघरा इतना ऊपर उठावा कि लोगन क तोहार टाँगन देखाइ लग जाइँ अउर नंगी टाँगन स तू नदी पार करा। तू आपन देस तजि द्या।
3 लोग तोहरे बदन क लखिहीं अउर उ पचे तोहार भोग करिहीं। तू अपमानित होबू। मइँ तोहसे बुरे कर्मन क मोल देवाउब जउन तू किहा ह। तोहरी मदद क कउनो भी मनई अगवा नाहीं आइ।”
4 “मोर लोग कहत हीं, ‘परमेस्सर हम लोगन क बचावत ह। ओकर नाउँ, इस्राएल क पवित्तर सर्वसवतीमान अहइ।’”
5 यहोवा कहत ह, “हे बाबुल, तू बइठ जा अउर वुछ भी जिन कहा। बाबुल क बिटिया, चली जा अँधियारा मँ। काहेकि अब तू अउर जियादा ‘राज्जन क रानी’ नाहीं कहवाई।
6 “मइँ आपन लोगन पइ किरोध किहे रहेउँ। इ सबइ लोग मोर आपन रहेन, किन्तु मइँ कोहान रहेउँ, एह बरे मइँ ओका अपमानित किहेउँ। मइँ ओनका तोहका दइ दिहेउँ, अउर तू ओनका दण्ड दिहा। तू ओन पइ कउनो करुणा नाहीं दर्साया अउर तू ओन बूढ़न पइ भी बहुत कठिन काम क जुआ लाद दिहा।
7 तू कहा करत रहिउ, ‘मइँ अमर हउँ मइँ सदा रानी रहब।’ किन्तु तू ओन बुरी बातन पइ धियान नाहीं दिहा जेनका तू ओन लोगन क संग किहे रह्या। तू कबहुँ नाहीं सोच्या कि पाछे का होइ।
8 एह बरे अब, ओ ‘मनोहर मेहरारू,’ मोर बात तू सुन ल्या। तू आपन क सुरच्छित जाना अउर अपने आप स कहा। ‘केवल मइँ ही महत्वपूर्ण मनई हउँ। मोरे समान कउनो दूसर बड़का नाहीं अहइ। मोका कबहुँ भी विधवा नाहीं होब अहइ। मोरे सदैव बच्चन होत रहिहीं।’
9 इ सबइ दुइ बातन तोहरे संग मँ घटित होइहीं: पहिले, तोहार बच्चन तोहसे छूट जइहीं अउर फुन तोहार पति भी तोहसे छूट जाइ। हाँ, इ सबइ बातन तोहरे संग जरूर घटिहीं। तोहार सबहिं जादू अउर सवतीसाली टोनन तोहका नाहीं बचाइ पइहीं।
10 तू बुरे काम करति अहा, फुन भी तू आपन क सुरच्छित समुझति अहा। तू कहा करति अहा कि तोहार बुरे काम क कउनो नाहीं लखत। तू बुरे काम करति अहा किन्तु तू सोचति अहा कि तोहार बुद्धि अउर तोहार गियान तोहका बचाइ लेइहीं। तू खूद क सोचति अहा कि बस एक तू ही महत्वपूर्ण अहा। तोहरे जइसा अउर कउनो भी दूसर नाहीं अहइ।
11 किन्तु तोह पइ बिपत्तियन अइहीं। तू नाहीं जानतिउ कि उ कब होइ जाइ, किन्तु बिनास आवत अहइ। तू ओन बिपत्तियन क रोकइ बरे कछू भी नाहीं कइ पउबिउ। तोहार बिनास ऍतना हाली होइ कि तोहका तक भी न चली कि का कछू तोहरे संग घट गवा।
12 जादू अउर टोना क सीखइ मँ तू कठिन मेहनत करत भए जिन्नगी बिताइ दिहा। तउ अब आपन जादू अउर टोना क चला। संभव अहइ टोने टोटके तोहका बचाइ लेइँ। समंव अहइ-ओनसे तू कउनो क डेराइ द्या।
13 तोहरे लगे बहोत स सलाहकार अहइँ। का तू ओनकर सलाहन स तंग आइ चुकी अहइ? तउ फुन ओन लोगन क जउन सितारन बाँचत ही, बाहेर पठवा। जउन बताइ सकत हीं महीना कब सुरू होत ह। तउ संभव अहइ उ पचे तोहका बताइ पाँवइ कि तोह पइ कब विपत्तियन पड़िहीं।
14 किन्तु उ सबइ लोग तउ खुद आपन क बचाइ नाहीं पइहीं। उ पचे घासे क तिनकन जइसे भक स बरि जइहीं। उ पचे ऍतना हाली बरिहीं कि अंगार तलक कउनो नाहीं बची जेहमाँ रोटी सेकी जाइ सकइ। कउनो आगी तलक नाहीं बची जेकरे लगे बइठिके उ पचे खुद क गर्माइ लेइँ।
15 अइसा ही हर वस्तु क साथ मँ घटी जेनके बरे तू कड़ी मेहनत किहा। तोहरे जिन्नगी भइ जेनसे तोहार वइपार रहा, उ पचे ही मनइयन तोहका तजि देइहीं। हर कउनो आपन-आपन राह चला जाइ। कउनो भी मनई तोहका बचावइ क नाहीं बची।”
Isaiah 48
1 यहोवा कहत ह, “याकूब क परिवार, तू उहइ जाति अहइ जेका ‘इस्राएल’ कहा जात ही, मोर बात सुना! तू पचे यहूदा क घराने स जउन बचन देइ बरे यहोवा क नाउँ लेत अहा, तू पचे इस्राएल क परमेस्सर क बारे मँ बोलत अहा, किन्तु सच्चाई अउर निस्ठावानी स नाहीं।
2 तू लोग आपन क पवित्तर नगरी क नागरिक कहत अहा। तू पचे इस्राएल क परमेस्सर क भरोसे रहत अहा। ओकर नाउँ सर्वसवतीमान यहोवा अहइ।
3 मइँ तू पचन्क बहोत पहिले ही पहिले क ओन घटना क बारे मँ ओका घटइ स पहिले ही बताइ दिहे रहा, तू पचन्क ओन घटना क बारे मँ बताइ दिहे रहा कि इ होइ सकत ह। मइँ अचानक ओन बातन घटाइ दिहेउँ! इ सबइ बातन वइसा ही भवा जइसा मइँ बताए रहा।
4 मइँ तोहका इ सबइ बातन क पहिले ही बताए दिहे रहेउँ काहेकि मोका मालूम रहा कि तू पचे बहोत जिद्दी अहा। मइँ जउन कछू भी बताए रहेउँ ओहे पइ बिस्सास करइ स तू पचे इन्कार किहा। तू पचे बहोत जिद्दी रह्या, जइसे लोहा क छड़ नाहीं निहुरत ह। इ बात अइसी रही जइसे तोहार मूँड़ काँसा क बना भवा होइ।
5 एह बरे मइँ तू पचन्क पहिले ही ओन घटना क बारे मँ बताइ दिहे रहेउँ जउन घटी सकत ह। अइसा एह बरे किहे रहेउँ ताकि तू नाहीं कहि सकइ कि ‘इ सबइ काम हमार देवतन किहेन।’ तू इ नाहीं कहि सकत्या कि ‘हमार मूतिर्यन, हमार देवतन,’ इ सबइ बातन घटाइ क आदेस दिहे रहेन।”
6 “तू ओन सबहिं बातन क जउन होइ चुकी अहइँ, लख्या अउर सुन्या ह। एह बरे तोहका इ सबइ खबरियन दूसरन क बतावइ चाही। अब मइँ तोहका नई बातन बतावइ सुरू करत हउँ। जेनका तू अबहिं नाहीं जानत अहा।
7 इ सबइ उ सबइ बातन नाहीं अहइँ जउन पहिले घटि चुकी अहइँ। इ सबइ बातन अइसी अहइँ जउन अब सुरू होत अहइँ। आजु स पहिले तू इ सबइ बातन नाहीं सुन्या। तउ तू नाहीं कहि सकत्या, ‘हम तउ एहसे पहिले ही जानित ह।’
8 किन्तु तब पर भी, तू कबहुँ ओह पइ कान नाहीं दिहा जउन मइँ कहेस। तू मोह स कछू नाहीं सीख्या! तू कछू नाहीं सुन्या जउन मइँ कह्या। किन्तु मइँ तोहका ओन बातन क बारे मँ बताएउँ काहेकि मइँ जानत नाहीं रहेउँ कि तू मोरे विरोध मँ होब्या। तू तउ विद्रोही रह्या जब स तू पइदा भवा।
9 किन्तु मइँ धीरज धरब। अइसा मइँ अपने बरे करब। मोका किरोध नाहीं आवा एकरे बरे लोग मोर जस गइहीं। मइँ आपन किरोध पइ काबू करब कि तोहार नास न करउँ। तू मोर बाट जोहत भए मोर गुण गउब्या।
10 लखा, मइँ तोहका सुद्ध करब। चाँदी क सुद्ध करइ बरे लोग ओका आग मँ डावत हीं। किन्तु मइँ तोहका विपत्ति क भट्ठी मँ डाइके सुद्ध करब।
11 इ मइँ खुद अपने बरे करब। तू मोरे संग अइसे नाहीं बरतब्या, जइसे मोर महत्व न होइ। कउनो मिथ्या देवता क मइँ आपन तारीफ नाहीं लेइ देब।
12 याकूब, तू मोर सुना। हे इस्राएल क लोगो, मइँ तू पचन्क आपन लोग बनवइ क बुलाएउ ह। तू एह बरे मोर सुना। मइँ परमेस्सर हउँ, मइँ ही सुरूआत हउँ अउर मइँ ही अन्त हउँ।
13 मइँ खुद आपन हाथन स धरती क रचना किहेउँ। मोरे दाहिन हाथे अकास क बनाएस। जदि मइँ ओनका गोहराउबउँ तउ दुइनउँ साथ-साथ मोरे समन्वा अइहीं।
14 एह बरे तू सबहिं जउन आपुस मँ एकट्ठा भए अहा मोर बात सुना। का कउनो लबार देवता तोहसे अइसा कहेस ह कि आगे चलिके अइसी बातन घटिहीं? नाहीं।” यहोवा इस्राएल स जेका, उ चुनेस ह, पिरेम करत ह उ जइसा चाही वइसा ही बाबुल अउर कसदियन क साथ करी।
15 यहोवा कहत ह कि “मइँ तोहसे कहे रहेउँ। मइँ ओका बोलाउब। मइँ ओका लिआउब अउर ओका सफल बनाउब।
16 आवा अउर मोर सुना, मइँ सुरू से ही एकर बारे मँ साफ-साफ बोलेस ह। मइँ उ समय हुवाँ पइ मोजूद रहा जब बाबुल क नींव पड़ी रहेन।” तउ नबी कहेस, “अब मोर सुआमी यहोवा मोका आपन आतिमा क संग एन बातन क तू पचन्क बतावइ बरे पठएस ह।
17 यहोवा जउन मुवितदाता अहइ अउर इस्राएल क पवित्तर अहइ, कहत ह, “मइँ तोहार यहोवा परमेस्सर अहउँ। मइँ तोहका सिखावत हउँ कि का हितकर अहइ। मइँ तोहका राहे पइ लिये चलत हउँ जइसे तोहका चलइ चाही।
18 अगर तू मानत अहा तउ तोहका ओतनी सान्ति मिल जात जेतनी नदी भरिके बहत ह। तोह पइ उत्तिम चिजियन अइसी छाइ जात जइसे समुद्र क तरंग होइँ।
19 जदि तू मानत्या तउ तोर सन्तानन बहोत बहोत होतिन। तोहार सन्तानन वइसे अनगिनत होइ जातिन जइसे रेत क असंख्य कण होत हीं। जदि तू मोर मानत्या तउ तउ तू नस्ट नाहीं होत्य। तू भी मोर संग बना होत्य।”
20 हे मोरे लोगो, तू पचे बाबुल क तजि द्या। हे मोर लोगो, तू पचे कसदियन स पराइ जा। खुसी मँ भरिके तू पचे लोगन स इ खबरिया क कहा। धरती पइ दूर-दूर इ खबर क फइलावा। तू पचे लोगन क बताइ द्या, “यहोवा आपन दास याकूब क उवारि लिहेस ह।
21 यहोवा आपन लोगन क रेगिस्ताने मँ राह देखाएस, अउर उ सबइ लोग कबहुँ पियासे नाहीं रहेन। काहेकि उ आपन लोगन बरे चटान फोड़िके पानी बहाइ दिहस।”
22 किन्तु परमेस्सर कहत ह, “दुस्टन क सान्ति नाहीं अहइ।”
Isaiah 49
1 हे दूर देसन क लोगो, मोर बात सुना। हे धरती क निवासियो, तू सबहिं मोर बात सुना। मोरे जनम स पहिले ही यहोवा मोका आपन सेवा बरे बोलाएस। जब मइँ आपन महतारी क गरभ मँ ही रहेउँ, यहोवा मोर नाउँ रख दिहे रहा।
2 यहोवा मोर जरिया स लोगन स बात किहेस। उ मोर जीव क तेज तरवार क नाईं बनाएस ह, किन्तु उ मोका आपन हाथ क छाया मँ छुपाएस ह। उ मोका तेज तीर क समान बनाएस ह, किन्तु उ आपन तीरन क तरकास मँ राखिके मोर रच्छा किहेस ह।
3 यहोवा मोका बताएस ह, “इस्राएल, तू मोर सेवक अहा। मइँ तोहरे संग मँ अजूबा काम करब।”
4 मइँ कहेस, “महँ कड़ी मेहनत किहे रहे हउँ, किन्तु मइँ कछू भी पूरा नाहीं किहस। मइँ आपन सब सवती लगाइ दिहेस, किन्तु मइँ कउनो काम पूरा नाहीं कइ सकेउँ! एह बरे यहोवा क मोर बरे जरूर निआव करइ चाही। मोर परमेस्सर क मोरे प्रतिफल क निर्णय जरूर करइ चाही।
5 यहोवा ही एक अहइ जउन मोका अपना सेवक उ टेम मँ बनाएस ह जे टेम मइँ आपन महतारी क गर्भ मँ रहा। उ मोका बनाएस ताकि मइँ याकूब क लोगन क ओकरे लगे लउटाइके लइ आउँ बरे, अउर इस्राएलियन क धर्म-संध मँ जमा कइ बरे लउटाइके लइ आउँ। यहोवा मोका मान देइ। मइँ परमेस्सर क स्तुति गीत गाएस।”अब, यहोवा कहत ह:
6 “याकूब क पुन:स्थापित करइ अउर इस्राएल क बचा भवा क जेका परमेस्सर बचाएस रहा वापिस लइ आवइ महत्वपूर्ण अहा। किन्तु मोर सेवक मोरे लगे तोहरे बरे एह स जियादा महत्वपूर्ण कार्य अहइ। मइँ तोहका पूरे धरती क उद्धार करइ बरे “रास्ट्र बरे एक प्रकास” बनाएउँ ह।”
7 इहइ इस्राएल यहोवा ह, इस्राएल क पवित्तर ह, इस्राएल क रच्छा करत ह अउर यहोवा कहत ह, “मोर दास विनम्र अहइ जउन सासकन क सेवा करत ह, अउर लोग ओहसे घिना करत हीं। राजा ओकर दर्सन करिहीं अउर ओकरे सम्मान मँ खड़ा होइहीं। महान नेता भी ओकरे समन्ना निहुरिहीं,” काहेकि यहोवा विस्सवासी अहइ। इस्राएल ही एक पवित्तर अहइ जेका यहोवा चुनेस ह।
8 यहोवा कहत ह, “उचित समय आवइ पइ मइँ तोहार पराथनन क जबाव देब। मइँ तोहका सहारा देब। मुवित क दिनन मँ मइँ तोहार रच्छा करब अउर तू एकर प्रमाण होब्या कि लोगन क संग मँ मोर वाचा अहइ। अब देस उजड़ चुका अहइ, किन्तु तू इ धरती एकरे सुआमियन क लउटवउब्या।
9 तू बन्दियन स कहब्य, “तू पचे आपन जेलि स बाहेर निकरि आवा।’ तू ओन लोगन स जउन अँधियारा मँ अहइँ, कहब्या, “अँधियारा स बाहेर आइ जा।’ उ पचे चलत भए राहे मँ भोजन कइ पइहीं। उ पचे वीरन पहाड़न मँ भी भोजन पइहीं।
10 लोग भूखा नाहीं रहिहीं, लोग पियासा नाहीं रहिहीं। गर्म सूरज, गर्म हवा ओनका दुःख नाहीं देइहीं। काहेकि उहइ जउन ओनका चैन देत ह, (परमेस्सर) ओनका राह देखॉॅइ। उहइ लोगन क पानी क झरनन क पास-पास लइ जाइ।
11 मइँ आपन लोगन बरे एक राह बनाउब। पर्वत समथर होइ जइहीं अउर दबी राहन ऊपर उठि अइहीं।
12 लखा, दूर दूर देसन स लोग हिआँ आवत अहइँ। उत्तर स लोग आवत अहइँ अउर लोग पच्छिम स आवत अहइँ। लोग मिस्र मँ स्थित असवान स आवत अहइँ।”
13 हे आकासो, हे धरती, तू खुस होइ जा। हे पर्वतो, आनन्द स जयकारा बोला! काहेकि यहोवा आपन लोगन क सुख देत ह। यहोवा आपन दीन हीन लोगन बरे बहुत दयालु अहइ।
14 किन्तु अब सिय्योन कहेस, “यहोवा मोका तजि दिहस। मोर सुआमी मोका बिसरि गवा।”
15 किन्तु यहोवा कहत ह, “का कउनो मेहरारू आपन ही बच्चन क भूल सकत ह नाहीं। का कउनो मेहरारू उ बच्चा क जउन ओकर ही कोख स जन्मा ह, भूल सकत ह नाहीं। सम्भव अहइ कउनो मेहरारू आपन सन्तान क बिसरि जाइ। परन्तु मइँ (यहोवा) तोहका नाहीं बिसरि सकत हउँ।
16 लखा जरा, मइँ आपन हथेली पइ तोहार नाउँ खोद लिहे हउँ। मइँ सदा तोहरे विसय मँ ही सोचा करत हउँ।
17 तोहार सन्तानन तोहरे लगे लउटि अइहीं। जउन लोग तोहका पराजित किहे रहेन, उ पचे ही मनइयन तोहका अकेल्ले तजि जइहीं।”
18 आपन आखँनि क ऊपर उठावा अउ चारिहुँ कइँती लखा। तोहार सबहिं गदेलन आपुस मँ एकट्ठी होइके तोहरे लगे आवति अहइँ। यहोवा क इ कहब अहइ, “आपन जिन्नगी क कसम खाइके मइँ तू पचन्क इ सबइ बचन देत हउँ, तोहार गदेलन ओन रत्नन जइसी होइहीं जेनका तू अपने गले मँ पहिरत अहा। तोहार गदेलन वइसी ही होइहीं जइसा उ वंठहार होत ह जेका दुलहिन पहिरत ह।
19 आजु तू नस्ट अहा अउर आजु तू पराजित अहा। तोहार भुइँया तबाही मँ अहइ। किन्तु कछू ही दिनन पाछे तोहरी धरती पइ बहोत सारे लोग होइही अउर उ सबइ लोग जउन तोहका उजारे रहेन, दूर बहोत दूर चला जइहीं।
20 जउन गदेलन तू खोइ दिहा, ओनके बरे तोहका बहोत दुःख भवा किन्तु उहइ पचे गदेलन तोहसे कहिहीं। ‘इ जगहिया रहइ क बहोत छोटी अहइ। हमका तउ कउनो फइली जगहिया द्या।”
21 फुन तू खुद अपने आप स कहब्या, ‘एन सबहिं गदेलन क मोरे बरे कउन जन्माएस? इ तउ बहोत अच्छा अहइ। मइँ दुःखी रहा अउर अकेल्ला रहा। मइँ हारा भवा रहा। मइँ आपन लोगन स दूर रहा। तउ इ सबइ गदेलन मोरे बरे कउन पालेस ह लखा तनिक, मइँ अकेल्ला छोड़ा गवा हउँ। इ सबइ ऍतने सबइ गदेलन कहाँ स आइ गएन?’”
22 मोर सुआमी यहोवा कहत ह, “लखा, आपन हाथ उठाइके इसारे स मइँ सारे ही देसन क बुलावे क संकेत देत हउँ। मइँ आपन झण्डा उठाउब कि सब लोग ओका लखइँ। फुन उ पचे तोहार गदेलन क तोहरे लगे लिअइहीं। उ सबइ लोग तोहरे गदेलन क आपन काँधे पइ उठइहीं अउर उ पचे ओनका आपन बाँहे मँ उठाइ लेइहीं।
23 राजा तोहरे गदेलन क सिच्छक होइहीं अउर सबइ राजकन्या ओनकर धियान रखिहीं। उ सबइ राजा अउर ओनकर सबइ राजकन्या दुइनउँ तोहरे समन्वा माथा नवइहीं। उ पचे तोहरे पाँवन भी धूरि क चुम्बन करिहीं। तबहिं तू जनब्या कि मइँ यहोवा हउँ। तबहिं तोहका समुझ मँ आई कि हर अइसा मनई जउन मोहमाँ भरोसा राखत ह, निरास नाहीं होइ।”
24 जब कउनो सवतीसाली योधा जुद्ध मँ जीतत ह तउ का कउनो ओकर जीती भइ वस्तुअन क ओहसे लइ सकत ह जब कउनो विजेता फउजी कउनो बन्दी पइ पहरा देत ह, तउ का कउनो पराजित बन्दी बचिके भरा सकत ह
25 किन्तु यहोवा कहत ह, “उ बलवान सैनिक स बन्दीयन क छोड़ाइ लीन्ह जाइ अउर जीत क चिजियन ओहसे छोरि लीन्ह जाइ। इ भला काहे क होइ? मइँ तोहरे जुद्धन क लड़ब अउर तोहरी सन्तानन बचाउब।
26 अइसे ओन लोगन क जउन तू पचन्क कस्ट देत हीं मइँ अइसा ही कइ देब कि उ पचे आपुस मँ एक दूसर क बदन क खाइँ। ओनकर खून दाखरस बन जाइ जेहसे उ पचे धुत्त होइहीं। तब हर कउनो जानी कि मइँ उहइ यहोवा हउँ जउन तोहका बचावत ह। सारे लोग जान जइहीं कि तोहका बचावइवाला याकूब क समर्थ अहइ।”
Isaiah 50
1 यहोवा कहत ह, “हे इस्राएल क लोगो, तू पचे कहा करत रह्या कि मइँ तोहार महतारी यरूसलेम क तलाक दिहेउँ। किन्तु उ तलाकपत्र कहाँ अहइ जउन साबित कइ देइ कि मइँ ओका तलाक दिहेउँ ह। हे मोरे गदेलो, का मइँ कउनो क कर्जदार अहउँ? का आपन कउनो कर्ज चुकावइ बरे मइँ तोहका बेचेउँ ह नाहीं। तू बिका रह्या एह बरे कि तू बुरे करम किहे रह्या। एह बरे तोहार महतारी दूर पठइ गइ रही काहेकि तू बुरा करम किहे रह्या।
2 जब मइँ घरे आवा रहेउँ, मइँ हुआँ कउनो क नाहीं पाएउँ। मइँ बार-बार गोहराएउँ किन्तु कउनो जबाव नाहीं दिहस। का तू पचे सोचत अहा कि तोहका मइँ नाहीं बचाइ सकत हउँ? मइँ तोहार बिपत्तियन स तोहका पचन्क बचावइ क सवती धरत हउँ। लखा, जदि मइँ समुद्दर क झुराइ क आदेस देउँ तउ उ झुराइ जाइ। मछरियन परान तजि देइहीं काहेकि हुवाँ जल न होइ अउर ओनकर देह सड़ि जाइ।
3 मइँ अकासन क करिआ कइ सकत हउँ। अकास वइसे ही करिआ होइ जइहीं जइसे सोक वस्त्र होत हीं।”
4 मोर सुआमी यहोवा मोका सीख देइ क जोग्यता दिहस ह। ऍह बरे मइँ थका भवा लोगन क प्रोत्साहित करत हउँ अउर ससकत बनावत हउँ। हर भिंसारे उ मोका जगावत ह अउर एक छात्र क नाईं सिच्छा देत ह।
5 मोर सुआमी यहोवा सीखइ मँ मोर सहायक अहइ अउर मइँ ओकर विरोधी नाहीं बना अहउँ। मइँ ओकरे पाछे चलब नाहीं तजब।
6 ओन लोगन क मइँ आपन पिटाइ करइ देब। मइँ ओनका आपन दाढ़ी क बार नोचइ देबउँ। उ सबइ लोग जब मोरे बरे अपसब्द कइहीं अउर मोह पइ थूकिहीं तउ मइँ आपन मुँह नाहीं मोड़ब।
7 मोर सुआमी, यहोवा मोर मदद करी। एह बरे ओनकर अपसब्द मोका दुःख नाहीं पहोंचइहीं। मइँ सुदृढ़ रहब। मइँ जानत हउँ कि मोका निरास नाहीं होइ पड़ी।
8 एक उ जउन कउनो मोका दोख रहित बनाएस ह उ मोर संग अहइ, एह बरे कउन मनई मोका अपराधी साबित कइ सकत ह। जदि कउनो मनई सोचत ह कि उ मोर खिलाफ कउनो सिकायत रखत ह, तउ उ मनई क मोरे लगे आवइ द्या अउर अपना तर्क रखइ द्या।
9 किन्तु लखा, मोर सुआमी यहोवा मोर मदद करत ह। ऍह बरे कउन मनई अहइ जउन इ सिद्ध कइ सकी कि मइँ दोखी हउँ? उ सबइ सबहिं लोग वइसे ही बाहर फैंकइ जाइ जइसे पुरान कपड़न क जेका किरवन चट कइ जातहीं।
10 अगर कउनो मनई जउन यहोवा क आराधना करत ह अउर ओकर सेवक क संदेस भी सुनत ह, मगर अबहुँ तलक अंधेरे मँ बिना प्रकास क चलत ह, एका अपने यहोवा क नाउँ मँ बिस्सास रखइ चाही अउर ओका आपन परमेस्सर पइ जरूर भरोसा रखइ चाही।
11 “लखा, तू लोग आपन ही ढंग स जिअइ चाहत अहा। आपन आगी अउर आपन मसालन क तू पचे खुद बारत अहा। तू पचे आपन ही ढंग स रहइ चाहत अहा। किन्तु तू पचन्क सजा दीन्ह जाइ। तू पचे आपन ही आगी मँ भहराब्या अउर तोहार पचन्क आपन ही मसालन तू पचन्क बारि डइहीं। अइसी घटना मइँ घटवाउब।”
Isaiah 51
1 “मोर सुन्या, तोहमाँ स जउन लोग उत्तिम जिन्नगी जिअइ क कठिन प्रयत्न करत अहा अउर यहोवा क मदद खोजत अहा। अगर तू सही तरीके से जिअइ क उदाहरण चहात ह, लखा चट्टा (इब्राहीम) क जेहसे तू पचन्क काटि गवा अहइ, लखा खोखला चट्टान (सारा) क जेहसे तू पचन्क तरासत भवा अहइ।
2 हाँ, लखा आपन पिता इब्राहीम अउर आपन माँ सारा क जउन तू पचन्क जन्म दिहेस ह। उ इब्राहीम ही अकेला रहा जेका मइँ बोलाए रहा। किन्तु मइँ ओका वरदान दिहा अउर ओका एक बड़के रास्ट्र बनाइ दिहस।”
3 सिय्योन पर्वत क यहोवा वइसे ही आसीर्वाद देइ। यहोवा क यरूसलेम अउर ओकरे खंडहरन क बरे खेद होइ अउर उ नगर बरे कउनो बहोत बड़ा काम करी। यहोवा रेगिस्तान क बदल देइ। उ रेगिस्तान अदन क उपवन क जइसे एक उपवन मँ बदल जाइ। उ उजाड़ स्थान यहोवा क बगीचे जइसा होइ जाइ। लोग बहोत जियादा खुस होइहीं। लोग हुवाँ आनन्द परगट करिहीं। उ सबइ लोग धन्नबाद अउर विजय क गीत गइहीं।
4 “हे मेरे लोगो, मोर सुना! मइँ तू पचन क आपन उपदेसन क देब। मइँ आपन नेमन क प्रकास क तरह बनाउब जउन लोगन क देखइहीं कि कइसे ठीक तरह स जिया जात ह।
5 मइँ हाली ही परगट करब कि मइँ निआव स पूर्ण हउँ। मइँ हाली ही तोहार पचन्क रच्छा करब। मइँ आपन सवती क काम मँ लिआउब अउर मइँ सबहिं रास्ट्रन क निआव करब। सबहिं दूर-दूर क देस मोर बाट जोहत अहइँ। ओनकर मोर सवती क प्रतीच्छा अहइ जउन ओनका बचाई।
6 ऊपर अकासन क लखा, अकास अइसे लोप होइ जाइ जइसे धुआँ क एक बादर खोइ जात ह। अउर धरती अइसे ही बेकार होइ जाइ जइसे पुरान ओढ़ना बगैर कीमत क होत हीं। धरती क वासी आपन प्राण तजिहीं किन्तु मोर मुवित सदा ही बनी रही। मोर उत्तिमता कबहुँ नाहीं मिटी।
7 अरे ओ उत्तिमता क समुझइवाले लोगो, तू पचे मोर बात सुना। अरे ओ मोर सिच्छन पइ चलइवालो, तू पचे उ सबइ बातन सुना जेनका मइँ बतावत हउँ। दुट्ठ लोगन स तू पचे जिन डेराअ। ओन बुरी बातन स जेनका उ पचे तू पचन्स कहत हीं, तू पचे भयभीत जिन ह्वा।
8 काहेकि उ पचे पुराना कपड़न क नाईं होइहीं। ओनका किरवन खाइ जइहीं। उ पचे ऊन क जइसे होइहीं जेका किरवन चाट जइहीं। संसार क लोग मरिहीं, किन्तु मोर मुक्ती सदौ ही बना रही। मोर अच्छाइ निरन्तर बनी रही।”
9 यहोवा क भुजा जाग-जाग। आपन सवती क सज्जित करा। तू आपन सवती क प्रयोग करा। तू वइसे जाग जा जइसे तू बहोत बहोत पहिले जागा रह्या। तू उहइ सवती अहा जउन रहाब क छवकन छुड़ाए रहा। तू भयानक मगरमच्छ क ध्वाये रह्या।
10 तू सागरे क सुखाया। तू गहिर समुद्र क जलहीन बनाइ दिहा। तू सागर क गहिर सतह क एक राहे मँ बदल दिहा अउर तोहार लोग उ राह स पार भएन अउर बच गए रहेन।
11 यहोवा आपन लोगन क रच्छा करी। उ पचे सिय्योन पर्वत कइँती आनन्द मनावत भए लउटि अइहीं। इ सबइ सबहिं आनन्द मँ मगन होइहीं। सारे ही दुःख ओनसे दूर कहूँ भाग जइहीं।
12 यहोवा कहत ह, “मइँ उहइ हउँ जउन तू पचन्क चइन दिया करत ह। एह बरे तू पचन्क दूसर लोगन्स काहे डेराइ चाही? उ पचे तउ बस मनइयन अहइँ जउन जिया करत हीं अउर मरि जात हीं। उ पचे वइसे मरि जात हीं जइसे घास मरि जात ह।”
13 यहोवा तू पचन्क रचेस ह। उ निज सवती स इ धरती क बनाएस ह। उ निज सवती स धरती पइ अकास तान दिहस। किन्तु तू पचे ओका अउर ओकर सवती क बिसरि गवा। एह बरे तू पचे सदा ही उ मनइयन स भयभीत रहत ह जउन तू पचन्क हानि पहोंचावत हीं। तोहार नास करइ क ओन लोग जोजना बनाएन, किन्तु आजु उ पचे कहाँ अहइँ? उ पचे सबहिं चलि गए रहेन!
14 लोग जउन बन्दी अहइँ, हाली ही मुवत होइ जइहीं। ओन लोगन क मउत काल कोठरी मँ नाहीं होइ अउर न ही उ पचे कारागार मँ सड़त रइहीं। ओन लोगन्क लगे खाइके पर्याप्त होइ।
15 “मइँ ही यहोवा तोहार पचन्क परमेस्सर हउँ। मइँ ही सागर क झकोरत हउँ अउर मइँ ही लहरन उठावन हउ।” (ओकर नाउँ सर्वसवतीमान यहोवा अहइ।)
16 “मोर सेवक, मइँ तोहका उ सबइ सब्द देब जेनका मइँ तोहसे कहलवावइ चाहत हउँ। मइँ तोहका आपन हाथन स ढकिके तोर रच्छा करब। मइँ तोहसे नवा अकास अउ नई धरती बनवाउब। मइँ तू पचन क जरिये सिय्योन क इ कहलवा वइ बरे कि ‘तू पचे मोर लोग अहा, ‘तोहार उपयोग करब।”‘
17 जागा। जागा। यरूसलेम जाग उठा। यहोवा तोहसे बहोत ही कोहान रहा। एह बरे तोहका दण्ड दीन्ह गवा। उ दण्ड अइसा रहा जइसा जहर क कउनो पियाला होइ अउर उ तोहका पिअइ पड़इ अउर ओका तू पी लिहा।
18 यरूसलेम मँ बहोत स लोग हुआ करत रहेन किन्तु ओनमाँ स कउनो भी मनई ओकर अगुवाई नाहीं कइ सका। उ पाल-पोसके जउन गदेलन क बड़ा किहे रहा, ओनमाँ स कउनो भी ओका राह नाहीं देखाइ सका।
19 दुइ जोड़ा बिपत्ति यरूसलेम पइ टूट पड़ी अहइँ, लूटपाट अउर अनाज क परेसानी अउर भयानक भूख अउ सबइ हत्तिया।जब तू विपत्ति मँ पड़ी रही, कउनो भी तोहका सहास नाहीं दिहस, कउनो भी तोह पइ तरस नाहीं खाएस।
20 तोहार लोग दुर्बल होइ गएन। उ पचे हुवाँ धरती पइ भहराइ पड़ा अहइँ अउर हुँवइ पड़ा रइहीं। उ सबइ लोग हर गली का नुक्कड़ पर पड़ा अहइँ। उ सबइ लोग अइसे अहइँ जइसे कउनो जाल मँ फँसा हरिन होइ। ओन लोगन पइ यहोवा क कोप क मार तब तलक पड़त रही, जब तलक उ पचे अइस न होइ गएन कि दण्ड झेल ही न सकइ। परमेस्सर जब कहेस कि ओनका अउर दण्ड दीन्ह जाइ तउ उ पचे बहोत कमजोर होइ गएन।
21 बेचारे यरूसलेम, तू मोर सुन। तू कउनो धूत्त मनई क समान दुर्बल अहा किन्तु तू दाखरस पीके धुत्त नाहीं भवा अहा, बल्कि तू तउ “जहर क उ पियाला का पीके” अइसा दुर्बल होइ गवा अहा।
22 तोहार पचन्क परमेस्सर अउर सुआमी उ यहोवा आपन लोगन बरे जुद्ध करी। उ तू पचन्क कहत ह, “लखा! मइँ ‘जहर क इ पियाला’ (दण्ड) क तू पचन्स दूर हटावत हउँ। मइँ आपन किरोध क तू पचन्पइ स हटावत अहउँ। अब मोरे किरोध स तू पचन्क अउर दण्ड नाहीं भोगइ क होइ।
23 अब मइँ आपन किरोध क मार ओन लोगन पइ डाउब जउन तू पचन्क दुःख पहोंचावत हीं। उ सबइ लोग तू पचन्क मार डावइ चाहत रहेन। ओ लोग तू पचन्स कहे रहेन, ‘हमरे अगवा निहुरि जा। हम तू पचन्क वुचरि डाउब।’ आपन समन्वा निहुरावइ बरे उ पचे तू पचन्क मजबूर किहन। फुन ओ लोग तू पचन्क पीठ क अइसा बनाइ डाएन जइसे धूर-माटी होइ ताकि उ पचे तू पचन्क रौंद सकइँ। ओनके बरे चलइ क वास्ते तू पचे कउनो राहे क जइसा होइ गए रह्या।”
Isaiah 52
1 जाग उठा। जाग उठा हे सिय्योन। आपन वस्त्र क धारण करा। तू आपन सवती स भारा। हे पवित्तर यरूसलेम, तू खड़ा होइ जा। अइसे उ सबइ लोग जेनका परमेस्सर क अनुसरण करब कबूल नाहीं अहइ अउर जउन स्वच्छ नाहीं अहइँ, तोहमाँ फुन प्रवेस नाहीं कइ पइहीं।
2 तू धूरि झाड़ द्या। तू आपन सुन्नर ओढ़ना धारण करा। हे यरूसलेम, हे सिय्योन क बिटिया, तू एक बन्दिनी रहिउ किन्तु अब तू खुद क आपन गटई मँ बँधी जंजीरन स मुवत करा।
3 यहोवा क कहत ह, “तोहका धन क बदले मँ नाहीं बेचा गवा रहा, एह बरे जब मइँ तोहका आजाद करब तउ कउनो धन नाहीं देइ पड़ी।”
4 मोर सुआमी यहोवा कहत ह, “मोर लोग बस जाइ बरे पहिले मिस्र मँ गवा रहेन, अउर फुन उ पचे दास बन गएन। पाछे अस्सूर ओनका बेकार मँ ही दास बनाइ लिहे रहा।
5 अब लखा, इ का होइ गवा अहइ। अब कउनो दूसर रास्ट्र मोरे लोगन क लइ लिहे अहइ। मोरे लोगन क लइ जाइ बरे इ देस कउनो भुगतान नाहीं किहे रहा। इ देस मोरे लोगन पइ हुवुमत करत ह अउर ओनकर हँसी उड़ावत ह। हुवाँ क लोग सदा ही मोरे बरे बुरी बातन कहा करत हीं।”
6 यहोवा कहत ह, “अइसा एह बरे भवा कि मोरे लोग मोरे बारे मँ जानइँ। मोरे लोगन क पता चलि जाइ कि मइँ कउन हउँ? मोरे लोग मोर नाउँ जान जइहीं अउर ओनका इ भी पता चल जाइ कि उ मइँ ही हउँ जउन ओनसे बोलन हउँ।”
7 सुसमाचार क संग पहाड़न क उपर स आवत भए संदेसवाहक क लखब निहचय ही एक अद्भुत बात अहइ। कउनो संदेसवाहक क इ घोसणा करत भए सुनब केतना अद्भुत अहइ: “हुवाँ सान्ति क निवास अहइ, हम बचाइ लीन्ह गए अही। तोहार परमेस्सर राजा अहइ।”
8 नगर क रखवारे जयजयकार करइ लोगन ह। उ पचे आपुस मँ मिलिके आनन्द मनावत अहइँ। काहेकि ओनमाँ स हर एक यहोवा क सिय्योन क लउटिके आवत भए लखत अहइ।
9 यरूसलेम तोहार उ सबइ भवन जउन बर्बाद होइ चुके अहइँ फुन स खुस होइ जइहीं। तू पचे सबहिं आपुस मँ मिलिके आनन्द मनउब्या। काहेकि यहोवा यरूसलेम पइ दयालु होइ जाइ। यहोवा आपन लोगन क उद्धार करी।
10 यहोवा सबहिं रास्ट्रन क ऊपर आपन पवित्तर सवती दर्साइ अउर सबहिं उ सबइ देस जउन दूर-दूर बसा अहइँ, लखिहीं कि परमेस्सर आपन लोगन क रच्छा कइसे करत ह।
11 तू लोगन क चाही कि बाबुल छोड़ जा। उ जगह छोड़ द्या। हे लोगो, ओन वस्तुअन क लइ चलइवाले जउन उपासना क काम आवति हीं, अपने आप क पवित्तर करा। अइसी कउनो भी वस्तु जउन पवित्तर ओका जिन छुआ।
12 तू पचे बाबुल तजब्या किन्तु हाली मँ तजइ क तू पचन्पइ कउनो दबाव नाहीं होइ। तू पचे चलिके बाहेर जाब्या अउर यहोवा तू पचन्क संग संग चली। तू पचन्क अगुवाई यहोवा ही करी अउर तोहार पचन्क रच्छा बरे इस्राएल क परमेस्सर पाछे-पाछे भी होइ।
13 “मोरे सेवक कइँती लखा। इ बहोत सफल होइ। इ बहोत महत्वपूर्ण होइ। अगवा चलिके लोग ओका आदर देइहीं अउर ओकर सम्मान करिहीं।”
14 “किन्तु बहोत स लोग जब मोरे सेवक क लखेन तउ उ पचे भौचवके रहि गएन। मोर सेवक एतना बुरी तरह स सतावा ग रहा कि उ पचे ओका एक मनई क रूप मँ बड़ी दिवकत स पहचान पाएन।
15 किन्तु बहोत सारे रास्ट्रन भी चकित होइहीं। राजा ओका लखिके अचरजे मँ पड़ि जइहीं अउर एक सब्द भी नाहीं बोल पइहीं। उ मोर सेवक क बारे मँ नाहीं सुनी ही किन्तु जउन कछू भवा रहा उ पचे ओका लखे रहेन। उ लोग ओकर बारे मँ सुने भर नाहीं रहेन किन्तु ओका समझे रहेन।”
Isaiah 53
1 हम जउन बातन बताए रहे, ओनकर फुरइ कउन बिस्सास किहस? यहोवा क दण्ड क फुरइ कउन कबूलेस?
2 यहोवा क समन्वा एक नान्ह पउधन क तरह ओकर बढ़वार भइ। उ एक अइसी जड़ क समान रहा जउन झुरान धरती मँ फूटति रही। उ कउनो खास, नाहीं देखाइ देत रहा। न ही कउनो ओकर कउनो विसेस महिमा रही। जदि हम ओका देखिन तउ हमका ओहमा कउनो अइसी विसेस बात नाहीं देखाइ देत, जेहसे हम ओका चाह सकित।
3 ओहसे घिना कीन्ह गइ रही अउर ओकर मीतन ओका तजि दिहे रहेन। उ एक अइसा मनई रहा जउन पीरा क जानत रहा। उ बीमारी क बहोत अच्छी तरह पहिचानत रहा। लोग ओका एतना भी आदर नाहीं देत रहेन कि ओका देख तउ लेइँ। हम तउ ओह पइ धियान तलक नाहीं देत रहे।
4 किन्तु उ हमार पाप अपने उपर लइ लिहस। उ हमार पीरा क हमसे लइ लिहस अउर हम इहइ सोचत रहे कि परमेस्सर ओका दण्ड देत अहइ। हम सोचा परमेस्सर ओह पइ ओकरे करमन बरे मार लगावत अहइ।
5 किन्तु उ तउ ओन बुरे कामन बरे बेधा जात अहइ, जउन हम किहे रहे। उ हमार अपराधन बरे वुचरा जात रहा। जउन कर्जा हमका चुकावइ क रहा, यानी हमार दण्ड रहा, ओका उ चुकावत रहा। ओकरी सबइ यातना क बदले मँ हम चंगे (छिमा) कीन्ह ग रहे।
6 किन्तु ओकरे एतना करइ क पाछे भी हम सब भेड़िन क तरह एहर-ओहर भटक गए। हम मँ स हर एक आपन-आपन राह चला गवा। यहोवा क जरिये हमक हमार अपराधन स मुवत कइ दीन्ह जाइ क पाछे अउर हमरे अपराध क आपन सेवक स जोड़ देइ पर भी हम अइसा कीन्ह।
7 ओका सतावा गवा अउर दण्डित कीन्ह गवा। किन्तु उ ओकरे विरोध मँ आपन मुँह नाहीं खोलेस। उ बध बरे लइ जाइ जात भइ मेमना क समान चुप रहा। उ उ मेमना क समान चुप रहा जेकर ऊन उतारा जात रहा होइ। उ कबहुँ आपन मुँह नाहीं खोलेस।
8 लोग ओह पइ बल प्रयोग किहन अउर ओका लइ गएन। ओकरे साथ खरेपन स निआव नाहीं कीन्ह गवा। ओकर भावी परिवार बरे कउनो वुछ नाहीं कहि सकत काहेकि सजीव लोगन क धरती स ओका उठाइ लीन्ह गवा। मोर लोगन क पापन्क भुगतान करइ बरे ओका दण्ड दीन्ह गवा रहा।
9 ओकर मउत होइ गइ अउर दुट्ठ लोगन क संग ओका गाड़ा गवा। धनवान लोगन क बीच ओका दफनावा गवा। उ कबहुँ कउनो हिंसा नाहीं किहेस। उ कबहुँ झूठ नाहीं बोलेस किन्तु फुन भी ओकरे साथ अइसी बातन घटिन।
10 यहोवा ओका वुचर डावइ क निहचय किहेस। यहोवा निहचय किहस कि उ सबइ यातना झेलइ। तउ सेवक आपन प्रान तजइ क खुद क सौंपेस। किन्तु उ एक नवा जीवन अनन्त-अनन्त काल तलक बरे पाई। उ आपन लोगन क लखी। यहोवा ओका जउन करइ चाहत ह, उ ओन बातन क पूरा करी।
11 उ आपन आतिमा मँ बहोत सी पीरन झेली किन्तु उ घटइवाली अच्छी बातन क लखी। उ जउने बातन क गियान प्राप्त करत ह, ओनसे संतुट्ठ होइ। मोर उ उत्तिम सेवक बहोत स लोगन क ओनके अपराधन स छुटकारा दिलवाई। उ ओनके पापन्क अपने सिरन पइ लइ लेइ।
12 एह बरे मइँ ओका बहोतन क संग पुरस्कार क सहभागी बनाउब। उ सबइ चिजियन क उ लोगन क बीच मँ बाँटब जउन मज़बूत अहइ। काहेकि उ आपन जिन्नगी दूसरन बरे दइ दिहस।उ अपने आप क अपराधियन क बीच गना जाइ दिहस। जबकि उ वास्तव मँ बहुतेरन क पापन्क दूर किहस अउर अब उ पाप बरे ओनकर रच्छक क रूप मँ बोलत ह।
Isaiah 54
1 हे बाँझ मेहरारू, तू खुस होइ जा। तू गदेलन क जन्म नाहीं दिहा, किन्तु फुन भी तोहका बहोत खुस होइ चाही। यहोवा कहेस, “जउन मेहरारू अकेल्ली अहइ, ओकर जियादा सन्तानन होइहीं बनिस्बत उ मेहरारू क जेकरे लगे ओकर पति अहइ।”
2 आपन तम्बू फइलावा, आपन दुआर पूरा खोला। आपन तम्बू क बढ़इ स जिन रोका। आपन रस्सियन बढ़ावा अउर खूँटन मजबूत करा।
3 काहेकि तू आपन बंस-बेल दाहिन अउ बाएँ फइलाई। तोहार सन्तानन अनेकानेक रास्ट्रन क धरती क लइ लेइहीं अउर उ सबइ सन्तानन ओन नगरन मँ फुन बसिहीं जउन बर्बाद भ रहेन।
4 तू ससाउ जिन, तू लज्जित नाहीं होबिउ। आपन मन जिन हारा काहेकि तोहका अपमानित नाहीं होइ क होइ। जब तू जवान रहिउ, तू लज्जित भइ रहिउ किन्तु उ लज्जा क अब तू बिसरब्या। अब तोहका उ लाज नाहीं याद राखब अहइ तू जेका उ काल मँ भोग्या रहा जब तू आपन भतार खोया रह्या।
5 काहेकि तोहार भतार उहइ रहा! जउन तोहका रचे रहा। ओकर नाउँ सर्वसवतीमान यहोवा अहइ। उहइ इस्राएल क रच्छा करत ह, उहइ इस्राएल क पवित्तर अहइ अउर उहइ समूची धरती क परमेस्सर कहवावत ह।
6 तू एक ठु अइसी मेहरारू क जइसी रहिउ जेका ओकर ही भतार तलाक दिहे रहा। तोहार मन बहोत भारी रहा किन्तु तोहका यहोवा आपन बनावइ बरे बोलाए रहा। तू उहइ मेहरारू क समान अहा जेकर बचपने मँ ही बियाह भवा अउर जेका ओकर भतार तलाक दिहेस ह। किन्तु परमेस्सर तू पचन्क आपन बनावइ बरे बोलाएस ह।
7 तोहार परमेस्सर कहत ह, “मइँ तोहका थोड़े समय बरे तजे रहेउँ। किन्तु अब मइँ तोहका फुन स अपने पास आउब अउर आपन महा करुणा तोह पइ दर्साउब।
8 मइँ बहोत कोहाइ गवा अउर थोड़े स समय क बरे तोहसे छुप गवा किन्तु आपन महाकरुणा स मइँ तोहका सदा चैन देब।” तोहार उद्धारकर्ता यहोवा इ कहेस ह।
9 परमेस्सर कहत ह, “इ ठीक वइसा ही अहइ जइसे नूह क काल मँ मइँ बाढ़ क जरिये दुनिया क दण्ड दिहे रहेउँ। मइँ नूह क वरदान दिहेउँ कि फुन स मइँ दुनिया पइ बाढ़ नाहीं लाउब। उहइ तरह तोहका, मइँ उ वचन देत हउँ, मइँ तोहसे वुपित नाही होब अउर तोहसे फुन कठोर बचन नाहीं बोलब।”
10 यहोवा कहत ह, “चाहे पर्वत लुप्त होइ जाइँ अउर इ पहाड़ियन रेत मँ बदल जाइँ किन्तु मोर करुणा तोहका कबहुँ भी नाहीं तजी। मइँ तोहसे मेल करब अउर उ मेल क कबहुँ अंत न होइ।” यहोवा तोह पइ करुणा देखावत ह अउर उ यहोवा ही उ सबइ बातन बताएस ह।
11 “हे नगरी, हे दुखियारी! तोहका तूफानन सतायन ह अउर कउनो तोहका चैन नाहीं दिहेस ह। मइँ तोहार कीमती पाथरन स फुन स निर्माण करब। मइँ तोहार नींव फिरोजन अउ नीलम स धरब।
12 मइँ तोहार देवारन चुनइ मँ माणिक क लगाउब। तोहरे दुआरन पइ दमकत भए रत्नन क जड़ब। तोहरी सबहिं देवारन मइँ कीमती पाथरन स उठाउब।
13 तोहार सन्तानन यहोवा ब्दारा सिच्छित होइहीं। तोहार सन्तानन क सम्पन्नता महान होइ।
14 मइँ तोहार निर्माण खरेपन स करब ताकि तू दमन अउर अन्याय स दूर रहा। फुन कछू नाहीं होइ जेहसे तू डरब्या। तोहका नोस्कान पहोंचावइ कउनो भी नाहीं आई।
15 मोर कउनो भी सेना तोहसे कबहुँ जुद्ध नाहीं करी। अउर जदि कउनो सेना तोह पइ चढ़ बइठइ क प्रयत्न करइ तउ तू उ सेना क पराजित कइ देब्या।
16 “लखा, मइँ लोहार क बनाएउँ ह। उ लोहे क तपावइ बरे धौंकनी धौवंत ह। फुन उ तपे लोहे स जइसे चाहत ह, वइसे औजार बनावत ह। उहइ प्रकार मइँ ‘विनासकर्ता’ क बनाएउँ ह जउन वस्तुअन क नस्ट करत ह।
17 “तोहका हरावइ बरे लोग हथियार बनइहीं किन्तु उ सबइ हथियार तोहका कबहुँ हराइ नाहीं पइहीं। कछू लोग तोहरे विरोध मँ बोलिहीं। किन्तु हर अइसे मनई क बुरा साबित कीन्ह जाइ जउन तोहरे विरोध मँ बोली।”यहोवा कहत ह, “यहोवा क सेवकन क का मिलत ह ओनका निआव क विजय मिलत ह इ ओनका मोहसे मिलत ह।”
Isaiah 55
1 “हे पियासे लोगों, आवा पानी पिआ। अगर तोहरे पचन्क लगे नाहीं धन ही अहइ, तउ एकर चिन्ता जिन करा। आवा, खाना ल्या अउर खा। तू पचन्क एकर कीमत देइ क जरूरत नाहीं अहइ। बिना कउनो कीमत क दूध अउ दाखरस ल्या।
2 बियर्थ ही आपन धन अइसी कउनो वस्तु पइ काहे बर्बाद करत अहा जउन सच्चा भोजन नाहीं अहइ? अइसी कउनो वस्तु बरे काहे स्रम करत अहा जउन फुरइ मँ तू पचन्क तृप्त नाहीं करती? मोर बात धियान स सुना। तू पचे सच्चा भोजन पउब्या। तू पचे उ भोजन क आनन्द लेब्या जेहसे तोहार पचन्क मन तृप्त हो जाइ।
3 जउन कछू मइँ कहत हउँ, धियान स सुना। मोर सुना ताकि तोहार आतिमा जिअब। तू पचे मोरे पास आवा अउर मइँ तोहरे सबन्क साथ एक करार करब जउन सदा-सदा क बरे बना रही। इ करार वइसी ही होइ जइसी करार दाऊद क संग मइँ किहे रहेउँ। मइँ दाऊद क वचन दिहे रहेउँ कि मइँ ओह पइ सदा करुणा करब। अउर तू पचे उ वचन पइ बिस्सास कइ सकत ह।
4 मइँ आपन उ सवती क दाऊद क साच्छी बनाए रहेउँ जउन सबहिं रास्ट्रन बरे रही। मइँ दाऊद क बहोत देसन क प्रसासक अउर ओनकर सेनापति बनाए रहेउँ।”
5 अनेक अग्यात देसन मँ अनेक अनजानी जातियन अहइँ। तू ओन सबहिं जातियन क बोलउब्या, जउन जातियन तोहसे अपरिचित अहइँ किन्तु उ पचे पराइके तोहरे पास अहइ। अइसा घटी काहेकि तोहार परमेस्सर यहोवा अइसा ही चाहत ह। अइसा घटी काहेकि उ इस्राएल क पवित्तर तोहका मान देत ह।
6 तउ तू पचे यहोवा क हेरा। कहूँ बहोत देर न होइ जाइ। अब तू पचे ओका गोहराइ ल्या जब तलक उ तोहरे पचन्क लगे अहइ।
7 हे पापियो! आपन पापपूर्ण जिन्नगी क तजा। तू पचन्क चाही कि तू पचे बुरी बातन सोचब तजि द्या। तू पचन्क चाही कि तू पचे यहोवा क लगे लउटि आवा। जब तू पचे अइसा करब्या तउ यहोवा तू पचन्क सुख देइ। ओन सबहिं क चाही कि उ पचे यहोवा क सरन मँ आवइँ काहेकि परमेस्सर हमका छिमा करत ह।
8 यहोवा कहत ह, “तोहार पचन्क विचार वइसे नाहीं, जइसे मोर अहइँ। तोहार पचन्क राहन वइसे नाहीं जइसी मोर राहन अहइँ।
9 जइसे धरती स ऊँच सरग अहइँ वइसे ही तोहार राहन स मोर राहन ऊँच अहइ। अउर मोर विचार तोहरे पचन्क विचारन स ऊँच अहइँ।” इ सबइ बातन यहोवा ही कहेस ह।
10 अकासे स बर्खा अउर हिम गिरा करत हीं अउर उ पचे फुन नाहीं लउट जातेन जब तलक उ पचे धरती क नाहीं छुइ लेत हीं, अउर धरती क गीला नाहीं कइ देत हीं। फुन धरती पउधन क अंवुरित करत ह अउर ओनका बढ़ावत ह अउर उ सबइ पउधन किसानन क बरे बीज उपजावत हीं अउर लोग ओन बीजन स खाइ बरे रोटियन बनावत हीं।
11 अइसे ही मोर मुख मँ स मोर सब्द निकसत हीं अउर जब तलक घटनन क घटाइ नाहीं लेतेन, उ पचे वापस नाहीं आवत हीं। मोर सब्द अइसी घटनन क घटावत हीं जेनका मइँ घटवावइ चाहत हउँ। मोर सब्द उ सबइ सबहिं बातन पूरी कराइ लेत हीं जेनका करवावइ क मइँ ओनका पठवत हउँ।
12 जब तू पचन्क आनन्द स भरिके सान्ति अउर एकता क साथ मँ उ धरती स छुड़ाइके लइ जावा जाइ रहा होइ जेहमाँ तू पचे बन्दी रह्या, तउ तोहरे पचन क समन्वा खुसी मँ पहाड़ फट प़डिहीं अउर थिरकइ लगिहीं। पहाड़ियन नाच मँ फूटि पड़िहीं। तोहार पचन्क समन्वा जंगल क सबहिं बृच्छ अइसे हलइ लगिहीं जइसे तालियन पीट रहा होइँ।
13 जहाँ कँटेरी झाड़ियन जमा करत हीं हुवाँ देवदार क बिसाल बृच्छ जमिहीं। जहाँ खरपतवार जमा करत रहेन, हुवाँ हिना क बृच्छ जमिहीं। इ सबइ बातन यहोवा क प्रसिद्ध करिहीं। इ सबइ बातन प्रमाणित करिहीं कि यहोवा सवतीपूर्ण अहइ। इ प्रमाण कबहुँ नस्ट नाहीं होइ।”
Isaiah 56
1 यहोवा इ सबइ बातन कहे रहा, “सब लोग क साथ उहइ काम करा जउन निआव स पूर होइ। काहेकि मोर उद्धार हाली ही तोहरे पचन्क लगे आवइ क अहइ। सारे संसार मँ मोर छुटकारा हाली ही परगट होइ।”
2 अइसा मनई जउन सबित क दिन क पालन एका बिना दूसित कइ भए करत ह अउर उ मनई जउन बुरा नाहीं करी आसीर्बाद पाइहीं।
3 उ गैर यहूदी लोग जउन यहोवा क लोगन मँ सामिल होइ पसन्द करत ह। अइसे मनइयन क इ नाहीं कहइ चाही: “यहोवा मोर संग आपन “वास्वित” लोगन अलग थलग जइसा बेउहार करब्या। उ असल मँ मोका आपन अपना लोगन मँ स एक क रूप मँ स्वीकार नाहीं करब्या!” कउनो हिंजड़े क इ नाहीं कहइ चाही: “मइँ काठे क एक झुरान टुका हउँ अउर मइँ कउनो गदेला क बाप नाहीं बन सकब।”
4 एन हिंजड़न क अइसी बातन नाहीं कहइ चाही काहेकि यहोवा कहे रहा: “एनमाँ स कछू हिंजड़े सबित क नेमन क पालन करत हीं अउर जउन मइँ चाहत हउँ, उ पचे वइसा ही करइ चाहत हीं। उ पचे सच्चे मन स मोरी वाचा क पालन करत हीं। एह बरे मइँ आपन मंदिर मँ ओनके बरे यादगार क एक ठु पाथर लगाउब। मोरे नगर मँ ओनके नाउँ क याद कीन्ह जाइ। हाँ! मइँ ओनका पुत्र-पुत्रियन स भी कछू अच्छा देबउँ। ओन हिंजड़न क मइँ एक नाउँ देबउँ जउन सदा-सदा बना रही। मोर लोगन स उ पचे काटिके अलग नाहीं कीन्ह जइहीं।”
5
6 कछू अइसे लोग जउन यहूदी नाहीं अहइँ, अपने आप क यहोवा स जोरिहीं। उ पचे अइसा एह बरे करिहीं कि यहोवा क सेवा अउर यहोवा क नाउँ क पिरेम कइ पावइँ। यहोवा क सेवक बनइ बरे उ पचे खुद क ओहसे जोड़ लेइही। उ पचे सबित क दिन क उपासना क एक बिसेस दिन क रूप मँ माना करिहीं अउर उ पचे मोर करार क गंभीरता स पालन करिहीं।
7 यहोवा कहत ह, “मइँ ओन लोगन क आपन पवित्तर पर्वत पइ लिआउब। आपन पराथना भवन मँ मइँ ओनका आनन्द स भरि देब। उ पचे जउन भेंट अउर बलियन मोका अपिर्त करिहीं, मइँ ओनसे खुस होब। काहेकि मोर मंदिर सबहिं रास्ट्रन क लोगन क पराथना क घर कहावा जाइ।”
8 इ उह अहइ जउन मोर सुआमी करत ह,“मइँ उहइ हउँ जउन देस निस्कासित कीन्ह भवा इस्राएलियन क जेका सताया गवा अहइ एकट्ठा किहेउँ ओनकर संग ओन सबहिं बिदेसियन क जोड़इ जउन बिदेसियन ओकर संग एकट्ठा भए अहा।”
9 हे वन क पसुओ। तू पचे सबहिं खइया पइ आवा।
10 इ सबइ धरम क रखवारे (नबी) सबहिं नेत्रहीन अहइँ। ओनका पता नाहीं कि उ पचे का करत अहइँ। उ पचे उ गूँगे वूवुर क नाईर् अहइँ जउन नाहीं जानत कि कइसे भौवंा जात ह उ पचे धरती पइ लउटत हीं अउर सोइ जात हीं। हाय! ओनका नींद पियारी अहइ।
11 उ सबइ लोग अइसे अहइँ जइसे भुखान वूवुर होइँ। जेनका कबहुँ भी तृप्ति नाहीं होत। उ पचे अइसे चरवाहन अहइँ जेनका पता तलक नाहीं कि उ पचे का करत अहइँ? उ पचे ओकर आपन ओन भेड़िन जइसे अहइँ जउन आपन रास्ता स भटकके कहूँ खोइ गइन। उ पचे लालची अहइँ ओनका तउ बस आपन पेट भरब भावत ह।
12 उ पचे कहा करत हीं, “आवा तनिक दाखरस ल्या अउर ओका पिआ यव सुरा भरपेट पिआ। हम भियान भी इहइ करब, भियान तनिक अउर जियादा पिअब।”
Isaiah 57
1 अच्छे लोग चला गएन किन्तु एक भी अइसा नाहीं अहइ जउन एह पइ धियान दिहस। लोग समुझत नाहीं अहइँ कि का कछू घटत अहइ। भले लोग बटोरा गएन। लोग समुझतेन नाहीं कि बिपत्तियन आवत अहइँ। ओनका पता तलक नाहीं अहइ कि भले लोग रच्छा बरे बटोरा गएन।
2 किन्तु सान्ति आइ अउर लोग अराम स आपन बिछउनन मँ सोइहीं अउर लोग उहइ तरह जिइहीं जइसे परमेस्सर ओनसे चाहत ह।
3 “हे चुड़ैलियन क गदेलनों, एँह कइँती आवा। तोहार पचन्क पिता बिभिचार क पापी अहइ। तोहार पचन्क महतारी आपन देह यौन बइपार मँ बेचा करत ह। एहर आवा।
4 हे विद्रोहियो अउर झूठी सन्तानों, तू पचे मोर हँसी उड़ावत अहा। मोह पइ आपन मुँह चिढ़ावत अहा। तू पचे मोह पइ जिभिया निकारत अहा।
5 तू पचे सबहिं हरिअर बृच्छन क खाते लबार देवतन क कारण कामातुर होत अहा। हर नदी क तीर पइ तू पचे बाल बध करत अहा अउर चट्टानी जगहियन पइ ओनकर बलि देत अहा।
6 नदी क गोल बट्टियन क तू पूजइ चाहत अहा। तू ओन पइ दाखरस ओनकर पूजा बरे चढ़ावत अहा। तू ओन पइ बलियन क चढ़ावा करत अहा किन्तु तू ओनके बदले बस पाथर ही पावत अहा। का तू इ सोचत अहा कि मइँ एहसे खुस होत हउँ? नाहीं। इ मोका खुस नाहीं करत अहइ। तू हर कउनो पहाड़ी अउर हर ऊँच पर्वत पइ आपन बिछउना बनावत अहा।
7 तू ओन ऊँची जगहन पइ जावा करत अहा अउर तू हुवाँ बलियन चढ़ावत अहा।
8 अउर फुन तू ओन बिछउनन क बीच जात अहा अउर मोरे विरुद्ध तू पाप करत अहा। ओन देवन स तू पिरेम करत अहा। उ पचे देवता तोहका भावत हीं। तू मोरे संग रह्या किन्तु ओनके संग होइ क बरे तू मोका तजि दिहा। ओन सबहिं बातन पइ तू परदा डाइ दिहा जउन तोहका मोर याद दिआवत ह। तू ओनके दुआरन क पाछे अउर दुआर क चउखटन क पाछे छुपाया अउर तू ओन लबार देवतन क लगे ओनके संग वाचा करइ जात अहा।
9 तू आपन तेल अउ फुलेल लगावत अहा ताकि तू आपन लबार देवता मोलक क समन्वा नीक देखाअ। तू आपन दूत दूर-दूर देसन क पठया ह अउर एहसे तू ही नरक मँ, मउत क देस मँ गिरब्या।
10 “एन बातन क करइ मँ तू परिस्रम किहा ह। फुन भी तू कबहुँ नाहीं थक्या। तोहका नई सवती मिलत रही काहेकि एन बातन मँ तू रस लिहा।
11 तू मोका कबहुँ नाहीं याद किहा हिआँ तलक कि तू मोह पइ धियान तलक नाहीं दिहा। तउ तू केकरे बारे मँ चिन्तित रहा करत रह्या? तू केहसे भयभीत रहत रह्या? तू झूठ काहे कहत रह्या? लखा मइँ बहोत दिनन स चुप रहत आवा हउँ अउर फुन तू मोर आदर नाहीं किहा।
12 मोका तोहार अच्छे कर्मन अउर तोहरे ओन उपलब्धियन क तारीफ करत रहइ क लाइके होइ चाही। किन्तु उ सबइ बातन जउन तू किहेस ह बेकार अहइ अउर तोहका कउनो लाभ नाहीं देत ह।
13 जब तोहका सहारा चाटी तउ तू ओन लबार देवन क जेनका तू आपन चारिहुँ कइँती जुटाया ह, काहे नाहीं गोहरावत अहा। किन्तु मइँ तोहका बतावत हउँ कि ओन सब क आँधी उड़ाइ देइ। हवा क एक झोका ओनका तोहसे छोर लइ जाइ। किन्तु उ मनई जउन मोरे सहारे अहइ, धरती क पाई। अइसा ही मनई मोर पवित्तर पर्वते क पाई।
14 रास्ता साफ करा। रास्ता साफ करा। मोरे लोगन बरे राह साफ करा।
15 उ जउन ऊँच अहइ अउर जेहका ऊपर उठावा गवा ह, उ जउन अमर अहइ, उ जेकर नाउँ पवित्तर अहइ, उ इ कहत ह: मइँ एक ऊँच अउर पवित्तर जगह पइ रहा करत हउँ किन्तु मइँ ओन लोगन क बीच रहा करत हउँ जउन दुःखी अउर विनम्र अहइँ। अइसे ओन लोगन क मइँ नई जिन्नगी देब जउन मने स विनम्र अहइँ। अइसे ओन लोगन का मइँ नई जिन्नगी देब जउन हिरदय स दुःखी अहइँ।
16 मइँ सदा-सदा ही मुकद्दमा लड़त रहब। सदा-सदा ही मइँ तउ वोधित नाहीं रहब। जदि मइँ कोहान ही रहउँ तउ मनई क आतिमा यानी उ जिन्नगी जेका मइँ ओनका दिहेउँ ह, मोरे समन्वा ही मरि जाई।
17 उ पचे लालच स हिंसा स भरा स्वारथ साधे रहेन अउर मोका वोधित कइ दिहे रहेन। मइँ इस्राएल क दण्ड दिहेउँ। मइँ ओका निकार दिहेउँ काहेकि मइँ ओह पइ कोहान रहेउँ अउर इस्राएल मोका तजि दिहस। जहाँ कहूँ इस्राएल चाहत रहा, चला गवा।
18 मइँ इस्राएल क राहन लखि लिहे रहेउँ। किन्तु मइँ ओका छिमा करब। मइँ ओका चैन देब अउर अइसे बचन बोलब जेहसे ओका आराम मिलइ अउर मइँ ओका राह देखाउब। फुन ओका अउर ओकरे लोगन क दुःख नाहीं छुइ पाई।
19 ओन लोगन्क मइँ एक नवा सब्द सान्ति सिखाउब। अउर मइँ ओन सबहिं लोगन क आसीर्बाद देब जउन सान्ति क साथ मोरे पास या दूर अहइँ।” यहोवा इ सब कहेस, मइँ ओन सबहिं लोगन क छिमा करब!”
20 किन्तु दुट्ठ लोग वोधित सागरे क जइसे होत हीं। उ पचे चुप या सान्त नाहीं रहि सकतेन। उ पचे वोधित रहत हीं अउर समुद्र क तरह कींचा उछारत रहत हीं। मोर परमेस्सर क कहब अहइ:
21 “दुट्ठ लोगन बरे कहूँ कउनो सान्ति नाहीं अहइ।”
Isaiah 58
1 जोर स नरिआअ, जेतना तू गोहराइ सका। आपन क जिन रोका। जोर स गोहरावा जइसे नरसिंहा बजावत ह। लोगन क ओनके बुरे कामन क बारे मँ जउन उ पचे किहेन ह, बतावा। याकूब क घराने क ओनके पापन क बारे मँ बतावा।
2 हरेक अइसा देखाइ देत ह जइसा उ बहोत धमीर् अहइ: हर दिना लोग मोर मदद तलास करत हीं। उ पचे मोर राहन क समुुझइ चाहत हीं। उ पचे ठीक वइसा ही देखाइ देत ह जइसे उ सबइ लोग कउनो अइसी जाति क होइँ जउन उहइ करत ह जउन उचित होत ह अउर जउन अपने परमेस्सर क कानूनन क उल्लंघन नाहीं किहेस ह। उ पचे मोहसे चाहत हीं कि ओनकर निआव निस्पच्छ होइ अउर परमेस्सर ओनके संग रहइ।
3 अब उ सबइ लोग कहत हीं, “तोहरे बरे आदर देखावइ क बरे हम पचे भोजन करब बंद कइ देइत ह। तू हमार कइँती लखत्या काहे नाहीं? तोहरे बरे आदर परगट करइ क बरे हम आपन देह क छति पहोंचावत अही। तू हमरी कइँती धियान काहे नाहीं देत्या?”किन्तु यहोवा कहत ह, “उपवास क ओन दिनन मँ उपवास रखत भए तू पचन्क आनन्द आवत ह किन्तु ओनहीं दिनन तू पचे आपन दासन क खून चूसत अहा।
4 तू पचे भोजन बरे भूखा नाहीं अहा। तू पचन्क आपुस मँ झगड़इ बरे अउर आपुस मँ लड़इ बरे उपवास रखत अहइँ। तू पचे आपन अत्याचार क हाथन स लोगन क पीटइ बरे भूखा रहत ह। जदि तू पचे चाहत अहा कि सरग मँ तोहार पचन्क परार्थना क सुनइ जाइ तउ उपवास रखइ क इ तरीका नाहीं अहइ। जइसे तू पचे आजु कल रखत अहा।
5 तू पचे का इ सोचत अहा कि भोजन नाहीं करइ क ओन बिसेस दिनन मँ बस मइँ लोगन क अपने तने क दुःख देत भए लखइ चाहत हउँ? का तू पचे अइसा सोचत अहा कि मइँ लोगन क दुःखी लखइ चाहत हउँ? का तू पचे इ सीचत अहा कि मइँ लोगन क मुरझाए भए पउधन क तरह सिर अउर सोक ओढ़ना पहिरे लखइ चाहत हउँ? का तू इ सोचत अहा कि मइँ लोगन क आपन दुःख परगट करइ क बरे राखी मँ बइठे लखइ चाहत हउँ? इहइ तउ उ सब कछू अहइ जउन तू खइया क न खाइ क दिनन मँ करत अहा। का तू अइसा सोचत अहा कि यहोवा तोहसे बस इहइ चाहत ह
6 “मइँ तोहका बताउब कि मोका कइसा बिसेस दिन चाही - एक अइसा दिन जब लोगन क अजाद कीन्ह जाइ। मोका एक अइसा दिन चाही जब तू लोगन क बोझ क ओनसे दूर कइ द्या। मइँ एक अइसा दिन चाहत हउँ जब तू दुःखी लोगन क अजाद कइ द्या। मोका एक दिन अइसा चाही जब तू ओनके काँधन स भार उतारि द्या।
7 मइँ चाहत हउँ कि तू भुखान लोगन क संग आपन खाइके चिजियन बाँटा। मइँ चाहत हउँ कि अइसे गरीब लोगन क हेरा जेनके लगे घर नाहीं अहइँ अउर मोर इच्छा अहइ कि तू ओनका आपन घरन मँ लइ आवा। तू जब कउनो अइसे मनई क लखा, जेनके लगे ओढ़ना न होइ तउ ओका आपन ओढ़ना दइ डावा। ओन लोगन क मदद स मुँह जिन मोड़ा, जउन तोहार आपन होइँ।”
8 जदि तू एन बातन क करब्या तउ तोहार प्रकास प्रभात क प्रकास क समान चमकइ लागी। तोहार जखम भर जइहीं। तोहार “नेकी” (परमेस्सर) तोहरे आगे-आगे चलइ लागी अउर यहोवा क महिमा तोहरे पाछे-पाछे चली आइ।
9 तू तबइ यहोवा क जब पुकरब्या, तउ यहोवा तोहका जवाब देइ। जब तू यहोवा क गोहरउब्या तउ उ कही, “मइँ हिआँ हउँ।”तोहका लोगन्क दमन करब अउर लोगन क दुःख देब तजि देइ चाही। तोहका लोगन स कउनो बातन बरे कड़ुआ सब्द बोलब अउर ओन पइ लांछन लगाउब तजि देइ चाही।
10 तोहका भूखन क भूख बरे दुःख क अनुभव करत भए ओनका भोजन देइ चाही। दुःखी लोगन क सहायता करत भए तोहका ओनकर जरूरत क पूरा करइ चाही। जब तू अइसा करब्या तउ अँधियारा मँ तोहार रोसनी चमक उठी अउर तोहका कउनो दुःख नाहीं रहि जाइ। तू अइसे चमक उठब्या जइसे दुपहर क समय धूप चमकत ह।
11 यहोवा सदा तोहार अगुवाई करी। रेगिस्तान मँ भी उ तोहरे मने क पियास बुझाई। यहोवा तोहार हाड़न क मजबूत बनाई। तू एक अइसे बाग क समान होब्या जेहमाँ पानी क बहुतायत अहइ। तू एक अइसे झरना क नाईर् होब्या जेहमाँ सदा पानी रहत ह।
12 बहोत बरिसन पहिले तोहार नगर उजाड़ दीन्ह ग रहेन। एन नगरन क तू नवा सिरे स बसउब्या। एन नगरन क निर्माण तू एकर पुरान नेबंन पइ तू करब्या। “तू टूटे भए परकोटे क बनावइवाले कहवउब्या अउर तू मकानन अउर रास्ट्रन क बहाल करइवाले कहवउब्या।”
13 अइसा उ समय होइ जब तू सबित क बारे मँ परमेस्सर क नेमन क तोड़इ छोड़ देब्या, जब तू जात्रा करइ अउर अइसा करइ क जइसा तू चाहत ह आराम क दिन मँ छोड़ देब्या। सबित क दिन क तोहका खुसी क साथ यहोवा क आदर करइ चाही, तोहका जात्रा नाहीं करइ चाही, तोहका उ काम नाहीं करइ चाही जेका तू आपन खुसी बरे करत ह, या तोहका दूसर लोगन क आपन बरे काम करइ क आदेस नाहीं देइ चाही।
14 तब तू यहोवा मँ खुसी पउब्या, अउर मइँ यहोवा धरती क ऊँच-ऊँच ठउरन पइ, तोहका लइ जाब। मइँ तोहार पेट भरब। मइँ तोहका अइसी ओन वस्तुअन क देब जउन तोहार बाप याकूब क लगे हुआ करत रहिन।इ सबइ बातन यहोवा बताए रहा।
Isaiah 59
1 लखा, तोहार रच्छा बरे यहोवा क सवती काफी अहइ। जब तू मदद बरे ओका गोहरावत ह तउ उ तोहार सुन सकत ह।
2 किन्तु तोहार पचन्क पाप तू पचन्क परमेस्सर स अलग करत हीं अउर इहइ बरे उ तोहरे पचन्क तरफ स कान बन्द कइ लेत ह।
3 तोहार पचन्क हाथ गन्दा अहइँ, उ सबइ खून स सने भए अहइँ। तोहार पचन्क अँगुरियन अपराधन स भरी अहइँ। आपन मुँहे स तू पचे झूठ बोलत अहा। तोहार पचन्क जिभियन बुरी बातन करत हीं।
4 दूसर मनइ क बारे मँ कउनो मनई फुरइ नाहीं बोलत। लोग अदालत मँ एक दूसर क खिलाफ मुकद्दमा करत हीं। आपन मुकद्दमा जीतइ बरे उ पचे झूठे तर्कन पइ आसरा करत हीं। उ पचे एक दूसर क बारे मँ परस्पर झूठ बोलत हीं। उ पचे कस्ट क गर्भ मँ धारण करत हीं अउर बुराइयन क जनम देत हीं।
5 उ पचे सरप क बिख भरे अण्डन क समान बुराई क सेवत हीं। अगर ओनमाँ स तू एक अण्डा भी खाइ ल्या तउ तोहार मउत होइ जाइ अउर अगर तू ओनमाँ स एक अण्डा फोड़ द्या तउ एक जहरीला नाग बाहेर निकरि पड़इ।लोग झूठ बोलत हीं। इ झूठ मकड़ी क जालन जइसी कपड़े नाहीं बन सकतेन।
6 ओन जालन स तू आपन क ढाँपि नाहीं सकतेन।कछू लोग बदी करत हीं अउर आपन हाथन स दूसरन क नोस्कान पहोंचावत हीं।
7 अइसी लोग आपन गोड़न क प्रयोग बदी क लगे पहोंचइ बरे करत हीं। इ सबइ लोग निदोर्ख मनइयन क मारि डावइ क जल्दी मँ रहत हीं। उ पचे बुरे विचारन मँ पड़े रहत हीं। उ पचे जहाँ जात हीं बिनास अउ बिध्वंस फइलावत हीं।
8 अइसे लोग सान्ति क मारग नाहीं जानतेन। ओनकर जिन्नगी मँ नेकी तउ होत ही नाहीं। ओनकर रास्तन ईमानदारी क नाहीं होतेन। कउनो भी मनई जउन ओनके जइसा जिन्नगी जिअत ह, आपन जिन्नगी मँ कबहुँ सान्ति नाहीं पाई।
9 एह बरे परमेस्सर क निआव अउर मुवित हम स दूर अहइ। हम प्रकास क बाट जोहत अही। पर बस केवल अन्धकार फइला अहइ। हमका चमकत प्रकास क आसा अहइ। किन्तु हम अँधियारा मँ चलत अही।
10 हम अइसे लोग अही जेनके लगे आँखिन नाहीं अहइँ। नेत्रहीन लोगन क तरह हम देवारन क टटोरित चलत अही। हम ठोकर खात अही अउर गिर जात अही जइसे इ रात होइ। दिन क प्रकास मँ भी हम मुर्दन क भाँति गिर पड़ित ह।
11 हम सब बहोत दुःखी अही। हम सब अइसे कराहत अही जइसे कउनो रीछ अउर कउनो कबूतर कराहत ह। हम अइसे उ समय क बाट जोहत अही जब लोग निस्पच्छ होइहीं किन्तु अबहिं तलक तउ कतहूँ भी नेकी नाहीं अहइ। हम उद्धार क बाट जोहत अही किन्तु उद्धार बहोत-बहोत दूर अहइ।
12 काहेकि हम आपन परमेस्सर क विरोध मँ बहोत पाप किहे अही। हमार पाप बतावत हीं कि हम बहोत बुरे अही। हमका एकर पता अहइ कि हम एन बुरे करमन क करइ क अपराधी अही।
13 हम पाप किहे रहे अउर हम आपन यहोवा स मुँह मोड़ लिहे रहे। यहोवा स हम विमुख भए अउर ओका तजि दीन्ह। हम बुरे करमन क जोजना बनाए रहे। हम अइसी ओन बातन क जोजना बनाए रहे जउन हमरे परमेस्सर क विरोध मँ रही। हम पचे उ सबइ बातन सोचे रहे अउर दूसरन क सतावइ क जोजना बनाए रहे।
14 हमसे नेकी क पाछे ढकेला गवा। निस्पच्छता दूर ही खड़ी रही। गलियन मँ सच्चाई गिर पड़ी रही माना नगर मँ अच्छाई क प्रवेस नाहीं भवा।
15 सच्चाई चली गइ अउर उ सबइ लोग लूटे गएन जउन भला करइ चाहत रहेन। यहोवा हेरे रहा किन्तु कउनो भी, कहीं भी अच्छाई न मिल पाई।
16 यहोवा हेर लखेस किन्तु ओका कउनो मनई नाहीं मिला जउन लोगन क संग खड़ा होइ अउर ओनका सहारा देइ। एह बरे खुद आपन सवती क अउर खुद आपन नेकी क प्रयोग किहस अउर यहोवा लोगन क बचाइ लिहस।
17 यहोवा नेकी क कवच, उद्धार क सिरस्त्रण (हेलमेट), दण्ड क वस्त्र, अउर आपन मज़बूत पिरेम क चोगा पहिरेस।
18 यहोवा आपन दुस्मन पइ कोहान अहइ तउ यहोवा ओनका अइसा दण्ड देइ जइसा ओनका मिलइ चाही। यहोवा आपन दुस्मनन स कोहान अहइ तउ यहोवा सबहिं दूर-दूर क देसन क लोगन क सजा देइ। यहोवा ओनका वइसा दण्ड देइ जइसा ओनका मिलइ चाही।
19 फुन पच्छिम क लोग यहोवा क नाम क आदर देइहीं अउर पूरब क लोग यहोवा क महिमा स भय विम्हित होइ जइहीं। यहोवा अइसे ही हाली आइ जाइ जइसे तेज नदी बहत भइ आइ जात ह। इ उ तेज हवा क रप्तार सा होइ जेका यहोवा उ नदी क तूफान बहावइ बरे पठवत ह।
20 तब सिय्योन पर्वत पइ एक छुड़ावइवाला आइ। उ याकूब क ओन लोगन क लगे आइ जउन पाप तउ किहे रहेन, किन्तु जउन परमेस्सर कइँती लउटि आए रहेन।” यहोवा इ सबइ बातन क कहेस,
21 यहोवा कहत ह, “मइँ ओन लोगन क संग एक वाचा करब। मइँ बचन देत हउँ मोर आतिमा अउर मोरे सब्द जेनका मइँ तोहरे मुखे मँ रखत हउँ तोहका कबहुँ नाहीं छोड़िहीं। उ पचे तोर संतानन अउर तोहार बच्चन क बच्चन क संग रहिहीं। उ पचे आजु तोहरे साथ रहिहीं अउर सदा-सदा तोहरे साथ रहिहीं।”
Isaiah 60
1 “हे यरूसलेम, हे मोर प्रकास, तू उठि जागा। तोहार प्रकास (परमेस्सर) आवत रहा बाटइ। यहोवा क मिहिमा तोहरे ऊपर चमकी।
2 आजु अँधियारा सारा जहान अउर ओकरे लोगन क ढक रखे अहइ। मुला यहोवा क तेज परगट होइ अउर तोहरे ऊपर चमकी। ओकर तेज तोहरे ऊपर देखाई देइ।
3 उ समय सबहिं देस तोहरे प्रकास क लगे अइहीं। राजा तोहरे भव्य तेज क लगे अइहीं।
4 आपन चारिहुँ कइँती लखा। लखा, तोहरे चारिहुँ कइँती लोग एकट्ठा होत अहइँ अउर तोहरी सरण मँ आवत अहइँ। इ सबइ सबहिं लोग तोहार पूत अहइँ जउन दूर बहोत दूर स आवत अहइँ अउर ओनके संग तोहार बिटियन आवत अहइँ।
5 अइसा भविस्स मँ होइ अउर अइसे समय मँ जब तू आपन लोगन क लखब्या तब तोहार मुँह खुसी स चमक उठिहीं। पहिले तू उत्तेजित होब्या किन्तु फुन आनन्दित होब्या। समुद्र पार देसन क सारी धन दौलत तोहरे समन्वा घरी होई। तोहरे लगे देसन क सम्पत्तियन अइहीं।
6 मिद्यान अउर एपा देसन क ऊँटत क झुण्ड तोहार धरती क ढाँपि लेइहीं। सिबा क देस स ऊँटन क लम्बी कतारन तोहरे हिआँ अइहीं। उ पचे सोना अउर सुगन्ध लइहीं। लोग यहोवा क खुसी क गीत गइहीं।
7 केदार क भेड़िन एकट्ठी कीन्ह जइहीं अउर तोहका दइ दीन्ह जइहीं। नबायोत क मेढ़न तोहरे बरे लिआवा जइही। उ पचे मोर वेदी पइ स्वीकार करइ क लायक बलियन बनिहीं अउर मइँ आपन अद्भुत मन्दिर अउर जियादा सुन्नर बनाउबउँ।
8 एन लोगन क लखा! इ सबइ तोहरे लगे जल्दी मँ आवत अहइँ जइसे मेघ अकास क जल्दी पार करत हीं। इ सबइ अइसे देखात अहइँ जइसे आपन घोंसलन कइँती उड़त भए कपोत होइँ।
9 सुदूर देस मोरी प्रतीच्छा मँ अहउँ। तर्सीस क बड़के बड़के जलयान जाइ क तत्पर अहइँ। इ सबइ जलयान तोहरे संतानन क दूर-दूर देसन स लिआवइ क तत्पर अहइँ। अउर एन जहाजन पइ ओनकर सुवर्ण ओनके संग आई अउर ओनकर चाँदी भी इ सबइ जहाज लिअइहीं। अइसा एह बरे होइ कि तोहार परमेस्सर यहोवा क आदर होइ। अइसा एह बरे होइ कि इस्राएल क पवित्तर अद्भुत काम करत ह।
10 दूसर देसन क संतानन तोहार ढ़ेवारन फुन उठइहीं अउर ओनकर सासक तोहार सेवा करिहीं। जब मइँ तोहसे कोहान रहेउँ, मइँ तोहका दुःख दिहेउँ किन्तु अब मोर इच्छा अहइ कि तोह पइ कृपालु बनउँ। एह बरे मइँ तोहका चैन देबउँ।
11 तोहार दुआर हमेसा ही खुला रहिहीं। उ सबइ दिन अथवा राति मँ कबहुँ बन्द नाहीं होइहीं। देस अउर राजा तोहरे पास धन लिअइहीं।
12 कछू जाति अउर कछू राज्ज तोहार सेवा नाहीं करिहीं किन्तु उ सबइ जातियन अउर राज्ज नस्ट होइ जइहीं।
13 लबानोन क सबहिं महा वस्तुअन तोहका अपिर्त कीन्ह जइहीं। लोग तोहरे लगे देवदार, तालीसपत्र अउर सरन क बृच्छ लिअइहीं। इ ठउर मोरे सिंहासन क समन्वा एक चौकी सा होइ अउर मइँ एका बहोत मान देबउँ।
14 उ सबइ ही लोग जउन पहिले तोहका दुःख दिया करत रहेन, तोहरे समन्वा निहुरिहीं। उ सबइ ही लोग जउन तोहसे घिना करत रहेन, तोहरे चरणन मँ निहुर जइहीं। उ सबइ ही लोग तोहका कहिहीं, ‘यहोवा क नगर,’ सिय्योन नगर इस्राएल क पवित्तर क बाटइ।’”
15 “फुन तोहका अकेल्ला नाहीं छोड़ा जाइ। फुन कबहुँ तोहसे घिना नाहीं होइ। तू फुन स कबहुँ भी उजड़बिउ नाहीं। तू महान रहबिउ, तू हमेसा अउर सर्वदा आनन्दित रहबिउ।
16 तोहार जरूरत क चिजियन तोहका जातियन प्रदान करिहीं। इ एतना ही सहल होइ जइसे दूध मुँह बच्चा क महतारी क दूध मिलत ह। वइसे ही तू सासकन क सम्पत्तियन पिउबीउ। तब तोहका पता चली कि इ मइँ यहोवा हउँ जउन तोहार रच्छा करत ह। तोहका पता चल जाइ कि उ याकूब क महामहिम तोहका बचावत ह।
17 फिलहाल तोहरे पास ताँबा अहइ परन्तु एकरी नगह मइँ तोहका सोना देब। अबहिं तउ तोहरे लगे लोहा अहइ, पर ओकर जगह तोहका चाँदी देब। तोहार लकड़ी क जगह मइँ तोहका ताँबा देबउँ। तोहार पाथरन क जगह तोहका लोहा देबउँ अउर तोहका दण्ड देइ क जगह मइँ तोहका सुख चैन देबउँ। जउन लोग अबहिं तोहका दुःख देत हीं उ सबइ ही लोग तोहरे बरे अइसा काम करिहीं जउन तोहका सुख देइहीं।
18 तोहरे देस मँ हिंसा अउर तोहरी सबइ सीमा मँ तबाही अउर बरबादी कबहुँ नाहीं सुनाई पड़ी। तोहरे देस मँ लोग फुन कबहुँ तोहार वस्तुअन नाहीं चोरइहीं। तू आपन परकोटन क नाउँ ‘उद्धार’ रखब्या अउर तू आपन दुआरन क नाउँ ‘स्तुति’ रखब्या।
19 दिन क समय मँ तोहरे बरे सूरज क प्रकास नाहीं होइ अउर रात क समय मँ चाँद क प्रकास तोहार रोसनी नाहीं होइ। काहेकि यहोवा ही सदैव तोहरे बरे प्रकास होइ। तोहार परमेस्सर तोहार महिमा बनी।
20 तोहार ‘सूरज’ फुन कबहुँ भी नाहीं छुपी। तोहार ‘चाँद’ कबहुँ भी करिआ नाहीं पड़ी। काहेकि यहोवा क प्रकास सदा सर्वदा तोहरे बरे होइ अउर तोहार दुःख क समय खतम होइ जाइ।
21 तोहार सबहिं लोग उत्तिम बनिहीं। ओनका सदा बरे धरती मिलि जाइ। मइँ ओन लोगन क रचा ह। उ सबइ अद्भुत पउधन मोर आपन ही हाथन स लगाए भए अहइँ।
22 छोटा स छोटा भी बिसाल घराना बन जाइ। छोटा स छोटा भी एक सवतीसाली रास्ट्र बन जाइ। जब उचित समय आइ, मइँ यहोवा हाली ही आइ जाब अउर मइँ इ सबइ बातन घटित कइ देबउँ।”
Isaiah 61
1 यहोवा क सेवक कहत ह, “मोर सुआमी यहोवा मोहमाँ आपन आतिमा धरेस ह। उ मोका एक खास करइ बरे अभिसेक किहेस ह। उ मोका विनम्र लोगन क अच्छी खबर देइ बरे, टुटे हिरदइवालन क उत्साह बढ़ावइ बरे, बन्दी क आजाद करइ बरे, अउर कैदी क मुक्त करइ बरे पठएस ह।
2 उ समय क घोसणा करब जब यहोवा आपन करुणा परगट करी; उ समय क घोसणा करब जब हमार परमेस्सर दुस्टन क दण्ड देइ; दुःखी लोगन क पुचकारब;
3 सिय्योन क दुःखी लोगन क आदर देब (अबहिं तउ ओनके लगे बस राखी अहइ); सिय्योन क लोगन क खुसी क स्नेह प्रदान करब; (अबहिं तउ ओनके पास बस दुःख अहइ) सिय्योन क लोगन क परमेस्सर क स्तुति क गीत प्रदान करब (अबहिं तउ ओनके लगे बस ओनके दर्द अहइँ); सिय्योन क लोगन क उत्सव क ओढ़ना देब (अबहिं तउ ओनके लगे बस ओनकर दुःख ही अहइँ।) ओन लोगन क ‘उत्तिमता क बृच्छ’ क नाउँ देब; ओन लोगन क यहोवा क अद्भुत बृच्छ क संज्ञा देब।”
4 “उ समय, ओन पुरान नगरन क जेनका उजाड़ दीन्ह गवा रहा, फुन स बसावा जाइ। ओन नगरन क वइसे ही नवा बनाइ दीन्ह जाइ जइसे उ पचे सुरु मँ रहेन। उ सबइ नगर जेनका बरिसन पहिले हटाइ दीन्ह गवा रहा, नवे जइसे बनाइ दीन्ह जइहीं।
5 “फुन तोहार पचन्क दुस्मन तोहरे पचन्क लगे अइहीं अउर तोहार पचन्क भेड़िन चरावा करिहीं। तोहार पचन्क सत्रुअन क सन्तानन तोहरे पचन्क खेतन अउर तोहरे पचन्क बगियन मँ काम किया करहीं।
6 तू पचे ‘यहोवा क याजक’ कहवउब्या। तू पचे ‘हमरे परमेस्सर क सहायक’ कहवउब्या। धरती क सबहिं देसन स आई भइ सम्पत्ति क तू प्राप्त करब्या अउर तू पचन्क इ बात क गर्व होइ कि उ तोहार सम्पत्ति अहइ।
7 “बीते समय मँ लोग तू पचन्क लज्जित करत रहेन अउर तोहरे पचन्क बारे मँ बुरी बुरी बातन बनावा करत रहेन। तू पचे एतना लजान रह्या जेतना अउर कउनो दूसर मनई नाहीं रहा। एह बरे तू पचे आपन धरती मँ दूसर लोगन स दुगुना हींसा प्राप्त होइ। तू पचे अइसी खुसी पउब्या जेकर कबहुँ अंत नाहीं होइ।
8 अइसा काहे घटित होइ? काहेकि मइँ यहोवा हउँ अउर मोका नेकी स पिरेम अहइ। मोका चोरी स अउर हर उ बात स, जउन अनुचित अहइ, घिना अहइ। एह बरे लोगन क, जउन ओनका मिलइ चाही, उ भुगतान मइँ देबउँ। आपन लोगन क संग सदा सदा बरे मइँ इ वाचा करत हउँ कि
9 सबहिं देसन क हर कउनो मनई मोर लोगन क जान जाइ। मोर जाति क बंसजन क हर कउनो जान पाइ। हर कउनो मनई जउन ओनका लखी, जान जाइ कि यहोवा ओनका आसीर्वाद देत अहइ।”
10 “यहोवा मोका बहोत खुस करत ह। मोर संपूर्ण व्यवितत्व परमेस्सर मँ टिका अहइ अउर खुसी मँ मगन अहइ। यहोवा उद्धार क ओढ़ना स मोका ढाँपि लिहेस। उ पचे अइसे ही भव्य अहइँ जइसे भव्य वस्त्र कउनो मनसेधू आपन सादी क मौके पइ पहिरत ह। यहोवा मोका नेकी क चोगा स ढकि लिहेस ह। इ चोगा वइसा ही सुन्नर अहइ जइसा सुन्नर कउनो नारी क विवाहे क वस्त्र होत ह।
11 धरती पउधन उगावत ह। लोग बगियन मँ बिआ डावत हीं अउर उ बगिया ओन बिअन क उगावत ह। वइसे ही यहोवा नेकी क उगाई। इ तरह मोर सुआमी सबहिं जातियन क बीच स्तुति क बढ़ाई।”
Isaiah 62
1 “मोका सिय्योन स पिरेम अहइ। एह बरे मइँ ओकरे समर्थन मँ बोलत रहब। मोका यरूसलेम स पिरेम अहइ, एह बरे मइँ चुप न होबउँ। मइँ उ समय तलक बोलत रहब जब तलक नेकी क चीन्ह चमकत भइ जोति सी नाहीं चमकी। मइँ उ समय तलक बोलत रहब जब तलक उद्धार आगी क लपट सा भव्य बनिके नाहीं धधकी।
2 फुन सबहिं देस तोहरी नेकी क लखिहीं। तोहरे सम्मान क सब राजा लिखहीं। तबहिं तू एक नवा नाम पउब्या। खुद यहोवा तू लोगन बरे उ नवा नाम पाई।
3 यहोवा क तू लोगन पइ बहोत गर्व होइ। तू पचे यहोवा क हाथन मँ सुन्नर मुवुट क समान होब्या।
4 फुन तू पचे कबहुँ अइसे जन नाहीं कहवउब्या, ‘परमेस्सर क तजे भए लोग।’ तोहार पचन्क धरती कबहुँ अइसी धरती नाहीं कहवाइ जेका परमेस्सर उजाड़ेस। तू लोग परमेस्सर क प्रिय जन कहवउब्या। तोहार पचन्क धरती ‘परमेस्सर क दुलहिन कहवाई।’ काहेकि यहोवा तू पचन्स पिरेम करत ह अउर तोहार पचन्क धरती ओकर होइ जाइ।
5 जइसे एक युवक वुँवारी क बीहत ह। वइसे ही तोहार पचन्क पूत तोहका बियाह लेइहीं। अउर जइसे दूल्हा आपन दुलहिन क संग आनन्दित होत ह वइसे ही तोहार पचन्क परमेस्सर तोहरे पचन्क संग खुस होइ।”
6 “यरूसलेम क चारदीवारी पइ मइँ रखवारे (नवी) बइढाइ दिहेउँ ह कि ओकर धियान रखइँ। इ सबइ रखवारे मूक नाहीं रहिहीं। इ सबइ रखवारे यहोवा क तोहरी पचन्क जरूरतन क याद दियावत हीं। हे रखवारो, तू पचन्क चुप नाहीं होइ चाही।
7 तू पचन्क यहोवा स पराथना करब बन्द नाहीं करइ चाही। तू पचन्क सदा ओकर पराथना करत ही रहइ चाही। जब तलक उ फुन स यरूसलेम क निर्माण न कइ दे, तब तलक तू पचे ओकर पराथना करत रहा। यरूसलेम एक अइसा नगर अहइ जेकर धरती क सबहिं लोग जस गइहीं।
8 यहोवा खुद आपन सवती क प्रमाण बनावत भए वाचा कइँती यहोवा आपन सवती क प्रयोग स ही उ वाचा क पाली। यहोवा कहे रहा, “मइँ तू पचन्क बचन देत हउँ कि मइँ तोहरे पचन्क खइया क कबहुँ तोहरे पचन्क दुस्मनन क न देबउँ। मइँ तू पचन्क बचन देत हउँ कि तोहार पचन्क बनाई दाखरस तोहार पचन्क दुस्मनन कबहुँ नाहीं लइ पाई।
9 जउन मनई खाना जुटावत ह, उहइ ओका खाई अउर उ मनई यहोवा क गुण गाई। उ मनई जउन अंगूर बीनत ह, उहइ ओन अंगूरन क बनी दाखरस पिई। मोर पवित्तर धरती पइ अइसी बातन हुआ करिहीं।”
10 दुआरे स होत भए आवा। लोगन बरे राहन साफ करा। मारग क तइयार करा। राहे पइ क पाथर हटाइ द्या। लोगन बरे संकेत क रूप मँ झण्डा उठाइ द्या।
11 यहोवा सबहिं दूर देसन बरे बोलत अहइ। “सिय्योन क लोगन स कहि द्या, लखा, तोहार पचन्क उद्धारकर्ता आवत अहइ। उ तोहार पचन्क प्रतिफल लिआवत अहइ। उ अपने संग तोहरे बरे प्रतिफल लिआवत अहइ।”
12 ओकर लोग बोलावइ जाइ: “पवित्तर जन,” “यहोवा क सुरच्छित लोग।” यरूसलेम बोलावइ जाइ: “उ नगर जेसे यहोवा पिरेम करत ह,” “उ नगर जेका अउर तजि नाहीं जाइ।”
Isaiah 63
1 इ कउन अहइ जउन एदोम स आवत अहइ? इ बोस्रा क नगरी स लाल धब्बन स युवत ओढ़ना पहिरे आवत अहइ। उ आपन ओढ़नन मँ अति भव्य देखात अहइ। उ लम्बे डग बढ़ावत भवा आपन महासवती क साथ आवत अहइ अउर मइँ सच्चाई स बोलत हउँ।
2 “तू अइसे वस्त्र जउन लाल धब्बन स युवत अहइँ, काहे पहिरत अहा? तोहार वस्त्र अइसे लाल काहे अहइँ जइसे उ मनई क जउन अंगार स दाखरस बनावत ह”
3 उ जवाब देत ह, “दाखरस क वुण्डे मँ मइँ अकेले ही दाख रौंदेउँ। कउनो भी मोका मदद नाहीं दिहस। मइँ कोहान रहेउँ अउर मइँ लोगन क रौंढेउँ जइसे अंगूर दाखरस बनावइ बरे रौंदा जात हीं। रस छिटके मोरे ओढ़ना मँ लाग।
4 मइँ रास्ट्रन क दण्ड देइ बरे एक समय चुनेउँ। मोर उ समय आइ गवा कि मइँ आपन लोगन क बचाउँ अउर ओनकर रच्छा करउँ।
5 मइँ चकित भएउँ कि कउनो भी मनई मोर समर्थन नाहीं किहस। एह बरे मइँ आपन सवती क प्रयोग आपन लोगन क बचावइ बरे किहेउँ। खुद मोर आपन किरोध ही मोर समर्थन किहस।
6 जब मइँ कोहान रहा, मइँ लोगन क रौंद दिहे रहेउँ। जब मइँ किरोध मँ पागल रहा, मइँ ओनका दण्ड दिहेउँ। मइँ ओनकर लहू धरती पइ उड़ेर दिहेउँ।”
7 इ मइँ याद राखब कि यहोवा दयालु अहइ अउर मइँ यहोवा क स्तुति करब याद राखब। यहोवा इस्राएल क घराने क बहोत स वस्तुअन प्रदान किहस। यहोवा हमरे बरे बहोत ही कृपालु रहा। यहोवा हमरे बरे दाया देखॉॅएस।
8 यहोवा कहे रहा, “इ सबइ मोर लोग अहइँ। इ सबइ बच्चन कबहुँ झूठ नाहीं कहत हीं।” एह बरे यहोवा ओन लोगन क बचाइ लिहस।
9 ओनका सब संकटन स कउनो भी सरगदूत नाहीं बचाए रहा। उ खुद ही आपन पिरेम अउर आपन दाया स ओनका छुटकारा दिआए रहा।
10 किन्तु उ सबइ लोग यहोवा स मुँह मोड़ चलेन। उ पचे ओकर पवित्तर आतिमा क बहोत दुःखी किहस। तउ यहोवा ओनकर दुस्मन बन गवा। यहोवा ओन लोगन क विरोध मँ जुद्ध किहस।
11 किन्तु यहोवा अब भी पहिले क समय याद करत ह। यहोवा मूसा क अउर ओकर लोगन क याद करत ह। यहोवा उहइ रहा जउन लोगन क सागर क बीच स निकारि के लिआवा। यहोवा आपन भेड़िन क अगुवाई क बरे आपन चरवाहन क प्रयोग किहस। किन्तु अब उ यहोवा कहाँ अहइ जउन आपन आतिमा क मूसा मँ रख दिहे रह्या।
12 यहोवा आपन दाहिन हाथे स मूसा क अगुवाई किहस। यहोवा आपन अद्भुत सवती स मूसा क राह देखॅएस। यहोवा जल क चीर दिहे रहा। जेहसे लोग सागर क पैदल पार कइ सके रहेन। इ अद्भुत कार्य क कइके यहोवा आपन नाउँ प्रसिद्ध किहे रहा।
13 यहोवा लोगन गहिर सागर क बीच स पार किहेस। उ पचे अइसे चला रहेन जइसे रेगिस्तान क बीच स घोड़ा बिना लड़खड़ाए चला जात ह।
14 जइसे मवेसी घाटियन स उतरत अउर आराम क ठउर पावत हीं वइसे ही यहोवा क प्राण हमका विस्राम क जगहिया दिहेस ह। हे यहोवा, इ ढंग स तू आपन लोगन क राह देखाया अउर तू आपन नाउँ अद्भुत कइ दिहा।
15 हे यहोवा, तू अकासे स खाले लखा ओन बातन क लखा जउन घटत अहइँ। तू हमका आपन महान पवित्तर घरे स जउन अकासे मँ अहइ, खाले लखा। तोहार सुदृढ़ पिरेम हमरे बरे कहाँ अहइँ? तोहार सक्तीसाली कार्य कहाँ अहइ? तोहार हिरदय क पिरेम कहाँ अहइ? मोरे बरे तोहार कृपा कहाँ अहइ? तू आपन करूण पिरेम मोहसे कहाँ छुपाइ रखा अहइ?
16 लखा, तू हमार पिता अहा! होइ सकत ह इब्राहीम हम पच क नाहीं पहिचान सकी। होइ सकत ह इस्राएल हमका नाहीं जान सकी कि हम पचे कउन अहउँ। किन्तु यहोवा तू हमार पिता अहा। तू उहइ यहोवा अहइ जउन हमका सदा छोड़ाएस ह!
17 हे यहोवा, तू हमका आपन स दूर काहे ढकेलत अहा? तू हमरे बरे आपन अनुसरण करइ क काहे कठिन बनावत अहा? यहोवा तू हमरे लगे लउटि आवा। हम तउ तोहार दास अही। हमरे पास आवा अउर हमका सहारा द्या। हमार परिवार तोहार अहइँ।
18 थोड़े समय बरे हमार दुस्मनन तोहार पवित्तर लोगन पइ कब्जा कइ लिहे रहेन। हमार दुस्मनन तोहरे मन्दिर क वुचरि दिहे रहेन।
19 कछू लोग तोहार अनुसरण नाहीं करत हीं। उ पचे तोहरे नाउँ क धारण नाहीं करत हीं। जइसे उ सबइ लोग हम भी वइसे हुआ करत रहे।
Isaiah 64
1 जदि तू अकास चीरिके धरती पइ खाले उतरि आवा तउ सब कछू ही बदल जाइ। तोहरे समन्वा पर्वत टेघर जाइ।
2 पहाड़न मँ लपट उठिहीं। उ सबइ अइसे बरिहीं जइसे झाड़ियन बरत हीं। पहाड़ अइसे उबलिहीं जइसे उबलत पानी आगी पइ रखा गवा होइ। तब तोहार दुस्मन तोहरे बारे मँ समुझिहीं। जब सबहिं जातियन तोहका लखिहीं तब उ पचे भय स थर-थर काँपिहीं।
3 किन्तु हम फुरइ नाहीं चाहित ह कि तू अइसे कामन क करा कि तोहरे समन्वा पहाड़ पिघल जाइ।
4 फुरइ तोहार ही लोग तोहार कबहुँ नाहीं सुनेन। जउन कछू तू बातन कह्या फुरइ तोहार ही लोग ओनका कबहुँ नाहीं सुनेन। तोहार जइसा परमेस्सर कउनो भी नाहीं लखेस। कउनो भी दूसर परमेस्सर नाहीं, बस सिरिफ तू ही अहा। जदि लोग धीरा धइके तोहरे सहारे क बाट जोहत रहइँ, तू ओनके बरे बड़े काम कइ देब्या।
5 जेनका अच्छे काम करइ मँ मजा आवत ह, तू ओन लोगन क संग अहा। उ सबइ लोग तोहरे जिन्नगी क रीति क याद करत हीं। पर लखा, बीते दिनन मँ हम तोहरे विरूद्ध पाप किहा ह। एह बरे तू हमके कोहाइ ग रह्या। अब भला कइसे हमार रच्छा होइ?
6 हम सबहिं पाप स मैला अही। हमार सब ‘नेकी’ पुरान गन्दे कपड़न स अहइ। हम झुरान मुरझाए पत्तन स अही। हमार पाप हमका आँधी स उड़ाये अहइ।
7 हम तोहार उपासना नाहीं करित ह। हम का तोहरे नाउँ मँ बिस्सास नाहीं अहइ। हम मँ स कउनो तोहार अनुसरण करइ क उत्साही नाहीं अहइ। एह बरे तू हमस मुँह मोड़ लिहा ह। काहेकि हम पाप स भरा अही एह बरे हम तोहरे समन्वा असमर्थ अही।
8 किन्तु, यहोवा तू हमार पिता अहा। हम माटी क लौंदा अही अउर तू कोमहार अहा। तोहरे ही हाथन हम सबक रचा ह।
9 हे यहोवा, तू हमेसा वुपित जिन बना रहा। तू हमरे पापन क सदा ही याद जिन रखा। कृपा कइके तू हमरी कइँती लखा। हम तोहार ही लोग अही।
10 तोहार पवित्तर नगरियन उजड़ी भई अहइँ। आजु उ सबइ नगरियन अइसी हो गइ अहइँ जइसे रेगिस्तान होइँ। सिय्योन रेगिस्तान होइ गवा अहइ। यरूसलेम ढल गवा अहइ।
11 हमार पवित्तर मन्दिर भसम होइ ग अहइ। उ मन्दिर हमरे बरे बहोत ही महान रहा। हमार पूर्वज हुवाँ तोहार उपासना करत रहेन। अउर हम लोगन क सबइ बहुमुल्य वस्तुअन नास होइ ग अहइ।
12 का इ सबइ वस्तुअन सदैव तोहका आपन पिरेम हम पइ परगट करइ स दूर रखिहीं। का तू कबहुँ वुछ नाहीं कहब्या? का तू अइसे ही चुप रह जाब्या? का तू सदा हमका दण्ड देत रह्ब्या?
Isaiah 65
1 यहोवा कहत ह, “मइँ ओन लोगन क भी सहारा दिहेउँ ह जउन उपदेस ग्रहण करइ बरे कबहुँ मोरे लगे नाहीं आएन। जउन लोग मोका प्राप्त कइ लिहन, उ पचे मोरी खोज मँ नाहीं रहेन। मइँ एक अइसी जाति स बात किहेउँ जउन मोर नाउँ धारण नाहीं करत रही। मइँ कहे रहेउँ, ‘मइँ हिआँ हउँ। मइँ हिआँ हउँ।’
2 “जउन लोग मोहसे मुँह मोड़ गए रहेन, ओन लोगन क अपनावइ बरे मइँ तत्पर रहेउँ। मइँ इ बात क प्रतीच्छा करत रहेउँ कि उ सबइ लोग मोरे लगे लउटि आवइँ। किन्तु उ पचे जिन्नगी क एक अइसी राह पइ चलत रहेन जउन अच्छी नाहीं अहइ। उ पचे आपन मन क मुताबिक काम करत रहेन।
3 उ सबइ लोग मोरे समन्वा रहत हीं अउर सदा मोका गुस्सैल करत रहत हीं। आपन बिसेस बागन मँ उ पचे लोग मिथ्या देवतन क बलियन क अर्पन करत हीं अउर अगरबत्ती बारत हीं।
4 उ सबइ लोग कब्रन क बीच बइठत हीं अउर मरे भए लोगन स संदेस पावइ क प्रतीच्छा करत रहत हीं। हिआँ तलक कि उ पचे मुर्दन क बीच रहा करत हीं। उ पचे सुअर क माँस खात हीं। ओनकर पियालन मँ अपवित्तर वस्तुअन क सोरबा अहइ।
5 “किन्तु उ सबइ लोग दूसर लोगन स कहा करत हीं, ‘मोरे लगे जिन आवा, मोका उ समय तलक जिन छुआ, जब तलक मइँ तू पचन्क पवित्तर न कइ देउँ।’ मोर आँखिन मँ उ सबइ लोग धुएँ क जइसे अहइँ अउर ओनकर आगी हर समय बरा करत ह।”
6 “लखा, इ एक हुण्डी अहइ जेका पुन: भुगतान जरूर करइ क होइ। इ हुण्डी बतावत ह कि तू आपन पापन बरे अपराधी अहा। मइँ उ समय तलक चुप नाहीं होबउँ जब तलक इ हुण्डी क भुगतान न कइ देउँ। अउर मइँ इ हुण्डी क भुगतान नेम क अनुसार करब।
7 “तोहार पचन्क पाप अउर तोहार पचन्क पुरखन एक ही जइसे अहइँ।” यहोवा इ कहेस ह, “तोहार पचन्क पुरखन जब पहाड़न मँ धूप अगरबत्तियन बारे रहेन, तबहि एन पापन क किहे रहेन। ओन पहाड़न पइ उ पचे मोका लज्जित किहे रहेन अउर सबसे पहिले मइँ ओनका दण्ड दिहेउँ। जउन दण्ड ओनका मिलइ चाही रहा, मइँ ओनका उहइ दण्ड दिहेउँ।”
8 यहोवा कहत ह, “अंगूरन मँ जब नई दाखरस हुवा करत ह, तब लोग ओका निचोड़ लिया करत हीं, किन्तु उ पचे अंगूरन क पूरी तरह नस्ट तउ नाहीं कइ डउतेन। उ पचे एह बरे अइसा करत हीं कि अंगूरन क उपयोग तउ फिन भी किया जाइ सकत ह। आपन सेवकन क साथ मइँ अइसा ही करब। मइँ ओनका पूरी तरह नस्ट नाहीं करब:
9 इस्राएल क कछू लोग क मइँ बचाए रखब। यहूदा क कछू लोग मोरे पर्वतन क प्राप्त करिहीं। मोरे सेवकन क हुवाँ निवास होइ। मोर चुने भए लोगन क धरती मिली।
10 फुन तउ सारोन क घाटी हमार भेड़ी-बोकरियन क चरागाह होइ तथा आकोर क तराई हमरे मवेसियन क आराम करइ क जगह बन जाइ। इ सबइ सब बातन मोरे लोगन क बरे होइहीं। ओन लोगन बरे जउ मोर खोज मँ अहइँ।
11 “किन्तु तू लोग, जउन यहोवा क तजि दिहेन ह, दण्डित कीन्ह जाब्या। तू अइसे लोग जउन मोरे पवित्तर पर्वत क बिसराइ दिहन ह। तू अइसे लोग अहा जउन भाग्य क मिथ्या देवता क पूजा करत अहा। तू पचे भाग्यरूपी लबार देवता क सहारे रहत अहा।
12 किन्तु तोहरे पचन्क भाग्य क निर्धारन तउ मइँ करत हउँ। मइँ तरवार स तोहका दण्ड देबउँ। जउन तू पचन्क दण्ड देइ। तू पचे सबहिं ओकरे अगवा मिमिआइ लगब्या। मइँ तू पचन्क गोहराएउँ किन्तु तू पचे कउनो जवाब नाहीं दिहा। मइँ तू पचन्स बातन किहेउँ किन्तु तू पचे सुन्या तलक नाहीं। तू पचे ओन कामन क ही करत रह्या जेनका मइँ बुरा कहे रहेउँ। तू पचे ओन कामन क करइ क ही ठान लिहा जउन मोका नीक नाहीं लागत रहेन।”
13 तउ मोर सुआमी यहोवा इ सबइ बातन कहेस। “मोर दास भोजन पइहीं, किन्तु तू पचे भूखा मरब्या। मोर दास पीहीं किन्तु अरे दुस्टो, तू पचे पियासा मरब्या। मोर दास खुस होइहीं किन्तु अरे ओ दुस्टो, तू पचे लज्जित होब्या।
14 मोरे दासन क मन खरे अहइँ एह बरे उ सबइ खुस होइहीं। किन्तु अरे ओ दुस्टो, तू पचे रोया करब्या काहेकि तोहरे पचन्क मने मँ पीरा बसी। तू पचे आपन टूटे भए मन स बहोत दुःखी रहब्या।
15 तोहार पचन्क नाउँ मोरे लोगन क बरे गालियन क जइसे होइ जइहीं।” मोर सुआमी यहोवा तू पचन्क मारि डाइ अउर उ आपन दासन क एक नवे नाउँ स बोलाया करी।
16 जब लोग दूसर क आसीस देइ, उ पचे धरती क नाउँ लइ के आसीस देइ। किन्तु अगवा आवइवाले दिनन मँ उ पचे दूसर क बिस्सासी परमेस्सर क नाउँ लेइ के आसीस देइ। अबहिं लोग धरती क सवती क भरोसे रहा करत हीं जब उ पचे कउनो बचन देत हीं। किन्तु भविस्स मँ, उ सबइ बिस्सासी परमेस्सर क भरोसे रहा करिहीं। काहेकि पिछले दिनन क सबहिं विपत्तियन भुलाइ दीन्ह जइहीं। लोग फुन ओन पिछली विपत्तियन क याद नाहीं करिहीं।
17 “लखा, मइँ एक नवे सरग अउर नई धरती क रचना करब। लोग मोरे लोगन क पिछली बात याद नाहीं रखिहीं। ओनमाँ स कउनो बात याद मँ नाहीं रही।
18 मोर लोग दुःखी नाहीं रहिहीं। नाहीं, उ पचे आनन्द मँ रहिहीं अउर उ पचे सदा खुस रहिहीं। मइँ जउन बातन रचब जउन आनन्द स परिपूर्ण होइ अउर मइँ ओनका एक प्रसन्न जाति बनाउब।
19 फुन मइँ यरूसलेम स खुस रहब। मइँ आपन लोगन स खुस रहब। तब उ नगरी मँ फुन कबहुँ विलाप अउर कउनो दुःख नाहीं होइ।
20 उ नगरी मँ कउनो बच्चा अइसा नाहीं होइ जउन पइदा होइके पाछे कछू दिन जिई। उ नगरी क कउनो भी मनई आपन छोटी उमर मँ नाहीं मरी। हर पैदा भवा बच्चा लम्बी उमर जिई अउर उ नगरी क प्रत्येक बुढ़वा मनई एक लम्बे समय तलक जिअत रही। हुवाँ सौ साल क मनई भी जवान कहा जाइ। किन्तु कउनो भी अइसा मनई जउन सौ साल स पहिले मरी अभिसप्त कहा जाइ।
21 लखा, उ नगरी मँ अगर कउनो मनई आपन घर बनाई तउ उ मनई आपन घरे मँ बसी। अगर कउनो मनई हुवाँ अंगूरे क बाग लगाई तउ उ आपन बाग क अंगूर खाई।
22 हुवाँ अइसा नाहीं होइ कि कउनो आपन घर बनावइ अउर कउनो दूसर निवास करइ। अइसा भी नाहीं होइ कि बाग कउनो दूसर लगावइ अउर उ बाग क फल कउनो दूसर खाइ। मोर लोग एतना जीइहीं जेतना इ सबइ बृच्छ जिअत हीं। अइसा मनई जेनका मइँ चुनेउँ ह, ओन सबहिं वस्तुअन क आनंद लेइहीं जेनका उ पचे बनाए अहइँ।
23 फुन लोग बियर्थ क परिस्रम नाहीं करिहीं। लोग अइसे ओन बच्चन क जन्म नाहीं देइहीं जेनके बरे उ पचे मने मँ डेरइहीं कि उ पचे कउनो अचानक बिपत्ति क सिकार न होइँ। मोर सबहिं लोग यहोवा क आसीस पइहीं। मोर लोग अउर ओनकर संतानन आसीर्बाद पइहीं।
24 मोका ओन सबहिं वस्तुअन क पता होइ जाइ जेनकर जरूरत ओनका होइ, एहसे पहिले कि उ पचे ओनका मोसे माँगइँ। एहसे पहिले कि उ पचे मोहसे मदद क पराथना पूरी कइ पइहीं, मइँ ओनका मदद देब।
25 बिगवन अउर मेमनन एक संग चरत फिरिहीं। सिंह भी मवेसियन क जइसे ही भूसा खाइहीं अउर भुजंगन क भोजन बस माटी ही होइ। मोरे पवित्तर पर्वत पइ कउनो केउ क भी नोस्कान नाहीं पहोंचाइ अउर न ही ओनका नस्ट करी।” इ यहोवा कहेस ह।
Isaiah 66
1 यहोवा इ कहत ह, “अकास मोर सिंहासन अहइ। धरती मोरे पाँव क चौकी बनी अहइ। तउ का तू इ सोचत अहा कि तू मोरे बरे भवन बनाइ सकत अहा? नाहीं, तू नाहीं बनाइ सकत्या। का तू मोका बिस्राम क जगह दइ सकत ह नाहीं, तू नाहीं दइ सकत्या।
2 मइँ खुद ही सारी वस्तुअन रचेउँ ह। इ सबइ सारी वस्तुअन हिआँ टिकी अहइँ काहेकि ओनका मइँ बनाएउँ ह।” यहोवा इ सबइ बातन कहे रहा। “मोका बतावा कि मइँ कइसे लोगन क चिन्ता किया करत हउँ? मोका दीन हीन लोगन क चिन्ता अहइ। इ सबइ ही उ सबइ लोग अहउँ जउन बहोत दुःखी रहत हीं। अइसे ही लोगन क चिन्ता मइँ किया करत हउँ। जउन मोरे बचनन क पालन किया करत हीं।
3 मोका बलि क रूप मँ अपिर्त करइ क कछू लोग बर्धा क बध किया करत हीं किन्तु उ सबइ लोगन स मारपीट भी करत हीं। मोका अपिर्त करइ क इ सबइ भेड़िन क मारत हीं किन्तु इ सबइ वुवुरन क गर्दन भी तोड़न हीं अउर सुअरन क लहू इ सबइ मोह पइ चढ़ावत हीं। अइसे लोगन क धूप स बारइ क याद बनी रहा करत ह किन्तु उ सबइ बियर्थ क आपन सबइ प्रतिमा स पिरेम करत हीं। अइसे इ सबइ लोग आपन मनचीती राहन पइ चला करत हीं, मोरी राहन पइ नाहीं। उ पचे पूरी तरह स आपन घिनौने मूरति क पिरेम मँ बूड़ा अहइँ।
4 एह बरे मइँ इ निहचय किहेउँ ह कि मइँ ओनकर जूती ओनहीं क सिर करब। मोर इ मतलब अहइ कि मइँ ओनका दण्ड देब ओन वस्तुअन क काम मँ लिआवत भए जेनसे उ पचे बहोत डेरात हीं। मइँ ओन लोगन क गोहराए रहेउँ किन्तु उ पचे नाहीं सुनेन। मइँ ओनसे बोले रहेउँ किन्तु उ पचे सुनेन ही नाहीं। एह बरे अब मइँ भी ओनके संग अइसा ही करब। उ सबइ लोग ओन सबहिं बुरे कामन क करत रहत हीं जेनका मइँ बुरा बताए रहेउँ। उ पचे अइसा काम करइ क चुनेन जउन मोका नाहीं भावत रहेन।”
5 हे लोगो, यहोवा क भय विम्हय मानइवालो अउर यहोवा क हुवुमन क अनुसरण करइवालो, ओन बातन क सुना। यहोवा कहत ह, “तोहसे तोहार पचन्क भाइयन घिना किहेन काहेकि तू पचे मोरे पाछे चला करत रह्या, उ पचे तोहरे पचन्क विरूद्ध होइ गएन। तोहार पचन्क बंधु कहा करत रहेन, ‘जब यहोवा सम्मानित होइ हम पचे तोहरे सबन्क पाछे होइ लेव। फुन तोहरे सबन्क साथ मँ हम भी खुस होइ जाब।’ अइसे ओन लोगन क सजा दीन्ह जाइ।
6 “सुनन तउ, नगर अउर मन्दिर स एक ऊँच आवाज सुनाइ देत अहइ। यहोवा क जरिये आपन विरोधियन क, जउन दण्ड दीन्ह जात अहइ। उ आवाज उहइ क अहइ। यहोवा ओनका उहइ दण्ड देत अहइ जउन ओनका मिलइ चाही।
7 “अइसा तउ नाहीं भवा करत रहा कि प्रसव पीरा स पहिले ही कउनो मेहरारू बच्चा पइदा करत होइ। अइसा तउ कबहुँ नाहीं भवा कि कउनो मेहरारू कउनो पीरा क अनुभव करइ स पहिले ही आपन पूत क पइदा भवा लखे होइ। अइसा कबहुँ नाहीं भवा। इहइ प्रकार कउनो भी मनई एक दिन मँ कउनो नवा संसार आरम्भ होत भए नाहीं लखेस। कउनो भी मनई कउनो अइसी नई जाति क नाउँ कबहुँ नाहीं सुने होइ जउन एक ही दिन मँ सुरू होइ गई होइ। धरती क बच्चा जनई क दर्द जइसी पीरा निहचय ही पहिले सहइ क होइ। इ प्रसव पीरा क पाछे ही उ धरती आपन संतानन-एक नई जाति क जनम देइ।
8
9 जब मइँ कउनो मेहरारू क बच्चा जनइ क पीरा देत हउँ तउ उ बच्चा क जनम दइ देत ह।”तोहार पचन्क यहोवा कहत ह, “मइँ तू पचन्क बच्चा जनइ क पीरा मँ डाइके तोहार पचन्क गर्भद्वार बंद नाहीं कइ देत। मइँ तू पचन्क इहइ तरह एन विपत्तियन मँ बिना एक नई जाति प्रदान किए, नाहीं डाउब।”
10 हे यरूसलेम, खुस रहा। हे लोगो, यरूसलेम क प्रेमियो, तू पचे निहचय ही खुस रहा। यरूसलेम क संग संग दुःख क बातन घटी रहिन एह बरे तू पचन्मँ स कछू लोग भी दुःखी अहइँ। किन्तु अब तू पचन्क चाही कि तू पचे बहोत बहोत खुस होइ जा।
11 काहेकि अब तू पचन्क दाया अइसी मिली जइसे छाती स दूूध मिला जाया करत ह। तू पचे यरूसलेम क वैभव क सच्चा आनंद पउब्या।
12 यहोवा कहत ह, “लखा, मइँ तू पचन्क सान्ति देब। इ सान्ति तू पचन तलक अइसे पहोंची जइसे कउनो महानदी बहत भी पहुँच जात ह। सब धरती क रास्ट्रन क धन-दौलत बहत भइ तू पचन्तलक पहोंच जाइ। इ धन-दौलत अइसे बहत भए आई जइसे कउनो बाढ़ क धारा। तू पचे नान्ह बच्चन स होब्या, तू पचे दूध पीब्या, तू पचन्क उठाइ लीन्ह जाइ अउर गोदी मँ थाम लीन्ह जाइ, तू पचन्क घुटनन पइ उछारा जाइ।
13 मइँ तू पचन्क दुलारब जइसे महतारी आपन बच्चा क दुलारत ह। अउर तू पचे यरूसलेम क भीतर चैन पउब्या!
14 तू पचे उ वस्तुअन क लखब्या जेनमाँ तू पचन्क रस आवत ह तू पचे अजाद होइके घास क तरह बढ़ब्या। यहोवा क सवती क ओकर लोग लखिही, किन्तु यहोवा क दुस्मन ओकर किरोध देखिहीं।”
15 लखा, आगी क साथ यहोवा आवत अहइ। धूरि क बादलन क साथ यहोवा क फउजन आवति अहइँ। यहोवा आपन किरोध स ओन मनइयन क सजा देइ। यहोवा जब कोहाइ जाइ तउ ओन मनइयन क दण्ड देइ बरे आगी क लपटन क प्रयोग करी।
16 यहोवा लोगन क निआत करी अउर फिन आगी अउर आपन तरवार स उ अपराधी लोगन क नस्ट कइ डाइ। यहोवा ओन बहोत स लोगन क नस्ट कइ देइ। उ आपन तरवार स ल्हास न क अम्बार लगा देइ।
17 यहोवा क कहब अहइ, उ सबइ लोग जउन आपन बगीचन क पूजइ बरे स्नान कइके पवित्तर होत हीं अउर एक दूसर क पाछे परिवमा करत हीं,“उ पचे जउन सुअर क गोस खात ही अउर मूस जइसे घिनौने जीव जन्तुअन क खात हीं, एन सबहिं लोगन क नास होइ।” यहोवा इ सबइ बातन कहे रहा।
18 “बुरे बिचारन मँ पड़े भए उ सबइ लोग बुरे काम किया करत हीं। एह बरे ओनका सजा देइ क मइँ आवत हउँ। मइँ सबहिं जातियन अउर सबहिं लोगन क बटोरब। परस्पर एकट्ठा भए सबहिं लोग मोर सवती लखिहीं।
19 कछू लोगन पइ मइँ एक चीन्हा लगाइ देब, मइँ ओनकर रच्छा करब। एन रच्छा कीन्ह लोगन मँ स कछू लोगन क मइँ तर्सीस लिब्या अउर लूदी क लोगन क पास पठउब। (एन देसन क लोग धनुर्धारी हुआ करत हीं।) तुबाल, यूनान अउर सबहिं दूर देसन मँ मइँ ओनका पठउब। दूर देसन क ओन लोग मोर उपदेस कबहुँ नाहीं सुनेन। ओन लोग मोरी महिमा क दर्सन भी नाहीं किहेन ह। तउ उ सबइ बचाए गए लोग ओन जातियन क मोरी महिमा क बारे मँ बतइहीं।
20 उ पचे तोहार पचन्क सबहिं भाइयन अउर बहनन क सबहिं देसन स हिआँ लइ अइहीं। तोहार पचन्क भाइयन अउर बहनन क उ पचे मोर पवित्तर पर्वत पइ यरूसलेम मँ लइ अइहीं। तोहार पचन्क भाई बहिन हिआँ घोड़न, खच्चरन, ऊँटन, रथन अउर पालकियन मँ बइठिके अइहीं। तोहार पचन्क उ सबइ भाई बहिन उहइ प्रकार स उपहार क रूप मँ लिआवा जइहीं जइसे इस्राएल क लोग सुद्ध थालन मँ रखिके यहोवा क मन्दिर मँ उपहार लिआवत हीं।
21 एन लोगन मँ स कछू लोगन क याजकन अउर लेवियन क रूप मँ चुन लेब। इ सबइ बातन यहोवा बताए रहा।
22 “मइँ एक नये संसार क रचना करब। इ सबइ नवे अकास अउर नई धरती सदा-सदा टिकी रहिहीं अउर उहइ प्रकार तोहार पचन्क नाउँ अउर तोहार पचन्क बंसजन भी सदा मोरे संग रहिहीं।
23 हर सबित क दिन अउर महीने क पहिले दिन उ सबइ सबहिं लोग मोर उपासना बरे आवा करिहीं।” इ सबइ बातन यहोवा बताए रहा।
24 “इ सबइ लोग मोर पवित्तर नगरी मँ होइहीं अउर कबहुँ उ पचे नगर स बाहेर जइहीं, तउ ओनका ओन लोगन क ल्हासन देखाई देइहीं जउन मोरे विरुद्ध पाप किहेन ह। ओन ल्हासन मँ किरवन पड़ा हुवा होइहीं अउर उ सबइ किरवन कबहुँ नाहीं मरिहीं। ओन देहन क आगी बारि डाई अउर उ आगी कबहुँ खतम नाहीं होइ।’”
Jeremiah 1
1 यिर्मयाह क इ सबइ सँदेस अहइ। यिर्मयाह हिल्कय्याह नाउँ क मनई क पूत रहा। यिर्मयाह ओन याजकन क परिवार स रहा जउन अनातोत नगर मँ रहत रहेन। उ नगर उ पहँटा मँ अहइ जउन बिन्यामीन परिवारे क रहा।
2 यिर्मयाह यहोवा क वचन ओन दिनन प्राप्त कइ सुरू किहस जब आमोन नाउँ क राजा क पूत योसिय्याह यहूदा रास्ट्र क राजा रहा। यिर्मयाह योसिय्याह क राज्जकाल क तेरहवें बरिस मँ यहोवा क वचन प्राप्त करइ सुरू किहेस।
3 योसिय्याह क पूत अउर यहोयाकीम क राज्जकाल मँ यिर्मयाह यहोवा क वचन प्राप्त करत रहा। यहोवा क वचन, यहूदा क अगला राजा योसिय्याह क पूत क सिदकिय्याह क राज्जकाल क ग्यारह बरिस तलक, अउर सिदकिय्याह क राज्जकाल क ग्यारहवें बरिस क पाँचवें महीना मँ यरूसलेम मँ रहत रहे लोगन क देस-निकारा जाइ तलत प्राप्त होत रहा।
4 मइँ यिर्मयाह इ सँदेस यहोवा स प्राप्त कइ रहा:
5 “तोहरी महतारी क गरभ मँ रखइ क पहिले मइँ तोहका जान लिहेउँ। तोहरे जनम लेइ क पहिले, मइँ तोहका बिसेस कारज बरे चुने रहेउँ। मइँ तोहका रास्ट्रन क नबी होइ क चुने रहेउँ।”
6 तब मइँ अर्थात यिर्मयाह कहेउँ, “मुला सर्वसवतीमान यहोवा, मइँ तउ बोलब भी नाहीं जानत। मइँ तउ अबहिं बालक ही रहेउँ।”
7 मुला यहोवा मोहसे कहेस, “जिन कहा, ‘मइँ बालक ही हउँ।’ तोहका हर ओन ठउरन पइ जाब अहइ जहाँ मइँ पठवउँ। तोहका उ सब कहब अहइ जेका मइँ कहइ क कहउँ।
8 कउनो स जिन डेराअ। मइँ तोहरे संग अहउँ, अउर मइँ तोहार रच्छा करब।” इ सँदेसा यहोवा क अहइ।
9 तब यहोवा आपन हाथ बढ़ाएस अउर मोरे मुँह क छुइ लिहस। यहोवा मोहसे कहेस, “यिर्मयाह, मइँ आपन सब्द तोहरे मुँहे मँ देत अहइँ।
10 आजु मइँ तोहका राज्जन अउ रास्ट्रन क अधिकारी, एनका उखाड़ा अउ उजाड़ फंेकइ बरे, एका नस्ट अउ उठाइ फेंकइ बरे, एका निर्माण करइ अउ रोपन बरे नियुक्त किहउँ।”
11 यहोवा क सँदेसा मोका मिला। इ सँदेसा यहोवा क रहा: “यिर्मयाह, तू का लखत अहा?” मइँ जवाब दिहेउँ, “मइँ बादाम क काठे क एक छड़ी लखत हउँ।”
12 यहोवा मोहसे कहेस, “तू बहोत ठीक लख्या। काहेकि मइँ आपन बचन क होइ बरे ओहे पइ नज़र रखत अहउँ।”
13 यहोवा क सँदेसा मोका फुन मिला। इ सँदेसा इ तरह रहा: “यिर्मयाह, तू का लखत अहा?”मइँ जवाब दिहेउँ, “मइँ खउलत पानी क एक बर्तन लखत हउँ। इ बर्तन उत्तर कइँती स टपकत अहइ।”
14 यहोवा मोहसे कहेस, “उत्तर कइँती स कछू भयानक चिजियन ओन लोगन बरे जउन इ देस मँ रहत हीं आइ।
15 बहोत ही जल्दी मइँ उत्तर क राज्जन क सबहिं लोगन क बोलाउबा,” यहोवा कहत ह। “ओन राज्जन क राजा लोगन अइहीं। उ पचे यरूसलेम क दुआर क समन्वा आपन सिंहासन जमइहीं। उ पचे यरूसलेम क सबहिं नगर देवारन पइ आवमन करिहीं। उ पचे यहूदा क एलाके क सबहिं नगरन पइ आवमन करिहीं।
16 अउर मइँ यहूदा क लोगन क जरिये कीन्ह गवा बुरे करम क बिरुद्ध आपन निर्णय क घोसना करब। मोर लोग मोका छोड़एन। उ पचे दूसर देवतन क बलि चढ़ाएन जेका उ पचे आपन हाथन स बनाएस।
17 यिर्मयाह, जहाँ तलक तोहार बात अहइ, उठा, तइयार होइ जा अउर लोगन स उ सब कछू कहा, जेका मइँ तोहका हुवुम देत हउँ। लोगन स जिन डेराअ। वरना तउ मइँ ओन लोगन क समन्व तोहका तबाह कइ देब।
18 जहाँ तलक मोर बात अहइ, मइँ आजु ही तोहका एक दृढ़ नगर, एक लौह खम्भा, एक ठु काँसा क देवार बनावइ जात हउँ। तू देस मँ हर एक क खिलाफ खड़ा होइ क योग्ग होब्या, यहूदा देस क राजा लोगन क खिलाफ, यहूदा क याजकन क खिलाफ अउर यहूदा देस क लोगन क खिलाफ भी।
19 उ सबइ लोग तोहरे खिलाफ लड़िहीं, मुला उ पचे तोहका हरावइ क नाहीं करिहीं। काहेकि मइँ तोहरे संग हउँ, अउर मइँ तोहार रच्छा करब।” इ सँदेसा यहोवा क अहइ।
Jeremiah 2
1 यहोवा क सँदेसा यिर्मयाह क मिला। यहोवा क सँदेसा इ रहा:
2 “यिर्मयाह, जा अउर यरूसलेम क लोगन क सँदेसा द्या। ओनसे कहा:“‘जउने समय तू नवा रास्ट्र रह्या, तू मोर बिस्सास क योग्ग रह्या। तू मोर अनुसरण नई दुलहिन जइसा किहा। तू मोर अनुसरण रेगिस्तान मँ स होइके किहा, उ प्रदेस मँ अनुसरण किहा जेका कबहुँ खेती क भूमि न बनावा गवा रहा।
3 इस्राएल क लोग यहोवा बरे एक पवित्तर भेंट रहेन। उ पचे ओकर फसल क पहिला फल रहेन। कउनो भी व्यक्ति जउन ओनका खाइ क जतन किहे रहेन ओका कसूरवार घोसित कीन्ह ग रहेन। ओन पइ बुरी आपत्तियन अइहीं,’“ यहोवा कहत ह।
4 याकूब क परिवार, यहोवा क सँदेसा सुना। इस्राएल क तू सबहिं परिवार समूहों, सँदेसा सुना।
5 जउन यहोवा कहत ह, उ इ अहइ: “तोहार पुरखन बरे मइँ का गलत किहउँ कि तोहार पुरखन मोहसे दूर होइ गएन? तोहार पुरखन निरर्थक देव मूरतियन पूजेन। अउर उ पचे खुद निरर्थक होइ गएन।
6 तोहार पुरखन इ नाहीं कहेन, ‘यहोवा हमका मिस्र स निकारेस। यहोवा मरूभूमि मँ हमार अगुअइँ किहेस। यहोवा हमका झुरान चट्टानी प्रदेस स लइके आवा, यहोवा हमका अँधियारा स पूर अउर भय से भरे देसन मँ राह देखाएस। कउनो भी लोग हुआँ नाहीं रहतेन। कउनो भी लोग उ देस स जात्रा नाहीं करतेन। मुला यहोवा उ प्रदेस मँ हमार अगुवाई किहेस। एह बरे उ यहोवा अब कहाँ अहइ?”‘
7 यहोवा कहत ह, “मइँ तू पचन्क अनेक चिजियन स भरे उत्तिम देस मँ लाएउँ। मइँ इ किहेउँ जेहसे तू हुआँ उगे भए फल अउर पइदावार क खाइ सका। मुला तू पचे आया अउर मोरे देस क ‘गन्दा’ किहा। मइँ उ देस तू पचन्क दिहे रहेउँ, किन्तु तू पचे ओका बुरा ठउर बनाया।
8 याजक लोग नाहीं पूछेन, ‘यहोवा कहाँ अहइ?’ उ लोग जउन व्यवस्था क सिच्छा देत ह उहइ मोका नाहीं जानत ह। इस्राएल क लोगन क प्रमुख मोरे खिलाफ चला गएन। नबी लोग लबार बाल देवता क नाउँ भविस्सवाणी किहन। उ पचे निरर्थक देव मूरतियन क पूजा किहन।”
9 यहोवा कहत ह, “एह बरे मइँ तू पचन्क फुन दोखी करार देब, अउर तोहरे पचन्क पोतन क दोखी ठहराउब।
10 समुद्दर पार कित्तियन क द्वीपन क जा अउर लखा कउनो क केदार प्रदेसन क पठवा अउर ओका धियान स लखइ द्या। धियान स लखा का कउनो अइसा काम किहेस:
11 “का कउनो रास्ट्र क लोग कबहुँ आपन पुरान देवतन क नवा देवतन स बदेलन ह नाहीं। नि:संदेह ओनकर देवतन असल मँ देवतन अहइँ ही नाहीं। मुला मोर लोग आपन यसस्वी परमेस्सर क निरर्थक देव मूरतियन स बदलेन ह।
12 आकास, जउन भवा ह ओहसे अपने हिरदइ क आघात पहोंचइ द्या। भय स काँप उठा।” इ सँदेसा यहोवा क रहा।
13 मोर लोग दुइ पाप किहेन ह। उ पचे मोका तजि दिहन (मइँ ताजा पानी क सोता अहउँ।) अउर उ पचे आपन पानी क निजी हौद खनेन ह। (उ पचे दूसर देवतन क भवत बनेन ह।) किन्तु ओनकर हउज टूटेन ह। ओन हउजन मँ पानी नाहीं रुकी।
14 का इस्राएल क लोग दास होइ गएन ह का उ पचे एक जन्मजात दास स होइ गएन ह इस्राएल क लोग क सम्पत्ति दूसर लोग काहे लइ लिहेन?
15 जवान सिंह (दुस्मन) इस्राएल रास्ट्र पइ दहाड़त हीं, गुर्रार्र्र्र्त हीं। सिंहन इस्राएल क लोगन क देस उजाड़ दिहेन ह। इस्राएल क नगर बार दीन्ह गएन ह। ओनमाँ कउनो भी नाहीं रहि गवा ह।
16 नोप अउर तहपन्हेस नगर क लोग तू पचन्क मूँड़े क सीर्स क वुचरि दिहेन ह।
17 इ परेसानी तोहार पचन्क आपन दोख क कारण अहइ। तू पचे आपन यहोवा परमेस्सर स विमुख होइ गया, जबकि उ सही दिसा मँ तू पचन्क लइ जात रहा।
18 एकरे बारे मँ सोचा: का तू मिस्र जाइ समइ मँ सहायता पाएहस? का तू पानी पिअइ बरे नील नदी गएहस? नाहीं। क तू अस्सूर जाइ समइ मँ सहायता पाएस? का तू परात नदी क जल पिअइ बरे गएस? नाहीं।
19 तू पचे बुरे करम किहा, अउर उ सबइ बुरी चिजियन तू पचन्क सिरिफ सजा देवइहीं। बिपदन तू पचन्पइ टूटि पड़िहीं अउर इ सबइ बिपदन तू पचन्क पाठ पढ़इहीं। इ विसय मँ सोचा; तब तू पचे इ समुझब्या कि आपन परमेस्सर स बिमुख होइ जाब केतना बुरा अहइ। मोहसे न डेराब बुरा अहइ।” इ सँदेसा मोर सुआमी सर्वसवतीमान यहोवा क रहा।
20 “तू बहोत पहिले आपन जुआ लोकाइ दिहे रह्या। तू उ रस्सियन तोड़ पेंक्या जेका मइँ तू पचन्क अपने लगे धरइ मँ काम मँ लिआवत रह्या। तू मोहसे कह्या, ‘मइँ आप क सेवा नाहीं करब।’ तू रंडी क नाईर् हर एक ऊँची पहाड़ी पइ अउर हर एक हरियर बृच्छ क नीचे झुटे देवत क उपासना कइ के तू बेवफाइ किहा।
21 मइँ तू पचन्क बिसेस अंगूरे क बेल क तरह रोपेउँ। तू सबहिं नीक बिया क समान रह्या। तू उ अलग बेल मँ कइसे बदल्या जउन बुरा फल देत हीं।
22 अगर तू आपन क सज्जीस भी धोवा, बहोत साबुन भी लगावा, तउ भी मइँ तोहरे दोख क दागे क लख सकत हउँ।” इ सदेस परमेस्सर यहोवा क रहा।
23 “तू मोका कइसे कहि सकत ह, ‘मइँ अपराधी नाहीं अहउँ। मइँ बाल क मूरतियन क पूजा नाहीं किहेउँ?’ ओन कामन क बारे मँ सोचा जेनका तू घाटी मँ किहा। उ बारे मँ सोचा, तू का कइ डाया ह। तू उ तेज ऊँटिन क नाईर् अहा जउन कि टेढ़ा-मेढ़ा रास्ता पइ तेज दउड़त ह।
24 तू उ जंगली गदही क तरह अहा जउन रेगिस्तान मँ रहत ह अउर सहभोग क मौसम मँ जउन हवा क सूँधत ह (गन्ध लेत ह।) कउनो मनई ओका काम क उत्तेजना क समइ लउटाइके लिआइ नाहीं सकत। सहभोग क समइ हर एक गद्धा जउन ओका चाहत ह, पाइ सकत ह। ओका खोज निकारब सहल अहइ।
25 देवमूरतियन क पाछे दउड़ब बन्द करा। ओन दूसर देवतन बरे पियास रखाइ बंद करा। मुला तू कहत अहा, ‘इ बियर्थ अहइ। मइँ तजि नाहीं सकत। मइँ ओन दूसर देवतन स पिरेम करत हउँ। मइँ ओनकर पूजा करइ चाहत हउँ।’
26 “चोर लजात ह जब ओका लोग धइ लेत हीं। उहइ तरह इस्राएल क परिवार लजात ह। राजा अउर प्रमुख याजक अउ नबी लजान अहइँ।
27 उ पचे लोग काठे क टूकन स बात करत हीं, उ पचे कहत हीं, ‘तू मोर पिता अहा।’ उ सबइ लोग चट्टान स बात करत हीं, उ पचे कहत हीं, ‘तू मोका जन्म दिहा ह।’ उ पचे सबहिं लोग लजाइ जइहीं। उ पचे लोग मोरी कइँती धियान नाहीं देतेन। उ पचे मोहसे पीठ फेरि लिहन ह। किन्तु जब ओन लोगन पइ बिपद आवत ह तब उ पचे मोहसे कहत हीं, ‘आवा अउर हमका बचावा।’
28 ओन देवमूरतियन क आवइ अउर तोहका बचावइ द्या। उ सबइ देवमूरतियन कहाँ अहइँ जेनका तू अपने बरे बनाया ह हमका लखइ द्या, का उ सबइ मूरतियन आवत हीं अउर तोहार रच्छा बिपत्ति स करत हीं? यहूदा क लोगो, तू लोगोन क लगे ओतनी मूरतियन अहइँ जेतना नगर।
29 तू पचे मोहसे बिबाद काहे करत अहा? तू सबहिं मोरे खिलाफ होइ गवा अहा।” इ सँदेसा यहोवा क रहा।
30 “मइँ तोहरे गदेलन क दण्ड दिहेउँ, मुला एकर कउनो नतीजा नाहीं निकरा। तू पचे तब लउटिके नाहीं आया जब दण्डित कीन्ह गया। तू पचे ओन नबियन क तरवार क घाट उतार्या जउन तोहरे पचन्क लगे आए रहेन। तू पचे खूखार सिंह क नाईर् रह्या अउर तू पचे नबियन क मार डाया।”
31 इ पीढ़ी क लोगो, यहोवा क सँदेसा पइ धियान द्या: “का मइँ इस्राएल क लोगन बरे रेगिस्तान जइसा बन गएउँ? का मइँ ओनका बरे अँधियर अउर खउफनाक देस जइसा बन गएउँ? मोर लोग कहत हीं, ‘हम आपन राह जाइ क अजाद अही, यहोवा, हम फुन तोहरे लगे नाहीं लउटब।’ उ पचे ओन बातन क काहे कहत हीं?
32 का कउनो नउजवान अउरत आपन गहना बिसरत ह नाहीं। का कउनो दुलहिन आपन रूप-संगार क लिबास बरे आपन दुपटा बिसरि जात ह नाहीं। मुला मोर लोग मोका अनगिनत दिनन बरे बिसरि गएन ह।
33 तू फुरइ पिरेमियन (लबार देवतन) क पाछे पड़ब जानत अहा। तू ओन दूसर लोगन बरे जउन बुरा करम करत ह नमुना बन गवा ह।
34 तोहार पचन्क हाथ खून स रग्ंाा अहइँ। इ गरीब अउ भोले लोगन क खून अहइ। तू पचे लोगन्क मार्या ह अउर उ पचे अइसे चोर भी नाहीं रहेन जेनका तू पचे धर्या ह। तू पचे उ सबइ बुरे काम करत अहा।
35 किन्तु तू पचे फुन भी कहत रहत अहा, ‘हम निरपराध अही। परमेस्सर मोहे पइ कोहान नाहीं अहइ।’ एह बरे मइँ तू पचन्क झूठ बोलइवाला अपराधी होइ क भी निर्णय देब। काहेकि तू कहत बाट्या, ‘मइँ कछू भी बुरा नाहीं किहेउँ ह।’
36 तोहरे पचन्क बरे इरादा क बदलब बहोत आसान अहइ। अस्सूर तू पचन्क निरास किहस। एह बरे तू पचे अस्सूर क तज्या अउर मदद बरे मिस्र पहोंच्या। मिस्र तू पचन्क निरास करी।
37 अइसा होइ कि तू पचे मिस्र भी तजब्या अउ तू पचन्क हाथ लज्जा स तोहार पचन्क आँखिन होइहीं। मुला तू पचन्क ओन देसन स कउनो कामयाबी नाहीं मिली। काहेकि यहोवा ओन देसन्क अस्वीकार कइ दिहस ह।
Jeremiah 3
1 “अगर कउनो मनई आपन पत्नी क तलाक देत ह, अउर उ पत्नी ओका तजि देत ह अउर दूसर मनई बियाह कइ लेत ह तउ का उ मनई आपन पत्नी क लगे फुन आइ सकत ह नाहीं। जदि उ मनई उ मेहरारू क लगे लउटी तउ देस पूरी तरह गन्दा होइ जाइ। यहूदा, तू रण्डी क तरह अनेक पिरेमियन (लबार देवतन) क संग काम किहा अउर अब तू मोरे लगे लउटइ चाहत अहा।” इ सँदेसा यहोवा क रहा।
2 “खाली पहाड़ी क चोटी क लखा। क कउनो अइसी जगह अहइ जहाँ तोहार आपन पिरेमियन क संग सारीरिक सम्बन्ध नाहीं चला? तू सड़किया क किनारे पिरेमियन क प्रतीच्छा करती बइठी अहा। तू हुआँ रेगिस्तान मँ प्रतीच्छा करत अरब क तरह बइठा। ऍह बरे तू मोहसे बेवफाइ कइ क अउर बहोत सारी बुरा करम कइ क धरती क अपवित्तर बना दिहेस ह।
3 तू पाप किहा एह बरे बर्खा नाहीं आई। बसन्त समइ क कउनो बर्खा नाहीं भइ। मुला अबहिं भी तू लज्जित होइ स इनकार करति अहा। तोहरे मुँहना पइ रण्डी क भाव अहइ जब उ लज्जित होइ स इनकार करति अहा। तू आपन कीन्ह करमन पइ लज्जित होइ स इनकार करति अहा।
4 मुला अब तू मोका बोलावत अहा। ‘मोर पिता, तू मोर बचपन स मोर प्रिय मीत रहा ह।’
5 तू इ भी कह्या, ‘परमेस्सर सदैव मोह पइ कोहान नाहीं रही। परमेस्सर क किरोध सदैव बना नाहीं रही।’ तू इ सब कछू कहत अहा, मुला तू ओतने ही बुराई करति अहा जेतना तू कइ सकत अहा।”
6 ओन दिनन जब योसिय्याह यहूदा रास्ट्र पइ हुवूमत करत रहा। यहोवा मोहसे बातन किहस। यहोवा कहेस, “यिर्मयाह, तू ओन बुरे करमन क लखा जउन इस्राएल किहस? तू लख्या कि कइसे मोरे संग बिस्ससघात किहस। उ हर एक पहाड़ी क ऊपर अउर हर एक हरियर बृच्छ क खाले झूठी मूरतियन क पूजिके बिभिचार करइ क पाप किहस।
7 मइँ अपने स कहेउँ, ‘इस्राएल मोरे लगे तब लउटी जब उ आपन बुरे करमन क कइ चुकी।’ किन्तु उ मोरे लगे नाहीं लउटेस अउर ओका अबिस्सासी बहिन यहूदा लखेस कि इस्राएल का किहेस ह
8 यहूदा लखेस कि मइँ अबिस्सासी इस्राएल क दूर पठाइ दिहेस ह काहेकि उ बिभिचार किहे रही। मइँ ओका तलाक पत्र लिखिके तलाक देइ दिहा। किन्तु ओकरे अबिस्सासी बहिन यहूदा ओन बातन स नाहीं डेराएस। यहूदा भी निकर गइ अउर उ रण्डी क तरह रहइ लगेस।
9 यहूदा इ धियान भी नाहीं दिहस कि उ रण्डी क तरह काम करति बाटइ। एह बरे उ आपन देस क गन्दा किहस। उ काठे अउर पाथर क बनी मूरतियन क पूजा कइके बिभिचार क पाप किहस।
10 इस्राएल क अबिस्सासी बहिन (यहूदा) आपन पूरे हिरदइ स मोरे लगे लउटी नाहीं। उ सिरिफ बहाना बनाएस कि उ मोरे लगे लउटी अहइ।” इ सँदेसा यहोवा क रहा।
11 यहोवा मोसे कहेस, “इस्राएल मोर मनवइया नाहीं रही। मुला ओकरे लगे कपटी यहूदा क अपेच्छा नीक बहाना रहा।
12 उत्तर कइँती लखा अउर इ सँदेसा बोला:“अबिस्सासी इस्राएल क लोगो तू पचे लउटा।”‘ यहोवा कहत ह। मइँ तू पचन स आपन मुँह नाहीं फेड़ब। मइँ दयासागर हउँ, ‘मइँ सदैव तू पचन पइ कोहान नाहीं रहब।’ यहोवा कहत ह।
13 तोहका सिरिफ एतना करब होइ कि तू आपन पापन क स्वीकारा। तू यहोवा अपने परमेस्सर क खिलाफ अपराध किहस, इ तोहार पाप अहइ कि तू दूसर रास्ट्रन क लोगन क देव मूरतियन क आपन पिरेम दिहा। तू आपन देव मूरतियन क पूजा हर एक हरियर बृच्छ क खाले किहा। तू मोर आग्या क पालन नाहीं किहा।”‘ यहोवा कहत ह।
14 “अभवत लोगो, मोरे लगे लउटि आवा।” इ सँदेसा यहोवा क रहा।“मइँ तोहार सुआमी अहउँ। मइँ हर एक नगर स एक मनई लेब अउर हर एक परिवार स दुइ मनई अउर तू पचन्क सिय्योन पइ लिआउब।
15 तब मइँ तू पचन्क नवा सासक देब। उ पचे सासक मोर मनवइयन होइहीं। उ पचे तोहार पचन्क मार्ग दर्सन गियान अउर समुुझ स करिहीं।
16 ओन दिना तू लोग बड़ी गनती मँ देस मँ होब्या।” इ सँदेसा यहोवा क अहइ।“उ समइ लोग फुन इ कबहुँ नाहीं कइहीं, ‘मइँ ओन दिनन क सुमिरत हउँ जब हम लोगन क लगे यहोवा क करार क सन्दूख रहा।’ उ पचे पवित्तर सन्दूख क बारे मँ फुन कबहुँ सोचिहीं भी नाहीं। उ पचे न तउ एका याद करिहीं अउर न ही ओकरे बरे अफसोस करिहीं। उ पचे दूसर पवित्तर सन्दूख कबहुँ नाहीं बनइहीं।
17 उ समइ, यरूसलेम नगर ‘यहोवा क सिंहासन’ कहा जाइ। सबहिं रास्ट्र एक संग यरूसलेम नगर मँ यहोवा क नाउँ क सम्मान देइ अइहीं। उ पचे आपन हठी अउर बुरे हिरदय क अनुसार अब कबहुँ नाहीं चलिहीं।
18 ओन दिनन यहूदा क परिवार इस्राएल क परिवार क संग मिलि जाइ। उ पचे उत्तर मँ एक देस स एक साथे अइहीं। उ पचे उ देस मँ अइहीं जेका मइँ ओनकर पुरखन क दिहे रहे रहेउँ।
19 “मइँ यानी यहोवा अपने स कहेउँ, ‘मइँ तू पचन स आपन बचवन क नाईर् बेउहार करइ चाहत हउँ, मइँ तू पचन्क एक सुहावना देस देइ चाहत हउँ। उ देस जउन कउनो भी रास्ट्र स जियादा सुन्नर होइ।’ मइँ सोचे रहेउँ कि तू पचे मोका ‘बाप’ कहब्या। मइँ सोचे रहेउँ कि तू पचे मोर सदैव अनुसरण करब्या।
20 मुला तू पचे उ मेहरारू क नाईर् भया जउन पतिव्रता नाहीं रही। इस्राएल क परिवार, तू पचे मोरे बरे बिस्सासघाती रह्या।” इ सँदेसा यहोवा क रहा।
21 तू पचे नंगी पहा़ड़ियन पइ रोउब सुन सकत ह। इस्राएल क लोग कृपा बरे रोवत रहेन अउर पराथना करत अहइँ। उ पचे बहोत बुरा होइ ग रहेन। उ पचे आपन परमेस्सर यहोवा क बिसरी ग रहेन।
22 यहोवा इ भी कहेस, “इस्राएल क अबिस्सासी लोगो, तू पचे मोरे लगे लउटि आवा, अउर मइँ तोहरे पचन्क अबिस्सासी होइ क अपराध क छिमा करब।” लोगन क कहइ चाहीं, “हाँ, हम लोग तोहरे लगे आउब तू हमार परमेस्सर यहोवा अहा।
23 निहचय ही पहाड़ियन पइ देवमूरतियन क पूजा अउर पहाड़न पइ जमा होइ सिरिफ झूठी आसा देत ह। निहचय ही, इस्राएल क मुवित, यहोवा आपन परमेस्सर स आवत ह।
24 उ मुरतियन हमरे पुरखन क हर एक चीज बलि क रूप मँ हम लोगन क बचपन क अमइ स ही खाएस। उ मूरितयन हमरे पुरखन क पसु, भेड़ी, पूत, बिटिया लिहस।
25 हम पचन्क आपन लाज मँ, माथा टेकइ चाही, लज्जा हम लोगन क कम्बल क नाईर् ढाँप लाइ। हम अउर हमार पुरखन आपन परमेस्सर यहोवा क खिलाफ पाप किहे अही। हम आपन परमेस्सर यहोवा क आग्या आपन बचपन स ही नाहीं माने अही।”
Jeremiah 4
1 यहोवा कहत ह, “इस्राएल, जदि तू लउटि आवा चाहत ह तउ तू मोरे लगे जरूर लउटि आवा। जदि तू आपन देवमूरतियन क लोकावा अउर भटकना बन्द करा,
2 जदि तू मोरे नाउ पइ सच्चाइ स, निआब स अउर ईमानदारी स इ कहत भए प्रतिग्या करब्या, ‘यहोवा क जिन्नगी क किरया,’ तउ रास्ट्र यहोवा क जरिये बरदान पाइहीं अउर उ पचे यहोवा क गर्व स बखान करिहीं।”
3 यहोवा यहूदा अउर यरुसलेम क निवसियन स कहत ह, “उहइ खेत मँ हर चलावा जेका जोतइ स तू नकार दिहे रहा काँटा क बीच मँ बिया छिरकान बन्द करा!
4 इ दिखावइ बरे कि तू यहोवा क अहइ खतना करइ लिहा। मोर अर्थ इ अहइ कि आपन आप क पूरी तरह स मोर बरे अपिर्त कइ द्या! अउर आपन दिल स खिलरी हटा द्या। जदि तू इ नाहीं करा तउ मइँ बहोतइ कोहान होबउँ। मोर किरोध आगी क नाईर् फइली अउर मोर किरोध तू पचन्क बारि देइ अउर कउनो मनई उ आगी क बुझाइ नाहीं पाइ। इ काहे होइ? काहेकि तू पचे बुरे करम किहे अहा।”
5 “यहूदा क लोगन मँ इ सँदेसा क घोसणा करा: यरूसलेम सहर क हर मनई स कहा, ‘सारे देस मँ तुरही बजावा।’ जोर स नरियाअ अउर कहा, ‘एक संग आवा, हम सबहिं रच्छा बरे मजबूत सहरन क भाग निकरी।’
6 सिय्योन का सूचक झंडा क उठावा, कउनो जगह एक ठू सुरच्छा क जगह खोजा, प्रतीच्छा जिन करा। इ एह बरे करा कि मइँ उत्तर स बिध्वंस लिआवत हउँ। मइँ भयंकर बिनास लिआवत हुउँ।”
7 एक ठु सेर अपनी गुफा स निकरा ह, रास्ट्रन क बिध्वंसक तेज कदम बढ़ाउब सुरू कइ चुका अहइ। उ तोहरे पचन्क देसन क बरबाद करइ आपन घर तजि चुका अहइ। तोहरे पचन्क सहर तहस नहस होइहीं। ओनमाँ रहइवाला कउनो मनई नाहीं बची।
8 एह बरे टाट क ओढ़ना पहिरा, रोवा, काहेकि यहोवा हम पइ बहोत कोहान अहइ।”
9 इ सँदेसा यहोवा क अहइ, “अइसे समइ इ होत ह। राजा अउर प्रमुख हिम्मत हार जइहीं, याजक डेरइहीं, नबियन क दिल दहली।”
10 तब मइँ यानी यिर्मयाह कहेउँ, “मोर सुआमी यहोवा, तू फुरइ यहूदा अउ यरूसलेम क लोगन क धोखा मँ राख्या ह। तू ओनसे कह्या, ‘तू पचे सान्तिपूर्वक रहब्या।’ किन्तु अब ओनके गटइयन पइ तरवार हइँची भइ अहइ।”
11 उ समइ एक सँदेसा यहूदा अउ यरूसलेम क लोगन क दीन्ह जाइ: “नंगी पहाड़ियन क चोटी स गरम आँधी चलाति अहइ। इ रेगिस्ताने स मोर लोगन कइँती आवति अहइ। इ उ मन्द हवा नाहीं जेकर उपयोग किसान भूसा स अनाज निकारइ बरे करत हीं।
12 इ ओहसे जियादा तेज हवा अहइ अउर मोहसे आवति अहइ। अब मइँ यहूदा क लोगन क खिलाफ आपन निआउ क घोसणा करब।”
13 लखा। दुस्मन बादर क नाईर् उठत अहइ, ओकर रथ चववात क तरह अहइ। ओकर घोड़ा उकाब स तेज अहइँ। इ हम सब बरे बुरा होइ, हम बरबाद होइ जाब।
14 यरूसलेम क लोगो, आपन हिरदय स बराइयन क धोइ डाबा। आपन हिरदय क पवित्तर करा, जेहसे तू बच निकरा। बुरी योजनन जिन बनावत चला।
15 दान देस क दूत क वाणी क धियान स सुना। कउनो एप्रैम क पहाड़ी प्रदेस स बुरा खबर क घोसणा करत ह।
16 “इ रास्ट्र क एकर विवरण द्या। यरूसलेम क लोगन मँ इ खबर क फइलावा। दुस्मन दूर देस स आवत अहइँ। उ सबइ दुस्मन यहूदा क नगरन क विरूद्ध जुद्ध उद्घोस करत अहइँ।
17 दुस्मन यरूसलेम क अइसे घेरेन ह जइसे खेत क रच्छा करइवाले लोग होइँ। यहूदा, तू मोरे खिलाफ गया, एह बरे तोहरे खिलाफ दुस्मन आवत अहइँ।” इ सँदेसा यहोवा क अहइ।
18 “जउने तरह तू रह्या अउर तू पाप किहा उहइ स तोह पइ इ बिपत्ति आइ। इ तोहार पाप ही अहइँ जउन जिन्नगी क एतना कठिन बनाएन ह। इ तोहार पाप ही अहइ जउन उ पीरा क लिआएस जउन तोहरे हिरदय क बेधत ह।”
19 आह, मोर दुःख अउ मोर परेसानी मोरे पेट मँ दर्द करत अहइँ। मोर हिरदय धड़कत अहइ। हाय, मइँ एतना डेरान अहउँ। मोर हिरदय मोरे भीतर तड़पत अहइ। मइँ चुप नाहीं बइठ सकत। काहेकि मइँ तुरही क बजाउब सुनेउँ ह। तुरही सेना क जुद्ध करइ बोलावति अहइ।
20 ध्वंस क पाछे बिध्वंस आवत ह। पूरा देस नस्ट होइ ग अहइ। अचानक मोर डेरन बरबाद कइ दीन्ह ग अहइँ, मोर परदन फाड़ दीन्ह ग अहइँ।
21 हे यहोवा मइँ कब तलक जुद्ध पताकन क लखब? जुद्ध क तुरही क केतने समइ सुनब?
22 परमेस्सर कहेस, “मोर लोग मूरख अहइँ। उ पचे मोका नाहीं जानतेन। बेववूफ बच्चन अहइँ। उ पचे समुझतेन नाहीं। उ पचे पाप करइ मँ दच्छ अहइँ, किन्तु उ पचे नीक करइ नाहीं जानतेन।”
23 मइँ धरती क लखेउँ। धरती खाली रही, एह पइ कछू नाहीं रहा। मइँ गगन क लखेेउँ, अउर एकर प्रकास चला गवा रहा।
24 मइँ पर्वतन पइ नजर डाएउँ, अउर उ पचे काँपत रहेन। सबहिं पहाड़ियन लड़खड़ात रहिन।
25 मइँ धियान स लखेउँ किन्तु कउनो मनई नाहीं रहा, अकासे क सबहिं पंछी उड़ गवा रहेन।
26 मइँ लखेउँ कि सुहावना प्रदेस रेगिस्तान बन गवा रहा। उ देस क सबहिं नगर नस्ट कइ दीन्ह ग रहेन। यहोवा इ कराएस। यहोवा अउर ओकर प्रचण्ड किरोध इ कराएस।
27 यहोवा इ सबइ बातन कहत ह। “पूरा देस बरबाद होइ जाइ। (मुला मइँ देस क पूरी तरह नस्ट नाहीं करब।)
28 एह बरे इ देस क लोग मरे लोगन बरे रोइहीं। अकास अँधियारा स भरा होइ। मइँ कहि दिहेउँ ह, अउर बदलब नाहीं। मइँ एक निर्णय किहेउँ ह, अउर मइँ आपन बिचार नाहीं बदलब।”
29 यहूदा क लोग घुड़सवारन अउर धनुर्धारियन क उद्घोष सुनिहीं, अउर लोग पराइ जइहीं। कछू लोग गुफन मँ छिपिहीं; कछू झाड़ियन मँ अउ कछू चट्टानन पइ चढ़ि जइहीं। यहूदा क सबहिं नगर खाली अहइँ। ओनमाँ कउनो नाहीं रहत।
30 हे यहूदा, तू बरबाद कइ दीन्ह गवा अहा, तू का करत अहा? तू आपन सुन्नरतम लाल ओढ़ना काहे पहिरत अहा? तू आपन सोने का गहना काहे पहिरे अहा? तू आपन आँखिन मँ आँजन काहे लगावत अहा। तू आपन क सुन्नर बनावत अहा, किन्तु इ सब बियर्थ अहइ। तोहार पिरेमी तोहसे घिना करत हीं, उ पचे मार डावइ क जतन करत अहइँ।
31 मइँ एक चीख सुनत हउँ जउन उ मेहरारू क चीख क तरह अहइ जउन लरिका पइदा करत होइ। इ चीख उ मेहरारू क तरह अहइ जउन पहिलउटी क लरिका क पइदा करत होइ। इ सिय्योन क बिटिया क चीख अहइ। उ आपन हाथ पराथना मँ इ कहत भए उठावति बाटइ, “आह! मइँ मूछिर्त होइवाली अहउँ, हत्तियारे मोरे चारिहुँ कइँती अहइँ।”
Jeremiah 5
1 यहूदा कहत ह: “यरूसलेम क सड़कियन पइ ऊपर नीचे जा। चारिहुँ कइँती लखा अउर एन चीजन क बारे मँ सोचा। सहर क सार्वजनिक चौराहन क खोजा, पता करा कि का तू कउनो एक नीक मनई क पाइ सकत ह, अइसे मनई क जउन ईमानदारी स काम करत होइ, अइसा जउन सच क खोज करत होइ। जदि तू एक नीक मनई क हेरिके निकरब्या तउ मइँ यरूसलेम क छिमा कइ देब।
2 जब लोग प्रतिग्या करत हीं अउर कहत हीं, ‘जइसा कि यहोवा सास्वत अहइ।’ तउ तू निहचय कइ सकत ह कि उ पचे झूठ बोलत रहइ।”
3 हे यहोवा, मइँ जानत हउँ कि तू लोगन मँ सच्चाई लखइ चाहत अहा। तू यहूदा क लोगन क चोट पहोंचाया, मुला उ पचे कउनो पीरा क अनुभव नाहीं किहन। तू ओनका बर्बाद किहा, मुला उ पचे आपन पाठ सीखइ स इन्कार कइ दिहन। उ पचे बहोत हठी होइ गएन। उ पचे आपन पापन बरे पछताइ स इन्कार कइ दिहन।
4 मुला मइँ (यिर्मयाह) आपन स कहेउँ, “उ पचे सिरिफ गरीब लोग ही अहइँ जउन मूरख अहइँ। इ सबइ उहइ लोग अहइँ जउन यहोवा क मारग क नाहीं सीख सकेन। गरीब लोग आपन परमेस्सर क सिच्छा क नाहीं जानतेन।
5 एह बरे मइँ अमीर लोगन क लगे जाब। मइँ ओनसे बातन करब। निहचय ही प्रमुख यहोवा क मारग क समुझत हीं। मोका बिस्सास अहइ कि उ पचे आपन परमेस्सर क सिच्छा क जानत हीं।” किन्तु सबहिं अमीर लोगन यहोवा क सेवा करइ स इन्कार करइ देइन।
6 उ पचे परमेस्सर क खिलाफ भएन, एह बरे जंगल स एक सेर ओन पइ हमला करी। रेगिस्तान मँ एक ठु बिगवा ओनका मारि डाई। एक ठु तेदुंआ ओनका सहरन क लगे घात लगाए अहइ। सहरन क बाहर जाइवाले कउनो क भी तेदुंआ टूकन मँ चीर डाइ। काहेकि यहूदा क लोग बहोत अपराध किहेन ह। उ पचे यहोवा स दूर भटक गवा अहइँ।
7 परमेस्सर कहेस, “यहूदा, मोका कारण बतावा कि मोका तोहका काहे छिमा देइ चाही? तोहार सन्तानन मोका तजि दिहेन ह। उ पचे ओन मूरतियन स प्रतिग्या किहन ह जउन परमेस्सर अहइँ ही नाहीं। मइँ तोहरी सन्तानन क हर एक चीज दिहेउँ जेकर जरूरत ओनका रही। किन्तु फुन भी उ पचे बिस्सासघाती रहेन। उ पचे रण्डी क कोठन मँ बहोत समइ बिताएन।
8 उ पचे ओन घोड़न जइसे रहेन जेनका बहोत खाइ क अहइ, अउर जउन जोड़ा बनावइ क होइ। उ पचे ओन घोड़न जइसे रहेन जउन पड़ोसी क मेहररूअन पइ हिनहिनात रहेन ह।
9 का मोका यहूदा क लोगन क इ सबइ काम करइ क कारण, सजा देइ चाही?” यहोवा कहत ह, “का मोका ओनका उ दण्ड देइ नाहीं चाही जउन ओका मिलइ चाही?
10 आवा, अउर यहूदा क अंगूर क बेलन क कतारन नस्ट करी दिहा बेलन क काट डावा। किन्तु ओनका पूरी तरह नस्ट जिन करा। ओनकी सारी डारन क छाँट द्या काहेकि इ सबइ डारन यहोवा क नाहीं अहइँ।
11 इस्राएल अउर यहूदा क रास्ट्र हर तरह स मोरे बिस्सासघाती रहेन।” यहोवा कहत ह।
12 “ओ लोग यहोवा क बारे मँ झूठ कहेन ह। उ पचे कहेन ह, ‘यहोवा हमार कछू नाहीं करी। हम लोगन क कछू भी बुरा न होइ। हम कउनो फउज क हमला अपने ऊपर नाहीं लखब। हम कबहुँ भूखा नाहीं मरब।’
13 झूठे नबी मरे प्राण अहइँ। परमेस्सर क सँदेसा ओनमाँ नाहीं उतरा अहइ। विपत्तियन ओन पइ अइहीं।”
14 सर्वसवितमान परमेस्सर यहोवा इ सब कहेस, “ओ लोग कहेन कि मइँ ओनका दण्ड नाहीं देब। एह बरे यिर्मयाह, जउन सँदेसा मइँ तोहका देत रहत हउँ, उ आगी जइसा होइ अउर उ सबइ लोग काठे जइसे होइहीं अउ आगी सारी काठी क बार देइ।”
15 इस्राएल क रास्ट्र, यहोवा कहत ह, तोह पइ आवमण बरे मइँ एक रास्ट्र क बहोत दूर स हाली ही लिआउब। इ एक ताकतवर रास्ट्र अहइ। इ एक पुरानी रास्ट्र अहइ। उ रास्ट्र क लोगन उ भासा बोलत हीं जेका तू नाहीं जानत्या। तू नाहीं समुझ सकत्या कि उ पचे का कहत हीं?
16 ओनकर तरकस खुली कब्र अहइँ, ओनकर सबहिं लोग वीर सैनिक अहइँ।
17 उ सबइ सैनिक तोहरे घरे लिआई फसल क खाइ जइहीं। उ पचे तोहार सारा भोजन खाइ जइहीं। उ पचे तोहार पूत-बिटियन क खाइ जइहीं (नस्ट कइ देइहीं) उ पचे तोहार रेवड़ अउर गोरू क खरका क चट कइ जइहीं। उ पचे तोहार अंगूर अउर अंजीर क चार जइहीं। उ पचे तोहार मजबूत सहरन क आपन तरवारन स नस्ट कइ डइही। जउने सहरन पइ तोहार बिस्सास अहइ ओनका उ पचे नस्ट कइ देइही।”
18 इ सँदेसा यहोवा क अहइ। “किन्तु कब उ सबइ भयानक दिन आवत हीं, यहूदा मइँ तोहका पूरी तरह नस्ट नाहीं करब।
19 यहूदा क लोग तोहसे पूछिहीं, ‘यिर्मयाह, हमार परमेस्सर यहोवा हमार अइसा बुरा काहे किहस?’ ओनका इ जवाब द्या, ‘यहूदा क लोगो तू पचे यहोवा क, अउर तू पचे ही आपन देस मँ बिदेसी देव मूरतियन क पूजा किहा ह। तू पचे उ सबइ काम किहा, एह बरे तू पचे अब उ देस मँ जउन तोहार नाहीं अहइ, बिदेसियन क सेवा करब्या।”‘
20 यहोवा कहेस, “याकूब क परिवार मँ, इ सँदेसा क घोसणा करा। इ सँदेसा क यहूदा रास्ट्र मँ सुनावा।
21 इ सँदेसा क सुना, ‘तू सबइ मूरख लोगो, तू पचन्क समुझ नाहीं अहइ: तू पचे लोगन का आँखिन अहा, किन्तु तू पचे लखल्या नहीं। तू पचे लोगन क कान अहा, किन्तु तू पचे सुनत्या नाहीं।
22 का तू मोसे नाहीं डरत ह”‘ यहोवा कहत ह, “मोरे समन्वा तू पचन्क डर स काँपइ चाही। मइँ ही उ हउँ, जउन समुद्दर क तटन क मर्यादा बनाएउँ। मइँ बालू क अइसी सीमा बनाएउँ जेका पानी तोड़ सकत ह। लहरन तटे क वुचरि सकत ह, मुला उ एका बर्बाद नाहीं करी। चढ़त भइ लहरन गरज सकत हीं, मुला उ सबइ तटे क मर्यादा तोड़ नाहीं सकत।
23 मुला यहूदा क लोग हठी अहइँ। उ सबइ हमेसा मोरे खिलाफ जाइ क जोजना बनावत हीं। उ पचे मोहसे मुड़ा अहइँ अउर मोहसे दूर चला गवा अहइँ।
24 यहूदा क लोग कबहुँ आपन स नाहीं कहतेन, ‘हमका आपन परमेस्सर यहोवा स डेराइ अउ ओकर सम्मान करइ चाही। उ हमका ठीक समइ पइ पतझड़ अउ बसन्त क बर्खा देत ह। उ इ निहचित करत ह कि हम ठीक समइ पइ फसिल काटि सकी।’
25 यहूदा क लोगो, तू पचे अपराध किहा ह। एह बरे इहाँ बर्खा अउर पकी भइ फसिल नाहीं अही। तोहार पचन्क पापन तू पचन्क यहोवा क ओन नीक चीजन क भोग नाहीं करइ दिहस ह।
26 मोरे लोगन क बीच पापी लोग अहइँ। उ सबइ पापी लोग पंछियन क फँसावइ बरे जाल बनावइवालन क तरह अहइँ। उ पचे लोग आपन जाल बिछावत हीं, मुला उ पचे पंछी क बदले मनइयन क फँसावत हीं।
27 एन मनइयन क घर झूठ स वइसेन भरा होत हीं, जइसे चिरइयन स भरे पिंजरा होइँ। ओनकर झूठ ओनका धनी अउ सवतीसाली बनाएस ह।
28 जउने पापन क उ पचे किहन ह ओनही स उ पचे बड़के अउर मोट भएन ह। जउने बुरे करमन क उ पचे करत हीं ओनकर कउनो अन्त नाहीं। उ पचे अनाथ बच्चन क मामले क पच्छ मँ बहस नाहीं करिहीं, उ पचे अनाथ क सहायता नाहीं करिहीं। उ पचे गरीब लोगन क उचित निआव नाहीं पावइ देइहीं।
29 का मोका एन करमन क कारण यहूदा क दण्ड देइ चाहीं?” यहोवा कहत ह, “का मोका ओनका उ दण्ड देइ नाहीं चाही जउन ओनका मिलइ चाही?”
30 यहोवा कहत ह, “यहूदा देस मँ एक खउफनाक अउर हिरदय दहलावइ वाला घटना घटति अहइ। जउन भवा ह उ इ अहइ कि:
31 नबी झूठ बोलत हीं, याजक अपने हाथे मँ सवती लेत हीं। मोर लोग इहइ तरह खुस अहइँ। किन्तु लोगो, तू पचे का करब्या जब सजा दीन्ह जाइ?”
Jeremiah 6
1 बिन्यामीन क लोगो, आपन जान बचाई बरे पराअ, यरूसलेम सहर स भाग चला। जुद्ध क तुरही तकोआ सहर मँ बजावा। बेथेवकेरेम मँ संकेत चिन्ह लगावा। करा काहेकि, उत्तर कइँती स बिपत्ति अउर भयानक विनास आवति अहइ।
2 सिय्योन क बिटिया, तू एक ठु सुन्नर हरा चरागाह क समान अहा।
3 मुला गड़रियन आपन खरका क साथ आवत हीं। उ पचे तोहार चारिहुँ कइँती आपन डेरा डावत हीं। हर एक गड़रिया आपन खरका क अगुवाइ आपन हींसा तोहार चरागाह स खाइ बरे करत ह।
4 “यरूसलेम नगर क खिलाफ लड़इ बरे तइयार होइ जा। उठा, हम लोग दुपहर क सहर पइ हमला करब, किन्तु पहिले ही देर होइ चुकी अहइ। साँझ क छाया लम्बी होत अहइ,
5 एह बरे उठा। हम सहर पइ राति मँ हमला करब। हम यरूसलेम क मजबूत रच्छा-साधनन क बर्बाद करब।”
6 सर्वसवतीमान यहोवा जउन कहत ह, उ अहइ: “यरूसलेम क चारिहुँ कइँती क बृच्छ काट डावा अउर यरूसलेम क खिलाफ घेरा डावइ क टीला बनावा। इ सहर क सजा मिलइ चाही।” इ सहर क भीतर दमन करइ क अलावा कछू नाहीं अहइ।
7 जइसे वुआँ आपन पानी स्वच्छ राखत ह उहइ तरह यरूसलेम आपन दुट्ठता क नवा बनावइ राखत ह। इ सहर मँ हिंसा अउर बिध्वंस सुना जात ह। मइँ सिरफ यरूसलेम क बीमारी अउर दर्द क लख सकत हउँ।
8 यरूसलेम, इ चितउनी क अनका। जदि तू नाहीं सुनबिउ तउ मइँ आपन पिठिया तोहरी कइँती कइ लेबउँ। मइँ तोहरे प्रदेस क सूना रेगिस्तान कइ देब। कउनो भी मनई हुआँ नाहीं रहि पाई।”
9 सर्वसवितमान यहोवा जउन कहत ह, “उ इ अहइ, ओन इस्राएल क लोगन क बटोरा जउन आपन देस मँ बच गवा रहेन। ओनका इ तरह एकट्ठा करा, जइसे तू अंगूरे क बेल स आखिरी अंगूर बटोरत अहा। अंगूर एकट्ठा करइवाले क तरह हर एक बेल क जाँच करा।”
10 मइँ केहसे बात करउँ? मइँ केका चितउनी दइ सकत हउँ? मोर कउनो सुनी? इस्राएल क लोग आपन कान क बंद किहेन ह। एह बरे उ पचे मोर चितउनी सुन नाहीं सकतेन। लोग यहोवा क सिच्छा पसन्द नाहीं करतेन। उ पचे यहोवा क सँदेस सुनइ नाहीं चाहतेन।
11 किन्तु मइँ (यिर्मयाह) यहोवा किरोध स भरा हउँ। मइँ एका रोकत-रोकत थक गवा हउँ। “सड़किया पइ खेलत बच्चन पइ यहोवा क किरोध उड़ेरा। एक संग बटुरे नउजवानन पइ एका उड़ेरा। मनसेधू अउ ओकर मेहरारू दुइनउँ धरा जइहीं। बुढ़वा अउ बहोत बुढ़वा लोग धरा जइहीं।
12 ओनकर घर दूसर लोगन क दइ दीन्ह जइहीं। ओनकर खेत अउर ओनकर मेहररूअन दूसर क दइ दीन्ह जइहीं। मइँ आपन हाथ उठाउब अउर यहूदा देस क लोगन क सजा देब।” इ सँदेसा यहोवा क रहा।
13 इस्राएल क सबहिं लोग धन अउर जियादा धन चाहत हीं। कम महत्त्वपूर्ण स लइके ज्यादा महत्त्वपूर्ण तलक सबहिं निआवहीन धन बरे लालची अहइँ। हिआँ तलक कि याजक अउ नबी झूठ पइ जिअत हीं।
14 मोर लोग बहोत बुरी तरह चोट खाए भए अहइँ। नबी अउर याजक मोरे लोगन क घाव भरइ क अइसा जतन करत हीं, माना उ पचे नान्ह स घाव होइँ। उ पचे कहत हीं, ‘सान्ति! सान्ति! किन्तु हुआँ सान्ति नाहीं बाटइ।’
15 नबियन अउ याजकन पइ ओह पइ लजाइ चाही, जउन बुरा उ पचे करत हीं। मुला उ पचे तनिक भी लजानेन नाहीं। एह बरे उ पचे दूसर क संग गिर जाइहीं। जब मइँ ओन लोगन क सजा देब, उ पचे ठोकर खाइहीं।” यहोवा कहत ह।
16 यहोवा इ सब कहत ह: “चउराहन पइ खड़ा ह्वा अउर लखा। पता करा कि पुरान सड़किया कहाँ रही। पता करा कि अच्छी सड़किया कहाँ बा, अउ उ सड़क पइ चला। जदि तू पचे अइसा करब्या, तू पचन्क आराम मिली। मुला तू लोग कह्या ह, ‘हम, पचे सड़किया पइ नाहीं चलब।’
17 मइँ तोहार पचन्क चौकसी बरे चौकीदारी चुनेउँ। मइँ ओनसे कहेउँ, जुद्ध-तुरही क अवाजे पइ कान राखा।’ मुला उ पचे कहेन, ‘हम नाहीं सुनब।’
18 एह बरे तू पचे सबहिं रास्ट्रन, ओन देसन क तू सब लोगो, अनका धियान द्या। उ सबइ सुना जउन मइँ यहूदा क लोगन क संग करब।
19 पृथ्वी क लोगो इ सुना: मइँ यहूदा क लोगन पइ उ विपत्ति ढावइ जात अहउँ। जउन ओनका दुस्ट जोजनन स पइदा भएस ह। इ होइ काहेकि उ पचे मोरे सँदेसन कइँती धियान नाहीं दिहन। ओ लोग मोरे नेमन क पालन करइ स इन्कार किहेन ह।”
20 यहोवा कहत ह, “तू पचे सबा देस स मोका सुगन्धि क भेंट काहे लिआवत अहा? तू पचे भेंट क रूप मँ दूर देसन स सुगन्धि काहे लिआवत अहा? तोहार पचन्क होमबलि मोका खुस नाहीं करत। तोहार पचन्क बलि मोका खुस नाहीं करत।
21 एह बरे यहोवा जउन कहत ह, उ इ अहइ: “मइँ यहूदा क लोगन क समन्वा सबइ समस्या रखब। उ पचे लोगन क गिरावइवाले पाथर स होइहीं। बाप अउर पूत ओन पइ ठेह खाइके भहरइहीं। मीत अउ पड़ोसी मरिहीं।”
22 यहोवा जउन कहत ह, “उ इ अहइ: उत्तर क देस स एक ठु फउज आवति अहइ, पृथ्वी क दूर ठउरन स एक ठु सवतीसाली रास्ट्र आवत अहइ।
23 फउजियन क हाथे मँ धनुस अउ भालन अहइँ, उ पचे वूर अहइ। उ पचे कृपा करइ नाहीं जानतेन। उ पचे बहोत सवतीसाली अहइँ। उ पचे सागर क तरह गरजत हीं, जब उ पचे अपने घोड़न पइ सवार होत हीं। उ फउज जुद्ध बरे तइयार होइके आवति अहइ। हे सिय्योन क बिटिया, फउज तोह पइ हमला करइ आवति अहइ।”
24 हम पचे उ फउज क बारे मँ खबर पाएउँ ह। हम पचे डर स असहाय अही। हम खुद क बिपत्तियन क जाली मँ पड़ा अनुभव करित ह। हम पचे वइसे ही कस्ट अही, जइसे एक मेहरारू क प्रसव-बेदना होत ह।
25 खेतन मँ जिन जा, सड़कन पइ जिन निकरा। काहेकि दुस्मन क हाथन मँ तरवार अहइ, काहेकि खतरा चारिहुँ कइँती अहइ।
26 हे मोर लोगो, टाटे क ओढ़ना पहिर ल्या। राखी मँ लोट-पोटा। फूटि-फूटि रोआ जइसे कि तू एकलउता पूत क खोवइ देइ रह्या। इ सबइ करा काहेकि बिनासक बहोतइ हाली स हमरे खिलाफ अइहीं।
27 यिर्मयाह, मइँ (यहोवा) तोहका प्रजा क कच्ची धातु क पारखी बनाएउँ ह। तू हमरे लोगन क जाँच करब्या अउर ओनके बेउहार क चौकसी रखब्या।
28 मोर लोग मोरे खिलाफ होइ ग अहइँ, अउर उ पचे बहोत हठी अहइँ। उ पचे लोगन क बारे मँ बुरी बातन कहत घूमत हीं। उ पचे काँसा क तरह हठी अउर बेचमक लोहा क तरह अहइँ।
29 उ पचे उ चाँदी बनावइया क तरह अहइँ जउन धातू क सुद्ध करइ क कोसिस किहेस। ओकर धौकनी तेज चली, आगी भी तेज जरी, मुला आगी स निकरा अउर राँगा रहा। जउन कछू चाँदी बनाइवया किहेस उ सिरिफ समइ क बरबादी रही। ठीक इहइ तरह मोरे लोगन स बुराई दूर करइ क जतन सिरिफ समई क बबादी रही।
30 मोर लोग ‘खोटी चाँदी’ कहा जइहीं। ओनका इ नाउँ मिली काहेकि यहोवा ओनका अंगीकार नाहीं किहस।”
Jeremiah 7
1 इ यहोवा क सँदेसा यिर्मयाह बरे अहइ।
2 यिर्मयाह यहोवा क मन्दिर दुआरे क समन्वा खड़ा ह्वा। दुआरे पइ इ सँदेसा घोसित करा:“यहूदा रास्ट्र क सबहिं लोगो, यहोवा क उपासना करइ बरे जउन लोग एन दुआरन स होइके आवा, हिआँ यहोवा क सँदेसा रहा।
3 इस्राएल क लोगन क परमेस्सर यहोवा अहइ। सर्वसवतीमान यहोवा जउन कहत ह, ‘उ इ अहइ, आपन जिन्नगी बदला अउर नीक काम करा। जदि तू अइसा करब्या तउ मइँ तू पचन्क इ ठउरे पइ रहइ देब।
4 इ झूठ पइ जिन पतियाअ जउन कछू लोग बोलत हीं। उ पचे कहत हीं, “इ यहोवा क मन्दिर अहइ। यहोवा क मन्दिर अहइ! यहोवा क मन्दिर अहइ!”
5 जदि तू पचे आपन जीवन बदलब्या अउर नीक करम करब्या, तउ मइँ तू पचन्क इ ठउरे पइ रहइ देब। तू पचन्क एक दूसर पइ निस्ठावान होइ चाही।
6 तू पचन्क अजनबियन क संग भी निस्ठावान होइ चाही। तू पचन्क राँड़ अउर अनाथ लरिकन बरे उचित काम करइ चाही। निरपराध लोगन क जिन मारा। दूसर देवतन क अनुसरण न करा। काहेकि उ पचे तोहरे पचन्क जिन्नगी क नस्ट कइ देइहीं।
7 जदि तू पचे मोरी आग्या क पालन करब्या तउ मइँ तू पचन्क इ ठउरे पइ रहइ देब। मइँ इ प्रदेस तोहरे पचन्क पुरखन क अपने लगे सदा ही रखइ बरे दिहेउँ।
8 “‘किन्तु तू पचे झूठ मँ बिस्सास करत अहा अउर उ झूठ बियर्थ अहइ।
9 का तू पचे चोरी अउर हत्या करब्या? का तू पचे बिभिचार क पाप करब्या? का तू फाइदा बरे झूठी गवाही देब्या? का तू पचे लबार देवता बाल क पूजा करब्या अउर दूसर देवतन क अनुसरण करब्या जेनका तू पचे नाहीं जानत्या?
10 जदि तू पचे इ सबइ पाप करत अहा तउ का तू पचे समुझन अहा कि तू पचे उ मन्दिर मँ मोरे समन्वा खड़ा होइ सकत ह जेहसे मोरे नाउँ स गोहरावा जात होइ? का तू पचे सोचत अहा कि तू पचे मोरे समन्वा खड़ा होइ सकत अहा अउर कहि सकत अहा, “हम सुरच्छित अही?” सुरच्छित एह बरे कि जेहसे तू पचे घृणित कार्य कइ सका।
11 इ मन्दिर मोरे नाउँ स गोहरावा जात ह। का इ मन्दिर तोहरे पचन बरे डकैतन क छिपइ क ठउरे क अलावा दूसर कछू नाहीं अहइ? मइँ तोहार पचन्क चौकसी रखत हउँ।’“ इ सँदेसा यहोवा क अहइ।
12 “यहूदा क लोगो, तू पचे अब सीलो नगर क जा। उ ठउरे पइ जा जहाँ मइँ पहिली बार अपने नाउँ क बरे मन्दिर बनाएउँ। जा अउर लखा कि उ ठउरे क मइँ ओन पाप क बरे का किहेउँ जउन एह बरे कि लोग किहन।
13 तू लोग इ सबइ सब पाप करम करत रह्या।” इ सँदेसा यहोवा क रहा। “मइँ तू पचन्स बार-बार बातन किहेउँ, मुला तू पचे मोर अनसुनी कइ दिहा। मइँ तू लोगन क पुकारेउँ पर तू पचे जवाब नाहीं दिहा।
14 एह बरे मइँ आपन नाउँ स गोहरावा जाइवाले यरूसलेम क इ मन्दिर क नस्ट करब। मइँ उ मन्दिर क जेहमाँ तू पचे बिस्सास करत अहा वइसे ही नस्ट करब जइसे मइँ सीलो क नस्ट किहेउँ। अउ मइँ उ ठउरे क नस्ट करब्या जेका मइँ तू पचन्क अउर तोहरे पचन्क पुरखन क दिहेउँ।
15 मइँ तू पचन्क अपने पास ह वइसे ही दूर लोकाइ देब जइसे मइँ तोहरे सबहिं भाइयन क एप्रैम स लोकाएउँ।
16 “यिर्मयाह, जहाँ तलक तोहार बात अहइ, तू यहूदा क एन लोगन बरे पराथना जिन करा। न ओनके बरे याचना करा अउर न ही ओनके बरे पराथना। ओनकर सहायता बरे मोहसे पराथन जिन करा। ओनके बरे तोहरी पराथना क मइँ नाहीं सुनब।
17 मइँ जानत हउँ कि तू लखत अहा कि उ पचे यहूदा नगर मँ का करत अहइँ। तू लखि सकत अहा कि उ पचे यरूसलेम क सड़कन पइ का करत अहइँ?
18 यहूदा क लोग जउन करत अहइँ उ इ अहइ: “बच्चन लकड़ी बटोरत हीं। पिता लोग उ लकड़ी क उपयोग आगी बारइ मँ करत हीं। मेहररूअन आटा गूँधत हीं अउर सरग क रानी क भेंट बरे रोटियन बनावत हीं। यहूदा क उ सब लोग दूसर देवतन क पूजा बरे पेय भेंट चढ़ावत हीं। उ पचे मोका वोधित करइ बरे इ करत हीं।
19 मुला मइँ उ नाहीं हउँ जेका यहूदा क लोग फुरइ चोट पहोंचावत अहइँ।” इ सँदेसा यहोवा क अहइ। “उ पचे सिरिफ आपन क ही चोट पहोंचावत अहइँ। उ पचे आपन क लज्जा क पात्र बनावत अहइँ।”
20 एह बरे यहोवा इ कहत ह: “मइँ आपन किरोध इ ठउरे क खिलाफ परगट करब। मइँ लोगन तथा जानवरन क सजा देब। मइँ खेते मँ बृच्छन अउ उ भुइँया मँ जमइवाली फसलन क सजा देब। मोर किरोध प्रचण्ड आगी क नाईर् होइ अउर कउनो मनई ओका रोक नाहीं सकी।”
21 इस्राएल क परमेस्सर सर्वसवितमान यहोवा इ कहत ह, “जा अउर जेतनी भी होमबलि अउर बलि चाहा, भेंट करा। ओन बलियन क गोस खुद खा।
22 मइँ तोहरे पचन्क पुरखन क मिस्र स बाहेर लिआएउँ। मइँ ओनसे बातन किहेउँ, किन्तु ओनका कउनो आदेस होमबलि अउर बलि क बारे मँ नाहीं दिहस।
23 मइँ ओनका सिरिफ इ आदेस दिहेउँ, ‘मोरी आग्या क पालन करा अउर मइँ तोहार पचन्क परमेस्सर रहब तथा तू पचे मोर लोग होब्या। जउन मइँ आदेस देत हउँ उकरा, अउर तोहरे पचन्क बरे सब नीक होइ।’
24 “किन्तु तोहार सबन्क पुरखन मोर एक नाहीं सुनेन। उ पचे मोह पइ धियान नाहीं दिहन। उ पचे हठी रहेन अउर उ पचे ओन कामन क किहन जउन उ पचे करइ चाहत रहेन। उ पचे नीक नाहीं बनेन। उ पचे पहिले स भी जियादा बुरे बनेन, उ पचे पाछे क गएन, अगवा नाहीं बढ़ेन।
25 ओ दिन स जउने दिन तोहरे सबन्क पुरखन मिस्र तजेन आजु तलक मइँ आपन सेवकन क तोहरे पचन्क लगे पठएउँ ह। मोरे सेवक नबी अहइँ। मइँ ओनका तोहरे सबन्क लगे बराबर पठएउँ।
26 मुला तोहार पचन्क पुरखन मोर अनसुनी किहन। उ पचे मोह पइ धियान नाहीं दिहन। उ पचे बहोत हठी रहेन, अउर उ पचे बहोत जिद्दी रहेन, अउर उ पचे आपन पुरखन स भी बढ़िके बुराइयन किहन।
27 “यिर्मयाह, तू यहूदा क लोगन स इ सबइ बातन कहब्या। किन्तु उ पचे तोहार पचन्क एक न सुनिहीं। तू पचे ओनसे बातन करब्या मुला उ पचे तू पचन्क जवाब नाहीं देइहीं।
28 एह बरे तोहका ओनसे इ सबइ बातन कहइ चाही: इ उ रास्ट्र अहइ जउन यहोवा आपन परमेस्सर क आग्या क पालन नाहीं किहस। इ सबइ लोग परमेस्सर क सिच्छन क अनसुनी किहन। इ सबइ लोग सच्ची सिच्छन क नाहीं जानतेन।
29 “यिर्मयाह, अपने बारन क काट डावा अउर एका लोकाइ द्या। पहाड़ी क नंगी चोटी पइ चढ़ा अउर रोवा चिचियाअ। काहेकि यहोवा इ पीढ़ी क लोगन क दुत्कार दिहेस ह। यहोवा एन लोगन स आपन पीठ मोड़ लिहस ह अउर उ किरोध मँ एनका सजा देइ।
30 इ सबइ करा काहेकि मइँ यहूदा क लोगन क पाप करत लखेउँ ह।” इ सँदेसा यहोवा क अहइ। “उ पचे आपन देवमूतिर्यन क स्थापना किहेन ह अउर मइँ ओन देवमूतिर्यन स घिना करत हउँ। उ पचे देवमूतिर्यन क उ मन्दिर मँ स्थापित किहेन ह जउन मोरे नाउँ स अहइ। उ पचे मोरे मन्दिर क ‘गन्दा’ कइ दिहन ह।
31 यहूदा क उ सबइ लोग बेन हिन्नोम घाटी मँ तोपेत क उच्च स्थान बनाए अहइँ। ओन ठउरन पइ लोग आपन पूत-बिटियन क मार डावत रहेन, उ पचे ओनका बलि क रूप मँ बार देत रहेन। इ अइसा अहइ जेकरे बरे मइँ कबहुँ आदेस नाहीं दिहेउँ। इ तरह क बात कबहुँ मोरे मन मँ आई ही नाहीं।
32 एह बरे मइँ तू पचन्क चितउनी देत हउँ। उ सबइ दिन आवत अहइँ।” इ सँदेसा यहोवा क अहइ, “जब लोग इ ठउरे क तोपेत या बेन हिन्नोम क घाटी फुन नाहीं कहिहीं। नाहीं, उ पचे एका हत्याघाटी कहिहीं। उ पचे एका इ नाउँ एह बरे देइहीं कि उ पचे तोपेत मँ एतने मनइयन क दफनइहीं कि ओनके बरे कउनो दूसर क दफनावइ क जगह नाहीं बची।
33 तब लोगन क ल्हास जमीन क ऊपर पड़ा रइहीं अउर अकासे क पंछियन क चारा होइहीं। ओन लोगन क तने क जंगली जनावर खइहीं। हुआँ ओन पंछियन अउर जनावरन क भगावइ बरे कउनो मनई जिअत नाहीं बची।
34 मइँ आनन्द अउर खुसी क कहकहन क यहूदा क नगरन अउर यरूसलेम क सड़कियन पइ खतम कइ देब। यहूदा अउ यरूसलेम मँ दुलहिन अउ दुल्हा क हँसी-ठिठोली अब स अगवा नाहीं सुनाई पड़ी। पूरा पहँटा सूना रेगिस्तान बन जाइ।”
Jeremiah 8
1 यहोवा कहत ह: “उ समइ लोग यहूदा क राजा लोग अउर प्रमुख सासक लोग क हड्डियन क कब्रन स निकारि लेइहीं। उ पचे याजकन अउर नबियन क हड्डियन क ओनकर कब्रन स लइ लेइहीं। उ पचे यरूसलेम क सबहिं लोगन क कब्रन स हड्डियन निकारि लेइहीं।
2 उ सबइ लोग ओन हड्डियन क सूरज, चाँद अउर तारन क पूजा बरे खाले जमीन पइ फइलइहीं। यरूसलेम क लोग सूरज, चाँद अउ तारन क पूजा स पिरेम करत हीं। कउनो भी मनई ओन हड्डियन क बटोरी नाहीं अउर न ही ओनका फुन दफनाई। एह बरे ओन लोगन क हड्डियन गोबर क तरह भुइँया पइ पड़ी रहिहीं।
3 “मइँ यहूदा क लोगन क आपन घर अउ प्रदेस तजइ पर विवस करब। लोग विदेसन मँ लइ जावा जइहीं। यहूदा क उ सबइ कछू लोग जउन जुद्ध मँ नाहीं मारा जाइ सकेन, चहिहीं कि उ पचे मार डावा गए होतेन।” इ सँदेसा यहोवा क अहइ।
4 ओन लोगन स कहा, जउन यहोवा कहत ह उ इ अहइ: “तू इ सब जानत अहा कि जउन मनई गिरत ह उ फुन उठत ह। अउर जदि कउनो मनई गलत राहे पइ चलत ह तउ का उ वापस नाहीं आवत ह
5 यहूदा क लोग गलत राह चला गवा अहइँ। मुला यरूसलेम क लोग गलत राह चलत ही काहे जात अहइँ? उ पचे आपन झूठ मँ बिस्सास रखत हीं। उ पचे मुड़इ अउर लउटइ स इन्कार करत हीं।
6 मइँ ओनका धियान स सुनेउँ ह, मुला उ पचे उ नाहीं कहतेन जउन फुरइ अहइ। लोग आपन पापे खातिर पछतातेन नाहीं। लोग ओन बुरे करमन पइ विचार नाहीं करतेन जेनका उ पचे किहेन ह। हर एक अपने राहे पइ वइसे ही चला जात अहइ। उ पचे जुद्ध मँ दउड़त भए घोड़वन क समान अहइँ।
7 अकासे क पंछी भी काम करइ क ठीक समइ जानत हीं। सारस, कबूतर, खज्जन अउ मइना भी जानत हीं कब ओनका आपन नवे घरे मँ उड़िके जाब अहइ। किन्तु मोर लोग नाहीं जानतेन कि यहोवा ओनसे का कराउब चाहत ह।
8 तू पचे कइसे कह सकत ह, ‘हमका यहोवा क नेम मिली अहइ। एह बरे हम बुद्धिमान अही?’ किन्तु जउन नेम क सिच्छा देत ह अहइ उहइ एका झुठलाइ दिहेस ह।
9 ओन ‘चतुर लोग’ यहोवा क सिच्छा अनसुनी किहेन ह एह बरे फुरइ उ पचे असल मँ बुद्धिमान लोग नाहीं अहइँ। उ पचे ‘चतुर लोग’ जाल मँ फँसावा गएन। उ पचे काँप उठेन अउर लज्जित भएन।
10 एह बरे मइँ ओनकर मेहररूअन क दूसर मनइयन क देब। मइँ ओनके खेते क दूसर मालिकन क दइ देब। इस्राएल क सबहिं लोग जियादा स जियादा धन चाहत हीं। कम महत्त्वपूर्ण स लइके ज्यादा महत्त्वपूर्ण सबहिं लोग निआवहीन धन बरे लालची अहइ। हिआँ तलक कि नबी स लइके याजक भी लबार बोलत हीं।
11 नबी अउर याजक हमरे लोगन क घावन क भरइ क जतन अइसे करत हीं माना उ पचे नान्ह स घाव होइँ। उ पचे कहत हीं, ‘सान्ति! सान्ति! किन्तु हुआँ सान्ति नाहीं अहइँ।”
12 ओन लोगन क आपन किए बुरे करमन बरे लज्जित होइ चाही। किन्तु उ पचे बिल्वुल लज्जित नाहीं। एह बरे उ पचे दूसर सबहिं क संग गिर जाइहीं। जब मइँ ओनका सज़ा देब तउ उ पचे ठोकर खाइहीं।” यहोवा कहत ह।
13 “मइँ आपन लोगन क इकट्ठा करइ बरे आउब्या” यहोवा कहत ह: “कउनो भी अंगूरे क बेलन मँ कउनो अंगूर नाहीं होइ। कउनो भी अंजीरे क पेड़न पइ कउनो अंजीर नहीं होइ। हिआँ तलक कि पातियन भी सूखिके झड़ि जाइहीं। अउर मइँ इ सारी बातन क ओन लोगन पइ होइ देब।
14 हम हिआँ खाली काहे बइठा अही? आवा, मजबूत सहरन क भाग निकरी। जदि हमार परमेस्सर यहोवा हमका मारइ ही जात अहइ, तउ हम हुअँइ मरी। हम यहोवा क खिलाफ पाप किहा ह एह बरे परमेस्सर हमका पिअइ क पानी जहरीला पानी दिहेस ह।
15 हम सान्ति क आसा करत रहे, किन्तु कछू भी नीक नाहीं होइ सका। हम अइसे समइ क आसा करित ह, जब उ छिमा कइ देइ। किन्तु बिपत्ति ही आइ पड़ी अहइ।
16 दान क परिवार समूह क प्रदेस स हम दुस्मन क घोड़न क नथुनन क फड़फड़ावइ क आवाज सुनित ह, ओनकर टापन स पृथ्वी काँप उठी अहइ, उ पचे प्रदेस अउर एहमाँ क सारी चीजन क नस्ट करइ आवा अहइँ। उ पचे सहर अउर एकर निवासी सबहिं लोगन क जउन हुआँ रहत हीं नस्ट करइ आवा अहइँ।
17 यहूदा क लोगो, मइँ तू पचन्क डसइ क जहरीला साँप पठवत अहउँ। ओन साँपन क सम्मोहित नाहीं कीन्ह जाइ सकत। उ सबइ ही साँप तू पचन्क डसिहीं।” इ सँदेसा यहोवा क अहइ।
18 परमेस्सर, मइँ बहोत दुःखी अउर भयभीत अहउँ।
19 मोर लोगन क सुना। इ देस मँ उ पचे चारिहुँ कइँती मदद बरे गोहरावत अहइँ। उ पचे कहत अहइँ, “का यहोवा अब भी सिय्योन मँ अहइ? का सिय्योन क राजा अब भी हुआँ अहइँ?” किन्तु परमेस्सर कहत ह, “यहूदा क लोग, आपन देव मूरतियन क पूजा कइके मोका वोधित काहे करत अहा? उ पचे आपन बियर्थ बिदेसी देव मूरतियन क पूजा किहन ह।”
20 लोग कहत हीं, “फसल काटइ क समइ अउर गरमी क मौसम चला गवा ह किन्तु हम बचावा नाहीं जाइ सके।”
21 मोर लोग बीमार अहइँ, एह बरे मइँ बीमार हउँ। मइँ एन बीमार लोगन क चिन्ता मँ दुःखी अउ निरास हउँ।
22 निहचय ही, गिलाद प्रदेस मँ कछू दवा अहइ। निहचय ही, गिलाद प्रदेस म बैद्य अहइ। तउ भी मोरे लोगन क घाव काहे नीक नाहीं होतेन?
Jeremiah 9
1 कास मोर सिर पानी मँ डूबा होत, अउर मोर आँखिन आँसू क झरना होतिन तउ मइँ आपन नस्ट कीन्ह गए लोगन बरे दिन रात रोवत रहत।
2 कास मोका रेगिस्तान मँ जगहिया मिल गइ होत जहाँ कउनो घरे मँ यात्री रात बितउतेन, तउ मइँ आपन लोगन क छोड़ सकत रहेउँ। मइँ ओन लोगन स दूर चला जाइ सकत रहेउँ। काहेकि उ पचे सबहिं परमेस्सर क बिस्सासघाती व बिभिचारी होइ गवा अहइँ।
3 “उ सबइ लोग आपन जीभ क उपयोग धनुस जइसा करत हीं, ओनकर मूँह स झूठ बाण क समान छूटत हीं। उ पचे पूरा देस मँ प्रबल होत ह, उ सबइ लोग एक क बाद दूसर करम करत हीं। उ पचे मोका नाहीं जानतेन।” यहोवा कहत ह।
4 “आपन पड़ोसियन स सतर्क रहा, आपन निज भाइयन पइ भी बिस्सास जिन करा। काहेकि हर एक भाई ठग होइ गवा अहइ। हर पड़ोसी तोहरे पीठ पाछे बात करत ह।
5 हर एक मनई आपन पड़ोसी स झूठ बोलत ह। कउनो मनई फुरइ नाहीं बोलत। यहूदा क लोग जीभ क झूठ बोलइ क सिच्छा दिहन ह। उ पचे तब तलक पाप किहन जब तलक कि उ पचे एतने थकेन कि लउट नाहीं सकेन।
6 तू धोखा क बीच मँ निवास करत ह। लोग मोका अपनावइ स इन्कार कइ दिहन।” यहोवा कहत ह।
7 एह बरे सर्वसवतीमान यहोवा कहत ह, “मइँ यहूदा क लोगन क परीच्छा वइसे ही करब जइसे कउनो मनई आगी मँ तपाइके कउनो धातु क परीच्छा करत ह। मोरे लगे दूसर विकल्प नाहीं अहइ। मोर लोग पाप किहन ह।
8 यहूदा क लोगन क जीभ तेज बाणन क तरह अहइँ। ओनकर मुँहे स झूठ बरसत ह। हर एक मनई आपन पड़ोसी स अच्छा बोलत ह। किन्तु उ छुपे आपन पड़ोसी पइ हमला करइ क जोजना बनावत ह।
9 का मोका यहूदा क लोगन क एन कामन क करइ बरे सजा नाहीं देइ चाही?” इ सँदेसा यहोवा क अहइ। “तू जानत ह कि मोका इ प्रकार क लोगन क सजा देइ चाही। मइँ ओनका उ दण्ड देब जेकर उ पचे पात्र अहइँ।”
10 मइँ पर्वतन बरे फूटि फूटिके रोउब। मइँ खाली खेतन बरे सोक गीत गाउब। काहेकि जिअत बस्तुअन छोर लीन्ह गइन। कउनो मनई हुआँ जात्रा नाहीं करत। उ जगह पइ कउनो जनावर क ध्वनि नाहीं सुनाई पड़ सकत। पंछी उड़ गवा अहइँ अउर जनावर चला गवा अहइँ।
11 मइँ (यहोवा) यरूसलेम नगर क वूड़े क ढेर बनाइ देब। इ सियारन क माँदन बनी। मइँ यहूदा देस क सहरन क बरबाद करब एह बरे हुआँ कउनो भी नाहीं रही।”
12 का कउनो मनई अइसा बुदद्धिमान अहइ जउन एन बातन क समुझ सकइ? का कउनो मनई अहइ जेका यहोवा स सिच्छा मिली अहइ? का कउनो यहोवा क सँदेसा क व्याख्या कइ सकत ह देस काहे नस्ट भवा? इ एक ठू सूने रेगिस्ताने क तरह काहे कइ दीन्ह गवा जहाँ कउनो भी नाहीं जात?
13 यहोवा एन सवालन क जवाब दिहस। उ कहेस, “इ एह बरे भवा कि यहूदा क लोग मोर सिच्छा पइ चलब तजि दिहन। मइँ ओनका आपन सिच्छा दिहेउँ, किन्तु उ पचे मोर सुनइ स इन्कार किहन। उ पचे मोर उपदेसन क अनुसरण नाहीं किहन।
14 यहूदा क लोग आपन राह चलेन, उ पचे हठी रहेन। उ पचे लबार देवता बाल क अनुसरण किहन। ओनकर पुरखन ओनका लबार देवतन क अनुसरण करइ क सिच्छा दिहन।”
15 एह बरे इस्राएल क परमेस्सर सर्वसवतीमान यहोवा कहत ह, “मइँ हाली ही यहूदा क लोगन क कड़ुवा फल चखाउब। मइँ ओनका जहरीला पानी पिआउब।
16 मइँ यहूदा क लोगन क दूसर रास्ट्रन मँ छितराइ देब। उ पचे अजनबी रास्ट्रन मँ रहिहीं। उ पचे अउर ओनकर पुरखन ओन देसन क कबहुँ नाहीं जानेन। हवाँ भी मइँ तरवार लिए मनइयन क ओन लोगन क मारि डावइ बरे पठाब। जब तलक उ पचे नस्ट नाहीं होइ जइहीं।”
17 सर्वसवतीमान यहोवा जउन कहत ह, “उ इ अहइ: “अब एन सबन्क बारे मँ सोचा। अन्त्येस्टि क समइ भाड़ा पइ रोवइवाली मेहररूअन क बोलावा। ओन मेहररूअन क बोलावा जउन बिलाप करइ मँ चतुर होइँ।”
18 लोग कहत हीं, ‘ओन मेहररूअन क हाली स आवइ अउर हमरे बरे रोवइ द्या, तब हमार आँखिन आँसू स भरिहीं अउर पानी क धारा हमरी आँखिन स फूट पड़ी।’
19 जोर स रोवइ क अवाजन सिय्योन स सुनी जाति अहइँ। ‘हम फुरइ बर्बाद होइ गए। हम फुरइ लज्जित अही। काहेकि हम अपने देस क तजइ दिहे ह, काहेकि हमार घर नस्ट अउर बर्बाद होइ ग अहइँ।’“
20 यहूदा क मेहररूओ, अब यहोवा क सँदेसा सुना। यहोवा क मुँहे स निकरे सब्दन क सुनइ बरे आपन कान खोल ल्या। यहोवा कहत ह, “आपन बिटियन क जोर स रोउब सिखाया। हर एक मेहरारू क इ सोक गीत क सीख लेब चाही।”
21 ‘मउत हमरी खिड़कियन स चढ़िके आई अहइ। मउत हमरे महलत मँ घुसि गइ अहइ। सड़क पइ खेलइवाले हमरे बच्चन क मउत आइ गइ अहइ। सामाजिक ठउरन मँ मिलइवाले युवकन क मउत होइ गइ अहइ।’
22 “ओन लोगन स कहा, ‘जउन यहोवा कहत ह, उ इ अहइ: मनइयन क ल्हास खेतन मँ गोबर स पड़ा रहिहीं। ओनकर ल्हास जमीन पइ उ फसल स पड़ा रहिहीं जेनका किसान काट डाएन ह। किन्तु ओनका बटोरइवाला कउनो नाहीं होइ।’“
23 यहोवा कहत ह, “बुद्धिमान क आपन बुद्धिमान क डींग नाहीं मारइ चाही। ताकतवर क आपन ताकत क बखान नाहीं करइ चाही। धनवान क आपन धने क हवा नाहीं बाँधइ चाही।
24 किन्तु जदि कउनो डींग मारइ ही चाहत ह तउ ओका एन चीजन क डींग मारइ द्या: ओका इ बात क डींग मारइ द्या कि उ मोका समुझत अउर जानत ह। ओका इ बात क डींग हाँकइ द्या कि उ इ समुझत ह कि मइँ यहोवा हउँ। एका इ बात क हवा बाँधइ द्या कि मइँ कृपालु अउर न्यायी हउँ। ओका इ बात क ढिंढोरा पीटइ द्या कि मइँ पृथ्वी पइ अच्छे काम करत हउँ। मोका एन कामन क करइ स पिरेम अहइ।” इ सँदेसा यहोवा क अहइ।
25 यहोवा कहत ह, “समइ आवत अहइ, जब मइँ ओन लोगन क सजा देब जउन सिरिफ तने स खतना कराए अहइँ।
26 “मइँ मिस्र, यहूदा, एदोम, अम्मोन अउ मोआब क रास्ट्रन क अउर ओन सबहिं लोगन क बारे मँ बातन करत अहइँ जउन रेगिस्ताने मँ रहत हीं जउन दाढ़ी क किनारन क बालन क काटत हीं। ओन सबहिं देसन क लोग आपन सरीर क खतना नाहीं करवाएन ह। किन्तु इस्राएल क परिवार क लोग हिरदइ स खतना क नाहीं ग्रहण किहन ह, जइसे कि परमेस्सर क लोगन क करइ चाही।”
Jeremiah 10
1 इस्राएल क परिवार, यहोवा क सुना।
2 जउन यहोवा कहत ह, उ इ अहइ:“अन्य रास्ट्रन क लोगन क तरह रहा। अकासे क खास संकेतन स जिन डेराअ। दूसर रास्ट्र ओन संकेतन स डेरात हीं जेनका उ पचे अकासे मँ लखत हीं। किन्तु तू पचन्क ओन चीजन स नाहीं डेराइ चाही।
3 दूसर लोगन क रीति रिवाज ब्यर्थ अहइँ। ओनकर देव मूरतियन जंगल क लकड़ी क अलावा कछू नाहीं। ओनकर देव मूरतियन कारीगर क छैनी स बनी अहइँ।
4 उ पचे आपन देव मूरतियन क सोना चाँदी स सुन्नर बनावत हीं। उ पचे आपन देव मूरतियन क हथौड़न अउर कीलन स लटकावत हीं जेहसे उ सबइ लटके रहइँ, गिर न पड़इँ।
5 दूसर देसन क देव मूरतियो, ककड़ी क खेते मँ खड़े फूस क पुतले क समान अहइँ। उ सबइ न बोल सकत हीं, अउर न चल सकत हीं। ओनका उठाइके लइ जाब पड़त ह काहेकि उ सबइ चल नाहीं सकतिन। ओनसे जिन डेराअ। उ सबइ न तउ तू पचन्क चोट पहुँचाइ सकत हीं अउर न ही कउनो लाभ।”
6 यहोवा तू जइसा कउनो दूसर नाहीं अहइ। तू महान अहा। तोहार नाउँ महान अउर सवितपूर्ण अहइ।
7 परमेस्सर, हर एक मनई क तोहार सम्मान करना चाही। तू सबहिं रास्ट्रन क राजा अहा। तू ओनके सम्मान क पात्र अहा। रास्ट्रन मँ अनेक बुद्धिमान मनई अहइँ। किन्तु कउनो मनई तोहरे समान बुद्धिमान नाहीं अहइ।
8 दूसर रास्ट्रन क सबहिं लोग बेहुदा अउर मूरख अहइँ। ओनकर देवतन क सिच्छा केवल लकड़ी क टुकड़ा अहइँ।
9 उ पचे आपन मूरतियन क तर्सीस नगर क चाँदी अउर उफाज नगर क सोने क उपयोग कइके बनावत हीं। उ सबइ देव मूरतियन बढ़इयन अउ सुनारन क जरिये बनाई जात हीं। उ पचे ओन देव मूरतियन क अच्छा किसिम क कीमती नीले अउर बैंगनी वस्त्र पहिरावत हीं। इ सबइ “वुसल कारीगरन” दुआरा बनाए गए रहेन।
10 किन्तु केवल यहोवा ही सच्चा परमेस्सर अहइ। उ एकमात्र परमेस्सर अहइ जउन चेतन अहइ। उ सास्वत सासक अहइ। जब परमेस्सर किरोध करत ह तउ धरती काँप जात ह। रास्ट्रन क लोग ओकरे किरोध क रोक नाहीं सकतेन।
11 यहोवा कहत ह, “ओन लोगन क इ सँदेसा द्या: ‘ओन लबार देवतन पृथ्वी अउ सरग नाहीं बनाएन अउर उ पचे देवता नस्ट कइ दीन्ह जइहीं, अउर पृथ्वी अउर सरग स लुप्त होइ जइही।’“
12 उ परमेस्सर एक ही अहइ जउन आपन सवती स पृथ्वी बनाएस। परमेस्सर आपन बुद्धि क उपयोग किहस अउर संसार क रचना कइ डाएस। आपन समुझ क अनुसार परमेस्सर पृथ्वी क ऊपर अकास क फइलाएस।
13 परमेस्सर कड़कत बिजली बनावत ह अउर उ अकास स बड़े जल क बाढ़ क सिरावत ह। उ पृथ्वी क हर एक स्थान पइ, अकासे मँ मेघ क उठावत ह। उ बिजली क बर्खा क साथ पठवत ह। उ आपन गोदामन स पवन क निकारत ह।
14 लोग एतना बेववूफ अहइँ। सुनार ओन देव मूरतियन स मूरख बनावा गएन ह जेनका उ पचे खुद बनाएन ह। इ सबइ मूरतियन झूठ क अलावा कछू नाहीं अहइँ, उ सबइ निस्विय अहइँ।
15 उ सबइ देव मूरतियन कउनो काम क नाहीं। उ सबइ कछू अइसी अहइँ जेनकर मजाक उड़ावा जाइ सकइ। निआउ क समइ आवइ पइ उ सबइ देव मूरतियन नस्ट कइ दीन्ह जइहीं।
16 किन्तु याकूब क परमेस्सर ओन देव मूरतियन क समान नाहीं अहइ। परमेस्सर सबहिं वस्तुअन क सृस्टि किहस, अउर इस्राएल उ परिवार अहइ जेका परमेस्सर आपन लोग क रूप मँ चुनेस। परमेस्सर क नाउँ, “सर्वसवतीमान यहोवा” अहइ।बिनास आवत अहइ
17 तू पचे जउन कि सहर रहत ह आपन सबहिं चिजियन जमा कइ ल्या अउर जाइ क तइयार हो जा।
18 यहोवा कहत ह, “इ समय मइँ यहूदा क लोगन क इ देस स बाहेर लोकाइ देब। मइँ ओनका पीड़ा अउ परेसानी देब। मइँ अइसा करब जेहसे उ सबइ पाठ सीख सकइँ।”
19 ओह, मइँ बुरी तरह घायल अहउँ। मइँ ठीक नाहीं होइ सकत। तउ भी मइँ खुद स कहेउँ, “इ मोर बेरामी अहइ, मोका एहसे पीड़ित होइ चाही।”
20 मोर डेरा बर्बाद होइ गवा। डेरे क सारी रस्सियन टूट गइन ह। मोर बच्चन मोका तजि गएन। उ पचे चला गएन। कउनो मनई मोर डेरा लगावइ क नाहीं बचा ह। कउनो मनई मोरे बरे सरण ठउर बनावइ क नाहीं बचा ह।
21 गड़रियन (प्रमुख) मूर्ख अहइँ। उ पचे यहोवा क पावइ क जतन नाहीं करतेन। उ पचे बुद्धिमान नाहीं अहइँ, एह बरे ओनकर रेवड़न (लोग) बिखर गइन अउर नस्ट होइ गइन ह।
22 धियान स सुना। एक कोलाहल, कोलाहल उत्तर स आवत अहइ। इ यहूदा क नगरन क नस्ट कइ देेइ। यहूदा एक सुनसान रेगिस्तान बन जाइ। इ गीदड़न क माँद बन जाइ।
23 हे यहोवा, मइँ जानत हउँ कि मनई फुरइ आपन जिन्नगी क मालिक नाहीं अहइ। लोग फुरइ आपन भविस्स क जोजना नाहीं बनाइ सकत हीं। लोग फुरइ नाहीं जानतेन कि कइसे ठीक जिअत रहा जाइ।
24 हे यहोवा, हमार अनुसान करा, किन्तु निआव स। किरोध मँ हमका सजा जिन द्या। नाहीं तउ तू मोका नस्ट कइ देब्या।
25 जदि तू कोहान अहा तउ दूसर रास्ट्रन क सजा द्या। उ पचे, न तोहका जानत हीं न ही तोहार सम्मान करत हीं। उ सबइ लोग तोहार आराधना नाहीं करतेन। ओन रास्ट्रन याकूब क परिवारे क नस्ट किहन। उ पचे इस्राएल क पूरी तरह बर्बाद कइ दिहन। उ पचे इस्राएल क जन्मभूमि क नस्ट किहन।
Jeremiah 11
1 इ उ सँदेसा अहइ जउन यिर्मयाह क मिला। यहोवा क इ सँदेसा आवा।
2 “यिर्मयाह इ करार क सब्दन क सुना। एन बातन क बारे मँ यहूदा क लोगन स कहा। इ सबइ बातन यरूसलेम मँ रहइवाले लोगन स कहा।
3 ओन लोगन स कहा: इ उ अहइ, जउन इस्राएल क परमेस्सर यहोवा कहत ह, ‘जउन मनई इ करार क पालन नाहीं करी ओह सरापि जाइँ।’
4 इ उ करार रही जेका मइँ तोहरे पुरखन क संग किहेउँ, जब मइँ ओनका मिस्र स बाहेर लिआएउँ। मिस्र अनेक मुसीबतन क जगह रही इ लोहा क टेघराइ देइवाली गर्भ भट्टी क तरह रही। मइँ ओन लोगन स कहेउँ, “मोर आग्या माना अउर उ सब करा जेकर मइँ तू पचन्क आदेस देउँ। जदि तू पचे इ करब्या तू मोर लोग होब्या अउर मइँ तोहार पचन्क परमेस्सर होब।”
5 “मइँ इ तोहार पचन्क पुरखन क दीन्ह गए वचन क पूरा करइ बरे करत रहेउँ ह। मइँ ओनका बहोत उपजाउ भुइँया देइ क प्रतिग्या किहेउँ, अइसी भुइँया जेहमाँ दूध अउर सहद की नदी बहत अहइ अउर आजु तू पचे उ देस मँ रहत अहा।” मइँ जवाब दिहेेउँ, “हे यहोवा, आमीन।”
6 यहोवा मोहसे कहेस, “यिर्मयाह, इ सँदेसा क सिच्छा यहूदा क नगरन अउर यरूसलेम क सड़कन पइ द्या। सँदेसा इ अहइ, “इ करार क बातन क सुना अउर तब ओन नेमन क पालन करा।
7 मइँ तोहरे पचन्क पुरखन क मिस्र देस स बाहेर लिआवइ क समइ एक चिताउनी दिहे रहेउँ। मइँ ओनसे आपन आग्या क पालन करइ बरे कहेउँ।
8 किन्तु तोहरे पचन्क पुरखन मोर एकउ न सुनेन। उ पचे हठी रहेन अउर उहइ किहन जउन ओनकर आपन बुरे हिरदय चाहेन। तउ मइँ उ सबइ बिपत्तियन जउन मोर करार मँ लिखा भवा ह ओह पइ लाएस, जउन कि मोर अवग्या करइ स मिलइ चाही जे उ पचे किहेस ह।”
9 यहोवा मोहसे कहेस, “यिर्मयाह, मइँ जानत हउँ कि यहूदा क लोग अउर यरूसलेम क निवासी लोग गुप्त जोजनन बनाइ राखेन ह।
10 उ सबइ लोग वइसे ही पाप करत अहइँ जेनका ओनकर पुरखन किहन ह। ओनकर पुरखन मोर सँदेस क सुनइ स इन्कार किहेन। उ पचे दूसर देवतन क अनुसरण किहन अउर ओनका पूजेन। इस्राएल क परिवार अउर यहूदा क परिवार उ करार क तोड़ेन ह जेका मइँ ओनके पुरखन क संग किहे रहेेउँ।”
11 एह बरे यहोवा कहत ह: “मइँ यहूदा क लोगन पइ हाली ही भयंकर विपत्तियन ढाउब। उ पचे बच नाहीं पइहीं अउर जब उ पचे मदद बरे मोका गोहरइहीं। मइँ ओनकर एक न सुनब।
12 यहूदा क नगरन क लोग अउर यरूसलेम नगर क लोग जइहीं अउर आपन देव मूरतियन स पराथना करिहीं। उ सबइ लोग ओन देव मूरतियन क सुगन्धि यहूदा धूप वारत हीं। किन्तु उ सबइ देव मूरतियन क लोगन क मदद नाहीं कइ पइहीं जब उ भयंकर विपत्ति क समइ आइ।
13 “यहूदा क लोगो, तोहरे पचन्क लगे बहोत स देवमूरतियन अहइँ, हुआँ ओतनी देवमूरतियन अहइँ जेतना यहूदा नगर मँ अहइँ। तू पचे उ घिनौनी बाल क पूजा बरे बहोत स बेदियन बनाइ राख्या ह यरूसलेम मँ जेतनी सड़कन अहइँ ओतनी ही वेदियन अहइँ।
14 यिर्मयाह, जहाँ तलक तोहार बात अहइ, यहूदा क एन लोगन बरे पराथना न करा। ओनके बरे याचना न करा। मइँ ओनका नाहीं सुनब जब उ कस्ट मँ रहिहीं अउ मोहसे मदद बरे गोहारहीं।
15 “मोर प्रिया (यहूदा) मोरे घरे मँ काहे अहा? ओका हुवाँ रहइ क अधिकार नाहीं अहइ। उ बहोत स बुरे काम किहेन ह, यहूदा का तू सोचति अहा कि खास प्रतिग्यन अउर पसु बलि तोहका बर्बाद होइ स बचाइ लेइहीं? का तू आसा करति अहा कि तू ओका बलि भेट कइके सजा पावइ स बच जाबिउ?”
16 यहोवा तोहका एक ठु नाउँ दिहे रहा। उ तोहका हरा भरा जैतून क बृच्छ कहे रहा जेकर सुन्दरता निहारइ क जोग्य अहइ किन्तु एक प्रबल आँधी क गरज क संग, यहोवा उ बृच्छ क आगी मँ झुलसाई देइ अउर एकर डारन जरि जइहीं।
17 सर्वसवतीमान यहोवा तोहका रोपेस, अउर उ इ घोसना किहेस ह कि तोहे पइ बर्बादी डाउब्या। काहेकि इस्राएल क रास्ट्र अउर यहूदा क परिवार बुरे करम किहेन ह। उ पचे बाल क बलि भेंट कइके मोका वोधित किहेन ह।”
18 यहोवा मोका देखाएस कि अनातेन क मनई मोरे खिलाफ सड्यंत्र करत अहइँ। यहोवा मोका उ सब देखाएस जउन उ पचे करत अहइँ। एह बरे मइँ जानेउँ कि उ पचे मोरे खिलाफ रहेन।
19 जब यहोवा मोका देखाएस कि लोग मोरे विरूद्ध अहइँ एकरे पहिले मइँ उ भोले मेमने क समान रहेउँ जउन काट दीन्ह जाइ क प्रतीच्छा मँ होइ। मइँ नाहीं समुझत रहेउँ कि उ पचे मोरे खिलाफ अहइँ। उ पचे मोरे बारे मँ इ कहत रहेन: “आवा, हम लोग पेड़ अउर ओकर फल क नस्ट कइ देइ। आवा हम ओका मारि डाइ। तब लोग ओक बिसरि जइहीं।”
20 किन्तु यहोवा तू एक निआइ निआवाधीस अहा। तू लोगन क हिरदय अउर मन क परीच्छा करइ जानत अहा। मइँ आपन तर्कन क तोहरे समन्वा प्रस्तुत करब अउर मइँ तोहका ओनका सजा देइ क कहब जेकर उ पचे पात्र अहइँ।
21 अनातोन क लोग यिर्मयाह क मार डावइ क जोजना बनावत रहेन। ओन लोग यिर्मयाह स कहेन, “यहोवा क नाउँ भविस्सवाणी न करा वरना हम तोहका मार डाउब।” यहोवा अनातोत क ओन लोगन क बारे मँ निर्णय लिहस।
22 सर्वसवतीमान यहोवा कहेस, “मइँ हाली ही अनातोत क ओन लोगन क सजा देब। ओनकर नउजवान जुद्ध मँ मारा जइहीं। ओनकर पूत अउर बिटियन भूखन मरिहीं।
23 अनातोत नगर मँ कउनो भी मनई नाहीं बची। कउनो मनई जिअत नाहीं रही। मइँ ओनका सजा देब। मइँ ओनके संग कछू बुरा घटित होइ देब।”
Jeremiah 12
1 यहोवा। मइँ तोहसे तर्क करत हउँ, तू सदा सही निकरत ह। किन्तु मइँ तोहसे ओन सब क बारे मँ पूछइ चाहत हउँ जउन सही नाहीं लगतिन। दुट्ठ लोग सफल काहे अहइ? जउन तोह पइ बिस्सास नाहीं करतेन, ओनकर जीवन ऍतना सुखी काहे अहइ?
2 तू ओन दुट्ठ लोगन क हिआँ बसाया ह। जउन मजबूत जरवाले पौधे अहइँ जउन बढ़त अउ फल देत हीं। आपन मूँह स उ पचे तोहका आपन नजदीकी अउर प्रिय कहत हीं। किन्तु आपन हिरदइ स उ पचे असल मँ तोहसे बहोत दूर अहइँ।
3 मुला मोर यहोवा, तू मोरे हिरदइ क जानत ह। तू मोका अउर मोरे मन क लखत अउर परखत अह, मोर हिरदइ तोहरे संग अहइ। ओन दुट्ठ लोगन क मारी जाइवाली भेड़ी क नाईर् घसीटा। बलि दिवस बरे ओनका चुना।
4 कब तलक भुइँया पियासी पड़ी रहब? घास कब तलक झुरान अउ मरी रही? इ भूइँया क जनावर अउर पंछी मर चुका अहइँ अउर उ दुट्ठ लोगन क अपराध अहइ। काहेकि उ सबइ दुट्ठ लोग किहा, “उ हम लोगन क अन्त नाहीं लखिहीं।”
5 “यिर्मयाह, जदि तू मनइयन क गोड़ दौड़ मँ थक जात ह तउ तू घोड़न क मुकाबले मँ कइसे दउड़ब्या? जदि तू सुरच्छित देस मँ थक जात ह तउ तू यरदन नदी क किनारन पइ उहइ भयंकर कँटीली झाड़ियन मँ पहोंचिके का करब्य?
6 इ सबइ लोग तोहार आपन भाई अहइँ। तोहरे आपन परिवार क सदस्य तोहरे खिलाफ जोजना बनावत अहइँ। तोहरे आपन परिवार क लोग तोह पइ चिचियात अहइँ। जदि उ सबइ मीत जइसा बोलइँ, ओन पइ बिस्सास जिन करा।”
7 “मइँ (यहोवा) आपन घर तजि दिहे हउँ। मइँ आपन बिरासत अस्वीकार कइ दिहे हउँ। मइँ जेहसे (यहूदा) पियार किहे हउँ, ओका ओकरे दुस्मनन क दइ दिहे हउँ।
8 मोर आपन लोग मोरे बरे जंगली सेर बन गवा अहइँ। उ पचे मोह पइ गरजत हीं, एह बरे मइँ ओनसे घिना करत हउँ।
9 मोर आपन लोग गीधन स घेरा भवा, मरत भवा जनावर बन गवा अहइँ। उ सबइ पंछी ओह पइ मँडरात अहइँ। जंगली जनावरो आवा। अगवा बढ़ा, खाइ क कछू पावा।
10 अनेक गड़रियन मोरे अंगूरे क खेतन क नस्ट किहेन ह। अउ मोरे खेत क पौधन क रौंदेन ह। ओन गड़रियन मोर सुन्नर खेत क सुनसान रेगिस्तान मँ बदलेन ह।
11 उ पचे मोरे खेत क रेगिस्तान मँ बदल दिहन ह। इ झुराइ गवा अउर मरि गवा। कउनो भी मनई हुवाँ नाहीं रहत। पूरा देस ही सुनसान रेगिस्तान अहइ। उ खेते क देखभाल करइवाला कउनो मनई नाहीं बचा ह।
12 अनेक फउजी ओन सूनी पहाड़ियन क रौंदत गएन ह। यहोवा ओन फउजन क उपयोग उ देस क सजा देइ बरे किहस। समस्त देस बार्बाद रगिस्तान अहइ, किन्तु एकर देख-रेख करइवाला कउनो नाहीं अहइ।
13 लोग गोहूँ बोइहीं, किन्तु उ पचे सिरिफ काँटा ही कटिहीं। उ सबइ बहोत जियादा थकइ तलक काम करिहीं, किन्तु उ पचे आपन सारे कामन क बदले कछू भी नाहीं पइहीं। उ पचे आपन फसल पइ लजाइ जइहीं। यहोवा क किरोध इ सब कछू किहस।”
14 यहोवा जउन कहत ह, उ इ अहइ: “मइँ तू पचन्क बताउब कि मइँ इस्राएल देस क चारिहुँ कइँती रहइवाले सबहिं लोगन बरे का करब। उ सबइ लोग बहोत दुट्ठ अहइँ। उ पचे उ देस क नस्ट किहेन जेका मइँ इस्राएल क लोगन क दिहे रहेउँ। मइँ ओन दुट्ठ लोगन क उखाड़ब अउर ओनके देस स ओनका बाहेर लोकाइ देब। अउ मइँ यहूदा क ओकर बीच स उखाड़ देब।
15 किन्तु ओन लोगन क ओनके देस स उखाड़ फेकइ क पाछे मइँ ओनके बरे अफसोस करब। मइँ हर एक परिवार क ओनकर आपन सम्पत्ति अउर आपन भुइँया पइ वापस लिआउब।
16 मइँ चाहत हउँ कि उ सबइ लोग अब मोरे लोगन क तरह रहब सीख लेइँ। बीते समइ मँ ओन लोग हमरे लोगन क सपथ खाइ बरे बाल क नाउँ क उपयोग करब सिखाएन। अब, मइँ चाहत हउँ कि उ सबइ लोग सीखइ ल्या कि मोर नाउँ कइसे उपयोग करइ होइ। मइँ चाहत हउँ कि उ सबइ लोग कहइँ, ‘काहेकि यहोवा सास्वत अहइ।’ जदि उ सबइ लोग वइसा करत हीं तउ मइँ ओनका सफल होइ देब अउर ओनका आपन लोगन क बीच रहइ देब।
17 किन्तु जदि कउनों रास्ट्र मोरे सँदेसा क अनसुना नाहीं करत ह तउ मइँ ओका पूरी तरह नस्ट कइ देब।” यहोवा कहत ह।
Jeremiah 13
1 जउन यहोवा मोहसे कहेस उ इ अहइ: “यिर्मयाह, आवा अउर एक ठु सन (कीमती सूती कपड़ा) क अधोवस्त्र बेसहा। तब एक आपन कमर मँ लपेटा। अधोवस्त्र क गीला न होइ द्या।”
2 एह बरे मइँ एक ठु सन क अधोवस्त्र बेसहेउँ, जइसा कि यहोवा करइ क कहे रहा अउर मइँ एका आपन कमर मँ लपेटेउँ।
3 तब यहोवा क सँदेसा मोरे लगे दुबारा आवा।
4 सँदेसा इ रहा: “यिर्मयाह आपन बेसहा गए अधोवस्त्र क ल्या अउर परात क जा। अधोवस्त्र क चट्टानन क दराइ मँ छिपाइ द्या।”
5 एह बरे मइँ परात गएउँ अउर जइसा यहोवा कहे रहा, मइँ अधोवस्त्र क हुवाँ छुपाइ दिहेेउँ।
6 कइउ दिनन बाद यहोवा मोहसे कहेस, “यिर्मयाह, अब तू परात जा। उ अधोवस्त्र क ल्या जेका मइँ छुपावइ क कहे रहेउँ।”
7 एह बरे मइँ परात क गएउँ अउर मइँ खोदके अधोवस्त्र क निकारेेउँ, मइँ ओका चट्टानन क दरार स निकारेउँ जहाँ मइँ ओका छुपाइ राखे रहेउँ। किन्तु अब मइँ अधोवस्त्र क पहिर नाहीं सकत रहेउँ काहेकि उ गलि चुका रहा, उ कउनो भी काम क नाहीं रह गवा रहा।
8 तब यहोवा क सँदेसा मोका मिला।
9 यहोवा जउन कहेस, उ इ अहइ: “अधोवस्त्र गल चुका बा अउर कउनो भी काम क नाहीं रह गवा ह। इहइ प्रकार मइँ यहूदा अउर यरूसलेम क घमण्डी लोगन क बर्बाद करब।
10 उ पचे मोरे सँदेसन क सुनइ स इन्कार किहेन ह। उ पचे हठी अहइँ अउर उ पचे सिरिफ उ करत हीं जउन उ पचे करइ चाहत हीं। उ पचे दूसर देवतन क अनुसरण अउर ओनकर पूजा करत हीं। उ पचे यहूदा क लोग इ सने क अधोवस्त्र क तरह होइ जइहीं। उ पचे बर्बाद होइहीं अउर कउनो काम क नाहीं रइहीं।”
11 अधोवस्त्र मनई क कमर स कसिके लपेटा जात ह। उहइ तरह मइँ पूरे इस्राएल अउर यहूदा क परिवारन क आपने चारिहुँ कइँती लपेटेउँ।” इ सँदेसा यहोवा क हिआँ स अहइ। मइँ वइसा एह बरे किहेउँ कि उ सबइ लोग मोर लोग होइहीं। तब मोर लोग मोका जस, तारीफ अउर प्रतिस्ठा प्रदान करिहीं। किन्तु मोर लोग मोर एक नाहीं सुनेन।”
12 “यिर्मयाह, यहूदा क लोगन स कहा: ‘इस्राएल क परमेस्सर यहोवा जउन कहत ह, उ इ अहइ: ‘हर एक दाखरस क मसक दाखरस स भरी जाइ चाही। उ सबइ लोग हँसिहीं अउर तोहसे कहिहीं, ‘निहचय ही हम जानित ह कि हर एक दाखरस क मसक दाखरस स भरी जाइ चाही।’
13 तब तू ओनसे कहब्या, ‘यहोवा जउन कहत ह उ इ बाटइ: मइँ इ देस क हर एक निवासी क ओन राजा क जउन दाऊद क सिंहासने पइ बइठत हीं, याजकन, नबियन अउर सबहिं लोगन क मदमत्त क नाईर् बेसहारा करब।
14 मइँ यहूदा क लोगन क ठोकर खाइ अउर एक दूसरे पइ महराइ देब। पिता अउ पूत एक दूसर पइ भहरइहीं।” इ सँदेसा यहोवा क अहइ। “‘मइँ ओनके बरे अफसोस नाहीं करब अउर न ओन पइ द्या। मइँ करूणा क, यहूदा क लोगन क नस्ट करइ स रोकइ नाहीं देब।”‘
15 सुना अउ धियान द्या। यहोवा तू पचन्क सँदेस दिहे अहइ। घमण्डी जिन बना।
16 आपन परमेस्सर यहोवा क सम्मान करा, ओकर स्तुति करा नाहीं तउ उ अँधियारा लाई। अँधेरी पहाड़ियन पइ लड़खड़ाइ अउर गिरइ स पहिले ओकर स्तुति करा। यहूदा क लोगो, तू पचे प्रकास क आसा करत अहा। किन्तु यहोवा प्रकास क घोर अँधियारा मँ बदली। यहोवा प्रकास क बहोत गहिर आँधियारा स बदल देेई।
17 यहूदा क लोगो, जदि तू पचे यहोवा क अनसुनी करत अहा तउँ मइँ छुपि जाब अउर रोउब। तोहार पचन्क घमण्ड मोका रोवाई। मइँ फूटि-फूटिके रोउब। मोर आँखिन आँसुअन स भरि जइहीं। काहेकि यहोवा क रेवड़ धरी जाइ।
18 इ सबइ बातन राजा अउर ओकर रानी स कहा, “आपन सिंहासनन स उतरा। तोहार पचन्क सुन्नर मुवुट तोहरे पचन्क मूँड़न स गिर चुका अहइँ।”
19 नेगव रेगिस्ताने क नगरन मँ ताला पड़ चुका अहइ, ओनका कउनो खोल नाहीं सकत। यहूदा क लोगन क देस निकारा दिया जाइ चुका बाटइ। ओन सबहिं क बंदी क रूप मँ लइ जावा गवा अहइ।
20 यरूसलेम, धियान स लखा। दुस्मनन क उत्तर स आवत लखा। तोहार पचन्क रेवड़ कहाँ अहइँ? परमेस्सर तू पचन्क सुन्नर रेवड़ दिहे रहा। तू पचन्स उ रेवड़ क देखरेख क आसा रही।
21 जब यहोवा उ रेवड़ क हिसाब तू पचन्स माँगी तउ तू पचे ओका का जवाब देब्या? तू पचन्स आसा रही कि तू पचे परमेस्सर क बारे मँ लोगन क सिच्छा देब्या। तोहरे पचन्क नेता लोगन स लोगन क अगुवई करइ क आसा रही। लेकिन उ पचे इ कारज नाहीं किहन। एह बरे तू पचन्क बहोत दुःख व पीरा भुगतइ होइ।
22 तू पचे आपन स पूछ सकत अहा, “इ बुरी बिपत्ति मोह पइ काहे आइ?” इ सबइ बिपत्तियन तोहरे पचन्क अनेक अपराधन क कारण आईर्। तू पचन्क निर्वस्त्र कीन्ह गवा अउर तोहार संग हिसंक अउर सरमनाक बेउहार कीन्ह गवा।
23 एक ठु करिया मनई आपन चमड़ी क रंग बदल दिहस। अउर कउनो चीता आपन धब्बन नाहीं बदल सकत। ओ यरूसलेम, उहइ तरह तू भी बदल नाहीं सकत्या, नीक काम नाहीं कइ सकत्या। तू सदा ही बुरे करम करत अहा।
24 मइँ तू पचन्क आपन घर तजइ क मजबूर करब, जब तू पचे पराब्या तब हर दिसा मँ दउड़ब्या। तू पचे उ भूसे क तरह होब्या जेका रेगिस्ताने क हवा उड़ाइ लइ जात ह।
25 इ सबइ उ सबइ चीजन अहइँ जउन तोहरे पचन्क संग होइहीं, इ मोर जोजना क तोहार पचन्क हींसा अहइ।” इ सँदेसा यहोवा क अहइ। “इ काहे होइ? काहेकि तू पचे मोका बिसरि गया, तू पचे लबार देवतन पइ बिस्सास किहा।
26 यरूसलेम मँ, मइँ तोहरे पचन्क वस्त्र उतारब लोग तोहार नंगा होइ के देखिहीं अउर तू पचे लज्जा स गड़ जाब्या।
27 मइँ ओन खउफनाक कामन क लखेउँ जउन तू किहा। मइँ तोहका हँसत अउर आपन पिरेमियन क संग तने क सम्बन्ध करत लखेउँ। मइँ जानत हउँ कि तू रण्डी क तरह दुस्कर्म किहे ह। मइँ तोहका पहाड़ियन अउर खेतन मँ लखेउँ ह। यरूसलेम, इ तोहरे बरे बहोत बुरा होइ। तू कब तलक आपन गंदे पापन क करत रहब्या?”
Jeremiah 14
1 इ यिर्मयाह क सूखा क बारे मँ यहोवा क सँदेस अहइ:
2 “यहूदा रास्ट्र ओन लोगन बरे रोवत अहइ जउन मरि गवा अहइँ। यहूदा नगर क लोग दुर्बल, अउर दुर्बल होत जात अहइँ। उ सबइ लोग भुइँया पइ लोटिके सोक मनावत हीं। यरूसलेम नगर स एक चीख परमेस्सर क लगे पहोंचत अहइ।
3 लोगन क प्रमुख आपन सेवकन क पानी लिआवइ बरे पठवत हीं। सेवक वुंडन पइ जात हीं। किन्तु उ पचे कछू भी पानी नाहीं पउतेन। सेवक खाली बर्तन लइके लउटत हीं। एह बरे उ पचे लज्जित अउर परेसान अहइँ। उ पचे अपने मूँड़ क लज्जा स ढाँकि लेत हीं।
4 कउनो भी फसल बरे भूँइया तइयार नाहीं करत। भूइँया पइ बर्खा नाहीं होत, किसान हतास अहइँ। एह बरे उ पचे आपन सिर लज्जा स ढाँपि लेत हीं।
5 हिआँ तलक कि हिरनी भी आपन नवा जन्मत बच्चा क खेत मँ अकेल्ला छोड़ देत ह। उ वइसा करत ह काहेकि हुआँ घास नाहीं अहइ।
6 जंगली गदहन नंगी पहाड़ी पइ खड़ा होत हीं। उ पचे सियार क तरह हवा सूँघत हीं। किन्तु ओनकर आँखिन क कउनो चरइ की चीज नाहीं देखाइ पड़त। काहेकि चरइ जोग्ग हुवाँ कउनो पौधन नाहीं अहइँ।
7 “हम जानित ह कि इ सब कछू हमरे अपराध क कारण अहइ। अउर हम पचे एकर अधिकारी अहइ किन्तु हे यहोवा, आपन अच्छे नाउँ बरे हमार मदद करा। हम अंगीकार करित ह कि हम लोग तोहका कइउ दाईर् तजा ह। हम लोग तोहरे खिलाफ पाप किहा ह।
8 परमेस्सर, तू इस्राएल क आसा अहा। विपत्ति क दिनन मँ तू इस्राएल क बचाया। किन्तु अब अइसा लागत ह कि तू इ देस मँ अजनबी अहा। अइसा प्रतीत होत ह कि तू उ यात्री अहा जउन एक रात हिआँ ठहरा होइ।
9 तू उ मनई क समान लगत अहा जेह पइ अचानक हमला कीन्ह गवा होइ। तू उ फउजी सा लगत अहा जेकरे लगे कउनो क बचावइ क ताकत न होइ। किन्तु हे यहोवा, तू हमरे संग अहा। हम तोहरे नाउँ स गोहरावा जात अही, एह बरे हमका बेसहारा जिन तजा।”
10 यहूदा क लोगन क बारे मँ यहूदा जउन कहत ह, उ इ अहइ: “यहूदा क लोग फुरइ मोका तजइ मँ खुस अहइँ। उ सबइ लोग मोका तजब अब भी बन्द नाहीं करतेन। एह बरे अब यहोवा ओनका नाहीं अपनाई। अब यहोवा ओनके बुरे करमन क याद राखी जेनका उ पचे करत हीं। यहोवा ओनका ओनके पापन बरे सजा देइ।”
11 तब यहोवा मोहसे कही, “यिर्मयाह, यहूदा क लोगन बरे कछू अच्छा होइ, एकर पराथना जिन करा।”
12 यहूदा क लोग उपवास कइ सकत हीं अउर मोहसे पराथना कइ सकत हीं। मुला मइँ ओनकर पराथनन नाहीं सुनब। हिआँ तलक कि इ सबइ लोग होमबलि अउर अन्न भेट चढ़इहीं तउ भी मइँ ओन लोगन क नाहीं अपनाउब। मइँ यहूदा क लोगन क जुद्ध मँ नस्ट करब। मइँ ओनकर खइया क छोर लेब अउर यहूदा क लोग भूखन मरिहीं अउर मइँ ओनका भयंकर बीमारियन स बर्बाद करब।
13 किन्तु मइँ यहोवा स कहेउँ, “हमार सुआमी यहोवा। नबी लोगन स कछू अउर कहत रह्या। उ पचे यहूदा क लोगन स कहत रहेन, “तू लोग दुस्मन क तरवार स दुःख नाहीं उठउब्या। तू लोगन क कबहुँ भूख स कस्ट नाहीं होई। यहोवा तू पचन्क इ देस मँ सान्ति देइ।’“
14 तब यहोवा मोहसे कहेस, “यिर्मयाह, उ सबइ नबी मोरे नाउँ पइ झूठा उपदेस देत अहइँ। मइँ ओन नबियन क नाहीं पठएउँ मइँ ओनका कउनो आदेस या कउनो बात नाहीं किहेउँ उ सबइ नबी लबार कल्पनन, ब्यर्थ जादू अउर आपन झूठे दर्सन क उपदेस करत अहइँ।
15 एह बरे ओन नबियन क बारे मँ जउन मोरे नाउँ पइ उपदेस देत अहइँ, मोर कहब इ अहइ। मइँ ओन नबियन क नाहीं पठएउँ। ओन नबियन कहेन, ‘कउनो भी दुस्मन तरवार स इ देस पइ हमला नाहीं करी। इ देस मँ भुखमरी कबहुँ नाहीं होइ।’ उ सबइ नबी भूखन मरिहीं अउर दुस्मन क तरवारे घाट उतारा जइहीं।
16 अउर जउन लोगन स उ सबइ नबी बात करत हीं यरूसलेम क गलियन पइ लोकाइ दीन्ह जइहीं। उ सबइ लोग भूखन मरिहीं अउर दुस्मन क तरवारे क घाट उतारा जइहीं। कउनो मनई ओनका या ओनकर मेहररूअन या ओनकर पूतन या ओनकर बिटियन क दफनावइ बरे जिन्दा नाहीं रही। मइँ ओनका ओनकइ बुरा करम बरे सजा देब।
17 “यिर्मयाह, इ सँदेसा यहूदा क लोगन क द्या: ‘मोर आँखिन आँसुअन स भरी अहइँ। मइँ बिना रूके दिन-रात रोउब। मइँ आपन वुँमारी बिटिया बरे रोउब। मइँ आपन लोगन बरे रोउब। काहेकि कउनो ओन पइ प्रहार किहस अउर ओनका वुचर डाएस। उ पचे बुरी तरह घायल कीन्ह गवा अहइँ।
18 जदि मइँ खेत मँ जात हउँ तउ मइँ ओन लोगन क लखत हउँ जउन तरवार क घाट उतारि गवा अहइँ। जदि मइँ नगर मँ जात हउँ मइँ बहोत स बीमारियन लखत हउँ, काहेकि लोगन क लगे भोजन नाहीं अहइ।’ याजक अउ नबी दुइनउँ ही आपन सेवन क बेचत हीं, किन्तु उ ना समझ अहइ।”
19 “हे यहोवा, का तू पूरी तरह यहूदा रास्ट्र क तजि दिहा ह यहोवा, का तू सिय्योन स घिना करत ह तू एका बुरी तरह स चोट किहा ह कि हम फुन स नीक नाहीं बनाइ जाइ सकित। तू वइसा काहे किहा? हम सान्ति क आसा रखत रहे, किन्तु कछू भी नीक नाहीं भवा। हम लोग घाव भरइ क समइ क प्रतीच्छा करत रहे, किन्तु सिरिफ त्रास आवा।
20 हे यहोवा, हम जानित ह कि हम बहोत बुरा लोग अही, हम जानित ह कि हमरे पुरखन बुरे करम किहेन। हाँ, तोहरे खिलाफ पाप किहा।
21 हे यहोवा, आपन नाउँ क अच्छाई बरे तू हमका धवका दइके दूर न करा। आपन सम्माननीय सिंहासने क गौरव क न हटावा। हमरे संग कीन्ह गइ करार क याद राखा अउर एका जिन तोड़ा।
22 विदेसी देवमूरतियन मँ बर्खा लिआवइ क सवती नाहीं अहइ, अकासे मँ पानी बरसावइ क सवती नाहीं अहइ। सिरिफ तू ही हमार आसा अहा, एक मात्र तू ही अहा जउन इ सब कछू बनाया ह।”
Jeremiah 15
1 यहोवा मोहसे कहेस, “यिर्मयाह, जदि मूसा अउ समूएल भी यहूदा क लोगन बरे पराथना करइवाले होतेन, तउ भी मइँ एन लोगन बरे अफसोस नाहीं करत। यहूदा क लोगन क मोहसे दूर पठवा। ओनसे जाइ क कहा।
2 उ सबइ लोग तोहसे पूछ सकत हीं, ‘हम लोग कहाँ जाब?’ तू ओनसे कहा, यहोवा जउन कहत ह, उ इ अहइ:“मइँ कछू लोगन क मरइ बरे निहचित किहेउँ ह। उ सबइ लोग मरिहीं। मइँ कछू लोगन क तरवार क घाट उतारब निहचित किहेउँ ह, उ सबइ लोग तरवार क घाट उतारा जइहीं। मइँ कछू क भूख स मरइ क निहचित किहेउँ ह उ सबइ भूख स मरिहीं। मइँ कछू लोगन क बन्दी होब अउर बिदेस लइ जाब निहचित किहेउँ ह। उ सबइ लोग ओन बिदेसन मँ बन्दी रइहीं।
3 यहोवा कहत ह कि मइँ चार तरह क बिनासकारी सवितयन ओनके खिलाफ पठउब।’ इ सँदेसा यहोवा क अहइ। ‘मइँ दुस्मन क तरवार क संग मारइ बरे पठउब। मइँ वूवुरन क ओनकर ल्हास घसीट लइ जाइ क पठउब। मइँ हवा मँ उड़त पंछियन अउर जंगली जनावरन क ओनकर ल्हास खाइ अउर बर्बाद करइ क पठउब।
4 मइँ यहूदा क लोगन क अइसा दण्ड देब कि धरती क लोग एका देखिके काँप जइहीं। मइँ यहूदा क लोगन क संग इ, मनस्से यरूसलेम मँ जउन कछू किहेस, ओकरे कारण करब। मनस्से, राजा हिलकिय्याह क पूत रहा। मनस्से यहूदा रास्ट्र क एक राजा रहा।’
5 यरूसलेम, तोहरे ऊपर कउनो दाया नाहीं करी। न कउनो विलाप करिहीं या नाहीं रोइहीं। कउन तोहार वुसल छेम अउर काम क बरे पूछइ तोहरे लगे नाहीं आइ।
6 यरूसलेम, तू मोका तज्या।” यहोवा कहत अहइ। “तू मोका बार-बार तज्या। एह बरे मइँ तोहका सजा दिहेस अउर तोहका बर्बाद किहेस। मइँ तोह पइ दाया करत थक गवा हउँ। करार
7 मइँ आपन सूप स यहूदा का लोगन क फटक देब। मइँ देस क नगर दुआर पइ ओनका बिखेर दिहेस। मइँ आपन लोगन क बर्बाद कइ किहेस अउर बच्चन क लइ लिहेन फिर भी मोर लोगन बदलेस नाहीं।
8 अनेक मेहररूअन आपन भतारन क खोइ देइहीं। सगरे क बालू स जियादा हुवाँ राँड़ होइहीं। मइँ एक बिनासक क दुपहरी मँ लिआउब। बिनासक यहूदा क नउ जवानन क महतरियन पइ हमला करी। मइँ यहूदा क लोगन क पीरा अउ डर देब। मइँ एका घटित किहेस।
9 दुस्मन तरवारे स हमला किहेस अउर लोगन क मार डाइएस। उ पचे यहूदा बचे लोगन क मारि डइहीं। एक मेहरारू क सात ठु पूत होइ सकत हीं, किन्तु उ पचे सबहिं मारा गवा। उ रोवत, अउर रोवत रही, जब तलक उ साँस लेइ बरे भी बहोत दुर्बल होइ गएन उ लज्जा अउर बिना निहचित मँ होइ, ओकर उजले दिन दुःखे स करिया होइ गएन।”
10 हाय महतारी, तू मोका जन्म काहे दिहा? मइँ उ मनई हउँ जउन पूरे देस क दोखी कहइ अउर आलोचना करइ। मइँ न कछू उधार दिहे हउँ अउर न ही लिहे हउँ। किन्तु हर एक मनई मोका अभिसाप देत ह।
11 यहोवा कहेस मइँ तोहका अच्छी तरह तइयार किहेस ह। तोहर सुत्रन दुआरा लावइ गइ विपत्तियन क समइ मइँ तोहार बरे बीच मँ दखल दिहेस ह।
12 “तू जानत अहा कि कउनो मनई लोहा काँसा उत्तर वाले लोहे क सुत्रन क चकनाचूर नाहीं कइ सकत्या।
13 यहूदा क लोगन क लगे सम्पत्ति अउर खज़ानन अहइँ। मइँ उ सम्पत्ति क दूसर लोगन क देब। ओन दूसर लोगन क उ सम्पत्ति बेसहइ नाहीं पड़ी। मइँ ओनका उ सम्पत्ति देब। काहेकि यहूदा बहोत पाप किहेस ह।” यहूदा देस क हर एक भाग मँ पाप किहेस ह।
14 यहूदा क लोगो, मइँ तोहका तोहरे दुस्मनन क दास बनाउब। तू उ देस मँ दास होब्या जेका तू कबहुँ नाहीं जान्या। मइँ बहोत कोहान हउँ। मोर किरोध तपत आगी जइसा अहइ अउर तू बारि दीन्ह जाब्या।”
15 हे यहोवा, तू मोका समुझत ह। मोका याद राखा अउर मोर देखरेख करा। लोग मोका चोट पहोंचावत हीं। ओन लोगन क उ सजा द्या जेकर उ पात्र अहइँ। तू ओन लोगन बरे सहनसील अहा। किन्तु ओनके बरे सहनसील रहत समइ मोका बर्बाद न कइ द्या। मोरे बारे मँ सोचा। यहोवा उ पीरा क सोच जउन मइँ तोहरे बरे सहन हउँ।
16 तोहार सँदेसा मोका मिला अउर मइँ मोका निगल गवा। तोहार सँदेसा मोका बहोत खुस कइ दिहस। मइँ खुस रहेउँ कि मोका तोहरे नाउँ स गोहरावा जात ह। तोहार नाउँ यहोवा सर्वसवतीमान अहइ।
17 मइँ कबहुँ ओकरे साथ नाहीं बइठा जउन उत्सव मनावत अउ मज़ा करत ह। अपने उपर तोहरे प्रभाव क कारण मइँ अकेला बइठा। तू मोरे चारिहुँ कइँती बुराइयन पइ मोका किरोध स भर दिहा।
18 मइँ नाहीं समुझ पावत कि मइँ काहे अब तलक घायल हुउँ? मइँ नाहीं समुझ पावत कि मोर घाव नीक काहे नाहीं होत अउर भरत काहे नाहीं? हे यहोवा, मइँ समुझत हउँ कि तू बदल गवा अहा। तू सोता क उ पानी क तरह अहा जउन झुराइ गवा होइ। तू उ सोता क तरह अहा जेकर पानी झुराइ गवा होइ।
19 तबइ यहोवा कहेस, “जदि तू लउट आइ तउ मइँ तोहका आपन लगे वापिस लउटाउब। अउर तू मोरे लगे खड़ा होब्या। जदि तू महत्वपूर्ण बात कहत ह अउर उ बेकार बातन क नाहीं कहब्या, तउ तू मोरे बरे कहि सकत ह। यहूदा क लोगन क बदलइ चाही अउर तोहरे लगे ओनका आवइ चाही। किन्तु तू जिन बदला अउर ओनकी तरह न बना।
20 मइँ तोहका सवतीसाली बनाउब। उ सबइ लोग सोचिहीं कि तू काँसे क बनी देवार जइसी सवतीसाली अहा यहूदा क लोग तोहरे खिलाफ लड़िहीं, किन्तु उ पचे तोहका हरइहीं नाहीं। काहेकि मइँ तोहरे साथ हउँ। मइँ तोहार सहायता करब, तोहार उद्धार करब।”इ सँदेसा यहोवा क अहइ।
21 “मइँ तोहार उद्धार ओन बुरे लोगन स करब। उ सबइ लोग तोहका डेरावत हीं। किन्तु मइँ तोहका ओन लोगन स बचाउब।”
Jeremiah 16
1 यहोवा क सँदेसा मोका मिला।
2 “यिर्मयाह, तोहका बियाह नाहीं करइ चाही। तोहका इ ठउरे पइ बेटा या बिटिया नाहीं पइदा करइ चाही।”
3 यहूदा देस मँ जन्म लेइवाले बेटा-बिटियन क बारे मँ यहोवा इ कहत ह, अउर ओन बच्चन क बाप-महतारी क बारे मँ जउन यहोवा कहत ह, उ इ अहइ:
4 “उ सबइ लोग भयंकर मउत क सिकार होइहीं। ओन लोगन बरे कउनो रोई नाहीं। कउनो भी मनई ओनका दफनाइ नाहीं। ओनकर ल्हासन जमीन पइ गोबरे क नाईर् पड़ी रहिहीं। उ सबइ लोग दुस्मन क तरवार क घाट उतरिहीं या भूखन मरिहीं। ओनकर ल्हास अकासे क पंछियन अउर भुइँया क जंगली जनावरन क भोजन बनिहीं।”
5 एह बरे यहोवा कहत ह, “ओन घरन मँ न जा जहाँ लोग आखिरी विया क्रम क दावत खात रहत हीं। हुवाँ रोवइ या आपन सोक परगट करइ जिन जा। इ सबइ सब काम जिन करा। काहेकि मइँ आपन सान्ति वापस लइ लिहेउँ ह। मइँ यहूदा क एन लोगन पइ दाया नाहीं करब,” यहोवा कहत ह।
6 “यहूदा देस मँ महत्वपूर्ण लोग अउर साधारन लोग मरिहीं। कउनो मनई ओन लोगन क न दफनइहीं न ही ओनके बरे रोइ। एन लोगन बरे सोक परगट करइ क न तउ कउनो आपन क काटी अउर न ही आपन मूँड़े क बार साफ कराई।
7 कउनो मनई ओन लोगन बरे भोजन नाहीं लिआई जउन मरे बरे रोवत रहा होइहीं। जेनकर महतारी-बाप मर गए होइहीं लोगन क कउनो मनई समझाई बुझाई नाहीं। जउन मरे बरे रोबत रहा होइहीं ओनका सान्त करइ बरे कउनो मनई दाखरस नाहीं पिआई।”
8 “यिर्मयाह, उ घरे मँ न जा जहाँ लोग दावत खात रहत होइँ। उ घरे मँ न जा अउर ओनके संग बइठिके न खा न दाखरस पिआ।
9 इस्राएल क परमेस्सर सर्वसक्तीसाली यहोवा कहत ह: ‘मजा उड़ावइ वाले लोगन क सोर क हाली ही मइँ बंद कइ देब। बियाहे क दावत मँ लोगन क हँसी मजाक क किलकारियन क मइँ बन्द कइ देब। इ तोहरे जीवनकाल मँ ही होइ। मइँ इ सबइ काम हाली स करब।’
10 “यिर्मयाह, तू यहूदा क लोगन क इ सबइ बातन बतउब्या अउर लोग तोहसे पूछिहीं, ‘यहोवा हम लोगन बरे एतनी भयंकर बातन काहे कहेस ह हम का गलत काम कीन्ह ह हम लोग यहोवा आपन परमेस्सर क खिलाफ कउन-सा पाप किहा ह’
11 तू पचन्क ओन लोगन स इ कहइ चाही, ‘तू पचन्क संग भयंकर घटनन घटिहीं काहेकि तोहार पचन्क पुरखन मोर अनुसरण करब तजेन अउर दूसर देवतन क अनुसरण करब तथा सेवा करब सुरू किहन। उ पचे ओन दूसर देवतन क पूजा किहन। तोहार पुरखन मोका तजेन अउर मोर नेमन क पालन करब तजेन।
12 किन्तु तू लोग आपन पुरखन स भी जियादा बुरे करम किहा ह। तू लोग बहोत हठी अहा अउर तू सिरिफ उहइ करत अहा जेका तू करइ चाहत अहा। तू मोर आग्या क पालन नाहीं करत अहा।
13 एह बरे मइँ तोहका पचन्क इ देस स बाहेर निकारि पेँकब। मइँ तोहका पचन्क बिदेस मँ जाइके मजबूर करब। तू पचे अइसे देस मँ जाब्या जेका तू अउर तोहार पुरखन कबहुँ नाहीं जानेन। उ देस मँ तू पचे ओन सबहिं लबार देवतन क दिन अउ रात पूजा कइ सकत ह। अउर न ही मइँ तोहरे बरे कउनो सहानुभूति देखाउब।’
14 “लोग प्रतिग्या करत हीं अउर कहत हीं, ‘यहोवा निहचय ही सास्वत अहइ। केवल उहइ अहइ जउन इस्राएल क लोगन क मिस्र देस स बाहेर लिआवा।’ किन्तु समइ आवत अहइ, जब लोग अइसा नाहीं कहिहीं।” इ सँदेसा यहोवा क अहइ।
15 लोग कछू नवा कहिहीं। उ पचे कहिहीं, ‘निहचय ही यहोवा सास्वत अहइ। उ ही केवल अइसा अहइ जउन इस्राएल क लोगन क उत्तरी देस स लइ आवा। उ ओनका ओन सबहिं देसन स लइ आवा जेहमाँ उ ओनका पठए रहा।’ लोग इ सबइ बातन काहे कहिहीं? काहेकि मइँ इस्राएल क लोगन क उ देस मँ वापिस लिआउब जेका मइँ ओनके पुरखन क दिहे रहेउँ।
16 “मइँ हाली ही अनेकन मछुआरन क इ देस मँ आवइ बरे बोलाउब।” इ सँदेसा यहोवा क अहइ। “उ सबइ मछुआरन यहूदा क लोगन क धइ लेइहीं। इ होइ क पाछे मइँ बहोत स सिकारियन क इ देस मँ आवइ बरे बुलाउब। उ सबइ सिकारी यहूदा क लोगन क सिकार हर एक पहाड़, पहाड़ी अउर चट्टानन क दरारन मँ करिहीं।
17 मइँ उ सब कछू जउन उ पचे करत हीं, लखत हउँ। यहूदा क लोग ओन कामन क मोहसे छुपाइ नाहीं सकतेन जेनका उ पचे करत हीं। ओनकर पाप मोहसे छुपा नाहीं अहइँ।”
18 मइँ यहूदा क लोग जउन बुरे करम किहेन ह, ओकर बदला चुकाउब। मइँ हर एक पाप क बरे दुइ दाईर् ओनका सजा देब। मइँ इ करब काहेकि उ पचे मोरे देस क ‘गन्दा’ बनाएन ह। उ पचे मोरे देस क भयंकर मूरतियन स गन्दा किहेन ह। मइँ ओन देवमूरतियन स घिना करत हउँ। किन्तु उ पचे मोरे देस क आपन देवमूरतियन स भरि दिहेन ह।”
19 हे यहोवा, तू मोर सवती अउर गढ़ अहा। बिपत्ति क समइ पराइके बचइ क तू सुरच्छित सरण अहा। सारे संसार स रास्ट्र तोहरे लगे अइहीं। उ पचे कहिहीं, “हमार पिता लबार देवता राखत रहेन। उ पचे ओन बियर्थ देवमूरतियन क पूजा किहन, किन्तु ओन देवमूरतियन ओनकर कउनो मदद नाहीं किहन।”
20 का लोग अपने बरे सच्चे देवता बनाइ सकत हीं? नाहीं, उ पचे देवमूरतियन बनाइ सकत हीं, किन्तु उ सबइ देवमूरतियन फुरइ देवता नाहीं अहइँ।
21 “एह बरे मइँ ओन लोगन क सबक सिखाउब, जउन देवमूरतियन क देवता बनावत हीं। अब मइँ सोझ आपन सवती अउर प्रभुता क बारे मँ सिच्छा देब। तब उ पचे समुझिहीं कि मइँ परमेस्सर हउँ। उ पचे जनिहीं कि मोर नाउँ यहोवा अहइ।”
Jeremiah 17
1 “यहूदा क लोगन क पाप हुआँ लिखा अहइ जहाँ स ओका मिटावा नाहीं जाइ सकत। उ सबइ पाप लोहे क कलम स पाथरन पइ लिखे ग रहेन। ओनकर पाप हीरे क नोकवाली कलम स लिखा ग रहेन, अउर उ पाथर ओनकर हिरदय अहइ। उ सबइ पाप ओनकर वेदी क सीगंन क बीच काटे ग रहेन।
2 ओनकर बच्चन लबार देवतन क अपिर्त कीन्ह गइ वेदिन क याद राखत हीं।
3 उ पचे ओन चीजन क खुले ठउरे क पहाड़न पइ याद करत हीं। यहूदा क लोगन क लगे सम्पत्ति अउर खजानन अहइँ। मइँ ओन चीजन क दूसर लोगन क देब। मइँ तोहरे देस क सबहिं उच्च ठउरन क नस्ट करब। तू ओन ठउरन पइ पूजा कइके पाप किहा ह।
4 तू उ भूइँया क खोउब्या जेका मइँ तोहका दिहेउँ ह। मइँ तोहरे दुस्मनन क तोहका ओनके दास क तरह उ भूइँया मँ लइ जाइ देब जेकरे बारे मँ तू नाहीं जानत्या। काहेकि मइँ बहोत कोहान हउँ। मोर किरोध तपत आगी जइसा अहइ, अउर जउन कि सदैव जरिहीं।”
5 यहोवा इ सब कहत ह, “जउन लोग केवल दूसर लोगन मँ बिस्सास करत हीं ओनकर बुरा होइ। जउन सवती बरे सिरिफ दूसर क सहारे रहत हीं ओनकर बुरा होइ। काहेकि ओन लोग यहोवा पइ बिस्सास करब तजि दिहन ह।
6 उ सबइ लोग रेगिस्ताने क झाड़ी क तरह अहइँ। उ झाड़ी उ भूइँया पइ अहइ जहाँ कउनो नाहीं रहत। उ झाड़ी गरम अउ झुरान भुइँया मँ अहइ। उ झाड़ी खराब माटी मँ अहइ। उ झाड़ी ओन अच्छी चीजन क नाहीं जानत जेनका परमेस्सर दइ सकत ह।
7 किन्तु जउन मनई यहोवा मँ बिस्सास करत ह, उ धन्य अहइ। सिरिफ यहोवा ही ओका बिस्सास होइहीं।
8 उ मनई उ बृच्छ क तरह होइ जउन पानी क पास लगावा गवा होइ। उ बृच्छ क लम्बी जउन होत हीं जउन पानी पावत हीं। उ बृच्छ गर्मी क दिनन स नाहीं डरत। ऍकर पातियन सदा हरी रहत हीं। इ बरिस क ओन दिनन मँ परेसान नाहीं होत जब बर्खा नाहीं होत। उ बृच्छ मँ सदा फल आवत हीं।
9 मनई क दिमाग बड़ा कपटी होत ह। दिमाग बहोत बीमार भी होइ सकत ह अउर कउनो भी मनई दिमाग क ठीक-ठाक नाहीं समुझत।
10 किन्तु मइँ यहोवा हउँ अउर मइँ मनई क हिरदय क जान सकत हउँ। मइँ मनई क दिमाग क जाँच कइ सकत हउँ। एह बरे मइँ निर्णय कइ सकत हउँ कि हर एक मनई क का मिलइ चाही। मइँ हर एक मनइ क ओकर बरे ठीक भुगतान कइ सकत हउँ जउन उ करत ह।
11 कबहुँ कबहुँ उ एक ठु चिरइया उ अण्डे स बच्चा निकारत ह जेका उ नाहीं दिहस। उ मनई क आधी उमर खतम होइ तउ उ उ धने क खोइ देइ। आपन जिन्नगी क आखीर मँ इ स्पस्ट होइ जाई कि उ एक मूर्ख मनई रहा।”
12 सुरू ही स हमार मन्दिर परमेस्सर बरे एक ठु गौरवसाली सिंहासन रहा। इ एक बड़ा महत्व क स्थान अहइ।
13 हे यहोवा, तू इस्राएल क आसा अहा। हे यहोवा, तू अमृत जल क सोते क तरह अहा। जदि कउनो तोहार अनुसरण करब तजी तउ ओकर जिन्नगी बहोत घटि जाइ।
14 हे यहोवा, जदि तू मोका तन्दुरूस्त करत ह, मइँ फुरइ तन्दुरूस्त होइ जाब। मोर रच्छा करा, अउर मोर फुरइ रच्छा होइ जाइ। हे यहोवा, मइँ तोहार स्तुति करत हउँ।
15 यहूदा क लोग मोहसे सवाल करत रहत हीं, “यिर्मयाह, यहोवा क हिआँ क सँदेसा कहाँ अहइ? हम लोग देखाइँ कि संदेसा फुरइ साबित होत ह”
16 हे यहोवा, मइँ तोहसे दूर नाहीं भागा, मइँ तोहार अनुसरण किहेउँ ह। तू जइसा चाह्या वइसा गड़रिया मइँ बना। मइ नाहीं चाहत कि भयंकर दिन आवइ। यहोवा तू जानत अहा जउन कछू मइँ कहेउँ। जउन होत अहइ, तू सब लखत ह।
17 हे यहोवा, तू मोका बर्बाद जिन करा। मइँ बिपत्ति क दिनन मँ तोहरे सहारे हउँ।
18 लोग मोका चोट पहोंचावत अहइँ। ओन लोगन क लज्जित करा। किन्तु मोका निरास जिन करा। ओन लोगन क भयभीत होइ द्या। मोर दुस्मनन पइ भयंकर बिनास क दिन लिआवा ओनका तोड़ा अउर ओनका फुन तोड़ा।
19 यहोवा मोहसे इ सबइ बातन कहेस, “यिर्मयाह, जा अउर यरूसलेम क जन-दुआरे पइ खड़ा होइ जा, जहाँ स यहूदा क राजा भीतर आवत अउर बाहेर जात हीं। मोर लोगन क मोर सँदेसा द्या अउर तब यरूसलेम सबहिं दुआरन पइ जा अउर इहइ काम करा।
20 “ओन लोगन स कहा: ‘यहोवा क सँदेसा सुना। यहूदा क राजा लोगो, सुना। यहूदा क तू सबहिं लोगो सुना। इ दुआर स यरूसलेम मँ आवइवाले सबहिं लोगो, मोर बात सुना।
21 यहोवा इ बात कहत ह: इ बात मँ सावधान रहा कि सबित क दिन बोझा लइके जिन चला अउर यरूसलेम क दुआरन स सबित क दिन बोझा न लिआवा।
22 सबित क दिन आपन घरन स बोझा बाहेर न लइ जा। उ दिन कउनो काम न करा। मइँ इहइ आदेस तोहार पुरखन क दिहे रहेउँ।
23 मुला तोहार पुरखन मोरे इ आदेस क पालन नाहीं किहन। उ पचे मोरी कइँती धियान नाहीं दिहन। तोहार पुरखन बहोत हठी रहेन। मइँ ओनका सजा दिहेउँ मुला एकर कउनो अच्छा फल नाहीं निकरा। उ पचे मोर एक नाहीं सुनेन।
24 मुला तोहका मोर आग्या क पालन करइ मँ सावधान रहइ चाही।”‘ इ सँदेसा यहोवा क अहइ। “‘तोहका सबित क दिन यरूसलेम क दुआरन स बोझा नाहीं लिआवइ चाही। तोहका सबित क दिन क पवित्तर बनावइ चाही। तू इ, उ दिन कउनो भी काम न कइके, करब्या।
25 “‘जदि तू इ आदेस क पालन करब्या तउ राजा जउन दाऊद क सिहांसने पइ बइठिहीं, यरूसलेम क दुआरन स अइहीं। उ सबइ राजा आपन रथन अउर घोड़न पइ सवार होइके अइहीं। यहूदा अउर इस्राएल क लोगन क प्रमुख ओन राजा लोगन क साथ होइहीं। यरूसलेम नगर मँ सदैव रहइवाले लोग हिआँ होइहीं। अउर यरूसलेम क नगर हमेसा बरे रहब्या।
26 यहूदा क नगरन स लोग यरूसलेम अइहीं। लोग यरूसलेम क ओन नान्ह-नान्ह गाँवन स अइहीं जउन एकरे चारिहुँ कइँती अहइँ। लोग उ पहँटा स अइहीं जहाँ बिन्यामीन क परिवार समूह रहत ह। लोग पच्छिमी पहाड़े क तराइयन अउर पहाड़ी प्रदेसन स अइहीं अउर लोग नेगव स अइहीं। उ पचे सबहिं लोग होमबलि, बलि अन्नबलि, सुगन्धि अउ धन्यवाद भेट लइके अहहीं। उ पचे ओन भेटन अउर बलियन क यहोवा क मन्दिर मँ लिअइहीं।
27 “‘किन्तु जदि तू मोर बात नाहीं सुनत्या अउर मोर आदेस क नाहीं मानत्या तउ बुरी घटनन होइहीं। जदि तू सबित क दिन यरूसलेम क दुआरे स बोझा लइ जात ह तब तू ओका पवित्तर दिन नाहीं रखत्या। इ दसा मँ मइँ अइसे आगी लगाउब जउन बुझाई नाहीं जाइ सकत। उ आगी यरूसलेम क दुआरन स सुरू होइ अउर महलन क भी जराइ देइ।”‘
Jeremiah 18
1 इ यहोवा क उ सँदेसा अहइ जउन यिर्मयाह क मिला:
2 “यिर्मयाह, कोमहारे क घरे जा। मइँ आपन सँदेसा तोहका कोमहारे क घर देब।”
3 एह बरे मइँ कोमहारे क घर गएउँ। मइँ कोमहार क चाके पइ माटी स बर्तन बनावत लखेउँ।
4 उ एक ठु बर्तन माटी स बनावत रहा। मुला बर्तन मँ कछू दोख रहा। एह बरे कोमहार उ माटी क उपयोग फुन किहस अउर उ दूसर बर्तन बनाएस। उ आपन हाथन क उपयोग बर्तन क उ रूप देइ बरे किहस जउन रूप उ देइ चाहत रहा।
5 तब यहोवा स सँदेसा मोरे लगे आवा,
6 “इस्राएल क परिवार, तू जानत अहा कि मइँ (परमेस्सर) वइसा ही तोहरे साथ कइ सकत हउँ। तू कोमहार क हाथ क माटी क समान अहा अउर मइँ कोमहार क तरह हउँ।
7 अइसा समइ आइ सकत ह, जब मइँ एक रास्ट्र या राज्ज क बारे मँ बातन करउँ। मइँ इ कहि सकत हउँ कि मइँ उ रास्ट्र क उखाड़ फेकब या इ भी होइ सकत ह कि मइँ कहउँ कि मइँ उ रास्ट्र क उखाड़ गिराउब अउर उ रास्ट्र या राज्ज क नस्ट कइ देब।
8 किन्तु उ रास्ट्र क लोग आपन हिरदय अउर जीवन क बदल सकत हीं। उ रास्ट्र क लोग बुरे करम करब तजि सकत हीं। तब मइँ आपन इरादे क बदल देब। मइँ उ रास्ट्र पइ बिपत्ति ढावइ क आपन जोजना क अनुसरण करब तजि सकत हउँ।
9 कबहुँ अइसा दूसर आइ सकत ह जब मइँ कउनो रास्ट्र क बारे मँ बातन करउँ मइँ इ कहि सकत हउँ कि मइँ उ रास्ट्र क निर्माण करब अउर ओका स्थिर करब।
10 “किन्तु मइँ इ लख सकत हउँ कि मोर आग्या क पालन न कइके उ रास्ट्र बुरा करम करत अहइ। तब मइँ उ अच्छाई क बारे मँ फुन सोचब जेका देइ क जोजना मइँ उ रास्ट्र बरे बनाइ राखेउँ ह।
11 “एह बरे यहूदा अउ यरूसलेम मँ जउन लोग रहत हीं ओनसे कहा, ‘यहोवा जउन कहत ह उ इ अहइ: अब मइँ सोझ तू लोगन बरे बिपत्ति क निर्माण करत हउँ। मइँ तू लोगन क खिलाफ जोजना बनावत हउँ। एह बरे ओन बुरे करमन क करब बन्द करा जउन तू करत अहा। हर एक मनई क बदलइ चाही अउर अच्छा काम करब सुरू करइ चाही।’
12 किन्तु क लोग जवाब देइहीं, ‘अइसी कोसिस करइ स कछू नाहीं होइ। हम उहइ करत रहब जउन हम करइ चाहित ह। हम लोगन मँ हर एक उहइ करी जउन हठी अउर बुरा हिरदय करइ चाहत ह।”‘
13 ओन बातन क सुना जउन यहोवा कहत ह, “दूसर रास्ट्र लोगन स इ सवाल करा: ‘का तू कबहुँ कउनो क उ अइसा बुराई करत सुन्या ह जउन इस्राएल किहेस ह।’
14 तू जानत अहा कि चट्टानन कबहुँ खुद ही मैदान नाहीं तजितेन। तू जानत अहा कि लबानोन क पहाड़न ऊपर बर्फ कबहुँ नाहीं टेघरत। तू जानत अहा कि सीतल बहइवाले झरना कबहुँ नाहीं झुरातेन।
15 मुला मोर लोग मोका बिसरि चुका अहइँ, उ पचे बियर्थ देवमूरतियन क बलि चढ़ावत हीं। मोरे लोगन क ऊबड़ खाबड़ सड़कियन अउर तुच्छ राजमार्गन पइ चलब जियादा पसन्द अहइ, एकरे अपेच्छा कि उ पचे मोर अनुसरण अच्छी सड़किया पइ करइँ।
16 एह बरे यहूदा देस एक सूना रेगिस्तान बनी। एकरे पास स गुजरत लोग हर दाईर् सीटी बजइहीं अउर मूँड़ि हिलइहीं। इ बात स चकित होइहीं कि देस कइसे बरबाद कीन्ह गवा।
17 मइँ यहूदा क लोगन क ओनके दुस्मनन क समन्वा बिखराउब जइसा कि प्रबल पूर्वी आँधी बिखेरब। उ समइ उ पचे आपन मदद बरे कउनो क भी आवत नाहीं लखिहीं। नाहीं, उ पचे मोका आपन क तजत लखिहीं।”
18 तब यिर्मयाह क दुस्मनन कहेन, “आवा, हम यिर्मयाह क खिलाफ सड्यन्त्र रची। निहचय ही, याजक क जरिये दीन्ह गइ विवस्था क सिच्छा मिटी नाहीं अउर बुद्धिमान लोगन क सलाह अब भी हम लोगन क मिली। हम लोगन क नबियन क सँदेस भी मिलिहीं। एह बरे हम लोग ओकरे बारे मँ झूठ बोली। ओहसे उ बर्बाद होइ। उ जउन कहत हम कउनो पर भी धियान नाहीं देब।”
19 हे यहोवा, मोर सुना अउर मोरे बिरोधियन क सुना, तब तय करा कि कउन ठीक अहइ।
20 याद करा मइँ कइसन तोहार समन्वा खड़ा होइके यहूदा क निवासियन क भलाई बरे अउर ओहइ पइ स तोहार गुस्सा उतारइ बरे बोले रहा। किन्तु अब उ पचे उल्टे बदले मँ बुराई देत अहइँ। उ पचे मोका फँसावत अहइँ। उ पचे मोका धोखा दइके फँसावइ अउर मार डावइ क जतन करत अहइँ।
21 एह बरे अब ओनके बच्चन क अकाले मँ भूखन मरइ द्या। ओनके दुस्मनन क ओनका तरवार स हराइ डावइ द्या। ओनकर मेहररूअन क ब़गैर गदेला क होइ द्या। यहूदा क लोगन क मउत क घाट उतर जाइ द्या। ओनकर मेहररूअन क राँड़ होइ द्या। यहूदा क लोगन क मउत क घाट उतर जाइ द्या। नउ जवानन क जुद्ध मँ तरवार क घाट उतार दीन्ह जाइ द्या।
22 ओनकर घरन मँ रोउब-पिटब मचइ द्या। ओनका तब रोवइ द्या जब तू अचानक ओनके खिलाफ दुस्मनन क लिआया। एका होइ द्या काहेकि हमरे दुस्मनन मोका धोका दइके फँसावइ क कोसिस किहेन ह। उ पचे मोरे फँसइ बरे गुप्त जाल डाएन ह।
23 हे यहोवा, मोका मार डावइ क ओनकर जोजना क तू जानत अहा। ओनकर अपराधन क तू छिमा जिन करा। ओनकर पापन क जिन धोवा। मोरे दुस्मनन क बर्बाद करा। वोधित रहत समइ ही ओन लोगन क सजा द्या।
Jeremiah 19
1 यहोवा मोहसे कहेस: “यिर्मयाह, जा अउर कउनो कोमहार स एक ठु माटी क सुराही बेसहा।
2 ठीकरा-दुआरे समन्वा क लगे बेन हिन्नोम घाटी क जा। अपने संग लोगन क अग्रजन अउर कछू याजकन क ल्या। उ ठउरे पइ ओनसे इ कहा जउन मइँ तोहसे कहत हउँ।
3 अपने संग क लोगन स कहा, ‘यहूदा क राजा लोग अउर इस्राएल क लोगो, यहोवा क हिआँ स इ सँदेसा सुना। इस्राएल क लोगन क परमेस्सर सर्वसवतीमान यहोवा जउन कहत ह, उ इ अहइ: ‘मइँ इ ठउरे पइ हाली ही एक खउफनाक घटना घटित कराउब। हर एक मनई जउन एका सुनी, चकित अउर भयभीत होइ।
4 मइँ इ सबइ काम करब काहेकि यहूदा क लोग मोर अनुसरण करब तजि दिहेन ह। उ पचे एका बिदेसी देवतन क ठउर बनाइ दिहेन ह। यहूदा क लोग इ ठउरे पइ दूसर देवतन बरे बलियन बारेन ह। उ हियाँ बेवुसूर लोगन क खून बहावत रहा। ओनकर पुरखन या ओनकर राजा ओन देवतन क नाहीं पूजत रहेन।
5 उ पचे बाल देवता का पूजा करइ बरे जगहन क चुनेस ह। उ पचे ओन ठउरन क उपयोग आपन पूतन क आगी मँ बारइ बरे किहेन। उ पचे आपन पूतन क बाल बरे होमबलि क रूप मँ बारेन। मइँ ओनका इ करइ क नाहीं कहेेउँ। मइँ तोहसे इ नाहीं माँगा कि तू आपन पूतन क बलि क रूप मँ भेट करा। मइँ कबहुँ इ सम्बंध मँ सोचेउँ भी नाहीं।
6 अब लोग उ ठउरे क हिन्नोम क घाटी तोपेत कहत हीं। किन्तु मइँ तोहका इ चितउनी देतहउँ, उ सबइ दिन आवत अहइँ।’“ इ सँदेसा यहोवा क अहइ, “जब लोग इ ठउरे क बध क घाटी कहिहीं।
7 इ ठउरे पइ मइँ यहूदा अउर यरूसलेम क लोगन क जोजनन क बर्बाद करब। दुस्मन एन लोगन क पाछा करिहीं अउर मइँ इ ठउरे पइ यहूदा क लोगन क तरवार क घाट उतरि जाइ देब अउर मइँ ओनकर ल्हासन क पंछियन अउर जंगली जनावरन क भोजन बनाउब।
8 मइँ इ नगर क पूरी तरह बर्बाद करब। जब लोग यरूसलेम स गुजरिहीं तउ सीटी बजइहीं अउर मूँड़ि हिलइहीं। ओनका विस्मय होइ जब उ पचे लखिहीं कि नगर कउने तरह ध्वस्त कीन्ह गवा अहइ।
9 दुस्मन आपन फउज क सहर क चारिहुँ कइँती लिआइ। उ फउज लोगन क भोजन लेइ बाहेर नाहीं आवइ देइ। एह बरे सहर मँ लोग भूखन मरिहीं। उ पचे एतना भूखा होइ जइहीं कि आपन पूत अउर बिटियन क तने क खाइ लगिहीं अउर तब उ पचे एक दूसर क खाइ लगिहीं।’
10 “यिर्मयाह, तू इ सबइ बातन लोगन क कहब्या अउर जब उ पचे लखत रहत होइँ तबहिं तू उ सुराही क तोड़्या।
11 उ समइ, तू इ कह्या, सर्वसवतीमान यहोवा कहत ह, ‘मइँ यहूदा रास्ट्र अउ यरूसलेम नगर क वइसे ही तोड़ब जइसे कउनो माटी क सुराही तोड़त ह। इ सुराही फुन जोड़के नाहीं बनाई जाइ सकत। यहूदा रास्ट्र बरे भी इहइ सब होइ। मरे लोग इ तोपेत मँ तब तलक दफनावा जइहीं जब तलक हिआँ जगह नाहीं रहि जाइ।
12 मइँ इ एन लोगन अउर इ ठउरे क संग अइसा करब। मइँ इ नगर क तोपेत क तरह कइ देब।’ इ सँदेसा यहोवा क अहइ।
13 यरूसलेम क घर तथा राजा क महल तोपेत क इ जगह क नाईं असुद्धता स भरि जाब। काहेकि लोग ओन घरन क छत पइ लबार देवतन क पूजा किहन। उ पचे ग्रह-नछत्रन क पूजा किहन अउर ओनके सम्मान मँ बलि बारेन। उ पचे लबार देवतन क पेय भेंट दिहन।’“
14 तब यिर्मयाह तोपेत क तजेस जहाँ यहोवा उपदेस देइ क कहे रहा। यिर्मयाह यहोवा क मन्दिर क गवा अउर ओकरे आँगन मँ खड़ा भवा। यिर्मयाह सबहिं लोगन स कहेस,
15 “इस्राएल क परमेस्सर सर्वसवतीमान यहोवा इ कहत ह: ‘मइँ कहेउँ ह कि मइँ कि मइँ यरूसलेम अउर ओकरे चारिहुँ कइँती क गाँवन पइ अनेक विपत्तियन ढाउब। मइँ एनका हाली घटित कराउब। काहेकि लोग बहोत हठी अहइँ उ पचे मोर सुनइ अउर मोर आग्या क पालन करइ स इन्कार करत हीं।’“
Jeremiah 20
1 पसहूर नाउँ क एक मनई याजक रहा। उ यहोवा क मन्दिर मँ उच्चतम अधिकारी रहा। पसहूर इम्मेर नाउँ क मनई क पूत रहा। पसहूर यिर्मयाह क मन्दिर क आँगन मँ ओन बातन क उपदेस करत सुनेस।
2 एह बरे उ यिर्मयाह नबी क पिटवाएस अउर उ बिन्यामीन क ऊपरी दुआरी पई ओका काठेक लट्ठन क बीच मँ जकड़ दिहेस।
3 अगले दिन पसहूर यिर्मयाह क काठे क लट्ठन क बीच स निकारेस। तब यिर्मयाह पसहूर स कहेस, “यहोवा क दीन्ह तोहार नाउँ पसहूर नाहीं अहइ। अब यहोवा कइँती स तोहार नाउँ सर्वत्र आतंक अहइ।
4 इहइ तोहार नाउँ अहइ, काहेकि यहोवा कहत ह, ‘मइँ हाली ही तोहका अपने आप बरे आतंक बनाउब। मइँ हाली ही तोहका तोहरे मीतन बरे आतंक बनाउब। तू दुस्मनन क जरिये आपन मीतन क तरवारे क घाट उतारत लखब्या। मइँ यहूदा क सबहिं लोगन क बाबुल क राजा क दइ देब। उ यहूदा क लोगन क बाबुल देस क लइ जाइ। अउर ओकर फउज यहूदा क लोगन क आपन तरवार क घाट उतारी।
5 यहूदा क लोग चीजन क बनावइ मँ कठिन परिस्रम किहन अउर धनी होइ गएन। किन्तु मइँ उ सबइ सारी चीजन ओनके दुस्मनन क दइ देब। यरूसलेम क राजा क लगे बहोत स धन भण्डार अहइ। किन्तु मइँ ओन सबइ धन-भण्डारन क दुस्मन क दइ देब। दुस्मन ओन चीजन क लेइ अउर ओनका बाबुल देस क लइ जाइ।
6 “‘अउर पसहूर तू अउर तोहरे घरे मँ रहइवाले सबहिं लोग हिआँ स लइ जावा जाब्या। तोहका जाइ क अउर बाबुल देस मँ रहइ क मजबूर कीन्ह जाइ। तू बाबुल मँ मरब्या अउर तू उ बिदेस मँ दफनावा जाब्या। तू आपन मीतन क झूठा उपदेस दिहा। तू कह्या कि इ सबइ घटनन नाहीं घटिहीं। किन्तु तोहार सबहिं मीत भी मरिहीं अउर बाबुल मँ दफनाया जइहीं।”‘
7 हे यहोवा, तू मोका बहका दिहा अउर मइँ निहचय ही बहक गएउँ। तू मोहसे जियादा सवतीसाली रहा एह बरे तू मोका हराइ दिहा। मइँ मजाक बनिके रहि गवा हउँ। लोग मोह पइ हँसत हीं अउर सारा दिन मोर मजाक उड़ावत हीं।
8 जब मइँ भी बोलत हउँ, चीख पड़त हउँ। मइँ लगातार हिंसा अउर तबाही क बारे मँ चिल्लात रहत हउँ। मइँ लोगन क उ सँदेसा क बारे मँ बतावत हउँ जेका मइँ यहोवा स प्राप्त किहेउँ। किन्तु लोग सिरिफ मोर अपमान करत हीं अउर मोर मजाक उड़ावत हीं।
9 कबहुँ-कबहुँ मइँ आपन स कहत हउँ: “मइँ यहोवा क बारे मँ बिसरि जाब। मइँ अब आगे यहोवा क नाउँ पइ नाहीं बोलाब।” किन्तु जदि मइँ अइसा कहत हउँ तउ यहोवा क सँदेसा मोरे भीतर भड़कत ज्वाला स होइ जात ह। मोका अइसा लागत ह कि इ अन्दर मोरे हाड़न क बारत अहइ। मइँ अपने भीतर यहोवा क सँदेसा क रोकइ क जतन मँ थक जात हउँ अउर आखीर मँ मइँ एका अपने भीतर रोकइ मँ समर्थ नाहीं पावत हउँ।
10 मइँ अनेक लोगन क दबी जबान अपने खिलाफ बातन करत सुनत हउँ। सर्वत्र मइँ उ सब सुनत हउँ जउन मोका भयभीत करत हीं। हिआँ तलक कि मोरे मीत भी मोरे खिलाफ बातन करत हीं। चला हम अधिकारियन क एकरे बारे मँ सूचित करी। लोग सिरिफ इ प्रतीच्छा मँ अहइँ कि मइँ कउनो गलती करउँ। उ पचे कहत अहइँ, “आवा हम झूठ बोली अउ कही कि उ कछू बुरे करम किहे अहइ। संभव अहइ हम यिर्मयाह क धोखा दइ सकी। तब उ हमरे संग होइ। आखीर मँ हम ओहसे छुटकारा पाउब। तब हम ओका दबोच लेब अउर ओहसे आपन बदला लेब।”
11 किन्तु यहोवा मोरे संग अहइ। यहोवा एक ठु मजबूत फउजी जइसा अहइ। एह बरे जउन लोग मोर पाछा करत ही मुँहे क खइहीं। उ सबइ लोग मोका पराजित नाहीं कइ सकिहीं। उ सबइ लोग असफल होइहीं। उ सबइ निरास होइहीं। उ सबइ लोग लज्जित होइहीं अउर लोग उ लज्जा क कबहुँ नाहीं बिसरिहीं।
12 सर्वसवतीमान यहोवा तू अच्छे लोगन क परीच्छा लेत ह। तू मनई क दिल अउर दिमाग क गहराई स लखत ह। मोका भरोसा अहइ कि इ मोका निआव देब्या। वृप्या कइके मोका उ तोहार सज़ा लखत देई जेनकर उ पचे पात्र अहइँ।
13 यहोवा बरे गावा। यहोवा क स्तुति करा। यहोवा गरीब क जिन्नगी क रच्छा करत ह। उ ओनका दुट्ठ लोगन क सवती स बचावत ह।
14 उ दिना क धिवकार अहइ जउने दिन मोर जनम भवा। उ दिना क बधाई जिन द्या जउने दिन मइँ महतारी क कोख मँ आएउँ।
15 उ मनई क अभिसाप द्या जउन मोरे बाप क इ सूचना दिहस कि मोर जनम भवा ह। उ कहे रहा, “तोहार लड़का भवा ह, उ एक लड़का अहइ।” उ मोरे बाप क बहोत खुस किहे रहा उ ओनसे इ कहे रहा।
16 उ मनई क वइसा ह होइ द्या जइसे उ पचे सहर जेनका यहोवा बर्बाद किहे रहा। यहोवा ओन नगरन पइ कछू भी दाया नाहीं किहेस। उ मनई क सबेरे जुद्ध क उद्घोस सुनइ द्या, अउर दुपहरे क जुद्ध की चीख सुनइ द्या।
17 तू मोका महतारी क पेट मँ ही, काहे नाहीं मार डाया? तब मोर महतारी क कोख कब्र बन जात, अउर मइँ कबहुँ जनम नाहीं लइ सका होत।
18 मोका महतारी क पेट स बाहेर काहे आवइ क पड़ा? जउन कछू मइँ पाएउँ ह उ परेसानी अउर दुःख अहइ अउर मोर जिन्नगी क आखीर लज्जा जनक होइ।
Jeremiah 21
1 इ यहोवा क उ सँदेसा अहइ जउन यिर्मयाह क मिला। इ सँदेसा तब आवा जब यहूदा क राजा सिदकिय्याह मल्किय्याह क पूत पसहूर नाउँ क एक मनई अउ याजक मासयाह क पूत सपन्याह नाउँ क एक मनई क यिर्मयाह क लगे पठएस। उ पचे कहेस:
2 पसहूर अउ सपन्याह यिर्मयाह स कहेन, “यहोवा स हम लोगन बरे पराथना करा। यहोवा स पूछा कि का होइ? हम जानइ चाहित ह काहेकि बाबुल क राजा नबूकदनेस्सर हम लोगन पइ हमला करत अहइ। होइ सकत ह यहोवा हम लोगन बरे वइसे ही महान कारज करइ जइसा उ बीते समइ मँ किहेस। होइ सकत ह कि यहोवा नबूकदनेस्सर क हमला करइ स रोक देइ या ओका चला जाइ दे।”
3 तब यिर्मयाह पसहूर अउर सपन्याह क जवाब दिहेस। उ कहेस, “राजा सिदकिय्याह स कहा,
4 इस्राएल क परमेस्सर यहोवा जउन कहत ह, इ उ अहइ: ‘तोहरे पचन्क हाथन मँ जुद्ध क अस्त्र-सस्त्र अहइँ। तू पचे ओन अस्त्र सस्त्रन क उपयोग अपनी सुरच्छा बरे बाबुल क राजा अउर कसदियन क खिलाफ करत रह्या। किन्तु मइँ ओन अस्त्रन क बियर्थ कइ देब।“‘बाबुल क फउज सहर क चारिहुँ कइँती घेर लिहे अहइ। उ फउज सहर क चारिहुँ ओर अहइ। हाली ही मइँ उ फउज क यरूसलेम मँ लइ आउब।
5 मइँ खुद यहूदा तू लोगन क खिलाफ लड़ब। मइँ आपन सवतीसाली हाथन स तोहरे पचन्क खिलाफ लड़ब। मइँ तू पचन्कइ बहोत जियादा कोहान अहउँ, एह बरे मइँ आपन सवतीसाली बाहन स तोहरे पचन्क खिलाफ लड़ब। मइँ तोहरे पचन्क खिलाफ घोर जुद्ध करब अउर देखाउब कि मइँ केतना कोहान हउँ।
6 मइँ यरूसलेम मँ रहइवाले लोगन क मार डाउब। मइँ लोगन अउर जनावरन क मारि डाउब। उ पचे उ भयंकर बीमारी स मरिहीं जउन पूरे नगर मँ फइल जाइ।
7 जब इ होइ जाइ तब ओकरे पाछे,”‘ इ सँदेसा यहोवा क अहइ। “‘मइँ यहूदा क राजा सिदकिय्याह क बाबुल क राजा नबूकदनेस्सर क देब। मइँ सिदकिय्याह क अधिकारियन क भी नबूकदनेस्सर क देब। यरूसलेम क कछू लोग भयंकर बीमारी स नाहीं मरिहीं। कछू लोग तरवार क घाट नाहीं उतारा जइहीं। ओनमाँ स कछू भूखन नाहीं मरिहीं किन्तु मइँ ओन लोगन क नबूकदनेस्सर क देब। मइँ यहूदा क दुस्मनन क बिजयी बनाउब। नबूकदनेस्सर क फउज यहूदा क लोगन क मार डावा चाहत ह। एह बरे यहूदा अउर यररूसलेम क लोग तरवार क घाट उतार दीन्ह जइहीं। नबूकदनेस्सर कउनो दाया नाहीं देखाइ। उ ओन लोगन बरे अफसोस नाहीं करी।’
8 “यरूसलेम क लोगन स इ सबइ बातन भी कहा। यहोवा इ सबइ बातन करत ह, ‘मइँ तोहका एक चुनाव देत हउँ: जिअई या मरइ एक क चुन्या।
9 कउनो भी मनई जउन यरूसलेम मँ ठहरी, मरी। उ मनई तरवार, भूख या भयंकर बीमारी स मरी किन्तु जउन मनई यरूसलेम क बाहेर जाइ अउर बाबुल क फउज क समन्वा आत्म समर्पण करी, जिअत रही। उ आपन जिन्नगी क जुद्ध क लूट क माल क नाईं जीत लेब।
10 मइँ यरूसलेम नगर पइ विपत्ति ढावइ क निहचइ कइ लिहेउँ ह। मइँ सहर क मदद नाहीं करब।’“ इ सँदेसा यहोवा क अहइ। “‘मइँ यरूसलेम क नगर क बाबुल क राजा क देब। उ एका आगी स बारी।’
11 “यहूदा क राज परिवार स इ कहा, यहोवा सँदेसा क सुना।
12 दाऊद क परिवार यहोवा इ कहत ह, ‘तू पचन्क रोज लोगन क निस्पच्छ निआव करइ चाही। अपराधियन स ओनके सिकारन क रच्छा करा। जदि तू पचे अइसा नाहीं करत्या तउ मइँ बहोत वोधित होबउँ। मोर किरोध अइसे आगी क तरह होइ जेका कउनो मनई बुझाइ नाहीं सकत। इ घटित होइ काहेकि तू बुरे करम किहा ह।’
13 यरूसलेम, मइँ तोहरे बिरुद्ध हउँ। तू पर्वते क चोटी पइ बइठी अहा। तू इ घाटी क ऊपर एक रानी क तरह बइठी अहा। यरूसलेम क लोगो, तू पचे कहत अहा, ‘कउनो भी हम पइ आवमण नाहीं कइ सकत। कउनो भी हमरे मजबूत नगर मँ घुस नाहीं सकत।’ किन्तु यहोवा क हिआँ स उ सँदेस क सुना:
14 ‘तू पचे उ सजा पउब्या जेकर पात्र तू पचे अहा। मइँ तोहरे पचन्क बनन मँ आगी लगाउब। उ आगी तोहरे चारिहुँ ओर क हर एक चीज बारि देइ।’“
Jeremiah 22
1 यहोवा कहेस, “यिर्मयाह राजा क महल क जा। यहूदा क राजा क लगे जा अउर हुआँ ओका उ सँदेसा क उपदेस द्या।
2 ‘यहूदा क राजा, यहोवा क हिआँ स सँदेसा सुना। तू दाऊद क सिंहासन स सासन करत अहा, एह बरे सुना। राजा, तू पचन्क अउर तोहरे अधिकारियन क इ अच्छी तरह सुनइ चाही। यरूसलेम क दुआरन स आवइवाले सबहिं लोगन क यहोवा क सँदेसा सुनइ चाही।
3 यहोवा कहत ह: उ सबइ काम करा जउन नीक अउ निआव स पूर्ण होइँ। उ मनई क रच्छा करा जेका डावूअन क जरिय लूट लीन्ह ग होइ। प्रवासी, अनाथ बच्चन अउ राँड़न क जिन दुःख द्या। बेगुनाह लोगन क जिन मारा।
4 “जदि तू एन आदेसन क पालन करत अहा तउ जउन घटित होइ उ इ अहइ: जउन राजा दाऊद क सिंहासने पइ बइठिहीं, उ पचे यरूसलेम नगर मँ इ महल क दुआरन स आवत रहिहीं। उ पचे राजा, ओनकर उत्तराधिकारी अउर ओनकर लोग रथन अउर घोड़न पइ चढ़िके अइहीं।
5 किन्तु जदि तू एन आदेसन क पालन नाहीं करब्या तउ यहोवा कहत ह: मइँ प्रतिग्या करत हउँ कि राजा क महल ध्वस्त कइ दीन्ह जाइ इ ध्वस्त जगह क तरह रहि जाइ।’“
6 यहोवा ओन महलन क बारे मँ इ कहत ह जेनमाँ यहूदा क राजा रहत हीं:“गिलाद वन क तरह इ महल ऊँचा अहइ। इ लबानोन पर्वत क समान ऊँचा अहइ। किन्तु मइँ ऍका फुरइ रेगिस्ताने सा बनाउब। इ महल उ नगर क तरह सूना होइ जेहमाँ कउनो मनई न रहत होइ।
7 मइँ लोगन क महल क नस्ट करइ पठउब। हर एक मनई क लगे आपन औजार होइहीं। उ सबइ लोग तोहार सबन्त उत्तिम देवदार सहतीर क काट डइहीं। अउर ओका आगी मँ लोकाइ देइहीं।
8 “अनेक रास्ट्रन स लोग इ नगर स गुजरिहीं। उ पचे एक दूसर स पूछिहीं, ‘यहोवा इ महान नगर यरूसलेम क संग अइसा भयंकर काम काहे किहस?’
9 उ सवाल क जवाब इ होइ, ‘परमेस्सर यरूसलेम क नस्ट किहेस, काहेकि यहूदा क लोग यहोवा आपन परमेस्सर स संग कीन्ह गइ करार क मानब तजि दिहस। ओन लोग दूसर देवतन क पूजा अउर सेवा किहन।”
10 उ राजा बरे जिन रोआ जउन मरि गवा। ओकरे बरे जिन रोवा। किन्तु उ राजा बरे फूट-फूट के रोआ जउन हिआँ स जात अहइ। ओकरे बरे रोआ, काहेकि उ फुन कबहुँ वापस नाहीं आइ। सल्लूम (यहोसाहाज) आपन जन्मभूमि क फुन कबहुँ नाहीं लखी।
11 यहोवा योसिय्याह क पूत सल्लूम क बारे मँ जउन कहत ह, उ इ अहइ (सल्लूम आपन बाप योसिय्याह क मउत क पाछे यहूदा क राजा भवा।) “सल्लूम यरूसलेम स दूर चला गवा। उ फुन यरूसलेम क वापस नाहीं लौटी।
12 सल्लूम हुवँइ मरी जहाँ ओका मिस्री लइ जइहीं। उ इ भुइँया क फुन नाहीं लखी।”
13 राजा यहोयाकीम बरे इ बहोत बुरा होइ। उ बुरे करम करत अहइ एह बरे उ आपन महल बनाइ लेइ। उ लोगन क ठगत अहइ, एह बरे उ ऊपर कमरन बनाइ सकत ह। उ आपन लोगन स बेगार लेत अहइ। उ ओनके काम क मजदूरी नाहीं देत अहइ।
14 यहोयाकीम कहत अहइ, ‘मइँ अपने बरे एक ठु बिसाल महल बनाउब। मइँ दूसर मंजिल पइ बिसाल कमरन बनाउब।’ एह बरे उ बिसाल खिड़कियन वाला महल बनावत अहइ। उ देवदार क कड़ियन क दीवारन पइ मढ़ावत बाटइ अउर एन पाइ लाल रंग चढ़ावत अहइ।
15 यहोयाकीम, आपन घरे मँ देवदार क जियादा लकड़ी क उपयोग तोहका महान सम्राट नाहीं बनावत। तोहार बाप योसिय्याह भोजन पान पाइके सतंुट्ठ रहा। उ उ किहस जउन ठीक अउर निआवपूर्ण रहा। योसिय्याह उ किहस, एह बरे परमेस्सर ओका आसीस दिहा।
16 योसिय्याह दीन-दीन लोगन क मदद दिहस। योसिय्याह उ किहस, एह बरे ओकरे बरे सब कछू अच्छा भवा। यहोयाकीम ‘परमेस्सर क जानइ’ क का अरथ होत ह मोका जानइ क अरथ, ठीक रहब अउर निआवपूर्ण होब अहइ।” इ सँदेसा यहोवा क अहइ।
17 “यहोयाकीम, तोहार आँखिन सिरिफ तोहार आपन लाभ क लखत हीं, तू सदा ही आपन बरे जियादा स जियादा पावइ क सोचत अहा। तू निरपराध लोगन क मारइ बरे इच्छुक रहत अहा। तू दूसर लोगन क चीजन क चोरी करइ क इच्छुक रहत अहा।”
18 एह बरे योसिय्याह क पूत यहोयाकीम स यहोवा जउन कहत ह, उ इ अहइ: “यहूदा क लोग यहोयाकीम बरे रोइहीं नाहीं। उ पचे आपुस मँ इ नाहीं कहिहीं, ‘हे मोर भाई यहोयाकीम क बारे मँ एतना दुःखी हउँ। हे मोर बहिन, मइँ यहोयाकीम क बारे मँ एतना दुःखी हउँ। उ पचे ओकरे बरे रोइहीं नाहीं। मइँ उ पचे ओकरे बारे मँ नाहीं कहिहीं, ‘हे स्वामी, हम एतने दुःखी अही। हे राजा, हम एतने दुःखी अही।’
19 यरूसलेम क लोग यहोयाकीम क एक ठु मरे गदहे क तरह दफनइहीं। इ पचे ओकरे ल्हास क दूर घसीट लइ जइहीं अउर उ पचे ओकरे ल्हास क यरूसलेम स दुआरे क बाहेर एक खेत मँ लोकाइ देइहीं।
20 यहूदा, लबानोन क पहाड़न पइ जा अउर चिल्लाअ। बासान क पहाड़न मँ आपन रोउब सुनाई पड़इ द्या। अबारीम क पहाड़न मँ जाइके चिल्लाअ। काहेकि तोहार सबहिं ‘प्रेमी’ नस्ट कइ दीन्ह जइहीं।
21 हे यहूदा जब तू आपन क सुरच्छित समुझा, किन्तु मइँ तोहका चिताउनी दिहेउँ, परन्तु तु सुनइ स इन्कार किहा अउर यहूदा जब स तू युवती रहिउ, तू मोर आग्या क पालन नाहीं किहा।
22 हे यहूदा, मोर सजा आँधी क तरह आइ अउर इ तोहार सबहिं गड़रियन (प्रमुखन) क उड़ाइ लइ जाइ। तोहार प्रेमियन क बन्दी बना लीन्ह जाइ। तब तू लज्जित होउबिउ। तू जउन कछू बुरे करम किहा, ओनके कारण अपमानित होउबिउ।
23 हे राजा, तू लबानोन स लीन्ह भवा ऐस व आराम क सामन स घेरा भवा सुरच्छित रहत ह। किन्तु तू फुरइ तब कराह उठब्या जब तोहका सजा मिली। तू बच्चा पइदा करत मेहरारू क तरह पीड़ित होब्या।”
24 इ सँदेसा यहोवा क अहइ: “मइँ आपन जिन्नगी क किरिया खात हउँ यहोयाकीम क पूत अउर यहूदा क राजा कोनयाह (यहोयाकीन) बरे कि जदि तू मोरे दाहिने हाथ क मुहर क अँगूठी (राजमुद्रा) होतेन तउ भी मइँ तोहका बाहेर निकार फेंकतेन।
25 कोन्याह मइँ तोहका बाबुल अउ कसदियन क राजा नबूकदनेस्सर क देब। उ पचे ही लोग अइसे अहइँ जेनसे तू डेरात ह। उ सबइ लोग तोहका मार डावइ चाहत हीं।
26 मइँ तोहका अउर महतारी क अइसे देस मँ लोकाउब कि जहाँ तू दुइनउँ मँ स कउनो भी पइदा नाहीं भवा रहा। तू अउर तोहार महतारी उहइ देस मँ मरिहीं।
27 उ पचे आपन भुइँया मँ जाइ क इच्छा करब्या, किन्तु उ पचन्क कबहुँ लउटइ नाहीं दीन्ह जाइ।”
28 कोन्याह उ टूट बर्तन क तरह अहइ जेका कउनो लोकाइ दिहेस ह। उ अइसे बर्तन क तरह अहइ जेका कउनो मनई नाहीं चाहत। कोन्याह अउर ओकर सन्तानन काहे बाहेर लोकाइ दीन्ह जइहीं? उ पचे कउनो भी बिदेस मँ काहे लोकावा जइहीं?
29 भुइँया, भुइँया, यहूदा क भुइँया। यहोवा क सँदेसा सुना।
30 यहोवा कहत ह, “कोन्याह क बारे मँ इ लिख ल्या: ‘उ अइसा मनई अहइ जेका भविस्स मँ अब बच्चन नाहीं होइहीं। कोन्याह आपन जिन्नगी मँ सफल नाहीं होइ। ओकर सन्तान मँ स कउनो भी यहूदा पइ सासन नाहीं करी।”‘
Jeremiah 23
1 “यहूदा क गड़रियो क बरे इ बहोत बुरा होइ। उ सबइ गड़रियन भेड़िन क नस्ट करत अहइँ। उ पचे भेड़िन क मोर चरागाह स चारिहुँ कइँती भगावत अहइँ।” इ यहोवा क सँदेसा अहइ।
2 उ सबइ गड़रियन मोरे लोगन बरे उत्तरदायी अहइँ अउर इस्राएल क परमेस्सर यहोवा ओन गड़रियन स इ कहत ह, “गड़रियो, तू मोर भेड़िन क चारिहुँ कइँती भगाया ह। तू ओनका चला जाइ क मजबूर किहा ह। तू ओनकर देखरेख नाहीं रख्या ह। किन्तु मइँ तू लोगन क लखब, मइँ तू पचन्क बुरे करमन बरे सजा देब जउन तू किहा ह।” इ सँदेसा यहोवा क हिआँ स अहइ।
3 “मइँ आपन भेड़िन (लोगन) क अलग-अलग देसन मँ पठउब। किन्तु मइँ आपन ओन भेड़िन क एक संग बटोरब जउन बची रहि ग अहइँ अउर मइँ ओनका ओनकर चरागाह (देस) मँ लिआउब। जब मोर भेड़िन अपनी चरागाह मँ वापस अइहीं तउन ओनकर बहोत बच्चन होइहीं अउर ओनकर संख्या बढ़ि जाइ।
4 मइँ आपन भेड़िन बरे नवे गड़रियन राखब उ सबइ गड़रियन मोरे भेड़िन क देखरेख करिहीं अउर मोर भेड़िन भयभीत या डेरइहीं नाहीं। मोर भेड़िन मँ स कउनो हेरइहीं नाहीं।” इ सँदेसा यहोवा क अहइ।
5 यहोवा कहत ह: “समइ आवत अहइ जब मइँ दाऊद क वुल मँ एक ठु सच्चा “अंकुर” उगाउब। उ अइसा राजा होइ जउन बुद्धिमानी स सासन करी अउर उ उहइ करी जउन देस मँ उचित अउर निआउपूर्ण होइ।
6 उ सच्चे अंवुर क समइ मँ यहूदा क लोग सुरच्छित रहिहीं अउर इस्राएल सुरच्छित रही। ओकर नाउँ इ होइ यहोवा हमार सच्चाई अहइ।”
7 यहोवा कहत ह: “एह बरे समइ आवत अहइ जब लोग पुरान प्रतिग्या नाहीं करिहीं। जउन उ पहिले किया करत रहेन उ कहत रहे: ‘यहोवा क किरिया, जउन इस्राएल क लोगन क मिस्र देस स बाहेर लिआए रहा।’
8 किन्तु अब लोग कछू नवा कहिहीं, ‘यहोवा जिअत अहइ, यहोवा ही उ अहइ जउन इस्राएल क लोगन क उत्तर क देस स बाहेर लिआवा। उ ओनका ओन सबहिं देसन स बाहेर लिआवा जेनमाँ उ ओनका पठए रहा।’ तब इस्राएल क लोग आपन देस मँ ही रहिहीं।”
9 नबियन बरे सँदेस अहइ: “मइँ बहोत दुःखी हउँ, मोर हिरदय विदीर्ण होइ ग अहइ। मोर सारी हड्डियन काँपत अहइँ। मइँ (यिर्मयाह) मतवाला क तरह अहउँ। काहे यहोवा अउर ओकर पवित्तर सँदेसा क कारण।
10 यहूदा अइसे लोगन स भरा अहइ जउन परमेस्सर बरे बिस्सासघाती अहइँ। यहोवा भुइँया क अभिसाप दिहस अउर इ बहोत झुराइ गइ। पौधन चरागाहन मँ झुरात अहइँ अउर मरत अहइँ। खेत रेगिस्ताने जइसा होइ ग अहइँ। नबियन बुरा करम करत ह अउर ओनकर सक्ती नकली अहइ।
11 नबी अउर याजक तलक भी पापी अहइँ। मइँ ओनका आपन मँन्दिर मँ पाप करत लखेउँ ह।” इ सँदेसा यहोवा क अहइ।
12 एह बरे मइँ ओनका आपन सँदेस देब बन्द करब। इ अइसा होइ माना उ पचे अंधकार मँ चलइ क मजबूर कीन्ह ग होइँ। इ अइसा होइ माना नबियन अउर याजकन बरे फिसलइवाली सड़किया होइ। उ अँधियारी जगह मँ उ सबइ नबी अउ याजक गिरिहीं। मइँ ओन पइ बिपत्तियन ढाउब। उ समइ मइँ ओन नबियन अउर याजकन क सजा देब।” इ सँदेसा यहोवा क अहइ।
13 “मइँ सोमरोन क नबियन क कछू बुरा करत लखेउँ। मइँ ओन नबियन क लबार बाल देवता क नाउँ भविस्सवाणी करत लखेउँ। ओन नबियन इस्राएल क लोगन स दूर भटकाएन।
14 “मइँ यहूदा क नबियन क यरूसलेम मँ बहोत भयानक करम करत लखेउँ। एन नबियन बिभिचार करइ क पाप किहन। उ पचे झूठी सिच्छन पइ बिस्सास किहन, अउर ओन लबार उपदेसन क कबूल किहन। उ पचे दुट्ठ लोगन क पाप करत रहइ क बरे उत्साहित किहन। एह बरे लोग पाप करब नाहीं तजेन। उ पचे सबहिं लोग एदोप नगर क तरह अहइँ। यरूसलेम क लोग मोरे बरे अमोरा नगर क तरह अहइ।”
15 एह बरे सर्वसवतीमान यहोवा नबियन क बारे मँ इ बातन कहत ह, “मइँ आव नबियन क दण्ड देब। उ सजा बिख स भरा भोजन पानी खाइ पिअइ जइसा होइ। नबियन आध्यात्मिक बीमारी पइदा किहन अउर उ बीमारी पूरे देस मँ फइल गइ। एह बरे मइँ ओन नबियन क सजा देब। उ बीमारी यरूसलेम मँ नबियन स आइ।”
16 सर्वसवतीमान इ सब कहत ह: “उ पचे नबी तू पचन स जउन कहइँ ओकर अनसुनी करा। उ पचे तू पचन्क मूरख बनावइ क जतन करत अहइँ। उ पचे नबी अन्तदर्सन करइ क बात करत हीं। किन्तु उ पचे आपन अन्त दर्सन मोहसे नाहीं पाउतेन। ओनकर अन्तदर्सन ओनकर मन क उपज अहइ।
17 कछू लोग यहोवा क सच्चे सँदेसा स घिना करत हीं। एह बरे उ सबइ नबी ओन लोगन स अलग-अलग कहत हीं। उ पचे कहत हीं, ‘तू सान्ति स रहब्या।’ कछू लोग बहोत हठी अहइँ। उ पचे उहइ करत हीं जउन उ पचे करइ चाहत हीं। एह बरे उ सबइ नबी कहत हीं, ‘तोहार पचन्क कछू भी बुरा नाहीं होइ।’
18 किन्तु एन नबियन मँ स कउनो भी स्वर्गीय परिषद मँ सामिल नाहीं भवा ह। ओनमाँ स कउनो भी यहोवा क सँदेसा क न लखेस ह न ही सुनेस ह। ओनका स कउनो भी यहोवा क सँदेसा पइ गंभीरता स धियान नाहीं दिहेस ह।
19 अब यहोवा क हिआँ स सजा आँधी क तरह आइ। यहोवा क किरोध बौंड़र क तरह होइ। इ ओन दुट्ठ लोगन क मूँड़न क वुचरत भवा आइ।
20 यहोवा क किरोध तब तलक नाहीं रूकी जब तलक उ पचे जउन करइ चाहत हीं, पूरा न कइ लेइँ। जब उ दिन चला जाइ तब तू पचे एका ठीक ठीक समुझब्या।
21 मइँ ओन नबियन क नाहीं पठएउँ। किन्तु उ पचे आपन सँदेसा देइ दउड़ पड़ेन। मइँ ओनसे बातन नाहीं किहेउँ। किन्तु उ पचे मोर नाउँ क उपदेस दिहन।
22 जदि उ पचे मोर स्वर्गीय परिषद मँ सामिल भए होतेन तउ उ पचे यहूदा क लोगन क मोर सँदेसा दिए होतेन। उ पचे लोगन क बुरे करम करइ स रोक दिए होतेन। उ पचे लोगन क पाप करम करइ स रोक दिए होतेन।”
23 इ सँदेसा यहोवा क अहइ। “मइँ परमेस्सर हउँ, हिआँ हुआ अउर सर्वत्र। मइँ बहोत दूर नाहीं हउँ।
24 कउनो मनई कउनो छिपइ क ठउरे मँ आपन क मोहसे छिपावइ जतन कइ सकत ह। किन्तु ओका लखि लेब मोरे लिए सहल अहइ। काहेकि मइँ सरग अउ धरती दुइनउँ पइ सर्वत्र हउँ।” यहोवा इ सबइ बातन कहेस।
25 “अइसे नबी अहइँ जउन मोरे नाउँ पइ लबार उपदेस देत हीं। उ पचे कहत हीं, ‘मइँ एक सपन लखेउँ ह! मइँ एक सपन लखेउँ ह।’ मइँ ओनका उ सबइ बातन करत सुनेउँ ह।
26 इ कब तलक चलत रही? उ सबइ नबी झूठ ही क चिन्तन करत हीं अउर तब उ पचे उ झूठ क उपदेस लोगन क देत हीं।
27 इ सबइ नबी जतन करत हीं कि यहूदा क लोग मोर नाउँ बिसरि जाइँ। उ पचे इ काम क, आपुस मँ एक दूसर स कल्पित सपन कहिके करत अहइँ। इ सबइ लोग मोरे लोगन स मोर नाउँ वइसे ही बिसराइ देइ क जतन करत अहइँ जइसे ओनकर पुरखन मोका बिसरि गए रहेन। ओनकर पुरखन मोका बिसरि गएन अउर उ पचे लबार देवता बाल क पूजा किहन।
28 भूसा उ नाहीं अहइ जउन गोहूँ अहइ। ठीक उहइ तरह ओन नबियन क सपन मोर सँदेसा नाहीं अहइँ। जदि कउनो मनई आपन सपनन क कहइ चाहत ह तउ ओका कहइ द्या। किन्तु उ मनई क मोरे सँदेसा क सच्चाई क कहइ द्या जउन मोरे सँदेसा क सुनत ह।
29 मोर सँदेसा ज्वाला क तरह अहइ। इ उ हथौड़े क तरह अहइ जउन चट्टान क चूर्ण करत ह।” इ सँदेसा यहोवा क अहइ।
30 “एह बरे मइँ लबार नबियन क खिलाफ हउँ। काहेकि उ पचे मोरे सँदेसा क एक दूसर स चोरावइ मँ लगा रहत हीं।” इ सँदेसा यहोवा क अहइ।
31 “उ पचे आपन बात कहत हीं अउर देखावा इ करत हीं कि उ यहोवा सँदेसा अहइ।
32 मइँ ओन लबार नबियन क खिलाफ हउँ जउन सपन क उपदेस देत हीं।” इ सँदेसा यहोवा क अहइ। “उ पचे आपन झूठ अउ झूठे उपदेसन स मोरे लोगन क भटकावत हीं। मइँ ओन नबियन क लोगन क उपदेस देइ बरे नाहीं पठएउँ। मइँ ओनका आपन बरे कछू करइ क आदेस कबहुँ नाहीं दिहेउँ। उ पचे यहूदा क लोगन क सहायता बिल्वुल नाहीं कइ सकतेन।” इ सँदेसा यहोवा क अहइ।
33 “यहूदा क लोग, नबी अथवा याजक तू पचन्स पूछ सकत हीं, यहोवा क ‘बोझ’ का अहइ?’ तू पचे ओनका जवाब द्या, ‘तू पचे ‘बोझ’ अहइ अउर मइँ तोहसे छुटकारा पाउब।” यहोवा कहत ह।
34 “कउनो नबी या याजक अथवा सायद लोगन मँ स कउनो कह सकत ह, ‘इ यहोवा स बोझ अहइ।’ उ मनई इ झूठ कहेस, एह बरे मइँ उ मनई अउर ओकरे पूरे परिवार क सजा देब।
35 जउन तू आपुस मँ एक दूसर स कहब्या उ इ अहइ: ‘यहोवा का जबाव दिहस?’ या ‘यहोवा का कहेस?’
36 किन्तु तू पचे फुन इ भाव क कबहुँ नाहीं दुहरउब्या। यहोवा क ‘बोझ’ काहेकि ‘बोझ’ लोगन क खुद क सब्द अहइ। ऍह बरे तू पचे मोरे परमेस्सर, सजीव परमेस्सर, सर्वसक्तीमान यहोवा क सब्द क ‘बोझ’ बदल ह।
37 “जदि तू परमेस्सर क सँदेसा क बारे मँ जानइ चाहत अहा तब कउनो नबी स पूछा, ‘यहोवा तोहका का जवाब दिहस?’ या ‘यहोवा का कहेस?’
38 किन्तु इ न कहा, ‘यहोवा क हिआँ स ‘बोझ’ का अहइ?’ जदि तू एन सब्दन क उपयोग करब्या तउ यहोवा तोहसे इ सब कही, ‘तोहका मोरे सँदेसा क यहोवा क हिआँ स ‘बोझ’ नाहीं कहइ चाही रहा।’ मइँ तोहसे ओन सब्दन क उपयोग न करइ क कहे रहेउँ।
39 किन्तु तू मोरे सँदेसा क बोझइ कहा, ‘एह बरे मइँ तोहका एक ‘बोझ’ क तरह उठाउब अउर आपन स दूर पटक देब। मइँ तोहरे पुरखन क यरूसलेम नगर दिहे रहेउँ। किन्तु अब मइँ तोहका अउर उ नगर क आपन स दूर लोकाइ देब।
40 मइँ सदा ही तोहका कलंकित बनाइ देब। तू कबहुँ आपन लज्जा क नाहीं बिसरब्या।”‘
Jeremiah 24
1 यहोवा मोका इ सबइ चिजियन देखाइस: यहोवा क मन्दिर क समन्वा मइँ सजी भइ दुइ ठु अंजीर क टोकरियन लखेउँ। (मइँ इ अन्तदर्सन क बाबुल क राजा नबूकदनेस्सर क जरिये यकोन्याह क बन्दी बनाइ लीन्ह जाइ क पाछे लखेउँ। यकोन्याह राजा यहोयाकीम क पूत रहा। यकोन्याह अउ ओकर बड़के अधिकारी यरूसलेम स दूर पहोंचाइ दीन्ह ग रहेन। उ पचे बाबुल पहोंचावा ग रहेन। नबूकदनेस्सर यहूदा क सबहिं बढ़इयन अउ धातुकारन क लइ गवा रहा।)
2 एक ठु टोकरी मँ बहोत नीक अंजीर रहेन। उ सबइ ओन अंजीरन क तरह रहेन जउन मौसम क सुरूआत मँ पकत हीं। किन्तु दूसर टोकरी मँ सड़े गले अंजीर रहेन। उ सबइ एतने सड़े गले रहेन कि ओनका खावा नाहीं जाइ सकत रहा।
3 यहोवा मोहसे कहेस, “यिर्मयाह, तू का लखत अहा?” मइँ जवाब दिहेउँ, “मइँ अंजीर लखत हउँ। नीक अंजीर बहोत नीक अहइँ। अउर सड़े गले अंजीर बहोत ही सड़े गले अहइँ। उ सबइ एतने सड़े गले अहइँ कि खावा नाहीं जाइ सकतेन।”
4 तब यहोवा क सँदेसा मोका मिला।
5 इस्राएल क परमेस्सर यहोवा कहेस, “यहूदा क लोग आपन देस स लइ जावा गएन। ओनकर दुस्मन ओनका बाबुल लइ गवा। उ सबइ लोग एन नीक अंजीरन क तरह होइहीं। मइँ ओन लोगन पइ दाया करब।
6 मइँ ओनकर रच्छा करब। मइँ ओनका यहूदा देस मँ वापस लिआउब। मइँ ओनका चरिके लोकाउब नाहीं, मइँ फुन ओनकर निर्णय करब। मइँ ओनका उखाड़ब नाहीं अपितु रोपब जेहसे उ सबइ बाढ़इँ।
7 मइँ ओनका आपन क समुझइ क इच्छा रखइवाला बनाउब। उ पचे समझिहीं कि मइँ यहोवा हउँ। उ सबइ मोर लोग होइहीं अउर मइँ ओनकर परमेस्सर। मइँ इ करब काहेकि उ पचे बाबुल क बन्दी पूरे हिरदय स मोर सरण मँ अइहीं।
8 “किन्तु यहूदा क राजा सिदकिय्याह ओन अंजीरन क तरह अहइ जउने ऍतने सड़े गले अहइँ कि खावा नाहीं जाइ सकतेन। अउर ओकर बड़के अधिकारी, जउन यरूसलेम अउ मिस्र मँ रहत अहइँ ओन सड़े गले अंजीरन क तरह होइहीं।
9 “मइँ ओन लोगन क सजा देब। उ सजा पृथ्वी क सबहिं लोगन क हिरदय दहताइ देइ। लोग यहूदा क लोगन क मजाक उड़इहीं। लोग ओनके बारे मँ हसी उड़इहीं। लोग ओनका ओन सबहिं ठउरन पइ सराप देइहीं जहाँ ओनका मइँ बिखेरब।
10 मइँ ओनके विरूद्ध तरवारन, भुखमरी अउर बीमारियन पठउब। मइँ ओन पइ तब तलक हमला करब जब तलक कि उ पचे सबहिं मर नाहीं जातिन। तब उ पचे भविस्स मँ उ भुइँया पइ नाहीं रहिहीं जेका मइँ एनका तथा एनकर पुरखन क दिहे रहेउँ।”
Jeremiah 25
1 इ उ सँदेसा अहइ, जउन यहूदा क सबहिं लोगन स सम्बन्धित, यिर्मयाह क मिला। इ सँदेसा यहोयाकीम क यहूदा मँ राज्जकाल क चउथे बरिस मँ आवा। यहोयाकीम योसिय्याह क पूत रहा। राजा क रूप मँ ओकरे राज्जकाल क चउथा बरिस उहइ रहा जउन बाबुल मँ नबूकदनेस्सर क पहिला बरिस रहा।
2 इ उहइ सँदेसा अहइ जेका यिर्मयाह नबी यहूदा क लोगन अउर यरूसलेम क लोगन क दिहस।
3 मइँ एन बीते तेईस बरिसन मँ यहोवा क सँदेसन क तोहका बार-बार दिहेउँ ह। मइँ यहूदा क राजा आमोन क पूत योसिय्याह क राज्जकाल मँ तेरहवाँ बरिस स नबी अहउँ। मइँ सुबह होत ही यहोवा क सँदेसन क तोहका दिहेउँ ह। किन्तु तू पचे ओका अनसुना किहा ह।
4 यहोवा आपन सेवक नबियन क तोहरे पास बार-बार पठएस ह। किन्तु तू ओनका अनसुना किहा ह। तू ओनकी कइँती तनिक भी धियान नाहीं दिहा ह।
5 ओन नबियन कहेन, “आपन जिन्नगी क बदला। ओन बुरे कामन क करब तजा। जदि तू बदल जाब्या, तउ तू उ भुइँया पइ वापस लउट अउर रह सकब्या जेका यहोवा तोहका अउर तोहरे पुरखन क बहोत पहिले दिहे रहा। उ इ भुइँया तोहका सदैव रहइ क दिहस।
6 दूसर देवतन क अनुसरण न करा। ओनकर सेवा या ओनकर पूजा न करा। इ सबइ कइके मोका किरोधित न करा, मोका तोहका सज़ा मत देइ द्या।”
7 “किन्तु तू मोर अनसुनी किहा।” यहोवा कहत ह। “आपन करम स तू मोका आपन ही चोट बरे किरोधित किहा ह।”
8 एह बरे सर्वसवतीमान यहोवा इ कहत ह, “तू मोरे सँदेसा क अनसुना किहा ह।
9 एह बरे मइँ उत्तर क सबहिं परिवार समूहन क हाली बोलाउब।” इ सँदेसा यहोवा क अहइ। “मइँ हाली ही बाबुल क राजा नबूकदनेस्सर क पठउब। उ मोर सेवक अहइ। मइँ ओन लोगन क यहूदा देस अउर यहूदा क लोगन क खिलाफ बोलाउब। मइँ ओनका तोहरे चारिहुँ कइँती क पड़ोसी रास्ट्रन क खिलाफ भी लिआउब। मइँ ओन सबहिं देसन क नस्ट करब। मइँ ओन देसन क सदैव बरे सूना रेगिस्तान बनाइ देब। लोग ओन देसन क लखिहीं अउर जउन बुरी तरह उ सबइ बर्बाद भएन ह ओह पइ सीटी बजइहीं।
10 मइँ ओन ठउरन पइ सुख अउर आनन्द क किलोलन क बन्द कइ देब। हुआँ भविस्स मँ दुलहा-दुलहिनन क उमंग भरी हँसी ठिठोली न होइ। मइँ चक्की चलावइ लोगन क गीतन क दूर कइ देब। मइँ दीयकन क उजाला खतम करब।
11 उ समूचा पहँटा ही सूना रेगिस्तान बन जाइ। उ पचे सारे लोग बाबुल क राजा क सत्तर बरिस तलक दास होइहीं।
12 “किन्तु जब सत्तर बरिस बीत जइहीं तउ मइँ बाबुल क राजा क सजा देब। मइँ बाबुल रास्ट्र क सजा देब।” इ सँदेसा यहोवा क अहइ। “मइँ कसदियन क देस क ओनके पाप बरे दण्ड देब। मइँ उ देस क सदेव बरे रेगिस्तान बनाउब।
13 मइँ कहेउँ ह कि बाबुल पइ अनेक विपत्तियन अइहीं। उ सबइ बातन घटित होइहीं। यिर्मयाह ओन बिदेसी रास्ट्रन क बारे मँ उपदेस दिहे रहा अउर उ सबइ चितउनियन इ पुस्तक मँ लिखी अहइँ।
14 हाँ बाबुल क लोगन क कइउ रास्ट्रन अउर कइउ बड़के राजा लोगन क सेवा करइ पड़ी। मइँ ओनका ओकरे बरे ओनके उचित दण्ड देब जउन सब उ पचे करिहीं।”
15 इस्राएल क परमेस्सर यहोवा इ सब कहेस, “यिर्मयाह, इ दाखरस क पियाला मोरे हाथन स ल्या। इ मोर किरोध क दाखरस अहइ। मइँ तोहका अलग-अलग रास्ट्रन मँ पठवत अहउँ। ओन सबहिं रास्ट्रन क इ पियाला स पिआवा।
16 उ पचे इ दाखरस क पीइहीं। तब उ पचे उलटी करिहीं अउर पागलन सा बेउहार करिहीं। उ पचे इ ओन तरवारन क कारण अइसा करिहीं जेनका मइँ ओनके खिलाफ हाली पठउब।”
17 एह बरे मइँ यहोवा क हाथ स पियाला लिहेउँ। मइँ ओन रास्ट्रन मँ गएउँ अउर ओन लोगन क उ पियाले स पिलाएउँ।
18 मइँ दाखरस क यरूसलेम अउ यहूदा क लोगन क बरे ढालेउँ। मइँ यहूदा क राजा लोगन अउर प्रमुखन क इ पियाले स पियाएउँ। मइँ इ एह बरे किहेउँ कि इ ठउर ऍतनी बुरी तरह स बर्बाद होइ जाइ कि लोग एकरे बारे मँ सीटी बजावइँ अउर इ ठउर क सराप देइँ अउर इ भवा, यहूदा अब उहइ तरह क अहइ।
19 मइँ मिस्र क राजा फिरौन क भी पियाले स पियाएउँ। मइँ ओनकर अधिकारियन, ओकर बड़के प्रमुखन अउर ओकर सबहिं लोगन क यहोवा क किरोध क पियाले स पियाएउँ।
20 मइँ सबहिं मिस्रित रास्ट्रन अउर अज़ देस क सबहिं राजा लोगन क उ पियाले स पियाएउँ।मइँ पलिस्ती देस क सबहिं राजा लोगन क उ पियाले स पियाएउँ। इ सबइ अस्कलोन, अज्जा, एवोन अउर असदोद नगर क बचे भाग क राजा रहेन।
21 तब मइँ एदोम, मोआब अउर अम्मोन क लोगन क उ पियाले स पियाएउँ।
22 मइँ सोर अउ सीदोन क राजा लोगन क उ पियाले स पियाएउँ। मइँ बहोत दूर क देसन क राजा लोगन क भी उ पियाले स पियाएउँ।
23 मइँ ददान, तेमा अउर बूज क लोगन क उ पियाले स पियाएउँ। मइँ ओन सब क उ पियाले स पियाएउँ जउन आपन गाल क बारन क काटत हीं।
24 मइँ अरब क सबहिं राजा लोगन क उ पियाले स पियाएउँ। इ सबइ राजा रेगिस्ताने मँ रहत हीं।
25 मइँ जिम्री, एलाम अउर मादै क सबहिं राजा लोगन क उ पियाले स पियाएउँ।
26 मइँ उत्तर क सबहिं निचके अउ दूर क राजा लोगन क उ पियाले स पियाएउँ। मइँ एक क पाछे एक दूसर क पियाएउँ। मइँ पृथ्वी पइ क सबहिं राज्जन क यहोवा क किरोध उ पियाले स पियाएउँ। किन्तु बाबुल क राजा एन सबहिं दूसर रास्ट्रन क पाछे इ पियाले स पीइ।
27 “यिर्मयाह, ओन रास्ट्रन स कहा कि इस्राएल क लोगन क परमेस्सर सर्वसवतीमान यहोवा जउन कहत ह, उ इ अहइ: ‘मोर किरोध क इ पियाला क पिआ। ओकी पीइके मत्त होइ जा अउर उलटियन करा। भहराइ पड़ा अउ उठा नाहीं, काहेकि तोहका मार डावइ क मइँ तरवार पठवत हउँ।’
28 “उ सबइ लोग तोहरे हाथे स पियाला लेइ स इन्कार करिहीं। उ पचे ऍका पिअइ स इन्कार करिहीं। किन्तु तू ओनसे इ कहब्या, ‘सर्वसवतीमान यहोवा इ बातन बतावत ह: ‘तू निहचय हीं इ पियाला स पीब्या।
29 मइँ आपन नाउँ पइ गोहरावा जाइवाले यरूसलेम नगर पइ पहिले ही बुरी विपत्तियन ढावइ जात हउँ। होइ सकत ह कि तू लोग सोचा कि तू पचन्क सजा नाहीं मिली। किन्तु तू पचे गलत सोचत अहा। तू पचन्क सजा मिली। मइँ पृथ्वी पइ सबहिं लोगन पइ हमला करइ बरे तरवार मँगावइ जात हउँ।’“ इ सँदेसा यहोवा क अहइ।
30 “यिर्मयाह, तू ओनका इ सँदेसा देब्या: ‘यहोवा ऊँच अउ पवित्तर मन्दिर स गरजत बाटइ। यहोवा आपन चरागाह क खिलाफ चिचियाइके कहत अहइ। ओकर चिल्लाहट वइसी ही ऊँच अहइ, जइसे ओन लोगन क, जउन अगूंरन क दाखरस बनावइ बरे गोड़न स वुचरत हीं।
31 उ चिल्लाहट पृथ्वी क सबहिं लोगन तलक जात ह। यहोवा क रास्ट्र क खिलाफ सिकायत अहइ। उ सबहिं लोगन क खिलाफ कानूनी दोख दर्ज करत ह। उ कसूरवार क तरवार स मउत क सज़ा देब।”‘ यहोवा कहत ह।
32 सर्वसवतीमान यहोवा इ कहत ह: “एक देस स दूसर देस तलक हाली ह बरबादी आइ। उ सवतीसाली आँधी क तरह पृथ्वी क सबहिं बहोत दूर क देसन मँ आइ।”
33 ओन लोगन क ल्हासन एक देस क सिरे स दूसर सिरे क पहोंचहीं। कउनो भी ओन मरन बरे नाहीं रोइ। कउनो भी यहोवा क जरिये मारे गए ओनकर ल्हासन क बटोरी नाहीं अउर बटोरी नाहीं। उ पचे गोबरे क नाईर् भुइँया पइ पड़े तजि दीन्ह जइहीं।
34 गड़रियो, जोर स चिल्लाब सुरू करा। भेड़िन क प्रमुखो, पीरा स तड़पत भए जमीन पइ लोटा। काहेकि अब तोहरे सबन्क मउत क घाट उतारा जाइ क समइ आवत अहइ। मइँ तू सबइ क टूट घड़न क ठीकरन क तरह चारिहुँ कइँती बिखरिहीं।
35 गड़रियो क छुपइ बरे कउनो ठउर नाहीं होइ। उ सबइ प्रमुख बचिके नाहीं निकरि पइहीं।
36 मइँ गड़रियन क सोर मचाउब सुनत हउँ। मइँ भेड़िन क प्रमुखन क रोउब सुनत हउँ। यहोवा ओनकर चरागाह (देस) क नस्ट करत अहइ।
37 उ सबइ सान्त चरागाहन सूना रेगिस्तान जइसा अहइँ। इ भवा, काहेकि यहोवा बहोत कोहान अहइ।
38 यहोवा आपन माँद तजत भए सेर क तरह खतरनाक अहइ। यहोवा कोहान अहइ। यहोवा क किरोध ओन लोगन क चोट पहोंचाइ। ओनकर देस सूना रेगिस्तान बन जाइ।
Jeremiah 26
1 योसिय्या राजा क पूत यहोयाकीम क यहूदा पइ राज्ज करइ क पहिले बरिस यहोवा क इ सँदेसा मिला।
2 यहोवा कहेस, “यिर्मयाह, यहोवा क मन्दिर क आँगन मँ खड़ा ह्वा। यहूदा क ओन सबहिं लोगन क इ सँदेसा द्या जउन यहोवा क मन्दिर मँ पूजा करइ आवत अहइँ। तू ओनसे उ सब कछू कहा जउन मइँ तोहसे कहइ क कहत हउँ। मोरे सँदेसा क कउनो हींसा क जिन तजा।
3 होइ सकत ह उ पचे मोरे सँदेसा क सुनइँ अउर ओकरे अनुसार चलइँ। होइ सकत ह उ पचे अइसी बुरी जिन्नगी बिताउब तजि देइँ। जदि तू पचे बदल जाइँ तउ मइँ ओनका सजा देइ क जोजना क बारे मँ, आपन निर्णय क बदल सकत हउँ। मइँ ओनका उ सजा देइ क जोजना बनावत हउँ काहेकि उ पचे अनेक बुरे करम किहेन ह।
4 तू ओनसे कहब्या, ‘यहोवा जउन कहत ह, उ इ अहइ: मइँ आपन उपदेस तू पचन्क दिहेउँ। तू पचन्क मोर आग्या क पालन करइ चाही अउर मोर उपदेसन पइ चलइ चाही।
5 तू पचन्क मोरे सेवकन क उ सबइ बातन सुनई चाही जउन उ पचे तोहसे कहइँ। (नबी मोर सेवक अहइँ) मइँ नबियन क बार-बार तोहरे पचन्क लगे पठ एउँ ह किन्तु तू पचे ओनकर अनसुनी कइ दिहा ह।
6 जदि तू पचे मोर आग्या क पालन नाहीं करत्या तउ मइँ आपन यरूसलेम क मन्दिर क सीलो क पवित्तर तम्बू क तरह कइ देब। समूची दूनिया क लोग दूसर नगरन बरे बिपत्ति माँगइ क समइ यरूसलेम क बारे मँ सोचिहीं।”‘
7 याजकन, नबियन अउर सबहिं लोग यहोवा क मन्दिर मँ यिर्मयाह क इ सबइ कहत सुनेन।
8 यिर्मयाह उ सब कछू कहब पूरा किहेस जेका यहोवा लोगन स कहइ क आदेस दिहे रहा। तब याजकन, नबियन अउ लोग यिर्मयाह क धइ लिहेन। उ पचे कहेन, “अइसी भयंकर बातन करइ क कारण तू मरब्या।
9 यहोवा क नाँउ पइ अइसी बातन करइ क हिम्मत तू कइसे करत अहा? तू इ कइसे कहइ क साहस करत अहा कि इ मन्दिर सीलो क मन्दिर क तरह नस्ट होइ? तू इ कहइ क हिम्मत कइसे करत अहा कि यरूसलेम बिना कउनो निवासी क रेगिस्तान बन जाइ।” सबहिं लोग यिर्मयाह क चारिहुँ कइँती यहोवा क मन्दिर मँ बटुर गएन।
10 इ तरह यहूदा क सासक लोग ओन सारी घटनन क सुनेन जउन घटित होत रहीं। एह बरे उ पचे राजा क महल स बाहेर आएन। उ पचे यहोवा क मन्दिर क गएन। हुआँ उ पचे यहोवा क मन्दिर क नवे फाटक क प्रवेस क ठउरे पइ बइठ गएन। नवा फाटक उ फाटक अहइँ जहाँ स यहोवा क मन्दिर क जात हीं।
11 तब याजकन अउर नबियन सासक लोगन अउ सबहिं लोगन स बातन किहन। उ पचे कहेन, “यिर्मयाह मार डावा जाइ चाही। इ यरूसलेम क बारे मँ बुरा कहेस ह। तू ओसे बातन कहत सुन्या।”
12 तब यिर्मयाह यहूदा क सबहिं सासकन अउ दूसर सबहिं लोगन स बात किहस। उ कहेस, “यहोवा मोका इ मन्दिर अउर इ नगर क बारे मँ बातन कहइ बरे पठएस। जउन सब तू पचे सुन्या ह उ यहोवा क हिआँ स अहइ।
13 तू लोगन क आपन जिन्नगी बदलइ चाही। तोहका पचन्क नीक काम करब सुरू करइ चाही। तू पचन्क आपन यहोवा परमेस्सर क आग्या मानइ चाही। जदि तू पचे अइसा करब्या तउ यहोवा आपन इरादा बदल देइ। यहोवा उ सबइ बुरी विपत्तियन नाहीं लिआइ। जेनके घटित होइ क बारे मँ उ कहेस।
14 जहाँ तलक मोर बात अहइ, मइँ तू पचन्क बस मँ हउँ। मोरे संग उ करा जउन तू नीक अउ ठीक समुझत अहा।
15 किन्तु जदि तू मोका मार डउब्या तउ एक बात निहचित समझा। तू एक निरपराध मनई क मारइ क अपराधी होब्या। तू इ नगर अउर एहमाँ जउन रहत हीं ओनका भी अपराधी बनउब्या। फुरइ, यहोवा मोका तोहरे पचन्क लगे पठएस ह। जउन सँदेसा तू सुन्या ह, फुरइ, यहोवा क अहइ।”
16 तब सासक अउर सबहिं लोग बोल पड़ेन। ओन लोग याजकन अउ नबियन स कहेन, “यिर्मयाह, नाहीं मारा जाइ चाही। यिर्मयाह जउन कछू कहेस ह उ हमरे यहोवा परमेस्सर क ही वाणी अहइ।”
17 तब अग्रजन मँ स कछू खड़े भएन अउर उ पचे सब लोगन स बातन किहन।
18 उ पचे कहेन, “मीकायाह नबी मोरसोती नगर क रहा। मीकायाह ओन दिनन नबी रहा जउने दिनन हिजकिय्याह यहूदा क राजा रहा। मीकायाह यहूदा क सबहिं लोगन स इ कहेस: सर्वसवतीमान यहोवा इ कहत ह:“सिय्योन एक ठु जुता भवा खेत बनी। यरूसलेम चट्टानन क ढेर होइ। जउने पहाड़ी पइ मन्दिर बना अहइ ओह पइ बृच्छ उगिहीं।” मीका 3:12
19 “हिजकिय्याह यहूदा क राजा रहा अउर हिजकियाह मीकाय्याह क नाहीं मारेस। यहूदा क कउनो मनई मीकायाह क नाही मारेन। तू पचे जानत अहा हिजकिय्याह यहोवा क सम्मान करत रहा। उ यहोवा क खुस करइ चाहत रहा। यहोवा कह चुका रहा कि उ यहूदा क बुरा करी। किन्तु हिजकिय्याह यहोवा स पराथना किहस अउर यहोवा आपन इरादा बदल दिहस। यहोवा उ सबइ बुरी विपत्तियन नाहीं आवइ दिहस। जदि हम लोग यिर्मयाह क चोट पहोंचाउब तउ हम लोग अपने उपर विपत्तियन बोलाउब अउर उ सबइ बिपत्तियन हम लोगन क अपने दोख क कारण होइहीं।”
20 अतीत काल मँ एक दूसर मनई रहा जउन यहोवा क सँदेसा क उपदेस देत रहा। ओकर नाउँ ऊरिय्याह रहा। उ समाय्याह नाउँ क मनई क पूत रहा। ऊरिय्याह, किर्यत्यारीम नगर क रहा। ऊरिय्याह इ नगर अउर देस क बिरुद्ध उहइ उपदेस दिहस जउन यिर्मयाह दिहेस ह।
21 राजा यहोयाकीम ओकर सेना अधिकारी अउर यहूदा क प्रमुख लोग ऊरिय्याह क उपदेस सुनेन। उ पचे कोहाइ गएन। राजा यहोयाकीम ऊरिय्याह क मार डावइ चाहत रहा। किन्तु ऊरिय्याह क पता चला कि यहोयाकीम ओका मार डावइ चाहत ह। ऊरिय्याह डेराइ गवा अउर उ मिस्र देस क पराइ निकरा।
22 किन्तु यहोयाकीम एलनातान नाउँ क एक मनई तथा वुछ लोगन क मिस्र पठएस। एलनातान अकबोर नाउँ क मनई क पूत रहा।
23 उ सबइ लोग ऊरिय्याह क मिस्र स वापस लइ आएन। तब उ सबइ लोग ऊरिय्याह क राजा यहोयाकीम क लगे लइ गएन। यहोयाकीम ऊरिय्याह क तरवारे क घाट उतार देइ क आदेस दिहस। ऊरिय्याह क ल्हास उ कब्रिस्तान मँ लोकाइ दीन्ह गवा जहाँ गरीब लोग दफनाया जात रहेन।
24 किन्तु साफान क पूत अहीकाम यिर्मयाह क साथ दिहेस अउ ओका लोगन क हाथ स मरइ स बचाएस।
Jeremiah 27
1 यहोवा क सँदेसा यिर्मयाह क मिला। यहूदा क राजा सिदकिय्याह क राज्जकाल क चउथे बरिस उ आवा। सिदकिय्याह राजा योसिय्याह क पूत रहा।
2 यहोवा मोहसे जउन कहेस, उ इ अहइ: “यिर्मयाह छड़ अउर चमड़े क पट्टियन स जुआ बनावा। उ जुआ क आपन गटइया पइँ रखा।
3 तब एदोम, मोआब, अम्मोन सोर अउर सीदोन क राजा लोगन क कइँती ओनका पठवा। इ सबइ सँदेसन एन राजा लोगन क राजदूतन क जरिये पठवा जउन यहूदा क राजा सिदकिय्याह स मिलइ यरूसलेम आवा अहइँ।
4 ओन राजदूतन स कहा कि उ पचे सँदेसा आपन सुआमियन क द्या। ओनसे इ कहा कि इस्राएल क परमेस्सर सर्वसवतीमान यहोवा इ कहत ह: ‘आपन सुआमियन स कहा कि
5 मइँ पृथ्वी अउर ऍह पइ रहइवाले सबहिं लोगन क बनाएउँ। मइँ पृथ्वी क सबहिं जनावरन क बनाएउँ। मइँ इ आपन बड़की सवती अउर सवतीसाली भुजा स किहेउँ। मइँ इ पृथ्वी कउनो क भी चाहउँ दइ सकत हउँ।
6 इ समइ मइँ बाबुल क राजा नबूकदनेस्सर क इ सबइ भुइँया दइ दिहेउँ। उ मोर सेवक अहइ। मइँ जंगली जनावरन क भी ओकरे आग्याकारी बनाउब।
7 सबहिं रास्ट्र नबूकदनेस्सर ओकर पूत अउर ओकर पौत्र क सेवा करिहीं। तब बाबुल क पराजय क समइ आइ। कइउ रास्ट्र अउर बड़के सम्राट बाबुल क आपन सेवक बनइहीं।
8 “‘किन्तु इ समइ कछू रास्ट्र या राज्ज बाबुल क राजा नबूकदनेस्सर क सेवा करइ स इन्कार कइ सकत हीं। उ पचे ओकरे जुआ क आपन गटइया पइ धरइ स इन्कार कइ सकत हीं। जदि अइसा होत ह तउ जउन मइँ करब उ इ अहइ: मइँ उ रास्ट्र क तरवार, भूख अउर भयंकर बीमारी क सजा देब,’“ यहोवा कहत ह। “‘मइँ उ तब तलक करब जब तलक मइँ उ रास्ट्र क नस्ट न कइ देउँ। मइँ नबूकदनेस्सर क उपयोग उ रास्ट्र क नस्ट करइ क बरे करब जउन ओकरे बिरुद्ध करत ह।
9 एह बरे आपन नबियन क एक स सुना। ओन मनइयन क एक न सुना जउन भविस्स क घटनन क जानइ बरे जादू क उपयोग करत हीं। ओन लोगन क एक न सुना जउन इ कहत हीं कि हम सपन क फल बताइ सकित ह। ओन मनइयन क एक न सुना जउन मरन स बात करत हीं या उ सबइ लोग जउन जादूगर अहइँ। उ पचे सबहिं तू पचन्स बातन करत हीं, “तू पचे बाबुल क राजा क दास नाहीं बनब्या।”
10 किन्तु उ सबइ लोग तू पचन्स झूठ बोलत हीं। मइँ तू पचन्क तोहरे पचन्क जन्मभूमि म दूर जाइ पइ बिबस करब अउर तू पचे दूसर देस मँ मरब्या।
11 “‘किन्तु उ सबइ रास्ट्र जउन बाबुल क राजा क जुआ क आपन वंधन पइ धरिहीं अउर ओकर आग्या मानिहीं, जिअत रहिहीं। मइँ ओन रास्ट्रन क ओनके आपन देस मँ रहइ देब।’“ इ सँदेसा यहोवा क अहइ। “‘ओन रास्ट्रन क लोग आपन भुइँया पइ रहिहीं अउर ओह पइ खेती करिहीं।
12 “‘मइँ यहूदा क राजा सिदकिय्याह क भी इहइ सँदेसा दिहउँ। मइँ कहेउँ, “सिदकिय्याह, तोहका बाबुल क राजा क जुआ क खाले आपन गटइ देइ चाही अउर ओकर आग्या मानइ चाही। जदि तू बाबुल क राजा अउर ओकर लोगन क सेवा करब्या तउ तू रहि सकब्या।
13 जदि तू बाबुल क राजा क सेवा करब कबूल नाहीं करत्या तउ तू अउर तोहार लोग दुस्मन क तरवार क घाट उतारा जइहीं, तथा भूख अउर भयंकर बीमारी स मरिहीं। यहोवा कहेस कि इ सबइ घटनन होइहीं।
14 किन्तु लबार नबी कहत अहइँ: तू बाबुल क राजा क दास कबहुँ नाहीं होब्या।“‘ओन नबियन क एक न सुना। काहेकि उ पचे तोहका झूठा उपदेस देत अहइँ।
15 मइँ ओन नबियन क नाहीं पठएउँ ह।”‘ इ सँदेसा यहोवा क अहइ। “‘उ पचे झूठ उपदेस देत अहइँ अउर कहत अहइँ कि उ सँदेसा मोरे हिआँ स अहइ। एह बरे यहूदा क लोगो, मइँ तोहका पचन्क दूर पठउब। तू पचे मरब्या अउर उ सबइ नबी भी जउन झूठ उपदेस देत अहइँ मरिहीं।”
16 तब मइँ (यिर्मयाह) याजक अउर ओन सबहिं लोगन स कहेस, “यहोवा कहत ह: ‘उ पचे लबार नबी कहत अहइँ, कसदियन बहोत स चिजियन यहोवा क मन्दिर स लिहन। उ सबइ चिजियन हाली ही वापस लिआइ जइहीं।’ ओन नबियन क एक न सुना काहेकि उ पचे तू पचन्क झूठ उपदेस देत अहइँ।
17 ओन नबियन क एक न सुना। बाबुल क राजा क सेवा करा अउर तू पचे जिअत रहब्या। तोहरे पचन्क बरे कउनो कारण नाहीं कि तू पचे यरूसलेम सहर क बर्बाद करवाआ।
18 जदि उ सबइ लोग नबी अहइँ अउर ओनके लगे यहोवा क सँदेसा अहइ तउ ओनका पराथना करइ द्या। ओन चीजन क बारे मँ ओनका पराथना करइ द्या जउन अबहिं तलक राजा क महल मँ अहइँ अउर ओनका ओन चिजियन क बारे मँ ओनका पराथना करइ द्या जउन अबहिं तलक राजा क महल मँ अहइँ ओनका ओन चिजियन क बारे मँ पराथना करइ द्या जउन अब तलक यरूसलेम मँ अहइँ। ओन नबियन क पराथना करइ द्या ताकि उ पचे सबहिं चिजियन बाबुल नाहीं लइ जाइ जाइँ।”
19 सर्वसवतीमान यहोवा ओन सबइ चिजियन क बारे मँ इ कहत ह जउन अबहिं तलक यरूसलेम मँ बची रहि गइ अहइँ। मन्दिर मँ खम्भा, काँसा क बना सागर, हटावइ जोग्ग आधार अउर दूसर चिजियन अहइँ। बाबुल क राजा नबूकदनेस्सर ओन चिजियन क यरूसलेम मँ तजि दिहन।
20 नबूकदनेस्सर जब यहूदा क राजा यकोन्याह क बन्दी बनाइके लइ गवा तब ओन चिजियन क नाहीं लइ गवा। यकोन्याह राजा यहोयाकीम क पूत रहा। नबूकदनेस्सर यहूदा अउर यरूसलेम क दूसर बड़के लोगन क भी लइ गवा।
21 इस्राएल क लोगन क परमेस्सर सर्वसवतीमान यहोवा मन्दिर मँ बची, राजमहल मँ बची अउर यरूसलेम मँ बची चिजियन क बारे मँ इ कहत ह, “उ सबइ चिजियन भी बाबुल लइ जाइ जइहीं।
22 उ सबइ चिजियन बाबुल मँ तब तलक रहिहीं जब तलक उ समइ आइ कि मइँ ओनका लेइ जाब।” इ सँदेसा यहोवा क अहइ। “तब मइँ ओन चिजियन क वापस लिआउब। मइँ ओन चिजियन क इ ठउरे पइ वापस रखब।”
Jeremiah 28
1 यहूदा मँ सिदकिय्याह क राज्जकाल क चउथे बरिस क पाँचवे महीना मँ अज्जू क पूत, गिबोन क हनन्याह नबी मोहसे बात किहस। हनन्याह यहोवा क मन्दिर मँ याजक अउर दूसर लोगन क समन्वा मोहसे बात किहेस। हनन्याह जउन कहेस उ इ अहइ:
2 “इस्राएल क लोगन क परमेस्सर सर्वसवतीमान यहोवा इ कहत ह, ‘मइँ उ जुए क तोड़ डाउब जेका बाबुल क राजा यहूदा क लोगन पइ रखा ह।
3 दुइ बरिस पूरा होइ क पहिले मइँ ओन चिजियन क वापस लइ आउब जेनका बाबुल क राजा नबूकदनेस्सर यहोवा क मन्दिर स बाबुल लइ गवा ह।
4 मइँ यहूदा क राजा यकोन्याह क भी वापस हिआँ स लइ आउब। यकोन्याह, यहोयाकीम पूत अहइ मइँ ओन सबहिं यहूदा क लोगन क वापस लि आउब जेनका नबूकदनेस्सर आपन घर तजइ अउर बाबुल जाइ क मजबूर किहस।’ इ सँदेसा यहोवा क अहइ। ‘एह बरे मइँ उ जुए क तोड़ देब जेका बाबुल क राजा यहूदा क लोगन पइ रखेस ह।’“
5 तब यिर्मयाह नबी हनन्याह नबी स यहोवा मन्दिर मँ याजकन अउर ओन सबहिं लोगन क समन्वा जउन यहोवा क मन्दिर मँ उपस्थित रहब, कहब्या।
6 यिर्मयाह हनन्याह स कहेस, “आमीन! मोका आसा अहइ कि यहोवा निहचय ही अइसा करी। मोका आसा अहइ कि यहोवा उ सँदेसा क फुरइ घटित करी जउन तू देत अहा। मोका आसा अहइ कि यहोवा आपन मन्दिर क चिजियन क बाबुल स उ ठउरे पइ वापस लिआइ अउर मोका आसा अहइ कि यहोवा ओन सबहिं लोगन क इ ठउरे पइ वापस लिआइ जउन आपन घरन क तजइ क बिवस कीन्ह ग रहेन।
7 “किन्तु हनन्याह उ सुना जउन मोका कहइ चाही। उ सुना जउन मइँ सबहिं लोगन स कहत हउँ।
8 हनन्याह हमरे अउर तोहरे नबी होइ के बहोत पहिले भी नबी रहेन। उ पचे भविस्सवाणी किहे रहेन कि जुद्ध, भुखमरी अउर भयंकर बीमारियन अनेक देसन अउर राज्जन मँ अइहीं।
9 मुला उ नबी क जाँचा इ जानइ बरे होइ चाही कि ओका यहोवा फुरइ पठएस ह जउन इ कहत ह कि हम लोग सान्ति क साथ रहब। जदि उ नबी क सँदेसा फुरइ घटित होत ह तउ लोग समुझ सकत हीं कि फुरइ ही उ यहोवा क जरिये पठवा गवा ह।”
10 यिर्मयाह आपन गटइ पइ एक जुआ धरे रहा। तब हनन्याह नबी उ जुआ क यिर्मयाह क काँधन स उतार लिहस। हनन्याह उ जुआ क तोड़ डाएस।
11 तब हनन्याह सबहिं लोगन क समन्वा बोला। उ कहेस, “यहोवा कहत ह, ‘इहइ तरह मइँ बाबुल क राजा नबूकदनेस्सर क जुआ क तोड़ देब। उ उ जुआ क दुनिया क सबहिं रास्ट्रन पइ धरेस ह। किन्तु मइँ उ जुआ क दुइ बरिस बीतइ स पहिले ही तोड़ देब।’“हनन्याह क उ कहइ क बाद यिर्मयाह मन्दिर क तजिके चला गवा।
12 तब यहोवा क सँदेसा यिर्मयाह क मिला। इ तब भवा जब हनन्याह यिर्मयाह क गटइ स जुआ क उतार लिहे रहा अउर ओका तोड़ डाए रहा।
13 यहोवा यिर्मयाह स कहेस, “जा अउर हनन्याह स कहा, ‘यहोवा जउन कहत ह, उ इ अहइ: तू एक ठु काठे क जुआ तोड़्या ह। किन्तु मइँ काठ क जगह एक ठु लोहा क जुआ बनाउब।’
14 इस्राएल क परमेस्सर सर्वसवतीमान यहोवा कहत ह, ‘मइँ एन सबहिं रास्ट्रन क गटइ पइ लोहा क जुआ धरब। मइँ इ बाबुल क राजा नबूकदनेस्सर क ओनसे सेवा कराबइ बरे करब अउर उ पचे ओकर दास होइहीं। मइँ नबूकदनेस्सर क जंगली जनावरन पइ भी सासन क अधिकार देब।”‘
15 तब यिर्मयाह नबी हनन्याह नबी स कहेस, “हनन्याह, सुना! यहोवा तोहका नाहीं पठएस। यहोवा तोहका नाहीं पठएस किन्तु तू यहूदा क लोगन क झूठ मँ बिस्सास कराया।
16 एह बरे यहोवा जउन कहत ह, उ इ अहइ, ‘हनन्याह मइँ तोहका हाली ही इ संसार स उठाइ लेब। तू इस बरिस मरब्या। काहेकि तू लोगन क यहोवा क खिलाफ जाइ क सिच्छा दिहा ह।’“
17 हनन्याह उहइ बरिस क सतएँ महीने मरि गवा।
Jeremiah 29
1 यिर्मयाह बाबुल मँ बन्दी यहूदियन क एक पत्र पठएस। उ एका अग्रजन, याजकन, नबियन अउर बाबुल मँ रहइवाले सबहिं बन्दी यहूदियन क पठएस। इ सबइ उ पचे लोग रहेन जेनका नबूकदनेस्सर यरूसलेम मँ पकड़े रहा अउर बाबुल लइ गवा।
2 इ पत्र राजा यकोन्याह, राजमाता, अधिकारी, यहूदा अउर यरूसलेम क प्रमुख, बढ़ई अउर ठठेरन क यरूसलेम स लइ जावा जाइ क पाछे पठवा गवा रहा।
3 सिदकिय्याह एलासा अउर गमर्याह क राजा नबूकदनेस्सर क लगे पठएस। सिदकिय्याह यहूदा क राजा रहा। एलासा सापान क पूत रहा अउर गमर्याह हिल्किय्याह क पूत रहा। यिर्मयाह उ पत्र क ओन लोगन क बाबुल लइ जाइ बरे दिहस। पत्र मँ जउन लिखा रहा उ इ अहइ:
4 इस्राएल क लोगन क परमेस्सर सर्वसवतीमान यहोवा इ सबइ बातन ओन सबहिं लोगन स कहत ह जेनका बन्दी क रूप मँ उ यरूसलेम स बाबुल पठए रहा:
5 “घर बनावा अउर ओहमाँ रहा। उस देस मँ बस जा। पौधन लगावा अउर आपन आइ भइ फसल स भोजन पावा।
6 बियाह करा अउ बेटा-बिटिया पइदा करा। आपन पूतन बरे मेहररूअन हेरा अउर आपन बिटियन क बियाह करा। इ एह बरे करा जेहसे ओनके भी लरकन अउ लड़कियन होइँ बहोत स बच्चन पइदा करा अउर बाबुल मँ आपन गिनती बढ़ावा। आपन गिनती जिन घटावा।
7 मइँ जउने नगर मँ तू पचन्क पठउँ ओकरे बरे नीक काम करा। जउने नगर मँ तू पचे रहा ओकरे बरे यहोवा स पराथना करा। काहेकि जदि उ नगर मँ सान्ति रही तउ तू पचन्क भी सान्ति मिली।”
8 इस्राएल क लोगन क परमेस्सर सर्वसवतीमान यहोवा कहत ह, “आपन नबियन अउर जादूगरन क आपन क मूरख मत बनावइ द्या। ओनकर ओन सपनन क बारे मँ न सुना जेनका उ पचे लखत हीं।
9 उ पचे झूठा उपदेस देत हीं अउर उ पचे इ इ कहत हीं कि ओनकर सँदेसा मोरे हिआँ स अहइ। किन्तु मइँ ओका नाहीं पठएउँ।” इ सँदेसा यहोवा क अहइ।
10 यहोवा जउन कहत ह, उ इ अहइ: “बाबुल सत्तर बरिस तलक सवतीसाली रही। ओकरे पाछे बाबुल मँ रहइवाले लोगो, मइँ तोहरे पचन्क लगे आउब। मइँ तोहका पचन्क वापस यरूसलेम लिआवइ क सच्ची प्रतिग्या पूरी करब।
11 मइँ इ एह बरे कहत हउँ काहेकि मइँ ओन आपन जोजनन क जानत हउँ जउन तोहरे पचन बरे अहइँ।” मइँ तू पचन्क चोट पहोंचावइ क जोजना नाहीं बनावत हउँ। मइँ तू पचन्क आसा अउर उज्ज्वल भविस्स देइ क जोजना बनावत हउँ।
12 तब तू लोग मोर नाउँ लेब्या। तू लोग मोरे लगे अउब्या अउर मोर पराथना करब्या अउर मइँ तोहार पचन्क बातन पइ धियान देब।
13 तू लोग मोर खोज करब्या अउर तू पचे मोका पउब्या काहेकि तू इमानदरी स मोर खोज करब्या।
14 मइँ आपन क तू पचन्क प्राप्त होइ देब।” इ सँदेसा यहोवा क अहइ। “मइँ तू पचन्क तोहरे सबन्क बन्दीखाने स वापस लिआउब। मइँ तू पचन्क इ ठउर तजइ क विवस किहस। किन्तु मइँ तू पचन्क ओन सबहिं रास्ट्रन अउ ठउरन स एकट्ठा करब जहाँ मइँ तू पचन्क पठएउँ ह।” इ सँदेसा यहोवा क अहइ। मइँ तू पचन्क इ ठउरे पइ वापस लिआउब।”
15 तू लोग इ कहि सकत ह, “किन्तु यहोवा हमका हिआँ बाबुल मँ नबी दिहेस ह।”
16 किन्तु यहोवा तोहरे पचन्क ओन सबंधियन क बारे मँ जउन बाबुल नाहीं लइ जावा गए इ कहत ह: मइँ उ राजा क बारे मँ बात कहत हउँ जउन इ समइ दाऊद स राजसिंहासन पइ बइठा अहइ अउर ओन सबहिं दूसर लोगन क बारे मँ जउन अब भी यरूसलेम नगर मँ रहत हीं।
17 सर्वसवतीमान यहोवा कहत ह, “मइँ हाली ही तरवार, भूख अउर भयंकर बीमारी ओन लोगन क खिलाफ पठउब जउन अब भी यरूसलेम मँ अहइँ अउर मइँ ओनका उ सबइ ही सड़े गले अंजीर बनाउब जउन खाइ जोग्ग नाहीं।
18 मइँ ओन लोगन क पाछा जउन अभी भी यरूसलेम मँ अहइँ, तरवार, भूख अउर भयंकर बीमारी स करब अउर मइँ एका अइसा कइ देब कि पृथ्वी क सबहिं राज्ज इ लखिके डेराब कि एन लोगन क संग का घटित होइ ग अहइ। उ सबइ लोग बर्बाद कइ दीन्ह गएन। लोग जब ओन घटित घटनन क सुनिहीं तउ अचरज स सिसकारी भरिहीं अउर जब लोग कउनो लोगन बरे अभिसाप करिहीं तउ उ पचे एका उदारहण रूप मँ उपयोग करिहीं। मइँ ओन लोगन क जहाँ कहूँ जाइ क बिबस करब, लोग हुआँ ओनकर अपमान करिहीं।
19 मइँ ओन सबहिं घटनन क घटित कराउब काहेकि यरूसलेम क ओन लोग मोरे सँदेसा क अनसुना किहन ह।” इ सँदेसा यहोवा क अहइ। “मइँ आपन सँदेसा ओनके लगे बार-बार पठएउँ। मइँ आपन सेवक नबियन क ओन लोगन क आपन सँदेसा देइ क पठएउँ। किन्तु लोग ओनका अनसुना किहन।” इ सँदेसा यहोवा क अहइ।
20 “तू लोग बन्दी ह्वा। मइँ तू पचन्क यरूसलेम तजइ अउर बाबुल जाइ क मजबूर किहेउँ। एह बरे यहोवा सँदेसा सुना।”
21 सर्वसवतीमान यहोवा कोलायाह क पूत अहाब अउर मासेयाह क पूत सिदकिय्याह क बारे मँ इ कहत ह: “इ दुइनउँ मनई तू पचन्क लबार उपदेस देत अहइँ। उ पचे कहेन ह कि ओनकर सँदेसा मोरे हिआँ स अहइ। किन्तु उ पचे झूठ बोलत रहेन। ओन दुइनउँ नबियन क बाबुल क राजा नबूकदनेस्सर क दइ देब अउर नबूकदनेस्सर बाबुल मँ बन्दी तू सबहिं लोगन क समन्वा ओन नबियन क मार डाइ।
22 सबहिं यहूदी बन्दी ओन लोगन क उपयोग उदाहरण बरे तब करिहीं जब उ पचे दूसर लोगन क बुरा होइ क माँग करिहीं। उ सबइ बन्दी कहिहीं, ‘यहोवा तोहरे पचन्क संग सिदकिय्याह अउर अहाव क नाईर् बेउहार करइ। बाबुल क राजा ओन दुइनउँ क आगी मँ बार दिहेस।’
23 ओन दुुइनउँ नबियन इस्राएल क लोगन क संग घृणित कर्म किहे रहेन। उ पचे आपन पड़ोसी क मेहरारू क घिनौना करम किहे रहेन। उ पचे झूठ भी बोलेन ह अउर कहेन ह कि उ सबइ झूठ यहोवा क हिआँ स अहइ। मइँ ओनसे उ सब करइ क नाहीं कहेेउँ। मइँ जानत हउँ कि उ पचे का किहेन ह मइँ साच्छी हउँ।” इ सँदेसा यहोवा क अहइ।
24 समायाह क भी एक सँदेसा द्या। समायाह नेहलामी परिवार स अहइ।
25 इस्राएल क परमेस्सर सर्वसवतीमान यहोवा कहत ह, “समायाह, तू यरूसलेम क सबहिं लोगन क पत्र पठएस अउर तू यासेयाह क पूत याजक सपन्याह क पत्र पठया। तू सबहिं याजकन क पत्र पठया। तू ओन पत्रन क आपन नाउँ स पठया अउर यहोवा क सत्ता क नाउँ पइ नाहीं।
26 समायाह, तू आपन सपन्याह क आपन पत्र मँ जउन लिखे रह्या उ इ अहइ: ‘सपन्याह यहोवा यहोयादा क ठउरे पइ तोहका याजक बनाएस ह। तू यहोवा क मन्दिर क अधिकारी अहा। तोहका उ कउनो क कैद कइ लेइ चाही जउन पागल क तरह काम करत ह अउर नबी क तरह बेउहार करत ह। तोहका उ मनई क गोड़न क लकड़ी क बड़े टूकन क बीच रखइ चाही अउर ओकरे गले मँ लौह-कटक पहिरइ चाही।
27 अब यिर्मयाह नबी क तरह काम करत ह। एह बरे तू ओका बन्दी काहे नाहीं बनाया?
28 यिर्मयाह हम लोगन क इ सँदेसा बाबुल मँ दिहे रहा: “बाबुल मँ रहइवाले लोगो, तू हुआँ लम्बे समइ तलक रहब्या। एह बरे आपन मकान बनावा अउर हुवँइ जाइ बसा। बाग लगावा अउर उ खा, जउन उपजावा।”‘
29 याजक सपन्याह यिर्मयाह नबी क पत्र सुनाएस।
30 तब यिर्मयाह क लगे यहोवा क सँदेसा आवा।
31 “यिर्मयाह, बाबुल क सबहिं बन्दियन क इ सँदेसा पठवा: ‘नेहलामी परिवार क समायाह क बारे मँ जउन यहोवा कहत ह, उ इ अहइ: समायाह तोहरे समन्वा भविस्सवाणी किहस, किन्तु मइँ ओका नाहीं पठएउँ। समायाह तोहका झूठ मँ बिस्सास कराएस ह। समायाह इ किहेस ह।
32 एह बरे यहोवा जउन कहत ह उ इ अहइ: नेहलामी परिवार क समायाह क मइँ हाली सजा देब। मइँ ओकरे परिवार क पूरी तरह नस्ट करब अउर मइँ आपन लोगन बरे जउन नीक करब ओहमाँ ओकर कउनो हींसा नाहीं होइ।”‘ इ सँदेसा यहोवा क अहइ। “‘मइँ समायाह क सजा देब काहेकि उ लोगन क यहोवा क बिरुद्ध जाइ क सिच्छा दिहेस ह।”‘
Jeremiah 30
1 इ सँदेसा यहोवा क अहइ जउन यिर्मयाह क मिलइ।
2 इस्राएल क लोगन क परमेस्सर यहोवा इ कहेस, “यिर्मयाह, मइँ जउन सँदेसा दिहेउँ ह, ओनका एक ठु किताबे मँ लिख ड़ावा। इ किताबे क अपने बरे लिखा।”
3 इ सँदेसा यहोवा क अहइ। “इ करा, काहेकि उ सबइ दिन अइहीं जब मइँ आपन लोगन इस्राएल अउर यहूदा क देस निकारइ स वापस लिआउब।” इ सँदेसा यहोवा क अहइ। “मइँ ओन लोगन क उ देस मँ वापस लि आउब जेका मइँ ओनके पुरखन क दिहे रहेउँ। तब मोर लोग उ देस क फुन अपना बनइहीं।”
4 यहोवा इ सँदेसा इस्राएल अउर यहूदा क लोगन क बारे मँ दिहस
5 यहोवा जउन कहेस, उ इ अहइ: “हम भय स रोवत लोगन क रोउब सुनित ह। लोग डेरान अहइँ। कहूँ सान्ति नाहीं।
6 इ सवाल पूछा एह पइ विचार करा: का कउनो पुरूख बच्चा क जन्म दइ सकत ह निहचय ही नाहीं। तब मइँ हर एक सवतीसाली मनई क पेट धरे काहे लखत हउँ माना उ पचे पइदा करइवाली मेहरारू क पीरा सहत होइँ? काहे हर एक मनई क मुँह ल्हास सा सफेद होत अहइ? काहेकि लोग बहोत भयभीत अहइँ?
7 इ याकूब बरे बहोत महत्वपूर्ण समइ अहइ। इ बड़की बिपत्ति क समइ अहइ। इ तरह क समइ फुन कबहुँ नाहीं आइ। किन्तु यावुब बच पाइ।”
8 इ सँदेसा यहोवा क अहइ: “उ समइ, मइँ इस्राएल अउर यहूदा क लोगन क गटइ स जुआ क तोड़ डाउब अउर तोहका जकड़इवाली रस्सियन क मइँ तोड़ देब। विदेसन क लोग मोरे लोगन क फुन कबहुँ दास होइ बरे बिवस नाहीं करिहीं।
9 इस्राएल अउर यहूदा क लोग दूसर देसन क भी सेवा नाहीं करिहीं। नाहीं, उ पचे तउ आपन परमेस्सर यहोवा क सेवा करिहीं अउर उ पचे आपन राजा दाऊद क सेवा करिहीं। मइँ उ राजा क ओनके लगे पठउब।
10 “एह बरे मोर सेवक याकूब डेराअ नाहीं।” इ सँदेसा यहोवा क अहइ। “इस्राएल, डेराअ नाहीं। मइँ उ बहोत दूर क ठउरे स तोहका बचाउब। तू उ बहोत दूर क देस मँ बन्दी अहा, किन्तु मइँ तोहरी सन्तानन क उ देस स बचाउब। याकूब फुन सान्ति पाइ। याकूब क लोग तंग नाहीं करिहीं। मोरे लोगन क भयभीत करइवाला कउनो दुस्मन नाहीं होइ।
11 इस्राएल अउर यहूदा क लोगो, मइँ तोहरे संग हउँ।” यहोवा कहत ह, “अउर मइँ तोहका बचाउब। मइँ तोहका ओन रास्ट्रन मँ पठएउँ। किन्तु मइँ ओन सबहिं रास्ट्रन क पूरी तरह नस्ट करब। किन्तु मइँ तोहका नस्ट नाहीं करब। किन्तु मइँ तोहका निआवपूर्ण अनुसासित करब ओन बुरे कामन क सजा जरूर मिली जेनका तू किहा।”
12 यहोवा कहत ह, “इस्राएल अउर यहूदा क तू लोगन क एक घाव अहइ जउन नीक नाहीं कीन्ह जाइ सकत। तोहका एक चोट अहइ जउन नीक नाहीं होइ सकत।
13 तोहरे घावत क ठीक करइवाला कउनो मनई नाहीं अहइ। एह बरे तू तन्दुरूस्त नाहीं होइ सकत्या।
14 तू अनेक रास्ट्रन क मीत बना अहा, किन्तु उ पचे रास्ट्र तोहार परवाह नाहीं करतेन। तोहार मीत तोहका बिसरि गवा अहइँ। मइँ तोहका दुस्मन जइसी चोट पहोंचाएउँ। मइँ तोहका कठोर सजा दिहेउँ। मइँ इ तोहरे बड़के अपराध बरे किहेउँ।
15 इस्राएल अउर यहूदा तू आपन घाव क बरे मँ काहे चिल्लात अहा? तोहार घाव कस्ट देइवाला अहइ अउर एकर कउनो उपचार नाहीं अहइ। मइँ, यहोवा तोहार बड़के अपराधन क कारण तोहका इ सबइ किहेउँ। मइँ इ सबइ कछू तोहार अनेक पापन क कारण किहेउँ।
16 ओन रास्ट्र तोहका नस्ट किहन। किन्तु अब उ सबइ नस्ट कीन्ह जइहीं। इस्राएल अउर यहूदा तोहार सत्रु बन्दी होइहीं। ओन लोग तोहार चिजियन चोराएन। किन्तु दूसर लोग ओनकर चिजियन चुराइहीं। ओन लोग तोहार चिजियन जुद्ध मँ लिहेन। किन्तु दूसर लोग ओनसे चिजियन जुद्ध मँ लेइहीं।
17 मइँ तोहरी तन्दुरूस्ती क लउटाउब अउर मइँ तोहरे घावन क भरब।” इ सँदेसा यहोवा क अहइ। “काहेकि दूसर लोग कहेन कि तू जाति-बहिस्वत अहा। ओन लोग कहेन, ‘कउनो भी सिय्योन क परवाह नाहीं करत।’“
18 यहोवा कहत ह: “याकूब क लोग अब बन्दी अहइँ। किन्तु उ पचे वापस अइहीं। अउर मइँ याकूब क परिवारन पइ दाया करब। सहर अब बर्बाद इमारतन स ढका एक पहाड़ी सिरिफ अहइ। किन्तु इ नगर फुन बनी अउर राजा क महल भी हुआँ फुन बनी जहाँ एका होइ चाही।
19 ओन ठउरन पइ लोग स्तुतिगान करिहीं। हुआँ हँसी ठठा भी सुनाइ पड़ी। मइँ ओनका बहोत सी सन्तानन देब। इस्राएल अउ यहूदा नान्ह नाहीं रहिहीं। मइँ ओनका सम्मान देब। कउनो मनई ओनकर अनादर नाहीं करी।
20 याकूब क परिवार प्राचीनकाल क परिवारन सा होइ। मइँ इस्राएल अउर यहूदा क लोगन क सवतीसाली बनाउब अउर मइँ ओन लोगन क सजा देब जउन ओन पइ चोट करिहीं।
21 ओनहीं मँ स एक ओनकर अगुवा होइ। उ सासक मोरे लोगन मँ स होइ। उ मोरे निचके तबइ आइ जब मइँ ओनसे अइसा करइ क कहब। एह बरे मइँ अगुवा क आपन लगे बोलाउब अउर उ मोरे निअरे होइ।
22 तू पचे मोर लोग होब्या अउर मइँ तोहार पचन्क परमेस्सर होब।”
23 “यहोवा बहोत कोहान रहा। उ लोगन क सजा दिहस अउर सजा प्रचण्ड आँधी क तरह आइ। सजा एक चववात सा, दुट्ठ लोगन क खिलाफ आइ।
24 यहोवा तब तलक कोहान रही जब तलक उ पचे लोगन क सजा देब पूरा नाहीं करत उ तब तलक कोहान रही जब तलक उ आपन जोजना क अनुसार सजा नाहीं दइ लेत। जब उ दिन आइ तउ यहूदा क लोगो, तू पचे समुझ जाब्या।
Jeremiah 31
1 यहोवा इ सबइ कहेस: “उ समइ मइँ इस्राएल क पूरे परिवार समूहन क परमेस्सर होब अउर उ पचे मोर लोग होइहीं।”
2 यहोवा कहत ह, “जउन लोग दुस्मन क तरवार स बच गएन, उ सबइ लोगन क रेगिस्ताने मँ आराम मिला। इस्राएल आराम क खोज मँ रहा।”
3 बहोत दूर स यहोवा आपन लोगन क समन्वा परगट भवा। यहोवा कहत ह, लोगो, “मइँ तोहसे पिरेम करत हउँ अउर मोर पिरेम सदैव रही। मइँ सदैव तोहरे बरे सच्चा रहब।
4 मोर दुलहिन, इस्राएल मइँ तोहका फुन बनाउब्या। तू फुन लोगन स भरा सुन्नर देस बनबिउ। तू आपन तम्बूरा फुन सँभलबिउ। तू बिनोद करइवाले दूसर सबहिं लोगन क संग नचबिउ।
5 इस्राएल क किसानो, तू अंगूरे क बगिया फुन लगउब्या। तू सोमरोन सहर क चारिहुँ कइँती ओन पहाड़ी पइ ओन अंगूरन क बाग लगउब्या अउर किसान लोग ओन अंगूरन क बागन क फलन क आनन्द लेइहीं।
6 उ समइ आइ जब एप्रैम क पहाड़ी प्रदेस क चौकीदार इ सँदेसा घोसित करी: ‘आवा, हम आपन परमेस्सर यहोवा क उपासना करइ सिय्योन चली।’ एप्रैम क पहाड़ी प्रदेस क चौकीदार भी अहइ सँदेसा क घोसणा करिहीं।”
7 यहोवा कहत ह, “खुस ह्वा अउर याकूब बरे गावा। सर्वस्रेस्ठ रास्ट्र इस्राएल क बरे उद्घोस करा। आपन स्तुतियाँ करा। इ उद्घोस करा, ‘यहोवा आपन लोगन क रच्छा किहस ह। उ इस्राएल रास्ट्र क जिअत बचे भए लोगन क रच्छा किहस ह।’
8 मइँ उत्तर क प्रदेस स इस्राएल क लिआउब। मइँ पृथ्वी क बहोत दूर ठउरन स इस्राएल क लोगन क बटोरब। ओन मनइयन मँ स कछू आँधर अउर लँगड़ा अहइँ। कछू मेहररूअन गर्भवती अहइँ अउ बच्चन क जन्म देइहीं। असंख्य लोग वापस अइहीं।
9 लउटत समइ उ सबइ लोग रोवत रहा होइहीं। किन्तु मइँ ओनकर अगुवाई करब अउर ओनका आराम देब। मइँ ओन लोगन क पानी क नालन क संग लिआउब। मइँ ओनका बढ़िया रास्तन स लिआउब जेहसे उ पचे ठोकर खाइके न गिरइँ। मइँ ओनका इ तरह लिआउब काहेकि मइँ इस्राएल क बाप हउँ अउर एप्रैम मोर पहिलौटी क बेटा अहइ।
10 “रास्ट्रन, यहोवा क इ सँदेसा सुना। सागर क किनारे क दूर देसन क इ सँदेसा द्या कहा: ‘जउन इस्राएल क लोगन क बिखेरेस, उहइ ओनका एक संग वापस लिआइ अउर उ गड़रिया क तरह आपन झुंड (लोग) क देखरेख करी।”
11 यहोवा याकूब क वापस लिआइ यहोवा आपन लोगन क रच्छा ओन लोगन स करी जउन ओनसे जियादा बलवान अहइँ।
12 इस्राएल क लोग सिय्योन क ऊँचाइयन अइहीं, अउर उ पचे आनन्द घोस करिहीं। ओनकर मुँह यहोवा क जरिये दीन्ह गइ नीक चिजियन क कारण खुसी स झूमि उठी। यहोवा ओनका अन्न, नई दाखरस, तेल, नई भेड़िन अउ गइयन देइ। उ पचे उ बगीचे क तरह होइहीं जेहमाँ प्रचुर जल होइ अउर इस्राएल क लोग भविस्स मँ तंग नाहीं कीन्ह जाइँ।
13 तब इस्राएल क जुवतियन खुस होइहीं अउर नचिहीं। जुवा, बुढ़वा मनई भी उ नाच मँ भाग लेइहीं। मइँ ओनके दुःख क सुख मँ बदल देब। मइँ इस्राएल क लोगन क आराम देब। मइँ ओनकर उदासी क खुसी मँ बदल देब।
14 याजकन बरे जरूरत स जियादा बलि भेंट दीन्ह जाइ अउर मोर लोग एहसे भरे पूरे अउर संतुट्ठ होइहीं जउन अच्छी चिजियन मइँ ओनका देब।” इ सँदेसा यहोवा क अहइ।
15 यहोवा कहत ह, “रामा मँ एक चिल्लाहट सुनाई पड़ी। इ कटु चिल्लाहट अउर जियादा उदासी भरी भवी अही। राहेल आपन बच्चन बरे जोर-जोर स रोवत भवा ह। सान्त्वना पावइ स इन्कार करी, काहेकि ओकर बच्चन मर गएन ह।”
16 किन्तु यहोवा कहत ह: “रोउब बन्द करा, आपन आँखिन आँसू स न भरा। तोहका आपन कामे क पुरस्कार मिली।” इ सँदेसा यहोवा क अहइ। “इस्राएल क लोग आपन सत्रु क देस स वापस अइहीं।
17 एह बरे इस्राएल, तोहरे बरे आसा अहइ।” इ सँदेसा यहोवा क अहइ। “तोहर बच्चन आपन देस मँ वापस लौटिहीं।
18 मइँ एप्रैम क रोवत सुनेउँ ह। मइँ एप्रैम क इ कहत सुनेउँ ह: ‘हे यहोवा, तू फुरइ ही, मोका सजा दिहा ह अउर मइँ आपन पाठ सीख लिहेउँ ह। मइँ उ बछवा क तरह रहेउँ जेका कबहुँ प्रसिच्छन नहीं मिला मेहरबानी कइके मोका सजा देब बन्द करा, मइँ तोहरे लगे वापस आउब। तू फुरइ ही मोर परमेस्सर यहोवा अहा।
19 हे यहोवा, मइँ तोहका भटक गवा रहा। किन्तु मइँ जउन बुरा किहेउँ ओहसे सिच्छा ल्या। एह बरे मइँ आपन हिरदय अउर जीवन क बदल डाएउँ। जउन मइँ जवानी क उमिर मँ मूरखता स भरे काम किहेउँ ओकरे बरे मइँ परेसान अउर लज्जित हउँ।’“
20 परमेस्सर कहत ह: “तू जानत अहा कि एप्रैम मोर पियारा पूत अहइ। मइँ उ बचवा स पियार करत हउँ। हाँ, मइँ अवसर एप्रैम क खिलाफ बोलत हउँ, किन्तु फुन भी मइँ ओका याद राखत हउँ। मइँ ओहसे बहोत पियार करत हउँ। मइँ फुरइ ही, ओका आराम पहोंचावइ चाहत हउँ।” इ सँदेसा यहोवा क अहइ।
21 “इस्राएल क लोगो, सड़कन क संकेतन क लगावा। ओन संकेतन क लगावा जउन तोहका घरे क मारग बतावइँ। सड़किया क धियान स लखा। उ सड़किया पइ धियान राखा जेहसे तू जात्रा करत अहा। मोर दुलहिन इस्राएल घर लउटा, आपन नगरन क लउटि आवा।
22 अबिस्सासी बिटिया कब तलक तू चारिहुँ कइँती मँडरात रहबिउ? तू कब घरे अउबिउ?” यहोवा एक नबी चीज धरती पइ बनावत ह, एक ठु मेहरारू, मनई क चारिहुँ कइँती।
23 इस्राएल क परमेस्सर सर्वसवतीमान यहोवा कहत ह: “मइँ यहूदा क लोगन बरे जउन बन्दी बनाए गए रहेन, फुन अच्छा काम करब। उ समइ यहूदा देस अउर ओकरे नगरन क लोग एन सब्दन क उपयोग फुन करिहीं। ‘ऐ जहाँ पइ सच्चा निवास अहइ, ए पवित्तर पर्वत यहोवा तोहका आसीर्वाद देइ।’
24 “यहूदा क सबहिं नगरन मँ लोग एक साथ सान्तिपूर्वक रहिहीं। किसान अउर उ मनई जउन आपन भेड़िन क खरकन क संग चारिहुँ कइँती घूमत हीं, यहूदा मँ सान्ति स एक संग रहिहीं।
25 मइँ ओन लोगन क आराम अउर सवती देब जउन थके अउर कमजोर अहइँ।”
26 इ सुनइ क पाछे मइँ जगेउँ अउर आपन चारिहुँ ओर लखेउँ। उ बड़की आनन्द दायी नींद रही।
27 “उ सबइ दिन आवत अहइँ जब मइँ यहूदा अउर इस्राएल क परिवारन क बढ़ाउब।” इ सँदेसा यहोवा क अहइ। “मइँ ओनकर बच्चन अउर जानवरन क बढ़इ मँ भी मदद करब। इ पौधा क रोवइ अउर देखरेख करइ जइसा होइ।
28 पुराने जमाने मँ मइँ इस्राएल अउर यहूदा पइ धियान दिहेउँ, किन्तु मइँ उ समइ ओनका फटकारइ क निगाह स धियान दिहेउँ। मइँ ओनका उखाड़ फेंकेउँ। मइँ ओनका नस्ट किहेउँ। मइँ ओन पइ अनेक विपत्तियन ढाएउँ। किन्तु अब मइँ ओन पइ ओनका बनावइ अउ ओनका सवतीसाली करइ क दृस्टि स धियान देब।” इ सँदेसा यहोवा क अहइ।”
29 “उ समइ लोग इ कहावत क कहब बन्द कइ देइहीं:पुरखन खट्टे अंगूर खाएन अउर बच्चन एकर कारण विपत्तियन झेलेन।”
30 मुला हर मनई आपन पाप बरे मरी। जउन मनई खट्टे अंगूर खाई उहइ एकर कारण विपत्तियन झेलिहीं।”
31 यहोवा इ सब कहेस, “उ समइ आवत अहइ जब मइँ इस्राएल क परिवार अउ यहूदा क परिवार क संग नवी करार करब।
32 इ उ करार क तरह नाहीं होइ जेका मइँ ओनके पुरखन क संग किहे रहेउँ। मइँ उ करार तब किहेउँ जब मइँ ओनकर हथवा धरेउँ अउर ओनका मिस्र स बाहेर लिआएउँ। मइँ ओनकर सुआमी रहेउँ अउर उ पचे करार तोड़ेन।” इ सँदेसा यहोवा क अहइ।
33 “भविस्स मँ इ करार मइँ इस्राएल क लोगन क संग करब।” इ सँदेसा यहोवा क अहइ। “मइँ आपन सिच्छन क ओनके दिमाग मँ रखब अउर ओनकर हिरदइ पइ लिखब। मइँ ओनकर परमेस्सर होब अउर उ पचे मोर लोग होइहीं।
34 लोगन क यहोवा क जानइ क बरे आपन पड़ोंसियन अउ रिस्तेदारन क, सिच्छा देइ नाहीं पड़ी। काहेकि सबस बड़के स लइके सबस छोटे तलक सबहिं मोका जनिहीं।” इ सँदेसा यहोवा क अहइ। “जउन बुरा काम उ पचे कइ दिहन ओका मइँ छिमा करब। मइँ ओनकर पापन क याद नाहीं राखब।”
35 यहोवा इ कहत ह: “यहोवा सूरज क दिन मँ चमकावत ह अउर यहोवा चाँद अउ तारन क राति मँ चमकावत ह। यहोवा सगरे क चंचल करत ह जेहसे ओकर लहरन किनारे स टकरात हीं। ओकर नाउँ सर्वसवतीमान यहोवा अहइ।”
36 यहोवा इ करार करत ह, “जइसा मइँ सूरज, चाँद, तारन अउर समद्दर पइ नियन्तत्रन रखत हउँ, वइसा ही मइँ इस्राएल क सन्तानन क ख्याल रखब।”
37 यहोवा कहत ह: “मइँ इस्राएल क सन्तान क कबहुँ तियाग नाहीं करब। इ तबहिं संभव अहइ जदि लोग ऊपर आसमान क नापइ लागइँ अउर खाले धरती क समूचइ रहस्यन क जान जाइँ। जदि लोग उ सबइ कइ सकिहीं तबहिं मइँ इस्राएल क संतानन क तजि देब। तब मइँ ओनका, जउन कछू उ पचे किहन, ओकरे बरे तजब।” इ सँदेसा यहोवा क अहइ।
38 इ सँदेसा यहोवा क अहइ: “उ सबइ दिन आवत अहइँ जब यरूसलेम नगर यहोवा बरे फुन बनी। पूरा नगर हननेल क खमम्भा स कोनेवाले फाटक तलक फुन बनी।
39 नाप क जंजीर कोनेवाले फाटक स सोझइ गारेब क पहाड़ी तलक बिछी अउर तब गोआ नाउँ क ठउरे तलक फइली।
40 पूरी घाटी जहाँ ल्हास अउर राखी बहाइ जात ह। यहोवा बरे पवित्तर होइ अउर ओनमाँ किद्रोन घाटी तलक क सबहिं टीलन पूरब मँ घोड़ा-दुआर क कोने तलक सामिल होइहीं। सारा छेत्र यहोवा बरे पवित्तर होइ। यरूसेलम क नगर भविस्स मँ न ध्वस्त होइ, न ही बर्बाद कीन्ह जाइ।”
Jeremiah 32
1 सिदकिय्याह क यहूदा राज्ज मँ राज्जकाल क दसएँ बरिस, यिर्मयाह क यहोवा क इ सँदेसा मिला। सिदकिय्याह क दसवाँ बरिस नबूकदनेस्सर क अठारहवाँ बरिस रहा।
2 उ समइ बाबुल क राजा स सेना यरूसलेम नगर क घेरे भए रही अउर यिर्मयाह रच्छक आँगन मँ बन्दी रहा। इ आँगन यहूदा राजा क महल मँ रहा।
3 (यहूदा क राजा सिदकिय्याह उ ठउरे पइ यिर्मयाह क बन्दी बनाइ राखे रहा। सिदकिय्याह यिर्मयाह क भविस्सबाणियन क पसन्द नाहीं करत रहा। यिर्मयाह कहेस, “यहोवा इ कहत ह: ‘मइँ यरूसलेम क हाली ही बाबुल क राजा क दइ देब। नबूकदनेस्सर इ सहर पइ अधिकार कइ लेइ।
4 यहूदा क राजा सिदकिय्याह कसदियन क फउज स बचिके निकर नाहीं पाइ। किन्तु उ निहचइ ही बाबुल क राजा क दीन्ह जाइ अउर सिदकिय्याह बाबुल क राजा स आमने-सामने बातन करी। सिदकिय्याह ओका आपन आँखिन स लखी।
5 बाबुल क राजा सिदकिय्याह क बाबुल लइ जाइ। सिदकिय्याह तब तलक हुआँ ठहरी जब तलक मइँ ओका सजा नाहीं दइ देत।’ इ सँदेसा यहोवा क अहइ। ‘जदि तू पचे कसदियन क फउज स लड़ब्या, तू पचन्क कामयाबी नाहीं मिली।’“)
6 जउने समइ यिर्मयाह बन्दी रहा, उ कहेस, “यहोवा क सँदेसा मोका मिला। उ सँदेसा इ रहा:
7 यिर्मयाह, तोहार चचेरा भाइ हननेल हाली ही तोहरे लगे आइ। उ तोहार चाचा सल्लूम क पूत अहइ। हननेल तोहसे इ कही, ‘यिर्मयाह, अनातोत नगर क लगे मोर खेत बेसहि ल्या। एका बेसहि ल्या काहेकि तू मोर सबसे निचके क रिस्तेदार अहा। उ खेते क खरीदब तोहार अधिकार अउर तोहार जिम्मेदारी अहइ।’
8 “तब इ वइसा भवा जइसा यहोवा कहे रहा। मोर चचेरा भाई रच्छक आँगन मँ मोरे लगे आवा। हननेल मोहसे कहेस, ‘बिन्यामीन परिवार समूह क पहँटा मँ अनातोत नगर क लगे मोर खेत बेसहि ल्या। उ भुइँया क तू अपने बरे बेसहा काहेकि इ तोहार अधिकार अहइ अउर जिम्मेदारी अहइ कि तू एका आपन बरे बेसहा।’“एह बरे मोका मालूम भवा कि इ यहोवा क सँदेसा अहइ।
9 मइँ आपन चचेरा भाई हननेल स अनातोत मँ भुइँया बेसहि लीन्ह। मइँ ओकरे बरे सत्रह सेकेल चाँदी तउली।
10 मइँ पट्टे पइ हस्ताक्षर किहेउँ अउर मोका पट्टा क एक प्रति मुहरबन्द मिली अउर जउन मइँ किहे रहेउँ ओकर साच्छी क रूप मँ स कछू लोगन क बोलाइ लिहेउँ अउर मइँ तराजू पइ चाँदी तउली।
11 तब मइँ पट्टे क मुहरबन्द प्रति अउ मुहर रहित प्रति पाएउँ।
12 अउर मइँ ओका बारूक क दिहेउँ। बारूक नोरिय्याह क पूत रहा। नोरिय्याह महसेयाह क पूत रहा। मुहरबन्द पट्टा मँ मोर बेसहइ क सबहिं सर्तन अउर सीमा रहीं। मइँ आपन चचेरा भाई हननेल अउर दूसर गवाहन क समन्वा उ पट्टा बारूक क दिहेउँ। ओन गवाहन भी उ पट्टे पइ हस्ताक्षर किहेन। उ समइ यहूदा क बहोत स मनई आँगन मँ बइठा रहेन जउन मोका बारूक क पट्टा देत लखेन।
13 “सबहिं लोगन क साच्छी कइके मइँ बारूक स कहेउँ,
14 इस्राएल क परमेस्सर सर्वसवतीमान यहोवा इ कहत ह, ‘मुहरबन्द अउर मुहर रहित दुइनउँ पट्टन क प्रतियन क ल्या अउर एका माटी क घड़े मँ धइ द्या। इ करा एह बरे काम बहोत अधिक समइ तलक रहइ।’
15 इस्राएल क परमेस्सर सर्वसवतीमान यहोवा कहत ह, “भविस्स मँ मोर लोग एक दाईर् फुन घर, खेत अउ अंगूरे क बगिया इस्राएल देस मँ बेसहीं।’“
16 “नेरिय्याह क पूत बारूक क पट्टा देइ क पाछे मइँ यहोवा स पराथना किहेेउँ। मइँ कहेउँ:
17 “परमेस्सर यहोवा, तू पृथ्वी अउ आकास बनाया। तू ओनका आपन महान सवती स बनाया। तोहरे बरे कछू भी करब बहोत कठिन नाहीं अहइ।
18 यहोवा, तू हजारन मनइयन क बिस्सास पात्र अउर ओन पइ दयालु अहा। किन्तु तू मनइयन क ओनके पुरखन क पापन बरे सजा देत अहा। महान अउर सवतीसाली परमेस्सर, तोहार नाउँ सर्वसवतीमान यहोवा अहइ।
19 हे यहोवा, तू महान कारजन क जोजना बनावत अउर ओनका करत ह। तू उ सब लखत ह जेनका लोग करत हीं अउर ओनका पुरस्कार देत ह जउन अच्छे काम करत हीं तथा ओनका सजा देत ह जउन बुरे काम करत हीं, तू ओनका उ देत ह जेनकर उ पचे पात्र अहइँ।
20 हे यहोवा, तू मिस्र देस मँ अत्यन्त प्रभावसाली चमत्कार किहा। तू आजु तलक भी प्रभावसाली चकत्कार किहा ह। तू इ सबइ चमत्कार इस्राएल मँ देखाया अउर तू एनका हुवाँ भी देखाया जहाँ कहूँ मनई रहत हीं। तू एन चमत्कारन बरे प्रसिद्ध अहा।
21 हे यहोवा, तू प्रभावसाली चमत्कारन स आपन लोग क मिस्र स बाहेर लइ आएन। तू आपन चमत्कारन स आपन ताकत अउर अद्भुत सवती दिखाइ।
22 “हे यहोवा, तू इ धरती इस्राएल क लोगन क दिहा। इ उहइ धरती अहइ जेका तू ओनके पुरखन क देइ क बचन बहोत पहिले दिहे रह्या। इ अइसा धरती अहइ जहाँ दूध अउर सहद क नदी बहत हीं।
23 इस्राएल क लोग इ धरती मँ आएन अउर उ पचे एका आपन बनाइ लिहन। मुला ओन लोग तोहार आग्या नाहीं मानेन। उ पचे तोहरे उपदेसन क अनुसार चलेन। उ पचे उ नाहीं किहेन जेकरे बरे तू आदेस दिहा। एह बरे तू इस्राएल क लोगन पइ उ सबइ भयंकर विपत्तियन ढाया।
24 “अब दुस्मन नगर पइ घेरा डाएस ह। उ सबइ ढाल बनावत अहइँ ताकि उ पचे यरूसलेम क चहारदीवारी पइ चढ़ सकइँ। आपन तरवारन क उपयोग कइके तथा भूख अउ भयंकर बीमारी क कारण बाबुल क सेना यरूसलेम नगर क हराइ। बाबुल क फउज अब नगर पइ हमला करति अहइ। यहोवा तू कहे रह्या कि इ होइ, अउर अब तू लखत अहा कि इ घटित होत अहइ।
25 “मोर सुआमी यहोवा, उ सब सबहिं बुरी घटनन घटित होत अहइँ। किन्तु अब तू मोहसे कहत अहा, ‘यिर्मयाह, चाँदी स खेत बेसहा अउ बेसहइ क साच्छी बरे कछू लोगन क चुना।’ तू इ उ समइ कहत अहा जब बाबुल क सेना नगर पइ अधिकार करइ क तइयार अहइ। मइँ आपन धन क उ तरह बर्बाद काहे करउँ?”
26 तब यहोवा क सँदेसा यिर्मयाह क मिला:
27 “यिर्मयाह, मइँ यहोवा हउँ। मइँ पृथ्वी क हर एक मनई क परमेस्सर हउँ। यिर्मयाह, तू जानत अहा कि मोरे बरे कछू असंभव नाहीं अहइ।”
28 यहोवा इ भी कहेस, “मइँ हाली ही यरूसलेम नगर क बाबुल क सेना अउ बाबुल क राजा नबूकदनेस्सर क दइ देब। उ सेना नगर पइ अधिकार कइ लेइ।
29 बाबुल क सेना पहिले स ही यरूसलेम नगर पइ हमला करत अहइ। उ पचे हाली ही नगर मँ प्रवेस करिहीं अउर आगी लगाइ देइहीं। उ पचे इ नगर क बारिके राखी कइ देइहीं। इ नगर मँ अइसे मकान अहइँ जेनमाँ यरूसलेम क लोग लबार देवता बाल क छतन पइ बलि भेंट दइके मोका वोधित किहन ह अउ लोग दूसर देवमूरतियन क दाखरस भेंट चढ़ाएन। बाबुल क सेना ओन मकानन क बारि देइ।
30 मइँ इस्राएल अउ यहूदा क लोगन पइ नगर रखेउँ ह। उ पचे जउन कछू करत हीं; बुरा अहइ। उ पचे तब स बुरा करत अहइँ जब स उ पचे नउ जवान रहेन। इस्राएल क लोग मोका वोधित किहेन। उ पचे मोका वोधित किहेन काहेकि ओन मूरतियन क पूजा किहन जेनका उ पचे आपन हाथन स बनाएन।” इ सँदेसा यहोवा क अहइ।
31 “जब स यरूसलेम सहर बसा तब स अब तक इ नगर क लोग मोका वोधित किहेन ह कि मोका एका आपन नजर क समन्वा स दूर कइ देइ चाही।
32 यहूदा अउर इस्राएल क लोग जउन बुरा काम किहन ह, ओकरे बरे, मइँ यरूसलेम क नस्ट करब। जन साधारण ओनकर राजा, प्रमुख, ओनकर याजक अउ नबी यहूदा क मनई अउ यरूसलेम क लोग, सबहिं मोका वोधित किहेन ह।
33 “ओन लोगन क मदद बरे मोरे लगे आवइ चाही रहा। लेकिन उ पचे मोहसे आपन पीठ मोर कइँती मोड़ेन। मइँ ओन लोगन क बार-बार सिच्छा देइ चाही किन्तु उ पचे मोर सुनइ स इन्कार कई दिहन।
34 ओन लोग आपन देवमूरतियन बनाएन ह अउर मइँ ओन देवमूरतियन स घिना करत हउँ। उ पचे ओन देवमूरतियन क उ मन्दिरे मँ रखत हीं जउन मोरे नाउँ पइ अहइ। इ तरह उ पचे मोरे मन्दिर क अपवित्तर किहन ह।
35 “बेनहिन्नोम क घाटी मँ ओन लोग लबार देवता बाल बरे ऊँची जगह बनाएन। उ पचे लबार देवता मोलेक क पूजा बरे ठउर क आपन बेटवा-बिटियन क सिसु बलि भेंट क रूप मँ जराइ सकइ बरे बनाएन। मइँ ओनका कबहुँ अइसे भयानक काम करइ बरे आदेस नाहीं दिहेउँ। मइँ इ कबहुँ सोचेउँ तलक नाहीं कि यहूदा क लोग अइसा भयंकर पाप करिहीं।
36 “तू सबहिं लोग कहत अहा, ‘बाबुल क राजा यरूसलेम पर अधिकार कइ लेइ। उ तरवार, भुखमरी अउर भयंकर बीमारी क उपयोग इ सहर क पराजित करइ बरे करी।’ किन्तु यहोवा इस्राएल क लोगन क परमेस्सर कहत ह,
37 ‘मइँ इस्राएल अउर यहूदा क लोगन क आपन देस तजइ क मजबूर किहेउँ ह। मइँ ओन लोगन पइ बहोत कोहान रहा। किन्तु मइँ ओनका इ ठउरे पइ वापस लिआउब। मइँ ओनका ओन देसन स बटोरब जेनमाँ जाइ क बरे मइ ओनका मजबूर किहेउँ। मइँ ओनका इ देस मँ वापिस लिआउब। मइँ ओनका सान्तिपूर्वक अउर सुरच्छित रहइ देब।
38 इस्राएल अउर यहूदा क लोग मोर आपन लोग होइहीं अउर मइँ ओनकर परमेस्सर होब।
39 उ पचे एक उद्देस्स रखिहीं फुरइ ही, जिन्नगी भइ मोर उपासना करइ चहिहीं। ओनके बरे सुभ होइ अउर ओनके पाछे ओनकर परिवारन बरे भी सुभ होइ।
40 “‘मइँ इस्राएल अउ यहूदा क लोगन क संग एक करार करब। इ करार सदैव बरे होइ। इ करार क अनुसार मइँ लोगन स कबहुँ दूर नाहीं जाब। मइँ ओनके बरे सदैव अच्छा रहब। मइँ ओनका, आपन आदर करइ बरे इच्छूक बनाउब। तब उ पचे मोहसे कबहुँ दूर नाहीं हटिहीं।
41 उ पचे मोका खुस करिहीं। मइँ ओनकर भला करइ मँ आनन्दित होब अउर मइँ, निहचय ही, ओनका इ धरती मँ बसाउब अउर ओनका बढ़ाउब। इ मइँ आपन पूरे हिरदय अउर आतिमा स करब।’“
42 यहोवा जउन कहत ह, उ इ अहइ, “मइँ इस्राएल अउर यहूदा क लोगन पइ इ बड़की बिपत्ति ढाएउँ ह। इहइ तरह मइँ ओनका अच्छी चिजियन देब। मइँ ओनका अच्छी चिजियन करइ क बचन देत हउँ।
43 तू लोग इ कहत अहा, ‘इ देस सूना रेगिस्तान अहइ। हिआँ कउनो मनई अउर कउनो जनावर नाहीं अहइ। बाबुल क फउज इ देस क पराजित किहस।’ किन्तु भविस्स मँ लोग फुन इ देस मँ भुइँया खरीदहीं।
44 लोग आपन धने क उपयोग करिहीं अउर खेत बेसहिहीं। उ पचे आपन सबइ करार पइ हस्ताच्छर क साच्छी होइहीं। लोग उ प्रदेस मँ फुन खेत बेसहिहीं जेहमाँ बिन्यामीन परिवार समूह क लोग रहत हीं। उ पचे यरूसलेम छेत्र क चारिहुँ ओर खेत बेसहिहीं। उ पचे यहूदा प्रदेस क नगरन, पहाड़ी प्रदेस, पच्छिमी पर्वत चरण, अउर दविखनी रेगिस्तान क पहँटा मँ खेत बेसहिहीं। इ होइ, काहेकि मइँ तोहरे लोगन क वापस लिआउब।” इ सँदेसा यहोवा क अहइ।
Jeremiah 33
1 यिर्मयाह क दूसरी दाईर् यहोवा क सँदेसा मिला। यिर्मयाह अबहिं भी रच्छक आँगन मँ ताला क भीतर बन्दी रहा।
2 यहोवा पृथ्वी क बनाएस अउर ओकर उ रच्छा करत ह। ओकर नाउँ यहोवा अहइ। यहोवा कहत ह,
3 “मोहसे पराथना करा अउर मइँ तोहका देई। मइँ तोहका महत्वपूर्ण रहस्य बताउब। तू ओनका कबहुँ नाहीं सुन्या ह।
4 इस्राएल क परमेस्सर यहोवा यरूसलेम क मकानन अउर यहूदा क राजा लोग क महलन क बारे मँ जउन सत्रुन दुआरा ढाल बनाइके हमला कइके तबाह कइ दीन्ह गवा ह, इ कहत ह।
5 “यरूसलेम क लोग बहोत बुरे काम किहन ह। मइँ ओन लोगन पइ कोहान हउँ। मइँ ओनके बिरुद्ध होइ गवा हउँ। एह बरे हुवाँ मइँ असंख्य लोगन क मार डाउब। बाबुल क सेना यरूसलेम क बिरुद्ध लड़इ बरे आइ। यररूसलेम क इ घरन मँ असंख्य ल्हास होइहीं।
6 “मुला ओकरे पाछे मइँ उ नगर मँ लोगन क तन्दुरूस्त बनाउब। मइँ ओन लोगन क सान्ति अउर सुरच्छा क आनन्द लेइ देब।
7 मइँ इस्राएल अउर यहूदा मँ फुन स सब कछू अच्छा घटित होइ देब। मइँ ओन लोगन क पुराने जमाने क तरह बरिआर बनाउब।
8 उ पचे मोर बिरुद्ध पाप किहेन, किन्तु उ पाप क मइँ धोइ देब। उ पचे मोरे बिरुद्ध लड़ेन, किन्तु मइँ ओनका छमा कइ देब।
9 तब यरूसलेम आस्चर्यचकित करइवाला ठउर होइ जाइ। लोग सुखी होइहीं अउर दूसर रास्ट्रन क लोग एकर तारीफ करिहीं। उ लोग ओन अच्छे कामन क बारे मँ सुनब्या जे मइँ यरूसलेम बरे कइ रहत हउँ अउर उ लोग मोर महानता क कारण डर स काँपिहीं।
10 “तू लोग इ करत रह्या ह, ‘हमार देस सूनी रेगिस्तान, अहइ। हुआँ कउनो मनई या कउनो जनावर जिअत नाहीं रहेन।’ अब यरूसलेम क सड़कियन अउर यहूदा क नगरन मँ निर्जन सान्ति अहइ। किन्तु हुआँ हाली ही चहल-पहल होइ।
11 हुआँ सुख अउर आनन्द क किलोलन होइहीं। हुआँ दुल्हा-दुलहिन क उमँग भरी चहल होइ। हुआँ यहोवा क मन्दिर मँ आपन भेंट लिआवइवालन क मधुर वाणी होइ। उ पचे कहिहीं, ‘सर्वसवतीमान यहोवा क स्तुति करा। यहोवा दयालु अहइ। यहोवा क दाया सदा बनी रहत ह।’ लोग इ सबइ बातन कहिहीं काहेकि मइँ फुन यहूदा बरे नीक काक करब। इ वइसा ही होइ जइसा सुरू मँ रहा।” यहोवा कहत ह।
12 सर्वसक्तीमान यहोवा कहत ह, “इ ठउर अब सुना अहइ। हिआँ कउनो लोग या जनावर नाहीं रहि रहेन। किन्तु अब यहूदा क सबहिं नगरन मँ लोग रहिहीं। हुआँ गड़रियन होइहीं अउर चरागाहन होइहीं जहाँ उ पचे आपन खरकन क आराम करइ देइहीं।
13 गड़रियन आपन भेड़िन क तब गनत हीं जब भेड़िन ओनके अगवा चलत हीं। लोग आपन भेड़िन क पूरे देस मँ चारिहुँ कइँती पहाड़ी प्रदेस, पच्छिमी पर्वत चरण, नेगव अउर यहूदा क सबहिं नगरन मँ गिनिहीं।”
14 इ सँदेसा यहोवा क अहइ: “मइँ इस्राएल अउर यहूदा क लोगन क बिसेस बचन दिहेउँ ह। उ समइ आवति बाटइ जब मइँ उ करब जेका करइ क बचन मइँ दिहेउँ ह।
15 उ समइ मइँ दाऊद क परिवारे स एक ठु नीक साखा पइदा करब। उ नीक साखा उ सब करी जउन देस बरे अच्छा अउर उचित होइ।
16 इ साखा क समइ यहूदा क लोगन क रच्छा होइ जाई। लोग यरूसलेम मँ सुरच्छित रहिहीं। उ साखा क नाउँ यहोवा हमार धामिर्कता अहइ।’“
17 यहोवा कहत ह, “दाऊद क परिवार क कउनो न कउनो मनई सदा ही सिहांसने पइ बइठी अउर इस्राएल क परिवार पइ सासन करी
18 अउर लेवी क परिवार स याजक सदा ही होइहीं। उ सबइ याजक मोरे समन्वा सदा रहिहीं अउर मोका होमबलि, अन्नबलि अउर बलि भेट करिहीं।”
19 यहोवा क इ सँदेसा यिर्मयाह क मिला।
20 यहोवा कहत ह, “मइँ राति अउर दिन स करार कीन्ह ह। मइँ करार कीन्ह कि उ सदा ही रही। तू उ करार क बदल नाहीं सकत्या। दिन अउर राति सदा ठीक समइ पइ अइहीं। जदि तू उ करार क बदल सकत ह
21 तउ तू दाऊद अउर लेवी क साथ कीन्ह गइ मोर करार क भी बदल सकत अहा। तब दाऊद अउर लेवी क परिवारे क संतान राजा अउर याजक नाहीं होइ सकिहीं।
22 किन्तु मइँ आपन सेवक दाऊद क अउर लेवी क परिवार समूह क अनेक संतान देब। उ पचे ओतने ही होइहीं जेतना अकासे मँ तारे अहइँ, अउर अकासे क तारन क कउनो गन नाहीं सकत अउर उ पचे एतना होइहीं जेतना सागर किनारे पइ बालू कण होत हीं अउर ओन बालू क कणन क कउनो गन नाहीं सकत।”
23 यहोवा क इ सँदेसा यिर्मयाह प्राप्त किहस:
24 यिर्मयाह, का तू सुन्या ह कि लोग का कहत अहइँ? उ सबइ लोग कहत अहइँ: यहोवा इस्राएल अउर यहूदा क दुइ परिवारन क अस्वीकार कइ दिहस ह। यहोवा ओन लोगन क चुने रहा, किन्तु अब उ ओनका रास्ट्र क रूप मँ भी अंगीकार नाहीं करत।’“
25 यहोवा कहत ह, “जदि मोर करार दिन अउर राति क संग बनी नाहीं रहत, अउर जदि मइँ अकास अउ पृथ्वी क बरे नेम नाहीं बनावत, तबहिं संभव अहइ कि मइँ ओन लोगन क तजउँ।
26 तबहिं इ संभव होइ कि मइँ याकूब क संतानन स दूर हटि जाउँ अउर तबहिं होइ सकत ह कि मइँ दाऊद क संतानन क इब्राहीम, इसहाक अउ याकूब क संतानन पइ सासन करइ न देउँ। किन्तु दाऊद मोर सेवक अहइ अउर मइँ ओन लोगन पइ दाया करब अउर मइँ फुन ओन लोगन क ओनकर धरती पइ वापस लउटाइ लाउब।”
Jeremiah 34
1 यहोवा क इ सँदेसा यिर्मयाह क मिला। इ सँदेसा उ समइ मिला जब बाबुल क राजा नबूकदनेस्सर यरूसलेम अउर ओकरे चारिहुँ ओर क सबहिं नगरन स जुद्ध करत रहा। नबूकदनेस्सर अपने सारी फउज अउर सासित राज्जन अउ साम्राज्य क लोगन क मिलाए भए रहा।
2 सँदेसा इ रहा: “यहोवा इस्राएल क लोगन क परमेस्सर जउन कहत ह, उ इ अहइ: “यिर्मयाह, यहूदा क राजा सिदकिय्याह क लगे जा अउर ओका इ सँदेसा द्या: ‘सिदकिय्याह, यहोवा जउन कहत ह, उ इ अहइ: मइँ यरूसलेम नगर क बाबुल क राजा क हाली ही दइ देब अउर उ ओका जराइ डाइ।
3 सिदकिय्याह, तू बाबुल क राजा स बचिके निकरि नाहीं पउब्या। तू निहचय ही पकड़ा जाब्या अउर ओका दइ दीन्ह जाब्या। तू बाबुल क राजा क आपन आँखिन स लखब्या। उ तोहसे आमने सामने बातन करी अउर तू बाबुल जाब्या।
4 किन्तु यहूदा क राजा सिदकिय्याह यहोवा क दीन्ह ग वचन क सुना। यहोवा तोहरे बारे मँ जउन कहत ह, उ इ अहइ: तू तरवारे स नाहीं मारा जाब्या।
5 तू सान्ति पूर्वक मरब्या। तोहार स पहिले जउन राजा राज्ज करत रहेन ओन पुरखन क सम्मान क बरे लोग आगी तैयार किहन। उहइ तरह तोहरे सम्मान बरे लोग आगी बनइहीं। उ पचे तोहरे बरे रोइहीं। उ पचे सोक मँ बूड़ा भवा कहिहीं, ‘हे स्वामी, मइँ खुद तोहका इ बचन देत हउँ,’“ यहोवा कहत ह।
6 एह बरे यिर्मयाह यहोवा क सँदेसा यरूसलेम मँ सिदकिय्याह क दिहेस।
7 इ उ समइ भवा जब बाबुल क राजा क सेना यरूसलेम क खिलाफ लड़त रही। बाबुल क फउज यहूदा क ओन नगरन क खिलाफ भी लड़त रही जेन पइ अधिकार नाहीं होइ सका रहा। उ सबइ लाकीस अउ अजेका नगर रहेन। उ सबइ ही सिरिफ किलाबंद नगर रहेन जउन यहूदा प्रदेस मँ बचा रहेन।
8 सिदकिय्याह यरूसलेम क सबहिं निवासियन स इ करार किहे रहा कि मइँ सबहिं यहूदी दासन क मुवत कइ देब। जब सिदकिय्याह उ करार कइ लिहेस, ओकरे पाछे यिर्मयाह क यहोवा क इ सँदेसा मिला।
9 हर मनई स आसा कीन्ह जात ह कि उ आपन यहूदी दासन क अजाद करइ। सबहिं यहूदी दास-दासी अजाद कीन्ह जाब रहेन। यहूदा क परिवार समूह क कउनो भी मनई क दास रखइ क संभावना कउनो भी मनई स नाहीं कीन्ह जाइ सकत रही।
10 एह बरे सबहिं प्रमुखन अउर यहूदा क सबहिं लोग इ करार क अंगीकार किहे रहेन। हर एक मनई आपन दास-दासियन क अजाद कइ देइ अउर ओनका अउर जियादा समइ तलक दास क रूप मँ नाहीं राखी। हर एक मनई सहमत रहा अउर इ तरह सबहिं दास अजाद कइ दीन्ह गएन।
11 किन्तु ओकरे पाछे ओन लोग जेनके लगे दास रहेन, आपन निर्णय क बदलाइ दिहन। एह बरे उ पच अजाद कीन्ह गए लोगन क फुन धइ लिहन अउर ओनका दास बनाएन।
12 तब यहोवा क सँदेसा क यिर्मयाह क मिला:
13 यिर्मयाह, यहोवा इस्राएल क लोगन क परमेस्सर जउन कहत ह उ इ अहइ: “मइँ तोहरे पचन्क पुरखन क मिस्र स बाहेर लाएउँ जहाँ उ पचे दास रहेन। जब मइँ अइसा किहेउँ तब मइँ ओनसे एक करार किहेउँ।
14 मइँ तोहरे पचन्क पुरखन स कहेउँ, ‘हर एक सात बरिस क आखीर मँ प्रत्येक मनई क आपन यहूदी दासन क अजाद कइ देइ चाही। जदि तोहरे पचन्क हिआँ तोहार पचन्क अइसा यहूदी साथी अहइ जउन आपन क तोहरे पचन्क हाथ बेच चुका अहइ तउ तोहका ओका छ: महीना सेवा क पाछे अजाद कइ देइ चाही।’ मुला तोहार पचन्क पुरखन न तउ मोर सुनेन, न ही ओह पइ धियान दिहेन।
15 कछू समइ पहिले तू पचे आपन हिरदय क, जउन उचित अहइ, ओका करइ बरे बदला। तू पचन्क मँ स हर एक ओन यहूदी साथियन क अजाद किहेस जउन दास रहेन अउर तू पचे मोर समन्वा उ मन्दिर मँ जउन मोरे नाउँ पइ अहइ एक करार भी किहा।
16 मुला अब तू पचे आपन इरादा बदल दिहे अहा। तू पचे इ परगट किहे अहा कि तू पचे मोरे नाउँ क सम्मान नाहीं करत्या। तू पचे इ कहेस किहा? तू पचन्मँ स हर एक आपन दास दासियन क वापस लइ लिहस ह जेनका तू पचे अजाद किहे रह्या। तू लोग ओनका फुन दास होइ बरे मजबूर किहा ह।
17 “एह बरे जउन यहोवा कहत ह, उ इ अहइ: ‘तू लोग मोर आग्या क पालन नाहीं किहा ह। तू पचे आपन साथी यहूदियन क अजादी नाहीं दिहा ह। काहेकि तू पचे इ करार पूरी नाहीं किहा ह, एह बरे मइँ तोहका “अजादी” देब। इ यहोवा क सँदेसा अहइ। “तरवार स, भयंकर बीमारी स अउर भूख स मारे जाइ क अजादी मइँ देब। मइँ तोहका पचन्क अइसा कर देब कि जब उ पचे तोहरे पचन्क बारे मँ सुनिहीं तउ पृथ्वी क समूचइ राज्ज भयभीत होइ उठिहीं।
18 मइँ ओन लोगन क दूसर लोगन क हाथ देब जउन मोर करार क तोड़ेन ह अउर उ प्रतिग्या क पालन नाहीं किहन जेका उ पचे मोरे समन्वा किहन ह। एन लोग मोरे समन्वा एक ठु बछवा क दुइ टुकन मँ काटेन अउर उ पचे दुइ टुकन क बीच स गुजरेन।
19 जउन उ समइ बछवा क टूकन बीच स गुजरेन जब उ पचे मोरे संग करार किहे रहेन: उ यहूदा अउ यरूसलेम क प्रमुख, कचहरी क बड़के अधिकारी, याजकन अउ उ देस क लोग।
20 एह बरे मइँ ओन लोगन क ओनकर दुस्मन क देब जउन ओनका मारि डावइ चाहत हीं। ओन मनइयन क ल्हास हवा मँ उड़इवाले पंछियन अउर पृथ्वी पइ क जँगली जनावरन क भोजन बनिहीं।
21 मइँ यहूदा क राजा सिदकिय्याह अउर ओकर प्रमुखन क ओनकर दुस्मनन अउर जउन ओनका मारि डावइ चाहत हीं, क देब। मइँ सिदकिय्याह अउर ओनके लोगन क बाबुल क राजा क फउज क तब भी देब जब उ फउज यरूसलेम क तजि चुकी होइ।
22 मुला मइँ कसदी फउज क यरूसलेम मँ फुन लउटइ क आदेस देब। इ सँदेसा यहोवा क अहइ। उ फउज यरूसलेम क खिलाफ लड़ी। उ पचे एह पइ अधिकार करिहीं, एहमाँ आगी लगइहीं अउ एका बारि डइहीं अउर मइँ यहूदा क नगरन क बर्बाद कइ देब। उ सबइ नगर सूना रेगिस्तान होइ जइहीं। हुआँ कउनो मनई नाहीं रही।’“
Jeremiah 35
1 जब यहोयाकीम यहूदा क राजा रहा तब यहोवा क सँदेसा यिर्मयाह क मिला। यहोयाकीम राजा योसिय्याह क पूत रहा। यहोवा क सँदेसा इ रहा:
2 “यिर्मयाह, रेकाबी परिवार क लगे जा। ओनका यहोवा क मन्दिर क बगल क कमरन मँ स एक मँ आवइ बरे निमन्त्रित करा। ओनका पिअइ बरे दाखरस द्या।”
3 एह बरे मइँ (यिर्मयाह) याजन्याह स मिलइ गएउँ। याजन्याह उ यिर्मयाह नाउँ क एक मनई क पूत रहा जउन हबस्सिन्याह नाउँ क मनई क पूत रहा अउर मइँ याजन्याह क सबहिं भाइयन अउ पूतन स मिलेउँ। मइँ पूरे रेकाबी परिवार क एक संग बटोरेउँ।
4 तब मइँ रेकाबी परिवार क यहोवा क मन्दिर मँ लइ आएउँ। हम लोग उ कमरे मँ गए जउन परमेस्सर क मनई यिग्दल्याह क पूत हानान क पूतन क नाउँ स जाना जात ह। इ उ कमरा स अगला कमरा रहा जेहमाँ राजा क अधिकारी ठहरत रहेन। इ सल्लूम क पूत मासेयाह क कमरा क ऊपर रहा। मासेयाह मन्दिर मँ दुआरपाल रहा।
5 तब मइँ (यिर्मयाह) रेकाबी परिवार क समन्वा कछू पियालन क संग दाखरस स भरे कछू कटोरन धरेउँ अउ मइँ ओनसे कहेउँ, “थोड़ी दाखरस पिआ।”
6 किन्तु रेकाबी लोगन जवाब दिहन, “हम दाखरस कबहुँ नाहीं पीइत। हम ऍह बरे नाहीं पीइत काहेकि हमार पुरखा रेकाबी क पूत योनादाब इ आदेस दिहे रहा: ‘तू पचन्क अउर तोहरे सन्तानन क दाखरस कबहुँ नाहीं पिअइ चाही।
7 तू पचन्क कबहुँ घर बनावइ, पौधन रोपब अउर अंगूरे क लता कबहुँ नाहीं लगावइ चाही। तू पचन्क ओनमाँ स कछू भी नाहीं करइ चाही। तू पचन्क सिरिफ तम्बूअन मँ रहइ चाही। जदि तू पचे अइसा करब्या तउ उ पहँटा मँ जियादा समइ रहब्या जहाँ तू पचे एक ठउर स दूसर ठउरे पइ घूमत रहत ह।’
8 एह बरे हम रेकाबी लोग ओन सब चीजन क पालन करित ह जेनका हमरे पुरखा योनादाब हमका आदेस दिहस ह। हम अउर हमार मेहररूअन अउर गदेलन दाखरस कबहुँ नाहीं पीतेन।
9 हम रहइ बरे घर कबहुँ नाहीं बनाइत अउर हम लोगन क अंगूरे क बगिचा या खेत कबहुँ नाहीं होतेन अउर हम फसलन कबहुँ नाहीं उगाइत।
10 हम तम्बूअन मँ रहत अही अउर उ सब माना ह जउन हमरे पुरखा योनादाब आदेस दिहेन ह।
11 किन्तु जब बाबुल क राजा नबूकदनेस्सर यहूदा देस पइ हमला किहस तब हम लोग यरूसलेम क गए। हम लोग आपुस मँ कहा, “आवा हम यरूसलेम नगर मँ सरण लेइ जेहसे हम कसदी अउर अरामी फउज स बचि सकी।’ एह बरे हम लोग यरूसलेम मँ ठहर गए।
12 तब यिर्मयाह क यहोवा क सँदेसा मिला:
13 इस्राएल क लोगन क परमेस्सर सर्वसवतीमान यहोवा कहत ह: “यिर्मयाह, जा यहूदा अउ यरूसलेम क लोगन क इ सँदेसा द्या: लोगो, तू पचन्क सबक सीखइ चाही अउर मोरे सँदेसा क पालन करइ चाही।” इ सँदेसा यहोवा क अहइ।
14 “रेकाब क पूत योनादाब आपन पूतन क आदेस दिहस कि उ पचे दाखरस न पिअइँ, अउर उ आदेस क पालन भवा ह। आजु तलक योनादाब क संतान आपन पुरखन क आदेस क पालन किहस ह। उ पचे दाखरस नाहीं पीतेन। किन्तु मइँ तउ यहोवा हउँ अउर यहूदा क लोगो, मइँ तू पचन्क बार बार सँदेसा दिहेउँ ह, मुला तू पचे ओकर पालन नाहीं किहा।
15 इस्राएल अउर यहूदा क लोगो, मइँ आपन सेवक नबियन क तू पचन्क लगे पठएउँ। मइँ ओनका तोहरे पचन्क लगे बार-बार पठएउँ। ओन नबियन तू पचन्स कहेन, ‘इस्राएल अउर यहूदा क लोगो, तू सबन्क बुरा करब तजि देइ चाही। तू पचन्क अच्छा होइ चाही। दूसर देवतन क अनुसरण न करा। ओनका न पूजा, न ही ओनकर सेवा करा। जदि तू पचे मोर आग्या क पालन करब्या तउ तू पचे उ देस मँ होब्या जेका मइँ तू पचन्क अउर तोहरे पचन्क पुरखन क दिहेउँ ह।’ किन्तु तू लोग मोरे सँदेसे पइ धियान नाहीं दिहा।
16 किन्तु योनादाब क सन्तानन आपन पुरखन क आदेस क, जउन उ दिहस मान ल्या। मुला यहूदा क लोग मोर आग्या क पालन नाहीं किहन।”
17 एह बरे इस्राएल क परमेस्सर सर्वसवतीमान यहोवा करत ह: “मइँ कहेउँ कि यहूदा अउ यरूसलेम बरे बहोत स बुरी घटनन घटिहीं। मइँ ओन बुरी घटनन क हाली ही घटित कराउब। मइँ इ करब काहेकि मइँ ओन लोगन क बात किहस, किन्तु उ पचे मोर एक न सुनेन। मइँ ओनका पुकारेउँ, किन्तु उ पचे जवाब नाहीं दिहन।”
18 तब यिर्मयाह रेकाबी परिवार क लोगन स कहेस, “इस्राएल क परमेस्सर सर्वसवतीमान यहोवा कहत ह, ‘तू लोग आपन पुरखा योनादाब क आदेस क पालन किहा ह। तू पचे योनादाब क सारी सिच्छन क अनुसरण किहा ह। तू पचे उ सब किहा ह जेकरे बरे उ आदेस दिहे रहा।
19 एह बरे इस्राएल क परमेस्सर सर्वसवतीमान यहोवा कहत ह: रेकाब क पूत योनादाब क सन्तानन मँ स एक अइसा सदैव होइ जउन मोर सेवा करी।’“
Jeremiah 36
1 यहोवा क सँदेसा यिर्मयाह क मिला। इ योसिय्याह क पूत यहोयाकीम क यहूदा मँ राज्जकाल क चउथे बरिस भवा। यहोवा क सँदेसा इ रहा:
2 “यिर्मयाह, पत्रक ल्या अउर ओन सँदेसन क ओह पइ लिख डावा जेनका मइँ तोहसे कहेउँ ह। मइँ तोहसे इस्राएल अउर यहूदा क अउर बाकी रास्ट्रन क बारे मँ बातन किहेउँ ह। जब स योसिय्याह राजा रहा तब स अब तलक मइँ जउन सँदेसा तोहका दिहेउँ ह, ओनका लिख डावा।
3 सायद, यहूदा क परिवार इ सुनइ कि मइँ ओनके बरे का करइ क जोजना बनावत हउँ अउर सायद उ पचे बुरा काम करब तजि देइँ। जदि उ पचे अइसा करिहीं तउ मइँ ओनका, जउन बुरे करम उ पचे किहन ह, ओकरे बरे छिमा कइ देब।”
4 एह बरे यिर्मयाह नेरिय्याह क पूत बारूक नाउँ क एक मनई क बोलाएस। यिर्मयाह ओन सँदेसन क कहेस जेनका यहोवा ओका दिहे रहा। जउने समइ यिर्मयाह ऊँची आवाज़ मँ सँदेसा देत रहा उहइ समय बारूक ओनका पत्रक पर लिखत रहा।
5 तब यिर्मयाह बारूक स कहेस, “मइँ यहोवा क मन्दिर मँ नाहीं जाइ सकत। मोका हुआँ जाइ क आग्या नाहीं अहइ।
6 एह बरे मइँ चाहत हउँ कि तू यहोवा क मन्दिर मँ आवा। हुआँ उपवास क दिन जा अउर पत्रक स लोगन क सुनावा। ओन सँदेसन क जेनका यहोवा तोहका दिहस अउर जेनका तू पत्रक मँ लिख्या, ओनका लोगन क समन्वा बाँचा। ओन सँदेसन क यहूदा क सबहिं लोगन क समन्वा बाँचा जउन आपन रहइ क सहरन स यरूसलेम मँ आएन।
7 सायद, उ सबइ लोग यहोवा स मदद क याचना करइँ। होइ सकत ह हर एक मनई बुरा काम करब तजि देइ। यहोवा इ घोसित कइ दिहस ह कि उ ओन लोगन पइ वोधित अहइ।”
8 एह बरे नेरिय्याह क पूत बारूक क सबइ किहस जेका यिर्मयाह नबी करइ क कहेस। बारूक उ पत्रक जोर स बाँचेस जेहमाँ यहोवा क सँदेसन लिखा रहेन। उ एका यहोवा क मन्दिर मँ बाँचेस।
9 यहोयाकीम क राज्जकाल क पँचए बरिस क नवे महीना मँ यहोवा क पराथना बरे एक उपवास घोसित भवा। इ आग्या रही कि यरूसलेम मँ रहइवाले सबहिं लोग अउर यहूदा क नगरन स यरूसलेम मँ आवइवाले लोग यहोवा क समन्वा उपवास रखिहीं।
10 उ समइ बारूक उ पत्रक क जेहमाँ यिर्मयाह क कथन रहेन उ सबहिं लोगन क समन्वा जउन यहोवा क मन्दिर मँ बाँचेस रहेन। बारूक ऊपरी आँगन मँ यमरिया क कमरा मँ खड़ा भवा रहा जब उ पत्रक स पढ़त रहा। (इ कमरा सापान क पूत यमरिया क रहा। उ मन्दिर मँ सास्त्री रहा अउर उसका कमरा मन्दिर क नया प्रवेस दुआर क लगे रहा।)
11 मीकायाह नाउँ क एक मनई यहोवा क ओन सारे सँदेसन क सुनेस जेनका बारूक पत्रक स बाँचेस। मीकायाह उ गमर्याह क पूत रहा जउन सापान क पूत रहा।
12 जब मीकायाह पत्रक स सँदेसा क सुनेस तउ उ राजा क महल मँ सचिव क कमरा मँ गवा। राजकीय सबहिं अधिकारी राजमहल मँ बइठा रहेन। ओन अधिकारियन क नाउँ इ सबइ अहइँ: सचिव एलीसामा, समायाह क पूत दलायाह, अबबोर क पूत एलनातान, सापान क पूत गमर्याह, हनन्याह क पूत सिदकिय्याह अउर दूसर सबहिं अधिकारी भी हुआँ रहेन।
13 मीकायाह ओन अधिकारियन स उ सबइ कहेस जउन उ बारूक क पत्रक स बाँचन सुने रहा।
14 तबइ ओन अधिकारियन बारूक क लगे यहूदी नाउँ क मनई क पठएन। यहूदी सेलेम्याह क पूत नतन्याह क पूत रहा। सेलेम्याह वूसी क पूत रहा। यहूदी बारूक स कहेस, “उ पत्रक तू लिआवा जेका तू बाँच्या अउर मोरे संग चला।” नेरिय्याह क पूत बारूक पत्रक क लिहस अउर यहूदी क संग अधिकारियन क लगे गवा।
15 तब ओन अधिकारियन बारूक स कहेन, “बइठा अउर पत्रक क हम लोगन क समन्वा बाँचा।”एह बरे बारूक उ पत्रक क ओनका सुनाएस।
16 ओन राजकीय अधिकारियन उ पत्रक स सबहिं सँदेसा सुनेन। अउर डेराइ गएन। उ पचे बारूक स कहेन, “हमका पत्रक क सँदेसा क बारे मँ राजा यहोयाकीम स कहब होइ।”
17 तब अधिकारियन बारूक स एक सवाल किहन। उ पचे पूछेन, “बारूक इ बतावा कि तू इ सबइ सँदेसन कहाँ स पाया जेनका तू इ पत्रक पइ लिख्या? का तू ओन सँदेसन क लिख्या जेनका यिर्मयाह तोहका बताएस?”
18 बारूक जवाब दिहस, “हाँ, यिर्मयाह कहेस अउर मइँ सारे सँदेसन क सियाही स इ पत्रक पइ लिखेउँ।”
19 तब राजकीय अधिकारियन बारूक स कहेन, “तोहका अउर यिर्मयाह क कहूँ जाइके छुप जाइ चाही। कउनो न जिन बतावा कि तू कहाँ लुकान अहा।”
20 तब राजकीय अधिकारियन सास्त्री एलीसामा कमरा मँ पत्रक क रखेन। उ पचे राजा यहोयाकीम क लगे गएन अउर पत्रक क बारे मँ ओका सब कछू बताएन।
21 एह बरे राजा यहोयाकीम यहूदी क पत्रक लेइ पठएस। यहूदी सास्त्री एलीसामा क कमरा स पत्रक क लिआवा। तब यहूदी राजा अउर ओकरे चारिहुँ कइँती खड़े सेवकन क पत्रक बाँचिके सुनाएस।
22 इ जउने समय भवा, नवाँ महीना रहा, एह बरे राजा यहोयाकीम सीतकालीन महल खण्ड मँ बइठा रहा। राजा क समन्वा अंगीठी मँ आगी जरत रही।
23 यहूदी पत्रक स पढ़ब सुरू किहस। मुला जब उ दुइ या तीन पंवितयन बाँचत, राजा यहोयाकीम पत्रक क उससे धइ लेता अउर उ भाग क जउन अभी पढ़ा गवा रहा एक नान्ह चावू स काट डारत रहा अउर ओनका आग मँ डाइ देत रहा। आखिर मँ पूरा पत्रक आगी मँ जराइ दीन्ह गवा
24 जब राजा यहोयाकीम अउर ओकर सेवकन पत्रक स सँदेसा सुनेन तउ उ पचे डेरानेन नाहीं। उ पचे आपन ओढ़ना इ परगट करइ बरे नाहीं फाड़ेन कि ओनका आपन बुरे कर्मन बरे दुःख अहइ।
25 एलनातान, दलइया अउर यिर्मयाह राजा यहोयाकीम स पत्रक क न जरावइ बरे बात करइ क जतन किहस। किन्तु राजा ओनकर एक न सुनेस
26 अउर राजा यहोयाकीम कछू मनइयन क आदेस दिहस कि उ पचे सास्त्री बारूक अउर यिर्मयाह नबी क बन्दी बनावइँ। इ सबइ मनई राजा क एक ठु पूत अज्राएल क पूत सरायाह अउर अब्देल क पूत सेलेम्याह रहेन। किन्तु उ सबइ मनई बारूक अउर यिर्मयाह क न ढूँढ़ि सकेन काहेकि यहोवा ओनका छुपाइ दिहे रहा।
27 यहोवा क सँदेसा यिर्मयाह क मिला। इ तब भवा जब यहोयाकीम यहोवा क ओन सबहिं सँदेसनवाले पत्रक क जराइ दिहे रहा, जेनका यिर्मयाह बारूक स कहे रहा अउर बारूक सँदेसन क पत्रक पइ लिखे रहा। यहोवा क जउन सँदेसा यिर्मयाह क मिला, उ इ रहा:
28 “यिर्मयाह, दूसर पत्रक तइयार करा। एह पइ ओन सबहिं सँदेसन क लिखा जउन पहिले पत्रक पइ रहेन। यानि उहइ पत्रक जेका यहूदा क राजा यहोयाकीम जराइ दिहे रहा।
29 यिर्मयाह, यहूदा क राजा यहोयाकीम स इ भी कहा, यहोवा जउन कहत ह, उ इ अहइ: ‘यहोयाकीम तू उ पत्रक क जराइ दिहा। तू कह्या, “यिर्मयाह काहे लिख्या कि बाबुल क राजा निहचइ ही आइ अउर इ देस क बर्बाद करी? उ काहे कहत ह कि बाबुल क राजा इ देस क लोगन अउर जनावरन दुइनउँ क बर्बाद करी?”
30 एह बरे यहूदा क राजा यहोयाकीम क बारे मँ जउन यहोवा कहत ह, उ इ अहइ: यहोयाकीम क संतान दाऊद क राज सिंहासन पइ नाहीं बइठहीं। जब यहोयाकीम मरी ओका राजा जइसे अन्त्येस्टि नाहीं दीन्ह जाइ, बल्कि ओकर अर्थी भुइँया पइ पेंक दीन्ह जाइ। ओकर अर्थी दिन क गर्मी मँ अउर रात क ठंडे पाले मँ छोड़ दीन्ह जाइ।
31 मइँ, यहोयाकीम, ओकर सन्तान अउ ओकरे अधिकारियन क ओनकइ दुट्ठ करम बरे सजा देब। मइँ यरूसलेम क लोगन पइ अउर यहूदा क लोगन पइ भयंकर विपत्ति ढावइ क प्रतिग्या किहेउँ ह। मइँ आपन प्रतिग्या क अनुसार ओन पइ सबहिं बुरी विपत्तियन ढाउब काहेकि उ पचे मोर चिताउनी नाहीं सुनेन।’“
32 तब यिर्मयाह दूसर पत्रक लिहस अउर ओका नेरिय्याह क पूत सास्त्री बारूक क दिहस। जइसे यिर्मयाह बोलत जात रहा वइसे ही बारूक ओनही सँदेसन क पत्रक पइ लिखत जात रहा जउन उ पत्रक पइ रहेन जेका राजा यहोयाकीम आगी मँ जराइ दिहे रहा अउर ओनहीं सँदेसन क तरह बहोत सी दूसर बातन दूसर पत्रक मँ जोरी गइन।
Jeremiah 37
1 नबूकदनेस्सर बाबुल क राजा रहा। नबूकदनेस्सर यहोयाकीम क पूत यकोन्याह क ठउरे पइ सिदकिय्याह क यहूदा क राजा तैनात किहस। सिदकिय्याह राजा योसिय्याह क पूत रहा।
2 किन्तु सिदकिय्याह यहोवा क ओन सँदेसन पइ धियान नाहीं दिहस जेनका यहोवा यिर्मयाह नबी क उपदेस देइ बरे दिहे रहा अउर सिदकिय्याह क सेवकन तथा यहूदा क लोग यहोवा क सँदेसा पइ धियान नाहीं दिहन।
3 राजा सिदकिय्याह यहूकल नाउँ क एक मनई अउर याजक सपन्याह क यिर्मयाह नबी क लगे एक ठु सँदेसा लइके पठएस। यहूकल सेलेम्याह क पूत रहा। याजक सपन्याह मासेयाह क पूत रहा। जउन सँदेसा उ पचे यिर्मयाह क बरे लिआए रहेन उ इ अहइ: “यिर्मयाह, हमार परमेस्सर यहोवा स हम लोगन बरे पराथना करा।”
4 (उ समइ तलक, यिर्मयाह जेल मँ नाहीं डावा गवा रहा, एह बरे जहाँ कहूँ उ जाइ चाहत रहा, जाइ सकत रहा।
5 उ समइ ही फिरौन क फउज मिस्र स यहूदा क प्रस्थान कइ चुकी रही। बाबुल फउज पराजित करइ बरे, यरूसलेम सहर क चारिहुँ कइँती घेरा डाइ रखे रहा। तब उ पचे मिस्र स ओनकी कइँती वूच कइ चुकी भई फउज क बारे मँ उ सुन चुका रहा। एह बरे बाबुल क फउज मिस्र स आवइवाली फउज स लड़इ बरे, यरूसलेम स हट गइ रही।)
6 यहोवा क सँदेसा यिर्मयाह नबी क मिला:
7 “इस्राएल क लोगन क परमेस्सर यहोवा जउन कहत ह, उ इ अहइ: ‘मइँ जानत हउँ कि यहूदा क राजा सिदकिय्याह तोहका मोरे लगे यहोवा स सलाह पूछइ बरे पठएस ह। राजा सिदकिय्याह क इ जवाब द्या, फिरौन क फउज हिआँ तोहार मदद बरे आवत ह, किन्तु उ फउज मिस्र क वापिस लौट जाइ।
8 ओकरे पाछे बाबुल क फउज हिआँ लउटी। इ यरूसलेम पइ हमला करी। तब बाबुल क उ फउज यरूसलेम पइ अधिकार करी अउर ओका बारि डाइ।’
9 यहोवा जउन कहत ह, उ इ अहइ: ‘यरूसलेम क लोगो, आपन क मूर्ख जिन बनावा। तू पचे आपुस मँ जिन कहा, “बाबुल क फउज निहचइ ही, हम लोगन क सान्त छोड़ देइ।” उ नाहीं छोड़ी।
10 यरूसलेम क लोगो, जदि तू पचे बाबुल क उ सारी फउज क ह काहे न हराइ द्या जउन तू पचन पइ हमला करत अहइ, तउ भी ओनके डेरन मँ कछू घायल मनई बच जइहीं। उ पचे थोड़े घायल मनई भी आपन डेरन स बाहेर निकरिहीं अउर यरूसलेम क जराइके राख कइ देइहीं।’“
11 जब बाबुल फउज मिस्र क फिरौन क सेना क संग जुद्ध करइ बरे यरूसलेम क छोड़ेस,
12 तब यिर्मयाह यरूसलेम स बिन्यामीन प्रदेस क जात्रा करइ चाहत रहा। हुआँ उ आपन परिवार क कछू सम्पत्ति क बटवारे मँ भाग लेइ जात रहा।
13 मुला जब यिर्मयाह यरूसलेम क बिन्यामीन क दुआर पइ पहोंचा तब रच्छन क अधिकारी कप्तान ओका बन्दी बनाइ लिहन। कप्तान क नाउँ यिरिय्याह रहा। यिरिय्याह सेलेम्याह क पूत रहा। सेलेम्याह हनन्याह क पूत रहा। इ तरह कप्तान यिरिम्याह यिर्मयाह क बन्दी बनाएस अउर कहेस, “यिर्मयाह, तू हम लोगन क बाबुल पच्छ मँ मिलइ बरे, छोड़त अहा।”
14 यिर्मयाह यिरिय्याह स कहेस, “इ फुरइ नाहीं अहइ। मइँ कसदियन क संग मिलइ बरे नाहीं जात हउँ।” मुला यिरिय्याह यिर्मयाह क एक न सुनेस। यिरिय्याह यिर्मयाह क बन्दी बनाएस अउर ओका यरूसलेम क राजकीय अधिकारियन क लगे लइ गवा।
15 उ सबइ अधिकारी यिर्मयाह पइ बहोत कोहान रहेन। उ पचे यिर्मयाह क पीटइ क आदेस दिहन। तब उ पचे यिर्मयाह क जेल मँ डाइ दिहन। जेल योनातान नाउँ क मनई क घर मँ रहा। योनातान यहूदा क राजा क सास्त्री रहा। योनातान क घर जेल बनाइ दीन्ह गवा रहा।
16 ओन लोग यिर्मयाह क योनातान क घर क एक कोठरी मँ रखेन। उ कोठरी जमीन क खाले वूप-गृह रही। यिर्मयाह ओहमाँ लम्बे समइ तलक रहा।
17 तब राजा सिदकिय्याह यिर्मयाह क बोलवाएस अउर ओका राजमहल मँ लावा गवा। सिदकिय्याह यिर्मयाह स एकान्त मँ बातन किहस। उ यिर्मयाह स पूछेस, “का यहोवा क कउनो सँदेसा अहइ?”यिर्मयाह जवाब दिहस, “हाँ, यहोवा क सँदेसा अहइ। सिदकिय्याह, तू बाबुल क राजा क हाथ मँ दइ दीन्ह जाब्या।”
18 तब यिर्मयाह राजा सिदकिय्याह स कहेस, “मइँ कउन सा अपराध किहे हउँ? मइँ कउन सा अपराध तोहरे, तोहरे अधिकारियन या यरूसलेम क खिलाफ किहे हउँ? तू मोका जेल मँ काहे धाँध्या?
19 राजा सिदकिय्याह, तोहार नबी अब कहाँ अहइँ? ओन नबियन तोहका झूठा सँदेसा दिहन। उ पचे कहेन, ‘बाबुल क राजा तोह पइ या यहूदा देस पइ हमला नाहीं करी।’
20 मुला अब मोर यहोवा, यहूदा क राजा, कृपा कइके मोर सुना। कृपा कइके मोर निवेदन अपने तलक पहोंचइ द्या। मइँ आप स एतना माँगत हउँ। सास्त्री योनातन क घर मोका वापस जिन पठवा। जदि आप मोका हुआँ पठउब्या मइँ हुअँइ मरि जाब।”
21 एह बरे राजा सिदकिय्याह यिर्मयाह बरे आँगन मँ रच्छकन क संरच्छन मँ रहइ क आदेस दिहस कि यिर्मयाह क सड़क पइ रोटी बनावइवालन स रोटियन दीन्ह जाइ चाही। यिर्मयाह क तब तक रोटी दीन्ह जात रही जब तलक नगर मँ अउर रोटी नाहीं रहे। इ तरह यिर्मयाह आँगन मँ रच्छक क संरच्छन मँ रहा।
Jeremiah 38
1 कछू राजकीय अधिकारियन यिर्मयाह क जरिये दीन्ह जात उपदेस क सुनेन। उ पचे मत्तान क पूत सपन्याह, पसहूर क पूत गदल्याह, सेलेम्याह क पूत यहूकल अउर मल्किय्याह क पूत पसहूर रहेन। यिर्मयाह सबहिं लोगन क इ सँदेसा देत रहा।
2 “जउन यहोवा कहत ह, उ इ अहइ: ‘जउन कउनो भी यरूसलेम मँ रहिहीं उ पचे सबहिं तरवार, भूख, भयंकर बीमारी स मरिहीं। किन्तु जउन भी बाबुल क सेना क आत्मसमर्पण करी, जिअत रही। उ सबइ लोग जिअत बचा जाइँ।’
3 अउर यहोवा इहइ कहत ह, ‘इ यरूसलेम नगर बाबुल क राजा क फउज क निहचइ ही, दीन्ह जाइ। उ इ नगर पइ अधिकार करी।’“
4 तब जउन राजकीय अधिकारियन यिर्मयाह क उ कथन क सुनेन जेका उ लोगन स कहत रहा, उ सबइ राजा सिदकिय्याह क लगे गएन। उ पचे राजा स कहेन, “यिर्मयाह क जरूर मार डावइ चाही। उ ओन सैनिकन क भी हतोत्साहित करत अहइ जउन अब तलक नगर मँ अहइँ। यिर्मयाह जउन कछू कहत अहइ ओहसे उ हर एक क साहस तोड़त अहइ। यिर्मयाह यरूसलेम क लोगन क मदद करइ मँ नाहीं बल्कि दुःखी करइ मँ रूची क दिखावत ह।”
5 एह बरे राजा सिदकिय्याह ओन अधिकारियन स कहेस, “यिर्मयाह तू लोगन ह हाथ मँ अहा। मइँ तू पचन्क रोकइ बरे कछू नाहीं कइ सकत।”
6 एह बरे ओन अधिकारियन यिर्मयाह क लिहन अउर ओका राजवुमार मल्किय्याह क हउज मँ डाइ दिहन। उ हउज आँगन मँ रहा जहाँ राजा क रच्छक ठहरत रहेन। ओन अधिकारियन यिर्मयाह क हउज मँ उतारइ बरे लसुरी क उपयोग किहन। हउज मँ पानी बिल्वुल नाहीं रहा, ओहमा सिरिफ कीचड़ रही अउर यिर्मयाह कीचड़ मँ धँसना सुरू होइ गवा।
7 किन्तु वूस क निवासी, खोजा एबेदमेलेक नाउँ क एक मनई सुनेस कि अधिकारियन यिर्मयाह क हउज मँ डाइ दिहेन ह। राजा सिदकिय्याह बिन्यामीन दुआरे पइ बइठा रहा।
8 एह बरे एबेदमेलेक राजमहल स निकरा अउर राजा स बातन करइ उ दुआरे पइ पहोंचा।
9 एबेदमेलेक कहेस, “मोर सुआमी अउ राजा उ अधिकारियन नबी क हउज मँ डाइके एक ठू भयंकर काम किहेन ह। उ पचे ओका हुवाँ छोड़ दिहन ह कि उ मरइ जाई अउर सहर मँ रोटी बाकी नाहीं बची।”
10 तब राजा सिदकिय्याह वूसी एबेदमेलेक क आदेस दिहस। आदेस इ रहा: “एबेदमेलेक राजमहल स तू तीन मनई अपने संग ल्या। जा अउर मरइ स पहिले यिर्मयाह क हउज स निकारा।”
11 एह बरे एबेदमेलेक अपने संग मनइयन क लिहस। किन्तु पहिले उ राजमहल क भंडारगृह क एक कमरा मँ गवा। उ कछू पुरान कम्बल अउ फटा पुरान कपड़ा उ कमरा स लिहस। तब उ ओन कम्बल क लसुरी क सहारे हउज मँ यिर्मयाह क लगे पहोंचाएस।
12 वूसी एबेदमेलेक यिर्मयाह स कहेस, “एन पुरान कम्बलन अउर चिथड़न क अपनी कखरी क खाले लगावा। जब हम लोग तोहका हींचब तउ इ सबइ तोहरी बाँहन क खाले गद्दी बनिहीं। तब लसुरियन तोहका चुभिहीं नाहीं।” एह बरे यिर्मयाह उहइ किहस जउन एबेदमेलेक कहेस।
13 ओन लोग यिर्मयाह क लसुरियन क मदद स ऊपर क बाहेर निकार लिहन यिर्मयाह रच्छकन क आँगन मँ रच्छकन क संरच्छन मँ रहा।
14 तब राजा सिदकिय्याह कउनो क यिर्मयाह नबी क लिआवइ पठएस। उ यहोवा मन्दिर क तीसरे दुआर पइ यिर्मयाह क मँगवाएस। तब राजा कहेस, “यिर्मयाह, मइँ तोहसे कछू पूछत हउँ। मोहसे कछू भी जिन छुपावा, मोका सब ईमानदारी स बतावा।”
15 यिर्मयाह सिदकिय्याह स कहेस, “जदि मइँ आप क जवाब देब तउ संभव अहइ आप मोका मारी डावइँ अउर जदि मइँ आप क सलाह भी देब तउ आप ओका नाहीं मानिहीं।”
16 मुला राजा सिदकिय्याह यिर्मयाह स किरिया खाएस। सिदकिय्याह इ गुप्त रूप स किहस। इ उ अहइ जउन सिदकिय्याह किरिया खाएस, “यिर्मयाह जइसा कि यहोवा सास्वत अहइ, जउन हम क परान अउर जिन्नगी दिहस ह यिर्मयाह। मइँ तोहका मारब नाहीं अउर मइँ प्रतिग्या करत हउँ कि मइँ तोहका ओन अधिकारियन क नाहीं देब जउन तोहका मार डावइ चाहत हीं।”
17 तब यिर्मयाह राजा सिदकिय्याह स कहेस, “इ उ अहइ जेका सर्वसवतीमान परमेस्सर यहोवा इस्राएल क लोगन क परमेस्सर कहत ह, ‘जदि तू बाबुल क राजा क अधिकारियन क आत्मसमर्पण करब्या तोहार जिन्नगी बचि जाइ अउर यररूसलेम जराइके राख नाहीं कीन्ह जाइ, तू अउर तोहार परिवार जिअत रही।
18 किन्तु जदि तू बाबुल क राजा क अधिकारियन क आत्मसमर्पण करइ स इन्कार करब्या तउ यरूसलेम बाबुल फउज क दइ दीन्ह जाइ। उ पचे यरूसलेम क जराइके राख कइ देइहीं अउर तू खुद ओनसे बचिके नाहीं निकर पउब्या।’“
19 तब राजा सिदकिय्याह यिर्मयाह स कहेस, “किन्तु मइँ यहूदा क ओन लोगन स डेरात हउँ जउन पहिले ही बाबुल फउज स जाइ मिला अहइँ। मोका डर अहइ कि फउजी मोका यहूदा क ओन लोगन क दइ देइहीं अउर उ पचे मोरे संग बुरा बेउहार करिहीं अउर चोट पहोंचइहीं।”
20 किन्तु यिर्मयाह जवाब दिहस, “फउजी तोहका यहूदा क ओन लोगन क नाहीं देइहीं। सादा सिदकिय्याह, जउन मइँ कहत हउँ ओका कइके, यहोवा क आग्या क पालन करा। तब सबहिं कछू तोहरे भले बरे होइ अउर तोहार जिन्नगी बच जाइ।
21 किन्तु यदि तू बाबुल क फउज क समन्वा आत्मसमर्पण करइ स इन्कार करत अहा तउ यहोवा मोका देखाइ दिहेस ह कि का होइ। इ उ अहइ जउन यहोवा मोहसे कहेस ह:
22 उ पचे सबहिं मेहररूअन जउन यहूदा क राजमहल मँ रहि गई अहइँ बाहेर लिआई जइहीं। उ पचे बाबुल क राजा क बड़के अधिकारियन क समन्वा लिआइ जाइहीं। तोहार मेहररूअन एक ठु गीत क जरिये तोहार खिल्ली उड़इहीं। जउन कछू मेहररूअन कहिहीं उ इ अहइ:‘तोहार अच्छे मीत तोहका गलत राह लइ गएन अउर उ पचे तोहसे जियादा बरिआर रहेन। उ पचे अइसे मीत रहेन जेन पइ तोहार बिस्सास रहा। तोहार पाँव कीचड़ मँ फँसा रहेन। तोहार मीतन तोहका छोड़ दिहन ह।’
23 “तोहार सबहिं मेहररूअन अउर तोहार बच्चन बाहेर लिआवा जइहीं। उ पचे बाबुल फउज क दइ दीन्ह जइहीं। तू खुद बाबुल क फउज स बचिके नाहीं निकर पउब्या। तू बाबुल क राजा क जरिये धरा जाब्या अउर यरूसलेम जराइके राख कइ दीन्ह जाइ।”
24 तब सिदकिय्याह यिर्मयाह स कहेस, “कउनो मनई स इ जिन कह्या कि मइँ तोहसे बातन करत रहा। जदि तू कहब्या तउ तू मारा जाब्या।
25 अगर उ सबइ अधिकारियन क पता चला कि मइँ तोहसे बातन किहेउँ। तब उ पचे तोहरे लगे अइहीं अउर तोहसे कहिहीं, ‘यिर्मयाह, इ बतावा कि तू राजा सिदकिय्याह स का कह्या अउर उ तोहसे का कह्या? हम लोगन बरे ईमानदार रहा अउर हमका सब कछू बताइ द्या, नाहीं तउ हम तोहका मार डाउब।’
26 जदि उ पचे तोहसे अइसा कहइँ तउ ओनसे कह्या, ‘मइँ राजा स पराथना करत रहेउँ कि उ पचे मोका योनातन क घर क खाले वूप-गृह मँ वापस न पठवइँ। जदि मोका हुआँ वापस जाइ पड़ा तउ मइँ मरि जाब।’“
27 अइसा भवा कि राजा क उ सबइ अधिकारी यिर्मयाह स पूछइ ओकरे लगे आइ गएन। एह बरे यिर्मयाह उ सब कहेस जेका कटइ क आदेस राजा दिहे रहा। तब ओन अधिकारियन यिर्मयाह क अकेले छोड़ दिहन। कउनो मनई क पता नाहीं चला कि यिर्मयाह अउर राजा का बातन किहन।
28 इ तरह यिर्मयाह रच्छकन क संरच्छन मँ आँगन मँ उ दिन तलक रहा जउने दिन यरूसलेम पइ अधिकार कइ लीन्ह गवा।
Jeremiah 39
1 यरूसलेम पइ जउने तरह अधिकार भवा उ इ अहइ: यहूदा क राजा सिदकिय्याह क राज्जकाल क नवे बरिस क दसएँ महीने मँ बाबुल क राजा नबूकदनेस्सर आपन पूरी फउज क साथ यरूसलेम क खिलाफ वूच किहस।
2 उ हरावइ बरे नगर क डेरा डाएस अउ सिदकिय्याह क ग्यारहवे बरिस क चउथे महीने क नौंवे दिन यरूसलम क चहरदीवारी टूटी।
3 तब बाबुल क राजा क सबहिं राजकीय अधिकारी यरूसलेम नगर मँ घुस आएन। उ पचे अन्दर आएन अउर बीच वाले दुआर पइ बइठ गएन। ओन अधिकारियन क इ सबइ नाम अहइँ: समगर जिले प्रसासक नेर्गलसरेसेर एक बहोत उच्च अधिकारी नेबो-सर्सकीम दूसर उच्च अधिकारी अउर बहोत स दूसर बड़के अधिकारी भी हुवाँ रहेन।
4 यहूदा क राजा सिदकिय्याह बाबुल क ओन पदाधिकारियन क लखेस, एह बरे उ अउर ओकर फउजी हुवाँ स पराइ गएन। उ पचे रात मँ यरूसलेम क तजेन अउर राजा क बाग स होइके बाहेर निकरेन। उ पचे उ दुआर स गएन जउन दुइ दीवारन क बीच रहा। तब उ पचे रेगिस्तान कइँती बढ़ेन।
5 मुला बाबुल क फउज सिदकिय्याह अउर ओकरे साथ क फउज क पाछा किहस। कसदियन क फउज यरीहे क मइदान मँ सिदकिय्याह क जाइ धरेस उ पचे सिदकिय्याह क धरेन अउर मोका बाबुल क राजा नबूकदनेस्सर क लगे लइ गएन। नबूकदनेस्सर हमात प्रदेस क रिबला नगर मँ रहा। उ ठउरे पइ नबूकदनेस्सर सिदकिय्याह क बरे निर्णय सुनाएस।
6 हुवाँ रिबला नगर मँ बाबुल क राजा सिदकिय्याह क पूतन क ओकरे सामने मार डाएस अउर सिदकिय्याह क समन्वा ही नबूकदनेस्सर यहूदा क सबहिं राजकीय अधिकारियन क मार डाएस।
7 तब नबूकदनेस्सर सिदकिय्याह क आँखिन निकार लिहस। उ सिदकिय्याह क काँसा क जंजीर स बाँधेस अउर ओका बाबुल लइ गवा।
8 बाबुल क सेना राजमहल अउर यरूसलेम क लोगन क घरन मँ आगी लगाइ दिहस अउर उ पचे यरूसलेम क दीवारन गिराइ दिहन।
9 नबूजरदन नाउँ क एक मनई बाबुल क राजा क बिसेस रच्छकन क अधिनायक रहा। उ ओन लोगन क लिहस जउन यरूसलेम मँ बचि ग रहेन अउर ओनका कैदी बनाइ लिहस। नबूजरदन ओन लोगन क लिहेस जउन यरूसलेम मँ रहत रहेन ओन लोगन क भी लिहस जउन पहिले ही ओका आत्मसमर्पण कइ चुके रहेन। अउर ओकर पाछे उ ओन सबइ क बन्दी बनाइके बाबुल भेज दिहेस।
10 मुला बिसेस रचच्छकन क अधिनायक नबूजरदान यहूदा क कछू गरीब लोगन क आपन पाछे छोड़ दिहस। उ पचे अइसे लोग रहेन जेनके लगे कछू नाहीं रहा। इ तरह उ दिन नबूजरदान ओन यहूदा क गरीब लोगन क अंगूर क बाग अउर खेत दिहस।
11 किन्तु नबूकदनेस्सर नबूजरदान क यिर्मयाह क बारे मँ कछू आदेस दिहस। नबूजरदान, नबूकदनेस्सर क बिसेस रच्छकन क अधिनायक रहा। आदेस इ सबइ रहेन:
12 “यिर्मयाह क हेरा अउर ओकर देख-रेख करा। ओका चोट न पहोंचावा। ओका उ सब द्या, जउन उ माँगइ।”
13 एह बरे राजा क बिसेस रच्छकन क अधिनायक नबूनरदान बाबुल क फउज क एक मुख्य पदाधिकारी नबूसजबान एक ऊँचा अधिकारी नेर्गलसरेसेर अउर बाबुल क फउज क दूसर सबहिं अधिकारी यिर्मयाह क खोज मँ पठए गएन।
14 ओन लोग यिर्मयाह क आँगन स निकारेन जहाँ उ यहूदा क राजा क रच्छकन क संरच्छन मँ पड़ा रहा। कसदी सेना क ओन अधिकारी लोग यिर्मयाह क सपान क पूत अहीकाम, अहीकाम क पूत गदल्याह क सुपुर्द किहन। गदल्याह क आदेस रहा कि उ यिर्मयाह क ओकरे घर वापस लइ जाइ। एह बरे यिर्मयाह आपन घरे पहोंचाइ दीन्ह गवा अउर उ आपन लोगन मँ रहइ लाग।
15 जउने समइ यिर्मयाह रच्छकन क संरच्छन मन्दिर क आँगन मँ रहा, ओका यहोवा क एक सँदेसा मिला। सँदेसा इ रहा:
16 “यिर्मयाह, जा अउर वूस क एबेदमेलेक क इ सँदेसा द्या: इ उ सँदेसा अहइ, जेका सर्वसवतीमान यहोवा इस्राएल क लोगन क परमेस्सर देत ह: ‘बहोत हाली ही मइँ इ यरूसलेम नगर सम्बन्धी आपन सँदेसन क फुरइ घटित करब। मोर सँदेसा बिनास लाइके फुर होइ। नीक बातन क लाइके नाहीं। तू सबहिं इ फुरइ क घटित होत भवा आपन आँखिन स देखब्या।
17 किन्तु एबेदमेलेक उ दिन मइँ तोहका बचाउब।’ इ यहोवा क सँदेसा अहइ। ‘तू ओन लोगन क नाहीं दीन्ह जाब्या जेनसे तोहका डर अहइ।
18 एबेदमेलेक मइँ तोहका बचाउब। तू तरवारे क घाट नाहीं उतारा जाब्या, अपितु बच निकरब्या अउर जिअत रह्ब्या। अइसा होइ, काहेकि तू मोह पइ बिस्सास किहा ह।’“ इ सँदेसा यहोवा क अहइ।
Jeremiah 40
1 रामा सहर मँ अजाद कीन्ह जाइ क पाछे यिर्मयाह क यहोवा क सँदेसा मिला। बाबुल क राजा क बिसेस रच्छकन क अधिनायक नबुनरदान क यिर्मयाह रामा मँ मिला। यिर्मयाह जंजीरन मँ बँधा रहा। उ यरूसलेम अउर यहूदा क सबहिं कैदियन क संग रहा। उ पचे कैदी बाबुल क बन्धुआइ मँ लइ जात रहेन।
2 जब अधिनायक नबूजरदान क यिर्मयाह मिला तउ उ ओहसे बातन किहस। उ कहेस, “यिर्मयाह तोहार परमेस्सर यहोवा इ घोसित किहे रहा कि इ बिपत्ति इ जगहिया पइ आइ उ
3 अउर अब यहोवा सब कछू उ कइ दिहेस ह जेका उ करइ क कहे रहा। इ बिपत्ति एह बरे आइ कि यहूदा क तू सब लोगन यहोवा क खिलाफ पाप किहा। तू लोग यहोवा क आग्या नाहीं मान्या।
4 किन्तु यिर्मयाह, अब मइँ तोहका अजाद करत हउँ। मइँ तोहरी कलाइयन स जंजीर उतारत हउँ। जदि तू चाहा तउ मोरे संग बाबुल चला अउर मइँ तोहार अच्छी देख-रेख करब। किन्तु जदि तू मोरे संग चलब नाहीं चहत्या तउ न चला। लखा पूरा देस तोहरे बरे खुला अहइ। तू जहाँ चाहा चला जा।
5 या सापान क पूत अहीकाम क पूत गदल्याह क लगे लउटि जा। बाबुल क राजा यहूदा क नगरन क प्रसासक गदल्याह क चुनेस ह। जा अउर गदल्याह क संग लोगन क बीच रहा या तू जहाँ चाहा जाइ सकत ह।”तब नबूजरदान यिर्मयाह क कछू भोजन अउर भेंट दिहस तथा ओका बिदा किहस।
6 इ तरह यिर्मयाह अहीकाम क पूत गदल्याह क लगे मिस्पा गवा। यिर्मयाह गदल्याह क संग ओन लोगन क बीच रहा जउन यहूदा देस मँ छोड़ दीन्ह ग रहेन।
7 यहूदा क फउज क कछू फउजी, अधिकारी अउर ओनकर लोग, जब यरूसलेम नस्ट होत रहा, खुला मैदान मँ रहेन। ओन फउजियन सुनेन कि अहीकाम क पूत गदल्याह क बाबुल क राजा प्रदेस मँ बचे लोगन क प्रसासक तैनात किहस ह। बचे भए लोगन मँ उ पचे सबहिं मेहररूअन, मनसेधुअन अउर बच्चन रहेन जउन बहोत जियादा गरीब रहेन अउर कैदी बनाइके बाबुल नाहीं पहोंचावा गए रहेन।
8 एह बरे उ सबइ फउजी गदल्याह क लगे मिस्पा मँ आएन। उ सबइ फउजी नतन्याह क पूत इस्माएल, योहानन अउ ओकर भाई योनातान, कारेह क पूत तन्हूसेत क पूत सरायाह, नतोयवासी एथै क पूत माकावासी क पूत याजन्याह अउर ओकरे साथ स मनसेधुअन रहेन।
9 सापान क पूत अहीकाम क पूत गदल्याह ओन फउजियन अउर ओनके लोगन क जियादा सुरच्छित अनुभव करावइ क किरिया खाएस। गदल्याह जउन कहेस, उ इ अहइ: “फउजियो तू लोग कसदी लोगन क सेवा करइ स भयभीत जिन ह्वा। इ प्रदेस मँ बस जा अउर बाबुल क राजा क सेवा करा। जदि तू पचे अइसा करब्या तउ तोहार पचन्क सब कछू भला होइ।
10 मइँ खुद मिस्पा मँ रहब। मइँ ओन कसदी लोगन स तोहरे पचन्क बरे मँ बातन करब जउन हिआँ अइहीं। तू लोग इ काम मोह पइ छोड़ा। तू पचन्क दाखरस गर्मी क फल अउर तेल पइदा करइ चाही। जउन तू पचे पइदा करा ओका आपन बटोरइ बरे घड़न मँ भरा। ओन नगरन मँ रहा जेह पइ तू पचे अधिकार किहे अहा।”
11 यहूदा क सबहिं लोग, जउन मोआब, अम्मोन, एदोम अउर दूसर सबहिं प्रदेसन मँ रहेन, सुनेन कि बाबुल क राजा यहूदा क कछू लोगन क उ देस मँ छोड़ दिहेस ह अउर उ पचे इ सुनेन कि बाबुल क राजा सापान क पोता अउ अहीकाम क पूत गदल्याह क ओनकर प्रसासक तइनात किहेस ह।
12 जब यहूदा क लोग इ खबर पाएन, तउ उ पचे यहूदा प्रदेस मँ लउटि आएन। उ पचे गदल्याह क लगे ओन सबहिं देसन स मिस्पा लउटेन, जेनमाँ उ पचे बिखेर ग रहेन। एह बरे उ पचे लउटेन अउर उ पचे दाखरस अउर गर्मी क बड़ी फसल काटेन।
13 कारेह क पूत योहानन अउ यहूदा क फउज क सबहिं अधिकारी, जउन अबहिं तलक खुले प्रदेसन मँ रहेन, गदल्याह क लगे आएन। गदल्याह मिस्पा नगर मँ रहा।
14 योहानन अउर ओकरे साथ क अधिकारियन गदल्याह स कहेन, “का तोहका मालूम अहइ कि अम्मोनी लोगन क राजा बालीस तोहका मार डावइ चाहत ह उ नतन्याह क पूत इस्माएल क तोहका मार डावइ पठएस ह।” मुला अहीकाम क पूत गदल्याह ओन पइ बिस्सास नाहीं किहस।
15 तब कारेह क पूत योहानन मिस्पा मँ गदल्यह स गुप्त बाचचीत किहस। योहानन गदल्याह स कहेस, “मोका जाइ द्या अउर नतन्याह क पूत इस्माएल क मार डावइ द्या। कउनो भी मनई इ बारे मँ नाहीं जानी। हम लोग इस्माएल क तोहका मारइ नाहीं देब। उ यहूदा क ओन सबहिं लोगन क जउन तोहरे लगे बटुरा भए अहइँ, विभिन्न देसन मँ फुन स बिखेर देइ अउर एकर इ अरथ होइ कि यहूदा क थोड़ा स बचे-खुचे लोग भी नस्ट होइ जइँहीं।”
16 किन्तु अहीकाम क पूत गदल्याह कारेह क पूत योहानान स कहेस, “इस्माएल क न मारा। इस्माएल क बारे मँ जउन तू कहत अहा, उ फुरइ नाहीं अहइ।”
Jeremiah 41
1 सतएँ महीना मँ नतन्याह (एलीसामा क पूत) क पूत इस्माएल, अहीकाम क पूत गदल्याह क लगे आवा। इस्माएल आपन दस मनइयन क संग आवा। उ सबइ लोग मिस्पा नगर मँ आए रहेन। इस्माएल राजा परिवार क सदस्य रहा। उ यहूदा राजा क अधिकारियन मँ स एक रहा। इस्माएल अउर ओकर लोग गदल्याह क संग खइया क खाएन।
2 जब उ पचे साथ भोजन करत रहेन तबहिं इस्माएल अउर ओकर दस मनई उठेन अउर अहीकाम क पूत गदल्याह क तरवारे स मार दिहन। उ इ एह बरे किहेन काहेकि बाबुल क राजा ओका यहूदा क राज्जपाल नियुक्त किहे रहा।
3 इस्माएल यहूदा क ओन सबहिं लोगन क भी मार डाएस जउन मिस्पा मँ गदल्याह क संग रहेन। इस्माएल ओन कसदी फउजियन क भी मार डाएस जउन उ समइ मिस्पा मँ रहेन।
4 गदल्याह क हत्या क एक दिन बाद अस्सी मनई मिस्पा आएन। उ पचे अन्नबलि अउर सुगन्धि यहोवा क मन्दिर बरे लिआवत रहेन। ओन अस्सी मनइयन आपन दाढ़ी मुड़वाइ राखी रही, आपन ओढ़वा फाड़ डावे रहेन अउर आपन क काट राखे रहेन। उ पचे सकेम, सीलो अउर सोमरोन स आए रहेन। एनमाँ स कउनो भी इ नाहीं जानत रहा कि गदल्याह क हत्या कइ दीन्ह गई अहइ।
5
6 इस्माएल मिस्पा नगर स ओन अस्सी मनइयन स मिलइ गवा। ओनसे मिलत जात समइ उ रोवत रहा। इस्माएल ओन अस्सी मनइयन स मिला अउर उ कहेस, “अहीकाम क पूत गदल्याह स मिलइ मोरे संग चला।”
7 उ पचे अस्सी मनई मिस्पा नगर मँ गएन। तब इस्माएल अउर ओकर मनइयन ओनमाँ स सत्तर लोगन क मार डाएन। इस्माएल अउर ओकर मनइयन ओन सत्तर मनइयन क अथिर्यन क एक ठु गहिर हउज मँ डाइ दिहस।
8 मुला बचे भए दस मनइयन इस्माएल स कहेन, “हमका जिन मारा। हमरे लगे गोहूँ अउर जौ अहइ अउर हमरे लगे तेल अउर सहद अहइ। हम लोग ओन चिजियन क एक खेते मँ छिपाइ राखी ह।” एह बरे ओन मनइयन क छोड़ दिहा। उ दूसर लोगन क संग ओनका नाहीं मारेस।
9 (उ हउज जेहमाँ इस्माएल ल्हासन क फेंकेस बहोत बड़ा रहा इ यहूदा क आसा नाउँ क राजा क जरिये बनवावा गवा रहा। ओका एह बरे बनाए रहा कि जुद्ध कि दिनन मँ जब इ इस्राएल क राजा बासा स लड़त रहा तउ नगर क ओहसे पानी मिलत रहइ। इस्माएल उ हउज मँ एतनी ल्हासन डाएस कि उ भर गवा।)
10 इस्माएल मिस्पा नगर क दूसर सबहिं लोगन क भी धरेस। (ओन लोगन मँ राजा क बिटियन अउर उ सबइ दूसर लोग रहेन जउन हुवाँ बच गए रहेन। उ पचे अइसे लोग रहेन जेनका नबूजरदान गदल्याह पइ नजर रखइ बरे चुने रहा। नबूजरदान बाबुल क राजा क खास रच्छकन क अधिनायक रहा। एह बरे इस्माएल ओन लोगन क धरेस अउर अम्मोनी लोगन क देस मँ जाइ बरे बढ़ब सुरू किहस।)
11 कारेह क पूत योहानन अउर ओकर साथी क सबहिं फउजी अधिकारियन ओन सबहिं दुराचारन क सुनेन जउन इस्माएल किहेस।
12 एह बरे योहानन अउर ओकरे संग क फउजी अधिकारियन आपन मनइयन क लिहन अउ नतन्याह क पूत इस्माएल स लड़इ गएन। उ पचे इस्माएल क उ बड़के पानी क हउज क लगे धरेन जउन गिबोन नगर मँ अहइ।
13 ओन मनइयन जेनका इस्माएल बन्दी बनाए रहा, योहानन अउ फउजी अधिकारियन क लखेन। उ सबइ लोग बहोत खुस भएन।
14 तब उ पचे सबहिं लोग जेनका इस्माएल मिस्पा मँ बन्दी बनाए रहा, कारेह क पूत योहानन क लगे दउड़ पड़ेन।
15 किन्तु इस्माएल अउ ओकर आठ मनई योहानन स बच निकरेन। उ पचे अम्मोनी लोगन क लगे पराइ गएन।
16 एह बरे कारेह क पूत योहानन अउ ओकर सबहिं फउजी अधिकारियन बन्दीयन क बचाइ लिहन। इस्माएल गदल्याह क हत्या किहे रहा अउ ओन लोगन क मिस्पा स धइ लिहे रहा। बचे भए लोगन मँ फउजी, मेहररूअन, बच्चन अउर अदालत क अधिकारी रहेन। योहानन ओनका गिबोन नगर स वापस लिहस।
17 योहानन अउ दूसर फउजी अधिकारी कसदियन स भयभीत रहेन। बाबुल क राजा गदल्याह क यहूदा क प्रसासक चुने रहा। किन्तु इस्माएल गदल्याह क हत्या कइ दिहे रहा अउ योहानन क डर रहा कि कसदी कोहान होइहीं। एह बरे उ पचे मिस्र क पराइ निकरइ क निहचइ किहस। मिस्र क रास्ते मँ उ पचे गेरथ किम्हाम मँ रूकेन। गेरथ किम्हान बेतलेहेम नगर क लगे अहइ।
18
Jeremiah 42
1 जब उ पचे गेरथ किम्हाम मँ रहेन योहानान अउ होसायाह क पूत याजन्याह यिर्मयाह नबी क लगे गएन। योहानन अउ याजन्याह क संग सबहिं फउजी अधिकारी गएन। जियादा महत्त्वपर्ण स लइके कम महत्त्वपर्ण तलक सबहिं मनई यिर्मयाह क लगे गएन।
2 ओन सबहिं लोग ओहसे कहेस, “यिर्मयाह, कृपा कइके सुना जउन हम कहत अही। आपन परमेस्सर यहोवा स, यहूदा क परिवार क एन सबहिं बचे मनइयन बरे पराथना करा। यिर्मयाह, तू लख सकत अहा कि हम लोगन मँ बहोत जियादा नाहीं बचा अहइँ। कउने समइ हम बहोत जियादा रहे।
3 यिर्मयाह, आपन परमेस्सर यहोवा स इ पराथना करा कि उ बतावइ कि हमका कहाँ जाइ चाही अउ हमका का करइ चाही।”
4 तब यिर्मयाह नबी जवाब दिहेस, “मइँ समुझत हउँ कि तू मोहसे का करावइ चाहत अहा। मइँ तोहार परमेस्सर यहोवा स उहइ पराथना करब जउन तू मोहसे करइ क कहत अहा। मइँ हर एक बात, जउन यहोवा कही बताउब। मइँ तोहसे कछू भी नाहीं छिपाउब।”
5 तब ओन लोग यिर्मयाह स कहेन, “जदि तोहार परमेस्सर यहोवा जउन तोहार जरिये हम पचन्क कहत ह ओका हम नाहीं करित तउ हमका आसा अहइ कि यहोवा ही सच्चा अउ बिस्सास क जोग्ग गवाह हमरे खिलाफ होइ।
6 एकर कउनो महत्व नाहीं कि हम सँदेसा क पसन्द करित ह या नाहीं। हम लोग आपन परमेस्सर, यहोवा क आग्या क पालन करब। हम लोग तोहका यहोवा क हिआँ ओहसे सँदेस लेइ बरे पठवत अही। हम ओकर पालन करब जउन उ कही। तब हम लोगन बरे उ नीक होइ। हाँ, हम आपन परमेस्सर यहोवा क आग्या क पालन करब।”
7 दस दिन बीतइ क पाछे यहोवा क हिआँ स यिर्मयाह क सँदेसा मिला।
8 तब यिर्मयाह कारेह क पूत योहानन अउर ओकरे संग क फउजी अधिकारियन क एक संग बोलाएस। यिर्मयाह बहोत नान्ह मनई स लइके बहोत बड़के मनई तलक क भी एक संग बोलाएस।
9 तब यिर्मयाह ओनसे कहेस, “जउन इस्राएल क लोगन क परमेस्सर यहोवा कहत ह, उ इ अहइ: तू मोका ओकरे लगे पठया। मइँ यहोवा स उ पूछेउँ, जउन तू लोग मोहसे पूछइ चाहत रह्या। यहोवा इ कहत ह:
10 ‘जदि तू लोग यहूदा मँ रहब्या तउ मइँ तोहार निर्माण करब मइँ तोहका नस्ट नाहीं करब। मइँ तोहका रोपब अउर मइँ तोहका उखाड़ब नाहीं। मइँ इ एह बरे करब कि मइँ ओन भयंकर बिपत्तियन बरे दुःखी हउँ जेनका मइँ तू लोगन पइ घटित होइ दीन्ह।
11 इ समइ तू पचे बाबुल क राजा स भयभीत अहा। बाबुल क राजा स भयभीत न ह्वा: यहोवा कहत ह। काहेकि मइँ तोहरे पचन्क संग हउँ। मइँ तोहका पचन्क बचाउब। मइँ तू पचन्क खतरे स बाहेर निकारब।
12 मइँ तू पचन्पइ दयालु रहब अउर बाबुल क राजा भी तू पचन्क संग दाया क बेउहार करी अउर उ तू पचन्क तोहरे पचन्क देस वापस लिआइ।’
13 किन्तु तू पचे इ कहि सकत ह, हम यहूदा मँ नाहीं ठहरब। जदि तू पचे अइसा कहब्या तउ तू पचे आपन परमेस्सर यहोवा क आग्या क उल्लंघन करब्या।
14 तू पचे इ भी कहि सकत ह, ‘नाहीं हम लोग जाब अउर मिस्र मँ रहब। हमका उ ठउरे पइ जुद्ध क परेसानी नाहीं होइ। हम हुआँ जुद्ध क तुरही नाहीं सुनब अउर मिस्र मँ हम भूखा नाहीं रहब।’
15 अगर तू पचे इ सब कहत अहा, तउ यहूदा क बचे लोगो यहोवा क इ सँदेसा क सुना। इस्राएल क लोगन क परमेस्सर सर्वसवतीमान यहोवा इ कहत ह: ‘अगर तू पचे मिस्र मँ रहइ बरे जाइ क निर्णय करत अहा तउ इ सब घटित होइ:
16 तू पचे जुद्ध क तरवार स डेरात अहा, किन्तु इहइ तोहका पचन्क पराजित करी अउर तू पचे भूख स परेसान अहा किन्तु तू पचे मिस्र मँ भूखा रहब्या। तू पचे हुआँ मरब्या।
17 हर एक उ मनई तरवार, भूख अउर भयंकर बीमारी स मरी जउन मिस्र मँ रहइ बरे जाइ क निर्णय करी। जउन लोग मिस्र जइहीं ओनमाँ स कउनो भी जिअत नाहीं बची। ओनमाँ स कउनो भी ओन भयंकर बिपत्तियन स नाहीं बची जेनका मइँ ओन पइ ढाउब।
18 “इस्राएल क सर्वसवतीमान यहोवा, इ कहत ह: ‘मइँ आपन किरोध यरूसलेम क खिलाफ परगट किहेउँ ह। मइँ ओन लोगन क सजा दिहेउँ जउन यरूसलेम मँ रहत रहेन।। उहइ प्रकार मइँ आपन किरोध हर एक उ मनई पइ उड़ेरब जउन मिस्र जाइ। लोग तू पचन्क स लज्जित होइहीं। तू पचे अभिसाप वाणी क समान होब्या। तू पचन्पइ जउन कछू भवा ओका लखिके लोग भयभीत होइहीं। लोग तोहार पचन्क अपमान करिहीं अउर तू पचे फुन कबहुँ इ देस क नाहीं लखि पउब्या।’
19 “यहूदा क बचे भए लोगो, यहोवा तू पचन्स कहेस, ‘मिस्र जिन जा।’ मइँ तू पचन्क साफ चिताउनी देत अहइँ।
20 तू लोग एक बड़ी भूल करत अहा, जेकरे कारण तू मरब्या। तू लोग यहोवा आपन परमेस्सर क लगे मोका पठया। तू मोहसे कह्या, ‘परमेस्सर यहोवा स हमरे बरे पराथना करा। हर बात हमका बतावा जउन यहोवा करइ क कहत ह। हम यहोवा क आग्या क पालन करब।’
21 एह बरे आजु मइँ यहोवा क सँदेसा तोहका दिहेउँ ह। किन्तु तू पचे आपन परमेस्सर यहोवा क आग्या क पालन नाहीं किहा। तू पचे उ सब नाहीं किहा ह जेका करइ बरे कहइ क उ मोका पठएस ह।
22 तू लोग रहइ बरे मिस्र जाइ चाहत अहा अब निहचइ ही तू पचे इ समुझ गवा होब्या कि मिस्र मँ तू पचन्पइ इ घटी: तू पचे तरवार स या भूख स, या भयंकर बीमारी स मरब्या।”
Jeremiah 43
1 इ तरह यिर्मयाह लोगन क यहोवा ओकरे परमेस्सर क सँदेसा देब पूरा किहस। यिर्मयाह लोगन क उ सब कछू बताइ दिहस जेका लोगन स कहइ बरे यहोवा ओका पठए रहा।
2 होसाया क पूत अजर्याह, कारेह क पूत योहानन अउर कछू दूसर लोग घमण्डी अउर हठी रहेन। उ सबइ लोग यिर्मयाह पइ वोधित होइ गएन। ओन लोगन यिर्मयाह स कहेन, “यिर्मयाह, तू झूठ बोलत अहा। हमार परमेस्सर यहोवा तोहसे हमका इ कहइ क नाहीं पठएस, ‘तू लोगन क मिस्र मँ रहइ बरे नाहीं जाइ चाही।’
3 यिर्मयाह, हम समझित अही कि नेरिय्याह क पूत बारूक तोहका हम लोगन क बिरुद्ध होइ बरे हुस्कावत अहइ। उ चाहत ह कि तू हमका कसदी लोगन क हाथ मँ दइ द्या। उ इ एह बरे चाहत ह जेहसे उ पचे हमका मारि डावइँ या उ तोहसे इ एह बरे चाहत ह कि उ पचे हमका कैदी बनाइ लेइँ अउर बाबुल लइ जाइ।”
4 एह बरे योहानन फउजी अधिकारी अउर सबहिं लोग यहोवा क आग्या क उल्लंघन किहन। यहोवा ओनका यहूदा मँ रहइ क आदेस दिहे रहा।
5 किन्तु यहोवा क आग्या मानइ क जगह पइ योहानन अउर फउजी अधिकारी ओन लोगन क भी आपन संग लइ गएन जउन यहूदा मँ रहइ बरे आए रहेन। पहिले उ पचे सत्रुअन दुआरा दूसर रास्ट्रन मँ लेइ जवा गएन रहेन, किन्तु अब उ पचे वापिस यहूदा आइ गए रहेन।
6 अब योहानन अउ सबहिं फउजी अधिकारी, सबहिं मनसेधू, मेहररूअन अउर बच्चन क मिस्र लइ गएन। ओन लोगन मँ राजा क बिटियन रहिन। (नबूजरदान गदल्याह क ओन लोगन क प्रसासक तैनात किहे रहा नबूजरदान बाबुल क राजा क खास रच्छकन क अधिनायक रहा।) योहानन यिर्मयाह नबी अउर नेरिय्याह क पूत बारूक क भी साथ लइ गवा।
7 ओन लोग यहोवा क एक न सुनेन। एह बरे उ पचे सबहिं लोग मिस्र गएन। उ पचे तहपन्हेस नगर क गएन।
8 तहपन्हेस नगर मँ यिर्मयाह यहोवा स इ सँदेसा पावा,
9 “यिर्मयाह, कछू बड़के पाथर ल्या। ओनका ल्या अउर ओनका तहपन्हेस मँ फिरौन क राजमहल क प्रवेस दुआर क ईटंन क चबूतरन क लगे माटी मँ गाड़ा।
10 इ तब करा जब यहूदा क लोग तोहका अइसा करत लखत रहा अहा, ‘इस्राएल क परमेस्सर सर्वसवतीमान यहोवा जउन कहत ह, उ इ अहइ: मइँ बाबुल क राजा नबूकदनेस्सर क हिआँ आवइ बरे बोलावा पठउब। उ मोर सेवक अहइ अउर मइँ ओकर राज सिंहासन क एन पाथरन पइ रखब जेनका मइँ हिआँ गाड़ा ह। नबूकदनेस्सर आपन चँदोवा एन पाथरन क ऊपर फैलाई।
11 नबूकदनेस्सर हिआँ आइ अउर मिस्र पाइ हमला करी। उ कछू लोगन मारिहीं अउर कछू क लोगन क कैदी बनावइ जाइ अउर उ कछू लोगन क तरवारे क घाट उतारी।
12 नबूकदनेस्सर मिस्र क लबार देवतन क मन्दिरन मँ ओन देवतन क संग आगी लगाइ देइ। उ ओनका बार देइहीं अउ ओनका बन्दी बनाइ लेइहीं। नबूकदनेस्सर मिस्र क भुइँया क सबहिं चिजियन क वइसेन ही लइ लेत ह जइसे गड़ेरिया आपन ओढ़ना स चिल्लर क चुन-चुन कइ बाहेर फेंकत ह। अउर तउ उ सुरच्छा स मिस्र क तजि देइहीं।
13 नबूकदनेस्सर ओन सुमिरन-पाथरन क नस्ट करी जउन मिस्र मँ सूर्य देवता क मन्दिर मँ अहइ उ मिस्र क लबार देवन क मन्दिरन क जराइ देइ।”‘
Jeremiah 44
1 यिर्मयाह क यहोवा क एक ठु सँदेसा मिला। इ सँदेसा मिस्र मँ रहइवाले यहूदा क सबहिं लोगन बरे रहा। इ सँदेसा यहूदा क ओन लोगन बरे रहा जउन मिग्दोल, तहपन्हेस, नोप अउर दविखनी मिस्र मँ रहत रहेन। सँदेसा इ रहा:
2 इस्राएल क परमेस्सर सर्वसवतीमान यहोवा कहत ह, “तू लोग ओन भयंकर घटनन क लख्या जेनका मइँ यरूसलेम नगर अउर यहूदा क दूसर सबहिं नगरन क बिरुद्ध लाएउँ। उ सबइ नगर आजु पाथरन क ढेर अहइँ। हुवाँ कउनो नाहीं रहत ह।
3 उ सबहिं जगह नस्ट कीन्ह गएन काहेकि तू अउर ओनमाँ रहइवाले दूसर लोग बुरे करम किहन। ओन लोग दूसर देवतन क बलि भेंट किहन, जेका तोहार लोग अउर तोहार पुरखन पहिले नाहीं जानत रहेन। अउर मोका वोधित किहस।
4 मइँ आपन नबी ओन लोगन क बार-बार पठएउँ। उ सबइ नबी मोर सेवक रहेन। ओन नबियन मोर सँदेसा दिहन अउर लोगन स कहेन, “इ भयंकर काम जिन करा जेहसे मइँ घिना करत हउँ। काहेकि तू पचे देवमूरतियन क पूजा करत अहा।
5 किन्तु ओन लोग नबियन क एक न सुनेन। उ पचे ओन नबियन पइ धियान नाहीं दिहन। ओन लोग दुट्ठता भरे करम करब नाहीं तजेन। उ पचे दूसर देवतन क बलि भेंट करब बन्द नाहीं किहेन।
6 एह बरे मइँ आपन किरोध ओन लोगन क बिरुद्ध परगट किहेउँ। मइँ यहूदा क नगरन अउर यरूसलेम क सड़कियन क सजा दिहेउँ। मोर किरोध यरूसलेम अउ यहूदा क नगरन क सूना पाथरन क देर बनाएस, जइसे उ सबइ आजु अहइँ।”
7 एह बरे इस्राएल क परमेस्सर सर्वसवतीमान यहोवा इ कहत ह: “तू पचे मनइयन, मेहररूअन, गदेलन अउर नान्ह गदेलन क यहूदा क धरती स दूर ले जाइके अउर हिआँ पइ कउनो क धोड़िके आपन क चोट काहे पहोंचावत अहा।
8 लोगो देवमूरतियन बनाइके तू पचे मोका काहे वोधित करब चाहत अहा? अब तू पचे मिस्र मँ रहत अहा अउर अब मिस्र क लबार देवतन क भेंट चढ़ाइके तू पचे मोका वोधित करत अहा। लोगो तू पचे आपन क नस्ट कइ डउब्या। इ तोहार पचन्क आपन दोख क कारण होइ। तू पचे आपन क कछू अइसा बनाइ लेब्या कि दूसर रास्ट्रन क लोग, तोहार पचन्क बुराई करिहीं अउर पृथ्वी क दूसर रास्ट्रन क लोग तोहार पचन्क मजाक उड़इहीं।
9 का तू पचे ओन दुट्ठता भरे करमन क बिसरि चुका अहा जेनका तोहार पुरखन किहन? का तू पचे ओन दुट्ठता स भरे कामन क बिसरि चुका अहा जेनका यहूदा क राजा अउर रानिनियन किहन? का तू पचे ओन दुट्ठता स भरे करमन क बिसरि चुका अहा जेनका तू पचे अउर तोहार मेहररूअन यहूदा क धरती पइ अउर यरूसलेम क गलियन पइ किहन?
10 आज भी यहूदा क लोगन आपन क विनम्र नाहीं बनाएन। उ पचे मोका कउनो सम्मान नाहीं दिहन अउर ओन लोग मोर सिच्छन क अनुसरण नाहीं किहन। उ पचे ओन नेमन क पालन नाहीं किहन जेनका मइँ तू पचन्क अउर तोहरे पचन्क पुरखन क दिहेउँ।”
11 एह बरे इस्राएल क परमेस्सर सर्वसवतीमान यहोवा जउन कहत ह, उ इ अहइ: “मइँ तू पचन्पइ भयंकर बिपत्ति ढावइ क निहचइ किहे हउँ। मइँ यहूदा क पूरे परिवार क नस्ट कइ देब।
12 यहूदा क थोड़ा स लोग ही बचा रहेन। उ सबइ लोग हिआँ मिस्र मँ आएन ह। किन्तु मइँ यहूदा परिवार क ओन कछू बचे लोगन क नस्ट कइ देब। उ सबइ तरवारे क घाट उतरिहीं या भूख स मरिहीं। उ सबइ कछू अइसा होइहीं कि दूसर रास्ट्रन क लोग ओनके बारे मँ बुरा कहिहीं। दूसर रास्ट्र ओहसे भयभीत होइहीं जउन लोगन क संग घटित होइ। उ सबइ लोग अभिसाप बाणी बन जइहीं। दूसर रास्ट्र यहूदा क ओन लोगन क अपमान करिहीं।
13 मइँ ओन लोगन क सजा देब जउन मिस्र मँ रहइ चला गवा अहइँ। मइँ ओनका सजा देइ बरे तरवार, भूख अउर भयंकर बीमारी क उपयोग करब। मइँ ओन लोगन क वइसे ही सजा देब जइसे मइँ यरूसलेम नगर क सजा दिहेउँ।
14 एन थोड़े बचे भएन मँ स, जउन मिस्र मँ चला गवा अहइँ, कउनो भी मोरी सजा स नाहीं बची। ओनमाँ स कउनो भी यहूदा वापस आवइ बरे नाहीं बच पाई। उ सबइ लोग यहूदा वापस लउटब अउर हुआँ रहब चाहत हीं किन्तु ओनमाँ स एक भी मनई सायद कछू बचि निकरइ वालन क अलावा वापस नाहीं लउटी।”
15 मिस्र मँ रहइवाली यहूदा क मेहररूअन मँ स अनेक दूसर देवतन क बलि भेंट करत रहीं। ओनकर भतारन एका जानत रहेन किन्तु ओनका रोकत नाहीं रहेन। हुआँ यहूदा क लोगन क मिस्र मँ एक बिसाल समूह बटुरा होत रहा। ओन सबहिं मनइयन यिर्मयाह स कहेन,
16 “हम यहोवा क सँदेसा क नाहीं सुनब जउन तू पचे देब्या।
17 हम सरगे क रानी क बलि भेंट करइ प्रतिग्या कीन्ह ह अउर हम उ सब करब जेकर हम प्रतिग्या कीन्ह ह। हम ओकर पूजा मँ बलि चढ़ाउब अउर पेय भेंट देब। इ हम अतीत मँ कीन्ह अउर हमार पुरखन, राजा लोग अउर हमार पदाधिकारियन पुराने जमाने मँ इ किहस। हम सब यहूदा क नगरन अउर यरूसलेम क सड़कियन पइ इ किहस। जउने दिन हम सरगे क रानी क पूजा करत रहे हमरे लगे बहोत अन्न होत रहा। हम सफल होत रहे। हम लोगन क कछू भी बुरा नाहीं भवा।
18 किन्तु तबहिं हम लोग सरग क रानी पूजा तजि दीन्ह हम ओका पेय भेंट देब बन्द कइ दीन्ह। जब स हम ओकर पूजा मँ उ पचे काम बन्द किहन तब स ही सबइ समस्या पइदा भइन ह। हमार लोग तरवार अउ भूख स मरे अहइँ।”
19 तब मेहररूअन बोल पड़ी। उ पचे यिर्मयाह स कहेन, “हमरे भतारन जानत रहेन कि हम का करत रहे। हम सरग क रानी क बलि देइ बरे ओनसे मंजूरी लीन्ह रहे। दाखरस भेंट चढ़ावइ बरे हम ओनकर मंजूरी पाए रहे। हमरे भतारन इ भी जानत रहेन कि हम एक अइसी खास रोटी बनावत रहे जउन ओनके तरह देखाई पड़त रही।”
20 तब यिर्मयाह ओन सबहिं मेहररूअन अउर मनसेधुअन स बातन किहस। उ ओन लोगन स बातन किहस जउन उ सबइ बातन अबहिं कहे रहेन।
21 यिर्मयाह ओन लोगन स कहेस, “यहोवा क याद रहा कि तू पचे यहूदा नगर अउर यरूसलेम क सड़कियन पइ बलि भेंट किहे रह्या। तू पचे अउर तोहार पुरखन, तोहार राजा लोग, तोहार अधिकारियन अउर देस क लोग ओका किहन। यहोवा क याद रहा अउर उ तोहरे पचन्क कीन्ह गए करमन क बारे मँ सोचेस।
22 एह बरे यहोवा तोहरे पचन्क अउर जियादा चुप नाहीं रहि सका। यहोवा ओन भयंकर करमन स घिना किहेस जउन तू पचे किहा। इहइ बरे यहोवा तू पचन्क देस क सूना रेगिस्तान बनाइ दिहस। अब हुआँ कउनो मनई नाहीं रहत। दूसर लोग उ देस क बारे मँ बुरी बातन कहत हीं।
23 उ सबइ सबहिं बुरी घटनन तोहरे पचन्क संग घटित काहेकि तू पचे दूसर देवतन क बलि भेंट किहा। तू पचे यहोवा क खिलाफ पाप किहा। तू पचे यहोवा क आग्या क पालन नाहीं किहा। तू पचे ओकरे उपदेसन या ओकर दीन्ह नेमन क अनुसरण नाहीं किहा। तू पचे ओकरे संग कीन्ह गइ करार क पालन नाहीं किहा।”
24 तब यिर्मयाह ओन सबहिं मनसेधुअन अउ मेहररूअन स बातन किहस। यिर्मयाह कहेस, “मिस्र मँ रहइवाले यहूदा क तू सबहिं लोगो यहोवा क हिआँ स सँदेसा सुना:
25 इस्राएल क लोगन क परमेस्सर सर्वसवतीमान यहोवा कहत ह: ‘मेहररूओ, तू पचे उ किहा जउन तू पचे करइ क कह्या। तू पचे कहिउ, “हम पचे जउन प्रतिग्या कीन्ह ह ओकर पालन हम करब। हम प्रतिग्या कीन्ह ह कि हम सरग क देवी क बलि भेंट करब अउर पेय भेंट डाउब।” एह बरे अइसा करति रहा। उ करा जउन तू पचे करइ क प्रतिग्या किहा ह। आपन प्रतिग्या क पूरा करा।
26 किन्तु मिस्र मँ रहइवाले सबहिं लोगो यहोवा क सँदेसा सुना: मइँ आपन बड़े नाउँ क उपयोग करत भए इ प्रतिग्या कीन्ह ह: मइँ प्रतिग्या करत हउँ कि अब मिस्र मँ रहइवाला यहूदा क कउनो भी मनई प्रतिग्या करइ बरे मोरे नाउँ क उपयोग कबहुँ नाहीं कइ पाइ। उ पचे फुन कबहुँ नाहीं कहिहीं, “जइसा कि यहोवा सास्वत अहइ।”
27 मइँ यहूदा क ओन लोगन पइ नजर रखत हउँ। किन्तु मइँ ओन पइ नजर ओनकर देखरेख बरे नाहीं रखत हउँ। मइँ ओन पइ चोट पहोंचावइ बरे नजर रखत हउँ। मिस्र मँ रहइवाले यहूदा क लोग भूख स मरिहीं अउर तरवार स मारा जइहीं। उ पचे तब तलक मरत चला जइहीं जब तलक उ पचे खतम नाहीं होतेन।
28 यहूदा क कछू लोग तरवार स मरइ स बचि निकरिहीं। उ पचे मिस्र स यहूदा वापस लउटिहीं। किन्तु बहोत थोड़ा स यहूदा क लोग बचि निकरिहीं। तब यहूदा क बचे भए उ पचे लोग जउन मिस्र मँ आइके रहिहीं इ समझिहीं कि केकर सँदेसा घटित होत ह। उ पचे जानिहीं कि मोर सँदेसा अथवा ओनकर सँदेसा सच निकरत ह।
29 लोगो मइँ तू पचन्क एकर प्रमाण देब इ यहोवा क हिआँ स सँदेसा अहइ कि मइँ तू पचन्क मिस्र मँ सजा देब। तब तू पचे निहचइ ही समुझ जाब्या कि तू पचन्क चोट पहोंचावइ क मोर प्रतिग्या, फुरइ ही घटित होइ।
30 जउन मइँ कहत हउँ, इ उ अहइ, होप्रा फिरौन मिस्र क राजा अहइ। ओकर दुस्मन ओका मार डावइ चाहत हीं। मइँ होप्रा फिरौन क ओकरे दुस्मन क देब। सिदकिय्याह यहूदा क राजा रहा। नबूकदनेस्सर सिदकिय्याह क दुस्मन रहा अउर मइँ सिदकिय्याह क ओकरे दुस्मन क दिहेउँ। उहइ तरह मइँ होप्रा फिरौन क ओकरे दुस्मन क देब।’“
Jeremiah 45
1 यहोयाकीम योसिय्याह क पूत रहा। यहोयाकीम क यहूदा मँ राज्जकाल क चउथे बरिस यिर्मयाह नबी नेरिय्याह क पूत बारूक स इ कहेस। बारूक एन तथ्यन क पत्रक पइ लिखेस। यिर्मयाह बारूक स जउन कहेस, उ इ अहइ:
2 “इस्राएल क परमेस्सर यहोवा जउन तोहसे कहत ह, उ इ अहइ:
3 ‘बारूक, तू कह्या ह: इ मोरे बरे बहोत बुरा अहइ। यहोवा मोर पीरा क संग मोका सोक दिहस ह। मइँ बहोत थक गवा हउँ। आपन कस्टन क कारण मइँ छीन होइ गवा हउँ। मइँ आराम नाहीं पाइ सकत।’“
4 यहोवा कहेन, “यिर्मयाह, बारूक स इ कहा: ‘यहोवा जउन कहत ह, उ इ अहइ: मइँ ओका ध्वस्त कइ देब जेका मइँ बनाएउँ ह। मइँ जेका रोपेउँ ह ओका मइँ उखाड़ फेंकब। मइँ पूरे यहूदा क ध्वस्त करब।
5 बारूक, तू अपने बरे कछू बड़की बात होइ क आसा करत अहा। किन्तु ओन चिजियन क आसा न करा। ओनकी कइँती नजर न राखा काहेकि मइँ सबहिं लोगन क बरे कछू भयंकर बिपत्ति पइदा करब।’ इ सबइ बातन यहोवा कहेस, ‘तोहका अनेक जगहन पइ जाब पड़ी। किन्तु तू चाहे जहाँ जा मइँ तोहका जिअत बचिके निकर जाइ देब।’“रास्ट्रन क बारे मँ यहोवा क सँदेसा
Jeremiah 46
1 यिर्मयाह नबी क इ सँदेसन मिलेन। इ सँदेसन अलग अलग रास्ट्रन बरे अहइँ।
2 इ सँदेसा मिस्र क बारे मँ अहइ। इ सँदेसा निको फिरौन क फउज क बारे मँ अहइ। निको मिस्र क राजा रहा। ओकर फउज कर्कमीस नगर मँ पराजित भइ रही। कर्कमीस परात नदी पइ अहइ। यहोयाकीम क यहूदा पइ राज्जकाल क चउथे बरिस बाबुल क राजा नबूकदनेस्सर निको फिरौन क फउज क कर्कमीस मँ पराजित किहस। यहोयाकीम राजा योसिय्याह क पूत रहा। मिस्र बरे यहोवा क सँदेसा इ अहइ:
3 “आपन बिसाल अउर छोटकी ढालन क तइयार करा। जुद्ध बरे वुच कइ द्या।
4 घोड़न क तइयार करा। फउजियन, आपन घोड़न पइ बइठ। जुद्ध बरे आपन जगहिया जा अउर आपन टोप पहन ल्या। आपन भालन क तेज करा। आपन कवच पहिर ल्या।
5 मइँ इ का लखत हउँ? फउज डर गइ बाटइ। फउजी परात अहइँ। ओनकर वीर फउजी पराजित होइ ग अहइँ। उ पचे हाली परात अहइँ। उ पचे पाछे मुड़िके नाहीं लखतेन। सर्वत्र डर छावा अहइ।” यहोवा इ सबइ बातन कहेस।
6 “तेज धावक पराइके निकरि नाहीं सकतेन। ताकतवर फउजी बचिके पराइ नाहीं सकत। उ पचे सबहिं ठोकर खइहीं अउर उत्तर मँ परात नदी क किनारे पइ गिरब्या।
7 नील नदी क नाईर् कउन उमड़त आवत अहइ? उ बलवती अउ तेज नदी क नाईर् कउन बढ़त बाटइ?
8 इ मिस्र अहइ जउन उमड़त नील नदी जइसा आवति अहइ। इ मिस्र अहइ जउन बलवती तेज नदी जइसा आवत अहइ। मिस्र कहत ह: ‘मइँ आउब अउर पृथ्वी क पाट देब, मइँ नगरन अउर ओनकर लोगन क बर्बाद कइ देब।’
9 घुड़सवारो, जुद्ध मँ टूट पड़ा। सारथियो, तेज हाँका। वीर फउजियो, अगवा बढ़। वूस अउर पूत क फउजियो, आपन ढालन ल्या। लूदीया क फउजियो, आपन धनुस सँभारा।
10 किन्तु उ दिन, हमार सुआमी सर्वसवतीमान यहोवा बिजयी होइ। उ समइ उ ओन लोगन क सजा देइ जेनका सजा मिलत ह। यहोवा क दुस्मन उ सजा पइहीं जउन ओनका मिलइ क अहइ। तरवार तब काटी जब तलक उ गोंठिल नाहीं होइ जात। तरवार तब तलक मारी जब तलक एकर खून क पियास बुझ नाहीं जात। इ होइ, काहेकि इ सबइ हमार सुआमी सर्वसवतीमान यहोवा बरे बलि भेंट होत ह। उ बलि मिस्र क फउज अहइ जउन परात नदी क किनारे उत्तरी पहँटा मँ अहइ।
11 मिस्र, गिलाद क जा अउर कछू दवाइयन लिआवा। तू अनेक दवाइयन बनउब्या, किन्तु उ सबइ सहायक नाहीं होइहीं। तू तन्दुरूस्त नाहीं होब्या।
12 रास्ट्र तोहार सर्मनाक हार लखब्या। तोहार रोउब समूचइ पृथ्वी पइ सुना जाइ। एक वीर सिपाही दूसर सिपाही पइ टूट पड़ी अउर दुइनउँ वीर फउजी साथ भहरइहीं।”
13 इ उ सँदेसा अहइ जेका यहोवा यिर्मयाह नबी क दिहस। इ सँदेसा नबूकदनेस्सर क बारे मँ अहइ जउन मिस्र पइ हमला करइ आवत अहइ।
14 “मिस्र मँ इ सँदेसा क घोसणा करा, एकर उपदेस मिग्दोल नगर मँ द्या। एकर उपदेस नोप अउर तहपन्हेस नगर मँ भी द्या। ‘जुद्ध बरे तइयार ह्वा। काहेकि तोहरे चारिहुँ ओर तरवारन स मारा जात अहइँ।’
15 मिस्र, तोहार ताकतवर फउजी काहे मारा जइहीं? उ पचे मुकाबले मँ नाहीं टिकिहीं काहेकि यहोवा ओनका खाले धवका देइ।
16 उ सबइ फउजी बार-बार ठोकर खइहीं, उ पचे एक दूसर पइ भहरइहीं। उ पचे कहिहीं, ‘उठा, हम फुन आपन लोगन मँ चली, हम आपन देस चली। हमार दुस्मन हमका पराजित करत अहइ।’ हमका जरूर पराइ निकरइ चाही।’
17 उ सबइ फउजी आपन देस मँ कहिहीं, ‘मिस्र क राजा फिरौन सिरिफ एक नाउँ क गूँज अहइ। ओकरे गौरव क समइ गवा।’“
18 राजा क इ सँदेसा अहइ। राजा सर्वसवतीमान यहोवा अहइ। “जदि मोर जिअब फुर अहइ तउ एक ताकतवर पत्र दर्सक आइ। उ सगरे क निअरे ताबोर अउर कमेर्ल पहाड़न क नाईं महान होइ।
19 मिस्र क लोगो, आपन चिजियन क बाँधा, बन्दी होइ का तइयार होइ जा। काहेकि नोप एक बर्बाद सूना पहँटा बन जाइ नगर नस्ट होइहीं अउर कउनो भी मनई ओनमाँ नाहीं रही।
20 मिस्र एक सुन्नर गइया जइसा अहइ। किन्तु ओका पीड़ित करइ क उत्तर स एक गोमवखी आवति अहइ।
21 मिस्र क फउज मँ भाड़े क फउजी मोटके बछवन जइसा अहइँ। उ सबइ सबहिं मुड़िके पराइ खड़ा होइहीं। उ पचे हमला क खिलाफ मजबूती स खड़ा नाहीं रहिहीं। ओनकर बर्बादी क समइ आवत अहइ। उ पचे हाली ही सजा पइहीं।
22 मिस्र साँप क जइसा फुँफकार क आवाज करत ह अउ आगे बढ़त ह। दुस्मन निचके स निचके आवत जात अहइ अउर मिस्री फउज पराइ क जतन करति अहइ। दुस्मन मिस्र क खिलाफ वुल्हाड़ियन क संग आइ, उ सबइ लकड़हारन क तरह अहइ।”
23 यहोवा इ सबइ कहत ह, “दुस्मन मिस्र क बन क काट गिराइ। बन मँ असंख्य बृच्छ अहइँ, किन्तु उ सबइ काट डावा जइहीं। दुस्मन क सिपाही टिड्डी दल स भी जियादा अहइँ। उ पचे एतेन जियादा फउजी अहइँ कि ओनका कउनो गन नाहीं सकत।
24 मिस्र लज्जित होइ उत्तर क दुस्मन ओका पराजित करी।”
25 इस्राएल क परमेस्सर सर्वसवतीमान यहोवा कहत ह: “मइँ बहोत हाली, थीबिस क देवता आमोन क सजा देब अउर मइँ फिरौन, मिस्र अउर ओकर देवतन क सजा देब। मइँ मिस्र क राजा लोगन क सजा देब। मइँ फिरौन पइ आखित लोगन क सजा देब।
26 मइँ ओन सबहिं लोगन क ओनकर दुस्मनन स पराजित होइ देब अउर उ पचे दुस्मन ओनका मार डावइ चाहत हीं। मइँ बाबुल क राजा नबूकदनेस्सर अउर ओकर सेवकन क हाथ मँ ओन लोगन क देब।“बहोत पहिले मिस्र सान्ति स रहा अउर एन सब बिपत्तियन क समइ मिस्र फुन सान्तिपूर्वक रही।” यहोवा इ सबइ बातन कहेस।
27 “मोरे सेवक याकूब, भयभीत न ह्वा। इस्राएल, आतंकित न ह्वा। मइँ निहचइ ही तोहका ओन दूर-दराज क देसन स बचाउब। मइँ तोहरे बच्चन क हुआँ स बचाउब जहाँ उ पचे बन्दी अहइँ। याकूब क पुन:सुरच्छा अउर सान्ति मिली अउर कउनो मनई ओका भयभीत नाहीं करी।”
28 यहोवा इ सब कहत ह: “याकूब मोर सेवक, डेराअ जिन। मइँ तोहरे संग हउँ। मइँ तोहका अलग-अलग जगहन मँ दूर पठएउँ अउर मइँ ओन सबहिं रास्ट्रन क पूरी तरह बर्बाद करब। किन्तु मइँ तोहका पूरी तरह बर्बाद नाहीं करब। तोहका ओकर सजा मिलइ चाही जउन तू बुरे काम किहा ह। एह बरे मइँ तोहका सजा स बच निकारइ नाहीं देब। मइँ तोहका अनुसासन मँ लिआउब, किन्तु मइँ उचित ही करब।”
Jeremiah 47
1 इ सँदेसा यहोवा क अहइ जउन यिर्मयाह नबी क मिला। इ सँदेसा पलिस्ती लोगन क बारे मँ अहइ। इ सँदेसा, जब फिरौन गज्जा नगर पइ हमला किहस, ओहसे पहिले आवा।
2 यहोवा कहत ह: “धियान द्या, दुस्मन क फउजी उत्तर मँ एक संग मोर्चा लगावत अहइँ। उ पचे तटन क बारेत तेज नदी क तरह अइहीं उ पचे देस क बाढ़ सा ढकि लेइहीं। उ पचे नगरन अउर ओनमाँ रह रहे निवासियन क ढकि लेइहीं। उ देस क हर एक रहइवाला मदद बरे चिल्लाई।
3 उ सबइ धावत घोड़न क अवाज सुनिहीं, उ पचे रथन क घरघराहट सुनिहीं। उ पचे पहियन क घरघराहट सुनिहीं। पिता आपन बच्चन क सुरच्छा करइ मँ मदद नाहीं कइ सकिहीं। उ पचे पिता मदद करइ मँ एकदम असमर्थ होइहीं।
4 सबहिं पलिस्ती लोगन क नस्ट करइ क समइ आइ ग अहइ। सोर अउर सिदोन क बचे सहायकन क नस्ट करइ क समइ आइ ग अहइ। यहोवा पलिस्ती लोगन क हाली नस्ट करी। कप्तोर द्वीप मँ बचे लोगन क उ नस्ट करी।
5 गज्जा क लोग सोक मँ बूड़िहीं अउर आपन सिर मुड़ँइहीं। अस्कलोन क लोग चुप कइ दीन्ह जइहीं। घाटी क बचे लोगो, कब तलक तू पचे आपन क काटत रहब्या?
6 ओ! यहोवा क तरवार, तू रूकिउ नाहीं तू कब तलक मार करति रहबिउ? आपन म्यान मँ लउटि जा, ‘रूका, सान्त ह्वा।
7 किन्तु यहोवा क तरवार कइसे बिस्राम लेइ? यहोवा एका आदेस दिहस ह। यहोवा एका इ आदेस दिहस ह कि इ अस्कलोन नगर अउर समुद्र तट पइ हमला करइँ।”
Jeremiah 48
1 इ सँदेसा मोआब देस क बारे मँ अहइ। इस्राएल क लोगन क परमेस्सर सर्वसवतीमान यहोवा जउन कहेस, उ इ अहइ:“नबो पहाड़ क बुरा होइ, नबो पहाड़ नस्ट होइ। किर्यातैम नगर लज्जित होइ। एह पइ अधिकार होइ। सवतीसाली जगह लज्जित होइ। इ बिखरि जाइ।
2 मोआब क पुन: तारीफ नाहीं होइ। हेसबोन नगर क लोग मोआब क पराजय क जोजना बनइहीं। उ पचे कहिहीं, ‘आवा हम उ रास्ट्र क अन्त कइ देइ।’ मदमेन तू भी चुप कीन्ह जाब्या, तरवार तोहार पाछा करी।
3 होरोनौम नगर स रूदन अनका, उ पचे बहोत घबराहट अउर बिनास क चीखेन ह।
4 मोआब नस्ट कीन्ह जाइ। ओकर नान्ह बच्चन मदद क पुकार करिहीं।
5 मोआब क लोगो लूहीत क मारग तलक जा। उ पचे जात भए फूटि फूटिके रोवत अहइँ। हेरोनौम नगर तलक जाइवाली सड़किया स पीरा अउर कस्ट क रूदन सुना जाइ सकत ह।
6 पराइ चला, जिन्नगी बरे पराअ। जइसा झाड़ी रेगिस्ताने मँ उड़त ह वइसा उड़ा।
7 तू आपन बनाई चिजियन अउर आपन धन पइ बिस्सास करत अहा। एह बरे तू बन्दी बनाई लीन्ह जाब्या। कमोस देवता कैदी बनावा जाइ अउर ओकर याजक अउर पदाधिकारी ओकरे संग जइहीं।
8 बिध्वंसक हर एक नगर क खिलाफ आइ, कउनो नगर नाहीं बची। घाटी बर्बाद होइ। उच्च मैदान नस्ट होइ। यहोवा इ कहेस ह, एह बरे इ होइ।
9 मोआब क खेतन मँ नमक फइलावा। देस सूना रेगिस्तान बनी। मोआब क नगर खाली होइहीं। ओनमाँ कउनो भी मनई न रही।
10 जदि मनई उ नाहीं करत जेका यहोवा कहत ह जदि उ आपन तरवार क उपयोग ओन लोगन क मारइ बरे नाहीं करत, तउ उ मनई क बुरा होइ।
11 मोआब क कबहुँ बिपत्ति स पाला नाहीं पड़ी। मोआब सान्त होइ बरे छोड़ी गइ दाखरस सा बाटइ। मोआब एक गगरी स दूसर गगरी मँ दाला नाहीं गवा। उ कबहुँ कैदी नाहीं बनावा गवा। एह बरे ओकर सुआद पहिले क नाईर् अहइ अउर ओकर गन्ध बदली नाहीं अहइ।”
12 यहोवा इ सब कहत ह, “किन्तु मइँ लोगन क हाली ही तोहका तोहरी गगरी स ढालइ पठउब। उ सबइ लोग मोआब क गगरी क छूँछ कइ देइहीं अउर तब उ पचे ओन गगरियन क चकनाचूर कइ देइहीं।”
13 तब मोआब क लोग आपन असत्य देवता कमोस क बरे लज्जित होइहीं। इस्राएल क लोगन बेतेल मँ लबार देवतन पइ बिस्सास किहे रहेन अउर इस्राएल क लोगन क उ समइ ग्लानि भइ रही जब उ लबार देवता ओनकर मदद नाहीं किहे रहा। मोआब वइसा ही होइ।
14 “तू कइसे कह सकत ह, ‘हम बढ़िया फउजी अही। हम जुद्ध मँ बहादूर मनसेधू अहइ?’
15 दुस्मन मोआब पइ हमला करी। दुस्मन ओन नगरन मँ आइ अउर ओनका नस्ट करी। नरसंहार मँ ओकर स्रेस्ठ जुवक मारा जइहीं।” इ सँदेसा राजा क अहइ। उ राजा क नाउँ सर्वसवतीमान यहोवा अहइ।
16 “मोआब क अन्त निचके अहइ। मोआब हाली ही नस्ट कइ दीन्ह जाइ।
17 मोआब क चारिहुँ कइँती बसइया लोगो, तू सबहिं उ देस बरे रोउब्या। तू लोग जानत ह कि मोआब केतना प्रसिद्ध अहइ। एह बरे एकरे बरे रोआ। कहा, ‘सासक क ताकत भंग होइ गइ। मोआब क ताकत अउ प्रतिस्ठा चली गइ।’
18 दीबोन मँ रहइवाले लोगो आपन प्रतिस्ठा क जगह स बाहेर निकरा। धूरि मँ जमीन पइ बइठा। काहेकि मोआब क बिध्वंसक आवत अहइ अउर उ तोहरे मजबूत नगरन क नस्ट कइ देइ।
19 अरोएर क बसइया लोगो, सड़क क सहारे खड़ा ह्वा अउर सावधानी स रहा। मनई क परात लखा, मेहरारू क परात लखा, ओनसे पूछा क भवा ह
20 मोआब बर्बाद होइ अउर लज्जा स गड़ि जाइ। मोआब रोइ अउर रोइ। अनोर्न नदी पइ घोसित करा कि मोआब नस्ट होइ गवा।
21 ऊँच मैदान क लोग सजा पाइ चुके होलोन, यहसा अउर मेपात नगरन क निआव होइ चुका।
22 दीबोन, नबो अउर बेतदिबलातैम,
23 किर्य्यातैम, बेतगामूल अउर बेतमोन।
24 करिय्योत बोस्रा अउ मोआब क निचके अउ दूर क सबहिं नगरन क संग निआउ होइ चुका।
25 मोआब क ताकत काट दीन्ह गइ, मोआब क बाँहन टूट गइ।” यहोवा इ सब कहेस।
26 “मोआब समझे रहा उ यहोवा स भी जियादा महान अहइ। एह बरे मोआब क सख्त पागल जइसा सजा द्या। मोआब गिरी अउ आपन उलटी मँ चारिहुँ कइँती लउटी। लोग मोआब क मजाक उड़इहीं।
27 मोआब तू आपन इस्राएल क मजाक उड़ाए रह्या। इस्राएल चोरन क गिरोह क जरिये धरा गवा। हर दाईर् तू इस्राएल क बारे मँ कहत रह्या। तू आपन मूँड़ हिलावत रह्या अइसा अभिनय करत रह्या माना तू इस्राएल स स्रेस्ठ अहा।
28 मोआब क लोगो, आपन नगरन क तजा। जा अउर पहाड़ियन पइ रहा, उ कबूतर क तरह रहा जउन आपन झोंझ गुफा क मुँहे पइ बनवत ह।”
29 “हम मोआब क गर्व क सुनि चुका अही, उ बहोत घमण्डी रहा। उ समुझे रहा कि उ बहोत बड़ा अहइ। उ हमेसा आपन मुँह मियाँ मिटठू बनत रहा। उ बहोत जियादा घमण्डी रहा।”
30 यहोवा कहत ह, “मइँ जानत हउँ कि मोआब हाली ही कोहाइ जात ह अउर आपन तारीफ क गीत गावत ह। मुला ओकर सेखी झूठ अहइँ। उ जउन करइ क कहत ह, कइ नाहीं सकत।
31 एह बरे मइँ मोआब बरे रोवत हउँ। मइँ मोआब मँ हर एक बरे रोवत हउँ। मइँ कीहेर्रेस क लोगन बरे रोवत हउँ।
32 मइँ सिबमा क लोगन बरे याजेर स लोगन स जियादा रोवत हउँ। सिबमा पुराने जमाना मँ तोहार अंगूर क बेलन सागर तलक याजेर जेतनी दूर तलक फइली रहिन। मुला बिध्वंसक तोहार फल अउर अंगूर लइ लिहन।
33 मोआब क बिसाल अंगूर क बगियन स सुख अउर आनन्द बिदा होइ गएन। मइँ दाखरस निकारइ वाली जगहन स दाखरस क बहब रोक दिहे हउँ। अब दाखरस बनावइ बरे अगंूरन पइ चलइवालन क नाच-गाना नाहीं रहि गवा अहइँ। खुसी क सोर गुल सबहिं खतम होइ गवा अहइ।
34 हेसबोन अउ एलाले नगरन क लोग रोवत अहइँ। ओनकर रूदन दूर यहस क नगर मँ भी सुनाई पड़त अहइ। ओनकर रूदन सोआर नगर स सुनाई पड़त अहइ अउर हेरोनैम अउ सेलिसिया क दूर नगरन तलक पहोंचत अहइ। हिआँ तलक कि निम्रीम क भी पानी झुराइ गवा ह।
35 मइँ मोआब क उच्च ठउरन पइ होमबलि चढ़ावइ स रोक देब। मइँ ओनका आपन देवतन क बलि चढ़ावइ स रोकब।” यहोवा इ सब कहेस।
36 “मोका मोआब बरे बहोत दुःख अहइ। सोक गीत छेड़इवाली बाँसूरी क धुन क तरह मोर हिरदय रूदन कइ रहा अहइ। मइँ कीहेर्रेस क लोगन बरे दुःखी हउँ। ओनकर धन अउ सम्पत्ति सबहिं लइ लीन्ह ग अहइँ।
37 हर एक आपन मूँड़ मुड़ाए अहइ। हर एक स दाढ़ी साफ होइ ग अहइ। हर एक क हाथ कटा अहइँ अउ ओनसे रकत निकरत अहइ। हर एक आपन कमर मँ सोक स ओढ़ना लपेटे अहइ।
38 मोआब मँ लोग घरन क छतन अउर हर एक सार्वजनिक चउराहन मँ सर्वत्र मरे भएन बरे रोवत अहइँ। हुआँ सोक अहइ काहेकि मइँ मोआब क छूँछ गगरी क तरह फोड़ डाएउँ ह।” यहोवा इ सब कहेस।
39 “मोआब बिखरि गवा अहइ। लोग रोवत अहइँ। मोआब आत्मसमर्पण किहेस ह। अब मोआब लजान अहइ। लोग मोआब क मजाक उड़ावत हीं, किन्तु जउन कछू भवा ह उ ओनका भयभीत कइ देत ह।”
40 यहोवा कहत ह, “लखा, एक उकाब अकासे मँ खाले टूट पड़त अहइ। इ आपन परन क मोआब पइ फइलावत अहइ।
41 मोआब क नगरन पइ अधिकार होइ। छुपइ क सुरच्छित ठउर पराजित होइहीं। उ समइ मोआब क फउजी वइसे ही आतंकित होइहीं जइसे प्रसव करत मेहरारू।
42 मोआब क रास्ट्र नस्ट कइ दीन्ह जाइ। काहेकि उ पचे समुझत रहेन कि उ पचे यहोवा स भी जियादा महत्वपूर्ण अहइँ।”
43 यहोवा इ सब कहत ह: “मोआब क लोगो, भय गहिर गड़हन अउर जाल तोहरी प्रतीच्छा मँ अहइँ।
44 लोग डेरइहीं अउर भाग खड़ा होइहीं, अउर उ पचे गड़हन मँ गिरिहीं। जदि कउनो गहिर गड़हा स निकरी तउ उ जाल मँ फँसी। मइँ मोआब पइ सजा क बरिस लिआउब।” यहोवा इ सब कहेस।
45 “ताकतवर दुस्मन स लोग भाग चला अहइँ। उ पचे सुरच्छा बरे हेसबोन नगर मँ परातेन। किन्तु हुआँ सुरच्छा नाहीं रही। सिहोन (हेसबोन) क नगर मोआबियन क बिरुद्ध होइ गवा अउर उ मोआब क प्रमुखन क नस्ट करइ लाग। इ ओन घमण्डी लोगन क नस्ट करइ लाग।
46 मोआब इ तोहरे बरे, बहोत बुरा होइ। कमोस क लोग नस्ट कीन्ह जात अहइँ। तोहार पूत अउ बिटियन बन्दी अउ कैदी क रूप मँ लइ जावा जात अहइँ।
47 “मोआब क लोग कैदी क रूप मँ दूर पहोंचावा जइहीं। किन्तु आवइवाले दिनन मँ मइँ मोआब क लोगन क वापस लिआउब।” इ सँदेसा यहोवा क अहइ।हिआँ मोआब क संग निआव खतम होत ह।
Jeremiah 49
1 इ सँदेसा अम्मोनी लोगन क बारे मँ अहइ। यहोवा कहत ह, “अम्मोनी लोगो, का तू पचे सोचत अहा कि इस्राएली लोगन क बच्चन नाहीं अहइँ? का तू पचे समुझत अहा कि हुवाँ महतारी-बाप क मरइ क पाछे ओनकर भूइँया लेइवाला कउनो नाहीं? फिर भी तू पचे मल्कोम देवता क नाउँ पइ इस्राएल स गाद क भुइँया लेइ क निहचय किहेन।”
2 यहोवा कहत ह, “उ समइ आइ जब रब्बा अम्मोन क लोग हमला स बचइ बरे तुरही बजाइहीं। रब्बा अम्मोन नस्ट कीन्ह जाइ। इ नस्ट इमारतन स ढकी पहाड़ी बनी अउर एका चारिहुँ कइँती क नगर बारि दीन्ह जइहीं। ओन लोग इस्राएल क लोगन क उ भूमि तजइ क बिवस करी। अब इस्राएल क लोग ओनका अम्मोन देस तजइ बरे बिवस करिहीं,” यहोवा कहत ह।
3 “हेसबोन क लोगो, रोवा। काहेकि इ सबइ नगर नस्ट कइ दीन्ह ग अहइ। रब्बा अम्मोन क मेहररूओ, रोवा। आपन सोक ओढ़ना क पहिरा अउर रोवा। सुरच्छा बरे नगर क पराअ। काहेकि दुस्मन आवत अहइ। उ पचे मल्कान देवता क लइ जइहीं अउर उ पचे मल्कान क याजकन अउ अधिकारियन क लइ जइहीं।
4 तू आपन सवित क डींग मारत अहा। किन्तु आपन ताकत क खोवत अहा? तोहका बिस्सास अहइ कि तोहार धन तोहका बचाइ। तू समुझत अहा कि तोह पइ कउनो हमला करइ क सोच भी नाहीं सकत।”
5 किन्तु सर्वसवतीमान यहोवा इ कहत ह, “मइँ हर कइँती स तोह पइ बिपत्ति ढाउब। तू सब पराइ खड़ा होब्या, फुन कउनो भी तू पचन्क एक संग लिआवइ मँ समर्थ नाहीं होइ।”
6 “अम्मोनी लोग कैदी बनाइके दूर पहोंचावा जइहीं। किन्तु समइ आइ जब मइँ अम्मोनी लोगन क वापस लिआउब।” इ सँदेसा यहोवा क अहइ।
7 इ सँदेसा एदोम क बारे मँ अहइ: सर्वसवतीमान यहोवा कहत ह, “का तोमान नगर मँ बुद्धि बची नाहीं रह गई अहइ? का एदोम क बुद्धिमान लोग अच्छी सलाह देइ क जोग्य नाहीं रहेन? का उ पचे आपन बुद्धिमानी खोइ चुका अहइँ?
8 ददान क निवासियो, भागा छुपा। काहेकि मइँ एसाव क ओकर कामन बरे सजा देब।
9 “जदि अंगूर तोड़इवाले आवत हीं अउर आपन अंगूर क बगियन स अंगूर तोड़त हीं अउर बेलन पइ कछू अंगूर छोड़ ही देत हीं। जदि चोर रात क आवत हीं तउ उ पचे ओतना ही लइ जात हीं जेतना ओनका चाही सब नाहीं।
10 किन्तु मइँ एसाव स हर चीज लइ लेब। मइँ ओकर सबहिं छुपइ क जगह ढूँढ़ि डाउब। उ मोहसे छुपा नाहीं रह सकत। ओकर, बच्चन, रिस्तेदार अउर पड़ोसी मरिहीं।
11 कउनो भी मनई मनई ओनकर बच्चन क देख-रेख बरे नाहीं बची। ओनकर मेहररूअन कउनो भी बिस्सासपात्र क नाहीं पइहीं।”
12 इ उ अहइ जउन यहोवा कहत ह, “कछू मनई सजा क पात्र नाहीं होतेन, किन्तु ओनका कस्ट होत ह। किन्तु एदोम तू सजा पावइ क जोग्ग अहा, एह बरे फुरइ तोहका सजा मिली। जउन सजा तोहका मिलइ चाही, ओहसे तू बचिके नाहीं निकर सकत्या। तोहका सजा मिली।”
13 यहोवा कहत ह, “मइँ आपन सवती स इ प्रतिग्या करत हउँ, मइँ प्रतिग्या करत हउँ कि बोस्रा नगर नस्ट कीन्ह जाइ। उ नगर बर्बाद चट्टानन क ढेर बन जाइ। जब लोग दूसर नगरन क बुरा होइ चहिहीं तउ उ पचे इ नगर क उदारहण क रूप मँ याद करिहीं। लोग उ नगर क अपमान करिहीं अउर बोस्रा क चारिहुँ ओर क नगर सदा ही बर्बाद होइ जइहीं।”
14 मइँ एक सँदेसा यहोवा स सुनेउँ। यहोवा रास्ट्रन क सँदेसा पठएस। सँदेसा इ अहइ: “आपन फउजन क एक संग बटोरा। जुद्ध बरे तइयार होइ जा। एदोम रास्ट्र क खिलाफ वूच करा।
15 एदोम, मइँ तोहका महत्वहीन बनाउब। हर एक मनई तोहसे घिना करी।
16 एदोम, तू दूसर रास्ट्रन क आतंकित किहा ह। एह बरे तू समझा कि तू महत्वपूर्ण अहा। किन्तु तू मूरख बनावा गवा रह्या। तोहार घमण्ड तोहका धोखा दिहस ह। एदोम, तू ऊँच पहाड़ियन पइ बसा अहा, तू बड़की चट्टानन अउर पहाड़ियन क जगहन पइ सुरच्छित अहा। किन्तु जदि तू आपन निवास उकाब क झोंझ क ऊँचाई पइ ही काहे न बनावा, तउ भी मइँ तोहका पाइ लेब अउर मइँ हुआँ स खाले लइ आउब।” यहोवा इ सबइ कहेस।
17 “एदोम नस्ट कीन्ह जाइ। लोगन क नस्ट नगरन क लखिके दुःख होइ। लोग नस्ट नगरन पइ अचरज स सीटी बजइहीं।
18 सदोम अउर अमोरा मँ तब स कउनो नाहीं रहत ह बहोत पहिले जब स उ नस्ट कीन्ह गए रहेन, उहइ तरह एदोम क सहर मँ कउनो नाहीं रहब्या जब मइँ ओका तबाह करब,” यहोवा कहत ह।
19 “कबहुँ यरदन नदी क निचके क घनी झाड़ियन स एक ठु सेर निकरी अउ उ सेर ओन खेतन मँ जाइ जहाँ लोग आपन भेड़िन अउर आपन पसु रखत हीं। मइँ उ सेर क समान हउँ। मइँ एदोम जाब अउर मइँ ओन लोगन क आतंकित करब। मइँ ओनका भगाउब। कउनो भी मोरे समान नाहीं अहइ। कउनो भी मोका चुनौती नाहीं देइ। ओनकर गड़रियन (प्रमुखन) मँ स कउनो भी हमरे बिरुद्ध खड़ा नाहीं होइ।”
20 एह बरे यहोवा एदोम क खिलाफ जउन जोजना बनाएस ह ओका सुना। तेमान मँ लोगन क संग जउन करइ क निहचइ यहोवा किहस ह ओका सुना। उ पचे जउन कछू किहन ओहसे एदोम क चरागाह खाली होइ जइहीं।
21 एदोम क पतन क धमाका स पृथ्वी काँप उठी। ओनकर रूदन लगातार लाल सागर तलक सुनाई पड़ी।
22 यहोवा उ उकाब क तरह मँडराइ जउन आपन सिकार पइ टूटत ह। यहोवा बोस्रा नगर पइ आपन पखना फइलाइके उकाब क नाईर् अहइ। उ समइ एदोम क फउजी बहोत आतंकित होइहीं। उ पचे बच्चा पइदा करत मेहरारू क तरह डर स रोइहीं।
23 इ सँदेसा दमिस्क नगर क बरे अहइ: “हमात अउ अर्पद नगर भयभीत अहइँ। उ पचे डेरान अहइँ काहेकि उ पचे बुरी खबर सुनेन ह। उ पचे साहसहीन होइ गएन ह। उ पचे परेसान अउ आतंकित अहइँ।
24 दमिस्क नगर दुर्बल होइ ग अहइ। लोग पराइ जाइ चाहत अहइँ। लोग भय स तैयार बइठा अहइँ। बच्चा पइदा करत मेहरारू क तरह पीरा अउ कस्ट महसूस करत अहइँ।
25 “दमिस्क नगर प्रसिद्ध अउ बहोत खुस अहइ। अब इ केतॅना अलग अहइ।
26 एह बरे दमिस्क क जवान लोगन इ नगर क सार्वजनिक चउराहे मँ मरिहीं। उ समइ ओकर सबहिं फउजी मार डावा जइहीं,” सर्वसक्तिमान यहोवा कहत ह।
27 “मइँ दमिस्क क देवारन मँ आगी लगाइ देब। उ आगी बेन्नहदद क मजबूत दुर्गन पूरी तरह बारिके खाक कइ देइ।”
28 इ सँदेसा केदार क परिवार समूह अउ हासोर क सासकन क बारे मँ अहइ। बाबुल क राजा नबूकदनेस्सर ओनका पराजित किहे रहा।यहोवा कहत ह, “जा अउर केदार क परिवार समूह पइ हमला करा। पहिले क लोगन क नस्ट कइ द्या।
29 ओनकर डेरन अउ भेड़िन क खरकन लइ लिहा। ओनकर डेरन अउर सबहिं चिजियन क आपन समझकर लेइ जा। ओनकर ऊँटन क आपन जगह पइ लेइ जा। लोग ओनके समन्वा चिल्लइहीं: ‘हमार चारिहुँ ओर भयंकर घटनन घटति अहइँ।’
30 हाली ही पराइ निकरा। हासोर क लोगो, छुपइ क ठउर हेरा।” इ सँदेसा यहोवा क अहइ। “नबूकदनेस्सर तोहरे खिलाफ जोजना बनाएस ह। उ तू पचन्क पराजित करइ क चुस्त जोजना बनाएस ह।
31 एक रास्ट्र अहइ, जउन खुसहाल अहइ। उ रास्ट्र क बिस्सास अहइ कि उ कउनो क नाहीं हराइ। उ रास्ट्र क लगे सुरच्छा बरे दुआर अउ रच्छा प्राचीर नाहीं अहइ। उ सबइ लोग अकेल्ले रहत हीं। यहोवा कहत ह, ‘उ रास्ट्र पइ हमला करा।’
32 दुस्मन ओनकर ऊँटन अउर पसुअन क बड़के झुण्डन क चोराइ लेइ। मइँ ओन लोगन क पृथ्वी क हर हींसा मँ पराइ जाइ पइ मजबूर करब जउन आपन बालन क कोनन क कटाइ राखे अहइँ। अउर मइँ ओनके बरे चारिहुँ ओर भयंकर बिपत्तियन लिआउब,” यहोवा कहत ह।
33 “हासोर क प्रदेस जंगली वुवुरन क रहइ क ठउर बनी। इ सदा ही क बरे सूना रेगिस्तान बनी। कउनो मनई हुआँ नाहीं रही कउनो मनई उ ठउरे पइ नाहीं रही।”
34 जब सिदकिय्याह यहूदा क राजा रहा तब ओकरे राज्जकाल क सुरूआत मँ यिर्मयाह नबी यहोवा क एक सँदेसा प्राप्त किहस। इ सँदेसा एलाम रास्ट्र क बारे मँ अहइ।
35 सर्वसवतीमान यहोवा कहत ह, “मइँ एलाम क धनुस बहोत हाली तोड़ देब। धनुस एलाम क सब स सवतीसाली अस्त्र अहइ।
36 मइँ एलाम पइ चतुदिर्क तूफान लिआउब। मइँ ओनका अकासे क चारिहुँ दिसा स लिआउब। मइँ एलाम क लोगन क पृथ्वी पइ सर्वत्र पठउब जहाँ चतुदिर्क आँधियन चलत हीं अउर एलाम क कैदी हर रास्ट्र मँ जइही।
37 मइँ एलाम क ओनके समन्वा तोड़ब गाजो ओनका मारि डावइ चाहत हीं। मइँ ओनपइ भयंकर बिपत्तियन लिआउब। मइँ ओनका देखाउब कि मइँ ओन पइ केतना कोहान हउँ,” यहोवा कहत ह। “मइँ एलाम क पाछा करइ बरे तरवार पठउब। तरवार ओनकर पाछा तब तलक करी जब तलक मइँ ओन सब क मारि नाहीं डाउब।
38 मइँ एलाम क देखाउब कि मइँ व्यवस्थापक हउँ अउर मइँ ओकर राजा लोग तथा पदाधिकारियन क नस्ट कइ देब।” उ सँदेसा यहोवा क अहइ।
39 “किन्तु भविस्स मँ मइँ एलाम बरे सब नीक घटित होइ देबउँ।” इ सँदेसा यहोवा क अहइ।
Jeremiah 50
1 इ सँदेसा यहोवा क अहइ जेका उ बाबुल रास्ट्र अउ बाबुल क लोगन बरे दिहस। यहोवा इ सँदेसा यिर्मयाह क जरिये दिहस।
2 “हर एक रास्ट्र क इ घोसित कइ द्या। झण्डा उठावा अउर सँदेसा सुनावा। पूरा सँदेसा सुनावा अउर कहा, ‘बाबुल रास्ट्र पइ अधिकार कीन्ह जाइ। बेल देवता लज्जा क पात्र बनी। मरोदेक देवता बहोत डेराइ जाइ। बाबुल क देवमूरतियन लज्जा क पात्र बनहीं ओकर मूतिर् देवता भयभीत होइ जइहीं।’
3 उत्तर स एक रास्ट्र बाबुल पइ हमला करी। उ रास्ट्र बाबुल क सूना रेगिस्तान स बनाइ देइ। कउनो मनई हुआँ नाहीं रही। मनई अउ पसु दुइनउँ हुआँ स पराइ जइहीं।”
4 यहोवा कहत ह, “उ समइ, इस्राएल क अउर यहूदा क लोग एक संग होइहीं। उ पचे एक संग बराबर रोवत रहिहीं अउर एक संग ही उ पचे आपन यहोवा परमेस्सर क खोजइ जइहीं।
5 उ सबइ लोग पूछिहीं सिय्योन कइसे जाइँ उ पचे उ दिसा मँ चलब सुरू करिहीं। लोग कहिहीं, ‘आवा, हम यहोवा स जाइ मिलइँ, हम एक अइसी करार करी जउन सदा ही रहइ। हम लोग एक ठु अइसी करार करी जेका हम कबहुँ न बिसरी।’
6 मोर लोग हेरान भेड़िन क तरह होइ ग अहइँ। ओनकर गड़रियन ओनका गलत राहे पइ लइ गवा अहइँ। ओनकर मार्गदर्सकन ओनका पहाड़न अउर पहाड़ियन मँ चारिहुँ कइँती भटकाएन ह। उ पचे बिसरि गएन कि ओनकर बिस्राम क ठउर कहाँ अहइ।
7 जउन भी मोरे लोगन क पाएस, चोट पहोंचाएस अउर ओन कहेन, ‘हम कछू गलत नाहीं कीन्ह।’ वे लोग ही यहोवा क खिलाफ पाप किहेन। यहोवा ओनकर बिस्राम क ठउर अहइ। अउर परमेस्सर जेह पइ ओकर पुरखन पतियानेन।
8 “बाबुल स पराइ निकरा। कसदी लोगन क देस क तजि द्या। ओन बोकरन क तरह बना जउन झूण्ड क राह देखावत हीं।
9 मइँ बहोत स रास्ट्रन क उत्तर स एक संग लिआउब। रास्ट्रन क इ समूह बाबुल क बिरुद्ध जुद्ध बरे तइयार होइ। बाबुल उत्तर क लोगन क जरिये अधिकार मँ लिआवा जाइ। उ सबइ रास्ट्र बाबुल पइ अनेक बाण चलइहीं अउर उ सबइ बाण ओन फउजियन क समान होइहीं जउन जुद्ध भूइँया स खाली हाथ नाहीं लउटेन।
10 दुस्मन कसदी लोगन स सारा धन लेइ। उ सबइ दुस्मन फउजी जउन चहिहीं, लेइहीं।” इ सबइ यहोवा कहत ह।
11 “बाबुल, तू उत्तेजित अउ खुस ह्वा। तू मोर देस लिहा। तू अनाज क चारिहुँ कइँती गइया क तरह नाचत अहा। तोहार हँसी घोड़न क हिनहिनाहट जइसी अहइ।
12 अब तोहार महतारी बहित लजाइ तोहका जन्म देइवाली महतारी क ग्लानि होइ बाबुल सबहिं रास्ट्रन क तुलना मँ सब स कम महत्व क होइ। उ एक सूना रेगिस्तान होइ।
13 यहोवा आपन किरोध परगट करी। एह बरे कउनो मनई हुआँ नाहीं रही। बाबुल नगर पूरी तरह खाली रही। बाबुल स गुजरइवाला हर एक मनई डेराइ। उ पचे आपन मूँड़ हिलइहीं जब उ पचे लखिहीं कि इ कउने बुरी तरह नस्ट भवा ह।
14 बाबुल क खिलाफ जुद्ध क तइयारी करा। सबहिं फउजियन आपन धनुस स बाबुल पइ बाण चलावा। आपन बाणन क न बचावा। बाबुल यहोवा क खिलाफ पाप किहस ह।
15 बाबुल क चारिहुँ ओर क फउजियो, जुद्ध क उद्घोस करा। अब बाबुल आत्म समर्पण किहेस ह। ओकर दीवारन अउर गुम्बदन क गिराइ दीन्ह ग अहइ। यहोवा ओन लोगन क उ सजा देत अहइ जउन ओनका मिलइ चाही। रास्ट्रो तू बाबुल क उ सजा द्या जउन मिलइ चाही। ओकर संग उ करा जउन उ दूसर रास्ट्रन क संग किहस ह।
16 बाबुल क लोगन क ओनकर फसलन न उगावइ द्या। ओनका फसलन न काटइ द्या। बाबुल क फउजी आपन नगर मँ अनेकन कैदी लियाएन ह। अब दुस्मन क फउजी आइ गवा अहइँ, एह बरे उ पचे कैदी आपन घर लउटत अहइँ। उ सबइ कैदी आपन देसन क वापस परात अहइँ।
17 “इस्राएल भेड़ी क तरह अहइ जेका सेरन पाछा कइके भगाइ दिहन ह। ओका खाइवाला पहिला सेर अस्सूर क राजा रहा। ओकर हाड़न क चूर करइवाला आखिरी सेर बाबुल क राजा नबूकदनेस्सर रहा।
18 एह बरे सर्वसवतीमान यहोवा, इस्राएल क परमेस्सर कहत ह: “मइँ हाली ही बाबुल क राजा अउर ओकर देस क सजा देब। मइँ ओका वइसे ही सजा देब जइसे मइँ अस्सूर क राजा क सजा दिहेउँ।’
19 मुला इस्राएल क मइँ ओकरे खेतन मँ वापस लिआउब। उ उहइ भोजन करी जउन कमेर्ल पर्वत अउर बासान क भुइँया क उपज अहइ। उ भोजन करी अउर भरा पूरा होइ। उ एप्रैम अउर गिलाद भुइँया मँ पहाड़ियन पइ खाइ।”
20 यहोवा कहत ह, “उ समइ लोग इस्राएल क अपराध क जानइ चहिहीं। किन्तु कउनो अपराध नाहीं होइ। लोग यहूदा क पापन क जानइ चहिहीं किन्तु कउनो पाप नाहीं मिली। काहेकि मइँ इस्राएल अउ यहूदा क कछू बचे भएन क बचावत अहउँ अउर मइँ ओनकर सबहिं पापन बरे ओनका छिमा करत हउँ।”
21 यहोवा कहत ह, “मरातैम देस पइ हमला करा। पकोद क पहँटा क निवासियन पइ हमला करा। ओन पइ हमला करा, ओनका मार डावा अउर ओनका पूरी तरह नस्ट कइ द्या। उ सब करा जेकरे बरे मइँ आदेस देत हउँ।
22 “जुद्ध क घोस समूचइ देस मँ सुना जाइ सकत ह। इ बहोत जियादा बिध्वंस क सोर अहइ।
23 बाबुल पूरी भुइँया क हथौड़ा रहा। किन्तु अब हथौड़ा टूट गवा बिखराइ गवा अहइ। बाबुल सबन मँ सब स जियादा बर्बाद रास्ट्रन मँ स एक अहइ।
24 बाबुल, तू एक जाल बिछाएउँ, किन्तु खुद ही तू एहमाँ आइ फँसा अउर तू लख भी नाहीं पाएस कि उ आवत रहा। तू यहोवा क खिलाफ लड़्या, एह बरे तू मिल गया अउर धरा गया।
25 यहोवा आपन भण्डार खोल दिहस ह। अउर आपन किरोध क अस्त्र-सस्त्र निकारेस ह। सर्वसवतीमान परमेस्सर यहोवा ओन अस्त्र-सस्त्र क निकारेस ह काहेकि ओका कसदी लोगन क देस मँ काम करब अहइ।
26 बहोत दूर स बाबुल क खिलाफ आवा, ओकर अन्न भण्डार घरन क तोड़िके खोला। बाबुल क पूरी तरह नस्ट करा अउर कउनो क जिअत न छोड़ा। ओनकर ल्हासन क अनाजे क बड़के ढेर क तरह एक ढेर मँ लगावा।
27 बाबुल क सबहिं नउ जवानन क मार डावा। ओनकर नरसंहार होइ द्या। ओनकर पराजय क समय आइ गवा अहइ। एह बरे ओनके बरे बहोत बुरा होइ। इ ओनके बरे दण्डित होइ क समइ अहइ।
28 लोग बाबुल देस स परात अहइँ, उ पचे उ देस स बच निकरत अहइँ। उ सबइ लोग सिय्योन क आवत अहइँ अउर उ पचे सबहिं स उ सब कहत अहइँ जउन यहोवा करत अहइ। उ सबइ कहत अहइँ कि बाबुल क, जउन सजा मिलइ चाही यहोवा ओका देत अहइ। बाबुल यहोवा क मन्दिर क नस्ट किहस, एह बरे अब यहोवा बाबुल क नस्ट करत अहइ।
29 धनुर्धारियन क बाबुल क खिलाफ बोलावा। ओन लोगन स नगर पइ हमला करइ क कहा। कउनो क बच निकरइ जिन द्या। जउन उ किहस ह ओकर उल्टा भुगतान करा। ओकरे संग उहइ करा जउन उ दूसर रास्ट्रन क संग किहेस ह। बाबुल यहोवा क सम्मान नाहीं किहेस। बाबुल इस्राएल क पवित्तरतम क बरे बड़ा घमण्डी रहा। एह बरे बाबुल क सजा द्या।
30 बाबुल क नउ जवान सड़कन पइ मारा जइहीं, ओह दिन सबहिं फउजी मर जइहीं।” इ सबइ यहोवा कहत ह।
31 “बाबुल, तू बहोत गर्वीला अहा, अउर मइँ तोहरे खिलाफ हउँ।” हमार सुआमी सर्वसवतीमान यहोवा इ सब कहत ह। “मइँ तोहरे खिलाफ हउँ अउर तोहरे दण्डित होइ क समइ आइ गवा ह।
32 गर्वीला बाबुल ठोकर खाइ अउ गिरी अउर कउनो मनई ओका उठावइ मँ मदद नाहीं करी। मइँ ओकरे नगरन मँ आगी लगाउब, उ आगी ओकरे चारिहुँ कइँती क सबहिं क पुरी तरह बारि देइ।”
33 सर्वसवतीमान यहोवा कहत ह, “इस्राएल अउ यहूदा क लोग दास अहइँ। दुस्मन ओनका लइ गवा अउर दुस्मन इस्राएल क निकरि जाइ नाहीं देइ।
34 मुला परमेस्सर ओन लोगन क वापस लिआइ। ओकर नाउँ सर्वसवतीमान परमेस्सर यहोवा अहइ। उ दृढ़ सवती स ओन लोगन क रच्छा करी। उ ओनकर रच्छा करी जेहसे उ पृथ्वी क बिस्राम दइ सकइ। किन्तु उ बाबुल क लोगन क बिस्राम नाहीं देइ।”
35 यहोवा कहत ह, “बाबुल क लोगन क तरवार स मार द्या। बाबुल क राजकीय अधिकारियन अउ ग्यानियन क भी तरवार स मर जाइ द्या।
36 बाबुल क याजकन क तरवार स मार द्या। उ सबइ याजक मूरख लोगन क तरह होइहीं। बाबुल क फउजियन क तरवार स मर जाइ द्या, उ सबइ फउजी त्रास स भरि जइहीं।
37 बाबुल क घोड़न अउर रथन क तरवार क घाट उतरइ द्या। दूसर देसन क भाड़े क फउजियन क तरवार स कट जाइ द्या। उ सबइ फउजी भयभीत अबला होइहीं। बाबुल क खजाने क खिलाफ तरवार उठइ द्या, उ सबइ खजानन लइ लीन्ह जइहीं।
38 बाबुल क नदियन सूख जाइँ। उ सबइ नदियन सूख जइहीं। बाबुल देस मँ असंख्य देवमूरतियन अहइँ। उ सबइ मूरतियन परगट करत हीं कि बाबुल क लोग मूरख अहइँ। एह बरे ओन लोगन क संग बुरी घटनन घटिहीं।
39 बाबुल फुन लोगन स नाहीं भरी जंगली वूवुरन, सुतुरमुर्ग अउर दूसर रेगिस्तान क जनावर हुआँ रहिहीं। किन्तु हुआँ कबहुँ कउनो मनई नाहीं रही।
40 परमेस्सर सदोम, अमोरा अउ ओनके चारिहुँ कइँती क नगरन क पूरी तरह स नस्ट किहे रहा अउर जब ओन नगरन मँ कउनो नाहीं रहत। इहइ तरह बाबुल मँ कउनों नाहीं रही अउर कउनो मनई हुआँ रहइ कबहुँ नाहीं जाइ।
41 लखा, उत्तर स लोग आवत अहइँ, उ पचे एक सवतीसाली रास्ट्र स आवत अहइँ। पूरे संसार क चारिहुँ ओर स एक संग बहोत स राजा आवत अहइँ।
42 ओनकी फउज क लगे धनुस अउर भालन अहइँ, फउजी वूर अहइँ, ओनमाँ दाया नाहीं अहइ। फउजी आपन घोड़न पइ सवार आवत अहइँ, ओकर दोड़इ क आवाज समुद्दर क गरजन क तरह अहइ। उ पचे आपन जगहियन पइ जुद्ध बरे तइयार अहइँ। बाबुल नगर उ पचे तोह पइ हमला करइ क तत्पर अहइँ।
43 बाबुल क राजा ओन फउजन क बारे मँ सुनेस, अउर उ आतंकित होइ गवा। उ एतना डर गवा ह कि ओकर हाथ हल नाहीं सकतेन। ओकरे डर स ओकरे पेट मँ अइसी पीरा होत अहइ, जइसे उ बच्चा पइदा करइवाली मेहरारू होइ।”
44 यहोवा कहत ह, “कबहुँ यरदन नदी क निचके क घनी झाड़ियन स एक ठु सेर निकरी। उ सेर ओन खेतन मँ आइ जहाँ लोग आपन जनावरन रखत हीं अउर सब जनावर पराइ जइहीं। मइँ उ सेर क तरह होब। मइँ बाबुल, स ओकर देस छोड़ाउब। इ करइ बरे मइँ केका चुनब? मइँ जेका चाहब चुनब। काहेकि अइसा कउनो मनई नाहीं जउन मोका चुनौती दइ सकइ। कउनो गड़रिया मोर समन्वा खड़ा नाहीं होइ सकत।”
45 बाबुल क संग यहोवा जउन कछू करइ क जोजना बनाएस ह, ओका सुना। बाबुल लोगन बरे यहोवा जउन करइ क निर्णय लिहस ह ओका सुना। दुस्मन बाबुल क लोगन क खींच लेइ जाब्या जइसा एक बछड़ा क झुण्ड स खींच लइ जाइ जात ह। उ बाबुल क एक खाली खेत मँ बदल देब।
46 बाबुल क पतन होइ, अउर उ पतन पृथ्वी क कँपकँपाइ देइ। सबहिं रास्ट्रन क लोग बाबुल क बिध्वंस होइ क बारे मँ सुनिहीं।
Jeremiah 51
1 यहोवा कहत ह, “मइँ एक प्रचण्ड आँधी उठाउब। मइँ एका बाबुल अउ बाबुल क लोगन के खिलाफ बहाउब।
2 मइँ बाबुल क ओसावइ बरे लोगन क पठउब। उ पचे बाबुल क ओसाइ देइहीं। उ सबइ लोग बाबुल क सूना बनाइ देइहीं। फउजन नगर क घेर डइहीं अउ भयंकर बिध्वंस होइ।
3 बाबुल क फउजी आपन धनुस-बाण क उपयोग नाहीं कइ पइहीं। उ सबइ फउजी आपन कवच भी नाहीं पहिर सकिहीं। बाबुल क नउ जवानन बरे दुःख महसूस जिन करा। ओनकर फउजे क पूरी तरह नस्ट करा।
4 बाबुल क फउजी कसदियन क भुइँया मँ मारा जइहीं। उ सबइ बाबुल क सड़कियन पइ बुरी तरह घायल होइहीं।”
5 सर्वसवतीमान यहोवा इस्राएल व यहूदा क लोगन क राँड़ सा अनाथ नाहीं छोड़ेस ह। परमेस्सर ओन लोगन क नाहीं छोड़ेस। नाहीं उ सबइ लोग इस्राएल क पवित्तरतम क छोड़इ क अपराधी अहइँ। उ पचे ओका छोड़ेन किन्तु उ एनका नाहीं छोड़ेस।
6 बाबुल स पराइ चला। आपन जिन्नगी बचावइ बरे पराअ। बाबुल क पापन क कारण हुआँ जिन ठहरा अउर मारा न जा। इ समइ अहइ जब यहोवा बाबुल क लोगन क ओन बुरे करमन क सजा देइ जउन उ पचे किहन। बाबुल क सजा मिली जउन ओका मिलइ चाही।
7 बाबुल यहोवा क हाथ क सुनहरा पियाला जइसा रहा। बाबुल पूरी पृथ्वी क मतवाला बनाइ डाएस। रास्ट्रन बाबुल क दाखरस पिएन। एह बरे उ सबइ पागल होइ उठेन।
8 बाबुल क पतन होइ अउर उ अचानक टूट जाइ। ओकरे बरे रोआ। ओकर पीरा क दवाई लिआवा। सायद उ तन्दुरूस्त होइ जाइ।
9 हम बाबुल क तन्दुरूस्त करइ क जतन किहेउँ, किन्तु हम कामयाब न भवा। एह बरे हम ओका तजि देइ अउर आपन देसन क लउटि चली। बाबुल क सजा अकासे क परमेस्सर निहचित करी, उ निर्णय करी कि बाबुल क का होइ।
10 यहोवा हम लोगन बरे बदला लिहस। आवा इ बारे मँ सिय्योन मँ बताइ। हम यहोवा हमार परमेस्सर जउन कछू हमार बरे किहस ह, ओकरे बारे मँ बताइ।
11 बाणन क तेज करा। ढाल ओढ़ा। यहोवा मादी क राजा लोगन क जगाइ दिहस ह। उ ओनका जगाएस ह काहेकि उ बाबुल क नस्ट करइ चाहत ह। यहोवा बाबुल क लोगन क उ सजा देइ जेकर पचे पात्र अहइँ। बाबुल क फउज यरूसलेम मँ यहोवा क मन्दिर क ध्वस्त किहे रही। एह बरे यहोवा ओनका उ सजा देइ जउन ओनका मिलइ चाही।
12 बाबुल क देवारन क खिलाफ झण्डन उठाइ ल्या। अधिक रच्छक लिआवा। चौकीदारन क ओनके जगह पइ रखा। एक ठु गुप्त हमला बरे तइयार होइ जा। यहोवा उ करी जउन उ जोजना बनाएस ह। यहोवा उ करी जउन उ बाबुल क लोगन क खिलाफ करइ क कहेस।
13 बाबुल तू प्रभूत जल क निअरे अहा। तू खजाना स पूर्ण अहा। किन्तु रास्ट्र क रूप मँ तोहार अन्त आइ ग अहइ। इ तोहका बर्बाद करइ क समइ अहइ।
14 सर्वसवतीमान यहोवा इ प्रतिग्या आपन नाउँ लइके किहेस ह: “बाबुल मइँ तोहका निहचइ ही असंख्य सत्रु सेना स भरि देब। उ पचे टिड्डी दल क नाईर् होइहीं। उ सबइ फउजी तोहरे खिलाफ जितिहीं अउर उ पचे तोहरे ऊपर खड़ा होइहीं अउर बिजय घोस करिहीं।”
15 यहोवा आपन महान सवती क उपयोग किहस अउर पृथ्वी क बनाएस। उ दुनिया क बनावइ बरे आपन बुद्धि क उपयोग किहस। उ आपन समुझ क उपयोग अकास क फइलावइ मँ किहस।
16 जब उ गरजन ह तब अकासे क जल गरज उठत ह। उ समूची पृथ्वी स बादरन क ऊपर पठवत ह। उ बर्खा क संग बिजली क पठवत ह। उ आपन भण्डार घर स हवा क लिआवत ह।
17 मुला लोग बेववूफ अहइँ। उ पचे नाहीं समुझतेन कि परमेस्सर का किहेस ह। मूतिर्कार मूरतियन बनावत हीं। उ पचे सिरिफ लबार देवता अहइँ। एह बरे उ सबइ परगट करत हीं कि उ मूतिर्कार केतना मूरख अहइँ। उ सबइ देवमूरतियन सजीब नाहीं अहइँ।
18 उ सबइ देवमूरतियन बियर्थ अहइँ। लोग ओन देवमूरतियन क बनाएन ह अउर उ पचे मजाक क अलावा कछू नाहीं अहइँ। ओनकर निआव क समइ आइ अउर उ सबइ देवमूरतियन नस्ट कइ दीन्ह जइहीं।
19 किन्तु परमेस्सर याकूब क हींसा ओन बियर्थ देवमूरतियन जइसा नाहीं अहइ। लोग परमेस्सर क नाहीं बनाएन, परमेस्सर लोगन क बनाएस। इस्राएल ओकर खास सम्पत्ति अहई। परमेस्सर ही सब कछू बनाएस। ओकर नाउँ सर्वसवतीमान यहोवा अहइ।
20 यहोवा कहत ह, “बाबुल तू मोर जुद्ध क हथियार ह्वा, मइँ तोहार उपयोग रास्ट्रन क वुचरइ बरे करत हउँ। मइँ तोहार उपयोग राज्जन क बर्बाद करइ बरे करत हउँ।
21 मइँ तोहार उपयोग घोड़ अउ घुड़सवार क वुचरइ बरे करत हउँ।
22 मइँ तोहार उपयोग मेहररूअन क वुचरइ बरे करत हउँ। मइँ तोहार उपयोग बूढ़ा अउ नउजवान क वुचरइ बरे करत हउँ। मइँ तोहार उपयोग नउजवानन अउर नउ जुवतियन क वुरचइ बरे करत हउँ।
23 मइँ तोहार उपयोग गड़रियन अउ ओनकर भेड़िन क खरकन बरे करत हउँ। मइँ तोहार उपयोग किसानन अउ बर्धन क वुचरइ बरे करत हउँ। मइँ तोहार उपयोग प्रसासकन अउर बड़के अधिकारियन क वुचरइ बरे करत हउँ।
24 मुला मइँ बाबुल क अउर बाबुल क सबहिं लोगन क उल्टा भुगतान करब। मइँ ओनका सिय्योन बरे उ पचे जउन बुरा किहन, ओन सब क भुगतान करब। मइँ ओनका उल्टा भुगतान करब जेहसे सबहिं ओका लखि सका,” यहोवा कहत ह।
25 यहोवा कहत ह, “बाबुल, तू पहाड़ क गिरावत अहा अउर मइँ तोहरे खिलाफ हउँ। बाबुल, तू पूरा देस नस्ट किहा ह अउर मइँ तोहरे बिरुद्ध हउँ। मइँ तोहरे बिरुद्ध आपन हाथ बढ़ाउब। मइँ तोहका चट्टानन स लुढ़काउब। मइँ तोहका जरा भवा पर्वत कइ देब।
26 लोगन क कोने क पाथर बनावइ जोग्ग बड़का पाथर नाहीं मिली। उ पचे इमारतन क नेंव बरे कउनो भी चट्टान नाहीं लाइ सकिहीं। काहेकि तोहार नगर सदा ही क बरे बेकार पाथरन क ढेर बन जाइ,” यहोवा कहत ह।
27 “देस मँ जुद्ध क झण्डा उठावा। सबहिं रास्ट्रन मँ तुरही बजाइ द्या। रास्ट्रन क बाबुल क खिलाफ जुद्ध बरे तइयार करा। अरारात मिन्नी अस्कनज राज्जन क बाबुल क खिलाफ जुद्ध बरे बोलावा। ओकरे खिलाफ सेना संचालन बरे सेनापति चुना। सेना क ओकरे खिलाफ पठवा। एतने जियादा घोड़न क पठवा कि उ पचे टिड्डी दल जइसा हो जाइँ।
28 ओकरे खिलाफ रास्ट्रन क जुद्ध बरे तइयार करा। मादी क राजा लोगन क तइयार करा। ओनकर प्रसासकन अउर बड़के अधिकारियन क तइयार करा। ओनसे सासित सबहिं देसन क बाबुल क खिलाफ जुद्ध बरे लिआवा।
29 देस क तरह काँपत ह माना पीरा भोगत होइ। इ काँपी जब यहोवा बाबुल बनाई जोजना क पूरा करी। यहोवा जोजना बाबुल क सूना रेगिस्तान बनावइ क अहइ। कउनो मनई हुआँ नाहीं रही।
30 कसदी फउजियन लड़ब बन्द कइ दिहन ह। उ पचे आपन दुर्गन मँ ठहरा अहइँ। ओनकर ताकत छीन होइ ग अहइ। उ पचे भयभीत अबला क नाईर् होइ गएन ह। बाबुल क घर बरत अहइँ। ओकर फाटकन क अवरोध टूट गवा अहइँ।
31 एक क पाछे दूसर राजदूत आवत अहइ। राजदूत क पाछे राजदूत आवत अहइँ। उ पचे बाबुल क राजा क खबर सुनावत अहइँ कि ओकरे पूरे नगर पइ अधिकार होइ गवा।
32 उ पचे जहाँ स नदियन क पार कीन्ह जात ह अधिकार मँ कइ लीन्ह गवा अहइँ। दलदली भुइँया बरत अहइ बाबुल क सबहिं फउजी भयभीत अहइँ।”
33 इस्राएल क परमेस्सर सर्वसवतीमान यहोवा इ कहत ह: “बाबुल नगर एक ठु खरिहान जइसा अहइ। बाबुल क पीटइ क समइ हाली आवत अहइ।”
34 “बाबुल क राजा नबूकदनेस्सर पुराने जमाने मँ हमका नस्ट किहेस। पुराने जमाने मँ नबूकदनेस्सर हमका चोट पहोंचाएस। पुराने जमाने मँ उ हमरे लोगन क लइ गवा अउर हम खाली गगरी स होइ गए। उ हमार सवोर्त्तम चिजियन लिहस। उ बिसाल दानव क तरह रहा जउन तब तलक सब कछू खात रहा जब तलक ओकर पेट न भरा। उ सवोर्त्तम चिजियन लइ गवा, अउर हम लोगन क दूर लोकाइ दिहस।
35 बाबुल हमका चोट पहोंचावइ बरे भयंकर करम किहस अउर अब मइँ चाहत हउँ बाबुल क संग वइसा ही घटित होइ।” सिय्योन मँ रहइवाले लोगन इ कहेन, “बाबुल हमरे लोगन क मारइ क अपराधी अहइ अउर अब उ पचे बुरे करमन बरे सजा पावत अहइँ जउन उ पचे किहे रहेन।” यरूसलेम नगर इ सब कहेस।
36 एह बरे यहोवा कहत ह, “यहूदा मइँ तोहार रच्छा करब। मइँ इ निहचइ लखब कि बाबुल क सजा मिलइ। मइँ बाबुल क समुद्र क झुराइ देब अउर मइँ ओकरे पानी क सोतन क सुखाइ देब।
37 बाबुल बर्बाद इमारतन क ढेर बन जाइ। बाबुल जंगली वूवुरन क तरह क ठउर बनी। लोग चट्टानन क ढेर क लखिहीं अउर चकित होइहीं। लोग बाबुल क बारे मँ आपन मूँड़ि हिलइहीं। बाबुल अइसी जगह होइ जाइ जहाँ कउनो भी नाहीं रही।
38 बाबुल क लोग गरजत भए जवान सेर क तरह अहइँ। उ पचे सेर क बच्चन क तरह गुर्रात हीं।
39 उ सबइ लोग उत्तेजित सेरन क सा काम करत अहइँ। मइँ ओनका दावत देब। मइँ ओनका मत्त बनाउब। उ पचे हँसिहीं अउर आनन्द क समइ बितइहीं अउर तब उ पचे सदा ही क बरे सोइ जइहीं। उ पचे कबहुँ नाहीं जागिहीं।” यहोवा इ सबइ कहेस।
40 मइँ बाबुल क लोगन क मार डावा जाइ बरे लइ जाब। बाबुल मारा जाइ क प्रतीच्छा करइवाली भेड़िन, मेमनन अउर बोकरियन जइसा होइ।
41 “सेसक पराजित होइ। सारी पृथ्वी क उत्तिम अउ सब स जियादा गर्वीला देस कैदी होइ। दूसर रास्ट्रन क लोग बाबुल पइ निगाह डइहीं अउर जउन कछू उ पचे लखिहीं ओहसे उ पचे भयभीत होइ उठिहीं।
42 बाबुल पइ सागर उमड़ि पड़ी। ओकर गरजत तरंगन ओका ढकि लेइहीं।
43 तब बाबुल क नगर बर्बाद अउर सूना होइ जइहीं। बाबुल एक झुरान रेगिस्तान बन जाइ। इ अइसा देस बनी जहाँ कउनो मनई नाहीं रही, लोग बाबुल स जात्रा भी नाहीं करिहीं।
44 मइँ बेल देवता क बाबुल मँ सजा देब। मइँ ओकरे जरिये लील लीन्ह मनइयन क उगलावाउब। दूसर रास्ट्र बाबुल मँ नाहीं अइहीं बाबुल नगर क चहारदीवारी गिर जाइ।
45 मोर लोगो, बाबुल नगर स बाहेर निकरा। आपन जिन्नगी बचावइ भाग चला। यहोवा क तेज किरोध स बचिके पराअ।
46 मोरे लोगो, दुःखी जिन ह्वा। अफवाहन उड़िहीं किन्तु डेराअ जिन। इ बरिस एक अफवाह उड़ति ह। अगले बरिस दूसर अफवाह उड़ी। देस मँ भयंकर जुद्ध क बारे मँ अफवाहन उड़िहीं। सासकन क दूसर सासकन क खिलाफ जुद्ध क बरे मँ अफवाहन उड़िहीं।
47 निहचइ ही उ समइ आइ जब मइँ बाबुल क लबार देवतन क सजा देब अउर पूरा बाबुल देस लज्जा क पात्र बनी। उ नगर क सड़कियन पइ अनगिनत मरे मनई पड़ा होइहीं।
48 तब पृथ्वी अउर अकास अउ ओकरे भीतर क सबहिं चिजियन बाबुल पइ खुस होइके गावइ लगिहीं, उ पचे जय जयकार करिहीं, काहेकि सेना उत्तर स आई, अउर बाबुल क खिलाफ लड़ी।” इ सब यहोवा कहेस ह।
49 “बाबुल इस्राएल क लोगन क मारेस। बाबुल सारी पृथ्वी पइ भी लोगन क मारेस।
50 लोगो, तू तरवार क घाट उतरइ स बच निकर्या, तू पचन्क हाली करइ चाही अउर बाबुल क छोड़इ चाही। प्रतीच्छा न करो। तू पचे दूर देस मँ अहा। किन्तु जहाँ कहूँ रहा यहोवा क सुमिरा अउर यरूसलेम क सुमिरा।
51 यहूदा क हम लोग लज्जित अही। हम लज्जित अही काहेकि हमार अपमान भवा। काहेकि बिदेसी यहोवा क मन्दिर क पवित्तर ठउरन मँ प्रवेस कइ चुका अहइँ।”
52 यहोवा कहत ह, “समइ आवत अहइ जब मइँ बाबुल क देवमूरतियन क सजा देब। उ समइ उ देस मँ सर्वत्र घायल लोग पीरा स रोइहीं।
53 बाबुल उठत चला जाइ जब तलक उ अकास स छुइ लेइ। बाबुल आपन किलन क मजबूत बनाई। किन्तु मइँ उ नगर क खिलाफ लड़इ बरे लोगन क पठउब अउर उ सबइ लोग ओका नस्ट कइ देइहीं।” इ सबइ यहोवा कहेस।
54 “हम बाबुल मँ लोगन क रोउब सुन सकित ह। हम कसदी लोगन क देस मँ चिजियन क नस्ट करइवाले लोगन क सोर सुनि सकित ह।
55 यहोवा बहोत हाली बाबुल क नस्ट करी। उ नगर क गरजना क चुप कइ देइ। दुस्मन सागरे क गरजत तरंगन क तरह टूट पड़िहीं। चारिहुँ कइँती क लोग उ गरज क सुनिहीं।
56 फउज आइ अउर बाबुल क नस्ट करी। बाबुल क फउजी धरा जइहीं। ओनकर धनुस टूटिहीं। काहेकि यहोवा ओन लोगन क सजा देत ह जउन बुरा करत हीं। यहोवा ओनका पूरी सजा देत ह जेकर उ पचे पात्र अहइँ।
57 मइँ बाबुल क बड़के पदाधिकारियन अउर बुद्धिमान लोगन क मत्त कइ देब। ओकर प्रसंसकन, अधिकारियन अउर फउजियन क भी मत्त करब। तब उ पचे सदा ही क बरे सोइ जइहीं, उ पचे कबहुँ नाहीं जागिहीं।” राजा इ कहेस ओकर नाउँ सर्वसवतीमान यहोवा अहइ।
58 सर्वसवतीमान यहोवा कहत ह, “बाबुल क मोटकी अउ मजबूत देवार गिराइ दीन्ह जाइ। एकर ऊँच दुआर जराइ दीन्ह जइहीं। बाबुल क लोग कठिन मेहनत करिहीं पइ ओकर कउनो लाभ नाहीं होइ। उ पचे नगर क बचावइ क जतन मँ बहोत थक जइहीं, किन्तु उ पचे लपटन क सिरिफ ईर्धन होइहीं।”
59 इ उ सँदेसा अहइ जेका यिर्मयाह नबी महसेयाह क पूत नेरिय्याह, नरेय्यिह क पूत सरायाह नाउँ क अधिकारी क दिहस। सरायाह यहूदा क राजा सिदकिय्याह क संग बाबुल गवा रहा। यहूदा क राजा सिदकिय्याह क राज्जकाल क चउथे बरिस मँ इ भवा। सरायाह कर क अधिकारी रहा।
60 यिर्मयाह पत्रक पइ ओन सब भयंकर घटनन क लिखत रहा जउन बाबुल मँ घटइवाली रहिन। उ इ सब बाबुल क बारे मँ लिखत रहा।
61 यिर्मयाह सरायाह स कहेस, “सरायाह, बाबुल जा। निहचइ करा कि इ सँदेसा तू इ तरह बाँचा कि सबहिं लोग सुनि लेइँ।
62 एकरे पाछे कहा, ‘हे यहोवा तू कह्या ह कि तू इ बाबुल नाउँ क जगह क नस्ट करब्या। तू एक अइसे नस्ट करब्या कि कउनो मनई या जानवर हिआँ नाहीं रही। इ सदा ही क बरे सूना अउर बर्बाद ठउर होइ जाइ।’
63 जब तू पत्रक बाँच चुका तउ एहसे एक ठु पाथर बाँधा। तब इ पत्रक क परात नदी मँ डाइ द्या।
64 तब कहा, ‘बाबुल इहइ तरह बूड़ी। बाबुल फुन कबहुँ नाहीं उठी। बाबुल बूड़ी काहेकि मइँ हुआँ भयंकर बिपत्तियन ढाउब।”‘ यिर्मयाह क सब्द हिआँ खतम भएन।
Jeremiah 52
1 सिदकिय्याह जब यहूदा क राजा भवा, उ इवकीस बरिस क रहा। सिदकिय्याह यरूसलेम मँ गियारह बरिस तलक राज्ज किहस। ओकर महतारी क नाउँ हमूतल रहा जउन यिर्मयाह क बिटिया रही। हमूतल क परिवार लिब्ना नगर क रहा।
2 सिदकिय्याह बुरे करम किहस, ठीक वइसने ही जइसे यहोयाकीम किहे रहा। यहोवा सिदकिय्याह क जरिये ओन बुरे करमन क करब पसन्द नाहीं करत रहा।
3 यरूसलेम अउ यहूदा क संग भयंकर घटनन घटिन, काहेकि यहोवा ओन पइ कोहान रहा। आखीर मँ यहोवा आपन समन्वा स यहूदा अउ यरूसलेम क लोगन क दूर लोकाइ दिहस।सिदकिय्याह बाबुल क राजा क खिलाफ होइ गवा।
4 एह बरे सिदकिय्याह क हुवूमत क समइ मँ नवें बरिस क दसएँ महीने क दसएँ दिन बाबुल क राजा नबूकदनेस्सर फउज क संग यरूसलेम क वूच किहस। नबूकदनेस्सर आपन संग आपन पूरी फउज लिहे रहा। बाबुल क फउज यरूसलेम क बाहेर डेरा डाएस। एकरे पाछे उ पचे नगर-प्रार्चार क चारिहुँ ओर माटी क टीला बनाएस जेहसे उ पचे ओन देवारन पइ चढ़ि सकइँ।
5 सिदकिय्याह क राज्जकाल क गियारहवे बरिस तलक यरूसलेम नगर पइ घेरा पड़ा रहा।
6 उ बरिस क चउथे महीने क नौंवें दिन तलक भुखमरी क हालत बहोत खराब रही। नगर मँ खाइ बरे कछू भी खइया क नाहीं रहि गवा रहा।
7 उ दिन बाबुल क फउज यरूसलेम मँ प्रवेस कइ गइ। यरूसलेम क फउजी पराइ गएन। उ पचे राति क नगर तजिके परानेन। उ पचे दुइ देवारन क बीच क दुआरे स गएन। दुआर राजा क बगीचा क निचके रहा। यद्यपि बाबुल क फउज यरूसलेम नगर क घेर रखे रही तउ भी यरूसलेम क फउजी पराइ निकरेन। उ पचे रेगिस्तान कइँती परानेन।
8 किन्तु बाबुल क फउज सिदकिय्याह क पाछा किहस। उ पचे ओका यरीहो क मइदान मँ धरेन। सिदकिय्याह क सबहिं फउजी पराइ गएन।
9 बाबुल क फउज राजा सिदकिय्याह क धइ लिहस। उ पचे रिबला नगर मँ ओका बाबुल क राजा लगे लइ गएन। रिबला हमात देस मँ अहइ। रिबला मँ बाबुल क राजा सिदकिय्याह क बारे मँ आपन निर्णय सुनाएस।
10 हुआँ रिबला नगर मँ बाबुल क राजा सिदकिय्याह क पूतन क मारि डाएस। सिदकिय्याह क आपन पूतन क मारा जाब लखइ क मजबूर कीन्ह गवा। बाबुल क राजा यहूदा क राजकीय पदाधिकारियन क भी मार डाएस।
11 तब बाबुल क राजा सिदकिय्याह क आँखिन निकारि लिहस। उ ओका काँसा क जंजीर पहिराएस। तब उ सिदकिय्याह क बाबुल लइ गवा। बाबुल मँ उ सिदकिय्याह क जेलि मँ डाइ दिहस। सिदकिय्याह आपन मरइ क दिन तलक बन्दी घर मँ रहा।
12 बाबुल क राजा क खास रच्छकन क अधिनायक नबूजरदान यरूसलेम आवा। नबूकदनेस्सर क राज्जकाल क उन्नीसवें बरिस क पाँचए महीने क दसएँ दिन इ भवा। नबूजरदान बाबुल क महत्वपूर्ण अधिनायक रहा।
13 नबूजरदान यहोवा क मन्दिर क जराइ डाएस। उ राजमहल तथा यरूसलेम क दूसर घरन क भी बारि दिहस। उ यरूसलेम क हर एक महत्वपूर्ण इमारत क बारि दिहस।
14 पूरी कसदी फउज यरूसलेम क चहारदीवारी क तोड़ गिराएस। इ फउज उ समइ राजा क बिसेस रच्छकन क अधिनायक क अधीन रही।
15 अधिनायक नबूजरदान अब तलक यरूसलेम मँ बचे लोगन क भी कैदी बनाइ लिहस। उ ओनका भी लइ गवा जउन पहिले ही बाबुल क राजा क आत्मसमर्पण कइ दिहे रहा। उ ओन वुसल कारिगरन क भी लइ गवा जउन यरूसलेम मँ बचा रहि गए रहेन।
16 मुला नबूजरदान कछू बहोत गरीब लोगन क देस मँ पाछे छोड़ दिहे रहा। उ ओन लोगन क अंगूर क बागन अउर खेतन मँ काम करइ बरे छोड़े रहा।
17 कसदी फउज मन्दिर क काँसा क खम्भन क तोड़ दिहस। उ पचे यहोवा क मन्दिर क काँसा क तालाब अउर ओकरे आधार क भी तोड़ेस। उ पचे उ सारे काँसे क बाबुल लइ गएन।
18 बाबुल क फउज एन चिजियन क भी मन्दिर स लइ गइ: बर्तन, बेलचन, दिया बारइ क जन्त्र, बड़के खोरन, कड़ाहियन अउर काँसा क उ सबइ चिजियन जेनकर उपयोग मन्दिर क सेवा मँ होत रहा।
19 राजा क खास रच्छकन क अधिनायक एन चिजियन क लइ गवा: चिलमची, अँगीठियन, बड़कन खोरन, बर्तन, डीबट, कड़ाहियन अउर दाखरस क बरे काम मँ आवइवाले बड़के पियालन। उ ओन सबहिं चिजियन क जउन सोने अउर चाँदी क बनी रहिन, लइ गवा।
20 दुइ स्तम्भ सागर अउ ओकर खाले क बारह काँसा क बैल अउ सरकइवाले आधार बहोत भारी रहेन। राजा सुलैमान यहोवा क मन्दिर बरे इ सबइ चिजियन बनाए रहा। उ काँसा जेहसे उ सबइ चिजियन बनी रहिन, एतना भारी रहा कि तौला नाहीं जाइ सकत रहा।
21 काँसा क हर एक खम्भा अट्ठारह हाथ क ऊँचा रहा। हर एक खम्भा बारह हाथ परिधि वाला रहा। हर एक खम्भा खोखला रहा। हर एक खम्भा क देवार चार ईर्च मोटी रही।
22 पहिले खम्भा साढ़े सात हाथ ऊँच रहा। इ चारिहुँ कइँती जाल क सजावट अउर काँसे क अनार स सजा रहा। दूसर खम्भन पइ भी अनार रहेन। इ पहिले खम्भा क तरह रहा।
23 खम्भन क बगल मँ छियान्नवे अनार रहेन। खम्भन क चारिहुँ कइँती बने जाल क सजावट पइ सब मिलाइके सौ अनार रहेन।
24 राजा क खास रच्छकन क अधिनायक सरायाह अउर सपन्याह क कैदी क रूप मँ लइ गवा। सरायाह महायाजक रहा अउर सपन्याह ओहसे दूसर। तीन चौकीदार भी कैदी बनाए गएन।
25 राजा क खास रचच्छन क अधिनायक लड़इवाले मनइयन क अधीसक क भी लइ गवा। उ राजा क सात सलाहकारन क भी कैदी बनाएस। उ सबइ लोग उ समइ तलक यरूसलेम मँ रहेन। उ सास्त्री क भी लिहस जउन मनइयन क फउज मँ रखइ क अधिकारी रहा अउर उ साठ साधारण मनइयन क भी लिहस जउन तब तलक नगर मँ रहेन।
26 अधिनायक नबूजरदान ओन सबहिं अधिकारियन क लिहस। उ ओनका बाबुल क राजा क समन्वा लिआएस। बाबुल क राजा रिबला नगर मँ रहा। रिबला हमात देस मँ अहइ। हुआँ उ रिबला नगर मँ राजा ओन अधिकारियन क मारि डावइ क आदेस दिहस।इ तरह यहूदा क लोग आपन देस स लइ जावा गएन।
27
28 इ तरह नबूकदनेस्सर बहोत स लोगन क कैदी बनाइके लइ गवा।राजा नबूकदनेस्सर क सासन क सतएँ बरिस मँ: यहूदा क तीन हजार तेइस पुरूस।
29 नबूकदनेस्सर क सासन क अट्ठारहवे बरिस मँ: यरूसलेम क आठ सौ बत्तीस लोग।
30 नबूकदनेस्सर क सासन क तेईसवे बरिस मँ नबूजरदान यहूदा क सात सौ पैंतालीस मनई कैदी बनाएस। नबूजरदान राजा क खास रच्छकन क अधिनायक रहा।सब मिलाइके चार हजार छ: सौ लोग कैदी बनावा ग रहेन।
31 यहूदा क राजा यहोयाकीम सैंतीस बरिस तलक बाबुल क जेलि मँ रहा। ओकर कैदी रहइ क सैंतीसवे बरिस बाबुल क राजा एबीलमरोद क यहोयाकीम पइ बहोत दयालु रहा। उ यहोयाकीम क उ बरिस जेलि स बाहेर निकारेस। इ उहइ बरिस रहा जब एबीलमरोदक बाबुल क राजा भवा। एबीलमरोदक यहोयाकीम क बारहवेें महीने क पन्तीसवे दिन जेलि स छोड़ दिहस।
32 एबीलमरोदक यहोयाकीम स रहम स बातन किहस। उ यहोयाकीम क ओन दूसर राजा लोगन क ऊँच सम्मान क ओहदा दिहस जउन बाबुल मँ ओकरे संग रहेन।
33 एह बरे यहोयाकीम आपन कैदी क ओढ़ना उतारेस। बाकी जिन्नगी मँ उ नेम स राजा क मेज पइ भोजन करत रहा।
34 बाबुल क राजा प्रतिदिन ओका स्वीकृत धन देत रहा। इ तब तलक चला जब तलक यहोयाकीम मरा नाहीं।
Lamentations 1
1 यरूसलेम क अकेल्ला काहे छोड़ दीन्ह ग ह, इ नगर जउन कि एक समइ लोगन क भीड़ स भरी पड़ा रहेन? एक समइ उ रहा जब देसन क बीच यरूसलेम महान नगरी रही। किन्तु आजु उहइ अइसी होइ गइ अहइ जइसी कउनो राँड़ होत ह। उ समइ रहा जब देसन क बीच उ एक ठु राजवुमारी स देखात रहे। किन्तु आजु उहइ नगरी दास बनाइ दिन्ह ग अहइ।
2 राति मँ उ बुरी तरह रोवत ह अउर ओकर आँसू गालन पइ टिके भए अहाइँ। किन्तु ओकर कउनो भी प्रेमी ओका दिलासा नाहीं देत ह। ओकर सबहि मीतन ओका दागा दिहस ह। ओकर मीत ओकर दुस्मन बन गएन।
3 बहोत कस्ट सहइ क पाछे यहूदा बँधुआ बन गइ। यहूदा दूसर देसन क बीच रहत ह, किन्तु उ आराम नहीं पाएस ह। जउन लोग ओकरे पाछे पड़ा रहेन, उ पचे ओका धइ लिहन। उ पचे ओका सँकरी घाटियन क बीच मँ पकड़ लिहन।
4 सिय्योन क राहन बहोत दुःख स भरी अहइँ। उ पचे बहोत दुःखी अहउँ काहेकि अब उत्सव क दिनन क बरे कउनो भी मनई सिय्योन पइ नाहीं जात ह। सिय्योन क सारे दुआर नस्ट कइ दीन्ह गएन ह। सिय्योन क सबइ याजक कराहत हीं। सिय्योन क चारिहूँ कइँती क गाँव खाली अहइँ। सबहिं लोगन क बंदी बना लीन्ह गएन ह। सिय्योन गहिर दुःख मँ अहइ।
5 यरूसलेम क दुस्मन विजयी अहइँ। ओकर दुस्मन सफल होइ गवा अहइँ, काहेकि यहोवा, ओका ओकर बहोत सारी पापन बरे दण्ड दिहस। दुस्मन ओकर सन्तान क बंदी बना लीन्ह ह।
6 सिय्योन क बिटिया क खुबसूरती जात अहइ। ओकर सबइ राजकन्या हरिनी सी भइन जेनके लगे चरह क चरागाह नाहीं होत। उ पचे बेसहारा होइके ओहेसा पराइ गएन जउन ओनकर पाछा किहे रहेन।
7 यरूसलेम बीती बात सोचा करत ह, ओन दिनन क बातन जब ओह पइ प्रहार भावा रहा अउर उ बेघर-बार भइ रहो। ओका बीते दिनन क सुख याद आवत रही। उ पचे पुराने दिनन मँ जउन नीक चिजियन ओकरे लगे रहिन, ओका याद आवत रहिन। उ अइसे उ समइ क सुमिरत ह जब ओकर लोग दुस्मनन क जरिये बंदी कीन्ह गएन। उ अइसे उ समइ क याद करत ह जब ओका सहारा देइ क कउनो भी मनई नाहीं रहा। जब दुस्मन ओका लखत रहेन, उ पचे ओकर हँसी उड़ावत रहेन। उ पचे ओकर हँसी उड़ावत रहेन काहेकि उ उजर चुकी रही।
8 यरूसलेम भयंकर पाप किहे रहा। आपन पाप क कारण ओका तबाह कीन्ह गएन ह। ओन पइ लोग आपन मूँड़ हिलाइके मजाक उड़ावत रहेन काहेकि उ पचे ओकर नंगापन क लख लिहस रहेन। यरूसलेम कराहत ह अउर आपन मुँहना लाज स फेरि लेत ह।
9 यरूसलेम क वस्त्र गन्दा रहेन। उ नाहीं सोचे रहा कि ओकरे संग का कछू घटी। ओकर पतन अजूबा रहा, ओकरे लगे कउनो नाहीं रहा जउन ओका सान्ति देत। उ कहा करत ह “हे यहोवा, लखा मइँ केतना दुःखी अहउँ। लखा मोर दुस्मन कइसा सोचत अहइ कि उ केतना महान अहइ।”
10 दुस्मन हाथ बढ़ाएस अउर ओकर सब उत्तिम वस्तु लूट लिहस। वास्तव मँ, उ पराये देस क अपने पवित्र ठउरे मँ घुसत भए लखेस। हे यहोवा, इ हुवुम तू ही दिहे रहया कि उ सबइ लोग तोहरी सभा मँ प्रवेस नाहीं करिहीं।
11 यरूसलेम क सबहिं लोग कराहत अहइँ, ओकर सबहिं लोग खइया क खोज मँ अहइँ। उ सबइ खइया जुटावइ क आपन कीमती चिजियन बेंचत अहइँ। उ पचे अइसा करत हीं ताकि ओनकर जिन्नगी बनी रहइ। यरूसलेम कहत ह, “लखा यहोवा, तू मोका लखा। लखा, लोग मोका कइसे घिना करत हीं।
12 मारग स होत भए जब तू सबहिं लोग मोरे लगे स गुजरत अहा तउ अइसा लगत ह जइसे धियान नाहीं देत अहा। किन्तु मोह पइ निगाह डावा अउर जरा लखा, का कउनो अइसी पीरा अहइ जइसी पीरा मोका अहइ? का अइसा कउनो दुःख अहइ जइसा दुःख मोह पइ परा अहइ? का अइसा कउनो कस्ट अहइ जइसा कस्ट क दण्ड यहोवा आपन भयंकर किरोध क दिन पइ मोका दिहस ह।
13 यहोवा ऊपर स आगी क पठएस ह अउर उ आगी मोरी हाड़न क छेद दिहस। उ मोरे गोड़न क बरे एक फंदा फेंकेस अउर उ मोका पाछे ढकेल इदहस ह। उ मोका वीरान कइ डाएस ह अउर मइँ बीमार रहत हउँ।
14 मोर पाप मोह पइ जुए क नाईर् कसा गएन। यहोवा क हाथन क जरिये मोर पाप मोह पइ कसे गएन। यहोवा क जुआ मोरे कँधन पइ अहइ। यहोवा मोका दुर्बल बनाइ दिहस ह। यहोवा मोका ओन लोगन क सौंपेस जउन ओतना जियादा सक्तीसाली अहइ कि मइँ ओकरे संग लराइ नाहीं कइ सकत।
15 मोर सबहिं वीर जोधा क नगर क भीतर ठहिरइ क रहेन काहेकि यहोवा ओनका मदद नाहीं किहस किन्तु नकार दिहेस। यहोवा मोरे विरोध मँ फुन एक भीड़ पठएस, उ मोर युवा फउजी क मरवावइ ओन लोगन क लिआए रहा। यहोवा यरूसलेम क नोकरानियन क वइसे ही वुचर दिहस जइसे लोग अंगूर कोल्हू मँ वुचरत ह।
16 एन सबहिं बातन क लइके मइँ चिल्लाएउँ। मोर नैन जल मँ बूड़ि गएन। मोरे लगे कउनो नाहीं मोका चैन देइ। मोरे लगे कउनो नाहीं जउन मोका तनिक सान्ति देइ। मोर संतानन अइसी बनिहीं जइसे उजाड़ होत ह। उ पचे अइसे भवा कि दुस्मन जीत गवा रहा।”
17 सिय्योन मदद बरे आपन हाथ पसारे अहइ। कउनो अइसा मनई नाहीं रहा जउन ओका ढाढ़स देत। यहोवा याकूब क दुस्मनन क ओका घेर लेइ क आग्या दिहे रहा। यहोवा यरूसलेम असुद्ध मेहरारु क नाईं होइ गइ रहीं।
18 यरूसलेम कहा करत ह, “मइँ यहोवा क खिलाफ बिद्रोह किहस हउँ यह बरे उ जउन बात मोहे बरे करत ह उ उत्तिम बाटइ। तउ, हे सबहिं लोगो, सुना। तू मोर कस्ट लखा। मोर जवान मेहरारू अउर मनसेधू बन्दी बनाइ लइ गवा अहइँ।
19 मइँ आपन पिरेमियन क गोहराएउँ। किन्तु उ पचे मोका धोका दिहस। नगर क याजक अउर बुजुर्ग मर गएन काहेकि उ पचे खइया खोजेस किन्तु कछु नाहीं पाएन।
20 हे यहोवा, मोका लखा। मइँ दुःखे मँ पड़ी अहउँ। मोर अन्तरंग बचैने अहइ। मोर हिरदइ दुःखे मँ अहइ काहेकि मइँ बिद्रोह किहा रहिउँ। गलियन मँ मोरे गदेलन क तरवार काट डाए अहइ। घरन क भितरे मउत क बास रहा।
21 मोर सुना, काहेकि मइँ कराहत हउँ। मोरे लगे कउनो नाहीं अहइ जउन मोक ढाढ़रस देइ, मोर सब दुस्मनन मोरे दुःखन क बात सुनि लिहेन ह। उ पचे बहोत खुस अहइँ काहेकि तू मोरे संग अइसा सलूक किहस। अब उ दिन क लइ आवा जेकर तू घोसणा किहे रह्या। उ दिन तू मोरे दुस्मनन क वइसा ही बनाइ द्या जइसी मइँ अब ही अहउँ।
22 मोरे दुस्मनन क बुरा करम क आपन समन्वा आवइ द्या। फिन ओनके संग तू वइसा ही करब्या जइसा मोरे अपराध क बदले मँ तू मोरे संग किहा। अइसा करा काहेकि बार बार कराहत रहेउँ। अइसा करा काहेकि मोर हिरदइ निरास अहइ।”
Lamentations 2
1 लखा यहोव सिय्योन क बिटिया क कइसे बादर मँ ढाँपि दिहेस ह। उ इस्राएल क महिमा स्वर्ग स धरती पइ लोकाइ दिहेस ह। यहोवा आपन किरोध क दिन मँ आपन धरती पइ निवास स्थान बरे कउनो परवाह नाहीं किहेस।
2 यहोवा याकूब क चिरागाह क बिना दया क लील लिहेस। उ आपन प्रिय यहूदा क सबहिं गढ़ियन क भरिके किरोध मँ मेटेस। यहोवा यहूदा क राज्ज क धरती पइ पटक दिहेस अउर ओकरे नेता लोगन क बर्बाद कइ दिहस।
3 यहोवा किरोध मँ भरिके इस्राएल क सारी सक्ती उखाड़ फेंकेस। उ ओका ओकर दुस्मन स अउर सुरच्छा नाहीं किहेस। उ याकूब मँ धधकत भइ आगी स भड़की। उ एक अइसी आगी रहो जउन आस-पास क सब कछू चट कइ जात ह।
4 यहोवा सत्रु क नाईर् आपन धनुस खींचे रहा। ओकरे दाहिन हाथे मँ ओकरे तरवारे क मूठा रहा। उ आपन दुस्मन पइ वार करइ बरे तैयार रहा। उ यहूदा क सबहिं आकर्सक लोगन क मारि डाएस। यहोवा आपन किरोध क जंगल क आगी क नाईं सिय्योन क खेमन पइ बरसाएस।
5 यहोवा दुस्मन होइ गवा रहा अउर उ इस्राएल क लील लिहस। ओकर सबाहिं महलन क उ लील लिहस ओकर सबहिं गढ़ियन क लील लिहे रहा। उ आपन प्रिय यहूदा बरे बहोत जियादा रुलाएस अउर बहोत विलाप कराएस।
6 यहोवा आपन ही मन्दिर नस्ट किहे रहा जइसे उ कउनो उपवन होइ, उ उ ठाँव क नस्ट किहेस जहाँ लोग ओकर उपासना करइ बरे जमा होत रहेन। यहोवा लोगन क अइसा बनाइ दिहस कि उ पचे सिय्योन मँ खास मिलन अउर आराम क खास दिनन क बिसरि जाइँ। यहोवा याजक अउ राजा क नकार दिहस। उ बड़े किरोध मँ भरिके ओनका नकारेस।
7 यहोवा आपन ही वेदी क नकार दिहस अउर उ आपन उपासना क पवित्तर ठउरे क नकार दिहे रहा। यरूसलेम क महलन क देवारन क उ दुस्मन क सौंपि दिहस। यहोवा क मन्दिर मँ दुस्मन सोर करत रहा। उ पचे अइसे सोर करत रहेन जइसे कउनो छूट्टी क दिन होइ।
8 उ सिय्योन क बिटिया क देवार नस्ट करब सोचेस ह। उ कउनो नापइ क डोरी स ओह पइ निसान डाएस ह। उ खुद क इका बिनास करइ स नाहीं रोकस। उ दुःख मँ भरिके फसीलन अउर देवार क रोवाइ दिहस।
9 यरूसलेम क दरवाजन टुटिके धरती पइ बइठ गएन। फाटक क सलाखन क तोड़िके ओका तहस-नहस कइ दिहस। सिय्यन क राजा अउर नेता लोगन दुसर देसन मँ बिखेर दीन्ह गएन। ओनके बरे आजु कउनो धामिर्क सिच्छा ही नाहीं रही। नबी भी यहोवा स कउनो दिव्य दर्सन नहीं पउतेन।
10 सिय्योन क बुजुर्ग अब धरती पइ बइठत हीं। उ पचे धरती पइ बइठत हीं अउर चुप रहत हीं। आपन माथन पइ फूल मलत हीं अउर सोक वस्त्र पहिरत हीं। यरुसलेम क जुवतियन दुःख मँ आपन माथा धरती पइ नवावत हीं।
11 जब मइँ रोवत हउँ तउ मोर नैन मँर् दद होत ह। मोर अंतरंग वियावुल अहइ। मोरे लोगन क बिनास क कारण मोर मन क अइसा लागत ह जइसे उ बाहर निकरिके धरती पइ गिरा होइ। गदेलन अउर दूध पइ वाले बच्चे गलियन मँ बेहोस पड़ा अहइँ।
12 उ पचे बिलाखत भए आपन महतरियन स पुछत हीं, “कहाँ बाटइ महतारी, कछू क खइया अउर पिअइ क?” उ पचे इ सवाल अइसे पूछत हीं जइसे जख्मी सिपाही सहर क गलियन मँ गिरत प्राणन क तजत, उ पचे इ सवाल पूछत हीं। उ पचे आपन महतरियन क गोदी मँ लोटत भए प्राणन क तजत हीं।
13 हे यरूसलेम क बिटिया, मइँ केहसे तोहार तुलना करउँ? तोहका केकरे समान कहउँ? हे सिय्योन क वुवाँरी कन्या, तोहका केहसे तुलना करउँ? तोहका कइसे ढाढ़स बँधावउँ? तोहार जख्म सगरे जइसा विसाल अहइ। अइसा कउनो भी नाहीं जउन तोहार उपचार करइ।
14 तोहार नबियन तोहरे बरे दिब्ब दर्सन लिहे रहेन। किन्तु उ पचे सबहिं बियर्थ अउर लबार सिद्ध भएन। उ पचन्क तोहका बिनास स दूर रखइ बरे, तोहरे पापन क खिलाफ उपदेस दिन्ह चाही रहेन। किन्तु उ पचे अइसा नाहीं किहन। उ पचे तोहका झूटे चिजियन क सिच्छा दिहन जउन कि तोहका भटकइ दिहेस।
15 बटोही राह स गुजरत भए स्तब्ध होइके तोह पइ ताली बजावत हीं। यरूसलेम क बिदिया पइ उ पचे सीटियन बजावत अउर माथा नयावत हीं। उ सबइ लोग पुछत हीं, “का इहइ उ नगरी अहइ जेका लोग कहा करत रहेन, ‘एक संपूर्ण सुन्नर नगर’ तथा ‘समुचइ संसार क आनन्द’?”
16 तोहार सबहिं दुस्मन तोह पइ आपन मुँह खोलत हीं। तोह पइ सीटियन बजावत हीं अउर तोह पइ दाँत पसित हीं। उ पचे कहा करत हीं, “हम ओनका लील लीन्ह। फुरइ इहइ उ दिन अहइ जेकर हमका प्रतीच्छा रही। अउर अब हम पचे एँका घटत भए लाखि लीन्ह।”
17 यहोवा वइसा ही किहस जइसी ओकर जोजना रही। उ वइसा ही किहस जइसा उ करइ बरे कहे रहा। बहोत दिनन पहिले जइसा उ आदेस दिहे रहा, वइसा ही कइ दिहस। उ बर्बाद किहस, ओहका दाया तलक नाहीं आइ। उ तोहरे दुस्मनन क खुस किहस कि तोहारे संग अइसा घटा। उ तोहारे दुस्मनन क ताकत बढ़ाइ दिहस।
18 ओनका दिल यहोवा क पुकारेस। सिय्योन क देवार आँसुअन क नदी क नाईंर् बहइ दया। दिन अउर रात आपन आँसुअन क गिरइ द्या। तू ओनका जिन रोका।
19 जाग उठा। राति मँ विलाप करा। राति क हर पहर क सुर मँ विलाप करा। आँसुअन मँ आपन मन बाहेर निकार दया जइसा उ पानी होइ। आपन मन यहोवा क समन्वा निकार राख। यहोवा क पराथना मँ आपन हाथ ऊपर उठावा। ओहसे आपन संतानन क जीवन माँगा। ओहसे तू ओन संतानन क जीवन माँग ल्या जउन भूख स हर वुचे गली मँ बेहोस होइके गिर जात ह।
20 हे यहोवा, मोह पइ निगाह करा। लखा कउन अहइ उ जेकर संग तू अइसा किहा। तू मोहका इ सवाल पूछइ दया: का महतारी क ओन गदेलन क खाइ जा नीक अहइ जेनका उ जनत ह का महतारी क ओन गदेलन क खाइ जा नीक अहइ जेनका उ पोसत रही ह का यहोवा क मन्दिर मँ याजक अउ नबियन क प्राणन क लीन्ह जा नीक अहइ?
21 लरिकन अउ बुजुर्गन नगर क गलियन मँ धरती पइ पड़ा रहइँ। मोर जवान मेहररुअन अउर जवान मनसेधू तरवारे क धार उतारे गए रहेन।हे यहोवा, तू आपन किरोध क दिन पइ ओनकर बध किहा ह। तू ओनका बगैर कउनो करुणा क मारा ह।
22 तू मोह पइ हर एक जगह स दुःख व मसीबत अइसे बोलाया जइसे इ पर्व क दिन होइ। ओह दिन जब यहोवा किरोध किहस अइसा कउनो मनई नाहीं रहा जउन बचिके भाग पाया होइ। जेनका मइँ बढ़ाए रहेउँ अउर मइँ पालेउँ, पोसेउँ ओनका मोर दुस्मनन मारि डाएन ह।
Lamentations 3
1 मइँ एक अइसा मनई हउँ जउन बहोतेरी यातना भोगी हउँ, यहोवा क किरोध क तले मइँ बहोतेरी दण्ड यातना भोगी हउँ।
2 यहोवा मोका लइके चला अउर उ मोका अँधियारा क भीतर लावा न कि प्रकासे मँ।
3 यहोवा आपन हाथ मोरे विरोध मँ कइ दिहस। अइसा उ बारम्बार सारे दिन किहस।
4 उ मोर आस, मोर चाम नस्ट कइ दिहस। उ मोर हाड़न क तोड़ दिहस।
5 यहोवा मोरे विरोध मँ, कडुआहट अउ आपदा फइलाएस ह। उ मोरे चारिहुँ कइँती कड़ुआहट अउ बिपत्ति फइलाइ दिहस।
6 उ मोका अधियारा मँ बइठाइ दिहे रहा। उ मोका उ उ मनई सा बनाइ दिहे रहा जउन कउनो बहोत दिनन पहिले मरि चुका होइ।
7 यहोवा मोका भितरे बंद किहेस, एहसे मइँ बाहेर आइ न सकेउँ। उ मोह पइ भारी जंजीरन घेर रहा।
8 हिआँ तलक कि जब मइँ चिल्लाइके दोहाइ देत हउँ, यहोवा मोर विनती क नाहीं अनकत ह।
9 उ पथरे स मोरी राह क मुँद दिहस ह। उ मोर राह क टेढ़ा कइ दिहेस ह।
10 यहोवा उ भालू सा भवा जउन मोह पइ आत्रमण करइ क तत्पर अहइ। उ उ सिंहसा भवा ह जउन कउनो ओटे मँ छिपा भवा अहइ।
11 जहोवा मोका मोरी राहे स हटाइ दिहस। उ मोर धज्जियन उड़ाइ दिहस। उ मोका बर्बाद कइ दिहस ह।
12 उ आपन धनुस तैयार किहस। उ मोका आपन बाणन क निसाना बनाइ दिहे रहा।
13 मोरे पेट मँ बाण मार दिहस। मोह पइ आपन बाणन स प्रहार किहे रहा।
14 मइँ आपन लोगन क बीच हँसी क यात्र बन गएउँ। उ पचे दिन भइ मोर गीत गाइ-गाइके मोर मजाक बनावत हीं।
15 यहोवा मोका करवाहट स भर दिहेस ह। उ मोका जहर पिलवाएस ह।
16 उ मोर दाँत पाथरे क भुइँया मँ गडाइ दिहेस। उ मोका माटी मँ मिलाइ दिहस।
17 मइँ अब अउर सान्ति योग्य नाहीं अहउँ। अच्छी भली बातन क मइँ बिसरि गवा रहेउँ।
18 खुद अपने आप स मइँ कहइ लागे रहेउँ, “मोका तउ बस अब अउर आस नाहीं अहइ कि यहोवा कबहुँ मोका सहारा देइ।”
19 मइँ आपन दुखिया पन क, मोर घर नहीं अहइ एका कड़वे जहर क,
20 अउर मोर सारी यातना क याद कइ क मइँ बहोत ही दुःखी हउँ।
21 किन्तु उहइ समइ जब मइँ सोचत हउँ, तउ मोका आसा होइ लागत ह। मइँ अइसा सोचा करत हउँ।
22 यहोवा क पिरेम अउ करूणा क अंत कबहूँ नाहीं होत। यहोवा क सबइ वृपा कबहुँ खतम नाहीं होत।
23 हर भिन्सोर उ सबइ नवा होइ जात हीं। हे यहोवा, तोर सच्चाई महान अहइ।
24 मइँ आपन स कहा करत हउँ, “यहोवा मोरे हीसंा मँ अहइ। इहइ कारण स मइँ आसा रखब।”
25 यहोवा ओनके बरे उत्तिम अहइ जउन ओकर बाट जोहत हीं। यहोवा ओनके बरे उत्तिम अहइ जउन ओकर खोज मँ रहा करत हीं।
26 इ उत्तिम अहइ कि कउनो मनई चुपचाप यहोवा क प्रतीच्छा करइ कि उ ओकर रच्छा करी।
27 इ उत्तिम अहइ कि कउनो मनई यहोवा क जुए क धारण करइ, उ समइ स ही जब उ युवक होइ।
28 मनई क चाही कि उ अकेला चुप बइठे ही रहइ जब यहोवा आपन जुए क ओह पइ धरत ह।
29 उ मनई क चाही कि यहोवा क समन्वा उ दण्दवत प्रणाम करइ। होइ सकत ह कि कउनो आस बची होइ।
30 उ मनई क चाही कि उ आपन गाल कइ देइ, उ मनई क समन्वा जउन ओह पइ प्रहार करत होइ। उ मनई क चाही कि उ अपमान झेलइ क तत्पर रहइ।
31 उ मनई क चाही उ याद राखइ कि यहोवा कउनो क भी सदा-सदा बरे नाहीं बिसरावत।
32 यहोवा दण्ड दण्ड देत भए भी आपन वृपा बनाए राखत ह। उ आपन पिरेम अउ दया क कारण आपन वृपा राखत ह।
33 यहोवा कबहुँ भी नाहीं चाहत कि लोगन क दण्ड देइ। ओका नाहीं भावत कि लोगन क दुःखी करइ।
34 यहोवा क इ सबइ बातन नाहीं भावत हीं: ओका नाहीं भावत कि कउनो मनई आपन गोड़न क तले धरती क सबहिं बंदियन क वुचरी डावइ।
35 ओका नाहीं भावत ह कि कउनो मनई कउनो मनई क छलइ। कछु लोग ओकरे मुकदमे मँ परम प्रधान परमेस्सर क समन्वा ही अइसा किया करत हीं।
36 ओका नाहीं भावत कि कउनो मनई अदालत मँ कउनो स छल भरइ। यहोवा क एनमाँ स कउनो भी बात नाहीं भावत ह।
37 जब तलक खुद यहोवा ही कउनो बात क होइ क आग्या नाहीं देत, तब तलक अइसा कउनो भी मनई नाहीं अहइ कि कउनो बात कहइ अउर ओका पूरा करवाइ लेइ।
38 बुरी-भली बातन सबहिं सवोर्च्च परमेस्सर क मुँहे स ही आवत हीं।
39 कउनो जिअत मनई सिकाइत कइ नाहीं सकत जब यहोवा उहइ क पापन क दण्ड ओका देत ह।
40 आवा, हम आपन करमन क परखइँ अउर लखइँ, फुन यहोवा क सरन मँ लौट आवइँ।
41 आवा, अपना परारथाना करइ बरे सरग क परमेस्सर क समन्वा हम आपना हाथ उठाइ।
42 आवा, हम ओहसे कही, “हम पाप कीन्ह ह अउर हम जिद्दी बना रही अउर एह बरे तू छमा नाहीं किहा।
43 तू किरोध स अपने क ढाँप लिहा, हमार पीछा तू करत रहा ह, तू हम पचन्क बेरहमी स मार दिहा।
44 तू आपन क बदरे स ढाँप लिहा। तू अइसा एह बरे किहे रहया कि कउनो भी विनती तोह तलक पहोंचे ही नाहीं।
45 तू हम पचन्क दूसर देसन क तुलना मँ वुड़ा करकट क नाईं बना दिहेस।
46 हम पचन्क सबहिं दुस्मन हम पचन स घमण्ड मँ बोलत ही।
47 हम डेरान भए अही, हम गर्त मँ गिर गवा ही। हम बुरी तरह नोस्कान पावा ह। हम पचे टूटि चुका ही।”
48 मोर नैन स आसूँअन क नदी बही ही। मइँ विलाप करत हउँ काहेकि मोर लोग तबाह होइ गवा ह।
49 मोर नैन बिना रुके बहत रहिहीं। मइँ हमेसा विलाप करत रहब।
50 हे यहोवा, मइँ तब तलक विलाप करत रहब जब तलक तू दिस्टि न करा अउ हमका लखा। मइँ तब तलक विलाप हो करत रहब जब तलक तू सरग स हम पइ दिस्टि न करा।
51 जब मइँ लखा करत हउँ जउन कछू मोर नगरी क जुवतियन क संग घटा तब मोर नैन मोका दुखी करत हीं।
52 जउन लोग बियर्थ मँ ही मोर दुस्मन बना हीं, उ पचे घूमत हीं मोरे सिकारे क फिराक मँ, माना मइँ कउनो चिड़िया हउँ।
53 जिअत जी उ पचे मोका गढ़ा मँ लोकाएन जउर मोह पइ पाथर लुढ़काए रहेन।
54 मोरे मूँड़े पइ पानी गुजर गवा। मइँ आपन आप मँ कहाँ, “मोर नास भवा।”
55 हे यहोवा, मइँ तोहार नाउँ गोहराएउँ। उ गड़हा क तल स मइँ तोहार नाउँ गोहराएउँ।
56 तू मोर अवाज क सुन्या। तू कान नाहीं मूँद लिहा। तू बचावइ स अउर मोर रच्छा करइ स नकार्या नाहीं।
57 जब मइँ तोहार दोहाइ दिहेउँ, उहइ दिन तू मोरे लगे आइ गवा रह्या। तू मोहसे कहे रह्या, “भयभीत जिन ह्वा।”
58 हे यहोवा, मोरे अभियोग मँ तू मोर पच्छ लिहा। मोरे बरे तू मोर प्राण वापस लइ आया।
59 हे यहोवा, तु मोर विपत्तियन लख्या ह, अब मोरे बरे तू मोर नियाव करा
60 तू खुद लख्या ह कि दुस्मनन मोरे संग केतन अनियाव किहन। तू खुद लख्या ह ओन समूचइ सड्यंत्रन क जउन उ पचे मोहसे बदला लेइ क मोरे खिलाफ रचे रहेन।
61 हे यहोवा, तु सुन्या ह कि मोर अपमान कइसे करत हीं तू सुन्या ह ओन सड्यंत्रन क जउन उ पचे मोरे खिलाफ रचाएन।
62 मोरे दुस्मनन क बचन अउ बिचार सारे दिन ही मोरे खिलाफ रहेन।
63 लखा यहोवा, चाहे उ पचे बइठे होइँ, चाहे उ पचे खड़ा होइँ, कइसे उ पचे हँसी उड़ावत हीं।
64 हे यहोवा, ओनके संग वइसा ही करा जइसा ओनके संग करइ चाही। ओनके करमन क फल ओनका दइ द्या।
65 ओनकर मन हठीला कइ द्या। फिन आपन अभिसाप ओन पइ डाइ द्या।
66 किरोध मँ भरिके तू ओनकर पाछा करा। ओनका बर्बाद कइ द्या। हे यहोवा, तू ओनका इ धरती स खतम कइ द्या।
Lamentations 4
1 लखा, कउने तरह सोना चमक रहित होइ गवा। लखा, सारा सोना कइसे खोट होइ गवा। चारिहुँ कइँती हीरा-जवाहरात बिखड़ा पड़ा अहइँ। हर गली क सिर पइ इ सबइ रतन पसरा अहइँ।
2 सिय्योन क लोग अइसे ही मुल्यवान रहेन, जइसे ओनका वजन सोना क बराबर रहा। किन्तु अब ओनके संग दुस्मन अइसे बर्ताव करत हीं जइसे उ पचे कोमहार क बनाए माटी क पात्र होइँ।
3 हिआँ तलक कि सियार भी आपन बच्चन क थन देत ह, उ आपन बच्चन क दूध पिअइ देत ह। किन्तु मोर लोग निर्दय होइ ग अहइँ। उ पचे अइसे होइ गएन जइसे मरुभूमि मँ निवासी-सुतुर्मुग।
4 पिआस क मारे आबोध गदेलन क जीभ तालु स चिपकति अहइ। इ सबइ नान्ह लरिकन रोटी क तरिसत हीं। किन्तु कउनो भी ओनका कछू भी खाई क बरे देत नाहीं।
5 अइसे लोग जउन सुआदिस्ट भोजन खावा करत रहेन, आजु भूख स गलियन मँ मरत अहइँ। अइसे लोग जउन उत्तिम ओढ़ना पहिरत भए पले बढ़े रहेन, अब वुड़न क ढेरन पइ बिनत फिरत अहइँ।
6 मोरे लोगन क पाप सदोम अउ अमोरा क पापन स बड़ा रहा। सदोम अउ अमोरा क एकाएक नस्ट कीन्ह गवा। ओनके बिनासे मँ कउनो भी मानव क हाथ नाहीं रहा।
7 यहूदा क लोग परमेस्सर क समपिर्त रहेन, उ पचे बरफ स उज्जर रहेन, दूधे स धोवा रहेन। ओनकर तन मूँगा स जियादा लात रहिन। ओनकर डाढ़ी नीलम स करिया रहिन।
8 किन्तु ओनकर मुहँ अब धुआँ स करिआ होइ गवा अहइँ। हिआँ तलक कि गलियन मँ ओनका कउनो भी नाहीं पहिचान सकत ह। ओनकर ठठरी पइ अब झुरिर्यन पड़ि गइ अहइँ। ओनकर चाम अब लकड़ी जइसा होइ गवा अहइ।
9 अइसे लोग जेनका तरवारे क घाट उतावा गवा ओनसे जियादा भाग्गवान रहेन जउन लोग भूख-मरी क मउत मरेन। खइया क कमी स मरिइ स खून क कमी स मरि जान बहतर अहइ
10 ओन दिन अइसी मेहररुअन भी जउन बहोत अच्छी हुवा करत रहिन, आपन ही बच्चन क माँस पकाए रहिन। उ सबइ गदेलन आपन महतारी क आहार बनेन। अइसा तब भवत रहा जब मोरे प्रिय लोगन क बिनास भवा रहा।
11 यहोवा आपन सब किरोध क प्रयोग किहेस; आपन समूचा किरोध उ उड़ेर दिहस। सिय्योन मँ जउन आग भड़काएस, सिय्योन क नेवन क खाले तलक बार दिहे रहेन।
12 जउन कछू घटा रहा, धरती क कउनो भी राजा क ओकर बिस्सास नाहीं रहा। जउन कछु घटा रहा, धरती क कउनो भी लोगन क ओकर बिस्सास नाहीं रहा। यरूसलेम क दुआरन स होइके कउनो भी दुस्मन भीतर आइ सकत ह, एकर कउनो क भी बिस्सास नाहीं रहा।
13 किन्तु अइसा ही भवा, काहेकि यरूसलेम क नबी लोग पाप किहे रहेन। अइसा भवा काहेकि यरूसलेम क याजक बुरे काम किया करत रहेन। यरूसलेम क नगर मँ उ पचे नीक लोगन क खून बहावा करत रहेन।
14 याजक अउ नबी गलियन मँ आँधे लोगन जइसे घुमत रहेन। उ पचे रकत स रिती क अनुसार गंदे होइ ग रहेन। यह बरे कउनो भी ओनकर ओढ़ना तलक नाहीं छुअत रहा।
15 लोग ओन लोगन पइ चिचिआइके कहत रहेन, “दूर हटा! तू पचे अपवित्तर अहा, दूर हटा, दूर हटा! हमका जिन छुआ!” उ सबइ लोग बिना घर-बार क भटकत रहेन। दूसर देसन क लोग कहा करत रहेन, “हम नाहीं चाहि कि उ पचे हमरे लगे रहेन।”
16 उ सबइ लोग खुद यहोवा क जरिये ही बिखेर दीन्ह गए रहेन। उ ओनकी कइँती फुन कबहुँ नाहीं लखेन। उ याजकन क आदर नाहीं दिहन। यहूदा क मुखिया लोगन क संग उ दोस्ती स नाहीं रहा।
17 मदद पावइ क बाट जोहत-जोहत आपन आँखिन काम करब बंद किहन, अउर अब हमार आँखिन थक गइन ह। किन्तु कउनो भी सहायता नाहीं आई। हम प्रतीच्छा करत रहे कि कउनो अइसी जाति आवइ तउ हमका बचाइ लेइ। हम आपन निगरानी बुर्जा स लखत रहि गए। किन्तु कउनो भी हमका बचाएस नाहीं।
18 हर समइ दुस्मन हमरे पाछे पड़े रहेन हिआँ तलक कि हम बाहेर गली मँ भी निकर नाहीं पाए। हमार अंत निअरे आवा। हमार समय पुरा होइ चुका रहा। हमार अंत आइ गवा।
19 हम लोगन क पाछा करइवालन क गति उकाब क गति स तेज रही। ओ लोग पहाड़न क भीतर हम पचन्क पाछा किहना। उ पचे हमका धरइ क रेगिस्तान मँ लुका-छिपा रहेन।
20 उ राजा जउन हमरी नाकन क भीतर हमार प्राण रहा, गडढा मँ फँसाइ लीन्ह गवा रहा, उ राजा अइसा मनई रहा जेका यहोवा खुद चुने रहा। राजा क बारे मँ हम कहे रहे, “ओकरी छत्र-छाया मँ हम जिअत रहब, ओकरी छाया मँ हम जातियन क बीच जिअत रहब।”
21 एदोम क लोगो, खुस रहा अउर आनन्द मँ रहा। हे ऊज क निवासी लोगो, खुस रहा। किन्तु सदा याद रखा, तोहरे पास भी यहोवा क किरोध क पियाला आइ। जब तू ओका पीब्या, धुत होइ जाब्या अउर खुद क नंगा कइ डउब्या।
22 सिय्योन, तोहार दण्ड पुरा भावा। अब फुन स तू कबहुँ बंधन मँ नाहीं पड़बिउ। किन्तु हे एदोम क लोगो, यहोवा तोहरे पापन क दण्ड देइ। तोहरे पापन क उ उघाड़ देइ।
Lamentations 5
1 हे यहोवा, हमरे संग जउन घटा ह ओका याद राखा। हे यहोवा, हमरे तिरस्कार क लखा।
2 हमार धरती परायन क हाथन मँ दइ दीन्ह गइ। हमार घर परदेसियन क हाथन मँ दीन्ह गएन।
3 हम अनाथ होइ गएन। हमार कउनो पिता नाहीं। हमार महतरियन विधवा स होइ गइन ह।
4 पानी पिअइ तलक हमका मोल देब पड़त ह, ईधन क लकड़ी तलक बेसहब पड़त ह।
5 आपन काँधन पइ हमका जुए क बोझा उठाउब पड़त ह। हम थकिके चूर होत ह किन्तु अराम तनिकउ हमका नाहीं मिलत।
6 हम पचन्क मिस्र अउर अस्सुर स खइया लेइ होब्या काहेकि हम पचन्क लगे खइया नाहीं अहइ।
7 हमार पुरखन तोहरे खिलाफ मँ पाप किहे रहेन। आजु उ पचे मर चुका अहइँ। किन्तु ओनका बदले मँ हम पचन विपत्तयन भोगत अहइँ।
8 हमार दास हो सुआमी बना अहइँ। हिआँ कउनो अइसा मनई नाहीं जउन हमका ओनसे बचाइ लेइ।
9 बस भोजन पावइ क हमका आपन जिन्नगी दाँव पइ लगावइ पड़त ह। रेगिस्तान मँ अइसे लोगन क कारण, जेनके लगे तरवार अहइ हमका आपन जिन्नगी दाँव पइ लगाउब पड़त ह।
10 हमार खाल तन्दूर सी तपत अहइ, हमार खाल तपत रही उ भूख क कारण जउन हमका लगी ह।
11 सिय्योन क मेहररुअन क संग वुकर्म कीन्ह गवा ह। यहुदा क नगरियन क वुँवरियन क संग वुकर्म कीन्ह गवा अहइँ।
12 हमार राज वुमार फाँसी पइ चढ़ावा गएन, उ पचे हमरे अग्रजन क आदर नाहीं किहन।
13 हमार दुस्मनन हमरे नउजवान मनसेधुअन स चक्की मँ आटा पिसवाएन। हमार नउजवान मनसेधुअन काठे क बोझ तरे ठोकर खाएन।
14 हमार बुजुर्गन अब नगर क दुआरन पइ बइठा नाहीं करतेन। हमार युवक अब संगीत मँ हींसा नाहीं लेतेन।
15 हमरे मने मँ अब कउनो खुसी नाहीं अहइ। हमार खुसी मरे भए लोगन क विलाप मँ बदल गवा अहइ।
16 हमार महिमा अउर हमरार मान संमान खतम होइ गवा अहइ। हम पचन्क सज़ा दीन्ह गएन ह।
17 एह बरे हमार मन रोगी भए हँ, एन ही बातन स हमार आँखिन मधिम भई हँ।
18 सिय्योन क पहाड़ वीरान होइ गवा ह। सिय्योन क पहाड़े पइ अब सियार घूमत हीं।
19 किन्तु हे यहोवा, तोहार राज्ज तउ अमर अहइ। तोहार महिमा स पूर सिंहासन सदा-सदा बना रहत ह।
20 हे यहोवा, तू हम पचन्क क सदा बरे काहे भूला देब्या? तू हम पचन्क क अकेल्ला लम्बे समइ बरे काहे तजि देब्या?
21 हे यहोवा, हम लोगन क तू अपनी कइँती वापिस ल्या, अउर हम लोग लउटि आउब। हमार दिन फेर द्या जइसे उ पहिले रहेन।
22 का तू हम लोगन क पूरी तरह नकार दिहा ह तू हम लोगन स बहोत कोहान रहा ह।
Ezekiel 1
1 मइँ बूजी क पूत याजक यहेजकेल हउँ। मइँ देस स निकारा गवा रहेउँ। मइँ उ समइ बाबुल मँ कबार नदी पइ रहेउँ जब मोरे बरे सरग खुला अउर मइँ परमेस्सर क दर्सन किहेउँ। इ तीसवे बरिस क चउथे महीने जुलाई क पाँचवा दिन रहा। राजा यहोयाकीम क देस स निकारे गए पँचएँ बरिस अउर महीना क पँचए दिन यहेजकेल क यहोवा क सँदेसा मिला। उ ठउरे पइ ओकरे ऊपर यहोवा क सवती आइ।
2
3
4 मइँ (यहेजकेल) एक आँधी उत्तर स आवत लखेउँ। इ एक बिसाल बादर रहा अउर ओहमाँ स आगी चमकत रही। एकरे चारिहुँ कइँती प्रकास जगमगात रहा। इ आगी मँ चमकत तपत धातु क तरह देखात रहा।
5 बादरे क भीतर चार प्राणी रहेन। उ पचे मनइयन क तरह देखात रहेन।
6 किन्तु हर एक प्राणी क चार मुँह अउर चार पखना रहेन।
7 ओनकर गोड़ सोझ रहेन। ओनकर गोड़ बछवा क गोड़ जइसे देखात रहेन अउर उ पचे झलकत भए पीतर क तरह चमकत रहेन।
8 ओनकर पखना क खाले मनई क हाथ रहेन। हुआँ चार प्राणी रहेन अउर हर एक प्राणी क चार मुँह अउर चार पखना रहेन।
9 ओनकर पखना एक दूसर क छुअत रहेन। जब प्रणियन चलत रहेन तउ उ पचे मुड़त नाहीं रहेन। उ सबइ उ दिसा मँ चलत रहेन जेका लखत रहेन।
10 हर एक प्राणी क चार मुँह रहेन। समन्वा कइँती ओनकर चेहरा मनई क रहा। दाईर् कइँती सेर क चेहरा रहा। बाईर् कइँती बर्धा क चेहरा रहा अउर पाछे कइँती उकाब क चेहरा रहा।
11 प्राणियन क पखना ओनके ऊपर फइले भए रहेन। उ सबइ दुइनउँ पखनन स अपने लगे क प्राणी क दुइ पखनन क छुए भए रहेन अउ दुइ क आपन तन क ढाँपइ बरे उपयोग मँ लिहे रहेन।
12 उ सबइ प्राणी जब चलत रहेन तउ मुड़त नाहीं रहेन। उ सबइ उ दिसा मँ चलत रहेन जेका उ पचे लखत रहेन। उ पचे हुँवइ जात रहेन जहाँ आतिमा ओनका लइ जात रही।
13 हर एक प्राणी इ तरह देखात रहा। ओन प्राणियन क बीच क जगह मँ बरत भइ कोयला क आगी सा देखात रही। इ आगी नान्ह-नान्ह मसालन क तरह ओन प्राणियन क बीच चलत रही। आगी बड़के प्रकास क संग चमकत रही अउर बिजुरी क तरह कौंधत रही।
14 उ सबइ प्राणी बिजुरी क तरह तेजी स पाछे अउ अगवा कइँती दउड़त रहेन।
15 जब मइँ प्राणियन क लखेउँ तउ चार चक्र लखेउँ। हर एक प्राणी बरे एक ठु चक्र रहा। चक्र भुइयाँ क छुअत रहेन अउर सबइ चव एक तरह क रहेन। चक्र अइसे देखात रहेन माना पिअर सुद्ध मणि क बना होइँ। उ सबइ अइसे देखात रहेन माना एक चक्र क भीतरे दूसर चक्र होइ।
16
17 उ सबइ चक्र कउनो भी दिसा मँ घूम सकत रहेन। किन्तु उ सबइ प्राणी जब चलत रहेन तउ मुड़त नाहीं रहेन।
18 ओन चक्रन क घेरन ऊँच अउर डेरावइवाला रहेन। ओन चारिहुँ चक्रन क घेरन मँ आँखिन ही आँखिन रहिन।
19 चक्र हमेसा प्राणियन क संग चलत रहेन। जदि प्राणी ऊपर हवा मँ जातेन तउ चक्र भी ओनके संग जातेन।
20 उ सबइ हुवँइ जातेन, जहाँ आतिमा ओनका लइ जात चाहत अउर चक्र ओनके संग जात रहेन। काहेकि प्राणियन क आतिमा चक्र मँ रही।
21 एह बरे जदि प्राणी चलत रहेन तउ चक्र भी चलत रहेन। जदि प्राणी रूक जात रहेन तउ चक्र भी रूक जात रहेन। जदि चक्र हवा मँ ऊपर जातेन तउ प्राणी ओनके संग जात रहेन। काहेकि आतिमा चक्र मँ रही।
22 प्राणियन क मूँड़ि क ऊपर एक अचरज करइवाली चीज रही। उ एक ठु उल्टे खोरे क नाईर् रही। खोरा बिल्लोर की नाईं स्वच्छ रहेन।
23 इ खोरा क खाले हर एक प्राणी क सोझ पखना रहेन जउन दूसर प्राणी तलक पहोंचत रहेन। हर एक क दूसर दुइ ठु पखना रहेन जउन ओकर तने क ढाँपत रहेन।
24 जब कबहुँ उ सबइ प्राणी चलत रहेन, ओनकर पखना बड़की तेज अवाज करत रहेन। मइँ उ अवाज क सुनेस। इ समुद्दर क गर्जना जइसी पइदा होत रही। उ सर्वसवतीमान परमेस्सर क निचके स निकरइ क वाणी क नाईर् रही। उ कउनो फउजे क जन-समूह क सोर क तरह रही। जब उ प्राणी चलब बन्द करत रहेन तउ उ पचे आपन पखनन क आपन बगल मँ नीचे कइ लेत रहेन।
25 ओन प्राणियन चलब बन्द किहेन अउर आपन पखनन क समेटेन अउर हुवाँ फुन भीसन अवाज भइ। उ अवाज उ खोरे स भइ जउन मूँड़ि क ऊपर रहा।
26 उ खोरे क ऊपर हुवाँ कछू रहा जउन एक सिहांसन क तरह देखात रहा। इ नीतमणि क तरह नीला रहा। हुवाँ कउनो रहा जउन उ सिहांसने पइ बइठा भवा एक ठु मनई क तरह देखात रहा।
27 अउर मइँ ओका ओकर कमर क ऊपर लखेउँ। वह तप्त धातु की तरहा दिखा, मानो ओकरे चारिहुँ कइँती आगी होइ। अउर नीचे स कमर तलक उ आगी क नाईं दिखावइ देत रहा। अउर ओकरे चारिहुँ कइँती प्रकास जगमग करत रही।
28 ओकरे चारिहुँ कइँती चमकत प्रकास बादरन मँ इन्दर धनुस जइसा रहा। इ यहोवा क महिमा जइसा देखात रहा। जइसेन ही मइँ उ लखेउँ, मइँ धरती पइ भहराइ गएउँ। मइँ धरती पइ आपन माथा टेकेउँ। तब मइँ एक अवाज सम्बोधित करत भए सुनेउँ।
Ezekiel 2
1 उ वाणी कहेस, “मनई क पूत, खड़ा होइ जा अउर मइँ तोहसे बातन करब।”
2 तब आतिमा मोका गोड़न पइ सोझ खड़ा कइ दिहस अउर मइँ ओका सुनेउँ जउन मोहसे बातन करत रहा।
3 उ मोहसे कहेस, “मनई क पूत, मइँ तोहका इस्राएल क परिवार स कछू कहइ बरे पठवत हउँ।” उ सबइ लोग कइउ दाईर् मोरे खिलाफ भएन। ओनकर पुरखन भी मोरे खिलाफ भएन। उ पचे मोरे खिलाफ कइउ दाईर् पाप किहेन अउर उ पचे आजु तलक मोरे खिलाफ अब भी पाप करत अहइँ।
4 मइँ तोहका ओन लोगन स कछू कहइ बरे पठवत हउँ। किन्तु उ पचे बहोत हठी अहइँ। उ पचे बड़के कठोर चित्तवाले अहइँ। किन्तु तोहका ओन लोगन स बातन करब अहइ। तोहका कहइ चाही, ‘हमार सुआमी यहोवा इ सबइ बातन बतावत ह।’
5 उ सबइ लोग तोहार सुनिहीं या न भी सुनिहीं। काहेकि उ पचे बहोत बिद्रोही लोग अहइँ, उ पचे सदा मोरे खिलाफ होइ जात हीं। मुला तोहका उ सबइ बातन कहइ चाही जेहसे उ पचे समुझ सकइँ कि ओनके बीच मँ कउनो नबी रहत बाटइ।
6 “मनई क पूत ओन लोगन स डेराअ नाहीं। जउन उ पचे कहइँ ओहसे डेराअ नाहीं। इ फुरइ अहइ कि उ पचे तोहरे खिलाफ होइ जइहीं अउर तोहका चोट पहोंचाउब चइहीं। तू अइसा सोचब्या कि तू बीछियन क बीच रहत अहा। मुला उ पचे जउन कहइँ ओनसे डेराअ नाहीं। उ पचे बिद्रोही लोग अहइँ। किन्तु ओनसे डेराअ नाहीं।
7 तोहका ओनसे उ बात कहइ चाही जउन मइँ कहत हउँ। चाहे उ पचे तोहार सुनि या ना सुनि। काहेकि उ पचे बिद्रोही लोग अहइँ।
8 “मनई क पूत, तोहका ओन बातन क सुनइ चाही जेनका मइँ तोहसे कहत हउँ। ओन बिद्रोही लोगन क तरह मोरे खिलाफ जिन जा। आपन मुँह खोला जउन बात मइँ तोहसे कहत हउँ, अंगीकार करा अउर ओन बचनन क लोगन स कहा। एन बचनन क खाइ ल्या।”
9 तब मइँ (यहेजकेल) एक भुजा क आपन कइँती बढ़त लखेउँ। उ एक ठु गोल कीन्ह भवा लम्बा पत्र जेह पइ बचन लिखे रहेन, धरे भए रहा।
10 मइँ उ गोल कीन्ह भए पत्र क खोलेउँ अउर ओह पइ समन्वा अउ पाछे बचन लिखे रहेन। ओहमाँ सबहिं तरह क करूण गीत, सबइ कथा अउर चितउनियन रहिन।
Ezekiel 3
1 परमेस्सर मोहसे कहेस, “मनई क पूत, जउन तू लखत अहा ओका खाइ जा। इ गोल कीन्ह गए पत्र क खाइ जा अउर तब जाइके इस्राएल क लोगन स इ सबइ बातन कहा।”
2 एह बरे मइँ आपन मुँह खोलेउँ अउर उ गोल कीन्ह गए पत्र क मुँह मँ रखेस।
3 तब परमेस्सर कहेस, “मनई क पूत, मइँ तोहका इ गोल कीन्ह गए पत्र क देत अहउँ। एक लील जा। इ गोल कीन्ह गए पत्र क आपन तने मँ भर जाइ द्या।”एह बरे मइँ गोल कीन्ह गए पत्र क खाइ गएउँ। इ मोरे मुँह मँ शहद क तरह मीठा रहा।
4 तब परमेस्सर मोहसे कहेस, “मनई क पूत, इस्राएल क परिवार मँ जा। मोर कहे भए बचन ओनसे कहा।
5 मइँ तोहका कउनो बिदेसियन मँ नाहीं पठवत हउँ जेनकर बातन तू समुझ न सका। तोहका दूसर भाखा सीखइ नाहीं पड़ी। मइँ तोहका इस्राएल क परिवार मँ पठवत हउँ।
6 मइँ तोहका बहोत स रास्ट्र मँ नाहीं पठवत हउँ जहाँ लोग अइसी भाखा बोलत हीं कि तू समुझ नाहीं सकत्या। जदि तू ओन लोगन क लगे जाब्या अउर ओनसे बातन करब्या तउ उ पचे तोहार सुनिहीं। किन्तु तोहका ओन कठिन सबइ भाखा क नाहीं समुझब अहइ।
7 नाहीं। मइँ तउ तोहका इस्राएल क परिवार मँ पठवत हउँ। केवल वे ही लोग ही कठोर चित्त चाले अहइँ - उ पचे बहोत हठी अहइँ अउर इस्राएल क लोग तोहार सुनइ स इन्कार कइ देइहीं। उ पचे मोर सुनब नाहीं चाहतेन।
8 मुला मइँ तोहका ओतना ही हठी बनाउब जेतना उ पचे अहइँ। तोहार चित्त ठीक ओतना ही कठोर होइ जेतना ओनकर।
9 हीरा आगी क चट्टान से भी जियादा कठोर होत ह। उहइ तरह तोहार चित्त ओनकर चित्त स जियादा कठोर होइ। तू ओनसे जियादा हठी होब्या। एह बरे तू ओन लोगन स नाहीं डेराअ। तू ओन लोगन स नाहीं डेराब्या जउन हमेसा मोरे खिलाफ जात हीं।”
10 तब परमेस्सर मोहसे कहेस, “मनई क पूत, तोहका मोर हर एक बात, जउन मइँ तोहसे कहत हउँ, सुनइ क होइ अउर तोहका ओन बातन क याद रखब होइ।
11 तब तू आपन ओन सबहिं लोगन क बीच जा जउन देस-निकारा अहइँ। ओनके लगे जा अउर कहा, ‘हमार सुआमी यहोवा इ सबइ बातन कहत ह,’ उ पचे मोर नाहीं सुनिहीं अउर उ पचे पाप करब बन्द नाहीं करिहीं। किन्तु तोहका इ सबइ बातन कहब अहइ।”
12 तब आतिमा मोका ऊपर उठाएस। तब मइँ आपन पाछे एक आवाज सुनेउँ। इ बिजुरी क कड़क क तरह बहोत तेज रही। उ कहेस, “ओकरे स्थान स यहोवा क महिमा क गुनगान करा।”
13 तब प्राणियन क पखना हिलब सुरू भएन। पखनन, जब एक दूसर क छुएन, तउ उ पचे बड़की तेज अवाज क अउर ओनके समन्वा क चक्र बिजुरी क कड़क क तरह प्रचण्ड घोस करइ लागेन।
14 आतिमा मोका उठाएन अउर दूर लइ गइ। मइँ उ जगह तजेउँ। मइँ बहोत दुःखी रहेउँ अउर मोर आतिमा बहोत असान्त रही किन्तु यहोवा क सवती मोरे भीतर प्रबल रही।
15 मइँ इस्राएल क ओन लोगन क लगे गएउँ जेका तेलाबीब मँ कबार नदी क किनारे रहइ क मजबूर कीन्ह ग रहेन। मइँ ओन लोगन क बीच मँ सात दिना तलक सोक मँ बइठा रहा।
16 सात दिना पाछे यहोवा क सँदेसा मोका मिला। उ कहेस,
17 “मनई क पूत, मइँ तोहका इस्राएल क सन्तरी बनावत हउँ। मइँ ओन बुरी सबइ घटना क बताउब जउने ओनके संग घटित होइहीं अउर तोहका इस्राएल क ओन सबइ घटना क बारे मँ चितउनी देइ चाही।
18 जदि मइँ कहत हउँ, ‘इ बुरा मनई मरी।’ तउ तोहका इ चितउनी ओका देइ चाही। तोहका ओहसे कहइ चाही कि उ आपन जिन्नगी बदलइ अउर बुरा करम करब बन्द करइ। जदि तू उ मनई क चितउनी नाहीं देब्या तउ उ मरि जाइ। उ मरी काहेकि उ पाप किहस। किन्तु मइँ तोहका भी ओकर मउत क बरे उत्तरदायी बनाउब। काहेकि तू ओकरे लगे नाहीं गया अउर ओकरे जिन्नगी क नाहीं बचाया।
19 “इ होइ सकत ह कि तू कउनो मनई क चितउनी देब्या, ओका ओकरे जिन्नगी क बदलइ बरे समुझउब्या अउर बुरा काम न करइ क कहब्या। जदि उ मनई तोहार अनसुनी करत ह तउ मरि जाइ। उ मरी काहेकि उ पाप किहे रहा। किन्तु तू ओका चितउनी दिहा, एह बरे तू आपन जिन्नगी बचाइ लिहा।
20 “या इ होइ सकत ह कि कउनो नीक मनई अच्छा बनब रहइ तज देइ। मइँ ओकरे समन्वा कछू अइसा लाइके रख देउँ कि उ ओकर पतन करइ। उ बुरे करम करब सुरू करी। एह बरे उ मरी। उ मरी, काहेकि उ पाप करत अहइ अउर तू ओका चितउनी नाहीं दिहा। मइँ तोहका ओकर मउत बरे जिम्मेदार बनाउब, अउर लोग ओकरे जरिये कीन्ह गए सबहिं नीक कार्यन क याद नाहीं करिहीं।
21 “किन्तु जदि तू उ नीक मनई क चितउनी देत अहा अउर ओका पाप करब बन्द करइ क कहत अहा, अउर जदि उ पाप करब बन्द कइ देत ह, तब उ नाहीं मरी। काहेकि तू ओका चितउनी दिहा अउर उ तोहार सुनेस। इ तरह तू आपन जिन्नगी बचाया।”
22 तब यहोवा क सवती मोरे ऊपर आई। उ मोहसे कहेस, “उठा अउर घाटी मँ जा। मइँ तोहसे उ ठउरे पइ बात करब।”
23 एह बरे मइँ खड़ा भएउँ अउर बाहेर घाटी मँ गएउँ। यहोवा क महिमा हुआँ परगट भइ ठीक वइसेन ही, जइसा मइँ ओका कबार नदी क सहारे लखे रहेउँ। एह बरे मइँ धरती पइ आपन मूँड़ि निहुराएउँ।
24 किन्तु “आतिमा” आइ अउर उ मोका उठाइके मोरे गोड़न पइ खड़ा कइ दिहेस। उ मोहसे कहेस, “घर जा अउर आपन क अपने घरे क ताले क भीतर बन्द कइ ल्या।
25 मनई क पूत, लोग रस्सी क संग अइहीं अउर तोहका बाँध देइहीं। उ पचे तोहका लोगन क बीच बाहेर जाइ नाहीं देइहीं।
26 मइँ तोहार जीभ क तोहरे तालु स चिपकाइ देब, तू बात करइ जोग्ग नाहीं रहब्या। एह बरे तू लोगन क ओनकर मार्ग क सुधारइ बरे कछू कहइ क जोग्य नाहीं रहब्या। काहेकि उ पचे लोग सदा मोरे खिलाफ जात अहइँ।
27 किन्तु मइँ तोहसे बातचीत करब तब मइँ तोहका बोलइ देब। किन्तु तोहका ओनसे कहइ चाही, ‘हमार सुआमी यहोवा इ सबइ बातन कहत ह।’ जदि कउनो मनई सुनइ चाहत ह तउ इ बहोत अच्छा अहइ। जदि कउनो मनई एका नाहीं सुनइ चाहत, तउ न सुनइ। किन्तु उ सबइ लोग सदा मोरे खिलाफ जात रहेन।
Ezekiel 4
1 “मनई क पूत, एक ठु ईर्टा ल्या। एह पइ एक चित्र खींचा। एक नगर क, अर्थात यरूसलेम क एक ठु चित्र बनावा
2 अउर तब उ तरह कार्य करा माना तू उ नगर क घेरा डाए भए फउज अहा। नगर क चारिहुँ कइँती एक ठु माटी क देवार एह पइ हमला करइ मँ मदद बरे बनावा। नगर क देवार तलक पहोंचइ वाली एक ठु ढलान बनावा। तोड़ फोड़ करइवाले लट्ठन क लिआवा अउर नगर क चारिहुँ कइँती फउजी डेरन क खड़ा करा
3 अउर तब तू एक ठु लोहा क कड़ाही ल्या अउर एका आपन अउर नगर क बीच रखा। इ एक लोहा क देवार क तरह होइ, जउन तोहका अउर नगर क अलग करी। इ तरह तू इ प्रदसिर्त करब्या कि तू उ नगर क खिलाफ अहा। तू उ नगर क घेरब्या अउर ओह पइ हमला करब्या। काहेकि इ इस्राएल क परिवार बरे एक ठु उदाहरण होइ। इ प्रदसिर्त करी कि मैं (परमेस्सर) यरूसलेम क नस्ट करब।
4 “तब तोहका आपन बाईर् करवट ओलरइ चाही। तउ तू इस्राएल क लोगन क पापन्क क घोसणा करा। तू ओनकइ पाप क सारे दिनन तलक ढोउब्या जेतने दिनन तलक तू आपन बाईर् करवट ओलरब्या।
5 तू इ तरह इस्राएल क पाप क तीन सौ नब्बे दिनन तलक घोसणा करब्या। इ तरह मइँ तोहका बतावत हउँ कि इस्राएल, एक दिन एक बरिस क बराबर क केतने लम्बे समय तलक दण्डित होइ।
6 “उ समइ क पाछे तू आपन दाहिन करवट चालीस दिनन तलक ओलरब्या। इ समइ क दौरान तू यहूदा क पापन्क बरे घोसणा करब्या। इ तरह स मइँ तोहका बतावत हउँ कि यहूदा क केतने लम्बे बरिस बरे दण्ड देइ चाही। एक दिन एक बरिस क होइ।”
7 परमेस्सर फिन बोला। उ कहेस, “अब, आपन आस्तानन क मोड़ ल्या अउर आपन हाथन क ईर्टा क ऊपर उठावा। अइसा देखावा माना तू यरूसलेम नगर पइ हमला करत अहा। एका इ देखावइ बरे करा कि तू मोर नबी क रूप मँ लोगन स बातन करत अहा।
8 एँह पइ धियान राखा, मइँ तोहका लसुरियन स बाँधत अहउँ। तू तब तलक एक बगल स दूसरी बगल करवट नाहीं लइ सकत्या जब तलक तोहरे नगर पइ हमला खतम नाहीं हो।”
9 परमेस्सर इ भी कहेस, “तोहका रोटी बनावइ बरे कछू अन्न लिआवइ चाही। कछू गोहूँ, जौ, सेम, मसूर, तिल, बजरी अउर कठिया गोहूँ लिआवा। इ सबहिं क एक ठु खोरा मँ मिलावा अउर ओनका पीसिके आटा बनावा। तोहका इ आटे क उपयोग रोटी बनावइ बरे करइ क होइ। तू सिरिफ इहइ रोटी क तीन सौ नब्बे दिनन तलक आपन बगल क सहारे ओलरे भए खाब्या।
10 तोहका सिरिफ एक पियाला उ आटा रोटी बनावइ बरे प्रतिदिन उपयोग करइ क होइ। तू उ रोटी क पूरे दिन मँ समइ समइ पइ खाब्या।
11 अउर तू सिरिफ तीन पियाला पानी प्रतिदिन पी सकत ह।
12 तोहका प्रतिदिन आपनी रोटी बनावइ चाही। तोहका मनई क झुरान मैला लिआइके बारइ चाही। तब तोहका उ जरत मैला पइ आपन रोटी पकावइ चाही। तोहका इ रोटी क लोगन क समन्वा खाइ चाही।”
13 तब यहोवा कहेस, “इ प्रदसिर्त करी कि इस्राएल क परिवार विदेसन मँ अपवित्तर रोटियन क खाइ अउर मइँ ओनका इस्राएल क तजइ अउर ओन देसन मँ जाइ क बिवस किहे रहेउँ।”
14 तब मइँ (यहेजकेल) अचरज स कहेउँ, “किन्तु मोरे सुआमी यहोवा, मइँ अपवित्तर खइया क कबहुँ नाहीं खाएउँ। मइँ कबहुँ उ जनावरे क माँस नाहीं खाएउँ, जउन कउनो रोग स मरा होइ या जंगली जनावर मारि डाए होइ। मइँ बचपन स लइके अब तलक कबहुँ अपवित्तर माँस नाहीं खाएउँ ह। मोरे मुँहे मँ कउनो भी वइसा बुरा माँस कबहुँ नाहीं गवा ह।”
15 तब परमेस्सर मोहसे कहेस, “ठीक बाटइ। मइँ तोहका रोटी पकावइ बरे गइया क झुरान गोबर उपयोग मँ लिआवइ देब। तोहके मनई क झुरान मैला क उपयोग नाहीं करब होइ।”
16 तब परमेस्सर मोहसे कहेस, “मनई क पूत, मइँ यरूसलेम क रोटी क आपूतिर् क नस्ट करत हउँ। लोगन क लगे खाइ बरे रोटियन नाहीं क बराबर होइहीं। उ पचे आपन भोजन आपूतिर् बरे बहोत परेसान होइहीं अउर ओनके बरे पानी नाहीं क बराबर अहइ। उ पचे उ पानी क पिअत समइ बहोत भयभीत होइहीं।
17 काहेकि लोगन बरे पर्याप्त भोजन अउ पानी नाहीं होइ। लोग एक दूसर क लखिके भयभीत होइहीं काहेकि उ पचे आपन पापन क कारण एक दूसर क नस्ट होत भवा लखिहीं।
Ezekiel 5
1 “मनई क पूत आपन उपवास क समइ क पाछे तोहका इ सबइ काम करइ चाही। तोहका एक तेज तरवार लेइ चाही। उ तरवार क उपयोग नाऊ क उस्तरे क तरह करा। तू आपन बार अउ दाढ़ी ओहसे काट ल्या। बारन क तराजू मँ धरा अउ तउला। आपन बारन क तीन हींसा मँ बाँटा। आपन बारन क एक तिहाई हींसा उ ईर्टा पइ धरा जेह पइ नगर क चित्र बना ह। उ नगर मँ ओन बारन क जरावा। इ प्रदसिर्त करत ह कि कछू लोग नगर की भीतर मरिहीं। तब तरवार क उपयोग करा अउर आपन बारन क एक तिहाई क नान्ह-नान्ह टूकन मँ काट डावा। ओन बारन क उ नगर क चारिहुँ कइँती धरा। इ प्रदसिर्त करी कि कछू लोग नगर क बाहेर मरिहीं। तब आपन बारन क एक तिहाई क हवा मँ उड़ाइ द्या। एनका हवा क दूर उड़ाइ लइ जाइ द्या। इ प्रदसिर्त करी कि मइँ आपन तरवार निकारब अउर कछू लोगन क पाछा कइके ओनका दूर देसन मँ भगाइ देब।
2
3 किन्तु तब तोहका जाइ चाही अउर ओन बारन मँ स कछू क लिआवइ चाही। ओन बारन क लिआवा, ओनका ढका अउर ओनकर रच्छा करा। इ प्रदसिर्त करी कि मइँ आपन मँ स कछू क बचाउब
4 अउर तब ओन उड़े भए बारन मँ स कछू अउर जियादा बारन क लिआवा। ओन बारन क आगी मँ झोंकि द्या। इ प्रदसिर्त करत ह कि आगी हुवाँ सुरू होइ अउर इस्राएल क पूरे खानदान क बारिके नस्ट कइ देइ।”
5 तब मोर सुआमी यहोवा मोहसे कहेस, “उ ईटां यरूसलेम अहइ, मइँ इ यरूसलेम नगर क दूसर रास्ट्रन क बीच रखा ह, इ समइ इस्राएल क चारिहुँ ओर दूसर देस अहइँ।
6 यरूसलेम क लोग मोरे आदेसन क बरे विद्रोह किहन। उ पचे दूसर कउनो रास्ट्र स जियादा बुरे रहेन। उ पचे मोरे नेमन क ओहसे भी जियादा तोड़ेन जेतना ओनके चारिहुँ कइँती क कउनो भी देस क लोग तोड़ेन। उ पचे मोरे आदेसन क सुनइ स इनकार कइ दिहन। उ पचे मोर व्यवस्था क पालन नाहीं किहन।”
7 एह बरे मोर सुआमी यहोवा कहेस, “मइँ तू लोगन पइ भयंकर विपत्तियन लिआउब। काहेकि तू मोर आदेसन क पालन नाहीं किहा। तू लोग मोरे नेमन क आपन चारिहुँ कइँती रहइवाले लोगन स भी जियादा तोड़या। तू लोग उ सबइ काम भी किहा जेनका उ सबइ लोग भी गलत कहत हीं।”
8 एह बरे मोर सुआमी यहोवा कहत ह, “एह बरे मइँ भी तोहरे पचन्क विरूद्ध हउँ, मइँ तू पचन्क इ तरह दण्ड देब जेहसे दूसर लोग भी लखि सकइँ।
9 मइँ तू लोगन क संग उ करब जेका मइँ पहिले कबहुँ नाहीं किहेउँ। मइँ ओन भयानक कामन क फिन कबहुँ नाहीं करब। काहेकि तू पचे ऍतना जियादा भंयकर काम किहा।
10 यरूसलेम मँ लोग भूख स एतना तड़पिही कि महतारी-बाप आपन गदेलन क खाइ जइहीं अउर गदेलन आपन महतारी-बाप क खाइ जइहीं। मइँ तू पचन्क कइउ तरह स दण्ड देब अउर जउन लोग जिअत बचा अहइँ, ओनका मइँ हवा मँ बिखेर देब।”
11 मोर सुआमी यहोवा कहत ह, “यरूसलेम, मइँ आपन जिन्नगी क किरिया खाइके कहत हउँ कि मइँ तू पचन्क दण्ड देब। मइँ प्रतिग्या करत हउँ कि मइँ तू पचन्क दण्ड देब। काहेकि तू पचे मोर ‘पवित्तर ठउर’ क खिलाफ भयंकर पाप किहा। तू पचे उ सबइ भयानक काम किहा जउन एका गन्दा बनाइ दिहन। मइँ तू पचन्क दण्ड देब। मइँ तू पचन्क पइ दाया नाहीं करब। मइँ तू पचन बरे दुःख क अनुभव नाहीं करब।
12 तोहार पचन्क एक तिहाई लोग नगर क भीतर रोग अउ भूख स मरिहीं। तोहार पचन्क एक तिहाई लोग नगर क भीतर रोग अउ भूख स मरिहीं। तोहार पचन्क एक तिहाई लोग जुद्ध मँ नगर क बाहेर मरिहीं अउर तोहार लोगन क एक तिहाई क मइँ आपन तरवार निकारिके ओनकर पाछा कइके ओनका दूर देसन मँ खदेड़ देब।
13 सिरिफ तब मइँ तोहरे लोगन पइ क्रोधित होब बन्द करब। मइँ समुझ लेब कि उ पचे ओन बुरे कामन क बरे दण्डित भएन ह जउन उ पचे मोर संग किहे रहेन अउर उ पचे समुझिहीं कि मइँ यहोवा हउँ अउर मइँ ओन लोगन क बिरोध मँ आपन गैरत क कारण बात किहेउँ।”
14 परमेस्सर कहेस, “यरूसलेम मइँ तोहका नस्ट करब तू पाथरन क ढ़ेर क अलावा दूसर कछू नाहीं रहि जाब्या। तोहरे चारिहुँ कइँती लोग तोहार हँसी उड़ाइ हीं। हर एक मनई जउन तोहरे लगे स गुजरी तोहार हँसी उड़ई।
15 तोहरे चारिहुँ कइँती क लोग तोहार हँसी उड़इहीं, किन्तु ओनके बरे तू एक सबक भी बनब्या। उ पचे लखिहीं कि मइँ कोहान रहा अउर मइँ तोहका दण्ड दिहेउँ। मइँ बहोत कोहान रहा। मइँ तोहका चितउनी दिहे रहेउँ। मोका, यहोवा तोहसे कहे रहा कि मइँ का करउँ।
16 मइँ कहे रहेउँ कि मइँ तोहरे लगे भयंकर भुखमरी क समइ पठउब। मइँ तोहसे कहे रहेउँ, मइँ ओन चीजन क पठउब जउन तोहका नस्ट करिहीं अउर तोहसे कहे रहा कि मइँ तोहार भोजन क आपूतिर् छोर लेब, अउर उ भूखमरी क उ समइ बार-बार आवा।
17 मइँ तोहसे कहे रहेउँ कि मइँ तोह पइ भूख अउ जंगली पसु पठउब, जउन तोहरे लरिकन क मारि डइहीं। मइँ तोहसे कहे रहेउँ कि पूरे नगर मँ रोग अउर मउत क राज्ज होइ अउर मइँ ओन दुस्मन-फउजियन क तोहरे खिलाफ लड़इ बरे लिआउब। मोका यहोवा इ कहे रहा, इ सबइ बातन घटित होइहीं अउर सबहिं घटित भइन।”
Ezekiel 6
1 तब यहोवा क बचन मोरे लगे फुन आवा।
2 उ कहेस, “मनई क पूत इस्राएल क पर्वतन कइँती मुड़ा। उनके बिरूध नबूवत करा।
3 ओन पर्वतन स इ कहा: ‘इस्राएल क पर्वतो, मोर सुआमी यहोवा कइँती स इ सँदेसा सुना। मोर सुआमी यहोवा पहाड़ियन, पर्वतन, घाटियन अउर खार-खड्डन स इ कहत ह। धियान द्या। मइँ (परमेस्सर) दुस्मन क तू सबन्क खिलाफ लड़इ बरे लिआवत हउँ। मइँ तोहार सबन्क उच्च ठउरन क नस्ट कइ देब।
4 तोहार सबन्क वेदियन क तोरिके टूका-टूका कइ दीन्ह जाइ तोहार सबन्क सुगन्धि चढ़ावइ क वेदियन ध्वस्त कइ दीन्ह जइहीं। अउर मइँ तोहार सबन्क ल्हासन क तोहार सबन्क गन्दी मूरतियन क समन्वा लोकाउब।
5 मइँ इस्राएल क लोगन क ल्हासन क ओनकर देवतन क गन्दी मूरतियन क समन्वा लोकाउब। मइँ तोहार सबन्क हाड़न क तोहरे पचन्क वेदियन क चारिहुँ ओर बिखेरब।
6 जहाँ कहूँ तोहार लोग रहिहीं ओन पइ विपत्तियन अइहीं। ओनकर नगर पाथरन क ढेर बनिहीं। ओनकर उच्च ठउरन नस्ट कीन्ह जइहीं। काहे एह बरे कि ओन पूजा ठउरन क उपयोग दुबारा न होइ सकइ। उ सबइ सबहिं वेदियन नस्ट कइ दीन्ह जइहीं। लोग फुन कबहुँ ओन गन्दी मूरतियन क नाहीं पूजिहीं। ओन सुगन्धि वेदियन क ध्वस्त कीन्ह जाइ। जउन चिजियन तू पचे बनावत ह उ सबइ पूरी तरह नस्ट कीन्ह जइहीं।
7 तोहार लोग मारा जइहीं अउर तब तू जनब्या कि मइँ यहोवा हउँ।’“
8 परमेस्सर कहेस, “किन्तु मइँ तोहरे कछू लोगन क बच निकरइ देब। उ पचे थोड़े समइ तलक विदेसन मँ रहिहीं। मइँ ओनका बिखेरब अउर दूसर देसन मँ रहइ बरे मजबूर करब।
9 तब उ पचे बचे भए लोग बन्दी बनावा जइहीं। उ पचे बिदेसन मँ रहइ क मजबूर कीन्ह जइहीं। किन्तु उ पचे बचे भए लोग मोका याद रखिहीं। मइँ ओनकर आतिमा क खण्डित किहेउँ। जउने पापन क उ पचे किहेन, ओकरे बरे उ पचे खुद ही घिना करिहीं। बीते समइ मँ उ पचे मोहसे विमुख भए रहेन। अउर दूर होइ ग रहेन। उ पचे आपन गन्दी मूरतियन क पाछे लगे भए रहेन। उ पचे उ समइ मेहरारू क नाईर् रहेन जउन आपन भतार क तजिके, कउनो दूसर मनई क पाछे धावइ लाग। उ पचे बड़े भयंकर पाप किहन।
10 किन्तु उ पचे समुझ जइहीं कि मइँ यहोवा हउँ अउर उ पचे इ जनिहीं कि जदि मइँ कछू करइ बरे कहब तउ मइँ ओका करब। उ पचे समुझ जइहीं कि उ पचे सब विपत्तियन जउन ओन पइ आई अहइँ, मइँ डाएउँ ह।”
11 तब मोर सुआमी यहोवा मोहसे कहेस, “हाथन स ताली बजावा अउर आपन गोड़ पीटा। ओन सबहिं भयंकर चिजियन क खिलाफ कहा जेनका इस्राएल क लोग किहन ह। ओनका चितउनी द्या कि उ सबइ रोग अउ भूख स मारा जइहीं। ओनका बतावा कि उ पचे जुद्ध मँ मारा जइहीं।
12 दूर क लोग रोग स मरिहीं। समीप क लोग तरवार स मारा जइहीं। जउन लोग नगर मँ बचा रहिहीं, उ पचे भूख स मरिहीं। मइँ तबहिं किरोध करब तजब,
13 अउर सिरिफ तबहिं तू जनब्या कि मइँ यहोवा अहउँ। तू इ तब समुझब्या जब तू आपन ल्हासन क गन्दी मूरतियन क समन्वा अउर वेदियन क चारिहुँ कइँती लखब्या। तोहार पूजा क ओन हर ठउरन क निचके, हर एक ऊँच पहा़ड़ी, पर्वत तथा हर एक हरिअर बृच्छ अउर पत्तेवाले हर एक बाँझ बृच्छ क नीचे, उ सबइ ल्हास होइहीं। ओन सबहिं ठउरन पइ तू आपन बलि-भेंट किहा ह। उ पचे तोहार गन्दी मूरतियन बरे मधुर गन्ध रहिन।
14 किन्तु मइँ आपन हाथ तू लोगन पइ उठाउब अउर तोहका तोहरे लोगन क जहाँ कहूँ उ पचे रहेन, सजा देब। मैं तोहरे देस क नस्ट करब। इ दिबला रेगिस्तान स भी जियादा सूनी होइ। तब उ पचे जनिहीं कि मइँ यहोवा हउँ।”
Ezekiel 7
1 तब यहोवा क बचन मोका मिला।
2 उ कहेस, “मनई क पूत, अब मोर सुआमी यहोवा क इ सँदेसा अहइ। इ सँदेसा इस्राएल देस बरे अहइ:अन्त! अन्त आइ ग अहइ। पूरा देस नस्ट होइ जाइ।
3 अब तोहार अन्त आइ ग अहइ। मइँ देखाउब कि मइँ तोह पइ केतना कोहान हउँ। मइँ तोहका ओन बुरे कामन बरे दण्ड देब जउन तू किहा। जउन भयंकर काम तू किहा ओनके बरे मइँ तोहसे भुगतान कराउब।
4 मइँ तोहरे ऊपर तनिक भी दाया नाहीं करब। मइँ तोहरे बरे अफसोस नाहीं करब। मइँ तोहका तोहरे बुरे कामन बरे दण्ड देत हउँ। तू भयानक कामन क किहा ह। अब तू समुझ जाब्या कि मइँ यहोवा हउँ।”
5 मोर सुआमी यहोवा इ सबइ बातन कहेस। “एक क बाद एक बिपत्तियन अइहीं।
6 अन्त आवत अहइ अउर इ बहोत हाली आइ।
7 इस्राएल क लोगो, का तू सीटी सुन्या ह दुस्मन आवत अहइ। उ दण्ड क समइ हाली आवत अहइ। दुस्मन क सोरगुल पर्वतन पइ जियादा स जियादा बढ़त जात अहइ।
8 मइँ हाली ही देखाइ देब कि मइँ केतना कोहान हउँ। मइँ तोहरे खिलाफ आपन पूरे किरोध क परगट करब। मइँ ओन बुरे कामन बरे दण्ड देब जउन तू किहा। मइँ ओन सबहिं भयानक कामन बरे तोहसे भुगतान कराउब जउन तू किहा।
9 मइँ तोह पइ तनिक भी दाया नाहीं करब मइँ तोहरे बरे अफसोस नाहीं करब। मइँ तोहका तोहरे बुरे कामन बरे दण्ड देत हउँ। तू जउन भयानक काम किहा ह, अब तू जानब्या कि मइँ यहोवा हउँ अउर मइँ दण्ड भी देत हउँ।
10 “दण्ड क उ समइ आइ गवा। का तू सीटी सुनत अहा? परमेस्सर संकेत दिहस ह। दण्ड आरम्भ होत अहइ। डारी अवुंरित होइ लाग अहइ। घमण्डी राजा (नवूकदनेस्सर) पहिले स ही जियादा सवतीसाली होत जात रहा।
11 उ हिंसक मनई ओन बुरे लोगन क दण्ड देइ बरे तैयार अहइ। इस्राएल मँ लोगन क गिनती बहोत अहइ, किन्तु उ ओनमाँ स नाहीं अहइ। उ उ भीड़ क मनई नाहीं अहइ। उ ओन लोगन मँ स कउनो महत्वपूर्ण प्रमुख नाहीं अहइ।
12 “उ दण्ड क समइ आइ ग अहइ। उ दिन आइ पहोंचा। जउन लोग चिजियन खरीदन हीं, प्रसन्न नाहीं होइहीं अउर जउन लोग चिजियन बेचत हीं, उ पचे ओनका बेचइ मँ बुरा नाहीं मानिहीं। काहेकि उ भयंकर दण्ड हर एक मनई बरे होइ।
13 जउन लोग आपन स्थायी सम्पत्ति बेचिहीं उ पचे ओका कबहुँ नाहीं पइहीं। जदि कउनो मनई जिअत नाहीं भी बचा रही तउ भी उ आपन स्थायी सम्पत्ति वापस नाहीं पाइ सकत। काहेकि इ दर्सन लोगन क पूरे समूह क बरे अहइ। कउनो भी मनई अन्याय कइके आपन क बलवान नाहीं कइ पाइहीं।
14 “उ सबइ लोगन क चितउनी देइ बरे तुरही बजइहीं। लोग जुद्ध बरे तइयार होइहीं। किन्तु उ पचे जुद्ध करइ क बरे नाहीं निकरिहीं। काहेकि मइँ पूरे जन-समूह क देखाउब कि मइँ केतना कोहान हउँ।
15 तरवार लिए भए दुस्मन नगर क बाहेर अहइँ। रोग अउर भूख नगर क भीतर अहइँ। जदि कउनो जुद्ध क मइदान मँ जाइ तउ सत्रु क फउजी ओका मारि डइहीं। जदि उ नगर मँ रहत ह तउ भूख अउर रोग ओका नस्ट करिहीं।
16 “किन्तु कछू लोग बचि निकरिहीं। उ पचे बचे लोग पराइके पहाड़न मँ चला जइहीं। किन्तु उ सबइ लोग सुखी नाहीं होइहीं। उ पचे आपन पापन क कारण दुखी होइहीं। उ पचे चिजियइहीं अउर कबूतरन क तरह दुःख भरी आवाज निकारिहीं।
17 लोग एतने थके अउर खिन्न होइहीं कि आपन हाथन भी नाहीं उठाइ पइहीं। ओनकर गोड़ पानी क तरह ढीला होइहीं।
18 उ पचे सोक वस्त्र पहिरहीं अउर भयभीत रहिहीं। तू पचे हर मुँहे पइ लज्जा पउब्या। उ पचे सोक प्रदर्सन बरे आपन बार मुड़वाइ लेइहीं।
19 उ पचे आपन चाँदी क देव मूरतियन क सड़कन पइ फेंक देइहीं। उ पचे आपन सोने क मूरतियन क गन्दा चिथरन क तरह समुझिहीं। काहेकि जब यहोवा आपन किरोध परगट किहस उ सबइ मूरतियन ओनका बचाइ नाहीं सकिन। उ सबइ मूरतियन लोगन बरे पतन क जालि के अलावा दूसर कछू नाहीं रहिन। उ सबइ मूरतियन लोगन क भोजन नाहीं देइहीं उ सबइ मूरतियन ओनके पेट मँ अन्न नाहीं पहोंचइहीं।
20 “ओन लोग आपन सुन्नर आभूसण क उपयोग किहन अउर मूरति बनाएन। ओनका आपन मूरति पइ गर्व रहा। उ पचे आपन भयानक मूरतियन बनाएन। ओन लोग ओन गन्दी चिजियन क बनाएन। एह बरे मइँ (परमेस्सर) ओनका गन्दा चिथरन क तरह लोकाइ देब।
21 मइँ ओनका अजनबियन क लेइ देब। उ सबइ अजनबी ओनका लूट लेइहीं। उ सबइ, अजनबी, आपन मने क मुताबिक सबइ कछू लइ लेइहीं अउ पवित्तर स्थान अपवित्तर कइ देइहीं।
22 मइँ ओनसे आपन मुँह फेर लेब, मइँ ओनकर कइँती नाहीं लखब। उ सबइ अजनबी मोरे मन्दिर क नस्ट करिहीं, उ सबइ उ पवित्तर भवन क गोपनीय हींसन मँ जइहीं अउर ओका अपवित्तर करिहीं।
23 “बन्दियन खातिर जंजीर बनावा। काहेकि बहोत स लोग दूसर लोगन क मारइ क कारण दण्डित होइहीं। नगर क हर ठउरन पइ हिंसा भड़की।
24 मइँ दूसर रास्ट्रन स बुरे लोगन क लिआउब अउर उ सबइ लोग इस्राएल क लोगन क सबहिं घरन क लइ लेइहीं। मइँ तू बरिआर लोगन क गर्बीला होइ स रोक देब। दूसर रास्ट्रन क उ सबइ लोग तोहरे पूजा ठउरन क अपवित्तर कइ देइहीं।
25 “तू लोग भय स थर्राइ उठब्या। तू लोग सान्ति चहब्या, किन्तु सान्ति नाहीं मिली।
26 तू पचे एक क पाछे दूसर दुःख कथा क सुनब्या। तू पचे बुरी खबरियन क अलावा कछू नाहीं सुनब्या। तू नबी क खोज करब्या अउर ओहसे दर्सन पुछब्या। किन्तु कउनो मिली नाहीं। याजक क लगे तू पचन्क सिच्छा देइ क कछू भी नाहीं होइ अउर अग्रजन क लगे तू पचन्क कउनो नीक सलाह नाहीं होइ।
27 तोहार पचन्क राजा ओन लोगन बरे रोइ अउर मरि गएन। प्रमुख सोक-वस्त्र पहिरहीं। साधारण लोग बहोत डेराइ जइहीं। काहेकि मइँ ओकर बदल देब जउन उ पचे किहन। मइँ ओनकर दण्ड निहचित करब। अउर मइँ ओनका दण्ड देब। तब उ सबइ समुझिहीं कि मइँ यहोवा हउँ।”
Ezekiel 8
1 एक दिना मइँ (यहेजकेल) अपने घरे मँ बइठा रहेउँ अउर यहूदा क अग्रज हुवाँ मोरे समन्वा बइठे रहेन। इ देस-निकारे क छठएँ बरिस क छठएँ महीने क पचँए दिन भवा। अचानक मोर सुआमी यहोवा क सवती मोहमाँ उतरी।
2 मइँ कछू लखेउँ जउन आगी क नाईर् रहा। इ एक मनई क सरीर जइसा देखाइ पड़त रहा। करिहाउँ स खाले उ आगी जइसा रहा। करिहाउँ स ऊपर उ आगी मँ तपत धातु क तरह चमकत अउर कान्तिवाला रहा।
3 तब मइँ कछू अइसा लखेउँ जउन बाहु क तरह रहा। उ बाहु बाहेर बढ़ी अउर उ मोरे मुँड़ि क बारन स मोका धइ लिहस। तब आतिमा मोका हवा मँ उठाइ लिहस अउर परमेस्सर क दर्सन मँ उ मोका यरूसलेम क लइ गइ। उ मोका उत्तर कइँती भीतर फाटक पइ लइ गइ। उ देवमूतिर्, जेहसे परमेस्सर क ईर्स्या होत ह, उ फाटक क सहारे अहइ।
4 किन्तु इस्राएल क परमेस्सर क तेज हुवँइ रहा। उ तेज वइसा ही देखात रहा जइसा दर्सन मइँ घाटी क किनारे कबार नहर क लगे लखे रहेउँ।
5 परमेस्सर मोहसे कहेस। उ कहेस, “मनई क पूत, उत्तर कइँती लखा।” एह बरे मइँ उत्तर कइँती लखेउँ। अउर हुवाँ प्रवेस मार्ग क सहारे वेदी-दुआर क उत्तर मँ उ देवमूतिर् रही जेकरे बरे परमेस्सर क ईर्स्या होत रही।
6 तब परमेस्सर मोहसे कहेस, “मनई क पूत का तू लखत अहा कि इस्राएल क लोग कइसा भयंकर काम करत अहइँ? हिआँ उ पचे उ चीज क मोरे मन्दिर क ठीक बगल मँ मोका इ स दूर हटाइ बरे बनाएन ह। जदि तू मोरे संग अउब्या तउ तू अउर भी जियादा भयंकर चिजियन लखब्या।”
7 एह बरे मइँ अँगने क प्रवेस दुआर पइ गएउँ अउर मइँ देवार मँ एक ठु छेद लखेउँ।
8 परमेस्सर मोहसे कहेस, “हे मनई क पूत। उ देवारे क छेद क चारिहुँ कइँती खोदेन।” एह बरे मइँ देवार क उ छेद स होइके गएउँ अउर हुवाँ एक दरवाजा लखेउँ।
9 तब परमेस्सर मोहसे कहेस, “अन्दर जा, अउर ओन भयानक दुट्ठ चिजियन क लखा जेनका लोग हुवाँ करत अहइँ।”
10 एह बरे मइँ अन्दर गएउँ अउर मइँ लखेउँ। मइँ हर एक प्रकार क रेंगइवाले जन्तु अउर जनावरन क देवमूरतियन क लखेउँ जेनके बारे मँ सोचइ स तोहका घिना होत ह। उ सबइ देवमूरतियन अउ गन्दी मूरतियन रहिन जेनका इस्राएल क लोग पूजत रहेन। हुवाँ ओन जनावरन क तस्बीर हर देवारे पइ चारिहुँ कइँदी खुदा भए रहेन।
11 तब मइँ एह पइ धियान दिहेउँ कि सापान क पूत याजन्याह अउर इस्राएल क सत्तर अग्रज उ ठउर पइ पूजा करइवालन क साथ रहेन। हुवाँ पइ उ पचे, लोगन क ठीक समन्वा रहेन, अउर हर एक प्रमुख क हाथे मँ आपन सुगन्धि क थाल रहा। बरत सुगन्धि क धुवाँ हवा मँ उठत रहा।
12 तब परमेस्सर मोहसे कहेस, “हे मनई क पूत का तू लखेस ह कि इस्राएल क नेता लोग अँधियारा मँ का करति आवत हीं? हरेक मनई क आपन लबार देवता बरे बिसेस कमरा अहइँ। उ पचे आपुस मँ इ बातन करत ह, ‘यहोवा हम लोगन क नाहीं लखइ सकब्या। यहोवा इ रास्ट्र क तजि दिहस ह।”‘
13 तब परमेस्सर न मोह स कहेस, “यदि तुम मोरे संग आउब्या तउ तू ओन लोगन अउर भी जियादा भयानक काम करत भए लखब्या!”
14 तब उ मोका यहोवा क मन्दिर क प्रवेस-दुआर पइ लइ गवा। इ दुआर उत्तर कइँती रहा। हुवाँ मइँ मेहररूअन क बइठे अउर रोवत भए लखेउँ। उ पचे लबार देवता तम्मूज क बारे मँ सोक मनावत रहिन।
15 परमेस्सर मोहसे कहेस, “मनई क पूत, का तू एन भयंकर चिजियन क लखत अहा? मोरे संग आवा अउर तू एनसे भी बुरे करम लखब्या।”
16 तब उ मोका मन्दिरे क भीतरी अँगना मँ लइ गवा। उ ठउरे पइ मइँ पच्चीस मनइयन क खाले निहुरे भए अउर पूजा करत लखेउँ। उ पचे पवित्तर स्थान अउर वेदी क बीच रहेन, किन्तु उ पचे गलत दिसा मँ मुँह किए खड़े रहेन। ओनकर पीठ पवित्तर ठउरे कइँती रहिन। उ पचे सूरज क पूजा करइ बरे खाले निहुरा रहेन।
17 तब परमेस्सर कहेस, “मनई क पूत, का तू एका लखत अहा? यहूदा क लोग मोरे मन्दिर क एतना महत्वहीन समुझत हीं कि उ पचे मोरे मन्दिर मँ इ भयंकर करम करत हीं। इ देस हिंसा स भरा भवा अहइ। उ पचे लगातार मोका पागल करइवाला काम करत हीं। लखा, उ पचे आपन नाकन मँ लबार देवता क तरह चन्द्रमा क सम्मान करइ बरे बालियन पहिर रखिन ह।
18 मइँ ओन पइ आपन किरोध परगट करब। मइँ ओन पइ कउनो दाया नाहीं करब। मइँ ओनके बरे दुःख क अनुभव नाहीं करब। उ पचे मोका जोर स गोहरइहीं, किन्तु मइँ ओनका सुवइ स इन्कार कइ देब।”
Ezekiel 9
1 तब परमेस्सर जोर स पुकारेस, नगर क जल्लादन क आवइ द्या। हर एक क आपन हाथन मँ बिध्वंसकारी हथियार लेइ चाही।
2 तब मइँ ऊपरी दुआरे स छ: मनइयन क सड़के पइ आवत लखेउँ। इ दुआर उत्तर कइँती अहइ। हर एक मनई आपन घातक सस्त्र क आपन हाथे मँ लिहे रहा। ओन मनइयन मँ स सूती ओढ़ना पहिर रखे रहा। ओकरे लगे करिहाउँ मँ लिपिक क एक ठु कलम अउ सियाही रही। उ सबइ लोग मन्दिर स काँसे क बेदी क लगे गएन अउर हुवाँ खड़ा भएन।
3 तब इस्राएल क परमेस्सर क तेज करूब सरगदूतन क ऊपर स, जहाँ उ रहा उठा। तब उ तेज मन्दिर क दुआर पइ गवा। जब उ ड्योढ़ी पइ पहोंचा तउ उ रूक गवा। तब उ तेज उ मनई क बोलाएस जउन सूती ओढ़ना कलम अउ स्याही धारन किए भए रहा।
4 तब यहोवा ओहसे कहेस, “यरूसलेम नगर स होइ के निकरा। जउन लोग उ नगर मँ लोगन क जरिये कीन्ह गइ घिनौना करम क बरे मँ गोहरावत अउर रोवत ह अहइँ, ओन हर एक क ललाट पइ एक चीन्हा अंकित करा।”
5 तब मइँ परमेस्सर क दूसर लोगन स कहत सुनेउँ कि “तू लोग पहिले मनई क अनुसरण करा। तू पचे ओन सबहिं मनइयन क मार डावा। जेनके ललाट पइ चीन्हा नाहीं अहइ। तू पचे एह पइ धियान नाहीं द्या कि उ पचे अग्रज जुवक, जुवतियन, गदेलन या महतरियन अहइँ। तू पचन्क आपन सस्त्रन क उपयोग करब अहइ, ओन हर एक क मार डाउब अहइ जेनके ललाट पइ चीन्हा नाहीं अहइ। कउनो दाया जिन देखावा। कउनो मनई बरे अफसोस न करा। हिआँ मोरे मन्दिर मँ सुरू करा।” एह बरे उ पचे मन्दिर क समन्वा क अग्रजन स सुरू किहा।
6
7 परमेस्सर ओनसे कहेस, “इ जगह क अपवित्तर बनाइ द्या। इ अँगने क ल्हासन स भरि द्या।” एह बरे उ पचे गएन अउर उ पचे नगर मँ लोगन क मारि डाएन।
8 जब उ सबइ लोग, लोगन क मारइ गएन, तउ मइँ हुवँइ रूका रहेउँ। मइँ भुइँया पइ आपन माथा टेकत भए कहेउँ, “हे मोर सुआमी यहोवा, यरूसलेम क खिलाफ आपन किरोध परगट करइ बरे, का तू इस्राएल मँ बचे भए सबहिं लोगन क मारत अहइ?”
9 परमेस्सर कहेस, “इस्राएल अउ यहूदा क परिवार बहोत जियादा बुरे पाप किहेन ह। इ देस मँ सर्वत्र लोगन क हत्तिया होत रहत अहइँ अउर इ नगर अपराध स भरा पड़ा अहइ। काहेकि लोग खुद कहत हीं, ‘यहोवा इ देस क तजि दिहेस। उ ओन कामन क नाहीं लखि सकत जेनका हम करत अहइँ।’
10 अउर मइँ दाया नाहीं देखाउब। मइँ ओन लोगन बरे अफसोस अनुभव नाहीं करब। उ पचे खुद एका बोलाएन ह, मइँ एन लोगन क सिरिफ दण्ड दइ देत हउँ जेकर इ सबइ पात्र अहइँ।”
11 तब सूती ओढ़ना, लिपिक क कलम अउर स्याही धारण करइवाला मनई बोला। उ कहेस, “मइँ उ कइ दिहेउँ जउन तोहार आदेस रहा।”
Ezekiel 10
1 तब मइँ उ खोरे क लखेउँ जउन करूब सरगदूतन क मूँड़िन क ऊपर रहा। खोरे नीलमणि क तरह स्वच्छ नीला देखात रहा। हुवाँ खोरे क ऊपर कछू सिंहासन क तरह देखात रहा।
2 तब उ मनई जउन सिंहासने पइ बइठा रहा, सन क ओढ़ना पहिरे भए मनई स कहेस, “तूफानी बादरे मँ आवा। करूब सरगदूतन क पहँटा मँ आवा। करूब सरगदूतन क बीच स कछू अंगारन आपन हाथे मँ ल्या। आपन हाथे मँ ओन कोइलन क लइ ल्या अउर जाइके ओनका यरूसलेम नगर पइ लोकाइ द्या।”उ मनई मोरे पाछे चला।
3 करूब सरगदूत उ समइ मन्दिर क दविखन क पहँटा मँ खड़ा रहेन, जब उ मनई बादरे मँ घुसा। बादर भीतरी अँगना मँ भरि गवा।
4 तब यहोवा क तेज करूब सरगदूत स अलग होइके मन्दिर क दुआरे पइ चला गवा। तब बादर मन्दिर मँ भरि गवा अउर यहोवा क तेज क प्रखर जोति पूरे अँगना मँ भरि गइ।
5 तब मइँ करूब सरगदूतन क पंखनन क फड़फड़ाहट पूरे बाहरी अँगना मँ सुनी जाइ सकत रही। बाहरी अँगना मँ फड़फड़ाहट बड़की प्रचण्ड रही, वइसी ही जइसी सर्वसवतीमान परमेस्सर क गरजत वाणी होत ह, जब उ बातन करत ह।
6 परमेस्सर सन क ओढ़ना पहिरे भए मनई क आदेस दिहे रहा। परमेस्सर ओका “तूफानी-बादर” मँ घुसुरइ क बरे कहेस अउर करूब सरगदूतन क बीच स कछू अंगारन लेइ क कहेस। एह बरे उ मनई तूफानी बादर मँ घुस गवा अउर गोल चक्रन मँ स एक क सहारे खड़ा होइ गवा।
7 करूब सरगदूतन मँ स एक आपन हाथ बढ़ाएस अउर करूब सरगदूतन क पहँटा क बीच स कछू अंगारन क लिहस। उ अंगारन क उ मनई क हाथन मँ धइ दिहस अउर उ मनई हुवाँ स चला गवा। (
8 करूब सरगदूतन क पंखन क नीचे कछू ऐसा रहा जउन मनई क बाहन क तरह देखात रहा।)
9 तब मइँ लखेउँ कि हुवाँ चार गोल चक्र रहेन। हर एक करूब सरगदूत क बगल मँ एक ठु चक्र रहा, अउर चक्र स्वच्छ पिअर रतन क तरह देखात रहेन।
10 उ सबइ चार चक्र रहेन अउर सब चक्र एक समान प्रतीत होत रहेन। उ सबइ अइसेन देखात रहेन माना एक चक्र दूसर चक्रन मँ होइ।
11 जब उ सबइ चलत रहेन तउ कउनो भी दिसा मँ जाइ सकत रहेन। जब कबहुँ उ सबइ चलत रहेन उ सबइ चारिहुँ एक संग चलत रहेन। किन्तु ओनके चलइ क संग करूब सरगदूत साथ-साथ चवकर नाहीं लगावत रहेन। उ सबइ उ दिसा मँ चलत रहेन, जेहर ओनकर मुँह होत रहा। जब उ सबइ चलत रहेन, तउ उ सबइ उ सबइ एहर-ओहर नाहीं मुड़त रहेन।
12 ओनकर पूरे बदन पइ आँखिन रहिन। ओनकर पीठ, ओनकर बाँह, ओनकर पखना अउर ओनकर चक्र मँ आँखिन रहिन। हाँ, चारिहुँ चक्रन मँ आँखिन रहिन।
13 मइँ ओन लोगन क पहिया क “चक्र कहत भवा सुना।”
14 हर एक करूब सरगदूत चार मुँहेवाला रहा। पहिला मुँह करूब सरगदूत क रहा। दूसर मुँह मनई क रहा। तीसर सिंह क मुँह रहा अउर चउथा उकाब क मुँह रहा।
15 तब मइँ जानेउँ कि इ सबइ करूब सरगदूत उ जनावर रहेन जेनका मइँ कबार नदी क दर्सन मँ लखे रहेउँ।तब करूब सरगदूत हवा मँ उठेन।
16 ओनके संग चक्र उठेन। चक्रन आपन दिसा उ समइ नाहीं बदलेन जब करूब सरगदूत पखना खोलेन अउर उ सबइ हवा मँ उड़ेन।
17 जब करूब सरगदूत हवा मँ उड़त रहेन तउ चक्र ओनके संग उड़ जात रहेन। जदि करूब सरगदूत सान्त खड़ा रहत रहेन तउ चक्र भी वइसा ही करत रहेन। काहेकि ओनमाँ जीवधारियन क आतिमा क सवती रही।
18 तब यहोवा क तेज मंदिर क डेवढ़ी स उठा, करूब सरगदूतन क ठउरे पइ ऊपर गवा अउ हुवाँ ठहर गवा।
19 तब करूब सरगदूतन आपन पखना खोलेन अउर हवा मँ उड़ गएन। मइँ ओनका मन्दिर क तजत लखेउँ। चक्र ओनके संग चलेन। तब उ पचे यहोवा क मन्दिर क पूर्बी दुआर पइ ठहरेन। इस्राएल क परमेस्सर क तेज हवा मँ ओनके ऊपर रहा।
20 तब मइँ इस्राएल क परमेस्सर क तेज क नीचे प्राणियन क कबार नदी क दर्सन मँ याद किहेउँ अउर मइँ अनुभव किहेउँ कि उ सबइ प्राणी करूब सरगदूत रहेन।
21 हर एक प्राणी क चार मुँह रहेन, चार पखना रहेन अउर पखनन क खाले कछू अइसा रहा जउन मनई क बाँहन क तरह देखात रहा।
22 करूब सरगदूतन क उहइ चार मुँह रहेन जउन कबार नदी क दर्सन क प्राणियन क रहेन अउर उ सबइ सोझे अगवा उ दिसा मँ देखात रहेन, जेहर उ सबइ जात रहेन।
Ezekiel 11
1 तब आतिमा मोका यहोवा क मन्दिर क पूर्बी दुआर पइ लइ गवा जहाँ सूरज निकरत ह। मइँ इ फाटक क प्रवेस दुआर पइ पच्चीस मनई लखेउँ। अज्जूर क पूत याजन्याह ओन लोगन्क संग रहा अउर बनायाह क पूत पलत्याह हुआँ रहा। उ पचे लोगन क प्रमुख रहेन।
2 तब परमेस्सर मोहसे कहेस। उ बताएस, “मनई क पूत, इ सबइ उ सबइ मनई अहइँ जउन इ नगर मँ बुरी योजना बनावत हीं। इ सबइ हमेसा लोगन क बुरे काम करइ क कहत हीं।
3 उ सबइ लोग कहत हीं, ‘हम लोग हाली ही फुन स आपन मकान नाहीं बनाउब। हम लोग बर्तन मँ धरे माँस क तरह इ नगर मँ सुरच्छित अही।’
4 उ पचे इ झूठ फइलावत अहइँ। एह बरे तोहका मोरे बरे लोगन स बात करइ चाही। मनई क पूत! जा अउर लोगन क बीच भविस्सवाणी करा।”
5 तब यहोवा क आतिमा मोहमाँ आइ। उ मोहसे कहेस, “ओनसे कहा कि यहोवा इ सब कहेस ह: इस्राएल क परिवार, तू पचे बड़की योजना बनावत अहा। किन्तु मइँ जानत हउँ कि तू पचे का सोचत अहा।
6 तू पचे इ नगर मँ बहोत स लोगन क मारि डाया ह। तू पचे सड़कियन क ल्हासन स पाटि दिहा ह।
7 अब हमार सुआमी यहोवा, इ कहत ह, ‘उ सबइ ल्हास माँस अहइँ अउर इ नगर पात्र अहइ। किन्तु नबूकदनेस्सर आइ अउर तू पचन्क इ सुरच्छित पात्र स निकारि लइ जाइ।
8 तू पचे तरवारे स भयभीत अहा। किन्तु मइँ तू पचन्क खिलाफ तरवार लिआवत हउँ।’“ हमार सुआमी यहोवा इ सब कहेस ह। एह बरे इ सबइ घटित होइहीं।
9 परमेस्सर इ भी कहेस, “मइँ तू लोगन क इ नगर स बाहेर लइ जाब अउर मइँ तू पचन्क अजनबियन क सौंप देब। मइँ तू लोगन क सजा देब।
10 तू पचे तरवारे क चाट उतरब्या। मइँ तू पचन्क हिआँ इस्राएल मँ सजा देब जेहसे तू पचे समुझब्या कि उ मइँ हउँ जउन तू पचन्क सजा देत हउँ। मइँ यहोवा हउँ।
11 इ जगह बासन नाहीं होब्या, अउर नाहीं इ मँ तू मांस होब्या। मइँ तू पचन्क हिआँ इस्राएल मँ सजा देब।
12 तब तू पचे जनब्या कि मइँ यहोवा हउँ। उ मोर नेम रहा जेका तू पचे तोड़्या ह। तू पचे मोरे आदेसन क पालन नाहीं किहा। तू पचे आपन चारिहुँ कइँती क रास्ट्रन क तरह रहइ क निर्णय किहा।”
13 जइसेन ही मइँ परमेस्सर कइँती बोलब खतम किहेउँ, बनायाह क पूत पलत्याह मरि गवा। मइँ धरती पइ भहराइ पड़ेउँ। मइँ धरती पइ माथा टेकेउँ अउर कहेउँ, “हे मोर सुआमी यहोवा, तू का इस्राएल क सबहिं बचे भएन क पूरी तरह नस्ट कहइ पइ तुला अहा।”
14 मुला तब यहोवा क वचन मोका मिला। उ कहेस,
15 “हे मनई क पूत, तोहार रिस्तेदार अर्थात इस्राएल क पूरा घर जउन कि तोहार संग जलावतन मँ ह। तोहार भाइयन अहइ। यरूसलेम मँ रहइवाले लोग ओन लोगन स कहेन, ‘यहोवा क पास से दूर होइ जा। इ भुइयाँ वरासत क रूप मँ हमका दीन्ह गइ अहइ।’
16 “एह बरे ओन लोगन स इ सब कहा: हमार सुआमी यहोवा, कहत ह, ‘इ फुरइ अहइ कि मइँ आपन लोगन क बहोत दूर क देसन मँ जाइ बरे मजबूर किहेउँ। मइँ ही ओनका बहोत स देसन मँ बिखेरेउँ अउर उ भुइँया मँ जहाँ उ पचे गएन ह ओनकरे बरे थोड़े समइ बरे पवित्तर मन्दिर ठहरब।
17 एह बरे तू पचन्क ओन लोगन स कहइ चाही कि ओनकर सुआमी यहोवा, ओनका वापस लिआइ। मइँ तू पचन्क, बहोत स देसन मँ बिखेर दिहेउँ ह। किन्तु मइँ तू लोगन क एक संग बटोरब अउर ओन रास्ट्रन स तू पचन्क वापस लिआउब। मइँ इस्राएल क पहँटा तू पचन्क वापस देब।
18 अउर जब हमार लोग लौटिहीं तउ उ पचे ओन सबहिं भयंकर गन्दी देवमूरतियन क, जउन अब हिआँ अहइ, नस्ट कइ देइहीं।
19 मइँ ओनका एक संग लिआउब अउर ओनका एक ठु मनई सा बनाउब। मइँ ओनमा नई आतिमा भरब। मइँ ओनकर पाथर क हिरदय क दूर करब अउर आनके जगह पइ सच्चा हिरदय देब।
20 तब उ पचे मोरे नेमन क पालन करिहीं। उ पचे मोरे आदेसन क पालन करिहीं, उ पचे उ कारज करिहीं जेनका मइँ करइ क कहब। उ पचे फुरइ मोर लोग होइहीं अउर मइँ ओनकर परमेस्सर होबउँ।”‘
21 तब परमेस्सर कहेस, “किन्तु इ समइ ओनकर हिरदय भयंकर गन्दी देवमूरतियन क होइ चुका अहइ। मोका ओन लोगन क ओन बुरे करमन बरे सजा देइ चाही जउन उ पचे किहेन ह।” मोर सुआमी यहोवा इ कहेस ह।
22 तब करूब सरगदूत आपन पखनन क खोलेस अउर हवा मँ उड़ गएन। चक्र ओनके संग गएन। इस्राएल क परमेस्सर क तेज ओनके ऊपर रहा।
23 यहोवा क तेज ऊपर हवा मँ उठा अउर उ यरूसलेम क तजि दिहस। उ छिन भर क बरे यरूसलेम क पूरब पहाड़ी पइ ठहरा।
24 तब आतिमा मोका हवा मँ उठाएस अउर वापस बाबुल मँ पहोंचाइ दिहस। उ मोका ओन लोगन क लगे लौटाएस, जउन इस्राएल तजइ बरे मजबूर कीन्ह ग रहेन। तब परमेस्सर क आतिमा मोका हवा मँ उठएस अउर मोका तजि दिहेस। मइँ ओन सबहिं चीजन क परमेस्सर क दर्सन मँ लखेउँ।
25 तब मइँ निर्वासित लोगन स बातन किहेउँ। मइँ उ सबइ बातन बनाएउँ जउन यहोवा मोका देखाए रहा।
Ezekiel 12
1 तब यहोवा क बचन मोका मिला। उ कहेस,
2 “मनई क पूत, तू विद्रोही लोगन क संग रहत अहा। उ पचे सदा ही मोरे खिलाफ होइ ग अहइँ। लखइ बरे ओनकर आँखिन अहइँ जउन कछू मइँ ओनके बरे किहेउँ ह। किन्तु उ पचे ओन चिजियन क नाहीं लखतेन। सुनई बरे ओनकर कान अहइँ, ओन चिजियन क जउन मइँ ओनका करइ क कहेउँ ह। किन्तु उ पचे मोरे आदेसन क नाहीं सुनतेन। काहेकि उ पचे विद्रोही लोग अहइँ।
3 उ एह बरे, मनई क पूत आपन सामान बाँध ल्या। अइसा बेउहार करा माना तू कउनो दूर देस क जात अहा। इ इ प्रकार करा कि लोग तोहका देखत रहइँ। होइ सकत ह, कि उ पचे लोग तोहे पइ धियान देइँ, किन्तु उ सबइ लोग बड़के बिद्रोही लोग अहइँ।
4 “दिन क समइ तू आपन सामान इ तरह बाहर लइ आवा कि लोग तोहका लखत रहइँ। तब साँझ क अइसा देखावा करा, कि तू दूर देस मँ एक बन्दी क तरह जात अहा।
5 लोगन क आँखिन क समन्वा देवार मँ एक छेद बनावा अउर उ देवार क छेदे स बाहेर आवा।
6 राति क आपन सामान काँधे पइ धरा अउर उ ठउर क तजि द्या। आपन मुँह क ढाँपि ल्या जेहसे तू इ न लखि सका कि तू कहाँ जात अहा। एन कामन क तोहका इ तरह करइ चाही, कि लोग तोहका लखि सकउँ। काहेकि मइँ तोहका इस्राएल क परिवार क बरे एक ठु उदाहरण क रूप मँ बइपरत हउँ।”
7 एह बरे मइँ (यहेजकेल) आदेस क अनुसार किहेउँ। दिन क समइँ मइँ आपन सामान उठाएउँ अउर अइसा देखावा किहेउँ माना मइँ कउनो दूर देस क जात हउँ। उ साँझ मइँ आपन हाथन क उपयोग किहेउँ अउर देवार मँ एक छेद बनाएउँ। राति क मइँ आपन सामान काँधे पइ धरेउँ अउर चल पड़ेउँ। मइँ इ सब इ प्रकार किहेउँ कि सबहिं लोग मोका लखि सकइँ।
8 अगले भिन्सारे मोका यहोवा बचन मिला। उ कहेस,
9 “मनई क पूत, का इस्राएल क ओन विद्रोही लोगन तोहसे पूछेन कि तू का करत अहा?
10 ओनसे कहा कि ओनकर सुआमी यहोवा इ सबइ बातन बताएस ह। इ दुःखद बचन यरूसलेम क प्रमुखन अउर हुवाँ रहइवाले इस्राएल क सबहिं लोगन क बारे मँ अहइ।
11 ओनसे कहा, ‘मइँ (यहेजकेल) तू सबहिं लोगन बरे एक ठु उदाहरण हउँ। जउन कछू मइँ किहेउँ ह उ तू लोगन बरे फुरइ होइ।’ तू पचे फुरइ बन्दी क रूप मँ दूर देस मँ जाइ बरे मजबूर कीन्ह जाब्या।
12 तोहार पचन्क प्रमुख देवारे मँ छेद करी अउर राति क गुप्त रूप मँ निकरि भागी। उ आपन मुँहना क ढाँपि लेइ जेहसे लोग ओका पहिचनिहीं नाहीं। ओकर आँखिन, इ लखइ लायक नाहीं होइहीं कि उ कहाँ जात अहइ।
13 उ भाग निकरइ क जतन करी। किन्तु मइँ (परमेस्सर) ओका धइ लेब। उ मोर जालि मँ फँस जाइ अउर मइँ ओका बाबुल लिआउब जउन कसदियन क लोगन क देस अहइ। किन्तु उ उ भुइँया क लखि नाहीं पाई कि जहाँ उ जात अहइ। अउर उ हुँआ मर जाइ।
14 मइँ राजा क लोगन क मजबूर करब कि इस्राएल क चारिहुँ कइँती बिदेसन मँ रहइँ। मइँ ओकरी फउज क तितर-बितर कइ देब अउर दुस्मन क सैनिक ओनकर पाछा करिहीं।
15 तब उ सबइ लोग समुझिहीं कि मइँ यहोवा हउँ। उ पचे समुझिहीं कि मइँ ओनका रास्ट्रन मँ बिखेरेउँ। उ पचे समुझ जइही कि मइँ ओनका दूसर देसन मँ जाइ बरे मजबूर किहेउँ।
16 “किन्तु मइँ ओन लोगन मँ स थोड़ा स लोगन क जिअत रखब। उ सबइ रोग, भूख अउ जुद्ध स नाहीं मरिहीं। मइँ ओन लोगन क एह बरे जिअत रहइ देब, कि उ पचे रास्ट्रन मँ लोगन स जहाँ पइ उ पचन्क क बिखर दीन्ह ग रहेन ओन भयंकर कामन क बारे मँ कहि सकइँ, जउन उ पचे मोरे बिरुद्ध किहेन। तब उ पचे जनिहीं कि मइँ यहोवा हउँ।”
17 तब यहोवा क बचन मोरे लगे आवा। उ कहेस,
18 “मनई क पूत! तोहका अइसा करइ चाही माना तू बहोत डेरान अहा। जब तू खइया खाब्या तब तोहका काँपइ चाही। तोहका पानी पिअइ क समइ चिन्तित अउर डेरान होइ क देखावा करइ चाही।
19 तोहका इ धरती क लोगन स कहइ चाही। तोहका कहइ चाही, ‘हमार सुआमी यहोवा यरूसलेम क लोगन अउर इस्राएल क दूसर हींसन क लोगन स इ कहत ह। लोगो, तू भोजन करत समइ बहोत परेसान होब्या। तू पानी पिअत समइ डेरान होब्या। काहेकि तोहरे पचन्क देसन मँ सबहिं कछू नस्ट होइ जाइ। हुवाँ रहइवाले सबहिं लोगन बरे दुस्मन बहोत वूर होइ।
20 तोहरे पचन्क नगरन मँ इ समइ बहोत लोग रहत हीं, किन्तु उ सबइ सहर नस्ट होइ जइहीं। तोहार पचन्क पूरा देस नस्ट होइ जाइ। तब तू पचे समुझब्या कि मइँ यहोवा हउँ।”
21 तब यहोवा क बचन मोका मिला। उ कहेस,
22 “हे मनई क पूत, इस्राएल क प्रदेस क बारे मँ लोग इ कहावत काहे सुनावत ही:विपत्ति हाली न आई, हर एक दर्सन घटित होइ स विफल होइ गवा।
23 “ओन लोगन स कहा कि तोहार पचन्क सुआमी यहोवा तोहार सबन्क इ कहावत क कहइ बन्द कइ देइ। उ पचे इस्राएल क बारे मँ इ कहावत क अउर नाहीं कहिहीं। अब उ पचे इ कहावत सुनइहीं:बिपत्ति हाली आईदर्सन घटित होइहीं।
24 “इ फुरइ अहइ कि इस्राएल मँ कबहुँ भी झूठे दर्सन नाहीं घटित होइहीं। अब अइसे जादूगर भविस्स मँ नाहीं होइहीं जउन अइसी भविस्सवाणी करिहीं जउन फुरइ नाहीं होइ।
25 काहेकि मइँ यहोवा अहउँ। मइँ उहइ कहब, जउन मइँ कहइ चाहब अउर उ चीज घटित होइ अउर मइँ घटना कल क लम्वा नाहीं खींचइ देब। उ सबइ विपत्तियन हाली आवति अहइँ। तोहरे पचन क आपनी ही जिन्नगी मँ। विद्रोही लोगो! जब मइँ कछू कहत हउँ तउ मइँ ओका घटित करत हउँ।” मोर सुआमी ओन बातन क कहेस।
26 तब यहोवा क वचन मोका मिला। उ कहेस,
27 “मनई क पूत, इस्राएल क लोग समुझत हीं कि जउन दर्सन मइँ तोहका देत हउँ, उ सबइ बहोत दूर क भविस्स मँ घटित होइहीं। उ पचे समुझत हीं, कि जउन विपत्तियन क बारे मँ तू बातन करत अहा, उ सबइ आजु स बहोत बरिसन क पाछे घटित होइहीं।
28 एह बरे तोहका ओनसे इ कहइ चाही, ‘मोर सुआमी यहोवा कहत ह: मइँ अउर जियादा विलम्ब नाहीं कइ सकत। जदि मइँ कहत हउँ, कि कछू घटित होइ तउ उ घटित होइ।”‘ मोर सुआमी यहोवा ओन बातन क कहेस।
Ezekiel 13
1 तब यहोवा क वचन मोका मिला।
2 “मनई क पूत, तोहका इस्राएल क नबियन स मोरे बरे बातन करइ चाही। उ पचे नबी असल मँ मोरे बरे बातन नाहीं करत अहइँ। उ पचे नबी उहइ कछू कहत अहइँ जउन उ पचे कहइ चाहत हीं। एह बरे तोहका ओनसे बातन करइ चाही। ओनसे इ सबइ बातन कहा, ‘यहोवा क हिआँ स मिले इ वचन क सुना।
3 मोर सुआमी इ वचन देत ह। मूरख नबियो! तू लोग गत पइ बिपत्तियन अहइ। तू लोग आपन आतिमा क अनुसरण करत अहा। तू लोगन स उ नाहीं कहत अहा जउन तू पचे फुरइ दर्सन मँ लखत अहा।
4 “‘इस्राएलियो, तोहार पचन्क नबी सून्य खण्डहरन मँ दउड़ लगावइवाली लोखरियन जइसे होइहीं।
5 तू पचे नगर क टूटी देवारन क निअरे फउजी क नाहीं रख्या ह। तू पचे इस्राएल क परिवार क रच्छा बरे देवारन नाहीं बनाया ह। एह बरे यहोवा बरे, जब तोहका पचन्क सजा देइ क समइ आई तउ तू पचे जुद्ध मँ हार जाब्या।
6 “‘लबार नबी लोग कहेन, कि उ पचे दर्सन लखेन ह। उ पचे आपन जादू किहन अउर कहेन कि सबइ घटना होइहीं, किन्तु उ पचे झूठ बोलेन। उ पचे कहेन कि यहोवा ओनका पठएस किन्तु उ पचे झूठ बोलेन। उ पचे आपन झूठ क फुरइ होइ क प्रतीच्छा अब तलक करत अहइँ।
7 “‘लबार नबियो, जउन दर्सन तू पचे लख्या, उ सबइ फुरइ नाहीं रहेन। तू पचे आपन जादू किहा अउर कह्या कि कछू घटित होइ किन्तु तू लोग झूठ बोल्या। तू कहत अहा कि इ यहोवा क कथन अहइ, किन्तु मइँ तू लोगन स बातन नाहीं किहेउँ।’“
8 एह बरे मोर सुआमी यहोवा अब फुरइ क छू कही, उ कहत ह “तू पचे झूठ बोल्या। तू पचे उ सबइ दर्सन लख्या जउन फुरइ नाहीं रहेन। एह बरे मइँ (परमेस्सर) अब तोहरे पचन्क खिलाफ अहउँ।” मोर सुआमी यहोवा इ सबइ बातन कहेस।
9 यहोवा कहेस, “मइँ ओन नबियन क सजा देब जउन लबार दर्सन लखेन अउर जउन झूठ बोलेन। मइँ ओनका आपन लोगन स अलग करब। ओनकर नाउँ इस्राएल क परिवार क सूची मँ नाहीं रहिहीं। उ पचे फुन इस्राएल प्रदेस मँ कबँहु नाहीं अइहीं तब तू पचे जनब्या कि मइँ यहोवा अउर सुआमी अहउँ।
10 “ओन लबार नबियन बार-बार मोर लोगन स झूठ बोलेन। नबियन कहेन कि सान्ति रही किन्तु हुआँ कउनो सान्ति नाहीं अहइ। जब कउनो कमज़ोर देवार बनावत ह, तउ उ पचे देवार क खामी छुपाइ बरे ओकरे ऊपर पतली लेप चढ़ावत ह।
11 ओन लोगन स कहा कि मइँ ओलन अउ मूसलाधार बर्खा (सत्रु-सेना) पठउब। प्रचण्ड आँधी चली अउर बौंड़र आई। तब देवार भहराइ जाइ।
12 देवार खाले भहराइ जाइ। लोग नबियन स पूछिहीं, ‘उ लेप क का भवा, जेका तू देवार पइ चढ़ाए रह्या?”‘
13 मोर सुआमी यहोवा कहत ह, “मइँ कोहान अहउँ अउर मइँ तू लोगन क खिलाफ एक तूफान पठउब। मइँ कोहान हउँ अउर मइँ आकास स ओलन बरसाउब अउर तू पचन्क पूरी तरह बर्बाद करब।
14 तू पचे लेप देवारे पइ चढ़ावत अहा। किन्तु मइँ पूरी देवार क नस्ट कइ देब। मइँ एका धरासायी कइ देब। देवार तोहे पइ भहराइ अउर तू पचे जनब्या कि मइँ यहोवा अहउँ।
15 मइँ, देवार अउर ओह लेप चढ़ावइवालन क खिलाफ आपन किरोध पूरी तरह देखाउब। तब मइँ कहब, ‘अब कउनो देवार नाहीं रही अउर न ही अब कउनो मजदूर जो एह पइ लेप चढ़ावइवाला अहइ।’
16 “इ सबइ कछू इस्राएल क लबार नबियन बरे होइ। उ सबइ नबी यरूसलेम क लोगन स बातचीत करत हीं। उ पचे नबी कहत हीं कि सान्ति होइ, किन्तु कउनो सान्ति नाहीं अहइ।” मोर सुआमी यहोवा ओन बातन क कहेस।
17 परमेस्सर कहेस, “मनई क पूत इस्राएल मँ मेहरारू नबियन क हेरा। उ सबइ मेहरारू नबी मोरे बरे नाहीं बोलतिन। उ सबइ उहइ कहत हीं जउन उ पचे कहइ चाहत हीं। एह बरे तू पचन्क मोरे बरे ओनके खिलाफ कहइ चाही। तू पचन्क ओनसे इ कहब चाही।
18 ‘मोर सुआमी यहोवा कहत ह: मेहररूओ, तू पचन्पइ बिपत्ति आई। तू लोगन क भूजन पइ पहिरइ बरे कपड़न क बाजूबन्द सिअति अहा। तू लोगन क मूँड़ि पइ बाँधइ बरे खास दुपट्टा बनावति अहा। तू पचे कहति अहा कि उ सबइ चिजियन लोगन क जिन्नगी क नियन्त्रित करइ क जादुई सक्ती राखत हीं। तू पचे सिरिफ आपन क जिअत रखइ बरे ओन लोगन क जाल मँ फँसावत अहा।
19 “तू पचे लोगन क अइसा समुझावति अहा कि मइँ महत्वपूर्ण नाहीं अहउँ। तू पचे ओनका मूठी जौ अउर रोटी क कछू टुकड़न बरे मोरे खिलाफ करति अहा। तू पचे मोरे लोगन स लबार बोलति अहा। उ सबइ लोग लबार सुनब पसन्द करत हीं। तू पचे ओन मनइयन क मार डावति अहा जेनका जिअत रहइ चाही अउर तू पचे अइसे लोगन क जिअत रहइ देइ चाहति अहा जेनका मरि जाइ चाही।
20 एह बरे यहोवा अउर सुआमी तू पचन स इ कहत ह: तू पचे ओन कपड़न बाजूबन्दन क लोगन क जालि मँ फँसावइ बरे बनावति अहा-किन्तु मइँ ओन लोगन क अजाद करब। मइँ तोहार पचन्क भुजन क ओन बाजूबन्दन क फाड़ लोकाउब अउर लोग तू पचन्स अजाद होइ जइहीं। उ पचे जाल स मुवत पंछियन क तरह होइहीं।
21 मइँ ओन बाजूबन्दन क फारि डाउब अउर आपन लोगन क तोहार पचन्क सवती स बचाउब। उ सबइ लोग तोहार पचन्क जालि स पराइ निकारिहीं अउर तू पचे समुझबिउ कि मइँ यहोवा हउँ।
22 “‘मेहरारू नबियो। तू पचे लबार बोलति अहा। तोहार पचन्क झूठ नीक लोगन क कस्ट पहोंचावत ह, मइँ ओन लोगन क कस्ट पहोंचाउब नाहीं चाहत हउँ। तू पचे बुरे लोगन क मदद करति अहा। तू पचे ओनका आपन जिन्नगी बदलइ बरे नाहीं कहतिउ। तू पचे ओनके जिन्नगी क रच्छा नाहीं करइ चाहतिउ।
23 तू पचे अब भविस्स मँ लबार दर्सन नाहीं लखबिउ। तू पचे भविस्स मँ अउर कउनो जादू नाहीं करबिउ। मइँ आपन लोगन क तोहार पचन्क सवती स बचाउब अउर तू पचे जान जाबिउ कि मइँ यहोवा हउँ।’“
Ezekiel 14
1 इस्राएल क कछू अग्रज मोरे लगे आएन। उ पचे मोहसे बात करइ बइठि गएन।
2 यहोवा क वचन मोका मिला। उ कहेस,
3 “मनई क पूत, इ सबइ मनई तोहसे बातन करइ आएन ह। उ पचे चाहत रहेन कि तू पचे मोहसे राय ल्या। किन्तु उ सबइ मनई अब तलक आपन गन्दी देवमूरतियन क राखे अहइँ। उ पचे ओन चीजन क रखत हीं जउन ओनसे पाप करावत हीं। उ पचे अब तलक ओन मूरतियन क पूजा करावत हीं। एह बरे मोरे लगे राय लेइ काहे आवत ह का मोका ओनकर सवालन क उत्तर देइ चाही? नाहीं।
4 किन्तु मइँ ओनका उत्तर देब। तू पचन्क ओन लोगन्स इ कहि देइ चाही, ‘मोर सुआमी यहोवा कहत ह: जदि कउनो इस्राएली मनई जउन गन्दी देवमूरतियन क रखत ह जउन ओहसे पाप करावत ह अउर आपन हिरदय मँ ओन मूतियन क पूजा करत ह, नबी क लगे मोहसे राय पावइ बरे आवत ह तउ उ मनई क सवाल क जवाब मइँ खुद देब। मइँ ओका कहब, “तू मदद पावइ बरे आपन ढेर सारे गन्दी देवमूरतियन क लगे जा।”
5 काहेकि मइँ ओनकर हिरदय क छुअइ चाहत हउँ। मइँ देखावइ चाहत हउँ कि ओनकर गन्दी देवमूरतियन ओन लोगन क मोसे दूर कइ दिहस ह।
6 “एह बरे इस्राएल क परिवार स इ सबइ कहा। ओनसे कहा, ‘मोर सुआमी यहोवा कहत ह। मोरे लगे वापस आवा अउर आपन गन्दी देवमूरतियन क तजि द्या। ओन भयंकर लबार देवतन स मुँह मोड़ ल्या।
7 जदि कउनो इस्राएली या इस्राएल मँ रहइवाला विदेसी मोरे लगे राय लेइ आवत ह, तउ मइँ ओका जवाब देब। मइँ ओका तब भी जवाब देब जदपि उ उ गन्दी देवमूरतियन क रखेस ह, जदि उ ओन चिजियन क रखत ह जउन ओहसे पाप करावत हीं अउर जदि उ तब तलक ओन मूरतियन क पूजा करत ह अउर इ जवाब अहइ जेका मइँ ओका देब।
8 मइँ उ मनई क खिलाफ होबउँ। मइँ ओका नस्ट करब। उ दूसर लोगन बरे एक ठु उदाहरण बनी। लोग ओकर हँसी उड़इही। मइँ ओका आपन लोगन स निकार बाहेर करब। तब तू पचे जनब्या कि मइँ यहोवा अहउँ।
9 जदि नबी एतना मूरख अहइ कि उ आपन जवाब देत ह तउ मइँ ओका देखँाइ देब कि उ केतँना बड़का मूरख अहइ, मइँ ओकरे खिलाफ आपन सवती क उपयोग करब। मइँ ओका नस्ट करब अउर आपन लोगो, इस्राएल स ओका निकार बाहेर करब।
10 इ तरह उ मनई जउन राय बरे आवा अउर नबी जउन जवाब दिहस दुइनउँ एक ही दण्ड पइहीं।
11 काहेकि इ तरह उ सबइ नबी मोरे इस्राएली लोगन क मोहसे दूर लइ जाब बन्द कइ देइहीं। इ प्रकार मोरे लोग आपन अपराधन स गन्दा होब बन्द कइ देइहीं। तब उ पचे मोर बिसेस लोग होइहीं अउर मइँ ओनकर परमेस्सर होब।”‘ मोर सुआमी यहोवा उ सबइ बातन कहेस।
12 तब यहोवा क वचन मोका मिला। उ कहेस,
13 “मनई क पूत, मइँ आपन उ रास्ट्र क दण्ड देब जउन मोका तजत ह अउर मोरे विरूद्ध पाप करत ह। मइँ ओनकर भोजन आपूतिर् बन्द कइ देब। मइँ अकाल क समइ उत्पन्न कइ सकत हउँ अउर उ देस स मनइयन अउर पसुअन क बाहर कइ सकत हउँ।
14 मइँ उ देस क दण्ड देब चाहे इ तीनहुँ मनई नूह, दानिय्येल अउर अय्यूब हुआँ कहान रहत ह। उ सबइ लोग केवल आपन जिन्नगी आपन अच्छाइयन स बचाइ सकत हीं, किन्तु उ पचे पूरे देस क नाहीं बचाइ सकतेन।” मोर सुआमी यहोवा इ सबइ कहेस।
15 परमेस्सर कहेस, “या मइ उ पूरे प्रदेस मँ जंगली जनावरन क पठइ सकत हउँ अउर उ सबइ जनावर सबहिं लोगन क मारि सकत हीं। जंगली जनावरन क कारण उ देस स होइके कउनो मनई जात्रा नाहीं करी।
16 जदि नूह, दानिय्येल अउर अय्यूब हुवाँ रहे होतेन, तउ उ तीनहुँ धमीर् मनई केवल स्वंय आपन जिन्नगी ही बचाइ सकतेन। किन्तु मइँ आपन जिन्नगी क किरिया खाइके कहत हउँ कि उ सबइ दूसर लोगन क जिन्नगी नाहीं बचाइ सकतेन हिआँ तलक कि आपन पूत-बिटियन क जिन्नगी भी नाहीं। उ बुरा देस नस्ट कइ दीन्ह जाइ।” मोर सुआमी यहोवा इ सबइ कहेस।
17 परमेस्सर कहेस, “या, उ देस क खिलाफ लड़इ बरे मइँ दुस्मन क फउज क पठइ सकत हउँ। उ सबइ फउजी उ देस क नस्ट कइ देइहीं। मइँ उ देस स सबहिं लोगन अउर जनावरन क निकार बाहेर करब।
18 जदि नूह, दानिय्येल अउर अय्यूब हुवाँ रहतेन, तउ उ तीनहुँ धमीर् मनई केवल आपन जिन्नगी ही बचाइ सकतेन। किन्तु मइँ आपन जिन्नगी क किरिया खाइके कहत हउँ कि दूसर लोगन क जिन्नगी उ पचे बचाइ सकतेन हिआँ तलक कि आपन पूत-बिटियन क जिन्नगी भी नाहीं। उ बुरा देस नस्ट कइ दीन्ह जाइ।” मोर सुआमी यहोवा इ सबइ कहेस।
19 परमेस्सर कहेस, “या, मइँ उ देस क खिलाफ महामारी पठइ सकत हउँ। मइँ ओन लोगन पइ आपन किरोध क बर्खा करब। मइँ सबहिं मनइयन अउर जनावरन क उ देस स हटाइ देब।
20 जदि नूह, दानिय्येल अउर अय्यूब हुवाँ रहतेन, तउ उ तीनहुँ धमीर् मनई केवल आपन जिन्नगी ही बचाइ सकतेन। किन्तु मइँ आपन जिन्नगी क किरिया खाइके कहत हउँ कि दूसर लोगन क जिन्नगी उ पचे नाहीं बचाइ सकत रहेन हिआँ तलक कि आपन पूत-बिटियन क जिन्नगी भी नाहीं।” मोर सुआमी यहोवा इ सबइ कहेस।
21 तब मोर सुआमी यहोवा कहेस, “एह बरे सोचा कि यरूसलेम बरे इ केतना बुरा होइ, मइँ उ नगर क विरूद्ध ओन चारिहुँ दण्डन क पठउब। मइँ सत्रु-सेना, भूखमरी, महामारी अउर जंगली जनावरन क निकारि बाहेर करब।
22 उ देस स कछू लोग बचि निकरिहीं। उ पचे आपन पूत-बिटियन क लइहीं अउर तोहरे पचन्क लगे सहायता क बरे अइहीं। तब तू पचे जनब्या कि उ सबइ लोग फुरइ केतना बुरा अहइँ। तू पचे ओन विपत्तियन क सम्बंध मँ उचित होइक धारणा बनउब्या जेनका मइँ यरूसलेम पइ लिआउब।
23 तू पचे ओनके रहइ क ढंग अउर जउन बुरे काम उ पचे करत हीं, ओनका लखब्या। तब तू पचे समुझब्या कि ओन लोगन क सजा देइ क उचित कारण मोरे बरे रहा।” मोर सुआमी इ सबइ बातन कहेस।
Ezekiel 15
1 तब यहोवा क वचन मोका मिला। उ कहेस,
2 “मनई क पूत, का अंगूरे क बेल क लकड़ी जंगले क कउनो बृच्छ क कटी नान्ह डार स जियादा नीक होत ह नाहीं।
3 का तू अंगूरे क बेल क लकड़ी कउनो उपयोग मँ लाइ सकत ह नाहीं। का तू ओहसे तस्तरियन लटकावइ बरे खूँटयन वनाइ सकत है? नाहीं।
4 लोग उ लकड़ी क सिरिफ आगी मँ डावत हीं। कछू झुरान लकड़ियन सिरन स जरब सुरू करत हीं, बीच क हींसा आगी स करिया पड़ जात ह। किन्तु लकड़ी पूरी तरह बरत नाहीं। का तू उ लकड़ी स कउनो चीज बनाइ सकत ह
5 जदि बरइ क पहिले तू उ लकड़ी स कउनो चीज नाहीं बनाइ सकत ह, तउ निहचय ही, ओकर बरइ क पाछे ओहसे कउनो चीज नाहीं बनाइ सकत्या।
6 अंगूरे क बेल क लकड़ी क टूकन क जंगल क कउनो पेड़ क लकड़ी क टूकन स जियादा बारइ बरे उपयोग कीन्ह जात ह। लोग उ लकड़ी क टूकन क आगी मँ डावत हीं, अउर आगी ओनका बारत ह। उहइ तरह, मइँ यरूसलेम क निवासियन क आगी मँ लोकाउब।” मोर सुआमी यहोवा इ सबइ बातन कहेस।
7 “मइँ ओन लोगन क दण्ड देब। जदपि ओन मँ स कछू लोगन बच निकर आएस ह तउ पइ भी आगी ओनका भस्म कइ देब। तू लखब्या कि मइँ एन लोगन क दण्ड देब अउर तू समुझब्या कि मइँ यहोवा हउँ।
8 मइँ उ देस क नस्ट करब काहेकि लोग मोका लबार देवतन क पूजा बरे तजेन।” मोर सुआमी यहोवा इ सबइ बातन कहेस।
Ezekiel 16
1 तब यहोवा क वचन मोका मिला। उ कहेस,
2 “मनई क पूत, यरूसलेम क लोगन क ओन भयंकर बुरे कामन क समुझावा जेनका उ पचे किहेन ह।
3 तोहका कहइ चाही, ‘मोर सुआमी यहोवा यरूसलेम क लोगन क इ सँदेस देत ह: आपन इतिहास लखा। तू कनान मँ पइदा भवा रह्या। तोहार पिता एमोस रहा। तोहार महतारी हित्ती रही।
4 यरूसलेम, जउने दिन तू पइदा भवा रह्या, तोहार बोड़री-नाल क काटइवाला कउनो नाहीं रहा। कउनो तोह पइ नून नाहीं डाएस अउर तोहका स्वच्छ करइ बरे नहवाएस नाहीं। कउनो तोहका ओढ़ना मँ नाही लपेटेस।
5 यरूसलेम, तू सब तरह स अकेल्ले रह्या। कउनो न तोहरे बरे खेद परगट करत रहा न ही धियान देत रहा। यरूसलेम, जउने दिन तू पइदा भया, तोहार महतारी बाप तोहका मैदाने मँ डाइ दिहन। तू तब तलक रकत अउ झिल्ली मँ लपटा रह्या।
6 “‘तब मइँ (परमेस्सर) ओहर स गुजरेउँ। मइँ तोहका हुआँ खून स लथपथ पड़ा पाएउँ। तू खूने मँ सनी रहिउ, किन्तु मइँ कहेउँ, “लम्बी जिन्नगी जिअत रहा।” हाँ, तू खूने मँ सनी रहिउ, किन्तु मइँ कहेउँ, “जिअत रहा।”
7 मइँ तोहार मदद खेते मँ पौधन क तरह बढ़इ मँ किहेउँ। तू बढ़त ही गइउ। तू एक जुवती विनउ, तोहार ऋतु-धरम सुरू भवा, तोहार वृच्छ-स्थल बढ़ेन, तोहार केस बढ़व सुरू भएन। किन्तु तू तब तलक वस्त्रहीन अउ नंगी रहिउ।
8 मइँ तोह पइ निगाह डाएउँ। मइँ लखेउँ कि तू पिरेम बरे तइयार रहिउ। एह बरे मइँ तोहरे ऊपर आपन ओढ़ना डाएउँ अउर तोहर नंगा होइ क ढाकेउँ। मइँ तोहसे बियाह करइ क बचन दिहेउँ। मइँ तोहरे संग वाचा किहेउँ अउर तू मोर बनिउ।’“ मोर सुआमी यहोवा इ सबइ बातन कहेस।
9 “‘मइँ तोहका पानी स नहवाएउँ। मइँ तोहरे रकत क धोएउँ अउर मइँ तोहार चमड़ी पइ तेल मलेउँ।
10 मइँ तोहका एक ठु सुन्नर पहिरावा अउर नरम चामे क पनही दिहेउँ। मइँ तोहका एक महीन मलमल अउर एक रेसमी ओढ़ना दिहेउँ।
11 तब मइँ तोहका कछू आभूसन दिहेउँ। मइँ तोहरी बाहन मँ बाजूबन्द पहिराएउँ अउर तोहरे गले में हार पहिराएउँ।
12 मइँ तोहका एक ठु नथ, कछू काने का बालियन अउर सुन्नर मुवुट तोहार मुँड़े पइ पहिरइ दिहेउँ।
13 तू आपन सोना चाँदी क आभूसणन, आपन मलमल अउर रेसमी वस्त्रन अउर कढ़ाई कीन्ह पहिरावे मँ सुन्नर देखात रहिन। तू उत्तिम आटा, मधु अउर तेल क भोजन किहा। तू बहोत जियादा सुन्नर रहिउ अउर तू रानी बनिउ।
14 तू आपन सुन्नर होइ बरे बिख्यात भएउ। इ सब कछू एह बरे भवा काहेकि मइँ तोहका एतना जियादा सुन्नर बनाएउँ।”‘ मोर सुआमी यहोवा इ सबइ बातन कहेस।
15 परमेस्सर कहेस, “किन्तु तू आपन सुन्नर होइ पइ बिस्सास करब सुरू किहेउ। तू आपन जस क दुरूपयोग किहेउ। तू एक रण्डी क तरह काम किहेउ। तू आपन क उ हर मनई क अपिर्त किहेउ जउन हुआँ आवा।
16 तउ उ आपन सुन्नर वस्त्रन क लिहस अउर आपन आराधना ठउरे क सजाएस। अउर ओन ठउरन पइ तू रण्डी क नाईं हरकत किहस। इहइ तरह क कार्य पहिले कबहुँ नाहीं कीन्ह ग रहेन अउ न ही आवइवाले समइ मँ कबहुँ होब।
17 तब मोर दीन्ह गवा सुन्नर आभूसण तू लिहेउ अउर तू उ सोना-चाँदी क उपयोग मनइयन क मूरतियन बनावइ बरे किहेउ। तू ओनके संग भी यौन-सम्बन्ध किहेउ।
18 तब तू सुन्नर वस्त्र लिहेउ अउर ओन मूरतियन बरे पहिरावा बनाएउ। तू इ तेल अउ धूप बत्ती क लिहेउ जउन मइँ तोहका दिहे रहेउँ अउ ओका ओन देवमूरतियन क समन्वा चढ़ाएउ।
19 मइँ तोहका रोटा, मधु अउर तेल दिहेउँ। किन्तु तू भोजन आपन देवमूरतियन क दिहेउ। तू ओका आपन लबार देवतन क प्रसन्न करइ बरे सुगन्धि क रूप मँ भेंट किहेउ। तू ओन लबार देवतन क संग रण्डी जइसा बेउहार किहेउ।” मोर सुआमी यहोवा इ सबइ बातन कहेस।
20 परमेस्सर कहेस, “तू आपन पूत-बिटियन लइके जेनका तू मोरे बरे जन्म दिहेउ, ओन मूरतियन क बलि चढ़ाएउ। का तू इ नाहीं सोच्या कि तोहार बिभिचारी काफी नाहीं रहा कि तोहका इ भयंकर पाप क भी करइ क रहा?
21 तू मोर पूतन क हत्तिया किहेउ अउर ओनका आगी क जरिये ओन लबार देवतन पइ चढ़ाएउ।
22 तू मोका तजिउ अउर उ सबइ भयानक काम किहेउ अउर तू आपन उ समइ कबहुँ याद नाहीं किहेउ जब तू बच्ची रहिउ। तू याद नाहीं किहेउ कि जब मइँ तोहका पाएउँ तबइ तू नंगी रहिउ अउर रकत मँ छटपटात रहिउ।
23 “ओन सबहिं बुरी चीजन क पाछे, ओह यरूसलेम, इ तोहरे बरे बहोत बुरा होइ।” मोर सुआमी यहोवा इ सबइ बातन कहेस।
24 “ओन सबइ बातन क पाछे तू उ लबार देवतन क पूजा बरे उ टीला बनाएउ। तू हर एक सड़क क मोड़ पइ लबार देवतन क पूजा बरे उ ठउरन क बनाएउ।
25 तू आपन टीलन हर एक सड़क क छोर पइ बनाएउ। तब तू आपन सुन्नरता क मान घटाएउ। तू एकर हर लगे स गुजरइ वाले क फँसावइ बरे किहेउ। तू आपन अधोवस्त्र क ऊपर उठाएउ जेहसे उ सबइ तोहार टाँगन लखि सकइँ अउर तब तू ओन लोगन क संग एक ठु रण्डी क नाईर् होइ गइउ।
26 तब तू उ पड़ोसी मिस्र क लगे गइउ जेकर यौन अंग बिसाल रहा। तू मोका कोहाइ बरे ओकरे संग कइउ दाईर् यौन-सम्बंध कायम किहेउ।
27 एह बरे मइँ तोहका सजा दिहेउँ। मइँ तोहका अनुमोदित कीन्ह गइ भुइँया क एक हींसा लइ लिहेउँ। मइँ तोहार दुस्मन पलिस्तिनियन क बिटियन (नगरन) क उ करइ दिहेउँ जउन उ पचे तोहार करइ चाहत रहिन। जउन पाप तू किहा ओहसे उ पचे भी लज्जित भएन।
28 किन्तु तू कबहुँ संतुस्ट नाहीं भए रहा। एह बरे बिभिचारी करइ बरे अस्सूर गएन, किन्तु तउ पइ तू पचे संतुस्ट नाहीं भए रहेन।
29 एह बरे तू बइपारियन क भुइँया बाबुल कइँती मुड़ेस। किन्तु तबहुँ भी तोहका सन्तुस्टी नाहीं भएन।
30 तू ऍतनी कमजोर अहा। तू ओन सबहिं मनइयन क पाप करइ मँ लगइ दिहा। तू ठीक एक ठु रण्डी क तरह काम किहा।” उ सबइ बातन मोर सुआमी यहोवा कहेस।
31 यहोवा कहेस, “तू आपन टीला हर एक सड़किया क छोर पइ बनाया अउर तू आपन पूजा क ठउरे हर सड़क क मोड़ पइ बनाया। तू ओन सारे मनइयन स सारीरिक सम्बंध किहे रहा। तू आपन बिभिचारी स कउनो लाभ नाहीं चाहा। तू पैसा लइ स इन्कार किहेस।
32 तू बिभिचारिणी मेहरारू। तू आपन पति क तुलना मँ अजनबियन क संग सरीर क सम्बंध करब जियादा नीक मानिउ।
33 अधिकांस रण्डियन सरीर क सम्बंध बरे मनई क भुगतान करइ बरे मजबूर करत हीं। किन्तु तू आपन प्रेमियन क लुभावइ बरे खुद भेंट देति अहा अउर ओनका सरीर क सम्बंध बरे आमन्त्रित करति अहा। तू आपन चारिहुँ ओर क सबहिं लोगन क अपने संग सरीर क सम्बंध बरे आमन्त्रित किहा।
34 तू जियादातर रण्डियन क ठीक भिन्न अहा। अधिकांस रण्डियन मनइयन क आपन भुगतान बरे मजबूर करति अहा। किन्तु तू मनइयन क अपने संग सरीर क सम्बंध क भुगतान करति अहा।”
35 हे रण्डी, यहोवा स आए वचन क सुना।
36 मोर सुआमी यहोवा इ सबइ बातन कहत ह: “तू आपन मुद्रा खर्च कइ दिहा ह अउर आपन पिरेमियन अउर गन्दा देवतन क आपन नंगा सरीर लखइ दिहा ह अउर आपन संग सरीर क सम्बंध करइ दिहा ह। तू आपन बच्चन क मार्या ह अउर ओकर खून बहाया ह। उ ओन लबार देवतन क तोहार भेंट रहिन।
37 एह बरे मइँ तोहरे सबहिं पिरेमियन क एक संग बटोरत हउँ। मइँ ओन सबहिं क लिआउब जेनसे तू पिरेम किहा अउर जउने मनइयन स घिना किहा। मइँ सबहिं क एक संग लइ आउब अउर ओनका तोहका नंगा लखइ देब। उ पचे तोहका पूरी तरह नगन लखिहीं।
38 तब मइँ तोहका दण्ड देब। मइँ तोहका कउनो हत्यारिन अउर उ मेहरारू क तरह दण्ड देब जउन बिभिचार क पाप किहेस। तू वइसे ही दण्डित होउबिउ माना कउनो कोहान अउ इर्स्यालु भतार दण्ड देत होइ।
39 मइँ ओन सबहिं पिरेमियन क तोहका प्राप्त कइ लेइ देब। उ पचे तोहार टीलन क नस्ट कइ देइहीं। उ पचे तोहार पूजा ठउरन क जराइ उइहीं। उ पचे तोहार ओढ़ना फाड़ि डइहीं अउर तोहार सुन्नर आभूसण लइ लेइहीं। उ पचे तोहका वइसे वस्त्रहीन अउर नंगी छोड़ देइहीं जइसे तू तब रहिउ जब मइँ तोहका पाए रहेउँ।
40 उ पचे आपन संग बिसाल जन-समूह लइहीं अउर तोहका मारि डावइ बरे तोहार ऊपर पाथर फेंकिहीं। तब आपन तरवार स उ पचे तोहका टूका-टूका कइ डइहीं।
41 उ पचे तोहार घर जराइ देइहीं। उ पचे तोहका इ तरह दण्ड देइहीं कि सबहिं दूसर मेहररूअन लखि सकइँ। मइँ तोहार रण्डी क तरह रहब बन्द कइ देब। मइँ तोहका आपन पिरेमियन क धन देइ स रोक देब।
42 तब मइँ कोहान अउर इर्स्यालु होब छोड़ देब। मइँ सान्त होइ जाब। मइँ फुन कबहुँ नाहीं कोहाब।
43 इ सबइ सारी बातन काहे होइ? काहेकि तू उ याद नाहीं रख्या कि तोहरे संग तोहार युवावस्था मँ का घटित भवा रहा। तू उ सबइ सबहिं बुरे पाप किहा अउर मोका क्रोधित किहा। एह बरे ओन बुरे पापन बरे मोका तोहका सजा देइ क रहा। अउर का ओन सबइ भयंकर बुरा करमन स भी बुरा जेका तू किहा करम करइ जोजना नाहीं बनावत रहेन।” मोर सुआमी यहोवा इ सबइ बातन कहेस।
44 “तोहरे बारे मँ बात करइवाले सब लोगन क लगे एक ठु अउर बात भी कहइ बरे होइ। उ पचे कहिहीं, ‘महतारी क तरह बिटिया भी अहइ।’
45 तू आपन महतारी क बिटिया अहा। तू आपन पति या बच्चन क धियान नाहीं राखति अहा। तू ठीक आपन बहिन क समान अहा। तू दुइनउँ आपन भतारन अउर बच्चन स घिना किहा। तू ठीक आपन महतारी-बाप क तरह अहा। तोहार महतारी हित्ती रही अउर तोहार पिता एमोरी रहा।
46 तोहार बड़की बहिन सोमरोन रही। जउन तोहरे उत्तर मँ आपन बिटियन क संग रहत रही अउर तोहार छोटकी बहिन सदोम रही। उ आपन बिटियन क संग तोहरे दविखन मँ रहत रही।
47 तू पचे उ सबहिं भयंकर पाप किहा जउन उ पचे किहेन। किन्तु तू उ सबइ काम भी किहा जउन ओनसे भी बुरे रहेन।
48 मइँ यहोवा अउर सुआमी अहउँ। मइँ सदा जिअत हउँ अउर आपन जिन्नगी क किरिया खाइके कहत हउँ कि तोहार बहन सदोम अउर ओकर बिटियन कबहुँ ओतने बुरे काम नाहीं किहेन जेतना तू अउर तोहार बिटियन किहेन।”
49 परमेस्सर कहेस, “तोहार बहन सदोम अउर बिटियन घमण्डी रहिन। ओकरे लगे जरूरत स जियादा खाइ क रहा अउर ओकरे लगे बहोत जियादा समइ रहा। उ पचे दीन-असहाय लोगन क मदद नाहीं करत रहिन।
50 सदोम अउर ओकर बिटियन बहोत जियादा घमण्डी होइ गइन अउर मोरे समन्वा भयंकर कार्य किहस। जब मइँ इ लखेस तउ मइँ ओनका नास कइ द्या।”
51 परमेस्सर कहेस, “सोमरोन ओन पापन क आधा किहरा जउन तू किहा। तू सोमरोन क अपेच्छा बहोत जियादा पाप किहा। तू आपन बहन क अपेच्छा बहोत जियादा भयंकर पाप किहा ह। सदोम अउर सोमरोन क तुलना करइ पइ, उ पचे तोहसे नीक लागत हीं।
52 एह बरे तोहका लज्जित होइ चाही। तू आपन बहिनन क, तुलना मँ आपन स नीक लगइवाली बनाया ह। तू भयंकर पाप किहा ह एह बरे तोहका लज्जित होइ चाही।”
53 परमेस्सर कहेस, “मइँ सदोम अउर ओकरे चारिहुँ ओर क नगरन क नस्ट किहेउँ। मइँ सोमरोन अउर एकरे चारिहुँ कइँती क नगरन क नस्ट किहेउँ। यरूसलेम, मइँ तोहका नस्ट करब। किन्तु मइँ ओन नगरन क फुन स बनाउब। यरूसलेम, मइँ तोहका भी फुन स बनाउब
54 मइँ तोहका आराम देब। तब तू ओन भयंकर पापन क याद करब्या जउन तू किहा अउर तू लज्जित होब्या।
55 इ तरह तू अउर तोहार बहिन समरिया फुन स बनाई जइहीं। सदोम अउर ओकरे चारिहुँ कइँती क नगर फुन स बनावा जइहीं।”
56 परमेस्सर कहेस, “अतीतकाल मँ तू घमण्डी रहिउ अउर बहिन सदोम क हँसी उड़ावत रहिउ। किन्तु तू वइसा फुन नाहीं कइ सकबिउ।
57 तू अइसा दण्डित होइ स पहिले अउर आपन पड़ोसियन क जरिये हँसी उड़ाउब सुरू कीन्ह जाइ स पहिले किहे रह्या। अराम क बिटियन अउ पलिस्ती अब तोहार हँसी उड़ावत अहइँ।
58 अब तोहका ओन भयंकर पापन बरे कस्ट उठावइ पड़ी जउन तू किहा।” यहोवा इ सबइ बातन कहेस।
59 मोर सुआमी यहोवा, इ सबइ चिजियन कहेस, “तू आपन बियाह क प्रतिग्या भंग किहेउ। तू हमरी वाचा क आदर नाहीं किहा। अब मइँ तोहार बरे भी उहइ करब।
60 किन्तु मोका उ वाचा याद अहइ जउन उ समइ कीन्ह गइ रही जब तू बच्ची रहिउ। मइँ तोहरे संग वाचा किहे रहेउँ जउन सदा चलइवाली रही।
61 मइँ तोहरी बहिनियन क तोहरे लगे लिआउब अउर मइँ ओनका तोहार बिटियन बनाउब। इ हमरी वाचा मँ नाहीं रहा, किन्तु मइँ इ तोहरे बरे करब। तब तू ओन भयंकर पापन क याद करबिउ, जेनका तू किहा अउर तू लजाइ जाबिउ।
62 एह बरे मइँ तोहरे संग वाचा करब, अउर तू जानबिउ कि मइँ यहोवा अहउँ।
63 मइँ तोहरे बरे नीक रहब जेहसे तू मोका याद करबिउ अउर ओन पापन बरे लज्जित होइ जउन तू किहा। मइँ तोहका सुद्ध करब अउर तोहका फुन कबहुँ लज्जित नाहीं होइ पड़ी।” मोर सुआमी यहोवा इ सबइ बातन कहेस।
Ezekiel 17
1 तब यहोवा क वचन मोका मिला। उ कहेस,
2 “मनई क पूत, इस्राएल क परिवार क इ कहानी सुनावा। ओनसे पूछा कि एकर का मतलब अहइ?
3 ओनसे कहा मोर सुआमी यहोवा इ कहत ह:एक ठु बिसाल उकाब (नबूकदनेस्सर) बिसाल पखना सहित लबानोन मँ आवा। उकाब क रंग बिरंगे पखना रहेन। उ देवदार क बृच्छ क चोटी क तोड़ दिहस।
4 उ उकाब उ विसाल देवदार बृच्छ क साखा, क माथे क तोड़ डाएस अउर ओका ब्यापारीयो देस को लइ गवा। उकाब बइपारियन क नगर मँ उ साखा क राखेस।
5 तब उकाब तोहार भुइँया क कछू बीजन क लिहस। उ ओनका उपजाऊ भुइँया मँ बोएस। तब उ ओनका हुआँ बोएस जहाँ पानी बहोत रहा, उहइ तरह स जइसे तू बैत क बृच्छ बगावत ह।
6 बिआ उगेन अउर उ सबइ अंगूर क बेल बनेन। इ बेल अच्छी रही। बेल ऊँची नाहीं रही। किन्तु इ बड़के छेत्र क ढकइ बरे फइल गइ। बेल क तने बनेन अउर नान्ह बेलन बहोत लम्बी होइ गइ।
7 तब दूसर पखनावाला उकाब अंगूरे क बेल क लखेस। उकाब क लम्बे पखना रहेन। अंगूरे क बेल चाहत रही कि इ नवा उकाब ओकर देख-भाल करइ। एह बरे इ आपन जड़न क उ उकाब कइँती फइलाएस। एकर साखन इ उकाब कइँती फइलिन। एकर साखन उ खेत स फइलिन जहाँ इ बोइ गइ रही। अगूंर क बेल चाहत रही कि नवा उकाब ओका पानी देइ।
8 अंगूरे क बेल अच्छे खेते मँ बोइ गइ रही। इ प्रभूत जले क लगे बोइ गइ रही। इ साखन अउ फल पइदा कइ सकत रहिन। इ एक बहोत अच्छी अंगूरे क बेल होइ सकत रही।”
9 मोर सुआमी यहोवा इ सबइ बातन कहेस, “का तू समुझत अहा कि बेल सफल होइ? नाहीं। नवा उकाब बेल क जमीन स उखाड़ि देइ। अउ पंछी बेल क जड़न क तोड़ देइ। उ सारे अंगूरन क खाइ जाइ। तबइ नई पत्तियन झुरइहीं अउर मरि जइहीं। उ बेल बहोत कमजोर होइ। इ बेल क जड़ स उखाड़इ बरे सवतीसाली अस्त्र अउ सस्त्र या सवतीसाली रास्ट्र क जरूरत नाहीं होइ।
10 का इ बेल हुवाँ बढ़ी जहाँ बोइ गइ अहइ? नाहीं, गरम पुरवाई चली अउर बेल झुराई अउर मरि जाई। इ हुवँइ मरी जहाँ इ बोई गइ रही।”
11 यहोवा क वचन मोका मिला। उ कहेस,
12 “इ कहानी क बियाख्या इस्राएल क लोगन क बीच करा, उ पचे सदा मोरे खिलाफ जात हीं। ओनसे इ कहा: पहिला उकाब बाबुल क राजा अहइ। इ यरूसलेम आवा अउर राजा तथा दूसर प्रमुखन क लइ गवा। उ ओनका बाबुल लिआवा।
13 तब नबूकदनेस्सर राजा क परिवार क एक मनई क संग सन्धि किहस। नबूकदनेस्सर उ मनई क प्रतिग्या करइ बरे मजबूर किहस। इ तरह इ मनई नबूकदनेस्सर बरे राजभवत रहइ क प्रतिग्या किहस। नबूकदनेस्सर इ मनई क यहूदा क नवा राजा बनाएस। तब उ सबहिं सवतीसाली मनइयन क यहूदा स बाहरे निकारेस।
14 इ तरह यहूदा एक दुर्बल राज्ज बन गवा, जउन राजा नबूकदनेस्सर क खिलाफ नाहीं उठ सकत रहा। यहूदा क नवा राजा क संग नबूकदनेस्सर जउन सन्धि किहे रहा ओकर पालन करइ बरे लोग मजबूर कीन्ह गएन।
15 किन्तु इ नवा राजा कउनो भी तरह नबूकदनेस्सर क खिलाफ बिद्रोह करइ क जतन किहस। उ मदद माँगइ बरे मिस्र क दूत पठएस। नवा राजा बहोत स घोड़न अउर फउजी माँगेस। इ दसा मँ, का तू समुझत अहा कि यहूदा क राजा सफल होइ? का तू समुझत अहा कि नवा राजा क लगे पर्याप्त सवती होइ कि उ सन्धि क तोड़िके दण्ड स बचि सकी?”
16 मोर सुआमी यहोवा कहत ह, “मइँ आपन जिन्नगी क किरिया खाइके वचन देत हउँ कि इ नवा राजा बाबुल मँ मरी। नबूकदनेस्सर इ मनई क यहूदा क नवा राजा बनाएस। किन्तु इ मनई नबूकदनेस्सर क संग कीन्ह भइ आपन प्रतिग्या तोड़ेस। इ नवा राजा सन्धि क उपेच्छा किहस।
17 मिस्र क राजा यहूदा क राजा क रच्छा करइ मँ समर्थ नाहीं होइ। उ बड़की गनती मँ फउज पठइ सकत ह किन्तु मिस्र क महान सवती यहूदा क रच्छा नाहीं कइ सकी। नबूकदनेस्सर क फउजन नगर पइ अधिकार बरे कच्ची सड़कियन अउर माटी क बनइहीं।
18 किन्तु यहूदा क राजा बचिके निकर नाहीं सकी। काहेकि उ आपन सन्धि क उपेच्छा किहस। उ नबूकदनेस्सर क दीन्ह आपन बचन क तोड़ेस।”
19 मोर सुआमी यहोवा इ वचन देत ह, “मइँ आपन जिन्नगी क किरिया खाइके प्रतिग्या करत हउँ कि मइँ यहूदा क राजा क दण्ड देब। काहेकि उ मोर चितउनियन क उपेच्छा किहस। उ हमार सन्धि क तोड़ेस।
20 मइँ आपन जाल फइलाउब अउर उ एहमा फँसी। मइँ ओका बाबुल लिआउब तथा मइँ ओका उ जगह मँ दण्ड देब। मइँ ओका दण्ड देब काहेकि उ मोरे खिलाफ उठा।
21 मइँ ओकर फउज क नस्ट करब। मइँ ओकर सवोर्त्तम फउजियन क नस्ट करब अउर बचे भए लोगन क हवाँ मँ उड़ाइ देब। तब तू जानब्या कि मइँ यहोवा हउँ अउर मइँ इ सबइ बातन तोहसे कहे रहिउँ।”
22 मोर सुआमी यहोवा इ सबइ बातन कहे रहा:“मइँ लम्बे देवदार क बृच्छ स एक डार लेब। मइँ बृच्छ क चोटी स एक नान्ह डार लेब। अउर मइँ खुद ओका बहोत ऊँच पहाड़े पइ बोउब।
23 मइँ खुद एका इस्राएल मँ ऊँच पहाड़े पइ लगाउब। इ डार एक बृच्छ बन जाइ। एकर डारन निकरिहीं अउर एहमाँ फल लगिहीं। इ एक सुन्नर देवदार बृच्छ बन जाइ। अनेक पंछी एकर डारन पइ बइठा करिहीं। अनेक पंछी एकर डारन क खाले छाया मँ रहिहीं।
24 तब दूसर बृच्छ ओका जनिहीं कि मइँ ऊँच बृच्छन क भुइँया पइ गिरावत हउँ। अउर मइँ नान्ह बृच्छन क बढ़ावत अउर ओनका लम्बा बनावत हउँ। मइँ हरे बृच्छन क झुनाइ देत हउँ। अउर मइँ झुरान बृच्छन क हरा करत हउँ। मइँ यहोवा हउँ। जदि मइँ कहउँ कि मइँ कछू करब तउ मइँ ओका जरूर करब।”
Ezekiel 18
1 यहोवा क वचन मोका मिला। उ कहेस,
2 “तू लोग इ कहावत क दोहरावत रहत ह। काहे तू कहत ह:पुरखन खट्टा अंगूर खाएन,किन्तु बच्चन क खट्टा स्वाद मिला।
3 किन्तु मोर सुआमी यहोवा कहत ह, “मइँ आपन जिन्नगी क किरिया खाइके प्रतिग्या करत हउँ कि इस्राएल क लोग अब भविस्स मँ इ कहावत क अब कबहुँ उपयोग नाहीं करब्या।
4 मइँ सबहिं मनइयन क संग समान बेउहार करब। इ महत्वपूर्ण नाहीं होइ कि उ मनई महतारी बाप अहइ अथवा सन्तान। जउन मनई पाप करी उ मनई मरी।
5 “जदि कउनो मनई भला अहइ, तउ उ जिअत रही। उ मनई लोगन क संग नीक बेउहार करत ह।
6 उ भला मनई पर्वतन पइ नाहीं जात अउर लबार देवतन क चढ़ाए गए भोजन मँ कउनो हींसा नाहीं बाँटत। उ इस्राएल मँ ओन गन्दे देवतन क मूरतियन क स्तुति नाहीं करत। उ आपन पड़ोसी क मेहरारू क संग बिभिचार क पाप नाहीं करत। उ आपन मेहरारू क संग, ओकरे मासिक धरम क समय, सरीर क सम्बंध नाहीं करत।
7 उ भला मनई लोगन स अनुचित लाभ नाहीं उठावत। जदि कउनो मनई ओहसे मुद्रा रिण लेत ह तउ उ भला मनई गिरवी धइके दूसर मनई क मुद्रा देत ह अउर जब उ मनई ओका भूगतान कइ देत ह तउ भला मनई ओका गिरवी वस्तु वापस कइ देत ह। भला मनई भूखे लोगन क भोजन देत ह अउर उ ओन लोगन क वस्त्र देत ह जेनकर ओनका जरूरत अहइ।
8 जदि कउनो मुद्रा रिण लेइ चाहत ह तउ भला मनई ओका उ रिण देत ह। उ रिण क ब्याज नाहीं लेत। भला मनई वुटिल होइ स इन्कार करत ह। उ हर मनई क बरे सदा भला रहत ह। लोग ओह पइ बिस्सास कइ सकत हीं।
9 उ मोरे नेमन क पालन करत ह। उ मोरे निर्णयन क समुझत ह अउर भला एव बिस्सास क जोग्य होब सीखत ह। काहेकि उ भला मनई अहइ, एह बरे उ जिअत रही। यहोवा परमेस्सर इ कहत ह।
10 “किन्तु उ मनई क कउनो अइसा पूत होइ सकत ह, जउन ओन नीक कामन मँ स कछू भी न करत होइ। पूत चिजियन क चुराइ सकत ह अउर लोगन क हत्तिया कइ सकत ह।
11 पूत एन बुरे कामन मँ स कउनो भी करम कइ सकत ह। उ पहाड़न पइ जाइ सकत ह अउर लबार देवतन क चढ़ाए गए भोजन मँ हींसा बटाइ सकत ह। उ पापी पूत आपने पड़ोसी क मेहरारू क संग बिभिचार करइ क पाप कइ सकत ह।
12 उ गरीब अउर बेसहारा लोगन क संग बुरा बेउहार कइ सकत ह। उ लोगन स अनुचित लाभ उठाइ सकत ह। उ गिरवी चीज क तब्बइँ न लउटावइ जब कउनो मनई आपन रिण क भुगतान कइ चुका होइ। उ पापी पूत ओन गन्दी देवमूरतियन क पराथना कइ सकत ह अउर दूसर भयंकर पाप भी कइ सकत ह।
13 जब उ लोगन क ऋण पइ धन देत ह तउ उ बियाज लेत ह। एह बरे उ पापी पूत जिअत नाहीं रही। उ भयंकर पाप किहेस एह बरे मार दीन्ह जाइ अउर आपन मउत बरे उ खुद ही जिम्मेदार अहइ।
14 “होइ सकत ह उ पापी पूत क भी एक पूत होइ। किन्तु इ पूत आपन बाप क जरिये कीन्ह गए पापन क लखि सकत ह अउर उ आपन पिता क तरह रहइ स इन्कार कइ सकत ह। उ मनई लोगन क संग भला बेउहार करत ह।
15 उ मनई पहाड़न पइ नाहीं जात, न ही लबार देवतन क चढ़ाए गए भोजन मँ हींसा बटावत ह। उ इस्राएल मँ ओन गन्दी देवमूरतियन क पराथना नाहीं करत। उ आपन पड़ोसी क मेहरारू क संग बिभिचार क पाप नाहीं करत।
16 उ मनई लोगन स अनुचित लाभ नाहीं उठावत। जदि कउनो मनई ओहसे रिण लेत ह तब भला पूत चीज गिरवी धरत ह अउर उ मनई क मुद्रा देत ह अउर जब उ मनई वापस भुगतान करत ह तउ भला मनई गिरवी चीज वापस कइ देत ह। भला मनई भूखन क भोजन देत ह अउर उ ओन लोगन क वस्त्र देत ह जेनका ओकर आवश्यकता अहइ।
17 उ गरीबन क सहायता करत ह जदि कउनो मनई रिण लेइ चाहत ह तउ भला पूत ओका मुद्रा उधार दइ देत ह अउर उ उ रिण पइ बियाज नाहीं लेत। भला पूत मोर नेमन क पालन करत ह और मोरे नेमन क मुताबिक चलत ह। उ भला पूत आपन पिता क पापन क कारण मारा नाहीं जाइ। उ भला पूत जिअत रही।
18 पिता लोगन क चोट पहोंचाइ सकत ह अउर चिजियन चुराइ सकत ह। उ आपन लोगन क बीच कबहुँ कछू नीक कारज नाहीं किहस। उ बाप आपन पापन क कारण मरी। किन्तु पूत आपन पिता क पापन बरे दण्डित नाहीं होइ।
19 “तू पूछ सकत ह, ‘बाप क पाप बरे पूत दण्डित काहे नाहीं होइ?’ एकर कारण इ अहइ कि पूत भला करत ह अउर निआव क कार्य करत ह। उ बहोत सावधानी स मोरे नेमन क पालन करत ह। एह बरे उ जिअत रही।
20 जउन मनई पाप करत ह उहइ मनई मारि डावा जात ह। एक पूत आपन पिता क पापन बरे दण्डित नाहीं होइ अउर एक पिता आपन पूत क पापन बरे दण्डित नाहीं होइ। एक भले मनई क भलाई क प्रतिफल दीन्ह जाब्या अउर बुरे मनई क बुराई क दण्ड दीन्ह जाब्या।
21 “इ स्थिति मँ जदि कउनो बुरा मनई आपन जीवन क्रम बदल देत ह तउ उ जिअत रही, मरी नहीं उ मनई आपन किए करमन क फुन करब छोड़ सकत ह। उ बहोत होसियारी स मोर सबहिं नेमन क पालन करब सुरू कइ सकत ह। उ निआउ प्रिय अउर भला होइ सकत ह।
22 परमेस्सर ओकर ओन सबहिं पापन क याद नाहीं राखी जेनका उ किहेस। परमेस्सर सिरिफ ओकर भलाई क याद करी, एह बरे उ मनई जिअत रही।”
23 मोर सुआमी यहोवा कहत ह, “मइँ बुरे लोगन क मरइ देब नाहीं चाहत। मइँ चाहत हउँ कि उ पचे आपन जिन्नगी क बदलइँ, जेहसे उ पचे जिअत रहि सकइँ।
24 “अइसा भी होइ सकत ह, कि भला मनई न रहि जाइ। उ आपन जिन्नगी क बदल सकत ह अउर ओन भयंकर पापन क करब सुरू कइ सकत ह जेनका बुरे लोग बीते जमाने मँ किहे रहेन। का इ मनई जिअत रहब? नाहीं! एह बरे जदि उ भला मनई बदलन ह अउर बुरा बन जात ह तउ परमेस्सर उ मनई क कीन्ह नीक कामन क याद नाहीं राखी। परमेस्सर इहइ याद राखी कि उ मनई ओकरे खिलाफ होइ गवा अउर उ पाप करब सुरू किहस। एह बरे उ मनई आपन पापन क कारण मरी।”
25 परमेस्सर कहेस, “तू लोग कहि सकत ह, ‘परमेस्सर हमार सुआमी निआव स पूर्ण नाहीं अहइ।’ किन्तु इस्राएल क परिवारो, सुना। का इ मोर रास्ता अहइ जउन कि सही नाहीं अहइ? नाहीं! तोहार रास्ता सही नाहीं अहइ।
26 जदि एक भला मनई बदलत ह अउर पापी बनत ह तउ ओका आपन कीन्ह गए बुरे कामन क कारण मरब ही चाही।
27 जदि कउनो मनई बदलत ह अउर भला अउ निआउ क प्रिय होत ह तउ उ आपन जिन्नगी क बचाई। उ जिअत रही।
28 उ मनई लखेस कि उ केतना बुरा रहा अउर मोरे लगे लउटा। उ ओन बुरे पापन्क करब तजि दिहस जउन उ भूतकाल मँ किहे रहा। एह बरे उ जिअत रही। उ मरी नाहीं।”
29 इस्राएल क लोग कहेन, “इ निआउ स पूर्ण नाहीं अहइ। मोर सुआमी यहोवा निआउ स पूर्ण नाहीं अहइ।”परमेस्सर कहेस, “का इ मोर रास्ता अहइ जउन कि सही नाहीं अहइ? नाहीं! तोहार रास्ता सही नाहीं अहइ।
30 एह बरे इस्राएल क परिवार, मइँ हर एक मनई क संग निआउ सिरिफ ओनके ओन क करमन क अनुसार करब जेनका उ मनई करत ह।” एह बरे मोर लगे वापिस आ अउर अपने सब अपराध स पस्चाताप करा अउर ओनका करइ बन्द करा। ओन भयंकर चिजियन क आपन बिनास क कारण बनइ नाहीं द्या।
31 ओन सबहिं भयंकर मूरतियन क लोकाइ द्या जेनका तू पचे बनाया, उ सबइ तोहसे सिरिफ पाप करवावत हीं। आपन हिरदय अउर आतिमा क बदला। इस्राएल क लोगो, तू पचे आपन क काहे मरि जाइ देइ चाहत अहा?
32 मइँ तू पचन्क मारइ नाहीं चाहत हउँ। तू पचे हमारे लगे आवा अउर रहा।” उ सबइ बातन मोर सुआमी यहोवा कहेस।
Ezekiel 19
1 यहोवा मोहसे कहेस, “तू पचन्क इस्राएल क प्रमुखन क बारे मँ इ करूण गीत क गावइ चाही।
2 “‘कइसी सिंहिनी अहइ तोहार पचन्क महतारी? उ सिंहन क बीच एक ठु सिंहिनी रही। उ जवान सिहंन मँ घिरी रहत रही अउर आपन बचवन क लालन-पालन करत रही।
3 उ आपन बच्चन मँ स एक ठु क लालन-पालन किहेस। उ एक ठु जवान सिंह होइ गवा ह। उ आपन भोजन पाउव सीख लिहस ह। उ एक मनई क मारेस अउर खाइ लिहेस।
4 लोगन ओका गरजत सुनेन अउर उ पचे ओका आपन जालि मँ फँसाइ लिहस। उ पचे ओकरे मुँहे मँ नकेल डाएन अउर जवान सिंह क मिस्र लइ गएन।
5 सिंह महतारी क आसा रही कि सिंह बच्चा प्रमुख बनी। किन्तु अब ओकर सारी आसा लुप्त होइ गइन। एह बरे आपन बच्चन मँ स उ एक दूसर क लिहस। ओका उ सिंह होइ क प्रसिच्छण दिहस।
6 उ जवान सिंहन क संग सिकार क निकरा। उ एक ठु बलवान जवान सिंह बना। उ आपन भोजन क धरब सीखेस। उ एक ठु मनई क मारेस अउर ओका खाएस।
7 उ महलन पइ हमला किहस। उ नगरन क बर्बाद किहस। उ देस क हर एक मनई तब भय स अवाक होत रहा। जब उ ओकर गरजत सुनत रहा
8 तब ओकरे चारिहुँ कइँती रहइवाले लोग ओकरे बरे जालि बिछाएन अउर उ पचे ओका आपन जालि मँ फँसाइ लिहन।
9 उ पचे ओह पइ नकेल लगाएन अउर ओका बंद कइ दिहन। उ पचे ओका अपने जालि मँ बंद रखेन। इ तरह ओका उ पचे बाबुल क राजा क लगे लइ गएन। अब, तू पचे इस्राएल क पर्वतन पइ ओकर गरजब सुन नाहीं सकत्या।
10 तोहार पचन्क महतारी एक ठु अंगूरे क बेल जइसी रही, जेका पानी क लगे बोवा गवा रहा। ओकरे पास काफी पानी रहा, एह बरे उ अनेक सवतीसाली बेलन पइदा किहस।
11 तब उ एक बड़की डार पइदा किहस, उ डार टहरइ क छड़ी जइसी रही। उ डार राजा क राजदण्ड जइसी रही। बेल ऊँची, अउर ऊँच होत गइ। एकर ढेर डारन रहिन अउर उ बादरन क छुअइ लाग।
12 किन्तु बेल क जड़ स उखाड़ दीन्ह गवा, अउर ओकर भुइँया पइ बहाइ दीन्ह गवा। गरम पुरवइया हवा चली अउर ओकरे फलन क झुराइ दिहस सवतीसाली डारन टूट गइन, अउर ओनका आगी मँ फेंक दीन्ह गवा।
13 किन्तु उ अंगूरे क बेल अब रेगिस्ताने मँ बोइ गइ अहइ। इ बहोत झुरान अउर पियासी धरती अहइ।
14 बिसाल डारे स आगी फइली। आगी ओकर सारी टहनियन अउर फलन क बारि दिहस। एह बरे कउनो सहारा क सवतीसाली वुबरी नाहीं रही। कउनो राजा क राजदण्ड नाहीं रहा।’ इ मउत क बारे मँ करूण-गीत रहा अउर इ मउत क बारे मँ करूणगीत क रूप मँ गावा गवा रहा।”
Ezekiel 20
1 एक दिन इस्राएल क अग्रजन मँ स कछू मोरे लगे यहोवा क राय पूछइ आएन। इ देस-निकारे क सतवाँ बरिस क पाँचवा महीना क दसवाँ दिन रहा। अग्रज मोरे समन्वा बइठेन।
2 तब यहोवा क बचन मोरे लगे आवा। उ कहेस,
3 “मनई क पूत, इस्राएल क अग्रजन स बात करा। ओनसे कहा, ‘मोर सुआमी यहोवा, इ सबइ बातन बतावत ह: का तू लोग मोर सलाह माँगइ आए रह्या? जदि तू लोग आवा हवा तउ मइँ तू पचन्क इ नाहीं देब। मोर सुआमी यहोवा इ बात कहेस।’
4 हे मनई क पूत! का तू ओन लोगन क निणर्य करब? का तू ओन लोगन क परखब? तोहका ओनका ओन भयंकर पापन क बारे मँ बतावइ चाही जउन ओनकर पुरखन किहे रहेन।
5 तोहका ओनसे जरूर कहइ चाही, ‘मोर सुआमी यहोवा इ कहत ह: जउने दिने मइँ इस्राएल क चुनेउँ, मइँ आपन हाथ याकूब क परिवार क ऊपर उठाएउँ। मइँ आपन आपन क ओन पइ परगट किहेउँ। अउर मइँ मिस्र मँ ओनसे एक ठु प्रतिग्या किहेउँ। मइँ आपन हाथ उठाएउँ अउर कहेउँ: मइँ तोहार परमेस्सर यहोवा अहउँ।
6 उ दिन मइँ तू पचन्क मिस्र स बाहेर लिआवइ के उ देस मँ लाएउँ जेका क वचन दिहे रहेउँ मइँ तू पचन्क देइ चाहत रहेउँ। उ एक सुन्नर देस रहा जउन दुध अउर मधु स भरा रहा। इ सबहिं देसन स जियादा सुन्नर रहा।
7 “मइँ, इस्राएल क परिवार स ओनकर भयंकर देवमूरतियन के लोकावइ बरे कहेउँ। मइँ, ओन मिस्र क गन्दी देवमूरतियन क संग ओनका गन्दा न होइ बरे कहेउँ। मइँ तोहार पचन्क परमेस्सर यहोवा अहउँ।”
8 किन्तु उ सबइ मोरे विरूद्ध होइ गएन अउर उ पचे मोर एक न सुनेन। उ पचे आपन भयंकर देवमूरतियन क नाहीं लोकाएन। उ पचे मिस्र क आपन घिनौनी देवमूरतियन नाहीं छोड़ेस। एह बरे मइँ (परमेस्सर) ओनका मिस्र मँ नस्ट करइ क निर्णय किहेउँ अर्थात मइँ आपन किरोध क पूरी सवती क ओनका अनुभव करवाइ चाहत रहेउँ।
9 किन्तु मइँ ओनका नस्ट नाहीं किहेउँ। मइँ लोगन स जहाँ उ पचे रहत रहेन पहिले ही कहि चुके रहेउँ कि मइँ आपन लोगन क मिस्र स बाहेर लइ जाबउँ। मइँ आपन अच्छे नाउँ क समाप्त नाहीं करइ चाहत, एह बरे मइँ ओन लोगन क समन्वा इस्राएलियन क नस्ट नाहीं किहेउँ।
10 मइँ इस्राएल क परिवार क मिस्र स बाहेर लिआएउँ। मइँ ओनका रेगिस्ताने मँ लइ गएउँ।
11 तब मइँ ओनका आपन नेम दिहेउँ। मइँ ओनका सारे नेम बताएउँ। जदि कउनो मनई ओन नेमन क पालन करी तउ उ जिअब।
12 मइँ ओनका विस्राम क सबहिं बिसेस दिनन क बारे मँ भी बताएउँ। उ सबइ पवित्तर दिन ओनके अउ मोरे बीच बिसेस प्रतीक रहेन। उ सबइ इ संकेत करत रहेन कि मइँ यहोवा हउँ अउर मइँ ओनका आपन बिसेस लोग बनावत हउँ।
13 “‘किन्तु इस्राएल क परिवार रेगिस्ताने मँ मोरे खिलाफ उठ खड़ा भवा। उ पचे मोरे नेमन क अनुसरण नाहीं किहन। उ पचे मोरे नेमन क पालन करइ स इनकार किहन अउर उ सबइ नेम नीक अहइँ। जदि कउनो मनई ओनकर पालन करी तउ उ जिअब। उ पचे मोर विसेस विस्राम क खास दिनन क दूसित किहस माना ओनकर कउनो महत्व न होइ। उ पचे ओन दिनन क अनेकन दाईं दूसित करत रहेन। मइँ रेगिस्ताने मँ ओनका नस्ट करइ क निहचइ किहेउँ अर्थात आपन किरोध क पूरी सवती क अनुभव ओनका करावइ चाहेउँ।
14 किन्तु मइँ ओनका नस्ट नाहीं किहेउँ। दूसर रास्ट्रन मोका इस्राएल क मिस्र स बाहेर लिआवत लखेन। मइँ आपन अच्छे नाउँ क खतम नाहीं करइ चाहत रहेउँ, एह बरे मइँ ओन रास्ट्रन क समन्वा इस्राएल क नस्ट नाहीं किहेउँ।
15 मइँ रेगिस्ताने मँ ओन लोगन क एक अउर वचन दिहेउँ कि मइँ ओनका उ प्रदेस मँ नाहीं लिआउब जेका मइँ ओनका देत रहत हउँ। उ एक सुन्नर भुइँया रहा जहाँ दूध अउर सहद क नदी बहत रहा। इ सबहिं देसन स जियादा सुन्नर रहा।
16 “‘इस्राएल क लोग मोरे नेमन क पालन करइ स इनकार किहन। उ पचे मोरे नेमन क अनुसरण नाहीं किहन। उ पचे मोरे विस्राम क दिनन क अइसे लिहन माना उ पचे महत्व नाहीं रखतेन। उ पचे इ सबइ काम एह बरे किहन कि ओनका हिरदय ओन गन्दी देवमूरतियन क होइ चुका रहा।
17 किन्तु मोका ओन पइ करूणा आइ, एह बरे मइँ ओनका नस्ट नाहीं किहेउँ। मइँ ओनका रेगिस्ताने मँ पूरी तरह नस्ट नाहीं किहेउँ।
18 मइँ रेगिस्तान मँ ओनकर बच्चन स बातन किहेउँ। मइँ ओनसे कहेउँ, “आपन महतारी बाप जइसे न बना। ओनकर गन्दी देवमूरतियन स आपन आप क दूसित न करा। ओनकर नेमन क अनुसरण न करा। ओनकर आदेसन क पालन क करा।
19 “‘मइँ यहोवा हउँ। मइँ तोहार पचन्क परमेस्सर हउँ। मोर नेमन क पालन करा। मोरे आदेसन क माना। उ काम करा जउन मइँ कहउँ।
20 इ प्रदसिर्त करा कि मोर विस्राम क दिन तोहरे बरे महत्वपूर्ण अहइँ। याद राखा कि उ सबइ तोहरे अउर हमरे बीच विसेस प्रतीक अहइँ। मइँ यहोवा अहउँ अउर उ सबइ पवित्तर दिन इ संकेत करत हीं कि मइँ तोहार पचन्क परमेस्सर अहउँ।”
21 “‘किन्तु उ सबइ बच्चन मोरे विरूद्ध होइ गएन। उ पचे मोर नेमन क पालन नाहीं किहन। उ पचे मोर आदेस नाहीं मानेन। उ पचे उ सबइ काम नाहीं किहेन जउन मइँ ओनसे कहेउँ उ सबइ नीक नेम रहेन। जदि कउनो ओनकर पालन करी तउ उ जिअब। उ पचे मोर बिस्राम क बिसेस दिनन क दूसित किहेस माना ओनकर कउनो महत्व न होइ। एह बरे मइँ ओनका रेगिस्तान मँ पूरी तरह नस्ट करइ क निहचइ किहेउँ जेहसे उ पचे मोर किरोध क पूरी सवती क महसूस कइ सकइँ।
22 लेकिन मइँ आपन क रोक लिहेउँ। दूसर रास्ट्रन मोका इस्राएल क मिस्र स बाहेर लिआवत देखेन। इसलिए मइँ इस्राएल क बिनास नाहीं किहेउँ एह बरे दूसर रास्ट्रन क समवन्वा मोर नाउँ अपवित्तर नाहीं होइ।
23 एह बरे मइँ रेगिस्ताने मँ ओनका एक अउर बचन दिहेउँ। मइँ ओनका अलग-अलग रास्ट्रन मँ बिखेरइ अउ दूसर अनेक देसन मँ पठवइ क प्रतिग्या किहेउँ।
24 “‘इस्राएल क लोग मोरे आदेसन क पालन नाहीं किहेन। उ पचे मोरे नेमन क मानइ स इनकार कइ दिहेन। उ पचे मोर विस्राम क दिनन क अइसे लिहन माना उ पचे महत्व न रखत होइ। उ पचे आपन पुरखन क गन्दी देवमूरतियन क पूजेन।
25 एह बरे मइँ ओनका उ सबइ नेम दिहेउँ जउन नीक नाहीं रहेन। मइँ ओनका उ सबइ आदेस दिहेउँ जउन ओनका सजीव नाहीं कइ सकत रहेन।
26 मइँ ओनका आपन भेंटन स अपने आप क गन्दा बनावइ दिहेउँ। उ पचे आपन पहिलउटी क पइदा गदेला तलक क बलि चढ़ाउब सुरू कइ दिहन। इ तरह मइँ ओन लोगन क नस्ट करइ चाहेउँ। तब उ पचे समुझेन कि मइँ यहोवा अहउँ।’
27 एह बरे मनई क पूत, अब इस्राएल क परिवार स कहा। ओनसे कहा ‘मोर सुआमी यहोवा इ सबइ बातन कहत ह: इस्राएल क लोग मोरे खिलाफ बुरी बातन किहन अउर मोरे खिलाफ बुरी जोजनन बनाएन।
28 किन्तु मइँ एकरे होत भए भी, ओनका उ प्रदेस मँ लिआएउँ जेका देइ क बचन मइँ दिहे रहेउँ। उ पचे ओन पहाड़ियन अउर हरिअर बृच्छन क लखेन एह बरे उ पचे ओन सबहिं ठउरन पइ पूजा करइ गएन। उ पचे आपन ओन बलियन क लिहेन जउन मोका किरोधित करत ह अउर ओन सबइ ठउरन पइ चढ़ाएन। उ पचे आपन उ सबइ बलियन चढ़ाएन जउन मधुर गन्धवाली रहिन अउर उ पचे आपन पेय भेंटन ओन ठउरन पइ चढ़ाएन।
29 मइँ इस्राएल क लोगन स पूछेउँ कि उ पचे ओन ऊँच ठउरन पइ काहे जात अहइँ। एह बरे आजु तलक उ ऊँचे स्थान कहलावत हीं।”‘
30 परमेस्सर कहेस, “इस्राएल क लोग ओन सबहिं बुरे कामन क किहन। एह बरे इस्राएल क लोगन स बात करा। ओनसे कहा, ‘मोर सुआमी यहोवा इ कहत ह: तू लोग ओन कामन क कइके अपने क गन्दा बनाइ लिहा ह जेनका तोहार पुरखन किहन। तू पचे एक ठु रण्डी क नाईर् काम किहा ह। तू पचे ओन भयंकर देवतन क संग मोका तजि दिहा ह जेनकर पूजा तोहार पचन्क पुरखन करत रहेन।
31 तू पचे उहइ तरइ क भेंट चढ़ावत अहा। तू पचे आपन बच्चन क आगी मँ लबार देवतन क भेंट क रूप मँ डावत अहा। तू पचे अपने क आजु भी गन्दी देवमूरतियन स गन्दा बनावत अहा। का तू पचे फुरइ सोचत अहा कि मइँ तू पचन्क अपने लगे आवइ देब अउर आपन सलाह माँगइ देब? मइँ यहोवा अउर सुआमी हउँ। मइँ आपन जिन्नगी क किरिया खाइके प्रतिग्या करत हउँ कि मइँ तोहरे पचन्क प्रस्नन क जवाब नाहीं देबउँ अउर तू पचन्क सलाह नाहीं देबउँ।
32 तू पचे कहत ह कि तू पचे दूसर रास्ट्रन क तरह होवइ चाहत ह अउर काठ अउ पाथर क खण्डन क पूजा करत अहा। इ नाहीं होइ चाही।’“
33 मोर सुआमी यहोवा कहत ह, “आपन जिन्नगी क किरिया खाइके मइँ प्रतिग्या करत हउँ कि मइँ तोहरे पचन्क ऊपर राजा क तरह सासन करब। मइँ आपन सवतीसाली भुजन क उठाउब अउर तू पचन्क दण्ड देब। मइँ तोहरे पचन्क बिरूद्ध आपन किरोध परगट करब।
34 मइँ तू पचन्क एन दूसर रास्ट्रन स बाहेर लिआउब। मइँ तू लोगन क ओन रास्ट्रन मँ बिखेरेउँ। किन्तु मइँ तू लोगन क एक संग बटोरब अउर एन रास्ट्रन स वापस लउटाउब। किन्तु मइँ आपन सवतीसाली भुजन उठाउब अउर तू पचन्क दण्ड। मइँ तोहरे पचन्क खिलाफ आपन किरोध परगट करब।
35 मइँ पहिले क तरह तू पचन्क रेगिस्ताने मँ लइ चलब। किन्तु इ उ ठउर होइ जहाँ दूसर रास्ट्र रहत हीं। हम आमने-सामने खड़ा होब अउर मइँ तोहरे पचन्क संग निआउ करब।
36 मइँ तोहरे पचन्क संग वइसा ही निआउ करब जइसा मइँ तोहरे पचन्क पुरखन क संग मिस्र क मरूभूमि मँ किहे रहेउँ।” मोर सुआमी यहोवा इ सबइ बातन कहेस।
37 “मइँ तोहका आपन भेंड़ क नाईं आपन सज़ा क छड़ी क तेल स गुजारउब। मइँ तोहका आपन करार क पालन करइ बरे मज़बूर करब।
38 मइँ ओन सबहिं लोगन क दूर करब जउन मोरे खिलाफ खड़े भएन अउर जउन मोरे खिलाफ पाप किहेन। मइँ ओन लोगन क तोहरे पचन्क जन्मभूमि स दूर करब। उ सबइ इस्राएल देस मँ कबहुँ नाहीं लउटिहीं। तब तू पचे जनब्या कि मइँ यहोवा हउँ।”
39 इस्राएल क परिवार, अब सुना मोर सुआमी यहोवा इ कहत ह, “जदि कउनो मनई मोरे सुनइ क बजाए आपन गन्दी देवमूरतियन क पूजा करइ चाहत ह तउ ओका उहइ करइ द्या। किन्तु तू पचे प्रतिस्ठा क भविस्स मँँ आपन गन्दी देवमूरतियन क भेंट देब जारी रखइ क अउर जियादा नास नाहीं कइ सकब्या।”
40 मोर सुआमी यहोवा कहत ह, “लोगन क मोर सेवा बरे मोर पवित्तर पर्वत इस्राएल क ऊँच पर्वत पइ आवइ चाही। इस्राएल क सारा परिवार आपन भुइँया पइ होइ उ पचे हुवाँ अपने देस मँ होइहीं। इ उ जगह अहइ जहाँ तू पचे आइ सकत ह अउर तू पचन्क उ ठउरे पइ मोका आपन भेंट चढ़ावइ आउब चाही। तू पचन्क आपन फसल क पहिला भाग हुवाँ उ ठउरे पइ लिआवइ चाही। तू पचन्क आपन सबहिं पवित्तर भेंटन हुवँइ लिआवइ चाही।
41 तब तोहार पचन्क मधुर गन्ध स मइँ खुस होबउँ। इ सबइ होइ जब मइँ तू पचन्क वापस लिआउब। मइँ तू पचन्क अलग अलग रास्ट्रन मँ बिखेरे रहेउँ। किन्तु मइँ तू पचन्क एक संग बटोरब अउर तू पचन्क फुन स आपन बिसेस लोग बनाउब।
42 तब तू पचे समुझब्या कि मइँ यहोवा अहउँ। तू पचे इ तब जनब्या जब मइँ तू पचन्क इस्राएल देस मँ वापस लिआउब। इ उहइ देस अहइ जेका मइँ तोहरे पचन्क पुरखन क देइ क बचन दिहे रहेउँ।
43 तउ तू ओन सबइ बुरे करमन क याद रखब्या जेनका तू किहस ह अउर जउन तोहका दूसित कइ दिह ह। अउर तू आपन आप स ही घिना करब ओन सबइ बुरे करम जेनका तू किहस ह।
44 इस्राएल क परिवार! तू पचे बहोत बुरे काम किहा अउर तू पचे लोगन्क बुरे कामन क कारण नस्ट कइ दीन्ह जाइ चाही। किन्तु आपन नाउँ क रच्छा क बरे मइँ उ दण्ड तू लोगन क नाहीं देबउँ जेकर पात्र तू लोग अहा। तब तू पचे जनब्या कि मइँ यहोवा अहउँ। मोर सुआमी यहोवा इ सबइ बातन कहेस।
45 तब यहोवा क बचन मोका मिला। उ कहेस,
46 “मनई क पूत, दक्खिन कइँती लखा। नेगव-वन क विरूद्ध कछू कहा।
47 नेगव-वन स कहा, ‘यहोवा क संदेस क सुना। मोर सुआमी यहोवा इ सबइ बातन कहेस: धियान द्या, मइँ तू पचन्क वन मँ आगी लगावइ वाला अहउँ। आगी हर एक हरिअर बृच्छ अउ हर एक झुरान बृच्छ क नस्ट करी। जउन लपटा जरिहीं ओनका बुझावा नाहीं जाइ सकी। दविखन स उत्तर तलक सारा देस आगी स जराइ दीन्ह जाइ।
48 तब लोग जनिहीं कि मइँ अर्थात यहोवा आगी लगाएउँ ह। आगी बुझाई नाहीं जाइ सकी।’“
49 तब मइँ (यहेजकेल) कहेउँ, “हे मोर सुआमी यहोवा। जदि मइँ एन बातन क कहत हउँ तउ लोग कहिहीं कि मइँ ओनका सिरिफ कहानियन सुनावत हउँ। उ पचे नाहीं सोचिहीं कि इ फुरइ घटित होइ।”
Ezekiel 21
1 एह बरे यहोवा क बचन मोका फुन मिला। उ कहेस,
2 “मनई क पूत, यरूसलेम कइँती लखा अउर ओकरे पवित्तर ठउरन क खिलाफ कछू कहा। मोरे बरे इस्राएल देस क बिरूद्ध कछू कहा।
3 इस्राएल देस स कहा, ‘यहोवा इ सबइ बातन कहेस ह: मइँ तू पचन्क खिलाफ हउँ। मइँ आपन तरवार मियान स बाहेर निकारब। मइँ सबहिं लोगन क तोहसे दूर करब, नीक अउ बुरे दुइनउँ क।
4 मइँ नीक अउ बुरे दुइनउँ प्रकार क मनइयन क तू पचन्स अलग करब। मइँ आपन तरवार मियान स निकारब अउर दविखन स उत्तर तलक क सबहिं लोगन क बिरूद्ध ओकर उपयोग करब।
5 तब सबहिं लोग जनिहीं कि मइँ यहोवा हउँ अउर उ पचे जान जइहीं कि मइँ आपन तरवार मियान स निकारि लिहेउँ ह। मेर तरवार मियान मँ फुन स नाहीं लउटी।’“
6 परमेस्सर मोहसे कहेस, “मनई क पूत, टूट हिरदइवाले मनई क तरह सिसका। लोगन क समन्वा कराहा।
7 तब उ पचे तोहसे पूछिहीं, ‘तू काहे कराहत अहा?’ तब तोहका कहइ चाही, ‘काहेकि कछू कस्टदायक खबर मिलइवाली अहइ, एह बरे हर एक हिरदय भय स पिघल जाइ। सबहिं हाथ कमजोर होइ जइहीं।’ हर एक अन्तात्मा कमजोर होइ जाइ। हर एक घुटना पानी जइसे होइ जइहीं। धियान द्या, उ बुरी खबर आवति बाटइ। इ सबइ घटनन घटित होइहीं।” मोर सुआमी यहोवा इ सबइ बातन कहेस।”
8 परमेस्सर क बचन मोका मिला। उ कहेस,
9 “मनई क पूत, मोरे बरे लोगन स बातन करा। इ सबइ बातन कहा, ‘मोर सुआमी यहोवा इ कहत ह:“‘धियान द्या, एक तरवार, एक तेज तरवार अहइ, अउर तरवार चमकाई गइ अहइ।
10 तरवार क जान लेइ क बरे तेज कीन्ह गवा रहा। बिजुरी क समान चकाचौंध करइ बरे एका चमकइ गवा रहा। या का हम लोग आपन पूत क राजदण्ड पइ खुसी बनाउब? उ तरवार काठे क बना भवा हरेक हथयार स जियादा मज़बूत अहइ।
11 एह बरे तरवार क झलकावा गवा अहइ। अब इ प्रयोग कीन्ह जाइ सकी। तरवार तेज कीन्ह गइ अउर झलकाइ गइ रही। अब इ मानइवाले क हाथन मँ दीन्ह जाइ सकी।
12 “‘मनई क पूत, चिचिआइ अउर नरियाअ। काहेकि तरवार क उपयोग मोरे लोगन अउर इस्राएल क सबहिं सासकन क खिलाफ होइ। उ सबइ सासक जुद्ध चाहत रहेन, एह बरे उ पचे हमरे लोगन क संग तब होइहीं जब तरवार आइ। एह बरे आपन जाँघन क पीटा अउर आपन दुःख परगट करइ बरे सोर मचावा।
13 काहेकि परीच्छा आवत अहइ। तू काठे क छड़ी स दण्डित होइ स इन्कार किहा का उ ओका आवइ स रोकब?’“ मोर सुआमी यहोवा इ सबइ बातन कहेस।
14 परमेस्सर कहेस, “मनई क पूत, तालियन बजावा अउर मोरे बरे लोगन स इ सबइ बातन करा:“दुइ दाईर् तरवार क वार करइ द्या, हाँ तीन दाईर्। इ तरवार लोगन क मारइ बरे अहइ। इ तरवार अहइ, बड़के नर-संहार बरे। इ तरवार लोगन क धार पइ राखी।
15 ओनकर हिरदय भय स टेघर जइहीं अउर बहोत स लोग गिरिहीं। बहोत स लोग आपन नगर-दुआर पइ मरिहीं। हाँ, तरवार बिजरी क तरह चमकी। इ लोगन क मारइ बरे झलकराइ गइ अहइ।
16 तरवार, धारदार बना। तरवार दाहिन काटा, सोझे समन्वा काटा, बाएँ कइँती काटा, जा हर एक ठउरे मँ जहाँ तोहार धार, जाइ बरे चुनी गइ।
17 तब मइँ ताली बजाउब अउर आपन किरोध परगट करब बन्द कइ देब। मइँ यहोवा कहि चुका हउँ।’“
18 यहोवा क वचन मोका मिला। उ कहेस,
19 “मनई क पूत, दुइ सड़कन क नवसा बनावा। जेनमाँ स बाबुल क राजा क तरवार इस्राएल आवइ बरे एक क चुन सकइ। दुइनउँ सड़किया उहइ बाबुल देस स निकरिहीं। तब नगर क पहोंचावइवाली सड़क क सिरे पइ एक चीन्हा बनावा।
20 चीन्हा क उपयोग इ देखावइ बरे करा कि कउन स सड़क क उपयोग तरवार करी। एक सड़क अम्मोनी नगर रब्बा क पहोंचावत ह। दूसर सड़क यहूदा, सुरच्छित नगर, यरूसलेम क पहोंचावत ह।
21 इ स्पस्ट करत ह कि बाबुल क राजा उ सड़क क जोजना बनावत अहइ जेहसे उ छेत्र पइ हमला करइ। बाबुल क राजा उ बिन्दु पइ आइ चुका अहइ जहाँ दुइनउँ सड़कन अलग होत हीं। बाबुल क राजा जादू क संकेतन क उपयोग भविस्स क जानइ बरे किहेस ह। उ कछू बाण हिलाएस, उ परिवारे क देवमूरतियन स सवाल पूछेस, उ गुर्दे क लखेस जउन उ जनावरे क रहा जेका उ मारे रहा।
22 “संकेत ओका बतावत हीं कि उ उ दाईर् सड़क क धरइ जउन यरूसलेम पहोंचावत ह। उ अपने संग बिध्वंसक लट्ठन क लिआवइ क जोजना बनाएस ह। उ आदेस देइ अउर ओकर फउजी जान स मारब सुरू करिहीं। उ पचे जुद्ध-घोस करिहीं। तब उ पचे एक माटी क देवार सहर क चारिहुँ ओर बनइहीं। उ पचे एक माटी क सड़क देवार तलक पहोंचावइ वाली बनइहीं। उ सबइ नगर पइ हमला बरे लकड़ी का मीनार बनइहीं।
23 उ सबइ जादुई क चीन्हा इस्राएल क लोगन बरे कउनो अरथ नाहीं रखतेन। उ सबइ ओन बचनन क पालन करत हीं जउन उ पचे दिहेन ह। किन्तु यहोवा ओनकर पाप याद राखी। तब इस्राएली लोग बन्दी बनावा जइहीं।”
24 मोर सुआमी यहोवा इ कहत ह, “तू पचे बहोत स बुरे काम किहा ह। तोहार पचन्क पाप पूरी तरह स्पस्ट अहइँ। तू पचे मोका इ याद रखइ क मजबूर किहा कि तू पचे दोखी अहा। एह बरे दुस्मन तू पचन्क आपन हाथन मँ कइ लेइ
25 हे इस्राएल क बुरे लोगो, तू पचे मारा जाब्या। तोहरे पचन्क दण्ड क समइ आइ पहोंचा अहइ।” अब अन्त निअरे अहइ।”
26 मोर सुआमी यहोवा इ संदेस देत अहइ, “पगड़ी उतारा। मउर उतारा। परिवर्तन क समइ आइ पहोंचा अहइ। महत्वपूर्ण प्रमुख खाले लिआवा जइहीं अउर जउन लोग महत्वपूर्ण नाहीं अहइँ, उ सबइ महत्वपूर्ण बनिहीं।
27 मइँ उ नगर क पूरी तरह नस्ट करब। किन्तु इ तब तलक नाहीं होइ जब तलक उपयुवत मनई नवा राजा नाहीं होत। तब मइँ ओका नगर पइ अधिकार करइ देब।”
28 परमेस्सर कहेस, “मनई क पूत, मोरे बरे लोगन स कहा। उ सबइ बातन कहा, ‘मोर सुआमी यहोवा इ सबइ बातन अम्मोन क लोगन अउर ओनकर लज्जाजनक देवता स कहत ह:“‘धियान द्या एक तरवार एक ठु तरवार आपन मियान स बाहेर अहइ। तरवार झलकाइ गइ अहइ। तरवार मारइ बरे तइयार अहइ। बिजुली क तरह चमकइ बरे एका झलकावा गवा रहा।
29 तोहार दर्सन बियर्थ अहइँ। तोहार जादू तोहार मदद नाहीं करिहीं। इ सिरिफ झूठ क गुच्छा अहइ। अब तरवार पापियन क गर्दन पइ अहइ। उ पचे हाली ही मुर्दा होइ जइहीं। ओनकर अन्त समइ आइ पहोंचा अहइ। ओनकर पाप क समाप्ति क समइ आइ गवा अहइ।
30 “अब तू तरवार क मियान मँ वापस राखा। बाबेल, मइँ तोहरे संग निआउ, तू जहाँ बना हवा उहइ ठउरे पइ करब अर्थात उहइ देस मँ जहाँ तू पइदा भवा ह।
31 मइँ तोहरे खिलाफ आपन किरोध क बर्खा करब। मोर किरोध तू पचन्क तपत हवा क तरह जराइ। मइँ तू पचन्क त्रूर मनइयन क हाथन मँ देब। उ सबइ मनई मनइयन क मार डावइ मँ वुसल अहइँ।
32 तू पचे आगी बरे ईधंन बनब्या। तोहार पचन्क खून भुइँया मँ गहिर बहि जाइ अर्थात लोग तू पचन्क फुन याद नाहीं करिहीं। मइँ अर्थात यहोवा इ कहि दिहेउँ ह।”‘
Ezekiel 22
1 यहोवा क वचन मोका मिला। उ कहेस,
2 “मनई क पूत, का तू निआउ करब्या? का तू हलिसारन क नगर का संग निआउ करब्या? का तू ओहसे ओन सब भयंकर बातन क बारे मँ कहब्या जउन उ किहेस ह
3 तू पचन्क कहइ चाही, ‘मोर सुआमी यहोवा इ कहत ह: नगर हत्तियारन स भरा अहइ। एह बरे ओकरे बरे दण्ड क समइ आइ। उ अपने बरे गन्दी देवमूरतियन क बनाएस अउर एन देवमूरतियन ओका असुद्ध बनाएन।
4 “‘हे यरूसलेम क लोगो, तू पचे बहोत लोगन क मार डाया। तू पचे गन्दी देवमूरतियन बनाया। तू पचे दोखी अहा अउर तू पचन्क दण्ड देइ क समइ आइ गवा अहइ। तोहार पचन्क अन्त आइ गवा अहइ। दूसर रास्ट्र तोहार मजाक उड़इहीं। उ सबइ देस तोह पइ हँसिहीं।
5 दूर अउर निअरे क लोग तोहार पचन्क मजाक उड़इहीं। तू आपन नाउँ बदनाम किहा ह। तू हिंसा स भरा भवा अहइ।
6 “‘धियान द्या। यरूसलेम मँ इस्राएल क हर एक सासक अपने क सक्तिसाली बनइ द्या जेहसे उ रक्तपात कइ सकइ।
7 यरूसलेम क लोग आपन महतारी-बाप क सम्मान नाहीं करतेन। उ पचे उ नगर मँ विदेसियन क सतावत हीं। उ पचे अनाथन अउर रांड़ मेहररूअन क उ ठउरे पइ ठगत हीं।
8 तू लोग मोर पवित्तर चिजियन स घिना करत ह। तू पचे मोरे विस्राम क दिनन क अइसे लेत ह माना उ पचे महत्वपूर्ण न होइँ।
9 यरूसलेम क लोग दूसर लोगन क बारे मँ झूठ बोलत हीं। उ पचे ओन भोले लोगन क मार डावइ बरे अइसा करत हीं। लोग पर्वतन पइ लबार देवतन क पूजा करइ जात हीं अउर उ पचे तोहार संग बूरी चिजन क करइ बरे एक संग जोजना बनावत हा।“‘यरूसलेम मँ लोग अनेक यौन-संबन्धी पाप करत हीं।
10 यरूसलेम मँ लोग आपन पिता क पत्नी क संग बिभिचार करत हीं। यरूसलेम मँ लोग मासिक धर्म क समइ मँ भी नारियन स बलात्कार करत हीं।
11 कउनो आपन पड़ोसी क पत्नी के विरूद्ध भी अइसा भयंकर पाप करत ह। कउनो आपन पतोहू क संग तने क सम्बन्ध करत ह अउर ओका अपवित्तर करत ह अउर कउनो आपन पिता क बिटिया अर्थात आपन बहिन क संग तने क सम्बंध करत ह।
12 “‘यरूसलेम मँ, तू लोग, लोगन क मार डावइ क बरे धन लेत ह। तू लोग रिण देत ह अउर ओह रिण पइ बियाज लेत ह। तू लोग तनिक धन क पावइ बरे आपन पड़ोसी क ठगत ह अउर तू लोग मोका बिसर गया ह।’“ मोर सुआमी यहोवा इ सबइ बातन कहेस।
13 परमेस्सर कहेस, ‘अब धियान द्या। मइँ आपन हाथ तोह पइ उठाउब। मइँ तू पचन्क लोगन क धोखा देइ अउर मार डावइ बरे दण्ड देब।
14 का तब भी तू पचे वीर बना रहब्या? का तू पचे पर्याप्त बलवान रहब्या जब मइँ तू पचन्क दण्ड देइ आउब? नाहीं। मइँ यहोवा हउँ। मइँ इ कहि दिहे हउँ अउर मइँ उ करब जउन मइँ करइ क कहेउँ ह।
15 मइँ तू पचन्क रास्ट्रन मँ बिखेर देब। मइँ तू पचन्क बहोत स देसन मँ जाइ क मजबूर करब। मइँ नगर क गन्दी चिजियन क पूरी तरह नस्ट करब।
16 किन्तु यरूसलेम तू आपन क दूसित अउर दूसर रास्ट्रन एन घटनन क होत लखिहीं। तब तू जनब्या मइँ यहोवा अहउँ।”‘
17 यहोवा क बचन मोह तलक आवा। उ कहेस,
18 “मनई क पूत, काँसा, लोहा, सीसा अउ टीन, चाँदी क तुलना मँ बेकार अहइ। कारीगर चाँदी क सुद्ध करइ बरे आगी मँ डावत ह। चाँदी गल जात ह अउर कारीगर एका कचरा स अलग करत ह। इस्राएल रास्ट्र उ बेकार कचरे क तरह होइ गवा ह।
19 एह बरे यहोवा तथा सुआमी इ कहत ह, ‘तू सबहिं लोग बेकार कचरे क तरह होइ गवा अहा। एह बरे मइँ तू पचन्क इस्राएल मँ बटोरब।
20 कारीगर चाँदी, काँसा, लोहा, सीसा अउर टीन क आगी मँ डावत हीं। उ सबइ आगी क जियादा गरम करइ बरे फुँकत हीं। तब धातुअन क गलब सुरू होइ जात ह। इहइ तरह मइँ तू पचन्क आपन आगी मँ डाउब अउर तू पचन्क टेघराउब। उ आगी मोर गरम किरोध अहइ।
21 मइँ तू पचन्क उ आगी मँ डाउब अउर मइँ आपन किरोध क आगी क फूँकन मारब अउर तोहार पचन्क टेघरब सुरू होइ जाइ।
22 चाँदी आगी मँ टेघरत ह अउर कारीगर चाँदी क ढालत हीं तथा बचावत हीं। इहइ तरह तू पचे नगर मँ टेघरब्या। तब तू पचे जनब्या कि मइँ यहोवा हउँ अउर तू पचे समुझब्या कि मइँ तोहरे पचन्क खिलाफ किरोध क उड़ेरेउँ ह।”‘
23 यहोवा क बचन मोका मिला। उ कहेस,
24 “मनई क पूत, इस्राएल स बातन करा। ओहसे कहा कि उ पचन्क एक भुइँया अहइ जेका सुद्ध नाहीं कीन्ह गवा अहइ। मइँ उ देस पइ कोहान हउँ एह बरे उ देस आपन बर्खा नाहीं पाएस ह।
25 यरूसलेम मँ नबी बुरे जोजना बनावत अहइँ। उ पचे उ सिंह क तरह अहइँ जउन उ समइ गजरत ह जब उ आपन धरे भए जनावर क खात ह। ओन नबियन बहोत स जीवन नस्ट किहेन ह। उ पचे अनेक कीमती चिजियन लिहेन ह। उ पचे यरूसलेम मँ अनेक मेहररूअन क राँड़ बनाएन।
26 “याजकन फुरइ मोरे उपदेसन क नोस्कान पहोंचाएन ह। उ पचे मोर पवित्तर चिजियन क दूसित किहेन। उ पचे पवित्तर चिजियन अउ पवित्तर चिजियन मँ भेद नाहीं करत हीं। उ पचे लोगन क सुद्ध अउर असुद्ध चिजियन क बीच क भेद क बारे मँ सिच्छा नाहीं देतेन। उ पचे मोर पवित्तर विस्राम क दिननन पइ धियान नाहीं देत ह। एह बरे मइँ ओन लोगन क जरिये दूसित कीन्ह गवा हउँ।
27 “यरूसलेम मँ प्रमुख ओन भेड़ियन क समान अहइँ जउन आपन धरे जनावर क खात अहइ। उ पचे प्रमुख केवल आपन क धनवान बनावइ बरे आक्रमण करत हीं अउर लोगन क मारि डावत हीं।
28 “नवी, लोगन क चितउनी नाहीं देतेन, उ पचे फुरइ क ढाँक देत हीं। उ पचे ओन कारीगरन क समान अहइँ जउन दीवार क ठीक-ठीक मजबूत नाहीं बतउतेन उ पचे केवल छेदन पइ लेप कइ देत हीं। ओनकर धियान सिरिफ झूठ पइ होत ह। उ पचे आपन जादू क उपयोग भविस्स जानइ बरे करत हीं, किन्तु उ पचे केवल झूठ बोलत हीं। उ पचे कहत हीं, ‘मोर सुआमी यहोवा इ सबइ बातन कहेस। किन्तु उ पचे सिरिफ झूठ बोलत अहइँ-यहोवा ओनसे बातन नाहीं किहेस।’
29 “सामान्य जनता एक दूसर क लाभ उठावत हीं। उ पचे एक दूसर क धोखा देत अउर चोरी करत हीं। उ पचे गरीब अउर असहाय मनई क संग अइसा बेउहार करत हीं। उ पचे बिदेसियन क भी धोखा देत रहेन, माना ओनके खिलाफ कउनो नेम न होइ।
30 “मइँ लोगन स कहेउँ कि तू लोग आपन जिन्नगी बदला अउर आपन देसन क रच्छा करा। मइँ लोगन क देवारन क मजबूत करइ बरे कहेउँ। मइँ चाहत रहेउँ कि उ पचे देवारन क छेदन पइ खड़ा रहइँ अउर आपन नगर क रच्छा करइँ। किन्तु कउनो मनई मदद बरे नाहीं आवा।
31 एह बरे मइँ आपन किरोध परगट करब, मइँ ओनका पूरी तरह नस्ट करब। मइँ ओनका ओन बुरे कामन बरे दण्डित करब जेनका उ पचे किहेन ह। इ सबइ ओनकर दोख अहइ।” मोर सुआमी यहोवा इ सबइ बातन कहेस।
Ezekiel 23
1 यहोवा क बचन मोका मिला। उ कहेस,
2 “मनई क पूत, सोमरोन अउर यरूसलेम क बारे मँ इ कहानी क सुना। दुइ बहिन रहिन। उ पचे एक ही महतारी क बिटियन रहिन।
3 उ पचे मिस्र मँ तब रण्डियन होइ गइन जब छोटी लड़कियन ही रहिन। मिस्र मँ उ पचे पहिले पिरेम किहन अउर लोगन क आपन चुचुक अउर आपन नवोदित स्तनन क धरइ दिहन।
4 बड़की बिटिया ओहोला नाउँ क रही अउर ओकरी बहिन क नाउँ ओहोलीबा रहा। उ पचे मोर होइ र गइन अउर ओनके बेटवा बिटियन पइदा भइन (ओहोला असल मँ सोमरोन अहइ अउर ओहोलीबा असल मँ यरूसलेम अहइ।)
5 “तब ओहोला मोर बरे पतिव्रता नाहीं रहि गइ। उ एक रण्डी क तरह रहइ लाग। उ आपन पिरेमियन क चाह राखइ लाग। उ अस्सूर क फउजियन क ओनकर
6 नीली वदिर्यन मँ लखेस। उ पचे सबहिं मन चाहे नव जवान घुड़सवार रहेन। उ पचे प्रमुख अउर अधिकारी रहेन
7 अउर ओहोला आपन क ओन सबहिं लोगन क रण्डी क रूप मँ अपिर्त किहस। उ पचे सबहिं अस्सूर क सेना मँ चुना भवा विसिस्ट सिपाही रहेन अउर उ ओन सबहिं क मोहित कइ लिहेस। उ ओनकर गन्दी देवमूरतियन क संग असुद्ध होइ गइन।
8 एकरे अलावा उ मिस्र स आपन पिरेम-ब्यापार क भी बन्द नाहीं किहस। मिस्र ओहसे तब पिरेम किहेस जब उ किसोरी रही। मिस्र पहिला पिरेमी रहा जउन ओकर नवजात स्तनन क छुएस। मिस्र ओह पइ आपन झूठ पिरेम क बर्खा किहेस।
9 एह बरे मइँ ओकर पिरेमियन क ओका भोगइ दिहेउँ। उ अस्सूर क चाहत रही, एह बरे मइँ ओका ओनका दइ दिहेउँ।
10 उ पचे ओकरे संग बलात्कार किहेस। उ पचे ओकरे बच्चन क लिहेस अउर उ पचे तरवार चलाएन अउर ओका मार डाएन। उ पचे ओका दण्ड दिहेन अउर मेहररूअन अब तलक ओकर बातन करत हीं।
11 “ओकर छोटकी बहिन ओहोलीबा एन सबहिं घटनन क घटित होत लखेन। किन्तु ओहोलीबा आपन बहिन स भी जियादा पाप किहेस। उ आपन बहिन ओहोला क तुलना मँ जियादा बिभिचारी किहा।
12 इ अस्सूर क प्रमुखन अउर अधिकारियन क चाहत रही। उ नीली वदीर् मँ घोड़ा पइ सवार ओन फउजिन क चाहत रही। उ पचे सबहिं चाहइ जोग्य जुवक रहेन।
13 मइँ लखेउँ कि उ पचे दुइनउँ मेहररूअन एक ही गलती स आपन जिन्नगी नस्ट करइ जात रहिन।
14 “ओहोलीबा अपने बिभिचारी क जारी राखेस। उ बाबुल क देवारन पइ खुदा भवा मनइयन क तस्बीरन क लखेस। उ सबइ तस्बीरन कसदी लोगन क तस्बीरन ओनकर लाल पोसाकन मँ रहिन।
15 उ पचे करिहाउँ मँ पेटियन बाँध राखे रहिन अउर ओनके मूँड़ि पइ लम्बी पगड़ियन रहिन। उ पचे सबहिं रथ का अधिकारियन का तरह देखात रहेन। उ पचे सबहिं बाबुल क जन्मभूमि मँ उत्पन्न पुरूस मालूम होत रहेन।
16 ओहोलीबा ओनका चाहेस। उ ओनका आमन्त्रित करइ बरे दूत पठएस।
17 एह बरे उ पचे बाबुल क लोग ओकर पिरेम-सय्या पइ ओकरे संग तने क सम्बन्ध करइ आएन। उ पचे ओकर उपयोग किहन अउर ओका एतना गन्दा कइ दिहन कि उ ओनसे घिना करइ लाग।
18 “ओहोलीबा भी बार-बार आपन नंगा सरीर क एक बिभिचारियन क नाईं अपिर्त किहेस। उ बहोत सारे मनइयन क आपन नंगा सरीर स आनन्द लेइ दिहेस कि मोका ओहसे वइसा ही घिना होइ गवा जइसा ओकरे बहिन स होइ ग रही।
19 उ बार-बार आपन बिभिचारी क बढ़ाएस। अउर तब उ आपन पिरेम-ब्यापार क याद किहस जउन उ युवा अवस्था मँ मिस्र मँ किहे रहा।
20 उ आपन पिरेमियन पइ मोहित भएस जेनका लिंग गदन क लिंग क नाईं रहेन, अउर जेनका वीर्य क प्रवाह घोड़न क वीर्य क प्रवाह क नाईं रहेन।
21 “ओहोलीबा, तू आपन ओन दिनन क याद किहा जब तू जुवती रहिउ, जब तोहार पिरेमी तोहार चूचुक क छुअत रहेन अउर तोहार नव जात स्तनन क धरत रहेन।
22 एह बरे ओहोलीबा, मोर सुआमी यहोवा इ कहत ह: ‘तू आपन पिरेमियन स घिना करइ लागिउ। किन्तु मइँ तोहार पिरेमियन क हिआँ लिआउब। उ पचे तोहका घेर लेइहीं।
23 मइँ ओन सबहिं लोगन क बाबुल स, खासकर कसदी लोगन क लिआउब। मइँ पकोद, सो अउर कोआ स लोगन क लिआउब अउर मइँ ओन सबहिं लोगन क अस्सूर स लिआउब। इ तरह मइँ सबहिं प्रमुखन अउ अधिकारियन क लिआउब। उ पचे सबहिं चाहइ जोग्ग, रथपति खास जोग्यता बरे चुने घुड़सवार रहेन।
24 ओन लोगन क भीड़ तोहरे लगे आइ। उ पचे आपन घोड़न पइ सवार अउर आपन रथन पइ अइहीं। लोग बड़की तादाद मँ होइहीं। ओनके लगे ओनकर भालन, ओनकर ढालन अउर ओनके मूँड़े क सुरच्छा कबच होइहीं। उ पचे तोहरे चारिहुँ कइँती बटुरिहीं। मइँ ओनका बताउब कि तू मोरे संग का किहा अउर उ पचे आपन तरह स तोहका पचन्क सजा देइहीं।
25 मइँ तू पचन्क देखाउब कि मइँ केतना ईर्सालु अहउँ। उ पचे बहोत कोहान होइहीं अउर तू पचन्क चोट पहोंचइहीं। उ पचे तोहार पचन्क नाक अउर तोहार पचन्क कान लेइहीं। उ पचे तरवार चलइहीं अउर तू पचन्क मार डइहीं। तब उ पचे तोहरे पचन्क बच्चन क लइ जइहीं अउर तोहार पचन्क जउन कछू बचा होइ ओका बार देइहीं।
26 उ पचे तोहार नीक ओढ़ना गहना लइ लेइहीं
27 अउर मिस्र क साथ भए तोहरे पिरेम बइपार क सपना क मइँ रोक देब। तू फून कबहुँ मिस्र क याद नाहीं करिबिउ।”‘
28 मोर सुआमी यहोवा कहत ह, “मइँ तोहका ओन लोगन क देत अहउँ, जेहसे तू घिन करति अहा। मइँ तोहका ओन लोगन क देत अहउँ जेनसे तू घिना करइ लागिउ रही
29 अउर उ पचे देखइहीं कि उ पचे तोहसे केतनी घिना करत हीं। उ पचे तोहार हर एक चीज लइ लेइहीं जउन तू कमाया ह। उ पचे तोहका खाली अउ नंगा छोड़ देइहीं। लोग तोहरे पापन्क स्पस्ट लखिहीं। उ पचे समुझिहीं कि तू एक रण्डी क तरह बेउहार किहन अउर बुरे सपनन लखेन।
30 तू उ बुरे करम तब किहा जब तू मोका ओन दूसर रास्ट्रन क पाछा करइ बरे तजे रह्या। तू ओन बुरे करम तब किहा जब तू ओनकर गन्दी देवमूरतियन क पूजा करब सुरू किहा।
31 तू आपन बहिन क अनुसरण किहा अउर उहइ क तरह रहिउ। एह बरे मइँ ओकर पियाला तोहार हाथ मँ दिहस। एह बरे तू उहइ सज़ा झेलब जउन उ झेलत रहेन।”
32 मोर सुआमी यहोवा इ कहेस,“तू आपन बहिन क बिख क पियाला क पीबिउ। इ बिख क पियाला लम्बा-चौड़ा अहइ। उ पिआले मँ बहोत बिख आवत ह। लोग तोहे पइ हँसिहीं अउ व्यगं करिहीं।
33 तू मदमस्त होइहीं अउर सोक स भरि जाइहीं। इ पियाला बिनास अउ बिध्वंस क अहइ। इ उहइ पिआले क तरह अहइ जेका तोहार बहिन पिएस।
34 तू उहइ पिआले मँ बिख पीबिउ। तू ओकर आखिरी बूँद तलक ओका पीबिउ। तू गिलासे क लोकउबिउ अउर ओकर टूकन कइ डउबिउ। अउर तू पीरा स आपन छाती विदीर्ण करबिउ। इ होइ काहेकि मइँ यहोवा अउ सुआमी हउँ अउर मइँ उ सबइ बातन कहेउँ।
35 “इ तरह, मोर सुआमी यहोवा इ सबइ बातन कहेस, ‘यरूसलेम, तू मोका बिसरि गया। तू मोका दूर लोकाया अउर मोका पाछे छोड़ दिहा। एह बरे तोहका मोका तजइ अउर रण्डी क तरह सजा भोगइ चाही। तोहका आपन दुट्ठ सपनन बरे कस्ट जरूर पावइ चाही।”‘
36 मोर सुआमी यहोवा कहत ह, “मनई क पूत, का तू ओहोला अउर ओहोलीबा क निआउ करब्या? तब ओनका ओन भयंकर बातन क बतावा जउन उ पचे किहेन।
37 उ पचे बिभिचार क पाप किहन ह। उ पचे हत्तिया क अपराधी अहइँ। उ पचे वेस्या क तरह काम किहन, उ पचे आपन गन्दी देवमूरतियन क संग रहइ बरे मोका तजेन। उ पचे मोरे बरे बच्चे पइदा किहेन किन्तु तउ उ पचे ओनका आगी मँ होमबलि क रूप मँ चढ़ाएन। उ पचे आपन देवमूरतियन क भोजन देइ बरे इ किहस।
38 उ पचे मोर बिस्राम क दिनन अउर पवित्तर ठउरन क अइसे लिहन माना उ पचे महत्वपूर्ण न होइँ।
39 उ पचे आपन भयंकर देवमूरतियन बरे आपन बच्चन क बलि चढ़ाएन। अउर तब उ पचे मोरे पवित्तर ठउर पइ गएन अउर ओका भी गन्दा बनाएन। उ पचे इ मोरे मन्दिर क भीतर किहन।
40 “उ पचे बहोत दूर क ठउरन स मनइयन क बोलाएन ह। एन मनइयन क तू एक दूत पठया अउर उ सबइ लोग तोहका लखइ आएन। तू ओनके बरे नहाइउ, आपन आँखिन क सजाइउ अउर आपन गहनन क पहिरिउ।
41 तू सुन्नर बिछउना पइ बइठिउ जेकरे समन्वा मेज धरी रही। तू मोर सुगन्ध अउ मोरे तेल क इ मेजे पइ धरिउ।
42 “यरूसलेम मँ सोर अइसा सुनाइ पड़त रहा माना दावत उड़ावइवाले लोगन क होइ। दावत मँ बहोत लोग आएन। उ पचे रेगिस्तान स बहोत सराबी लोगन क लइ आएन। उ पचे मेहररूअन क बाजूबन्द अउ सुन्नर मुवुट देत रहेन।
43 तब मइँ एक ठु मेहरारू स बातन किहेउँ, जउन बिभिचार स ढीली होइ ग रही। मइँ ओहसे कहेउँ, ‘का उ पचे ओकरे संग बिभिचार करत रहि सकत हीं, अउर उ ओनके संग करत रहि सकत ह’
44 किन्तु उ पचे ओकरे लगे वइसे ही जात रहेन जइसे उ पचे कउनो रण्डी क लगे जात रहे होइँ। हाँ, उ पचे ओन दुट्ठ मेहररूअन ओहोला अउर ओहोलीबा क लगे बार-बार गएन।
45 “किन्तु अच्छे लोग ओनकर निआउ अपराधी क रूप मँ करिहीं। उ पचे ओन मेहररूअन क निआउ बिभिचार करइवालिन अउ हत्तियारिन क रूप मँ करिहीं। काहेकि ओहोला अउ ओहोलीबा बिभिचार क काम किहेस ह अउर उ रवत स ओनकर हाथ अबहुँ भी रंगे अहइँ जेनका उ पचे मार डाए रहेन।”
46 मोर सुआमी यहोवा इ सबइ बातन कहेस, “लोगन क संग बटोरा। तब ओन लोगन क ओहोला अउर ओहोलीवा क दण्ड देइ द्या। लोगन क इ समूह ओन दुइनउँ मेहररूअन क दण्डित करी तथा एनकर मजाक उड़ाइ।
47 तब उ समूह ओनका पाथर मारी अउर ओनका मारि डाइ। तब उ समूह आपन तरवारन स मेहररूअन क टूकन करी। उ सबइ मेहररूअन क बच्चन क मार डइहीं अउर ओनकर घर बारि डइहीं।
48 इ तरह मइँ देस क लज्जा क धोउब अउर सबहिं मेहररूअन क चितउनी दीन्ह जाइ कि उ पचे उ लज्जाजनक करम न करइँ जउन तू किहा ह।
49 उ पचे तोहका ओन दुट्ठ कामन बरे दण्डित करिहीं जउन तू पचे किहा अउर तू पचन्क आपन गन्दी देवमूरतियन क पूजा बरे दण्ड मिली। तब तू पचे जनब्या कि मइँ यहोवा अउर सुआमी अहउँ।”
Ezekiel 24
1 मोर सुआमी यहोवा क वचन मोका मिला। इ देस-निकारे क नवें क दसयें महीने क दसवाँ दिन रहा। उ कहेस,
2 “मनई क पूत, आजु क तारीख अउ इ टिप्पणी क लिखा: ‘आजु बाबुल क राजा क फउज यरूसलेम क घेरेस।’
3 इ कहानी उ परिवार स कहा जउन आग्या मानइ स इन्कार करइ। ओनसे इ सबइ बातन कहा। ‘मोर सुआमी यहोवा इ कहत ह:“‘पात्र क आगी पइ राखा, पात्र क रखा अउर ओहमा पानी डावा।
4 ओहमाँ माँस क बोटिन डावा, हर नीक बोटिन क डावा, जाँघन अउ वंधन। पात्र क सवोर्त्तम हड्डियन स भरा।
5 झुण्ड क सबस बढ़िया जनावर क उपयोग करा, पात्र क खाले ईर्धन क ढेर लगावा, अउर माँस क बोटिन क पकावा। शोरबा क तब तलक पकावा जब तलक हड्डियन भी न पक जाइँ।’
6 इ तरह मोर सुआमी यहोवा इ कहत ह: ‘इ यरूसलेम बरे बुरा होइ। इ हत्तियारन स भरे नगर बरे बुरा होइ। यरूसलेम उ पात्र क तरह अहइ जेह पइ जंग क दाग होइँ, अउर उ सबइ दाग दूर न कीन्ह जाइ सकइँ। उ पात्र सुद्ध नाहीं अहइ, एह बरे माँस क हर एक बोटी, पात्र स बाहेर निकाला। उ माँस क खावइ बरे कउनो क जिन द्या। याजकन क उ बेकार माँस मँ स कउनो बोटी जिन चुनइ द्या।
7 यरूसलेम एक जंग लगे पात्र क तरह अहइ, काहेकि हत्तियन क रकत हुवाँ अब तलक अहइ। उ रकत क खुली चट्टानन पइ डाएस ह। उ रकत क भुइँया पइ नाहीं डाएस अउर एका माटी स नाहीं ढाँकेस।
8 मइँ ओनकर रकत क खुली चट्टान पइ डावा। एह बरे उ ढका नाहीं जाइ। मइँ इ कहेउँ, जेहसे लोग क्रोधित होइँ, अउ ओका निरपराध लोगन क हत्तिया क दण्ड देइँ।’
9 यह बरे मोर सुआमी यहोवा इ कहत ह: ‘हत्यारन स भरे इ नगर क बुरा होइ। मइँ आगी बरे बहोत स काहे क ढेर बनाउब
10 पात्र क खाले बहोत सा ईर्धन डावा। आगी बारा। अच्छी तरह माँस क पकावा। मसाला मिलावा अउर हड्डियन क जरि जाइ द्या।
11 तब पात्र क अंगारन पइ खाली छोड़ द्या। एका एतना तय जाइ द्या कि एकर दाग चमकइ लागइँ। सबइ दाग पिघल जाइ। अउर जंग जर जाइहीं।
12 यररूसलेम आपन दागन क धोवइ क कठोर जतन कइ सकत ह। किन्तु उ जंग दूर नाहीं होइ। सिरिफ आगी उ जंग क दूर करी।
13 तू मोरे खिलाफ पाप किहा अउर पाप स कलंकित भइउ। मइँ तोहका नहवाउब चाहेउँ अउर तोहका स्वच्छ करइ चाहेउँ। किन्तु दाग छुटेन नाहीं। मइँ तोहका फुन नहवावइ नाहीं चाहेउँ। जब तलक मोर तपत किरोध तोहरे बरे खतम नाहीं होत।
14 “‘मइँ यहोवा हउँ। मइँ कहेउँ, तोहका सजा मिली, अउर मइँ एका दिआउब। मइँ सजा क रोकब नाहीं। मइँ तोहरे बरे दुःख क अनुभव नाहीं करब। मइँ तोहका ओन बुरे पापन्क क बरे सजा देब जउन तू किहा।” मोर सुआमी यहोवा इ कहेस।
15 तब यहोवा क बचन मोका मिला। उ कहेस,
16 “हे मनई क पूत, तू आपन पत्नी स बहोत पिरेम करत अहा किन्तु मइँ ओका तोहसे दूर करत हउँ। तोहार पत्नी एकाएक मरी। किन्तु तोहका आपन सोक परगट नाहीं करइ चाही। तोहका जोर स नाहीं रोवइ चाही। तोहका रोवइ नाहीं चाही अउर तोहार आँसू गिरि नाहीं चाही।
17 किन्तु तोहका आपन सोक रूदन बहोत धीमा रखइ चाही। आपन मरी मेहरारू बरे जोर स न रोआ। तोहका साधारण रोज क ओढ़ना पहिरइ चाही। आपन पगड़ी अउ आपन जूता पहिरा। आपन सोक क परगट करइ बरे आपन मोंछन जिन ढाँका अउर उ भोजन जिन करा जउन अवसर कउनो क मरे पइ लोग करत हीं।”
18 अगले भिन्सारे मइँ लोगन क बताएउँ कि परमेस्सर का कहेस ह। उहइ साँझ मोर मेहरारू मरी। अगले भिन्सार मइँ उहइ किहेउँ जउन परमेस्सर आदेस दिहे रहा।
19 तबई लोग मोहसे कहेन, “तू इ काम काहे करत अहा? एकर मतलब का अहइ?”
20 मइँ ओनसे कहेउँ, “यहोवा क बचन मोका मिला। उ मोहसे,
21 इस्राएल क परिवार क कहेस। मोर सुआमी यहोवा कहेस, ‘धियान द्या, मइँ आपन पवित्तर ठउर क बर्बाद करब। तू लोगन क ओह पइ गर्व अहइ अउर तू लोग ओकर तारीफ क गीत गावत अहा। तोहका उ ठउरे क लखइ क पिरेम अहइ। तू फुरइ उ ठउरे स पिरेम करत अहा। किन्तु मइँ उ ठउर क नस्ट करब अउर तोहरे पाछे छुटे भए तोहार गदेलन जुद्ध मँ मारा जइहीं।
22 किन्तु तू उहइ करब्या जउन मइँ आपन मरी मेहरारू क बारे मँ किहेउँ ह। तू आपन सोक परगट करइ बरे आपन मोछँन नाहीं ढकब्या। तू उ भोजन नाहीं करब्या जउन लोग अवसर कउनो क मरइ पइ खात हीं।
23 तू आपन पगड़ियन अउर आपन जूतन पहिरब्या। तू आपन सोक नाहीं परगट करब्या। तू रोउब्या नाहीं। किन्तु तू आपन पाप क कारण बर्बाद होत रहब्या। तू चुपचाप आपन आहन एक दूसर क समन्वा भरब्या।
24 एह बरे यहेजकेल एक उदाहरण अहइ। तू उहइ सब करब्या जउन इ किहेस। सजा क इ समइ आइ अउर तब तू जनब्या कि मइँ यहोवा अहउँ।”‘
25 “मनई क पूत, मइँ आपन सरणस्थल यरूसलेम क लोगन स लइ लेब। उ सुन्नर ठउर ओनका आनन्दित करत ह। ओनका उ ठउर लखइ क पिरेम अहइ। उ पचे फुरइ उ ठउर स पिरेम करत हीं। किन्तु उ समइ मइँ नगर अउर ओनकर गदेलन क ओन लोगन स लइ लेब।
26 उहइ समइ बचइवाले लोगन मँ स एक यरूसलेम क बारे मँ बुरा सँदेसा लइके तोहरे लगे आइ।
27 उ समइ तू उ मनई स बातन कइ सकब्या। तू अउर जियादा चुप नाहीं रहि सकब्या। इ तरह तू ओनके बरे उदाहरण बनब्या। तब उ पचे जनिहीं कि मइँ यहोवा हउँ।”
Ezekiel 25
1 यहोवा क बचन मोका मिला। उ कहेस,
2 “मनई क पूत, अम्मोन क लोगन क कइँती लखा अउर मोरे बरे ओनके खिलाफ कछू बोला।
3 अम्मोन क लोगन स कहा, ‘मोर सुआमी यहोवा क कथन सुना। मोर सुआमी यहोवा कहत ह: तू तब खुस रह्या जब मोर पवित्तर ठउर नस्ट भवा रहा। तू लोग तब इस्राएल देस क खिलाफ रह्या जब इ दूसित भवा रहा। तू यहूदा क परिवार क खिलाफ रह्या जब उ सबइ लोग बन्दी बनाइके लइ जावा गएन।
4 एह बरे, मइँ तू पचन्क पूरब क लोगन क देब। उ पचे तोहार सबन्क भुइँया लेइहीं। ओनकर फउजन तोहरे देस मँ आपन डेरा डइहीं। उ पचे तोहरे पचन्क बीच रहिहीं। उ पचे तोहार पचन्क फल खइहीं अउर तोहार पचन्क दूूध पीइहीं।
5 मइँ रब्बा अम्मोन नगर क ऊँटन बरे चिरागाह मँ बदल देब अउर अम्मोन लोगन क देस भड़ियन क चिरागाह क बनाउब। तब तू पचे समुझब्या कि मइँ यहोवा हउँ।
6 यहोवा इ कहत ह: तू पचे खुस रह्या कि यरूसलेम नस्ट भवा। तू पचे तालियन बजाया अउर गोड़न पइ थिरव्या। तू पचे इस्राएल प्रदेस क अपमानित करइवालन क मजाक किहा।
7 एह बरे मइँ तू पचन्क दण्ड देब। तू पचे कइसी कीमती चिजियन क तरह होब्या जेनका फउजी जुद्ध मँ पावत हीं। तू पचे आपन उत्तराधिकार खोइ देब्या। तू पचे दूर देसन मँ मरब्या। मइँ तोहरे पचन्क देस क नस्ट करब। तबइ तू पचे जनब्या कि मइँ यहोवा अहउँ।’“
8 मोर सुआमी यहोवा इ कहत ह: “मोआब अउ सेईर कहत हीं, ‘यहूदा क परिवार ठीक कउनो दूसर रास्ट्र क तरह अहइ।’
9 मइँ मोआब क काँचे पइ प्रहार करब, मइँ एकरे ओन नगरन क लेब जउन एकर सीमा पइ प्रदेस क गौरव बेत्यसीमोत, बालमोन अउर किर्यातैम अहइँ।
10 तब मइँ एन नगरन क पूरब क लोगन क देब। उ पचे तोहार प्रदेस लेइहीं अउर मइँ पूरब क लोगन क अम्मोन क नस्ट करइ देब। तब हर एक मनई बिसरि जाई कि अम्मोन क लोग एक रास्ट्र रहेन।
11 इ तरह मइँ मोआब क दण्ड देब। तब उ पचे जनिहीं कि मइँ यहोवा हउँ।”
12 मोर सुआमी यहोवा इ कहत ह, “एदोम क लोग यहूदा क परिवार क खिलाफ उठ खड़े भएन अउर ओहसे बदला लेइ चाहेन। एदोम क लोग दोखी अहइँ।”
13 एह बरे मोर सुआमी यहोवा कहत ह: “मइँ एदोम क दण्ड देब। मइँ एदोम क लोगन अउ जनावरन क नस्ट करब। मइँ एदोम क पूरे देस क तेमान स ददान तलक नस्ट करब। एदोमी जुद्ध मँ मारा जइहीं।
14 मइँ आपन लोगन, इस्राएल क उपयोग करब अउर एदोम क खिलाफ भी होब। इ तरह इस्राएल क लोग मोरे किरोध क एदोम क लोगन क खिलाफ परगट करिहीं। तब एदोम क लोग समुझिहीं कि मइँ ओनका दण्ड दिहेउँ।” मोर सुआमी यहोवा इ कहेस।
15 मोर सुआमी यहोवा इ कहेस, “पलिस्तिनियन भी बदला लेइ क जतन किहन। उ पचे बहोत वूर रहेन। उ पचे आपन किरोध क अपने भीतर बहोत जियादा समइ तलक जरत रखेन।”
16 एह बरे मोर सुआमी यहोवा कहेस, “मइँ पलिस्तिनियन क दण्ड देब। हाँ, मइँ करेत स ओन लोगन क नस्ट करब। मइँ समुद्र तट पइ रहइवाले ओन लोगन क पूरी तरह नस्ट करब।
17 मइँ ओन लोगन क दण्ड देब, मइँ ओनसे बदला लेब। मइँ आपन किरोध क जरिये ओनका एक पाठ सिखाउब तब उ पचे जनिहीं कि मइँ यहोवा हउँ।”
Ezekiel 26
1 देस-निकारे क गियारहवें बरिस मँ, महीना क पहिला दिन, यहोवा क बचन मोका मिला। उ कहेस,
2 “मनई क पूत, सोर यरूसलेम क खिलाफ बुरी बातन कहेस: ‘आहा! लोगन क रच्छा करइवाला नगर-दुआर नस्ट होइ गवा ह। नगर-दुआर मोरे बरे खुला ह। नगर नस्ट होइ गवा ह, एह बरे मइँ एहसे बहोत स बहुमूल्य चिजियन लइ सकत हउँ।”‘
3 एह बरे मोर सुआमी यहोवा कहत ह: “सोर, मइँ तोहरे खिलाफ हउँ। मइँ तोहरे खिलाफ लड़इ बरे कइउ रास्ट्रन क लिआउब। उ सबइ समुद्र तट क लहरन क तरह बार-बार अइहीं।”
4 परमेस्सर कहेस, “दुस्मन क उ सबइ फउजी सोर क देवारन क नस्ट करिहीं अउर ओनके खम्भन क गिराइ देइहीं। मइँ भी ओकर भुइँया स ऊपर क माटी क खुरच देब। मइँ सोर क चट्टान मात्र बनाइ डाउब।
5 सोर समुद्र क किनारे मछरियन क जालन क फइलावइ क ठउर मात्र रहि जाइ। मइँ इ कहि दिहे हउँ।” मोर सुआमी यहोवा कहत ह, “सोर ओन बहुमूल्य वस्तुअन क तरह होइ जेनका फउजी जुद्ध मँ पावत हीं।
6 मुख्य भूइँया पइ सोर क चारिहुँ कइँती क गाँव जुद्ध मँ तबाह कीन्ह जाइहीं। तब उ पचे जनिहीं कि मइँ यहोवा हउँ।”
7 मोर सुआमी यहोवा इ कहत ह, “मइँ सोर क खिलाफ उत्तर स एक दुस्मन लिआउब। बाबुल क महान राजा नबूकदनेस्सर दुस्मन अहइ। उ एक बिसाल फउज लिआइ। ओहमाँ घोड़न, रथ, घोड़सवार फउजी, अउर बहोत जियादा गिनती मँ दूसर फउजी होइहीं। उ सबइ फउजी विभिन्न रास्ट्रन स होइहीं।
8 नबूकदनेस्सर मूल-प्रदेस मँ तोहार बिटियन (छोटे नगरन) क मारि डाइ। उ तोहरे नगरन पइ हमला करइ बरे मीनारन बनाई। उ तोहरे नगर क चारिहुँ कइँती कच्ची सड़क बनाई। उ एक कच्ची सड़क देवार तलक पहोंचावइ वाली बनाइ।
9 उ तोहार देवारन क तोड़इ बरे लट्ठन लिआइ। उ वुदारियन क उपयोग करी अउर तोहार मीनारन क तोड़ गिराइ।
10 ओकर घोड़न एतनी बड़ी गिनती मँ होइहीं कि ओकर टापन स उठी धूरि तोहका ढक लेइ। तोहार देवारन घोड़सवार फउजियन, बन्द गाड़ियन अउ रथन क आवाज स काँप उठी। जब बाबुल क राजा नगर-दुआर स नगर मँ प्रवेस करी। हाँ, उ पचे तोहरे नगर मँ अइहीं काहेकि एकर देवारन गिराई जइहीं।
11 बाबुल क राजा तोहरे नगर स घोड़ा पइ सवार होइके निकरी। ओकर घोड़न क टाप तोहार सड़कन क वुचरत भइ आइ। उ तोहरे लोगन क तरवार स मारि डाइ। तोहरे नगर क मजबूत खम्भे क कतारन धरासाई होइहीं।
12 नबूकदनेस्सर क फउजी तोहार सम्पत्ति लइ जइहीं। उ पचे ओन चिजियन क लइ जइहीं जेनका तू बेचइ चाहत अहा। उ पचे तोहार देवारन क ध्वस्त करिहीं अउर तोहार सुन्नर भवनन क नस्ट करिहीं। उ पचे तोहार पाथरन अउ लकड़ियन क घरन क वूड़े क तरह समुद्र मँ लोकाइ देइहीं।
13 इ तरह मइँ तोहार आनन्द गीतन क स्वर क बन्द कइ देब। लोग तोहार वीणा क भविस्स मँ नाहीं सुनिहीं।
14 मइँ तोहका नंगी चट्टान मात्र कइ देब। तू समुद्दर क किनारे मछरियन क जालिन क फइलावइ क ठउर रहि जाब्या। तोहार निर्माण फुन नाहीं होइ। काहेकि मइँ यहोवा इ कहेउँ ह।” मोर सुआमी यहोवा उ सबइ बातन कहेस।
15 मोर सुआमी यहोवा सोर स इ कहत ह: “भूमध्य सागर क तट स लगे देस तोहरे पतन क आवाज स काँपि उठिहीं। इ तब होइ जब तोहार लोग चोट खइहीं अउर मारा जइहीं।
16 तब समुद्र तट क देसन क सबहिं प्रमुख आपन सिहांसने स उतरिहीं अउर आपन दुख परगट करिहीं। उ पचे आपन खास पोसाक उतरिहीं। उ पचे आपन सुन्नर वस्त्रन क उतरिहीं। तब उ पचे आपन काँपइ क ओढ़ना पहिरिहीं। उ पचे भुइँया पइ बइठिहीं अउर भय स काँपिहीं। उ पचे एह पइ सोकग्रस्त होइहीं कि तू एतना जल्दी कइसे नस्ट होइ गया।
17 उ पचे तोहरे बारे मँ इ करूण गीत गइहीं:“‘हे सोर, तू मसहूर नगर रह्या समुद्र पार स लोग तोह पइ बसइ आएन। तू मसहूर रह्या, किन्तु अब तू कछू नाहीं अहा। तू सागर पइ सवतीसाली रह्या, अउर वइसे ही तोहमाँ निवास करइवाले मनई रह्या। तू मुख्य भुइँया पइ रहइवाले सबहिं लोगन क भयभीत किहा।
18 अब जउने दिन तोहार पतन होत ह, समुद्र तट स लगे देस भय स काँपित होइहीं। तू समुद्र तट क सहारे कइउ उपनिवेस बनाया, अब उ सबइ लोग भयभीत होइहीं, जब तू नाहीं रहब्या।’“
19 मोर सुआमी यहोवा इ कहत ह, “सोर, मइँ तोहका नस्ट करब अउर तू एक पुराना नगर होइ जाब्या। हुवाँ कउनो नाहीं रही। मइँ समुद्र क तोहरे ऊपर बहाउब। बिसाल समुद्र तोहका ढकि लेइ।
20 मइँ तोहका खाले उ गहिर अधोगर्त मँ पठउब, जउने जगह पइ मरे भए लोग अहइँ। तू ओन लोगन स मिलब्या जउन बहोत पहिले मर चुकेन। मइँ तोहका ओन सबहिं प्राचीन अउर खाली नगरन क तरह पाताल लोक मँ पठउब। तू ओन सबहिं दूसर लोगन क संग होब्या जउन कब्र मँ जात हीं। तोहरे संग तब कउनो नाहीं रही। तू फुन कबहुँ जीवितन क पहँटा मँ नाहीं रहब्या।
21 दूसर लोग ओहसे डेरइहीं जउन तोहरे संग भवा। तू खतम होइ जाब्या। लोग तोहका हेरिहीं, किन्तु तोहका कबहुँ नाहीं पइहीं।” मोर सुआमी यहोवा इहइ कहत ह।
Ezekiel 27
1 यहोवा क बचन मोका फुन मिला। उ कहेस,
2 “मनई क पूत, सोर क बारे मँ इ करूण-गीत गावा।
3 सोर क बारे मँ इ कहा:“‘तू समुद्र क दुआर अहा। तू अनेक रास्ट्रन बरे बियापारी अहा, तू समुद्र तट क सहारे क अनेक देसन क जात्रा करत अहा। मोर सुआमी यहोवा इ कहत ह:“‘हे सोर तू सोचत अहा कि तू एतना जियादा सुन्नर अहा। तू सोचत अहा कि तू पूरी तरह सुन्नर अहा!
4 भूमध्य सागर तोहरे नगर क चारिहुँ ओर चउहद्दी बनावत ह। तोहार निर्माता लोग तोहका पूरी तरह सुन्नर बनाएन।
5 तोहार निर्माता लोग, सनीर पर्वत स सनौवर क पेड़न क उपयोग, तोहरे सबहिं पल्लन क बनावइ बरे किहन। उ पचे लबानोन स देवदार क बृच्छन क उपयोग, तोहरे मस्तूल क बनावइ बरे किहन।
6 उ पचे बासान स ओक बृच्छ क उपयोग तोहरे पतवारन क बनावइ बरे किहन। उ पचे सनौवर स चीड़ बृच्छ क उपयोग, तोहरे जहाज क फर्स क कमरे बरे किहन, अउर उ पचे इ निवास क हाथी-दाँत स सजाएन।
7 तोहरे पाल बरे उ पचे मिस्र मँ बने रंगीन सूती ओढ़ना क उपयोग किहन। पाल तोहार झंडा रहा। कमरे बरे तोहार पर्दा नीले अउ बैंगनी रहेन। उ एलीसा क समुद्र तट स आवत रहेन।
8 सीदोन अउ अर्वद क मनईयन तोहरे बरे तोहरी नावन क खेएन। सोर तोहार बुद्धिमान मनई तोहरे जहाजन क चालक रहेन।
9 गबल क अग्रज प्रमुख अउर बुद्धिमान मनई जहाज क तखतन क बीच कल्किन लगावइ मँ मदद बरे जहाजे पइ रहेन। समुद्र क सारे जहाज अउर ओनकर चालक तोहरे संग बियापार अउर वाणिज्य करइ आवत रहेन।’
10 “फारस, लूद अउर पूत क मनईयन तोहरी फउज मँ रहेन। उ पचे तोहरे जुद्ध क फउजी रहेन। उ पचे आपन ढालन अउ मूँड़े क कवच तोहरी देवारन पइ लटकाए रहेन। उ पचे तोहरे नगर बरे सम्मान अउ जस कमाएन।
11 अर्वद क मनईयन तोहरे नगर क चारिहुँ ओर क देवार पइ रच्छक क रूप मँ खड़े रहेन। गम्मत क मनई तोहार मीनारन मँ रहेन। उ पचे तोहरे नगर क चारिहुँ ओर क देवारन पइ आपन ढालन टाँगेन। उ पचे तोहार सुन्नरता क पूर्ण किहन।
12 “तर्सीस तोहरे सवोर्त्तम ग्राहकन मँ स एक रहा। उ पचे तोहार सबहिं वस्तुअन क बदले सोना, चाँदी, लोहा, टीन अउ सीसा देत रहेन।
13 यावान, तूबल, मेसेक अउ काले सागर क चारिहुँ ओर क छेत्र क लोग तोहरे संग बियापार करत रहेन। उ पचे तोहार बिक्रम चिजियन क बदले गुलाम अउ काँसा देत रहेन।
14 तोगर्मा रास्ट्र क मनईयन घोड़न, जुद्ध घोड़ा अउ खच्चर ओन चिजियन क बदले मँ देत रहेन जेनका तू बेचत रह्या।
15 ददान क मनईयन तोहरे संग बियापार करत रहेन। उ पचन्क तोहार चिजियन क आपन जगहन प बेचत रह्या। लोग तोहका भुगतान करइ बरे हाथी दाँत अउर आबनूस क लकड़ी लिआवत रहेन।
16 एदोम तोहरे संग बियापार करत रहा काहेकि तोहरे लगे बहोत स अच्छी चिजियन रहिन। एदोम क लोग नीलमणि, बैंगनी कपड़ा, बारीक कढ़ाई क काम, बारीक सूती, मूँगा अउर लाल तोहार बिक्रय क चिजियन क बदले देत रहेन।
17 “यहूदा अउर इस्राएल क मनईयन तोहारे संग बियापार किहस। उ पचे तोहार बिक्रय चिजियन क बरे भुगतान मँ गोहूँ, जैतून, अगाती, अंजीर सहद तेल अउर मरहम दिहेस।
18 दमिस्क एक ठु नीक गाहक रहा। उ पचे तोहरे लगे क अद्भूत चिजियन बरे बियापार करत रहेन अउर ओन चिजियन बरे हेलबोन के दाखरस अउर सफेद ऊन देत रहेन।
19 ऊजल स वादान अउर यूनानी लोग तोहार माल खरीदेस। ओन चिजियन क भुगतान मँ लोहा, तैजपात, सुगन्धी अउर गन्ना देत ह।
20 ददान अच्छा बइपार करत रहेन। उ पचे तोहार संग घोड़सवारी बरे जीन (काठी) क ओढ़ना क बइपार करत रहेन।
21 अरब अउर केदार क सबहिं प्रमुख मेमनन, भेड़ी अउर बोकरियन तोहार बिक्रय कीन्ह गइ वस्तुअन देत रहेन।
22 सबा अउ रामा क बइपारी तोहरे संग बइपार करत रहेन। उ पचे सवोर्त्तम मसालन हर तरह क रतन अउर सोना तोहार विक्रय क चिजियन बरे देत रहेन।
23 हारान, कन्ने, एदेन तथा सबा, अस्सूर, कलमद क बइपारी तोहरे संग बियापार करत रहेन।
24 उ पचे सवोर्त्तम कपड़न, बारीक कढ़े भए अउ नीले ओढ़ना, रंग बिरंग कालीन, अच्छी बटी रस्सियन अउर देवदार क लकड़ी स बने सामान भुगतान मँ दिहन। इ सबइ उ सबइ चिजियन रहिन जेनसे उ पचे तोहरे संग बइपार किहन।
25 तर्सीस क जहाज ओन चिजियन क लइ जात रहेन जेनका तू बेचत रह्या।“एह बरे सोर, तू ओन बइपारी बेड़न मँ स एक क तरह अहा, तू समुद्र पइ बहुमूल्य वस्तुअन स लदे भरा अहा।
26 उ सबइ मनई जउन तोहार नावन क खेवत रहेन। तोहका बिसाल अउर सवतीसाली समुद्रन क पार लइ गएन। किन्तु सवतीसाली पुरवइया तोहरे जहाजन क समुद्र मँ नस्ट करी।
27 अउर तोहार सारी सम्पत्ति समुद्र मँ बूड़ि जाइ। तोहार सम्पत्ति, तोहार बइपार, अउर बिक्रय चिजियन, तोहार मल्लाह अउर तोहार चालक, तोहार मनई जउन, तोहरे जहाजे पइ तख्तन क बीच मँ कल्किन लगावत हीं, तोहार मल्लाह अउर तोहरे नगर क सबहिं फउजी अउर तोहार मल्लाह सारे समुद्दर मँ बूड़ जई। इ उहइ दिन होइ जउने दिन तू नस्ट होब्या।
28 तोहार आपन बइपारियन क बहोत दूर क ठउरन मँ पठएस। उ सबइ ठउर भय स काँपि उठिहीं, जब उ पचे तोहरे चालकन क चिल्लाव सुनिहीं।
29 तोहार सारे नाविक जहाजे स वूदिहीं। मल्लाह अउ चालक जहाज स वूदिहीं, अउर तट पइ तैर अइहीं।
30 उ पचे तोहरे बारे मँ बहोत दुःखी होइहीं। उ पचे रोइ पड़िहीं। उ पचे आपन मूँड़न पइ धूरि डइहीं। उ पचे राखी मँ लोटिहीं।
31 उ पचे तोहरे बरे मूड़ पइ उस्तरा फिरइहीं। उ पचे सोक ओढ़ना पहिरहीं। उ पचे तोहरे बरे रोएन-चिल्लिइहीं। उ पचे कउनो अइसे रोवत भए क समान होइहीं, जउन कउनो क मरइ पइ रोवत ह।
32 “उ पचे आपन फूट-फूट क रोवइ क समइ तोहरे बारे मँ इ सोक-गीत गइहीं अउर रोइहीं:“‘कउनो सोर क तरह नाहीं अहइ। सोर नस्ट कइ दीन्ह गवा, समुद्र क बीच मँ।
33 तोहार बइपारी समुद्रन क पार गएन। तू बहोत सारे रास्ट्रन क आपन बियोल सम्पत्ति अउर आपन माल स सन्तुट्ठ किहा। तू भुइँया क राजा लोगन क धनी बनाएस।
34 मुला अब तू समुद्दरन क जरिये टूटा अहा अउर गहिर जल क जरिये भी। सबहिं चिजियन जउन तू बेचत अहा, अउर तोहार सबहिं मनई नस्ट होइ चुका अहइँ।
35 समुद्र तट क निवासी सबहिं मनई तोहरे बरे दुःखे मँ बूड़ा अहइँ। ओनकर राजा भयानक रूप स डेरान अहइँ। ओनकर चेहरा स सोक झाँकत अहइ।
36 दूसर रास्ट्रन क बइपारी तोह पइ सुसकारत हीं। जउन घटनन तोहरे साथ घटिन, लोगन क भयभीत करिहीं। काहेकि तू अब खतम होइ गवा अहा। तू भविस्स मँ नाहीं रहब्या।’“
Ezekiel 28
1 यहोवा क बचन मोका मिला। उ कहेस,
2 “हे मनई क पूत, सोर क राजा स कहा। ‘मोर सुआमी यहोवा इ कहत ह:“‘तू आपन बरे बहोत उच्च सोचत ह अउर तू कहत अहा, “मइँ परमेस्सर अहउँ! मइँ समुद्र क मध्य मँ देवतन क आसन पइ बइठन हउँ।”किन्तु तू मनई अहा, परमेस्सर नाहीं। तू सिरिफ सोचत अहा कि तू परमेस्सर अहा।
3 तू सोचत अहा तू दानिय्येल स बुद्धिमान अहा। तू समुझत अहा कि तू सारे रहस्यन क जानि लेब्या।
4 आपन बुद्धि अउ आपन समुझ स। तू सम्पत्ति खुद कमाया ह अउर तू आपन कोसागार मँ सोना चाँदी राख्या ह।
5 आपन तीब्र बुद्धि अउ बइपार स तू आपन सम्पत्ति बढ़ाया ह, अउर अब तू उ सम्पत्ति क कारण गर्वीला अहा।
6 एह बरे मोर सुआमी यहोवा इ कहत ह: सोर, तू सोच्या तू परमेस्सर क तरह अहा।
7 मइँ अजनबियन क तोहरे खिलाफ लड़इ बरे लिआउब। उ पचे रास्ट्रन मँ बड़े भयंकर अहइँ। उ पचे आपन तरवारन बाहेर खिंचिहीं अउर ओन सुन्नर चिजियन क खिलाफ चलइहीं जेनका तोहार बुद्धि कमाएस। उ पचे तोहरे गौरव क मटियामेट करिहीं।
8 उ पचे तोहका गिराइके कब्र मँ पहोंचइही। तू उ मल्लाह क तरह होब्या जउन समुद्र मँ मरा।
9 उ मनई तोहका मारि डाइ। का अब भी तू कहब्या, “मइँ परमेस्सर हउँ?” उ समइ उ तोहका अपने अधिकार मँ करी। तू समुझ जाब्या कि तू मनई अहा, परमेस्सर नाहीं।
10 तू अजनबियन क हाथ बिदेसियन क जइसा मारि डावइ जाइहीं। इ घटनन होइहीं काहेकि मोरे लगे आदेस-सवती अहइ।’“ मोर सुआमी यहोवा इ सबइ बातन कहेस।
11 यहोवा क बचन मोका मिला। उ कहेस,
12 “मनई क पूत, सोर क राजा क बारे मँ करूण गीत गावा। ओहसे कहा, ‘मोर सुआमी यहोवा इ कहत ह:“‘तू सम्पूर्णता क आर्दस रहेन। तू बुद्धिमानी स परिपूर्ण रह्या, तू पूरी तरह सुन्नर रह्या,
13 तू परमेस्सर क बगीचा एदेन मँ रह्या। तोहरे लगे हर एक बहुमूल्य रतन रहेन जइसे: लाल, पुखराज, हीरा, फिरोजा, गोमेद, जस्पर नीलम, हरितमणि अउ नीलमणि। अउर इ सबइ हर एक रतन सोने मँ जुड़ा रहेन। तोहका इ सुन्नरता प्रदान कीन्ह गइ रही जउने दिन तोहार जनम भवा रहा। परमेस्सर तोहका सवतीसाली बनाएस।
14 तू चुने भए करूब सरगदूत रह्या। तोहार पखना मोरे सिंहासने पइ फइला रहेन अउर मइँ तोहका परमेस्सर क पवित्तर पर्वत पइ धरेउँ। तू ओन रत्नन क बीच चल्या जउन आगी क तरह कौंधत रहेन।
15 तू नीक अउ ईमानदार रह्या जब मइँ तोहका बनाएउँ। किन्तु एकरे पाछे तू बुरे बन गया।
16 तोहार बइपार तोहरे लगे बहोत सम्पत्ति लिआवत रहा। किन्तु उ भी तोहरे भीतर त्रूरपन पइदा किहेस अउर तू पाप किहा। एह बरे मइँ तोहरे संग अइसा बेउहार किहेउँ माना तू गन्दी चीज ह्वा। मइँ तोहका परमेस्सर क पर्वत स लोकाइ दिहेउँ। तू खास करूब सरगदूतन मँ स एक रह्या, तोहार पखना फइला रहेन मोरे सिंहासने पइ किन्तु मइँ तोहका आगी क तरह कौंधइवाले रतनन क तजइ क मजबूर किहेउँ।
17 तू आपन सुन्नरता क कारण घमण्डी होइ गया, तोहार गौरव तोहार बुद्धिमानी क नस्ट किहेउ, एह बरे मइँ तोहका धरती पइ लिआइ लोकाएउँ, अउर अब दूसर राजा तोहका आँखिन फाड़िके लखत हीं।
18 तू अनेक गलत काम किहा, तू बहोत कपटी बइपारी रह्या। इ तरह तू पवित्तर ठउरन क अपवित्तर किहा, एह बरे मइँ तोहरे ही भीतर आगी लिआएउँ, इ तोहका जराइ दिहस, तू भुइँया पइ राखी होइ गया। अब हर कउनो तोहार लज्जा लखि सकत ह।
19 अन्य रास्ट्रन मँ सबहिं लोग, जउन तोह पइ घटित भवा, ओकरे बारे मँ दुःखी भए रहेन। जउन तोहका भवा, उ लोगन क भयभीत करी। तू खतम होइ गवा अहा।’“
20 यहोवा क बचन मोका मिला। उ कहेस,
21 “मनई क पूत, सीदोन पइ धियान द्या अउर मोरे बरे उ ठउरे क बिरूद्ध कछू कहा।
22 कहा, ‘मोर सुआमी यहोवा इ कहत ह: सीदोन, मइँ तोहारे खिलाफ हइँ! तोहरे लोग मोरे सम्मान करब सिखिहीं, मइँ तोहार सीदोन क सजा देब, तब लोग समुझिहीं कि मइँ यहोवा हउँ। तब उ पचे समुझिहीं कि मइँ पवित्तर हउँ।
23 मइँ सीदोन मँ रोग अउर मउत पठउब, ओकरे नगर मँ मउत उ समइ आइ जब मइँ ओकरे खिलाफ चारिहुँ कइँती स तरवार लिआउब। तब उ पचे समुझिहीं कि मइँ यहोवा अहउँ।’“
24 “‘पुराने जमाने मँ इस्राएल क चारिहुँ ओर क देस ओहसे घिना करत रहेन। किन्तु उ दूसर देसन क बरे बुरी घटनन घटिहीं। कउनो भी तेज काँटन या कँटेहरी झाड़ी इस्राएल क परिवार क घाएल करइवाली नाहीं रहि जाइ। तब उ पचे जानिहीं कि मइँ ओनकर सुआमी यहोवा हउँ।’“
25 मोर सुआमी यहोवा इ कहत ह, “मइँ इस्राएल क लोगन क अन्य रास्ट्रन मँ बिखेर दिहेउँ। किन्तु मइँ फुन इस्राएल क परिवार क एक संग बटोरब। तब उ सबइ रास्ट्र समुझिहीं कि मइँ पवित्तर हउँ। उ समइ इस्राएल क लोग आपन देस मँ रहिहीं अर्थात जउने देस क मइँ आपन सेवक याकूब क दिहेउँ।
26 उ पचे उ देस मँ सुरच्छित रहिहीं। उ पचे घर कइहीं अउर अंगूरे क बेलन लगइहीं। मइँ ओकरे चारिहुँ ओर क रास्ट्रन क दण्ड देब जउन ओहसे घिना किहन। तब इस्राएल क लोग सुरच्छित रहिहीं। तब उ पचे समुझिहीं कि मइँ ओनकर परमेस्सर यहोवा हउँ।”
Ezekiel 29
1 देस निकारे क दसएँ बरिस क दसएँ महीने क बारहवें दिन मोर सुआमी यहोवा क बचन मोका मिला। उ कहेस,
2 “मनई क पूत, मिस्र क राजा फिरौन कइँती धियान द्या, मोरे बरे ओकर तथा मिस्र क बिरूद्ध कछू कहा।
3 कहा, ‘मोर सुआमी यहोवा इ कहत ह:“‘हे मिस्र क राजा फिरौन, मइँ तोहरे खिलाफ हउँ। तू नील-नदी क किनारे विस्राम करत भए बिसाल मगरमच्छ अहा। तू कहत रह्या, “इ मोर नदी अहइ। मइँ इ नदी बनाएउँ ह।”
4 किन्तु मइँ तोहरे जबड़न मँ हुक डालउब। नील नदी क मछरियन तोहरी चमड़ी स चिपक जइहीं। मइँ तोहका तोहार मछरियन क तोहरी नदियन स बाहेर कइके झुरान भुइँया पइ लोकाइ देब,
5 तू धरती पइ गिरब्या, अउर कउनो न तोहका उठाई, न ही दफनाई। मइँ तोहका जंगली जनावरन अउ पंछियन क देब, तू ओनकर भोजन बनब्या।
6 तब मिस्र मँ रहइवाले सबहिं लोग जनिहीं कि मइँ यहोवा हउँ। मइँ एन कामन क काहे करब? काहेकि इस्राएल क लोग सहारे बरे मिस्र पइ भरोसा किहस। किन्तु मिस्र सिरिफ दुर्बल घास क तिनका निकरा।
7 इस्राएल क लोग सहारे बरे मिस्र पइ आस्रित रहेन अउर मिस्र सिरिफ ओनके हाथन अउ काँधन क छेद किहेस। उ पचे सहारे बरे तोह पइ आस्रित रहेन। किन्तु तू ओनकर पीठ क तोड़्या अउर मरोड़ दिहा।’“
8 एह बरे मोर सुआमी यहोवा इ कहत ह: “मइँ तोहरे खिलाफ तरवार लिआउब। मइँ तोहरे सबहिं लोगन अउर जनावरन क नस्ट करब।
9 मिस्र खाली अउ नस्ट होइ जाई। तब उ पचे समुझिहीं कि मइँ यहोवा हउँ।”परमेस्सर कहेस, “मइँ उ सबइ काम काहे करब? काहेकि तू कह्या, ‘इ मोर नदी अहइ। मइँ इ नदी क बनाएउँ।’
10 एह बरे मइँ तोहरे विरूद्ध हउँ। मइँ तोहार नील नदी कइउ साखन क विरूद्ध हउँ। मइँ मिस्र क पूरी तरह नस्ट करब। मिग्दोल स सवेन तलक तथा जहाँ तलक वूस क सीमा अहइ, हुवाँ तलक नगर खाली होइहीं।
11 कउनो मनई या जनावर मिस्र स नाहीं गुजरी। कउनो मनई या जनावर मिस्र मँ चालीस बरिस तलक नाहीं रही।
12 मइँ मिस्र देस क उजाड़ कइ देब अउर ओकर नगर चालीस बरिस तलक उजाड़ रहिहीं। मइँ मिस्रियन क रास्ट्रन मँ बिखेर देब। मइँ ओनका बिदेस मँ बसाइ देब।”
13 मोर सुआमी यहोवा इ कहत ह, “मइँ मिस्र क लोगन क कइउ रास्ट्रन मँ बिखेरब। किन्तु चालीस बरिस क अन्त मँ फिर मइँ ओन लोगन क एक संग बटोरब।
14 मइँ मिस्र क बंदियन क वापस लिआउब। मइँ मिस्रियन क पत्रास क प्रदेस मँ, जहाँ उ पचे पइदा भए रहेन, वापस लिआउब। किन्तु ओनकर राज्ज महत्वपूर्ण नाहीं होइ।
15 इ सबस कम महत्वपूरर्ण राज्ज होइ। मइँ एका फुन दूसर रास्ट्रन स ऊपर कबहुँ नाहीं उठाउब। मइँ ओनका एतना घोटका कइ देब कि उ पचे रास्ट्रन पइ सासन नाहीं कइ सकिहीं।
16 अउर इस्राएल क परिवार फुन कबहुँ मिस्र पइ आस्रित नाहीं रही। इस्राएली आपन पापन क याद रखिहीं। उ पचे याद रखिहीं कि उ पचे मदद बरे मिस्र कइँती मुड़ेन, परमेस्सर कइँती नाहीं अउर उ पचे समुझिहीं कि मइँ यहोवा अउ सुआमी अहउँ।”
17 देस निकारे क सत्ताइसवें बरिस क पहिले महीने क पहिले दिन यहोवा क बचन मोका मिला। उ कहेस,
18 “मनई क पूत, बाबुल क राजा नबूकदनेस्सर सोर क खिलाफ आपन फउज क भीसण जुद्ध मँ लगाएस। उ पचे हर एक फउजी क बार कटवाइ दिहेन। भारी वजन ढोवइ क कारण हर एक वंधा रगड़ स नंगा होइ गवा। नबूकदनेस्सर अउर ओकर फउज सोर क हरावइ बरे कठिन जतन किहस। किन्तु उ पचे ओन कठिन जतनन स कछू पाइ न सकेन।”
19 एह बरे मोर सुआमी यहोवा कहत ह, “मइँ बाबुल क राजा नबूकदनेस्सर क मिस्र देस देब अउर नबूकदनेस्सर मिस्र क लोगन क लइ जाइ। नबूकदनेस्सर मिस्र क कीमती चिजियन क लइ जाइ। इ नबूकदनेस्सर क फउज क मजदूरी होइ।
20 मइँ नबूकदनेस्सर क मिस्र देस ओकर कठिन जतन के पुरस्कार क रूप मँ दिहेउँ ह। काहेकि उ पचे मोरे बरे काम किहन।” मोर सुआमी यहोवा इ कहेस।
21 “उ दिन मइँ इस्राएल क परिवार क सवतीसाली बनाउब अउर मइँ तोहका ओन लोगन क बीच मँ बोलइ क अवसर देब। तब उ पचे जानिहीं कि मइँ यहोवा हउँ।”
Ezekiel 30
1 यहोवा क बचन मोका मिला। उ कहेस,
2 “मनई क पूत, मोरे बरे कछू कहा। कहा, ‘मोर सुआमी यहोवा इ कहत ह:“‘रोआ अउर कहा, “उ भयंकर दिन आवत अहइ।”
3 उ दिन समीप अहइ। हाँ, निआउ करइ क यहोवा क दिन समीप अहइ। इ एक दुदिर्न होइ। इ रास्ट्रन क संग निआउ करइ क समइ होइ।
4 मिस्र क विरूद्ध तरवार आइ। वूस क लोग भय स काँपि उठिहीं, जउने समइ मिस्र क पतन होइ। बाबुल क सेना मिस्र क लोगन क बन्दी बनाइके लइ जाइ। मिस्र क नींब उखड़ि जाइ।
5 अनेक लोग मिस्र स सान्ति-सन्धि किहेन। किन्तु वूस, पूत, लूद, समस्त अरब अउर लिबया नस्ट होइहीं।
6 मोर सुआमी यहोवा इ कहत ह: “हाँ, जउन लोग मिस्र क मदद करत हीं मिस्र क पतन होइ। ओकर सवती क घमण्ड खतम होइ। मिस्र क लोग मिग्दोल स लइके सवेन तलक जुद्ध मँ मारा जइहीं।” मोर सुआमी यहोवा उ सबइ बातन कहेस।
7 मिस्र ओन देसन मँ मिलि जाइ जउन नस्ट कइ दीन्ह गएन। मिस्र ओन खाली देसन मँ स एक होइ।
8 मइँ मिस्र मँ आगी लगाउब अउर ओकर सबहिं सहायक नस्ट होइ जइहीं। तब उ पचे जानिहीं कि मइँ यहोवा हउँ!
9 उ समइ मँ दूतन क पठउब। उ पचे जहाजन मँ वूस क बुरी खबरन पहोंचावइ बरे जइहीं। वूस अब आपन क सुरच्छित समुझत ह। किन्तु वूस क लोग भय स तब काँपि उठिहीं जब मिस्र दण्डित होइ। उ समइ आवत अहइ।”‘
10 मोर सुआमी यहोवा इ कहत ह: “मइँ बाबुल क राजा नबूकदनेस्सर क उपयोग करब अउर मइँ मिस्र क लोगन क नस्ट करब।
11 नबूकदनेस्सर अउर ओकर लोग रास्ट्रन मँ सब स जियादा भयंकर अहइँ। मइँ ओनका मिस्र क नस्ट करइ बरे लिआउब। उ पचे मिस्र क विरूद्ध आपन तरवारन निकरिहीं। उ पचे पहँटा क ल्हासन स पाट देइहीं।
12 मइँ नील नदी क झुरान भुइँया बनाइ देब। तब मइँ झुरान भुइँया क बुरे लोगन क बेच देब। मइँ अजनबियन क उपयोग उ देस क खाली करइ बरे करब। मइँ यहोवा, इ कहेउँ ह।”
13 मोर सुआमी यहोवा इ कहत ह: “मइँ मिस्र मँ देवमूतरियन क नस्ट करब। मइँ मूरतियन क नोप स बाहेर करब। मिस्र देस मँ कउनो भी प्रमुख भविस्स बरे नाहीं होइ, अउर मिस्र मँ भय भर देब।
14 मइँ पत्रोस क खाली कराइ देब। मइँ सोअन मँ आगी लगाइ देब। मइँ “नो” क दण्ड देब।
15 अउर मइँ सीन नाउँ क मिस्र क किले क विरूद्ध आपन किरोध क बर्खा करब! मइँ “नो” क लोगन क नस्ट करब।
16 मइँ मिस्र मँ आगी लगाउब। सीन नाउँ क सहर डर स काँपिहीं, नो नगर मँ दुस्मन टूटि पड़िहीं अउर मेम्फिस पइ दिना क समइ हमला कीन्ह जाब्या।
17 आवेत अउ पीवेसेत क युवक जुद्ध मँ मारा जइहीं अउर मेहररूअन धरी जइहीं अउर लइ जाई जइहीं।
18 तहपन्हेस क इ काला दिन होइ, जब मइँ मिस्र क अधिकार क खतम करब मिस्र क गवीर्ली सवती खतम होइ। मिस्र क दुदिर्न ढक लेइ अउर ओकर बिटियन धरी अउ लइ जाइ जइहीं।
19 इ तरह मइँ मिस्र क दण्ड देब। तब उ पचे जनिहीं कि मइँ यहोवा हउँ।”‘
20 देस निकारे क गियारहवें बरिस मँ पहिले महीने क सतएँ दिन यहोवा क बचन मोका मिला। उ कहेस,
21 “मनई क पूत, मइँ मिस्र क राजा फिरौन क भुजा तोड़ डाएउँ ह। कउनो भी ओकर भुजा पइ पट्टी नाहीं लपेटी। ओकर घाव नाहीं भरी। एह बरे ओकर भुजा तरवार धरइ जोग्य सवतीसाली नाहीं होइ।”
22 मोर सुआमी यहोवा इ कहत ह, “मइँ मिस्र क राजा फिरौन क विरूद्ध हउँ। मइँ ओकर दुइनउँ भुजन, सवतीसाली भुजा अउर पहिले स टूटी भुजा क तोड़ डाउब। मइँ ओकर हाथे स तरवार क गिराइ देब।
23 मइँ मिस्रियन क रास्ट्र मँ बिसेर देब।
24 मइँ बाबुल क राजा क भुजन क सवतीसाली बनाउब। मइँ आपन तरवार ओकरे हाथे मँ देब। किन्तु मइँ फिरौन क भुजा क तोड़ देब। तब फिरौन पीरा स चीखी, राजा क चीख एक मरत भए मनई क चीख स होइ।
25 एह बरे मइँ बाबुल क राजा क भुजन क सवतीसाली बनाउब, किन्तु फिरौन क भुजन कटिके गिरिहीं। तब उ पचे जानिहीं कि मइँ यहोवा हउँ।“मइँ बाबुल क राजा क हाथन मँ तरवार देब। तउ उ आपन तरवार क संग दाखिल होइहीं अउर मिस्र क ऊपर तरवार चलाइहीं।
26 मइँ मिस्रियन क रास्ट्रन मँ बिखेरब। तब उ पचे समुझिहीं कि मइँ यहोवा हउँ।”
Ezekiel 31
1 देस निकारे क गियारहवें बरिस मँ तीसरे महीने क पहिले दिन यहोवा क सँदेसा मोका मिला। उ कहेस,
2 “मनई क पूत, मिस्र क राजा फिरौन अउ ओकरे लोगन स इ कहा:“‘तोहरी बड़कई मँ कउन तोहरे समान अहइ?
3 मइँ तोहार तुलना लबानोन क देवदार क बृच्छ क संग कइ सकत हउँ। एकर सुन्नर डारन अहइ जउन कि लगभग पूरे वन क छाया देत ह। इ बहोत लम्बा अहइ। एकर सिखर बादर भेदी अहइ।
4 जल बृच्छ क उगावत रहा। गहिर नदियन बृच्छ क ऊँचा करत रहिन। नदियन ओन ठउर क चारिहुँ कइँती बहत रहिन, जहाँ बृच्छ लगा रहेन। केवल एकर धारन ही खेत क दूसर बृच्छन तलक बहत रहिन।
5 एह बरे खेते क सबहिं बृच्छन स ऊँच बृच्छ उहइ रहा अउर इ कइउ साखन उगाइ राखी रहिन। हुवाँ काफी जल रहा। एह बरे बृच्छ साखन बाहर फइली रहिन।
6 बृच्छ क साखन मँ संसार क सबहिं पंछियन घोंसलन बनाए रहेन। बृच्छ क साखन क नीचे खेत क सबहिं जनावर बच्चन क जनम देत रहेन। सबहिं बड़े रास्ट्र उ बृच्छ क छाया मँ रहत रहेन।
7 एह बरे बृच्छ आपन बड़कइ अउर आपन लम्बी साखन मँ सुन्नर रहा। काहेकि एकर जड़न यथेस्ट जले तलक पहोंची रहिन।
8 परमेस्सर क बगीचा क देवदारू बृच्छ भी, ओतने बड़े नाहीं रहेन जेतना इ बृच्छ। सनौवर क बृच्छ ऍतना जियादा साखन नाहीं रखतेन, चिनार बृच्छ भी अइसी साखन नाहीं रखतेन, परमेससर क बगीचे क कउनो भी बृच्छ, एतना सुन्नर नाहीं रहा जेतना इ बृच्छ।
9 मइँ अनेक साखन सहित इ बृच्छ क सुन्नर बनाएउँ अउर परमेस्सर क बगीचा अदन क सबहिं बृच्छ एहसे जलन रखत रहेन।’“
10 एह बरे मोर सुआमी यहोवा इ कहत ह, “बृच्छ ऊँच होइ गवा ह। इ आपन सिखरन क बादरन मँ पहोंचाइ दिहस ह। बृच्छ गर्वीला अहइ काहेकि इ ऊँच अहइ।
11 एह बरे मइँ एक सवतीसाली राजा क इ बृच्छ क लेइ दिहेउँ। उ सासक बृच्छ क ओकरे बुरे कामन बरे दण्ड दिहस। मइँ उ बृच्छ क आपन उद्यान स बाहेर किहेउँ ह।
12 अजनबी- बहोत जियादा भयंकर रास्ट्रन एका काट डाएन अउर छोड़ दिहन। बृच्छ क साखन पर्वतन अउ सारी घाटी मँ गिरिन। उ प्रदेस मँ बहइवाली नदियन मँ उ सबइ टूट अंग बहि गएन। बृच्छ क खाले कउनो छाया नाहीं रहि गइ, एह बरे सबहिं लोग ओका छोड़ दिहन।
13 अब उ गिरे बृच्छ मँ पंछी रहत हीं अउर एकर गिरी साखन पइ जंगली जनावर चलत हीं।
14 “अब उ जल लगे कउनो भी, बृच्छ गर्वीला नाहीं होइ। उ पचे बादरन तलक पहोंचइ नाहीं चहिहीं। कउनो भी सवतीसाली बृच्छ, जउन उ जल क पिअत ह, ऊँच होइ क आपन तारीफ नाहीं करी। काहेकि ओन सबहिन क मउत क सामना करइ क होइ। उ सबइ कब्र मँ जाइहीं।”
15 मोर सुआमी यहोवा इ कहत ह, “उ दिन जब तलक बृच्छ सेओल क गवा मइँ लोगन स सोक मनवाएउँ। मइँ गहिर जल क, ओकरे बरे, सोक स ढक दिहेउँ। मइँ बृच्छ क नदियन क रोक दिहेउँ अउर बृच्छ बरे जल क बहब रूक गवा। मइँ लबानोन स एकरे बरे सोक मनवाएउँ। खेते क सबहिं बृच्छ क सोक स रोगी होइ गएन।
16 मइँ बृच्छ क गिराएउँ अउर बृच्छ क गिरइ क ध्वनि क डर स रास्ट्र काँप उठेन। मइँ बृच्छ क मउत क ठउरे पइ पहोंचाएउँ। इ खाले ओन लोगन क संग रहइ गवा जउन उ नरक मँ नीचे गिरे भए रहेन। अतीत मँ एदेन क सबहिं बृच्छ अर्थात लबानोन क सवोर्त्तम बृच्छ उ पानी क पिअत रहेन। ओन सबहिं बृच्छ पाताल लोक मँ सान्ति प्राप्त किहेन।
17 हाँ, उ सबइ बृच्छ भी बड़के बृच्छ क संग मउत क जगह पइ गएन। उ पचे ओन मनइयन क संग धरेन जउन जुद्ध मँ मर गए रहेन। उ बड़का बृच्छ दूसर बृच्छन क सवतीसाली बनाएस। उ सबइ बृच्छ, रास्ट्रन मँ, उ बड़के बृच्छ क छाया मँ रहत रहेन।
18 “एक बरे मिस्र, एदेन मँ बहोत स बिसाल अउ सवतीसाली बृच्छ अहइ। ओनमाँ स एक बृच्छ क संग मइँ तोहार तुलना करब। तू एदेन क बृच्छन क संग पाताल लोक क जाब्या। मउत क जगह मँ तू ओन बिदेसियन अउ जुद्ध मँ मारे गए मनइयन क साथ मँ ओलरब्या।“हाँ, इ फिरौन अउ ओकर सबहिं लोगन क संग होइ।” मोर सुआमी यहोवा इ सबइ कहे रहा।
Ezekiel 32
1 देस निकारे क बारहवें बरिस क बारहवें महीने क पहिले दिन यहोवा क बचन मोरे लगे आवा। उ कहेस,
2 “मनई क पूत, मिस्र क राजा फिरौन क बारे मँ इ करूण गीत गावा। ओहसे कहा:“‘रास्ट्रन मँ गर्व क संग टहरत भए ‘तू सोचे रह्या तू सवतीसाली युवा सेर अहा। किन्तु फुरइ समुद्र क दैत्य जइसे अहा। तू नदी प्रवाह क ढकेल के राह बनावत अहा, अउर आपन गोड़न स जल क मटमैला करत अहा। तू मिस्र क नदियन क उद्वेलित करत अहा।’“
3 मोर सुआमी यहोवा इ कहत ह: “मइँ बहोत स लोगन क एक संग बटोरेउँ ह। अब मइँ तोहरे ऊपर जालि फेंकब। तब उ सबइ लोग तोहका हींच लेइहीं।
4 तब मइँ तोहका झुरान भुइँया पइ गिराइ देब। मइँ तोहका खेते मँ लोकाउब। मइँ सबहिं पंछियन क तोहका खाइके बोलावाउब। मइँ हर जगह स जंगली जनावरन क तोहका खाइ अउर पेट भरइ बरे बोलवाउब।
5 मइँ तोहरे बदन क पर्वतन पइ बिखेरब। मइँ तोहरे ल्हास स घाटियन क भरि देब।
6 मइँ तोहार रकत पर्वतन पइ डाउब अउर धरती एका सोखी। नदियन तोहसे भरि जइहीं।
7 मइँ तोहका लुप्त कइ देब। मइँ नभ क ढक देब अउर नछत्रन क करिया कइ देब। मइँ सूरज क बादर स ढकि देब अउर चन्दा नाहीं चमकी।
8 मइँ सबहिं चमकत जोतियन क नभ मँ तोहरे ऊपर काला बनाउब। मइँ तोहरे सारे देस मँ अँधेरा कइ देब।
9 बहोत सारे रास्ट्र किरोधित होइहीं। जब उ पचे सुनिहीं कि तोहका नस्ट करइ बरे मइँ एक दुस्मन क लिआएउँ। रास्ट्र जेनका तू जानत भी नाहीं, तिलमिलाइ जइहीं।
10 मइँ बहोत स लोगन क तोहार कारण विस्मित कइ देब। जब मइँ आपन तरवार ओन लोगन क समन्वा चलाउब तउ ओनकर राजा लोग तोहार कारण डर स काँपिहीं। जउने दिन तोहार पतन होइ उहइ दिन, हर एक छिन, राजा लोग भयभीत होइहीं। हर एक राजा आपन जिन्नगी बरे भयभीत होइ।”
11 काहेकि मोर सुआमी यहोवा इ कहत ह: “बाबुल क राजा क तरवार तोहरे विरूद्ध जुद्ध करइ आई।
12 मइँ ओन फउजियन क उपयोग तोहरे लोगन क जुद्ध मँ मार डावइ मँ करब। उ सबइ फउजी रास्ट्रन मँ सबस भयंकर रास्ट्र आवत हीं। उ सबइ ओन चीजन क नस्ट कइ देइहीं ओनकर गर्व मिस्र अहइ। मिस्र क लोग नस्ट कइ दीन्ह जइहीं।
13 मिस्र मँ नदियन क सहारे बहोत स जनावर अहइँ। मइँ एन जनावरन क भी नस्ट करब। लोग भविस्स मँ, आपन गोड़न स पानी क गंदा नाहीं करिहीं। गइयन क खुर भविस्स मँ पानी क मइला नाहीं करिहीं।
14 इ तरह मइँ मिस्र मँ पानी क सान्त बनाउब। मइँ ओनकर नदियन क मन्द बहाउब उ सबइ तेल क तरह बहिहीं।” मोर सुआमी यहोवा इ सबइ कहेस,
15 “मइँ मिस्र देस क खाली कइ देब। उ हर चीज स रहित होइ। मइँ मिस्र मँ रहइवाले सबहिं लोगन क दण्ड देब। तब उ पचे जनिहीं कि मइँ यहोवा अउर सुआमी हउँ।
16 “इ एक करूणागीत अहइ जेका लोग मिस्र बरे गइहीं। दूसर रास्ट्रन मँ बिटियन मिस्र क बारे मँ इ करूण-गीत क गइही। उ पचे एका, मिस्र अउर ओकर सबहिं लोगन क बारे मँ करूण-गीत क रूप मँ गइहीं।” मोर सुआमी यहोवा इ कहे रहा।
17 देस निकारे क बारहवें बरिस मँ, उ महीने क पन्द्रहवें दिन, यहोवा क सँदेसा मोका मिला। उ कहेस,
18 “मनई क पूत, मिस्र क लोगन बरे रोआ। मिस्र क सक्तीसाली रास्ट्रन ओन बिटियन क, संग पाताल तलक पहोंचावा। ओनका उ पाताल लोक मँ पहोंचावा जहाँ उ पचे ओन मनइयन क संग होइहीं जउन उ गड़ा मँ गएन।
19 “मिस्र, तू कउनो दूसर स अच्छा नाहीं अहा। मउत क ठउरे पइ चले जा। जा अउर ओन बिदेसियन क संग लेटा।
20 “मिस्र क ओन सबहि दूसर लोगन क संग रहइ क होइ जउन जुद्ध मँ मारे ग रहेन। दुस्मन ओका अउर ओकरे सबइ लोगन क घसीट लिहस ह।
21 “मजबूत अउ सवतीसाली मनई जुद्ध मँ मारे गएन। उ सबइ बिदेसी मउत क ठउर पइ गएन। उ ठउरे स उ सबइ लोग मिस्र अउ ओकरे सहायकन स बातन करिहीं। उ सबइ जउन जुद्ध मँ मारा ग रहेन।
22 “अस्सूर अउ अउर ओकर सारी फउज हुवाँ मउत क ठउर पइ अहइ। ओनकर कब्रन खाले गहिर नरक मँ अहइँ। उ सबइ सबहिं अस्सूर क फउजी जुद्ध मँ मारा गएन।
23 ओकर कब्रन ओकरी कब्र क चारिहुँ ओर अहइँ। जब उ पचे जिअत रहेन तब उ पचे लोगन का भय भीत करत रहेन। किन्तु अब उ पचे सबहिं पूर्ण सान्त अहइँ उ पचे सबहिं जुद्ध मँ मारा गएन।
24 “एलाम हुआँ अहइ अउर एकर सारी फउज ओकर कब्र क चारिहुँ ओर अहइ। उ सबइ सबहिं जुद्ध मँ मारा गएन। उ पचे बिदेसी गहिर खाले धरती मँ गएन। जब उ पचे जिअत रहेन, उ सबइ लोगन क भयभीत करत रहेन। किन्तु उ पचे आपन लज्जा क अपने संग उ गहिर नरक मँ लइ गएन।
25 उ पचे एलाम अउर ओकर फउजियन बरे, जउन जुद्ध मँ मारे गएन ह, बिछावन लगाइ दिहन ह। एलाम क सारी फउज ओकरी कब्र क चारिहुँ ओर अहइँ। इ सबइ सबहिं बिदेसी जुद्ध मँ मारा ग रहेन। जब उ पचे जिअत रहेन, उ पचे लोगन क डेरावत रहेन। किन्तु उ पचे लज्जा क आपन संग उ गहिर नरक मँ लइ गएन। उ पचे ओन सबहिं लोगन क संग रखे गएन, जउन मारे ग रहेन।
26 “मेसेक, तूबल अउर ओनकर सारी फउजन हुवाँ अहइँ। ओनकर कब्रन एनके चारिहुँ ओर अहइँ। उ सबइ खतनाहीन मनइयन रहेन जउन जुद्ध मँ मारे गए रहेन। जब उ पचे जिअत रहेन तब उ पचे लोगन क भयभीत करत रहेन।
27 किन्तु अब उ पचे सवतीसाली मनइयन क संग ओलरा अहइँ जउन बहोत पहिले मर चुके रहेन। उ पचे आपन जुद्ध क अस्त्र-सस्त्रन क संग दफनावा गएन। ओनकर तरवारन ओनके मूँड़े क खाले रखी जइहीं। किन्तु ओनकर पाप ओनकर हड्डियन पइ अहइँ। काहेकि जब उ पचे जिअत रहेन, उ पचे लोगन क डेराए रहेन।
28 “मिस्र, तू भी नस्ट होब्या। तू ओन बिदेसियन क संग ओलरब्या। तू ओन दूसर फउजियन क संग ओलरब्या जउन जुद्ध मँ मारे जाइ चुका अहइँ।
29 “एदोम भी हुवँइ अहइ। ओकर राजा अउर दूसर प्रमुख ओनके संग हुवाँ रहेन। उ सबइ सवतीसाली फउजी भी रहेन। किन्तु अब उ पचे ओन दूसर लोगन क संग ओलरा रहेन। जउन जुद्ध मँ मारे गए रहेन। उ पचे ओन विदेसियन क संग आलग रहेन। उ पचे ओन मनइयन क संग खाले नरक मँ चले गएन।
30 “उत्तर क सबहिं सासक हुवाँ अहइँ। हुवाँ सीदोन क सबहिं फउजी अहइँ। ओनकर सवती लोगन क डेरावत रही। किन्तु उ पचे अब लज्जित अहइँ। उ सबइ बिदेसी ओन दूसर मनइयन क संग ओलरा अहइँ जउन जुद्ध मँ मारे गए रहेन। उ पचे आपन लज्जा अपने संग उ गहिर नरक मँ लइ गएन।
31 “फिरौन ओन लोगन क लखी जउन मउत पइ गएन ओकर सबइ सेना बरे ओका सान्तवना दीन्ह जाइ काहेकि फिरौन अउर ओनकर सारी सेना जंग मँ मारि जाइ।’“ मोर सुआमी यहोवा इ कहे रहा।
32 “जब फिरौन जिअत रहा तब मइँ लोगन क ओहसे भयभीत कराएस। किन्तु अब उ ओन बिदेसियन क संग ओलरी। फिरौन अउ ओकर फउज ओन दूसर फउजियन क संग ओलरी जउन जुद्ध मँ मारे गए रहेन।” मोर सुआमी यहोवा इ कहे रहा।
Ezekiel 33
1 यहोवा क बचन मोका मिला। उ कहेस,
2 “मनई क पूत, आपन लोगन स बातन करा। ओनसे कहा, ‘मइँ दुस्मन क फउजियन क उ देस क खिलाफ जुद्ध बरे लइ जाइ सकत हउँ। जब अइसा होइ तउ लोग एक मनई क पहरेदार क रूप मँ चुनिहीं।
3 जदि पहरेदार दुस्मन क फउजियन क आवत देखत ह, तउ उ तुरही बजावत ह अउर लोगन क सावधान करत ह।
4 जदि लोग उ चितउनी क सुनइँ किन्तु अनसुनी करइँ तउ दुस्मन ओनका धरी अउर ओनका बन्दी क रूप मँ लइ जाइ। उ मनई आपन मउत बरे खुद जिम्मेदार होइ।
5 उ तुरही सुनेस, पर चितउनी अनसुनी किहेस। एह बरे आपन मउत बरे उ खुद दोखी अहइ। जदि उ चितउनी पइ धियान दिए होत तउ उ आपन जिन्नगी बचाइ लिए होत।
6 “‘किन्तु इ होइ सकत ह कि पहरेदार दुस्मन क फउजियन क आवत लखत ह, किन्तु तुरही नाहीं बजावत। उ पहरेदार लोगन क चितउनी नाहीं दिहस। दुस्मन ओनका धरी अउर ओनका बन्दी बनाइके लइ जाइ। उ मनई लइ जावा जाइ काहेकि उ पाप किहेस। किन्तु पहरेदार भी उ आदमी क मउत क जिम्मेदार होइ।’
7 “अब, मनई क पूत, मइँ तोहका इस्राएल क परिवार क पहरेदार चुनत हउँ। जदि तू मोरे मुँह स कउनो सँदेसा सुना तउ तोहका मोरे बरे लोगन क चितउनी देइ चाही।
8 मइँ तोहसे कहि सकत हउँ, ‘इ पापी मनई मरी।’ तब तोहका उ मनई क लगे जाइके मोरे बरे ओका चितउनी देइ चाही। जदि तू उ पापी मनई क चितउनी नाहीं देत्या अउर ओका आपन जिन्नगी बदलइ क नाहीं कहत्या, तउ उ पापी मनई मरी, काहेकि उ पाप किहेस। किन्तु मइँ तोहका ओकर मउत क जिम्मेदार बनाउब।
9 किन्तु जदि तू उ बुरे मनई क आपन जिन्नगी बदलइ बरे अउर पाप तजइ बरे चितउनी देत अहा अउर जदि उ पाप करब तजइ स इन्कार करत ह तउ उ मरी काहेकि उ पाप किहेस, किन्तु तू आपन जिन्नगी बचाइ लिहा।”
10 “एह बरे मनई क पूत, इस्राएल क परिवार स मोरे बरे कहा। उ सबइ लोग कह सकत हीं, ‘हम लोग पाप किहा ह अउर नेमन क तोड़ा ह। हमार पाप हमरी सहनसवती क बाहर अहइँ। हम ओन पापन्क कारण मारा होत अही। हम जिअत रहइ बरे का कइ सकित ह।’
11 “तोहका ओनसे कहइ चाही, ‘मोर सुआमी यहोवा कहत ह: मइँ आपन जिन्नगी क किरिया खाइके बिस्सास दिआवत हउँ कि मइँ लोगन क मरत लखिके आनन्दित नाहीं होत हउँ, हिआँ तलक कि बुरे लोगन बरे भी नाहीं। मइँ नाहीं चाहत कि उ पचे मरइँ। मइँ चाहत हउँ कि उ बुरे लोग आपन जिन्नगी क बदलइँ जेहसे उ पचे जिअत रहि सकइँ। एह बरे बुरे काम करब तजा। इस्राएल क परिवार, तोहका मरब ही काहे चाही?’
12 “मनई क पूत, आपन लोगन स कहा, ‘जदि कउनो मनई पुराने समइ मँ पूण्य कर्म किहेस ह तउ ओहसे ओकर जिन्नगी नाहीं बचिहीं जदि उ अपराध पाप करब सुरू करइ। जदि कउनो मनई पुराने समइ मँ पाप किहेस, तउ उ नस्ट नाहीं कीन्ह जाइ, जदि उ पाप स दूर हटि जात ह। एह बरे याद राखा, एक मनई क जरिये पुराने समइ मँ कीन्ह गए पुण्य कर्म ओकर रच्छा नाहीं करिहीं, जदि उ पाप करब सुरू करत ह।’
13 “इ होइ सकत ह कि मइँ कउनो नीक मनई क बरे कहउँ कि उ जिअत रही। किन्तु इ होइ सकत ह कि उ नीक मनई इ सोचब सुरू करइ कि पुराने समइ मँ उसके जरिये कीन्ह गए करम ओकर रच्छा करिहीं। एह बरे उ बुरे करम करब सुरू कइ सकत ह। किन्तु मइँ ओकर पुराने समइ क पुण्य क याद नाहीं राखब। नाहीं, उ ओन पापन्क कारण मरी जेनका उ करब सुरू करत ह।
14 “या इ होइ सकत ह कि मइँ कउनो दुस्ट मनई क बरे कहउँ कि उ मरी। किन्तु उ आपन जिन्नगी क बदल सकत ह। उ पाप करब तजि सकत ह। उ नीक अउ उचित होइ सकत ह।
15 उ उ गिरवी क चीज क लउटाइ सकत ह जेका उ रिण मँ मुद्रा देत समइ रखे रहा। उ ओन चिजियन क भुगतान कइ सकत ह जेनका उ चोराए रहा। उ ओन नेमन क पालन कइ सकत ह जउन जीवन देत हीं। उ बुरे काम करब छोड़ देत ह। तब उ मनई निहचय इ ही जिअत रही। उ मरी नाहीं।
16 मइँ ओकरे पुराने समइ क पापन्क याद नाहीं करब। काहेकि उ अब ठीक-ठाक रहत ह अउर उचित बेउहार रखत ह। एह बरे उ जिअत रही।
17 “किन्तु तोहार लोग कहत हीं, ‘इ उचित नाहीं अहइ। यहोवा मोर सुआमी वइसा नाहीं होइ सकत।’“परन्तु उ सबइ ही लोग अहइँ जउन उचित नाहीं अहइँ। उ सबइ ही लोग अहइँ, जेनका बदलइ चाही।
18 जदि नीक मनई पुण्य करब बन्द कइ देत ह अउर पाप करब सुरू करत ह तउ उ अपने पापन्क कारण मरी।
19 अउर जदि कउनो पापी पाप करब छोड़ देत ह अउर ठीक-ठाक तथा उचित रहब सुरू करत ह तउ उ जिअत रही।
20 किन्तु तू लोग अब भी कहत अहा कि मइँ उचित नाहीं अहउँ। किन्तु मइँ फुरइ कहित हउँ। इस्राएल क परिवार, हर एक मनई क संग निआउ, उ जउन करत ह, ओकरे अनुसार होइ।”
21 देस निकारे क बारहवें बरिस मँ, दसएँ महीने क पँचएँ दिन एक मनई मोर लगे यरूसलेम स आवा। उ हुवाँ क जुद्ध स बच निकरा रहा। उ कहेस, “यरूसलेम पइ अधिकार होइ गवा।”
22 अइसा भवा कि जउने दिन उ मनई मोरे लगे आवा ओकर पूर्व साँझ क, मोर सुआमी यहोवा क सवती मोह पइ उतरी। परमेस्सर मोका जउने समइ उ मनई मोरे लगे आवा स पहिले सुहब मँ बोलइ जोग्य बनाएस यहोवा मोर मुँह खोल दिहे रहा अउर फुन स मोका बोलइ दिहस।
23 तब यहोवा क बचन मोका मिला। उ कहेस,
24 “मनई क पूत, इस्राएल क ध्वस्त नगरन मँ इस्राएली लोग रहत अहइँ। उ सबइ लोग कहत अहइँ, ‘इब्राहीम केवल एक मनई क रहा अउर परमेस्सर ओका इ सारी भुइँया दइ दिहस। अब हम अनेक लोग अही। एह बरे निहचय ही इ भुँइया क हम लोग आपन विरासत क रूप मँ हासिल करब।’
25 “तोहका ओनसे कहइ चाही कि मोर सुआमी यहोवा इ कहत ह, ‘तू लोग खून स सना माँस खात अहा। तू लोग आपन देवमूरतियन स मदद क आसा करत अहा। तू लोगन क मारि डावत अहा। एह बरे मइँ तू लोगन क इ भुइँया काहे देउँ।
26 तू पचे आपन तरवार पइ भरोसा करत अहा। तू पचन्मँ स हर एक भयंकर पाप करत ह। तू पचन्मँ स हर एक आपन पड़ोसी क पत्नी क संग बिभिचार करत ह। एह बरे तू भुइँया पाइ नाहीं सकत्या।’
27 “‘तू पचन्क कहइ चाही कि सुआमी यहोवा इइ कहत ह, “मइँ आपन जिन्नगी क किरिया खाइके प्रतिग्या करत हउँ, कि जउन लोग ओन ध्वस्त नगरन मँ रहत हीं, उ पचे तरवार क घाट उतारे जइहीं। जदि कउनो उ देस स बाहेर होइ तउ मइँ ओका जनावरन स मरवाउब अउर खिआउब। जदि लोग किले अउर गुफन मँ छिपे होइहीं तउ पचे रोग स मरिहीं।
28 मइँ भुइँया क खाली अउर बर्बाद करब। उ देस ओन सबहिं चिजियन क खोइ देइ जेन पइ ओका गर्व रहा। इस्राएल क पर्वत खाली होइ जइहीं। उ ठउरे स कउनो गुजरी नाहीं।
29 ओन लोग अनेक भयंकर पाप किहेन ह। एह बरे मइँ उ देस क खाली अउ बर्बाद करब। तब उ सबइ लोग जनिहीं कि मइँ यहोवा हउँ।”
30 “‘अब तोहरे बारे मँ, मनई क पूत, तोहार लोग देवारन क सहारे निहुरे भए अउर आपन दरवाजन मँ खड़े अहइँ अउर उ पचे तोहरे बारे मँ बात करत हीं। उ पचे एक दूसर स कहत हीं, “आवा, हम जाइके सुनी जउन यहोवा कहत ह।”
31 एह बरे उ पचे तोहरे पचन्क लगे वइसे ही आवत हीं जइसे उ पचे मोर लोग होइँ। इ लोग तोहरे पचन्क समन्वा अइसे बइठत ह जइसे उ पचे मोर लोग अहइ। उ पचे तोहार सँदेसा सुनत ह। किन्तु उ पचे उ नाहीं करिहीं जउन तू कहब्या। उ पचे सिरिफ उ करइ चाहत हीं जउन अनुभव करइ मँ अच्छा होइ। उ पचे लोगन क धोखा देइ चाहत हीं अउर अधिक धन कमावइ चाहत हीं।
32 “‘तू एन लोगन क दृस्टि मँ प्रेमगीत गावइवाले गायक स जियादा नाहीं अहा। तोहार स्वर अच्छा अहइ। तू आपन बाजा अच्छा बजावत अहा। उ पचे तोहार सँदेसा सुनिहीं किन्तु उ पचे उ नाहीं करिहीं जउन तू कहत अहा।
33 किन्तु जिन चिजियन क बारे मँ ओन लोगन स कहत अहा, उ सबइ फुरइ घटित होइहीं अउर तब लोग समझिहीं कि ओनके बीच फुरइ एक ठु नबी रहत रहा।”‘
Ezekiel 34
1 यहोवा क वचन मोका मिला। उ कहेस,
2 “मनई क पूत, मोरे बरे इस्राएल क गड़रियन (प्रमुखन) क बिरूद्ध बातन करा। ओनसे मोरे बरे बातन करा। ओनसे कहा कि सुआमी यहोवा इ कहत ह: ‘इस्राएल क गड़ेरियो तू पचे सिरिफ आपन पेट भरत अहा। इ तोहरे बरे बहोत बुरा होइ। का गड़ेरियन क भेड़िन क पेट नाहीं भरइ चाही?
3 तू मनई पनीर खावत अहा। अउर आपन ओढ़ना बनावइ बरे भेड़िन ऊन क प्रयोग करत अहा। तू पचे मोटी भेड़ी क मारत अहा, किन्तु भेड़िन क धियान नाहीं रखत ह।
4 तू पचे दुर्बल क बलवान नाहीं बनाया। तू पचे रोगी भेड़ी क परवाह नाहीं किहा ह। तू पचे चोट खाइ भइ भेड़िन क पट्टी नाहीं बाँध्या। कछू भेड़िन भटकिके दूर चली गइन अउर तू पचे ओनका हेरइ अउर ओनका वापस लेइ नाहीं गया। नाहीं, तू पचे त्रूर अउर कठोर रह्या, इहइ राह रही जउने पइ तू भेड़िन क लइ जाइ चाह्या।
5 “‘अउर अब, भेड़िन बिखरि गइ अहइँ काहेकि उ पचन्क कउनो गड़रिया नाहीं रहा। उ पचे हर एक जंगली जनावर क भोजन बनी। एह बरे उ सबइ बिखरि गइन।
6 मोर भेड़िन क झुण्ड सबहिं पर्वतन अउ ऊँच पहाड़ियन पइ भटकिन। मोर भेड़िन क झुण्ड धरती क सारी सतह पइ बिखरि ग अइन। कउनो भी ओनकर खोज अउ देखरेख करइवाला नाहीं रहा।’“
7 एह बरे तू गड़रियो, यहोवा क बचन सुना। मोर सुआमी यहोवा कहत ह,
8 “मइँ आपन जिन्नगी क किरिया खाइके तू पचन्क इ बिस्सास दियावत हउँ। जंगली जनावरन मोर भेड़िन क धरेन। हाँ, मोर भेड़िन क झुण्ड सबहिं जंगली जनावरन क भोजन बन गइन। काहेकि ओनकर कउनो ठीक गड़रिया नाहीं रहा। मोर गड़रियन मोर भेड़िन क झुण्ड क खोज नाहीं किहन। ओन गड़रियन खुद ही भेड़िन क मारेन अउर खुद खाएन। उ पचे मोर भेड़िन क चारा नाहीं दिहन।”
9 एह बरे तू पचे गड़रियो, यहोवा क सँदेसा क सुना।
10 यहोवा कहत ह, “मइँ ओन गड़रियन क विरूद्ध हउँ। मइँ ओनसे आपन भेड़िन माँगब। मइँ ओन पइ हमला करब। उ पचे भविस्स मँ मोर गड़रियन नाहीं रहिहीं। मइँ ओनकर मुँहे स आपन भेड़िन क झुण्ड क बचाउब। तब मोर भेड़िन ओनकर भोजन नाहीं होइहीं।”
11 मोर सुआमी यहोवा कहत ह, “मइँ खुद ओनकर गड़रिया बनब। मइँ आपन भेड़िन क खोज करब। मइँ ओनका हेरब।
12 जदि कउनो गड़रिया आपन भेड़िन क संग उ समइ अहइ जब ओकर भेड़िन दूर भटकइ लगी होइँ तउ उ ओनका हरेइ जाइ। उहइ तरह मइँ आपन भेड़िन क खोज करब। मइँ आपन भेड़िन क बचाउब। मइँ ओनका ओन ठउरन स लउटाउब जहाँ उ पचे उ बदरी अउर अँधेरा मँ भटक गइ रहिन।
13 मइँ ओनका ओन रास्ट्रन स वापस लिआउब। मइँ ओन देसन स ओनका बटोरब। मइँ ओनका ओनके आपन देस मँ, लिआउब। मइँ ओनका इस्राएल क पर्वतन पइ, जल स्रोतन क सहारे, ओन सबहिं ठउरन मँ जहाँ लोग रहत हीं, खियाउब।
14 मइँ ओनका घासवाले खेतन मँ लइ जाब। उ पचे इस्राएल क सबन्त ऊँचे पर्वतन पइ जइहीं। हुवाँ उ पचे अच्छी चिरागाह पइ सोइहीं अउ अच्छी घास खइहीं। उ पचे इस्राएल क पर्वत पइ भरी-पूरी घास-वाली भुइँया मँ चरिहीं।
15 हाँ, मइँ आपन झुण्ड क खिआउब अउर ओनका विस्राम क ठउर पइ लइ जाब।” मोर सुआमी यहोवा इ कहे रहा।
16 “मइँ खोइ भेड़ी क खोज करब। मइँ ओन भेड़िन क वापस लिआउब जउन बिखर गइ रहिन। मइँ ओन भेड़िन क पट्टी करब जेनका चोट लगी रही। मइँ कमजोर भेड़ी क मजबूत बनाउब। अउर मइँ मोटा अउ सक्तीसाली भेड़िन स ओनकइ रच्छा करब। मइँ ओनकर चरवाही निआवपूर्ण तरीका स करब।”
17 मोर सुआमी यहोवा इ कहत ह, “अउर तू, मोर झुण्ड, मइँ हर एक भेड़ी क संग निआउ करब। मइँ भेड़न अउर बोकरन क बीच निआउ करब।
18 तू अच्छी भुइँया पइ उगी घास खाइ सकत ह। तू उ घासे क काहे वुचरत अहा जेका दूसर भेड़िन खाइ चाहत हीं? तू काफी मात्रा मँ स्वच्छ जल पी सकत ह। तउ तू उ जल क हिलाइके गन्दा काहे करत अहा, जेका दूसर भेड़िन पिअइ चाहत हीं?
19 अब मोर भेड़िन क झुण्ड उ घास क खाइ चाही जेका तू आपन गोड़न स वुचर्या अउर उ पानी पीअइ चाही जेका तू आपन गोड़न स हिलाइके गन्दा कइ दिहा।”
20 एह बरे मोर सुआमी यहोवा ओनसे कहत ह: “मइँ खुद मोटी अउ पतरी भेड़िन क संग निआउ करब।
21 तू आपन बगल स अउर आपन काँधन स धवका दइके अउर आपन सींगन स सबहिं कमजोर भेड़िन क तब तलक मार गिरावत ह, जब तलक तू ओनका दूर चले जाइ बरे मजबूर नाहीं करत्या।
22 एह बरे मइँ आपन भेड़िन क झुण्ड का बचाउब। उ सबइ भविस्स मँ जंगली जनावरन स नाहीं धरी जइहीं। मइँ हर एक भेड़ी क संग निआउ करब।
23 तब मइँ ओनके ऊपर एक गड़रिया आपन सेवक दाऊद क राखब। उ ओनका अपने आप खिआई अउर ओनकर गड़रिया होइ।
24 तब मइँ यहोवा अउर सुआमी, ओनकर परमेस्सर होब अउर मोर सेवक दाऊद ओनकर सासक होब। मइँ यहोवा इ कहेउँ ह।
25 “मइँ आपन भेड़िन क संग एक ठु सान्ति-सन्धि करब। मइँ नोस्कान पहोंचावइवाले जनावरन क देस स बाहेर कइ देब। तब भेड़िन रेगिस्ताने मँ सुरच्छित रहिहीं अउर जंगल मँ सोइहीं।
26 मइँ आपन भेड़िन क आपन पहाड़ी क चारिहुँ ओर क ठउरन क आसीर्बाद देब। मइँ ठीक समइ पइ बर्खा करब। अउर बर्खा ओनकर बरे आसीर्बाद होइहीं।
27 खेतन मँ उगइवाले बृच्छ आपन फल देइहीं। भुइँया आपन फसल देइ। एह बरे भेड़िन आपन प्रदेस मँ सुरच्छित रहिहीं। मइँ ओनके ऊपर रखे जुअन क तोड़ डाउब। मइँ ओनका ओन लोगन क सवती स बचाउब जउन दास बनाएन। तब उ पचे जनिहीं कि मइँ यहोवा हउँ।
28 “उ पचे जनावरन क तरह भविस्स मँ दूसर रास्ट्रन क जरिये बन्दी नाहीं बनावा जइहीं। उ सबइ जनावर ओनका भविस्स मँ नाहीं खइहीं। अपितु अब उ सबइ सुरच्छित रहिहीं। कउनो ओनका आतंकित नहीं करी।
29 मइँ ओनका कछू अइसी भुइँया देब जउन एक अच्छा बगीचा बनी। तब उ पचे उ देस मँ भूख स पीड़ित नाहीं होइहीं। उ पचे भविस्स मँ रास्ट्रन स अपमानित होइ क कस्ट पइहीं।
30 तब उ पचे समुझिहीं कि मइँ ओनकर परमेस्सर यहोवा हउँ। तब उ पचे समुझिहीं कि मइँ ओनके संग हउँ। इस्राएल क परिवार समुझी कि उ सबइ मोर लोग अहइँ।” मोर सुआमी यहोवा इ कहे रहा।
31 “तू मोर भेड़िन, मोर चरागाह क भेड़िन, तू सिरिफ मनई अहा अउर मइँ तोहार परमेस्सर हउँ।” मोर सुआमी यहोवा इ कहेस।
Ezekiel 35
1 मोका यहोवा क बचन मिला। उ कहेस,
2 “मनई क पूत, सेेईर पर्वत कइँती धियान द्या अउर मोरे बरे एक खिलाफ कछू कहा।
3 एहसे कहा, ‘मोर सुआमी यहोवा इ कहत ह:“‘सेईर पर्वत, मइँ तोहरे खिलाफ हउँ। मइँ तोहका दण्ड देब। मइँ तोहका खाली बरबाद छेत्र कइ देब।
4 मइँ तोहरे नगरन क नस्ट करब, अउर तू खाली होइ जाब्या। तब तू समुझब्या कि मइँ यहोवा हउँ।
5 काहेकि तू सदा मोरे लोगन क बिरूद्ध रह्या। तू इस्राएल क बिरूद्ध आपन तरवारन क उपयोग ओकर बिपत्ति क समइ मँ किहा, ओनकर आखिर दण्ड क समइ मँ।’“
6 एह बरे मोर सुआमी यहोवा कहत ह, “मइँ आपन जिन्नगी क किरिया खाइके प्रतिग्या करत हउँ कि मइँ तोहरे बरे रक्तपात लिआउब। रक्त तोहार पिछा करिहीं। तोहका लोगन क रक्त बहावइ मँ घिना नाहीं भएस। एह बरे रक्त तोहार पाछा करी।
7 मइँ सेईर पर्वत क खाली बरबाद कइ देब। मइँ उ हर एक मनई क मार डाउब जउन उ नगर स आई अउर मइँ उ हर मनई क मार डाउब जउन उ नगर मँ जाइ क जतन करी।
8 मइँ ओकर पर्वतन क ल्हासन स ढक देब। उ सबइ ल्हास तोहार सारी पहाड़िन, तोहार घाटी अउर तोहार सारे नालन मँ फइले होइहीं।
9 मइँ तोहका सदा बरे नस्ट कइ देब। तोहरे पचन्क नगरन मँ कउनो जिअत नाहीं रही। तब तू समुझब्या कि मइँ यहोवा हउँ।”
10 तू कह्या, “इ दुइनउँ रास्ट्र अउर देस (इस्राएल अउ यहूदा) मोर होइहीं। हम ओनका आपन बनाइ लेब।”किन्तु यहोवा हुवाँ अहइ।
11 मोर सुआमी यहोवा कहत ह, “तू मोरे लोगन बरे ईर्स्यालु रह्या। तू ओन पइ कोहान रह्या अउर तू मोहसे घिना करत रह्या। एह बरे आपन जिन्नगी क किरिया खाइके मइँ प्रतिग्या करत हउँ कि मइँ तोहका वइसे ही दण्डित करब जइसे तू ओनका चोट पहोंचाया। मइँ तोहका सजा देब अउर आपन लोगन क समुझइ देब कि मइँ ओनके संग हउँ।
12 तब तू भी समुझब्या कि मइँ तोहरे सबहिं अपमानन क सुनेउँ ह। तू इस्राएल पर्वत क खिलाफ बहोत स बुरी बातन किहा ह। तू कह्या, ‘इस्राएल नस्ट कइ दीन्ह गवा ह। हम लोग ओनका भोजन क तरह चबाइ जाब।’
13 तू पचे गर्वीला रह्या अउर मोरे खिलाफ बातन किहा। तू अनेक दाइँउ कह्या अउर जउन तू कह्या, ओकर हर एक सब्द मइँ सुनेउँ। हाँ, मइँ तू पचन्क सुनेउँ।”
14 मोर सुआमी यहोवा इ कहत ह, “उ समइ सारी धरती खुस होइ जब मइँ तोहका नस्ट करब।
15 तू तब खुस रह्या जब इस्राएल देस नस्ट भवा। मइँ तोहरे संग वइया ही बेउहार करब। सेइर पर्वत अउर एदोम क पूरा देस नस्ट कइ दीन्ह जाइ। तब तू समुझब्या कि मइँ यहोवा हउँ।”
Ezekiel 36
1 “मनई क पूत, मोरे बरे इस्राएल क पर्वतन स कहा। इस्राएल क पर्वतन क यहोवा क बचन सुनइ क कहा।
2 ओनसे कहा कि सुआमी यहोवा इ कहत ह, ‘दुस्मन तोहार बिरुद्ध बोलेस ह। उ लोग कहेस, वाह! अब प्राचीन पर्वत हमार होइ।’
3 “एह बरे मोरे बरे इस्राएल क पर्वतन स कहा। कहा कि सुआमी यहोवा इ कहत ह, ‘दुस्मन तोहका खाली किहस। उ पचे तोहका चारिहुँ ओर स वुचल डाएन ह। उ पचे अइसा किहेन। एह बरे तू दूसर रास्ट्रन क अधिकार मँ गया। तब तोहरे बारे मँ लोग बातन अउ कानाफूसी किहन।”‘
4 एह बरे इस्राएल क पर्वतो, मोर सुआमी यहोवा क बचन सुना। मोर सुआमी यहोवा पर्वतन, पहाड़ियन, धारन, घाटियन, खाली खण्डहरन अउ छोड़े गए नगरन स, जउन चारिहुँ कइँती क दूसर रास्ट्रन क जरिये लूटेन अउ मजाक उडाए गएन कहत ह
5 मोर सुआमी यहोवा कहत ह: “मइँ किरिया खात हउँ कि मइँ आपन जलजलाहट क अपने बरे बोलइ देब। मइँ एदोम अउर दूसर रास्ट्रन क आपन किरोध क अनुभवा कराउब। ओन रास्ट्रन मोर भुइँया पइ कबजा कइ लिहेन। उ पचे उ देस क लइके बड़े खुस भएन। उ पचे उ भुइँया क लूटिके बहोत खुस भएन।”
6 “एह बेरे इस्राएल देस क बारे मँ इ सबइ कहा। पर्वतन, पहाड़ियन, धारन अउ घाटियन स कहा। इ कहा कि मोर सुआमी यहोवा कहत ह, ‘मइँ आपन जलन अउ किरोध क आपन बरे बोलइ देब। काहेकि एन रास्ट्रन स तोहका अपमान क पीरा मिली ह।’“
7 एह बरे मोर सुआमी यहोवा इ कहत ह, “मइँ प्रतिग्या करत हउँ कि मइँ आपन हाथ उठाउब तोहरे चारिहुँ कइँती क रास्ट्र अपमान क कस्ट भोगिहीं।”
8 “किन्तु इस्राएल क पर्वतो, तू मोरे इस्राएल क लोगन बरे नए बृच्छ उगउब्या अउर फल पइदा करब्या। मोर लोग हाली लउटिहीं। मइँ तोहरे संग हउँ।
9 मइँ तोहार मदद करब अउर तोहार देख-रेख करब। लोग तोहार भुइँया जोतिहीं। लोग बिआ बोइहीं।
10 तोहरे ऊपर अनगिनत लोग लहिहीं। इस्राएल क सारा परिवार अउर सबहिं लोग हुआँ रहिहीं। नगरन मँ, लोग रहइ लगिहीं। नस्ट ठउर नवे जगहन क तरह बनिहीं।
11 मइँ तोहका बहोत स लोग अउर जनावरन देब। उ पचे बढ़िहीं अउर ओनके बहोत गदेलन होइहीं। मइँ तोहारे ऊपर रहइवाले लोगन क वइसे ही प्राप्त कराउब, जइसे तू पहिले किहे रह्या। मइँ एका तोहरे बरे सुरूआत क बनिस्बत नीक बनाउब। तू फुन कबहुँ ओनका, ओनकर सन्तान स बंचित नाहीं करब्या। तब तू जनब्या कि मइँ यहोवा हउँ।
12 हाँ, मइँ आपन लोग, इस्राएल क तोहरी भुइँया पइ चलाउब। उ पचे तोह पइ अधिकार करिहीं अउर तू ओनकर होब्या। तू ओनका बगैर बच्चन क फुन कबहुँ नाहीं बनउब्या।”
13 मोर सुआमी यहोवा इ कहत ह, “हे इस्राएल देस लोग तोहसे बुरी बातन कहत हीं। उ पचे कहत हीं कि तू आपन लोगन क नस्ट किहा ह। उ पचे कहत हीं कि तू बच्चन क दूर लइ गया।
14 अब भविस्स मँ तू लोगन क नस्ट नाहीं करब्या। तू भविस्स मँ बच्चन क दूर नाहीं लइ जाब्या।” मोर सुआमी यहोवा इ सबइ बातन कहे रहा।
15 “मइँ ओन रास्ट्रन क तोहका, अउर जियादा अपमाणित नाहीं होइ देब। तू ओन लोगन स अउर जियादा चोट नाहीं खाब्या। तू ओनका गदेलन स रहित फुन कबहुँ नाहीं करब्या।” मोर सुआमी यहोवा इ सबइ बातन कहेस।
16 तब यहोवा क बचन मोका मिला। उ कहेस,
17 “मनई क पूत, इस्राएल क परिवार आपन देस मँ रहत रहा। किन्तु उ पचे उ देस क आपन कामन स दुसित बनाइ दिहन जउन उ पचे किहन। मोरे बरे उ पचे अइसी मेहरारू क समान रहेन जउन आपन मासिक धरम स असुद्ध होइ गइ होइ।
18 उ पचे जब उ देस मँ लोगन क हत्या किहन तउ उ पचे धरती पइ खून फइलाएन। उ पचे आपन देवमूरतियन स देस क गन्दा किहन। एह बरे मइँ ओनका देखाएउँ कि मइँ केतना कोहान रहेउँ।
19 मइँ ओनका रास्ट्रन मँ बिखेरेउँ अउर सबहिं देसन मँ फइलाएउँ। मइँ ओनका दण्ड उ बुरे काम बरे दिहेउँ जउन उ पचे किहन।
20 उ पचे ओन दूसर रास्ट्रन क गएन अउर ओन देसन मँ भी उ पचे मोर अच्छे नाउँ क बदनाम किहेन। कइसे? हुवाँ रास्ट्रन ओनके बारे मँ बातन किहन। उ पचे कहेन, ‘इ सबइ यहोवा क लोग अहइँ किन्तु इ पचे ओकर देस तजि दिहन तउ जरूर यहोवा मँ कछू खराबी होइ।’
21 “इस्राएल क लोग मोरे पवित्तर नाउँ क जहाँ कहीं उ पचे गएन, बदनाम किहन। मइँ आपन नाउँ बरे दुःख अनुभव किहेउँ।
22 एह बरे इस्राएल क परिवार स कहा कि सुआमी यहोवा इ कहत ह, ‘इस्राएल क परिवार, तू जहाँ गया हुआँ तू मोरे पवित्तर नाउँ क बदनाम किहा। एका रोकइ बरे मइँ कछू करइ जात हउँ। मइँ इ तोहरे बरे नाहीं करब। इस्राएल, मइँ एका आपन पवित्तर बरे करब।
23 मइँ ओन रास्ट्रन क देखाउब कि मोर महान नाउँ सच मँ पवित्तर अहइ। तब उ सबइ रास्ट्र जनिहीं कि मइँ यहोवा हउँ।”‘ मोर सुआमी यहोवा इ सबइ कहे रहा।
24 परमेस्सर कहेस, “मइँ तोहका ओन रास्ट्रन स बाहेर निकारब, एक संग बटोरब अउर तोहका तोहरे देस मँ लिआउब।
25 तब मइँ तोहरे उपर सुद्ध जल छिछकारब अउर तोहका सुद्ध करब। मइँ तोहार सारी गन्दगियन क धोइ डाउब अउर ओन घृणित देवमूरतियन स पइदा भइ गन्दगी क धोइ डाउब।”
26 परमेस्सर कहेस, “मइँ तोहमें नई आतिमा भी भरब अउर तोहरे सोचइ क ढंग क बदलब। मइँ तोहरे तने स कठोर हिरदय क बाहेर करेब अउर तोहका एक कोमल मानवी हिरदइ देब।
27 मइँ तोहरे भीतर आपन आतिमा प्रतिस्ठित करब। मइँ तोहका बदलब जेहसे तू मोरे नेमन क पालन करब्या। तू सावधानी स मोरे आदेसन क पालन करब्या।
28 तब तू उ देस मँ रहब्या जेका मइँ तोहरे पुरखन क दिहे रहेउँ। तू पचे मोरे लोग रहब्या अउर मइँ तोहार परमेस्सर रहब।”
29 परमेस्सर कहेस, “मइँ तोहका पचन्क बचाउब भी अउर तोहका पचन्क असुद्ध होइ स रोकब। मइँ अन्न क उगइ बरे आदेस देब। मइँ तोहरे पचन्क भुखमरी समइ नाहीं लिआउब।
30 मइँ तोहरे बृच्छन स फलन क बड़की फसलन अउर खेतन स अन्न क फसलन देब। तब तू दूसर देसन मँ भूखे रहइ क लज्जा फुन कबहुँ महसूस नाहीं करब्या।
31 तू पचे ओन बुरे कामन क याद करब्या जउन तू पचे स किहा। तू पचे याद करब्या कि उ सबइ काम नीक नाहीं रहेन। तब तू पचे आपन पापन अउर जउन भयंकर करम किहा ओनके बरे तू खुद अपने स घिन करब्या।”
32 मोर सुआमी यहोवा इ कहत ह, “मइँ चाहत हउँ कि तू इ याद राखा: मइँ तोहरी भलाई बरे इ सबइ कामन नाहीं करत हउँ। मइँ ओनका आपन नीक नाउँ करत हउँ। इस्राएल क परिवार, तोहका आपन रहइ क ढंग पइ लज्जित अउ बियावुल होइ चाही।”
33 मोर सुआमी यहोवा इ कहत ह, “जउने दिन मइँ तोहरे पापन्क धोउब, मइँ लोगन्क वापस तोहरे नगरन मँ लिआउब। उ सबइ नगर फुन बनावा जइहीं।
34 खाली पड़ी भुइँया फुन जोती जाइ। हिआँ स गुजरइवाले हर एक क इ बरबादियन क ढेर क रूप मँ नाहीं देखाइ।
35 उ पचे कहिहीं, ‘पुराने समइ मँ इ देस नस्ट होइ ग रहेन। लेकिन इ सबइ अदन क बगीचे जइसे अहइँ। नगर नस्ट होइ गए रहेन। उ पचे बर्बाद अउर खाली रहेन। किन्तु अब उ सबइ सुरच्छित अहइँ ओनमाँ लोग रहत हीं।’“
36 परमेस्सर कहेस, “तब तोहरे चारिहुँ ओर क रास्ट्र समझिहीं कि मइँ यहोवा हउँ अउर मइँ ओन नस्ट ठउरन क फुन बसाएउँ। मइँ इ पहँटा मँ जउन खाली पड़ा रहा पेड़न क रोपेस। मइँ यहोवा हउँ। मइँ इ कहेउँ अउर मइँ एका घटित कराउब।”
37 मोर सुआमी यहोवा इ कहत ह, “जब इस्राएल क मनई मोहसे इ चिजियन करइ बरे कहब तउ मइँ सकारात्मक उत्तर देउब। मइँ ओनका असंख्य लोग बनाउब। उ पचे भेड़िन क झुण्डन क तरह होइहीं।
38 यरूसलेम मँ बिसेस त्यौहार क अवसर क समइ (बोकरियन, भेड़िन क खरकन क तरह, लोग होइहीं।) नगर अउर बरबाद ठउर, लोगन क झुण्ड स भरि जइहीं। तब उ पचे समुझिहीं कि मइँ यहोवा हउँ।”
Ezekiel 37
1 यहोवा क सक्ति मोह पइ आयी। यहोवा क आतिमा मोका नगर क बाहेर लइ गई अउर खाले एक घाटी क बीच मँ राखेस। घाटी मरे लोगन क हाड़न क भरी रही।
2 घाटी मँ अनगिनत हाड़न भुइँया पइ पेड़ रहेन। यहोवा मोका हाड़न क चारिहुँ कइँती घुमाएस। मइँ लखेउँ कि हाड़त बहोत झुरान अहइँ।
3 तब मोर सुआमी यहोवा मोहसे कहेस, “मनई क पूत, का इ हाड़न जीवित होइ सकत ही?” मइँ जवाब दिहेउँ, “मोर सुआमी यहोवा, उ सवाल क जवाब सिरिफ तू जानत अहा।”
4 मोर सुआमी यहोवा मोहसे कहेस, “ओन हाड़न स मोरे बरे बातन करा। ओन हाड़न स कहा, ‘झुरान हाड़ो यहोवा क वचन सुना!
5 मोर सुआमी यहोवा तू झुरान हाड़न स कहत ह: मइँ तू सबइ क अन्दर साँस दाखिल करब। अउर तू पचे जीवित होइ जाब्या।
6 मइँ तोहरे पचन्क ऊपर नसन अउर माँस पेसियन चढ़ाउब अउर मइँ तोहका पचन्क चमड़ी स ढक देब। तब मइँ तोहार अन्दर साँस पूँकब। अउर तू पचे फुन जीवित होइ उठब्या। तब तू पचे समुझब्या कि मइँ यहोवा हउँ।’“
7 अत: मइँ यहोवा बरे ओन हाड़न स वइसे ही बातन किहेउँ कि जइसा उ कहेस। जब मइँ अभी बात करत ही रहेउँ तबहिं मइँ प्रचण्ड ध्वनि सुनेउँ। हाड़न खड़खड़ाइ लागिन अउर हाड़न हाड़न स एक संग जुड़िन।
8 हुवाँ मोर आँखिन क समन्वा नसन, माँस पेसियन अउर चमड़ी हाड़न क ढकब सुरू किहस। किन्तु ओनमाँ साँस नाहीं रहा।
9 तब मोर सुआमी यहोवा मोहसे कहेस, “साँस स मोरे बरे कहा। मनई क पूत, मोरे बरे साँस स बातन करा। साँस स कहा कि सुआमी यहोवा इ कहत अहइ: ‘हे साँस, हर दिसा स आवा अउर एन ल्हासन मँ साँस भरा। ओनमा साँस भरा अउर उ पचे फुन जीवित होइ जाइहीं।’“
10 इ तरह मइँ यहोवा बरे साँस स बातन किहेउँ जइसा उ कहेस अउर ल्हासन मँ साँस आइन। उ पचे जी उठेन अउर खड़े होइ गएन। हुआँ बहोत स मनसेधू रहेन, उ पचे एक ठु बड़की फउज रहेन।
11 तब मोर सुआमी यहोवा मोहसे कहेस, “मनई क पूत, इ सबइ हाड़न इस्राएल क पूरे परिवार क दर्सावत अहइँ। इस्राएल क लोग कहत हीं, हमार हाड़न झुराइ गइ अहइँ, हमार आसा समाप्त अहइ। हम पूरी तरह नस्ट कीन्ह जाइ चुकी अहइँ।
12 एह बरे ओनसे मोरे बरे बातन करा। ओनसे कहा सुआमी यहोवा इ कहत ह, ‘मोर लोगो, मइँ तोहार पचन्क कब्रन खोलब अउर तू सबइ पचन्क कब्रन क स बाहेर लिआउब। तब मइँ तू पचन्क इस्राएल क भुइँया पइ लिआउब।
13 मोरे लोगो, मइँ तोहार पचन्क कब्रन खोलब अउर तोहार पचन्क कब्रन स तू पचन्क बाहेर लिआउब। तब तू पचे समुझब्या कि मइँ यहोवा हउँ।
14 मइँ आपन साँस तू पचन्मँ डाउब अउर तू पचे फुन स जीवित होइ जाब्या। तब तू पचन्क मइँ तोहरे पचन्क देस मँ वापस लिआउब। तब तू पचे जनब्या कि मइँ यहोवा हउँ। तू पचे जनब्या कि मइँ इ सबइ बातन कहेउँ अउर ओनका घटित कराया।’“ यहोवा इ कहे रहा।
15 मोका यहोवा क बचन फुन मिला। उ कहेस,
16 “हे मनई क पूत, एक वुबरी ल्या अउर ओह पइ इ सँदेसा लिखा: ‘इ वुबरी यहूदा अउर ओकर मीतन, इस्राएल क लोगन क अहइ।’ तब दूसर वुबरी ल्या अउर एह पइ लिखा, ‘एप्रैम क इ वुबरी यूसुप अउर ओकर मीत, इस्राएल क लोगन क अहइ।’
17 तब दुइनउँ वुबरियन क एक संग जोर द्या। तोहरे हाथे मँ उ सबइ एक वुबरी होइ।
18 तोहार लोग इ स्पस्ट करइ क कहिहीं, कि एकर अरथ का अहइ।
19 ओनसे कहा कि सुआमी यहोवा कहत ह, ‘मइँ यूसुफ क वुबरी लेब जउन कि एप्रैम अउर ओकर मीत इस्राएल क काबिल क हाथन मँ अहइ। तब मइँ उ वुबरी क यहूदा क वुबरी क संग रखब अउर एनकर एक ठु वुबरी बनाउब। उ पचे मोरे हाथे मँ एक ठु वुबरी होइ।’
20 ओनकर आँखिन क समन्वा ओन वुबरियन क आपन हाथन मँ धरा। तू उ सबइ नाउँ पइ ओन वुबरियन पइ लिखे रह्या।
21 लोग स कहा कि सुआमी यहोवा इ कहत ह: मइँं इस्राएल क लोगन क ओन रास्ट्रन स लिआउब, जहाँ उ पचे गवा अहइँ। ‘मइँ ओनका चारिहुँ कइँती स बटोरब अउर ओनके अपने देस मँ लिआउब।
22 मइँ ओनका इस्राएल क पर्वतन क प्रदेस मँ एक रास्ट्र बनाउब। ओन सबहिं क सिरिफ एक राजा होइ। उ पचे दुइ रास्ट्र नाहीं बना रहिहीं। उ पचे भविस्स मँ राज्जन मँ नाहीं बाँटा जाइ सकतेन।
23 उ पचे आपन देवमूरतियन अउ भयंकर मूरतियन या आपन दूसर कउनो पापन स आपन आपका अउर दूसित नाहीं करिहीं। किन्तु मइँ ओन लोगन क ओनकर सबहिं पापन स जउन उ पचे किहे रहा बचाउब, अउर मइँ ओनका सबहिं ठउरन जहाँ उ पाप किहे रहेन एक संग बटोरब। मइँ ओनका पवित्तर बनाउब। उ सबइ मोर लोग होइहीं। अउर मइँ ओनकर परमेस्सर रहब।
24 “‘मोर सेवक दाऊद ओनके ऊपर राजा होइ। ओन सबहिं क सिरिफ एक गड़रिया होइ। उ पचे मोर नेमन क सहारे होइहीं अउर मोरे विधियन क पालन करिहीं। उ पचे उ काम करिहीं जउन मइँ कहब।
25 उ पचे उ भुइँया पइ रहिहीं जउन मइँ आपन सेवक याकूब क दिहेउँ। तोहार पुरखन उ ठउर पइ रहत रहेन अउर मोर लोग हुवाँ रहिहीं। उ पचे, ओनकर गदेलन अउर ओनकर पोतन-पोतियन हुवाँ हमेसा रहिहीं अउर मोर सेवक दाऊद ओनकर प्रमुख सदा रही।
26 मइँ ओनके संग एक सान्ति सन्धि करब। इ सन्धि सदा बनी रही। मइँ ओनका ओनकर देस देब मंजूर करब। मइँ ओनका बहुसंख्यक लोग बनाउब मंजूर करब। मइँ आपन पवित्तर ठउर हुवाँ ओनक संग सदा बरे रखब मजूंर करत हउँ।
27 मोर पवित्तर तम्बू हुवाँ ओनके बीच रही। हाँ, ओनकर परमेस्सर अउर उ पचे मोर लोग होइहीं।
28 तब दूसर रास्ट्र समुझिहीं कि मइँ यहोवा हउँ अउर उ पचे जानिहीं कि मइँ इस्राएल क, ओनके बीच सदा बरे आपन पवित्तर ठउर रखिके, आपन खास लोग बनावत हउँ।’“
Ezekiel 38
1 यहोवा क सँदेसा मोका मिला। उ कहेस,
2 “मनई क पूत, मागोग प्रदेस मँ गोग पइ धियान द्या। उ मेसेक अउर तूबल रास्ट्रन क सर्वाधिक महत्वपूर्ण प्रमुख अहइ। गोग क विरूद्ध मोरे बरे कछू कहा।
3 उ ओहसे कहा कि सुआमी यहोवा इ कहत ह ‘गोग तू मेसेक अउ तूबल रास्ट्रन क सर्वाधिक महत्वपूर्ण प्रमुख अहा। किन्तु मइँ तोहरे खिलाफ हउँ।
4 मइँ तोहका धरब अउर तोहार पूरी फउज क संग वापस लिआउब। मइँ तोहार फउज क सबहिं मनसेधुअन क वापस लिआउब। मइँ सबहिं घोडन अउर घुड़सवारन क वापस लिआउब। मइँ तोहरे जबड़न मँ हुक डालब अउर तू सबहिं क वापस लिआउब। सबहिं फउजी आपन सबहिं तरवारन अउर ढालन क संग आपन फउजी पोसाक मँ होइहीं।
5 फारस, वूस अउ पूत क फउजी ओनके संग होइहीं। उ पचे सबहिं आपन ढालन अउर मूँड़े क कवच धारन किहे होइहीं।
6 हुआँ आपन फउजियन क सबहिं समूहन क संग गोमेर भी होइ। हुवाँ दूर उत्तर स आपन फउजियन क सबहिं समूहन क संग तोगर्मा क रास्ट्र भी होइ। तोहार संग अनेक लोग होइहीं।
7 “‘तइयार होइ जा। हाँ, आपन क तइयार करा अउर आपन संग मिलइवाली सेना क भी। तोहका निगरानी रखइ चाही अउर तइयार रहइ चाही।
8 बहोत लम्बे समइ क पाछे तू काम पइ बोलावा जाब्या। आगे आवइवाले बरिसन मँ तू उ प्रदेस मँ अउब्या जउन जुद्ध क बाद फुन निमिर्त होइ। उ देस मँ लोग इस्राएल क पर्वत पइ आवइ बरे बहोत स रास्ट्रन स एकट्ठा कीन्ह जइहीं। अतीत मँ इस्राएल क पर्वत बार-बार नस्ट कीन्ह गवा रहा। किन्तु इ सबइ लोग ओन दूसर रास्ट्रन स वापस लउटे होइहीं। उ पचे सबहिं सुरच्छित होइहीं।
9 किन्तु तू ओन पइ आक्रमण करइ अउब्या। तू तूफान क तरह अउब्या। तू देस क ढकत भए गरजत मेघ क तरह अउब्या। तू अउर बहोत स रास्ट्रन क तोहरे फउजियन क समूह, एन लोगन पइ आक्रमण करइ अइहीं।”‘
10 मोर सुआमी यहोवा इ कहत ह: “उ समइ तोहरे दिमागे मँ एक विचार उठी। तू एक बुरी जोजना बनाउब सुरू करब्या।
11 तू कहब्या, ‘मइँ उ देस पइ हमला करइ जाब जेकर नगर बगैर देवार क अहइँ (इस्राएल)। उ सबइ लोग सान्तिपूर्वक रहत हीं। उ पचे समुझत हीं कि उ पचे सुरच्छित अहइँ। ओनकर रच्छा बरे ओनकर नगरन क चारिहुँ कइँती कउनो देवार नाहीं अहइ। ओनके दरवाजन मँ तालन नाहीं अहइँ, ओनके दरवाजे भी नाहीं अहइँ।
12 मइँ एन लोगन क हराउब अउर ओनकर सबहिं कीमती चिजियन ओनसे छोर लेब। मइँ ओन ठउरन क खिलाफ लड़ब जउन नस्ट होइ चुका रहेन, किन्तु अब लोग ओनमाँ रहइ लागेन ह। मइँ ओन लोगन (इस्राएल) क खिलाफ लड़ब जउन दूसर रास्ट्रन स एकट्ठा भए रहेन। अब उ सबइ लोग मवेसी अउ सम्पत्ति वाले अहइँ। उ सबइ संसार क चउराहे पइ रहत हीं जउने ठउर मँ सवतीसाली देसन क दूसर सवतीसाली सबहिं देसन तलक जाइ बरे जात्रा करइ पड़त ह।’
13 “सबा, ददान अउ तर्सीस क बइपारी अउर सबहिं नगर जेनके संग उ पचे बइपार करत हीं, तोहसे पूछिहीं, ‘का तू कीमती चिजियन पइ अधिकार करइ आया ह का तू आपन फउजियन क समूहन क संग, ओन नीक चिजियन क हड़पइ अउर चाँदी, सोना मवेसी तथा सम्पत्ति लइ जाइ आवा रह्या?’“
14 परमेस्सर कहेस, “मनई क पूत, मोरे बरे गोग स कहा। ओहसे कहा कि सुआमी यहोवा इ कहत ह, ‘तू हमरे लोगन पइ तब हमला करइ अउब्या जब उ पचे सान्तिपूर्वक अउर सुरच्छित रहत अहइँ।
15 तू दूर उत्तर क आपन ठउर स अउब्या अउर तू बहुसंख्यक लोगन क साथ लउब्या। उ पचे सबहिं घुड़सवार होइहीं। तू एक बिसाल अउर ताकतवर फउज होब्या।
16 तू मोरे लोग इस्राएल क विरूद्ध लड़इ अउब्या। तू देस क गरजत मेघ क तरह ढकइवाले होब्या। मइँ बाद मँ, आपन देस क विरूद्ध लड़इ बरे तोहका लिआउब। तब हे गोग, रास्ट्र जनिहीं कि मइँ केतना ताकतवर हउँ। उ पचे मोर सम्मान करिहीं अउर समुझिहीं कि मइँ पवित्तर हउँ। उ पचे लखिहीं कि मइँ तोहरे संग का करब।”‘
17 यहोवा इ कहत ह, “उ समइ लोग याद करिहीं कि मइँ पुराने जमाने मँ तोहरे बारे मँ जउन कहेउँ। उ पचे याद करिहीं कि मइँ आपन सेवकन इस्राएल क नबियन क उपयोग किहेउँ। उ पचे याद करिहीं कि इस्राएल क नबी लोग मोरे बरे पुराने जमाने मँ बातन किहन अउर कहेन कि मइँ तोहका ओनके खिलाफ लड़इ बरे लिआउब।”
18 मोर सुआमी यहोवा कहेस, “उ समइ, गोग इस्राएल देस क विरूद्ध लड़इ आइ। मइँ आपन किरोध परगट करब।
19 किरोध अउ जलजलाहट मँ मइँ इ प्रतिग्या करत हउँ, अउर इ कहत हउँ कि इस्राएल मँ एक प्रबल भूकम्प आई।
20 उ समइ सबहिं सजीव प्राणी भय स काँप उठिहीं। समुद्र मँ मछरियन, अकासे मँ पंछी, खेतन मँ जंगली जनावरन अउर उ सबइ सबहिं परानी जउन धरती पइ रेगंत हीं, भय स काँप उठिहीं। पर्वत भहराइ पड़िहीं अउर सिखर ध्वस्त होइहीं। हर एक देवार धरती पइ आइ गिरिहीं।”
21 मोर सुआमी यहोवा कहत, “इस्राएल क पर्वतन पइ, मइँ गोग क विरूद्ध हर प्रकार क भय उत्पन्न करब। ओकर फउजी एतना भयभीत होइहीं कि उ पचे एक दूसर पइ हमला करिहीं अउर आपन तरवार स एक दूसर क मार डइहीं।
22 मइँ गोग क रोग अउर मउत स दण्ड देब। मइँ ओह पइ, ओकर सेना पइ अउर अनेक रास्ट्रन क लोगन पइ जउन कि ओकर संग अहइँ। ओलन, आगी अउर गंधक क बर्खा करब।
23 तब मइँ देखाउब कि मइँ केतना महान हउँ, मइँ प्रमाणित करब कि मइँ पवित्तर हउँ। बहोत स रास्ट्र मोका इ सबइ काम करत लखिहीं अउर उ पचे जनिहीं कि मइँ कउन हउँ। तब उ पचे जनिहीं कि मइँ यहोवा हउँ।”
Ezekiel 39
1 “मनई क पूत, गोग क विरूद्ध मोरे बरे कहा। ओहसे कहा कि सुआमी यहोवा इ कहत ह, ‘गोग, तू मेसेक अउर तूबल देसन क सर्वाधिक महत्वपूर्ण प्रमुख अहा। किन्तु मइँ तोहरे विरूद्ध हउँ।
2 मइँ तोहका घुमा देब अउर तोहार गवाइ करब अउर तोहका सुदूर उत्तर स लिआउब। मइँ तोहका इस्राएल क पर्वतन क खिलाफ जुद्ध करइ बरे लिआउब।
3 किन्तु मइँ तोहार धनुस तोहरे बाएँ हाथ स झटक के गिराइ देब। मइँ तोहरे दाएँ हाथ स तोहार बाण झटकिके गिराइ देब।
4 तू इस्राएल क पर्व-तन पइ मारा जाब्या। तू, तोहार फउजी अउर तोहरे संग क दूसर सबहिं रास्ट्र जुद्ध मँ मारा जइहीं। मइँ तोहका भोजन क रूप मँ सबइ सिकारी पच्छियन वन जनावरन क देब।
5 तू खुले मइदानन मँ मारा जाब्या। मइँ इ कहि दिहे हउँ।’“ मोर सुआमी यहोवा इ कहेस।
6 परमेस्सर कहेस, “मइँ मागोग अउ ओन मनइयन क, जउन समुद्र-तट पइ सुरच्छित रहत हीं, विरूद्ध आगी पठउब। तब उ पचे जानिहीं कि मइँ यहोवा हउँ।
7 मइँ आपन पवित्तर नाउँ इस्राएल क लोगन मँ परगट करब। भविस्स मँ, मइँ आपन पवित्तर नाउँ क, लोगन क जरिये अउर जियादा दूसित नाहीं करइ देब। रास्ट्र जनिहीं कि मइँ यहोवा इस्राएल क परम पवित्तर हउँ।
8 उ समइ आवत अहइ। इ घटित होइ।” यहोवा इ सबइ बातन कहेस। “इ उहइ दिन अहइ जेकरे बारे मँ मइँ कहत हउँ।
9 उ समइ, इस्राएल क नगरन मँ रहइवाले लोग ओन खेतन मँ जइहीं। उ पचे दुस्मन क अस्त्र-सस्त्रन क एकट्ठा करिहीं अउर ओनका जराइ देइहीं। उ पचे सबहिं ढालन, धनुसन अउर बाणन सबइ गदा अउ भालन क जलइहीं। उ पचे ओन अस्त्र-सस्त्रन क उपयोग सात बरिस तलक ईर्धन क रूप मँ करिहीं।
10 ओनका मइदानन स काठ एकट्ठी नाहीं करइ पड़ी या जगूंलन स बृच्छ नाहीं काटइ पड़ी, काहेकि उ पचे अस्त्र-सस्त्रन क उपयोग ईरधन क रूप मँ करिहीं। उ पचे ओन फउजियन क ल्हास क लूट लेइहीं जउन कि ओनसे चोरावइ बरे आए रहेन। उ पचे ओन फउजियन स अच्छी चिजियन लेइहीं जउन ओनसे नीक चिजियन लइ लिहेन।” मोर सुआमी यहोवा इ कहेस।”
11 परमेस्सर कहेस, “उ समइ मँ गोग क दफनावइ बरे इस्राएल मँ एक ठउर चुनब। उ मृत सागर क पूरब मँ जात्रियन क घाटी मँ दफनावा जाइ। इ जात्रियन क मारग क रोकी। काहेकि गोग अउ ओकर सारी फउज उ ठउर मँ दफनाई जाइ। लोग एका ‘गोग क सेना क घाटी’ कहिहीं।
12 इस्राएल क परिवार देस क सुद्ध करइ बरे सात महीने तलक ओनका दफनाई।
13 देस क साधारण लोग दुस्मन क फउजियन क दफनइहीं। इस्राएल क लोग उ दिन प्रसिद्ध होइहीं जउने दिन मइँ अपने बरे सम्मान पाउब।” मोर सुआमी यहोवा इ कहेस।
14 परमेस्सर कहेस, “लोग मजदूरन क, ओन मरे फउजियन क दफनावइ बरे पूरे समइ क नौकरी देइहीं। इ तरह उ पचे देस क पवित्तर करिहीं। उ सबइ मजदूर सात महीने तलक कार्य करिहीं। उ पचे ल्हासन क हेरत भए चरिहुँ ओर जइहीं।
15 उ सबइ मजदूर चारिहुँ कइँती हरेत फिरिहीं। जदि ओनमाँ स कउनो एक हाड़ लखी तउ उ ओकरे पास एक ठु चीन्हा बनाइ देइ। चीन्हा हुवाँ तब तलक रही जब तलक कब्र खोदइवाला आवत नाहीं अउर गोग क सेना क घाटी मँ उ हाड़ क दफनावत नाहीं।
16 उ मृतक लोगन क नगर (कब्रिस्तान) हमोना कहवाई। इ तरह उ सबइ देस क सुद्ध करिहीं।”
17 मोर सुआमी यहोवा इ कहेस, “हे मनई क पूत, मोरे बरे सबइ पंछियन अउ सबइ जंगली जानवरन स बात करा। ओनसे कहा, ‘हिआँ आवा। हिआँ आवा। इ बलि क चारिहुँ कइँती एकट्ठा भवा जउन मइँ तोहरे बरे इस्राएल क पर्वतन पइ तइयार किहेउँ। आवा, माँस खा अउर खून पिआ।
18 तू ताकतवर फउजियन क सरीर क माँस खाउब्या। तू संसार क प्रमुखन क खून पीब्या। उ पचे बासान क भेड़न, मेमनन, बोकरन अउर मोटे बइलन क समान होइहीं।
19 तू जेतना चाहा, ओतनी चर्बी खाइ सकत ह अउर तू उ समइ तलक खून पी सकत ह जब तलक कि तू नसा मँ नाहीं आवत ह। तू मोर बलि स खाब्या अउर पीब्या जेका मइँ तोहारे बरे गारेउँ।
20 तू मोरे मेज पइ तब तलक खाउब्या जब तलक तू सन्तुट्ठ नाहीं होइ जाब्या। हुवाँ घोड़न अउर रथ सारथी, सवतीसाली फउजी अउर दूसर सबहिं लड़इवाले मनई होइहीं।” मोर सुआमी यहोवा इ कहेस।
21 परमेस्सर कहेस, “मइँ दूसर रास्ट्रन क देखाउब कि मइँ का किहेउँ ह। उ सबइ रास्ट्र मोर सम्मान करब आरम्भ करिहीं। उ सबइ मोर उ सवती लखिहीं जउन मइँ दुस्मन क विरूद्ध उपयोग किहेउँ।
22 तब उ दिन क पाछे, इस्राएल क परिवार जानी कि मइँ ओकर परमेस्सर यहोवा हउँ।
23 रास्ट्र इ जान जइहीं कि इस्राएल क परिवार काहे दूसर देसन मँ बन्दी बनाइके लइ जावा गवा रहा। उ पचे जनिहीं कि मोर लोग मोरे विरूद्ध होइ उठा रहेन। एह बरे मइँ ओनसे दूर हट गवा रहेउँ। मइँ ओनके दुस्मनन क ओनका हरावइ दिहेउँ। एह बरे मोर लोग जुद्ध मँ मारा गएन।
24 उ पचे पाप किहेन अउर आपन क गन्दा बनाएन। एह बरे मइँ ओनका ओन कामन बरे दण्ड दिहेउँ जउन उ पचे किहन। एह बरे मइँ ओनसे आपन मुँह फेर लिहेउँ ह।”
25 एह बरे मोर सुआमी यहोवा इ कहत ह, “अब मइँ याकूब क परिवार क बन्धुवाई स निकारब। मइँ पूरे इस्राएल क परिवार पइ दया किहेउँ ह। मइँ आपन पवित्तर नाउँ क बरे बिसेस भावना परगट करब।
26 लोग आपन लज्जा अउर मोरे विरूद्ध विद्रोह क सारे समइ क बिसरि जइहीं। उ पचे आपन देस मँ सुरच्छा क संग रहिहीं। कउनो भी ओनका भयभीत नाहीं करी।
27 मइँ आपन लोगन क दूसर देसन स वापस लिआउब। मइँ ओनका ओनके दुस्मनन क देसन स एकट्ठा करब। तब बहोत स रास्ट्र समुझिहीं कि मइँ केतना पवित्तर हउँ।
28 उ पचे समुझिही कि मइँ यहोवा ओनकर परमेस्सर हउँ। काहेकि मइँ ओनसे ओनकर घर छोड़वाएउँ अउर दूसर देसन मँ बन्दी क रूप मँ पठएउँ अउर तब मइँ ओनका एक संग एकट्ठा किहेउँ अउर ओनका आपन देस मँ वापस लिआएउँ। मइँ ओनमाँ स कउनो हवाँ अउर नाहीं छोड़ब।
29 मइँ इस्राएल क परिवार पइ आपन आतिमा उड़ेरब अउर ओकरे पाछे, मइँ फुन आपन मुहँ आपन लोगन स नाहीं छुपाउब।” मोर सुआमी यहोवा इ कहे रहा।
Ezekiel 40
1 हम लोगन क बन्दी क रूप मँ लइ जावा जाइके पच्चीसवें बरिस मँ, बरिस क सुरुआत मँ प्रथम महीने क दसएँ दिन, यहोवा क आतिमा मोह पइ आई। यरूसलेम क जीतइ क पाछे इ चउदहवाँ बरिस रहा। उहइ दिना यहोवा क सक्ती मोका हुवाँ लइ गवा।
2 दर्सन मँ परमेस्सर मोका इस्राएल देस लइ गवा। उ मोका एक बहोत ऊँचे पर्वत क समीप उतारेस। पर्वत पइ एक भवन रहा जउन नगर क समान देखात रहा।
3 यहोवा मोका हुवाँ लइ गवा। हुवाँ एक मनई रहा जउन चमचमात गए काँसे क तरह चमकत भवा देखात रहा। उ मनई एक कपड़ा नापइ क फीता अउर नापइ क एक छड़ आपन हाथे मँ लिहे रहा। उ फाटक स लगा खड़ा रहा।
4 उ मनई मोहसे कहेस, “मनई क पूत, आपन आँखिन अउ आपन कान क उपयोग करा। एन चिजियन पइ धियान द्या अउर मोर सुना। जउन मइँ तोहका देखावत हउँ ओह पइ धियान द्या। काहेकि तू हिआँ लाए गवा अहा, एह बरे मइँ तोहका एन चिजियन क देखाइ सकत हउँ। तू इस्राएल क परिवार स उ सबइ बतावा जउन तू हिआँ लखा।”
5 मइँ एक देवार लखेउँ जउन मन्दिर क बाहर चारिहुँ कइँती स घेरत रहिन। उ मनई क हाथे मँ चिजियन क नापइ क एक छड़ रही। इ एक छे हाथ लम्ब रहा। (प्रत्यक हाथ साधारण हाथ स चार अगुँल लम्बा रहा।) एह बरे उ मनई देवार क मोटाइ नापेस उ एक छड़ मोटी रही। उ मनई देवार की ऊँचाई नापेस। इ एक छड़ ऊँची रही।
6 तब मनई पूरबी दुआर क गवा। उ मनई ओकर सीढ़ियन पइ चढ़ेस अउर फाटक क डेवढ़ी क नापेस। इ एक छड़ चौड़ी रही।
7 रच्छकन क कमरन एक छड़ लम्बे अउर एक छड़ चौड़े रहेन। कमरन क बीच क देवारन क मोटाई पाँच हाथ रही। भीतर क ओर फाटक क डेवढ़ी जउन कच्छ क बगल मँ रहा एक छड़ चौड़ी रही।
8 तब उ मनई मन्दिर स लगे फाटक क प्रवेस कच्छ क नापेस। इ एक छड़ चौड़ा रहा।
9 तब उ मनई फाटक क प्रवेस कच्छ क नापेस। इ आठ हाथ लम्बा रहा। उ मनई फाटक क दुइनउँ बगल क देवारन क नापेस। हर एक बगल देवार दुइ हाथ चौड़ा रहा। फाटक क ओसारा दरवाजा क भीतर क कइँती रहा।
10 फाटक क हर कइँती तीन नान्ह कमरन रहेन। इ सबइ तीनहुँ नान्ह कमरन हर कइँती स एक नाप क रहेन। दुइनउँ कइँती क दुआर खमम्भन एक नाप क रहेन।
11 उ मनई फाटक क प्रवेसद्वार क चौड़ाई नापेस। इ दस हाथ चौड़ी अउर फाटक क लम्बाइ तेरह हाथ रही।
12 हर एक कमरा क सामने एक नीची देवार रही। इ देवार एक हाथ ऊँची अउर एक हाथ मोटी रही। कमरन वर्गाकार रहेन अउर हर कइँती स छ: हाथ लम्बे रहेन।
13 उ मनई फाटक क हर कमरे क छत स दूसर कमरे क छत तलक नापेस। इ पच्चीस हाथ लम्बा रहा। एक दुआर दूसर दुआर क ठीक विपरीत रहा।
14 उ मनई प्रवेस कच्छ क नापेस। इ साठ हाथ चउड़ा रहा। प्रवेस कच्छ क चारिहुँ ओर आँगन रहा।
15 प्रवेस कच्छ क फाटक पूरे बाहर स, फाटक क भीतर तलक नाप मँ पचास हाथ रहा।
16 रच्छकन क कमरन मँ चारिहुँ कइँती खिड़कियन रहिन। प्रेवेस क कइँती खिड़िकियन बहोत जयादा पातर हो ग रहिन। अउर अन्दर क कइँती चउड़ा रहेन। प्रवेस कच्छ मँ भी चारिहुँ कइँती उहइ प्रकार क खिड़कियन रहिन। हर एक दुआर खम्भन पइ खजूर क बृच्छ खुदा रहेन।
17 तब उ मनई मोका बाहरी आँगन मँ लिआवा। मइँ कमरन अउर पवके फर्स क लखेस। उ पचे आँगन क चारिहुँ कइँती रहेन। पवके फर्स पइ सामने तीस कमरन रहेन।
18 पवका रास्ता फाटक क बगल स गवा। पवका फर्स ओतना ही लम्बा रहा जेतने फाटक रहेन। इ खाले क रास्ता रहा।
19 तब उ मनई खाले फाटक क सामने भीतर कइँती स लइके आँगन क देवार क समन्वा भीतर कइँती तलक नापेस। इ पूरब अउर उत्तर क अउर सौ-सौ हाथ रहेन।
20 उ मनई बाहरी आँगन, जेकर सामना उत्तर कइँती अहइ, क फाटक क लम्बाई अउ चौड़ाइ क नापेस।
21 एकरे हर एक कइँती तीन कमरा अहइँ। एकर दुआर खम्भन अउर प्रवेस-दुआर क नाप उहइ रही जउन पहिले फाटक क रही। फाटक पचास हाथ लम्बा अउर पच्चीस हाथ चौड़ा रहा।
22 एकर खिड़कियन एकर ओसारा अउर एकर खजूर क बृच्छन क नवकासी क नाप उहइ रही जउन पूरब कइँती मुखवाले फाटक क रही। फाटक तलक सात सीढ़ियन रहिन। फाटक क प्रवेस कच्छ भीतर रहा।
23 भीतरी आँगन मँ उत्तर क फाटक तलक पहोंचइवाला एक फाटक रहा। इ पूरब क फाटक क नाईर् रहा। उ मनई एक फाटक स दूसर तक नापेस। इ एक फाटक स दूसर फाटक तलक सौ हाथ रहा।
24 तब उ मनई मोका दविखन कइँती लइ गवा। मइँ दविखन मँ एक दुआर लखेउँ। उ मनई दुआर खम्भन अउर प्रवेस कच्छ क नापेस। उ पचे नाप मँ ओतने ही रहेन जेतने दूसर फाटक।
25 दुआरा रास्ता अउर एकर ओसारा पचास हाथ लम्बा अउर पच्चीस हाथ चउड़ा रहा। एकर चारिहुँ कइँती दूसर फाटकन क नाईं खिड़कियन रहेन।
26 सात पैड़ियन इ फाटक तलक पहोंचावत रहिन। एकर प्रवेस कच्छ भीतर क रहा। हर एक कइँती एक-एक दुआर-खम्भा पइ खजूर क नवकासी रही।
27 भीतरी आँगन क दविखन कइँती एक फाटक रहा। उ मनई दविखन कइँती एक फाटक स दूसर फाटक तलक नापेस। इ सौ हाथ चउड़ा रहा।
28 तब उ मनई मोका दविखन फाटक स होइके भीतर आँगन मँ लइ गवा। दविखन क फाटक क नाप ओतनी ही रही जेतनी दूसर फाटकन क।
29 दविखन फाटक क कमरन, दुआर-खम्भा अउर प्रवेस दुआर क नाप ओतनी ही रही जेतनी दूसर फाटकन क रही। खिड़कियन, फाटक अउर प्रवेस कच्छ क चारिहुँ ओर रहिन। फाटक पचास हाथ लम्बा अउर पच्चीस हाथ चउड़ा रहा।
30 ओकरे चारिहुँ कइँती प्रवेस कच्छ रहेन। प्रवेस कच्छ पच्चीस हाथ लम्बा अउ पाँच हाथ चउड़ा रहा।
31 दविखन फाटक क प्रवेस कच्छ क समन्ना बाहरी आँगन कइँती रहा। एकरे दुआर खमम्भन पइ खजूरे क बृच्छन क नवकासी रही। एकर सीढ़ी क आठु पैड़ियन रहिन।
32 उ मनई मोका पूरब कइँती क भीतरी आँगन मँ लिआवा। उ फाटक क नापेस। ओकर नाप उहइ रही जउन दूसर फाटकन क।
33 पूरबी दुआर क कमरन, दुआर खम्भा अउ प्रवेस कच्छ क नाप उहइ रहेन जउन अन्य फाटकन क। फाटक अउ प्रवेस कच्छ क चारिहुँ कइँती खिड़कियन रहिन। पूरबी फाटक पचास हाथ लम्बा अउ पच्चीस हाथ चउड़ा रहा।
34 एकर प्रवेस कच्छ क सामना बाहरी आँगन कइँती रहा। हर कइँती क दुआर-खम्भन पइ खजूरे क बृच्छन क नवकासी रही। एकरी सीढ़ी मँ आठ पैड़ियन रहिन।
35 तब उ मनई मोका उत्तरी दुआरे पइ लिआवा। उ एका नापेस। एकर नाप उ रही जउन दूसर फाटकन क नाप क समान रहि
36 एकर दुआरपाल क कमरन, खम्भन, प्रवेस कच्छ अउर ओसारा भी रहेन। फाटक क चारिहुँ ओर खिड़कियन रहिन। इ पचास हाथ लम्बा अउर पच्चीस हाथ चउड़ा रहा।
37 दुआर खम्भन क सामना बाहरी आँगन कइँती रहा। हर एक कइँती क दुआर खम्भन पइ खजूरे क बृच्छन क नवकासी रहिन अउर एकर सीढ़ी क आठ पैड़ियन रहिन।
38 एक कमरा रहा जेकर दरवाजा फाटक क प्रवेस कच्छ क लगे रहा। इ हुवाँ रहा जहाँ याजक होमबलि बरे जनावरन क नहवावत हीं।
39 फाटक क प्रवेस कच्छ क दुइनउँ कइँती दुइ मेजन रहिन। होमबलि पाप बरे भेंट अउर अपराध बरे भेंट क जनावरन ओनहीं मेजन पइ मारा जात रहेन।
40 प्रवेस कच्छ क बाहर, जहाँ उत्तरी फाटक खुलत ह, दुइ मेजन रहिन अउर फाटक क प्रवेस कच्छ क दूसर कइँती दुइ मेजन रहिन।
41 फाटक क भीतर चार मेजन रहिन। चार मेजन फाटक क बाहेर रहिन। सब मिलाइके आठ मेजन रहिन। याजक एन मेजन पइ बलि बरे जनावरन क मारत रहेन।
42 होमबलि बरे कटी सिला क चार मेजन रहिन। इ सबइ मेजन डेढ़ हाथ लम्बी, डे़ढ़ हाथ चउड़ी अउर एक हाथ ऊँची रहिन। योजक होमबलि अउर बलिदानन बरे जउन जनावरन क मारा करत रहेन, ओनका मारइ क अउजारन क एन मेजन पइ धरत रहेन।
43 तीन इंच लम्बा हुक पूरे मन्दिर मँ लगाए गए रहेन। भेंट बरे माँस मेजन पइ रखइ रहत रहा।
44 प्रमुखन के लिए भीतरी आँगन क फाटक क दुइ कमरन रहेन। एक उत्तरी फाटक क साथ रहा। एकर सामना दविखन क रहा। दूसर कमरा दविखन क फाटक क साथ रहा। एकर सामना उत्तर क रहा।
45 उ मनई मोहसे कहेस, “इ कमरा, जेकर सामना दविखन क अहइ, ओन याजक क बरे अहइ जउन काम पइ अहइँ अउर मन्दिर मँ सेवा करत अहइँ।
46 किन्तु उ कमरा जेकर सामना उत्तर क अहइ, ओन याजकन बरे अहइ जउन आपन काम पइ अहइँ अउर वेदी पइ सेवा करत अहइँ। इ सबहिं याजक सादोक क बंसज अहइँ। सादोक क बंसज ही लेवी बंस क एकमात्र मनई अहइँ जउन यहोवा क सेवा ओनके लगे बलि लाइके कइ सकत हीं।”
47 उ मनई आँगन क नापेस। आँगन पूर्ण वर्गाकार रहा। इ सौ हाथ लम्बा अउर सौ हाथ चउड़ा रहा। वेदी मन्दिर क समन्वा रही।
48 उ मनई मोका मन्दिर क ओसारा मँ लिआवा अउर दुइनउँ कइँती क हरे क नापेस। ओन मँ हर एक पाँच-पाँच हाथ मोटा अउर तीन-तीन हाथ चउड़ा रहा। प्रवेस क चउड़ाइ चौदह हाथ रहा।
49 प्रवेस कच्छ बीस हाथ लम्बा अउर बारह हाथ चउड़ा रहा। प्रवेस कच्छ तलक दस सीढ़ियन पहोंचावत रहिन। दुआर खम्भा क सहारे दुइनउँ ओर खम्भा रहेन।
Ezekiel 41
1 उ मनई मोका मन्दिर क बीच क कमरा मँ लिआवा। उ कमरा क दुइनउँ कइँती क देवारन क नापेस। उ सबइ मँ स हर एक, हर कइँती छ: हाथ मोटा रहेन।
2 दरवाजा दस हाथ चउड़ा रहा। दुआर क बगलन पाँच हाथ हर कइँती रहिन। उ मनई बाहरी पवित्तर ठउरे क नापेस। इ चालीस हाथ लम्बा अउर बीस हाथ चउड़ा रहा।
3 तब उ मनई अन्दर गवा अउर हर एक दुआर खम्भा क नापेस। हर एक दु आर खम्भा दुइ हाथ मोटा रहा। इ छ: हाथ ऊँचा रहा। दुआर सात हाथ चउड़ा रहा।
4 तब उ मनई कमरा क लम्बाई नापेस। इ बीस हाथ लम्बा अउर बीस हाथ चउड़ा रहा। इ (प्रथम) परिसुद्ध कमरे क बाद रहा। उ मनई कहेस, “इ परम पवित्तर ठउर अहइ।”
5 तब उ मनई मन्दिर क देवार नापेस। इ छ: हाथ चउड़ी रही। बगल क कमरन चार हाथ चउड़न मन्दिर क चारिहुँ कइँती रहेन।
6 बगल क कमरन तीन अलग अलग मंजिलन पइ रहेन। उ सबइ एक दूसर क ऊपर रहेन। हर एक मंजिल पइ तीस कमरन रहेन। बगल क कमरन चारिहुँ कइँती क देवार पइ टिके भए रहेन। एह बरे मन्दिर क देवार खुद कमरन क टेकाए भए नाहीं रहिन।
7 मन्दिर क चारिहुँ ओर क कमरन क मंजिल क खाले क मंजिल स अधिक चउड़ी रहिन। मन्दिर क चारिहुँ ओर ऊँच चबूतरा हर मंजिल पइ मन्दिर क हर एक कइँती फइला भवा रहा। एह बरे सब स ऊपर क मंजिल पइ कमरन अधिक चउड़ा रहेन। दूसर मंजिल स होइके एक सीढ़ी सब स नीचे क मंजिल स सब स ऊँच मंजिल तलक गइ रही।
8 मइँ इ भी लखेउँ कि मन्दिर क चारिहुँ कइँती उठा भवा चबूतरा रहा। बगल क कमरन क नेंव एक समन्वा छड़ अरथात छ: हाथ क पूरे छड़ क रहा।
9 बगल क कमरन क बाहरी देवार पाँच हाथ मोटी रही। मन्दिर क बगल क कमरन’
10 अउर याजक क कमरन क बीच खुला छेत्र मन्दिर क चारिहुँ ओर रहा। इ खुला छेत्र मन्दिर क चारिहुँ कइँती बीस हाथ रहा।
11 बगल क कमरन क दरवाजन खुला छेत्र क नेंव पइ खुलत रहेन जउन देवार क हींसा नाहीं रहिन। एक दरवाजा क मुँह उत्तर कइँती रहा अउर दूसर क दविखन कइँती। खुला छेत्र चारिहुँ कइँती स पाँच हाथ चउड़ी रहिन।
12 पच्छिमी कइँती मन्दिर क आँगन क सामने क भवन सत्तर हाथ रहा। भवन क देवार चारिहुँ ओर पाँच हाथ मोटी रही। इ नब्बे हाथ लम्बी रही।
13 तब उ मनई मन्दिर क नापेस। इ सौ हाथ लम्बा रहा। भवन अउ एकर देवार क संग आँगन भी सौ हाथ लम्बे रहेन।
14 मन्दिर क पूर्वी मुँह अउर आँगन सौ हाथ चउड़ा रहा।
15 उ मनई उ भवन क लम्बाई क नापेस जेकर सामना मन्दिर क पाछे क आँगन कइँती रहा तथा जेकर देवारन दुइनउँ कइँती रहिन। इ सौ हाथ लम्बा रहा। बीच क कमरे क भीतरी कमरे (सबन त पवित्तर ठउर) अउ आँगन क प्रवेस कच्छ पइ तखता लगी रहिन। तीनहुँ पइ ही चारिहुँ कइँती जालीदार खिड़कियन रहिन। मन्दिर क चारिहूँ कइँती डेवढ़ी स लगे, फर्स स खिड़कियन तलक काठे क तखता जड़ी भइ रहिन। खिड़कियन ढकी भइ रहिन।
16
17 दुआरे क ऊपर क देवार, भीतरी कमरन अउर बाहेर तलक, सारी लकड़ी क चौखटन स मढ़ी गइ रहिन। मन्दिर क भीतरी कमरन तथा बाहरी कमरन क सबहिं देवारन पइ
18 करूब सरगदूतन अउर खजूर बृच्छन क नक्कासी कीन्ह गइ रही। करूब सरगदूतन क बीच एक खजूर क बृच्छ रहा। अउर हर एक करूब क दुइ मुख रहेन।
19 एक मुँह मनई क रहा जउन एक कइँती खजूरे क बृच्छ क लखत रहा। दूसर मुँह सेर क रहा जउन दूसर कइँती खजूर क बृच्छक लखत रहा। उ पचे मन्दिर क चारिहुँ कइँती उकेरा ग रहेन।
20 बीच क कमरन पवित्तर ठउर क सबहिं देवारन पइ करूब सरगदूत अउर खजूरे क बृच्छ उकेरे ग रहेन।
21 पत्तिर स्थान क दुआर ज ढाँचा वर्गाकार रहेन। सब स जियादा पवित्तर ठउरे क समन्वा अइसा कछू रहा जउन
22 वेदी क नाईर् काठे क बना देखात रहा। इ तीन हाथ ऊँच अउर दुइ हाथ लम्बा रहा। एकर कोनन, नेंव अउ पच्छ काठे क रहेन। उ मनई मोहसे कहेस, “इ मेज अहइ जउन यहोवा क समन्वा अहइ।”
23 बीच क कमरा (पवित्तर ठउर) अउर परम पवित्तर ठउर दुइ दरवाजनवाला रहेन।
24 एक दरवाजा दुइ नान्ह दरवाजन स बना रहा। हर एक दरवाजा फुरइ दुइ हिलत भए दरवाजन स रहा।
25 बीच क कमरन (पवित्तर ठउर) क दरवाजन पइ करूब सरगदूत अउ खजूर क बृच्छ उकेरे ग रहेन। उ सबइ वइसे ही रहेन जइसे देवारन पइ उकेरे गवा रहेन। बाहेर कइँती प्रवेस कच्छ क बाहरी हीसें पइ काठे क नवकासी रही।
26 बाहेर तंग खिड़कियन अउर अन्दर चउड़ी खिड़कियन रहेन। अउर प्रवेस कच्छ क दुइनउँ कइँती, मन्दिर क बगल कमरन अउर देहली पइ खजूर क बृच्छ क तस्बीरन रहेन।
Ezekiel 42
1 तब उ मनई मोका बाहरी आँगन मँ लइ गवा जेकर सामना उत्तर क रहा। उ ओन कमरन मँ लइ गवा जउन मन्दिर स आँगन क आर-पार अउर उत्तर क भवनन क आर-पार रहेन।
2 उत्तर कइँती क भवन सौ हाथ लम्बा अउ पचास हाथ चउड़ा रहा।
3 हुआँ भीतरी आँगन क आगे बीस हाथ लम्बा खुला छेत्र अउर बाहरी आँगन क आगे पक्का गल्यारा रहेन। ओन भवनन पइ तीन तीन छज्जन रहेन। उ सबइ एक दूसर क आमने-समने रहेन।
4 कमरन क समन्वा एक बिसाल कच्छ रहा। उ भीतर पहोंचत रहा। इ दस हाथ चउड़ा, सउ हाथ लम्बा रहा। ओकर दरवाजन उत्तर कइँती रहेन।
5 ऊपर क कमरन जियादा पातर रहेन काहेकि छज्जत बीच अउ निजली मंजिल स जियादा जगह घेरे रही।
6 कमरन तीन मंजिलन पइ रहेन। बाहरी आँगन खम्भन क तरह ओनकर खम्भन नाहीं रहेन। एह बरे ऊपर क कमरन बीच अउ खाले क मंजिल क कमरन स जियादा पाछे रहेन।
7 बाहेर एक देवार रही। इ कमरन क समानान्तर रही। इ कमरन क समन्वा बाहरी आँगन तलक रहेन। इ पचास हाथ लम्बा रहा।
8 कमरन क कतार जउन कि बाहेरी आँगन कइँती गएन रहा पचास हाथ लम्बी रही। मन्दिर क समन्वा क कमरन क वुल लम्बाई सौ हाथ रहेन।
9 एन कमरन क निचे एक प्रवेसपथ रहा जउन बाहरी आँगन स होत भवा पूरब क लइ जात रहा।
10 पूरब क कइँती क आँगन क देवारन मँ, सटा भवा आँगन अउर भवन क आपने-सामेन कमरन रहेन।
11 हुआँ एक बिसाल कच्छ रहा। उ सबइ उत्तर क कमरन क नाईं रहेन। ओन सबइ क लम्बाइ अउ चउड़ाइ समान रहेन अउर उहइ तरह दरवाजन रहेन।
12 दविखन क कमरन क खाले एक दुआर रहा जउन पूरब कइँती जात रहा। इ बिसाल कच्छ मँ पहोंचावत रहा। दविखन क कमरन क आर-पार एक विभाजक देवार रही।
13 उ मनई मोहसे कहेस, “आँगन क आर-पार वाले दविखन क कमरन अउ उत्तर क कमरन पवित्तर कमरन अहइँ। इ सबइ ओन याजकन क कमरन अहइँ जउन यहोवा क बलि-भेंट चढ़ावत हीं। उ सबइ याजक एन कमरन मँ सबनत पवित्तर भेंट क खइहीं। उ पचे सब स जियादा पवित्तर भेंट क हुवाँ रखिहीं। काहेकि इ जगह पवित्तर अहइ। सब स जियादा पवित्तर भेंटन इ सबइ अहइँ: अन्न भेंट, पाप बरे भेंट अउर अपराध भेंट।
14 याजक पवित्तर छेत्र मँ प्रवेस करिहीं। किन्तु बाहरी आँगन मँ जाइ क पहिले उ पचे आपन सेवा-वस्त्र पवित्तर ठउर मँ रख देइहीं। काहेकि इ समइ वस्त्र पवित्तर अहइँ। जदि याजक चाहत ह कि उ मन्दिर क उ भाग मँ जाइ जहाँ दूसर लोग अहइँ तउ ओका ओन कमरन मँ जाइ चाही अउर दूसर वस्त्र पहिर लेइ चाही।”
15 उ मनई जब मन्दिर क बाहारी आगँन क नाप लेइ खतम कइ चुका, तउ उ मोका उ फाटक स बाहेर लिआवा जउन पूरब क रहा। उ मन्दिर क बाहेर चारिहुँकइँती नापेस।
16 उ मनई नापदण्ड स, पूरब क सिरा क नापेस। इ पाँच सौ छड़ लम्बा रहा।
17 उ उत्तर क सिरे क नापेस। इ पाँच सौ छड़ लम्बा रहा।
18 उ दविखन क सिरे क नापेस। इ पाँच सौ छड़ लम्बा रहा।
19 उ पच्छिम क तरफ चारिहुँ कइँती गवा अउर एका नापेस। इ पाँच सौ छड़ लम्बा रहा।
20 उ मन्दिर क चारिहुँ ओस स नापेस। देवार मन्दिर क चारिहुँ ओर गइ रही। देवार पाँच सौ छड़ लम्बी अउर पाँच सौ छड़ चउड़ी रही। इ पवित्तर स्थान क साधारण स्थान अलागावइ बरे हुवाँ रही।
Ezekiel 43
1 उ मनई मोका फाटक तलक लइ गवा, उ फाटक जउन पूरब क खुलत रहा।
2 हुवाँ पूरब स इस्राएल क परमेस्सर क महिमा उतरी। परमेस्सर क अवाज क सोरमचावत भवा अधिक पानी आवाज़ क समान तेज रही। परमेस्सर क महिमा स भुइँया प्रकास स चमक उठी।
3 उ दर्सन वइसा ही रहा जउन मइँ उ समइ लखेउँ जब उ नगर विनास करइ बरे आवा रहा वइसा ही रहा। जइसा दर्सन मइँ कबार नदी क किनारे लखे रहेउँ। अउर मइँ मुहँ क बल धरती पइ गिर पड़इ गवा।
4 यहोवा क महिमा, मन्दिर मँ उ फाटक स आइ जउन पूरब क खुलत ह।
5 तब आतिमा मोका ऊपर उठाएस अउर भीतरी आँगन मँ लइ गइ। यहोवा क महिमा मन्दिर क भर दिहस।
6 मइँ मन्दिर क भीतर स कउनो क मोरे संग बातन करत सुनेउँ। मनई मोर बगल मँ खड़ा रहा।
7 मन्दिर मँ एक अवाज मोका कहेस, “मनई क पूत, इहइ ठउर मोरे सिंहासन अउ पदपीठ अहइ। मइँ इ ठउर पइ इस्राएल क लोगन मँ सदा रहब। इस्राएल क परिवार मोरे पवित्तर नाउँ क फिन अपमान नाहीं करी। राजा अउर ओनकर लोग मोरे पवित्तर नाउँ क बिभिचारी स अउर आपन आपन उच्च ठउरे पइ राजा लोगन क ल्हासन दफनाइके लज्जित नाहीं करिहीं।
8 उ पचे मोरे नाउँ क, आपन डवेढ़ी क मोर डवेढ़ी क संग बनाइके अउर दुआर खम्भा क मोरे दुआर खम्भा क संग बनाइके लज्जित नाहीं करिहीं। पुराने जमाने मँ सिरिफ एक देवार मोरे घरे क ओनॅस अलग करत रही। एह बरे उ पचे हर समइ जब कबहुँ भी पाप अउर भयंकर कामन क किहेन तब मोरे पवित्तर नाउँ क लज्जित किहन। इहइ कारण रहा कि मइँ कोहाइ गएउँ अउर ओनका नस्ट किहेउँ।
9 अब ओनका बिभिचार क दूर करइ द्या अउर अपने राजा लोगन क ल्हासन क मोका बहोत दूर लइ जाइ द्या। तब मइँ ओनके बीच सदा रहब।
10 “अब मनई क पूत, इस्राएल क परिवार स मन्दिर क बारे मँ कहा। तब उ पचे आपन पापन पइ लज्जित होइहीं। उ पचे मन्दिर क जोजना क बारे मँ सिखिहीं।
11 उ पचे ओन बुरे कामन बरे लज्जित होइहीं जउन उ पचे किहेन ह। ओनका मन्दिर क आकृति समुझइ द्या। ओनका इ सीखइ द्या कि उ कइसे बनी, ओकर प्रवेस दुआर, निकास दुआर अउर एह पइ क सारी रूपकृतियन कहाँ होइहीं। ओनका एकर सबहिं नेमन अउर विधियन क बारे मँ सिखावा अउर एनका लिखा जेहसे उ पचे सबहिं एनका लखि सकइँ। तब उ पचे मन्दिर क सबहिं नेमन अउर विधियन क पालन करिहीं। तब उ पचे इ सब कछू कइ सकत हीं।
12 मन्दिर क नेम इ अहइ: पर्वत क चोटी पइ सारा छेत्र सब स जियादा पवित्तर अहइ। इ मन्दिर क नेम अहइ।
13 “वेदी क नाप, लम्बा हाथ क नाप क अनुसार इ अहइ: हाथ का नाप साधारण हाथ स चार अंगुल बड़ा राह। वेदी क नेंव क चारिहुँ कइँती एक गन्दा नाला रहा। इ एक हाथ गहिर अउर एक हाथ चउड़ा रहा। किनारा क चारिहुँ कइँती एक बीत्ता ऊँचा पट्टी रहा। वेदी केतनी ऊँची रही, उ इ रही।
14 भुइँया स निचली किनारी तलक, नेवं क नाप दुइ हाथ अहइ। इ एक हाथ चउड़ी रही। छोटी किनारी स बड़ी किनारी तलक एकर नाप चार हाथ रही। इ दुइ हाथ चउड़ी रही।
15 वेदी पइ आगी क जगह चार हाथ ऊँच रही। वेदी क चारिहुँ कोने सीगंन क आकार क रहेन।
16 वेदी पइ आगी क जगह बारह हाथ लम्बी अउर बारह हाथ चउड़ी रही। इ पूरी तरह वर्गाकार रहा।
17 किनारा भी वर्गाकार रही अउर चौदह हाथ लम्बी अउर चउदह हाथ चउड़ी रही। एकरे चारिहुँ ओर आधा हाथ चउड़ी एक पट्टी रही। (नेंव क चारिहुँ कइँती गन्दी नाली एक हाथ चउड़ी रही।) वेदी तलक जाइवाली सीढ़ियन पूरब दिसा मँ रहिन।”
18 तब उ मनई मोहसे कहेस, “मनई क पूत, सुआमी यहोवा इ कहत ह: ‘वेदी बरे इ सबइ नेम अहइँ। जउने दिन इ होमबलि चढ़ावइ बरे अउर एह पइ खून बहावइ बरे तइयार होइ जाइ तउ,
19 तोहका लेवी कबीला क याजकन क जउन कि सदोक क सन्तानन अहइ एक ठु जवान साँड़ देइ चाही। उ पचे ओन लोग अहइ जउन कि मोर बरे भेंट क जराइके मोर सेवा किहेस।’“ मोर सुआमी यहोवा इ कहेस।
20 “तू बैल क कछू खून लेब्या अउर वेदी क चारिहुँ सींगन पइ, किनारे क चारिहुँ कोनन पइ अउर पट्टी क चारिहुँ ओर डउब्या। इ तरह तू वेदी क पवित्तर करब्या अउर एकरे बरे प्रायस्चित अदा करब्या।
21 तू बैल क पाप बलि क रूप मँ लेब्या। बैल, पवित्तर छेत्र क बाहेर, मन्दिर क खास जगह पइ जरावा जाइ।
22 “दूसर दिन तू बोकरा भेंट करब्या जेहमाँ कउनो दोख नाहीं होइ। इ पाप बलि होइ। याजक वेदी क उहइ तरह पवित्तर करी जउने तरह उ बैल स ओका पवित्तर किहस।
23 जब तू वेदी क पवित्तर करब समाप्त कइ चुका तब तोहका चाही कि तू एक दोख रहित जवान बैल अउर एक दोख रहित भेड़ा बलि चड़ावा।
24 तब याजक ओन पइ नून छिछकारिहीं। तब याजक बैल अउर भेड़ा क यहोवा क होमबलि क रूप मँ बलि चढ़इहीं।
25 तू एक बोकरा हर रोज सात दिन तलक, पाप बलि क बरे तइयार करब्या। तू एक नवा बैल अउ झुण्ड स एक भेड़ा भी तइयार करब्या। बैल अउ भेड़न मँ कउनो दोख नाहीं होइ चाही।
26 सात दिन तलक याजक वेदी क पवित्तर करत रहिहीं। तब याजक वेदी क समपिर्त करिहीं।
27 उ सबइ सात दिन पूरा होइ जइहीं। अठएँ दिन अउर ओकरे आगे याजक क तोहार होमबलि अउ मेलबलि वेदी पइ चढ़ाइ चाही। तब मइँ तोहका अंगीकार करब।” मोर सुआमी यहोवा इ कहेस।
Ezekiel 44
1 तब उ मनई मोका मन्दिर क बाहरी फाटक, जेकर सामना पूरब क अहइ, वापस लिआवा। अउर बाहरी दुआर बन्द रहा।
2 यहोवा मोहसे कहेस, “इ फाटक बन्द रही। इ खोला नाहीं जाई। कउनो भी एहसे होइके प्रवेस नाहीं करी। काहेकि इस्राएल क परमेस्सर यहोवा एहसे प्रवेस कइ चुका अहइ। एह बरे इ बंद रहइ चाही।
3 उ लोगन क सासक इ जगह पइ तब बइठी जब उ यहोवा क संग रोटी खाइ। उ फाटक क संग क प्रवेस कच्छ क दुआर स प्रवेस करी तथा उहइ रास्ते स बाहेर जाइ।”
4 तब उ मनई मोका उत्तरी दुआर स मन्दिर क समन्वा लिआवा। मइँ निगाह डाएउँ। अउर यहोवा क महिमा क यहोवा क मन्दिर मँ भरत लखेउँ। मइँ मुँहे क बल धरती पइ गिरि गवा।
5 यहोवा मोहसे कहेस, “मनई क पूत, बहोत सावधानी स लखा। आपन आँखिन अउर कानन क उपयोग करा। एन चिजियन क लखा। मइँ तोहका मन्दिर क बारे मँ सबहिं नेम-विधि बतावत हउँ। सावधानी क साथ मन्दिर क प्रवेस-दुआर अउर पवित्तर ठउर स सबहिं निकासन क लखा।
6 तब इस्राएल क ओन लोगन क इ सँदेसा द्या जउन मोर आग्या क पालन करइ स इन्कार कइ दिहे रहेन। ओनसे कहा, मोर सुआमी यहोवा इ कहत ह, ‘इस्राएल क परिवार, मइँ तोहरे जरिये कीन्ह गइ भयंकर करमन क जरूरत स जियादा सहन किहेउँ ह।
7 तू बिदेसियन क मोरे मन्दिर मँ लिआया अउर ओन लोगन क फुरइ खतना नाहीं भवा रहा। उ पचे पूरी हिरदय स मोरे बरे समपिर्त नाहीं रहेन। इ तरह तू मोरे मन्दिर क अपवित्तर किहे रह्या। तू हमार करार क तोड़या, भयंकर काम किहा अउ तब तू आपन देवमूरतियन क मोर रोटी, चर्बी अउ खून चढ़ाएस। किन्तु इ मोरे मन्दिर क गन्दा बनाएस।
8 तू मोर पवित्तर चिजियन क देखभाल नाहीं किहा। नाहीं, तू बिदेसियन क मोरे मन्दिर बरे उत्तरदायी बनाया।’“
9 मोर सुआमी यहोवा इ कहत ह, “एक बिदेसी क जेकर खतना न भवा होइ, मोरे मन्दिर मँ नाहीं आवइ चाही, ओन बिदेसियन क भी नाहीं, जउन इस्राएल क लोगन क बीच स्थायी रूप स रहत हीं। ओकर खतना जरूर होइ चाही अउर ओका मोरे बरे पूरी तरह समपिर्त होइ चाही, एकरे पूरब कि उ मोरे मन्दिर मँ आवइ।
10 पुराने जमाने मँ, लेबीबंसियन मोका तब छोड़ दिहन, जब इस्राएल मोरे खिलाफ होइ गवा रहा। इस्राएल मोका आपन देवमूरतियन क अनुसरण करइ बरे छोड़ेस। लेवी बंसी आपन पाप बरे दण्डित होइहीं।
11 लेवी बंसी मोरे पवित्तर ठउर मँ सेवा करइ बरे चुने ग रहेन। उ पचे मन्दिर क फाटक क चौकीदारी किहन। उ पचे मन्दिर मँ सेवा किहन। उ पचे बलियन तथा होमबलियन क जनावरन क लोगन बरे मारेन। उ पचे लोगन क मदद करइ अउर ओनकर सेवा बरे चुने गए रहेन।
12 किन्तु ओन लेवी बंसियन मोरे विरूद्ध पाप करइ मँ लोगन क सहायता किहन। उ पचे लोगन क देवमूरतियन क पूजा करइ मँ सहायता किहन। एह बरे मइँ ओनके विरूद्ध प्रतिग्या करत हउँ, ‘उ पचे आपन पाप बरे दण्डित होइहीं।’“ मोर सुआमी यहोवा इ बात कहेस ह।
13 “एह बरे लेवीबंसी याजकन क रूप मँ मोर लगे भेंट नाहीं लइहीं मोर सेवा करइहीं। उ पचे मोर कउनो भी पवित्तर चीज या सब स जियादा पवित्तर वस्तु क नाहीं चढ़ाइहीं। उ पचे आपन लज्जा क, जउन बुरे काम उ पचे किहन, ओकरे कारण ढोइहीं।
14 किन्तु मइँ ओनका मन्दिर क देखभाल करइ देब। उ पचे मन्दिर मँ काम करिहीं अउर उ सबइ काम करिहीं जउन एहमाँ कीन्ह जात हीं।
15 “सबहिं याजक लेवी क परिवार समूह स अहइँ। किन्तु जब इस्राएल क लोग मोरे विरूद्ध मोहसे दूर गएन तब केवल सादोक परिवार क याजकन मोरे पवित्तर ठउर क देखभाल किहेन। एह बरे केवल सादोक क बंसज ही मोका भेंट लइहीं। उ पचे मोरे समन्वा खड़े होइहीं अउर आपन बलि चढ़ाए गए जनावरन क चर्बी अउर खून मोका भेंट करिहीं।” मोर सुआमी यहोवा इ कहेस।
16 “उ पचे मोर पवित्तर ठउर मँ प्रवेस करिहीं। उ पचे मोर मेज क लगे मोर सेवा करइ अइहीं। उ पचे ओन चिजियन क देखभाल करिहीं जेनका मइँ ओनका दिहेउँ।
17 जब उ पचे भीतरी आँगन क फाटकन मँ प्रवेस करिहीं तब उ पचे सन क वस्त्र पहिरहीं। जब उ पचे भीतरी आँगन क फाटक अउर मन्दिर मँ सेवा करिहीं, तब उ पचे ऊनी वस्त्र निहचित ही नाहीं पहिरहीं।
18 उ पचे सन क पगड़ी अपने मूँड़े पइ धारण करिहीं, अउर उ पचे सन क जाँघिया पहिरहीं। उ पचे अइसा कछू नाहीं पहिरहीं जेहसे पसीना आवइ।
19 उ पचे मोर सेवा करत समइ क वस्त्र क, बाहरी आँगन मँ लोगन क लगे जाइ क पहिले, उतारिहीं। तब उ पचे दूसर वस्त्र पहिरहीं। इ तरह उ पचे लोगन क ओन पवित्तर वस्त्रन क छुअइ नाहीं देइहीं।
20 “उ पचे याजकन क आपन मूँड़े क बाल मुड़वाइ नाहीं चाही अउर न ही आपन बालन क बहोत बढ़इ देइ चाही। याजक आपन मूँड़े क बालन क सिरिफ छँटाई कइ सकत हीं।
21 कउनो भी याजक उ समइ दाखरस नाहीं पी सकत जब उ पचे भीतरी आँगन मँ जात ह।
22 याजक क बिधवा स या तलाक मिली मेहरारू स बियाह नाहीं करइ चाही। नाहीं, उ पचे क सिरिफ इस्राएल क परिवार क वुँवारी कन्या स बियाह करइ चाही। या उ पचे कउनो याजकन क बिधवा स बियाह कइ सकत ह।
23 “याजक मोरे लोगन क पवित्तर चिजियन अउर जउन चिजियन पवित्तर नाहीं अहइँ, क बीच अन्तर क बारे मँ भी सिच्छा देइहीं। उ पचे मोरे लोगन क, जउन सुद्ध अउर जउन सुद्ध नाहीं अहइ, क जानकारी करइ मँ मदद देइहीं।
24 याजक कचहरी मँ निआउ क जज होइ। उ पचे लोगन क संग निआउ करत समइ मोरे नेम क अनुसरण करिहीं। उ पचे मोर बिसेस दावतन क समइ मोरे नेम-विधियन क पालन करिहीं। उ पचे मोर बिसेस विस्राम क दिनन क सम्मान करिहीं अउर ओनका पवित्तर रखिहीं।
25 उ पचे मनई क ल्हास क लगे जाइके आपन क अपवित्तर करइ नाहीं जइहीं। किन्तु उ पचे तब अपने क अपवित्तर कइ सकत हीं जदि मरइवाला मनई पिता, माता, पूत, बिटिया, भाई या बिन ब्याही बहिन होइ। इ सबइ याजक क अपवित्तर बनाई।
26 सुद्ध कीन्ह जाइ क पाछे याजक क सात दिन तलक प्रतीच्छा करइ चाही।
27 तब इ पवित्तर ठउर क लउट सकत ह। किन्तु जउने दिन उ भीतरी आँगन क पवित्तर ठउर मँ सेवा करइ जाइ, ओका पाप बलि अपने बरे चढ़ावइ चाही” मोर सुआमी यहोवा इ कहेस।
28 “लेवीबंसियन क आपन भुइँया क बारे मँ: मइँ ओनकर सम्पत्ति हउँ। तू लेवीबंसियन क कउनो सम्पत्ति इस्राएल मँ नाहीं देब्या। मइँ इस्राएल मँ ओनकर हीसंन मँ हउँ।
29 उ पचे अन्नबलि, पापबलि, दोखबलि खाइ क बरे पइहीं। जउन कछू इस्राएल क लोग यहोवा क देइहीं, उ ओनकर होइ।
30 हर तरह क तइयार फसल क पहिला भाग याजकन बरे होइ। तू आपन साने आटे क पहिला हींसा भी याजक क देब्या। इ तोहरे परिवार पइ आसीर्वाद क बर्खा करी।
31 याजक क उ पंछी या जनावर नाहीं खाइ चाही जेकर अपने आप मउत होइ या जउन जंगली जनावर क जरिये टूका टूका कइ दीन्ह ग होइ।
Ezekiel 45
1 “तू इस्राएल क परिवार समूह बरे भुइँया क विभाजन पाँसा लोकाइके करब्या। उ समइ तू भुइँया क एक हींसा अलग करब्या। इ यहोवा बरे पवित्तर हींसा होइ। भुइँया पच्चीस हजार हाथ लम्बी अउर दस हजार हाथ चउड़ी होइ। इ पूरी भुइँया पवित्तर होइ।
2 पाँच सौ हाथ लम्बा अउर पाँस सौ हाथ चउड़ा वर्गाकार भुइँया मन्दिर बरे होइ। मन्दिर क चारिहुँ कइँती पचास हाथ चउड़ा क एक ठु खुला छेत्र होइ।
3 बहोत पवित्तर ठउर मँ तू पचीस हजार हाथ लम्बा अउर दस हजार हाथ चउड़ा नपब्या। मन्दिर इ छेत्र मँ होइ। मन्दिर क छेत्र सब स जियादा पवित्तर ठउर होइ।
4 इ भुइँया क पवित्तर भाग मन्दिर क सेवक याजकन बरे होइ जहाँ उ पचे परमेस्सर क समीप सेवा करइ आवत हीं। इ याजकन क घरन अउर मन्दिर बरे होइ।
5 दूसर छेत्र पच्चीस हजार हाथ लम्बा अउर दस हजार हाथ चउड़ा ओन लेवीबंसियन क बरे होइ जउन मन्दिर मँ सेवा करत हीं। इ भुइँया भी लेवीबंसियन क, ओनके रहइ क नगरन बरे, होइ।
6 तू नगर क पाँच हजार हाथ चउड़ा अउर पच्चीस हजार हाथ लम्बा छेत्र देब्या। इ पवित्तर छेत्र क सहारे होइ। इ इस्राएल क पूरे परिवार बरे होइ।
7 सासक पवित्तर ठउर अउ नगर क आपन भुइँया क दुइनउँ कइँती क भुइँया अपने लगे रखी। इ परित्र छेत्र अउ नगर क छेत्र क बीच मँ होइ। इ उहइ चउड़ाई क होइ जउन चउड़ाई परिवार समूह क भुइँया क अहइ। इ लगातार पच्छिमी सीमा स पूर्वी सीमा तलक जाइ।
8 इ भुइँया इस्राएल मँ सासक क सम्पत्ति होइ। इ तरह सासक क मोर लोगन क जीवन क भविस्स मँ कस्ट देइवाला बनावइ क जरूरत नाहीं होइ। किन्तु उ पचे भुइँया क इस्राएलियन क बरे ओनके परिवार समूहन क देइहीं।”
9 मोर सुआमी यहोवा इ कहेस, “इस्राएल क सासको, बहोत होइ चुका। वूर होब अउर लोगन स चिजियन चुराउब, छोड़ा। निआउवाला बना अउर अच्छे काम करा। हमरे लोगन क आपन घरन स बाहेर जाइ बरे बलपूर्वक मजबूर न करा।” मोर सुआमी यहोवा इ कहेस।
10 “लोगन क ठगब बन्द करा। सही बाटन अउ आपन क उपयोग करा।
11 एपा (सूखी चिजियन क बाट) अउ बथ (दूत क मापक) एक ही तरह होइ चाही। एक बथ अउ एपा दुइनउँ एक क दसवाँ भाग होमर क बराबर होइ चाही। उ सबइ मापक होमर पइ आधारित होइहीं।
12 एक सेकेल बीस गेरा क बराबर होइ चाही। एक मिना साठ सेकेल क बराबर होइ चाही। इ बीस सेकेल जमा पचीस सेकेल जमा पन्द्रह सेकेल क बराबर होइ चाही।
13 “इ खास भेंट अहइ जेका तोहका देइचाही। एक क छठा भाग एपा गोहूँ क हर एक होमर गोहूँ बरे अउर एक क छठा भाग एपा जउन क हर एक होमर जौ क बरे देइ चाही।
14 एक बथ क दसवाँ हींसा जइतून क तेल, हर एक कोर जइतून क तेल क बरे द्या। याद राखा दस बथ क एक होमरा अउर एक होमर क एक कोर होत ह।
15 एक ठु भेड़, हर एक दुइ सौ भेड़िन स इस्राएल क सबन्त अच्छा घास क मनइयन स। “इ सबइ बिसेस भेंटन अन्नबलि, होमबलि अउर मेलबलि क बरे अहइँ। इ सबइ भेंटन लोगन क प्रायस्चित बरे अहइँ।” मोर सुआमी यहोवा इ कहेस।
16 “देस क हर एक मनई इस्राएल क सासक क बरे इ भेंट देइ।
17 किन्तु सासक क विसेस पवित्तर दिनन बरे जरूरी चिजियन देइ चाही। सासक क होमबलि, अन्नबलि अउर पेय भेंट क बियवस्था दावत क रिन, नवचन्द्र सबित अउ इस्राएल क परिवार क सबहिं बिसेस दावतन बरे करइ चाही। सासकन क सबहिं पापबलि, अन्नबलि, होमबलि, मेलबलि जउन इस्राएल क परिवार क पवित्तर करइ बरे उपयोग कीन्ह जात ह क समेत सबहिं बलियन देइ चाही।”
18 मोर सुआमी यहोवा इ सबइ बातन बताएस, “पहिले महीने मँ, महीने क पहिले दिन तू एक दोख रहित भवा जवान बैल लेब्या। तोहका उ बैल क उपयोग मन्दिर क पवित्तरीकरण करइ बरे करइ चाही।
19 याजक कछू खून पाप बरे भेंट स लेइ अउर एका मन्दिर क दुआर खम्भन अउर वेदी क किनारी क चारिहुँ कोनन अउ भीतरी आँगन क फाटक क खम्भन पइ डाइ।
20 तू इहइ काम महीने क सतएँ दिन उ मनई बरे करब्या जउन गल्ती स या अनजाने मँ पाप कइ दिहे होइ। इ तरह तू मन्दिर बरे प्रायस्चित करब्या।”
21 “पहिले महीने क चौदहवें दिन तोहका सात दिन तलक फसह पर्व मनावई चाही। उ समइ मँ बेखमीरी रोटी खाइ चाही।
22 उ समइ सासक एक बैल अपने बरे तथा इस्राएल क लोगन क बरे भेंट करी। बैल पापबलि बरे होइ।
23 दावत क सात दिन तक सासक दोख रहित सात बैल अउ सात भेड़न भेंट करी। उ पचे यहोवा क होमबलि होइहीं। सासक उत्सव क सात दिन हर रोज एक बैल भेंट करी अउर उ पाप बलि बरे हर एक दिन एक बोकरा भेंट करी।
24 सासक एक एपा जौ हर एक बैल क संग अन्नबलि क रूप मँ, अउर एक एपा जौ हर एक भेड़ा क साथ भेंट करी। सासक क एक हीन तेल हर एक एपा अन्न क बरे देइ चाही।
25 सातवें महीनें के पन्द्रहवें दिन स सरण क उत्सव अहइ। किन्तु सासक क इहइ काम उत्सव क सात दिन तलक करइ चाही। इ सबइ भेंटन पापबलि, होमबलि, अन्नबलियन अउ तेल-भेंटन जरूर चढ़ावइ चाही।”
Ezekiel 46
1 मोर सुआमी यहोवा इ कहत ह, “भीतरी आँगन क पूर्वी फाटक काम क छ: दिनन मँ बन्द रही। किन्तु इहइ सबित क दिन अउर नवचन्द्र क दिन खुली।
2 सासक फाटक क प्रवेस कच्छ स अन्दर आइ अउर उ फाटक क खम्भा क सहारे खड़ा होइ। तब याजक क होमबलि अउ मेलबलि चढ़ाई। सासक फाटक क डेवढ़ी पइ उपासना करी। तब उ बाहेर जाई। किन्तु फाटक साँझ होइ तलक बन्द नाहीं होइ।
3 उ देस क लोग भी यहोवा क सम्मुख जहाँ फाटक सबित क दिन अउर नवचन्द्र क दिन खुलत ह, उहइँ उपासना करी।
4 सासक सबित क दिन यहोवा क होमबलि चढ़ाई। ओका दोख रहित छ: मेमनन अउर दोख रहित एक भेड़ा देइ चाही।
5 ओका एक एपा अन्नबलि भेड़ा क साथ देइ चाही। सासक ओतनी अन्नबलि मेमनन क साथ देइ, जेतनी उ दइ सकत ह। ओका एक हिन जैतून क तेल हर एक एपा अन्न क साथ देइ चाही।
6 “नवचन्द्र क दिन ओका एक बैल भेंट करइ चाही, जेहमाँ कउनो दोख न होइ। उ छ: मेमनन अउ एक भेड़ा, जेहमाँ कउनो दोख न होइ, भी भेंट करी।
7 सासक क, बैल क संग एक एपा अन्नबलि अउर एक एपा अन्नबलि भेड़ा क साथ देइ चाही। सासक क हरेक मेमना क संग जेतना होइ सकइ देइ चाही तथा हर एक एपा अन्न बरे एक हिन तेल ओका जरूर चढ़ावइ चाही।
8 “सासक पूबीर् फाटक ओसारा स होइके अन्दर जाइ चाही अउर उहइ रास्ता स होइके वापिस बाहर जाइ चाही।
9 जब देस क लोग बिसेस त्यौहार पइ यहोवा मिलइ बरे आइहीं तउ जउन कउनो भी उत्तर फाटक स उपासना करइ बरे अन्दर आवत हीं तउ ओका दविखन फाटक स होइके बाहेर जाइ चाही। अउर जउन कउनो दविखन फाटक स उपासना करइ बरे आवत हीं तउ ओका उत्तर फाटक स होइके बाहेर जाइ चाही। कउनो भी उहइ मार्ग स नाहीं लउटि जेहसे उ प्रवेस किहे रहेन। हरेक मनई क सोझे आगे बढ़इ चाही।
10 जब लोग अन्दर जइहीं तउ सासक अन्दर जाइ। जब उ पचे बाहेर अइहीं तब सासक बाहेर जाइ।
11 दावतन अउ बिसेस बइठकन क अवसर पइ एका एपा अन्नबलि हर बैल क संग चढ़ाई जाइ चाही। एक एपा अन्नबलि हर भेड़ा क संग चढ़ाई जाइ चाही अउ हर एक मेमना क संग ओका जेतना जियादा उ दइ सकइ देइ चाही। ओका एक हिन तेल हर अन्न क एक एपा क बरे देइ चाही।
12 जब सासक यहोवा क स्वेच्छा भेंट करत ह, इ होमबलि, मेलबलि या स्वेच्छा भेंट होइ सकत ह, चढ़ाई तउ उसके बरे पूर्व क फाटक खुली। तब उ आपन होमबलि अउर आपन मेलबलि क सबित क दिन क तरह चढ़ाई। जब उ जाई ओकरे पाछे फाटक बन्द होई।
13 “तू दोख रहित एक बरिस का एक मेमना देब्या। इ प्रतिदिन यहोवा क होम बलि बरे होइ। प्रत्येक भिन्सारे तू एका देब्या।
14 तू हर एक भिन्सारे मेमना क संग अन्नबलि भी चढ़उब्या। तू एक क छठा भाग एपा आटा अउ एक क तीसरा भाग हिन तेल नीक आटा क चिकना करइ बरे, देब्या। इ यहोवा क हमेसा अन्नबलि होइ।
15 इ तरह उ पचे सदा ही मेमना, अन्नबलि अउ तेल, होमबलि बरे हर भिन्सारे देत रहिहीं।”
16 मोर सुआमी यहोवा इ कहत ह, “जदि सासक आपन भुइँया क कउनो हींसा क आपन पूतन क मीरास क रूप मँ देत ह तउ उ ओकर पूतन क होइ। इ ओनकर सम्पत्ति अहइ।
17 किन्तु जदि कउनो सासक आपन भुइँया क कउनो भाग क आपन गुलाम क मीरास क रूप मँ देत ह तउ उ मीरास ओकरे पास जुबली क बरिस तलक होइ। तब ओकरे पाछे मीरास सासक क वापस होइ जाइ। सिरिफ राजा क पूत ही ओकरी भुइँया क मीरास क अपने लगे रख सकत ही।
18 अउर सासक लोगन क भुइँया क कउनो भी हींसा नाहीं लेइ अउर न ही ओनका आपन भुइँया छोड़इ क मजबूर करी। ओका आपन भुइँया क कछू हींसा आपन पूतन क देइ चाही। इ तरह स हमार लोग आपन भुइँया स बंचित होइ बरे मजबूर नाहीं कीन्ह जइहीं।”
19 उ मनई मोका दुआर स फाटक क बगल मँ लइ गवा। उ मोका याजकन क उत्तर मँ पवित्तर कमरन कइँती लइ गवा। मइँ हुवाँ बहोत दूर पच्छिम मँ एक ठउर लखेस।
20 उ मनई मोहसे कहेस, “इहइ उ ठउर अहइ जहाँ याजक दोखबलि अउ पाप बलि क पकइहीं। हिअँइ पइ याजक अन्नबलि क पकइहीं। काहे जेहसे ओनका ओन भेंटन क बाहरी आँगन मइ लइ जाइ क जरूरत न रहइ। इ तरह उ पचे ओन पवित्तर चिजियन क बाहेर नाहीं लइहीं जहाँ साधारण लोग होइहीं।”
21 तब उ मनई मोका बाहरी आँगन मँ लिआवा। उ मोका आँगन क चारिहुँ कोनन मँ लइ गवा। आँगन क हर एक कोने मँ एक नान्ह आँगन रहा।
22 आँगन क कोनन मँ नान्ह आँगन रहेन। हर एक नान्ह आँगन चालीस हाथ लम्बा अउर तीस हाथ चउड़ा रहा। चारिहुँ कोनन क नाप समान रही।
23 भीतर एन नान्ह आँगनन क चारिहुँ कइँती ईर्टन क एक देवार रही। हर एक देवार मँ भोजन पकावइ क ठउर बरे रहेन।
24 उ मनई मोहसे कहेस, “इ सबइ रसोइयाँ अहइँ जहाँ उ पचे लोग जउन मन्दिर क सेवा करत ही, लोगन बरे बलि पकइहीं।”
Ezekiel 47
1 उ मनई मन्दिर क दुआर पइ मोका वापस लइ गवा। मइँ मन्दिर क पूर्वी डेवढ़ी क खाले स पानी आवत लखेउँ। (मन्दिर क सामना मन्दिर क पूर्वी कइँती अहइ।) पानी मन्दिर क दविखनी छोर क खाले स वेदी क दविखन मँ बहत रहा।
2 उ मनई मोका उत्तर फाटक स बाहेर लिआवा अउर बाहरी फाटक क पूरब तरफ चारिहुँ कइँती लइ गवा। दविखन कइँती स पानी बहत रहा।
3 उ मनई पूरब कइँती हाथ मँ नापइ क फीता लइके बढ़ा। उ एक हजार हाथ नापेस। तब उ मोका उ जगह स पानी स होइके चलइ क कहेस। हुवाँ पानी सिरिफ मोरे टकने तलक गहिर रहा। उ मनई दूसर एक हजार हाथ नापेस। तब उ उ जगह पइ पानी स होइके चलइ क कहेस। हुवाँ पानी मोरे घुटना तलक आवा।
4 तब उ मनई दूसर एक हजार हाथ नापेस तउ उ मोका उ जगह पइ पानी स होइके चलइ क कहेस। हुवाँ पानी मोरे घुटनन तलक रहा। तउ मनई दूसर एक हजार हाथ नापेस अउर मोका उ जगह पइ पानी स होइके चलइ क कहेस। हुआँ पानी मोरे कमर तलक रहा।
5 उ मनई दूसर एक हजार हाथ नापेस। किन्तु हुवाँ पानी एतना गहिर रहा कि पार न कीन्ह जाइ सकइ। इ एक नदी बन गवा। पानी तैरइ बरे पर्याप्त गहिर रहा। इ नदी एतनी गहिर रही कि पार नाहीं कइ सकत रहेन।
6 तब उ मनई मोहसे कहेस, “मनई क पूत, का तू जउन चिजियन क लखेस, ओन पइ गहराई स धियान दिहेस?”तब उ मनई नदी क किनारे क साथ मोका वापस लइ गवा।
7 जइसे मइँ नदी क किनारे स वापस चला, मइँ पानी क दुइनउँ कइँती बहुत जियादा बृच्छ लखेउँ।
8 उ मनई मोहसे कहेस, “इ पानी पूरब क अरबा घाटी क तरफ खाले बहत ह। पानी मृत सागर मँ पहोचत ह। उ सागर मँ पानी स्वच्छ अउ ताज होइ जात ह।
9 इ नदी जहाँ भी बहत ह, जिन्नगी लावत ह। इ पानी मँ बहोत मछरियन अहइँ अउर जहाँ इ नदी जात ह हुवाँ बहोत प्रकार क जानवर रहत हीं।
10 तू मछूआरन क लगातार एनगदी स एनेग्लेम तलक खड़ देख सकत ह। तू ओनका आपन मछरी क जाल फेंकत अउर कईउ तरह क मछरियन धरत लख सकत ह। मृत सागर मँ ओतनी ही प्रकार क मछरियन अहइँ जेतने प्रकार क भूमध्य सागर मँ।
11 किन्तु दलदल अउ गड़हन क पहँटा क प्रदेस क नान्ह छेत्र अनुवूल नाहीं बनाइ जाइ सकतेन। उ पचे नमक बरे छोड़े जइहीं।
12 हर तरह क फलदार बृच्छ नदी क दुइनउँ ओर उगत हीं। एनकर पत्तन कबहुँ झुरातेन अउ मरतेन नाहीं। एन बृच्छन पइ फल लगब कबहुँ रूकत नाहीं। बृच्छ हर महीने फल पैदा करत हीं। काहेकि बृच्छन बरे पानी मन्दिर स आवत ह। बृच्छन क फल भोजन बनी, अउर ओनकर पातियन औसधियन होइहीं।”
13 मोर सुआमी यहोवा इ कहत ह, “इ सबइ सीमन इस्राएल क बारह परिवार समूहन मँ भुइँया क बरे अहइँ। यूसुफ क दुइ भाग मिलिहीं।
14 तू भुइँया क बराबर बँटब्या। मइँ इ भुइँया क तोहरे पुरखन क देइ क बचन दिहे रहेउँ। एह बरे मइँ इ भुइँया क तोहका देत रहत हउँ।
15 हिआँ भुइँया क दुइ सीमा अहइँ। उत्तर कइँती इ सीमा भूमध्य सागर स हेतलोन होइके जात ह जहाँ सड़क हमात अउ सदाद तलक
16 बेरोता, सिब्रैम (जउन दमिस्क अउ हमात क सीमा क बीच अहइ) अउर हसर्हत्तीकोन जउन हौसन क सीमा पइ अहइ, कइँती मुड़त ह।
17 एह बरे सीमा समुद्र स हसरेनोन तलक जाइ जउन दमिस्क अउर हमात क उत्तरी सीमा पइ अहइ। इ उत्तर कइँती होइ।
18 “पूरब कइँती, सीमा हसरेनोन स हौरान अउ दमिस्क जाइ अउ यरदन नदी क सहारे गिलाद अउर इस्राएल क भुइँया क बीच पूरबी समुद्र तलक लगातार, तामार तलक जाइ। इ पूरबी सीमा होइ।
19 “दविखन कइँती, सीमा तामार स लगातार मरीबोत कादेस क नखलिस्तान तलक जाइ। तब इ मिस्र क नाले क सहारे भूमध्य सागर तलक जाइ। इ दविखनी सीमा होइ।
20 “पच्छिमी कइँती, भूमध्य सागर लगातार हमात क समन्वा क छेत्र तलक सीमा होइ। इ तोहार पच्छिमी सीमा होइ।
21 “इ तरह तू इ भुइँया क इस्राएल क परिवार क समूहन मँ बँटब्या।
22 तू एका आपन सम्पत्ति अउर आपन बीच रहइवाले विदेसियन क सम्पत्ति क रूप मँ जेनकर गदेलन तोहरे बीच रहत हीं, बँटब्या। इ सबइ बिदेसी निवासी होइहीं, इ सबइ स्वाभाविक जनम स इस्राएली होइहीं। तू कछू भुइँया इस्राएल क परिवार समूहन मँ स ओनका बँटब्या।
23 कउनो भी कबीला जेहमाँ बिदेसी नागरिकन निवास करिहीं, ओनका ओनकर मीरास मिलइ चाही। मोर सुआमी यहोवा इ कहेस ह।
Ezekiel 48
1 उत्तरी सीमा भूमध्य सागर स पूरब हेतलोन स हमात दर्सा अउ तब लगातार हसेसोन तलक जात ह। इ दमिस्क अउर हमात क सीमन क बीच अहइ। परिवार समूहन मँ स इ समूह क भुइँया एन सीमन क पूरब स पच्छिम क जाइ। उत्तर स दविखन, इ छेत्र क परिवार-समूह अहइँ, दान, आसेर, नप्ताली, मनस्से, एप्रैम, रूबेन यहूदा।
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8 भुइँया क अगला छेत्र खास उपयोग बरे होइ। इ भुइँया यहूदा क भुइँया क दविखन मँ अहइ। इ छेत्र उत्तर स दविखन तलक पच्चीस हजार हाथ लम्बा अहइ अउर पूरब स पच्छिम तलक, इ ओतना चउड़ा होइ जेतना दूसर परिवार समूहन क होइ मन्दिर भूइँया क इ विभाग क बीच होइ।
9 तू इ भुइँया क यहोवा क समपिर्त करब्या। इ पच्चीस हजार हाथ लम्बा अउर दस हजार हाथ चउड़ा होइ।
10 भुइँया क इ खास छेत्र याजकन अउ लेविबंसियन मँ बँटी। याजक इ छेत्र क एक हींसा पइहीं। इ भुइँया उत्तर कइँती पचीस हजार हाथ लम्बी, पच्छिम कइँती दस हजार हाथ चउड़ी, पूरब कइँती दस हजार हाथ चउड़ी अउर दविखन कइँती पचीस हजार हाथ लम्बी होइ। भुइँया क इ छेत्र क बीच यहोवा क मन्दिर होइ।
11 इ भुइँया सादोक क बंसजन क बरे अहइ। इ सबइ मनई मोर पवित्तर याजक होइ बरे चुने ग रहेन। काहेकि इ पचे तब भी मोर सेवा करब जारी राखेस जब इस्राएल क दूसर लोग मोका छोड़ दिहन। सादोक क परिवार मोका लेवी परिवार-समूह क दूसर लोगन क तरह नाहीं छोड़ेस।
12 इ पवित्तर भू-भाग क खास हींसा बिसेस रूप स एन याजकन क होइ। इ लेवीबंसियन क भुइँया स लगा भवा होइ।
13 “याजकन क भुइँया स लगी भूमि क लेवीबंसी आपन हींसा क रूप मँ पइहीं। इ पच्चीस हजार हाथ लम्बी, दस हजार हाथ चउड़ी होइ। उ पचे उ पूरी भुइँया क जउन पच्चीस हजार हाथ लम्बी अउ दस हजार हाथ चउड़ी होइ पइहीं।
14 लेवीबंसी इ भुइँया क कउनो हींसा न तउ बेचिहीं, न ही बइपार करिहीं। उ पचे इ भुइँया क कउनो भी हींसा क बेचइ क अधिकार नाहीं रखतेन। उ पचे इ भुइँया क कउनो भी हींसा क अदल बदल नाहीं कइ सकत ह। एका दूसर क हाथन क हस्तान्तरित नाहीं होवइ चाही। काहेकि इ भुइँया यहोवा क अहइ। इ सब स परम पवित्तर अहइ।
15 “भुइँया क एक छेत्र पाँच हजार हाथ चउड़ा अउर पचीस हजार हाथ लम्बा होइ जउन याजकन अउ लेवीबंसियन क दीन्ह गइ भुइँया स अतिरिक्त होइ। इ भुइँया नगर, पसुअन क चरागाह अउ घर बनावइ बरे होइ सकत ह। साधारण लोग एकर उपयोग कइ सकत हीं। नगर एकरे बीच मँ होइ।
16 नगर क नाप इ अहइ: उत्तर कइँती इ साढ़े चार हजार हाथ होइ। पूरब कइँती इ साढ़े चार हजार हाथ होइ। दविखन कइँती इ साढ़े चार हजार हाथ होइ। पच्छिम कइँती इ साढ़े चार हजार हाथ होइ।
17 नगर क चरागाह होइ। इ सबइ चरागाहन ढाई सौ हाथ उत्तर कइँती, ढाई सौ हाथ दविखन कइँती होइ। उ सबइ ढाई सौ हाथ पूरब कइँती तथा ढाई सौ हाथ पच्छिम कइँती होइ।
18 पवित्तर छेत्र क संग जउन हींसा बची, उ दस हजार हाथ पूरब मँ अउर दस हजार हाथ पच्छिम मँ होइ। इ भुइँया पवित्तर छेत्र क बगल मँ होइ। इ भुइँया नगर क मजदूरन बरे अन्न पइदा करी।
19 नगर क मजदूर एहमाँ खेती करिहीं। मजदूर इस्राएल क सबहिं परिवार समूहन मँ स होइहीं।
20 “इ भुइँया क बिसेस छेत्र वर्गाकार होइ। इ पचीस हजार हाथ लम्बा अउर पचीस हजार हाथ चउड़ा होइ। इ पवित्तर छेत्र अहइ, जेहमाँ नगर बरे दीन्ह गवा हींसा सामिल अहइ।
21 “इ खास भुइँया क एक हींसा देस क सासक क बरे होइ। इ बिसेस भुइँया क छेत्र वर्गाकार अहइ। इ पचीस हजार हाथ लम्बा अउर पचीस हजार हाथ चउड़ा अहइ। एकर एक हींसा याजकन बरे, एक हींसा लेवीबंसियन बरे अउर एक हींसा मन्दिर बरे अहइ। मन्दिर इ भुइँया छेत्र क बीच मँ अहइ। सेस भुइँया देस क सासक क अहइ। सासक बिन्यामीन अउर यहूदा क भुइँया क बीच क भुइँया पाइ।
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23 “बिसेस छेत्र क दविखन मँ उ परिवार-समूह क भुइँया होइ जउन यरदन नदी क पूरब मँ रहत रहा। हर परिवार-समूह उ भुइँया क एक हींसा पाइ जउन पूर्वी सीमा स भूमध्य सागर तलक गइ अहइ। उत्तर स दविखन क इ सबइ परिवार-समूह अहइँ: बिन्यामीन, सिमोन, इस्साकर, जबूलून अउ गाद।
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28 “गाद क भुइँया क दविखनी सीमा तामार स मरीबोत-कादेस क नखलिस्तान तलक जाइ। तब मिस्र क नाले स भूमध्य सागर तलक पहोंची।
29 अउर इहइ उ भुइँया अहइ जेका तू इस्राएल क परिवार मँ बटँब्या। उहइ हर एक परिवार-समूह पाई।” मोर सुआमी यहोवा इ कहेस।
30 “नगर क इ सबइ फाटक अहइँ। फाटकन क नाउँ इस्राएल क परिवार समूहन क नाउँ पइ होइहीं। “उत्तर कइँती नगर साढ़े चार हजार हाथ लम्बा होइ।
31 ओहमाँ तीन फाटक होइहीं। रूबेन क फाटक, यहूदा क फाटक अउर लेवी क फाटक।
32 पूरब कइँती नगर साढ़े चार हजार हाथ लम्बा होइ। ओहमाँ तीन फाटक होइहीं: यूसुफ क फाटक, बिन्यामीन क फाटक अउर दान क फाटक।
33 “दविखन कइँती नगर साढ़े चार हजार हाथ लम्बा होइ। ओहमाँ तीन फाटक होइहीं। सिमोन क फाटक, इस्साकर क फाटक अउर जबूलून क फाटक।
34 “पच्छिम कइँती नगर साढ़े चार हजार हाथ लम्बा होइ। एहमाँ तीन फाटक होइहीं: गाद क फाटक, आसेर क फाटक अउर नप्ताली क फाटक।
35 “नगर क चारिहुँ ओर क दूरी अट्ठारह हजार हाथ होइ। अब स आगे नगर क नाउँ होइ: यहोवा हिआँ अहइ।
Daniel 1
1 नबूकदनेस्सर बाबुल क राजा रहा। नबूकदनेस्सर यरूसलेम क चारिहुँ कइँती स घेर लिहस। इ तब भवा जब यहूदा क राजा यहोयाकीम क हुवूमत क तीसर बरिस चलत रहा।
2 यहोवा यहूदा क राजा यहोयाकीम क नबूकदनेस्सर क जरिये पराजित कराइ दिहस। नबूकदनेस्सर परमेस्सर क मन्दिर क कछू बर्तनन क भी हथियाइ लिहस। नबूकदनेस्सर ओन वस्तुअन क बाबुल लइ गवा। नबूकदनेस्सर ओन वस्तुअन क उ मन्दिर मँ रखवाइ दिहस जेहमाँ ओकर देवतन क मूरतियन रहिन।
3 एकरे पाछे राजा नबूकदनेस्सर असपनज क एक हुवूम दिहस। (असपनज राजा क हिंजड़े-नौकरन क प्रधान रहा।) राजा असपनज क कछू इस्राएली लड़कन क ओकरे महल मँ लिआवइ क कहे रहा। नबूकदनेस्सर चाहत रहा कि प्रमुख परिवारन अउ इस्राएल क राजा क परिवार क कछू इस्राएली लड़कन क हुवाँ लिआवा जाइ।
4 नबूकदनेस्सर क सिरिफ हट्टे कटे नउजवान इस्राएली लड़कन ही चाही रहा। राजा क बस अइसे नउजवान लड़कन क चाही रहा जेकरे तने पइ कउनो खरोंच या ओनकर तन कउनो भी तरह क दोख स रहित होइ। राजा सुन्नर, चुस्त अउ बुध्दिमान नउजवान लड़कन ही चाहत रहा। जउन बातन क हाली स अउ आसानी स सीखइ मँ समरथ होइँ। राजा क अइसे नउजवान लड़कन क जरूरत रही जउन ओकरे महल मँ सेवा क काम कइ सकइँ। राजा असपनज क हुवूम दिहेस कि ओन इस्राएली नउजवान लड़कन क कसदियन क भाखा अउ लिपि क सिच्छा दीन्ह जाइ।
5 राजा नबूकदनेस्सर ओन नउजवानन क हररोज एक निहचित मात्रा मँ भोजन अउ दाखरस देत रहत रहा। इ भोजन उहइ तरह क होत रहा, जइसा खुद राजा खावा करत रहा। राजा क इच्छा रही कि इस्राएल क ओन नउजवानन क तीन बरिस तलक प्रसिच्छण दीन्ह जाइ अउ तीन बरिस क पाछे उ सबइ नउजवान राजा क सेवक बन सकइँ।
6 ओन नउजवानन मँ दानिय्येल, हनन्याह, मीसाएल अउ अजर्याह सामिल रहेन। इ सबइ नउजवान यहूदा क परिवार समूह स रहेन।
7 तउ एकरे पाछे यहूदा क ओन नउजवानन क असपनज नवा नाउँ रख दिहेस। दानिय्येल क बेलतसस्सर क नवा नाउँ दीन्ह गवा। हनन्याह क नवा नाउँ रहा सद्रक। मीसाएल क नवा नाउँ दीन्ह गवा मेसक अउ अजर्याह क नवा नाउँ रखा गवा अबेदनगो।
8 दानिय्येल राजा क उत्तिम भोजन अउ दाखरस क ग्रहण करइ नाहीं चाहत रहा। दानिय्येल नाहीं चाहत रहा कि उ उ भोजन अउ उ दाखरस स अपन आप क असुद्ध कइ लेइ। तउइ तरह अपन आप क असुद्ध होइ स बचावइ बरे असपनज स बिनती किहेस।
9 परम्नउ जवानोस्सर असपनज क अइसा बनाइ दिहस कि उ दानिय्येल क बरे वृपालु अउर नीक विचार करइ लाग।
10 किन्तु असपनज दानिय्येल स कहेस, “मइँ आपन सुआमी, राजा स डरोत हउँ। राजा मोका हुवूम दिहेस ह कि तोहका इ भोजन अउर इ दाखरस दीन्ह जाइ। जदि तू इ भोजन क नाहीं खात अहा तउ तू दुर्बल अउ रोगी देखाइ लगब्या। तू आपन उमिर क दूसर नउजवानन स भद्दा देखाइ देब्या। राजा एका लखी अउ मोह पइ किरोध करी। होइ सकत ह, तू मोर मु़ड़ँ कटवाइ देइ। जबकि इ दोख तोहार होइ।”
11 एकरे पाछे दानिय्येल आपन देखभाल करइवालन से बातचीत किहेस। असपनज उ रखवारे क दानिय्येल, हनन्याह, मीसाएल अउ अजर्याह क ऊपर धियान रखइ क कहा भवा रहा।
12 दानिय्येल उ रखवारे स कहेस, “वृपा कइक तू दस दिन तलक हमार परीक्षा ल्या। हमका खाइ क साग-सब्जी अउर पिअइ क पानी क अलावा कछू जिन द्या।
13 फुन दस दिन क पाछे ओन दूसर नउजवानन क संग तू हमार तुलना कइके लखा, जउन राजा क भोजन करत हीं अउर फुन अपने आप लखा कि अधिक तन्दुरुस्त कउन देखाइ देत ह। फिन तू अपने-आप यह निर्गया कर्या कि तू हमरे संग कइसा बेउहार करइ चाहत ह। हम तउ तोहार सेवक अही।”
14 तउ उ रखवारा दानिय्येल, हनन्याह, मीसाएल अउ अजर्याह क परीच्छा लिहेस।
15 दस दिना क पाछे दानिय्येल अउ ओकर मीत ओन सबहिं नउजवानन स जियादा हट्टा-कट्टा देखाँइ देइ लागेन जउन राजा क खइया क खात रहेन।
16 तउ उ रखवारा ओनका राजा क उ खास भोजन अउ दाखरस देब बंद कइ दिहस अउर उ दानिय्येल, हनन्याह, मीसाएल अउ अजर्याह क उ खाइ क जगह पइ साग-सब्जियन देइ लाग।
17 परमेस्सर दानिय्येल, हनन्याह, मीसाएल अउ अजर्याह क बुध्दि प्रदान किहस अउ ओनक अलग अलग तरह क लिपियन अउ विग्यानन क सीखइ क जोग्गता प्रदान किहस। दानिय्येल तउ हर तरह क दर्सनन अउ सपनन क भी समुझ सकत रहा।
18 राजा चाहत रहा कि ओन सबहिं जवानन क तीन बरिस तलक प्रसिच्छन दीन्ह जाइ। प्रसिच्छन क समइ पूरा होइ पइ असपनज ओन सबहिं जवानन क राजा नबूकदनेस्सर क लगे लइ गवा।
19 राजा ओनसे बातन किहस। राजा पाएस कि ओनमँा स कउनो भी जवान ओतना नीक नाहीं रहा जेतना दानिय्येल, हनन्याह, मिसाएल अउ अजर्याह रहेन। तउ उ सबइ चारिउँ जवान राजा क सेवक बनाइ दीन्ह गएन।
20 राजा हर दाईं ओनसे कउनो महत्वपूर्ण बात क बारे मँ पूछत अउ उ पचे आपन प्रचुर गियान अउ समुझ-बूझ क परिचय देतेन। राजा लखेस कि उ पचे चारिउँ ओकर राज्ज क सबहिं जादुगरन अउ बुध्दिमान लोगन स दस गुणा जियादा उत्तिम अहइँ।
21 तउ राजा वुसू क सासन काल क पहिले बरिस तलक दानिय्येल राजा क सेवकाई करत रहा।
Daniel 2
1 नबूकदनेस्सर आपन सासन क दूसर बरिस मँ एक सपना लखेस। उ सपना स बेचैन होइ गवा अउर सोइ नाहीं सका।
2 तउ राजा आपन जादूगरन, ओझन, भविस्स क बात बताइवालन अउर कसदियनक आपन सपना क अरथ बतावइ बरे बुलाएन। एह बरे उ सबइ आएन अउर राजा क समन्वा खड़ा होइ गएन।
3 तब राजा ओन लोगन स कहेस, “मइँ एक सपना लखेउँ ह जेहसे मइँ बियावुल हउँ। मइँ इ जानइ चाहत हउँ कि उ सपना क अरथ का बाटइ?”
4 यह पइ ओन कसदियन राजा स उत्तर देत भए कहेन। उ सबइ अरामी भाखा मँ बोलत रहेन। “राजा चिरंजीव रहइँ। हम पचे तोहार दास अही। तू आपन सपन हमका बतावा। फिन हम तोहका ओकर अरथ बताउब।”
5 एह पइ राजा नबूकदनेस्सर ओन लोगन स कहेस, “नाहीं। उ सपना का रहा, इ भी तोहक ही बताउब अहइ अउर उ सपन क अरथ का अहइ, इ भी तोहका ही बताउब अहइ अउर जदि तू अइसा नाहीं कइ पाया तउ मइँ तोहार टूकन टूकन कइ डावइ क आग्या देब। मइँ तोहरे घरन क तोरिके मलवा क देर अउ राखी मँ बदल डावइ क आग्या भी दइ देब।
6 अउ जदि तू मोका मोर सपना बताइ देत अहा अउर ओकर व्याखया कइ देत अहा तउ मइँ तोहका अनेक उपहार, बहोत स पुरस्कार अउ महान आदर प्रदान करब। तउ तू मोका मोर सपना क बारे मँ बतावा अउर बतावा कि ओकर अरथ का अहइ?”
7 ओन बुध्दिमान मनइयन राजा स फुन कहेन, “हे राजा, वृपा कइके हमका सपना क बारे मँ बतावा अउर हम तोहका इ बताउब कि उ सपना क फल का अहइ।”
8 एक पइ राजा नबूकदनेस्सर कहेस, “मइँ जानत हउँ, तू लोग अउर जियाद समइ लेइ क जतन करत अहा। तू जानत अहा कि मइँ जउन कहेउँ, उहइ मोर अभिप्राय अहइ।
9 तू इ जानत अहा कि जदि तू मोका मोर सपना क बारे मँ नाहीं बताया तउ तोहका दण्ड दीन्ह जाइ। एह बरे तू पचे आपुस मँ जोजना बाएस क कि मोहसे झूठ बोलइ अउर गलत व्याखाय करब जब तलक कि स्थिति बदल न जाइ। अब बतावा कि मोका का सपना आवा रहा। इहइ एक रास्ता बाटइ पता करइ बरे कि का तू मोका मोरे सपना क सही अरथ बताइ सकत।”
10 कसदियन राजा क उत्तर देत भए कहेन, “हे राजा धरती पइ कउनो अइसा मनई नाहीं जउन अइसा कइ सकइ जइसा आप करइ क आग्रह करत ह। बुध्दिमान मनइयन स या जादूगरन स या कसदियन स कउनो भी महान अउर सक्तिसाली राजा कबहुँ भी अइसा करइ क नाहीं कहेस।
11 महाराज, आप उ काम करइ क कहत अहा, जउन संभव नाहीं अहइ। बस राजा क ओकरे सपना क बारे मँ अउर ओकरे फल क बारे मँ देवता ही बताइ सकत हीं। किन्तु देवता तउ लोगन क बीच नाहीं रहतेन।”
12 जब राजा इ सुनेस तउ ओका बहोत किरोध आवा अउर उ बाबुल क सबहिं बुद्धिमान मनइयन क मरवा डावइ क हुवूम दइ दिहस।
13 राजा क आदेस लागू होइ चुका रहेन। सबहीं बुध्दिमान मनइयन क मारा जाब रहा, एह बरे दानिय्येल अउ ओकर मीतन क भी मरवाइ डावइ बरे ओनकर खोज मँ राज पुरुस पठइ दीन्ह गएन।
14 अयोर्क राजा क रच्छकन क नायक रहा। उ बाबुल क बुध्दिमान मनइयन क मार अवइ बरे जात रहा, किन्तु दानिय्येल ओहसे बातचीत किहस। दानिय्येल अयोर्क स बुध्दिमानी क साथ नम्र होइके बात किहेस।
15 दानिय्येल अयोर्क स पूछेस, “राजा एतना कठोर दण्ड देइके आग्या काहे दिहेस ह”एह पइ अयोर्क राजा क सपनावाली सारी कहानी कहि सुनाएस, दानिय्येल ओका समुझ गवा।
16 दानिय्येल जब इ कहानी सुन लिहेस तउ उ राजा नबूकदनेस्सर क लगे गवा। दानिय्येल राजा स बिनती किहेस कि उ ओका तनिक समइ अउर देइ। उ राजा स ओकार सपना क अरथ समेत बतावइ क वादा किहेस।
17 एकरे पाछे दानिय्येल अपने घर क चल दिहस। उ आपन मीत हनन्याह, मीसाएल अउ अजर्याह क उ सारी बातन कहि सुनाएस।
18 दानिय्येल आपन मीतन स सरग क परमेस्सर स पराथना करइ क कहेस। दानिय्येल ओनसे कहेस कि उ पचे परमेस्सर स पराथना करइँ कि उ ओन पइ दयालु होइ अउर इ रहस्स क समुझइ मँ ओनकर मदद करइ जेहसे बाबुल क दूसर विवेकी मनइयन क संग दानिय्येल अउ ओकर मीत भी घाट न उतारि दीन्ह जाइँ।
19 राति क समइ परमेस्सर एक दर्सन मँ दानिय्येल क उ रहस्स समुझाइ दिहस। एह पइ सरग क परमेस्सर क स्तुति करत भए।
20 दानिय्येल कहेस:“परमेस्सर क नाउँ क सदा प्रसंसा करा। सक्ति अउ बुद्धिमान ओहमाँ ही होत ह।
21 उ ही समइ बुद्धिमान क बदलत ह। उहइ राजा लोगन क हटावत ह अउर उहइ राजा लोगन क नियुक्त करत ह। उहइ बुध्दि देत ह अउर लोग बुध्दिमान बन जात हीं। उहइ लोगन क गियान देत ह अउर लोग गियानी बन जात हीं।
22 उ गहिर अउ छुपे रहस्सन क जानत ह जेका समुझ पाउब कठिन अहइ। प्रकास ओकरे संग रहत ह। तउ उ जानत ह कि अँधियारा मँ अउ रहस्स भरे स्थानन मँ का अहइ।
23 हे मोरे पुरखन क परमेस्सर, मइँ तोहका धन्यवाद देत हउँ अउ तोहार गुण गावत हउँ। तू ही मोका गियान अउ बुद्धिमत्ता दिहा। जउन बातन मइँ पूछे रहे ओकरे बारे मँ तू मोका बताया। तू हमका राजा क सपना क बारे मँ बताया।”
24 एकरे पाछे दानिय्येल अयोर्क क लगे गवा। राजा नबूकदनेस्सर अयोर्क क बाबुल क बुध्दिमान मनइयन क हत्तिया बरे नियुक्त कीन्ह रहा। दानिय्येल अयोर्क स कहेस, “बाबुल क बुध्दिमान मनइयन क हत्तिया जिन करा। मोका राजा क लगे लइ चला, मइँ ओका ओकर सपना अउ उ सपना क फल बताउब।”
25 तउ अयोर्क दानिय्येल क हाली ही राजा क लगे लइ गवा। अयोर्क राजा स कहेस, “यहूदा क बन्दियन मँ मइँ एक अइसा मनई हेर लिहेउँ ह जउन राजा क ओकर सपना क मतलब बताइ सकत ह।”
26 तउ राजा दानिय्येल (बेलतसस्सर) स एक सवाल पूछेस, “का तू मोका मोर सपना अउ ओकर अरथ क बारे मँ बताइ सकत ह”
27 दानिय्येल जवाब दिहस, “हे राजा नबूकदनेस्सर, तू जउन रहस्स क बारे मँ पूछत अहा, ओका तोहका न तउ कउनो बुद्धिमान व्यक्ति न कउनो तान्त्रिक अउर न कउनो भविस्यवक्ता क बताइ सका ह।
28 किन्तु सरग मँ एक परमेस्सर अइसा अहइ जउन भेद भरी बातन क रहस्स बतावत ह। परमेस्सर राजा नबूकदनेस्सर क आगे क होइवाला अहइ, इ दर्सावइ बरे सपना दिहस ह। आपन बिछउना मँ सोते भए तू सपना मँ जउन बातन लखे रह्या, उ सबइ इ सब अहइँ,
29 हे राजा। तू अपने बिछउना मँ सोवत रह्या। तू भविस्स मँ घटइवाली बातन क बारे मँ सोचब सुरू किहेस। परमेस्सर लोगन क रहस्सपुर्ण बातन क बारे मँ बताइ सकत ह। तउ उ भविस्स मँ जउन घटइवाला अहइ, उ तोहका दर्साइ दिहस।
30 परमेस्सर उ रहस्स मोका भी बताइ दिहस ह। अइसा एह बरे नाहीं भवा कि मोरे लगे दूसर लोगन स कउनो जियादा बुद्धि अहइ। बल्कि मोका परमेस्सर इ भेद क एह बरे बताएस ह कि राजा क ओकर सपना क फल पता चल जाइ अउर इ तरह हे राजा, तोहरे मने मँ जउन बातन आवति अहइँ, ओनका तू समुझ जा।
31 “हे राजा, सपना मँ तू अपने समन्वा खड़ा एक ठु बिसाल मूरति लख्या ह, उ मूरति बहोत ब़ड़ी रही, उ चमकदार रही अउर प्रभाव स पूरी रही। इ देखइ मँ डराउनी रही।
32 उ मूरति क सिर सुद्ध सोना क बना रहा। ओकर छाती अउ सबइ भुजा चाँदी क बनी रहिन। ओकर पेट अउर जाँधन काँसा क बनी रहिन।
33 उ मूरति क गोड़न लोहा क बनी रहिन। उ मूरति क पैर थोड़ा लोहा अउ थोड़ा माटी क बने रहेन।
34 “जब तू उ मूरति कइँती लखत रह्या, तउ तू एक ठु चट्टान लख्या जउन कउनो मनई क मेहनत क कटी रहेन अउर आइके मूरती क लोहे अउर मिट्टी क बनी गोड़न स टकरा गएन। उ चट्टान क कराण ओन मूतियन क गो़ड़ चकनाचूर होइ गएन।
35 फुन फउरन ही लोहा, माटी, काँसा, चाँदी अउ सोना सब चूर-चूर होइ गवा अउ उ चूरा गमिर्यन क दिनन मँ खरिहाने क भूसा जइसा होइ गवा। ओन टूकन क हवा उड़ाइ लइ गइ। हुआँ कछू भी तउ नाहीं बचा। कउनो इ नाहीं कहि सकत रहा कि हुआँ कबहुँ मूरति रही भी। फुन उ चट्टान जउन मूरति स टकराइ रही, एक बिसाल पर्वत क रूप मँ बदल गइ अउ सारी धरती पइ छाइ गइ।
36 “आपका सपना तउ इ रहा। अब हम राजा क इ बतावत अही कि इ सपना क फल का अहइ?
37 हे राजा, आप बहोत जियादा महत्वपूर्ण राजा अहइँ। सरग क परमेस्सर तोहका राज्ज दिहे सह। सक्ति दिहेस ह। सामरथ अउ महिमा दिहस ह।
38 आप क परमेस्सर नियन्त्रण क सक्ति दिहेस ह अउर आप, लोगन पइ, बन क पसुअन पइ अउ पंछियन पइ सासन करत अहा। उ सबइ चाहे कहूँ भी रहत होइँ, ओन सबन पइ परमेस्सर तोहका सासक ठहराएस ह। हे राजा नबूकदनेस्सर, उ मूरति क ऊपर जउन सोने क मू़ँड़ रहा, उ आप ही अहइँ।
39 “आप क पाछे जउन दूसर राजा आई, उहइ उ चाँदी क हीसां अहइ। किन्तु उ राज्ज तोहरे राज्ज क समान बिसाल नाहीं होइ। एकरे पाछे धरती पइ एक तीसर राज्ज क सासन होइ। उहइ उ काँसे वाला भाग अहइ।
40 एकरे पाछे एक चउथा राज्ज आइ, उ राज्ज लोहा क समान मजबूत होइ। जइसे लोहे स वस्तुअन टूटिके चकनाचूर होइ जात ही, वईसे ही चउथा राज्ज दूसर राज्जन क भंग कइके चकनाचूर करी।
41 “तू लखे रह्या कि उ मूरति क गो़ड़न अउर पंजे थो़ड़े माटी क अउर थोड़े लोहे क बना अहइँ, ओकर मतलब इ अहइ कि उ चउथा राज्ज एक ठु बटा भवा राज्ज होइ। एहमाँ कछू लोहा क सक्ति होइ काहेकि तू माटी मिला लोहा लख्या ह।
42 उ मूरति क गोड़न क पंजे क अगले हींसा जउन थोड़ा लोहा अउ थोड़ा माटी क बना रहेन, एकर अरथ इ अहइ कि उ चउथा राज्ज थोड़ा तउ लोहा क समान सक्तिसाली होइ अउर थोड़ा माटी क समान दुर्बल।
43 आप लोहा क माटी स मिला भवा लखे रह्या किन्तु जइसे लोहा अउ माटी पूरी तरह कबहुँ आपुस मँ नाहीं मिलतेन, उ चउथे राज्ज क लोग वइसे ही मिले जुले होइहीं। किन्तु एक जाति क रूप मँ उ सबइ लोग आपुस मँ एक जुट नाहीं होइहीं
44 “चउथे राज्ज क ओन राजा लोगन क समय मँ ही सरग क परमेस्सर एक दूसर राज्ज क स्थापना कइ देइ। इ राज्ज क कबहुँ अन्त नाहीं होइ अउर इ सदा-सदा बना रही। इ एक अइसा राज्ज होइ जउन कबहुँ कउनो दूसर समूह क लोगन क हाथ मँ नाहीं जाइ। इ राज्ज ओन दूसर राज्ज क वुचर देइ। इ ओन राज्जन क बिनास कइ देइ। किन्तु उ राज्ज अपने आप सदा-सदा बना रही।
45 “हे राजा नबूकदनेस्सर, आपन पहाड़ स उखड़ी भइ चट्टान तउ लखेउँ। कउनो मनई उ चट्टान क उखाड़ेस नाहीं। उ चट्टान लोहा क, काँसा क, माटी क, चाँदी क अउर सोने क टूका-टूका कइ दिहे रहा। इ प्रकार स महान परमेस्सर आप क उ देखाएस ह जउन भविस्स मँ होइवाला अहइ। इ सपना सच्चा अहइ अउर आप सपना क इ व्याख्या पइ भरोसा कइ सकत हीं।”
46 एकरे पाछे राजा नबूकदनेस्सर दानिय्येल क निहुरिके नमस्कार किहेस। राजा दानिय्येल क बड़कई किहेस। राजा इ आग्या दिहेस कि दानिय्येल क सम्मानित करइ बरे एक भेंट अउ सुगन्ध प्रदान कीन्ह जाइ।
47 फुन राजा दानिय्येल स कहेस, “मोका निहचय पूर्वक गियान होइ गवा ह कि तोहार परमेस्सर सब स जियादा महत्वपूर्ण अउ सक्तिसाली परमेस्सर अहइ। उ सबहिं राजा लोगन क परमेस्सर अहइ। उ लोगन क ओन बातन क बारे मँ बतावत ह, जेनका उ पचे नाहीं जान सकतेन। मोका पता अहइ कि इ सच अहइ। काहेकि तू मोका भेद क इ सबइ गुप्त बातन क बताइ सका।”
48 एकरे पाछे उ राजा दानिय्येल क आपन राज्ज मँ एक बहोत महत्वपुर्ण पद प्रदान किहेस तथा राजा बहोत स बहुमूल्य उपहार भी दानिय्येल क दिहेस। नबूकदनेस्सर दानिय्येल क बाबुल क समूचे प्रदेस क सासक नियुक्त कइ दिहेस। अउ उ दानिय्येल क बाबुल क सबहिं पण्डितन क प्रधान बनाइ दिहेस।
49 दानिय्येल राजा स बिनति किहेस कि उ सद्रक, मेसक अउ अबेदनगो क बाबुल प्रदेस क महत्वपूर्ण हाकिम बनाइ देइँ। तउ राजा वइसा ही किहेस जइसा दानिय्येल चाहे रहा। दानिय्येल खुद ओन महत्वपूर्ण मनइयन मँ होइ गवा रहा जउन राजा क निअरे रहा करत रहेन।
Daniel 3
1 राजा नबूकदनेस्सर सोना क एक ठु प्रतिमा बनवाइ रखी रही। उ प्रतिमा साठ हाथ ऊँची अउ छ: हाथ चउड़ी रही। नबूकदनेस्सर उ प्रतिमा क बाबुल प्रदेस क दूरा क मैदान मँ स्थापित कइ दिहेस।
2 अउर फुन राजा राज्ज क राज्जपालन, मुखिया लोगन, अधिपतियन, सलाहकारन, खजांचियन, निआवधीसन, सासकन अउ दूसर सबहिं छेत्र क अधिकारियन क आपन राज्ज मँ आइके बटुरइ बरे बुलवाइ पठएस। राजा चाहत रहा कि उ पचे सबहिं लोग प्रतिमा क प्रतिस्ठा महोत्सव मँ सामिल होइँ।
3 एह बरे पूरा राज्ज स राज्जपाल, नेत, सलाहकार, खजानची, निआवधीस, प्रबंधक अउर बाकी सभी प्रान्तीय अधिकारी समर्पन समारोह मँ आएन अउ उ प्रतिमा क अगवा खड़े होइ गएन जेका राजा नबूकदनेस्सर स्थापित कराए रहा।
4 फुन उ डँडोरची, जउन राजा क सबइ सूचना क घोसणा प्रसारित करत रहा, ऊँचे अवाजे मँ कहस, “सुना, सबहिं लोगन, जातियन अउर भासा सुना। तू पचन क जउन करइ क आग्या दीन्ह गइ अहइ, उ इ अहइ,
5 “तू पचे जब सबहिं नरसिंहन, बाँसुरियन, सितारन सात तारवाले बाजन वीणा अउ सहनाई तथा दूसर सबहिं प्रकार क बाजन क आवाज सुना, तउ तू पचन्क इ सोना क मूरती क जरूर पूजा करइ चाही जउन राजा नबूकदनेस्सर दुआरा स्थापित कीन्ह गवा ह।
6 जदि कउनो मनई इ सोना क प्रतिमा क निहुरिके प्रणाम नाहीं करी अउ एका नाहीं पूजी तउ उ मनई क तुरंतइ धधकत भई भट्ठी मँ झोक दीन्ह जाइ।”
7 तउ, जइसे ही उ पचे नरसिंहन, बाँसुरियन, सितारन, सात तारउ वाले बाजन, सहनाइयन अउ दूसर तरह क संगीत बाजन क सुनेन, सभी लोगन, जातियन अउर हर भाखा क लोग राजा नबूकदनेस्सर क जरिये रखा गवा सोना क उ मूरति क निहुरेन अउर पूजा किहेन।
8 एकरे पाछे, कछू कसदी लोग राजा क लगे आएन। ओन लोग यहूदियन क विरोध मँ राजा क कान भरेन।
9 राजा नबूकदनेस्सर स उ पचे कहेन, “हे राजा, आप चिरंजीवी ह्वा।
10 हे राजा, आप एक ठु आदेस दिहे रहेन आप कहे रहेन कि हर उ मनई जउन नरसिंहन, बाँसुरियन, सितारन, सात तारउवाले बाजन, सबइ वीणा मसक सहनाइयन अउर दूसर सबहिं तरह क वाद्य-यन्त्रन क ध्वनि क सुनत ह, उ सोना क प्रतिमा क अगवा निहुरिके ओकर पूजा करइ चाही।
11 आप इ भी कहे रहेन कि जदि कउनो मनई सोना क प्रतिमा क अगवा नेहुरिके ओकर पूजा नाहीं करी तउ ओका कउनो धधकत भट्ठी मँ झोंक दीन्ह जाइ।
12 हे राजा, हिआँ कछू अइसे यहूदी अहइँ जउन आपक आदेस पइ धियान नाहीं देतेन। आप ओन यहूदियन क बाबुल प्रदेस मँ महत्वपूर्ण हाकिम बनाए भवा अहा। अइसे लोगन क नाम अहइँ -सद्रक, मेसक अउ अबेदनगो। इ सबइ लोग आप क देवतन क पूजा नाहीं करतेन अउ जउन सोना क प्रतिमा क आप स्थापित किहेन ह, उ सबइ न तउ ओकरे अगवा निहुरत हीं अउर ही ओकर पूजा करत हीं।”
13 एह पइ नबूकदनेस्सर किरोध मँ आग-बबूला होइ उठा। उ सद्रक, मेसक अउ अबेदनगो क बोलवाइ पठएस। तउ ओन लोगन क राजा क समन्वा लावा गवा।
14 राजा नबूकदनेस्सर ओन लोगने स कहेस, “सद्रक, मेसक अउ अबेदनगो। का इ फूर अहइ कि तू मोर देवतन क पूजा नाहीं करत्या? अउर का इ भी सच अहइ कि तू मोरे जरिये स्थापित कराइ गइ सोना क प्रतिमा क अगवा न तउ निहुरत अहा, अउर न ही ओकर पूजा करत अहा?
15 अब लखा, तू जब नरसिंहन, बाँसुरियन, सितारन, सात तार क बाजन, वीणा, सहनाइयन तथा हर तरह क दूसर वाद्य-यन्त्रन क ध्वनि सुना तउ तोहका सोना क प्रतिमा क अगवा निहुरिके ओकर पूजा करइ चाही। जदि तू मोरे जरिये बनवाइ गइ उ मूरति क पूजा करइ क तइयार अहा, तब तउ नीक अहइ किन्तु जदि ओकर पूजा नाहीं करत अहा तउ तोहका फउरन धधकत भइ भट्ठी मँ झोंक दीन्ह जाइ। अउर कउनो भी देवता तोहका मोहस बचाइ नाहीं सकत्या।”
16 सद्रक, मेसक अउ अबेदनगो उत्तर देत भए राजा स कहेन, “हे नबूकदनेस्सर, हमका तोहका इ बिसय मँ जवाब देइ क जरूरत नाहीं अहइ।
17 जदि, हमार परमेस्सर जेकर हम उपासना करित ह ओकर अस्तित्व अहइ तउ उ इ बरत भइ भट्ठी स हमका बचाइ लेइ मँ समर्थ अहइ। तउ राजा, उ हमका मोरी ताकत स बचाइ लेइ।
18 किन्तु राजा, हम इ चाहित ह कि तू एतना जान ल्या कि जदि परमेस्सर हमार रच्छा न भी करइ तउ भी हम तोहरे देवतन क सेवा स इन्कार करित ह। सोना क जउन प्रतिमा तू स्थापित कराया ह हम ओकर पूजा नाहीं करिब।”
19 एह पइ तउ नबूकदनेस्सर किरोध स भड़क उठा। उ सद्रक, मेसक अउ अबेदनगो कइँती घिना स लखा। उ आग्या दिहेस की जेतना उ तपा करत ह, ओका ओहसे सात गुणा जियादा दहकावा जाइ।
20 एकरे पाछे नबूकदनेस्सर आपन सेना क कछू बहोत मजबूत फउजियन क आग्या दिहेस कि उ पचे सद्रक, मेसक अउ अबेदनगो क बाँध लेइँ। राजा ओन फउजियन क आग्या दिहस कि उ पचे सद्रक, मेसक अउ अबेदनगो क धधकत भट्ठी मँ झोवं देइँ।
21 तउ सद्रक, मेसक अउ अबेदनगो क बाँध दीन्ह गवा अउ फुन धधकत भट्ठी मँ धकेल दीन्ह गवा। उ पचे ओकर कमीज़न, पतलूनन अउ टोप तथा दूसर ओढ़नन पहिर रखे रहेन।
22 जउनो समइ राजा इ आग्या दिहे रह्या उ समइ उ बहोत कोहान रहा, एह बरे उ फउरन ही भट्ठी क बहोत तपाइ लिहस। आगी एतना जियादा भड़कत रही कि ओकर लपटन मँ स उ सबइ सक्तिसाली फउजी जर गएन, जब उ पचे सद्रक, मेसक अउ अबदेनगो क भट्टी मँ ढकेले रहा।
23 सद्रक, मेसक अउ अबेदनगो आगी मँ भहराइ गए रहेन। ओनका बहोत कसिके बाँधा भवा रहा।
24 एह पइ राजा नबूकदनेस्सर उछरिके आपन गोड़न, पइ खड़ा होइ गवा। ओका बहोत अचरज होत रहा। उ आपन मंत्रियन स पूछेस, “इ ठीक अहइ न कि हम तउ बस तीन मनइयन क बँधवाए रहे अउर आगी मँ ओनहीं तीन क डलवाए रहे।”ओकर मंत्रियन जवाब दिहन, “हाँ, महाराज।”
25 राजा बोला, “लखा, मोका तउ आगी क भीतरे इघर-उघर घुमत भए चार ठु मनई देखाई देत अहइँ। उ सबइ बंधे भए नाहीं अहइँ अउर आगी ओनका कछू नाहीं बिगाड़ बिगाड़ेस ह। लखा, उ चउथा मनई देवता क पूत जइसा देखाई देत अहइ।”
26 एकरे पाछे नबूकदनेस्सर उ बरत भइ भट्ठी क मुँहे पइ गवा। उ जोर स गोहराइके कहेस, “सद्रक, मेसक अउ अबेदनगो, बाहेर आवा। सवोर्च्च परमेस्सर क सेवको बाहेर आवा।”तउ सद्रक, मेसक अउ अबेदनगो आगी स बाहेर निकरि आएन।
27 तब उ पचे बाहेर आएन तउ प्रान्त क राज्जपालन, हाकिमन, अधिपतियन अउ राजा क मंत्रियन ओनके चारिहुँ तरफ भीड़ लगाइ दिहन। उ पचे देख पावत रहेन कि उ आगी सद्रक, मेसक अउ अबेदनगो क छुआ तलक नाहीं अहइ। ओनकर तन तनिकउ भी नाहीं जरा रहेन। ओनकर बार झुलसा तलक नाहीं रहेन। ओनकर ओढ़नन क आँच तलक नाहीं आई रहिन। ओनकर तन स अइसी गंध तलक नाहीं निकरत रही जइसे उ पचे आगी क आस-पास भी गवा होइँ।
28 फुन नबूकदनेस्सर कहेस, “सद्रक, मेसक अउ अबेदनगो क परमेस्सर क स्तुति करा। ओनकर परमेस्सर आपन सरगदूत क पठइके, आपन सेवकन क आगी स रच्छा किहेस ह। एन तीनहुँ पूरखन क आपन परमेस्सर मँ आस्था रही। इ सबइ मोरे आदेस क मानइ स मना कइ दिहेन अउर दूसर कउनो देवता क सेवा या पूजा करइ क बजाय उ पचे मरब कबूल किहेन।
29 तउ आजु स मइँ इ नेम बनावत हउँ: कउनो भी लोगन जातियन अउर भासा बोलइवाला कउनो मनई जदि सद्रक, मेसक अउ अबेदनगो क परमेस्सर क विरोध मँ कछू कही तउ ओकर टूकन-टूकन कइ दीन्ह जइहीं अउ ओकर घर क उ समइ तलक तोड़ा-फोड़ा जाइ जब तलक उ मलवा अउ राखी क ढेर मात्र न रहि जाइ। कउनो भी दूसर देवता आपन लोगन क इ तरह नाहीं बचाइ सकता।”
30 एकरे पाछे राजा सद्रक, मेसक अउ अबेदनगो क बाबुल क प्रदेस मँ अउर जियादा महत्वपूर्ण पद प्रदान कइ दिहन।
Daniel 4
1 राजा नबूकदनेस्सर सबइ लोगन, जाति अउर भाखा क, जउन सारी दुनिया मँ बसे भए रहेन, इ पत्र पठएस तू सबइ क अधिक सान्ति मिली।
2 सवोर्च्च परमेस्सर मोर संग जउन अचरज भरी अद्भूत बातन किहेस ह, ओकरे बारे मँ तोहका बतावत भए मोका बहोत खुसी अहइ।
3 ओकरे कार्य केतॅना अद्भुत अहइ। ओकरे चमत्कार केतॅना सक्तिसाली अहइ। परमेस्सर क राज्ज सदा टिका रहत ह; परमेस्सर क सासन पीढ़ी दर पीढ़ी बना रहत ह।
4 मइँ, नबूकदनेस्सर, आपन महल मँ रहेउँ। मइँ प्रसन्न अउ सफल रहेउँ।
5 मइँ एक सपना लखेउँ जउन मोका डेराइ दिहेस। मइँ आपन बिछउना मँ सोवत रहेउँ। मइँ तस्वीर अउर दर्सनन क लखेउँ। जउन कछू मइँ लखे रहेउँ उ मोका बहोत डेराइ दिहस।
6 तउ मइँ इ आग्या दिहेउँ कि बाबुल क सबहिं बुध्दिमान लोगन क मोरे लगे, लिआवा जाइ ताकि उ पचे मोका सपन क फल बतावइँ।
7 जब जादगर तान्त्रिक, कसदी अउर भविस्यवक्ता मोरे लगे आबइँ तउ मइँ ओनका आपन सपना क बारे मँ बताएउँ। किन्तु उ सबइ लोग मोका मोरे सपन क अर्थ नाहीं बताइ पाएन।
8 अंत मँ दानिय्येल मोरे लगे आवा (मइँ आपन देवता क सम्मानित करइ बरे दानिय्येल क बेलेतसस्सर नाउँ दिहे रहेउँ। पवित्तर देवतन क आतिमा क ओहमाँ निवास अहइ।) दानिय्येल क मइँ आपन सपन कहि सुनाएउँ।
9 मइँ ओहसे कहेउँ,“हे बेलतसस्सर, तू सबहिं तान्त्रिकन मँ सब स बड़का अहा। मोका पता अहइ कि तोहमाँ पवित्तर देवतन क आतिमा बास करत अहइ। मइँ जानत हउँ कि कउनो भी रहस्स क समुझब तोहरे बरे कठिन नाहीं अहइ। मइँ जउन सपना लखे रहेउँ, उ इ अहइ। तू मोका एकर अरथ समुझावा।
10 जब मइँ आपन बिछउना मँ ओलरा भवा रहेउँ तउ मइँ दिव्य दर्सन लखे रहेउँ। मइँ लखेउँ कि मोरे समन्वा धरती क बीचउ-बीच एक बृच्छ खड़ा अहइ। उ बृच्छ बहोत लम्बा अहइ।
11 बृच्छ बड़ा होत भवा एक बिसाल मजबूत बृच्छ बन गवा। बृच्छ क चोटी अकास छुअइ लाग। उ बृच्छ क धरती पइ कहूँ स भी लखा जाइ सकत रहा।
12 बृच्छ क पातियन सुन्नर रहिन। बृच्छ पइ बहोत नीक फल बहोतयात मँ लगे रहेन अउर उ बृच्छ पइ हर कउनो क लिए भरपूर खाइ क रहा। जंगली जनावर बृच्छ क नीचे आसरा पाए भए रहेन अउर बृच्छ क डारन पइ चिरइयन क बसेरा रहा। हर पसु पच्छी उ बृच्छ स ही भोजन पावत रहा।
13 “अपने बिछउना पइ ओलरे-ओलरे दर्सन मँ मइँ ओन वस्तुअन क लखत रहेउँ अउर तबहिं एक पवित्तर सरगदूत क मइँ सरग स नीचे उतरत भए लखेउँ।
14 उ बड़े ऊँचे सुर मँ बोला। उ कहेस, ‘बृच्छ क कांट लोकावा। एकर टहनियन क काट डाला। एकर पातियन क नोंच डावा। एकर फलन क चारिहुँ ओर बिखेर द्या। इ बृच्छ क नीचे आसरा पाए भए पसु कहूँ दूर पराइ जाइँ। एकर आरन पइ बसेरा किए भए पंछी कहूँ उड़ जाइँ।
15 “किन्तु एकर तना अउर एकर जड़न क धरती मँ रहइ द्या। एकरे चारिहुँ ओर लोहा अउ काँसे क एक बंधेज बाँध द्या। अपने आस-पास उगी घास क संग एकर तना अउर एकर जड़न धरती मँ रहिहीं। जंगली पसुअन अउ पेड़ पौधन क बीच इ खेतन मँ रही। ओस स उ नम होइ जाइ।
16 उ जियादा समइ तलक मनई क तरह नाहीं सोची। ओकर मन पसु क मन जइसा होइ जाइ। ओकर अइसा ही रहत भए सात ऋतु चक्र (बरिस) बीत जाई।’
17 “एक पवित्तर सरगदूत इ दण्ड क घोसणा किहे रहा ताकि धरती क सबहिं लोगन क इ पता चल जाइ कि मनइयन क राज्जन क ऊपर परम प्रधान परमेस्सर सासन करत ह। परमेस्सर जेका भी चाहत ह। एन राज्जन क दइ देत ह अउर परमेस्सर ओन राज्जन पइ सासन करइ बरे विनम्र मनइयन क चुनत ह।
18 “बस मइँ (राजा नबूकदनेस्सर) सपना मँ इहइ लखेउँ ह। अब हे बेलतसस्सर। तू मोका इ बतावा कि इ सपना क अरथ का अहइ? मोरे राज्ज क कउनो भी बुध्दिमान मनई मोका इ सपना क फल नाहीं बताइ पावत अहइ। किन्तु हे बेलतसस्सर, तू मोरे इ सपना क व्याख्या कइ सकत ह काहेकि तोहमाँ पवित्तर परमेस्सर क आतिमा निवास करत अहइ।”
19 तब दानिय्येल (जेकर नाउँ बेलतसस्सर भी रहा) थोड़ी देर बरे एक दम चुप होइ गवा। जिन बातन क उ सोचत रहा, उ सबइ ओका बियावुल किहे डावत रहिन। तउ राजा ओहसे कहेस, “हे बेलतसस्सर, तू उ सपना या उ सपना क फल स भय भीत जिन ह्वा।”एह पइ बेलतसस्सर राजा क उत्तर दिहेस, “हे मोर सुआमी, कास इ सपना तोहरे दुस्मनन चइ पड़इ अउर एकर फल, जउन तोहरे विरोधी अहइँ, ओनका मिलइ।”
20 तू आपन सपना मँ एक बृच्छ लखे रहेउँ। उ बृच्छ बड़ा भवा अउर मजबूत बन गवा। बृच्छ क चोटी आसमान छुअत रही। धरती मँ हर कहूँ स उ बृच्छ देखाई देत रहा।
21 ओकर पातियन सुन्नर रहित अउर ओह पइ बहोतयात मँ फल लगे रहेन। ओन फलन स हर कउनो क पर्याप्त भोजन मिलत रहा। जंगली पसुअन क तउ उ घर ही रहा अउर ओकर डारन पइ चिरइयन बसेरा किया भए रहेन। तू सपना मँ अइसा बृच्छ लखे रह्या।
22 हे राजा, उ बृच्छ आप ही अहइँ। आप महान अउर सक्तिसाली बन चुका अहइँ। आप उ ऊँच बृच्छ क समान अहइँ जउन अकास छुइ लिहेस ह अउर आप क सक्ति धरती क सुदूर भागन तलक पहुँची भई अहइँ।
23 “हे राजा, आप एक पवित्तर सरगदूत क अकासे स नीचे उतरत लखे रह्या। सरगदूत कहे रहा बृच्छ क काट डावा अउर ओका नस्ट करा। बृच्छ क तना पइ लोहा अउ काँसे क बंधज डाइ द्या अउर एकर तना अउ जड़न क धरती मँ ही छोड़ द्या। खेत मँ घास क बीच एका रहइ द्या। ओस स ही इ नमी लेत रही। उ कउनो जंगली पसु क रूप मँ रहा करी। एकर रहइ हाल मँ सात ऋतु-चक्र बीत जइहीं।
24 “हे राजा, आपक सपन क फल इहइ अहइ। सवोर्च्च परमेस्सर मोर सुआमी राजा क बरे एन बातन क घटइ क आदेस दिहस ह।
25 हे राजा नबूकदनेस्सर, प्रजा स दूर चला जाइ क बरे आप क मजबूर कीन्ह जाइ। जंगली पसुअन क बीच आप क रहइ क होइ। मवेसियन क तरह आप घास स पेट भरिहीं अउर ओस स भिगिहीं। सात ऋतु चक्र बीत जइहीं अउर फुन ओकरे बाद तू इ स्वीकार करब्या कि सवोर्च्च परमेस्सर मनइयन क साम्राज्यन पइ सासन करत ह अउर उ जेका भी चाहत ह, ओका राज्ज दइ देत ह।
26 “बृच्छ क तना अउ ओकर जड़न क धरती मँ छोड़ देइ क आदेस क अरथ इ अहइ कि आप क साम्राज्य आप क वापस मिलि जाइ। किन्तु इ उहइ समइ होइ जब तू इ जान जाब्या कि तोहरे राज्ज पइ सवोर्च्च परमेस्सर क ही सासन अहइ।
27 एह बरे हे राज, आप वृपा कइके मोर सलाह माना। मइँ आप क इ सलाह देत हउँ कि आप पाप करब तजि देइँ अउर जउन उचित अहइ, उहइ करइँ। वुकरमन क त्याग कइ देइँ। गरीबन पइ दयालु होइँ। तबहिं आप सफल बना रहि सकिहीं।”
28 इ सबहिं बातन राजा नबूकदनेस्सर क संग घटिन।
29 इ सपना क बारह महीना बाद जब राजा नबूकदनेस्सर बाबुल मँ आपन महल क छत पइ घूमत समइ,
30 तउ उ आपन आप स किहा, “उ मइँ हउँ जउन कि इ महान बाबुल क निमार्ण किहेउँ ह। इ महल मोर अहइ। मइँ आपन सक्ति स इ बिसाल नगर क निर्माण किहेउँ ह। इ ठउर क निर्माण मइँ इ देखाइ बरे किहेउँ ह कि मइँ केतना खुस हउँ।”
31 इ सबइ सब्द अबहिं ओकरे मुँह मँ ही रहेन कि एक अकासवाणी भई। अकासवाणी कहेस, “राजा नबूकदनेस्सर, तोहरे संग इ सबइ बातन घटिहीं। राजा क रूप मँ तोहसे तोहार सक्ति छोर लीन्ह गइ अहइ।
32 तोहका आपन लोगन स दूर जाब होइ। जंगली पसुअन क संग तोहार निवास होइ। तू ढोरन क तरह घास खाब्या। एहसे पहिले कि तू सबक सीखा कि मनई क राज्जन पइ सवोर्च्च परमेस्सर सासन करत ह अउर सवोर्च्च उ जेका चाहत ह, ओका राज्ज दइ देत ह सात ऋतु-चक्र बीत जइहीं।”
33 फुन फउरन ही इ सबइ बातन घट गइन। नबूकदनेस्सर क लोगन स दूर जाइ बरे मज़बूर कीन्ह गवा। उ गाइयन क तरह घास खाब सुरू कइ दिहस। उ ओस मँ भीगा। कउनो उकाब क पंखन क तरह ओकर बार बढ़ गएन अउर ओकर नाखून अइसे बढ़ गएन जइसे कउनो पंछी क पंजन क नाखून होत हीं।
34 फुन उ समइ क अंत मँ मइँ, नबूकदनेस्सर ऊपर सरग क कइँती लेखा अउर मोर सोचइ समुझइ क बुद्धि फिर स ठीक होइ गवा। तउ मइँ सवोर्च्च परमेस्सर क स्तुति किहेउँ, जउन सदा अमर अहइ, मइँ ओका आदर प्रदान किहेउँ अउर ओका गुनगान किहेउँ।परमेस्सर सासन हमेसा करत ह। ओकर राज्ज पीढ़ी दर पीढ़ी बना रहत ह।
35 इ धरती क सबइ लोग महत्वपूर्ण नाहीं अहइँ। परमेस्सर सरग क सक्तियन अउर धरती क लोगन क संग जउन चाहत ह उहइ करत ह। उ जउन करइ चाहत ह ओका उ करइ स कउनो भी नाहीं रोक सकत ह। ओकर ससक्त हाथ जउन कछू उ करत ह ओह पइ कउनो नाहीं सवाल करत ह।
36 तउ, उ औसर पइ परमेस्सर मोका मोर बुुद्धि फुन दइ दिहेस अउर उ एक राजा क रूप मँ मोर बड़ा मान, सम्मान अउ सक्ति भी वापस लउटाइ दिहस। मोर मंत्री अउर मोर राजकीय लोग फुन मोरे लगे आवइ लागेन। मइँ फुन स राजा बन गएउँ। मइँ पहिले स भी जियादा महान अउ सक्तिसाली होइ गवा रहेउँ।
37 लखा, अब मइँ, नबूकदनेस्सर सरग क राजा क स्तुति करत हउँ तथा ओकर उपासना करत हउँ, ओका आदर देत हउँ अउर ओकरे गुनगान करत हउँ। उ जउन कछू करत ह, ठीक करत ह। उ हमेसा निआव स पूर्ण अहइ। ओहमाँ अहंकारी लोगन क विनम्र बनाइ देइ क छमता अहइ।
Daniel 5
1 राजा बेलसस्सर आपन एक हजार अधिकारियन क एक बड़की दावत दिहेस। राजा ओकरे संग दाखरस पिअत रहा।
2 राजा बेलसस्सर दाखरस पिअत भए आपन सेवकन क सोना अउ चाँदी क पियाला लिआवइ क कहेस। इ सबइ उ सबइ पियालन रहेन जेनका ओकर पिता नबूकदनेस्सर यरूसलेम क मन्दिर स लिहे रहा। राजा बेलसस्सर चाहत रहा कि ओकर साही लोग, ओकर मेहररूअन अउ ओकर उप पत्नियन इन पियालन स दाखरस पिअइँ।
3 तउ सोना क उ सबइ पियालन लिआवा गएन जेनका यरूसलेम मँ परमेस्सर क मन्दिर स उठावा गवा। फुन राजा अउ ओकर अधिकारियन, ओकर रानियन तथा ओकर उप पत्नियन, ओन पियालन स दाखरस पिया किहेन।
4 दाखरस पिअत भए उ पचे आपन देवतन क मूरतियन क स्तुति करत रहेन। उ पचे ओन देवतन क स्तुति किहेन जउन देवता सोना, चाँदी, काँसा, लोहा, काठ अउ पाथर क मूरति पात्र रहेन।
5 उहइ समइ एकाएक कउनो मनई क एक हाथ परगट भवा अउ देवार पइ लिखइ लाग। ओकर अँगुरियन देवार क लेप क वुरेदत भइ सब्द लिखइ लागिन। देवार क लगे राजा क महल मँ उ हाथ देवार पइ लिखेस। हाथ जब लिखत रहा तउ राजा ओका लखत रहा।
6 राजा बेलसस्सर बहोत भयभीत होइ उठा। डर स ओकर मुँह पिअर पड़ गवा अउर ओकर घुटनन इ तरह काँपइ लागेन कि उ सबइ आपुस मँ टकरात रहेन। ओकर गोड़ एतना बलहीन होइ गएन कि उ खड़ा भी नाहीं रहि पावत रहा।
7 राजा तान्त्रिकन अउ कसदियन क अपने लगे बोलवाएस अउर ओनसे कहेस, “मोका जउन कउनो भी इ लिखावट क पढ़कर बताइ अउर मोका ओकर अरथ समुझाइ देइ, मइँ ओका पुरस्कार देब। उ मनई क मइँ बैंगनी पोसाक भेटं करब। मइँ ओकरे गले मँ सोना क हार पहिराउब अउर मइँ ओका आपन राज्ज क तीसर सबसे बड़ा सासक बनाइ देब।”
8 तउ राजा क सबहिं बुध्दिमान मनई हुवाँ आइ गएन किन्तु उ सबइ उ लिखावट क नाहीं पढ़ि सकेन। उ पचे समुझ ही नाहीं सकेन कि ओकर अरथ का अहइँ।
9 राजा बेलसस्सर क हाकिम चक्कर मँ पड़े भए रहेन अउर राजा तउ अउर भी जियादा भयभीत अउर चिंतित रहा। ओकर मुँह डर स पीला पड़ा भवा रहा।
10 तबहिं जहाँ उ दावत चलत रही, हुवाँ राजा क महतारी आइ। उ राजा अउर ओकर राजकीय अधिकारियन क आवाजन सुन रिहे रहिन, उ कहेस, “हे राजा, चिरंजीव रहा। डेरा जिन। तू आपन मुँह क डर स एतना पीला जिन पड़इ द्या।
11 लखा, तोहरे राज्ज मँ एक अइसा मनई अहइ जेहमाँ पवित्तर देवतन क आतिमा बसत ह। तोहरे बाप क दिनन मँ इ मनई इ दर्साये रहा कि ओकरे लगे देवतन क बुद्धि क नाईं बुद्धि अउर समुझ अहइ। तोहार पिता नबूकदनेस्सर इ मनई क सबहिं बुध्दिमान मनइयन पइ, तान्त्रिकन अउ कसदियन पइ मुखिया नियुक्त किहे रहा।
12 मइँ जउन मनई क बारे मँ बातन करत हउँ ओकर नाउँ दानिय्येल अहइ। किन्तु राजा ओका बेलतसस्सर क नाउँ दइ दिहे रहा। बेलतसस्सर बहुत चुस्त अहइ अउर बहुत स बातन जानत ह। उ सपनन क व्याख्या कइ सकत ह। पहेलियन क समझाइ सकत ह। अउर कठिन स कठिन हलन क सुलझाइ सकत ह। तू दानिय्येल क बोलवा। देवारे पइ जउन लिखा बाटइ, ओकर अरथ तोहका उहइ बताई।”
13 तउ उ सबइ दानिय्येल क राजा क लगे लइ आएन। राजा दानिय्येल स कहेस, “का तोहार नाउँ दानिय्येल अहइ? मोर पिता महाराज यहूदा स जिन लोगन क बंदी बनाइके लिआए रहेन, का तू ओनमाँ स एक अहा?
14 मइँ सुनेउँ ह, कि देवता क आतिमा क तोहमाँ निवास अहइ अउर मइँ इ भी जानेउँ ह कि तोहमाँ महान अन्तदृस्टि अहइ। तू बहोत चुस्त अउ बुध्दिमान अहा।
15 “बुध्दिमान मनई अउ तान्त्रिकन क इ देवार क लिखावट क समुझावइ बरे मोरे लगे लिआवा गवा। मइँ चाहत रहेउँ कि उ सबइ लोग उ लिखावट क अरथ बतावइँ। किन्तु देवार पइ लिखी इ लिखावट क व्याख्या उ पचे मोका नाहीं दइ पाएन।
16 मइँ तोहरे बारे मँ सुनेउँ ह कि तू बातन क अर्थ क व्याख्या कइ सकत ह अउर तू अत्यन्त कठिन समस्यन क उत्तर भी ढूढ़ सकत ह। जदि देवार क इ लिखावट क तू पढ़ द्या अउर एकर अरथ तू मोका समुझाइ द्या तउ मइँ तोहका उ सबइ चिजियन देब। मइँ तोहका बैंगनी रंग क पोसाक प्रदान करब, तोहरे गले मँ सोना क हार पहिराउब। फुन तउ तू इ राज्ज क तीसर सब स बड़का सासक बन जाब्या।”
17 एकरे पाछे दानिय्येल राजा क उत्तर देत भए कहेस, “हे राजा बेलसस्सर, तू आपन उपहार अपने लगे रखा, अथवा चाहा तउ ओनका कउनो अउर क दइ द्या। मइँ तोहका वइसे ही देवार क लिखावट पढ़ देब अउर ओकर अरथ का अहइ, इ तोहका समुझाइ देब।
18 “हे राजा, सवोर्च्च परमेस्सर तोहार पिता नबूकदनेस्सर क एक महान सक्तिसाली राजा बनाए रहेउँ। परमेस्सर ओनका बहोत अधिक स अधिक महत्वपूर्ण बनाए रहा।
19 सबइ रास्ट्र नबूकदनेस्सर स डरा करत रहेन काहेकि सवोर्च्च परमेस्सर ओक एक बहोत बड़का राजा बनाए रहा। जदि नबूकदनेस्सर कउनो क मार डावइ चाहत तउ ओका मार दीन्ह जात रहा अउर जदि उ चाहत कि कउनो मनई जिअत रहइ तउ ओका जिअत रहइ दीन्ह जात रहा। ओनका जेका उ उन्नती देइ चाहत रहा तउ ओका उन्नती देइ दीन्ह जात रहा। ओनका जेका उ विनम्र बनाइ चाहत रहा तउ ओका विन्रम बनाइ दीन्ह जात रहा।
20 “किन्तु नबूकदनेस्सर क अभिमान होइ गवा अउर उ हठीला बन गवा। तउ परमेस्सर क जरिये ओहसे ओकर सक्ति छोर लीन्ह गइ। ओका ओकर राज सिंहासन स उतार पंका गवा अउ ओका महिमा विहीन बनाइ दीन्ह गवा।
21 एकर पाछे लोगन स दूर पराइ जाइ क बरे नबूकदनेस्सर क मजबूर कीन्ह गवा। ओकर सोचइ समुझइ क बुद्धि कउनो पसु क बुद्धि जइसी होइ गइ। उ जंगली गदहन क बीच रहइ लगा अउर डोरन क तरह घास खात रहा। उ ओस मँ भीगा। जब तलक ओका सबक नाहीं मिल गवा, ओकरे संग अइसा ही होत गवा। फिन ओका इ गियान होइ गवा कि मनई क राज्ज पइ सवोर्च्च परमेस्सर क ही सासन अहइ। अउर साम्राज्जन क ऊपर सासन करइ बरे उ जउन कउनो क भी चाहत ह, नियुक्त कइ देत ह।
22 “किन्तु हे बेलसस्सर, तू तउ एन बातन क जानत ही अहा। तू नबूकदनेस्सर क पूत अहा किन्तु फुन भी तु अपने आप क विनम्र नाहीं बनाया।
23 नाहीं तू विनम्र तउ नाहीं भया अउ उल्टे सरग क सुआमी क खिलाफ होइ गया। तू ओकरे मन्दिर क पात्रन अउर पिआलन क अपने लगे लिआवइ क आग्या दिहा अउर फुन तू, तोहरे साही हाकिमन, तोहार मेहरूअन, तोहार उप पत्नियन ओन पिआलन मँ दाखरस पिएन। तू चाँदी, सोना, काँसा, लोहा, काठ अउर पाथर क देवतन क गुण गाया। उ पचे फुरइ क देवता नाहीं अहइँ। उ पचे लख नाहीं सकतेन, सुन नाहीं सकतेन तथा उ पचे कछू समुझ भी नाहीं सकतेन। उ पचे जानइ क सामर्थ नाहीं अहइ कि तू ओनका स्तुति करत ह। तू उ परमेस्सर क आदर नाहीं दिहा, जेकर जिन्नगी या जउन कछू भी तू करत अहा, ओह पइ अधिकार अहइ।
24 तउ एह बरे, परमेस्सर उ हाथे क पठएस जउन देवार पइ लिखेस।
25 देवार पइ जउन सब्द लिखा गवा अहइँ, उ सबइ इ सबइ अहइँ:
26 “एन सब्दन क अरथ अहइ, मने: अर्थात् परमेस्सर तोहरे सासन क दिन गन लिहेस ह अउर उ ओकरे अन्त लिआएस ह।
27 तकेल: अर्थात् तराजू पइ तोहका तौल लीन्ह गवा ह अउर तू पूरा नाहीं उतरा ह।
28 ऊपसीर्न: अर्थात् तोहसे तोहार राज्ज छोरा जात अहइ अउर ओकर बँटवारा होत अहइ। इ राज्ज मादियन अउ फारसिदन क लोगन क दइ दीन्ह जाइ।”
29 एकरे पाछे बेलसस्सर आग्या दिहेस कि दानिय्येल क बौगनी बेसभूसा पहिराइ जाइ। ओकरे गले मँ सोने क हार पहिराइ दीन्ह जाइ अउर इ घोसणा कइ दीन्ह गइ कि उ राज्ज मँ तीसरा सबस बड़कवा सासक होइ।
30 उहइ रात, बेलसस्सर, बाबुल क प्रजा क राजा बध कइ दीन्ह गवा।
31 मादे क रहइवाला एक मनई जेकर नाउँ दारा रहा अउर जेकर आयु कउनो बासठ बरिस क रही, हुवाँ क नवा राजा बना।
Daniel 6
1 दारा राज्ज पइ हुवुमत करइ बरे ओकर मदद बरे एक सौ बीस प्रान्तीय अधिकारियन क नियुक्त करइ क निहचय किहा।
2 अउर एकरे बरे उ एक सौ बीस प्रान्त- अधिपतियन क ऊपर हुवूमत करइ बरे तीन ठु मनइयन क अधिकारी नियुक्त कइ दिहस। इ तीनहुँ देख-रेख करइवालन मँ एक रहा दानिय्येल। एन तीन मनइयन क नियुक्ति राजा एह बरे किहे रहा कि कउनो ओकरे संग छल न कइ पावइ अउर ओकर राज्ज क कउनो भी हानि न होइ।
3 दानिय्येल इ कइ देखाएस कि उ दूसर पर्यवेच्छकन स जियादा उत्तिम अहइ। दानिय्येल इ काम आपन उत्तम मानिसक जागतन अउर महान अन्तदृस्टि क कारण सम्पनन कइ सकेस। राजा दानिय्येल स एतना जियादा प्रभावित भवा कि उ दानिय्येल क सारी हुवूमत क हाकिम बनावइ क सोचेस।
4 किन्तु जब दूसर पर्यवेच्छकन अउ प्रान्त अधिपतियन एकरे बारे मँ सुनेन तउ ओनका दानिय्येल स जलन होइ लाग। उ पचे ओका कोसइ क बरे कारण ढूँढइ क जतन करइ लागेन। किन्तु फुन भी उ पचे ओकरे काम मँ कउनो दोख या कउनो भ्रस्ट नाहीं ढूँढ पाएन। तउ उ पचे ओह पइ कउनो गलत काम करइ क दोख नाहीं लगाइ सकेन। काहेकि दानिय्येल बहोत ईमानदार अउ भरोसेमन्द मनई रहा। उ पचे ओहमाँ कउनो दोख नाहीं ढूँढ पाएन।
5 आखिरकार ओन लोग कहेन, “दानिय्येल पइ कउनो बुरा काम करइ क दोख लगावइ क वजह हम कबहुँ नाहीं ढूंढ़ पाउब। एह बरे हमका सिकाइत क बरे कउनो अइसी बात ढूँढ़इ चाही जउन ओकर परमेस्सर क नेमन स सम्बन्ध रखत होइ।”
6 तउ उ पचे दुइनउँ पर्यवेच्छक अउर उ सबइ प्रान्त- अधिपति टोली बनाइके राजा क लगे गएन। उ पचे कहेन, “हे राजा दारा, तू अमर रहा।
7 हम सबहिं पर्यवेच्छक, हाकिम, प्रान्त - अधिपति, मंत्री अउर राज्जपाल एक बात पइ सहमत अहइ कि राजा क इ नेम बनाइ देइ चाही अउर हर मनई क इ नेम क पालन करइ चाही। उ नेम इ अहइँ, ‘जदि अगले तीस दिनन तलक कउनो भी मनई, आपक तजिके कउनो अउर देवता या मनई क पराथना करइ तउ उ मनई क सेरन क माँद मँ डाइ दीन्ह जाइ।
8 अब हे राजा! जउने कागज पइ नेम लिखा अहइ, तू ओह पइ हस्ताच्छर कइ द्या। इ तरह स इ नेम कबहुँ बदला नाहीं जाइ सकी। काहेकि मीदियन अउ फारसियन क नेम न तउ बदले जाइ सकत हीं।”
9 तउ राजा दारा इ नेम बनाइके ओह पइ हस्ताच्छर कइ दिहेस।
10 हर दिन तीन दाईं दानिय्येल अपने घुटनन क बल निहुरिके आपन परमेस्सर क पराथना करत रहेन अउर आपन परमेस्सर क सुकरिया अदा किहेन। दानिय्येल जब इ नवे नेम क बारे मँ सुनेस तउ उ अपने घर चला गवा। दानिय्येल आपन मकान क छत क ऊपर, आपन कमरा मँ चला गवा। दानिय्येल ओन खिड़कियन क लगे गवा जउन यरूसलेम क तरफ खुलत रहिन। फिन उ आपन घुटनन क बल निहुरा अउर जइसे सदा किया करत रहा, उ वइसे ही पराथना किहेस।
11 फिन उ सबइ लोग झुण्ड बनाइके दानिय्येल क हिआँ जाइ पहुँचेन। हुवाँ उ पचे दानिय्येल क पराथना करत अउ परमेस्सर स दाया माँगत पाएन।
12 बस फुन का रहा। उ सबइ लोग राजा क लगे पहुँचेन अउर उ पचे राजा स उ नेम क बारे मँ बात किहन जउन उ बनाए रहा। उ पचे कहेन, “हे राजा दारा, आप एक नेम बनाए रहेन। जेकरे अनुसार अगले तीस दिनन तलक जदि कउनो मनई कउनो देवता स या तोहरे अलावा कउनो मनई स पराथना करत ह तउ, हे राजा, ओका सेरन क माँद मँ फेंकवाइ दीन्ह जाइ। बतावइँ का आप इ नेम पइ हस्ताच्छर नाहीं किहे रहेन?”राजा जवाब दिहस, “हाँ, मइँ उ नेम पइ हस्ताच्छर किहे रहेउँ अउर मादियन अउ फारसियन क नेम अटल होत हीं। न तउ उ सबइ बदले जाइ सकत हीं, अउर न ही मिटावा, जाइ सकत हीं।”
13 एह पइ ओन राजा स कहेन, “दानिय्येल नाउँ क उ मनई आप क बात पइ धियान नाहीं देत अहइ। दानिय्येल यहूदा क बन्दियन मँ स एक अहइ। जउने नेम पइ आप हस्ताच्छर किहेन ह, उ ओह पइ धियान नाहीं देत अहइ। दानिय्येल अबहुँ भी हर दिन तीन दाईं अपने परमेस्सर क पराथना करत ह।”
14 राजा जब इ सुनेस तउ उ बहोत दुःखी अउ बियावुल होइ उठा। राजा दानिय्येल क बचावइ चाहत रहा। एह बरे ओका बचावइ क कउनो उपाय सोचत सोचत राजा सारा दिन बिताइ दिहेस अउर साम होइ गइ।
15 एकरे बाद उ सबइ लोग एक झुण्ड बनाइके राजा क लगे पहोंचने। उ पचे राजा स कहेन, “हे राजा, मादियन अउ फारसियन क ब्यवस्था क अनुसार या हुवूम पइ राजा हस्ताच्छर कइ देइ, उ न तउ कबहुँ बदला जाइ सकत ह अउर न ही कबहुँ मिटावा जाइ सकत ह।”
16 तउ राजा दारा आदेस दइ दिहेस। उ सबइ लोग दानिय्येल क धइ लाएन अउर ओका सेरन क माँद मँ लोकाइ दिहेन। राजा दिनिय्येल स कहेस, “मोका आसा अहइ कि तू जउन परमेस्सर क हमेसा उपासना करत ह, उ तोहार रच्छा करी।”
17 एक बड़ा सा पाथर लिआवा गवा अउर ओका सेरन क माँद क दुआर पइ भेड़ दीन्ह गवा। फुन राजा आपन अँगूठी लिहेस अउर उ पाथर पइ आपन मुहर लगाइ दिहस। साथ ही उ आपन हाकिमन क अंगूठियन क मुहरन भी उ पाथर पइ लगाइ दिहस। एकर इ अभिप्राय रहा कि उ पाथर क कउनो भी हटाइ नाहीं सकत अउर सेरन क उ माँद स दानिय्येल क बाहेर नाहीं लाइ सकत रहा।
18 एकरे पाछे राजा दारा आपन महल क वापस चला गवा। उ पूरी रात उपवास किहेस। उ नाहीं चाहत रहा कि कउनो ओकरे लगे आवइ अउर ओकर मन बहलावइ। राजा सारी रात सोइ नाहीं पाएस।
19 दूसरे दिन भिन्सारे जइसे ही सूरज रोसनी फइलइ लाग, राजा दारा जाग गवा अउ सेरन क माँद कइँती दउड़ा।
20 राजा बहोत चिंतित रहा। राजा जब सेरन क माँद क लगे गवा तउ हुवाँ उ दानिय्येल क जोर स अवाज लगाएस। राजा कहेस, “हे दानिय्येल, हे जिअत परमेस्सर क सेवक, का तोहार परमेस्सर, जेकर तू हमेसा उपासना करत ह, तोहका सेरन स बचावइ मँ सामर्थ भवा ह”
21 दानिय्येल जवाब दिहेस, “राजा, अमर रहइँ।
22 मोर परमेस्सर मोका बचावइ बरे सरगदूत पठए रहा। उ सरगदूत सेरन क मुँह बन्द कइ दिहेस। सेरन मोका कउनो हानि नाहीं पहोंचाएन काहेकि मोर परमेस्सर जानत ह कि मइँ निरपराध हउँ। मइँ राजा क बरे कबहुँ कउनो बुरा नाहीं किहेउँ ह।”
23 राजा दारा बहोत खुस रहा। राजा आपन सेवकन क हुवूम दिहेस कि उ पचे दानिय्येल क सेरन क माँद स बाहेर हींच लेइँ। जब दानिय्येल क सेरन क माँद स बाहेर लिआवा गवा तउ ओका ओह पइ कउनो जखम नाहीं देखाइ दिहस। सेरन दानिय्येल क कउनो भी तरह क हानि नाहीं पहोंचाए रहा। काहेकि उ आपन परमेस्सर पइ बिस्सास किहेस।
24 एकरे पाछे राजा ओन लोगन क जउन दानिय्येल पइ अभियोग लगाइके ओका सेरन क माँद मँ डलवाए रहेन, बोलवावइ क आदेस दिहस अउर ओन लोगन क, ओनकर मेहररूअन क अउर ओनके गदेलन क सेरन क माँद मँ फेंकवाइ दिहे रहा। एहसे पहिले कि उ पचे सेरन क माँद मँ धरती पइ गिरतेन, सेरन ओनका दबोच लिहन। सेर ओनके तनन क खाइ गएन अउर फुन ओनकर हाड़न क चूर-चूर कइ दिहेन।
25 एह पइ राजा दारा सारी धरती क लोगन, दूसर जाति क अलग - अलग भासा बोलइवालन क इ पत्र लिखेस:“सुभकामनाऐं
26 मइँ एक ठु नेम बनावत हउँ। मोरे राज्ज क हर भाग क लोगन क बरे इ नेम होइ। तू पचे सबहिं लोगन क दानिय्येल क परमेस्सर क भय मानइ चाही अउर ओकर आदर करइ चाहीं।दानिय्येल क परमेस्सर जिअत अहइ। परमेस्सर सदा-सदा अमर रहत ह। साम्राज्ज कबहुँ ओकर खतम नाहीं होइ ओकरे सासन क अंत कबहुँ नाहीं होइ
27 परमेस्सर लोगन क बचावत ह अउर रच्छा करत ह। सरग मँ अउ धरती क ऊपर परमेस्सर अद्भूत अचरजे स भरा करम करत ह। परमेस्सर दानिय्येल क सेरन स बचाइ लिहेस।”
28 इ तरह जब दारा क राज रहा अउर जिन दिनन फारसी राजा वुसू क हुवूमत रही, दानिय्येल सफलता प्राप्त किहस।
Daniel 7
1 बेलसस्सर क बाबुल पइ सासन काल क पहिले बरिस दानिय्येल क एक ठु सपना आवा सपने मँ आपन पलंग पइ ओलरे भए दानिय्येल, इ सबइ दर्सन लखेन। दानिय्येल जउन सपना लखे रहा, ओका लिख लिहस।
2 दानिय्येल बताएस, “राति मँ मइँ सपना मँ एक दर्सन पाएउँ। मइँ लखेउँ कि चारिहुँ दिसा स हवा बहत अहइ अउर ओन हवा स सागर उफनइ लाग।
3 फुन मइँ तीन पसुअन क लखेउँ। हर पसु दूसर पसु स भिन्न रहा। उ पचे चारिहुँ पसु समुद्र मँ स उभरिके बाहर निकरे रहेन।
4 “ओनमाँ स पहिला पसु सिहं क समान देखाइ देत रहा अउर उ सिहं क उकाब क जइसे पंख रहेन। मइँ उ पसु क लखेउँ। फुन मइँ लखेउँ कि ओकर पंख उखाड़ फेंका गवा अहइँ। धरती पइ स उ पसु क इ तरह उठावा गवा जेहसे उ कउनो मनई क समान आपन दुइ गोड़न पइ खड़ा होइ गवा। ऍका मनई क दिमाग दइ दीन्ह गवा रहा।
5 “अउर फुन मइँ लखेउँ कि मोरे समन्वा एक अउर दूसर पसु मौजूद अहइ। इ पसु एक भाल् क नाईं रहा। उ आपन एक बगल पइ उठा भवा रहा। उ पसु क मुहँ स दाँतन की बीच तीन पसलियन रहिन। उ भालू स कहा गवा रहा, ‘उठा अउर तोहका जेतना चाही ओतना माँस खाइ ल्या।’
6 “एकरे पाछे, मइँ लखेउँ कि मोरे समन्वा एक अउर पसु खड़ा अहइ। इ पसु चीते जइसा लगत रहा अउर उ चीता क पिठिया पइ चार पंख रहेन। पंख अइसे लगत रहेन, जइसे उ पचे कउनो चिरइया क पंख होइँ। इ पसु क चार ठु सिर रहेन, अउर ओका हुवूमत क अधिकार दीन्ह गवा रहा।
7 “एकरे पाछे, सपना मँ रात क मइँ लखेउँ कि मोरे समन्वा एक अउर चौथा जनावर खड़ा अहइ। इ जनावर बहोतइ खूँखार अउर भयानक लगत रहा। उ बहोत मजबूत देखाई देत रहा। ओकरे लोहे क लम्बे-लम्बे दाँत रहेन। इ जनावर अपने सिकारन क वुचर कइके खाइ डावत रहा अउर सिकार क खाइ चुकइ क पाछे जड़न कछू बचि रहत, उ ओका आपन गोड़न क तरे वुचरि डावत रहा। इ पसु स पहिले मइँ सपना मँ जउन पसु लखे रहेउँ, उ चउथा पसु ओन स अलग रहा। इ पसु क दस ठु सींग रहेन।
8 “अबहिं मइँ ओन सींगन क बारे मँ सोच ही रहेउ कि ओन सींगन क बीच एक ठु अउर सींग जमि आवा। इ सींग बहोत छोट रहा। इ छोटे सींग पइ आँखिन रहिन, अउर उ सबइ आँखिन कउनो मनई क आँखिन जइसी रहिन। इ छोटके सींग मँ एक मुँह भी रहा अउर उ खुद क प्रसंसा करत रहा। इ छोटका सींग दूसर सींगन मँ स तीन ठु सींग उखाड़ फेकेस।
9 “मोर लखत ही लखत, ओनकी जगह पइ सिंहासन रखे गएन अउर उ सनातन राजासिंहासन पर बिराज गवा। ओकर ओढ़ना बहोतइ उज्जर रहेन, उ सबइ ओढ़नन बफर् जइसे सफेद रहेन। ओकर सिंहासन आगी क बना रहा अउर ओकर पहियन लपटन स बना रहेन।
10 प्राचीन राजा क समन्वा एक आगी क नदी बहत रही। लाखों करोड़ों लोग ओकर सेवा मँ रहेन। ओकरे समन्वा करोड़न दास खड़ा रहेन। निआवधीस ओकर समन्वा बइठेस अउर पुस्तकन खोली गइ होइँ।
11 “मइँ लखत क लखत रहि गएउँ काहेकि उ छोटका सींग डीगंन मारत रहा। मइँ उ समइ तलक लखत रहेउँ जब अन्तिम रूप स चउथे पसु क हत्तिया कइ दीन्ह गइ। ओकरी देह क नस्ट कइ दीन्ह गवा अउर ओका धधकत आगी मँ डाइ दीन्ह गवा।
12 दूसर पसुअन क सक्ति अउर राजसत्ता ओहसे छीन लीन्ह गएन। किन्तु एक निहचित समइ तक ओनक जिअत रहइ दीन्ह गवा।
13 “राति क मइँ आपन दिव्व सपन मँ लखेउँ कि मोर समन्वा कउनो खड़ा अहइ, जउन मनई जइसा देखाई देत रहा। उ अकास मँ बादरन पइ सवार होइके आवत रहा। उ उ सनातन राजा क लगे आवा रहा। तउ ओका ओकरे समन्वा लइ आवा गवा।
14 “उ जउन मनई क समान देखाई देत रहा, ओका अधिकार, महिमा अउर सम्पूर्ण सासन सत्ता सौंप दीन्ह गइ। सबहिं लोग, सबहिं जातियन अउर प्रत्येक भासा-भासी लोग ओकर आराधना करिहीं। ओकर राज्ज अमर रही। ओकर राज्ज सदा बना रही। उ कबहुँ नस्ट नाहीं होइ।
15 “मइँ, दानिय्येल बहुत विकल अउ चिंतित रहेउँ। उ सबइ दर्सन जउन मइँ लखे रहेउँ, उ सबइ मोका विकल बनाए भए रहेन।
16 मइँ जउन हुवाँ खड़ा रहेउँ, ओनमाँ स एक क लगे पहोंचेउँ। मइँ ओहसे पूछेउँ, “इ सब कछू क अरथ का अहइ? “तउ उ बताएस, उ मोका समुझाएस कि एन बातन क मतलब का अहइ।
17 उ कहेस, ‘उ पच इ चार बड़के पसु, चार राज्ज अहइँ। उ सबइ चारिहुँ राज्ज धरती स उ मरिहीं।
18 किन्तु परमेस्सर क पवित्तर लोग उ राज्ज क प्राप्त करिहीं जउन एक अमर राज्ज होइ।’
19 “फुन मइँ इ जानइ चाहेउँ कि उ चउथा पसु का रहा अउर ओकर का अभिप्राय रहा? उ चउथा पसु सबहिं दूसर पसुअन स भिन्न रहा। उ बहोत भयानक रहा। ओकर दाँत लोहे क रहेन, अउर पंजे काँसे क रहेन। उ पसु रहा, जउन आपन सिकार क चकनाचूर कइके पूरी तरह खाइ लिहे रहा, अउर आपन सिकार क खाइ क पाछे जउन कछू बचा रहा, ओका आपन गोड़वन क तले रौंद डाए रहा।
20 उ चउथे पसु क सिर पइ जउन दस सींग रहेन, मइँ ओनके बारे मँ जानइ चाहेउँ अउर मइँ उ सींग क बारे मँ जानइ चाहेउँ जउन हुवाँ सींगन मँ स तीन ठु सींग उखाड़ि फेंके रहेन। उ सींग दूसर सींगन स जियादा बड़का देखाई देत रहा। ओकर आँखिन रहिन अउर उ आपन डींग हाँके चला जात रहा।
21 मइँ लखत ही रहेउँ कि उ सींग परमेस्सर क पवित्तर लोग क विरुद्ध युद्ध अउर ओन पइ हमला करब सुरू कइ दिहेस ह अउर उ सींग ओनका मारि डावत अहइ।
22 परमेस्सर क पवित्तर लोग क उ सींग उ समइ तलक मारत रहा जब तलक सनातन राजा आइके उ सींग क निर्णय नाहीं किहस। उ निर्णय परमेस्सर क पवित्तर लोग क पच्छ मँ रहा। अउर ओनका ओनके आपन राज्ज क प्राप्ति होइ गइ।
23 “अउर फुन उ सपना क मोका इ तरह समुझाएस कि उ चउथा पसु, ‘उ चउथा राज्ज अहइ जउन धरती पइ आई। उ राज्ज दूसर सबहिं राज्जन स अलग होइ। उ चउथा राज्ज ससंार मँ सब कहूँ लोगन क बिनास करी। संसार क सबहिं देसन क उ आपन गोड़न तले रौदी अउर ओनकर टूका-टूका कइ देइ।
24 उ सबइ दस सींग उ सब दस राजा अहइँ, जउन इ चउथे राज्ज मँ अइहीं। एन दसन राजा लोगन क चले जाइ क पाछे एक ठु अउर राजा आई। उ राजा अपने स पहिले क राजा लोगन स अलग होइ। उ ओनमाँ स तीन दूसर राजा लोगन क पराजित करी।
25 इ बिसेस राजा सवोर्च्च परमेस्सर क विरुद्ध बातन करी तथा उ राजा परमेस्सर क पवित्तर लोगन क नोस्कान पहोंचाइ अउर ओनकर बध करी। जउन पवित्तर उत्सव अउर जउन नेम इ समइ प्रचलन मँ अहइँ उ राजा ओनका बदलइ क जतन करी। परमेस्सर क पवित्तर लोग सोढ़े तीन बरिस तलक उ राजा क सक्ति क अधीन रहिहीं।
26 “किन्तु जउन कछू होब अहइ, ओकर निर्णय निआवालय करी अउर उ राजा स ओकर सक्ति छोरि लीन्ह जाइ। ओकरे राज्ज क पूरी तरह अन्त होइ।
27 फिन परनेस्सर क पवित्तर लोग उ राज्ज क हुवूमत चलइहीं। धरती क सबहिं राज्जन क सबहिं लोगन पइ सासन होइ। इ राज्ज सदा सदा अटल रही, अउर दूसर सबहिं राज्जन क लोग ओनका आदर देइहीं अउर ओनकर सेवा करिहीं।’
28 “इ तरह उ सपना क अंत भवा। मइँ, दानिय्येल तो बहोत डेराइ गवा रहेउँ। डर स मोर मुँह पीला पड़ गवा रहा। मइँ जउन बातन लखे रहेउँ अउर सुने रहेउँ, मइँ ओनके बारे मँ दूसर लोगन क नाहीं बताएउँ।”
Daniel 8
1 बेलसस्सर क सासन काल क तीसरे बरिस मइँ इ दर्सन लखेउँ। इ उ पहिले वाल दर्सन क बाद क दर्सन रहा।
2 मइँ लखेउँ कि मइँ सूसन नगर मँ हउँ। सूसन, एलाम प्रान्त क राजधानी रही। मइँ ऊलै नदी क किनारे पइ खड़ा रहेउँ।
3 मइँ आँखिन ऊपर उठाएउँ तउ लखेउँ कि ऊलै नदी क किनारे पइ एक भेड़ा खड़ा अहइ। उ भेड़ा क दुइ लम्बे सींग रहेन। जदपि ओकर दुइनउँ ही सींग लम्बे रहेन। पर एक सींग दूसर स लम्बा रहा। लम्बा वाला सींग छोटेवाले सींग क बाद मँ जमा रहा।
4 मइँ लखेउँ कि उ भेड़ा कबहुँ पच्छिम कइँती दउड़त रहा तउ कबहुँ उत्तर कइँती, अउर कबहुँ दविखन कइँती अउर सींग मारत फिरत रहा। उ भेड़ा क कउनो भी पसु रोक नाहीं पावत अहइ अउर न ही कउनो दूसर पसुअन क बचाइ पावत अहइ। उ भेड़ा सब कछू कइ सकत रहा, जउन कछू उ करइ चाहत रहा। इ तरह स उ भेड़ा बहोतइ सक्तिसाली होइ गवा।
5 मइँ उ भेड़ा क बारे मँ सोचइ लगा। मइँ अबहिं सोचत ही रहत रहा कि पच्छिम कइँती स मइँ एक बोकरा क आवत लखेउँ। इ बोकरा धरती पइ दौड़ गवा। किन्तु उ बोकरा क गोड़ धरती पइ छुए तलक नाहीं। इ बोकरा क एक लम्बा सींग रहा। जउन साफ-साफ दिखत रहा, उ सींग बोकरा क दुइनउँ आँखिन क बीचउ-बीच रहा।
6 फिन उ बोकरा उ दुइ सींगवाले भेड़न क लगे आवा। इ उहइ भेड़ा रहा जेका मइँ ऊलै नदी क किनारे खड़ा लखे रहेउँ। उ बोकरा किरोध स भरा भवा रहा। तउ उ भेड़ा क तरफ लपका।
7 बोकरा क उ भेड़े क तरफ परात भए मइँ लखेउँ। उ बोकरा गुस्सा मँ आग बबूला होत रहा। तउ उ भेड़ा क दुइनउँ सींग तोड़ डाएस। भेड़ा बोकरा क रोक नाहीं पाएस। बोकरा भेड़ा क धरती पइ पछाड़ दिहस अउर फुन उ बोकरा उ भेड़ा क गोड़न तले वुचर दिहस। हुआँ उ भेड़ा क बोकरा स बचावइ वाला कउनो नाहीं रहा।
8 तउ बोकरा बहोत सक्तिसाली बन बइठा। किन्तु जब उ सक्तिसाली बना, ओकर बड़का सींग टूट गवा अउर फुन उ बड़के सींग क तरह चार सींग अउर निकरि आएन। उ सबइ चारिहुँ सींग आसानी स देखाई पड़त रहेन! उ सबइ चार सींग अलग-अलग दिसा कइँती मुड़े भए रहेन।
9 फुन ओन चारिहुँ सींगन मँ स एक छोटा सींग अउर निकरि आवा। उ छोटा सींग बड़इ लाग अउर बड़त-बड़त बहोत बड़ा होइ गवा। इ सींग दविखन-पूरब कइँती बढ़ा। इ सींग सुन्नर धरती कइँती बढ़ा।
10 उ छोटा सींग बड़िके बहोत बड़ा होइ गवा। उ बड़त बड़त अकास छुइ लिहेस। उ नान्ह सींग, हिआँ तलक कि कछू तारन क भी धरती पइ पटक दिहस अउर ओन सबहिं तारन क गोड़न तले मसल दिहस।
11 उ नान्ह सींग बहोत मजबूत होइ गवा अउर फुन उ तारन क सासक (परमेस्सर) क विरुद्ध हो गवा। उ नान्ह सींग उ सासक क अपिर्त कीन्ह जाइवाली बलियन क रोक दिहस। उ ठउर जहाँ लोग उ सासक क उपासना किया करत रहेन, उ ओका उजाड़ दिहस
12 अउर ओनकर फउज क भी हराइ दिहस अउर एक विद्रोही कार्य क रूप मँ उ नान्ह सींग दैनिक बलियन क ऊपर अपने आप क स्थापित कइ दिहस। उ सच क धरती पइ पटक दिहस। उ नान्ह सींग जउन कछू किहस उ सब कछू मँ सफल होइ गवा।
13 फुन मइँ कउनो पवित्तर जन क बोलत सुनेउँ अउर ओकरे पाछे मइँ सुनेउँ कि कउनो दूसर पवित्तर मनई उ पहिले पवित्तर मनई क जवाब देत अहइ। पहिला पवित्तर मनई कहेस, “इ दर्सन दर्सावत ह कि दैनिक बलियन क का होइ? इ उ भयानक पाप क बारे मँ अहइ जउन बिनास डावत ह। इ दर्सावत ह कि जब लोग उ सासक क पूजा स्थल क तोड़ डइहीं तब का होइ? इ दर्सन दर्सावत ह कि जब लोग उ समूचे ठउर क गोड़न तले रौदिहीं तब का होइ। इ दर्सन दर्सावत ह कि जब लोग तास क ऊपर गोड़ धरहीं तब का होइ? किन्तु इ सबइ बातन कब तलक होत रइहीं?”
14 दूसर पवित्तर मनई कहेस, “दुइ हजार तीन सौ दिन तलक अइसा ही होत रही अउर ओकरे पाछे पवित्तर ठउर क फुन स स्थापित कइ दीन्ह जाइ।”
15 मइँ, दानिय्येल इ दर्सन लखे रहेउँ, अउर इ प्रयत्न किहेउँ कि ओकर अरथ समुझ लेउँ। अबहिं मइँ इ दर्सन क विसय मँ सोच ही रहे रहेउँ कि मनई क जइसा देखाइवाला कउनो अचानक आइके मोरे समन्वा खड़ा होइ गवा।
16 एकरे पाछे मइँ कउनो मनई क वाणी सुनेउँ। इ वाणी ऊलै नदी क ऊपर स आवति रही। उ अवाज कहेस, “जिब्राएल, इ मनई क एकर दर्सन क अरथ समुझाइ द्या।”
17 तउ जिब्राएल जउन कउनो मनई क समान देखाँत रहा, जहाँ मइँ खड़ा रहेउँ, हुआँ आइ गवा। उ जब मोरे लगे आवा तउ मइँ बहोत डेराइ गएउँ। मइँ धरती पइ भहराइ पड़ेउँ। किन्तु जिब्राएल मोहसे कहेस, “अरे मनई, समुझ ल्या कि इ दर्सन अंत समइ बरे अहइ।”
18 अबहिं जिब्राएल बोलत ही रहत रहा कि मोका नीदं आइ गइ। नीदं बहोतइ गहरी रही। मोर मुख धरती कइँती रहा। फुन जिब्राएल मोका छुएस अउर मोहसे मोर गोड़न पइ खड़ा कइ दिहस।
19 जिब्राएल कहेस, “लखा, मइँ तोहका अब, उ दर्सन क समझावत हउँ। मइँ तोहका बताउब कि परमेस्सर क किरोध क समइ क बाद मँ का कछू घटी।
20 “तू दुइ सींगनवाला भेड़ा लखे रह्या। उ सबइ दुइ सींग अहइँ मादी अउ फारस क दुइ देस।
21 इ बोकरा युनान क राजा अहइ। ओकर दुइ आखिन क बीच क बड़ा सींग उ पहिला राजा अहइ।
22 उ सींग टूट गवा अउ ओकरे ठउर क चार सींग निकरि आएन। उ सबइ चार सींग चार राज्ज अहइँ। उ सबइ चार राज्ज, उ पहिले राजा क रास्ट्र स परगट होइहीं किन्तु उ सबइ चारिहुँ राज्ज उ पहिले राजा क स मजबूत नाहीं होइहीं।
23 “जब ओन राज्जन क अंत ओन लोगन क जरिये बुरा करम करइ क पाछे निकट होइ, तब हुवाँ एक हटी राजा जउन कि पहेलियन क समुझ सकत ह उठ खड़ा होइ।
24 इ राजा बहोत सक्तिसाली होइ किन्तु ओकर सक्ति ओकर आपन नाहीं होइ। इ राजा भयानक तबाहीं मचाइ देइ। उ जउन कछू करी ओहमाँ ओका सफलता मिली। उ सक्तिसाली लोगन-हिआँ तलक कि परमेस्सर क लोग क भी नस्ट कइ देइ।
25 “इ राजा बहोत चुस्त अउ मक्कार होइ। उ आपन कपट अउ झूठन क बल पइ सफलता पाइ। उ अपने आप क सब स बड़कवा समुझी। लोगन क उ बिना कउनो चितउनी क नस्ट करवाइ देइ। हिआँ तलक कि उ राजा लोगन क राजा (परमेस्सर) स भी जुद्ध क जतन करी किन्तु उ जफाकस राजा क सक्ति क खतम कइ दीन्ह जाइ अउर ओकर अंत कउनो मनई क हाथन नाहीं होइ।
26 “अउर साम अउ सुबह कर् दसन फुरइ अहइँ। किन्तु इ दर्सन पइ तू मुहर लगाइके रख द्या। काहेकि उ सबइ बातन अबहिं बहोत सारे समइ तलक घटइवाली नाहीं अहइ।”
27 उ दिब्ब दर्सन क बाद मँ मइँ दानिय्येल, बहोत कमजोर होइ गवा अउर बहोत दिनन तलक बीमार पड़ा रहा। फुन बेरामी स उठिके मइँ लउटिके राजा क कामकाज करब सुरू कइ दिहस किन्तु उ दिब्ब दर्सन क कारण मँ बहोत बियावुल रहा करत रहा। मइँ उ दर्सन क अरथ समुझ ही नाहीं पाए रहेउँ।
Daniel 9
1 मादी दारा क हुवूमत क पहिले बरिस मँ, जउन छयर्स राजा क पूत रहा जउन कसदियन क राजा रहा।
2 दारा क राजा क पहिले बरिस मँ मइँ, दानिय्येल कछ् किताबन पड़त रहेउँ। ओन किताबन मँ मइँ लखेउँ कि यहोवा यिर्मयाह क इ बताएस ह कि यरूसलेम क पुन: निर्माण कितने बरिस बाद होइ। यहोवा कहे रहा कि एहसे पहिले कि यरूसलेम फुन स बसइ, सत्तर बरिस बीत जइहीं।
3 फुन मइँ आपन सुआमी परमेस्सर कइँती मुड़ेउँ अउर ओहसे पराथना करत भए मदद क याचना किहेउँ। मइँ भोजन करब तजि दिहेउँ अउर अइसे ओढ़ना पहिर लिहेउँ जेहसे इ लागइ कि मँइ दुःखी हउँ। मइँ अपने मूँड़ पइ धूरि डाल दिहेउँ।
4 मइँ आपन परमेस्सर यहोवा स पराथना करत भए ओका आपन सबहिं पाप बताइ दिहेउँ। मइँ कहेउँ, “हे यहोवा, तू महान अउ भयजोग्ग परमेस्सर अहा। जउन लोग तोहसे पिरेम करत हीं, जउन तोहरे आदेसन क पालन करत हीं, तू ओनके संग आपन पिरेम अउ दयालुता क करार क निभावत ह।
5 “मुला हे यहोवा, हम पचे पापी अही। हम पचे बुरा किहे अही। हम पचे वुकरम किहे अही। हम पचे तोहार विरोध किहा ह। तोहार निस्पच्छ निआत अउर तोहरे आदेसन स हम पचे दूर भटक गए अही।
6 हम पचे नबियन क बात नाहीं सुनित। नबी तउ तोहार सेवक अहइँ। उ पचे तोहरे बारे मँ हमारे राजा लोगन, सासकन अउ धरती क सारे लोगन क बारे मँ भी बात किहेस।
7 “हे यहोवा, तू नीक अहा, अउर तोहमाँ नेकी अहइ। जबकि आजु हम आपन बुरे करम स लज्जित अही। यरूसलेम अउ यहूदा क लोग लज्जित अहइँ-इस्राएल क सबहिं लोग लज्जित अहइँ। उ सबइ लोग जउन निआरे अहइँ अउर उ सबइ लोग जउन बहोत दूर अहइँ। हे यहोवा, तू ओन लोगन क बहोत स देसन मँ फइलाइ दिहा। ओन सबहिं देसन मँ बसे इस्राएल क लोगन क लज्जा आवइ चाही। हे यहोवा, ओन सबहिं बुरी बातन क बरे, जउन उ पचे तोहर विरुद्ध किहेन ह, ओनका लज्जित होइ चाही।
8 “हे यहोवा, हम सब क लज्जित होइ चाही। हमरे सबहिं राजा लोगन अउ मुखिया लोगन क लज्जित होइ चाही। अइसा काहे अइसा एह बरे कि हे यहोवा, हम तोहरे विरुद्ध पाप किहे अही।
9 “किन्तु हे यहोवा, तू दयालु अहा। लोग, जउन बुरे करम करतेन तउ तू ओनका, छमा कइ देत ह। हम असल मँ तोहसे मुँह फेर लिहा ह।
10 हम आपन यहोवा परमेस्सर क आग्या क पालन नाहीं कीन्ह। यहोवा आपन सेवकन, आपन नबियन क जरिये हमका व्यवस्था क विधान प्रदान किहस। किन्तु हम पचे ओकर व्यवस्थन क नाहीं माना।
11 इस्राएल क कउनो भी मनई तोहरी सिच्छन पइ नाहीं चला। उ पचे सबहिं राह स भटक ग रहेन। उ पचे तोहरे आदेसन क पालन नाहीं किहन। मूसा, जउन परमेस्सर क सेवक रहा क ब्यवस्था अउर विधान मँ सरापन अउ गम्भीर चिताउनी क उल्लेख भवा ह। उ सबइ सराप अउ चिताउनी ब्यवस्था अउर विधान पइ नाहीं चलइ क दण्ड क बखान करत हीं अउर उ सबइ सबहिं बातन हमरे संग घट चुकी अहइँ काहेकि हम यहोवा क विरोध मँ पाप किहा ह।
12 “परमेस्सर बताए रहा कि हमरे संग अउ हमरे मुखिया लोगन क संग उ सबइ बातन घटिहीं अउर उ ओनका घटाइ दिहस। उ हमरे संग भयानक बातन घटाइ दिहस। यरूसलेम क जेतना कस्ट उठावइ क पड़ा, कउनो दूसर नगर नाहीं उठाएस।
13 उ सबइ सबहिं भयानक बातन जउन मूसा क व्यवस्था क विधान मँ लिखा अहइँ हमरे संग भी घटिन। किन्तु हम अबहुँ भी यहोवा हमरे परमेस्सर स मदद माँगइ नाहीं परत ह। हम अबहुँ भी आपन पाप करब नाहीं तजा ह। अबहुँ तलक भी हम तोहस सच्चाई क अनुसार रहना सीखइ मँ रूची नाहीं रखत हउँ।
14 यहोवा उ सबइ खौफनाक बातन तइयार रख छोड़े रहिन अउर उ हमरे संग ओन बातन क घटाइ दिहस। हमार परमेस्सर यहोवा अइसा एह बरे किहे रहा कि उ तउ जउन कछू भी करत ह, निआव ही करत ह। किन्तु हम अबहुँ भी ओकर नाहीं सुनित।
15 “हे सुआमी हमार परमेस्सर, तू आपन महान सक्ति क प्रयोग किहा अउर हमका मिस्र स बाहेर निकारि लिआया। हम तउ तोहार आपन लोग अही। आजु तलक उ घटना क कारण तू जाना जात अहा। हे सुआमी, हम पाप किहा ह। हम खौफनाक पाप किहा ह।
16 हे सुआमी, यरूसलेम पइ किरोध करब तजि द्या। यरूसलेम तोहार पवित्तर पर्वतन पइ टिका अहइ। तू जउन करत अहा, ठीक ही करत अहा। एह बरे यरूसलेम पइ किरोधित होब तजि द्या। हमरे आसपास क लोग हमार अपमान करत हीं अउर हमरे लोगन क हँसी उड़ावत हीं। हम लोगन क पाप अउर हम लोगन क पुरखन क पापन क कारण इ सबइ कछू भएस ह।
17 “अब, हे यहोवा, तू मोर पराथना सुनि ल्या। मइँ तोहार दास हउँ। मदद बरे मोर बिनती सुन ल्या। आपन पवित्तर ठउर बरे तू अच्छी बातन करा। उ भवन नस्ट कइ दीन्ह गवा रहा। किन्तु हे यहोवा, तू खुद आपन भले बरे इ भली बातन क करा।
18 हे मोर परमेस्सर, हम लोगन क सुना। जरा आपन आँखिन खोला अउर हमरे संग जउन खौफनाक बातन घटी अहइँ, ओनका लखा। उ नगर जउन तोहरे नाउँ स गोहरावा जात रहा, लखा ओकरे संग का होइ गवा ह। मइँ इ नाहीं कहत हउँ कि हम अच्छे लोग अही। मइँ पराथना करत हउँ काहेकि मइँ जानत हउँ कि तू बहोत दयालु अहा।
19 “हे सुआमी मोर सुना, हे यहोवा, हमका छिमा करा। हे सुआमी, हम पइ धियान द्या, अउर फुन कछू करा। अब अउर प्रतीच्छा जिन करा। इहइ समइ कछू करा। ओका तू खुद अपने भले बरे करा। हे सुआमी, अब तउ आपन नगर अउर आपन ओन लोगन क बरे, जउन तोहरे नाउँ स गोहरावा जात हीं कछू करा।”
20 मइँ परमेस्सर स पराथना करत भए इ सबइ बातन कहत रहेउँ। मइँ इस्राएल क लोगन क अउर आपन पापन क बारे मँ बतावत रहेउँ। मइँ यहोवा हमार परमेस्सर क पवित्तर पर्वत पइ पराथना करत रहेउँ।
21 मइँ अबहिं पराथना करत ही रहेउँ कि जिब्राएल मोरे लगे आवा। जिब्राएल उहइ सरगदूत रहा जेका मइँ दर्सन मँ लखे रहेउँ। जिब्राएल हाली स मोरे लगे आवा। उ साँझ क बलि क समइ आवा रहा।
22 मइँ जउन बातन क समुझइ चाहत रहा, ओन बातन क समुझइ मँ जिब्राएल मोर मदद किहेस। जिब्राएल कहेस, “हे दानिय्येल, मइँ तोहका बुद्धि प्रदान करइ अउ समुझइ मँ तोर सहायता क आवा हउँ।
23 जब तू पहिले पराथना आरंभ किहे रही, आदेस देइ दीन्ह गवा रहा अउ लखा मइँ तोहका बतावइ आइ गवा हउँ। परमेस्सर तोहका बहोत पिरेम करत ह। इ आदेस तहोरी समुझ मँ आइ जाइ अउर तू उ दर्सन क अरथ जान लेब्या।
24 “हे दानिय्येल, परमेस्सर तोहार प्रजा अउ तोहार पवित्तर नगरी बरे सत्तर हफ्तन क समइ निहचित किहेस ह। सत्तर हफ्तन क समइ एह बरे निहचित कीन्ह गवा ह ताकि बुरे करम खत्म कइ दीन्ह जाइँ, अउर पाप करब बन्द कइ दीन्ह जाइ, पापन बरे प्रायस्चित कीन्ह जाइ, हमेसा बरे निआव स्थापित कीन्ह जाइ। सब लोगन क सुद्ध कीन्ह जाइ, सदा-सदा बनी रहइवाली नेकी क लिआवा जाइ, दर्सन अउ नबियन पइ मोहर लगाइ दीन्ह जाइ, अउर पवित्तर ठउरे क समपिर्त कीन्ह जाइ।
25 “दानिय्येल, तू एन बातन क समुझ ल्या। एन बातन क गियान रखा। जब वापस आवइ अउ यरूसलेम क पुन:निर्माण करइ क आदेस दीन्ह गवा रहा क समइ स लइके अभिसिक्त कीन्ह गवा क आवइ क समइ तलक सात हफ्ता लगिहीं। सर्वजिनिक बाजार क निर्माण अउ नगर क रच्छा करइ बरे नगर क चारिहुँ कइँती खाई खोदइ क संग नगर क बासठ हफ्तन मँ निमार्ण कीन्ह जाइहीं। बासठ हफ्ता तलक यरूसलेम क बसावा जाइ।
26 बासठ हफ्ता पाछे उ अभिसिक्त मनई क हत्तिया कइ दीन्ह जाइ। उ अउर नाहीं रहब्या। फुन होइवाले नेता क लोग नगर क अउर उ पवित्तर ठउरे क तहस-नहस कइ देइहीं। उ अंत अइसे आइ जइसे बाड़ आवत ह। अंत तलक जुद्ध होत रही। उ ठउरे क पूरी तरह तहस-नहस कइ देइ क परमेस्सर आदेस दइ चुका ह।
27 “एकरे पाछे उ भावी सासक बहोत स लोगन क संग एक करार करी। उ करार एक हफ्ता तलक चली। भेंटन अउ बलियन आधे हफ्ता क पाछे रुकी रहिहीं अउर फुन एक विनासकर्ता आई। उ बहोत सारा घृणित काम करिहीं। किन्तु ओनकर पूरा करइ स पहिले, जउन आदेस दीन्ह गवा ह उ विध्वंस करइवालन क खिलाफ कीन्ह जाइहीं।”
Daniel 10
1 वुसू फारस क राजा रहा। वुसू क सासनकाल क तीसरे बरिस दानिय्येल क एन बातन क दैवी संदेस मिला। (दानिय्येल क ही दूसर नाउँ बेलतसस्सर रहा) इ सबइ बातन फुरइ रहेन किन्तु समुझइ बरे बहोत कठिन रहेन। किन्तु दानिय्येल ओन क समुझ गवा। उ सबइ बातन एक दर्सन मँ ओका समुझाई गई रहिन।
2 दानिय्येल क कहब अहइ, “उ समइ, मइँ दानिय्येल, तीन हफ्तन तलक बहोत दुःखी रहा।
3 ओन तीन हफ्तन क दौरान, मइँ कउनो भी उत्तम खाना नहीं खाएउँ। मइँ दाखरस नाहीं पिएउँ। कउनो भी तरह क तेल मइँ आपन मुँड़े पइ नाहीं डाएउँ। तीन हफ्ता तलक मइँ अइसा कछू भी नाहीं किहेउँ।
4 “बरिस क पहिले महीने क चउबीसवें दिन मइँ हिद्देकेल महानदी क किनारे खड़ा रहेउँ।
5 हुवाँ खड़े-खड़े जब मइँ ऊपर कइँती लखेउँ तउ हुँवा मइँ एक मनई क आपन समन्वा खड़ा पाएउँ। उ सन क कपड़ा भवा रहा। ओकर करिहाउँ मँ निखालिस सोना क बनी भइ कमर बंर रही।
6 ओकर बदन चमचमात पाथर क जइसे रही। ओकर मुँह बिजुरी क समान उज्जर रहा। ओकर बाँहन अउर ओकर गोड़ चमकदार पीतर स झिलमिलात रहेन। ओकर अवाज एतनी ऊँच रही जइसे लोगन क भीड़ क अवाज होत ह।
7 “इ दर्सन बस मोका, दानिय्येल क भवा। जउन लोग मोरे संग रहेन,उ सबइ जदपि उ दर्सन क नाहीं लखि पाएन किन्तु उ सबइ फुन डर गए रहेन। उ पचे एतना डर गएन कि पराइके कहूँ जाइ छिपेन।
8 तउ मइँ अकेल्ला छूटि गएउँ। मइँ उ दर्सन क लखत रहेउँ अउर उ दृस्य मोका भयभीत कइ डाए रहा। मोर सक्ति जात रही। मोर मुहँ अइसे पिअर पड़ गवा जइसे माना उ कउनो मरे भए मनई क मुँह होइ। मइँ बेवस रहा।
9 फुन दर्सन क उ मनई क मइँ बात करत सुनेउँ। मइँ ओकर अवाज क सुनत ही रहेउँ कि मोका गहिर नींद घेरि लिहस। मइँ धरती पइ औधें मुँह पड़ा रहेउँ।
10 “फिन एक हाथ मोका छुइ लिहस। अइसा होइ पइ मइँ आपन हाथन अउ आपन घुटनन क बल खड़ा होइ गवा। मइँ डर क मारे थर थर काँपत रहेउँ।
11 दर्सन क उ मनई मोहसे कहेस, ‘दानिय्येल, तू परमेस्सर क बहोत पियारा अहा। जउन सब्द मइँ तोहसे कहउँ ओह पइ तू सावधानी से पियार करा। खड़ा ह्वा। मोका तोहरे लगे पठवा गवा ह। जब उ अइसा कहेस तउ मइँ खड़ा होइ गवा। मइँ अबहुँ भी थर-थर काँपत रहेउँ काहेकि मइँ डेरान भवा रहा।
12 एकरे बाद दर्सन क उ मनई फुन बोलन सुरू किहेस। उ कहेस, ‘दानिय्येल, जिन डेराअ। पहिले ही दिन स तू इ निहचइ कइ लिहे रह्या कि तू परमेस्सर क समन्वा विवेक पूर्ण अउर विनम्र रहब्या। परमेस्सर तोहार पराथनन क सुनत रहत ह। तू पराथना करत रहा ह, मइँ एह बरे तोहरे लगे आवा हउँ।
13 “किन्तु फारस क जुवराज (सरगदूत) इक्कीस दिन तलक मोर संग लड़त रहा अउर मोका तंग करत रहा। एकरे बाद मिकाएल जउन एक बहोतइ महत्व पूर्ण जुवराज रहा। मोर मदद बरे मोरे लगे आवा काहेकि मइँ हुवाँ फारस क राजा क संग अरइ भवा रहा।’
14 “हे दानिय्येल, अब मइँ तोहरे लगे तोहका उ बतावइ क आवा हउँ जउन भविस्स मँ तोहरे लोगन क संग घटइवाला अहइ। कहा सपना आवइवाले भविस्स क बारे मँ अहइ।’
15 “अबहिं उ मनई मोहसे बात ही करत रहा कि मइँ धरती क तरफ़ खाले मुँह निहुराइ लिहेउँ। मइँ बोल ही नाहीं पावत रहा।
16 फुन कउनो जउन मनई क जइसा देखाइ देत रहा, मोरे होठन क छुएस। मइँ आपन मुहँ खोलेउँ, अउ बोलब सुरू किहेउँ। मोरे समन्वा जउन खड़ा रहा, ओहसे मइँ कहेउँ, महोदय, मइँ दर्सन मँ जउन लखे रहेउँ, मइँ ओहसे बियावुल अउ भयभीत अहउँ। महँ अपने क बेसहारा समुझत हउँ।
17 मइँ तोहार दास हउँ। मइँ तोहसे कइसे बात कर सकत हउँ? मोर सक्ति जात रहत ह। मोहसे तउ साँस भी नाहीं लीन्ह जात ह।”
18 “मनई जइसे देखात भए उ मोका फुन छुएस। ओकरे छुअत स मइँ मज़बूत बनि गवा।
19 फुन उ बोला, ‘दानिय्येल, डेराअ जिन। परमेस्सर तोहसे बहोत पिरेम करत ह। तोहका सान्ति प्राप्त होइ। अब तू सुदृढ़ होइ जा। सुदृढ़ होइ जा।’“उ मोहसे जब बात किहेस तउ मइँ अउर जियादा सक्तिसाली होइ गवा। फुन मइँ ओहसे कहेउँ, ‘सुआमी! आप तउ मोका सक्ति दइ दिहा ह। अब आप बोल सकत हीं।’
20 “तउ उ फुन कहेस, ‘दानिय्येल’ का तू जानत अहा, मइँ तोहरे पास काहे आवा हउँ? फारस क जुवराज स जुद्ध करइ क बरे मोका फुन वापस जाब अहइ। मोरे चले जाइ क बाद युनान क जुवराज हिआँ आइ।
21 किन्तु दानिय्येल आपन जाइ स पहिले तोहका सब स पहिले मोका इ बताउब अहइ कि सच क पुस्तक मँ का लिखा अहइ। ओन बुरे राजवुमारन क विरोध मँ मीकाएल सरगदूत क अलावा मोरे संग कउनो नाहीं खड़ा होत। मीकाएल उ राजवुमार अहइ जउन तोहरे लोगने पइ हुवूमत करत ह।”
Daniel 11
1 मादी राजा दारा क सासनकाल के पहिले बरिस मीकाएल क फारस क जुवराज क विरुद्ध जुद्ध मँ सहारा देइ अउर ओका ससक्त बनावइ क मइँ उठ खड़ा भवा।
2 “‘अब लखा, दानिय्येल मइँ, तोहसे सच्ची बात बतावत हउँ। फारस मँ तीन राजा लोगन क सासन अउर होइ। इ एकरे पाछे एक चउथा राज्ज आइ। इ चउथा राज्ज अपने पहिले क फारस क दूसर राजा लोगन स कहूँ जियादा धनवान होइ। उ चउथा राजा सक्ति पावइ बरे आपन धन क प्रयोग करी। उ हर कउनो क युनान क विरोध मँ कइ देइ।
3 एकर पाछे एक बहोत जियादा सक्तिसाली राजा आइ, उ बड़की सक्ति क संग सासन करी। उ जउन चाही उहइ करी।
4 राजा क अवाई क पाछे ओकर राज्ज क टूका-टूका होइ जइहीं। ओकर राज्ज चारिहुँ कइँती तितर बितर होइ जाइ। ओकर राज्ज ओकर पूत पोतन क बीच नाहीं बँटी। जउन सक्ति ओहमा रही, उहइ सक्ति ओकरे राज्ज मँ नाहीं होइ। अइसा काहे होइ? अइसा एह बरे होइ कि ओकर राज्ज उखाड़ दीन्ह जाइ अउर ओका दूसर लोगन क दइ दीन्ह जाइ।
5 “‘दविखन क राजा सक्तिसाली होइ जाइ। किन्तु एकरे पाछे ओकर एक सेनापति ओह स भी जियादा सक्तिसाली होइ जाइ। उ सेना नायक हुवूमत करइ लागी अउर बहोत बलसाली जोइ जाइ।
6 “‘फुन कछू बरिसन बाद एक समझोता होइ अउर दविखनी राजा क बिटिया उत्तरी राजा स बियाही जाइ। उ सान्ति कायम करइ बरे अइसा करी। किन्तु उ अउर दविखनी राजा पर्याप्त सक्तिसाली नाहीं होइहीं। फुन लोग ओकरे अउर उ मनई क जउन ओका उ देस मँ लाए रहा, खिलाफ होइ जइहीं अउर उ सबइ लोग ओकरे बच्चे क अउर उ मेहरारू क हिमाइती मनई क भी खिलाफ होइ जइहीं।
7 कन्तु उ मेहरारू क परिवार क एक मनई दविखनी राजा क ठउर क लेइ बरे आई। उ उत्तर क राजा क फउजन पइ हमला करी। उ राजा क सुदृढ़ किले मँ प्रवेस करी। उ जुद्ध करी अउर विजयी होइ।
8 उ ओनके देवतन क मूरतियन क लइ लेइ। उ ओनक धातु क बने मूरतियन अउर ओनकर चाँदी-सोने क बहुमूल्य वस्तुअन क हुवाँ स मिस्र लइ जाइ। फुन कछू बरिसन तलक उ उत्तर क राजा क तंग नाहीं करी।
9 उत्तर क राजा दविखन क राज्ज पइ हमला करी। किन्तु पराजित होइ अउर फुन अपने देस क लउटि जाइ।
10 “‘उत्तर क राजा क पूतन जुद्ध क तइयारी करिहीं। उ पचे एक बिसाल फउज जुटइहीं। उ सेना एक सक्तिसाली बाड़ क तरह बड़ी तेजी स धरती पइ अगवा बड़त चली जाइ। उ सेना दविखन क राजा क सुदृढ़ दुर्ग तलक सारे रास्ते जुध्द करत जाइ।
11 फिन दविखन क राजा क्रोध स तिलमिलाइ उठी। उत्तर क राजा स जुद्ध करइ बरे उ बाहेर निकरि आइ। उत्तर क राजा जदपि एक बहोत बड़ी सेना जुटाइ किन्तु जुद्ध मँ हार जाइ।
12 “उत्तर क सेना पराजित होइ जाइ, अउर ओन फउजियन क कहूँ लइ जावा जाइ। दविखनी राजा क बहोत अभिमान होइ जाइ अउर उ उत्तरी सेना क हजारन-हजार फउजियन क मउत क घाट उतारि देइ। किन्तु उ जुद्ध करइ बरे लगातार नाहीं रहिहीं।
13 उत्तर क राजा एक अउर सेना जुटाइ। इ सेना पहिली सेना स जियादा बड़ी होइ। कई बरिसन पाछे उ हमला करी। उ सेना बहोत बिसाल होइ अउर ओकरे लगे बहोत स हयियार होइहीं।
14 “‘ओन दिनन बहोत स लोग दविखन क राजा क विरोध मँ होइ जाइहीं। कछू तोहार आपन लोग, जेनका जुद्ध प्रिय अहइ, दविखन क राजा क खिलाफ बगावत करिहीं। उ पचे जितिहीं तउ नाहीं किन्तु अइसा करत भए उ दर्सन क फुरइ सिध्द करिहीं।
15 फुन ओकरे बाद उत्तर क राजा आई अउर उ नगर क परकोटे पइ ढलवाँ चउतरा बनाइके उ सुदृढ़ नगर पइ कब्जा करी। दविखन क राजा क सेना जुद्ध क उत्तर नाहीं दइ पाई। हिआँ तलक कि दविखनी सेना क सवोर्त्तम सैनिक भी एतने सक्तिसाली नाहीं होइहीं कि उ पचे उत्तर क सेना क रोक पावइँ।
16 “‘उत्तर क राजा जइसा चाही, वइसा करी। ओका कउनो भी रोक नाहीं पाई। उ इ सुन्नर धरती पइ नियन्त्रन कइके सक्ति पाइ लेइ। ओका इ प्रदेस नस्ट करइ क सक्ति पाइ लेइ।
17 फुन उत्तर क राजा दविखन क राजा स जुद्ध करइ बरे आपन सारी सक्ति का उपयोग करइ क निहचइ करी। उ दविखन क राजा संग एक सन्धि करी। उत्तर क राजा दविखन राजा स आपन एक बिटिया क बियाह कइ देइ। उत्तर क राजा अइसा एह बरे करी कि उ दविखन क राजा क हराइ सकइ। किन्तु ओकर उ सबइ योजना फली भूत नाहीं होइहीं। एन सबइ योजना स ओका कउनो मदद नाहीं मिली।
18 “‘एकरे आगे उत्तर क राजा भूमध्य-सागर क तट स लगत भए देसन पइ आपन धियान लगाई। उ ओन देसा मँ स बहोत स देसन क जीत लेइ। किन्तु फुन एक सेनापति उत्तर क राजा क उ अहंकार अउर उ बगावत क अंत कइ देइ। उ सेनापति उ उत्तर क राजा क लज्जित करी।
19 “‘अइसा घटइ क पाछे उत्तर क उ राजा खुद आपन देस क सुदृढ़ किलन कइँती लउटि जाइ। किन्तु उ दुर्बल होइ चुका होइ अउर ओकर पतन होइ जाइ। फुन ओकर पता भी नाहीं चली।
20 उत्तर क उ राजा क पाछे एक नवा सासक आइ। उ सासक कउनो कर वसूलइ वालन क पठइ। उ सासक अइसा एह बरे करी कि उ सम्पन्नता क संग जिन्नगी बितावइ बरे पर्याप्त धन जुटाइ सकइ। किन्तु थोड़े ही बरिसा मँ उ सासक क अंत होइ जाइ। किन्तु उ जुद्ध मँ नाहीं मारा जाइ।
21 “‘उ सासक क पाछे एक बहोत वूर एवं घृणा जोग्ग मनई आइ। उ मनई क राज परिवार क बंसज होइ क गौरव प्राप्त नाहीं होइ। उ चालाकी स राजा बनी। जब लोग अपने क सुरच्छित समुझे हुए होइहीं, उ तबहिं राज्ज पइ आक्रमण करी अउर ओह पइ कब्जा कइ लेइ।
22 उ बिसाल सक्तिसाली फउजन क हराई देइ। उ समुझौते क मुखिया क संग सन्धि करइ पइ भी ओका पराजित करइ।
23 बहोत स रास्ट्र उ वूर एवं घिना जोग्ग राजा क संग सन्धि करिहीं किन्तु उ ओनसे मिथ्या स भरी चालाकी बरती। उ मज़बूत होइ जाई किन्तु बहोत थोड़े स लोग ही ओकर पच्छ मँ होइहीं।
24 “‘जब उ प्रदेस क सर्वाधिक धनी छेत्र आपन क सुरच्छित अनुभव करत रहे होइहीं; उ वूर एवं घिना स भरे सासक ओन पइ हमला कइ देइ। उ ठीक समइ पइ हमला करी अउर हुवाँ सफलता प्राप्त करी जहाँ ओकरे पुरखन क सफलता नाहीं मिली रही। उ जउन देसन क पराजित करी ओनकर सम्पत्ति छोरिके आपन पिछलगुअन क देइ। उ सुदृढ़ नगरन क पराजित करइ क सबइ योजना रची। उ कामयाबी तउ पाई किन्तु बहोत थोड़े स समइ बरे।
25 “‘उ वूर एवं घिना जोग्ग राजा क लगे एक बिसाल फउज होइ। उ उ फउज क उपयोग आपन सक्ति अउर आपन साहस क प्रदर्सन बरे करी अउर एहसे उ दविखन क राजा पइ हमला करी। तउ दविखन क राजा भी एक बहोत बड़की अउर सक्तिसाली फउज जुटाइ अउर जुद्ध बरे वूच करी।
26 किन्तु उ सबइ लोग जउन दविखन क राजा क मीत समुझा जात रहेन छुपे-छुपे सबइ योजना रचिहीं अउर ओका पराजित करइ क जतन करिहीं। ओकर फउज पराजित कइ दीन्ह जाइ। जुद्ध मँ ओकर बहोत स फउजी मारा जइहीं।
27 ओन दुइनउँ राजा लोगन क मन इहइ बात मँ लगी कि एक दूसर क नोस्कान पहोंचावा जाइ। उ पचे एक ही मेज पइ बइठिके एक दूसर स झूठ बोलिहीं किन्तु ओहसे ओन दुइनउँ मँ स कउनो क भला नाहीं होइ, काहेकि परमेस्सर ओनकर अंत आवइ क समइ निर्धारित कइ दिहेस ह।
28 “‘बहोत स धन दौलत क संग, उ उत्तर क राजा अपने देस लउटि जाइ। फिन उ पवित्तर वाचा क बरे उ बुरे करम करइ क निर्णय लेइ। उ आपन जोग्गता क अनुसार काम करी अउ फुन आपन देस लउटि जाइ।
29 “‘फुन उत्तर क राजा ठीक समइ पइ दविखन क राजा पर हमला कइ देइ। किन्तु इ बार उ पहिले क तरह कामयाब नाहीं होइ।
30 पच्छिम क जहाज अइहीं अउर उत्तर क राजा क विरुद्ध जुद्ध करिहीं। उ ओन जहाजन क आवत लखिने डर जाइ। फुन वापस लउटिके पवित्तर वाचा पइ आपन किरोध उतारी। उ लउटिके, जउन लोग पवित्तर वाचा पइ चलब छोड़ दिहे रहा, ओनकर मदद करी।
31 फुन उत्तर क राजा यरूसलेम क मन्दिर क असुद्ध करइ बरे आपन फउज पठइ। उ सबइ लोगन क दैनिक बलि समपिर्त करइ स रोकिहीं। एकरे पाछे उ सबइ हुवाँ कछू अइसा भयानक घिनौनी वस्तु स्थापित करिहीं जउन फुरइ विनास करइवाला होइ। उ पचे अइसा खौफनाक काम करिहीं जउन विनास क जनम देत ह।
32 “‘उ उत्तरी राजा लबार अउ चिकनी चपड़ी बातन स ओन यहूदियन क छली जउन पवित्तर वाचा क पालन करब तजि चुका अहइँ। उ पचे यहूदी अउर बुरे पाप करइ लगिहीं किन्तु उ सबइ यहूदी, जउन परमेस्सर क जानत हीं, अउर ओकर अनुसरण करत हीं, अउर जियादा सुदृढ़ होइ जइहीं। उ सबइ पलटिके जुद्ध करिहीं।
33 “‘उ सबइ यहूदी जउन विवेकपूर्ण अहइँ जउन कछू घट रहा होइ, दूसर यहूदियन क ओका समुझइ मँ मदद देइहीं। किन्तु जउन विवेकपूर्ण होइहीं ओनका तउ मृत्यु दण्ड तलक झेलइ होइ। कछू समइ तलक ओनमाँ स कछू यहूदियन क तरवार क घाट उतारा जाइ अउर कछू आगी मँ झोकं दीन्ह जाइ। अथवा बन्दी गृहन मँ डाइ दीन्ह जाइ। ओनमाँ स कछू यहूदियन क घर बार अउर धन दौलत छोर लीन्ह जइहीं।
34 जब उ पचे यहूदी दण्ड भोग रहे होइहीं तउ ओन विवेकपुर्ण यहूदियन साथ देइहीं, बहोत स केवल देखावा क होइहों।
35 कछू विवेकपूर्ण यहूदी मार दीन्ह जइहीं। अइसा एह बरे होइ कि उ पचे अउर जियादा सुदृढ़ बनइँ, स्वच्छ बनइँ अउ अंत समइ क आवइ तलक निदोर्स रहइँ। फुन ठीक समइ पइ अंत होइ क समइ आइ जाइ।’“
36 “‘उत्तर क राजा जउन चाही, सो करी। उ आपन बारे मँ डींग हाँकी। उ आत्म प्रसंसा करी अउ सोची कि उ कउनो देवता स भी अच्छा अहइ। उ अइसी बातन करी जउन कउनो कबहुँ सुनी तलक न होइहीं। उ देवतन क परमेस्सर क विरोध मँ अइसी बातन करी। उ उ समइ तलक कामयाब होत चला जाइ जब तलक उ पचे सबहिं बुरी बातन घट नाहीं जातिन। किन्तु परमेस्सर जउन योजना रची ह, उ तउ पूरी होइ ही।
37 “‘उत्तर क उ राजा ओन देवतन क उपेच्छा करी जेनका ओकर पुरखन पूजा करत रहेन। ओन देवतन क मूरतियन क उ परवाह नाहीं करी जेनकर पूजा मेहररूअन करत हीं। उ कउनो भी देवता क परवाह नाहीं करी बल्कि उ खुद आपन तारीफ करत रही अउर अपने आप क कउनो भी देवता स बड़का मानी।
38 अपने पुरखन क देवता क अपेच्छा किले क देवता क पूजा करी उ सोना, चाँदी, बहुमूल्य हीरे जवाहरात अउर दूसर उपहारन स एक अइसे देवता क पूजा करी जेका ओकर पुरखन जानत तलक नाहीं रहेन।
39 “‘इ विदिसी देवता क मदद स उ उत्तर क राजा सुदृढ़ गढ़ियन पइ हमला करी। उ ओन लोगन क सम्मान देइ जेनका उ बहोतइ पसन्द करी। उ बहोत स लोगन क ओनके अधीन कइ देइ। अउर उ ओनका भुइँया बाँट देइहीं जउन ओका एकर बरे पैसा भुगतान करिहीं बरे ओनसे भुगतान लिया करी।
40 “‘अंत आवइ क समइ उत्तर क राजा, उ दविखन क राजा क संग जुद्ध करी। उत्तर क राजा ओह पइ हमला करी। उ रथन, घुड़सवारन अउर बहोत स बिसाल जलयानन क लइके ओह पइ चड़ाई करी। उत्तर क राजा बाड़ क नाईं वेग स उ धरती पइ चढ़ आई।
41 उत्तर क राजा ‘सुन्नर धरती’ पइ हमला करी। उत्तरी राजा क जरिये बहोत स देस पराजित होइहीं किन्तु एदोम, मोआब अउ अम्मोनियन क मुखिया लोगन क ओहसे बचा लीन्ह जाइहीं।
42 उत्तर क राजा बहोत स देसन मँ आपन सक्ति देखाइ। मिस्र क भी ओकर सक्ति क पता चल जाइ।
43 उ मिस्र क सोने चाँदी क खजानन अउ ओकर समूची सम्पत्ति क छोरि लेइ। लूबी अउर वूसी लोग भी ओकरे अधीन होइ जइहीं।
44 किन्तु उत्तर क उ राजा क पूरब अउ उत्तर स एक समाचार मिली जेहसे उ भयभीत होइ उठी अउर ओका किरोध आइ। उ बहोत स देसन क तबाह कइ देइ क बरे उठी।
45 उ आपन राजकीय तम्बू समुद्र अउ सुन्नर पवित्तर पर्वत क बीच लगवइ। किन्तु आखिरकार उ बुरा राजा मरि जाइ। जब ओकर अंत आइ तउ ओका सहारा देइवाला हुवाँ कउनो नाहीं होइ।’“
Daniel 12
1 “दर्सनवाला मनई कहेस, ‘हे दानिय्येल, तउ उ समइ मीकाएल नाउँ क सरगदूत तोहार लोगन क रच्छा करइ बरे उठ खड़ा होइ। फुन एक बिपत्तिपूर्ण समइ आइ। उ समइ सबन त भयानक होइ, जेतना भयानक उ धरती पइ, जब स कउनो जाति अस्तित्व मँ आई बाटइ, कबहुँ नाहीं आइ होइ। किन्तु हे दानिय्येल, उ समइ तोहरे लोगन मँ स हर उ मनई जेकर नाउँ, पुस्तक मँ लिखा मिली, बच जाइ।
2 धरती क उ सबइ अनगिनत लोग जउन मरि चुका अहइँ अउर जेनका दफनावा जाइ चुका अहइ, उठ खड़ा होइहीं अउर ओनमाँ स कछू अनन्त जीवन जिअइ बरे उठि जइहीं। किन्तु कछू एह बरे जागिहीं कि ओनका कबहुँ नाहीं समाप्त होइवाली लज्जा अउर घिना प्राप्त होइ।
3 अकासे क भव्यता क नाईर् बुध्दिमान पुरुस चमक उठिहीं। अइसे बुध्दिमान पुरुस जउन दूसरन क अच्छी जिन्नगी क राह देखाए रहेन, अनन्त काल बरे तारन क समान चमकइ लगिहीं।
4 “‘किन्तु हे दानिय्येल! इ सन्देस क तू छिपाइके रख द्या। तोहका इ पुस्तक बन्द कइ देइ चाही। तोहका अंत समइ तलक इ रहस्स क छुपाइके रखब अहइ। सच्चा गियान पावइ बरे बहोत स लोग एहर-ओहर दउड़ करिहीं अउर इ तरह सच्चे गियान क विकास होइ।’
5 “फुन मइँ, दानिय्येल निगाह उठाएउँ अउर दुइ अलग-अलग मनइयन क लखेउँ। ओनमाँ स एक मनई नदी क हरेक किनारे खड़ा भवा रहा।
6 उ मनई जउन सन क ओढ़ना पहिर रखे रहा, नदी मँ पानी क बहाव क विरुद्ध खड़ा रहा। ओन दुइनउँ मँ स कउनो एक ओहसे पूछेस, ‘एन अचरजे स पूर्ण बातन क खतम होइ मँ अबहुँ केतना समइ लागी?’
7 “उ मनई जउन सन क ओढ़ना धारण किहे भवा रहा अउर जउन नदी क जल क बहाव क विरुद्ध खड़ा भवा रहा, उ आपन दाहिन अउ बायाँ-दुइनउँ हाथ अकासे कइँती उठाएस। मइँ उ मनई क अमर परमेस्सर क नाउँ क प्रयोग कइके एक किरिया बोलत भए सुना। उ कहेस, इ साढ़े तीन बरिस तलक घटी। पवित्तर जन क सक्ति टूट जाइ अउर पुुन इ सबइ बातन अंतिम रूप स खतम होइ जइहीं।’
8 “मइँ इ उत्तर सुनेउँ तउ रहा किन्तु वास्तव मँ मइँ ओका समुझेउ नाहीं। तउ मइँ पूछेउँ, ‘हे महोदय, एन सबहिं बातन क फुरइ निकरइ क पाछे का होइ?’
9 “उ उत्तर दिहस, ‘दानिय्येल, तू आपन जिन्नगी जिअइ जा। इ सँदेसा गुप्त अहइ अउर जब तलक अंत समइ नाहीं आइ, इ गुप्त ही बना रही।
10 बहोत स लोगन क सुद्ध कीन्ह जाइ। उ लोग खुद अपने आप क स्वच्छ करिहीं किन्तु दुस्ठ लोग, दुस्ठ ही बना रहिहीं उ सबइ दुस्मन लोग एका नाहीं समुझिहीं। किन्तु बुद्धिमान लोग एका समुझिहीं।
11 “‘उ दिना स लइके बलि रोक दीन्ह जाब्या एक हजार दुइ सौ नब्बे दिन होइ जाब्या जब तलक खउफनाक चीज़ जउन तबाह करत अहइ स्थापित कीन्ह जाब्या।
12 उ मनई जउन प्रतीच्छा करत भए एन एक हजार तीन सौ पौंतीस दिनन क समइ क अंत तलक पहोंची, उ बहोत अधिक भाग्गसाली होइ।
13 “‘हे दानिय्येल! जहाँ तलक तोहार बात अहइ, जा अउर अंत समइ तलक आपन जिन्नगी जिआ। तोहका तोहार बिस्राम प्राप्त होइ अउर अंत मँ तू आपन हींसा पावइ बरे मौत स फुन उठ खड़ा होब्या।’“
Hosea 1
1 इ यहोवा क उ सन्देस अहइ, जउन बेरी क पूत होसे क जरिये मिला रहा। इ सन्देस उ समइ आवा रहा जब यहूदा मँ उज्जियाह, योताम, आहाज अउ हिजकिय्याह क राज्ज रहा। इ ओन दिनन क बात अहइ जब इस्राएल क राजा योआस क पूत यारोबाम क समइ रहा।
2 होसे बरे इ यहोवा क पहिला सन्देस रहा। यहोवा कहेस, “जा, अउर एक रण्डी स बियाह कइ ल्या जउन आपन रण्डीबाजी स संतान रखेस ह। काहेकि इ देस क लोग रण्डी क तरह बेउहार करत अहइँ। उ पचे यहोवा बरे अबिस्सासी रहेन ह।”
3 तउ होसे दिबलैम क बिटिया गोमेर स बियाह कइ लिहस। गोमेर गर्भवती भइ अउर उ होसे बरे एक ठु पूत क जनम दिहस।
4 यहोवा होसे स कहेस, “एकर नाउँ यिज्रेल राखा। काहे काहेकि मइँ हाली ही यिज्रेल घाटी मँ कीन्ह गइन हत्या बरे येहू क परिवार क सजा देब फिन एकरे पाछे इस्राएल क बंस क राज्ज क खतम कइ देबउँ।
5 उहइ समइ यिज्रेल घाटी मँ, मइँ इस्राएल क धनुस क तोड़ देब।”
6 एकरे पाछे गोमोर फुन गर्भवती भइ अउर एक ठु कन्या क जन्म दिहस। यहोवा होसे स कहेस, “इ कन्या क नाउँ लोरुहामा राखा। काहेकि मइँ अब इस्राएल क लोगन पइ अउर जियादा दाया नाहीं देखाउब। मइँ ओनका छिमा नाहीं करब।
7 मुला मइँ तउ यहोवा क राज्ज पइ दाया देखाउब। मइँ यहूदा क लोगन क रच्छा करब। मुला ओकरी रच्छा बरे मइँ न तउ धनुस अउर तरवार क प्रयोग करब अउर न ही जुद्ध क घोड़न अउर फउजियन क। मइँ, यहोवा, खुद आपन सक्ती स ओनका बचाउब।”
8 गोमेर अबहीं लोरुहामा क दूध पिआउब तजे ही रही कि उ फुन गर्भवती होइ गइ। तउ उ एक ठु पूत क जनम दिहस।
9 एकरे पाछे यहोवा कहेस, “एकर नाउँ लोअम्मी धरा। काहेकि तू पचे मोर प्रजा नाहीं अहा अउर मइँ तोहार परमेस्सर नाहीं अहउँ।”
10 “तउ पइ भी, भविस्स मँ, इस्राएल मँ अनगिनत लोग होइहीं जइसा सागरे क रेत क कन जउन न तउ नापी जाइ सकत ह अउर न ही जेकर गनती कीन्ह जाइ सकत ह। अउर उहइ जगह पइ जहाँ ओनसे इ कहा ग रहा, ‘तू पचे मोर लोग नाहीं अहा।’ उ पचन्क कहा जाईहीं, ‘तू पचे जिअत परमेस्सर क संतान अहा।’
11 “तउ फुन यहूदा अउ इस्राएल क लोग एक संग ऍकट्ठा होइ जइहीं। उ पचे आपन खातिर एक सासक क चुनाव करिहीं अउर ओकरे लगे आपन पहँटा होइहीं। यिज़्रेल क दिन असल मँ एक महान दिन होइ।”
Hosea 2
1 “आपन भाइयन स कहा: ‘हम पचे एक ही लोग अहइ (अम्मी) अउर आपन बहिनियन क कहा, ‘यहोवा हम पचन पइ दयालु(रूहामा) अहइ।’”
2 “आपन महतारी क खिलाफ एक सिकायत करा, काहेकि उ मोर पत्नी नाहीं अहइ अउर न ही मइँ ओकर भतार अहउँ। ओका अदालत मँ लइ जा, तउ उ रण्डी जइसा बेउहार करइ छोड़ देइ अउर ओकरे प्रेमियन क ओकरे छातियन क बीच स दूर हटाइ देइ।
3 अगर उ आपन इ रण्डीबाजी क छोड़इ स इन्कार करी, तउ मइँ ओका एकदम्मइ नंगा कइ देब। मइँ ओका वइसा ही प्रदसिर्त करब जइसा उ पइदा भएका दिना रहेन। मइँ ओका सूखा रेगिस्तान क जइसा बनाब अउर मइँ ओका पिआसा मार देब।
4 मइँ ओकरी संतानन पइ कउनो दाया नाहीं देखाउब काहेकि उ पचे रण्डीबाजी क संतान होइहीं।
5 ओनकर महतारी रण्डी क नाईर् आचरण किहस ह। उ जउन ओनका गरभधारन किहेस ह मोर बरे लज्जा लिआएस, काहेकि उ कहेस, ‘मइँ आपन प्रेमियन क संग चलब जउन मोका उ सबइ चिजियन देब जेकर मोका जरूर अहइँ। उ पचे मोका रोटी, पानी, ऊन, अउर सन, तेल अउ दाखरस देत हीं।’
6 “एह बरे, मइँ तोहार रास्ता काँटन स बन्द करब! मइँ ओकरे रास्ता क रोकइ बरे एक ठु देवार खड़ी करब, जेहसे उ आपन रस्ता ही नाहीं पाइ सकिहीं।
7 जदपि उ आपन प्रेमियन क पाछे भागिहीं, लेकिन उ ओन तक नाहीं पहोंच सकिहीं। जदपि उ ओनका हेरिहीं, लेकिन उ ओनका नाहीं पाइ सकिहीं। फुन उ कहिहीं, ‘मइँ आपन पहिले क भतार क लगे लौटि जाब काहेकि मोर पहिले क जिन्नगी मोजूदा जिन्नगी स बहोत अच्छा रहेन।’
8 “किन्तु उ नाहीं जानत रही कि उ मइँ ही रहा जउन ओका अन्न, दाखरस अउ तेल देत रहेउँ। मइँ ओका बहोत सारा चाँदी अउ सोना देत रहत रहेउँ, किन्तु ओकर प्रयोग बाल क मूतिर्यन बनावइ मँ किहन।
9 एह बरे मइँ वापस आउब अउर आपन अनाज क उ समइ लइ लेब जब उ काटइ बरे तइयार होइ अउर मइँ आपन दाखरस क काटइ क मोसम मँ लेब। अउर मइँ आपन ऊन अउ सन क ओढ़ना क भी वापस लइ लेब जेका मइँ ओकरे नंगेपन क ढकि बरे दिहे रहेन।
10 अब मइँ ओका बेवस्त्र कइके नंगा कइ देब ताकि ओकर सबहिं पिरेमी ओका देखि सकइँ। कउनो भी मनई ओका मोर सक्ती स बचाइ नाहीं पाई।
11 मइँ ओहसे ओकर सारी हँसी खुसी छीन लेब। मइँ ओकर सालाना उत्सवन, नवा चाँद क दावतन अउ हफ्ता क साबित क उत्सवन क खतम मँ लइ आउब। मइँ ओकर सबहिं खास दावतन क रोक देब।
12 मइँ ओकर सबइ अंगूर क बेल अउर अंजीर क बृच्छन क भी नस्ट कइ देब। उ कहे रहेस, ‘इ सबइ चिजियन मोर पिरेमी लोगन मोका दिहे रहेन।’ मुला अब मइँ ओकरे बगियन क रेगिस्तान बदल देब। ओन बृच्छन स जंगली जानवर आइके आपन भूख मिटावा करिहीं।
13 “उ बाल क सेवा किया करत रही, एह बरे मइँ ओका दण्ड देब। उ बाल देवतन क अगवा धूप बारत रही। उ गहनन स सजत अउर नथुनी पहिरा करत रही। फिन उ आपन पिरेमियन क लगे जात रही अउ मोका बिसर जात रही।” इ उ अहइ जउन यहोवा कहे रहा।
14 “एह बरे, मइँ ओका लुभावइ बरे जात हउँ। मइँ ओका रेगिस्तान मँ लइ जाब अउर मइँ खुद ओह पइ जीतब।
15 मइँ ओन रेगिस्तान मँ ओकरे बरे अंगूरे क बगियन बनाउब। मइँ आकोर क घाटी क आसा क दुआर बनाइ देब। फुन उ मोका उहइ तरह उत्तर देइ जइसे उ समइ दिया करत रही जब उ जवान रही अउर जब मइँ ओका मिस्र स बाहेर लिआए रहेस।”
16 यहोवा कहत ह:“उ अवसर पइ, तू मोका ‘मोर भतार’ कहिके पुकरब्या। तब तू जियादा समइ तलक मोका ‘मोर सुआमी’ नाहीं कहबू।
17 मइँ बाल देवतन क नामन क ओकरे मुँह पइसे दूर हटाइ देब। फुन एक भी मनई बाल देवतन क नाउँ नाहीं लिया करिहीं।
18 “फुन, मइँ इस्राएल क लोगन बरे जंगल क जनावरन, आकासे क पंछियन, अउर धरती पइ रेंगइवालन प्राणियन क संग एक वाचा करब। मइँ धनुस, तलवार अउर जुद्ध क अस्त्रन क तोड़ पेंकब। कउनो अस्त्र-सस्त्र उ भुइँया पइ नाहीं बचि रहइँ। मइँ उ भुइँया क सुरच्छित बनाइ देब जेहसे इस्राएल क लोग सान्ति क संग विस्राम कइ सकिहीं।
19 मइँ तोहका सदा-सदा बरे आपन दुलहिन क रूप मँ लइ लेब। मइँ प्रतिग्या करत हउँ कि तोहका नेकी, खरेपन, पिरेम अउर दयालुता क संग आपन दुलहिन बनाइ लेब।
20 मइँ तोहका आपन बिस्सासी दुलहिन बनाइ लेब अउर मइँ तोहार बिस्सासी होइ बरे प्रतिग्या करब। तब तू सचमुच यहोवा क जान जाबू।”
21 यहोवा कहत ह, “उ दिना मइँ आकास क उत्तर देब अउर आकास धरती क उत्तर देब्या।”
22 धरती अन्न, नवा दाखरस अउर उत्तिम तेल स उत्तर देइहीं। उ पचे यिज्रेल क उत्तर देइहीं।
23 मइँ भूइँया मँ इस्राएल क आपन बरे लगाउब। मइँ लोरुहामा पइ दाया देखॅाउब: मइँ लोअम्मी स कहब, ‘तू मोर प्रजा अहा।’ अउर उ पचे मोहसे कहिहीं, ‘तू हमार परमेस्सर अहा।’”
Hosea 3
1 तउ यहोवा मोसे कहेस: “फुन जा अउर उ बिभिचारी मेहरारू स पिरेम कर जउन कउनो दूसर क प्रेमी अहइ। ठीक इसी तरह यहोवा इस्राएलियन क परिम करत ह भले ही उ पचे दूसर देवतन क तरफ मुरत हीं अउर किसमिस देइ पसंद करत हीं।”
2 यह बरे मइँ ओका पन्द्रह चाँदी क सिक्कन अउर तीन सौ किलोग्राम जौ देइके खरीद लिहेस ह।
3 तउ मइँ ओसे कहा: “तोहका मोरे संग बहोत अधिक समइ तलक रहइ चाही। तोहका कउनो रण्डी जइसा हरकत नाहीं करइ चाही अउर कउनो दूसर मनइ क संग नाहीं रहइ चाही। मइँ अकेल्ला ही तोहार भतार होब।”
4 इहइ तरह, इस्राएल क लोग बहोत दिनन तलक बिना कउनो राजा या मुखिया क रइहीं। उ पचे बिना कउनो बलिदान क रहिहीं अउर उ पचे कउनो पाथर क खम्भा खड़ा नाहीं करिहीं। उ पचे भविस्सवाणी करइ बरे कउनो एपोद क प्रयोग नाहीं करिहीं अउर ओनकर लगे कउनो गृह देवता भी नाहीं होइहीं।
5 ऍकरे बाद इस्राएल क लोग वापस लउटि अइहीं अउ यहोवा आपन परमेस्सर क खोजिहीं अउर आपन राजा जउन राजा दाऊद क परिवार समूह स आएस, खोज करिहीं। भविस्य मँ, उ पचे आपन आपका यहोवा समपिर्त करिहीं अउर ओकरे आसीर्बादन क लेइहीं।
Hosea 4
1 हे इस्राएल क लोगो, यहोवा क सँदेस क सुना। यहोवा इ देस मँ रहइवालन क अदालत लइ जात हीं काहेकि उ पचे परमेस्सर संग कीन्ह भवा करार क प्रति विस्सासी अउ वफ़ादार नाहीं रहेस ह। वास्तव मँ इ देस क लोगन परमेस्सर क जानतेन ही नाहीं।
2 उ पचे सराप, झूठ, चोरी, बिभिचारी, अहिंसा अउर रक्तपात मँ मसगूल अहइँ।
3 परिणाम, भुइँया विलाप करब्या, अउर एकरे सबहिं निवासियन नस्ट कीन्ह जाब्या। जंगल क जनावरन, आकास क पंछियन अउर सागर क मछरियन तलक भी नस्ट कीन्ह जाब्या।
4 मइँ कउनो दूसर पइ आरोप जिन लगावत हउँ! हे याजकन, मइँ इ सबइ बातन बरे तोह पइ आरोप लगात हउँ। इहइ कारण मोर मुकद्दमा तोहार खिलाफ अहइ।
5 हे याजकन, तू दिना मँ ठोकर खाउब्या, किन्तू तू अउर नबी दुइनउँ रात क समइ मँ ठोकर खाउब्या। तू आपन लोगन क ही बर्बाद कइ दिहेस ह।
6 “मोर प्रजा क बिनास भवा काहेकि ओन लोग मोका यहोवा क रूप मँ स्वीकार नाहीं किहेस, कारण याजक मोका स्वीकार करइ स इन्कार किहेस। यह बरे मइँ तोहका आपन याजक क रूप मँ स्वीकार नाहीं करब। तू आपन परमेस्सर क बिसरि दिहा ह एह बरे मइँ तोहरी संतानन क बिसरि जाब।
7 उ पचे मोर खिलाफ जेतॅना पाप किहेस ओतॅना ही घमण्डी होइ गएन। यह बरे मइँ ओनकर महिमा क लज्जा मँ बदल देब।
8 “याजक क रूप मँ, उ पचन्क लोगन क पाप भेंटन क खाएस ह। उ पचे चाहेस कि लोग जियादा स जियादा पाप करी।
9 याजकन अउर लोगन क संग एक ही तरह क बेउहार कीन्ह जाब्या। मइँ ओनका ओकरे पाप क कारण सजा देबउँ। मइँ ओनसे ओनकर बुरे करमन क बदला लेबउँ।
10 उ पचे खइहीं मुला उ पचे संतुट्ठ न होइ। उ पचे रण्डीबाजी करिहीं, मुला ओनकइ आबादी न बढ़िहीं। काहेकि उ पचे यहोवा क तजेन ह, अउर उ पचे अबिस्सासी होइके आपन क दूसर देवतन क समपिर्त कइ दिहेस ह।
11 “नई दाखरस अउर पूराना दाखरस ओन लोगन स ओनकर तर्क-सक्ती क लइ लेत ह।
12 मोर लोग काठे क मूरती स राय माँगत हीं। ओकर बिस्सास अहइँ कि जादूई छड़ी ओकरे भविस्य क बारे मँ बताई सकत ह। ओन देवतन क संग ओकरे बिभिचारी ओनका भटकइ दिहस ह। उ पचे रण्डी क रहइ बरे उ पचे आपन परमेस्सर क तजि दिहेन।
13 उ पचे पहाड़न क चोटियन पइ बलि चढ़वत ह। उ पचे बलूत, चिनार अउ दूसर लम्बा बृच्छन क तरे धूप बारत ह। ओन बृच्छन क तरखाले क छाया नीक दॅखाँत रही। एह बरे तोहार बिटियन ओन बृच्छन क तरे खूद रण्डीबाजी करइ बरे सोअत ह अउर तोहार बहुअन हुआँ पापे स भरा यौनाचार करत हीं।
14 “मइँ तोहार बिटियन अउ बहुअन क एह बरे सज़ा नाहीं देब कि उ पचे रण्डी क जइसा रहइ के बिभिचारी क काम किहेन ह। काहेकि मनइयन खुद ही रण्डियन क संग यौन सम्बंध बनाएस ह अउर मंदिर क रण्डियन दुआरा बलि चढ़ावत हीं। यह बरे इ कहावत सच अहइ: उ रास्ट्र जउन समझ नाहीं राखत ह ओका बर्बाद कइ दीन्ह जाब्या।
15 “हे इस्राएल, तउ प भी तू एक ठु रण्डी क नाईर् रहत अहा, मोका आसा अहइ कि यहूदा कसूरवार भि नाहीं होइ। यहूदा, तू गिलगाल मँ दाखिल जिन भवा अउर बेतावेन तलक जिन जा। यहोवा क नाउँ पइ किरिया जिन खा इ जिन कहा: ‘यहोवा क जिन्नगी क किरिया, मइँ प्रतिग्या करत हउँ।’
16 इस्राएल एक ठु जवान हट्टी गाय क नाईं बिद्रोह किहेन ह। हाली ही यहोवा ओनका चरागाह मँ गरेड़िया क नाईं लेइ जाइहीं आपन मेमना क बिसाल घास क मइदान मँ चरइ देत ह।
17 एप्रैम भी ओकर मूरतियन मँ ओकर संगी बन गवा। तउ ओका अकेल्ले तजि द्या।
18 “जब उ पचे दाखरस पिअइ खतम कइ देब, उ पचे आपन रण्डीपन क प्रथा जारी राखब; उ पचे आपन लज्जावाला कामन स बहोत खुस होब।
19 एक बवण्डर इस्राएल क आपन पाखन मँ उड़ाइ लेइ जाब, अउर ओका लेइ जाब काहेकि उ मूतिर्यन क भेंट किहेस ह।”
Hosea 5
1 “याजकन, सुना! इस्राएल क परिवार, धियान दे! साही परिवार, सुना!“जदपि तू पचे अइसा लुकान रहा जइसा कि मिसपा क फंदा मँ अहा अउर तू पचे ताबोर क धरती पइ फइलावा गवा फँदन क तरह अहा, मइँ तू सबइ क खिलाफ निआव करब।
2 मइँ तू सबन क सजा देबउँ जदपि तू पचे सित्तम क गहरा खाई क नाईं होइ।
3 एप्रैम, मइँ जानत हउँ तू का करत ह। इस्राएल, तू मोसे छिपा भवा नाहीं बा। एप्रैम लखा, इस्राएल अपवित्तर अहइ काहेकि उ रण्डी क नाईं हरकत करत आवत ह।
4 इस्राएल इ सबइ वुकरम कइके आपन क परमेस्सर क लगे लउटइ स रोकत अहइँ। उ पचे मूरती पूजा करइ क मज़बूत इच्छा रखत हउ पचे यहोवा क नाहीं जनतेन।
5 जउन बातन इस्राएल क गोरव बनावत रही उ ही ओकरे बरे लज्जा लाइहीं। इस्राएल आपन अपराध क कारण ठोकर खावत ह। यहूदा भी ओकरे संग ठोकर खावत ह।
6 “इस्राएल क लोग ‘भेड़िन’ अउर ‘गइयन’ क साथ लइके यहोवा क बलि चढ़ावइ बरे हेरइ बरे निकरि। मुला उ पचे ओका नाहीं पाइ सकिहीं। तउ जान जाइहीं कि उ ओनसे दूर चला गवा अहइँ।
7 यहोवा ओन पइ बिस्सास किहेन, मुला उ पचे ओकर संग धोखा किहेस। लखा, उ पचे अवैध गदेलन क जन्म दिहेस ह। हाली ही यहोवा ओनकर समुचइ फसलन क एक ठु महीना मँ ही दुस्मन क जरिये खतम करइ देब्या।”
8 “गिबाह मँ नरसिंगहा बजावा; रामा मँ तू तुरही बजावा। बेतावेन मँ जोरदार आवाज़ करा। हे बिन्यामीन, लखा!
9 जब सज़ा क समइ आइ, एप्रैम पूरी तरह स बर्बाद कीन्ह जाब्या। तू निहचय होइ सकत ह कि मइँ इस्राएल क कबीला क बीच स जउन बोलत हउँ इ फुरइ अहइ।
10 यहूदा क मुखिया उ मनई क तरह होइ जउन दूसर लोगन क भइँया क लेइ बरे चउहद्दी क निसान क पाथरन खिसकावत ह। तउ मइँ ओह पइ आपन किरोध पानी क तरह उण्डेलब।
11 एप्रैम क सजा दीन्ह जाइ, ओका वुचरि दीन्ह अउ मसरि दीन्ह जाइ जइसे अंगूरे क पीस दीन्ह जात ह। काहेकि उ निकम्मा क अनुसरण करइ क निहचइ किहेस ह।
12 मइँ एप्रैम क अइसे नस्ट करब जइसे कउनो घुन कउनो काठे क नस्ट करत ह। अउर मइँ यहूदा क वइसे नस्ट करब जइसे जंग कउनो धातू क नस्ट करत ह।
13 एप्रैम जान लिहेस कि उ रोगग्रस्त अहइ; यहूदा आपन घाव लखेस। एप्रैम अउर यहूदा अस्सूर क “महान रजा” क लगे मदद बरे गएन। किन्तु महान राजा तोहार रोग क नीक करइ मँ या तोहार घाव भरि मँ असर्मथ रहेन।
14 मइँ एप्रैम बरे एक सेर क नाईं होब। मइँ यहूदा क संग एक जवान सेर क नाईं हरकत करब। मइँ ओनका टुका मँ चीड़ देब अउर ओनका दूर लइ जाब। कउनो भी ओनका मोसा बचाइ नाहीं पाइ।
15 फुन मइँ आपन जगह रहइ बरे लउट जाब जब तलक कि उ पचे आपन कसूर स्वीकार न करइ लेइ अउर मोका हेरत भए न आ जाइ। जब उ पचे विपदन मँ होइ, उ पचे मोका, मोह स मदद लेइ बरे हेरइहीं।”
Hosea 6
1 “आवा, हम यहोवा कइँती लउटि आइ। जदपि उ हमका टुका मँ चीड़ दिहेस ह, किन्तु उ हमका चंगा करी। जिस तरह उ हमका चोट किहेस, उहइ तरह उ हमार घावन पइ मरहम भी लगाई।
2 दुइ दिना मँ उ हमार जिन्नगी वापिस देइ सकत ह। तीसरे दिन उ हमका आपन गोड़ मँ खड़ा करी, तउ हम ओकर मोजूदगी मँ रहब।
3 आवा, ओका परमेस्सर क रूप मँ स्वीकार करा; आवा, उ सबइ करी जेसे हम यहोवा स्वीकार कइ सकत हीं। ओकर आवइ ओतॅना ही निहचइ ह जेतॅना कि भोर क आवइ। ओकर आवइ ओतना ही निहचय अहा जेतॅना क जाड़ा क बोछार। अवस्य ही उ वइसे ही आई जइसे कि बसंत क बर्खा आवति अहइ जउन धरती क सींच देत ह।”
4 “हे एप्रैम, तोहार संग मोका का करइ चाही? हे यहूदा, तोहरे संग मोका का करइ चाही? तोहार पिरेम ऍतना तेजी स गुजर गएन जइसा भिंसारे क कोहरा अउर भिंसारे क ओस तेजी स खत्म होइ जात ह।
5 मइँ नबियन क प्रयोग किहेउँ अउर मनइयन बरे नेम बनाइ दिहेउँ। मोरे आदेस पइ मनइयन क कतल कीन्ह गवा मुला इ सबइ फइसलन स भली बातन पइदा होइहीं।
6 मोका विस्सासी पिरेम खुस करइ सकत ह, बलियन नाहीं जब लोग मोका परमेस्सर क रूप मँ जानत ह तउ इ मोका होमबलि स जियादा आनन्दित करत ह।
7 उ जगह पइ जउन आदम कहलावत अहइ उ पचे करार तोड़ दिहस। उ भुइँया मँ उ पचे मोरे बरे अबिस्सासी रहेन।
8 गिलाद ओन लोगन क नगरी अहइ जउन पाप किया करत हीं। हुआँ क लोग चालबाज अहइँ अउर उ पचे अउरन क हत्या करत हीं।
9 याजक लोग भयानक अपराध किहेन। डावूअन क दल जइसा कउने पइ हमला करइ बरे घात मँ छुपा रहत हीं। लटेरन क जइसा उ पचे सकेम लोगन क राहे पइ हत्या किहेन।
10 मइँ इस्राएल क मन्दिर मँ घृणित बात क लखेउँ ह। उहइ जगह पइ एप्रैम रण्डीबाजी किहेन अउर इस्राएल आपन क अपवित्तर किहेस।
11 हे यहूदा, तोहार बरे भी फइसला क एक दिन तय कीन्ह ग अहइ।”
Hosea 7
1 “जब मइँ आपन लोगन क सज़ा देइ बन्द करब अउर जब मइँ ओनका बन्दी स वापिस लिआउब अउर इस्राएल क चंगा करब। तब लोग एप्रैम क पाप जान लेइहीं। अउर हरकोइ सोमरोन मँ लोगन क कीन्ह भवा बुरा कामन क बारे मँ जानइ लेइहीं: उ पचे लबार देवतन बनाएन, चोरन घरे मँ घुसेन, लुटेरन क दल गलियन मँ लोगन क लुटेन।
2 उ पचे इ नाहीं जान पावत ह कि मइँ ओनकर बुरा कामन क याद रखत हउँ। ओका बिस्सास नाहीं करत ह कि हर एक चीज जउन उ किहेस मइँ ओका साफ-साफ लखेत हउँ।
3 उ पचे आपन वुकरमन स आपन राजा क खुस करत हीं। ओकर लबार ओकरे मुखियन क खुस करत हीं।
4 रोटी पकावइवाला रोटी बरे आटा मढ़त ह। मुला उ आगी क तब तलक नाहीं दहकावत जब तक कि गोंधा भवा आटा पूल न जाइ। मुला इस्राएल क लोग उ रोटी पकावइवाला क नाईं नाहीं अहइ, उ पचे आपन उमंग हर समइ दहकावत ह।
5 ओकरे राजा क उत्सव क दिन मँ, राजवुमार दाखरस पिअइ सुरु कइ दिहेस। राजा ओन लोगन क संग समझौता करत ह जउन ओकरे संग हँसी-मजाक करत हीं।
6 उ पचे ओकरे लगे आवत ह। उ पचे ओनकर खिलाफ खुफिया साज़ि रचत ह। अउर उ तंदूर क नाईं दहकत रहत हीं। सारी रात ओकर गुस्सा धीरे-धीरे पाकत ह, अउर भिंसार होत होत उ भभकत भवा आगी क नाईं तेज होइ जात ह।
7 उ पचे मूँड़ भभकत भए तन्दूर क जइसा अहइँ; उ पचे आपन ही मुखियन क नस्ट कइ दिहेन ह। ओनकर सबइ राजा लोगन्क पतन एक ही तरह स भवा रहा, मुला ओनमाँ स कउनो भी परमेस्सर क मदद बरे कोहाइ क जतन नाहीं किहे रहेन।”
8 “एप्रैम दूसर जातियन क संग घुल-मिल गएन, मुला इ अइसा होइ जइसा कि रोटी सिरिफ एक ही तरफ स सेंका गवा ह।
9 बिदेसयन एप्रैम क ताकत निगल गएस ह, किन्तु उ ओका नाहीं जान पाए। ओकरे बार भी सफेद होइ लाग, किन्तु ओका एकर पता नाहीं चला।
10 इस्राएल क आपन क घमंड ही ओह पइ इलज़ाम लगावत ह, लेकिन फिर भी उ यहोवा आपन परमेस्सर क लगे नाहीं लउट ह। जदपि इ सबइ बात घटिहीं, तउ प भी उ यहोवा क नाहीं खोजिहीं।
11 एप्रैम उ भोला कबूतरे क नाईर् बन गवा अहइ जेकरे लगे कछू भी समुझ नाहीं होत ह। लोग मिस्र स मदद माँगेन अउर लोग अस्सूर क सरण मँ गएन।
12 जहाँ कहूँ भी उ जाई, मइँ ओका आपन जाले मँ फँसाउब अउर मइँ ओनका अइसे खाले हींच लेबउँ जइसे अकासे क पंछी हींच लीन्ह जात हीं।
13 ओह प हाय, काहेकि कि उ पचे मोका तजि दिहेस ह। उ पचे नस्ट होइ काहेकि उ मोर खिलाफ बिद्रोह किहेन ह। मोका ओनका बचाइ बरे कछू धन दीन्ह जाइ चाही रही अउर ओकर धियान दीन्ह जाइ चाहत रही, मुला उ पचे मोर बरे झूठ बोलत हीं।
14 उ पचे पराथना मँ कबहुँ मोका पूरा हिरदइ स नाहीं गोहॅरान। उ पचे आपन बिछउना मँ अनाज अउर दाखरस बरे गोहॅरावत हीं, अउर उ पचे दूसर देवतन बरे रीतियन क पूरा करत ह तउ आपन सरीर क घायल करत ह। उ पचे अपने पीठियन क मोर कइँती मोड़ दिहेस हीं।
15 मइँ ओनका अनुसासन दिहे रहेउँ ह अउर ओनकर भुजा बलवान बनाए रहेउँ ह, मुला उ पचे मोरे विरोध मँ बुरा सड्यंत्र रचेन।
16 उ पचे पूजा बरे झूठे देवन कइँती मुड़ा भवा धनुस क नाईर् जउन फेंकइ क पस्चात वापस अवत हीं, क तरह मुड़ गएन ह। ओनकर मुखिया लोग आपन ही सक्ती क सेखी बघारत रहेन, मुला ओनका एक तरवार मउत क घाट उतारा जाइ। मिस्र मँ हर कोइ ओन पइ हँसिहीं।
Hosea 8
1 “तुरही क आपन होंठन लगावा। यहोवा क भवन क ऊपर गिद्ध जइसा बनि जा,काहेकि उ पचे मोर करार क तोड़ दिहन जउन ओकरे संग किहे रहेन। उ पचे मोर नेमन क खिलाफ अपराध किहेन ह।
2 उ पचे गोहरावत, ‘हे इस्राएल क परमेस्सर, मइँ तोहका जानत हउँ।’
3 मुला इस्राएल हाय! उ भली बातन क नकार दिहस। इहइ स दुस्मन ओकरे पाछे पड़ि गवा ह।
4 उ पचे बिना मोसा समपर्क किए भए आपन राजा चुनेन। मइँ उ मुखियन क अनुमोदन नाहीं किहा जेका उ पचे चुने रहा। ओकर मुखियन ओकरे बरे सोना अउ चाँदी स मूरतियन बनाए रहेन। एह बरे उ पचे नास कीन्ह जाब।
5 हे सोमरोन, तोहरे बछवा-मूरती मोर बरे घृणित अहइ। मइँ एकर कारण बहोतइ कोहाइ हउँ। तू पचन्क एकरे कारण केतॅना देरी तलक इ पाप क दोखी रहब?
6 बछवा-मूरती इस्राएल क एक कारीगर दुआर बना ग रहेन अउर इ परमेस्सर नाहीं, एह बरे सोमरोन क बछवा-मूरती क टूकन-टूकन मँ तोर दीन्ह जाइ।
7 उ पचे बोइहीं जब हवा बहत हीं, अउर उ पचे काहिहीं जब चक्रवात चलिहीं। खेतन अनाज उगाइ मँ असर्मथ होइ। एह बरे हुवाँ खाइ बरे रोटी नाहीं होइ। अगर भुइँया थोड़ बहोत अनाज उग भी तउ ओका दुस्मन आइ अउर निगल जाइहीं।
8 इस्राएल क रास्ट्रन क जरिये निगल लीन्ह गवा ह। ऍकर लोग एक ठु अइसा बेकार क पात्र क नाईं अहइ जउन बाहेर फेंक दीन्ह ग अहइ। रास्ट्रन क बीच स छितराइ दीन्ह गवा अहइ।
9 इस्राएल अस्सूर जाइ बरे अइसा बल देत ह जइसे कउनो जंगली गदहा स्वंय ही भटकत फिरत ह। एप्रैम जातियन क बीच रण्डी क धन दिहेन।
10 काहेकि इस्राएल जातियन क बीच रण्डी क धन दिहेन, अब मइँ सबन क आपुस मँ कछू समई बरे अस्सूर सम्राज क मातेहत ओकरे अत्याचार क झेलइ बरे बटोरब।”
11 “जदपि पाप स छुकारा बरे एप्रैम जियादा स जियादा वेदियन क बनाए रहा, मुला उ पचे इ वेदियन क प्रयोग जियादा पाप करइ बरे करिहीं।
12 जदपि मइँ एप्रैम क बहोत साफ-साफ नेमन लिख दिहे रहेउँ, तउ भी इ ओकरे बरे बिचित्र लागत ह।
13 उ पचे ओसे बलि भेंट किहेन जउन मइँ ओनका दिहे रहा। उ पचे बलि भेंट किहेन अउर ओका खाएन जउन उ बलि दिहे रहेन। यहोवा इ लोगन स खुस नाहीं अहइ। उ पचे ओकरे पापन क याद राखब, एह बरे उ ओका सज़ा देइहीं। ओनका बन्दी क रूप मँ मिस्र लइ जावा जाइ।
14 इस्राएल आपन निर्माता क बिसरि गवा। इस्राएल जियादा स जियादा महल क बनाइहीं जब यहूदा गढ़वाले अनेक नगर बनाएन। एह बरे मइँ यहूदा क नगरी मँ ओकर महलन क बर्बाद करइ बरे ओकर खिफाल आगी पठउब।”
Hosea 9
1 हे इस्राएल, दूसर जातियन क तरह बहोत जियादा उत्सव पसन्द जिन करा। काहेकि तू मोर प्रति अविस्सासी होइ गवा ह अउर तू आपन परमेस्सर क दूर खड़ा होइ गवा ह। तू पचे लबार देवतन क वाचा क हर खरिहाने क धरती पइ पूरा करइ चाहत ह।
2 मुला ओन खरिहानन स मिला भवा अनाज इस्राएल क पर्याप्त भोजन नाहीं दइ पाइ। इस्राएल बरे पर्याप्त दाखरस भी नाहीं रही।
3 इस्राएल क लोग यहोवा क धरती पइ नाहीं रहि पइहीं। एप्रैम मिस्र क लउटि जाइ। अस्सूर मँ ओनका वइसा खइया क खाइ पड़ी जइसा ओनका नाहीं खाइ चाही।
4 उ पचे यहोवा बरे अउर दाखरस क चढ़ावा नाहीं चढ़इहीं। ओनकर बलियन ओका खुस नाहीं करब, उ पचे दाह-संस्कार क रोटी क नाईर् होइहीं जउन एका खइहीं अपवित्तर होइ जइहीं। ओनकर रोटी सिरिफ ओकर भूख मिटाहीं, मुला यहोवा क मन्दिर मँ बलि नाहीं होइहीं।
5 नियत पर्व क दिन अउर यहोवा क उत्सव क दिन तू पचे का करिहीं?
6 इस्राएल क लोग पूरी तरह स नस्ट होइ क डरे स अस्सूर क ग रहेन मुला मिस्र ओनका बटोरि क लइ लेइ। मोप क लोग ओनका गाड़ देइहीं। चाँदी स भरे ओनके खजानन पइ खरपतवार उगि आइ। ओनकर डेरन मँ, काँटेदार झाड़ी उगि अइहीं।
7 निआव क दिन आइ गवा! सज़ा क दिन आइ गवा! इस्राएल क एका जरूर जानइ चाही!मुला उ पचे सोचत हीं कि नबी मूरख अहइ अउर आतिमा स प्रेरित जन पागल अहइ। तू आपन बहोत सारे पापन क कारण अउर काहेकि तू नबी क संदेस स घिना करत ह तू अइसा सोचत ह।
8 नबी क कारज परमेस्सर बरे अइसा ही अहइ जइसा कउनो पहरेदार एप्रैम बरे पहरेदारी करत ह। मुला रस्ता अनेक फँदन स भरा भवा अहइ, काहेकि परमेस्सर क लोग तउ प भी हम स घिना करत हीं।
9 उ पचे बहोत भरस्ट होइ गवा ह, ठीक वइसा ही जइसा गिबा क दिनन मँ होत रहेन। बहरहाल यहोवा ओनकर अपराध क याद रखत ह अउर ओनकर पाप क सज़ा देत ह।
10 जब मइँ इस्राएल क पाएस, मइँ यहोवा बहोत खुस भाव जइसा कउनो मनई रेगिस्ताने मँ अंगूर पाएस ह। जब मइँ तोहार पुरुखन क लेखस, मइँ महसूस किह्या कि जइसा कि ऋतु क सुरुआत मँ अंजीर क बृच्छ पइ कउनो क अंजीर क पहिले फल मिलत हीं। मुला उ पचे तउ बाल-पेआँरक लगे चला गएन अउर बाल देवतन क भक्त होइ गएन। उ पचे घृणित देवतन क जइसा होइ गएन जेका उ पिरेम करत रहेन।
11 एप्रैम क महिमा एक चिड़िया क नाईं उड़त हीं। उ पचे एकर पाछे न कउनो गरभ धारण करी, या न गरभवती होइ, या न कउनो गदेलन जन्म देइहीं।
12 मुला भले ही इस्राएली आपन गदेलन पाल भी लेइहीं तउ भी सब बेकार होइ जाइ। मइँ ओनसे ओनकर गदेलन छोर लेब। ओकर लगे सिरिफ मुसीबतन ही रहइ काहेकि मइँ ओनसे मु़डि जाब।
13 मइँ लखत हउँ कि एप्रैम आपन सन्तानन क एक फँदा कइँती लइ जात अहइ। एप्रैम आपन गदेलन क इ हत्यारा क लगे बाहेर लइ जात अहइ।
14 हे यहोवा, तू ओनका का देइ चाहत अहइ? ओनका अइसा गर्भ द्या, जेका गर्भपात होइ जात ह। ओनका अइसेन थन दइ द्या जउन दूध नाहीं देइ सकी।
15 उ पचे गिलगल मँ बहोत सारा बुरा काम किहेन रहेन! मइँ ओनसे ओकरे काम क कारण घिना करइ सुरू किहे रहेउँ। मइँ ओनका आपन घरे स निकरि फेंकब, मइँ ओनसे अब पिरेम नाहीं करत रहब। ओनकर सबहिं मुखिया लोग मोर खिलाफ मुड़ि गवा अहइँ।
16 एप्रैम पइ मसीबत आएस ह। उ पचे पूरी तरह उपजहीन होइ जाई। जदपि उ कउनो गदेलन क जन्म देइँ, मइँ ओकरे कीमती गदेलन क मार डाउब जइसे ही उ ओका जन्म देब्या।
17 मोर परमेस्सर ओका अस्वीकार करिहीं, काहेकि उ पचे मोका नाहीं सुनिही। इहइ कारण अहइ कि उ पचे जातियन क बीच मँ भटकत रहिहीं।
Hosea 10
1 इस्राएल एक ठु अइसी दाख-लता अहइ जेह पइ बहोत सारा फल लागत हीं। उ जेतना फल देत हीं ओतना ही वेदियन बनत ही। जब भूइँया नीक फसल पइदा करत ह, तउ इस्राएल जियादा स जियादा महँगा स्मृति पाथर लबार देवतन क मान देइ बरे लगावत ह।
2 इस्राएल क लोग आपन हिरदयन मँ परमेस्सर क धोखा देइ क जतन किहेस, यह बरे ओका ओकरे पाप क बदले मँ जरूर सज़ा दीन्ह जाइ चाही। यहोवा खुद ही ओकार वेदियन क तोड़े देब अउर अउर उ ओनकर स्मृति-स्तूपन क तहस-नहस करब।
3 अब इस्राएल क लोग कहा करत हीं, “न तउ हमार कउनो राजा अहइ अउर न ही हम यहोवा क मान करित ह। अउर ओकर राजा हमार कछू बिगारि नाहीं सकत ह।”
4 ओकर बचन सिरिफ एक सब्दन अहइँ। उ आपन प्रतिग्या क पूरा नाहीं किहेस अउर करार क तोड़ दिहेस। हिआँ बहोत स अदालत क मुकद्दमा अहइँ जइसा खेत मँ उगा भवा खरपतवार।
5 सोमरोन क लोग बेतावेन मँ बछवन क पूजा करत हीं अइसे लोग क असलियत मँ विलाप करिहीं। ओन याजक लोग असलियत मँ विलाप करिहीं काहेकि ओकर सुन्नर मूरति खो गइ अहइ। काहेकि ओकर महिमामय मूरतियन क लइ लीन्ह जाब।
6 उ पचे अस्सूर राजा क लगे उपहार क रूप लइ लेइ जाब्य जउन हमेसा ओकर संग जुद्ध करत हीं। एप्रैम लज्जित होइहीं, अउर इस्राएल आपन मूरतियन पइ लजाइ।
7 सोमरोन क लबार देवतन क बर्बाद कइ दीन्ह जाइ। उ पानी पइ उतरात भए कउनो काठे क टूका जइसा होइ जाइ।
8 जउन ठउरन पइ इस्राएल पाप किहेस नस्ट कीन्ह जाब्या। ओनकर वेदियन पइ कँाटन अउ घास-पूस उगिहीं। उ पचे पहाड़न स कइहीं, “हमका ढाँपि ल्या” अउर पहाड़िन स कइहीं, “हम पइ भहराइ पड़ा।”
9 हे इस्राएल, तू गिबा क समइ स ही पाप करत आया, अउर तू पचे वइसा ही हुआँ भी सुरु कइ दिहेस ह। का गिबा क जउन लोगन बुरा काम किहे रहेन फुरइ जुद्ध क चपेटे मँ नाहीं आहइँ?
10 मइँ आउब अउर ओनका सज़ा देब। मइँ जातियन क ओनके खिलाफ बटोरब अउर ओनका ओकरे दुई ठू पापन कारण जंजीर स बाँधिहीं।
11 एप्रैम एक ठू जवान प्रसिच्छत गइया क नाईर् अहइ जउन खरिहाने मँ अनाज माँड़इ पसन्द करत अहइँ। मइँ ओकरे गटइ पइ जुआ राखब। किन्तु अब मइँ ओका खेत जोताई मँ जियादा कठिन काम देब। मइँ ओह पइ लसुरी लगाउब। यहूदा भुइँया जोतब अउर याकूब कठोर धरती क फोड़ब।
12 तोहका आपन प्रतिग्या क पूरा कइके नीक करम बोइ चाही, तउ तू सच्चा पिरेम क फसल काटब्या। इ तोहार बरे नई बात होब्या। इ अइसे धरती क जोतइ क जइसा होइ जेका तू फसल बरे कबहूँ उपयोग नाहीं किहेस। यहोवा क आसीर्बाद लेइ क समइ अहइ जब तक कि उ तोह पइ बर्खा क रूप मँ नीक चिजियन नाहीं देइ।
13 मुला तू तउ बदी क एक बिआ बोया ह; तू पचे आपन झूठ क फल भोग्या ह। अइसा एह बरे भवा कि तू आपन रथन पइ निर्भर रह्या अउर आपन फउजियन पइ बिस्सास किहा।
14 जुद्ध क सोर तोहार लोगन क खिलाफ जियाद स जियाद बढ़िहीं। तोहार सारे गढ़ियन वइसी भहराइ जइसे बेतअरबेल सहर क जुद्ध क समइ सल्मन बर्बाद कइ दीन्ह ग रहा। दुइनउँ महतारी अउर गदेलन क टूका कीन्ह ग रहा।
15 हे बेतेल, इ तोहार संग होइ काहेकि तू बहोत स वुकर्म किहा ह! भिंसारे ही इस्राएल क राजा क पूरी तरह विनास कीन्ह जाब्या।”
Hosea 11
1 “जब इस्राएल अबहीं गदेला रहा, मइँ, (यहोवा) ओहसे पिरेम किहे रहेउँ। मइँ आपन गदेला क मिस्र स बाहेर बोलाइ लिहे रहेउँ।
2 मुला मइँ ओका जेतना जियादा बोलाएउँ उ पचे मोहसे ओतना ही जियादा दूर होइ गए रहेन। उ पचे बाल देवतन क बलियन चढ़ाए रहेन अउर मूरतियन क अगवा धूप बारे रहेन।
3 उ मइँ ही अहउँ जउन एप्रैम चलब सिखाएस। मइँ इस्राएल क आपन बाँहन मँ लिहे रहेउँ, मुला उ नाहीं जानत ह कि कउन ओका तन्दुरुस्त किहेस ह।
4 मइँ ओनका पिआर अउ स्नेह क “लसुरी” स अगुवाइ किहे रह्या। मइँ ओकरे गटइ स जुआ क हटाइ दिहेस अउर विनम्रता स खिलाएस ह।
5 मुला उ पचे मोर कइँती नाहीं मुड़ब्या! नाहीं, उ पचे मिस्र चला गएन या आपन राजा अस्सूर क राजा क लगे गएन। उ पचे मोर कइँती वापिस आवइ स इन्कार करत ह।
6 ओनकर सहरन क ऊपर लटकत भवा तरवार ओनकर सबइ ताकतवार मनइयन क ओनकर बुरे जोजना क कारण बर्बाद कइ देइहीं।
7 “मोर लोग मोह स मुड़ि जाब अउर उ एका नाहीं रोक सकब। उ पचे आपन मदद बरे बाल देवता क पुकारेस, का उ ओका बचा सकेस?”
8 “हे एप्रैम, मइँ तोहका तजि देइ नाहीं चाहत हउँ। हे इस्राएल, मइँ चाहत हउँ कि मइँ तोहार रच्छा करउँ। मइँ तोहका अदमा क तरह नाहीं कइ देइ चाहत हउँ। मइँ नाहीं चाहत हउँ कि तोहका सबोर्याम जइसा बनाइ देउँ। मइँ आपन मन बदलत हउँ तोहरे बरे पिरेम बहोत गहिर अहइ।
9 मइँ आपन भयंकर किरोध क जीतइ नाहीं देब। मइँ फुन एप्रैम क बर्बाद नाहीं कइ देब। मइँ तउ परमेस्सर अहउँ, मइँ कउनो मनई नाहीं। मइँ तउ उ पवित्तर हउँ, मइँ तोहरे संग हउँ। मइँ आपन किरोध क नाहीं देखाउब।
10 मइँ सेर क दहाड़ स गर्जन करब। मइँ गर्जन करब अउर मोरी संतानन निचके अइहीं अउर मोरे पाछे चलिहीं। मोर संतानन जउन डर स थर-थर काँपति अहइँ, पच्छिम स अइहीं।
11 उ पचे कँपकँपात चिड़ियन स मिस्र स अइहीं। उ पचे काँपत कबूतरे क नाईर् अस्सूर क धरती स अइहीं अउर मइँ ओनका ओनके घर वापस लइ जाब।” यहोवा इ कहे रहा।
12 एप्रैम मोर बरे बहोत सारा लबार बोलेस; इस्राएल क घर मोर बरे बहोत सारा गलत बातन बोलेस। मुला अबहीं भी यहूदा परमेस्सर क सेवा करत रहेन अउर उ पवित्तर क बरे विस्सासी अहा।”
Hosea 12
1 एप्रैम हवा पकड़इ क जतन करत ह। उ पचे सारे दिन पूर्वी हवा क पाछा करत रहत ह। सारा रास्ट्र बेईमानी अउर हिंसा मँ व्यस्थ अहइ, उ पचे अस्सूर क संग संधि किहेन। उहइ समइ नज़ाराना क रूप मँ मिस्र क तेल भेजत ह।
2 यहोवा कहत ह, “इस्राएल क खिलाफत मँ मोर एक अभियोग अहइ। याकूब जउन करम किहेन ह, ओका ओनके बरे सजा दीन्ह जाइ चाही। आपन किए भए वुकरमन बरे ओका निहचइ ही सजा दीन्ह जाइ चाही।
3 अबहीं याकूब आपन माता क गरभ मँ ही रहा कि उ आपन भाई क संग चालबाजी करब सुरू कइ दिहस। याकूब एक ठु सक्तीवाला युवक रहा अउर उ समइ उ परमेस्सर क संग वुस्ती लड़े रहा।
4 याकूब परमेस्सर क सरगदूत स वुस्ती लड़ेस अउ ओका जीत लिहस। उ गोहराएस अउर कृपा करइ बरे बिनती किहस। इ बेतेल मँ भवा रहा। उ जगह पइ उ ओहसे बातचीत किहे रहा।
5 हाँ, यहोवा फउजन क परमेस्सर अहइ। ओकर नाउँ यहोवा अहइ।
6 तउ आपन परमेस्सर कइँती लउटि आवा। ओकरे बरे वफ़ादार रहा। निआव अउर दयालुता कायम रखा। हमेसा आसावादी रहा कि परमेस्सर आपन वाचा क पूरा करब्या।
7 “याकूब अइसा व्यापारी क तरह अहइ जउन लोगन स छल करइ बरे गलत तराजू क उपयोग करत ह।
8 एप्रैम कहेस, ‘मइँ धनवान हउँ। मइँ सच्ची सम्पत्ति पाइ लिहे अहउँ। मोरे अपराधन क कउनो मनई क पता ही नाहीं चली। मोरे पापन क कउनो मनई जान ही नाहीं पाई।’
9 “मुला मइँ तउ तबहिं स तोहार परमेस्सर यहोवा हउँ जब तू मिस्र क धरती स आवा रहा, जब मइँ तोहका रेगिस्तान मँ तम्बुअन मँ राखे रहा, ठीक वइसा ही जइसा कि पनाह क त्यौहार क समइ मँ रहा करत रहेन।
10 मइँ नबियन स बात किहेउँ। मइँ ओनका अनेक दर्सन दिहेउँ। मइँ नबियन क तू पचन्क आपन पाठ पढ़ावइ क बहोत स तरिका दिहेउँ।
11 मुला गिलाद मँ अबहुँ भी पाप अहइ। हुआँ बियर्थ देवतन अहइँ। गिलगाल मँ लोग बर्धन क बलियन क अर्पण करत हीं। हुवाँ बहुत स वेदियन मँ जोते भए खेते क कतारन क नाईं अहइँ।
12 याकूब आराम क भुइँया कइँती भाग गवा। उ पचे दास क नाईं काम किहेन जे आपन दुई ठू पत्नियन पावइ खातिर भेड़िन क निगरानी किहेस।
13 तब यहोवा एक ठु नबी क जरिये इस्राएल क मिस्र स बाहेर लाएस, अउर पाछे दूसर नबी दुआरा इस्राएल क सुरच्छा किहेस।
14 मुला एप्रैम यहोवा क बहोत जियादा गुस्साइ दिहस, एह बरे परमेस्सर यहोवा एका आपन अपराधन बरे भुगतवाएस। ओकर सुआमी (परमेस्सर) ओहसे ओकर लज्जा बरदास्त करइ देइ।”
Hosea 13
1 “एप्रैम बंसज इस्राएल क तमाम जातियन क बीच मँ बहोत जियादा सक्तीसाली बनि गवा। एप्रैम जब बोला करत रहा, तउ लोग काँपात रहेन। मुला एप्रैम मरि गवा, कहेकि उ बाल देवता क पूजइ क कारण पाप किहे रहा।
2 अउर अब उ पचे अपने बरे मूरतियन बनाइके लगातार पाप किहेन। ओकर वुसल कारीगर आपन सबसे अच्छा वुसला स ओकर चित्रन क तरासइ लागेन। तउ उ पचे ओन चित्रन स बातन करइ लागेन अउर उ सबइ लोग ओन बछवा क चित्रन चूमइ लागेन।
3 इहइ कारण उ पचे भिंसारे क उ कोहरा अउ भिंसारे क ओस क नाईं नज़र स ओझल होइ जाइहीं। जउन गायब होइ जात ह। उ पचन्क उ भूसा क तरह उड़ा लेजाइ चाही जेका खरिहाने स उड़ावा जात ह। उ पचे उ धुआँ क समान होइहीं जउन कउनो चिमनी स उठत ह अउर लुप्त होइ जात ह।
4 “तू लोग जब मिस्र मँ भवा करत रह्या, मइँ तबहिं स तोहार परमेस्सर यहोवा अहउँ। मोका तजिके तू पचे कउनो परमेस्सर क नाहीं जानत रह्या। मोर इलावा तोहका कउनो नाहीं बचाइ सकत ह।
5 बयाबान मँ, हाँ, सूखा रेगिस्ताने मँ जहाँ पानी नाहीं होइ, मइँ तू सबन्क धियान दिहे रह्या।
6 मइँ इस्राएलियन क खाइ क दिहेउँ। उ पचे उ भोजन खाएन। आपन पेट भरिके उ पचे तृप्त होइ गएन। ओनका घमंड होइ गवा अउर उ पचे मोका बिसरि गएन।
7 “मइँ इहइ बरे सरे क तरह होइ जाबउँ। मइँ राहे पइ घात लगाए भए चीता जइसा होइ जाब।
8 मइँ ओन पइ उ रीछनीं क तरह झपट पड़ब, जेहसे ओकर गदेलन छोर लीन्ह गवा होइँ। मइँ ओन पइ हमला करब। मइँ ओनकर छातियन क चीर फाड़ देबउँ। मइँ उ सेर या कउनो दूसर अइसे हिसंक पसु क तरह होइ जाबँउ जउन आपन सिकार क फारिके खात रहत होत ह।”
9 “हे इस्राएल, मइँ तोहार रच्छा किहे रहेउँ, मुला तू मोसे मुँह मोड़ लिहा। तउ अब मइँ तोहार नास करब
10 तोहार राजा कहाँ बाटइ जउन तोहरे सबहिं नगरन मँ तोहका बचाइ? कहाँ बाटइ तोहार सासक जेहसे तू आपन जरूरत क मागत ही कि “मोका एक राजा अउर राजवुमार द्या।”
11 मइँ कोहाइ गएउँ अउर मइँ तू पचन्क एक राजा दइ दिहेउँ। मइँ अउर जियादा कोहाइ गएउँ अउर मइँ तू पचन्स ओका छोरि लिहेउँ।
12 एप्रैम आपन अपराध छुपावइ क जतन किहस, उ सोचे रहा कि ओकर पाप गुप्त अहइँ। मुला ओन बातन बरे ओका सजा दीन्ह जाइ।
13 ओकर सज़ा अइसी होइ जइसे कउनो मेहरारू एक बच्चा क जमन देइ क जतन करत अहइ, मुला उ बच्चा बुद्धिमान नाहीं होइ। हिआँ तलक कि जब समइ आइ, उ गरभ स बाहेर नाहीं निकरी।
14 का मइँ ओनका गढ़ा स बचाइ लेब? नाहीं, मइँ नाहीं बचाब! का मइँ ओनका मउत क पकड़ स बचाइ लेब? नाहीं! मइँ नाहीं बचाब! हे मउत, आपन महामारियन ओन पइ लावा! हे कब्र, आपन तबाही ओन पइ लावा! मइँ ओह पइ कउनो दया नाहीं देखाउब।
15 सायद उ कछू समइ क लिए सरकण्डा क पउधा क नाईं बढ़इ जारी रखिहीं। मुला गरम पुर्बी हवा आउब्या, अउर यहोवा क कइँती स, रेगिस्तान स आउब्या। परिणाम ओकर झरना सूख जाई; अउर पानी क स्रोत सूख जाई। उ हवा ओकर सबइ खज़ाना उड़ा लेजाइहीं जेका उ आपन गोदाम मँ जमा किहे रह्या ह।
16 “सोमरोन क सजा दीन्ह जाइ काहेकि उ आपन परमेस्सर स मुँह फेरे रहा। इस्राएलियन तरवारे स मार दीन्ह जइहीं। ओनकर संतानन क चिथरा उड़ाइ दीन्ह जाइ। ओनकर गाभिन मेहररुअन चीरिके खोल दीन्ह जइहीं।”
Hosea 14
1 हे इस्राएल, तोहार पतन भवा अउर तू परमेस्सर क खिलाफ पाप किहा। एह बरे अब तू पचे आपन परमेस्सर यहोवा कइँती लौटि आवा।
2 यहोवा कइँती लौटि आवा अउर आपन जिन्नगी क बदल दे! यहोवा स कहा,“हमरे तमाम पापन माफ़ करा, मोर पराथना क सुना। बलिदान क जगह पइ हम पचे आपन मुँहे स तोहार स्तुति कइके तोहका भेंट करत हउँ।
3 अस्सूर हमका बचाइ नाहीं सकब, हम पचे जुद्ध क घोड़न पइ सवार नाहीं होब्या। हम पचे तोहसे प्रतिग्या करत हउँ कि तोहका उ मूरतियन क जइसा नाहीं समुझब जेका हम आपन ही हाथन स बनाएस ह। काहेकि तू उहइ पमेस्सर अहइ जउन अनाथ बच्चन पइ दाया देखॉवइवाला ह तू हम पचन पइ भी दाया देखाउब।”
4 यहोवा कहत ह, “उ पचे मोका तजि दिहन। मइँ ओनका एकरे बरे छिमा कइ देब। मइँ ओनसे मुक्त भाव स पिरेम करबउँ। मइँ अब ओन पइ कोहान नाहीं अहउँ।
5 मइँ इस्राएल बरे ओस क नाईं होइ जाब। चमेली क नाईं खिलब। उ लबानोन क देवदार बृच्छन नाइ बढ़ब्या।
6 उ नवा डारन निकारइ सुरू करब्या। उ जइतून क बृच्छ क नाईं सुन्नर होब्या। अउ ओकर सुगंध देवदार बृच्छन क नाईं होब्या।
7 “इस्राएल फुन स उ लोगन क सहारा देइ जेका मदद क जरूरत अहइ। उ पचे अन्न क नाईं या अंगूरे क बेल क नाईं जउन कि बृच्छ क छाया मँ बढ़त ह। इस्राएल लबानोन क दाखरस क तरह प्रसिद्ध होइहीं।”
8 “हे एप्रैम, मोका मूरतियन क बराबर जिन समुझा। उ मइँ ही अहउँ जउन सरग मँ स तोहका बचाएस। मइँ एक सदाबहार सनोवार क बृच्छ क नाईं हउँ। तोहार फल मोहसे ही आवत हीं।”
9 बुद्धिमान कउन अहइ? ओन व्यक्ति क एन बातन समुझइ द्या! कउनो समुझ रहत ह उ व्यक्ति क सच्चाइ क समुझइ द्या। काहेकि यहोवा क राहन नीक अहइँ। अच्छे लोग ओन पइ चलिहीं, लेकिन बिद्रोही लोग ओह पइ ठोकर खाइहीं।
Joel 1
1 पतूएल क पूत योएल यहोवा स इ सँदेसा क पाएस:
2 मुखिया लोगो, इ सँदेसा क सुना। हे इ देस क बसइया लोगो, तू पचे सबहिं मोर बात सुना। का तु पचन्क सारी जिन्नगी मँ पहिले कबहुँ कउनो अइसी बात घटी ह का तू पचन्क पुरखन क जिन्नगी मँ कबहुँ कउनो अइसी बात घटी ह
3 इ बातन क बारे मँ तू पचे आपन लरिकन क बतावा करब्या अउर तोहार पचन्क लरिकन इ सबइ बातन आपन लरिकन क बतइहहीं अउर तोहार पचन्क नाती पोतन इ सबइ बातन अगवा क पीढ़िन क बतइहीं।
4 वुतरत भइ टिड्डियन स जउन कछू भी बच गवा, ओका भिन्नात भइ टिड्डियन खाइ लिहन अउर भिन्नात भइ टिड्डियन स जउन कछू बचा, ओका फुदकत भइ टिड्डियन खाइ लिहन ह अउर फुदकत भइ टिड्डियन स जउन कछू रहि गवा, ओका बिनास करइवाली टिड्डियन चट कइ डाइन ह।
5 ओ नसाबाज लोगो, जाग्ग, उठा अउ विलाप करा। ओ सबहिं दाखमधु पिवइया लोगो, विलाप करा। काहेकि तू लोगन क लगे अब अउर कबहुँ पिवइ बरे मीठ दाखमधु नाहीं होब्या।
6 एक सक्ती साली रास्ट्र क नाईं जउन आपन अंगिनत सिपाहियन क संग होइ भयंकर टिड्डियन क मोरे देस पइ हमला करइ बरे आएस। ओनकर दाँत सेर क दाँत क नाई रहेन, ओनकर जबरा सेरनी क जबरा क नाई रहेन।
7 उ सबइ “टिड्डन” मोर अंगूरे क बगियन क बर्बाद कइ दिहस। उ पचे मोरे अंजीरे क बृच्छ क तोड़ दिहस। उ पचे मोरे बृच्छन टहनियन क छाल लक उधेड़ लिहेस अउर ओनका भुइँया पइ लोकाइ दिहेस।
8 अब तू उ जवान दुलहन जइसा जउन आपन होइवाली मनसेधू (मंगेतर) जउन कि सादी स पहिले ही मारा गएस ह क कारण सोक क ओढ़ना पहिरे होइ अहइ, रोआ।
9 हे याजक लोगो! हे यहोवा क सेवक लोगो, विलाप करा। काहेकि यहोवा क मदिर मँ स तू अब अउर न तउ अन्न क भेंट अउर न ही पेय भेंट पाउब्या।
10 खेत बर्बाद होइ गवा अहइँ। हिआँ तलक कि धरती भी रोअत ह काहेकि अन्न बर्बाद होइ गवा ह। नवा दाखमधु नाहीं होब्या काहेकि अंगूर क फसल बर्बाद होइ गवा ह अउर जइतून क बृछ तेल दइ क काबिल नाहीं होब्या।
11 हे किसान लोगो, तू पचे लाज करा। हे अंगूरे क बागबान लोगो, जोर स विलाप करा। तू पचे गोहूँ अउर जउ बरे भी विलाप करा। काहेकि खेते क फसल बर्बाद होइ गवा ह।
12 अंगूरे क बेलन झुराइ गइ अहइँ अउर अंजीर क बृच्छ मुरझात अहइँ। अनारे क बृच्छ, खजूरे क बृच्छ अउ सेब क बृच्छ-बगियन क इ सबइ बृच्छ झुराइ ग अहइँ। लोगन क बीच खुसी मरि गइ अहइ।
13 हे याजक लोगो, सोक क ओढ़ना पहिरा, जोर स बिलाप करा। हे वेदी क सेवक लोगो, जोर स बिलाप करा। हे मोरे परमेस्सर क दास लोगो, आपन सोक ओढ़ना मँ तू पचे सोइ जाब्या। काहेकि अब हुआँ अन्न अउ पेय भेंटन परमेस्सर क मंदिर मँ नाहीं होइहीं।
14 उपवास करइ बरे रास्ट्र क कहा, सभी लोगन क एक खास सभा बुलाइ ल्या। सभी बुर्जुग लोगन अउर देस क सभी निवासियन क एक साथ बटोर ल्या। ओनका आपन यहोवा परमेस्सर क मंदिर मँ बटोर ल्या।
15 यहोवा क भयंकर दिन हम लोगन क नजदीक आ गवा ह। उ दिन सर्वसवतीमान परमेस्सर तबाही लाइ। यह बरे तोहका जरुर सोक मनाइ चाही।
16 हमार खइया क हमरे लखत-लखत चट होइ ग अहइ। हमरे परमेस्सर क मंदिर स आन्नद अउ खुसी जात अहइ।
17 हम पचे खेत मँ बिया तउ बोए रहे, मुला उ झुराइके मरि गवा अहइँ यह बरे कोठियन खाली अहइ। हमार खिलहान खाली पड़ा अहइँ काहेकि फसल झुराइ गवा अहइँ।
18 हमार गोरू भूख स कराहत अहइँ। हमार गोरू खोवा-खोवा ऍह कइँती ओह कइँती भटकत अहइँ। ओनके लगे खाइ क घास नाहीं अहइ। भेड़िन मरति अहइँ।
19 हे यहोवा, मइँ तोहार दोहाइ देत अहउँ। काहेकि हमरी चरागाहन क आगी रेगिस्तान बनाइ दिहे अहइ। बगियन क सबहिं बृच्छन लपटन स झउँसि गवा अहइँ।
20 जंगली पसु भी तोहार लगे हाँपत भवा आइहीं काहेकि नदियन झुराइ ग अहइँ। आगी हमार हरी-भरी चरागाहन क रेगिस्ताने मँ बदल दिहस ह।
Joel 2
1 सिय्योन पइ नरसिंहा फूँका। मोरे पवित्तर पर्वते पइ चिताउनी सुनावा। ओन सबहिं लोगन क जउन इ धरती पइ रहत हीं, तू पचे डर स कँपाइ द्या। यहोवा क बिसेस दिन आवत अहइ। इ बहोत ही लगे अहइ।
2 उ दिन अँधियारा भरा होइ, उ दिन उदासी अउर सोक क होइ, उ दिन करिया होइँ अउर उ दिन दुदिर्न होइ। भोरे क पहिली किरन क संग तू पचन्क पहाड़े पइ फउज फइलत भइ देखाँइ देइ। उ फउज बिसाल अउर सवती होइ। तू अइसा फउज पहिले तउ कबहुँ भी नाहीं लखा रहा अउ अगवा भी कबहुँ भविस्स काल मँ अइसा नाहीं लखी।
3 उ फउज इ धरती क धधकत आगी जइसे तहस-नहस कइ देइ। जब फउज उ धरती स होइ क आगे बढ़इ तउ उ धरती जउन कि एदेन क बगीचा जइसा रहा उ एक उजड़ भवा रेगिस्तान मँ बदल जाइ। ओनसे कछू भी नाहीं बचि पाइ।
4 टिडिय घोड़न क तरह देखइ जात अहइ अउर अइसे दउड़त हीं जइसे सिपाही दोड़त हीं।
5 का तू इ आवाज क सुनत ह। इ पहाड़े पइ चढ़त भए रथन क खड़-खड़ क आवाज क नाई आवाज करत ह। इ आवाज अइसा अहइ जइसे जलत भइ भूसा क चटपट आवाज। उ सबइ लोग सवतीवाले अहइँ। उ पचे जुद्ध बरे तइयार अहइँ।
6 इ फउज क अगवा लोग डर स काँपत हीं। ओनकर मँुर डर स पिअर पड़ि जात हीं।
7 उ सबइ फउजी बहोत तेज दउड़न हीं। उ सबइ फउजी देवारन पइ चढ़त हीं। हर एक फउजी सोझइ ही अगवा बढ़ि जात ह। उ पचे आपन रास्ता स तनिकउ भी नाहीं हटतेन।
8 उ पचे एक दूसर क आपुस मँ नाहीं धकियउतेन। हर एक अपने राहे पइ चलत ह। अगर कउनो फउजी जखमी हो अउर गिरि जात ह तउ भी उ पचे आपन राहे स नाहीं मुरत ह।
9 उ पचे आचानक ही सहरे पइ चढ़इ जाब। उपचे सहरे क देवार पाइ दोरब। उ पचे खिड़कियन स होइके भवनन भितरे घुस जात हीं जइसे कउनो चोर घुसि जाइ।
10 धरती अउ अकासे तलक ओनके समन्वा थर्रात हीं। सूरज अउ चाँद भी करिया पड़ि जात हीं अउर तारा चमकब तजि देत हीं।
11 यहोवा जोर सँ अपनी फउन क बुलावत ह। ओकर छावनी बिसाल अहइ उ फउज ओकरे हुवुमन क मानब्या। उ फउज बहोतइ सक्तीसाली अहइ। यह बरे यहोवा क बिसेस दिन महान अउ खउफनाक अहइ। कउनो भी मनई ओक आइ स रोक नाहीं सकत।
12 किन्तु अब भी यहोवा क सँदेसा इ अहइ: “पुरे मन स मोरे लगे वापस आवा। विलाप करा अउ चीख व पुकार करा अउर उपवास करा।
13 अरे आपन ओढ़ना क बदले, तू पचे आपन सोक व दुःख क देखाइ बरे आपन दिल क ही फारि डावा। तू पचे आपन परमेस्सर यहोवा क लगे लउटि आवा। उ दयालु अउ करूणा स पूर्ण अहइ। ओका हाली किरोध नाहीं आवत ह। ओकर पिरेम महान अहइ। होइ सकत ह जउन किरोध उ तू पचन्क बरे सोचे होइ, ओकरे बरे उ आपन मन बदल लेइ।
14 कउन जानत ह, होइ सकत ह यहोवा आपन मन बदल लेइ अउर इ भी होइ सकत ह कि उ तू पचन क बरे कउनो वरदान छोड़ जाइ। फुन तू पचे आपन परमेस्सर यहोवा क अन्नबलि अउ पेय भेंट अर्पण कइ पावा।”
15 सिय्योन पइ नरसिंहा फूँका। उ बिसेस सभा बरे बोलावा द्या। उ उपवास क खास समइ क बोलावा द्या।”
16 तू पचे, लोगन क बटोरा। बिसेस सभा बरे ओनका बोलावा। तू पचे बुढ़वा मनइयन क बटोरा अउर लरिकन क भी संग मँ बटोरा। उ सबइ नान्ह गदेलन भी लिआवा जउन अब भी महतारी क दूध पिअत अहइँ। नई दुलहिन क अउर दुलहा लोगन क ओनकर ओलरइ-कमरा स बोलावा।
17 हे यहोवा क सेवक, याजक लोगो आँगन अउ वेदी क बीच विलाप करा। ओन सबहिं लोगन क इ प्रार्थाना करइ द्या: “हे यहोवा आपन लोगन पइ दया करा। तू पचे आपन लोगन क लजाइ जिन द्या। दूसर रास्ट्र क हम लोगन पइ हँसत भए इ कहइ क मौका जिन द्या कि “ओनकर परमेस्सर कहाँ अहइ?”‘
18 तउ यहोवा क आपन देस क बारे जलन होइ गवा। अउर आपन लोगन क बरे मँ अफसोस परकट किया।
19 ओनके प्रार्थाना क उत्तर मँ यहोवा आपन लोगन स कहेस।, “मइँ तोहरे पचन्क बरे भरपूर अन्न, दाखमधु अउर तेल पठउब। मइँ अब दूसर रास्ट्रन क तू पचन्क पइ हँसइ नाहीं देब।
20 मइँ उत्तर क हमलाआवर फउजन क तू पचन्क धरती स वापस भेज देब। मइँ ओनका झुरान अउ उजड़ी भइ धरती पइ पठाउब। ओनमाँ स कछू पूरब क समूद्दरे मँ अउ ओनमाँ स कछू पच्छिम समूद्दरे मँ जइहीं। उ पचे मरि भए होइ ओनके सड़त भइ दुर्गन्ध आकासे तलक जाइ काहेकि उ पचे बहोत ही खउफनाक करम किहस। परमेस्सर बहोत महान काम किहेउँ ह।”
21 हे धरती, तू डर स जिन काँपा। खुस होइ जा अउर आनन्द स भरि जा। यहोवा बहोत महान काम किहेउँ ह।
22 ओ मैदान क पसुओ, तू पचे जिन डरा। रेगिस्तान क चरागाहन मँ घास उगइहीं। फल क बृच्छ फल देइ लागिही। अंजीर क बृच्छ सबन्त नीक फल अउर अंगूरे क बेलन भरपूर फसल देइहीं।
23 तउ, हे सिय्योन क लोगो, खुस रहा। आपन परमेस्सर यहोवा मँ आनन्द स भरि जा। काहेकि उ तू पचन्क संग भला करी अउर तू पचन्क बर्खा देइ। उ तू पचन्क अगवा क बर्खा देइ। अउर उ तू पचन्क पाछे क भी बर्खा देइ जइसे पहिले देत रहा।
24 तोहार पचन्क इ सबइ खरिहान गोहूँ स भरि जइहीं अउर तू पचन्क वुप्पे दाखमधु अउर जइतून क तेल स उफनाइ लागिहीं।
25 उ सबइ भिनभिनात भइ टिड्डियन, फुदकत भइ टिड्डियन, बिनास करइवाली टिड्डियन अउ वुतरत भइ टिड्डियन जउन कि तोहार पचन्क चिजियन खाइ गएन मइँ ही पठए रहेउँ। मुला मइँ यहोवा ओन मुसीबतन क बरिसन क बदला तू पचन्क चुका देब।
26 तू पचे भरपूर खाइब्या अउर खाइ क सन्तुट्ठ होइ जाब्या। आपन परमेस्सर यहोवा क नाउँ क तू पचे गुणगान करब्या काहेकि उ तू पचन्क बरे अद्भुत बातन किहेस ह। अब मोर लोग फुन कबहुँ लज्जित न होइहीं।
27 तू पचन्क पता लग जाइ कि मइँ इस्राएली लोगन्क साथ हउँ तू पचन्क पता लगि जाइ कि मइँ तोहार सबन्क परमेस्सर यहोवा हउँ। अउर कउनो दूसर परमेस्सर नाहीं अहइ। मोर लोग फुन कबहुँ लजइहीं नाहीं होइहीं।”
28 “एकरे पाछे मइँ तू सबन्पइ आपन आतिमा उडेरबउँ। तोहार पचन्क बेटवन-बिटियन भविस्सवाणी करिहीं। तोहार पचन्क बूढ़े सपनन लखिहीं अउर तोहार पचन्क नउजवान दर्सन लखिहीं।
29 “उ समइ मइँ आपन आतिमा तोहार दास-दासियन तलक पइ भी उडेरब।
30 धरती पइ अउ अकासे मँ जउन घटित होहीं ओकरे बरे मँ मइँ चेतावनी देब्या। हुआँ खून, आगी अउ गहिर धुआँ क स्तम्भ होइ।
31 “सूरज अँधियारे मँ बदल जाइ अउर चाँद खून क रंग मँ बदली। तउ फुन यहोवा क दिन जउन कि सचमुच मँ महान अउ भयानक दिन अहइ आइ।
32 “तब कउनो भी मनई जउन यहोवा स ओकरे नाउ लइ क प्रार्थाना करइ ओका बचा लइ जाइ। काहेकि यहोवा वादा किहेस ह कि सिय्योन क पर्वते पइ अउर यरूसलेम मँ उ सबइ लोग होइहीं जेका बचावा गवा अहइँ। सिरिफ उहइ लोग बचिहीं जेका यहोवा बुलावत ह।
Joel 3
1 “हाँ इ सच अहइ कि मइँ उ समइ, मइँ यहूदा अउ यरूसलेम क लोगन क बंधन स आजाद कराइके वापिस लइ आउबउँ।
2 मइँ सबहिं रास्ट्रन यहोसापात क घाटी मँ बटोरब। अउर हुअँइ मइँ ओनका निआब करबउँ। काहेकि ओन रास्ट्रन मोरे इस्राएली लोगन क तितर-बितर कइ दिहे रहा अउर ओनका दूसर रास्ट्रन क बीच रहइ बरे मजबूर किहे रहेन। मइँ ओन रास्ट्रन क सजा देबउँ जउन मोर धरती क बँटवारा कइ दिहे रहेन।
3 उ पचे मोर धरती क आपन लोगन क बीच बँटवारा करइ बरे पाँसा लोकाए रहेन। उ पचे लरिकन क बेंचिके ओकरे बदले रण्डी खरीदेन अउर दाखमधु खरीदइ बरे लड़कियन बेंचि डाएन अउर इ दाखमधु पी लिहेन।
4 “हे सोर, सीदोन अउर पलिस्तीन क सबहिं प्रदेसो। तू पचे मोरे बरे कउनो महत्व नाहीं राखत्या। का तू पचे मोरे कउनो बुरे करम बरे सजा देत रहत अहा? होइ सकत ह तू पचे इ सोचत अहा कि तू पचे मोका सजा देत रहत अहा मुला हाली ही मइँ तू पचन्क सजा देइवाला अहउँ।
5 तू पचे मोर चाँदी, सोना लूट लिहा। मोर बहोतइ कीमती खजानन क लइके तू पचे आपन मन्दिरे मँ धइ दिहा।
6 “यहूदा अउ यरूसलेम क लोगन क तू पचे यूनानियन क हाथे बेंच दिहा अउ इ तरह तू पचे ओनका धरती स बहोतइ दूर लइ गया।
7 तू पचे मोरे लोगन क सुदूर देस मँ बेच दिहा। मुला मइँ ओनका लउटाइके वापिस लिआउब अउर तू पचे जउन कछू किहा ह, ओकर बरे तू पचन्क सजा देब।
8 मइँ यहूदा क लोगन्क लगे तू पचन्क बेटवन-बिटियन क बेच देबउँ। अउर फुन उ पचे ओनका सबाइ लोगन्क बेच देइहीं जउन कि बहोत दूर रहत एहेन” इ सबइ बात होब्या काहेकि यहोवा इ सबइ बातन कहे रहा।
9 “लोगन क इ बताइ द्या-जुद्ध क तइयार रहा। सपहसालार लोगन क जगावा, सारे जोधन क नजदीक आइ द्या। ओनका हियाँ आइ द्या।
10 आपन हरे क फारन क पीटिके तरवार बनावा अउ आपन हँसुआ क भाला मँ बदल द्या। दुर्बल लोग जरुर कहइ लागइँ कि “मइँ एक ठु सूरबीर हउँ।”
11 हे सबहिं रास्ट्र क लोगो, हाली आवा। एक ठु जगह पइ बटुर जा। ये यहोवा, तू भी आपन बरिआर सिपाहियन क लइ आवा।
12 हे रासट्र जागा! यहोसापात क घाटी मँ आ जा। मइँ सबहिं रास्ट्रन क जउन कि मोरे धरती क आसपास रहत अहइँ क निआउ करइ बरे बइठिहीं।
13 तू पचे आपन संग हँसुआ लइ आवा, काहेकि फसल पक गवा ह। आवा, तू पचे अंगूर रौंदा काहेकि अगूंर क कोल्हू भरा भवा अहइ। घड़न भरि भवा अइहीं अउर बाहेर उफनिहीं काहेकि रास्ट्रन क पाप बहोत बड़का अहइ।
14 उ फैसला क घाटी मँ बहोत-बहोत सारे लोग अहइँ काहेकि उ फैसले क घाटी मँ यहोवा क दिन आवइवाला अहइ।
15 सूरज चाँद करिया पड़ि जइहीं। तारे चमकब तजि देइहीं।
16 परमेस्सर यहोवा सिय्योन स गरजी। उ यरूसलेम स गरजी, अकास अउ धरती काँप-काँप जइहीं मुला आपन लोगन बरे परमेस्सर यहोवा सरण क ठउर होइ। उ इस्राएल क लोगन क सुरच्छा ठउर होइ।
17 तब तू पचे जान जाब्या कि मइँ तोहार पचन्क परमेस्सर यहोवा हउँ। मइँ सिय्योन पइ बसत हउँ जउन मोर पवित्तर पर्वत अहइ। यरूसलेम पवित्तर बनि जाइ। फुन पराये लोग कबहुँ भी ओहमाँ स होइके नाहीं जाइ पइहीं।”
18 उ दिन मधुर दाखमधु पहाड़न स टपकी। पहाड़न स दूधे क नदियन बहइहीं अउर यहूदा क सबहिं झुराइ नदियन बहत भए जले स भरि जइहीं। यहोवा क मन्दिर स एक फौआरा फूटी जउन सित्तीम क घाटी क पानी स सींची।
19 मिस्र उजाड़ होइ जाइ अउर एदोम एक उजाड़ भुइँया मँ बदल जाइ। काहेकि उ पचे यहूदा क लोगन क संग निर्दयी रहेन। उ पचे ओनके ही देस मँ निरपराध लोगन क जान स मारि रहेन।
20 मुला यहूदा मँ लोग हमेसा ही बसा रइहीं अउर यरूसलेम मँ लोग पीढ़ी दर पीढ़ियन तलक रइहीं।
21 ओ लोग मरे लोगन क बध किहे रहेन एह बरे निहचय ही मइँ ओन लोगन स बदला लेब। मइँ कसूरवार लोगन क सजा दइ बिना नाहीं जाइ देब! काहेकि सिय्योन यहोवा क निवासे क ठउर अहइ।”
Amos 1
1 आमोस क सँदेसा। आमोस तकोइ नगर क गड़रिया रहा। यहूदा क राजा उज्जिय्याह क सासन काल अउ इस्राएल क राजा योआस क पूत यारोबाम क सासन काल मँ आमोस क इस्राएल क बारे मँ दर्सन भवा। इ भूकम्प क दुइ बरिस पहिले भवा।
2 आमोस कहेस: “यहोवा सिय्योन मँ सेर क तरह दहाड़ी। यहोवा क दहाड़ यरूसलेम मँ होइ। गड़रियन क हरिअर मइदान झुराइ जइहीं। हिआँ तलक कि कमेर्ल पर्वत भी झुराई।”
3 इ सबइ यहोवा कहत ह: मइँ दमिस्क क लोगन क ओनके जरिये कीन्ह गए अपराधन क सजा जरूर देब। काहेकि उ पचे गिलाद क, अन्न भूसा स अलग करइवाले लोहा क औजारन स पीटेस।
4 एह बरे मइँ हजाएल क घर (सिरिया) मँ आगी लगाउब, अउर उ आगी बेन्हदद क ऊँच किलन क नस्ट करी।
5 मइँ दमिस्क क दुआर क मजबूत छड़न क भी तोड़ देब। आवेन क घाटी मँ सिंहासन पइ बइठइवाले मनई क भी मइँ नस्ट करबउँ। अराम क लोग हार जइहीं। लोग ओनका बंदी बनाइके कीर देस मँ लइ जइहीं। यहोवा उ सबइ कहेस।”
6 यहोवा इ कहत ह: “मइँ निहचइ ही अज्जा क लोगन क जरिये कीन्ह गए अनेक पापन बरे ओनका सजा देब। काहेकि उ पचे लोगन क एक समूचे रास्ट्र क पकड़ेन अउ दास क रूप मँ एदोम क पठए रहेन।
7 “एह बरे मइँ अज्जा सहर क देवारे पइ आगी लगाउब। इ आगी अज्जा क महत्व स भरे भए किलन क नस्ट करी।
8 मइँ असदोद मँ राजसिंहासन पइ बइठइवाले मनई क नस्ट करबउँ। मइँ अस्कलोन मँ राजदाण्ड धारण करइवाले राजा क नस्ट करब। मइँ एव्रोन क लोगने क सजा देबउँ। तब अबहिं तलक जिअत बचे भए पलिस्ती मरिहीं।” परमेस्सर यहोवा इ सब कहेस।
9 यहोवा इ सब कहत ह: “मइँ निहचइ ही सोर क लोगन क ओनके जरिये कीन्ह गए अनेक अपराधन बरे सजा देब। काहेकि उ पचे लोगन्क एक समूचे रास्ट्र क पकड़ेन अउर एदोम क दास क रूप मँ पठए रहेन। उ पचे उ वाचा क याद नाहीं रखेन जेका उ पचे आपन भाइयन (इस्राएल) क संग किहे रहेन।
10 एह बरे मइँ सोर क देवारन पइ आगी लगाउब। उ आगी सोर क ऊँच मीनारन क नस्ट करी।”
11 यहोवा इ सब कहत ह: “मइँ निहचइ ही एदोम क लोगन क ओनके जरिये कीन्ह गए अनेक अपराधन बरे सजा देबउँ। काहेकि एदोम आपन भाई क पाछा तरवार लइके किहस। एदोम तनिक भी दाया नाहीं देखाँएस। एदोम क किरोध बराबर बना रहा। उ जंगली जनावर क तरह इस्राएल क चीर-फाड़ करत रहा।
12 एह बरे मइँ तेमान मँ आगी लगाउब। उ आगी बोस्रा क ऊँच किलन क नस्ट करी।”
13 यहोवा इ सबइ कहत ह: “मइँ निहचइ ही अम्मोन क लोगन क ओनके जरिये कीन्ह गए अनेक अपराधन बरे सजा देब। काहेकि उ पचे गिलाद मँ गर्भवती मेहररूअन क मार डाएन। अम्मोनी लोगन एह बरे किहन कि उ पचे उ देस क लइ सकइँ अउर आपन देस क बड़का कइ सकइँ।
14 “एह बरे मइँ रब्बा क देवार पइ आगी लगाउब। इ आगी रब्बा क ऊँच किलन क नस्ट करी। जुद्ध क दिन इ आगी लागी। इ आगी एक अइसे दिन लागी जब तुफानी दिन मँ आँधियन चलत रही होइहीं।
15 “तब एनकर राजा अउर प्रमुख धइ लीन्ह जइहीं। उ सबइ एक संग बंदी बनाइके लइ जावा जइहीं।” यहोवा उ इ सब कहेस ह।
Amos 2
1 यहोवा इ सब कहत ह: “मइँ मोआब क लोगन क एनके जरिये कीन्ह गए अपराधन क जरूर सजा देबउँ। काहेकि मोआब एदोम क राजा क हड़्डियन क बारिके चूना बनाएस।
2 एह बरे मइँ मोआब मँ आगी लगाउब अउर उ आगी करिय्योत क ऊँच किलन क नस्ट करी। हुआँ खउफनाक चिचियाहट अउ तुर्रही क अवाज होइ, अउर मोआब मरि जाइ।
3 एह बरे मइँ मोआब क राजा लोगन क समाप्त कइ देबउँ अउर मोआब क सबहिं प्रमुखन क मारि डाउब।” यहोवा उ सबइ कहेस।
4 यहूदा इ कहत ह: “मइँ यहूदा क ओकरे जरिये कीन्ह गए अनेक अपराधन बरे जरूर सजा देबउँ। काहेकि उ पचे यहोवा क आदेसन क माइन स इन्कार किहन। उ पचे ओनके आदेसन क नाहीं मानेन। ओनकर पुरखन झूठ पइ बिसवास किहेन अउर ओन लबार बातन यहूदा क लोगन स परमेस्सर क अनुसरण करब छोड़ाएन।
5 एह बरे मइँ यहूदा मँ आगी लगाउब अउर इ आगी यरूसलेम क ऊँच किलन क नस्ट कइ देइ।
6 यहोवा इ कहत ह: “मइँ इस्राएल क ओनके जरिये कीन्ह गए अपराधन बरे सजा जरूर देबउँ। काहेकि उ पचे चाँदी क टूकन बरे नीक अउ भोले-भाले लोगन क दास क रूप मँ बेचेस। उ पचे एक जोड़ी जूता खातिर गरीब लोगन क बेचेन।
7 उ पचे गरीब लोगन क धक्का दइके मुँहे क बले गिराएन अउर उ पचे ओनका वुचरत भए गएन। उ पचे कस्ट भोगन भए लोगन क एक ठु नाहीं सुनेन। पिता लोगन अउ पूतन एक ही जवान मेहरारु क संग तने स संबंध कायम किहेन, उ पचे मोरे पवित्तर नाउँ क अपवित्तर किहेन ह।
8 “उ पचे गरीब लोगन क ओढ़नन क लिहन अउ उ पचे ओन पइ गलीचन क तरह तब तलक बइठेन जब तलक उ पचे वेदी पइ पूजा करत रहेन। उ पचे गरिबन क ओनकर ओढ़नन क रेहन रखिके सिक्कन उधार दिहन। उ पचे लोगन क जुर्माना देइ क मजबूर किहन अउर उ जुर्माने क रकम स आपन परमेस्सर क मन्दिर मँ पिअइ बरे दाखरस खरीदेन।
9 “मुला मइँ ही ओनकर पहिले एमोरियन क नस्ट किहे रहेउँ। एमोरी लोग ऊँच बरगदे क बृच्छ क नाईर् रहेन। उ पचे ओतने सक्तीवाले रहेन जेतने बांज क बृच्छ। मुला मइँ ओनके ऊपरे क फल अउ ओनके खाने क जड़न क नस्ट किहेउँ।
10 “उ मइँ ही रहेउँ जउन तू पचन्क मिस्र देस स निकारिके वाएउँ। चालीस बरिस तलक मइँ तू पचन्क रेगिस्ताने स होइके लाएउँ। मइँ तू पचन्क एमोरियन क भुइँया पइ कब्जा कइ लेइ मँ मदद दिहेउँ।
11 मइँ तू पचन्क कछू पूतन क नबी बनाएउँ। मइँ तोहरे सबन्क नउजवानन मँ स कछू क नाज़ीर बनाएउँ। इस्राएल क लोगो, इ फुरइ अहइ।” यहोवा इ सबइ कहेस।
12 “मुला तू लोग नाज़ीर लोगन क दाखरस पियाया। तू पचे नवियन क भविस्सवानी करइ स रोक्या।
13 तू लोग मोरे बरे भारी बोझा क नाई अहा। मइँ उ गाड़ी क तरह हउँ जउन बहोतइ जियादा अनाजे से लदी होइके कारण निहुरी होइ।
14 कउनो भी मनई बचिके नाहीं निकरि पाइ, हिआँ तलक कि सब स जियादा दौड़इवाला भी। सक्तीवाले मनसेधू भी काफी सक्तीवाला नाहीं रहिहीं। फउजियन आपन क बचाइ नाहीं पइहीं।
15 धनुस अउ बानवाले भी नाहीं बचि पइहीं। तेज दउड़इवाले भी नाहीं बचि पइहीं। घुडसवार भी जिअत पराइ नाहीं पइहीं,
16 उ समइ, बहोतइ बीर जोधा भी नंगे हाथन भाग खड़ा होइहीं। ओनका आपन ओढ़ना तलक पहिरइ तलक क समइ भी नाहीं मिली।” यहोवा इ सबइ कहेस ह।
Amos 3
1 इस्राएल क लोगो, इ संदेसा क सुना। यहोवा तोहरे पचन्क बारे मँ इ सब कहेस ह। इ सँदेसा ओन सबहिं इस्राएलि परिवारन बरे अहइ जेनका मइँ मिस्र देस स बाहेर लियाएउँ ह।
2 “पृथ्वी पइ अनेक परिवार अहइँ। मुला तू पचे अकेल्ले अहा जेका मइँ बिसेस धियान देइ बरे चुनेउँ। मुला तू पचे मोरे खिलाफ होइ गया। एह बरे मइँ तू पचन्क सबहिं पापन्बरे सजा देबउँ।”
3 दुइ मनइयन एक संग नाहीं चल सकतेन जब तलक उ पचे कउनो वाचा नाही करइँ।
4 जंगल मँ सेर आपन सिकार क धरइ क पाछे ही गरजत ह। अगर कउनो जवान सेर आपन माँद मँ ही गरज होइ तउ ओकर सकेत इहइ अहइ कि उ आपन सिकार क धइ लिहस ह।
5 कउनो चिरइया भुइँया पइ जालि मँ तब तलक नाहीं पड़ी जब तलक ओहमाँ कउनो चुग्ग न होइ अउर अगर जालि बन्द होइ जाइ तउ उ चिरइया क फँसाइ लेइ।
6 अगर कउनो तुर्रही खतरा क चितउनी देइ तउ लोग डर स जरूर काँपि उठिहीं। अगर कउनो मुसीबत कउनो सहर मँ आवइ तउ ओका यहोवा पठएस।
7 मोर सुआमी यहोवा कछू भी करइ क निहचइ कइ सकत ह। मुला कछू भी करइ स पहिले उ आपन सेवक नबियन क आपन छुपी योजना बनाइ।
8 अगर कउनो सेर दहाड़ी तउ लोग डेराइ जइहीं। अगर यहोवा कछू भविस्सवक्ता स कही तउ भविस्सवाणी करी।
9 असदोद अउ मिस्र क ऊँच किलन पइ जा अउर इ सँदेसा क घोसणा करा: “सोमरोन क पर्वतन पइ जा। हुआँ तू पचे बहोत गड़बड़ी पउब्या। काहेकि लोग नाहीं जानतेन कि धमीर् कइसे रहा जात ह। उ पचे दूसर लोगन क बरे वूर रहेन। उ पचे दूसर लोगन स चिजियन लेत रहेन अउर ओन चिजियन क आपन ऊँच किलन मँ छुपावत रहेन। ओनकर खजानन चोरी अउर जबर दस्ती लीन्ह गइ ओनकर चिजियन स भरा अहइँ।”
10
11 एह बरे यहोवा कहत ह, “उ देस मँ दुस्मन आइ। उ दुस्मन तोहार पचन्क सक्ती लइ लेइ। उ ओन चिजियन क लइ लेइ जेनका तू पचे आपन किलन मँ छुपाइ रख्या ह।”
12 यहोवा इ कहत ह, “जइसे जब कउनो सेर कउनो मेमना पइ झपट्टा मारत ह तउ गड़रिया उ मेमना क सिरिफ कउनो हींसा ही बचाइ सकत ह। उ सेर क मुँहे स ओकर दुइ गोड़, या ओकर काने क एक हींसा क ही खेच सकत ह। ठीक इहइ तरह इस्राएल क जियादा लोग नाहीं बचाइ जाइ सकिहीं। सामरिया मँ रहइवाले लोग आपन बिछौना क कउनो कोना या आपन चौकी क पाया ही बचाइ पइहीं।”
13 मोर सुआमी सर्वसक्तीमान परमेस्सर यहोवा इ कहत ह: “याकूब (इस्राएल) क परिवारे क लोगन क इ सबइ बातन क चिताउनी द्या।
14 इस्राएल पाप किहेस अउर मइँ ओनकर पापन बरे ओनका सजा देब। मइँ बेतेल क वेदी क भी नस्ट करब। वेदी क सींगन काटि दीन्ह जइहीं अउर उ सबइ भुइँया पइ भहराइ जइहीं।
15 मइँ गर्मी क घरे क संग सदीर् क मौसम क घरे क भी नस्ट करब। हाथी दाँत स सजा घर भी नस्ट होइहीं। अनेक घर नस्ट कीन्ह जइहीं।” यहोवा इ सबइ कहत ह।
Amos 4
1 सोमरोन क पहाड़े पइ मोटी गइयन मोर बात सुना। तू पचे गरीब लोगन क दबावत अहा। तू पचे ओन गरीबन के ऊपर गुज़र जात ह। तू पचे आपन भतारन स कहति अहा, “पिअइ बरे हमरे बरे कउनो दाखमघु लिआवा।”
2 मोर सुआमी यहोवा आपन पवित्तर नाउँ स प्रतिग्या किहेस, कि तू पचन पइ मुसीबतन अइहीं। दुस्मन तोहमाँ स हर एक मछरी क नाईं लेइ जाब्या जेका काँटन स पकरइ जाइ तलक कछू पता नाहीं रहत ह।
3 उ तोहार पचन्क सहर नस्ट होइ। तू पचे देवारन क छेदन स सहर क बाहेर जाब्या। तू पचे आपन आपका ल्हासन क ढेरन पइ लोकउब्या।यहोवा इ सबइ कहत ह:
4 “बेतेल जा अउ पाप करा। गिलान जइ अउर जियादा पाप करा। आपन बलियन क भेंट भिंसारे करा। तीन दिन वाले पवित्तर दिनन मँ अपनी फसल क दसवँा हींसा लिआवा।
5 अउर खमीर क संग बनी धन्यवाद भेंट चढ़ावा। हर एक क स्वेच्छा भेंट क बारे मँ बताया। इस्राएल, तू पचे ओनका करब पसन्द करत अहा। एह बरे जा अउर उहइ करा।” यहोवा इ कहेस
6 “मइँ तू पचन्क अपने लगे बोलावइ बरे कई काम किहेउँ। मइँ तू पचन्क खाइ क कछू नाहीं दिहेउँ। तू पचन्क कउनो भी सहर मँ खइया क नाहीं रहा। मुला तू पचे मोरे लगे वापस नाहीं लउट्या।” यहोवा इ सबइ कहेस।
7 “मइँ बर्खा भी बन्द किहेउँ अउर इ फसल पाकइ क तीन महीना पहले भवा। एह बरे कउनो फसल नाहीं भइ। तब मइँ एक सहर पइ बर्खा होइ दिहेउँ मुला दूसर सहर पइ नाहीं। बर्खा देस क एक हींसा मँ भइ। मुला देस क दूसर हींसन मँ भुइँया बहोत सुखाइ गइ।
8 एह बरे दो या तीन सहरन स लोग पानी लिआवइ बरे दूसर सहरन क लड़खड़ात भए गएन। मुला हुआँ भी हर एक मनई बरे काफी जल नाहीं मिला। तउ भी तू पचे मोरे लगे मदद बरे नाहीं आया।” यहोवा इ सबइ कहेस।
9 “मइँ तू पचन्क फसलन क गर्मी अउ बेरामी स मारि डाएउँ। मइँ तू पचन्क बागन अउ अंगूरे क बगीचन क नस्ट किहेउँ। टिड़्डयन तू पचन्क अंजीरे क बृच्छन अउ जइतून क बृच्छन क खाइ डाएन। मुला फुन भी तू पचे मोरे लगे मदद क नाहीं आया।” यहोवा इ सबइ कहेस।
10 “मइँ तू पचन्क खिलाफ महामारियन वइसे ही पठएउँ जइसे मइँ मिस्र मँ पठए रहेउँ। मइँ तू पचन्क नउजवानन क तरवार क घाट उतारि दिहेउँ। मइँ तू पचन्क घोड़न लइ लिहेउँ। मइँ तू पचन्क डेरन क ल्हासन क दुर्गन्ध स भरेउँ। मुला तबहुँ भी तू पचे मोरे लगे मदद क वापस नाहीं लउट्या।” यहोवा इ सबइ कहेस।
11 “मइँ तू पचन्क वइसे ही नस्ट किहेउँ जइसे मइँ सदोम अउ अमोरा क नस्ट किहेउँ। इ दुइनउँ सहरन पूरी तरह नस्ट किन्ह गए रहेन। तू लोगन मँ स बचा भवा आगी स हींची गइ बरत छड़ी तरह रह्या। मुला तउ पइ भी तू पचे फुन भी मदद बरे मोरे लगे नाहीं लउट्या।” यहोवा इ सबइ कहेस।
12 “एह बरे इस्राएल मइँ तोहेर सबन्क संग इ सब करब। मइँ तोहरे साथ इ करब। इस्राएल आपन परमेस्सर स मिलइ बरे तइयार होइ जा।
13 मइँ कउन हउँ? मइँ उहइ हउँ जउन पर्वतन क बनाएउँ। मइँ तोहार परान बनाएउँ। मइँ लोगन क आपन विचार बताएउँ। मइँ ही भिंसारे क साँझे मँ बदलत हउँ। मइँ पृथ्वी क ऊपर क पर्वतन पइ चलत हउँ। मइँ कउन हउँ? मोर नाउँ यहोवा, फउजन क परमेस्सर अहइ।”
Amos 5
1 इस्राएल क लोगो, इ सँदेसा क सुना, इ सोक सँदेसा तोहेर पचन्क बारे मँ अहइ।
2 इस्राएल क वुँवारी गिर गइ अहइ। उ अब कबहुँ नाहीं उठी। उ धूरि मँ पड़ी अकेल्ली तजि दीन्ह ग अहइ। ओका उठावइवाला कउनो मनई नाहीं अहइ।
3 मोर सुआमी यहोवा इ कहत ह: “हजार फउजियन क संग सहर स जाइवाले अफसर सिरिफ सउ फउजियन क संग लउटिहीं। सउ फउजियन क संग सहर तजइवाले अफसर सिरिफ दस फउजियन क संग लउटिहीं।”
4 यहोवा इस्राएल क घराने स इ कहत ह: “मोर खोज करत आवा अउ जिअत रहा।
5 मुला बेतेल मँ न खोजा। गिल्गाल जिन जा। सीमा क पार न करा अउर बेर्सेबा न जा। गिल्गाल क लोग बन्दी क रूप मँ लइ जावा जइहीं अउर बेतेल नस्ट कीन्ह जाइ।
6 यहोवा क लगे जा अउर जिअत रहा। अगर तू पचे यहोवा हिआँ नाहीं जाब्या, तउ यूसुफ क घरे मँ आगी लगी। आगी यूसुफ क परिवारे क नस्ट करी अउर बेतेल मँ कउनो भी रोक नाहीं पाई।
7 तू पचन्क मदद बरे यहोवा क लगे जाइ चाही। इ उहइ अहइ जउन कचपचिया अउ मृगसिरा क बनाएस। उ अँधियारा क भिंसोर प्रकास मँ बदल दत ह। उ दिन क अँधेरी रात मँ बदल देत ह। उ समुद्दर द जल क उठाइके ओका पृथ्वी पइ बरसावत ह। ओकर नाउँ यहोवा अहइ उ सक्तीवाले सहरन क मजबूत किलन क ढहाइ देत ह।”लोगो, तू पचन्क बरे इ बहोतइ बुरा होइ। तू पचे अच्छाई क क़ड़ुवाहट मँ बदल दिहा। तू पचे अच्छाई क मार डाया अउर एका धूरि मँ मिलाइ दिहा।
8
9
10 नबी समाज क ठउरन पइ जात हीं अउर ओन बुरे करमन क खिलाफ बोलत हीं जेनका लोग करत रहत हीं। मुला लोग ओन नबियन स घिना करत हीं। नबी फुरइ कहत हीं, मुला लोग ओन नबियन स घिना करत हीं।
11 तू पचे गरीबन स गैर मुनासिब कर वसूलत अहा। तू पचे ओनसे ढेर क गोहँू लेत ह अउ इ धने क उपयोग तू पचे तरासे भए पाथरन स सुन्नर महल बनावइ मँ करत अहा। मुला तू पचे ओन महलन मँ नाहीं रहब्या। तू पचे अंगूरन क बेलन क सुन्नर खेत बनावत अहा। मुला तू पचे ओनसे पाई दाखरस क नाहीं पीब्या।
12 कहेकि मइँ तू पचन्क अनेक पापन्क जानत हउँ। तू पचे, फुरइ ही, कछू बुरे करम किह्या ह। तू पचे मुनासिब काम करइवालन क चोट पहोंचाया। तू पचे घूस क रूप मँ धन लिहा। गरीब लोगन क संग अनेक मुकदमन मँ तू पचे निआव नाहीं किह्या।
13 उ समइ बुद्धिमान चुप रइहीं। काहे काहेकि इ बुरा समइ अहइ।
14 तू पचे कहत अहा कि परमेस्सर मोरे संग अहइ। एह बरे नीक करम करा, बुरा नाहीं। तब तू पचे जिअन रहब्या अउ सर्वसक्तीमान परमेस्सर यहोवा फुरइ ही तोहेर सबन्क संग होइ।
15 बुराई स घिन करा। अच्छाई स पिरेम करा। कचहरी मँ निआव वापस लिआवा अउ तब संभव अहइ कि सर्वसक्तीमान परमेस्सर यहोवा यूसुफ परिवारे क बचे भए लोगन पइ दयालु होइ।
16 इहइ कारण अहइ कि मोर सुआमी सर्वसक्तीमान परमेस्सर इ कहत अहइ, “लोग सबहिं समाज क ठहरन मँ रोइहीं, लोग सड़कियन पइ रोइहीं। लोग पेसेवर रोवइवालन क भाड़ा पइ रखिहीं।
17 लोग अंगूरे क सबहिं खेतन मँ रोइहीं। काहेकि मइँ हुआँ स निकरब अउर तू पचन्क सजा देबउँ।” यहोवा इ सब कहेस ह।
18 तू पचन मँ स कछू यहोवा क निआव क खास दिन क लखइ चाहत हीं। तू पचेे उ दिन क काहे लखइ चाहत अहा? यहोवा क खास दिन तोहरे पचन्क बरे अँधियारा लिआई उजियारा नाहीं।
19 तू पचे कउनो सेरे क समन्वा स बचिके पराइ निकरइवाले अइसे मनई क नाईं होब्या जेह पइ भागत समइ रीछ हमला कइ देत ह अउर फुन जब उ रीछ स भी बचिके निकरिके कउनो घरे मँ जाइ घुसत ह तउ हुआँ देवारे पइ हथवा धरत ही, साँप डसि लेत ह।
20 एह बरे यहोवा क खास दिन अँधियारा लिआई, उजियारा नाहीं, इ सोक क समइ होइ उल्लास क नाहीं।
21 “मइँ तोहार पचन्क पवित्तर दिनन स घिना करत हउँ। मइँ ओनका कबूल नाहीं करब। मइँ तोहार पचन्क धर्म क सभन क आनन्द नाहीं लेतेउँ।
22 अगर तू पचे होमबलि अउ अन्नबलि अउ भी देब्या तउ मइँ अँगीकार नाहीं करब। तू पचे जउन मोटवार जनावरन क सान्ति-भेंट क रूप मँ देब्या ओनका मइँ भी लखब भी नाहीं।
23 तू पचे हिआँ स सोरगुलवाले गीतन क दूर करा। मइँ तोहरी पचन्क वीणा क संगीत क नाहीं सुनब।
24 तू पचन्क आपन सोर देस मँ निआव क नदी क तरह बहइ देइ चाही। अच्छाई क सदा नदी क धारा क नाईर् बहइ द्या जउन कबहुँ झुरात नाहीं।
25 इस्राएल, तू पचे चालीस बरिस तलक रोगिस्ताने मँ मोका बलि अउ भेंट नाहीं चढ़ाया।
26 तू पचे आपन देवता सक्वुथ अउ नछत्र देवता कैवन क मूतिर्यन क लइके चल्या। एन देवतन क मूतिर्यन क तू पचे अपने बरे बनाये रह्या।
27 एह बरे मइँ तू पचन्क बन्दी बनाइके दमिस्क क पार पहोंचाउब।” इ सब यहोवा कहत ह। ओकर नाउँ सर्वसक्तीमान परमेस्सर अहइ।
Amos 6
1 सिय्योन क तू पचन्क मँ स कछू क जिन्नगी बहोत अराम क अहइ। सामरिया पर्वत क कछू लोग अपने क सुरच्छित महसूस करत हीं। मुला तू पचन पइ अनेक मुसीबतन अइहीं। रास्ट्रन क सब स उत्तिम नगर क तू पचे “सम्मानित” लोग अहा। “इस्राएल क लोग” निआव पावइ बरे तोहरे पचन्क लगे आवत हीं।
2 जा अउ कलने क लखा। हुआँ स बिसाल नगर हमात क जा। पलिस्ती सहर गत क जा। का तू पचे इ सबइ राज्यन स बढ़िया अहा? नाहीं। ओनकर पहँटा तोहरे पचन्क देसे स बड़का अहइँ।
3 जब तू हिंसा क जरिये सासन करत ह तउ तू सज़ा क दिना बरे सोचइ स इन्कार करत जउन कि आवत ह।
4 मुला तू पचे सबहिं बिलासन क भोगा करत अहा। तू पचे हाथी दाँते क सेज पइ सोवत अहा अउर अपने बिछौना पइ आराम करत अहा। तू पचे गोरूअन क झुण्ड मँ स नरम मेमनन अउ बाड़न मँ स नवा बछवा खात अहा।
5 तू पचे आपन वीणन क बजावत अहा अउर राजा दाऊद क नाईं संगीत क धन बनावत ह।
6 तू पचे सुन्नर पिआलन मँ दाखरस पिआ करत अहा। तू पचे सब स उत्तिम तेलन मँ स आपन मालिस करत अहा अउर तू पचन्क एकरे बरे घबराहट भी नाहीं कि यूसुफ क परिवार नस्ट कीन्ह जात अहइ।
7 उ सबइ लोग अब बिछउना पइ अराम करत अहइँ। मुला ओनकर नीक समइ खतम होइ। उ पचे बन्दी क रूप मँ विदेसन मँ पहोंचावा जइहीं अउर उ पचे पहिले पकड़ा जाइवालन मँ स कछू होइहीं।
8 मोर सुआमी यहोवा आपन नाउँ स इ प्रतिग्या किहे रहा। सर्वसक्तीमान परमेस्सर यहोवा प्रतिग्या किहस ह:“मइँ ओन बातन स घिना करत हउँ जेन पइ याकूब क गर्व अहइ। मइँ ओकर मजबूत मीनारन स घिना करत हउँ। एह वरे मइँ दुस्मन क सहर अउर सहर क हर एक चीज लेइ देबउँ।”
9 उ समइ, कउनो घरे मँ अगर दस मनई जिअत बचिहीं तउ भी उ पचे मरि जइहीं।
10 जब कउनो मरि जाइ तब कउनो संबंधी ल्हास लेइ आइ, जेहसे उ ओका बाहेर लइ जाइ सकइ अउर बारि सकइ। संबंधी घरे मँ हाड़न क लेइ आइ। लोग कउनो भी उ मनई स जउन घरे क भितरे छुपा होइ, पूछिहीं, “का तोहरे पचन्क लगे कउनो दूसर ल्हास अहइ?”उ मनई जवाब देइ, “नाहीं...”तब मनई क संबंधी कइहीं, “चुप। हम पचन्क यहोवा क नाउँ नाहीं लेइ चाही।”
11 लखा, परमेस्सर यहोवा हुवुम देइ अउर बिसाल महल टूका-टूका कीन्ह जइहीं अउर नान्ह घर नान्ह नान्ह टूकन मँ तोरा जइहीं।
12 का घोड़न सिलाखंडन पइ दउड़त हीं? नाहीं। का लोग समुददर क बर्धन स जोत सकत हीं? नाहीं। तउ भी तू पचे हर चीज क उलट-पलट देत अहा। तू पचे अच्छाई अउ निआव क जहर मँ बदल देत अहा।
13 तू पचे लौ-देवरे मँ खुस अहा, तू पचे कहत अहा, “हम पचे करनैम क आपन सक्ती स जीता ह।”
14 “किन्तु इस्राएल, मइँ तू पचन्क खिलाफ एक रास्ट्र क पठउब। उ रास्ट्र तोहरे पचन्क समूचे देस क, लेबो-हमात स लइके अराबा नाले तलक मुसीबते मँ डइहीं।” सर्वसक्तीमान परमेस्सर यहोवा उ सबइ कहेस।
Amos 7
1 यहोवा मोका इ देखाएस: उ दूसर फसिल उगर क समइ टिडडी दलन क बनउब सुरू किहेस। राजा क जरिये पहिली फसल काट लीन्ह जाइके पाछे इ दूसर फसल रही।
2 टिड्डियन देस क सारी घास खाइ डाएन। ओकरे पाछे मइँ कहेउँ, “मोर सुआमी यहोवा, मइँ पराथना करत हउँ, हम पचन क छिमा करा। याकूब जी नाहीं सकत, ओकर लगे बहोत सक्ती नाहीं अहइ।”
3 तब यहोवा एकरे बारे मँ विचार बदलेस। यहोवा कहेस, “अइसा नाहीं होइ।”
4 मोर सुआमी यहोवा मोका इ चिजियन देखाएस: मइँ लखेउँ कि यहोवा परमेस्सर आगी क नाईर् बरसइ बरे बोलावत बाटइ। आगी बिसाल गहिर समुद्दर क नस्ट कइ दिहस। आगी भुइयाँ क चट करइ लाग।
5 मुला मइँ कहेउँ, “हे परमेस्सर यहोवा, मइँ तोहसे पराथना करत हउँ, ठहरा। याकूब बच नाहीं सकत। उ बहोतइ नान्ह अहइ।”
6 तब यहोवा एकरे बारे मँ आपन विचार बदलेस। परमेस्सर यहोवा कहेस, “अइसा नाहीं होइ।”
7 यहोवा मोका इ देखाएस: यहोवा एक ठु देवारे क सहारे एक साहुल हाथे मँ लइके खड़ा भवा रहा। देवार साहुल स सोझ कीन्ह गइ रही।
8 यहोवा मोसे कहेस, “आमोस, तू का लखत अहा?”मइँ कहेउँ, “साहुल।”तब मोर सुआमी कहेस, “लखा मइँ आपन इस्राएल क लोगन पइ साहुल क उपयोग करब। मइँ अब अउर अगवा ओनकर टेढ़ेपने क नजरन्दाज नाहीं करब। मइँ ओन बुरे हींसन क काट लोकाउब।
9 इसहाक क ऊँच ठउर नस्ट कीन्ह जइहीं। इस्राएल क पवित्तर ठउर चट्टाने क ढेर मँ बदल दीन्ह जइहीं। मइँ हमला करब अउर यारोबाम क परिवारे क तरवारे क घाट उतारब।”
10 बेतेल क याजक अमस्याह इस्राएल क राजा यारोबाम क इ सँदेसा पठएस: “आमोस तोहरे खिलाफ सडयंत्र रचत अहइ। उ इस्राएल क लोगन क तोहरे खिलाफ जुद्ध बरे भड़कावत ह। उ एतना जियादा कहत अहइ कि ओकर सब्द पूरा देस मँ भी समाइ नाहीं सकतेन।
11 आमोस कहेस ह, “यारोबाम तरवारे क घाट उतरी अउ इस्राएल क लोगन क बन्दी बनाइके आपन देस स बाहेर लइ जावा जइहीं।”
12 अमस्याह भी आमोस स कहेस, “हे दर्सी यहूदा जा अउर हुअँइ आपन भोजन करा। आपन उपदेस हुअँइ द्या।
13 मुला हिआँ बेतेल मँ अउर जियादा उपदेस जिन द्या। इ यारोबाम क पवित्तर ठउर अहइ। इ इस्राएल क मंदिर अहइ।”
14 तब आमोस अमस्याह क जवाब दिहस, “मइँ पेसेवर नबी नहीं हउँ अउर मइँ नबी क परिवार क नाहीं हउँ। मइँ गोरू पालत हउँ अउर गूलर क बृच्छन क देखरेख करत हउँ।
15 “मइँ गड़रिया रहेउँ अउर यहोवा मोका भेड़िन क चरावइ स अजाद किहेस। यहोवा मोहसे कहेस, ‘जा मोर लोग इस्राएलियन मँ भविस्सवाणी करा।’
16 एह बरे यहोवा क सँदेस क सुना। तू मोहसे कहत अहा, ‘इस्राएल क खिलाफ भविस्सवाणी जिन करा। इसहाक क परिवारे क खिलाफ उपदेस जिन द्या।’
17 मुला यहोवा कहत ह, ‘तोहार पत्नी सहर मँ रण्डी होइ हीं। तोहार पूतन अउ बिटियन तरवारे स मारा जइहीं। दूसर लोग तोहार भुइँया क खिलाफ आइहीं अउर एका कब्जा कइ लेइहीं। अउर आपुस मँ बँटिहीं अउर तू बिदेस मँ मरब्या। इस्राएल क लोग निहचइ ही, इ देस स बन्दी क रूप मँ लइ लीन्ह जइहीं अउर देस स निस्कासित कीन्ह जाइ।”‘
Amos 8
1 यहोवा मोका इ देखाएस: मइँ गर्मी क फलन क एक टोपा लखेउँ:
2 यहोवा पुछेस, “आमोस तू का लखत अहा?”मइँ कहेउँ, “गर्मी क फलन स भरा भवा एक ठु टोकरी।”तब यहोवा मोहसे कहेस, “मोर लोग इस्राएलियन क अंत आइ मँ अहइ। मइँ ओनके पापन क अउर बर्दास्त नाहीं कइ सकतेउँ।
3 मन्दिर क गीत सोक गीत बन जइहीं। मोर सुआमी यहोवा इ सब कहेस। सब जगह ल्हासन ही होइहीं। सन्नाटे मँ लोग ल्हासन क लइ जइहीं अउर ओनकर ढेर लगाइ देइहीं।”
4 मोर सुना। लोगो तू पचे बेसहारा क वुचरत अहा। तू पचे इ देस क गरीबन क नस्ट करइ चाहत अहा।
5 बइपारियो तू पचे कहत अहा, “नवा चंदा कब बीती जेहसे हम पचे अन्न बेचि सकी? सबित कब बीती, जेहसे हम पचे आपन गोहूँ बेचइ क लिआइ सकी? हम कीमतन क बढ़ाइ सकी, बाटन क हल्का कइ सकी, अउर हम पचे तराजुअन क अइसा इंतजाम कइ लेइ कि लोगन क ठगि सकी।
6 गरीब आपन कर्जा वापस नाहीं कइ सकतेन। एह बरे हम ओनका दास क रूप मँ खरीदब। हम ओन गरीबन क एक जोड़ी पनही क कीमत मँ खरीदब। अहो! हम पचे ओन खराब गोहूँ क भी बेचि सकित ह, जउन फर्स पइ छितराइ गवा होइ।”
7 यहोवा प्रतिग्या किहेस। उ “याकूब क गर्व” क आपन नाउँ बरे उपयोग किहेस अउर इ प्रतिग्या किहेस कि: “मइँ ओन लोगन क कीन्ह करमन बरे ओनका छिमा नाहीं कइ सकत।
8 तोहार ओन करमन क कारण पूरा देस काँपि जाइ। इ देस क हर एक निवासी मरे भए के लिए रोइ। पूरा देस मिस्र मँ उड़त होइ नील नदी क तरह कपकपाहीं। पूरा देस उठिहीं अउर फुन गरिहीं।”
9 यहोवा इ सबइ बातन भी कहेस: “उ समइ मइँ सूरज दुपहर मँ ही बूड़ि देब। मइँ उजियारा भरे दिन मँ पृथ्वी क अंधियारा स भरि देब।
10 मइँ तोहार पचन्क पवित्तर दिनन क मरे भए लोगन बरे सोक दिवस मँ बदलब। तोहार पचन्क सबहिं मरे भए लोगन बरे सोक गीत बनिहीं। मइँ हर एक क सोक ओढ़ना पहिराउब। मइँ हर एक क मूँड़ मुड़वाइ देब। मइँ अइसा गहिर सोक स भरा रोउब बनाउब माना उ एकलौती क पूत क होइ। इ एक कड़ुआ अन्त होइ।”
11 यहोवा कहत ह: “लखा मइँ देस मँ भुखमरी लिआउब अउर उ सबइ दिन निचके आवत अहइँ। इ रोटी या पानी क भुखमरी नाहीं होइहीं बल्कि यहोवा क वचन क भुखमरी होइहीं।
12 लोग एक सागरे स दूसर सागर तलक भटकिहीं। उ पचे उत्तर स दविखन तलक भटकिहीं। उ सबइ लोग यहोवा क सँदेसा बरे अगवा ब़ढिहीं पाछे हटिहीं, मुला उ पचे ओका पइहीं नाहीं।
13 उ समइ सुन्नर मेहररूअन अउ नउजवान पिआव क कारण बेहोस होइ जइहीं।
14 ओन लोग सोमरोन क पाप क नाउँ पइ प्रतिग्यन किहेन। उ पचे कहेन, ‘दान तोहरे पचन्क देवता क सत्ता निहचइ फुरइ बाटइ, एहसे हम पचे प्रतिग्या करत अही, अउर बेशेर्वा क सत्ता क सत्ता निहचइ फुरइ बाटइ, एहसे हम पचे प्रतिग्या करत अही’ एह बरे ओन लोगन क पतन होइ अउर उ पचे फुन कबहुँ उठिहीं नाहीं।”
Amos 9
1 मइँ आपन सुआमी क वेदी क सहोर खड़ा लखेउँ। उ कहेस,“खम्भन क सिरे पइ प्रहार करा, अउर पूरी इमारत क डेहरी तलक कँाप उठी। कम्भन क मनइयन क मूँड़े पइ गिरावा। अगर कउनो जिअत बचइ, तउ ओका तरवारे स मारा। कउनो मनई पराइ सकत ह, मुला उ बचि नाहीं सकी। मनइयन मँ स कउनो भी मनई बचिके नाहीं निकरी।
2 अगर उ पचे पाताल मँ खनिके जइहीं, मइँ ओनका हुआँ स हींच लेबउँ। अगर उ पचे ऊपर आकासे मँ जइहीं मइँ ओनका हुआँ स खाले लिआउब।
3 अगर उ पचे कम्मेर्ल क घाटी पइ जाइके छुपिहीं, मइँ ओनका हुआँ हेरब अउर मइँ ओनका उ जगहिया पइ लइ आउब। अगर उ पचे समुद्दर क तले मँ छुपइ चाहत हीं, मइँ सरप क हुवुम देब अउर उ ओनका डसि लेइ।
4 अगर उ पचे धरा जइहीं अउर आपन दुस्मन क जरिये लइ जावा जइहीं, मइँ आपन तरवार क हुवुम देब अउर उ ओनका हुअँइ मारी। हाँ, मइँ ओन पइ सावधानी पूर्वक निगाह रखब उहइ दौरान मइँ ओन पइ मुसीबत लिआवइ बरे रास्ता खोजब। ओनके बरे नीक काम करइ क तरीकन पइ नाहीं।”
5 मोर सुआमी सर्वसक्तीमान यहोवा, उ पहँटा क छुइ अउर उ टेघर जाइ तब उ देस क सबहिं निबासी मरे भए लोगन बरे रोइहीं। इ पहँटा मिस्र क नील नदी क नाईर् ऊपर उठी अउर खाली गिरी।
6 यहोवा आपन ऊपर क निवास अकासे क ऊपर बनाएस। उ आपन आकास क पृथ्वी पइ धरेस। उ सागरे क जल क बोलाइ लेत ह, अउर देस पइ ओकर बर्खा करत ह। ओकर नाउँ यहोवा अहइ।
7 यहोवा इ कहत ह: “इस्राएल तू मोरे बरे वूसियन क नाईर् अहा। मइँ इस्राएल क मिस्र स निकारिके लाएउँ। मइँ पलिस्तियन क भी कप्तोर स लाएउँ अउर अरामियन क भी कीर स।”
8 मोर सुआमी यहोवा पापे स भरा राज्ज पइ दृस्टि रखे अहइ। यहोवा इ कहत ह, “मइँ पृथ्वी पइ स इस्राएल क नस्ट करब। मुला मइँ याकूब क परिवार क पूरी तरह नस्ट नाहीं करब।
9 मइँ इस्राएल क घराना क तितर-बितर कइके दूसर रास्ट्रन मँ छितरावइ क आदेस देत अहउँ। इ उहइ तरह होइ जइसे कउनो मनई अनाजे क छननी स छान देत ह। नीक आटा ओहसे निकरि जात ह, मुला बुरा अंस फँस जात ह। याकूब क परिवारे क संग अइसा ही होइ।
10 मोरे लोगन क बीच पापी कहत हीं, ‘हम लोगन क संग कछू भी बुरा नाहीं घटित होइ।’ मुला उ पचे सबहिं लोग तरवार स मारि दीन्ह जइहीं।”
11 “दाऊद क डेरा गिर गवा ह, मुला उ समइ इ डेरे क मइँ फुन खड़ा करब। मइँ देवारन क छेदन क भरि देब। मइँ नस्ट इमारतन क फुन स बनाउब। मइँ एका अइसा बनाउब जइसा इ पहिले रहा।
12 फुन उ पचे एदोम मँ जउन लोग बचि गवा अहइँ, ओनका अउर ओन जातियन क जउन मोरे नाउँ स जानी जात हीं, लइ जाइ।” यहोवा इ सबइ बातन कहेस, अउर उ सबइ ओनका घटित कराई।
13 यहोवा कहत ह, “उ समइ आवत अहइ, जब हर तरह क भोजन क बहोतयात होइ। अबहिं लोग पूरी तरह फसल काटि नाहीं पाए होइहीं कि जोताइ क समइ आइ जाइ। लोग अबहिं अंगूरन क रस निकारि ही रहा होइहीं कि अंगूरन क रोपाइ क समइ फुन आइ पहोंची। पर्वतन स दाखरस क धार बही अउर उ पहाड़ियन स बरसी।
14 मइँ आपन लोगन इस्राएलियन क देस निकारइ स वापस लिआउब। उ पचे नस्ट भए सहरन क फुन स बनइहीं अउर ओन सहरन मँ रइहीं। उ पचे अंगूरे क बेलन क बाग लगइहीं अउर उ पचे ओन बागन स मिला भवा दाखरस पीइहीं। उ पचे बाग लगइहीं अउर उ पचे ओन बागन क फलन क खइहीं।
15 मइँ आपन लोगन क ओनकी भुइँया पइ जमाउब अउर उ पचे फुन उ देस स उखाड़ा नाहीं जइही जेका मइँ ओनका दिहेउँ ह।” यहोवा तोहार पचन्क परमेस्सर इ सबइ बातन कहेस।
Obadiah 1
1 इ ओबद्याह क दर्सन अहइ। मोर सुआमी यहोवा एदोम क बारे मँ इ कहत ह: हम यहोवा परमेस्सर स इ संदेस पाइ गए ह। रास्ट्रन क एक ठु दूत पठवा गवा ह। उ कहेस, “हम पचन क एदोम क खिलाफ लड़इ बरे चलइ द्या।”
2 “एदोम, मइँ तोहार सबन त नान्ह रास्ट्र बनाइ देब। लोग तोहसे बहोत घिना करिहीं।
3 तू आपन घमण्ड क जरिये छला गवा अहा। तू उँचकी पहाड़ियन क गुफन मँ रहत बाट्या। तोहार घर पहाड़ियन मँ उँचाई प बाटइ। तू आपन मने मँ कहत अहा, ‘मोका कउनो भी धूरी नाहीं चटाइ सकत।’”
4 परमेस्सर यहोवा इ कहत ह: “जदपि तू उकाब क तरह ऊपर उड़ा, अउर आपन धोसला तारन क बीच बनाइ ल्या, तउ भी मइँ तोहका हुआँ स खाले उतारबउँ।
5 तू फुरइ बरबाद होइ जाब्या। देखा। कउनो चोर तोहरे हिआँ आवत हीं। जब, राति मँ डावू आवत ही। तउ उ पचे भी ओतना ही चोराइके या लूटिके लइ जात ही जेतँना लइ जाइ सकत ही। तोहार बगियन मँ जब मजदूर अंगूर तोरइ आवत हीं तउ अंगूर तोरइ क पाछे उ पचे कछू न कछू अंगूर छोड़िके जात हीं।
6 मुला हे एदोम। तोहसे तोहार सब कछू छोर लीन्ह जाइ। लोग तोहरे सबहिं खजानन क हेरि लेइहीं अउर हथियाइ लेइही।
7 उ सबइ लोग जउन तोहार मीत अहइँ, तोहका देस स बाहेर जाइ का मजबूर करिहीं। तोहार संग सान्ति स रहइवालन तोहका धोखा देइही अउर तोहका हरइहीं। उ सबइ लोग जउन तोहार रोटिन्क तोहार संग खावात ह तोहार बरे फंदा डावइ क जोजना बनाव ह। ‘तू ऍका नाहीं समुझ सकब्या।”‘
8 यहोवा कहत ह: “ओह दिन, मइँ सदोम क बुदिधमान लोगन्क बरबाद करब अउ मइँ एसाव पहाड़े स समुझदारी क नास करब।
9 तबहिं, हे तेमान, तोहार सक्तीसली लोग भयभीत होइहीं अउर एसाव पहाड़े क हर मनई मारि जाब्या।
10 तू सरम स धँसि जाब्या, अउर तू हमेसा बरे बरबाद होइ जाब्या। काहेकि आपन भाई याकूब बरे तू पचे ऍतना वूर निकरया।
11 ओह समइ, तू इस्राएल क दुस्मन होइ गवा। अजनबी याकूब क खजाना लइ गया। बिदेसी लोग इस्राएल क नगर-दुआर मँ घुसेन। उ बिदेसी लोग गोट डाइके इ निहचय किहेन कि उ पचे यरूसलेम क कउन स हींसा लेइही। तउ उ समइ तू ओन लोगन क दुस्मनन क नाईं रह्या।
12 तू आपन भाई क बिपत काल मँ हँस्या, तू इ नाही करइ चाही रह्या तू पचे तबहिं खुस रह्या जबहिं लोग यहूदा क बरबाद किहेन। तू वइसा नाहीं करइ चाही रह्या। ओनकर बिपत क समइ तू ओनकर खिल्ली ओड़ॉया।
13 तू मोरे लोगन्क नगर-दुआर मँ घुस्या अउर ओनकर समस्यन पइ हँस्या। अउर तोहका अइसा नाहीं करइ क चाही रहा। तोहका ओकरे खजानन क दूसर दुस्मनन क नाईं नाहीं लेइ चाही रहा।
14 तोहका ओन लोगन्क चोराहे पइ नाहीं धइ चाही जउन बचिके निकरत चाहत रहा अउर तोहका ओका ओकरे दुस्मनन क वापिस नाहीं देइ चाही रहा।
15 सबहिं रास्ट्रन पइ हाली ही यहोवा क दिन आवत अहइ। तू दूसर लोगन क संग बुरा किहा। उ सबइ ही बुरइयन तोहार संग घटिहीं। उ सबइ बुरइयन तू तोहार कपारे पइ उतरि अइही।
16 काहेकि तू दाखरस पीके मोरे पवित्तर पहाडे पइ खुसी मनाया। वइसेन ही सबहिं जातियन लगातार मोरे सजा क पीइहीं अउर ओका निगरि जइही अउ ओनकर लोप होइ जाइ।
17 सिय्योन पहाड़ी पइ रहत रहा जिअत बचा भवा लोग मोर खास लोग होब्या। याकूब क रास्ट्र ओन चिजियन क वापस पाई जउन ओकर रहिन।
18 याकूब क परिवार बरत आगी जइसा होई। यूसुफ क रास्ट्र बरत लपटन जइसा बनि जाइ। सिरिफ एसाव क रास्ट्र राखी क नाईर् होइ। यहूदा क लोग एदोमी लोगन क बरबाद करिहीं। एसाव क रास्ट्रन मँ कउनो जिअत नाही रही।” काहेकि परमेस्सर यहोवा अइसे कहेस।
19 तब नेगव क लोग एसाव पर्वते पइ रइही अउर पर्वतन क तराइयन क लोग पलिस्ती प्रदेस क लइ लेइही। परमेस्सर क उ सबइ लोग एप्रैम अउ सोमरोन क भुइँया पइ रइही। गिलाद, बिन्यामीन क होइ।
20 इसाएल क लोग जउन आपन घर तजि देइ क मजबूर कीन्ह ग रहेन कनान क भूइँया पइ सारपत तलक कब्जा करिहीं। यरूसलेम क लोगन जउन कैद कीन्ह ग रहेन अउर सपाराद लई गए रहेन उ पचे नेगेव सहर पइ कब्जा करिहीं।
21 बिजयी लोग सिय्योन पर्वते पइ होइही। उ सबइ लोग एसाव पहाड़े क बसइयन पइ सासन करिही अउर राज्ज यहोवा क होइ।
Jonah 1
1 अमित्तै क पूत योना स यहोवा कहेस। यहोवा कहेस,
2 “नीनवेएक ठु बड़का नगर अहइ। हुआँ क लोग जउन पाप करम करत अहइँ, ओनमाँ बहोत स पापन क बारे मँ मइँ सुनेउँ ह। एह बरे तू उ सहरे मँ जा अउर हुआँ क लोगन्क बतावा कि उ पचे ओन बुरे पापन करब तजि देइँ।”
3 योना परमेस्सर क बात नाहीं मानइ चाहत रहा, तउ योना परमेस्सर स कहूँ दूरि पराइ बरे जतन किहेस। तउ योना यापोकइँती चला गवा। योना एक ठु नाव लिहेस जउन सुदूर सहर तर्सीसकइँती जात रही। योना आपन जात्रा बरे धन दिहस अउर उ नाव पइ जाइके चढ़ा। योना चाहत रहा कि इ नाव पइ उ लोगन्क संग तसीर्स चला जाइ अउर कहँू दूरि पराइ जाइ।
4 मुला यहोवा सागरे मँ एक ठु खउफनाक तूफान उठाइ दिहस। आँधी सागरे क बहोत असान्त कइ दिहेन इ अइसा लागत रहा कि जहाज क टूका-टूका होइ जाब्या।
5 तूफान ऍतना प्रबल रहा कि नाव क बूड़इ स बचावइ बरे ओका तनिक हलका कइ दीन्ह जाइके निर्णय कीन्ह गएस। तउ मल्लाह नाव क सामान क उठाइके सागरे मँ बहावइ लागेन। उ पचे बहोतइ ससाइ ग रहेन। हर मनई अपने अपने देवतन स पराथना करइ लागेन।योना सोवइ बरे नाव मँ खाले तलघरा चला गवा रहा, अउर उ सोवत रहा।
6 नाव क प्रमुख खेवइया योना क इ रूपे मँ लखिके कहेस, “उठा! तू काहे सोवत अहा? आपन परमेस्सर स पराथना करा। होइ सकत ह, तोहार परमेस्सर तोहार पराथना सुनि लेइ अउर हम पचन्क बचाइ लेइ।”
7 मनइयन फुन आपुस मँ कहइ लागेन, “हम पचन्क इ जानइ बरे कि हम पचन्पइ बिपदा कउने कारण पड़ति अहइँ, हम पचन्क पाँसन लोकाँवइ चाही।”तउ लोगन पासन्क लोकाँएन। पाँसन्स इ परगट भवा कि बिपदन योना क कारण आइ अहइँ।
8 एह पइ मनइयन योना स कहेन, “इ केकर दोख अहइ, जेकरे कारण इ सबइ बिपदन हम पचन पइ पड़ी अहइँ? हम पचन्क बतावा तोहार काम धंधा का अहइ? तू कहाँ स आवत अहा? तोहार देस कउन स बाटइ? तोहार आपन लोग कउन अहइँ?”
9 योना मनइयन स कहेस, “मइँ एक ठु हिब्रू अहउँ अउर सरगे क परमेस्सर यहोवा क उपासना करत हउँ, उ उहइ परमेस्सर अहइ, जउन सागरे अउ धरती क दुइनउँ क रचेस ह।”
10 योना मनइयन स कहेस कि उ यहोवा स दूरि भागत अहइ। जब मनइयन क इ क पता लगि तउ उ पचे बहोतइ ससाइ गएन। मनइयन योना स कहेन, “तू इ पाप आपन परमेस्सर क खिलाफ काहे किह्या ह”
11 ओहर आँधी अउ तूफान अउर समुद्दर क लहरियन तेज स तेज होत भइ जात रहिन। तउ मनइयन योना स कहेन, “समुद्दर क सान्त करइ बरे हम पचन्क तोहरे संग का करइ चाही?”
12 योना मनइयन स कहेस, “मइँ जानत हउँ कि मोरे कारण ही समुद्दर मँ इ तूफान आवा ह। तउ तू पचे मोका समुद्दरे मँ लोकाइ द्या। एहसे तूफान सान्त होइ जाइ।”
13 मुला उ पचे योना क समुद्दर मँ लोकावइ नाहीं चाहत रहेन। मल्लाह नइया क किनारे वापस लिआवइ बरे ओका खेवइ क जतन करइ लागेन। मुला उ पचे वइसा नाहीं कइ पाएन, काहेकि आँधी, तूफान अउ समुद्दर क लहरियन बहोत ताकतवर रहिन। अउर उ सबइ तेज स तेज होत जात रहिन।
14 तउ मनइयन यहोवा क गोहँरावत भए कहेस, “हे यहोवा, इ मनई क हम पचे एकर ओन बुरे करमन बरे समुद्दर मँ लोकावत अही, जउन इ किहेस ह। किरपा कइके, तू हम पचन्क कउनो बेकसूर मनई क हत्तियारा जिन कह्या। एकरे हत्तिया बरे तू हम पचन्क जिन मारि डाया। हम पचे जानित ह कि तू यहोवा अहा अउर तू जइसा चहब्या, वइसा ही करब्या। मुला किरपा कइके तू हम पचन्प दयालु ह्वा।”
15 तउ मनइयन योना क समुद्दरे मँ लोकाँइ दिहन। तूफान थम गवा, समुद्दर सान्त होइ गवा।
16 जब मनइयन इ लखेन, तउ पचे यहोवा स डेराइ लागेन अउ ओकर सम्मान करइ लागेन। मनइयन एक ठु बलि दिहन, अउर यहोवा स बिसेस मन्नतन क माँगेन।
17 योना जब समुद्दर मँ गिरा, तउ यहोवा योना क लील जाइ बरे एक ठु बहोत बड़की मछरी पठएस। योना तीन दिन अउ तीन राति तलक ओ मछरी क पेटे मँ रहा।
Jonah 2
1 योना जब मछरी क पेटे मँ रहा, तउ उ आपन परमेस्सर यहोवा क पराथना किहेस। योना कहेस,
2 “मइँ गहिर विपदा मँ रहेउँ। मइँ यहोवा क दोहाइ दिहेउँ अउर उ मोका जवाब दिहस। मइँ गहिर कब्र क बीचउ बीच रहेउँ। हे यहोवा, मइँ तोहका गोहॅराएउँ अउर तू मोर पुकार सुन्या!
3 “तू मोका समुद्दरे मँ लोकॉइ दिहे रह्या। तोहार ताकतवर लहरियन मोका थपेड़ा मारेन, मइँ समुद्दरे क बीच मँ मइँ गहिरा स गहिरा उतरन चला गएउँ। मोरे चारिहुँ कइँती सिरिफ पानी ही पानी रहा।
4 “फुन मइँ सोचेउँ, ‘अब मइँ, जाइ क मजबूर हउँ, जहाँ तोहार दृस्टि मोका देख नाहीं पाइ।’ मुला मइँ सहायता पावइ क तोहरे पवित्तर मन्दिर कइँती निहारत रहब।
5 समुद्दर क जल मोका लील लिहेस ह। पानी मोर मुँह बंद कइ दिहस, अउर मोर साँस घुटि गइ। मइँ गहिर समुद्दरे क बीच उतरत चला गएउँ मोरे मूँड़े क चारिहुँ ओर खरपतवार लपट गएन ह।
6 मइँ समुद्दरे क तलहटी पइ पड़ा रहेउँ, जहाँ पर्वत जन्म लेत हीं। मोका अइसा लाग, जइसे इ बन्दीघरे क बीच सदा सर्वदा बरे मोह पइ ताला जड़ा अहइँ। मुला हे मोर परमेस्सर यहोवा, तू मोका मोर इ कब्र स निकारि लिहा। हे परमेस्सर, तू मोका जिन्नगी दिहा।
7 जब मइँ बेहोस होत रहेउँ। तब मइँ यहोवा क सुमरन किहेउँ हे यहोवा, मइँ तोहसे बिनती किहेउँ अउर तू मोर पराथनन आपन पवित्तर मन्दिर मँ सुन्या।
8 लोग जउन बेकार मूरतियन क पूजा करत हीं यहोवा क छोड़ दिहेस जउन कि ओन लोगन बरे दयालु रहेन।
9 मुक्ति तउ बस सिरिफ यहोवा स आवत ह! हे यहोवा, मइँ तोहका सबइ बलि देब, अउर तोहार गुन गाउब। मइँ तोहार धन्यवाद करब। मइँ तोहार मन्नतन मँागब अउर आपन मन्नतन क पूरा करब।”
10 फुन यहोवा उ मछरी स कहेस अउर उ योना क झुरान धरती पइ आपन पेटे स बाहेर उगलि दिहस।”
Jonah 3
1 एकरे पाछे यहोवा योना स फुन कहेस। यहोवा कहेस,
2 “तू नीनवे क बड़के नगर मँ जा अउर हुआँ जाइके, जउन बातन मइँ तोहका बतावत हउँ, ओनकर सिच्छा द्या।”
3 तउ यहोवा क आग्या मानिके योना नीनवे क चला गवा। निनवे एक ठु विसाल नगर रहा। उ ऍतना विसाल रहा, कि उ नगरे मँ एक किनारे स दूसर किनारे तलक मनइयन क पैदल चलिके तीन दिन क समइ लागत रहा।
4 तउ योना सहर क जात्रा सुरू किहस अउर सारे दिन उपदेस दिहस। योना कहेस, “चालीस दिन पाछे नीनवे तबाह होइ जाइ।”
5 परमेस्सर कइँती मिले भए इ सँदेस पइ, नीनवे क लोग बिस्सास किहन अउर उ सबइ लोग कछू समइ बरे खइया तजिके पापन पइ सोच-बिचार करइ क निर्णय लिहन। लोग आपन दुःख परगट करइ बरे खास तरह क ओढ़ना धारण किहेन। सहरे क सबहिं लोग चाहे उ पचे बड़कवा या बहोतइ छोट होइँ, अइसा ही किहन।
6 नीनवे क राजा इ सबइ बातन सुनेन अउर उ भी आपन बुरे करमन क सोक मनाएन। एकरे बरे राजा आपन सिंहासन तजि दिहस। उ आपन राजसी वस्त्र हटाइ दिहस अउर आपन दुःख परगट करइ बरे सोक वस्त्र धारण कइ लिहस। एकरे पाछे उ राजा धूरि मँ बइठि गवा।
7 राजा एक खास सँदेस लिखवाएस अउर उ सँदेस क सारे सहर मँ ढिंढोरा पिटवाएस:राजा अउर ओकर बड़कन सासक लोगन कइँती स आदेस रहा:लोगन क कउनो समूह क अउ न ही कउनो जनवारन क झुण्ड क चरागाहे मँ जाइ दीन्ह जाइ। अउर न ही कछू खइहीं अउर न जल पिइहीं।
8 बल्कि हर मनई अउ हर गोरू टाट पहिरही जेहसे इ देखाँइ देइ कि उ सबइ दुःखी अहइँ। लोग ऊँची अवाज मँ परमेस्सर क गोहरइहीं। हर मनई क आपन जिन्नगी बदलइ क होइ अउर ओका चाही कि उ बुरे करमन क तजि देइ।
9 तब होइ सकत ह कि परमेस्सर क इच्छा बदलि जाइ अउर उ जउन योजना रचे बाटइ, वइसी बात न करइ। होइ सकत ह कि परमेस्सर क इच्छा बदलि जाइ अउर वुपित न होइ। तब होइ सकत ह कि हम पचन्क सजा न दीन्ह जाइ।
10 लोग जउन बातन किहे रहेन, ओनका परमेस्सर लखेस। परमेस्सर निहारेस ह कि लोग बुरा करम करब बंद कइ दिहेन। तउ परमेस्सर आपन मन बदल दिहस अउर जइसा करइ क उ योजना रचे रहा, वइसा नाहीं किहस। परमेस्सर लोगन क सजा नाहीं दिहस।
Jonah 4
1 योना इ बात पइ खुस नाहीं रहा कि परमेस्सर नगर क बचाइ लिहे रहा। योना कोहाइ गवा।
2 उ यहोवा स सिकायत करत भवा कहेस, “मइँ जानत रहेउँ कि अइसा ही होइ। मइँ तउ अपने देस मँ रहेउँ, अउर तू ही मोहसे हिआँ आवइ क कहे रह्या। उहइ समइ मोका इ पता रहा कि तू इ पापी नगर क लोगन क छिमा कइ देब्या। मइँ एह बरे तर्सीस जाइ क सोचे रहेउँ। मइँ जानत रहेउँ कि तू एक दयालु परमेस्सर अहा! मइँ जानत रहेउँ कि तू करूणा देखाँवत ह अउ मनइयन क सजा देइ नाहीं चहत्या। मोका पता रहा कि तू करूणा स पूर्ण अहा। मोका गियान रहा कि इ सबइ लोग पाप करब तजि दिहेन तउ तू एँनकर बिनास क योजनन क बदल देब्या।
3 तउ हे यहोवा, अब मइँ तोहसे इहइ माँगत हउँ, कि तू मोका मारि डावा। मोरे बरे जिअत रहइ स मरि जाब उत्तिम अहइ।”
4 एह पइ यहोवा कहेस, “का तू सोचत अहा कि बस एह बरे कि मइँ ओन लोगन क कस्ट नाहीं दीन्ह, तोहार किरोध करब नीक बाटइ?”
5 इ सबइ बातन स योना अबहुँ कोहान रहा। तउ उ सहर क बाहेर चला गवा। योना एक ठु अइसे जगह पइ चला गवा जउन सहर क पूरब प्रदेस क निअरे रहा। योना हुआँ आपन बरे एक पड़ाव बनाइ लिहस। फुन ओकर छाया मँ हुवँइ बइठे-बइठे उ इ बाते क बाट जोहइ लाग कि देखी इ सहरे क साथ का घटति ह।
6 ओहर यहोवा रेंडी क एक ठु अइसा पउधा लगाएस जउन बहोत तेजी स बाढ़ि गवा अउ योना पइ छाइ गवा। एँहसे योना क बइठे बरे एक ठंडी जगह बनाइ दिहस। योना क एहसे अउर जियादा आराम मिला। इ पउधे क कारण योना बहोत खुस रहा।
7 अगले दिन भिंसारे उ पउधे का एक ठु हींसा खाइ लेइ बरे परमेस्सर एक ठु किरवा पठएस। किरवा उ पउधे क खाब सुरू कइ दिहस अउर उ पउधा मुरझाइ गवा।
8 सूरज जब अकासे मँ ऊपरि चढ़ि चुका रहा, परमेस्सर पुरवइया क गरम हवा चलाइ दिहस। योना क मूँड़े पइ सूरज चमकत रहा, अउर योना एक दम्मइ निर्बल होइ गवा रहा। योना परमेस्सर स चाहेस कि उ ओका मउति दइ देइ। योना कहेस, “मोरे बरे जिअत रहइ स नीक बाटइ कि मइँ मरि जाउँ।”
9 मुला परमेस्सर योना स कहेस, “बतावा, तोहरे विचार मँ का सिरिफ एह बरे इ पउधा झुराइ गवा अहइ, तोहार किरोध करब उचित अहइ?”योना जवाब दिहस, “हाँ, मोर किरोध करब उचित ही बाटइ। मोका एँतना किरोध आवत ह कि जइसे बस मइँ आपन परान ही दइ देउँ!”
10 एह पइ यहोवा कहेस, “लखा, उ पउधे बरे तू तउ कछू भी नाहीं किहा! तू ओका उगाइ दिहा तलक नाहीं। उ राति मँ फूटि गवा रहा अउर अगले दिना उ नस्ट होइ गवा अउर अब तू पउधे बरे एँतना दुःखी अहा।
11 अगर तोहका उ पउधे बरे ऍतना चिन्ता अहइ तउ का मोका नीनवे जइसा बड़ा सहर पइ दाया नाहीं राखी चाही जेहमाँ बहोत स लोग अउर बहोत स जनावरन रहत हीं? जहाँ 1,20,000 स जियादा लोग रहत हीं, जउन इ भी नाहीं जानतेन कि का उ पचे गलत काम करत अहइँ? का मोका ओन लोगन क बचाइ नाहीं चाही?”
Micah 1
1 यहोवा क सँदेस मीका लगे राजा योताम, आहाज अउ हिजकिय्याह क समइ मँ आवा। इ सबइ पुरुस यहूदा क राजा रहेन। मीका मोरेसेती स रहा। मीका सोमरोन अउर यरूसलेम क बारे मँ इ सबइ दर्सन देखेन।
2 हे लोगो, तू पचे सबहिं सुन ल्या! हे धरती अउर जउन कछू धरती पइ अहइ, सुना। मोर सुआमी यहोवा इ पवित्तर मन्दिर स आइ। मोर सुआमी तोहरे विरोध मँ एक साच्छी क रूप मँ आइ।
3 लखा, यहोवा आपन जगह स बाहेर जात अहइ। उ धरती क ऊँच जगहियन पइ चलइ बरे उतरिके तरखाले आवत अहइ।
4 परमेस्सर यहोवा क गोड़े क नीचे पहाड़ टेघर जइहीं, घाटियन चरमराइ जइहीं। जइसे आगी क समन्वा मोम टेघर जात ह, जइसे ढालू जगह स पानी उतरत भवा बहत ह।
5 अइसा काहे होई? इ एह बरे होई कि याकूब अपराध किहेस ह। काहेकि इस्राएल क लोग पाप किहेस ह।कउन याकूब स पाप कराए रहेन? इ सोमरोन अहइ! यहूदा मँ कउन ऊँच ठउरन अहइ? उ सबइ यरूसलेम मँ अहइ।
6 एह बरे मइँ सोमरोन क खाली मइदान अउर खंडहरन क ढेर बनाउब। इ अइसी जगह क नाईं होइ जब जेहमाँ अंगूर क बाग लगावा जात हीं। मइँ सोमरोन क पाथरन क घाटी मँ फेंकि देब। मइँ ओकरी सबहिं नेंव क प्रर्दसित कइ देब।
7 ओकर सबइ मूरतियन टूकन मँ तोरि दीन्ह जइहीं। सारा धन जेका इ रण्डीबाज़ी दुआर कमाएस ह, आगी स भसम होइ अउर मइँ एकर लबार देवतन क मूरतियन क नस्ट कइ देब। काहेकि उ सबइ लाभ रण्डीबाज़ी दुआरा हासिल किहेन ह, अउर ठीक वइसा ही रण्डी क मजूरी मँ खर्च कीन्ह जाब।
8 मइँ इ हाली आवइवाला बिनास क कारण बियावूल होबउँ अउर हाय-हाय करिहउँ। मइँ पनही न पहिरब अउर न ओढ़ना धारण करब। सियारन क जइसे मइँ जोर स चिल्लाब। मइँ विलाप करब जइसे सुतुर्मर्ग करत हीं।
9 सोमरोन क घाव नाहीं भर सकत ह। ओकर बियाधि यहूदा तलक फइलि गवा अहइ। इ मोर लोगन्क नगर-दुआर तलक पहोंच गवा बल्कि इ तउ यरूसलेम तलक आइ गवा ह।
10 एकर बात गात क नगरी मँ जिन करा। अको मँ जिन रोआ। विलाप करा अउर बेत-आप्रा क माटी मँ लोटा।
11 हे सापीर क निवासिन, तू अपने राहे नंगी अउर लज्जा होइके चली जा। उ सबइ लोग, जउन सानान क बसइया अहइँ, बाहेर नाहीं निकरिहीं। बेतेसेल क लोग रोवत बिलखिहीं अउर तू पचन्स सहारा लेइहीं।
12 अइसा उ मनई जउन मारोत क बसइया अहइ, सुसमाचार आवइ क बाट जेाहत भवा दुर्बल होत जात अहइ। काहेकि यहोवा स तरखाले यरूसलेम क मगर-दुआर पइ विपद उतरि अहइ।
13 हे लाकीस क बसइयो, तेज घोड़न क रथन मँ जोरा। सिय्योन क पाप लाकीस मँ सुरू भए रहेन। काहेकि तू इस्राएल क पापन्क पाछे चलति अहा।
14 तउ तोहका गात मँ मोरेसेत क बिदाई क उपहार देइ क अहइ। अकजीब क घराना इस्राएल क राजा लोगन क निरास करिहीं।
15 हे मारेसा क बसइयो, तू पचन्क विरोध मँ मइँ एक ठु मनई क लिआउब जउन तू पचन्क सबइ चिजियन्क छोरि लेइ। इस्राएल क महिमा अदुल्लाम मँ आइ।
16 एह बरे तू पचे आपन बार कटवाइ ल्या अउर तू गंजा बनि जा। काहेकि तू पचे आपन गदेलन बरे जेनसे तू पचे पियार करत रह्या रोउब्या चिल्लउब्या। आपन मुड़ँन क गिद्ध क नाईं गंजा होइ द्या। काहेकि उ पचे तू पचन्क छोड़ि देइ अउर बाहेर निकरि जाइ बरे मजबूर होइ जइहीं।
Micah 2
1 ओन लोगन क बुरा होइ, जउन पाप स भरी योजना क बनावत हीं। अइसे लोग बिछउना मँ सोवत भए सड्यंत्र रचत हीं अउर पौ फाटत ही आपन सड्यंत्रन पइ चलइ लागत हीं। काहेकि ओनके लगे ओनका पूरा करइ क सक्ती अहइ।
2 ओनका खेत चाही तउ उ पचे ओन सबन्क लइ लेत हीं। ओनका घर चाही तउ उ पचे ओन सबन्क लइ लेत हीं। उ पचे कउनो मनई क छलत हीं अउ ओकर घर छोरि लेत हीं। उ पचे कउनो मनई क छलत हीं अउ ओसे ओकर चिजियन छोरि लेत हीं।
3 इहइ कारण अहइ कि यहोवा इ बातन क कहत ह: “देखा, मइँ इ परिवारे पइ बिपदन ढावइ क योजना रचत हउँ। तू पचे आपन सुरच्छा नाहीं कइ पउब्या। तू पचे घमण्ड स चलि छोड़ देब्या। काहेकि उ एक बुरा समइ होइ।
4 उहइ समइ लोग तू पचन्क हँसी उड़इहीं। तू तोहार बारे मँ लोग करुणा क गीत गइहीं अउर उ पचे कइहीं: ‘हम पचे बर्बाद होइ गए। यहोवा मोरे लोगन्क धरती छोरि लिहस ह अउर ओका दूसर लोगन्क दइ दिहस ह। हाँ उ मोर धरती क मोसे छोरि लिहस ह। यहोवा हमार धरती हमरे दुस्मनन क बीच बाँटि दिहस ह।’
5 “यहोवा क परिसद मँ कउनो मनई अइसा नाहीं होइ जउन भुइँया क बाँटइ बरे पासा फेंकिहीं।
6 लोग कहा करत हीं, “तू हम पचन्क उपदेस जिन द्या। ओनका अइसे नाहीं कहइ चाही, हम पइ कउनो भी बात बुरी नाहीं परी।
7 याकूब क लोगो, का तू आपन-आप स कहत अहइ, ‘का यहोवा हमार संग आपन सब्र खो रहा अहइ? अगर उ सही मँ अइसा करत ही?’ किन्तु मोर सब्द उ लोगन बरे नीक होइ जउन उचित तरीका स जिअत ह। का उ नाहीं अहइँ?”
8 मुला अबहीं अबहीं, मोर ही लोग मोर दुस्मन होइ गवा अहइँ। तू पचे राहगीरन क ओढ़ना उतारत अहा। जउन लोग सोचत हीं कि उ पचे सुरच्छित अहइँ, मुला तू पचे ओनसे ही चिजियन क छोरि लेत ह जइसे उ पचे जुद्ध बंदी होइँ।
9 मोरे मनइयन क मेहररूअन क तू पचे ओनके घरन स निकरि जाइके मजबूर किहा जउन घर सुन्नर अउ आरामदेह रहेन। तू पचे मोरी महिमा क ओनके नान्ह नान्ह गदेलन स हमेसा-हमेसा बरे छोरि लिहा ह।
10 उठा अउर हिआँ स भागा। इ आराम क जगह नाहीं अहइ। काहेकि इ ठउर असुद्ध होइ ग अहइ, इ बर्बाद होइ जाइ। इ खउफनाक विनास होइ।
11 अगर कउनो लबार नबी आवइ अउर उ लबार बोलइ, “तउ मइँ तोहका दाखरस अउर मदिरा क बारे मँ उपदेस देब” तउ उ तरह उ ओकर नबी बन जाइ।”
12 हे याकूब क लोगो, मइँ तू सबन्क बटोरब। मइँ निहिचइ ही तू सबन क एक जगह बटोरब। मइँ इस्राएल क बचे भए लोगन क बटोरब। मइँ ओनका वइसा बटोरब जइसे बाड़ा मँ भेड़िन बटोरी जात हीं। तउ उ पचे एक बड़ा भीड़ स जियादा हल्ला-गुल्ला करिहीं।
13 तब कउनो एक जउन रास्ता खोलत ह लोगन क समन्वा जाइ। उ दुआरन तोड़ब अउर इ सबइ लोगन क नेतृत्व करब। उ सबइ लोग अजाद होइके उ सहर क तजिके निकरिहीं। ओनके समन्वा ओनकर राजा चली। लोगन्क समन्वा ओनकर यहोवा होइ।
Micah 3
1 फुन मइँ कहेउँ, “हे याकूब क मुखिया लोगो, अब सुन ल्या। हे इस्राएल क प्रजा क सासक लोगो, अब सुन ल्या। तू पचन्क जानइ चाही कि निआव का होत ह।
2 किन्तु तू पचन्क नेकी स घिना अहइ अउर तू पचे लोगन्क खाल तलक उतारि लेत अहा। तू पचे लोगन्क हाड़न स माँस नोच लइ लेत अहा।
3 तू पचे मोरे लोगन्क बर्बाद करत अहा। तू पचे ओनकर खाल तलक ओनसे उतारत अहा अउर ओनकर हाड़ तलक तोड़त अहा। तू पचे ओनकर हाड़न अइसे तोड़त अहा जइसे हाँड़ी मँ माँस चढ़ावइ बरे।
4 तू पचे यहोवा स बिनती करब्या मुला उ तू पचन्क जवाब नाहीं देइ। नाहीं, यहोवा आपन मुँहना तू पचन्स छुपाइ। काहेकि तू पचे बुरा करम किहे अहा।”
5 इ उ अहइ जेका यहोवा लबार नबियन क बारे मँ बतावत ह जउन ओकर लोगन क गलत तरीका स निदेर्सित करत ह: “अगर लोग ऍन नबियन क खाइ क देत हीं, उ पचे ओकरे बरे सान्ति क कामना करी। मुला अगर लोग ओनका खाइके नाहीं देतेन, तउ उ पचे ओकरे बरे जुद्ध क कामना करी।
6 एह बरे इ तू पचन बरे राति सा होइ। तू पचे कउनो दर्सन नाहीं लख पउब्या। तउ तू पचे इ अचरज कारज नाहीं करइ पाउब्या। एह बरे इ तू पचन्क अँधियारा जइसा लागी। नबियन पइ सूरज छुप जाइ अउर ओनके ऊपर दिन करिया पड़ि जाइ।
7 भविस्स क द्रस्टा लजाइ जइहीं। उ सबइ लोग, जउन भविस्स लखत हीं, ओनकर मुँहना करिया होइ जइहीं। हाँ, उ सबइ सबहिं आपन मुँहना बंद कइ लेइहीं काहेकि हुआँ परमेस्सर कइँती स कउनो जवाब नाहीं होइ!”
8 मुला यहोवा क आतिमा मोका सक्ती, नेकी अउर सामरथ स भरि दिहेस रहा। मइँ याकूब क ओकर अपराधन क बताउब। मइँ इस्राएल क ओकरे पापन क बारे मँ कहब।
9 हे याकूब क मुखिया लोगो, इस्राएल क सासक लोगो, तू पचे मोर बात सुना! तू पचे निआव स घिना करत अहा। जउन चीज सोझ होइ तू पचे ओका टेढ़ी कइ देत अहा।
10 तू पचे सिय्योन क निर्माण लोगन क हत्तिया कइके किहा; तू पचे यरूसलेम क भयंकर अपराधन क जरिये बनाए रह्या।
11 यरूसलेम क निआवधीस झूठे फैसले देइ बरे घूस लेत रहेन। यरूसलेम क याजकन क धन देइ पड़त ह, ऍकरे पहिले कि उ पचे लोगन्क सीख देइँ। लोगन्क नबी लोगन्क धन देइ पड़त ह। ऍकरे पहिले कि उ पचे भविस्स मँ झाँकइ अउर फुन भी उ सबइ मुखिया सोचत हीं कि ओन पइ कउनो दण्ड नाहीं पड़ सकत। उ सबइ सोचा करत हीं, यहोवा ओनका बचाइ लेइ अउर उ पचे कहत हीं, “यहोवा हमरे बीच मँ रहत ह। एह बरे हमरे संग कउनो बुरी बात नाहीं घटि सकत ह।”
12 हे मुखिया लोगो, तू पचन्क कारण सिय्योन क बिनास होइ। इ कउनो जोते भए खेत क तरह सपाट होइ जाइ। यरूसलेम पाथरन क टीला बन जाइ अउर मन्दिर क पहाड़ झाड़ियन स ढका भवा एक ठु सूनी पहाड़ी होइ।
Micah 4
1 अगवा आवइवाली समइ इ घटना घटी। यहोवा क मन्दिर क पहाड़ सबहिं पहाड़न मँ बहोत ही महत्व स भरा भवा होइ जाइ। ओका पहाड़न क ऊपर उठाइ दीन्ह जाइ। दूसर देसन क लोग ऍकरी कइँती उमड़ि पड़िहीं।
2 अनेक दूसर रास्ट्र आइहीं अउर कइहीं, “आवा! यहोवा क पहाड़े पइ ऊपर चलइँ। याकूब क परमेस्सर क मन्दिर चलइँ। परमेस्सर हम पचन्क आपन राह सिखाइ। तउ हम पचे ओकरे पथ पइ चलब।” काहेकि परमेस्सर क नेमन सिय्योन स आइ अउर यहोवा क बचन यरूसलेम स आइ।”
3 परमेस्सर बहोत स जातियन क निआव करी। परमेस्सर ओन ससक्त देसन क फइसला करी, जउन बहोत-बहोत दूर अहइँ अउर फुन उ सबइ आपन तरवारन गलाइके अउर ओनका पीटिके हरे क फार मँ बदल देइहीं। उ सबइ देस आपन भालन क पीटि पीटिके अइसे औजारन मँ बदलि देइहीं, जेनसे बृच्छन क काट छाँट होत रहत ह। देस तरवारन क उठाइके आपुस मँ नाहीं लड़िहीं। अब उ सबइ जुद्ध क सबइ विद्या अउर जियादा नाहीं सीखिहीं।
4 मुला हर कउनो आपन अंगूरे क बेलन क तरखाले अउर अंजीर क पेड़ क नीचे बइठा करी। कउनो भी मनई ओनका डेराइ नाहीं पाइ। काहे काहेकि सर्वसक्तीमान यहोवा इ कहेस ह।
5 दूसर देसन क सबहिं लोग आपन देवतन क अनुसरण करत हीं। मुला हम पचे आपन परमेस्सर यहोवा क सदा-सर्वदा अनुसरण करत हीं।
6 यहोवा कहत ह, “उ समइ मँ मइँ जउन लँगड़ा होइ गवा ह एक संग बटोरब। मइँ ओन लोगन क बटोरब जउन भेजा ग अहइ अउर ओन लोगन क जेकरे संग मइँ बुरा काम किहे रहउँ ह।
7 उ “ध्वस्त नगरी” क लोग बचा भवा लोग होइहीं। उ सहर क लोगन क तजिके भाग जाइके मजबूर कीन्ह गवा रहा। मुला मइँ ओनका एक ठु सुदृढ़ जाति क रूप मँ बनाउब।” यहोवा ओनकर राजा होइ अउर उ सिय्योन क पहाड़े पइ स सदा सासन करी।
8 हे रेवड़ क पहरा क मीनार, हे ओपेल, सिय्योन क पहाड़ी, तू फुन स सरकार क जगह पइ बइठब्या। हे बिटिया यरूसलेम,उ राज्ज तोहमाँ ही रहब जइसा अतीत मँ रहा।”
9 अब तू पचे काहे ऍतनी ऊँच आवाज मँ गोहरावत अहा? का तोहाँर सबन क राजा जात रहा बाटइ? का तू पचे आपन मुखिया खोइ दिहा ह तू पचे अइसे तड़पत अहा जइसे कउनो मेहरारू बच्चा पइदा करइ क समइ मँ तड़पत ह।
10 सिय्योन क बिटिया, तू पीरा क झेला। तू उ मेहरारू जइसा होइ जा जउन बच्चा पइदा करइ क समइ मँ फड़फड़ात ह। काहेकि अब तोहका नगर (यरूसलेम) क तजइ क बाटइ। तोहका खुले मइदान मँ रहइ क बाटइ। तोहका बाबुल जाइ क होइ किन्तु उ जगह स तोहार रच्छा होइ जाइ। यहोवा हुँआ आइ अउर उ तोहका तोहरे दुस्मनन स वापिस लइ आइ।
11 तोहसे लड़इ बरे अनेक जाति अइहीं। उ पचे कहत हीं, “सिय्योन क लखा। ओह पइ हमला करा!”
12 लोगन्क ओनकर आपन योजनन अहइँ, मुला ओनका अइसी ओन बातन क पता नाहीं जेनके बारे मँ यहोवा योजना बनावत अहइ। यहोवा ओन लोगन्क कउनो खास प्रयोजन बरे हिआँ लिआवा। उ सबइ लोग वइसे वुचुर दीन्ह जइहीं जइसे खरिहाने मँ अनाज क पूरी वुचरी जात हीं।
13 “हे सिय्योन क बिटिया, खड़ी होइ जा अउर तू ओन क वुचरि द्या। मइँ तोहका सक्तीसाली बनाउब। तू अइसी होउबिउ जइसे तोहरे सींग लोहा क अउर तोहरे खुर काँसा क होइँ। तू बहोत स जातियन क नस्ट करब्या। तू ओनके धने क यहोवा क अपिर्त करा। तू ओनकर खजानन क समूची धरती क सुआमी क समपिर्त करब्या।”
Micah 5
1 हे सुदृढ़ सहर, अब तू आपन फउजियन क बटोरा। दुस्मन हमला करइ क हम पचन्क घेरत अहइँ। उ पचे इस्राएल क जज क मुँहना पइ आपन सोंटा स प्रहार करिहीं।
2 हे बेतलेहेम एप्राता, तू यहूदा क छोटा सहर अहा अउर तोहार परिवार गनती मँ बहोत कम अहइ। किन्तु “इस्राएल क सासक” मोर बरे तोहसे आइ। बहोत पहिले सुदूर पुराने जमाने मँ ओकरे घराने क जड़न बहोत पहिले स होइहीं।
3 यहोवा आपन लोगन्क ओनकर दुस्मनन क हाथे मँ सौंपि देइ। उ पचे उ समइ तलक हुअँइ पइ बना रइहीं जब तलक उ मेहरारू आपन लरिका क नाहीं जन्म देत। फुन ओकरे बचा भवा भाईयन इस्राएल क लोगन्क लगे लउटिके अइहीं।
4 तब इस्राएल क सासक खड़ा होइ अउर भेड़िन क झुंड क चराइ। यहोवा क सक्ती स उ ओनका राह देखाँइ। उ यहोवा आपन परमेस्सर क अजूबा नाउँ क सक्ती स ओनका राह देखाँइ। हुआँ सान्ति होइ, काहेकि उ समइ मँ ओकर महानता धरती क छोरन तलक पहोंच जाइ।
5 हुआँ सान्ति होइ, अउर अस्सूर क सेना हमार बिसाल भवन तोड़ी, तउ इस्राएल क सासक सात ठु गड़रियन चुनी। नाहीं, हम पचे आठ मुखिया लोगन्क पाउब।
6 उ पचे अस्सूर क लोगन पइ आपन तरवारन स हुवूमत करिहीं। ओनका राज्ज तरवारन क सक्ती स नम्रोद क धरती पइ सासन करिहीं। फुन इस्राएल क सासक हम पचन्क अस्सूर क उ सबइ लोगन्स बचाइ जउन हमरी धरती पइ अइहीं अउर उ पचे हमरी चउहद्दी क आपन पैड़ तले रौंदिहीं।
7 फुन बहोत स रास्ट्रन क बीच मँ याकूब क बची भइ सन्तान ओस क बूँदन जइसी होइहीं जउन यहोवा कइँती स आइ होइँ। उ पचे घासे क बरखा जइसी होइहीं। उ पचे लोगन पइ आसरा नाहीं रखिहीं। उ पचे कउनो मनई क इंतजार नाहीं करिहीं।
8 बहोत स लोगन क बीच याकूब क बचे भए लोग उ सेर जइसे होइहीं जउन जंगल क पसुअन क बीच होत ह। जब सेर बीच स गुजरत ह तउ उ हुवँइ जात ह, जहाँ उ जाइ चाहत ह। उ पसू पइ टूटि पड़त ह अउर उ पसू क कउनो बचाइ नाहीं सकत ह। ओकर बचे भए लोग अइसे ही होइहीं।
9 मइँ तू पचन क हाथ तोहारे दुस्मनन क खिलाफ उठउब अउर तू पचे ओनकर बिनास कइ डउब्या।
10 यहोवा कहत ह: “उ समइ मइँ तू पचन्स तोहार सबन्क घोड़ा छोरि लेबउँ। तोहार सबन्क रथन क बर्बाद कइ देबउँ।
11 तोहार सबन्क नगरन उजारि देबउँ। मइँ तोहार सबन्क सबहिं गढ़न क ढहाइ देबउँ।
12 मइँ तोहार जादूगरन क नस्ट कइ देब। अउर तोहार लगे अइसा एक भी मनई नाहीं होब्या जउन भविस्सवक्ता होइ।
13 मइँ तोहार पचन्क लबार देवतन क मूतिर्यन क बर्बाद करब। ओन लबार देवन क पाथरन क स्मृति-स्तंभ मइँ उखारिके लोकाँउबउ जेनका तू पचे आपन हाथन स बनाया ह। तू पचे ओनकर पूजा नाहीं कइ पउब्या।
14 मइँ असेरा क पूजा क खम्भन क नस्ट कइ देबउँ। मइँ तू पचन्क नगरन क तहस-नहस कइ देबउँ।
15 मइँ आपन बदला किरोध स लेबउँ अउर ओह पइ तीव्र होबउँ जउन मोर नाहीं सुनिहीं।”
Micah 6
1 जउन यहोवा कहत ह ओह पइ तू पचे कान द्या। तू पचे पहाड़न क समन्वा खड़ा होइ जा अउर आपन मुकद्दमा क पैस करा। पहाड़न क तोहार सिकायत सुनइ द्या।
2 यहोवा क आपन लोगन स सिकाइत अहइ। पहाड़ो, तू सबइ यहोवा क सिकाइत क सुना। धरती क नेंव, यहोवा क सिकाइत क सुना। उ साबित करी कि इस्राएल दोखी अहइ।
3 यहोवा कहत ह: “हे मेरे लोगो, का मइँ कबहुँ तोहार सबन्क कउनो बुरा किहेउँ ह मइँ कइसे तोहार सबन्क जिन्नगी कठिन किहेउँ ह मोका बतावा, मइँ तोहरे सबन्क संग का किहेउँ ह
4 मइँ तू पचन्क बतावत हउँ जउन मइँ तोहरे सबन्क संग किहेउँ ह, मइँ तू पचन्क मिस्र क धरती स निकारि लियाएउँ, मइँ तू सबन्क गुलामी स मुक्ति दियाएउँ रहे। मइँ तू पचन्क निअरे मूसा, हारून अउ मरियम क पठए रहेउँ।
5 हे मोर लोगो, मोआब क राजा बालाक क बुरा जोजना क सुमिरा। उ सबइ बातन क सुमिरा जउन बोर क पूत बिलाम बालाक स कहे रहेन। उ सबइ बातन क सुमिरा जउन सित्तीम स गिल्गाल तलक घटी रहिन। तबहिं समुझ पउब्या कि यहोवा उचित अहइ।”
6 जब मइँ यहोवा क समन्वा जाबउँ अउर परणाम करँउ, तउ परमेस्सर क समन्वा आपन संग का लइके जाबउँ? का यहोवा क समन्वा एक बरिस क बछवा क होमबलि लइके जाबउँ?
7 का यहोवा एक हजार भेड़न स या दस हजार तेल क नदियन स खुस होइ? का आपन पापे क बदले मँ मोका आपन पहली संतान क अपिर्त करइ चाही? का मोका पइदा होआ बच्चा आपन पापन क बदले मँ दे देइ चाही?
8 हे मनई, यहोवा तू पचन्क उ बातन बताएन ह जउन उत्तिम अहइँ। इ सबइ उ सबइ बातन अहइँ, जेनकर यहोवा क तू सबन्स अपेच्छा अहइ: उ सब करा जउन दूसर लोगन बरे नीक रहा। दयालु रहा, अउर आपन जिन्नगी परमेस्सर क संग विनम्रता स आगे बढ़ावा।
9 यहोवा क वाणी यरूसलेम क गोहरावत अहइ। बुद्धिमान मनई यहोवा क नाउँ क मान देत हीं। सजा क डण्डा पइ धियान द्या। ओह पइ धियान द्या जउन भाग्य अहइ!
10 का अबहुँ भी दुट्ठ आपन चोरॉए खाजाना क छुपावत अहइँ? का उ पचे अबहुँ भी तउल मँ ओन खोटा टोकरियनक प्रयोग करत हीं, जेसे यहोवा घिना करत हीं?
11 का मइँ ओन दुट्ठ लोगन क दोस मुक्त कइ देबउँ जउन अबहुँ भी गलत बाँटन अउर खोट तराजू लोगन क ठग लेइ क कामे मँ लियावत हीं? का मइँ ओन दुट्ठ लोगन क दोस मुक्त कइ देबउँ, जउन अबहुँ भी अइसी गलत तउल क इस्तेमाल करत हीं?
12 उ सहर क धनी मनई अबहुँ भी वूर करम करत ही। उ सहर क बसइया अबहुँ भी झूठ बोला करत हीं। हाँ, उ पचे लोग मनगढ़ंत झूठ क बोला करत हीं।
13 तउ मइँ तू पचन्क सजा देब सुरू कइ दिहेउँ ह। मइँ तू पचन्क तोहार पचन्क पापन बरे बर्बाद कइ देबउँ।
14 तू पचे खइया क खाब्या मुला तोहार पेट नाहीं भरी। तू पचे फुन भी भूखा रहब्या। तू लोगन्क सुरच्छित जगह पइ लियावइ बरे जतन करब्या किन्तु मइँ ओनका तोहारे दुस्मनन क तरवारे क देब।
15 तू पचे आपन बिया बोउब्या किन्तु तू पचे ओका नाहीं काटब्या। तू पचे घानी मँ पेरिके आपन जइतून क तेल निचोरब्या, मुला तू पचन्क उ तेल क इस्तेमाल नाहीं करिहीं। तू पचे आपन अंगूरन क खूँदिके निचोरब्या मुला तू दाखरस नाहीं पिअइहीं।
16 अइसा काहे होइ? काहेकि तू पचे ओम्री क नेमन पर चलत अहा। तू पचे ओन बुरी बातन क करत अहा जेनका आहाब क परिवार करत रहा। तू पचे ओनकर सिच्छन पइ चलत रहत अहा ऍह बरे मइँ तू पचन्क नस्ट भ्रस्ट कइ देबउँ। तू पचन्क सहरे क लोग क हँसी होइ। तू पचन्क दूसर राज्जन क घिना झेलइ क पड़ी।
Micah 7
1 मइँ बियावुल अहइँ। काहेकि मइँ गरमी क उ फले जइसा अहउँ जेका अबहुँ तलक बिन लीन्ह ग अहइ। मइँ ओन अंगूरन जइसा अहउँ जेनका तोरि लीन्ह ग अहइ। अब हुआँ कउनो अंगूर खाइ क नाहीं बचा अहइ। सुरूआती क अंजीर जउन मोका भावत हीं, एक भी नाहीं बची अहइँ।
2 एकर इ अरथ अहइ सबहिं सच्चे लोग जात रहत अहइँ। कउनो भी सज्जन मनई इ पहँटा मँ नाहीं बचा अहइ। हर मनई कउनो दूसर क मारइ क घात मँ रहत ह। हर मनई आपन ही भाई क फँदा मँ फँसावइ क जतन करत बाटइ।
3 लोग दुइनउ हाथन स बुरा करइ मँ होसियार अहइँ। अधिकारी लोग रिसवत माँगत हीं। निआव क जज अदालतन मँ फइसला बदलइ बरे घूस लेत रहत हीं। “महत्वपूर्ण मुखिया” खरा अउ निस्पच्छ निर्णय नाहीं लेतेन। ओनका जइसा भावत ह उ पचे वइसा ही काम करत हीं।
4 हिआँ तलक कि ओनकर सवोर्च्च काँटन क झाड़ी जइसा होत ह। हिआँ तलक कि ओनकर सबन त जियादा धमीर् मनई भी काँटन क झाड़ी स जियादा टेंढ़ होत ह।उ दिना जेका तू अपेच्छा किहे रहा जउन तोहार सज़ा बरे होइ, आवत हीं। अब तू पचन उलझ जाब्या।
5 तू पचे आपन पड़ोसी क भरोसा जिन करा। तू पचे मित्र क भरोसा जिन करा आपन पत्नी तलक स खुलिके बात जिन करा।
6 आपन ही घरे क लोग एक दूसरे क संग दुस्मन जइसा बेउहार करिहीं। पूत आपन बाप क आदर नाहीं करी। बिटिया आपन मताहरी क खिलाफ होइ जाइ। पतोहू आपन सास क खिलाफ होइ जाइ।
7 मइँ मदद बरे यहोवा क निहारब। मइँ परमेस्सर क इंतजार करब कि उ मोका बचाइ लेइ। मोर परमेस्सर मोर सुनी।
8 मोर पतन भवा ह। मुला हे मोरे दुस्मन, मोर हँसी जिन उड़ावा। मइँ फुन स खड़ा होइ जाबउँ। यदपि आजु मइँ अँधियारा मँ बइठा हउँ यहोवा मोरे बरे प्रकास होइ।
9 यहोवा क खिलाफ मइँ पाप किहे रहेउँ। एँह बरे उ मोह पइ कोहान रहा। मुला अदालत मँ उ मोरे अभियोग क वकालत करी। उ, इ सबइ ही काम करी जउन मोरे बरे उचित अहइ। फुन उ मोका बाहेर प्रकास मँ लइ आइ अउर मइँ ओकरे छुटकारा का लखब।
10 फुन मोर बैरिन इ लखी अउर लजाइ जाइ। मोर बैरिन इ मोसे कहे रही, “तोहार परमेस्सर यहोवा कहाँ बा?” उ समइ, मइँ ओह पइ हँसब। लोग ओका अइसे वुचरि डइहीं जइसे गलियन मँ कीचं वुचरि डाइ जात हीं।
11 उ समइ आइ, जब तोहरे देवारन क फुन निर्माण होइ। एक दिना तोहार देवार बहोत दूर तलक बढ़िहीं।
12 तोहार लोग तोहरी धरती पइ लउटि अइहीं। उ सबइ लोग अस्सूर स अइहीं अउर उ सबइ लोग मिस्र क सहरन स अइहीं। तोहार लोग मिस्र स अउर परात नदी क दूसरी छोर स अइहीं। उ सबइ पच्छिम क समुद्दर स अउर पूरब क पहाड़ी स अइहीं।
13 धरती ओन लोगन क कारण जउन एकर बसइयन रहेन बर्बाद भइ रही, ओन करमन क कारण जेनका उ पचे करत रहेन।
14 आपन लोगन ऊपर आपन साही राजदण्ड स हुवूमत करा। आपन लोगन क रेवड़ पई हुवूमत करा। लोगन क उ रेवड़ जंगलन मँ अउर कम्मेर्ल क पहाड़े पइ अकेल्ले रहत ह। उ रेवड़ बासान मँ रहत ह अउर गिलाद मँ बसत ह जइसे उ पहिले रहा करत रहा।
15 जब मइँ तू पचन्क मिस्र स निकारिके लइ आए रहेउँ, तउ मइँ बहोत स चमत्कार किहे रहेउँ। वइसेन ही अउर चमत्कार मइँ तू पचन्क देखाँउब।
16 उ सबइ चमत्कारन क सबइ जाति लखिहीं अउर लजाइ जइहीं उ सबइ जातियन लखिहीं कि ओनकर “सक्ती” मोरे समन्वा कछू नाहीं अहइ। उ सबइ चकित रहि जइहीं अउर उ सबइ आपन मुँहे पइ हाथ रखिहीं। उ पचे कान क ढाँपि लेइहीं अउर कछू नाहीं अनकिहीं।
17 उ पचे धूरि चाटत साँपन क नाईं अउर रेंगत भए जीव क नाईं धरती पइ रहइँ। उ पचे अइसे किरवन नाईं रेगंत रहइँ आपन बिलन स निकरत हीं। उ पचे डेरात-काँपत भए हमरे परमेस्सर यहोवा क लगे जइहीं। परमेस्सर, उ पचे तोहरे समन्वा डेरइहीं।
18 तोहरी नाईर् कउनो परमेस्सर नाहीं अहइ। तू पापी लोगन्क छिमा कइ देत अहा। तू आपन बचे भए लोगन क पापन क छिमा करत अहा। यहोवा सदा कोहान नाहीं रही, काहेकि ओका तउ दयालु ही रहब भावत ह।
19 ओका हम पचन पई फुन दया करि द्या। ओका हमरे पापन स छुटकारा पावइ द्या। उ हमरे पापन क दूर गहिर सागरे मँ लोकाइ देब्या।
20 याकूब बरे तू फुरइ रहब्या। इब्राहीम बरे तू दयालु रहब्या। तू अइसी ही प्रतिग्या बहोत पहिले हमरे पुरखन क संग किहे रह्या।
Nahum 1
1 इ नीनवे क बारे मँ एक ठु दुःखद समाचार अहइ। इ किताब नहूम क दर्सन क किताब अहइ। नहूम एल्कोस स रहा।
2 यहोवा ईस्यालु अउर प्रतिसोधी परमेस्सर अहइ। यहोवा बदला लेत ह। यहोवा बहोतइ कोहान अहइ। यहोवा आपन दुस्मनन क खिलाफ बदला लेत ह। उ आपन दुस्मनन पइ कोहात रहत ह।
3 यहोवा धीरा राखत ह। मुला उ बहोतइ सक्तीसाली अहइ। यहोवा अपराधी लोगन क सजा देत ह। उ ओनका आजाद चला जाइ नाहीं देइ। लखा, यहोवा दुट्ठ लोगन क सजा देइ आवत ह। उ आपन सक्ती देखॉवइ बरे चक्रवात अउर तूफानन क काम मँ लिआब। बादर ओकरे गोड़न क नीचे धूरि क समान अहइ।
4 जदि यहोवा सागर क घुड़कइ तउ सागर भी झुराइ जाइ। उ सारी नदियन क झुराइ सकत ह। बासान अउ कमेर्ल क हरी-भरी भुइँया झुराइके मरि जात हीं। लबानोन क फूल मुरझाइके गिरि पड़त हीं।
5 यहोवा क अवाई होइ अउर पहाड़ डर स कँपिहीं अउर इ सबइ पहाड़ियन टेघराइके बहि जइहीं। यहोवा क अवाई होइ अउर इ धरती डर स काँपि उठी। इ जगत अउर जउन कछू एहमाँ अहइ जउन जिअत अहइ, डर स काँपी।
6 यहोवा क महाकोप क मुकाबला कउनो नाहीं कइ सकत, कउनो भी ओकर भयानक कोप नाहीं सहि सकत। ओकर किरोध आगी क नाईर् धधकी। जबहिं उ पधारी तबहिं चट्टानन चटकि जइहीं।
7 यहोवा संकट क काले मँ उत्तिम अहइ। उ सुरच्छित सरन अइसे ओन लोगन क अहइ जउन ओकरे भरोसे अहइँ। उ ओनकर देख-रेख करत ह।
8 मुला उ आपन दुस्मनन क पूरी तरह बर्बाद कइ देइ। उ ओनक बाढ़ क तरह बहाइ के लइ जाइ। अँधियारा क बीच उ आपन दुस्मनन क पाछा करी।
9 का तू पचे यहोवा क खिलाफ सड्यंत्र रचत अहा? उ तोहार पचन क अंत कइ देइ। फुन अउर कउनो दूसरी दाईर् कबहुँ यहोवा का खिलाफत नाहीं करी।
10 तोहरे पचन्क दुस्मन अरझ गए काँटन स बर्बाद होइहीं। उ पचे झुरान घासे जइसे हाली ही जरि जइहीं।
11 हे अस्सूर, एक मनई तोहसे ही आवा अहइ। जउन यहोवा क खिलाफ सड्यंत्र रचेस अउर पापे स भरी सलाह दिहस।
12 यहोवा यहूदा स इ सबइ बातन कहे रहा: “अस्सूर क जनता पूरी सक्तीसाली अहइ। ओकरे लगे बहोत स फउजी अहइँ। मुला ओन सबन्क काटिके लोकाइ दीन्ह जाइ। सबन्क अन्त कीन्ह जाइ। हे मोर लोगो, मइँ तू पचन्क बहोत स कस्ट दिहेउँ मुला अब आगे तू पचन्क अउर कस्ट नाहीं देबउँ।
13 अब मइँ तोहरे पचन क काँधे स उ जुआ उतारि देब। तोहार सबन्क जंजीरन जेनमाँ मँ तू पचे बँधा अहा मइँ अब तोरि देब।”
14 हे अस्सूर क राजा, तोहरे बारे मँ यहोवा इ आदेस दिहस ह: “तोहार नाउँ लेवइया कउनो भी संतान न रही। तोहार खुदी भइ मूतिर्यन अउ धातु क मूतिर्यन क मइँ बर्बाद कइ देब जउन तोहरे देवतन क मन्दिरन मँ रखा भवा अहइँ। मइँ तोहरे बरे कब्र बनावत हउँ काहेकि तोहार अंत आवति अहइ।
15 लखा यहूदा। लखा हुआँ, पहाड़े क ऊपर स कउनो आवत अहइ। कउनो हरकारा सुसंदेस लइकि आवत अहइ। लखा उ कहत अहइ कि हिआँ पइ सान्ति अहइ। यहूदा, तू आपन खास छुट्टी क दिन मनाइ ल्या। यहूदा, तू आपन मन्नतन मनाइ ल्या। अब फुन कबहुँ दुर्जन तोह पइ वार न करिहीं अउर उ पचे फुन तोहका हराइ न पइहीं। ओन सबहिं दुर्जनन क अन्त कइ दीन्ह ग अहइ।
Nahum 2
1 नीनवे, बिनासकारी तोहरे खिलाफ जुद्ध करइ बरे आवत अहइ। आपन सहर क मज़बूत ठउर सुरच्छित कइ ल्या! राहन पइ आँखी धरा, जुद्ध बरे तइयार रहा, लड़ाई क तइयारी करा।
2 काहेकि यहोवा याकूब क महिमा लउटावत अहइ जइसे इस्राएल क महिमा। अस्सूर क लोग इस्राएल क प्रजा क नास किहेन अउर ओनकर अंगूरे क बेलन क रौंदि डाएन ह।
3 ओन जोधन क ढार लाल बाटइ। ओकरे फउजियन क वदिर्यन चमलीला लाल कपड़ा स बना अहइँ। जब उ जुद्ध बरे तइयार होत हीं, ओकरे रथन पौलिस कीन्ह भवा लोहा क जइसा चमकत अहइँ। ओनकर भालन जुद्ध बरे तइयार रहत अहइँ।
4 ओनकर रथन गलियन मँ बहोत तेजी स भागत परात अहइँ। उ सबइ नगर क चउराहन मँ आगे पीछे भागत हीं। उ सुलगत मसालन स देखाँत हीं अउर अइसे लगात हीं जइसे बिजुरी हिआँ-हुवाँ चमकत होइ।
5 राजा आपन ओन फउजियन क बोलावत अहइ जउन सर्वश्रेष्ठ अहइँ। मुला उ पचे आपन रास्ते मँ ठोकर खात अहइँ। उ पचे किला क कइँती दउड़त अहइँ, अउर उ पचे सुरच्छा अवरण बनावत अहइँ।
6 मुला उ सबइ दुआर जउन नदियन क किनारे अहइँ, खुला अहइँ। दुस्मन ओनमाँ स जात अहइ अउर राजा क महल क गलाइके बैठाइ देत ह।
7 लखा, इ दुस्मन रानी क उठाइ लइ जात ह अउर ओकर दासियन बिलखत हीं जइसेन दुःखे स भरी भइन कबूतरिन होइँ। उ पचे आपन दुःख परगट करइ बरे आपन छाती पीटति अहइँ।
8 नीनवे अइसे तलाब जइसा होइ ग अहइ जेकर पानी बहिके बाहेर निकरत होइ। उ सबइ लोग पुकारिके कहत अहइँ, “रुका! रुका! ठहरे रहा, कहूँ पराइ जिन जा।” मुला कउनो न ही रुकत बाटइ अउर न ही कउनो ओन पइ धियान देत ह!
9 हे फउजियो, तू पचे जउन नीनवे क बिनास करत अहा। तू पचे चाँदी लइ ल्या अउर इ सोना लइ ल्या। हिआँ पइ लेइके बहुतेरी चिजियन अहइँ। हिआँ पइ बहोत स खजाना भी अहइँ!
10 अब नीनवे खाली अहइ, सब कछू लुटि ग अहइ। सहर बर्बाद होइ ग अहइ। लोग आपन हिम्मत खोइ दिहे बाटेन। ओनकर मन डर स टेघरत बाटेन, ओनकर घुटना आपुस मँ टकरात अहइँ। ओनकर तन काँपत अहइ, ओनकर मुँहना डरे स पिअर पड़ि गवा अहइँ।
11 नीनवे जउन कबहुँ सिंह क माँद रहा, अब उ कहाँ अहइ? जहाँ सिंह अउ सिंहिनी रहा करत रहेन। ओनकर बच्चन बेडर रहेन।
12 जउन सिंह (निनवे क राजा) आपन बच्चन अउ सबइ मादा क तृप्ति देइ बरे केतना ही सिकार मारे रहा। उ माँद अउर आपन गुफा क ओसे भरेस जेनका मारे रहा।
13 सर्वसक्तीमान यहोवा कहत ह, “नीनवे, मइँ तोहरे खिलाफ हउँ। मइँ तोहरे रथन क जुद्ध मँ बारि देब। जुद्ध मँ मइँ तोहरे ‘जवान सिंहन’ क हत्या करब। तू फुन कबहुँ इ धरती पइ कउने भी आपन सिकार नाहीं मारि पाइ। लोग फुन कबहुँ तोहरे सँदेसवाकन क वाणियन क नाहीं सुनिहीं।”
Nahum 3
1 उ हत्तियारन क सहर क धिक्कार अहइ। नीनवे अइसा सहर अहइ, जउन लबारन स भरा अहइ। इ दूसर देसन क लूट क माले स भरा अहइ। इ ओन बहोत सारे लोगन स भरा अहइ जेनकर उ पाछा किहस अउर जेनका इ मारि डाएस ह!
2 लखा, कोड़न क फटकार, पहियन क सोर, अउर घोड़न क टाप सुर्नाइ देति अहइँ, अउर साथ-साथ उछरत रथन क सब्द सुनाइ देत अहइ।
3 घोड़सवार हमला करत अहइँ अउर ओनकर तरवारन चमचमाति अहइँ। केतॅना ही लोग मरि गएन। ल्हासन क ढेर लगि गवा अहइँ। लोग अनगिनत ल्हासन पइ भहराइ भहराइके चलत बाटेन।
4 इ सब कछू नीनवे क कारण घटा अहइ। नीनवे उ रण्डी जइसी अहइ जउन कबहुँ अघात नाहीं, ओका अउर जियादा, अउर जियादा चाहे रहा। उ आपन क ढेर सारे देसन क बोचे दिहे रहा अउर उ ओनका आपन दास बनावइ क जादू चलाए रहा।
5 सर्वसक्तीमान यहोवा कहत ह, “हे नीनवे, मइँ तोहरे खिलाफ अहउँ। मइँ तोहरे ओढ़ना क तोहरे मुँहना तलक उठाइ देब। तोहरी नंगी देह क सारे देसन क देखाउब। मइँ तोहार लज्जा राज्जन क देखाउब।
6 मइँ तोहरे ऊपर घिनौनी चीज लोकाउब। मइँ तोहसे घिना क संग बर्ताव करब। लोग तोहका लखिहीं अउर तोह पइ हँसिही।
7 जउन कउनो भी तोहका लखी तोहसे दूर पराई। उ पचे कहब, ‘नीनवे नस्ट होइ गवा, मुला कउन ओकरे बरे रोब्या?’ मइँ कहाँ देखउँ जउन तोहका सुख चैन देइ?”
8 नीनवे, का तू नील नदी क किनारे पइ बसी नौ अमोनस उत्तिम अहा? नाहीं अमोन क चारिहुँ कइँती भी पानी हुआ करत रहा। नाहीं अमोन इ पानी क इस्तेमाल खुद क दुस्मन स बचावइ बरे खाई क रूप मँ करत रहत रहा। इ पानी क उपयोग उ एक ठु किला क रूप मँ भी करत रहा।
9 वूस अउ मिस्र अमोन क बहोत सक्ती प्रदान करत रहा। ओका पूत अउ लोबी क भी समर्थन मिला रहा।
10 मुला नाहीं अमोन हार गवा। ओकरे लोगन क बंदी बनाइके कउनो पराए देस मँ लइ जावा गवा। गली क हर कोना पइ फउजियन ओकरे नान्ह गदेलन क पीटि पीटिके मार डाएन। उ पचे पाँसा लोकाइ इ लखेन कि कउन महत्वपूर्ण मनई क कउन अपने हिआँ दास बनाइके राखइ। उ पचे सबहिं महत्वपूर्ण मनइयन क जंजीरन डाइ दिहे रहेन।
11 तउ नीनवे, तोहार भी कउनो नसे मँ धुत मनई क तरह, पतन होइ। तू लुकात फिरब्या। दुस्मन स दूर, तू कउनो सुरच्छित जगह हेरत फिरब्या।
12 मुला नीनवे, तोहार सबहिं मजबूत गढ़ अंजीरे क पेड़े जइसा होइ जइहीं। नई अंजीरन पाकत हीं। एक ठु मनई आवत ह अउर पेड़ क झकझोर देत ह तउ अंजीरन उ मनई क मुँहे मँ गिरत हीं।
13 नीनवे, तोहार लोग तउ मेहररूअन जइसे अहइँ अउर दुस्मन क फउजी ओनका लइ लेइके बरे तइयार बइठा अहइँ। तोहरी धरती क दुआर खुला पड़ा अहइँ कि तोहार दुस्मन भितरे आइ जाइ। तोहरे दुआरन मँ काठे स बनी आँगल क आगी बारिके बर्बाद कइ दिहस ह।
14 आपन सहरे क भितरे पानी जमा कइ ल्या, काहेकि दुस्मन क फउजी तोहरे सहर क घेरि लेइहीं। आपन सुरच्छा क मजबूत बनावा। ईर्टा बनावइ बरे जियादा माटी लिआवा। गारा बनावा अउर ईर्टा बनावइ बरे साँचा लिआवा।
15 तू पचे इ सबइ काम कइ सकत ह। मुला फुन भी आगी तोहका पूरी तरह बर्बाद कइ देइ अउर तरवार तोहका मारि डाइ। तोहार धरती अइसे देखाँइ देइ जइसे कउनो टिड्डियन क दल ओका चट कइ गवा ह।आपन आप क टिड्डियन क दल जइसा बढ़ावा। फुन अइसा होइ जा जइसे टिड्डियन क झुण्ड।
16 तोहरे हिआँ अनेक अनेक बइपारी होइ गएन जउन अनेक ठउरन पइ जाइके चिजियन खरीदा करत रहेन। उ पचे ऍतना अनगिनत होइ गएन जेतना अकास मँ तारा अहइँ। उ पचे टिड्डी दल क जइसे होइ गएन, जउन खात ह, अउर सब कछू क उ समइ तलक खात रहत ह जब तलक उ खतम नाहीं होइ जातिन अउर फुन छोड़िके चला जात ह।
17 तोहरे सरकारी अधिकारी भी टिड्डियन जइसा ही अहइँ। इ पचे ओन टिड्डियन क नाईर् अहइँ जउन ठण्डा क दिन एक ठु चट्टाने पइ बइठि जात हीं, मुला जब सूरज चढ़इ लागत ह अउर चट्टान गरम होइ लागत ह तउ उ कहूँ दूरि उड़ जात ह। कउनो नाहीं जानत, उ पचे कहाँ चली गइन। तोहार अधिकारी भी अइसा होइहीं।
18 हे अस्सूर क राजा, तोहार चरवाहन (मुखिया लोग) सोइ गएन। उ सबइ सक्तीसाली मनई नीदं मँ पड़ा अहइँ। अउर तोहार भेड़िन (परजा) अब पहाड़न पइ भटकत अहइँ। ओनका वापस लिआवइवाला कउनो नाहीं अहइ।
19 नीनवे, तू बुरी तरह घायल भवा ह अउर अइसा कछू नाहीं अहइ जउन तोहरे घाव क भरि सकइ। हर कउनो जउन तोहरे बिनास क खबर सुनत ह, ताली बजावत ह। उ पचे सबइ खुस अहइँ। काहेकि ओ सबइ उ पीरा क महसूस किहन ह, जेका तू सदा ओनका पहोंचावा करत रह्या।
Habakkuk 1
1 इ उ संदेस अहइ जउन हबक्कूक नबी क दीन्ह ग रहा।
2 हे यहोवा, मइँ लगातर तोहार दोहाइ देत रहत हउँ। तू मोर कब सुनब्या? मइँ इ हिंसा क बारे मँ तोहरे अगवा नरियात रहत हउँ मुला तू कछू नाहीं किहा।
3 लोग लूट लेत हीं अउर दूसर लोगन क नोस्कान पहोंचावत हीं। लोग तहत्तुक करत हीं अउर झगड़त हीं। हे यहोवा! तू अइसी भयानक बातन मोका काहे देखॉवत अहा?
4 व्यवस्था बगैर सहारा क होइ चुकी अहइ अउर लोगन क संग निआव नाहीं कइ पावति अहइ। दुट्ठ लोग सज्जन लोगन क संग आपन लड़ाइयन जीतन बाटेन। तउ, व्यवस्था अब निस्पच्छ नाहीं रहि गई बा।
5 यहोवा जवाब दिहस, “दूसर जातियन क लखा। ओनका धियान स देखा। तू अचरज होइ जाब्या। मइँ तोहरी जिन्नगी क समइ मँ कछू अइसा करब जउन तोहका चकित कइ देइ। अगर तोहका ओकरे बारे मँ बतावा जाइ तउ तू ओह पइ भरोसा नाहीं कइ पउब्या।
6 मइँ बाबुल क लोगन क एक ठु बलवान जाति बनाइ देबउँ। उ सबइ लोग बड़कवा दुट्ठ अउर सक्तीसाली जोधा अहइँ। उ पचे अगवा बाढ़त भए सारी धरती पइ छाइ जइहीं। उ पचे ओन घरन अउ ओन सहरन पइ कब्जा कइ लेइहीं जउन ओनकर नाहीं अहइँ।
7 बाबुल क लोग दूसर लोगन क ससाइ देइहीं। बाबुल क लोग जउन चइहीं, तउन करिहीं अउर जँहा चहिहीं, हुआँ जइहीं।
8 ओनकर घोड़न चीतन स भी तेज दउड़इवाला होइहीं अउर सूरज क लुकाइ जाइ क पाछे बड़का वूवुर स भी जियादा खूँखार होइहीं। ओनकर घोड़सवार फउजी सुदूर ठउरन स अइहीं। उ पचे आपन दुस्मनन पइ वइसे टूटि पड़िहीं जइसे अकासे स कउनो भूखा गिद्ध झपट्टा मारत ह।
9 उ पचे सबहिं हिंसा करइ बरे आइहीं। ओनकर फउज रेगिस्तान क हवा क तरह नाके क सोझ मँ अगवा बढ़िहीं। बाबुल क फउजी अनगिनत लोगन क बंदी बनाइके लइ जइहीं। ओनकर गिनती ऍतनी जियादा होई जेतॅनी रेत क कणन क होत ह।
10 “बाबुल क फउजी दूसर देसन क राजा लोगन क हँसी उड़इहीं। दूसर देसन क राजा ओनके बरे चुटवुला बन जइहीं। बाबुल क फउजी ऊँचा सुदृढ़ मीनारवाले सहरन पइ हँसिहीं। उ पचे ओन किलन क बदले मँ बालु क रास्ता बनाइके ओन सहरन क आसानी स हराइ देइहीं।
11 फुन उ पचे दूसर जगहन पइ जुद्ध बरे ओन जगहन क तजिके अइसेन ही अगवा बढ़ि जइहीं जइसे आँधी आवति अहइ अउर अगवा बढ़ि जात ह। बाबुल क उ सबइ लोग बस आपन सक्ती क ही पूजिहीं।”
12 फुन हबक्कूक कहेस, “हे यहोवा, तू अमर अहा। तू मोर पवित्तर परमेस्सर अहा। हम नाहीं मरब। हे यहोवा, तू बाबुल क लोगन क दूसर लोगन क सजा देइ क रच्या ह। हे हमार चट्टान, तू ओनका यहूदा क लोगन क सजा देइ क रच्या ह।
13 तोहार भली आँखिन कउनो दोख नाहीं लखति हीं। तू पाप करत भए लोगन क नाहीं लखि सकत ह। तउ तू ओन पापियन क जीत कइसे लख सकत ह तू कइसे लख सकत ह कि सज्जन क दुर्जन हराइ देइ।
14 तू ही लोगन क अइसे बनाया ह जइसे सागरे क अनगिनत मछरियन जउन सागर छोटा जीव अहइँ बगइर कउनो मुखिया क।
15 दुस्मन हुक अउ जालि डाइके ओनका पकड़ि लेत ह। आपन जालि मँ फँसाइके दुस्मन ओनका हींच लइ जात ह। दुस्मन बहोत खुस होत ह जउन उ पकड़त ह।
16 इ फंदा अउर जाल ओकरे बरे अइसी जिन्नगी मँ जउन धनवान क होत ह अउर उत्तिम भोजन खाइ मँ ओकर सहायक बनत हीं। एह बरे उ दुस्मन आपन ही जाल अउ फंदन क पूजत ह। उ ओनका मान देइ बरे सबइ बलि देत ह अउर उ ओनके बरे धूप बारत ह।
17 का उ आपन जाल स इहइ तरह लगातार पकड़त रहब? का बाबुल क फउज इहइ तरह निर्दय होइके जातियन क नास करत रहब?
Habakkuk 2
1 “मइँ पहरे क मीनारे पइ जाइके खड़ा होबउँ। मइँ हुआँ आपन जगह लेब अउर रखवारी करब। मइँ इ लखइ क इंतजार करब कि उ मोसे का कहत ह। मइँ इंतजार करब अउर इ जान लेब कि मोरे सिकाइत क बारे मँ मोका का जवाब देइ चाही।”
2 यहोवा मोका जवाब दिहस, “मइँ तोहका कछू देखावत हउँ, तू ओका लिख ल्या। सूचना पट्टी पइ एका साफ़-साफ़ लिख द्या ताकि लोग आसानी स ओका बाँचि सकइँ।
3 इ संदेस अगवा आवइवाला एक खास समइ क बारे मँ अहइ। इ सँदेस आखिरी समइ क बारे मँ अहइ अउ इ सच्च सिद्ध होइ। अइसा लग सकत ह कि वइसा समइ तउ कबहुँ आइ हीं नाहीं। मुला धीरा क संग ओकर इंतजार करा। उ समइ आइ अउर ओका देर नाहीं लागी।
4 इ संदेस ओन लोगन क मदद नाहीं कइ पाइ जउन एह पइ कान देइ स इनकार करत हीं। मुला सज्जन इ संदेस पइ बिस्सास करी अउर आपन बिस्सास क कारण सज्जन जिअत रही।”
5 परमेस्सर कहेस, “दाखरस मनई क गुमराह कइ सकत ह। इहइ तरह कउनो सक्तीसाली मनई क ओकर घमण्ड मूरख बनाइ देत ह। उ मनई क सान्ति नाहीं मिली। मउत क नाईर् कबहुँ ओकर पेट नाहीं भरत उ हर समइ जियादा स जियादा इच्छा करत रहत ह अउर मउत क नाईर् ही ओका कबहुँ तृप्ति नाहीं मिली। उ दूसर देसन क हरावत रही। उ दूसर देसन क ओन लोगन क आपन परजा बनावत रही।
6 निहचय ही, इ सबइ लोग ओकर हँसी मसखरी उड़ावत भए इ कहिहीं, ‘ओह पइ हाथ पड़इ जउन एतने दिनन तलक लूटत रहा ह। जउन अइसे ओन चिजियन क हथियावत रहा ह जउन ओकर नाहीं रहिन। जउन केतने ही लोगन क आपन कजेर् क बोझे तरे दबावत रहा ह।’
7 “का तू नाहीं जानत कि उ सबइ जउन तोहका ऋण दिहेस ह तोहार खिलाफ उठिके खड़ा होइहीं? उ पचे उठिहीं अउर तोहका क कपाइहीं अउर उ तोहार चिजियन मँ स जउन कछू उ चाहत ह लेइ जाइहीं।
8 तू बहोत स देसन क चिजियन लूट्या ह। तउ उ पचे तोहसे अउर जियादा लेइहीं। तू बहोत स लोगन क हत्तिया किहा ह। तू खेतन अउर सहरन क बर्बाद किहा ह। तू हुआँ सबहिं लोगन क मार डाया ह।
9 सुना! जउन गलत तरीके स धन जमा किहेस ह! ओनका ओकर परिणाम भुगतइ क होइ। तू पचे सोचा करत ह कि तू आपन चिजियन चोरावइ स दूसर मनई क रोक सकत ह। मुला इ तोहार बरे बहोत बुरा होइ।
10 “तू बहोत स लोगन्क नास करइ क जोजना बनाइ रख्या ह। ऐसे तोहार आपन लोगन ही लज्जित होइ अउर तोहका भी आपन जान स हाथ धोवइ क पड़ी।
11 तोहरे घरे क देवारन क पाथर तोहरे खिलाफ गवाही देइहीं। हिआँ तलक कि तोहार घरे क छते क सहतीरन भी इ घोसणा करइहीं कि तू बुरा महईर् अहा।
12 हाय लागइ उ बुरे अधिकारी पइ जउन खून बहाइके एक सहर क निर्माण करत ह अउर दुट्ठता क जरिये चहारदीवारे स मिला एक ठु सहर क सुद़ृढ बनावत ह।
13 सर्वसक्तीमान यहोवा इ ठान लिहस ह कि ओ लोग जउन कछू बनाए रहेन, उ सब कछू क एक ठु आगी भसम कइ देइ। ओनकर समूचा स्रम बेकार होइ जाइ।
14 फुन सब कहूँ क लोग यहोवा क महिमा क जान जइहीं अउर एक खबर अइसे सँचर जाइ जइसे समुद्दरे मँ पानी फइला होइ।
15 तू जउन आपन पड़ोसियन क दाखरस पिलावत ह, सुना! तू आपन ज़हर क मिलावत ह अउ ओका पिलावत ह ताकि तू ओकरे नग्नता क लखि सकीं।
16 “तू पचे सम्मान क जगह लज्जा स भरि जाब्या। तू पचे जरूर पीउब्या तउ तू पचे आपन नग्नता क प्रदसिर्त करब्या। उ पियाले स पिआ जउन यहोवा क दाहिने हाथे मँ अहइ। तउ तू पचे सम्मान क जगह पई लज्जा पाउब्या।
17 “लबानोन मँ तू बहोत स लोगन क हत्तिया किहा ह। तू हुआँ बहोत स गोरु लूट्या ह। तउ जउन लोग मारा गवा रहेन, तू ओनसे ससाइ जाब्या अउर तू उ देस बरे जउन बुरी बातन किहेन, ओनके कारण तू डेराइ जाब्या। ओन सहरन क संग अउर ओन सहरन मँ बसइयन क संग जउन कछू तू किह्या ह, ओनसे तू डेराइ जाब्या।”
18 ओकर इ लबार देवता, ओकर रच्छा नाहीं कइ पाइ काहेकि उ तउ बस एक अइसी मूतिर् अहइ जेका कउनो मनई धातु स मढ़ दिहेस ह। उ सिरिफ एक ठु मूरति अहइ। एह बरे जउन मनई खुद ओका बनावत ह, ओसे मदद क अपेच्छा नाहीं कइ सकत। उ मूतिर् तउ बोल तलक नाहीं सकत।
19 धिक्कार अहइ उ मनई क जउन एक ठु काठपुतरी स कहत ह- “ओ देवता, जागि उठा।” उ मनई क धिक्कार अहइ जउन एक ठु अइसी पाथर क मूरति स बोल तलक नाहीं पावत, कहत ह, “ओ देवता, उठि बइठा।” काहे उ कछू बोली अउर ओका राह देखाइ। उ मूरति चाहे सोना स मढ़ी होइ, चाहे चाँदी स, मुला ओहमाँ परान तउ बाटइ ही नाहीं।
20 मुला यहोवा एहसे अलग अहइ। यहोवा अपने पवित्तर मँदिर मँ रहत ह। एह बरे यहोवा क समन्वा संपूर्ण पृथ्वी क चुपचाप रहिके ओकरे बरे आदर परगट करइ चाही।
Habakkuk 3
1 हबक्कूक नबी बरे सिग्योनीत पराथना:
2 हे यहोवा, मइँ तोहरे बारे मँ सुनेउँ ह। हे यहोवा, बीत गए समइ मँ जउन सक्ती स भरा कारज तू किहे ह, ओन पइ मोका अचंभा अहइ। अब मोर तोसे बिनती बाटइ कि हमरे समइ मँ तू फुन ओनसे बड़का कारज करा। मुला तू गुस्सा मँ भी हम पचन पइ दाया क देखाउब सुमिरा।
3 परमेस्सर तेमान कइँती स आवत अहइ। उ पवित्तर परान क पहाड़े स आवत अहइ। ओकर महिमा आकासे क छाइ लेई। ओकर स्तुति धरती क भरि देइ।
4 उ महिमा अइसी अहइ जइसे कउनो उज्जर जोति होइ। ओकरे हाथे स जोति क किरणन फूटति अहइँ अउर ओकरे हाथे मँ ओकर सक्ती लुकान अहइ।
5 ओकरे समन्वा सबइ महामारी चलत हीं अउर ओकरे पाछे बिध्वंसक नास चला करत ह।
6 यहोवा खड़ा भवा अउर धरती क निआव किहस। उ दूसर जातिन क लखेन अउर उ पचे काँपि उठेन। अतीत कालीन पहाड़न ढही गएन अउर चकनाचूर होइ गएन। पुरान बहोतइ पुरान पहाड़ ढहि गएन। परमेस्सर सदा अइसा ही करत ह।
7 मइँ वुसान क तम्बुअन क दुःख मँ लखत ह। मिद्यान क तम्बुअन क पर्दन काँपत रहेन।
8 हे यहोवा, का तू नदियन पइ कोहान अहइ? का जलधारन पइ तोहका किरोध आवा ह का समुद्दर तोहार किरोध क पात्र बन गवा? जब तू आपन बिजय क घोड़न पइ आवत रहा अउर विजय क रथन पइ चढ़ा रहा, का तू किरोध स भरा रह्या?
9 तू आपन धनुस तान लिहा अउर तीरन आपन लच्छ क बेध दिहन। जल क धारन क चीरइ बरे फूट पड़िन।
10 पहाड़न तोहका निहारेन अउर उ सबइ काँपि उठेन। जल धरती क फोरिके बहइ लाग। धरती स ऊँचा फव्वारा जोर स गर्जत भए फूटइ लागेन।
11 सूरज अउ चाँद आपन प्रकास तजि दिहन। उ पचे जब तोहार भालन बिजुरी क तरह चमकत लखेन, तउ चमकब तजि दिहन। बिजुरियन क उ सबइ चमकन बिजुरियन अइसी रहिन जइसे भालन अउ तीरन हवा मँ लटकत अहइँ।
12 तू धरती पइ किरोध मँ चलेन अउर तू आपन किरोध मँ जातियन क रौंद दिहेन।
13 तू ही एक अहइ जउन आपन लोगन क बचावइ रह्या। तू ही आपन चुना भए राजा क मार्गदर्सक रह्या। तू प्रदेस क हर बुरा परिवारे क मुखिया लोगन क, सबन्त कम महत्व वाले मनई स लइके बहोत महत्व स भरा मनई तलक मार डाया।
14 दुस्मन क सिपाहियन हम लोगन क खिलाफ लड़इ बरे सक्तीसाली आँधी क तरह आएन। उ पचे खुसी मँ सोचत रहेन क उ पचे एक बेसहारा मनई पइ हमला करइ क जइसा जब न कउनो एका लखत ह अउर न ही कउनो ओकरे मदद बरे आवत ह, क नाईं हम लोगन क आसानी स हरा सकत ह। मुला तू ओनका मूँड़े क आपन भाला स छेद कइ दिहेन।
15 मुला तू सागरे प आपन घोड़न पइ सवार होइके चलत रह्या, सक्तीसाली जल क उत्तेजित कइ दिह्या।
16 मइँ इ सबइ बातन सुनेउँ अउर मोर पेट डर स काँपि उठी। जब मइँ इ आवाज़ क सुनेउँ, मोर होंठ काँपइ लागेन। मोर हड्डियन दुर्बल होइ गइन। मोर टाँगियन काँपइ लागिन। एह बरे मइँ बिनासे क दिन क बाट जोहब जउन ओन लोगन पइ आई जउन हम पई हमला किहेस।
17 अंजीर क बृच्छ चाहे अंजीर न उपजावइँ, अंगूरे क बेलन पइ चाहे अंगूर न उपजावइँ, जइतून क बृच्छ चाहे जइतून न पइदा करइँ, अउर चाहे इ सबइ खेत अनाज पइदा न करइँ, बाड़न मँ चाहे एक भी भेड़ न रहइ अउर चाहे पसुसाला मँ एक भी पसु न रहइँ।
18 मुला फुन भी मइँ यहोवा मँ मगन रहबउँ। मइँ आपन रच्छक परमेस्सर मँ आनन्द लेबउँ।
19 यहोवा, जउन मोर सुआमी अहइ। मोका सक्ती स भर दिहस ह। उ मोका हिरना क नाईर् पराइ मँ सहायता देत ह। उ मोका सुरच्छा क संग पहाड़न क ऊपर लइ जात ह।संगीत निदेर्सन बरे मोर तारदार उपकरणन क संग।
Zephaniah 1
1 इ सँदेसा अहइ जेका यहोवा सपन्याह क दिहस। सपन्याइ इ सँदेसा तब पाएस जब आमोन क पूत योसिय्याह यहूदा क राजा रहा। सपन्याह वूसी क पूत रहा। वूसी गदल्याह क पूत रहा। गदल्याह अमर्याह क पूत रहा। अमर्याह हिजकिय्याह क पूत रहा।
2 यहोवा कहत ह, “मइँ देस क हर चीज क पूरी तरह नस्ट कइ देबउँ।
3 मइँ सबहिं लोगन क अउर सबहिं जनावरन क नस्ट करबेउँ। मइँ अकास क चिरइयन अउ सागरे क मछरियन क नस्ट करबेउँ। मइँ पापी लोगन क अउर ओन सबहिं चीजन क जमीन पइ स नाउँ निसान मेट देबउँ।” यहोवा इ सब कहेस।
4 यहोवा कहेस, “मइँ यहूदा अउ यरूसलेम क वासिइयन क खिलाफ आपन हाथ उठाउब। मइँ इ जगहन स उ सबइ क हटाइ देब जउन अबहुँ तलक लबार देवता बाल क पूजा करत ह। अउर उ याजकन क नाउँ क जउन बाल क सेवा करत ह।
5 मइँ ओन सबहिं लोगन क हटाइ देब जउन आपन छते स तारन क पूजा करत ह, अउर उ लोगन क जउन यहोवा क नाउँ क किरिया खात हउँ, किन्तु फुन उ पचे लबार देवता मोलेक क किरिया खात ह।
6 कछू लोग यहोवा स विमुख होइ गएन। उ पचे मोरे पाछे रहब तजि दिहेन। उ पचे यहोवा स मदद माँगब भी बंद कइ दिहेन। एह बरे मइँ ओन लोगन क उ जगहिया स हटाउब।”
7 मोर सुआमी यहोवा क समन्वा चुप रहा! काहेकि लोगन क निआव करइ बरे यहोवा क दिन हाली ही आवत अहइ। यहोवा आपन भेंट बलि तइयार कइ लिहस ह अउर उ आपन बोलाए भए मेहमानन क तइयार कइ लिहस ह।
8 यहोवा कहेस, “यहोवा क बलि क दिन, मइँ राज पुत्रन अउर दूसर प्रमुखन क राजा देबउँ। मइँ दूसर देसन क ओ़ढ़नन क पहिरइ वालन क सबहिं लोगन क सजा देबउँ।
9 उ दिना मइँ ओन सबहिं लोगन क सजा देबउँ जउन अन्धविस्सास क देहलीज़ पइ वूदत हीं। मइँ ओन लोगन क सजा देबउँ जउन सुआमी क घरे क कपट अउर हिंसा स बटोरे भए धने स भरत हीं।”
10 यहोवा इ भी कहेस, “उ दिना, लोग यरूसलेम मँ मछरी-दुआरे पइ मदद बरे गोहरावत रहा होइहीं। सहर क दूसर हींसन मँ लोग नरियात रहा होइहीं अउर लोग सहर क चारिहुँ कइँती क पहाड़ियन मँ चिजियन क नास होइ क जोरदार आवाज अनकत रहा होइहीं।
11 तू खाले नगर क निवासियो विलाप करा! काहेकि बइपारियन क रोक दीन्ह जाइहीं। अउ धनी बइपारी बरबाद कइ दीन्ह जइहीं।
12 “उ समइ, मइँ दिआ लइके समूचई यरूसलेम मँ ओनका खोजत रहब। मइँ ओन सबहिं लोगन क हेरब जउन कि दाखरस क तलछट क नाईं अहइँ। उ पचे कहत ह, ‘यहोवा कछू नाहीं करत ह, न अच्छा अउर न ही बुरा।’
13 तब दूसर लोग ओनकर सारी सम्पत्ति लइ लेइहीं अउर ओनकर घरन क बरबाद करिहीं। उ समइ जउन लोग घर बनाए होइहीं, उ पचे ओनमाँ नाहीं रइहीं अउर जउन लोग अंगूरे क बेलन क खेते मँ रोपे होइहीं, उ पचे ओन अगूंरन क दाखरस नाहीं पीइहीं, ओन चीजन क दूसर लोग लइ लेइहीं।”
14 यहोवा क निआव क दिन हाली आवति अहइ। उ दिन निअरे अहइ, अउर तेजी स आवति अहइ। यहोवा क निआव क खास दिन लोग चिचिआन भवा सुर सुनिहीं। हिआँ तलक कि वीर जोधा भी चिचिअइहीं।
15 उ समइ परमेस्सर आपन किरोध परगट करी। उ खौफनाक विपत्तियन क समइ होइ। उ विध्वंस क समइ होइ। उ करिआ, भए बादर अउर तूफानी दिन क अँधियारा क समइ होइ।
16 इ दिन सैनिकन क किलाबंध नगरन अउर रच्छा-मीनारन पइ हमला क अलार्म स भरा भवा होब्या।
17 यहोवा कहेस, “मइँ लोगन क जिन्नगी बहोत दूभर कइ देबउँ। लोग ओन आँधरन क नाईर् चारिहुँ कइँती जइहीं जेनका इ भी मालूम नाहीं कि उ पचे कहाँ जात अहइँ? काहेकि उ सबइ लोग यहोवा क खिलाफ पाप किहेन। अनेक लोग मारि डावा जइहीं। ओनकर खून जमीने पइ बही। ओनकर ल्हासियन गोबरे क नाईर् भुइँया पइ पड़ी भई सड़त रही।
18 ओनकर सोना चाँदी ओनकर मदद नाहीं कइ पाई। उ समइ, यहोवा बहोतइ छुब्ध अउ कोहान होइ। यहोवा पूरे संसार क आपन किरोध क आगी मँ बारिके बरबाद कइ देइ। यहोवा पूरी तरह भुइँया पइ सब कछू बरबाद कइ देइ।”
Zephaniah 2
1 निर्लज्ज लोगो, मुरझात अउ मरत फूलन क नाईर् होइ क पहिले,
2 आपन जिन्नगी क बदलि द्या। दिन क गमीर् मँ कउनो फूल मुरझाई अउर मरि जाइ। तू पचे वइसेन होब्या जब यहोवा आपन खउफनाक किरोध परगट करी। एह बरे आपन जिन्नगी क, यहोवा क जरिये तोहरे पचन क खिलाफ किरोध परगट करइ क पहिले, बदल डावा।
3 तू सबहिं विनम्र लोगो, यहोवा क लगे आवा। ओकर नेमन क माना। नीक काम करब सीखा। विनम्र होइ सीखा। होइ सकत ह तब तू पचे सुरच्छित रहि सकब्या जब यहोवा आपन किरोध परगट करी।
4 अज्जा सहरे मँ कउनो भी नाहीं बची। अस्कलीन बरबाद कइ दीन्ह जाइ। दोपहरे तलक लोग असदोद तजइ क मजबूर कइ दीन्ह जइहीं। एक्रोन सूना होइ।
5 हे समुद्दर-तट पइ बसइया लोगो अउर करेती लोगो, यहोवा क इ संदेसा सिरिफ तोहरे बरे अहइ। हे कनान देस, पलिस्ती देस, मइँ तू पचन्क बर्बाद कइ देब। हुआँ कउनो नाहीं रही।
6 समुद्दर क किनारे क तोहार पचन क भुइँया बिना किसी नगरन या खेतन क बंजर रहीं। तोहार भुइँया सिरफ गड़ेरियन अउ भेड़िन बरे खुला चरागाह रहीं।
7 तब उ भुइँया यहूदा क बचे भए लोगन क बरे होइ। यहोवा यहूदा क ओन लोगन क याद रखी। 5सबइ लोग बिदेस मँ बंदी अहइँ। मुला यहोवा ओनका वापस लिआइ। तब यहूदा क लोग ओन खेतन मँ अपनी भेड़िन क घास चरइ देइहीं। साँझ क उ पचे अस्कलोन क खाली घरन मँ ओलरिहीं।
8 यहोवा कहत ह, “मइँ जानत हउँ कि मोआब अउ अम्मोन क लोग का किहेन। उ सबइ लोग हमरे लोगन क लज्जित किहेन। उ सबइ लोग आपन देस क अउर जियादा बड़वार करइ बरे ओनकर भुइँया लिहेन।
9 एह बरे जइसा कि मइँ सदोम अउर अमोरा क सज़ा दिहेस ह। मइँ मोआबी अउ अम्मोनी क भी सज़ा देब। मइँ सर्वसक्तीमान यहोवा, इस्राएल क परमेस्सर अहउँ। मइँ प्रतिग्या करत हउँ कि उ सबइ देस सदा क खातिर पूरी तरह बरबाद कइ दीन्ह जइहीं। ओनकर भुइँया मँ जंगली घास जमिहीं। ओनकर भुइँया मृत सागर क नोन स ढकी भइ भुइँया जइसी होइ। मोरे लोगन मँ स बची भइ उ भुइँया क अउ एहमाँ तजी गइ हर चीज क लेइहीं।”
10 उ सबइ बातन, मोआब अउ अम्मान बरे घटित होइहीं काहेकि उ पचे सर्वसक्तीमान यहोवा क लोगन क लज्जित किहेन।
11 उ सबइ लोग यहोवा स डेरइहीं। काहेकि यहोवा ओनकर देवतन क बरबाद करी। तब सबहिं दूर-दराज क देस यहोवा क उपासना करिहीं।
12 वूस क लोगो, एकर अरथ तू पचे भी अहा। यहोवा क तरवार तोहरे लोगन क मारि डाइ।
13 अउर यहोवा उत्तर कइँती आपन हाथ बढ़ाई अउ अस्सूर क सजा देइ। उ नीनवे क बरबाद करी, उ सहर खाली झुरान रेगिस्तान जइसा होइ।
14 तब सिरिफ भेड़िन अउ जंगली जनावर उ बरबाद सहर मँ रइहीं। वुचवुचवा अउर कउआ ओन खंभन पइ बइठिहीं जाउन खड़ भएन तजि दीन्ह ग अहइँ। ओनकर आवाज खिड़कियन स आवति भइ सुनाइ पड़ी। कउअन, दुआरे क सीढ़ियन पइ बइठिहीं। ओन सूने घरन मँ करिआ पंछी बइठिहीं।
15 नीनवे एन दिनन ऍतना जियादा घमण्डी अहइ। उ अइसा खुस सहर अहइ। लोग समुझत हीं कि उ पचे सुरच्छित अहइँ। उ पचे समुझत हीं कि नीनवे संसार मँ सब से बड़का ठउर बाटइ। मुला उ सहर बर्बाद कीन्ह जाइ। इ एक ठु सूनी जगहिया होइ, जहाँ सिरिफ जंगली जनावर आराम करइ जात हीं। जब लोग ओहर स गुजरिहीं अउर लखिहीं कि केतनी बुरी तरह सहर बरबाद कीन्ह ग अहइ, तब उ पचे सीटी बजइहीं अउर मूँड़ि हिलइहीं।
Zephaniah 3
1 यरूसलेम, तोहार पचन क लोग परमेस्सर क खिलाफ लड़ेन। तोहार पचन क लोग दूसर लोगन क चोट पहोंचाएन अउर तू पचे पापे स कलंकित अहा।
2 तोहार लोग मोर एक ठु नाहीं सुनतेन। उ पचे मोर सिच्छा क अंगीकार नाहीं करतेन। यरूसलेम यहोवा मँ बिस्सास नाहीं राखत। यरूसलेम आपन परमेस्सर क लगे नाहीं आवत ह।
3 यरूसलेम क प्रमुख गुर्रात भवा सिंहन जइसेन अहइँ। एकर निआव क जज अइसे भुखान भेड़ियन क तरह अहइँ जउन भेड़िन पइ हमला करइ साँझ क आवत ह, अउर भिंसारे कछू बचा नाहीं रहत।
4 ओकर नबियन जिम्मेदार अउर बिस्सासयोग्य नाहीं अहइ। ओकर याजकन पवित्तर चिजियन क अपवित्तर करत हीं। उ पचे परमेस्सर क नेम बरे हिंसा किहेन ह।
5 मुला परमेस्सर अबहुँ भी उ सहर मँ बाटइ अउ उ ओनके बरे लगातर निआव स भरा रहा ह। परमेस्सर कछू भी बुरा नाहीं करत। उ अपने लोगन क भलाइ करता चला आवत ह। लगातार हर भिंसारे उ आपन लोगन क संग निआव करत ह। मुला बुरे लोग आपन कीन्ह भए बुरे करमन बरे लज्जित नाहीं होतेन।
6 परमेस्सर कहत ह, “मइँ समूचे रास्ट्रन क बरबाद कइ दिहेउँ ह। अइँ ओनकर रच्छा-मीनारन क नस्ट किहेउँ ह। मइँ ओनकर सबइ सड़क क नस्ट किहेउँ ह अउर अब हुआँ कउनो नाहीं जात। ओनकर नगरन सूना अहइँ, ओनमाँ अब कउनो नाहीं रहत।
7 मइँ तू पचन्स इ एह बरे कहत हउँ ताकि तू पचे सिच्छा ल्या। अगर तू पचे अइसा करब्या तउ तोहार पचन क घर नस्ट नाहीं होइ। अगर तू पचे अइसा करब्या तउ मइँ आपन बनाई भइ योजना क अनुसार तू पचन क सजा नाहीं देबउँ।” मुला उ पचे बुरे लोग वइसेन ही बुरे करमन अउर जियादा करइ चाहत हीं जेनका उ पचे पहिले ही कइ रखे अहइँ।
8 यहोवा कहेस, “एह बरे तनिक प्रतीच्छा करा। मोर खड़ा होइ अउ निआव कीन्ह जाइ स पहिले मोर प्रतीच्छा करा। अनेक रास्ट्रन स लोगन क लिआवइ अउ तू पचन क सजा देइ बरे ओनकर उपयोग आपन किरोध तू पचन क खिलाफ परगट करइ बरे करब। मइँ ओनकर उपयोग इ देखावइ बरे करबउँ कि मइँ केतना छुब्ध हउँ, अउर यहूदा क समूचा प्रदेस नस्ट होइ।
9 तब मइँ दूसर रास्ट्रन क लोगन क बदल देब एह बरे उ साफ-साफ बोलइ सकब अउर यहोवा क नाउँ क तारीफ कर सकब। उ पचे सबइ एक संग मोर अराधना करब।
10 लोग वूस मँ दूसर कइँती स पूरी राह तय कइके अइहीं। मोरे बिखरे भए लोग मोरे लगे अहइ। मोर उपासक मोरे लगे अइहीं अउर आपन भेंट लइहीं।
11 “यरूसलेम, तब तू अगवा चलिके ओन बुरे करमन बरे लजाब होइ बंद कइ देब्या। काहेकि मइँ यरूसलेम स ओन सबहिं बुरे लोगन क निकारिके बाहेर करब। मइँ ओन सबहिं घमण्डी लोगन क दूर कइ देबउँ। ओन घमण्डी लोगन मँ स कउनो भी मोरे पवित्तर पर्वते पइ नाहीं रही पाइ।
12 मइँ सिरिफ सोझ अउ विनम्र लोगन क आपन सहर मँ रहइ देबउँ अउर उ पचे यहोवा क नाउँ मँ बिस्सास करिहीं।
13 इस्राएल क बचे भए लोग बुरे करम नाहीं करिहीं। उ पचे लबार नाहीं बोलिहीं। उ पचे लबार बोलिके लोगन क ठगइ नाहीं चइहीं। उ पचे ओन भेड़िन क नाईर् होइहीं जउन खात हीं अउर सान्त ओलरत हीं, अउर कउनो भी ओनका तंग नाहीं करी।”
14 हे यरूसलेम, गावा अउ खुस ह्वा! हे इस्राएल, खुसी स घोस करा! यरूसलेम, प्रसन्न ह्वा, तमासा करा।
15 काहेकि यहोवा तोहार पचन क सजा रोकि दिहस। उ पचे तोहरे पचन क दुस्मनन क वापिस मोड़ द्या जउन तोहार तरफ आवत रहेन। हे इस्राएल क राजा, यहोवा तोहरे संग अहइ। अब तू पचन्क अउर कउनो बुरी घटना बरे चिन्ता क जरूरत नाहीं।
16 उ समइ, यरूसलेम स कहा जाइ, “मजबूत बना, डेराअ जिन!
17 तू पचन क परमेस्सर यहोवा तू पचन क संग अहइ। उ सक्तीसाली फउजी क नाईर् अहइ। उ तू पचन क रच्छा करी। उ देखाई कि उ तू पचन स केतना पियार करत ह। उ देखाई कि उ तू पचन स केतना प्रसन्न अहइ। उ हँसी अउर तू पचन क बारे मँ अइसे खुस होइ।
18 जइसे लोग दावत मँ होत हीं।” यहोवा कहेस, “मइँ तू पचन्क लज्जा क दूर करब। मइँ तू पचन्क दुर्भाग्य क तू पचन्स दूर करब।
19 उ समइ, मइँ ओन लोगन्क सजा देबउँ जउन तू पचन्क चोट पहोंचाएन। मइँ आपन घायल लोगन्क रच्छा करब। मइँ ओन लोगन्क वापस लिआउब, जउन पराइ क बेबस कीन्ह ग रहेन अउर मइँ ओनका प्रसिद्ध करब। लोग सब जगह ओनकर तारीफ करिहीं।
20 उ समइ, मइँ तू पचन्क वापस लिआउब। मइँ तू पचन्क एक साथ वापस लिआउब। मइँ तू पचन्क प्रसिद्ध बनाउब। सब जगह लोग तू पचन्क तारीफ करिहीं। इ तब होइ जब मइँ तू पचन्क अँखियन क समन्वा तू सबइ बन्दी लोगन्क लिआउब।”यहोवा इ सबइ कहेस।
Haggai 1
1 परमेस्सर यहोवा क सँदेसा नबी हाग्गै क जरिये सालतीएल क पूत यहूदा क सासक जरुब्बाबेल अउर यहोसादाक क पूत महायाजक यहोसू क मिला। इ सँदेसा फारस क राजा दारा क दूसर बरिस क छठएँ महीना क पहिले दिन मिला रहा। इ सँदेसा मँ कहा गवा रहा:
2 सर्वसक्तीमान यहोवा इ कहत ह, “इ सबइ लोग कहत हीं कि यहोवा क मंदिर क पुन:निमार्ण क समइ नाहीं आवा अहइ।”
3 तबहिं एकरे बारे मँ यहोवा इ निम्न लिखित सँदेसा हाग्गै नबी क जरिये स पठाएस ह, जेहमाँ कहा गवा रहा,
4 “का इ तू पचन क खुद खातिर काठे स मढ़ा मकानन मँ रहइ क समइ अहइ जबकि इ मंदिर अबहिं खाली पड़ा अहइ?
5 इहइ कारण अहइ कि सर्वसक्तीमान यहोवा कहत ह:‘जउन कछू तोहरे पचन क संग घटत बाटइ ओकरे बारे मँ सोचा।
6 तू पचे बोवा बहोत ह, मुला तू पचे काटत्या नाहीं क बराबर। तू पचे खात अहा, मुला तोहार पचन क पेट भरत नाहीं। तू पचे पिअत अहा, पर तू पचन्क नसा होत नाहीं। तू पचे ओढ़ना पहिरत अहा, किन्तु तू पचन्क काफी गरमाहट मिलत नाहीं। तू पचे जउन थोड़ा बहोत कमात अहा पता नाहीं कहाँ चला जात ह; लागत इ जइसे जेबन मँ छेद होइ ग होइ।’”
7 सर्वसक्तीमान यहोवा कहत ह, “जउन कछू तू पचन क संग घटत बाटइ ओकरे बारे मँ सोचा।
8 पर्वते पइ चढ़ा। लकड़ी लिआवा अउर मंदिर बनावा। तब मइँ मंदिर स प्रसन्न होबउँ, अउर सम्मानित होबउँ।” यहोवा इ सब कहत ह।
9 सर्वसक्तीमान यहोवा कहत ह, “तू पचे बहोतइ जियादा पावइ क चाह मँ रहत ह, मुला तू पचन्क नाहीं क बराबर मिलत ह। तू पचे जउन कछू भी घरे पइ लिआवत अहा मइँ एका उड़ाइ लइ जात हउँ। काहेकि मोर मंदिर खंडहर पड़ा अहइ। मुला तू लोगन मँ हर एक क आपन आपन घरे क पड़ी बा।
10 इहइ कारण बाटइ कि आसमान आपन ओस तक लइ लेत ह, अउर इहइ कारण भुइँया आपन फसल नाहीं देत। अइसा तू पचन क कारण होत ह।
11 यहोवा कहत ह, “मइँ धरती अउ पर्वतन बरे सूखा पड़इ क हुवुम दिहेउँ ह। अनाज, दाखरस, जइतून क तेल अउर उ सबइ कछू जेका इ धरती पइदा करत ह, बरबाद होइ जाइ। सबइ लोग अउर सबइ जनावरन क कारज कउनो चीज नाहीं पइदा करइ सकीं।”
12 तब सालतीएल क पूत जरुब्बाबेल अउ यहोसादाक क पूत महायाजक यहोसू अउर सबइ दूसर लोगन यहोवा आपन परमेस्सर क सँदेसा अउर ओकर पठए भए हाग्गै नबी क बचनन क अंगीकार किहेस। अउर लोग यहोवा स डेराइ गएन।
13 परमेस्सर यहोवा क सँदेसा वाहक हाग्गै लोगन क यहोवा क सँदेसा दिहस। उ इ कहेस, “मइँ तोहरे संग हउँ।”
14 तब परमेस्सर यहोवा सालतीएल क पूत यहूदा क सासक जरुब्बाबेल क प्रेरणा दिहस अउ परमेस्सर यहोवा यहोसादाक क पूत महायाजक यहोसू क भी प्रेरणा दिहस अउ परमेस्सर यहोवा बाकी सबहिं लोगन क प्रेरणा दिहस। तब उ पचे आएन अउ आपन सर्वसक्तीमान परमेस्सर यहोवा क मंदिर क निर्माण मँ काम करइ लागेन।
15 उ पचे इ परसिया क राजा दारा क दूसरे बरिस क छठएँ महीना क चौबीसवें दिन किहन।
Haggai 2
1 यहोवा क सँदेसा सतएँ महीना क इक्कीसवे दिना हाग्गै क मिला। सँदेसा मँ कहा गवा,
2 अब यहूदा क सासक सालतीएल क पूत जरूब्बाबेल, यहोसादाक क पूत महायाजक यहोसू स बातन करा अउ जउन लोग बचा अहइँ ओनसे कहा:
3 “का तू पचन मँ कउनो अइसा बचा अहइँ जउन उ मंदिर क आपन पहिले क बैभव मँ देखेस ह। अब तू पचन्क कइसा लागत ह का खण्डहर भवा इ मन्दिर ओ पहिले बैभववाला मंदिर क मुकाबले कहूँ ठहर पावत ह
4 मुला जरूब्बाबेल, ‘अब तू हिम्मती बना!’ अउर यहोसादाक क पूत महायाजक यहोसू, ‘तू भी हिम्मती बना।’ अउर तू सबइ लोग जउन हिआँ रहत ह, हिम्मती बना। यहोवा इ भी कहत ह, ‘काम करा, काहेकि मइँ तोहारे संग अहउँ।’ सर्वसक्तीमान यहोवा इ कहत ह।”
5 यहोवा कहत ह, “जहाँ तलक मोरी प्रतिग्या क बान अहइ, जउन मइँ तू पचन क मिस्र स बाहेर निकारइ क समइ तू पचन स किहेउँ, उ मोर आतिमा तू पचन मँ अहइ। डेराअ जिन।
6 काहेकि सर्वसक्तीमान यहोवा इ कहत ह: एक दाईर् फुन मइँ हाली ही भुइँया अउ आसमान अउ समुद्दर अउ सूखी भुइँया क कँपकँपाइ देबउँ।
7 मइँ सबहिं रास्ट्रन क कँपाइ देब, अउर उ सबहिं रास्ट्र आपन सम्पत्तियन क संग तू पचन क लगे अइहीं। तब मइँ इ मन्दिर क महिमा स भरि देबउँ। सर्वसक्तीमान यहोवा इ कहत ह।
8 ओनकर चाँदी मोर अहइ अउर ओनकर सोना मोर अहइ।’ सर्वसक्तीमान यहोवा इहइ कहत ह।
9 इ मंदिर क परवतीर् गौरव पहिले मंदिर क गौरव स बढ़िके होइ। सर्वसक्तीमान यहोवा इ कहत ह अउर इ ठउर पइ मइँ सान्ति क ठहराउब। सर्वसक्तीमान यहोवा इ कहत ह।”
10 यहोवा क सँदेसा दारा क दूसर बरिस क नौवें महीना क चउबीसवें दिना नबी हाग्गै क मिला। सँदेसा मँ कहा ग रहा,
11 सर्वसक्तीमान यहोवा इ कहत ह, अब याजक स पूछा कि इ बिसय क बारे मँ व्यवस्था का कहत ह।
12 होइ सकत ह कउनो मनई आपन ओढ़नन क तहन मँ पवित्तर मांस लइ चलइ। होइ सकत ह कि उ ओढ़ना जउन मँ उ पवित्तर मांस लइ जात रहा होइ, रोटी या पका भोजन, दाखरस, तेल या कउनो दूसर भोजन क छुइ लेइ। का उ चीज जेकर छुअब ओढ़ना स होत ह पवित्तर होइ जाइ?”याजकन जवाब दिहस, “नाहीं।”
13 तब हाग्गै पूछेस, “का होइ अगर कउनो मनई कउनो जउन कि ल्हासे क छुइ क कारण असुद्ध होइ गवा ह, इ चिजियन मँ स कउनो चीज क छुवत ह का इ भी अपवित्तर होइ जाब?”तब याजकन जवाब दिहस, “हाँ, उ अपवित्तर होइ जाइ।”
14 तब हाग्गै जवाब दिहस, “परमेस्सर यहोवा कहत ह, ‘मोर नज़र मँ, इ ऍन लोगन अउर इ रास्ट्र बरे नेम अहइ। जउन कछू उ करी अउर जउन कछू उ मोका भेंट करिहीं उ अपवित्तर होइ।
15 अब सोचा आज क पहिले का भवा। यहोवा परमेस्सर क मन्दिर मँ तोहार जरिये एक पाथर पइ दूसर पाथर रखइ स पहिले चिजियन कइसा रहेन?
16 एक मनई बीस माप अनाज क ढेर क निअरे आवत ह, मुला हुआँ ओका सिरिफ दस ही मिलत ह अउर जब तलक एक मनई दाखरस क पीपा क निअरे पचास माप निकारइ आवत ह तउ हुआँ उ सिरिफ बीस ही पावत ह!
17 मइँ, तू पचन क अउर तू पचन क काम क सजा दिहन। मइँ तोहार पउधन क नास करइ बरे जेका तू उगाएस ह बेरामियन क भेजा हउँ। मइँ फपूँदी अउर ओलन क भेजेस जउन कि तोहार सारे पइदावान क तबाह कइ दिहेस। मुला तू पचे फुन भी मोरे लगे नाहीं आया।’ यहोवा इ कहत ह।”
18 यहोवा कहत ह, “इ दिना स अगवा सोचा अर्थात नौवाँ महीना क चौबीसवें दिन जउने दिन यहोवा, क मंदिरे क नेंव तइयार कीन्ह गइ। सोचा।
19 का बिआ अबहुँ भी भण्डार-गृह मँ बाटइ? का अंगूरे क बेलन, अंजीर क बृच्छ, अनार अउ जइतून क बृच्छ अब तलक फल नाहीं दइ पावत अहइँ? नाहीं। मुला आजु क दिन स, अगवा क बरे मइँ तू पचन क आसीर्वाद देबउँ।”
20 तब महीन क चौबीसवे दिन हाग्गै क दूसरी दाईर् यहोवा क सँदेसा मिला। सँदेसा मँ कहा गवा,
21 “यहूदा क प्रसासक जरुब्बाबेल स कहा, ‘मइँ आसमान अउ भुइँया क कँपावइ जात हउँ
22 अउर मइँ राज्जन क सिंहासनन क लोकाइ देबउँ अउ रास्ट्रन क राज्जन क सक्ती क बरबाद कइ देबउँ अउर मइँ रथन अउर ओनके सवारियन क नीचे फेंक देबउँ। तब घोड़न अउर ओनके घुड़सवार भहरइहीं। भाई, भाई क दुस्मन होइ जाइ।
23 सर्वसक्तीमान यहोवा कहत ह, मइँ उ दिना सालतीएल क पूत, आपन सेवक, जरुब्बाबेल क लेबउँ। यहोवा इ कहत ह अउर मइँ तू पचन क मुंद्रा स छापी भइ अंगूठी बनाउब। काहेकि मइँ तू पचन क चुनेउँ ह।”सर्वसक्तीमान यहोवा इ सब कहेस ह।
Zechariah 1
1 दारा क राज्जकाल क दूसर बरिस क अठएँ महीना मँ, यहोवा क सँदेसा बेरेक्याह क पूत जकर्याह नबी क लगे आवा। बेरेक्याह इद्दो क पूत रहा। सँदेसा इ अहइ:
2 यहोवा तोहरे पुरखन पइ बहोत कोहान रहा।
3 एह बरे लोगन स कहा: इ उहइ अहइ जउन सर्वसक्तिमान यहोवा कहत ह: “मोरे लगे वापस आवा अउर मइँ तोहार लगे वापस आउब।” इ उहइ अहइ जउन सर्वसक्तीमान यहोवा कहेस।”
4 यहोवा कहेस, “आपन पुरखन क नाईर् न बना जेनका बीते भए समइँ मँ नबी उपदेस दिहेस। उ पचे कहेन, ‘सर्वसक्तीमान यहोवा चाहत ह कि तू पचे आपन बुरा रहन-सहन क तजि द्या। बुरा काम बंद कइ द्या।’ मुला तोहार पचन्क पुरखन मोर नाहीं सुनेन।” यहोवा इ सबइ बातन कहेस।
5 परमेस्सर कहेस, “अब तोहार पचन्क पुरखन कहाँ बाटइ? का नबी हमेसा जिअत रहतेन?
6 नबी मोर सेवक रहेन। मइँ ओनकर उपयोग तोहरे पचन्क पुरखन क आपन व्यवस्था अउर आपन सिच्छा देइ बरे किहेस। आखिरकार तोहार पुरखन सिच्छा ग्रहण किहेन। उ पचे पस्चाताप किहेन अउर कहेन, ‘सर्वसवतीमान यहोवा हमार मारग अउ कामन क अनुसार ठीक वइसा ही जइसा उ निर्णय किहे रहा, किहेस ह।’ इ तरह उ पचे परमेस्सर क लगे वापस लउटेन।”
7 दारा क दूसर बरिस क सबित क ग्यारहनें महीना क चउबीसवें दिन यहोवा क इ सँदेसा बेरेक्याह क पूत जकर्याह नबी क लगे आवा। बेरेक्याह इद्दो क पूत रहा।
8 रात मँ मइँ लखेउँ कि एक मनई लाल घोड़े पइ सवार अहइ। उ एक घाटी मँ कछू मेंहदियन क बृच्छ क बीच खड़ा रहा। ओकरे पाछे लाल, भूरा अउ सफेद रंग क घोड़न रहेन।
9 मइँ पूछेउँ, “महोदय इ सबइ घोड़न क का मतलब अहइँ?”सरगदूत जउन मोहसे बात करत रहा, मोका जवाब दिहेस, “मइँ तू पचन्क देखॉउब कि ओकर का मतलब अहइँ।”
10 एह बरे मेंहदियन क बृच्छ क बीच रहत भवा मनई जवाब दिहेस, “इ सबइ यहोवा दुआरा पृथ्वी प गस्त लगाइ बरे पठएस ह।”
11 तब उ पचे यहोवा क सरगदूतन जउन मेंहदियन क बृच्छ क बीच खड़ा भवा रहा कहेन, “हम पचे पृथ्वी गस्त लगाइ चुका अहइ। फुरइ समूचा धरती सान्त अउ सुख-चैन मँ अहइ।”
12 तब यहोवा क सरगदूत कहेस, “हे सर्वसक्तीमान यहोवा, आप यरूसलेम अउ यहूदा क सहरन पइ केतॅना दिना तलक दाया नाहीं करब जेकर संग तू सत्तर बरिस तलक किरोधित रहा ह।”
13 तब यहोवा नीक अउ सान्तिदायक सब्दन स उ सरगदूत क जवाब दिहेस जउन मोसे बात करत रहा।
14 एह बरे सरगदूत जउन मोसे बाप करत रहा मोसे कहेस, “इ घोसणा करा:“सर्वसक्तीमान यहोवा इ कहत ह: मइँ यरूसलेम अउ सिय्योन स बहोत जलन अहइ।
15 अउर मइँ ओन रास्ट्रन पइ बहोतइ कोहान हउँ जउन आपन क ऍतना सुरच्छित अनुभव करत हीं। हालांकि मइँ कछू कोहाइ गवा हउँ, ओकर जगह उ सबइ रास्ट्र तोड़ा जियादा झेलस ह।”
16 इसलिए, यहोवा इ तरह कहत ह: “मइँ दाया क संग यरूसलेम मँ लउटब।” सर्वसवतीमान यहोवा कहत ह, “यरूसलेम क निर्माण फुन होइ। अउर हुआँ मोर मन्दिर स्थापित होइ।”
17 सरगदूत कहेस, “लोगन स इ भी कहा: सर्वसवतीमान यहोवा कहत ह, ‘मोर सहर फुन संपन्न होइहीं, मइँ सिय्योन क आराम देब। मइँ यरूसलेम क आपन खास नगर चुनब।’“
18 तब मईर् ऊपर नजर उठाएउँ अउर चार सींगन क दिखेउँ।
19 तब मइँ उ सरगदूत पूछेस कउनो मोसे बातन करत रहा, “इ सींगन क अरथ का अहइ?”उ जवाब दिहेस, “इ सबइ उ सब सींगन अहइँ, जउन इस्राएल, यहूदा अउ यरूसलेम क लोगन क रास्टन क बीच छितराइ दीन्ह गवा ह।
20 तब यहोवा मोका चार सिल्पकारन क देखाँएस।
21 मइँ ओनसे पूछेउँ, “इ सबइ का करइ बरे आवत अहइँ?”उ जवाब दिहेस, “सींगन यहूदा क अइसा तितर-बितर कइ दिहे रहा कि कउनो आपन सिर न उठाइ सकी। परन्तु कारिगर ओका आतंकित करइ बरे अउ ओन जातियन क सींगन क काटन बरे आव ह जउन यहूदा लोगन देस क विरुद्ध आपन सींगन एह बरे उठाएस ह कि उ तितर-बितर हो जाइ।”
Zechariah 2
1 तब मइँ आपन निगाह उठाएउँ अउर मइँ एक मनई क लखेउँ, अउ उ आपन हाथ मँ नापइ क डोरी लिए भए रहेन।
2 तउ मइँ पूछेउँ, “तू कहाँ जात अहा?”उ मोका जवाब दिहेस, “मइँ यरूसलेम क नापइ बरे जात हउँ कि उ केतॅना लम्बा अउ केतॅना चउड़ा बाटइ।”
3 तब उ सरगदूत जउन मोसे बातन करत रहा, चल गवा अउर ओसे बातन करइ बरे दूसर सरगदूत बाहेर आवत रहा।
4 उ ओसे कहेस, “दउड़िके जा, नउजवान स बात करा। अउर ओसे कहा यरूसलेम ऍतना बिसाल बाटइ कि ओका नापा नाहीं जाइ सकत। ओसे इ कहा,‘यरूसलेम बगैर चहारदीवारी क सहर क नाईं निवास करी काहेकि हुआँ असंख्य लोग अउर जनावर रइहीं।’
5 यहोवा कहत ह, ‘एकर जगह पइ मइँ खुद ओकर चारिहुँ कइँती आगी क देवार रहब, अउ मइँ ओकरे बीच मँ गौरव रहब।’“
6 यहोवा कहत ह, “उठा! उठा! उत्तर भूइँया स दउड़ जा। काहेकि मइँ तू पचन्क चारिहुँ कइँती बिखेरेउँ।
7 सिय्योन क लोगो, तू पचे बाबुल मँ बन्दी रह्या। मुला अब पराइ निकरा। उ सहर स पराइ जा।” काहेकि सर्वसवतीमान यहोवा कहत ह (इ महिमा क मोका पठइ क पाछे) उ रास्ट्रन क बारे मँ जउन तोहका लूटेस ह।
8 उ तू पचन्क प्रतिस्ठा देइ क मोका पठएस ह।” मुला ओकरे पाछे, यहोवा मोका ओनके खिलाफ पठइ। काहेकि अगर उ पचे तू पचन्क चोट पहोंचइहीं तउ तउ यहोवा क आँखी क पुतरी क चोट पहोंचावइ क होइ। ओन रास्ट्र आपन सम्मान पाएन।
9 काहेकि फुरइ मइँ ओन लोगन्क खिलाफ आपन हाथ उठाउब अउर उ पचे आपन दास लूट लेइ जाइहीं। तब तू पचे जान जाब्या कि सर्वसक्तीमान यहोवा मोका पठएस ह।”
10 यहोवा कहत ह, “सिय्योन, प्रसन्न ह्वा। काहेकि मइँ आवति हउँ अउर मइँ तोहरे सहर मँ रहब।
11 उ समइ अनेक रास्ट्रन क लोग यहोवा क लगे अइहीं। उ पचे मोर लोग होइहीं। किन्तु सिय्योन, मइँ तोहार बीच रहब।” तउ तू पचे जान जाब्या कि जउन मोका तोहमाँँ पठएस ह सर्वसवतीमान यहोवा अहइ।
12 यहोवा यहूदा क पवित्तर भूइँया मँ आपन निवासी बनाउब। अउर उ फुन दोबारा यरूसलेम क चुनब।
13 हे सब प्राणियन, यहोवा क समन्वा चपु रहा। काहेकि उ आपन पवित्तर निसवास स्थान स जागकर निकालेस ह।
Zechariah 3
1 तब उ मोका महायाजक यहोसू क दिखाया। उ यहोवा क सरगदूत क समन्वा खड़ा भवा रहा। सइतान हुआँ यहोसू क जरिये कीन्ह गए बुरे करमन बरे दोख देइ बरे ओकर दहिना कइँती खड़ा रहा।
2 तब यहोवा क सरगदूत कहेस, “सइतान, यहोवा तोहका फटकारइ। यहोवा जउन यरूसलेम क चुने रहा, तोहका फटकारइ। का इ मनई आगी स निकरा भवा बरत काठे क नाईं नाहीं बाटइ?”
3 यहोसू सरगदूत क समन्वा खड़ा रहा अउर ओकरे ओढ़नन गन्दा रहेन।
4 तब आपन निअरे खड़े भए दूसर सरगदूतन स सरगदूत कहेस, “यहोसू स गन्दा ओढ़नन क उतारि ल्या।” तब सरगदूत यहोसू स बातन किहेस। उ कहेस, “मइँ तोहरे अपराधन क छोरि लिहेउँ ह अउर मइँ तोहका नवा ओढ़ना देइउँ ह।”
5 तब उ कहेस, “ओकरे मूँड़ी पइ एक ठु साफ पगड़ी रखइ द्या।” यह बरे जब यहोवा क सरगदूत हुवाँ खड़ा रहा, उ पचे एक ठु साफ पगड़ी ओकरे मुँड़ी पइ रखेस अउर उ पचे ओका नवा ओढ़ना पहिराएन।
6 तब यहोवा क सरगदूत यहोसू स अधिकार क संग कहेन:
7 इ उहइ अहइ जउन सर्वसक्तीमान यहोवा कहत ह: “अगर तू मोर आदेसन क पालन करब्या अउर ओन बातन क करब्या जेका मइँ आदेस दिहेउँ ह, तउ तू मोर घरे पइ सासन करब्या अउर तू मोर मन्दिर क आँगन क अधिकारी होब्या। अउर मइँ तोहका ओन लगोन मँ आवइ-जावइ देब्या जउन हिआँ खड़ा अहइँ।
8 हे महायाजक यहोसू, सुना! तू अउर तोहका मीतन जउन तोहार समन्वा बइठा अहइ इ बात क प्रतीक अहइ कि इ सबइ बात होब्या! सच ही, मइँ आपन सेवक क लइ आउब जउन “साख” कहा जात ह।
9 उ पाथर हिआँ अहइ जेका मँ यहोसू क समन्वा राखेउँ। इ पाथर मँ सात आँखन अहइँ। मइँ एह पइँ एक लेख खोदब। एक दिना मइँ ओह भूइँया प स पापन क खत्म करब” सर्वसक्तीमान यहोवा इ सब कहत ह।
10 सर्वसवतीमान यहोवा कहत ह, “उ दिना तोहमाँ स प्रत्येक आपन पड़ोसियन क आपन दाख-लता अउर अंजीर क बृच्छ क नीचे आमंत्रित करब्या।”
Zechariah 4
1 तब ओकर पाछे जउन सरगदूत मोहसे बातन करत रहा, वापिस आएस अउर मोका जगाएस। मोका अइसा लाग जइसा कउनो क नींद जगाया जात ह।
2 उ मोसे पूछेस, “तू का लखत अहा?”मइँ जवाब दिहेउँ, “मइँ एक ठु ठोस सोना क डीबट लखत हउँ। हुवाँ ओकरे सिरे पइ एक ठु पिआला अहइ। पिआले मँ स सात ठु दीपक अहइँ। इ सबइ दीपक डीबट पइ अहइ अउर उ सबइ नाली क जुड़ा भवा अहइ।”
3 अउर दुइ जइतून क पेड़ पिआला क पीछे मँ अहइ एक ठु पिआल दाहिने तरफ अउर दूसरा पियाले क बाये तरफ अहइ।”
4 तब मइँ, उ सरगदूत स जउन पूछेस जउन तोह स बातन करत रहा, “महोदय, एन सबन्क अरथ का अहइ?”
5 तब सरगदूत जउन मोहसे बातन करत रहा जवाब दिहेस, “का तू नाहीं जानत्या कि इ सबइ चिजियन का अहइँ?”
6 तब उ मोहसे कहेस, “इ यहोवा क सँदेसा जरूब्बाबेल बरे बाटइ: ‘तोहरी सवती अउ प्रभुता स मदद नाहीं मिली। वरना तोहका मदद मोरी आतिमा स मिली।’ सर्वसवतीमान यहोवा इ सब कहत ह।
7 उ ऊँचके महान पर्वत, तू का अहइ? जरूब्बाबेल समन्वा तू एक समतल भुइँया क नाईं अहइ। उ मंदिर क बनाई। जब आखिरी पाथर इ पइ रखा जाइ तब लोग नरियाइ उठिहीं, ‘वाह केतॅना सुन्नर, वाह बहोत सुन्नर!’“
8 तउ यहोवा वचन मोर लगे आवा,
9 “जरूब्बाबेल क हाथन इ मंदिर क नींव पाथर राखब्या अउर ओकर हाथन इ मन्दिर क पूरा करब्या। हे लोगो तब तू पचे समुझब्या कि सर्वसवतीमान यहोवा मोका तू लोगन क लगे पठएस ह।
10 जउन कउनो भी जउन उ दिन क मजाक उड़ावत ह जब छोटे स्तर पइ निर्माणकारी कार्य सुरू कीन्ह गवा रहा तउ जब उ पचे जरूब्बाबेल क हाथ मँ समारोह क पाथर जउन कि अन्तिम पाथर होइ तउ आन्दित होइ। इ सात दीपक यहोवा क आँख अहइ। सचमुच भुइँया पइ खोजइ बरे उ पचे आगे पीछे फिरत।”
11 तब मइँ ओहसे कहेउँ, “इ दुइ ठु जइतून क बृच्छ अहइँ। एक दीपाधार क दाईं अउर एक बाईं कइँती अहइ। इ सबइ का अहइँ?”
12 मइँ ओहसे इ भी कहेउँ, “मइँ जइतून क दुइनउँ साखा सोने क रंग क तेल लइ जात, सोना क नलन क सहारे लखेउँ। एन चिजियन क अरथ का अहइ?”
13 तब सरगदूत मोसे कहेस, “का तू नाहीं जानत्या कि एन चिजियन क अरथ का अरथ का बा?”मइँ कहेउँ, “नाहीं महोदय।”
14 एह बरे उ जवाब दिहेस, “इ दुइ अभिसिक्त कीन्ह भवा मनई क प्रस्तुत करत ह जउन कि समूचइ धरती क सुआमी क बगल मँ खड़ा अहइ।”
Zechariah 5
1 मइँ फुन निगाह ऊँच किहेउँ अउर मइँ एक ठु उड़त भवा लपटा पत्रक लखेउँ।
2 सरगदूत मोहसे पूछेस, “तू का लखत अहा?” मइँ जवाब दिहेउँ, “मइँ एक ठु उड़त भवा लपटा पत्रक लखत हउँ जउन तीस फुट लम्बा अउ पन्द्रह फुट चउड़ा अहइ।”
3 तब्बइ उ मोहसे कहेस, “उ लपटा पत्रक पइ एक सराप लिखा बा जउन पूरा धरती पइ फेंलिहीं। लपटा पत्रक क एक कोना मँ लिखा अहइ, ‘हर कउनो जउन चोर अहइ भेज दीन्ह जाब्या।’ दूसर कइँती लिखा भवा अहइ, हर कउनो जउन लबार प्रतिग्या करिही भेज दीन्ह जाब्या।
4 सर्वसवतीमान यहोवा कहत ह, मइँ इ सराप भेजेउँ ह। इ मोर नाउँ लेइके हर चोरन क घरे अउर ओन लोगन क घरे जउन गलत प्रतिग्या करत ह, घुसब। इ सराप ओकरे घरे मँ रहब अउर ओकरे घरे क पाथर अउ काठ दुइनउँ क बरबाद करब।”
5 तब मोर संग बात करइवाला सरगदूत बाहेर आवा। उ मोहसे कहेस, “नज़र उठा अउ लखा। का तू जानत ह कि हमार कइँती का अवात ह”
6 मइँ कहेउँ, “इ का अहइ?”उ कहेस, “उ मापक टोकरी अहइ।” तउ उ कहेस, “उ टोकरी समुचइ धरती क दोख क प्रस्तुत करब।”
7 तब टोकरी क ढकना जउन सीसा बना रहा उठावा गवा, अउर हुवाँ टोकरी क भितरे एक मरेहरारू बइठी रहा।
8 अउर उ कहेस, “इ मेहरारू बुराई प्रस्तुत करत अहइ।” एह बरे उ ओका टोकरी मँ धकेल दिहस अउ सीसा क ढकना स ओकरे मुँहे बन्द कइ दिहेस।
9 तब मइँ नज़र उठाएस अउ लखेस कि दुइ मेहररूअन हमार कइँती आवत हीं। उ सारस क नाईं पखना रखेत रहा। उ पचे आपन पखनन क हवा क पड़करइ बरे फइलाएस। उ पचे टोकरी क लिए भए हवा मँ उड़त रहिन।
10 तब मइँ सरगदूत स पूछेउँ कि कउन मोसा बात किहे रहेन, “उ पचे टोकरी क कहाँ लइ जात अहइँ?”
11 उ मोहसे कहेस, “उ सबइ एका सिनार मँ लइ जात ह। हुवाँ उ पचे एक ठु घर बनाब। जब घर तइयार होइ जाइ, तउ उ पचे उ टोकरी क ओकरे जगह पइ धरिहीं।”
Zechariah 6
1 तब फुन मइँ घूमाएउँ अउ आपन निगाह क उठाएउँ अउर मइँ चार रथन क लखेउँ। उ सबइ काँसे क दुइँ ठु पर्वतन क बीच स निकरत रही।
2 प्रथम रथ क लाल घोड़न हीचंत रहेन। दूसर रथ क करिया घोड़न हीचंत रहेन।
3 तीसर रथे क उज्जर घोड़न हींचत रहेन।
4 तब मइँ सरगदूत स पूछेउँ कि कउन मोस बात किहेस।, “महोदय, एन चिजियन क तात्पर्य का अहइ?”
5 सरगदूत कहेस, “इ सबइ चारिहुँ दिसा क ह्वा क प्रतीक अहइँ। उ सबइ सबहिं सारे संसार क सुआमी क हिआँ स आएन हँ।
6 करिया घोड़न उत्तर कइँती जइहीं। लाल घोड़न पूरब कइँती जइहीं। उज्जर घोड़न पच्छिम क जइहीं अउर भोरा धब्बादार घोड़न दविखन क जइहीं।”
7 तब ताकतवर घोड़न बाहेर आएन। उ सबइ पृथ्वी क गस्त लगाइ बरे उत्सुक रहेन। एह बरे उ ओनसे कहेस, “जा, पृथ्वी क गस्त लगावा!” एह बरे, उ पचे पृथ्वी क गस्त किहेन।
8 तब उ जोर स गोहरात भए कहेस, “लखा, उ सबइ जउन उत्तर कइँती जात रहेन। उ सबइ उत्तर कइँती मँ मोर आतिमा क सान्त कइ दिहन।”
9 अउर यहोवा क बचन मोर लगे आएस, उ कहेस:
10 “ओन लोगन स चाँदी अउर सोना ल्या जेनका बन्दी बना गवा अहइ। हेल्दै, तोबिय्याह अउर यदायाह स ल्या जउन बालेल स आवा रहा। अउर उहइ दिन सपन्याह क पूत योसियाह क घर जा।
11 सोना अउर चाँदी ल्या अउर एक ठु मुवुट बनावा। अउर उ मुवुट क यहोसादाक क पूत महा याजक यहोसू क मूँड़े पइ राखा।
12 अउर तू ओसा कहा, इ उहइ अहइ जउन सर्वसवतीमान यहोवा कहत ह: हिआँ एक मनई अहइ जेकर नाउँ “साख” अहइ। ओका साख कहा गवा काहेकि उ हुवाँ स जहाँ उ अहइ साखा निकारब अउर यहोवा क एक मन्दिर बनाई।
13 उ उहइ अहइ जउन यहोवा क मन्दिर क बनाई अउर उ उहइ अहइ जउन सम्मान पाई। उ आपन राजसिंहासन पइ बइठी, अउ सासन करिहीं। अउर हुवाँ ओकरे सिंहासन क बगल मँ एक ठु याजक होइ अउर इ दुइनउँ मनई एक संग सद्भावना क साथ काम करिहीं।
14 “उ मुवुट यहोवा क मन्दिर हेल्दै, तोबिय्याह, यदायाह अउ सपन्याह क पूत योसियाह बरे स्मृति चिन्ह होइ।
15 लोग जउन दूर रहिहीं यहोवा क मन्दिर क निर्माण करइ बरे आइहीं। तउ तू पचे समुझब्या कि सर्वसक्तीमान यहोवा मोका तू लोगन क लगे पठएस ह। इ सब कछू घटित होइ जदि तू पचे यहोवा आपन परमेस्सर क ठीक तरह स पालन करब्या।”
Zechariah 7
1 फारस मँ दारा क राज्जकाल क चउथे बरिस, जकर्याह क यहोवा क एक सँदेसा मिला। इ नउवे महीना अर्थात् किस्लव क चउथा दिन रहा।
2 बेतेल क लोग सरेसेर, रेगेम्लेक अउ आपन साथियन क यहोवा स एक ठु सवाल पूछइ क पठएस।
3 उ पचे यहोवा क मंदिर मँ नबियन अउ याजकन क लगे गएन। ओन लोग ओनसे इ सवाल पूछेन: “हम लोग कई बरिस तलक मंदिर क नेस्त नाबूद होइ क सोक मनाए अही। हर बरिस क पाँचवें महीना मँ, रोवइ अउर उपवास राखइ क हम लोगन क खास समइ रहा। का हमका एका करत रहइ चाही?”
4 तब सर्वसवतीमान यहोवा क इ बचन मोह पइ आएस अउ कहेस:
5 “याजकन अउ इ देस क अन्य लोगन स इ कहा: जउन उपवास अउर सोक पाछे क सत्तर बरिस स बरिस क पाँचवेें अउ सातवें महीना मँ तू पचे करत आवत अहा का उ उपवास, सच ही, मोरे बरे रहा? नाहीं।
6 अउर जब तू पचे खाया अउ पिया, आपन बरे जिन खाया अउ पिया रहा।
7 का इ उहइ बचन नाहीं अहइ जेका यहोवा आपन पहिले क नबियन दुआरा उ समइ घोसना किहे रहेन जब यरूसलेम आबाद रहा, अउर अपन चरिहुँ कइँती क नगरन सहित समृद्ध रहा, अउर जब नेगव सकेला अर्थात नीचे क देस भी आबाद रहा?”
8 जब यहवा बचन जकर्याह आवा अउ कहा:
9 इ उहइ अहइ जउन सर्वसवतीमान यहोवा कहत ह: ‘जब तू निआव करी सही फइसला देइ। एक दूसर बरे दयालु अउ करूणा दिखावा।
10 राँड़ अउरतन, अनाथन, बिसेसियन या दीन लोगन पइ अत्याचार जिन करा। एक दूसर क बुरा करइ क विचार भी हिरदइ मँ न आवइ द्या।”
11 मुला उ पचे अनसुनी किहेन। उ पचे बिद्रोह किहेन अउ आपन पीठ घुमाइ दिहेन। उ पचे सुनइ स आपन कान बंद कइ लिहेन।
12 उ पचे बड़का हठी रहेन। उ पचे परमेस्सर क व्यवस्था क पालन करब नामंजूर कइ दिहन। आपन आतिमा क सवती स यहोवा नवियन क जरिये आपन लोगन क सँदेसा पठएस। मुला लोग ओका नाहीं सुनेन, एह बरे सर्वसवतीमान यहोवा नबियन क जरिये आपन लोगन क सँदेसा पठएस। मुला लोग ओकर नाहीं सुनेन, एह बरे सर्वसवतीमान यहोवा बहोत कोहाइ गवा।
13 जब ओनका पुकारेउँ उ पचे नाहीं सुनेन। एह बरे ठीक इसी तरह मइँ भी ओनका नाहीं सुनब जब उ मोका पुकारब्या।” यहोवा सर्वसक्तीमान परमेस्सर इ कहत ह।
14 तब मइँ ओनका जातियन क बीच तितर-बितर कइ दिहेस। उ पचे जेकर बारे मँ नाहीं जानतेन। ओकर अनुपस्तिथ मँ भुइँया क अइसा उजाड़ दीन्ह ग रहा, ताकि न कउनो आ सकतेन अउर न ही कउनो जा सकतेन। उ पचे इ सुहावना देस घटिया भुइँया बनाइ दिहेन।”
Zechariah 8
1 फुन सर्वसवतीमान यहोवा क बचन मोर लगे आएन अउ कहेन:
2 इ उहइ अहइ जउन सर्वसवतीमान यहोवा कहत ह: “सिय्योन बरे मोका अत्यधिक जलन भवा। मइँ ओहसे बहोत जियादा जलन करत हउँ।”
3 इ उहइ अहइ जउन यहोवा कहत ह: “मइँ सिय्योन क लगे वापस आवत हउँ अउर मइँ यरूसलेम मँ रहबउँ। यरूसलेम बिस्सास सहर कहा जाइ। मोर पर्वत, पवित्तर पर्वत कहा जाइ।”
4 इ उहइ अहइ जउन सर्वसवतीमान यहोवा कहत ह: “एक बार फुन एक बूढ़ मनसेधु अउर एक बूढ़ा मेहरारू यरूसलेम क चौराहे पइ बइठब। लोग ऍतनी लम्बी उमर तलक जिअत रइहीं कि ओनके सहारे क छड़ी क जरूरत होइ।
5 सहर क चौराहे लरिकन अउ लड़िकियन स भरा होइ।’
6 इ उहइ अहइ जउन यहोवा सर्वसक्तीमन कहत ह: ‘भले ही इ जिअत लोगन क नज़र मँ असम्भव लगे, का एका मोर नज़र मँ भी असम्भव लगइ चाही? यहोवा सर्वसक्तीमान कहत ह।
7 इ उहइ अहइ जउन सर्वसवतीमान यहोवा कहत ह, “लखा, मइँ पूरब अउ पच्छिम क देसन स आपन लोगन क बचाउब,
8 अउर मइँ ओनका यरूसलेम मँ रहइ बरे लिआउब। उ पचे मोर लोग होइहीं अउर मइँ ओनकर बढ़िया अउ बिस्सास क जोग्ग परमेस्सर होबउँ।”
9 सर्वसवतीमान यहोवा कहत ह, “उ जउन इ सब्दन क नबी क मुँहे स सुन्या ह, सवतीसाली बना! तू पचे उ नबियन स सुने रहा जउन जब सर्वसवतीमान यहोवा आपन मंदिर क फुन स बनावइ बरे नेवं डाएस। इ मन्दिर सर्वसक्तीमान यहोवा क अहइ।
10 अउर उ समइ क पहिले, हुवाँ लोगन क या जानवर क किराया पइ लेइ बरे धन नाहीं रहा। हुवाँ दुस्मनन क कारण आवागमन सुरच्छित नाहीं रहा। कहेकि उ मइँ रहा जउन एक दूसरे क खिलाफ कइ दिहे रहेउँ।
11 मुला अब मइँ वइसा नाहीं करब जइसा इ बचा भवा लोगन क संग बीते दिना मँ किहे रहेउँ ह,” सर्वसवतीमान यहोवा इ सबइ कहेस ह।
12 “काहेकि हुवाँ सान्तिपूवर्क खेती-बारी होइहीं। अंगूरे क लता फल देइहीं: भुइँया अच्छी पइदावार देइ, अउ अकास आपन ओस देइहीं। मइँ इ सबहिं चिजियन लोगन क देब जउन जिअत रहब।
13 हे यरूसलेम अउ यहूदा लोग, मइँ तोहका बचाउब। बीते समइ मँ तू लोग जातियन क बीच मँ सराप क उदाहरण बनि ग रहेन। मुला अब मइँ तू लोगन क जातियन क बीच मँ आसीर्बाद क उदाहरण बाउब। जिन डेराअ। सवतीसाली बना।”
14 फुरइ इ उहइ अहइ जउन सर्वसवतीमान यहोवा कहत ह: “जब तू सबन क पुरखन मोका कोहाइ दिहन, मइँ ओन पइ विपत्तियन लावइ क जोजना बनाएउँ, अउर मइँ आपन इरादा क न बदलेउँ।” सर्वसवतीमान यहोवा इ सब कहत ह,
15 “ठीक उहइ तरह, अब मइँ यरूसलेम अउ यहूदा क लोगन बरे नीक करइ क जोजना किहेउँ ह। जिन डेराअ।
16 मुला तू सबन क इ करइ चाही, “एक दूसर क संग तोहका सिरफ फुरइ बोलइ चाही: जब तू पचे आपन अदालतन मँ निर्णय ल्या, तउ लोगन क उचित निआव प्रदान करा।
17 अपन हिरदइ मँ दूसर बरे बुरा योजना जिन बनावा अउर लबार प्रतिग्या जिन करा। काहेकि मइँ ओन बातन स घिना करत हउँ।” यहोवा इ सबइ कहेस।
18 सर्वसवतीमान यहोवा क इ सँदेसा मोर लगे फुन आएन अउर कहेन:
19 इ उहइ अहइ जउन सर्वसवतीमान यहोवा कहत ह: “चउथे महीना पचाँए महीना सतएँ महीना मँ तोहार सोक मनावइ अउर उपवास क दिन यहूदा क लोगन बरे गावइ, अनन्द मनाइ, अउ खुस होइ क होइ। एह बरे तू पचन्क सच्चाई क अउ सान्ति क पिरेम करइ चाही।”
20 इ उहइ अहइ जउन सर्वसवतीमान यहोवा कहत ह: “भविस्स मँ, जातियन अउ अनेक सहरन स लोग यरूसलेम अइहीं
21 अउर एक सहर क निवासी दूसर सहर क निवासियन लगे जाइहीं, अउर कइहीं, ‘हम लोगन क सर्वसक्तीमान यहोवा क लगे परार्थना करइ बरे अउर ओहसे मदद माँगइ बरे अउर ओकर उपासना करइ बरे चलइ चाही। दूसर मनई कहिहीं मइँ भी आउब।’“
22 अनेक लोग अउ अनेक सवतीसाली रास्ट्र यरूसलेम आहहीं अउ सर्वसवतीमान यहोवा क उपासना करिहीं अउ उ पचे ओसे मदद मागिहीं।
23 इ उहइ अहइ जउन सर्वस्वतीमान यहोवा कहत ह: “उ दिना मँ, अलग अलग रास्ट्रन स अलग-अलग भाखन क बोलइया दस ठु मनई एक ठु यहूदी क कोट क पल्ला धरिहीं अउर कइहीं, ‘हम पचे तोहार संग आवइ चाहत हउँ, काहेकि हम पचे सुना ह कि परमेस्सर तू पचन्क संग अहइ।’“
Zechariah 9
1 एक ठु भविस्सबाणी: यहोवा क सँदेसा हद्राक क देस अउ ओकर राजधानी दमिस्क क खिलाफ अहइ। इ सँदेसा इ बिदेसी देस क बारे मँ दीन्ह ग रहा। “काहेकि न सिरफ इस्राएल क परिवार समूह बल्कि सबइ मानव जाति यहोवा क मदद बरे ओकरी कइँती लखत अहइँ।
2 इ भविस्सबाणी भी हामात क खिलाफ अहइ जउन हद्राक क चउहद्दी मँ अहइ। इ भविस्सबाणी सोर तथा सीदोन क भी खिलाफ अहइँ भले ही उ बहोत बुद्धिमान अहइँ।
3 सोर एक ठु किला क नाई बना अहइ। हुआँ क लोग चाँदी ऍतना बटोर लिहे अहइँ, कि उ धूलि क नाईं सुलभ बाटइ अउर सोना ऍतना साधारण अहइ जइसे माटी।
4 मुला अब यहोवा ओकरे सबइ अधिकार क लेइ बरे जात ह। उ पचे ओकर सवतीसाली नौसेना क नस्ट करी अउर उ सहर आगी स नस्ट होइ जाइ।
5 “अस्कलोन मँ रहइवाले लोग इ सबइ घटना क लखिहीं अउ उ पचे डेरइहीं। अज्जा क लोग काँप उठिहीं अउ एक्रोन क लोग समूची आसा क तजि देइहीं, जब उ पचे ओन घटनन क होब होत लखिहीं। अज्जा मँ कउनो राजा बचा नाहीं रही। कउनो भी मनई अब अस्कलोन मँ नाहीं रही।
6 अस्दाद मँ बहोत सारा लोग इ भी नाहीं जानिहीं कि ओनकर पिता कउन अहइँ, अउ मइँ पलिस्ती लोगन घमण्ड क हटाइ देब।
7 मइँ उ पचन्क मुँह स उ पचन्क गोस क लइ लेब जेहमाँ खून अहइ; मइँ उ पचन्क क उ घृणित भोजन क लइ लेब जउन ओकर दाँतन क बीच होइ। सबइ जिअत बचा भवा प्राणियन मोर परमेस्सर स सम्बन्धित होइ। तउ उ यहूदा क बंसज क नाईं होइ जाब्या, अउर एवोन क लोग यबूसी लोग क जइसा होइ जाइ।
8 मइँ आपन मन्दिर पइ सिबिर लगाउब। मइँ ओकर रच्छा सिपाही ह रूप मँ ओन लोगन स करब जउन आइ अउर हमला करइ बरे जाइ। कउनो अत्याचारी मोर लोगन क खिलाफ अउर नाहीं बढ़ सकब, काहेकि मइँ ओका निहारत हउँ।”
9 हे बिटिया सिय्योन, खुश ह्वा! हे बिटिया यरूसलेम, आनन्द क चिल्लावा! लखा, तोहार राजा तोहरे लगे आवत बाटइ। उ विजय पावइवाला नीक अहइ। उ विनम्र स गदहा पइ, एक ठु गदहा क बच्चा पइ सवार अहइ।
10 राजा कहत ह, “मइँ एप्रैम मँ रथन क अउ यरूसलेम मँ घुड़सवारन क बर्बाद किहेउँ। मइँ जुद्ध मँ प्रयोग कीन्ह गए धनुसन क नस्ट किहेउँ।” दूसर रास्ट्र सान्ति - सन्धि क बातन सुनेन। उ राजा सागर स सागर तलक राज्ज करी। उ नदी स लइके पृथ्वी क दूरतम जगहियन पइ राज्ज करी।
11 यरूसलेम हम आपन वाचा क खून स मूहरबन्द किहेउँ। एह बरे मइँ तोहरे पचन्क बन्दियन क अजाद कइ दिहेउँ, तोहार लोग अब सूनी जेल मँ अब नाहीं रहि गएन।
12 बन्दियो, अपने घरे जा। अब तोहरे लगे आसा करइ बरे कछू अहइ। अजु मइँ तू पचन्क दुई गुणा आसीर्बाद देब।
13 यहूदा, मइँ तोहार पचन्क उपयोग एक धनुस-जइसा करब। एप्रैम मइँ पचन्क उपयोग बाणन जइसा करब। इस्राएल, मइँ तोहार पचन्क उपयोग यूनान स लड़इ बरे मजबूत तरवार जइसा करब।
14 यहोवा ओह पइ परगट होइ, अउर ओकर बाण बिजुली की तरह चलाई। यहोवा, मोर सुआमी तुरही बजाई। फउज मरुभूमि क तूफान क नाईं आगे बढ़ी।
15 सर्वसवतीमान यहोवा ओनकर रच्छा करी। फउजी पाथर अउ गुलेल क उपयोग दुस्मन क हरावइ मँ करिहीं। उ पचे आपन दुस्मनन क खून बहइहीं, उ दाखरस जइसा बही। इ वेदी क कोनन पइ पेके गए खून जइसा होइ।
16 उ समइ, ओनकर परमेस्सर यहोवा आपन लोगन क वइसेन ही बचाइ, जइसे गड़रिया भेड़िन क बचावत ह। उ पचे ओकरे बरे बहोत मूल्यवान होइहीं। उ पचे ओनके हाथन मँ जगमगात रतन स होइहीं।
17 हर एक चीज नीक अउ सुन्नर होइ। हुआँ अद्भुत फसल होइ, मुला हुआँ केवल अन्न अउ दाखरस नाहीं होइ। हुआँ युवक अउ युवतियन होइहीं।
Zechariah 10
1 बसन्त ऋतु मँ यहोवा स बरखा बरे पराथना करा। यहोवा बिजुरी पठइ अउ बरखा होइ। उ हर एक मनई क खेते मँ अनाजन उगाइ।
2 मूतिर्यन स प्राप्त कीन्ह गवा सँदेस बेकार अहइ जादूगर लबार दर्सन रखत हीं; सपन दर्सी व्यर्थ बात करत हीं; उ पचे कउनो एक क भी आराम नाहीं पहोंचाइ सकत। एह बरे परमेसस्र क लोग भेड़िन क तरह एहर-ओहर भटकत अहइँ अउर ओनका राह देखावइवाला कउनो गड़रिया नाहीं।
3 यहोवा कहत ह, “मइँ गड़रियन (प्रमुखन) पइ बहोत कोहान अहउँ। मइँ ओन प्रमुखन क आपन भेड़िन क (लोगन) देखरेख क जिम्मेदारी सौंपे रहेउँ।” यहूदा क लोग परमेस्सर क खरका अहइँ अउर सर्वसवतीमान यहोवा, फुरइ, आपन खरका क देखरेख करत ह। उ ओनकर अइसी देखरेख करत ह, जइसे कउनो फउजी आपन घोड़ा क राखत ह।
4 “कोने क पाथर, डेरा क खूँटी, युद्ध क धनुस अउ अगवा बाढ़त फउजी सबहिं यहूदा स एक संग अइहीं।
5 जुद्ध मँ उ पचे जोद्धन क समान होइ जउन दुस्मनन क गलियन क कींच मँ रौंद देत हीं। उ पचे युद्ध करिहीं, अउर यहोवा ओनके संग अहइ। एह बरे उ पचे घोड़सवारन क भी हरइहीं।
6 मइँ यहूदा क लोगन क सवतीसाली बनाउब अउ मइँ यूसुफ क लोगन क रच्छा करब। मइँ ओनका वापिस लइ आउब काहेकि मइँ ओह पइ दाया महसूस करत हउँ। मइँ ओकर संग अइसा बेउहार करब जइसा कि मइँ कभी ओका नाहीं तजेउँ ह। काहेकि मइँ यहोवा, ओनकर परमेस्सर हउँ अउर मइँ ओनकर पराथना क जवाब देब।’
7 एप्रैम क लोग जोद्धन क नाईं होइ। उ पचे आपन हिरदइ मँ अइसा खुसी महसूस करब जइसा कि उ दाखरस स भरा गवा अहइ। ओनकर सन्तानन एका लखेहीं अउर उ पचे आनंद मनइहीं अउर ओनकर हिरदइ यहोवा मँ खुस होइ।
8 “मइँ ओनका सीटी दइके सबन क एक संग बोलाउब। काहेकि मइँ ओनकर रिहारई बरे धन देइ चुका अहउँ, उ सबइ लोग अनगिनत होइ जइहीं जइसा उ पहिले रहेन।
9 मइँ सबहिं रास्ट्रन क बीच मँ स ओका छिरताइ देब, मुला मोका दूर क देसन मँ याद करिहीं। उ पचे अउर ओनकर सन्तानन बची रइहीं। अउर उ पचे वापस अइहीं।
10 मइँ ओनका मिस्र वापस लिआउब अउर मइँ ओनका अस्सूर मँ एकट्ठा करब। मइँ ओनका गिलाद अउ लबानोन क भूइँया मँ लिआउब अउर हुआँ ओन लोगन बरे काफी जगहिया नाहीं होइ।”
11 उ गुर्रात भवा समुद्दर क पार करब अउ लहरन पइ चोट करब। तब नील नदी क सबइ घहरा भाग सूख जाई, अस्सूर क घमण्ड नीचा होइ जाई, अउ मिस्र सक्ती छीन लीन्ह जाई।
12 यहोवा आपन लोगन क सवतीसाली बनाइ अउर उ पचे ओनके अउ ओनके नाउँ बरे जिअत रइहीं। यहोवा इ सब कहेस।
Zechariah 11
1 लबानोन, आपन दुआर खोला, काहेकि आगी भितरे आइ अउर उ तू पचन क देवरारू क बृच्छन क बारि देइ।
2 साइप्रस क बृच्छ रोइहीं काहेकि देवदारू क बृच्छ भहराइ गएन। बासान क ओक बृच्छ रोवा काहेन जगल जउन काटि डावा गवा।
3 रोवत गड़रियन क सुना! काहेकि ओनकर भव्य चरागाह तबाह कइ दीन्ह गएन। सुना! सेरन दहाड़त हीं काहेकि यरदन नदी किनारे क जंगल-झाड़ी नस्ट कीन्ह गवा अहइ।
4 इ उहइ अहइ जउन यहोवा मोर परमेस्सर कहत ह: “ओन भेड़िन क झुण्ड क चढ़वाह होइ जा जेनका ज़बह करइ बरे नियुक्त कीन्ह गवा रहा।
5 जउन लोग ओनका खरीद लेत हीं अउर ओनका ज़बह कइ देत हीं अउर उ सज़ा नाहीं पावत हीं। अउर जउन उ भेड़ियन क बेचत हीं कहत ह, ‘यहोवा क धन्य होइ काहेकि हम पचे धनी होइ गवा हउँ।’ ओनका आपन गड़रियन ओह पइ दाया नाहीं करतेन
6 एह बरे मइँ इ देस मँ रहइवालन पइ कछू दाया नाहीं करब।” यहोवा कहत ह।’ “लखा, मइँ हर एक क ओकर पड़ोसी अउ राजा क हाथ पकड़वाइ देब। उ पचे ओकर भूइँया रौंद देइहीं, लेकिन कउनो एक क भी ओकर सक्ती स मुक्त नाहीं करब।”
7 एह बरे मइँ ओन भेड़िन क देखरेख किहेउँ, जेनका ज़बह करइ क वास्ते बेचइ बरे रहेन। सचमुच मँ मइँ ओन बेचारा भेड़ियन क चड़वाही किहा तउ मइँ दुइ ठु छड़ियन लिहेस: एक ठु छड़ी क नाउँ “अनुग्रह” राखेउँ अउ दूसर छड़ी क नाउँ “एकता” राखेउँ अउर तब मइँ भेड़िन क देखरेख किहेउँ।
8 एक महीने मँ मइँ ओकरे तीनउँ गड़ेरियन क हटाइ दिहे रहा, काहेकि मइँ ओन स आपन धेर्य खो दिहे रहा, अउर उ मोसे घिना भी किहे रहा।
9 एह बरे मइँ कहेउँ, “मइँ तू पचन्क अउर गड़ेरिया नाहीं रहब। भेड़ जउन मरह ह, मरि द्या; भेड़ जउन नस्ट होइ बरे जात ह, नस्ट होइ द्या। भेड़ जउन बचिहीं, ओनका एक दूसर क गोस खाईके मरि जाई द्या।”
10 तब मइँ अनुग्रह नाउँ क छड़ी लिहेउँ अउर एक तोड़ दिहेउँ। मइँ इ बात क परगट करइ बरे किहेउँ कि सबहिं रास्ट्रन क संग परमेस्सर क वाचा टूट गइ।
11 एह बरे इ उ दिना तोड़ दीन्ह ग रहा। ओन बेचारे भेड़िन जउन मोर कइँती लखत रहिन, जान लिहन कि इ सँदेसा यहोवा क अहइ।
12 तब मइँ ओसे कहेउँ, “अगर इ तोहार नज़र मँ ठीक बाटइ, तउ मोका मोर भुगतान करा; अगर इ तोहार नज़र मँ ठीक नाहीं बाटइ, तउ मोका भुगतान जिन करा।” एह बरे उ पचे मोका चाँदी क तीस टूकन मजदूरी क रूप मँ दिहन।
13 तब यहोवा मोहसे कहेस, “उ बड़का धन क जेका उ पचे मोरे बरे कीमत ठेहराएस ह खजाना मँ डाइ द्या।” एह बरे मइँ चाँदी क तीस टूकन क लिहेउँ अउर ओनका यहोवा क मन्दिर क खजाना मँ डाइ दिहेउँ।
14 तब मइँ “एकता” नाउँ क दूसर छड़ी क इ परगट करइ बरे कि इस्राएल अउ यहूदा क बीच क एकता टूटि जाई, तोड़ि दिहेन।
15 तब यहोवा मोहसे कहेस, “एक बार फुन मूरख गड़ेरिया क समान लइ ल्या।”
16 काहेकि मइँ इ भुइँया मँ एक गड़ेरिया नियुक्त करइ बरे जात हउँ। उ एक अइसा गड़ेरिया होब जउन खोया भवा क चिन्ता न करब, जउन जवान क न खोजब, जउन घायल क चंगा न करब, जउन तन्दुरुस्त क खाइया न खिलाब। एकर जगह पइ, उ मोटे भेड़िन क गोस्त खाउब, अउर जउन ओकरे खुरन क तोड़ देब।”
17 हे मोर व्यर्थ गड़ेरिया, कउन झुण्ड क तजि दिहा! तरवार क ओकर भुजा अउ दाहिनी आँखी पइ चोट करइ द्या! ओकर दाहिनी भूजा क झूरान होइ जाइ द्या! ओकर दाहिनी आँखी क पूरी तरह स आँधर होइ द्या!”
Zechariah 12
1 एक भविस्सबाणी: इ इस्राएल क बारे मँ यहोवा क सँदेसा अहइ: इ उहइ अहइ जउन यहोवा कहत ह, कउन आकसे क बनाएस, कउन पृथ्वी क स्थापना किहेस, कउन मनई क भीतर आतिमा क रचेस,
2 “लखा, मइँ यरूसलेम क पिअइ क ज़हरीला पिआला बनाइ बरे जावत हउँ जउन कि ओकरे चारिहुँ कइँती क रास्ट्रन बरे मूसीबत झेलइ क कारण होइ। यहूदा क भी ओन रास्ट्रन क बीच जउन कि यरूसलेम क घेरत ह होवइ बरे मजबूर कीन्ह जाब्या।
3 उ दिना मइँ यरूसलेम क सबइ जातियन बरे भारी चट्टान क नाईं बनाउब। अउर जउन कउनो एका उठावइ क कोसिस करी जोर स चोट खाइ, अउर पृथ्वी क सारे रास्ट्रन यरूसलेम क खिलाफ होइहीं।
4 यहोवा कहत ह, उ दिना मँ, मइँ हरेक घोड़न क डराउब अउर हरेक घोड़सवार क पागल बनाइ देब; किन्तु मइँ यहूदा क लोगन पइ धियान देब, अउर मइँ जातियन क सबइ घोड़न आँधर कइ देब।
5 तब यहूदा क प्रमुखन आपन आप स कहिहीं, ‘यरूसलेम क निवासिन सर्वसवतीमान यहोवा का करण मज़बूत अहइ अउर उ ओकर परमेस्सर अहइ।’
6 उ दिना मँ, मइँ यहूदा क प्रमुखन क काठ मँ बरत भइ अंगठी, अउ बारत भवा अनाज क गुच्छा क नाईं बनाइ देब। उ पचे आपन चारिहुँ कइँती क जातियन क नस्ट कइ देब साथ ही जउन ओकर दाहिनी तरफ अउ जउन ओकर बाइ तरह होइ। किन्तु यरूसलेम क निवासी फुन यरूसलेम क जगह पइ होइहीं।”
7 पहिले यहोवा यहूदा क परिवार समूहन क विजय दिलाइ, एह बरे दाऊद क परिवार समूह क महिमा अउ यरूसलेम क निवासियन क महिमा यहूदा क बंसज स जियादा होइ।
8 उ दिना मँ, यहोवा यरूसलेम क निवासियन बरे ढाल होइहीं। जउन कउनो आदमी ओनकर बीच मँ दृढ़ता स रही उ दाऊद क समान बड़वार जोधा बन जाइ। लोगन क समन्वा, दाऊद क परिवार देवता क समान या यहोवा क आपन सरगदूतन क नाईं होइहीं।
9 “उ दिना मँ, मइँ ओन रास्ट्रन क नस्ट करइ बरे रवाना होब जउन यरूसलेम क खिलाफ जुद्ध करइ बरे आवत अइहीं।
10 मइँ दाऊद क परिवार पइ अउ यरूसलेम क निवासियन पइ महिमा क आतिमा अउ पराथना क उड़ेर देब। उ पचे मोर कइँती लखिहीं, जेनका उ पचे छेद डाए रहेन। उ पचे ओकरे बरे अइसा रोवइ जइसा उ अपने इकलौता पूत क मउत पइ रोवइवत ह। उ पचे अइसा गहिरा दुःख मँ होइ जइसा व्यक्ति आपन पहिलौटी पूत क मउत पइ रोवइवत होइ।
11 उ दिना मँ, यरूसलेम मँ विलाप बहोत भयंकर होइहीं, इ उ समइ क नाईं होइ, जब मगिद्दो घाटी मँ हदद्मिन क मउते पइ विलाप होत रहेन।
12 समपूर्ण भूइँया खुद ही विलाप करिहीं, अउर हरेक परिवार खुद ही विलाप करिहीं; दाऊद क परिवार खुद ही रोइहीं, अउर ओनकर पत्नियन खुद ही रइहीं। अउर ओनकर पत्नियन आपन आप ही विलाप करिहीं।
13 लेवी क परिवार खुद ही विलाप करिहीं, अउर ओनकर पत्नियन आपन आप ही विलाप करिहीं; सिमाइ क परिवार क खुद ही विलाप करिहीं, अउर ओनकर पत्नियन आपन आप ही विलाप करिहीं।
14 सबहिं परिवार समूहन क हर कउनो जउन जिअत ह खुद ही विलाप करिहीं, अउर पत्नियन आपन आप स विलाप करिहीं।”
Zechariah 13
1 उ दिना, दाऊद क परिवार अउ यरूसलेम मँ रहइवाला लोगन बरे एक ठु सोता ओकरे पापन बरे क धोइ देइ अउर लोगन क सुद्ध करइ बरे फूटब।
2 सर्वसवतीमान यहोवा कहत ह, “उ दिना, मइँ पृथ्वी प स सबहिं मूतिर्यन क नाउँ हटाइ देब। अउर लोग ओनकर नाउँ भी याद नाहीं रखिहीं। अउर मइँ लबार नबियन अउर असुद्ध आतिमा क इ भुइँया स हटाइ देब।
3 जदि कउनो मनई भविस्सबानी करत ह तउ ओका सजा मिली। हिआँ तलक कि ओकरे माता-पिता, ओकर आपन महतारी अउर आपन बाप ओहसे कइहीं, ‘तू यहोवा क नाउँ झूठ बोल्या ह। एह बरे तोहका मरि जाइ चाही।’ ओकर आपन महतारी अउर ओकर आपन बाप भविस्सवाणी करइ क कारण ओका छूरी भोवं देइहीं।
4 “उ समइ नबी आपन भविस्सवाणी अउर आपन दर्सन क खातिर लज्जित होइ जइहीं। उ पचे लोगन क धोखा देइ बरे रोंएदार चो़गा नाहीं पहरिहीं।
5 उ सबइ लोग कइहीं, ‘मइँ नबी नाहीं हउँ मइँ एक किसान हउँ। मइँ बचपना स किसान क रूप मँ काम किहेउँ ह।’
6 दूसर लोग कइहीं, ‘मुला तोहरे हाथन पइ घाव कइसे अहइँ?’ उ कही, ‘इ चोट मोका अपने मित्र के घरे लगी।’“
7 सर्वसवतीमान यहोवा कहत ह, “तरवार, गड़रिया पइ चोट करा। मोरे मित्र क मारा। गड़रिया पइ वार करा अउर भेड़िन पराइ जइहीं अउर मइँ ओन छोटन क सजा देब।
8 सर्वसक्तीमान यहोवा करत ह, “पूरी धरती क दुइ तिहाई लोग हटाइ जाइहीं अउर उ पचे मरिहीं, मुला एक तिहाई लोग बचा रइहीं।
9 मइँ इ एक तिहाई लोगन क आगी मँ डाइ देब। मइँ ओका उहइ तरह स सुद्ध करब जइसा चाँदी क सुद्ध कीन्ह जात ह। मइँ ओका अइसा परखब जइसा सोना क जाँचा जात ह। तउ उ पचे मोका आपन नाउँ स पुकारिहीं अउर मइँ ओका जवाब देब। मइँ कहब, ‘उ पचे मोर लोग अहा,’ अउर उ पचे कइहीं, ‘यहोवा मोर परमेस्सर अहइ।’“
Zechariah 14
1 लखा, यहोवा क एक दिन आवत ह जब तोहार कीमती चीज तोहरे समन्वा तोड़ि जाइहीं।
2 मइँ सबहिं रास्ट्रन क यरूसलेम क खिलाफ लड़इ बरे एक संग लिआउब। सहर पइ अधिकार कीन्ह जाब्या, घरन क लूट लीन्ह जाब्या, मेहररुअन क बलात्कार होब्या; आधा लोग बन्दी क रूप मँ देस निस्कासन मँ जाइहीं, किन्तु बचा भवा लोग सहर स हटावा नाहीं जाब्या।
3 तब यहोवा जाब अउ ओन रास्ट्रन क विरुद्ध वइसा ही जुद्ध करब जइसा उ पहले किहे रहेन।
4 उ दिना, उ जइतून क पहाड़ पइ खड़ा होइ, जउन यरूसलेम क पूरब अहइ। जइतून क पर्वत एक गहिरा घाटी क दुआरा दुइ ठु हींसा मँ पूरब स पच्छिम तलक बटि जाइँ। एह बर आधा पर्वत उत्तर कइँती अउर आधा ढविखन कइँती बढ़िहीं।
5 जइसे-जइसे उ पहाड़ी घाटी तू पचन क निगचे आइ, तू पचे पराइ जाइ क जतन करब्या। तू पचे उहइ समइ क नाईं पराब्या, जइसे तू पचे यहूदा क राजा उज्जियाह क सासन क समइ मँ भुइँडोल स पराइ ग रह्या। जब यहोवा, मोर परमेस्सर आइ, अउर ओकर सबहि पवित्तर ओकरे संग होइहीं।
6 उ दिना न गर्मी या न ठंडा या न ही पाला होइ।
7 उ लगातार दिन होइ। एक दिन जउन सिरिफ यहोवा ही जानत ह। हुवाँ न ही दिन होइ न रात। हुवाँ हमेसा उजियारा होइ हिवाँ तलक कि साँझ मँ भी।
8 उ समइ, यरूसलेम स लगातार पानी बही। उ धार बँटि जाइ अउर एक हींसा पूरब कइँती बही अउर एक हींसा पच्छिम क भूमध्म सागर तलक जाइ अउर पूरे साल गमीर् अउ सदीर् मँ बही
9 अउर यहोवा उ समइ संसार क राजा होइ। यहोवा एक अहइ। ओकर नाउँ “एक” अहइ।
10 समूचई भूइँया गेब स लइके रिम्मोन तलक जउन यरूसलेम क दक्खिन कइँती बाटइ, रब्बा मइदान क नाईं सपाट होइ जाब। किन्तु यरूसलेम आपन ऊँचा जगह पइ ही बिन्यामीन दुआर स पहिले दुआर जउन कोना क दुआर अहइ, अउर हननेल क मीनार स राजा क दाखरस निकारइवाला तलक रहब्या।
11 प्रतिबंध उठाइ लीन्ह जाइ अउर लोग हुआँ आपन घर बनइहीं। यरूसेलम सुरच्छित होइ।
12 मुला यहोवा ओन रास्ट्रन क सजा देइ जउन यरूसलेम क खिलाफ लड़ेन। उ ओनका भयंकर बीमारी लगाइ देइ। खड़ा खड़ा ओनकर बदन गलि जाइ। ओनकर आँखिन ओनके कोटरे मँ गलिहीं अउर ओनकर जीभ ओनके मुँहना मँ गली।
13 उ खउफनाक बेरामी दुस्मनन क डेरन मँ होइ अउर ओनकर घोड़न, खच्चरन, ऊँटन अउर गदहन क ड खउफनाक बेरामी लगि जाइ।उ समइ, उ सबइ लोग, फुरइ, यहोवा स डेरइहीं। उ पचे एक दूसर क गटइ दबइहीं। उ पचे एक दूसर पइ वार करइ बरे हथवा उठइहीं। यहूदा क लोग यरूसलेम मँ जुद्ध करिहीं, मुला उ पचे सहर क चारिहुँ कइँती क रास्ट्रन स धन पइहीं। उ पचे बहोत जियादा सोना, चाँदी अउर ओढ़ना पइहीं।
14
15
16 अउर सबइ रास्ट्रन स बचा भवा कछू लोग जउन यरूसलेम क खिलाफ जुद्ध करइ अइहीं, हर बरिस उ पचे राजा क अराधना करइ बरे, सर्वसवतीमान यहोवा क उपासना क करइ बरे जइहीं, वुटीर क त्यौहार मनावइ जाइहीं।
17 अउर अगर पृथ्वी क कउनो परिवार क लोग राजा क, सर्वसवतीमान यहोवा क उपासना करइ यरूसलेम नाहीं जइहीं, तउ उ पचे बर्खा स बंचित होइ जाइहीं।
18 अउर जदि मिस्र क कउनो परिवार नाहीं उठिहीं अउर नाहीं आइहीं, तउ ओनका उहइ महामारी जउन यहोवा दूसर रास्ट्रन बरे भेजे रहा जउन वुटीर क त्यौहार मनावइ बरे नाहीं आवत रहा, कस्ट पहोंचाउब।
19 इ सज़ा मिस्र बरे होइहीं अउर इ सज़ा उ समूचइ रास्ट्र बरे जउन कटीर क त्यौहार मनावइ नाहीं आइ।
20 उ दिना, “यहोवा बरे पवित्तर” घोड़ा क घंटियन पइ भी खुदा होइ। अउर यहोवा क मन्दिर पकावइ क बर्तन वेदी क समन्वा रखा भवा पियाला क समान होइ।
21 यहूदा अउ यरूसलेम क हर बर्तन सर्वसवतीमान यहोवा बरे पवित्तर होइ। जउन कउनो बलिदान चढ़ावइ बरे आइ ओनमाँ स लेइ लेब अउर ओह मँ ही पकाउब्या। उ दिना, सर्वसवतीमान यहोवा क मन्दिर कउनो वइपारी नाहीं होइ।
Malachi 1
1 परमेस्सर क सँदेसा। इ सँदेसा यहोवा क अहइ। इ सँदेसा क मलाकी इस्राएल क दिहस।
2 यहोवा कहेस, “लोगो, मइँ तू पचन्स पिरेम करत हउँ।”मुला तू कह्या, “कइसे पता लागइ कि तू हम स पिरेम करत अहा?”यहोवा कहेस, “एसाव याकूब क भाई रहा। ठीक? मुला मइँ याकूब क चुनेउँ
3 अउर मइँ एसाव क अंगीकार नाहीं किहेउँ। मइँ एसाव क पहाड़ी प्रदेस क नस्ट किहेउँ। एसाव क देस नस्ट कीन्ह गवा अउर अब हुआँ सिरिफ जंगली वूवुर रहत हीं।”
4 संभव अहइ एदोम क लोग कहइँ, “हम पचे नस्ट कीन्ह गएन। मुला हम लोग वापस जाब अउर आपन सहरन क फुन बनाउब।”मुला सर्वसक्तीमान यहोवा कहत ह, “अगर उ पचे ओन सहरन क फुन बनावत हीं तउ मइँ ओनका फुन नस्ट करब।” लोग एदोम स कहब, दुट्ठ प्रदेस अउर लोग जेहसे यहोवा सदा बरे घिना करत रहेन।
5 हे लोगो, तू पचे इ सबइ लखब्या अउर कहब्या, “यहोवा इस्राएल स बाहेर भी समानित भएस ह।”
6 सर्वसक्तीमान यहोवा कहेस, “गदेलन आपन बाप क सम्मान करत हीं। नउकरन आपन सुआमियन क सम्मान करत हीं। मइँ तोहरे बाप क जइसा हउँ, किन्तु उ सम्मान कहाँ बाटइ जेका तोहका मोका देइ चाही? मइँ तोहार सुआमी हउँ, किन्तु उ सम्मान कहाँ बाटइ जेका तोहका मोका देइ चाही? यहोवा इ सबइ प्रस्न ओन याजकन स पूछेस जउन ओकरे नाउँ क अपमान किहेस।”मुला तू पचे कहत अहा, “हम पचे का कीन्ह ह, जउन परगट करत ह कि हम पचे तोहरे नाउँ क सम्मान नाहीं करत्या?”
7 यहोवा कहेस, “तू पचे मोर वेदी पइ असुद्ध रोटी क भेंट चढ़ाइके मोर अपमान किहेस ह।” मुला तू पचे कहत अहा, “उ रोटी असुद्ध कइसे बाटइ?”यहोवा कहेस, “तू पचे मोर वेदी क सम्मान नाहीं करत्या।
8 तू पचे आँधर जनावर बलि बरे लिआवत ह अउर इ गलत अहइ। तू पचे बलि बरे रोगी अउ विकलांग जनावर लिआवत ह। इ गलत बाटइ। तू पचे आपन सासन करइवालन क ओग रोगी जनावरन क भेंट देइ क जलन करा। का उ एन जनावरन क भेंट क रूप मँ अंगीकार करी? नाहीं। उ ओन भेंटन क अंगीकार नाहीं करी।” सर्वसक्तीमान यहोवा इ सब कहत ह।
9 “याजक लोगो! तू पचन्क यहोवा स हमरे बरे नीक बना रहइ क पराथना करइ चाही। मुला उ तोहार पचन्क नाहीं सुनी अउर इ सारा दोख तोहार सबन्क अहइ।” सर्वसक्तीमान यहोवा इ सब कहेस।
10 “तोहका मोर मन्दिर क दुआरन क बन्द कइ देइ चाही रहा अउर मोरे वेदी पइ बेकार मँ, बलि क आगी क जराइ बन्द कइ देइ चाही रहा! काहेकि तउ मइँ तू लोगन स खुस नाहीं हउँ अउर न ही तोहार भेंट अंगीकार करब।” सर्वसक्तीमान यहोवा इ सब कहत ह।
11 “संसार मँ सब जगह लोग मोरे नाउँ क सम्मान करत हीं। संसार मँ सब जगह लोग मोरे बरे नीक भेंट लिआवत हीं। उ पचे अच्छी सुगन्धि मोरे बरे भेंट क रूप मँ बारत हीं। काहेकि मोर नाउँ ओन सबहिं लोगन बरे महत्व स भरा अहइ।” सर्वसक्तीमान यहोवा इ सब कहेस।
12 “मुला लोगो! तू पचे इ सब परगट करत अहा कि तू पचे मोरे नाउँ क सम्मान नाहीं करत्या। तू पचे कहत अहा कि यहोवा क वेदी पवित्तर नाहीं अहइ।
13 अउर तू पचे उ मेज स खइया क खाब पसंद नाहीं करत्या। तू पचे भोजन क सूँघत अहा अउर ओका खाइ स इनकार करत अहा कि इ बुरा अहइ। मुला इ फुरइ नाहीं। तू पचे रोगी, विकलांग अउ चोट खाए भए जनावर मोरे बरे लिआवत अहा। तू पचे रोगी जनावर क मोका बलि क रूप मँ भेंट करइ क जतन करत अहा। मुला मइँ तू पचन्स ओन रोगी जनावरन क अंगीकार नाहीं करब।
14 कछू लोग मोरे लगे नीक जनावर क बलि देइ क प्रतिग्या करत हीं। किन्तु उ पचे छिपे रूप स ओन नीक जनावरन क बदल देत हीं अउर मोका रोगी जनावर देत हीं। ओनकर संग बुरी बातन घटिहीं। मइँ महान राजा हउँ। संसार मँ सब जगह लोग मोर सम्मान करत हीं।” सर्वसक्तीमान यहोवा इ सब कहेस।
Malachi 2
1 “याजक लोगो! इ नेम तोहरे पचन्क बरे बाटइ। मोर सुना। जउन मइँ कहत हउँ ओह पइ धियान द्या। मोर नाउँ क सम्मान करा।
2 अगर तू पचे मोरे नाउँ क सम्मान नाहीं करत्या तउ तोहरे सबन्क संग बुरा घटित होइ। तू पचे आसीर्वाद देब्या, मुला उ पचे अभिसाप बनिहीं। मइँ बुरा घटइ क कराउब काहेकि तू पचे मोरे नाउँ क सम्मान नाहीं करब्या।” सर्वसक्तीमान यहोवा इ सब कहेस।
3 “लखा, मइँ तू पचन्क बंस मँ जनम लेइवालन क सजा देब। याजक लोगो, तू पचे पवित्तर दिनन क मोका बलि भेंट करत अहा। तू पचे गोबर अउ मरे जनावरन क अंतड़ियन क लेत अहा अउर ओन हीसंन क लोकाइ देत अहा। मुला मइँ ओन गोबर क तू पचन्क चेहरन पइ मलब अउर तू पचे एकरे संग लोकाइ दीन्ह जाब्या।
4 तब तू पचे समुझब्या कि तू पचन्क इ आदेस काहे देत हउँ? मइँ तू पचन्क इ सबइ बातन एह बरे बतावत हउँ कि लेवी क संग मोर वाचा चलत रही।” सर्वसक्तीमान यहोवा इ सब कहेस।
5 यहोवा कहेस, “मइँ इ वाचा लेवी क संग किहेउँ। मइँ ओका सान्ति स भरि जिन्नगी देइ क प्रतिग्या किहेउँ अउर मइँ ओका उ दिहेउँ। लेवी मोका सम्मान दिहेस। उ मोरे नाउँ क सम्मान दिहस।
6 लेवी सच्ची सिच्छा दिहस। लेवी लबार उपदेस नाहीं दिहस। लेवी ईमानदार अउ सान्ति चाहइवाला मनई रहा। लेवी मोर अनुसरण किहस अउर अनेक मनइयन क पाप करमन स बचाएस।
7 याजक क परमेस्सर क उपदेसन क जरूर जानइ चाही। लोगन क याजक क लगे परमेस्सर क उपदेसन सुनइ बरे जाइ क जोग्ग होइ चाही। याजक क लोगन बरे परमेस्सर क दूत होइ चाही।”
8 यहोवा कहेस, “याजक लोगो, तू पचे मोर अनुसरण करब तजि दिहा। तू पचे सिच्छन क उपयोग लोगन स बुरा करम करावइ बरे किहा। तू पचे लेवी क संग कीन्ह गए वाचा क भ्रस्ट किहा।” सर्वसक्तीमान यहोवा इ सब कहेस।
9 “काहेकि तू मोरे आदेसन क पालन नाहीं किहे अउर तू लोगन क बिस्सास स मोर नेम क सिच्छा नाहीं दिहेस एह बरे तू पचन्क बिना महत्व क बनाउब। लोग तोहार पचन्क सम्मान नाहीं करिहीं।”
10 हम सबइ क एक ही परमेस्सर अहइ। उहइ परमेस्सर हम सबन्क बनाएस। एह बरे लोग आपन भाइयन क ठगत हीं? उ सबइ लोग परगट करत हीं कि उ पचे वाचा क सम्मान नाहीं करतेन। उ पचे उ वाचा क सम्मान नाहीं करतेन जेका हमार पुरखन परमेस्सर क संग किहन।
11 यहूदा क लोग दूसर लोगन क ठगेन। यरूसलेम अउ इस्राएल क लोग खउफनाक काम किहन। यहूदा क निवासी लोग यहोवा क पवित्तर मंदिर क सम्मान नाहीं किहन। परमेस्सर उ जगह स पिरेम करत ह। यहूदा क लोग ओन बिदेसी मेहररूअन स बियाह किहन जउन लबार देवतन क पूजा करत रहिन।
12 यहोवा ओन लोगन क यहूदा क परिवार स दूर कइ देइ। उ सबइ लोग यहोवा क लगे भेंट लिआइ सकत हीं, मुला ओहसे कउनो मदद नाहीं मिली।
13 तू पचे रोइ सकत ह अउर यहोवा क वेदी क आँसुअन स ढाँकि सकत ह, मुला यहोवा तोहार सबन क भेंट अंगीकार नाहीं करी। यहोवा ओन चिजियन स खुस नाहीं होइ, जेनका तू पचे ओकरे लगे लिअउब्या।
14 तू पचे पूछत अहा, “हमार भेंटन यहोवा क जरिये अंगीकार काहे नाहीं कीन्ह जातिन?” काहेकि यहोवा तोहरे सबन्क बुरे करमन क लखेस, उ तोहरे सबन्क खिलाफ गवाह अहइ। उ लखेस कि तू पचे आपन पत्नियन बरे अविस्सासी रहा ह। तू पचे उ आपन पत्नी क संग तबहिं स ब्याहा अहा जब स तू पचे जवान भए रह्या। उ तोहार प्रेमिका रही। तब तू पचे आपुस मँ एक दूसर बरे किरिया खाए रहा। अउर उ तोहार पत्नी होइ गइ। मुला तू ओकरे बरे अविस्सासी रहा ह।
15 परमेस्सर चाहत ह कि मनसेधू अउ मेहरारू एक बदन अउ एक आतिमा होइ जाइँ। काहे ताकि ओनकर गदेलन पवित्तर होइँ। एह बरे उ आध्यात्मिक एकता क रच्छा करा। आपन पत्नी क बिसस्साघाती जिन बना। उ तोहार पत्नी तब स अहइ जब स तू जवान भवा।
16 इस्राएल क परमेस्सर यहोवा कहत ह, “मइँ बियाह-विच्छेद स घिना करत हउँ। मइँ मनसेधुअन क त्रूर करमन स घिना करत हउँ। एह बरे आतिमा क एका क सुरच्छा करा। आपन पत्नी का धोखा जिन द्या।”
17 तू पचे गलत सिच्छा दिहा ह। अउर ओन गलत सिच्छन यहोवा क बहोत दुःखी किहन ह। तू पचे इ सिच्छा दिहा कि परमेस्सर ओनका पसंद करत ह जउन बुरे करम करत हीं। तू पचे कह्या कि परमेस्सर ओनका नीक लोग समुझत ह अउर तू पचे इ सिच्छा दिहा कि परमेस्सर लोगन क बुरा करम करइ बरे सजा नाहीं देत।
Malachi 3
1 सर्वसक्तीमान यहोवा कहत ह, “लखा, मइँ आपन दूत पठवत हउँ। उ मोरे बरे मारग तइयार करी। यहोवा जेकरी खोज मँ तू पचे अहा, उ एकाएक आपन मंदिर मँ आइ। वाचा क सँदेसा लेवइया फुरइ आवत बा!
2 “कउनो मनई उ समइ बरे तइयारी नाहीं कइ सकत। कउनो मनई ओकरे खिलाफ खड़ा नाहीं होइ सकत, जब उ आइ। उ बरत आगी क नाईर् होइ। उ बढ़िया रेह क तरह होइ जेका लोग चिजियन क स्वच्छ करइ उपयोग मँ बइपरत हीं।
3 उ लेवीबंस क संतानन क पवित्तर करी। उ ओनका अइसे सुद्ध करी जइसे आगी चाँदी क सुद्ध करत ह। उ ओनका सुद्ध सोना अउ चाँदी क समान बनाइ। तब उ पचे यहोवा क भेंट लइहीं अउर उ पचे ओन करमन क ठीक तरिके स करिहीं।
4 तब यहोवा यहूदा अउ यरूसलेम मँ भेंटन क अंगीकार करी। इ बीते काल क समान रही। इ पुरान लम्बा समइ क तरह होइ।
5 तब मइँ तोहरे लगे निआव बरे आउब। मइँ उ गवाह क तरह होब जउन लोगन क जरिये कीन्ह गए बुरे करमन क बारे मँ निआव क जज स कहत ह। कछू लोग बुरा जादू करत हीं। कछू लोग बिभिचार क पाप करत हीं। कछू लोग झूठी प्रतिग्यन करत हीं। कछू लोग आप मजदूरन क उगत हीं। उ पचे आपन वाचा क कीन्ह गइ रकम नाहीं देतेन। कछू लोग विधवा अउरत अउर अनाथन क मदद नाहीं करतेन। कछू लोग बिदेसियन क मदद नाहीं करतेन। कछू लोग मोसे नाहीं डरतेन अउर मोर सम्मान नाहीं करतेन।” सर्वसक्तीमान यहोवा इ सब कहेस।
6 “मइँ यहोवा हउँ, अउर मइँ बदलत नाहीं। तू पचे याकूब क सन्तान अहा। सिरिफ मोर बिस्सासहीनता क कारण तू पचे पूरी तरह स नस्ट नाहीं कीन्ह जात्या।
7 मुला तू पचे मोरे नियमन क कबहुँ अनुपालन नाहीं किह्या। हिआँ तक कि तोहार सबन्क पुरखन मोर अनुसरण करब बंद कइ दिहन। मोरे लगे वापस लउटा अउर मइँ तोहरे पचन्क लगे वापस लउटब।” सर्वसक्तीमान यहोवा इ सब कहेस।तू पचे कहत अहा, “हम पचे वापिस कइसे लउटि सकित ह”
8 परमेस्सर क लूटब बंद करा। लोगन्क परमेस्सर क चिजियन नाहीं चोरावइ चाही!मुला तू पचे मोर चिजियन चोराया?“तू पचन्क मोका आपन चिजियन क दसवाँ हींसा देइ चाही रहा। तू पचन्क मोका खास भेंट देइ चाही रही। मुला तू पचे उ सबइ चिजियन मोका नाहीं दिहा।
9 इ तरह तोहार पचन्क समूचा रास्ट्र मोर चिजियन क चोराएस ह। ऍहसे तू पचन्क समूचा रास्ट्र मोर चिजियन क चोराएस ह। ऍहसे बुरी सबइ घटना तू पचन्क संग घटति अहइँ।” सर्वसक्तीमान यहोवा इ सबइ कहत ह।
10 सर्वसक्तीमान यहोवा कहत ह, “इ परीच्छा क जाँचा। आपन चिजियन क दसवाँ हींसा मोका लिआवा। ओन चिजियन क खजाने मँ रखा। मोरे घरे खइया क लिआवा। एहका परखिके तउ लखा। तू पचे अगर ओन करमन क करब्या तउ मइँ, फुरइ ही, तू पचन्क आसीर्वाद देब। तू पचन्क लगे नीक चिजियन वइसे ही होइ जइहीं जइसे गगन स बर्खा होत ह। तू पचे हर चीज जरूरत स जियादा पउब्या।
11 मइँ कीड़न क तू पचन्क फसलन क नस्ट नाहीं करइ देब। तोहरे पचन्क अंगूरे क सबहिं बेलन अंगूर पइदा करिहीं।” सर्वसक्तीमान यहोवा इ सबइ कहत ह।
12 “दूसर रास्ट्रन क लोग तू पचन्क बरे भले रइहीं। तोहार सबन्क देस फुरइ अचरजे स भरा देस होइ।” सर्वसक्तीमान यहोवा इ सबइ कहत ह।
13 यहोवा कहत ह, “तू पचे मोहसे ओछी बातन कह्या।”मुला तू पचे पूछत अहा, “हम पचे तोहरे बारे मँ का कहा?”
14 तू पचे कह्या, “यहोवा क उपासना बेकार अहइ। हम पचे उ सबइ करम किहेन जउन यहोवा करइ क कहेस, मुला हम लोगन्क कछू नाहीं मिला। हम पचे आपन पापन बरे वइसे ही दुःखी रहेन जइसे मइयत मँ रोवत लोग। मुला एहसे कछू काम नाहीं निकरा।
15 हम समुझत रहेन कि घमंडी लोग सुखी रहत हीं। दुस्ट लोग सफल होत हीं। उ पचे परमेस्सर क धीरज क परीच्छा करइ बरे बुरे करम करत हीं, अउर परमेस्सर ओनका सजा नाहीं देत।”
16 उ लोगन क बीच मँ जउन ओकरे नाउँ क सम्मान किहेन आपुस मँ बतियानेन अउर यहोवा ओनका सुनेन। ओकरे समन्वा एक पुस्तक अहइ। उ किताबे म उ लोगन क नाउँ अहइ जउन यहोवा क नाउँ क सम्मान करत हीं।
17 यहोवा कहेस, “उ सबइ लोग मोर अहइँ। मइँ ओन पइ कृपालु रहब। मनई आपन ओन लरिकन पइ जियादा कृपालु रहत ह जउन ओकर आग्याकारी होत हीं। उहइ तरह मइँ आपन मनवइयन पइ कृपालु रहब।
18 हे लोगो, तू पचे मोरे निअरे वापिस लउटब्या अउर तू पचे नीक लोगन अउ बुरे लोगन क फरक जानब्या। तू पचे परमेस्सर क लोगन अउर दूसर लोगन क बीच क फरक समुझब्या।
Malachi 4
1 “निआव क समइ आवत ह। इ गरम भट्ठी जइसा होइ। सबहिं घमण्डी मनई उ समइ सजा पइहीं। उ पचे सबहिं बुरा करम करइवाले लोग सूखी घास क तरह बरिहीं। उ पचे उ पेड़ क जइसा बरत होइहीं, जउन सिखर स ठुँठ तलक बिना कछू छोड़े बारत हीं” सर्वसक्तीमान यहोवा इ सब कहेस।
2 “मुला, तू सबइ जउन मोर नाउँ क सम्मान किहेस ह, तू पचन पइ अच्छाई उदय होत भए सूरज क तरह चमकी। इ सूरज क किरणन क तरह तन्दुरुस्ती लिआब्या। तू पचे अइसे ही अजाद अउ खुस होब्या जइसे अपने थान स अजाद भए बछवन।
3 तब तू पचे ओन बुरे लोगन्क वुचरि डउब्या, उ पचे तोहरे सबन क गोड़े क नीचे राखी जइसे होइहीं। मइँ निआव क समइ इ सबइ घटना क घटित कराउब।” सर्वसक्तीमान यहोवा इ सब कहेस।
4 “मूसा क व्यवस्था क सुमिरा अउर अनुपालन करा। मूसा मोर सेवक रहा। मइँ होरेब पर्वते पइ ओन कानूनन अउ नेमन क ओका दिहेउँ। उ सबइ नेम इस्राएल क सबहिं लोगन बरे अहइँ।”
5 यहोवा कहेस, “लखा, मइँ नबी एलिय्याह क तोहरे लगे पठउब। उ यहोवा क हिआँ स उ महान अउ खउफनाक निआव क समइ स पहिले आइ।
6 एलिय्याह महतारी-बाप अउर गदेलन क बीच पुन: रिस्ता कायम करी। वरना, मइँ, परमेस्सर आउब अउर तोहरे सबन क देस क पूरी तरह नस्ट करब।”
The New Testament of our Lord and Saviour Jesus Christ
Matthew 1
1 इ ईसू मसीह क बंसज बृच्छ अहइ। इब्राहीम क बंसज दाऊद क पूत ईसू मसीह अहइ।
2 इब्राहीम क बेटवा इसहाक। इसहाक क बेटवा याकूब। याकूब क बेटवन यहूदा। अउर ओकर भाइयन।
3 यहूदा क बेटवन फिरिस अउर जोरह। (ओनकर महतारी तामार।) फिरिस क बेटवा हिस्रोन। हिस्रोन के बेटवा एराम।
4 एराम क बेटवा अम्मीनादाब। अम्मीनादाब क बेटवा नहसोन। नहसोन क बेटवा सलमोन।
5 सलमोन क बेटवा बोअज। (बोअज की महतारी राहब।) बोअज क बेटवा ओबेद। (ओबेद की महतारी रूथ।) ओबेद क बेटवा यिसै।
6 यिसै क बेटवा दाऊद राजा। दाऊद क बेटवा सुलैमान। (सुलैमान की महतारी उरिय्याह क पत्नी।)
7 सुलैमान क बेटवा रहबाम। रहबाम क बेटवा अबिय्याह। अबिय्याह क बेटवा आसा।
8 आसा क बेटवा यहोसाफात। यहोसाफात क बेटवा योराम। योराम क बेटवा उज्जियाह।
9 उज्जियाह क बेटवा योताम। योताम क बेटवा आहाज। आहाज क बेटवा हिजकियाह।
10 हिजकियाह क बेटवा मनस्से। मनस्से क बेटवा आमोन। आमोन क बेटवा योसिय्याह।
11 योसिय्याह क बेटवन यकुन्याह अउर ओकर भाइयन। (इस्राएल क मनइयन क कइदी बनाइ के बेबीलोनलइ जात कसमइउ दुइनउँजनमेन।)
12 बेबीलोन मँ लइ जाए क पाछे: यकुन्याह क बेटवा सालतिएल। सालतिएल क बेटवा जरुब्बाबिल।
13 जरुब्बाबिल क बेटवा अबीहूद। अबीहूद क बेटवा इल्याकीम। इल्याकीम क बेटवा अजोर।
14 अजोर क बेटवा सदोक। सदोक क बेटवा अखीम। अखीम क बेटवा इलीहूद।
15 इलीहूद क बेटवा एलीआजर। एलीआजर क बेटवा मत्तान। मत्तान क बेटवा याकूब।
16 याकूब क बेटवा यूसुफ। यूसुफ मरियम क पति। ईसू क महतारी मरियम। ईसू, मसीह कहा गवा।
17 इ तहर इब्राहीम स दाऊद ताई चउदह पीढ़ी बीत गइन। अउर दाऊद स लइके कइदी बनाइके बेबीलोन पठए जाइ तलक चउदह पीढ़ी। अउर कइदी बनाइ के बेबीलोन पठए जाइ स मसीह क जनम ताईं चउदह पीढ़ी अउर भइन।
18 ईसू मसीह क जनम इ तरह भवा: जब ओकर महतारी मरियम क यूसुफ क साथ बरिच्छा भइ तउ बियाहे स पहिले ही पता लगि गवा कि उ पवित्तर आतिमा क सक्ति स ओकर गोड़ भारी होइ ग।
19 मुला होइवाला ओकर भतार यूसुफ एक ठु बढ़िया मनइ रहा। उ इ बात क खोलिके बतावइ स बदनाम नाहीं होइ चाहत रहा। तउ उ मने मँ ठान लिहेस कि उ वरिच्छा क चुप्पे स पक्का न होइ दे।
20 फिन जबहिं उ इ बारे मँ सोचत रहा कि उ सपने मँ आपन समन्वा पर्भू क दूत परगट होत ओसे कहेस, “हे यूसुफ, दाऊद क बेटवा,? मरियम क पत्नी बनवइ स जिन डेरआ काहेकि जउन बचवा ओकरे गरभ मँ अहइ, उ पवित्तर आतिमा क अहइ।
21 उ एक पूत क जनमी। तू ओकर नाउँ ईसू धार्या काहेकि उ आपन मनइयन क पापन स उद्धार देई।”
22 इ सब कछू इ बरे भवा ह कि पर्भू नबी स जउन कछू कहवाएस, पूरा होइ:
23 “सुना, कुँआरी कन्या गोड़े स भारी होइके एक बेटवा क जनमी। ओकर नाउँ इम्मानुएल रक्खा जाई।”? (जेकर अरथ अहइ, “परमेस्सर हमरे लगे बाटइ।”)
24 जब यूसुफ नीदे स जागि गवा तउ उ उहइ किहेस जउन जेका करइ क पर्भू क दूत ओका हुकुम दिहेस। उ मरियम क बियाहीके आपन घरे लइ आइ।
25 मुला उ जब ताईं उ पूत क जनम नाहीं दिहेस तब ताईं यूसुफ ओकरे लगे सोएस नाहीं। यूसुफ बेटवा क नाउँ ईसू राखेस।
Matthew 2
1 यहूदिया क बैतलेहम मँ अब ईसू क जनम भवा तबहिं हेरेदेस राज्य करत रहा। कछू समइ बीत जाइ क पाछे कछू विद्वान जउन नछत्रन क बारे मँ पढ़त रहेन पूरब स यरूसलेम आएन।
2 उ पचे पूछेन, “नवा पइदा भवा बचवा कहाँ बाटइ जउन यहूदियन क राजा अहइ? हम ओकर नछत्र क अकासे मँ देखा ह। एह बरे हम पूछत अही। हम पचे ओकर आराधना करइ आइ अही।”
3 जबहिं राजा हेरोदेस इ सुनेस तउ उ बहोतइ बेचइन भवा। ओकरे साथे यरूसलेम क सब मनइयम फिकिर करइ लागेन।
4 तउ उ यहूदी समाज सब मुख्य याजकन अउर धरम सास्तिरियन क ऍकट्ठा कइके उ पचेन स पूछेस कि मसीह क जनम कहाँ होइ क अहइ?
5 उ पचे ओका बताएन, ‘यहूदीया क बैतलहम मँ काहेकि नबी पवित्तर सास्तरन मँ इ तरह लिखा बाटइ:
6 ओ यहूदा क धरती प टिका अहा बैतलेम, तू यहूदा क अधिकारियन मँ कउनो तरह स छोट नाहीं काहेकि तोसे एक ठु राजा परगट होई जउन मोरे मनइनयम, इस्राएल क देख भाल करी।” मीका 5:2
7 तब हेरोदेस तारा गियान क पण्डितन क बोलाएस अउर ओनसे पूछेस, कि उ तारा ठीक समइ प कब देखॅाइ पड़ा?
8 फिन उ ओनका बैतलहम पठएस अउर कहेस, “जा, उ बचवा क बारे मँ नीक नीक पता लगावा अउर जब उ तू पचेन क मिलि जाइ तउ मोका बतावा जेहबरे मइँ भी आइके ओकर आराधना कइ सकउँ।”
9 फिन उ पचे राजा क बात सुनिके चल दिहेन। उ तारा जेका उ पचे अकासे मँ निकरा निहारे रहेन उ ओनके अगवा अगवा तब तलक गवा जब तलक उ ठउर पइ पहुँच नाहीं गएन जहाँ उ बचवा रहा।
10 जब उ पचे तारा क देखेन तउ उ सबइ आनंद स झूमि उठेन।
11 उ सबइ उ पचे घरवा क भीतर गएन अउर बचवा क अउर ओकरी महतारी मरियम क संग दरसन किहन। उ पचे सास्टांग दण्डवत करेन अउर ओकर आराधना करेन। फिन आपन कीमती चीजन्क पिटारी स सोना, लोहबान अउर इत्र क भेंट चढ़ाएन।
12 मुला परमेस्सर ओनका सपने मँ होसियार कइ दिहस कि उ पचे हेरोदेस क पास लौटि क न जाइँ। तउ उ सबइ एक दुसरे राहे स आपन देस लौट गएन।
13 जब उ पचे चल दिहन तउ यूसुफ क सपने मँ पर्भू क दूत परगट होइके कहेस, “उठा, बचवा क अउर ओकर महतारी क चुप्पे स लइके मिस्र भागि जा। जब ताई मइँ तोसे न कहउँ, हुवाँ ठहर्या। काहेकि हेरोदेस इ बचवा क जान स मरवावई बरे खोजी।”
14 तउ यूसुफ खड़ा भवा अउर बचवा अउर ओकर महतारी क रातोरात मिस्र क बरे चलि पड़ा।
15 फिन हुवाँ हेरोदेस क मउत तलक रुकि गवा। इ एह बरे भवा कि पर्भू जउन नबी स कहवाए रहा, उ पूरा होइ जाइ, “मइँ आपन पूत क मिस्र स बाहेर आवइ बरे कहेउँ।”
16 हेरोदेस जबहिं इ देखेस कि तारा गियानी ओकरे संग इ चाल चलेन ह, तउ उ बहोत गुस्साइ गवा। जइसा तारा गियान क पण्डितन क बताइ भए क अनुसार उ हुकुम दिहस कि बैतलहम अउर ओकरे नगिचे क पहँटा मँ दुइ साल या एसे छोटवार लरिकन क जान स मरिवाइ दीन्ह जाइ।
17 नबी यिर्मयाह क कहा भवा बचन पूरा होइ ग:
18 “रामाह मँ दुःख भरा सब्द सुना गवा, रोवइ अउर विलपइ क सुना। राहेल रोवत रही आपन बचवन बरे उ नाहीं चाहेस कि कउनो धीरा धखावइ काहेकि ओकर सबइ बचवन मरि गवा रहेन।” यिर्मयाह 31:15
19 फिन हेरोदेस क मउत क पाछे मिस्र मँ यूसुफ क सपन आवा ओहमाँ पर्भू क एक ठु दूत परगट भवा।
20 अउर सरगदूत ओसे कहेस, “उठि जा, बचवा अउर ओकर महतारी क लइके इस्राएल क धरती प जा काहेकि जउन बचवा क मार डावइ चाहत रहेन उ सबइ मर बिलाइ गएन।”
21 तब यूसुफ उठि गवा अउर बचवा अउर ओकर महतारी क लइके इस्राएल गवा।
22 मुला यूसुफ जब इ सुनेस कि यहूदिया प आपन बाप हेरोदेस क जगह प अरखिलाउस राज्य करत अहइ तउ उ हुवाँ जाइ स डेराइ गवा। किन्तु सपने मँ परमेस्सर स हुकुम मिले क पाछे उ गलील पहँटा बरे चल दिहस
23 अउर हुवाँ नासरत नाउँ क नगर मँ घर बनाइके रहइ लाग; एह बरे नबियन क कहा भवा बचन पूरा होइ जाइ कि, ‘उ नासरी’ कहा जाइ।
Matthew 3
1 उ दिनन बपतिस्मा देइवाला यूहन्ना यहूदिया क बियाबान उसरे मँ उपदेस देत भवा हुवाँ आवा।
2 उ इ प्रचार करइ लाग, “मन फिरावा काहेकि सरग क राज्य जल्दी आवइ क अहइ।”
3 इ उहइ यूहन्ना बाटइ जेकरे बारे मँ नबी यसायाह बात बतावत कहेस ह:“उसरे मँ एक पुकारैवाला क सब्द अहइ: ‘पर्भू बरे रास्ता तइयार करा अउर ओकरे बरे सोझ रस्ता बनवा।”‘ यसायाह 40:3
4 यूहन्ना क ओढ़ना ऊँटे क ऊन स बना रहा अउर करिहाउँ प चमड़ा क पेटी बाँधे रहा। ओकर खइया क टिड्डन अउर जंगली सहद रहा।
5 उ समइ यरूसलेम, समूचा यहूदिया छेत्र अउर यरदन नदी क नगिचे मनई ओकरे लगे ओका सुनइ ऍकट्ठा भएन।
6 उ पचे आपन पापन्क कबूलेन्ह अउर यरदन नदी मँ ओकरे जरिये बपतिस्मादीन्ह गवा।
7 जब उ लखेस कि ढेर फरीसियनअउर सदूकियनओकरे लगे बपतिस्मा लेइ आवत अहइँ तउ उ ओनसे कहेस, “ओ सरप क बच्चा लोग! तू पचन क कउन चिताउनी दिहस ह कि परमेस्सर क होइवाला किरोध स बच जा?
8 तोहका इ बात क प्रमान देइ पड़ी कि तू पचे फुरे फुरे मनफिराया ह।
9 अउर इ जिन सोचा कि खुद अपने स कहे बिना इ बात काफी होइ जाई, ‘हम पचे इब्राहीम क संतान अही’। मइँ तोसे कहत हउँ कि परमेस्सर इब्राहीम बरे इ पथरन स बचवन क पइदा कइ सकत ह।
10 बृच्छनक जरे प कुल्हाड़ा रखा बाटइ अउर हर एक बृच्छ जउन फर पइदा नाहीं करतेन, उ काटिके गिराइ दीन्ह जइहीं; अउर फिन कोका आडी मँ झोंकि दीन्ह जाई।
11 “मइँ तउ तू पचन क तोहरे मनफिराव बरे पानी स बपतिस्मा देत हउँ; मुला उ जउन मोरे पाछे आवइवाला अहइ उ मोसे जियादा बरिआर अहइ। मइँ तउ ओकर पनही खोलइ क जोग्ग नाहीं। उ तू पचन क पवित्तर आतिमा अउर आगी स बपतिस्मा देइ।
12 ओकरे हाथे मँ सूप अहइ, जेहसे उ अनाजे क भूसा स अलग करी। अपने खरिहाने स उ साफ कीन्ह अनाजे क उठाइ क, ऍकट्ठा कइके कोठिला मँ भरि देइ अउर भूसा क अइसी आगी मँ नाइ दीन्ह जाई कि बुझाए प न बुझी।”
13 उ समइ ईसू गलील स चलिके यरदन क किनारे यूहन्ना क नगिचे ओसे बपतिस्मा लेइ बरे आवा।
14 मुला यूहन्ना ईसू क निर्नय बदले क जतन करत कहेस, “मोका तउ खुद तोसे बपतिस्मा लेइ क दरकार अहइ। फिन तू काहे मोरे नगिचे आया ह।”
15 ईसू जवाबे मँ ओसे कहेस, “अबाहिन तउ ऍका अइसे होइ द्या। जउन परमेस्सर चाहत अहइ, हमका उ पूरा करब नीक बाटइ।” फिन उ वइसे होइ दिहस।
16 अउर तबहिं ईसू बपतिस्मा लइ लिहस। जइसे उ पानी स बाहेर आवा, अकास खुलि गवा। उ परमेस्सर क आतिमा क एक ठु कबूतरे क नाईं खाले उतरत अउर ऊपर आवत देखेस।
17 तबहिन अकासवाणी भइ: “इ मोर पिआरा पूत अहइ। जेसे मइ खूब खुस हउँ।”
Matthew 4
1 फिन आतिमा ईसू क उसरे मँ लइ गइ, काहेकि सइतान क जारिये ओका परखा जाइ सकइ।
2 चालीस दिन अउर चालीस रात भुखिया क पाछे जब ओका भूख तड़पावइ लाग।
3 तउ ओका ललचावइ वाला ओकरे लगे आवा अउर कहेस, “जदि तू परमेस्सर क पूत बाट्या तउ इ सबइ पथरन स कहा कि इ सब रोटी बन जाईं।”
4 ईसू जवाब दिहस, “पवित्तर सास्तरन मँ लिखा वाटइ: ‘मनई सिरिफ रोटी स नाहीं जिअत मुला उ हर एक सब्द स जिअत ह जउन परमेस्सर क मुँहे स निकरत ह।”‘ व्यवस्था विवरण 8:3
5 फिन सइतान ओका यरूसलेम क पवित्तर सहर मँ लइ गवा। हुआँ मंदिर क सब स ऊँचे बुर्ज प खड़ा होइके
6 उ ओसे कहेस, “जदि तू परमेस्सर क पूत बाट्या, तउ नीचे कूदि जा काहेकि पवित्तर सास्तरन मँ लिखा बाटइ:‘उ तोहरे रखवारी आपन दूतन क हुकुम देइ अउर उ पचे तोहका हाथन स उठाइहीं जेह बरे तोहरे गोड़े मँ कउनो पाथर ताईं न लगई।”‘ भजन संहिता 91:11-12
7 ईसू जवाब दिहेस, “मुला पवित्तर सास्तरन इहइ कहत ह, “अपने पर्भू परमेस्सर क परीच्छा मँ जिन डावा।”‘ व्यवस्था विवरण 6:16
8 फिन सइतान ईसू क बहुतइ ऊँच पहाड़े प लइ गवा। अउर ओका इ संसार क सब राज्य अउर ओनकइ माया वैभव देखाएस।
9 सइतान तब ओसे कहेस, “इ सब चीजन्क मइँ तोहका दइ देब जदि तू मोरे अगवा दण्डवत करा अउर मोर आराधना करा।”
10 फिन ईसू ओसे कहेस, “सइतान! दूर होइ जा। पवित्तर सास्त्र कहत ह: ‘आपन पर्भू परमेस्सर क आराधना अउर सिरिफ ओकर सेवा करा।”‘ व्यवस्था विवरण 6:13
11 फिन सइतान ओका छाँड़ि के चला गवा। अउर सरगदूतन आइके ओकर सेवा करइ लागेन।
12 जब ईसू सुनेस कि यूहन्ना पकड़ लीन्ह गवा ह, तउ उ गलील लौटि आवा।
13 मुला उ नासरत मँ नाहीं रुका अउर जाइके कफरनहूम मँ रहइ लाग जउन जबूलून अउर नप्ताली क पहटा मँ गलील झीले के नगिचे रहा।
14 इ एह बरे भवा कि परमेस्सर क नबी यसायाह जउन कहेस ह, उ पूरा होइ जाइ:
15 “जबूलून अउर नप्ताली क देस सागर क राहे प, यरदन नदी क पच्छिम मँ गैर यहूदियन क देस गलील मँ
16 जउन मनई आँधियारे मँ जिअत रहेन उ सबइ एक भारी जोति देखेन अउर जउन मउत क परिछाइँ क देस मँ रहत रहेन, ओन प ज्योति क भिन्सारे क रोसनी फैलि गइ।” यसायाह 9:1-2
17 उ समई स ईसू सुसमाचार क प्रचार सुरू कइ दिहस, “मनफिराव करा काहेकि सरगे क राज्य नगिचे बाटइ।”
18 जब ईसू गलील झिलिया क नगिचे स जात रहा, उ दुइनउँ भाइयन क निहारेस समौन (जउन पतरस कहा गवा।) अउर ओकर भाइ आन्द्रियास। उ पचे झिलिया मँ जाल डारत रहेन। उ पचे मछुवारा रहेन।
19 ईसू ओनसे कहेस, “मोरे पाछे आवा, मइँ तोहका सिखाउब कि लोगन्क बरे मछरी पकड़इ क बजाय मनई रूप मँ मछरी कइसे बटोरी जात हीं?”
20 उ सबइ तुरतहिं आपन जाल छाँड़ि दिहन अउर ओकरे पाछे होइ गएन।
21 फिन उ हुवाँ स आगे चला गवा। उ देखेस कि जब्दी क बेटवा याकूब अउर ओकर भाई यूहन्ना आपन बाप क संग नाउँ मँ बैठिके आपन जालन्क मरम्मत करत रहेन। ईसू ओनका बोलाएस।
22 अउर उ पचे फउरन नाउ अउर बाप क छाँड़िके ओकरे पाछे चल दिहन।
23 ईसू समुच्चइ गलील पहँटा मँ यहूदी आराधनालय मँ सरगे क राज्य क सुसमाचार क उपदेस देत अउर हर तरह के बेरामी अउर घोर कस्टन क दूर करत घूमइ लाग।
24 समुच्चइ सीरिया देस मँ ओकरे बारे मँ खवर संचर गइ। यह बरे लोग अइसे मनइयन जउन खुब बेरमिया रहेन या जउन तरह के बेरामी अउर भारी बेदनन स पीड़ित रहेन। जेह प दुस्ट आतिमान सवार रहीं जेका मिर्गी आवत रही अउर जउन सुखंडी रहेन, ओनका ओकर पास लिआवइ लागेन। ईसू ओनका चंगा किहेस।
25 एह बरे गलील, दिकापुलिस,यरूसलेम, यहूदिया अउर यरदन नदी क उ पार मनइयन क भारी भीड़ पाछे पाछे होइ लाग।
Matthew 5
1 ईसू जब भारी भीड़ देखेस उ एक पहाड़े प चला गवा। हुवाँ उ बैठि गवा अउर ओकर चेलन ओकरे नगिचे आएन।
2 तबहिं ईसू उपदेस देत भवा कहेस:
3 “धन्य अहइँ उ पचे जउन दीन अहइँ, काहेकि सरगे क राज्य अहइ ओनके बरे।
4 धन्य अहइँ उ सबइ जउन सोक करत हीं काहेकि परमेस्सर ओनका धीरज बँधावत ह।
5 धन्य अहइँ उ सबइ जउन नम्र अहइँ काहेकि इ धरती ओनही क अहइ।
6 धन्य अहइँ उ सबइ जउन नीति क बरे भूखा अउर पियासा जउन रहत ही। काहेकि परमेस्सर ओनका संतोस देइ, अउर तृप्ति देइ।
7 धन्य अहइँ जउन दयालु अहइँ काहेकि ओन पइ अकास स दया बरसी।
8 धन्य अहइँ जउन हिरदय स सुद्ध अहइँ काहेकि उ सबइ परमेस्सर क दरसन करिहीं।
9 धन्य अहइँ जउन सान्ति बरे काम काज करत हीं काहेकि उ सबइ परमेस्सर क पूत कहा जइहीं।
10 धन्य अहइँ जउन धर्म क कारण सतावा जात हीं काहेकि सरगे क राज्य ओनही क अहइ।
11 “अउर तू पचे धन्य अहा काहेकि जब लोग तोहका पचन्क बेज्जत करइँ, तोहका पचन्क सतावइँ अउर मोरे बरे तोहरे खिलाफ सब प्रकार क झूठी बातन कहइँ बस एह बरे तू सबइ मोर मनवइया अहा।
12 तब तू सबइ खुस रह्या, आनन्द मँ रह्या, काहेकि सरगे मँ तोहका पचन्क एकरे बरे अच्छा होई। इ वइसे ही बाटइ जइसे तोहरे पहिले क नबियन क मनइयन सताएन ह।
13 “तू सबइ समुच्चइ मानवता बरे नमक अहा। मुला जदि नोन नोनखार न होइ तउ ओका फिन नोन कइसे बनाइ जाइ सकत ह। उ फिन कउनो कामे क न रही। सिरिफ एह बरे कि ओका मनई क गोड़वा तले फेंक दीन्ह जाइ।
14 “तू संसार क प्रकास अहा। एक ठु अइसा सहर जउन पहाड़े क चोटी प बसा अहइ, उ छिपाए स छिप नाहीं सकत।
15 लोग दिया बारि के ओका बाल्टी तले नाहीं रखतेन मुला ओका डीबट प धइ देत हीं। अउर उ घरे क सब मनइयन क प्रकास देत ह।
16 मनई क समन्वा तोहार प्रकास अइसा चमकइ कि उ पचे तोहरे नीक कामन्क निहारइँ अउर सरगे मँ बइठा भवा तोहरे परमपिता महिमा बखानइ।”
17 “इ जिन सोचा कि मइँ मूसा क व्यवस्था या नबियन क लिखा भवा क नस्ट करइ आइ हउँ। मइँ ओन सबन्क नस्ट करइ नाहीं आइ हउँ मुला ओनके पूरा पूरा अरथ क समझावइ आइ अहउँ।
18 मइँ तोहसे सच कहत हउँ कि जब ताईं। इ धरती अउर अकास नस्ट नाहीं होइ जातेन, व्यवस्था क एक एक सब्द अउर एक एक अच्छर बना रही, उ तब ताईं बना रही जब ताईं उ पूरा नाहीं होइ जात।
19 एह बरे जउन एन हुकुमन स इ छोटवार स छोटवार हुकुमन क तोड़त ह अउर लोगन्क वइसा ही करइ सिखावत ह, उ सरगे क राज्य मँ कउनो का बड़कई न पाई। मुला जउन ओह पइ चलत ह अउ दूसरन मनइनयन क ओनपइ चलइ क उपदेस देत ह, उ सरगे क राज्य मँ बड़क्का समुझा जाई।
20 मइँ तोहसे सच कहत हउँ कि जब ताईं तू पचे धरमसास्तिरयन अउर फरीसियन क धरम मानइ स अगवा जिन जा, कि तू सरगे क राज्य मँ घुसइ न पउब्या।
21 “तू पचे सुन चुक्या ह कि हमरे पूर्वजन स कहा गवा रहा, ‘हत्या जिन कराअउर जदि कउनो हत्या करत ह तउ ओका अदालत मँ जवाब दिहे होई।’
22 मुला मइँ तोहसे कहत हउँ कि जउन मनई आपन भाई प किरोध करी, ओहका भी अदालत मँ एकरे बरे जवाब दिहे होई। अउर जउन आपन भाई क बेज्जत करी ओका सबते ऊँच अदालत मँ जवाब दिहे होई। जदि कउनो आपन भाई स कहइ, ‘अरे जाहिल, मूर्ख तउ नरके क आगी क बीच ओह पइ एका जवाब दिहे होई।
23 “एह बरे जदि तू वेदी प आपन भेंट चढ़ावत ह अउर हुवाँ तोहका याद आइ जाइ कि तोहरे मन मँ तोहरे भाई खातिर कउनो खिलाफ बात बाटइ
24 तउ तू उपासना भेंट क वेदी के सामने छाँड़ि द्या अउर पहिले जाइके आपन भाई स सुलह कइ ल्या अउर फिन आइके भेंट चढ़ावा।
25 “जब ताईं तू मुद्दई क संग रस्ता मँ रहा, झटपट ओसे मेल कइ ल्या। कहूँ अइसा न होइ कि उ तोहका हाकिम स सौंप देइ अउर हाकिम तोहका सिपाही क। फिन तू जेल मँ धाँध दीन्ह जा।
26 मइँ तोहका सच सच बतावत हउँ कि जब तक तू पाई-पाई क हिसाब न कइ देब्या तब तलक तू जेल स न छूटि पउब्या।
27 “तू सुनि लिहा कि इ कहा गवा अहइ, व्यभिचार जिन करा।’
28 मुला मइँ तोहसे कहत हउँ कि जदि कउनो स्त्री क बुरी निगाह स देखत ह तउ उ आपन मन मँ पहिले ही ओकरे संग संभोग कइ चुका अहइ।
29 यह बरे जदि तोहार दाहिन आँख तोसे पाप करवावइ तउ ओका निकारि क फेंक द्या। काहेकि तेरे बरे इ नीक बाटइ कि तोहरे बदन क एक ठु अंग नस्ट होइ जाइ एकरे बजाय तोहार सारा बदन नरक मँ नाइ दीन्ह जाइ।
30 अउ जदि तोहार दाहिन हाथ तोहसे पाप करवावइ तउ ओका काटिके फेंकि डारा। काहेकि तोहरे बरे इ नीक अहइ कि तोहरे बदन क एक अंग नस्ट होइ जाइ बजाए कि तोहार समूचा बदन नरक मँ जाइ।
31 “कहा गवा अहइ, ‘जबहि कउनो आपन पत्नी क तलाक देत ह तउ आपन पत्नी क लिखिके तलाक देइ चाही।’
32 मुला मइँ तोहसे कहत हउँ कि हर मनई जउन आपन पत्नी क तलाक देत ह, जदि उ तलाक ओकरे व्यभिचारी करइ क कारण नाहीं दिहेस तउ जब उ पत्नी दूसरा बियाह करत ह, तउ समुझ ल्या कि उ मनई ओसे व्यभिचार करत ह। अउर जउन कउनो उ छोड़ी भई स्त्री स बियाह करत ह तउ भी व्यभिचार करत ह।
33 “तू सबइ इहउ सुन्या ह क हमरे पूर्वजन स कहा गवा रहा, ‘तू सपथ जिन तोड़ा मुला पर्भू स कीन्ह सपथन पूरा करा।’
34 मुला मइँ तू सबन स कहत हउँ सपथ जिन ल्या। सरगे क सपथ जिन खा काहेकि उ परमेस्सर क सिंहासन अहइ।’
35 धरती की सपथ जिन खा काहेकि उ ओकरे गोड़वा क चौकी बाटइ। यरूसलेम क सपथ जिन खा काहेकि इ महाराजाधिराजा क सहर बाटइ।
36 आपन मूँड़ क सपथ जिन खा, काहेकि तू एक ठू बारे तक द सफेद या करिया नाहीं कइ सकत्या।
37 जदि तू हाँ चाहत ह तउ सिरिफ ‘हाँ’ कहा अउर ना चाहत ह तउ सिरिफ ‘ना’। काहेकि जउन कछू ऍसे जिआदा होता अहइ उ दुस्ट (सइतान) स आवत अहइ।
38 तू पचे सुन्या ह कि कहा बाटइ, ‘आँखी क बदले आँखी अउर दाँत बदले दाँत’
39 मुला मइँ तोहसे कहत हउँ कि कउनो बुरा मनई क विरोध जिन करा। मुला कउनो तोहरे दाहिन गाले प थप्पड़ लगावइ तउ दूसर गाले क ओकरे कइँती घुमाइ द्या।
40 जदि कउनो तोह प मुकदमा चलाइ के तोहार कुर्ता उतरवावइ चाहइ तउ तू ओका आपन चोगा तलक दइ द्या।
41 जदि कउनो तोहका बेगार मँ एक मील चलावइ तउ तू ओकरे संग दुइ मील जा।
42 जदि कउनो तोसे कछू माँगइ तउ ओका उ दइ द्या। जउन तोसे उधार लेइ चाहइ, ओका मना जिन करा।
43 “तू पचे सुन्या ह कि कहा गा बाटइ, ‘तू आपन पड़ोसी स पिरेम कराअउर दुस्मन स घिना कर।’
44 मुला मईं कहत हउँ आपन दुस्मन स भी पिरेम करा। जउन तोहका सतावत हीं, ओनके बरे भी पराथना करा।
45 काहेकि सरगे मँ वसइया आपन परमपिता क संतान होइ सका। उ सूरज क प्रकास बुरा अउर भला सब पइ चमकावत ह। उ पापी अउर धर्मी सब पइ बसकाला मँ पानी बरसावत ह।
46 इ मइँ यह बरे कहत हउँ कि जदि तू ओनही स पिरेम करब्या जउन तोहसे पिरेम करत हीं तउ तोहका का फल मिली? का अइसा तउ चुंगी (टैक्स) क उगाहियाभी नाहीं करतेन?
47 जदि तू आपन मीतन क बरे नीक बाट्या तउ दूसर मनई स नीक नाहीं बाट्या। का अइसा विधर्मी भी नाहीं करतेन?
48 यह बरे आपन मँ परिपूर्ण बना जइसे तोहार सरगे क परमपिता परिपूर्ण बाटइ।
Matthew 6
1 “होसियार रहा! अउ परमेस्सर चाहत ह कि उ सब काम काजन्क मनई क समन्वा दिखावा जिन करा। नाहीं तउ तू आपन परमपिता स फल न पउब्या जउन सरगे मँ बाटइ।
2 “एह बरे जब तू कउनो दीन दुखिया क दान दच्छिना देत ह तउ ओकर ढिंढ़ोरवा पीटा जिन। जइसा कि आराधनालयन मँ अउर गलियन मँ कपटी मनई औरन स बड़कइ पावई बरे करत हीं। मइँ तोसे सच कहत हउँ कि ओनका तउ ऍकर पूर-पूर फल पहिले ही दीन्ह जाइ गवा अहइ।
3 मुला जबहिं तू कउनो दीन दुखिया क देत ह तउ तोहार बावाँ हाथ न जान पावइ कि तोहार दाहिन हाथ का करत बाटइ?
4 काहेकि तोहार दान गुपुत रहइ। तोहार उ परमपिता जउन छिपाइ क करत ह, तोहका ओकरे बदले मँ फल देई।
5 “जब तू पराथना करा तउ कपटी क नाईं जिन करा। काहेकि उ पचे आराधनालयन मँ अउर गलियन क नुक्कड़ प खड़ा होइ क पराथना करइ चाहत हीं जैसे मनइयन ओनका निहार सकइँ। मइँ तोसे सच सच कहत हउँ कि ओनका तउ ओकरे बदले मँ फल पहिले ही मिल चुका बाटइ।
6 मुला जब तू पराथना करा, आपन कोठरी मँ चला जा अउर फटकवा बंद कइके परमपिता स पराथना करा। फिन तोहार परमपिता जउन तोहार करम क छिपिके निहारत ह, तोहका ओनके बदले फल देई।
7 “जब तू पराथना करत रहा, तउ विधर्मी क नाईं फिजूल बातन क यों ही बार बार जिन दोहरावा। उ सबइ इ सोचत हीं कि ओनके बहोत बोले स ओनकइ सुनि लीन्ह जाइ।
8 यह बरे ओनके जइसा जिन होइ जा काहेकि तोहरे परमपिता तोहारे माँगइ स पहिले जानत ह कि तोहार का जरूरत अहइ।
9 यह बेर इ प्रकार पारथना करा:‘सरग मँ रहइ वाले हमारे परमपिता, पवित्तर अहइ तोहार नाउँ
10 जग मँ तोहार राज्य आवइ जउन चाहा तू वइसे पूर होइ इ धरती प जइसे पूर होत रहता तोहार इच्छा सदा सरग मँ।
11 आज तू हमका दिन भर क खइया द्या
12 हमार पापन क छमा करा जइसे हम छमा कीन्ह आपन अपराधिनक।
13 जिन ल्या कठिन परिच्छा भारी हमका ओसे बचावा जउ उन दुस्ट (सइतान) स अहइ।’
14 यह बरे जदि तू लोगन्क अपराधे क छमा करब्या तउ तोहार सरगे क परमपिता भी तोहरे पाप छमा करी।
15 मुला अगर तू लोगन्क छमा न करब्या तउ तोहार सरगे क परमपिता भी तोहरे पापन्क छमा न करी।
16 “जब तू उपवास राखा तउ कपटी क नाईं दुःखी मुँह बनाइके जिन रहा। काहेकि उ पचे तरह स मुह्रँ बिसवत हीं ताकि लोगन्क इ मालूम होइ जाइ कि उ सबइ उपवास करत अहइँ। मइँ तोहसे सच कहत हउँ कि ओनका तउ बदले मँ फल मिलि चुका अहइ।
17 मुला जब तू उपवास राखा तउ आपन मूँड़ प जैतून क तेल लगावा अउर आपन मुँहना धोवा।
18 जेसे लोग इ न भाँप सकइँ कि तू उपवास करत अहा। मुला तोहार परमपिता जेका तू निहार नाहीं सकत्या देखइ कि तू उपवास करत अहा। तबहिं तोहार परमपिता जउन तोहरे छमा भवा कामे क देखत रहत ह, उ तोहका ओकरे बदले मँ फल देई।
19 “आपन बरे धरती प भंडारा जिन भरा। काहेकि ओका किरवा अउर जंग नास कइ देइहीं। चोर सेंध लगइहीं अउर चोराय लइ जइहीं।
20 बजाए एँकरे सरग मँ भंडारा भरा। हुवाँ किरवा अउर जंग नास न कइ पइहीं। अउर चोर भी हुवाँ सेंधिया लगाइके नास न कइ पइहीं।
21 याद रखा जहाँ तोहार भंडार होई, हूँवई तोहार जिअरा लागी।
22 “देह बरे प्रकास क सोत आँखी अहइ। एह बरे तोहार आँखी नीक अहइ तउ तोहार देह प्रकास करत रही।
23 मुला जदि तोहार आँखी खराब होइ जाइ तउ तोहार सब देह अँधियर होइ जाइ। यह बरे उ सिरिफ प्रकास जउन तोहरे भीतर अहइ जदि अँधियर होइ जाइ तउ उ केतना गहिर होई।
24 कउनो भी साथ साथ दुइ सुआमी क नउकर नाहीं होइ सकत काहेकि उ एक स तउ उ घिना करी अउर दूसर स पिरेम। या एक बरे उ न्यौछावर करी अउर दूसरे क धिक्कारी। तू धन अउर परमेस्सर दुइनउँ क सेवा नाहीं कइ पउब्या।
25 “यह बरे मइँ तोहसे सच कहत हउँ कि अपने जिअइ बरे खाइ पिअइ क चिंता तजि द्या। आपन तने क ओढ़ना क फिकिर जिन करा। सचमुच जिन्नगी खइया स अउर तने क ओढ़ना स जिआदा बड़कई क अहइ।
26 लखा! अकासे क पंच्छी न तउ बोआँई करत हीं अउर न कटाई, न ही उ पचे कोठिला मँ अनाज भरि देत हीं मुला तोहार स्वर्गीय पिता ओनकइ भी पेटवा भरत ह। का तू ओनसे जिआदा बड़कवा नाहीं बाट्या!?
27 तू सबन मँ का कउनो अइसा अहइ कि फिकिर कइके आपन जिन्नगी मँ एक घड़ी भी अउ बढ़ाइ सकत ह
28 “अउ तू आपन ओढ़ना क बारे मँ काहे सोचन ह सोचा, जंगले क फूलन क बारे मँ कि उ सबइ कइसे खिल जात हीं? उ सबइ न कउनो काम करत हीं अउर न आपन बरे ओढ़ना बनावत हीं।
29 यह बरे मइँ तोहसे कहत हउँ कि सुलैमान भी आपन समूची धन दौलत क संग ओहमा स कउनो एक नाईं नाहीं सज सका।
30 तउ जउन जंगली पौधा जउन आज जिअत अहइँ मुला जेनका भियान भारे मँ झोंक दीन्ह जाब अहइ, परमेस्सर अइसा ओढ़ना पहिरावत ह तउ अल्प बिसवास क करवइया मनइयो! का उ तोहका अउर जिआदा बढ़िया ओढ़ना न पहिराई?
31 यह बरे चिंता करत करत इ जिन कहा, ‘हम का खाबइ’ या ‘हम का पिअब’ या ‘का पहिरब?’
32 मनई जउन परमेस्सर क नाहीं जनतेन इ सब चीजन्क पाछे दौड़त रहत हीं मुला सरग क बसइया तोहार परमपिता जानत ह कि तोहका इ सब चीजन्क जरूरत अहइ।
33 यह बरे सब ते पहिले परमेस्सर क राज्य अउर तोहसे जउन धरम की खोज उ चाहत ह, ओकर फिकिर करा। इ सब चीजन तउ तोहका खुद ही घेलइया मँ दइ दीन्ह जइहीं।
34 भियान क फिकिर जिन करा, काहेकि भियान क तउ अउर आपन चिंता होइहीं। हर दिन क आपन आपन परेसानी होत रहत ह।
Matthew 7
1 “दूसर प दोख लगावइ क आदत जिन डावा काहेकि तोहरे प दोख न लगावा जाइ।
2 काहेकि तोहार निआव उहइ फैसला प टिका होई, जउन फैसला तू दूसर क निआव प दिहे रहा अउर परमेस्सर तोहका उहइ नपना स नापी जउने नपना स तू दूसर क नाप्या ह।
3 “तू आपन भाई बंद क आँखी क किरकरी तक क काहे लखत ह जब कि तोहका आपन आँखी क लट्ठा तलक नाहीं देखाइ पड़त?
4 जबहिं तोहरे आँखी मँ लट्ठा बाटइ तब तू आपन भाई स कइसे कहि सकत ह, “तू मोका तोहरी आँखी क किरकिरी निकारइ द्या।”
5 अरे कपटी! पहिले आपन आँखी क लट्ठा निकार, फिन तू नीक नीक देख पउब्या अउर आपन भाई क आँखी क किरकिरी निकार पउब्या।
6 “कूकुरन क पवित्तर चीज जिन द्या अउर सुअरन क अगवा मोती जिन बिखरावा। नाहीं तउ उ पचे आपन गोड़ी क तले रौदिहइँ अउर कूकुरन पलटि क तोहरे ऊपर चढ़ी बैठिहीं।
7 “परमेस्सर स माँगत रहा, तोहका दीन्ह जाइ। खोजत रहा, तोहका मिली। खटखटावत रहा, तोहरे बरे दरवाजा खोलि दीन्ह जाई।
8 काहेकि हर कउनो जउन माँगत ह, पावत ह। जउन ढूँढत ह, पावत ह। जउन खटखटावत रहत ह ओकर बरे दरवाजा खोलि दीन्ह जाई।
9 “तू सबन मँ स अइसा बाप कउन सा अहइ जेकर बेटवा रोटी माँगइ अउर उ बेटवा क पाथर देइ?
10 या जब उ मछरी माँगइ तउ उ ओका साँप दइ देइ। बतावा का कउनो देई? अइसा कउनो न करी।
11 एह बरे चाहे तू बुरा काहे न ह्वा, जानत ह कि आपन गदेलन क नीक भेंट कइसे दीन्ह जात ही। वइसे हीं सचमुच सरगे क बसइया तोहार परमपिता माँगइवालन क नीक नीक चीचन्क जरूर देइ।
12 “एह बरे जइसा बेवहार आपन बरे तू दूसर लोगन्स चाहत ह, वइसा बेवहार तू भी ओनसे करा। यही मूसा क व्यवस्था अउर नबियन दुआरा बतावा गवा बा।
13 “सँकरे राह स घुसा! इ मइँ तोहका यह बरे कहत हउँ काहेकि चौड़ा दुआर अउर बड़की राह तउ बिनासे कइँती लइ जात ह। बहोत स मनई उ राहे प चलत हीं।
14 मुला केतॅना सँकरा अहइ उ दुआर अउर केतॅना छोटकी अहइ उ राह जउन जिन्नगी कइँती लइ जात ही अउर कठिन अहइँ उ सबइ मनइयन जउन ओका पावत अहइँ।
15 “झूठे नबियन स होसियार रहा। उ पचे तोहरे लगे निर्छल भेड़िन क भेस मँ आवत हीं मुला भीतर उ सबइ खूँखार बड़का कूकुर होत हीं।
16 तू ओनके करमन क फल स पहिचान लेब्या। कउनो कँटेहरी झाड़ी स न तउ अंगूर एकट्ठा कइ पावत ही अउ न गोखरु स अंजीर।
17 अइसे ही बड़िया बिरवा प नीक फल लागत हीं मुला बेकार बिरवा प बेकार फल लागत हीं।
18 एक नीक बिरवा बुरे फल नाहीं पइदा करत अउर न कउनो बेकार बिरवा नीक फल पइदा कइ सकत ह।
19 हर उ बिरवा जेह प नीक फल नाहीं लगतेन, ओका काटि के आगी मँ झोकि दीन्ह जात ह।
20 एह बरे मइँ तू सबन क दुबारा कहत हउँ कि उ लोगन क तू ओनके करमन क फले स पहिचान लेब्या।
21 पर्भू, पर्भू कहइवाला हर मनई सरगे क राज्य मँ घुस न पाई मुला उहइ सरग जउन सरगे मँ बसा अहइ मोरे परमपिता क इच्छा प चलत ह उहइ ओहमाँ घुसि पाई।
22 उ आखिरी दिना मँ बहोत स मनई मोसे पुछिहीं, ‘पर्भू! पर्भू! का हम तोहरे नाउँ स भविस्सबाणी नाहीं कीन्ह का तोहरे नाउँ स हम सबन दुस्ट आतिमन क नाहीं निकारा अउर का हम पचे तोहरे नाउँ स अद्भुत कारजन नाहीं कीन्ह
23 तबहिं मइँ ओनसे साफ साफ कहियउँ कि मइँ तू सबन्क नाहीं जानत हउँ, ‘हे कुकरमी मनइयो! हियाँ स भागि जा।’
24 “यह बरे जउन मोर सब्दन क सुनत ह अउर उ एन प चलत ह ओकर तुलना उ बुद्धिमान स कीन्ह जाई जउन आपन घर चट्टाने प बनएस।
25 बरखा भइ, बाढ़ आइ, आँधी चली अउइ सबई उ घरे स टक्कराइ गएन, मुला घर गिरा नाहीं। काहेकि ओकर नेंव चट्टाने प घरी गइ रही।
26 मुला उ जउन मोरे सब्दन क सुनत ह मुला ओन प चलत नाहीं, उ मूर्ख मनई क नाईं अहइ जउन आपन घर रेते प बनाएस।
27 बरखा भइ, बाढ़ आइ अउर आँधी चली अउर उ घरे स टकराइ गएन, जेहसे उ घर आवाज कइके समूचइ गिर गवा।”
28 नतीजा इ भवा कि जबहिं ईसू इ बतियन क कहिके पूरी किहेस, तउ ओकरे उपदेसन प भीड़ क लोगन क अचरज भवा।
29 काहेकि उ धरम सास्तिरियन क नाईं नाहीं मुला एक अधिकारी क नाईं उपदेस देत रहा।
Matthew 8
1 ईसू जबहिं पर्वते स खाली उतरा तउ बहोत बड़ी मनइयन क भीड़ ओकरे पाछे होइ चली।
2 हुँवई एक कोढ़ी भी रहा। उ ईसू क लगे आइ अउर निहुरिके बोला, “पर्भू, जदि तू चाहा तउ मोका चंगा कइ सकत ह।”
3 ऍह प ईसू आपन हथवा बढ़ाइके कोढ़ी क छुएस अउर कहेस, “मइँ चाहत हउँ; चंगा होइ जा!” अउर फउरन कोढ़ी क कोढ़ पराइ गवा।
4 फिन ईसू ओसे कहेस, “देखा ऍकरे बारे मँ कउनो स कछू जिन कह्या। मुला याजक क लगे जाइके ओका आपन क देखावा। फिन मुसा क हुकुम क मुताबिक भेंट चढ़ावा जैसे लोगन्क तोहरे चंगा होइ क साच्छी मिलि जाइ।”
5 फिन ईसू जब कफरनहूम गवा, तउ एक फऊजी नायक ओकरे नगिचे आवा अउर ओसे मदद बरे बिनती करत बोला,
6 “पर्भू, मोर एक सेवक मोरे घरवाँ मँ बिछउना प ओलरा बाटइ। ओका लकवा मारे बाटइ। ओका बहोत दर्द होत अहइ।”
7 तबहिं ईसू फऊजी नायक स कहेस, “मइँ आइके ओका चंगा करिहउँ।”
8 फऊजी नायक जवाब दिहेस, “पर्भू, मइँ इ जोग्ग नाहीं हउँ कि तू मोरे घर मँ आवा। यह बरे हुकुम दइ द्या। बस मोर नउकर चंगा होइ जाई।
9 इ मइँ जानत हउँ कि मइँ एक बड़का अधिकारी क नीचे काम करत अहउँ अउर मोरे नीचे दूसर सिपाही अहइँ। जबहि मइँ एक ठु सिपाही स कहत हउँ, ‘जा’ तउ उ चला जात ह अउर दूसर सिपाही स कहत हउँ, ‘आ’ तउ उ आइ जात ह। मइँ आपन सेवक स कहत हउँ, ‘इ करा’ तउ उ ओका करत ह।”
10 जब ईसू इ सुनेस तउ उ अचरजे मँ पड़ि गवा। जउन मनइयन ओकरे पाछे पाछे आवत रहेन ईसू ओनसे कहेस, “मइँ तोहसे सच कहत हउँ मइँ ऍतना गहरा बिसवास इस्राएल मँ भी कउनो मँ नाहीं पाएउँ।
11 मइँ तोहका इ अउ बतावत हउँ कि बहोत स पूरब अउर पच्छिम स अइहीं अउर उ सबइ भोजे मँ इब्राहीम, इसहाक अउर याकूब क संग सरगे क राज्य मँ आपन आपन ठउन प बैठ जइहीं।
12 मुला राज्य क आदिम प्रजा बाहेर अँाधियारे मँ ढकेल दीन्ह जाई जहाँ उ पचे चिचियाइके नरियाइके दाँत पीसत रइहीं।”
13 तब ईसू उ फउजी नायक स कहेस, “जा वइसा ही तोहरे बरे होइ जइसा तोहार बिसवास अहइ।” अउर ओकर नउकर फउरन चंगा होइ गवा।
14 जब ईसू पतरस क घरे पहुँच गवा, उ ओकरे सास क बुखार स दुःखी बिछउना प ओलरी देखेस।
15 तब ईसू ओका आपन हथवा स छुएस अउर ओकर बुखार उतर गवा। फिन उ उठी अउर ईसू क सेवा करय लाग।
16 जइसे साँझ होइ गइ तउ लोग ओकरे नगिचे बहोतन मनइयन क लइ आएन जेहमाँ दुस्ट आतिमन रहत रहीं। आपन एक ही हुकुम स उ दुस्ट आतिमन क निकारि दिहस। इ तरह स उ सबइ बेरमियन क नीक कइ दिहस।
17 इ यह बरे भवा कि परमेस्सर नबी यसायाह स जउन कछू कहेस, उ पूरा होइ जाइ:“उ हमरे बेरमियन क लइ लिहस अउर हमरे संतापे क ओढ़ लिहस।” यसायाह 53:4
18 जब ईसू आपन चारिहुँ कइँती भीड़ देखेस तउ उ आपन चेलन क हुकुम दिहेस कि उ सबइ झिलिया क ओह पार किनारे चलइँ।
19 तब एक धरम सास्तरी ईसू क निअरे आवा अउर कहेस, “गुरु, जहँ तहँ तू जाब्या, मइँ तोहरे पाछे चलब।”
20 ऍह प ईसू ओसे कहेस, “लोखरी क बिल अउर अकास क पंछीयन क घोंसला होत हीं मुला मनई क पूतक लगे मूँड़ टेकावइ क कउनो ठउर नाहीं।”
21 ओकर चेलन मँ स एक ठु ईसू स कहेस, “पर्भू, मोका पहिले जाइके आपन पिता क गाड़इ क हुकुम द्या।”
22 मुला ईसू ओसे कहेस, “मोरे पाछे चला आवा अउर मरा भवा मुर्दन क आपन खुद गाड़इ द्या।”
23 तब ईसू एक नाउ प बइठि गवा। ओकर चेलन भी पाछे पाछे गएन।
24 उहइ समइया झील मँ ऍतना भयंकर तूफान उठि गवा कि नाउ लहरन स दबी जात रही पर ईसू सोवत रहा।
25 तबहिं ओकर चेलन ओकरे लगे पहुँचेन अउर ओका जगाइके कहेन, “पर्भू, हमार रच्छा करा। हम पचे मरि जाब।”
26 तबहिं ईसू ओनसे कहेस, “अरे कम बिसवास करइवालो। तू पचे काहे ऍतना भयभीत अहा?” तब उ खड़ा होइके तूफान अउर झिलिया क डाटेस अउर चारिहुँ कइँती सांति छाइ गइ।
27 मनइयन अचरजे मँ पड़ि गएन। उ सबइ कहेन, “इ कइसा मनई बाटइ? अँधड़ तूफान अउर झिलिया तक ऍकर बतिया मानत हीं!”
28 जब ईसू झील क उ पार, गदरेनियोन क देस पहुँच गवा, तउ ओका कब्रे स निकरि के दुइ मनई आवत भए मिलेन, जेहमाँ दुस्ट आतिमन रहिन। उ पचे ऍतना खोफनाक रहेन कि उ रस्ता स कउनो निकरि तक नाहीं सकत रहा।
29 उ पचे चिचियानेन, “हे परमेस्सर क पूत! तू मोसे का चाहत बाट्या? का तू हियाँ ठीक समइ स पहिले हमका दंड देइ आइ अहा?”
30 हुवाँ तनिक दूरी प बहोत स सुअरन क झुँड चरत रहा।
31 तउ उ दुस्ट आतिमन ओसे बिनती करत भए कहेन, “जदि तोहका हम पचन क बाहेर निकारब ही बाटइ, तउ हमका सुअरन क झुंडे मँ पठइ द्या।”
32 तउ ईसू ओनसे कहेस, “चला जा!” तब उ सबइ ओन मनइयन मँ स बाहेर निकरि आइन अउर सुअरन मँ घुसि गइन। फिन समूचा झुंड ढलाने स लुढ़कत पुढ़कत पराइके ढालू किनारे स झिलिया मँ गिरि गवा अउ सबहिं सुअरन पानी मँ बूड़िके मर गएन।
33 सुअरन क झुंड क रखवालन भागत भागत हुआँ स सहर आएन अउर सुअरन क साथ तथा दुस्ट आतिमन स ग्रस्त ओन मनइयन क साथ जउन कछू भवा, कहिके सुनाएन।
34 फिन तउ सहर क सबइ मनइयन ईसू स भेंटइ बरे निकर पड़ेन। जब उ पचे ईसू क देखेन तउ ओसे बिनती किहेन कि उ ओनके हियाँ स कहुँ अउर ठउर चला जाइ।
Matthew 9
1 फिन ईसू एक नाउ प चढ़ा अउर झिलिया क पार आपन सहर आइ गवा।
2 मनइयन लकुआ क मरीजे क खटिया प ओलराइके ओकरे नगिचे लइ आएन। ईसू जबहि ओकरे बिसवास क देखेस तउ लकुआ क रोगी स कहेस, “हे वालक ढाढ़स रखा। तोहार पापन्क छमा कीन्ह गवा।”
3 तबहि कछू यहूदी धरम सास्तिरियन आपस मँ कहइ लागेन, “इ मनई (ईसू) अपने सब्दन स परमेस्सर क बेज्जत करत ह।”
4 ईसू जानत रहा कि उ पचे का सोचत विचारत अहइँ: ईसू ओनसे बोला, “तू सब आपन मन मँ काहे बुरा बिचार आवइ देत ह
5 जिआदा सहल का बाटइ? इ कहब, ‘तोहार पापन्क छमा कीन्ह गवा।’ या इ कहब, ‘खड़ा ह्वा अउर चलि पड़ा?’
6 काहेकि तू सब इ जान पावा कि धरती प पापन्क छमा करइ क सक्ती मनई क पूत मँ अहइ।” ईसू लकुआ क रोगी स कहेस, “खड़ा ह्वा, आपन बिछउना उठावा अउ घरे चला जा।”
7 उ लकुआ क मरीज खड़ा होइके आपन घर चला गवा।
8 जबहि भीड़े मँ मनइयन इ निहारेन कि तउ उ सबइ गहरी भक्ती स अचरजे मँ पड़ि गएन अउर परमेस्सर क गुन गावइ लागेन जउन मनई क अइसी सक्ती दिहेस।
9 ईसू जब हुआँ स जात रहा तउ उ महसूले क चुंगी क चौकी प बइठा भवा एक मनई क देखेस। ओकर नाउँ मत्ती रहा। ईसू ओसे कहेस, “मोरे पाछे चला आवा।” ऍह प मत्ती खड़ा भवा अउर ओकरे पाछे होइ गवा।
10 अइसा भवा कि जब ईसू मत्ती क घर बहोत स चुंगी उगहियन अउर पापी मनइयन क संग आपन मनवइयन क साथ लइके जेंवत रहा।
11 तउ ओका फरीसियन देखेन अउर ओनके चेलन स पूछइ लागेन, “तोहार गुरु चुंगी क उगहिया अउर बुरा मनइयन क संग खइया के काहेखात ह”
12 इ सुनिके ईसू ओनसे कहेस, “हिट्ठ पुट्ठ मनई क नाहीं मुला बेरमियन क एक बैद्य (डाक्टर) क जरूरत होत ह।
13 एह बरे तू सबइ जा अउर समझा कि सास्तरे क बचन क अरथ का अहइ? ‘मइँ बलिदान नाहीं चाहत हउँ मुला द्ाया चाहता हउँ।’मइँ धर्मी क नाहीं मुला पापियन क बुलावइ आइ हउँ।”
14 फिन बपतिस्मा क देवइया यूहन्ना क चेलन ईसू क लगे गएन अउर पूछेन, “हम सबइ अउर फरीसियन पुनि पुनि उपवास काहे करत हीं परन्तु तोहार चेलन काहे नाहीं करतेन?”
15 फिन ईसू ओनका समझाएस, “का दूल्हा क साथी जब ताईं दूल्हा ओनके संग अहइ, सोक मनाइ सकत हीं? मुला उ दिनन अइहीं जब दूल्हा ओनसे छीन लीन्ह जाई फिन उ समइया मँ उ सबइ दुखी होइहीं अउर उपवास करिहीं।
16 “बे सिकुड़ा भवा नवा कपरा क पइबंद पुरान पोसाके प कउनो लगावत नाहीं काहेकि इ पइबंद पोसाके क अउर जिआदा फाड़ देइ अउ कपरा क खोंच अउर बाढ़ जाई।
17 नई दाखरस पुरान मसकन मँ भरी नाहीं जात। नाहीं तउ मसकन क फोरि देइ अउर दाखरस बहिके फैलि जाई। एह बरे लोग नई दाखरस नई मसकन मँ भरत हीं जइसे दाखरस अउर मसकन दुइनउँ बचा रहइँ।”
18 ईसू ओन मनइयन क जब इ बतिया बतावत रहा, तबहि यहूदी आराधनालय क एक मुखिया ओकरे लगे आवा अउर ओकरे समन्वा निहुरिके बिनती करत भवा बोला, “अबहीं अबहीं मोर बिटिया मरी गइ अहइ। तू चलिके जदि ओह प आपन हाथ रख द्या तउ उ फिन जी जाई।”
19 ऍह प ईसू खड़ा होईके आपन चेलन क संग ओकरे साथ चल दिहेस।
20 हुवाँ एक ठु स्त्री रही जेका बारह बरिस स खून बहत रहा। उ पाछे स ईसू क नगिचे आइ, ओकरे ओढ़ना क मुहरी छुइ लिहस।
21 उ आपन मनवा मँ सोचत रही, “जदि मइँ तनिकउ भी एकर ओढ़ना छुइ पावउँ, तउ नीक होबउँ।”
22 घूमिके निहारत भवा ईसू कहेस, “बिटिया, खुस रहा। तोहार बिसवास तोहका चंगा किहेस ह।” अउर उ स्त्री तुंरतहि उहइ छन चंगा होइ गइ।
23 ओह कइँती ईसू जब आराधनालय क मुखिया क घरवा पहुँचा तउ उ देखेस कि सोक धुन बजावत बाँसुरी क बजवइया अउर हुवाँ ऍकट्ठा भए मनइयन लरकी क मउत प सोक करत रहेन।
24 तबहि ईसू लोगन्स कहेस, “हियाँ स बाहेर जा। लरकी मरी नाहीं बा, उ तउ सोवति अहइ।” ऍह प मनई ओकर हँसी ठट्ठा करह लागेन।
25 फिन जब भिरिया क मनइयन क बाहेर पठएस तउ ईसू लरकी क कोठरी मँ जाइके ओकर हथवा पकड़ेस अउर उ उठि गइ।
26 ऍकर खबरिया उ समूचइ पहँटा मँ संचर गइ।
27 ईसू जब हुवाँ स जाइ लाग तउ दुइ आँधर ओकरे पाछे होइ गएन। उ दुइनउँ चिल्लात रहेन, “हे दाऊद क पूत, हम प दाया करा।”
28 ईसू जइसे घरवा क भीतर पहुँच गवा तउ उ पचे आँधर ओकरे लगे आएन। तबहिं ईसू ओनसे कहेस, “का तोहका बिसवास अहइ कि मइँ, तोहका फिन आँखिन दइ सकत हउँ?” उ पचे जवाब दिहेन, “हाँ पर्भू।”
29 ऍह पर ईसू ओनकइ आँखिन क छुअत कहेस, “तोहरे बरे वइसा होइ जइसा तोहार बिसवास अहइ।”
30 अउर आँधरन क जोति मिल गइ। फिन ईसू ओनका चिताउनी देत कहेस, “ऍकरे बारे मँ कउनो क पता नाहीं लागइ चाहीं।”
31 मुला उ पचे हुवाँ स जाइके इ खबरिया क उ पहॅटा मँ चारिहुँ कइँती फैलाइ दिहन।
32 जब उ दुइनउँ हुवाँ स जात रहेन तउ कछू लोग ईसू क लगे एक ठु गूंगा क लइ आएन। गूंगा मँ दुस्ट आतिमा क सवारी रही अउर यह बरे उ कछू बोल नाहीं पावत रहा।
33 जब उ दुस्ट आतिमा क निकारि दिहस तउ उ गूंगा, जउन पहिले कछू नाहीं बोल सकत रहा, बोलइ लाग। तबहि भिरिया क लोग अचरचे मँ कहेन, “इस्राएल मँ अइसी घटना कबहुँ नाहीं देखी गइ।”
34 मुला फरीसियन कहत रहेन, “उ दुस्ट आतिमन क सइताने क मदद स बाहेर खदेरत ह।”
35 ईसू यहूदी आराधनालय मँ उपदेस देत, परमेस्सर क राज्य क सुसमाचार क प्रचार करत, मनइयन क बेरामी अउर हर तरह क दारून दुःख हरत उ समूचइ पहँटा क गाउँ गाउँ अउर सहर सहर घूमत रहा।
36 ईसू जब कउनो भिरिया क देखततउ ओनके बरे करुना स भरि जात काहेकि उ पचे सतावा भवा अउर बेसहारा रहेन, जइसें भेड़ रहिन अउ ओनकइ कउनो गड़रिया नाहीं रहा।
37 तबहिं ईसू आपन चेलन स कहेस, “तइयार खेत तउ बहोत अहइँ मुला मजदूर कम बाटेन। 38यह बरे फसल क परमेस्सर स बिनती करा कि उ, आपन फसल काटइ बरे मजदूर पठवइ।”
38
Matthew 10
1 तउ ईसू आपन बारहु चेलन क लगे बोलवाइके ओनका दुस्ट आतिमन क बाहेर खदेरइ, अउर हर तरह क रोगन अउर दारुन दु:खन क दूर करइ क सक्ती दिहेस।
2 उ सबइ बारहु प्रेरितन क नाउँ इ अहइँ सबते पहिले समौन, जउन पतरस कहा गवा, अउर ओकर भाई आन्द्रियास, जब्दी क बेटवा याकूब अउर ओकर भाई यूहन्ना।
3 फिलिप्पुस, बरतुल्मै, थोमा, चुंगी (टिक्स) क उगहिया मत्ती, जल्फै क बेटवा याकूब अउर तद्दै।
4 समौन कनानीअउर यहूदा इस्करियोती जे ओका धोखा दइके पकड़वाए रहा।
5 ईसू इन बारहु प्रेरितन क बाहेर पठवत हुकुम दिहेस कि उ सबइ, “गैर यहूदियन क पहँटा मँ न जाइँ अउर कउनो सामरी सहर मँ न घुसइँ।
6 मुला उ सबइ इस्राएल क परिवारे क हेराइ गइ भेड़न क नगिचे जाइँ
7 अउर ओनका उपदेस देइँ, ‘सरगे क राज्य नगिचे अहइ।’
8 उ सबइ बेरमियन क नीक करइँ, मरे भएन क जिन्नगी देइँ, कोढ़िन क नीक करइँ अउर दुस्ट आतिमन क खदेरइँ। तू सबइ बे कछू देए भए पर्भू क असीस अउर सक्ती पाए अहा, एह बरे दुसरउँ क बे कछू लिए अजादी स बाँटा।
9 आपन बटुआ मँ सोना, चाँदी अउर ताँवा जिन रखा।
10 जात्रा बरे कउनो झोला तक जिन रखा। कइसो फालतू कुर्ता, चप्पल अउर छड़ी जिन ल्या। काहेकि मजदूर क ओकरे खइया प हक अहइ।
11 “तू पचे जब कबहुँ कउनो सहर या गाउँ मँ जा तउ पता करा कि हुवाँ बिसवास क लायक कउन अहइ। फिन तब ताईं हुवाँ ठहरि जा जब ताई हुवाँ स चल न द्या।
12 जबहि तू उ कउनो क घरे मँ जा तउ उ परिवार क मनइयन क मान सम्मान करत कहा, ‘तोहका सांति मिलइ।’
13 जदि घरे क मनई सुपात्र होइहीं तउ तोहार असीस ओनके संग रही अउर जदि ओकरे जोग्ग नाहीं होइहीं तउ तोहार असीस तोहरे लगे लौटि आई।
14 जदि कउनो तोहार अगवानी न करइ या तोहार बतियन क न सुनइ तउ उ घरवा या सहर क तजि द्या। अउर आपन गोड़वा मँ लागी माटी क हुवँइ झाड़ि द्या।
15 मइँ तोहसे सच कहत हउँ कि जब निआव होई तब उ सहर क दसा सदोम अउर अमोरासहरन क दसा कहूँ जिआदा बढ़िया होई।
16 “होसियार! मइँ तोहका बिगवन मँ भेड़न क नाई बाहेर पठवत अहउँ। कीरा क नाई चालाक अउर कबूतरे क नाईं भोला बना रहा।
17 मनइयन स होसियार रह्या काहेकि उ पचे तोहका बंदी बनाइके यहूदी पंचायत क दइ देइहीं अउर तोहका आपन आराधनालयन मँ कोड़ा स धुनवइहीं।
18 तोहका हुकूमत क सासक अउर राजा क समन्वा हाजिर करिहीं, काहेकि तू सबहीं मोर चेलन अहा। तोहका इ औसर दीन्ह जाई कि तू ओनका अउर गैर यहूदियन क मोरे बारे मँ साच्छी द्या।
19 जब उ पचे तोहका धरइँ तउ फिकिर जिन कर्या कि तोहका का कहइ क बाटइ अउर कइसे कहइ क अहइ। काहेकि उ समइ प तोहका बताइ दीन्ह जाई कि तोहका का कहइ क अहइ।
20 याद रखा कि बोलवइया तू नाहीं अहा, मुला तोहरे परमपिता क आतिमा तोहरे भीतर बोली।
21 “भाई आपन भाइयन क धरवाइ क मरवइहीं महतारी बाप आपन गदेलन क पकड़वइहीं अउर बचवन आपन महतारी बाप क खिलाफ होइ जइहीं। उ पचे ओनका मरवाइ देइहीं।
22 मोरे नाउँ क कारण मनई तोहसे घिना करिहीं। मुला आखिर तक जउन टिका रही उहइ क उद्धार होई।
23 उ सबइ अब तोहका सहर मँ सतावइँ तउ तू दूसर सहर मँ पराइ जाया। मइँ तोहसे सच सच कहत हउँ अइसे पहिले तू इस्राएल क सबइ ही सहरन क चक्कर लगाइ ल्या, मनई क पूत दुबारा आइ जाई।
24 “चेला आपन गुरु ते बड़वार नाहीं होतेन अउर न ही कउनो नउकर आपन मालिक ते बड़वार होत ह।
25 चेला क गुरु क नाईं होइ मँ अउर नउकरे क मालिक क नाई होइ मँ संतोख करइ चाही। जब उ घरे क मालिक क बेल्जाबुल (सइतान) कहइँ तउ, ओकरे घरे क दूसर लोगन क संग तउ अउ भी बुरा बेवहार करिहीं!”
26 “एह बरे ओनसे डेराअ जिन काहेकि जउन छुपी अहइ, सब खुलि जाई। अउर हर चीज जउन छुपी अहइ, परगट होइ जाई।
27 मइँ अँधियारे मँ जउन कछू तोसे कहत हउँ, मइँ चाहित ह कि तू उजियारे मँ कहा। मइँ जउन कछू तोहरे कनवा मँ कहेउँ तू ओकरे मकाने क छत्तियापर चढ़िके, एलान करा।
28 ओनसे जिन डेराअ, जउन तोहरे देह क नास कइ डइहीं मुला तोहरे आतिमा क नाहीं मारि सकतेन। बस उ परमेस्सर स डेराअ जउन तोहार देह अउर आतिमा क नरके मँ नाइ के नास कइ सकत ह।
29 एक ठु पइसा क दुइ चिड़िया बेसहे मँ स भी एक तोहरे परमपिता क बे जाने भए अउर ओकर बिना इच्छा स धरती प नाहीं गिर सकत।
30 अरे तोहरे मूँड़े क एक एक बार तक गिना भवा बाटइ।
31 यह बरे डेराअ जिन, तोहार कीमत तउ वइसी बहोत स चिड़ियन ते जिआदा बाटइ।
32 “जउन कउनो मोका सब मनइयन क समन्वा अपनाई, मइँ भी ओका सरगे मँ बसा आपन परमपिता क समन्वा अपनियाउब।
33 मुला जउन कउनो मोका सब मनइयन क समन्वा न अपनियाई, मइँ भी ओका आपन परमपिता क समन्वा न अपनियाउब।
34 “इ जिन सोचा कि मइँ धरती प सांति लइ आवइ आइ हउँ। सांति नाहीं मुला एक तरवारे क लइ आइ हउँ।
35 मइँ तउ, बेटवा क बाप क खिलाफ:‘बिटिया क महतारी खिलाफ, दुलहिन क सासे क खिलाफ करइ आइ हउँ। मनई क बैरी ओकरे घरे क मनई ही होइहीं।’ मीका 7:6
36
37 ‘जउन आपन महतारी बाप स मोसे जिआदा पिरेम करत ह, उ मोर होइ क जोग्ग नाहीं जउन अपने बेटवा अउर बिटिया से मोसे जिआदा पिरेम करत ह, उ मोर होइके जोग्ग नाहीं।
38 उ जउन क्रूसे (यातना) उठाइके मोरे पाछे होत नाहीं, मोर होइके जोग्ग नाहीं।
39 उ जउन आपन प्राण बचावा चाहत ह, आपन प्राण खोइ देइ। मुला जउन मोरे बरे आपन प्राण दइ देइ, उ जिन्नगी पाई।
40 जउन तू पचन क अपनावत ह, उ मोका अपनावत ह अउर जउन मोका अपनावत ह, उ उहइ परमेस्सर क अपनावत ह, जउन मोका पठएस ह।
41 जउन कउनो नबी क यह बरे अपनावत ह कि उ नबी अहइ, ओका उहइ ओकरे बदले मँ फल मिली जउन कि नबी क मिलत ह। अउ जदि तू कउनो धर्मी क यह बरे अगवानी करत ह कि उ धर्मी बाटइ, ओका सच उहइ बदले मँ फल मिली जउन कउनो धर्मी क मिलत ह।
42 अउर जदि कउनो मोर इ भोला भाला चेलन मँ स कउनो एक क एक लोटा ठंडा पानी तक दइ दे कि उ मोर चेला अहइ, तउ मइँ तोसे सच कहत हउँ कि ओका ऍकरे बदले मँ फल सचमुच बे मिले भए न रही।”
Matthew 11
1 अइसा भवा कि ईसू आपन बारहु चेलन क इ तरह समझाइके हुवाँ स चला गवा अउर गलील देस क सहरन मँ उपदेस देत अउर प्रचार करत लाग।
2 यूहन्ना जब जेल मँ मसीह क काम क बारे मँ सुनेस तउ उ आपन चेलन स संदेस पठइके पूछेस,
3 “का तू उहइ अहा, जउन आवइवाला रहा, या हम पचे कउनो अउर आवइवाला क बाट जोही?”
4 ईसू जवाबे मँ ओनसे कहेस, “जउन कछू तू सबइ सुनत अहा, अउर देखत अहा, जाइके यूहन्ना क बतावा कि,
5 अँधरे क आँखी मिलति अहइँ, लूला लगँड़ा चल पावत अहइँ, कोढ़ी चंगा होत अहइँ, बहिर सुनत अहइँ अउ मुर्दा जिआइ जात अहइँ अउर गरीबन मँ सुसमाचार क प्रचार कीन्ह जात अहइ।
6 उ धन्य अहइ जउन मोका अपनाइ सकत ह।”
7 जब यूहन्ना क चेलन हुवाँ स जात रहेन तउ ईसू भीड़ मँ यूहन्ना क बारे मँ कहइ लाग, “तू पचे इ उसरे मँ का निहारइ आइ अहा? का कउनो सरपत? जउन हवा स उड़ि जात बा।
8 नाहीं, तउ फिन का देखइ आइ अहा? का एक मनई? जउन बहोत बढ़िया ओढ़ना पहिरे बा? देखा जउन उत्तिम बस्तर पहिरत हीं, उ सबइ तउ राजा क महले मँ मिलत हीं।
9 तउ तू सबइ का निहारइ आइ अहा? का कउनो नबी? हाँ, मइँ तोहका बतावत हउँ कि जेका तू देख्या ह उ कउनो भी नबी स जिआदा अहइ।
10 इ उहइ अहइ जेकरे बारे मँ पवित्तर सास्तर मँ लिखा बाटइ:‘देखा, मइँ तोहसे पहिले ही आपन दूत पठवत हउँ। उ तोहरे बरे राह बनाई।’ मलाकी 3:1
11 मइँ तोहसे सच कहत हउँ बपतिस्मा देवइया यूहन्ना त बड़वार कउनो मनई पइदा नाहीं भवा। फिन भी सरगे क राज्य मँ छोट त छोट मनई भी यूहन्ना स बड़कवा अहइ।
12 बपतिस्मा क देवइया यूहन्ना क समइ स आज तलक सरगे क राज्य खौफनाक हमला झेलत रहा अहइ अउ हिंसा करवइया ओका छीन चाहत हीं।
13 यूहन्ना क आवइ तलक सारे नबियन अउर मूसा क व्यवस्था इ भविस्सबाणी किहेन,
14 अउर जदि तुम व्यवस्था अउर नबियन जउन कछू कहइ, ओका स्वीकार करने क तैयार ह तउ जेकरे आने की भविस्सबाणी की गयी थी इ यूहन्ना उहइ एलिय्याह बाटइ।
15 जउन सुनि सकत होइ, उ सुनि लेइ।
16 “आजु क इ पीढ़ी क तुलना मइँ कउने स करउँ? उ सबइ बाजारे मँ वइठा भवा ओन गदेलन क नाईं अहइँ जउन एक दूसर क नरियाइके कहत रहेन,
17 ‘हम तोहरे बरे बाँसुरी बजावा, मुला तू नाच्या नाहीं। हम पचे सोकगीत गावा मुला तू रोया नाहीं।
18 बपतिस्मा देवइया यूहन्ना आवा। जउन अउरन क नाईं खात रहा अउर न पिअत रहा। मुला लोग कहे रहेन, ‘ओहमा दुस्ट आतिमा समाइ गइ अहइ।’
19 फिन मनई क पूत आवा। जउन अउरन क नाईं खात-पिअत ह, मुला मनई कहत हीं, ‘इ मनई क देखा, ई पेटू अहइ, पिअक्कड़ बाटइ। इ चुंगी क उगहिया अउर पापी क मीत अहइ।’ मुला बुद्धि क चमत्कार काम स सिद्ध होइ जात ही।”
20 फिन ईसू ओन नगरन क धिक्कारेस, जेहमाँ उ ढेर अद्भुत कारजन किहेस। काहेकि हुवाँ क मनइयन आपन पाप करबँ नाहीं छोड़ेन अउर मनफिराव नाहीं करेन।
21 ईसू कहेस, “अरे अभगे खुराजीन अरे अभगे बैतसैदाजउन अद्भुत कारजन तोहमा कीन्ह गएन जदि उ सबइ काम सूर अउ सैदा मँ कीन्ह जातेन तउ हुवाँ क मनई बहोत पहिले टाट क कपराओढ़िके सोक बरे अउर देह प राखि लगाइके दुख क परगट करत मनफिराव कइ चुका होतेन।
22 मुला मइँ तू सब लोगन स कहत हउँ कि निआव क दिन सूर अउर सैदा क दसा तोहसे जिआदा सहइ बरे जोग्ग होई।
23 अउर अरे कफरनहूम का तू सोचत ह कि तोहका सरगे क महिमा तलक ऊँचे उठावा जाई? तू तउ अधोलोक मँ नरक तलक जाब्या। काहेकि जउन अद्भुत कारजन तोहमा कीन्ह गएन, जदि उ सबइ सदोम मँ कीन्ह जातेन तउ उ नगर आज तलक टिका होत।
24 मुला मइँ तोहका बतावत हउँ कि निआव क दिन तोहरे मनइयन क दसा ते सदोन क दसा कहूँ नीक होई।”
25 उ समइया प ईसू कहेस, “परमपिता, तू सरग अउर धरती क पर्भू अहा, मइँ तोहार गुन गावत हउँ काहेकि तू इन बातन क, ओनमाँ स जउन गियानी अउर समझदार अहइँ, छुपाइके रखे अहा। अउ जउन भोला भाला अहइँ ओनके बरे परगट किए अहा।
26 हाँ परमपिता इ यह बरे भवा काहे कि तू ही एका अच्छे स जानत अहा।
27 मोर परमपिता सब कछू मोका सौंप दिहेस अउर असिल मँ परमपिता क बजाय कउनो भी पूत क नाहीं जानत। अउर हर उ मनई परमपिता क जानत ह, जेकरे बरे पूत ओका परगट करइ चाहत ह।
28 “अरे, ओ थका माँदा, बोझवा स दबान मनइयन मोरे लगे आवा। मइँ तोहका सुख चइन देब।
29 मोर जुआ ल्या अउर आपन उपर धरा। फिन मोसे सीखा काहेकि मइँ सहल हउँ अउर मोर मनवा कोमल अहइ। तोहका भी आपस बरे सुख-चइन मिली।
30 काहेकि उ जुआ जउन मइँ तोहका देइत ह बहोत सहल बाटइ। अउर उ बोझावा जउन मइँ तोह पर डारत अही, हल्का बाटइ।”
Matthew 12
1 लगभग उहइ समइया ईसू सबित क दिन अनाजे क खेतन स होइके जात रहा। ओकरे चेलन क भूख लाग अउ गोहूँ क बाल तोड़ि क चबाइ लागेन।
2 फरीसियन अइसा होत देखिके कहेन, “देखा! तोहार चेलन उ करत अहइँ जेकर सबित क दिन करब मूसा क व्यवस्था क माफिक नाहीं।”
3 ऍह प ईसू ओनसे पूछेस, “का तू नाहीं पढ्या कि दाऊद अउर ओकर साथी, जब ओनका भूख लाग, का किहे रहेन?
4 उ परमेस्सर क घरे मँ घुसिके ओनके बरे चढ़ाई गइ पवित्तर रोतिन क कइसे खाए रहेन? तउ भी ओका अउर ओनके साथी संगी क ओकर खाब मूसा क व्यवस्था क खिलाफ रहा। ओका सिरिफ याजकन ही खाइ सकत रहेन।
5 मूसा क व्यवस्था मँ तू इ नाहीं पढ़्या कि सबित कि दिन मंदिर क याजक ही असिल मँ सबित क दिन बिगार देत हीं अउर फिन ओनका कउनो कछू नाहीं कहत।
6 मुला मइँ तोसे कहत हउँ, हियाँ जउन कउनो बाटइ उ मंदिर ते बड़वार बाटइ।
7 जदि तू पवित्तर सास्तर मँ जउन लिखा अहइ, ओका जानत ह, ‘मइँ मनइयन मँ दाया चाहत हउँ, पसुबलिदान नाहींतउ तू ओनका दोखी नाहीं ? ठहरउत्या जउन निर्दोख अहइँ।
8 हाँ, मनई क पूत सबित क दिन क भी सुआमी अहइ।”
9 फिन उ हुवाँ स चला गवा अउर उनके आराधनालय मँ पहुँच गवा।
10 हुवाँ एक ठु मनई रहा, जेकर हाथ सुखंडी रहा। तउ मनइयन ईसू स पूछेन, “मूसा क व्यवस्था क माफिक सबित क दिन का कउनो क नीक करब ठीक अहइ?” उ सबई एह बरे ओसे पूछेन कि, उ पचे ओह प दोख लगाइ सकइँ।
11 मुला उ ओनका जबाव दिहेस, “मान ल्या, तोहमाँ स कउनो क लगे एक ही भेड़ बाटइ, अउर उ भेड़ सबित क दिन कउनो गड़हा मँ गिरि जात ही, तउ तू का ओका बाहेर न निकरब्या?
12 सच मनई तउ एक भेड़े स जिआदा बढ़के अहइ। यह बरे सबित क दिन मूसा क व्यवस्था भलाई करइ बरे अनुमति देत ह।”
13 तब ईसू उ सुखंडी हाथवाला मनई स कहेस, “आपन हथवा आगे बढ़ावा।” उ पूरी तरह स चँगा होइ गवा। ठीक उहइ तरह जइसे ओकर दूसर हाथ रहा।
14 तब फरीसियन हुवाँ स चला गएन अउर ओका मार डावइ क तरकीब गूंथइ मथइ लागेन।
15 ईसू इ जान गवा अउर हुवाँ स चला गवा। भारी भीड़ पाछे पाछे होइ गइ। उ ओनका चंगा करत
16 चिताउनी दिहस कि ओकरे बारे मँ मनइयन क कछू न बतावइँ।
17 इ एह बरे भवा कि नबी यसायाह पर्भू क बारे मँ जउन कछू कहेस ह, उ पूरा होइ जाइ:
18 “इ मोर सेवक अहइ, मइँ जेका चुनेउ हउँ। इ मोर पिआरा अहइ, ऍहसे मइँ आनंद मँ हउँ आपन आतिमा ऍह प मइँ रखियउँ सब देसन क सब मनइयन क इ निआव क एलान करी।
19 इ कबहुँ नाहीं चिचिआई, या झगड़ी ही मनइयन ऍका गली कूचा मँ न सुनिहइँ
20 उ सरते क न उ तोड़ीन इ बुझत दिया तलक उ न बुझाई डटा रही तब ताई जब ताईं निआव क जीत न होइ जाई।
21 तब फिन सबइ लोग आपन आसा ओहमाँ बँधिहीं, फिन उहइ नाउँ मँ।” यसायाह 42:1-4
22 फिन मनइयन ईसू क लगे एक अइसे अँधरे क लइ आएन जउन गूँगा भी रहा काहेकि ओहॅ प दुस्ट आतिमा क सवारी रही। ईसू ओका चंागा किहेस अउर एह बरे इ गूँगा अउर आँधर बोलइ अउर देखइ लाग।
23 ऍह प सबइ मनइयन अचरजे मँ पड़ि गएन अउर उ सबइ कहइ लागेन, “का इ मनई दाऊद क पूत होइ सकत ह”
24 जबहिं फरीसियन इ सुनेन तउ उ पचे कहेन, “इ दुस्ट आतिमन क ओनके सरदार बेल्जाबुल क सहारा स बाहरे निकारत ह।”
25 ईसू ओनके मनवा क बात जानि गवा अउर ओनसे कहेस, “हर राज्य जेहमाँ फूट परि जात ह, ओकर नास होइ जात ह। वइसे ही हर सहर या परिवार जेहमाँ फूट परि जात ह उ टिकइ नाहीं पावत।
26 तउ सइतान ही खुद आपन क बाहेर कइसे निकारी फिन तउ ओहमाँ आपन खिलाफ फूट पड़ि जाई। तउ ओकर राज्य कइसे बना रहि पाई।
27 अगर इ सच अहइ कि मइँ बेल्जाबुल क सहारा स दुस्ट आतिमन क खदेरत हउँ तउ तोहार मनवइया कउने सहारा स ओनका बाहेर खदेरत हीं? तउ तोहार आपन मनवइया ही सिद्ध करिहीं कि तू गलत अहा।
28 मइँ दुस्ट आतिमन क परमेस्सर क आतिमा क सक्ती स निकारत हउँ। ऍहसे इ सिद्ध होत ह कि परमेस्सर क राज्य तोहरे निअरे आइ ग अहइ।
29 “फिन कउन कउनो जबरा क घरवा मँ घुसिके ओकर माल कइसे चोरॉइ सकत ह, जब तलक उ जबरा क पहिले बाँध न देइ। तबहिं उ ओकरे घरवा क लूटि सकत ह।
30 “जउन मोर संग नाहीं उ हमरे खिलाफ बाटइ। अउर जउन अलगाइ भई भेड़न क बटोरइ मँ मोर मदद नाहीं करत, उ ओनका अलगावत ह।
31 एह बरे मइँ तोहसे कहत हउँ कि सब मनइयन क किस्म किस्म क निन्दा अउर पापन्क छमा कइ दीन्ह जाइ मुला पवित्तर आतिमा क निन्दा क छमा किन्ह न जाई।
32 कउनउ मनई क पूत क खिलाफ जदि कछू कहत ह तउ ओका छमा कीन्ह जाइ सकत ह, मुला पवित्तर आतिमा क खिलाफ कउनो कछू कहइ तउ ओका छमा न कीन्ह जाई। न तउ इ युग मँ अउर न आवइवाला युगे माँ।
33 “तू लोग जानत ह कि बढ़िया फरे बरे तोहका बढ़िया बृच्छ रोपइ चाही। मुला बृच्छ बुरा अहइ तउ बुरा फर देइ। काहेकि बृच्छ आपन फरे स जाना जात ह।
34 अरे हे कीरा क बचवन! जब तू खुदइ बुरा अहा तउ नीक बातन कइसे कहि सकत ह मनई क सब्द जउन ओकरे मनवा मँ भरा अहइ, उहइ स निकरत ही।
35 एक नीक मनई मनवा क नीक भंडारे स नीक बातन निकारत ह अउर बुरा मनई बुरी बातन क निकारत ह जउन मनवा क भंडारे मँ एकट्ठा रहत हीं।
36 अउ मइँ तू सब जने के बतावन हउँ कि निआव क दिन हर मनई क लापरवाही स बोली गइ बातन क हिसाब देइ क होई।
37 तोहरे बातन क ऊपर तोहका निर्दोख अउर दोखी ठहराइ जाई।”
38 फिन कछू धरम सास्तिरियन अउर फरीसियन ओसे कहेन, “गुरु, हम पचे तोसे अद्भुत चीन्हा परगट करइ चाहित ह।”
39 ईसू ओनसे जवाबे मँ कहेस, “इ जुग क बुरा अउर दुराचारी पीढ़ी क मनई अद्भुत चीन्हा देखा चाहत हीं। नबी योना क अद्भुत चीन्हा तजिके ओनका अउर कउनो अद्भुत चीन्हा न दीन्ह जाई।
40 अउ जइसे योना तीन दिना अउर तीन रात उ समुद्री जीव क पेटवा मँ रहा, वइसे ही मनई क पूत तीन दिन अउर तीन रात धरती प रही।
41 निआव क दिन निनेवा क रहइवाले आज क पीढ़ी क मनई क संग खड़ा होइहीं अउर दोखी ठहरइहीं। काहेकि निनेवा क मनई योना क उपदेस स मनफिराव करे रहेन अउर हियाँ तउ कउनो योना स बड़वार हाजिर अहइँ।
42 निआव क दिन दक्खिन क रानी इ पीढ़ी क मनइयन क संग खड़ी होई अउर ओनका दोखी ठहराई, काहेकि उ धरती क दूसर छोर स सुलैमान क उपदेस सुनइ बरे आइ रही अउर हियाँ तउ कउनउ सुलैमान स भी बड़वार हाजिर अहइ।
43 “जब कउनउ दुस्ट आतिमा कउनो मनई क छोड़ देत ह तउ उ आराम खोजइ बरे झुरान धरती प ढूँढ़त फिरत ह, मुला उ ओका मिल नाहीं पावत।
44 तब उ कहत ह, ‘जउन घरे क मइँ छोड़ दिहेउँ, मइँ फिन उहइँ लौटि हउँ।’ तउ उ लौटत ह अउर ओका अब ताईं खाली अउ साफ स्थर अउर सजा भवा पावत ह।
45 फिन उ लौटत ह अउ आपन संग सात अउ दुस्ट आतिमन क लइ आवत ह जउन ओसे भी बुरी होत हीं। फिन उ सबइ आइके हुवाँ रहइ लागत हीं। अउर उ मनई क हालत पहिले स जिआदा खौफनाक होत ह। आज क इ खराब पीढ़ी क मनइयन क दसा अइसी बाटइ।”
46 ईसू अबहिं भिड़िया क मनइयन स बातन कर रहा कि ओकर महतारी अउर भाइयन हुवाँ अइके बाहेर खड़ा होइ गएन। उ पचे ईसू स बात करइ बरे इंतजार करत रहेन।
47 कउनो ईसू स कहेस, “सुना तोहार महतारी अउर तोहार भाइयन खड़ा बाटेन अउर तोसे बात करइ चाहत हीं।”
48 जवाबे मँ ईसू बात करइवालन स कहेस, “कउन अहइ मोर महतारी, अउ कउन अहइ मोर भाइयन?”
49 फिन आपन हथवा स चेलन कइँती सनकावत कहेस, “इ अहइँ मोर महतारी अउर मोर भाइयन।
50 हाँ सरगे मँ रहवइया मोरे परमपिता क इच्छा प जउन कउनो चलत ह, उहइ मोर भाई, बहिन अउर महतारी अहइ।”
Matthew 13
1 उहइ दिन ईसू उ घरवा क छोड़िके झिलिया क किनारे उपदेस देइ जाइ बइठा।
2 बहोत मिला ओकरे चारिउँ कइँती ऍकट्ठा होइ गएन। तउ एक दिन उ नाउ प चढ़िके बइठि गवा। अउ भीड़ किनारे खड़ी रही।
3 उ ओनका दिस्टान्त क सहारा लेत भवा बहोत सी बात बताएस।उ कहेस, “एक किसान बिआ बोअइ निकरा।
4 उ जब बोआई करत रहा तउ कछू बिआ राहे क किनारे जाइ गिरेन। चिड़ियन आइन अउर चुन गइन।
5 तनिक बिआ चट्टान क धरती प जाइ गिरेन। हुआँ क माटी उथली रही। बिआ फउरन उगेन, काहेकि माटी गहिर नाहीं रही।
6 यह बरे जइसे सूरज निकरा तउ उ पउधन झुराइ गएन। अउर काहेकि उ सबइ जिआदा जर पकड़े नाहीं रहेन एह बरे झुराइके गिर गएन।
7 बिआ क एक हींसा कँटहरी झाड़िन मँ जाइ गिरा, झाड़िन बाढ़िन, अउर उ सबइ उ पउधन क दहबोच लिहेन।
8 मुला थोड़ा बिआ जउन बढ़िया धरती प गिरा रहेन, बढ़िया फसल देइ लागेन। फसल, जेतना बोइ ग रही, ओसे कउनो तीस गुनी, साठ गुनी, या सौ गुनी स भी जिआदा भई।
9 जउन सुन सकत ह, उ सुनि लेई!’
10 फिन ईसू क चेलन ओकॅरे लगे जाइके पूछेन, “तू ओनसे बात करत भए दिस्टान्त कथा क प्रयोग काहे करत ह”
11 जवाबे मँ उ ओनसे कहेस, “सरगे क राज्य क भेद क जानइ क अधिकार सिरिफ तोहका दीन्ह ग अहइ, ओनका नाहीं।
12 काहेकि जेकरे लगे थोड़ा बहोत बाटइ, ओका अउर भी दीन्ह जाई अउर ओकरे लगे ढेर होइ जाई। मुला जेकरे लगे कछू भी नाहीं अहइ, ओहसे जेतना स ओकरे लगे बाटइ, उ भी छोर लीन्ह जाइ।
13 एह बरे मइँ ओनसे दिस्टान्त कथा क प्रयोग करत कहत हउँ। काहेकि अगर उ सबइ निहारत हीं मुला असल मँ ओनका कछू देखॉई नाहीं देत, उ पचे अगर सुनत हीं, मुला असल मँ उ सबइ न सुनत हीं, न समझत हीं।
14 इ तरह ओन प यसायाह की भविस्सबाणी खरी उतरत ही :‘तू सुनब्या अउर सुनतइ ही रह्ब्या मुला तोहरे कछू भी समुझ न आई तू लखत ह, बस देखतइ ही रह्ब्या मुला तोहका तउ कछू सूझ ना पाई,
15 काहेकि ओनके अकिल प पाथर पड़ा हइ सबइ आपन कान मूँद लिहेन, अउर आँखी बंद कई राखी अहइँ जेसे आपन आँखिन स उ सबइ कछू न निहारइँ अउर उ सबइ कनवा स कछू सुनि न पावइँ या आपन हिरदय स कबहुँ बूझइँ अउ मुड़िकइ कबहुँ मोरी कइँती आवइँ अउर जेसे मइँ ओनका उद्धार करउँ।’ यसायाह 6:9-10
16 मुला तोहार आँखी अउर कान धन्य अहइँ काहेकि उ सबइ देख सुन सकत हीं।
17 मइँ सच कहत हउँ बहोतन नबियन अउर धर्मी जउन बातन क देखइ चाहत रहेन, ओनका तू देखत अहा। उ पचे ओनका नाहीं देखि सकतेन। अउ जउन बातन क उ सबइ सुनइ चाहत रहेन, ओनका तू सुनत बाट्या। उ सबइ ओनका नाहीं सुन सकेन।
18 “तउ बिआ बोअइ क दिस्टान्त क अरथ सुन ल्या।
19 उ बिआ जउन राह क किनारे गिर गवा रहा, ओकर अरथ अहइ कि जबहिं कउनो सरगे क राज्य क उपदेस सुनावत ह अउर समझत नाहीं तउ दुस्ट आइके, ओकरे मनवा मँ जउन उगा रहा, उखाड़ लइ जात ह।
20 उ सबइ बिआ जउन पथरही धरती प छितराइ ग रहेन, ओकर अरथ अहइ उ मनई जउन उपदेस सुनत ह, ओका खुसी होइके फउरन अपनावत ह
21 मुला आपन भीतर ओनकइ जड़ नाहीं जमइ देत, उ तनिक देर ठहर पावत ह, जब उपदेस क कारण ओह प कस्ट अउर यातना आवत हीं तउ उ फउरन डगमगाइ जात ह।
22 कँटवन मँ छितराइ गवा बिआ क मतलब अहइ, उ मनई जउन उपदेस क तउ सुनत ह, मुला संसार क फिकिर अउर, धन क लालच उपदेस क दहबोच लेत ह अउर उ मनई सफल नाहीं होइ पावत।
23 नीक धरती प छितरान बिआ क अरथ अहइ उ मनई जउन उपदेस क सुनत ह अउर समझत ह। उ सफल होत ह। ओकर सफलता तीस गुनी, साठ गुनी या सौ गुनी तक होत ह।”गोहूँ अउर खरपतवारे क दिस्टान्त
24 ईसू ओनके समन्वा एकठू अउर दिस्टान्त कथा राखेस, “सरगे क राज्य उ मनई क नाईं अहइ जउन आपन खेतवा मँ नीक बिआ बोएस।
25 मुला जब मनइयन सोवत रहेन, उ मनई क दुस्मन आवा अउर गोहूँ क बीचउबीच खरपतवार बोइ गवा।
26 जइसे गोहूँ अँखुवान अउर ओह प बालन आइन तउ खरपतवार देखाइ लाग।
27 तइसेन खेते क मालिक क लगे आइके ओकर नउकरन ओसे कहेन, ‘मालिक, तू तउ खेतवा मँ बढ़िया बिआ बोए रहा, बोए रह्या न? फिन ई खरपतवार कहाँ ते आइ गवा?’
28 “तब उ ओनसे कहेस, ‘इ कउनो दुस्मने क काम अहइ।’ “ओकर नउकरन ओसे पूछेन, ‘का तू चाहत ह कि हम सबइ जाइके खरपतवार उखाड़ देइ?’
29 “उ बोला, ‘नाहीं काहेकि जब तू खरपतवार उखड़ब्या तउ ओनके संग तू गोहूँ भी उखाड़ देब्या।
30 जब ताईं फसल पाकइ, दुइनउँ क साथ साथ बाढ़इ द्या, फिन कटनी क समइ फसल क कटइयान स कहब कि पहिले खरपतबारे क गट्ठर बनाइके ओनका जराइ द्या अउर गोहूँ बटोरिके मोरे खरिहाने मँ धइ द्या।”‘
31 ईसू ओनके समन्वा अउर दिस्टान्त कथन्क राखेस: “सरग क राज्य राई क बिआ क छोटवार बिआ क नाईं अहइ, जेका कउनो लइके खेते मँ बोई दिहे होय।
32 ई बिआ नान्ह स नान्ह होत ह मुला बड़वार होए प इ बगिया क सबइ पउधन स बड़वार होइ जात ह। इ पेड़ बनत ह अउर अकासे क पंछी आइके ऍकर डारन प सरन लेत हीं।”
33 ईसू ओनका एक दिस्टान्त कथा अउ कहेस, “सरगे क राज्य खमीर क नाई अहइ, जेका जउनो स्त्री तीन अढ़इया आटा मँ मिलाएस अउर तब ताई ओका राखि दिहेस जब तलक उ सबइ क सबइ खमीर नाहीं भवा।”
34 ईसू लोगन्स सब कछू दिस्टान्त कथन स बताएस। असिल मँ उ ओनसे दिस्टान्त कथा क बिना कछू नाहीं कहत रहा।
35 अइसा एह बरे भवा कि परमेस्सर नबी स जउन कछू कहवाए रहा पूरा होइ जाइ: परमेस्सर कहेस, “मइँ दिस्टांत कथन स आपन मुँहना खोलिहउँ। सृस्टि क सुरू स जउन बात छुपी रहिन, ओनका परगट करब।’ भजन संहिता 78:2
36 फिन ईसू उ भीड़ क बिदा कइके घर आइ गवा। तब्बइ ओकर चेलन आइके ओसे कहेन, “खेते क खरपतवार क दिस्टान्त क अरथ हमका समझाइ द्या।”
37 जवाबे मँ ईसू बोला, “जउन उत्तिम बिआ बोए रहा, उ अहइ मनई क पूत।
38 अउर खेत इ संसार अहइ। नीक बिआ क अरथ अहइ, सरगे क राज्य क मनई। खरपतवार क अरथ अहइ, दुस्ट (सइतान) क संतान।
39 उ दुस्मन जउन खरपतवारे क बोएस, सइतान अहइ, अउर कटनी क समइ अहइ, इ संसार क अंत अउर कटइया अहइँ परमेस्सर क दूतन।
40 “तउ ठीक उहइ जइसे खरपतवारे क ऍकट्ठा कइके आगी मँ जराइ दीन्ह ग, वइसे ही संसार क अंत होई।
41 मनई क पूत आपन दूतन क पठइ अउर उ सबइ ओनके राज्य स सबइ पापिन क अउ ओनक जउन पाप बरे मनइयन क भड़कावत हीं,
42 ऍकट्ठा कइके धधकत भट्ठी मँ झोक देइहीं जहाँ बस दाँतन क पीसब अउर रोउब ही रोउब होई।
43 तब धर्मी आपन परमपिता क राज्य मँ सूरज क नाई चमकिहीं। जउन सुनि सकत ह, सुनि लेइ।
44 “सरग क राज्य खेत मँ गड़ा भवा खजाना क नाईं अहइ, जेका कउनो मनई पाएस अउर फिन ओका हुवँई गाड़ दिहेस। उ ऍतना खुस भवा कि ओकरे लगे जउन कछू रहा उ ओका बेंच दिहस अउर उ खेत बेसहि लिहस।
45 “सरग क राज्य एक अइसे बेवपारी क नाईं अहइ कि जउन बढ़िया मोती क खोज मँ होइ।
46 जइसेन ओका एक अनमोल मोती मिला तउ जाइके जउन कछू ओकरे पास रहा, उ बेंच डाएस अउर मोती वेसहि लिहस।
47 “सरगे क राज्य मछरी पकड़इ बरे झीले मँ फेंक गवा जाल क नाईं भी अहइ। जेहमाँ किसिम किसिम क मछरी पकड़ लीन्ह गइन।
48 जब उ जाले मँ मछरी मुचामुच भरि गइन तउ किनारे ओका हींच लीन्ह गवा अउर हुवाँ बैठिके नीक मछरी छाँटिके टोकरिन मँ भरि लीन्ह गइन मुला बेकार मछरी फेंकि दीन्ह गइन।
49 सृस्टि क अंत मँ अइसे ही होई। सरगदूतन अइहीं अउर धर्मियन मँ स दुस्ट मनइयन क छाँटिके
50 धधकत भट्ठी मँ झोकि देइहीं। हुवाँ बस रोउब अउर दाँत पीसब होई।”
51 ईसू आपन चेलन स पूछेस, “का तू सबइ इ बातन क समझत ह” उ पचे जबाव दिहन, “हाँ।”
52 फिन उ ओनसे कहेस, “देखा, एह बरे हर धरम सास्तरी जउन सरग क राज्य क जानत ह, एक अइसे ग्रिहस्त क नाई अहइ, जउन आपन बखरी स नई पुरानी चीजन्क बाहेर निकारत ह।”
53 इ सबन दिस्टान्त कथा क पूरा कइके उ हुवाँ स चला गवा।
54 अउर आपन देस आइ गवा। फिन उ आराधनालय मँ उपदेस देब सुरू करेस। ऍसे हर कउनो अचरजे मँ पड़िके कहइ लाग, “ऍका अइसी सूझबूझ अउर अद्भुत कारजन क सक्ती कहाँ त मिल गइ?
55 का इ उहई बढ़ई क बेटवा नाहीं अहइ? का ऍकर महतारी क नाउँ मरियम नाहीं अहइ? याकूब, यूसुफ, समौन अउर यहूदा इहई क भाई अहइँ न?
56 ऍकर सबहिं बहिनियन हमरे बीच मँ नाहीं अहइँ? तउ फिन ओका इ सब कहाँ त मिली गवा?”
57 तउ उ सबइ ओका मानेन नाहीं। फिन ईसू कहेस, “कउनो नबी इ आपन गाँव अउर घरवा क छाँड़िके, सब मनइयन इज्जत करत हीं।”
58 तउ ओनके बिसवास न होइके कारण उ हुवाँ जिआदा अद्भुत कारजन नाहीं किहेस।
Matthew 14
1 उ समइ गलील क राजा हेरोदेस जब ईसू क बारे मँ सुनेस
2 तउ उ आपन नउकरन स कहेस, “इ बपतिस्मा देइवाला यूहन्ना अहइ जउन मरि गएन मँ जी गवा बाटइ। अउर इहइ बरे इ सक्तिन ओहमाँ करत बाटिन जेसे इ इन अद्भुत कारजन क करि डावत ह।”
3 इ उहइ हेरोदेस रहा जउन यूहन्ना क गिरपतार कइके, जंजीरे स बाँधि, जेल मँ धाँध दिहस। इ उ हिरोदियास क कहे प किहेस, जउन पहिले ओकरे भाई फिलिप्पुस क पत्नी रही।
4 यूहन्ना ओसे अक्सर कहत रहत रहा: “तोहका ऍकरे साथ नाहीं रहइ चाही।”
5 ऍह प हेरोदेस ओका मार डावइ चाहत रहा, मुला उ मनइयन स डेरात रहा काहेकि मनई यूहन्ना क नबी मानत रहेन।
6 मुला जब हेरोदेस क जन्म दिन आवा तउ हिरोदियास क बिटिया हेरोदेस अउर ओकर मेहमनवन क समन्वा नाचिके हेरोदेस क ऍतना खुस किहेस कि सपथ खाइके ओका देइ बरे बचन दिहेस कि उ जउन कछू चाही।
7
8 आपन महतारी क उस्कावे मँ आइके उ कहेस, “मोका टाठी मँ धइके बपतिस्मा देइवाला यूहन्ना क मूँड़ द्या।”
9 तउ भी राजा बहोत दुखी रहा मुला आपन सपथ अउर आपन मेहमानन क कारण उ ओकर मंसा पूरी होइके हुकुम दिहेस।
10 उ जेल मँ यूहन्ना क मूँड़ काटइ बरे मनई पठएस।
11 तउ यूहन्ना क मूँड़ टाठी मँ धइके लइ आवा गवा अउर लरकी क दइ दीन्ह गवा। उ ओका आपन महतारी क लगे लइ गइ।
12 यूहन्ना क चेलन आएन अउर ओकरे धड़े क गाड़ दिहन अउर फिन उ पचे आइके ईसू क बताइ दिहन।
13 जब ईसू ऍकरे बारे मँ सुनेस तउ उ हुवाँ स नाउ मँ बइठिके निर्जन जगहिया मँ अकेॅल्ले चला गवा। मुला जब भीड़ क ऍकरे बारे मँ मालूम भवा तउ आपन सहरन स पइयाँ पइयाँ ओकरे पाछे होइ गएन।
14 ईसू जब नाउ स निकरि के किनारे आवा तउ उ बड़ी भीड़ देखेस। ओका ओन प दाया आइ अउर ओनके बेरमियन क नीक किहेस।
15 जब साँझ भई तउ ओकर चेलन ओकरे लगे आइके कहेन, “इ निर्जन जगह अहइ अउर बहोत देर होइ गइ अहइ, तउ भीड़ क बिदा कइ द्या, जेसे उ सबइ गाउँ मँ जाइके आपन बरे खइया बेसहि लेइँ।”
16 मुला ईसू ओनसे कहेस, “ऍनका कहूँ जाइ क जरूरत नाहीं बा। तू एनका कछू खाइके दइ द्या।”
17 उ पचे ओसे कहेन, “हमरे लगे पाँच ठु रोटी अउर दुइ मछरिन क छोड़िके अउर कछू नाहीं अहइ।”
18 ईसू कहेस, “ओका मोरे लगे लइ आवा।”
19 उ भिड़िया क मनइयन स कहेस कि उ पचे घास प बइठि जाइँ। फिन उ पाँच ठु रोटी अउर दुइ मछरिन क लइके सरग कइँती देखेस अउर भोजन बरे परमेस्सर क धन्यबाद दिहेस। फिन रोटी क टुकड़न मँ तोड़ेस अउर ओनका आपन चेलन क दिहेस। उ चेलन टुकड़न क मनइयन मँ बाँटेन।
20 सबइ जिअरा भरि के जेंएन। ओकरे बाद खियाए स बचा भवा टुकड़न स चेलन बारह झउआ भरि दिहेन।
21 स्त्रियन अउर गदेलन क तजिके हुवाँ खवइया कउनो पाँच हजार रहेन।
22 ऍकरे तुरंतइ पाछे ईसू आपन चेलन क नाउ प बइठाएस अउर जब ताईं उ भिड़िया क बिदा करइ, ओसे पहिले आपन चेलन स गलील झील क उ पार जाइ क कहेस जइसे उ सबइ ईसू क जाइ स पहिले पहुँच जाईं।
23 उ भीड़ क बिदा कइके पराथना करइ अकेॅल्ले पहाड़ी प चला गवा। साँझ होइ प उ हुवाँ अकेला रहा।
24 तब ताईं नाउ किनारे मीलन दूर तलक जाइ चुकी रही अउर लहरन क हिलोर स नाउ डोलय लाग काहेकि आँधी उल्टी चलत रही।
25 भिन्सारे तीन अउर छः बजे क बीच मँ ईसू झील प चलत ओनके लगे आवा।
26 ओकर चेलन जब ओका झीले प चलत देखेन तउ घबराइके आपुस मँ कहइ लागेन, “इ तउ कउनो भूत अहइ।” उ पचे डेराइ के चिचियाने।
27 ईसू फउरन ओनसे बात करत भवा कहेस, “हिम्मत राखा! इ मइँ हउँ, अब अउ जिन डेराअ!”
28 पतरस जबाव देत ओसे कहेस, “पर्भू, अगर तू अहा, तउ मोका पानी प चलिके आपन लगे आवइ क कहा।”
29 ईसू कहेस, “पतरस, चला आवा।”पतरस नाउ स निकरिके पानी प इसू कइँती चल पड़ा।
30 जबहिं उ जोर क आँधी देखेस उ घबराइ गवा। उ बूड़ई लाग अउर नरियान, “पर्भू, मोर रच्छा करा!”
31 ईसू तुरंतहि ओकरे नगिचे पहुँचिके ओका थाम लिहेस अउर ओसे कहेस, “अरे, कम बिसवास करइया, तू संदेह काहे किहा?”
32 अउर उ सबइ नाउ प चढ़ि आएन। आँधी पटाइ गइ।
33 नाउ क मनइयन ईसू का आराधना किहेन अउर कहेन, “तू सच परमेस्सर क पूत अहा।”
34 तउ झील पार कइके उ सबइ गन्नेसरत क किनारे उतरि आएन।
35 जब हुवाँ क रहइवाला ईसू क पहिचानेन तउ उ पचे ओकरे अवाई क खबर आसपास क सबहिं ठउरन मँ पठइ दिहन। जेसे मनई जउन बेरमिया रहेन, उ सबन क हुवाँ लइ आएन।
36 अउर ओसे पराथना करइ लागेन उ ओनका आपन ओढ़ना क छोर छुअइ दे। अउर जउन छुइ लिहेन, उ सबइ पूरंपूर चंगा होइ गएन।
Matthew 15
1 फिन कछू फरीसियन अउर धरमसास्तिरियन यरूसलेम स ईसू क लगे आएन अउर ओसे पूछेन,
2 “तोहार चेलन हमरे पूर्वजन क रीति रिवाज क काहे नाहीं मनतेन? उ पचे खइया खाइ स पहिले आपन हथवन क काहे नाहीं धोउतेन!”
3 जबावे मँ ईसू ओनसे पूछेस, “आपन रीति रिवाजन क कारण तू परमेस्सर क हुकुम क काहे टारत ह
4 काहेकि परमेस्सर तउ कहेस, ‘तू आपन महतारी बाप क इज्जत करा’अउर जउन कउनो, ‘महतारी बाप क बेज्जत करइ, ओका जरूर मार डावइ चाही।’
5 मुला तू कहत ह कि अगर कउनो आपन महतारी बाप स कहइ, ‘मइँ आपन सब कछू परमेस्सर क अर्पन कइ दिहे हउँ, एह बरे तोहार मदद नाहीं कइ सकत हउँ।’
6 इ तरह ओका आपन बाप क मानइ क जरूरत नाहीं। एह तरह तू आपन रीति रिवाजे क कारण परमेस्सर क हुकुम क नाहीं मान्या।
7 अरे कपटी मनइयो! तोहरे बारे मँ यसायाह ठीक ही भविस्सबाणी किहेस। उ कहे रहा:
8 ‘इ सबइ सिरिफ ओंठन स कि हमार मान करत हीं, मुला रहत ऍनकइ मन मोसे सदा दूर
9 अर्पन भइ आराधना मोका ऍनकी बगैर कामे की काहेकि सिखउतेन इ सबइ मनइयन क कहिके आपन धरम क उपदेस बनवा नेम मनई क।”‘ यसायाह 29:13
10 उ भिड़िया क आपन नगिचे बोलाऍस अउर ओनसे कहेस, “सुना अउर समझ ल्या कि
11 मनई क मुँहे स जउन भीतर जात ह उ ओका अपवित्तर नाहीं करत, मुला ओकरे मुँहना स निकरा सब्द ओका अपवित्तर करत ह।”
12 तब ईसू क चेलन ओकरे निअरे आएन अउर बोलेन, “का तोहका पता बाटई कि तोहरे बात क फरीसियन बहोत बुरा मान गएन?”
13 ईसू जबाव दिहेस, “हर पउधा जेका सरगे मँ बसा मोर परमपिता नाहीं लगाएन, ओका उजाड़ दीन्ह जाई।
14 ओनका तजि द्या, उ सबइ तउ आँधरन क नेता अहइँ। जदि एक आँधर दुसरे आँधर क राह देखावत ह, तउ उ दुइनउँ गड़हा मँ गिरि जात हीं।”
15 जबावे मँ पतरस ओसे कहेस, “हम पचन क पवित्तर न होइ क बारे मँ पहिले दीन्ह मँ दिस्टान्त क समझावा।”
16 ईसू कहेस, “का तू अबहूँ नाहीं समझाया?
17 का तू नाहीं जानत अहा कि जउन कछू कउनो क मुँहे मँ जात ह, उ ओकरे पेटे मँ पहुँचत ह अउर फिन टट्टी स निकर जात ह
18 मुला जउन मनई क मुँहे स बाहेर आवत ह, उ ओकरे मने स निकरत ह। इहइ ओका अपवित्तर करत ह।
19 काहेकि बुरा बिचार, कतल, व्यभिचार, बुरी चाल, चोरी, झूठ अउर निन्दा सबइ बुराई मनवा स ही आवत हीं।
20 इहइ अहइँ जेसे कउनो अपवित्तर बनत ह। वे हाथ धोए खाइ स कउनो अपवित्तर नाहीं होत।”
21 फिन ईसू उ ठउर क तजिके सूर अउ सैदा कइँती चला गवा।
22 हुवाँ क एक कनानी स्त्री आइ अउर चिचियाइ लाग, “हे पर्भू, दाऊद क पूत मोहे प दाया करा। मोरी बिटिया प दुस्ट आतिमा बुरी तरह स सवार अहइ।”
23 ईसू ओसे एक सब्द भी नाहीं कहेस, तउ ओकर चेलन ओकरे लगे आएन अउर बिनती करइ लागेन, “इ हमरे पाछे चिचिआत भई आवति अहइ। ऍका दूर हटावा।”
24 ईसू जवाब दिहेस, “मोका सिरिफ इस्राएल क लोगन क भटक गई भेड़न क बजाय कउनो अउर बरे नाहीं पठवा ग अहइ।”
25 तब उ स्त्री ईसू क समन्वा निहुरिके बिनती करेस, “हे पर्भू, मोर सहायता करा!”
26 जवाबे मँ ईसू कहेस, “इ ठीक नाहीं कि गदेलन क खइया लइके ओका कुकुरन क अगवा नाईं दीन्ह जाइ।”
27 उ बोली, “इ ठीक बाटइ पर्भू, मुला आपन मालिक क मेजे स गिरि गवा चूर चरावा मँ स थोड़ बहोत तउ घरे क कुकुर खाइ लेत ही।”
28 तब ईसू कहेस, “बिटिया, तोहार बिसवास बहोत मजबूत क अहइ। जउन तू चाहत ह, पूर होइ जाइ।” अउ फउरन ओकर बिटिया चंगा होइ गइ।
29 फिन ईसू हुवाँ स चल पड़ा अउर गलील झीले क किनारे पहुँच गवा। उ एक पहाड़े प चढ़िके बइठ गवा।
30 बहोत बड़ी भीड़ लँगड़ा, लूला, आँधर, अपाहिज, बहिरा, गूँगा अउर अइसे दूसर बेरमिया क लइके ओकरे लगे आवइ लागेन। भिड़िया ओकरे गोड़वा प भुइयाँ प डाइ दिहेस अउ ईसू ओन पचेन क चंगा किहेस।
31 ऍहसे भीड़ क मनइयन क, इ लखिके बहिर, गूँगा बोलत अहइँ, अपाहिज नीक होइ गएन, लँगड़ा लूला चलइ फिरइ लागेन अउ आँधर अब देख पावत हीं, बड़ा अचरज भवा। उ सबइ इस्राएल क परमेस्सर क सराहना करइ लागन।
32 ईसू तब आपन चेलन क आपन नगिचे बोलाएस अउ कहेस, “मोका इ भीड़े पर तरस आवत अहइ काहेकि इ मनइयन तीन दिना स बराबर मोर संग अहइँ अउर ऍनके लगे कछू खइया के भी नाहीं बाटइ। मइँ ऍनका भूखा ही नाहीं पठवइ चाहत हउँ काहेकि होइ सकत ह कि कहूँ उ पचे रस्ता मँ चक्कर खाइके गिरि जाइँ।”
33 तबहि ओकर चेलन कहेन, “ऍतनी बड़वार भीड़ बरे अइसी दूर कर ठउर मँ ऍतना ढेर खइया क कहाँ स मिली?”
34 तब ईसू ओनसे पूछेस, “तोहरे लगे केतॅनी रोटी अहइँ?”उ सबइ कहेन, “सात रोटी अउर कछू नान्ह नान्ह मछरिन।”
35 ईसू भिड़िया स भुइयाँ प बइठइ क कहेस।
36 अउर ओन सात रोटी अउर मछरियन क लइके उ परमेस्सर क धन्यबाद दिहेस। अउ रोटिनक तोड़ेस अउर आपन चेलन क देइ लाग। फिन ओकर चेलन लोगन क बाँटि दिहेन।
37 सब लोग तब तलक खात रहेन जब अघाइ नाहीं गएन। फिन ओकर चेलन बचा भवा टुकड़न स सात झउआ भरेन।
38 स्त्रियन अउर बचवन क छाँड़िके हुवाँ चार हजार पुरुसन खइया क खाएन।
39 भीड़े क बिदा कइके ईसू नाउ मँ आवा अउर मगदन क छेत्र मँ चला गवा।
Matthew 16
1 फिन फरीसियन अउर सदूकियन ईसू क लगे आएन। उ पचे ओका परखा चाहत रहेन तउ उ सबइ ओका कउनो अद्भुत कारज करइ क कहेन, काहेकि मालूम होइ जाइ कि उ परमेस्सर क बाटइ।
2 ईसू जवाब दिहेस, “सूरज बूड़इ क समइ तू पचे कहत ह मौसम बढ़िया रही कहेकि अकास ललछउँड़ अहइ।
3 अउर सूरज निकरे प तू कहत ह, ‘आज अँधड़ आई काहेकि अकास धूँधुर अउ ललछउँड़ अहइ।’ त अकासे क लच्छन पढ़इ जानत ह, मुला आपन समइ क लच्छन क नाहीं पढ़ सकत्या।
4 अरे दुस्ट अउर पापी पीढ़ी क मनई कउनो अद्भुत चीन्हा देखइ चाहत हीं मुला ओनके बजाय योना क अद्भुत चीन्हा क कउनो अउ दूसर अद्भुत चीन्हा नाहीं देखाइ जाई।” फिन उ ओनका तजि क चला गवा।
5 ईसू अउर ओनकइ चेलन झीले क पार चला गएन पर उ पचे रोटिया लइ आउब बिसरि गएन।
6 ऍह पइ ईसू ओनसे कहेस, “चउकन्ना रह्या अउर फरीसियन अउ सदूकियन क खमीरे स बचि रह्या।”
7 उ पचे आपुस मँ तजबीजइ लागेन अउर बोलने, “इ होई कि उ यह बदे कहेस कि हम पचे कउनो रोटी संग नाहीं लइ आएन।”
8 उ पचे का बिचारत रहेन, ईसू इ जानत रहा, तउ उ बोला, “अरे कमती बिसवास क मनइयो! तू सबइ आपुस मँ काहे सोचत बिचारत अहा कि तोहरे लगे रोटी नाहीं।
9 का तू पचे अबहुँ नाहीं समुझ पाया अउर तोहका याद नाहीं अहइ कि पाँच हजार मनइयन बरे उ पाँच रोटी अउर फिन केतना झउआ भरिके तू सबइ उठाया ह
10 अउर का तोहका याद नाहीं चार हजार मनइयन बरे सात रोटी अउर फिन केतना झउआ भरि के तू पचे उठाए रह्या?
11 काहे नाहीं समझत्या कि मइँ तोहसे रोटियन क बारे मँ बात नाहीं कहेउँ? मइँ तउ तोहका फरीसियन अउर सदूकियन क खमीरेस दूर रहइ को कह्यो ह।”
12 तबहि उ पचे समुझ गएन कि रोटिया क खमीरे स नाहीं अरथ रहा मुला फरीसियन अउर सदूकियन क सिच्छा स चौकस रहइ क अरथ रहा।
13 जबहि ईसू कैसरिया फिलिप्पी क पहँटा मँ आइ तउ उ आपन चेलन स पूछेस, “मनइयन का कहत बाटेन, कि मइँ मनई क पूत कउन हउँ?”
14 उ पचइ कहेन, “कछू मनइयन कहत हीं तू यूहन्ना अहा बपतिस्मा देइवाला। दूसर मनइयन कहत हीं कि तू एलिय्याहअहा अउ कछू मिला कहत हीं कि तू यिर्मय्याहया नबियन मँ स कउनो एक अहा।”
15 ईसू आपन चेलन स कहेस, “अउर तू का कहत ह कि मइँ कउह हउँ?”
16 समौन पतरस जबाव दिहस, “तू मसीह अहा, साच्छात परमेस्सर क पूत।”
17 जवाबे मँ ईसू ओसे कहेन, ‘योना क पूत समौन। तू धन्य अहा काहेकि तोहका इ बात कउनो मनई नाहीं, मुला सरगे मँ बसा भवा मोर परमपिता देखाएस ह।
18 मइँ तोहसे कहत हउँ कि तू परतस अहा। अउर इहइ चट्टाने प मइँ आपन कलीसिया बनउव। मउत क सक्तीओह प परबल नाहीं होइ।
19 मइँ तोहका सरगे क राज्य क कुंजी देत हउँ। काहेकि भुइयाँ प जउन कछू तू बँधब्या उ परमेस्सर क जारिये सरग मँ बाँध दीन्ह जाइ अउर धरती पर जेका तू न बंधब्या ओका सरगे मँ भी न बांधा जाई।”
20 फिन उ आपन चेलन क करर्ा हुकुम दिहेस कि उ सबइ कउनो क इ न बतावइँ कि उ मसीह अहइ।
21 उ समइया ईसू आपन चेलन क बतावइ लाग कि, ओका यरूसलेम जाइ चाही। जहाँ ओका धरम सास्तिरियन, बुजुर्ग यहूदी नेतन अउर मुख्ययाजकन क जरिए यातनायें दइके मरवाइ दीन्ह जाई। फिन तीसर दिन उ मरा भवा मँ जी जाई।
22 तबहि पतरस ओका अलगइ लइ गवा अउर ओकर डांट-डपट करत ओसे कहेस, “ओ पर्भू! परमेस्सर तोह पइ दाया करी। तेरे संग अइसा कबहुँ न होई!”
23 फिन ईसू ओकरे कइँती मुड़ि गवा अउर बोला, “पतरस मोरे समन्वा स हटि जा, सइतान! तू मोरे बरे एक रोड़ा अहा। काहेकि तू परमेस्सर क नाईं नाहीं मनई क नाईं सोचत बिचारत ह।”
24 फिन ईसू आपन चेलन स कहेस, जदि कउनो मोरे पाछे आवा चाहत ह, तउ उ आपन क बिसराइ के, आपन क्रूस उठाइ लेइ अउर मोरे पाछे होइ जा।
25 जउन कउनो आपन जिन्नगी क बचावइ चाहत बा, उ ओका हेराइ देइ। मुला जउन कउनो मोरे बरे आपन जिन्नगी तजि देइ, उहइ ओका बचाइ सकत ह।
26 जदि कउनो आपन जिन्नगी दइके समूचा संसार भी पाइ जाइ तउ ओका ओसे कउन फायदा? आपन जिन्नगी क फिन स पावइ बरे कउनो भला का दइ सकत ह
27 मनई क पूत सरगदूतन क संग आपन परमपिता क महिमा क संग आवइवाला अहइ, जउन हर कउनो क ओकर करम क फल देई।
28 मइँ तोहसे सच कहत हउँ, हिआँ कछू अइसे लोग खड़ा अहइँ जउन तब तलक नाहीं मरिहीं जब तलक उ पचे मनई क पूत क ओकरे राज्य मँ आवत न निहारि लेइँ।”
Matthew 17
1 छः दिना पाछे ईसू, पतरस, याकूब अउर ओकर भाई यूहन्ना क संग लइके अकेॅल्ले मँ उँचके पहाड़े प गवा।
2 हुवाँ ओनके समन्वा ओकर रूप बदल गवा। ओकर मुँहना सूरज क नाई चमचमाइ लाग अउर ओढ़ना अइसे दमकइ लागेन जइसे रोसनी।
3 फिन एकाएक ओनके समन्वा मूसा अउर एलिय्याह परगट गएन अउर ईसू स बतियाइ लागेन।
4 इ लखिके पतरस ईसू स बोला, “पर्भू नीक बाटइ कि हम हियाँ अही। अगर तू चाहा तउ मइँ हियाँ तीन तम्बू बनाइ देई एक ठू तोहरे बरे, एक मूसा बरे अउर एक एलिय्याह क।”
5 पतरस अबहिं बात करत रहा कि चमचमात बादर आइके ओका ढाकि लिहेस अउर बदरे स अकासबाणी भइ, “इ मोर पिआरा पूत अहइ। जैसे मइँ खूब खुस हउँ। एकर सुना!”
6 जब चेलन इ सुनेन तउ उ सबइ ऍतना ससाइ गएन कि धरती प मुँहना उलटि के गिरि गएन।
7 तबहिं ईसू ओनके लगे गवा अउर ओनका छुअत भवा बोला, “डेराअ जिन, खड़ा ह्वा।”
8 जब उ पचे आँखी क ऊपर करेन तउ हुआँ कहूँ अउर का नाहीं बरन ईसू क पाएन।
9 जब उ सबइ पहाड़े स उतरत रहेन तउ ईसू ओनका हुकुम दिहेस, “जउन कछू तू देख्या ह, तब ताईं कउनो क जिन बतावा जब ताईं मनई क पूत क मरा भवा मँ स फिन जी न जाइ।”
10 फिन ओकर चेलन ओसे पूछेन, “धरम सास्तिरियन फिन काहे कहत हीं कि एलिय्याह क पहिले तू आउब तय अहइ?”
11 जवाब देत भवा ईसू ओनसे कहेस, “एलिय्याह आवत अहइ, उ हर चीज क तरकीबे स ठीक कइ देइ।
12 मुला मइँ तोहसे कहत हउँ कि एलिय्याह जउन अब तलक आइ चुका अहइ। मुला मनइयन ओका पहिचानेन नाहीं। अउर ओकरे संग जइसा चाहेन वइसा किहेन। ओनके जरिए मनई क पूत क भी वइसे ही सतावइ जाइवाला अहइ।”
13 तबहिं ओकर चेलन समुझ पाएन कि उ ओनसे बपतिस्मा क देवइया यूहन्ना क बारे मँ कहे रहा।
14 जब ईसू भीड़ मँ वापस आइ गवा तउ एक मनई ओकरे पास आवा। अउर ओका दंडवत कइके
15 बोला, “हे पर्भू, मोरे बेटवा प दाया करा। ओका मिर्गी आवत ह। उ बहोत तड़फड़ात ह। उ आगी या पानी मँ अक्सर गिरि पड़त ह।
16 मइँ ओका तोहरे चेलन क लगे लइ आवा, मुला उ सबइ ओका चंगा नाहीं कइ पाएन।”
17 जवाबे मँ ईसू कहेस, “अरे भटका भवा अबिसवासी मनइयन! मइँ केतॅना समइ तोहरे संग अउर रहब? केतॅना समइ मइँ अइसे ही तोहार सहब जात रहब? ओका हियाँ मोरे लगे लिआवा।”
18 फिन ईसू दुस्ट आतिमा क हुकुम दिहेस अउर उ ओहमा स बाहेर निकर आइ अउ उ लरिका फउरन नीक होई गवा।
19 फिन ओकर चेलन अकेॅल्ले मँ ईसू क लगे जाइ क पूछेन, “हम इ दुस्ट आतिमा क काहे नाहीं निकार पाए?”
20 ईसू ओनका बताएस, “काहेकि तोहमाँ बिसवास क कमी अहइ। मइँ तोहसे सच कहत हउँ, जदि तोहमाँ सरसों क बिया जेतॅना बिसवास अहइ तउ तू इ पर्वत स कहि सकत ह, ‘हियाँ स हटि के हुवाँ चल जा’ अउर उ चला जाई। तोहरे बरे असंभव कछू भी नाहीं होई।”
21 अइसी दुस्ट आतिमा सिरिफ पराथना अउ उपवास करइ स निकरत ह।’
22 जब ईसू क चेलन आएन अउर गलील मँ ओकरे साथ मिलेन तउ ईसू ओनसे कहेस, “मनई क पूत, मनइयन क जरिये पकड़वाइ जाइवाला अहइ,
23 अउर उ ओका मार डइहीं। मुला तीसरे दिना उ फिन जी जाई।” ऍह प ईसू क चेलन बहोत बिआकुल होइ गएन।
24 जब ईसू अउर ओकर चेलन कफरनहूम मँ आएन तउ मन्दिर क दुइ दरम क चुंगी उगहिया वालेन पतरस क लगे आएन अउर बोलेन, “का तोहार गुरु दुइ दरम क मन्दिर क चुंगी नाहीं देत?”
25 पतरस जबाव दिहस, “हाँ, उ देत ह।” अउर उ घरवा मँ आवा जहाँ ईसू रहा। पतरस क बोलइ स पहिले ईसू बोल उठा, “समौन, तोहार का बिचार अहइ? धरती क राजा केहसे चुंगी लेत हीं? खुद अपने बचवन स, या दूसर क बचवन स?”
26 पतरस जबाव दिहस, “बाहिर क मनइयन स।” तबहिं ईसू ओसे कहेस, “यानी ओकरे आपन बचवन क छूट मिलत ह।
27 मुला हम पचे ओन मनइयन क कोहाय न देइ। एह बरे झिलिया प जा अउर आपन कटिया फेंक द्या अउर फिन जउन मछरी धरे मँ आइ जाइ ओकर मुँहना खोल द्या। तोहका चारि दरम क सिक्का मिली। ओका लइके मोरे अउ आपन बरे ओनका दइ दिहा।”
Matthew 18
1 तब ईसू क चेलन ओकरे लगे आइके पूछेन, “सरगे क राज्य मँ सबते बड़कवा कउन अहइ?”
2 उहइ घड़ी ईसू एक ठु गदेला क अपने लगे बोलॉएस अउर ओका ओकरे समन्वा खड़ा कइके
3 उ कहेस, “मइँ तोहसे सच कहत हउँ जब ताईं कि तू सबइ मनवा क फिरउब्या नाहीं अउर गदेलन क नाईं नाहीं बनि जाब्या, सरगे क राज्य मँ घुसि न सकब्या।
4 एह बरे आपन खुद क जउन कउनो इ बचवा क नाईं आपन क नवावत ह, सरगे क राज्य मँ उहइ सबते बड़कवा अहइ।”
5 “अउर जउन कउनो अइसे गदेलन जइसे मनई क मोरे नाउँ मँ मान लेत ह उ मोका मान लेत ह।
6 मुला जउन मोह मँ बिसवास करइया मोरे कउनो अइसे गदेला क रस्ते क रोड़ा बनि जात ह, नीक होइ कि ओकरे गटइया मँ एक ठु जाँत क पाट लटकाइके गहिरे समुद्दर मँ बोर दीन्ह जाइ।
7 संसार क मनइयन बरे ठोकर क कारण मोका दुःख बाटइ मुला ठोकर तउ सदा आवत रइहीं। किंतु दुख तउ ओहॅ प अहइ जोकरे जरिये आइ जात हीं।
8 एह बरे तोहार हाथ या गोड़ तोहरे बरे मुसीबत बन जाइँ तउ ओका काटि के फेंक द्या काहेकि सरगे मँ बगैर हाथ या बे गोड़ क अनन्त जीवन मँ घुस जाइ पाउब तोहरे बरे जियादा नीक अहइ। ऍकरे बजाय कि दुइनउँ हाथ अउर गोड़वन क साथे तोहका नरके मँ न बुझइवाली आगी मँ नाइ दीन्ह जाइ।
9 जदि तोहार आँखी तोहरे बरे बियाध बन जाइ तउ तू ओका बाहेर निकारि क डाइ द्या, काहेकि सरगे मँ काना होइके अनन्त जीवन मँ घुसि पाउब तोहरे बरे जिआदा बढ़िया बा, बजाय ऍकर कि दुइनउँ आँखिन क संग तोहका नरके मँ डाइ दीन्ह जाइ।
10 “तउ देखा, मोर ऍन गदेलन मँ स कउनो क तुच्छ जिन समइया। मइँ तोहका बतावत हउँ कि सरगे मँ बसइ मोरे परमपिता क लगे ओकर रच्छा करइवालन सरगदूतन क पहुँच सदा रहत ह।
11 मनई क पूत भटक गवा मनइयन क उद्धार बरे आइ अहइ।
12 “बतावा तू का गूंथत मथत अहा? जदि कउनो क लगे सौ भेड़ होइँ अउर ओहमाँ स एक भटक जाइ तउ का दूसर निन्नान्बे क पहड़िया प तजिके उ एक ठु भटक गई भेड़ क ढूँढ़इ न जाई?
13 अउर ओका उ मिल जाई मइँ तोहसे सच सच कहत हउँ कि निन्नान्बे क बजाय जउन खोई नाहीं रहिन, ओका पाइके खूब खुस होई।
14 इ तरह सरगे मँ बसा तोहार परमपिता का नाहीं चाहत कि मोर इ अबोध चेलन मँ स कउनो एक भी भटकि जाइ।
15 “जदि तोहार भाई तोहरे संग कउनो बुरा बेवहार करइ तउ अकेल्ॅले मँ जाइके आपुस मँ ही ओकर दोख बताइ द्या। जदि उ तोहार सुनि लेइ तउ तू आपन भाई क फिन जीत लिहा।
16 मुला जदि उ तोहार न सुनइ तउ एक दुइ क आपन संग लइ जा काहेकि हर बाते क दुइ तीन साच्छी होइ जाइ।
17 जदि उ ओनकी भी न सुनइ तउ कलीसिया क बताइ द्या। अउर जदि उ कलीसिया क भी न मानइ तउ फिन तू ओसे अइसा बेवहार करा जइसे उ विधर्मी होइ जाइ या चुंगी क उगहिया।
18 “मइँ तोहसे सच बतावत हउँ जउन कछू तू धरती प बँधब्या सरग मँ पर्भू क जरिये बाँधि दीन्ह जाई अउर जउन कउनो क तू धरती प न बँधब्या, ओका सरगे मँ परमेस्सर क जरिये न बान्धा जाई।
19 “मइँ तोहसे इ भी बतावत हउँ कि इ धरती प जदि तोहमाँ स कउनो दुइ क बिचार मेल खात होइँ तउ एक होइ क सरगे मँ मोरे परमपिता स कछू माँगब्या तउ उ तोहरे बरे ओका पूरा करी
20 काहेकि जहाँ मोरे नाउँ प दुइ या तीन मोरे मनवइयन क रूप मँ एकट्ठा होत हीं, हुवाँ मइँ ओनके संग हउँ।”
21 फिन पतरस ईसू क लगे गवा अउर बोला, “पर्भू, मोका आपन भाई क केतॅनी दाईं आपन खिलाफ जुर्म करइ प छमा कइ देइ चाही? जदि उ सात दाई जुर्म करइ तउ भी?”
22 ईसू कहेस, “न सिरिफ सात दाईं, मुला मइँ तोहसे बतावत हउँ तोहका ओका सतहत्तरदाईं तलक छमा करत जाइ चाही।”
23 “सरगे राज्य क तुलना ओ राजा स कीन्ह जाइ सकत ह जउन आपन नउकरन स हिसाब अदा करइ क बिचारे रहा।
24 जब उ हिसाब लेब सुरु करेस तउ ओकरे समन्वा एक अइसे मनई क लइ आवा गवा जेहॅ प दसउ लाख रुपया निकरत रहा।
25 मुला ओकरे लगे चुकाइ देइ क कउनो उपाय नाहीं रहा। ओकर मालिक हुकुम दिहेस कि उ नउकर क, ओकर पत्नी, ओकर बाल बचवन अउर जउन कछू माल असबाब अहइ, सब समेट के बेचे स कर्ज अदा कइ दीन्ह जाइ।
26 “ऍह प ओकर नउकर ओकरे गोड़वा प गिरिके गिड़गिड़ाइ लाग, ‘धीरा धरा, मइँ सब कछू चुकाइ देइहउँ।”
27 तब जाइके मालिक क तरस आवा अउर ओकर कर्जा माफ कइ दिहस।
28 “फिन जब उ नउकर हुवाँ स जात रहा तउ ओका ओकर एक साथी नउकर मिला जेका सउ दिनारीदेइ क रहा। उ ओकर ढोंढ़ा पकड़िके गटइया क दबावत कहेस, ‘जउन तोहका मोर देइ क अहइ, लउटाइ द्या!’
29 “ऍह प ओकर साथी नउकर गोड़वा प गिरि गवा अउर बीसउ नह जोड़ेस, ‘धीरा धरा, मइँ तोहका दइ देब।’
30 “मुला उ मना कइ दिहस। ऍतना ही नाहीं उ ओका तब तलक बरे, जब तलक उ ओकर कर्ज अदा न कइ देइ, जेल मँ पठएस।
31 दूसर संगी नउकरन देखेन कि का भवा, उ सबइ बहोत दुखी भएन। जउन कछू भवा रहा, सब आपन मालिक क जाइके बताइ दिहन।
32 “तब ओकर मालिक ओका बोलाएस अउर कहेस, ‘अरे नीच नउकर, मइँ तोहार सारा कर्ज माफ कइ दिहउँ काहेकि तइ कहेस कि दाया क भीख द्या।
33 का तोहका आपन संगी नउकर प दाया नाहीं करइ चाही जइसे मइँ तोह प दाया किहउँ?’
34 तउ ओकर मालिक कोहाइ गवा अउर ओका तब ताईं सजा भुगतइ बरे सुपुर्द करेस जब ताईं समूचा कर्ज अदा न होइ जाइ।
35 “तउ जब तलक तू आपन भाई बंद क आपन मनवा स छमा नाहीं कइ दिहा मोर सरगे क परमपिता भी तोहरे साथ वइसा ही बेवहार करी।”
Matthew 19
1 इ बातन बताइ के ईसू गलील स लउटिके यहूदिया क पहँटा मँ यरदन नदी क पार गवा।
2 हुवाँ एक ठु भारी भीड़ ओकरे पाछे होइ गइ। उ बेरमिया मनई क चंगा किहेस।
3 कछू फरीसियन ओका परखइ बरे ओकरे निअरे पहुँचेन अउर बोलेन, “का इ ठीक बाटइ कि कउनो आपन पत्नी क कउने भी कारण स तलाक दइ सकत ह”
4 जवाब देत ईसू कहेस, “का तू पवित्तर सास्तरन मँ नाहीं बाँच्या कि जबहि संसार क रचइया ऍका रचेस, सुरुआत मँ ‘उ एक पुरुस अउर एक स्त्री बनाएस?’
5 अउर परमेस्सर कहे रहा, ‘इहइ कारण आपन महतारी बाप क तजिके पुरुस आपन पत्नी क संग होत भवा भी एक तन होइके रही।’
6 तउ उ सबइ दुइ नाहीं रहतेन मुला एक रूप होइ जात हीं। एह बरे जेका परमेस्सर जोड़ेस ह ओका कउनो मनई क अलगावइ नाहीं चाही।”
7 उ फरीसियन बोलेन, “फिन मूसा इ काहे ठहराएन ह कि कउनो पुरुस आपन पत्नी क तलाक दइ सकत ह। सर्त इ अहइ कि उ ओका तलाकनामा लिखि के दइ देइ।”
8 ईसू ओनसे कहेस, “तोहरे मन की कठोरता क कारण मूसा पत्नी क तलाक देने की अनुमति तोहका दिहेस। मुला सुरुआत मँ अइसी रीति नाहीं रही।
9 तउ मइँ तोहसे कहत हउँ कि जउन व्यभिचार क तजिके आपन पत्नी क कउनो अउर कारण स तलाक देत ह अउर कउनो दूसर स्त्री क बीहत ह तउ उ व्यभिचार करत ह।”
10 ऍह प ओकर चेलन ओसे कहेन, “जदि एक स्त्री अउर एक पुरुस क बीच अइसी बात होइ तउ कउनो क बिआह नाहीं करइ क चाही।”
11 फिन ईसू ओनसे कहेस, “हर कउनो तउ इ उपदेस क नाहीं मानत। ऍका बस उहइ मान सकत ह जेका ऍकर छमता प्रदान की गइ अहइ। परमेस्सर स ताकत मिलि गइ अहइ।
12 कछू अइसेन बाटेन जउन महतारी क गर्भ स नपुंसक पइदा भएन। अउर कछू एसे अहइ जउन लोगोन द्वारा नपुंसक बना दिन्हा अहइँ। अउर आखिर मँ कछू अइसे भी बाटेन जउन सरगे क राज्य क कारण बिआह नाहीं करइ क फइसाला कइ लिहन। इ उपदेस क जउन लइ सकत होइ, लइ ले।”
13 फिन मनइयन कछू गदेलन क ईसू क लगे लइ आएन कि उ ओनके मुँड़वा प हथवा धइके ओनका आसीर्बाद देइ अउ ओनके बरे पराथना करइ। मुला ओकर चेलन ओका डाटेन।
14 ओह प ईसू कहेस, “गदेलन क रहइ द्या, ओनका जिन रोका, मोरे लगे आवइ द्या काहेकि सरगे क राज्य अइसेन क अहइ।”
15 फिन उ गदेलन प आपन हाथ रखेस अउर हुवाँ स चला गवा।
16 हुवाँ एक मनई रहा। उ ईसू क लगे आवा अउर कहेस, “गुरु अनन्त जीवन पावइ बरे मोका का नीक काम करइ चाही?”
17 ईसू ओसे कहेस, “नीक का अहइ, ऍकरे बारे मँ मोसे काहे पूछत अहा? काहेकि नीक तउ सिरिफ एक ही बाटइ। फिन भी तू अगर अनन्त जिन्नगी मँ घुसइ चाहत ह, तउ तू हुकुमन क मान ल्या।”
18 उ ईसू स पूछेस, “कउन स हुकुम?” तब ईसू बोला, “कतल जिन करा। व्यभिचार जिन करा। चोरी जिन करा। झूठी साच्छी जिन द्या।
19 आपन बाप अउर आपन महतारी क इज्जत कराअउर ‘जइसे तू आपन खुद क पिआर करत ह, वइसे ही आपन पड़ोसी स पिआर करा।’?”
20 नउजवान ईसू स पूछेस, “मइँ एन सब बातन क पालन किहेउँ ह। अब मोहमाँ कउने बात क कमी अहइ?”
21 ईसू ओसे कहेस, “जदि तू सिद्ध बनइ चाहत अहा तउ जा अउर जउन कछू तोहरे लगे बा, ओका बेचिके धन गरीबन क दइ द्या जइसे सरग मँ तोहका धन मिल सकइ। फिन आवा अउर मोरे पाछे होइ जा।”
22 मुला जब उ नउजवान मनई इ सुनेस तउ उ दुखी होइके चला गवा काहेकि उ बहोत धनी रहा।
23 ईसू आपन चेलन स कहेस, “मइँ तोहसे सच कहत हउँ कि धनी क सरगे क राज्य मँ घुसि पाउब मुस्किल बाटइ।
24 हाँ मइँ तोहसे कहत हउँ कि कउनो धनी मनई क सरग क राज्य मँ घुसि पाउब स एक ऊँटे क सुई क छेद क निकर जाब सहल बा।”
25 जब ओकर चेलन सुनेन तउ अचरज मँ आइके पूछेन, “फिन केकर उद्धार होइ सकत ह”
26 ईसू ओनका देखत भवा कहेस, “मनइयन बरे इ असम्भव बाटइ मुला परमेस्सर बरे सब कछू होइ सकत ह।”
27 जबावे मँ पतरस ओसे कहेस, “देखा, हम पचे कछू तजिके तोहरे पाछे होई गएन ह। तउ हमका का मिली?”
28 ईसू ओनसे कहेस, “मइँ तू सबन स सच कहत हउँ कि नवा जुग मँ जब मनई क पूत आपन प्रतापी सिंहासने प बिराजी तउ तू भी, जउन मोरे पाछे अहा, बारह सिंहासन प बइठिके इस्राएल क बारह कबीले क निआव करब्या।
29 अउर मोरे बरे जेतना भी घर-बार या भाइयन या बहिनियन या बाप या महतारी या बचवन या खेतन क तजि दिहे अहा, उ सब सौ गुना जिआदा पाइ अउर अनन्त जीवन क हकदार होई।
30 मुला बहोत स जउन अब पहिले अहइँ, पिछला होइ जइहीं अउर जउन पिछला अहइँ उ पहिले होइ जइहीं।
Matthew 20
1 “सरगे क राज्य एक जमीदार क नाईं बाटइ जउन भिन्सारे आपन अंगूरे क बगीचा बरे मजदूर लइ आवइ निकरा।
2 उ चाँदी क एक रुपया प मजदूर क लगाइके ओनके आपन अंगुरे क बगिया मँ काम करइ पठएस।
3 “नौ बजे क करीब जमींदार फिन घरवा स निकरा अउर उ देखेस कि कछू मनई बजारे मँ ऍहर ओहर अइसे ही बेकार खड़ा रहेन।
4 तब उ ओनसे कहेस, ‘तू पचे भी मोरे अंगूरे क बगीचा मँ जा, मइँ तोहका जउन कछू ठीक अहइ, देब।’
5 तउ उ पचे भी बगीचा मँ काम करइ गएन।“फिन करीब बारह बजे अउर दुबारा तीन बजे क करीब, उ वइसा ही किहेस।
6 करीब पाँच बजे उ फिन आपन घरवा स गवा अउर कछू मनइयन क बजारे मँ ऍह कइँती ओह कइँती खड़ा देखेस। उ ओनसे पूछेस, ‘तू हियाँ दिन भइ बेकार ही काहे खड़ा होइ रह्या?’
7 “उ सबइ ओसे कहेन, ‘काहेकि हम सबन क कउनो मजूरी प नाहीं राखेस।’ “उ ओनसे कहेस, ‘तू भी मोरे अंगूर क बगीचा मँ चला जा।’
8 “जब साँझ भइ तउ अंगूर क बगीचा क मालिक आपन प्रधान करमचारी क कहेस, ‘मजूरन क बोलाइके अखिरी मजूरे स सुरू कइके जउन पहिले लगावा ग रहेन ओन सबन क मजूरी दइ द्या।’
9 ‘तउ उ पचे जउन पाँच बजे लगावा रहेन, आएन अउ ओहमाँ स हर एक क बस एक ही चाँदी क रूपया मिला।
10 फिन जउन पहिले लगावा ग रहेन, उ आएन। उ सोचेन ओनका कछू जियादा मिली मुला ओनमा हर कउनो क एक ठु चाँदी क रूपया मिला।
11 रूपया तउ उ सबइ लइ लिहन मुला जमींदारे स सिकाइत करत
12 उ सबइ कहेन, ‘जउन पाछे लगावा रहेन, उ पचे बस एक ही घंटा भइ काम किहेन अउ तू हम पचेन क ओतॅना ही दिहा जेतॅना ओनका। जब कि हम पचे दिन भइ चिलचिलात धूपे मँ मेहनत कीन्ह।’
13 “उ जवाबे मँ ओहमाँ स कउनो एक स जमींदारे कहेस, ‘मीत, मइँ तोहरे साथ कउनो अनिआव नाहीं कर्यों ह। का हम पचे तय नाहीं कीन्ह कि मइँ तोहका चाँदी क एक ठु रूपया देब?
14 जउन तोहार होत ह, ल्या अउर चला जा। मइँ सबते पाछे रखा गवा इ मजदूर क ओतॅना ही मजूरी देइ चाहब जेतॅना तोहका देत अही।
15 का मोका अधिकार नाहीं कि जउन मइँ आपन धने क चाहूँ, कइ सकउँ? मइँ अच्छा हउँ का तू ऍसे मने मँ जरत ह’
16 “इ तरह आखिरी पहिले होइ जइहीं अउर पहिले आखिरी होइ जइहीं।”
17 जब ईसू आपन बारहु चेलन क संग यरूसलेम जात रहा तउ उ ओनका एक कइँती लइ गवा अउर चलत चलत ओनसे बोला,
18 “सुना, हम यरूसलेम पहुँचइ क अही। मनई क पूत हुवाँ मुख्ययाजकन अउर धरम सास्तिरियन क हाथे मँ दइ दीन्ह जाई। उ पचे ओका मृत्युदण्ड क काबिल ठहरइहीं।
19 फिन ओकर हँसी हँसारत करवावइ अउर कोड़न स पिटवावइ बरे ओका गैर यहूदियन क दइ देइहीं। फिन ओका क्रूस प चढ़ाइ दीन्ह जाई। मुला तिसरे दीन उ फिन जी उठी।”
20 फिन जब्दी क पूतन की महतारी आपन पूतन क संग ईसू क नगिचे गई अउर उ निहुरिके पराथना करत ओसे कछू माँगेस।
21 ईसू ओसे पूछेस, “तू का चाहति अहा?”उ बोली, “मोका बचन द्या कि मोर इ दुइनउँ बेटवन तोहरे राज्य मँ एक तोहरे दाहिन अउर दूसर तोहरे बाईं कइँती बइठँइ।”
22 ईसू जबाव दिहस, “तू नाहीं जानत अहा कि तू का माँगत बाट्या? का तू यातनाओं क कटोरा पिउ सकत अहा, जेहका मइँ पिअइवाला हउँ?”उ सबइ ओसे कहेन, “हाँ पिउ सकित ह।”
23 ईसू ओनसे बोला, “तू पचे सचमुच उ पिआला पीब्या। मुला मोर दाहिन अउर बाएँ कइँती हक क देवइया मइँ नाहीं हउँ। हियाँ बइठइ क हक तउ ओनही का बा, जेनके बरे इ मोर परमपिता क जारिये रक्खा गवा अहइ।”
24 जब बाकी दसउ चेलन इ सुनेन कि तउ उ पचे दुइनउँ भाइयन प बहोत कोहाय गएन।
25 तब्बइ ईसू ओनका आपन नगिचे बोलाइके कहेस, “तू जानत ह कि गैर यहूदियन राजा, प्रजा प आपन सक्ती देखावा चाहत हीं अउर ओनके खास नेता, मनइयन प आपन हक जमावा चाहत हीं।
26 मुला तोहरे बीच अइसा न होइ चाही। मुला तो हम स जउन बड़वार बनब चाही, तोहार नउकर बनइ।
27 अउ तोहमाँ जउन कउनो पहिला बनब चाही, ओका तोहार गुलाम जरूर बनइ क होई।
28 तोहका मनई क पूत जइसा होइ क चाही जउन आपन सेवा करावइ नाहीं, मुला सेवा करइ अउर बहोतन क छुटौती बरे आपन प्रान क फिरौती देइ आवा अहइ।”
29 जब उ सबई यरीहो सहर स जात रहेन भारी भीड़ ईसू क पाछे होइ गइ।
30 हुवाँ सरक क किनारे दुइ आँधर बइठा रहेन। जब उ सबइ सुनेन कि ईसू हुवाँ स जात बाटइ, उ पचे नरियानेन, “पर्भू, दाऊद क पूत! हम प दाया कर!”
31 ऍह प भीड़ ओनका धमकावत चुप रहइ क कहेस। पर उ पचे अउ जिआदा चिल्लानेन, “पर्भू, दाऊद क पूत। हम प दाया कर।”
32 फिन ईसू रूकि गवा अउ ओनका बोलाएस। उ कहेस, “तू का चाहत अहा, मइँ तोहरे बरे का करउँ?”
33 उ पचे ओसे कहेन, “पर्भू, हम चाहित ह कि फिन स निहारइ लागी।”
34 ईसू क ओन प दाया आइ। उ ओनकइ अँखियन क छुएस, अउर तुरंतहि उ पचे फिन लखइ लागेन। उ पचे ओकरे पाछे होइ गएन।
Matthew 21
1 ईसू अउर ओकर चेलन जब यरूसलेम क लगे जैतून पहाड़े क नगिचे बैतफगे पहुँच गएन।
2 तउ ईसू आपन दुइ चेलन क इ हुकुम दइके पठएस, “आपन सोझइ समन्वा क गाउँ मँ जा अउर हुवाँ जात भए ही तोहका एक गदही बाँधी मिली। ओकरे लगे ओकर बच्चा भी मिली। ओनका बाँधिके मोरे लगे लइ आवा।
3 जदि कउनो तोहसे कछू कहइ तउ ओसे कह्या, ‘पर्भू क ऍकर जरूरत अहइ। उ फउरन ही लउटाइ देई।”‘
4 अइसा यह बरे भवा कि नबी अइसा कहे रहा:
5 “सिय्योन क नगरी स कहि द्या, ‘देखा तोहार राजा तोहरे लगे आवत बा। उ नमनसील अहइ, अउर गदहे प सवार अहइ हाँ गदहे क बच्चा प जउन एक लादइवाला पसु क बच्चा अहइ।”‘ जकर्याह 9:9
6 तउ ओकर चेलन चला गएन अउ वइसा ही किहेन जइसा ओनका ईसू बताए रहा।
7 उ पचे गदही अउर ओकरे बच्चा क लइ आएन। अउर ओन प आपन ओढ़ना डार दिहन काहेकि ईसू क बइठब रहा।
8 बहोत मिला आपन ओढ़ना राहे मँ दसाइ दिहेन अउ दूसर मनइयन बृच्छ क टहनी काटेन अउर ओनका राहे प बिछाइ दिहन।
9 जउन मनई ओकरे आगे चलत रहेन अउर जउन मनई पाछे चलत रहेन, सब पुकारि क कहत रहेन:“दाऊद क पूत क होसन्ना!धन्य अहइ जउन पर्भू क नाउँ प आवत बाटइ! सरगे मँ बिराजेस परमेस्सर क होसन्ना!” भजन संहिता 118:26
10 तउ जब उ यरूसलेम मँ घुसा तब समूचा सहर मँ हड़बड़ाइ गवा। लोग पुछइ लागेन, “इ कउन अहइ?”
11 लोग ही जवाब देत रहेन, “इ गलील क नासरत क नबी ईसू अहइ।”
12 फिन ईसू मन्दिर क अहाते मँ आवा अउर उ मन्दिर क अहाते मँ जउन बेंचत बेसहत रहेन, ओन सबन क बाहेर खदेरेस। उ पइसा क लेवइया देवइया क चउकी उलटि दिहस अउ कबूतरे क दुकानदार क तखता पलटेस।
13 उ ओनसे कहेस, “पवित्तर सास्तरन मँ कहत बा, ‘मोर घर पराथना घर कहा जाई।’मुला तू सबइ ऍका ‘डाकुअन क अड्डा’ बनावत अहा।”
14 मन्दिर मँ कछू आँधर, लँगड़ा लूला ओकरे लगे आएन। जेनका उ नीक किहेस।
15 जब मुख्ययाजकन अउर धरम सास्तिरियन ओकर अचरज कारजन क लखेन जउन उ किहे रहा अउर मन्दिर मँ गदेलन क ऊँची आवाजे मँ कहत सुनेन: “दाऊद क पूत क होसन्ना।”
16 तउ उ पचे कोहाइ गएन अउ ओसे पूछेन, “तू सुनत अहा इ सबन का कहत अहइँ?”ईसू ओनसे कहेस, “हाँ सुनत अही। का पवित्तर सास्तर मँ तू बचन नाहीं पढ़्या, ‘तू गदेलन अउर दूधमुँहन बचवन स स्तुति कराया ह।’“
17 फिन उ ओनका हुवँइ तजिके यरूसलेम सहर स बाहेर बैतनिय्याह चला गवा। जहाँ उ राति बिताएस।
18 दूसर दिन अलख भिन्सारे जब उ सहर लउटत रहा तउ ओका भूख लागि।
19 रस्ता क किनारे अंजीर क बिरवा क लखेस तउ उ ओकरे नगिचे गवा, मुला ओका ओह प पातन क छोड़िके कछू नाहीं मिल सका। तब उ बिरवा स कहेस, “तोह प आगे कछू फल न लागइ।” अउर अंजीरे क बृच्छ फउरन झुराइ गवा।
20 जइसेन चेलन इ निहारेन तउ अचरजे मँ आइके पूछेन, “इ अंजीरे क बिरवा ऍतनी हाली कइसे झुराइ गवा?”
21 ईसू जवाब देत भवा ओन पचेन स कहेस, “मइँ तोहसे सच कहत हउँ जदि तोहरे मँ बिसवास अहइ अउ तू संदेस नाहीं करत बाट्या तउ तू न सिरिफ उ कइ सकत ह जउन मइँ अंजीरे क बृच्छ कीन्ह, मुला जदि तू इ पहाड़े स कहि द्या, ‘उठा अउर आपन क सगरे मँ बोर द्या’ तउ उहइ होइ जाई।
22 अउर पराथना करत तू जउन कछू मंगब्या, जदि तोहका बिसवास बा तउ तू पउब्या।”
23 ईसू जब जाइके मन्दिर मँ उपदेस देत रहा। मुख्ययाजकन अउर बुजुर्ग यहूदी नेतन ओसे पूछेन, “अइसी बातन क तू कउने हक स करत ह अउर इ हक तोहका कउन दिहस?”
24 जवाबे मँ ईसू ओनसे कहेस, “मइँ तोहसे भी एक सवाल पूछत हउँ, जदि तू ओकर जबाव मोका दइ द्या तउ मइँ तोहका बताइ देब कि मइँ इन बातन क कउने हक स करत हउँ।
25 बतावा यूहन्ना क बपतिस्मा कहाँ ते मिला रहा? परमेस्सर स या मनई स?”उ सबइ आपुस मँ सोच बिचारिके कहइ लागेन, “जदि हम पचेन कहत अही, ‘परमेस्सर स’ तउ इ हमसे पूछी, ‘फिन उ ओह प बिसवास काहे नाहीं करत्या?’
26 किन्तु जदि हम कहित ह, ‘मनई स’ तउ हमका मनइयन क डर बाटइ काहेकि उ पचे यूहन्ना क एक नबी मानत हीं।”
27 तउ जबावे मँ उ सबइ ईसू स कहेन, “हमका पता नाहीं।”ऍह प ईसू ओनसे बोला, “ठीक बा तउ फिन मइँ भी तोहका नाहीं बतावत हउँ कि इ बातन क मइँ कउने हक स करत हउँ।
28 “अच्छा बतावा तू पचे ऍकरे बारे मँ का सोचत अहा? एक मनई क दुइ बेटवा रहेन। उ बड़के क लगे गवा अउर बोला, ‘बेटवा आज मोरे अंगूर क बगिया मँ जा अउर काम करा।’
29 “मुला बेटवा जवाब दिहस, ‘मोर मन नाहीं बा’ मुला पाछे ओकर मन फिरि गवा अउर उ चला गवा।
30 ‘फिन उ बाप दुसरे क लगे गवा अउर ओसे भी बइसे ही कहेस। जवाबे मँ बेटवा कहेस, ‘जी हाँ,’ मुला उ गवा नाहीं।
31 “बतावा इन दुइनउँ मँ स जउन बाप चाहत रहा, कउन किहेस?” यहूदी नेतन कहेन, “बड़कवा।”ईसू ओनसे कहेस, “मइँ तोहसे सच कहत हउँ। चुंगी उगहिया अउर वेस्यन परमेस्सर क राज्य मँ तोहसे पहिले जइहीं।
32 इ मइँ यह बरे कहत हउँ काहेकि बपतिस्मा देवइया यूहन्ना तोहका जिन्नगी क सही रस्ता देखॉवइ आइ अउर तू ओहमाँ बिसवास नाहीं किहा। मुला चुंगी उगहिया अउर वेस्यन ओहमाँ बिसवास किहेन। तू जब इ देख्या तउ पाछे न मन फिरावा किहा अउ न ओहे प बिसवास।
33 “एक ठु अउर दिस्टान्त कथा सुना: एक जमींदार रहा। उ अंगूरे क बगिया लगाएस। ओकरे चरिउँ कइँती बाड़ा लगाएस। फिन अंगूरे क रस निकारइ बरे कोल्हू बनवइ क एक गड़हा खोदेस अउर रखवारी बरे एक गुंबद बनवाएस। फिन ओका बटाई प दइके जात्रा प चला गवा।
34 जब अंगूरे क फसल क समइ आइ तउ बगिया क मालिक नउकरन क लगे आपन गुलामन क पठएस जेसे आपन हींसा क अंगूर लइ आवइँ।
35 “मुला किसानन ओकरे नउकरन क धइ लिहन। कउनो क पीटेन, कउने क पाथर उछारेन अउर कउनो क तउ मारि डाएन।
36 “एक दाईं फिन पहिले स अउ जिआदा नउकरन क पठएस। उ किसानन ओनके संग भी वइसा ही बर्ताव किहेन।
37 पाछे उ ओनके लगे आपन बेटवा क पठाएस। उ कहेस, ‘उ सबइ मोरे बेटवा क मान रखिहइँ जरूर।’
38 “मुला उ किसानन जब ओकरे बेटवा क देखेन तउ उ सबइ आपुस मँ कहइ लागेन, ‘इ तउ ओकर वारिस अहइ, आवा ऍका मारि डाई अउर ओकर वारिस क हक हथियाइ लेई।’
39 ऍह प उ पचे ओका धइके बगिया क बाहेर ढकेलेन अउर मार डाएन।
40 “तू का सोचत बाट्या हुवाँ जब अंगूरे क बगिया क मालिक आई तउ किसानन क संग का करी?”
41 उ यहूदी याजकन अउ नेतन ओसे कहेन, “काहेकि उ सबइ निरदयी रहेन यह बरे उ ओनका निरदयी होइके मारि डाई अउर अंगूरे क बगिया क दूसर किसानन क बटाई प दइ देइ जउन फसल आवइ प ओका ओकर हींसा देइहीं।”
42 ईसू ओनसे कहेस, “का तू सबइ पवित्तर सास्तरन क बचन कभी नाहीं पढ्या:‘जउने पाथर क मकान क बनवइयन बेकार समझेन, उहइ कोने क सबते जिआदा महिमा क पाथर बन गवा’ ‘अइसा पर्भू क जारिये कीन्ह गवा जउन हमरी निगाह मँ अजूबा बाटइ।’ भजन संहिता 118:22-23
43 “एह बरे मइँ तोहसे कहत हउँ परमेस्सर क राज्य तोहसे छीन लीन्ह जाई अउर उ ओन मनइयन क दइ दीन्ह जाई जउन ओकरे राज्य क रीति स बर्ताव करिहइँ।
44 जउन इ चट्टाने प गिरी, चूर चूर होइ जाई अउ इ चट्टान कउनो प गिरी तउ उ ओका रउँद डाई।”
45 जब मुख्ययाजकन अउर फरीसियन ईसू क दिस्टान्त कथन क सुनेन तउ उ पचे समुझ लिहन कि उ ओनके बारे मँ कहत रहा।
46 तउ उ सबइ ओका धरइ क जतन किहन मुला उ पचे मनइयन स डेरात रहेन काहेकि लोग ईसू क नबी मानत रहेन।
Matthew 22
1 एक दाई फिन ईसू ओनसे दिस्टान्त कथन क कहइ लाग। उ बोला,
2 “सरगे क राज्य उ राजा क नाईं अहइ जउन आपन बेटवा क बियाहे प भोज दिहेस।
3 राजा आपन नउकरन क पठएस कि उ पचे ओन मनइयन क बोलाइ लियावईं जेका बियाहे क भोज प न्यौता दीन्ह गवा रहा। मुला उ पचे नाहीं आएन।
4 “उ आपन नउकरन क फिन पठएस, उ कहेस कि जउन मनइयन क बियाह क भोजे प बोलावा गवा ह, ओनसे कहि द्या, ‘देखा मोर भोज तइयार बा। मोर सॉड़ अउर मोटवार ताजा पसू क काटा जाइ चुका बाटइ। सब कछू तइयार अहइ। बियाहे क भोज मँ आइ जा।’
5 “मुला न्यौतहरी ओह प कउनो धियान नाहीं दिहेन अउर उ सबइ चले गएन। कउनो आपन खेत मँ काम करइ चला गवा तउ दूसर मिला आपन आपन काम धंधा प।
6 अउ कछू मिला तउ राजा क नउकरन क धइके ओकरे साथे मार-पीट किहेन अउ ओनका मार डाएन।
7 तउ राजा कोहाइके आपन फउज पठएस। उ सबइ ओन हत्यारन क मउत क घाटे पहुँचाइ दिहस अउर ओनके सहर मँ आगी बार दिहेन।
8 “फिन राजा क नउकरन स कहेस, “बियाह क भोज तइयार बाटइ मुला जेकॉ बोलॉई गवा रहा, उ सबइ अजोग्ग माना गएन,
9 एह बरे गलियन क नोक्कड़ प जा अउर तू जेका पावा, बियाहे क भोज प बोलॉई लिआवा।’
10 फिन नउकरन गलियन मँ गएन अउ जउन भी भला अउर बुरा मनई भेंटेन उ पचे ओनका बटोरि लियाएन। अउ सादी क महल मेहमानन स भरि गवा।
11 “मुला जब जेवन्हार क लखइ राजा आवा तउ हुवाँ उ एक अइसा मनई क निहारेस जउन बियाहे क ओढ़ना नाहीं पहिरे रहा।
12 राजा ओसे कहेस, “मितउ, बियाहे क वस्तर पहिरे बिना हियाँ भीतर कइसे आइ गया?’ पर उ मनई खमोस रहा।
13 ऍह प राजा आपन नउकरन स कहेस, ‘ऍकर हाथ गोड़ छाँदिके बाहेर अँधियारे मँ नाइ द्या। जहाँ मनई रोवत अउर दँतवा कटकटावत होइहीं।’
14 “काहेकि बोलावा तउ बहोत गवा अहइँ मुला चुना भवा थोड़के अहइँ।”
15 तब फरीसियन जाइके एक सभा बोलॉएन जेसेे उ इ बात क फरियाइ सकइँ कि ईसू क ओकरे आपन ही कही भई बात मँ कइसे फँसावइ।
16 उ पचे अपने चेलन क हिरोदियन क संग ओकरे लगे पठएन, उ मनइयन ईसू स कहेन, “गुरु हम जानत अही कि तू सच्चा अहा। तू सचमुच परमेस्सर क राहे क सिच्छा देत अहा। अउर तू, कउनो का सोचत ह, ऍकइ चिंता नाहीं करत्या काहेकि तू कउनो मनई क हैसियत प नाहीं जात्या।
17 तउ हमका बतावा तोहार का बिचार बा कि सम्राट कैसर क चुंगी चुकाउब ठीक अहइ कि नाहीं?”
18 ईसू ओनकइ बुरा बिचार क समुझ गवा, तउ उ बोला, “अरे कपटियो! तू पचे मोका काहे परखब चाहत बाट्या?
19 मोका कउनो दीनार देखावा जेसे तू चुंगी अदा करत ह।” तउ सबइ ओकरे लगे एक दीनार लइ आएन।
20 तब उ ओनसे कहेस, “ऍह प केकर मूरत अउर लिखाई खुदी बा?”
21 उ पचइ ओसे कहेन, “कैसर क”।तब उ ओनसे कहेस, “अच्छा तउ फिन जउन कैसर क अहइ, ओका कैसर क द्या, अउर जउन परमेस्सर क अहइ, ओका परमेस्सर क।”
22 इ सुनिके उ पचइ अचरजे स भरि गएन अउर ओका छोड़िके चला गएन।
23 उहइ दिन कछू सदूकियन जउन पुनरुत्थान क नाहीं मनतेन, ओकरे लगे आएन।
24 अउ ओसे पूछेन, “गुरु, मूसा क उपदेस क अनुसार जदि बिना बे बाल बच्चा क कउनो मरि जाइ तउ ओकर भाई, निचके क नातेदार होइ क नाते ओकरे विधवा स बियाह करइ अउर आपन भाई क बंस चलावइ बरे संतान पइदा करइ।
25 अब मानल्या हम पचे सात ठु भाई अही। पहिलौठा बेटवा का बियाह भवा अउर पाछे ओकर मउत होइ गइ। फिन काहेकि ओकरे कउनो संतान नाहीं भइ, यह बरे ओकर भाई आपन भउजी क आपन पत्नी बनइ लिहस।
26 तब दुसर का भाई मरि गवा। उहइ घटना तिसरेक क संग भइ। जब तलक सातहु भाइयन मरि नाहीं गएन वइसन भवा।
27 अउर सब क पाछे उ स्त्री भी मर गई।
28 अब हमार पूछब इ अहइ कि पुनरुत्थान मँ ओन सातउ मँ स कउने क पत्नी होई काहेकि सातउ ओका आपन बनाएन?”
29 जवाब देत ईसू ओनसे कहेस, “तू बगद गया काहेकि तू पचे पवित्तर सास्तरन अउर परमेस्सर क सक्ती क नाहीं जनत्या।
30 तोहका समझइ चाही कि पुनरुत्थान मँ लोग न तउ बियाह करिहीं अउर न ही कउनो सादी मँ दीन्ह जाई। मुला उ पचे सरगे क दूतन क नाईं होइहीं।
31 इहइ सिलसिला मँ तोहरे फायदा बरे परमेस्सर मरा भवा क पुनरुत्थान क बारे मँ जउन कहेस ह, का तू कबहुँ नाहीं पढ्या? उ कहे रहा,
32 ‘मइँ इब्राहीम क परमेस्सर हउँ, इसहाक क परमेस्सर हउँ अउर याकूब क परमेस्सर हउँ।’उ मरा हुअन क नाहीं मुला जिन्दा क परमेस्सर अहइ।”
33 जब मनइयन इ सुनेन तउ ओकरे उपदेस प उ सबइ बहोत अचम्भा मँ पड़ि गएन।
34 जब फरीसियन इ सुनेन कि ईसू आपन जवाबे स सदूकियन क चुप कराइ दिहस तब उ सबइ ऍकट्ठा भएन।
35 ओहमाँ क एक फरीसी ईसू क परीच्छा क बिचार स ओसे पूछेन,
36 “गुरु, व्यवस्था मँ सबन ते बड़का हुकुम कउन स बाटइ?”
37 ईसू ओसे कहेस, “तोहका आपन सारे मनवा स, सारी आतिमा स अउर सारी बुद्धि स आपन परमेस्सर पर्भू क पिरेम करइ चाही।’
38 इ सब ते पहिला अउर सब ते बड़ा हुकुम अहइ।
39 फिन अइसा ही दूसर हुकुम इ अहइ: ‘आपन पड़ोसी स वइसा ही पिरेम करा जइसा तू अपने स खुद करत ह।’
40 सारी व्यवस्था अउर नबियन क किताबन इन दुइनउँ हुकुमन प टिका बाटइ।”
41 जब फरीसियन अबहीं एकट्ठा ही रहेन, कि ईसू ओनसे एक ठु प्रस्न पूछेस,
42 “मसीह क बारे मँ तू का बिचारत ह कि उ केकर बेटवा अहइ?”उ फरीसियन ओसे कहेन, “मसीह दाऊद क पूत ह।”
43 ईसू ओसे पूछेस, “फिन आतिमा क बसे मँ होइके दाऊद ओका ‘पर्भू’ कहत इ काहे कहेस:
44 ‘पर्भू मोरे पर्भू (ईसू) स कहेस, मोरे दाहिन बइठिके राज्य करा जब ताई कि मइँ दुस्मनन क तोहरे गोड़वा तले न कइ देउँ।’ भजन संहिता 110:1
45 फिन जब दाऊद ओका ‘पर्भू’ कहेस तउ उ ओकर बेटवा कइसे होइ सकत ह”
46 जवाबे मँ कउनो भी ओसे कछू नाहीं कहि पावा। अउर न ही उ दिना क पाछे कउनो क ओसे पूछइ क हिम्मत भवा।
Matthew 23
1 ईसू फिन आपन चेलन अउर भीड़ स कहेस।
2 उ कहेस, “धरम सास्तिरियन अउर फरीसियन मूसा क व्यवस्था क अरथ बतावइ क हकदार अहइँ।
3 एह बरे जउन कछू उ सबइ कहइँ ओह प चलत रहा अउर ओनका मानके करत रहा। मइँ इ कहत हउँ काहेकि उ पचे बस कहत रहत हीं मुला करतेन नाहीं।
4 उ पचे मनई क काँधे प एतना बोझा लादि देत हीं कि उ सबइ ओका उठाइके चल न सकइँ अउर लोगन्प दबाव डारत हीं कि ओका लइके चलइँ। मुला उ सबइ खुद ओहमाँ स कउनो प भी चलइ बरे आपन अंगुरी तलक नाहीं हिलउतेन।
5 “उ सबइ नीक काम यह बरे करत हीं कि लोग ओनका लखइँ। असिल मँ उ सबइ आपन ताबीज अउर पोसाक क झलरे क यह बरे बड़ा स बड़कवा करत रहत हीं कि लोग ओनका धर्मात्मा समझइँ।
6 उ सबइ जेवनार मँ सबते जिआदा खास जगह पावा चाहत हीं। आराधनालयन मँ ओनका प्रमुख आसन चाही।
7 बजारे मँ उ पचे मान क साथ पैलगी करावा चाहत ही। अउ चाहत हीं कि लोग ओनका ‘गुरु’ कहिके पुकारइँ।
8 “मुला तू पचे मनइयन स आपन क ‘गुरु’ जिन कहवावा काहेकि तोहार सच्चा गुरु तउ बस एक अहइ। अउर तू सबइ सिरिफ भाई बहिन अहा।
9 धरती प मनइयन क आपन मँ स कउनो क भी ‘पिता’ जिन कहइ द्या। काहेकि तोहार ‘पिता’ तउ बस एक ही अहइ, अउ उ सरगे मँ बा।
10 न ही तू मनइयन क आपन बरे ‘स्वामी’ कहइ द्या काहेकि तोहार स्वामी तउ बस एक ठु बाटइ अउ उ अहइ मसीह।
11 तोहमाँ सब ते बड़कवा मनई उहइ होई जउन तोहार नउकर बनी।
12 जउन आपन खुद क ऊँचा उठाई ओका नंवई क होई। अउर जउन आपन खुद नवाई ओका ऊँचा उठाइ जाइ।
13 “हे कपटी धरम सास्तिरियो अउर फरीसियो! तोहका धिक्कार अहइ। तू सबइ सरगे क राज्य क दुआर ढाँपि दिहा ह। न तउ तू पचे ओहमाँ घुसि पउब्या अउर न ही ओनका जाइ देब्या जउन घुसइ बरे जतन करत हीं।
14 अरे कपटा धरम सास्तिरियन अउ फरीसियन तू पचे विधवा क धन दौलत हड़पत ह। देखाँवा बरे बड़ी बड़ी पराथना करत ह। एकरे बरे तोहका करर्ी सजा मिली।
15 “अरे कपटी धरम सास्तिरियो अउर फरीसियो! तोहका धिक्कार अहइ। तू कउनो क आपन मत मँ लइ आवइ बरे धरती अउर समुद्दर पार कइ जात ह। अउ उ तोहरे नेम धरम मँ आइ जात ह तउ तू ओका आपन स भी दुइ गुना नरक क काबिल बनाइ देत ह।
16 “अरे कपटी धरम सास्तिरियो अउर फरीसियो! तोहका धिक्कार अहइ। तोहका धिक्कार अहइ जउन कहत ह, ‘जदि कउनो मन्दिर क सपथ खात ह तउ ओका सपथ क खाब जरूरी नाहीं मुला अगर कउनो मन्दिरे क सोने सपथ खात ह तउ ओका सपथ क मानब जरूरी अहइ!’
17 अरे आँधर मूर्ख लोगो! बड़का कउन अहइ? मन्दिर क सोना या उ मन्दिर जउन उ सोना क पवित्तर बनएस।
18 तू सबइ इ भी कहत ह, ‘जदि कउनो वेदी क सपथ खात ह तउ कछू नाहीं, मुला जदि कउनो वेदी प धरा चढ़ावा क सपथ खात ह तउ आपन सपथ स बँधा भवा अहइ।’
19 अरे आँधर लोगो! कउन बड़कवा अहइ? वेदी प धरा चढ़ावा या उ वेदी जेसे उ चढ़ावा पवित्तर बनत ह
20 यह बरे जदि कउनो वेदी क सपथ लेत ह तउ उ वेदी क साथे वेदी प जउन धरा बाटइ, उ सबन क सपथ खात ह।
21 उ जउन मन्दिर अहइ, ओकर भी सपथ लेत ह उ मंदिर क संग जउन मंदिर क भितरे बा, ओकर भी सपथ खात ह।
22 अउर उ जउन सरगे क सपथ खात ह, उ परमेस्सर क सिंहासने क संग जउन उ सिंहासने प बिराजत बा ओकर भी सपथ खात ह।
23 “अरे कपटी धरम सास्तिरियो अउर फरीसियो! तोहका धिक्कार अहइ। तोहरे लगे जउन कछू अहइ, तू ओकर दसवाँ, हींसा, हीयाँ तलक कि आपन पुदीना, सौंफ अउर जीरा तक क दसवाँ हींसा परमेस्सर क देत ह। फिन भी तू व्यवस्था क खास बातन, निआव, दाया अउर बिसवास क धकियाइ दिहा। तोहका इ चाहत रहा कि ओन बातन क बगैर छोड़े भए इन बातन क करत जात्या।
24 अरे आँधर अगुवा लोगो! तू आपन पिअइ क पानी स मच्छर तउ छान लेत ह पर ऊँटे क लील जात ह।
25 “अरे कपटी धरम सास्तिरियो अउ फरीसियो! तोहका धिक्कार अहइ। तू आपन खोरा अउर टाठी बाहेर स धोइके फर्छइ करत ह पर ओकरे भितरे तू जउन चाल चपेट या आपन बरे रियायत मँ पाया ह, भरा बाटइ।
26 अरे आँधर फरीसियो! पहिले आपन खोरा क भितरे स माँज ल्या जेसे भितरे क साथ साथ उ बाहेर स भी चमकइ लगाइ।
27 “अरे कपटी धरम सास्तिरियो अउर फरीसियो! तोहका धिक्कार अहइ। तू लीपी पोती भई समाधि क नाईं अहा जउन बाहेर स तउ सुन्नर देखाति अहइ मुला भितरे स मरे हुअन क हाड़ अउर हर किसिम क मलिनता स ठूँसी रहत ह।
28 अइसे ही बाहेर स तउ धर्मी देखॉइ देत ह मुला भितरे स चाल चपेट अउर अनभले स बुरा अहा।
29 “अरे कपटी धरमसास्तिरियो अउ फरीसियो! तोहका धिक्कार अहइ। तू नबियन क बरे मकबरा बनावत ह अउर धर्मीयन क कब्र क सिंगार करत ह।
30 अउ कहत बाट्या, ‘जदि तू आपन पूर्वजन क समइ मँ पइदा होत्या तउ नबियन क मरवावइ मँ ओनकइ साथ न देत्या।’
31 अइसे प तू खुद ही साच्छी देत अहा, कि तू मानत बाट्या कि तू ओनकइ बाल-बच्चा अहा जउन नबियन क हत्यारन रहेन।
32 तउ तू जउन तोहार पुरखन सुरु करेन, ओका पूरा कइ द्या।
33 “अरे कीरा अउर नाग स संतान। तू सबइ कइसे सोच लिहा कि तू नरक भोगइ स छूट जाब्या।
34 यह बरे मइँ तोहका बतावत हउँ कि मइँ तोहरे लगे नबियन, बुद्धिमानन अउर गुरुअन क पठवत हउँ। तू पचे ओनमाँ स बहोतन क मार डउब्या अउर बहोतन क क्रूसे प चढ़उब्या। कछू मनइयन क तू सबइ आपन आराधनालयन मँ कोड़न स पिटवउब्या अउर एक सहर स दूसर सहरे ताईं ओनकइ पाछा करत खदरेब्या।
35 आखिर निरीह हाबिल स लइके बिरिक्याह क बेटवा जकरयाह ताईं जेका तू मन्दिरे क गरभ घर अउर वेदी क बीच मारि डाए रह्या हर धर्मी मनई क कतल क सजा तोह प होई।
36 मइँ तोहसे सच कहत हउँ कि इ सब कछू बरे इ पीढ़ी क मनइयन क सजा भोगे होई।
37 “यरूसलेम, ओ यरूसलेम! तू उ अहा जउन नबियन क कतल करत ह अउर परमेस्सर क पठए गए दूतन क पाथर मारत ह। मइँ केतनी दाईं चाह्यो ह कि जइसे कउनो मुर्गी आपन चूजन क आपन पंखा तरे बटोर लेत ह वइसे ही तोहरे गदेलन क बटोर लेउँ। मुला तू पचन नाहीं चाह्या।
38 तोहार घर समूचइ उजड़ जाई।
39 मइँ तोहका सच बतावत हउँ तू मोका तब ताईं फिन नाहीं देखब्या जब ताईं तू नाहीं कहब्या, ‘धन्य अहइ उ जउन पर्भू क नाउँ मँ आवत ह।’
Matthew 24
1 मंदिर क छोड़िके ईसू जब हुवाँ स होइके जात रहा तउ ओकर चेलन ओका मँदिर क इमारत देखॉवइ ओकरे लगे आएन।
2 एह प ईसू ओनसे कहेस, “तू पचे इ इमारतन क सोझ खड़ी देखत अहा? मइँ तोहका सच सच कहत हउँ, हिआँ तलक एक पाथर प दूसर पाथर टिक नाहीं पाई। एक एक गिराइ दीन्ह जाई।”
3 ईसू जब जैतून पहाड़ प बइठा रहा तउ अकेॅल्ले मँ ओकर चेलन लगे आएन अउर बोलेन, “हमका बतावा इ कब होई? जब तू लउटि अउब्या अउर इ संसारे क अंत होई तउ कइसे संकेत परगट होइहीं?”
4 जवाबे मँ ईसू ओनसे कहेस, “होसियार! तू पचन क कउनो भरमाइ न पावइ।
5 मइँ इ यह बरे कहत हउँ कि अइसे बहोतन अहइँ जउन मोरे नाउँ स अइहीं अउर कइहीं, ‘मइँ मसीह हउँ अउर उ सबइ बहोतन क भरमइहीं।
6 तू सबइ नगीचे क जुद्ध क बातन या दूरि क जुद्ध क अफवाह सुनब्या पर देखा तू घबराया जिन। अइसा तउ होइ मुला अबहिं अंत नाहीं आवा अहइ।
7 हर रास्ट्र दूसर रास्ट्र क खिलाफ अउर एक राज्य दूसर राज्य क खिलाफ खड़ा होई। अकाल पड़ी। हर कतहूँ भुँइडोल आई।
8 मुला इ सब बातन उहइ तरह अहइ जइसे नवा पइदा होय क पहले की सुरुआती पीडा।
9 “उ समइ उ पचे तोहका सजा देवॉवइ बरे पकड़वइहीं अउर उ पचे तोहका मरवाइ देइहीं। काहेकि तू सबइ मोर चेलन अहा। सबहिं रास्ट्र क लोग तोहसे घिना करिहीं।
10 उ समइ बहोत मनइयन क मोह टूटी जाई अउर ओहहि समइ बहुत स बिसवासियन क बिसवास डिग जाई। उ पचे एक दूसर क अधिकारियन क हाथे मँ दइ देइहीं अउ आपस मँ घिना करिहीं।
11 बहोत स झूठे नबियन खड़ा होइ जइहीं, अउर मनइयन क ठगिहीं।
12 काहेकि बुराई क बाढ़ आइ जाए स पिरेम घटि जाई।
13 मुला जउन अंत तक टिका रही ओकर उद्धार होई।
14 सरगे क राज्य क इ सुसमाचार समूचे संसार मँ प्रचार कीन्ह जाई। ऍसे सब राजन क साच्छी रही अउर तबहीं अंत होइ जाई।
15 “एह बरे जबहिं तू लोग ‘खौफनाक बिनास करइवाली चीज’क पवित्तर स्थान प खड़ा होइके देखा, जेकरे बारे मँ दानिय्येल नबी बताएन ह, (पढ़इया खुद समुझ जाई कि एकर अरथ का बाटइ।)
16 तब जउन मनई यहूदिया मँ होइँ, ओनका पहाड़े प भाग जाइ चाही।
17 जउन आपन घरे क छत प होईं, उ घरवा स बाहेर कछू भी लइ जाइके तर खाले न आवइँ।
18 अउ जउन बाहेर खेतन मँ काम करत होइँ, उ पाछे मुड़िके आपन ओढ़ना तक न लेइँ।
19 ओन स्त्रियन बरे जेकरे कोखे मँ गरभ होइ या जेकर लरिकन दूध पिअत होइँ, उ दिनन कस्टे क होइहीं।
20 पराथना करा कि तोहका जाड़े क दिनन मँ या सबित क दिन पराइ क न पड़इ।
21 उ दिनन मँ अइसी बिपत आई जइसी जबते परमेस्सर सृस्टि रचेस ह, आजु तक कबहुँ नाहीं आइ अउ न कबहुँ आई।
22 अउर जदि परमेस्सर उ दिनन क घटावइ क पक्का इरादा न कइ लिहे होत तउ कउनो भी न बच पावत किन्तु चुना भएन क कारण उ दिनन मँ कमती कइ देइ।
23 “उ दिनन मँ जदि कउनो तू पचन स कहइ, देखा, इ रहा मसीह या उ राह मसीह। तउ ओकर बिसवास जिन किहा।
24 मइँ इ कहत हउँ काहेकि कपटी मसीह अउप कपटी नबी खड़ा होइहीं अउर अइसे अचरज कारजन देखइहीं अउर अद्भुत कारजन करिहइँ कि बन पड़इ तउ चुने भएन क भी चकमा दइ देइँ।
25 देखा, मइँ तोहका पहिले ही चेतावनी दइ चुका अहउँ।
26 “तउ जदि उ सबइ तोहसे कहइँ, ‘देखा, मसीह जंगल मँ बा!’ फन हुवाँ जिन जाया अउर जदि उ कहइँ, ‘देखा उ पचे कोठरी मँ छुपा बाटइ! तउ ओनकइ बिसवास जिन कर्या।
27 मइँ इ कहत हउँ काहेकि जइसे बिजुली पुरब मँ सुरू होइके पच्छिम क अकासे तक चमक जात इ वइसे ही मनई क पूत भी परगट होई।
28 जहाँ कहूँ ल्हास होई हुआँ गिद्ध एकट्ठा होइहीं।
29 “उ दिनन जउन मुसीबत पड़ी, ओकरे फउरन बाद:‘सूरज करिया पड़ि जाई चन्दा स चाँदनी न निकसी अकासे स तारा टुटिहीं अउ अकास मँ आसमानी सक्ति झकझोर दीन्ह जइहीं।’ यसायाह 13:10; 34:4,5
30 “उ समइ मनई क पूत क आवइ क चीन्हा अकास मँ परगट होई। तबहिं भुइयाँ प सब जातिन क मनइयन फूटि फूटि क रोइहीं अउर उ सबइ मनई क पूत क सक्ती अउर महिमा क संग सरग क बदरन मँ परगट होत देखिहीं।
31 उ ऊँच सुर क तुरूही क संग आपन दूतन क पठइ। फिन उ पचे सरग क एक छोर स दूसर छोर तलक सब कहूँ स आपन चुना भवा मनइयन क ऍकट्ठा करी।
32 “अंजीरे क बृच्छ स उपदेस ल्या। जइसे ही ओकर टहनियन सुऋुवार होइ जात हीं अउर कोंपर फूटइ लागत हीं। तू लोग जान जात ह कि गर्मी आवइ क अहइ।
33 वइसे ही जब तू इ सब घटत देख्या तउ समुझ लिहा कि उ समइ नगिचे आइ ग बाटइ, मुला ठीक दुआर तलक।
34 मइँ तू लोगन्स सच कहत हउँ कि इ पीढ़ी क खतम होइ क पहिले इ सब बातन होइ जइहीं।
35 धरती अउर अकास तउ मिट सकत हीं मुला मोर बचन कबहुँ न मिटी।”
36 “उ दिना या घड़ी क बारे मँ कउनो कछू न जानत! न सरगे क दूतन अउर न खुद पूत। सिरिफ परमपिता जानत ह।
37 जइसे नूह क दिना मँ भवा, वइसे ही मनई क पूत क अवाई भी होई।
38 वइसे ही जइसे मनई जल बाढ आवइ स पहिले क दिनन ताईं खात पिअत रहेन, बियाह सादी करावत रहेन जब तलक नूह नाउ प नाहीं चढ़ गवा।
39 ओनका तब ताईं कछू पता नाहीं लगि सका जब ताईं प्रलय नाहीं आइ गइ अउर ओन सबन क बहाइके नाहीं लइ गइ। मनई क पूत क अवाई भी अइसे ही होई।
40 उ समइ खेते मँ काम करत दुइ मनइयन मँ स एक क लइ लीन्ह जाई अउर एक क हुवँइ छोड़ि दीन्ह जाई।
41 चकरी पीसत दुइ स्त्रियन मँ एक क धइ लीन्ह जाई अउ एक हुवँइ पाछे छोड़ि दीन्ह जाई।
42 “तउ तू लोग होसियार रहा काहेकि तू नाहीं जनत्या कि तोहार स्वामी कब आई।
43 याद राखा अगर घरे क स्वामी जानत होत कि राति क कउनो घड़ी मँ चोर आइ जाई तउ उ जागत रहत अउर चोरे क आपन घरवा मँ सेंध नाही लगावइ देत।
44 एह बरे तू भी तइयार रहा काहेकि जब तू पचे सोच भी नाहीं रहब होब्या, मनई क पूत आइ जाई।
45 “तब सोचा उ भरोसामंद अउ समझदार सेवक कउन बाटइ, जेका स्वामी आपन घरवा क सेवक क ऊपर ठीक समइ प ओनका खइया क देइ बरे लगाएस ह।
46 धन्य अहइ उ सेवक जेका ओकर स्वामी जब आवत ह तउ ओका दियाभया काज करत पावत ह।
47 मइँ तोहसे सच कहत हउँ उ स्वामी ओका आपन समूचे धन दौलत क अधिकारी बनाईं देई।
48 दूसर कइँती सोचा एक ठु बुरा सेवक अहइ, जउन अपना मनवा मँ कहत ह मोर स्वामी बहोत दिना स लुटि क नाहीं आवत ह।
49 अइसे उ आपन संगी साथी सेवकन स मारपीट करइ लागत ह अउर सराबियन क संग खाब पिअब सुरू कइ देत ह।
50 तउ ओकर स्वामी अइसे दिन आइ जाई जउने दिन उ ओकरे अवाई क सोचत तलक नाहीं अउ जेकर ओका पता तलक नाहीं।
51 अउर ओकर स्वामी ओका बुरे ढंग स सजा देई अउर कपटियन क बीचउबीच ओकर ठउर ठहराई जहाँ लोग रोवत होइहीं अउर दँतवन क किड़किड़ावत रइहीं।
Matthew 25
1 “उ दिन सरग का राज्य ओन दस कुँवारियन क नाईं होई जउन मसाल लइके दुलहन स भेंटइ निकरिन।
2 ओनमाँ स पाँच मूरख रहीं अउ पाँट ठु चउकस।
3 पाँच उ मूरख कुँवारियन आपन मसाल तउ थाम लिहन मुला ओनके साथे तेल नाहीं लिहन।
4 ओहँर चउकस कुँवारियन मसाले क साथ कुप्पियन मँ तेल भी लइ लिहन।
5 काहेकि दुलहन क अवाई मँ देर होत रही। सबहीं कुँवारियन थके स ओंघाइ लागिन अउर ओलर क सोइ गइन।
6 “पर आधी राति मँ धूम मच गइ। ओ हो, ‘दुलहा आवत बा। ओसे भेंटइ बाहर जा!’
7 “उहइ छिन उ सबइ कुँवारियन उठि गइन अउर आपन मसाल तइयार किहेन।
8 मूरख कुँवारियन चउकस कुँवारियन स कहेन, ‘हमका आपन तनिक तेल दइ द्या, हमर मसालन बुझि जात अहइँ।’
9 “जवाबे मँ सबइ चउकस कुँवारियन बोलिन, ‘नाहीं हम नाहीं दइ सकित। काहेकि फुन इ हमरे बरे पूर न होई अउर न तोहरे बरे। तउ तू पचे तेली क लगे जाइके आपन खातिर बेसहि ल्या।’
10 “जब उ पचे बेसहइ जात रहिन कि दुलहा आइ पहोंचा। फिन उ कुँवारियन जउन तइयार रहिन, उ सबइ ओनके संग भोजे मँ भीतर घुसिन अउर फिन कउनो फाटक बंद कइ दिहस।
11 “आखिर मँ उ सबइ बाकी कुँवारियन भी गइन अउर बोलिन, ‘स्वामी, हे स्वामी, दरवाजा खोलि द्या, हमका भीतर आवइ द्या।’
12 “मुला उ जबाव देत भवा कहेस, “मइँ तोहसे सच सच कहत हउँ: मइँ तोहका नाहीं जानत हउँ।’
13 “तउ होसियार रहा। काहेकि तू न उ दिना क जानत ह, न घड़ी क, जब मनई क पूत लउटी।
14 “सरग का राज्य उ मनई क नाई होई जउन जात्रा प जात भवा आपन नउकरन क बोलाइके अपने समान क रखवारा बनाएस।
15 उ एक क चाँदी स भरी पाँच ठु थैली दिहस। दुसरे क दुइ अउ तिसरे क एक दिहस। उ हर एक क ओकर जोग्गता होइ क मुताबिक दइके जात्रा प निकरि गवा।
16 जेका चाँदी क रूपया स भरी पाँच ठु थैली मिलीं, उ फउरन उ पइसे क धंधा मँ लगाइ दिहस फिन पाँच थैली अउर कमाएस।
17 अइसे ही जेका दुइ थैली मिलिन, उ भी दुइ अउर कमाइ लिहस।
18 मुला जेका एक मिली रही उ कहूँ जाइके भुइँया मँ गड़हा खोदेस अउर स्वामी क धने क गाड़ दिहस।
19 बहोत समइ बीत जाए क पाछे ओन सेवकन क स्वामी लउटि आवा अउर हर कउनो स लेखा जोखा लेइ लाग।
20 उ मनई जेका चाँदी क पाँच थैली मिलिन, आपन स्वामी क लगे गवा अउर चाँदी क पाँच अउर थैली दिहे रहा। चाँद क इ पाँच थैली अउर अहइँ जउन मइँ कमायउँ ह।’
21 ‘ओकर स्वामी ओहसे कहेस, ‘साबास! तू भरोसा क बढ़िया नउकर अहा। तनिक क रकम क बारे मँ तू बिसवास क जोग्ग रह्या मइँ तोहका अउर जिआदा हक देब। भितरे जा अउर आपन स्वामी क खुसी मँ खुसी मनावा।’
22 “फिन जेका चाँदी क दुइ थैली मिली रहीं, आपन स्वामी क लगे गवा अउर बोला, ‘स्वामी तू मोका चाँदी क दुइ थैली दिहे रहा, चाँदी क इ दुइ थैली अउ अहइँ जेका मइँ कमायो ह।’
23 “ओकर स्वामी ओसे कहेस, ‘साबास! तू भरोसा क लायक बढ़िया नउकर अहा। तनिक रकम क बारे मँ तू बिसवास क जोग्ग रह्या। मइँ तोहका अउर जिआदा हक देब। भितरे जा अउर आपन स्वामी क खुसी मँ खुसी मनावा।’
24 “फिन उ जेका चाँदी क एक थैली मिली रही, आपन स्वामी क लगे आवा अउर बोला, ‘स्वामी, मइँ जानत हउँ तू बहोत कठोर मनई अहा। तू हुवाँ काटत ह जहाँ तू बोया नाहीं रहा, अउर जहाँ तू कउनो बिआ नाहीं छिटकाया तू हुवाँ स फसिल बटोरब्या।
25 यह बरे मइँ डेराइ गवा रहे। तउ मइँ जाइके चाँदी क थैलिया क भुइँया मँ गाड़ दीन्ह। इ लइ ल्या जउन तोहार अहइ इ बाटइ, लइ ल्या।’
26 “जवाबे मँ ओकर मालिक ओसे कहेस, ‘तू एक बुरा आलसी सेवक अहा, तू जानत ह कि मइँ बिन बोए कटनी करत हउँ, हुवाँ स फसिल बटोरत हउँ।
27 तउ तोहका मोर धन साहूकार क लगे जमा कइ देइ चाही रहा। फिन जब मइँ आइत तउ जउन मोर रहा बियाज क साथ लइ लेइत।’
28 “एह बरे ऍसे चाँदी क एक थैली लइ ल्या अउर जेकरे लगे चाँदी क दस थैली अहइँ, ऍका उहइ क दइ द्या।
29 काहेकि हर उ मनई जो जउन कछू ओकरे लगे रहा ओकर सही प्रयोग किहेस ओका अउ जिआदा दीन्ह जाई। अउर जेतॅनी ओका जरूरत अहइ, उ ओसे जिआदा पाई। मुला ओसे, जो जउन कछू ओकरे लगे रहा ओकर सही प्रयोग नाहीं किहेस, सब कछू ओकरे लगे रहा ओकर सही प्रयोग नाहीं किहेस, सब कछू छोर लीन्ह जाई।
30 तउ उ बेकार क नउकर क बाहेर अँधियरे मँ धकियाइ द्या जहाँ लोग रोइहीं अउर आपन दाँत पिसिहीं।
31 “मनई क पूत जब आपन सरगे क महिमा क संग आपन सबही दूतन क संग आपन सानदार सिंहासने प बइठी
32 तउ संसार क सबहिं लोग ओकरे समन्वा ऍकट्ठ होइ जइहीं अउर एक दूसर क वइसे ही अलगाइ देइ, जइसे एक गड़रिया आपन बोकरियन स भेड़न क अलगाइ देत ह।
33 उ भेड़न क दाहिन कइँती अउर बकरियन क बाई कइँती राखी।
34 फिन उ राजा, जउन ओकरे दाहिन अहइ, ओनसे कही, ‘मोरे परमपिता स असीस पाए मनइयो, आवा अउर जउन राज्य तोहरे बरे संसार क सृस्टि स पहिले तइयार कीन्ह ग अहइ, ओकर अधिकारी बनि जा।
35 इ राज्य तोहार अहइ काहेकि मइँ भुखान रह्यों अउ तू मोका कछू खाइके द्या, मइँ पिआसा रह्यों अउर तू मोका कछू पिअइ क दिहा। मइँ नगिचे स जात भवा अनजान रह्यों, अउर तू मोका भितरे लइ गया।
36 मइँ बेवस्तर रह्यों, तू मोका ओढ़ना पहिराया। मइँ बेरमिया रह्यों, अउर तू मोर सेवा किहा। मइँ गिरपतार रह्यों, अउन तू मोरे लगे आया।’
37 “फिन जवाबे मँ धर्मी मनई ओसे पुछिहइँ, ‘पर्भू, हम पचे तोहका कब भुखान लखा ह अउर खिआवा या पिआसा लखा अउर पिअइ क दिहा?
38 तोहका हम कब नगिचे स जात भवा अजनबी लखा अउर भितरे लइ गएन, या बेवस्तर के लखिके तोहका ओढ़ना पहिरावा?
39 अउ हम कब तोहका बेरमिया या गिरपतार लखा अउर तोहरे लगे आएन?’
40 “फिन राजा जवाबे मँ ओनसे कही, “मइँ तोहसे सच कहत हउँ जब कबहुँ तू मोर भोले भाले मनइयन मँ स कउनो एक बरे भी कछू किहा तउ उ तू मोरे बरे किहा।’
41 “फिन उ राजा आपन बाँई कइँती क मनइयन स कही, ‘अरे अभागे लोगो मोरे नगिचे स चला जा, अउ जउन आगी सइतान अउर ओकरे दूतन बरे तइयार कीन्ह गइ अहइ, उ अंनत आगी मँ जाइके कूद जा।
42 इहइ तोहार सजा अहइ काहेकि मइँ भुखान रह्यो पर तू मोका खाइके कछू नाहीं दिहा,
43 मइँ अनजान रहा पर तू मोका भितरे नाहीं लइ गया। मइँ बिन ओढ़ना क बेवस्तर रहा, पर तू मोका ओढ़ना नाहीं पहिराया। मइँ बेरमिया अउर गिरफ्तार रहा, पर तू मोरे कइँती धियान नाहीं दिया।’
44 “फिन उ सबइ भी जवाबे मँ ओसे पुछिहइँ, ‘पर्भू, हम तोहका भूखा या पिआसा या अनजान या बिना ओढ़ना क बेवस्तर या बेरमिया या गिरप्तार कब लखा अउर तोहार सेवा नाहीं कीन्ह’
45 “फिन उ जवाबे मँ ओनसे कही, मइँ तोहसे सच कहत हउँ जब कबहुँ तू मोर इन भोले भाले मनवइयन मँ स कउनो एक क बरे लापरवाही बरत्या अउर नाहीं किहा उ मोरे बरे भी कछू करइ मँ लापरवाही बरती।’
46 “फिन इ सबइ बुरे लोग अनन्त सजा पइही अउ धर्मी मनई अनन्त जीवन मँ चला जइहीं।”
Matthew 26
1 इ सब बातन क कहि चुकइ क पाछे ईसू आपन चेलन स बोला,
2 “तू पचे जानत ह कि दुइ दिना पाछे पसह क त्यौहार बाटइ। अउर मनई क पूत दुस्मनन क हाथन स क्रूसे प चढ़ाइ जाइ बरे पकड़वाइ जाइवाला अहइ।”
3 तब मुख्ययाजकन अउर बुजुर्ग यहूदी नेतन कैफ़ा नाउँ क महायाजक क घरे आँगन मँ ऍकट्ठा भएन।
4 अउर उ पचे कउनो चाल स ईसू क धरइ अउर मार डावइ क छल करेन।
5 फिन भी उ सबइ कहत रहेन, “हमका इ फसह क त्यौहार क दिनन मँ नाहीं करइ चाही। नाहीं तउ होइ सकत ह मनई दंगा फसाद कइ बइठइँ।”
6 ईसू जब बैतनिय्याह मँ समौन कोढ़ी क घरे रहा।
7 तबही एक स्त्री चिकना, स्फटिक क सीसी मँ बहोत महँग इतर भरिके लइ आई अउर ओका ओकरे मूँड़े प उड़ेल दिहस। उ समइ उ पटरा प टेक लगाइके निहुरा बइठा रहा।
8 जब ओकर चेलन क देखन तउ उ सबइ किरोध मँ आइके बोलेन, “इतर क अइसी बर्बादी काहे कीन्ह गइ?
9 इ इतर तउ महँग दामे मँ बिक सकत रहा अउर फिन उ धने क दीन दुखियन मँ बाँटि जाइ सकत रहा।”
10 ईसू जानि गवा कि उ सबइ क कहत अहइँ। तउ ओनसे बोला, “तू इ स्त्री क काहे तंग करत अहा? उ तउ मोरे बरे एक सुन्नर काम करेस ह
11 काहेकि दीन-दुखी तउ हमेसा तोहरे पास रइहींपर मइँ तोहरे साथ हमेसा नाहीं रहब।
12 उ मोरे सरीर पइ सुगंधि छिरकिके मोरे गाड़ा जाइके तइयारी करेस ह।
13 मइँ तोहसे सच कहत हउँ समूची दुनिया मँ जहँ कहूँ भी सुसमाचार क प्रचार अउर फइलाव कीन्ह जाइ, हुवँइ ऍकर याद मँ जउन कछू इ किहेस ह, ओकर चर्चा होई।”
14 तब यहूदा इस्करियोती जउन ओकर बारहु चेलन मँ एक रहा, मुख्ययाजकन क लगे गवा अउर ओसे बोला,
15 “यदि मइँ ईसू क तोहका पकरवाइ देउँ तउ तू मननई मोका का देब्या?” तब उ पचे यहूदा क चाँदी क तीस रूपया देइ बरे इच्छा परगट किहेन।
16 उहइ समइ स यहूदा ईसू क धिखा दइ के पकड़वावइ क ताक मँ रहइ लाग।
17 बिना खमिरे क रोटी क त्यौहार स पहिले दिन ईसू क चेलन आइके पूछेन, “तू का चाहत ह कि हम तोहरे खाइके बरे फसह भोज क तइयारी कहाँ जाइके करी?”
18 ईसू कहेस, “गाउँ मँ उ मननई क लगे जा अउर ओसे कहा, कि गुरु कहेस ह, ‘मोर तय भई घरी निगचे बाटइ, मइँ तोहरे घर आपन चेलन क संग फसह क त्यौहार मनावइ वाला अहउँ।”‘
19 फिन चेलन वइसा ही करेन जइसा ईसू बताए रहा अउर फसह क त्यौहार क तइयारी किहन।
20 दिन बूड़त ईसू आपन बारहु चेलन क संग पटरे पइ निहुरा बइठा रहा।
21 तबहीं ओनके खइया क खात उ बोला, “मइँ सच कहत हउँ तोहमाँ स एक मोका धोखे स पकरवाई।”
22 उ सबइ बहोत दुःखी भएन अउ ओनमाँ स हर कउनो आपुस मँ पूछइ लागेन, “पर्भू उ मइँ तउ नाहीं हउँ। बतावा का मइँ अहउँ।”
23 तब ईसू जवाब दिहस, “उहइ जउन मोरे संग एक टाठी मँ खात बा मोका धोखा स पकड़वाई।
24 मनई क पूत तउ जाई ही, अइसा कि ओकरे बारे मँ पवित्तर सास्तरन मँ लिखा बाटइ। मुला उ मनई क धिक्कार बा जउन मनई क जारिये मनई क पूत पकड़वाइ जात अहइ। उ मनई बरे केतॅना नीक होत कि ओकर जन्म ही न भवा रहत।”
25 तब ओका धोखे स पकरवावइ वाला यहूदा बोलि उठा, “हे गुरु, उ मइँ नाहीं हउँ। का मइँ हउँ?” ईसू ओसे कहेस, “हाँ अइसा ही अहइ जइसा तू कह्या ह।”
26 जब उ पचे खइया क खात ही रहेन, ईसू रोटी लिहस, ओका असीसेस अउर फिन तोड़ेस। फिन ओका चेलन क देत भवा उ बोला, “ल्या ऍका भकोसा, इ मोर देह अहइ।”
27 फिन उ दाखरस क खोरा उठाएस अउर धन्यबाद देइ क पाछे ओका ओन पचेन क देत भवा कहेस, “तू पचे एहमाँ स तनिक पिआ।
28 काहेकि इ मोर खून अहइ जउन एक नवा वाचा की सुरुआत अहइ। इ बहोतन लोगन बरे बहाइ जात ह। जेसे ओनके पापन्क छमा करब संभउ होइ सकइ
29 मइँ तोहसे सच कहत हउँ उ दिना तक दाखरस न चीखब जब ताईं आपन परमपिता क राज्य मँ तोहरे साथ नवा दाखरस न पिउ लेउँ।”
30 फिन उ पचे फसह क भजन गाइके जैतून पहाड़े प गएन।
31 फिन ईसू ओनसे कहेस, “आज राति तू पचन क मोह मँ बिसवास डुग जाई। काहेकि पवित्तर सास्तरन मँ लिखा अहइ:‘मइँ गड़रिया क मारब अउर झुंड क भेड़न तितराइ बितराइ जइहीं।’ जकर्याह 13:7
32 पर फिन स जी जाए प मइँ तोहसे पचन्स पहिले गलिल चला जाब।”
33 परतस जवाब दिहस, ‘चाहे सब मिला तोहमाँ बिसवास डुगाइ देइँ, मुला मइँ कबहूँ न खोउब।”
34 ईसू ओसे कहेस, “मइँ तोहसे सच कहत हउँ आज इहइ राति मुर्गा क बाँग देइ स पहिले तू तीन दाईं मोका नकार जाब्या।”
35 तब पतरस ओसे कहेस, “अगर मोका तोहरे संग मरि जाइ क होइ तउ भी तोसे मइँ कबहूँ न मुकरब।” बाकी सब चेलन इहइ कहेन।
36 फिन ईसू ओकरे संग उ जगह प आवा जउन गतसमनी कहा जात रहा। अउर उ आपन चेलन स कहेस, “जब ताईं मइँ हुवाँ जाउँ अउर पराथना करउँ, तू सबे हियइँ बइठा।”
37 फिन ईसू पतरस अउर जब्दी क दुइनउँ बेटवन क आपन संग लइ गवा। अउर दुख अउ घबराहट महसूस करइ लाग।
38 फिन उ ओनसे कहेस, “मोर मन बहोत दुखी बा, जइसे मोर प्रान निकरि जइहीं। तू मोरे संग हिअँई ठहर जा अउर होसियार रहा।”
39 फिन तनिक अगवा बढ़इ क बाद उ धरती प निहुरिके पराथना करइ लाग। उ कहेस, “हे, मोर परमपिता, जदि होइ सकइ तउ यातना क कटोरा मोसे टरि जाइ। फिन भी जइसा मइँ चाहत हउँ वइसा नाहीं मुला जइसा तू चाहत ह वइसा ही कर।”
40 ओकरे पाछे उ आपन चेलन क लगे गवा अउर ओनका सोवत पाएस। उ परतस स कहेस, “तउ तू पचे मोर संग एक घंटा भी नाहीं जागि सक्या।
41 जागत रहा अउर पराथना करा जेसे तू परिच्छा मँ न पड़ि जा। तोहार आतिमा तउ उहइ करब चाहत ह जउन चंगा बा, मुला तोहार सरीर दुर्बल अहइ।”
42 एक दाईं फिन उ जाइके पराथना किहेस अउर कहेस, “हे मोर परमपिता, जदि यातना क कटोर मोरे बगैर पिए टर नाहीं सकत तउ तोहार इच्छा पूरी होइ जाइ।”
43 तब उ आवा अउ ओनका फिन सोवत पावा। उ पचेन क आँखन थकी रहिन।
44 तउ उ ओनका छोड़िके फिन गवा अउर तिसरी दाईं भी पहिले क नाईं ओनही सब्दन मँ पराथना करेस।
45 फिन ईसू आपन चेलन क लगे गवा अउर ओनसे पूछेस, “का तू अबहुँ आराम स सोवत अहा? सुना, समइ आइ ग अहइ, जब मनई क पूत पापी मनइयन क हथवन मँ दइ दीन्ह जाई।
46 उठा, आवा चली। देखा मोका धरइवाला इ बा।”
47 ईसू जब बोलत रहा, यहूदा जउन बारहु चेलन मँ एक रहा, आवा। ओकरे संग तरवारन अउर लाठियन स लइस मुख्ययाजकन अउर बुजुर्ग यहूदी नेतन क पठई एक भारी भीड़ भी रही।
48 यहूदा जउन ओका पकड़वावइ वाला रहा, ओनका एक इसारा बतावत भवा कहेस, “जउन कउनो क मइँ चुमउँ, उहइ होई, ओका धइ लिहा।”
49 फिन उ सीधे ईसू क लगे गवा अउ बोला, “हे गुरु! अउर बस उ ईसू क चूम लिहेस।’
50 ईसू ओसे कहेस, “मीत, जउन काज बरे तू आइ अहा, ओका करा।”फिन भिड़िया क लोग लगे जाइके ईसू क दहबोच कइ गिरफ्तार कइ लिहन।
51 फिन जउन मिला ईसू क संग रहेन, ओनमाँ स एक तरवार हींच लिहस अउर वार कर महायाजक क नउकर क कान काट लिहस।
52 तब ईसू ओसे कहेस, “आपन तरवार क मियान मँ घुसेड़ द्या। जउन तरवार चलावत हीं उ पचे तरवारे स मार डावा जइहीं।
53 का तू नाहीं सोचत अहा कि मइँ आपन परमपिता क बोलाइ सकत हउँ अउ उ फउरन सरगे क दुतन क बारहु फउजन स भी जिआदा मोरे लगे पठइ देई?
54 मुला मइँ अइसा करउँ तउ पवित्तर सास्तरन मँ लिखी बात कइसे पूर होइ जाई कि सब कछू अइसे ही होइ क अहइ?”
55 उहइ समइ ईसू भीड़े स कहेस, “तू पचे तरवारन, लाठियन क संग मोका धरवावइ अइसे काहे आइ अहा जइसे कउनो डाकू क धरइ आवत हीं? मइँ हर दिन मन्दिर मँ बइठा उपदेस देत रहत हउँ अउर तू पचे मोका नाहीं धर्या।
56 मुला इ सब कछू घटि गवा कि नबियन क लिखा पूर होइ।” फिन ओकर चेलन ओका तजि क पराय गएन।
57 ईसू क जउन धरे रहेन, उ पचे ओका कैफ़ा नाउँ क महायाजक क समन्वा लइ गएन। हुवाँ धरम सास्तिरियन अउर बुजुर्ग यहूदी नेतन भी ऍकट्ठा भएन।
58 पतरस ओसे दूर-दूर रहत ओकरे पाछे-पाछे महायाजक क अंगना क भितरे तलक चला गवा। अउर फिन अंत देखइ हुवाँ पहरेदारन क संग बइठ गवा।
59 मुहायाजकन समूची यहूदी महासभा क संग ईसू क मउत क सजा देइ बरे ओकरे खिलाफ कउनो झूठा जुर्म ढूँढ़इ बरे जतन करत रहेन।
60 मुला ढूँढ नाहीं पाएन। जदपि बहोत स झूठे गवाहन अगवा बढ़िके झूठ बोलेन। आखिर मँ दुइ मनई अगवा आएन।
61 अउर बोलेन, “इ कहे रहा, ‘मइँ परमेस्सर क मंदिर क तहस नहस कइ सकत हउँ अउर तीन दिना मँ फिन बनाइ सकत हउँ।”‘
62 फिन महायाजक खड़ा होइके ईसू स पूछेस, “का जवाबे मँ तोहका कछू नाहीं कहइ क अहइ कि इ मनइयन तोहरे खिलाफ इ का साच्छी देत अहइँ?”
63 मुला ईसू खमोस रहा।फिन महायाजक ओसे पूछेस, “मइँ तोहका साच्छात परमेस्सर क सपथ देत हउँ, हमका बतावा का तू परमेस्सर क पूत मसीह अहा?”
64 ईसू जवाब दिहस, “हाँ, मइँ अहउँ। मुला मइँ तोहका बतावत हउँ कि तू पचे मनई क पूत क उ परम सक्तीवाला क दाहिन कइँती बइठा अउर सरगे क बदखन प आवत हालि ही देखब्या।”
65 महायाजक इ सुनिके ऍतना गुस्साइ गवा कि आपन ओढ़ना फाड़त भवा बोला, “इ जउन बातन कहेस ह उ सब परमेस्सर प कलंक लगाएस ह। अब हमका अउर जिआदा साच्छी न चाही। तू पचे ऍका परमेस्सर क खिलाफ कहत सुन्या ह।
66 तू पचे का सोचत अहा?”जवाबे मँ उ पचे बोलेन, “इ अपराधी अहइ। ऍका मरि जाइ चाही।”
67 फिन उ सबइ ओकरे मुँहना प थूकेन अउ ओका घूँसा स मारेन। कछू थप्पड़ दिहेन।
68 अउर कहेन, “हे मसीह! भविस्सबाणी करा कि उ कउन अहइ जउन तोहका थोकरेस ह।”
69 पतरस अबहीं अंगना मँ बाहेर बइठा रहा कि एक ठु नउकरानी लगे आइ अउर बोली, “तू भी तउ उहइ गलील क ईसू क संग रह्या।”
70 मुला सबइ क समन्वा पतरस मुकर गवा। उ कहेस, “मोका पता नाहीं तू का कहति अहा।”
71 फिन उ ड्यौढ़ी तलक गवा ही रहा कि एक दूसर मेहरारू देखेस अउर जउन मनई हुवाँ रहेन, ओनसे बोली, “इ मनई नासरत क ईसू क संग रहा।”
72 एक दाईं फिन पतरस इन्कार करेस अउर सपथ खात भवा कहेस, “मइँ उ मनई क नाहीं जानत हउँ।”
73 तनिक देर पाछे हुवाँ खड़ा लोग पतरस क लगे गएन अउर ओसे बोलेन, “तोहार बोलइ क लहजा स साफ लागत ह कि तू असिल मँ ओनही मँ स एक अहा।”
74 तब पतरस आपन क धिक्कारइ लाग अउर सपथ खाएस, “मइँ उ व्यक्ति क नाहीं जानत हउँ!” तबहिं मुर्गा बाँग दिहस।
75 तब्बइ पतरस क उ याद होइ आवा जउन ईसू ओसे कहे रहा, “मुर्गा क बाँग देइ स पहिले तू तीन दाईं मोका नकार देब्या।” तब पतरस बाहेर चला गवा अउ फूट फूट क रोवइ लाग।
Matthew 27
1 दूसर दिन बड़े भिन्सारे सबइ ही मुख्य याजकन अउर बुजुर्ग यहूदी नेतन ईसू क मरवाइ डावइ क एक चाल चलेन।
2 फिन उ पचे ओका बाँधि के लइ गएन अउर राज्यपाल पिलातुस क सौपं दिहन।
3 ईसू क धरवावइ वाला यहूदा जब देखेस कि ईसू क दोखी ठहराइ दीन्ह ग अहइ, तउ उ बहोत पछतावा। अउर उ याजकन तथा यहूदी नेतन क चाँदी क तीस रूपया लउटाइ दिहस।
4 उ कहेस, “मइँ एक वे अपराधी क मार डावइ बरे धरावइ क पाप कीन्ह ह।”ऍह प मनई कहेन, “हम पचेन क का! इ तोहार आपन मामिला अहइ।”
5 ऍह प यहूदा चाँदी क ओन रूपयन क मन्दिर क भितरे लोकाएके चला गवा अउर फिन बाहेर जाइके आपन क फाँसी लगाएस।
6 मुख्ययाजकन उ सब चाँदी क सिक्कन क उठाइ लिहन अउर कहेन, “हमरे व्यवस्था क मुताविक इ धन क मन्दिर क खजाना मँ धरब नीक नाहीं काहेकि ऍकर प्रयोग कउनो क मार डावइ बरे कीन्ह ग रहा।”
7 एह बरे उ पचे उ रूपयन क यरूसलेम मँ बाहेर स आवइ वाले मनइयन क मरि जाए प गाड़इ बरे कोहारे क खेत खरीदै क फैसला किहन।
8 एह बरे आजु ताईं इ खेत ‘लहू क खेत’ क नाउँ स जाना जात ह।
9 इ तरह परमेस्सर क नबी यिर्मयाह क कहा भवा बचन पूर होइ ग:“उ पचे चाँदी क तीस सिक्कान बरे, उ रकम जेका इस्राएल क मनइयन ओकरे बरे देब तइ किहे रहेन।
10 अउ पर्भू क जारिये मोका दीन्ह गवा हुकुम क मुताबिक ओसे कोंहारे क खेत खरीदेन।”
11 ऍकरे बीच मँ ईसू राज्यपाल क समन्वा पेस भवा। राज्यपाल ओसे पूछेस, “का तू यहूदियन क राजा अहा?” ईसू कहेस, “हाँ, मइँ हउँ।”
12 दुसरी कइँती जब प्रमुखयाजकन अउर बुजुर्ग यहूदी नेतन ओह प दोख लगाव रहेन तउ उ कउनो जवाब नाहीं दिहस।
13 तब पिलातुस ओसे पूछेस, “का तू नाहीं सुनत अहा कि उ सबइ तोह प केतॅता दोख लगावत अहइँ?”
14 मुला ईसू पिलातुस क कउनो भी दोख क जवाब नाहीं दिहस। पिलातुस क ऍह प बहोत अचरज भवा।
15 फसह क त्यौहार क अउसर प राज्यपाल क रीति रही कि उ कउनो भी एक कै़दी क, जेका भीड़ चाहत रही, ओनके बरे छोड़ दीन्ह जात रहा।
16 उहइ समइया बरअब्बा नाउँ क एक बदनाम कैदी हुवाँ रहा।
17 तउ जब भीड़ आइके एकट्ठी होइ गइ तउ पिलातुस ओसे पूछेस, “तू का चाहत बाट्या, मइँ तोहरे बरे केका छोड़ि देउँ, बरअब्बा क या उ ईसू क, जउन मसीह कहा जात ह”
18 पिलातुस जानत रहा कि उ पचे ओका मने मँ डाह क कारण धरवाइ दिहेन ह।
19 पिलातुस जब निआव क सासन प बइठा रहा तउ ओकर पत्नी ओकरे लगे एक संदेसा पठएस: “उ सीधा साँच मनई क संग कछू जिन कइ बइठ्या। मइँ ओकरे बारे मँ एक ठु सपन देखिउँ ह जेसे मइँ आज सारा दिन भइ बेचइन रही।”
20 मुला प्रमुख याजकन अउर बुजुर्ग यहूदी नेतन भीड़े क बगदाएन, फुसलाएन कि उ पिलातुस स बरअब्बा क छोरि देइ क अउर ईसू क मरवाइ डावइ बरे कहेन।
21 जवाबे मँ राज्यपाल ओसे पूछेस, “दुइनउँ कैदियन मँ स कउनो एक बरे केका मोसे छुरवावइ बरे तू पचे चाहत बाट्या?”उ पचे जवाब दिहन, “बरअब्बा क।”
22 जब पिलातुस ओसे पूछेस, “तउ मइँ, जउन मसीह कहा जात बा उ ईसू क का करउँ?”उ सबइ कहेन, “ओका क्रूस प चढ़ावा!”
23 पिलातुस पूछेस, “काहे, उ कउन अपराध किहेस ह” मुला उ सबइ तउ अउर जिआदा चिचियानेन, “ओका क्रूस प चढ़ाइ द्या।”
24 पिलातुस देखेस कि अब कउनो फायदा नाहीं। मुला दंगा भड़कइ क बा। तउ उ तनिक पानी लिहस अउर भीड़े क समन्वा आपन हाथ धोएस, उ बोला, “इ मनई क लहू स हमार कउनो जिम्मेदारी नहीं। यह तोहार मामिला बा!”
25 जवाबे मँ सब लोगन कहेन, “ऍव्करे मउत क जबावदेही हम अउ हमार लरिकन मान लेत हँ।”
26 तब पिलातुस ओनके बरे बरअब्बा क छोरि दिहस अउर ईसू क कोड़वा स पिटवाइ क क्रूस प चढ़ावइ बरे सौंपि दिहस।
27 फिन राज्यपाल क सिपारी ईसू क राज्यपाल निवास क भितरे लइ गएन। हुवाँ ओकरे चारिहुँ कइँती सिपाहियन क फउज ऍकट्ठी होइ गइ।
28 उ पचे ओकर ओढ़ना उतार दिहन अउ चटकीले लाल रंग क ओढ़ना पहिराइ क
29 काँटे स बनवा एक ताज ओकरे सिरे प ढाँपि दिहस। ओकरे दाहिन हाथ मँ ए ठु नरकट थमाइ दिहन अउर ओकर समन्वा आपने घुटनन पइ निहुरिके क ओकरे हँसी करत बोलेन, “यहूदियन क राजा अमर रहइ!”
30 फिन उ पचे ओकरे मुँहना पर थूकेन, डंडी छोरेन अउर ओकरे मुँड़वा प सुटकइ लागेन।
31 जब उ पचे ओकर हँसी उड़ाइ चुकेन तउ ओकर पोसाक उतारेन अउर ओका ओकर आपन ओढ़ना पहिराइ क क्रूसे प चढ़ावइ बरे लइ चलेन।
32 जब उ पचे बाहेर ही रहेन तउ ओनका कुरैन क निवासी समौन नाउँ क एक मनई मिलि गवा। उ पचे ओह प जोर डाएन कि उ ईसू क क्रूस उठाइके चलइ।
33 फिन जब उ पचे गुलगुता नाउँ क जगह (जेकर अरथ अहइ “खोपड़ा क ठउर।”) पहुँचेन।
34 तउ उ पचे ईसू क अंगूर क रस मँ पित्तनाइ क पिअइ बरे दिहन। मुला जब ईसू ओका चखेस तउ पिअइ स मना किहस।
35 तउ उ सबइ ओका क्रूसे प चढ़ाइ दिहन अउर ओकरे ओढ़ना क आपुस मँ बाँटइ बरे पाँसा खेलिके आपन हींसा लिहन।
36 ऍकरे पाछे हुवाँ बइठिके ओह प पहरा देइ लागेन।
37 उ पचे ओकर जुर्म पत्थर लिखिके ओकरे मूॅड़े पर लटकाइ दिहेन, “इ यहूदियन क राजा ईसू अहइ।”
38 इहइ समइ ओकरे संग दुइ डाकु भी क्रुसे प चढ़ाइ जात रहेन एक ठु ओकरे दाहिन अउर दूसर ओकरे बाईं कइँती।
39 नगिचे स होइ क जात मनइयन आपन मूँड़ी झमकावत ओका बेज्जत करत रहेन।
40 उ पचे कहत रहेन, “अरे मन्दिर क गिराइके तीन दिना ओका फिन स बनवइया, आपन क तउ बचावा। जदि तू परमेस्सर क पूत अहा तउ क्रूसे स तरखाले उतरि आवा।”
41 अइसे ही मुख्ययाजकन, धरम सास्तिरियन अउर बुजुर्ग यहूदी नेतन क संग ओकर इ कहिके हँसउआ करत रहेन:
42 “दूसर क उद्धार करइया इ आपन उद्धार नाहीं कइ सकत। इ इस्राएल क राजा अहइ। इ क्रूसे स अबहिं तरखाले उतरइ तउ हम पचे ऍका मान लेइ।
43 इ परमेस्सर मँ बिसवास करत ह। तउ जदि परमेस्सर चाहइ अब ऍका बचाइ लेइ। आखिर इ तउ कहत भी रहा ‘मइँ परमेस्सर क पूत हउँ।”‘
44 उ सबइ लुटेरन भी जउन ओकरे संग क्रूसे प चढ़ाइ गएन रहा, ओकर अइसा ही हँसउआ भवा।
45 फिन समूची धरती प दुपहर स तीन बजे तलक अँधियारा छावा रहा।
46 कउनो तीन बजे क लगभग ईसू ऊँच अवाजे मँ चिल्लान, “एली, एली, लमा सबक्तानी” अरथ, “मोरे परमेस्सर, हे मोरे परमेस्सर, तू मोका काहे बिसार दिहा ह”
47 हुवाँ खड़ा भवा मनइयन मँ स कछू इ सुनिके कहइ लागेन, “यह एलिय्याह क पुकारत अहइ।”
48 फिन फउरन ओनमाँ स एक मनई धावत सिरका मँ बोरा भवा स्पंज एक डंडी पइ लटकाइ क लइ आवा अउर ओका ईसू क चूसइ बरे दिहस।
49 मुला दूसर लोग कहत रहेन, “छोड़ द्या, देखित ह कि एलिय्याह ऍका बचावइ आवत ह कि नाहीं।”
50 ईसू फिन एक दाईं ऊँच सुरे मँ चिल्लाइ क प्राण तजि दिहस।
51 उहइ समइया मन्दिरे क परदा ऊपर स तरखाले तलक फाटिके दुइ टुकड़न मँ बाँटे गवा। धरती डोल उठी। चट्टानन फाट पड़िन।
52 हियाँ तलक कब्रन खुलि गइन अउर परमेस्सर क मरा भएन भक्तन क बहोतन सरीर जी उठेन।
53 उ पचे कब्रन स निकरि आएन अउर ईसू क जी जाइ क पाछे पवित्तर नतर मँ जाइके बहोतन क देखाइॅ दिहेन।
54 रोम क फऊजी नायक अउर ईसू क पहरुअन भूँइडोल अउर वइसी ही दूसर घटनन क लखिके डेराअ गएन। उ पचे बोलेन, “ईसू असिल मँ परमेस्सर क पूत रहा!”
55 हुवाँ ढेरि के स्त्रियन खड़ी रहिन जउन दूरे स लखत रहिन। उ पचे ईसू क देखभाल बरे गलील स ओकरे पाछे पाछे आवत रहिन।
56 ओनमाँ स मरियम मगदलीनी, याकूब अउर योसेस क महतारी मरियम तथा जब्दी क बेटवन की महतारी रही।
57 सांझ क समइ अरिमतियाह सहर स यूसुफ नाउँ क एक धनवान आवा उ खुद ही ईसू क चेला होइ गवा। यूसुफ पिलातुस क लगे गवा अउर ईसू क ल्हास माँगेस।
58 तबहिं पिलातुस हुकुम दिहस कि सब ओका दइ दीन्ह जाइ।
59 यूसुफ ल्हास दिहस अउर ओका एक नई चदरे मँ लपेटिके
60 आपन खुद क नई कब्र मँ धइ दिहस। जेका उ चट्टाने मँ काटि के बनवाए रहा। फिन उ चट्टाने क दरवाजे प एक बड़का सा पाथर लुढ़काएस अउर चला गवा।
61 मरियम मगदलीनी अउर दूसर स्त्री मरियम हुवाँ कब्रे क समन्वा बइठी रहिन।
62 अगले दिन जब सुक्रवार बीत गवा तउ प्रमुख याजकन अउर फरीसियन पिलातुस स मिलइ गएन।
63 उ पचे कहेन, “महासय हमका याद बा कि इ छलिया, जब उ जिअत रहा, कहे रहा, ‘तिसेर दिन मइँ फिन जी उठब।’
64 तउ हुकुम द्या कि तिसरे दिन तलक कब्रे प चौकसी कीन्ह जाइ। जेसे अइसा न होइ कि ओकर चेलन आइके ओकर ल्हास चोरॉइ लइ जाइँ अउर मनइयन स कहइँ, उ मरे भवा मँ स जी गवा। इ दूसर छल पहिले छल से जिआदा बुरा होई।”
65 पिलातुस ओसे कहेस, “तू पहरा बरे सिपाही लइ जाइ सकत ह। जा जइसी चौकसी कइ सकत ह, करा।”
66 तब उ पचे चला गएन अउर उ पाथर प मोहर लगाइके अउर पहरुअन क हुवाँ बइठाइ के कब्र क हिफाजत करइ लागेन।
Matthew 28
1 सबित क बाद जब रविवार क भिन्सारे पउ फाटत रही, मरियम मगदलीनी अउर दूसर स्त्री मरियम कब्र क जाँच करइ आइन।
2 काहेकि सरगे स पर्भू क एक दूत हुवाँ उतरा रहा, एह बरे उ सबइ बहोत बड़का भुइँडोल आवा। सरगदूत हुवाँ आइके पाथर क लुढ़काएस अउर ओह पर बइठ गवा।
3 ओकर रूप अकासे क बिजरी क नाईं चमचमात रहा अउर ओकर ओढ़ना बरफ जइसे उज्जर रहेन।
4 उ सिपाहियन जउन कब्रे प पहरा देत रहेन, डर क कारण डेरानेन अउर अइसा होइ गएन जइसे मरि गवा होइँ।
5 तब सरगदूत बोला अउर उ ओन स्त्रीयन स कहेस, “डेराअ जिन, मइँ जानत हउँ कि तू ईसू क खोजति अहा जेका, क्रूस प चढ़ाइ दीन्ह गवा रहा।
6 उ हियाँ नाहीं बा। जइसा कि उ कहे रहा। उ मउत क पाछे फिन जिआइ दीन्ह जाई। आवा, उ ठउरे क लखा, जहाँ उ ओतरा रहा।
7 अउ फिन तुरंत जा अउर ओकरे चेलन स कहा, “उ मरे हुअन मँ स जिआइ दीन्ह जाई अउर अब उ तोहसे पहिले गलील क जात अहइ। तू ओका हुवाँ देखब्या’ इहइ मइँ तोहका बतावइ आवा हउँ, ओका याद राखा।”‘
8 उ स्त्रियन फउरन ही कब्र क तजि दिहन। उ पचे डर अउर आनंद स खुस होइ गइन। फिन ईसू क चेलन क इ बतावइ उ पचे धाएन।
9 एकाएक ईसू ओनसे भेंटेस अउर बोला, “अरे तू!” उ पचे ओकरे लगे आइन, उ पचे ओकर गोड़वा धइ लिह अउर ओकर आराधना करेन।
10 तब ईसू ओनसे कहेस, “डेराअ जिन, मोरे भाइयन क लगे जा, अउर ओनसे कहा कि उ पचे गलील बरे रवाना होइ जाइँ, हुवँइ उ सबइ मोका देखिहइँ।”
11 अबहिं उ स्त्रीयन आपन राहे मँ ही रहिन कि कछू सिपाही जउन पहरुअन मँ रहेन, सरह मँ गएन अउर जउन कछू भवा, उ सब क खबर प्रमुख याजकन क जाइके सुनाएन।
12 तउ उ सबइ बुजुर्ग यहूदी नेतन मिलिके एक चाल चलेन। उ पचे सिपाहियन क बहोतइ धन दइके।
13 कहेन कि उ पचे मनइयन स कहइँ, “ईसू क चेलन राति क आएन अउ जब हम सबइ सोवत रहेन ओकरे ल्हास क चुराइ लइ गएन।
14 जदि तोहार इ बात राज्यपाल तक पहुँचत ह तउ हम ओका समझाइ लेब अउर तोहरे प कउनो आँच न आवइ पाई।”
15 पहरूअन धन लइके वइसा ही करेन, जइसा ओनका बतावा ग रहा। अउ इ कहानी यहूदियन मँ आज तलक इहइ रूप मँ सँचर गउ अहइ।
16 फिन ग्यारहु चेलन गलील मँ उ पहाड़ी प पहुँचेन जहाँ बरे ईसू कहे रहा।
17 जब उ पचे ईसू के निहारेन तउ ओकर आराधना करेन। जदपि कछूक मनवा मँ सक रहा।
18 फिन ईसू ओनके लगे जाइके कहेस, “सरगे मँ अउ धरती प सबइ हक मोका दइ दीन्ह गवा अहइँ।
19 तउ, जा अउर सब देसन क मनइयन क मोर चेलन बनावा। तोहका इ काम परमपिता क नाउँ मँ, पूत क नाउँ म अउर पवित्तर आतिमा क नाउँ मँ, ओनका बपतिस्मा दइके पूर करब अहइ।
20 उ सबइ हुकुम जउन मइँ तोहका दिहे हउँ, ओनका ओन प चलब सिखावा अउर याद राखा इ सृस्टि क अंत ताईं मइँ हमेसा तोहरे संग रहब।”
Mark 1
1 परमेस्सर क पूत ईसू मसीह क सुसमाचारक सुरुआत।
2 जइसा अगवा होई, यसायाह नबीक किताब मँ लिखा अहइ: उ कहेस, “सुन ल्या! मइँ (परमेस्सर) अपने सहायकक तोसे पहिले पठवत अही। उ तोहरे बरे रस्ता बनाई।” मलाकी 3:1
3 “एक ठु मनई के चिल्लाय क अवाज उसरे मँ सुनि लीन्ह: ‘पर्भू क बरे रस्ता बनवा अउर सोझ रस्ता तइयार करा।”‘ यसायाह 40:3
4 यूहन्ना उसरे मँ बपतिस्मा देत आइ। उ लोगन स बपतिस्मा लेने क कहेस कि उ आपन मनफिराव क दिखा सकइँ। अउर ओनके पापन्क छमा होइ।
5 यरूसलेम अउ यहूदिया देस क सब जने ओकरे निअरे गएन। जइसे उ सब आपुन्हि पापन्क कबूलेन्ह, उ सब यरदन नदिया मँ ओसे बपतिस्मा पाएन।
6 यूहन्ना ऊँटन्क बारेन्स बनवा बस्तर पहिरत रहा, अउर करिहाउँ प खालि क पेटी बाँधत रहा। उ टिड्डन्क अुर जंगली सहद खात रहा।
7 उ इ बात क प्रचार करत रहा: “मोरे पाछे मोसे जिआदा एक ठु बरिआर मनई आई। मइँ ऍतना जोग्य नाहीं कि ओकरे सोझे खड़ा होइके अउर निहुरिके ओकरे बधियउरी क फीता तलक खोलि सकउँ।
8 मइँ तू पचन्क पानी स बपतिस्मा देत अही मुला उ तू पचन्क पवित्तर आतिमास बपतिस्मा देई।”
9 उ समइ ईसू नासरत स गलील आवा। हुवाँ यूहन्ना रहा। ईसू ओसे यरदन नदिया मँ बपतिस्मा लिहस।
10 जइसे ही पानी स बाहेर आवत रह, उ खुला भवा अकास देखेस। अउर पवित्तर आतिमा कबूतरे क नाईं ओह प उतरी।
11 फिन अकासबानी भइ: “तू मोर पूत, जेहका मइँ पियार करत हउँ। मइँ तोहसे बहोत खुस हउँ।”
12 तब तुरंतहि आतिमा ईसू क उसरे मँ पठएस।
13 अउ उ उसरे मँ चालीस दिन तइँ रहा। उहइ समइया मँ सइतान ओका भरमावत भवा रहा। हुवाँ ईसू जंगली जनावर क संग रहा। जहाँ सरगदूतन आइ क ओकर सेवा किहेन।
14 ओकरे बाद यूहन्ना जेली मँ धाँध दीन्ह गवा। फिन ईसू गालील मँ गवा अउर परमेस्सर क सुसमाचार क प्रचार करत रहा।
15 उ कहेस, “समइ पूरा होइ गवा परमेस्सर क राज्य नगिचे अहइ। सब जने मनफिरावा अउर सुसमाचार मँ बिसवास करा।”
16 जब ईसू गलील झील क निअरे स होइ के जात रहा। उ समौनअउर समौन भाई अन्द्रियास क निहारेस। उ दुइनउँ मछुआरा रहेन, एह बरे उ सब जलिया क झीले मँ डारत रहेन।
17 ईसू ओनसे कहेस, “आवा, अउर मोरे पाछे आवा। मइँ तू पचन क कइसे मनई बटोरा जात हीं इ बात सिखाउब।”
18 तबहिं फउरन उ सब आपनि जालिन्ह क छाँड़ि दिहन अउर ओकरे पाछे आएन।
19 तबहिं ईसू तनिक आगे झिलिया क तीरे चलत-चलत जब्दी क बेटवा याकूब अउर ओकर भाई यूहन्ना क निहारेस। उ सबइ आपन आपन नाउ मँ आपन जालि क मरम्मत करत रहेन।
20 उ तबहिं फउरन उ सबन्क बोलॉएस। एह बरे कि उ सबइ नाउ मँ आपन बाप जब्दी क छाँड़ि कइ ओके संग ओकरे पाछे आएन।
21 ओकरे बाद उ पचे कफरनहूम गएन। फुन अगवा ईसू आवइवाला सबित क दिनआराधनालयमँ जाइके लोगन्क सिच्छा देइ लाग।
22 सिरिफ धरम सास्तिरियन क जानइवाला क तरह नाहीं मुला एक ठु मुड्ढ क नाईं सिच्छा देत रहा। एह बरे उ सब मनइयन ओकरे सिच्छा स अचरजे मँ पड़ि गएन।
23 ओनकर यहूदी पराथना सभा मँ एक ठू अइसा मनई रहा जेका दुस्ट आतिमा धरे रही। उ मनई चिजिआन अउर कहेस,
24 “मोसे तू का चाहत बाट्या, नासरत क ईसू? का हम पचन्क बरिबाद करइ क आइ बाट्या? मइँ जानत हउँ तू का अहा, तू अहा परमेस्सर क पवित्तर मनई!”
25 मुला एह पइ ईसू पटकारेस, “खामोस रह, ओहका छाँड़िके चला आव।”
26 तबहिं दुस्ट आतिमा उ मनई क हिलाइस अउर खूब जोर स चिचिआन। फिन ओहमाँ स बाहेर आइ गइ।
27 ऍहसे हर मनई अचरज मँ पड़ि गवा। सब मनइयन आपुस मँ पूछइ पछोरे लागेन, “हिआँ इ कावा? इ मनई एक ठु नई सिच्छा देत बाटइ। उ मुड्ढ गियान स सिखवत अहइ। उ दुस्ट आतिमा क हुकुम देत हय अउर उ पचे ओहका मानत हीं।”
28 एह बरे गलील अउ ओह के चारिउँ कइँती ईसू क नाउँ तुरंतइ फइल गइ।
29 ईसू अउर ओकर चेलन आराधनालय तजि दिहन अउर सोझे याकूब अउ यूहन्ना क संग समौन अउर अन्द्रियास क घरे गएन।
30 समौन क सास बोखॉरे स बिछउना प पहुड़ी रही। तउ उ सब तुरंतहि ईसू क ओकरे बारे मँ बताऍन।
31 तइसे उ ओकरे नगिचे गवा। ओकर हथवा पकरि के ओका उठाएस। बोखॉर ओहका छाँड़ि दिहस अउर उ सबन्क सेवॅकाई करइ लाग।
32 सूरज बूड़े क बाद सांझ होइ जाए प उ सब लोग ढेर बेरमियन्क अउर जेनका दुस्ट आतिमन बियाधत रहा, ईसू क नगिचे लिवाइ लाऍन।
33 अउर समूचा सहर दुआरे प जम गवा।
34 उ तरह तरह क रोग स बेरमिया रहेन ओन सबन्क बेमारी स जरटुट किहेस अउर बहोत स दुस्ट आतिमन भगाय दिहस। उ दुस्ट आतिमन बोलइ दिहस नाहीं, एह बरे कि उ सब ओहका जान गइन।
35 बड़े भिन्सारे जब मुँह अँधियार रहा, ईसू जागि गवा। ओकरे बाद घरवा स बाहेर अकेल्ले मँ अउर उजाड़े मँ गवा, हुवाँ उ पराथना करेस।
36 पाछे समौन अउ ओकर साथी ईसू क हेरत-हेरत बाहेर गएन।
37 उ पचे ओहका हेरि के ओसे कहेन, “हर मनई तोहका हेरत अहइ।”
38 फिन ईसू ओनसे कहेस, “हमका दूसर क नगरन मँ जाइ चाही। तबहिं उ सबन ठउरन मँ मइँ उपदेस दइ सकत हउँ। एह बरे मइँ आइ हउँ।”
39 अइसे उ गलील क सब ठउरन मँ ओनके आराधनालयन मँ उपदेस देत अउर संग संग दुस्ट आतिमा क भगावत रहा।
40 फिन एक ठु कोढ़ी ओकरे निअरे आवा अउर उ निहुरि क ईसू स बिनती किहेस, “जउ तू चाहा, तू मोका चंगा कइ सकत ह।”
41 ओकर जिअरा दाया स भरि गवा। फिन उ आपन हथवा फइलावत ओका छुइके कहेस, “मइँ चाहत हउँ, तू नीक ह्वा।”
42 तबहिं फउरन ओकर कोढ़ जरटुट होइ ग अउर उ नीक होइ ग।
43 ईसू ओका जाइक बरे कहेस मुला ओका एक करी चिताउनी दिहेस,
44 “देखा, तू ऍकरे बारे मँ कउनो स कछुहि जिन कह्या। फिन याजक क लगे जा अउर ओका आपन क देखावा। परमेस्सर क भेंट द्या जेह बरे तू नीक होइ गया। अउर जइसा मूसा क व्यवस्था बताएस,वइसा आपन नीक होइ क भेंट द्या। जइसे इ एक सनद रहइ।”
45 फिन उ मनई चला गवा, अउर बेधड़क बतावइ लाग अउर खबरिया क प्रचार करइ लाग। ऍहसे ईसू अजादी स कस्बन मँ जाइ न सका। आखिर उ अकेल्ॅले मँ अउर उजड़े ठउरन मँ टिकइ लाग। सब मिला ठउर ठउर सा ओकरे नगिचे आवत रहेन।
Mark 2
1 कछू दिन पाछे ईसू कफरनहूम फिन आइ गवा। इ खवर फैलि गइ कि उ घरे मँ बा।
2 ऍतना ढेर क मजमा ओका सुनइ बरे जमा भवा कि ओकर घरवा भरि गवा। हुआँ तिल धरइ क ठउर नाहीं रहा अउर दुआरे क बाहेर भी नाहीं रहा। उ मनइयन क उपदेस देत रहा।
3 कछू लोग लकुआ क रोगी क ईसू क निअरे लाएन। लकवा क रोगी का चार मनई लाद कर लावत रहेन।
4 पर उ लोग उ मनई का ईसू के पास न लाइ पायन काहेकि घरवा लोगन स भरा रहा। एह बरे जहाँ ईसू रहा, ओकरे ऊपर क छत्तिया प गएन अउर छत्तिया क खोदि के एक ठो धोंधका बनाएन। तबहिं उ पचे बिछउना इ तरखाले कइ दिहन, जेह प लकुआ क बेरमिया ओलरा रहा।
5 जब ईसू देखेस कि उ सब केतॅना गहरा बिसवास रखत हीं, उ लकवा क रोगी स कहेस, “बेटवा! तोहार पापन्क छमा कर दीन्ह।”
6 हुवाँ कछू धरम सास्तिरियन बइठा रहेन। उ पचे आपन आपन मनवा मँ गूँथत मथत रहेन।
7 “काहे इ मनई अइसे कहत बाटइ? उ परमेस्सर क दुरिआवत बाटइ। सिरिफ परमेस्सर क छाँड़ि क कउन पापन क छमा करी?”
8 ईसू आपन आतिमा मँ फउरन जानि गवा कि इ मन ही मन सास्तिरियन ओकरे बारे मँ का बिचारत अहइँ। तउ ईसू ओनसे कहेस, “तू सब आपन जिअरा मँ इ सब काहे बिचारत अहा?
9 जिआदा असान का अहइ - इ लकुआ क बेरमिया क कहब, ‘तोहार पापन्क छमा दइ दीन्ह’ या कहब, ‘उठा! आपन बिछउना उठावा अउर चला?’
10 मुला मइँ तोहका प्रमाण देब कि मनई क पूत क भुइयाँ प पापन्क छमा करइ क हक अहइ।” फिन ईसू लकुआ क बेरमिया स कहेस,
11 “मइँ तोहका कहत अही, उठा। आप बिछउना उठावा अउर घरे जा।”
12 एह पइ उ उठि गवा अउर आपन बिछउना हालि हालि उठाएस अउ मनइयन क देखतइ देखत उ बइठका स चल दिहस। एह बरे, उ सब अचरजे मँ पड़ि गएन अउर परमेस्सर क प्रसंसा किहेन “हम पचे अस जइसा कबहुँ न देखा।”
13 एक दाईं ईसू फिन उ झिलिया क तीरे गवा, हुवाँ ढेर मिला ओकरे पाछे होइ गएन। ईसू ओनका उपदेस दिहस।
14 जइसे उ झिलिया क किनारे जात रहा, चुंगी क उगहिया हलफई क बेटवा लेवी क निहारेस उ चुंगी घरे मँ बइठा रहा। ईसू लेवी स कहेस, “मोरे पाछे आवा।” तउ उ उठि खड़ा भवा अउर ओकरे पाछे गवा।
15 उ दिना क बाद ईसू आपन चेलन क लइ के ढेर चुंगी क उगहियन अउर पापियन क संग राति क खइया खात रहा। जेहमाँ ओकर चेलन ढेर जने रहेन जउन ओकरे पाछे पाछे चले आएन।
16 जब फरीसियन क कछू धरम सास्तिरियन लखेन कि ईसू चुंगी क उगहियन अउर पापियन क संग जेंवत रहा। उ पचे ईसू क चेलन स पूछेन, “उ काहे चुंगी क उगहियन अउर पापियन क संग जेंवत अहइ?”
17 ईसू अनकेस अउर ओनसे कहेस, “जउन हिट्ठ पुट्ठ मनई अहइँ, का ओनका बैद्य चाही? मुला जउन बेरमिया अहइँ, ओनका बैद्य चाही। मइँ धर्मी बरे नाहीं मुला पापियन लोगन्क बोलॉबइ आइ हउँ।”
18 यूहन्ना क चेलन अउर फरीसियन लोग उपासकरत रहेन। कछू मनइयन ईसू क लगे आइके पूछेन, “काहे बरे यूहन्ना क चेलन अउर फरीसियन क चेलन उपास धांस करत हीं, मुला तोहार चेलन काहे उपास।।।। नाहीं करतेन?”
19 एह पइ ईसू जवाब दिहस, “जब बियाह मँ बराती जब तलक ओनसे उपवास करइ क उम्मीद नाहीं कीन्ह जात। जब तलक दुल्हा ओनके संग अहइ दुल्हा संग रहत हीं जब तलक उ पचे उपास नाहीं करतेन।
20 लेकिन समइ आई जबहिं दुल्हा ओनसे अलगाइ दीन्ह जाई अउर बराती दुखी रहि हीं। तबइ उ सब उपास रखिहीं।
21 “केउ कउनो पुरान कपरा प बेसिकुरा नवा कपरा क पइबंद नाहीं लगावत। यदि उ अइसा करत ह, उ नवा कपरा क पइबंद पुरान कपरा क लई बइठत ह। अइसे फटा कपरा क खोंच अउर बढ़ जात हीं।
22 मनई कबहुँ पुरान मसकन मँ नई दाखरस भरतेन नाहीं। काहे? नई दाखरस पुरान मसकन क फोरि देई। अउर ऐहसे नई दाखरस अउर मसकन बरिवाद होइ जइहीं। एह बरे मनई मई दाखरस क नई मसकन मँ धरत ह।”
23 अइसा भवा कि ईसू सबित क दिन अनाजे क खेतन्से होत भवा जात रहा। अउर ओकर चेलन संग संग जात रहेन। ओकर चेलन जात जात अनाजे क बलिया खाइ बरे नोचेन।
24 फरीसियन देखेन अउर ईसू स कहेन, “देखा सबित क दिन ओ पचे काहे अइसा करत अहइँ। अइसा करब इ दिन क व्यवस्था क माफिक नाहीं।”
25 एह पइ ईसू ओनसे कहेस, “तू सबइ दाऊदक बारे मँ पढ़या ह कि उ का करेस ह। जब उ अउर ओकर साथी संगी क भूख लाग अउर ओनका खइया क जरूरत भइ?
26 का तू पढ्या नाहीं कि जब अबियातार एक महायाजक रहा, तब दाऊद कइसे परमेस्सर क मन्दिर मँ गवा अउर चढ़वा मँ चढ़ी रोटी खाएस जउन परमेस्सर क चढ़ाई गइ रही। जउन मूसा क व्यवस्था क माफिक कउनो क बरे नाहीं मुला याजकन क खाइ क बरे रहीं। दाऊद सबन्क कछू रोटिन्क दिहस जउन ओकरे संग रहेन?”
27 ईसू ओनसे कहेस, “सबित क दिन मनई बरे बनवा ग रहा, मुला मनई सबित क दिन बरे नाहीं। 28एह बरे मनई क पूत सबित क पर्भू भी।”
28
Mark 3
1 एक दाईं फिन ईसू आराधनालय मँ गवा। हुवाँ एक ठो मनई रहा जेकर हाथ सुखंडी होइ गवा रहा।
2 कछू यहूदी अँखिया गड़ाइ के ईसू क निहारत रहेन कि का उ रोगी क सबित क दिन नीक करी। जदि गलती भए प ओका दोखी कहइँ।
3 ईसू सुखंडी हाथे क मनई स कहेस, “हिआँ खरा होइ जा जइसे सब जने तोहका निहारि सकइँ।”
4 तब ईसू ओनसे कहेस अउर लोगन पूछा, “सबिन क दिन का करइ क नीक बाटइ? या भलाई करब या बुराई? का ई नीक बाटइ जीउ क बचाउब या मारब?” जबावे मँ ईसू स उ पचे कछू नाहीं कहेन।
5 उ गुस्सा मँ ओन पचन क देखेस। ओनके मन क कठोर भए स उ दुखी भवा। फिन उ मनई स कहेस, “आपन हथवा आगे कइँती फइलाव।” उ मनई हथवा ईसू कइँती फइलाएस अउर पहिले जइसा नीक होइ ग।
6 तबहिं सबहिं फरीसियन हुवाँ स चल दिहन, अउर तुरंतहि हेरोदियन स मिलि के ओकरे खिलाफ जाल बिछावइ लागेन कि कइसे ओका जान स मारि सकिहीं।
7 ईसू आपन चेलन क संग गलील छील गवा। गलील क बहुत स लोग ओके पाछे होइ लिहेन।
8 बहुत स लोग यहूदिया, यरूसलेम, इदूमिया अउर यरदन नदिया क पार क पहँटा सूर अउर सैदा स आएन। ई मनइयन एह बरे आएन कि ओकरे काम क बारे मँ सुनि लिहन जउन उ करत रहा।
9 भिड़िया क मारे उ आपन चेलन स कहेस - ऍक छोटॅकी नाउ तइयार करा, जेह बरे भीड़ ओका कुचर न डावइ।
10 उ बहोतन क नीक किहेस इ नाते उ सब जेनका बेरामी रही, ईसू क छुवइ क बरे भिड़िया क धाकियावत भए रस्ता बनवत चला आवत रहेन।
11 कछू मनई आपन भीतर दुस्ट आतिमन धरे रहेन। जब कबहुँ दुस्ट आतिमन ओका निहारत रहीं, उ सबइ ओकरे सोझे दण्डवत करेन अउर चिचिआनिन, “तू परमेस्सर क पूत अहा!”
12 मुला उ दुस्ट आतिमन क करर्ी चिताउनी देत रहा, अइसा न बतावइ क उ कउन अहइ।
13 फिन ईसू पहाड़ी प गवा अउर उ ओनहीं मनइयन क बोलाएस जेका उ चाहत रहा। उ सब ओकरे लगे गएन।
14 जेहमाँ स उ बारहु क चुनेस अउर ओनका प्रेरितनक ओहदा दिहेस। उ ओनका एह बरे चुनेस कि उ सब ओकरे संग रहइँ अउर उपदेस प्रचार बरे बाहेर पठइ सकइ।
15 अउर उ पचे दुस्ट आतिमन क खदेरइ क हक रक्खइँ।
16 एहि तरह बारहु मनइयन क उ चुनेस। समौन (जेका उ पतरस क नाउँ दिहेस),
17 जब्दी क बेटवा याकूब अउर यूहन्ना (जेकर नाउँ क बुअनरगिस दिहेस, जेकर अरथ अहइ “गर्जन क बेटवा”);
18 अन्द्रियास, फिलिप्पुस, बरतुल्मै मत्ती, थोमा, हलफई क बेटवा याकूब, तद्दै समौन कनानी
19 अउर यहूदा इस्करियोती जउन पाछे ओका धोखा दिहेस।
20 तब ईसू घरे गवा। एक दाईं फिन एक भारी भीर घेर लिहस। अइसा भवा कि ईसू अउर ओकर चेलन खइया के नाहीं खाए पाएन।
21 जबहिं ओकरे परिवारे क निअम्बर ऍकरे बारे मँ सुनि लिहन तबहिं उ सब ओका लेवॉवइ चलेन। इ सोचिके सब मनइयन कहत बाटेन कि ओकर मन ठेकाने नाहीं।
22 यरूसलेम स आइ भएन धरम सास्तिरियन कहेन, “ओहमाँ बालजबूल (सइतान) घुसि ग अहइ। दुस्ट आतिमन क सरदार क ताकत स उ दुस्ट आतिमन क मनई स भगावत अहइ।”
23 ईसू ओन पचे क एकट्ठइ बोलाएस अउर दिस्टान्त दइ के कहइ लाग, “कइसे सइतान मनई स सइतान क भगाइ देई?
24 जदि एक ठु राज्य मँ आपन खिलाफ फूट परि जाइ तउन उ राज्य टिक सकत नाहीं।
25 जदि एक परिवार आपस मँ बँटि जाइ तउ उ बचि सकत नाहीं।
26 जदि सइतान खुद आपन खिलाफ होइ जाइ अउर फूट डारी तउ उ बचि पावत नाहीं। आखिर मँ उ बरिबाद होइ जाई।
27 जदि कउनो बरिआर मनई क घरे मँ घुसिके लइके सब असबाब ढोइ सकत नाहीं; जब तलक पहिले सब ते बरिआर मनई बाँध न देइ। तब इ उ घरवा क लूटि लेइ।
28 मइँ तोसे सच सच कहत अहउँ। लोगन्क हर किसिम क पापन अउ कच्ची पक्की बात जउन उ सब एक दूसर क बोलेन ह, उ सबन्क छमा कीन्ह जाइ सकत ह।
29 मुला जउन पवित्तर आतिमा क बेज्जती करी ओका छमा कबहुँ न होई। एकरे बजाय न खतम होइवाला पाप क उ भागी होई।”
30 एह बरे ईसू कहत रहा कि धरम सास्तिरियन कहत रहेन कि ओहमाँ दुस्ट आतिमा सवार अहइ।
31 तबहिं ईसू क महतारी अउर ओकर भाइयन आएन। उ सब बाहेर खरा भएन अउर कउनो एक क ओकरे निअरे बाहेर आइ क पठएन।
32 ओकरे चारिहुँ कइँती भी बइठी रही। उ ओसे कहेस, “देखा! तोहार महतारी भाइयन तोहका पूछत अहइँ।”
33 जवाबे मँ ईसू ओनसे कहेस, “कउन मोर महतारी अउ कउन मोर भाइयन अहइँ?”
34 ईसू आपन क चारिहुँ कइँती बइठे मनइयन प देखिके कहेस, “ई अबहिं मोर महतारी अउर मोर भाइयन।
35 जउन परमेस्सर क इच्छा पूरी करी उ मोर भाई, बहिन अउर महतारी अहइँ।”
Mark 4
1 फिन ईसू झील क तीरे उपदेस देइ लाग। ओकरे चारिहुँ ओर भारी भीर जमा होइ गइ। ऍसे उ झील मँ डारी भई नाउ प जाइके बइठा। सभई लोग झील क तीरे धरती प ठाड़ रहेन।
2 उ ओनका ढेर कइ बतिया दिस्तान्त क संग सिकाएस। आपन उपदेस मँ कहेस,
3 “सुन ल्या! एक ठु किसान आपन बिया बोवइ गवा।
4 जब उ बिया बोवत रहा कछू बिया राह क किनारे गिर गवा। चिरियन आइन अउर चुन लिहन।
5 कछू बिया पथरही भुइयाँ प गिरा, जहँ थोड़ माटी रही। हाली स अँखुवाइ गवा काहेकि माटी गहरी नाहीं रही।
6 जब सूरज निकरा, उ सबइ पउधन झुराइ गएन। जर न पकड़ि पवावइ क कारण कुम्हिलाइ गएन।
7 अउर कछू बिआ काँटन मँ जाइ गिरेन। कँटही झाड़ी बाढ़ी अउर ओनका दहबोच लिहन। ऍहमाँ दाना नाहीं पइदा भवा।
8 कछू बिया बढ़िया खेतन मँ बिखराइ गएन। इ बढ़िया खेतनमाँ जामेन, बाढ़ेन अउर दाना पइदा करेन। इ बिया तीस गुना, साठ गुना अउर हिआँ तलक कि सउ गुना फसल भइ।”
9 तबइ उ कहेस, “तोहरे पास जेकरे कान होइ तउ उ सुन लेइ।”
10 फिन जब अकेल्ला रहा, तउ बारहु प्रेरितन अउर दूसर मनइयन ओकरे चारिहुँ कइँती रहेन, उ सबइ ओसे दिस्टान्त क बारे मँ पूछेन।
11 ईसू ओनसे कहेस, “तू सबन्क परमेस्सर क राज्य भेद बताइ दीन्ह। मुला ओनके बरे जउन बाहेर क अहइँ सब बातन दिस्टान्त दीन्ह गइ अहइँ।
12 एह बरे, ‘उ सब देखइँ अउर देखॅतई रहा मुला कछू सुझइ नाहीं, सुनि लेइँ अउर सुनतइ रहइँ, मुला कछू बूझइ नाहीं। नाहीं तउ, उ सब घूमि जाइँ अउर छमा कइ दीन्ह जाइ।”‘ यसायाह 6:9-10
13 उ ओनसे कहेस, “का तू इ दिस्टान्त क समझ पउत्या नाहीं तउ अउ कउनो दिस्टान्त क कइसे समझ पउब्या?
14 “बिया क बोवइया जउन बोवत ह, उ परमेस्सर क उपदेस अहइ।
15 कछू जने राहे क उ सब बिया क तरह अहइँ, जहाँ उपदेस बोइ गवा रहा। जब उ सुनत हीं, सइतान तुरंत ही आवत ह उ उपदेस क लइ जात ह, जउन बिया बोवा रहा।
16 कछू जने उ बिया क तरह अहइँ जउन पथरही धरती मँ बोएन। बिया जब उ उपदेस सुनत हीं, उ पचे फउरन उपदेस खुसी स अपनाइ लेत हीं।
17 लेकिन उ सब आपन मँ जर नाहीं धरतेन उ सब तनिक समइया मँ रह पावत हीं। पाछे जब उपदेस क कारण बिपत आवत ह अउर खूबइ सतावा जात हीं उ पचे फउरन बिसवास खोइ देत हीं।
18 अउर दूसर मिला कँटही झाड़ी मँ बिया क बोवइ क तरह अहइँ। ई मनइयन उपदेस क सुनत हीं।
19 मुला जिन्नगी क चिन्ता धन, लालच अउर दूसर चीजन्क इच्छा ओनके मनवा मँ आवत ही उपदेस क दबोच लेत हीं। फिन ओन प फर लागत नाहीं।
20 दूसर उ बिया क तरह अहइँ जउन बढ़िया भुइँया प बोइ ग अहइँ। ई पचे उ अहीं जउन बचन सुनत ही अउर अंगीकार करत हीं। ओन प फर लागत ह-कहुँ तीस कहुँ साठ अउर कहुँ सउ गुना या जिआदा।”
21 फिन ईसू ओनसे कहेस, “का कहुँ दिया एह बरे लियाइ जात ह कि एक खोरा या बिछउना क नीचे धरा जाइ? का ऍका डिवटे प धरइ बरे नाहीं लिआइ जात?
22 अइसे अइसा कछू नाहीं गुप्त अहइ जेका छिपाइ क धरा जाइ अइसा कउनो रहस्य नाहीं जउन खुलि न सकइ। हर छिपाइ गइ बात खुलि के समन्नवा आई।
23 तोहरे पास जेकरे कान होइ तउ उ सुन लेइ।
24 “धिआन द्या जउन तू सुनत अहा। जउन नपना तू दूसर बरे बइपरत अहा, तउन नपना स तू नापा जाब्या। लेकिन तोहरे बरे कछू अउ जोरि दीन्ह जाइ।
25 जेकरे पास अहइ ओका अउर दीन्ह जाई अउर जे धरे नाहीं, जउनहुँ कछू धरे होइ ओसे उहइ लइ लीन्ह जाई।”
26 फिन ईसू कहेस, “परमेस्सर क राज्य अइसा अहइ कउनो मनई खेतन मँ बिया छितरावइ।
27 रतिया मँ सोवइ अउर दिनवा मँ जागइ। बिया अँखुवाइ, इ सबइ बाढ़ई। उ जानत नाहीं, इ कइसे होत अहइ।
28 भुइँया खुदइ दाना उ पजाइ देत ह। पहिले अँखुवा, तब बाले फि बाले मँ समुचइ दाना।
29 जब दनवा पकि जात ह, तबहिं फउरन हसुआ काटइ बरे धरत ह। एह बरे कि फसल काटइ क अहइ।”
30 फिन ईसू कहेस, “मइँ कउने तरह बताई कि परमेस्सर क राज्य अइसे अहइ? मइँ ओका समझावइ क बरे कउन स दिस्टान्त बइपरी?
31 उ सरसों क दाना क नाईं अइसा अहइ। इ सबते छोट अहइ जब तू भुइँया मँ बोवत ह।
32 जबहिं तू ऍका रोपि देत ह, इ बाढ़ छोड़िके बगिया क पउधन मँ सब ते बड़वार होइ जात ह। ऍहमाँ बड़ी बड़ी डारि आवत हीं। ऍसे चिरिया आपन घोंसला छाया मँ बइठइ बरे बनावत हीं।”
33 एकरे तरह ढेर ठु दिस्टान्त स उ उपदेस दिहेस, जेतना उ पचे समझि सकत रहेन।
34 ईसू उनसे बगइर दिस्टान्त क कछू नाहीं कहेस। मुला जब उ अकेल्ॅला मँ आपन चेलन क संग अकेल्ला होत, उ सब बातन ओनसे खोलिके समुझाएस।
35 उ दिन जब सांझ भइ, ईसू ओनसे कहेस, “मोरे साथ झिलिया क ओह पार आवा।”
36 जइसेन ईसू अउर ओकर चेलन भिरिया क छोड़ि दिहन अउर जउनी हालत मँ ईसू रहा, बइसेन ओहका चेलन नाउ मँ लइ चलेन। हुवाँ दूसर नाउन ओकरे संग रही।
37 एक ठु भारी बौंड़र आवा अउर लहरन नाउन क धकियावत अउर नाउ क भीतर आवत रहीं। ऍसे ओहमाँ पानी भरि जाइवाला रहा।
38 लेकिन ईसू नाउ क पाछे भाग मँ तकिया लगाइ क सोवत रहा। चेलन ओका जगाइन अउर ओसे कहेन, “हे गुरु, का तोहका धियान नाहीं बा कि हम पचे बूड़त अही।”
39 तबहिं ईसू जागा अउर हवा क फटकारेस अउर लहरन स कहेस, “सान्त! थमि जा!” तइसे बौंड़र पटाइ गवा अउर खूबइ सान्ति आइ गइ।
40 फिन ईसू ओनसे कहेस, “तू काहे डेरात बाट्या? अब तलक तोहका बिसवास नाहीं भवा?”
41 मुला उ पचे बहोतइ डराइ गएन अउर उ पचे आपस मँ एक दूसर स कहइ लागेन, “आखिर इ अहइ कउन बा कि आँधि अउर पानी ओकर हुकुम मानत हीं।”
Mark 5
1 फिन उ सब झिलिया क ओह पार गिरासेनियान क देसे मँ पहुँच गएन।
2 जब ईसू नाउ स बाहेर आवा, तबहिं एक मनई जेहमाँ दुस्ट आतिमा रही, कब्रे मँ स ईसू स फउरन भेंटइ आइ।
3 इ मनई कब्रन मँ रहत रहा। अउर कउनो ओका बाँधि सकत नाहीं रहा, हियाँ तलक जंजीरउ नाहीं बाँधि सकेस।
4 जबहिं ओकर गोड़वा बेड़ी अउर जंजीर स बाँधा जात, उ जंजीरिया क तोरि डारत अउ बेड़ियन्क चकनाचूर। कउनो ओका काबू मँ नाहीं लिआइ पावा।
5 कब्रन मँ अउर पहाड़ियन एकदम्मइ दिन-रात हर समइ उ चीखत चिचिआत रहा अउर आपन क पाथर स पीटत रहा।
6 जब उ ईसू क दूर स देखेस, ओके निअरे धावा अउर ओकरे समन्वा दण्डवत करेस।
7 फिन बड़ जोर स चिचिआन अउर कहेस, “तू मोसे का चाहत ह, सबन ते ईसू, सर्वोच्च परमेस्सर क पूत? मोर बिनती अहइ तोहका परमेस्सर क सपथ कि तू मोका दंड न देइ।” ईसू ओसे कहत रहा, “अरी दुस्ट आतिमा, तू इ मनई स बाहेर आवा।”
8
9 तब ईसू ओसे पूछेस, “तोहार क नाउँ अहइ?” फिन उ ईसू स कहेस, “मोर नाउँ सेना अहइ, काहेकि हम बहोत स अही।”
10 उ मनई बार बार ओसे बिनती करेस कि उ पचेनक उ पहँटा स जिन निकारा!
11 हुवाँ पहाड़िया के पास सुअरन क झुंड चरत रहा।
12 दुस्ट आतिमन ईसू स कहत कहत बिनती करेन, “हमका सुअरिअन मँ पठइ द्या, जेहसे हम ओहमाँ घुसि जाई।”
13 तब उ ओनका हुकुम दिहेस। तबइ दुस्ट आतिमन मनई स बाहेर आइके सुअरिअन मँ गइँन। अउर उ झुंड जेहमाँ करीब दुइ हजार सुअर रहेन, ढलवाँ किनारे स नीचे कइँती लिढ़कत-पुदकत भागत परात झील मँ जाइ गिरा अउ बूड़ गएन।
14 जउन लोग सुअरिअन क रच्छा करत रहेन, पराय गएन उ पचे सहर अउर गाउँ मँ इ खबर फइलायन। अउर सब मनइयन देखइ आएन कि का भवा।
15 उ सब ईसू क नगिचे पहुँचेन। उ सब दुस्ट आतिमन क सवार भइ मनई प देखेन। उ कपरा पहिरे रहा अउर दिमागे स नीक होइ गवा। इ उहइ मनई रहा जेहमाँ बहुत स दुस्ट आतिमन क सवारी रही अउर उ सब डेराइ गएन।
16 जउन इ घटना क देखे रहेन उ मनइयन क नीके स समुझाइन कि जेहमाँ दुस्ट आतिमन क सवारी रही, अउर सुअरन क का भवा।
17 तब मनइयन ईसू स बिनती करइ लागेन कि उ ओनके पहँटा स चला जाइ।
18 जइसे उ नाउ मँ चढ़इ लाग, तबहिं जउने मनई मँ दुस्ट आतिमन आइ रहीं, ईसू स बिनती संग जाइ बरे किहेस।
19 ईसू आपन संग जाइ बरे हुकुम नाहीं दिहस, लेकिन कहेस, “आपन लोगन्क बीच घरे जा अउर ओनका इ सब बतावा जउन पर्भू तोहरे बरे किहेस ह। अउर ओनका इ ही बतावा कि दाया कइसे पर्भू करेस ह।”
20 तउ उ मनई चला गवा अउर दिकापुलिस क मनइयन क कहइ लाग कि केतना ढेरि क ईसू ओकरे बरे किहस ह। एसे सब मनई अचरजे मँ पड़ि गएन।
21 ईसू अब फिन झिलिया क उ पार गवा। ओकरे चारिहुँ कइँती बहोत भारी भीर जमा होइ गइ। उ झिलिया क तीरे रहा।
22 तबहिं आराधनालय क अधिकारी जेकर याईर नाउँ रहा, हुवाँ आइ अउर ईसू क देखेस फिन ओकरे गोड़वा पर गिरि गवा।
23 वॅइसे चिरउरी बिनती करत कहेस, “मोर छोट बिटिया मरइ क अहइ। मोर बिनती अहइ कि तू मोरे संग आवा अउर आपन हथवा ओकरे मँूड़े प धइ द्या। ऍसे उ नीक होइ जाइ अउर जी जाई।”
24 तउ ईसू ओकरे साथे गवा। बहोत भारी भीर ओका पछुआवत रही, जइसे उ दबा जात रहा।
25 हुवाँ एक ठु स्त्री रही, जेकर बारह बरिस स लहू जारी रहा।
26 उ बैद्ययन स दवाई करवावत करवावत बहोतइ तकलीफ उठाइस। उ सब कछू खरिच कइ डाइस जउन उ धरे रही। मुला उ तनिकउ जिआदा नीक नाहीं होत रही; ओकर हालत जिआदा बिगड़त जात रही।
27 जइसे उ ईसू क बारे मँ सुनेस, वॅइसे उ पाछे भिरिया मँ आइ अउर ओकर ओढ़ना छुइ लिहस।
28 आपन मानव मँ उ सोचत रहीं, “जदि मइँ ओकर ओढ़ना छुइ पाई तउ मइँ नीक होइ जाब।”
29 अउर तुरंतहि खुनवा बहइ क जगह सुखाइ गइ। आपन तन मँ अइसा जानेस को ओकर दिकदारी नीक होइ ग।
30 अउर ईसू फउरन महसूस करस कि ओसे सक्ति निकर गइ। उ भिरिया कइँती घुमेस अउर पूछेस, “कउन मोर ओढ़ना छुएस?”
31 ओकर चेलन ओका बतएन, “तू देखत अहा कि भिरिया तोहका घेरित अहइ। यह पइ तू पूछत अहा, “कउन मोका छुएस?”
32 उ चारिहुँ कइँती निहारत रहा कि कउन अइसा करेस ह।
33 तब्बइँ एक ठु स्त्री इ जानत भइ कि ओहका का भवा ह, डर स काँपत आइ अउर ओकरे समन्वा गोड़वा प गिर पड़ी अउ उ सबइ सच सच कबूलेस।
34 तबहिं ईसू ओसे कहेस, “बिटिया! तोहार बिसवास तोका बचाएस। चइन स रहा, अउर दिकदारी स बची रहा।”
35 जब उ बोलतइ रहा याईर, आराधनालय क अधिकारी क घरे स कछू लोग आएन अउर ओसे कहेन, “तोहार बिटिया मरि गइ। अब गुरु (ईसू) क बेफजूल काहे क तकलीफ देत अहा?”
36 ईसू अनकेस कि उ पचे का कहेन अउर आराधनालय क अधिकारी स कहेस, “डरा जिन, मुला बिसवास करा।”
37 फिन ईसू सबन्क छाँड़िके सिरिफ पतरस, याकूब अउर याकूब क भाई यूहन्ना क संग लइके आराधनालय क अधिकारी क घरे गवा। उ निकारेस कि हुवाँ खलवली मची बाटइ। उ मनइयन क जोर स चिचियाब पुपुआब अउर रोवत देखेस।
38
39 उ भीतर गवा अउर ओनसे बोला, “काहे का इ सब खलबली अउर रोउब पीटब? बचनी मरी नाहीं बा, उ सोवति अहइ।”
40 उ सब ओह पइ हँसेन। ईसू सबन्क बाहेर खदेरेस। बिटिया क बाप, महतारी अउर जउन ओकरे संग रहेन, सिरिफ ओनका आपन संग रखेस।
41 उ बिटिया क हथवा पकड़ेस फिन ओसे कहे, “तलीता कूमी” (अरथ अहइ “छोट बिटिया मइँ तोहसे उठइ क कहत हउँ।”)
42 छोटवार बिटिया फउरन उठि गइ अउर ऍहर ओहॅर टहरइ लाग। (उ बिटिया बारह बरिस क रही।) सगतइ आलिम अचरज मँ पूरी तरह आइ गवा।
43 ईसू ओनका करर्ा हुकुम दिहेस कि कउनो ऍकरे बारे मँ पता न चलइ। फिन उ बोलेस कि उ बिटिया क कछू खइया क द्या।
Mark 6
1 फिन ईसू उ जगहिया छोड़ि के आपन सहर मँ आइ गवा। पाछे ओकर चेलन भी गएन।
2 जइसे सबित क दिन आवा, उ आराधनालय मँ उपदेस देइ लाग। जइसे उ पचे ओका सुनेन। ढेर क मिला अचरज मँ पड़ि गएन। उ सब कहेन, “इ मनई क कहाँ ते इ सब बातन मिलि गइन। इ कइसी बुद्धि अहइ जउन ऍका दीन्ह गइ अहइ। इ सइसा अद्भुत कारजन आपन हथवा स कइसे करत ह
3 का इ उहई बढ़ई नाहीं, जउन मरियम क बेटवा अहइ अउर का इ याकूब, योसेस, यहूदा अउर समौन का भाई नाहीं? का जउन हमरे हमरे संग हिआ बाटइँ, उ ओकर बहिनियन नाहीं?” एहि बरे ओनका ईसू क मानइ मँ असमंजस होत रहा।
4 ईसू तब ओनसे कहेस, “आपन जनम भूमि, आपन नातेदार अउर आपन परिवारे क छोड़ि के एक नबी कतहुँ बेइज्जत होत नाहीं।”
5 हुवाँ ईसू कउनो अद्भुत कारजन करेस नाहीं: बजाय ऍके उ कछू बेरमियांँ प हथवा धइके ओनके चंगा कइ दिहेस।
6 ईसू क ओनके बिसवास न भए प ओका अचरज भवा। तउ ईसू गाउँ गाउँ मँ उपदेस देत घूमत रहा।
7 उ बारहु चेलन आपन निअरे बोलाएस, अउर दुइ दुइ ऍकउट के पठवइ लाग अउर ओनका दुस्ट आतिमन प कब्जियावइ क कहेस।
8 उ ओनका सुझाएस कि उ पचे जात्रा मँ लठिया छोड़िक कछू न लेइँ: रोटी नाहीं, बिछउना नाहीं अउर आपन बटुआ मँ पइसा हू नाहीं।
9 उ सबइ बधियउरी पहिन सकत हीं मुला एक ठु जियादा से बंडी भी नाहीं।
10 फिन उ ओनसे कहेस, “जउने घर मँ तू जा, हुवाँ तब तलक जगहिया न छोड़ा जब तलक तू नगर मँ रुका रहा।
11 अगर कउनो जगह तोहार सुआगत न होइ अउर हुवाँ क मनई तोहका न सुनइँ तउ हुवाँ स तु चल द्या। आपन गोड़वा क धूरि झाड़ द्या, जइसे ओनके खिलाफ सनद रहइ।”
12 फिन उ पचे हुवाँ स बाहेर गएन। उ सबइ उपदेस दिहन कि उ पचे, मनफिरावइँ।
13 उ सबइ ढेर दुस्ट आतिमन क भगाइ दिहन अउर ढेर बेरमियन क जैतून क तेले स मालिस करत नीक किहेन।
14 राजा हेरोदेसऍकरे बारे मँ सुनेस कि ईसू क नाउँ का जस हर कइँती बिआपि गवा। कछू लोग कहत रहेन, “बपतिस्मा देइवाला यूहन्ना मउत स जी गवा, अउर इहि कारण अद्भुत कारजन सक्ति काज करति अहइँ।”
15 अउर लोग कहत रहेन, “उ ईसू एलिय्याहअहइ।” अउर मनई कहत रहेन, “इ नबी अहइ की ईसू पुराने जमाने क नबियन क नाईं एक ठु नबी अहइ।”
16 जब हेरोदेस इ सुनेस, उ कहेस, “यूहन्ना जेकर मइँ गटइया कटवाएउँ ह, उ मउत स उठि गवा।”
17 हेरोदेस अपुनहि यूहन्ना क जेलिया मँ बंद होइ क अउर ओका गिरफतार होइ क हुकुम दिहेसि। आपन भाई फिलिप्पुस क पत्नी हेरोदियास क कारण जेहसे उ बियाह करेस, उ अइॅसा कइ डाएस।
18 यूहन्ना हेरोदेस स कहत रहा कि इ तोहका सोहत नाहीं कि तू आपन भाई क पत्नी स बियाह किहा।
19 हेरोदियास यूहन्ना क खिलाफ मनवा मँ डाह राखत रही अउर ओका मारइ चाहत रही, मुला ओका मार पावत नाहीं रहा।
20 अइसे हेरोदेस यूहन्ना स डेरात रहा अउर ओका मालूम रहा कि यूहन्ना सही अउर पवित्तर क मनई अहइ। एह बरे उ रच्छा करत रहा। हेरोदेस जब यूहन्ना क बारे मँ सुनत रहा तउ उ जिआदा अकुलाइ जात रहा। तउने प ही ओका यूहन्ना क बारे मँ बातन सुनइ क सोहॉत रहा।
21 तबहिं संजोग स बढ़िया अउसर आवा। हेरोदेस आपन जन्मदिन पइ बड़वार अधिकारी, आपन सेना क नायक अउर गलील क बड़े लोगन क भोज दिहस।
22 अउर जब हेरोदियास क बिटिया भितरे आइके नाचेस। ओसे उ हेरोदेस अउर भोज मँ आए मेहमनवन क रिझाइ लिहेस।यह पइ राजा हेरोदेस लरकीवा स कहेस, “जउन तू चाहा तउन माँग ल्या। मइँ तोका जरूर देब।”
23 राजा ओका अकेल्ॅले सपथ खाइके कहेस, “जउन तू माँगा मइँ तोहका जरूर देब।” हियाँ तक आपन राज्य क आधा हींसा।”
24 इ सुनि के उ आपन महतारी क निअरे गइ अउर कहेस, “मोका का माँगइ चाही?”तउने प महतारी कहेस, “बपतिस्मा देइवाला यूहन्ना क मूँड़ी माँगा।”
25 अउर उ लरिकी फउरन राजा क नगिचे भीतर गइ अउर पूछेस, “मोका चाही कि तू ताबड़तोर बपतिस्मा देइवाला यूहन्ना क मूँड़ टाठी मँ धइ द्या।”
26 ऍसे राजा क बहोत दुःख भवा। मुला एह बरे ओकर सपथ अउर भोजे प मेहमनवन क कारण उ ओका मना करब नाहीं चाहेस।
27 तब राजा झटपट एक ठु जल्लाद ओकर मूँड़ काटि लिआवइ क पठएस। उ गवा अउर जेल मँ ओकर मूँड़ काटि लिहस।
28 फिन ओकर मुँड़ावा काट कइ टाठी मँ लइ आइ अउर बिटिया क दिहस। उ ऍका आपन महतारी क दिहस।
29 जब यूहन्ना क चेलन ऍकरे बारे मँ सुनेन तउ उ पचे आएन अउर ओकर ल्हास उठाएन अउ कब्र मँ धइ दिहन।
30 ईसू क चारिहुँ कइँती सुसमाचार क प्रचार करइवाले प्रेरितन ईसू क पास जमा भएन। जउन उ पचे किहन अउर सिखाएन -सब कछू बताएन।
31 तब ईसू ओनसे कहेस, “तू पचे खुदइ मोरे संग एकांत जगहिया मँ आवा अउर तनिक आराम करा।” फिन हुवाँ बहोत मनई क आउब जाब लाग रहा। ऍसे उ सब खाइ क समइ नाहीं पाएन।
32 एह बरे उ सब मिलिके खुदइ नाउ स एकांत जगहिया मँ गएन।
33 मुला बहोत जने ओनका जात भवा देखेन अउर पहिचानेन कि उ सब कउन रहेन। इ कारण उ लोग सबहिं सहरन स हुवाँ धरतिया प धावत गएन अउर उ पचे ओनसे पहिले पहुँचेन।
34 जबहिं ईसू नाउ स उतरा, उ एक भारी भीर देखेस। तबहिं उ ओनके बरे दुःखी भवा, इ कारण कि उ सबइ बिना गड़रिया क भेड़ नाहीं रहेन। अइसे उ बहोत बातन सिखावइ लाग।
35 तब तलक साँझ होइ गइ। एह बरे ओकर चेलन ओकरे नगिचे आएन अउर बोलेन, “इ एकांत जगह अहइ अउर दिनवा ढरि ग अहइ।
36 मनइयन क पठवा, जइसे उ पचे नगिचे खेतन अउर गाउँन मँ जाइ सकइँ अउ आपन बरे कछू खाइके बेसहि लेइँ।”
37 मुला जबावे मँ ईसू ओनसे कहेस, “तू ओनका कछू खाइके द्या।”उ सब ओहसे कहेन, “का हम पचे जाई अउर दुई सौ दीनारक बराबर रोटी बेसही अउर ओनके खाइ क बाँटी?”
38 ईसू ओनसे कहेस, “केतॅनी रोटी तोहरे पास अहइ? जा अउर देखा।”जब उ पचे पता पाएन, उ पचे कहेन, “हमरे पाँच ठु रोटी अउर दुइ मछरी अहइँ।”
39 फिन ईसू चेलन क हुकुम देहेस, “हर एक क हरिअर घसिया प पंगत मँ बइठइ बरे कहा।”
40 तबहिं उ सब सउ सउ अउर पचास पचास क पंगत मँ बइठ गएन।
41 तइसेन ईसू पाँच रोटिन्यक अउर दुइ मछरिन्क उठाइ के सरग क ओर निहारत भवा धन्यबाद दिहेस अउर रोटिन्क तोड़ेस। उ आपन चेलन क ओनका बाँटइ बरे दिहस।
42 उ सबइ भरपेट खाएन अउर उ सबइ अघाइ गएन।
43 ओकरे बाद उ सब रोटी अउर मछरी क बचा भवा बाहर टुकरन क झउआ मँ उठाएन।
44 पुरुसन क गनती जउन खइया क खाएन पाँच हजार रही।
45 फिन तुरंत ईसू आपन चेलन नाउ मँ बइठाएस जेहसे उ सबइ जब भिरिया क बिदाई पहिले झील क ओह पार बैतसैदा चला जाइँ।
46 ईसू भीर क बिदाई क बाद पहाड़ी प पराथना बरे गवा।
47 जब सांझ भइ, नाउ झिलिया क मँझधर मँ रही अउर उ भुइयाँ प अकेल्ॅले रहा।
48 उ ओनका नाउ खेवत क मुसीबते मँ देखेस, काहेकि हवा ओनके खिलाफ बहत रही। लगभग तीन स छ बजे क समइ भिंसारेउ ओनके निअरे झिलिया प चलत आवा। जइसे हि ओनके निअरे स जाइ क भवा,
49 उ पचे ओका पानी प चलत भवा निहारेन। उ सब अंजाद लगाएन कि कउनो बड़वार दुस्ट आतिमा अहइ। ऍसे उ पचे डेरात भए चिचिआनेन।
50 मुला उ पचे ओका निहारेन अउर उ सब ससाइ गएन। तुरंतहि उ ओनसे बोला, “हिम्मत रखा। इ मइँ हउँ जिन डेराअ।”
51 फिन उ ओनके संग नाउ प चढ़ि गवा, तब आँधी पटाइ गइ। ऍसे उ सबइ अचरज मँ पड़ि गएन।
52 उ पचे रोटियन क अद्भुत कारज क बारे मँ समझ पाएन नाहीं। ओनके दिमागे कठोर होइ गवा।
53 जब उ सब झील पार कइ लिहन गन्नेसरत क घाटे प आएन अउर नाउ क बाँध लिहन।
54 जबहिं उ पचे नाउ क छाँड़ि क उतर आएन, मनइयन ईसू क पहिचान लिहन।
55 उ पचे समूचे पहंटा मँ भागत फिरेन अउर बेरमियन क बिछउना प जहाँ कहूँ उ पचे सुनेन कि ईसू हुवाँ बा, लादि क लइ जाइ लागेन।
56 जहाँ कहूँ उ गाउँ मँ कस्बन मँ या खेतन मँ जात रहा, उ पचे आपन बेरमियन क हाटन मँ बइठाइ देतेन अउर उ पचे ईसू स बिनती करतेन कि उ आपन ओढ़ना क एक हींसा छुअइ दे। अउर सबइ जउन ऍका छुएन नीक होइ गएन।
Mark 7
1 तबहिं कछू फरीसियन अउर कछू धरमसास्तिरियन जउन यरूसलेम स आएन ओनके चारिहुँ कइँती एकट्ठा भएन।
2 अउर उ सबइ ओनके कछू चेलन बिना साफ किए हथवा स खात देखेन। (“बिना साफ किया स मतलब इ अहइ कि उ पचन फरीसियन क बताए भए तरीके स हथवा नाहीं धोवत रहेन।)
3 फरीसियन अउर दूसर यहूदियत खाइके नाहीं खातेन जब तलक उ सबइ आपन हथवा क पूर्वजन क रीति स न धोइ लेइँ।
4 इहइ तरह उ सब बजारे स खाइ क बरे लावा भवा कउनो चीज तब तक नाहीं खातेन, जब तलक ओहका खास तरीके स न धोइ लेइँ। इहइ तरह अउ बहोत स रितियन अहइँ, जेका उ सबइ करत आवत हइँ जइसे खोरा, गगरी, ताँवा क बासन अउर गद्देदार कुर्सी क धोउब।)
5 एह बरे फरीसियन अउर धरम सास्तिरियन ओसे पूछेन, “काहे तोहार चेलन पूर्वजन क रीतिन्क करतेन नाहीं, मुला आपन मइले हाथन स खइया क खात हीं?”
6 ईसू ओनसे कहेस, “यसायाह तू जइसे कपटिन क बारे मँ पहिले भविस्सबाणी कइ दिहस, जइसा कि लिखा बाटइ:‘इ मनइयन ओंठवा स मोर इज्जत करत हीं मुला ओनके मनवा ओसे दूर अहइँ।
7 मोका एनकर उपासना अर्पित अहइ बिना काम क अउर इ सबइ बेकार उपासना करत हीं। काहेकि इ सबइ लोग मनई क बनए सिद्धान्त अउर नेम काहे कइके सिखावत हीं। यसायाह 29:13
8 तू पचे परमेस्सर क आदेस न उठाइ क एक कइँती धइ दिहा अउर मनई क रीतिन्क परिपाटी क सहारा लइके चलावत अहा।”
9 ईसू ओनसे कहेस, “तू आपन पचन क बहोत चलाक समझत अहा। तू परमेस्सर क आदेस न ऐहि बरे टारइ चाहत ह, जेहसे आपन रीतन्क चलाइ सका।
10 उदाहरण बरे जइसे मूसा कहेस, ‘आपन महतारी बाप क इज्जत द्या।’अउर ‘जउन मनई महतारी बाप क बुरा भला कहइ ओका मार डावा।’
11 तू पचन सिखावत ह, ‘जदि कउनो मनई महतारी बाप स कहत ह कि मोरे जेहि चीज स तोहका फायदा मिल सकत ह, उ परमेस्सर क दइ दीन्ह।’
12 तउ तू ओनकर महतारी बाप बरे कछू करइ क मना करत ह।
13 इ नाई तू आपन रीति रिवाज स परमेस्सर क बचन क बेकार बनइ देत ह, अउर अइसी बहोत स बातन तू करत ह।”
14 ईसू फिन भिरिया क बोलाएस अउर ओनसे कहेस, “हर मनई मोरउ बात सुना अउर समझा।
15 अइसी कउनो चीज नाहीं जउन मनई क बाहेर स आवइ अउर ओका भीतर जाइके असुद्ध करइ। मुला जउन चीज मनई क भीतर स आवत हीं, उ ही ओका असुद्ध करत हीं।”
16 जदि कउनो क सुनइ क कान होइँ तउ सुन लेइ।
17 फिन ईसू भीर क छोड़ि कइ घर गवा तउ ओकर चेलन ओसे इ दिस्टान्त क बारे मँ सवाल करेन।
18 तब ईसू ओनसे कहेस, “का तू पचे कछू नाहीं समुझ पाया? कउनो बात जउन बाहेर ते मनई क भीतर आवत हीं, का उ ओका असुद्ध कइ सकी?
19 एह बरे उ सोझाई मनई क हिरदइ मँ जात नाहीं। उ पेटवा मँ जात ह अउर इ गुह मँ होइ क निकर जात ही।” (अइसा कहत उ सबइ खइया क चीजन्क सुद्ध कहेस।)
20 अउर ईसू कहेस, “इ उही अहइ जउन मनई क हिरदइ स आवत ह अउर ओका असुद्ध करत ह।
21 मनई क हिरदइ स बुरा बिचार आवत हीं अउर अनैतिक करम, चोराउब, कतल करब,
22 व्यभिचार, लालच, दुस्टता, चाल चपेट, बेहूदगी, जलन, चुगुलखोरी, घमण्ड अउर बेवकूफी
23 ई सब बुरी चीज भीतर स आवत हीं अउ मनई क असुद्ध बहइ देत हीं।”
24 ईसू उ जगहिया छोड़ि दिहस अउ सूर (सहर क नाउँ अहइ) क आसपास क पहँटा मँ गवा। हुवाँ उ एक घरवा मँ गवा अउर नाहीं चाहेस कि कउनो ओकरे आवइ क बारे मँ जानइ। मुला उ आपन क नाहीं छुपाए पाएस।
25 असिल मँ एक ठु स्त्री जेके बिटिया क दुस्ट आतिमा घेरि लिहे रही, ईसू क बारे मँ सुनिके फउरन ओकरे पास आई, अउ गोड़वा प गिर पड़ी।
26 इ यूनानी क स्त्री रही अउर सीरियाक फिनीकी मँ पइदा भइ रही। उ आपन बिटिया स दुस्ट आतिमा भगावइ क ईसू स बिनती करेस।
27 ईसू ओसे कहेस, “पहिले बचवन क अघाइ जाइ द्या। इ नीक नाहीं कि बचवन क रोटी छीन लेइ अउर कुकुरन क फेंक देइ।”
28 तब उ ओका जबाव दिहस, “पर्भू! कुकुरन हु मेजिया क तरखाले गिरा खइया क चूर चरावा खात हीं।”
29 तब ईसू ओसे कहेस, “इ जबावे क कारण तू आपन घर चइन स जाइ सकत ह। दुस्ट आतिमा तोहरे बिटिया क छोड़ि दिहस।”
30 ऍह पइ उ घर गइ अउर आपन बिटिया क बिछउन प ओलरा पाइस तब तलक दुस्ट आतिमा ओसे निकर गइ।
31 तब ईसू सूर क चारिहुँ कइँती स लौटि आइ अउर दिकापुलिस माने दस नगर क डगर स सिदोन जात भवा गलील झील डाइ गवा।
32 हुवाँ कछू लोग ईसू क नगिचे एक मनई क लइ आएन जउन बहिरा रहा अउर मुस्किल स बोल पावत रहा। अउर उ पचे ईसू स ओह पइ हथवा धरइ क बिनती करेन।
33 ईसू भिरिया स दूर एक कइँती लइ गवा। ईसू आपन अँगुरिया मनई क कनवा मँ डाइस। फिन उ कनवा मँ थूक कइ, ओकर जिभिया छुइस।
34 उ सरग क निहारेस, गहरी संसिया भरेस अउर ओसे कहेस, “इप्फत्तह।” (अरथ अहइ “खुलि जा।”)
35 अउर ओकर कनवन खुलि गएन अउर जिभिया क गंठिया खुलि गइ। फिन उ साफ साफ बोलाइ लाग।
36 ईसू ओनका हुकुम दिहेस कि कउनहुँ क न बतावइँ। जेतना जिआदा उ ओनका हुकुम दिहेस उ पचे ओतनइ जिआदा बताइन।
37 उ सबइ लोग पूरपूर अचरज मँ पड़ि गएन अउर कहेन, “ईसू हर काम नीक करत ह। उ हियाँ तलक बहिरन क सुनइ क सक्ति देत ह अउर गूँगन क बोलावत ह।”
Mark 8
1 ओनही दिनन मँ दूसर अउसर प भारी भीर जमा होइ गइ अउर ओनके पास खाइ क कछू नाहीं रहा। उ आपन चेलन क निअरे बोलाएस अउर ओनसे कहेस,
2 “मोका इन मनइयन प तरिस आवत ह, अइसे कि उ पचे मोरे साथ पहिले क तीन दिनन स अहइँ। ओनेके लगे खाइ क कछू नाहीं।
3 उ जदि मइँ ओनका घरे भूखा पठवत हउँ, उ सबइ राहे मँ मर बिलाय जइहीं। ओहमाँ स कछू तू ढेर दूरी स आइ अहइँ।”
4 अउर ओकर चेलन जवाब दिहन, “इ जंगल मँ एनका खिआवइ क बरे कतहूँ का कउनो खूब खाइ क पाइ सकत ह, जेहसे एनका खियाइ दीन्ह जाइ?”
5 उ ओनसे पूछेस, “तोहरे पास केतनी रोटी अहइँ?”“सात ठु” उ पचे जवाब दिहेन।
6 तब ईसू हुकुम दिहेस-भीर मइदान मँ बैठि जाइ। उ सात रोटी लिहस, फिन परमेस्सर क धन्यवाद दिहस। उ ओनका तोड़ेस। ओकरे बाद आपन चेलन क बाँटइ बरे दिहस। अउर उ पचे भिड़िया क लोग क बाँटेन।
7 ओनके लगे नान्ह नान्ह थोड़ी स मछरी भी रही। अउर उ धन्यबाद दइके ओनका बाँटइ बरे कहेस।
8 मनइयन अघाइ गएन अउर बचा खुचा रोटी क टुकड़न स सात झउआ उ पचे एकट्ठा करेन।
9 हुवाँ करीब चार हजार पुरुसन रहेन। तब उ ओनका बिदा करेस।
10 अउर तुरंतहिं उ चेलन्क लइ क नाउ मँ बइठि के दलमनूता पहँटा मँ गवा।
11 फिन फरीसियन आएन अउर ओसे सवाल करइ लागेन। उ सब ओसे एक ठु अद्भुत कारज बरे कहेन। उ पचे ओका परखइ बरे अइसा किहन।
12 आपन मनवा मँ गहरी सांस भरत ईसू कहेस, “काहे ई पीढ़ी क मनई अद्भुत चीन्ह चाहत हीं? मइँ तोहका सच सच कहत हउँ। कउनो अद्भुत चीन्ह क पीढ़ी क न दीन्ह जाई।”
13 तबहिं उ ओनका छोड़ि दिहस। फिन नाउ मँ बइठ गवा, अउर झील क उ पार गवा।
14 ईसू क चेलन खइया क जिआदा लइ आउब बिसर गएन। ओनके लगे एक ठु रोटी क बजाय कछू नाहीं रहा।
15 ईसू ओनका चितावनी देत कहेस, “हुसियार! फरीसियन अउर हेरोदेस क खमीरस बचा रहा।”
16 “हमरे लगे एक ठु रोटी नाहीं इस प उ पचे आपुस मँ छानबीन करइ लागेन।
17 उ सबइ क कहत अहइँ इ जानत भवा ईसू ओनसे कहेस, “रोटी नाहीं होइ क कारण तू सबइ काहे सोचत बिचारत अहा? का तू अबहुँ समझत बुझत नाहीं बाट्या? का तोहार बुद्धि जड़ अहइ?
18 तोहरे आँखिन अहइँ, का तू देखि सकत्या नाहीं? तोहरे कान अहइँ, का तू सुन सकत्या नाहीं? ता तोहका याद नाहीं?
19 जबहिं मइँ पाँच रोटिन्क पाँच हजार मनइयन मँ तोड़िउँ। केतना झउआ रोटी क टुकड़न स भरा भवा तू बटोर्या?”उ पचे कहेन, “बारह।”
20 “अउर जबहिं मइँ सात रोटिन्क क चार हजार बरे तोड़यों। कइ झउआ रोटिन्क टुकड़न क तू बटोर्या?”उ सबई कहेन, “सात।”
21 तबहिं उ ओनसे पूछेस, “का तू पचे अबहुँ नाहीं बूझया?”
22 उ पचे बैतसैदा गएन। हुँवा कछू लोग ओकरे पास एक ठो आँधर पकड़ि ले आइन अउर उ सबइ ईसू स ओका छुअइ क बिनती करेन।
23 उ आँधर मनई क हथवा पकड़ेस अउर ओका गाउँ क बाहेर लइ गवा। ईसू आँधर क आँखिन प थूकेस, “का तू कउनो चीज निहारत ह”
24 आँधर मनई निहारेस अउर कहेस, “मइँ मनइयन क देखात हउँ, उ सबई बिरवा क नाईं आसि पासि चलत देखत अहइँ।”
25 तबहिं ईसू आपन हथवा मनई क आँखिन प पुनि धरेस। फिन उ आपनि आँखिन पूरी पूरी खोलि दिहेस। ओका आँखिन क जोती मिलि गइ। अउर उ सबहुँ क नीक-नीक निहारइ लाग।
26 तब ईसू ओका घरे पठइ दिहस, इ कहत कहत, “गाउँ मँ जिन जा।”
27 अउर ईसू अउर ओकर चेलन कैसरिया फिलिप्पी क पड़ोसी गाउँन मँ चलेन। ईसू राहे मँ चेलन स पूछेस, “लोग का कहत हीं कि मइँ कउन हउँ?”
28 अउर उ सबई जवाब दिहेन, “बपतिस्मा देइवाला यूहन्ना। मुला दूसर कछू लोग एलिय्याह अउर दूसर कछू तोहका नबियन मँ एक नबी कहत हीं।”
29 फिन उ ओनसे पूछेस, “तू का कहत ह मइँ कउन हउँ?”पतरस ओसे जवाब दिहेन, “तू मसीह अहा।”
30 तबहिं ईसू ओन चेलन क चितावनी दिहेस, कि ओकरे बारे मँ कउनो स जिन कहइँ।
31 अउर उ ओनका समझाउब सुरु करेस, “मनई क पूत क बहोत दुःख झेलइ पड़इ क होइ अउर बुजुर्ग यहूदी नेतन, मुख्ययाजकन अउर धरम सास्तिरियन स धकियाइ दीन्ह जाइ। अउर उ निहचइ ही मारि डावा जाइ अउर फिन उ तिसरे दिन जी उठी।”
32 ईसू ओनका इ बात सच सच बताइ दिहस। फिन पतरस ओका एक कइँती लइ गवा अउर फटकारइ लाग।
33 मुला ईसू पाछे घूमि के आपन चेलन निहारेस अउर पतरस क फटकारि के कहेस, “सइतान! मोसे पाछे जा। परमेस्सर क बातन स तोहका कउनो मतलब नाहीं, मुला मनई क बातन्क तोहका मतलब अहइ।”
34 तब उ भीर क चेलन संग निअरे बोलाएस अउर उ ओनसे कहेस, “जदि कउनो मोरे पाछे आवा चाहत ह तउ उ आपन सब कछू तजि दे। ओका आपन क्रूस उठाइ लेइ चाही अउर ओका मोरे पाछे होइ चाही।
35 मुला जउन आपन जिन्नगी क बचावा चाहत ह, उ एका खोइ देइ। अउर जउन आपन जिन्नगी मोका अउर सुसमाचार बरे खोई उ एका बचावा चाही।
36 अगर कउनो मनई आपन आतिमा खोइ के समूची दुनिया लइ लेत ह, तउ ओसे का फाइदा?
37 अइसे कउनो मनई कउनो ठो चीज क बदले आतिमा नाहीं पाइ सकत।
38 जदि कउनो व्यभिचार अउर पापी पीढ़ी मँ मोर नाउँ अउर उपदेस क कारण सर्मात ह तउ मनई क पूत जब पवित्तर सरगदूतन क संग आपन परमपिता क महिमा लइ के आई तउ उहउ सर्माइ जाई।”
Mark 9
1 अउर ईसू ओनसे कहेस, “मइँ सबन क सच सच बताउब, जउन हियाँ खड़ा अहइँ, ओहमाँ स कछू परमेस्सर क राज्य सक्ति क संग आवइ स पहिले देखिहीं अउर मरइ क अंजाद न करिहीं।”
2 छः दिना पाछे ईसू सिरिफ पतरस, याकूब अउर यूहन्ना सबक संग लइके एक ऊँच पर्वत प खुद गवा। हुवाँ उ ओनके समन्वा आपन भेस बदल लिहस।
3 ओकर ओढ़ना चमचमाइ लागेन एकदम्मइ उजिअर। धरती प कउनो धोबी ओतना उजिअर ओसे जिआदा नाहीं धोइ सकत रहा।
4 एलिय्याह अउर मूसा भी ओनके संग परगट भएन। अउर उ सबइ ईसू स बतियात रहेन।
5 तब पतरस बोल उठा अउर ईसू स कहेस, “गुरु, इ भल भवा कि हम हियाँ अही। हमका तीन तम्बू लगावइ द्या, एक तोहरे बरे, एक मूसा बरे अउर एक ठु एलिय्याह बरे।”
6 पतरस इ एह बरे कहेस जइसे उ जानत नाहीं रहा कि उ का बोली। इ तरह उ पचे डेराइ गएन।
7 एक बादर आवा अउर ओनका आपन छाया स ढाँकि लिहस। बदरा स एक आवाज कहत भइ होइ गइ, “इ मोर पियारा पूत अहइ। ओका सुना!”
8 अउर फउरन उ पचे चारिहुँ कइँती निहारेन। सिरिफ ईसू क छाँड़िके उ पचे कउनो क देखेन नाहीं।
9 जइसे उ सब पहाड़ स तरखाले उतरत रहेन, ईसू ओनका हुकुम दिहस कि कउनो क न बतावइँ जउन उ सब निहारेन ह, जब तलक मनई क पूत मरि गए लोगन्स जी न जाइ।
10 अउर उ सबइ इ बतिया क आपन जिअरा मँ छिपाइ रहेन मुला उ सबइ आपुस मँ सोचत बिचारत रहेन कि “मरिके जी उठब” क अरथ का बाटइ।
11 फिन उ पचे ईसू स पूछेन, “धरम सास्तिरियन काहे कहत हीं कि एलिय्याह सबस पहिले आई?”
12 ईसू ओनसे कहेस, “हाँ! सब बातन क ठीक करइ बरे एलिय्याह सबन्स पहिले आवत ह। मुला इ काहे मनई क पूत क बारे मँ पवित्तर सास्तर अहइ कि उ बहोत स दुःख भुगुती अउर उ घिना स दुत्कार जाई।
13 मुला मइँ तू सबन क बतावत अही, एलिय्याह आइ चुका अहइ। जउन जउन उ पचे चाहेन, ओकरे साथ उ पचे वइसे किहन; जइसा ओकरे बारे मँ पवित्तर सास्तरन मँ बाटइ।”
14 अउर जबहिं उ सबइ दूसर चेलन क लगे आएन तउ उ पचे एक भारी भीर क जमघट ओनके चारिहुँ कइँती देखेन कि धरम सास्तियिन ओनसे तहत्तुक करत रहेन।
15 जइसे ही सब मनइयन ओका निहारेन, उ पचे विस्मय मँ पड़ि गएन अउर ओका भेंटइ बरे ओकरे कइँती उ सबइ भागेन।
16 उ ओनसे पूछेस, “तू सबइ ओनसे काहे क बारे मँ विवाद करत ह”
17 एह पइ एक मनई भिरिया स जबाव दिहस, “गुरु, मइँ आपन बेटवा तोहरे लगे लिआइ अही। ओह पइ एक ठु दुस्ट आतिमा सवारि अहइ, जउन ओका बोलावइ देत नाहीं।
18 जब कबहुँ दुस्ट आतिमा ऍका पकरि लेत ह, उ ऍका फेंकि देत ह अउर ऍकरे मुॅहना स झागि निकारइ लगत ह। ओकरे बाद उ दँतवन क पीसत ह अउर उ अकड़ि जात ह। मइँ तोहरे चेलन स कह्यों कि ओका भगावा, मुला उ सबइ करि सकेन नाहीं।”
19 तबहिं ईसू जबावे मँ ओनसे कहेस, “अरे! बिसवास न करइवाले मनइयो! कब तलक मइँ तोहरे लगे रइहउँ? कब ताई तोहरे लगे सहब? लरिकवा क मोरे लगे लिआवा।”
20 फिन उ सबइ लरिकवा क ओकरे लगे लेवाइ लिआएन। जबहिं दुस्ट आतिमा ईसू क देखेस। फउरन उ लोरिकवा क अइँठ दिहस। लरिकवा भुइँया प गिरि गवा अउर मुँहे स झाग निकारत चारिहुँ ओर लोटइ पोटइ लाग।
21 तब्बइ ईसू लरिका क बाप स पूछेस, “इ अइसा कब स लरिकवा क होत अहइ?”तब बाप कहेस, “अइसा बचपन स होत आवत अहइ।
22 दुस्ट आतिमा ऍका कइउ दाई आगी मँ अउर कबहुँ पानी मँ मारइ खातिर नाइ देत ही। लेकिन का तू कछू कइ सकत ह हम पइ दया करा अउर हमार मदद करा।”
23 ईसू ओसे कहेस, “तू कह्या जदि तू कछू कइ सका? जउन बिसवास करी, ओका बरे सब कछू होइ जाई।”
24 तुरंतहीं लरिका क बाप चिचिआन अउर कहेस, “मइँ जरूर बिसवास करत हउँ। तू हमार अबिसवास हटावा।”
25 जब ईसू देखेस कि भारी भीर ओकरे लगे निचकात अहइ, उ दुस्ट आतिमा क ललकारेस अउर ऍका कहेस, “ओ दुस्ट आतिमा! तू इ बचवा क गूँगा बहिरा करइवाली मइँ तोका हुकुम देत अही। ओसे बाहेर आव, ओहमाँ फिन स घुस जिन।”
26 तब उ दुस्ट आतिमा चिचिआन अउर लरिकवा क झपटिके अँइठेसि अउर ओसे बाहेर गइ। अइसन लगा कि लरिकवा मर गवा अहइ। बहुत स लोग कहेन, “उ मर गवा!”
27 फिन ईसू ओकर हाथ पकरि क उठाएस अउर ओका गोड़वन प खड़ा करेस अउ लरिका खड़ा होइ ग।
28 ओकरे पाछे उ घर मँ गवा अउर ओकर चेलन अकेल्ॅले मँ पूछेन, “काहे क हम दुस्ट आतिमा क भगाइ नाहीं सकेन?”
29 ऍह पइ ईसू जबाव दिहेस, “इ तरह दुस्ट आतिमा बगैर पराथना क बाहेर नाहीं आवत।”
30 उ सबइ हुवाँ छोड़ि चलेन अउर गलील होइ क जात रहेन अउ ईसू नाहीं चाहत रहा कि कउनो एका जानइ कि उ सब कहाँ बाटन?
31 एह बरे उ आपन चेलन क सिच्छा देत रहा। उ ओनसे कहेस, “मनई क पूत मनइयन क हाथन स पकड़वाइ जाई अउर उ सबइ ओका मारि डइहीं। मारि डाए क तीन दिना क पाछे उ जिन्दा होइ जाइ।”
32 मुला चेलन इ न समझेन कि ईसू का मतलब अहइ अउर उ ओसे ऍकरे बारे मँ पूछइ क डेरात रहेन।
33 ईसू चेलन क साथ कफरनहूम आएन। उ सबइ एक घरे मँ गएन। उ ओनसे पूछेस, “राहे मँ तू सबइ का बतियात रह्या?”
34 मुला उ सबइ खमोस होइ गएन। एह बरे उ सबइ राहे मँ एक दुसरे स सोचेन बिचारेन कि कउन सबस बड़कवा अहइ।
35 तउ उ बैठि गवा। उ बारहु प्रेरितन आपन नगिचे बोलाएस अउर ओनसे कहेस, “जदि कउनो सब स बड़का होइ चाहत ह, तउ ओका सब स छोट होइ क परी अउर उ सबन क नउकर होइ।”
36 अउर एक बचवा क लइके सब क समन्वा खड़ा किहेस। ओका आपन कोरा मँ लेत भवा ईसू ओनसे कहेस,
37 “जउन एकउ इन बचवन मँ एकउ क मोरे नाउँ स आपनावत ह, उ हमार सुआगत करत अहइ, उ न सिरिफ मोका अपनावत ह, मुला उहउ क अपनावत ह, जउन मोका पठएस ह।”
38 यूहन्ना ईसू स कहेस, “गुरु हम तोहरे नाउँ स कउनो क दुस्ट आतिमन क बाहेर निकारत देखेन ह। हम ओका रोकब चाहा, मुला उ हम पचन मँ नाहीं रहा।”
39 फिन ईसू कहेस, “ओका रोका जिन। इ नाते जउनहुँ मोरे नाउँ स अद्भुत कारजन चाहत बाटइ, उ फउनर मोरे बरे भद्दी बात न कहि पाई।
40 जउन मोरे खिलाफ नाहीं, उ हमरे कइँती अहइ।
41 जउनहुँ तोहका एक लोटा पानी भरि के देइ कि तू मसीह क बाट्या, मइँ तोहका सच सच बतावत हउँ, उ जरूर सुफल होइ जाए बिना न रही।
42 “जउन इन नान्ह बचवन मँ स कउनो क जउन मोरे मँ बिसवास करत हीं, ओनसे पाप करावत हीं, तउ ओकरे बरे इ नीक होइ कि ओकरे गटइया मँ चकिया क पाट बाँधिके ओका समुद्दर मँ झोंकि देई।
43 जदि तोहार हाथ तोसे पाप करवावत ह, तू ऍका काट द्या। हथ कटा होइ क अनन्त जीवन मँ प्रवेस करना नीक अहइ। बजाऍ ऍहके कि दुइ हाथ धरइ अउर नरक मँ नाइ दीन्ह जाइ, जहाँ अगिया कबहुँ न बुझत।
44
45 जदि तोहार गोड़ तोसे पाप करावत ह, ओका काट द्या। लँगड़ा होइ क अनन्त जीवन मँ प्रवेस करना जिआदा नीक होइ, बजाय ऍकरे कि दुइनइँ गोड़वा धइ क नरके मँ नाइ दीन्ह जाइ।
46
47 जदि तोहार आँख तोसे पाप करावत ह, ओका निकारि डावा। काना होइके परमेस्सर क राज्य मँ घुसब जिआदा नीक अहइ, बजाय कि दुइ आँखिन वाला होइके नरक मँ नाइ दीन्ह जाइ।
48 जहाँ कि किरवा मरतेन नाहीं। हुवाँ आगी कबहुँ बुझत नाहीं।
49 हर मनई क आगी प नोनखार कीन्ह जाई।
50 “नोन नीक होत ह जदि नोन आपन सोवाद तजि देइ, तउ ऍका नोनखार फिन कइसे बनउब्या? आपन मँ नोन राखा। एक दूसर क संग सांति स रहा।”
Mark 10
1 फिन ईसू क जगह छोड़ि दिहस अउर यहूदिया क पहँटा अउर यरदन नदी क पार गवा। फिन भीर प भीर ओकरे नगिचे आवइ लाग। जउसे ओकर रीति रही, ईसू ओनका उपदेस देइ लाग।
2 अउर कछू फरीसियन ओकरे लगे आएन अउर उ सबइ ओसे पूछेन, “का इ कनून पुरुस क लिये नीक बाटइ कि उ आपन पत्नी क तलाक देइ दे?” उ सबइ ओसे ओका जाँचइ बरे पूछेन।
3 ईसू ओनका जबाव दिहेस, “मूसा तोहका का आदेस दिए बाटेन?”
4 उ सबइ कहेन, “मूसा पुरुस क एक ठु तलाक क त्याग पत्र लिखिवाइ आपन पत्नी क तलाक बरे हुकुम देहेस।”
5 ईसू ओनसे कहेस, “मूसा इ आदेस एह बरे लिखेस कि तू सबइ नासमुझ अहा।
6 सृस्टि क सुरुआत स, ‘परमेस्सर पुरुस अउर स्त्री बनाएस।’
7 “एह बरे पुरुस आपन महतारी बाप क छोड़ि देइ अउर आपन पत्नी क संग रही।’
8 दुइनउँ एक तन होइ जइहीं। तइसे उ दुइनउँ अलग नाहीं, मुला एक ठु अहइँ।
9 एह बरे जेकर परमेस्सर जोरि दिहे अहइँ, ओहका मनई क अलग नाहीं करइ चाही।”
10 जब उ सबइ गरवा मँ फिन स आएन, तउ चेलन ऍकरे बारे मँ ओसे पूछेन।
11 अउर ईसू ओनसे पूछेस, “जउन आपन पत्नी क तलाक दइ देत ह, अउर दूसर स्त्री स बियाह करत ह, उ ओकरे खिलाफ व्यभिचार करत ह।
12 अगर स्त्री आपन पति क तजि देत ह अउर दूसर पुरुस स बियाह करत ह, तो उ व्यभिचारी ह।”
13 फिन मनइयन गदेलन क ओकरे लगे लइ आवइ लागेन, इ नाते कि उ ओनका छुइ लेइ अउर आसीर्बाद देइ मुला चेलन ओनका फटकारि दिहन।
14 जब ईसू इ देखेस, उ कोहाय ग अउर उ ओनसे कहेस, “गदेलन क मोरे निअरे आवइ द्या। ओनका जिन रोका, इ नाते परमेस्सर क राज्य अइसन स नाता जोरत ह।
15 मइँ तोहका सच सच बतावत हउँ, जउन परमेस्सर क राज्य क गदेलन क नाईं सुआगत न करी, उ राज्य मँ कबहुँ न घुसी।”
16 ईसू आपन कोरा मँ गदेलन क उठाएस। उ आपन हथवा ओनके ऊपर धरेस अउर आसीर्बाद दिहेस।
17 जइसे उ जात्रा प जाइ क रहा, एक मनई ओकरे लगे आइ अउर घुटुनवा टेकिके बोला अउ ओसे पूछेस, “उत्तम गुरु! अनन्त जीवन पावइ क हक बरे ओका का करइ क चाही?”
18 ईसू ओसे कहेस, “तू मोका उत्तम काहे कहत ह सिरिफ परमेस्सर क छोड़िके कउनो उत्तम नाहीं।
19 तू आदेस क जानत ह। ‘जीउ जिन मारा, व्यभिचार जिन करा, चोरी जिन करा, झूठी गवाही जिन द्या, ठगी जिन करा, आपन महतारी बाप क इज्जत करा।”
20 उ मनई ओसे कहेस, “गुरु मइँ आपन लरिकइँ स इन सब बातन पर चलत आवत हउँ।”
21 ईसू ओका निहारेस। ओकरे बरे पिरेम भाउ रखेस अउर ओसे कहेस, “तोहमाँ ऍक बात क कमी अहइ जा अउर बेंचि आवा जउन तू धरे अहा। तब एक गरीबे क द्या। ओकरे बाद तू सरगे मँ खजाना रखब्या। तब्बई तू आवा अउर मोरे पाछे चला।”
22 अइसे बयान पर ओकर मुँह उतर गवा अउर निरास होइ के चला गवा। इ नाते कि उ धनवान रहा।
23 ईसू चारिहुँ कइँती देखेस अउर आपन चेलन स कहेस, “केतना मुस्किल बाटइ ओनके बरे जउन धनी होइके परमेस्सर क राज्य मँ घुसइ चाहत अहइँ।”
24 चेलन इ बचनन प अचरजि मँ परि गएन। तउ फिन ईसू ओनसे कहेस, “मोर गदेलन! परमेस्सर क राज्य मँ घुसब केतना मुस्किल अहइ।
25 ऊँट क सुई क नोंके स घुसरब असान अहइ, बजाय एक धनी मनई क परमेस्सर क राज्य मँ जाब!”
26 ओनका अउ जिआदा अचरज भवा, अउर आपुस मँ एक दुसरे स बतियाइ लागेन, “तब कउने क उद्धार होई?”
27 ओनका लखत, ईसू कहेस, “मनई अइसा कबहुँ नाहीं कइ सकत, मुला इ परमेस्सर बरे अइसा नाहीं।”
28 पतरस ओसे कहइ लाग, “देखा, हम सब कछू तजि दिहन अउर तोहरे पाछे होइ गएन!”
29 ईसू कहेस, ‘मइँ तोसे सच सच कहत हउँ, कउनो अइसा नाहीं जउन मोरे बरे अउर सुसमाचार बरे घर-दुआर, भाइयन, बहिनियन, महतारी, बाप, गदेलन, खेत अउर क तजि देइ,
30 जउन इ जुगे मँ घरन भाइयन, बहिनियन, महतारीयन, गदेलन अउर खेतन क संग सताव सउ गुना जिआदा न पाइ, अउर आवइवाला जुग मँ अनन्त जीवन।
31 मुला बहोत जने जउन आज सबते पाछे अहइँ, उ सबते पहिले होइहीं। जउन सबते पहिले अहइँ, उ सबइ पाछे होइहीं।”
32 फिन उ सबइ यरूसलेम जात जात रस्ता मँ रहेन, ओनमें ईसू सबते आगे चलत जात रहा। उ सबइ खुबइ अचिरजे मँ डेरानेन। जउन पाछे रहेन, उ पचे ससान रहेन। ईसू बारहु प्रेरितन क एक कइँती लइ गवा अउर ओनका बतावइ लाग कि ओकरे संग का घटइवाला अहइ।
33 “सुन, हम पचे यरूसलेम जात अही, अउर मनई क पूत क दुराव स मुख्ययाजकन अउर धरम सास्तिरियन पकड़वाइ के दइ देइहीं। अउर उ सबइ ओका मउत क सजा देइके गैर यहूदी क दइ देइहीं।
34 जउन ओकर हँसी करिहीं अउर उ पचे ओह पइ थुकिहीं। उ सबइ ओका कोड़ा स पिटहीं अउर मारि डइहीं। तीन दिना क पाछे उ जी जाई।”
35 फिन जब्दी क बेटवन याकूब अउर यूहन्ना ओका लगे आएन अउर ओसे कहेन, “गुरु, हम चाहित ही कि हम जउन तोसे करइ क कही, ओका तू हमरे बरे कइ द्या।”
36 ईसू ओनसे कहेस, “तू मोसे आपन बरे का करवावइ क चाहत ह”
37 उ सबइ ओसे कहेन, “तू आपन महिमा मँ हम पचेन क बइठइ क अधिकार द्या। हम पचेन मँ एक ठु तोहरे दाएँ अउर एक ठु तोहरे बाएँ बइठइ।”
38 ईसू ओनसे कहेस, “तू जानत ह नाहीं कि तू सबइ का कहत ह। जउन लुटिया मइँ पिअइ जात हउँ, का तू पी सकत ह का जउन बपतिस्मा मइँ लेवइ क हउँ, का तू पचे उ बपतिस्मा क लइ सकत ह”
39 उ पचे ओसे कहेन, “हम वइसा करि सकित ह।” फिन ईसू ओनसे कहेस, “का तू सबइ लुटिया भरि के पीब्या जउन मइँ करि सकत हउँ। जउन बपतिस्मा मइँ लेइ का हउँ, का तू सबइ लइ सकत ह।
40 मुला मोरे दाँए अउर बाँए बइठइ का जगहिया देब मोर अधिकार नाहीं अहइ। इ जगहियन ओनही मनइयन क बरे अहइँ, जेनके बरे उ सबइ तइयार कीन्ह ग अहइँ?”
41 जब बाकि दसहु ऍकरे बारे मँ सुनेन तउ उ पचे याकूब अउर यूहन्ना प गुस्सा करेन।
42 फिन ईसू आपन लगे ओनका बोलाएस अउर ओनसे कहेस, “तू जानत ह कि जउन गैर यहूदियन प राज करत हीं, उ हुकुम ओन पइ चलावत हीं अउर ओनका अउर ओनके मुख्य नेतन क ओन प प्रभाव बाटइ।
43 मुला तोहरे संग अइसा नाहीं बाटइ। तू सबन मँ जउन बड़वार होइ चाहत ह, उ तोहार नउकर बनइ।
44 अउर तू पचन मँ जउन मुखिया बना चाहइ उ तोहार गुलाम बनइ।
45 मनइँ क पूत हु सेवा करावइ नाहीं आइ अहइ मुला उ सेवा करइ आइ अहइ अउर आपन जीउ क बहोतन क छुटकारा बरे आइ अहइ।”
46 फिन उ सबइ यरीहो आएन अउर जब ईसू एक भारी भीर क संग आपन चेलन क लइके यरीहो जात रहा तउ तिमाई क बेटवा बरतिमाई नाउँ क एक ठो आँधर भिखमंगा सरक क किनारे बइठा रहा।
47 जब उ सुनेस कि नासरत क ईसू अहइ, उ चिचिआइ क कहइ लाग, “ईसू, दाऊद क पूत! मो पर दाया कर!”
48 पर अउर बहोत मिला ओका डाटेन अउर ओका चुप रहइ क कहेन। तब ओकर अवाज ऊँच स ऊँच होत गइ, “दाऊद क पूत! मो प दाया कर!”
49 तउ ईसू रुका अउ कहेस, “ओका मोरे लगे बोलॉवा।”एह पइ उ सबइ आँधर क बोलाएन अउर ओसे कहेन, “मनवा क मजबूत कर। खरा ह्वा। ईसू तोहका बोलावत ह।”
50 उ आँधर आपन लबादा फेंकि दिहस अउर उछरि पड़ा अउर फिन ईसू क लगे गवा।
51 तब ईसू ओसे कहेस, “तू मोसे आपन बरे का करवावइ चाहत ह”आँधर ओसे कहेस, “हे गुरु, मइँ पुनि देखइ चाहत हउँ।”
52 तउ ईसू ओनसे कहेस, “जा। तोहरे बिसवास स तोहार उद्धार भवा।” अउर उ फउरन देखइ लायक होइ सका। फिन उ ईसू का पाछे सरक प होइ गवा।
Mark 11
1 फिन जइसे यरूसलेम क नगिचे जैतून क पहाड़ी प बैतफगे अउर बैतनिय्याह पहुँचेन, उ आपन चेलन मँ दुइ क पठएस।
2 अउर ओसे कहेस, “जा गाउँ मँ जइसे तू हुवाँ घुसब्या, तू एक ठु गदही क बच्चा बाँधा भवा पउब्या, जेह प पहिले कबहुँ नाहीं कउनो चढ़ा होई। ओका खोल द्या अउर हियाँ लिआवा।
3 जदि तोसे कउनो पूछइ कि तू अइसे काहे करत अहा, तउ तू कह्या, ‘प्रर्भू क ऍकर जरूरत अहइ, फिन उ ऍका फउरन पठइ देइ।”‘
4 तउ उ पचे चलि पड़ेन। उ गदही क बच्चा क बँधा भवा दुआर क नगिचे खुली गली मँ पाएन। उ पचे ओका छोरि दिहन।
5 कछू मनई जउन हुवाँ खरा रहेन ओनसे पूछेन, “उ गदहिया क बच्चा क काहे तू पचे छोरिके का करत बाट्या?”
6 उ पचे ओनका बताएन जरुन ईसू कहेस। तउ उ सबइ ओनका जाइ दिहेन।
7 उ पचे गदहिया का बच्चा क ईसू क लगे लइ आएन। अउर उ पचे आपन ओढ़ना ओह प डारि दिहन। फिन ईसू ओह प बइठा।
8 बहोत मिला आपन लबादा क सरकिया प डारि दिहन अउर दूसर खेते स टहनियन क काटि लिहन अउर हुवाँ बिछाइ दिहन।
9 उ मनइयन जउन ईसू क अगवा अउर पाछे चलत रहेन, उ पचे पुकार रहेन:‘होसन्ना!धन्य अहइ उ जउन पर्भू क नाउँ प आवत ह।’ भजन संहिता 128:25-26
10 धन्य अहइ हमार पिता दाऊद क राज्य क अवाई, जउन आवत अहइ, होसन्ना सरग मँ।”
11 तब ईसू यरूसलेम घुसा अउर मन्दिर मँ घुसा। उ हर चीज क चारिहुँ कइँती निहारेस। एह बरे दिन ओनवत देर होइ गइ। उ बारहु प्रेरितन क संग बैतनिय्याह चला गवा।
12 दूसरे दिन जब उ सबइ बैतनिय्याह स निकसत रहेन, ओनका भूखि लाग।
13 तनिक दूरी प ओका एक ठु हरिअर अंजीर क पेड़ देखान। उ देखइ गवा कि ओका कछू खाइके ओह प मिल जाइ। जब उ पेड़े क लगे आवा, उ पातिन छोड़िके कछू नाहीं पाएस, काहेकि इ रितु अंजीर क नाहीं रही।
14 तबहिं उ बिरवा स कहेस, “अब तोसे कबहुँ कउनो तोहार फल फिन न चखी।” ओकर चेलन इ सुनेन।
15 तबहिं उ सबई यरूसलेम गएन अउर उ पचे मन्दिर मँ घुसेन तउ ईसू ओनका निकारइ लाग जउन मन्दिर मँ बेसहत अउर खरीदत रहेन। उ पइसे क लेब देब करइया महाजनन क चउकियन क पलट दिहस अउर कबूतरे क बेचवइयाँ क बिंचिया पलटेस।
16 उ मन्दिर मँ स कउनो क कउनो क कछू नाहीं लइ जाइ दिहस।
17 तबहिं उ ओनका उपदेस देइ लाग। फिन उ ओनसे कहेस, “का इ पवित्तर सास्तरन मँ लिखा नाहीं बाटइ कि, ‘मोर घर पराथना घर कहा जाई?’मुला तू पचे ऍका ‘चोरन क अड्डा बनइ दिहा।”
18 जबहि मुख्ययाजकन अउर धरम सास्तिरियन इ बात सुनेन, उ सबइ ओका मारि डारइ क तरकीब सोचइ लागेन। अइसे उ पचे डेरानन, काहेकि ईसू क उपदेस स सब मनइयन अचरजि मँ पड़ि गएन।
19 फिन जब सांझ भइ तउ उ सबइ सहर स बाहेर गएन।
20 दुसरे दिन भिंसारे जबहिं ईसू आपन चेलन क संग जात रहा तबइ उ पचे उ अंजीर क बिरवा क जड़े स झुराइ गवा देखेन।
21 तइसे पतरस याद कइके ईसू स कहेस, “हे गुरु, जउने अंजीर क बिरवा क तू सराप्या ह, उ झुराइ गवा ह।”
22 ईसू ओनका जबाव दिहेस, “परमेस्सर मँ बिसवास राखा।
23 मइँ तोसे सच सच कहत हउँ: जदि कउनो इ पहाड़े स कही ‘तू उठि जा अउर समुद्दर मँ फाट पड़ा।’ अउर ओकरे मनवा मँ रचिकउ संदेह नाहीं रही मुला बिसवास होई कि जइसा उ कहेस ह, वइसा होइ जाइ तउ ओकरे बरे वइसा होई।
24 एह बरे मइँ तोहका बतावत अही कि तू पराथना मँ जउन मंगब्या बिसवास करा उ तोहका मिलि गवा ह अउर उ तोहरा होइ ग अहइ।
25 अउर जब कबहुँ तू पराथना करत खड़ा होइ जा तउ कउनो कि खिलाफ तोहका सिकाइत होई तउ ओका तू छमा कइ द्या जइसे सरगे मँ स्थित तोहार परमपिता तोहरे पापन्क छमा कइ देई।”
26
27 फिन उ पचे यरूसलेम लउट आएन। ईसू जब मन्दिर मँ टहरत रहा तउ मुख्ययाजकन, धरम सास्तिरियन, बुजुर्ग यहूदी नेतन ईसू क लगे आएन।
28 उ पचे ईसू स कहेन, “हमका बतावा! तू इ कामन क कउने अधिकार स करत बाट्या? कउन तोहका अधिकार दिहेस ह”
29 ईसू ओनसे कहेस, “मइँ तोहसे एक सवाल पूछत हउँ। तू मोरे सवाल क जबाव द्या? तउ मइँ तोहका बताउब कि कउने अधिकारे स मइँ इ काम करत हउँ।
30 मोका बतावा: यूहन्ना जउन बपतिस्मा देत रहा, का ओहका सोझे सरगे स या मनई स मिला रहा?”
31 ईसू क सवाले प उ सब बिचारत बिचारत आपुस मँ कहइ लागेन कि, “जदि हम पचे इ कहित ह, ‘ओका इ सरगे स मिला रहा,’ तउ ईसू कही, ‘फिन तू पचे ओह प बिसवास काहे नाहीं करत्या?’
32 अउर जदि हम पचे इ कही, ‘उ मनई स पाए रहा’ तउ सब मनई हम प रिसियाइ जइहीं।” (ई नेतन लोग मनइयन स डेरात रहेन। सब मनइयन क बिसवास रहा कि यूहन्ना नबी अहइ।)
33 एह बरे यहूदी नेतन ईसू स कहेन, “हम पचे जानित नाहीं।”ऍह पइ ईसू ओनसे कहेस, “तउ फिन मइँ तोहका नाहीं बतावत अही कि इ काज मइँ कउने अधिकारे स करत हउँ।”
Mark 12
1 ईसू दिस्टान्त कथा खोलि के समझावत ओनसे कहइ लाग: “एक मनई अंगूरे क बाग लगाएस अउर ओकरे चारिहुँ कइँती चहरदेवार बनाएस। फिन उ अंगूरे क रस धरइ बरे एक गड़हा खोदेस अउर ओकरे बाद एक ठु बुर्ज खड़ा करेस। फिन उ कछू किसानन क लगाने प दिहस अउ जात्रा प चला गवा।
2 फिन अंगूर पकइ क रितु मँ उ एक ठु नउकर पठएस जेसे उ किसानन स जउन अंगूर पक गवा अहइँ, ओहमाँ स ओकर हींसा लइ आवइ।
3 उ मुला उ सबइ नउकर क पकरिके पीटेन, ओका खालि हाथे भगाइ दिहन।
4 उ एक ठु अउ नउकर हुवाँ पठएस। उ किसानन ओकर मुड़वा फोड़त ओका बेज्जत करेन।
5 उ फिन एक ठु अउ नउकर पठएस, जेकर उ सब कतल कइ दिहन। उ इ तरह कई ठु नउकरन क पठएस, जेनका उ सब मारेन पीटेन अउर केतनन क मारि डारेन।
6 “अब ओकरे लगे पठवइ क आपन पियारा बेटवा ही बचा रहि गवा। आखिर उ ओनके लगे इ कहत पठएस, “उ पचे मोरे बेटवा क मान सम्मान जरूर कहि रहीं।’
7 “उ किसानन एक दुसरे स कहेन, ‘इ तउ ओकर वारिस अहइ। आवा, ऍका मारि डाइ। अइसे हम पचे एकर वारिस होई जाब।’
8 उ सबइ ओका पकरिके मारि डाएन अउर ओका अंगूर क बागे स बाहेर फेंके दिहन।
9 “एह पइ अंगूर क बगिया क मालिक का करी? उ आइके किसानन क मारि डाई अउर बगिया क दुसरे क दइ देई।
10 का तू पचे पवित्तर सास्तर का बचन नहीं बांच्या: ‘उ पाथर जेका राजगीर बेकाम क समझेन उहइ कोने क पाथर बनि गवा।
11 इ पर्भू करेस, जउन हमरे निगाहे मँ अजूबा बाटइ।”‘ भजन संहिता 118:22-23
12 उ सबइ जान गएन कि जउन दिस्टान्त उ दिहेस ह उ ओकरे खिलाफ रहा। तउ उ पचे ओका गिरफतार करइके कउनो कुचाल खोजइ लागेन, मुला उ पचे मनइयन स डेरात रहेन। एह बरे ओका तजि के गएन।
13 तब यहूदी नेतन ईसू क बातन मँ फँसावइ क बरे कछू फरीसियन अउर हेरोदियन क ओकरे नगिचे पठएन।
14 जउन ओकरे निअरे फरीसियन अउर हेरोदियन रहेन उ सबइ कहेन, “गुरु, हम पचे जानित ह कि तू बहोतइ ईमानदार मनई अहा अउर तू इ बात क रचिकउ फिकिर करत्या नाहीं कि दूसर मनई का सोचत हीं। तू मनई क हैसियत या ओकर रुतबा क ध्यान न देत परमेस्सर क राहे क सीख देत ह। तउ बतावा न कि कैसर क कर देब ठीक बाटइ की नाहीं। हम ओका कर अदा कइ देइ कि नाहीं?”
15 ईसू ओनकइ चाल चपेट जानि गवा। उ ओनसे कहेस, “तू मोका काहे परखत ह एक ठु दीनार लिआवा काहेकि ओका मइँ लखि सकउँ।”
16 तउ उ पचे एक ठु दीनार लइ आएन। फिन ईसू ओनसे पूछेस, “यह पइ केकर चेहरा अउर नाउँ लिखा बाटइ?” उ पचे कहेन, “कैसर क।”
17 तब ईसू ओनका समझाएस, “जउन कैसर क अहइ, ओका कैसर क द्या अउर जउन परमेस्सर क अहइ ओका परमेस्सर क द्या।” तउ उ पचे अचरजि मँ पड़ि गएन।
18 फिन कछू सदूकियन पुनरुत्थान क नाहीं मनतेन, ओकरे नगिचे आएन अउर उ पचे ओसे पूछेन,
19 “गुरु, मूसा हमरे बरे लिखेस कि जदि कउनो क भाई मरि जाए अउर ओकरे पत्नी क कउनो लरिका न होइ तउ ओकरे भाई क चाही कि उ ओसे बियाह करइ अउर फिन आपन भाई क बंस क चलावई।
20 एक दाई क बात अहइ कि सात ठु भाई रहेन। सबते बड़का भाई बियाह करेस अउर निपूत होइके मरि गवा।
21 फिन दूसर भाई उ स्त्री स बियाह करेस, पर उहउ निपूत होइके मरि गवा। तिसरका भाई भी वइसे करेस।
22 सातहु भाइयन मँ कउनो क कउनो संतान नाहीं भइ। आखिर उ स्त्री भी मरि गइ।
23 मउत क बाद जबहिं उ पचे जी उठिहीं, तउ बतावा उ स्त्री केकर पत्नी भई? काहेकि उ सातहु ओका आपन पत्नी क तरह राखे रहेन।”
24 ईसू ओनसे कहेस, “तू पचे न तउ पवित्तर सास्तरन क जानत ह अउर न परमेस्सर क ताकत क। का इ कारण नाहीं जेसे तू पचे भटक गवा बाट्या?
25 काहेकि उ सबइ जबहिं मरे भए स जी उठिहीं, तउ ओनकइ बियाह न होई मुला सबइ सरग मँ दूतन क तरह रइहीं।
26 मरे भए स जी उठइ क बातन मँ का तू पचे नाहीं बाँच्या जउन मूसा क कितबिया मँ झाड़ी क बाबतलिखा बाटइ? हुवाँ परमेस्सर मूसा स कहेस, “मइँ इब्राहीम क परमेस्सर, इसहाक क परमेस्सर अउर याकूब क परमेस्सर हउँ।’
27 उ मरे भए क परमेस्सर नाहीं मुला जउन जिअत अहइँ ओनकइ परमेस्सर अहइ। तू पचे बहोतइ भारी भूलि मँ पड़ि गवा ह।”
28 फिन एक ठु धरम सास्तरि आइ अउर ईसू ओनका चरिचा करत सुनेस। जबहिं उ सास्तरि देखेस कि ईसू ओनका कउने बढ़िया तरकीबे स जबाव दिहेस, उ ईसू स पूछेस, “कउन हुकुम सबते जिआदा बड़कई क अहइ?”
29 ईसू जबाव दिहेस, “सबते बड़कई क हुकुम इ अहइ: ‘ओ इस्राएली सुना, सिरिफ हमार पर्भू परमेस्सर एक ठु पर्भू अहइ।
30 तू आपन पूर मन स समुचइ जिन्नगी स, समुचइ बुद्धि स अउर आपन पूरी ताकत स तोहका आपन परमेस्सर पर्भू स पिरेम करइ चाही।’
31 दूसर हुकुम इ अहइ ‘आपन पड़ोसी स वइसइ पिरेम करा जइसे तू आपन स करत ह।’इ सब हुकुमन ते बड़ा अउर कउनो हुकुम नाहीं।”
32 एह पइ धरम सास्तरी ओसे कहेस, “गुरु तू नीक कह्या। तोहार इ कहब नीक अहइ कि परमेस्सर एक अहइ, ओकरे बजाय अउर दूसर कउनो नाहीं।
33 आपन पूरा मन स, समुचइ समझि-बुझि स, पूरी ताकत स परमेस्सर स पिरेम करब अउर आपन भाई आपन पड़ोसी स पिरेम करब सबइ बलि समर्पित भेंट अउर भेंटेन जेकरे बारे मँ कहा अहइ, ओसे जिआदा बड़कइ अहइ।”
34 जबहिं ईसू लखेस कि उ मनई समझि के जबाव देत बाटइ तउ ईसू मनई स कहेस, “तू परमेस्सर क राज्य स दूर नाहीं बाट्या।” ओकरे बाद कउनो दूसर मनई ओसे कउनो अउर सवाल पूछइ क हिम्मत नाहीं किहेस।
35 फिन ईसू मन्दिर मँ उपदेस देत भवा कहेस, “कइसे धरम सास्तिरियन कहत बाटेन कि मसीह दाऊद क पूत अहइ?
36 दाऊद खुद पवित्तर आतिमा स प्रेरित होइके कहेस: ‘पर्भू (परमेस्सर) मोर पर्भू (मसीह) कहेस, मोरे दाहिन कइँती बइठा जब तलक मइँ तोहरे दुस्मनन क तोरे गोड़वा तरे न कइ देउँ।’ भजन संहिता 110:1
37 दाऊद खुदइ ओका ‘पर्भू’ कहत बाटइ। फिन मसीह दाऊद क पूत कइसे होइ सकत ह” भारी भीड़ ओका खुस होत होत सुनत रही।
38 उ आपन उपदेस मँ कहेस, “धरम सास्तरी लोगन्स होसियार रहा। उ पचे आपन लंबा लंबा लबादा पहिरि क ऍहर ओहॅर फिरब पंसद करत ही। ओनका हाटन मँ आपन्क पैलगी कराउब सोहात ह।
39 अउर आराधनालयन मँ बड़कवा क आसन पइ बइठब चाहत हीं, उ पचे भोजे मँ बड़कावा क आसन पावइ क इच्छा रखत हीं।
40 उ पचे विधवन क मिल्कियत हड़प लेत हीं। उ पचे देखावइ बरे लंबी लंबी पराथना बोलत हीं। इ पचन क करर्ी स करर्ी सजा मिली।”
41 ईसू दानपात्र क समन्वा बइठा देखत रहा कि मनई कउने तरह दानपात्र मँ पइसा नावत हीं। बहोतन धनी मनइयन बहोत धन नाइ दिहन।
42 फिन हुवाँ एक ठु गरीब विधवा आइ अउर उ ओहमाँ दुइ दमड़ी नाएस जउन उ एक पइसा क बराबर भी नाहीं रहा।
43 फिन उ आपन चेलन क नगिचे बोलाएस अउर कहेस, “मइँ तू पचन स सच सच कहत हउँ, धनी लोगन स इ दाने पात्रे मँ नावा एक ढेर क नावा दान स जिआदा बड़कवा दान इ गरीब अउर बेसुहागिन विधवा क अहइ।
44 काहेकि उ पचे जउन धन फालतू धरे रहेन उ सब ऍहमा नाइ दिहन, मुला इ आपन गरीबी मँ स जउन ऍकरे लगे रहा, उ सब नाइ दिहस। ऍकरे लगे ऍतना ही धन जुरा रहा जउन ऍकरे जिन्नगी क सहारा रहा।”
Mark 13
1 जब उ मन्दिर स जात रहा, ओकर एक ठु चेला ओसे कहेस, “गुरु, लखा इ सबइ पाथर अउर इमारतन केतॅना अजूबा अहइँ।”
2 तउ ईसू ओनसे कहेस, “तू इन भारी इमारत क देखत बाट्या? हिआँ एक पाथर प दूसर पाथर टिकाइ कइ रखा बाटइ। एक एक ठु पाथर ढकेल दीन्ह जाई।”
3 जबहिं उ मन्दिर क समन्वा जैतून क पर्वत प बइठा रहा तउ पतरस, याकूब, यूहन्ना अउर अन्द्रियास अकेल्ॅले मँ पूछेन,
4 “हमका बतावा, इ सब कछू कब घटी? जब इ सब कछू पूरा होइ जाई तउ कउन निसार देखॉइ देइहीं?”
5 ऍह पइ ईसू कहइ लाग, “होसियार! कउनो तोहका न छली।
6 मोरे नाउँ स बहोत लोग अइहीं अउर इ दावा करिहीं, “मइँ उहइ हउँ।” उ पचे बहोतन क छलिहीं।
7 जब तू जुद्ध अउर जुद्धन क अफवाह क बारे मँ सुन्या तउ घबराया जिन अइसा तो होइ मुला अबहिं अंत नाहीं बाटइ।
8 एक रास्ट्र दूसर रास्ट्र क खिलाफ अउर एक ठु राज्य दूसर राज्य क खिलाफ खड़ा होइहीं। बहोतन स ठउरन प भूइँडोल अइहीं अउर अकाल पड़ी। ई उ पीरा क सुरुआत होइ।
9 “आपन बारे मँ होसियार रहा। उ पचे तोहका अदालत मँ पेस करिहीं अउर फिन तोहका आराधनालयन मँ पीटा जाई अउर मोरे कारण तोहका सासक राजा लोगन क समन्वा खड़ा होइ क होई जइसे ओनका प्रमाण मिलि जाइ।
10 लेकिन इ जरूरी अहइ कि पहिले स हि सबन्क क सुसमाचार सुनाइ दीन्ह जाइ।
11 जब कबहुँ तोहका पकरि के तोहरे प मुकदमा चलइहीं तउ पहिले स इ फिकिर जिन कर्या कि तोहका का कहइ क अहइ। उ समइ प जउन कछू तोहका बतावा जाइ, उहइ बोल्या काहेकि इ सबइ तू पचे नाहीं जउन तू बोलत ह, मुला बोलइवाला पवित्तर आतिमा अहइ।
12 “भाई, भाई क धोखा दइके पकड़ावावत मरवाइ देइ। बाप, बेटवा क धोखा दइ के पकड़वाई अउर बाल-बच्चे आपन महतारी अउर बाप के खिलाफत मँ खड़ा होइके मरवइहीं।
13 मोरे कारण सब जने तोसे घिना करिहीं मुला जउन अंत समइ तलक धीरज धरी, ओकर उद्धार होई।
14 “जब तू पचे ‘घृनित खउफनाक अउर बिनास करइवाली चीजन्क,’ जहाँ उ सबन क न होइ चाही, हुवाँ खड़ा देख्या।” (पढ़वइया खुद समझि लेई कि ऍकर का अरथ अहइ।) “तब जउन लोग यहूदिया मँ होइहीं, ओनका पर्वत प पराय जाइ चाही।
15 अउर जउन लोग आपन घरवा क छतवा प होइहीं, उ पचे घरवा मँ घुसुरि क कछू भी लइ आवइ क तरखाले न उतरइ।
16 अउर जउन बाहेर मैदान मँ होई, उ पचे पाछे घूमि के आपन ओढ़ना तलक न लेई।
17 उ स्त्रियन बरे जेकर पैर भारी होइ अउर जेकर दूध पिअइया बचवन गोदी मँ होइहीं, उ दिनन बहोतई खउफनाक होइहीं।
18 पराथना करा कि इ सब कछू सर्दी क रितु मँ न होइ।
19 उ दिनन अइसी बिपत आई जइसी आजु तक नाहीं इ जबहिं ते परमेस्सर इ संसार क रचि दिहन ह, आजु तक नाहीं आइ अउ कबहुँ अगवा न आई।
20 अउर जदि परमेस्सर उ दिनन क कमती कइ न दिहेस होत तउ कउनो न बच पावत। मुला उ खात रूप स चुना गवा मनइयन क कारण जेनका उ चुनेस, उ उ समइ क कब कम दिहस ह।
21 उ दिनन मँ जदि कउनो तोसे कहइ कि, ‘देखा, इ रहा मसीह1’ या ‘उ अहइ मसीह।’ तू ओकर बिसवास न कर्या।
22 काहेकि झूठे मसीहन अउर झूठे नबियन देखॉइ देइहीं अउर उ सबइ अइसा अद्भुत चीन्हन देखइहीं अउर अचरज कारजन करिहीं कि जदि होइ जाए तउ उ पचे चुना गएन मनइयन क भी अड़पेंचे मँ डाइ देइहीं।
23 एह बरे तू सब होसियार रहा। मइँ समइ स पहिले ही तो पचन्क सब कछू बताइ दीन्ह।
24 “उ दिनन मँ हारून कस्ट क समइ क पाछे, ‘सूरज करिया पड़ि जाई चंदा स ओकर चाँदनी न निकसी
25 अकास स तारे टूटइ लगिहीं अउर अकासे मँ बड़वार सक्ती झकाझोरि दीन्ह जइहीं।’ यसायाह 13:10; 34:4
26 “तब्बइ मनइयन मनई क पूत क महासक्ती अउर महिमा क संग बदरवन मँ निहरिही।
27 फिन उ आपन दूतन क पठइके चारहु दिसा मँ धरती क छोरे स दूसर छोरे तक सब कइँती स आपन चुना भवा मनइयन क जमा करी।
28 “अंजीरे क बिरवा स उपदेस ल्या कि जबहिं ओकर टहनियन नरम अउर हरि अर होइ जात हीं तउ ओह पइ कोंपर फूटइ लागत हीं। तउ तू पचे जान लेत ह्या कि गर्मी क रितु आवइ क अहइ।
29 अइसे ही जबहिं तू पचे इ सब कछू होत लख्या तउ समझ लिहा कि उ समइ नगिचे आइ ग अहइ, मुला ठीक स दरवज्जे प।
30 मइँ तोसे सच-सच कहत हउँ कि इ सब घटना इत मनइयन क जिअते जी होइहीं.
31 धरती अउर अकास बरबाद होइ जइहीं लेकिन मोर बचन कबहुँ न टारे टरी।
32 “उ दिन या उ घड़ी क बारे मँ कउनो कछू गियान नाहीं, न सरग क दूतन अउर न अबहिं मनई क पूत क, सिरिफ परमपिता जानत बाटइ।
33 होसियार! जागत रहा काहेकि तू नाहीं जनत्या कि उ समइया कब आइ जाई।
34 ई अइसे अहई कि जइसे कउनो मनई कउनो जात्रा प जात जात आपन नउकरन प आपन घरवा छोड़ि जाए अउर हर मनई क ओकर आपन आपन काम बाँटि दे अउर चौकीदार क हुकुम दइ जाए कि तू जागत रहा।
35 एह बरे तू जागत रहा काहेकि घरे क मालिक न जानी कब आइ जाए। चाहे सांझ होई, की आधी रात की मुर्गन क बाँग क समइ की फिन दिन निकरि आवइ।
36 जदि उ अचानक आइ जा तउ अइसा करा कि जेसे उ तोहका सोवत न पावइ।
37 जउन मइँ तोसे कहत हउँ, उहइ सबते कहत हउँ, ‘जानत रहा!”‘
Mark 14
1 फसह क त्यौहारअउर वे खमीरे क रोटी क त्यौहारस दुइ दिन पहिले की बात अहइ कि मुख्ययाजकन अउर धरम सास्तिरियन कउनो अइसा कुचाल चलत रहेन कि जउने चलाकी स ओका गिरफतार कइ लेइँ अउर जान स मारि डावइँ।
2 उ सबइ इ कहत रहेन, “मुला हम पचेन क त्यौहार क दिन अइसा नाहीं करइ चाही, नाहीं तउ मनइयन दंगा कइ लेइहीं।”
3 जब बैतनिय्याह मँ ईसू समौन कोढ़ी क घरे खाना खाइके बइठा, तबहिं एक ठु स्त्री उज्जर अउर चीकन स्फटिक मनि क बासन मँ सुद्ध बाल छड़े क इतर लइ आइ। उ स्त्री बासने को तोड़ेस अउर ओसे निकसत इतरे क ईसू क मुँड़वा प उड़ेरेस।
4 ऍइसे हुवाँ कछू चेलन बिगड़ के आपुस मँ कहइ लागेन, “इतरे क अइसी बर्बाद काहे कीन्ह गइ अहइ?
5 इ इतर तउ तीन सउ दीनारे स जिआदा मँ बेंच जाइ सकत ह अउर फिन उ धने क कंगालन मँ बाँटि जाइ सकत रहा।” उ पचे उ स्त्री क निन्दा करेन।
6 तब ईसू कहेस, “काहे क ओका तंग करत ह ओका छोड़ा। उ मोर बरे एक बढ़िया काज करेस ह।
7 काहेकि कंगालन तू हमेसा तोहरे लगे रइहीं अउर तउ तू जब चाहा ओनकइ मदद कइ सकत ह, मुला मइँ तोहरे साथे हमेसा न रहिउँ।
8 इ स्त्री उहइ किहस जउन उ कइ सकत रही। उ समइ स पहिले मोरे दफनावइ बरे, मोरे बदन पइ इतर छिरकि के ओका तइयार किहेस ह।
9 मइँ तोसे सच-सच कहत हउँ समूचे संसारे मँ जहाँ कहूँ भी इ सुसमाचार क परचार कीन्ह जाई, हुवँई ऍकरे यादे मँ जउन कछूइ स्त्री करेस ह, ओकर चर्चा होई।”
10 तब यहूदा इस्करियोती, जउन ऍकरे बारहु प्रेरितन मँ एक ठु रहा, मुख्ययाजकन क नगिचे ईसू क धोखा दइ के पकड़वावइ बरे गवा।
11 उ पचे ओकर बतियन सुनिके बहोत खुस भएन अउर उ पचे ओका धन देइ क वादा करेन। एह बरे फिन यहूदा ईसू कधोखा दइ क पकड़वाव क तलास मँ रहइ लाग।
12 बे खमीरे क रोटी क त्यौहार स एक दिन पहिले, जब फसह मेमना क बलिदान दीन्ह जात रही। ओकरे चेलन ओसे पूछेन, “तू का चाहत बाट्या कि हम पचे कहाँ जाइके तोहरे खइया बरे फसह क भोज तैयारी करी?”
13 तब उ आपन दुइ ठो चेलन क इ कहिके पठएस, “सहर मँ जा, जहाँ तोहका एक ठु मनई पानी क गगरी धरे भेंटइ, तउ ओकरे पाछे होइ जा।
14 फिन जहाँ कहूँ भी उ भीतर जाइ, उ घरे क मालिक स कह्या, ‘गुरु पूछेस ह, भोजन क उ बैठका कहाँ बाटइ, जहाँ मइँ आपन चेलन क संग फसह क भोज खाइ सकउँ।’
15 फिन उ तोहका ऊपर एक बड़का सजा भवा बैठका देखाई, हुवँइ हमरे बरे तैयारी करा।”
16 तब ओकर चेलन हुवाँ स सहर क चेलन जहाँ उ पचे हर बात वइसी निहारेन जइसी ईसू ओनका बताएस। तबहिं उ पचे फसह क भोज तैयार करेन।
17 दिन ओनवत क आपन बारहु प्रेरितन क संग ईसू हुवाँ पहुँच गवा।
18 जब उ पचे बइठके खइया के खात रहेन, तबहिं ईसू कहेस, “मइँ सच कहत हउँ, तोहरे मँ स एक ठु जउन मोरे संग खइया क खात अहइ, उहइ मोका धोका दइके पकड़वाई।”
19 ऍसे उ पचे दुखी होइ के एक दुसरे स कहइ लागेन, “सचमुच उ मइँ नाहीं हउँ।”
20 तब ईसू ओनसे कहेस, “उ बारहु मँ स उहइ एक बाटइ, जउन मोरे संग एकहि थारी मँ खात अहइ।
21 मनई क पूत क तउ जाइ क अहइ, जइसा कि ओकरे बारे मँ लिखा बाटइ। मुला उ मनई क धिक्कार अहइ, जउन स मनई क पूत पकड़वावइ जाइ केतना नीक इ होत कि उ मनई पइदा न भवा होत।”
22 जब उ पचे खइया क खात रहेन, ईसू रोटी लिहस, धन्यबाद दिहस, रोटी क तोड़ेस अउर ओका उ पचन्क देत देत कहेस, “ल्या, इ मोर बदन अहइ।”
23 फिन उ कटोरा क उठाएस, धन्यबाद दिहस अउर ओनका दिहस अउर उ सबन ओहमाँ स पियेन।
24 तबहिं ईसू बोल पड़ा, “इ मोर लहू (मउत) बाटइ जउन एक नवा करार क सुरुआत अहइ यह बहुतन क बरे बहावा जात अहइ।
25 मइँ तू पचन स सच सच कहत हउँ कि मइँ उ दिना तक दाखरस पिअब जब तलक परमेस्सर क राज्य मँ नवा दाखरस न पिअउँ।”
26 तबहिं उ सब एक स्तुति गाना गाइके जैतून क पर्वत प गएन।
27 ईसू ओनसे कहेस, “तोहार पचे क बिसवास खोइ जाइ। काहेकि लिखा बाटई:‘मई गड़रियवा क मारब अउ भेड़न छिटकाइ जइहीं।’ जकर्याह 13:7
28 मुला फिन स जी उठे क पाछे मइँ तोसे पहिले ही गलील चला जाब।”
29 जब पतरस बोलि उठा, “चाहे सब मिला आपन बिसवास खोइ दें, मुला मइँ न खोउब।”
30 एह पइ ईसू ओसे कहेस, “मइँ तोसे सच कहत हउँ। आजु, इहइ राते मँ मुर्गा क दुइ बार बाँग देइ स पहिले तू तीन दाई मोका नकार चुका होब्या।”
31 एह पइ पतरस अउर जोर देत भवा कहेस, “जदि मोका तोर संग मरइ पड़इ तबहुँ मइँ तोहका कबहुँ न नकारब!” तबहिं अउ बाकी चेलन भी अइसा ही कहेन।
32 फिन उ पचे एक अइसे ठउरे प आएन जेका गतसमनी कहा जात हरा। हुवाँ ईसू आपन चेलन स कहेस, “जब तलक मइँ पराथना करत हउँ, तू पचे हियँइ बइठा।”
33 अउर पतरस, याकूब अउर यूहन्ना क उ आपन संग लइ गवा। उ बहोतइ दुःखी अउर बियाकुल होत रहा।
34 उ ओनसे कहेस, “मोर मन दुःखी बाटइ, जेसे मोर प्रान निकरि जइहीं। तू हियँई ठहरा अउर होसिआर रहा।”
35 फिन रचिके अगवा बढ़ि के उ धरती प निहुरि के पराथना करइ लाग कि जदि होइ सकइ तउ घड़ी मोसे टरि जाइ।
36 फिन उ कहेस, “हे अब्बा परमपिता! तोहरे बरे सब कछू संभव अहइ। इ कटोरा क मोसे दूर करा। फिन जउन कछू मइँ चाहत हउँ, उ नाहीं मुला जउन तू चाहत ह, उहइ करा।”
37 फिन उ लौटा तउ आपन चेलन क सोवत भवा निहारि के पतरस स कहेस, “समौन क तू सोवत अहा? का तू एक घड़ी भी जाग नाहीं सक्या?
38 जागत रहा अउर पराथना करा जेसे तू अउनो परिच्छा मँ न फँसा। आतिमा तउ चाहत ह मुला सरीर निर्बल अहइ।”
39 उ फिन चला गवा अउर वइसे ही बचन बोलत बोलत उ पराथना किहेस।
40 जब उ दुबारा लौटा तउ उ फिन ओका सोवत पाएस। ओकरी आँखिन मँ नींद चाँपे रही। ओका कछू सूझत नाहीं रहा कि उ का जवाब देइ।
41 उ तिसरी दाई फिन लौटा अउर ओसे बोला, “का तू अबहुँ अरामे स सोवत अहा? अच्छा, तउ सोवत रहा। उ घड़ी आइ गइ अहइ जब मनई क पूत धोखा स पकड़वाइ जाइ के पापी मनइयन क हथवा मँ दइ दीन्ह जात अहइ।
42 खड़ा होइ जा! आवा चली। देखा, इ आवत अहइ, मोका धोखा दइ के पकड़वइया मनई।”
43 ईसू बोलत रहा कि ओकरे बारहु प्रेरितन मँ स एक यहूदा हुवाँ दिखाइ दिहस। ओकरे लगे लठियन अउर तरवारन क लिहे भीड़ रही, जेका मुख्ययाजकन, धरम सास्तिरियन अउर बुजुर्ग यहूदी नेतन पठएन रहेन।
44 धोखा दइ के पकड़वइया ओनका ई इसारा बताइ के राखे रहा, “जेका मइँ चूम लेउँ, उहइ उ अहइ। ओका हिरासत मँ लइ ल्या अउर पकड़ि के सुरच्छित स लइ जा।”
45 तउ जइसे ही यहूदा हुआँ आवा, उ ईसू क नगिचे जाइ के कहेस, “गुरु!” अउर ओका चूमि लिहेस।
46 फिन तुरंतहि उ पचे ओकर हाथ पकड़िके हिरासते मँ लइ लिहन।
47 ओकर चेला जउन नगिचे खड़ा रहा, आपन तरवार खींचेस अउर महायाजक क एक ठु नउकरे प मारि दिहस, जेसे ओकर कान कट गवा।
48 फिन ईसू ओनसे कहेस, “का मइँ कउनो अपराधी हउँ जेका पकड़इ तू सबइ लाठी अउर तरवार लइके आइ अहा?
49 रोज मन्दिर मँ उपदेस देत मइँ तोहरे साथे रहा मुला तू पचे मोका नाहीं पकड़या। अब इ भवा जइसे सास्तरन क बचन पूरा होइ जाइ।”
50 फिन ओकर सब चेलन ओका अकेला तजि के पराइ गएन।
51 आपन उधार देहे प केवल चदरिया लपेटि के एक ठु नउजवान पाछे पाछे आवत रहा। उ पचे ओका पकड़इ चाहेन।
52 मुला उ आपन चदरिया छोड़ि क नंगा पराइ गवा।
53 उ सबइ ईसू क महायाजक क नगिचे लइ गएन। फिन सबइ मुख्ययाजकन, बुजुर्ग यहूदी नेतन अउर धरम सास्तिरियन जमा भएन।
54 पतरस ओसे दूरइ दूर रहत भवा ओकरे पाछे पाछे महायाजक क अंगना मँ भीतर तलक चला गवा अउर हुवाँ क पहरेदारन क साथ बइठके आगी तापइ लाग।
55 समूची यहूदी महासभा अउर मुख्ययाजकन ईसू क मउत की सजा देइ बरे ओकरे खिलाफत मँ प्रमान खोजइ क जतन करत रहेन मुला ढूँढ नाहीं पाएन।
56 बहोतन ओकरे खिलाफत मँ झूठी साच्छी दिहन, मुला उ सबइ साच्छी आपुस मँ एक दूसर क खिलाफ रहीं।
57 फिन कछू लोग खड़े भएन अउर ओकरे खिलाफ मँ झूठी साच्छी देत भए कहइ लागेन,
58 “हम पचे ऍका इ कहत सुनेन ह, ‘मनइयन क हथवा स बना भवा इ मन्दिर क मइँ ढहाइ देइहउँ अउर फिन तीन दिना क भीतर दूसर बनाइ देइहउँ, जउन हाथन स बना न होइ।”‘
59 लेकिन इन सबन मँ ओ पचेन क साच्छियन एक नाई नाहीं रही।
60 तब ओनके समन्वा महायाजक ठाड़ होइके ईसू स पूछेस, “इ सब लोग, तोहरे खिलाफत मँ इ कउन साच्छियन देत बाटेन? का जबावे मँ तोहका कछू नाहीं कहइके?”
61 यह पइ ईसू चुप्पी साधेस। उ कउनो जबाव नाहीं दिहस। महायाजक फिन ओसे पूछेस, “का तू धन्य (परमेस्सर) का पूत मसीह अहा?”
62 ईसू बोला, “हाँ, मइँ परमेस्सर क पूत हउँ। अउर तू सब मनई क पूत क उ सर्वसक्तिमान क दाई ठाउँ बइठा अउर सरगे क बदरवन मँ आवत देखब्या।”
63 महायाजक आपन ओढ़ना क फाड़त भवा कहेस, “हमका अउ साच्छियन क अब का जरूरत अहइ!
64 तू इ सब बेज्जत बातन क कहत सुन्या, अब तोहार का विचार अहइ?”उ सबइ ओका अपराधी ठहराइके कहेन, “ऍका मउत क सजा मिलइ चाही।”
65 तब कछू मिला ओह पइ थूकत मुँहना क ढकत, घूँसा मारत अउर कछू ओकर हँसी दिल्लगी करत कहइ लागेन, “भविस्सबाणी करा!” अउ फिर पहरेदरवन ओका पीटेन।
66 पतरस अबहीं नीचे अँगने मँ बइठा रहा कि महायाजक क एक ठु नउकरानी आइ।
67 जबहिं उ पतरस क आगी तापत देखेस तउ बड़े धियान स बोली, “तुहउँ तउ ईसू नासरी क संग रह्या।”
68 मुला पतरस मुकरि गवा अउर कहइ लाग, “मइँ नाहीं जानित या मोरी समझ मँ नहीं आवत अहइ कि तू का कहति अहा।” इ कहत उ ड्योढ़ी तक चला गवा। तबहिं मुर्गा बाँग दिहस।
69 उ नउकरानी जब ओका दोबॉरा देखेस तउ हुवाँ खड़े मनइयन स फिन कहइ लाग, “इ मनई भी ओनमाँ स एक अहइ।”
70 पतरस फिन मुकर गवा, अउ फिन थोड़ी देर मँ उहाँ खडेन्ह लोगन्ह पतरस स कहेन, “निस्चय ही तू ओनमे स एक अहा, काहेकि तोहू गलील का अहा।”
71 तब पतरस आपन क धिक्कारइ अउर सपथ खाइ लाग। “जेकरे बारे मँ तू बात करत अहा, उ मनई क मइँ नाहीं जानित!”
72 फउरन मुर्गा दूसर बाँग दिहस। पतरस क उहइ समइया उ सब्दन याद होइ आएन जउन ओहमाँ स ईसू कहे रहा, “एसे पहिले कि मुर्गा दुइ दाई बाँग देइ, तू मोका तीन दाई नकरब्या।” तब पतरस जइसे टूटि गवा होइ। वह फूट फूट कइ रोवइ लाग।
Mark 15
1 जइसे ही भिंसार भवा, मुख्ययाजकन, धरम सास्तिरियन, बुजुर्ग यहूदी नेतन अउर समूची यहूदी महासभा एक ठु खाका बनाएन। उ पचे ईसू क बाँधिके लइ गएन अउर ओका पिलातुस क सौंप दिहेन।
2 पिलातुस ओसे पूछेस, “का तू यहूदियन क राजा अहा?”ईसू जबाव दिहेस, “अइसा ही अहइ। तू खुदइ कहत अहा।”
3 फिन मुख्ययाजकन ओह पइ बहोत स दोख मढ़ेस।
4 पिलातुस ओसे फिन पूछेस, “का तोहका जबाव नाहीं देइ क अहइ? देखा, उ पचे केतॅनी बातन क दोख तोह पइ लगावत अहइँ।”
5 मुला ईसू अबहुँ कउनो जबाव नाहीं दिहस। एह पइ पिलातुस क बहोतइ अचरज भवा।
6 फसह क त्यौहार क मउके प पिलातुस कउनो एक बंदी क जेका मनइयन चाहत रहेन, ओनके छोड़ देत रहा।
7 बरअब्बा नाउँ क एक बन्दी उ विद्रोह करवइयन क संग जेले मँ रहा जउन दंगा मँ कतल करेन।
8 मनइयन आएन अउर पिलातुस स कहइ लागेन कि उ जइसा हमेसा स करत आइ ह, वइसा ही करा।
9 पिलातुस ओनसे पूछेस, “का तू पचे चाहत बाट्या कि मइँ तोहरे बरे यहूदियन क राजा क अजाद कइ देउँ?”
10 पिलातुस इ एह बरे कहेस कि उ जानत ह कि मुख्ययाजकन जलन क कारण ओका पकड़वाएन ह।
11 मुला मुख्ययाजकन भीड़े क हुसकाएन कि उ ओकरे बजाय ओनके बरे बरअब्बा क छोड़ि देइ।
12 मुला पिलातुस ओनसे फिन पूछेस, “जेका तू यहूदियन क राजा कहत बाट्या ओकर मइँ का करउँ बतावा तू का चाहत बाट्या?”
13 जबावे मँ उ पचे चिल्लानन, “ओका क्रूस प चढ़ावा!”
14 जब पिलातुस ओसे पूछेस, “काहे, उ कउन अइसा अपराध किहेस ह”मुला उ पचे अउर जोर स चिचिआइके कहेन, “ओका क्रूस प चढ़ावा।”
15 पिलातुस भीड़ क खुस करइ चाहत रहा, एह बरे उ ओनका बरे बरअब्बा क छोड़ेस अउर ईसू क कोड़वा स पिटवाइ क क्रूस पर चढ़ावइ के सौप दिहस।
16 फिन सिपाही ओका रोम क राजपाल क निवास मँ लइ गएन। उ पचे सिपाही क पूरी पलटन बोलॉइ लिहन।
17 फिन उ सबइ ईसू क बैगनी रंगे क ओढ़ना पहिराएन अरु काँटन क ताज बनाइ के ओकरे मुँड़वा प धरेन।
18 फिन ओका सलामी देइ लागेन, “यहूदियन क राजा क सुआगत अहइ।”
19 उ सबइ ओकरे मुँड़वा प नरकटे स मारत जात रहेन। उ पचे ओह पइ थूकत जात रहेन अउर घुटनवन प निहुरिके ओकरे अगवा दण्डवत करत रहेन।
20 इ तरह जब उ सबइ ओकर मसखरी उड़ाइ चुकेन तउ उ सबइ बैगनी ओढ़ना उतारेन अउर ओका आपन ओढ़ना पहिराइ दिहन अउर फिन ओका क्रूस प चढ़ावइ बरे, बाहेर लइ आएन।
21 उ पचेन क कुरेनी क रहवइया समौन नाउँ क एक मनई, राहे मँ भेंटेस। उ गाउँ स आवत रहा। उ सिकन्दर अउर रूफुस क बाप रहा। सिपहियन ओह पइ दबाव डारेन कि ईसू क क्रूस उठाइ क चलइँ।
22 फिन उ पचे ईसू क गुलगुता नाउँ क ठाउँ प लइ गएन (जेकर अरथ अहइ “खोपड़ी ठाउँ।”)
23 फिन उ पचे ओका लोहबान नाइ के दाखरस पिअइ क दिहेन। मुला उ ओका नाहीं लिहेस।
24 फिन ओका क्रूसे पइ चढ़ाइ दीन्ह गवा। ओकर ओढ़ना उ पचे बाँटि लिहेन अउर इ देखइ क बरे कि कउनो का लेइ, उ पचे पासा फेंकेन।
25 दिना क नउ बजेन, जब उ पचे ओका क्रूस प चढ़ाएन।
26 ओकरे खिलाफ एक लिखा भवा मुकद्मा क पत्तर ओह पइ लगावा रहा, “यहूदियन क राजा।”
27 ओकरे संग दुइ ठु डाकू भी क्रूस प चढ़ाइ गएन। एक ठु ओकरे दाई अउर दूसर वाईं कइँती।
28
29 ओकरे लगे स निकरि के जात मनइयन ओका निन्दा करत रहेन। आपन मूँड़ी झमकाइ झमकाइ के उ पचे कहत रहेन, “अरे वाह। तू उहइ अहइ जउन मंदिर क ढहाइ के तीन दिना मँ फिन बनावइवाला रहा।
30 अब क्रूस स तरखाले आइके अउर खुदइ आपन क तउ बचाव।”
31 इ तरह मुख्ययाजकन अउर धरम सास्तिरियन भी ईसू क मसखरी उड़ाएन। उ पचे आपुस मँ कहइ लागेन, “इ अउरन क बचावत अहइ, मुला खुद आपन क नाहीं बचाइ सकत।
32 अब इ मसीह अउर इस्राएल क राजा क क्रूस प स तरखाले उतरइ दे जेसे हम पचे इ देखि के ओहमाँ बिसवास करि सकी।” अउर उ दुइनउँ भी, जउन ओकरे साथ क्रसे प चढ़ाइ गवा रहेन, ओकर बेज्जती करेन।
33 फिन समूची धरती पइ दुपहरे तक अँधियार छावा रहा। इ अँधियारा दोपहर तीन बजे तक रहा।
34 दिना क तीन बजे ईसू ऊँची आवाज मँ चिल्लाइके कहेस, “ इलोई, इलोई, लमा सबकतनी!” अरथ अहइ “मोरे परमेस्सर, मोरे परमेस्सर, तू मोका काहे बिसारि दिहा?”
35 जउन नगिचे ठाड़ रहेन, ओनमाँ स कछू जब इ सुनेन तउ उ पचे बोलेन, “सुना इ एलिय्याह क पुकारत अहइ।”
36 तब एक मनई दौड़ि के सिरका मँ बोरि के एक ठु मोटा कपरा क भीजि के डंडा प धइ के ईसू क पिअइ बरे दिहस अउ कहेस, “ठहरि जा, हम पचे निहारत अही कि ऍका नीचे उतारइ क बरे एलिय्याह आवत ह कि नाहीं।”
37 फिन ईसू ऊँची आवाज मँ चिल्लाइके प्राण तजि दिहस।
38 तबहिं मंदिर क पट ऊपरि स तरखाले तक फाटिके दुइ टुकरन मँ बँटि गवा।
39 सेना क एक ठु अधिकारी जउन ईसू क समन्वा ठाड़ रहा, ओका प्रान तजत देखेस। उ कहेस, ‘इ मनई असल मँ परमेस्सर क पूत रहा।”
40 कछू स्त्रियन हुवाँ दूर ते ठाड़े भइ निहारत रहीं, जेहमाँ मरियम मगदलीनी, छोटका याकूब अउर योसेस क महतारी मरियम अउर सलोमि रही।
41 जब ईसू गलील मँ रहा तउ इ स्त्रियन ओकर चेलन रहीं अुर ओकर सेवा करत रही। हुवाँ अउर भी बहोत स स्त्रियन रहीं जउन ओकरे साथ यरूसलेम तक आइ रहीं।
42 सांझ होइ गइ अउर सबित क पहिले क, उ तैयारी क दिन रहा।
43 एह बरे अरिमतिया क यूसुफ आइ। उ यहूदी महासभा क सम्मानित सदस्य रहा अउर परमेस्सर क राज्य आवइ क बाट जोहत रहा। हिम्मत क साथ उ पिलातुस क नगिचे गवा अउर ओसे ईसू क सरीर माँगेस।
44 पिलातुस क भारी अचरज भवा कि उ ऍतनी हाली कइसे मरि गवा। उ सेना क अधिकारी क बोलाएस अउर ओसे पूछेस, का ओका मरे भए ढेर देर होइ ग अहइ?
45 फिन जब उ सेना क अधिकारी स बयान सुनि लिहस तउ यूसुफ क सरीर दइ दिहस।
46 फिन यूसुफ सने मलमल क थोड़ स कपरा बेसहेस, ईसू क क्रूस स तरखाले उतारेस, ओकरे सरीरे क कपरा मँ लपेटेस अउर ओका कब्र मँ रख दिहेस जेका चट्टाने क काटि क बनावा गवा रहा। अउर फिन कब्रे क मुँहे प एक बड़वार पाथर ढकेलिके टिकइ दिहेस।
47 मरियम मगदलीनी अउर योसेस क महतारी निहारत रहीं कि ईसू क कहाँ रखा ग अहइ।
Mark 16
1 सबित क दिन बीत गए प मरियम मगदलीनी, सलोमी अउर याकूब क महतारी मरियम क सरीरे पर लगावइ बरे सुगन्धि खरीदेस।
2 हफता क पहिले दिन भिंसारे सूरज निकरत ही उ पचे कब्र प गइन।
3 उ पचे आपुस मँ कहत रहीं, “हमरे बरेकब्र क दुआरे स कउन पथरवा क सरकाइ?”
4 फिन जब उ पचे आँखियाँ खोलि के निहारेन कि उ बहोतइ बड़वार पाथर हुवाँ स टरि गवा अहइ। तब उ देखिन कि पाथर हुआँ स दूर लुढ़क गवा।
5 फिन जब उ पचे कब्र क भीतर गइन तो निहारेन कि उज्जर कपरा पहिरे एक नउजवान दाहिन कइँती बइठा अहइ। वे पचे डेराइ गइन।
6 फिन नउजवान ओनसे कहेस, “जिन डेरा, तु सबइ जउन नासरी क ईसू खोजति अहा, जेका क्रूस प चढ़ाइ गवा अहइ, उ जी उठा बाटइ। उ हियाँ नाहीं बाटइ। इ ठउर क लखा जहाँ उ पचे ओका धरेन ह।
7 अब तू जा अउर ओनके चेलन क अउर पतरस स कहा, ‘उ तोसे पहिले गलील जात बाटइ। जइसा कि उ तोसे कहे रहा, उ तोहका हुवँइ मिली।”‘
8 तब डर अउर अचरजि मँ आइके उ पचे कब्र स बाहेर निकरिके पराइ गइन। उ सबइ कउनो क कछू नाहीं बताएन काहेकि उ पचे बहोतइ घबराइ गइ रहिन।
9 हफ्ता क पहिले दिन भिंसारे जी उठइ क पाछे उ सबन त पहिले मरियम मगदलीनी क समन्वा परगट भवा जेका उ सात दुस्ट आतिमन स छोड़वाएस।
10 उ ईसू क संगिन जउन सोक मँ बूड़ा रहेन, खुबइ रोवत रहेन, जाइके बताएस।
11 जब उ पचे सुनेन कि ईसू जीवित अहइ अउर उ ओका देखेस ह तउ पचे बिसवास नाहीं किहेन।
12 ऍकरे पाछे ओनमाँ स दुइनउँ क समन्वा जब उ पचे खेतन मँ जात जात राहे मँ रहेन, एक ठु दूसर रूप धइके परगट भवा।
13 उ पचे लौटि के दूसर चेलन क भी ऍकर खबर दिहन मुला उ सबइ ओकर बिसवास नाहीं किहेन।
14 पाछे, जब ओकर गियारह प्रेरितन खाना खात रहेन, उ ओनके समन्वा परगट भवा अउर उ ओनके बिसवास न करइ के अउर मनवा क जर होइ जाइ के डाटेस फटकारेस काहेकि इ पचे ओकर बिसवास नाहीं किएन जउन ओका जी उठइ के बाद लखेन।
15 फिन उ ओनसे कहेस, “जा अउर समूची दुनिया क मनइयन क सुसमाचार क उपदेस द्या।
16 जउन कउनो बिसवास करत ह अउर बपतिस्मा लेत ह, ओकर बचावा होई अउर जउन बिसवास न करी, उ दोखी माना जाइ।
17 जउन मोरे मँ बिसवास करिहीं, ओनमाँ इ चीन्हा होइहीं; उ मोरे नाउँ प दुस्ट आतिमन क बाहेर खदेरिहीं उ सबइ नई नई भाखा बोलिहीं।
18 उ पचेन आपन हाथन स सांपन क पकरि लेइहीं अउर जदि उ पचे बिख पी जइहीं तउ ओनका नेसकान न होई, उ पचे रोगिन्प आपन हाथ धरिहीं अउर उ पचे चंगा होइ जइहीं।”
19 इ तरह जब पर्भू ईसू ओनसे बात कइ चुकेस तउ ओका सरगे मँ उठा लीन्ह गवा। उ परमेस्सर क दाहिन कइँती बइठ गवा।
20 ओकर चेलन बाहेर जाइके सब ठउरन मँ सुसमाचार दिहन कि ओनके संग पर्भू काम करत रहा। पर्भू बचन क अद्भुत कारजन करइ क सवित क संग लइके सच साबित किहेस।
Luke 1
1 बहोत स मनई हमरे बीच होइजाइ वाली घाटना क ब्यौरा लिखइ क कोसिस करेन ह।
2 उहइ बातन हमका उ सबइ मनइयन क जरिये जान पड़िन जउन उ पचे सुरुआत स घटत देखेन अउर जउन सुसमासार क प्रचार करत रहेन।
3 हे मान्यवर थियुफिलुस! काहेकि मइँ सुरुआत स सब कछू होसियारी स पढ़ेउँ ह। एह बरे मोका इ नीक जान पड़त ह कि तोहरे बरे एक ठु एक क बाद एक एक घटना क लिखेउँ।
4 जेसे तू सब इन बातन क बेफिकिर होइके जान ल्या जउन तोहका सिखाइ ग अहइँ।
5 उ समइया मँ जब यहूदिया प हेरोदेस क राज्य रहा। हुवाँ जकरयाह नाउँ क एक याजक रहत रहा। जउन याजकन क अबिय्याह दलक रहा अउर ओकर पत्नी इलीसिबा हारून बंस क रही।
6 उ दुइनउँ परमेस्सर क निगाह मँ धर्मी रहेन। उ पचे बिना कउनो दोख क पर्भू क सबइ हुकुमन अउर बिधानन क पालन करत रहेन।
7 मुला ओनके कउनो संतान नाहीं रही, काहेकि इलीसिबा बाँझ रही अउर उ दुइनउँ बहोत बुढ़वा होइ ग रहेन।
8 जब जकरयाह क आपन दले क मन्दिर मँ याजक क काम खातिर बारी आइ, अउर उ परमेस्सर क समन्वा आराधना बरे हाजिर भवा।
9 तउ याजकन मँ चली भइ रीति रिवाजे क तरह पर्ची डाइके ओका चुना गवा कि उ पर्भू क मन्दिर जाइके धूप जरावइ।
10 जब धूप जरावइ क समइ आइ तउ बाहेर ऍकट्ठा भवा मनई पराथना करत रहेन।
11 उहइ समइया जकरयाह क समन्वा एक ठु पर्भू का दूत परगट भवा। उ दूत धूप क वेदी क दाहिन कइँती खड़ा रहा।
12 जकरयाह जइसे उ दूत क निहारेस तउ उ घबराइ गवा अउर डर जइसे ओका जकड़ि लिहस।
13 फिन सरगदूत ओसे कहेस, “जकरयाह जिन डेराअ, तोहार पराथना सुनि लीन्ह गइ अहइ। एह बरे तोहार पत्नी इलीसिबा एक बेटवा क जनम देई, अउर तू ओकर नाउँ यूहन्ना धर्या।
14 उ तोहका आनंद अउर खुसी देइ, साथे ओकरे जनम स अउर भी बहोत स मनइयन क खुसी होई।
15 काहेकि उ पर्भू क निगाहे मँ महान होई। उ कबहुँ कउनो दाखरस या कउनो मदिरा क न पिई। आपन जन्म स पवित्तर आतिमा स भरपूर होई।
16 उ इस्राएल क बहोतन मनइयन क ओनकइ पर्भू परमेस्सर कइँती लौटइ बरे फेरी।
17 उ एलिय्याह क आतिमा अउर सामर्थ मँ होइके परभू क अगवा अगवा चली। उ बापन क हिरदय ओनके संताने कइँती मोड़ देइ अउर आज्ञा न मानइवालन क मने क बदल देइ जेहसे उ पचे धर्मी मनइयन क नाई सोचइ लागइ। इ सबइ, उ मनइयन क पर्भू बरे तइयार करइ क करी।”
18 तबहीं जकरयाह दूत स कहेस, “मइँ इ कइसे जान लेउँ कि इ सच अहइ? काहेकि मइँ एक बुढ़वा हउँ अउर मोर पत्नी बुढ़िया होइ ग अहइ।”
19 तबहिं सरगदूत जवाब देत ओसे कहेस, “मइँ जिब्राईल हउँ। मइँ उहइ हउँ जउन परमेस्सर क अगवा खड़ा रहत हउँ। मोका तोसे बात करइ अउर इ सुसमाचार क बतावइ बरे पठवा ग अहइ।
20 मुला देखा, काहेकि तू मोरे सब्दन प, जउन निस्चित समइ क आइ प सच सिद्ध होइहीं, बिसवास नाहीं किहा, यह बरे तू गूँगा होइ जाब्या अउर उ दिना तलक नाहीं बोल पउब्या जबहिं ताई इ घटित न होइ जाइ।”
21 ओहर बाहेर मनई जकरयाह क इंतजार करत रहेन। ओकना अचरज भवा कि उ ऍतनी देर मन्दिर मँ काहे ठहर गवा।
22 फिन जब उ बाहेर आवा अहइ तउ उ ओनसे बोल नाहीं पावत रहा। ओनका इ लाग कि जइसे मन्दिर क भीतर कउनो दर्सन होइ गवा अहइ। उ गूँगा होइ ग अउर सिरिफ इसारा करत रहा।
23 अउर फिन अइसा भवा कि जब ओकर आराधना क काम होइ गवा तउ जकरयाह वापस आपन घर लौटि गवा।
24 थोड़े दिना बाद ओकर पत्नी इलीसिवा गर्भवती भइ। पाँच महीना तलक उ सबन स अलगइ रही। उ कहेस,
25 “अब आखिर मँ जाइके इ तरह पर्भू मोर मदद करेस ह। मनइयन क बीच मोर लाज राखइ बरे उ मोर सुधि लिहस ह।”
26 इलीसिबा क छठा महीना चलत रहा, गलील क एक सहर नासरत मँ परमेस्सर क दूत जिब्राईल क एक कुँवारी कन्या क लगे पठएस जेकर यूसुफ नाउँ क एक मनई स गोदी भरि दीन्ह गइ। उ दाऊद क बंस मँ जनमा रहा अउर उ कुँवारी कन्या क नाउँ मरियम रहा।
27
28 जिब्राईल ओकरे लगे आइ अउर कहेस, “तोह पइ अनुग्रह भइ अहइ, तोहार जय होइ। पर्भू तोहरे संग बा।”
29 इ बचन सुनिके उ बहोत घबरान, उ सोच मँ पड़ि गइ, “एकर का अरथ होइ सकत ह”
30 तब सरगदूत ओसे कहेस, “मरियम तू जिन डेराअ, तोसे परमेस्सर खुस अहइ।
31 सुना! तू गोड़वा स भारी होब्या अउर एक पूत क जनम देबू अउर ओकर नाउँ ईसू रखबिउ।
32 उ महान होई अउर उ सबन त सर्वोच्च (परमेस्सर) क पूत कहवावा जाई। पर्भू परमेस्सर ओका ओकरे बाप दाऊद क सिंहासन दइ देई।
33 उ अनन्त समइया ताई याकूब क घराने प राज करी। ओकर राज्य क नास कबहुँ न होई।”
34 एह पइ मरियम सरगदूत स कहेस, “इ सच कइसे होइ सकत ह काहेकि मइँ तउ अबहँू कुँवारी हउँ।”
35 जवाबे मँ सरगदूत ओसे कहेस, “तोहरे लगे पवित्तर आतिमा आई अउर सर्वोच्च (परमेस्सर) क सक्ती तोहका आपन परिछाहीं मँ लइ लेई। इ तरह उ जनम लेइवाला पवित्तर पूत परमेस्सर क पूत कहवावा जाई।
36 अउर इ भी सुनि ल्या कि तोहरे कुनबा क इलीसिबा क कुनबे मँ बुढ़ौती क गरभ मँ एक बेटवा अहइ अउर ओकरे कोखी क इ छठा महीना चलत बा। लोग कहत रहेन कि उ बाँझ वा!
37 मुला परमेस्सर बरे कछू न होइ सकइ, अइसा नाहीं!”
38 मरियम कहेस, “मइँ पर्भू क दासी हउँ जइसा तू मोरे बरे कह्या ह, वइसा ही होइ!” अउर तब उ सरगदूत ओकरे लगे स चला गवा।
39 उहइ समइया मरियम तइयार होइके यहूदिया क पहाड़ी पहँटा मँ बसा एक ठु सहर क फउरन चली गइ।
40 फिन उ जकरयाह क घरे गइ अउर उ इलीसिबा क अभिवादन किहेस।
41 इ भवा कि जबइ इलीसिबा मरियम क अभिवादन सुनेस तउ जउन बचवा ओकरे पेटवा मँ रहा, उछरि गवा अउर इलीसिबा पवित्तर आतिमा स सराबोर होइ गइ।
42 ऊँची आवाजे मँ चिल्लात भइ उ कहेस, “तू स्त्रियन मँ सबते जिआदा बड़भागी अहा अउर जउने बचवा क तू जनम देबू उ धन्य बा।
43 मुला इ ऍतनी बड़ी बात मोरे संग काहे घटि गई कि मोरे पर्भू क महतारी मोरे नियरे आइ।
44 काहेकि तोहरे पैलगी क सब्द जइसेन मोरे कनवा मँ आइ, मोरे पेटवा मँ बचवा खुसी स उछरि गवा।
45 तू धन्य अहा जउन इ बिसवास किहेस कि पर्भू जउन कछू कहेस उ होइके रही।”
46 तबहीं मरियम कहेस,
47 मोर प्रान पर्भू (परमेस्सर) क स्तुति करत ह: मोर आतिमा मोरे उद्धारकर्ता परमेस्सर मँ खुस भइ।
48 उ आपन दीन दास की बिटिया क सुधि लिहेस अउर अब हाँ आजु क बाद सबहिं मोका धन्य कइहीं।
49 काहेकि उ सक्तीवाला मोरे बरे बड़कवा कारज किहेस ह। ओकर नाउँ पवित्तर अहइ।
50 जउन ओसे डेरात हीं उ ओन पइ पीढ़ी दर पीढ़ी दाया करत ह।
51 उ आपन बाँहन क सक्ती देखाइस। उ घमंडी मनइयन क ओनके डींग हाँकइवालन क बिचारन क छितराइ दिहेस।
52 उ राजन क सिंहासने स तरखाले उतार दिहस। दीनन क ऊँचा उठाएस।
53 उ भुखान मनइयन क नीक चीजे स भरपूर कइ देई अउर धनी लोगन क निकारि देई।
54 उ आपन सेवकन इस्राएलियन क दाया कइर आवा अउर हमरे पूर्वजन क बचन क मुताबिक।
55 ओका इब्राहीम अउर ओकर संताने प सदा दाया देखॉवइ क याद रही।”
56 मरियम कउनो तीन महीने ताई इलीसिबा क संग ठहरी रही अउर फिन आपन घरवा लौटि आइ।
57 फिन इलीसिबा क बचवा पइदा करइ क समइ आइ अउर ओकरे एक बेटवा पइदा भवा।
58 जब ओकर पड़ोसी अउर ओकर नातेदार सुनेन कि पर्भू ओह प दाया देखाइस ह तउ सबइ साथे मिलिके खुसी मनाएन।
59 अउर फिन अइसा भवा कि अठवें दिन बचवा क खतना खातिर मनइयन हुवाँ आएन। उ पचे ओकरे बाप क नाउँ क मुताविक ओकर नाउँ जकरयाह धरइ जात हरेन,
60 “तबहीं ओकरे महतारी बोल पड़ी, “नाहीं एकर नाउँ यूहन्ना रखा जाब अहइ।”
61 तब उ पचे ओहसे बोलेन, “तोहरे कउनो भी नातेदार का इ नाउँ नाहीं बा।”
62 अउर फिन उ पचे इसारन मँ ओकरे बाप स पूछेन, “उ ओका का नाउँ देइ चाहत ह”
63 एह प जकरयाह ओनसे एक ठु तख्ती माँगेस अउर लिखेस, “एकर नाउँ अहइ यूहन्ना।” एह पइ उ सबइ अचरजे मँ पड़ि गएन।
64 तबहीं फउरन ओकर मुँह खुलि गवा अउर ओकर बाका फूटि गवा। उ बोलइ लाग अउर परमेस्सर क स्तुति करइ लाग।
65 ऍहसे सबइ पड़ोसी डेराइ गएन अउर यहूदिया क समूचइ पहाड़ी पहँटा मँ मनइयन ऍकरे बारे मँ बतियाई लागेन।
66 जउन कउनो भी इ बात सुनेस, अचरजे मँ पड़िके कहइ लागेन, “इ गदेला का बनी?” काहेकि पर्भू क हाथ ओह प अहइ।
67 तब ओकर बाप जकरयाह पवित्तर आतिमा स सराबोर होइ गवा अउर उ भविस्सवाणी किहेस:
68 “इस्राएल क पर्भू परमेस्सर क आसीस होइ काहेकि उ आपन मनइयन क मदद बरे आवा अउर ओनका आजाद कराएस।
69 उ हमरे बरे आपन सेवक दाऊद क परिवार स एक उद्धारकर्ता दिहस।
70 जइसा कि उ बहोत पहिले आपन पवित्त नबी स वचन देवॉएस।
71 उ हमका हमार दुस्मनन स अउर ओन सब क हथवन स, जउन हम स घिना करत रहेन, हमका छोड़ावइ क वचन दिहस।
72 हमरे पूर्वजन प दाया देखावइ क अउर आपन पवित्तर बचन क याद रखइ क।
73 ओकर बचन रहा एक उ सपथ जउन हमरे पूर्वजन इब्राहीम क संग लीन्ह गइ रहिन,
74 कि हमार दुस्मनन क हथवन स हमार छुटकारा अउर बेडर क पर्भू क सेवा करइ क हुकुम दीन।
75 अउर आपन जिन्नगी भर हर रोज ओकरे समन्वा हम पचे पवित्तर अउर धर्मी रहि सकी।
76 “हे बालक! अब तू सर्वोच्च (परमेस्सर) क बड़ा नबी कहा जाइ काहेकि तू पर्भू क अगवा अगवा चलिके ओकरे बरे राह तइयार करी।
77 अउर ओकरे मनइयन स कही कि ओनके पापन क छमा स उ ओनके लोगन क उद्धार का गियान देबा।
78 हमरे परमेस्सर क नरम अनुग्रह स एक नवा दिन क भोर हम पइ ऊपर स उतरी।
79 ओन प चमकइ बरे जउन मउत क गहरी छाया मँ जिअत अहइँ काहेकि हमरे गोड़वन सांति क राहे प सीधा जाइँ।”
80 इ तरह उ लरिका बाढ़इ लाग अउर ओकर आतिमा मजबूत स मजबूत होइ लाग। उ मनइयन मँ परगट होइ स पहिले निर्जन जगहिया मँ रहत रहा।
Luke 2
1 उ दिना औगुस्तुस कैसर कइँती स एक हुकुम निकरा कि समूचइ रोम क राज्य मँ जनगणना दर्ज कीन्ह जाइ।
2 इ पहली जनगणना रही। इ ओन दिनन भइ जब सीरिया क राज्यपाल विवरिनियुस रहा।
3 एह बरे जनगणना खारित हर कउनो आपन सहर आवा।
4 यूसुफ भी, गलील क नासरत सहर स यहूदिया मँ दाऊद क सहर बैतलहम क आवा काहेकि उ दाऊद क परिवार अउर बंस क सदस्य रहा।
5 उ हुवाँ आपन होइवाली स्त्री मरियम क संग जउन गर्भवती रही, आपन नाउँ लिखावावइ ग रहा।
6 अबहिं जब उ पचे हुवाँ रहेन, मरियम क बचवा पइदा करइ क समइ आइ गवा।
7 अउर उ आपन पहिलौटी पूत (ईसू) क जनम दिहस। काहेकि हुवाँ सराय क भीतरे उ पचन क कउनो ठउर नाहीं मिल पावा। ऍह बरे उ ओका ओढ़ना मँ लपेटिके चरही मँ लोटाएस।
8 तबहीं हुवाँ उ पहँटा मँ बाहेर खेत मँ कछू गड़रियन रहेन जउन राति क समइ आपन आपन झूंड क रखवारी करत रहेन।
9 उहइ समइया पर्भू क एक दूत परगट भवा अउर ओनकइ चारिहुँ कइँती पर्भू क तेज फूटइ लाग। उ सबइ सहमि गएन।
10 तबहीं सरगदूत ओनसे कहेस, “डेराअ जिन, मइँ सुसमाचार लइ आवा हउँ, जेसे सबइ मनइयन क महान आनंद होई।
11 काहेकि आज दाऊद क सहर मँ तोहार उद्धारकर्ता मसीह पर्भू क जनम भ अहइ।
12 तोहका ओका पहिचानइ क चीन्ह होइ कि तू एक ठु बचवा क ओढ़ना मँ लपेटा भवा, चरही मँ ओलरा पउब्या।”
13 उहइ समइया एकाएक उ सरगदूते क संग ढेरि क अउर सरगदूतन हुवाँ हाजिर भएन। उ पचे इ कहत भए परमेस्सर क गुन गावत रहेन:
14 “सरगे मँ परमेस्सर क महिमा होइ अउर धरती प ओन मनइयन क सांति मिलइ जेहसे उ खुस होइ।”
15 अउर जब सरगदूतन ओनका तजिके सरग लौटि गएन तउ उ सबइ गड़रियन आपुस मँ कहइ लागेन, “आवा हम बैतलहम चली अउर जउन घटना भइ अहइ अउर जेकॉ पर्भू हमका बताएन ह, ओका देखी।”
16 तउ उ पचे जल्दी गएन अउर हुवाँ मरियम अउर यूसुफ क पाएन अउर निहारेन कि बचवा चरही मँ लोटा बा।
17 गड़रियन जब ओका निहारेन तउ इ बचवा क बारे मँ जउन संदेसा ओनका दीन्ह ग रहा, उ पचे ओनका सबइ क बताइ दिहन।
18 जउन कउनो भी ओनका सुनेन, उ पचे गड़रियन क कही बातन प अचरज करइ लागेन।
19 मुला मरियम इ सबइ बातन क आपन मनवा मँ राखि लिहेस अउर उ ओन प सोचइ बिचारइ लाग।
20 अउर ओहर उ सबइ गड़रियन जउन कछू सुनेन अउर देखे रहेन, ओके बरे परमेस्सर स्तुति अउर धन्यवाद देत अपने घरन क लौटि गएन। इ सब अइसेन घटा जइसेन कि ओनका बतावा गवा रहा।
21 अउर जब बचवा क खतने क खातिर अठवाँ दिन आइ तउ ओकर नाउँ ईसू रखेन। ओका इ नाउँ ओकरे गरभ मँ आवइ स पहिले सरगदूत दइ दिहन।
22 अउर जब मूसा क व्यवस्था क मुताबिक पइदा भए बचवा क सूतक क दिन पूरा होइ गवा अउर सुद्ध होइ क समइ आइ तउ उ पचे ईसू क पर्भू क अरपन करइ बरे यरूसलेम लइ गएन।
23 पर्भू क लिखे भइ व्यवस्था क मुताबिक, “हर पहिलौटी क बेटवा पर्भू क बरे बिसेस मान जाई।”‘
24 अउर पर्भू क व्यवस्था कहत ह, “एक जोड़ी कबूतर या पड़ुँकी क दुइ नवा बचवा क बलिदान देइ चाही।”तउ उ पचे पर्भू क व्यवस्था क मुताबिक बलि चढ़ावइ लइ गएन।
25 यरूसलेम मँ समौन नाउँ क एक धर्मी अउर भगत रहा। उ इस्राएल क सुख चइन क बाट जोहत रहा। पवित्तर आतिमा ओकरे साथ रही।
26 पवित्तर आतिमा ओका परगट किए रही कि जब तलक उ पर्भू क मसीह क दर्सन नाहीं कइ लेइ, मरी नाहीं।
27 उ पवित्तर आतिमा क साथ मन्दिर मँ आवा अउर जब व्यवस्था क मुताविक कारज बरे बालक ईसू क ओकर महतारी बाप मन्दिर मँ लइ आएन।
28 तउ समौन ईसू क आपन गोदी मँ उठाइके परमेस्सर क स्तुति करत बोला:
29 “पर्भू अब तू आपन बचन क मुताबिक मोका आपन दास क सांति क साथ मुक्ती द्या
30 काहेकि मइँ आपन आँखिन स तोहरे उ उद्धार क दर्सन कइ लीन्ह ह।
31 जेका तू सबहिं मनइयन क उपस्थिति मँ तइयार किए अहा।
32 इ बचवा गैर यहूदियन बरे तोहरे राहे का देखावय बरे ज्योति क सोता अहइ अउर तोहरे इस्राएल क मनइयन बरे इ महिमा अहइ।”
33 ओकर महतारी बाप ईसू क बारे मँ कही गइ इ बातन स अचरजे मँ पड़ि गएन।
34 फिन समौन ओनका आसीर्बाद दिहस अउर ओकर महतारी मरियम स कहेस, “इ बचवा इस्राएल मँ बहोतन क गिरावइ या उठावइ क कारण बनइ अउर एक अइसा चीन्ह ठहरावा जाइ बरे तय कीन्ह ग अहइ जेकर खिलाफत कीन्ह जाइ।
35 अउर मनइयन जेका गूढ़ समझिहीं, उ लोगन क पता लगि जाई जेहसे तोहरे हिरदय क दुख होइ।”
36 हुवँइ हन्नाह नाउँ क एक ठु महिला नबिया रही। उ असेर कबीले क फनूएल क बिटिया रही। उ बहोत बुढ़िया रही। आपन बियाहे क सिरिफ सात बरिस पाछे तलक उ आपन भतारे क साथे रही।
37 अउर फिन चौरासी बरिस तलक उ विधवा रही। उ मन्दिर कबहुँ नाहीं तजेस। उपवास अउर पराथना करत भइ उ रात-दिन आराधना करत रही।
38 उहइ समइ उ उहाँ महतारी बाप क लगे आइ। उ परमेेस्सर क धन्यवाद दिहस अउर जउन मनइयन यरूसलेम क छुटकारा क बाट जोहत रहेन, उ ओन सबन्क छोड़ावइ क बारे मँ बताएस।
39 अउर जब उ पचे पर्भू क व्यवस्था क मुताविक सब कछू पूरा कइ लिहेन तउ उ सबइ गलील मँ आपन सहर नासरत लौटि आएन।
40 अउर उ बालक बाढ़इ लाग अउर हिट्ठ पुट्ठ होइ लाग। उ बहोत बुद्धिमान रहा अउर ओह प परमेस्सर क अनुग्रह रही।
41 फसह क त्यौहार प हर बरिस ओकर महतारी बाप यरूसलेम जात रहेन।
42 जब उ बारह बरिस क रहा तउ सदा क नाई उ पचे त्यौहार प गएन।
43 जब त्यौहार खतम भवा अउर उ सबइ घरवा लौटत रहेन तउ बालक ईसू यरूसलेम मँ रुकि गवा मुला महतारी बाप क ऍकर जानकारी नाहीं होइ पाइ।
44 इ बिचारत भए कि उ दले मँ कहूँ होई, उ सबइ दिन भर जात्रा करत रहेन। फिन उ सबइ ओका आपन नातेदारन अउर नजदीकी मीतन मँ हेरइ लागेन।
45 अउर जब उ ओनका नाहीं मिल पावा तउ उ सबइ हेरत हेरत उ पचे यरूसलेम लौटि आएन।
46 अउर फिन भवा ई कि तीन दिना बाद उ ओहका मन्दिर मँ पाएन। उ उपदेस देइ वालेन क साथ बइठ के ओनका सुनत रहा अउर ओनसे सवाल पूछत रहा।
47 उ सबहिं जउन ओसे सुने रहेन, ओकर समझ बूझ अउर ओकरे सवाले क जवाब स अचरजे मँ पड़ि गएन।
48 जब ओकर महतारी बाप ओका निहारेन तउ दंग रहि गएन। ओकर महतारी ओसे पूछेस, “बेटवा, तू हमरे साथ अइसा काहे किहा? तोहार बाप अउर मइँ तोहका हेरत हेरत बहोतइ फिकिर मँ रहेन।”
49 तब ईसू ओनसे कहेस, “तू मोका काहे हेरत हेरत रह्या? का तू नाहीं जनत्या कि मोका मोरे बाप क घरे मँ होइ चाही?”
50 मुला ईसू ओनका जउन जबाव दिहस, उ पचे ओकरे बचन क न समुझ सकेन।
51 फिन उ ओनके संग नासरत लौटि आवा अउर ओनकइ हुकुम क मानत रहा। ओकर महतारी इ सब बतियन क आपन मने मँ राखत जात रही।
52 ओह कइँती ईसू बुद्धि मँ, डील डौल मँ अउर परमेस्सर अउर मनइयन क पिरेम मँ बाढ़इ लाग।
Luke 3
1 तिबिरियुस कैसर क राज्य क पन्द्रहवाँ बरिस मँ जब यहूदिया क राज्यपाल पुन्तियुस पीलातुस रहा अउर उ पहँटा क चउथाई भाग क राजन मँ हेरोदेस गलील क, ओकर भइया फिलिप्पुस इतूरैया अउर त्रखोनीतिस क, अउर लिसनियास अबिलेने क मातहत राजा रहा।
2 अउर यूहन्ना अउर काइफा यहायाजक रहेन, तबहीं परमेस्सर क बचन जकरयाह क बेटवा यूहन्ना क लगे रेगिस्तान मँ पहुँचा।
3 तउ यरदन नदी क नगिचे क समूचे पहँटा मँ गवा, उ पापन क छमा बरे मनफिराय क खातिर बपतिस्मा क प्रचार करइ लाग।
4 नबी यसायाह क बचन क किताबे मँ जइसा लिखा बा:“कउनो क रेगिस्तान मँ चिल्लात भवा सब्द:‘पर्भू क बरे रास्ता तइयार करा अउर ओकरे बरे रास्ता सोझ बनवा।
5 हर घाटी भरि दीन्ह जाई अउर हर पहाड़ अउर पहाड़ी सपाट होइ जइहीं टेढ़ मेंढ़ स्थान सीधे अउर ऊबड़ खाबड़ रास्ता चौरस कइ दीन्ह जाई।
6 अउर सबइ मनई परमेस्सर क उद्धार क दर्सन करिहीं।” यसायाह 40:3-5
7 यूहन्ना बपतिस्मा लेइ आएन मनइयन क भीड़ स कहत रहा, “अरे सँपोला, तू पचन क कउन चेताएस ह कि तू आवइवाले किरोध स बच जा?
8 फल क जरिये तोहका प्रमाण देइ क होई कि असल मँ तोहका अपने पापन क पछतावा अहइ। अउर आपुस मँ इ कहब जिन सुरू करा, ‘इब्राहीम हमार बाप अहइ।’ मइँ तोहसे कहत हउँ कि परमेस्सर इब्राहीम बरे इन पाथरन स भी बचवन पइदा कइ सकत ह।
9 बृच्छन क जड़े प कुल्हाड़ा धरा गवा अहइ अउर हर उ बृच्छ जउन नीक फर नाहीं पइदा करत, काटिके गिराइ दीन्ह जाई अउर फिन ओका आगी मँ झोंकि दीन्ह जाई।”
10 तब भीड़ ओसे पूछेस, “तउ हमका का करइ चाही?”
11 जवाबे मँ उ ओनसे कहेस, “जउन कउनो क लगे दुइ कुरता होइ, उ ओनका जेकरे लगे न होइ, ओनके संग बाँटि लेइँ। अउर जेकरे लगे खइया क होइ, उ भी अइसा ही करइ।”
12 कछू चुंगी (टिक्ॅस) त उगहिया ओकरे लगे बपतिस्मा बरे आएन अउर फिन उ पचे ओसे पूछेन, “गुरु, हमका का करइ क चाही?”
13 ऍह पइ उ ओनसे कहेस, “जेतॅना चाही ओसे जिआदा जिन वसूला।”
14 कछू सिपाही ओसे पूछेन, “अउर हमका का करइ चाही?”तउ उ ओनका समझाएस, “जोर अउर दबाव स कउनो स धन जिन ल्या। कउनो प झूठ दोख जिन लगावा। आपन पगार स संतोख करा।”
15 लोग बड़की आसा स बाट जोहत रहेन अउर यूहन्ना क बारे मँ आपन मने मँ इ बिचारत रहेन कि कहूँ, “इ तउ मसीह नाहीं बा।”
16 तबहीं यूहन्ना इ कहत भवा उ सबन क उत्तर दिसह, “मइँ तउ तोहका जले स बपतिस्मा देत हउँ मुला उ जउन मोसे जिआदा बरियार बा, आवत अहइ। मइँ ओकरे पनही क फीता तलक खोलइ क जोग्ग नाहीं हउँ। उ तोहका पवित्तर आतिमा अउर आगी स बपतिस्मा देइ।
17 ओकरे हाथ मँ ओसावइ क पाँचा अहइ, जइसे उ दाना क भूसा अलगाइ क आपन खरिहाने मँ उठाइके धरत ह। मुला उ भूसा क अइसी आगी मँ झोंकी जउन कबहुँ नाहीं बुताइवाली अहइ।”
18 इ तरह अइसे ही अउर बहोत स सब्दन स उ ओनका समझावत भवा सुसमाचार सुनावत रहत रहा।
19 (पाछे यूहन्ना उ चौथाई पहँटा क मातहत राजा हेरोदेस क ओकर भाई क पत्नी हिरोदियास क संग ओकर गलत संबंध अउर ओकर दूसर कुकरम बरे डाटेस फटकारेस।
20 एह पइ हेरोदेस यूहन्ना क बंदी बनाइके, जउन कछू कुकरम उ किहे रहा, ओहमाँ एक अउर जोर दिहस।)
21 अइसा भवा कि जब सब लोग बपतिस्मा लेत रहेन तउ ईसू भी बपतिस्मा लिहेस। अउर जब ईसू पराथना करत रहा, तबहिं अकास खुलि गवा
22 अउर पवित्तर आतिमा एक ठु कबूतरे क देह धइके ओह प तरखाले ओतरा। अउर अकासबाणी भइ, “तू मोर पियारा पूत अहा, मइँ तोहसे बहोत खुस हउँ।”
23 ईसू जब आपन सेवा सुरू किहेस तउ उ खुद लगभग तीस बरिस क रहा। अइसा बिचारा गवा कि उ यूसुफ क बेटवा रहा, एली क बेटवा यूसुफ,
24 मत्तात क बेटवा एली, लेवी क बेटवा मत्तात, मलकी क बेटवा लेवी। यन्ना क बेटवा मलकी, यूसुफ क बेटवा यन्ना,
25 मत्तित्याह क बेटवा यूसुफ आमोस क बेटवा मत्तित्याह, नहूम क बेटवा आमोस, असल्याह क बेटवा नहूम, नोगह क बेटवा असल्याह,
26 मात क बेटवा नोगह, मत्तित्याह क बेटवा मात, सिमी क बेटवा मत्तित्याह, योसेख क बेटवा सिमी, योदाह क बेटवा योसेख,
27 योनान क बेटवा योदाह, रेसा क बेटवा योनाह, जरुब्बाबिल क बेटवा रेसा, रेसा सालतियेल क बेटवा जरुब्बाबिल, नेरी क बेटवा क रेसा
28 मलकी क बेटवा नेरी, अद्दी क बेटवा मलकी, कोसान क बेटवा अद्दी, इलमोदाम क बेटवा कोसाम, एर क बेटवा इलमोदाम,
29 यहोसुआ क बेटवा एर, एलीएजेर क बेटवा यहोसुआ, योरीम क बेटवा एलीएजेर, मत्तात क बेटवा योरीम, लेवी क बेटवा मत्तात,
30 समौन क बेटवा लेवी, यहूदा क बेटवा समौन, यूसुफ क बेटवा यहूदा, योनान क बेटवा यूसुफ, एलियाकीम क बेटवा योनान,
31 मेलिआ क बेटवा एलियाकीम, मिन्ना क बेटवा मेलिआ, मत्ताता क बेटवा मिन्ना, नातान क बेटवा मत्तात, दाऊद क बेटवा नातान,
32 यिसै क बेटवा दाऊद, ओबेद क बेटवा यिसै, बोअज क बेटवा ओबेद, सलमोन क बेटवा बोअज, नहसोन क बेटवा सलमोन,
33 अम्मीनादाब क बेटवा नहसोन, आदमीन क बेटवा अम्मीनादाब। अरनी क बेटवा आदमीन, हिस्रोन क बेटवा अरनी, फिरिस क बेटवा हिस्रोन, यहूदाह क बेटवा फिरिस,
34 याकूब क बेटवा यहूदाह, इसहाक क बेटवा याकूब, इब्राहीम क बेटवा इसहाक, तिरह क बेटवा इब्राहीम, नाहोर क बेटवा तिरह,
35 सरूग क बेटवा नाहोर, रऊ क बेटवा सरूग, फिलिग क बेटवा रऊ, एबिर क बेटवा फिलिग, सेलाह क बेटवा एबिर,
36 केनान क बेटवा सेलाह, अरफच्छद क बेटवा केनान, सेम के बेटवा अरफच्छद, नूह क बेटवा सेम, लिमिक क बेटवा नूह।
37 मथूसिलह क बेटवा लिमिक, हनोक क बेटवा मथूसिलह, यिरिद क बेटवा हनोक, महललेल क बेटवा यिरिद, केनान क बेटवा महललेल,
38 एनोस क बेटवा केनान, सेत क बेटवा एनोस, आदम क बेटवा सेत, अउर परमेस्सर क पूत आदम रहा।
Luke 4
1 पवित्तर आतिमा स भरा भवा ईसू यरदन नदी स लौटि आवा। आतिमा ओका ऊसरे मँ राह देखॉवत रही।
2 हुवाँ सइतान चालीस दिन ताईं ओकर परीच्छा लिहस। ओ दिनन मँ ईसू वे खइया क खाए रहा। फिन जब समइ पूर भवा तउ ईसू भुखान।
3 एह बरे सइतान ओसे कहेस, “जदि तू परमेस्सर क पूत अहा तउ इ पथरे स रोटी बनइ बरे कहा।”
4 ऍह पइ ईसू जवाब दिहस, “पवित्तर सास्तरन मँ लिखा बा:‘मनई सिरिफ रोटी प नाहीं जिअत।”‘ व्यवस्था विवरण 8:3
5 फिन सइतान ओका बहोत ऊँच लइ गवा अउर छिन भर मँ समूचे संसार क राज्य ओका देखॉवत बोला,
6 अउर सइतान ओहसे कहेस, “मइँ इन राज्यन क तोहका हुकूमत अउर धन दौलत दइ देइहउँ अउर मइँ जेका चाहउँ ओका दइ सकत हउँ।
7 एह बरे यदि तू मोर आराधना करब्या तउ इ सब तोहार होइ जाई।”
8 ईसू ओका जवाब देत भवा बोला, “पवित्तर सास्तरन मँ लिखा बा:‘तोहका सिरिफ आपन पर्भू परमेस्सर क ही आराधना करइ चाही। तोहका सिरिफ उहइ क सेवा करइ चाही!” व्यवस्था विवरण 6:13
9 तब उ ओका यरूसलेम लइ गवा अउर हुवाँ मन्दिर क सबते ऊँची चोटी प लइ जाइके खड़ा कइ दिहस। अउर उ ओसे बोला, “जदि तू परमेस्सर क पूत अहा तउ हिआँ स अपने आपक तरखाले गिरइ द्या।
10 पवित्तर सास्तर मँ लिखा अहइ:‘उ आपन सरगदूतन क तोहरे बारे मँ हुकुम देई कि उ पचे तोहार रच्छा करइँ।’ भजन संहिता 91:11
11 अउर लिखा अहइ:‘उ पचे तोहका आपन बाँहे मँ अइसे उठइहीं कि तोहार गोड़ कउनो पाथर स न टकराई।”‘ भजन संहिता 91:12
12 ईसू जवाब देत भवा कहेस, “पवित्तर सास्तरन मँ इ भी लिखा बा:‘तोहका आपन पर्भू परमेस्सर क परीच्छा मँ नाहीं नावइ चाही।”‘ व्यवस्था विवरण 6:16
13 तउ जब सइतान ओकर सबइ तरह क परीच्छा लइके हारि गवा तउ दूसरइ समइ तलक ओका तजिके चल दिहस।
14 फिन ईसू आतिमा क समर्थ स भरा भवा गलील लौटि आवा अउर उ समूचे पहँटा मँ ओकर चर्चा फैलि गइ।
15 उ ओनके आराधनालय मँ उपदेस दिहेस। सबइ ओकर प्रसंसा करत रहेन।
16 फिन उ नासरत आवा जहाँ उ पला अउर बड़ा भवा। आपन आदत क मुताबिक सबित क दिन उ आराधनालय मँ गवा। जबहिं उ पाठ बाँचइ खड़ा भवा।
17 तउ यसायाह नबी क किताब ओका दीन्ह गई। जब उ किताब खोलेस तउ ओका जगह मिला जहाँ लिखा रहा कि:
18 “पर्भू क आतिमा मोरे मँ समाइ गइ अहइ काहेकि किहेस ह उ मोर अभिसेक कि दीनउँ क सुसमाचार सुनाउब मइँ, उ मोका पठएस ह बंदीयन क इ बतावइ कि उ पचे अजाद अहइँ। आँधर क आँखिन मँ जोति सरसावइ, अउर दलितन क छुटकारा देवॉवइ;
19 पर्भू क अनुग्रह क समइ बतावइ क भेजा अहइ!” यसायाह 61:1-2
20 फिन उ किताब क बंद कइके परिचारक क हथवा मँ दइ दिहस अउर बैठ गवा। आराधनालय मँ सबइ क आँखिन ओका निहारत रहिन।
21 तब उ ओनसे कहब सुरु किहेस, “आज इ बचन तोहरे काने मँ पूर भवा!”
22 हर कउनो ओकरे बारे मँ अच्छी बातन कहत रहेन। ओकरे मुँहना स जउन सुन्दर बचन निकरत रहेन, ओन प सबन क अचरज भवा। उ पचे कहेन, “का इ यूसुफ क बेटवा नाहीं अहइ?”
23 फिन ईसू ओनसे कहेस, “तू पचे जरूर मोका इ कहावत सुनउब्या, ‘अरे वैद्य खुद आपन इलाज करा।’ कफरनहूम मँ तोहरे जउन काजे क बारे मँ हम पचे सुना ह, उ काजे क हिआँ आपन खुद क सहर मँ भी कइ डावा!”‘
24 ईसू तब ओनसे कहेस, “मइँ तोहसे सच कहत हउँ कि आपन सहर मँ कउनो नबी क स्वागत नाहीं होत।
25 मइँ तोहसे सच कहत हउँ इस्राएल मँ एलिय्याह क समइ मँ जब अकास जइसे मुँद गवा रहा अउर साढ़े तीन बरिस तलक पूरी धरती मँ खौफनाक अकाल पड़ि गवा, तउ हुवाँ बहुत विधवन रहेन।
26 मुला सैदा पहँटा के सारपत सहर क एक विधवा क तजिके एलिय्याह क कउनो अउर क लगे नाहीं पठवा गवा रहा।
27 अउर नबी एलीसा क समइया मँ इस्राएल मँ ढेर कोढ़ी रहेन मुला ओहमाँ स सीरिया क बसइया नामान क तजिके अउर कउनो क सुद्ध नाहीं कीन्ह गवा रहा।”
28 तउ जबहिं आराधनालय मँ मनइयन इ सुनेन तउ सबहिं बहोत क्रोध स भर गएन।
29 तउ उ पचे खड़ा भएन अउर ओका सहर स बाहेर ढकेल दिहेन। उ सबइ ओका पहाड़े क उ चोटी प लइ गएन जेह प ओकर सहर बसा रहा जेसे उ पचे हुवाँ तरखाले झोंकि देइँ।
30 मुला उ ओनके बीच स निकरिके कहूँ आपन राहे प चला गवा।
31 फिन उ गलील क एक सहर कफरनहूम गवा अउर सबित क दिन मनइयन क उपदेस देइ लाग।
32 मनई ओकरे उपदेस स अचरज मँ पड़ि गएन काहेकि ओकर संदेस मुड्ढ विद्वान क तरह रहा।
33 हुवँई एक ठु मनई आराधनालय मँ रहा जेहमाँ एक दुस्ट आतिमा क सवारी रही। उ जोर स चिल्लान,
34 “हे नासरत क ईसू! तु हमसे का चाहत बाट्या? का तू हमार नास करइ आइ अहा? मइँ जानत हउँ तू कउन अहा तू परमेस्सर क पवित्तर मनई अहा!”
35 ईसू झिड़कत भवा ओसे कहेस, “चुप रहा। एहमाँ स बाहेर निकरि आवा!” एह पइ दुस्ट आतिमा उ मनई क लोगन्क समन्वा दइ मारेस अउर ओका बे नसकान किए ओसे बाहेर निकरि गइ।
36 सबइ कोउ अचरजे मँ पड़ि गएन। उ सबइ एक दूसर स बतियात कहेन, “इ कइसा सन्देस बा? हक अउर सक्ती क संग इ दुस्ट आतिमन क हुकुम देत ह अउर उ सबइ बाहेर निकरि जात हीं।”
37 उ पहँटा मँ लगे हर ठउरे प ओकरे बारे मँ खबर सँचर गइ।
38 तब ईसू आराधनालय क तजिके समौन क घर चला गवा। समौन क सासे क बहोत बोखार चढ़ा रहा। उ पचे ईसू स मदद बरे बिनती किहेन।
39 ईसू ओकरे सिरहाने खड़ा भवा अउर बोखारे क डाटेस। बोखार ओहका छोड़ि दिहस। उ फउरन खड़ी होइ गइ अउर ओनकर सेवा करइ लाग।
40 जब सूरज ओनवबत रहा तउ जेकरे हिआँ किसिम किसिम क बेमारी स पीड़ित रहेन, उ सबइ ओनका ओकरे लगे लइ आएन। अउर उ आपन हथवा ओहमाँ स हर एक पर रखत भए ओनका चंगा किहे।
41 ओहमाँ बहोतन मँ दुस्ट आतिमन चिचियात भइ इ कहत बाहेर निकरि आइन, “तू परमेस्सर क पूत अहा।” मुला उ ओनका डाँटेस अउर बोलइ नाहीं दिहस, काहेकि उ सबइ जानत रहिन कि “उ मसीह अहइ।”
42 जब भिनसार भवा तउ हुवाँ स उ कउनो एकांत ठउर चला गवा। मुला भीड़ ओका हेरत हेरत हुवँइ जाइके पहोंच गइ जहाँ उ रहा। उ पचे ओका ओनका छोड़िके न जाइ स रोकेन।
43 मुला उ ओनसे कहेस, “परमेस्सर क राज्य क बारे मँ सुसमाचार मोका दूसर सहरन मँ भी पठवइ क बा काहेकि मोका यह बरे पठवा ग अहइ।”
44 अउर इ तरह उ यहूदिया क आराधनालय मँ लगातार उपदेस देत रहा।
Luke 5
1 अइसा भवा कि भीड़ मँ मनइयन ईसू क चारिहुँ कइँती स घेरिके जब परमेस्सर क बचन सुनत रहेन अउर उ गन्नेसरत नाउँ क झिलिया क किनारे खड़ा रहा।
2 तबहिं उ झीले क किनारे दुइ नाउ देखेस। मछुआरा ओहमाँ स निकरिके आपन जाल साफ करत रहेन।
3 ईसू ओहमाँ स एक नाउ प जउन समौन क रही, चढ़ि गवा अउर उ नाउ क किनारे स हटावइ बरे कहेस। फिन उ नाउ प बइठि गवा अउर हुवँई नाउ प स मनइयन क भीड़े क उपदेस देइ लाग।
4 जब उ उपदेस देब बंद किहेस तउ उ समौन स कहेस, “गहिर पानी कइँती बढ़ा अउर मछरी धरइ क आपन जालि डावा।”
5 समौन कहेस, “स्वामी हम सारी राति बहोत मेहनत कीन्ह ह, मुला हमका कछू नाहीं मिला। तउ भी तू कहत बाट्या, यह बरे मइँ जालि नाइ देत हउँ।”
6 जब उ पचे जलिया डारि दिहन तउ ढेर मछरी धरी गइन। ओनकइ जालि जइसे फाटत रहिन।
7 तउ उ पचे दूसर नाउन मँ बइठन आपन साथी संगी क इसारा कइके मदद बरे बोलाएन। उ सबइ आइ गएन अउर उ सबइ दुइनउँ नाउन प ऍतनी ढेरि क मछरी लादि दिहन कि माना उ पचे बूड़इ लागेन।
8 जब समौन पतरस इ निहारेस तउ उ ईसू क गोड़वा मँ गिरिके बोला, “मोसे दूर रहा, काहेकि हे पर्भू मइँ एक पापी मनई हउँ।” उ इ एह बरे कहेस कि ऍतनी मछरी बटोर पावइ क कारण ओका अउर ओकॅरे सबहीं साथी क बहोत अचरज होत रहा।
9
10 जब्दी क बेटवा याकूब अउर यूहन्ना क भी, जउन समौन क साथी रहेन, इ तरह बहोत अचरज भवा।तउ ईसू समौन स कहेस, “डेराअ जिन, काहेकि अबहिं स तू मनइयन क बटोरब्या।”
11 फिन उ पचे आपन नाउन क किनारे लइ आएन अउर सब कछू तजिके ईसू क पाछे होइ गएन।
12 तउ अइसा भवा कि जब ईसू एक नगर मँ रहा तबहीं हुवाँ कोढ़ स बिआपा एक ठु मनई रहा। उ जइसेन ईसू क निहारेस तउ दण्डवत प्रणाम कइके ओसे बिनती किहेस, “पर्भू, जदि तू चाहा तउ मोका चंगा कइ सकत ह।”
13 ऍह पइ ईसू आपन हाथ बढ़ाइके कोढ़ी क इ कहत भवा छुएस, “मइँ चाहत हउँ, चंगा होइ जा!” अउर फउरन ओकर कोढ़ जात रहा।
14 फिन ईसू ओका हुकुम दिहेस, “ऍकरे बारे मँ उ कउनो स कछू न कहइ। मुला याजक क लगे जा अउर अपने सुद्ध होइ बरे मूसा क हुकुम क मुताबिक भेंट चढ़ाइ द्या जइसे मनइयन क तोहरे चंगा होइ क प्रमाण मिलइ।”
15 मुला ईसू क बारे मँ खबर अउर जिआदा रफ्तार स संचरइ लाग। अउर मनइयन क झुंड क झुंड ऍकट्ठा होइके ओका सुनइ अउर आपन बेरामी स जरटुट होइ बरे ओकरे नगिचे आवत रहेन।
16 मुला ईसू अक्सर कहूँ एकान्त जंगल मँ चला जात रहा अउर उहाँ पराथना करत रहा।
17 अइसा भवा कि एक दिना जब उ उपदेस देत रहा तउ हुवाँ फरीसियन अउर धरम सास्तिरियन भी बइठा रहेन। उ सबइ गलील अउर यहूदिया क हर सहर अउर यरूसलेम स आए रहेन। मनइयन क चंगा करइ क पर्भू क सक्ती ओकरे साथे रही।
18 तबहीं कछू मनई खटिया प लकवा क एक बेरमिया क ओकरे लगे लइ आएन। उ पचे ओका भितरे लइ आइके ईसू क समन्वा धरइ क जतन करत रहेन।
19 मुला भीड़ क कारण भीतर जाइके रस्ता न मिल पावइ स उ सबइ छत प चढ़ि गएन अउर उ पचे ओका बिछउना क साथ छत क बीचोबीचे स खपरैल टारिके भोर के बीच मँ ईसू क समन्वा उतार दिहन।
20 ओनके बिसवास क लकत भवा ईसू कहेस, “अरे तोहार, पाप छमा होइ गएन।”
21 तब धरम सास्तिरियन अउर फरीसियन आपन मँ सोचइ लागेन, “इ कउन बा जउन परमेस्सर बरे अइसे बेज्जती स बोलत ह परमेस्सर क तजिके दूसर कउन अहइ जउन पाप छमा कइ सकत ह”
22 मुला ईसू ओनकइ सोचब बिचारब क ताड़ लिहस। फिन जवाबे मँ उ ओनसे कहेस, “तू पचे आपन मने मँ अइसा काहे सोचत अहा?
23 जिआदा असान क बाटइ? इ कहब, ‘तोहार पाप छमा हुआ’ या इ कहब, ‘उठा अउर चला’?
24 मुला एह बरे कि तू जान ल्या कि मनई क पूत क धरती प छमा करइ क हक अहइ।” उ लकवा क बेरमिआ स कहेस, “मइँ तोहसे कहत हउँ खड़ा ह्वा! आपन बिछउना उठावा अउर घरे जा।”
25 तउ उ तुरंतहि खड़ा भवा अउर ओनके लखत लखत जउने बिछउना प उ ओलरा रहा, ओका उठाइके परमेस्सर क स्तुति करत भवा आपन घर चला गवा।
26 उ पचे जउन हुवाँ रहेन सब चकित होइके परमेस्सर क बड़कई करइ लागेन। उ पचे स्रद्धा अउर अचरज स भरि गएन अउर बोलेन, “आजु हम पचे कछू अजूवा निहारा ह!”
27 एकरे पाछे ईसू चला गवा। तबहीं उ चुंगी क चौकी पइ बइठा लेवी नाउँ क चुंगी उगहिया क लखेस। उ ओसे कहेस, “मोरे पाछे चला आवा!”
28 तउ उ खड़ा भवा अउर सब कछू तजिके ओकरे पाछे होइ गएन।
29 फिन लेवी आपन घरे प ईसू क मान बरे एक ठु स्वागत जेवनार दिहस। हुवाँ चुंगी क उगहिया अउर दूसर मनइयन क बड़का जमघट मिलिके ओकरे संग जेवंत रहा।
30 तब फरीसियन अउर धरम सास्तिरियन लोग ओकरे चेलन स इ कहत भए सिकाइत किहन, “तू चुंगी उगहिया अउर पापी मनइयन क संग काहे खात पिअत ह”
31 जवाबे मँ ईसू ओनसे कहेस, “हिट्ठ पुट्ठ क नाहीं, मुला बेरमियन क वैद्य (डाक्टर) क जरूरत होत ह।
32 मइ मनफिराव बरे धर्मी लोगन क नाहीं मुला पापी मनइयन क बोलावइ आवा हउँ।”
33 उ पचे ईसू स कहेन, “यूहन्ना क चेलन अक्सर उपास राखत हीं अउर पराथना करत हीं। अउर अइसा ही फरीसियन क मनवइयन भी करत हीं मुला तोहार मनवइयन तउ खात पिअत रहत हीं।”
34 ईसू ओनसे पूछेस, “का दुल्हा क संग मेहमान जब तलक दुल्हा क लगे रहत हीं, उपास करत हीं?
35 मुला उ सबइ दिनन अबहिं जबहिं दुल्हा ओनसे छीन लीन्ह जइहीं। फिन उ दिनन मँ उ पचे उपास करिहीं।”
36 उ ओनसे एक दिस्टान्त कथा अउर कहेस, “कउनो भी नवा पोसाके स टुकड़ा फाड़िके ओका पुरान पोसाके प नाहीं लगावत अउर जदि कउनो अइसा करत ह तउ ओकर नवा पोसाक तउ फाटि जाई, ओकरे संग उ नवा पइबंद भी पुरान क साथ मेल न खाई।
37 कउनो भी पुरान मसकन मँ नई दाखरस नाहीं भरत अउर जदि भरि देत ह तउ नई दाखरस पुरान मसकन क फोरि देई, उ फैलि जाई अउर मसकन क फोरि देई।
38 मनई हमेसा नई दाखरस नई मसकन मँ ही धरत ह।
39 पुरान दाखरस पीके कउनो भी नई का नाहीं चाहत काहेकि उ कहत ह, ‘पुरान उत्तिम अहइ।”‘
Luke 6
1 अब अइसा भवा कि सबित क एक दिन ईसू जब अनाजे क खेतन्स जात रहा तउ ओनकर चेलन अनाजे क बलिया तोड़तेन, हथेली प रगड़ितेन अउर ओनका चबात जात रहेन।
2 तबहीं कछू फरीसियन कहेन, “जेका सबित क दिन कीन्ह जाब नीक नाहीं बा, ओका तू पचे काहे करत अहा?”
3 जवाब देत भवा ईसू ओनसे पूछेस, “का तू पचे नाहीं पढ़्या जब दाऊद अउर ओकर साथी भुखान रहेन, तब दाऊद का किहेस?
4 का तू नाहीं बाँच्या कि उ परमेस्सर क घरे मँ घुसिके, परमेस्सर क चढ़ाई गइ रोटिन क उठाइके खाइ लिहस अउर ओनका भी दिहेस जउन ओकरे संग रहेन? जब कि याजकन क तजिके ओकर खाब कउनो बरे नीक नाहीं।”
5 उ अगवा फिन कहेस, “मनई क पूत सबित क दिन क भी पर्भू अहइ।”
6 दूसर सबित क दिना अइसा भवा कि उ आराधनालय मँ जाइके उपदेस देइ लाग। हुवँई एक अइसा मनई रहा जेकर दाहिन हाथ सुखंडी होइ गवा रहा।
7 हुवँई धरम सास्तिरियन अउर फरीसियन इ ताक मँ रहेन कि उ सबित क दिन कउनो चंगा किहे होइ तो ओह प दोख लगावइ क कउनो कारण पाइ जाइँ।
8 उ ओनके बिचारन क जानत रहा। यह बरे उ सुखंडी हथवावाले मनई स कहेस, “उठा अउर सबन क समन्वा खड़ा होइ जा।” उ उठि गवा अउर हुवाँ खड़ा होइ गवा।
9 तब ईसू मनइयन स कहेस, “मइँ तोहसे पूछत हउँ-सबित क दिन कउनो क भला करब चंगा अहइ या कउनो क नोसकान करब, कउनो क जिन्नगी बचाउब नीक बा या कउनो क जिन्नगी क नास करब।”
10 ईसू चारिहुँ कइँती ओन सबन क निहारेस अउर फिन ओसे कहेस, “आपन हथवा सोझ फइलावा।” उ वइसा ही किहेस अउर ओकर हाथ फिन स चंगा होइ ग।
11 मुला ऍह पइ उ पचे आपुस मँ तहत्तुक करत कोहाइ गएन अउर बिचारइ लागेन, “ईसू क का कीन्ह जाइ?”
12 उ दिनन मँ अइसा भवा कि ईसू पराथना करइ बरे एक पहाड़े प गवा अउर सारी राति परमेस्सर क पराथना करइ मँ बिताएस।
13 फिन मोर भवा तउ उ आपन मनवइयन क लगे बोलॉएस। ओहमाँ स उ बारहु क चुनेस, जेनका उ “प्रेरितन” क नाउँ दिहस।
14 समौन जेका उ पतरस का नाउँ दिहेस, अउर ओकर भइया अन्द्रियास, याकूब अउर यूहन्ना, फिलिप्पुस, बरतुलमै,
15 मत्ती, थोमा, हलफई क बेटवा याकूब अउर समौन जिलौती,
16 याकूब क बेटवा यहूदा अउर यहूदा इस्करियोती जउन दगाबाज होइ गवा।
17 फिन ईसू ओनके संग पहाड़ी स तरखाले उतरिके समथर भुइयाँ प खड़ा भवा। हुवँई ओकरे चेलन क भारी जमघट रहा। एकरे साथ समूचइ यहूदिया, यरूसलेम, सूर अउर सैदा क समुद्दर किनारे स अनगिनत आलम हुवाँ आइके ऍकट्ठा भवा।
18 उ पचे ओका सुनइ अउर बेरामी स छुटकारा पावइ हुवाँ आए रहेन। जउन दुस्ट आतिमा स सतावा रहेन, उ पचे भी हुवाँ आइके चंगा भएन।
19 समूची भीड़ ओका छुइ भरि लेइ क जतन मँ रही काहेकि ओहमाँ स सक्ती निकरत रही अउर ओन सबन क बेरामी स दूर करत रही।
20 फिन उ आपन चेलन क निहारत भवा बोला, “धन्य अहा तू दीन जनन काहेकि परमेस्सर क राज्य तोहार अहइ।
21 धन्य अहा तू, जउन अबहीं भूखा अहा काहेकि तृप्ति तउ होइ तोहार, धन्य अहा तू, जउन आजु आँसू बहावत अहा, काहेकि तू आगे हँसब्या।
22 “धन्य अहा तू, जब मनई क पूत क कारण लोग तोहसे घिना करइँ, अउर तोहका निकारि देइँ; अउर करइँ तोहार बुराई, नाउँ तलक क दुस्ट कहिके, काटि देइँ उ पचे।
23 तब उहइ दिन तू मगन होइके खुसी मँ उछर्या काहकेइ सरग मँ तोहार प्रतिफल महान अहइ। काहेकि ओनके पूर्वजन भी नबियन क संग अइसा ही किहन ह।
24 “हाय! धिक्कार अहइ तोहका ओ धनी मनइयो, काहेकि तोहका मिल गवा सुख चनइ भरपूर।
25 अहइ तोहका धिक्कार, जउन भरपेट अहा अब काहेकि तू भूखा रहब्या। अहइ तोहका धिक्कार, जउन अबहिन हँसत अहा, काहेकि तू आँसू बहउब्या अउर सोक करब्या।
26 “बा धिक्कार तोहका, जब सबन दुआरा तोहार बड़कई होइ काहेकि ओनके पूर्वजन भी इही ब्यौहार झूठे नबियन क संग किहे रहेन।
27 “ओ सुनवइया लोगो, मइँ तोहसे कहत हउँ आपन बैरी स भी पिरेम करा। जउन तोहसे घिना करत हीं ओनके संग भलाई करा।
28 ओनका भी आसीर्बाद द्या जउन तोहका सरापत हीं। ओनके बरे पराथना करा जउन तोहरे संग नीक ब्यौहार नाहीं करतेन।
29 जदि कउनो तोहरे एक गाले प थप्पड़ियावइ तउ तू दूसर गाल भी ओकरे अगवा कइ द्या। जदि कउनो तोहार कोट तोहसे लइ लेइ तउ ओहका कुर्ता भी लइ लेइ द्या।
30 जदि कउनो तोसे माँगइ, ओका द्या। जदि कउनो तोहार कछू राखि लेइ तउ ओसे ओका वापस जिन माँगा।
31 तू आपन बरे जइसा ब्यौहार दूसरन स चाहत बाट्या, तोहका वइसा ही दूसर क संग ब्यौहार करइ चाही।
32 “जदि तू बस ओनही क पिआर करत ह, जउन तोहका पिआर करत हीं, तउ ऍहमा तोहार कउन बड़कई? काहेकि आपन स पिरेम करइवालन स पिरेम तउ पापी मनई तलक करत हीं।
33 जदि तू बस ओनहीं क भला करत ह, जउन तोहार भला करत हीं, तउ तोहार कउन बड़कई? अइसा तउ पापी तलक करत हीं।
34 जदि तू सिरिफ ओनही क उधार देत ह, जेनसे तोहका वापस मिल जाइ क आसा बा, तउ तोहार कउन बड़कई? अइसे तउ पापी भी पापी मनइयन क देत हीं कि ओनका ओनकी पूरी रकम वापस मिलि जाइ।
35 मुला आपन दुस्मन स भी पिआर करा, ओनके संग भलाई करा। कछू भी वापस मिलि जाइके आसा तजिके उधार द्या। इ तरह तोहार फल महान होइ जाई अउर तू सर्वोच्च (परमेस्सर) क संतान बनब्या काहेकि परमेस्सर एहसाने क मानइवालन अउर दुस्ट मनइयन प भी दाया करत ह।
36 जइसे तोहार परमपिता दयालु वा, वइसे ही तू दयालु बना।
37 “कओ क दोखी जिन कहा तउ तोहका भी दोखी नाहीं कहा जाइ। कओ क नोक्तचीनी जिन करा तउ तोहार भी नोक्ताचीनी नाहीं कीन्ह जाइ। छमा करा, तोहका छमा मिली।
38 द्या तोहका भी दीन्ह जाइ। उ पचे तोहरे झोरी मँ पूरा नाप दबाइ दबाइ के, हलाइके बाहेर निकसत भइ उड़ेरिहीं काहेकि जउने नापे स तू दूसरन क नापत ह, उहइ स तोहका नापा जाइ।”
39 उ ओनसे एक ठु दिस्टान्त कथा अउर कहेस: “का कउनो आँधर कउने दूसरे आँधर क राह देखाइ सकत ह का उ सबइ दुइनउँ ही कउनो गड़हा मँ नाहीं भहरइहीं?
40 कउनो भी पढ़वइया आपन पढ़ावइवालन स बड़वार नाहीं होइ सकत, मुला जबहिं कउनो मनई पूरी तरह हुसियार होइ जात ह तउ उ आपन गुरु क नाई होइ जात ह।
41 “तू आपन भाई क आँखी मँ कउनो ढेंढ़ा काहे लखत ह अउर आपन आँखी क लट्ठा भी तोहका नाहीं चोंधरात।
42 तउ आपन भाई स तू कइसे कहि सकत ह ‘भाई तू अपन आँखी क तिनका मोका निकारइ द्या।’ जब तू आपन आँखी क लट्ठा क नाहीं निहरत्या। अरे कपटी, पहिले आपन आँखी क लट्ठा दूर करा, तब तोबका आपन भाई क आँखी क ढेढ़ा बाहेर निकारइ बरे देखॉइ पड़ी।
43 “कउनो भी अइसा उत्तिम बृच्छ नाहीं अहइ जेह पइ बुरा फर लागत होइ। न ही कउनो अइसा बुरा बृच्छ बाटइ, जेइ पइ उत्तिम फर आवति होइ।
44 हर बृच्छ आपन फर स पहिचाना जात ह। मनइयन कँटेहरी झारी स अंजीर नाहीं बटोरतेन। न ही कउनो झरबेली स मनई अंगूर बटोरत हीं।
45 एक नीक मनई क मन मँ अच्छाइ क भंडार बाटइ। अउर एक खोटा मनई, जउ ओकरे मने मँ बुराई बाटइ, उहइ स बुराई पइदा करत ह। काहेकि एक मनई मुँहना स उहइ बोलत ह, जउन ओकरे हिरदइ मँ उफनाइ के बाहेर आवत ह।
46 “तू मोका, ‘पर्भू पर्भू’ काहे पुकारत ह अउर जउन मइँ कहत हउँ, ओह प नाहीं चलत्या।
47 हर कउनो जउन मोरे लगे आवत ह अउर मोर उपदेस सुनि लेत ह अउर ओह पर आचरण करत ह, उ कउने तरह क होत ह, मइँ तोहका बताउब।
48 उ उहइ मनई क नाई अहइ जउन मकान बनावत बाटइ। उ गहिर खुदाई किहेस अउर चट्टानें प नेंव डाएस। फिन जब बाढ़ आइ अउर नदी मकाने प टकरान तउ ओका हलाइ नाहीं पाएस, काहेकि उ बहोत अच्छी तरह स बना रहा।
49 मुला जउन मोर उपदेस सुनत ह अउर ओहॅ प चलत नाहीं उ ओ मनई क नाई अहइ जउन बे नेंव धरे धरती प मकान बनाएस। नदी ओसे टकरान अउर उ फउरन ढहाइ गवा अउर पूरी तरह बरबाद होइ गवा।”
Luke 7
1 ईसू मनइयन क जउन सुनावा चाहत रहा, ओका कहि चुकइ क पाछे उ कफरनहूम चला गवा।
2 हुवाँ एक फऊजी नायक रहा जेकर नउकर ऍतना बेरमिया रहा कि मरइ के नगीचे रहा। उ नउकर ओकर बहोत पियारा रहा।
3 फऊजी नायक जब ईसू क बारे मँ सुनेस तउ उ कछू बुजुर्ग यहूदी नेतन क इ बिनती करइ क ओकरे लगे पठएस कि उ आइके ओकरे नउकर क प्राण बचाइ लेइ।
4 जब उ पचे ईसू क नगीचे पहुँच गएन तउ उ सबइ सच्चे मने स बिनती करत भए कहेन, “उ इ जोग्ग अहइ कि तू ओकरे बरे अइसा करा।
5 काहेकि उ हमरे मनइयन स पिरेम करत ह। उ हमरे बरे आराधनालय क बनवाएस ह।”
6 ऍह पर ईसू ओनके संग चल दिहेस। अबहिं जब उ घरे स जिआदा दूर नहीं रहा, उ फऊजी नायक ओकरे लगे आपन मीतन क इ कहइ बरे पठएस, “पर्भू आपन क कस्ट जिन द्या काहेकि मइँ ऍतना नीक मनई नाहीं कि तू मोरे घरवा आवा।
7 एह बरे मइँ तोहरे लगे आवइ तलक नाहीं सोचेउँ। मुला तू बस कहि भर द्या, मोर नउकर नीक होइ जाई।
8 मइँ खुद कउनो अधिकारी क मातहत काम करत हउँ अउर मोरे मातहत भी कछू सिपाही अहइँ। मइँ जब कउनो स कहत हउँ, ‘जा’ तउ उ चला जात ह। अउर जब मइँ आपन नउकर स कहत हउँ, ‘आवा’ तउ उ आइ जात ह अउर जब मइँ आपन नउकर स कहत हउँ, ‘इ करा’ तउ उ ओका करत ह।”
9 ईसू जब इ सुनेस तउ ओका ओह प बहोत अचरज भवा। जउन भारी मनइयन क भीड़ ओकरे पाछे चली आवत रही, ओनके कइँती मुड़िके ईसू कहेस, “मइँ तोहका बतावत हउँ अइसा बिसवास मोका इस्राएल मँ भी कहूँ नाहीं मिला।”
10 फिन पठए भए उ पचे जब वापस घरे पहुँचेन तउ उ सबइ उ नउकरे क बेरामी स जरटुट पाएन।
11 फिन अइसा भवा कि ईसू नाइन नाउँ क एक सहर चला गवा। ओकर चेलन अउर भारी आलम ओकरे संग रहा।
12 उ जइसे ही सहर दुआरे क नगिचे आवा तउ हुवाँ स एक मुर्दा क लइ जात रहेन। उ आपन विधवा महतारी क इकलौता बेटवा रहा। तउ सहर क अनगिनत मनइयन क भीड़ ओकरे संग रही।
13 जइसे पर्भू ओका निहारेस तउ ओकार हिरदय दया स भर गवा। उ उससे बोला, “जिन रोवा।”
14 फिन उ अगवा बढ़ा अउर उ ताबूत क छुइ लिहस उ पचे जउन ताबूते क लइ जात रहेन, हुवँइ ठहर गएन। ईसू कहेस, “नउ जवान! मइँ तोहसे कहत हउँ खड़ा ह्वाा!”
15 तउ उ मुर्दा मनई बइठ गवा अउर बोलइ लाग। ईसू ओका ओकरी महतारी क वापस लौटाएस।
16 अउर फिन उ सबइ स्त्रद्धा अउर अचरज मँ पड़ि गएन। अउर इ कहत भएन परमेस्सर क महिमा बखनइ लागेन, हमरे बीच एक महान नबी परगट भवा अहइ!” अउर कहइ लागेन, “परमेस्सर आपन मनइयन क मदद करइ बरे आइ ग अहइ।”
17 ईसू क समाचार यहूदिया अउर आस-पास क देसन मँ सब कहूँ कइँती फैलि गइ।
18 इ सबइ बातन क बारे मँ यूहन्ना क मनवइयन ओका सब कछू बताइ दिहन। तउ यूहन्ना आपन दुइ चेलन क बोलाइ के
19 ओनका पर्भू स इ पूछइ बरे पठएस, “का तू उहइ अहा, जउन आवइवाला अहइ या हम पचे कउनो अउर क बाट जोही?”
20 फिन उ मनइयन ईसू क लगे पहुँचेन तउ उ पचे कहेन, “बपतिस्मा क देवइया यूहन्ना हमका तोहसे इ पूछइ पठएस ह, ‘का तू उहइ अहा जउन आवइवाला अहइ या हम सबइ कउनो अउर क बाट जोही।”‘
21 उहइ समइ उ बहोत स बेरमिया क नीक किहेन अउर ओनका करुण दुख अउर दुस्ट आतिमन स छुटकारा दियाएस। अउर बहोत स आँधर न क आँखिन दिहेस।
22 फिन उ ओनका जवाब दिहस, “जा अउर यूहन्ना स जउन तू निहार्या ह अउर सुन्या ह, ओका बतावा कि आँधर फिन स लखत अहइँ, लँगड़ा लूला चलत फिरत अहइँ अउर कोढ़ी सुद्ध होइ ग अहइँ। बहिरन सुनि पावत हीं अउर मुरदा फिन जिआवा जात अहइँ। गरीब मनइयन क सुसमाचार सुनाई जात अहइ।
23 उ मनई धन्य अहइ जेका मोरे क स्वीकार करइ मँ कउनो हिचक नाहीं।”
24 जब यूहन्ना क संदेस लइ आवइवालन चला गएन तउ ईसू भीड़े मँ मनइयन क यूहन्ना क बारे मँ बताउब सुरु किहेस: “तू पचे बियाबान जंगल मँ का लखइ गवा रह्या? का हवा मँ झूलत कउनो सरपत लखे गवा रइया? नाहीं?
25 फिन तू का लखइ गवा रह्या? का कउनो पुरुस क मँहगा ओढ़ना पहिरे क लखइ गवा रह्या? नाहीं, उ पचे जउन उत्तिम ओढ़ना पहिरत हीं अउर जउन भोग बिलास क जिन्नगी मँ जिअत हीं, उ सबइ तउ रजवाड़ा मँ पाइ जात हीं।
26 मुला बतावा तू का देखइ गवा रह्या? का कउनो नबी? हाँ, मइँ तोहका बतावत हउँ कि तू जेका लख्या ह, उ कउनो नबी स कहीं जिआदा बा।
27 इ उहइ अहइ जेकरे बारे मँ लिखा अहइ:‘देखा! तोहसे पहिले मइँ आपन दूत पठवत अही, उ तोहसे पहिले ही राह तइयार करी।’ मलाकी 3:1
28 मइँ तोहका बतावत हउँ कि कउनो स्त्रियन स पइदा भएन मँ यूहन्ना स महान कउनो नाहीं अहइ। मुला फिन भी परमेस्सर क राज्य क छोटा स छोटा मनई भी ओस बड़का बा।”
29 (तबहिं हर कउनो, हियाँ तलक कि चुंगी (टिक्स) उगहिया भी यूहन्ना क सुनिके ओकर बपतिस्मा लइके इ मान लिहेन कि परमेस्सर क रस्ता सच्चा अहइ।
30 मुला फरीसियन अउर धरम सास्तिरियन ओकर बपतिस्मा न लइके ओनके बारे मँ परमेस्सर क इच्छा क टारि दिहन।)
31 “तउ फिन इ पीढ़ी क मनइयन क उपमा मइँ कउने स करउँ कि उ पचे कइसे बाटेन?
32 उ पचे बजारे मँ बइठेन ओन बचवन क नाईं अहइँ जउन एक दूसर क पुकारिके कहत हीं:‘हम तोहरे बरे बाँसुरी बजावा मुला तू नाच्या नाहीं। हम तोहरे बरे सोक गवनिया गावा मुला तू रोया नाहीं।’
33 काहेकि बपतिस्मा क देवइया यूहन्ना आवा जउन न तउ रोटी खात रहा अउर न ही दाखरस पिअत रहा अउर तू कहत ह, ‘ओहमाँ दुस्ट आतिमा समाइ गइ अहइ।’
34 फिन खात पिअत भवा मनई क पूत आवा, मुला तू कहत अहा, ‘देखा, इ पेटार अहइ। पियक्कड़ अहइ, चुंगी उगहियन अउर पापी मनइयन क मीत अहइ।’
35 बुद्धि क उत्तिम होब ओकरे फल स सिद्ध होत ह।”
36 फरीसियन मँ एक ठु फरीसी आपन संग खइया प ओका न्योत दिहस। तउ उ फरीसी क घर गवा अउर ओकरे हियाँ भोजन करइ बइठा।
37 हुवँई सहर मँ एक पापी स्त्री रही, ओक जब इ पता चलि गवा कि उ एक फरीसी क घर भोजन करत अहइ तउ उ स्फटिक क एक पथरी मँ इतर लइके आइ।
38 उ ओकरे पाछे ओकरे गोड़वा क लगे खड़ी रही। उ रोवत रही। आपन आँसुअन स उ ओकर गोड़ भिजवइ लाग। फिन उ गोड़वा क आपन बाले स पोंछेस अउर गोड़वा क चूमिके ओन प इतर उड़ेरेस।
39 उ फरीसी जउन ईसू क आपन घर बोलाएस, इ लखिके मनवा मँ सोचेस, “जदि इ मनई नबी अहइ अउर कइसी अहइ? उ जान लेत कि इ तउ पापिन अहइ।”
40 जवाबे मँ ईसू ओसे कहेस, “समौन मोका तोहसे कछू कहइ क अहइ।”उ बोला, “हे गुरु, कहा।”
41 ईसू कहेस, “कउनो साहूकारे क दुइ करजदार रहेन। एक प ओकरे पाँचसौ चानी क सिक्का निकरत रहेन अउर दूसर प पचास।
42 काहेकि उ दुइनउँ करजा नाहीं पाट पाएन। यह बरे उ दाया कइके दुइनउँ क करजा माफ कइ दिहस। अब बतावा दुइनउँ मँ स ओका जिआदा पिरेम कउन स करी?”
43 समौन जवाब दिहस, “मोर बिचार बा, उहइ जेका उ जिआदा करजा छोड़ दिहस।”ईसू कहेस, “तू नीक सोच्या ह।”
44 फिन उ स्त्री कइँती मुड़िके उ समौन स कहेस, “तू इ स्त्री क लखत अहा? मइँ तोहरे घरवा आवा अही, तू मोड़े गोड़वा धोवइ क पानी नाहीं दिहा मुला इ मेरे गोड़वा क अँसुअन स धोइ दिहस अउर फिन आपन बरवा स पोंछेस।
45 तू स्वागत मँ मोका नाहीं चूम्या मुला इ जब तलक मइँ भितरे गवा हउँ, मोरे गोड़वा क लगातार चूमत बाटइ।
46 तू मोरे मूॅड़े प तेल नाहीं मल्या, मुला इ मोरे गोड़वा प इतर छिड़केस।
47 एह बरे मइँ तोहका बतावत हउँ कि ऍकर अगाध पिरेम दर्सित करत ह कि ऍकर पाप छमा कइ दीन्ह ग अहइँ। मुला उ जेका तनिक पापन क छमा मिली, उ थोड़ा पिरेम करत ह।”
48 तब ईसू उ स्त्री स कहेस, “तोहार पाप छमा कइ दीन्ह ग अहइँ।”
49 फिन जउन ओकरे संग जेंवत रहेन, उ सबइ मने मँ सोचइ लागेन, “इ कउन अहइ, जउन पापन क छमा कइ देत ह”
50 तब उ स्त्री स ईसू कहेस, “तोहार बिसवास तोहार रच्छा किहेस ह। सांति स जा।”
Luke 8
1 ऍकरे बाद अइसा भवा कि ईसू परमेस्सर क राज्य क सुसमाचार मनइयन क सुनावत भवा सहर-सहर अउर गाउँ गाउँ घूमइ लाग। ओकर बारहु प्रेरितन भी ओकरे संग होत रहेन।
2 ओकरे संग कछू स्त्रियन भी होत रहीं जेनका उ बेरामी अउर दुस्ट आतिमन स छुटकारा दियावत रहा। एनमाँ मरियम मगदलीनी नाउँ क एक स्त्री रही जेका सात दुस्ट आतिमन स छुटकारा मिला रहा।
3 हेरोदेस क संरकाम अफसर खोजा क पत्नी योअन्ना भी एनहीं मँ रहिन। साथ ही सूसन्नाह अउर ढेर क स्त्रियन भी रहिन। इ स्त्रियन आपन जतन स ईसू अउर ओकरे प्रेरितन क सेवा क संरजाम करत रहिन।
4 जब सहर-सहर स आइके मनइयन क बड़ी भीड़ ऍकट्ठा होत रही, तउ उ ओनसे एक दिस्टान्त कथा कहेस,
5 “एक किसान आपन बिआ बोवइ निकरा। जब उ बिआ बोएस कछू बिआ राह क किनारे जाइके गिरेन अउर गोड़े तरे रौंद गएन। अउर चिड़ियाँ ओनका चुग लिहेन।
6 कछू बिआ पथरही धरती प गिरेन, उ सबइ जब उगेन तउ ओद न होइ स मुरझाइ गएन।
7 कछू बिआ कँटेहरी झाड़िन मँ गिरेन। काँटन क बाढ़इ क संग संग उ भी बाढ़ेन अउर कँटवन ओनका दबोच लिहन।
8 अउर कछू बिआ धरती प गिरेन। उ उगेन अउर उ सबइ सउ गुना फसल दिहेन।”इ बातन क बतावत भवा उ पुकारिके कहेस, “जेकरे लगे कान अहइँ, उ सबइ सुनि लेइँ।”
9 ओकर चेलन ओसे पूछेन, “इ दिस्टान्त कथा क अरथ का अहइ?”
10 तउ उ बताएस, “परमेस्सर क राज्य क भेद जानइ क सुविधा तोहका दीन्ह गइ अहइ मुला दूसर क इ भेज दिस्टान्त कथा स दीन्ह ग अहइँ जेहसे:‘उ पचे देखत भी न देख पावइँ अउर सुनते हुए भी न समुझ पावइँ।’ यसायाह 6:9
11 “इ दिस्टान्त कथा क अरथ इ अहइ: बिआ परमेस्सर क उपदेस अहइ।
12 उ बिआ जउन राह क किनारे गिरा रहेन, उ मनइयन उपदेस जउन अब उपदेस सुनत हीं, सइतान आवत ह अउर उपदेस क ओनके मने स निकार लइ जात ह जेहसे उ सबइ पतिआय न पावइँ अउर ओनकइ उद्धार न होइ सकइ।
13 उ बिआ जउन पथरही भुइयाँ प गिरा रहेन ओनकइ अरथ अहइ ओन मनइयन स जउन उपदेस सुनत हीं तउ ओका खुसी स तउ अपनावत हीं। मुला बिआ ओनके भितरे जम नाहीं पावत उ सबइ कछू समइ बरे बिसवास करत हीं मुला परीच्छा क घड़ी मँ डुग जात हीं।
14 अउर जउन बिआ काँटन मँ गिरेन ओकर अरथ अहइ, ओन मनइयन स जउन उपदेस सुनत हीं, मुला जब उ पचे आपन राहे प चलइ लागत हीं। तउ फिकिर, धन दौलत अउर जिन्नगी क भोग बिलास ओका दहबोचि लेत हीं, जेहसे ओन प कबहुँ फसल पाकत नाहीं।
15 अउर बढ़िया भुइयाँ प गिरा भवा बिआ क अरथ अहइ ओन मनइयन स जउन अच्छा अउर सच्चा मन स जब उपदेस क सुनत हीं तउ ओका धारण भी करत हीं। फिन आपन धीरज क संग उ पचे उत्तिम फल देत हीं।
16 “कउनो दीया ढकना स ढाकइ बरे नाही जलावत। या ओका बिछउना तरे नाहीं धरत। मुला उ ओका डीबट प धरत ह काहेकि जउन भीतर आवइँ, रोसनी देखि सकइँ।
17 काहेकि कछू भी अइसा छुपा नाहीं अहइ जउन उजागर न होई अउर कछू भी अइसा छुपा नाहीं बा जउन जाना न जाई अउर परगट न होई।
18 एह बरे धियान स सुना काहेकि जेकरे लगे बा ओका भी दीन्ह जाई अउर जेकरे लगे नाहीं अहइ, ओसे भी ओकरे नगिचे देखात ह, उ भी लइ लीन्ह जाई।”
19 तबहीं ईसू क महतारी अउर ओकर भाइयन ओकरे लगे आएन मुला उ पचे भीड़ क कारण ओकरे नगिचे नाहीं जाइ सकेन।
20 यह बरे ईसू स इ कहा गवा, “तोहार महतारी अउर तोहार भाइयन बाहेर खड़ा अहइँ। उ पचे तोसे भेंटइ चाहत हीं।”
21 मुला ईसू ओनका जवाब दिहस, “मोर महतारी अउर मोर भाइयन तउ इ सबइ अहइँ जउन परमेस्सर क उपदेस सुनत हीं अउर ओह प चलत हीं।”
22 तब्बइ एक दिन अइसा भवा कि उ आपन चेलन क संग एक नाउ प चढ़ा अउर ओनसे “आवा, झिलिया क उ पार चली।” तउ उ पचे पाल खोलि दिहन।
23 उ पचे नाउँ खेवत रहेन, ईसू सोइ गवा। झिलिया प आन्धी अउर तूफान उतर आवा। ओनके नाउ मँ पानी भरइ लाग। उ पचे खतरा मँ रहेन।
24 ऍहसे उ सबइ ओकरे लगे आएन अउर ओका जगाइके कहइ लागेन, “स्वामी! स्वामी! हम बूड़त अही!”फिन उ खड़ा भवा अउर उ आन्धी, अउर लहरन क फटकारेस। उ सबइ थम गइन अउर हुवाँ सान्ति होइ गइ।
25 फिन उ ओनसे पूछेन, “तोहार बिसवास कहाँ गवा?”मुला उ पचे डेरान रहेन अउर अचरज मँ पड़ा रहेन। उ पचे आपुस मँ एक दूसरे स कहेन, “आखिर इ अहइ कउन जउन हवा अउर पानी दुइनउँ क हुकुम देत ह अउर उ सबइ ओका मानत हीं!”
26 फिन उ पचे गिरासेनियन लोगन क पहँटा मँ पहुँचेन जउन गलील झीले क समन्वा रहा।
27 जइसेन ही उ किनारे प उतरा, सहर क एक मनई ओका मिला। ओहमा दुस्ट आतिमन क सवारी रहिन। बहोत दिना स उ न तउ ओढ़ना पहिरत रहा, न ही उ घरे मँ रहत रहा, मुला उ मकबरे मँ रहत रहा।
28 उ जब ईसू क लखेस तउ चिचियात भवा ओकरे समन्वा गिरिके ऊँची अवाज मँ बोला, “हे सर्वोच्च परमेस्सर क पूत ईसू तू मोसे का चाहत ह मइँ बिनती करत हउँ मोका पीरा जिन द्या।”
29 उ उ दुस्ट आतिमा क उ मनई मँ स बाहेर निकरइ क हुकुम दिहेस, काहेकि उ दुस्ट आतिमा उ मनई क बहोत दाई पकड़े रही। अइसेन अवसरन प ओका हथकड़ी बेड़ी स बाँधि के पहरुअन क बीच राखि जात रहा। मुला उ हमेसा जंजीरे क तोरि डावत अउर दुस्ट आतिमा ओका वीरान जगहन मँ भगावत रहत!”
30 तउ ईसू ओसे पूछेस, “तोहार नाउँ का अहइ?”उ कहेस, “सेना।” (काहेकि बहोत स दुस्ट आतिमन ओहमा समाई रहिन।)
31 उ सबइ ईसू स बहस मोबहसा क संग बिनती करत रहेन कि ओनका गहिर गड़हा मँ जाइके हुकुम न देइँ।
32 अब देखा, तबहिं हुआँ पहाड़ी प सुअरन क झुण्ड चरत रहा। दुस्ट आतिमन ओसे बिनती किहेन कि उ ओनका सुअरिअन मँ जाइ देइँ। तउ उ ओनका जाइके हुकुम दिहेस।
33 ऍह प उ सबइ दुस्ट आतिमन उ मनई मँ स बाहेर निकरीं अउर ओन सुअरिअन मँ घुस गइन। अउर सुअरिअन क झुण्ड तरखाले उ ढालू तट स लुढ़कत पुढ़कत अउर दउड़त भवा झीले मँ जाइके गिरि गवा अउर बूड़ गवा।
34 सुअरिअन क झुण्ड क बहोरिया, जउन कछू भवा रहा, ओका निहारिके हुवाँ स परानेन। अउर ऍकर खबर उ पचे सहर अउर दिहात मँ सुनाएन।
35 फिन हुवाँ क मनइयन जउन कछू घटा रहा ओका लखइ बाहेर आएन। उ सबइ ईसू स भेंटेन। अउर उ पचे उ मनई क जेहमाँ स दुस्ट आतिमन निकरी रहिन, ईसू क गोड़वा प बइठा पाएन। उ मनई ओढ़ना पहिरे रहा अउर ओकर दिमाग एकदम सही रहा। ऍहसे उ सबहिं डेराइ गएन।
36 जउन निहारेन, उ पचे बताएन दुस्ट आतिमन क सवारीवाला मनई कइसे नीक भवा।
37 गिरासेन पहँटा के सबहीं वसइया ओसे बिनती किहेन कि उ हुवाँ स चला जाइ काहेकि सबहिं बहोत डेरान रहेन। तउ ईसू नाउ मँ आवा अउर लौटि गवा।
38 मुला जउने मनई स दुस्ट आतिमन निकरी रहिन, उ ईसू स आपन क संग लइ जाइके बिनती करत रहा। ऍह पइ ईसू ओका इ कहत भवा लौटाइ दिहस,
39 “घर जा अउर जउन कछू परमेस्सर तोहरे बरे किहे अहइ ओका बतावा।”तउ उ लौटिके ईसू ओकरे बरे जउन कछू किहस ह, ओका सारे नगर मँ कहत फिरा।
40 अब लखा जब ईसू लौटा तउ मनइयन क भीड़ ओकर अगवानी किहेस, काहेकि उ सबइ ओका जोहत रहेन।
41 तबहीं याईर नाउँ क एक मनई हुवाँ आइ। उ हुवाँ क आराधनालय क मुखिया रहा। उ ईसू क गोड़वा मँ गिरि गवा अउर ओसे आपन घरे जाइके बिनती करइ लाग।
42 काहेकि ओकर बारह बरिस क एक इकलौती बिटिया रही, उ मरइ क रही।तउ ईसू जब जात रहा तउ भीड़ ओका कुचरि देत रही।
43 हुवाँ एक स्त्री रही जेकर बारह बरिस स खून बहत रहा। जउन कछू ओकरे लगे रहा, उ बैद्य (डाक्टर) पर खरिच कइ दिहस, मुला उ कउनो स नीक नाहीं होइ पाइ।
44 उ ओकरे पाछे आइ अउर ओकरे चोंगा क मोहरी छुएस अउर तुरंतहि ओकर लहू बहब रुकि गवा।
45 तब ईसू पूछेस, “उ कउन अहइ जउन मोका छुएस ह”जब सबहिं मुकरइ लागेन कि उ पचे ईसू क नाहीं छुएन तउ पतरस कहेस, “स्वामी तोहका भिड़िया घेरे अहइ अउर तोहका दबावति अहइ।”
46 मुला ईसू कहेस, “कउनो मोका छुएस ह काहेकि मोका लागत अहइ कि मोसे सक्ती निकरी गइ होइ।”
47 जब उ स्त्री देखेस कि मइँ छुप नाहीं सकित तउ उ काँपत काँपत आइ अउर ईसू क समन्वा गिरि गइ। हुवाँ सबहीं मनइयन क समन्वा उ बताएस कि मइँ तोहका कउने कारण स छुए हउँ अउर कइसे फउरन नीक होइ गइ।
48 ऍह प ईसू ओसे कहेस, “बिटिया तोहरे पतियाये स तोहार उद्धार भवा ह। चइन स जा।”
49 उ अबहीं बोलत रहा कि आराधनालय क मुखिया क घरे स कउनो आवा अउर बोला, “तोहार बिटिया मरि गइ अहइ। तउ गुरु क अब अउर कस्ट जिन द्या।”
50 ईसू इ सुनि लिहस। तउ उ ओसे बोला, “डेराअ जिन! बिसवास राखा। उ बचि जाई।”
51 जब ईसू उ घरे मँ आवा उ आपन संगे पतरस, यूहन्ना, याकूब अउर बिटिया क महतारी बाप क तजिके कउनो अउर क आपन संग भितरे नाहीं लइ गवा।
52 सबहीं मनइयन उ लरकी बरे रोवत रहेन अउर बिलाप करत रहेन। ईसू कहेस, “रोउब बंद कइ द्या। इ मरी नाहीं बा, मुला सोवति अहइ।”
53 ऍह पइ मनइयन ओकर हँसी उड़ाएन। काहेकि उ जानत रहेन कि लरकी मरि चुकी बा।
54 मुला ईसू ओकर हथवा पकड़ेस अउर चिल्लाइके कहेस, “बच्ची, खड़ी होइ जा!”
55 ओकर आतिमा लौटि आइ, अउर उ फउरन उठि गइ। ईसू हुकुम दिहेस, “ऍका कछू खइया क दीन्ह जाइ।”
56 ऍह पइ लरकी क महतारी बाप क बहोत अचरज भवा मुला ईसू ओनका हुकुम दिहेस कि जउन भवा अहइ, ओका उ पचे कउनो क न बतावइँ।
Luke 9
1 फिन ईसू बारहु प्रेरितन क एक साथे बोलॉएस। अउर ओनका दुस्ट आतिमन स छुटकारा दियावइ क सामर्थ अउर हक दिहेस। उ ओनका बेरामी दूर करइके सामर्थ दिहेस।
2 फिन उ ओनका परमेस्सर क राज्य क सुसमाचार का घोसना किहेस अउर बेरमियन क नीक करइ बाहेर पठएस।
3 उ ओनसे कहेस, “आपन जात्रा बरे कछू संग न लेइँ, न लाठी, न झोरा, न रोटी, चाँदी अउर न कउनो अउर ओढ़ना।
4 तू जउन कउनो घरे क भितरे जा, हुवँइ ठहरा। अउर जब तलक बिदा न ह्वा, हुवइँ ठहरा रहा।
5 अउर जहाँ कहूँ मनई तोहार अगवानी न करइँ तउ जब तू उ सहर क तजि द्या अउर ओनके खिलाफ सनद क रूप मँ गोड़वा क धूरि झाड़ि द्या।”
6 तउ हुवाँ स चलिके उ सबइ हर कतहूँ सुसमाचार क उपदेस देतेन अउर मनइयन क चंगा करत सबहीं गाउँन स फिरत भए जात्रा करइ लागेन।
7 अब जबहिं एक चउथाई देस क राजा हेरोदेस जउन कछू भवा रहा, ओकरे बारे मँ सुनेस तउ उ भरम मँ पड़ि गवा काहेकि कछू मनइयन इ कहत रहेन, “यूहन्ना क मरे हुअन मँ स जिआइ दीन्ह ग अहइ।”
8 दूसर कहत रहेन, “एलिय्याह परगट भवा अहा।” कछू अउर कहत रहेन, “पुरान जुग क कउनो नबी जी उठा बा।”
9 मुला हेरोदेस कहेस, “मइँ तउ यूहन्ना क गटइ कटवाइ दिहे रहेउँ। फिन इ अहइ कउन जेकरे बारे मँ मइ अइसी बात सुनत रहत हउँ? तउ हेरोदेस ओका देखइ क जतन करइ लाग।
10 फिन जब प्रेरितन लौटिके आएन तउ उ पचे जउन कछू किहे रहेन, सब ईसू क बताएन। तउ उ ओनका हुवाँ स आपन संग लइके चुप्पे बैतसैदा नाउँ क सहर चला गवा।
11 मुला भीड़ क पता लग गवा तउ उ भी ओनके पाछे होइ गइ। ईसू ओनकइ सुआगत किहेस अउ परमेस्सर क राज्य क बारे मँ ओनका बताएस। अउर जेनका दवाई क जरूरत रही ओनका नीक किहेस।
12 जब दिन ओनवइ लाग तउ उ पचे बारहु ओकरे लगे आएन अउर बोलेन, “भीड़ क बिदाई दइ द्या जइसे उ सबइ नगिचे क गाउँन अउर खेतन मँ जाइके ठहरइ क ठिकाना अउर खइया क पाइ सकइँ काहेकि हम हिआँ बहोत दूर सुनसान जगह मँ अही।”
13 मुला उ ओनसे कहेस, “तू ही ऍनका खइया क द्या।”उ पचे बोलेन, “हमरे लगे बस पाँच रोटी अउर दुइ मछरी क छोड़िके अउर कछू भी नाहीं अहइ। या तू इ तउ नाहीं चाहत अहा कि हम पचे जाई अउर इ सबन बरे खइया के मोल क लइ आई।”
14 (हुवाँ करीब पाँच हजार पुरुसन रहेन।)मुला ईसू आपन चेलन स कहेस, “ओनका पचास पचास क दल मँ बइठाइ द्या।”
15 तउ उ पचे वइसा ही किहेन अउर हर कउनो क बइठाइ दिहन।
16 फिन ईसू पाँच रोटी अउर दुइ मछरी क लइके सरगे कइँती लखत भवा ओनके बरे धन्यबाद दिहेस अउर फिन ओनके टुकड़न मँ तोरत भवा ओनका आपन चेलन क दिहस कि उ पचे मनइयन क परोस देइँ।
17 मनइयन खुब जिअरा भरिके खाएन अउर बचा भवा टुकड़न स ओकर चेलन बारह झउआ भरेन।
18 इ भवा कि ईसू जब अकेल्ॅले मँ पराथना करत रहा तउ ओकर चेलन भी ओकरे संग रहेन। तउ ईसू ओनसे पूछेस, “मनइयन का कहत हीं कि मइँ कउन हउँ?”
19 उ पचे जवाब दिहन, “बपतिस्मा देवइया यूहन्ना कछू कहत हीं एलिय्याह मुला कछू दूसर कहत हीं पुरान जुग क कउनो नबी उठि खड़ा भवा बा।”
20 ईसू ओनसे कहेस, “अउर तू का कहत ह कि मइँ कउन हउँ?” पतरस जवाब दिहस, “परमेस्सर क मसीह।”
21 मुला इ बारे मँ कउनो क भी न बतावइ क चिताउनी देत भवा ईसू ओनसे कहेस,
22 “इ तइ अहइ कि मनई क पूत ढेरि क कस्ट उठाई अउर उ बुजुर्ग यहूदी नेतन, मुख्ययाजकन अउर धरम सास्तिरियन क मना कइ दिहे स मारि डावा जाई फिन तिसरे दिन जी जाई।”
23 फिन उ ओन सबन स कहेस, “जदि कउनो मोरे साथ चलत चाहत ह तउ ओका खुद आपन क नकारइ क होई। अउर हर दिन ओका आपन क्रूस (यातना) उठावइ क होई। अउर मोर अनुसरन करइ क होइ।
24 काहेकि जउन कउनो आपन जिन्नगी बचाउब चाहत ह, उ ओका खोइ बइठी मुला जउन कउनो मोरे बरे आपन जिन्नगी क तजि देइ, उहइ ओका बचाई।
25 काहेकि ऍहम कउनो मनई का का लाभ अहइ कि उ समूचे संसार क लइ लेइ मुला खुद आपन क नास कइ देइ या खोइ देइ।
26 जउन कउनो भी मोरे या मोरे सब्दन बरे लजात ह, ओकरे बरे मनई क पूत भी जब आपन महिमा मँ, आपन परमपिता अउर पवित्तर सरगदूतन क महिमा मँ परगट होई तउ ओकरे बरे लजाइ जाई।
27 मुला मइँ तोसे सच कहत हउँ, हिआँ कछू खड़ा अहइँ, जउन जब तलक मउत क सेवाद नाहीं लेइहीं, जब ताई परमेस्सर क राज्य क ना लखि लेइँ।”
28 इ सब्दन के कहइ क लगभग आठ दिना बाद उ पतरस, यूहन्ना अउर याकूब क संग लइके पराथना बरे पहाड़े प गवा।
29 फिन अइसा भवा कि पराथना करत भए ओकरे मुँहना क रूप तनिक अलग होइ गवा अउर ओकर ओढ़ना चमचमात सफेद होइ गएन।
30 हुबँई ओसे बतियात दुइ मनई परगट भएन। उ सबइ मूसा अउर एलिय्याह रहेन।
31 जउन आपन महिमा क संग परगट भ रहेन अउर ईसू क मउत क बारे मँ बात करत रहेन जेका ओका यरूसलेम मँ पूरा करइ क रहा।
32 मुला पतरस अउर जउन ओनके संग रहेन ओनका नींद आइ गइ। तउ जब उ पचे जागेन उ पचे ईसू क महिमा क लखेन अउर उ सबइ उ दुइ मनइयन क लखेन जउन ओकरे संग खड़ा रहेन।
33 अउर फिन भवा अइसा कि जइसे ही उ पचे ईसू स बिदाई लेत रहेन, पतरस ईसू स कहेस, “स्वामी अच्छा बा कि हम हिआँ अही, हमका तीन माँड़ब बनवइ क अहइँ एक तोहरे बरे, एक मूसा बरे अउर एक एलिय्याह बरे।” (उ नाहीं जानत रहा, उ का कहत अहइ।)
34 उ इ कहत रहा कि एक बादर उमड़ा अउर उ ओनका आपन छाया मँ घेरि लिहस। जइसे ही ओन प बादर छावा, उ पचइ घबराइ गएन।
35 तबहीं बदरे स अकासबाणी भइ, “इ मोर पूत अहइ, ऍका मइँ चुन्यों ह, एकर सुना।”
36 जब अकासबाणी होइ गइ तउ उ पचे उहाँ ईसू क अकेल्लन पाएन। उ पचे ऍकरे बारे मँ चुप रहेन। उ सबइ जउन कछू लखेन, ओकरे बारे मँ उ समइ कउनो स कछू नाहीं कहेन।
37 अगवा दिन अइसा भवा कि जब उ पचे पहाड़ी स तरखाले उतरेन तउ ओनका एक बड़ी भीड़ मिलि गइ।
38 तबहीं भीड़ मँ स एक मनई चिचियान, “गुरु, मइँ पराथना करत हउँ कि मोरे बेटवा प दया दृस्टि करा। उ मोरे इकलौती संतान अहइ।
39 एकदम्मई एक दुस्ट आतिमा ओका जकरि लेत ह अउर चिचिआत ह। ओका दुस्ट आतिमा अइसे अइँठत ह कि ओकरे मुँहे स झाग निकरइ लागत ह। उ ओका बराबर सतावत रहत ह अउर कउनो तरह नाहीं छोड़त।
40 मइँ तोहरे चेलन स पराथना किहा ह कि ओका बाहेर खदेर देइँ मुला उ पचे अइसा नाहीं कइ सकेन।”
41 तब ईसू जवाब दिहेस, “अरे अबिसवासियो अउर भटक गवा मनइयो, मइँ अउर केतना दिन तोहरे संग रहब अउर कब ताईं तोहार सहत रहब?” आपन बेटवा क हिआँ लिआवा।”
42 अबहीं उ लरिका अउतइ रहा कि दुस्ट आतिमा ओका पटकनी दिहस अउर अइँठेसि। मुला ईसू दुस्ट आतिमा क फटकारेस अउर लरिका क रोग स जरटूट कइके बाप क सौंपि दिहस।
43 उ सबइ परमेस्सर क इ बड़कई स अचरजे मँ पड़ि गएन।ईसू जउन कछू करत रहा ओखा लखिके मनइयन जब अचरज करत रहेन तबहीं ईसू आपन चेलन स कहेस,
44 “अब मइँ जउन तोहसे कहत हउँ, ओन बातन प धियान द्या। मनई क पूत मनइयन क हाथे स धरावइ जाइवाला अहइ।”
45 मुला उ पचे इ बात क नाहीं समुझ सकेन। इ ओनसे छुपी रही। तउ उ सबइ ओका पहिचान नाहीं पाएन। अउर उ पचे उ बात क बारे मँ ओसे पूछइ स ससान रहेन।
46 एक दाईं ईसू क चेलन क बीच इ बाते प झगड़ा भवा कि ओनमाँ स सब स बड़कबा कउन बाटइ?
47 ईसू जानि गवा कि ओनके मने मँ का बिचार अहइँ। तउ उ गदेला क लिहस अउर ओका अपने लगे ठाड़ कइके
48 ओनसे बोला, “जउन कउनो इ गदेला क मोरे नाउँ मँ ग्रहण करत ह, उ माना मोर ग्रहण करत बाटइ। अउर जउन कउनो मोर ग्रहण करत ह, उ ओकर (परमेस्सर) ही ग्रहण करत बाटइ जउन मोका पठएस ह। यह बरे जउन तू सबन मँ सब स नान्ह बाटइ, उहइ सबइ त बड़कवा अहइ।”
49 यूहन्ना आपन प्रतिक्रिया परगट करत भवा कहेस, “स्वामी, हम पचे तोहरे नाउँ प एक ठु मनई क दुस्ट आतिमन क निकारत लखा ह। हम सबइ ओखा रोकइ थामइ क जतन कीन्ह ह काहेकि उ हम पचन मँ स कउनो नाहीं अहइ, जउन तोहरे पाछे पाछे चलत हीं।”
50 ऍह पइ ईसू यूहन्ना स कहेस, “ओका जिन रोका काहेकि जउन तोहरे बिरुद्ध मँ नाहीं अहइ, उ तोहरे पच्छ मँ ही बाटइ।”
51 अब अइसा भवा कि जब ओका ऊपर सरगे मँ लइ जाइके समइ आइ तउ उ यरूसलेम जाइके मन पक्का कइके चला गवा।
52 उ आपन दूतन क पहिले ही पठइ दिहस। उ पचे चलेन अउर ओकरे बरे तइयारी करइ क सामरी लोगन क गाउँ मँ पहुँचेन।
53 मुला सामरी मनइयन हुवाँ ओकर सुआगत मान नाहीं किहेन काहेकि उ यरूसलेम जात रहा।
54 जब ओकर चेलन याकूब अउर यूहन्ना इ देखेन तउ उ पचे बोलेन, “पर्भू का तू चाहत ह कि हम हुकुम देई कि अकासे स आगी बरिसइ अउर ओनका भसम कइ देइ?”
55 ऍह प उ ओनकी कइँती मुड़ा अउर ओनका डाटेस फटकारेस।
56 फिन उ सबइ दूसर गाउँ चला गएन।
57 जब उ सबइ सड़क पइ जात रहेन कउनो ओसे कहेस, “तू कतहूँ भी जा मइँ तोहरे पाछे चलब।”
58 ईसू ओसे कहेस, “लोखरिन क लगे बिल होत ही अउर अकासे क चिरइयन क घोंसला होत हीं मुला मनई क पूत क मूँड़ धरइ क कउनो ठउर नाहीं।”
59 उ दूसर स कहेस, “मोरे पाछे होइ जा।”मुला उ मनई बोला, “पर्भू पहिले मोका जाइ द्या काहेकि मइँ आपन बाप क दफनियाइ आवउँ।”
60 तब ईसू ओसे कहेस, “मरे भवा लोगन क आपन मुर्दा गाड़इ द्या, तू जा अउर परमेस्सर क राज्य क ऍलान करा।”
61 फिन कउनो अउर भी कहेस, “हे पर्भू, मइँ तोहरे पाछे चलब मुला पहिले मोका आपन घरे क मनइयन स बिदाइ कइ देइ द्या।”
62 ऍह प ईसू ओसे कहेस, “अइसा कउनो भी जउन हरे प हाथ धरे क बाद पाछे देखत ह, परमेस्सर क राज्य क जोग्ग नाहीं।”
Luke 10
1 इ सबइ घटि जाइके पाछे पर्भू बहत्तरअउर मनइयन क तैनात किहस अउर फिन जउन जउन सहरन अउर ठिकानन प ओका खुद जाइके रहा, दुइ दुइ कइके उ ओनका उ आपन स अगवा पठएस।
2 उ ओनसे बोला, “फसल खूब जिआदा बा, मुला काम क करइया मजूर कम अहइँ। एह बरे फसल क पर्भू स बिनती करा कि उ आपन फसल मँ मजूर पठवइ।
3 जा अउर सुमिरत रहा, मइँ तोहका बिगवन क बीच भेड़ क मेमनन क नाईं पठवत अहउँ।
4 कउनो बटुआ आपन संग जिन ल्या, न थैला अउर न ही पनही। राहे मँ कउनो स पैलगी तलक जिन करा।
5 जउनो घरवा मँ जा, सब ते पहिले कहा, ‘इ घरवा क सान्ति मिलइ।’
6 जदि हुवाँ कउनो सान्ति क मनई होई तउ तोहार सान्ति ओका मिली। मुला जदि उ मनई सान्ति क न होई तउ तोहार सान्ति लौटि आई।
7 जउन कछू उ पचे तोहका देइँ। ओका खात पिअत उहइ घरवा मँ ठहरा। काहेकि मजूरी प मजूर क हक अहइ। घर घर जिन फिरा।
8 अउर जब कबहूँ तू कउनो सहर मँ जा अउर उ सहर क मनई तोहार सुआगत करइँ तउ जउन कछू तोहका परसई, बस उहइ खा।
9 उ सहर क बेरमियन क बीमार स जरटुट करा अउर ओनसे कहा, “परमेस्सर क राज्य तोहरे नगिचे आइ पहुँचा बा!’
10 अउर जब कबहूँ तू कउनो अइसे सहर मँ जा जहाँ क मनई तोहार मानसम्मान न करइँ, तउ हुवाँ क गलियन मँ जाइके कहा,
11 ‘इ सहर क उ धूरि तलक जउन हमरे गोड़े मँ चिपकी रही, हम तोहरे खिलाफ हिआँ झार देत अही। फिन भी इ धियान रहइ कि परमेस्सर क राज्य नगिचे आइ गवा बा।’
12 मइँ तोहसे कहत हउँ कि उ दिन उ सहर क लोगन स सदोम क लोगन क दसा कहूँ नीक होइ।
13 “अरे खुराजीन, अरे बैतसैदा, तोहका धिक्कार अहइ काहेकि जउन अद्भुत कारजन तोहमाँ कीन्ह गएन, जदि ओनका सूर अउर सैदा मँ कीन्ह जात तउ न जानी कबहूँ उ टाट क कपरा पहिरि के राखि प बइठिके मनफिराव कइ लेतेन।
14 कछू भी होइ निआव क दिन सूर अउर सैदा क हालत तोहसे कहूँ नीक होई।
15 अरे कफरनहूम का तू सर्ग क ऊँचाई क तरह ऊँचा उठब्या? तू तउ तरखाले नरक मँ जाब्या।
16 “चेलो! जउन कउनो तोहका सुनत ह, मोका सुनत ह, अउर जउन कउनो तोहका दुरियावत ह, उ मोका दुरियावत ह जउन मोका पठएस ह। अउर जउन मोका नकारत ह उ उसे नकारत ह जउन मोका पठएस ह।”
17 फिन उ सबइ बहत्तर आनन्दित होइके वापस लउटेन अउर बोलेन, “हे पर्भू, दुस्ट आतिमन तलक तोहरे नाउँ मँ हमार हुकुम मानत हीं!”
18 ऍह पइ ईसू ओनसे कहेस, “मइँ सइतान क अकास स बिजरी क नाईं गिरत लखेउँ ह।
19 सुना, कीरा अउर बीछी क गोड़े तरे रौंदब अउर सइतान क समूची सक्ती प हावी होइ क सामर्थ मइँ तोहका दिहे अही। तोहका कउनो नसकान नाहीं पहुँचाइ पाई।
20 मुला इ बात प खुस जिन ह्वा कि आतिमन तोहरे बसे मँ अहइँ बल्कि एह पइ खुस होइ जा कि तोहार नाउँ सरगे मँ लिखा बाटइ।”
21 उहइ छिन उ पवित्तर आतिमा मँ रहिके आनंद मँ रहा अउर बोला, “हे परमपिता हे सरग अउर धरती क पर्भू! मइँ तोहार स्तुति करत हउँ कि तू इ बातन क चतुर अउर बुद्धिमान मनइयन स छुपाइ के राखत भवा भी गदेलन बरे ओनका परगट कइ दिहा ह। हे परमपिता! सचमुच ही तू अइसा ही करब चाहत रह्या।
22 “मोका मोरे परमपिता क जरिये सब कछू दीन्ह ग अहइ अउर परमपिता क अलावा कउनो नाहीं जानत कि पूत कउन अहइ अउर पूत क अलावा कउनो नाहीं जानत कि परमपिता कउन अहइ या ओकरे अलावा जेका पूत ऍका परगट करइ चाहत ह।”
23 फिन चेलन कइँती मुड़िके ईसू चुप्पे स कहेस, “धन्य अहइँ उ आँखिन जउन तू देखत अहा, ओका देखत हीं।
24 काहेकि मइँ तोहका बतावत हउँ कि उन बातन क बहोत स नबी अउर राजा देखइ चाहत रहिन, जेनका तू देखत रह्या, मुला देखि नाहीं सक्या। जउन बातन क तू सुनत रहत ह, उ सबइ ओनका सुनइ चाहत रहेन, मुला उ पचे सुन नाहीं पाएन।”
25 तब एक धरम सास्तरी खड़ा भवा अउर ईसू क परीच्छा लेइ बरे ओसे पूछेस, “गुरु, अनन्त जीवन पावइ बरे मइँ का करउँ?”
26 ऍह पइ ईसू ओनसे कहेस, “व्यवस्था मँ का लिखा बाटइ? तू हुवाँ का पढ़त ह”
27 धरम सास्तरी उत्तर दिहस, “तू आपन समूचा मन, सारी आतिमा, सारी सक्ती अउर सारी बुद्धि क संग आपन पर्भू स पिरेम करा।अउर ‘आपन पड़ोसी स भी वइसे ही पिआर करा, जइसे तू आपन खुद स करत ह।”‘
28 तब ईसू ओसे कहेस, “तू ठीक जवाब दिहा ह। तउ तू अइसा ही करा अउर ऍहसे तू जीवित रहब्या।”
29 मुला उ आपन ताई निआव स जुरा भवा ठहरावइ क इच्छा करत भवा ईसू स कहेस, “अउर मोर परोसी कउन अहइ?”
30 ईसू जवाबे मँ कहेस, “देखा, एक मनई यरूसलेम स यरीहो जात रहा कि उ डाकुअन स घिरि गवा। उ पचे सब कछू मुच्छ कइ ओका नंगा कइ दिहन अउर मार पीटिके ओका अधमरा छोड़ि के उ पचे चल दिहन।
31 अब संजोग स उहइ रस्ता स एक यहूदी याजक जात रहा। जब उ एका निहारेस तउ दूसर कइँती चला गवा।
32 उहइ रस्ता स गुजरत भवा, एक लेवीभी हुवाँ आवा। उ ओका देखेस अउर उ भी दूसरी कइँती चला गवा।
33 मुला एक सामरी भी जात भवा हुवँई आइ गवा जहाँ उ ओलार दीन्ह ग रहा। उ जब उ मनई क देखेस तउ ओकरे बरे ओकरे मन मँ करुना आइ।
34 तउ उ ओकरे नगिचे आवा ओकरे घाउन प तेल अउर दाखरस डाइके पट्टी बाँधेस। फिन उ ओका आपन पसु प लदिके एक ठु सराय मँ लइ गवा अउर ओका देखइ भालइ लाग।
35 दूसरे दिन उ दुइ दीनार निकारेस अउर ओनका भटियारा क देत भवा कहेस, ‘ऍकर धियान रख्या अउर ऍसे जिआदा जउन कछू खरच होइ, जब मइँ लौटिहउँ, तोहका चुकाइ देबूँ।’
36 “बतावा तोहरे बिचार स डाकुअन क बीच घिरे भए मनई क पड़ोसी इ तीनउँ मँ स कउन भवा?”
37 धरम सास्तरी कहेस, “उहइ जउन ओहॅ प दाया किहेस।”ऍह पइ ईसू ओनसे कहेस, “जा अउर वइसा ही करा जइसा उ किहेस ह।”मरियम अउर मार्था
38 जब ईसू अउर ओकर चेलन आपन राहे प जात रहेन तउ ईसू एक गाउँ मँ पहुँचा। एक स्त्री, जेकर नाउँ मार्था रहा, दिल खोलिके ईसू क अगवानी अउर सम्मान किहेस।
39 मार्था क बहिन मरियम नाउँ क रही जउन ईसू क गोड़वा मँ बैठि गई अउर जउन कछू उ कहत रहा, ओका सुनत रही।
40 ओहॅर तरह तरह क तइयारी मँ लाग मार्था बियाकुल होइके आइ अउर बोली, “पर्भू, का तोहका चिंता नाहीं कि मोर बहिन सारा काम बस मोहे प डाइ दिहे अहइ? एह बरे ओसे मोर मदद करइ क कहा?”
41 पर्भू ओका जवाब दिहेस, “मार्था अरी मार्था! तू बहोत स बातन क बरे चिंता मँ बूड़ी अउर बियाकुल रहत ह।
42 मुला बस एक ही बात जरूरी अहइ। मरियम आपन बरे उहइ उत्तिम हींसा क चुने बाटइ, तउ उ ओसे छीना नाहीं जाई।”
Luke 11
1 अब अइसा भवा कि ईसू कहूँ पराथना करत रहा। जब उ पराथना खतम कइ चुका तउ ओकर एक चेला ओसे कहेस, “पर्भू हमका सिखावा कि हम पराथना कइसे करी। जइसा कि यूहन्ना आपन चेलन क सिखाए रहा।”
2 ऍह पइ उ ओसे कहेस, “तू पराथना करा, तउ कहा: ‘परमपता, तोहार नाउँ पवित्तर होइ, आवइ तोहार राज्य
3 हर दिन क बरे जरूरी रोटी हमका द्या:
4 हमार अपराध छमा करा, काहेकि हमहूँ छमा कीन्ह ह आपन अपराधी क, कठिन परीच्छा मँ हमें जिन डावा।”‘
5 फिन ईसू कहेस, “मान ल्या तोहमाँ स कउनो क एक मीत अहइ तउ तू आधीरात ओकरे लगे आइके कहत ह, ‘मीत, मोका तीन रोटी द्या। काहेकि एक मीत अबहिं अबहिं जात्रा प मोरे लगे आवा ह अउर मोरे लगे ओकरे समन्वा परसइ क कछू भी नाहीं बा।’
6
7 अउर मान ल्या उ मनई भितरे स जवाब दिहस, ‘मोका तंग जिन करा, दुआर बंद होइ चुका अहइ बिछउना प मोरे साथ गदेलन अहइँ, एह बरे तोहका कछू देइ मँ खड़ा नाहीं होइ सकित।’
8 मइँ तोहका बतावत हउँ उ अगर न उठी अउर तोहका कछू न देई, मुला फिन भी काहेकि उ तोहार मीत बा, तउ तोहरे लगातार बे सरमाये क माँगत रहइ स उ खड़ा होई अउर तोहार जरूरत भर तोहका देई।
9 अउर एह बरे मइँ तोहसे कहत हउँ माँगा, तोहका दीन्ह जाई ढूँढ़ा तू पउब्या खटखटावा, तोहरे बरे दुआर खोलि दीन्ह जाई।
10 काहके हर कउनो जउन माँगत ह, पावत ह। जउन ढूँढ़त ह, ओका मिलत ह। अउर जउन खटखटावत ह, ओकरे खातिर दुआर खोलि दीन्ह जात ह।
11 तोहरे मँ अइसा बाप कउन होई जउन जदि ओकर बेटवा मछरी माँगइ, तउ मछरी क जगह प ओका कीरा थमाइ दीन्ह जाइ।
12 अउर जदि उ अण्डा माँगइ तउ ओका बीछी दइ देइ।
13 तउ बुरा होत भवा जब तू जानत ह कि आपन गदेलन क उत्तिम भेंट कइसे दीन्ह जात हीं, तउ स्वर्गीय पिता जउन ओसे माँगत हीं, ओनका पवित्तर आतिमा केतना ढेरि क देई।”
14 फिन ईसू जब एक गूँगा बनइ डावइवाली दुस्ट आतिमा क निकारत रहा तउ अइसा भवा कि जइसा ही दुस्ट आतिमा बाहेर निकरी, तउ उ गूँगा बोलइ लाग। भीड़ क मनई ऍसे बहोतइ अचरजे मँ पड़ि गएन।
15 मुला ओहमाँ स कछू कहेन, “इ सइतान क सासक बाल्ज़ाबुल क मदद स दुस्ट आतिमन क खदेरत ह।”
16 मुला अउर मनइयन ओका परखइ बरे कउनो सरग क चीन्ह क माँग किहेन।
17 लेकिन ईसू जानत रहा कि ओनके मनवा मँ का बाटइ? उ ओनसे कहेस, “उ राज्य जेहमाँ आपन भीतर ही फूट परि जाइ, ओकर नास होइ जात ह अउर अइसे ही कउनो घरे क फूट परे प नास होइ जात ह।
18 जदि सइतान आपन खिलाफ होइ जाइ तउ ओकर राज्य कइसे टिक सकित ह इ मइँ तोहसे यह बरे पूछत हउँ काहेकि तू कहत ह कि मइँ बाल्ज़ाबुल क मदद स दुस्ट आतिमन क निकारत हउँ।
19 मुला जदि मइँ बाल्ज़ाबुल क मदद स दुस्ट आतिमन क निकारत हउँ तउ तोहार मनवइयन ओनका केकरी मदद स निकारत ही? तउ तोहार आपन मनई ही तोहका गलत बतइहीं
20 मुला जदि मइँ परमेस्सर क सक्ती स बुरी आतिमा को निकारत हउँ तउ इ साफ बा कि परमेस्सर क राज्य तू ताई आइ गवा अहइ।
21 “जब एक सक्तीसाली मनई पूरी तरह हथियार टेइके आपन घरे क रच्छा करत ह तउ ओकरे धन दौलत क रच्छा होत ह।
22 मुला जब कबहूँ कउनो ओसे जिआदा बरिआर ओह प हमला कइके ओका हराइ देत ह तउ उ ओकरे सबहीं हथियारन क, जउने प ओका भरोसा रहा, ओसे छीन लेत ह अउर लूट क माल क उ पचे अपने दोस्तन मँ बाट लेत हीं।
23 “जउन मोर संग नाहीं अहइँ, मोर खिलाफत मँ बाटेन। उ जउन मोरे संग बटोरत नाहीं अहइ, छितरइहीं।
24 “जब कउनो दुस्ट आतिमा कउनो मनई स बाहेर निकरत ह तउ अराम क ढूँढ़त सूखे ठउरन मँ स होत जात ह अउर जब ओका अराम नाहीं मिलत तउ उ कहत ह, ‘मइँ आपन उहइ जगह लौटब जहाँ स गइ हउँ।’
25 अउर वापस जाइके उ ओका साफ सूथर अउर तरकीबे मँ बसी पावत ह।
26 फिन उ जाइके आपन स भी जिआदा दुस्ट दूसर सात जिआदा दुस्ट आतिमन क हुवाँ लइ आवत ह। फिन उ सबइ ओहमाँ जाइके रहइ लागत हीं। इ तरह उ मनई क पाछे क दसा पहिले स जिआदा खराब होइ जात ह।”
27 फिन अइसा भवा कि जइसे ही ईसू इ बातन कहेस, भिरिया मँ स एक स्त्री उठी चिल्लाइके बोली, “उ गरभ धन्य अहइ, जउन तोहका धारण किहेस ह। अउर उ चूची धन्य अहइ, जेका तू चुस्या ह।”
28 ऍह प उ कहेस, “धन्य तउ मुला उ पचे बाटेन जउन परमेस्सर क बचन सुनत हीं अउन ओह प चलत हीं!”
29 जइसे जइसे भिरिया बढ़त रही, उ कहइ लाग, “इ एक दुस्ट पीढ़ी अहइ। इ कउनो अद्भुत चीन्हा लखइ चाहत ह। मुला ऍका योना क चीन्ह क अलावा अउर कउनो चीन्हा नाहीं दीन्ह जाइ।
30 काहेकि जइसे निनवे क मनइयन बरे योना चीन्हा बन गवा, वइसे ही इ पीढ़ी बरे मनई क पूत भी चीन्हा बनी।
31 दक्खिन क रानीनिआव क दिन परगट होइके इ पीढ़ी क मनइयन क दोखी ठहराई, काहेकि उ धरती दूसर कोने स सुलैमान क गियान सुनइ बरे आइ अउर अब लखा हिआँ तउ कउनो सुलैमान स भी बड़कवा अहइ।
32 नीनावे क मनइयन निआव क दिना इ पीढ़ी क मनइयन क खिलाफ खड़ा होइके ओन पइ दोख लगइहीं काहेकि उ पचे योना क उपदेस क सुनिके मनफिराव करि लिहन ह। अउर देखा अब तउ योना स भी महान कउनो हिआँ नाहीं बा!
33 “दिया बारिके कउनो भी ओका कउनो छुपा ठउर या कउनो भाँड़ी क भीतर नाहीं राखत, मुला ओका डीबट प धरत ह जेहसे जउन भितरे आवइँ, ज्योति लखि सकइँ।
34 तोहरे देह क दिया तोहार आँखिन अहइँ, तउ जदि आँखी नीक अहइँ तउ समूची देह ज्योति स भरि गइ बाटइ मुला, जदि इ सबइ खराब अहइँ तउ तोहार देह अँधियार होइ जात ह।
35 तउ धियान राखा! कि तोहरे भीतर ज्योति अहइ, अँधियारा नाहीं।
36 एह बरे जदि तोहार समूची देह ज्योति स भरपूर अहइ अउर ऍकर कउनो भी अंग अँधियारा नाहीं तउ उ पूरी तरह अइसे चमकी मान ल्या कउनो दिया तोह पइ आपन किरण स प्रकासित होत ह।”
37 ईसू जब आपन बात पूरी किहस तउ एक फरीसी ओसे अपने साथ खाइ बरे हठ किहेस। तउ उ भितरे जाइके खइया क खाइ बैठि गवा।
38 मुला उ फरीसी जब इ देखेस कि खइया स पहिले उ आपन हाथ नाहीं धोएस तउ ओका बड़ा अचरज भवा।
39 ऍह पइ पर्भू ओनसे कहेस, “अब लखा तू फरीसियन टाठी अउर खोरा क बस बाहेर स तउ माँजत ह मुला तोहरे भीरत लालच अउर दुस्टता भरी अहइ।
40 अरे मूढ़ मनइयो! का जउन बाहरी अंग क बनाएस ह, उ भीतरी अंग क नाहीं बनाएस।
41 ऍह बरे जउन कछू भितरे अहइ, ओका दीनन क दइ द्या। फिन तोहरे बरे सब कछू पवित्तर होइ जाइ।
42 अरे फरीसियन! तोहका धिक्कार अहइ काहेकि तू आपन पुदीना अउर सुदाब बूटी अउर हर कउनो जरी बूटि क दसवाँ हींसा तउ चढ़ाइ देत ह मुला परमेस्सर बरे पिरेम अउर निआव क टारि देत ह। मुला इ बातन क तोहका उ बातन क बगैर टारि देइ क करइ चाही।
43 अरे फरीसियन! तोहका धिक्कार अहइ। काहेकि तू सबइ आराधनालय मँ बहोत ही प्रमुख आसन चाहत बाट्या अउर बजारन मँ मान मर्जादा क संग पैलगी तोहका सोहात ह।
44 तोहका धिक्कार अहइ काहेकि तू पचे बिना कउनो चीन्हा क कब्र क नाई अहा जेह प मनई चलत हीं मुला उ सबइ नाहीं जानत हीं।”
45 तब एक धरम सास्तिरि ईसू स कहेस, “गुरु, जब तू अइसी बातन कहत ह तउ हम भी बेज्जत होइत ह।”
46 ऍह प ईसू कहेस, “अरे धरम सास्तिरियो! तोहका धिक्कार अहइ। काहेकि तू सबइ मनइयन प अइसा बोझा लादे बाट्या जेका उठाउब मुस्किल अहइ। अउर तू खुद ओन बोझन क एक ठु अँगुरी भर स छुअइ नाहीं चाहत ह।
47 तोहका धिक्कार अहइ काहेकि तू नबियन बरे मकबरा क बनवत ह, जेनकइ कतल कीन्ह गवा अउर ओनकर कतल करइया तोहार पूर्वजन रहेन।
48 ऍसे तू सबइ इ देखावत ह कि तू आपन पूर्वजन क उ कामे क अँगीकार करत ह। काहेकि उ पचे तउ ओनका मारेन ह अउर तू पचे ओनकइ मकबरा क बनाया ह।
49 एह बरे परमेस्सर क गियान भी कहेस, ‘मइँ नबियन अउर प्रेरितन क भी ओनके लगे पठउब। फिन कछू क तो उ पचे मारि डइहीं अउर कछू क सजा देइहीं।’
50 एह बरे संसार क सुरुआत स जेतॅना भी नबियन क लहू बहाइ दीन्ह ग अहइ, ओनकइ हिसाब इ पीढ़ी क मनइयन स चुकाइ जाइ।
51 यानी हाबिल क कतल स लइके जकरयाह क कतल क हिसाब जउन परमेस्सर क मन्दिर अउर वेदी क बीच कीन्ह गवा रहा। हाँ, मइँ तोहसे कहत हउँ इ पीढ़ी क मनइयन क ऍकरे बरे लेखा जोखा देइ क होइ।
52 “ओ धरम सास्तिरियो! तोहका धिक्कार अहइ, काहेकि तू सबइ गियान क कुंजी तउ लइ लिहा ह। मुला ओहमाँ न तउ खुद घुसि पाया अउर न घुसइ क कउनो जतन करत रह्या। ओनका भी तू अड़ंगा डाया जे अइसा करइ चाहेन।”
53 अउर फिन जब ईसू हुवाँ स चला गवा तउ उ सबइ धरम सास्तिरियन अउर फरीसियन ओसे घोर दुस्मनी राखइ लागेन। बहोत स बातन क बारे मँ ओसे सोझ सवाल करइ लागेन।
54 काहेकि उ सबइ ओका ओकर कही कउनो बात स घात करइ बरे टोहत रहेन।
Luke 12
1 अउर फिन जब हजारन मनइयन क भारी भीड़ जुटि गइ तउ एक दुसरे क रौंदे जात रही तब ईसू पहिले आपन चेलन स कहइ लाग, “फरीसियन क खमीरे स, जउन ओनकइ कपट बा, बचा रहा।
2 कछू छुपा नाहीं अहइ जउन परगट नाहीं कइ दीन्ह जाइ। अइसा कछू अनजाना नाहीं अहइ जेका बतावा नाहीं दीन्ह जाइ।
3 एह बरे हर उ बात जेका तू अँधियारे मँ कह्या ह, उजिआरे मँ सुनी जाइ। अउर एकांत खोली मँ जउन कछू भी तू चुप्पे स कउनो क काने मँ कह्या ह, घरे क छते स ऍलान कइ दीन्ह जाइ।”
4 “मुला मोर मीतो, मइँ तोहसे कहत हउँ ओनसे जिन डेराअ जउन तोहरे तन क मारि डाइ सकत हीं अउर ओकरे पाछे अइसा कछू नाहीं अहइ जउन ओनके बस मँ होइ।
5 मइँ तोहका देखाउब कि तोहका कउनो स डेराइ चाही। ओसे (परमेस्सर) डेराअ अउर तोहका मारिके नरक मँ नावइ क सक्ती राखत ह। हाँ, मइँ तोहका बतावत हउँ, बस उहइ स डेराअ।
6 “का दुइ पइसा मँ पाँच ठु चिरइयन नाहीं बिकतिन? फिन भी परमेस्सर ओहमाँ स एक क भी नाहीं बिसरत।
7 अउर लखा तोहरे मूँड़े प क एक एक बारि तलक गना भवा अहइँ। डेराअ जिन तू बहोत सी चिरइयन स कहूँ जिआदा कीमत क अहा।”
8 “मुला मइँ तोहसे कहत हउँ जउन कउनो मनई सबहीं क समन्वा मोका मानत ह, मनई क पूत भी उ मनई क परमेस्सर क दूतन क समन्वा मानी।
9 मुला ज जउन मोका दुसरे क समन्वा न मानी, ओका परमेस्सर क दूतन क समन्वा इन्कार कइ दीन्ह जाइ।
10 “अउर हर उ मनई क तो छमा कइ दीन्ह जाइ जउन मनई क पूत क खिलाफ कउनो सब्द बोलत ह, मुला जउन पवित्तर आतिमा क बुराई करत ह, ओका छमा नाहीं कीन्ह जाइ।
11 “तउ जब उ पचे तोहका आराधनालय मँ, राज्य क करइवालन अउर अधिकारियन क समन्वा लइ जाइँ तउ फिकिर जिन कर्या काहे तू आपन क कइसे बचउब्या या तोहका का कछू कहे होइ।
12 चिंता जिन करा काहेकि पवित्तर आतिमा तोहका सिखाइ कि उ समइया तोहका का बोलइ चाही।”
13 फिन भीड़ मँ स ओसे कउनो कहेस, “गुरु, मोरे भइया स मोरे बाप क धन दौलत क हींसा बाँटइ बरे कहि द्या।”
14 ऍह प ईसू ओसे कहेस, “अरे भले मनई, मोका तोहरे बरे निआववाला या पंच कउन बनएस ह”
15 तउ ईसू ओनसे कहेस, “होसियारी क संग आपन क लालच स दूर राखा। काहेकि जरूरत स जिआदा धन-दौलत होइ प जिन्नगी क आधार ओकर संग्रह नाहीं होत।”
16 फिन उ ओनका एक दिस्टान्त कथा सुनाएस: “कउनो धनी मनई क धरती प खूब पैदावार भइ।
17 उ आपन मनवा मँ सोचत भवा कहइ लाग, ‘मइँ का करुँ, मोरे लगे फसिल क रखइ बरे ठउर तउ अहइ नाहीं।’
18 फिन उ बोला, ‘ठीक अहइ मइँ इ करब कि आपन अनाज क कोठिला गिराइके बड़का कोठा बनवाउब अउर आपन समूचा अनाज क अउर सामान हुवाँ रखब।
19 फिन आपन आतिमा स कहब, अरे मोर आतिमा अब बहोत स उत्तिम बस्तु, बहोत स बरिस बरे तोहरे लगे ऍकट्ठी अहइँ। घबरा जिन, खावा, पिआ अउर मउज उड़ावा!’
20 मुला परमेस्सर ओसे बोला, ‘अरे मूर्ख! इहइ राति मँ तोहार आतिमा तोहसे लइ लीन्ह जाइ। जउन कछू तू तइयार किहे अहा, ओका कउन लेइ?’
21 “लखा, उ मनई क संग भी कछू अइसा ही भवा ह, उ अपने बरे बटोरत ह मुला परमेस्सर क निगाह मँ उ धनी नाहीं।”
22 तब उ आपन चेलन स कहेस, “एह बरे मइँ तोहसे हउँ, आपन जिन्नगी क फिकिर जिन करा कि तू का पहिनब्या?
23 काहेकि जिन्नगी खइया स अउर तन ओढ़ना स जिआदा जरूरी अहइ।
24 कउअन क लखा, न उ पचइ बोवत हीं, न ही उ पचे काटत हीं। न ओनके लगे भण्डारा बा अउर न आजु अन्न क कोठिला, फिन भी परमेस्सर ओनका भोजन देत ह। तू तउ चिरइयन स केतॅना जिआदा कीमती अहा।
25 चिन्ता कइके, तू पचन मँ स कउन अइसा अहइ, जउन आपन उमिर मँ एक घड़ी भी अउर जोर सकत ह
26 काहेकि तू जदि छोटका काम क भी नाहीं कइ सकत्या तउ बाकी बरे काहे फिकिर करत ह
27 कोका बेली क लखा, उ कइसे उगत हीं? न उ सबइ मेहनत करत हीं, न कताई, फिन भी मइँ तोहसे कहत हउँ कि सुलैमान आपम समूचे धन दौलत क संग ओहमाँ स कउनो एक क नाई नाहीं सज पाएस।
28 एह बरे जब मैदान क घास क, जउन आज हिआँ बा अउर भियान ही ओका भार मँ झोंक दीन्ह जाइ, परमेस्सर अइसे ओढ़नन स सजावत ह तउ अरे ओ कम बिसवास करइया मनइयो! तोहका तउ उ केतॅना अउर जिआदा ओढ़ना पहिराइ।
29 अउर फिकिर जिन करा कि तू का खाब्या अउर का पीब्या। ऍनके बरे जिन सोचा।
30 काहेकि संसार क अउर सबहीं मनई चीजन्क क पाछे धावत अहइँ मुला तोहार परमपिता तउ जानत ही अहइ कि तोहका इ चीजन्क जरूरत अहइ।
31 मुला तू तउ परमेस्सर क राज्य क चिन्ता करा। इ चीजन तउ तोहका दइ दीन्ह जइहीं।
32 “हे भोली भेड़ी क झुण्ड! जिन डेराअ, काहेकि तोहार परमपिता तोहका राज्य देइ क तइयार अहइ।
33 तउ आपन धन दौलत बेंचिके धन गरीबन मँ बाँटि द्या। आपन लगे अइसी झोरी राखा जउन पुरान न होई अरथ बा कबहुँ न टूटइवाला सरगे मँ खजाना जहाँ ओह तलक कउनो चोर क पहुँच न होइ। अउर न ओका न किरवा नास कइ पावइँ।
34 काहेकि जहाँ तोहार खजाना अहइ, हुवँई तोहार मनवा भी रही।
35 “काम करइ क सदा तइयार रहा। अउर आपन दिया बारे रहा।
36 अउर ओ मनइयन जइसा बना जउन बियाह क भोज स लौटिके आवत आपन स्वामी क जोहत होइँ जेहसे उ जब आवइ अउर दुआर खटखटावइ तउ उ पचे फउरन खोलि सकइँ।
37 उ नउकर धन्य अहइँ जेका स्वामी वापस आइके जागत अउर तइयार पइहीं। मइँ तोहसे सच कहत हउँ कि उ भी ओनकर सेवा बरे करिहाउँ बाँधि लेइ अउर ओनका जेवाइ क पीढ़ा प जेवइं बरे बइठाई। उ आई अउर ओनका जेंवाइ।
38 उ चाहे आधी राति स पहिले आवइ अउर चाहे आधी राति क पाछे जदि उ ओनका तइयार पावत ह तउ उ सबइ धन्य अहइँ।
39 इ बात बरे निस्चित रहा कि जदि घरे क स्वामी क इ पता होइ कि चोर कउनो घड़ी आवत अहइ, तउ उ ओका आपन घरे मँ सेंध नाहीं लगावइ देइ।
40 तउ तू भी तइयार रहा काहेकि मनई क पूत अइसी घड़ी मँ आई जेका तू सोच नाहीं सकत्या।”
41 तब पतरस पूछेस, “पर्भू इ दिस्टान्त कथा तू हमरे बरे कहत अहा या सब बरे?”
42 ऍह प पर्भू कहेस, “तउ फिन अइसा बिसवास क जोग्ग, बुद्धिमान संरजाम अधिकारी कउन होइ जेका पर्भू आपन नउकरन क ठीक समइ प खइया क चीज देइ बरे ठहराइ?
43 उ नउकर धन्य अहइ जेका ओकर स्वामी जब आवइ तउ ओका वइसा ही करत पावइ।
44 मइँ सच कहत हउँ कि उ ओका आपन सबहिं धन दौलत क अधिकारी ठहराइ।
45 मुला उ नउकर आपन मनवा मँ सोचइ कि मोर स्वामी तउ आवइ मँ देर करत अहइ अउर उ दूसर पुरुस अउर स्त्री नउकरन क मारब पीटब सुरु कइ देइ अउर खाइ पिअइ अउर नसा मँ चूर होइ।
46 तउ उ जउकर क स्वामी अइसे दिन आइ जाइ जेका उ सोचत नाहीं। एक ठु अइसी घरी जेकरे बारे मँ निसाखातिर अहइ। फिन भी ओकर टुकरा टुकरा कइ डाइ अउर ओका न बिसवास करइयन क बीच ठउर देइ।
47 “उ नउकर जउन आपन स्वामी क इच्छा जानत ह अउर ओकरे बरे तइयार नाहीं होत या जइसा ओकर स्वामी चाहत ह, वइसहु नाहीं करत, तउ नउकर प जमिके मार परी।
48 मुला उ जेका आपन स्वामी क इच्छा क ग्यान नाहीं अउर कउनो अइसा काम कइ डावइ जउन मार खाइ काबिल होइ तउ उ नउकर प हल्की मार परी। काहेकि उ हर मनई स जेका बहोत जिआदा दीन्ह ग अहइ, जिआदा माँगा जाइ। उ मनई जेका ढेर सौंपा ग अहइ ओसे जिआदा ही माँगा जाइ।”
49 “मइँ धरती प एक आगी बारइ आवा हउँ मोर केतॅनी इच्छा अहइ कि उ साइद अबहुँ ताई बरि जात।
50 मोरे लगे एक बपतिस्मा अहइ जउन मोका लेब बा जब ताईं उ पूरा नाहीं होइ जात, मइँ केतॅना बियाकुल हउँ।
51 तू का सोचत बाट्या कि मइँ इ धरती प सान्ति लइ आवइ क बरे आवा हउँ? नाहीं, मइँ तोहका बतावत हउँ, मइँ अलगावइ आवा हउँ।
52 काहेकि अब स आगे एक घरे क पाँच आदमी एक दूसर क खिलाफ बँटि जइहीं। तीन दुइ क बिरोध मँ अउर दुइ तीन क बिरोध मँ होइ जइहीं।
53 बाप बेटवा क बिरोध मँ, अउर बेटवा बाप क बिरोध मँ, महतारी बिटिया क बिरोध मँ, अउर बिटिया महतारी क बिरोध मँ, सास दुलहिन क बिरोध मँ अउर दुलहिन सास क बिरोध मँ होइ जइहीं।”
54 फिन उ भीड़ स बोला, “जब तू पच्छू कइँती कउनो बदरे क उठत भइ लखत ह तउ कहि देत ह, ‘बरखा आवति अहइ।’ अउर फिन अइसा ही होत ह।
55 अउर फिन जब दखिनी हवा चलत ह, तू कहत ह, ‘गरमी पड़ी’ अउर अइसा ही होत ह।
56 अरे कपटी मनइयो! तू धरती अउर अकासे क रूपे क समझाउब तउ जानत बाट्या, फिन अइसा काहेकि इ जुग क बारे मँ समझउत्या नाहीं?”
57 “जउन नीक अहइ, ओकर फैसला करइवाला तू खुद काहे नाहीं बनत्या?
58 जब तू आपन बैरी क संग न्यायाधीस क लगे जात रहब्या तउ रास्ता मँ ही ओकरे संग समझौता करइ क जतन करया। नाहीं तउ कहूँ अइसा न होइ कि उ तोहका न्यायाधीस क लगे खैंच लइ जाइँ अउर न्यायाधीस एक अधिकारी क सौंपि देइ। अउर अधिकारी तोहका जेलि मँ धाँध देइ।
59 मइँ तोहका बतावत हउँ, तू हुवाँ स तब ताईं छूटि नाहीं पउव्या जब तलक आखिरी दमड़ी तक न चुकाइ द्या।”
Luke 13
1 उ समइया हुवाँ हाजिर कछू मनइयन ईसू क ओन गलीलियन क बारे मँ बताएस जेनकइ लहू पिलातुस ओनके बलिदान क संग मिलाइ दिहे रहा।
2 तउ ईसू ओनसे कहेस, “तू का सोचत ह कि सबइ गलीलियन दूसर सबइ गलीलियन स जिआदा पापी रहेन काहेकि ओनका इ सबइ बातन भीजे पड़ी?
3 नाहीं! मइँ तोहका बतावत हउँ, जदि तू भी मनफिरावा नाहीं करब्या तउ तू भी वइसी ही मउत स मरब्या जइसी उ सबइ मरे रहेन!
4 या ओन अट्ठारह मनइयन क बारे मँ तू का सोचत ह जेनके ऊपर सीलोह क बुर्ज गिरिके ओनका मारि डाएस। का सोचत ह, उ सबइ यरूसलेम मँ वसइया दूसर सबइ ही मनइयन स जिआदा अपराधी रहेन?
5 नाहीं! मइँ तोहका बतावत हउँ कि जदि तू मनवा न फिरउव्या तउ तू भी वइसे ही मरब्या!”
6 फिन उ इ दिस्टान्त कथा कहेस: “कउनो मनई आपन अँगूरे क बारी मँ एक ठु अंजीरे क बृच्छ रोपे रहा। तउ उ ओह पइ फल ढूँढ़इ आवा पर ओका कछू नाहीं मिल पावा।
7 ऍह पइ उ माली स कहेस, ‘अब लखा मइँ तीन बरिस स अँजीरे क बृच्छ प फल टटोरत आवत हउँ मुला मोका एक ठु भी नाहीं मिलि पावा। एह बरे ऍका काटि डावा। इ धरती क अइसी ही वृथा काहे करत रहइ?’
8 माली ओका जवाब दिहेस, ‘स्वामी ऍका इ बरिस तब ताईं तजि द्या, जब तलक मइँ ऍकरे चारिहुँ कइँती खनिके एहमाँ पाँस नउबउँ।
9 फिन जदि उ अगवा बरिस फल देइ तउ नीक बा अउर जदि नाहीं देत तउ तू ऍका काटि डाइ सकत ह।”‘
10 कउनो आराधनालय मँ सबित क दिन ईसू जब उपदेस देत रहा।
11 तउ हुवँई एक अइसी स्त्री रही जेहमाँ दुस्ट आतिमा समाइ ग रही। जउन ओका अट्ठारह बरिस स पंगु बनाइ दिहे रही। उ निहुरिके कुबड़ी होइ गइ अउर तनिकउ सोझ नाहीं होइ सकत रही।
12 ईसू ओका जब निहारेस तउ आपन लगे बोलाएस अउर, “हे स्त्री, तोहका आपन बेरामी स छुटकारा मिलि गवा!” इ कहत भवा
13 ओह पइ आपन हाथ रखेस। अउर उ फउरन सीध होइ गइ। उ परमेस्सर क गुन गावइ लाग।
14 ईसू काहेकि सबित क दिन ओका बेरामी स जरटुट किहेस, एह बरे आराधनालय क नेता किरोध मँ आइके मनइयन स कहेस, “काम करइ क बरे छ: दिन होत हीं तउ ओनही दिनम मँ आवा अउर आपन बेरामी क दूर करावा पर सबित क दिन नीरोग होइ बरे जिन आवा।”
15 पर्भू जवाब देत भवा ओसे कहेस, “अरे कपटियो! का तोहमाँ स हर कउनो सबित क दिन आपन बर्धा अउर गदहा क बारा स निकारिके कहूँ पानी पिआवइ नाहीं लइ जात ह
16 अब इ स्त्री जउन इब्राहीम क बिटिया अहइ अउर जेका सइतान अट्ठारह बहिस स जकरिके राखे बा, का ऍका सबित क दिन ऍका बंधन स छुटकारा नाहीं देइ क चाही?”
17 जब उ इ कहेस तउ ओकर खिलाफत करइवालन सबइ सर्माइ गएन। ओह कइँती समूची भीड़ ओकरे अचरजे स भरे कामन स जेनका उ किहे रहा, खुस होइ गइ।”
18 तउ ईसू कहेस, “परमेस्सर क राज्य का अहइ अउर मइँ ऍकर तुलना कइसे करउँ?
19 उ सरसई क दाना क नाई अहइ, जेका कउनो लइके आपन बगिया मँ बोएस। उ बड़ा भवा अउर एक बृच्छ होइ गवा। फिन अकासे क चिरइयन ओकर डारी प घोंसला बनाइ लिहन।”
20 उ फिन ईसू कहेस, “परमेस्सर क राज्य क बरोबरी मइँ कइसे करउँ?
21 इ उ खमीरे क नाई अहइ जेका एक स्त्री तीन हींसा पिसान मँ सान दिहेस अउर उ समूचा पिसान खमीरे स भरि गवा।”
22 ईसू जब सहरन अउर गाँउन स होत भवा उपदेस देत भवा यरूसलेम जात रहा।
23 तबहीं ओसे कउनो पूछेस, “पर्भू क केवल कछू मनइयन क ही उद्धार होइ?”ईसू कहेस,
24 “साँकर दुआरे स घुसइ क होइ सकइवाला जतन करा, काहेकि मइँ तोहका बतावत हउँ कि भीतर जाइ क जतन बहोत स करिहीं प जाइ न पइहीं।
25 जब एक दाईं घरे क स्वामी उठिके दुआर बंद कइ देत ह, तउ तू बाहेर ही खड़ा दुआर खटखटावत कहब्या, ‘महासय, हमरे बरे खोलि द्या!’ मुला उ तोहका जवाब देइ, ‘मइँ नाहीं जानत तू कहाँ ले आवा बाट्या?’
26 तब तू कहइ लगब्या, ‘हम तोहर संग खावा ह, तोहर संग पिआ ह, तू हमरी गलियन मँ हमका सीख दिहा ह।’
27 पर उ तोसे कही, ‘मइँ नाहीं जानत तू कहाँ स आवा अहा? अरे कुकर्मी मनइयो! मोरे लगे स पराइ जा!’
28 जब तू इब्राहीम, इसहाक, याकूब अउर दूसर सबहीं नबियन क परमेस्सरे क राज्य मँ निहरब्या मुला तोहका बाहेर ढकेल दीन्ह जाइ। तउ हुवाँ बस रोउब अउर दाँत पीसब होई।
29 फिन पूरब अउर पच्छूँ, उत्तर अउर दक्खिन स मनइयन परमेस्सर क राज्य मँ आइ आइके खइया क चउकी प आपन आसन ग्रहण करिहीं।
30 धियान रहइ कि हुवाँ जउन आखिरी अहइ पहिले होइ जइहीं अउर जउन पहिले अहइँ उ पचे आखिरी होइ जइहीं।”
31 उहइ समइ ईसू क लगे कछू फरीसियन आएन अउर ओसे बोलेन, “हेरोदेस तोहका मारि डावइ चाहत ह, एह बरे हुवाँ स कहूँ अउर चला जा।”
32 तब उ ओनसे कहेस, “जा अउर उ लोखरीस कहा, ‘मइँ मनइयन मँ स दुस्ट आतिमन क निकारब, मइँ आज ही चंगा करब अउर भियान भी। फिन तीसर दिन मइँ आपन काम पूरा करब।’
33 फिन भी मोका आजु, भियान अउर परउँ चलत ही रहइ क अहइ। काहेकि कउनो नबियन बरे इ नीक नाहीं कि उ यरूसलेम स बाहेर प्रान तजि देइ।
34 “यरूसलेम अरे ओ यरूसलेम! तू नबियन क कतल करत ह अउर परमेस्सर जेका तोहरे लगे पठएस ह, ओन प पाथर बरिसावत ह। मइँ केतॅनी दाईं तोहरे मनइयन क वइसे ही आपुस मँ बटोरइ चाहा ह जइसे एक ठु मुर्गी आपन बचवन क आपन पखना तरे बटोरत ह। मुला तू नाहीं चाह्या।
35 लखा तोहरे बरे तोहार घर तोहरे लिए उजरा पड़ा अहइ। मइँ तोहका बतावत हउँ तू मोका उ समइया तलक फिन नाहीं देखब्या। जब ताईं उ समइ न आइ जाइ जब तू कहब्या, ‘धन्य अहइ उ, पर्भू क नाउँ प जउन आवत बा।’”
Luke 14
1 एक दाईं सबित क दिन मुख्य फरीसियन मँ स कउनो क घर ईसू खइया बरे गवा। ओहर उ पचे नगिचे स आँखि गड़ाइके लखत रहेन।
2 हुवाँ ओकरे समन्वा जलंधर स दुःखी एक ठु मनई रहा।
3 ईसू धरम सास्तिरियन अउर फरीसियन स पूछेस, “सबित क दिन कउनो क चंगा करब उचित अहइ या नाहीं?”
4 मुला उ पचे खमोस रहेन। तउ ईसू उ मनई क लइके चंगा कइ दिहस अउर फिन ओका कहूँ पठइ दिहस।
5 फिन उ ओनसे पूछेस, “जदि तोहमाँ स कउनो क लगे आपन बेटवा अहइ या बर्धा अहइ, उ कुआँ मँ गिरि पड़त ह तउ सबित क दिन भी तू ओका फउरन नाहीं निकरिब्या?”
6 उ पचे ऍह पइ ओकर बात नाहीं काटि सकेन।
7 काहेकि ईसू इ लखेस कि मेहमान आपन बरे बइठइ क कउनो खास ठउर ढँूढत रहेन, तउ उ ओनका एक दिस्टान्त कथा सुनाएस। उ बोला:
8 “जब तोहका कउनो बियाहे क भोज प बोलावइ तउ हुवाँ कउनो सम्मान क ठउर प जिन बइठा। काहेकि होइ सकत ह हुवाँ कउनो तोहसे जिआदा बड़कवा मनई क उ बोलॉए होइ।
9 फिन तू दुइनउँ क बोलॉवइवाला तोहरे लगे आइके तोसे कही, ‘आपन इ जगह इ मनई क दइ द्या।’ अउर फिन लजाइके तोहका सबन क तले क ठउरे प बइठइ क होइ।
10 तउ जब तोहका बोलॉवा जात ह तउ जाइके सबन त तले क जगह ग्रहण कइ ल्या जइसे जब तोहका न्यौता देइवाला आवइ तउ तोहसे कही, ‘मीत उठा, ऊपर बइठा।’ फिन उ सबन क समन्वा, जउन तोहरे लगे हुवाँ मेहमान होइहीं, तोहार मान बाढ़ी।
11 काहेकि हर कउनो जउन आपन क उठाई ओका निहुराइ दीन्ह जाई अउर जउन आपन क निहुराई, ओका ऊँचा कीन्ह जाई।”
12 फिन जउन ओका बोलाए रहा, ओसे उ बोला, “जब कबहुँ तू कउनो दिन या राति क भोज द्या तउ आपन धनी पड़ोसियन क जिन बोलावा काहेकि ऍकरे बदले मँ तोहका बोलइहीं अउर इ तरह तोहका ओकर फल मिलि जाई।
13 मुला जब तू कउनो भोज द्या तउ दीन दुखियन, अपाहिजन, लंगड़न अउर अँधरन क बोलावा।
14 फिन काहेकि ओनके लगे वापस लउटावइ कछू नाहीं अहइ, तउ इ तोहरे बरे आसीर्वाद बनि जाई। ऍकर बदले क फल तोहका धर्मी मनई क जी उठइ प दीन्ह जाई।”
15 फिन ओकरे संग खइया क खात रहेन मनइयन मँ स एक इ सुनिके ईसू स कहेस, “हर उ मनई धन्य अहइ, जउन परमेस्सर क राज्य मँ जेंवत ह!”
16 तब ईसू ओसे कहेस, “एक मनई कउनो बड़के भोज क तइयारी करत रहा, उ बहोत स मनइयन क न्यौत दिहस।
17 फिन दावत क समइ जेनका न्यौत दिहस, नउकरे क पठइके इ कहवाएस, ‘आवा! काहेकि भोजन तइयार अहइ।’
18 उ सबइ एक तरह आनाकानी करइ लागेन। पहिला ओसे कहेस, ‘मइँ एक खेत बेसहे अहउँ, मोका जाइके ओका देखब अहइ, कृपा कइके मोका छमा करइँ।’
19 फिन दूसर कहेस, ‘मइँ पाँच जोड़ी बर्धा मोल लिहे अहउँ, मइँ तउ सिरिफ ओनका परखइ जात हउँ, कृपा कइके मोका छमा करइँ।’
20 एक अउर भी बोला, ‘मइँ अबहिं बियाह किए हउँ। इ कारण स नाहीं आइ सकत हउँ।’
21 तउ जब उ नउकर लौटिके आवा तउ उ आपन स्वामी क इ बातन बताइ दिहस, ऍह पइ उ घरे क स्वामी बहोत कोहाइ गवा अउर आपन नउकरे स कहेस, ‘हाली ही! सहर क गली कूचा मँ जा अउर गरीब गुरबा, अपाहिज, आँधर अउर लँगड़न क हिआँ लइ आवा।’
22 उ नउकर स कहेस, ‘स्वामी तोहार हुकुम पूरी कइ दीन्ह गइ अहइ मुला अबहिं भी ठउर बाकी अहइ।’
23 फिन स्वामी नउकरे स कहेस, ‘सड़कन प अउर खेतन क मेड़े ताई जा अउर हुवाँ स मनइयन स चिरौरी कइके हिआँ बुलाइ लिआवा जेसे मोर घर भरि जाइ।
24 अउर मइँ तोहसे कहत हउँ जउन पहिले बोलाइ गवा रहेन ओहमाँ स एक भी भोज न चिखइ सकेन!”‘
25 ईसू क संग भारी भीड़ जात रही। उ ओनके कइँती मुड़ि गवा अउर बोला,
26 “जदि मोरे लगे कउनो आवत ह अउर आपन बाप महतारी, पत्नी अउर बचवा, आपन भाइयन अउर बहिनियन अउर हिआँ ताईं कि आपन जिन्नगी तलक स मोसे जिआदा पिरेम राखत ह, उ मोर चेला नाहीं होइ सकत।
27 जउन आपन क्रूस (यातना) उठाइके मोरे पाछे नाहीं चलत ह, उ मोर चेला नाहीं होइ सकत।
28 जदि तोहमाँ स कउनो बुर्ज बनावइ चाहइ तउ का उ पहिले स बइठिके ओकरे दामे क, इ लखइ बरे कि ओका पूरा करइके ओकरे लगे काफी कछू बा कि नाहीं, हिसाब उसाब न लगाई?
29 नाहीं तउ उ नेंव तउ खनि देइ अउर ओका पूरा न कइ पावइ स, जउन ओका सुरु होत लखेन ह, सबहिं ओकर मसखरी उड़इहीं अउर कइहीं,
30 ‘अरे लखा इ मनई बनाउब तउ सुरु कहेस ह मुला इ ओका पूर नाहीं कइ सका!’
31 “या कउनो राजा अइसा होइ जउन कउनो दूसर राजा क खिलाफ जुद्ध छेड़इ जाइ अउर पहिले बैठिके इ न बिचारइ कि आपन दस हजार सैनिकन क संग का उ बीस हजार सैनिकन आपन बैरी क मुकाबला कइ भी सकी कि नाहीं?
32 अउर जदि उ समर्थ नाहीं होत तउ ओकर बैरी अबहीं राहे मँ होइहीं तबहिं उ आपन प्रतिनिधि मंडल क पठइके सांति मिलाप क सुझाई।
33 तउ फिन इहइ तरह तोहमाँ स कउनो भी जउन आपन सबहिं धन दौलत क तजि नाहीं देत, मोर चेला नाहीं होइ सकत।
34 “नोन उत्तिम अहइ मुला जदि ओकर स्वाद बिगर जाइ तउ ओका फिन स नमकीन नाहीं बनावा जाइ सकता।
35 न तउ उ माटी क लायक नही अउर न पाँस क कूड़ा क। मनई सिरिफ ओका यूँ ही बहाइ देइहीं। जेकरे लगे सुनइ क कान अहइँ, ओका सुनइ द्या!”
Luke 15
1 अब चुंगी (टिक्ॅस) क उगहिया अउर पापी सबहिं ओका सुनइ बरे ओकरे लगे आवइ लाग रहेन।
2 तउ फरीसियन अउर धरम सास्तिरियन बड़बड़ करत भए कहइ लागेन, “इ मनई तउ पापी मनइयन क अगवानी करत ह अउर ओनके संग जेवंत ह।”
3 ऍह पइ ईसू ओनका इ दिस्टान्त कथा सुनाएस:
4 “मान ल्या तोहमाँ स कउनो क लगे 100 भेड़ अहइँ अउर ओहमाँ स कउनो एक हेराइ जाइ तउ उ का 99 क खुली जगह मँ तजिके हेरान भेड़ क पाछे न धाई जब ताई उ ओका पाइ न जाइ।
5 फिन जब ओका भेड़ मिलि जात ह तउ उ ओका खुसी क साथ आपन काँधे प उठावत ह।
6 अउर जब घर लौटत ह तउ आपन मीतन अउर पड़ोसियन क नगिचे बोलॉइके कहत ह, ‘मोर संग खुसी मनावा काहेकि मोका हेरान भेड़ मिलि गइ अहइ।’
7 मइँ तोहसे कहत हउँ, इहइ तरह कउनो एक क मनफिरावइवाला पापी बरे, ओन निनावे धर्मी मनइयन स, जेनका मनफिराव करइ क जरूरत नाहीं, सरगे मँ कहूँ जिआदा खुसी मनाइ जइ।
8 “या सोचि ल्या कउनो स्त्री अहइ जेकरे लगे दस चाँदी क सिक्का बाटेन अउर ओकर एक ठु सिक्का हेराइ जात ह तउ का उ दिया बारिके घरे क तब ताई न बहारी अउर होसियारी स नाहीं ढूँढ़त रही जब तलक उ ओका न मिलि जाइ?
9 अउर जब उ जब ओका पाइ जात ह तउ आपन मीतन अउर पड़ोसियन क लगे बोलॉइके कहत ह, ‘मोरे संग खुसी मनावा काहेकि मोर सिक्का जउन हेराइ ग रहा, मिलि गवा।’
10 मइँ तोहसे कहत हउँ इ तरह एक पापी बरे जउन मनफिराव ह, परमेस्सर क दूतन क हाजरी मँ हुआँ खुसी मनाइ जाइ।”
11 फिन ईसू कहेस, “एक मनई क दुइ बेटवा रहेन।
12 तउ छोटका बेटवा आपन बाप स कहेस, ‘पिताजी, जउन धन दौलत मोरे हींसा मँ आवइ, ओका मोका दइ द्या!’ तउ बाप उन दुइनउँ क आपन धन बाँट दिहेस।
13 अबहीं कउनो जिआदा समइ नाहीं बीता रहा, कि छोटका बेटवा आपन समूचा धन दौलत बटोरेस अउर कउनो दूर देस क चला गवा। अउर हुवाँ जंगली क तरह रहत भवा आपन सारा धन बर्बाद कइ डाएस।
14 जबहिं ओकर समूचा धन खतम होइ गवा तबहीं उ देस मँ सबहिं कइँती एक ठु भयानक अकाल पड़ि गवा अउर ओका जरूरत क चीजन क कमती पड़इ लाग।
15 एह बरे उ देस क कउनो मनई क हिआँ जाइके उ मजूरी करइ लाग। उ ओका आपन खेते मँ सुअर चरावइ पठइ दिहस।
16 हुवाँ उ सोचत साइद कैरब क फरी पेट भरइ बरे मिलि जाइँ जेका सुअरन खात रहेन मुला कउनो ओका एक फरी नाहीं दिहेस।
17 फिन जब ओकर होस ठिकाना मँ आइ गवा तउ उ बोला, ‘मोरे बाप क लगे केतॅना ही अइसे मजूर अहइँ जेनके लगे खाइ क पाछे भी भोजन बचा रहत ह। अउर मइँ हिआँ भूख स मरत हउँ।
18 तउ मइँ हिआँ स उठिके आपन बाप क लगे जाब अउर ओनसे कहब: पिताजी, मइँ परमेस्सर अउर तोहरे खिलाफ पाप किहे हउँ।
19 अब अगवा स तोहार बेटवा कहवावइ क जोग्ग नाहीं अहउँ। मोका आपन रोजिन्दा क मजूर क नाई बनइ ल्या।’
20 तउ उ उठिके आपन बाप क लगे चला गवा।“अबहिं उ जिआदा दूरी प ही रहा कि ओकर बाप ओका निहारेस अउर ओकरे बाप क दाया आइ। तउ दौड़िके उ ओका आपन बाँहे मँ गहियाह लिहस अउर चूमेस।
21 बेटवा बाप स कहेस, ‘पिताजी, मइँ तोहरी निगाहे मँ अउर परमेस्सर क खिलाफ पाप किहे हउँ, मइँ अब अउर जिआदा तोहार बेटवा कहवावइ क जोग्ग नाहीं हउँ।’
22 मुला बाप आपन नउकरन स कहेस, ‘हाली! उत्तिम ओढ़ना निकारि लइ आवा अउर ओनका ऍका पहिरावा। ऍकरे हाथे मँ अँगूठी अउर गोड़वा मँ जूतियाँ पहिरावा।
23 कउनो मोट बछवा लइ आइके मारि डावा अउर आवा ओका हम पचे खाइके खुसी मनाई।
24 काहेकि मोर इ बेटवा जउन मरि गवा रहा अब जइसे फिन स जिउ उठा बा। इ हेरॉइ गवा रहा, मुला अब इ मिलि गवा अहइ।’ तउ उ पचे खुसी मनावइ लागेन।
25 “अब ओकर बड़का बेटवा जउन खेते मँ रहा, जब आवा अउर घरे क लगे पहुँच गवा त उ गावइ नाचइ क सुर सुनेस।
26 उ आपन एक ठु नउकर क बोलाइके पूछेस, ‘इ सब का होत अहइ?’
27 नउकर ओसे कहेस, ‘तोर भाई आइ गवा अहइ अउर तोर बाप ओका हिफाजत मँ अउर मोटमर्दा पाइके एक ठु मोट बछवा कटवाएस ह!’
28 बड़का भाई कोहाइ गवा, उ भितरे जाइ तलक नाहीं चाहत रहा। तउ ओकर बाप बाहेर आइके ओका समझाएस बुझाएस।
29 मुला उ बाप क जवाब दिहस, ‘देखा बरिसन स तोहार सेवा मइँ करत रहेउँ। मइँ तोहरे कउनो हुकुम क खिलाफत नाहीं किहेउँ, मुला तू मोका तउ कबहूँ एक बोकरी तलक नाहीं दिहा कि मइँ आपन मीतन क संग कउनो खुसी मनाइ सकित।
30 मुला जब तोहार इ बेटवा आवा जउन वेस्यन मँ तोहार धन फूँकेस, ओकरे बरे तू मोट बछवा कटवाया।’
31 बाप ओसे कहेस, ‘मोर बेटवा, तू हमेसा ही मोरे लगे अहा अउर जउन कछू मोरे लगे बा, सब तोहार अहइ।
32 मुला हमका खुस होइ चाही अउर जलसा मनावइ चाही काहेकि इ भाई, जउन मरि ग रहा, अब फिन जिन्ना होइ, ग अहइ। इ हेराइ ग रहा, अब मिलि गवा बा।”‘
Luke 16
1 फिन ईसू आपन चेलन स कहेस, “एक धनी मनई रहा। ओकर एक प्रबन्धक रहा। उ प्रबन्धक प लांछन लगाइ गवा कि उ ओकर धन दौलत क नासत रहा।
2 तउ उ ओका बोलाएस अउर कहेस, ‘तोहरे बारे मँ इ मइँ का सुनत रहत हउँ? आपन संरजाम क हिसाब किताब द्या काहेकि अब अगवा तू प्रबन्धक नाहीं रहि सकत्या।’
3 ऍह पइ प्रबन्धक मन ही मन मँ कहेस, ‘मोर स्वामी मोसे मोर प्रबन्धक क नउकरी छीनत अहा, तउ अब मइँ का करउँ? मोहमाँ अब ऍतनी ताकत भी नाहीं बा कि मइँ खेते खोदाई अउर गोंड़ाई क काम तलक कइ सकउँ। अउर माँगइ मँ तउ मोका लाज आवति बाटइ।
4 ठीक, मोरी समझ मँ आइ गवा कि मोका का करइ चाही जेहॅसे जब मइँ प्रबन्धक क ओहदा स हटाइ दीन्ह जाउँ तउ मनई आपन घरे मँ मोर सुआगत करइँ।’
5 तउ उ स्वामी क हर देनदार क बोलाएस। पहिले मनई स उ पूछेस, ‘तोहका मोरे स्वामी क केतॅना देब अहइ?’
6 उ कहेस, ‘3,000 लीटर जौतून क तेल।’ ऍह पइ उ ओसे बोला, ‘इ ल्या आपन बही खाता अउर बैठिके हाली 1,500 लीटर कइ द्या।’
7 फिन उ दूसर स कहेस, ‘अउर तोह प केतनी देनदारी अहइ?’ उ बताएस, 270 क्विंटल गोहूँ।’ उ ओसे बोला, ‘इ ल्या आपन वही अउर 225 क्विंटल कइ द्या।’
8 “ऍह प ओकर स्वामी उ बेइमान प्रबन्धक क सराहेस काहेकि उ होसियारी स काम लिहे रहा। संसारे मँ रहइवाला मनई आपन जइसे मनइयन स ब्यौहार करइ मँ परमेस्सर क जोतिवाला स जिआदा चालाक अहइ।
9 “मइँ तोहसे कहत हउँ संसारे क धन दौलत स आपन बरे मीत बनावा। काहेकि जब उ धन दौलत खतम होइ जाइ, उ पचे अनंत निवासे मँ तोहार सुआगत करिहीं।
10 उ सबइ जेनॅ पइ तनिक बरे बिसवास कीन्ह जाइ सकत ह, ओन पइ जिआदा बरे भी बिसवास कीन्ह जाइ अउर इहइ तरह जउन तनिक बरे बेइमान होइ सकत हीं उ जिआदा बरे बेइमान होइहीं।
11 इ तरह जदि तू संसारे क धन दौलत बरे तू बिसवासनीय नाहीं रह्या तउ साँच धने क बारे मँ तोह पइ कउन भरोसा करी?
12 जदि जउन कउनो दूसर क अहइ, तू ओकरे बरे बिसवास क जोग्ग नाहीं, बाट्या, तउ जउन तोहार अहइ, ओका तोहरा कउन देइ?
13 “कउनो भी नउकर दुइ मालिक क सेवा नाहीं कइ सकत। उ या तो एक स घिना करी अउर दूसर स पिरेम या उ एक क बरे न्यौछावर करी अउर दूसर क दुरियाई। तू धने अउर परमेस्सर दुइनउँ क सेवा एक संग नाहीं कई सकत्या।”
14 अब फरीसियन जउन धन क लोभी रहेन, जब इ सब सुनेन तउ उ पचे ईसू क बहोत बुराई किहेन।
15 ऍह पइ उ ओनसे कहेस, “तू पचे उ सबइ अहा जउन मनइयन क इ जताइ देइ चाहत ह कि तू बहोत नीक अहा मुला परमेस्सर तोहरे मन क जानत ह। मनई जेका बहोत कीमती समझत हीं, परमेस्सर बरे उ तुच्छ अहइ।
16 “यूहन्ना तलक व्यवस्था अउर नबियन क समइ रहा। ओकरे पाछे परमेस्सर क राज्य क सुसमाचार क प्रचार होत रहा अउर हर कउनो बड़ी तेजी स ऍकर कइँती हींचा चला आवत रहा।
17 फिन सरग अउर धरती क डुग जाब तउ सहल बा मुला व्यवस्था क एक एक बिन्दु क अमान्य होब नाहीं।
18 “उ हर कउनो जउन आपन पत्नी क तजत ह अउर दूसर स्त्री क बियाहत ह, व्यभिचार करत ह। अइसे ही आपन पति स तलाकी गइ, कउनो मनई स बियाहत ह, उ भी व्यभिचार करत ह।”
19 “अब देखा एक मनई रहा जउन बहोत धनी रहा। उ बैंजनी रंग क ओढ़ना पहिरत रहा अउर हर रोज अमीरी ठाट बाट स रहत आनन्द लेत रहा।
20 हुँवई लाजर नाउँ क दीन दुखिया ओकरे दुआरे ओलरा रहत रहा। ओकर देह घाउन स भरि गइ रही।
21 उ धनी मनई क जूठे स ही उ आपन पेटवा भरइ क तरसत रहा। हिआँ तलक कि कूकुर भी अउतेन अउर ओकरे घाउ क चाट जातेन।
22 अउर फिन अइसा भवा कि उ दीन हीन मनई मरि गवा। तउ सरगदूतन लइ जाइके ओका इब्राहीम क गोदी मँ बइठाइ दिहन। फिन उ धनी मनई भी मरि गवा अउर ओका दफनियावा गवा।
23 नरके मँ तड़पत भवा उ जब आँखी खोलिके लखेस तउ इब्राहीम ओका बहोत दूर देखाइ गवा मुला लाजर उ ओकरी गोदी मँ लखेस।
24 उ तब्बइ पुकारके कहेस, ‘बाप इब्राहीम, मोहे प दाया करा अउर लाजर क पठवा कि उ पानी मँ अगुँरि क नोक बोरिके मोर जीभ ठंढी कइ देइ, काहेकि मइँ इ आगी मँ तड़पत हउँ!’
25 मुला इब्राहीम बोला, ‘मोर बेटहना, याद राखा, तू आपन जिन्नगी मँ आपन नीक चीजन्क पाइ गया मुला लाजर क बुरी चीज मिलि पाइँ। तउ अब हिआँ उ आनन्द भोगत बा अउर तू दारूण दुःख।
26 अउर इ सब क अलावा हमरे अउर तोहरे बीच एक बड़की खाई डाइ दीन्ह ग अहइ काहेकि हिआँ स जदि कउनो तोहरे लगे जाइ चाहइ, उ जाइ नाहीं सकत अउर हुवाँ स कउनो हिआँ आइ न सकइँ।’
27 उ धनी मनई कहेस, ‘अइ बाप! मइँ तोहसे पराथना करत हउँ कि तू लाजर क मोरे बाप क घर पठइ द्या
28 काहेकि मोरे पाँच भाइयन अहइँ। उ ओनका चिताउनी देइ ताकि ओनका इ दारुण दुःख क ठउर मँ न आवइ क होइ।’
29 मुला इब्राहीम कहेस, ‘ओनके लगे मूसा क व्यवस्था अहइ अउर नबियन क लिखा अहइँ। ओ पचेन क ओनका सुनइ द्या।’
30 धनी मनई कहेस, ‘नाहीं बाप इब्राहीम, जदि कउनो मरे हुअन मँ स ओनके लगे जाइ तउ उ पचे मनफिराव करिहीं।’
31 इब्राहीम ओसे कहेस, ‘जदि उ सबइ मूसा अउर नबियन क नाहीं अनकतेन तउ, जदि कउनो मरे हुअन मँ स उठिके ओनके लगे आवइ तउ भी कोउ काम क न होई, काहेकि उ ओनका भी न सुनिहीं।”‘
Luke 17
1 ईसू आपन चेलन स कहेस, “जेनसे मनइयन भटकत हीं, अइसी बातन तउ होइहीं ही मुला धिक्कार उ मनई क अहइ जेकरे जरिये उ सबइ होइँ।
2 ओकरे बरे जिआदा नीक इ होत कि बजाय ऍकरे कि उ इन छोटकन मँ स कउनो क पाप करइ क हुस्कारि देइ, ओकरे गटइया मँ चकरी क पाट टाँगिके ओका समुद्दर मँ ढकेल दीन्ह जात।
3 होसियार रहा!“जदि तोहार भाई पाप करइ तउ ओका डाटा अउर जदि उ आपन किहे प पछताइ तउ ओका छमा कइ द्या।
4 अगर हर दिना उ सात दाईं पाप करइ अउर सातहु दाई लौटिके तोहसे कहइ कि मोका पछतावा अहइ तो तू ओका छमा कइ द्या।”
5 ऍह पइ प्रेरितन पर्भू स कहेन, “हमरे बिसवास क बढ़ोतरी करा!”
6 पर्भू कहेस, “जदि तोहमाँ सरसों क दाना क तरह बिसवास होत तो तू इ सहतूत क बृच्छ स कहि सकत ह ‘उखड़ि जा अउर समुद्दर मँ जाइके लगा।’ अउर उ तोहार बात मान लेत।
7 “मान ल्या तोहमाँ स कउनो क लगे एक दास अहइ जउन हर जोतत या भेड़न क चरावत ह। उ जब खेते स लौटिके आवइ तउ का ओकर स्वामी ओसे कही, ‘तुरन्त आवा अउर खइया क खाइ बैठि जा?’
8 मुला बजाय ऍकरे का उ ओसे न कही, ‘मोर भोजन तइयार करा, आपन ओढ़ना पहिरा अउर मोर खात पिअत क खइया परसा, तबहिं ऍकरे पाछे तू भी खाइ पी सकत ह।’
9 का उ आपन हुकुम पूरा करइ प का उ सेवक क बिसेस धन्यबाद देत ह नाहीं।
10 तोहरे संग भी अइसा ही अहइ। जउन कछू करइ क तोहसे कहा ग अहइ, ओका कइ डाए क पाछे तोहका कहइ चाही, ‘हम नालायक दास अही हमका कउन बड़कई न चाही। हम तउ आपन कर्तब कीन्ह ह।”‘
11 फिन जब ईसू यरूसलेम जात रहा तउ उ सामरिया अउर गलील क बीच क चउहद्दी क लगे स निकरा।
12 उ जब एक गाउँ मँ जात रहा तबहिं दस कोढ़ी ओका मिलेन। उ सबइ कछू दूरी प खड़ा रहेन।
13 उ पचे ऊँच आवाज मँ बोलेन, “हे ईसू! हे स्वामी! हम प दाया करा!”
14 फिन जब उ ओनका लखेस तउ उ बोला, “जा अउर आपन खुद क याजकन क देखावा।”उ सबइ जात ही रहेन कि कोढ़ स छुटकारा पाएन।
15 मुला ओहमाँ स एक जब इ देखेस कि उ चंगा होइ ग अहइ, तउ उ वापस लौटा अउर ऊँच आवाज मँ परमेस्सर क गुन गावइ लाग।
16 उ मुँहना धइके ईसू क गोड़वा पर गिरि गवा अउर ओकर ऍहसान मानेस। (उ एक सामरी रहा।)
17 ईसू ओसे पूछेस, “का सबहिं दस क दसउ कोढ़ स छुटकारा नाहीं पाएन? फिन उ सबइ नौ कहाँ बाटेन?
18 का केवल सामरी क तजिके ओहमाँ स कउनो भी परमेस्सर क स्तुति करइ वापस नाहीं लौटा?”
19 फिन ईसू ओसे कहेस, “खड़ा ह्वा अउर चला जा, तोहार बिसवास तोहका चंगा किहेस ह।”
20 एक दाईं जब फरीसियन ईसू स पूछेन, “परमेस्सर क राज्य कब आई?” तउ उ ओनका जवाब दिहस, “परमेस्सर क राज्य अइसे परगट होइके नाहीं आवत।
21 मनइयन इ न कइहीं, “उ हिआँ अहइ!’ या ‘उ हुवाँ अहइ!’ काहेकि परमेस्सर क राज्य तउ तोहरे भीतर ही अहइ।”
22 मुला चेलन उ बोलाएस, “अइसा समइ आइ जब तू मनई क पूत क दिनन मँ स एक दिन क भी तरसख्या मुला, ओका नलख पउव्या।
23 अउर मनइयन तोहसे कइहीं, ‘देखा, हिआँ!’ या ‘देखा, हुवाँ!’ तू हुवाँ जिन जा या ओकर पाछे जिन जा।
24 “वइसे ही जइसे बिजुरी चमकिके एक छोर स दूसर छोर मँ चमकत ह, वइसे ही मनई क पूत भी आपन दिन मँ परगट होइ।
25 मुला ओका पहिले बहोत स दारुण दुःख झेलइ क होइ अउर इ पीढ़ी क जरिए उ जरूर ही न मान्न होइ।
26 वइसे ही जइसे नूह क दिनन मँ भवा रहा, मनई क पूत क दिनन मँ भी होइ।
27 उ दिना तलक जब नूह नाउ मँ बइठा, मनई खात पिअत रहेन, बियाह करत रहेन, अउर बियाह मँ दीन्ह जात रहेन। फिन जल परलइ आइ अउर उ सबन क नास कइ दिहस।
28 इहइ तरह होइ जइसे लूत क दिना मँ भी भवा रहा। मनइयन खात पिअत रहेन, बेसहत रहेन, बेचत रहेन अउर खेती अउर घर बनवत रहेन।
29 मुला उ दिन जब लूत सदोम स बाहेर निकरा तउ अकास स आगी अउर गंधक बरसइ लाग अउर उ सबइ बर्बाद होइ गएन।
30 उ दिना भी जब मनई क पूत परगट होइ, ठीक अइसे ही होइ।
31 “उ दिन जदि कउनो मनई छते प होइ अउर ओकर सामान घरे क भीतर होइ तउ ओका उठावइ बरे तरखाले न उतरइ। इहइ तरह जदि कउनो मनई खेते मँ होइ तउ उ पाछे न लौटइ।
32 लूत क पत्नी क याद करा,
33 जउन कउनो आपन जिन्नगी बचावइ क जतन करी, उ ओका खोइ देइ अउर जउन आपन जिन्नगी खोइ, उ ओका बचाइ लेइ।
34 मइँ तोहका बतावत हउँ, उ राति एक खटिया प जउन दुइ मनई होइहीं, ओहमाँ स एक उठाइ लीन्ह जाइ अउर दूसर छोर दीन्ह जाइ।
35 दुइ स्त्रियन एक संग चकरी चलावत होइहीं, ओहमाँ स एक उठाइ लीन्ह जाइ अउर दूसर स्त्री छोर दीन्ह आइ।”
36
37 फिन ईसू क चेलन ओसे पूछेन, “हे पर्भू, अइसा कहाँ होइ?”उ ओनसे कहेस, “जहाँ ल्हास पड़ी होइ, गिद्ध भी हुवँइ एकट्ठा होइहीं।”
Luke 18
1 फिन ईसू चेलन क इ बतावइ बरे एक दिस्टान्त कथा सुनाएस कि उ पचे लगातार पराथना करत रहइँ अउर निरास न होइँ। उ इ दिस्टान्त कथा कहेस:
2 “कउनो सहर मँ एक न्यायाधीस होत रहा। उ न तो परमेस्सर स डेरात रहा अउर न ही मनइयन क परवाह करत रहा।
3 उहइ सहर मँ, अब लखा एक ठु विधवा भी रहत रही। अउर उ ओनके लगे बार बार आवत अउर कहत, ‘देखा, मोरे बरे कीन्ह गवा अनिआउ क खिलाफ निआउ मिलइ चाही!’
4 तउ एक लम्बा समइ तलक तउ उ न्यायाधीस नाहीं चाहत रहा मुल आखिर मँ उ आपन मने मँ सोचेस, ‘चाहे मइँ परमेस्सर स न डेरात हउँ अउर न मनइयन क परवाह करत हउँ।
5 तउ भी काहेकि इ विधवा स मोर कान पक ग अहइँ तउ मइँ देखिहउँ कि ओका निआउ मिलि जाइ जेहसे इ मोरे लगे कइउ दाइँ आइके कहूँ मोरे नाक मँ दम करि देइ!”‘
6 फिन पर्भू कहेस, “देखा! उ दुस्ट न्यायाधीस का कहे रहा।
7 तउ का परमेस्सर आपन चुना भए मनइयन प धियान न देइ कि ओनका, जउन ओका राति दिन टेरत हीं, निआव मिलइ? का उ ओनकइ मदद करइ मँ देर लगाई?
8 मइँ तोहसे कहत हउँ कि उ ओनका जल्दी निआव देई। फिन भी जब मनई क पूत आइ तउ का उ धरती प बिसवास पाई?”
9 फिन ईसू ओन मनइयन बरे जउन आपन क नेक तउ मानत रहेन, अउर कउनो क कछू नाहीं समझतेन, इ दिस्टान्त कथा सुनाएस।
10 “मन्दिर मँ दुइ मनई पराथना करत रहेन, एक फरीसी रहा अउर दूसर चुंगी (टिक्ॅस) क उगहिया।
11 उ फरीसी अलग खड़ा होइके इ पराथना करइ लाग, ‘हे परमेस्सर मइँ तोहार धन्यबाद करत हउँ कि मइँ दूसर मनइयन जउन डाकू, ठग अउर व्यभिचार नाहीं हउँ अउर न ही इ चुंगी उगहिया जइसा हउँ।
12 मइँ हप्ता मँ दुइ दाई उपास राखत हउँ अउर आपन समूची आमदनी क दसवाँ हींसा दान मँ दइ देत हउँ।’
13 “मुला उ चुंगी उगहिया जउन दूर खड़ा रहा अउर हिआँ तलक कि सरगे कइँती आपन आँखिन उठाइके नाहीं लखत रहा, आपन छतिया पीटत भवा बोला, ‘हे परमेस्सर, मोहे पापी प द्या कर!’
14 मइँ तोहका बतावत हउँ, इहइ मनई धर्मी कहवाइके आपन घरे लौट गवा, न कि उ दूसर। काहेकि हर उ मनई जउन आपन खुद क बड़का समझी, ओका छोटका बनइ दीन्ह जाइ अउर जउन दीन मानी, ओका बड़का बनइ दीन्ह जाइ।”
15 मनई आपन गदेलन तलक ईसू क लगे लइ आवत रहेन कि उ ओनका छू भरि देइ। मुला जब ओकर चेलन इ लखेन तउ ओनका झड़पेन।
16 मुला ईसू गदेलन क लगे बोलाएस अउर चेलन स कहेस, “इ नान्ह गदेलन क मोरे लगे आवइ द्या, ऍनका जिन रोका, काहेकि परमेस्सर क राज्य अइसन क अहइ।
17 मइँ सच कहत हउँ कि जउन परमेस्सर क राज्य इ गदेलन क नाई ग्रहण नाहीं करत ह, ओहमाँ कबहुँ घुसि न पाई।”
18 फिन कउनो यहूदी नेता ईसू स पूछेस, “उत्तिम गुरु, अनन्त जीवन क हक पावइ बरे मोका का करइ चाही?”
19 ईसू ओसे कहेस, “तू मोका उत्तिम काहे कहत अहा? सिरिफ परमेस्सर क तजिके अउर कउनो भी उत्तिम नाहीं अहइ।
20 तू परमेस्सर क हुकुम क तो जानत अहा: ‘व्यभिचार जिन करा, कतल जिन करा, चोरी जिन करा, झूठी साच्छी जिन द्या, आपन बाप अउर महतारी क आदर करा।’”
21 उ यहूदी नेता बोला, “मइँ इन बातन क आपन लरिकाई स मानत आवा हउँ!”
22 ईसू जब इ सुनेस तउ उ ओसे बोला, “अबहीं एक बात अहइ जेकर तोहमाँ कमी अहइ। तोहरे लगे जउन कछू अहइ, सब कछू क बेंचि डावा अउर फिन जउन मिलइ, ओका गरीबन मँ बाँटा। ऍहसे तोहका सरगे मँ भण्डारा मिली। फिन आवा अउर मोरे पाछे होइ जा।”
23 तउ जब यहूदी नेता सुनेस तउ उ बहोत दुःखी भवा, काहेकि उ बहुत अमीर रहा।
24 ईसू जब ई देखेस कि उ बहोत दुःखी अहइ तउ उ कहेस, “ओन मनइयन बरे जेनके लगे धन वा, परमेस्सर क राज्य मँ घुसि पाउब केतना मुस्किल अहइ।
25 हाँ, कउनो ऊँट बरे सुई क नोंक स निकरि जाब तउ सहज बा मुला कउनो धनी मनई क परमेस्सर क राज्य मँ घुस पाउब सहल नाहीं अहइ!”
26 उ मनइयन जउन इ सुनेन, बोलेन, “फिन भला उद्धार केकर होइ?”
27 ईसू कहेस, “उ बातन जउन मनइयन बरे नाहीं होइ सकतीं, परमेस्सर बरे होइ सकत हीं1”
28 फिन पतरस कहेस, “देखा, तोहरे पाछे चलइ बरे हम उ सब कछू तजि दीन्ह ह जउन हमरे पास रहा!”
29 तब ईसू ओनसे बोला, “मइँ तोहसे सच कहत हउँ, अइसा कउनो नाहीं जउन परमेस्सर क राज्य बरे घर-बार, पत्नी या भाइयन या महतारी बाप या संतान क तजि दिहे होइ,
30 अउर ओका इहइ जुग मँ कइउ कइउ गुना जिआदा न मिलइ अउर आवइवाला समइ मँ उ अनन्त जीवन क न पाइ जाइ।”
31 फिन ईसू ओन बारहु क एक कइँती लइ जाइके ओनसे बोला, “सुना, हम यरूसलेम जात अही। मनई क पूत क बारे मँ नबियन क जरिये जउन कछू लिखा गवा अहइ, उ पूर होइ।
32 हाँ, उ गैर यहूदियन क सौंप दीन्ह जाइ, ओकर मसखरी उड़ाइ जाइ, उ कोसा जाइ अउर ओह पइ थूक दीन्ह जाइ।
33 फिन उ सबइ ओका पिटिहीं अउर मारि डइहीं अउर तीसर दिन फिन जी जाई।”
34 एहमाँ स कउनो भी बात उ सबइ नाहीं समुझ सकेन। इ कहब ओनसे छुपा ही रही गवा कि उ कउने बारे मँ बतावत रहा।
35 ईसू जब यरीहो क लगे पहुँचा रहा तउ भीख माँगत भवा एक आँधर, हुवँई राह किनारे बइठा रहा।
36 आँधर जब मनइयन क जाइ क आवाज सुनेस तउ उ पूछेस, “का होत अहइ?”
37 तउ मनइयन ओसे कहेन, “नासरत क ईसू हिआँ स जात अहइ।”
38 तउ आँधर इ कहत भवा पुकार उठा, “दाऊद क पूत, ईसू। मोहे प द्या करा!”
39 उ जउन अगवा चलत रहेन उ पचे ओसे खमोस रहइ क कहेन, मुला उ अउर जिआदा पुकारइ लाग, “दाऊद क पूत मोरे प द्या करा!”
40 ईसू थम गवा अउर उ हुकुम दिहेस कि आँधर क ओकरे लगे लइ आवा जाइ! तउ जब उ नगिचे आवा तउ ईसू ओसे पूछेस,
41 “तू का चाहत ह मइँ तोहरे बरे का करउँ?” उ कहेस, “पर्भू, मइँ फिन स देखइ चाहत हउँ।”
42 ऍह पइ ईसू कहेस, “तोहका जोति मिलइ, तोहार बिसवास स तोहार रद्धार भवा ह.”
43 अउर फउरन ही ओका आँखिन मिल गइन। उ परमेस्सर क महिमा क बखान करत भवा ईसू क पाछे होइ गवा। जब सब मनइयन इ देखेन तउ उ पचे परमेस्सर क स्तुति करइ लागेन।
Luke 19
1 फिन ईसू यरीहो मँ घुसिके जब हुवाँ स जात रहा।
2 तो हुवाँ जक्कई नाउँ क एक मनई भी हाजिर रहा। उ चंुगी (टिक्ॅस) उगहियन मुखिया रहा। तउ उ बहोत धनी रहा।
3 उ इ देखइ क जतन करत रहा कि ईसू कउन अहइ, मुला भिड़िया क कारण उ देख नाहीं पावत रहा काहेकि ओकर कद छोटवार राह।
4 तउ उ सबन क अगवा धावत भवा एक ठु गुलरी क बृच्छ प जाइ चढ़ा जेहसे, उ ओका निहारि सकइ काहेकि ईसू क उहइ रास्ता स होइके निकरइ क रहा।
5 फिन जब ईसू उ ठउरे प आवा तउ उ ऊपर लखत भवा जक्कई स कहेस, “जक्कई, हाली स नीचे उतरि आवा काहेकि मोका आजु तोहरे ही घरे प रुकइ चाही।”
6 तउ उ तड़फड़ नीचे उतरिके खुसी क संग ओकर अगवानी किहेस।
7 जब सबहिं मनइयन इ लखेन तउ उ पचे बड़बड़ाइ लागेन अउर बोलेन, “अरे इ एक पापी क घर मेहमान बनइ जात अहइ।”
8 मुला जक्कई खड़ा भवा अउर पर्भू स बोला, “हे पर्भू देखा, मइँ आपन सारी धन दौलत क आधा हींसा गरीब गुरबन क दइ देब अउर जदि मइँ कउनो क छल कइके कछू भी छीना ह तउ ओका चौगुना कइके लौटाइ देब!”
9 ईसू ओसे कहेस, “इ घरे प आज उद्धार आइ गवा ह, काहेकि इ मनई भी इब्राहीम क ही संतान अहइ।
10 काहेकि मनई क पूत भी जउन कउनो हेराइ गवा अहइ, ओका ढूँढ़इ अउर ओकर उद्धार करइ आवा ह।”
11 जब उ मनइयन इ बातन क सुनत रहेन तउ ईसू ओनका एक दिस्टान्त कथा सुनाएस काहेकि ईसू यरूसलेम क नगिचे रहा अउर उ पचे सोचत रहेन कि परमेस्सर क राज्य तुरंत ही परगट होइ जात अहइ।
12 तउ ईसू कहेस, “एक ऊँच कुल क मनई राजा क पाद पावइ बरे कउनो परदेस मँ गवा।
13 तउ उ आपन दस नउकरन क बोलाएस अउर ओनमाँ स हर एक क एक एक थैली दिहस अउर ओनसे कहेस, ‘जब ताईं मइँ लौटउँ, ऍसे कउनो बियापार करा।’
14 मुला सहर क दूसर मनई ओसे घिना करत रहेन, एह बरे उ पचे ओकर पाछे इ कहइ क एक प्रतिनिधि मण्डत पठएस, ‘हम नाहीं चाहित कि इ मनई हम पइ राज करइ।’
15 “मुला उ राजा क पदवी पाइ गवा। फिन जब उ वापस लौटा तउ जउन नउकरन क उ धन दिहे रहा ओनका इ जानइ बरे कि उ सबइ कउन लाभ कमाइ लिहन ह, उ बोलॉवा पठएस।
16 पहिला आइ अउर बोला, ‘स्वामी, तोहार थैलियन स मइँ दस अउर थैली कमाउँ ह!”
17 ऍह पइ ओकर स्वामी ओसे कहेस, ‘उत्तिम नउकर तू नीक किहा ह। काहेकि तू इ छोटकी सी बात प बिसवास क जोग्ग रहा। तू दस सहरन क अधिकारी होब्या!’
18 फिन दूसर नउकर आवा अउर बोला, ‘स्वामी तोर थैलियन स मइँ पाँच अउर थैली कमायउँ ह!’
19 फिन उ ऍहसे कहेस, ‘तू पाँच सहरन क ऊपर राज करब्या!’
20 फिन एक दूसर नउकर आवा अउर बोला, ‘स्वामी इ रही तोहार थैली जेका मइँ अँगौछा मँ बाँधिके कहूँ रख दिहे रहेउँ।
21 मइँ तोहसे डेरात रहत हउँ, काहेकि तू एक कठोर मनई अहा। तू जउन रख्या नाहीं ह तू ओका भी लइ लेत ह अउर जउन तू बोया नाहीं ओका काटत ह!’
22 मालिक ओसे कहेस, ‘अरे दुस्ट नउकर! मइँ तोहरे आपन सब्दन क ऊपर तोहार निआव करब। तू तो जानत ही ह कि मइँ जउन राखत नाहीं हउँ, ओका भी लइ लेइवाला अउर जउन बोवत नाहीं ओका बी काटइवाला कठोर मनई हउँ?
23 तउ फिन तू मोर धन बियाज प काहे नाहीं लगाया ताकि मइँ अबहुँ वापस आवत होतउँ तउ बियाज क साथ ओका लइ लेतउँ।”
24 फिन लगे खड़ा मनइयन स उ कहेस, ‘ऍकर थैली ऍहसे लइ ल्या अउर जेकरे लगे दस थैली अहइँ ओका दइ द्या।’
25 ऍह पइ उ सबइ ओसे बोलेन, ‘मालिक, ओकरे लगे तउ दस थैली अहइँ!’
26 मालिक कहेस, ‘मइँ तोहसे कहत हउँ हर एक उ मनई क जेकरे लगे अहइ अउर जिआदा दीन्ह जाइ अउर जेकरे पास नाहीं अहइ, ओसे जउन ओकरे लगे अहइ, उ भी छीन लीन्ह जाइ।
27 मुला मोर उ बैरी जउन नाहीं चाहतेन कि मइँ ओन पइ हुकूमत करउँ जेनका हिआँ मोरे समन्वा लावा अउर मारि डावा।”‘
28 इ बातन कहि चुके क पाछे ईसू अगवा चलत भवा यरूसलेम कइँती बढ़इ लाग।
29 अउर फिन जब उ बैतफगे अउर बैतनिय्याह मँ उ पहाड़ी क नगिचे पहुँचा जउन जैतून क पर्वतन कही जात रहीं तउ उ आपन दुइ चेलन क इ कहिके पठएस कि
30 “इ जउन गाउँ तोहरे समन्वा अहइ, हुवाँ जा। जइसे ही तू हुवाँ घुसब्या, तोहका गदही क बच्चा हुवाँ बाँधा भवा मिली। जेहॅ पइ कउनो कबहूँ सवारी नाहीं किहे होइ, ओका खोलिके हिआँ लिआवा।
31 अउर जदि कउनो तोहसे पूछइ तू ऍका काहे खोलत अहा, तो तोहका ओसे इ कहब अहइ, ‘पर्भू क चाही।”‘
32 फिन जेनका पठवा ग रहा, उ पचे गएन अउर ईसू जइसा ओनका बताए रहा, ओनका बइसा ही मिला।
33 तउ जब उ सबइ बचवा क खोलत ही रहेन, ओकर मालिक लोगन ओनसे पूछेन, “तू इ बचवा क काहे खोलत बाट्या?”
34 उ पचे कहेन, “इ पर्भू क चाही।”
35 फिन उ पचे ओका ईसू क लगे लइ आएन। उ पचे आपन ओढ़ना उ बच्चा प ओढ़ाइ दिहेन अउर ईसू क ओह पइ बइठाइ दिहन।
36 ईसू जब जात रहा तउ मनइयन आपन ओढ़ना सड़क पइ बिछावत जात रहेन।
37 अउर फिन जब उ जैतून क पर्वतन स तलहटी क लगे आवा तउ चेलन क समूची भीड़ ओन सबहिं अजूबा कामे बरे, जउन उ पचे लखे रहेन, ऊँच आवाज मँ खुसी स परमेस्सर क स्तुति करइ लागेन। उ पचे पुकारेन;
38 “राजा उ धन्य अहइ, आवत ह जउन नाउँ मँ पर्भू (परमेस्सर) क! भजन संहिता 18:26सरगे मँ सान्ति होइ, अउर अकास मँ महिमा होइ परमेस्सर क!”
39 भिड़िया मँ खड़ा भएन कछू फरीसियन ओसे कहेन, “गुरु, चेलन क मना करा!”
40 तउ उ जवाब दिहस, “मइँ तोहसे कहत हउँ जदि इ सबइ खामोस होइ जाइँ तउ उ सबइ पाथर चिचियइहीं।”
41 जब उ नगिचे आइके सहर क लखेस तउ उ ओह प रोइ पड़ा।
42 अउर बोला, “जदि तू बस आजु इहइ जानत होत्या कि कउन तोहका सान्ति देइ मुला अब उ तोहरी आँखी स ओझर होइ गवा बा।
43 उ दिनन तोहे प अइहीं जब तोहरे बैरी चारिहुँ कइँती अड़चन खड़ी कइ देइहीं। उ सबइ तोहका घेरि लेइहीं अउर सब कइँती स तोह पइ दबाव डइहीं।
44 उ सबइ तोहका धूरी मँ मिलइहीं। तोहका अउर तोहरे दीवार क भीतर रहइवालन गदेलन क। तोहरी चहरदीवारे क भीतर उ सबइ तोहरे मकाने क एक पथरा भी ना छोड़िहइँ। काहेकि जब परमेस्सर तोहरे लगे आइ, तू उ घड़ी क नाहीं पहिचान्या।”
45 फिन ईसू मंदिर मँ घुसा अउर जउन हुवाँ दुकानदारी करत रहेन ओनका बाहेर निकारइ लाग।
46 उ ओनसे कहेस, “पवित्तर सास्तर मँ लिखा ग अहइ, ‘मोर घर पराथना घर होइ।’मुला तू पचे ऍका ‘डाकुअन क अड्डाबनए अहा।”
47 अब तो हर दिन मंदिर मँ उपदेस देइ लाग। मुख्ययाजकन, धरम सास्तिरियन अउर मुखिया मनइयन ओका मार डावइ क ताकि मँ हरइ लागेन।
48 मुला ओनका अइसा कइ डावइ क कउनो अउसर न मिल पावा काहेकि मनइयन ओकरे बचन क बहोत मान्नता देत रहेन।
Luke 20
1 एक दिन जब ईसू मंदिर मँ मनइयन क उपदेस देत भवा सुसमाचार सुनावत रहा तउ मुख्ययाजकन अउर धरम सास्तिरियन, बुजुर्ग यहूदी नेतन क संग ओकरे लगे आएन।
2 उ पचे ओसे पूछेन, “हमका बतावा तू इ काम कउनो अधिकार स करत अहा? उ कउन अहइ जउन तोहका इ अधिकार दिहे अहइ?”
3 ईसू ओनका जवाब दिहस, “मइँ भी तोहसे एक सवाल पूछत हउँ, तू मोका बतावा
4 यूहन्ना क बपतिस्मा देइ क अधिकार सरग स मिला रहा या मनई स?”
5 ऍह पइ आपुस मँ बिचार क चर्चा करत भवा उ पचे बोलेन, “जदि हम कहित ह, ‘सरग स’ तउ इ कही, ‘तउ तू ओह प बिसवास काहे नाहीं किहा?’
6 अउर अगर हम कही, ‘मनई स’ तउ सबहीं मनई हम पइ पाथर फेंकिहीं। काहेकि उ सबइ इ मानत हीं कि यूहन्ना एक नबी रहा।”
7 तउ उ सबइ जवाब दिहेन कि उ पचे नाहीं जानतेन कि उ अधिकार कहाँ स मिला।
8 फिन ईसू ओनसे कहेस, “तउ मइँ भी तोहका नाहीं बताउब कि इ चीज मइँ कउनो अधिकारे स करत हउँ!”
9 फिन ईसू मनइयन स आपन दिस्टांत कथा कहइ लाग: “कउनो मनई अंगूरे क बगिया लगाइके ओका कछू किसानन क लगाने प दिहस अउर उ बहोत दिना तक कहूँ चला गवा।
10 जब फसल काटइ क समइ आइ, तउ उ एक नउकर क किसानन क लगे पठाएस ताकि उ पचे ओका अंगूरे क बगिचा क कछू फल दइ देइँ। मुला किसानन ओका मार पीटिके खाली हाथ लौटाइ दिहन।
11 उ तब एक नउकर हुवाँ पठएस। मुला उ पचे ओकर ठोंकाइ कइ डाएन। उ सबइ ओकरे संग बहोत बुरा ब्यौहार किहेन। अउर ओका भी खाली हाथे लौटाइ दिहन।
12 ऍह पइ उ एक तिसरा नउकर पठएस मुला उ पचे एक भी घायल कइके बाहेल ढकेल दिहन।
13 तब तउ बगिया क मालिक कहइ लाग, ‘मोका का करइ चाही? मइँ आपन पियारे बेटवा क पठउब साइद उ पचे ओकर इज्जत करिहइँ!”
14 मुला किसानन जब ओकरे बेटवा का लखेन तउ आपुस मँ सोच बिचारि करत भए बोलेन, ‘इ तउ बारिस अहइ, आवा ऍका मारि डाइ जेहसे बारिस हमार होइ जाइ!’
15 अउर उ पचे ओका बगिया स बाहेर खदेरके मारि डाएन।“तउ फिन बगिया क मालिक ओनके संग का करी?
16 उ आइ अउर ओन किसानन क मारि डाई अउर अंगूरे क बगिया अउरन क सौंपि देइ।” उ पचे जब इ सुनेन तउ उ सबइ बोलेन, “अइसा कबहूँ न होइ चाही!”
17 तब ईसू ओनकइ कइँती निहारत भवा कहेस, “तउ फिन इ जउन लिखा अहइ ओकर अरथ का अहइ:‘जउने पाथर क राजगीर बेकार समझ लिहे रहेन उहइ कोनवा क प्रमुख पाथर बन गवा?’ भजन संहिता 118:22
18 हर कउनो जउन उ पाथर प गिरी चूर चूर होइ जाइ अउर जेहॅ पइ उ गिरी चकनाचूर होइ जाइ!”
19 धरम सास्तिरियन अउर मुख्ययाजकन कउनो रास्ता ढँूढ़ीके ओका पकड़ि लेइ चाहत रहेन काहेकि उ ताड़ ग रहेन कि उ इ दिस्टान्त कथा ओनके खिलाफ कहेस ह। मुला उ पचे मनइयन स डेरात रहेन।
20 तउ उ पचे होसियारी स ओह प निगाह राखइ लागेन। उ पचे अइसे खुफिया पठएन जउन ईमानदार होइ क सुआंग रचत रहेन। (ताकि उ सबइ ओकर कही भइ कउनो बातन मँ फँसाइके राज्यपाल क सक्ती व अधिकारे क मातहत कर देइँ।)
21 तउ उ पचे ओसे पूछत भए कहेन, “गुरु, हम जानित ह कि जउन नीक अहइ अउर उहइ क तू कहत अउर उपदेस देत अहा अउर न ही कउनो क पच्छ लेत ह। मुला तू सचाई स परमेस्सर क रास्ता क उपदेस देत अहा।
22 तउ बतावा कैसर क हमका चुंगी (टिक्स) देब नीक बा या नाहीं चुकाउब?”
23 ईसू ओनकइ चाल क ताड़ गवा रहा। तउ उ ओनसे कहेस,
24 “मोका एक दीनार देखावा, ऍह पइ मूरति अउर लिखाइ केकर अहइ?”उ सबइ कहेन, “कैसर का।”
25 ऍह पइ उ ओनसे बोला, “तउ फिन जउन कैसर क अहइ, ओका कैसर क द्या। अउर जउन परमेस्सर क अहइ ओका परमेस्सर क।”
26 उ पचे ओकरे जवाबे प चकित होइके चुप रहि गएन अउर उ मनइयन क समन्वा जउन कछू कहे रहा, ओह पइ ओका पकड़ नाहीं पाएन।
27 अब देखा कछू सदूकियन ओकरे लगे आएन। (इ सबइ सदूकियन उ रहेन जउन फिन स जी उठब का नाहीं मनतेन।) उ पचे ओसे पूछत भए कहेन,
28 “गुरु, मूसा हमरे बरे लिखा बा कि जदि कउनो क भाई मरि जाइ अउर ओकरे कउनो बचवा न होइ अउर ओकर पत्नी होइ तउ ओकर भाई विधवा स बियाहिके आपन मरे भए भाई बरे, ओसे संतान पइदा करइ।
29 अब देखा, सात भाइयन रहेन। पहिला भाइ कउनो स्त्री स बियाह किहेस अउर उ बे संतान क ही मरि गवा।
30 फिन दूसर भाई ओसे बियाहेस,
31 अउर अइसे ही तीसर भाई ओसे बियाहेस। सबन क संग एक जइसा ही भवा। उ पचे वे संताने क मर गएन।
32 पाछे उ स्त्री भी मरि गइ।
33 अब बतावा, फिन स जी उठे प उ केकर पत्नी होइ काहेकि ओसे तउ सातहु ही बियाहे रहेन?”
34 तब ईसू ओसे कहेस, “इ जुग क मनई बियाह करत हीं अउर बियाह कइके बिदा होत हीं।
35 मुला उ मनइयन जउन मरे भएन मँ स जी जाइ बरे अउर आवइवाले जुग मँ भाग लेइ क जोग्य ठहराइ दीन्ह ग अहइँ, उ पचे न तउ बियाह करिहीं अउर न ही बियाह कइके बिदा कीन्ह जइहीं।
36 अउर उ फिन कबहुँ मरिहीं भी नाहीं, काहेकि उ पचे सरगदूतन क नाई अहइँ, उ पचे परमेस्सर क संतान अहइँ काहेकि उ पचे पुनरुत्थान क पूत अहइँ।
37 मुला तलक झाड़ी स जुड़ा भवा अनुच्छेद मँ देखाएस ह कि उ पचे मरे भएन मँ स जिआवा ग अहइँ, जबकि उ कहेस पर्भू, ‘इब्राहीम क परमेस्सर, इसहाक क परमेस्सर अउर याकूब क परमेस्सर’ अहइ।
38 उ मरे भएन क नाहीं मुला जिअत क परमेस्सर अहइ। उ सबइ मनइयन जउन ओकर अहइँ, जिअत अहइँ।”
39 कछू धरम सास्तिरियन कहेन, “गुरु, नीक कह्या।”
40 काहेकि फिन ओसे कउनो अउर सवाल पूछइ क हिम्मत नाहीं कइ सकेन।
41 ईसू ओसे कहेस, “उ पचे कहत हीं कि मसीह दाऊद क पूत अहइ। इ कइसे होइ सकत ह
42 काहेकि भजन संहिता क किताब मँ दाऊद खुद कहत ह:‘पर्भू (परमेस्सर) मोरे पर्भू (मसीह) स कहेस; मोरे दाहिन हाथ बइठा,
43 जब तलक कि मइँ तोहरे बैरियन क तोहरे गोड़ धरइ क चउकी न बनाइ देउँ। भजन संहिता 110:1
44 इ तरह जब दाऊद मसीह क ‘पर्भू’ कहत ह तउ मसीह दाऊद क पूत कइसे होइ सकत ह”
45 सबहीं मनइयन क सुनत उ आपन मनवइयन स कहेस,
46 “धरम सास्तिरियन स होसियार रहा। उ लम्बा चोगा पहिरिके इज्जत क संग बाजारन मँ सुआगत सम्मान पावइ चाहत हीं। अउर आराधनालय मँ ओनका सबस जिआदा प्रमुख आसन क ललक रहत ह। दाउतन मँ उ सबइ इज्जत स भरा आसन चाहत हीं।
47 उ पचे विधवन क अकसर धोखा देत हीं अउर ओनकर मकान लइ लेत हीं। देखॉवा बरे उ पचे बड़ी बड़ी पराथना करत हीं। इन मनइयन क कड़ी स कड़ी सजा भुगुतइ पड़ी।”
Luke 21
1 ईसू आपन अँखिया उठाइके देखेस कि धनी लोग दान पात्र मँ आपन आपन भेंट चढ़ावत अहइँ।
2 तबहीं उ एक गरीब विधवा क ओहमाँ, ताँबे क दुइ नान्ह सिक्का नावत भइ लखेस।
3 उ कहेस, “मइँ तोहसे सच कहत हूँ कि दूसर सबहीं मनइयन स इ विधवा जिआदा दान दिहेस ह।
4 इ मइँ ह बरे कहत हउँ काहेकि इ सबहीं मनइयन आपन उ धने मँ स जेकर ओनका जरूरत नाहीं रही, दान दिहे रहेन मुला इ विधवा गरीब होत भइ जिन्ना रहइ बरे जउन कछू ओकर लगे रहा, सब कछू दइ डाएस।”
5 कछू चेलन मंदिन क बारे मँ बतियात रहेन कि उ मंदिर सुन्नर पथरन अउर परमेस्सर की दीन्ह गइ मनौती क भेंट स कइसे सजाना ग बा!
6 तबहिं ईसू कहेस, “अइसा समइ आइ जब, इ जउन कछू तू देखत अहा, ओहमाँ एक पाथर दूसर पाथर टिक न रह पाइ। उ सबइ ढहाइ दीन्ह जइहीं!”
7 उ पचे ओसे पूछत भए बोलेन, “गुरु, इ बातन कब होइहीं? अउर इ बातन जउन होइवाली अहइँ, ओकर कउन चीन्हा होइहीं?”
8 ईसू कहेस, “होसियार रहा, कहूँ कउनो तोहका छल न लेइ। काहेकि मोरे नाउँ स बहोत मनइयन अइहीं अउर कइहीं, ‘मइँ मसीह अहउँ’ अउर ‘समइ आइ पहुँचा अहइ।’ ओनके पाछे जिन जा।
9 परन्तु जब तू जुद्ध अउर दंगा क बात सुना तउ जिन डेराअ काहेकि इ बातन तउ पहिले घटि जइहीं। अउर ओनकइ अंत फउरन न होइ।”
10 उ ओनसे फिन कहेस, “एक जाति दूसर जाति क खिलाफ खड़ी होइ अउर एक राज्य दूसर राज्य क खिलाफ।
11 बड़ा बड़ा भुइँडोल अइहीं अुर अनेक जगहन प अकाल पड़िहीं अउर महामारी आइ। अकासे मँ खौफनाक घटना घटिहीं अउर भारी चीन्हा परगट होइहीं।
12 “मुला इ सबन घटना स पहिले तोहका बंदी बनइ डइहीं अउर तोहका दारुण दुःख देइहीं। उ सबइ तोह प जुर्म लगावइ बरे तोहका आराधनालय क सौंपिहीं अउर फिन तोहका जेल पठइ दीन्ह जाइ। अउर फिन मोरे नाउँ क कारण उ पचे तोहका राजा लोग अउर राज्यपाल क समन्वा लइ जइहीं।
13 ऍसे तोहका मोरे बारे मँ साच्छी देइ क अउसर मिली।
14 यह बरे पहिले स ही ऍकर फिकिर न करइ क निहचइ कइ ल्या कि आपन बचाव कइसे करब्या।
15 काहेकि अइसी बुद्धि अउर सब्द तोहका मइँ देब कि तोहार कउनो भी बैरी तोहार सामना अउर तोहार खण्डन नाहीं कइ सकी।
16 मुला तोहार महतारी बाप, भाई, बन्धु, नातेदार अउर मीत भी तोहका धोखा स पकड़वइहीं अउर तोहमाँ स कछू क तउ मरवाइ ही डइहीं।
17 मोरे कारण सब तोसे बैर रखिहीं।
18 मुला तोहरे मूँड़े क एक बार बाँका नाहीं होइ।
19 तोहार सहइ क सक्ती, तोहरे प्रान क रच्छा करी।
20 “अब लखा जब यरूसलेम क तू फऊज स घिरा देखब्या तउ समुझ लिहा कि ओकर तहस नहस होइ जाब नगिचे अहइ।
21 तब तउ जउन यहूदिया मँ होइँ, ओनका चाही कि उ पचे पहाड़न प पराइ जाइँ अउर उ सबइ जउन सहर क भीतर होइँ, बाहेर निकर आवइँ अउर उ पचे जउन गाउँ मँ होइँ ओनका सहर मँ नाहीं जाइ चाही।
22 काहेकि उ दिनन सजा क होइहीं। ऍहसे जउन लिखा ग बाटइ, उ सबहीं पूर होइ।
23 उ स्त्रियन बरे, जउन पेटवा स भारी होइहीं अउर ओनके बरे जउन दूध पिआवत होइहीं, उ दिनन केतॅना खौफनाक होइहीं। काहेकि उ दिनन धरती प बहोत बड़की बिपत आइ इ मनइयन प परमेस्सर कोहाइ जाइ।
24 उ सबइ तरवारे क धार स गिरा दीन्ह जइहीं अउर कैदी बनइके सब देसन मँ पहुँचाइ दीन्ह जइहीं। अउर यरूसलेम बे यहूदियन क गोड़वा तरे तब तलक रौंद जाइ जब तलक गैर यहूदियन क समइ पूर नाहीं होइ जात।
25 “सूरज चाँद अउर तारन मँ चीन्हा परगट होइहीं अउर धरती प क सबहिं रास्ट्रन प बिपत आई अउर उ सबइ समुद्दर क आवाज अउर उधर-पुथर स घबराइ उठिहीं।
26 मनइयन डर अउर संसार प आवइ वाली बिपत क भय से बेहोस होइ जइहीं काहेकि आकास क सक्ती हलोर दीन्ह जाइ।
27 अउर तबहिं उ पचे मनई क पूत क आपन सक्ती अउर महान महिमा क एक बादर आवत भवा देखिहीं।
28 अब देखा, इ बातन जब घटइ लागइँ तउ खड़ा होइके तू आपन मूँड़ ऊपर उठाइ ल्या। काहेकि तोहार छुटकारा नगिचे आइ रही होइ!”
29 फिन एक ठु दिस्टान्त कथा कहेस: “अउर सबहिं बृच्छन अउर अंजीरे क बिरवा लखा।
30 ओहमाँ स जइसे ही कोंपर फूटत हीं, तू आपन आप जान जात ह कि गर्मी क रितु बस आइ ग अहइ।
31 वइसे ही तू जब इ बातन क घटतइ देख्या तउ जान लिहा कि परमेस्सर क राज्य नगिचे अहइ।
32 “मइँ तोहसे सच कहत हउँ कि जब तलक इ सब बातन घटि नाहीं जातिन, इ पीढ़ी क अंत नाहीं होइ!
33 धरती अउर अकास बरिबाद होइ जइहीं, पर मोर बचन हमेसा अटल रही!
34 “आपन धियान राखा जेहसे तोहार मन कहूँ पिअइ पिआवइ अउर संसारे क फिकिर स पाथर न होइ जाइ। अउर उ दिन एक फंदा क तरह तोह प एकाएक न आइ पड़इ।
35 सचमुच ही उ इ सारी धरती क बसइयन पइ अइसे ही आइ गिरी।
36 हर छिन होसियार रहा, अउर पराथना करा कि तोहका इ सब बातन स, जउन घटइवाली अहइँ, बचइ क ताकत मिलइ अउर तू मनई क पूत क समन्वा खड़ा होइ सका।”
37 हर रोज मंदिर मँ उपदेस देत रहा मुला, राति बीति जाइ प हर साँझ जैतून पर्वत प चला जात रहा।
38 सबहीं मनई भिन्सारे क तड़के उठत रहेन अउर मंदिर मँ ओकरे लगे जाइके, ओका सुनत रहेन।
Luke 22
1 अब फसइ नाउँ क बे खमीरे क रोटी क त्यौहार आवइ क रहा।
2 ओहॅर मुख्य याजकन अउर धरम सास्तिरियन काहेकि मनइयन स डेरात रहेन एह बरे कउनो अइसे चाल क ताक मँ रहेन जेहसे उ ईसू क मारि डावइँ।
3 फिन इस्करियोति कहावइवाला उ यहूदा मँ, जउन उन बारहु मँ एक रहा, सइतान समाइ गवा।
4 उ मुख्ययाजकन अउर सैनिकन क लगे गवा अउर ओनसे ईसू क कइसे पकड़वाइ सकत ह, इ बारे मँ बातचीत किहेस।
5 उ सबइ बहोत खुस भएन अउर ओका ऍकरे बरे धन देइ क राजी होइ गएन।
6 उ भी राजी होइ गवा अउर उ अइसे अउसरे क ताड़ मँ रहइ लाग जब भीड़-बड़ी न होइ अउर उ ईसू का ओकरे हथवा मँ धराइ देइ।
7 फिन बे खमीर क रोटी क उ दिन आवा जब फसह क मेमने क बलि दीन्ह जात ह।
8 तउ उ इ कहत भवा पतरस अउर यूहन्ना क पठएस, “जा अउर हमरे बरे फसह क भोज तइयार करा जेसे हम पचे ओका खाइ सकी।”
9 उ सबइ ओसे पूछेन, “तू हम पचन स ओकर तइयारी कहाँ करावइ चाहत ह” उ ओनसे कहेस,
10 “तू जइसे ही सहर मँ घुसब्या तोहका पानी क गगरी लइ जात भवा एक मनई मिली, ओकरे पाछे होइ जाया अउ प जउन घरे मँ उ जाइ तू भी पाछे चला जाया।
11 अउर घरे क स्वामी स कह्या ‘गुरु, तोहसे पूछेस ह कि उ मेहमान क कमरा कहाँ बा जहाँ मइँ आपन चेलन क संग फसह क भोज क खइया क खाइ सकउँ।’
12 फिन उ मनई सिढ़ियन क ऊपर तोहका सजा सजावा एक बड़ा कमरा देखॉई, हुवँई तइयारी कर्या।”
13 उ पचे चल पड़ेन अउर वइसा ही पाएन जइसा उ ओनका बताए रहे। फिन उ पचे फसह क भोज क तइयार किहेन।
14 फिन उ घड़ी आइ तब ईसू खाइ बरे बइठा अउर प्रेरितन ओनके साथ बइठेन।
15 उ ओनसे कहेस, “यातना झेलइ स पहिले इ फसह क भोज संग करइ क मोर प्रबल इच्छा रही।
16 काहेकि मइँ तोहसे कहत हउँ कि जब तलक परमेस्सर क राज्य मँ फसह क भोज का पूरा मतलब न समझ लिया तब तलक मइँ ऍका दूसरी दाई न खाब।”
17 फिन उ खोरा उठाइके धन्यबाद दिहेस अउर कहेस, “ल्या ऍका आपुस मँ बाँटि ल्या।
18 काहेकि मइँ तोहसे कहत हउँ आजु क पाछे जब ताई परमेस्सर क राज्य नाहीं आइ जात मइँ कइसी भी दाखरस कबहुँ न पिअब।”
19 फिन उ तनिक रोटी लिहस अउर धन्यबाद दिहस। उ रोटी का तोड़ेस अउर ओनका देत भवा कहेस, “इ मोर देह अहइ जउन तोहरे बरे दीन्ह ग अहइ। मोरे याद मँ अइसा ही कर्या।”
20 अइसे ही जब उ पचे भोजन कइ चुकेन तउ उ खोरा उठाएस अउर कहेस, “इ दाखरस मोरे उ लहू क रूप मँ एक नवा करार क प्रतीक अहइ जउन तोहरे बरे उड़ेला गवा अहइ।”
21 “मुला देखा, मोका जउन धोखा स पकड़वाइ, ओकर हाथ हिअँइ मेजे प मोर संग अहइ।
22 काहेकि मनई क पूत तउ मारा ही जाइ जइसा कि तइ अहइ मुला धिक्कार उ मनई क अहइ जेकरे जरिए उ पकड़वाइ जाइ।”
23 ऍह पइ उ आपुस मँ एक दुसरे स सवाल करइ लागेन, “ओहमाँ स उ कउन होइ सकत ह जउन अइसा करइ जात अहइ?”
24 फिन ओहमाँ इ बात भी उठी कि ओहमाँ स सब स बड़कवा केका समुझा जावइ
25 मुला ईसू ओनसे कहेस, “गैर यहूदियन क राजा ओन प रुतवा राखत हीं अउर उ सबइ जउन ओन प हुकुम चलावत हीं, खुद मनइयन क ‘उपकारी’ कहवावत हीं।
26 मुला तू वइसे नाहीं अहा तउ भी तोहमाँ स सब स बड़कावा सब ते छोटकवा जइसा होइ चाही अउर जउन राज करत ह ओका चाकर क नाईं होइ चाही।
27 काहेकि बड़कवा कउन अहइ: उ जउन खाइ क मेज प बइठा अहइ या उ जउन परसत ह का उहइ नाहीं जउन मेज प अहइँ मुला तोहरे बीच मइँ वइसा हउँ जउन परोसत ह!
28 मुला तू उ सबइ अहा जउन मोरी परीच्छा मँ मोर साथ दिहा ह।
29 अउर मइँ तोहका वइसे ही एक राज्य देत अही जइसे मोर परमपिता ऍका मोका दिहे रहेन।
30 काहेकि मोरे राज्य मँ तू मोरे मेज प खा अउर पिआ अउर इस्राएल क बारहू जनजातिन क निआव करत भवा सिंहासने प बइठा।
31 ‘समौन, ओ समौन! सुना, तू सबन क गोहूँ क तरह फटकइ बरे सइतान चुन लिहे बा।
32 मुला मइँ तोहरे बरे पराथना कीन्ह ह कि जेहसे की परमेस्सर पर तोहार बिसवास खतम न होइ अउर जब तू वापस आवा तउ तोहरे भाइयन क ताकत बढ़इ।”
33 मुला समौन ओसे कहेस, “पर्भू, मइँ तोहरे संग जेल जाइ अउर मरइ तलक तइयार अहउँ!”
34 फिन ईसू कहेस, “पतरस मइँ तोहसे बतावत हउँ कि आजु तब तलक मुर्गा बाँग न देइ जब ताईं तू तीन दाईं मना नाहीं कइ लेब्या कि तू मोका जानत ह!”
35 फिन ईसू आपन चेलन स कहेस, “मइँ तोहका जब वे बटुआ बे थैली या बे चप्पल क पठए रहेउँ तउ का तोहका कउनो चीजे क कमी रही?”उ पचे कहेन, “कउनो चीजे क नाहीं।”
36 उ ओनसे कहेस, “मुला अब जउन कउनो क लगे भी कउनो बटुआ अहइ, उ ओका लइ लेइ अउर थैला भी लइ लेइ अउर उ थैला क भी लइके चलइ। जेकरे लगे तरवार न होइ, उ आपन चोगा तलक बेंचिके ओका बेसहि लेइ।
37 काहेकि मइँ तोहका बतावत हउँ कि पवित्तर सास्तर क इ लिखा मोह प सचमुच ही पूरा होइ जाइ:‘उ एक अपराधी माना गवा।’ यसायाह 53:12हाँ मोरे बारे मँ लिखी गइ इ बात पूरा होइ जाइ प आवति अहइ।”
38 उ सबइ कहेन, “पर्भू, देखा हिआँ दुइ तरवार अहइँ!”ऍह प ओनसे कहेस, “बस बहोत अहइ।”
39 फिन उ हुवाँ स उठिके रोज क तरह जैतून पर्वत प चला गवा। अउर ओकर चेलन भी ओकरे पाछे पाछे होइ गएन। उ जब उ ठउरे प पहुँचा तउ उ ओनसे कहेस, “पराथना करा कि तोहका परीच्छा मँ न पड़इ क होइ।”
40
41 फिन उ ओनसे पाथर फेंकई क तरह पूरी दूरी तक चला गवा। फिन उ घुटना क सहारे निहुरा अउर पराथना करइ लाग,
42 “हे परमपिता, अगर तोहार इच्छा होइ इ यातना क कटोरा मोहसे दूर हटावा मुला फिन भी नाहीं बल्कि तोहार इच्छा पूरा होई।”
43 तबहीं एक सरगदूत हुवाँ परगट भवा अउर ओका सक्ती देइ लाग।
44 ओहर ईसू ब्याकुल होइके बड़े आग्रह पूर्वक पराथना करइ लाग। ओकर पसीना लोहू क बूँदे क नाईं धरती पइ गिरत रहा।
45 अउर जब उ पराथना स उठिके आपन चेलन क लगे आवा तउ उ ओनका दुःखे मँ थकिके सोवत पावा।
46 तउ उ ओनसे कहेस, “तू पचे सोवत काहे अहा? उठा अउर पराथना करा कि तू कउनो परीच्छा मँ न पड़ा।”
47 उ अबहीं बोलत ही रहा कि एक भीड़ जमा होइ गइ। यहूदा नाउँ क एक मनई जउन बारहु मँ स एक रहा, ओनकइ अगुवई करत रहा। उ ईसू क चुम्मा लेइ ओकरे लंगे आवा।
48 मुला ईसू ओनसे कहेस, “अरे यहूदा का तू एक चुम्मा स मनई क पूत क धोखा दइके पकड़वावइ जात अहा?”
49 जउन घटइ जात रहा, ओका लखिके ओकरे नगिचे क मनइयन कहेन, “पर्भू का हम पचे तरवारि क वार करी?”
50 अउर ओहमाँ स एक तउ महायाजक क नउकर प वारि कइके ओकर दाहिन कान काट डाएस।
51 मुला ईसू फउरन कहेस, “ओनका इ भी करइ द्या।” फिन ईसू ओकर कनवा छुइके चंगा किहेस।
52 फिन ईसू ओह प चढ़ाई करइ आएन मुख्ययाजकन, मन्दिर क सैनिकन अउर बुजुर्ग यहूदी नेतन स कहेस, “का तू तरवारि अउर लाठिन लइके कउनो डाकू क मुकाबला करइ निकरा अहा?
53 मन्दिर मँ मइँ हर दिन तोहरे ही संग रहेउँ, मुला तु मोह पइ हाथ नाहीं राख्या। मुला इ समइ तोहार अहइ-अँधियारे (पाप) क हुकुम क काल।”
54 उ पचे ओका कैदी बनाइ लिहन अउर हुवाँ स लइ गएन। फिन उ सबइ ओका महायाजक क घर लइ गएन। पतरस कछू दूरी प ओकरे पाछे पाछे आवत रहा।
55 अँगने क बीच उ पचे आगी सुलगएन अउर एक साथे खाले बैठि गएन। पतरस भी हुवँई ओनही मँ बइठा रहा।
56 आगी क रोसनी मँ एक नउकरानी ओका हुवाँ बइठे लखेस। उ ओह पइ आँखी गड़ावत भइ कहेस, “इ मनई तउ ओकरे साथे भी रहा।”
57 मुला पतरस इन्कार करत भवा कहेस, “हे स्त्री, मइँ ओका नाहीं जानत हउँ।”
58 तनिक दरे पाछे एक ठु दूसर मनई ओका लखेस अउर कहेस, “तू भी ओनही मँ स एक अहइ।” मुला पतरस बोला, “भल मनई, मइँ उ नाहीं हउँ।”
59 कउनो लगभग एक घड़ी बीत भइ होइ कि कउनो अउर भी जोर स कहइ लाग, “सचमुच ही इ मनई ओकरे संग भी रहा। काहेकि लखा उ गलील वासी भी अहइ।”
60 मुला पतरस बोला, “भल मनई, मइँ नाहीं जानता हउँ तू केकरे बारे मँ बतियात अहा!” उहइ घड़ी, उ अबहीं बातन करत ही रहा कि एक ठु मुर्गा बाँग दिहस।
61 अउर पर्भू मुड़िके पतरस पइ आँखी गड़ाएस। तबहिं पतरस क पर्भू क उ वचन याद आवा जउन उ ओसे कहे रहा: “आजु मुर्गा क बाँग देइ स पहिले मोका तीन दाई मुकरि जाब्या।”
62 तब उ बाहेर चला गवा अउर फूटि फूटि को रोवइ लाग।
63 जउन मनइयन ईसू क धइ राखे रहेन उ पचे ओकर मसखरी अउर ओका ठोंकइ लागेन। ओकरे आँखी प पट्टी बाँधि दिहन अउर ओसे इ कहत भए पूछइ लागेन, “भविस्सबाणी करा! उ कउन अहइ जउन तोहका मारेस!”
64
65 उ सबइ ओका बेज्जत करइ बरे ओसे अउर भी बातन कहेन।
66 जबहिं दिन भवा कि मुख्ययाजकन अउर धरम सास्तिरियन संग मनइयन क बुजुर्ग नेतन क एक सभा भइ। फिन उ पचे ओका आपन महासभा मँ लइ गएन।
67 उ सबइ पूछेन, “हमका बतावा का तू मसीह अहा?”ईसू ओनसे कहेस, “जदि मइँ तोहसे कहउँ तउ तू मोर बिसवास नाहीं करब्या।
68 अउर जदि मइँ पूछउँ तउ तू जवाब नाहीं देब्या।
69 मुला अब स मनई क पूत सबन स सक्तीवाला परमेस्सर क दाहिन कइँती बइठाइ जाइ।”
70 उ पचे बोलेन, “तब तउ का तू परमेस्सर क पूत अहा?” उ कहेस, “हाँ, मइँ हउँ।”
71 फिन उ पचे कहेन, “अब हमका कउनो अउर प्रमाण क जरूरत नाहीं अहइ? हम पचे खुद एकरे आपन मुँहना स इ सुन तउ लिहा ह।”
Luke 23
1 फिन सारा जमघट खड़ा होइ गवा अउर ओका पिलातुस क समन्वा लइ गवा
2 अउर उ पचे ओह पइ इ दोख लगावइ लागेन। उ सबइ कहेन, “हम पचे इ मनई का हमरे मनइयन क बहकावत भए धरा ह। इ कैसर क चुंगी (टिक्ॅस) चुकावइ बरे खिलाफत करत ह अउर कहत ह इ खुद मसीह अहइ, एक राजा।”
3 ऍह पइ पिलातुस ओहसे पूछेस, “का तू यहूदियन क राजा अहा?”ईसू ओका जवाब दिहास, “तू ठीक कहत रह्या कि मइँ उहइ हउँ।”
4 ऍह पइ पिलातुस मुख्ययाजकन अउर भीड़ से कहेस, “मोका इ मनई प कउनो दोख लगावइ क कउनो प्रमाण नाहीं देखॉइ देत।”
5 मुला उ पचे इ कहत भए दबाव डावत रहने, “इ समूचइ यहूदिया मँ मनइयन क आपन उपदेस स भड़काएस ह। इ ऍका गलील मँ सुरू किहे रहा अउर समूचइ रस्ता पार कइके हिआँ तलक आइ पहुँचा अहइ!”
6 पिलातुस इ सुनिके पूछेस, “का इ मनई गलील क अहइ?”
7 फिन जब ओका इ पता लाग कि उ हेरोदेस क अधिकार पहँटा क मातहत अहइ तउ उ ओका हेरोदेस क लगे पठएस जउन उ समइ यरूसलेम मँ ही रहा।
8 तउ हेरोदेस जब ईसू क निहारेस तउ उ बहोत खुस भवा काहेकि बरिसन स ओका लखइ चाहत रहा। काहेकि उ ओकरे बारे सुनि चुका रहा अउर ओका कउनो अद्भुत कारज करत भवा लखइ क आसा करत रहा।
9 उ ईसू स ढेर सवाल किहेस मुला ईसू ओका कउनो जवाब नाहीं दिहेस।
10 मुख्ययाजकन अउर धरम सास्तिरियन हुवँइ खड़ा रहेन अउर उ सबइ ओह प बुरी तरह स जुर्म लगावत रहेन।
11 हेरोदेस भी आपन सैनिकन क संग ओकर बेज्जत ब्यौहार किहेस अउर ओकर मसखरि उड़ाएस। फिन उ सबइ ओका एक उत्तिम चोगा पहिराइ के पिलातुस क लगे वापस पठइ दिहेस।
12 उ दिन हेरोदेस अउर पिलातुस एक दूसर क मीत होइ गएन। ऍसे पहिले तउ एक दूसर क बैरी रहेन।
13 फिन पिलातुस मुख्ययाजकन, यहूदी नेतन अउर मनइयन क एक संग बोलाएस।
14 उ ओनसे कहेस, “तू इ मनइयन क बहकावइ वाला मनई क रूप मँ हिआँ मोरे लगे लइ आए अहा। अउर मइँ हिआँ अब तोहरे समन्वा ही ऍकर जाँच पड़ताल कइ लीन्ह ह अउर तू ऍह पइ जउन दोख लगाया ह ओकर न तउ कउनो ठोस सबूत मिलि पावा ह।
15 नाहीं हेरोदेस क काहेकि उ ऍका वापस हमरे लगे पठइ दिहेस ह। जइसा कि तू लखत अहा कि इ अइसा कछू नाहीं किहे अहइ कि इ मउत क काबिल अहइ।
16 यह बरे मइँ ऍका कोड़ा स पिटवाइ ?क छोड़ देबूँ।”
17
18 मुला उ सबइ एक संग चिल्लाएन, “इ मनई क लइ जा। हमरे बरे बरअब्बा क तजि द्या।”
19 (बरअब्बा क सहर मँ मार धाड़ अउर कतल बरे जेल मँ धाँधा गवा रहा।)
20 पिलातुस ईसू क तजि देइ चाहत रहा, तउ उ ओनका समझाएस।
21 मुला उ पचे नारा लगावत रहेन, “ऍका क्रूस प चढ़ाइ द्या, ऍका क्रूस प चढ़ाइ द्या!”
22 पिलातुस ओनसे तिसरी दाईं पूछेस, “मुला इ मनई जुर्म का किहे अहइ? मोका ऍकरे खिलाफ कछू नाहीं मिला बाटइ जउन ऍका मउत क सजा दीन्ह जाइ. एह बरे मइँ कोड़वा लगावाइ के ऍका छोड़ि देइहउँ।”
23 मुला उ सबइ ऊँच आवाज मँ नारा लगाइके माँग करत रहेन कि ओका क्रूसे प चढ़ाइ दीन्ह जाइ। अउर ओकइ नारा क कुलाहल ऍतना बाढ़ि गवा क
24 पिलातुस फैसला किहेस कि ओनकइ माँग मान लीन्ह जाइ।
25 पिलातुस उ मनई क छोड़ दिहस जेकॅा मार धाड़ अउर कतल बरे जेलि मँ धाँधा ग रहा (इ उहइ रहा जेकरे तजि देइ क उ पचे माँग करत रहेन।) अउर ईसू क ओकरे हाथन मँ सौंपि दिहन कि उ सबइ जइसा चाहइँ, करइँ।
26 जब उ सबइ ईसू क लइ जात रहेन तउ उ पचे कुरेनी क बसइया समौन नाउँ क एक मनई क, जउन आपन खेते स आवत रहा, धइ लिहन, अउर ओह पइ क्रूस लादिके ओका ईसू क पाछे पाछे चलइ क मजबूर कइ दिहन।
27 मनइयन एक भारी भीड़ ओकरे पाछे चलत रही। एहमां कछू स्त्रियन भी रहिन जउन ओकरे बरे रोवत रहिन अउर बिलापत रहिन।
28 ईसू ओनके कइँती मुड़ि गवा अउर बोला, “यरूसलेम क स्त्रियो, मोरे बरे जिन बिलापा बल्कि तू पचे आपन बरे अउर आपन बचवन बरे बिलाप करा।
29 काहेकि अइसे दिनन आवत अहइँ जब मनइयन कइहीं, “उ सबइ स्त्रियन धन्य अहइँ, जउन बाँझ बाटिन अउर धन्य अहइँ, उ सबइ कोख जउन कउनो क कबहूँ जनम ही नाहीं दिहन। उ सबइ चूची धन्य अहइँ कबहूँ दूध नाहीं पियाएन।’
30 फिन उ पचे पहाड़न स कइहीं, ‘हम पइ फाटि पड़ा!’ अउर पहाड़ियन स कइहीं, ‘हमका ढाँकि ल्या!’
31 काहेकि मनइयन जब बृच्छ हरियर बाटइ, ओकरे संग तब अइसा करत हीं तउ जब पेड़ झुराइ जाइ तब का होइ?”
32 दुइ अउर मनई, जउन दुइनउँ ही अपराधी रहेन, ओकर संग मउत क सजा दिये बरे लइ जावा जात रहेन।
33 फिन जब उ पचे उ ठउरे प आएन जउन खोपड़ी कहवावत ह तउ उ पचे ओन दुइ उँ अपराधियन क संग ओका क्रूस प चढ़ाइ दिहन। एक अपराधी क ओकरे दाहिन कइँती अउर, दूसर क बाईं कइँती।
34 ऍह पइ ईसू बोला, “हे परमपिता, ऍनका छमा कर्या काहेकि इ पचे नाहीं जानतेन कि इ सबइ का करत अहइँ।”फिन उ सबइ पॉसा फेंकिके ओकरे ओढ़ना क बाँटि लिहन।
35 हुवाँ खड़ा भएन मनइयन लखत रहेन। यहूदी नेतन ओकर मसखरी करत भएन बोलेन, “इ दूसरन क उद्धार किहे अहइ। अगर उ परमेस्सर क चुना भवा मसीह अहइ तउ ऍका आपन खुद क रच्छा करइ द्या।”
36 सैनिकन भी आइके ओकर मसखरी उड़ाएन। उ पचे ओका दाखरस पिअइ क दिहेन
37 अउर कहेन, “जदि तू यहूदियन क राजा अहा तउ आपन खुद क बचाइ ल्या।”
38 (ओकरे ऊपर इ खबर छापी गइ “इ अहइ यहूदियन क राजा।”)
39 हुवाँ लटकावा भवा अपराधियन मँ स एक ओका बेज्जत करत भवा कहेस, “का तू मसीह नाहीं अहइ? हमका अउर आपन खुद क बचाइ ल्या!”
40 मुला दूसर उ पहिले अपराधी क फटकारत भवा कहेस, “का तू परमेस्सर स नाहीं डेरात्या? तोहका भी उहइ सजा मिलति अहइ
41 मुला हमार सजा तउ उचित निआव स भरी अहइ काहेकि हम जउन कछू कीन्ह, ओकरे बरे जउन हमका मिलइ चाही रहा, उहइ मिलत बा मुला इ मनई तउ कछू भी बुरा नाहीं किहेस।”
42 फिन उ बोला, “ईसू, जब तू आपन राज्य मँ आवा तउ मोका याद राख्या।”
43 ईसू ओसे कहेस, “मइँ तोहसे सच कहत हउँ, आज ही तू सरगलोक मँ मोरे संग होब्या।”
44 उ समइ दिना क बारह बजा होइ तबहीं तीन बजे तलक समूची धरती प गहिर अँधियारा छाइ गवा।
45 सूरज भी नाहीं चमकत रहा। ओहर मंदिर मँ परदे क फटे क दुइ टुका होइ गएन।
46 ईसू ऊँच आवाज मँ पुकारेस, “हे परमपिता, मइँ आपन आतिमा तोहरे हाथे मँ सौंपत हउँ।” इ कहिके उ आखिरी साँस लिहेस।
47 जब रोम क फऊजी नायक, जउन कछू घटि गवा रहा, उ लखेस तउ परमेस्सर क गुन गावत भवा उ कहेस, “इ सचमुच ही एक नीक मनई रहा!”
48 जब हुवाँ देखइ आएन एकट्ठा मनइयन, जउन कछू भवा रहा, ओका देखेन तउ आपन छाती पीटत लौटि गएन।
49 मुला उ सबइ जउन ओका जानत रहेन, ओन स्त्रियन संग, जउन गलील स पाछे पाछे आवत रहिन, इ वातन क लखइ कछू दूरी प खड़ा रहेन।
50 अब हुवँई यूसुफ नाउँ क मनई रहा जउन यहूदी महासभा क निअम्बर रहा। उ एक नीक धर्मी पुरुस रहा। उ ओनका फैसला अउर ओका काम मँ लावइ बरे राजी नाहीं रहा। उ यहूदियन क एक सहर अरमत्तिया क बसइया रहा। उ परमेस्सर क राज्य क बाट जोहत रहा।
51
52 उ मनई पिलातुस क लगे गवा अउर ईसु क ल्हास माँगेस।
53 उ ल्हास क क्रूस पइ स नीचे उतरा अउर सने क उत्तिम रेसा क बना कपड़ा मँ ओका लपेट दिहस। फिन उ ओका चट्टान मँ काटी गइ एक कब्र मँ धइ दिहस, जेहमाँ पहिले कबहुँ कउनो क भी नाहीं राखा गवा रहा।
54 उ सुकरवार क दिन रहा, अउर सबित सुरू होइ क रहा।
55 उ सबइ स्त्रियन जउन गलील स ईसू क साथे आइ रहिन, यूसुफ इ पाछे होइ चलिन। उ पचे उ कब्र देखिन अउर लखेन कि ओकर ल्हास कब्र मँ कइसे धरी गइ।
56 फिन उ पचे घर लौटिके खुसबूदार सामग्री अउर लेप तइयार किहेन। सबित क दिन व्यवस्था क मुताबिक उ पचे आराम किहेन।
Luke 24
1 हफ्ता के पहिले दिन बहोत भिन्सारे उ सबइ स्त्रियन कब्र पइ खुसबूदार सामग्री क, जेका उ पचे तइयार किहेन, लइके आइन।
2 ओनका कब्र पइ स लुढ़कि गवा पाथर मिला।
3 तउ उ पचे भीतर चली गइन मुला हुवाँ पर्भू ईसू क ल्हास नाहीं मिली।
4 उ सबइ ऍह पइ अबहीं असमंजस मँ ही पड़ी रहिन कि, ओनके लगे चमचमात ओढ़ना पहिरे दुइ मनई (सरगदूतन) खड़ा भएन।
5 डर स उ पचे धरती कइँती मुँहना लटकाए रहिन। उ दुइ मनइयन ओनसे कहेन, “जउन जिअत अहइ, ओका तू मुर्दवन क बीच काहे हेरति अहा?
6 उ हिआँ नाहीं अहइ। उ जी उठा बा। याद कर जब उ अबहीं गलील मँ रहा, उ तोहसे करा कहे रहा।
7 उ कहे रहा कि मनई क पूत क पापी मनइयन क हाथ सौंप दीन्ह जाब तय अहइ। फिन उ क्रूस पइ चढ़ाइ दीन्ह जाइ अउर तिसरे दिन ओका फिन स जीवित कइ देव तय अहइ।”
8 तब ओन स्त्रियन क ओकर सब्द याद होइ गएन।
9 उ पचे कब्र स लौटि आइन अउर उ सबइ सब वातन ओन ग्यारहु चेलन अउर दूसर सबन क बताएन।
10 इ पचे स्त्रियन रहिन, मरियम मगदलीनी, योअन्ना अउर याकूब क महतारी मरियम। उ सबइ अउर ओनके साथे क दूसर स्त्रियन इ बातन क प्रेरितन स कहत रहिन।
11 मुला ओनके सब्द प्रेरितन क बृथा जानि पड़ेन। तउ उ सबइ ओनका बिसवास नाहीं किहेन।
12 मुला पतरस खड़ा भवा अउर कब्र कइँती पराइ गवा। उ खाले निहुरिके लखेस मुला ओका सन क उत्तिम रेसम स बना कफन क अलावा कछू नाहीं देखाँइ दिहे रहा। फिन आपन मन ही जउन कछू भ रहा, ओहँ प अचरज करत भवा उ चला गवा।
13 उहइ दिना ओकर चेलन मँ स दुइ, यरूसलेम स कउनो सात मील दूर बसा भवा इम्माऊस नाउँ क गाउँ क जात रहेन।
14 जउन घटना घटी रहिन, ओन सब प उ सबइ आपुस मँ बतियात रहेन।
15 जबहिं उ सबइ ओन बातन प बातचीत अउर सोच विचार करत रहेन तबहीं खुद ईसू हुवाँ हाजिर भवा अउर साथे साथे चलइ लाग।
16 (मुला ओनका ओका पहिचानइ स टोका गवा।)
17 ईसू ओनसे कहेस, “चलत चलत एक दुसरे स तू कउनो बातन प बतियत रह्या?”उ पचे चलत चलत थम गएन। उ पचे दुःखी देखॉइ देत रहेन।
18 ओहमाँ स विलयोपास नाउँ क एक मनई ओसे कहेस, “यरूसलेम मँ रहइवाला अकेल्ला तू ही अइसा मनई होब्या जउन पिछले दिनन जउन बातन घटी अहइँ, ओका नाही जानत्या।”
19 ईसू ओनसे पूछेस, “कउन सी बातन? उ पचे ओसे कहेन, “सब नासरत क ईसू क बारे मँ अहइँ। इ एक अइसा मनई रहा जे जउन किहेस अउर कहेस ओहसे परमेस्सर अउर सबहीं मनइयन क समन्वा इ देखॉइ दिहस कि उ एक महान नबी रहा।
20 अउर हम इ बारे मँ बातन करत रहेन कि हमरे मुख्ययाजकन अउर नेतन ओका कइसे मउत क सजा देइ बरे सौंपि दिहेन। अउर प पचे ओका क्रूस प चढ़ाइ दिहन।
21 हमार आसा रही कि इहइ रहा उ जउन इस्राएल क अजाद करावत। अउर इ सब कछू क अलावा इ घटना क भए आजु तीसर दिन अहइ
22 अउर हमरी टोली क कछू स्त्रियन हमका अचरजे मँ डाइ दिहन ह। आजु भोर मँ भिन्सारे उ पचे कब्र प गइन।
23 मुला ओनका ल्हास नाही मिली। उ सबइ लौटि आइन अउर हमका बताएन कि उ पचे सरगदूतन क दर्सन पाइ गइन ह जउन कहे रहेन कि उ जीवित अहइ।
24 फिन हम पचन मँ स कछू कब्र प गएन अउर जइसा स्त्रियन बताए रहिन, उ पचे हुवाँ वइसा ही पाएन उ सबइ ओका नाहीं देखेन।”
25 तब ईसू ओनसे कहेस, “तू पचे केतना मूरख अहा अउर नबियन जउन कछू कहेन, ओह प बिसवास करइ मँ केतॅना धीमे अहा।
26 का मसीह बरे इ जरूरी नाही रहा कि उ इ दारूण दुःखन क झेलइ अउर इ तरह आपन महिमा मँ घुसि जाइ?”
27 अउर इ तरह मूसा सुरू कइके सबहिं नबियन तलक अउर पवित्तर सास्तरन मँ ओकरे बारे मँ जउन कहा गवा रहा, उ ओका खोलिके ओनका समझाएस।
28 उ पचे जब उ गाउँ क लगे आएन, जहाँ जात रहेन, ईसू अइसा बर्ताव किहेस, जइसे ओका अगवा जाइके होइ।
29 मुला उ पचे ओसे जबरदस्ती हठ करत भए कहेन, “हमरे साथ ठहर जा काहेकि करीब करीब साँझ होइ गइ अहइ अउर अब दिन ओनवइ क रहा।” तउ उ ओकरे संग ठहरइ भीतर आइ गवा।
30 जब ओनके संग उ खइया क मेजे प रहा तबहीं उ रोटी उठाएस अउर धन्यवाद दिहस। फिन ओका तोड़िके जब उ ओनका देत रहा
31 तबहीं ओनकइ आँखी खोलि दीन्ह गइ अउर उ पचे ओका पहिचान लिहन। मुला उ ओनके समन्वा स अन्तर्धान होइ गवा।
32 फिन उ आपुस मँ बोलेन, “रास्ता मँ जब उ हमसे बात करत रहा अउर हमका पवित्तर सास्तरन क समझावत रहा तउ का हमरे हिरदइ क भीरत आगी भी नाहीं भड़क गइ?”
33 फिन उ तुरंत खड़ा भएन अउर वापस यरूसलेम क चल दिहेन। हुवाँ ओनका ग्यारहवाँ प्रेरित अउर दूसर ओनके संग ऍकट्ठा मिलेन,
34 जउन कहत रहेन, “पर्भू, असल मँ जी उठा अहइ। उ समौन (पतरस) क दर्सन दिहेस ह।”
35 फिन उ दुइनउँ राह मँ जउन भवा रहा, ओकर ब्यौरा दिहन अउर बताएन कि जब उ रोटी क कउर लिहेस, तब उ सबइ ईसू क पहिचान लिहन।
36 अबहीं उ पचे ओनका इ बातन बताइ ही रहत रहेन कि उ खुद ओनके बीच आइ खड़ा भवा अउर ओनसे बोला, “तोहका सान्ति मिलइ।”
37 मुला उ पचे चौंकिके सहम गएन। उ पचे सोचेन जइसे उ सबइ कउनो भूत लखत होइँ।
38 मुला उ ओनसे बोला, “तू अइसे घबरान काहे अहा? तोहरे मनवा मँ सन्देह काहे उठति अहइ?
39 मोरे हाथन अउर मोरे गोड़े क लखा। तू देख सकत ह कि इ सच मँ मइँ अहउँ। मोका छुआ, अउर लखा कि कउनो भूत क माँस अउर हाड़ नाही होतिन अउर जइसा कि तू लखत अहा कि, मोर उ सबइ अहइँ।”
40 इ कहत भवा उ हाथ अउर गोड़ ओनका देखाएस।
41 मुला आपन आनन्द क कारण उ पचे अब भी ओह पइ बिसवास नाही कइ सकेन। उ पचे भउचक्का रहेन। तउ ईसू ओनसे कहेस, “हिआँ तोहरे पास कछू खाइ क अहइ।”
42 उ पचे पकाइ गइ मछरी क एक टुकड़ा ओका दिहन।
43 अउर उ ओका लइके समन्वा खाएस।
44 फिन उ ओनसे कहेस, “ई बातन उ सबइ अहइँ जउन मइँ तोहसे तब कहे रहेउँ, जब मइँ अबहीं तोहरे संग हउँ। हर उ बात जउन मोरे बारे मँ मूसा क व्यवस्था मँ, नबियन क किताबन अउर भजन संहिता मँ लिखी अहइ, पूरी होव ही अहइ।”
45 फिन पवित्तर सास्तरन क समझइ बरे उ ओनकइ बुद्धि क दुआर खोल दिहस।
46 अउर उ ओनसे कहेस, “इ उहइ अहइ, जउन लिखा अहइ कि मसीह दारूण दुख भोगी अउर तिसरे दिन मरे हुअन मँ स जी उठी।
47 अउर पापे क छमा बरे मनफिराव क इ संदेस यरूसलेम स सुरु होइके सब देसन मँ प्रचार कीन्ह जाइ।
48 तू इ बातन क साच्छी अहा।
49 अउर अब मोरे परमपिता मोसे जउन सपथ किहेस ह, ओका मइँ तोहरे बरे पठउब। मुला तोहका इ सहर मँ उ समइ तलक ठहरे रहइ क होइ जब तक तू सरगे क सक्ती स जुरा न ह्वा।”
50 ईसू फिन ओनका बैतनिय्याह तलक बाहेर लइ गवा अउर उ हथवा उठाइके आसीर्वाद दिहेस।
51 ओनका आसीर्बाद देत देत उ ओनका तजि दिहेस अउर फिन ओका सरगे मँ उठाइ लीन्ह गवा।
52 तब उ पचे ओकर आराधना किहेन अउर असीम आनन्द लइके यरूसलेम लौटि आएन।
53 अउर मंदिर मँ परमेस्सर क स्तुति करत भएन उ पचे आपन दिन काटइ लागेन।
John 1
1 जब दुनिया क सुरूआत भइ, तब ओह समइ बचनपहिलेन स रहा। उहइ बचन परमेस्सर क साथ रहा। उहइ बचन परमेस्सर रहा।
2 उहइ बचन एकदम सुरूआत मँ परमेस्सर क साथ रहा।
3 समूची दुनिया क सब चीज उहइ स पइदा भइ। ओकरे बिना कउनो चीज बनाईं नाहीं गइ।
4 उहइ बचन मँ जिन्नगी रही अउर उहइ जिन्नगी पूरी दुनिया क सब मनई क बरे ज्योति (गियान, भलाई) क नाई रहा।
5 ज्योति आँधियारे मँ चमकत ह अउर आँधियारा ओका जीत न पावा।
6 परमेस्सर क पठवा एक मनई आवा जेकर नाउँ यूहन्ना रहा।
7 उ एक साच्छी क नाईं आवा जइसे कि उ सब मनई क ज्योति क बारे मँ अपने बचन मँ बताइ सकइ। अउर जउन उ बतावइ ओहमाँ सब मनई बिसवास कर सकइँ।
8 उ खुदइ ज्योति नाहीं रहा मुला उ सब मनई क ज्योति क साच्छी देइ आइ रहा।
9 उ इ बतावइ आइ रहा कि इ ज्योति बिल्कुल सच्ची अहइ, अउर उ इ हर एक मनई क प्रकासित करी। उ इ बतावइ आइ रहा कि सच्चा ज्योति इ दुनिया मँ आवइवाला अहइ।
10 उ तउ इहइ दुनिया मँ रहा अउर इ दुनिया क उहइ पइदा किहेस मुला दुनिया ओका पहिचान नाहीं पाएस।
11 उ अपने संसार मँ आवा रहा, मुला ओकर आपन मनई ओका नाहीं अपनाएन।
12 मुला जउन मनई ओका अपनाइ लिहेन्ह, ओनका सबका उ परमेस्सर संतान होइ क अधिकार दिहेस।
13 परमेस्सर क औलाद क नाई उ कुदरती तौर प न तउ लहू स पइदा भवा, न तउ कउनो तने क इच्छा स, अउर न तउ महतारी-बाप क योजना स। मुला उ परमेस्सर स पइदा भवा।
14 उहइ बचन देह अपनाइ क हमरे सबके बीच मँ रहइ लाग। हम सब परमपिता क एकइ पूत क नाई ओकरी महिमा क दर्सन कीन्ह। उ बचन अनुग्रह अउर सच्चाई स भरा रहा।
15 यूहन्ना ओकर साच्छी दिहेस अउर सबका सुनाइ क जोर स कहेस, “इ उहइ अहइ जेकरे बारे मँ मइँ बताए रहेउँ, ‘उ जउन मोरे बाद आवइवाला अहइ, उ मोसे महान अहइ, मेसे आगे अहइ, एह बरे कि उ मोहूँ स पहले मौजूद रहा।’“
16 ओकरी करूणा अउर सच्चाई क पूर्णता स हमका सबेन्क तमाम अनुग्रह पर अनुग्रह मिला।
17 हमका सबेन्क जउन व्यवस्था मिली अहइ, उ तउ मूसा क दीन्ह अहइ, मुला जउन अनुग्रह अउर सच्चाई इ दुनिया मँ अहइ, उ ईसू मसीह क दीन्ह अहइ।
18 परमेस्सर क कबहूँ कउनो आज तलक नाहीं देखे अहइ, मुला परमेस्सर क जउन एकइ पूत अहइ, अउर जउन हमेसा परमपिता क संग रहत ह, ओका हमरे सबके सामने परगट किहेस।
19 जब यरूसलेम क यहूदियन याजकन अउर लेवियन क यूहन्ना क पास इ पूछइ क बरे भेजेन्ह, “तू कउन अहूया?”
20 तउ उ इ साच्छी दिहेस अउर बिना कउनो हिचकिचाहट क इ मानेस, “मइँ मसीहन अहउँ।”
21 तउ उ पचे यूहन्ना स पूछेन्ह, “तउ तू फिन कउन अहूया, का तू एलिय्याह अहूया?”यूहन्ना इ जवाब दिहेस, “नाहीं, मइँ उहइ न अहउँ।”यहूदियन पूछेस, “तउ तू का कउनो नबी अहूया?” उ फिन इन्कार कइ दिहेस, “नाहीं।”
22 फिन उ पचे ओसे पूछेन्ह, “तउ तू का अहूया? हमका बतावा जइसे कि हम ओनका जवाब दइ देई, जे हमका पचेन्क हियाँ भेजेस ह! तू अपने बारे मँ का कहत अहा?”
23 यूहन्ना कहेस:‘मइँ आवाज अहउँ जउन रेगिस्तान मँ पुकारत अहइ: ‘पर्भू क बरे सोझ सोझ रास्ता बनावा।” यसायाह 40:3
24 इन सबन क फरीसियन भेजे रहेन्ह।
25 उ लोग ओसे पूछेन, “जदि तू न तउ मसीह अह्या, न एलिय्याह अह्या, अउर न तउ नबी अह्या, फिन काहे बरे तू सब लोगन क बपतिस्मा देत अहा?”
26 यूहन्ना ओन पचेन्क जवाब दिहेस, “मइँ ओन सबेन्ह का पानी स बपतिस्मा देत अहउँ। तोहरे सबन क बीच मँ एक ठु मनई अहइ, ओका तू पचे नाहीं जानत अहा।
27 उ मोरे बाद आवइवाला उहइ अहइ। मइँ तउ ओकरे पनहीं क फीता खोलइ लायक नाहीं अहउँ।”
28 इ सब घटना यरदन क पार बैतनिय्याह मँ घटिन ह जहाँ प यूहन्ना बपतिस्मा देत रहा।
29 ओकरे दूसरे दिन यूहन्ना ईसू क अपने लगे आवत देखेस तउ कहेस, “परमेस्सर क मेमना क देखा जउन दुनिया क सब पाप हर लेत ह।
30 इ उहइ अहइ जेकरे बावत मइँ बताए रहेउँ, ‘एक मनई मोरे बाद आवइवाला अहइ, जउन मोसे भी महान अहइ, उ मोसे भी आगे अहइ, उ मोसे पहले स मौजूद रहा।’
31 पहले मइँ खुद ओका नाहीं जानत रहेउँ, मुला मइँ इही बरे बपतिस्मा देत चला आवत अहउँ, जइसे कि इस्राएल क सब मनई ओका जान लेइँ।”
32 फिन यूहन्ना आपन इ साच्छी दिहेस, “मइँ देखेउँ कि कबुतरे की नाई सरग स नीचे उतरत आतिमा उहइ प आइके टिक गइ। मइँ खुदइ नाहीं जान पाएउँ, कि उ कौन रहा मुला जउन मोका पानी स बपतिस्मा देइ क बरे पठए रहा, उ मोसे कहेस, ‘तू आतिमा क उतरत अउर कउनो क ऊपर ठहरत देखब्या, इ उहइ मनई अहइ जउन पवित्तर आतिमा स बपतिस्मा देत ह।’
33
34 मइँ ओका देखे अहउँ अउर मइँ साच्छी देत अहउँ कि उहइ परमेस्सर क पूत अहइ।”
35 दूसरे दिन यूहन्ना अपने दुइ चेलन क साथ फिन उहइ जगह प मौजूद रहा।
36 जब ईसू क उ अपने पास देखेस तउ कहेस, “देखा! इ इहइ परमेस्सर क मेमना!”
37 जब उ दुइनउँ चेलन ओनका इ कहत सुनेन तउ उ दुइनउँ ईसू क पाछे चल पड़ेन्ह।
38 ईसू ओन पचे क जबहिं अपने पाछे आवत देखेस तउ ओसे पूछेस, “तोहका का चाही?”उ पचे जवाब दिहेन, “रब्बी, तू कउन जगह प रहत ह” (“रब्बी” अर्थात “गुरू”)
39 ईसू ओनका जवाब दिहेस, “आवा अउर देखा।” ओकरे बाद उ दुइनउँ चेलन ओनके पाछे चल दिहेन। उ पचे फिन ओकर रहइ क जगह देखेन। ओह दिन उ दुइनउँ चेलन ओनके साथ ठहरेन्ह, काहेकि साँझ क करीब चार बज चुका रहा।
40 जउन दुइनउँ चेलन यूहन्ना क बात सुने रहेन्ह अउर ईसू क पाछे चला गएन, ओनमाँ स एक समौन पतरस क भाई अन्द्रियास रहा।
41 उ पहले अपने भाई समौन क देखके ओसे कहेस, “हमका मसीह मिल गवा अहइ।”
42 फिन अन्द्रियास समौन पतरस क ईसू क लगे लियाइ गवा। ओनक देखके ईसू कहेस, “तू यूहन्ना क बेटवा समौन अह्या। तोहका लोग कैफा (अर्थात् पतरस) कहिहइँ।”
43 दूसरे दिन ईसू गलील जाइके बरे ठान लिहेस। फिन फिलिप्पुस क देखके ईसू ओसे कहेस, “मोरे पाछे चला आवा।”
44 फिलिप्पुस अन्द्रियास अउर पतरस क नगर बैतसैदा क रहइवाला रहा।
45 फिलिप्पुस क नतनएल मिला अउर उ ओसे कहेस, “हम पचन्क उ मिल गवा अहइ जेकरे बारे मँ व्यवस्था मँ मूसा अउर तमाम नबियन लिखे अहइँ। उहइ यूसुफ क बेटवा, नासरत क ईसू अहइ।”
46 फिन नतनएल ओसे पूछेस, “का नासरतउ स कउनो अच्छी चीज पैदा होइ सकत ह”फिलिप्पुस जवाब दिहेस, “जाइके खुदइ देखि ल्या।”
47 ईसू नतनएल क अपनी कइँती आवत देखेस अउर ओकरे बारे मँ कहेस, “इ एक सच्चा इस्त्राएली अहइ जेहमाँ कउनो खोट नाहीं बा।”
48 नतनएल पूछेस, “तू मोका कइसे जानत अहा?”ईसू जवाब दिहेस, “फिलिप्पुस क बोलावइ क पहिले मइँ तोहका अंजीर क पेड़ क नीचे खड़ा देखे रहेउँ।”
49 नतनएल जवाब दिहेस, “रब्बी (गरू) तू परमेस्सर क पूत अह्या, तू इस्त्राएल क राजा अह्या।”
50 एकरे जवाब मँ ईसू कहेस, “तू इ बरे बिसवास करत अहा, काहेकि मइँ कहत अहउँ कि तोहका अंजीर क पेड़ क खाले देखे रहेउँ। तू अगवा (बाद मँ) अउर बड़ी बड़ी बातन देखब्या।”
51 उ ओसे (नतनएल स) फिन कहेस, “मइँ तोहका सही सही बतावत अहउँ कि तू सरग क खुलत अउर परमेस्सर क दूतन क मनई क पूत प उतरत चढ़तदेखब्या।”
52
John 2
1 गलील क काना मँ तीसरे दिन कउनो क घरे मँ बियाह रहा। ईसू क महतारी हुवाँ मौजूद रही।
2 बियाहे मँ ईसू क अउर ओनके चेलन क बोलउवा आइ रहा।
3 हुवाँ जब दाखरस खतम होइ गवा तउ ईसू क महतारी कहेस, “ओनके पास अब दाखरस नाहीं अहइ, सब खतम होइ ग।”
4 ईसू ओसे कहेस, “इ तू मोसे काहे बतावत अहा? अबहीं मोर समइ नाहीं आवा अहइ।”
5 फिन ओकर महतारी ऩउकरन स कहेस, “तू पचे उहइ करा जउन इ तोहसे करइ बरे कहइ।”
6 हुवाँ पानी भरइ बरे पाथर क छ: मटका धरा रहेन। इ मटकन क यहूदियन पवित्तर स्नान क बरे इस्तेमाल करत रहेन। हर मटका मँ लगभग बीस स तीस गैलन पानी आवत रहा।
7 ईसू नउकरन स कहेस, “मटकन क पानी स भर द्या।” नउकरन मटकन क लबालब भरि दिहेन।
8 फिन उ ओनसे कहेस, “अब थोड़ा पानी बाहेर निकाला, अउर दावत क इन्तजाम करइवाला मुखिया क पास लइ जा।”अउर उ पचे थोर क पानी मुखिया क पास लइ गएन।
9 फिन दावत क इन्तजाम करइवाला मुखिया उ पानी क थोरा स चखेस तउ उ पाएस कि इ पानी तउ दाखरस बनि गवा रहा। उ जानि नाहीं पाएस कि दाखरस कहाँ स आइ गवा। मुला ओन नउकरन क तउ पता रहा, जउन पानी निकारे रहेन।
10 फिन दावत क मुखिया दुल्हा क बोलाएस अउर ओसे कहेस, “सब मनई पहिले अच्छी दाखरस परोसत हीं अउर जब मेहमानन क मन भरि जात ह तउ घटिया दाखरस देइ लागत हीं। मुला तउ सबसे बढ़िया वाली दाखरस अबहीं तक बचाए रखे अहा।”
11 ईसू गलील क काना मँ आपन पहिला अदुभुत कारज कइके आपन महिमा परगट किहेस। जेहसे ओकर चेलन ओहमाँ बिसवास करेन्ह।
12 ओकरे पाछे फिन ईसू आपन महतारी, भाइयन अउर चेलन क साथे कफरनहूम चला गवा, जहाँ प उ पचे कछू दिन ठहरेन्ह।
13 यहूदियन क फसह क त्यौहार निचके रहा। इ करण ईसू यरूसलेम चला गवा।
14 हुवाँ मंदिर मँ ईसू देखेस कि तमाम मनई मवेसियन, भेड़न अउर कबूतरन क बेचत रहेन अउर सिक्का बदलइवाले बयपारी अपनी गदूदी प बइठा रहेन।
15 इ बरे उ रस्सी क ठु कोड़ा बनाएस अउर ओन सबका मवेसियन अउर भेड़न समेत बाहर खदेर दिहेस। सिक्का बदलइवाले बयपारियन क सिक्का बिखराइ दिहेस अउर ओनके चौकियन क बिखराइ दिहेस।
16 कबूतरन क बेचइवालेन स कहेस, “एनका सबका हियाँ स बाहेर लइ जा! मोरे परमपिता क घर बजार जिन बनावा!”
17 इ सब देखिके ओकरे चेलन क याद आइ गवा कि पवित्तर सास्तर मँ लिखा अहइ:“तोहरे घर बरे मोर लगन मोका खाइ जाई।” भजन संहिता 69:9
18 एकरे जवाब मँ यहूदियन ईसू स कहेन, “तू हमका सबेन्ह क कउन अद्भुत चीन्ह क तौर पइ देखाइ सकत ह्या, जइसे इ साबित होइ जाइ कि जउन तू करत अहा, ओकर तू अधिकारी अहा?”
19 ईसु ओनका जवाब दिहेस, “इ मंदिर क तू पचे गिराइ द्या अउर मइँ एका तीन दिन क अन्दर फिन बनाइ देब।”
20 इ सुनिके यहूदियन बोलेन, “इ मंदिर क बनावइ मँ छियालिस बरिस लगा रहेन, अउर तू कहत अहा कि ऍका मइँ तीन दिन मँ बनाइ देब?”
21 (मुला ईसू जउने मंदिर क बात करत रहा, उ ओकर आपन देह रही।
22 बाद मँ जब मउत क बाद ईसू फिन जी उठा तउ ओकरे चेलन क याद आवा कि ईसू ऍका कहे रहा, अब तउ उ पचे पवित्तर सास्तर प अउर ईसू क बात पर बिसवास करइ लागेन।)
23 फसह क त्यौहार क दिनन जब ईसू यरूसलेम मँ रहा, तउ तमाम मनई ओकर अद्भुत कारजन अउर चीन्हन देखिके ओहमाँ बिसवास करइ लागेन।
24 मुला ईसू अपने आपका ओनके सहारे नाहीं छोड़ेस, काहे स कि उ सबका बख्बी जानत रहा।
25 ओका इ बात क कउनो जरुरत नाहीं रही कि केहू आइके ओका लोगन क बारे मँ बतावइ, ऍह बरे कि उ अच्छी तरह जानत रहा कि लोगन क मन मँ का अहइ।
John 3
1 हुआँ फरीसियन क एक ठु मनई रहा, जेकर नाउँ रहा नीकुदेमुस। उ यहूदियन क नेता रहा।
2 उ ईसू क लगे रात मँ आवा अउर ओसे बोला, “गुरू, हम जानत अही कि तु गुरू अह्या अउर परमेस्सर तोहका भेजेस, इहइ कारण अहइ कि तू अइसे अइसे अद्भुत कारजन करत अहा। इ सब कारज परमेस्सर क सहायता क बिना कउनो नाहीं करि सकत।”
3 एकरे जवाब मँ ईसू ओहसे कहेस, “मइँ तोहका एकदम सच सच बतावत अहउँ कि अगर कउनो मनई एकदम स नवा जनम न लेइ तउ उ परमेस्सर क राज्य नाहीं देख सकत।”
4 नीकुदेमुस ओसे कहेस, “कउनो मनई बुढ़वा होइ क बाद फिन जनम कइसे लइ सकत ह कउनो अपनी महतारी क कोख मँ घुसि क जनम कहसे लइ सकत ह!”
5 ईसू जवाब दिहेस, “मइँ तोहका सच बतावत अहउँ। अगर कउनो मनई पानी अउर आतिमा स जनम नाहीं लेत तउ उ परमेस्सर क राज्य मँ घुसइ नाहीं पावत।
6 जउन सरीर स पइदा होइ सकत ह, उहइ सरीर अहइ जउन आतिमा स पइदा होत ह, उहइ आतिमा अहइ।
7 मइँ तोहसे जउन बताए अहउँ, ओहमाँ कउनो अचरज करइ क जरुरत नाहीं अहइ, ‘तोहका फिन स जनम लेइ क होई।’
8 हवा जउने तरफ चाहत ह, उहइ तरफ बहत ह। तू ओकर आवाज तउ सुनि सकत ह, मुला तू इ नाहीं जानि सकत ह कि उ कहाँ स आवत अहइ अउर कहाँ जात अहइ। आतिमा स पइदा भवा हर एक मनई इहइ तरह अहइ।”
9 एकरे जवाब मँ नीकुदेमुस ओसे कहेस, “इ कइसे होइ सकत ह”
10 ईसू ओका जवाब दिहेस, “तू तउ इस्राएलियन क गुरू अह्या मुला तू इ बात नाहीं जानत रह्या?
11 सच्ची बात मइँ बतावत अहउँ, हम पचे जउन जानत अही, उहइ बतावत अही, जउन हम देखत अही मुला तू पचे हमरी बात मँ कम बिसवास करत अहा।
12 मइँ तोहका धरती क बात बतावत अहउँ, अउर तू ओका नाहीं मानत अहा, अबहीं जब मइँ तोहका पचे क सरग क बात बतावउँ तउ तू ओका कइसे मान लेब्या?
13 सरग मँ कबहुँ कउनो नाहीं गवा, केवल ओका छोड़ कर, जउन सरग स उतरके आवा ह - उहइ मनई क पूत।
14 “जइसे मूसा रेगिस्तान मँ साँप क उठाइ लिहे रहा वइसे मनई क पूत क ऊपर उठाइ लीन्ह जाई।
15 जइसे कि ओहमाँ बिसवास करइवाले सब मनई अनन्त जीवन पाइ सकइँ।”
16 परमेस्सर इ दुनिया स इतना पिरेम करत रहा कि अपने एकलौता पूत क दइ दिहेस, जइसे कि ओहमाँ बिसवास करइवाला कउनो मनई क नास न होइ, ओका अनन्त जीवन मिल जाइ।
17 परमेस्सर आपन पूत इ बरे नाहीं पठएस कि उ दुनिया क अपराधी साबित करइ, उ तउ इ बरे भेजेस अइसे कि समूची दुनिया क उद्धार होइ जाइ।
18 जउन मनई परमेस्सर क पूत मँ बिसवास करत हीं, ओनका दोसी न ठहरावा जाइ, मुला जे ओनके मँ बिसवास नाहीं करतेन, ओका तउ दोसी ठहरावा जाइ चुका अहइ, काहेकि उ परमेस्सर क एकलौता पूत मँ बिसवास नाहीं करत ह।
19 इ निरनय क आधार इ बाटइ कि ज्योति इ दुनिया मँ आइ गइ अहइ, मुला कछू मनई अइसे अहइँ कि ज्योति क न देखिके आँधियारे क जियादा महत्व देत अहइँ काहेकि ओनके सब करम बुरा अहइँ।
20 पाप करइवाला मनई हमेसा ज्योति स घिणा करत ह अउर ओकरे पास कबहूँ नाहीं आवत, एह बरे कि ओकरे पाप क उजागिर होइ क डर बना रहत ह।
21 मुला जउन मनई सच्चाई क रस्ता प चलत ह उ परमेस्सर क द्वारा ज्योति क किरन क लगे अइहीं जइसे इ उजागिर होइ जाइ कि ओके सब कारज परमेस्सर करावत अहइ।
22 ओकरे बाद ईसू अपने चेलन क साथ यहूदिया क इलाका मँ चला गवा। हुवाँ ओनके साथ ठहरिके उ सब लोगन्ह क बपतिस्मा देइ लाग।
23 हुवाँ प सालेम क नजदीक ऐनोन मँ यूहन्ना भी बपतिस्मा देत रहा, एह बरे कि हुवाँ इफरात मँ पानी रहा। तमाम मनई हुवाँ आवत रहेन अउर बपतिस्मा लेत रहेन।
24 (अब तक यूहन्ना क बंदी नाहीं बनावा ग रहा।)
25 अब यूहन्ना क कछू चेलन अउर एक ठु यहूदी क बीच स्वच्छताकरण क लइके बहस होइ लाग।
26 एह बरे उ सब यूहन्ना क लगे आएन अउर कहेन, “गुरु, जउन मनई यरदन क ओहॅ पार तोहरे साथ रहा अउर जेकरे बारे मँ तू बताए रह्या, उ लोगन्ह क बपतिस्मा देत अहइ, अउर सब मनई ओकरे पास जात अहइँ।”
27 एकरे जवाब मँ यूहन्ना कहेस, “कउनो मनई क तब तक कछू नाहीं मिल सकत जब तक कि ओका परमेस्सर स न दीन्ह ग होइ।
28 तू पचे इ बात क साच्छी अहा कि मइँ कहे रहेउँ, ‘मइँ मसीह न अहउँ मोका तउ ओकरे बरे रस्ता बनाइ बरे पठवा गवा अहइ।’
29 दूल्हा तउ उहइ बा, जेका दुलहिन मिलइ। मुला दूल्हा क दोस्त जउन ओकरे अगुवाई मँ खड़ा रहत ह जब दूल्हा क आवाज सुनत ह, तउ बहुत खुस होत ह। इहइ मोर खुसी अहइ जउन अब पूरी भइ।
30 अब इ जरुरी अहइ कि ओकर महिमा बढ़इ अउर मोर कम होइ।
31 “जउन ऊपर स आवत ह, उ सबसे महान अहइ। उ जउन घरती स बाटइ, धरती स जुड़ा अहइ। एह बरे उ धरती क चीजन क बारे माँ बात करत ह। जउन सरग स उतरा ह, सबके ऊपर अहइँ,
32 उ जउन कछू देखे अहइ, अउर सुने अहइ, उ ओकर साच्छी देत ह अउर ओकर साच्छी क कउनो मनई नाहीं चाहत।
33 जउन ओकरी साच्छी क मानत ह, उ प्रमाणित करत ह कि परमेस्सर सच्चा अहइ।
34 काहे बरे कि जेका परमेस्सर पठए अहइ, परमेस्सर क बातन करत ह। काहोकि परमेस्सर ओका आतिमा क अनन्त दान दिहे अहइ।
35 परमपिता अपने पूत क स पिरेम करत ह अउर ओकरे हाथे मँ उ सब कछू क अधिकार सौंपि दिहेस।
36 एह बरे जउन ओकरे पूत मँ बिसवास करत ह, अनन्त जीवन पइहइँ मुला जे परमेस्सर क पूत क बात नाहीं मानत ओका इ जीवन नाहीं मिली। एकरे बजाय उ परमेस्सर क कोप का भाजन बनी।”
John 4
1 अउर जब ईसू क पता चला कि फरीसियन इ सुने अहइँ कि ईसू यूहन्ना स जियादा लोगन क बपतिस्मा देत अहइ अउर ओनका आपन चेलन बनावत अहइ।
2 (वइसे ईसू खुदइ बपतिस्मा नाहीं देत रहा। बल्कि ओकर चेलन इ कारज करत रहेन्ह।)
3 उ यहूदिया छोड़िके एक बार फिन गलील लौट ग रहा।
4 इ दाईं ओका सामरिया होइके जाइका पड़ा।
5 एह बरे उ सामरिया क एक नगर सूखार मँ आवा। इ नगर उहइ भुइँया क पास रहा। जउने क याकूब अपने बेटवा यूसुफ क दिहे रहा
6 हुवाँ याकूब क कुआँ रहा। ईसू इ यात्रा मँ एकदम थक ग रहा, एह बरे उ कुआँ क पास बइठ गवा। उ समइ करीब करीब दुपहरिया रही।
7 एक ठु सामरीस्त्री पानी भरइ क बास्ते आइ! ईसू ओसे कहेस, “मोका पिअइ क पानी दइ द्या।)”
8 (उ समइ सब चेलन खाना बेसहइ क बरे सहर चला गवा रहेन।)
9 सामरी स्त्री ओसे कहेस, “तू यह्दी होइके मोसे पानी काहे मांगत अहा, मइँ तउ सामरी स्त्री अहउँ?” (यहुदी तउ सामरियन स कउनो मतलब नाहीं रखत रहेन।)
10 ओकरे जवाब मँ ईसू ओसे कहेस, “जदी तू ऍतना जनतेउ कि परमेस्सर का दिहेस अउर उ कउन अहइ जउन तोहसे कहत अहइ कि ‘मोका पानी द्या’ तउ तू ओसे खुदइ मँगतिउ, अउर उ तोहका जीवन जल दइ देत।”
11 उ स्त्री ओसे कहेस, “महासय, तोहरे लगे तउ कउनो बासन तक नाहीं बाटइ अउर कुआँ बहुत गहिर अहइ फिन तोहरे पास जीवन जल कइसे होइ सकत ह
12 जरूर तू हमरे पूर्वज याकूब स बड़ा अहा जेक हमका कुआँ दिहेन अउर अपने लड़िकन्ह अउर जानवरन्ह क साथ खुदइ एकर पानी पिए रहेन्ह।”
13 ईसू एकरे जवाब मँ कहेस, “जउन मनई इ कुआँ क पानी पिअत ह, ओका फिन पियास लगी।
14 मुला जउन मनई उ पानी क पी लेई जउन पानी मइँ देब, ओका फिन कबहूँ पियासन लगी। मोर दीन्ह पानी ओकरे दिल मँ एक पानी क झरना क नाई बन जाई जउन घुमड़ घुमड़ क ओका अनन्त जीवन देई।”
15 तब उ स्त्री ओसे कहेस, “हे महासय, मोका उहइ पानी दइ द्या जेहसे कि मइँ कबहूँ पियासी न रही अउर मोका फिन पानी खँइचे क बरे न आवइ क पड़इ।”
16 इ सुनके ईसू ओसे कहेस, “ जा अपने पति क बोलावा अउर हियाँ आवा।”
17 एकरे जवाब मँ स्त्री कहेस, “मोर कउनो पति नाहीं बाटइ।”ईसू ओसे कहेस, “जब तू कहति अहा कि तोहार कउनो पति नाहीं बाटइ, तउ तू ठीक कहति अहा
18 तोहरे पाँच पति रहेन अउर जउने पुरूस क साथ तू रहित अहा, उ तोहार पति न अहइ, एह बरे जउन तू कहति अहा उ ठीक अहइ।”
19 इ सुनिके उ स्त्री ओसे कहेस, “महासय, मोका तउ लागत अहइ कि तू कउनो नबी अहा।
20 हमरे पूर्वजन इ पर्वत प आराधना किए रहेन्ह मुला तू कहत अहा कि यरूरलेम आराधना क स्थान अहइ।”
21 ईसू ओसे कहेस, “हे स्त्री मोरी बात माँ बिसवास करा। उ समइ आवइवाला अहइ जब तू परमपिता क आराधना न तउ एहि पर्वत प करइ पउबू अउर न तउ यरूसलेम मँ।
22 तू सामरी लोगन्ह ओका नाहीं जानत अहइँ जेकर आराधना करति अह?ा। मुला हम यहूदी ओका जानित ह जेकर आराधना करति अहा। सबन क उद्धार यहूदियन स मिली।
23 मुला उहइ समइ आवत अहइ, ‘अउर आइ ग’ बाटइ जब सच्चे आराधना परमपिता क आराधना, आतिमा अउर सच्चाई मँ करिहीं। परमपिता अइसे आराधक चाहत ह।
24 परमपिता आतिमा अहइ अउर एह बरे जउन ओकर आराधना करी ओका आतिमा अउर सच्चाइन मँ आराधना करइ क पड़ी।”
25 फिन स्त्री ओसे कहे?स, “मइँ जानत अहउँ कि मसीह (यानी ख्रीष्ट) आवइवाला अहइ। जब उ आई तउ हम पचन क सब कछू बताई।”
26 ईसू ओसे कहेस, “मइँ जउन तोहसे बतियात अहउँ मइँ उहइ अहउँ।”
27 उहइ समइ ओकर चेलन लौट आएन। अउर ओनका इ देखिके बहु?त अचरज भवा कि उ एक ठु स्त्री स बात करत अहइ। मुला कउनो ओह इ नाहीं कहेस, “तोहका इ स्त्री स का मतलब अहइ, अउर या “ई स्त्री स तू काहे? बरे बतियात अहा।”
28 उ स्त्री आपन पानी भरइवाली गगरी छोड़िके सहर चली गइ अउर मनइयन स कहेस,
29 “आवा जा अउर देखा, एक ठु अइसा मनई अहइ, जउन मोर कीन्ह सच मोका बताइ दिहेस। का तू इ नाहीं सोचत अहा कि उ मसीह अहइ?”
30 इ सुनिके सब लोगन्ह सहर छोड़िके ईसू क लगे जाइ पहुँ?चेन।
31 उहइ समइ ईसू क चेलन ओसे बिनती करत रहेन्ह, “गुरू कछू खाइ ल्या!”
32 मुला ईसू ओनसे कहेस, “मोरे पास खाइ बरे, अइसा खाना अहइ जेकरे बारे मँ तू पचे कछू नाहीं जानत अहा।”
33 इ सुनिके सब चेलन आपस मँ एक दूसरे स पूछइ लागेन, “का ओकरे बरे कउनो खाइ बरे कछू लिआवा होई?”
34 ईसू ओनसे कहेस, “मोर खाना ओकर (परमेस्सर) इच्छा क पूरी करब अहइ जउन मोका पठएस ह। जउन कारज मोका सौंपा गवा बाटइ, ओका मोका पूरा करइ क अहइ,
35 तू पचे अक्सर कहत ह, ‘चार महीना बाकी बा तब जाइके फसल आई’ मुला मइँ तोहका पचेन्क बतावत अही कि आपन आपन आँखी खोला अउर खेतन क तरफ देखा उ सब काटइ क बरे तइयार होइ गवा अहइँ। उ जउन कटाई करत अहइ आपन मजूरी पावत अहइ।
36 अउर अनन्त जीवन क बरे फसल इकट्ठा करत बा, एह बरे कि फसल बोवइवाला अउर ओका एकदम स सच्ची निकरी,
37 ‘एक मनई बोवत ह अउर दूसर मनई ओका काटत ह।’
38 मइँ तोहका इ फसल काटइ क बरे भेजे अही जेहि? पइ तोहार मेहनत नाहीं लागी बाटइ। जेहि? पइ दूसरे क मेहनत लगी अहइ अउर ओकरी मेहनत क फल तोहका मिला अहइ।”
39 उ सहर क तमाम मनइयन ईसू मँ बिसवास किहेन, एह बरे कि उ स्त्री क बात क सच्ची मान लिहेन जउन कहे?स, “मइँ जउन कछू करे रहे?उँ, उ ओका ओकरे बारे मँ सब बताइ दिहेस।”
40 जब सामरी ओकरे पास आएन तउ ओन सबे ओसे ठहरइ क बरे चिरौरी करेन्ह ऍकरे बाद उ दुइ दिन हु?वाँ ठहर गवा।
41 ओकरी बात स प्रभावित होइके तमाम जने ओहमाँ बिसवास करइ लागेन।
42 ओन सब उ स्त्री स कहेन, “अब हम सिरिफ तोहरी साच्छी क नाईं बिसवास ही नाहीं करत अही, मुला अब तउ हम सब खुदइ सुनि अउर देख लीन्ह। अब हम पचे जान लीन्ह कि सचमुच उ मनई संसार क उद्धार करइवाला बाटइ।”
43 दुइ दिन क बाद उ हुवाँ स गलील क चल दिहेस।
44 (एक बरे कि ईसू खुद कहे रहा कि कउनो नबी अपने देस मँ कबहुँ? आदर नाहीं पावत।)
45 इ तरह जब उ गलील आवा तउ गलील क रहइवाले ओकर स्वागत करेन्ह काहे बरे उ पचे उ सबइ कछू लखे रहेन्ह जउन कछु फसह क त्यौहार यरूसलेम मँ उ किहे रहा: काहे?कि उ पचे सबहिं? त्यौहार मँ सामिल रहेन।
46 ईसू एक बार फिन गलील मँ काना गवा जहाँ उ पानी क दाखरस बनाइ दिहे रहा। अब की दाई कफरनहूम मँ एक ठु राजकर्मचारी रहा जेकर बेटवा बीमार रहा।
47 जब राजकर्मचारी सुनेस कि यहूदिया स ईसू गलील आवा अहइ तउ उ ओकरे पास आवा अउर इ विनती किहेस कि उ कफरनहू?म जाइके ओकरे बेटवा क चंगा कइ दे ओकर बेटवा एकदम मरइ क किनारे आइ गवा रहा।
48 ईसू ओसे कहेस, “अद्भुत कारजन अउर अचरजे कारजन क देखे बिना तू पचे बिसवास न करब्या।
49 राजकर्मचारी ओसे कहे?स, “महासय, एकरे पहले कि मोर बेटवा मरि जाइ, तू मोरे साथे घरे चला।”
50 ईसू जवाब दिहेस, “जा तोहार बेटवा जिअत रही।” ईसू जउन कहे रहा, उ पचे ओह पइ बिसवास किहेस अउर घर चला गवा।
51 उ घर लौटत ही रास्ते मँ रहा कि ओकर नउकर मिल गएन अउर इ समाचार सुनाएन, “तोहार बेटवा चंगा होइ गवा।”
52 उ पूछेस, “ओकर हालत कब स ठीक होइ लाग ह?” उ जवाब दिहसे, “कल दुपहरिया मँ एक बजे ओकर बुखार उतर गवा।”
53 उ लरिका क बाप क इ याद आइ गवा कि इहइ ठीक समइ रहा जब ईसू ओसे कहेस, “तोहार बेटवा जिअत रही।” इ तरीका स ओकर पूरा परिवार ईसू मँ बिसवास करइ लाग।
54 इ दूसर अद्भुत कारज रहा जउन ईसू यहू?दियन क गलील आए क बाद देखाएस।
John 5
1 एकरे बाद ईसू यहू?दियन क एक उत्सव मँ यरूसलेम गवा।
2 यरूसलेम मँ भेड़ दरवाजा क पास एक ठु पोखरा अहइ, जेहिका इब्रानी भाखा मँ ‘बैतहसदा’ कहा जात ह। एकरे किनारे पाँच ठु बरामदा बना अहइँ।
3 जउने मँ अँधा, लूला, अउर लकवा का मरीज क भीड़ पड़ी रहत ह। अउ उ पचे पानी ह हलइ बरे जोहेन।
4 कबहूँ पर्भू क दूत पोखरे प आबत रहा अउ पानी क हलावत रहा। सरगदूत क इ करइ क पाछे जउन पहिला मनई पोखरे मँ घुसत रहा उ बेरामी स नीक होइ जात रहा।”
5 ऍनही मरीजन मँ एक अइसा मरीज रहा जउन अड़तीस बरिस स बीमार रहा।
6 जब ईसू ओका हुवाँ लेटा लखेस अउर इ जानेस की ऍतने लम्बे समइ बीमार अहइ तउ ईसू ओसे कहेस, “का तू चंगा होइ चाहत अहा?”
7 रोगी जवाब देहेस, “महासय मोरे पास केउ नाहीं अहइ जउन पानी क हिलइ प मोका पोखरा मँ उतार देइ। जउ मइँ पोखरा मँ जावा चाहित ह, तउ हमेसा कउनो दूसर मनई मोसे पहिले ओहमाँ उतर जात ह।”
8 ईसू ओसे कहेस, “खड़ा होइ जा, आपन बिस्तरा उठावा अउर उ चलइ लागा।”
9 उ मनई तुरतंहि? चंगा होइ गवा। उ आपन बिस्तरा उठाएस अउर चल दिहेस।उ दिन सबित क दिन रहा।
10 इ देखिके यहूदियन उ मनई जउन चंगा होइ गवा रहा स कहब सुरू किहेन, “आज सबित क दिन अहइ अउर इ हमरे नियम क खिलाफ अहइ कि तू आपन बिस्तरा उठावा।”
11 इ सुनिके उ जवाब दिहेस, “जउन मोका चंगा किहे बाटइ उ मोसे कहेस, ‘आपन बिस्तरा उठावा अउर चल द्या।”
12 उ पचे ओसे पूछेन्ह, उ कउन मनई अहइ जउन तोहसे कहेस कि आपन बिस्तरा उठावा अउर चला?”
13 मुला उ मनई जउन चंगा होइ गवा रहा नाहीं जानत रहा कि उ कउन अहइ, काहे?कि हुवाँ बहुत भीड़ रही अउर ईसू चुपचाप हु?वाँ स चला गवा।
14 ऍकरे बाद ईसू उ मनई क मन्दिर मँ देखेस अउर ओसे कहेस, “देखा, अब तू नीक होइ गवा अहा, एह बरे अब तू पाप करब बन्द कइ द्या नाहीं तउ कउनो अउर बड़ा कस्ट तोहरे ऊपर आइ सकत ह!”
15 फिन उ मनई चला गवा। हुवाँ स चलिके उ यहूदियन स आइ क कहेस की ओका चंगा करइवाला ईसू रहा।
16 यहूदियन ईसू क सताउब सुरू कइ दिहेन्ह, एह बरे कि उ अइसे काम सबित क दिन किहे रहा।
17 ईसू ओनका जवाब देत कहेस, “मोर परमपिता कबहुँ? काम करब नाहीं छोड़त, एह बरे मइँ काम करित हउँ।”
18 यहूदियन ओका मार डावइ क इन्तजाम करइ लागेन्ह। केवल इहइ बरे नाहीं कि उ सबित क तोड़त रहा, मुला इहइ बरे कि उ परमेस्सर क आपन परमपिता कहत रहा। इहइ तरीके स उ अपने क परमेस्सर क बराबर देखॅावत रहा।
19 जवाब देत ईसू ओनसे कहेस, “मइँ तू सब पचन क सच्ची बात बतावत अहउँ कि पूत अपने आप कछू नाहीं कइ सकत। उ तउ केवल उहइ करत ह जउन करत अपने परमपिता क देखत ह। परमपिता जउन कछू करत ह, पूत उहइ करत ह।
20 परमपिता अपने पूत स पिरेम करत ह। अउर उ सब कछू देखाइ देत ह जउन उ करत ह। ओन सब कामन स बड़ी-बड़ी बातन क उ ओका देखाई। तउ तू पचे अचरज करब्या।
21 जइसे परमपिता मरा पूत क उठाइके ओनका नवा जीवन देत ह। वइसे ही भी उन लोगन क जीवन देत ह, जेनका चाहत ह।
22 परमपिता केहू क निआव नाहीं करत मुला उ निआव करइके अधिकार अपने पूत क दइ दिहे? अहइ।
23 जेहसे कि सबहीं मनई क पूत क मान सम्मान करइँ जेहसे कि परमपिता क सबहीं आदर करत हीं। जउन पूत क आदर नाहीं करत परमपिता उ क आदर नाहीं करत जउन ओका पठए अहइ।
24 “मइँ तोहका सच-सच बतावत हउँ जउन मोर बात सुनत ह अउर ओह पइ बिसवास करत ह जउन ओका भेजे अहइ, तउ उ अनन्त जीवन पावत ह। निआव क दंड ओकरे ऊपर नाहीं पड़त। उ मनई मृत्यु स जीवन मँ प्रवेस पाइ जात ह।
25 मइँ तू पचन क बतावत अहउँ कि उ समइ आवइवाला अहइ, हि?याँ तक कि आइ चुका अहइ जबहीं कि जउन मरि चुका अहइँ, परमेस्सर क पूत क बचन सुनिहइँ अउर जे ओका सुनि लेहीं उ पचे जी उठिहीं।
26 काहेकि जेहसे परमपिता जीवन क स्त्रोत अहइ, वइसे अपने पूतन क जीवन क स्त्रोत बनाए बाटइ।
27 अउर उ ओका निआव क अधिकार दिहे? अहइ। एह बरे कि उ मनई क पूत अहइ।
28 इ बात प अचरज करइ क जरूरत नाहीं अहइ कि उ समइ आवइवाला अहइ कि जब जउन अपनी अपनी कब्र मँ अहइ, ओकर बचन सुनिहइँ।
29 अउर बाहर आइ जइहइँ। जउन मनई नीक कारज किहे? अहइँ उ सबइ पुनरूत्थान पाइ जइहइँ। मुला जउन खराब कारज किहे अहइँ ओनका पुनरूत्थान क बाद दंड दीन्ह जाई।”
30 “मइँ खुदइ अपने आप स कछू नाहीं कइ सकित। मइँ परमेस्सर स जउन सुनित ह उहइ क आधार प निआव करित ह अउर मोर निआव ठीक अहइ काहे?कि मइँ अपने मन स कउनो नाहीं करित मुला मइँ ओकरी इच्छा स कारज करित ह जउन मोका पठएस।
31 “जदि मइँ अपनी तरफ स साच्छी देउँ तउ मोर साच्छी सच नाहीं अहइ।
32 मोर ताईं साच्छी देइवाला एक ठु अउर अहइ। अउर मइँ जानित ह कि मोरी ताईं जउन साच्छी देत अहइ उ सच्ची अहइ।
33 “तू पचे लोगन क यूहन्ना क पास पठए रह्या अउर उ सच्चाई क साच्छी दिहेस।
34 मइँ मनई क साच्छी प भरोसा नाहीं करित मुला मइँ इ बरे कहत हउँ जइसे कि तू पचनक उद्धार होइ जाइ।
35 यूहन्ना उ दीपक क नाईं रहा जउन जलत भइ रोसनी देत हे। अउर कछू मसइ तक तू पचे उ रोसनी स फायदा लेइ चाहत रह्या।
36 “मुला मोर साच्छी यूहन्ना क साच्छी स बड़ी बाटइ, यह बदे कि परमपिता जउन कारज पूरा करइ क बरे मोका जिम्मेवारी सौंपी अहइ, मइँ उहइ कारज करत अहउँ अउर मोर कीन्ह कारज अपने आपइ इ बात क साच्छी अहइ कि परमपिता मोका पठए अहइ।
37 परमपिता जउन मोका पठए अहइ, उ खुदइ मोर साच्छी दिहे अहइ। तू पचे ओकर कउनो बचन नाहीं सुन्या अउर न तउ ओकर रूप लखे अहा।
38 अउर न तउ अपने अन्दर ओकर संदेस धारन करे अहा, काहेकि तू पचे जेका परमपिता भेजे अहइ, ओकरे मँ बिसवास नाहीं करता अहा।
39 तू पचे पवित्तर सास्तरन क धियान स पढ़त ह काहेकि तोहार इ विचार अहइ कि तोहका उहइ स अनन्त जीवन मिल जाई। मुला इ सब पवित्तर सास्तर मोर साच्छी देत हीं।
40 एतना होत भए भी तू पचे मोरे पास नाहीं आवा चाहत अहा।
41 “मइँ मनइयन क कीन्ह प्रसंसा प भरोसा नाहीं करित।
42 मुला मइँ जानित ह कि तोहार भीतर परमेस्सर क पिरेम नाहीं अहइ।
43 मइँ अपने परमपिता क नाउँ स आइ अहउँ तबहूँ तू पचे स्वीकार नाहीं करत अहा, अउर अगर कउनो दूसरे नाउँ स कहे आइ जाइ तउ तू ओका स्वीकार करब्या।
44 तू मोहे मँ बिसवास कइसे करि सकत ह, काहे बरे कि तू पचे एक दूसरे क प्रसंसा करत ह। तू पचे उ प्रसंसा कइँती देखबउ नाहीं करत अहा जउन केवल परमेस्सर क तरफ स आवत अहइ।
45 तू पचे इ तनिकउ न सोचा कि मइँ तोहका परमपिता क सामने दोखी ठहराऊब। जउन तोहका पचे क दोखी ठहराई, उ मूसा होई जेकरे ऊपर तू पचे आपन आसरा लगाए अहा।
46 जदि तू सबइ मूसा मँ बिसवास करत्या तउ तू मोहे मँ बिसवास करत्या काहेकि उ मोरे बारे मँ लिखे अहइ।
47 जबहीं तू ओकरे लिखे मँ बिसवास नाहीं करत अहा, तउ तू मोरे बात मँ बिसवास कइसे करब्या?”
John 6
1 ओकरे बाद ईसू गलील क झील यानी कि तिबिरियास क दूसरे पार चला गवा।
2 अउर ओकरे पाछे पाछे बहुत बड़ी बड़ी भीड़ चल दिहेस, काहेकि उ सब तमाम मरीजन क नीक होत समइ तमाम अचरज भरा चीन्हन देखे रहेन्ह।
3 ईसू पहाड़ प चला गवा अउर हुँवा अपने चेलन क साथ बइठ गवा।
4 यहूदियन क फसह क त्यौहार निचके रहा।
5 जबहीं ईसू आँख उठाइके देखेस कि एक बहुत बड़ी भीड़ ओकरी तरफ चली आवत अहइ तउ उ फिलिप्पुस स पूछेस, “इ सब लोगन्हे क खइया खियावइ क बरे रोटी कहाँ स खरीदी जाइ सकत ह”
6 (ईसू इ बात ओकर परीच्छा लेइ क बरे पूछेस, उ तउ जानत रहा कि उ क करइ जात अहइ।)
7 फिलिप्पुस जवाब दिहेस, “दुई सौ चाँदी क सिक्कन स ऍतनी रोटी न मिली कि सब मनई क एक टुकड़े स तनिकउ जियादा मिल सकइ।”
8 ईसू क एक दूसर चेला समौन पतरस क भाई अन्द्रियास कहेस,
9 “हियाँ एक नान्ह क लरिका क लगे पाँच ठु जौ क रोटी अउर दुइ ठु मछरी अहइँ, मुला खाइवाले तउ बहुत जियादा मनई अहइँ ओनके बरे इ बहुत कम अहइ।”
10 ईसू जवाब दिहेस, “सब लोगन्ह क बैठावा” (उ जगह प अच्छी खासी घास रही) सब मनई हुवाँ बइठ गएन उ सब कुल मिलाइके करीब पांच हजार मनई रहेन्ह)।
11 फिन ईसू रोटी लिहेस, अउर हुवाँ बइठे भए मनइयन क आवस्यकतानुसार सुक्रिया दइके रोटी परोस दिहेस। इहइ तरह जेतना उ सब जेतना चाहत रहेन, ओतनी मछलियन ओनका दइ दिहेस।
12 जब ओनके सबके पेट भरि गएन तउ ईसू अपने चेलन स कहेस, “जउऩ टुकड़ा बचा अहइँ, ओनका बटोर ल्या जइसे उ बेकार स बरबाद न होइँ।”
13 फिन चेलन लोगन क परोसी गइ जो क पांच रोटियन क बचे भएन टुकड़न स बारह टोकरी भरि दिहसे
14 ईसू क ऍतना अद्भुत कराज क देखिके सब मनइयन कहइ लागेन, “जरूर इ मनई उहइ नबी अहइ जेका इ दुनियाँ मँ आवइ क रहा।”
15 ईसु जब इ जानेस कि लोग आवइवाला अहइँ अउर ओनका लइ जाइके राजा बऩावा चाहत अहइँ, तउ उ अकेलेही पहाड़ प चला गवा।
16 जब साँझ क बेला भइ अउर ओनके सब चेलन झील प चला गएन
17 अउर एक ठु नाव प बइठके वापस झील क पार कफरनहूम क तरफ चला गएन। मजे क अंधेसा होइ ग रहा, मुला ईसू अबहीं तलक लौटिके ओनके सबन क पास नाहीं आवा रहा।
18 तूफानी हवा बहत रही जेकरे कारण झील मँ लहर खूब तेज होत रहिन्ह।
19 जब उ पचे करीब पांच-छ: किलोमीटर आगे चला गएन तउ देखेन कि ईसू झील प चलत अहइ अउर नाव क पास आवत रहा। इ देखिके उ पचे डेराइ गएन।
20 मुला ईसू ओन सबसे कहेस, “इ मइँ अहउ, डेरा जिन।”
21 फिन उ पचे ओका जल्दी स नाव प चढ़ाइ लिएन्ह अउर नाव जल्दी स हुवाँ पहुँच गइ जहाँ ओका जाइ क रहा।
22 दूसरे दिन सब मनइयन क भीड़ जउन झील क पार बच गइ रही, इ देखेस कि हुवाँ एक ठु नाव अकेले रही अउर अपने चेलन क साथ ईसू उ नाव प नाहीं सवार भवा बल्कि ओकर चेलन अकेल्ले ही रवाना भएन।
23 तिबिरियास क कई ठु नाव उ जगह प आइके रूकिन जउने जगह प उ पचे पर्भू क धन्यबाद दिहे क बाद रोटी खाए रहेन।
24 इ तरह जब उ भीड़ देखेस कि न तउ हुवाँ ईसू अहइ अउर न तउ ओनकइ चेलन अहइँ, तउ उ पचे नाव प चढ़िके अउर ईसू क दूँढ़त कफ़रनहूम क तरफ चल पड़ेन।
25 जब उ पचे ईसू क झील क दूसरे पार पाएन तउ ओसे कहेन, “हे गुरू, तू हियाँ कब आया?”
26 ऍकरे जावब मँ ईसू ओनसे कहेस, “मइँ तोहका सच्ची बात बतावत अहउँ, तू पचे मोका इ बरे नाहीं खोजत अहा कि तू सब अदभुत कारजन देखे अहा, मुला तू पचे इ बरे मोका दूँढ़त अहा, काहेकि तू सब पेट भरिके रोटी खाए अहा।
27 उ खाना क बरे मेहनत न करइ चाही जउन खराब होइ जाइ मुला ओकरे बरे जतन करइ चाही जउन हमेसा उत्तिम बना रहत ह अउर अनन्त जीवन देत ह, जउन तोहका सबक मनई क पूत देई। काहेकि परमपिता ओका मानके आपन मोहर ओह पइ लगाइ दिहे अहइ।”
28 मनइयन ईसू स पूछेन, “परमेस्सर क कारज क बरे हम सब का करी?”
29 ईसू ओनका इ जवाब दिहेस, “जउन परमेस्सर चाहत ह कारज इ अहइ कि तू पचे ओह पइ बिसवास करा जेहिका उ भेजे अहइ।”
30 तउ उ पचे ओसे कहेन, “फिन तू कउन स अद्भुत कारज देखॉवत अहा जेहिका देखिके हम तोह पर बिसवास करी? तू कउन स कारज देखॉवत अहा?”
31 हमाक पूर्वजन रेगिस्तान मँ मन्नाखाएन, जइसे कि पवित्तर सास्तरन मँ लिखा बा, ‘परमेस्सर ओनका खाइ क बरे सरग स रोटी दिहेस।’“
32 एह पइ ईसू ओनसे कहेस, “मइँ तोहका सच बतावत अहउँ कि मूसा नाहीं, मुला मोर परमपिता तोहका सरग स सच्ची रोटी देत ह।
33 उ रोटी जउन परमेस्सर देत ह, उ सरग स उतरी अहइ, अउर इ संसार क जीवन देत ह।”
34 तउ उ पचे ओसे कहेन, “हे पर्भू, अब हम पचे क उ रोटी द्या अउर हमेसा देत रहा।”
35 ईसू ओनसे कहेस, “मइँ उ रोटी अहउँ जीवन देत ह। जउन मनई मोरे पास आवत ह, उ कबहूँ भूखा नाहीं रहत अउर जउन मोरे मँ बिसवास करत ह, उ कबहूँ पियासा नाहीं रहत।
36 मइँ तोह सबन क पहले स बताइ चुका अहउँ कि तू मोका देख लिए अहा, तबहूँ मोहमाँ बिसवास नाहीं कर त्या।
37 एक एक मनई जेहिका परमपिता मोका सौंपे अहइ, मोरे पास आई जउन मोरे पास आवत ह, मइँ ओका कबहूँ न लौटाउब।
38 मइँ सरग स अपनी मर्जी स काम करइ नाहीं आइ अहउँ, मइँ तउ ओकर मरजी क पूरा करइ आइ बाटेउँ, जउन मोका हिआँ भेजे अहइ।
39 अउर उ भेजइवाले क इच्छा इ बाटइ कि जेका जेका उ मोका सौपे अहइ, ओहमाँ म एकउ क न खोइ देउँ अउर आखिरी दिन ओनका सबका जिन्दा कइ देउँ।
40 इहइ मोरे परमपिता क इच्छा अहइ कि हर एक मनई जउन पूत क देखत ह अउर ओहमाँ बिसवास करत ह, अनन्त जीवन पाई अउर आखिरी दिन मइँ ओका जियाइ देइ।”
41 इ सुनिके यहूदियन ईसू प बड़बड़ाय लागेन, काहेकि उ कहत रहा, “मइँ उ रोटी अहउँ जउन सरग स उतरी अहउँ।”
42 अउर उ पचे कहेन, “का इ यूसुफ क पूत ईसू न अहइ का हम एनके महतारी बाप क नाहीं जानित? फिन इ कइसे कहत बा कि ‘मइँ सरग स उतरा हउँ?”
43 एकरे जवाब मँ ईसू ओनसे कहेस, “एक दूसरे प बड़बड़ाब छोड़ द्या,
44 मोरे लगे तब तलक कउनो नाहीं आइ सकत जब तक मोका भेजइवाला परमपिता ओका मोरे तरफ न खींचइ। मइँ आखिरी दिन ओका फिन जियाइ देब।
45 नबियन लिखे अहइँ, ‘अउर उ सब परमेस्सर दवारा सिखावा भए होइहीं।’
46 जउन मनई परमपिता क सुनत ह, अउर ओसे सीखत ह, मोरे पास आवत ह। मुला सच-सच जेहिका परमपिता भेजे अहइ, ओका छाँड़िके कउनो नाहीं लखे अहइ। परमपिता क बस उहइ लखे अहइ।
47 मइँ तोहसे सच-सच कहत बाटेउँ कि जउन मनई बिसवास करत ह उ अनन्त जीवन पावत ह।
48 मइँ उ रोटी अहउँ जउऩ जीवन देत ह।
49 तोहार पचेन्क पूर्वजन रेगिस्तान मँ मन्ना खाए रहेन्ह तबहूँ उ पचे मरि गएन।
50 इ उ रोटी अहइ जउन सरग स उतरत ह जउने कि मनई ओहमाँ स खात ह उ न मरी।
51 जीवन क रोटी जउन सरग स उतरी अहइ, उ मइँ अहउँ। जउऩ मनई इ रोटी खाई, उ हमेसा जीवित रही, अउर जउऩ रोटी मइँ दुनिया क जिन्नगी क बरे देब, उ मोर माँस अहइ। इहइ संसार जिअत रही।”
52 इ सुनिके यहूदियन आपस मँ झगड़ा करइ लागेन कि “कइसे इ मनई हम पचेन्क आपन माँस खाइ क बरे देत ह”
53 ईसू ओनसे कहेस, “मइँ तोहसे सच-सच कहत अहउँ, जब तक तू पचे मनई क पूत क माँस न खाब्या अउर ओकर लहू न पीब्या, तब तक तोहरे मँ असली जीवन नाहीं आई।
54 जउन मोर माँस खात ह अउर हमार लहू पियत ह, अनन्त जीवन उहइ पावत ह अउर आखिरी दिन ओका मइँ फिन जीवित करि देब।
55 काहेकि मोर माँस सब खाइवाली चीज अहइ अउर मोर लहू सच-सच पियइवाली चीज अहइ।
56 जउन मोर माँस खात ह अउर मोर लहू पियत ह, उ मोरे मँ रहत ह अउर मइँ ओहमाँ समाइ जाइत हउँ।
57 इ बात बिल्कुल उहइ तरह अहइ कि जइसे जिअत-पिता मोका भेजे अहइ, अउर उहइ परमपिता क कारण मइँ जीवित अहउँ ठीक उहइ तरह जउन मनई खात रही, उ मोरे कारण जीवित रही।
58 इ उहइ रोटी अहइ जउन सरग स उतरी अहइ। इ रोटी वइसे नाहीं अहइ जइसे मोरे पचे क पूर्वजन खाए रहेन। अउर बाद मँ उ सब मरि गएन। जउन मनई इ रोटी क खात रही, उ हमेसा जिन्दा रही।”
59 ईसू इ सब बात कफरनहूम आराधनालय मँ सिच्छा देत कहे रहा।
60 जब ईसू क चेलन क इ बात पता चली तउ उ कहेन्ह, “इ सिच्छा बहुतइ कठिन अहइ, एका कउन सुनि सकत ह”
61 ईसू क खुदइ पता चलि गवा रहा कि ओनके चेलन क उपदेस क बारे मँ सिकायत रही। एह बरे उ ओनसे कहेस, “का इ उपदेस तोहका ठेस पहुँचावत ह
62 अइसी बात अहइ कि तउ तोहका अगर मनई क पूत क जहाँ उ पहिले रहा, हुवाँ फिन लौटत देखइ क पड़इ तउ का होई?
63 आतिमा उहइ अहइ जउन जीवन देत ह। सरीर क कउनो उपयोग नाहिं बाटइ। जउन बात मइँ तोहसे कहे बाटेउँ, उहइ आतिमा अहइ अउर उहइ जीवन देत ह।
64 मुला तोहरे पचे क बीच मँ कछू मनई अइसे अहइँ, जउन ओहमाँ बिसवास नाहीं करतेन।” (ईसू तउ सुरू मँ इ जानत रहा कि उ पचे कउन मनई अहइँ, जउन बिसवास नाहीं करत अहइँ अउर उ मनई कउन बा जउन ओका धोखा देइ।)
65 ईसू फिन कहेस, “इहइ बरे मइँ तोहसे कहे अहउँ, ‘मोरे पास तब तलक कउनो नाहीं आइ सकत जब तलक कि परमपिता ओका मोरे पास आवइ क इजाजत न देइ।”
66 इहइ कारण रहा कि ईसू क ढेर चेलन लौट गएऩ। अउर फिन कबहूँ ओकरे पाछे नाहीं चलेन।
67 फिन ईसू अपने बारहु प्रेरितन स कहेस, “का तू पचे भी जाइ चाहत अहा?”
68 समौन परतस जवाब दिहेस, “पर्भू हम पचे केहिके लगे जाइ? उ सब्दन तउ तोहरे लगे अहइँ जउन अनन्त जीवन देत ही।
69 अब हम पचे तोह पर बिसवास करित ह अउर हम जानित ह कि तू सबसे पवित्तर अहा जेहिका परमेस्सर भेजे अहइ।”
70 ईसू ओनका इ जवाब दिहेस, “का तोहका बारहु प्रेरितन का मइँ नाहीं चुने अहउँ। मुला तोहरे बीचे मँ एक ठु सइतान अहइ।”
71 उ समौन इस्करियोती क बेटवा यहूदा क बारे मँ कहत रहा, जउन ईसू क धोखा देइवाला रहा। बारह प्रेरितन मँ उहइ एक रहा।
John 7
1 ओकरे बाद ईसू गलील चला गवा। उसने यहूदिया मँ यात्रा न करइ का निस्चय किहेस। काहेकि यहूदी ओका मारि डावा चाहत रहेन।
2 यहूदियन क कुटीर क त्यौहारआवइवाला रहा।
3 इ बरे ईसू क भाइयन ओसे कहेन, “तोहका इ जगहा छोड़िके यहूदिया चला जाइ चाही। जइसे कि तोहार चेलन तोहार अद्भुत कारजन देख पावइँ।
4 कउनो मनई जउन सब मनइयन क बीच मँ मसहूर होइ चाहत ह, आपन कारज छिपाइ क नाहीं करत। तू तउ अद्भूत कारजन करत ह, इ बरे समूचे संसार मँ अपुना क परगट करा।”
5 (ईसू क भाइयन ओहमाँ बिसवास नाहीं करत रहेन।)
6 ईसू ओनसे कहेस, “मोरे बरे अबहीं तब नीक समइ नाहीं आवा बाटइ। मुला तोहरे बरे सबइ समइ नीक अहइ।
7 इ दुनिया तोहसे घिना नाहीं कइ सकत मोसे तउ घिना करत ह। मोसे घिना करइ क कारण इ बाटइ कि मइँ सब क कहत फिरत हउँ, कि तोहार इ कारज बुरा अहइ,
8 इ त्यौहार मँ तू पचे जा मइँ एहि बार न जाब, मोर नीक समइ अबहीं नाहीं आइ बाटइ।”
9 इ कहिके ईसू गलील मँ रूक गवा।
10 तब ओकर सब भाई त्यौहार मँ चला गएन तब उहउ चला गवा। उ खुलेआम नाहीं गवा मुला छुप छुपके उहइ हुवाँ पहुँच गवा।
11 यहूदी ओका त्यौहार मँ इ कहत खोजत फिरत रहेन, “उ मनई कहाँ अहइ?”
12 ईसू क बारे मँ उ भीड़ मँ छिप छिप क तरह तरह क बातन होत रहिन। कछू मनई कहत रहेन, “उ नीक मनई बाटइ” मुला दूसर कछू मनई कहत रहेन, “नाहीं, उ तउ सबका भटकावत अहइ।”
13 ओकरे बारे मँ कउनो भी खुलिके नाहीं बतियात रहा, काहेकि उ पचे यहूदी क नेता स डेरात रहेन।
14 जब उ त्यौहार करीब करीब आधा बीत गवा तब ईसू मन्दिर मँ गवा अउर उपदेस देब सुरू कइ दिहेस।
15 यहूदी क नेता क बहुत अचरज भवा अउर उ पचे कहेन, “इ मनई आज तक कउनो पाठसाला मँ पढ़इ क बरे नाहीं गवा, इ कइसे ऍतनी गियान क बात करत बाटइ?”
16 ऍकरे जवाब मँ ईसू ओनसे कहेस, जउन सिच्छा देत अहउँ, उ मोर आपन नाहीं अहइ, इ हुवा स आवत अहइ, जउन मोका भेजेस ह।
17 अगर मनई उ करइ चाहत ह, जउन परमेस्सर क इच्छा अहइ, तउ उ जान जाई कि जउन सिच्छा मइँ देत अहउँ, उ ओकर अहइ या मइँ अपनी ओर स देत अहउँ
18 जउन अपनी ओर स बोलत ह, उ अपने बरे प्रसिद्धि चाहत ह, मुला सच्चा उ मनई अहइ जउन खुदइ प्रसिद्धि पावा न लइके ओका देइ क कोसिस करत ह, जउन ओका भेजे अहइ। ओहमाँ फिन कउनो तरह क खोट नाहीं रहत।
19 का तू पचन क मूसा व्यवस्था क दिहे अहइ? मुला तोहरे मँ स कउनो ओकर पालन नाहीं करत। तू मोका मार डावइ क कोसिस काहे बरे करत अहा?”
20 उ लोग इ जवाब दिहेन, “तोहरे ऊपर दुस्ट आतिमा चढ़ी अहइ जउन तोहका मार डावइ क कोसिस करत बाटइ।”
21 एकरे जवाब मँ ईसू कहेस, “मइँ एक चमत्कार करम करेउँ अउर तू पचे चकराइ गया।
22 इहइ कारण रहा कि मूसा तू पचन क, खतना क नियम दिहे रहा (इ नियम मूसा का नाहीं बरन, इ तउ तोहरे पूर्वजन स चला आवत रहा।) अउर तू सब क दिन लरिकन क खतना करत ह।
23 अगर सबित क दिन कउनो क खतना इ बरे करइ जात ह कि मूसा क विधान बचा रहइ, उ टूटइ न पावइ तउ तू पचे मोरे ऊपर काहे गुस्सा करत अहा कि मइँ सबित क दिन एक मनई क एकदम ठीक कइ दीन्ह
24 जउऩ बात जइसे देखात अहइ, उहइ तरह ओहपइ निआव न करइ चाही, जउन एकदम ठीक बात होइ उहइ क आधार प निआव होय चाही।”
25 फिन यरुसलेम मँ रहइवाले लोगन मँ स कछू कहेन, “का इहइ तउ उ मनई नाहीं अहइ जेहिका उ लोग मार डावा चाहत अहइँ?
26 मुला देखा; उ तउ सब मनइयन क बीच मँ बोलत अहइ अउर कउनो ओसे कछू नाहीं कहत अहइँ। का इ बात नाहीं होइ सकत कि यहूदी नेता क पता होइ ग होइ कि इहइ मसीह अहइ।
27 खैर हम सबका तउ पता होइ ग अहइ कि इ कहाँ स आइ बाटइ। जब असली मसीह आइ जाइ तउ कउनो न जान पाइ कि उ कहाँ स आवा।”
28 ईसू जब मन्दिर मँ उपदेस देत रहा तउ बड़े जोर स कहेस, “तू पचे मोका जानत अहा अउर इहउ जानत अहा कि मइँ कहाँ स आएउँ। मइँ अपनी कइँती नाहीं आइ अहउँ। मइँ ओकरे पास स आएउँ ह जउन मोका भेजे अहइ, उहइ सच्चा अहइ, तू पचे ओका नाहीं जानत अहा।
29 मुला मइँ ओका जानत अहउँ, काहेकि मोका उहइ पठएस।”
30 फिन उ पचे ओका बन्दी बनाइ क जतन करइ लागेन मुला कउनो ओह पइ हाथ नाहीं डाइ पाएस, एह बरे कि ओकर समइ अबहीं पूरा नाहीं भवा रहा।
31 तमाम मनई ओकरे मँ बिसवास करइ लागेन अउर कहइ लागेन, “जब मसीह आई तउ उ जेतना अद्भुत कारजन इ करत बा ओसे जियादा उ थोड़ा कइ पाई। का उ अइसा करी?”
32 फरीसियन इ सुनेन कि भीड़ मँ तमाम मनई चुप्पे चुप्पे ईसू क बारे मँ कहत रहेन्ह अउर मुख्ययाजक अउर फरीसियन मन्दिर क सिपाहियन क ईसू क गिरफ्तार करइ बरे भेजेन।
33 फिन ईसू बोला, मइँ तू पचेन्क साथ कछू समी तलक अउ रहब, फिन ओकरे पास वापिस लौट जाब, जउन मोका हियाँ भेजे अहइ।
34 तू पचे मोका ढूँढ़िब्या मुला ढूँढ़ि न पउब्या। काहेकि तू पचे हुवाँ तलक न जाइ पाउब्या जहाँ मइँ रहब।”
35 ऍकरे बाद यहूदी आपस मँ बतियाइ लागेन, “इ कहाँ जाइवाला अहइ, जहाँ हम पचे एँका न ढूँढ़ि पाऊब। साइत ह हुवाँ तउ नाहीं जात अहइ जहाँ हमार मनइयन यूनानी नगरन मँ तितर बितर होइके रहत हीं। का इ यूनानियन मँ उपदेस देई?
36 जउन इ कहत अहइ, ‘ओकर क मतलब अहइ?’ जउन इ कहत अहइ, ‘तू मोका ढूँढ़ि न पउब्या अउर जहाँ मइँ रहब, हुवाँ तू पहुँच नाहीं सकत ह।’“
37 त्यौहार क आखिरी अउर जरूरी दिन ईसू ठाढ़ भवा अउर ऊँची आवाज मँ कहेस, “अगर कउनो पियासा अहइ तउ मोरे पास आवइ अउर पियइ।
38 जउन मनई मोरे मँ बिसवास करत ह, जइसा कि पवित्तर सास्तर मँ लिखा अहइ, ओकरे पवित्तर आतिमा स जीवन जल क नदियन फूट पड़िहइँ।”
39 ईसू इ पवित्तर आतिमा क बारे मँ बताए रहा। जेहिका उ पचे पइहीं जउन ओहमा बिसवास करत हीं, उ पवित्तर आतिमा अबहीं तलक नाहीं दीन्ह गइ अहइ, काहेकि ईसू अबहीं तलक महिमावान नाहीं भवा अहइ।
40 भीड़ क कछू मनई जउन इ सुनेन तउ कहइ लागेन, “इ मनई सच मँ नबी अहइ।”
41 कछू अउर मनई कहत रहेन, “इहइ मनई मसीह अहइ।” कछू अउर मनई कहत रहेन, “मसीह गलील स न आई।” का इ होइ सकत ह
42 का पवित्तर सास्तर मँ नाहीं लिखा अहइ कि मसीह दाऊद क लरिका होई अउर बैतलहम स आई जउने सहर मँ दाऊद रहत रहा।”
43 ऍह तरह स ईसू क मनइयन मँ सब मनइयन क बीच मँ फूट पड़ि गइ।
44 कछू लोग ओका बन्दी बनावा चाहत रहेन मुला कउनो ओकरे प हाथ नाहीं डाएन।
45 इ बरे मन्दिर क सिपाही मुख्ययाजक अउर फरीसियन क पास लौट आएन। एहि पइ ओनसे पूछा गवा, “तू ओका पकरिके काहे नाहीं लाया?”
46 सिपाहियन क जवाब रहा, “कउनो मनई आज तक अइसे नाहीं बोला, जइसे उ बोलत ह!”
47 ऍहि पइ फरीसियन ओनसे कहेन, “का तू पचे भरमाइ ग अहा?
48 कउनो यहूदी नेता या फरिसियन ओकरे मँ कबहुँ बिसवास नाहीं करे अहइँ।
49 मुला जउन मनइयन क व्यवस्था क जानकारी नाहीं अहइ, परमेस्सर ओनका सराप देत ह।”
50 नीकुदेमुस ओनसे कहेस इ उहइ रहा जउन पहिले ईसू क पास गवा रहा, इ ओन फरीसियन मँ स एक ठु अहइ,
51 “हमार व्यवस्था क तब तलक कउनो क दोखी नाहीं ठहरावत जब तलक ओका सुनि नाहीं लेत अउर इ पता नाहीं लगाइ लेत कि उ कउन करम करे अहइ।”
52 ऍकरे जवाब मँ उ पचे ओसे कहेन, “का तू भी गलील क अह्या? सास्तर क पढ़े स पता चलत ह कि गलील स कउनो नबी कबहूँ नाहीं आई।”
53 फिन उ पचे हुवाँ स अपने घर चला गएन।
John 8
1 अउर ईसू जैतून पर्वत प चला गवा।
2 एकदम सबेरे उ फिन मन्दिर मँ गवा। सब मनई ओकरे पास आएन। ईसू बइठके ओनका सबेन्हका उपदेस देइ लाग।
3 तबहीं धरम सास्तरी अउर फरीसी लोग व्यभिचार क अपराध मँ एक ठु स्त्री क पकरि लइ आएन। अउर ओका सबके सामने ठाढ़ करि दिहेन्ह।
4 अउर ईसू स कहेन्न, “हे गुरू, इ स्त्री व्यभिचार करत रंग हाथ पकड़ी गइ अहइ।
5 मूसा क व्यवस्था हमका पचेन्ह क आदेस देत ह क अइसी स्त्री क पाथर मारइ चाही। अब बतावा तोहार क कहब अहइ?”
6 ईसू क अजमावइ क बरे उ सबेन्ह पूछत रहेन्ह जइसे कि ओनका सबन्क ओकरे खिलाफ कउनो अभियोग लगावा जाइ सकइ। मुला ईसू नीचे झुका अउर अपनी अंगुरी स जमीन प लिखिइ लाग।
7 यहूदी नेता पूछत जात रहेन्ह, इ बरे ईसू सोझ सोझ तनि क ठाढ़ि होइ गवा अउर ओनसे कहेस, “तोहरे सब मँ स जउन मनई पापी न होइ, सबसे पहिले उहइ इ स्त्री क पाथर मारइ।”
8 अउर फिन उ झुक कर जमीन प लिखइ लाग।
9 जब सब मनई इ सुनेन्ह तउ सबसे पहिले बुढ़वा मनइयन अउर फिन एक एक कइके हुवाँ स खिसकइ लागेन अउर हुवाँ अकेले ईसू बचा रहा। ईसू क सामने उ स्त्री अबहीं तलक ठाढ़ि रही।
10 ईसू खड़ा भवा अउर उ स्त्री स कहेस, “ऐ स्त्री, उ पचे कहाँ चला गएन। का तोहका कउनो दोखी नाहीं ठहराएस?”
11 उ स्त्री बोली, नाहीं महासय! कउनो नाहीं।”ईसू कहेस, “मइँ भी तोहका दण्ड न देब। जा अउर अब फिन कबहूँ पाप न करिउ।”
12 फिन हुवाँ मौजूद मनइयन स ईसू कहेस, “मइँ दुनिया क ज्योति अहउँ, जउन मोरे पाछे चलत ह, उ कबहुँ अंधेरे मँ नाहीं रहत। ओका तउ उ ज्योति मिली जउन जीवन देत ह।”
13 इ सुनिके फरीसियन ओनसे कहेन, “तू आपन साच्छी खुदइ देत अहा, इ बरे तोहार साच्छी न मानी जाई।”
14 एकरे जवाब मँ ईसू ओनसे कहेस, “जदि मइँ आपन साच्छी अपनी कइँती स आप देत अहउँ, तबहूँ मोर साच्छी सही अहइ, काहेकि मइँ इ जाना चाहित ह, कि मइँ कहाँ स आवा अहउँ अउर कहाँ जात अहउँ।
15 तू पचे मनइयन क बनाए नेमॅन प निआव कहत ह, मइँ कउनो क निआव नाहीं करत अहउँ।
16 जदि मइँ निआव करी तउ मोर निआव उचित होइ। काहेकि मइँ अकेलि नाहीं अहउँ, बल्कि परमपिता जउन मोका हियाँ भेजे अहइ, दुइनउँ मिलके निआव करित ह।
17 तोहरे व्यवस्था मँ लिखा अहइ कि दुइ मनइयन क साच्छी सच्ची होत ह।
18 मइँ आपन साच्छी खुदइ देत अहउँ अउ परमपिताा, जउन मोका भेजे अहइ, मोरी ओर स साच्छी देत ह।”
19 इ सुनिके उ सब मनइयन ओसे कहेन, “तोहार परमपिता कहाँ अहइ?” ईसू जवाब दिहेस, “न तउ तू पचे मोका जानत अहा अउर न तउ मोरे परमपिता क। जदि तू मोका जानत होत्या, तउ मोरे परमपिता क जानि लेत्या।”
20 मंदिर मँ उपदेस देत भए जउन मनई भेंट पात्रन क पास रहेन, ओनसे इ बात ईसू कहेस। मुला कउनो ओकाा बन्दी नाहीं बनाएस, काहेकि ओकर समइ अबहीं नहीं रहा।
21 ईसू ओनसे एक बार फिन कहेस, “मइँ चला जाब अउर तू पचे मोका खोजब्या। मुला तू पचे अपने पापन क कारण मरि जाब्या। जहाँ मइँ जात अही तू पचे हुँवा नाहीं आइ सकत ह।”
22 फिन यहूदी कहइ लागेन, “का तू इ सोचत अहा। कि उ खुदकुसी करइवाला अहइ? काहेकि उ कहेस ह, ‘तू पचे हुवाँ नाहीं आइ सकत ह जहाँ मइँ जात अहउँ।
23 एह पइ ईसू ओनसे कहेस, “तू पचे नीचे क अहा अउर मइँ ऊपर स आवा हउँ, तू पचे संसारिक अहा अउर मइँ इ दुनिया मँ नाहीं हउँ।
24 इ बरे मइँ तू सबन स कहत हउँ तू पचे अपने पाप मँ मरि जाब्या। जब तू बिसवास नाहीं करत अहा कि उ मइँ अहउँ। तउ तू अपने पाप मँ मरि जाब्या।”
25 उ पचे ईसू स फिन पूछेन, “तू कउन अह्या?”ईसू ओनका जवाब दिहेस, “मइँ उहइ अहउँ, जइसे कि सुरूआत मँ मइँ तोहका बताए रहेउँ।
26 तू पचेन्क बतावइ क बरे अउर तू पचन क निआव करइ क मोरे पास बहुत कछू अहइ। मुला सच्ची बात इ अहइ कि सत्य उहइ अहइ जउन मोका भेजेस। मइँ उहइ बतावत अही जउन मइँ ओसे सुने अहउँ।”
27 उ पचे इ नाहीं जान पाएन्ह कि ईसू ओनका परमपिता क बाबत बतावत अहइ।
28 फिन ईसू ओनसे कहेस, “जब तू मनई क पूत क ऊँचा उठाय लेब्या तू जान लेब्या कि उ मइँ अहउँ। मइँ अपनी ओस स कछू नाहीं करत अहउँ। मइँ जउन करत अहउँ, इ उहइ अहइ जउन मोका परमपिता सिखाए अहइ
29 अउर उ जउऩ मोका इहाँ भेजेस, उ मोरे साथ अहइ। उ कबहूँ मोका अकेले नाहीं छोड़ेस, इ बरे कि मइँ उहइ कारज करित ह जइसा उ चाहत ह।”
30 ईसू जब इ बात बातवत रहा, तउ बहुत मनई ओकर बिसवासी होइ गएन।
31 ईसू ओन यहूदियन क बतावइ लाग, जउन ओहमाँ बिसवास करत रहेन, “जब तू पचे मोरे उपदेस प चलब्या तउ तू मोर सच्चा चेलन बन जाब्या।
32 अउर सच्चाई क जान लेब्या। अउर सच्चाई तोहका मुक्ति दइ देइ।”
33 इ सुनिके उ सबेन्ह ईसू स पूछेन, “हम सब इब्राहीम क खानदान क अही अउर हम सबे आज तक केहू क गुलामी नाहीं कीन्ह। फिन तू कइसे कहत अहा कि तू पचे छुटकारा पाइ जाब्या?”
34 ईसू ओनका इ जवाब दिहेस, “मइँ तोहसे सच्चाई का बखान करत अहउँ। जउन मनई पाप करत रहत ह, पाप क दास अहइ।
35 अउर कउनो दास परिवार के साथे नाहीं रहि सकत। केवल पूत हमेसा परिवार क साथे रहत ह।
36 इ बरे अगर पूत तोह सबन क छुटकारा देइ सकत ह, तउ तू पचे जरूर छुटकारा पाय जाब्या। मइँ जानत अहउँ तू इब्राहीम क खानदान क अह्या।
37 मुला तू पचे मोरा मारि डावइ क कोसिस करत अहा। काहेकि तू पचे मोरा मारि उपदेस नाहीं मनत्या।
38 मइँ उहइ बतावत अहउँ, जउन मोर परमपिता मोका देखॉएस अउर तू उहइ करत अहा। जउन तोहार पिता तोहका करइ क बताएस ह।”
39 इ सुनिके उ पचे ईसू क जवाब दिहेन, “हमरे पिता इब्राहीम अहीं।”ईसू कहेस, “जब तू इब्राहीम क सन्तान होत्या, तउ तू उहइ कारज करत्या जउन कारज इब्राहीम करत रहा।
40 मुला तू पचे तउ मोर जइसे मनई का जउन परमेस्सर स सुनि सच्चाई का बतावत अहइ, मारि डावा चाहत अहा। इब्राहीम तउ अइसा कबहूँ नाहीं किहेस।
41 तू पचे अपने पिता क काम करत अहा।”फिन उ सबेन्ह ईसू स कहेन, “हम सबन उ सबइ गदेलन क तरह नाहीं जउन व्यभिचार क सरूप पइदा भएन ह। हमार केवल एक पिता अहइ, उ अहइ परमेस्सर।”
42 ईसू ओनका जवाब दिहेस, “जदि परमेस्सर तोहार पिता होतइ तउ तू पचे मोका पियार करत्या, काहेकि मइँ ही परमेस्सर क पास स आइ अहउँ। अउर अबहीं मइँ हियाँ अहउँ। मइँ अपने आप हियाँ नाहीं आइ बाटी, बल्कि मोका परमेस्सर भेजेस।
43 जउन कछू मइँ बतावत अहउँ ओका तू सबेन्ह काहे नाहीं समझत अहा? एकर कारण इ अहइ कि तू मोर उपदेस नाहीं स्वीकार करत अहा।
44 तू सबेन्ह अपने पिता सइतान क सन्तान अह्या अउर तू सबेन्ह अपने पिता क इच्छा प चलइ चाहत अहा। उ सुरूआतइ स एक हत्यारा रहा अउर सच्चाई क तरफदारी कबहूँ नाहीं करेस। काहेकि ओहमाँ सच्चाई क कउनो हिस्सा नाहीं रहा। जब उ झूठ बोलत ह तउ सहल भाव स बोलत ह, काहेकि उ झूठा अहइ अउर तमाम झूठ क पइदा करत ह।
45 मुला मइँ सच्ची बात कहत अहउँ, तू सबेन्ह इ बरे मोहमाँ बिसवास नाहीं करत अहा।
46 तोहरे मँ स कउन अइसा मनई अहइ जउन मोरे ऊपर लगावा पाप सिद्ध कइ सकत ह। जदि मइँ सत्य कहत अहउँ तउ तू मोर बिसवास काहे बरे नाहीं करत अहा?
47 जउऩ मनई परमेस्सर क अहइ, परमेस्सर क वचन क सुनत ह। तू सबेन्ह मोर बात नाहीं सुनत अहा, इ बरे कि तू सबेन्ह परमेस्सर क नाहीं अह्या।”
48 ईसू क बात क जवाब मँ यहूदियन ईसू स कहेन, “का हमार सबेन्ह क इ बात सच्ची न अहइ कि तू सामरी अह्या अउर तोहरे ऊपर कउनो दुस्ट आतिमा सवार अहइ?”
49 ईसू जवाब दिहेस, “मोरे ऊपर कउनो दुस्ट आतिमा सवार नाहीं अहइ। मइँ तउ अपने परमपिता क आदर करित ह, मुला तू पचे मोर अपमान करत अहा।
50 मइँ आपन महिमा नाहीं चाहत अहउँ मुला एक ठु अइसा अहइ जउन मोर महिमा चाहत ह अउर निआव करत ह।
51 मइँ तोहका सच्ची बात कहत अहउँ कि जउन मनई मोरे उपदेस क अनुसरण करी उ मउत क कबहूँ न देखी।”
52 इ सुनिके यहूदियन ओसे कहेन, “अब हम पचे जानि गए कि तोहरे अन्दर कउनो दुस्ट आतिमा समाइ गइ अहइ। हियाँ तक कि इब्राहीम अउर नबी दुइनउँ मरि गएन मुला तू कहत अहा कि जउन मनई तोहार उपदेस प चली ओकर कबहूँ मउत न होई।
53 एहमाँ कउनो सक नाहीं अहइ कि तू मोरे पिता इब्राहीम स बड़ा नाहीं अहा जउऩ कि मर गवा। अउ नबियन क मउत होइ गइ। मुला तू पता नाहीं का सोचत अहा? तू अह्या के?”
54 ईसू जवाब दिहेस, “जदि मइँ अपनी महिमा क बखान करी, तउ ऊ मोर महिमा कछू न अहइ। जउन मोका महिमा देत ह, उ मोर परमपिता अहइ। जेकरे बारे मँ तू दावा करत अहा कि उ तोहार परमेस्सर अहइ।
55 तू पचे ओका कबहुँ नाहीं जनत्या। मुला मइँ ओका जानत अहउँ जब मइँ कहउँ कि मइँ भी ओका नाहीं जानत अहउँ तउ तोहरे सबेन्ह क तरह मइँ भी झूठा होइ जाब। मइँ ओका अच्छी तरह स जानित ही अउर जउन उ कहत ह ओका पालन करित ही।
56 तोहार पिता इब्राहीम इ जानिके कि उ अइसा दिन देखी जब मइँ आउब, तउ उ आनन्द स भरि भवा रहा: उ एका देखेस अउर बहुत खुस भवा।”
57 फिन यहूदियन ओसे कहेन, “तू अबहीं पचास बरिस क भी नाहीं अहा अउर तू इब्राहीम क लखि लिहा।”
58 ईसू एकरे जवाब मँ कहेस, “मइँ तोहका सत्य बतावत अहउँ कि इब्राहीम स पहले भी मइँ रह्यो, मइँ अहउँ।”
59 इ सुनिके उ सबेन्ह ईसू क मारइ क बरे बड़ा बड़ा पाथर उठाइ लिहन मुला ईसू लुकत छिपत मन्दिर स चला गवा।
John 9
1 जब उ सबेनह जात रहेन तउ उ एक ठु पैदाइसी आँधर मनई क देखेस।
2 इ देखि क ईसू क चेलन ओसे पूछेन, गुरू, इ मनई आँधर पैदा भवा ह मूला केकरे पाप क कारण उ आँधर भवा ह अपने पाप या अपने महतारी बाप क?”
3 ईसू जवाब दिहेस, “न तउ इ कउनो पाप करे अहइ अउर न एकर महतारी बाप कउनो पाप करे अहइँ। इ एह बरे आँधर पैदा भवा अहइ जइसे कि ऍका नीक कइके परमेस्सर क ताकत देखाई जा सकइ।
4 ओकर काम जउन मोका भेजे अहइ, दिन रहतइ कइ लेइ चाही, काहेकि जब रात होइ जाइ तउ कउनो काम नाहीं होइ पावत।
5 जब तलक मइँ इ दुनियाँ मँ अहइ तब तलक मइँ दुनिया क ज्योति अहउँ।”
6 ऍतना कहिके ईसू जमीन प थूकेस अउर ओसे थोरि क माटी सानेस ओका आँधर मनई क आँखी प मल दिहेस।
7 अउर ओसे कहेस, “जा अउर सीलोह क पोखरा मँ धोइ आवा।” (सीलोह क मतलब अहइ “भेजा भवा।”) अउर फिन उ आँधर जाइके आपन आँखी धोइ आवा। जब उ लौटा तउ ओका देखॅाइ देइ लाग।”
8 फिन ओकर पड़ोसी अउर उ लोग जउऩ ओका भीख माँगत देखत रहेन, कहेन, “का इ उहइ मनई अहइ जउऩ बइठे-बइठे भीख माँगत रहा?”
9 कछू लोग कहेन, “इ उहइ अहइ।” दूसर लोग कहेन, “नाहीं, इ उ मनई न अहइ, उहइ क तरह देखॅात अहइ।” इ सुनिके आँधर मनई कहेस, “मइँ उहइ अहउँ।”
10 इ देखिके उ सबेन्ह ओसे पूछेस, “तोहका आँखी क प्रकास कइसन मिली?”
11 उ जवाब दिहेस, “ईसू नाउँ क एक मनई माटी सानके मोरी आँखी प मलेस अउ मोसे कहेस, जा अउर सीलोह मँ धोइ आवा अउर मइँ जाइके धोइ आएउँ। मोका उहइ वजह स आँखन क प्रकास मिल गवा।”
12 फिन उ सबेन्ह ओसे पूछेन, “उ कहाँ अहइ?” उ जवाब दिहेस, “मोका पता नाहीं अहइ।”
13 उ मनई जउन पहिले आँधर रहा, उ सबेन्ह ओका फरीसियन क पास लइ गएन।
14 जउने दिन ईसू, माटी सानके अँधरे क आँखी क प्रकास दिहे रहा। उ सबित क दिन रहा।
15 ऍह तरह फरीसियन ओसे एक बार फिन पूछइ लागेन, “उ अपने आँखिन क प्रकास कइसे पाएस?”उ बताएस, “उ मोरी आँखी प गीली माटी लेपेस अउर मोसे कहेस, जा धोइ ल्या,’ मइँ धोइ लीन्ह अउर अब देख सकित हउँ।”
16 कछू फरीसी कहइ लागेन, “इ मनई परमेस्सर क तरफ स न अहइ, एह बरे कि इ सबित क पालन नाहीं करत।” एक क सुनिके दूसर मनई बोलेन, “कउनो पापी मनई भला ऍतना अदूभुत कारजन कइसे कइ सकत ह” इ तरह स ओनके बीच मँ आपस मँ मतभेत होइ लाग।
17 फिन यहूदी नेतन उ आँधर मनई स बोलेन, “ओकरे बाबत तू का कहत अहा? एह बरे कि तू जानत अहा कि उ तोका आँखी दिहे अहइ।”
18 यहूदी नेतन ओह समइ तक ओकरे ऊपर बिसवास नाहीं करत रहेन, कि उ मनई आँधर रहा अउर ओकरे आँखिन का प्रकास मिल गवा। जब तक ओकरे महतारी बाप क बोलाइके
19 उ पचे इ नाहीं पूछ लिहेन कि, “का इ तोहार बेटवा अहइ जेकरे बारे मँ तू कहत अहा कि वह आँधर रहा। फिन इ कइसे होइ सकत ह कि अब उ देख सकत ह”
20 इ सुनिके ओकर महतारी बाप जवाब देत कहेन, “हम जानित ह कि हमार बेटवा अहइ अउर हमार बेटवा पैदाइसी आँधर रहा।
21 मुला हम इ नाहीं जानित कि अब उ कइसे देख सकत ह अउर न तउ हम इ जानित थी कि एका आँखिन मँ प्रकास के दिहेस। अब इहइ स पूछा, इ काफी बड़ा होइ गवा अहइ। अपने बावत इ खुदइ बताय सकत ह।”
22 ओकर महतारी बाप इ बात इ बरे कहे रहेन कि उ यहूदी नेतन स डेरात रहेन। काहेकि उ पहिले स निस्चय कइ चुका रहेन कि जउन मनई ईसू क मसीह मानी तउ ओका आराधनालय स निकार दीन्ह जाई।
23 इ बरे ओकर महतारी बाप कहेन, “उ काफी बड़ा होइ गवा अहइ स पूछा।”
24 यहूदी नेतन उ मनई क जउऩ आँधऱ रहा दूसरी बार बोलाएन, अउर कहेन, “सही सही बोल, अउर जउन तू नीक होइ ग अहा ओकर महिमा परमेस्सर क द्या। हमका पता अहइ कि इ मनई पापी अहइ।”
25 इ सुनिके उ जवाब दिहेस, “मइँ इ नाहीं जानित कि उ पापी अहइ कि नाहीं, मइँ तउ इहइ जानित ह कि मइँ आँधर रहेउँ अउर अब मइँ देख सकित ह।”
26 इ सुनिके उ सबइ ओसे पूछेन, “उ तोहका का किहेस? उ तोहका कइसे आँखी दिहेस?”
27 उ मनई ओऩ सबेन्ह क जवाब दिहेस, “मइँ तउ तोहका बताय चुका अहउँ मुला तू मोर बात सुनतइ नाहीं अहा। तू फिन स काहे उहइ बात सुना चाहत अहा? का तू ओकर चेलन बना चाहत अहा?”
28 इहइ बात प उ पचे ओकर बेइज्जती करेन अउर कहेन, “तू ओकर चेला अहा अउर हम सबेन्ह मूसा क चेलन अही।
29 हम सब जानित ही कि परमेस्सर मूसा स बतियात रहा, मुला हम सबेन्ह इ नाहीं जानित कि इ मनई कहाँ स आइ बाटइ?”
30 एकर जवाब देत उ मनई ओनसे कहेस, “बड़ी अचरज की बात अहइ कि तू सबेन्ह इ नाहीं जानत अहा कि उ कहाँ स आइ बाटइ? मुला मोका आँखिन क प्रकास उहइ दिहेस।
31 हम पचे जानित ह कि परमेस्सर पापियन क नाहीं सुनत, उ तउ ओनकइ सुनत ह जउऩ समर्पित अहइँ अउर उहइ परमेस्सर क जउन इच्छा रहत ह, उहइ करत ह।
32 आज तलक इ कबहूँ सुना नाहीं ग रहा कि कउनो आँधरे मनई क कहूँ आँखी क प्रकास दिहे रहा। होइ।
33 जब मनई परमेस्सर क तरफ स नाहीं आइ अहइ तउ उ इ सब कछू नाहीं कइ सकत।”
34 ऍकरे जवाब मँ उ सबइ कहेन, “तू हमेसा स पापी रह्या, जब स तोहार जनम भवा। अउर आज तू हम सबका सिखावइ चला अहा?” इ कहिके यहूदी नेतन ओका धकियाइके बाहेर निकार दिहेन।
35 ईसू इ सुनेस कि यहूदी नेतन ओका धकियाइके बाहर निकार दिहेन तउ ओसे मिलके उ कहेस, “का तू मनई क पूत मँ बिसवास करत ह”
36 एकरे जवाब मँ उ मनई बोला, “हे प्रर्भू, इ बतावा कि मनई क पूत कउन अहइ? इ बरे कि मइँ ओकरे मँ बिसवास करइ लागाऊँ!”
37 ईसू ओहसे कहेस, “तू ओका लखि चुका अह अउर उ उहइ मनई अहइ जेहसे तू इ समइ बात करत अहा।”
38 फिन उ कहेस, “पर्भू, मइँ बिसवास करित हउँ!” अउर उ फिन ओकरे सामने ओनके गोड़वा पइ गिर गवा।
39 ईसू कहेस, “मइँ इ दुनिया मँ निआव करइ क बरे आइ अहउँ, जइसे कि जउन देखि नाहीं सकत अहइँ, उ देखइ लागइँ अउर जउन देखत अहइँ, उ सबइ आँधर होइ जाइँ।”
40 कछू फरीसी जउन ईसू क साथे रहेन, इ सुनिके ईसू स कहेन, “हम सब जरूर आँधर नाहीं अही। का हम पचे आँधर अही?”
41 ईसू ओनसे कहेस, “जदि तू आँधर होत्या तउ तू पापी न होत्या मुला जइसे तू सबेन्ह कहत अहा कि देख सकत अहा, इ बरे तू सबेन्ह जरूर पापी अहा।”
John 10
1 ईसू कहेस, मइँ तोहसे सच्ची बात बतावत अहउँ कि जउऩ मनई भेड़िन क बाड़े मँ दरवाजा स न घुसिके कउनो अउर रस्ते स घुसत ह तउ, उ चोर अहइ, लुटेरा अहइ।
2 मुला जउन मनई दरवाजे स घुसत ह, उ भेड़िन क चरवाहा अहइ।
3 दरवाजे क रखवाला ओकरे बरे दरवाजा खोल देत ह, अउर भेड़न क ओकर आवाज सुनत हीं। अपनी भेड़िन क नाउँ लेइ लेइ पुकारत ह अउर ओऩका बाड़े स बाहर निकारत ह।
4 जब उ आपन सब भेड़ निकार लेत ह तउ ओऩके आगे-आगे चलत ह अउर भेड़िन सब ओका पिछुआय लेति हीं, काहेकि उ ओकर आवाज पहिचानात हीं।
5 भेड़ कबहूँ कउनो अजनबी मनई क नाहीं पिछुआय लेतिन। ओसे उ दूर भागत हीं, काहेकि उ अजनबी क आवाज नाहीं पहिचनतिन।”
6 ईसू नजीर देइके ओऩका सबका समझावा चाहत चाहत रहा, मुला ओन सबकी समझ मँ इ बात नाहीं आइ कि ईसू ओऩका बतावत अहइ।
7 तब ईसू ओनसे फिन कहेस, “मइँ तोहका सच्ची सच्ची बात बतावत अहउँ, कि भेड़िन क बरे दरवाजा मइँ अहउँ।
8 उ सबेन्ह जउन मोसे पहिले आइ रहेन, चोर अउर लुटेरा अहइँ। मुला भेड़िन ओनके बात नाहीं सुनिन।
9 मइँ दरवाजा अहउँ। जदि कउनो मोसे होइके भीतर घुसइ चाहत ह, तउ ओकर बचाव होइ, उ अन्दर जाइ सकत ह अउर बाहर जाइ सकत ह अउर ओका चारागाह मिल जाई।
10 चोर केवल चोरी करइ क बरे, कतल करइ क बरे अउर सत्यानास करइ क बरे आवत ह। मुला मइँ इ बरे आइ अहउँ कि सब मनई भरपूर जिन्नगी पाइ सकइँ।
11 मइँ अच्छा चरवाहा अहउँ। नीक चरवाहा भेड़िन क बरे आपन जान तक देइ देत ह।
12 मुला जउन केराए क मजदूर होत ह, उ चरवाहा न होइ क कारण, भेड़िया क आवत देखिके भेड़िन क छाँड़िके भाग जात ह, काहेकि उ भेड़ ओकर तउ रहत नाहीं। भेड़िया ओनके ऊपर हमला कइके ओनका छितराय देत ह।
13 इ बरे भाग जात ह, काहेकि उ रोजमरर्ा की मजूरी पर काम करत ह अउर ओका भेड़िन क गिन क कउनो परवाह नाहीं रहत।
14 “मइँ नीक चरवाहा अहउँ। आपन भेड़िन क मइँ जानित ह अउर मोर भेड़िन मोका वइसे जानत हीं, जइसे परमपिता मोका जानत ह अउ मइँ परमपिता क जानित ह। अपनी भेड़िन क बरे मइँ आपन जान दइ देइत हउँ।
15
16 मोर अउर भेड़िन अहइँ जउन इ बाड़ा क न अहीं। मोका ओनहूँ क लियावइ क अहइ। ओनहूँ मोर आवाज सुनिहइँ अउर इहइ बाड़ा मँ आइके एकट्ठी होइ जइहीं। फिन एक भेड़िन क समूह क एक चरवाहा रही।
17 परमपिता मोसे इहइ बरे पिरेम करत ह काहेकि मइँ आपन जान देइ देइत ह। मइँ आपन जिन्नगी इ बरे दइ देइत ह जइसे मइँ एका फिन पाइ जाई। कउनो हमसे ऍका लइ नाहीं लेत
18 मइँ खुदइ अपनी इच्छा स ऍका दइ देइत ह। मोका ऍका फिन वापस लेइ क अधिकार भी अहइ। इ आदेस मोका परमपिता स मिला अहइ।”
19 एन सब्दन सुनिके यहूदियन मँ फिन स फूट पैदा होइ गइ।
20 बहुत इ कहइ लागेन, “इ तउ पगलाइ गवा अहइ। एकरे ऊपर कउनो बुरी दुस्ट आतिमा सवार अहइ। तू सबेन्ह काहे बरे एका सुनत अहा।”
21 दूसर कछू मनई कहइ लागेन, “इ सब्दन अइसे मनई क नाहीं होइ सकत जेकरे ऊपर दुस्ट आतिमा सवार होइ। कउनो दुस्ट आतिमा कबहूँ कउनो आँधर क आँखी नाहीं दइ सकत।”
22 फिन यरुसलेम मँ समर्पण क त्यौहारआइ गवा। जाड़ा का दिन रहा।
23 ईसू मन्दिर मँ सुलैमान क दलान मँ ठहरत रहा।
24 उहइ समइ यहूदियन ओकाा घेर लिहेन अउर कहेन, “तू हमका सबेन्ह का कब तलक परेसान करत रहब्या? जदि तू मसीह अह्या तउ साफ साफ बतावा।”
25 ईसू जवाब दिहेस, “मइँ तोहका बताइ चुका अहउँ अउर तू बिसवास नाहीं करत अहा। उ सबइ काम जउन मइँ पिता क नाउँ प करत अहउँ, खुदइ मोर साच्छी अहइँ।
26 मुला तू सबेन्ह बिसवास नाहीं करत अहा, काहेकि तू पचे मोरी भेड़िन मँ स न अह्या।
27 मोर भेड़ मोर आवाज पहिचानत ही अउर मइँ ओनका जानित अहउँ। उ सबइ मोरे पीछे पीछे चलत हीं अउर मइँ ओनका पहिचानित ह।
28 उ सबइ मोरे पीछे पीछे चलत थीं अउर मइँ ओनका अनन्त जीवन देइत ह। ओनकइ कबहूँ नास नाहीं होतइ, अउर न तउ केहू ओनका मोसे छीन पाई।
29 मोर परमपिता ओन सबन क दिहे अहइ, जउन सबसे महान अहइ। ओनका मोरे परमपिता स कउनो भी नाहीं छीन सकत।
30 मोर परमपिता अउर मइँ दुइनउँ एक अही।”
31 फिन यहूदियन ईसू क मारइ क बरे पाथर उठाइ लिहन।
32 ईसू ओनसे कहेस, “अपने परमपिता क तरफ स मइँ तू पचे क बहुत नीक नीक कारज देखाएउँ। ओहमाँ स कउने काम क एवज मँ तू सबेन्ह मोका पत्थर मारइ चाहत अहा?”
33 यहूदियन जवाब दिहेन, “हम पचे तोहरे ओन सभी नीक काम बरे पाथर नाहीं मारत अही, मुला इ बरे अइसा करत अही कि तू परमेस्सर क अपमान करे अहा अउर मनई होत भए खुदइ क परमेस्सर कहत अहा।”
34 ईसू जवाब दिहेस, “का इ तोहरे व्यवस्था मँ नाहीं लिखा अहइ, ‘मइँ कहेउँ कि तू सब जने परमेस्सर अह्या?’
35 का हियाँ परमेस्सर ओनका नाहीं कहा ग अहइ जेनका परमेस्सर क सन्देस मिल चुका बाटइ? (अउर पवित्तर सास्तर क बात काटी नाहीं जाइ सकत)
36 का तू परमेस्सर क अपमान करत अहा ओकरे बरे कहत अहा, जेका परमपिता इ दुनिया मँ अर्पण कइके भेजे अहइ, केवल इ बरे कि मइँ इ कहेउँ, ‘मइँ परमेस्सर क पूत अहउँ?”
37 जदि मइँ अपने परमपिता क कारज नाहीं करत अहउँ तउ मोर बिसवास जिन करा,
38 मुला जदि मइँ अपने परमपिता क कारज करत अहउँ, अउर तू मोर बिसवास नाहीं करत अहा, तउ मोरे कारण बिसवास करा जइसे कि तू इ जानि सका कि पिता मोरे अन्दर अहइ अउर मइँ अपने पिता मँ अहउँ।”
39 इ सुनि क यहूदी एक बार फिन ओका बन्दी बनावइ क कोसिस किहेन मुला ईसू ओनके हाथ स निकरि गवा।
40 ईसू फिन हुआँ स हट कर यरदन क दूसरे पार उ जगह चला गवा जहाँ प यूहन्ना बपतिस्मा देत रहा। ईसू हुवाँ ठहरा,
41 तमाम मनई ओकरे पास आएन अउर कहइ लगेन, “यूहन्ना कउनो अद्भुत कारज नाहीं करेस मुला इ मनई क बारे मँ जउऩ कछू कहे रहा, उ बिल्कुल सही निकरा।”
42 फिन हुवाँ तमाम मनई ईसू मँ बिसवास करइ लागेन।
John 11
1 बैतनिय्याह क लाजर नाउँ क एक ठु मनई बीमार रहा। इ उहइ सहर रहा जहाँ प मरियम अउर ओकर बहिन मार्था रहत रहिन।
2 (मरियम उ स्त्री रही जउऩ पर्भू क ऊपर, इतर डाए रही अउर अपने मूँडे क बारे स ओकर गोड़ पोंछे रही। लाजर नाउँ क रोगी ओकर भाई रहा।)
3 इ बहिनियन ईसू क लगे समाचार भेजे रहिन, “पर्भू, जेहिका तू मया करत अहा उ बीमार अहइ।”
4 ईसू जब इ सुनेस तउ बोला, “इ बीमारी जान लेवा नाहीं अहइ। इ तउ परमेस्सर क महिमा परगट करइ क बरे अहइ। इहइ स परमेस्सर क पूत क महिमा मिली।”
5 (ईसू मार्था ओकर बहिन अउर लाजर क पियार करत रहा)
6 इ बरे जब उ सुनेस कि लाजर बीमार होइ गवा अहइ, तब जहाँ उ ठहरा रहा, हुवाँ दुइ दिन अउर रूक गवा।
7 फिन ईसू अपने चेलन स कहेस, “आवत जा हम सब यहूदिया लौटि चली।”
8 इ सुनिके ओकर चेलन कहेन, “गुरू कछू दिन पहेल यहूदी नेता तोहरे ऊपर पथराव करइ क कोसिस करे रहेन अउर तू फिन हुवाँ जात अहा?”
9 ईसू जवाब दिहेस, “का एक दिन मँ बारह घंटा नाहीं होतेन। जब कउनो मनई दिन क रोसनी मँ चलत ह तउ उ ठोकर नाहीं खात, काहेकि उ इ दुनिया क रोसनी क देखत ह।
10 मुला जदि कउनो रात मँ चलत ह तउ ठोकर खाइ क गिर जात ह, काहेकि रोसनी नाहीं रहत।”
11 उ फिन इ कहेस अउर ओनसे बोला, हमार मीत लाजर अबहीं सोवत अहइ मुला मइँ ओका जगावइ जात अहउँ।”
12 फिन ओकर चेलन ओसे कहेन, “पर्भू, जदि ओका नींद आइ ग अहइ तउ उ नीक होइ जाई।”
13 ईसू लाजर क मउत क बाबत बतावत रहा मुला ओकर चेलन सोचेन कि उ प्राकृतिक नींद क बारे मँ कहत बाटइ।
14 इ बरे ईसू ओनसे साफ साफ कहेस, “लाजर मरि गवा अहइ।
15 मइँ तोहरे बरे खुस अहउँ कि मइँ हुवाँ नाहीं रहेउँ। इ बरे कि अब तू पचे मोरे मँ बिसवास करि सकत ह। आवा अब हम ओकरे पास चली।”
16 फिन थोमा, जेका लोग दिदुमुस कहत रहेन, दूसरे चेलन स कहेस, “आवा हमहूँ सबइ पर्भू क पास चली जइसे कि हमहूँ सबे उहइ क साथे मर सकी।”
17 इ तरह स ईसू चला गवा अउर हुवाँ जाइके उ पाएस कि लाजर क कब्र मँ रखे चार दिन होइ चुका रहेन।
18 (बैतनिय्याह यरूसलेम स करीब तीन किलोमीटर दूर रहा।)
19 भाई क मउत पर मार्था अउर मरियम क तसल्ली दियावइ क बरे अउर तमाम यहूदी नेता आवा रहेन।
20 जब मार्था सुनेस कि ईसू आवा अहइ तउ उ ओसे मिलइ क बास्ते गइ। जबकि मरियम घरे मँ रूकी रही
21 हुआँ जाइके तब मार्था ईसू स कहेस, “पर्भू, जदि तू हियाँ होत्या तउ मोर भाई न मरत।
22 मुला मइँ जानत अहउँ कि तू अबहूँ अगर परमेस्सर स जउऩ कछू मँगब्या, उ तोहका देई।”
23 ईसू ओसे कहेस, तोहार भाई जी उठी।”
24 मार्था ओसे कहेस, “मइँ जानित ह कि पुनरूत्थान क आखिरी दिन लोग जिवावा जइहीं।”
25 ईसू ओसे कहेस, “मइँ पुनरूत्थान क अहउँ मइँ जीवन अहउँ जउऩ मनई मोहमाँ बिसवास करत ह, जी उठी।
26 अउर उ मनई जउन जियत ह अउर मोहमाँ बिसवास करत ह, कबहूँ न मरी। का तू ऍहमा बिसवास करति अहा?”
27 उ ईसू स बोली, “हाँ पर्भू, मइँ बिसवास करित ह कि तू मसीह अह्या, उहइ परमेस्सर क पूत, जउन इ दुनिया मँ आवइवाला रहा।”
28 फिन ऍतना कहिके उ हुवाँ स चली गइ अउर अपने बहन क अकेले मँ बोलाइके बोली, “गुरू हियाँ अहइ, अउर तोहका बोलावत अहइ।”
29 जब मरियम इ सुनेस तउ उ तुरन्त उठिके ओसे मिलइ क चलि दिहेस।
30 ईसू अबहुँ तलक गाँव मँ नाहीं आवा रहा। अबहीं उ उहइ जगह रहा जहाँ मार्था ओसे मिली रही।
31 फिन जउन यहूदी घरे प ओका तसल्ली देत रहेन, जब मरियम क झटपट उठिके जात देखेन तउ इ सोचेन कि उ कब्र प रोवइ क बरे जात अहइ, इ बरे उ पचे ओकरे पीछे चल दिहेन।
32 मरियम जब हुवाँ पहुँची, जहाँ ईसू रहा तउ ईसू क देखिके ओकरे गोड़े प गिर पड़ी अउर बोली, “पर्भू जदि तू हियाँ होत्या तउ मोर भाई न मरत।”
33 ईसू जब ओका अउर ओकरे साथ आए रहेन यहूदियन क रोअत चिल्लात देखेस तउ ओकर आतिमा तड़पइ अउर उ बहुत ब्याकुल होइ लाग। उ बहुत घबराइ गवा।
34 अउर बोला, “तू ओका कहाँ रखे अहा? उ पचे ओसे बोलेन्ह, “पर्भू आवा अउर देखा।”
35 ईसू क फूटि फूटिके रोवइ लाग।
36 इ देखिके यहूदी कहइ लागेन, “देख! इ लाजर क बहोत पियार करत ह!”
37 मुला ओहमाँ स कछू लोग कहेन, “इ मनई जउऩ आँधरे क आँखी दिहेस, का लाजर क मरइ स बचाइ नाहीं सकत?”
38 तउ ईसू अपने मन मँ एक दाई फिन विचलित होइ गवा अउर कब्र कइँती गवा। उ एक गुफा रही अउर ओकर दरवाजा एक ठु चटूटान स ढका रहा।
39 ईसू कहेस, “इ चटूटान क हटावा।”जउऩ मनई मरा रहा, ओकर बहिन मार्था कहेस, “पर्भू अब तलक तउ हुवाँ स गन्ध आवइ लाग, काहेकि ओका दफनाए चार दिन होइ गएन।”
40 ईसू ओसे कहेस, “का मइँ तोह कहे नाहीं कि जदि तू बिसवास करबू तउ परमेस्सर क महिमा का दर्सन पउबू।”
41 तउ उ पचे उ चट्टान क हटाय दिहेन। अउर ईसू आपन आँखी ऊपर उठाइके कहेस, “परमपिता, मइँ तोहार धन्यबाद करत अहउँ, इ बरे कि तू मोर सुनि लिहा।
42 मइँ जानित ह कि तू हमेसा मोर बात सुनि लेत ह मुला मइँ हियाँ चारिउँ तरफ इकट्ठा भीड़ स कहे अही जइसे लोग बिसवास कइ लेइ कि मोका तू भेजे अहा।”
43 इ कहिके उ बड़े जोर की आवाज दइके बोलाएस, “लाजर बाहर आइ जा!”
44 उ मनइ जउन मरि ग रहा, बाहर आइ गवा। ओकर हाथ गोड़ अबहुँ तक कफन स बंधा रहेन। ओकर मुँह कपरा स लिपटा रहा।ईसू ओऩ लोगन स कहेस, “एका खोल द्या अउर जाइ द्या।”
45 एकरे बाद मरियम क साथ आए यहूदियन मँ स तमाम ईसू क इ काम देखिके ओह प बिसवास करइ लागेन।
46 मुला ओहमाँ स कछू फरीसियन क लगे गएन अउर जउऩ कछू ईसू करे रहा, ओऩका बताएऩ।
47 फिन मुख्याजकन अउर फरीसियन यहूदी महासभा क बैठक बोलाएन अउर कहेन, “हमका सबेन्ह क अब का करइ चाही? इ मनई बहुत अद्भुत कारजन देखॅावत अहइ।
48 अगर हम पचे एका अइसे करइ देब तउ ओकरे ऊपर सब बिसवास करइ लगिहइँ अउर इ तरह स रोमी लोग हियाँ आइ जइहीं अउर हमरे मन्दिर क अउर हमरे देस क बरबाद कइ देई।”
49 मुला उ साल क मुख्ययाजक काइफा ओऩसे कहेस, “तू पचे कछू नाहीं जानत अह।
50 अउर तोहका सबेन्ह क इहउ समझ नाहीं अहइ कि इहइ करइ मँ तोहार फायदा अहइ, अपनी सारी जात क बचावइ क बरे सबके फायदे क बरे एक मनई क मारइ क होई।”
51 इ बात उ अपनी तरफ स नाहीं कहे रहा, मुला उ साल क मुख्ययाजक होइ क नाते इ भविस्सबाणी किहे रहा, कि ईसू यहूदी रास्ट्र क बरे मरइ जात अहइ,
52 केवल यहूदी रास्ट्र क बरे नाहीं बल्कि परमेस्सर क सन्तान क बरे जउन तितर-बितर अहइ ओनका इदट्ठा करइ क बदे।
53 इ तरह स उही दिन स उ पचे ईसू क मारइ क साजिस करइ लागेन।
54 ईसू फिन यहूदियन क बीच मँ खुलके नाहीं आवा अउर यरूसलेम छोड़के उ निरजन रेगिस्तान क लगे इफ्राईम सहर जाइके अपने चेलन क साथे रहइ लाग।
55 यहूदियन क फसह क त्यौहार आवइवाला रहा। तमाम मनई अपने अपने गाँव स यरूसलेम चला गएन, जइसे कि फ़सह क त्यौहार क पहले खुद क पवित्तर कइ लेइँ।
56 उ पचे ईसू क खोजत रहेन। इ बरे जदि उ सबेन्ह मन्दिर मँ खड़ा रहेन तउ आपस मँ एक दूसरे स पूछब, सुरू करेन्ह, “तू सबेन्ह का सोचत अहा, का उ इ त्यौहार मँ न आई?”
57 फिन मुख्ययाजकन अउर फरिसियन इ आदेस दिहेन कि कउनो क एकर पता लगावा जाइ कि क कउनो जानत ह कि ईसू कहाँ अहइ, तो उ बताइ देइ, जेहसे कि उ ओका बन्दी बनाइ सकइँ।
John 12
1 फसह क त्यौहार क छ: दिन पहले ईसू बैतनिय्याह कइँती चल दिहेस। हुवाँ लाजर रहत रहा जेहिका ईसू मरे स जिआइ दिहे रहा।
2 हुवाँ ईसू क बरे उ पचे खाना बनवाएऩ। मार्था ओका खाना परोसेस। ईसू क साथे खाना खाइवालेन मँ लाजर सामिल रहा।
3 मरियम जटामॉसी स बनावा आधा आधा लीटर मँहगा इतर ईसू क पैर मँ लगाए स अउर अपने बालन स ओकर पैर पोंछेस। समूचा घर महकइ लाग।
4 ओकरे चेलन मँ एक यहूदा इस्करियोती रहा, जउन ओका धोखा देइवाला रहा, उ कहेस,
5 “इ तरह क 300 चाँदी क सिक्कन मँ बेच के गरीबन क पइसा काहे नाहीं दीन्ह गवा?”
6 ओका गरीबन क कउनो चिन्ता नाहीं रही, इ बरे उ अइसी बात नाहीं कहेस मुला उ खुदइ चोर रहा अउर रूपियन क थैली हमेसा ओकरे पास रहत रही। ओहमाँ जउन रुपिया डावा जात रहा, उ उहइ मँ स चोराइ लेत रहा।
7 तउ ईसू कहेस, “रहइ द्या। ओका छाँड़ि द्या। उ आज इ सब मोका गाड़े जाइ क तैइयारी क वास्ते करेस।
8 गरीब लोग तउ हमेसा तोहरे साथे रहिहीं मुला मइँ तोहरे साथे हमेसा न रहब।”
9 फसह क त्यौहार प आए यहूदियन क तमाम भीड़ क जब पता चला कि ईसू बैतनिय्याह मँ अहइ तउ ओसे मिलइ चल दिहेस। उ भीड़ केवल ईसू स मिलइ क बरे नाहीं आइ रही, मुला लाजर क देखइ क बरे आइ रही। लाजर क मरइ क बाद ईसू फिन जीवित कइ दिहेस रहा।
10 इही बरे मुख्ययाजकन लाजर क भी मारइ क तरकीब सोचइ लागेन।
11 काहेकि ओहि क कारण तमाम यहूदी जनता अपने अपने नेता क छोड़िके ईसू मँ बिसवास करइ लाग।
12 दूसरे दिन फ़सह क त्यौहार प आई भीड़ जब इ सुनेस कि ईसू यरूसलेम आवत अहइ तउ
13 लोग खजूर क टहनी लइके ओसे मिलइ चल पड़ेन। उ पचे गोहरावत रहेन,“होसन्ना! धन्य अहइ उ जउऩ पर्भू क नाउँ स आवत ह, उ जउन इस्त्राएल क राजा अहइ।” भजन संहिता 118:25-26
14 तब ईसू क एक गदहा मिला अउर उ ओकरे ऊपर चढ़ि लिहेस। जइसा कि पवित्तर सास्तर मँ लिखा अहइ:
15 “सिय्योन क पुत्री डेराअ जिन! देखा! तोहार राजा गदहे क बच्चा प बइठके आवत अहइ।” जकर्याह 9:9
16 पहिला तउ ओकर चेलन ओकरे व्यवहार क नाहीं समझ पाएन्ह लेकिन जब ईसू क महिमा परगट भइ तउ समुझ पाएन कि सास्तर मँ ओकरे बारे मँ सब बात लिखी रहिन अउर तमाम मनई क ओकरे बार मँ अइसा बरताब रहा।
17 ओकरे साथ जउन भीड़ रही, उ इ साच्छी दिहेस कि उ लाजर क कब्र स बोलाइके मरे स फिन जिआइ दिहेस।
18 तमाम लोग ओसे मिलइ क बरे इहइ बरे आइ रहेन काहेकि उ पचे सुने रहेन कि इ अद्भुत कारज करइवाला उहइ अहइ।
19 तउ फरीसी आपुस मँ कहइ लागेन, “सोचा तू सबेन्ह कछू नाहीं कइ पावत अहा अउर देखा पूरी दुनिया ओकरे पीछे पड़ गइ अहइ।”
20 फसह क त्यौहार प यरूसलेम मँ आराधना करइवालेन मँ कछू यूनानी रहेन।
21 उ सबेन्ह गलील मँ बैतसैदा क रहइवाले फिलिप्पुस क लगे गएन अउर ओसे विनती करत भए कहइ लागेन, “महासय, हम पचे ईसू क दर्सन करइ चाहत अही।” तउ फिलिप्पुस आइके अन्द्रियास स बाताएस।
22 फिन अन्द्रियास अउर फिलिप्पुस ईसू क पास आइके कहेन।
23 ईसू ओनका जवाब दिहेस, “मनई क पूत क महिमावान होइ क समइ आइ ग बाटइ।
24 मइँ तोहसे सही सही बतावत अहउँ कि जब तलक गोहूँ क एक दाना जमीन प गिरके मर नाहीं जात, तब तक उ एकइ रहत ह, मुला जब उ मरि जात ह तउ अनगिनत दानन क पइदा करि देत ह।
25 जेका आपन जिन्नगी पियारी अहइ उ ओका खोइ देइ, मुला जेका इ दुनिया मँ अपनी जिन्नगी स पिरेम नाहीं अहइ, उ ऍका अनन्त जीवन क वास्ते रखे रही।
26 जदि कउनो मोरी सेवा करत ह तउ जरूर मोर पाछा करत ह अउर जहाँ मइँ अही, हुवाँ मोर सेवक भी रही। जब कउनो मोर सेवा करत ह तउ परमपिता ओकर सम्मान करी।
27 “अब मोर जिअरा घबरात अहइ। मइँ का कहउँ, हे परमपिता, मोका दुःख क इ घड़ी स बचावा? मुला इहइ समइ क बरे तउ मइँ आइ अहउँ।
28 हे परमपिता, अपने नाम क महिमा दूया!”तउ आकासवाणी भइ, “मइँ एकर महिमा किए अहउँ अउर मइँ फिन ऍकर महिमा करब।”
29 तउ हुवाँ मौजूद भीड़ जउन सुने रहेन, कहइ लाग कि कउनो बादर गरजा बाटइ। दूसर इ कहइ लागेन, “कउनो सरगदूत ओसे बतिआन ह।”
30 ऍकरे जवाब मँ ईसू कहेस, “इ आकासबाणी मोरे बरे नाहीं भइ, इ तोहरे बरे भइ रही।
31 अब इ दुनिया क निआव क समइ आइ ग बाटइ। अब इ दुनिया क सासक (हियाँ प मतलब अहइ सइतान) क निकार दीन्ह जाई।
32 अउर जब मइँ धरती क ऊपर उठाइ लीन्ह जाबइ तउ फिन सब लोगन क अपनी ओर खींचब।”
33 उ इ बतावइ क बरे अइसा कहत रहा कि उ कइसी मउत मरइ जात अहइ।
34 इ सुनिके भीड़ ओका जवाब दिहेस, “हम पचे व्यवस्था क इ बात सुने अही कि मसीह हमेसा रही। इ बरे तू कइसे कहत अहा, ‘मनई क पूत क जरूर स ऊपर उठाइ लीन्ह जाई?’ इ ‘मनई क पूत कउन अहइ?”
35 तउ ईसू ओनसे कहेस, “तोहरे बीच मँ ज्योति अबे कछू समइ अउर रही। जब तक ज्योति अहइ, चलत रहा, जइसे कि अँधियारा (पाप) तोहका घेर न लेइ, काहेकि जउन मनई अँधेरे मँ चलत ह, उ इ नाहीं जानत कि कहाँ जात अहइ।
36 जब तक ज्योति तोहरे लगे अहइ, ओहमाँ बिसवास बनाए रखा जइसे कि तू पचे ज्योति क सन्तान होइ सका।” ईसू इ कहिके कहूँ चला गवा अउर ओऩसे छिप गवा।
37 ईसू ओनके सबके सामने तमाम अद्भुत कारजन परगट किहेस मुला उ पचे ओकरे मँ बिसवास नाहीं किएन्ह
38 जइसे कि नबी यसायाह क कहब सही होइ सकइ,“पर्भू, मोरे संदेस प कउन बिसवास किहे अहइ?” काहेकि ऊपर पर्भू क ताकत केह पइ परगट भइ अहइ?” यसायाह 53:1
39 इहइ बरे उ सब बिसवास नाहीं कइ सकेन। काहेकि यसायाह फिन केह रहा,
40 “उ ओनकइ आँखी आँधर अउर ओनकइ हिरदइ कठोर बनाएस जइसे, उ पचे अपनी आँखी स देख न सकइँ अउर बुद्धि स समझ न पावइँ अउर मोरी कइँती न मुड़इँ, जइसे कि मइँ ओऩका चंगा न कइ पाई।” यसायाह 6:10
41 यसायाह अइसा इ बरे कहे रहा, काहेकि उ ओकर महिमा देखे रहा अउर ओकरे बारे मँ बतियान भी रहा।
42 तबहूँ तमाम लोग अइसे रहेन, जेहिमाँ तमाम यहूदी नेतन रहेन जे ओहमाँ बिसवास किएन्ह। मुला फरीसियन क डर क मारे अपने बिस्वास क खुलासा नाहीं किएन्ह, नाहीं तउ ओनका सबेन्ह क पराथना क जगह स निकारि देइ क डर रहा।
43 ओनका सबेन्ह क मनई क दीन्ह सम्मान परमेस्सर क दीन्ह सम्मान स जियादा अच्छा लागत रहा।
44 ईसू बोलॉइके जोर स कहेस, “उ जउऩ मोरे मँ बिसवास करत ह, उ मोरे मँ नाहीं, बल्कि ओकरे मँ बिसवास करत ह जउन मोका भेजेस।
45 अउर जउऩ मनई मोका देखत ह, उ ओका देखत ह जउऩ मोका भेजेस।
46 मइँ दुनिया क रोसनी क तरीके स आवा जइसे कि जउऩ मनई मोरे मँ बिसवास करत ह, उ अँधिरे मँ न रहइ।
47 “जदि कउऩे मनई मोरे बात सही सुनिके ओका नाहीं मानत तबहुँ मइँ ओका अपराधी ठहरावइ क बरे नाहीं आइ अही, मइँ तउ दुनिया क उद्धार क वास्ते आइ अही।
48 जउन मनई मोका नाहीं मानत अउर हमरी बातन क नाहीं मानत, ओकरे बरे एक अहइ जउन ओकर निआव करी। उ उहइ अहइ, अपनी बातन स जेहिका मइँ उपदेस दीन्ह। आखिरी दिन उहइ ओकर निआव करी।
49 काहेकि मइँ अपनी तरफ क कछू नाहीं कहे अही, मइँ परमपिता (परमेस्सर) क आदेस क पालन करत अही, जउन मोका भेजेस, उ मोका बताए अहइ कि मइँ का उपदेस देइ।
50 अउर मइँ जानित ह कि ओकरे आदेस क मतलब अहइ अनन्त जीवन। इ बरे जउन मइँ बोलित हउँ, उहइ क ठीक उहइ अहइ जउन परमपिता मोसे कहे अहइ।”
John 13
1 फसह क त्यौहार क पहिले ईसू देखेस कि इ दुनिया क छोड़इ अउर परमपिता क पास जाइ क ओकर समइ आइ गवा अहइ तउ इ दुनिया मँ जउन आपन रहेन अउर जेका उ पिरेम करत रहा, ओनके ऊपर उ बहुत जियादा पिरेम देखॉएस।
2 संझा क खाना खावा जात रहा। सइतान अब तलक समौन क बेटवा यहूदा इस्करियोती क मन मँ इ डाइ चुका रहा कि उ ईसू क धोखे स पकड़वाइ देइ।
3 ईसू इ जानत रहा कि परमपिता सब चीज ओकरे हाथन मँ सौंप दिहे अहइ अउर परमेस्सर स आवा बाटइ, अउर परमेस्सर क पास वापस जात अहइ।
4 इ बरे उ खाना छोड़के ठाढ़ होइ गवा। उ आपन ऊपर क सब कपरा उतार दिहेस अउर एक ठु अँगौछा अपने चारों तरफ लपेट लिहेस।
5 फिन एक ठु घड़ा मँ पानी भरेस अउर अपने चेलन क पाँव धोअइ लाग अउर जउन अँगौछा लपेटे रहा, उहइ स सबकइ पाँव पोंछइ लाग।
6 फिन जब उ समौन पतरस क लगे पहुँचा तउ पतरस ओसे कहेस, “पर्भू, का तू मोरे पाँव धोअइ आवत अहा?”
7 ऍकरे जवाब मँ ईसू कहेस, “अबहीं तू नाहीं जानत अहा कि मइँ का करत अही, बाद मँ तू जान जाब्या।”
8 परतस ओसे कहेस, “तू मोर पाँव कबहूँ नाहीं धोउब्या।” ईसू जवाब दिहेस, “जब तोहार पाँव मइँ न धोउब तउ तू मोरे लगे जगह नाहीं पाइ सकत्या।”
9 समौन पतरस ओसे कहेस, “पर्भू, तू मोर पाँव नाहीं मोर हाथ अउर मुँड़वा क भी धोइ द्या।”
10 ईसू ओसे कहेस, “जे नहाइ चुका अहइ, ओका पैर धोअइ क अलावा अउर कउनो चीज धोअइ क जरूरत नाहीं अहइ। उ तउ पूरी तरह साफ सुथरा होत ह। तू पचे साफ अहा, मुला सब जने नाहीं।”
11 उ ओका जानत रहा जउन ओका धोखा स पकड़वावइ चाहत रहा। इ बरे उ कहे रहा, “तोहरे मँ स सब पवित्तर नाहीं अहइँ।”
12 जब उ सबक पाँव (गोड़) धोइ लिहेस तउ फिन स आपन बाहरी कपड़ा पहिर लिहेस अउ, अपनी जगह प आइके बइठ गवा। अउर ओनसे बोला, “का तोहका मालूम अहइ कि मइँ तोहरे बरे का किहेउँ?
13 तू पचे मोका ‘गुरू’ अउर ‘पर्भू’ कहत ह, अउर ठीक कहत ह, काहेकि मइँ उहइ अही।
14 इ बरे जब मइँ पर्भू अउर गुरू होइके तोहार पचे का पाँव धोवा तउ तोहका सबेन्ह क एक दूसरे क पाँव धोवइ चाही। मइँ तोहरे सामने एक उदाहरण पेस करत अहउँ।
15 तू पचे दूसरे क साथ वइसे करा जइसे मइँ तोहरे साथ करत अही।
16 मइँ तोहका सच्ची बात बतावत अही कि दास मालिक स बड़ा नाहीं होत अउर संदेस देइवाला ओसे बड़ा नाहीं होत जउन ओका भेजेस।
17 जब तू पचे इ बात जानत अहा। अउ ओकर पालन करब्या तउ तू पचे सुखी रहब्या।
18 “मइँ तोहरे सबेन्ह क बारे मँ नाहीं कहत अहउँ। मइँ ओनका जानित ही जेनका मइँ चुने अहउँ। अउर इहउ कि यहूदा बिसवासघाति अहइ मुला मइँ इ बरे चुने अही जइसे कि पवित्तर सास्तर क बचन सही उतरइ, ‘उहइ जउन मोरे साथ रोटी खाएस, मोरे विरोध मँ होइ गवा।’
19 इ सब घट जाइ क पहले मइँ इ बरे बतावत अहउँ जइसे कि जब इ घटित होइ जाइ तउ तू पचे बिसवास करा कि उ मइँ अहउँ।
20 मइँ तोहका सही सही बतावत अहउँ कि उ जउन मोरे भेजा गवा क लइ लेत ह, उ मोका स्वीकार कर लेत ह, अउर जउन मोका स्वीकार कर लेत ह, ओका स्वीकार कर लेत ह, जे मोका भेजेस।”
21 इ कहे क बाद ईसू बहुत घबड़ाइ गवा अउर इ साच्छी दिहेस, “मइँ तोहसे सच्ची बात कहत अहउँ तोहरे मँ स एक ठु मनई धोखा दइके मोका पकड़वाई।”
22 तब ओकर चेलन एक दूसरे क देखइ लागेन। उ पचे इ तय नहीं कइ पावत रहेन कि उ केहिके बारे मँ बतावत अहइ।
23 ओकर एक चेला ईसू क लगे बइठा रहा। ईसू ओका बहुत चाहत रहा।
24 तउ समौन परतस ओका इसारा कइके पूछइ बरे कहेस कि ईसू केकरे बारे मँ बतावत अहइ।
25 ईसू क चहेता चेला ओकरी छाती प झुकके ओसे पूछेस, “पर्भू उ कउन अहइ?”
26 ईसू जवाब दिहेस, “रोटी क टुकड़ा कटोरा मँ बोर के जेका मइँ देब, उहइ उ अहइ।” फिन ईसू रोटी क टुकड़ा कटोरा मँ बोर के ओका उठाइके समौन क बेटवा यहूदा इरूकरियोती क दिहेस।
27 जइसे यहूदा रोटी क टुकड़ा लिहेस ओहमा सइतान समाइ गवा। फिन ईसू ओसे कहेस, “जउन तू करइ जात अहा, ओका जल्दी स कइ ल्या!”
28 मुला हुवाँ बइठे लोगन मँ स केहू नाहीं समझ पाएस कि ईसू ओसे अइसी बात काहे करत अहइ।
29 कछू सोचेन कि रूपियन क थैली यहूदा क लगे रहत ह, इ बरे ईसू ओसे कहत अहइ कि ‘त्यौहार’ क बरे जरूरी सामान खरीद ल्या या इ कहत अहइ कि गरीबन क कछू दइ द्या।
30 इ बरे यहूदा रोटी क टुकड़ा लइ लिहेस अउर तुरन्त चला गवा। इ रात क समइ रहा।
31 ओकरे चला जाइ क बाद ईसू कहेस, “मनई क पूत अब महिमावान भवा अहइ। अउर ओसे परमेस्सर क महिमा भइ अहइ।
32 जदि ओसे परमेस्सर क महिमा भइ अहइ तउ परमेस्सर खुदइ स ओका महिमावान बनाई। अउर उ ओका जल्दी महिमा देइ।
33 “ऐ मोर चहेता बच्चो! मइँ तनिक देर अउर तोहरे साथ अहउँ। तू पचे मोका ढूँढ़िब्या अउर जइसे कि मइँ यहूदियन स कहे अहउँ, तू सबेन्ह हुवाँ नाहीं जाइ सकत्या, जहाँ मइँ जात अहउँ, वइसे मइँ तोहसे अब कहत अहउँ।
34 “मइँ तोहका सबेन्ह क एक नवा आदेस देत अहउँ कि तू सबेन्ह एक दूसरे स पिरेम करा। जइसे मइँ तोहसे सबेन्ह स पिरेम करेउँ ह, वइसे तू पचे एक दूसरे स पिरेम करा।
35 जब तू पचे एक दूसरे स पिरेम करब्या, तबहीं सब जानि पइहीं कि तू सबेन्ह मोर चेलन अह्या।”
36 समौन पतरस ओसे पूछेस, “पर्भू, तू कहाँ जात अहा?” ईसू जवाब दिहेस, “जहाँ मइँ जात हउँ, अब तू मोरे पाछे नाहीं आइ सकत्या, मुला तू बाद मँ मोरे पाछे अउब्या।”
37 पतरस ओसे पूछेस, “पर्भू, मइँ तोहरे पाछे काहे बरे नाहीं आइ सकत? मइँ तउ तोहरे बरे आपन जान तक दइ देब!”
38 ईसू जवाब दिहेस, “तू मोरे लिए आपन जान देब्या? मइँ तोहसे सच्ची बात अहउँ कि जब तलक तू तीन दाई इन्कार न कइ देब्या तब तक एक मुर्गा बाँग न देई।”
John 14
1 ईसू कहेस, “तू सबन्क परेसान न होइ चाही। परमेस्सर मँ बिसवास करा अउर मोरे मँ बिसवास बनाए रखा।
2 मोरे पिता क घरे मँ तमाम कमरा अहइँ। जदि अइसा न होत तउ मइँ तोहसे कहि देइत) मइँ तोहरे सबेन्ह क बरे जगह बनावइ जात अहउँ।
3 अउर जदि मइँ हुवाँ जाई अउर तोहरे बरे जगह बनाईं तउ मइ फिन हिआँ आउब अउर अपने साथ तोहका सबेन्ह क हुवाँ लइ चलब जइसे कि तू पचे हुवाँ रहा, जहाँ मइँ रहब।
4 अउर जहाँ मइँ जात अहउँ हुवाँ क रास्ता तोहका पता अहइ।”
5 थोमा ओसे कहेस, “पर्भू, हम नाहीं जानत अही कि तू कहाँ जात अहा। फिन हुवाँ क रास्ता कइसे जान सकित ह”
6 ईसू ओसे कहेस, “मइँ रस्ता अहउँ, सच्चाई अहउँ अउर जीवन अहउँ।मोरे बगैर कउनो परमपिता क लगे नाहीं आइ सकत।
7 जदि तू मोका जान लेत्या तउ तू परमपिता क जान लेत्या। अउर तू ओका जानत अहा अउर ओका देखि चुका अहा।”
8 फिलिप्पुस ओसे कहेस, “पर्भू हमका परमपिता क दर्सन कराइ द्या। हमका संतोस होइ जाई।”
9 ईसू ओसे केहस, “फिलिप्पुस मइँ ऍतने जियादा समइ स तोहरे साथ अहउँ अउर तू तबहूँ मोका नाहीं जानत अहा? जे मोका देख लिहेस, उ परमपिता क देख लिहेस। फिन तू कइसे कहत अहा, ‘हमका परमपिता क दर्सन कराइ द्या’
10 का तोहका इ बिसवास नाहीं अहइ कि मइँ परमपिता मँ अहउँ अउर परमपिता मोरे मँ अहइ? जउऩ बात मइँ तोहसे कहत अहउँ, अपनी तरफ स नाहीं कहत अहउँ। परमपिता जउऩ मोरे मँ रहत ह, आपन काम करत ह।
11 जदि मइँ कहत अहउँ कि मइँ परमपिता मँ अहउँ अउर परमपिता मोरे मँ अहइ, तउ मोर बिसवास करा अउर जदि नाहीं तउ उ अद्भुत कारजन क कारण बिसवास करा जउऩ मइँ किहेउँ ह।
12 मइँ तोहसे सच्ची बात कहत अही, जउन मोरे मँ बिसवास करत ह, उहइ वइसे काम करत ह जइसे मइँ करित ह। उ तउ इ सब कामन स बड़ा काम करी। काहेकि मइँ परमपिता क पास जात अहउँ।
13 अउर मइँ उ सब कारज करबइ जउऩ तू पचे मोरे नाउँ स मँगब्या, जइसे कि पूत परमपिता क महिमा करइ।
14 जब तू हमसे मोरे नाउँ स कछू मँगब्या, ओका मइँ करबइ।
15 “जउ तू मोसे पिरेम करत होब्या, तउ हमरी आग्या क पालन करब्या।
16 मइँ परमपिता क पराथना करबइ अउर उ तोहका सबेन्ह का एक दूसर सहायक देइ जउन तोहरे साथे हमेसा रही।
17 एकर मतलब अहइ ‘सच्चाई क आतिमा’जेहका दुनिया लेइ नाहीं पावत, काहेकि उ न तउ देखत ह अउर न तउ जानत ह। तू सबेन्ह ओका जानत ह, काहेकि उ आज तोहरे साथ रहत ह। अउर आगे तोहरेन मँ साथे रही।
18 “मइँ तोहका सबेन्ह क अनाथ न छोड़ब। मइँ तोहरे पास आवत अहउँ।
19 कछू देर क बाद दुनिया मोका अउर न देखी मुला तू पचे मोका देखब्या काहेकि मइँ जिअत अही अउर तू सबेन्ह जिअत रहब्या।
20 उहइ दिन तू सबेन्ह जानि पउब्या कि मइँ परमपिता मँ अहउँ, तू मोरे अन्दर अहा अउर मइँ तोहरे अन्दर।
21 जउन मनई मोर आदेसन क जानत हइ अउर ओनकइ पालन करत ह, मोसे पिरेम करत ह। जे मोका पिरेम करत ह ओका परमपिता पिरेम करी। मइँ भी उहइ क पिरेम करब अउर खुदइ क ओकरे ऊपर परगट करबइ।”
22 यहूदा (यहूदा इस्करियोती नाहीं) ओसे कहेस, “पर्भू, काहे बरे तू खुदइ क हमरे ऊपर परगट करा चाहत ह अउर दुनिया प नाहीं?”
23 ऍकरे जवाब मँ ईसू ओसे कहेस, “जउन मनई मोरे मँ पिरेम करत ह, उ मोरी बातन क मानत ह, अउर ओसे परमपिता पिरेम करी। मइँ अउर मोर परमपिता ओकरे पास आउब अउर उहइ क साथ रहबइ।
24 जउन मनई मोसे पिरेम नाहीं करत, उ मोर उपदेस क नाहीं मानत। मइँ जउन उपदेस तोहका देत अही, उ मोर न अहइ उ पिता क उपदेस अहइ, जउन मोका भेजेस।
25 “इ सब बात मइँ तोहसे सबेन्ह स तबहीं. बताए रहेउँ जब मइँ तोहरे साथ रहेउँ।
26 मुला उ सहायक (अर्थात पवित्तर आतिमा) जेहिका परमपिता मोरे नाउँ स भेजी, तोहका पचन्क सब कछू बताई। अउर जउन कछू मइँ तोहका पचन्क बताए अहउँ, ओका तोह पचे का याद कराई।
27 “मइँ तोहरे बरे आपन सांति छोड़त अहउँ। मइँ तोहका पचन्क खुदइ आपन सांति देत अही। मुला मइँ ऍका वइसे नाहीं देत अहउँ, जइसे दुनिया देत ह। तोहरे मन क घबराइ क जरूरत नाहीं अहइ अउर न तउ ओका डेराइ चाही।
28 तू मोका कहत सुने अहा, ‘मइँ जात अहउँ अउर तोहरे लगे फिन आउब।’ जदि तू मोसे पिरेम करे होत्या तउ तू खुस होई जात्या, काहेकि मइँ परमपिता क लगे जात अहउँ। काहेकि परमपिता मोसे बड़ा अहइ।
29 “अउर अबहीं इ सब घटित होइ क पहिले मइँ तोहका बताइ दिहे अही, जइसे कि जउ इ घटित होइ जाइ तउ तू पचे बिसवास कइ सका।
30 अउर जियादा समइ अब मइँ तोहरे साथ बात न करिब इ बरे कि जगत क सासक आवत अहइ। मोरे ऊपर ओकर बस नाहीं चलत।
31 मुला इ सब बात इ बरे होत अहइँ जइसे कि दुनिया जान जाइ कि मइँ परमपिता स पिरेम करित ह। अउर परमपिता जइसी आग्या हमका दिहे अहइ, मइँ बइसे करत अही।“अबहीं उठा हम सबेन्ह हिआँ स चल देइ।”
John 15
1 ईसू कहेस, “मइँ दाखलता अहउँ अउर मोर परमपिता देख रेख करइवाला माली अहइ।
2 मोरी उ साखा क पिता काट देत ह जउने मँ फर नाहीं लागत। जउने साखा मँ फर लागत ह, ओका उ छाँट लेत ह, जइसे कि ओहपे अउर जियादा फर लागइँ।
3 तू पचे मोरे उपदेस क सुने अहा, इ बरे पहिले स सुद्ध अहा।
4 तू मोरे मँ रहा अउर मइँ तोहरे मँ रहब। वइसेन जइसेन कि कउनो साखा जब तलक दाखलता मँ बनी नाहीं रहत, तब तलक अपने आप फरि नाहीं सकत, वइसेन, तू पचे तब तलक सफल नाहीं होइ सकत्या जब तलक मोरे मँ न रहब्या।
5 “उ दाखलता मइँ अहउँ अउर तू ओकर साखा अह्या। जे मोरे मँ रहत ह, अउर जेहमा मइँ रहित ह, उ बहुत फरत ह, काहेकि बिना मोरे तू कछू नाहीं कर सकत्या।
6 जदि कउनो मोरे मँ नाहीं रहत तउ उ टूटी साखा क तरह फेंक दीन्ह जात ह अउर सूख जात ह। फिन उ सूखी लकड़ियन क बटोररिके आगी मँ झोंक दीन्ह जात ह अउर ओनका जलाय दीन्ह जात ह।
7 “जदि तू मोरे मँ रहब्या, अउर मोर उपदेस तोहरे मँ रही, तउ जउन कछू तू चाहत ह, ओका माँगा अउर उ तोहका मिल जाई।
8 इ मोरे परमपिता क महिमा होत ह कि तू बहुत सफल होइ जा अउर मोर चेलन बन जा।
9 जइसे परमपिता मोसे पिरेम करे बाटइ, मइँ भी तोहसे बइसे पिरेम करे अही। मोरे पिरेम मँ बना रहा।
10 जदि तू मोरे आदेस क पालन करब्या तउ तू मोरे पिरेम मँ बना रहब्या। वइसे ही जइसे कि मइँ अपने पिता क आदेसन क पालन करत भए ओकरे पिरेम मँ बना रहित ह।
11 “मइँ इ सब बात तू पचे स इ बरे बतावत अहइ जइसे कि मोर आनन्द तोहरे मँ बना रहइ अउर तोहार आनन्द पूरा होइ जाइ। इ मोर आदेस अहइ।
12 कि तू आपस मँ पिरेम करा, जइसे मइँ तू पचे स पिरेम करे अही।
13 “बड़वार स बड़का पिरेम जउऩ कउनो मनई कइ सकत ह, उ अहइ अपने मीतन क बरे आपन प्रान निछावर कइ देब।
14 जउन आदेस तोहका मइँ देत अही, जदि तू ओन पइ चलत रहब्या तउ तू मोर मीत अह्या।
15 अबहिं स मइँ तू पचे क ‘दास’ न कहब, काहेकि कउनो दास इ नाहीं जानत कि ओकर मालिक क करत अहइ, मइँ तउ तोहका ‘मीत’ कहत अही। मइँ तू पचे क उ सब बात बताइ दीन्ह जउऩ मइँ अपने परमपिता स सुने रहेउँ।
16 तू मोका नाहीं चुने रह्या, मइँ खुदइ तोहका चुने रहेउँ अउर इ निस्चय करे अही कि तू जा अउर सफल होइ जा। मइँ चाहित ह कि तोहका सफलता मिलइ, अउर मोरे नाउँ स जउन कछू तू चाहा परमपिता तोहका दई देइ।
17 मइँ तोहका इ आदेस देत अही कि तू एक दूसरे स पिरेम करा।
18 “जदि दुनिया तोहसे दूस्मनी करत ह तउ इ बात तू याद कइ ल्या कि तोहसे पहले हमसे दुस्मनी करत ह।
19 जदि तू दुनिया क होत्या तउ इ दुनिया तोहसे अपने क नाईं पिरेम करत मुला तू पचे दुनिया क न अह्या अउर इ बरे दुनिया तोहसे दुस्मनी करत ह।
20 मोर बचन याद रखा कि एक दास अपने मालिक स बड़ा नाहीं होत। इ बरे जदि उ सबेन्ह मोका कस्ट पहुँचाए अहइँ अउर सतावत अहइँ तउ उ पचे तोहका भी सतइहीं। अउर जदि उ मोर बातन मनिहइँ तउ तोहार बातन भी मनिहइँ।
21 मुला उ सबेन्ह मोरे कारण तोहरे सबेन्ह क साथ उ सब कछू करिहइँ, काहेकि उ ओका नाहीं जानत अहइ जे मोका भेजेस।
22 जदी मइँ न आइत अउर ओसे बात न करित, तउ उ सबेन्ह कउनो पाप क दोखी न होतेन। मुला अब ओनके पास अपने पाप स बचइ क कउनो बहाना नाहीं अहइ।
23 जउन मनई हमसे दुस्मनी ठान लेत ह, उ परमपिता स दुस्मनी करत ह।
24 जदि मइँ ओनके बीच मँ काम न करित, जउऩ कि कबहूँ कउनो मनई नाहीं करे रहा, तउ उ सबेन्ह पाप क दोखी न रहतेन, मुला अब जब उ पचे देख चुका अहइँ, तबहूँ मोसे अउर परमपिता स दुस्मनी रखे अहइँ।
25 मुला इ एह बरे भवा कि ओनके व्यवस्था मँ जउन लिखा अहइ, उ खरा उतरइ। ‘उ पचे बेकार मँ हमसे बैर करेन्ह।’
26 “जब उ सहायक जउन सत्य क आतिमा बाटइ अउर पिता क तरफ स आइ बा, तोहरे पास आई, जेका मइँ परमपिता क तरफ स भेजब, उ हमरी तरफ स साच्छी देई।
27 अउर तूहूँ साच्छी देब्या, काहेकि तू सुरूआतइ स मोरे साथ अहा।
John 16
1 “इ सब बात मइँ तोहसे इ बरे बतावत अही कि तोहार बिसवास डगमगाय न जाइ।
2 उ पचे तोहका सबन्क आराधनालय स निकार देइहीं सही-सही तउ उ समइ आवइवाला अहइ जब तोहरे मँ स कउनो क मारके हर एक इहइ सोची कि उ परमेस्सर क सेवा करत अहइ।
3 उ सबेन्ह अइसा इ बरे करिहइँ, काहेकि उ न तउ परमपिता क जानत हीं अउर न तउ मोका।
4 मुला मइँ तोहसे इ सब इ बरे कहत अही जइसे कि जब ओनकइ समइ आइ जाइ तउ तोहका इ याद रहइ क मइँ ओनके बाबत तोहका बताए रहे जब मइँ तोहरे साथ रहेउँ।“सुरआत मँ इ सब बात मइँ तोहका नाहीं बताए रहेउँ, काहेकि मइँ तोहरे साथ रहेउँ।
5 मुला अब मइँ ओकरे पास जात अही, जे मोका भेजेस अउर तोहरे बीच स कउनो मोसे इ न पूछी, ‘तू कहाँ जात अहा?’
6 काहेकि मइँ इ बात बताइ दिहे अही, तोहार दिल दुःखी होइ गवा अहइ।
7 मुला मइँ तोहसे सच्ची सच्ची कहत अही कि एहमाँ तोहरा भलाई अहइ कि मइँ जात अही। काहेकि जदि मइँ न जाउँ तउ सहायक तोहरे पास न आई। जदि मइँ हियाँ स चला जाब तउ मइँ ओका तोहरे पास भेजब।
8 अउर जब उ आइ तउ पाप, धार्मिकता अउर निआव क बावत दुनिया क सक दूर करी।
9 पाप क बावत इ बरे कि उ पचे मोर मँ बिसवास नाहीं करतेन।
10 धार्मिकता बावत इ बरे कि अब मइँ परमपिता क पास जात अही। अउर तू सबेन्ह अब अउर जियादा समइ तक मोका न देखब्या।
11 निआव क बावत, इ बरे कि इ जगत क सासक क अपराधी ठहरावा ग अहइ।
12 “मोका तोहसे अबहिं तमाम बात बतावइ क अहइ, मुला तू सबेन्ह ओका सह न पउब्या।
13 मुला जब सच्चाई क आतिमा आई तउ उ तोहका पूरी सच्चाई क राह देखाई काहेकि उ अपनी तरफ स कछू न कही। उ जउन कछू सुनी उहइ बताई। अउर जउन कछू होइवाला अहइ, ओका उजागर करी।
14 उ मोर महिमा करी, काहेकि जउन मोर अहइ, ओका लइके उ तोहका बताई।
15 हर चीज जउन परमपिता क अहइ, उ मोर अहइ। इहइ बरे मइँ बताए अहउँ, जउन कछू मोर अहइ, ओका उ लइ लेई अउर तोहका बताई।
16 “थोड़े समइ क बाद तू पचे मोका अउर नाहीं देख पउब्या। अउर कछू समइ क बाद तू सबेन्ह मोका फिन देखब्या।”
17 तउ ओके चेलन आपस मँ कहेन, “इ कावा जउन उ मोका बतावत अहइ, ‘तनिक देर क बाद मोका न देख पउब्या अउर तनिक देर क बाद तू पचे फिन मोका देखब्या?’ अउर ‘मइँ परमपिता क पास जात अहउँ?’
18 फिन उ पचे कहइ लागेन, “इ ‘तनिक देर क बाद’ का मतलब अहइ, जेकरे बावत उ बतावत अहइ? उ का कहत अहइ, हम समझ नाहीं पावत अही।”
19 ईसू इ समझ गवा कि उ पचे कछू पूछा चाहत अहइँ। इ बरे ईसू ओसे कहेस, “का तू पचे जउन मइँ कहेउँ उहइ पर सोच विचार करत अहा, ‘थोड़ा समइ क पाछे तू मोका अउर जियादा न देख पउब्या अउर फिन थोड़े समइ क बाद तू मोका देखब्या?’
20 मइँ तोहका सही बतावत अहउँ, तू सबइ रोउब्या अउर सोक पउब्या मुला इ दुनिया खुस होई। तोहका दुःख होई मुला तोहार दुःख आनन्द मँ बदल जाई।
21 जब कउनो स्त्री बच्चा पइदा करत ह तउ ओका बड़ी तकलीफ होत ह, काहकि उ दरद क समइ रहत ह। मुला जब उ बच्चा पइदा कइ चुकत ह तउ उ इनता आनन्द होत ह कि एक ठु इन्सान इ दुनिया मँ पइदा भवा अहइ अउर आपन सब दुःख भूल जात ह।
22 इ बरे तू पचे इ समइ वइसे दुःख अहा, मुला जब मइँ तोहसे फिन मिलबइ तउ तोहार दिल मँ आनन्द होई। अउर तोहार आनन्द तोहरे कउनो भी छीन न पाई।
23 उ दिन तू पचे हमसे कउनो चीज न पूछ्या। मइँ तोहसे सच्ची बात बतावत अही, मोरे नाम स परमपिता स जउन कछू तू पचे मँगब्या, उ ओका तोहका दइ देई।
24 अब तक मोरे नाउँ स तू पचे कछू नाहीं मांगे अहा। मांगा, तोहका जरूर मिली। ताकि तोहका भरपूर आनन्द मिलइ।
25 “इ सब बातिन क मइँ उदाहरण दइके बताए अहेउँ अब उ समइ आवत अहइ जब मइँ तोहसे उदाहरण दइके बात न कर पाउब मुला परमपिता क बावत खुलके तोहसे बतियाब।
26 उ दिन तू मोरे नाउँ स मँगब्या अउर मइँ तोहसे इ नाहीं कहत अहउँ कि मइँ तोहरे तरफ स परमपिता स पराथना करब।
27 परमपिता खुदइ तोहरे पिरेम करत ह, काहेकि तू मोसे पिरेम करत ह। अउर यह मान लिहा कि मइँ परमेस्सर स आवा अहउँ।
28 मइँ परमपिता स परगट भएउँ अउर इ दुनिया मँ आएउँ। अउर अब मइँ इ दुनिया क छोड़के परमपिता क पास जात अही।”
29 ओकर चेलन कहेन, “देखा अब तू हम पचन क बिना कउनो दिस्टान्त क खोलके बतावत अहा। जउन कठिन सब्द अहइँ ओनका तू नाहीं बइपरत अहा।
30 अब हम पचे समझ ग अही की तू सब कछू जानत अहा। अब तू नाहीं चाहत अहा कि केहू कउनो प्रस्न पूछइ एसे हमका सबन्ह क बिसवास होइ ग अहइ कि तू परमेस्सर स परगट भवा अहा।”
31 ईसू ओनसे कहेस, “का तोहका अब इ बिसवास भवा अहइ?
32 सुना, अब समइ आवत अहइ, हिआँ तक कि आइ ग अहइ, जबहिं तू पचे सब तितर बितर होइ जाब्या अउर तोहरे मँ स सब कउनो अपने अपने घरे चला जाब्या अउर मोका अकेले छोड़ देब्या, मुला मइँ अकेले नाहीं अही, काहेके परमपिता मोरे साथ अहइ।
33 “इ सब बातन मइँ तोहसे इ बरे बतावत कहेउँ जइसे कि मइँ तोहका सान्ति दइ सकउँ। इ दूनिया तोहका कस्ट देत ह, सतावत ह, मुला हिम्मत रखा, मइँ दुनिया जीत लिहे अही!”
John 18
1 इ कहिकि ईसू अपने चेलन क साथ छोटी नदी किद्रोन क पास जहाँ एक बगीचा रहा, चला गवा।
2 धोखे स ओका पकड़वावइवाला यहूदा उ जगह क जानत रहा, काहेकि ईसू जियादातर उहइ जगह प अपने चेलन स मिलत रहा।
3 इ बरे यहूदा रोमी सिपाहिअन क एक टुकड़ी अउर मुख्य याजकन अउर परीसियन क पठएस। मनइयन अउर मन्दिर क पहरेदारन क साथ लइके मसाल, दिया अउर हथिआर लइके, हुवाँ पहुँच गवा।
4 फिन ईसू जउन सब कछू जानत रहा कि ओकरे साथ का होइ जात अहइ, आगे आवा अउर ओनसे कहेस, “तू पचे केका खोजत अहा?”
5 उ पचे ओका जवाब दिहेन, “ईसू नासरी क।”ईसू ओनसे कहेस, “उ तउ मइँ अही।” (उ धोखे स पकड़वावइला यहूदी हुवइँ ओनके साथ खड़ा रहा।)
6 जब उ कहेस, “उ मइँ अहउँ।” तउ उ सबेन्ह पाछे हटेन अउर भुइँया पइ गिर पड़ेन।
7 इ देखके ईसू फिन एक बार पूछेस, “तू सबेन्ह केका खोजन अहा?”उ बोलन, “ईसू नासरी क।”
8 ईसू जवाब दिहेस, “मइँ तोहसे कहउँ, उ मइँ अहउँ। जदि तू मोका ढूँढ़त अहा तउ एनका सबेन्ह क जाइ द्या।”
9 अइसा ईसू इ बरे कहेस, जइसे कि ओकर कही बात सच होइ सकइ, “मइँ ओहमाँ स कउनो क नाहीं खोवा, जेका तू मोका सौंपे रह्या।”
10 फिन समौन पतरस जेकरे हाथे मँ तरवार रही, आपन तरवार निकारेस अउर मुख्ययाजक क दास क दाहिना कान काटिके ओका घायल कइ दिहेस (उ दास क नाउँ मलखुस रहा)
11 फिन ईसू पतरस कहेस, “आपन तरवार मिआन मँ धइ ल्या। का मइँ यातना क कटोरा न पी लेई जउन परमपिता मोका दिहे अहइ?”
12 फिन रोमी टुकड़ी क सिपाहियन अउर ओनके सूबेदारन, अउर यहूदियन क मन्दिर क पहरेदार सब मिलके ईसू क बन्दी बनाइ लिहेन्ह।
13 अउर ओका बांधके पहिले हन्ना क पास लइ गएन, जउन कि उ बरिस क मुख्य याजक काइफा क ससुर रहा।
14 इ काइफा उहइ मनई अहइ जउन यहूदी क सलाह दिहे रहा। कि लोगन क भलाई क बरे एक क मर जाब ठीक अहइ।
15 समौन पतरस अउर एक ठु चेलन ईसू क पीछे चल दिहेन्ह। मुख्य याजक इ चेलन क अच्छी तरह जानत रहा, इ बरे उ ईसू क साथ मुख्य याजक क अंगने मँ घुस गवा।
16 मुला पतरस बाहेर क दरवाजा क लगे रूक गवा। फिन मुख्य याजक क जान पहचानवाला दूसर चेला बाहेर गवा अउर द्धारपालिन स कहिके पतरस क अन्दर लइ आवा।
17 उ द्धारपालिन दासी पतरस स कहेस, “होइ सकत ह कि तूहूँ ईसू क चेला होआ?”पतरस जवाब दिहेस, “नाहीं, नाहीं मइँ न अही!”
18 काहेकि सर्दी बहुत जिआदा रही अउर मन्दिर क पहरेदार आग जलाइ के हुआँ खड़ा तापत रहेन। पतरस उ हुवाँ खड़ा तापत रहा।
19 फिन महायाजक ईसू स ओकरे चेलन अउर ओकरे उपदेस क बाबत पूछेस।
20 ईसू ओका जवाब दिहेस, “मइँ हमेसा सब मनइयन क खुलके बातचीत कीन्ह। मइँ हमेसा आराधनालय मँ अउर मन्दिर मँ जहाँ सब यहूदियन इकट्ठा होतहीं, उपदेस दीन्ह। मइँ कबहुँ लुकाइ क छिपाइ क कउनो बात नाहीं कहेउँ।
21 फिन तू मोसे काहे पूछत अहा? मइँ का कहेउँ, ओनसे पूछा जे मोर बात सुने अहइँ। मइँ जउऩ कछू कहेउँ, उ सब जानत हीं।”
22 जब उ इ कहेस तउ मन्दिर क एक पहरेदार जउन हुवाँ खड़ा रहा, ईसू क झापड़ मारेस अउर बोलेस, “महायाजक क सामने जवाब देइ क इ तरीका नाहीं अहइ?”
23 ईसू ओका जवाब दिहेस, “जब मइँ कउनो झूठ कहे होउँ तउ तू ओका साबित करा अउर इ बतावा कि ओहमाँ कउनो बुराई रही अउर जब मइँ ठीक कहे अहउँ तउ तू काहे मारत अहा?”
24 फिन हन्ना ओका बंधे भए महायाजक काइफा क लगे भेज दिहेस।
25 जब समौन पतरस खड़ा होइके आगी तापत रहा तउ ओसे पूछा गवा, “का इ होइ सकत ह कि तू भी एकर चेला अहा?”उ तुरन्तइ मना कइ दिहेस अउर कहेस, “नाहीं मइँ नाहीं अही।”
26 महायाजक क एक ठु नउकर जउन ओकर रिस्तेदार रहा जेकर पतरस कान काटे रहा, कहेस, “बतावा, का मइँ तोहका ओकरे साथे बगिया मँ नाहीं देखे रहे?”
27 इ सुनिके पतरस एक दाईं फिन इन्कार किहेस। अउर उहइ समइ मुर्गा बाँग दिहेस।
28 फिन उ पचे ईसू क काइफा क घरे स रोम क राज्यपाल क महल मँ लइ गएन। ओह समइ सबेर होइ ग रहा। यहूदियन राज्यपाल क भवन मँ खुदइ नाहीं जावा चाहत रहेन, कहूँ उ पचे असुद्धन होइ जाइँ। अउर फिन फसह क भोज न खाइ पावइँ।
29 तउ पिलातुस ओनके पास बाहेर आवा अउर बोला, “एकरे ऊपर तू सबेन्ह कउन दोख लगावत अहा?”
30 जवाब मँ उ पचे ओसे कहेस, “जदि इ अपराधी न होत तउ हम ऍका तोहका न सौंपित।”
31 एकरे जवाब मँ पिलातुस ओनसे कहेस, “ऍका तू लइ जा अउर अपने व्यवस्था क हिसाब स एकर निआव करा।”यहूदियन ओसे कहेन, “हमका सबेन्ह क मउत क सजा देइ क कउनो अधिकार नाहीं अहइ।”
32 अइसा इ बरे भवा, जइसे कि ईसू क उ बात सच्ची होइ जाइ जउन उ कहे रहा, कइसी मउत मिली।
33 तब पिलातुस राज्यपाल क महल मँ वापस चला गवा। अउर ईसू क बोलाइ क ओसे पूछेस, “का तू यहूदियन क राजा अह्या?”
34 ईसू जवाब दिहेस, इ बात तू खुदइ कहत अहा या मोरे बावत दूसर लोग तोहसे कहेन?”
35 पिलातुस जवाब दिहेस, “का तू सोचत अहा कि मइँ यहूदी अहउँ? तोहार लोग अउर मुख्य याजक तोहका मोरे हवाले करे अहइँ। तू का किहे अहा?”
36 ईसू जवाब दिहेस, “मोर राज्य इ दुनिया क नाहीं बाटइ। जदि मोर राज्य इ दुनिया क होत तउ मोर प्रजा मोका यहूदियन क सौंपा जाइ स बचावइ क बरे लड़ाई करत। मुला मोर राज्य हिआँ क नाहीं बाटइ।”
37 अइसा सुनिके पिलातुस ओसे कहेस, “तू तउ राजा अह्या?”ईसू जवाब दिहेस, “तू कहत अहा कि मइँ राजा अही। मइँ इ बरे दुनिया मँ पइदा भवा हउँ अउर आएउँ अउर इहइ प्रयोजन स आएउँ जइसे कि सच्चाई क साच्छी दइ सकउँ। जउऩ मनई सच्चाई क तरफदारी करत ह उ मोरी बात सुनत ह।”
38 पिलातुस ओसे पूछेस, “सच्चाई का अहइ?” अइसा कहिके फिन उ यहूदी क पास बाहेस गवा अउर ओनसे बोला, “मइँ ओकरे मँ कउनो दोख नाहीं पाएउँ।
39 अउ तोहार सबन्क रिवाज अहइ कि फसह क त्यौहार प तोहरे सबके बरे एक मनई क छोड़ देइ। तउ का तू पचे चाहत अहा कि इ ‘यहूदी क राजा’ क तोहरे बरे छोड़ देई?”
40 एक दाईं फिन उ पचे चिल्लाएन, “ऍका नाहीं, मुला बरअब्बा (एक ठु बागी रहा।) क छोड़ द्या!”
John 19
1 तब पिलातुस ईसू क पकड़वाइके कोड़ा लगवाएस।
2 फिन सिपाहियन काँटेदार टहनी क मोड़के मुकुट बनाएन अउर ओकरे मूँड़े प रख दिहेन। अउर ओका बैजनी रंग क कपड़ा पहिराएन।
3 अउर ओकरे पास आइ आइ क कहइ लागेन, “यहूदियन क राजा जिअत रह!” अउर ओका झापड़ मारइ लागेन।
4 पिलातुस एक बार फिन बाहेर आवा अउर ओनसे कहेस, “देख! मइँ तोहरे पास ओका फिन बाहर लियावत अही जइसे कि तू जान सका कि मइँ ओहमाँ कउनो खोट नाहीं पावा।”
5 फिन ईसू बाहेर आवा। उ काँटेन क मुकुट अउर बैजनी रंग क चोगा पहिरे रहा। तब पिलातुस कहेस, “इहइ अहइ उ मनई!”
6 जब उ पचे ओका देखेन तउ मुख्य याजकन अउर मन्दिर क पहरेदारन चिल्लाई क कहेन, “ऍका क्रूस पर चढ़ाइ द्या! एका क्रूस प चढ़ाइ द्या!”पिलातुस ओनसे कहेस, “तू ऍका लइ जा अउर क्रूस प चढ़ाइ द्या, मइँ एहमाँ कउनो खोट नाहीं पाएउँ?”
7 यहूदियन जवाब दिहेन, हमार व्यवस्था कहत ह कि एका मरइ क पड़ी काहेकि अपने क परमेस्सर क पूत होइ क दावा किहे अहइ।”
8 अब जब पिलातुस ओका इ कहत सुनेस तउ बहुत डेराइ गवा।
9 अउर फिन राज्यपाल क महल क अन्दर जाइके ईसू स कहेस, “तू कहाँ स आइ अहा?” मुला ईसू कउनो जवाब नाहीं दिहेस।
10 फिन पिलातुस ओसे कहेस, “का तू हमसे बात नाहीं करइ चाहत अहा? का तोहका पता नाहीं अहइ किइ मोरे अधिकार मँ अहइ कि तोहका मइँ छोड़ देउँ अउर तोहका क्रूस प चढ़ावइ क अधिकार मोका मिला अहइ।”
11 ईसू ओका जवाब दिहेस, तोहार मोरे ऊपर अधिकार तब तक नाहीं होइ सकत जब तलक परमेस्सर तोहका उ अधिकार नाहीं देत। इ बरे जउन मनइ तोहका मोरे हवाले किहे अहइ, उ तोहसे भी बड़ा पापी अहइ।”
12 इ सनिके पिलातुस ओका छोड़इ क कउनो उपाय सोचइ लाग। मुला यहूदियन चिल्लाय लागेन, “जदि तू एका छोड़ देब्या तउ तू कैसर क दोस्त न अह्या कउनो मनई जउन खुदइ क राजा कहइ उ कैसर क विरोधी अहइ।”
13 जब पिलातुस इ सब्दन क सुनेस तउ उ ईसू क बाहेर उ जगह लइ गवा जउने क “पाथर क चउतरा।” कहा जात रहा। (इब्रानी भाखा मँ ऍका “गब्बाता” कहा गवा ह।) अउर हुवाँ निआव क आसन प बइठ गवा।
14 इ दिन फसह क त्यौहार क तैयारी क दिनरहा। दुपहरिया होइवाली रही। पिलातुस यहूदियन स कहेस, “इ रहा तोहार राजा।”
15 उ सबेन्ह चिल्लाएऩ, “ऍका लइ जा! ऍका लइ जा! ऍका क्रूस प चढ़ाय द्या!”पिलातुस ओनसे कहेस, “का तू पचे चाहत अहा कि तोहरे राजा क मइँ क्रूस प चढ़ाउँ?”इ सुनिके मुख्ययाजकन जवाब दिहेन, “कैसार क छोड़के हमार कउनो दूसर राजा नाहीं अहइ।”
16 फिन पिलातुस ओका क्रूस प चढ़ाइ क बरे ओनका सौंपि दिहेस।इ तरीके स ईसू क हिरासत मँ लइ लीन्ह गवा।
17 आपन क्रूस उठाइके उ अइसी जगह प गवा जेका “खोपड़ी क जगह कहा जात ह। (इब्रानी भाखा मँ ऍका “गुलगुता” कहा जात ह।)
18 हुवाँ स उ सबेन्ह ओका दुइ जने क साथे क्रूस प चढ़ाइ दिहेन। एक इ तरफ, दूसर दूसरी तरफ अउर बीज मँ ईसू रहा।
19 पिलातुस दोखपत्र क्रूस प लगाइ दिहस। जेहमॉ लिखा रहा, “ईसू नासरी, यहूदी क राजा।”
20 तमाम यहूदियन उ दोखपत्र क पढ़ेन्ह, काहेकि जहाँ ईसू क क्रूस प चढ़ावा ग रहा, उ जगह सहर क लगे रही। अउर उ ऐलान इब्रानी, यूनानी अउर लातीनी भाखा मँ लिखा रहा।
21 तब मुख्य यहूदी याजकन पिलातुस स कहेन, “‘यहूदी क राजा’ न लिखा, मुला इ लिखा, ‘इ मनई कहे रहा यहूदी क राजा मइँ अहउँ।”‘
22 पिलातुस जवाब दिहेस, “मइँ जउन कछू लिख दीन्ह, तउ लिख दीन्ह।”
23 जब सिपाही ईसू क क्रूस प चढ़ाइ चुकेन तउ उ सबेन्ह ओकर कपरा लिहेन, अउर ओका चार टुकड़ा मँ बाँट दिहेन। ओकर एक-एक टुकड़ा एक-एक सिपाही लइ लिहेस। उ पचे कुरतउ उतरवाइ लिहेन। इ बरे कि उ कुरता ऊपर स नीचे तक बुना रहा, ओकर सिलाई नाहीं भइ रही।
24 इ बरे उ पचे आपस मँ कहेन, “ऍका न फाड़ा जाइ, ऍका कउन पावइ, एकरे बरे परची डाली जाइ।” जइसे कि पवित्तर सास्तर क इ बात पूरी होइ जाइ,“उ पचे मोर कपरा आपस मँ बाट लिहेन अउर मोरे अंगिया क बरे परची डाएन।” भजन संहिता 22:18इ बरे सिपाहियन वइसेन करेन।
25 ईसू क क्रूस क लगे ओकर महतारी, मउसी क्लोपास क पत्नी मरियम, अउर मरियम मगदलीनी ठाढ़ रहिन।
26 ईसू जब अपनी महतारी अउर अपने पियारा चेला क पास खड़ा लखेस तउ अपनी महतारी स कहेस, “पिआरी अम्माँ, इ रहा तोहार बेटवा।”
27 फिन उ अपने चेला स कहेस, “इ अहइ तोहार महतारी।” अउर फिन उहइ समइ उ चेला ओका अपने घरे लइ गवा।
28 ऍकरे बाद ईसू जान लिहेस कि सब कछू पूरा होइ चुका अहइ। फिन इ बरे कि पवित्तर सास्तर क बात सही उतरइ, उ कहेस, “मइँ पियासा अहउँ।”
29 हुवाँ सिरका स भरा एक ठु वासन धरा रहा। इ बरे उ सबेन्ह एक स्पंज क सिरका मँ पूरी तरह डुबोइके हिसप (कंटिजर क पेड़) क टहनी प रखेन अउर ऊपर उठाइ क ओकरे मुँह स लगाएन।
30 फिन जब ईसू सिरका लइ लिहेस तउ उ बोलेस, “पूरा होइ गवा।” तउ उ आपन सिर झुकाइ दिहेस अउर परान छोड़ दिहेस।
31 अगला दिन फसह क तैयारी क दिन रहा। सबित क दिन ओनकइ लास क्रूस प न लटका रहइ कोहेकि सबित क दिन बहुत महत्व क दिन होत ह ऍकरे बरे यहूदियन पिलातुस स कहेन कि उ आज्ञा देइ कि ओकर टांग तोड़ दीन्ह जाइँ अउर ओकर लास हुवाँ स हटाइ दीन्ह जाइ।
32 तउ सिपाही आएन अउर सबसे पहले एक मनई क अउर फिन दूसरे क जउने क साथे साथे क्रूस प चढ़ावा ग रहा, टाँग तोड़ डाएन।
33 मुला जब उ ईसू क लगे आएन, तउ लखेन कि उ तउ पहिलेन मर चुका अहइ। इ बरे ओकर टाँग नाहीं तोड़ेन।
34 मुला ओहमाँ स एक सिपाही ईसू क पंचरे मँ आपन भाला भोंक दिहेस, जउने मँ स तुरन्त लहू अउर पानी निकरइ लाग।
35 (जउन एका देखे रहा उ साच्छी दिहेस अउर ओकर साच्छी सच्ची अहइ, उ जानत ह कि उ सच्ची बात कहत अहइ ताकि तू सबेन्ह बिसवास करा।)
36 इ एह बरे भवा कि पवित्तर सास्तर क बात पूरी होइ सकइ, “ओकर कउनो हड्डी तोड़ी न जाई”
37 अउर पवित्तर सास्तर मँ लिखा अहइ कि, “जे ओकरे भाला भोंकेस उ पचे ओकरी तरफ तकिहीं।”
38 ऍकरे बाद अरमतियाह क यूसुफ (जउन ईसू क चेला रहा, मुला यहूदियन क डर क मारे खूद क छिपाए रहत रहा।) पिलातुस स पराथना करेस कि ओका ईसू क ल्हास लइ जाइ क इजाजत दइ देइ। इ बरे उ ओकर ल्हास लइ गवा।
39 निकुदेमुस, जउन ईसू क लगे रात क पहले आइ रहा, हुवाँ लगभग तीस किलो मिला जुला गंधरस अउर एलवा (जइसे कि ल्हास मँ सड़न न आवइ पावइ) लइके आवा। फिन उ पचे ईसू क ल्हासे क लइ गएन।
40 अउर यहूदियन क ल्हास गाड़इ क व्यवस्था क अनुसार ओका महकइवाली तमाम चीज क साथ कफन मँ लपेट दिहेन।
41 जहाँ प ईसू क क्रूस प चढ़ावा ग रहा, हुवाँ एक ठु बगीचा रहा। अउर उ बगीचा मँ एक ठु नई कब्र रही जउने मँ अब तक केउँ क नाहीं रखा ग रहा।
42 उ दिन सबित क तैयारी क दिन सुक्रवार रहा, अउर उ कब्र बहोतई लगे रही, इ बरे उ सबेन्ह ईसू क उहइ मँ रख दिहेन।
John 20
1 सप्ताह क पहिले दिन धुर सबेरे जब थोरि क अँधेरा बचा रहा तउ मरियन मगदलीनी कब्र प आइ। अउर उ देखेस कि कब्र क पाथर हटा अहइ।
2 फिन उ दौड़के समौन पतरस अउर ईसू क पियारा चेलन क लगे पहुँची। अउर ओनसे बोली, “उ पचे पर्भू क कब्र स निकालके लइ गएन। अउर हमका पचे इ पता नाहीं अहइ कि उ सबेन्ह ओका कहाँ रखेस अहइँ।”
3 फिन पतरस अउर उ दूसर चेला हुवाँ स कब्र क तरफ चल पड़ेन्ह।
4 उ दुइनउँ साथे साथे दउड़त रहेन मुला दूसर चेला पतरस स आगे चला गवा अउर कब्र प पहिले पहुँच गवा।
5 उ नीचे निहुरिके देखेस कि हुवाँ कब्र क कपरा परा अहइ, मुला उ भीतर नाहीं गवा।
6 उहइ समइ समौन पतरस जउन ओकरे पाछे आवत रहा, उहउ आइ पहुँचा अउर कब्र क अन्दर चला गवा। उ देखेस कि हुवाँ कफन क कपरन परा अहइँ।
7 अउर उ कपरा जउन गाड़त क समइ ओकरे मुड़े कइँती रहा, उ कफन क साथ नाहीं अहइ, उ अलग स दूसरी जगह प रखा रहा।
8 फिन दूसर चेला जउऩ कब्र प पहिले पहुँचा रहा, उहउ भीतर घुसा। उ देखेस अउर बिसवास करेस।
9 (उ पचे अबहुँ तलक पवित्तर सास्तर क इ बचन नाहीं समझे रहेन कि ओका मरा मनइयन स जी उठब एकदम पक्का अहइ।)
10 फिन उ दुइनउँ चेलन अपने अपने घरे चला गएन।
11 मरियम रोवत चिल्लात कब्र क बाहेर खड़ी रहि गइ। रोवत चिल्लात उ कब्र मँ अन्दर झाँकि क बरे नीचे झुकी।
12 जउने जगह ईसू क ल्हास रखी रही, हुवाँ उ सफेद कपरा पहिरे दुइ ठु सरगदूत बइठा रहेन, ओहमाँ स एक ठु सिरहाने प बइठा रहा अउर दूसर पइताने प बइठा रहा।
13 उ पचे ओसे पूछेन, “ऐ स्त्री तू काहे क रोअति अहा?”उ जवाब दिहेस, “उ पचे मोरे पर्भू क उठाइ लइ गवा अहइँ अउर मोका इ पता नाहीं बाटइ कि ओका कहाँ रखे अहइँ?”
14 ऍतना कहिके उ मुड़ी अउर देखेस कि ईसू खड़ा अहइ। मुला उ जानि नाहीं पाएस कि उ ईसू रहा।
15 ईसू ओसे कहेस, “ऐ स्त्री तू काहे रोवति अहा? तू केका खोजति अहा?”उ इ जानेस कि पूछइवाला माली अहइ, उ ओसे कहेस, “महासय, जदि तू कबहूँ ओका उठाए होया तउ मोका बतावा कि तू ओका कहाँ रखे अहा? मइँ ओका लइ जाबइ।”
16 ईसू ओसे कहेस, “मरियम!”उ पाछे मुड़ी अउर इब्रानी मँ कहेस, “रब्बूनी” (मतलब “हे गुरू”)
17 ईसू ओसे कहेस, “मोका जिन छुआ काहेकि मइँ अबहिं तलक परमपिता क पास ऊपर नाहीं पहुँचा अही। तू मोरे भाइयन क लगे जाइके बतावा, ‘मइँ अपने परमपिता अउर तोहरे परमपिता तथा अपने परमेस्सर अउर तोहरे परमेस्सर क पास ऊपर जात अही।”
18 मरियन मगदलीनी आइके चेलन क समन्वा बताएस, “मइँ पर्भू क देखेउँ!” अउर उ मोका इ बात बताएस।
19 उहइ दिन संझा क, उ हफ्ता क पहिला दिन रहा ओकर चेलन यहूदियन क डरके मारे आपन दरवाजा बन्द करे रहेन। उहइ समइ प ईसू आइके ओनके बीच मँ खड़ा होइ गवा अउर ओनसे कहेस, “तोहका सबका सान्ति मिलइ।”
20 ऍतना कहिके उ ओनका सबेन्ह क आपन हाथ अउर आपन बगल देखॉएस। सब चेलन अपने पर्भू क देखके बहुत आनन्द मँ आइ गएन।
21 तउ ईसू ओनसे फिन कहेस, “तोहका सबका सान्ति मिलइ। वइसेन जइसेन परमपिता मोका भेजेस, मइँ तू पचे क भेजत अही।”
22 इ कहिके उ ओनके सबके ऊपर फूँक मारेस अउर ओनसे कहेस, “पवित्तर आतिमा क अपनाइ ल्या।
23 जउने मनई क पाप क तू छमा करत ह, ओनका छमा मिलत ह अउर जउन मनई क पापन क तू छमा नाहीं करत्या, उ सब बिना छमा पाए रहत हीं।”
24 थोमा जउन बारह मँ एक रहा अउर दिदिमस कहवावा जात रहा, जब ईसू आवा रहा तउ ओकरे साथे नाहीं रहा।
25 दूसर चेलन ओसे कहत रहेन, “हम पर्भू क देखे अही।” मुला उ ओनसे कहेस, “जब उ तलक मइँ ओकरे हाथन मँ कील क निसानी न देख लेब अउर ओहमाँ आपन अंगुरी न डाइ लेब, तथा ओकरे पंजरे मँ आपन हाथ न डाइ लेब तब तक मइँ बिसवास न करब।”
26 आठ दिन क बाद ओकर चेलन फिन एक दाईं घरे क भीतर रहेन। अउर थोमा ओऩके साथे रहा। दरवाजा प ताला लगा, रहा, मुला ईसू आवा अउर ओनके बीच मँ खड़ा होइके बोला, “तोहका सबन क सान्ति मिलइ!”
27 फिन उ थोमा स कहेस, “हाँ आपन अंगुरी अब अउर मोर हाथ देख, आपन हाथ फैलाइके मोरे पंजरे मँ डावा। सन्देह करब छोड़ द्या अउर बिसवास करा।”
28 एकर जवाब देत थोमा बोला, “मोर पर्भू, हे मोर परमेस्सर!”
29 ईसू थोमा स कहेस, “तू मोका देखिके बिसवास करे अहा। मुला उ पचे धन्य अहइँ जउन बिना देखे बिसवास करत हीं।”
30 ईसू अउर तमाम चमत्कार चिन्ह अपने चेलन क देखाएस जउन इ किताब मँ नाहीं लिखी अहइँ।
31 अउर जउन बात हिआँ लिखी अहइँ। उ इ बरे लिखी अहइँ कि तू बिसवास करा कि ईसू ही परमेस्सर क पूत मसीह अहइ। अउर इही बरे कि बिसवास करत ओकरे नाउँ स तोहका सबन क अनन्त जीवन मिलइ।
John 21
1 एकरे बाद झील तिबिरियास प ईसू अपने चेलन क समन्वा फिन खुदइ क परगट किहेस। उ खुदइ क इ तरीके परगट किहेस।
2 समौन पतरस, थोमा (जउन जुड़ौधा कहवावा जात रहा) गलील क काना क नतनएल, जब्दी क बेटवन अउर ईसू क दुइ ठू चेलन हुवाँ इकट्ठा रहेन।
3 समौन पतरस ओनसे कहेस, “मइँ मछरी पकड़इ जात अही।”उ पचे ओसे बोलेन, “हमहूँ पचे तोहरे साथे चलत अही।” उ सबेन्ह ओकरे साथे चल दिहेन अउर नाउ प बइठ गएन। मुला उ रात उ पचे कछू नाहीं पकड़ पाएन।
4 मुला तब तलक सबेर होइ गवा रहा। मुला चेलन क पता नाहीं चल पावा कि हुवाँ ईसू अहइ।
5 फिन ईसू ओनसे कहेस, “लड़को, तोहरे लगे कउनो मछरी अहइ?”उ पचे जवाब दिहेन, “नाहीं।”
6 फिन उ कहेस, “नइया क दहिनी तरफ जाल फेंका तउ तोहका कछू मिली।” तउ उ पचे जाल फेंकिन मुला ऍतना जियादा मछरी रहिन कि फिन जाल क वापस नाहीं खींच पाएन।
7 फिन ईसू क पियारा चेला पतरस कहेस, “इ तउ पर्भू अहइ।” जब समौन इ सुनेस कि पर्भू अहइ तउ उ आपन बाहेर पहिनइवाला कपरा कस लिहेस (काहेकि उ नंगा रहा।) अउर पानी मँ कूद पड़ा।
8 मुला दूसर चेलन मछरिअन स भरा जाल खींचत भए नाउ स किनारे आएन (काहेकि उ धरती स जियादा दूर नाहीं रहेन, ओनकाइ दूरी करीब सौ मीटर क रही।)
9 जब उ पचे किनारे आएन तउ हुवाँ जरत कोयलन क आग देखेन। ओकरे ऊपर मछरी अउर रोटी पकावइ क बरे रखी रही।
10 ईसू ओसे कहेस, “तू पचे जउन मछरी पकरे अहा, ओहमाँ स कछू लइ आवा।”
11 फिन समौन पतरस नाउ प गवा अउर एक सौ तिरपन बड़ी मछरिअऩ स भरा जाल किनारे प खींच लिहेस। जाल मँ ऍतनी अधिक मछरी रहिन मुला जाल फटा नाहीं।
12 ईसू ओनसे कहेस, “हियाँ आवा अउर खाना खा!” ओकरे चेलन मँ स कउनो क हिम्मत नाहीं परी कि ओसे पूछ सकइँ कि “तू कउन मनई अह्या?” काहेकि उ जान ग रहेन कि उ पर्भू अहीं।
13 ईसू आगे गवा। उ रोटी लिहेस अउर ओनका दइ दिहेस अउर इहइ तरह स मछरियन क दइ दिहेस।
14 अब इ तीसरी बार रहा जब कि मरे क बाद जी उठिके उ आपने चेलन क समन्वा परगट भवा।
15 जबहिं उ पचे भोजन कइ चुकेन तउ ईसू समौन पतरस स कहेस, “यूहन्ना क पूत समौन, जेतॅना पिरेम इ सबइ मोसे करत हीं, तू मोसे जियादा पिरेम करत अहा?”पतरस ईसू स कहेस, “हाँ पर्भू, तू जानत अहा कि मइँ तोहसे पिरेम करत हऊँ।” ईसू पतरस स कहेस, “मोरे मेमनन क रखवाली करा।”
16 उ ओसे दुसरी बार बोला, “यूहन्ना क बेटवा समौन, का तू मोसे पिरेम करत ह”पतरस ईसू स कहेस, “हाँ पर्भू, तू जानत अहा कि मइँ तोहसे पिरेम करित ह।” ईसू पतरस स कहेस, “मोरी भेंड़नक देखभाल कर।”
17 ईसू फिन तीसरी दाईं पतरस स कहेस, “यूहन्ना क बेटवा समौन, का तू हमसे पिरेम करत ह”पतरस दुखी होइ गवा कि ईसू ओसे तीसरी दाईं पूछेस, “का तू मोसे पिरेम करत ह” इ बरे पतरस ईसू स कहेस, “पर्भू तू सब कछू जानत ह, तू जानत अहा कि मइँ तोहसे पिरेम करित ह!”ईसु ओसे कहेस, मोरी भेड़न क चरावा।
18 मइँ तोहसे सत्य कहत अहउँ, जब तू जवान रह्या, तउ तू अपनी कमर प फेंटा कस क जहाँ चाहत रह्या, चला जात रह्या। मुला जब तू बुढ़ाइ जाब्या, तउ हाथ पसरब्या अउर कउनो दूसर तोहका बांधके जहाँ तू नाहीं जाइ चाहब्या, हुवाँ लइ जाई।”
19 (उ इ दरसावइ क बरे अइसा कहेस कि उ कउनो तरह क मउत स परमेस्सर क महिमा करी।) ऍतना कहिके उ ओसे कहेस, “मोरे पाछे चला आवा!”
20 पतरस पाछे मुड़ा अउर देखेस कि उ चेलन जेहसे ईसू पिरेम करत रहा, ओनके पाछे आवत अहइ। (इ उहइ रहा जउन भोजन करत ओकरी छाती प झुकके पूछे रहा, “पर्भू, उ कउन अहइ, जउन तोहका धोखे स पकड़वाई?”)
21 जब पतरस ओका देखेस तउ उ ईसू स बोला, “पर्भू, एकर का होई?”
22 ईसू ओसे कहेस, “जदि मइँ इ चाही कि जब तलक मइँ आई, इ हिआँ रहइ, तउ तोहसे का मतलब? तू मोरे पाछे चला आवा!”
23 इ तरह स इ बात भाइयन (मनवइयन) मँ हिआँ तलक फइल गइ कि उ चेला जेका ईसू पियार करत ह न मरी। ईसू इ नाहीं कहे रहा कि उ न मरी, बल्कि उ तउ ऍतना कहे रहा, “जदि मइँ चाही कि जब तलक मइँ आई, इ हिआँ रहइ तउ तोहसे का मतलब?”
24 इहइ उ चेला अहइ जउन एकइ सबके साच्छी देत ह कि जउन इ सब बात लिखे अहइँ सब सही अहइँ।
25 ईसू इहइ तरीके बहुत काम करेस। जदि एक एक कइके ओन सबका लिखा जात तउ मइँ सोचित ह कि जउन किताब लिखी जातिन, उ ऍतना जियादा होतिन कि पूरी धरती प न अमातिन।
Acts 1
1 हे थियुफिलुस, मइँ आपन पहिली किताबे मँ ओन सबइ कामे क बारे मँ लिखेउँ ह जेका सुरू स ईसू किहेस ह अउर
2 उ दिना तलक उ प्रेरितनक जेनका उ चुनेस जब ताई उ पवित्तर आतिमा क आदेस क अऩुसार उ सरगे मँ ऊपर नाहीं उठाइ लीन्ह गवा।
3 आपन मउत क पाछे उ आपन क ठोस प्रमाण लइ के ओनके समन्वा परगट भवा कि उ जिअत बा। उ चालीस दिना तलक ओनके अगवा परगट होत रहा अउर परमेस्सर क राज्य क बारे मँ ओनका बतावत रहा।
4 फिन एक दाई ओनके संग खइया क खात रहा तउ उ ओनका हुकुम दिहेस, “यरूसलेम क जिन तजा अउर मुला जेकरे बारे मँ तोसे कह्यों कि, परमपिता क सपथ पूरा होइ तलक जोहत रहा।
5 काहेकि यूहन्ना तउ पानी स बपतिस्मा दिहेस, मुला अब तनिक दिना क पाछे पवित्तर आतिमा स बपतिस्मा दीन्ह जाइ।”
6 तउ जब उ प्रेरितन आपुस मँ भेंटेन, उ पचे पूछेन, “पर्भू! का तू इहइ समइ प इस्राएल क राज्य क फिनस लिआइ देब्या?”
7 उ ओनसे कहेस, “उ बेलन या तिथियन क जानब तोहार काम नाहीं, जेका परमपिता खुद आपन अधिकार स तय किहे अहइ।
8 मुला जब पवित्तर आतिमा तोह प आइ, तोहका सक्ती मिलि जाइ। अउर यरुसलेम मँ, समूचइ यहूदिया अउर सामरिया मँ अउर धरती क छोर तलक तू पचे मोर साच्छी होब्या।”
9 ऍतना कहे क पाछे ओनकइ लखत लखत ओका सरगे मँ ऊपर उठाइ लीन्ह गवा अउर फिन एक बादर ओका आँखी स ओझल कइ दिहेस।
10 जब उ जात रहा तउ पचे आँखी पसारि के ओका निहारत रहेन। तबहिं फउरन सफेद कपड़ा पहिरिके दुइ मनई ओकरे समन्वा आइके ठाड़ भएन।
11 अउर बोलेन, “अरे गलीली मनइयो। तू पचे हुवाँ ठाड़ भवा टकटकी काहे लगाए बाट्या? इ ईसू तोहरे बीच स सरगे मँ ऊपर उठाइ लीन्ह गवा, जइसे तू ओका सरगे मँ जात देख्या, वइसे ही उ फिन वापिस लौटि आई।”
12 फिन उ प्रेरितन जैतून नाउँ क पर्वत स, यरूसलेम लौटि आएन जउन यरुसलेम स कउनो एक किलोमीटर दूर रहा।
13 अउर हुवाँ पहुँचिके ऊपर क उ कमरा मँ गएन जहाँ उ पचे ठहरा रहेन। इ पचे रहेन-पतरस, यूहन्ना, याकूब, अन्द्रियास, फिलिप्पुस, थोमा, बरतुलमै अउर मत्ती, हलफई क बेटवा याकूब, समौन जेलोतेस अउर याकूब क बेटवा यहूदा।
14 ऍनके संग कछू स्त्रियन, ईसू क महतारी मरियम अउर ईसू क भाई भी रहेन। इ सबइ आपन क एक संग पराथना मँ चित लगाए राखत रहेन।
15 फिन इ दिनन मँ पतरस भाई-बन्द क बीच खड़ा होइके, जेकर गनती कउनो एक सउ बीस रही, कहेस,
16 “मोरे भाइयो, ईसू क गिरफतार करावइ वाले मनइयन क अगुआ यहूदा क बारे मँ, पवित्तर सास्तर कउ लेख जेका दाऊद आपन मुँहे स पवित्तर आतिमा बहोत पहिले ही कहे रही, ओकर पूर होब जरूरी रहा।
17 उ हम पचन मँ गना गवा रहा अउर इ सेवा मँ ओकर हाथ रहा।”
18 (इ मनई जउन धन ओका ओकरे नीचपना क कामे बरे मिला रहा, उ धने स एक ठु खेत मोल लिहेस मुला उ पहिले तउ मूँड़े क बल भहरान अउर फिन बदन फाटि गवा अउर ओकर अँतड़ी बाहेर निकरि आइ।
19 अउर सबइ यरूसलेम क बसइयन क एकर पता लग गवा। य़ह बरे ओनकइ भाखा मँ उ खेत क हक्लदमा कहा गवा जेकर अरथ अहइ “लहू क खेत।”)
20 पतरस कहेस, “काहेकि भजन संहिता मँ इ लिखा बा, ‘ओकर घर उजरि जाइ अउर ओहमाँ रहइ क कउनो नाँ बचइ।’ भजन संहिता 69:25अउर, ‘ओकर, मुखियई कउनो दूसर मनई लइ लेइ।’ भजन संहिता 109:8
21 यह बरे इ जरुरी अहइ कि जब पर्भू ईसू हमरे बीच रहा तउ जउन मनइयन हमरे संग सदा रहेन, ओहमाँ स कउनो एक क चुना जाए। कहइ क मतलब उ समइ स लइके जब स यूहन्ना मनइयन क बपतिस्मा देब सरू किहेस अउर जब तलक ईसू क हमरे बीच स उठइ लीन्ह गवा रहा। इ मनइयन मँ स कउनो एक क ओकरे फिन स जी उठइ क महरे संग साच्छी होइ चाही।”
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23 यह बरे उ पचे दुइ मनई न नाउँ दिहेन। एक यूसुफ जेका बरसबा कहा जात रहा। (यूसतुस ऩाउँ स जाना जात रहा) अउर दूसर मत्तियाह।
24 फिन उ पचे इ कहत भवा पराथना करइ लागेन, “पर्भू! तू सबहि क मनवा क जानत ह, हमका बतावा कि इ दुइनउँ मँ स तू केका चुन्या ह।
25 जउऩ एक प्रेरित क तरह सेवा करइ बरे इ ओहदा क लइ लेई जेका आपन ठउर पर जाइ बरे ओहदा छोड़िके चला गवा रहा!”
26 फिन उ पचे एकरे बरे पर्ची नाएन अउर पर्ची मत्तियाह क नाउँ क निकरी। इ तरह गियारह प्रेरितन? क दल मँ गना गवा।
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Acts 2
1 जब पिन्तेकुस्त क दिन आवा तउ उ पचे एक ठउर प बटुरा रहेन।
2 तब्बइ हुवाँ एकाएक आकासे स खउफनाक आँधी क सब्द आवा। अउर जउन घरे मँ उ पचे बइठा रहेन, ओहमाँ समाइ गवा।
3 अउर आगी क उठत लपट जइसी जीभ हुँवा समन्वा देखॉइ देइ लाग। अउर ओनका आगी क उठत लपट जइसी जिभिया देखॉइ लागिन। उ सबइ बँटी भइ जीभ एक क ऊपर आइ ठहरिन।
4 उ पचे पवित्तर आतिमा स भावित भएन। अउर आतिमा स दीन्ह गए सामर्थ क अनुसार उ सबइ भाखन मँ बोलइ लागेन।
5 हुवाँ यरूसलेम मँ अकास क तरे सबहिं देसन स आवा भएन यहूदी भगत रहत रहेन।
6 जबहिं इ सब्द क आवाज सुनि गई तैसहिं एक भीड़ बटुर गइ। उ पचे अचरज मँ पड़ा रहेन काहेकि हर कउनो ओनका आपन भाखा मँ बोलत सुनेस।
7 उ पचे अचम्भा मँ घबड़ियाइके बोलेन, “इ सबइ बोलवइया मनइयन गलीली नाहीं अहइँ।
8 फिन हम पचन मँ स हर कउनो ओनका आपन मातृभाखा मँ बोलत भवा कइसे सनत अहइ?
9 हुवाँ पारथी, मोदी अउर एलामी, मोसोपोटामिया क बसइया, यहूदिया अउर कप्पूदूकिया, पुन्तुस अउर एसिया।
10 फ्रूगिया अउर पंफलिया, मिस्त्र अउर कूरेने सहर क निअरे लिबिया क कछू पहँटा क मनइयन, रोम स आवा भएन सैलानी,
11 जेहमाँ जन्मा भवा यहूदी अउर यहूदी धरम क मनइयन, क्रेती अउर अरबी लोग हम सबइ परमेस्सर क अचरज कारजन क आपन आपन भाखा मँ सुनत अहइँ।”
12 उ पचे सबइ अचम्भा मँ पड़िके भउचक्का होइके आपुस मँ पूछइ लागेन, “इ का होत अहइ?”
13 मुला दूसर मनइयन प्रेरितन क मसखरी करत भए बोलेन, “इ सबइ कछू जिआदा दाखरस पिए बाटेन।”
14 फिन गियारह प्रेरितन क संग पतरस खड़ा भवा अउर ऊँची अवाज मँ मनइयन क गोहराइ क कहइ लाग, “यहूदी भाइयो अउर यरुसलेम क सबहिं बासिंदा, ऍकर अरथ मोका बतावइ द्या। मोरे बचन क धियान स सुना।
15 इ पचे पिए नाहीं अहइँ, जइसा की तू पचे बूझत अहा। काहेकि अबहिं तउ भिन्सारे क नौ बजा अहइ।
16 Vमुला इ बात अहइ जेकरे बारे मँ योएल नबी कहे रहा:
17 ‘परमेस्सर कहत ह:आखिरी दिना मँ अइसा होइ कि मइँ सबहिं मनइयन प अपने आतिमा उड़ेल देब फिन तोहार पूत अउर बिटिया भविस्सबाणी करइ लगिहीं। अउर तोहार जवान मनई दर्सन पइहीं अउर तोहार बुढ़वा लोग सपना देखिहीं।
18 हाँ उ दिना मइँ आपन नउकर अउर नउकरानी प आपन आतिमा उडेर देब अउर उ पचे भविस्सबाणी करिहीं।
19 मइँ ऊपर अकासे मँ अचरज कारजन अउर तरखाले भुइयाँ प चीन्हा देखाउब, खून, आगी अउर धुआँ क बादर।
20 सूरज अँधियारा मँ अउर चाँद रकत मँ बदल जाइ, अउर जब पर्भू क दिव्य अउर महान दिन आइ।
21 अउर तब हर उ कउनो क बचाव होइ जउन पर्भू क नाउँ पुकारी।’ योएल 2:28-32
22 “ओ इस्राएलियो! इ बचन क सुना: नासरी ईसू एक ठू अइसा मनई रहा जेका परमेस्सर तोहरे समन्वा अद्भुत कारज, अचरज कारजन अउर अद्भुत चीन्हन क साथ जेका परमेस्सर आपन खुद किहे रहा तोहरे बीच ओका परगट किहेस। जइसा कि तू खुद जानत ह।
23 ई मनई तोहका कउनो तय कीन्ह भइ जोजना अउर पहिले क गियान क अनुसार तोहरे हवाले कीन्ह गवा रहा अउर तू पचे ओका अधर्मियन क हाथे पकड़वाइके क्रूस प चढ़वाया अउर खीला ठोंकवाइके मरवाइ दिहा।
24 मुला परमेस्सर मउत क दुःखे स अजाद कराइके फिन जिआइ दिहेस। काहेकि ओकरे बरे इ होइवाला नाहीं रहा कि मउत ओका राखि पावत।
25 जइसा कि दाऊद ओकरे बारे मँ कहेस ह:‘मइँ हमेसा पर्भू क आपन समन्वा देखेउँ ह। उ मोरे दाहिन कइँती बिराजत अहइ, काहेकि मइँ डुग न पावउँ।
26 ऍहसे मोर हिरदय खुस अहइ अउर मोर बाणी आनन्द मँ बा; मोर देह भी आसा मँ जिई।
27 तू मोर आतिमा क अधोलोक मँ न छोड़ब्या। तू आपन पवित्तर जन क नास क अनुभव न होइ देब्या।
28 तू ही मोरी जिन्नगी क राह क गियान कराइ दिहा ह। अउर तू ही आपन हाजिरी स मोका आनन्द स पूरा कइ देब्या।’ भजन संहिता 16:8-11
29 “मोरे भाइयन, मइँ पतिआइके आदि मनई दाऊद क बारे मँ तू पचन्स कहि सकत हउँ कि ओकर मउत होइ गइ अउर ओका माटी दइ दीन्ह गइ। अउर ओकर कब्र हमरे हियाँ आजु तलक मौजूद बा।
30 मूला काहेकि उ एक नबी रहा अउर जानत रहा परमेस्सर सपथ खाइके ओका बचन दिहेस ह कि उ ओकरे वंस मँ स कउनो एक क सिंहासने प बइठाई।
31 यह बरे अगवा जउन होइ क बाटइ, ओका दाऊद लखत भए उ सब इ कहे रहा कि:‘ओका अधोलोक मँ नाहीं छोरा गवा अउर न ही ओकरे देह स सड़ब गलब क अंजाद लगाएस।’तउ उ मसीह क पुनरूत्थान क बारे मँ ही कहे रहा।
32 इहइ ईसू क परमेस्सर पुनरूत्थान कइ दिहेस। इ सच्चाई क हम पचे साच्छी अही।
33 परमेस्सर क दाहिन हाथे कइँती सबन ते उँचका ओहदा पाइके ईसू पिता स सपथ क अनुसार पवित्त्र आतिमा पाएस अउर फिन उ इ आतिमा क उड़ेरेस जेका अब तू लखत बाट्या अउर सुनत बाट्या।
34 दाऊद सरगे मँ नाहीं गवा तउ उ खुद कहत ह:‘पर्भू (परमेस्सर) मोर पर्भू स कहेस: मोरे दाहिने बइठा, जब ताई मइँ
35 तोहरे बैरिन क तोहरे गोड़वा तरे गोड़ धरइ क चउकी न बनइ देइ।’ भजन संहिता 110:1
36 “यह बरे इस्त्राएल क समूचइ मनइयन ठीक तरह स समुझ लेइ कि परमेस्सर इ ईसू क जेका तू पचे क्रूस प चढ़ाइ दिहे रहा, पर्भू अउर मसीह दुइनउँ ठहरावा ग रहेन!”
37 मनइयन जब इ सुनेन तउ उ पचे घबराइ गएन अउर पतरस अउर दूसर प्रेरितन स कहेन, “तउ भाई, हम सबन क का करइ चाही?”
38 पतरस ओनसे कहेस, “मनफिराओ अउर आपन पापे क छमा पावइ बरे तू पचन मँ स हर एक क ईसू मसीह क नाउँ स बपतिस्मा लेइ चाही। फिन तू पवित्तर आतिमा क उपहार मँ पउब्या।
39 काहेकि इ सपथ तोहरे बरे, तोहरे संतान बरे अउर ओन सब कामे बरे अहइ जउन बहोत दूर बाटेन। इ सपथ ओन सब बरे अहइ जेनका हमार पर्भू परमेस्सर आपन लगे बोलावत ह।”
40 अउर बहोत स बचन स उ ओनका चिताउनी दिहेस अउर समझाय के ओनसे कहेस, “इ कुमार्गी पीढ़ी स आपन खुद क बचावा!”
41 तउ जउन ओकरे संदेसा क अंगीकार किहेन, ओनका बपतिस्मा दीन्ह गवा। इ तरह उ दिना उ बिसवासियन क झुण्ड मँ कउनो तीनजहार मनई अउर जुड़ गएन।
42 उ पचे प्रेरितन क उपदेस, संगत, रोटी क तोड़इ अउर पराथना करइ मँ जिअरा लगाइ दिहन।
43 हर मनई प भय रहा अउर प्रेरितन क जरिये बहुत अचरज कारजन अउर अद्भुत चीन्हन परगट कीन्ह जात रहेन।
44 सबहिं बिसवासी एक संग बटुरत रहेन अउर ओनके लगे जउन कछू रहा, उ पचे आपुस मँ बाँट लेत रहेन।
45 उ पचे आपन सबहिं चीजन अउर धन-दौलत बेंचेन अउर ओन सब चिजन्क आपुस मँ बाँटि लिहन, जइसे जेका जरूरत रही।
46 अउर उ पचे हर दिन मन्दिर मँ एक उदेस्स स मिलि जात रहेन। उ पचे घरे मँ रोटी तोड़ लेतेन अउर आनन्द अउर निर्मल मन स खात रहेन।
47 उ पचे सब मनइयन क नीक बिचार क आनन्द लेत भए पर्भू क स्तुति गवात रहेन। अउर हर दिन परमेस्सर, जेनकइ उद्धार करत, ओनकइ दल मँ अउर जोरि दीन्ह जात।
Acts 3
1 दुपहरिया क बाद तीन बजे पराथना क समइ पतरस अउर यूहन्ना मन्दिर जात रहेन।
2 तबहिं एक ठु अइसा मनई जउन जनम स ही लँगड़ा रहा, लइ जावा जात रहा। उ पचे हर दिना ओका मन्दिर क सुन्नर नाउँ क फाटक प बइठाइ देत रहेन। काहेकि उ मन्दिर मँ जाइवाला मनइयन स पइसा माँग सकइ।
3 ई मनई ने जब देखा यूहन्ना अउर पतरस मन्दिर मँ प्रवेस करयवाला अहइँ तउ ओनसे पइसा मांगेस।
4 यूहन्ना क संग पतरस ओकरी कइँती लखत भए बोलेन, “हमरी कइँती लखा।”
5 तउ उ ओनसे कछू मिल जाइ क आसा करत भवा ओनकर कइँती लखेस।
6 मुला पतरस कहेस, “मोरे लगे सोना या चाँदी तउ अहइ नाहीं मुला जउन कछू अहइ, मइँ तोहका देत हउँ। नासरी ईसू मसीह क नाउँ स ठाड़ ह्वा अउर चला।”
7 फिन ओकर दाहिन हथवा धइके ओका उठाएस, फउरन ओकरे गोड़वा अउर अखनी मँ जान आइ गइ।
8 अउर उ फिन आपन गोड़वा क बल उछरा अउर चल दिहस। उ उछरत कूदत चलत अउर परमेस्सर क स्तुति गावत ओनकइ संग मन्दिर मँ घुसा।
9 सबहिं मनइयन ओका चलत अउर परमेस्सर क स्तूति गावत लखेन।
10 पहिचानेन कि इ उहइ अहइ जउन मन्दिर क सुन्नर दुआरे प बइठा भीख माँगत रहा। ओकरे संग जउन कछू भवा रहा ओह पइ उ पचे अचरज स भरि अउर चकित होइ गएन।
11 उ मनई अबहिं पतरस अउर यूहन्ना क संग रहा। तउ सबहिं मनई अचम्भा मँ पड़िके उ ठउर प ओकरे लगे दउड़त दउड़त आएऩ जउन सुलैमान क ड्यौढ़ी कहवावत रहा।
12 पतरस जब इ लखेस तउ उ मनइयन स बोला, “हे इस्त्राएल क मनइयन, तू पचे इ बाते प चकित काहे होत बाट्या? अइसे घूरि घूरिके हमका काहे लखत बाट्या, जइसे मान ल्या हम ही आपन सक्ती या बल प इ मनई क चलइ फिरइ जोग्ग बनइ दीन्ह ह।
13 इब्राहीम, इसहाक अउर याकूब क परमेस्सर, हमरे पूर्वजन क परमेस्सर आपन सेवक ईसू क महिमा स बखानेस। अउर तू पचे ओका मरवावइ बरे धरवाइ दिहा। अउर फिन पिलातुस क जरिए, ओका छोर दिहे जाए क जिअरा मँ ठान लेइ स पिलातुस क समन्वा तू पचे ओका मानइ स इनकार कइ दिहा।
14 ईसू पवित्तर अउर भोला रहा मुला तू ओका मान्या नाहीं अउर माँग्या कि एक हत्तियारा क तोहरे बरे छोर दीन्ह जाइ।
15 जो मनइयन क जिन्नगी देत रहा ओका तू मारि डाया मुला परमेस्सर मरा भवा मँ स ओका पुनर्जीवन दिहस। हम ऍकर साच्छी अही।
16 इ ईसू क सक्ती रही जउन इ लँगड़ा क चंगा किहेस। इ भवा काहेकि हम ईसू क सक्ती मँ पतिआइत ह। तू पचे इ मनई क लख सकत ह अउर तू सबइ ओका जानत ह। उ पूरी तरह स चंगा होइ गवा काहेकि उ ईसू मँ ओकर बिसवास रहा। तू पचे निहर्या कि इ सब कछू भवा।
17 “हे भाइयो, अब मइँ जानत हउँ कि जइसे अग्याने मँ तू सबइ वइसा ही किहा, वइसा ही तोहार ही नेतन किहेन।
18 परमेस्सर आपन सबहिं नबियन क मुँहना स बकरवाइ दिहेस कि ओकरे मसीह क दुःख भोगे पड़ी। उ इ तरह पूरा किहेस।
19 यह बरे तू आपन मनफिरावा अउर परमेस्सर कइँती फिरि आवा काहेकि तोहार पाप धोइ दीन्ह जाँइ।
20 जेसे पर्भू क हाजिर होइ क समइ आतिमा क सान्ति क समइ आइ जाइ अउर पर्भू तोहरे बरे मसीह क पठवइ जेका उ तोहरे बरे चुन लिहे बा, कहइ क अरथ ईसू मसी।
21 मसीह क उ समइ तलक सरग मँ रहइ क होइ जब ताई सबहिं बातन पहिले जइसी न होंइ जेनके बारे मँ बहोत पहिले ही परमेस्सर पवित्तर नबियन क मुँहना स बताइ दिहे रहा।
22 मूसा कहे रहा, ‘पर्भू परमेस्सर तोहरे बरे, तोहरे आपन लोगन मँ स ही एक मोरे जइसा नबी खड़ा करी। उ तू पचन स जउन कछू कहइ, तू पचे उहइ प चल्या।
23 अउर जउन मनई उ, इ नबी क बात न सुनी, मनइयन मँ स ओका परमेस्सर क मनइयन स अलग कर दीन्ह जाइ।’
24 समूएल अउर ओकरे पाछे आए भए सबहिं नबियन जब कबहुँ कछू कहेन तउ एनही दिनन क एलान किहेन।
25 अउ तू सबइ तउ ओन नबियन अउर उ करार क उत्तराधिकारी अहा जेका परमेस्सर तोहरे पूर्वजन क संग किहे रहा। उ इब्राहीम स कहे रहा, ‘तोहरे सन्ताने स धरती क सभी रास्ट्र क मनइयन आसीर्बाद पइहीं।’
26 परमेस्सर जब आपन सेवक क पुनर्जीवित किहेस तउ पहिले पहिले उ तोहरे लगे पठएस काहेकि तू पचन्क तोहरे बुरे राहे स दूर कइके आसीर्बाद देइ।”
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Acts 4
1 अबहिं पतरस अउर यूहन्ना मनइयन स बतियात रहेन कि याजक, मन्दिर क सिपाहियन क मुखिया अउर कछू सदूकीयन ओनकइ लगे आएन।
2 उ पचे ओनसे इ बाते प भिनका रहेन कि पतरस अउर यूहन्ना उपदेस देत भए ईसू क मरे हुएन मँ स जी उठइ क जरिए पुनरूत्थान क प्रचार करत रहेन।
3 तउ उ पचे ओका बन्दी बनइ लिहेन अउर काहेकि उ समइ साँझ होइ ग रही, ऍह बरे दूसर दिना हौलात मँ राखेन।
4 मुला उ पचे उ संदेसा सुनेन कि ओनमाँ स बहोतन ओह प बिसवास अउर इ तरह ओनकइ गनती पाँच हजार ताईं पहोंच गइ।
5 दूसरे दिन यहूदी नेतन बुजुर्ग यहदी नेतन अउर धरम सास्तिरियन यरूसलेम मँ बटुरेन।
6 महायाजक हन्ना, काइफा, यूहन्ना, सिकन्दर अउर महायाजक क परिवारे क सबहिं मनई भी हुवाँ हाजिर रहेन।
7 उ सबइ इ प्रेरितन क आपन समन्वा खड़ा कइके पूछइ लागेन, “तू पचे कउने सक्ती या अधिकार स इ काम किहे ह?”
8 फिन पवित्तर आतिमाक सवार होए स पतरस ओनसे कहेस, “हे मनइयन क नेतन अउर बुजुर्ग नेतन।
9 जदि आजु हमसे एक बीमार मनई क संग कीन्ह भलाई क बारे मँ इ पूछब पछोरब होत अहइ कि उ नीक कइसे होइ गवा।
10 तउ तू सबन्क अउर इस्राएल क मनइयन क इ पता होइ जाइ चाही कि इ काम नासरी ईसू मसीह क नाउँ स भवा ह जेका तू पचे क्रूस प चढ़ाइ दिहा ह जेका परमेस्सर मरि जाए प पुनर्जीवित कइ दिहस ह। उहइ क जरिए पूरी तरह स नीक भवा इ मनई तोहरे समन्वा ठाड़ बा।
11 इ ईसू उहइ‘पाथर अहइ जेका तू सबइ राजमिस्तरी लोग तुच्छ जान्या रहा, उहइ बहोत खास पाथर बन गवा अहइ।’ भजन संहिता 118:22
12 कउनो दूसर स उद्धार नाहीं अहइ, संसारे मँ अउर दूसर नाउँ नाहीं अहइ जेहसे मानव जाति बचाई जाय सकइ। हम सब ईसू स ही उद्धार पाउब!”
13 उ पचे जब पतरस अउर यूहन्ना क निडर होब निहारेन अउर इ समुझेन कि पतरस अउर यूहन्ना अनपढ़ अउर साधारण मनइ रहेन तउ ओनका बहोत अचरज भवा। फिन उ पचे जान गएन कि इ सबइ ईसू क संग रहि चुका बाटेन।
14 अउर काहेकि उ पचे उ मनई क जउन चंगा भ रहा, ओनकइ संग खड़ा भवा लखत रहेन। तउ ओनकइ लगे तनिकउ बोलइ क कछू नाहीं रहा।
15 उ पचे ओनसे यहूदी महासभा स निकर जाइ क कहेन अउर फिन उ सबइ इ कहत भए आपुस मँ बिचार करइ लागेन कि
16 “इ पचन्क संग कइसा बिवहार कीन्ह जाइ? काहेकि यरूसलेम मँ बसइया हर कउनो जानत ह कि ऍनके जरिये एक ठु अजरज क काम कीन्ह गवा ह अउर हम ओका मना नाहीं कइ सकित।
17 मुला हम ऍनका चिताउनी दइ देइ कि उ सबइ इ नाउँ क बात कउनो अउर मनई स जिन करइँ काहेकि मनइयन म इ बात क संचरइ क अउर फैलि जाइ स रोक जाइ सकइ।”
18 तउ पचे ओनका भीतर बोलाएन अउर हुकुम दिहेन कि उ पचे ईसू क नाउँ पन तउ कउनो स कछू बात करइँ अउर न ही उपदेस देइँ।
19 मुला पतरस अउर यूहन्ना ओनका जवाब दिहेन, “तू पचे ही फरियावा, क परमेस्सर क समन्वा हमरे बरे इ नीक होइ कि परमेस्सर न सुनिके हम तोहार सुनी?
20 हम, जउन कछू हम पचे लखा ह अउर सुना ह, ओका कहे क आलावा अउर कछू नाहिं कर सकित।”
21 फिन उ पचे ओनका धमकाए क पाछे छोड़ दिहन। ओनका सजा देइ क कउनो रस्ता नाहीं मिलि सका काहेकि जउन कछू भवा रहा, ओकरे बरे सबहिं मनइयन परमेस्सर क स्तुति करत रहेन। जउने मनई क नीक करइ क इ काम कीन्ह गवा रहा, ओकर उमिर चालीस बरिस स जिआदा रही।
22
23 जब ओनका छोड़ दीन्ह गवा तउ आपन ही मनइयन क लगे आइ गएन अउर ओनसे जउन कछू मुख्ययाजक अउर बुजुर्ग यहूदी नेतन कहेन, उ सब ओनका कहिके सुनावा गवा।
24 जब उ पचे इ सुनेन तउ मिलिके उँची आवाज मँ परमेस्सर क गोहरावत भवा बोलेन, “स्वामी, तू ही अकास, धरती, समुद्दर अउर ओकरे अंदर जउन कछू अहइ, ओका बनाया ह।
25 तू ही पवित्तर आतिमा क जरिये आपन सेवक, हमरे पूर्वज दाऊद क मुँहना स कहे रहा:‘देखाएन इ जानित आपन अहंकार काहे? मनइयन वृथा ही कुचाल काहे किहेन?
26 इ धरती क राजा लोग आपन क तइयार किहेन ओनके खिलाफ जुद्ध बरे। अउर राजा बटुर गएन पर्भू अउर ओकरे मसीह क खिलाफत मँ।’ भजन संहिता 2:1-2
27 हाँ, हेरोदेस अउर पुन्तियूस पिलातुस भी इ सहर मँ गैर यहूदियन अउर इस्त्राएलियन क संग मिलिके तोहरे पवित्तर सेवक ईसू क खिलाफ, जेकर तू मसीह रूप मँ अभिसेक किहे ह, सचमुच उ पचे एक अउट ग रहेन।
28 उ पचे बटुर गएन काहेकि तोहार सक्ती अउर इच्छा क अनुसार जउन कछू पहिले ही तय होइ चुका रहा उ पूरा होइ।
29 अउर अबहिं हे पर्भू, ओनकइ धमकिन प धियान द्या अउर आपन सेवक लोगन क निडर होइके ‘तोहार बचन’ सुनावइ क सक्ती द्या।
30 जब कि चंगा किहे क पाछे आपन हाथ बढ़ाया अउर अद्भुत चीन्हन अउर अद्भुत कारजन तोहरे पवित्तर सेवकन क जरिये ईसू क नाउँ प कीन्ह जात रहत हीं।”
31 जब उ पचे पराथना कइ चुकेन तउ जउने ठउरे प उ सबइ बटुरा रहेन, उ हल गवा अउर ओन सब मँ ‘पवित्तर आतिमा’ समाइ गवा। अउर उ पचे निडर होइके परमेस्सर क बचन बोलइ लागेन।
32 बिसवासियन क इ समूचा दल एक मन अउर एक आतिमा स साथ रहा। कउनो भी इ नाहीं कहत रहा कि ओकर कउनो भी चीज ओकर आपन अहइ। ओनकइ लगे जउन कछू होत, उ पचे सब कछू क आपुस मँ बाँट लेतेन।
33 अउर प्रेरितन पूरी सक्ती क संग पर्भू ईसू क पुनरूत्थान क बारे मँ साच्छी देत रहेन। परमेस्सर क महान बरदान ओन पइ बना रहत।
34 दले मँ कउनो क कउनो चीज क कमी नाहीं रहत रही। काहेकि जउन कउनो क लगे खेत या घर होत, उ पचे ओका बेच देत रहेन अउर ओसे जउन धन मिलत,
35 ओका लिआइके प्रेरितन क गोड़वा प धइ देतेन। अउर जेका जेतॅनी जरूरत होत, ओका ओतॅना धन दइ दीन्ह जात।
36 उदाहरण बरे यूसुफ नाउँ क, साइप्रस मँ पइदा भवा, एक लेवी रहा, जेका प्रेरितन बरनाबास (अर्थात् “सान्ति क पूत”) भी कहा करत रहेन।
37 उ एक ठु खेत बेंच दिहेस जेकर उ मालिक रहा अउर उ धन लाइके प्रेरितन क गोड़वा प धइ दिहस।
Acts 5
1 हनन्याह नाउँ क एक मनई अउर ओकर पतनी सफीरा मिलिके आपन दौलत क एक हींसा बेंच दिहेन।
2 अउ आपन पतनी क जानकारी मँ एहमाँ स कछू धन जुरय लिहेन। अउर कछू धन प्रेरितन क गोड़वा प धइ दिहेन।
3 ऍह पइ पतरस कहेस, “अरे हनन्याह, सइतान क तू आपन मन मँ इ बात नाइ देइ दिहा कि तू पवित्तर आतिमा स झूठ बोल्या अउर धरती क बेंच स मिला धन मँ स तनिक बचाइके धइ लिहा?
4 ओका बेंचइ स पहिले का उ तोहार ही नाहीं रही? अउर जब तू ओका बेंच दिहा तउ उ धन का तोहरे कब्जा मँ नाहीं रहा? तू इ बात क काहे सोच्या? तू मनइयन स नाहीं, परमेस्सर स झूठ बोल्या ह।”
5 हनन्याह जबहिं इ सब्दन क सुनेस तउ उ चकराइके गिरि गवा अउर दम तोड़ दिहस। जउन कउनो भी इ बारे मँ सुनेस, सबन प गहिर भय छाइ गवा।
6 फिन जवान पुरूसन उठिके ओका कफन मँ लपेटेन अउर बाहेर लइ जाइके गाड़ दिहेन।
7 कउनो तीन घण्टा पाछे, जउन कछू भवा रहा, ओका न जानत भइ ओकर पतनी भितरे आइ
8 पतरस ओसे कहेस, “बतावा, तू आपन खेत क ऍतने मँ ही बेच्या ह?”तउ उ कहेस, “हाँ, ऍतना मँ ही।”
9 तबहिं पतरस ओसे कहेस, “तू पचे दुइनउँ पर्भू क आतिमा क परीच्छा बरे काहे मान लिहा? लखा तोहरे भतारे क दफनावइवालन क गोड़ दुआरे ताई आइ ग अहइ अउर उ पचे तोहका भी ढोइ लइ जइहीं।”
10 तब उ ओकरे गोड़े प गिरि पड़ी अउर मरि गइ। फिन जवान परूसन भितरे आएन अउर ओका मरा पाएन। तउ उ पचे ओका ढोइके ओकरे पति क लगे ओका गाड़ दिहन।
11 तउ समूचइ कलीसिया अउर जउन कउनो इ बात क सुनेस, ओन सब प गहिरा भय छाइ गवा।
12 प्रेरितन क जरिये मनइयन क बीच बहोत स अद्भुत कारजन परगट होत रहेन अउर अचरज कारजन कीन्ह जात रहेन। उ पचे सबहिं सुलैमान क ओसारे मँ बटुरा रहेन।
13 मुला ओनमाँ स कउनो क हिम्मत प्रेरितन मँ मिलइ बरे नाहीं होत रही। मुला मनइयन ओनकइ गुन खूब गावत रहेन।
14 ओहर पर्भू प बिसवास करइवालन स्त्रियन अउर पुरूसन जिआदा स जिआदा बाढ़त जात रहेन।
15 ऍकरे कारण मनइयन आपन कछू बीमार लोगन क लइके खटिया अउर बिछौना प गलियन मँ ओलारइ लागेन काहेकि तबहिं पतरस ओहर स निकरा तउ ओनमाँ स कछू प कमती स कमती छाया पड़ि सकइ।
16 यरूसलेम क आसपास क नगर स लोग आपन बेरमियन अउर दुस्ट आतिमा स सतावा गएन मनइयन क लइके आवइ लागेन। अउर सबहिं चंगा होइ जात रहेन।
17 फिन महा याजक अउर ओकर संगी यानी सदूकियन क दल, ओनकइ खिलाफ खड़ा होइ गएन। उ पचे मने मँ कुढ़त रहेन।
18 यह बरे उ पचे प्रेरितन क बंदी बनाइ लिहन अउर ओनका कैदखाना मँ बन्द कइ दिहेन।
19 मुला राति क समइ पर्भू क एक दूत कैद क फाटक खोल दिहस। उ ओनका बाहेर लइ जाइके कहेस,
20 “जा, मन्दिर मँ ठाड़ होइ जा अउर इ नई जिन्नगी क बारे मँ मनइयन क सब कछू बतावा।”
21 जबहिं उ पचे इ सुनेन तउ भोरहिं तड़के मन्दिर मँ घुसि गएन अउर उपदेस देइ लागेन।फिन जब महायाजक अउर ओकर संगी हुवाँ पहोंचेन तउ उ पचे यहूदी संघ अउर इस्राएल क बुजुर्ग क पूरी सभा न्योतेन। उ पचे कैदखाना स प्रेरितन क बोलवावइ पठएन।
22 किन्तु जब अधिकारी कैदखाना मँ पहुँचेन तउ उ पचे प्रेरितन क हुवाँ नाहीं पाएन। उ पचे लौटिके ऍका बताएन अउर
23 कहेन, “हम पचे कैदखाना मँ सुरच्छा क लगा भवा ताला अउर दुआरे प तैनात सुरच्छाकारियन क पावा। मुला जब हम दरवाजा खोला तउ हमका भितरे कउनो नाहीं मिला।”
24 जइसेन मन्दिर क सुरच्छाकारी अउर मुख्य़याजकन इ सब्दन क सुनेन तउ उ पचे चकराइ गएन अउ सोचइ लागेन, “अब का होई।”
25 ऍतने मँ कउनो दूसर मनई आवा अउर ओनका बताएस, “जेनका तू पचे जेल मँ धाँध दिहा ह, उ पचे मन्दिर मँ खड़ा होइके उपदेस देत बाटेन।”
26 तउ सुरच्छाकारी आपन अधिकारी संग हुवाँ गवा अउर बिना ताकत क प्रयोग किए ओनका वापस धइ लिआवा काहेकि उ पचे डेरात रहेन कि कहूँ मनई ओनका (मन्दिर क सुरच्छा कर्मी) पाथर स न मारइँ।
27 उ पचे ओनका भितरे लइ आएन अउर सबन त ऊँचकी यहूदी सभा क समन्वा खड़ा कइ दिहन। फिन महायाजक ओनसे फरियावत भवा पूछेस,
28 “हम इ नाउँ स उपदेस न देइ बरे तोहका करर्ा हुकुम दिहे रहे। अउर तू पचे फिन भी समूचइ यरूसलेम क आपन उपदेस स भरि दिहा ह।अउर तू पचे इ मनई क मउत क अपराध हम पचे लइ लादइ चाहत बाट्या।”
29 पतरस अउर दूसर प्रेरितन जवाब दिहेन, “हमका मनइयन क बनिस्बद परमेस्सर क आग्या मानइ चाही।
30 उ ईसू क हमरे पूर्वन क परमेस्सर मउत स फिन जीवित कइके खड़ा कइ दिहेस ह जेका एक सूली प टाँगिके तू पचे मार डाया।
31 ओका ही प्रमुख अउर उद्धारकर्त्ता क रूप मँ बड़कइ देत भवा परमेस्सर आपन दाहिन हाथे कइँती बइठाएस काहेकि इस्राएलियन क मनफिराव अउर पाप क छमा दीन्ह जाइ सकइ।
32 ऍन सबन बातन क हम साच्छी अही अउर वइसे ही पवित्तर आतिमा भी बा उहइ परमेस्सर ओनका दिहेस ह जउन ओकरे आज्ञा क मानत हीं।”
33 जब उ पचे इ सुनेन तउ उ पचे कोहाइ गएन अउर ओनका मारि डावइ चाहेन।
34 मुला महासभा मँ स एक गमलिएल नाउँ क फरीसियन जउन धरमसास्तिरी अध्यापक रहा अउर जेकर सब लोग मान सम्मान करत रहेन, ठाड़ भवा अउर हुकुम दिहेस कि ऍनका तनिक देरी बरे बाहेर कइ दीन्ह जाइ।
35 फिन उ ओनसे कहेस, “इस्राएल क पुरूसो, तू पचे इ मनइयन क संग जउन कछू करइ प उतारू अहा, ओका सोच बिचारिके किहा।
36 कछू समइ पहिले आपन क बड़कवा एलान करत भवा थियूदास परगट भवा। ओर कउनो चार सौ मनई ओकरे पाछे भी होइ गएन, मुला उ मार डावा गवा अउर ओकर सबहिं मनइयन एहर ओहर छिटक गएन। ओकरे फल कछू नाहीं निकरा।
37 ओकरे पाछे जनगणना क समइ गलीली क बसइया यहूदा परगट भवा। उ भी कछू मनइयन क आपन पाछे कइँती हैच लिहेस। उ भी मारि डावा गवा। ओकर भी सबहिं एहर ओहर होइ गएन।
38 यह बरे अबहिं मइँ तू पचन्स कहत हउँ, इ मनइयन स अलग रहा, ऍनका अइसे ही अकेल्ँलेे छोरि द्या काहेकि ऍनकइ इ चाल या काम मनई कइँती स अहइ तउ खुद नास होइ जाइ।
39 मुला जदि उ परमेस्सर स अहइ तउ तू पचे ओनका रोक न पउब्या। अउर तब होइ सकत ह तू आपन खुद क ही परमेस्सर क खिलाफ लड़त भिड़त पउब्या!”उ पचे जइसा गेमलिएल कहेस मान लिहेन।
40 अउर प्रेरितन क भितरे बोलाइके उ पचे कोड़ा लगवाएन अउर इ आज्ञा दइके कि उ पचे ईसू क नाउँ क कउनो चर्चा न करइँ, ओनका जाइ दिहेन।
41 तउ उ पचे प्रेरितन इ बात क मजा मारत भए ओनका ओकरे नाउँ बरे बेज्जत रहइ क जोग्ग गना गवा ह, यहूदी महासभा स बाहिर चला गएन।
42 फिन मन्दिर अउर घर-घर मँ हर रोज इ सुसमाचार कि ईसू मसीह अहइ उपदेस देब अउर प्रचार करब उ पचे कबहुँ नाहीं तजेन।
Acts 6
1 उ दिनन जबहिं चेलन क गनती बाढ़त रही, तउ यूनानी बोलवइया अउर इब्रानी बोलवइया यहूदियन मँ एक झगड़ा होइ गवा काहेकि रोजाना विधवावन क चीज बाँटइ मँ ओनकइ सुधि नाहीं लीन्ह जात।
2 तउ बारहुँ प्रेरिन क समूची मण्डली क एक साथे बोलाइके कहेन, “हम सबइ बरे परमेस्सर क बचन क सेवकइ तजिके खिलाने क इन्तजाम करब नीक नाहीं अहइ।
3 भाइयन, आपन मँ स सात नामी मनइयन क पवित्तर आतिमा अउर सूझबूझ स भरा भवा सात मनइयन क चुनिल्या। हम ओनका इ कामे क हकदार बनइ देइ।
4 अउर आपन आपका पराथना अउर बचन क सेवा क कामे मँ जिअरा लगाइ क राखब।”
5 इ सुझावे स समूचइ मण्डली बहोत खुस भइ। तउ उ पचे बिसवास अउर पवित्तर आतिमा स भरा भवा स्तिफनुस नाउँ क मनई क अउर फिलिप्पुस, प्रखुरुस, नीकानोर, तिमोन, परमिनास अउर अन्ताकिया क निकुलाऊस क यहूदी धरम क कबूले रहा, चुन लिहेस।
6 अउर इ मनइयन क फिन उ पचे प्रेरितन क समन्वा हाजिर कइ दिहन। प्रेरितन पराथना किहेन अउर ओन पइ हाथ धरेन।
7 इ तरह परमेस्सर क बचन संचरइ लाग अउर यरूसलेम मँ चलेन क गनती बहोत बाढ़इ लाग। याजकन क एक बहोत बड़ा गुट भी इ मत क मानइ लाग।
8 स्तिफनुस एक अइसा मनई रहा जउन अनुग्रह अउर सामर्थ स भरपूर रहा। उ मनइयन क बीच बड़ा बड़ा अद्भुत कारजन अउर अद्भुत चीन्हन परगट करत रहा।
9 मुला अजाद कीन्ह भवा अइसा कहवावात मनइयन मँ स कछू लोग जउन कुरेनी अउर सिकन्दरिया, अउर किलिकिया अउर एसिया स आवा भएन यहूदी रहेन, उ पचे ओनकइ खिलाफ बहस करइ लागेन।
10 मुला उ जउन बुद्धिमानी अउर आतिमा स बोलत रहा, उ पचे ओकरे समन्वा नाहीं टिक पाएन।
11 फिन उ पचे कछू क लालच दइके कहवाएऩ, “हम पचे मूसा अउर परमेस्सर क खिलाफ एँका बेज्जत स भरा सबद कहत सुना ह।”
12 इ तरह उ पचे जनता क बुजुर्ग यहूदी नेतन क, अउर धरम सास्तिरियन लोगन्क हुस्काइ दिहेन। फिन उ पचे ओका आइके धइ लिहेन अउर सबन स सर्वोच्च यहूदी महासभा क समन्वा लइ आएन।
13 उ पचे उ सब लबार गवाह हाजिर किहेन जउन कहेन, “इ मनई इ पवित्तर ठउर अउर व्यवस्था क खिलाफ बोलत बालत कबहुँ रूकत नाहीं बा।
14 हम ऍका कहत सुना ह कि इ नासरी ईसू इ जगह क नास कइ देइ अउर मूसा जउन रीति-रिवाज क हमका दिहे अहइ ओका बदल देइ।”
15 फिन सबन स सर्वोच्च यहूदी महासभा मँ बइठा भए सबहिं मनइयन मँ ओका धियान स लखा तउ पावा कि ओकर मुहँना कउनो सरगदूत क नाई देखाई देत रहा।
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Acts 7
1 फिन महायाजक कहेस, “का इ बात अइसे ही अहइ?”
2 उ जवाब दिहस, “भाइयो, अउर बाप क समान बुजुर्गन, मोर बात सुना। हारान मँ बसइ स पहिले अबहिं जब हमार बाप इब्राहीम मेसोपोटामिया मँ रहा, तउ महिमा वाला परमेस्सर ओका दर्सन दिहेस
3 अउर कहेस, ‘आपन देस अउर आपन रिस्तेदारन क तजिके तू उ धरती प चला जा, जेका तोहॅका मइँ देखॅउब।’
4 “तउ उ कसदियन क धरती क तजिके हारान मँ बसि गवा जहाँ ते ओकरे पिता क मउत क पाछे परमेस्सर ओका इ देस मँ आवइ क न्योतेस जहाँ तू पचे अबहिं रहत बाट्या।
5 परमेस्सर हियाँ ओका हेबानामा मँ कछू नाहीं दिहस, डग भइ धरती भी नाहीं। तउ भी ओकरे कउनो पूत नाहीं रहा फिन परमेस्सर ओसे प्रतिग्या किहेस इ देस उ ओका अउर ओकरे बंसज क ओकरी दौलत क तरह देइ।
6 “परमेस्सर ओसे इ भी कहेस, ‘तोहार बंसज कहूँ विदेस मँ परदेसी होइके रइहीं अउर चार सौ बरिस ताई ओका नउकर बनइके, ओनके संग बहोत बुरा बर्ताव कीन्ह जाइ।’
7 परमेस्सर कहेस, ‘दास बनइवइवाली उ राष्ट्र क मइँ सजा देब अउर ऍकरे पाछे उ पचे देस स बाहेर आइ जइहीं अउर इ स्थान प मोर सेवा करिहीं।’
8 “परमेस्सर इब्राहीम क खतना क चीन्हा स करार किहेस। अउर उ इ तरह इसहाक क पिता बना। ओकरे जनम क पाछे अठएँ दिन उ ओकर खतना किहेस। फिन इसहाक स याकूब अउर याकूब स बारहु कुल क पहिला मनई पइदा भएऩ।
9 “उ पचे पहिलउ मनइयन यूसुफ स जलन राखत रहेन। तउ उ पचे ओका मिस्र मँ दास बनवइ बरे बेंच दिहेन। मुला परमेस्सर ओनके संग रहा।
10 अउर उ ओका सबहिं मुसीबतन स बचाएस। परमेस्सर यूसुफ क गियान दिहेस अउर ओका इ जोग्ग बऩएस जेसे उ मिस्र क राजा फिरौन क अनुग्रह पात्र बन जाइ। फिरौन ओका मिस्र क राज्यपाल अउर आपन घर-बार क अधिकारी तैनात किहेस।
11 फिन समूचइ मिस्र अउर कनान देस मँ अकाल पड़ा अउर बड़ा संकट छाइ गवा। हमार पूर्वजन खाइ क कछू नाहीं पाइ सकेन।
12 “जब याकूब सुनेस कि मिस्र मँ अनाज अहइ, तउ उ हमरे पूर्वजन क हुवाँ पठएस इ पहिला मौका रहा।
13 ओनकइ दूसर जात्रा क मौका पइ यूसुक आपन भाइयन क बारे़ मँ बताएस अउर तब्बइ फिरौन क भी यूसुफ क परिवार क जानकारी मिली।
14 तउ यूसुक आपन पिता याकूब अउर परिवार क सबहि लोगन्क, जउऩ कुल मिलाइके पचहतन रहेन, बोलवाइ पठएस।
15 तब याकूब मिस्र आइ गवा अउर उ हुवाँ वइसे ही प्राण तजेस जइसेन हमार पूर्वजन हुवाँ प्राण तजे रहेन।
16 ओनकइ ल्हास हुवाँ स सेकम लइ जावा गएन जहाँ ओनका मकबरा मँ दफनाइ दीन्ह गवा। इ उहइ मकबरा रहा जेका इब्राहीम हमोर क बेटहनन स कछू चान्दी दइके खरीदे रहा।
17 “जब परमेस्सर क इब्राहीम क जउन बचन दिहे रहा, ओका पूरा होइ क समइ नगिचे आवा तउ मिस्र मँ हमरे मनइयन क गनती बहोत जिआदा होइ गइ।
18 आखिर मँ मिस्र प एक अइसे राजा क राज्य भवा जउऩ यूसुफ क नाहीं जानत रहा।
19 उ हमरे मनइयन क छलेस अउर उ हमरे पूर्वजन क निर्दय होइके मजबूर किहेस कि उ पचे आपन गदेलन क बाहेर मरइ क छोरि देइँ जेहसे उ सबइ जिन्दा न रहि पावइँ।
20 “उहइ समइ मूसा क जन्म भवा। उ बहोत सुन्नर लरिका रहा। उ तीन महीना भर आपन पिता क घर मँ पलत भवा बाढ़त रहा।
21 फिन जब ओका बाहेर छोरि दीन्ह गवा तउ फिरौन क बिटिया ओका आपन बेटवा बनइके उठाइ लइ गइ। उ आपन बेटवा क नाई ओका पालेस पोसेस।
22 मूसा क पूरंपूर मिस्रयन क ग्यान क सिच्छा दीन्ह गइ। ओकर सामर्थ बोलइ अउर कामे मँ दुइनउँ मँ रहा।
23 “जब उ चालीस बरिस क भवा तउ उ इस्राएल क बंसज, आपन भाइयन क निअरे जाइके ठान लिहेस।
24 तउ जब उ एक दाई लखेस कि ओऩमाँ स कउनो एक क संग बुरा व्यवहार कीन्ह जात अहइ तउ उ ओका बचाएस अउर मिस्री मनई क मारिके उ दलित मनई क कसर लिहेस।
25 उ सोचेस कि ओकर भाई बंधु जान जइहीं कि ओनका छोड़ावइ बरे परमेस्सर ओका बइपरत अहइ। मुला उ पचे ओका नाहीं समझ पाएन।
26 “दुसरे दिना ओहमाँ स (ओकरे आपन मनइयन मँ स) जब कछू मनई झगड़त रहेन तउ उ ओनकइ निअरे पहोंचा अउर इ कहत भवा ओनमाँ बीच-बचाव करइ लाग, ‘तू पचे आपुस मँ भाई-भाई अहा! एक दूसर क संग बुरा बर्ताव काहे करत अहा?’
27 मुला उ मनई जउन आपन पड़ोसी क संग झगड़त रहा, मूसा क धकियावत भवा कहेस, ‘तोहका हमार राजा अउर न्यायाधीस के बनएस?
28 जइसे काल्ह तू उ मिस्रि क हत्या कइ दिहे रहा, का तू वइसे ही मोका मारि डावा चाहत ह?
29 मूसा जब इ सुनेस तउ उ हुवाँ स चला गवा अउर मिदयान मँ एक पड़ोसी क रूप मँ रहइ लाग। हुवाँ ओकरे दुइ बेटवा भएन।
30 “चालीस बरिस बीते क पाछे सिनाई पहाड़े क लगे रेगिस्तान मँ एक बरत भइ झाड़ी क लपट क बीच ओकरे समन्वा एक सरगदूत परगट भवा।
31 मूसा जब इ लखेस तउ ओका अचरज भवा। जब अउर जिआदा नगिचे स लखइ बरे उ ओकरे लगे गवा तउ ओका पर्भू क बाणी सुनई पड़ी।
32 मइँ तोहरे पूर्वजन क परमेस्सर हउँ इब्राहीम, इसहाक अउर याकूब क परमेस्सर हउँ।’डर स कँपकँपात भवा मूसा कछू निहारइ क हिम्मत नाहीं कइ पावत रहा।
33 “तबहि पर्भू ओसे कहेस, ‘आपन गोड़वा क पनही उतार द्या काहेकि जउने ठउर प तू खड़ा अहा, उ पवित्तर भुइँया अहइ।
34 मइँ मिस्र मँ आपन मनइयन क संग दुर्दसा क लखेउँ ह, परखेउँ ह। मइँ ओनका जोर स विलाप करत भवा सुनेउँ ह। ओनका अजाद करइ बरे नीचे उतरेउँ ह। आवा, अब मइँ तोहका मिस्र पठउब।’
35 “इ उहइ मूसा अहइ जेका उ पचे इ कहत भवा नकारेन, ‘तोहका राजा अउर न्यायकर्ता कउन बनाएस ह?’ इ उहइ अहइ जेका परमेस्सर उ सरगदूत क जरिये, जउन ओकरे बरे झाड़ी मँ परगट भवा रहा, राजा अउर मुक्ति देइवाला होइ बरे पठएस।
36 उ ओनका मिस्र क भुइँया अउर लाल सागर अउर रगिस्ताने मँ चालीस बरिस ताई बहुत अचरज कारजन करत भवा अउर अद्भुत चीन्हन दखॅावत भवा बाहेर निकारी लइ आवा।
37 “इ उहइ मूसा अहइ जउन इस्राएल क लोगन स कहे रहा, ‘तोहरे भाइयन मँ स ही तोहरे बरे परमेस्सर एक मोरे जइसा नबी पठइ।’
38 इ उहइ अहइ जउन वीरान जगह मँ सभा क बीच हमार पूर्वजन अउर उ सरगदूत क साथे मौजूद रहा जउन सीनै पहाड़े प ओसे बात किहेस। मूसा परमेस्सर स जीवित बचन पाएस जउन हमका जिन्नगी देत हीं।
39 “मुला हमार पूर्वजन ओका मानइ स इनकार कइ दिहेन। ऍतना ही नाहीं, उ पचे ओका नकार दिहन अउर आपन मने मँ फिन उ पचे मिस्र लौटि गएन।
40 उ पचे हारून स कहे रहेन, ‘हमरे बरे अइसे देवतन क बनावा जउन हम पचन्क राह सोझॉवइ। इ मूसा क बारे मँ जउऩ मिस्र स बाहेर निकारा गवा रहा, हम नाहीं जानित कि ओकरे संग का कछू घटा।’
41 ओनही दिनन मँ उ पचे बछवा क तरह एक ठु मूरत गढ़ेन। उ मूरत प उ सबइ बलि चढ़ाएन। अउर जेका उ पचे आपन हाथे स चढ़ाएन, ओह पइ आनन्द मनावइ लागेन।
42 मुला परमेस्सर ओनसे मुँहना मोड़ि लिहस। उ सबन्क अकासे क ग्रह-नछत्र क आराधना करइ बरे छोड़ दीन्ह गवा। जइसा कि नबियन क किताबे मँ लिखा अहइ:‘ओ इस्राएल क परिवारे क लोगो, का तू पसु बलि अउर दूसर बलि वीरान मँ मोका नाहीं चढ़ावत रहूया? चालीस बरिस तलक।
43 तू पचे मोलेक क तम्बू अउर आपन देक्ता रिफान क तारा भी आपन संग लइ गवा रहे। ओन मूरत क भी लइ गवा रहे। ओन मूरत क भी लइ गवा रहे जेनका तू पचे आराधना करइ बरे बनए रह्या। यह बरे मइँ तोहका बेबिलान स भी परे पठउब।’ आमोस 5:25-27
44 “पवित्तर क तम्बू भी उ वीरान मँ हमरे पूर्वजन क संग रहा। इ तम्बू उहइ नमूने प भी बनवा ग रहा जइसा कि मूसा लखे रहा अउर जइसा कि मूसा स बात करवइया बनावइ बरे ओसे कहे रहा।
45 हमार पूर्वजन ओका पाइके तबहिं हुवाँ स आए रहेन जब यहोसू क अगुअइ मँ उ पचे उ राष्ट्रन स धरती लइ लिहे रहेन जेनका हमरे पूर्वजन क समन्वा परमेस्सर निकारिके खदेरे रहा। दाऊद क समइ तलक हुवाँ उ रहा।
46 दाऊद परमेस्सर क अहुग्रह क आनन्द उठाएस। उ चाहत रहा कि उ याकूब क परमेस्सर बरे एक ठु मंदिर बनवाइ सकइ।
47 मुला उ सुलेमान ही रहा जउन ओकरे बरे मंदिर बनवाएस।
48 “कछू भी होइ परम परमेस्सर हथवा स बना भवन मँ निवास नाहीं करत। जइसा कि नबी कहे अहइ:
49 ‘प्रभू कहेस, सरग मोर सिंहासन अहइ धरती गोड़वा क चौकी बनी अहइ। कउने तरह क तू बनउब्या मोर घर? अहइ कहूँ अइसी जगह, जहाँ अराम पावउँ?
50 का सबहिं कछू इ, मोर बनवा नाहीं रहा हाथे का?”‘ यसायाह 66:1-2
51 “अरे हठीले लोग बिना खतना क मन अउर कान वाले जिद्दी मनइयन, तू पचे सदा पवित्तर आतिमा क खिलाफत किहे ह। तू सबइ आपन पूर्वजन जइसा ही अहा!
52 का कउनो भी अइसा नबी रहा, जेका तोहार पूर्वजन नाहीं सताएन? उ पचे तउ ओनका मारि डाए रह्या। जउन बहोत पहिले स ही उ धर्मी (मसीह) क अवाई क एलान कइ दिहे रहेन, जेका अब तू धोखा दइके पकड़वाइ दिहा अउर मरवाइ डाया।
53 तू सबइ उहइ अहा जउन सरगदूतन क जरिये दीन्ह गवा व्यवस्था क तउ पाइ लिहा मुला ओह पइ चल्या नाहीं!”
54 जब उ सबइ इ सुनेन तउ उ पचे किरोध स पगलाइ गएन अउर स्तिफनुस पर दाँत पीसइ लागेन।
55 मुला पवित्तर आतिमा स भरा स्तिफनुस सरगे कइँती लखत रहा। उ निहारेस परमेस्सर क महिमा क अउर परमेस्सर क दाहिन कइँती खड़ा भवा ईसू क।
56 तउ उ कहेस, “लखा! मइँ लखत हउँ कि सरग खुला भवा अहइ अउर मनई क पूत परमेस्सर क दाहिन कइँती खड़ा बा!”
57 एह पइ उ पचे चिचिआत भवा आपन कान ढाँपि लिहेन अउर फिन उ सबइ एक संग टूट पड़ेन।
58 उ सबइ ओका घेरर्ावत भए सहर स बाहेर लइ गएन अउर ओहॅ पइ पाथर बरसावइ लागेन। तबहिं गवाह लोग आपन ओढ़ना उतारि के साऊल ऩाउँ क एक ठु जवान क गोड़े प धइ दिहेन।
59 स्तिफनुस प जब स उ पचे पाथर बरसाउब सुरू किहेन, उ इ कहत भवा पराथना करत रहा, “पर्भू ईसू, मोर आतिमा क ग्रहण करा।”
60 फिन उ घुटना क बल भइराइ गवाँ अउर ऊँचि अवाजे मँ चिल्लान, “पर्भू, इ पाप क ओनकइ खिलाफ जिन ल्या!” ऍतना कहिके उ हमेसा क नींद मँ सोइ गवा।
Acts 8
1 साऊल स्तिफनुस क कतल ठीक बताएस। उहइ दिना स यरुसलेम क कलीसिया प घोर अत्याचार होब सुरू भवा प्रेरितन क तजिके उ पते सबहिं मनइयन यहूदिया अउर सामरिया क गाउँ मँ तितराइ-बितराइके फैलि गएऩ।
2 कछू भगत लोग स्तिफनुस क गाड़ दिहन अउर ओकरे बरे बहोत दुःख मनाएन। साऊल कलीसिया क बरबाद करब सुरू कइ दिहेस। उ घर-घर जाइके स्त्रियन अउर पुरूसन क घेरर्ावत भवा जेल मँ धाँधइ लाग।
3
4 ओहर तितराए बितराए मनई हर ठउरे प जाइके नीक खबर क सुसामाचार देइ लागेन।
5 फिलिप्पुस सामरिया नगर क चला गवा अउर हुवाँ मनइयन मँ मसीह क बारे मँ प्रचार करइ लाग।
6 फिलिप्पुस क मनइयन जब सुनेन अउर जउऩ अद्भुत चीन्हन क उ परगट करत रहा, लखेस, तउ जउऩ बातन क उ बतावा करत रहा, ओन पइ उ पचे एक चित्त लाइके धियान दिहेन।
7 बहोत स मनइयन मँ स, जेनमाँ दुस्ट आतिमा समाई रहिन, उ सबई ऊँच अवाजे मँ चिल्लात भइ बाहेर निकरि आइन। बहोत स सुखाड़ी क बेरिमिया अउर अंग भंग नीक होत रहेन।
8 उ सहर मँ खुसी छाइ रही।
9 हुवँइ समौन नाउँ क मनई रहत रहा। फिलिप्पुस क अवाई स पहिले उ ढेर समइ स उ सहर मँ जादू टोटका करत रहा। अउर सामरिया क मनइयन क अचरज मँ डाइ देत रहा। उ महा पुरूख होइ क दावा करत रहा।
10 नान्ह स लइके बड़वारे तलक सबहिं मनइयन ओकरे बात प धियान देतेन अउर कहत रहतेन, “इ मिला परमेस्सर क उहइ सक्ती बा जउन ‘महान सक्ती’ कहवावत ह!”
11 काहेकि उ ढेर दिनन स ओन पचन्क आपन चमत्कारन क घनचक्कर मँ नाइ देत रहा, यह बरे उ पचे ओह पइ धियान देत रहेन।
12 मुला उ पचे जब फिलिप्पुस प पतिमानेन काहेकि उ ओनका परमेस्सर क राज्य क सुसामाचार अउर ईसू मसीह क नाउँ बाँचत रहा, तउ उ पचे स्त्रियन अउर पुरूसन दुइनउँ ही बपतिस्मा लेइ लागेन।
13 अउर खुद समौन ही ओन पइ पतियाइ लाग। अउर बपतिस्मा लेइ क पाछे फिलिप्पुस क संग उ बड़े निचके स बसइ लाग। उ अद्भुत कारजन अउर अद्भुत चीन्हन क जब उ लखेस, तब दंग रहि गवा।
14 जब यरूसलेम मँ प्रेरितन इ सुनेन कि सामरिया क मनइयन परमेस्सर क बचन क मान लिहे अहइँ तउ उ पचे पतरस अउर यूहन्ना क ओनके लगे पठएन।
15 जबहिं उ पचे आएऩ, तब उ दुइनउँ सामरियन बरे पराथना किहेन कि ओनका पवित्तर आतिमा मिलि जाइ।
16 काहेकि अबहुँ तलक पवित्तर आतिमा कउनो प नाहीं ओतरी, ओनका फिन पर्भू ईसू क नाउँ प बपतिस्मा हि दीन्ह गवा रहा।
17 तउ पतरस अउर यूहन्ना ओन पइ आपन हाथ धरेस अउर ओनका पवित्तर आतिमा मिलि गइ।
18 जब समौन लखेस कि प्रेरितन क हाथ धरे भइ स पवित्तर आतिमा मिलि गइ तउ ओनके समन्वा धन धरत भवा कहेस,
19 “सक्ती मोका दइ द्या काहेकि जेह पइ मइँ हाथ धरउँ, ओका पवित्तर आतिमा मिलि जाइ।”
20 पतरस ओसे कहेस, “तोहार अउर तोहरे धने क सतियानास होइ! काहेकि तू इ बिचार्या ह कि तू धने स परमेस्सर क बरदान क मोल लइ सकत ह।
21 इ बारे मँ तोहार हमार मेल नाहीं खात काहेकि परमेस्सर क समन्वा तोहार हिरदय सही नाहीं बा।
22 यह बरे आपन इ दुस्टता बरे मनफिराव अउर आपन कुकरम प पछतावा करा अउर पर्भू स पराथना करा। इ होइ सकत ह कि इ बिचार बरे तोहका छमा कइ दीन्ह जाइ जउन तोहरे मने मँ रहा।
23 मइँ लखत हउँ कि तू परिहँसे स भरा अहा पाप क पंजा मँ फँसा बाट्या।”
24 यह पइ समौन जवाब दिहेस, “तू पर्भू स मोरे बरे पराथना करा काहेकि तू जउन कहया ह, ओहमाँ स कउनो भी बात मोह प न आइ जाइ!”
25 फिन प्रेरितन साच्छी दइके अउर पर्भू क बचन सुनाइके , राहे मँ टेर क सामरी गाँवन मँ सुसामाचार क उपदेस देत भएन यरूसलेम लौटि गएऩ।
26 पर्भू क एक सरगदूत फिलिप्पुस क कहत भवा बताएस, “तइयार होइ जा, अउर सरक प दक्खिन कइँती जा, जउन सरक यरूसलेम स गाजा क जात ह। इ एक निर्जन राह अहइ।”
27 तउ उ तइयार भवा अउर निकरि गवा। सरक पइ इथियोपिया क मनई क लखेस। उ हिजरा रहा। इथियोपियन क रानी कंदाके क एक अधिकारी रहा जउन ओकरे सारा खजाना क खजांची रहा। उ आराधना करइ यरूसलेम गवा रहा।
28 लउटत भवा उ आपन रथे मँ बैठिके नबी यसायाह क पोथी बाँचत रहा।
29 तबहिं उ आतिमा फिलिप्पुस स कहेस, “उ रथे क निचके जा अउर हुवँइ ठहर जा।”
30 फिलिप्पुस जब उ रथे क निचके दौड़िके गवा तउ उ ओका यसायाह क पढ़त भवा लखेस। तउ उ कहेस, “का तू जेका बाँचत अहा, ओका बूझत भी बाट्या?”
31 उ कहेस, “मइँ भला कहाँ तलक समुझ बूझ सकत हउँ? जब तलक कउनो मोका एकर अरथ न बतावइ?” फिन उ फिलिप्पुस क ऱथे प आपन संग बइठाएस।
32 पवित्तर सास्तर क जउन हींसा क उ बाँचत रहा, उ रहा: “उ भेंड़ क नाई जप कइ दीन्ह बरे लइ जावा जात रहा उ ओ मेम्ना क नाई चुप रहा जउन आपन उन क कतरइवाला क समन्वा चुप रहत ह। ठीक वइसे ही उ आपन मुँह खोलेस नाहीं।
33 अब अइसी दीन दसा मँ ओका निआव स दुरिआवा गवा। ओकरी पीढ़ी क कबहँ गाथा कउन गाई? काहेकि धरती स तउओकर जिन्नगी लइ लीन्ह गइ।” यसायाह 53:7-8
34 उ अधिकारी फिलिप्पुस स कहेस, “अहुग्रह कइके बतावा कि इ नबी केकर बारे मँ कहत बाटइ? इ आपन बारे मँ या कउनो अउर क बारे मँ?”
35 फिन फिलिप्पुस कहब सुरू किहेस अउर इ सास्तर स लइके ईसू क सुसामाचार तलक सब कछू ओका कहिके सुनाएस।
36 रस्ता मँ आगे बढ़त भए उ सबइ पानी क निचके पहुँचेन। फिन उ अधिकारी कहेस, “लखा! हिआँ पानी बाटइ। अब मोका बपतिस्मा लेइ मँ का बियाधा अहइ?”
37
38 तब उ रथे क रोकइ बरे आग्या दिहेस। फिन फिलिप्पुस अउर उ अधिकारी दुइनउँ ही पानी मँ उतरि गएन अउर फिलिप्पुस ओका बपतिस्मा दिहेस।
39 अउर फिन जब उ पचे पानी स बाहेर निकसेन तउ फिलिप्पुस क पर्भू क आतिमा छीन लइ गवा। अउर उ अधिकारी फिन ओका कबहुँ नाहीं लखेस। ओहर उ अधिकारी खुसी मनावत आपन राहे प चला गवा।
40 ओह कइँती फिलिप्पुस खुद क असदोद मँ पाएस अउर कैसरिया पहोंच तलक उ सब नगरन मँ सुसमाचार प्रचार करत रहा।
Acts 9
1 साऊल अबहुँ पर्भू क चेलन क मारि डावइ क धमकी देत रहा। उ महायाजक क लगे गवा।
2 अउर उ दमिस्क क आराधनालय क नाउँ इ मंसा क चिट्ठी लिहेस कि जेहसे ओका हुवाँ अगर कउनो इ पंथ क चेलन मिलइ, फिन चाहे उ स्त्रियन होइ, चाहे पुरुसन, तउ उ ओका बंदी बनाइ सकइ अउर फिन वापिस यरूसलेम लइ आवइ।
3 तउ जब चलत चलत उ दमिस्क क निचके पहोंचा, तउ एकाएक ओकरे चारिहुँ कइँती अकासे स रोसनी कउँधी
4 अउर उ भुइँया प जाइ गिरा। उ एक अवाज अनकेस जउन ओसे कहत रही, “साऊल, अरे ओ साऊल! तू मोका काहे सतावत अहा?”
5 साऊल कहेस, “पर्भू तू कउन अहा?”उ कहेस, “मइँ ईसू अहउँ जेका तू सतावत बाट्या।
6 मुला अब तू खड़ा ह्वा अउर नगर मँ जा। हुवाँ तोहका बताइ दीन्ह जाइ कि तोहका का करइ चाही।”
7 जउऩ मनई ओकरे संग जात्रा करत रहेन, उ पचे चुपचाप रहि गएऩ। उ पचे अवाज तउ अनकेन मुला कउनो क लखेन नाहीं।
8 फिन साऊल भुइँया पइ स खड़ा भवा। मुला जब उ आपन आँखी खोलेस तउ उ कछू भी नाहीं निहारि सका। य़ह बरे उ पचे ओकर हाथ धइके दमिस्क लइ गएन।
9 तीन दिना तलक उ न तउ कछू निहारि पाएस, अउर न ही कछू खाएस या पीएस।
10 दमिस्क मँ हनन्याह नाउँ क ईसू क एक चेला रहा। पर्भू दर्सन दइके ओसे कहेस, “हनन्याह!”तउ उ बोला, “पर्भू, मइँ इ हउँ।”
11 पर्भू ओसे कहेस, “खड़ा ह्वा अउर उ गली मँ जेका सोझ कहवावइ वाली गली कहा जात ह। अउर हुवाँ यहूदी क घरे मँ जाइके तारसी क बसइया साऊल नाउँ क एक मनई क बारे मँ पूछताछ करा काहेकि उ पराथना करत बाटइ।
12 उ एक दर्सन मँ लखेस ह कि हनन्याह नाउँ क एक मनई घरे मँ आइके ओह प हाथ रखेस ह ताकि उ फिन लखि सकइ।”
13 हनन्या जवाब दिहेस, “पर्भू, मइँ इ मनई क बारे मँ बहोतन स सुना ह। यरूसलेम मँ तोहरे संत लोगन क संग इ जउऩ बुरा काम किहेस ह, उ सब मइँ सुनेउँ ह।
14 अउर हियाँ भी इ मुख्ययाजक स तोहरे नाउँ मँ सबहिं बिसवासी मनइयन क बंदी बनावइ क हुकुम लइ आवा ह।”
15 मुला पर्भू ओसे कहेस, “तू जा काहेकि इ मनई क विधर्मी मनइयन, राजा लोगन अउर इस्राएल क मनइयन क समन्वा मोर नाउँ लेइ बरे, एक जरिया क रूप मँ मइँ चुनेउँ ह।
16 मइँ खुद ओका उ सब कछू बताउब, जउऩ ओका मोरे नाउँ बरे सहइ क होइ।”
17 तउ हनन्याह चला गवा अउर उ घरे क भितरे पहोंचा अउर साऊल प आपन हाथ रखि दिहेस अउर कहेस, “भाइ साऊल! पर्भू ईसू मोका पठएस ह जउन तोहरे राह मँ तोहरे समन्वा परगट भ रहा जेहसे तू फिन स लखि सका अउर पवित्तर आतिमा स भरि उठा।”
18 फिन तुरतहि बोकला जइसी कउनो चीज ओकरी आँखिन स टेघरी अउर ओका फिन देखॉइ देइ लाग। उ खड़ा भवा अउर उ बपतिस्मा लिहेस।
19 ओकरे पाछे फिन तनिक खइया खाए क बाद आपन ताकत पाइ गवा।उ दमिस्क मँ चेलन क संग कछू समइ ठहरा।
20 फिन इ सोझइ यहूदी आराधनालय मँ पहोंचा अउर ईसू क प्रचार करइ लाग। उ कहेस, “इ ईसू परमेस्सर क पूत अहइ।”
21 जउन कउनो भी ओका सुनेन, चकित रहि गएन अउर बोलेन, “का इ उहइ नाहीं अहइ, जउऩ यरुसलेम मँ ईसू क नाउँ मँ बिसवास करइया मनइयन क नास करइ क जतन नाहीं किहेस। अउर का इ ओऩका धरवावइ अउर मुख्ययाजक क समन्वा लइ जाइ नाहीं आवा रहा?”
22 मुला साऊल जिआदा स जिआदा सक्तीसाली होत गवा अउर दमिस्क मँ बसइया यहूदियन क इ सिद्ध करत भवा कि इ ईसू ही मसीह अहइ, हरावइ लाग।
23 बहोत दिन बीति जाए क पाछे यहूदियन ओका मारि डावइ क षड़यन्त्र किहेन।
24 मुला ओनकइ चाल क पता साऊल क होइ गवा। उ पचे सहर क दुआरन प घात लगाए रहत रहेन जेहसे ओका मारि डावइँ।
25 मुला ओकर चेलन ओका राति मँ उठाइ लइ गएन अउर झउआ मँ बइठाइके सहर क चहरदीवार के छेदे स ओका खाले उतारि दिहेन।
26 फिन जब उ यरुसलेम पहोंचा तउ उ चेलन क संग मिलइ क जतन करइ लाग। मुला उ पचे तउ ओसे ससान रहेन। ओऩका इ बिसवास नाहीं रहा कि उ भी ईसू का एक चेलन अहइ।
27 मुला बरनाबास ओका आपन संग प्रेरितन क लगे लइ गवा अउर उ ओनका बताएस कि साऊल पर्भू क राहे मँ कउने तरह लखेस अउर पर्भू ओसे कइसे बतियान ह। अउर दमिस्क मँ कउऩे तरह उ बेडर होइके ईसू क नाउँ क प्रचार करइ लाग।
28 फिन साऊल ओनके संग यरुसलेम मँ अजादी स आवइ जाइ लाग। उ बेडर होइके पर्भू क नाउँ क प्रबचन करत रहा।
29 उ यूनानी भाखा क बोलवइया क साथ तहत्तुक अउर धरम चर्चा करत रहा मुला उ सबइ तउ ओका मारि डावा चाहत रहेन।
30 मुला जब भाई लोगन्क इ बात क पता लाग तउ उ पचे ओका कैसरिया लइ गएऩ अउर फुन ओका तरसुस पहोंचाइ दिहेन।
31 इ तरह समूचइ यहूदिया, गलील अउर सामरिया क कलीसिया क उ समइ सांति स बीति गवा। उ कलीसिया अउर जिआदा सक्तीसाली होइ लाग। काहेकि उ पर्भू स डेराइके आपन जिन्नगी काटत रही, अउर पवित्तर आतिमा ओका अउर जिआदा हिम्मत देत रही तउ ओकर गनती बाढ़इ लाग।
32 फिन उ समूचइ पहँटा मँ टहरत घूमत पतरस लुद्दा क संत लोगन स भंेटइ पहोंचा।
33 हुवाँ ओका एनियास नाउँ क एक मनई मिला जउन आठ बरिस स बिछउना प ओलरा रहा। ओका लकुआ मारि गवा रहा।
34 पतरस ओसे कहेस, “एनियास, ईसू मसीह तोहका चंगा करत ह। खड़ा ह्वा अउर आपन बिछउना सोझ करा!” तउ उ तुरंत खड़ा होइ गवा।
35 फिन लूद्दा अउर सारोन मँ बसइया सब मनइयन ओका लखेन अउर उ पचे पर्भू कइँती घूमि गएन।
36 याफा मँ तबीता नाउँ क एक चेली रहत रही (जेकर यूनानी अनुवाद अहइ दोरकास अरथ अहइ “हिरनी”।) हमेसा नीक नीक काम करत अउर गरिबन क दान देत।
37 ओनही दिनाँ उ बीमार भइ अउर मरि गइ। उ पचे ओकरे ल्हासे क नहवाइके सीढ़ी क ऊपर खोली मँ धइ दिहेन।
38 लुद्दा याफा क लगे रहा, तउ चेलन जबहिं इ सुनेन कि पतरस लुद्दा मँ बाटइ तउ उ पचे ओकरे लगे दुइ मनई पठएन कि उ सबइ ओसे बिनती करइँ, “अनुग्रह कइके हाली स हाली हमरे लगे आइ जा!”
39 तउ पतरस तइयार होइके ओनके संग चला गवा। जब पतरस हुवाँ पहोंचा तउ उ पचे ओका सीढ़ी क ऊपर खोली मँ लइ गएऩ। हुवाँ सबहिं विधवावन छाती पीटिके रोवत भइऩ अउर उ सबइ कुर्ती अउर ओढ़ना क, जेनका दोरकास बनाए रहा; जबहिं उ पचे ओकरे संग रहिन देखॅावत भइन खड़ी होइ गइन।
40 पतरस हर कउनो क बाहेर पठएस अउर घुटना क बल निहुरिके ओसे पराथना किहेस। फिन ल्हास कइँती घूमत भवा बोला, “तबीता-खड़ी होइजा!” उ आपन आँखिन उघारेस अउर पतरस क लखतन भइ उठिके बइठी।
41 ओका आपन हाथ दइके पतरस खड़ा किहेस अउर फिन संत अउर विधवावन क बोलवाइ के ओनका ओका जिन्दा सौप दिहेस।
42 समूचइ याफा मँ हर कउनो क इ बात क पता लग गवा अउर बहोत स मनइयन पर्भू मँ बिसवास किहेन।
43 फिन याफा मँ समौन नाउँ क एक चमार क हियाँ पतरस बहोत दिनाँ तक रूका रहा।
Acts 10
1 कुरनेलियुस नाउँ क एक मनई कैसरिया मँ रहा। उ फउज क उ दले क नायक रहा जेका इतालवी कहा जात रहा।
2 उ परमेस्सर स डेरॅाइवाला भगत रहा अउर वइसा ही ओकर परिवार भी रहा। उ गरीबन क मदद करइ बरे दिल खोलिके दान देत रहा अउर हमेसा ही परमेस्सर क पराथना करत रहत रहा।
3 दिन क नवेपहर क नगिचे उ एक दर्सन मँ साफ साफ लखेस कि परमेस्सर क एक सरगदूत ओकरे लगे आवा ह अउर ओसे कहत ह, “कुरनेलियुस।”
4 तउ कुरनेलियुस डेरात भवा सरगदूत कइँती लखत भवा बोला, “हे पर्भू, इ का अहइ?”सरगदूत ओसे कहेस, “तोहार पराथना अउर गरीब गुरबा क दिया भवा तोहार दान एक यादगार क रूप मँ तोहार याद दियावइ बरे परमेस्सर क लगे पहोंचा अहइँ।
5 तउ कछू मनइयन क याफा पठवा अउर समौन नाउँ क एक मनई क, जउऩ पतरस कहा जात ह, हिआँ बोलॉइ ल्या।
6 उ समौन नाउँ क एक चमार क हिआँ रहत ह। ओकर घर समुदूदर क किनारे बा।”
7 उ सरगदूत जउन ओसे बात करत रहा, जब चला गवा तउ उ आपन दुइ नउकरन अउर आपन खुद क सहायक लोगन मँ स एक भक्त सिपाही क बोलाएस
8 अउर जउन कछू भवा रहा, ओनका सब कछू बताइके याफा पठइ दिहेस।
9 अगले दिन जब उ पचे चलतइ चलत सहर क निचके पहोंचइ क ही रहेन, पतरस दुपहरिया मँ पराथना करइ छत्ते प चढ़ा।
10 ओका भूख लाग, तउ उ कछू खाइ चाहत रहा। उ पचे जब खइयाके तइया करत रहेन तउ ओकर समाधि लग गइ।
11 अउर उ लखेस कि अकास खुलि गवा अहइ अउर एक बड़वार चद्दर जइसी चीज तरखाले उतरत बा। ओका चारिहुँ कइँती स धइके धरती प उतारा जात बा।
12 ओह प हर तरह क पसु, धरती प रेंगइ वाला जीव-जंतु अउर अकासे क पंछी रहेन।
13 फिन एक अवाज ओसे कहेस, “पतरस उठ, मार अउर खा।”
14 पतरस कहेस, “पर्भू, फुरइ तउ नाहीं, काहेकि मइँ कबहुँ भी अपवित्तर या असुद्ध चीज क नाहीं खाएउँ ह।”
15 ऍह पइ ओनका दूसरी बार फिन अकासबाणी सुनाई दिहेस, “कउनो भी चीज क जेका परमेस्सर पवित्तर बनाए अहइ, ओनका तू ‘अपवित्तर’ न काह!”
16 तीन दाई अइसा ही भवा अउर उ पूरी वस्तु फिन अकास मँ वापिस उठाइ लीन्ह गइ।
17 पतरस जउने दर्सन जेका लखे रहा क अरथ क बारे मँ दुबिधा करत रहा, कुरनेलियुस क पठए भए लोग दुआरे प ठाड़ भवा पूछत रहेन, “समौन क घर कहाँ बा?”
18 उ सबइ बाहेर गोहरावत भए पूछेन, “का पतरस कहा जाइवाला समौन मेहमान क रूप मँ हियँइ रूका अहइ।?”
19 पतरस अबहिं उ दर्सन क बारे मँ सोचत ही रहा कि आतिमा ओसे कहेस, “सुना! तोहका तीन मनई हेरत अहइँ।
20 तउ खड़ा ह्वा, अउर तरखाले उतरिके बेझिझके चला जा, काहेकि ओऩका मइँ ही पठएउँ ह।”
21 इ तरह पतरस तरखाले उतरि आवा अउर ओन मनइयन स बोला, “मइँ उहइ अहउँ, जेका तू हेरत बाट्या। तू काहे आया ह?”
22 उ पचे बोलेन, “हम सबनक फऊजीनायक कुरनेलियुस पठएस ह। उ अच्छा मनई अहइ अउर सच्चे परमेस्सर क आराधना करत ह। यहूदी मनइयन मँ ओकर बहोत सम्मान अहइ। पवित्तर सरगदूत ओसे तोहका आपन घरे नेउतइ बरे कहे अहइ अउर जउन कछू कहइ ओका सुनइ बरे कहे अहइ।”
23 ऍह पइ पतरस ओका भितरे बोलाइ लिहस अउर ठहरइ क जगह दिहेस।फिन दूसर दिन तइयार होइके उ ओऩके संग चला गवा। अउर याफा क निवासी कछू अउर बंधु भी ओकरे संग होइ गएऩ।
24 दूसर दिन उ कैसरिया पहोंच गवा। हुवाँ आपन खास मित्र अउर नोतदार क बोलाइके कुरनेलियुस ओनका जोहत रहा।
25 पतरस अब भीतर पहोंचा तउ कुरनेलियुस ओसे भेंटइ आवा। कुरनेलियुस श्रद्धा स ओकरे गोड़वा प गिरत भवा ओका प्रणाम किहेस।
26 मुला ओका उठावत भवा पतरस बोला, “ठाड़ ह्वा! मइँ तउ खुद सिरिफ एक मनई हउँ।”
27 फिन ओकरे संग बात करत करत उ भितरे चला गवा। अउर हुवाँ उ बहोत म मनइयन क बटोरेस।
28 उ ओनसे कहेस, “तू सबइ जानत ह कि एक यहूदी बरे गैर यहूदी जाति क मनई क संग कउनो सम्बंध रखब या ओकरे हियाँ जाब विधान क खिलाफ अहइ मुला तउ भी परमेस्सर मोका देखाएस ह कि मइँ कउनो भी मनई क ‘असुद्ध’ या ‘अपवित्तर’ न कहउँ।
29 यह बरे मोका जब बोलावा गवा तउ मइँ बिना कउनो एतराज क आइ गएउँ। यह बरे मइँ तोहसे पूछत हउँ कि तू मोका काहे बरे बोलाया ह।”
30 ऍह पइ कुरनेलियुस कहेस, “चार दिन पहिले इहइ समइ दिन क नवें पहर (तीन बजे) मइँ आपन घरे मँ पराथना करत रहेउँ। एकाएक चमचमात ओढ़न मँ एक मनई मोरे समन्वा आइके खड़ा भवा।
31 अउर बोला, ‘कुरनेलियुस! तोहार बिनती सुनि लीन्ह गइ अहइ अउर गरीब गुरबन क दीन्ह भवा तोहार दान परमेस्सर क समन्वा याद कीन्ह ग अहइँ।
32 यह बरे याफा पठइके पतरस कहावावइवाला समौन क बोलवाइके पठवा। उ समुद्दर क किनारे चमार समौन क घरे रूका बा।’
33 यह बरे मइँ तुरंतहि तोहका बोलवावइ पठवा ह अउर हिआँ आवइ क कृपा कइके बहोत नीक किहा ह तउ अब पर्भू जउन कछू आग्या तोहका दिए अहइँ, उ सब कछू सुनइ बरे हम पचे हिआँ परमेस्सर क अगवा हाजिर अही।”
34 फिन पतरस बोलइ लाग अउर कहेस, “फुरइ अब मइँ समुझ गवा हउँ कि परमेस्सर कउनो भेद-भाव नाहीं राखत
35 बल्कि हर जाति क कउऩो मनई जउन ओसे डेरात ह अउर नीक काम करत ह, उ ओका अपनावत ह।
36 इहइ अहइ उ संदेसा जेका उ ईसू मसीह स सांति क सुसमाचार क उपदेस देत भवा इस्राएल क मनइयन क दिहे रहा। उ सबहिं का पर्भू अहइ।
37 “तू पचे उ बड़की घटना क जानत ह, जउन समूचइ यहूदिया मँ भइ रही। गलील स सुरू होइके यूहन्ना क जरिए बपतिस्मा दीन्ह जाए क पाछे जेकर प्रचार कीन्ह गवा रहा।
38 तू सबइ नासरी ईसू क बारे मँ जानत ह कि परमेस्सर पवित्तर आतिमा स अउर सक्ती स ओकर अभिसेक कइसे किहे रहा अउर उत्तिम कारज करत भवा अउर ओन सब क जउऩ सइतान क बस मँ रहेन, नीक करत भवा चारिहुँ कइँती उ कइसे घूमत रहा। काहेकि परमेस्सर ओकरे संग रहा।
39 “अउर हम पचे सब बातन क साच्छी अही जेनका उ यहूदियन क पहँटा अउर यरूसलेम मँ किहे रहा। उ पचे ओका ही एक ठु लकड़ी के सलीब प टाँगिके मारि डाएन।
40 मुला परमेस्सर तीसरे दिना ओका फिन स जिन्दा कइ दिहेस अउर ओका परगट कराएस।
41 सब मनइयन क समन्वा नाहीं मुला ओन साच्छियन क अगवा जउन परमेस्सर क हीला स पहिले ही चुन लीन्ह गएऩ। अरथ अहइ हमरे समन्वा जउन मर भएन मँ स जी जाए क पाछे ओकरे संग खाएन अउर पीएऩ।
42 “उहइ हमका हुकुम दिहे अहइ कि हम लोगन क उपदेस देइँ अउर सिद्ध करइँ कि इ उहइ, अहइ जउन परमेस्सर क हीला स जिन्दा भएऩ अउर मरे भएऩ मँ स निआव करइवाला मुकर्रर कीन्ह गवा अहइ।
43 सब नबी लोग ओकरे बारे मँ साच्छी दिहे अहइँ कि ओहमा बिसवास करइवाला हर मनई ओकरे नाउँ क हीला स पापन्क छमा पावत ह।”
44 पतरस अबहिं इ बातन क करत ही रहा कि ओन सब प पवित्तर आतिमा उतरि आइ जउन सुसमाचार सुने रहेन।
45 काहेकि पवित्तर आतिमा क बरदान गैर यहूदी प उड़ेरा जात रहा, तउ पतरस क संग आए भए यहूदी अचरज मँ पड़ि गएऩ।
46 उ पचे किसिम किसिम क भाखा बोलत रहेन अउर परमेस्सर क स्तुति करत भए अनकत रहेन। तब पतरस बोला,
47 “का कउनो इ मनइयन क बपतिस्मा देइ बरे, जल आसानी स देइ बरे मना कइ सकत ह? ऍनका भी वइसे ही पवित्तर आतिमा मिलि गवा ह, जइसेन हम पचन क।”
48 इ तरह उ ईसू मसीह क नाउँ मँ ओनका बपतिस्मा देइ क हुकुम दिहेस। फिन पतरस स उ पचे पराथना किहेन कि कछू दिन ओनकइ संग ठहरइ।
Acts 11
1 समूचइ यहूदिया मँ भाइयन अउर प्रेरितन सुनेन कि परमेस्सर क बचन गैर यहूदी भी मान लिहे अहइँ।
2 तउ जब पतरस यरुसलेम पहोंचा तउ उ पचे जउन खतना क चाहत रहेन, ओकर नुक्ताचीनी किहेन।
3 उ सबइ कहेन, “तू खतना क बिना मनइयन क घरे गवा अहा अउर तू ओनकइ संग खइया क खाया ह!”
4 ऍह पइ पतरस सच जउन भवा रहा, ओका सुनावइ समुझावइ लाग।
5 “मइँ याफा सहर मँ पराथना करत भवा समाधि मँ एक दर्सन कीन्ह। मइँ निहारेउँ कि एक बड़की चद्दर जइसी कउनो चीज खाले उतरत बा, ओका चारिहुँ कोना स धइके अकासे स धरती प उतारा जात अहइ। फिन उ उतरिके मोरे लगे आइ गइ।
6 मइँ ओका धियान स लखेउँ कि ओहमाँ धरती क चौपाया जीव-जतुं, जंगली पसु रेंगइ वाला जीव अउर अकासे क पंछी रहेन।
7 फिन मइँ एक अवाज सुनेउँ, जउन मोसे कहत रही, ‘पतरस उठा, मारा अउर खाइ ल्या।’
8 “मुला मइँ कहेउँ, ‘पर्भू, निहचय रूप स तउ नाहीं, काहेकि मइँ कबहुँ भी कउनो तुच्छा या समइ क अनुसार कउनो बे पवित्तर अहार क नाहीं खाएउँ ह।’
9 “अकास स दूसर दाई उ अवाज फिन कहेस, ‘जेका परमेस्सर पवित्तर बनएस ह, ओका तू अपवित्तर जिन समुझा।’
10 “तीन दाई अइसा ही भवा। फिन उ सब अकास मँ वापिस उठाइ लीन्ह गवा।
11 उहइ समइ जहाँ मइँ ठहरा रहेउँ, उ घरे मँ तीन मनई आइ गएन। उ पचे मोरे लगे कैसरिया स पठवा ग रहेन।
12 आतिमा मोका ओनकइ संग बेझिझके चला जाइ बरे कहेस। इ छ: भाई भी मोरे संग गएऩ। अउर हम पचे उ मनई क घरे मँ चला गए।
13 उ हमका बताएस कि एक सरगदूत क आपन घरे मँ ठाड़ उ कइसे लखेस। जउऩ कहत रहा, ‘याफा पठइके पतरस कहावावइवाला समौन क बोलवाइ ल्या।
14 उ तोहका बचन सुनाई जेहॅसे तोहार परिवार क उद्धार होइ।’
15 “जब मइँ प्रबचन सुरु कीन्ह तब पवित्तर आतिमा ओन पइ उतरि आइ। ठीक वइसेन जइसे सुरू मँ हम पइ उतरी रही।
16 फिन मोका पर्भू क कहा भवा बचन याद होइ गवा, ‘यूहन्ना पानी स बपतिस्मा देत रहा मुला तोहका पवित्तर आतिमा स बपतिस्मा दीन्ह जाइ।’
17 इ तरह जदि परमेस्सर ओनका ही उहइ बरदान दिहेस जेका उ जब हम पचे पर्भू ईसू मसीह मँ बिसवास कीन्ह, तब्बइ हमका दिहे रहा, तउ खिलाफत करइवाला मइँ कउन होत हउँ?”
18 बिसवासी मनइयन जब इ सुनेन तउ उ पचे प्रस्न करब बंद कइ दिहेन। उ पचे परमेस्सर क महिमा करत भए कहइ लागेन, “अच्छा, तउ परमेस्सर गैर यहूदी मनइयन तलक क मनफिराववइ बरे उ औसर दिहेस ह, जउन जिन्नगी कइँती लइ जात ह।”
19 उ पचे जउन स्तिफनुस क समइ मँ दीन्ह जात सबइ यातना क कारण तितराइ बितराइ ग रहेन, दूर-दूर तलक फीनीक, साइप्रस अउर अन्ताकिया तलक चलाग रहेन। इ पचे यहूदियन क तजिके कउनो अउर क सुसामाचार नाहीं सुनावत रहेन।
20 एनही बिसवासी मनइयन मँ स कछू साइप्रस क अउर कुरेनी क रहेन। तउ जब उ पचे अन्ताकिया आएन तउ यूनानियन क भी प्रबचन देत भए पर्भू ईसू क सुसमाचार सुनावइ लागेन।
21 पर्भू क सक्ती ओनकइ संग रही। तउ एक बड़ा मनइयन क मजमा बिसवास धइके पर्भू कइँती मुड़ि गवा।
22 ऍकर खबर जब यरुसलेम मँ कलीसिया क काने तलक पहुँची तउ उ पचे बरनाबास क अन्ताकिया जाइके पठएऩ।
23 जब बरनाबास हुँवा पहोंचिके परमेस्सर क अनुग्रह क सकारथ होत लखेस तउ उ बहोत खुस भवा अउर उ ओन सबहिं क पर्भू बरे भक्ति भरा हिरदय स बिसवासी बनइ बरे हिम्मत देवॉएस।
24 काहेकि उ पवित्तर आतिमा अउर बिसवास स भरा भवा एक भरपूर उत्तिम मनई रहा। फिन पर्भू क संग एक बड़वार मनइयन क मजमा जुड़ गवा।
25 बरनाबास साऊल क हेरइ तरसुस क चला गवा।
26 फिन उ ओका हेरिके अन्ताकिया लइ आवा। पूरे साल भइ उ पचे कलीसिया स मिलत जुलत अउर बड़का मनइयन क मजमा क उपदेस देत रहेन। अन्ताकिया मँ सबन त पहिले ऍनही चेलन क “मसीही” कहा गवा।
27 इहइ समइ यरुसलेम स कछू नबी अन्ताकिया आएऩ।
28 ओनमाँ स अगबुस नाउँ क एक नबी खड़ा होइके पवित्तर आतिमा क जरिये इ भविस्सबाणी किहेस कि सारी दुनिया मँ एक खउफनाक अकाल पड़ी (क्लौदियुस क समइ इ अकाल पड़ा रहा।)
29 तब हर चेलन आपन ताकत देखिके यहूदिया क बसइयन बंधु क मदद बरे कछू पठवइ क ठान लिहेन।
30 तउ उ पचे अइसा ही किहेन अउर उ पचे बरनावास अउर साऊल क हाथ स यहूदिया मँ आपन बुजुर्गन क लगे उपहार पठएन।
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Acts 12
1 उहइ समइया क लगभग राजा हेरोदेस कलीसिया क कछू निअंबर क सताउब सुरू किहेस।
2 उ यूहन्ना क भाई याकूब क तरवार स कतल कराइ दिहेस।
3 उ जब इ लखेस कि इ बात स यहूदी खुस होत हीं तउ उ पतरस क भी गिरफतार करइ बरे सोचेस (इ बे खमीरे क रोटी क उत्सव क दिनन क बात अहइ)
4 हेरोदेस पतरस क धइके जेलि मँ धाँध दिहेस। ओका चार चार सिपाहियन क कतार क पहरा लगाइ दीन्ह गवा। मतलब इ रहा कि ओह प मुकदमा चलावइ बरे फसह क त्यौहार पाछे ओका मनइयन क समन्वा बाहेर लइ आवा जाइ।
5 तउ पतरस क जेल मँ रोक दीन्ह गवा। ओहर कलीसिया हिरदय स ओकरे बरे परमेस्सरस पराथना करत रही।
6 जब हरोदेस मुकदमा चलावइ बरे ओका बाहेर लोगन क सामने लइ आवइ क रहा, उ रात पतरस दुइ सिपाहियन क बीच सोवा रहा। उ दुइ जंजीरे स बँधा रहा अउर दुआर प पहरुआ जेल क रखवारी करत रहेन।
7 एकाएक पर्भू क सरगदूत हुँवा आइके खड़ा भवा, जेल क खोली रोसनी स जगमगाइ उठी। उ पतरस क बगली थपथपाएस अउर ओका जगावत भवा कहेस, “हाली, खड़ा ह्वा!” जंजीर ओकरे हाथ मँ खुलके गिरि गइ।
8 तबहिं सरगदूत ओका कहेस, “तइयार ह्वा अउर आपन चप्पल पहिरा।” तउ पतरस वइसा ही किहेस। सरगदूत ओका फिन कहेस, “आपन चोगा पहिरा अउर मोरे पाछे चला आवा।”
9 फिन ओकरे पाछे-पाछे पतरस बाहेर निकरि आवा। उ समुझ नाहीं पाएस कि सरगदूत जउन कछू करत रहा, उ फुरइ रहा। उ बिचारेस कि उ कउनो दर्सन लखत अहइ।
10 पहिले अउर दूसर पहरे क छोड़िके आगे बटत भवा उ पचे लोहा क उ फाटक प आइ गएऩ जउन सहर कइँति जात रहा। उ फाटक ओनकइ बरे खुद ही खुलि गवा। अउर उ पचे बाहेर निकरि गएन। उ पचे अबहिं गली क पार किहेन कि उ सरगदूत एकाएक ओका छोड़ि गवा।
11 फिन पतरस क जइसे होस आवा, उ बोला, “अब मोरी समझ मँ आवा ह कि असल मँ फुरइ अहइ कि पर्भू आपन सरगदूत क पठइके हेरोदेस क पंजा स मोका छुटकारा दियाएस ह। यहूदी लोग मोह प जउन कछू बुरा होइ क सोचत रहेन, ओहसे उहइ मोका बचाएस ह।”
12 जब उ इ समझ गवा तउ उ यूहन्ना क महतारी मरियम क घर चला गवा। (यूहन्ना जउन मरकुस भी कहवावत ह।) हुँवा ढेर मिला बटुरा रहेन अउर पराथना करत रहेन।
13 पतरस दुआरे क बाहेर स खटखटाएस ओका लखइ रूदे ऩाउँ क एक दासी हुँवा आइ।
14 पतरस क अवाज क पहिचान के खुसी क मारे ओकरे बरे फाटक बगैर खोले भए उ उलटिके भीतर दउड़ आइ अउर उ बताएस कि पतरस दुआरे प खड़ा अहइ।
15 उ पचे ओसे बोलेन, “तू पागल होइ गइ अहा।” मुला उ जोर दइके कहतइ रही कि इ अइसा ही अहइ। ऍह पॅइ उ पचे कहेन, “उ ओकर सरगदूत होइ।”
16 ओहर पतरस दुआर खटखटावत ही रहा। फिन उ पचे जब दुआर खोलेन तउ उ पचे अचरज मँ पड़ि गएन।
17 ओनकइ हाथे स चुप रहइ क इसारा करत भए उ खोलिके बताएस कि पर्भू ओका जेलि स कइसे बाहेर निकारेस ह। उ कहेस, “य़ाकूब अउर दूसर भइयन क इ बारे मँ बताइ दिहा।” अउर तब उ ठहर क तजिके कउनो दूसर स्थान प चला गवा।
18 जब भोर भवा तउ पहरुअन मँ बड़ी खलबली मचि गइ। उ पचे अचरज मँ पड़ा सोचत रहेन कि पतरस क संग का भवा होइ।
19 ऍकरे पाछे हेरोदेस जब ओकर छानबीन कइ चुका अउर उ ओका नाहीं मिला तउ उ आपन पहरुअन स पूछताछ किहेस अउर ओनका मारि डावइ क हुकुम दिहेस।हेरोदेस फिन यहूदिया स जाइके कैसरिया मँ रहइ लाग। हुँवा उ कछू समइ बिताएस।
20 उ सूर अउर सैदा क मनइयन स बहोत कोहान रहत रहा। उ पचे एक झुण्ड बनइके ओसे भेंटइ आइ रहेन। राजा क खुद क सेवक बलास्तुस क मान मनउवल कइके उ पचे हरोदेस स सांति क पराथना किहेन काहेकि ओनकइ देस क राजा क देस स खाइक मिलत रहा।
21 एक निहचत दिन हेरोदेस आपन राजसी वेस-भूसा पहिरिके आपन सिंहासन प बइठा अउर मनइयन क बियाख्यान देइ लाग।
22 लोग चिचियाने, “इ तउ कउनो देवता क बानी अहइ, मनई क नाहीं।”
23 काहेकि हेरोदेस परमेस्सर क महिमा नाहीं दिहेस, यह बरे फउरन पर्भू क एक दूत ओका बीमार कइ दिहेस। अउर ओहमाँ किरवा परि गएन जउन खाइ लागेन अउर उ मरि गवा।
24 मुला परमेस्सर क बचन क प्रचार होत रहा अउर उ फइलत जात रहा अउर बिसवासियन की संख्यि बढ़त जात रही।
25 बरनाबस अउर साऊल आपन काम पूरा कइके मरकुस कहवावइवाला यूहन्ना का भी संग लइके अन्ताकिया लौटि आएऩ।
Acts 13
1 अन्ताकिया क कलीसिया मँ कछू नबी अउर बरनाबस, समौन (नीगर) कहा जाइवाला समौन कुरेनी क लूकियुस, देस क चउथाई हींसा क राजा हेरोदेस क संग पालितयोसित मनाहेम अउर साऊल जइसे कछू सिच्छक रहेन।
2 उ पचे जब उपवास करत भए पर्भू क आराधना मँ लाग रहेन, तबहिं पवित्तर आतिमा कहेस, “बरनाबास अउर साऊल क जउने काम बरे मइँ बोलाएउँ ह, ओका करइ बरे मोरे नीस्बत, ओनका अलगाइ द्या।”
3 तउ जब सिच्छक अउर नबी आपन उपवास अउर पराथना पूरी कइ चुकेन तउ उ पचे बरनाबास अउर साऊल प आपन हाथ धरेन अउर ओनका बिदा कइ दिहेन।
4 पवित्तर आतिमा क जरिए पठए भए उ सबइ सिलूकिया गएऩ जहाँ स जहान मँ बइठिके उ पचे साइप्रस पहोंचेन।
5 फिन जब उ पचे सलमीस पहोंचेन तउ उ पचे यहूदियन क आराधनालय मँ परमेस्सर क बचन क प्रचार किहेन यूहन्ना सहायक क रूप मँ ओनकइ संग रहा।
6 उ समूचइ द्वीप क जात्रा करत करत उ पचे पाफुस ताईं जाइ पहोंचेन। हुवाँ ओनका एक जादूगर मिला, उ झूठा नबी रहा। उ यहूदी क नाउँ रहा बार-ईसू।
7 उ एक बहोत बुद्धिमान पुरुस राज्यपाल सिरगियुस पौलुस क दोस्त रहा जउन फिन परमेस्सर क बचन सुनइ बरे बरनाबास अउर साऊल क बोलवाएस।
8 मुला इलीमास जादूगर ओनकइ खिलाफत किहेस (इ बार-ईसू क अनुवाद क नाउँ बा।) उ नगर-पति क बिसवास डुगावइ क जतन किहेस।
9 फिन साऊल जेका पौलुस भी कहा जात रहा, पवित्तर आतिमा स भरपूर होइके इलीमास प पैनी निगाह डारत भवा कहेस,
10 “सबहिं तरह क छल अउर धूर्तताई स भरा, अरे सइतान क बेटहना, तू हर नेकी क दुस्मन अहा। का तू पर्भू क सोझ सच्चे राह क तोड़ब मरोड़ब न तजब्या?
11 अब लखा पर्भू क हाथन तोह प आइ पड़ा बा। तू आँधर होइ जाब्या अउर कछू समइ बरे सूरज तक भी नाहीं लख पउब्या।”तुरंतहि एक धूँध अउर अँधियारा होइ पइ छाइ गवा अउर एहर-ओहर टोवइ लाग कि कउनो हथवा धइके ओका चलावइ।
12 तउ राज्यपाल, जउन कछू भवा रहा, जब ओका लखेस तउ उ बिसवास धरेस। उ पर्भू क बाबत उपदेसन स बहोत होइ गवा।
13 फिन पौलुस अउर ओकर संगी पाफुस स ऩाउ क जरिये पंफूलिया क पिरगा मँ आइ गएऩ। मुला यूहन्ना ओनका हुँवइ छोड़िके यरूसलेम लौटि आवा।
14 ओहर उ पचे आपन जात्रा प बढ़त भए पिरगा स पिसिदिया क नजदीक नगर अन्ताकिया मँ आइ गएन। फिन सबित क दिना यहूदी आराधनालय मँ जाइके बइठि गएऩ।
15 मूसा क व्यवस्था क मुताबिक अउर नबियन क पोथी क पाठ कइ चुके क पाछे यहूदी आराधनालय क अधिकारियन ओनकइ लगे इ संदेसा कहवाइ पठएन, “भाइयो, मनइयन क उपदेसन देइ बरे तोहरे लगे कहइ क प्रोत्साहन क कउनो अउर बचन अहइ जउन ओका सुनावा।”
16 ऍह पइ पौलुस खड़ा भवा अउर आपन हाथ हिलावत भवा बोलइ लाग, “हे इस्राएल क मनइयो अउर परमेस्सर स डेराइवाले गैर यहूदियो, सुना:
17 इ इस्राएल क मनइयन क परमेस्सर हमरे पूर्वजन क चुने रहा अउर जब हमार लोग मिस्र मँ ठहरा रहेन, उ ओनका महान बनाए रहा अउर आपन महान सक्ति स उ ओनका उ धरती स बाहेर निकारि लइ आवा रहा।
18 अउर लगभग चालीस बरिस तलक उ जंगल मँ ओनकइ मदद करत रहा।
19 अउर कनान देस क सात जातियन क नास कइके उ धरती इस्राएल क मनइयन क वसीयत क रूप मँ दइ दिहेस।
20 इ सब कछू मँ लगभग साढ़े चार सौ बरिस लगेन।“ऍकरे पाछे समूएल नबी क समइ तलक उ ओनका अनेक निआव क न्यायकर्ता दिहेस।
21 फिन उ पचे एक राजा क निवेदन किहेन, तउ परमेस्सर बिन्यामीन क गोत क एक मनई कीस क बेटवा साऊल क चालीस बरिस बरे ओनका दइ दिहेस।
22 फिन साऊल क हटाइके उ ओनकइ राजा दाऊद क बनाएस जेकरे बारे मँ उ इ साच्छी दिहेस, ‘मइँ यिसै क बेटवा दाऊद क एक अइसे मनई क रूप मँ मिला ह, जउन मोरे मन क मुताबिक अहइ। जउन कछू मइँ ओसे करावइ चाहत हउँ, उ उ सब कछू क करी।’
23 “इ ही मनई क एक बंसज क आपन प्रण क मुताबिक इस्राएल मँ उद्धार करइया ईसू क रूप मँ लाइ चुका अहइ।
24 ओकरे आवइ स पहिले यूहन्ना इस्राएल क सबहिं मनइयन मँ मनफिराव स बपतिस्मा क प्रचार करत अहइ।
25 यूहन्ना जब आपन काम क पूरा करइ क रहा, तउ उ कहेस रहा, ‘तू मोका जउन समुझत ह, मइँ उ नाहीं हउँ। मुला एक अइसा अहइ जउन मोरे पाछे आवत अहइ। मइँ जेकर पनही क फीतास खोलइ लायक भी नाहीं अहउँ।’
26 “भाइयो, इब्राहीम क सन्तानो अउर सच्चे परमेस्सर क आराधक गैर यहूदियो, उद्धार क इ सुसमाचार हमरे बरे ही पठवा ग अहइ।
27 यरुसलेम मँ बसइयन अउर ओनकइ राजा लोगन ईसू क नाहीं पहिचानेन। अउर ओका दोखा ठहराइ दिहेन। इ तरह उ पचे नबी लोगन क उ बचन क पूरा किहन जेनकइ सबित क दिन पाठ कीन्ह जात ह।
28 अउर जदि अपि ओनका ओकरे मउत क राजा क कउनो सबूत नाहीं मिला, तउ भी उ पचे पलातुस स ओका मरवाइ डावइ क माँग किहेन।
29 “ओकरे बारे मँ जउन कछू लिखा रहा, जब उ पचे सब कछू क पूरा कइ चुकेन ओका ऋूस प स खाले उतारेन अउर एक कब्र मँ धइ दिहन।
30 मुला परमेस्सर ओका मरइ क पाछे फिन जीवित कइ दिहस।
31 अउर फिन जउन लोग गलील स यरुसलेम तलक ओकरे संग गएऩ, उ ओनकइ अगवा कइउ दिना ताईं परगट होत रहा। इ सबइ अब मनइयन बरे ओकर साच्छी अहइँ।
32 “हम तोहका उ प्रण क बारे मँ सुसमाचार सुनावत अही जउन हमरे पूर्वजन क संग कीन्ह गइ रही।
33 ईसू क, मरि जाए क पाछे फिन जीवित कइके, ओनकइ संताने क बरे परमेस्सर उहइ सपथ क हमरे बरे पूरा किहेस ह। जइसा कि दूसर भजन संहिता मँ लिखा भी अहइ:‘तु मोर पूत अहा, मइँ तोहका आजु ही जनम दिहेउँ ह।’ भजन संहिता 2:7
34 अउर उ ओका मरे भएऩ मँ जिआइ के उठाएस जेहॅसे नास होइ स पहिले ओका फिन स लौटब न होइ। उ इ तरह कहे रहा:‘मइँ तोहका उ सबइ पवित्तर अउर न टरइ क असीस देब जेनका देइ क बचन मइँ दाऊद क दिहेउँ।’ यसायाह 55:3
35 इ तरह एक दूसर भजन मँ उ कहत ह:‘तू आपन पवित्तर जने क नास क अनुभव नाहीं होइ दिहा।’ भजन संहिता 16:10
36 फिन दाऊद आपन जुग मँ परमेस्सर क प्रयोजन क मुताबिक आपन सेवा-काम पूरा कइके मर गवा, ओका ओकरे पूर्वजन क संग दफनाइ दीन्ह गवा अउर ओकर छय भवा।
37 मुला जेका परमेस्सर मरे भएऩ क बीच क जीवित कइके उठाएस, ओकर छय नाहीं भवा।
38 तउ भाइयो, तू सबन्क जान जाइ चाही कि ईसू क जरिए ही पाप क छमा क उपदेस तोहका दीन्ह गवा ह। अउर इहइ क जरिए हर कउनो जउन बिसवासी अहइ, ओन पापन्स छुटकारा पाइ सकत ह, जेनसे मूसा क व्यवस्था छुटकारा नाहीं दियाइ सकत रही।
39
40 तउ होसियार रहा, कहूँ नबियन जउन कछू कहे बाटेन, तू सबन प न घटइ:
41 “निन्दा करइया लोगो, लखा, होइके भउचक्का मरि जाब्या, काहेकि तोहरे जुग मँ एक कारज अइसा करत हउँ, जेकर चर्चा तलक प तोहका कबहुँ ह बिसवास होई।”‘ हबक्कूक 1:5
42 पौलुस अउर बरनावास जब हुवाँ स जात रहेन मनइयन ओनसे अगले सबित क दिन अइसी ही अउर बातन बतावइ बरे पराथना किहेन।
43 जब सभा खतम भइ तउ बहोत स यहूदियन अउर बहुत गैर यहूदी भक्तन पौलुस अउर बरनाबास क पाछा किहेन। पौलुस अउर बरनाबास ओनसे बातचीत करत भए बिनती किहेन कि उ सबइ परमेस्सर क अनुग्रह मँ बन रहइँ।
44 अगले सबित क दिन तउ लगभग समूचा सहर ही पर्भू क बचन सुनइ बरे उमड़ि आवा।
45 इ बड़का मनइयन क मजमा क जब यहूदियन लखेन तउ उ पचे बहोत जरि भुनि गएन अउर भद्दा सब्द क बइपरत भए पौलुस जउन कछु कहे रहा, ओकर खिलाफत करइ लागेन।
46 मुला पौलुस अउर बरनाबास निडर होइके, “इ जरुरी रहा कि परमेस्सर क बचन पहिले तोका पढ़ावा जात मुला काहेकि तू पचे ओका नकारत अहा अउर तू सबइ आपन खुद क अनन्त जिन्नगी क जोग्ग नाहीं ठहरउत्या, तउ हम पचे अब गैर यहूदी लोग कइँती मुड़ि जात अही।
47 काहेकि पर्भू हमका अइसि ही आग्या दिहे अहइ:‘मइँ जोति बनाएउँ तोहका, ओनकइ बरे जउऩ नाहीं यहूदी, ताकि संसार के सब लोगन का उद्धार करइँ।”‘ यसायाह 49:6
48 गैर यहूदियन जब इ सुनेन तउ उ पचे बहोत खुस भएऩ अउर उ पचे पर्भू क बचन क सम्मान किहेन। फिन उ सबइ, जेनका अनन्त जिन्नगी पावइ बरे ठहरावा ग रहा, बिसवास धारण कइ लिहेन।
49 इ रतह समूचइ पहँटा मँ पर्भू क बचन क प्रचार होत रहा।
50 ओहर यहूदी लोग ऊँच कुले क धार्मिक स्त्रियन अउर सहर क मुड्ढ मनइयन क उसकाएन अउर पौलुस अउर बरनाबास क खिलाफ अत्याचार करब सुरू कइ दिहेन अउर दबाव डाइके ओनका आपन पहँटा स बाहेर निकरिवाइ दिहेन।
51 फिन पौलुस अउर बरनाबास ओनकइ खिलाफ आपन गोड़े क धूरि झारिके इकुनियुम क चला गएऩ।
52 मुला अतीक मँ ओनकइ चेलन आनंद अउर पवित्तर आतिमा स भरपूर होत रहेन।
Acts 14
1 इहइ तरह पौलुस अउर बरनाबास इकुनियुम मँ यहूदी आराधनालय मँ गएऩ। हुवाँ उ पचे इ तरीका स बियाख्यान दिहेन कि यहूदियन क एक बड़का मनइयन क मजमा बिसवास कइ लिहेस।
2 मुला उ यहूदियन जउन नाहीं पातियानेन, गैर यहूदियन क उसकाएऩ अउर भाई बहनन क खिलाफ दुस्मनी पइदा कइ दिहेन।
3 तउ पौलुस अउर बरनाबास हुवाँ बहोत दिनॉ तलक ठहरा रहेन अउर पर्भू क बारे मँ बेडर होइके प्रबचन देत रहेन। ओनकइ हीला स पर्भू अद्भुत कारजन अउर अचरज कारजन करवावत भव आपन द्या क संदेसा क मान करावत रहा।
4 ओहर सहर क मनइयन मँ फूट पड़ि गइ। कछू मिला प्रेरितन कइँती अउर कछू मिला यहूदियन कइँती होइ गएन।
5 फिन जब गैर यहूदी लोग अउर यहूदी लोग आपन आपन नेता स मिलिके ओनके संग बुरा बेवहार करइ लागेन (गरियाव) अउर ओन प पाथर लोकावइ क बात चली,
6 तउ पौलुस अउर बरनाबास क ऍकर पता लग गवा अउर पचे लुकाउनिया अउर लुस्त्रा अउर दिरबे जइसे सहरन अउर सासपास क पहँटा मँ परानेन।
7 उ पचे हुवाँ भी सुसमाचार क प्रचार करत रहेन।
8 लुस्त्रा मँ एक मनई बइठा भवा रहा। उ आपन गोड़वा स अंपग रहा। उ जन्मत ही लँगड़ा रहा, चल फिन तउ कबहुँ नाहीं पाएस।
9 इ मनई पौलुस क बोलत भए सुने रहा। पौलुस ओह पइ निगाह गड़ाएस अउर लखेस कि चंगा होइ क बिसवास ओहमाँ बा।
10 तउ पौलुस ऊँची अवाज मँ कहेस, “अपने गोड़वा प सोझ खड़ा ह्वा।” तउ उ ऊपर उछरा अउर चलइ-फिरइ लाग।
11 पौलुस जउन कछू किहे रहा, जब भिड़िया ओका लखेस तउ मनइयन लुकाउनिया क भाखा मँ गोहार लगाइके कहइ लागेन, “हमरे बीच मनई क रूप धइके, देवता उतरि आवा अहइँ।”
12 उ पचे बरनाबास क “जेअस”अउर पौलुस क “हिरमेस”कहइ लागेन। (पौलुस क हिरमेस यह बरे कहा गवा काहेकि उ प्रमुख बोलवइया रहा।)
13 सहर क सोझइ बाहेर बना जेअस क यहूदियन क मंदिर क पूजारी सहर क दुआरे सॉड़ अउर माल लइके आइ पहोंचा। उ भीड़ क संग पौलुस अउर बरनाबास बरे बलि चढ़ावइ चाहत रहा।
14 मुला जब प्रेरितन बरनाबास अउर पौलुस इ सुनेन तउ उ पचे आपन ओढ़ना फाड़ि डाएन अउर उ पचे ऊँची अवाज मँ इ कहत भए भीड़ मँ घुसि गएऩ,
15 “अरे मनइयन, तू पचे इ काहे करत बाट्या? हम पचे भी वइसे मनई अही, जइसे तू पचे अहा। हिआँ हम सबइ तू सबन्क सुसमाचार सुनावइ आइ अही ताकि तू पचे बेकार क बातन स मुँह मोड़िके उ सजीव परमेस्सर कइँती लउटा जउन अकास धरती, समुद्दर अउर एऩमाँ स जउन कछू अहइ, ओकर रचना किहेस ह।
16 बीत गए काल मँ उ सबहिं जातियन क आपन आपन राहे प चलइ दिहेस।
17 मुला तोहका उ खुद आपन साच्छी दिए बगैर नाहीं तजेस। काहेकि उ तोहरे संग भलाई किहेस। उ तू पचन्क अकास स बर्खा दिहेस अउर रितु क मुताबिक फसल दिहेस। उहइ तोहका खइया क देत ह अउर तोहरे मन क आनंद स भरि देत ह।”
18 इ बचन क पाछे भी उ पचे भिड़िया क ओनकइ बरे बलि चढ़ावइ स अक्सर नाहीं रोक सकेन।
19 फिन अन्ताकिया अउर इकुनियुस स आए भए यहूदी लोग भीड़ क अपने पच्छ मँ कइके पौलुस प पाथेर लोकाएन अउर ओका मरा जानिके सहर क बाहेर घेरर्ाइ लइ गएन।
20 फिन जब ओकर चेलन ओकरे चारिहुँ कइँती बटुरेन, तउ उ उठा अउर सहर मँ चला आवा अउर फिन अगले दिन बरनाबास क संग उ दिरबे बरे चल पड़ा।
21 उ सहर मँ उ पचे सुसमाचार क प्रचार कइके बहोत स चेलन बनएऩ। उ सबइ लुस्त्रा, इकुनियुम अउर अनताकिया लउटि आएऩ।
22 अउर मनवइयन क आतिमन क स्थिर कइके बिसवास मँ रहइ बरे ओनका कहि क हिम्मत बढ़ाएऩ, “हमका बड़ा घोर दुख झेलिके परमेस्सर क राज्य मँ घुसइ क अहइ।”
23 हर कलीसिया मँ उ पचे ओनका नुयुक्त किहेन उ पर्भू क सौप दिहेन जेहमाँ उ पचे बिसवास करत रहेन।
24 एकरे पाछे पिसिदिया स होत भए उ पचे पंफूलिया आइ गएऩ।
25 अउर पिरगा मँ जब सुसमाचार सुनाइ चुकेन तउ इटली मँ आइ गएऩ।
26 हुवाँ स उ पचे अन्ताकिया क जहाज स गएन जहाँ जउने काम क अबहिं उ पचे पूरा किहेन। उ काम बरे उ सबइ परमेस्सर क अनुग्रह प न्यौछावर होइ गएऩ।
27 अइसे जब उ पचे पहोंचेन तउ उ पचे कलीसिया क मनइयन क बटोरेन अउर परमेस्सर ओनके द्वारा जउन कछू किहेस, ओकर वृत्तांत कहिके सुनाएऩ। अउर उ पचे एलान किहेन कि परमेस्सर दूसरे देसन क मनइयन बरे बिसवास क दुआर खोले अहइ।
28 फिन चेलन क संग हुवा बहोत दिनाँ तलक ठहरेन।
Acts 15
1 फिन कछू लोग यहूदिया स आएन अउर भाई लोगन क सिच्छा देइ लागेन, “जदि मूसा क व्यवस्था क मुताबिक तोहार खतना नाहीं भवा अहइ तउ तोहार उद्धार नाहीं होइ सकत।”
2 पौलुस अउर बरनाबास क बिचार मेल नाहीं खात रहा, तउ ओनमाँ एक बड़ा मत भेद पइदा होइ गवा। यह बरे पौलुस अउर बरनाबास अउर ओनके कछू अउर संगी इ समस्या क हल निकारइ बरे प्रेरितन अउर मुखियन क लगे यरुसलेम पठवइ क ठान लिहेन।
3 उ पचे कलीसियन क जरिए पठवा गाएऩ अउर फीनीके अउर सामरिया होत भए अधर्मियन क हिरदय बदलत भए भाई बहिनियन क समाचार सुनाइके खुस करत रहेन।
4 फिन जब उ पचे यरुसलेम पहोंचेन तउ कलिसिया, प्रेरितन अउर बुजुर्ग लोगन अगवानी किहेन। अउर उ पचे ओनके संग परमेस्सर जउन किहे रहा, उ सब कछू ओनका कहिके सुनाएन।
5 ऍह पइ फरीसियन क दल क कछू बिसवासि खड़ा भएऩ अउर बोलेन, “ओनकइ खतना जरुर कीन्ह जाइ चाही अउर ओनका हुकुम देइ चाही कि उ पचे मूसा क व्यवस्था क पालन करइँ।”
6 तउ इ सवाल प बिचार करइ बरे प्रेरितन अउर बुजुर्गन आपुस मँ बटुर गएऩ।
7 एक लम्बी चौड़ी तहत्तुक पाछे पतरस खड़ा भवा अउर ओनसे बोला, “भाइयो, तू पचे जानत ह कि बहोत दिना पहिले तोहमाँ स परमेस्सर एक चुनाव किहे रहा कि मोरे हीला स गैर यहूदियन लोग सुसमाचार क संदेसा सुनइहीं अउर बिसवास करिहीं।
8 अउर अन्तर्यामी परमेस्सर हमरे ही तरह ओनका भी पवित्तर आतिमा क बरदान दइके, ओकरे बारे मँ आपन समर्थन देखाए रहा।
9 बिसवास क जरिए ओनकइ हिरदय क पवित्तर कइके हमरे अउर ओनके बेच उ कउनो भेद-भाव नाहीं किहेस।
10 तउ अब चेलन क गटइया प एक अइसा जुआ लादिके जेका न हम उठाइ सकित अही अउर न हमार पूर्वज तू पचे परमेस्सर क गुस्सा करावइ चाहत ह?
11 मुला हमार तउ इ बिसवास अहइ कि पर्भू ईसू क अनुग्रह स जइसे हमार उद्धार भवा ह, वइसे ही हमका भरोसा अहइ कि ओनकइ भी बचाव जाई!”
12 ऍह पइ समूचा दल सन्न मारि गवा अउर बरनाबास अउर पौलुस क बोलब सुनई लागेन। उ पचे, गैर यहूदियन क बीच परमेस्सर ओनकइ हीला स दुइ अद्भुत कारजन परगट किहे रहा, अउर अचरज कारजन किहे रहा, ओकरे बाबत बतावत रहेन।
13 उ पचे जब बोल चुकेन तउ याकूब कहइ लाग, “भाइयो, मोरउ सुना।
14 समौन बताए रहा कि परमेस्सर गैर यहूदियन मँ स कछू लोगन्क आपन नाउँ बरे चुनिके सबन ते पहिले कइसे पिरेम परगट किहे रहा।
15 नबी लोगन्क बचन भी इ बात क समर्थन करत हीं। जइसा कि लिखा बाटइ:
16 अउर जाबइ मइँ एकरे पाछे, फिन स दाऊद क उ घरे क खड़ा करब जउन गिर चुका ह। फिन स ओकर खण्डहर क सँवारब, फिन स पुराने क उद्धार करब।
17 काहेकि जउन बचा अहइँ उ सबइ गैर यहूदी सबहिं जउन अब मोर कहवावत हीं, पर्भू क हेरइँ। आमोस 9:11-12
18 उहइ पर्भू इ बात क कहत ह, जउन जुग-जुग स इ बातन क परगट करत रहा।’
19 “इ तरह मोर इ निर्णय अहइ कि हमका ओन मनइय़न क, जउन गैर यहूदी होत भए परमेस्सर कइँती घूमा अहइँ, सतावइ नाहीं चाही।
20 मुला हमका तउ ओऩके लगे लिखिके पठवइ चाहीं। हमका ओनका इ बातन क बतावइ चाही:मूरत क चढ़ावा भवा खइया क जिन खा (ऍहसे खइया क अपवित्तर होत ह।) कउनो तरह क व्यभिचार जिन करा लहू क कबहुँ जिन चखा। गटइ घोटिके मारा गवा गोरू क मांस जिन खा।
21 ओऩ पचन्क क इ बात न करइ चाही, काहेकि हर सहर मँ मनइयन (यहूदी) बाटेन जउन मूसा क व्यवस्था सिखावत हीं। हर सबित क दिन मूसा क व्यवस्था क तरीका स पाठ आराधनालय मँ बरिसन स होत आवत ह।”
22 फिन प्रेरितन अउर बुजुर्गन समूचइ कलीसिया क संग इ निहचय किहेन कि ओनमाँ स कछू लोगन क चुनिके पौलुस अउर बरनाबास क संग अन्ताकिया पठवा जाइ। तउ उ पचे बरसब्बा कहा जाइवाला यहूदा अउर सीलास क चुन लिहेन। उ सबइ भाइयन मँ यरूसलेम मँ मान्य रहेन।
23 उ पचे ओनकइ हाथे स इ चिट्ठी पठएन:तोहरे बंधु, बुजुर्ग अउर प्रेरितन कइँती स अन्ताकिया, सीरिया अउर किलिकिया क गैर यहूदी भाइयन क नमस्ते पहुँचइ मोरे भाइयन,
24 हम पचे जब त इ सुना ह कि हम स कउनो आदेस पाए बिना ही, हम पचन मँ स कछू मनइयन जाइके आपन सब्दन स तोहार जिअर दुखी किहेन हे, अउर तोहरे मन क नाहीं थिरइ दिहेन।
25 हम पचे आपुस मँ एक मत होइके इ निहचय कीन्ह ह हम सबइ आपन मँ स कछू मनई चुनी अउर आपन पिआरा बरनाबास अउर पौलुस क संग ओनका तोहरे लगे पठई।
26 इ सबइ उ पचे ही लोग अहइँ जउऩ हमरे पर्भू ईसू मसीह क नाउँ बरे आपन प्राण क बाजी लगाइ दिहे रहे।
27 हम पचे यहूदा अउर सीलास क पठावत अही। उ सबइ तोहका आपन मुँह स इ सब बातन क बतइहीं।
28 पवित्तर आतिमा क अउर हमका इ नीक जान पड़ा कि तू सबन प इ जरूरी बात क अलावा क अउर कउनो बात क बोझा न डावा जाइ:
29 मूरतिन प चढ़ावा गवा भोजन तोहका नाहीं ग्रहण करइ चाही। खून, गटइ घोटिके बधा गवा पसु अउर व्यभिचार स बचा रहा।जदि तू आपन आप क इ बातन स बचाए रखब्या तउ तोहार कल्याण होइ।अच्छा बिदा।
30 इ तरह ओनका बिदा कइ दीन्ह गवा अउर उ सबइ अन्ताकिया पहोंचेन। हुवाँ उ पचे बिसवासियन क धरम सभा क बोलाएन अउर ओऩका उ चिट्ठी दइ दिहेन।
31 चिट्ठी बाँचिके जउन उछाह ओनका मिला ओह पइ उ पचे आनंद मनाएन।
32 यहूदा अउर सीलास, जउन खुद ही दुइनउँ नबी रहेन, आइयन क समन्वा ओनकइ हिम्मत बँधावत भए अउर मजबूती देत भए, एक लम्बा प्रबचन दिहेन।
33 हुवाँ कछू समइ बिताए क पाछे, भाई लोग ओनका सांति क साथ ओनही क लगे लौटि जाइ बरे बिदा किहेन जउन ओनका पठए रहेन।
34
35 पौलुस अउर बरनाबास अन्ताकिया मँ कछू समइ बिताएन। बहोत स दूसर मनइयन क संग उ पचे पर्भू क बचन क उपदेस देत भए मनइयन मँ सुसमाचार क प्रचार किहेन।
36 कछू दिनन क बाद बरनाबास स पौलुस कहेस, “आवा, जउन जउन नगरन मँ हम पचे पर्भू क बचन क प्रचार कीन्ह ह, हुवाँ आपन भाई लोगन क लगे बापिस लौटिके इ लखी कि उ पचे का कछू करत बाटेन।”
37 बरनाबास चाहत रहा कि मरकुस कहवावइवाला यूहन्ना क भी उ पचे संग लइ चलइँ।
38 मुला पौलुस इहइ ठीक समझेस कि उ पचे ओका आपन संग न लेइँ जउऩ पंफूलिया मँ ओनकइ संग छोड़ दिहे रहा अउर (पर्भू क) काम मँ जउऩ ओनकइ साथ नाहीं दिहेस।
39 ऍह पइ उ दुइनउँ मँ घोर खिलाफतजन्मी। नतीजा इ भवा कि उ पचे आपुस मँ एक दूसर स अलगाइ गएन। बरनाबास मरकुस क लइके पानी क जहाजे स साइप्रस गवा।
40 पौलुस सीलास क चुनिके हुवाँ स चला गवा अउर भाइयन ओका पर्भू क छत्रछाया मँ सौंपेन।
41 तउ पौलुस सीरिया अउर किलिकिया क जात्रा करत भवा हुवाँ क कलीसियन क मजबूत करत रहा।
Acts 16
1 पौलुस दिरबे अउर लुस्त्रा मँ भी आवा। हुवँइ तीमुथियुस नाउँ क एक चेला रहा। उ कउनो बिसवासी यहूदी स्त्री क बेटवा रहा मुला ओकर बाप यूनानी रहा।
2 लुस्त्रा अउर इकुनियुम क सहर क भाइयन क संग ओकर अच्छा उठब बैठब रहा।
3 पौलुस तीमुथियुस क जात्रा प लइ जावा चाहत रहा। तउ उ ओका आपन संग लइ लिहेस अउर स्थानन प बसइया यहूदियन क कारण ओकर खतना किहेस; काहेकि उ पचे सबहिं जानत रहेन कि ओकर बाप एक यूनानी रहा।
4 सहरन स जात्रा करत भवा उ पचे हुवाँ क मनइयन क ओन नियम क बारे मँ बताएन जेनका यरुसलेम मँ प्रेरितन अउर बुजुर्गन तय कइ दिहे रहेन।
5 इ तरह हुवाँ क कलीसिया क बिसवास अउर मजबूत होत गोवा अउर रोज हर ओनकइ गनती बाढ़त गइ।
6 तउ उ पचे फ्रूगिया अउर गलातिया क पहँटा स होइके निकरेन काहेकि पवित्तर आतिमा ओनका एसिया मँ पवित्तर बचन क प्रचार क मना कइ दिहे रही।
7 फिन उ पचे जब मूसिया क सरहदे प पहोंचन तउ उ पचे बितूनिया मँ प्रवेस किहेन। मुला ईसू क आतिमा ओनका हुवाँ भी जाइ नाहीं दिहेस।
8 तउ उ पचे मूसिया होत भए त्रोआस पहोंचेन।
9 राति क समइ पौलुस दिब्य दर्सन मँ निहारेस कि मैसीडोनिया क मनई ओसे पराथना करत भवा कहत अहइ, “मैसीडोनिया मँ आवा अउर हमार मदद करा!”
10 इ दिब्य दर्सन क लखे क पाछे तुरंतहि इ नतीजा निकारत भए कि परमेस्सर ओन मनइयन क बीच सुसमाचार क प्रचार करइ हमका बोलाए अहइ हम पचे मैसीडोनिया जाइ बरे ठान लीन्ह।
11 इ तरह हम त्रोआस स जल मार्ग क जरिए जाइ बरे आपन नाउ खोलि दीन्ह अउर सोझइ समोथ्राके जाइ पहोंचेन। फिन अगले दिन नियापुलिस चला गएन।
12 हुवाँ स हम पचे एक रोमी उपनिवेस फिलिप्पी पहुँचेन जउ मैसीडोनिया क उ पहँटा क एक प्रमुख सहर रहा। इ सहर मँ हम कछू दिन बितावा।
13 फिन सबित क दिन इ बिचारत भए कि पराथना करइ बरे हुवाँ कउनो स्थान होइ हम सहर-दुआरे नदि क तीरे गए। हम पचे हुवाँ बइठे अउर बटुरी भइ स्त्रियन स बातचीत करइ लागे।
14 हुवँई लुदिया नाउँ क एक स्त्री रही। उ बैगनी रंग क ओढ़ना क बिऋी करत रही। उ परमेस्सर क आराधिका रही। उ बड़ा धियान स हमार बातन क सुनत रही। पर्भू ओकरे हिरदय क दुआर खोल दिहस ताकि, जउन कछू पौलुस कहत रहा, उ ओन बातन प धियान देइ सकइ।
15 आपन समूचइ परिवार क संग बपतिस्मा लेए क पाछे उ हम सबन स इ कहत भए बिनती किहेस, “जदि तू पचे मोका पर्भू ईसू क सच्चा भगत मानत ह तउ मोरे घरे आवा।” तउ उ हम पचन क जाइ बरे तइयार किहेस।
16 फिन अइसा भवा कि जब हम पचे पराथना ठउर कइँति जात रहे, हम पचन क एक दासी मिली जेहमाँ एक सगुन वतावइ वाली आतिमा क सवारी रहीं। उ मनइयन क भाग्ग बताइके आपन मालिकन क ढेर धन कमाइके देत रही।
17 उ हमरे पौलुस क पाछे इ चिचियात भइ होइ गइ “इ पचे परम परमेस्सर क सेवक अहइँ। इ पचे तोहका मुक्ति क रस्ता क संदेसा सुनावत अहइँ।”
18 उ बहोत दिनाँ तलक अइसा ही करत रहाइ तउ पौलुस परेसान होइ गवा। उ मुड़िके उ आतिमा स कहेस, “मइँ ईसू मसीह क नाउँ प तोहका आदेस देत हउँ, ‘इ बिटिया मँ स बाहेर निकरि आवा!”‘ तउ उ फउरन ओहमाँ स बाहेर निकरि गइ।
19 फिन ओकर स्वामी लोगन जब लखेन कि ओनकइ कमाई क आसा स मन टूटि गवा अहइ तउ उ पचे पौलुस अउर सिलास क धइ दहबोचेन अउर ओऩका घेरर्ावत भए बजार क बीच नगर क अधिकारियन क समन्वा लइ गएऩ।
20 फिन न्यायकर्ता क लगे ओनका लइ जाइके बोलेन, “इ सबइ यहूदियन अहइँ अउर हमरे सहर मँ गड़बड़ी फइलावत बाटेन।
21 इ पचे अइसी रीति रिवाज क दोहाई देत हीं जेनका अपनाउब या जेन पइ चलब हम रोमी मनइयन बरे निआव क मुताबिक नाहीं बा।”
22 भीड़ भी खिलाफत मँ मनइयन क संग होइके हमला करइ आइ। दण्डनायक भी ओनकइ ओढ़ना फाड़िके उतरवाइ दिहेन अउर आग्या दिहेन कि ओनकइ कुटुम्मस होइ।
23 ओन पइ बहोत मारि पड़ चुकइ क पाछे उ पचे ओनका जेल मँ डाइ दिहेन अउर जेल क अधिकारि क आदेस दिहेन कि ओनके बरे करर्ा पहरा बइठाइ दीन्ह जाइ।
24 अइसा आदेस पाइके उ ओनका जेल क भितरी खोली मँ धाँध दिहेन। उ ओनकइ गोड़वा मँ कठघरा जड़ दिहेन।
25 लगभग आधी राति बीते प पौलुस अउर सीलस परमेस्सर क भजन गावत भएऩ पराथना करत रहेन अउर दूसर कैदी ओनका अनकत रहेन।
26 तब्बइ हुवाँ अचानक एक अइसा खौफनाक भूचाल आवा कि जेल क नींव हल गइ। अउर फउरन जेल क फटक्का खुल गवा। हर कउनो क बेड़ी ढ़ीली होइके फिसल गइ।
27 जेलि क अधिकारी जागिके जब लखेस कि जेलि क फटक्का खुलि गवा अहइँ तउ उ आपन तरवार हींच लिहेस अउर इ सोचत भए कैदी पराइ गएन बाटेन। उ खुद क मार डावइ वाला रहा तबहिं
28 पौलुस उँची अवाज मँ चिल्लाइके कहेस, “आपन क नस्कान जिन पहोंचावा काहेकि हम सब हियँइ अही।”
29 ऍह पइ जेल क अधिकारी मसाल मँगवाएस अउर हल्बुली मँ भितरे गवा। अउर डर स काँपत भवा पौलुस अउर सीलास क समन्वा भहराइ पड़ा।
30 फिन उ ओनका बाहेर लइ जाइके बोला, “साहेब लोगो, उद्धार पावइ बरे मोका का करइ चाही?”
31 उ पचे जवाब दिहेन, “पर्भू ईसू प बिसवास करा। ऍहसे तोहार उद्धार होइ-तोहार अउर तोहरे परिवार क।”
32 फिन ओकरे सारे परिवार क संग उ सबइ ओका पर्भू क बचन सुनाएन।
33 ओकरे पाछे जेल क अधिकारी उहइ रात अउर उहइ घड़ी ओनका हुवाँ स लइ गवा। उ ओकर घाव धोएस अउर आपन सारे परिवार क संग बपतिस्मा लिहेस।
34 फिन उ पौलुस अउर सीलास क आपन घर लइ गवा अउर ओनका खइया क खिलाएस। परमेस्सर मँ बिसवास क कारण उ आपन समूचइ परिवार क संग आनन्द मनाएस।
35 जब भोर भवा तउ हाकिम इ कहइ बरे पिआदा क हुवाँ पठएन कि ओन पचन क छोड़ दीन्ह जाइ।
36 फिन जेलि क अधिकारी इ बतियाँ पौलुस क बखानेस’ “दण्डधिकारी तू पचन क छोड़ि देइ क कहवाइ पठएन ह। यह बरे अब तू बाहेर आवा अउर सांति क साथ चला जा।”
37 मुला पौलुस ओन सिपाहियन स कहेस, “जद्यपि हम रोमी नागरिक अही, मुला उ पचे हमका बिना अपराधी होए बिना सब मनइयन क समन्वा मारेन पीटेन ह अउर जेलि मँ धाँध दिहेन। अउर अब चुप्पे चुप्पे उ पचे हमका बाहेर पठइ देत चाहत हीं, निहचय ही अइसी नाहीं होइ। होइ तउ इ चाही कि उ पचे खुद ही आइके हम पचन क बाहेर खदेरइँ।”
38 सिपाही लोग न्याहाधीस क इ सब्द जाइके सुनाएन। न्यायाधीस क जब इ पता लाग कि पौलुस अउर सीलास रोमी आहइँ तउ उ सबइ बहोत ससाइ गएन।
39 तउ उ पचे हुवाँ आएन अउर ओनसे छमा माँगिके ओऩका बाहेर लइ गएऩ अउर ओनसे सहर क तजि देइ क कहेन।
40 पौलुस अउर सीलास जेल स बाहेर निकरिके लुदिया क घर पहोंचेन। धर्म बंधुअन स मिलत भए उ पचे ओनकइ हौसला बढ़ाएऩ अउर फिन हुवाँ स चलि दिहेन।
Acts 17
1 फिर अम्फिपुलिस अउर अपुल्लोनिया क सफर पूरा कइके उ पचे थिस्सलुनीके पहोंच गएऩ। हुवाँ यहूदियन क एक आराधनालय रहा।
2 आपन साधारण सुभाव क अनुसार पौलुस ओनके लगे गवा अउर तीन सबित क दिन तलक ओनकइ संग सास्तरन प बिचार क लेन-देन करत रहा।
3 अउर सास्तरन स लइके ओनका समझावत भवा इ सिद्ध करत रहा कि मसीह क यातनाइँ झेलइ क रहा अउर फिन ओका मरा भवन मँ स जी उठब रहा। उ कहत, “इ ईसू ही, जेकर मइँ तोहार बीच प्रचार करत हउँ, मसीह अहइ।”
4 ओहमाँ स कछू जउन ओकरे मते स मेल खाएन, पौलुस अउर सीलास क मत मँ सामिल होइ गएन। परमेस्सर स डेराइवालन अगिनती यूनानी भी ओहमाँ मिलि गहन। एहमाँ ढेर खास खास स्त्रियन भी मिलि गएन।
5 मुला यहूदी तउ डाह मँ जरत भूँजत रहेन। उ पचे कछू बाजारू जुण्डन क बटोरेन अउर एक मजमा बनइके सहर मँ दंगा कराइ दिहेन। उ पचे यासोन क घर मँ धावा बोल दिहेन। अउर इ जतन करइ लागेन कि कउऩो तरह पौलुस अउर सीलास क मनइयन क समन्वा लइ आवइँ।
6 मुला जब उ पचे ओनका नाहीं पाइ सकेन तउ यासोन क अउर कछू दूसर भाइयन क सहर क अधिकारी क समन्वा घेरर्ाइ के लइ आएन। उ पचे चिचियानेन, “इ मनइयन जउऩ सारी दुनिया मँ उथर पुथर मचाए बाटेन अब उ पचे हियाँ आइ अहइँ।
7 अउर यासोन सम्मान क संग ओऩका आपन घरवा मँ ठहराए बा। अउर उ पचे सबहिं कैसर क आदेसन क खिलाप काम करत बाटेन। अउर कहत हीं एक राजा अउर अहइ जेकर नाउँ अहइ ईसू।”
8 जब भीड़ अउर सहर क अधिकारी इ सुनेन तउ उ पचे भड़केन।
9 अउर इ तरह उ पचे यासोन अउर दूसर मनइयन क जमानती मुचलका लइके छोड़ दिहेन।
10 फिन तुरंतहि रातउ रात पौलुस अउर सीलास क बिरीया पठइ दिहेन। हुवाँ पहुँचिके उ सबइ यहूदी, आराधनालय मँ गएन।
11 इ पचे थिस्सलुनीके क मनइयन स जिआदा नीक रहेन। इ मनइयन पूरा चित्त लगाइके बचन क सुनेन अउर हर दिन सास्तरन क उलटत पलटत भएऩ जाँच करत रहेन कि पौलुस जउन बातन क बताएस ह, का उ बातन फुर अहइँ।
12 एकरे कारण बहोत स यहूदी लोग अउर खास खास यूनानी स्त्री-पुरुसन भी बिसवास धरेन।
13 मुला जब थिस्सलुनिके क यहूदियन क इ पता लाग कि पौलुस बिरीया मँ भी परमेस्सर क बचन क प्रचार करत बाटइ तउ उ पचे हुवँई आइ धमकेन। अउर हुवाँ भी गल्बा करइ अउर मनइयन क हुस्कावइ सुरू कइ दिहन।
14 यह बरे तबहिं भाइयन तुरंत पौलुस क समुद्दर क किनारे जाइ क पठएन। मुला सीलास अउर तीमुथियुस हुवइँ ठहरा रहेन।
15 पौलुस क लइ जाइवालन मनइयन ओका एथेंस पहुँचाइ दिहेन अउर सीलास अउर तीमुथियुस बरे इ हुकुम दइके कि उ पचे हाली स ओकरे लगे आइ जाइँ, हुवाँ स चल दिहेन।
16 पौलुस एथेंस मँ तीमुथियुस अउर सीलास क जोहत भए सहर क मूरत स भरा भवा लखिके मन ही मने मँ तिलमिलात रहा।
17 यह बरे हर रोज आराधनालय मँ यहूदियन अउर यूनानी भगतन जउन असली भगवान का पूजत रहेन स बहस-मुबाहसा करत रहा। हुवाँ बजार-हाट मँ जउन कउनो होत उ ओहसे भी हर रोज तर्क करत रहत।
18 कछू इपीकूरी अउर स्तोईकी दर्सन क ग्यानी भी ओसे सास्तार्थ करइ लागेन।ओहमाँ स कछू कहेन, “इ अंटसंट बोलवइया कहब क चाहत ह?” दूसर लोग कहेन, “इ तउ बिदेसी देवतन क प्रचारक जान पड़त ह।” उ पचे इ यह बरे कहे रहेन कि उ ईसू क बारे मँ उपदेस देत रहा अउर ओकरे फिन स जी उठइ क प्रचार करत रहा।
19 उ पचे ओका धइके अरियुपगुस क सभा मँ आपन संग लइ गएऩ अउर बोलेन, “का हम जान सक्ति ह कि तू जउन मनइयन क समन्वा रखत बाट्या, उ नई सिच्छा का अहइ?
20 तू कछू अजूबी बात हमरे काने मँ डावत अहा, तउ हम पचे जानइ चाहित ह कि इ बातन का अरथ का अहइ?”
21 हुवाँ रहत भए एथेंस क सबहिं मनइयन अउर परदेसि सिरिफ बिल्कुल नवा सुनइ या ओनही बातन क चर्चा क अलावा कउनो भी अउर बातन मँ आपन समइ न लागावत रहेन।
22 तब पौलुस अरियुपगुस क समन्वा खड़ा होइके कहेस, “हे एथेंस क मनइयन, मइँ लखत हउँ कि तू पचे हर तरह स धार्मिक अहा।
23 टहरत फिरत तोहार आराधना क चीजन क लखिके मोका एक अइसी वेदी भी मिली जेह पइ लिखा रहा, ‘अनबूझ परमेस्सर बरे’ तउ तू पचे बेजानिके जेकर आराधना करत बाट्या मइँ तोहका उहइ बचन क सुनावत हउँ।
24 “परमेस्सर, जउऩ इ जगत क अउर इ जगत भितरे जउऩ कछू बा, ओकर रचना किहेस, उहइ धरती अउर अकास क पर्भू अहइ। उ हथवा स बनावा गवा मंदिर मँ नाहीं रहत।
25 ओकरे लगे कउऩो चीजे क कमी नाहीं बा। ऍहसे मनई क हथवा स ओकर सेवा नाहीं होइ सकत। उहइ सबन क जिन्नगी, साँस अउर दूसर सब कछू देत रहत ह।
26 “एक ही मनई स उ मऩई क सबहिं जातिन क बनएस ताकि उ पसे समूचइ धरती प बसि जाइँ अउर उहइ मनइयन क समइ निश्चय कइ दिहेस अउर उ ठउर क जहाँ उ पचे रहइँ, चउहद्दी बाँधि दिहेस।
27 ओकर मतलब इ रहा कि मनई परमेस्सर क हेरइँ। होइ सकत ह कि उ पचे ओका ओकरे ताई पहोंचिक पाई सकइँ। ऍतना होए प भी हम सबन मँ कउनो स भी उ दूर नाहीं बा:
28 ‘काहेकि उहइ मँ हम पचे रहित ह, उहइ मँ हमारा चलब फिरब बा अउर उहइ मँ हमार थिर रहब बा!’इहइ तरह खुद तोहरे ही कछू लिखवइया भी कहेन ह:‘काहेकि हम पचे ओकर बचवा अही।’
29 अउर काहेकि हम परमेस्सर क संतान अही। यह बरे हमका इ कबहुँ नाहीं सोचइ चाही कि उ देउता सोना या चाँदी या पाथर क बनी भइ मानुस कल्पना या कारीगरी स बनी भइ कउनो मूरत जइसी अहइ।
30 अइसे अगियान क जुग क परमेस्सर धियान नाहीं दिहेस अउर अब हर कतहुँ क मनई क मनफिराव क आदेस देत बाटइ।
31 उ एक दिन तय किहेस ह जब उ आपन एक मनई क जरिए जेका उ मुकईर किहेस ह निआव स दुनिया क निआव करी। मरे भएऩ मँ स ओका जिआइके उ हर कउनो क इ बात क परमान दिहेस ह!”
32 जब उ पचे मरे भएऩ मँ स जी उठइ का बात सुनेन तउ ओहमाँ स कछू तउ ओकर हँसी हसारत करइ लागेन मुला कछू कहेन, “हम सबइ इ विसय प फिन कबहुँ तोहार प्रबचन सुनब।”
33 तब पौलुस ओनका तजिके चल दिहेस।
34 कछू मनइयन बिसवास कइ लिहेन अउर ओकरे संग होइ गएऩ। एहमाँ अरियुपगुसक निअम्बर दियुनुसियुस अउर दमरिस नाउँ क स्री अउर ओकरे संगे क अउर मिला भी रहेन।
Acts 18
1 एकरे पाछे पौलुस एथेंस तजिके कुरिन्थुस चला गवा।
2 हुवाँ उ जउ पुन्तुस मा पइदा भवा रहा अक्विला नाउँ क एक यहूदी स मिला। जउन हाल मँ ही आपन पत्नी प्रिस्किला क संग इटली स आवा रहा उ पचे इटली यह बरे तजेन कि क्लौदियुस सबहिं यहूदियन क रोम स निकरि जाइ क हुकुम दिहे रहा तउ पौलुस ओनसे भेंटइ आवा।
3 अउर काहेकि ओनकइ धन्धा एक ही रहा तउ उ ओनही क संग ठहरा अउर काम करइ लाग। बइपार स उ पचे तम्बू बनावइवाला रहेन।
4 हर सबित क दिन उ आराधनालय मँ बाद बिवाद कइके यहूदियन अउर यूनानियन क समुझावइ बुझावइ क जतन करत।
5 जब उ सबइ मैसीडोनिया स सीलास अउर तीमुथियुस आएन तब पौलुस आपन सारा समइ बचन क प्रचार करइ मँ लगाए रहा। यहूदियन क इ परमान देइ चाहत रहा कि ईसू ही मसीह अहइ।
6 तउ जब्बहिं उ पचे ओकर खिलाफत किहेन अउर ओसे फूहर पातर कहेन तउ उ ओनकइ खिलाफ ओढ़ना झारत भवा ओनसे कहेस, “तोहार रकत तोहारे मूँडे प पड़इ। ओकर मोसे कउनो मतलब नाहीं बा। अबहिं स अगवा मइँ गैर यहूदियन क लगे चला जाबा”
7 इ तरह पौलुस हुवाँ स चला गवा अउर तीतुस यूस्तुस नाउँ क एक मनई क घरे गवा। उ परमेस्सर क आराधक रहा। ओकर घर आराधनालय स सटा रहा।
8 ऋसिपुस, जउऩ आराधनालय क प्रधान रहा, आपन समूचइ घराना क संग सत्य पर्भू मँ बिसवास धारण किहेस। साथ ही बहोत स कुरिन्थुस जउन पौलुस क प्रबचन सुने रहेन, बिसवास ग्रहण कइके बपतिस्मा लिहेस।
9 एक राति सपना मँ पर्भू पौलुस स कहेस, “डेरा जिन, बोलत रहा अउर चुप जिन हवा।
10 काहेकि मइँ तोहरे संग हउँ। तउ तोहरे प हमला कइके कउनो भी तोहका नस्कान नाहीं पहुँचाइ काहेकि इ सहर मँ मोर ढेर मिला बाटइँ।”
11 तउ पौलुस, हुवाँ डेढ़ बरिस तलक परमेस्सर क बचन क ओनकइ बीच मँ सिच्छा देत भवा, ठहरा रहा।
12 जब अखाया क राज्यपाल गल्लियो रहा तबहिं यहूदी लोग एक एक अउरटिके पौलुस प धावा बोलि दिहेन अउर ओका धइके कचहरी लइ आएऩ।
13 अउर बोलेन, “इ मनई परमेस्सर क आराधना अइसे तरीका स करइ बरे हुस्कावत अहइ हउन व्यवस्था क विधान क खिलाफ बा।”
14 पौलुस अबहिं आपन मुँहना खोलइ क ही रहा कि गल्लियन यहूदियन स कहेन, “अरे यहूदियो, जदि इ कछू कउनो अनि़आव या गहिर अपराध क होत तउ तोहार बात सुनब मोरे बरे निआव क मुताबिक होत
15 मुला काहेकि इ विसय सब्दन, नाउँ अउर तोहार आपन व्यवस्था क सवाल स जुड़ा अहइ, यह बरे ऍका तू सबइ खुद ही सुलझावा। अइसी बातन क बारे मँ मइँ न्यायाधीस नाहीं बनइ चाहत हउँ।”
16 अउर फिन उ ओनका कचहरी स बाहेर निकाल दिहिस।
17 तउ उ पचे आराधनालय क नेता सोस्थिनेस क धइ दहबोचेन अउर अदालत क समन्वा ही ओका पीटइ लागेन। मुला गल्लियन इ बातन प तनिकउ भी धियान नाहीं दिहेन।
18 बहोत दिनाँ तलक पौलुस हुवाँ ठहरा रहा। फिन भाइयन स बिदा होइके उ नाउ क मारग स सीरिया क चला गवा। ओकरे संग प्रिस्किल्ला अउर अक्विला भी रहेन। पौलुस किंखिया मँ आपन बार कटवाएस काहेकि उ एक ठु मन्नत माने रहा।
19 फिन उ पचे इफिसुस पहोंचेन अउर पौलुस प्रिस्किल्ला अउर अक्विला क हुवँइ छोर दिहेन। अउर खुद आराधनालय मँ जाइके यहूदियन क संग बहस करइ लाग।
20 जब हुवाँ क मनइयन ओसे कछू दिन अउर रूक जाइके निवेदन किहेन तउ उ इन्कार कइ दिहेस।
21 मुला जात भए समइ मँ उ कहेस, “अगर परमेस्सर क इच्छा भइ तउ मइँ तोहरे लगे फिन अउबइ।” फिन उ इफिसुस स नइया स जात्रा किहेस।
22 फिन कैसरिया पहोंचिके उ यरुसलेम गवा अउर हुवाँ कलीसिया क मनइयन स भेंटेस। फिन उ अन्ताकिया कइँती चला गवा।
23 हुवाँ कछू समइ बिताए क पाछे उ बिदाई लिहेस अउर गलातिया अउर फ्रूगिया क पहँटा मँ एक ठउर स दूसर ठउर क जात्रा करत भवा सबहि चेलन क बिसवास बढ़ावइ लाग।
24 हुवँइ अपुल्लोस नाउँ क यहूदी रहत रहा। उ सिकुन्दरिया मँ पइदा भवा रहा। उ बिद्धान बोलवइया रहा। उ इफिसुस मँ आवा। सास्तर क ओका पूरा पूरा ज्ञान रहा।
25 ओका पर्भू क मारग क दीच्छा भी मिली रही। उ हिरदय मँ उमंग भरिके प्रबचन करत अउर ईसू क बारे मँ बड़ी हुसियारी स उपदेस देत रहा। तउ भी ओका यूहन्ना क बपतिस्मा क गियान रहा।
26 आराधनालय मँ उ निडर होइके बोलइ लाग। जब प्रिस्किल्ला अउर अक्विला ओका बोलत सुनेन तउ उ पचे ओका एक कइँती लइ गएन अउर जिआदा बारीकी स ओका परमेस्सर क मारग क बियाख्या समझाएऩ।
27 तउ जब उ अखाया क जाइ चाहेस तउ भाइयन ओकर हिम्मत बढ़ाएन अउर हुवाँ क चेलन क ओकर सुआगत करइ बरे लिखिके पठएन। जब उ हुवाँ पहोंचा तउ ओनकइ बरे बड़कवा सहायक सिद्ध होइ गवा जउन पहमेस्सर क अनुग्रह स बिसवास ग्रहण किहेन।
28 काहेकि सास्तरन स इ परमान देत भए कि ईसू ही मसीह अहइ, उ यहूदी लोगन क मजमा मँ जोरदार सब्दन स ललकारत भवा सास्तरन मँ पछारे रहा।
Acts 19
1 अइसा भवा कि जब अपुल्लोस कुरिन्थुस मँ रहा तबहि पौलुस भीतर क पहँटा स जात्रा करत भवा इफिसुस मँ आइ पहोंचा। हुवाँ ओका कछू चेलन मिलेन।
2 अउर उ ओनसे कहेस, “का जब तू पचे बिसवास धारण किहे रहा तब पवित्तर आतिमा क ग्रहण किहे रहा?”उ सबइ जवाब दिहेन, “हम पचे तउ सुना तलक नाहीं कि कउनो पवित्तर आतिमा बाटइ भी!”
3 तउ उ कहेस, “तउ तू पचे कइसा बपतिस्मा लिहे अहा!” उ सबइ कहेन, “य़ूहन्ना क बपतिस्मा।”
4 फिन पौलुस कहेस, “यूहन्ना क बपतिस्मा तउ मनफिरावइ क बपतिस्मा रहा। उ मनइयन स कहे रहा कि जउन मोरे पाछे आवत अहइ, ओह पइ अरथ अहइ ईसू प बिसवास धरा।”
5 इ सुनिके उ हचे पर्भू ईसू क नाउँ क बपतिस्मा लइ लिहेन।
6 फिन जब पौलुस ओऩ प हाथ धरेम तउ ओऩ पइ पवित्तर आतिमा उतरि आइ। अउर उ सबइ अलग अलग भाखा बोलइ अउर भविस्सबाणी करइ लागेन।
7 कुल जोरिके उ पचे कउनो बारह मनई रहेन।
8 फिन पौलुस यहूदी आराधनालय मँ चला गवा अउर तीन महीना निडर होइके बोलत रहा। उ यहूदी लोगन क साथ बहस करत भवा ओनका परमेस्सर क राज्य क बारे मँ समझावत रहत रहा।
9 मुला ओहमाँ स कछू लोग बहोत जिद्दी रहेन। उ पचे बिसवास ग्रहण करइ स इन्कार कइ दिहेन अउर मनइयन क समन्वा भला बुरा कहत रहेन। तउ उ आपन चेलन क संग लइके ओनका तजिके चला गवा। अउर तरन्नुस क पाठसाला मँ हर रोज बिचार करत रहा।
10 दुइ बरिस तलक अइसा ही होत रहा। एकर नतीजा इ भवा कि सबइ एसिया क बसइया अउर यहूदियन अउर गैर यहूदियन पर्भू क बचन सुनि लिहेन।
11 परमेस्सर पौलुस क हथवा चमत्कार करम करावत रहा।
12 हिआँ तलक की ओकर छुआ रुमाल अउर अँगरखा क बेरामियन क लगे लइ जावा जात तउ ओऩकइ बेरामी जरटुट होइ जातिन अउर दुस्ट आतिमा ओहमाँ म पराइ जातिन।
13 कछू यहूदी लोग, जउन दुस्ट आतिमा क उतारत भए एहर ओहर टहरत डोलत रहेन, जिन मनइयन मँ दुस्ट आतिमन क सवारी होतिन, ओन पइ पर्भू ईसू क नाउँ क बइपरइ क जतन करतेन अउर कहतेन, “मइँ तोहका उ ईसू क नाउँ प जेकर प्रचार पौलुस करत वा, आदेस देत हउँ?” एक स्किबा नाउँ क यहूदी महा याजक क सात ठु बेटवन जब अइसा करत रहेन।
14
15 तउ दुस्ट आतिमा (एक दाँई) ओनसे कहेस, “मइँ ईसू क पहिचानत हउँ अउर पौलुस क बारे मँ भी जानत हउँ, मुला तू पचे कउऩ अहा?”
16 फिन उ मनई जेह पइ दुस्ट आतिमा सवार रही, ओन प कूदि पड़ी। उ ओन पइ काबू पाइके अउर ओनकर कपरा फाड़ दिहेस। उ ओनका खूबइ पीटेस अउर ओनकइ ओढ़ना फाड़ि डाएस। एहसे उ पचे बेबस्तर होइके अउर चोटाइके परानेन।
17 इफिसुस मँ बसइया लोग सबहिं यहूदियन अउर यूनानी लोगन क इ बाते क पता लग गवा। उ सबइ लोग बहोतइ डेराइ गएऩ। इ तरह पर्भू ईसू क नाउँ क आदर अउर जिआदा बाढ़त गवा।
18 ओहमाँ स बहोत स जउऩ बिसवास ग्रहण किहे रहेन, आपन स कीन्ह गवा कुकरम क सबन क समन्वा कबूलत भए हुवाँ आएन।
19 जादूगर अउर टोनहन मँ स बहोतन आपन-आपन पोथी लइके हुवाँ बटोरि दिहेन अउर सब मनइयन क अगवा बारि दिहेन। ओऩ पोथिन क कीमत 50,000 चाँदी क सिक्का क बराबर कूता गवा।
20 इ तरइ पर्भू क बचन जिआदा असरदार होत भवा दूर दूर ताई फइल गवा।
21 इ सब घटित होए क पाछे पौलुस आपन मने मँ मैसीडोनिया अउर अखाया होत भवा यरूसलेम जाइ क निहचय किहेस। उ कहेस, “हुवाँ जाए क पाछे मोका रोम भी लखइ चाही।”
22 तउ उ आपन तीमुथियुस अउर इरास्तुस नाउँ क दुइ सहायक लोगन क मैसीहोनिया पठएस अउर एसिया मँ तनिक समइ अउर बिताएस।
23 उ दिनन मँ परमेस्सर के रस्ता का लइके हुवाँ खुब उपद्रप भवा।
24 हुवाँ देमेत्रियुस नाउँ क एक ठु चाँदी क बनवइया सोनार रहा। उ चाँदी क मन्दिर मूरति देवी अरतिमिसक बनवत रहा। जेहसे कारीगर लोगन क रोजी मिलत रही।
25 उ ओऩका इ धंधा मँ लगा भएऩ दूसर कारीगरन क बटोरेस अउर कहेस, “लखा मनइयो, तू पचे जानत ह कि काम स हमका एक बढ़िया आमदनी होत ह।
26 तू सब लखि सकत ह अउर सुनि सकत ह कि इ पौलुस न सिरिफ इफिसुस मँ मुला करीब करीब एसिया क समूचइ पहँटा मँ मनइयन क अपनी सिच्छा क जरिये बदल दिहे बा। उ कहत बा कि मनई क हथवा क बनावा सच देवता नाहीं अहइँ।
27 एहसे न सिरिफ इ बात क डर अहइ कि हमार बइपार क नामूसी होइ मुला महान देवी अरतिमिस क मंदिर क इज्जत खोइ जाइ क भी डर बाटइ। अउर जउन देवी क आराधना समूचइ एसिया अउर दुनिया स कीन्ह जात बाटइ, ओकर गरिमा छीन लइ जाइ डर अहइ।”
28 जब उ पचे इ सुनेन तउ उ पचे बहोत कोहाइ गएऩ अउर चिचिआइ चिचिआइ क कहइ लागेन, “इफिसियो क देवी अरतिमिस महान बा!”
29 ओहार सारे सहर मँ गड़बड़ी फैलि गइ। तउ मनइयन मैसीडोनिया स आएन अउर पौलुस क संग जात्रा करत भएऩ गयुस अउर अरिस्तरखुस क धइ दहबोचेन अउर रंग साला मँ लइ भागेन।
30 पौलुस मनइयन क समन्वा जाब चाहत रहा मुला चेलन ओका नाहीं जाइ दिहन।
31 कछू प्रांत क अधिकारी जउऩ ओकर मीत रहेन, ओसे कहवाइ पठइएन कि उ हुवाँ रंगसाला मँ आवइ क दुस्साहस जिन करइ।
32 लोगन मँ स कछू चिचियात बा, अउर कउनो कछू, काहेकि समूचइ सभा मँ हल्बुली फइली बाटइ। ओहमाँ मू जिआदा स जिआदा इ नाहीं जानत रहेन कि उ पचे हुवाँ बटुरा काहे बाटेन।
33 यहूदियन सिकन्दर क जेकज नाउँ भीड़ मँ स उ पचे सुझाए रहेन, अगवा ठाड़ कइ रखे रहेन। सिकन्दर आपन हथवा क हिलाइ हिलाइके मनइयन क समन्वा सफाई क बयान देत रहा।
34 मुला जब ओनका इ पता लाग कु उ एक यहूदी अहइ तउ उ सबइ एक अउटके कछू दुइ घण्टा तलक एक सुर मँ चिचियात भवा कहत रहेन, “इफिसियन क देवी अरतिमिस महान बा।”
35 फिन सहर क बाबू भीड़ क सान्त करत भवा कहेस, “हे इफिसुस क मनइयो, का दुनिया मँ अइसा कउनो मनई बा जउऩ इ नाहीं जानत कि इफिसियन सहर महान देवी अरतिमिस अउर सरग स गिरी भइ पवित्तर सिला क रखवारा अहइ?
36 काहेकि इ बातन स इन्कार नाहीं होइ सकता ऍह बरे तोहका सान्त रहइ चाही।
37 तू पचे इ मनइयन क धइके हियाँ लाया ह जदि अपि उ सबइ न तउ कउनो मंदिर क लुटेन ह अउर न ही हमरी देवि क बेज्जत किहेन ह।
38 अगर देमेत्रियुस अउर संगी कारीगरन क कउनो क खिलाफ कउनो सिकाइत अहइ तउ अदालत खुली बाटइँ अउर हुवाँ निरनायकन अहइँ। हुवाँ आपुस मँ एक दूसर प नालिस करइँ।
39 मुला जदि तू एहसे कछू जिआदा जानइ चाहत ह तउ ओकर फैसला नेम स चलइवाली सभा मँ कीन्ह जाइ।
40 जउन कछू अहइ ओकरे मुताबिक हमका इ बाते क डर हइ कि आज क दंगा क कारण हम प दोख न लगावा जाइ। इ दंगा बरे हमरे लगे कउनो भी कारण नाहीं बाटइ जेहसे हम सबइ ऍका ठीक ठहराइ सकी।”
41 ऍतना कहे क पाछे उ सभा क बिसर्जित कइ दिहेस।
Acts 20
1 फिन जब हुल्लड क सांत होइ गवा, एकरे पाछे पौलुस ईसू क चेलन क बोलाएस अउर ओनकइ हिम्मत बढ़ाइ दिहे क पाछे ओनसे बिदा लिहेस अउर मैसीडोनिया क चला गवा।
2 उ पहँटा स होइके उ जात्रा किहेस अउर हुवाँ क मनइयन क उछाह क बचन बोलेस। फिन उ यूनान आइ गवा।
3 उ हुवाँ तीन महीना रूका अउर काहेकि यहूदी लोग ओकरे खिलाफ एक षडयन्त्र रचे रहेन जब उ पानी क मारग स सीरिया क जाइवाला रहा कि उ निस्चय किहेस कि उ मैसीहोनिया क लौटि जाइ।
4 बिरीया क पुर्रूस क बेटवा, थिस्सलूनीकिया क बसइया लोग अरिस्तर्खुस अउर सिकुन्दुस, दिरबे क निवासि गयूस अउर तिमुथियुस अउर एसिया क पहँटा क तुखिकुस अउर त्रुफिमुस ओकर साथ रहेन।
5 इ पचे पहिले चला गवा रहेन अउर त्रोआस मँ हमका जोहत रहेन।
6 बे खमीर क रोटी क दिनन क पाछे हम पचे फिलिप्पी स ऩाउ स चेलन अउर पाँच दिना क पाछे त्रोआस मँ ओनसे जाइ भेंटन। हुवाँ हम सात दिना तक ठहरेन।
7 हपता क पहिले दिना जब हम पचे रोटी क तोड़इ बरे आपुस मँ बटुरेन तउ पौलुस ओनसइ बतियाइ लाग। ओका भियान ही चला जाइ क रहा तउ उ आधी राति तलक बातचीत करत रहा।
8 सीढ़ी क ऊपर क खोली मँ जहाँ हम पचे बटुरा रहेन, हुवाँ ढेर क दिया धरा रहेन।
9 हुवँइ यूतुखुस नाउँ क एक नौजवान खिड़की प बइठा रहा। ओका गहिर नींद चाँपे रही। काहेकि पौलुस ढेर बेला स बोलतइ चला जात रहा तउ ओका गहिर नींद आइ गइ। ऍहसे उ तीसरी मंजिल स तरखाले भहराइ पड़ा अउर जब ओका उठावा गवा तउ उ गुजर चुका रहा।
10 पौलूस तरखाले उतरा अउर ओह पइ निहुरा। ओका आपन कोरा मँ लइके उ कहेस, “जिन घबराअ काहेकि ओकर प्राण उहइ मँ बा।”
11 फिन उ ऊपर चला गवा अउर उ रोटी क तोरिके बाँटेस अउर खाएस। उ ओनकइ ढेर देर तलक, भिन्सारे ताई बतियात रहा। फिन उ ओनसे बिदा लिहेस।
12 उ जिअत मनई क उ पचे घरे लइ आएन। ऍहसे ओऩका बहोत चइन मिला।
13 हम जहाजे प पहिले पहोंचेन अउर अस्सुस कइँती चल दिहेन। हुवाँ पौलुस क हम पचेन क जहाज बइठावइ क रहा। उ अइसी ही योजना बनए रहा। उ खुन पैदर आवइ चाहत रहा।
14 उ जब अस्सुस मँ हम पचन स भेंटा तउ हम पचा ओका जहाजे प बइठावा अउर हम सबइ मितुलेने कइँती चल पड़ेन।
15 दूसर दिन हम हुवाँ स चलिके खियूस क समन्वा जाइ पहोंचेन। अउर दूसर दिन ओह पार सामोस आइ गएऩ। फिन ओकरे एक दिन पाछे हम मिलेतुस आइ पहोंचेन।
16 काहेकि पौलुस जहाँ तलक होइ सका पिन्तेकुस्त क दिन तलक यरूसलेम पहुँच जाइ क हाली करत रहा, तउ उ ठान लिहेस कि उ इफिसुस मँ बे रुके भए अगवा चला जाइ जेहॅसे ओका एसिया मँ समइ जिआदा न बितावइ पड़इ।
17 उ मिलेतुस स इफिसुस क बुजुर्ग अउर कलीसिया क संदेसा पठइके आपन लगे बोलाएस।
18 ओनकइ आए प पौलुस ओनसे कहेस, “इ तू सबइ जानत ह कि एसिया पहुँचइ क बाद पहिले दिन स ही हर समइ मइँ तोहरे संग कइसे रहत हउँ।
19 अउर बड़ा दीन होइके आँसू टपकाइ टपकाइके यहूदी लोगन्क कुचाल क कारण मोह प कइउ परीच्छा मँ भी मइँ दीनता पूर्वक पर्भू क सेवा करत रहेउँ।
20 तू पचे जानत बाट्या कि मइँ तोहका तोहरे भलाई क कउनो बाते स बतावइ मँ कबहुँ हिचकिचाएउँ नाहीं। अउर मैं तोहका ओन बातन क सबहिं मनइयन क बीच अउर घरे घरे जाइके उपदेस देइ मँ कबहुँ नाहीं झिझक्यों।
21 यहूदियन अउर यूनानियन क मइँ बराबर क भाव स मनफिराव बरे, परमेस्सर कइँती मोड़इ बरे मँ कहत रहेउँ ह अउर हमार पर्भू ईसू मँ बिसवास बरे ओनका चिताउनी दिहेउँ ह।
22 अउर अब पवित्तर आतिमा क अधीन मँ मइँ यरुसलेम जात अहउँ मइँ नाहीं जानत हउँ हुआँ मोरे संग का कछू घटी।
23 मइँ तउ सिरिफ ऍतना जानत हउँ कि हर सहर मँ पवित्तर आतिमा इ कहत भइ मोका चउकन्ना करत रहत ही कि जेल अउर घोर संकट मोका जोहात बाटेन।
24 मुला मोरे बरे प्राण क कउनो कीमत नाहीं बा। मइँ तउ बस उ दौड़ धूप अउर उ सेवा क पूरा करइ चाहत हउँ जेका मइँ पर्भू ईसू स ग्रहण करेउँ ह-परमेस्सर क अनुग्रह क सुसमाचार क साच्छी देब।
25 “अउर अब मइँ जानत हउँ कि तोहमाँ स कउनो भी, जेनकइ मँ मइँ परमेस्सर क राज्य क प्रचार करत घूमेउँ ह, मोर मुँह अगवा कबहुँ न लखि पाइ।
26 यह बरे आजु मइँ तोहरे समन्वा गोहराइ के कहत हउँ कि तू सबन मँ स कउनो मँ स कोइ खोवाय जाइ त ओकर दोखी मइँ नाहीं अहउँ।
27 काहेकि मइँ परमेस्सर क पूरी इच्छा क तोहका बतावइ क मँ मइ कबहुँ हिचकिचाएउँ नाहीं।
28 आपन अउर आपन जात बिरादरी क देख भाल करत रहा। पवित्तर आतिमा ओहमाँ स तोहका ओन प चउकसी करइ बरे बनएस ह जेहसे तू परमेस्सर क कलीसिया क धियान राखा जेहसे उ आपन रकत क बदले बेसहे रहा।
29 मइँ जानत हउँ कि मोरे बिदा होइ जाए क पाछे सिकारी बिगवा तोहरे बीच अइही अउर उ पचे इ भोला भाला झुंड क न छोरिहीं।
30 हिआँ तलक कि तोहरे आपन बीच मँ स ही अइसेन मनई भी उठि जइहीं, जउन चेलन क पाछे लगाइ लेइ बरे बात क घुमाइ फिराइ क कइहीं।
31 यह बरे होसियार रह्या। याद राखा कि मइँ तिन बरिस तलक एक एक क दिन रात रोइ रोइ क चिताउनी देब नाहीं तज्यों रहे।
32 “अब मइँ तोहका परमेस्सर अउर ओकर सुसमाचार क अनुग्रह क हाथे अर्पण करत हउँ। उहइ तोहका बनइ सकत ह् अउर ओन मनइयन क संग जेनका पवित्तर कीन्ह गवा अहइ, तोहका बारिस बनइ सकत ह।
33 मइँ कबहुँ कउनो क सोना-चाँदी या ओढ़ना क नाहीं ललचाएउँ ह।
34 तू सबइ ही जानत ह मोर इ हथवन ही मोर अउर मोरे संगिन की जरूरत क पूरा किहेस ह।
35 मइँ आपन हर करम स तोहका इ देखॉवा ह कि करर्ी मेहनत करत भए हमका निर्बल क मदद कउने तरह करइ चाही अउर हमका पर्भू ईसू क बचन याद रखइ चाही जेहसे उ खुद कहे रहा, ‘लेइ स देइ मँ जिआदा सुख बा।”‘
36 इ कहि चुके क पाछे ओन सबन क संग उ घुटना क बल निहुरा अउर उ पराथना किहेस।
37 हर कउनो भोंकारा मारिके रोवत रहा। मिलना मिलत भए उ पचे ओका चूमत रहेन।
38 उ जउन इ कहे रहा कि पचे ओकर मुँहना फिन कबहुँ न लखिहीं, ऍहसे मनई जिआदा दुःखी रहेन। फिन उ पचे ओकर रच्छा करत भए जहाजे तलक पहोंचाइ दिहेन।
Acts 21
1 फिन ओनसे बिदाइ लइके समुद्दर मँ हम पचे आपन नइया खेइ दीन्ह अउर सोझ राहे म कास पहोंच गएऩ अउर भियान रोदुस। फिन हुवाँ स हम पतरा चला गएन।
2 हुवाँ हम एक ठु जहाज लीन्ह जउन फिनीके जात रहा।
3 जब साइप्रस लखइ क आइ गवा तउ हम पचे ओका बाई कइँती छोड़िके सीरिया कइँती मुड़ि गएऩ काहेकि जहाज क सूर मँ माल उतारइ क रहा तउ हम पचे भी हुवँई उतरि गएऩ।
4 हुवाँ हम पचन क अनुयायी मिलेन जेनके संग हम सात दिनाँ ताई ठहरेन। उ पचे आतिमा क असर स पौलुस क यरुसलेम जाइ स रोक दिहेन।
5 फिन हुवाँ ठहरइ क आपन समइ बिताइके हम पचे बिदा भएन आपन जात्रा पर निकरि गएन। आपन स्त्रियन अउर बचवन क संग उ पचे सहर क बाहेर तलक हमरे संग आएऩ। फिन हुवाँ समुद्दर क किनारे हम पचे घुटना क बल निहुरिके पराथना कीन्ह।
6 अउर एक दूसर स बिदा होइके हम पचे जहाजे प चढ़ि गएऩ। अउर उ पचे आपन-आपन घरन क लौटि आएऩ।
7 सूर स पानी क रस्ता क जरिए जात्रा करत भए हम पतुलिमयिस मँ उतरेन। हुवाँ भाई लोगन क सुआगत सत्कार करत भए हम पचे ओऩकइ संग एक दिन ठहरेन।
8 दूसर दिन ओनका छोरिके हम कैसरिया आइ गएन। अउर सुसमाचार क प्रचारक फिलिप्पुस, जउन चुना भवा सात सेवकन मँ एक रहा, घर जाइके ओनके संग ठहरेन।
9 ओकरे चार ठु कुँवारी बिटिया रहिन जउन भविस्सबाणी करत रहिन।
10 हुवाँ हमरे कछू दिनन ठहरे रहइ क पाछे यहूदिया स अगुबस नाउँ क एक नबी आवा।
11 हमरे निअरे आवत भवा उ पौलुस क करिहाउँ बाँधिके उठाइके ओसे अपऩइ ही गोड़ अउर हाथ बँधवाइ लिहेस अउर बोला, “इ अहइ जउन पवित्तर आतिमा कहत बा, ‘यानी यरुसलेम मँ यहूदियन, जेकर इ कमर बँध अहइ, ओका अइसे ही बॉधिके गैर यहूदियन क हाथे सौंपि देइही।”‘
12 हम पचे जब इ सुनेन तउ हम हुवाँ क मनइयन ओसे यरुसलेम न आवइ क पराथना किहेन।
13 यह पइ पौलुस जवाब दिहेस, “इ तरह रोइ रोइके मोर हिरदय तोड़त भए इ तू पचे का करत बाट्या? मइँ तउ यरुसलेम मँ न सिरिफ बाँधा जाइ बरे बल्कि पर्भू मसीह क नाउँ प मरइ तलक सन्नध अही!”
14 काहेकि हम ओका मना नाहीं कइ पाएन। तउ बस ऍतना कहिके चुप्पी साधि गएऩ “जइसी पर्भू क इच्छा।”
15 इ दिनन क पाछे फिन हम तइयारी कइके यरुसलेम चला गएन।
16 कैसरिया स कछू चेलन भी हमरे संग होइ गएऩ। उ पचे हमका साइप्रस क मनासोन नाउँ क एक मनई क हियाँ लइ गएऩ जउऩ ईसू का पहिला चेला रहा। हमका उहइ क संग ठहरइ क रहा।
17 यरुसलेम पहुँचे प भाई लोगन बड़ा उछाइ स हमार सुआगत सत्कार किहेन।
18 दूसर दिन पौलुस हमरे संग याकूब स भेंटइ गवा। हुवाँ सबहिं कलीसिया क अगुआ हाजिर रहेन।
19 पौलुस ओनकइ सुआगत सत्कार किहेस अउर ओन सब कामे क बारे मँ जउन परमेस्सर ओकरे हीला स गैर यहूदियन क बीच करवाए रहा, एक एक कइके कहि सुनाएस।
20 तउ उ पचे परमेस्सर क स्तुति करत भए बोलेन, “बंधु तू पचे तउ लखत ही अहा हियाँ केतॅना ही हजार यहूदी अइसा अहइँ जउन बिसवास ग्रहण लिहे बाटेन। मुला उ पचे सोचत ही मूसा का व्यवस्था क मानब बहुत जरूरी अहइ।
21 तोहरे बारे मँ ओनसे कहा गवा बाटइ कि तू पचे गैर यहूदियन क बीच रहइवाला सबहिं यहूदी लोगन क मूसा क सिच्छा क तजइ क सीख देत बाट्या। अउर ओनसे कहत ह कि उ पचे न तउ आपन गदेलन क खतना करावइँ अउर न ही यहूदी रीति रिवाजे प चलइँ।
22 तउ का कीन्ह जाइ? उ पचे इ तउ जरुरी ही सुनिहीं कि तू आवा अहा।
23 यह बरे तू उहइ करा जउन तोहसे हम कहत अही। हमरे संग चार ठु अइसे मनई बाटेन जउन कउनो मन्नत मानेन ह।
24 इ मनइयन क लइ जा अउर ओनकइ संग सुद्ध होइ क जलसा मँ सामिल होइ जा। ओऩकइ खर्जा दइ द्या उ पचे आपन मूॅड़ मुड़वाइ लइ लेइँ। ऍहसे सब लोग जान लेइहीं कि उ पचे तोहरे बारे मँ जउऩ सुने अहइँ, ओहमाँ स कउनो सच नाहीं बाटइ मुला तू तउ खुद ही हमरे व्यवस्था क मुताबिक जिन्नगी देत ह।
25 हियाँ तलक बिसवास ग्रहण करइवाले गैर यहूदियन क सवाल बा, हम पचे ओनका एक ठु चिट्ठि मँ लिखिके पठएऩ ह:‘उ पचे मूरतियन प चढ़ावा प्रसाद, रकत क भोजन, गटई घोंटि के मारे भएन गोरूअन अउर व्यभिचार स आपने को खुद क दूर राखइँ।”‘
26 इ तरह पौलुस ओन मनइयन क आपन संगे लिहस अउर ओन मनइयन क संग आपन खुद क अगले दिन सुद्ध कइ दिहस। फिन उ मंदिर मँ गवा जहाँ उ गोहराइके कहेस कि सुद्ध होइके दिन कब पूर होइहीं अउर हम पचन मँ स हर एक बरे चढ़ावा कब चढ़ाइ जाइ।
27 जब उ सात दिना पूर होइवाला रहा, एसिया स आए कछू यहूदी लोग ओका मंदिर मँ लखेन। उ पचे भीड़ मँ सबहिं मनइयन क हुस्काइ दिहेन अउर पौलुस क धइ लिहन।
28 फिन उ पचे नरियाइके बोलेन, “इस्राएल क मनइयो मदद करा। इ उहइ मनई अहइ जउन हर कहूँ हमार जनता क, मूसा क व्यवस्था क खिलाफ मनइयन क सिखावत बहकावत बा। अउर अब तउ इ गैर यहूदियन क मंदिर मँ लइ आवा अहइ। अउर इ इ तरह इ पवित्तर स्थान क भरभण्ड कइ दिहे अहइ।”
29 (उ पचे अइसा यह बरे कहे रहेन कि त्रुफिमुस नाउँ क एक इफिसी क सहर मँ उ पचे ओकर संग लखिके अइसा सोचेन कि पौलुस ओका मँदिर मँ लइ गवा अहइ।)
30 तउ सारा सहर खिलाफ उठि खड़ा भवा। मनई भागि भागिके चढ़ बइठेन अउर पौलुस क धइ लिहेन। फिन उ पचे ओका घिसीटते भए मंदिर स बाहेर लइ गएऩ अउर फउरन फाटक बन्द कइ दिहेन।
31 उ पचे ओका मारइ क जतन करत ही रहेन कि रोमी फऊज क टुकड़ी क नायक क लगे इ सूचना पहोंची कि समूचइ यरुसलेम मँ खलबली मची बा।
32 उ सेनानायक कछू सिपाहियन अउर फउज क अधिकारी क आपन संग लिहेस अउर पौलुस प हमला करइवाले यहूदियन कइँती बढ़ा। यहूदियन जब सेना नायक अउर सिपाही लोगन क लखेन तउ उ पचे पौलुस क पीटब बंद किहेन।
33 तब उ सेना नायक पौलस क लगे गवा अउर ओका बंदी बनाइ लिहेस। उ ओका दुइ जंजीरे मँ बाँध लेइ क आदेस दिहेस। फिन उ पूछेस, “उ कउन अहइ अउर उ का किहेस ह?”
34 भिड़िया मँ स कछू मनइयन एक बात कहेन तउ दूसर लोग दूसर बात। इ हो-हल्लड़ मँ काहेकि उ इ नाहीं जान पाएस कु सच्चाई का अहइ, यह बरे उ हुकुम दिहेस कि ओका छावनी मँ लइ चला जाइ।
35 पौलुस जब सीढ़िन क लगे पहोंचा तउ भिड़िया मँ फइली हिंसा स सिपाहियन क ओका आपन सुरच्छा मँ लइ जाइ पड़ा। काहेकि ओकरे पाछे मनइयन क एक भारी भीड़ इ चिचियात भइ चलत रही, “ऍका मारि डावा!”
36
37 जब उ छावनी क भीतर लइ जावा जाइवाला रहा कि पौलुस सेनानायक स कहेस, “का मइँ तोहसे कछू कहि सकत हउँ?”सेनानायक बोला, “का तू यूनानी बोलत अहा?
38 तउ तू उ मिस्र क मनई तउ नाहीं अहा न जउन पहिले दंगा सुरु कराए रहा अउर जउन हियाँ रेगिस्तान मँ चार हजार आंतकवादी लोगन क अगुअई करत रहा?”
39 पौलुस कहेस, “मइँ किलिकिया क तरसुस सहर क एक यहूदी मनई हउँ। अउर एक मसहूर सहर क नागरिक हउँ। मइँ तोहसे चाहत हउँ कि तू मोका इ मनइयन क बीच बोलाइ द्या।”
40 ओसे आग्या पाइके पौलुस सीढ़ी प खड़ा होइके मनइयन कइँती हाथ हिलावत भवा ओनका सांत होइ क कहेस। जब सब सांत होइ गवा तउ पौलुस इब्रानी भाखा मँ मनइयन स कहइ लाग।
Acts 22
1 पौलुस कहेस, “भाई लोगन अउर बाप क नाई भले मनइयन, मोका आपन बचाव मँ अब जउन कछू कहइ क बाटइ, ओका सुना।”
2 उ पचे जब ओका इब्रनी भाखा मँ बोलत भए सुनेन तउ उ पचे जिआदा सांत होइ गएऩ। फिन पौलुस बोला,
3 “मइँ एक यहूदी मनई हउँ। सिलिकिया क तरसुस सहर मँ जनम भवा रहा अउर मइँ इहइ सहर मँ पाला पोसा जाइके बाढ़ गएउँ रहा ह। गमलिएलक गोड़वा प बइठिके हमरे पूर्वजन क व्यवस्था क मुताबिक बड़ी कड़ाई स मोर सिच्छा भइ। परमेस्सर बरे मइँ जिआदा धुन लगावत रहेंउँ। फुरे वइसे ही जइसे आज तू पचे अहा।
4 इ ईसू के पंथ क मनइयन क मइँ ऍतना सताएँउ ह कि ओनकइ परान तलक उड़ि गएऩ। मइँ पुरूसन अउर स्त्रियन क बंदी बनएउँ ह अउर जेलिया मँ धाँध दिहेउँ।
5 खुद महायाजक अउ बुजुर्ग यहूदी नेतन क समूचइ सभा ऍका सिद्ध कइ सकत ह। मइँ दमिस्क मँ ऍनकइ भाइयन क नाउँ चिट्ठी भी लिहेउँ ह अउर इ पंथ क हुवाँ रहइ वालन क धइके बंदी क रूप मँ यरुसलेम लइ आवइ बरे मइँ गवा भी रहे रहा ताकि ओनका सजा दीन्ह जाइ सकइ।
6 “फिन अइसा भवा कि मइँ जब जात्रा करत करत दमिस्क क लगे पहोंचा तउ लग भग दुपहरिया क समइ अकास स एकाएक एक जोर क प्रकास चारिहुँ कइँती फइला।
7 मइँ भुइयाँ प भहराइ गवा। तबहिं मइँ एक अवाज सुनेउँ जउन मोसे कहत रही, ‘साउल’ ओ साउल! तू मोका काहे सतावत अहा?’
8 तब मइँ जवाबे मँ कहेउँ, ‘पर्भू, तू कउन अहा?’ उ मोसे कहेस, ‘मइँ अहइ नासरी ईसू अहउँ जेका तू सतावत बाट्या।’
9 जउन मोरे संग रहेन, उ सबइ भी उ प्रकास निहारेन मुला उ बाणी क जउन मोका गोहराए रहा, उ पचे समुझि नाहीं पाएन।
10 मइँ पूछेउँ, ‘पर्भू, मइँ का कररुँ?’ एह पइ पर्भू मोसे कहेस, ‘खड़ाहुवा, अउर दमिस्क क चला जा। हुवाँ तोहका सब कछू बताइ दीन्ह जाइ, जेका करइ बरे तोहका मुकर्रर कीन्ह गवा बा।’
11 काहेकि मइँ उ जोरदार प्रकास स कछू लखि नाहीं पाएउँ रहा, तउ मोर संगी मोर हथवा धइके मोका लइ चलेन अउर मइँ दमिस्क पहोंचि गएउँ।
12 “हुवाँ हनन्याह नाउँ क एक मनई रहा। उ व्यवस्था क पालन करइवाला भगत रहा। हुवाँ क बसइया सबहिं यहूदियन क संग ओकर मेलजोल रहा।
13 उ मोरे लगे आवा अअउ मोरे नगिचे खड़ा होइके बोला, ‘भाई साऊल, फिन स लखइ लगा!’ अउर उहइ छिन मइँ ओका लखइ क जोग्य होइ गवा।
14 उ कहेस, ‘हमरे पूर्वजन क परमेस्सर तोहका चुनि लिहे अहइ कि तू ओकर इच्छा क परखा, ओकरे धरम क सरूप प लखा अउर ओकर बाणी सुना।
15 काहेकि तू जउन लख्या ह अउर जउन सुन्या ह, ओकरे बरे सबहिं मनइयन क समन्वा तू ओकर साच्छी होब्या।
16 यह बरे अब तू केकर बाट जोहत बाट्या, खड़ा होइ जा बपतिस्मा ग्रहण करा अउर ओकर नाउँ क गोहरावत भए आपन पाप क धोइ डावा।’
17 “फिन अइसा भवा कि जब मइँ यरुसलेम लौटिके मंदिर मँ पराथना करत रहेउँ तबहिं मोर समाधि लग गइ
18 अउर मइँ लखेउँ कि ईसू मोसे कहत अहइ, ‘हाली! करा अउर फउरन यरुसलेम स बाहेर जा काहेकि मोरे बारे मँ उ पचे तोहार साच्छी न मनिहीं।’
19 तउ मइँ कहेउँ, ‘पर्भू इ लोग तउ जानत हीं, कि तोह प बिसवास करइया मनइयन क बंदी बनवत भए अउर पीटत भए मइँ यहूदी आराधनालय मँ टहरत फिरा हउँ।
20 अउर तउ अउर जब तोहार साच्छी स्तिफनुस क रकत बहावा जात रहा, तब भी मइँ आपन समर्थन देत भए हुवँइ खड़ा रहेउ। जउन ओकर कतल किहे रहेन, मइँ ओनकइ ओढ़ना क रखवाली करत रहेउँ।’
21 फिन उ मोसे बोला, ‘तू जा, काहेकि गैर यहूदियन क बीच दूर-दूर ताई पठउब।”‘
22 इ बात तलक उ पचे सुनत रहेन फिन ऊँच अवाजे मँ चिल्लाइ उठेन, “अइसे मनइयन क धरती स अजाद करा। इ जिअइ क जोग्य नाहीं बा।”
23 उ पचे जब चिचियात रहेन अउर आपन ओढ़ना क उतारि उतारिके लोकावत रहेन अउर अकासे मँ धूरि उछारत रहेन,
24 तबहिं सेनानायक आदेस दिहेस कि पौलुस क जेले मँ लइ जावा जाइ। उ कहेस कि कोड़ा स मारि मारिके ओसे बकरवावा जाइ ताकि मनइयन क पता लागि कि ओह पइ मनइयन क चिचियाइ क कारण का बाटइ।
25 मुला जब उ पचे ओका कोड़ा मारइ बरे बाँधत रहेन तबहिं हुवा खड़ा भवा फऊजीनायक स पौलु स कहेस, “कउऩो रोमी नागरिक क, जउन अपराधी न पावा गवा होइ, कोड़ा लगाउब का ओका नीक बा?”
26 फउजीनायक इ सुनिके सेनानायक क निअरे गवा अउर बोला, “इ आप का करत अहइँ?” काहेकि इ तउ रोमी नागरिक अहइ!”
27 “ऍह पइ सेनानायक ओकरे लगे आइके पूछेस, “मोका बतावा, का तू रोमी नागरिक अहा?”पौलुस जवाब दिहेस, “हाँ।”
28 ऍह पइ सेनानायक जवाब दिहेस, “इ नागरिकता पावइ बरे मोका तउ ढेर का धन खर्च करइ पड़ा रहा।”पौलुस कहेस, “मुला मइँ तउ जनम स रोमी नागरिक हउँ।”
29 तउ उ पचे जउन ओसे पुछताछ करत रहेन, तुरंत पाछे हटि गएऩ अउर सेनापति भी इ समुझिके कि उ एक रोमी नागरिक अहइ अउर उ ओका बंदी बनाए अहइ, बहोत डेराइ गवा।
30 काहेकि उ सेनानायक इ बात क ठीकठीक पता लगावइ चाहत रहा कि यहूदियन पौलुस प जुर्म काहे लगाएन, यह बरे उ दूसर दिन बंधन खोल दिहेस। फिन मुख्ययाजक अउर सबन त सर्वोच्च यहूदी महासभा क बोलाइ पठएन अउर पौलुस क ओनकइ समन्वा लाइके खड़ा कइ दिहेस। पौलुस यहूदी महासभा प टकटकी लगाइके निहारत।
Acts 23
1 भवा कहेस, “मोर भाइयो, मइँ परमेस्सर क समन्वा आजु तलक अन्त: मन स जिन्नगी बिताएउँ ह।”
2 एह पॅइ महायाजक हनन्याह पौलुस क निअरे खड़ा भए मनइयन क आदेस दिहेस कि उ पचे ओकरे मुँहे प थप्पड़ मारइँ।
3 तब पौलुस ओसे कहेस, “हे सफेदी स पोती भइ दीवार! परमेस्सर क मार तोह पइ पड़ी। तू हिआँ व्यवस्था क मुताबिक कइसा निआब करइ बइठा अहा कि तू व्यवस्था क खिलाफ मोका थप्पड मारइ आदेस देत अहा।”
4 पौलुस क लगे खड़ा भए मनइयन कहेन, “परमेस्सर क महायाजक क बेज्जत करइ क हिम्मत तोहका भवा कइसे!”
5 पौलुस जवाब दिहेस, “मोका तउ पता नाहीं कि इ महायाजक अहइ। काहेकि लिखा अहइ, ‘तोहका आपन प्रजा क राजा बरे कुभाख बोलइ नाहीं चाहीं।’“
6 फिन जब पौलुस क पता चला कि ओहमाँ स आधा मनई सदूकी अहइँ अउर आधा फरीसी तउ महासभा क बीच उँच अवाज मँ कहेस, “भाइ लोगो, मइँ फरीसी हउँ एक फरीसी क बेटवा हउँ। मरइ क पाछे फिन स जी उठइ बरे मोरी मान्नता क कारण मोह प मुकदमा चलावा जात अहइ!”
7 ओकरे अइसा कहइ प फरीसियन अउर सदूकियन मँ एक तहत्तुक उठा अउर सभा क बीच फूटि पड़ गइ।
8 सदूकियन क कहब अहइ कि पुनरूत्थान नाहीं होत न सरगदूत होत हीं अउर न ही आतिमा। मुला फरीसियन क ऍनके होइ मँ बिसवास करत हीं।
9 हुवाँ बहोत सोरगुल भवा। फरीसियन क दल मँ स कछू धरम सास्तरी उठेन अउर खरी बहस करत भए कहइ लोगन, “इ मनई मँ हम पचे कउनो खोट नाहीं पावत अही। जदि कउनो आतिमा या कउनो सरगदूत ऍहसे बात किहेन ह तउ ऍहसे का?”
10 काहेकि इ तहत्तुक हिंसा क रूप लइ चुका रहा, ऍहसे उ सेनानायक डेराइ गवा कि कहूँ उ पचे पौलुस क बोटी बोटी न कइ डावइँ। तउ उ सिपहियन क आदेस दिहेस कि उ पचे खाले जाइके पौलुस क ओनसे अलगाइके छावनी मँ लइ जाइँ।
11 अगली राति पर्भू पौलुस क नगिचे खड़ा होइके, ओसे कहेस, “हिम्मत राखा काहेकि तू जइसे मजबूती क संग यरुसलेम मँ मोर साच्छी दिहा ह, वइसे ही रोम मँ तोहका मोर साच्छी देइ क अहइ!”
12 फिन दिन निकरा। यहूदी लोगन एक कुचाल चलेन। उ पचे किरिया खाएन कि जब तलक उ पचे पौलुस क मार नाहीं डइहीं, न कछू खइहीं, न पिइहीं।
13 ओनमाँ स चालीस स भी जियादा मनइयन इ कुचाल चलेन
14 उ पचे मुख्ययाजकन अउर बुजुर्गन क लगे गएन अउर बोलेन, “हम पचे किरिया खावा ह कि हम पचे जब तलक पौलुस क मारि नाहीं डाइत, तब तलक न हम कछू खाब न पिअब।
15 तउ अब तू अउर यहूदी महासभा, सेनानायक स बिनती करइ चाहत ह कि उ ओका तोहरे लगे लइ आवइ इ बहाना बनावत भए कि तू ओकरे बारे मँ अउर बारीकी स छानबीन करइ चाहत बाट्या। ऍहसे पहिले कि उ हिआँ पहुँचइ, हम पचे ओका मारि डावइ क तइयार अही।”
16 मुला पौलुस क भैने क इ कुचाल क भनक लग गइ तउ उ छावरी मँ जाइ पहोंचा अउर पौलुस क सब कछू बताइ दिहस।
17 ऍह पइ पौलुस कउनो एक फऊजीनायक क बोलाइके ओसे कहेस, “इ जवान क सेनानायक क लगे लइ आवा काहेकि ऍहसे कछू कहइ क अहइ।”
18 तउ उ ओका सेनानायक क लगे लइ गवा अउर बोला, “बंदी पौलुस मोका बोलाएस अउर मोसे उ जवान क तोहरे लगे पहोंचावइ क कहेस काहेकि इ तोहसे कछू कहइ चाहत ह।”
19 सेनानायक ओकर हथवा धरेस अउर ओका एक कइँती लइ जाइके पूछेस, “बतावा तू मोसे का चाहत बाट्या?”
20 जवान बोला, “यहूदी इ बात प एक अउट ग अहइँ कि उ पचे पौलुस स अउर बारीकी स पूछताछ करइ क बहाना महासभा मँ ओका लइ जाइ बरे तोहसे पराथना करइँ।
21 यह बरे ओनकइ जिन सुन्या। कहेकि चालिस स भी जियादा लोग घात लगाइके ओका जोहत अहइँ। उ पचे इ किरिया खाए अहइँ कि जब तलक उ पचे ओका मारि न डावइँ, ओनका न कछू खाब अहइ, न पिअब। बस अब तोहरे आदेस क जोहत उ पचे तइयार बइठा अहइँ।”
22 फिन सेनानायक जवान क इ आदेस दइके पठएस, “तू इ कउनो क जिन बतावा कि तू मोका एकर खबर दइ दिहे अहा।”
23 फिन सेनानायक आपन दुइ फऊजीनायकन क बोलवाइ क कहेस, “दुइ सौ सिपाही, सत्तर घुड़सवार दुइ सौ भालावालन क कैसरिया जाइके तइयार राखा। राति क नउ बजे चलइ बरे तइयार रहा।
24 पौलुस क सवारी बरे घोड़न क बन्दोबस्त राखा अउर ओका सुरच्छा स राज्यपाल फेलिक्स क लगे लइ जा।”
25 उ एक ठु चिट्ठि लिखेस जेकर विसय रहा:
26 महामहीम राज्यपाल फेलिक्स क क्लौदियुस लूसियास क नमस्ते पहोंचइ।
27 इ मनई क यहूदी लोगन धइ लिहेन अउर उ पचे ऍकर कतल करइ क रहेन कि मइँ इ जानिके कि इ एक रोमी नागरिक अहइ, आपन सिपाहियन क संग जाइके एका बचाइ लिहेउँ।
28 मइँ काहेकि उ कारण क जानइ चाहत रहेउँ जेहॅस उ पचे ओह पइ दोख लगावत रहेन, ओका ओनकइ महा आराधनालय मँ लइ जावा गवा।
29 मोका पता लाग कि ओनकइ व्यवस्था स जुड़ा भए सवाल क कारण ओह पइ दोख लगावा ग रहा। मुला ओह प कउनो अइसा जुर्म नाहीं रहा जउन ओका मउत क सजा क जोग्ग या बंदी बनावइ जोग्ग साबित होइ।
30 फिन जब मोका इत्तला मिली कि हुवाँ इ मनई क खिलाफ कउनो षडयन्त्र रचा गवा अहइ तउ मइँ एका तुरंतहि तोहरे लगे पठइ दीन्ह ह। अउर ऍह प जुर्म लगावाइ वालन क इ आदेस दइ दीन्ह ग ह कि एकरे खिलाफ लगावा गवा जुर्म तोहरे अगवा धरइँ।
31 तउ सिपाहिन इ आग्या क पूरा किहेन अउर उ पचे राति मँ ही पौलुस क अन्तिपत्रिस क लगे लइ गएऩ।
32 फिन अगले दिना घुड़-सवारन क ओकरे संग अगवा जाइ बरे छोड़िके उ पचे छावनी लौटि आएन।
33 जब उ पचे कैसरिया पहुँचेन तउ उ पचे राज्यपाल क उ चिट्ठी देत भए पौलुस क ओका सौंपि दिहेन।
34 राज्यपाल चिट्ठी बाँचेस अउर पौलुस स पूछेस कि उ कउने पहँटा क रहवइया बा। जबहिं ओका पता लाग कि उ किलकिया क बसइया अहइ
35 तउ उ ओसे कहेस, “तोह पइ जुर्म लगावइ वालन जब आइ जइहीं, मइँ तबहिं तोर सुनवाइ करब।” उ आग्या दिहेस कि पौलुस क पहरा क भीतर हेरोदेस क महल मँ रख दीन्ह जाइ।
Acts 24
1 पाँच दिना पाछे महायाजक हनन्याह कछू बुजुर्ग यहूदी नेतन अउर तिरतुल्लुस नाउँ क एक वकील संग लइके कैसरिया आवा। उ पचे राज्यपाल क समन्वा पौलुस प जुर्म सिद्ध करइ आइ रहेन।
2 फेलिक्स क समन्वा पौलुस क पेसी होए पइ मुकदमा क सुनवाई सुरू करत भवा।तिरतुल्लुस बोला, “महासय़, तोहरे कारण हम सांति स रहत अही तोहार दूरंदेस होइ स देस मँ बहोत जिआदा सूधार भएऩ ह।
3 हे महामहिम फेलिक्स। हम बड़े एहसान क साथ ऍका हर तरह स हर कहूँ अंगीकार करित ह।
4 तोहार अउर जिआदा मसइ न लेत भए, मोर पराथना अहइ कि कृपा कइके आप थोड़े मँ हमका सुन लेइँ।
5 बात इ अहइ कि इ मनई क हम एक उत्पाती क रूप मँ पाएउँ ह। सारी दुनिया क यहूदियन मँ इ दंगा भड़काएस ह। इ नासरी लोगन क पंथ क नेता अहइ।
6 इ मंदिर क अपवित्तर करइ क जतन किहेस ह। हम पचे ऍका यह बरे धरा ह। हम यह पइ जउन आरोप लगावत अही, ओन सबन क आप खुद ऍसे पूछि पछोरिके जान सकत ह।”
7
8
9 इ जुर्म मँ यहूदी भी सामिल होइ गएन। उ पचे जोर दइके कहत रहेन कि इ सब तथ्य फुरि अहइँ!”
10 फिन राज्यपाल जब पौलुस क बोलइ क इसारा किहेस तउ उ जवाब देत भवा कहेस, “तू बहोत दिना स इ देस क न्यायाधीस अहा। इ जानत भए मइँ खुसी क साथ आपन बचाव रखत अहउँ।
11 तू खुद इ जान सकत ह कि अबहिं आराधना बरे मोका यरुसलेम गए भए बस बारह दिन बीता बाटेन।
12 हुवाँ मंदिर मँ मोका न तउ कउनो क संग बहस करत भए पावा गवा अहइ अउर न ही आराधनालय या सहर मँ कतहूँ अउर मनइयन क दंगा बरे भड़कावत भवा
13 अउर तोहरे समन्वा जउन जुर्म क सबइ मोह प लगावत अहइ ओनका सिद्ध नाहीं कइ सकत बाटेन।
14 मुला मइँ तोहरे समन्वा इ बात क अंगीकार करत हउँ कि मइँ आपन पूर्वजन क परमेस्सर क आराधना ईसू के पंथ क मुताबिक करत हउँ, जेका इ पचे एक पंथ कहत हीं। मइँ हर उ बात मँ बिसवास करत हउँ जेका व्यवस्था बतावत ह अउर जउन नबी लोगन क किताबे मँ लिखी बाटइ।
15 अउर मइँ परमेस्सर मँ वइसेन ही भरोसा राखत हउँ जइसे खुद ई लोग धरत हीं कि धर्मी अउर विधर्मी दुइनउँ क ही फिन उत्थान होइ।
16 यह बरे मइँ भी परमेस्सर अउर मनइयन क समन्वा हमेसा आपन अन्तारात्मा क सुद्ध बनाए भए बरे जतन करत रहत हउँ।
17 “कइउ बरिस तलक यरुसलेम स दूर रहे क पाछे मइँ आपन रास्ट्र बरे उपहार लइके अपने मंदिर पर भेंट चढावइ बरे आएउँ ह।
18 जब मइँ इ करत ही रहेउँ रहा उ पचे मोका मंदिर मँ पाएन, तब मँ बिधि क मुताबिक सुद्ध रहेउँ रहा न तउ हुवाँ भीड़ रही अउर न कउनो असांति।
19 एसिया स आए कछू यहूदी हुवाँ मौजूद रहेन। अगर मोरे खिलाफ ओनके लगे कछू अहइ तउ उ पचे तोहरे समन्वा हाजिर होइके मोह प जुर्म लगावइ चाही।
20 या इ लोग जउन हियाँ अहइँ उ सबइ बतावइँ कि जब मइँ यहूदी हमासभा क समन्वा खड़ा रहा, तब उ पचे मोहे मँ का खोट पाएन
21 सिवाय ऍकरे कि जब मइँ ओनकइ बीच मँ खड़ा रहा तब मइँ ऊँची अवाज मँ कहे रहा, ‘मरे भएऩ मँ स जी जाइ क बारे मँ आजु तोहरे जरिए मोर निआव कीन्ह जात अहइ।”‘
22 फिन फेलिक्स, जउन इ ईसू के पंथ क पूरी जानकारी रखत रहा, मुकदमा क सुनवाई क आगे टारत भवा बोला, “जब सेनानायक लुसियास आइ, मइँ तबहिं तोहरे इ मुकदमे. प आपन फैसला देब।
23 फिन उ फऊजी नायक क आदेस दिहेस कि तनिक छूट दइके पौलुस क पहरा क भीतर धरा जाइ अउर ओकरे मीतन क ओकर जरूजत पूरा करइ स न रोका जाइ।
24 कछू दिना पाछे फेलिक्द आपन पतनी द्रुसिल्ला क संग हुवाँ आवा। उ एक यहूदी स्त्री रही। फेलिक्स पौलुस क बोलवावइ पठएस अउर मसीह ईसू मँ बिसवास क बारे मँ ओसे सुनेस।
25 मुला जब पौलुस नेकी, खुद क संयम मँ राखइ अउर आवइवाला निआव क बारे मँ बोलत रहा तउ फेलिक्स डेराइ गवा अउर बोला, “इ समइ तू चला जा, मौका मिले प मइँ तोहका फिन बोलवाउब।”
26 अहइ समइया ओका इ आसा भी रहाई कि पौलुस ओका कछू धन देइ। यह बरे फेलिक्स पौलुस क बातचीत बरे अक्सर बोलवावइ बरे पठवत रहा।
27 दुइ बरिस अइसे ही बीति जाए क पाछे फेलिक्स क जगइ पुरखिउस फेस्तुस ग्रहण कइ लिहस। अउर काहेकि, फेलिक्स यहूदियन क खुस रखइ चाहत रहा, यह बरे उ पौलुस क जेल मँ ही रहइ दिहेस।
Acts 25
1 फेस्तुस जब उ प्रदेस मॅ राज्यपाल होइ गवा अउर तीन दिना पाछे उ कैसरिया स यरुसलेम क रवाना होइ गवा।
2 हुवाँ मुख्ययाजकन अउर यहूदियन क मुखिया लोग पौलुस क खिलाफ लगावा गवा जुर्म ओकरे समन्वा रखेन अउर ओसे पराथना किहेन
3 कि उ पौलुस क यरुसलेम पठवाइके ओनकइ पच्छ लेइ। (उ पचे रस्त मँ ही ओका मारि डावइ क कुचाल बनाए रहेन।)
4 फेस्तुस जवाब दिहेस कि “पौलुस कैसरिया मँ बंदि अहइ अउर उ ज्लदी ही हुवाँ पहोंचइवाला बाटइ।” उ कहेस,
5 “तू आपन कछू मुखिया लोगन क मोरे संग पठइ द्या अउर जदि उ मनई अपराध किहे बा तउ उ पचे हुवाँ मोह प जुर्म लगावइ।”
6 ओनके संग कछू आठ दस दिन बाताइके फेस्तुस कैसरिया चला गवा। अगले ही दिन अदालत मँ निआव क आसन प बैठिके उ आदेस दिहेस कि पौलुस क पेस कीन्ह जाइ।
7 जब उ पेस भवा तउ यरुसलेम स आए भएऩ यहहूदी लोग ओका घेरिके खड़ा होइ गएन। उ पचे ओह प बहुतेरे भारी दोख लगाएन मुला उ पचे ओके सिद्ध नाहीं कइ सकेन।
8 पौलुस खुद आपन बचाव करत भवा कहेस, “मइँ न तउ यहूदियन क व्यवस्था क खिलाफ कउनो करम किहेउँ ह, न ही मंदिर क खिलाफ अउर न ही कैसर क खिलाफ।”
9 मुला काहेकि फेस्तुस यहूदी लोगन क खुस करइ चाहत रहा, जवाब मँ उ पौलुस स कहेस, “तउ का तू यरुसलेम जाइ चाहत ह ताकि मइँ हुवाँ तोह पइ लगावा गवा जुर्म क निआवा कइ सकउँ?”
10 पौलुस कहेस, “इ समइ मइँ कैसर क अदालत क समन्वा खड़ा हउँ। मोर निआव हिअँइ कीन्ह जाइ चाही। मइँ यहूदियन क संग कछू बुराई नाहीं किहे अही, ऍका तू भी बहोत अच्छी तरह जानत ह।
11 यदि मइँ कउनो अपराधे क दोखी अहउँ अउर मइँ कछू अइसा स किहे हउँ, जेकर सजा मउत अहइ, तउ मइँ मरइ स बचब न चाहब, मुला जउन लोग मोह प जउन जुर्म लगावत अहइँ, ओहमाँ स कउनो सच नाहीं बा। तउ मोका कउनो भी ऍनका नाहीं सौंपिर सकत। इहइ कैसर स मोर पराथना अहइ।”
12 आपन परिसद स राय लिहे क पाछे फेस्तुस ओका जवाब दिहेस, “तू कैसर स फिन बिचार बरे पराथना किहा ह, यह बरे तोहका कैसर क समन्वा ही लइ लीन्ह जाइ।”
13 कछू दिन पाछे राजा अग्रिपा अउर बिरनीके फेस्तुस क सुआगत करइ कैसरिया आएन।
14 जब उ पचे हुवाँ कई दिन बिताइ चुकेन तउ फेस्तुस राजा क समन्वा मुकदमा क इ तरह समझाएस, “हिआँ एक अइसा मनई अहइ जेका फेलिक्स बंदी क रूप मँ छोड़ गवा रहा।
15 जब मइँ यरुसलेम मँ रहेउँ, मुख्ययाजक अउर बुजुर्ग यहहूदी नेतन ओकरे खिलाफ मुकदमा दर्ज किहेन अउर माँग किहे रहेन कि ओका समा दीन्ह जाइ।
16 मइँ ओनसे कहे रहेउँ , ‘रोमी मनइयन मँ अइसी रीति नाहीं कि कउनो मनइ क, जब तलक वादी प्रतिवादी क आमना समन्वा न कइ दीन्ह जाइ, अउर ओह प लगावा भएन जुर्म स ओका बचावइ क मौका न दइ दीन्ह जाइ। ओका सजा बरे, सौपा जाइ।’
17 तउ उ सबइ मनइयन जब मोरे संग हिआँ आएन तउ मइँ बिना देर लगाए भए अगले दिना निआव क आसन पबइठिके उ मनई क पेस कीन्ह जाइके हुकुम दिहेस।
18 “जब ओह पइ दोख लगावइ वालन बोलइ खड़ा भएन तउ उ पचे ओह पइ अइसा कउनो दोख नाहीं लगाएन जइसा कि मइँ सोचत रहेउँ।
19 बल्कि ओनकइ आपन धरम क कछू बातन पर भी अउर ईसू नाउँ क एक मनई प जउन मर चुका बा, ओनमाँ कछू बिचार मँ अलगौझा रहा। तउ भी पौलुस क दावा अहइ कि उ जिअत अहइ।
20 मइँ समुझ नाहीं पावत हउँ की इ बिसयन क छानबीन कइसे कीन्ह जाइ, यह बरे मइँ ओसे पूछेउँ कि का उ आपन इ जुर्मन क निआव करावइ बरे यरुसलेम जाइ क तइयार अहइ?
21 मुला पौलुस जब पराथना किहेस कि ओका सम्राट क बरे ही हुवाँ रखा जाइ, तउ मइँ हुकुम दिहेउँ, कि मइँ जब तलक ओका कैसर क लगे न पठइ देउँ, ओका हिअँइ रखा जाइ।”
22 ऍह पइ अग्रिप्पा फेस्तुस स कहेस, “इ मनई क सुनवाई मइँ खुद कहइ चाहत हउँ।”फेस्तुस कहेस, “तू ओका भियान सुन लिहा।”
23 तउ भियान भए प राजा अग्रिप्पा अउर बिरनीके बड़ा सजधज क साथ आएन अउर उ पचे फऊजीनायकन अउर सहर क प्रमुख मनइयन क संग सभाभवन मँ घुसा। फेस्तुस हुकुम दिहेस अउर पौलुस क हुवाँ लइ आवा गया।
24 फिन फेस्तुस बोला, “महाराजा अग्रिप्पा अउर सज्जन लोगो जउन हीआँ अहा! तू पचे इ मनई क निहारत अहा जेकरे बारे मँ समूचा यहूदी समाज, यरूसलेम मँ अउर हिआँ, मोसे चिचिआइ चिचिआइके माँग करत अहइ कि ऍका अब अउर जिन्दा नाहीं रहइ देइ चाही।
25 मुला मइँ जाँच लिहेउँ ह कि इ अइसा कछू नाहीं किहेस ह कि ऍका मउत क सजा दीन्ह जाइ अउर काहेकि इ खुद सम्राट कैसर स फिन बिचार करइके पराथना किहेस ह कि यह बरे मइँ ऍका हुवाँ पठवइ क निर्णय लिहेउँ ह।
26 मुला ऍकरे बारे मँ सम्राट कैसर क लगे लिखिके पठवइ क मोरे लगे कउनो तय कीन्ह भइ बात नाहीं अहइ। मइँ ऍका यह बरे आप सबन क समन्वा, अउर खास रूप स हे महाराजा अग्रिप्पा, तोहरे समन्वा लइ आएउँ ह ताकि इ जाँच पड़ताल क पाछे लिखइ क मोरे लगे कछू होइ।
27 कछू भी होइ मोका कउनो बंदी क ओकर अभियाग पत्र बगैर तइयार किए हुआँ पठउब संगत नाहीं जान पड़त।”
Acts 26
1 अग्रिप्पा पौलुस स कहेस, “तोहका खुद आपन कइँती स बोलइ क अनुमति बाटइ।” ऍह पइ पौलुस आपन हाथ उठाएस अउर आपन बचाव मँ बोलब सुरू किहेस,
2 “हे राजा अग्रिप्पा, मइँ आपन क भाग्यवान समुझत हउँ कि यहूदियन मोह पइ जउन जुर्म लगाए बाटेन, ओन सब बातन क बचाउ मँ, तोहरे अगवा बोलइ जात हउँ।
3 खास तरह स इ यह बरे सच अहइ कि तोहका सबहिं यहूदी रीति रिवाज अउर ओनके विवाद क गियान अहइ। यह बरे मइँ तोहसे पराथना करत हउँ कि धीरझ क साथ मोर बात सुनी जाइ।
4 “सबहिं यहूदी जानत ही कि सुरू स ही खुद आपन देस मँ अउर यरुसलेम मँ भी बचपन स ही मइँ कइसा जिन्नगी जिए अहइ।
5 उ पचे मोका बहोत समइ स जानत हीं अउर जदि उ पचे चाहइँ तउ इ बात क साच्छी दइ सकत हीं मइँ आपन धरम क एक सबसे जिआदा कट्टर पंथ क मुताबकि एक फरीसी क रूप मँ जिन्नगी बिताएउँ ह।
6 अउर अब इ मुकदमा क सफाई क हालत मँ खड़ा भए मोका उ बचन क भरोसा अहइ जउन परमेस्सर हमरे पूर्वजन क दिहे रहा।
7 इ उहइ बचन अहइ जेका हमार बारहु जातिन रात दिन मन लगाइके परमेस्सर क सेवा करत भए, पावइ क भरोसा रखत हीं हे राजन! इहइ भरोसा क कारण मोह प यहूदियन क जरिए जुर्म लगावा जात अहइ।
8 तू पचन मँ स कउनो क भी इ बात बिसवास क जोग्ग काहे नाहीं लागत बा कि परमेस्सर मरे भए क जिआइ देत ह।
9 “मइँ भी सोचत रहेउँ नासरी ईसू क नाउँ क खिलाफत करइ क लिए जउन भी बन पड़इ उ बहोत कछू करुँ।
10 अउर अइसा ही मइँ यरुसलेम मँ किहेउँ भी। मइँ परमेस्सर क बहोत स भगतन क जेलि मँ धाँध दिहेउँ काहेकि मुख्याजक लोगन स ऍकरे बरे मोका हक मिला रहा। अउर जब ओनका मारा गवा तउ मइँ आपन मत ओऩकइ खिलाफ दिहउँ।
11 आराधनालय मँ स मइँ ओनका अक्सर सजा देत रहेउँ अउर ईसू क निन्दा करइ बरे ओन पइ दबाव डावइ क जतन करत रहेउँ। ओनकइ बरे मोर किरोध ऍतना जिआदा रहा कि ओनका सतावइ बरे मइँ बाहेर क सहर तलक गएउँ।
12 “अइसी ही एक जात्रा क मौके प जब मइँ मुख्ययाजक स आग्या पाइके दमिस्क जात रहेउँ,
13 तबहिं दुपहरिया क जब मइँ अबहिं राहे मँ रहेउँ ही कि मइँ हे राजन, सरग स एक प्रकास उतरत भवा लखेउँ। ओकर तेज सूरज स भी जिआदा रहा। उ मोरे अउर मोरे संग क मनइयन क चारिहुँ कइँती चमचमान।
14 हम पचे धरती प भहराइ गएऩ, फिन मोका एक बानी सुनाइ दिहेस। उ इब्रानी भाखा मँ मोसे कहत रही, ‘साऊल, अरे ओ साऊल, तू मोपर अत्याचार करत अहा? इ तू अहा जो मोरे विरूद्ध लड़ कर मोका सतावत अहा। धार क नोंक प लात मारब तेरे बस क बात नाहीं अहइ।’
15 फिन मइँ पूछेउँ, ‘हे पर्भू, तू कउन अहा?’ पर्भू जवाब दिहेस, ‘मइँ ईसू हउँ जेका तू यातना देत बाट्या।
16 मुला अब तू उठा अउर आपन गोड़े प खड़ा ह्वा। मइँ तोहरे अगवा यह बरे परगट भएउँ ह कि तोहका एक सेवक क रूप भर्ती करउँ अउर जउऩ कछू मइँ तोहका देखाउब, ओकर तू साच्छी रह्या।
17 मइँ जउऩ यहूदियन अउर गैर यहूदियन क लगे
18 ओकर आँखी खोलइ, ओनका अँधियारा स प्रकास कइँती लावइ अउर सइतान क सक्ती स परमेस्सर कइँती मोड़इ बरे, तोहका पठवत हउँ, ओनसे तोहार रच्छा करत्त रहब। ऍहसे उ पचे पापन स छमा पइहीं अउर ओन मनइयन क बीच ठउर पइहीं जउन मोहे मँ बिसवास धरइ क कारण पवित्तर भएन ह।”‘
19 हे राजन् अग्रिप्पा, यह बरे तबहिं स उ दर्सन क आग्या क कबहुँ भी न उल्लंघन किए भए
20 बल्कि ओकरे खिलाफ मइँ पहिले ओनका दमिस्क मँ, फिन यरुसलेम मँ अउर यहूदिया क समुचइ पहँटा मँ उपदेस देत रहा। अउर गैर यहूदियन क मनफिराव क मुताबिक करम करइ बरे कहत रहा।
21 इहइ कारण जब मइँ हिआँ मंदिर मँ रहा, यहूदी लोग मोका धइ लिहेन अउर मोर कतल क जतन किहेन।
22 मुला आजु तलक मोका परमेस्सर क मदद मिलत रही ह अउर यह बरे मइँ हिआँ छोट अउर बड़कवा सबहिं लोगन क समन्वा साच्छी देइ बरे खड़ा हउँ। मइँ बस ओन बातन क तजिके अउर कछू नवा नाहीं कहत जउन नबियन अउर मूसा क मुताबिक होइ क रही
23 कि मसीह क यातना भोगइ क होइ अउर मरे भएऩ मँ पहिला जी जाइवाला होइ अउर उ यहूदियन अउर गैर यहूदियन क जोति क संदेस देइ।”
24 उ आपन बचाउ मँ जब इ बातन क कहत ही रहाकि फेस्तुस चिल्लाईके कहेस, “पौलुस तोहार दिमाग खराब होइ ग अहइ। तोहार जिआदा पढ़ाई तोहका पगलाइ देति अहइ।”
25 पौलुस कहेस, “हे परमगुनी फेस्तुस, मइँ पागल नाहीं अहउँ बल्कि जउन बातन क मइँ कहत रहेउँ ह उ सच अहइँ अउर संगत भी अहइँ।
26 खुद राजा बातन क जानत बा अउर मइँ अजादी क मन स ओसे कहि सकत हउँ। मोर निस्चय अहइ कि एनमाँ स कउनो बात ओकरी आँखिन स, ओझल नाहीं बाटइ। मइँ अइसा यह बरे कहत हउँ कि इ बात कउनो कोने मँ नाहीं कही गइ।
27 हे राजन् अग्रिप्पा, नबियन जउन लिखे अहइँ का तू ओहमाँ बिसवास रखत ह? मइँ जानत हउँ कि तोहार बिसवास अहइ!”
28 ऍह पइ अग्रिप्पा पौलुस स कहेस, “का तू इ सोचत ह कि ऍतनी असानी स तू मोका मसीही बनवइ क मनाइ लेब्या?”
29 पौलुस जवाब दिहेस, “तनिक समइ मँ, चाहे जिआदा समइ मँ, परमेस्सर स मोर पराथना अहइ कि सिरिफ तू बल्कि उ पचे भी, जउन आजु मोका सुनत बाटेन, वइसा ही होइ जाइँ, जइसा मइँ हउँ, सिवाय इ जंजीरन क।”
30 फिन राजा खड़ा होइ गवा अउर ओकरे संग ही राज्यपाल बिरनिके अउर साथ मँ बइठा भए लोग भी उठिके खड़ा होइ गेएन।
31 हुवाँ स बाहेर निकरिके उ पचे आपुस मँ बात करत भए कहइ लागेन, “इ मनई तउ अइसा कछू नाहीं किहे बा, जेहसे ऍका मउत क सजा या जेल मिल सकइ।”
32 अग्रिप्पा फेस्तुस स कहेस, “जदि इ कैसर क समन्वा फिन स बिचार क पराथना न होत, तउ इ मनई क छोड़ जाइ सकत रहा।”
Acts 27
1 जब इ तय होइ गवा कि हमका जहाज स इटली जाइ क अहइ तउ पौलुस अउर कछु दूसर बंदी मनइयन क सम्राट क फउज क यूलियुस नाउँ क एक फऊजीनायक क सौंपि दीन्ह गवा।
2 अद्रमुत्तियुम स हम पचे एक जहाजे प सवार भए जउन एसिया क तट क पहँटा स होइके जाइवाला रहा अउर समुद्दर क जात्रा प निकरेन। थिस्सलुनीके बसइया एक मैसीडोनि, जेकर नाउँ अरिस्तर्खुस रहा, भी हमरे संग रहा।
3 अगले दिन हम सैदा मँ उतरे। हुवाँ यूलियुस पौलुस क संग नीक विउहार किहेस अउर मोका ओकरे मीतन स मिलन बरे क अनुमति दइ दीन्ह गइ जेहसे उ ओकर देखभाल कर सकइ।
4 हुवाँ स हम समुद्दर-रस्ता स फिन चल पड़ेन। हम पचे साइप्रास क ओटे ओटे चलत रहे काहेकि हवा हमरे खिलाफ बहत रही।
5 फिन हम पचे किलिकिया अउर पंफूलिया क समुद्दर क पार करत भए लूसिया क मूरा पहोंचेन
6 हुवाँ फऊजीनायक क सिकन्दरिया क इटली जाइवाला एक ठु जहाज मिला। हम पचे ओह पइ सवार भएऩ।
7 कइउ दिन तलक हम पचे धीमे धीमे आगे बढ़त भए बड़ी तकलीफे स कनिदुस क समन्वा पहोंचेन मुला काहेकि हवा आपन राहे प नहीं रहइ देइ चाहत रही, तउ ह सबइ सलभौने क समन्वा ऋीत क ओट मँ ापन नाउ बढ़ावइ लागे।
8 ऋीत क किनारे-किनारे बड़ी तकलीफ स नाउ क अगवा अगवा खेवत भए एक अइसे ठउर प पहोंचेन जेकर नाउ रहा सुरच्छित बंदरगाह। हिआँ स लसया नगर लगे ही रहा।
9 समइ बहोत बीति चुका रहा अउर नाउ क आगे बढ़ाउब भी संकट स भरा रहा काहेकि तब तलक उपवास क दिनबीत चुका रहा। यह बरे पौलुस चिताउनी देत भए ओनसे कहेस,
10 “अरे मनइयो, मोका लगत ह कि हमार इ सागर जात्रा नास कइ देइ, न सिरिफ माल असबाब अउर जहाजे बरे बल्कि हमरे परान बरे भी।”
11 मुला पौलुस जउन कहे रहा ओका सुनइ क सिवाय उ फऊजीनायक, जहाज क मालिक अउर कप्तान क बातन प जिआदा बिसवास करत रहा।
12 अउर काहेकि उ बन्दरगाह सीत रितु बरे चउचक नाहीं रहा, यह बरे जिआदातर मनइयन, जदि होइ सकइ तउ फीनिक्स पहोंचइ क जतन करने क ही ठान लिहेन। अउर जाड़ा हुवँइ काटइ क निस्चय किहेन। फीनिक्स पहोंचाइ ऋीत क अइसा बन्दरगाह अहइ जेकर मुँह दक्खिन पच्छिम अउर उतर पच्छिम दुइनउँ क समन्वा पड़त ह।
13 जब तनिक तनिक दक्खिन हवा बहइ लाग तउ उ पचे सोचेन कि जइसा उ पचे चाहे रहेन, वइसा ही ओनका मिलि गवा अहइ। तउ उ पचे लंगर उठाइ लिहन अउर ऋीत क किनारे किनारे जहाज अगवा खेवइ लागेन।
14 मुला अबहिं कउनो जिआदा अहइ नाहीं बीता रहा कि द्वीप क एक कइँती स एक भयानक आँधी उठी अउर आरपार लपेटत चली गइ। इ “उत्तर पूरब” क आँधी कही जात रही।
15 जहाह तूफान मँ घिरि गवा। उ आँधी क फाड़िके अगवा नाहीं बढ़ सकत रहा तउ हम पचे ओका यों ही छोड़िके हवा क रूख चलइ दीन्ह।
16 हम क्लोदा नाउँ क एक छोटा स द्वीप क ओटे मँ बहत भए बड़ी तकलीफे स रच्छा नाउ क पाइ सकेन।
17 फिन जीवन रच्छा-नाउ क उठाए क पाछे जहाज क रस्सा क लपेटि के बाँध दिन्ह गवा अउर कहीं सुरतिस क ऊथल पानी मँ धँस न जाइ, इ डर स उ पचे जहाज क पाल उतारेन अउर जहाज क बहइ दिहेन।
18 दूसरे दिन तूफान क घातक थपेड़ा खात भए उ पचे जहाज स माल-असबाब लोकावइ लागेन।
19 अउर तीसर दिन उ पचे आपन ही हाथन स जहाजे प धरा औजार फेंक दिहेन।
20 फिन बहोत दिना तलक जब न सूरज देखान, न तारा अउर तूफान आपन घातक थपेड़ा मारत ही रहा तउ हमरे बच पावइ क आसा पूरी तरह खतम होइ गइ।
21 बहोत दिना स कउनो कछू खाएउ नाहीं रहा। तब पौलुस ओनकइ बीच खड़ा होइके कहेस, “अरे अमइयो, अगर ऋीत स रवाना न होइके मोर सलाह मान लिहे होत्या तउ तू पचे इ बिनास अउर हानि स बच जात्या।
22 मुला मइँ तोहसे अबहुँ तोहसे हठ करत हउँ कि आपन हिम्मत बाँधे रहा। काहेकि तू सबन मँ स कउनो क प्राण नाहीं खोवइ क अहइ। हाँ, बस इ जहाज क नास होइ जाइ
23 काहेकि पछली रात उ परमेस्सर क एक सरगदूत, जेकर मइँ अहउँ अउर जेकर सेवा करत हउँ, मोरे लगे आइके खड़ा भवा।
24 अउर बोला, ‘पौलुस, जिन डेराअ। मोका निहचय ही कैसर क समन्वा खड़ा होइ क बाटइ अउर ओऩ सबन क अउर तोहरे संग जात्रा करत अहइँ, परमेस्सर तोहका दइ दिहे अहइ।’
25 तउ मनइयन, आपन हिम्मत बनाइ राखा काहेकि परमेस्सर मँ मोर बिसवास अहइ, यह बरे जइसा मोका बतावा ग अहइ ठीक वइसेन घटी।
26 किन्तु हम कउनो टापू क ऊथल पानी मँ जरूर जाइ धँसब।”
27 फिन जब चउदहवीं रात आइ हम अद्रिया क समुद्दर मँ थपेड़ा खात रहे रहेन तबहिं आधी रातिक लगे जहाज क चालकन क लाग जइसे कउनो किनारा नगिचे अहइ।
28 उ पचे समुद्दर क गहिराइ नंपेन तउ पाएन कि हुवाँ कउनो अस्सी हाथ गहिराई रही। तनिक बेर क पाछे उ पचे गहराई क फिन टोहेन अउर पा पाएन कि अब गहिराई साठ हाथ रहि गइ रही।
29 इ डर स कि उ पचे कतहुँ कउनो चट्टानी ऊथल किनारा मँ न फँसि जाइँ, उ सबइ जहाज क पिछले हींसा स चार ठु लंगर बहाएन अउर पराथना करइ लागेन कि कउनो तहर दिन निकरि आवइ।
30 ओहर जहाज क चलावइ वाला जहाज स पराइ क जतन करत रहेन। उ पचे इ हीला बनावत भए कि उ पचे जहाज क अगले हींसा स कछू लंगर बहावइ जात अहइँ, जीवन रच्छा नाउ क समुद्दर मँ उतारि दिहेन।
31 तबहिं फऊजीनायक स पौलुस कहेस, “जदि इ सबइ जहाज प नाहीं थामेन तउ तू पचे भी नाहीं बच पउब्या।”
32 तउ सिपाहियन रस्सा क काटिके जीवन रच्छा नाउ तरखाले गिराइ दिहेन।
33 भोर होइ स तनिक पहिले पौलुस इ कहत भए सब मनइयन स तनिक खइया खाइके हठ किहेस, “चौदह दिन बीति चुका अहइँ अउर तू पचे लगातर फिकिर क कारण भूखा बाट्या। तू पचे कछू भी नाहीं खाए बाट्या।
34 मइँ तोहसे कछू खाइके यह बरे हठ करत अही कि तोहरे जिअइ बरे इ जरुरी अहइ। काहेकि तू पचन मँ स कउनो क मूँड़े क एक बार तलक बाँका नाहीं होइ क बा।”
35 ऍतना कहि चुके क पाछे उ तनिक रोटी लिहेस अउर सबन क समन्वा परमेस्सर क धन्यवाद दिहेस। फिर रोटी क तोरेस अउर खाइ लाग।
36 ऍहसे ओन सबन क हिम्मत बाढ़ी अउर उ सबइ भी थोड़ा स खाना क खाएन।
37 जहाज प कुल बटोरिके हम सबइ दुइ सौ छिहत्तर मनई रहेन।
38 पूरा खाना खाइ चुकइ क पाछे उ पचे समुद्दर मँ अनाज बहाइके जहाज क हल्का कइ दिहेन।
39 जबहिं दिन क प्रकास भवा तउ उ पचे धरती क पहिचान नाहीं पाएन मुला ओनका लाग कि जइसे हुवाँ कउनो किनारा बाली खाड़ी बाटइ। उ पचे तय किहेन कि अगर होइ सकइ तउ जहाज क ठहराइ देइँ।
40 तउ उ पचे लंगर काटिके ढील दइ दिहेन अउर ओ सबन क समुद्दर मँ तरखले भहराइ दिहेन। उहइ समइ उ पचे पतवारे स बाँधा रस्सा क ढीला कइ दिहेन, फिन जहाज क अगला पतवार चढ़ाइके किनारे कइँती बढ़इ लागेन।
41 अउर ओऩकइ जहाज रेत मँ टकराइ गवा। जहाज क अगला हींसा ओहमाँ फँसिके जाम होइ गवा। अउर सक्तीवाली लहरन क थपेड़न स जहाज क पछिला हींसा टूटइ फाटइ लाग।
42 तब्बहिं सिपाही लोग कैदियन क मारि डावइ क कुचाल रचेन ताकि ओहमाँ स कउनो भी तैरके बच न पावइ।
43 मुला फऊजीनायक पौलुस क बचावा चाहत रहा, यह बरे उ ओनका ओनकइ कुचाल क पूर होइ स रोक दिहेस। उ हुकुम दिहेस कि जउन भी तैर सकत हीं, उ पचे पहिले ही किनारे पहोंच जाइँ
44 अउर बाकी मनई तख्तम या जहाजे क दूसर टुकड़न क सहारे चला जाइँ। इ तरह हर एक सुरच्छा स किनारे आइ पहोंचा।
Acts 28
1 इ सब कछू स सुरच्छा क साथ बच निकरे क पाछे हम सबन क पता लाग कि उ द्वीप क नाउँ माल्टा रहा।
2 हुवाँ क मूल-नीवासियन हमरे संग असाधारण रूप स नीक बियूहार किहेन। काहेकि जाड़ा रहा अउर बरखा होइ लाग, यह बरे उ पचे आगी बारेन अउर हम सबन क सुआगत किहेन।
3 पौलुस लकड़ी क गठरा बनाएस अउर जब उ आगी प लकड़ियन क धरत रहा तबहिं गर्मी लागे स एक बिख स भरा नाग बाहेर निकरा अउर उ ओकरे हाथ क डस लिहेस।
4 हुवाँ क निवासी जब उ जंतु क ओकरे हाथ स लटकत भवा निहारेन तउ उ पचे आपुस मँ कहइ लागेन, “सचमुच ही इ मनई हत्तियारा अहइ। जदि अपि इ सागर स बचिके निकरा अहइ मुला दिब्ब निआवऍका जिअइ देत नाहीं बा।”
5 मुला पौलुस उ नाग क आगी मँ ही पटकेस। पौलुस क कउने तरह क हानि नाहीं भइ।
6 मनइयन सोचत रहेन कि उ या तउ सूजि जाइ या फिन बरबस धरती प भहराइ के मरि जाइ। मुला बहोत देर तलक जोहे क पाछे अउर लखिके ओका असाधारण रूप स कछू नाहीं भवा अहइ, उ पचे आपन बिचार बदल दिहेन अउर बोलेन, “इ तउ कइनो देवता अहइ!”
7 उ ठउर क नगिचे ही उ द्वीप क प्रधान मनई पुबलियुस की खेत रहा। उ आपन घरे लइ जाइके हमार सुआगत-सत्कार किहेस। बड़ा खुला मन स तीन दिना तलक उ हमार मेहमानदारी करत रहा।
8 पुबलियुस क बाप बिस्तर प ओलरा रहा। ओका बोखार अउर पेचिस होत रही। पौलुस ओसे भेंटइ भितरे गवा। फिन पराथना करइ क पाछे उ ओह पार आपन हाथ धरेस अउर उ नीक होइ गवा।
9 इ घटना क बाद उ द्वीप क बाकी सबहिं बेरमियन हुवाँ आएन अउर उ पचे नीक होइ गएन।
10 कहइ उपहार स हमार मान बढ़ाएन अउर जब हम हुवाँ स नाउ प आगे चलेन तउ उ पचे सब जरूरी चीज क लइ आइके हमका दइ दिहेन।
11 तीन महीना पाछे सिकन्दरिया क एक जहाज स हम चल पड़ेन। इ द्वीप प जहाज जाड़ा भरे क बरे रूका जहाज क आगे क हींसा मँ जुड़वा भाइयनक चीन्हा बना रहा।
12 फिन हम पचे सरकुसा जाइ पहोंचेन जहाँ हम तीन दिना तलक ठहरेन।
13 हुवाँ स जहाज स हम सबइ रेगियुम पहोंचेन अउर फिन अगले ही दिन दखिनाई हवा चली। तउ अगले दिन हम पुतियुली पहोंचेन।
14 हुवाँ हमका कछू बंधु मिलेन अउर उ पचे हमका हुवाँ सात दिना ठहरइ क कहेन अउर इ तरह हम रोम पहोंचि आएन।
15 जब हुवाँ क भाइ लोगन क हमार सूचना मिली तउ उ पचे अप्पियुस क बजार अउर तीन सराय’तलक हम पचन स भेंटइ आएन। पौलुस जब ओनका लखेस तु परमेस्सर क धन्यबाद दइके आपना ढ़ाढ़स बढ़ाएस।
16 जब हम सबइ रोम पहोंोचेन तउ एक ठु सिपाही क देखरेख मँ पौलुस क अपने आप अलग रहइ क अनुमति दीन्ह गइ।
17 तीन बरिस पाछे पौलुस यहूदी नेतन क बोलाएस अउर ओनकइ बटुर जाए प उ ओनसे बोला, “भाइयो, चाहे मइँ आपन रास्ट्र या आपन पूर्वजन क व्यवस्था क खिलाफ कछू भी नाहीं किहेउँ ह, तउ भी यरुसलेम मँ मोका बंदी क रूप मँ रोमी लोगन क हवाले कइ दीन्ह गवा रहा।
18 उ पचे मोर जाँच पड़ताल किहेन अउर मोका छोड़इ चाहेन काहेकि अइसा कछू मइँ किहेउँ ही नाहीं रहा जउन मउत क सजा क काबिल होत
19 मुला जब यहूदी लोगन एतराज किहेन तउ मइँ कैसर स फिन बिचार करइ क पराथना करइ क बेबस होइ गएउँ ।यह बरे कि नाहीं कि मइँ आपन ही लोगन प कउनो दोख लगावइ चाहत रहेउँ।
20 इहइ कारण अहइ जेहसे मइ तोहसे मिलइ अउर बातचीत करइ चाहत रहेउँ काहेकि इस्राएल क उ भरोसा ही बाटइ जेकरे कारण मइँ जंजीर मँ बंधा अहउँ।”
21 यहूदी नेतन पौलुस स कहेन, “तोहरे बारे मँ यहूदिया स न तउ कउनो चिट्ठी ही मिली बाटइ, अउर न ही हुवाँ स आवइवाला कुउनो भी भाई तोहार कइनो खबर दिहेन अउर तोहरे बारे मँ कउनो बुरी बात कहेस।
22 मुला तोहार का बिचार अहइँ, इ हम तोहसे सुनइ चाहित ह काहेकि हम जानित ह कि लोग सब कछू पंथ क खिलाफ बोलत रहत हीं।”
23 तउ उ पचे ओकरे साथ एक दिन ठहराएन। अउर फिन जहाँ उ ठहरा रहा, बड़ी गनती मँ ओइके उ लोग बटुर गएन। मूसा क व्यवस्था अउर नबी लोगन क किताबन स ईसू क बारे मँ ओनका समझावइ क जतन करत भए उ परमेस्सर क राज्य क बारे मँ आपन साच्छी दिहेस अउर समुझाएस।
24 उ जउन कछू कहे रहा, ओहसे कछू मिला तउ बात मान गएन मुला कछू बिसवास नाहीं किहेन।
25 फिन आपुस मँ एक दूसर स असहमत होत भएन उ पचे हुवाँ स जाइ लागेन। तब पौलुस एक बात अउर कहेस, “यसायाह नबी क जरिया पवित्तर आतिमा तोहरे पूर्वजन स केतॅना ठीक कहे रहा,
26 ‘जाइके इन लोगन स कहि द्या: तू पचे सुनब्या, पर न बुझब्या कबहुँ। लखत ही लखत बस तू रहब्या हज न बुझब्या कबहुँ भी!
27 काहेकि ऍनकइ हिरदय मूर्खपन स गवा भरि कान ऍनकइ मुस्किल स सुनत हीं अउर कइ लिहन मूँद आँखी आपन इ सबइ, काहेकि अइसा न होइ जाइ कि इ सबइ आँखीन स लखइँ, सुनइँ अउर कान स आपन अउर समुझइँ हिरदय मँ, लौटइँ साइद अउर करइ पड़ब मोका चंगा ओनका।” यसायाह 6:9-10
28 “यह बरे तोहका जान लेइ चाही कि परमेस्सर क इ उद्धार बिधर्मियन क लगे पठइ दीन्ह ग अहइ। उ पचे ऍका सुनिहीं।”
29
30 हुआँ किराये क आपन मकान मँ पौलुस पूरा दुइ बरिस तलक ठहरा। जउन कउनो भी ओसे मिलइ आवत, उ ओकर सुआगत करत।
31 उ परमेस्सर क राज्य क प्रचार करत रहत अउर पर्भू ईसू मसीह क बारे मँ उपदेस देत। उ इ कारज क पूरा बेडर होइके अउर बगेरे कउनो बाधा क मानत भवा करत रहा।
Romans 1
1 पौलुस जउन मसीह ईसू क दास अहइ, जेका परमेस्सर प्रेरित होइ बरे बोलाएस, अउर उहइ क परमेस्सर क सुसमाचार लोगन क सुनावइ बरे चुना गवा।
2 इ बात क घोसना नबियन दुआरा पवित्तर सास्तरन मँ पहिलेन स करि दीन्ह ग रही।
3 इ सुसमाचार परमेस्सर क पूत ईसू मसीह क अहइ। जउन तने स दाऊद क बंसज अहइ। अउर उहइ हमार पर्भू अहइ। सरीर स तो उ दाऊद क बंस मँ जनम लिहे रहा मगर पवित्तर आतिमा स तो उ परमेस्सर क पूत रहा। ओका परमेस्सर क पूत इहइ बरे माना जात रहा। जउन ओकरे भीतर मरि क फिन जी उठइ क समरथ रहा।
4
5 इहइ क जरिये मोका अनुग्रह अउर पेरित होइ क मिला बा जेहसे सबहिं यहूदियन मँ, ओकरे नाउँ स, उ आस्था जउन बिसवास स जनम लेत ह ओहमाँ पइदा कीन्ह जाइ सकइ।
6 परमेस्सर क जरिये ईसू मसीह क होइ बरे तू पचे बोलावा ग अहा।
7 उ पत्र मइँ, तू सबन बरे, जउऩ रोम मँ अहइँ अउर परमेस्सर क पियारा अहा, जउन परमेस्सर क पवित्तर जन होइ बरे बोलावा ग अहा, लिखत अहउँ।अब हम इ चाहित ह कि तू लोगन क परमेस्सर अउर हमरे पर्भू ईसू मसीह क अनुग्रह अउर सान्ति मिलइ।
8 सबसे पहिले तो मइँ ईसू मसीह क जरिये परमेस्सर क धन्यबाद करइ चाहित ह। इ सब तोहरे सब क बरे अहइ काहेकि दुनिया क सब मनई तोहरे सब के बिसवास क बारे मँ बतियात हीं।
9 पर्भू जेकरे सेवा मइँ जी जान स करित हउँ काहेकि मइँ ओकरे पूत क सुसमाचार क लोगन क सुनावत हउँ। पर्भू मेरा साच्छी दिहा जउन मइँ तोहका हर दम याद करत अहउँ।
10 अपने पराथना मँ इ मइँ हर दम मनाइत हउँ कि परमेस्सर की चाह स मोर तोहरे लगे आवइ क यात्रा पूरी होइ।
11 मइँ बहुत दिल स इ चाहित ह कि तू लोगन स मिली अउर तोहका कछू आत्मिक उपहार देइ जइसे तू पचे खूब सक्तिसाली होइ जा।
12 या मोका कहइ चाही कि जब मइँ तोहरे बीच मँ होब तउ एक दूसर क बिसवास स आपुस मँ प्रोत्साहित होब।
13 भाइयो अउर बहिनियो! मइँ इ चाहीत हउँ कि तू पचे क इ तउ मालूम होइ जाइ कि मइँ तोहरे लगे बार-बार आवइ क योजना बनाइत हउँ। एकर इ कारन इ अहइ कि गैर यहूदियन मँ जइसा फल मोका मिला ह इ उहइ तू लोगन स भी मिलइ। लेकिन अब तलक-न-कउनो बाधा पड़त रही।
14 अब इ जान ल्या कि जे यूनानियन अहइँ उनके अउर जे गैर यूनानियन अहइँ ओनहूँ क, जे होसियार अहइँ उनके अउर जे बेउकूफ अहइँ ओनहूँ क सबइ क हमरे ऊपर सेवा करइ क रिन अहइ।
15 यही बरे तू लोगन क जे रोम मँ रहत ह्या ओनका मइँ इ सुसमाचार सुनावइ क तैयार हउँ।
16 इ सुसमाचार क सुनावइ क मइँ सरमाइत नाहीं काहेकि जउन भी ओहमाँ बिसवास रखत अहइँ ओनके उद्धार बरे परमेस्सर क सामर्थ्य अहइ। ओहमाँ पहिले यहूदियन अउर फिन गैर यहूदियन क।
17 काहेकि सुसमाचार मँ इ बतावा ग बाटइ कि परमेस्सर मनइयन क अपने ठेकाने कइसे लगावत ह। इ सब कुल बिसवास प अहइ, सास्तरन मँ इ लिखा अहइ, “धर्मी मनई स सदैव जिअत अहइँ”
18 सरग स परमेस्सर का कोप लोगन क न कहइवालन अउर अधार्मिक काम पइ परगट होत ह जे सत्य का अधरम स दबावत हीं अउर जे बुरे करम करत हीं।
19 इ बात नाहीं अहइ कि केउ ऐका जानत नाहीं परमेस्सर का सबइ जानत ह काहेकि परमेस्सर सबका जनाइ देत ह।
20 इ संसार जब स देखाइ पड़ा तबइ स परमेस्सर क अनन्त सक्ति परमेस्सर क साफ देखात ह उहउ क ऍक एहसे जाना जाइ सकत ह जेका परमेस्सर खुदइ बनाइस ह। एहसे लोगन क पास कउनो बहाना नहीं बाटइ उ बुरा काम बरे जेका उ करत ह।
21 अगर इ सबइ परमेस्सर क जानत हीं तबउ उ पचे परमेस्सर क महिमा क इज्जत नाहीं करत हीं। उनके विचार गलत कामन मँ लग गएन अउर मन मँ अँधियारा छाइ गवा।
22 उ पचे अपने क बहुत बुद्धिवाला समझत रहेन मुला सब क सब बज्र मूरख रहेन।
23 अउइ जउऩ परमेस्सर अहइ उ क कबहुँ मर नाहीं सकत मुला इ सबइ ओका मरइवाले लोगन चिरिया, गोरू, अउर साँप क मूरत मँ देखेन अउर समझइ लागेन।
24 एह बरे परमेस्सर ओनन्ह क बदनियती क हाथे सौंप दिहेस अउर उ पचे दुराचार मँ पड़ि क एक दूसरे क सरीर क साथ खिलवाड़ करइ लागेन।
25 उ लोगन झूठ क साथे परमेस्सर क सत्य क सौदा किहन अउर वे सृस्टि क बनावइवाले को तजिके अउरन क आराधना करइ लागेन। परमेस्सर धन्य अहइ। आमीन!
26 इहइ बरे परमेस्सर ओनन्ह का नीच वासना क हाथें सौंप दिहेस। ओनन्ह क स्रियन सहज यौनाचार क बजाय अप्राकृतिक यौन करइ लगिन।
27 एहइ तरह पुरूसन भी सहज सम्भोग छोड़ि क समलैगिकता क चक्कर मँ पड़ि गएन। अउर पुरूस परस्पर एक दूसरे क साथ बुरे करम करइ लागेन। अउर इ सब कुकरमन क फल भी मिलब सुरु होइ गवा।
28 कारन इ रहा कि ओन्हन परमेस्सर का पहिचानब बन्द कइ दिहेन तो परमेस्सर ओनन्ह का कुबुद्धि क हाथ सौंप दिहेस। अउर उ सब ओनन्ह क करइ सुरु दिहेन जउन ना करइ क चाही।
29 लोग कुल अधरम दुस्टता, लालच अउर द्वेस स तथा सारी ईर्स्या, हत्या, झगड़े, छल, अउर डाह स भर गएन। बे बकवादी, अउर कहानियन क गढ़त रहेन।
30 उ सबइ निन्दक अहइँ। परमेस्सर स घिना करत रहत उदण्ड अउर घमण्डी अहइँ, बढ़-बढ़ क बोलत हीं। कुलिन्ह बुराइन का जनम दाता अहइँ। अपने महतारी बाप क कहब नहीं मानत रहेन।
31 उ पचे मूरख, वचन तोरइ वाले निरदयी अउर वगैर पिरेम क बाटेन।
32 उ सब परमेस्सर क व्यवस्था क जानत हीं कि इ सब बातन स मउत क जोग्ग अहइँ तउनो पइ ओ सबइ न सिरफ इ सब कुकरम करत हीं बरन अइसा करइवालेन क समर्थन भी करत हीं।
Romans 2
1 अरे वो, सुना ह, मोर मित्र तू सब निआव करत अहा मुला तू उहइ करत अहा जउन बरे दूसरन का सजा देत अहा तू का कउनो बहाना नाहीं चल सकत अहा। उहइ स तू अपने आपको भी अपराधी सिद्ध करत अहा काहेकि तू जिन करमन क निआव करत अहा ओनका आप खुद भी करत अहा।
2 अब हम पचे इ सब जानइ लागिन कि जे अइसन काम करत ह ओनका परमेस्सर उचित निरनय देत ह।
3 मुला मोर दोस्त तू सुना, तू का सोचत ह कि जउने बरे तू दूसरन पर निरनय देत अहा अउर अपनउ उहइ काम करत ह तउ तू का समझत अहा कि तू परमेस्सर क निआव स बच सकत ह।
4 या तू ओकरे अनुग्रह ब सहनसीलता अउर धीरज का हीन समझत बाट्या तू लोगन इ बात क अपेक्षा करत अहा कि परमेस्सर क अनुग्रह तोहार मनफिराव करत अहइ।
5 मुला तू पचे जान ल्या कि अपने कठोरता अउर कबहुँ न पछताइवाले मन क कारण तू परमेस्सर क गुस्सा का बहोत दिना बरे बटोरत अहा जब परमेस्सर क सचमुच निआव परगट होइ।
6 परमेस्सर सबन का ओकरे करतब क कारण फल चखाई।
7 जे अच्छा काम करत बा, परमेस्सर क महिमा आदर अउर अमरता का खोजत बा, उ सब तो अनन्त जीवन पइहीं।
8 मुला जे अपने स्वारथ स सत्य पर नहीं चलिके बस अधरम करत बाटेन ओन्हन का ओकरे बदले मँ क्रोध व प्रकोप मिली।
9 उ सब मनइयन पै दुःख अउर संकट आई जे अधरम पर चलत अहइँ। पहले यहूदियन फिन उ लोग जे गैर यहूदियन अहइँ।
10 इहइ तरह जे कोइ अच्छाई प चलइ ओका महिमा स आदर अउर सान्ति मिली, पहले यहूदियन क फिन गैर यहूदियन अहइँ।
11 काहेकि परमेस्सर केहू क साथे भेदभाव नाहीं करत।
12 जे व्यवस्था क पाए बगैर पाप किहेन उ सब व्यवास्था क बाहेर ही उ छिन्न होइ जइहीं अउर जे व्यवस्था मँ रहिके पाप किहेन ओनकइ निपटारा व्यवस्था क अन्दरइ दण्ड दीन्ह जाई।
13 काहेकि जे कोई सिरफ व्यवस्था क कथा सुनत ह परमेस्सर की दृष्टि मँ धर्मी नाहीं अहइ बल्कि जे व्यवस्था पर चलत अहइँ उही धरमी कहरावा जइही।
14 सो जब गैर यहूदियन जेनके लगे व्यवस्था नाहीं बा, सुभाव स व्यवस्था क बातन पर चलत ह, तउ चाहे ओनके पास व्यवस्था न भी होइ तउ भी उ आपन व्यवस्था खुद ही अहइँ।
15 उ लोगन अपने मन प लिखे व्यवस्था क करमन का देखावत बाटेन। ओनके विवेक ओनकइ साच्छी अहइँ। ओनके मानसिक संघर्ष ओनका अपराधी व निरदोस कहत अहइ।
16 इ सब बातन उ दिना होइही जउने दिना परमेस्सर मनइयन क छुपी बातन क, जउने क मइँ उपदेस देइत हउँ इ उ सुसमाचार क मुताबिक मसीह ईसू निआव करी।
17 काहेकि जदि तु सब अपने क यहूदी कहत ह अउर व्यवस्था मँ तोहार बिसवास अहइ अउ अपने परमेस्सर प तोहका घमण्ड बाटइ
18 अउर तू परमेस्सर क इच्छा का जानत आहा अउर उत्तिम बातन का ग्रहण कर सकत ह काहेकि परमेस्सर तोहका इ सब सिखाइस ह
19 तू इ तउ मानत ह कि तू आंधरे क अगुआ अहा, जे अंधेरे मँ भटकत अहइँ, ओनकइ बरे तू उजियारा अहा,
20 अबोधन क तू सिखावइवाला अहा, लरिकन क तू उपदेस देइवाला अहा काहेकि व्यवस्था मँ तोहका साच्छात गियान अउर सत्य ठोस रूप स पाइ ग अहा।
21 जउन तू पचे दुसरन का सिखावत ह ओका आपन क काहे नही सिखउत्या। तू इ उपदेस देत अहा कि चोरी न करा, मुला खुद चोरावत अहा।
22 तू इ कहत अहा कि व्यभिचार नाहीं करइ क चाही मुला अपुना काहे करत ह। मुरतिइन स तू घिना करत अहा मुला मंदिरन मँ धन काहे छीनत ह?
23 तू लोग व्यवस्था प गरब करत ह, मुला व्यवस्था का तोरि क परमेस्सर क निरादार काहे करत ह?
24 अउर इहइ बात पवित्तर सास्तरन मँ लिखी बा, “तू सबन क वजह स परमेस्सर क नाउँ क ओनमा अपमान होत ह जे गैर यहूदियन अहइँ।”
25 जउ तू लोगन व्यवस्था क मानत अहा अउर ओका पालन करत ह तउ तो खतना क महत्व बाटइ। मुला जदि व्यवस्था क तोड़त अहा तो ओकर मतलब वगैर खतना क बराबर अहइ।
26 मान ल्या केहू क खतना नाहीं भवा बा अउर उ व्यवस्था क पालन करत ह पवित्तर नियमन प चलत ह, तउ का ओकर खतना न करावइ क बावजूद ओका खतना मँ सामिल न कीन्ह जाइ?
27 उ मनई जेकर सरीर स खतना नाहीं भवा बा मुला व्यवस्था क पालन करत ह उ तू लोगन का अपराधी सिद्ध कइ देई। वोका जेकरे पास लिखा पढ़ी मँ परमेस्सर क विधान बाटइ अउर जेकर खतना भवा बा अउर जे व्यवस्था क नाहीं मानत।
28 जे बाहेर स यहूदी अहइँ, उ वास्तव मँ यहूदी नाहीं अहइ। सरीर क खतना असली मँ खतना नाहीं बाटइ।
29 सच्चा यहूदी उ अहइ जे भीतर स यहूदी होइ, सच्चा खतना तउ आतिमा क जरिये मन क खतना अहइ। नबी न कि लिखी व्यवस्था क। अइसे व्यक्ति क प्रसंसा मनई नाहीं बल्कि परमेस्सर कइँती स कीन्ह जात अहइ।
Romans 3
1 अब यहूदियन होइ क लाभ या अउर खतना क महत्ता केतॅनी बा?
2 यहूदियन होइ क बड़ी महत्ता अहइ, काहेकि सबसे पहिला इ कि परमेस्सर क उपदेस ओनहिन का सौंपा गवा रहा।
3 ओन्हन मँ स कछू एक धोखाबाज होइ, अहइ तउ का अहइ? ओन्हन धोखाबाजेन क वजह स परमेस्सर क बिसवास तो नाहीं कम होइ जात?
4 बिल्कुल नाहीं, सबइ झूठे होइ जाइँ तबउ परमेस्सर सच्चा रही, इ बात पवित्तर सास्तरन मँ लिखी बाटइ:“जब तू बोलब्या तउ तोहका सबइ पतियइहइँ जब तोहार न्याय होई, तउ तू जितब्या।” भजन संहिता 51:4
5 अगर मनई क अधार्मिकता मँ परमेस्सर की धार्मिकता सिद्ध करत ह, अइसन मँ हमका का करइ क चाही? का परमेस्सर हम पइ कुपित होइ क मनइयन क दण्ड देत ह? (मइँ मनई क नाई आपन बात कहत हउँ)
6 बिलकुल नाहीं, नाहीं तो परमेस्सर जगत क निआव कइसे करी?
7 मुला तू इ कहि सकत ह, “मोरे झूठ बोलइ स परमेस्सर क सच उजागिर होत ह तउ एहसे ओकर महिमा ही होत ह; फिन मोका दोखी (पापी) काहे का बतावत ह?”
8 इ कहइ क वइसे होई काहे, “अगर हम बुरा काम करी तउ भलाई उजागिर होइ।” अइसेन आरोप हम पचन क ऊपर लोग लगावत हीं। इ सबइ लोग जे इ कहत हीं कि हम पचे ओनका पढ़ाइत ह। अइसे लोग दोखी कहा जाइ लायक अहइँ ओनका सजा देइ चाही।
9 फिन का भवा? यहूदी अउ गौर यहूदियन मँ कउनो भेद नाहीं बा, जइसेन कि पहले बतावा गवा बा कि चाहे यहूदियन होइँ या गैर यहूदियन सबहीं पाप क बस मँ अहइँ।
10 पवित्तर सास्तरन कहत हीं:“कउनो धर्मी नाहीं अहइ, एक ठु भी नाहीं!
11 एकउ भी समझदार नाहीं, एकउ क उ अइसा नाहीं उहइ जे परमेस्सर क वास्तव मँ खोजत ह।
12 इहाँ प सबइ परमेस्सर स विमुख होइके भटकत अहइँ, सबन खोटे अहइँ। एकउ नाहीं अहइ जे अच्छा काम करत ह एकउ नाहीं!” भजन संहिता 14:1-3
13 “ओनकर मुँह खुली कब्र अहइ, अउर वे अपनी जीभ स धोखा देत अहइँ।” भजन संहिता 5:9“नाग क बिख क तहर ओनकर ओंठ अहइँ,” भजन संहिता 140:3
14 “मुँह पइ सराप व कटुता भरी रहत ह।” भजन संहिता 10:7
15 “जान मारइ का तउ हरदम उतावला रहत हीं।
16 जहाँ कहूँ जात हीं उ पचे नास ही करत हीं, अउर संताप ही देत हीं।
17 सान्ति का मारग इ नाहीं जनतेन।” यसायाह 59:7-8
18 “ओनके आँखिन मँ पर्भू क भय नाहीं बा।” भजन संहिता 36:1
19 अब हम पचे इ जानित ही कि व्यवस्था मँ जउऩ कछू कहा गवा बाटइ उ सब ओनके बरे अहइ जे व्यवस्था क अधीन अहइँ। ऍहसे इ होइ कि सबइ का मुँह तोप दीन्ह जाइ अउर परमेस्सर क दण्ड सबइ क मिलइ।
20 व्यवस्था मँ कउनो काम किहे स कउनो धर्मी न सिद्ध होइ जाइ। केवल व्यवस्था पाप क बोध करावत अहइ।
21 मुला अब इ देखइ क अहइ कि परमेस्सर एक नए तरीके स मनइयन क व्यवस्था क बगैर कइसे सोझ मारग प लावत ह। व्यवस्था व नबियन इ नए तरीके क साच्छी दिहे बाटेन।
22 जे केउ परमेस्सर क उ धार्मिकता जउन ईसू मसीह मँ बिसवास क द्वारा इ बिसवास करइवालन क बरे अहइ। एहमाँ कउनो भेदभाव नाहीं बा।
23 काहेकि सबइ तउ पाप किहे बाटेन अउर सबइ तउ परमेस्सर क महिमा स विहीन बाटेन।
24 मुला ईसू मसीह का विसेख महिमा क अनुग्रह स उ पचे सेत मेंत मँ उपहार पाइके धर्मी ठहरावा गवा अहइँ।
25 परमेस्सर ईसू मसीह क मारे लोगन क दिहेस कि लोग ओहमाँ बिसवास करइँ अउर अपने पापन स मुक्ति पाइ जाइँ। उ इ काम ईसू मसीह क बलिदान द्वारा करवाएस। अइसा इ प्रमाणित करइ क बरे कीन्ह गवा कि परमेस्सर बहुत सहनसील अहइ। काहेकि उ पहिले ओनका बिना दण्ड दिहे छोड़ दिहस रहा।
26 आजउ परमेस्सर ईसू को दिहेस हमका इ सिद्ध करइ बरे कि परमेस्सर जउन करत ह उहइ सही बा। परमेस्सर इ किया कि यह देखावइ बरे कि वह सही निरनय लेत ह, अउर उही समइ वह कउनो मनई क ठीक बनाइ सकत ह, जेनकर ईसू मसीह मँ बिसवास अहइ।
27 घमण्ड तउ एक दम्मै खतम अहइ। उ अइसेन कि व्यवस्था क मुताबिक करम किहे स नाहीं बहोतउ विधी क अपनाये स जेसे बिसवास कीन्ह गवा अहइ।
28 मनई व्यवस्था क मुताबिक काम कइके नाहीं मुला बिसवास स धर्मी बनत ह।
29 का परमेस्सर सिरिफ यहूदियन क अहइ? का उ ओन्हन क ना होइ जे गैर यहूदियन अहइँ? हाँ उ ओन्हून क अहइ जे गैर यहूदियन होइँ।
30 चूंकि केवल एक ही परमेस्सर अहइ। उ यहूदियन, का ओनकर बिसवास क द्वारा सही बनवाई, अउर उ गौर यहूदियन क भी ओनकर बिसवास क दूवारा सही बनवाई। जे ओहमाँ बिसवास करी उहइ धर्मी कहा जाई।
31 तउ का मइँ बिसवास क द्वारा व्यवस्था क विफल करत अही? ना बिल्कुलै नाहीं बल्कि हम पचे तउ व्यवस्था का अउर सक्तीवाला बनवत अही।
Romans 4
1 त फिन हम का कही कि हमरे सरीर क पिता इब्राहीम क एहमाँ का मिला?
2 काहेकि अगर इब्राहीम क ओकरे कामे क कारण धर्मी ठहरवा जात ह त ओका गरब करइ क बात रही। परन्तु परमेस्सर क सामने उ सही मँ गरब नाहीं कइ सकत।
3 पवित्तर सास्तर का कहत ह, “इब्राहीम तउ परमेस्सर मँ बिसवास किहेस अउर उ ओकर धार्मिकता गना गवा।”
4 काम करइवालान क मजदूरी देब कउनउ दान नाहीं बा, उ तउ ओनकर अधिकार अहइ।
5 परन्तु अगर केउ काम करइके बजाय उ परमेस्सर मँ बिसवास करत ह, जउन पापी क केउ छोड़ देत, तउ ओकरे बिसवास ओनकर धार्मिकता क कारण बन जात ह।
6 अइसे ही दाऊद उ मनई क धन्य मानत ह जेका करमन क आधार क बिना परमेस्सर धर्मी मानत ह। उ जब कहत ह:
7 “उ धन्य अहइँ जेनके व्यवस्था रहित कामन क छमा मिली अउ जेनके पापन क मूँद दीन्ह गवा।
8 उ मनई धन्य अहइँ जेनके पापन क परमेस्सर गिनेस नाहीं!” भजन संहिता 32:1-2
9 तब का इ धन्यपन केवल ओनहीं क बरे बा जेनकर खतना भवा। बा, य ओनके बरे उ सबइ जेनकर खतना नाहीं भवा। (हाँ, इ ओनपइ उ लागू होत ह जेनकर खतना नाहीं भवा बा।) काहेकि हम सबइ तउ कहे अही इब्राहीम क बिसवास इ ओकर धार्मिकता गिना गवा।
10 तउ इ कब गिना गवा जब ओकर खतना होइ चुका रहा। या जब उ बगैर खतना का रहा नाहीं खतना होइके पाछे नाहीं बल्कि खतना होइके स्थिति स पहिले।
11 अउ फिन एक चिन्ह क रूप मँ उ खतना ग्रहण किहेस। जउन उ बिसवास क परिणाम सरूप धार्मिकता क एक छाप रही जउऩ उ ओह समइ दरसाए रहा जब ओकर खतना नाहीं भवा रहा। इही बरे उ ओन्ही सबन क पिता रहा जउन यद्यपि बिना खतना क रहेन परन्तु बिसवासी अहइँ। (इही बरे उ सबइ धर्मी गिना जइहीं)
12 अउर उ ओनकर भी पिता अहइ जेनकर खतना भवा बा परन्तु जउन हमार लोगन पूर्वज इब्राहीम क बिसवास क ही मारग क जेका उ खतना होइ स परगट किहे रहेन, अनुसरण करत हीं।
13 इब्राहीम या ओकर बंसजन क इ बचन कि उ पचे संसार क उत्तराधिकारी होइहीं, व्यवस्था स नाहीं मिला रहा बल्कि उ धार्मिकता स मिला रहा जउन बिसवास क जरिये पैदा होत ह।
14 अगर जे व्यवस्था क मानत ही, उ जगत क उत्तराधिकारी अहइँ तउ बिसवास क कउनउ मतलब नाहीं रहत ह अउर परमेस्सर की प्रतिग्या बेकार होइ जात ह।
15 लोगन के जरिये व्यवस्था क पालन न किहे जाइसे परमेस्सर क किरोध उपजत ह परन्तु जहाँ व्यवस्था इ नाहीं बा उहाँ व्यवस्था क तोड़बइ का?
16 इही बरे सिद्ध अहइ कि परमेस्सर क प्रतिग्या बिसवास क फल अहइ (अउर यह सेंतमेत मँ ही मिलत बाटइ।) सो ओकर प्रतिग्या इब्राहीम क सबहिं बंसजन क बरे सुनिस्चित बा, न केवल ओनके बरे जे व्यवस्था पर बिसवास करत हीं बल्कि ओन सबक बरे भी जउन इब्राहीम क समान बिसवास रखत हीं। उ हम सबका पिता अहइ।
17 पवित्तर सास्तरन बतावत ह, “मइँ तोहका (इब्राहीम) कइयउ रास्ट्र क पिता बनाएउँ।”उ परमेस्सर क दिस्टी मँ उ इब्राहीम हमार पिता अहइ जेह पर ओकर बिसवास बा। परमेस्सर जउन मरे हुवन क जीवन देत ह, अउर जो वस्तुअन अहइँ ही नहीं, ओनकर नाम अइसे लेत है जइसे मानों उ अहइँ।
18 सभन मनइयन क आसा क विरुद्ध अपने मने मँ आसा सँजोंए भए इब्राहीम ओहमें बिसवास किहेस इही बरे उ कहा गवा क अनुसार कइयउ रास्ट्र क पिता बना। “तोहार अनगिनत बंसज होइहीं।”
19 इब्राहीम लगभग एक सौ बरिस क होइ गवा रहा, अउर ओकर सरीर बच्चा पइदा करे जोग्ग नाहीं रहा। सारा भी बच्चा पइदा नाहीं कइ सकत रही। एह बारे सोचेस, लेकिन ओकर बिसवास डगमागात नाहीं।
20 परमेस्सर क बचन मँ बिसवास बनाए रखेस एतना ही नाहीं बिसवास क अउर मजबूत करत भवा परमेस्सर क महिमा दिहेस।
21 ओका पूरा भरोसा रहा कि परमेस्सर ओका जउन बचन दइ दिहेस ओका पूरा करइ मँ पूरे तरह समरथ बा।
22 इही बरे, “इ बिसवास ओकर धार्मिकता गिना गवा।”
23 पवित्तर सास्तर क इ बचन कि बिसवास ओकर धार्मिकता गिना गवा, केवल ओनके बरे बा
24 बल्कि हमरे बरे भी बा परमेस्सर हमका, जउन ओहमाँ बिसवास रखत हीं, धार्मिकता स्वीकार करी। काहेकि हम बिसवास करत ह कि उ हमार पर्भू ईसू मसीह क फिन स जिन्दा किहेस।
25 ईसू, जेका हमरे पापन क बरे मारा जाइ क सौंपा गवा अउर हमका धर्मी बनावइ क बरे, मरा हुवन मँ स फिन स जिन्दा कीन्ह गवा।
Romans 5
1 काहेकि हम अपने बिसवास क कारण परमेस्सर बरे धर्मी होइ ग अही, तउ अपने पर्भू ईसू मसीह क जरिये हमार परमेस्सर स मेल होइ गवा बा।
2 उही क जरिये बिसवास क कारण ओकरे जउन अनुग्रह मँ हमार स्थिति बा, ओह तलक हमार पहुँच होइ गइ रही। अउर हम परमेस्सर क महिमा क कउनउ आसा पावइ क आनन्द लेइत ह।
3 ऍतनइ नाहीं हम आपन विपत्तियन मँ आनन्द लेइत ह। काहेकि हम जानित ह कि विपत्ति धीरज क जनम देत ह।
4 अउर धीरज स खरा चरित्र निकरत ह। खरा चरित्र स आसा क जनम होत ह।
5 अउर आसा हमका निरास नाहीं होइ देत ह काहेकि पवित्तर आतिमा क जरिये, जउन हमका दीन्ह गवा बा, परमेस्सर क पिरेम हमरे हिरदय मँ उड़ेर दीन्ह गवा बा।
6 काहेकि हम जब अबहीं कमजोर ही रहेन ठीक समइ पर हम भक्तहीनन बरे मसीह तउ आपन बलिदान दिहेस।
7 अब देखा केहू धर्मी मनइयन क बरे उ केउ कठिनाइ स मरत ह। केहू धर्मी मनई क बरे आपन परान तियागइ क साहस तउ केउ कई सकत ह।
8 मुला परमेस्सर तउ हमपे आपन पिरेम देखायेस। जबकि हम तउ पापी ही रहे; परन्तु ईसू त हमरे बरे परान तजि दिहेस।
9 काहेकि अब जब हम ओकरे लहू क कारण धर्मी होइ ग अही तउ अब ओकरे जरिये परमेस्सर क किरोध स जरूर इ बचावा जइहीं।
10 काहेकि जब हम ओकर बैरी रहे उ अपने मऊत क जरिये परमेस्सर स हमार मेलमिलाप कराथेस तउ अब तउ जब ते हमार मेलमिलाप होइ चुका बा ओकरे जीवन स हमार अउ केतॅनी जियादा रच्छा होइ।
11 ऍतनइ नाहीं बा हम अपने पर्भू ईसू मसीह क जरिये परमेस्सर क भक्ति पाइ क अब ओहमाँ आनन्द लेइत ह।
12 इही बरे एक मनई (आदम) जरिये जइसेन धरती पे पाप आवा अउर पाप स मउत अउ एह तरह मउत सब जने क बरे आइ काहेकि सबहिं पाप किहे रहेन।
13 जब देखा व्यवस्था क आवइ स पहिले जगत मँ पाप रहा परन्तु जब तक कउनउ व्यवस्था नाहीं होत कउनो क पाप नाहीं गिना जात
14 मुला आदम स लइके मूसा क समइ तक मउत सब पर राज करत रही। मउत ओन सबहिं प वइसे ही हावी रही जउन लोग पाप नाहीं किहे रहेन जइसे आदम प।आदम भी वइसा ही रहा जइसा उ जउन (मसीह) क अवाई रही।
15 परन्तु परमेस्सर क बरदान आदम क अपराध जइसेन नाहीं रहा काहेकि अगर उ एक मनइ क अपराध क कारण सभन लोगन क मउत भइ तउ एक मनई ईसू मसीह क करुणा क कारण परमेस्सर क अनुग्रह अउर बरदान सभन लोगन क भलाई बरे केतॅना कछू अउर जियादा मिला बा।
16 अउर इ बरदान उ पापी क जरिये लियावा गवा परिणाम क समान नाहीं बा काहेकि सजा क बरे नियाउ क आगमन एक अपराध क पाछे भवा रहा। परन्तु इ बरदान, जउन दोसमुक्ति कइँती लइ जात ह, कइयउ अपराध क पाछे आइ रहा।
17 अउर अगर एक मनई क उ अपराध क कारण मउत क सासन होइ गावा। तउ जउन परमेस्सर क अनुग्रह अउर ओकरे बरदान क जियादा क-जेहमें धर्मी क निवास बा उपभोग करत बाटेन उ तउ जीवन मँ उहइ एक मनई ईसू मसीह क जरिये अउर जियादा सासन करिहीं।
18 तउ जइसेन एक अपराध क कारण सभन लोग दोसी ठहरावा गएऩ ओइसन ही ईसू क एक धरम क काम क जरिये सबके बरे परिणाम मँ अनन्त जीवन बरदान करइवाली धार्मिकता मिली।
19 अउर जइसेन उ एक मनई क अपराध क कारण सब जने पापी बनाइ दीन्ह गएन वोइसहीनइ उ एक मनई क आग्या मानइ क कारण सब जने धर्मी उ बनाइ दीन्ह जइहीं।
20 व्यवस्था क आगमन इही बरे भवा कि अपराध बढ़ी पावइँ। परन्तु जहाँ पाप बढ़ा, उहाँ परमेस्सर क अनुग्रह भी जियादा बाढ़इ।
21 ताकि जइसेन मउत क जरिये पाप राज्य किहेस ठीक वइसेन ही हमरे पर्भू ईसू मसीह क जरिये अनन्त जीवन क लियावइ बरे परमेस्सर क अनुग्रह धार्मिकता क जरिये राज्य करइ।
Romans 6
1 तउ फिन हम का कही? का हम पापइ करत रही ताकि परमेस्सर क अनुग्रह बढ़त रहइ?
2 निस्चय ही नाहीं। हम जउन पाप क बरे मर चुका अही पाप मँ ह कइसेन जियब?
3 या का तू नाहीं जातन अहा कि हम, जे मसीह ईसू मँ बपतिस्मा लिहे अही, ओकरी मउत क ही बपतिस्मा लिहे अही।
4 तउ ओकरी मउत मँ बपतिस्मा लेइ स ही हम हू ओनके साथे गाड़ दीन्ह गवा रहा। ताकि जइसेन परमपिता क महिमामय सक्ति के जरिये मसीह क मरा हुवन मँ स जियाइ दीन्ह गवा रहा, वइसन ही हमहू एक नवा जीवन पावाह।
5 काहेकि जब हम ओनके मउत मँ ओकरे साथे रहे अही तउ ओकरे जइसेन फिन स उत्थान मँ उ ओकरे साथे रहब।
6 हम इ जानित ह कि हमार पुराना जीवन मसीह क साथे ही ऋूस प चढ़ाइ दीन्ह गवा रहा ताकि पापमय आतिमा नस्ट होइ जाइ। अउर हम आगे क बरे पाप क दास न बना रही।
7 काहेकि जउन मर गवा उ पाप क बन्धन स छुटकारा पाइ गवा।
8 अउर काहेकि हम मसीह क साथे मर गए, तउ हमार बिसवास बा कि हम उही क साथे जियब।
9 हम जानित ह कि मसीह जेका मरा हुआ मँ स जिन्दा कीहेन रहा गवा अउर फिन नाहीं मर सकत, अमर अहइ। ओह पर मउत क बस कभउँ न चली।
10 जउन मउत स उ मरा बा, उ एक बार अउर सदा रबे पाप क बरे मरा बा परन्तु जउन जीवन उ ज्अति ह, उ जीवन, परमेस्सर क बरे बाटइ।
11 इही तरह तू अपने बरेऊ सोचा कि तू पाप क बरे मर चुका अहा परन्तु मसीह ईसू मँ परमेस्सर क बरे जिअत अहा।
12 इही बरे तोहर नास होइवाला सरीरन क उप्पर पाप क बस न चलइ। ताकि तू उन चीजन का गुलाम न बना जेका तोहार पातकी अहम चाहत ह।
13 अपने सरीर क अंगन क अधर्म क सेवा क बरे पाप क हवाले न कर बल्कि मरा हुवन मँ स जी उठइवालन क समान परमेस्सर क हवाले कइ द्या। अउ अपने सरीर क अंगन क धार्मिकता क सेवा क साधन क रूप मँ परमेस्सर क हवाले कइ द्या।
14 तोह पे पाप क सासन न होइ काहेकि तू व्यवस्था क सहारे नाहीं जिअत अहा बल्कि परमेस्सर क अनुग्रह क सहारे जिअत अहा।
15 तउ हम का करी? का हम पाप करी? काहेकि हम व्यवस्था क अधीन नाहीं, बल्कि परमेस्सर क अनुग्रह क अधीन जिअत अही। निस्चय ही नाहीं।
16 का तू नाहीं जानत अहा कि जब तू कीहीउ क आज्ञा मानइ क बरे अपने आप क दास क रूप मँ ओका सँउपि देत ह तउ तू दास अहा। उ मनई जेकर आज्ञा मानत अहा तोहार स्वामी अहइ! या परमेस्सर क आज्ञा भावा। पाप स आध्यात्मिक मउत होत ह। मुला परमेस्सर क हुकुम मानइ स नेकी कइँती लइ जात ह। फिन चाहे तू पाप क दास बना।
17 परन्तु पर्भू क धन्यवाद बा कि यद्यपि तू पाप क दास रह्या, तू अपने मन स ओन्हन उपदेसन क रीति क मान्या जउन तोहे सौंपा गवा रहेन।
18 तोहे पाप स छुटकारा मिलि गवा अउ तू धार्मिकता क सेवक बन गया।
19 (मइँ एक ठु मानवीय उदाहरण देइत ह जेका सभन लोग समाझि सकइँ काहेकि ओका समझब तू लोगन क बरे कठिन बा।) काहेकि तू अपने सरीर क अंगन क अपवित्तर अउ व्यवस्थाहीनता क आगे ओनके दास क रूप मँ सौंप दिहे रह्या जेसे व्यवस्थाहीनता पैदा भई, अब तू लोग ठीक वइसेन ही अपने सरीर क अंगन क दास क रुप मँ धार्मिकतइ क हाथन मँ सौंप द्या ताकि कुल समर्पण पैदा होइ।
20 काहेकि तू जब पाप क दास रह्या तउ धार्मिकता कइँती स तोहे प कउनउ बन्धन नाहीं रहा।
21 अउर देखा ओह समइ तोहे कइसेन फल मिला? जेकरे बरे आजु तू सर्मिन्दा अहा। जेकर अन्तिम परिणाम मउत बा।
22 परन्तु अब तोहे पाप स छुटकारा मिलि चुका बा अउ परमेस्सर क दास बनाइ दीन्ह अहा गवा अहा तउ जउन खेती तू काटत अहा, तोहे परमेस्सर क बरे कुल समर्पण मँ लइ जाइ। जेकर अन्तिम परिणाम बा अनन्त जीवन।
23 काहेकि पाप क मूल्य तो बस मृत्यु ही अहइ। जबकि हमार पर्भू मसीह ईसू मँ अनन्त जीवन, परमेस्सर क सेंतमेत क बरदान बाटइ।
Romans 7
1 भाइयो तथा बहिनियो, का तू नाहीं जानत अहा (मइँ ओन्हन सबन स कहत अही जउन व्यवस्था क जानत हीं।) कि व्यवस्था क सासन कीहीउ मनई पे तबहिं तलक बा जब तलक उ जिअत ह?
2 उदाहरण क बरे एक विवाहिता स्त्री अपने पति क साथे व्यवस्था क अनुसार तबहिं तलक बंधी बा जब तलक उ जिन्दा बा परन्तु अगर ओकर पति मरि जात ह तउ उ बियाह सम्बधी व्यवस्था स छूट जात ह।
3 पति क जिअत ही अगर कीहीउ दुसरे पुरूस स सम्बन्ध जोड़त ह ओका व्यभिचारिणी कहा जात ह परन्तु अगर ओकर पुरुस मरि जात ह तउ बियाह सम्बन्धी नियम ओह पे नाहीं लागत अउ इहीं बरे अगर उ दुसरे मनई क होइ जात ह तउ उ व्यभिचारिणी नाहीं बा।
4 मोरे भाइयो तथा बहिनियो, अइसन ही इ मसीह क देह क जरिये व्यवस्था के बरे तुहउँ मरि चुका अहा। इही बरे अब तुहउँ कीहीउ दुसरे स नाता जोड़ि सकत ह। ओसे जेका मरा हुवन मँ स पुर्नजीवित कीन्ह गवा अहइ। ताकि हम परमेस्सर क बरे करमन क अच्छी खेती कइ सकित ह।
5 काहेकि जब हम मानुस सुभाव क अनुसार जिअत रहे, हमार पाप-पूर्ण वासना जउन व्यवस्था क जरिये आइ रहीं, हमरे अंगन पर हावी रही। ताकि हम करमन क अइसेन खेती व्करी जेकर अन्त आध्यात्मिक मउत मँ होत ह।
6 परन्तु अब हमका व्यवस्था स छुटकारा दइ दीन्ह गवा बाटइ काहेकि जउने व्यवस्था क अधीन हमका बन्दी बनावा ग रहा, हम ओकरे बरे मरि चुका आही। अउ अब पुरान लिखित व्यवस्था स नाहीं, बल्कि आतिमा क नई रीति स प्रेरित होइके हम अपने परमेस्सर क सेवा करित ह।
7 त फिन हम का कही? का हम कही कि व्यवस्था पाप अहइ? निस्चय ही नाहीं। जउन भी होइ, अगर व्यवस्था नाहीं होत तउ मइँ पहिचान नहीं पाइत कि पाप का अहइ? अगर व्यवस्था न बतावत, “जउन उचित नाहीं बा लालच जिन करा तउ निस्चय ही मइँ पहचान नाहीं पाइत कि जउन उचित इच्छा नाहीं अहइ का बा।”
8 परन्तु पाप मौका पावत ही व्यवस्था का लाभ उठावत भवा मोहमाँ गलत सबइ इच्छा क भर दिहेस जउन अनुचित बरे रहिन।
9 एकसमइ मइँ बिना व्यवस्था क ही जिन्दा रहेउँ, परन्तु जब व्यवस्था क आदेस आवा तउ पाप जीवन मँ उभरिके आवा।
10 अउर मइँ मर गएउँ। उहइ व्यवस्था क आदेस जउन जीवन देइ बरे रहा, मोरे बरे मउत लइ आवा।
11 काहेकि पाप क अउसर मिलि गवा अउर उ उहइ व्यवस्था क आदेस क जरिये मोका छलेस अउर उहइ जरिये मोका मार डाएस।
12 इही तरह व्यवस्था पवित्तर बा अउर उ आदेस पवित्तर, धर्मी अउर उत्तिम बा।
13 तउ फिन का एकर मतलब इ बाटइ कि जउन उत्तिम बा, उहइ मेरी मउत क कारण बन गवा? निस्चय ही नाहीं। बल्कि पाप उ उत्तिम क जरिये मोरे बरे मउत क कारण एह बरे बना कि पे क पाहिचाना जाइ सकइ। अउर व्यवस्था क जरिये ओकर खौफनाक पाप क पूर्णता देखॉइ दीन्ह जाइ।
14 काहेकि हम जानित ह कि व्यवस्था तउ आत्मिक अहई अउर मइँ हाड़ माँस क बना भवा भौतिक मनई अहउँ जउन पाप क दासता बरे बिका भआ हउँ।
15 मइँ नाहीं जानित मइँ का करत हउँ काहेकि मइँ जउन करइ चाहित हउँ नाहीं करत हउँ, बल्कि मोका उ करे पड़त ह, जेसे मइँ घिना करत हउँ।
16 अउ अगर मइँ उहइ करत हउँ जउन मइँ नाहीं करइ चाहित ह तउ मइँ अंगीकार करत हउँ कि व्यवस्था उत्तम बा।
17 परन्तु सही मँ उ मइँ नाहीं हउँ जउन इ सब कछू करत बा, बल्कि उ पाप मोरे भितरे बसा पाप बा।
18 हाँ, मइँ जानित अहइँ कि मोरे मँ भौतिक मानुस सरीर मँ कउनउ अच्छी चीजे क बास नाहीं अहइ। नेकी करइ क इच्छा तउ मोहमाँ अहइ पर नेक काम मोसे नाहीं होत।
19 काहेकि जउन अच्छा काम मइँ करइ चाहित ह, मइँ नाहीं करित अहउँ बल्कि जउन मइँ नाहीं करइ चाहित, उहइ सबइ मइँ खराब काम करइ नाहीं चाहित ह मइँ नाहीं करित बल्कि जउन मइँ नाहीं करइ चाहित, उहई सब खराब काम मइँ करित हउँ।
20 अउर अगर मइँ उहइ काम करित ह जेका व्करइ नाहीं चाहित ह तउ सही मँ ओकर कर्त्ता जउन ओन्हे करत ह, मइँ नाहीं हउँ, बल्कि उ पाप अहइ जउन बसा बा।
21 इही बरे मइँ अपने मँ इ नियम पाइत ह कि मइँ जब अच्छा करइ चाहित ह, तउ अपने मँ बुराई क ही पाइत ह।
22 आपन अन्तरात्मा मँ मइँ परमेस्सर क व्यवस्था क खुसी स मानित ह।
23 पर अपने सरीर मँ मइँ एक दुसरे ही व्यवस्था का काम करित देखित ह इ मोरे चिन्तन पे सासन करइवाली व्यवस्था स युद्ध करत ह अउर मोका पाप क व्यवस्था क बन्दी बनााइ लेत ह। इ व्यवस्था मोरे सरीर मँ त्रिया करत रहत ह।
24 मइँ एक अभागा इंसान हउँ। मोका एह सरीर स, जउन मउत क निवाला बा, ओसे छुटकारा कउन देवाई?
25 परमेस्सर मोका बचइहीं। अपने पर्भू ईसू मसीह क जरिये मइँ परमेस्सर क धन्यवाद करित हउँ।तउ अपने हाड़ माँस क सरीर स मइँ पाप क व्यवस्था क गुलाम होत भए उ आपन बुद्धि स परमेस्सर क व्यवस्था क सेवक अहउँ।
26
Romans 8
1 एह तरह अब ओनके बरे जउन मसीह ईसू मँ स्थित बाटेन ओनके बरे, कउनउ दण्ड नाहीं बा।
2 काहेकि आतिमा क व्यवस्था त जउन मसीह ईसू मँ जीवन देत ह, मोका पाप क व्यवस्था स जउन मउत क तरफ लइ जात ह, स्वतन्त्र कई दीन्ह बा।
3 जेका मूसा क उ व्यवस्था जउन मनई क भौतिक सुभाऊ क कारण कमजोर बनाइ दीन्ह गइ रही, नाहीं कई सकी ओका परमेस्सर अपने पूत क हमरेन जइसे सरीर मँ पठइ क जेहसे हम पाप करत ह-ओकर भौतिक देह क पापवाली बवाइ क पाप क खतम कइके पूरा किहेस।
4 जेहसे कि हमरे जरिये, देहे क भौतिक पातकी अहम स नाही, बल्कि आतिमा क विधि स जिअत हीं व्यवस्था क जरूरत पूरी कई जाइ सकइ।
5 काहेकि उ सबइ जउन अपने भौतिक मनई सुभाउ क अनुसार जिअत हीं, ओनकर भौतिक मनई सुभाउ क इच्छा पर टिकी रहत ह परन्तु उ जउन आतिमा क अनुसार जिअत हीं, ओनकर बुद्धि जउन आतिमा चाहत ह ओनहिन इच्छा मँ लगी रहत ह।
6 भौतिक मनई सुभाउ क बस मँ रहइवाला मने क अन्त मउत अहइ, परन्तु आतिमा क बस मँ रहइवाली बुद्धि क परिणाम अहइ जीवन अउ सान्ति।
7 इही तहर भौतिक मनई सुभाउ स अनुसासित मन परमेस्सर क विरोधी अहइ। काहेकि उ न तउ परमेस्सर क व्यवस्था क अधीन बा अउ न होइ सकत ह।
8 अउर उ जउन भौतिक मनइ सुभाउ क अनुसार जिअत हीं परमेस्सर क खुस नाहीं कइ सकत हीं।
9 परन्तु तू पचे भौतिक मनई सुभाउ क अधीन नाहीं अहा, बल्कि आतिमा क अधीन अहा अगर सही मँ तोहसे परमेस्सर क आतिमा क निवास बा। परन्तु अगर कउनो मँ ईसू मसीह क आतिमा नाहीं बा त उ मसीह क नाहीं बा।
10 दुसरे कइँती अगर तोहमाँ मसीह अहइ तउ चाहे तोहरे देह पाप क बरे मरि चुकी होइ बा पवित्तर आतिमा परमेस्सर क साथे तोहे धार्मिक ठहराइ क खुद तोहरे बरे जीवन बन जात ह।
11 अउर अगर उ आतिमा जे ईसू क मरे हुवन मँ स जियाए रही, तोहरे भित्तर बास करत ह, तउ उ परमेस्सर जे ईसू क मरे हुवन मँ स जियाए रहा, तोहरे नासमान सरीरन क आपन आतिमा स जउन तोहरे ही भित्तर बसत ह, जीवन देई।
12 इही बरे भाइयो तथा बहिनियो, हम पे एह भौतिक मनइ सुभाउ तउ अहइ परन्तु अइसेन नाहीं कि हम एकरे अनुसार जिई।
13 काहेकि अगर तू भौतिक मनइ सुभाव क अनुसार जीब्या तब मरब्या। अगर तू आतिमा क जरिये सरीर क व्यवहारन क अन्त कइ देब्या तउ तू जी जाब्या।
14 जउन परमेस्सर क आतिमा क अनुसार चलत हीं, उ सबइ परमेस्सर क संतान अहइँ।
15 काहेकि उ आतिमा जउन तोहे मिली बा, तोहे फिन स दास बनिके डेराइ बरे नाहीं बा, बल्कि उ आतिमा जउन तू पाए अहा तोहे परमेस्सर क संपालित सन्तान बनावत ह। जेसे हम पुकार उठित ह, “हे अब्बा, हे परमपिता।”
16 उ पवित्तर आतिमा खुद हमरे आतिमा क साथे मिलिके साच्छी देत ह कि हम परमेस्सर क सन्तान अही।
17 अउ काहेकि हम ओकर सन्तान अही, हमहूँ उत्तराधिकारी अही, परमेस्सर क उत्तराधिकारी अउर मसीह क साथे हम उत्तराधिकारी अगर सही मँ ओकरे साथे दुःख उठावत अहीं तउ हमका ओकरे साथे महिमा मिली ही।
18 काहेकि मोरे बिचार मँ एह समइ क हमार सबइ यातना क परगट होइवाली भावी महिमा क आगे कछूउ नाहीं बा।
19 काहेकि इ सृस्टि बड़ी आसा स ओह समइ क इन्तजार करत बाटइ जब परमेस्सर क संतान क परगट कीन्ह जाई।
20 इ सृस्टि निःसार रही अपने इच्छा स नाहीं, बल्कि ओकरी इच्छा स जे एका एह परिवर्तन क अधीन किहेस
21 कि इहउ कभउँ आपन बिनासमान होइ स छुटकारा पाइ क परमेस्सर क सन्तान क सानदार स्वतन्त्रता क आनन्द लेई।
22 काहेकि हम जानित ह कि आजु तलक समूची सृस्टि प्रसव पीड़ा मँ कराहत अउ तड़पत रही बाटइ।
23 न केवल इ सृस्टि बल्कि हमहूँ जेका आतिमा क पहिला फल मिला बा, अपने भितर कराहत रहे बाटेन। काहेकि हमका ओकरे जरिये पूरी तरह अपनावा जाइ क इन्तजार अहइ कि हमार देह मुक्त होइ जाइ।
24 हमार उदूधार भवा बा। इही स हमरे मने मँ आसा बा परन्तु जब हम जेकर आसा करित ह ओका देखि लेइत ह तउ उ आसा नाहीं रहत। जउन देखात बाटइ ओकर आसा कउन कई सकत ह।
25 परन्तु अगर जेका हम देखत नाहीं अही ओकर आसा करित ह तउ धीरज अउर सहनसीलता क साथे ओकर रस्ता जोहित ह।
26 अइसन ही जइसेन हम कराहत अही, आतिमा हमरे दुर्बलता मँ हमार सहायता करइ आवत ह काहेकि हम नाहीं जानित ह कि हम केकरे बरे पराथना करी! परन्तु आतिमा खुद अइसेन आह भरिके जेकर सबदन मँ जाहिर नाहीं कीन्ह जाइ सकत हमरे बरे बिनती करत ह।
27 परन्तु उ जउन लोगन क दिल क देख सकत ह वह जानत ह कि आतिमा क मन्सा का अहइ। काहेकि परमेस्सर क इच्छा स ही उ परमेस्सर क पवित्तर लोग क बरे बीच बिचाऊ करत ह।
28 अउर हम जानित ह कि हर परिस्थिति मँ उ आतिमा परमेस्सर क भक्तन क साथे मिलिके उ काम करत ह जउन भलाइ ही लियावत हीं ओन्हन सबके बरे जेका ओकरे प्रयोजन क अनुसार इ बोलावा गवा बा।
29 जेका उ पहिले ही चुनेस ओनका पहिलौटी क पूत क रूप मँ ठहराएस ताकि बहुत स भाइयो तथा बहिनियो! मँ उ पहलौठी बनि सकइ।
30 जेनका उ पहिले स निस्चित किहेस उहूँ क उ बोलाएस अउर जेनका उ बोलाएस, ओनका उ धर्मी ठहराएस। अउर जेका उ धर्मी ठहराएस, ओनका महिमा प्रदान किहेस।
31 तउ एका देखत हम का कही? अगर परमेस्सर हमरे पच्छ मँ बा हमरे विरोध मँ कउन होइ सकत ह?
32 उ जे अपने पूत तलक क नाहीं छोड़ेस बल्कि ओका हम सबके बरे मरइ क सउँप दिहेस। उ भला हमका ओकरे साथ अउर सब कछू काहे न देई?
33 परमेस्सर क चुना भवा लोगन पे अइसेन कउन बा जउन दोस लगावइ? उ परमेस्सर ही अहइ जउन ओनका धर्मी ठहराता ह?
34 अइसेन कउन अहइ जउन ओका दोसी ठहरावइ? मसीह ईसू उ अहइ जउन मरि गवा अउर (इहींउँ स जियादा जरूरी इ बा कि) ओका फिन जियावा गवा। जउन परमेस्सर क दहिनी कइँती बइठा अहइ अउर हमरे कइँती स बिनती भी करत ह
35 कउन अहइ जउन हमका मसीह क पियार स अलग करी? यातना या कठिनाइ या अत्याचार या अकाल या नंगापन या जोखिम या तलवार?
36 जइसेन कि सास्तर कहत ह:“तोहरे (मसीह) बरे सारा दिन हमका मउत क सौंपा जात ह। हम काटी जाइवाली भेड़ जइसेन समझा जात हीं।” भजन संहिता 44:22
37 तबउ ओकरे जरिये जउन हमसे पिरेम करत ह, ऐन सब बातन मँ हम एक सानदार विजय पावत अही।
38 काहेकि मइँ मान चुका हउँ कि न मउत, न जीवन, न सरगदूतन अउर न सासन करइवाली आतिमन, न वर्तमान क कउनउ चीज अउर न भविस्स क कउनउ चीज, न आत्मिक सक्ति,
39 न कउनउ हमरे ऊपर क, अउर न हमसे नीचे क, न सृस्टि क कउनउ अउर चीज हमका पर्भू क ओह पिरेम स, जउन हमरे भीतर पर्भू मसीह ईसू बरे बाटइ, हमका अलग कइ सकइ।
Romans 9
1 मसीह मँ मइँ सही कहत हउँ। मइँ झूठ नाही कहित अउर मोर चेतना जउन पवित्तर आतिमा क जरिये प्रकासित बा, मोरे साथ मोरे साच्छी देत ह
2 कि मोका गहिर दुःख बा अउर मोरे मने मँ मइँ पीड़ा बा।
3 कास मइँ चाहि सक्ति कि आपन भाइ-बन्धुवन अउर दुनियाबी सम्बन्धन क बरे मइँ मसीह क साप अपने ऊप्पर लइ लेइत अउर ओसे अलग होइ जाइत।
4 जउन इस्राएली बाटेन अउर जेनका परमेस्सर संपालित संतान होइ क अधिकार बा, जउन परमेस्सर क महिमा क दरसन कइ चुका बाटेन, जउन परमेस्सर क करार क भागीदारे अहइँ। जेनका मूसा क व्यवस्था, सच्ची आराधना अउर बचन प्रदान कीन्ह गवा बा।
5 पूर्वजन उहीं स सम्बन्ध रखत ह अउर मनई सरीर क दिस्टी स मसीह उहीं मँ पइदा भवा जउन सबक परमेस्सर अहइ अउर हमेसा धन्य बा। आमीन!
6 अइसेन नाहीं बा कि परमेस्सर आपन बचन पूरा नाहीं किहे बा काहेकि जउन इस्राएल क बंसज बाटेन उ सभन इस्राएली नाहीं अहइँ।
7 अउर न तउ इब्राहीम क बंसज होइ क कारण उ सब सच्चाइ-मुच्चइ इब्राहीम क संतान अहइँ। बल्कि (जइसेन परमेस्सर कहेस) “तोहार बंसज इसहाक क द्वारा आपन परम्परा बढ़ावइँ।”
8 मतलब इ नाहीं अहइ कि प्राकृतिक तउर पे सरीर स पैदा होइवाला बच्चा परमेस्सर क बंसज अहइ, बल्कि परमेस्सर क बचन स प्रेरित होइवाले ओनकर बंसज माना जात हीं।
9 बचन एह तरह कहा गवा रहा: “निस्चित समइ पे मइँ लउटब अउर सारा पुत्रवती होई।”
10 ऍतनइ नाहीं जब रिबका भी एक मनई, हमार पहिले क पिता इसहाक स गर्भवती भइ
11 त बेटवन क पैदा होइ स पहिले अउर ओकरे कछू भला बुरा करइ स पहिले कहा गवा रहा जेहसे परमेस्सर क उ प्रयोजन सिद्ध होइ जउन चुनाव स सिद्ध होइ। अउर जउन मनईक क करमन पे नाहीं टिका बल्कि उ परमेस्सर पे टिका बा जउन बोलावइवाला अहइ। रिबका स कहा गवा बा, “बड़का बेटवा छोटे बेटवा क सेवा करी।”
12
13 पवित्तर सास्तर कहत ह, “मइँ याकूब क चुनउँ अउर एसाव क नकार दिहेउँ।”
14 तउ फिन हम का कही? का परमेस्सर अन्यायी बा?
15 निस्चय ही नाहीं। काहेकि परमेस्सर मूसा स कहे रहा,“मइँ जउन कउनो पे उ दया करइ क सोचब, दया देखाउब। अउ जउन कउनो पे उ अनुग्रह करइ चाहब, अनुग्रह करब।”
16 इही बरे न तउ कउनउ क इच्छा अउर प्रयास बल्कि दयालु परमेस्सर पे निर्भर करत ह।
17 काहेकि सास्तर मँ परमेस्सर तउ फिरौन स कहे रहा: “मइँ तोहका इही बरे खड़ा किहे रहेउँ कि मइँ आपन सक्ति तोहमाँ देखाइ सकी। अउर मोर नाउँ समूची धरती पे घोसित कीन्ह जाइ।”
18 तउ परमेस्सर जेहका चाहत ह दया करत ह अउ जेका चाहत ह कठोर बनाइ देत ह।
19 तउ फिन तू सायद मोसे कह्या, “अगर हमरे करमन क नियन्त्रण करइवाला परमेस्सर बा त फिन उ ओहमाँ हमार दोस काहे समझत ह?” आखिरकार ओकरी इच्छा क विरोध कउन कइ सकत ह?
20 अरे मनई तू कउन होत अहा जे परमेस्सर क उलटि के उत्तर देइ? का कउनउ रचना अपने रचइवालन स पूछ सकत ह कि “तू मोका अइसेन काहे बनाया?”
21 का कीहीउ कोहार क मिट्टी पे इ अधिकार नाहीं बा कि उ कीहीऊँ एक लँऊदा स एक भाँड़ बिसेस प्रयोजन बरे अउ दूसर हीन प्रयोजन बरे बनावइ?
22 परन्तु एहमाँ का बा अगर परमेस्सर त आपन किरोध देखॉवइ अउर आपन सक्ति जतावइ क बरे ओन्हन भाँडन क जउन किरोध क पात्र रहेन अउर जेकरे बिनास होइ क रहा, बड़ा धीरज क साथे सही,
23 उ ओनकइ सहेस ताकि उ भाँडन क लाभ बरे जउन दया क पात्र रहेन अउर जे उ आपन महिमा पावइ बरे बनाए रहा, ओह पे आपन महिमा परगट कइ सकइ।
24 मतलब हम जेका उ न केवल यहूदियन मँ स बोलाएस बल्कि गैर यहूदीयन मँ स भी
25 जइसेन कि होसे क किताबे मँ लिखा बा:“जउन लोग मोर लोग नाहीं रहे ओन्हे मइँ आपन कहबइ। अउर उ स्त्री जउन पिआरी नाहीं कही गइ मइँ ओका प्रिया कहबइ।” होसे: 2:23
26 “अउर इ उहइ घटी जउने स्थान पे ओनसे कहा गवा रहा, ‘तू पचे मोर परजा नाहीं अहा।’ उहइ उ जिन्दा परमेस्सर क सन्तान कहवइहीं।” होसे: 1:10
27 अउर यसायाह इस्राएल क बारे मँ पुकार क कहत ह।“यद्यपि इस्राएल क सन्तान समुद्र क बालू क कणन क समान असंख्या अहइँ तऊँ ओहमाँ स केवल थोड़ क ही बच पइहीं।
28 काहेकि पर्भू पृथ्वी पो आपन निआव क पूरी तरह स अउ जल्दी ही पूरा करी।”
29 अउ जइसेन कि यसायाह त भविस्सबाणी किहे रहा:“अगर सर्वसक्तिमान पर्भू हमरे बरे बंसज न छोड़तेन त हम सदोम जइसे अउर अमोरा जइसे ही होइ जाइत।”
30 त फिन हम का कही? हम इ नतीजा पे पहुँच अही कि गौर यहूदियन क लोग जउन धार्मिकता क खोज मँ नाहीं रहेन, उ धार्मिकता क पाइ गएन। उ पचे जउन बिसवास क कारण ही धार्मिक ठहरावा गएन।
31 परन्तु इस्राएल क लोग तउ जउन जइसेन व्यवस्था पे चलइ चाहत रहेन जउन ओनका धार्मिक ठहरावत ओकरे अनुसार नाहीं जी सकेन।
32 काहे नाहीं? काहेकि उ पचे एकर पालन बिसवास स नाहीं, बल्कि अपने करमन स धर्मी बना चाहत रहेन, उ सबइ ओह चट्टान पे ठोकर खाइ गएन, जउन ठोकर दियावत रही।
33 जइसेन कि पवित्तर सास्तर कहत ह:“देखा, मइँ सिय्योन मँ एक पत्थर रखत हउँ जउन ठोकर दियावत ह अउर एक चट्टान जउन पाप करावत ह। परन्तु उ जउन ओहमाँ बिसवास करत ह, ओका कभउँ निरास न होइ क होई।” यसायाह 8:14; 28:16
Romans 10
1 भाइयो तथा बहिनियो, मोरे हीये क इच्छा बा अउर मइँ परमेस्सर स ओन्हन सबके बरे पराथना करत हउँ कि ओनकर उद्धार होइ जाइ।
2 काहेकि मइँ साच्छी देत हउँ कि ओहमाँ परमेस्सर क धुन बा। परन्तु उ ज्ञान पे नाहीं टिकी बा
3 काहेकि उ पचे उ धार्मिकता क नाहीं जानत रहेन जउन परमेस्सर स मिलत अहइ। अउर उ सबइ आपन निजी धार्मिकता क स्थापना क जतन करत रहेन। तउ उ परमेस्सर क धार्मिकता क नाहीं स्वीकारेन।
4 मसीह व्यवस्था क अन्त किहेस ताकि हर कउनो क जउन बिसवास करत ह, उ परमेस्सर बरे धार्मिक होइ जाइ।
5 धार्मिकता क बारे मँ जउन व्यवस्था स मिलत ह, मूसा लिखे बाटइ, “जउन व्यवस्था पे चली, उ ओनके कारण जिन्दा रही।”
6 परन्तु बिसवास स मिलइवाली धार्मिकता क बरे मँ पवित्तर सास्तर इ कहत ह, “तू अपने स इ न पूछा, ‘सरगे मँ ऊप्पर कउन जाई?”‘ (यानि “मसीह क नीचे धरती पे लियावइ।”)
7 “या, ‘नीचे अधोलोक मँ कउन जाई?”‘ (यानि “मसीह क मरा हुवन मँ स ऊपर लियावइ?”)
8 पवित्तर सास्तर इ कहत ह: “बचन तोहरे लगे बा, तोहरे ओठन पे बा अउर तोहरे मने मँ बा।”यानि बिसवास क वह बचन जेकर हम प्रचार करत अही,
9 कि अगर तू अपने मूँहे स घोसित करा, “ईसू मसीह पर्भू अहइ”, अउर तू अपने मने मँ इ बिसवास करा कि परमेस्सर तउ ओका मरा हुवन मँ स जिन्दा किहेस तउ तोहार उद्धार होइ जाई।
10 काहेकि अपने हृदय क बिसवास स मनई धार्मिक ठहरावा जात ह अउर अपने मुँहे स ओकरे बिसवास क स्वीकार करइ स ओकर उद्धार होत ह।
11 पवित्तर सास्तर कहत ह, “जउन केऊ ओहमाँ बिसवास रखत ह ओका निरास न होइ पड़ी।”
12 इ एह बरे बा कि यहूदी अउर गैर यहूदी मँ कउनउ भेद नाहीं कहेकि सब क पर्भू तउ एक्कइ अहइ। अउर ओकर दया ओन्हन सब क बरे, देत ह जउन ओकर नाउँ लेत हीं, अपरम्पार बा।
13 पवित्तर सास्तर कहत ह, “हर केऊ जउन पर्भू क नाउँ लेत हीं, उद्धार पइहीं।”
14 परन्तु उ सबइ जउन ओहमाँ बिसवास नाहीं करतेन, ओकर नाउँ कइसे पुकरिहीं? अउर उ पचे जउन ओकरे बारे मँ सुनेन नाहीं, ओहे मँ बिसवास कइसे कइ पइहीं? अउर फिन भला जब तलक केऊ ओनका उपदेस देइवाला न होइ, उ पचे कइसे सुन सकिहीं?
15 अउ उपदेसक तब तलक उपदेस कइसे दइ पइहीं? जब तलक ओनका भेजा न गवा होइ? जइसेन कि पवित्तर सास्तर मँ कहा बा, “सुसमाचार लियावइ वालन क चरण केतना सुन्दर बाटेन।”
16 परन्तु सब सुसमाचार क स्वीकार करेन नाहीं। यसायाह कहत ह, “पर्भू हमरे उपदेस क कउन स्वीकार किहेस?”
17 तउ सुसमाचार क सुनइ स बिसवास उपजत ह अउर सुसमाचार तब सुना जात ह जब केऊँ मसीह क बारे मँ उपदेस देत ह।
18 परन्तु मइँ कहत हउँ, “का उ पचे हमरे सुसमाचार क नाहीं सुनेन?” हाँ निस्चय ही। पवित्तर सास्तर कहत ह:“ओनकर स्वर समूचा धरती पे फइल गवा अउर ओनकर बचन जगत क एक छोर स दुसरे छोर तलक पहुँचेन।” भजन संहिता 19:4
19 परन्तु मइँ पूछित हउँ कि, “का इस्राएली नाहीं समझत रहेन?” मूसा कहत ह:“पहिले मइँ तू लोगन क मन मँ अइसेन लोगन क द्वारा जउन सही मँ कउनउ जाति नाहीं अहइ, डाह पैदा करब। मइँ उ रास्ट्र, जो समझत नाहीं, तोहे किरोध दियाउब।” व्यवस्था विवरण 32:21
20 फिन यसायाह साहस क साथ कहत ह:“मोका ओन्हन सब पाइ लिहेन जउन मोका नाहीं खोजत रहेन। मइँ ओनव्के बरे परगट होइ गएउँ। जउन मोर खोज खबर मँ नहीं रहेन।” यसायाह 65:1
21 परन्तु परमेस्सर इस्राएलियन क बारे मँ कहत रहा, “मइँ सब दिना आज्ञा न मानइवालन अउर अपने बिरोधियन क आगे हाथ फइलाए रहेउँ।”
Romans 11
1 तउ मइँ पूछित हउँ, “का परमेस्सर अपने ही लोगन क नकार नाहीं दिहेस?” निस्चय ही नाहीं। काहेकि मइँ भी एक इस्राएली हउँ, इब्राहीम क बंस स अउर बिन्यामीन क परिवार स हउँ।
2 परमेस्सर अपने लोगन क नाहीं नकारेस जेनका उ पहिलेन स ही चुने रहा। या अउर का तू नाहीं जानत अहा कि एलिय्याह क बारे मँ पवित्तर सास्तर का कहत ह। जब एलिय्याह परमेस्सर स इस्राएल क लोगन क विरोध मँ पराथना करत रहा?
3 “हे पर्भू, उ पचे नबियन क मार डाएन। तोहरे वेदियन क तोड़ी क गिराइ दिहेन। केवल एक नबी मइँ ही बचा हउँ अउर उ पचे मोका भी मारि डावइ क जतन करत अहइँ।”
4 परन्तु तब परमेस्सर ओन्हे कइसेन उत्तर दिहे रहा, “मइँ अपने बरे 7,000 लोग बचाइ रखे हउँ जउन लोग बाल क आगे माथा नाहीं टेकेन।”
5 तउन वइसेन ही आजु काल्हिउ कछू अइसेन लोग बचा बाटेन जउन ओनके अनुग्रह क कारण चुना भआ अहइँ।
6 अउर अगर इ परमेस्सर क अनुग्रह क परिणाम अहइ तउ लोग जउन करम करत हीं, इ ओन्हन करमन क परिणाम नाहीं बा। नाहीं तउ परमेस्सर क अनुग्रह, अनुग्रह ही नाहीं ठहरत।
7 तउ ऐहसे का? इस्राएल क लोग जेका खोजत रहन, उ सबइ ओका नाहीं पाइ सकेन। परन्तु चुना हुवन क उ मिलि गवा। जब कि बाकी सब क जड़ बनाइ दीन्ह गवा।
8 पवित्तर सास्तरन कहत ह:“परमेस्सर तउ ओन्हे एक चेतन सून्य कइ दिहेस आतिमा प्रदान किहेस।” यसायाह 29:10“अइसेन आँखी दिहेस जउन देखि नाहीं सकत रहिन अउ अइसेन कान दिहेस जउन सुन नाहीं सकत रहेन। अउर इहइ दसा ठीक आजु तलक बनी भई बा।” व्यवस्था विवरण 29:4
9 दाऊद कहत ह:“अपनेन भोगन मँ फंसके उ बन्दी बन जाइँ ओनकर पतन होइ अउ ओनका दण्ड मिलइ।
10 ओनकर आँखी धुँधली होइ जाइँ ताकि उ पचे देख न सकइँ अउ तू ओनकर सब पीड़ाके तले, ओनकर करिहाउँ हमेसा-हमेसा निहुराए रखइ।” भजन संहिता 69:22-23
11 तउ मइँ कहत का ओ पचे इही बरे ठोकर खाइके उ सब भहराइके नस्ट होइ जाइँ? निस्चय ही नाहीं। बल्कि ओनकर गलती करइ स गैर यहूदियन क छुटकारा मिला ताकि यहूदियन मँ स्पर्द्धा पैदा होइ।
12 इही तरह अगर ओनकर गलती करइ क मतलब समूचइ संसार क बड़ा लाभ अहइ अउ अगर ओनके भटकइ स गैर यहूदियन क लाभ अहइ तउ ओनकइ पूरी तरह स संपूर्ण होए स बहुत कछू होइ।
13 इ अब मइँ तोहसे कहत हउँ, जउन यहूदियन नाहीं होइँ काहेकि मइँ विसेस रूप स गैर यहूदियन क बरे प्रेरित हउँ, मइँ अपने काम क बरे पूरा प्रयत्नसील हउँ।
14 एह आसा स कि मइँ अपने लोगन मँ भी स्पर्द्धा जगाइ सकउँ अउ ओहमाँ स कछू क उद्धार करउँ।
15 काहेकि अगर परमेस्सर क द्वार ओनके नकार दिहे जाइ स जगत मँ परमेस्सर क साथे मेलमिलाप पैदा होत ह तउ फिन ओनकर अपनावा जाब का मरा हुवन मँ स जियावा जाब न होइ?
16 अगर हमरी भेंट का एक पहला हिस्सा पवित्तर बा तउ का उ समूचइ पवित्तर नाहीं बा? अगर पेड़ का जड़ पवित्तर बा तउ ओकर सबइ साखा भी पवित्तर बाटिन।
17 परन्तु अगर कछू साखा तोड़िके फेक दीन्ह गइन अउ तू जउन एक जंगली जैतून क टहनी अहा ओह पे पेबन्द चढ़ाइ दीन्ह जाइ अउ उ जैतून क अच्छा पेड़ का खुराक अउर आधार क हिस्सा बाँटइ लगइ। तू सबइ गैर यहूदियन जंगली साखा क तरह अहा अउर तू पचे पहिले पेड़ (यहूदी) क खुराक अउर जीवन बाँटत अहा।
18 तउ तोहे ओन्हन टहनियन क आगे, जउन तोड़ी क फेंक दीन्ह गइन, अभिमान न करइ चाही। अउर अगर तू अभिमान करत ह तउ इ याद रखा इ तू नाहीं अहा जे जड़न क पालत बा, बल्कि इ तउ उ जड़ ही अहइ जउन तोहे पालत बाटइ।
19 अब तू कहब्या, “हाँ परन्तु सबइ साखा एह बरे तोड़ी गई कि मोर पेबन्द चढ़इ।”
20 इ सत्य अहइ, उ सबइ अपने अबिसवास क कारण तोड़िके फेंक गइन परन्तु तु अपने बिसवास क बल पे आपन जगह टिका रह्या। इही बरे एकर गर्ब न करा बल्कि डेरात रहा।
21 अगर परमेस्सर प्राकृतिक डारन नाहीं रहइ दिहेस तउ उ तोहका भी न रहइ देइ।
22 इही बरे तू परमेस्सर क कोमलता क देखा, अउर ओकरे कठोरता प धियान द्या। इ कठोरता ओनके बरे बा जउन गिर गएन परन्तु ओकर करुणा तोहरे बरे बा अगर तू अपने पे ओकर अनुग्रह बना रहइ द्या। नाहीं तउ पेंड़े स तुहउँ काटिके फेंका जाब्या।
23 अउर अगर उ पचे अपने अबिसवास मँ नाहीं रहेन तउ ओनहूँ फिन पेड़ स जोड़ लीन्ह जाइ काहेकि परमेस्सर समर्थ अहइ कि ओनका फिन स जोड़ देइ।
24 जब तोहे प्राकृतिक रूप स जंगली जैतून क पेड़े स एक साखा क तरह कटके प्रकृति क विरुद्ध एक अच्छा जैतून क पेड़े स जोड़ दीन्ह गवा, तउ उ जउन ओह पेड़े क अपना डारिन बाटिन, अपनेन ही पेड़ मँ आसानी स, फिन स काहे नाहीं जोड़ दीन्ह जा इहीं।
25 भाइयो तथा बहिनियो, मइँ तोहे इ छुपा हुआ सत्य स अंजान नाही रखइ चाहित। कि तू अपने आप क बुद्धिमान समझइ लागा। कि इस्राएल क कछू लोग अइसेन ही कठोर बनाइ दीन्ह गवा बाटेन। अउर अइसेनइ ही कठोर बना रइहीं जब तलक कि काफी गैर यहूदी लोग परमेस्सर क परिवार क अंग नाहीं बन जातेन।
26 अउर एह तरह समूचा इस्राएल क उद्धार होइ जइसेन कि पवित्तर सास्तरन कहत ह:“उद्धारकर्ता सिय्योन स आइ। उ याकूब क परिवार स सबहिन बुराइयन क दूर करी।
27 मोर इ करार ओकरे साथे तब होइ जब मइँ ओनके पापन के हर लेब।” यसायाह 59:20-21; 27:9
28 जहाँ तलक सुसमाचार क सम्बन्ध बा, उ तोहरे हिते मँ परमेस्सर क सत्रु अहइँ। परन्तु जहाँ तलक परमेस्सर क जरिये ओनके चुना जाइ क सम्बन्ध अहइ, उ पचे ओनके पूर्वजन क दिए भए बचन क अनुसार परमेस्सर क पियारा अहइँ।
29 काहेकि परमेस्सर जेका बोलावत ह अउर जेका उ देत ह, ओकरे तरफ स अपन मन कभउँ नाहीं बदलत।
30 काहेकि जइसेन तू लोग पहिले कभउँ परमेस्सर क आज्ञा नाहीं मानत रह्या परन्तु अब तोहे ओकर अवज्ञा क कारण परमेस्सर क द्या मिली बा।
31 वइसेन ही अब उ पचे ओकर आज्ञा नाहीं मानतेन काहेकि परमेस्सर क द्या तोहे पे बा ताकि अब ओन्हे भी परमेस्सर क दया मिलइ।
32 काहेकि परमेस्सर सब जने के अवज्ञा क कारागार मँ इही बरे डारि रखे अहइ कि उ ओन सब पर दया देखॉय सकइ।
33 परमेस्सर क करुणा, बुद्धि अउर ज्ञान केतॅना अपरम्पार अहइ। ओकरे निआव केतॅना गहन बा, ओकर रस्ता केतना गूढ़ बा।
34 पवित्तर सास्तर कहत ह:“पर्भू क मने क कउन जानत ह? अउर ओका सलाह देइवाला कउन होइ सकत ह?” यसायाह 40:13
35 “परमेस्सर क केऊ का दिहे अहइ कि उ कउनो क ओकरे बदले कछू देइ।” अय्यूब 41:11
36 काहेकि सब क रचनावाला उहइ बा। उही स सब स्थिर बाटेन अउर उ उही क बरे बा। ओकर हमेसा महिमा होइ। आमीन।
Romans 12
1 इही बरे भाइयो तथा बहिनियो, परमेस्सर क दया क याद देवाइके मइँ तोहसे आग्रह करत हउँ कि अपने जीवन क एक ठु जिन्दा बलिदान क रूप मँ परमेस्सर को प्रसन्न करत भए अर्पित कइ दया। इ तोहार आत्मिक आराधना अहइ जेसे तू सबन क ओका चुकावइ क होइ।
2 अब अउर आगे इ दुनिया क रीति पे जिन चला बल्कि अपने मने क नवा कइ के अपने आप क बदल डावा ताकि तू सबन क पता चलि जाइ कि परमेस्सर तू पचन क बरे का चाहत ह। यानि जउन उत्तिम बा, जे ओका भावत ह अउर जउन सम्पूर्ण बा।
3 इही बरे ओकरे अनुग्रह क कारण जउन उपहार उ मोका दिहे अहइ, ओका धियान मँ रखत हुए मइँ तोहमें स हर एक स कहत हउँ, अपने क जइसेन यथा उचित समझा मतलब जेतना बिसवास उ तोहे दिहे अहइ, उही क अनुसार अपने को समझइ चाही।
4 काहेकि जइसेन हम पचन मँ स हर एक क सरीर मँ बहुत स अंग बाटेन। चाहे सब अंगन क काम एक जइसेन नाहीं बाटेन।
5 हम अनेक अही परन्तु मसीह मँ हम एक देहे क रूप मँ होइ जाइत ह। एह तरह हर एक अंग हर दुसरे अंग स जुड़ जात ह।
6 तउ फिन ओकरे अनुग्रह क अनुसार हमका ज्जउन अलग-अलग उपहार मिला बाटेन, हम ओनकर प्रयोग करी। अगर कउनो क भविस्सबाणी क छमता दीन्ह गइ तो ओहका इस्तेमाल कइ देइ, ओकरे बिसवास क आधार पर।
7 अगर कउनो क सेवा करइ क उपहार मिला बा तउ अपने आप क सेवा क बरे अर्पित करइ, अगर कउनो क उपदेस क उपहार मिला बा तउ ओका उपदेस क प्रचार मँ लगावइ चाही।
8 अगर केऊ सलाह देइ क अहइ तउ ओका सलाह देइ चाही। अगर कउनो क दान देइ क उपहार मिला बा तउ ओका मुक्त भाउ स दान देइ चाही। अगर कउनो क अगुआई करइ क उपहार मिलत ह तउ लोगन क साथ अगुआई करइ। जेका दया देखावइ क मिली बा, उ खुसी स दया करइ।
9 तोहार पिरेम सच्चा होइ। बदि स घिना करा। नेकी स जुड़ा।
10 भाइचारे क साथ एक दूसरे क बरे समर्पित रहा। आपस मँ एक दुसरे क आदर क साथे अपने स जियादा महत्व द्या।
11 उत्साही बना, आलसी नाहीं, आतिमा क तेज स चमका। पर्भू क सेवा करा।
12 अपने आसा मँ खुस रहा। विपत्ति मँ धीरज धरा। निरन्तर पराथना करत रहा।
13 परमेस्सर क जनन क जरूरतन मँ हाथ बटावा। अतिथि सत्कार क अउसर ढूँढ़त रहा।
14 जउन तू सबन क सतावत होइँ ओन्हे आसीर्बाद द्या, ओन्हे साप न द्या, आसीर्बाद द्या।
15 जउन खुस अहइँ ओनके साथे खुस रहा। जउन दुखी अहइँ, ओनके दुखे मँ दुखी ह्वा।
16 मेल मिलाप स रहा। अभिमान न करा बल्कि दीनन क संगत करा। अपने क बुद्धिमान न समझा।
17 बुराइ क बदला बुराइ स कउनो क न द्या। सभन लोगन क आँखी मँ जउन अच्छा होइ उही क करइके सोचा।
18 जहाँ तक तोहसे बन पड़इ सब मनइयन क साथे सान्ति स रहा।
19 कउनो स अपने आप बदला न ल्या। पियारे बन्धुओ, बल्कि एका परमेस्सर क किरोध पे छोड़ द्या काहेकि सास्तर मँ लिखा बा: “पर्भू कहेस ह बदला लेब मोर काम बा। प्रतिदान मइँ देबइ।”
20 “बल्कि तू अगर तोहर दुस्मन भूखा बा तउ ओका भोजन करावा, अगर उ पियासा अहइ तउ ओका पीअइके द्या। काहेकि अगर तू अइसेन करत ह तउ उ तोहसे सर्मिन्दा होई।
21 बदी स न हारा बल्कि अपने नेकी स बदी क हराइ द्या।
Romans 13
1 हर मनई क प्रधान सत्ता क अधीनता अंगीकार करइ चाही। काहेकि सासन क अधिकार परमेस्सर कइँती स बा। अउर जउन अधिकार मौजूद बा ओन्हे परमेस्सर नियत किहे बा।
2 इही बरे जउन सत्ता क विरोध करत हीं, उ परमेस्सर क आज्ञा क विरोध करत ह अउर जउन परमेस्सर क आज्ञा क विरोध करत हीं, उ दण्ड पइहीं।
3 अब देखा कउनउ सासक, उ मनई क, जउन नेकी करत हीं, नाहीं डेरातेन बल्कि उही क डेरावत हीं, जउन खराब काम करत हीं। अगर तू सासन स नाहीं डेराइ चाहत ह, तउ भला काम करत रहा। तोहे सत्ता क प्रसंसा मिली।
4 जउन सासन मँ अहइँ उ परमेस्सर क सेवक अहइँ उ तोहर भला करइ बरे बा। परन्तु अगर तू खराब करत ह तउ ओहसे डेरा काहे? काहेकि ओकर तलवार बेकार नाहीं बाटइ। उ परमेस्सर का सेवक अहइ अउर जो गलत करत ह, वह परमेस्सर क क्रोध लिआवत ह।
5 इही बरे समर्पण जरुरी बा। न केवल डर क कारण बल्कि तोहरे अपने चेतना क कारण
6 इही बरे त तू पचे चुंगी (टिॅक्स) चुकावत ह काहेकि अधिकारी परमेस्सर क सेवक बाटेन जउन अपने कत्तर्व्यन क ही पूरा करइ मँ लागा रहत हीं।
7 जेह कउनो क तोहका देइ क बा, ओका चुकाइ द्या। जउन कर तोहका देइ क बा। ओका द्या जेकर चुंगी (टिॅक्स) तोहपे निकरत ह, ओका चुँगी द्या। जेहसे तोहे डेराइ चाही, तू ओसे डेरा। जेकर आदर करइ चाही ओकर आदर करा।
8 आपसी पिरेम क अलावा कउनो क ऋण अपने उप्पर न रखा काहेकि जउन अपने साथियन स पिरेम करत ह, उ एह तरह व्यवस्था क पूरी आज्ञा क मानत ह।
9 मइँ इ एह बरे कहत हउँ काहेकि, “व्यभिचार न करा, हतिया न करा, चोरी न करा, लालच न रखा”अउ जउनउ दूसरी व्यवस्था होइ सकत ह, इ बचन मँ समाइ जात ह कि, “तोहे अपने साथी क अइसेन ही पियार करइ चाही, जइसेन तू अपने आप क करत ह।”
10 पिरेम अपने साथी क बुरा कभउँ नाहीं करत। इही बरे पिरेम करब व्यवस्था क पूरा करब बा।
11 इ सब कछू त एह बरे करा कि जइसेन समइ मँ तू रहत ह, ओका जानत अहा। तू जानत अहा कि तोहरे बरे संकट का समइ अहइ अपने नींद स जगावइ क समइ आइ पहुँचा बा, उ समय क तुलना मँ जब हम पहले बिसवास धारण किहे रहेन तउ हमार उद्धार अब ओसे जियादा लगे बा।
12 “रात” लगभग पूरी होइ चुकी बा, “दिन” लगे ही बा, इही बरे आवा हम ओन्हन करमन स छुटकारा पाइ लेइ जउन अन्धकार क अहइँ। आवा हम प्रकास क अस्त्रन क धारण करी।
13 आवा हम वइसेन ही अच्छे रीति स रही जइसेन दिन क समइ दिन रहत ह। बहुत जियादा बेमार क दावत मँ न जात भए खाइ पीइके बुत्त न होइ जा। लुच्चापना दुराचार व्यभिचार मँ न पड़ा। न झगड़ा अउर न ही डाह रखा।
14 बल्कि पर्भू ईसू मसीह क धारण करा। अउर आपन भौतिक मनई सुभाउ क सबइ इच्छा क पूरा करइ मँ ही न लगा रहा।
Romans 14
1 जेकर बिसवास कमजोर बा, ओकर भी स्वागत करा परन्तु वाद विवाद करइके बरे नाहीं।
2 केउ मानत ह कि उ सब कछू खाइ सकत ह, परन्तु कउनउ कमजोर मनई बस साग-पात इ खात ह।
3 जउन हर तरह का खाना खात ह, ओका उ मनइयन क हीन न समझइ चाही जउन कछू चीज नाहीं खातेन अइसेन ही वह जो कछू वस्तुअन नाहीं खात ह, ओका सब कछू खाइवाले क बुरा नाहीं कहइ चाही। काहेकि परमेस्सर उस मनई को स्वीकार कइ लिहे बा।
4 तू कउनो दूसर घरे क दास प दोस लगावइ वाला कउन होत ह्या? ओकर अनुमोदन या ओका अनुचित ठहरावइ स्वामी पे उ निर्भर करत ह। उ अवलम्बित रही। काहेकि ओका पर्भू तउ अवलम्बित होइके टिका रहइ क सक्ति दिहेस।
5 अउर फिन कउनउ कीहीउ एक दिन क सब दिना स अच्छा मानत हीं अउर दुसर ओका सब दिनन क बराबर मानत हीं तउ हर कउनो क पूरी तरह अपनी दृढ़ धारणा पर निस्चित रहइ चाही।
6 जउन कउनो उ विसेख दिन क मानत हीं उ ओका पर्भू क आदर देइ क बरे ही मानत ह। अउर जे सब कछू खात ह उहइ पर्भू क आदर देइ क बरे ही खात ह। काहेकि परमेस्सर क धन्यबाद करत ह। अउर जे कीहीउ चीजन क नाहीं खात, उहउ अइसेन इही बरे नाहीं करत ह काहेकि उहउ पर्भू क ही आदर देइ चाहत ह। उ भी परमेस्सर क ही धन्यवाद देत ह।
7 हम पचन मँ स कउनउ भी न तउ अपने बरे जिअत ह, अउर न अपने बरे मरत ह।
8 हम जिअत ह तउ पर्भू क बरे अउर अगर मरित ह तउ पर्भू क बरे। तउन चाहे हम जिई चाहे मरी, हम हई तउ पर्भू क ही।
9 इही बरे मसीह मरा, अउर इही बरे जी उठा ताकि उ, उ जउन अब मरि चुका अहइ, अउर जउन जीवित अहइ दुइनउँ क पर्भू होइ सकइ।
10 तउन तू अपने बिसवास मँ टिका भवा अपने भाइ पे दोस काहे लगावत ह? या तू अपने बिसवास मँ कमजोर भाई क हीन काहे मानत ह? हम सभन क परमेस्सर क नियाउ क सिंहासन क आगे होइ क बा।
11 पवित्तर सास्तरन मँ लिखा बा:“पर्भू कहे बा, मोरे जीवन क कसम हर कीहीउ क मोरे सामने घुटना टेइक होई। अउर हर जुबान परमेस्सर क पहिचानी।” यसायाह 45:23
12 तउन हममे स हर एक क परमेस्सर क आगे आपन लेखा-जोखा देइ क होई।
13 तउन हम आपस मँ दोख लगाउब बन्द करी अउर इ निस्चय करी कि अपने भाई क रस्ता मँ हम कउनउ अड़चन खड़ी न करबइ अउर न ही ओका पाप क बरे उकसउबइ।
14 पर्भू ईसू मँ आस्थावान होइके कारण मइँ मानत हउँ कि अपने आप मँ कउनउ खाना अपवित्तर नाहीं बा। उ केवल ऊही क बरे अपवित्तर बा, जे ओका अपवित्तर मानत ह। ओकरे बरे ओकर खाब अनुचित बा।
15 अगर तोहर भाई क तोहरे खाना स ठेस पहुँचत ह तउ तू सहीयउ मँ पियार क व्यउहार नाहीं करत अहा। तउ तू अपने खाना स ओका ठेस न पहुँचावा काहेकि मसीह उ तलक क बरे उ आपन प्रान तजेस।
16 तउन जउन तोहरे बरे अच्छा बा ओका दूसरे लोगन द्वारा निन्दनीय ना बनइ द्या।
17 काहेकि परमेस्सर क राज्य बस खाब-पीयब नाहीं बा, पर धार्मिकता, सान्ति अउर पवित्तर आतिमा स मिला आनन्द मँ बा।
18 जउन मसीह क एह तरह सेवा करत ह, ओसे परमेस्सर खुस रहत हीं अउर लोग ओका स्वीकार कहिरीं।
19 एह बरे हम पचे ओन्हन बातन मँ लगा रही जउन सान्ति क बढ़ावत ह अउर जेहसे एक दूसरे क आत्मिक बढ़ोत्तरी मँ सहायता मिलत ह।
20 खाना बरे परमेस्सर क काम क न बिगाड़ा। हर तरह क भोजन पवित्तर अहइ किन्तु कउनो भी व्यक्ति क बरे कछू भी खाना ठीक नाहीं अहइ जउन कउनो अउर भाई क पाप क रास्ते पर लइ जाइ।
21 मांस नाहीं खाब अच्छा बा, दाखरस नाहीं पिअब अच्छा बा अउर कछू अइसेन नाहीं करब अच्छा बा जउन तोहरे भाई को पाप मँ ढकेरत ह।
22 अपने बिसवास क परमेस्सर अउर अपने बीच मँ ही रखा। उ धन्य अहइ जे जउन उही करत ह, जेका उ उचित समझत ह बिना अपने का दोसी समझत भए।
23 परन्तु अगर केउ अइसेन चीजी क खात ह, जेकरे खाइ क बरे उ आस्वस्त नाहीं अहइ तउ उ दोसी ठहरत ह। काहेकि ओकर खाब ओनके बिसवास क अनुसार नाहीं बा अउर उ सब कछू जउन बिसवास पे नाहीं टिका बा, पाप अहइ।
Romans 15
1 हम जउन आत्मिक रूप स सक्तिसाली अही, ओन्हे ओनकर कमजोरी सहइ चाही जउन सक्तिसाली नाहीं अहइँ। हम बस अपने आपके उ खुस ना करी।
2 हम पचन मँ स हर एक, दूसरे क अच्छाइयन बरे इ भावना क साथे कि ओनके समुदाय क आत्मिक बढ़ोत्तरी होइ, ओन्हे खुस करी।
3 इहाँ तक कि मसीह तउ खुद क खुस नाहीं किहे रहा। बल्कि जइसेन कि मसीह क बारे मँ पवित्तर सास्तरन कहत ह, “ओनकर अपमान जे तोहर अपमान किहे अहइँ, मोह पइ आइ पड़ा बा।”
4 सब उ बात जउन पवित्तर सास्तरन मँ पहिले लिखी गइ रहिन, हमका उपदेस देइ क बरे रहिन ताकि जउन धीरज अउ बढ़ावा सास्तरन स मिलत ह, हम ओसे आसा पाइ सकी।
5 अउर समूचा धीरज अउर बढ़ावा क स्रोत परमेस्सर तोहे बरदान देइ कि तू पचे एक दूसरे क साथे ईसू मसीह क इच्छा पे चलत-चलत आपस मँ मिलि-जुलिके क रहा।
6 ताकि तू सब एक साथे मँ एक सुर स हमरे पर्भू ईसू मसीह क परमपिता, परमेस्सर क महिमा प्रदान करा।
7 इही बरे एक दूसरे क अपनावा जइसे तोहे मसीह अपनाएस। इ परमेस्सर क महिमा क बरे करा।
8 मइँ तोहे लोगन क बतावत अही कि इ परगट करइ कि परमेस्सर बिसवासनीय बा ओकरे पूर्वजन क दीन्ह गवा परमेस्सर क बचन क मजबूत करइ क मसीह यहूदियन क सेवक बना।
9 ताकि गैर यहूदियन उ परमेस्सर क ओकरी दया बरे महिमा प्रदान करइँ। पवित्तर सास्तरन कहत ह:“इही बरे मइँ गैर यहूदियन क बीच तोहे पहिचनबइ अउर तोहरे नाउँ क स्तुति गाउबइ।” भजन संहिता 18:49
10 अउर फिन पवित्तर सास्तर इहउ कहत ह,“गैर यहूदियन परमेस्सर क लोगन क साथे खुस रहा।” व्यवस्था विवरण 32:43
11 अउर फिन पवित्तर सास्तर इहउ कहत ह,“गैर यहूदियन, तू पर्भू क स्तुति करा। अउर सभन लोगन परमेस्सर क स्तुति करा।” भजन संहिता 117:1
12 अउर फिन यसायाह भी कहत ह,“यिसै क एक बंजस परगट होई जउन गैर यहूदियन क सासक क रूप मँ उभरी! गैर यहूदी ओहपे आपन आसा लगइहीं।” यसायाह 11:10
13 सभन आसा का दाता परमेस्सर, तोहे पूरा आनन्द अउर सान्ति स भरि देइ। जइसेन कि ओहमे तोहार बिसवास बा। ताकि पवित्तर आतिमा क सक्ति स तू आसा स भरपूर होइ जा।
14 मोरे भाइयो तथा बहिनियो, मोका खुदइ तोह पे भरोसा बा कि तू नेकी स भरा अहा अउर ज्ञान स परिपूर्ण अहा। तू एक दूसरे क उपदेस दइ सकत ह।
15 परन्तु तोहे फिन स याद देवावइ क बरे मइँ कछू विषय क बारे मँ साफ साफ लिखे हउँ। मइँ परमेस्सर क जउन अनुग्रह पाएउँ ह, ओकरे कारण इ किहेउँ ह।
16 काहेकि मइँ गैर यहूदियन क बरे मसीह ईसू क सेवक बनिके परमेस्सर क सुसमाचार क उपदेस क याजक क रूप मँ काम करउँ ताकि गैर यहूदियन परमेस्सर क आगे स्वीकार करइ योग्य भेंट बन सकइँ अउर पवित्तर आतिमा क द्वारा परमेस्सर क बरे पूरी तरह पवित्तर बनइँ।
17 तउन मसीह ईसू मँ एक मनई क रूप मँ परमेस्सर क बरे आपन सेवा क मोका गर्व बा।
18 काहेकि मइँ बस ओन्हीन बातन क कहइ क साहस रखित ह जेका मसीह तउ गैर यहूदियन क परमेस्सर क आज्ञा मानइ क रस्ता देखावइ क काम मोर बचनन, मोर कामन,
19 अचरज अउ अद्भुत कारजन क सक्ति अउर परमेस्सर क आतिमा क सामर्थ स, मोरे जरिये पूरा कीन्ह गवा। तउन यरुसलेम स लइके इल्लुरिकुम क चारउ ओर मसीह क सुसमाचार क उपदेस क काम मइँ पूरा किहेउँ।
20 मोरे मने मँ हमेसा इ अभिलासा रही बा कि मइँ सुसमाचार क उपदेस उहाँ देउँ जहाँ क लोग मसीह क नाम नाहीं जानतेन, ताकि मइँ कउनो दूसरे मनइ क नींव पे निर्माण न करउँ।
21 परन्तु पवित्तर सास्तरन कहत ह:“जेनका ओनके बारे मँ नाहीं बतावा गवा बा, उ पचे देखिहीं। अउर जे सुने तलक नाहीं बा, उ पचे समझिहीं।” यसायाह 52:15
22 मोर इ सबइ कर्त्तव्य मोका तोहरे पास आबइ स बार बार रोकत रहेन।
23 परन्तु काहेकि अब इस प्रदेसन मँ कउनउ स्थान नाहीं बचा बा अउ बहुत बरसन स मइँ तोहसे मिलइ का उत्कंठित हउँ।
24 तउन मइँ जब स्पेन जाब तउ आसा करत हउँ तोहसे मिलबइ। मोका उम्मीद बा कि स्पेन जात तोहसे भेंट होई। तोहरे साथे कछू दिन ठहरइ क आनन्द लेइ क बाद मोका आसा बा कि उहाँ क जात्रा क बरे मोका तोहार मदद मिली।
25 परन्तु अब मइँ परमेस्सर क पवित्तर लोगन क सेवा मँ यरुसलेम जात हउँ।
26 काहेकि मैसीडोनिया अउ अखया क कलीसिया क लोगन यरुसलेम मँ परमेस्सर क पवित्तर लोगन मँ स जउन दरिद्र अहइँ, ओनके बरे कछू देइ क निस्चय किहे अहइ।
27 हाँ, ओनके बरे ओनकइ कर्तव्य इ बनत ह काहेकि अगर गैर यहूदियन यरुसलेम क यहूदियन क आत्मिक कामन मँ हिस्सा बाँटत हीं तउ गैर यहूदियन क भी ओनके बरे भौतिक सुख जुटावइ चाही।
28 तउन आपन इ काम पूरा कइके अउर इकट्ठा कीन्ह गवा इ धने क सुरच्छा क साथे ओनके हाथे सौंपी क मइँ स्पेन जाब, अउर रस्ते मँ तोहसे मिलब।
29 अउर मइँ जानित ह कि जब मइँ तोहरे लगे अउबइ तउ तोहरे बरे मसीह क पूरा आसीर्वादन समेत अउबइ।
30 भाइयो तथा बहिनियो, तोहमाँ स मइँ पर्भू ईसू मसीह कइँती स आतिमा स जउन पिरेम हम पाइत ह, ओकर साच्छी दइ क पराथना करित ह कि तू मोरे कइँती स परमेस्सर क बरे सच्ची पराथना मँ मोर साथे रहब्या।
31 कि मइँ यहूदिया मँ अबिसबासियन स बचा रहउँ। अउ यरुसलेम क बरे मोरी सेवा क परमेस्सर क पवित्तर लोग स्वीकार करइँ।
32 ताकि परमेस्सर क इच्छा क अनुसार मइँ खुसी क साथ तोहरे लगे आइके तोहरे साथे आराम करउँ।
33 पूरी सान्ति क धाम परमेस्सर तोहरे साथे रहइ। आमीन।
Romans 16
1 मइँ किंख्रिया क कलीसिया क बिसेख सेविका हमार बहिन फीबे क तोहसे सिफारिस करत हउँ
2 कि तू ओका पर्भू मँ अइसेन रीतो स ग्रहण करा जइसेन रीति परमेस्सर क लोगन क बरे उचित बा। ओसे तोहसे जउन कछू अपेच्छित होइ सब कछू स तू ओकर मदद करा काहेकि उ मोरे समेत बहुतन क सहायक रही अहइ।
3 प्रिस्का अउर अक्विल्ला क मोर नमस्कार। उ मसीह ईसू मँ मोर सहकर्मी अहइ।
4 उ पचे मोर प्रान बचावइ बरे अपने जीवन क भी दाँव पे लगाइ दिहे रहेन। न केवल मइँ ओनकर धन्यबाद करत हउँ बल्कि गैर यहूदियन क सभन कलीसिया भी ओनकर धन्यबादी अहइँ।
5 उ कलीसिया क भी मोर नमस्कार जउन ओनके घरे मँ इकठठ्ा होत ह।मोर पिआरा दोस्त इपैनितुस क मोर नमस्कार जउन एसिया मँ मसीह क अपनावइ वालन मँ पहिला बा।
6 मरियम क, जे तोहार बहुत महत्वपूर्ण कार्यका अहइ, नमस्कार।
7 मोर कुटुम्बी अन्द्रनीकुस अउर यूनियास क, जउन मोरे साथे कारागार मँ रहेन, अउर जउन प्रमुख धर्मप्रचारकन अउर जउन मोसे भी पहले मसीह मँ रहेन मोर नमस्कार।
8 पर्भू मँ मोरे पिआरा दोस्त अम्पलियातुस क नमस्कार।
9 मसीह मँ मोरे कार्यकर्ता उरबानुस अउर मोरे पिआरा दोस्त इस्तखुस क नमस्कार।
10 मसीह मँ खरे अउ सच्चा अपिल्लेस क नमस्कार। अरिस्तुबुलुस क परिवार क नमस्कार।
11 यहूदी साथी हेरोदियोन क नमस्कार। नरकिस्सुस क परिवार क लोगन क नमस्कार जउन पर्भू मँ अहइँ।
12 त्रुफेना अउर त्रुफोसा क जउन पर्भू मँ मेहनती कार्यकर्ता अहइँ, नमस्कार। मोर पियार परसिस क, जे पर्भू मँ कठिन मेहनत किहे अहइ, मोर नमस्कार।
13 पर्भू क असाधारण सेवक रूफुस क अउ ओनकी महतारी क, जउन मोर भी महतारी रही अहइ, नमस्कार।
14 असुंक्रितुस, फिलगोन।, हिर्मेस, पत्रुबास, हिर्मोस अउर ओनके साथी बन्धुवन जउन ओनके साथ अहइँ क नमस्कार।
15 फिलुलुगुस, यूलिया नेर्युस अउर ओकर बहिन उलुम्पास अउर ओनके सभन साथी सन्तन क नमस्कार।
16 तू लोग पवित्तर चुंबन द्वारा एक दूसरे क स्वागत करा। तोहे सभन मसीही कलीसियन कइँती स नमस्कार।
17 भाइयो तथा बहिनियो! मइँ तू पचन स पराथना करत हउँ कि तू पचे जउन सिच्छा पाया ह, ओकरे विपरीत तू सबन मँ जउन फूट डारत हीं अउर दूसर क बिसवास क बिगाड़त हीं। ओनसे होसियार रहा, अउर ओनसे दूर रहा।
18 काहे कि इ लोग हमरे पर्भू ईसू मसीह क नाहीं बल्कि अपने पेट क सेवा करत हीं। अउ आपन खुसामद भरी चिकनी चुपड़ी बातन स भोला-भाले लोगन क मन को छलत हीं।
19 तोहार आज्ञाकरितइ क चर्चा बाहर हर कीहीऊ तलक पहुँच चुकी बा। इही बरे तोहसे मइँ बहुत खुस हउँ। परन्तु मइँ चाहित हउँ कि तू नेकी के बरे बुद्धिमान बना रहा अउर बदी क बरे अबोध रहा।
20 सान्ति क स्रोत परमेस्सर जल्दी ही सइतान क तोहरे गोड़न तले कुचर देइ। हमार पर्भू ईसू मसीह क तोह पे अनुग्रह होइ।
21 हमार साथी कार्यकर्ता तीमुथियुस अउ मोर यहूदी साथी लूकियुस, यासोन अउर सोसिपत्रुस कइँती स तू सबन क नमस्कार।
22 इ पत्र क लेखक मोका तिरतियुस क पर्भू मँ तू सबन क नमस्कार।
23 मोर अउ समूची कलीसिया क आतिथ्य कर्ता गयुस क तू पचन क नमस्कार। इरास्तुस जउन नगर क खजांची अहइ अउ हमार बन्धु कबारतुस क तोहका नमस्कार।
24
25 ओकर महिमा होइ जउन तोहरे बिसवास क अनुसार यानि ईसू मसीह क सुसमाचार क जउन सुसमाचार क मइँ घोषित उपदेस देइत ह ओकरे अनुसार-तोहे सुद्दढ़ बनावइ मँ समरथ अहइ। इ सुसमाचार उ गुप्त सत्य को अभिव्यक्त करत ह जेहका परमेस्सर युगन स छिपाय रखे रहा।
26 परन्तु जेका अनन्त परमेस्सर क आदेस स नबियन क लेखन द्वारा अब हमका अउ गैर यहूदियन क परगट कइके बताइ दीन्ह गवा बा जेसे बिसवास स पैदा होइवाली आज्ञाकारिता पैदा होइ।
27 ईसू मसीह क जरिये उ एक मात्र ज्ञानमय परमेस्सर क अनन्त काल तलक महिमा होइ। आमीन!
1 Corinthians 1
1 हमार भाई सोस्थिनेस क साथे पौलुस क अउर जेका परमेस्सर आपन इच्छानुसार मसीह ईसू प्रेरित बनावइ बरे चुनेस।
2 कुरिन्थुस मँ रही परमेस्सर क ओन्ह कलीसिया क नाउँ अहइ यानि ओन सबन का नाउँ, जउन मसीह ईसू मँ रही परमेस्सर क सेवा करइ बरे नेउछावर रहइ, जेका परमेस्सर पवित्तर मनइयन बनवइ बरे ओकरे साथेन चुनेस। जउन सब जगह पर्भू ईसू मसीह क नाउँ लेत रहत हीं।
3 हमरे परमपिता कइँती स अउर हमरे पर्भू ईसू मसीह कइँती स तोहे सबन क अनुग्रह अउर सान्ति मिलइ।
4 तोहे मसीह ईसू मँ जउन अनुग्रह कींहीं गइ बा, ओकरे बरे मइँ तोहरे कइँती स परमेस्सर क हमेसा धन्यबाद करत अहउँ।
5 तोहरे पचन क ईसू मसीह मँ रहइ क कारण हर तरफ स अउर सब बानी अउर सब गियान स परिपूर्ण किहा गवा बा।
6 मसीह क बारे मँ हम जउन साच्छी दिहे अही उ तोहरे बीच मँ प्रमाणित भई बा।
7 अउर एनही क कारण तोहरे लगे ओनके कउनउ इनाम क कमी नाहीं बा। तू हमरे पर्भू ईसू मसीह क परगट होइ बरे इन्तजार करत रहा।
8 उ तोहे अन्त तक हमेसा मजबूत बनाए रही जेहसे जब ओहि दिन तोहमाँ कोई गलती न होइ, जब ईसू फिनि स आवइ। हमार पर्भू ईसू मसीह क दिनवा एकदम निहकलंक, खरा बनाए रखीन।
9 परमेस्सर एकदम बिसवासी अहइ। ओनही क कारण तोहे हमरे पर्भू अउर ओकरे बेटवा ईसू मसीह क सत संगति बरे बुलावा गवा बा।
10 भाइयो तथा बहिनियो, हमरे पर्भू ईसू मसीह क नाउँ मँ मोर तोह सबनस बिनती बा कि तू सभन मँ कउनउ मतभेद न होइ? तू सभे एक साथेन जुटा रहा, अउर तोहार चिन्तन अउर लच्छ एक्कई होइ।
11 भाइयन तथा बहिनियन, मोका खलोए क घराने क लोगन स पता चला ह कि तोहरे पचन क बीच आपस क झगड़ा बा।
12 मइँ इ कहत हउँ कि तोहमें स केऊ कहत ह, “मइँ पौलुस क हउँ” तउ केउ कहत ह, “मइँ अपुल्लोस क हउँ।” कीहीउ क मत अहइ, “उ पतरस क अहइ।” त केउ कहत ह, “उ मसीह क अहइ।”
13 का मसीह बँटि गवा बाटेन? पौलुस तउ तोहरे बरे क्रूस पर नाहीं चढ़ा रह। का वो चढ़ा रहेन? तोहे पौलुस क नाउँ क बपतिस्मा तउ नाहीं दिहा गवा। बतावा का दीहा गवा?
14 परमेस्सर क धन्यबाद बा कि मइँ तोहमा स ऋसिपुस अउर गयुस क छोड़िके कउनो अउर क बपतिस्मा नाहीं दिहा।
15 ताकि कउनउ इ न कहि सकइ कि तू लोगक हमरे नाउँ क बपतिस्मा दिहा गवा बा।
16 (मइँ स्तिफनुस क परिवार कभी बपतिस्मा दिहे रउँ मुला जहाँ तलक बाकी क लोगन क बात बा, तउ मोका याद नाहीं कि मइँ कउनो ही अउर क कभउँ बपतिस्मा दिहे होउँ।)
17 काहेकि मसीह हमका बपतिस्मा देइ क बरे नाहीं, बल्कि बानी क कउनउ तर्क-वितर्क तथा अलंकार क बिना सुसमाचार क प्रचार करइ क बरे पठए रहा ताकि मसीह क क्रूस अइसेन ही व्यर्थ न चला जाइ।
18 उ जउन भटकत हयेन, ओनके बरे क्रूस क संदेस एक निरी मूरखतइ अहइ। मुला जउन उद्धार पावत हयेन ओनके बरे उ परमेस्सर क सक्ति बा।
19 पवित्तर सास्तरन मँ लिखा बा“गियानियन क गियान क मइँ नस्ट कइ देबइ, अउर मइँ सब चतुरन क चतुरइ कुंठित करबइ।” यसायाह 29:14
20 कहाँ अहइ गियानी मनइँ? कहाँ बा विद्वान? अउर एह युगे क सास्त्रार्थी कहाँ अहइ? का परमेस्सर संसारी क बुद्धिमानी क मूर्खता नाहीं सिद्ध किहेस?
21 इही बरे काहेकि परमेस्सर गियान क जरिये इ संसार अपने बुद्धि बले स परमेस्सर क नाहीं पहिचान सका तउ हम सँदेस क कही भइ मूर्खता क प्रचार करत अही।
22 यहूदियन लोग त अदभुत चीन्हन क मांग करत हीं अउर गैर यहूदियन विवेक क खोज मँ अहइँ।
23 मुला हम तउ बस क्रूस पर चढ़ावा गवा मसीह क ही उपदेस देइत अही। एक अइसेन उपदेस जउन यहूदियन क बरे विरोध क कारण अहइ अउर गैर यहूदियन क बरे निरी मूर्खता।
24 मुला ओनके बरे जेनका परमेस्सर द्वारा बोलॉइ लिहा गवा बा, फिन चाहे ओ यहूदी होइँ या गैर यहूदी, इ उपदेस मसीह अहइ जउन परमेस्सर क सक्ती अहइ, अउर परमेस्सर क विवेक अहइ।
25 काहेकि परमेस्सर क कही गइ “मूर्खता” मनइयन क गियान स कहूँ जियादा विवेकपूर्ण बा। अउर परमेस्सर क कही गइ “कमजोरी” मनइयन क सक्ती स कहूँ जियादा सच्छम बा।
26 भाइयो तथा बहिनियो, अब तनिक सोचा कि जब परमेस्सर तउ तू बोलाये रहा तउ तोहमें स बहुत जनेन संसारिक दिस्टी स न तउ बुद्धिमान रहेन अउर न त सक्तिसाली। तोहमें स कइयउ क सामाजिकइ स्तर भी कउनउ ऊँचा नाहीं रहा।
27 बल्कि परमेस्सर तउ संसार मँ जउन कही गइ मूर्खतापूर्ण रहा, ओका चुनेस ताकि बुद्धिमान लोग लज्जित होइँ। परमेस्सर तउ संमार मँ कमजोरन क चुनेस ताकि जउन मजबूत अहइँ, उ सबइ लज्जित होइँ।
28 परमेस्सर संसार मँ स इन बातन क चुनेस जउन नीचे रहिन अउर जउन तुच्छ रहिन अउर जउन कछू नाहीं रहिन। परमेस्सर एनका चुनेस ताकि संसार जेका कछू समझत ह, ओका उ खराब कइ सकइ।
29 ताकि परमेस्सर क सामने कउनउ मनई अभिमान न कइ पावइ।
30 मुला तू मसीह ईसू मँ उही क कारण स्थित ह्वा, उहइ परमेस्सर क बरदान क रूप मँ हमार बुद्धि बनिगइ अहइ। उही क जरिये हम निर्दोस ठहरावा गएन अउर हम परमेस्सर क समर्पित होइ सकी अउर हमका पापन स छुटकारा मिलि जाइ।
31 जइसेन कि पवित्तर सास्तरन मँ लिखा बा, “अगर कीहीउ क कउनउ घमण्ड करब बाटइ तउन उ पर्भू मँ घमण्ड करइ।”
1 Corinthians 2
1 भाइयो तथा बहिनियो जब मइँ तोहरे लगे आए रहेउँ तउ परमेस्सर क रहस्यपूर्ण सच क, बानी क चतुरता अउर मानुस बुद्धि क साथे उपदेस देत हुए नाहीं आइ रहेउँ
2 काहेकि मइँ इ निस्चय कइ लिहे रहेउँ कि तोहारे बीच रहत, मइँ ईसू मसीह अउर क्रूस पर भइ ओकर मउत क छोड़िके कउनउ अउर बात क जनबइ तलक नाहीं।
3 तउन मइँ दीनता क साथे भय स काँपत भवा तोहरे लगे आएउँ ह।
4 अउर मोर भासण अउर मोर घोसना मानुस बुद्धि क लुभावइवाले सब्दन स मिला नाहीं रहा, बल्कि ओहमें रहा आतिमा क सक्ति क प्रमान
5 ताकि तोहरे बिसवास मानुस बुद्धि क बजाय परमेस्सर क सक्ति पइ टिक सकइ।
6 जे समझदार अहइँ, ओनके हम बुद्धि देत अही, काहेकि इ बुद्धि इ जुग क बुद्धि नागीं बा, न ही ऍह जुगे क ओन्हन सासकन क बुद्धि अहइ जेका बिनास क कगार पर लइ आवा जात बा।
7 एकरे स्थान पर हम तउ परमेस्सर क ओह रहस्यपूर्ण विवेक क देत हीं जउन छुपा हुआ रहा अउर अनादि काल स परमेस्सर हमार महिमा बरे निस्चित किहे रहा।
8 अउर जेका ऍह जुगे क कउनउ सासक नाहीं समझेन काहेकि अगर उ सबइ ओका समझ पाए होतेन तउ उ पचे ओह महिमावान पर्भू क क्रूस पर न चढ़उतेन।
9 मुला पवित्तर सास्तरन मँ लिखा बा:“जेहे नाहीं अंखिया देखेन अउर नाहीं काने स सुनेन तक, जहाँ मानुस क बुद्धि तक कभऊँ नाहीं पहुँचत ऎसी बानी ओनके बरे बनावाइस पर्भू जे ओनकर पिरेमी जन होइ जातेन।” यसायाह 64:4
10 मुला परमेस्सर इन बातन क आतिमा क जरिये हमरे बरे परगट किहे अहइ। काहेकि आतिमा हर कीहीउ बात क ढूंढ़ निकालत इहाँ तक कि परमेस्सर क छिपी गहरायन तक क।
11 अइसेन के अहइ जउन दूसरे मनइयन क मन क बात जानि लेइ सिवाय ओह मनई के ओह आतिमा क जउन ओनके अपने भित्तरइ अहइ। एह तरह परमेस्सर क बिचारन केऊँ परमेस्सर क आतिमा क छोड़िके अउर कउन जान सकत ह।
12 मुला हम संसारिक आतिमा नाहीं बल्कि ऊ आतिमा पाए अही जउऩ परमेस्सर स मिलत ह ताकि हम उन बातन क जान सकी जेनका परमेस्सर हमका मुक्त रूप स दिहे बाटइ।
13 ओनही बातन क हम मनइयन बुद्धि क जरिये बिचारा गवा सब्दन मँ नाहीं बोलित बल्कि आतिमा द्वारा बिचारा गवा सब्दन स आतिमा क चीजन क बियाखिया करत बोलत अही।
14 एक प्राकृतिक मनई परमेस्सर क आतिमा द्वारा प्रकासित सच क ग्रहण नाहीं करत काहेकि ओकरे बरे उ बात खरी मूरखता होत ह, उ ओन्हे समझि नाहीं पावत काहेकि उ आतिमा क आधार पर ही परखी जाइ सकतहीं।
15 आत्मिक मनई सब बातन क निआव कइ सकत ह, ‘मुला ओकर निआव केऊ नाहीं कइ सकत। काहेकि पवित्तर सास्तरन कहत हीं:
16 “पर्भू क मन का कउन जान सकत हय? ओका कउन सलाह दइ सकत ह?” यसायाह 40:13मुला हमरे लगे ईसू क मन बा।
1 Corinthians 3
1 मुला भाइयो तथा बहिनियो, मइँ तू लोगन स वइसेन ही बात नाहीं कइ सकेउँ जइसे आत्मिक लोगन स करत हउँ। मोका एकरे विपरीत तोहे लोगन स वइसेन बात करइ पड़ी जइसे संसारिक लोगन स कइ जात ह। यानि ओनसे जउन अबहीं मसीह मँ बच्चा अहइँ।
2 मइँ तोहे पियइ क दूध दिहेउँ, ठोस आहार नाहीं काहेकि तू अबहीं ओका खाइ नाहीं सकत रहे्या अउर न तउ तू एका आजउ खाइ सकत अहा
3 काहेकि तू अबहिं तलक संसारी अहा। का तू संसारी नाहीं अहा? जबकि तोहमें आपसी इरसा अउर कलह मउजूद बा। अउर तू संसारिक मनइयन जइसा व्यवहार करत अहा।
4 जब तोहमें स केऊ कहत ह, “मइँ पौलुस स हउँ” अउर दुसर कहत ह, “मइँ अपुल्लोस क हउँ” तउ का तू संसारिक मनइयन क स आचरण नाहीं करत्या?
5 अच्छा त बतावा अपुल्लोस का अहइ अउर पौलुस का अहइ? हम तउ केवल उ सेवक अही जेकरे द्वारा तू बिसवास किहे अहा। हमरे मँ स हर एक बस उ काम किहेस जउन पर्भू हमका सौंपे रहा।
6 मइँ बीज बोएउँ, अपुल्लौस तउ ओका सींचेस, मुला ओकर बढ़वार तउ परमेस्सर किहस।
7 इहइ प्रकार न तउ उ जे बोएस, बड़ा बा, अउर नाहीं उ जउन ओका सींचेस, मुला बड़ा तउ परमेस्सर अहइ जउन एनका बड़ा किहेस।
8 उ जे बोवत ह अउर उ जउन सींचत ह, दुन्नऊँ क प्रयोजन समान बा। तउन हर एक अपने कामन क परिश्रम क अनुसारइ फल पइहीं।
9 परमेस्सर क सेवा मँ हम सब सहकर्मी अही। तू परमेस्सर क खेत अहा। अउर तू परमेस्सर क मंदिर अहा।
10 परमेस्सर क ओह अनुग्रह क अनुसार जउन मोका दिहा गवा रहा, मइँ एक कुसल प्रमुख सिल्पी क रूप मँ नीव डालेउँ मुला ओह पइ निर्माण तउ केऊ अउरइ करत ह, मुल हर एक क सावधानी क साथे धियान रखइ चाही कि उ ओह पर निर्माण कइसे करत बा।
11 काहेकि जउन नींव डाली गइ बा उ खुद ईसू मसीह ही अहइ अउर ओसे अलग दूसर नींव केऊ बनाइ नाहीं सकत।
12 अगर लोग ओह नींव पर निंर्माण करत ही, फिन चाहे उ पचे ओहमे सोंना लगावइँ, चांदी लगावइँ बहुमूल्य रतन लगावइँ, लकड़ी लगावइ, फूस लगावइँ या तिनका क प्रयोग करइँ,
13 हर मनई क काम स्पस्ट रूप स देखॉइ देइ। काहेकि उ दिन ओका उजागर कइ देइ। काहेकि उ दिन जुवाला क साथे परगट होइ अउर उहइ जुवाला हर मनई क कामन क परखी कि उ सबइ काम कइसेन बाटेन।
14 अगर ओह नींव पर कउनउ मनई क करमन क रचना टिकाऊ होइ
15 तउ उ ओकर प्रतिफल पाइ अउर अगर कीहीउँ क काम ओह जुवाला मँ भसम होइ जाइ तउ ओका हानि उठावइ क होइ। मुला फिन भी उ खुद वइसेनही बचि निकरी जइसे कउनउ आगी स बरत भए भकान स पराइके बचत ह।
16 का तू नाहीं जानत अहा कि तू पचे खुद परमेस्सर क मंदिर अहा अउर परमेस्सर क आतिमा तोहमें निवास करत ह?
17 अगर केऊ परमेस्सर क मंदिर क हानि पहुँचावत ह तउ परमेस्सर ओका नस्ट कइ देउ। काहेकि परमेस्सर क मंदिर तउ पवित्तर बा। हाँ, तू ही तउ उ मंदिर अहा।
18 अपने आपके जिन छला, अगर तोहमें स केउ इ सोचत ह कि इह जुगे क मानदंड क अनुसार उहइ बुद्धिमान बा तउ ओका बस वइसेन ही मूर्ख बना रहइ चाही ताकि उ सही मँ बुद्धिमान बनि जाइ,
19 काहेकि परमेस्सर क दिस्टी मँ संसारिक चतुराई मूरखता अहइ। पवित्तर सास्तर कहत ह, “उहइ (परमेस्सर!) फँसाइ देत ह बुद्धिमानन क ओनकेन ही चतुराई मँ।”
20 अउर फिन, “जानत ह पर्भू बुद्धिमानन क बिचार सब केउ काम क न अहइँ।
21 इही बरे मनइयन पर कींहीउ क गरब न करइ चाही काहेकि इ सब कछू तोहार तउ अहइँ।
22 फिन चाहे उ पौलुस होइ, अपुल्लोस होइ या पतरस चाहे संसार होइ, जीवन होइ, या मउत होइ, चाहे इ आज क बात होइ या आवइवाले भियान क। सब कछू तोहरइ ही अहइ।
23 अउर तू मसीह क अहा अउर मसीह परमेस्सर क।
1 Corinthians 4
1 हमरे बारे मँ कीहीउ मनई कएँ तरह सोचइ चाही कि हम लोग मसीह क सेवक अही। परमेस्सर तउ हमका अउर रहस्यमय सत्य सौपे अहइ।
2 अउर फिन जेका इ रहस्य सौपे अहइ, ओन पर इ दायित्व भी बा कि उ पचे बिसवास क जोग्ग होइँ।
3 मोका ऍकर तनिकउ चिंता नाहीं बा कि तू लोग मोर निआव करा या मनइयन क कउनउ अउर अदालत। ना मइँ खुद आपन निआव करत हउँ।
4 काहेकि मोर मन साफ बा। मुला इहइ कारण मइँ छूट नाहीं जाइत। पर्भू उ अहइ जउन निआव करत ह।
5 इही बरे ठीक समइ आवइ स पहिले मतलब जब तलक पर्भू न आइ जाइ, तब तलक कीहीउ बात क निआव जिन करा। उहइ अंधियारे मँ छिपी बातन क उजागर करी अउर उ मने क प्रेरणा क परगट करी। ओह समइ परमेस्सर कइँती स हर कीहीउ क उपयुक्त प्रसंसा होइ।
6 भाइयो तथा बहिनियो, मइँ इन बातन क अपुल्लोस पर अउर खुद अपने पर तू लोगन क बरे ही चरितार्थ किहे अहउँ ताकि तू पचे हमार उदाहरण देखत भए इन बातन क परे जिनजा जउन सास्तरन मँ लीख बा। ताकि एक मनई क पच्छ लेत अउर दुसरे क विरोध करत भए अहंकार मँ न भरि जा।
7 कउन कहत ह कि तू कीहीउ दूसरे स जियादा अच्छा अहा। तोहरे लगे आपन अइसेन का बा? जउन तोहे दिहा नाहीं गवा बा? अउर जब तोहे सब कछू कीहीउ क जरिये दीन्ह गवा बा तउ फिन ऍह रूप मँ अभिमान कउने बात क कि जइसेन तू कउने स कछू पाए ही न अहा।
8 तू लोग सोचत अहा कि जेह कउनउ चीज क तोहे जरूरत रही, अब उ सब कछू तोहरे लगे बा। तू सोचत ह अब तू सम्पन्न होइ गवा। तू हमरे बिना ही राजा बनि बइठ्या। केतना अच्छा होत कि तू सही मँ राजा होत्या ताकि तोहरे साथे हमहूँ राज्य करित।
9 काहेकि मोर बिचार बा कि परमेस्सर हम प्रेरितन क करम-छेत्र मँ उन लोगन क समान सबसे अन्त मँ स्थान दिहे अहइ जेनका मउत क सजा दीन्ह जाइ चुकी बा। काहेकि हम पूरा संसार, सरगदूतन अउर लोगन क सामने तमासा बना अही।
10 हम मसीह क बरे मूरख बना अही मुला तू लोग मसीह मँ बहुत बुद्धिमान अहा। हम कमजोर अही मुला तू तउ बहोत सबल अहा। तू सम्मानित अहा अउर हम अपमानित।
11 ऍह घड़ी तक हम भूखा पियासा अही। फटा-पुरान चिथड़ा पहिने अही। हमका मारा गवा। हम बेघरे क अही।
12 आपन हाथन स काम कइके हम मेहनत-मजदूरी करित ह।
13 गाली खाइके भी हम आसीर्बाद देइत ह। सतावा जाइ प हम ओका सहित ह। जब हमार बदनामी होइ जात ह, हम तब भी मीठा बोलित ह। हम अबहूँ जइसेन एह दुनिया क मल-फेन अउर कूड़ा कचरा बना भआ अही।
14 तोहे सबन क लज्जित करइ क बरे मइँ इ नाहीं लिखत हउँ। बल्कि आपन पिआरे बच्चन क रूप मँ तोहे सबन क चेतावनी देत हउँ।
15 काहेकि चाहे तोहरे लगे मसीह मँ तोहरे दसउ हजार सिच्छक मौजूद अहइँ, मुला तोहार पिता तउ अनेक नाहीं अहइ। काहेकि सुसमाचार द्वारा मसीह ईसू मँ मइँ तोहार पिता बना हउँ
16 इही बरे तोहसे मोर आग्रह बा, मोर अनुकरण करा।
17 मइँ इही बरे तीमुथियुस क तोहरे लगे भेजे रहेउँ। उ पर्भू मँ स्थित मोर पिआरा अउर बिसबास करइ जोग्ग बेटवा अहइ। मसीह ईसू मँ मोर आचरण क उ तोहे सबन क याद देवाइ। जेका मइँ हर कहूँ, हर कलीसियन मँ उपदेस दिहे हउँ।
18 कछू लोगन अंधकारे मँ ऍह तहर फूल उठा अहइँ इ सोच कर कि मइँ न आाउब।
19 अगर परमेस्सर चाहेस तउ जल्दी ही मइँ तोहरे लगे अउबइ अउर फिन अंहकार मँ फूला ओन लोगन क मात्रा वाचालता क नाहीं बल्कि ओनकर सक्ति क देख लेबइ।
20 काहेकि परमेस्सर क राज्य वाचालता पर नाहीं, सक्ती पर टिका बा।
21 तू पचे का चाहत अहा:हाथ मँ पिरेम अउर छड़ी थामे आउब मइँ तोहरे लगे, कोमल आतिमा साथे मँ लइ आउब?
1 Corinthians 5
1 सहीयउ मँ अइसेन बतावा गवा बा कि तू लोगन मँ दुराचार फइला भआ बा। अइसेन दुराचार-व्यभिचार तउ अधर्मियन तक मँ नाहीं मिलत। जइसेन केऊॅ तउ आपन बिमाता तक क साथ सहवास करत ह।
2 अउर फिन तू लोग अभिमान मँ फूला भआ अहा। मुला का तोहे एकरे बरे दुखी न होइ चाही? जे केऊ दुराचार करत ह ओका तउ तू पचे अपने बीच स निकाल बाहेर करइ चाही।
3 मइँ जद्यपि सारीरिक रूप स तोहरे बीच नाहीं अही मुला आत्मिक रूप स तउ हुवँइ हाजिर अही। अउर माना ऊहा हाजिर रहत भआ जे अइसेन खराब काम किहे अहइँ, ओकरे विरुद्ध मइँ आपन इ निर्णय दइ चुका अही
4 कि जब तू हमरे साथे हमार पर्भू ईसू क नाउँ मँ हमार आतिमा अउर हमार पर्भू ईसू क सक्ति क साथे इकट्ठा होब्या।
5 तउ अइसेन मनई क ओकर भौतिल मानुस सुभाउ क खराब कइ डालइ बरे सइतान क सौंप दीन्हा जाइँ ताकि पर्भू क दिना ओनके आतिमा क बचावा जाइ सकइ।
6 तोहार इ बड़बोलापन अच्छा नाहीं बा। तू एह कहावत क त जानतही अहा, “तनिक खमीर आटा क पूरा लउँदा क खमीरमय कइ देत ह।”
7 पुराने खमीर स छुटकारा पावा ताकि तू आटा क नया लौदा बनि सका। तू तउ बिना खमीरवाली फसह क रोटी क समान ह्वा। हमका पवित्तर करइके बरे मसीह को फसह क मेमने क रूप मँ बलि चढ़ाइ दीन्ह गवा।
8 इही बरे आवा हम आपन फसह क त्यौहार बुराइ अउर दुस्टतइ स युक्त पुरा खमीर क रोटी स नाहीं बल्कि निस्ठा अउर सत्य स युक्त बिन खमीर क रोटी स मनाई।
9 अपने पिछले चिठ्ठी मँ मइँ लिखे रहेउँ कि तोहे ओन लोगन स आपन नाता नाहीं रखइ चाही जउन व्यभिचारी अहइँ।
10 मोर इ प्रयोजन बिल्कूल नाहीं रहा कि तू ऍह दुनिया क व्यभिचारियन, लोभी लोगन, ठगन या मूर्ति पूजकन स कउनउ सम्बन्ध ही जिन रखा। अइसेन होइ पइ तउ तोहे सबन क इ संसार स ही निकरि जाइ क होइ।
11 मुला मइँ तोहे सबन क जउन लिखेउ ह उ इ अहइ कि कउनउ अइसेन मनई स नाता न रखा जउन अपने आपक मसीही बन्धु कहवाइ क भी व्यभिचारी, लोभी; मूर्ति पूजकन, चुगलखोर, पियक्कड़ या एक ठग अहइँ। अइसेन मनई क साथे त भोजन भी ग्रहण जिन करा।
12 जउन लोग बाहेर क बाटेन, कलीसिया क नाहीं, ओनकर निआव करइके-भला मोर का काम। का तोहे ओन्हीन क निआव न करइ चाही जउन कलीसिया क भित्तर क अहइँ?
13 कलीसिया क बाहेरवालन क निआव तउ परमेस्सर ही करी। पवित्तर सास्तर कहत ह, “अपने बीच से, तू पापी क निकार बाहर करा।”
1 Corinthians 6
1 का तोहरे मँ स केउ अइसेन बा जउन अपने साथी क साथे केउ झगड़ा होइ पे परमेस्सर क पवित्तर मनइयन क लगे न जाइके अधर्मी लोगन क अदालत मँ जाइके साहस करत होइ?
2 या का तू पचे इ नाहीं जानत अहा कि परमेस्सर क पवित्तर मनई ही सारे संसार क निआव करिहीं? अउर जब तोहरे जरिये समूचइ संसार क निआव किन्ह जाइ क बाटइ तउ का इन छोट-छोट बातन क निआव करइ जोग्ग तू नाहीं अहा?
3 का तू नाहीं जानत अहा कि हम सरगदूतन क भी निआव करबइ? फिन इ जीवन क इन रोजमरर्ा क छोट-मोट बातन क त कहबइ ही का।
4 अगर हर दिन तोहरे बीच कउनउ न कउनउ विवाद रहतइ ही रहत ह तउ का न्यायाधीस क रूप मँ तू पचे अइसेन मनइयन क नियुक्ति करब्या जेनकर कलीसीया मँ कउनउ स्थान नाहीं बा।
5 इ मइँ तोहसे ऍह बरे कहत हउँ कि तोहे सबन क कछू लाज आवइ। का स्थिति ऍतही बिगड़ि चुकि बा कि तोहरे बीच केऊॅ अइसेन बुद्धिमान मनइ अहइ नाहीं जउन अपने मसीही भाइयन क आपसी झगड़ा सुलझाइ सकइ?
6 का एक भाई कबहूँ अपने दुसरे भाई स मुकद्दमा लड़त रहा! अउर तू तउ अबिसवासियन क सामने अइसा करत रहे रह्या।
7 असलियत मँ तोहार पराजय तउ इही मँ होइ चुकी कि तोहरे बीच आपस मँ एक दूसरे क खिलाफ कानूनी मुकदमा अहइँ। एकरे स्थान पर तू आपस मँ अनिआव ही काहे नाहीं सही लेत्या? अपने आप क काहे नाहीं लुटि जाइ देत्या।
8 अरे अनिआव तू तउ खुदइ करत अहा अउर अपने ही मसीही भाइयन क लूटत अहा।
9 अउर का तू नाहीं जानत अहा कि खराब लोग परमेस्सर क राज्य क उत्तराधिकार न पइहीं? अपने आप को धोखा न द्या। व्यभिचार करइवाला, मूर्तिपूजक, व्यभिचार, गुदा-भंजन करइवाला, लौंडेबाज,
10 लुटेरे, लालची, पियक्कड़ चुगलखोर अउर ठग परमेस्सर क राज्य क उत्तरधिकारीन होइहीं।
11 तोहमें स कछू अइसेन ही रहेन। मुला अब तोहे सबन क धोइ-मांजिके पवित्तर कइ दिहे हउँ। तोहे परमेस्सर क सेवाँ मँ अरपित कइ दीन्हा वा बा। पर्भू ईसू मसीह क नाउँ अउर हमरे परमेस्सर क आतिमा क द्वारा ओन्हे धर्मी करार दीन्हा जाइ चुका बा।
12 “मइँ कछू भी करइ क स्वतन्त्र हउँ” मुला हर कउनउ बात हितकर नाहीं होत। हाँ, “मइँ सब कछू करइ क स्वतन्त्र हउँ” मुला मइँ अपने पर कीहीउ क हावी न होइ देब।
13 कहा जात ह, “भोजन पेट क बरे बा, अउर पेट भोजन क बरे।”‘ मुला परमेस्सर इन दुन्नउ क ही समाप्त कइ देई। अउर हमरे सारीरीक तउ भी व्यभिचार क बरे नाहीं बा बल्कि पर्भू क सेवा क बरे बा। अउर पर्भू हमार देह क कल्लियान क बरे बा।
14 परमेस्सर न केवल पर्भू क ही पुनर्जीवित नाहीं किहेस बल्कि आपन सक्ति स उ मउत स हम सबे कभी जियाइ उठाई।
15 का तू नाहीं जानत अहा कि तोहरे सरीर खुद ईसू मसीह का हिस्सा अहइ? तउ का मोका ओन्हे, जउन मसीह क अंग हयेन, कउनउ वेस्या क अंग बनाइ देइ चाही?
16 निस्चय ही नाहीं। अउर का तू इ नाही जानत अहा, कि जउन अपने आपके वेस्या स जोड़त ह, उ ओकरे साथे एक देह होइ जात ह। पवित्तर सास्तरन मँ कहा गवा बा: “काहेकि उ दुन्नऊ एक होइ जइ हीं,”
17 मुला उ जउन आपन लौ पर्भू स लगावत ह, उ आतिमा मँ एकाकर होइ जात ह।
18 व्यभिचार स दूर रहा। दुसरे सभन पाप जेका एक मनई करत ह, ओकरे सरीर स बाहेर होत हीं मुला अइसेन मनई जउन व्यभिचार करत ह उ तउ अपने सरीर क विरुद्ध पाप करत ह।
19 अउर का तू नाहीं जानत अहा कि तोहार सरीर ओह पवित्तर आतिमा क मंदिर अहइ जेका तू परमेस्सर स पाए अहा अउर जेका तू आपन बनाइ क न रख सक्या। अउर उ आतिमा तोहार आपन नाहीं बा।
20 काहेकि परमेस्सर तोहे सबन क कीमत चुकाइ क खरीदे अहइ इही बरे अपने सरीर क द्वारा परमेस्सर क इज्जत कर।
1 Corinthians 7
1 अब इन बातन क बारे मँ जउन तू लिखे रह्या: अच्छा इ बा कि कउनउ मनई कीहीउ स्त्री स बियाह न करइ।
2 मुला यौन अनैतिकता क घटना क सम्भावनावन क कारण हर पुरूस क आपन पत्नी होइ चाही अउर हर स्त्री क आपन पति।
3 पति क चाही कि पत्नी क रूप मँ जउन कछू पत्नी क अधिकार बनत ह, ओका देइ। अउर इही तरह पत्नी क भी चाही कि पति क ओकर यथोचित प्रदान करइ।
4 अपने सरीर पर पत्नी क कउनउ अधिकार नाहीं बा, बल्कि ओकरे पति क बा। अउर इही तरह पति क ओकरे अपने सरीर पर कउनउ अधिकार नाहीं बा, बल्कि ओकरे पत्नी क अहइ।
5 अपने आप क पराथना मँ समर्पित करइ क बरे थोड़े समइ तक एक दूसरे स समागम न करइ क आपसी सहमति क छोड़िके, एक दूसरे क संभोग स वंचित जिन करा। फिन आतिमा संयम क अभाउ क कारण कहूँ सइतान तोहे कउनउ परीच्छा मँ न डालि देइ, इही बरे तू फिन समागम कइ ल्या।
6 मइँ इ एक छूट क रूप मँ कहत रहत हउँ, आदेस क रूपें मँ नाहीं।
7 मइँ तउ चाहित हउँ सभन लोग मोरे जइसेन होतेन। मुला हर मनई क परमेस्सर स एक विंशेष बरदान मिला बा। कीहीउ क जिअइ क एक ढंग बात त दुसरे क दूसर।
8 अब मोका अविवाहितन अउर विधवा क बारे मँ इ कहब बा: अगर उ हमरे समान अकेल ही रहइँ तउ ओकरे बरे इ अच्छा रही।
9 मुला अगर उ पचे अपने आप पर काबू न रख सकइँ तउ ओन्हे बियाह कइ लेइ चाही, काहेकि वासना क आग मँ जलत रहइ स विआह कइ लेब अच्छा बा।
10 अब जउन विवाहित अहउँ ओनका हमार ई आदेस बा, यद्यपि इ हमार नाहीं बा बल्कि पर्भू क आदेस बा कि कउनउ पत्नी आपन पति क न तियागइ चाही।
11 मुला अगर उ ओका छोड़िही देइ तउ ओका फिन अनब्याहा ही रहइ चाही या अपने पति स मेल-मिलाप कइ लेइ चाही। अउर अइसेन ही पती क अपनी पत्नी क छोड़इ न चाही।
12 अब सेस लोगन स मोर इ कहब बा: (ई मइँ कहत हउँ न कि पर्भू) अगर कि कउनो मसीही भाई क कउनउ अइसी पत्नी बा जउन ऍह मते मँ बिसवास नाहीं रखत अउर ओकरे साथे रहइ क सहमत बा त ओका तियाग देइ चाही।
13 अइसेन ही अगर कउनो स्त्री क कउनउ अइसेन पति बा जउन पथ क बिसवासी नाहीं अहइ मुला ओकरे साथे रहइ क सहमत बा त ओह स्त्री क भी आपन पति तियागइ न चाही।
14 काहेकि उ अबिसवासी पति बिसवासी पत्नी क लगे क सम्बन्ध क कारण पवित्तर होइ जात ह अउर इही तरह उ अबिसवासी पत्नी अपने बिसवासी पति क हमेसा साथ रहे स पवित्तर होइ जात ह। नाहीं तउ तोहार सन्तान अस्वच्छ होइ जात मुला अब तउ उ पचे पवित्तर बाटेन।
15 फिन भी अगर केउ अविसवासी अलग होइ चाहत ह तउ उ अलग होइ सकत ह। अइसन स्थितियन मँ कउनो मसीह भाई या बहिन पर कउनउ बंधन लागू न होई। परमेस्सर हमका सान्ति क साथे रहइ क बोलाए अहइ।
16 हे पत्नियो, का तू पचे जानत अहा।? होइ सकत ह तू अपने अबिसवासी पति क बचाइ ल्या। हे पति, का तू जानत ह? होइ सकत ह तू अपने अबिसवासी पत्ती क बचाइ ल्या।
17 पर्भू जेका जइसेन दिहे अहइ अउर जेका जेह रूप मँ चुनें अहइ, ओका वइसेन ही जियइ चाही। सभन कलीसियन मँ मइँ इही क आदेस देत हउँ।
18 जब किहू क परमेस्सर क द्वार बोलावा गवा, तब अगर उ खतना युक्त रहा तब ओका आपन खतना छिपावइ न चाही। अउर किहू क अइसेन दसा मँ बोलावा गवा जब उ बिना खतना क रहा तउ ओकर खतना करावइ न चाही।
19 खतना तउ कछू नाहीं बाटइ अउर न ही खतना न होब कछू बा। बल्कि परमेस्सर क आदेसन क पालन करब ही सब कछू अहइ।
20 हरि किहू क उही स्थिति मँ रहइ चाही, जेहमें ओक बोलावा गवा बा।
21 का तोहे सबन क दास क रूप मँ बोलावा गवा बा? तू एकर चिन्ता जिन करा। मुला अगर तू स्वतंत्र होई सकत ह तउ आगे बढ़ अउर अवसर क लाभ उठावा।
22 काहेकि जेका पर्भू क दास क रूप मँ बोलावा गवा, उ तउ पर्भू क स्वतंत्र मनई अहइ। इही तरह जेका स्वतंत्र मनई क रूप मँ बोलावा गवा, उ मसीह क दास अहइ।
23 परमेस्सर कीमत चुकाइके तोहे सबन क खरीदे बाटइ। इही बरे मनइयन क दास न बना।
24 भाइयो, तोहे जउने स्थिति मँ बोलावा गवा बा, परमेस्सर की सामने उही स्थिति मँ रहा।
25 अविवाहितन क सम्बन्ध मँ पर्भू कइँती स मोका कउनो आदेस नाहीं मिला बा। इही बरे मइँ पर्भू क दया पाइके बिसवासी होइ क कारण आपन राय देत हउँ।
26 मइँ सोचत हउँ कि एह वर्तमान संकट क कारण इहइ अच्छा बा कि कउनउ मनई मोरे समान ही अकेला रहइ।
27 अगर तू विवाहित अहा तउ ओसे छुटकारा पावइ क यत्न जिन करा। अगर तू पत्नी स मुक्त अहा तउ ओका खोजा न।
28 मुला अगर तोहार जीवन विवाहित बा तउ तू कउनउ पाप नाहीं किहे अहा। अउर अगर कउनउ कन्या बियाह करत ह, तउ कउनउ पाप नाहीं करत ह मुला अइसेन लोग सरीरीक कस्ट उठइहीं जेनसे मइँ तोहे सबन क बचावइ चाहत हउँ।
29 भाइयो तथा बहिनियो, मइँ तउ इहइ कहत हउँ, समइ बहुत कम बा। इही बरे अब आगे, जेनके लगे पत्नियन अहइँ उ पचे अइसन ही रहइँ, माना उनके पास पत्नियन हइयइ नाहीं हइन।
30 अउर उ सबइ जउन विलखत अहइँ उ पचे, अइसेन रहइँ, माना कबहूँ दुखही न भवा होइ। अउर जउन आनन्दित हयेन, उ पचे अइसेन रहइँ, माना खुसइ नाहीं भवा रहेन। अउर उ पचे जउन चीज मोल लेत हीं, अइसेन रहइ माना ओनके लगे कछुउ न होइ।
31 अउर जउन संसारिक सुख-बिलासन क भोग करत हयेन, उ पचे अइसेन रहइँ, माना उ पचे चीज ओनके बरे कउनउ महत्व नाहीं रखत। काहेकि इ संसार अपने वर्तमान सरूप मँ नासवान बा।
32 मइँ चाहत हउँ आप लोग सबइ चिन्ता स मुक्त रहा। एक अविवाहित मनई पर्भू सम्बधी विसयन क चिन्तन मँ लगा रहत ह कि उ पर्भू क कइसे खुस करइ।
33 मुला एक विवाहित मनइ संसारिक विसयन मँ ही लिप्त रहत ह कि उ आपन पत्नी क कइसे खुस कइ सकत ह।
34 एह तरह ओकर व्यक्तित्व बँटि जात ह। अउर अइसेन कउनउ अविवाहित पत्नी या कुंआरी कन्या क जेका बस पर्भू सम्बन्धी विसयन क ही चिन्ता रहत ह। जेहसे उ अपने सरीर अउर आपन आतिमा स पवित्तर होइ सकइ। मुला एक विवाहित स्त्री संसारिक विसय भोगन मँ ऍह तरह लिप्त रहत ह कि उ अपने पति क रिझावत रहि सकइ।
35 इ मइँ तोहसे तोहरे भले क बरे ही कहत हउँ तोह पर बन्धन लगावे क बरे नाहीं। बल्कि अच्छी व्यवस्था क हित मँ अउर इही बरे कि तू चित्त क चंचलता क बिना पर्भू क समर्पित होइ सका।
36 अगर केउ सोचत ह कि उ आपन जवान होइ चुकी कुंआरी बिटिया क बरे उचित नाहीं करत बा अउर अगर ओकर काम भावना तेज बा, अउर दुन्नऊ क ही आगे बढ़िके बियाह कइ लेइ क जरूरत बा, तउ जइसन उ चाहत ह, ओका आगे बढ़िके वइसेन ही कइ लेइ चाही उ पाप नाहीं करत बा। ओका बियाह कइ लेइ चाही।
37 मुला जउन अपने मने मँ बहुत पक्का अहइ अउर जेह पर कउनउ दबावउ नाहीं बा, बल्कि जेकर इच्छन पर पूरा बस बा अउर जे अपने मने मँ पूरा निहचय कइ ललिहे बा कि अपने प्रिया स बियाह न करइ तउ उ अच्छा ही करत बा।
38 तउ उ जउन आपन प्रिया स बियाह नाहीं करत उ अउर भी अच्छा करत ह।
39 जब तलक किहउ स्त्री क पति जिन्दा रहत ह, तबउ तलक उ बियाह क बन्धन मँ बंधी होत ह मुला अगर ओकरे पति क मउत होइ जात ह, तउ जेकरे साथे चाहइ बियाह करइ, उ स्वतन्त्र बा मुला केवल पर्भू मँ।
40 पर अगर जइसेन उ बा वइसेन ही रहत ह, त जियादा खुस रही। इ मोर विचार अहइ। अउर मइँ सोचत अहउँ कि मोहूँ मँ परमेस्सर क आतिमा क ही निवास अहइ।
1 Corinthians 8
1 जब मूर्तियन पर चढ़ाइ गइ बलि क बारे मँ: हम इ जानित ह, “हम सबहिं गियानी अही।” “गियान” लोगन क अहंकार स भरि देत ह। मुला पिरेम स मनई अधिक सक्तिसाली बनत ह।
2 अगर केऊँ सोचइ कि उ कछू जानत ह तउ जेका जानइ चाही ओकरे बारे मँ तउ ऊ अबहुँ कछू जनबइ नाहीं करत।
3 अगर केउ परमेस्सर क पिरेम करत ह त उ परमेस्सर क जरिये जाना जात ह।
4 तउन मूरर्तियन पर चढ़ावा गवा भोजन क बारे मँ हम जानत अही कि एह संसारे मँ मूरति का अस्तित्व नाहीं बा। अउर इ कि “परमेस्सर केवल एक्कइ अहइ।”
5 अउर धरती या आकास मँ जद्यपि अइसेन ही देवता बहुत स अहइँ (बहुत स “देवता” हयेन, बहत स “पर्भू” हयेन।)
6 मुला हमरे बरे तउ एक्कइ परमेस्सर बा, हमार पिता। उही स सब कछू आवत ही अहइ। अउर ऊही क बरे हम जिअत अही। पर्भू केवल एक अही, ईसू मसीह। उही क द्वारा सब चीजन क आस्तित्व बा अउर ऊही क जरिये हमार जीवन बा।
7 मुला इ गियान सब कीहीउ क लगे नाहीं अहइ। कछू लोग जउन अब तलक मूर्ति पूजा क आदी अहइँ, अइसेन चीजन खात हीं अउर सोचत हीं जइसेन माना उ चीज मूर्ति क प्रसाद अहइ। ओनके इ करमे स ओनकर आतिमा कमजोर होइ क कारण दूसित होइ जात ह।
8 मुला उ प्रसाद तउ हमका परमेस्सर क लगे न लइ जाइ। अगर हम ओका नहीं खाइ तउ कछू घटी नाहीं जात अउर अगर खाई तउ कछू बढ़ नाहीं जात।
9 सावधान रहा। कहूँ तोहर इ अधिकार ओकरे बरे, जउन कमजोर बाटेन, पाप मँ गिरइ क कारण न बन जाइ।
10 काहेकि कमजोर बिसवास क कउनउ मनई अगर तोहे जइसेन इ बिसय क जानकार क मूर्तिवाला मंदिर मँ खात भआ देखत ह तउ ओकर दुर्बल मन का ओह हद तलक न भटकि जाई कि उ मूर्ति पर बलि चढ़ाइ गइ चीजन क खाइ लागेन।
11 तोहरे गियान स, कमजोर मने क मनई क तउ नास ही होइ जाइ तोहरे उहीं बन्धु क, जेकरे बरे मसीह तउ जान दइ दिहेस।
12 इही तरह अपने भाइयन अउर बहिनियन क विरुद्ध पाप करत भए अउर ओनके कमजोर मने क चोट पहुॅचावत भए तू लोग मसीह क विरुद्ध पाप करत अहा।
13 ऍह बरे अगर भोजन मोरे भाई क पाप क राह पर बढ़ावत ह तउ मइँ फिन कभउँ माँस न खाबइ ताकि मइँ अपने भाई क बरे, पाप करइ क कारण न बनउँ।
1 Corinthians 9
1 का मइँ स्वतन्त्र नाहीं हउँ? का मइँ भी एक प्रेरित नाही हऊँ? का मइँ हमार पर्भू ईसू मसीह क दर्सन नाहीं किहे अहउँ? का तू लोग पर्भू मँ मोर इ करम क उदाहरण नाहीं अहा।?
2 चाहे दुसरन क बरे मइँ प्रेरित न भी होउँ तबउ मइँ तोहरे बरे त प्रेरित हउँ। काहेकि तू एक अइसेन मोहर क समान अहा जउन पर्भू मँ मोरे प्रेरित होइ क प्रमाणित करत ह।
3 उ लोग जउन मोर जाँच करइ चाहत हीं, ओनके बरे आपन आत्मरच्छा मँ मोर उत्तर इ अहइ:
4 का हमका खाइ पियइ क अधिकार नाहीं बाटइ?
5 का हमका इ अधिकार नाहीं कि कउनो बिसवासिनी पत्नी क हम अपने साथे लइ जाइ? जइसेन क दूसर प्रेरित, पर्भू क बन्धु अउर पतरस किहे रहेन।
6 अउर का बरनाबास अउर मोरे लगे ही इ अधिकार बा कि आपन आजीविका कमाइ क बरे हम कउनउ काम न करीं?
7 सेना मँ अइसेन के होइ जउन एक सिपाही क रूपे मँ अपने क वेतन देइ। अउर के होइ जउन अंगूर क बगिया लगाइके ओकर फल न चखी? या कउन अइसा अहइ जउन भेड़न क खरका क देखभाल न करत होइ पर ओकर दूध न पीअत होइ?
8 का हम मानवीय चिन्तन क रूपे मँ ही अइसेन करत हई? आखिरकार का व्यवस्था क विधान भी अइसेन नाहीं कहत?
9 मूसा क व्यवस्था मँ लिखा बा, “खरिहाने मँ बरधा क मुँह जिन बाँधा।”का परमेस्सर केवल बरधन क बारे मँ बतावत अहइ?
10 (निस्चित रूप स उ एका क हमरे बरे नाहीं बतावत अहइ? हाँ, इ) हमरे बरे ही लिखा गवा रहा। काहेकि खेत जोतइवाला कीहीउ आसा स ही खेत जोतइ अउर खरिहाने मँ भूसा स अनाज अलगावइवाला फसल क कछू भाग पावइ क आसा तउ रखी।
11 फिन अगर हम तोहरे हिते क बरे आत्मिक बिया बोए अही तउ हम तोहसे भौतिक चीजन क फसल काटइ चाहित ह, इ का कउनउ बहुत बड़ी बात बा?
12 अगर दूसर लोग तोहसे भौतिक चीजन पावइ क अधिकार रखत हीं तउ हमार तउ तोह पइ का अउर भी जियादा अधिकार नाहीं बा? मुला हम इ अधिकार क उपयोग नाहीं किहे अही। बल्कि हम तउ सब कछू सहत रहे ताकि हम मसीह क सुसमाचार क रस्ता मँ कउनउ बाधा न डाली देइ।
13 का तू नाहीं जानत बाटया कि जउन लोग मंदिर मँ काम करत हीं उ पचे आपन खाना मंदिर स ही पावत हीं। अउर जउन नियमित रूप स वेदी क सेवा करत हीं वेदी क चढ़ावा मँ ओनकर हिस्सा होत ह?
14 इही तरह पर्भू व्यवस्था दिहे अहइ कि सुसमाचार क प्रचारकन क आजीविका सुसमाचार क प्रचार स ही होइ चाही।
15 मुला ओन्हन अधिकारन मँ स मइँ एक क कभउँ प्रयोग नाहीं किहेउँ। अउर इ बात मइँ ऍह बरे लिखेउँ नाहीं कि अइसेन कछू मोरे बिसय मँ कीन्हा जाई। बजाय एकरे कि कउनउ मोसे ओह बात केउ छीन लेइ जेकर मोका गरब बा। ऐसे तउ मइँ मरि जाब ही ठीक समझब।
16 एह बरे अगर मइँ सुसमाचार क प्रचार करित ह तउ एहमाँ मोका गरब करइके कउनउ हेतु नाहीं बा काहेकि मोर त इ कर्तव्य बा। अउर अगर मइँ सुसमाचार क प्रचार न करउँ तउ मोरे बरे इ केतना खराब होइ।
17 फिन अगर इ मइँ अपने इच्छा स करित ह तउ मइँ एकर पुरस्कार पावइ योग्ग हई, परन्तु अगर आपन इच्छा स नाहीं बल्कि कउनो नियुक्ति क कारण इ काम मोका सौंपा गवा ह।
18 तउ फिन मोर पुरस्कार काहे क? इही बरे जब मइँ सुसमाचार क प्रचार करीत हउँ बिना कउनउ मूल लिहे ही ओका करउँ। ताकि सुसमाचार क प्रचार मँ जउन कछू पावइ क मोर अधिकार बा, मइँ ओकर कुल उपयोग न करउँ।
19 जद्यपि मइँ किहू मनई क बन्धन मँ नाहीं हउँ, फन मइँ खुद क तोहरे सबन क गुलाम बनाइ लिहे हउँ। ताकि मइँ अधिकतर लोगन क जीत सकउँ।
20 यहूदियन क बरे मइँ एक यहूदी जइसेन बनउँ, ताकि मइँ यहूदियन क उद्धार मँ मदद करि सकउँ मइँ खुद व्यवस्था क अधीन नाहीं अहउँ। जउन लोग व्यवस्था क अधीन अहइँ, ओनके बरे मइँ एक अइसेन मनई बरे जउन व्यवस्था क अधीन जइसेन बनेउँ। इ मइँ एह बरे किहे कि मइँ व्यवस्था क अधीनन क उद्धार करवइ मँ मदद कइ सकउँ।
21 मइँ एक अइसेन मनई बने जउन व्यवस्था क नाहीं मानत। जद्यपि मइँ परमेस्सर क व्यवस्था स रहित नाहीं हउँ बल्कि मसीह क व्यवस्था क अधीन हउँ। तउ कि मइँ जउन व्यवस्था क नाहीं मानत हउँ ओन्हे जीत सकउँ।
22 जउन मनइयन कमजोर अहइँ, ओनके बरे मइँ कमजोर बनेउँ ताकि मइँ कमजोरन क उद्धार करावइ मँ मदद कइ सकी। हर किहू क बरे मइँ हर किहू जइसेन बनेउँ त कि हर सम्भव उपाय स ओनकर उद्धार कइ सकउँ।
23 इ सब कछू मइँ सुसमाचार क बरे करत हउँ ताकि एकरे बरदानन मँ मोर भी कछू भाग होइ।
24 का तू लोग इ नाहीं जानत अहा कि खेल क मैदान मँ दौड़त सबहिं धावक बाटेन मुला इनाम कउनो एक क मिलत ह। अइसेन दउड़ा कि जीत तोहार होइ सकइ।
25 कउनो खेल प्रतियोगिता मँ हर एक प्रतियोगी क हर तरह क आतिमा संयम करब होत ह। उ एक नासमान कीर्तिमान स सम्मानित होइ क बरे करत हीं मुला हम तउ एक अविनासी मुकुट क पावइ बरे इ करित ह।
26 एह तरह मइँ ओह मनई क समान दौड़त हउँ जेकरे सामने एक लच्छ बा। मइँ अहइ मुक्केबाज क तरह मुक्का मारत मारत हउँ मुला मइँ हवा मँ मुक्का नाहीं मारत हउँ।
27 बल्कि मइँ तउ आपन सरीर क कठोर अनुसासन मँ तपाइके, ओका अपने बस मँ करत हउँ। ताकि कहूँ अइसेन न होइ जाइ कि दुसरन क उपदेस देइ क बाद परमेस्सर क जरिये मइँ इ बेकार ठहराइ दीन्ह जाउँ।
1 Corinthians 10
1 भाइयो तथा बहिनियो, मइँ चाहित हउँ कि तू जान ल्या हमरे पूर्वजन क का भवा रहा जउन मूसा क व्यवस्था क मानत रहेन। अउर उ सबहिं बादल क छत्र छाया मँ सुरच्छापूर्वक लाल सागर पार कइ ग रहेन।
2 ओन्हन सब क बादल क नीचे अउर समुद्दर मँ मूसा क अनुयायी क रूप मँ बपतिस्मा दीन्ह गवा रहा।
3 ओन सभन क समान आत्मिक भोजन खाए रहेन।
4 अउर उ सबइ समान आत्मिक पेय पिए रहेन काहेकि उ अपने साथे चलत रही उ आत्मिक चट्टान स ही जल ग्रहण करत रहेन। अउर उ चट्टान रही मसीह।
5 मुला ओहमें स अधिकांस लोगन स परमेस्सर खुस नाहीं रहा, इही बरे उ पचे मरुभूमि मँ मरि गएन।
6 इ बातन अइसेन घटिन कि हमरे बरे उदाहरण सिद्ध होइ गइन। ऍहसे हम खराब बातन क कामना न करी जइसेन ओन्हन किहे रहेन।
7 मूर्ति पूजक न बना, जइसेन कि ओहमाँ स कछू रहेन। पवित्तर सास्तरन कहत ह: “मनई खाइ पिअइ क बरे बइठा अउर परस्पर आनन्द मनावइ क बरे उठा।”
8 तउन आवा हम कभउँ व्यभिचार न करी जइसेन ओनमें स कछू किहे रहेन। इही नाते ओहमें स 2,300 मनई एक्कइ दिन मरि गएन।
9 आवा हम मसीह क परिच्छा न लेइ, जइसेन कि ओहमे स कछू जने लिहे रहेनन। परिणाम उ लोग साँप द्वारा मारा गएन।
10 सिकवा सिकायत न करा जइसेन कि ओनमें स कछू करत रहत रहेन अउर इही कारण विनास क सरगदूत क जरिये मार डावा गएन।
11 इ बात ओनके साथे अइसेन घटी कि उदाहरण बन जाइ। अउर ओन्हे लिख दीन्हा गवा कि हमरे बरे जेह पर युगे क अंत उतरा भवा बा, चेतावनी रहइ।
12 एह बरे जउन इ सोचत ह कि उ मजबूती स खड़ा अहइ, ओन्हे सावधान रहइ चाही कि उ गिर न पड़इ।
13 तू पचे कउनो अइसेन परिच्छा मँ नाहीं पड़ा अहा जउन, मनइयन क बरे सामान्य नाहीं बा। परमेस्सर बिसवासनीय अहइ। उ तोहार सक्ति स ज्यादा तोहे परीच्छा मँ न पड़इ देई। परीच्छा क साथे-साथे ओसे बचइ क रस्ताभी तोहे सबन क देइ ताकि तू परीच्छा क उत्तीर्ण कइ सका।
14 हमर पिआरा दोस्तन, अंत मँ मइँ कहत हउँ मूर्ति पूजा स दूर रहा।
15 तोहे समझदार समझिके मइँ अइसेन कहत हउँ। जउन मइँ कहत हउँ, ओका अपने आप परखा।
16 धन्यबाद क उ पियाला जेकरे बरे हम धन्यबाद देत हई, उ का मसीह क लहू (मृत्यु) मँ हमार साझेदारी नाहीं बा? उ रोटी जेका हम तोड़त त हई, का ईसू देह मँ महमार साझेदारी नाहीं बा?
17 रोटी क होब एक अइसा तथ्य अहइ, जेकर अर्थ बा कि हम सब एक्कइ सरीर स अही। काहेकि ओही रोटी मँ ही हम सब का साझेदारी बाटइ।
18 ओन्हन इस्राएलियन (यहूदियन) क बारे मँ सोचा, जउन बलि क चीज खात हीं। का ओनकर ओह वेदी मँ साझेदारी नाहीं अहइ?
19 इ बात क मोरे कहइ क प्रयोजन का बा? का मइँ इ कहई चाहित ह कि मूर्तियन पर चढ़ावा गवा भोजन कछू महत्व क बाटइ? या कि मूर्ति कछू भी नाहीं बाटइ।
20 बल्कि मइँ इ कहत हउँ कि अधर्मी जउन बलि चढ़ावत हीं, उ पचे परमेस्सर क बरे नाहीं बल्कि दुस्ट आतिमन क बरे चढ़ावत हीं। मइँ नाहीं चाहत हउँ कि तू पचे दुस्ट आतिमन क बरे चढ़ावाा। मइँ नाहीं चाहित्त कि तू दुस्ट आतिमन क साझेदार बना।
21 तू पर्भू क कटोरा अउर सइतान क कटोरा मँ स एक साथ नाहीं पी सकत्या। तू सबइ पर्भू क भोज क चौकी अउर दुस्ट आतिमन क खाना क चौकी, दुइनउँ मँ एक साथे हींसा नाहीं बटाइ सकत्या।
22 का हम पर्भू क चिढ़ावइ चाहित ह? का जेतना सक्तिसाली उ अहइ, हम ओसे जियादा सक्तिसाली हई?
23 जइसेन की कहा गवा बा कि, “हम कछू भी करइ क बरे स्वतन्त्र हई।” पर सब कछू हितकारी तउ नाहीं अहइँ। “हम कछू भी करइ क बरे स्वतन्त्र हई।” मुला हर कउनो बात स बिसवास मजबूत तउ नाहीं होत।
24 केउ क भी मात्र सुवारथ क ही चिन्ता न करइ चाही बल्कि अउरन क भलाई क बारे मँ सोचइ चाही:
25 बजार मँ जउन्न कछू बिकाइ, अपने अन्तरमने क अनुसार उ सब कछू खा। ओकरे बारे कउनउ प्रस्न न करा।
26 काहेकि सास्तर कहत ह, “इ धरती अउर एह पर जउन कछू बा, सब पर्भू क अहइ।”
27 अगर अबिसवासियन मँ स कउनउ मनई तोहे खाना पर बोलावइ अउर तू उहाँ जाइ चाहत अहा तउ तोहरे सामने जउनउ परोसा गवा बा, आपने अर्न्तमने क अनुसार सब खा। कउनउ प्रस्न न पूछा।
28 मुला अगर केउ तोहे लोगन क इ बतावइ, “इ देवता पर चढ़ावा गवा चढ़ावा अहइ” तउ जे तोहे इ बतावइ, ओकरे कारण अउर अपने अर्न्तमने क कारण ओका न खा।
29 मइँ जब अर्न्तमन कहत हउँ तउ हमार मतलब तोहरे अर्न्तमने स नाहीं बल्कि ओह दुसरे मनई क अर्न्तमने स बा। एकमात्र इहई कारण अहइ। काहेकि मोर स्वतन्त्रता भला दूसरे मनई क अर्न्तमने क जरिये लीन्ह गए निर्णय स सीमित काहे रहइ?
30 अगर मइँ धन्यबाद दइके, खाना मँ हिस्सा लेइत ह तउ जेह चीज क बरे मइँ परमेस्सर क धन्यबाद देइत ह, ओकरे बरे मोर आलोचना नाहीं कीन्ह जाइ चाही।
31 इही बरे चाहे तउ खा, चाहे पिआ, चाहे कछू अउर करा, सब कछू परमेस्सर क महिमा क बरे करा।
32 यहूदियन क बरे रहा या गैर यहूदियन क बरे जउन परमेस्सर क कलीसिया क अहइँ, ओनके बरे कभउँ बाधा न बना
33 जइसे मइँ खुद सब तरह स हर कउनो क खुस रखइ क जतन करत अहउँ, अउर बिना इ सोचे कि मोर सुवारथ का अहइ, परमार्थ क सोचत हउँ ताकि ओनकर उद्धार होइ।
1 Corinthians 11
1 तऊन तू लोग वइसेन ही मोर अनुसरण करा जइसेन मइँ मसीह का अनुसरण करित हउँ।अधीन रहा
2 मइँ तोहार प्रसंसा करत हउँ। काहेकि तू मोका हर समइ सुमिरत करत रहत ह; अउर जउन सिच्छन मइँ तोहे दिहे हउँ, ओनका सावधानी स पालन करत रह्या।
3 पर मइँ चाहित ह कि तू इ जान ल्या कि स्त्री क सासक पुरूस अहइ, पुरूस क सासक मसीह अहइ, अउर मसीह क सासक परमेस्सर अहइ।
4 हम अइसे मनई जउन सिर ढाँकिके पराथना करत ह या परमेस्सर कइँती बोलत ह, उ आपन प्रधान क अपमान करत ह।
5 पर हर एक अइसी स्त्री जउन बिना सिर ढाँकिके पराथना करत ह या जनता मँ परमेस्सर कइँती बोलत ह, उ अपने प्रधान क अपमानित करत ह। उ ठीक ओह स्त्री क समान अहइ जे आपन सिर मुंडवाइ दिहे अहइ।
6 अगर कउनउ स्त्री आपन सिर नाहीं ढाँकत तउ उ अपने बालउ काहे नाहीं मुँड़वाइ लेत। मुला अगर स्त्री क बरे बाल मुँड़वाउब लज्जा क बात अहइ तउ ओका आपन्न मूँड़ ढकँइ चाही।
7 मुला पुरूस क बरे आपन मूँड़ ढकब अच्छा नाहीं बा काहेकि उ परमेस्सर क सरूप अउर महिमा क प्रतिबिम्ब अहइ। मुला एक स्त्री आपन पुरूस क महिमा क प्रतिबिम्ब कहत ह।
8 हम अइसेन एह बरे कहक हई काहेकि पुरूस कउनो स्त्री स नाहीं, बल्कि स्त्री पुरूस स बनी बाटइ।
9 पुरूस स्त्री क बरे नाहीं रचा गवा बल्कि स्त्री क रचना पुरूस क बरे कीन्ह गइ बा।
10 इही बरे परमेस्सर तउ ओका जउन अधिकार दिहे अहइ, ओकर प्रतीक रूप स स्त्री क चाही कि उ आपन मूँड़ ढाकइ। ओका सरगदूत क कारण अइसेन करइ चाही।
11 फिन भी उ पर्भू मँ न तउ स्त्री पुरूस स स्वतन्त्र अहइँ अउर न तउ पुरूस स्त्री स।
12 काहेकि जइसेन पुरूस स स्त्री आइ, वइसेन ही स्त्री पुरूस क जनम दिहेस। मुला सब केउॅ परमेस्सर स आवत हीं।
13 खुद निर्णय करा। का एक स्त्री क मूँड़ उघारे परमेस्सर क पारथना करब अच्छा लागत ह?
14 का खुद प्रतीक तोहे नाहीं देखॉवत कि अगर केउ पुरूस आपन बाल लम्बा बढ़इ देइ तउ इ ओकरे बरे सरम क बात अहइ,
15 अउर इ कि एक स्त्री क बरे इहइ ओकर सोभा अहइ? सहीयउ मँ ओका ओकरे लम्बा बाल एक प्राकृतिक ओढ़नी क रूप मँ दीन्ह गवा बा।
16 अब ऍह पर अगर कउनउ बिबाद करइ चाहइ तउ हमका कहइ क होइ कि न तऊ हमरे इहाँ कउनउ अइसेन प्रथा परमेस्सर क कलीसिया मँ नाहीं बा।
17 अब इ आदेस देत हउँ मइँ तोहार प्रसंसा नाहीं करत हउँ काहेकि तोहर आपस मँ मिलब तोहार भला करइ क बजाय तोहे हानि पहुँचावत बा।
18 सबसे पहिले इ कि मइँ सुने हउँ कि तू लोग सभा मँ जब परस्पर मिलत ह्या त तोहरे बीच मतभेद रहत ह। कछू अंस तक मइँ एह पर बिसवास करत हउँ।
19 (आखिरकार तोहरे बीच मतभेद भी होइहीं। जेहसे कि तोहरे बीच मँ जउन अच्छा ठहरावा गवा बा, उ सामने आइ जाइ।)
20 तउन जब तू आपस मँ इकट्ठा होत ह तउ सचमुच पर्भू क भोज पावइ क बरे नाहीं एकट्ठा होत्या,
21 मुला जब तू भोज ग्रहण करत ह त तोहमँा स हर केऊॅ आगे बढ़ि क अपनेन ही खाना पर टूट पड़त ह। अउर बस केउ मनई तउ भूखइ ही चला जात ह, जब कि कउनउ मनई बहुत जियादा खाइ-पी क मस्त होइ जात ह।
22 का तोहरे लगे खाइ-पीअइ क बरे आपन घर नाहीं बा। अउर एह तरह तू परमेस्सर क कलीसिया क अनादर नाहीं करत अहा? अउर जउन दीन अहइँ ओनकर तिरस्कार करइ क चेस्टा नाहीं करतेन? मइँ तोहसे का कहीं? एकरे बरे का मइँ तोहर प्रसंसा करउँ। एह बिसय मँ तोहार प्रसंसा न करब।
23 काहेकि जउन सीख मइँ तोहे सबन क दिहे हउँ, उ हमका पर्भू स मिली रही। पर्भू ईसू त ओह रात, जब ओका मरवाइ डालइ क बरे पकड़वावा ग रहा, एक ठु रोटी लिहेस,
24 अउर धन्यबाद देइ क बाद, उ ओका तोड़ेस अउर कहेस, “इ मोर देह अहइ, जउन तोहरे बरे बा। मोका याद करइ क बरे तू अइसेन ही किहा करा।”
25 उ भोजन कइ चुकइ क बाद इही तरह उ कटोरा उठाएस अउर कहेस, “इ कटोरा मोरे लहू क जरिये कीन्ह गवा एक नवा करार अहइ। जब कभउँ तू एका पिआय तबहिं मोका याद करइ क बरे अइसेन करा।”
26 काहेकि जेतॅनी बार उ तू ऍह रोटी क खात ह अउर एह कटोरा क पिअत ह, ओतॅनी बार जब तलक उ आइ नाहीं जात, तू पर्भू क मउत क प्रचार करत रहा।
27 अत: जब केउ पर्भू क रोटी या पर्भू क कटोरा क अनुचित रूप स खात-पिअत ह, उ पर्भू क देह अउर ओकर लहू क बरे अपराधी होइ।
28 मनई क चाहे कि उ पहिले अपने क परखइ अउर तब इ रोटी क खाई अउर इ कटोरा क पिअइ।
29 काहेकि पर्भू क देह क मतलब समझे बिना जउन एह रोटी क खात ह अउर एह कटोरा क पिअत ह, उ एह तरह खाइ-पीके अपने उप्पर सजा क बोलावत ह।
30 इही बरे तउ तोहमाँ स बहुत लोग कमजोर अहइँ बीमार अहइँ अउर बहुत स त चिरनिद्रा मँ सोइ ग अहइँ।
31 मुला अगर हम अपने आप क अच्छे तरह स परख लिहे होइत हमका पर्भू क सजा न भोगइ पड़ी।
32 पर्भू हमका अनुसासित करइ क बरे सजा देत थ। ताकि हमका संसार क साथे दण्डित न कीन्ह जाइ।
33 एह बरे कि मोर भाइयो तथा बहिनियो, जब भोजन करइ त एकट्ठा होत ह तउ परस्पर एक दूसरे क इन्तजार करा।
34 अगर सहीयउ मँ कउनो क बहुत भूख लगी होइ तउ ओका घरे पर खाइ लेइ चाही ताकि तोहार एकत्र होइ तोहरे बरे दण्ड क कारण न बनइ। अउर, दूसर बातन क जब मइँ अउबइ तबइ सुलझाउब।
1 Corinthians 12
1 भाइयो तथा बहिनियो, अब मइँ चाहत हउँ कि तू आतिमा क बरदान क बारे मँ जाना।
2 तू जानत अहा कि जब तू विधर्मी रह्या तब तोहे गूॅगी जड़ मूर्तियन कइँती जइसेन भटकावा जात रहा, तू वइसेन ही भटकत रह्य।
3 तउन मइँ तोहे बतावत हउँ कि परमेस्सर क आतिमा क बोलइ वाला कउनउ इ नाही कहत, “ईसू क स्राप लगइ” अउर पवित्तर आतिमा क बगैर मदद द्वारा कहइवालन क न केउ इ कहि सकई, “ईसू पर्भू अहइ।”
4 हर एक क आतिमा क अलग-अलग बरदान मिला बा। मुला ओनका देइवाली आतिमा तउ एक्कइ बा।
5 सेवा कइउ तरह क निस्चित कीन्ह गइ बाटिन मुला हम सब जेकर सेवा करत अही उ पर्भू तउ एक ही अहइ।
6 काम-काज बहुत स बतावा गवा बाटेन मुला सबहिं क बीच सब कामन क करइवाला उ परमेस्सर तउ एक ही अहइ।
7 सब कउनो मँ आतिमा केउ न केउ रूपे मँ परगट होत ह जउन हर एक क भलाइ क बरे होत ह।
8 कउनो क आतिमा क जरिये परमेस्सर क गियान स युक्त भइ बोलइ क योग्यता दीन्ह गइ बा। तउ केउ क उही आतिमा क जरिये दिव्य गियान क प्रबचन क योग्यता।
9 अउर केउ क उही आतिमा द्वारा बिसवास क बरदान दीहा गवा बा तउ केउ क चंगा करइ क छमता ऊही आतिमा क जरिये दीन्ह गइ बा।
10 अउर केउ दुसरे मनई क अद्भुत कारजन करइ क सक्ती दीन्ह गइ बा तउ केउ दूसरे क परमेस्सर कइँती स बोलइ क सामर्थ्य दीन्ह गवा बा। अउर केउ क मिली बा भली बुरी आतिमा क अन्तर क पहिचानइ क सक्ती कउनो क अलग-अलग भाखा बोलइ क सक्ती मिली भइ बा: तउ केउ क भाखा क बियाखिया कईके ओकर मतलब निकालइ क सक्ती।
11 मुला इ उहई एक आतिमा बा जउन जेह-जेह क जइसेन-जइसेन ठीक समझत ह, देत भए इन सब बातन क पूरा कइ सकत ह।
12 जइसेन हममें स हर एक क सरीर तउ एक्कइ बा, पर ओहमाँ अंग कइयउ बाटेन। अउर यद्यपि अंगन क कइयउ रहत भए ओनसे देह एकइ बनत ह वइसेन ही मसीह अहइ।
13 काहेकि चाहे हम यहूदी रहा अही, चाहे गैर यहूदी, सेवक होइ य स्वतन्त्र एकइ सरीर क विभिन्न अंग बनी जाइ क बरे हम सब क एकइ आतिमा द्वारा बपतिस्मा दीन्ह गवा अउर पियास बुझावइ क हम सब क एकइ आतिमा दीन्ह गइ बा।
14 अब देखा, मनई सरीर कउनो एक अंग स ही तउ बना नाहीं होत, बल्कि ओहमाँ बहुत स अंग होत हीं।
15 अगर गोड़ कहई, “काहेकि मइँ हाथ नाहीं हउँ, इही बरे मोर सरीर स कउनउ सम्बन्ध नाहीं तउ इही बरे क उ सरीर क अंग न रही।
16 इही तरह अगर कान कहइ, “काहेकि मइँ आँख नाहीं हउँ,” एह बरे मइँ सरीर क नाहीं हउँ।” तउ का इही कारण स उ सरीर क अंग न रही।
17 अगर एक आँख ही सब सरीर होत तउ सुना कहाँ स जात? अगर कान ही सब सरीर होत तउ सूँघा कहाँ स जात?
18 मुला परमेस्सर जइसा ठीक समझेस उ सही मँ सरीर मँ वइसेन ही स्थान दिहेस।
19 तउ सरीर क सब अंग एक जइसा ही होइ जात तउ सरीर ही कहाँ होत।
20 मुला स्थिति इ बा कि अंग त कइयउ होत हीं मुला सरीर एक्कइ रहत ह।
21 आँख हाथे स इ नाहीं कहि सकत, “मोका तोहार जरूरत नाहीं बाटइ!” या अइसे ही सिर, गोड़न स इ नाहीं कहि सकत, “हमका तोहार जरूरत नाहीं!”
22 एकरे बिलकूल उल्टा सरीर क अंगन क हम कमजोर समझित ह, उ सबइ बहुत जरूरी होत हीं।
23 अउर सरीर क जउने अंगन क हम कम आदरणीय समझित ह, ओनकर हम जियादा धियान रखित ह। अउर हमार गुप्त अगं अउर जियादा सालीनता पाइ लेत हीं।
24 जब कि हमरे प्रदर्सनीय अंगन क एह तरह क उपचार क जरूरत नाहीं होत। मुला परमेस्सर तउ हमरे सरीर क रचना एह ढंग स किहेस ह जेहसे ओन अंगन क जउन कम सुन्दर बा अउर जियादा आदर मिलइ।
25 ताकि देहे मँ कहूँ कउनउ फूट न पड़इ बल्कि देहे क अंग परस्पर एक दुसरे क समान रूप स धियान रखइँ।
26 अगर सरीर क कउनउ एक अंग दुख पावत ह तउ ओकरे साथे सरीर क अउर सभन अंग दुखी होत हीं। अगर कउनउ एक अंग क मान बढ़वत ह त ओकर खुसी मँ सभन अगं हिस्सा बटाव थीं।
27 एह तरह तू सभन लोग मसीह क देह अहा अउर अलग-अलग रूप मँ ओकर अंग अहा।
28 ऍतना ही नाहीं परमेस्सर तउ कलीसिया मँ पहिले प्रेरितन क, दूसरे नबियन क, तीसरे उपदेसकन क फिन अद्भुत कारजन करइ वालन क, चंगा करइ क सक्ती स युक्त मनइयन क, फिन ओनकर जउन दुसरन क सहायता करत हीं, स्थापित किहे अहइ, फिन अगुवाई करइवालन क अउर फिन ओन्हन लोगन क जउन विभिन्न भाखा बोल सकत हीं।
29 का इ सब लोग प्रेरित अहइँ? का इ सब लोग नबी अहइँ? का इ सब लोग उपदेसक अहइँ? का इ सब लोग अचरज काम करत हीं?
30 का इ सब लोगन क लगे चंगा करइ क सक्ती बाटइ? का इ सब लोग दूसर भाखा बोलत हीं?
31 हाँ, मुला आतिमा क अउर बड़ा बरदान पावइ क बरे यत्न करत रहा। अउर इ सबन क बरे अच्छा रस्ता तू पचन क अब मइँ देखउब।
1 Corinthians 13
1 अगर मइँ मनइयन अउर सरगदूत क भाखा बोल सकउँ मुला मोहेमाँ पिरेम न होइ, तउ मइँ एक बाजत भआ सिरिफ घड़ियाल या झंकारत भइ झाँझ अहउँ।
2 अगर मइँ परमेस्सर कइँती स बोलइ क सक्ती क बरदान प्रप्त करउँ अउर जदि मइँ परमेस्सर क सबइ रहस्यन क जानत होउँ अउर समूचा दिव्य गियान मोरे लगे होइ अउर ऍतना बिसवास उ मोका होइ कि पर्वतन क अपने स्थान स सरकाइ सकउँ, मुला मोहेमाँ पिरेम न होइ तउ मइँ कछू नाहीं अहउँ।
3 अगर मइँ आपन सारी सम्पत्ति थोड़-थोड़ कइके जरूरत मन्द क बरे दान कइ देउँ अउर अब चाहे अपने सरीर तक क जलाइ डालइ क बरे सौंप देउँ मुला अगर मइँ पिरेम नाहीं करित तउ।
4 एहसे मोर भला होइवाला नाहीं बा। पिरेम धीरजपूर्ण बा, पिरेम दयामय बा, पिरेम मँ ईर्सा नाहीं होत, पिरेम आपन प्रसंसा आप नाहीं करत।
5 उ अभिमानी नाहीं होत। उ अनुचित व्यवहार कबहुँ नाहीं करत, उ सुवार्थी नाहीं बा, पिरेम कबहुँ झुँझलात नाहीं, उ बुराइयन क कउनउ लेखा-जोखा नाहीं रखत।
6 बुराइ पर कबहुँ ओका खुस नाहीं होतइ। उ तउ दुसरन क साथे सत्य पर आनंदित होत ह।
7 उ हमेसा रच्छा करत ह, उ हमेसा बिसवास करत ह। पिरेम हमेसा आसा स भरा रहत ह। उ सहनसील बा।
8 पिरेम अमर बा। जब कि भविस्सबाणी करइ क सामर्थ तउ समाप्त होइ जाइ, दूसर भाखा क बोलइ क छमता स जुरी भइ जीभ एक दिन चुप होइ जइहीं, दिव्य गियान क उपहार जात रही,
9 काहेकि हमार गियान तउ अधूरा बा। हमार सब भविस्सबाणी अपूर्ण बाटिन।
10 मुला जब पूर्णता आई तउ उ अधूरापन चला जाई।
11 जब मइँ गदेला रहे तउ एक गदेला क तरह ही बोला करत रहे, वइसेन ही सोचत रहे अउर उही तरह सोच विचार करत रहे, मुला अब जब मइँ बाढ़िके मनई बनि गवा हउँ, तउ उ बचपने क बात जात रही बाटइ।
12 काहेकि अबहिं तउ दरपन मँ हमका एक धुँधली सी छाया देखॉय पड़त रही बा मुला पूरी तरह मिलि जाए पइ हम पूरी तरह आमने-सामने देखब। अबहिं तउ मोर गियान तनिक बा मुला समइ आवइ पर उ पूरा होये। वइसे ही जइसे परमेस्सर मोका पूरी तरह जानत ह।
13 इही बीच बिसवास, आसा अउर पिरेम तउ बना ही रहइँ अउर इन तीनऊ मँ सबसे महान बाटइ पिरेम।
1 Corinthians 14
1 पिरेम क रस्ता पर कोसिस करत रहा। अउर आध्यात्मिक बरदानन क निष्ठा क साथे अभिलास करआ। बिसेस रूप स परमेस्सर क तरफ स बोलइ क।
2 काहेकि जेका दुसरन क भाखा मँ बोलइ क बरदान मिला ब, उ तउ सही मँ लोगन स नाहीं, बल्कि परमेस्सर स बात करत बाटइ। काहेकि ओका केउ समझ नाहीं पावत, उ त आतिमा क सक्ति स रहस्यमय होइके बानी बोलत बा।
3 मुला उ जेका परमेस्सर कइँती स बोलइ क बरदान मिला बा, उ लोगन स ओन्हे आतिमा मँ मजबूत प्रोत्साहन अउर चैन पहुँचावइ बरे बोलत बा।
4 जेका विभिन्न भाखन मँ बोलइ क बरदान मिला बा उ तउ बस आपन आतिमा क ही मजबूत करत ह मुला जेका परमेस्सर कइँती स बोलइ क सामर्थ मिला बा उ समूची कलीसिया क आध्यात्मिक रूप स मजबूत बनावत ह।
5 अब मइँ चाहत हउँ कि तू सबइ दूसर कइयउ भाखा बोला। मुला एहसे जियादा मइँ इ चाहित हउँ कि तू परमेस्सर कइँती स बोल सका काहेकि कलीसिया क आध्यात्मिक मजबूती क बरे अपने कहे क बियाखिया करइवाले क छोड़िके, दूसरी भाखा बोलइवालन स परमेस्सर कइँती स बोलइवाला बड़ा बा।
6 तउन भाइयो तथा बहिनियो, अगर दूसरी भाखन मँ बोलत भआ मइँ तोहरे लगे आवउँ तउ हसे तोहार का भला होइ, जब तलक कि तोहरे बरे मइँ कउनउ रहस्य उद्घाटन, दिव्य गियान, परमेस्सर क सन्देस या कउनउ उपदेस न देउँ।
7 इ बोलब त अइसेन ही होइ जइसे कउनो बाँसुरी या सांरगी जइसेन निर्जीव बाजा क आवाज। अगर कउनो बाजा क स्वरन मँ परस्पर साफ अन्तर न होइ तउ कउनउ कइसे पता लगाइ पाई कि बाँसुरी या सांरगी पर कउन स धुन बजाइ जात बा।
8 अउर अगर बिगुल स अस्पस्ट आवाज निकलइ लागइ तउ फिन युद्ध क बरे तइयार के होई?
9 इही तरह कउनो दूसरे क भाखा मँ जब तक कि तू साफ-साफ न बोला, तब तलक केऊॅ कइसेन समझ पाई कि तू का कहे रह्या। काहेकि अइसेन मँ तू बस हवा मँ बोलाइवाला ही रही जाब्या।
10 एहमाँ कउनउ संदेह नाहीं बा कि संसार मँ भाँति-भाँति क बोली अहइँ अउर ओहमाँ स कउनउ खराब नाहीं अहइ।
11 तउन अब तलक मइँ ओह भाखा क जानकार नाहीं हउँ, तब तलक बोलइवालन क बरे मइँ एक अजनबी ही रहबइ। अउर उ बोलइवाला मोरे बरे एक ठु अजनबी ही ठहरी।
12 तोह पइ इ बात लागू होत ह काहेकि तू आध्यात्मिक बरदानन क पावइ बरे उत्सुक अहा। इही बरे ओहमाँ भरपूर होइ क प्रयास करा। जेहसे कलीसिया क आध्यात्मिक मजबूति मिली जाइ।
13 परिणामसरूप जउन दूसर भाखा मँ बोलत ह, ओका पराथना करई चाही कि उ आपन कहे क मतलब भी बताइ सकइ।
14 काहेकि अगर मइँ किहींउ अउर भाखा मँ पराथना करउँ तउ मोर आतिमा त पराथना करत रही होत ह मुला मोरे बुद्धि बेकार रहत ह।
15 तउ फिन का करइ चाही? मइँ आपन आतिमा स तउ पराथना करबइ। मुला ओकरे साथ आपन बुद्धि स भी पराथना करबइ। आपन आतिमा स त ओकर स्तुति करबइ ही मुला आपन बुद्धि स भी ओकर स्तुति करबइ।
16 काहेकि अगर तू केवल आपन आतिमा स ही कउनउ आसीर्बाद द्या तउ हुवाँ बइठा कउनउ मनई जउन बस सुनत अहइ, तोहरे धन्यबाद पर “आमीन” कइसे कहि देई काहेकि तू जउन कहत अहा, ओका उ जनबइ नाहीं करत।
17 अब देखा तू तउ चाहे भली-भाँति धन्यबाद देत अहा मुला दूसर मनई क तउ ओसे कउनउ आध्यात्मिक मजबूति नाहीं होत।
18 मइँ परमेस्सर क धन्यबाद देत हउँ कि मइँ तोसे बढ़कर क विभिन्न भाखा बोलि सकित हउँ।
19 मुला कलीसिया सभा क बीच कउनो दूसरी भाखा मँ दसहु हजार सब्द बोलइ क अपेच्छा आपन बुद्धि क उपयोग करत हुए पाँच सब्द बोलब अच्छा समझत अहउँ ताकि दूसरे क भी उपदेस दइ सकउँ।
20 भाइयो तथा बहिनियो, अपने बिचारन मँ गदेलन क नाई रहा बल्कि बुराइयन क बारे मँ अबोध गदेला जइसेन बना रहा। मुला आपन चिन्तन मँ समझदार बना।
21 व्यवस्था मँ लिखा बा:“उपयोग ओनकर करत भए अउर बोली बोलत जउन, ओनके ही मुँहन क, उपयोग करत भए जउन क पराया मइँ करबइ बात एनसे पर न इ हमार सुनिहीं बात तब भी।” यसायाह 28:11-12पर्भू अइसेन ही कहत ह।
22 तउन दूसर भाखा बोलइ क बरदान अबिसवासियन क बरे संकेत अहइ न कि बिसवासियन क बरे अहइ। जब कि भविसबाणी करब अबिसवासियन बरे नाहीं बल्कि बिसवासियन बरे अहइ।
23 तउन अगर समूचा कलीसिया एकट्ठ होइ अउर हर केऊॅ दूसर-दूसर भाखा मँ बोलत होइ तब भी बाहर क लोग या अबिसबासी भित्तर आइ जाइँ तउ का उ पचे तोहे पागल न कइहीं।
24 मुला अगर हर केउ परमेस्सर कइँती स बोलत होइँ अउर तब तलक कछू अबिसवासी या बाहर क आइ जाइँ त का सब लोग ओका ओकर पाप क बोध न कराइ देइहीं। सब लोग जे कहत हीं, ऊही पइ ओकर निआव होई।
25 जब ओकरे मने क भित्तर छिपा भेद खुली जाइ तब तलक उ इ कहत भआ, “सचमुच तोहरे बीच परमेस्सर अहइ।” दण्डवत प्रणाम कइके परमेस्सर क आराधना करिहीं।
26 भाइयो तथा बहिनियो! तउ फिन का करइ चाही? तू जब एकट्ठा होत ह तोहमाँ स कउनउ भजन, कउनउ उपदेस अउर कउनउ आध्यात्मिक रहस्य क उद्घाटन करत ह। कउनउ केउ अउर भाखा मँ बोलत ह त कउनउ ओकर बियाखिया करत ह। इ सब बात कलीसिया क आध्यात्मिक मजबूती क बरे कीन्ह जाइ चाही।
27 अगर केउ अउर भाखा मँ बोलत बाटइ तउन जियादा स जियादा दुइ या तीन क ही बोलइ चाही अउर बारी बारी, एक-एक कइके अउर जउन कछू कहा गवा बा, एक-एक क ओकर बियाखिया करइ चाही।
28 अगर उहाँ बियाखिया करइवाला केउ न होइ तउ बोलइवाले क चाही कि उ सभा मँ चुपइ रहइ अउर फिन ओका अपने आप स अउर परमेस्सर स ही बात करइ चाही।
29 परमेस्सर कइँती स ओकर दूत क रूप मँ बोलइ क जेनका बरदान मिला बा, अइसेन दुइ या तीन नबियन क ही बोलइ चाही अउर दूसरन क चाही कि जउन कछू उ कहे अहइ, उ ओका परखत रहइँ।
30 अगर हुवाँ केउ बइठा भआ पर कउने क बात रहस्य उद्घाटन होत ह जउन परमेस्सर कइँती स बोलत अहइ पहिला वक्ता क चुप होइ जाइ चाही।
31 काहेकि तू एक-एक कइके भविस्सबाणी कइ सकत ह्या ताकि सबहिं लोग सीखइँ अउर प्रोत्साहित होइँ।
32 नबियन क आतिमन नबियन क बस मँ रहत हीं।
33 काहेकि परमेस्सर अव्यवस्था नाहीं देत, उ सान्ति देत ह। जइसेन कि सन्तन क सभन कलीसियन मँ होत ह।
34 स्त्रियन क चाही क उ कलीसियन मँ चुप रहइँ काहेकि ओन्हे सान्त रहइ चाही, बल्कि जइसेन कि व्यवस्था मँ कहा गवा बा, ओनका दबिके रहइ चाही।
35 अगर उ कछू जानइ चाहत ह तउ ओन्हे घरे पे आपन-आपन पति स पूछइ चाही काहेकि एक स्त्री क बरे सर्मनाक अहइ कि उ सभा मँ बोलइ।
36 का परमेस्सर क बचन तोहसे पैदा भवा बा? या उ मात्र तोहे तलक पहुँचा? निस्चित नाहीं बा।
37 अगर केउ सोचत ह कि उ नबी अहइ अउर ओका कछू आध्यात्मिक बरदान मिला बा तउ ओका पहिचान लेइ चाही कि मइँ तोहे जउन कछू लिखत हउँ, उ पर्भू क आदेस बा।
38 तउन अगर केउ ऍका नहीं पहिचान पावत तउ ओका उ परमेस्सर द्वारा भी नाहीं जाना चाई।
39 एह बरे मोर भाइयो तथा बहिनियो, परमेस्सर कइँती स बोलइ क तत्पर रहा अउर दूसरा भाखा मँ बोलइ वालन क भी न रोका।
40 मुला इ सभन बातन सही ढंग स अउर व्यवस्थानुसार कइ जाइ चाही।
1 Corinthians 15
1 भाइयो तथा बहिनियो, अब मइँ तोहे सबन क ओह सुसमाचार क याद दिवावइ चाहत हउँ जेका मइँ तोहे सुनाए हउँ अउर तूहउ सबे जेका ग्रहण किहे रह्या अउर जेहमाँ तू हमेसा स्थित बना भवा अहा।
2 अउर जेकरे जरिये तोहर उद्धार भी होत बा बसर्ते तू ओन्हन सब्दन क जेका मइँ तोहे आदेस दिहे रहेउँ, अपने मँ मजबूती स थामे रखा। (नाहीं तउ तोहर बिसवास धारन करबइ ही बेकार गवा।)
3 जउन सबसे पहिले बात मोका मिली भइ रही, ओका मइँ तोहे तलक पहुँचाइ दिहेउँ कि पवित्तर सास्तरन क अनुसार, मसीह हमरे पापन क बरे मरा
4 अउर ओका दफनाइ दीन्ह गवा। अउर पवित्तर सास्तरन क अनुसार फिन तीसरे दिना ओका जियाइके उठाइ दीन्ह गवा।
5 अउर फिन उ परतस क सामने परगट भवा अउर ओकरे बाद बारह प्रेरितन क उ दर्सन दिहे।
6 फिन उ पाँच सऊ स भी जियादा भाइयन क एक साथे देखॉइ दिहेस। ओनमाँ स बहुतेरे आज तकल जिन्दा अहइँ। जद्यपि कछू क मउत भी होइ चुकी बा।
7 एकरे बाद उ याकूब क सामने परगट भवा। अउर तब उ सभी प्रेरितन क फिन दर्सन दिहेस।
8 अउर सब स अंत मँ ओ मोका भी केउ दर्सन दिहेस। मइँ तउ समइ स पहिले असामान्य जन्मा सतमासा बच्चा जइसेन अहउँ।
9 काहेकि मइँ तउ प्रेरितन मँ सबसे छोटका हउँ। इहाँ तलक कि मइँ तउ प्रेरित कहवावइ क योग्य नाही हउँ, काहेकि मइँ तउ परमेस्सर क कलीसिया क सतावा करत रहेउँ।
10 मुला परमेस्सर क अनुग्रह स मइँ वइसेन बना हउँ जइसेन आज अहउँ मोहे पइ ओनकर अनुग्रह बेकार नाहीं गवा। मइँ त ओन सबसे बढ़ी चढ़ी क मेहनत किहे हउँ, जद्यपि उ मेहनत करइवाला मइँ नाहीं रहेउँ, बल्कि परमेस्सर क उ अनुग्रह रहा जउन मोरे साथे रहत रहा।
11 तउन चाहे तोहे मइँ उपदेस दिहे होइ चाहे ओ, मइँ सब इहई उपदेस देइत ह अउर इही पइ तू बिसवास किहे अहा।
12 मुला जब कि मसीह क मरे भएन मँ स पुनरुत्थान कीन्ह गवा तउ तोहमाँ स कछू अइसेन काहे कहत बाटेन कि मउत क बाद फिन स जी उठब सम्भव नाहीं बा।
13 अउर अगर मउत क बाद जी उटब ही नाहीं तउ फिन मसीह क मउत बाद नाहीं जियावा गवा।
14 जदि मसीह नाहीं जिया तउ हमार उपदेस देब बेकार बा अउर तोहार बिसवास भी बेकार बा।
15 अउर हमहूँ फिन तउ परमेस्सर क बारे मँ झूठ साच्छी ठहरत अही काहेकि हम तउ परमेस्सर क सामने कसम खाइके इ साच्छी दिहे अही कि उ मसीह क मरे भएन मँ स जियाएस। मुला उनके कहइ क अनुसार अगर मरा भवा जियावा नाहीं जात तउ फिन परमेस्सर मसीह क भी नाहीं जियाएस।
16 काहेकि अगर मरा भवा नाहीं जियाइ जात ह तउ मसीह क भी नाहीं जियावा गवा।
17 अउर अगर मसीह क फिन स जिन्दा नाहीं कीन्ह गवा रहा, फिन तउ तोहार बिसवास भी बेकार बा, अउर तू अबहुँ अपने पापन मँ फँसा भवा ह।
18 हाँ, तउ फिन जे मसीह क बरे आपन प्रान दइ दिहेन, उ सबइ अइसेन ही खतम भएन।
19 अगर हम केवल अपने भौतिक जीवन क बरे ही ईसू मसीह मँ आपन आसा रखे रही तब तउ हम अउर सबहिं लोगन स जियादा अभागा हई।
20 मुला अब सहीमँ इ अहइ कि मसीह क मरे भएन स जियावा गवा। उ मरे भएन क फसल क पहिला फल अहइ।
21 काहेकि जब एक ही मनई क द्वारा मउत आइ तक एक मनई क द्वारा ही मउत स फिन जिन्दा होइ उठा।
22 काहेकि ठीक वइसेन ही जइसेन आदम क कर्मन क कारण हर किहू क बरे मउत आइ, वइसेन ही मसीह क द्वारा सबक फिन स जियाइ उठावा जाई।
23 मुला हर एक क ओकरे अपने करम क अनुसार सबसे पहिले मसीह क, जउन फसल क पहिला फल अहइ अउर फिन ओकरे पुन: आवई पर ओनकर, जउन मसीह क अहेन।
24 एकरे बाद जब मसीह सबन सासकन, अधिकरियन, हर तरह क सक्तियन क अंत कइके राज्य क परमपिता परमेस्सर क हाथन सौंपे देई, तब प्रलय होइ जाई।
25 मुला जब तलक परमेस्सर मसीह क सत्रुवन क ओकरे परमेस्सर नियन्त्रण मँ न लाइ देइ तब तलक उ अवस्य राज्य करी।
26 सबसे आखिरी सत्रु क रूपे मँ मउत क नास कीन्ह जाई।
27 पवित्तर सास्तर कहत ह, “परमेस्सर तउ हर केउ क मसीह क चरनन क अधीन रखे बा।”अब देखा जब सास्तर कहत ह, “सब कछू” क ओकरे अधीन कइ दीन्ह गवा बा, तउ जउन, सब कछू क ओकरे चरनन क अधीन कीन्हा बाटेन, उ खुदइ एकर अपवाद बा।
28 अउर जब सब कछू मसीह क अधीन कइ दीन्ह गवा बा, तउ इहाँ तलक कि खुद बेटवा केऊ ओह परमेस्सर क अधीन कइ दीन्हा जाई, जे सब कछू क मसीह क अधीन कइ दिहेस ताकि हर केउ पइ पूरी तरह परमेस्सर क सासन होइ।
29 नाहीं तउ जे अपने परान क दिहे अहइँ, ओनकइ कारण जउन बपतिस्मा लिहे अहइं, उ पचे का करिहीं। अगर मरा हुआ कभउँ फिन स जिन्दा होतेन नाहीं तउ लोगन क ओनकर बरे बपतिस्मा दीन्ह ही काहे जात अहइ?
30 अउर हमइँ सब घड़ी संकट झेलत रहित ह?
31 भाइयो, तोहरे बरे मोर उ गरब जेहमाँ हमार पर्भू मसीह ईसू मँ स्थित होइ क नाते रखत हई, ओका साछी कइके कसम खाइके कहत हई कि मइँ हर दिन मरित हउँ।
32 अगर मइँ इफिसुस मँ जंगली पसुवन क साथे मानवीय स्तर पर ही लड़े रहे तउ ओसे मोका का मिला। अगर मरा भवा स जिआवा नाहीं जानेत तउ, “आवा, खाई, पीई काहेकि काल्हि तउ मरिन जाब।”
33 भटकब बन्द करा: “खराब संगत स अच्छी आदत खतम होइ जात हीं।”
34 होस मँ आवा, अच्छा जीवन अपनावा, जइसेन कि तोहे होइ चाही। पाप करब बन्द करा। काहेकि तोहमाँ स कछू तउ अइसेन अहइँ जउन परमेस्सर क बारे मँ कछू भी नाहीं जानतेन। मइँ इ एह बरे कहत हउँ कि तोहे सरम आवइ।
35 मुला केउ पूछ सकत ह, “मरा भवा कइसे जिआवा जात ह? अउर उ फिन कइसेन देह धारन कइके आवत ह?”
36 तू केतना मूरख अहा। तू जउन बोअत अहा उ जब तलक पहिले मरि नाहीं जात जिन्दा नाहीं होत।
37 अउर जहाँ तलक जउन तू बोवत अहा, ओकर प्रस्न बा, तउ जउन पऊधा बिकसित होइ क बा, तू ओह भरा-पूरा पऊधा क तउ धरती मँ नाहीं बोउत्या। बस केवल बीया बोवत अहा, चाहे उ गोहूँ क दाना होइ अउर चाहे कछू अउर क।
38 फिन परमेस्सर जइसेन चाहत ह, वइसेन रूप ओका देत ह। हर बीज क उ ओकर आपन सरीर प्रदान करत ह।
39 सबहिं जिन्दा मनइयन क सरीर एक जइसा नाहीं होत। मनइयन क सरीर एक तरह क होत ह जबकि पसुवन क सरीर दूसरे तरह क। चिड़ियन क देह अलग तरह क होत ह अउर मछलियन क अलग।
40 कछू देह दिव्य होत ह अउर कुछ पार्थिव मुला दिव्य देह क आभा एक तरह क होत ह अउर पार्थिव सरीर क दुसरे प्रकार क।
41 सूरज क तेज एक तरह क होत ह अउर चाँद क दुसरे तहर क। तारन मँ भी एक भिन्न तरह प्रकास रहत ह। अउर हाँ, तारन क प्रकास भी एक दुसरे स भिन्न रहत ह।
42 तउन जब मरे भए जी उठिहीं तबऊ अइसेन ही होई। उ देह जेका धरती मँ दफनाइ क “बोवा” गवा बा, नासवान बा मुला उ देह जेकर पुनरुत्थान भवा बा, अबिसवासी बाटइ।
43 उ काया जउन धरती मँ “दफनाई” गइ बा अनादरपूर्ण बा मुला उ काया जेकर पुनरुत्थान भवा बा, महिमा स मंड़ित बा। उ काया जेका धरती मँ “दफनाई” गवा बा, कमजोर बा मुला उ काया जेका फिन स जिन्दा कीन्ह गवा बा, सक्तिसाली बा।
44 जेह काया क धरती मँ “दफनावा” गवा बा, उ प्राकृतिक बा मुला जेका फिन स जिन्दा कीन्ह गवा बा, उ आध्यात्मिक देह अहइ।अगर प्राकृतिक सरीर होत हीं, तउ आध्यात्मिक सरीरन क भी अस्तित्व बा।
45 पवित्तर सास्तरन कहत ह: “पहिला मनई (आदम) एक सजीव प्रानी बना।”मुला अंतिम आदम (ईसू) जीवन दाता आतिमा बना।
46 आध्यात्मिक पहिले नाहीं अउतेन, बल्कि पहिले आवत हीं भौतिक अउर फिन ओकरे बाद ही आवत हीं आध्यात्मिक।
47 पहिले मनई क धरती क माँटी स बनावा गवा अउर दूसर मनई सरगे स आवा।
48 जइसेन ओह मनई क रचना माँटी स भइ, वइसेन ही सबन लोग माँटी स ही बेनन। अउर ओह, दिव्य मनई क समान अउर दिव्य मनइयन भी स्वर्गीय बाटेन।
49 हम उ माटी स बरे मनई क तरह बनाए गयेन ह, तउ ओह स्वर्गीय क रूप भी हम धारन करब।
50 भाइयो तथा बहिनियो, मइँ तोहे इ बतावत हउँ: लहू अउर माँस क इ पार्थिव सरीर परमेस्सर क राज्य क उत्तराधिकार नाही पाइ सकतेन। अउर न ही जउन बिनासमान अहइँ, उ अविनासी क उत्तरधिकारी होइ सकत हीं।
51 सुना, मइँ तोहे सबन क एक रहस्यपूर्ण सत्य बतावत हउँ: हम सबन मरबइ न, बल्कि हम सब बदल दिहा जाबइ।
52 जब अंतिम तुरही बजी तब पलक झपकत एक छन मँ ही अइसेन होइ जाई। काहेकि तुरही बजे अउर मरा हुआ अमर होइके जी उठिहीं अउर हम जउन अबहिं जिन्दा हयेन, बदलि दिहा जइहीं।
53 काहेकि इ नासवान देह क अविनासी चोला क धारन करब जरूरी बा अउर एह मरनसील काया क अमर चोला धारन कइ लेब जरूरी बा।
54 तउन जब इ नासवान देह अबिनासी चोला धारण कइ लेई अउर उ मरणसील काया अमर चोला ग्रहण कइ लेई तउ पवित्तर सास्तर क लिखा इ पूरा होइ जाई।“विजय त मऊत क निगल लिहा।” यसायाह 25:8
55 “अरी ओ मऊत! तोहार बिजय अब कहाँ बा? अरी ओ मऊत! तोहार दंस कहाँ बा?” होसे: 13:14
56 पाप मऊत क दंस अहइ पाप क सक्ती मिलत ह व्यवस्था स।
57 मुला परमेस्सर क धन्यबाद बा जउन पर्भू ईसू मसीह क जरिये हमका बिजय देवावत ह।
58 तउन मोर पिआरा भाइयो तथा बहिनियो, अटल बना डटा रहा। पर्भू क काम क बरे अपने आपके हमेसा पूरा तरह अर्पित कइ द्या। काहेकि तू त जनतइ अहा कि पर्भू मँ कीन्ह गवा तोहार काम बेकार नाहीं बा।
1 Corinthians 16
1 अब देखा! संतन क बरे दान एकट्ठा करइ क बारे मँ मइँ गलातियन क कलीसियन क जउन आदेस दिहे हउँ तुहउँ वइसेन ही करा।
2 हर रविवार क आपन आय मँ स कछू अपने घरे पर ही एकट्ठा करत रहा। ताकि जब मइँ आउँ ओह समइ दान एकट्ठा न करइ पड़इ।
3 मोरे ऊहाँ पहुँचइ पर जेह कउनो मनई क तू चाहा, मइँ ओका परिचय पत्र दइके तोहर उपहार यरुसलेम लइ जाइके बरे भेज देबइ।
4 अउर अगर मोर जाबऊ अच्छा भवा तउ उ पचे मोरे साथेन चला जइहीं।
5 मइँ जब मैसीडोनिया होइके जाबइ तउ तोहरे लगे भी अउबइ काहेकि मैसीडोनिया स होत भवा जाइके कामे क मइँ निस्चित कइ चुका हउँ।
6 होइ सकत ह मइँ कछू समइ तोहरे साथे ठहराउँ या जाड़ा ही तोहरे साथे बितावउँ ताकि जहाँ कहूँ मोका जाइ क होइ, तू मोका बिदा कइ सका।
7 मइँ इ तउ नाहीं चाहित कि उहाँ स जात-जात ही बस तोहसे मिल लेउँ बल्कि मोका तउ आसा बा कि मइँ अगर पर्भू चाही तउ कछू समइ तोहरे साथे रहबइ।
8 मइँ पिन्तेकुस्त क उत्सव तक इफिसुस स ठहरबउँ।
9 काहेकि ठोस काम करइ क सम्भावना क भी उहाँ बड़ा दुवार खुला बा अउर फिन उहाँ मोर विरोधी भी त बहुत स अहइँ।
10 अगर तीमुथियुस आइ पहुँचइ त धियान रख्या ओका तोहरे साथे कस्ट न होइ काहेकि मोरे समान ही उहउ पर्भू क काम करत बा।
11 इही बरे कउनउ ओका छोट न समझइ। ओका ओकरे इ यात्रा पर सान्ति क साथे बिदा कर्या ताकि उ मोरे लगे आइ पहुँचइ। मइँ दूसरे भाइयन क साथे ओकरी अवाई इ इन्तजार करत हउँ।
12 अब हमार भाइ अपुल्लोस क बात इ बा कि मइँ ओका दुसरे भाइयन क साथे तोहरे लगे जाइ क बहुत जियादा उत्साहित किहे अहउँ। मुला परमेस्सर क इ इच्छा बिल्कुल नाहीं रही कि उ अबहिं तोहरे लगे आवत। मुला अवसर पउतइ ही उ आइ जाई।
13 सावधान रहा। मजबूती क साथे आपन बिसवास मँ अटल बना रहा।
14 साहसी बना, सक्तिसाली बना। तू जउन कछू करा, पिरेम स करा।
15 तू लोग स्तिफनास क घरान क तउ जनबइ करत ह कि उ अखाया क फसल क पहिला फल अहइ। उ परमेस्सर क लोगन क सेवा क बीड़ा उठाए अहइ। तउन भाइयो तथा बहिनियो, तोहसे मोर निवेदन बा कि।
16 तू लोग भी अपने आप क अइसेन लोगन क अउर हर ओह मनई क अगुवाई मँ सौंप द्या जउन एह काम स जुड़ा बा अउर पर्भू क बरे मेहनत करत ह।
17 स्तिफनास, फुरतूनातुस अउर अखइकुस क उपस्थिति स मइँ खुस हउँ। काहेकि मोरे बरे जउन तू नाहीं कइ सक्या, अउर उ पचे कइ देखाएन।
18 उ पचे मोर अउर तोहार आतिमा क आनन्दित किहे अहइँ। इही बरे अइसेन लोगन क सम्मान करा।
19 एसिया प्रान्तक कलीसियन कइँती स तोहे पर्भू मँ नमस्कार! अक्विल अउर प्रिस्किल्ला! ओनके घरे पर एकट्ठा होइवाली कलीसिया कइँती स तोहे हार्दिक नमस्कार।
20 सबन भाइयो तथा बहिनियो, कइँती स तोहे सबन क नमस्कार। पवित्तर चुम्मा क साथे तू आपस मँ एक दुसरे क सत्कार करा।
21 मइँ पौलुस, तोहे सबन क अपने हाथन स नमस्कार लिखत हउँ।
22 अगर केउ पर्भू मँ पिरेम नहीं रखतेन तउ ओनका अभिसाप मिलइ। हमार पर्भू अवा!
23 पर्भू ईसू क अनुग्रह तोहे सबन क मिलइ।
24 ईसू मसीह मँ तोहरे बरे मोर पिरेम तू सबन क साथे रहई।
2 Corinthians 1
1 परमेस्सर क इच्छा स मसीह ईसू क प्रेरित पौलुस अउर हमरे भाई तीमुथियुस क कइँती स कुरिन्थुस परमेस्सर क कलीसिया अउर अखाया क पूरे छेत्रन क पवित्तर लोग क नाउँ:
2 हमार परमपिता परमेस्सर अउर पर्भू ईसू मसीह क कइँती से तू सबन क अनुग्र ह अउर सान्ति मिलइ।
3 हमार पर्भू ईसू मसीह क परमपिता परमेस्सर धन्य अहइ। उ दया क स्वामी अहइ अउर आनन्द क प्रेरणा अहइ।
4 हमार हर विपत्तिन मँ उ हमका सान्ति देत ह ताकि हमहूँ हर प्रकार क विपत्तिन मँ पड़े लोगन क वइसेनइ सान्ति दइ सकी जइसेन परमेस्सर हमका दिहे अहइ।
5 काहेकि जइसेन मसीह क सबइ यातना मँ हम सहभागी अही। वइसेनही मसीह क कारण हमार आनन्द भी तोहरे बरे उमड़त बा।
6 जदि हम कष्ट उठाइत ह तउ उ तोहरे दिलासा अउर उद्धार क बरे बा। अउर हम आनन्दित अही। तउ उ तोहरे दिलासा क बरे बा। ई आनन्द ओनही यातना क जेनका हमहूँ सहत अही। तू सबन क धीरज क साथ सहई बरे प्रेरित करत ह।
7 तोहरे बिसय मँ हमका पूरी आसा बा। काहेकि हम जानित ह कि जइसे हमरे कस्टन क तू बाँटत ह, बइसेनइ ही हमरे आनन्द मँ तोहार भाग बा।
8 भाइयो, हम चाहित ह कि तू ओन यातना क बारे मँ जाना जउन हमका एसियामँ झेलइ क पड़ी रही। उहाँ हम, हमार सहन सक्ति क सीमा स कहूँ बहुत बोझन क तरे दबाइ गवा रहे। इहाँ तक कि हमका जिअइ क कउनउ आसा नाहीं रही ग रही।
9 हाँ अपने अपने मने मँ हमका अइसेन लागत रह जइसेन हमका मऊत क सजा दीन्ह गइ रही। ताकि हम अपने ऊपर अउर जियादा भरोसा न कइके परमेस्सर पइ भरोसा करी जउन मरे हुए क फिन से जिआई देई।
10 हमका उ भयंकर मऊत से उहइ बचाएस अउर हमार आजु क परिस्थितियन मँ उहइ हमका बचावत रहा। हमार आसा उहइ पर टिकी बा। उहइ हमका आगेउ बचाइ।
11 अउर तूहऊ हमरे तरफ स पराथना कइके मदद देब्या तउ हमका बहुत जने क पराथना क कारण परमेस्सर क अनुग्रह मिला बा, ओकरे बरे बहुत मनइयन क हमरे तरफ स धन्यवाद देई बरे मिली जाई।
12 हमका ऐकर गरब बा कि हम इ बात साफ मने स कहि सकित ह कि हम इ जगत क साथे अउर खासकर तू लोगन क साथे परमेस्सर क अनुग्रह क एकदम्मई उहइ रुप क व्यवहार किहे अही। हम उ सरलपन अउर सच्चाई क साथे बहुत खातिदारी किहे रहेन। जउन परमेस्सर से मिलत ह न कि दुनियावी बुद्धि स।
13 हाँ! इहीं बरे हम ओका छोड़िके तू सबन क बस अउर कछू नाहीं लिखत अही। जेसे तू मोका एकदंमई वइसेन ही समझ लेब्या।
14 जइसेन तू हमका थोड़ेन मँ समझे अहा। तू हमरे बरे वइसेन ही गरब कई सकत ह। जब हमार पर्भू ईसू फिन आइ।
15 अउ इहीं बिसवास क कारण मइँ पहिले तोहरे पास आवइ बरे ठाने रहेउँ। ताकि तोहका दुसरीउ बार से आसीर्बाद क लाभ मिल सकइ।
16 मइँ सोचित ह कि मैसीडोनिया से लऊटिउँ उ फिन तोहरे पास जाउँ। अउर फिन तोहरे से ही यहूदिया क जाइ बदे बिदा कीन्ह जाउँ।
17 मइँ जब इ जोजना बनाए रहेउँ, तउ मोका कउनो संदेह नाहीं रहा। का तू बिना अच्छी तरह से सोच्या ह। मइँ जउन जोजना बनाइत ह, ओक ओ संसारी ढंग से बनाइत ह कि एक्कइ समइ “हाँ, हाँ” कहत रही अउर “न, न” कहत रही।
18 यदि तू परमेस्सर मँ बिसवास कइ सकत ह तउ तू बिसवास कइ सकत ह कि अउर उ ऍनके सास्छी देई कि तोहरे बरे हमार जउन बचन बा एक साथे “हाँ” अउर “ना” नाहीं कहत।
19 काहेकि तोहरे बिचवा मँ जउन परमेस्सर क पूत ईसू मसीह क हम यानि सिलवानुस, तीमुथियुस अउर मइँ प्रचार किहे अही, उ “हाँ” अउर “ना” दुइनँउ एक साथे नाहीं बल्कि ओनके कारण एक चिरन्तन “हाँ” का घोसणा कही गइ बा।
20 काहेकि परमेस्सर जउन अनन्त प्रतिज्ञा किहे अहइ उ ईसू मँ सबके बरे ‘हाँ’ बनि जात ह। इही बरे हम ओकरे द्वारा जउन “आमीन” कहत अही उ परमेस्सर क ही महिमा बरे होत ह।
21 उ जउन तोहका मसीह क मनई क रुप मँ हमरे साथे सुनिस्चित करत ह अउर मइँ क अभिसेक किहे बा उ परमेस्सर ही अहइ।
22 जउन हम पइ आपन स्वामी क मोहर लगाए अहइ अउर हमरे भीतर बयाना क नाई उ पवित्तर आतिमा दिहेस जउन इ बात क आस्वासन बा कि जउन देइ क बचन उ हमका दिहे अहइ, ओका उ हमका देई।
23 साच्छी की तरह परमेस्सर क दुहाई देत अउर अपने जीवन क सपथ लेत मइँ कहत अहउँ कि मइँ दुवारा कुरिन्तुस इही बरे नाहीं आए रहेउँ कि मइँ तोहका पीड़ा से बचावई चाहत रहेउँ।
24 ऐकर मतलब इ नाहीं कि हम तोहरे बिसवासे पर काबू पावई चाहत अही। तू तउ अपने बिसवासे मँ अडिग अहा। बल्कि बाति इ अहइ कि हम तउ तोहरे खुस रहई बरे तोहर कर्मी अही।
2 Corinthians 2
1 इही बरे मइँ इ निस्चय कई लिहे रहेउँ कि तोहका फिन स दुख देइ तोहरे लगे न आई।
2 काहेकि अगर मइँ तोहका दुखी करब तउ फिन भला अइसेन कउन होई जउन मोका सुखी करी? सिवाई तोहका जेका मइँ दुख दिहे अहउँ।
3 इहइ बात त मइँ तोहका लिखे हउँ कि जब मइँ तोहरे लगे आवउँ तउ जेनसे मोका आनन्द मिलइ चाही ओनके तरफ स मोका दुख न पहुँचावा जाई।
4 काहेकि तू सबन मँ मोका बिसवास रहा कि मोर खुसी मँ तू सभे खुस होब्या। काहेकि तोहे मइँ दुख भरे मन अउर बेदना क साथे आँसू बहाई-बहाई क ई लिखे अहउँ। पर तोहका दुखी करई बरे नाहीं, बल्कि इही बरे कि तोहरे लिए जउन मोर पिरेम बाटई उ केतना महान बा तू ऍका जान सका
5 मुला अगर कउनो मोका कउनउ दुख पहुँचावई तउ उ मोका केवल नाहीं, बल्कि कउनो न कउनो मात्रा मँ तू सबन क पहुँचाए बा।
6 अइसेन मनई क तोहार समुदाय जउन दण्ड दई दिहे अहइ, उहइ परियाप्त बा।
7 इही बरे तू तउ अब ओकरे विपरीत ओका छमा कई द्या। अउर ओका प्रोत्साहित करा। ताकि उ कहूँ बढ़ाइ चढ़ाइ दुख मँ न डूबि जाई।
8 इही बरे मोर तोहसे बिनती बा कि तू ओकरे बरे अपने पिरेम क बढ़ावा।
9 इ मइँ तोहका इ देखई बरे लिखे अही कि तू परिच्छा मँ पूरा आज्ञाकारी ह्वा या नाहीं।
10 मुला अगर तू कउनो क कउनउ बात क बरे छमा करित ह तउ ओका मइँ भी छमा करत ह अउ जउन कछू छमा किहे अही। अगर कछू मइँ छमा किहे अही तउ उ मसीह हमरे साथ रहा तोहरे बरे किहे अही।
11 ताकि सइतान हमसे कछू भी न जीत सकइ।
12 जब मसीह क सुसमाचार क प्रचार करई बरे मइँ त्रोआस आएउँ तउ उहाँ मोरे बरे पर्भू क दुवार खुला रहा।
13 अपने भाई तितुस क उहाँ न पाइके मोर मन बहुत बियाकुल रहा। तउ ओनसे विदा लइके मइँ मैसीडोनिया क चली दीन्ह।
14 मुला परमेस्सर धन्य अहइ जउन मसीह क कारण अपने विजय अभियान मँ हमरे हमेसा राह देखॉवत ह। अउर हमरे कारण हर कहूँ अपने गियान क सुगन्धि फैइलावत ह।
15 काहेकि ओनके बरे जउन अबहीं उद्धार क राह पर अहइँ अउर ओऩके बरे जउन बिनास क रस्ता पर अहइँ, हम मसीह क परमेस्सर क समर्पित मधुर भीनी सुगांधित धूप अही।
16 मुला ओनके बरे जउन खोइ ग अहइँ। इ मऊत क अइसेन दुर्गन्ध अहइ। जउन मऊत कइँती लई जात ह। पर ओनके बरे जउन उद्धार क रस्ता पर बढ़त अहइँ, इ जीवन क अइसेन सुगन्ध अहइ, जउन जीवन क तरफ अग्रसर करत ह। मुला इ काम बरे सुपात्र आदमी कउन बाटेन?
17 परमेस्सर क बचन क अपने लाभ बरे, ओं मइँ मिलावट कइके बेचईवाले बहुत जने से दुसरे लोगन जइसे हम नाहीं अही। न तउ! हम ते परमेस्सर क समन्वा परमेस्सर क तरफ स भेजा गवा मनइयन क समान मसीह मँ स्थित होकर, सच्चाई क साथे बोलित ह।
2 Corinthians 3
1 एहसे का अइसा लागत ह कि हम फिन स आपन प्रसंसा अपने आपइ करइ लागे अही? अउर का हमका तोहरे बरे या तोहसे पहिचान पत्र लेई क जरुरत बा? जइसेन कि कछू लोग करत हीं। निस्चय ही नाहीं
2 हमार चिठ्ठी त तू खुदइ अहा जउन हमरे मने मँ लिखा बाटइ जेका सब जने जानत हीं अउर पढ़त हीं।
3 अउर तूहउँ तउ अइसेन देखावत ह। जइसे तू मसीह क चिठ्ठी अहा। जउन हमरे सेवा क फल अहइ जेका स्याहीं से नाहीं बल्कि सजीव परमेस्सर क आतिमा से लिखा गवा बा। जेका पथरीली सिलानपर नाहीं बल्कि मनइयन क हदय पटल पर लिखा गवा बा।
4 हमका मसीह क कारण परमेस्सर क समन्वा अइसेन दावा करई क भरोसा बा।
5 अइसेन नाहीं ना कि हम अपने आपन मँ एतना समरथ अही जउन सोचई लगा अहइँ कि हम अपने आपइ से कछू कइ सकित ह। बल्कि हमका समरथ तउ परमेस्सर से मिलत ह।
6 उहइ हमका एक नवा करार क सेवक बनवइ क जोग्ग ठहराए बाटइ इ कउनउ लिखी संहिता नही अहइ। बल्कि आतिमन क करार अहइ काहेकि लिखी संहिता तउ मारत ह जब कि आतिमा जीवन देत ह।
7 काहेकि उ सेवा जउन मऊत से जुरी रही (यानी व्यवस्था) जउन पत्थर पर लिखा गवा बा। ओहमें एतना तेज बाटई कि इस्राएल क लोगन मूसा क ओह तेजवाला मुँह क एकटक्कई न देख सकेन। अउ ओकर उ तेज बाद मँ कम होइ गवा।
8 फिन भला आतिमा से लगी सेवा अउर जियादा तेज काहे न होइ।
9 अउर फिन जब दोसी ठहरावइ वाली सेवा मँ ऍतना तेज बा तउ सेवा मँ केतॅना जियादा तेज होई। जउन धर्मी लोगन क परमेस्सर स ठहरावइ वाली सेवा क बा।
10 काहेकि जउन पहिले तेज से भरापूरा रहा उ अब ओह तेज के आगे जउन मँ ओहसे कहूँ जियादा तेज बा, तेज स कम होइ गवा।
11 काहेकि उ सेवा जेकर तेज बिना होइ जाब निस्चित रहा। उ तेज रही त जउन अमर बा उ केतना तेज होइ।
12 अपने इहइ आसा क कारण हम ऐतना निरभय अही।
13 हम उ मूसा क जइसेन नाहीं अही, जउन अपने मुँह पर परदा डाले रहत रहा कि कहूँ इस्राएल क लोग आपन आँख गड़ाइ क जेनकर बिनास निस्चितइ रहा ओह सेवा अन्त क न देखि लेइँ।
14 मुला ओकर बुद्धि जड़ होइ ग रही काहेकि आज तलक जब उ पुराने करार क पढ़त हीं तउ अबभी उहइ परदा ओनपर बिना हटाए पड़ा रहत रहा। काहेकि उ परदा बस मसीह क कारण ही हटावा जात ह।
15 आज तलक जब जब मूसा क ग्रन्थ पढ़ा जात रहा। तउ पढ़इवाले क मने पर परदा पड़ा रहत रहा।
16 मुला जब कउनो क हिरदइ पर्भू क तरफ मुड़त रहत ह तउ परदा हटाइ दीन्ह जात ह।
17 देखा! जउने पर्भू के ओर मइँ इसारा करत हउँ, उहइ आतिमा अहइ। हुवँइ स्वतन्त्रता अहइ। अउ जहाँ पर्भू क आतिमा बा।
18 उहाँ छूट बा। त हम सब अपने खुला मुँहे क साथे सीसा मँ पर्भू क तेज क जब धियान करित ह तउ हमका वइसेन भवा लागत ह अउ हमार तेज बहुत अधिक बढ़ा लागत ह। तेज उ पर्भू स मिलत ह, जउन आतिमा अहइ।
2 Corinthians 4
1 काहेकि परमेस्सर क दया स इ सेवा हम सबन का मिली बा, इही बरे हम निरास नाहीं होइत।
2 हम तउ लजाइ वाला छुपा काम क छोड़ दिहे अही। हम कपट नाहीं करित अउर न तउ हम परमेस्सर क बचन मँ मिलावट करित ह बल्कि सत्य क सरल रूपे मँ परगट कइके लोगन क चेतना मँ परमेस्सर क सामने अपने आपके प्रसंसा क जोग्ग ठहराइत ह।
3 जउन सुसमाचार क हम प्रचार करीत ह, ओह पर य कउनउ परदा पड़ा होइ तउ इ केवल ओनके बरे पड़ा बा। जउन बिनासे क रस्ता पर चलत ही।
4 एह जुगे क सुवामी (सइतान) एह अबिसवसियन क बुद्धि क आँधर कइ दिहे अहइ। ताकि उ पचे परमेस्सर क साच्छात एकदम्मई वइसेन हीं रूप उ मसीह क महिमा क सुसमाचार स फूटन रह प्रकास (सत्य) क न देख पावइँस।
5 हम खुद आपमन प्रचार नाहीं करित ह बल्कि पर्भू क रूपवा मँ उ मसीह ईसू क उपदेस देइत ह। अउर अपने बारे मँ त इहइ कहित ह कि हम ईसू क नाते तोहार सेवक अही।
6 काहेकि उइ परमेस्सर तउ जउन कहे रहा, “अँधियारे स ओजियारे मँ चमकइ।” उहइ हमरे हीये मँ अँजोर भवा बा। ताकि हमका ईसू मसीह क व्यक्तित्व मँ परमेस्सर क महिमा क गियान क ज्योति मिल सकइ।
7 मुला हम जइसेन माटी क भाँडिन मँ उ सम्पतिन इही बरे रखी गइ बा, अउर इ सिद्ध होइ गवा अहइ कि उ असीमित सक्ति हममे नाहीं उहइ आवत बल्कि परमेस्सर से आवत ह।
8 हम हर समइ सब प्रकार क कठिन दबाव मँ जियत हइ, मुला हम कुचल नाहीं ग अही। हम घबरान अही मुला निरास नाहीं अही
9 हमका यातना दीन्ह जात ह, पर हम खतम नाही अही हम झुकाइ दीन्ह जात अही, पर नस्ट नाहीं होइत।
10 हम हमेसा अपने देह मँ ईसू क हतिया क सब जगहा लिहे रहित ह ताकि ईसू क जीवन उ हमरे देहन मँ स परगट होइ।
11 ईसू क कारण हम जउन जिअत अही ओनके हमेसा मऊत क हाथे सौंपा जात ह। ताकि ईसू क जीवन नासवान सरीर मँ एकदम्मई उजागर होइ सकइ।
12 इही बरे मऊत हमरे मँ अउर जीवन तोहरे मँ सत्रिया बा।
13 सास्तरन मँ लिखा बा, “मइँ बिसवास किहे रहेउँ इही बरे मइँ बोलेउँ।”हमहूँ मँ बिसवास क उहइ आतिमा बा अउर हम भी उही प्रकार क बिसवास करित ह इहीं बरे हमहूँ बोलित ह।
14 काहेकि हम जानित ह कि जे पर्भू ईसू क मरे रहे मँ जियाइ क उठाएस उ हमहूँ क उही तरह ईसू क साथ जिन्दा करिही। जइसेन क ईसू क जियाएस ह। अउर हमहूँ क तोहरे साथे अपने सामने खड़ा करिही।
15 इ सब बात तोहरे बरे ही करी जात ह। ताकि जियादा से जियादा लोगन मँ फइलत जात रही परमेस्सर क अनुग्रह परमेस्सर क महिमा चमकावइ वाले जियादा स जियादा धन्यवाद देइ मँ फलि सकइँ।
16 इही बरे हम निरास नाहीं होइत! जद्यपि हमार भौतिक सरीर कमजोर होत जात बा, तबऊ हमार अन्तरात्मा रोज्जइ नवा से नवा होत जात बा।
17 हमार पल भरे क इ छोट मोट दुख एक न तुलना कीन्ह जाइवाली अनन्त महिमा पैदा करत बा।
18 जउन कछू देखा जाइ सकत ह, हमार आँखी ओह पर नाहीं टिकी बा। काहेकि जउन देखा जाइ सकत ह उ बिनासी नहीं बा, जब कि जउन नाहीं देखा जाइ सकत ह उ अस्थाई बा।
2 Corinthians 5
1 काहेकि हम जानित ह कि हमार इ काया मतलब इ तम्बू जेहमें हम इ धरती पर रहित ह गिराइ दीन्ह जाई तउ हमका परमेस्सर क तरफ स सरग मँ एक भवन मिलि जात ह, जउन मनइयन क हाथे बना नाहीं बा अउर यह भवन चिरस्थाई अहइ।
2 तउ हम जब तलक इह आवास मँ अही, हम रोवत-धोवत रहित ह अउर इहइ चाहित रहित ह कि अपने स्वगीय भवन मँ जाइ बसी।
3 (निस्चित हमार इ धारण अहइ कि हम ओका पउबइ अउर फिन बिना घरे क न रहबइ)
4 हमरे मँ स उ जउन इहइ तम्बू यानि भौतिक सरीरी मँ स्थित बा, बोझ से दबा कराहत बाटेन। कारण इ अहइ कि हम कबहुँ नंगा न पावा चाहित काहेकि उम्मीद अहइ हम जब संसारिक सरीर छोड़ देब ताकि जउन कछू नासवान बा ओका अनन्त जीवन निगल लेइ।
5 जे हमका इ प्रयोजन क बरे तइयार किहे अहइ, उ परमेस्सर ही अहइ। उहइ इ आस्वासन क रूपें मँ कि अपने बचन की नाहीं उ हमका देइ। बयाना क तरह हमका आतिमा दिहे बा।
6 हमका पूरा बिसवास बाटइ, काहेकि हम जानित ह कि जब तक हम अपने देही मँ रहत अही, पर्भू से दूर अही।
7 काहेकि हम बिसवास क सहारे जिअत अही बस आँखी देखी क सहारे नाहीं।
8 हमका बिसवास बा इही बरे मइँ कहत हउँ कि हम अपने देही क तियागके, जाइके पर्भू क साथे रहइ बरे अच्छा समझित ह।
9 इही बरे हमार ई अभिलास बा कि हम चाहे हियाँ अपने सरीर मँ रही अउर चाहे हुआँ पर्भू क साथ, ओका अच्छा लागत रहइ।
10 हम सब आपन तन मँ स्थित रहिके भला या बुरा, जउन कछू किहे अही, ओकर फल पावई बरे मसीह क निआव आसन क समन्वा उपस्थित जरूर होइ क बा।
11 सच क स्वीकार करा, कहेकि हम जानित ह कि पर्भू स डराइक, मतलब होत ह। हमरे अउर परमेस्सर क बीच मँ कउनउ परदा नाहीं बा। अउर मोका आसा बा कि तू हमका पूरी तहर से जानत अहा।
12 हम तोहरे सामने फिन स आपन कउनउ सिफारिस नाहीं करत अही। बल्कि तोह पचन क एक अवसर देत अही कि तू हम प गरब कइ सका। ताकि जउन देखाइवाली चीजन पर गरब करत हीं, तउ ओह प जउन कछू ओनके मने मँ बा, ओनका ओकर उत्तर दइ सकइ।
13 काहेकि अगर हम दीवाना अही तउ परमेस्सर बरे अही अउर अगर सयान अही तउ उ तोहरे बरे अही।
14 जउन नियन्ता अहइ हमार तउ मसीह क पिरेम अहइ। काहेकि हम अपने मन मँ इ धई लिहे अही कि उ एक मसीह सब मइइयन क बरे मरा रहा। मतलब सब मरि गएन।
15 अउर उ सब जने बरे मरा काहेकि जउन लोग जिन्दा अहइँ, उ सब आगे बस अपनेन बरे न जिअत रहइँ। बल्कि ओनके बरे जियइँ जउन मरइ क बाद फिन जिन्दा कइ दिहा गवा।
16 परिणामसरूप अबहुँ स आगे हम कउनो क मनइयन क संसारी आँखी स नाहीं देखा। जद्यपि एक समइ हम मसीह क संसारी आँखी स देखे रहे। चाहे कछू होइ, अब हम ओका इही तरह स नाहीं देखित ह।
17 इही बरे अगर कउनो मसीह मँ बाटई तउ अब उ परमेस्सर क नवी स्रिस्टी क अंग अहइ। पुरान बात जात रही अब। सब कछू नवा होइ गवा वा।
18 अउ फिन उ सब बात ओह परमेस्सर का कारज अहइँ, जउन हमका मसीह क कारण अपने मँ मिलाइ लिहे बा अउर जने क परमेस्सर स मिलवाइ क काम हमका सौंपे बा।
19 हमार सँदेसा बा कि परमेस्सर लोगन क पापन क अनदेखी करत मसीह क कारण ओका अपने मँ मिलावत ह। अउर उहइ मनइयन क परमेस्सर से मिलवइ क सँदेस हमका सौंपे अहइ।
20 इहीं बरे हम मसीह क प्रतिनिधि रुप मँ काम करत अही। माना कि खुद परमेस्सर लोगन का बोलॉवत ह हमरे माध्यम स। मसीह क तरफ से हम तोहसे बिनती करत अही कि परमेस्सर क साथे मिलि जा।
21 जउन मसीह पाप रहित रहा, परमेस्सर ओका हमरे बरे पाप ठहराएस ओक उ इही बरे पाप बली बनाएस कि ओकरे हम कारण परमेस्सर क साथे अच्छा बन जाई।
2 Corinthians 6
1 परमेस्सर क काम मँ साथे साथे काम करइ क नाते हम तू लोगन स आग्रह करत अही कि परमेस्सर क जउन अनुग्रह तोहे मिला बा, ओका बेकार न जाइ द्या।
2 काहेकि उ कहे बा:“तोहार सुन लिहा अच्छे समइ पर मइँ अउर उद्धार क दिना आवा मइँ तोहका सहारा देइ।” यसायाह 49:8देखा! “उचित समइ” इहइ अहइ! देखा! “उद्धार क दिन” इहइ अहइ।
3 हम कउनो क बरे कउनउ बहुत विरोध उपस्थित नाहीं करित ह जेसे हमरे कामे मँ कउनउ कमी आवइ।
4 बल्कि परमेस्सर क सेवक क रूप मँ हम सब तरह से अपने क अच्छा सिद्ध करत रहित ह। धीरज क साथे सबकछू सहत सहत सबइ यातना क बीच, बिपत्तियन क बीच, कठिनाइन क बीच
5 मार खात खात बन्दी घरे मँ रहत रहत भीड़ हमरे खिलाफ अउर हमसे झगड़त रही मेहनत करत करत रातिन रात पलकउ न झपकाइके, भूखा रहिके,
6 अपने पवित्तर जीवन, गियान अउर धीरज से आपन दया स, अपने पवित्तर आतिमा स, अपने सच्चे पिरेम स
7 अपने सच्चे सँदेस अउर परमेस्सर क सक्ती स नेकी क अपने दायें बाँए हाथन मँ ढाल क रूप मँ लइके
8 हम आदर अउर निरादर क बीच अपमान अउ सम्मान मँ अपने क उपस्थित करत रहित ह। हमका ठग समझा जात ह, हम सच्चा अही
9 हमका गुमनाम समझा जातह, जब कि हम सच्चा अही हमका मरा हुआ जानत हीं, तबउ देखा हम जिन्दा अहीं। हमका दण्ड भोगईवाला जाना जात ह, तबउ देखउ हम मऊत क नाहीं सौंपा जाइत ह।
10 हमका सोक से बियाकुल समझा जात ह, जबकि हम तउ हमेसा खुस रहित ह। हम दीन हीन क नाई जाना जाइत ह, जब कि हम बहुत जने क धनी बनावत अही। लोग समझत हीं कि हमरे लगे कछू नाहीं ना, जब कि हमरे लगे तउ सब कछू बा।
11 हे कुरिन्थियन! हम तोहसे पूरी तरह खुली क बात किहे अही। तोहरे बरे हमार मन फैला बा।
12 हमरा पिरेम तोहरे बरे कम नाहीं भवा बा। मुला तु हमसे पिरेम करई क बन्द कइ दिहे अहा।
13 तोहका आपन बच्चा समझत भए मइँ कहत हउँ कि अच्छा प्रतिदान क रूप मँ आपन मन तोहार हमरे बरे पूरी तरह फैला रहइ चाही।
14 अबिसवासियन क साथे बेमेल संगत जिनकरा काहेकि नेकी अउर बदी क भला कइसेन बराबरी? इ प्रकास अउर अँधारे मँ भाईचारा क कइसेन तालमेल?
15 अइसे मसीह का बलियाल (सइतान) स का तालमेल अउर अविसवासी क साथे बिसवासी क कइसेन साझा?
16 परमेस्सर क मंदिर क मूर्तियन स का नाता? काहेकि हम खुदइ उ सजीव परमेस्सर क मंदिर अही, जइसेन की परमेस्सर कहे रहा:“मइँ ओहमे अधिवास करब, चलबई फिरब होब ओनकर परमेस्सर अउर बनिहीं उ मोर लोग।” लैव्यव्यवस्था 26:11-12
17 “इहीं बरे तू ओहमें स आइ जा बाहेर, अलग करा ओनसे अपने क अब न कबहुँ छुआ तू कछूउ जउन असुद्ध अहइ तब मइँ तोहका अपनउबई।”यसायाह 52:11
18 “अउ तोहार पिता बनब तू होब्या मोरे बेटवा, मोर बिटिया सर्वसक्तिमान पर्भू इ कहत हीं।” 2 समूएल 7:14; 7:8
2 Corinthians 7
1 पिआरे मित्रन, काहेकि हमरे लगे इ प्रतिज्ञाँ अहइँ, इही बरे आवा परमेस्सर क बरे स्रद्धा क कारण हम अपने पवित्रता क परिपूरन करत भए अपने बाहेर अउर भीतर सबन दोसन क धोइ डालेन। हमका परिपूर्ण होइ चाही जइसे हम जिअत अही, काहेकि हम परमेस्सर क सम्मान करित ह।
2 अपने मने मँ हमका स्थान द्या हम कउनो क कछू बिगाड़े नाहीं अही। हम कउनो क कउनउ ठेस नाही पहुँचाए अही। हम कउनो क साथे छल नाहीं किहे अही।
3 मइँ तोहे दोसी ठहरावइ बरे अइसेन नाहीं करत अही काहेकि मइँ तोहे बताइ चु का अही कि तु तउ हमरे मने मँ बसत। हिआँ तलक कि हम तोहरे साथ मरई क अउर जिअइ क तइयार अही।
4 मइँ तोहसे खुलकर कहत रहा हउँ कि तोहपे मोका बड़ा गरब बा। मइँ सुख चैन से अहउँ। आपन सब यातना झेलत मोका आनन्द उमड़त रहत ह।
5 जब हम मैसीडोनिया आइ रहे तबहुँ हमका आराम नाहीं मिल रहा, बल्कि हमका तउ सब तरह से दुख उठावइ पड़ा रहा बाहेर क झगड़न से अउर मन क भितर डर से।
6 मुला दीन दुखिन क खुस करइवाला परमेस्सर त तीतुस क इहाँ पहुँचाइके हमाका सान्त्वना दिहे अहइ।
7 अउर उहउ केवल ओनके इहाँ पहुँचेन की नाहीं बल्कि अइसे हमका अउर जियादा सान्त्वना मिली कि तू ओका केतना सुख दिहे अहा। उ हमका बताएस कि हमसे मिलइ क तू केतना बियाकुल अहा। तोहका हमार केतॅना चिन्ता बा। ऐसे हम अउर भी खुस भए।
8 जद्यपि अपने चिठ्ठी स मइँ तोहका दुख पहुँचाए हउँ मुला फिन भी मोका ओके लिखाई क खेद नाहीं बा। चाहे पहिले मोका एकर दुख भवा मुला अब मइँ देखत अही कि उ चिठ्ठी स तोहे बस पल भरे क दुख पहुँचाइ रहेउँ।
9 तउ अब मइँ खुस हउँ। एह बरे नाही कि मइँ तोहका दुख पहुँचाए रहेउँ। बल्कि एह बरे कि उही दुखे क कारण से तू पछतावा किहे अहा। तोहका उ दुख भवा जेह तरह कि परमेस्सर चाहत रहा ताकि तोहका हमरे कारण कउनउ हानि न पहुँच पावइ।
10 काहेकि उ दुख जउन परमेस्सर की इच्छा क अनुसार होत ह एक अइसेन मनफिराव क जन्म देत ह जेहके बरे पछतावई क नाहीं पड़त अउ जउन मुक्ति देवॉवत ह। मुला उ दुख जउन संसारी होत ह, ओहसे तउ बस मउत जनम लेत ह।
11 देखा! इ दुख जउन परमेस्सर दिहे अहइ, उ तोहमें केतना उत्साह जगाइ दिहे बा। अपने भोलापन क केतॅना प्रतिरच्छा, केतना विरोध केतना आकुलता, हमसे मिलइ क केतनी बेचैनी, केतना साहस, पापी क बरे निआव चुकावइ क कइसेन भावना पैदा कइ दिहे बा। तू हर बाते मँ इ देखइ दिहे अहा कि एह बारे मँ तू केतना निर्दोस रह्या।
12 तउ इ मइँ तोहे लिखे रहे तउ उ मनई क कारण नाहीं जउन अपराधी रहा अउ न तउ ओकरे कारण जेनके प्रति अपराध किहा गवा रहा। बल्कि एह बरे लिखा गवा रहा कि परमेस्सर क सामने हमरे कारण तोहरे चिन्ता क तोहका बोध होइ जाए।
13 ऐसे हमका प्रोत्साहन मिला बा।हमरे इ प्रोत्साहन क अलावा तीतुस क आनन्द स हम अउर जियादा आनन्दित भए काहेकि तू सबके कारण ओनके आतिमा क चइन मिला बा।
14 तोहरे बरे मइँ ओनसे जउन बढ़ चढ़ क बात किहे रहे, ओकरे बरे मोका लजाइ क नाहीं पड़ा रहा। बल्कि हम जइसे तोहसे सबकछू सच सच कहे रहे वइसेन ही तोहरे बारे मँ हमार गरब तीतुस क सामने सच सिद्ध भवा अहइ।
15 जब इ याद करत हा कि तू सब कउनो तरह ओनकर आगिया माना ह अउर डर क मारे थर थर काँपत भए तू कइसे ओनका सुवागत किहा तउ तोहरे बरे ओनकर पिरेम अउ जियादा बढ़ जात ह।
16 मइँ खुस अही कि मइँ तोहसे पूरा भरोसा रखी सकित ह।
2 Corinthians 8
1 देखा भाइयो, अब हम इ चाहित ह कि तू परमेस्सर क ओह अनुग्रह क बारे मँ जान ल्या मैसिडोनिया छेत्र क कलीसियावन पर कीन्ह गवा बा।
2 मोर मतलब इ अहइ कि जद्यपि ओनकर कठिन परीच्छा लीन्ह गइ अहइ। तबउ उ पचे खुस रहेन, अउ अपने गहन गरीबी क रहत ओनकर सब उदारता उमड़ी पड़त रही।
3 मइँ प्रमानित करत हउँ कि उ पचे जेतना दइ सकत हीं दिहेन! एतनई नाहीं बल्कि अपने समरथ से जियादा प्रोत्साहन दइ दिहेन।
4 उ पचे बड़े आग्रह क साथ परमेस्सर क लोग सहायता करइ मँ हमका सहयोग देइ क विनय करत रहेन।
5 ओनका जइसेन हमसे आसा रही, वइसेन नाहीं बल्कि पहिले अपने आप क पर्भू क समर्पित किहेन अउर फिन परमेस्सर क इच्छा क अनुकुल उ पचे हमका अर्पित होइ गएन।
6 इहीं बरे हम तीतुस स पराथना कीन्ह कि जइसेन उ अपने काम क पूरा कइ ही दिहे बाटइ होइ। वइसेन हाँ उ अनुग्रह क काम क तोहरे बरे करी।
7 अउ जइसेन कि तू सब बाते मँ यनि बिसवासे मँ, बानी मँ, गियान मँ, अनेक प्रकार क उपकार करइ मँ अउर हम तोहका जउनो पिरेम क सिच्छा ह दीन्ह ह उ पिरेम मँ, जउन भरपूर होइ सीख्या ह वइसेन ही अनुग्रह क इ कामें मँ सम्पन्न होइ जा।
8 इ मइँ आदेस क रूपे मँ नाहीं कहित ह बल्कि अउर मनइयन क मने मँ तोहारे बरे जउन तेजी बा, उ पिरेम क सच्चाई क परख करइ क बरे अइसेन करत इउँ।
9 काहेकि हमार पर्भू ईसू मसीह क अनुग्रह स तू परिचित अहा। तू इ जानत अहा कि धनी होके तोहरे बरे उ निर्धन बन गवा। ताकि ओनकइ गरीबी स तू मालामाल होइ जा।
10 इ बिसय मँ मइँ तोहे आपन सलाह देत हउँ, तोहे इ सोभा देत ह। तू पिछले साल न केवल दान देइ क इच्छा मँ सबसे आगे रह्या। बल्कि दान देइ मँ भी सबसे आगे रह्या।
11 अब दान करइ क उ तेज इच्छा क तू जउन कछू तोहरे पास बा, ओहसे पूरा करा। तू एका ओतनेन लगन से “पूरा करा।” जेतने लगन से तू एका “चाहे” रह्या।
12 काहेकि अगर दान स देइ क लगन अहइ तउ मनइयन क लगे जउन कछू बा, उहइ क अनुसार ओकर दान ग्रहण करइ क जोग्ग बनत ह। न कि ओनके अनुसार जउन ओनके पास नाहीं बा।
13 हम इ नाहीं चाहित ह कि दुसरन क तउ सुख मिलई अउर तोहे कस्टन, बल्कि हम तउ बराबरी चाहित ह।
14 हमार इच्छा बा कि ओनके इ अभाऊ क समइ मँ तोहर सम्पन्नता ओनके अभाव क दूर कइ सकइ आवस्यकता पड़े पर आगे चलिके ओनकी सम्पन्नता भी तोहरे अभाव क दूर करइ, ताकि समता स्थापित हो सकइ।
15 जइसे कि पवित्तर सास्तर मँ कहा गवा बा:“जे बहुत बटोरेस ओकरे लगे न जियादा रहा, अउर जे कम बटोरेस ओकरे लगे न तनिकउ रहा।” निर्गमन 16:18
16 परमेस्सर क धन्यवाद बा जे तीतुस क मने मँ तोहरे सहायता क बरे वइसेन तीव्र इच्छा भर दिहे बा, जइसेनइ हमरे मने मँ बा।
17 काहेकि उ हमार पराथना स्वीकार किहेस अउर उ ओकरे बरे विसेस रुप स आपन इच्छा भी क रखत ह। इही बरे उ खुद आपन इच्छा से ही तोहरे लगे आवई बरे बिदा होत बा।
18 हम ओकरे साथे उ भाई क भेजत अही, जेकर सुसमाचार क प्रचार की उत्सुकता सब कलीसियावन मँ सब जगह जस फइलत बा।
19 एकरे अलावा इ दयापूर्वक काम मँ कलीसियनन ओका हमरे साथे जात्रा करइ बरे नियुक्त कीन्ह गवा अहइ। इ द्या क काम जेकर प्रबन्ध हमरे कारण कीन्हा जात अहइ। खुद पर्भू क महिमा करइ बरे अउर परोपकार मँ हमार लगन क देखॉवई बरे बा।
20 हम सावधान रहइ क चेस्टा करत अही इ बड़े भेंट की व्यवस्था करत अही, केऊ हमार बुराई न करइ।
21 काहेकि हमका आपन अच्छी साख बनबइ रखइ क चिन्ता बा। न केवल पर्भू क आगे बल्कि लोगन क बीच मँ।
22 अउ ओनके साथे हम आपन उ भाई क भेजत रहे, जेका बहुत बिसय मँ अउ बहुत मौकन पर हमका परोपकार क बरे उत्सुक मनई क रूप मँ प्रभावित किहे अहइ। अउर अब त तोहरे बरे ओहमें जउन असीम बिसवास बा, ओहसे ओहमे सहायता करइ क उत्साह अउर जियादा होइ गवा बा।
23 जहाँ तलक तीतुस क विसय मँ पूछे बा, तउ तोहरे बीच सहायता क काम मँ मोर साथी अउर साथे साथे काम करइवला रहा। अउर जहाँ तलक हमरे भाइयन क सवाल बाटई, उ सबइ तउ कलीसियन क प्रतिनिधि अउ मसीह क महिमा लावत समान बा।
24 तउन तू ओन्हे अपने पिरेम क प्रमाण देब अउर तोहरे बरे हम एतना गरब काहे रक्खित ह, ऎका सिद्ध करब ताकि सब कलीसिया ओका देख सकइँ।
2 Corinthians 9
1 अब परमेस्सर क लोगन क सेवा क बारे मँ तोहे एह तरह से लिखत चला जाब मोरे बरे जरूरी नाहीं बा।
2 काहेकि सहायता क बरे तोहर लोगन क मइँ जानत हउँ अउर ओकरे बरे मैसीडोनिया निवासियन क सामने इ कहत मोका गरब बा कि अखाया क लोग तउ, पिछले साल से ही तइयार अहइँ। अउ तोहरे उत्साह तउ ओनमें से जियादातर काम बरे प्रेरणा दिहे अहइँ।
3 मुला मइँ भाइयन क तोहरे लगे इही बरे भेजत हउँ कि तोहके लइक मइँ जउन गरब करत हउँ, उ ऐह बारे मँ खराब सिद्ध न होई। अउर एह बरे की तू तइयार रहा, जइसेन की मइँ कहत आएउँ ह।
4 नाहीं तउ जब केउ मैसीडोनिया बासी मोरे साथे तोहरे लगे आवइ अउर उ पचे तोहे तइयार न पावइँ तउ तोहरे ऊपर बिसवास करइ क कारण हमार बदनामी होइ, इहइ नाहीं काहेकि एहमे तोहार बदनामी होइ। (तू अउर जियादा लज्जित होब्या।)
5 इहीं बरे मइँ भाइयन स इ कहब जरूरी समझा कि उ हमसे पहिले ही तोहरे लगे जाइँ अउर जेन उपहारन क दइ क तू पहिलेन ही बचन दइ चुका अहा ओन्हे पहिलेन से उदारतापूर्वक तइयार रखा। इही बरे इ दान स्वेच्छापूर्वक तइयार रखा जाइ न कि दबाउ क साथे तोहसे छीनी गइ कउनउ चीज के रूप मँ।
6 एका याद रक्खा। जे छितरा बोवत हीं, उ छितरा ही कटिहीं। अउर जेकर बुआइ सघन बा, उ सघनइ काटी।
7 सब कउनो बिना कउनउ कस्ट क य बिना कउनउ दबाउ क, उतनइ देइ जेतना उ मने मँ सोचे अहइ। काहेकि परमेस्सर खुस मनइयन से ही पिरेम करत ह।
8 अउ परमेस्सर तोहपे सब प्रकार क अच्छा बरदानन क वर्सा कइ सकत ह जेसे तू अपने जरूरत क सब चीजन मँ हमेसा खुस होइ सकत ह अउर सब अच्छे कामन क बरे फिन तोहरे लगे जरूरत से जियादा रही।
9 जइसेन की पवित्तर सास्तर मँ लिखा बा:“मुक्त भाव से ऊ देत ह उ देत ह दीन लोगन क अउर बनी रहत ह ओकर हमेसा दया क हमेसा हमेसा बरे।” भजन संहिता 112:9
10 उ परमेस्सर ही बोवइवाले क बीज अउर खाइवाले क भोजन देत ह। उहइ तोहे आत्मिक बीज देई अउ ओकर बढ़वार करी। उही से तोहरे नीक क खेती फूली फली।
11 तू सब प्रकार से सम्पन्न बनावइ जाब्या ताकि तू हर असर पर उदार बन सका। तोहार उदारता परमेस्सर बरे लोगन क धन्यवाद क पैदा करी।
12 दान क इ पवित्तर सेवा मँ तोहार योगदान से न केवल पवित्तर लोगन क जरुरत पूरी होत ह। बल्कि परमेस्सर बरे बहुत जियादा धन्यवाद क भाउ भी उपजत ह।
13 काहेकि तोहरे इ सेवा स जउन प्रेरित होकर परगट होत ह, ओसे लोग परमेस्सर क स्तुति करिहीं। काहेकि ईसू मसीह क सुसमाचार मँ तोहरे बिसवासे क घोसणा से पैदा भई तोहार आग्या क कारण अउर अपने क कारण ओनके बरे अउ अपने दयालुपन क कारण क ओनके बरे अउर दुसरे सब लोगन बरे तू दान देत ह।
14 अउर पचे तोहरे बरे पराथना करत तोहसे मिलइ क बड़ी इच्छा करिहीं। तोहपे परमेस्सर क असीम अनुग्रह क कारण
15 उ भेंट क बरे जेकर बखान नाहीं कीन्ह सकत ह, परमेस्सर क धन्यवाद अहइ।
2 Corinthians 10
1 मइँ पौलुस, अपने तउर पर मसीह क कोमलता अउर सहनसीलता क साच्छी कइके तोहसे निवेदन करत अहउँ। लोगन क कहब अहइ कि मइँ जउन तोहरे बीचवा मँ रहत विनम्र अहउँ। मुला उहइ मइँ जब तोहरे बीच नाहीं अहउँ, तउ तोहरे बरे निर्भय हउँ।
2 अब मोर तोहसे बिनती बा कि जब मइँ तोहरे बीच होउँ तउ उही बिसवास क साथे वइसेन ही निर्भरता दिखावइ क मोहप दबाव जिन डावा जइसेन कि मोरे विचार से मोका कछू ओन्हन लोगन क विरुद्ध देखावई होइ जउन सोचत हीं कि हम एक संसारी जीवन जिइत ह।
3 काहेकि जद्यपि हमहूँ इही संसारे मँ रहित ह। मुला हम संसारी लोगन क तरह नाहीं लड़ित ह।
4 काहेकि जउन सास्तरन स हम लोगन क तर्कन क अउर ऊ हर एक रूकावट जउन परमेस्सर क गियान क विरुद्ध खड़ा अहइँ, खण्डन करत हीं।
5 सो हम कल्पना क, अउर हर एक उंची बात क, जो परमेस्सर क पहचान क विरोध मँ उठत अहइँ, खण्डन करित ह, अउर हर एक भावना का कैद कहके मसीह क आग्याकारी बनाइ देत अही।
6 जब तोहमे कुल आग्या करत बाटेन तउ हम सब परोपकार क अनाज्ञा क दण्ड देइ बरे तइयार अही।
7 तोहरे सामने जउन लच्छ बा ओनहीं क देखा। अगर केउ अपने मने मँ इ मानत ह कि उ मसीह क अहइ, त उ अपने बारे मँ फिन स याद करइ कि उहइ ओतनइ मसीह क अहइ जेतना कि हम अही।
8 अउर अगर अपने उ अधिकार क विसय मँ कछू अउर गरब करइ जेका पर्भू हमे तोहरे बिनास क बरे नाहीं बल्कि आत्मिक निर्माण क बरे दिहे बा।
9 तउ एकरे बरे मइँ तोहका इ भावना नाहीं देई चाहित कि मइँ अपने पत्तरन स तोहका घबड़बाइत ह।
10 मोरे विरोधीन क कहब बा, “पौलुस क चिठ्ठी तउ भारी भरकम अउर प्रभाऊपूरक अहइँ। लेकिन मोर उपस्थित रहब अहइ तउ व्यक्तित्व कमजोर अहइ अउर बानी अर्थहीन बा।”
11 मुला अइसेन कहइवाले मनइयन क समझ लेइ चाही कि तोहरे बीच मँ न रहत भए, जब हम अपने चिट्टीन मँ कछू लिखित ह तउ ओहमें अउर तोहरे बीच रहत हम जउन करम करित ह ओहमें कउनउ अन्तर नाहीं बा।
12 हम उ कछू लोगन क साथे हमका तुलना करइ क साहस नाहीं करित ह जउन अपने आपके बहुत महत्वपूर्ण मानत हीं। मुला जब अपने क एक दूसरन से नापत हीं अउर आपन मँ आपन तुलना करत ही तउ उ इ दरसावत ही कि उ पचे नाहीं जानत हीं कि उ पचे केतना मूरख अहइँ।
13 चाहे जउन होइ, हम अच्छे उचित सीमा से बाहेर बढ़ चढ़ क बात न करब। बल्कि परमेस्सर तउ हमरे सेवा क जउन सीमा हमका सौंपे अहइ, हम उहीं मँ रहित ह, अउर सीमा तोहे तलक पहुँचत ह।
14 हम अपने सीमा क उल्लंघन नाहीं करत अही, जइसेन कि अगर ह मतोहरे तक नाहीं पहुँच पाइत, तउ होइ जात। मुला तोहे तक ईसू मसीह क सुसमाचार लइके हम तोहरे लगे सबसे पहले पहुँचा अही।
15 अपने उचित सीमा स बाहेर जइके कउनो अउर दूसरे मनइयन क काम पर हम गरब नाहीं करित ह मुला हमका आसा बा कि तोहार बिसवास जइसे जइसे बढ़ी तउ वइसे वइसे ही हमार गतिबिधियन व्क छेत्र क साथे तोहरे बीच मँ हमहूँ बियापक रूप स फइलब।
16 अइसे तोहरे छेत्र क अगवा हम सुसमाचार क प्रचार कइ पाउब। कउनो अउर क जउन काम सौंपा गवा बा ओह छेत्र मँ अब तलक जउन काम होइ चुका बा हम ओकरे बरे सेखी नाहीं बघारत अही।
17 जइसेन की सास्तरन मँ कहा गवा बा: “जेका गरब करइ क बा वो पर्भू जउन कछू किहे अहइ उहइ पर गरब करा।”
18 काहेकि अच्छा उहइ माना जात ह जेका पर्भू अच्छा स्वीकारत ह, न कि उ जउन अपने आपके खुद अच्छा समझत हीं।
2 Corinthians 11
1 कास, तू मोर धोड़क मूरखता सही लेत्या। हाँ तू ओका सहि ल्या।
2 काहेकि मइँ तोहसे जलन होत ह, इ जलन उ अहइ जउन परमेस्सर से मिलत ह। मइँ तोहार मसीह से सगाई कराइ दिहे हउँ। ताकि तोहे एक पवित्तर कन्निया क समान ओका अर्पित कई सकउँ।
3 मुला मइँ डेरात अहउँ कि कहूँ जइसेन उ सर्प हव्वा क अपने कपट से भ्रस्ट कइ दिहे रहा। वइसेन ही कहूँ तोहार मन उ एक निस्ठा भक्ति अउर पवित्तरता स, जउन मोका मसीह क लिए रक्खई चाही भटकाई न दीन्ह जाई।
4 काहेकि जब कउनो तोहरे लगे आइके जे ईसू क बारे मँ जउन कहे रहा, ओका छोड़ी क कउनो दूसरे ईसू क तोहका उपदेस देत ह अउर जउन आतिमा तू ग्रहण किहे अहा, ओसे अलग कउनो अउर आतिमा तू ग्रहण करत ह अउर छुटकारा क जउने सँदेस क तू ग्रहण किहे अहा, ओसे अलग कउनो दूसरे सँदेस क उ ग्रहण करत ह।
5 तउ तू बहुत खुस होत अहा। पर मइँ अपने आपके तोहरे “बड़ेन प्रेरितन” से बिलकुस छोट नाहीं मानत अहउँ।
6 होइ सकत ह कि मोर बोलइ क सक्ती सीमित बा मुला मोर गियान तउ असीम बा। इ बाते क हम सबहिं बाते मँ तोहे स्पस्ट रूप से दरसाए हउँ।
7 अउ फिन मइँ सेंतइ मेंतई मँ सुसमाचार क उपदेस दइके तोहे ऊँचा उठावई बरे अपने आपके झुकावत भए, का कउनउ पाप किहे अहइ?
8 मइँ दूसरे कलीसियन स आपन मेहनताना लइके ओनका लूटे हउँ ताकि मइँ तोहार सेवा कइ सकउँ।
9 अउर तब मइँ तोहरे साथे रहेउँ तब जरूरत पड़े प मइँ कउनो प बोझ नाहीं डालेउँ काहेकि मैसीडोनिया स आएन भाइयन मोर जरूरत क पूरा कइ दिहे रहेन। मइँ हर बाते मँ अपने आपके तोहपे न बोझ बनई दिहे हउँ अउर न बनई देब।
10 अउर काहेकि मोहमाँ मसीह क सच निवास करत ह। इही बरे अखाया क समूचे छेत्रन मँ मोका बढ़ चढ़ क बोलइ स केउ नाहीं रोक सकत ह।
11 भला काहे? का इही बरे कि मइँ तोहसे पिरेम नाहीं करत हउँ? परमेस्सर जानत ह, मइँ तोहसे पिरेम करत हउँ।
12 मुला जउन मइँ करत हउँ ओका तउ करतइ रहब, ताकि ओन्हन कही गइ प्रेरितन क गरब क, जउन गरब करइ क कउनउ अइसेन बहाना चाहत हीं। जेसे सबइ ओनहीं कामे मँ हमरे बराबर समझा जाई सकइँ जेनपइ ओनका गरब बा। मइँ ओनके उ गरब क खतम कइ सकउँ।
13 अइसे लोग नकली प्रेरित अहइँ। ऊ पचे छली अहइँ, उ मसीह क प्रेरित होइ क ढोंग करत हीं।
14 ऐहमँ कउनउ अचरज नाहीं बा, काहेकि सइतान त परमेस्सर क दूत क रूप धारण कइ लेत ह।
15 इही बरे अगर ओकर सेवकउ नेकी क सेवकन क स रूप धइ लेइ तउ एहमाँ कउन बड़ी बात बा? मुला अन्त मँ ओनका आपन करनी क अनुसार फल तउ मिलइ क बा।
16 मइँ फिन दोहरावत अहउँ कि मोका केउ मूरख न समझइ। मुला अगर फिन स तू अइसेन समझत ह तउ मोका मूरख बनाइके ही मंजूर करा। तब मोका स्वीकार कइ ल्या अउ मोका कछू अधिकार द्या। ताकि मइँ कछू गरब कइ सकउँ।
17 अब इ मइँ कहत अहउँ, उ पर्भू क अनुसार नाहीं कहत ह, बल्कि एक मूरख क रूप मँ गरबपूर्वक बिसवास क साथे कहत हउँ।
18 काहेकि बहुत लोगन अपने संसारी जीवन पर गरब करत हीं।
19 फिन तउ मइँ गरब करब। अउर फिन तउ तू ऍतना समझदार अहा कि मूर्खन क बात खुसी क साथे सहि लेत ह।
20 काहेकि अगर केउ तोहका दास बनावइ, तोहका फँसाइ देत ह, धोखा देत ह अपने क तोहसे बड़ा बनवइ, अउर तोहरे मुँहे पर थप्पड़ मारई त तू ओका सहि लेत ह।
21 मइँ सरम क साथे कहत हउँ कि हम पचे बहुत कमजोर रहे। अगर कउनउ मनई कउनो चीजन पे गरब करइ क साहस करत ह त ओइसन साहस मइँ भी करब। मइँ मूर्खतापूर्वक कहत अही।
22 इबरानी सबइ तउ नाहीं अहइँ। जदि उ पचे इस्राएली अहइँ, तउ उ मइँ भी अहउँ, जदि उ सबइ इब्राहीम क बंसज अहइँ, तउ उ मइँ भी हउँ।
23 मइँ अहउँ। इस्राएली उ सबइ तउ नाहीं अहइँ। मइँ ह भी। का उ पचे मसीह क सेवक अहइँ? (एक सनकी की नाहीं मइँ इ कहत ह अहउँ।) कि मइँ ओहसे बड़ा मसीह क सेवक अहउँ। मइँ बार बार जेल गवा हउँ। मोका बार बार मारा गवा बा। कई अवसरन पर मोका मऊत क सामना भवा बा।
24 पाँच बार मइँ यहूदियन स एक कम चालीस चालीस कोड़ा खाए हउँ।
25 मइँ तीन तीन बार लाठियन स पीटा गवा हउँ। एक्क बार तउ मोहे पर पत्थराऊँ कीन्ह गवा बा। तीन बार मोर जहाज बूड़ा। एक दिन अउर एक रात मइँ समुंदर क गहिरे पानी मँ बितावा।
26 मइँ भयानक नदियन, खूँखार डकइतन, खुद आपन लोगन, विधर्मियन, नगरन, गाँवन, समुद्रन अउर देखआवटी बन्धुवन क खतरे क बीचवा मँ कइयऊ यात्रा किहे हउँ।
27 मइँ कड़ा मेहनत कइके थकावट से चूर होइके जीव जिए हउँ। कई अवसरन पर मइँ सोइ तक नाहीं पाएउँ। भूखा अउर पियासा रहेउँ। अकसर मोका खाई तक क नाहीं मिला। बिना कपड़न क जाड़ा मँ ठिठूरत रहेउँ।
28 अउर अब अउर जियादा का कही? रोज मेरे ऊपर जिम्मेदारी का भार अहइ अउर मोहे पइ सब कलीसियावन की चिन्ता बनी रहत ह।
29 कीहीऊ का कमजोरी मोका सक्तिहीन नाहीं कई देत ह अउर केकर पापे मँ होब मोका बैचेन नाहीं बनाई डावत ह। लेकिन मइँ अन्दर से दुखी होइ जात हउँ यदि कउनो प्रलोभन मँ बहक जात ह।
30 अगर मोका बढ़-चढ़ क बात करई क बा तउ मइँ ओन्हन बातन क करब जउऩ हमरे कमजोरी क अहइँ।
31 परमेस्सर अउर पर्भू ईसू क परमपिता जउन हमेसा धन्य अहइँ, जानत हीं कि मइँ कबहुँ झूठ नाहीं बोलत हउँ।
32 जब मइँ दमिस्क मँ रहेउँ तउ राजा अरितास क राज्यपाल दमिस्क क चारों ओर पहरा बइठा दिहे रहा मोका बन्दी कई लेइक जतन किहे रहा।
33 मुला मोका नगर क चार दीवारी क छेद से टोकरी मँ बइठाइ क नीचे उतार दीन्हा गवा अउर मइँ ओकरे हाथ स बच निकलउँ।
2 Corinthians 12
1 यदि घमण्ड करइ क होइ तउ मोरे बरे ठीक ना होइ, तो भी करइ पड़त ह, तउ मइँ पर्भू क दीन्ह भए दर्सन अउर पर्भू क प्रकासित चरचा करत अहउँ।
2 मइँ मसीह मँ स्थित क अइसेन मनई क जानत हउँ जेका चौदह साल पहिले (ओकरे सरीर मँ या सरीर क बाहर मइँ नाहीं जानित ह परमेस्सर ही जानत ह।) देह सहित या देह रहित तीसरे सरग मँ उठाई लीन्ह गवा रहा।
3 अउर मइँ जानित ह कि ऐह मनई क (मइँ बिना सरीर क या सरीर सहित नाहीं जानित हउँ बस परमेस्सर ही जानत ह) सरगलोकमँ उठाई लीन्ह गवा रहा अउर ओ अकथनीय सब्द सुनेस जेका बोलइक अनुमति मनइयन क नाहीं बा।
4
5 हाँ, अइसेन मनइयन पर गरब करबइ, मुला खुद अपने घरे पर अपने दुर्बलतन क छोड़ क गरब न करबइ।
6 काहेकि इ मइँ सरम करइ क सोची तउ मइँ मूरख न बनबइ काहेकि तब मइँ सच कहबइ। होबइ! मुला तोहका मइँ अइसेन बचाउब ताकि कउनो मोका जइसेन करत देखत ह या कहत सुनत ह, ओसे भी जियादा स्रेय न देइ।
7 असाधारण प्रकासित क कारण मोका कउनउ गरब न होइ जाइ, इही बरे मोका सालत रहइ वाला काँटउ दइ दिहे अहइ। जउन सइतान क दूत अहइ, मोका मारत रहत ह ताकि मोका बहुत जियादा घमण्ड न होइ जाइ।
8 काँटा क अहइ समसिया क बारे मँ मइँ पर्भू स तीन बार बिनती किहेउँ काहेकि उ इहइ काँटा क मोसे निकाल लेइ।
9 मुला उ मोसे कहि दिहे अहइ, “तोहरे बरे मोरे अनुग्रह परियाप्त बा। काहेकि निर्बलता मँ मोर सक्ती सबसे जियादा होत ह।” इही बरे मइँ अपने कमजोरी पे खुसी क साथे गरब करत हउँ। ताकि मसीह क सक्ती मोहमाँ रहइ।
10 इही तहर मसीह बरे मइँ अपने कमजोरी, अपमानन, कठिनाइयन, जातनन, अउ बाधा मँ आनन्द लेत हउँ काहेकि जब मइँ कमजोर होत हउँ तबइ बलवान होत हउँ।
11 मइँ मूरखन की तरह बतियात अहउँ मुला अइसा करइ क बरे मोका मजबूर तू किहे अहा। तोहका तउ मोर प्रसंसा करइ चाही, जद्यपि वइसे तउ मइँ कछू नाहीं हउँ, पर तोहरे ओऩ्हन “बड़ेन प्रेरितन” स मइँ कीहीउ तरह छोट नाही हउँ।
12 कीहीउँ क प्रेरित सिद्ध करइवाला अद्भुत चीन्हा, अचरज कारज, अद्भुत कारज, अउर तोहरे बीच धीरज क साथे परगट कीन्ह गवा अहइँ।
13 तू दूसरे कलीसियन स कउँने दीस्टी स कम अहा? सिवाय एकरे कि मइँ तोहपे कउनउ तरह क कवहॅ भार नाहीं बना हउँ? मोका एकरे बरे छमा करा।
14 देखा तोहरे लगे आवई क अब मइँ तीसरी बार तइयार हउँ। पर मइँ तोहपे कउनउ तरह क बोझ न बनब। मोका तोहरे सम्पन्तिन क नाहीं तोहार चाहत अहइ। काहे कि बच्चन क अपने मांई बाप क बरे कउनउ बचत करइ क जरूरत नाहीं होत बल्कि अपने बच्चन क बरे माई बाप क खुद बचत करइ क होत ह।
15 जहाँ तक मोर बात अहइ, मोर लगे जउन कछू बा तोहरे बरे खुसी क साथे खर्चा करबइ, इहाँ तक कि अपने आपऊ क तोहरे बरे खर्च कई देबई। जदि मइँ तोहसे जियादा पिरेम रखित ह तउ भला तू मोका कम पिरेम कइसे करब्या।
16 होइ सकत ह कि मइँ तोहपे कउनउ बड़ा बोझ न डावा होइ। मुला तोहर कहब बा मइँ कपटी रहेउँ मइँ तोहका अपने चालाकी स फंसाइ लिहेउँ।
17 का जउने लोगन क मइँ तोहरे लगो भेजे रहेउँ ओनके जरिये तोहे छला ग रहा? नाहीं!
18 तीतुस अउर ओनके साथे हमरे भाई क मइँ तोहरे लगे भेजे रहेउँ। का तीतुस तोहे फँसाइ दिहेस? नाहीं का हम उहीं निस्कपट आतिमा स नाहीं चलत रहेन? का हम उही चरनचिन्हन पर नाहीं चलत रहेन?
19 अब तू का सोचत अहा कि एक लम्बा समइ स हम तोहरे समन्वा आपन पछ रक्खत अही। मुला हम त परमेस्सर क समन्वा मसीह क अनुयायी क रूप मँ बोलत अही। मोर पियारे दोस्तो! हम जउन कछू करत अही उ तोहे आत्मिक रूप स सक्तिसाली बनवइ क बरे बा।
20 काहेकि मोका भय बाटई कि कहूँ जब मइँ तोहरे लगे आवउँ तउ तोहे वइसेन न पावउँ, जइसेन पावई चाहित ह अउर तू भी मोका वइसेन न पावा जइसेन पावई चाहत ह। मोका भय बा कि तोहरे बीच मोका कहूँ आपसइ मँ झगड़ा, इरसा, गुस्सापूर्वक कहासुनी व्यक्तिगत, षड़यन्त्र, अपमान, कानाफूसी हेकड़पन अउर अव्यवस्था न मिलइ।
21 मोका डर बा कि जब मइँ फिन तोहसे मिलइ आवउँ तउ तोहरे सामने मोर परमेस्सर कहूँ मोका लज्जित न कइ देइ, अउर मोका ओन्हन बहुतन बरे बिलाप न करइ क पड़इ। जे पहिले पाप किहे बाटेन अउर अपवित्तरन, व्यभिचरियन अउर भोग विलास मँ डूबा रहइ क बरे मनफिराव नाहीं किहे बाटेन।
2 Corinthians 13
1 इ तीसर अउसर अहइ जब मइँ तोहरे लगे आवत हउँ सास्तरन कहत हीं: “सब बातन क पुस्टि, दूई या तीन गवाहन क साच्छी पर कीन्ह जाइ।”
2 जब दूसरी बार मइँ तोहरे साथे रहेउँ मइँ तोहका चेतावनी दिहे रहेउँ अउर अब जब मइँ तोहसे दूर हउँ मइँ तोहका फिन स चेतावनी देत हउँ कि अगर मइँ फिन तोहरे लगे आवउँ त जे जे पाप किहे बाटेन अउर जउन पाप करत अहइँ ओनका अउर शेस दूसरे लोगन क न छोड़बा।
3 अइसेन मइँ ऍह बरे करत हउँ कि तू इ बाते क प्रमाण चाहत अहा कि मोहमाँ मसीह बोलत ह। उ तोहरे बरे कमजोर नाहीं बा बल्कि।” समरथ बा।
4 इ सच बा कि ओका ओकरे कमजोरी क कारण क्रूस पर चढ़ावा गवा रहा। मुला अब उ परमेस्सर क सक्ती क करण ही जिअत अहइ। इह सच बा कि मसीह मँ स्थित हम कमजोर अही मुला तोहरे लाभ बरे परमेस्सर क सक्ती क कारण हम ओकरे साथे जियब।
5 इ देखई बरे अपने आप क परखई क बा तू बिसवासपूर्वक जिअत अहा। आपन जाँच पड़ताल करा अउर का तू नाहीं जानत ह कि उ ईसू मसीह तोहरे भित्तरइ बा। जदि अइसना नाहींबा, तउ त इ परीच्छा मँ पूरा न उतरब्या।
6 मइँ अब आसा करत हउँ कि तू इ जानि जा कि हम इ परीच्छा मँ कउनउ तरह स विफल नाहीं भए।
7 हम परमेस्सर से पराथना करित ह कि तू कउनउ बुराइ न करा। एह बरे नाहीं कि हम इ परीच्छा मँ खरा देखाई देइ। बल्कि एह बरे कि तू फिन उहइ करा जउन अच्छा बा। चाहे हम इ परीच्छा मँ विफल भए काहे न देखाइॅ देइ।
8 असलियत मँ हम सत्य क विरुद्ध कछू नाहीं कइ सकित ह। हम जउन करित ह सच क बरे करित ह।
9 हमार कमजोरी अउर हमार सबलता मोका खुश करत ह अउर हम इही बरे पराथना करित ह की तू मजबूत स मजबूत बना
10 इही बरे तोहसे दूर रहत मइँ इन बातन क तोहका लिखत हउँ। ताकि जब मइँ तोहरे बीच होउँ तउ मोका पर्भू क जरिये दीन्ह गवा अधिकार स तोहका हानि पहुँचई बरे नाहीं बल्कि तोहरे आत्मिक बिकास बरे तोहरे साथे कठोरता न बरतइ पड़इ।
11 अब भाइयन, मइँ तोहसे विदा लेत अहउँ। आपन आचरण ठीक रखा। वइसेह करत रहा जइसेन करइ क मइँ कहे रहेउँ। एक जइसेन सोचा। सान्तिपूर्वक रहा। जेसे पिरेम अउर सान्ति क स्रोत परमेस्सर तोहरे साथे रही।
12 पवित्तर चुम्बन दुवारा एक दूसरे क सुवागत करा।
13 सबन पवित्तर लोगन क तोहे नमस्कार।
14 तू पर्भू ईसू मसीह क अनुग्रह, परमेस्सर क पिरेम अउर पवित्तर आतिमा स मिलइ वाला भाई-चारा रहइ।
Galatians 1
1 पौलुस क तरफ स, जउन एक प्रेरित अहइ, जे एक अइसेन सेवा बरत धारन किहे अहइ। जउन ओका न तउ मनइयन स मिला बा अउर न कउनो एक मनई क जरिये दीन्ह गवा रहा, बल्कि ईसू मसीह क जरिये उ परमपिता परमेस्सर स, जे ईसू मसीह मरे रहे प फिन स जियाइ दिहे रहा, दीन्ह भवा बा।
2 अउर मोरे साथे जउन भाइ अहइँ, ओन्हे सब ओर स गलातियाछेत्र क कलीसियवन क नाउँ:
3 हमरे परमपिता परमेस्सर अउर पर्भू ईसू मसीह कइँती स तू सबन क अऩुग्रह अउर सान्ति मिलइ।
4 जे हमरे पापन बरे अपने आपके अर्पित कइ दिहेन ताकि इ पाप पुन्न संसारे स, जेहेमें हम रहत हई, उ हमका छुटकारा देवॉइ सकइ। हमरे परमपिता क इहइ इच्छा अहइ।
5 उ हमेसा महिमावान होइ। आमीन।
6 मोका अचरज बा, कि तू सभे ऍतनी जल्दी उ परमेस्सर स मुँह मोड़के, जे मसीह क अनुग्रह द्वारा तू पचन क बोलाए रहा, कउनो दुसरे सुसमाचार क तरफ जात अहा।
7 कउनउ दुसर सुसमाचार तउ सहीयउ मँ अहइ ही नाहीं ना, मुला कछू जने अइसेन अहइँ जउन तोहे भरमावत अहइँ। अउर मसीह क सुसमाचार मँ हेर-फेर क जतन करत हीं।
8 मुला चाहे हम होई अउर चाहे केऊ सरगदूत या तू सबन क हमरे कारण सुनावा गवा सुसमाचार स अलग सुसमाचार सुनावत हीं तू ओका धिक्कार बा।
9 जइसेन की हम पहिले कहिं चुका हई, ओइसेन ही मइँ अब फिन दोहरावत अहउँ कि जदि चाहे हम होइ अउर चाहे केऊ सरगदूत, यो तोहरे स स्वीकार कीन्ह गवा सुसमाचार स अलग सुसमाचार सुनावत हीं तउ ओका धिक्कार अहइ।
10 का एहसे तू सब्बन क अइसेन लागत ह कि मोका मनइयन क स्वीकृति चाही? या इ अउर परमेस्सर की स्वीकृति मिलइ। अउर का मइँ मनइयन क खुस करई क जतन करत हइ? अगर मइँ मनइयन क खुस करित ह तउ मइँ ईसू मसीह क सेवक-सा न होइत।
11 भाइयो, मइँ तोहका जतावइ चाहित ह कि सुसमाचर जेकर उपदेस तू पचन क मइँ दिहे हउँ उ मनई द्वारा नाहीं बनावा गवा ह।
12 कउनउ मनई स मिला सुसमाचार नाहीं ना काहेकि न तउ मइँ एका कीहीउ मनई स पाएउँ हउँ अउर न तउ कउनउ मनई एकर उपेदस मोका दिहे बा। ईसू मसीह द्वारा हमरे सामने परगट भवा बा।
13 यहूदी धरम मँ मइँ पहिले कइसे जिअत रहेउँ ओका तू सुन चुक्या ह, अउर तू इहउ जानत ह कि मइँ परमेस्सर क कलीसिया पर केतॅना अत्याचार किहे हउँ अउर ओका मिटाइ डालइ क कोसिस तक किहे अहइ।
14 यहूदी धरम क पालइ मँ मइँ अपने जुगे क समकालीन यहूदियन स आगे रहेउँ काहेकि मोर पूर्वजन स जउन परम्परा मोका मिली रहिन, ओहमँ हमार उत्साहरपूरक आस्था रही।
15 मुला परमेस्सर मोरे जनम स पहिलेन मोका चुन लिहे रहा। अउर आपन अनुग्रह व्यक्त करइ क मोका बोलाइ लिहे रहा।
16 ताकि उ मोका अपने पूत (ईसू) क गियान कराइ देइ। जेसे मइँ गैर यहूदियन क बीच ओकरे सुसमाचार क प्रचार करउँ। ओह समइ जल्दी स मइँ कउनउ मनई स कउनउ राय नाहीं लिहेउँ।
17 अउर न तउ मइँ ओन्हन क लगे यरूसलेम गएउँ जउन मोसे पहिले प्रेरितन बना रहेन। बल्कि मइँ अरब गवा रहेउँ अउर फिन उहाँ स दमिस्क लउटि आएउँ।
18 फिन तीन साल क बाद पतरस स मिलइ बरे मइँ यरूसलम पहुँचेउ अउर ओकरे साथे एक पखवाड़ा ठहरेउँ।
19 मुला उहाँ मइँ पर्भू क भाई याकूब क देखिके कउनो अउर दुसरे प्रेरितन स नाहीं मिलेउँ।
20 मइँ परमेस्सर क साच्छी कइके कहत हउँ कि जउन कछू मइँ लिखत हउँ ओहमाँ झूठ नाहीं बा।
21 ओकरे बाद मइँ सीरिया अउर कलिकिया क देसन मँ गएउँ।
22 मुला यहूदीयन क मसीह क मानइवाले क कलीसियन अपने रूप स मोका नाहीं जानत रहेन।
23 मुला उ लोग स कहत सुनत रहेने, “उहइ मनई जउन पहिले हमका सतावत रहत रहा उही बिसवासे यानि उही बिसवास क प्रचार करत रहत ह जेका उ कभउँ खराब करई क कोसिस करे रहा।”
24 मोरे कारण उ पचे परमेस्सर क स्तुति किहेन।
Galatians 2
1 चौदह साल बाद मइँ फिन स यरूसलेम गएऊँ बरनाबास मोरे साथे रहा अउर तीतुस क मइँ अपने साथे लइ लिहे रहेउँ।
2 मइँ परमेस्सर क दर्सन क कारण उहाँ गवा रहेउँ। मइँ गैर यहूदियन क बीच सुसमाचार क उपदेस देत रहत हउँ, उहइ सुसमाचार क आपन निजी सभा क बीच कलीसिया क मुखियन क सुनाएउँ। मइँ उहाँ ऍह बरे गए रहेउँ कि परमेस्सर खुद मोका दर्साये रहा कि मोका उहाँ। जाइ चाही। ताकि जउन काम मइँ पिछले दिनन किहे रहेउँ, यो जेका मइँ करत हउँ, उ बेकार न चला जाइ।
3 परिनाम सरूप तीतुस तक क, जउन हमरे साथे रहा, जद्यपि उ यूनानी अहइ फिन ओका खतना करावइ बरे विवस नाहीं कीन्ह गवा रहा। मुला ओन झूठे भाइयन क कारण जउन लुके छिपा हमरे बीच गुप्तचर क रूप मँ मसीह ईसू मँ हमार स्वतन्त्रता क पता लगावइ बरे घुस आइ रहेन कि हमका दास बनाइ सकइँ, इ बात उठी।
4
5 मुला हम ओनकइ गुलामी मँ एक छन बरे घुटना नाहीं टेका ताकि उ सच चउन सुसमाचार मँ निवास करत ह, तोहरे भित्तर बना रहइ।
6 मुला जाना-माना सम्मानित लोगन स मोका कछू नाहीं मिला। उ कइसनेउ भी रहेन, मोका अइसेन कउनउ अन्तर नाहीं पड़त। बिना कउनउ भेद भाऊ क सबन मनई परमेस्सर क सामने एक जइसेन अहइँ। मुला ओन सम्मानित लोगन स मोका या मोरे सुसमाचार मँ कछू जोड़ावाइ गवा कउनउ लाभ नाहीं भवा।
7 मुला एन मुखियन देखेन कि परमेस्सर मोका वइसे ही एक विसेस काम सौंपे अहइ जइसे पतरस क परमेस्सर यहूदियन क सुसमाचार सुनावइ क काम दिहे रहा। मुला परमेस्सर गैर यहूदियन क सुसमाचार सुनावइ क काम मोका दिहे रहा।
8 परमेस्सर पतरस क एक प्रेरित क रूप मँ काम करइ क सक्ती दिहे रहा। पतरस गैर यहूदियन क बरे एक प्रेरित बा। परमेस्सर मोका भी एक प्रेरित क रूप मँ काम करइ क सक्ती दिहे बाटइ। मुला मइँ ओन मनइयन क प्रेरित अहउँ जउन यहूदी नाहीं अहइँ।
9 इही तरह उ पचे मोह पइ परमेस्सर क ओह अनुग्रह क समझ लिहेन अउर कलिसिया क स्तम्भ समछइ जाइ वाला याकूब, पतरस अउर यूहन्ना बरनाबस अउर मोसे साझेदारी क चिन्ह क रूप मँ हाथे मिलाए रहा। अउर उ पचे सहमत होइ गएन कि हम विधर्मियन क बीच उपदेस देत रही अउर उ सबइ यहूदियन क बीच।
10 ओ सबइ हमसे बस ऍतनई कहेन कि हम ओनके गरीबन क धियान रखी। अउर मइँ इही कामँ क न केवल करइ चाहत रहेउँ बल्कि एकरे बरे लालयित रहेउँ।
11 मुला जब पतरस अन्ताकिया आवा तब मइँ खुलकेओकर विरोध किहेउँ काहेकि उ ठीक नाहीं रहा।
12 काहेकि याकूब द्वारा भेजा गवा कछू लोगन क इहाँ पहुँचे स पहिले उ गैर यहूदियन क साथे खात पियत रहा। मुला उन लोगन क आवइ क बाद उ गैर यहुदियन स अलग कइ लिहेस। उ ओन्हेन क डर स अइसेन किहेस जउन चाहत रहेन कि गैर यहूदियन क खतना होइ चाही।
13 दूसरे यहूदियन पतरस क इ देखावा मँ साथ दिहेन। इहाँ तक कि इ देखॉवइ क कारण बरनाबस तक भटक गवा।
14 मइँ जब इ देखेउँ कि सुसमाचार मँ छिपा हुआ सच क अनुसार उ पचे सीधे रस्ता पर नाहीं चलत रहेन तब सबक सामने पतरस स कहेन, “जब तू यहूदी होइ क भी गैर यहूदियन क जिन्नगी जिअत अहा। तउ गैर यहूदियन क यहूदियन क रीति पर चलइ क बरे विवस कइसे कइ सकत ह?”
15 हम तउ जनम स यहूदी अही। अउर हमार पापी गैर यहूदीयन स कउनउ सम्बन्ध नाहीं बा।
16 तबऊ हम इ जानित ह कि कउनो मनई क व्यवस्था क बिसय क पालन करइ क कारण नाहीं बल्कि ईसू मसीह मँ बिसवास क कारण नेक ठहरावा जात ह। मइँ इही बरे मसीह ईसू क बिसवास धारण किहे हई, ताकि इ बिसवासे क कारण हम नेक ठहरावा जाइ, न कि व्यवस्था क पालइ क कारण। काहेकि ओका पालई स तउ केऊ मनई धर्मी नाहीं होत।
17 मुला अगर हम जउन ईसू मसीह मँ अपने स्थित क कारण धर्मी ठहरावा जाइ चाहित ह। हमहूँ बिधर्मीयन क समान पापी पावा जाइ तउ एकर मतलब का इ नाहीं ना कि मसीह पापे क बढ़ावा देत ह। निस्चय ही नाहीं।
18 अगर जेकर तियाग मइँ कइ चुका हउँ उ व्यवसथा क फिन स उपदेस देइ लागउँ, तब तउ मइँ आज्ञा क उल्लंघन करइवाला अपराधी बन जाब।
19 काहेकि व्यवस्था क विधान स मइँ मर गएउँ ह ताकि परमेस्सर क बरे मइँ फिन स जी जाउँ मसीह क साथे मोका क्रूस पर चढ़ाइ दिहा गवा।
20 इही स अब आगे मइँ जिन्दा नाहीं अहउँ। मुला मसीह मोहमाँ जिन्दा अहइ। तउन एह सरीर मँ अब मइँ जउन जिन्नगी जिअत हउँ, उ हमार जिन्नगी नाहीं अहइ, उ तउ बिसवासे पइ टिका बा। परमेस्सर क ओह पूत (ईसू) बरे बिसवासे पर जउन मोसे पिरेम करत ह। अउर जे अपने आप क मोरे बरे अर्पित कइ दिहेस।
21 मइँ परमेस्सर क अनुग्रह क नाहीं नकारित ह, मुला अगर धार्मिक व्यवस्था क कारण परमेस्सर स नाता जोडाइ पाउत तउ मसीह बेकारइ आपन जान काहे देत।
Galatians 3
1 अरे मूरख गलातियो, तोह पर के जादू कइ दिहे बा? तू सबन क तउ, सबन क समन्वा ईसू मसीह क क्रूस पर कइसे चढ़ावा गवा रहा, एकर पूरा विवरण दइ दीन्ह गवा रहा।
2 मइँ तू पचन स बस एतना जानइ चाहित ह कि तू पवित्तर आतिमा क बरदान कउन व्यवस्था क पालइ स पाए रह्या, अउर सुसमाचार क सुनइ अउर ओहपे बिसवास करइ स?
3 काहेकि तू पचे ऍतना मूरख होइ सकत ह, जउने जीवन क तू सबइ आतिमा स आरम्भ किहे रह्या-ओका अब हाड़-मांस क सरीर क सक्ती स पूरा करब्या।
4 तू पचे एतना कस्ट बेकारइ सह्या? आसा बाटइ कि उ पचे बेकार नाहीं भएन।
5 परमेस्सर जउन तोह पचन क आतिमा देत ह अउर जउन तोहरे सबन बीच अद्भुत कराजन क करत ह, उ इ ऍह बरे करत ह कि तू सबइ व्यवस्था क पालत अहा या ऍह बरे कि तू पचे सुसमाचार क सुने अहा, अउर ओह पर बिसवास किहे अहा।
6 इ वइसेन ही बा जइसे कि इब्राहीम क बारे मँ पवित्तर सास्तरन कहत हीं: “उ परमेस्सर मँ बिसवास किहेस अउर इ ओकर परमेस्सर मँ धार्मिकता गिनि गइ।”
7 तउ फिन तू पचे इ जान ल्या कि इब्राहीम सच्चा बंसज ओह सबइ अहइँ जउन बिसवास करत हीं।
8 पवित्तर सास्तरन पहिलेन बताइ दिहे बाटेन कि परमेस्सर गैर यहूदियन क भी ओनके बिसवास क कारण धर्मी ठहराएस। अउर ओन सब्दन क साथे पहिलेन स ही इब्राहीम क परमेस्सर क जरिये सुसमाचार स सास्तरन क इ सब्दन द्वारा, “परमेस्सर तुम्हारा उपयोग करी, सबहिं राष्ट्रन का आसीसन बरे अवगत कराइ दीन्ह गवा रहा।”
9 इही बरे उ लोग जउन बिसवास करत हीं बिसवासी इब्राहीम क साथ आसीस पावत हीं।
10 मुला जब लोग जउन व्यवस्था क पालइ प निर्भर रहत हीं, उ पचे कउनो अभिसाप क अधीन अहइँ। पवित्तर सास्तरन मँ लिखा बा, “अइसेन सब मनइ स्रापित बाटेन जउन व्यवस्था क पुस्तक मँ लिखी सब बातन क लगन क साथे पालन नाहीं करतेन।
11 अब इ स्पष्ट बा क व्यवस्था क जरिये परमेस्सर क सामने कउनउ धर्मी नाहीं ठहतर ह। काहेकि पवित्तर सास्तरन क अऩुसार, “धर्मी मनई बिसवास क सहारे अनन्त जीवन जिई।”
12 मुला व्यवस्था तउ बिसावासे पर नाहीं टिका बल्कि पवित्तर सास्तरन क अनुसार, “जे व्यवस्था क विधान क अनुसार पाली, उ ऊहीं क सहारे जिई।”
13 मसीह हमरे स्रापे क अपने ऊप्पर लइके व्यवस्था क स्राप स हमका मुक्त कइ दिहेस। पवित्तर सास्तरन कहत हीं, “हर केऊ जउन पेड़ पर टाँगि दीन्ह जात ह, स्रापित बा।”
14 मसीह हमका ऍह बरे मुक्त किहेस कि इब्राहीम क दीन्ह गइ आसिस ईसू मसीह क जरिये गैर यहूदियन क मिलि सकइ ताकि बिसवास क जरिये हम ओंह पवित्तर आतिमा क पाइ सकी जेकर बचन दीन्ह गवा बा।
15 भाइयो, अब मइँ तू पचन क दैनिक जीवन स एक उदाहरण देइ जात अहउँ: देखा, जइसेन कउनउ मनई क जरिये कउनउ करार कइ लिहेजाइ प स्वीकृत हो जात ह, न तउ कउनो मनई ओका रद्द कइ सकत ह अउर न ही ओहमे स कछू घटावा जाइ सकत ह। अउर न बढ़ावा,
16 वइसेन ही इब्राहीम अउर उनके भावी बंसज क साथे कीन्ह गइ प्रतिज्ञा क संदर्भ मँ भी बा। देखा! परमेस्सर इ नाहीं कहत ह, “अउर ओकरे बंसजन क।” (अगर अइसेन होत ह त बहुत लोगन क तरफ संकेत होत। परमेस्सर वचन मँ कहत ह, “अउर तोहरे बंसजन।” जउन मसीह अहइ।)
17 मोर कहइ क मतलब इ बाटई कि जेह करार क परमेस्सर पहिलेन सुनिस्चित कइ दिहेस ओका चार सौ तीस साल बाद आवइवाली व्यवस्था क विधान नाहीं बदल सकत अउर न तउ ओकरे बचन क अप्रभावित ठहरावा जाइ सकत ह।
18 काहेकि अगर उत्तराधिकार व्यवस्था पर टिका बा तउ फिह उ बचन पर न टिकी। मुला परमेस्सर उत्तराधिकार बचन क कारण मुक्त रूप स इब्राहीम क दिहे रहा।
19 फिन भला व्यवस्था क प्रयोजन का रहा? व्यवस्था उल्लंघन क अपराध क कारण व्यवस्था क बचन स जोड़ दीन्ह गवा रहा ताकि जेकरे बरे बचन दीन्ह गवा रहा, ओह बंसज क आवइ तलक उ रहइ। व्यवस्था एक मध्यस्थ क रूप मँ रहइवाला मूसा क सहायता स सरगदूतन स दीन्ह गवा बा।
20 अब देखा, मध्यस्था क जरूरत नाहीं अहइ, जब केवल एक मनई होत ह। मुला परमेस्सर तउ एक्कई बा।
21 का एकर इ मतलब बा कि व्यवस्था परमेस्सर क बचन क बिरोधी अहइ? निस्चित रूप स नाहीं। काहेकि अगर अइसेन ही व्यवस्था दीन्ह गइ होत जउन सबन मँ जीवन क संचार कइ सकत तउ व्यवस्था परमेस्सर क आगे धार्मिकता क सिद्ध करई क साधन बन जात।
22 मुला पवित्तर सास्तरन घोसणा किहे बा कि इ समूचा संसार पाप क सक्ती क अधीन बा। ताकि ईसू मसीह मँ बिसवास क आधार पर जउन बचन दीन्ह गवा बा, उ बिसवासी लोगन क भी मिलइ।
23 इ बिसवास क आवाई स पहिले, हमका व्यवस्था क देखरेख मँ, इ आवइवाला बिसवास क परगट होइ तलक, बन्दी क रूप मँ रखा गवा बा।
24 एह तरह व्यवस्था हमका मसीह तक लइ जाइ क बरे एक कठोर अभिभावक रहा ताकि आपन बिसवास क बरे एक कठोर अभिभावक रहा ताकि आपन बिसवास क आधार पर हम धर्मी ठहरी।
25 अब जब इ बिसवास परगट होइ चुका अहइ तउ हम ओह कठोर अभिभावक क अधीन नाहीं अही।
26 ईसू मसीह मँ बिसवास क कारण तू सबहिं परमेस्सर क सन्तान अहा। काहेकि तू सबइ मसीह क बपतिस्मा लइ लिहे अहा, मसीह मँ समाइ गवा अहा।
27
28 तउन अब किहीउ मँ कउनउ अन्तर नाहीं रहा अउर न कउनउ यहूदी रहा, न गैर यहूदी, न दास रहा, न स्वतन्त्र, न पुरूस रहा, न स्त्री रही, काहेकि मसीह ईसू मँ तू सबहिं एक अहा।
29 अउर काहेकि तू मसीह क अहा, तउ फिन तू इब्राहीम क बंसजन क अहा। अउर परमेस्सर जउन इब्राहीम क दिहे रहा उहइ बचन क उत्तराधिकारी होइ।
Galatians 4
1 मइँ कहत हउँ कि उत्तराधिकारी जब तलक बच्चा बा तउ चाहे सब कछू क स्वामी उहइ होत ह, फिन भी उ दास स जियाद कछू नाहीं रहत।
2 उ संरच्छकन अउर घरे क सेवकन क तब तक अधीन रहत ह। जब तक ओकरे पिता द्वारा निस्चत समइ नाहीं आई जात।
3 हमरउ भी अइसेही स्थिति बा। हमहुँ जब बच्चा रहेन तउ संसारी नियमन क दास रहेन।
4 मुला जब अच्छा समइ आवा त परमेस्सर तउ अपने पूत क भेजेस जउन एक स्त्री स जनमा रहा।
5 अउर उ व्यवस्था क अधीन जिअत रहा। ताकि उ व्यवस्था क अधीन व्यक्तियन क मुक्त कराइ सकइ जेसे हम परमेस्सर क गोद लीन्ह भए बच्चन बन सकी।
6 अउर फिन काहेकि तू परमेस्सर क सन्तान अहा, तउन उ सबन क हिरदय मँ पूत क आतिमा क पठए रहा। उहइ आतिमा, “अब्बा” या “पिता” कहतइ बोलवावत ह।
7 इही बरे अब तू दास नाहीं अहा बल्कि परमेस्सर क सन्तान अहा अउर काहेकि तू सन्तान अहा इही बरे तोहका परमेस्सर आपन उत्तराधिकारी बनाए ह।
8 पहिले तू सभे जब परमेस्सर क नाहीं जानत रह्या, तउ तू सभे देवतन क दास रह्या। उ सच नाहीं अहइ वास्तव मँ उ सबइ परमेस्सर नाहीं रहेन।
9 मुला अब तू परमेस्सर क जानत अहा, या अइसेन कहइ चाही कि परमेस्सर क जरिये अब तू पचन क पहिचान लीन्हा गवा बा। फिन तू ओनन्ह साररहित, कमजोर नियमन कइँती काहे लउट अहा। तू पचे फिन स ओनके अधीन काहे होइ चाहत ह?
10 तू पचे कउनो विशेष दिनन महीनन ऋतुव न अउर बरिसन क मानइ लाग अहा।
11 तू पचन क बारे मँ मोका डेर लागत ह कि तू पचन क बरे जउन काम मइँ किहे हउँ उ सबइ कहुँ खराब तउ नाहीं होइ गवा अहइँ।
12 हे भाइयो तथा बहिनियो, कृपा कइके तू सब मोरे जइसेन बनि जा। देखा, मोहुँ तउ तू पचन जइसेन बनि गवा हउँ, इ मोर तू पचन स बिनती बा, अइसेन नाहीं कि तू पचे मोरे बरे कउनउ गलती किहे अहा।
13 तू पचे तउ जनबई करत ह कि आपन सरीरी क व्याधियन क कारण मइँ पहिली दाई तू सबन इ सुसमाचार सुनाए रहेउँ।
14 अउर तू सब हऊँ तउ, मोरी बीमारी क कारण, जउन तोहार परीच्छा लीन्ही गइ रही, ओहसे मोका छोट नाहीं समझया अउर न तउ मोरे निसेध किह्या। बल्कि तू पचे परमेस्सर क सरगदूत क रूपे मँ मोर सुवागत किहे अहा। माना कि मइँ खुदई ईसू मसीह रहेउँ।
15 तउन तू सबन क उ खुसी क का भवा? मइँ तोहरे बरे खुदइ इ बाते क साच्छी हउँ कि अगर तू पचे समरथ होत ह्या तउ तू पचे आपन आँखी तक निकाली क मोका दइ देत्या।
16 तउन का सच बोलइ स ही मइँ तू पचन क दुस्मन होइ गएउँ?
17 तू पचन क व्यवस्था पर चलावइ बरे चाहइवालन तोहमाँ बड़ी गहिर रूचि लेत हीं। मुला ओनकर उद्देस्य अच्छा नाहीं बा। उ तू सबइ पचन क मोसे अलग करइ चाहत हीं। ताकि तू पचे ओहमाँ गहिर रुचि लइ सका।
18 कउनउ कीहीउँ मँ हमेसा गहिर रूचि लेत रहइ, इ तउ एक अच्छी बात अहइ। मुला इ कीहीउँ अच्छे क बरे होइ चाही। अउर बस उही समइ नाहीं, जब मइँ तोहरे साथे हउँ।
19 मोर प्रिय सन्तानों, मइँ तू सबन क बरे एक बार फिन प्रसव वेदना क झेलत हउँ। जब तलक तू पचे मसीह जइसे नाहीं होइ जात्या।
20 मइँ चाहत हउँ कि अबहीं तू पचन के लगे आइ पहुँचउँ अउर तू सबन क साथे अलग तरह स बात करउँ, काहेकि मइँ समझ नाहीं पावत हउँ कि तू पचन बरे का करा जाइ।
21 मूसा क व्यवस्था क आधीन रहइ चाहइवालन स मइँ पूछत हउँ का तू पचे व्यवस्था क इ कहब नाहीं सुन्या?
22 पवित्तर सास्तरन कहत हीं कि इब्राहीम क दुइ बेटवा रहेन। एक क जन्म एक दासी स भवा रहा अउर दुसरे क स्वतन्त्र स्त्री स।
23 दासी स पइदा भवा बेटवा सहज नियमन मँ पैदा भवा रहा, मुला स्वतन्त्र स्त्री स पइदा बच्चा परमेस्सर क जरिये दीन्ह गयि प्रतिज्ञा क परिणाम अहइ।
24 इन बातन क प्रतीकात्मक मतलब अहइ-इऩ दुन्नउ स्त्री दुई करारन क चिन्ह अहइँ। एक करार सीनै पर्वत स मिला रहा जे ओन सभन क जनम दिहेस जउन दासता क बरे रहेन। इ करार हाजिरा स सम्बधित बा।
25 हाजिरा अरब मँ स्थित सीनै पर्वत क चिन्ह अहइ, उ वर्तमान धरती क यरूसलेम क समान अहइ, काहके उ अपने बेटवन क साथे दासता भोगत रही,
26 मुला सरग मँ स्थित यरूसलेम स्वतन्त्र अहइ। अउर उहइ हमार माता अहइ।
27 पवित्तर सास्तर कहत हः“बाँझ! मनावा आनन्द, जना तू न कउनो क प्रसव वेदना भइ न तोहका, हर्स नाद कइके अउर खिलखिला हंसी खुसी मँ काहके अनगिनत संतान अहइँ छोड़ी भइ मुला नाहीं ना ओकर ओतनी, जउन सुहागिन।” यसायाह 54:1
28 तउन भाइयो! अब तू इसहाक क जइसी परमेस्सर क बचन स संतान होवा। मुला जइसे ओह समझ प्राकृतिक परिस्थितियन क अधीन पैदा भइ आतिमा क सक्ति स उत्पन्न भए क सतावत रहा, वइसेन ही स्थति आज बा।त
29
30 मुला देखा पवित्तर सास्तर क कहत ह? “इ दासी अउर ओकर बेटवा क निकाल क बाहर करा, काहेकि इ दासी क बेटवा तउ स्वतन्त्र स्त्री क बेटवा क साथे उत्तराधिकारी न होई।”
31 ऍह बरे भाइयन! हम ओह दासी क सन्दान नाहीं हई, बल्कि हम तउ स्वतन्त्र स्त्री क सन्तान हई।
Galatians 5
1 मसीह तउ हमका स्वतन्त्र किहे अहइ ताकि हमउँ स्वतंत्र होइ क आनन्द लइ सकी। इही बरे अपने बिसवास क दृढ़ बनाए रखा। अउर फिन स व्यवस्था क जुआ क बोझ न उठावा।
2 सुना! खुद मइँ, पौलुस तोहसे कहत रहेउँ कि अगर खतना कराइके तू पचे फिन स व्यवस्था कइँती लउतट ह्या तउ तोहरे मसीह क कउनउ महत्व न रहइ।
3 आपन खतना कराइ देइवाले हर एक मनई क, मइँ एक दाई फिन स जताए देत हउँ कि ओका पूरा व्यवस्था पर चलब जरुरी बा।
4 तू सबन मँ स जेतना जने व्यवस्था क पालइ क कारण धर्मी क रूप मँ स्वीकृत होइ चाहत हीं। उ सब मसीह स दूर होइ ग बाटेन अउर परमेस्सर क अऩुग्रह क च्छेत्र स बाहेर अहइँ।
5 मुला हम बिसवास क कारण परमेस्सर क सामने धर्मी स्वीकार कीन्ह जाइ क आसा करित ह। आतिमा क सहायता स हम एकर बाट जोहत रहेन ह।
6 काहेकि मसीह ईसू मँ स्थिति क बरे न तउ खतना करावइ क कउनउ महत्व बा अउर न खतना नाहीं करावइ क बल्कि ओहमाँ तउ पिरेम स पइदा होइवाला बिसवास क ही महत्व बा।
7 तू पचे तउ बहुत अच्छी तरह एक मसीह क जीवन जिअत रह्या। अब तू पचन क, अइसा का अहइ जउन सत्य पर चलइ स रोकत बाटइ।
8 अइसी बिमति जउन तू पचन क सत्य स दूर करत बाटइ। तू सबन क बोलावइवाले परमेस्सर कइँती स नाहीं आइ बा।
9 “तनिक खमीर गुंधा भवा समूचा आटा क खमीर स उठाइ लेत ह।”
10 पर्भू क बरे मोर पूरा भरोसा बा कि तू पचे कउनउ दूसरे मते क न अपनउब्या मुला तू सबन क विचलित करइवाला चाहे कउनउ भी होइ, उचित दण्ड पावइ।
11 भाइयो तथा बहिनियो, अगर मइँ आजभी, जइसा कि कछू जने मोहपे लांछन लगावत हीं कि मइँ खतना क प्रचार करत हउँ तउ मोका अब तलक यातना काहे दीन्ह जात अहइँ? अउर अगर मइँ अब भी खतना क जरूरत क प्रचार करत हउँ अब तउ मसीह क क्रूस क कारण पइदा भई मोर सब बाधा समाप्त होइ जाइ चाही।
12 मइँ तउ चाहत हउँ कि उ सबइ जउन तू पचन क डिगावइ चाहत हीं, खतना करावइ क साथ साथ अपने आपक बधिया ही कराइ डालतेन।
13 मुला भाइयो तथा बहिनियो, तू पचन क परमेस्सर तउ स्वतन्त्र रहइ क चुने अहइ। मुला ओह आजादी क अपने आप पूरे सुभाऊ क पूर्ति क साधन जिन बनइ द्या, एकरे विपरीत पिरेम क कारण परस्पर एक दूसरे क सेवा करा।
14 काहेकि समूची व्यवस्था क सार संग्रह इ एक आदेस मँ ही बाः “अपने साथियन स वइसेन ही पिरेम करा, जइसेन तू अपने आपस करत ह।”
15 मुला आपस मँ काट करत भए अगर तू एक दूसरे क खात रहब्या तउ देखा। तू पचे आपस मँ ही एक दूसरे क नास कइ देब्या।
16 मुला मइँ कहत हउँ कि आतिमा क अनुसासन क अनुसार आचरण करा अउर अपन पाप से भरा भए सुभाऊ स इच्छन क पूर्ति जिन करा।
17 काहेकि तने क, भौतिक, अभिलास पवित्तर आतिमा क अभिलासन क अउर पवित्तर आतिमा क अभिलासन भौतिक अभिलासन क विपरीत होत हीं। एनकर आपस मँ विरोध बा। इही बरे तउ जउन तू पचे करइ चाहत ह, उ कइ नाहीं सकत्या।
18 मुला अगर तू आतिमा क अनुशासन मँ चलत ह तउ फिन व्यवस्था क अधीन नाही रहत्या।
19 अब देखा! हमरे भौतिक मनई सुभाउ क पापे स भरी प्रकृति क कामन क तउ सब जानत हीं। उ पचे अहइँ व्यवभिचार, अपवित्तर, भोग विलास,
20 मूर्ति पूजा, जादू-टोना, बैरभाऊ, लड़ाई-झगड़ा, डाह, किरोध, स्वार्थीपन, फूट, इरसा,
21 नसा, लंपटपन या ओइसेही अउर बातन। अब मइँ तू सबन क एनन्ह बातन क बारे मँ वइसेन ही चेतावत हउँ जइसेन मइँ तू सबन क पहिलेन चेताई दिहे रहेउँ कि जउन लोग इन बातन मँ भाग लेइहीं, उ पचे परमेस्सर क राज्य क उतराधिकार न पइहीं।
22 जबकि पवित्तर आतिमा पिरेम, आनन्द, सान्ति, धीरज, दयालुता, नेकी, बिसवास
23 नम्रता अउर आत्मसंयम उपजावत ह। इन बातन क विरोध मँ कउनउ व्यवस्था नाहीं बाटइ।
24 ओ सब लोग जउन मसीह ईसू क अहइँ, अपने पाप स भरा मानुस भौतिक मनइ सुभाऊ क वासना अउर सबइ इच्छा समेत क्रूस पर चढ़ाइ दिहे अहइँ।
25 काहेकि जब हमरे एक नवे जीवन क स्रोत आतिमा बा तउ आवा आतिमा क ही अनुसार चाली।
26 हम अभिमानी न बनी। एक दूसरे क न चिढ़ाई। अउर न तउ परस्पर इरसा रखी।
Galatians 6
1 भाइयो तथा बहिनियो, तोहरे मँ स अगर कउनउ मनई गलत काम करत पकड़ा जाय तउ आत्मिक लोगन क चाही कि नम्रता क साथे ठीक कइ देइ, धरम क मार्ग पर आवइ मँ सहायता करइँ। अउर खुद अपने बरे सावधानी बरता कि कहीं तू पचे खुदउ कउनो परीच्छा मँ न पड़ि जा।
2 परस्पर एक दूसरे क भार उठावा। इही तरह तू मसीह क व्यवस्था क पालन करब्या।
3 अगर केउ मनई महत्वपूर्ण न होत भवा तबउ अपने क महत्वपूर्ण समझत ह, तउ अपने क धोखा देत थ।
4 अपने करम क आंकलन हर कउनो क खुद करत रहइ चाही। अइसेन करइ पर ही ओका अपने पापे पर कउनो दुसरे क साथे तुलना किहे बिना, गरब करइ क अवसर मिली।
5 काहेकि आपन दायित्यव हर कउनो क खुदइ उठावइ क बा।
6 जेका परमेस्सर क बचन सुनावा गवा बा, ओका चाही कि जउन अच्छी चीज ओकरे पास बा, ओहमाँ अपने उपदेस क साच्छी बनवइ।
7 अपने आपके जिन्न छला। परमेस्सर क केऊ बुद्धू नाहीं बनाइ सकत, काहेकि जउन जइसेन बोई वइसे ही काटी।
8 जे अपने भौतिक मनई क सुभाऊ बरे बोई, उ अपने काया क बिनास क फसल काटी। मुला जउन आतिमा क खेते मँ बीया बोई उ आतिमा स अनन्त जीवन क फसल काटी।
9 इही बरे आवा हम भलाई करत कभऊँ न थकी। काहेकि अगर हम भलाई करत ही रहब तउ अच्छा समइ आए प हमका ओकर ओकर फल मिली।
10 जइसेन ही कउन अवसर मिलई, हमका सब क साथ भलाई करइ चाहीं, विसेस कर अपने बिसवासी भाइयन क साथे।
11 देखा, मइँ तू पचन क खुद अपने हाथे स केतना बड़ा बड़ा अच्छरन मँ लिखे हउँ।
12 अइसे जने जउन सरीर क रुप स अच्छा देखॉवा करइ चाहत हीं तू पचन प खतना करावइ क दबाउ डालत हीं। मुला उ पचे अइसेन बस इही बरे करत हीं कि ओन्हे मसीह क क्रूस क (सुसमाचार) कारण यातना न सहइ पड़इ।
13 काहेकि उ सबइ खुदउ नकइ खतना होइ चुका बा, व्यवस्था क पालन नाहीं करतेन मुला फिन भी ओ पचे चाहत हीं कि तू पचे खतना करावा ताकि उ पचे तू सबन क जरिये इही सरीस क प्रथा क अपनाइ जाइ पर डींग मार सकइँ।
14 मुला जेकरे जरिये मइँ संसार क बरे अउर संसार मोरे बरे भर गवा। पर्भू ईसू मसीह क ओह क्रूस क छोड़िके मोका अउर कउनो प गरब न होइ।
15 काहेकि न तउ खतना क कउनउ महत्व बा अउर न बिना खतना क। अगर महत्व बा त उ नई सिस्टी क बा।
16 इही बरे जउन लोग ऍह विधान पर चलिहीं ओन्हन पर। अउर परमेस्सर क इस्राएल पर सान्ति अउर दया होत रहइ।
17 पत्र क खतम करत मइँ तू सबन स बिनती करत हउँ कि अब मोका कउनउ अउर दुख न द्या। काहेकि मइँ तउ पहिले स अपने सरीर मँ मसीह ईसू क घावन क लिहे घमत रहत अहउँ।
18 भाइयो तथा बहिनियो, हमरे पर्भू ईसू मसीह क अनुग्रह तू पचन क आतिमन क साथे बना रहई। आमीन!
Ephesians 1
1 पौलुस कइँती स, जउन परमेस्सर क इच्छा ईसू मसीह क एक प्रेरित अहइ, इफिसुस क रहइवाले संत जनन अउर ईसू मसीह मँ बिसवास रखइवालन क नाउँ:
2 तू लोगन क हमरे परमपिता परमेस्सर अउर ईसू मसीह कइँती स अनुग्रह अउर सांति मिलइ। मसीह मँ स्थित लोगन क आध्यात्मिक असीसन
3 हमरे पर्भू ईसू मसीह क पिता अउर परमेस्सर धन्य होइ। ओहमाँ हमका मसीह क रूप मँ सरगे क क्षेत्र मँ हर तरह क आसीर्बाद दिहे अहइँ।
4 संसार क रचना स पहिले ही परमेस्सर हमका, जउन मसीह मँ स्थित बा, अपने सामने पवित्तर अउर निर्देस बनई क बरे चुनेस। हमरे बरे ओकर जउन पिरेम बा उही क कारण उ ईसू मसीह क द्वारा हमका अपने बेटवा क रूप मँ स्वीकार कीन्ह जाइ बरे नियुक्त किहेस। इहइ ओकर इच्छा रही अउर प्रयोजन रहा।
5
6 उ अइसा ऍह बरे किहेस परमेस्सर अपने महिमा अउर अनुग्रह बरे प्रसंसित करइ। उ एका हमका, जउन ओकर पिआरा बेटवा मँ स्थित बा मुक्त भाव स दिहेस।
7 हमका, ओहमाँ ओकर लहू क द्वारा छुटकारा, अर्थात् हमरे अपराधन क छमा ओकरे अनुग्रह क धन क अनुसार मिली ह। ओकर सम्पन्न अनुग्रह क कारण हमका हमरे पापन क छमा मिलत ह। अपने उही पिरेम क अनुसार जेका उ मसीह क द्वारा हम पर परगट करइ चाहत रहा।
8 उ हमका आपन इच्छा क रहस्य क बताएस ह।
9 जइसा कि मसीह क जरिये हमका उ देखॅावइ चाहत रहा।
10 परमेस्सर क इ योजना रही कि अच्छा समइ पर सरग क अउर पृथ्वी पर क सभन वस्तुअन क मसीह मँ एकत्र करइ।
11 सब बातन योजना अउर परमेस्सर क निस्चय क अनुसार कीन्ह जात हीं। अउर परमेस्सर अपने निजी प्रयोजन क कारण ही हमका उही मसीह मँ संत बनवई क बरे चुने अहइ। इ ओकरे अनुसार इ भवा जेका परमेस्सर अनादिकाल स सुनिस्चित कइ रखे रहा।
12 ताकि हम ओकरी महिमा क प्रसंसा क कारण बनि सकी। हम यानी सबसे पहले जे लोग आपन आसा क मसीह पर केन्द्रित कइ दिहे अहइँ।
13 जब तू उ सत्य क उपदेस सुन्या जउन तू सबन उद्धार क सुसमाचार रहा, अउर जउने मसीह पर तू बिसवास किहे रह्या। तउ जउने पवित्तर आतिमा क बचन दिहे रह्या। मसीह क जरिये स ओकर छाप परमेस्सर क दुआरा तोहे जने पर लगाय गइ।
14 उ आतिमा हमरे उतराधिकार क भाग क जिम्मेदारी क बयाना क रूप मँ ओह समइ तलक बरे हमका दीन्ह गवा रहा। जब तलक कि उ हमका जउन ओकर आपन अहइँ पूरी तरह उद्धार नाहीं दइ देत। एकरे कारण लोग ओकरे गरिमा क प्रसंसा करिहीं।
15 इही बरे जब स मइँ पर्भू ईसू मसीह मँ तोहरे बिसवास अउर सभन सन्तन क बरे तू सबन क पिरेम क विसय मँ सुने हउँ। मइँ तू पचन क बरे परमेस्सर क धन्यबाद निरन्तर करत हउँ अउर तू पचन क अपनेन पराथना मँ याद करत हउँ।
16
17 मइँ पराथना करत रहत हउँ कि हमार पर्भू ईसू मसीह महिमावान परमपिता क परमेस्सर तू पचन क विवेक अउर दिव्य दर्सन क अइसेन आतिमा क सक्ती प्रदान करइ। जैसे तू पचे ओका अच्छी तरह क जान सका।
18 मोर बिनती बा कि तोहरे हीये (हृदय) क आँखिन खुल जाइँ अउर तू प्रकास क दर्सन कइ सका ताकि तू पचन क पता चल जाइ कि उ आसा का अहइ जेकरे बरे तू पचन क उ बोलाए अहइ। अउर जेकरे उत्तराधिकार क उ अपने सभन पवित्तर जने क देई। उ केतॅना अदभुत अउर सम्पन्न बाटइ।
19 अउर हम बिसवासियन क बरे ओकर सक्ती बेमिसाल रूप स केतॅना महान बा। इ सक्ती अपनी महान सक्ती क ओह प्रयोग क समान बा।
20 जेका उ मसीह मँ तब कामे मँ लिहे रहा जब मरे हुवन मँ स ओका फिन स जियाइ क सरगे क छेत्र मँ आपन दिहिनीं कइँती बइठाइके
21 सबहुँ सासकन, अधिकारियन समरथन, अउर राजा लोगन, अउर हर कउनो अइसेन सक्तिसालिन पदबी क उप्पर स्थापित किहे रहा। जेका न केवल उ युगे मँ बल्कि आवइवाले युगे मँ किहीउ क दिहा जाइ सकत ह।
22 परमेस्सर सब कछू तउ मसीह क चरन क नीचे कइ दिहेस अउर उहइ मसीह क कलीसिया क सभी चीजन क सर्वोच्च अधिकारी बनायेस।
23 कलीसिया मसीह क तन अहइ अउर सब बिधियन स सब कछू क ओकर पूर्णतया ही परिपूर्ण करत ह।
Ephesians 2
1 एक समइ रहा जब तू लोग उन पराधन अउर पापन क कारण आध्यात्मिक रूप स मरा हुआ रह्या।
2 जेहमें तू पचे पहिले, संसार क खराब रस्तन पर चलत-चलत अउर वह आतिमा क अनुसरण करत-करत जिअत रह्या। जउन इह धरती क बुरी सक्तियन क स्वामी रही उहइ आतिमा अब उ मनइयन मँ काम करत अहइ जउन परमेस्सर क आज्ञा क नाही मनतेन।
3 एक समइ हमहूँ ओनही क बीच जिअत रहे अउर आपन पाप-पूर्ण प्राकृतिक भौतिक मनई सुभाऊ क तृप्त करत अपने हीये अउर पाप-पूर्ण इच्छन का जोउ हमार सरीर अउर मन चाहत रहा का पूरन करत भए संसार क दूसरे लोगन क समान परमेस्सर क किरोध क पात्र रहे।
4 परन्तु परमेस्सर करुना क धनी बाटइ। हमरे बरे अपने महान पिरेम क कारण
5 उ समइ अवज्ञा क कारण हम आध्यात्मिक रूप स अबहीं मरा ही रहे, मसीह क साथे-साथे उ हमहूँ क जीवन दिहेस (परमेस्सर क अनुग्रह स ही तोहार उद्धार भवा बा।)
6 अउर काहेकि हम मसीह ईसू मँ अही इही बरे परमेस्सर हमका मसीह क साथेन फिन स जी उठाएस। अउर ओकरे साथ ही सरगे क सिंहासन पर बइठाएस
7 ताकि उ आवइवाले हर युगे मँ अपन अनुग्रह क अनुपम धन क देखावइ जेका उ मसीह ईसू मँ आपन दया क रूप मँ हम पर दरसाए अहइ
8 परमेस्सर क अनुग्रह दुआरा आपन बिसवास क कारण तू बचावा गया ह। इ तू सबन क तोहरी कइँती स मिली नाहीं बा, बल्कि इ तउ परमेस्सर क बरदान अहइ।
9 इ हमरे किहे कर्मन क परिणाम नाही बा कि हम एकर गरब कइ सकी।
10 काहेकि परमेस्सर हमार सृजनहार अहइ। उ मसीह ईसू मँ हमार सृस्टि इही बरे किहेस ह कि हम नेक काम करी। जेनका परमेस्सर हमरे बरे तइयार किहे अहइ कि हम ओनहीं क करत भए आपन जीवन बिताई।
11 इही बरे याद रखा, उ लोग जउन अपने सरीरी मँ मानुस हाथन दुआरा कीन्ह गवा खतना क कारण अपने आप क "खतना सहित" बतावत हीं, विधर्मी क रूप मँ जनमें तोहे लोगन क "खतना रहित" कहत हीं।
12 ओह समइ तू बिना मसीह क रह्या तू इस्राएल क बिरादरी स बाहेर रह्या। परमेस्सर तउ अपने भक्तन क जउन बचन दिहे रहा उ ओनपर आधारित करार स अनजाना रहा। अउर इ संसार मँ बिना परमेस्सर क बिसवास क, अउर बिना ओका जाने निराश जीवन जिअत रहा।
13 परन्तु अब तोहे सबन क, जउन कभऊँ परमेस्सर स बहुत दूर रहेन, ईसू मसीह क लहू क दुअरा मसीह ईसू मँ तोहरे स्थिति क कारण, परमेस्सर क लगे लई आवा गवा रहेन।
14 यहूदियन अउर गैर यहूदियन आपस मँ एक दूसरे स नफ़रत करत रहेन अउर अलग होइ ग रहेन। ठीक अइसेनई जइसे ओनके बीच मँ कउनउ देवार खड़ी होइ। परन्तु मसीह तउ खुद अपने देह क बलिदान दइके नफरत क ओह देवार क गिरइ दिहेस। उ हमरे लिये सान्ति लावा अउर हम दोउन का एक बनाएस।
15 उ अइसेन तब किहेस जब अपने सभन नियमन अउर व्यवस्था क विधान क खतम कई दिहेस। उ अइसेन एह बरे किहेस कि उ अपने मँ एनन्ह दुन्नऊ क एक मँ मिलाइके एक नए मनुस्य क सृस्टि कइ दिहेस। अउर एह तरह स मिलाप कराइके सान्ति लिआवा। त्रूस पर अपने मउत क द्वारा उ एह घृणा क अंत कई दिहेस। अउर उ दुन्नऊ का परमेस्सर क साथे उहइ एक सरीर मँ मिलाइ दिहेस।
16 अउर त्रूस पर आपन मउत क जरिये वैरभाव क नास कइके एक्कइ देह मँ ओनन्ह दुन्नऊँ क संयुक्त कइके परमेस्सर स फिन मिलाई दिहेस।
17 तउन आइके उ तू सबन क, जउन परमेस्सर स बहुत दुर रहेन। अउर परमेस्सर ओनके लगे रहा, ओन्हे सान्ती क सुसमाचार सुनाएन।
18 काहेकि ओन्ही क द्वारा एक्कइ आतिमा स परमपिता क लगे तलक हम दुन्नऊ क पहुँच भई।
19 परिणाम सरूप जब तू पचे न अनजान रह्या अउर न ही पराया। बल्कि पवित्तर लोगन क संगी साथी अउर परमेस्सर के कुटुम्ब क बन गया ह।
20 तू पचे एक अइसेन भवन अहा जउन प्रेरितन अउर नबियन क नींव पर खड़ा बा। अउर खुद मसीह ईसू जेकर अधिक महत्वपूर्ण कोने क पाथर अहइ।
21 उ पूरी इमारत एक साथ पर्भू ईसू मँ मिली अहइ अउर मसीह ऍका बनावत चलत ह अउ परमेस्सर मँ एक पवित्तर मंदिर बनत जात ह।
22 जहाँ आतिमा क द्वारा खुद परमेस्सर निवास करत ह अउर, दूसरे लोगन क साथे तोहार निर्माण कीन्ह जात ह।
Ephesians 3
1 इही बरे मइँ, पौलुस तू गैर यहूदियन क तरफ स मसीह ईसू बरे बंदी बना हउँ।
2 तोहरे कल्लयान बरे परमेस्सर अनुग्रह क साथे जउन काम मोका संउपे अहइ, ओकरे बारे मँ तू जरुर ही सुने होब्या।
3 कि उ रहस्यमयी योजना दिव्यदर्सन क द्वारा मोका जनाई गइ रही, जइसेन कि मइँ तू सबन क संक्षेप मँ लिख ही चुका अहउँ।
4 अउर अगर तू पचे ओका पढ़ब्या तउ मसीह-बिसयक रहस्यपूर्ण सच मँ मोरी अन्तरदृस्टी क समझ तू पचन क होइ जाइ।
5 इ रहस्यमय सत्य पिछली पीढ़ीक लोगन क वइसेन ही नाहीं जनावा गवा रहा जइसे जब ओकर आपन पवित्तर प्रेरितन अउर नबियन क आतिमा क द्वारा जनावा जाई चुका बा।
6 इ रहस्यमय सत्य अहइ कि यहूदियन क साथे गैर यहूदियन साथ साथ उत्तराधिकारी अहइँ, एक्कइ सरीर क अंग अहइँ अउर मसीह ईसू मँ जउन बचन हमका दीन्ह गवा बा ओहमन सहभागी बाटेन।
7 सुसमाचार क कारण मइँ ओह सुसमाचार क प्रचार करइवाला एक सेवक बन गवा अहउँ। जउन ओकर सक्ती क अनुसार परमेस्सर क अनुग्रह क बरदान स्वरूप मोका दीन्ह गवा रहा।
8 जद्यपि सभन संतजनन मँ मइँ छोट स छोटकवा हउँ परन्तु मसीह क अनन्त धन रूपी सुसमाचार क गैर यहूदियन मँ प्रचार करइ क इ बिसेस अधिकार मोका दीन्ह गवा
9 कि मइँ सभन जने क बरे ओन रहस्यपूर्ण जोजना क स्पस्ट करउँ जउन सब कछू क सिरजनहार परमेस्सर मँ सिस्टी क प्रारम्भ स ही छुपी रहिन।
10 ताकि उ सरगे क क्षेत्र क सक्तियन अउर प्रसासकन क अब ओह परमेस्सर क विधी गियान क कलीसिया क द्वारा परगट कई सकइ।
11 इ ओह सनातन प्रयोजन क अनुसार सम्पन्न भवा जउन ओ हमरे पर्भू मसीह ईसू मँ पूरा किहे रहा।
12 मसीह मँ बिसवास क कारण हम परमेस्सर तलक भरोसा अउर निडरता क साथे पहुँच रखत अही।
13 इही बरे मइँ पराथना करत हउँ कि तोहरे बरे मइँ जउन यातना भोगत हउँ, ओनसे आसा जिन छोड़ बइठ्या काहेकि इ यातना मँ तउ तोहर महिमा बा।
14 इही बरे मइँ परमपिता क आगे निहुरत अहउँ।
15 उहइ स सरगे मँ या धरती पइ क सभन वंस अपने-अपने नाउँ ग्रहण करत हीं।
16 मइँ पराथना करत हउँ कि उ महिमा क अपने-धने क अनुसार अपने आतिमा क दुवारा तोहरे भीतर व्यक्तित्व क सक्तिपूर्वक सदृढ करइ।
17 मइँ पराथना करत हउँ कि बिसवासे क दुआरा तोहरे हीये मँ मसीह क निवास होइ। तोहरे जीवन मँ पिरेम दृढ़ अउर आधारित होइ।
18 मइँ परातथना करत हउँ कि जेहसे तोहका अउर परमेस्सर क पवित्तर लोगन क साथे इ समझई क सक्ती मिलि जाइ कि मसीह क पिरेम केतना व्यापक, विस्तृत, विसाल अउर गम्भीर बा।
19 अउर तू मसीह क ओह पिरेम क जान ल्या जउन सभन प्रकार क गियन (सोनों) स परे अहइ ताकि तू परमेस्सर क सभन पूरापन स भरि जा।
20 अब ओह परमेस्सर क बरे जउन आपन ओह सक्ति स जउन हममें काम करत ब। जेतना हम माँग सकीत अही या जहाँ तलक हम सोच सकीत अही, ओहसे कहूँ अधिक कइ सकत ह।
21 ओकर कलीसिया मँ अउर ईसू मसीह मँ अनन्त पीढ़ियन तलक हमेसा-हमेसा बरे महिमा होत रहइ। आमीन।
Ephesians 4
1 तउन मइँ, जउन पर्भू क होई कारण बन्दी बना भवा हउँ। तू लोगन स पराथना करत हउँ कि तू सबन क आपन जीवन वइसे ही जिअइ चाही जइसे न कि सन्तन क अनुकूल होत ह।
2 हमेसा नम्रता अउर कोमलता क साथे, धीरज क साथ आचरण। अउर एक दूसरे क पिरेम स कहत रहा।
3 उ सान्ति, जउन तू पचन क आपस मँ बाँधत ह, ओसे उत्पन्न आतिमा क एकता क बनाए रखइ क बरे हर तरह क यत्न करत रहा।
4 देह एक बा अउर पवित्तर आतिमा भी एक्कइ बा। अइसेन ही जब तोहे बोलॉवा गवा त एक्कई आसा मँ भगीदास्र होइ क बरे ही बोलावा गवा।
5 एक्कइ परमेस्सर बा, एक्कइ बिसवास बा अउर बा एक्कइ बपतिस्मा।
6 परमेस्सर जउन सबका परमपिता अहइ एक्कइ बा। उहइ सब कछू क स्वामी बा, हर कउनो क द्वारा उहइ त्रियासील बा, अउर हर मँ उहइ समावा बाटई।
7 ईसू हममें स हर कउनो क एक विशेष उपहार दिहे अहइ। हर मनई उहइ पाएस जेका ईसू ओका देइ चाहत रहा।
8 इही बरे सास्त्रन कहत हीं:"ऊँचा चढ़ा उ अकासे मँ अपने संग बन्दी क लिहेस अउर दिहेस लोगन क आपन आनन्द।" भजन संहिता 68:18
9 अब देखा। जब उ कहत ह "ऊँचे चढ़ा" तउ एकर अर्थ एकरे अलावा का बा? कि उ धरती क नीचे हींसा पर उतरा रहा।
10 जउन नीचे उतरा रहा, उ उहइ अहइ जउन ऊँचे पइ चढ़ा रह ऍतना ऊँचा कि सभन अकासन स उप्पर ताकि उ सब कउनो क अपने संग सम्मूर्ण कइ देइ।
11 उ लोगन क कछू प्रेरितन होइ क वरदान दिहेस तउ कछू क नबियन होई क तउ कछू क सुसमाचार क प्रचारक होइके तउ कछू क परमेस्सर क जनन क रच्छक गड़ेरिया अउर सिच्छा क।
12 मसीह तउ ओन्हे इ बरदान परमेस्सर क पवित्तर लोगन क सेवा काम क बरे तइयार करइ दिहेस ताकि हम जउन मसीह क देह अही, आतिमा मँ अउर दृढ़ होइ।
13 जब तलक कि हम सभन मँ बिसवास मँ अउर परमेस्सर क बेटवा क गियान मँ एकाकार होई क परिपक्क मनई बनई क बरे विकास करत-करत मसीह क पूरा गौरव क ऊँचाई अउर परिपक्कता क न छुइ लेई।
14 ताकि हम अइसेन गदेलन न बना रहीं जउन हर कउनो क अइसेन नई सिच्छा क हवा स उछली जाई। हम पचे उ जहाजे क तरह मनइयन न बना रही जउन लहर स एक कइँती स दूसरी कइँती चला जात हीं। जउन हमरे रस्ता मँ बहत ह, लोगन क दल स भरा व्यवहार स, अइसेन धूर्तता स, जउन ठगन स भरी सब योजना क प्रेरित करत रही, एहर-ओहर भटकाई दीन्ह जात हीं।
15 बल्कि हम पिरेम क साथे सच बोलत हर तरह स मसीह क जइसेन बनई क बरे विकास करत जाई। मसीह मस्तक बा अउर हम पचे ओकर देतह अही।
16 जेह पर सबहिं देह निर्भर करत ह। इ देहसबहिं का ओसे जोड़त ह। हर एक सहायक नस स संयुक्त होत ह अउर जब एकर हर अंग जउन काम ओका करई चाहइ, ओका पूरा करत ह। तउ पिरेम क साथे समूची देह क विकास होत ह अउर इ देह खुद मजबूत होत ह।
17 मइँ इही बरे इ कहत हउँ अउर पर्भू क साच्छी कइके तोहे चेतावनी देत हउँ कि ओन व्यर्थ क विचारन क साथे अधर्मियन क जइसेन जीवन जीअत रहा।
18 ओनकर बुद्धि अंधकार स भरी बा। उ परमेस्सर स मिलइ वाले जीवन स पूर अहई। काहेकि उ अबोध बा अउर ओनकर मन जड़ होइ गवा बा।
19 सरम क भावना ओनमें स जात रही। अउर ओ अपने क इन्द्रियन क बुरे काम मँ लगाई दिहेन। बिना कउनउ बन्धन माने ओ सब तरह क अपवित्रता मँ जुटा हयेन।
20 परन्तु मसीह क बारे मँ तू जउन कछू जाने अहा, उ त अइसेन नाहीं बा।
21 (मोका कउनउ सन्देह नाहीं बा कि तू ओकरे बारे मँ सुने अहा, अउर उ सच जउन ईसू मँ निवास करत ह, ओकरे अनुसार तोहे ओकर चेलन क रुप मँ सिच्छित कीन्ह गवा बा।)
22 जहाँ तलक तोहरे पुराने जीवन प्रकार क सम्बन्ध बा, तोहे सिच्छा दीन्ह गइ रही कि तू अपने पुराना व्यत्तित्व जउन जर्जर होइ रहा बाटइ ओका उतारके फेंका जउन ओकर भटकावइवाली इच्छान क कारण भ्रस्ट बना भआ बा।
23 जेहसे बुद्धि अउर आतिमा मँ तोहे नवा कीन्ह जाइ सकई।
24 अउर तू उ नवा सरूप क धारण कइ सका जउन परमेस्सर क अनुरूप सचमुस नेक अउर पवित्तर बनवइ बरे रचा गवा बा।
25 तउन तू पचे झूठ बोलइ क तियाग कइ द्या। आपस मँ सब कउनो क सच बोलई चाही काहेकि हम सब एक सरीर क अंग अही।
26 जब तू त्रोध करा, तब पाप करइ स बचा। तोर किरोध सूरज अस्त होय तक बना न रहइ।
27 सइतान क अपने पर हावी न होइ द्या।
28 जे चोरी करत आवत, उ आगे चोरी न करइ। बल्कि ओका काम करइ चाही, खुद अपने हाथे स उपयोगी काम। ताकि ओकर पास जेकर आवस्यकता बा ओकर साथे बाटइ क कछू होइ सकइ।
29 तोहरे मुँहे स कउनउ अनुचित शब्द न निकलइ चाही, बल्कि लोगन क विकास क बरे जेकर अपेच्छा बा, अइसेन उतम बातई निकलई चाही, ताकि जे सुनई ओकर ओसे भला होइ।
30 परमेस्सर क पवित्तर आतिमा क दुःखी न करत रहा काहेकि परमेस्सर क सम्पत्ति क रूप मँ तोह पर छुटकारा क दिना क बरे आतिमा क साथे मोहर लगाई दीन्ह गइ बा।
31 पूरी कड़वाहट, झुँझलाहट, त्रोध, चीख-चिल्लाहट अउर निन्दा क तू अपने भीतर स सब तरह क बुराई क साथे निकारिके बाहर फेंका।
32 परस्पर एक दूसरे क बरे दयालु अउर करुनावन बना। अउर आपस मँ एक दूसरे क अपराधन क वइसेन ही छमा करा जइसे मसीह क द्वारा तोहका परमेस्सर छमा किहे अहइ।
Ephesians 5
1 पिआरे बच्चन क समान परमेस्सर क अनुकरण करा।
2 पिरेम क साथे जिआ ठीक वइसेन ही जइसे मसीह हमसे पिरेम कीहे अहइ अउर अपने आप क, सुगन्धि सुलगाइके बलि भेंट क रूप मँ हमरे बरे परमेस्सर क अर्पित कइ दिहे अहइ।
3 तोहरे बीच यौन अनाचार अउर हर कउनो तरह क अपवित्तरता अउर लालच कर् चर्चा तक न चलइ चाही। जइसेन कि परमेस्सर क पवित्तर जनन क बरे उचित बाटई।
4 तू न तऊ असलील भाखा क प्रयोग होइ चाही, न मूर्खतापूर्ण बात या भद्दी हँसी ठट्टा। इ तोहरे अनुकूल नाहीं अहइ। बल्कि तोहरे बीच धन्यबाद ही दीन्ह जाइ।
5 काहेकि तू निस्चय क साथे इ जानत ह कि अइसेन कउनउ भी मनई जउन दुराचारी अहइ, अपवित्तर अहइ अउर लालची अहइ (जउन एक मूर्तिपूजक होइ जइसा अहइ) मसीह क अउर परमेस्सर क, राज्य क उत्तराधिकार नाहीं पाई सकत।
6 देखा। तोहे कउनउ सब्दन स केउ छल न लेइ। काहेकि बुरी बातन क कारण ही आज्ञा क उल्लंघन करइवालन पर परमेस्सर क कोप होइ क अहइ।
7 इही बरे ओनकर साथी न बना।
8 इ मइँ एह बरे कहत हउँ कि एक समइ रहा जब तू अंधकार स भरा रह्या परन्तु अब तू पर्भू क अनुयायी क रूप मँ ज्योति स भरापूरा अहा। इही बारे प्रकासित बेटवन क स आचरण करा।
9 हर प्रकार क उत्तम जीवन, नेकी अउर सत्य मँ ज्योति का प्रतिफल देखाइ पडत ह।
10 सब तरह इ जानइ क जतन करत रहा कि परमेस्सर क का भावत ह।
11 अइसेन काम जउन बुरे बाटेन, अन्धकार मँ लोग करत हीं ओन्हन बेकार क कामन मँ हिस्सा न बटावा बल्कि ओनकर भण्डा-फोड़ करा।
12 काहेकि अइसेन काम जेका उ पचे गुपचुप करत हीं। ओनके बारे मँ कीन्ह गइ चर्चा तक लाज का बात बा।
13 ज्योति जब प्रकासित होत ह तउ सब कछू घ्स्यमान होइ जात ह कि उ का अहइ।
14 अउर जउन कछू घ्श्यमान प्रकास क सामने आवत ह, उ खुद ज्योति ही बनि जात ह। इही बरे हमार भजन कहत ह:"जाग अरे, ओ सोवइवाले मउत मँ स जी उठि बइठा, खुद मसीह प्रकासित होई तोहरे ही सिर बइठी।"
15 इही बरे सावधानी क साथे देखत रहा कि तू कइसा जीवन जिअत अहा। विवेकहीन क स आचरण न करा, बल्कि बद्धिमान क स आचरण करा।
16 जे हर समइ क अच्छा करम करइ क बरे दीन्ह भए वर्तमान मँ ओकर पूरा उपयोग करत ह, काहेकि इ दिन बुरा बा।
17 मूर्खता स न रहत रहा बल्कि इ जान ल्या कि पर्भू क इच्छा का अहइ।
18 मदिरापान कइके मतवाला जिन बना रहा काहेकि इही स कामुकता पइदा होत ह। एकरे विपरीत आतिमा स परिपूर्ण होइ जा।
19 आपस मँ भजन, स्तुतिगयान अउर आध्यात्मिक गीतन क, परस्पर आदान-प्रदान करत रहा। अपने मने मँ पर्भू क बरे गीत गावत ओकर स्तुति करत रहा।
20 हर कीहीउँ बात क बरे हमार पर्भू ईसू मसीह क नाउँ पइ हमरे परम पिता परमेस्सर क हमेसा धन्यबाद करा।
21 मसीह क प्रति सम्मान क कारण एक दूसरे क अरपन कइ द्या।
22 हे पतनियन, अपने-अपने पतियन क बरे अइसेन समर्पित रहा, जइसेन तू पर्भू क समर्पित होत ह।
23 काहेकि अपने पत्नी क उप्पर ओकर पति ही प्रमुख अहइ। वइसेन ही जइसे हमार कलीसिया क सिखर मसीह बा। उ खुदई इ देह क उद्धार करत ह।
24 जइसे कलीसिया मसीह क अधीन बा, वइसेन ही पत्नियन क सब बात मँ अपने-अपने पतियन क बरे समर्पित करइ चाही।
25 हे पतियन, अपने पत्नियन स पिरेम करा। वइसेन ही जइसे मसीह कलीसिया स पिरेम किहेस अउर अपने आप क ओकरे बरे बलि कई दिहेस।
26 ताकि उ ओका पर्भू क सेवा मँ जल मँ स्नान कराइके पवित्तर कई हमार घोसना क साथे परमेस्सर क अर्पित कइ देई।
27 इही तरह उ कलीसिया क एक अइसेन चमचमात दुलहिन क रूप मँ खुद क बरे पेस कइ सकत ह, जउन कलंक अउर पापन स मुक्त होइ, झुरियन स रहित होई, या जेहमाँ अइसेन अउर कउनउ कमन होइ। बल्कि उ पवित्तर होइ अउर हमेसा निर्दोस होइ।
28 पतियन क अपने-अपने पत्नियन स उही तरह पिरेम करइ चाही जइसे उ खुद अपने देह स करत हीं। जे अपने पत्नी स पिरेम करत ह उ खुद अपेन आप स पिरेम करत ह।
29 केउ अपने देह स तब कभउँ घिरना नाहीं करत, बल्कि उ ओका पालत-पोसत ह अउर ओकर ध्यान रखत ह। वइसेन ही जइसे मसीह अपने कलीसिया क,
30 काहेकि हमउ त ओकरी काया क अंग अही।
31 पवित्तर सास्तर कहत ह, "इही बरे एक मनई अपने महतारी बाप क छोड़ि के अपने पत्नी स बंध जात ह अउर दुन्नउ एक देह होइ जात हीं।"
32 इ रहस्यपूर्ण सच बहुत महत्वपूर्ण बा अउर मइँ तोहे बताइत ह कि इ मसीह अउर कलीसिया पर लागू होत ह।
33 तउन कछू भी होइ, तोहमाँ स हर कीहीउँ क अपने पत्नी स वइसेन ही पिरेम करई चाही जइसे तू खुद अपने आप क करत अहा। अउर एक पत्नी क आपन पति का डेरात भए आदर करइ चाही।
Ephesians 6
1 गदेलन, पर्भू मँ आस्था रखत महतारी-बाप क आज्ञा क पालन करा काहेकि इहइ तरीका पर्भू चाहत बा।
2 "अपने महतारी-बाप क सम्मान करा।"इ पहली आज्ञा अहइ जउन इ परितिसिया स युक्त बा
3 कि "तोहार भला होई अउर तू धरती पर चिरायु होब्या।"
4 अउर हे पिता लोगो, तू पचे अपने गदेलन क गुस्सा न दिआवा बल्कि पर्भू स मिली सिच्छा अउर निर्देसन क देत ओनकर पालन-पोसन करा।
5 हे सेवक लोगो, तू पचे अपने संसारी स्वामियन क आज्ञा निष्कपट हिरदइ स भय अउर आदर क साथे उही तरह माना जइसे तू मसीह क आज्ञा मानत ह।
6 केवल कीहीउँ क देखत रहत ही रहा काम न करा जइसे तोहे लोगन क समर्थन क आवश्यकता होइ। बल्कि मसीह क सेवक क रूप मँ करा जउन आपन मन लगाइके परमेस्सर क इच्छा पूरी करत हीं।
7 उत्साह क साथे एक सेवक क रूप मँ अइसेन काम करा जइसे माना तू लोगन, क नाहीं पर्भू क सेवा करत अहा।
8 याद रखा, तोहमें हर एक चाहे उ सेवक होइ या स्वतंत्र होइ या केउ अच्छा काम करत ह, तउ पर्भू स ओका पुरस्कार मिली।
9 स्वामियन, तू सबहुँ अपने सेवकन क साथे वइसेन ही व्यहार करा अउर ओनका डरोवइ धमकावइ छोड़ि द्या। याद रखा, ओनकर अउर तोहर स्वामी सरगे मँ अहइ अउर उ कउनउ पच्छपात नाहीं करत।
10 मतलब इ कि पर्भू मँ स्थित होइके ओकर असीम सक्ती क साथे अपने आपक सक्तिसाली बनावा।
11 परमेस्सर क सम्पूर्ण कवच क धारण करा। ताकि तू राच्छस (दुस्टन) क सबइ योजन क सामने टिक सका।
12 काहेकि हमार संघर्ष मनइयन स नाहीं बा, बल्कि सासकन, अधिकारियन, एक अन्धकार भरा जुग क आकास क सक्तियन अउर अम्बर क दुस्टात्मिक सक्तियन क साथे बा।
13 इही बरे परमेस्सर क सम्पूर्ण कवच क धारण करा ताकि जब बुरा दिन आवइ तउ जउन कछू संभव बा ओका कइ चुकइ क बाद तू दृढतापूर्वक अडिग रहि सका।
14 तउ अपने करिहाउँ पइ सत्य क फेंटा कसिके नेकी क झिलम पहिन क अउर गोड़न मँ सान्ति क सुसमाचार सुनावइ क तत्परता क पनही धारण कइके तू लोग अटल खड़ा रहा।
15
16 इ सबसे बड़ी बात इ बा कि विस्व क ढाल क रूप मँ लइ ल्या। जेकरे द्वारा तू ओन दुस्टन (सइतान) क समस्त अग्नि बाणन का बुझाई सका, जउन बन्दी क द्वारा छोड़ा गवा अहइँ।
17 उद्धार क बरे क सिरस्त्राण पहिन ल्या अउर परमेस्सर क सँदेसा रूपी आतिमा क तलवार उठाइ ल्या।
18 सब तरह क पराथना अउर निवेदन सहित आतिमा क सहायता सब अवसर पर विनती करत रहा। एह लच्छ स सभन प्रकार क यत्न करत सावधान रहा। अउर सभन सन्तन क बरे पराथना करा।
19 अउर मोरे बरे पराथना करा कि मइँ जब आपन मुँह खोलउँ, मोका एक सुसंदेस मिलइ ताकि निर्भयता क साथ सुसमाचार क रहस्य भरा सच क, परगट कइ साकउँ।
20 इही बरे मइँ जंजीर मँ जकड़ा भआ राजदूत क समान सेवा करत हउँ। पराथना करा कि, जेह तरह मोका बोलइ चाही उही तरह निर्भयता क साथे सुसमाचार क प्रबचन कइ सकउँ।
21 तूहउ, मइँ कइसेन हउं अउर का करत हउँ, एका जान जा। सो तुखिकुस तोहे सबन कछू बताइ देई। इ हमार पिआरा बंधु अहइ अउर पर्भू मँ स्थित एक बिसवासपूर्ण सेवक अहइ।
22 इही बरे मइँ ओका तोहरे लगे भेजत हउँ ताकि तू मोर समाचार जानि सका अउर इही बरे कि उ तोहरे मने क सान्ति देइ सकइ।
23 भाइयो, तू सबे क परमपिता परमेस्सर अउर पर्भू ईसू मसीह कइँती स सान्ति, पिरेम अउर बिसवास मिलइ।
24 जउन हमरे पर्भू ईसू मसीह स अमर पिरेम रखत हीं, ओन पइ परमेस्सर क अनुग्रह होत ह।
Philippians 1
1 ईसू मसीह क सेवक पौलुस अउर तीमुथियुस कइँती स मसीह ईसू मँ स्थित फिलिप्पी क रहइवाले बुजुर्गन संत जनन क नाउँ जउन उहाँ निरीच्छकन अउर कलीसिया क सेवकन क साथे निवास करत थीं:
2 हमार परमपिता परमेस्सर अउर हमार पर्भू ईसू मसीह कइँती स तू पचन क अनुग्रह अउर सान्ति मिलइ।
3 मइँ जब-जब तू पचन क याद करत हउँ, तब-तब परमेस्सर क धन्यबाद देत हउँ।
4 अपने हर पराथना मँ मइँ हमेसा खुशी क साथे तोहरे बरे पराथना करत हउँ।
5 काहेकि पहिले ही दिना स आज तलक तू सुसमाचार क प्रचार मँ मोर सहयोगी रह्या हा।
6 मोका इ बात क पूरा भरोसा बाटइ कि उ परमेस्सर जे तोहरे बीच मँ अइसेन अच्छा काम सुरु किहे अहइ, उहइ ओका उहइ दिना तक बनाए रखी, जब ईसू मसीह फिन आइके ओका पूरा करी।
7 तू सब क बारे मँ मोरे बरे अइसेन सोचब ठीकही बा। काहेकि तू सब मोरे मने मँ बसा भवा अहा। अउर न केवल तब जब तक मइँ जेल मँ हउँ, बल्कि तब भी जब मइँ सुसमाचार क सत्य क रच्छा करत भए, ओकरे प्रतिस्ठा मँ लगा रहेउँ, तू सभे ऍह अऩुग्रह मँ मोर सहभागी रह्या ह।
8 परमेस्सर मोर साछी अहइ कि मइँ मसीह ईसू द्वारा परगट पिरेम स मइँ तू सभन क बरे केतना बियाकुल रहत हउँ।
9 मइँ इहइ पराथना करत रहत हउँ: पिरेम हमेसा बढ़इ तोहार साथे गियान क, गहन दिस्टि क।
10 पाइके इ गुन, भला-बुरा मँ भेद कइके, अपनाइ लेब्या हमेसा भले क। अउर एह तरह बन जाब्या तू सुद्ध अकलुस ओह दिना क जब मसीह आइ।
11 धारमिकता क फल स ईसू मसीह स मिलत ही परिपूर्ण होत जा जेहसे परमेस्सर क महिमा अउर स्तुति होत रह्या।
12 भाइयो, मइँ तू सबन का जनाइ देइ चाहित हउँ कि मोरे साथे जउन कछू भवा बा, ओसे सुसमाचार क बढ़ावा ही मिला बाटइ।
13 परिणामसरूप स संसार क पूरी रच्छा दल अउर अन्य दूसरे सबहिं लोगन क इ पता चलि गवा बा कि मोका मसही क बिसवासी होई क कारण ही बन्दी बनावा गवा बाटइ।
14 एकरे अलावा पर्भू मँ स्थित ज्यादातर भाई मोर बन्दी होइके कराण उत्साह स भरा भवा अहइँ। अउर बहुत जियादा साहस क साथ सुसमाचार क निडरता पूर्वक सुनावत अहइँ।
15 इ सच अहइ कि ओहमाँ स कछू इरसा अउर बैर क कारण मसीह क उपदेस देत हीं परन्तु दुसरे जने सद्भावना स प्रेरितन होइके मसीह क उपदेस देत हीं।
16 ये सब जने पिरेम क कारण अइसेन करत हीं काहेकि इ जानत हीं कि परमेस्सर सुसमाचरे क बचाउ करइ बरे ही मोका इहाँ रखे अहइ।
17 परन्तु कछू अउर जने त सचाई क साथे नाहीं, बल्कि सुवारथ स भरी इच्छा स मसीह क प्रचार करत हीं काहेकि उ सोचित हीं कि एहसे उ पचे बन्दी-घरे मँ मोरे बरे कस्ट पइदा कइ सकिहीं।
18 परन्तु ऐहसे कउनउ फरक नाहीं पड़त। जरुरी तउ इ बा कि एक ढंग स, या दूसरे ढंग स, चाहे बुरा उद्देस्य होइ, चाहे भला प्रचार तउ मसीह क ही होत ह अउर ऐहसे मोका आनन्द मिलत ह अउर आनन्द मिलतइ रही।
19 काहेकि मइँ जानत हउँ कि तू पचन पराथना क द्वारा अउर ओह सहायता स जउन ईसू मसीह क आतिमा स मिलत ह, परिणआम मँ मोका छु टकारा ही मिली।
20 मोर तेज इच्छा अउर आसा इहइ बा अउर मोका इ बिसवास बा कि मइँ कउ नो बाते स निरास नाहीं होब बल्कि सब तरह स निउर होइके जइसे मोरे सरीर स मसीह क महिमा हमेसा होत रही, वइसेन आगेउ होत रही, चाहे मइँ जिअउँ अउर चाहे मरि जाउँ।
21 काहेकि मोरे जीवन क मतलब अहइ मसीह अउर मउत क मतलब अहइ एक प्राप्ति।
22 मुला अगर मइँ अपने एह सरीर स जिन्दइ रहउँ तउ एकर मतलब इ होइ कि मइँ अपने कर्मे क परिणामे क आनन्द लेउँ। तउन मइँ नाहीं जानित हउँ कि मइँ का चुनउँ।
23 दुन्नउ विकल्पे क बीच चुनाव मँ मोका कठिनाई होत बा। मइँ अपने जीवन स विदा होइके मसीह क पास जाइ चाहित ह काहेकि उ अधिक अच्छा होइ।
24 दूसरी तरफ परन्तु एह सरीर क साथे ही मोर इहाँ रहब तोहरे बरे अधिक जरूरी बा।
25 अउर काहेकि इ मइँ निस्चय क साथे जानित हउँ कि मइँ इही रहबइ अउर तू सभन क आध्यात्मिक उन्नति अउर बिसवास स पइदा भवा आनन्द बरे तोहरे साथे रहतइ रहब।
26 ताकि तोहरे लगे मोरे लउटी आवई क परिणाम सहित तू पचन क मसीह ईसू मँ स्थित मोहे प गरब करइ क अउर अधिक आधार मिलि जाई।
27 परन्तु हर तरह स अइसा करा कि तू सबन आचरण मसीह क सुसमाचार क अनुकूल रहइ। जेहसे चाहे मइँ तोहरे लग आएके तू सबन क देखउँ अउर चाहे तु सबन स दूर रहउँ, तू सबन क बारे मँ इहइ सुनउँ कि तू पचे एक्कई आतिमा मँ मजबूती स टिका ह्वा अउर सुसमाचार स पइदा बिसवासे क बरे एक जुट होइके संघर्ष करत रहा।
28 अउर मइँ इहउ सुनई चाहित हउँ कि तू पचे अपने विरोधियन स कउनउ तरह स नाहीं डेरात अहा। तू सबन क इ साहस ओनके विनाश क प्रमाण अहइ। तू पचन क मुक्ति का संकेत अहइ जउन स्वयं परमेस्सर कइँती स अइसा ही कीन्ह जाई।
29 काहेकि मसीह कइँती स तू पचन क न केवल ओहमे बिसवास करइ क बल्कि ओकरे बरे यातना झेलइ क बिसेष अधिकार दीन्ह गवा बा।
30 तू पचे जानत अहा क तू उही संघर्ष मँ जुटा अहा जेहमे मइँ जुटा रहेउँ अउर जइसेन कि तू सुनत अहा आज तलक मइँ ऊहीं मँ लगा रहउँ।
Philippians 2
1 फिन तू लोगन मँ अगर मसीह मँ कउनउ उत्साह बा, पिरेम स पैदा भई कउनउ धीरज बा, अगर आतिमा मँ केउ भागेदारी क, सिहेन क भावना अउर सहानुभूति बा
2 तउ मोका पूरी तरह स खुस करा। मइँ चाहत हउँ, तू पचे एक तरह स सोचा, परस्पर एक जइसा पिरेम करा आतिमा मँ एका रखा अउर एक जइसेन लच्छ रखा।
3 ईर्सा अउर मिथ्या अभिमान स कछू न करा। बल्कि नरम बना अउर दुसरेउ क आपने स उत्तिम समझा।
4 तोहमे स हर एक्के चाही कि केवल अपनई नाहीं, बल्कि दुसरेउ क हिते क धियान रखइ।
5 आपन चिंतन ठीक वइसा ही रखा जइसे मसीह ईसू क रहा।
6 जउन परमेस्सर क सरूप मँ होत भए भी उ परमेस्सर क साथे अपने ऍह बराबरी का अधिकार की वस्तु न समझेस।
7 बल्कि उ तउ आपन सब्ब कछू तियागके एक सेवक क रूप ग्रहण कइ लिहेस अउर मनई क समान बनि गवा। अउर जब उ अपने बाहरी रूप मँ मनई जइसेन बनि गवा।
8 त उ अपने आप क नवाइ लिहेस अउर परमेस्सर का ऍतना आज्ञाकारी बन गवा कि आपन प्राण तक न्योछोवर कइ दिहेस अउर उहउ त्रूस पर।
9 इही बरे परमेस्सर भी ओका ऊँचा स ऊँचा स्थान पर उठाएस अउर ओका उ नाम दिहेस जउन सब नामन स ऊप्पर बा
10 ताकि सब केऊ जब ईसू क नाउँ क उच्चारण होत सुनइ, तउ नीचे निहुरि जाइ। चाहे उ सरगे क होइ, धरती पइ क होइ अउर चाहे धरती क नीचे क होइ।
11 अउर सब जीभ परमपिता परमेस्सर क महिमा बरे मजूर करइ कि “ईसू मसीह ही पर्भू अहइ।”
12 एह बरे मोर पिआरे दोस्तो, तू पचे मोरे निर्देशन क जइसेन ओह समइ पालन किहा करत रह्या जब मइँ तू पचन क साथे रहेउँ, अब जब कि मइँ तू पचन क साथे नाहीं हउँ तब तू अउर अधिक लगन स ओकर पालन करा। परमेस्सर बरे पूरा आदर एवं भय क साथे अपने उद्धार क पूरा करइ बरे तू सभे काम करत जा।
13 काहेकि उ परमेस्सर ही अहइ जउन उ कामना क इच्छा अउर ओन्हे पूरा कररइ क करम, जउन परमेस्सर क भावत ह, तोहमें पइदा करत ह।
14 बिना कउनउ सिकायत या लड़ाई-झगड़ा किहे सब काम करत रहा।
15 ताकि तू भोले-भोले अउर पवित्तर बनि जा। अउर इ कुटिल अउर पथभ्रस्ट पीढ़ी क लोगन क बीच परमेस्सर क निहकंलंक बालक बनि जा। ओनके बीच अँधियारी दुनिया मं तू पचे ओह समइ तारा बनिके चमका
16 जब तू ओनका जीवनदायी उपदेस सुनावत ह। तू अइसा ही करत रहा ताकि मसीह क फिन लउटइ क दिन मइँ इ देखिके कि मोरे जीवन क भाग दौड़ बेकार नाहीं भइ। तू पचन गरब कइ सकी।
17 तोहार सबन क बिसवास परमेस्सर क सेवा मँ एक बलि क रूप मँ बा अउर अगर मोर लहू तोहरे बलि प दाखरस क समान उँड़ेल दीहा भी जाइ तउ मोका खुसी अहइ। तोहरे सबन क खुसी मँ हमरउ सहभाग बा।
18 उही तरह तूहउ खुस रहा अउर मोरे साथे आनन्द मनावा।
19 पर्भू ईसू क सहायता स मोका तीमुथियुस क तू लोगन क लगे जल्दी भेज देइ क आसा बा ताकि तोहरे समाचारन स मोर भी उत्साह बढ़ सकइ।
20 काहेकि मोरे पास दुसर कउनउ तीमुथियुस अइसा मनई नाहीं बा जेकर भावना मोरी जइसी होइ अउर जउन तोहरे कल्यान क बरे सच्चे मने स चिंतित होइ।
21 काहेकि अउर सभन अपने अपने कामन मँ लगा बाटेन। ईसू मसीह क कामन मँ केऊ नाहीं लाग बा।
22 तू पचे ओकरे चरित्र क जानत अहा कि सुसमाचार क प्रचार मँ मोरे साथ उ वइसे ही सेवा क किहे अहइ, जइसे एक बेटवा अपने बापे क साथे करत रहत ह।
23 तउ मोका जइसेन इ पता चली कि मोरे साथे का कछू होइ जात बा। मइँ ओका तू सबन क लगे भेज देइ क आसा रखत अहउँ।
24 अउर मोर बिसवास बा कि पर्भु क सहायता स मइँ भी जल्दी ही अउबइ।
25 मइँ इ जरूरी समझत हउँ कि इपफ्रुदीतुस क तोहरे लगे पठवउँ, जउन मोर भाई अहइ, अउर साथ ही काम करइवाला बा अउर सहयोगी कर्म-वीर अहइ अउर मोका जरूरत पड़इ पइ मोर सहायता बरे तोहार प्रतिनिधि रहा,
26 काहेकि उ तोहे सबन क बरे बियाकुल रहा करत रहा अउर ऍहसे बहुत खिन्न रहा कि तू इ सुने रह्या कि उ बेमार पड़ि गवा रहा।
27 हाँ, उ बेमार तउ रहा अउर उहउ ऍतना कि जइसे मरि ही जाई। परन्तु परमेस्सर ओह पर अनुग्रह किहेस (न सिरिफ ओह पइ बल्कि मोपे प भी) ताकि मोका दुखे पर दुख न मिलइ।
28 इही बरे मइँ ओक अउर उ लगन स पठवत हउँ ताकि जब तू ओका देखा तउ एक बार फिन खुस होइ जा अउर तोहरे बारे मँ चिन्ता करब छोड़ देउँ।
29 इही बरे पर्भू मँ बड़ी खुसी क साथे ओकर सुवागत करा अउर अइसेन लोगन क जियादा स जियादा आदर करत रहा।
30 काहेकि मसीह क काम क बरे उ लगभग मरि गवा रहा ताकि तोहरे द्वारा कीन्ह गइ मोर सेवा मँ जउन कमी रही गइ रही, ओका उ पूरा कइ देइ, एकरे बरे उ अपने प्राण क बाजी लगाइ दिहेस।
Philippians 3
1 एह बरे स, मोरे भाइयो, तथा बहिनियो, पर्भू मँ आनन्द मनावत रहा। तू सबन क सच सच ओनही बातन क लिखत रहइ स मोका फिन कउनउ कस्ट नाहीं अहइ अउर तोहरे बरे तउ इ तैयार होइ क मदद करी।
2 एन्हन कुकुरन स सावधान रहा जउन कुकर्मन मँ लगा अहइँ। उ पचे बधिया कइ देइ चाहत हीं।
3 काहेकि सच्चा खतनावाला मनई तउ हम अही जउन अपने आराधना क परमेस्सर क आतिमा द्वारा अरपण करत अही। अउर मसीह ईसू पर हम होइ बरे गरब करत अही अउर जउन कछू सारीरीक बा, ओह प हम भरोसा नाहीं करत अही।
4 जद्यपि मइँ खुद जउन कछू सरीरीक बा, ओह पइ मइँ भरोसा नाहीं कइ कत रहउँ। मुला अगर केऊ अउर अइसेन सोचइ कि ओकरे लगे सरीसी पर बिसवास करइ बरे बा तउ मोरे लगे तउ उ अउर जियादा बा।
5 जब मइँ आठ दिना क रहेउँ, मोर खतना कइ दीन्ह गवा रहा। मइँ इस्राएली हउँ बिन्यामीन क वंस क हउँ। मइँ इब्रानी माता-पिता स पइदा भवा एक इब्रानी हुउँ। जहाँ तक व्यवस्था क विधान तलक मोरे पहुँच क प्रस्न बा, मइँ फरीसी हउँ।
6 जहाँ तलक मोरी निस्ठा क प्रस्न बा, मइँ कलीसिया क बहुत सताये रहउँ। जहाँ तलक ओह धार्मिकता क सवाल बा जेका व्यवस्था क विधान सिखावत ह, मइँ निर्दोख रहेउँ।
7 परन्तु तब जउन मोर लाभ रहा, आज उही क मसीह क बरे मइँ आपन हानि समझत अहउँ।
8 इहूउँ स बड़ी बात इ बा कि मइँ अपने पर्भू मसीह ईसू क गियान क स्रेष्ठता क कारण आज तलक सब कछु क हीन समझत रहेउँ। उही बरे मइँ सब कछू तियागा कइ दिहेउँ अउर मइँ सब कछू क घिना क परन्तु समझइ लाग हउँ ताकि मसीह क पाई सकउँ
9 अउर ऊही मँ पावा जाइ सकउँ-मोर उ धरम भाव क कारण नाहीं जउन व्यवस्था क विधान पर टिकी रही, बल्कि ओह धरम भाव क कारण जउन मसीह मँ बिसवासे क कारण मिलत ह। जउन परमेस्सर स मिली बा ओकर आधार बिसवास अहइ।
10 मइँ मसीह क जानइ चाहत हउँ अउर ओह सक्ती क अऩुभव करइ चाहत हउँ जेसे ओका पुनः जागरण भवा रहा। मइँ ओकरी यातनन का सहभागी होइ चाहत हुँ। अउर उही रूपे क पाइ लेइ चाहत हउँ जेका उ आपन मउत क द्वारा पाए रहा।
11 एह आसा क साथे क मइँ भी इही तरह मरा हुआ मँ स उठि क फिन स जी पावउँ।
12 अइसेन नाहीं अहइ कि मोका आपन प्राप्ति होइ चुकी बा अउर मइँ पूरा सिद्ध बन चुका हउँ। परन्तु मइँ उपलब्धि क पाइ ल्लेइ क बरे बराबर प्रयास करत रहत हउँ जेकरे बरे मसीह ईसू मोका आपन बँधुआ बनाए रहा।
13 भाइयो, तथा बहिनियो, मइँ इ नाहीं सोचित हउँ कि मइँ ओका पाई चुका हउँ। पर बात इ अहइ कि बीती क बिसराइ द्या, जउन मोरे सामने बा, ओह लच्छ तलक पहुँचइ बरे मइँ संघर्ष करत रहउँ।
14 मइँ ओह लच्छ क बरे हमेसा प्रयास करत रहउँ कि मइँ अपने ओह इनामें क जीत लेउँ, जेका मसीह ईसू मँ पावई क बरे परमेस्सर तउ मोका उप्पर बोलाए अहइ।
15 ताकि ओन्हन लोगन क, जउन हमरे मँ पूर्ण मनई बन चुका बाटेन, मन क स्वरूप अइसेन रहइ । परन्तु अगर तू कीहीउ बात क कउनउ अउर ढंग स सोचत ह तउ तोहरे बरे ओकर जाहिर करइके परमेस्सर कइ देई।
16 जउन सच्चाई तक हम पहुँच चुका अही, हमका उही पे चलत रहइ चाही।
17 भाइयो, तथा बहिनियो, अउरन क साथे मिलि के मोरे नकल करा जउन उदाहरण हम तोहरे सामने रखे अही, ओकरे अऩुसार जउन जिअत हीं, ओह पर धियान द्या।
18 काहेकि अइसेन ही बहुत जने अहइँ जउन मसीह क त्रूस स दुस्मनी रखत जिअत हीं। मइँ तोहका बहुत बाह बताए हउँ अउर अब भी मइँ इ बिलखि-बिलखि क कहत हउँ
19 ओनकर नास ओनकइ नियति अहइ। ओनकर पेट ओनकर भगवान अहइ। अउर जेहपर ओनका लजाई चाही, ओह पर ओ गरब करत हीं। ओनका बस संसारी वस्तुवन क चिन्ता बा।
20 परन्तु हमार जन्मभूमि तउ सरगे मँ बा। ऊही स हम उद्धारकर्ता पर्भू ईसू मसीह क आवइ क बाट जोहत रहित ह।
21 आपन ओह सक्ती क द्वारा जेहसे सब वस्तुवन क उ अपने अधीन कइ लेत ह, हमार कमजोर देह क बदल क आपन दिव्य देह जइसेन बनाई देई।
Philippians 4
1 हे मेरे भाइयो, तथा बहिनियो, मइँ तू सबन स पिरेम करत हउँ, अउर तू सबन क देखइ का तरसत हउँ। तू पचे खुसी अहा, मोर गौरव अहा। तू पचन क जइसे मइँ बताए हउँ, पर्भू मँ तू सबइ वइसेन ही द्दढ़ बना रहा।
2 मइँ युओदिया अउर सन्तुखे दुन्नऊ क उत्साहित करत हउँ कि तू पचे पर्भू मँ एक जइसे बिचार बनाए रखा।
3 मोरे सच्चा साथी तोहसे सबन स मोर बिनती बा कि इन्हन स्त्रियन क सहायता करा। इ क्लेमेन्स अउर मोरे दुसरे सहकर्मियन सहित सुसमाचार क प्रचार मँ मोरे साथे जुटी रहिन। एनके नाउँ जीवन क किताबेमँ लिख गवा अहइँ।
4 4पर्भू मँ हमेसा आनन्द मनावत रहा।
5 ऍका मइँ फिन दोहरावत हउँ आनन्द मनावत रहा। तू पछन क सहनसील आतिमा क गियान सब जने क होइ। पर्भू लगे ही बाटइ
6 कउनउ बाते क चिन्ता न करा, बल्कि सब परिस्थितियन मँ धन्यबाद सहित पराथना अउर बिनय क साथे आपन याचना परमेस्सर क सामने रखत जा।
7 इही स परमेस्सर कइँती स मिलइवाली सान्ति, जउन समझ स परे बा तोहरे हिरदइ अउर तोहरे बुद्धि क मसीह ईसू मँ सुरच्छित बनाए रखी।
8 भाइयो, तथा बहिनियो, इन बातन क धियान करा। जउन जरुर सत्य बा, जउन आदर योग्य बा, जउन अच्छा बा। जउन पवित्तर बा, जउन सुन्दर बा, जउन सराहइ योग्य बा या कउनउ अन्य गुन या कउनउ प्रसंसा
9 जेका तू मोसे सीखे अहा, पाए अहा या सुने अहा या जेका करत मोका देखे अहा। इन बातन क अभ्यास करत रहा। सांति क सोत परमेस्सर तोहरे साथे रही।
10 तू सबइ निस्चय ही मोरे भलाई बरे सोचत रहत ह परन्तु तू पचन क ओका देखावइ क अवसर नाहीं मिला रहा, परन्तु अब अखिरकार तोहमें मोरे बरे फिन स फिकिर जागी बा। एहसे मइँ पर्भू मँ बहुत आनन्दित भवा हउँ।
11 कउनउ व्यक्तिगत जरूरत क कारण मइँ इ नाहीं कहत हउँ। काहेकि जइसेन परिस्थिति मँ मइँ रहउँ, मइँ उही मँ सन्तोस करइ सीख लिहे हउँ।
12 मइँ अभाव क बीच रहई क रहस्य भी जानत हउँ अउर इहउ जानत हउँ कि सप्मन्नता मँ कइसे रहा जात ह। कइसेउ समइ होइ अउर कइसेउ परिस्थिति, चाहे पेट भरा होइ अउर चाहे भूखा, चाहे पास मँ बहुत कछू होइ अउर चाहे कछू भी न होइ, मइँ ओन सबे मँ सुखी रहइ सीख लिहे हउँ।
13 मसीह क जरिये मइँ सब कछू कइ सकत हउँ काहेकि उ मोका सक्ती देत ह।
14 कछू भी होइ हमरे कस्टन मँ तू पचे मोरे कामे मँ हाथ बटाई क अच्छा ही किये अहा।
15 हे फिलिप्पियन! तू पचे तउ जनतइ अहा, सुसमाचार क प्रचार क ओन्हन सुरु क दिनवा मँ जब मइँ मैसीडोनिया छोड़े रहेउँ, तउ लेन-देन क बारे मँ केवल मात्र तोहर कलीसिया क छोड़िके कउनउ अउर कलीसिया तउ मोर हाथ नाही बटाएस।
16 मई जब थिस्सलुनीके में रहेउँ, मोर जरूरत पूरा करइ बरे तू बार-बार मोका सहायता भेजे रह्या।
17 अइसेन नाहीं कि मइँ उपहारन क इच्छुक हउँ बल्कि मइँ तउ इ चाहत हउँ कि तोहरे खाता मँ लाभ जुड़त ही चला जाइ।
18 तू पचे इपफ्रुदीतुस क हाथे जउन उपहार मधुर गंध भेट क रूप मँ मोरे लेग भेजे रह्या, उ सबइ एक अइसेन स्वाकार करइ योग्य बलिदान अहइँ जेहसे परमेस्सर खुस होत ह। ओन्हन उपहारन क कारण मोरे लगे मोरे जरूरत स कहूँ ज्यादा होइ गवा बा, मोका पूरी तरह दिहा गवा बा। बल्कि ओहसे भी जियादा भरपूरा दिहा गवा बा। उ चीजन मधुर गंध भेटे क रूप मँ बाटिन, एक अइसेन स्वीकार करइ योग्य बलिदान जेहसे परमेस्सर खुस होत ह।
19 मोरे परमेस्सर भी ईसू क महिमा स बहोत धनवान अहइ। उ अपने उस धने क अनुसार तोहार सभन जरूरतन क पूरा करी।
20 हमरे परमेस्सर अउर परमपिता क हमेसा-हमेसा महिमा होत रहइ! आमीन!
21 मसीह ईसू क सभन सन्तन क नमस्कार। मोरे साथे जउन भाई अहइँ, तू पचन क नमस्कार करत हीं।
22 तू सभन संत अउर खासकर कैसर परिवारे क लोगन नमस्कार करत हीं।
23 तोहमँ स हर एक्क पर हमरे पर्भू ईसू मसीह क अनुग्रह तू पचन क आतिमा क साथ रही।
Colossians 1
1 पौलुस जउन परमेस्सर क इच्छानुसार मसीह ईसू क प्रेरित बा ओकर, अउर हमरे भाई तीमुथियुस कइँती स।
2 मसीह मँ स्थित कुलुस्से मँ रहइवालान बिसवासी भाइयन तथा बाहिनियन अउर सन्त जनन क नाउँ:हमरे परमपिता परमेस्सर कइँती स तोहे सबन क अनुग्रह अउर सान्ति मिलइ।
3 जब हम तोहरे बरे पराथना करित ह, हमेसा अपने पर्भू ईसू मसीह क परमपिता परमेस्सर क धन्यबाद करित ह।
4 काहेकि हम मसीह ईसू मँ तोहरे बिसवासे अउर सभन परमेस्सर जनन क बरे तोहरे पिरेम क बारे मँ सुने हई।
5 इ ओह आसा क कारण भवा बा जउन तोहरे बरे सरगे मँ सुरच्छित बा अउर जेकरे बारे मँ तू पहिलेन-सच्चा संदेस अर्थात सुसमाचार क सुनि चुका अहा।
6 सुसमाचार पूरे संसारे मँ सफलता पावत बा। इ वइसेन ही सफल होत बा जइसे तोहरे बीच इ ओह समइ स ही सफल होइ लगा रहा। जब स तू परमेस्सर क अऩुग्रह क बारे मँ सुने रह्या अउर सही-सही ओका समझा जात रहा।
7 हमार प्रिय साथी दास इपफ्रास स, जउन हमरे बरे मसीह क बिसवासी सेवक अहइ, तू सुसमाचार क सिच्छा पाये रह्या।
8 पवित्तर आतिमा क द्वारा उत्तेजित-तोहरे पिरेम क बारे मँ उहउ हमका बताए अहइ।
9 इही बरे जेह दिना स हम एनके बारे मँ सुने हई, हमहूँ तोहरे बरे पराथना करब अउर इ बिनती करब नही छोड़े हई किःपरमेस्सर क इछा तोहे पूर्ण ग्यान होइ सब तरह क समझ-बूज जउन आतिमा देत ह, अउर बुद्धि उ पावा करा तू
10 ताकि उ तरह जी सका, जेहसे परमेस्सर क प्रतिस्ठा होत ह सब तरह स करा खुस हमेसा तू पर्भू क। सदैव अच्छे फल उत्पन्न करइँ। अउर परमेस्सर क गियान हमेसा बढ़ई तोहरा।
11 अपने महिमा-भरी सक्ती स मजबूत बनवत जाइ तोहे उ ताकि विपत्ती क काल मँ जो कछू रास्ते मँ आवइ खुसी स महाधीरज स तू सब सहि ल्या।
12 ओह परमपिता क धन्यबाद करा, जेका तोहका एह योग्य बनायेस कि परमेस्सर क उन संत जनन क साथे जउन प्रकासमय जीवन जिअत हीं, तू उनके लोगन क उत्तराधिकार पावइ मँ सहभागी बनि सका।
13 परमेस्सर तउ अँधियारे क सक्ती स हमार उद्धार किहेस अउर अपने प्रिय बेटवा क राज्य मँ हमार प्रवेश कराएस।
14 ओह बेटवा क जरिये ही हमका छुटकारा मिला बा आनी हमका मिली बा हमरे पापन क छमा।
15 उ न देखाइ देइवाला परमेस्सर क देखाइ देइवाल रूप अहइ। उ सभन सिस्टी क ऊपर सासन करत ह।
16 काहेकि जउन कछू सरगे मँ बा अउर धरती पर बा, उही क सक्ती स पैदा भवा बा। कछूउ चाहे देखाई देइ अउर चाहे न देखाइ देइ चाहे सिंहासन होइ चाहे साम्राज्य, चाहे केउ सासक होइ अउर चाहे अधिकारी, सब कछू उही क द्वारा रचा गवा बा अउर उही बरे रचा गवा बा।
17 सबसे पहिले उही क मौजूदगी रही। ऊही क सक्ती स सब बस्तु स्थिर बनी रहत हीं।
18 एह देह अउर कलीसिया क मुखिया उहइ अहई। उहइ आदि अहइ अउर मरेन क फिन स जी उठावइ क उहइ सबसे बड़का अधिकारी भी उही अहइ अहई ताकि सब बाते मँ पहिला स्थान उही क मिलइ।
19 काहेकि परमात्मा क इहइ माया क पूरे जने क साथे परमेस्सर उही मँ वास करइ चाहेस।
20 उही क जरिये पूरा ब्रह्माण्ड क परमेस्सर तउ अपने स फिन जोड़इ चाहेस। सभन क जउन धरती क हयेन अउर सरगे क हयेन। उही लहू क द्वारा परमेस्सर तउ सान्ति कराएस जेका तउ ऋूसस पर बहाए रहा।
21 एक समइ रहा जब तू अपने बिचारन अउर बुरे कामन क कारण परमेस्सर क बरे अनजान अउर ओकर दुस्मन रहेन।
22 परन्तु अब जब मसीह अपने भौतिक देहे मँ रहा, तब मसीह क मउत क द्वारा परमेस्सर तउ तोहे खुद अपने आपेन स जोडि लिहेस। ताकि तोहे अपने सम्मुख पवित्तर, निहकलंक अउर निर्दोष बनाइके पेस कीन्ह जाई।
23 इ तबइ होइ सकत ह जब तू अपने बिसवासे मँ स्थिरता क साथे अटल बना रहा अउर इ सुसमाचर क दुवारा दीन्ह गइ ओह आसा क परित्याग न करा, जेका तू सुने अहा। एह अकास क नीचे हर कीहीउ परानी क ओकर उपदेस कीन्ह गवा था। अउर मइँ पौलुस उही क सेवक बना हउँ।
24 अब देखा! मइँ तोहरे बरे जउन कस्ट उठाइत ह, ओहमाँ आनन्द क अनुभव करत हउँ अउर मसीह क देह, अउर कलीसिया क बरे मसीह क जातना मँ जउन कछू कमी रहि गइ रही, ओका अपने सरीरी मँ पूरा करत हउँ
25 परमेस्सर तउ जउन तोहरे सबन क लाभ बरे मोका आदेस दिहे रहा, उही क अनुसार मइँ कलीसिया का एक सेवक ठहरावा गवा हउँ। ताकि मइँ परमेस्सरर क उपदेस क पूरी तरह प्रचार करउँ।
26 इ सुसमाचार सन्तन का गुप्त सत्य अहइ। जउन आदिकाल स सबहिं आपन लोगन क आँखी स ओझल रहा। परन्तु अब ऐका परमेस्सर द्वारा लोगन प परगट कई दीन्ह गवा बा।
27 परमेस्सर अपने लोगन क इ परगट कई देई चाहत ह कि उ रहस्यपूर्ण सत्य केतना वैभवपूर्ण बा। ओकरे लगे इ रहस्यपूर्ण सत्य सभन क बरे बा। अउर उ रहस्यपूर्ण सत्य इ अहइ कि मसीह तोहरे भित्तरई रहत ह अउर परमेस्सर क महिमा पावइ बरे उहइ हमार एक मात्र आसा अहइ।
28 हमका जउन गियान मिला बा ओह पूरा क उपयोग करत भए हम हर कीहीउ क निर्देस अउर सिच्छा प्रदान करत अही ताकि हम ओका मसीह मँ एक पूरा व्यक्तित्व बनि के परमेस्सर क आगे हाजिर कइ सकी।
29 मइँ इही प्रयोजन स जउन मसीह मोका दिहेस, अउर जउन हममे सक्रिय अहइ, संघर्ष करत भए मइँ कठोर मेहनत करत अहउँ।
Colossians 2
1 मइँ चाहत हउँ क तोहे एह बातन क पता चलि जाइ कि मइँ तोहरे बरे, लौदीकिया क रहइवालन क बरे ओन्हन सबके बरे जउन निजी तरह स हमेसा कभउँ नाहीं मिला हयेन। केतना कठोर मेहनत करत हउँ मइँ इ एह बरे करत हउँ।
2 ताकि ओनेक मने क जोस मिलइ अउर उ परस्पर पिरेम मँ बॅधि जाइँ। अउर बिसवासे क उ सब धन जउन सच्चा गियान स मिलत थ, ओन्हे मिलि जाइ अउर परमेस्सर क रहस्य भरा सच ओन्हे मिलइ उ रहस्य भरा सच खुद मसीह अहइ।
3 मसीह मँ विवेक अउर गियान क सब निधियन छुपी बांटिन।
4 अइसेन मइँ एह बरे कहत हउँ कि केउ तोहे ओन तर्क भरी युक्तियन स जेह देखइ मँ अच्छी मीठी देखात ह मुला असत्य अहइँ भरमाइ न देइ।
5 जद्यपि सरीर रूप स मइँ तोहमें नाहीं हउँ। फिन भी तोहरे मँ आध्यात्मिक रूप स हउँ। मइँ तोहरे जीवन क अऩुसासन अउर मसीह मँ तोहरे बिसवासे क मजबूती क देखिके खुश हउँ।
6 तउन तू जइसेन क ईसू मसीह अउर पर्भू क रूप मँ ग्रहण किहे हउँ, तू ओहमे वइसेन ही बना रहा।
7 तोहार जड़ उही मँ होइँ अउर तोहार निर्माण उही पर होइ अउर तू आपने बिसवासे मँ दृढ़ता पात्वत रहा जइसेन कि तोहे सिखावा गवा बा। परमेस्सर क बरे अधिक स अधिक आभारी बना।
8 धियान रखा कि तोहे अपने उ संसारी बिचारन अउर खोखला परपंच स केउ भरमाइ न लेइ जउन मानुस ज्ञान स मिलत ह, इ मानव परम्परा पर आधारित बाटइ, अउर जउन ब्रह्माण्ड क कब्जा करइवाली सबइ आतिमा क देन अहइ। मसीह स नाहीं आवत। ये विचार निरर्थक अहइ, अउर संसार क लोगन स आवत ह।
9 काहेकि परमेस्सर मसीह मँ आपन पूरेपने क साथे मँ निवास करत ह। इहाँ तक कि सांसाकरिक जीवन मँ भी
10 अउर उही मँ रहिके तू पूरा बना अहा। उ सब सासकन अउर आधिकारियन क सिरे क मउर अहइ अहई।
11 तोहर खतनउ तउ उही मँ भवा बा। इ खतना मनई क हाथे स सम्पन्न नाहीं भवा बल्कि इ खतना जब तोहे तोहर पापपूर्ण मानऊ सुभाऊ क प्रभाव स छुटकारा देवॉइ दीन्ह गवा रहा। तब मसीह का जरिये भवा।
12 इ एह बरे भवा कि जब तोहे बपतिस्मा मँ ओकरे साथे गाड़ दीन्ह गवा तउ जे परमेस्सर ओका मरन भएन क बीचे स जिआइ दिहे रहा, अउर परमेस्सर क काम मँ तोहरे बिसवासे क कारण मसीह क साथे तोहेउ फिन स जिन्दा कइ दीन्ह गवा।
13 अपने पापन अउर अपने खतना रहित सरीर क कारण तू मरा भवा रह्या परन्तु तोहे परमेस्सर तउ मसीह क साथे साथे जीवन प्रदान किहेस अउर हमरे सब पापन क मुक्तरूप स छमा कइ दिहेस।
14 परमेस्सर तउ हमरे ओह उलटा करजा क जेहमन हमरे द्वारा परमेस्सर का नियम तोड़ा गवा नियमन क सूचीबद्ध किहे रहा। जेहका पालन करइ मँ हम असर्मथ रहेन। ओका बेकारइ ठहराइ दिहेस अउर ओका ऋूस पर कीलन मँ गड़िके हमरे राह स दूर हटाइ दिहेस।
15 परमेस्सर तउ क्रूस क द्वारा आध्यात्मिक सासकन अउर अपने अधिकारियन क साधन बिना कइ दिहेस अउर अपने मँ सार्वजनिक तमासा क रूप मँ विजय अभियान मँ अपने पीछे पीछे चालायेस।
16 तउन खाई पिअइ क चीजियन अउर पर्व क नवा चाँद क त्यौहार, या सबित क दिना क लइके कउनउ तोहार आलोचना न करइ।
17 इ त, जउन बात आवइवाली अहइँ, ओनकर छाया भर बाटिन। परन्तु एह छाया क असली काया तउ मसीह क बाटइ।
18 कउनउ मनई जउन अपने आप क प्रताड़ित करइ क करम सरगदूतन क आराधना क कामन मँ लगा भवा होइ, ओका तू तोहरे प्रतिफल क पावइ मँ अयोग्य न बनइ देइ चाही। अइसेन मनई हमेसा ओन्हन दिव्य दर्सनन क डींग मारत रहत ह जेका उ देखे अहइ अउर अपने दुनियावी सोच क वजह स झ्ठा तथा निरर्थक धमण्ड स भरा रहत ह।
19 उ मसीह स नाहीं जुड़त जउन कि सिर मँ अउर जेकर ऊपर पूरे सरीर आधारित अहइ। मसीह क कारण ही सरीर क सब भाग एक दूसर क ध्यान लखत हीं। अउर एक दूसरे क मदद करत हीं। इससे सरीर एक इकाई होत ह, परमेस्सर क इच्छा क अनुसार मजबूत करइ अउर आध्यात्मिक विकास मँ योग्गदान क बरे।
20 काहेकि तू मसीह क साथे मरी चूका अहा अउर ओन आतिमन स अजात करावा गवा अहा जउन ब्रहमाण्ड क ससान करत हीं एकर मतलब अहइ कि, संसार क व्यर्थ सिच्छन स छुटकारा देवावा जाइ सकत ह त एह तरह क आचरण काहे करत अहा। जइसे तू एह दुनिया क अहा अउर अइसेन नियमन का पालन करत अहा। जइसेः
21 “एका हाथ न लगावा” “एका जिन चखा” या “एका जिन छुआ”
22 इ सब चीजन त काम मँ आवत आवत नस्ट होई जाइ क बरे बाटिन। अइसेन आचार व्यवहार क अधीनता कइके तउ तू मनई क बनाए आचार व्यवहार अउर सब सिच्छा क अनुसरण करत अहा।
23 ये नियम बुद्धिमान क तो देखात ह। ये एक ऐसे धरम क निर्माण करत हीं जउन मानवीय इच्छा पर आधारित अहइँ: अउर सरीर का सेवत अहइँ। लेकिन इ नियमन पापात्मान क ओनके बुरा काम रोकइ मँ मूल्यहीन अहइँ।
Colossians 3
1 काहेकि अगर तोहे मसीह क साथे मरा हुआ मँ स जियाइके उठावा गवा अहइ तउ ओन्हन चीजन क बरे कोसिस करत रहा जउन सरगे मँ हयेन जहाँ परमेस्सर क दहिनी कइँती मसीह विराजत ह।
2 सरगे क चीजन क सम्बन्ध मँ सोचत रहा। संसारी चीजन क सम्बन्ध मँ न सोचा।
3 काहेकि तू लोगन क पूराना पापी जीव मरि चुका बा अउर तोहर नवा जीवन मसीह क साथे साथे परमेस्सर मँ छिपा बा।
4 जब मसीह, जउन हमार जीवन अहइ, फिन स परगट होई तउ तूहउ ओनके साथे ओनके महिमा मँ परगट होब्या।
5 इही बरे तोहमे जउन कछू संसारी बा, ओकर अन्त कइ द्या यौन अनाचार, अपवित्तरता, वासना, बुरी इच्छा अउर लालच जउन मूर्ति पूजा क ही एक्कई रूप अहइ,
6 एनहीन बातन क कारण परमेस्सर क गुस्सापरगट होई जात बा।
7 एक समइ रहा जब तूहउ अइसेन करम करत इही तरह क जीवन जिया करत रह्या।
8 परन्तु अब तोहे इन सब बातन क साथे साथे गुस्सा झुँझलाहट, सत्रुता , निन्दा भाऊ, अउर अपसब्द बोलइ स छुटकारा पाइ लेइ चाही।
9 आपस मँ झूठ न बोला काहेकि तू अपने पुरानी पापी-जीव, अउर उ तरह जीवन जउन ओकरे साथ जाता ह ओनके उतार फेंके अहा।
10 अउर नवा जीवन क धारण कइ लिहे अहा। हमेसा नवा होत जात बा जउन अपने रचइता क सरूप मँ स्थित होइके परमेस्सर क सत्य गियान क निमित्त।
11 परिणाम सरूप उहाँ यहूदी अउर गैर यहूदी मँ कउनउ अन्तर नाहीं रहि गवा बा, न कीहीउ खतना युक्त अउर खतना रहित मँ, न केउ सुसभ्य अउर बर्बर मँ, न दास अउर एक स्वतन्त्र मनई मँ कउनउ अन्तर बा। मसीह सर्वेसर्वा अहइ अउर सब बिसवासियन मँ उही क निवास बाटई।
12 काहेकि तू परमेस्सर क चुना भवा पवित्तर अउर प्रिय जने अहा इही बरे सहानुभूति, दया नम्रता , कोमलता अउर धीरज क धारण करा।
13 तोहे आपस मँ जब कभउँ कीहीउ स कउनउ कस्ट होइ तउ एक दुसरे स सहि ल्या अउर परस्पर एक दुसरे क मुक्त भाऊ स छमा कई द्या। यदि केउ ने तोहरे साथ गलत किया अहइ तोहे आपस मँ एक दुसरे क अइसेन ही छमा कई देइ चाही जइसेन परमेस्सर तोहे मुक्त भाउन स छमा कई दिहेस।
14 इन बातन क अलावा सबसे महत्वपूर्ण अहइ कि तू पिरेम क धारण करा। पिरेम इ सबके आपस मँ बाँधत अउर पूरा करत ह।
15 तोहरे मने पर मसीह स मिलइवाली सान्ति क सासन होई। इही बरे तोहे उही एक्क देहएमँ बोलावा गवा ह। हमेसा धन्यबाद करत रहा।
16 अपने सम्पन्नता क साथे मसीह क संदेसा तोहमें वास करइ । ग्यान स एक दूसरे क सिच्छा अउर चेतावनी द्या। भजन, स्तुतियन अउर आतमिक गीतन क गावत भए अपने हिरदय मँ परमेस्सर का धन्यबाद द्या। परमेस्स क मन-मने धन्यबाद देत इहइ गावत रहा।
17 अउर तू जउन कछू भी करा या सब कहा, उ सब पर्भू ईसू क नाउँ प करा। उही क द्वारा तू हर समइ परमपिता परमेस्सर क धन्यबाद देत रहा।
18 हे पत्नियन, अपने पतियन क बरे तरह स समपर्ति रहा जइसे पर्भू क अनुयायियन क इ सोभा देत ह।
19 हे पतियन, अपने पत्नियन स पिरेम करा, ओनके बरे कठोर न बना।
20 बचवन सब बातन मँ अपने माता-पिता क आज्ञा क पालन करा। काहेकि पर्भू क अनुयायिन क एह व्यवहारे स परमेस्सर खुश होत ह।
21 1हे बाप, अपने बचवन क हतोउत्साह स न भरा। कहूँ अइसेन न होइ कि उ जतन करबई छोड़ देइ।
22 हे सेवकन, अपने संसारी स्वामियन क सब बातन क पालन करा। केवल लोगन क खुस भर करइ क बरे ऊही समइ नाहीं जब उ देखत रहइ, बल्कि सच्चे मने स ओनका माना। काहेकि तू पर्भू क आदर करत ह।
23 तू जउन कछू कर अपने पूरे मने स करा। माना कि जउन करा इ मान करा तू ओका लोगन क बरे नाहीं बल्कि पर्भू क बरे करत अहा।
24 याद रखा कि तोहे पर्भू स उत्ताधिकार क फल-मिलइ। अपने स्वामी मसीह क सेवा करत रहा।
25 काहेकि जे बुरा करम करइ, ओका ओकर फल मिलइ अउर उहाँ कउनउ पच्छापात नाहीं बा।
Colossians 4
1 हे स्वामियन! तू अपने सेवकन क जउन ओनकर बनत ह अउर उचित बा, द्या। याद रखा सरगे मँ तोहार कउनउ स्वामी बा।
2 पराथना मँ हमेसा लगा रहा। अउर जब तू पराथना करा त हमेसा परमेस्सर क धन्यबाद करत रहा।
3 साथ ही साथे हमरे बरे आपन संदेस क प्रचार क अउर मसीह स सम्बन्धित सत्य क प्रबचन क अवसर प्रदान करइ काहेकि एकरे कारण ही मइँ बंदीघरे मँ हउँ।
4 पराथना करा कि मइँ सच्चाई क लगन मँ स्पस्ट कइ देइ जइसेन मोका बतावइ चाही।
5 बाहर क लोगन क साथे विवकपून व्यवहार करा। सब अवसरन क पूरा-पूरा अपयोग करा।
6 तोहर बोली हमेसा मीठी रहइ द्या अउर ओसे बुद्धि क छटा बिखरइ ताकि तोहका एक दूसरे क उत्तर कइसे देइ चाही इ जानइ चाही।
7 हमार प्यारा बन्धु तुखिकुस जउन एक बिसवासी सेवक अउर पर्भू मँ स्थित साथी दास बा, तोहे मोरे सभन समाचार बताइ देई।
8 मइँ ओका तोहरे लगे एह बरे भेजत हउँ कि तोहे ओसे हमार हालचाल क पता चलि जाई उ तोहरे हीये क जोस स भरि देइ।
9 मइँ अपने बिसवासि अउर प्रिय बन्धु उनेसिमुस क भी ओकरे साथे भेजत हउँ जउन तोहरे मँ स एक बा। उ पचे, इहाँ जउन कछू घटत बा, ओका तोहे बतइहीं।
10 अरिस्तर्खुस क जउन बंदीघरे मँ मोरे साथे रहा बा अउर बरनाबास क बन्धु मरकुस क तोहे नमस्कार, (ओकरे बारे मँ तू निर्देस पाई चुका अहा कि अगर उ तोहरे लगे आवइ तउ ओकर सुवागत करा,)
11 यूस्तुस कहवावइ वाले ईसू क तोहे नमस्कार पहुँचइ। यहूदी बिसवासी मँ बस इहइ अब परमेस्सर क राज्य क बरे मोरे साथे काम करत अहइँ। इ मोरे बरे आनन्द क कारण रहा बा।
12 इपफ्रास क तोहे नमस्कार पहुँचइ। उ तोहरे मँ स एक अहइ अउर मसीह ईसू क सेवक अहइ। उ हमेसा बड़ी बेदना क साथे तोहरे बरे लगनपूर्वक पराथना करत रहत ह कि आध्यात्मिक रूप स पूरा बनइ क बरे विकास करत रहा। अउर बिसवास पूर्वक परमेस्सर क इच्छा चाहत अहा।
13 मइँ ऐकर साच्छी हउँ कि उ तोहरे बरे अउर लौदीकिया अउर हियरापुलिस क रहइ वालन क बरे हमेसा कड़ा मेहनत करत रहा बाटइ।
14 प्यारे चिकित्सक लूका अउर देमास तोहे नमस्कार भेजत हयेन।
15 लौदीकिया मँ रहइवाले भाइयन क अउर नुमफास अउर ओहे कलीसिया क जउन ओकरे घरे मँ जुड़त हीं, नमस्कार पहुँचइ।
16 अउर देखा, चिट्ठी जब तोहरे सामने पढ़ी जाइ चुकइ, तब एह बात क निस्चय कइ लिहा कि एका लौदीकिया क कलीसिया मँ भी पढ़वाइ दीन्ह जाइ। अउर लौदीकिया स मोर जउन चिट्ठी तोहे लिखा मिलइ, ओका तूहँउ पढ़ी लिहा।
17 अर्खिप्पुस स कहा कि उ एह बात क धियान रखइ कि पर्भू मँ जउन सेवा ओका सँऊपी गइ बा, उ ओका निस्चय क साथे पूरा करइ।
18 मइँ पौलुस खुद आपन हाथ स इ नमस्कार लिखत हउँ। याद रखा हम कारागार मँ हउँ, परमेस्सर क अनुग्रह तोहरे साथे रहइ।
1 Thessalonians 1
1 थिस्सलुनीकियन क परमपिता अउर पर्भू ईसू मसीह मँ स्थित कलीसिया क पौलुस, सिलवानुस अउर तीमुथियुस क तरफ स परमेस्सर क अनुग्रह अउर सान्ति तोहरे साथे रहइ।
2 हम तोहे सब जने क बरे हमेसा परमेस्सर क धन्यबाद देत रहित ह अउर अपने पराथनन मँ हमका तोहर याद बनी रहत ह।
3 पराथना करत भए हम हमेसा तोहरे ओह काम क याद करित ह जउन फल अहइ, बिसवास क, पिरेम स पैदा भइ तोहर कठिन मेहनत क, अउर हमरे पर्भू ईसू मसीह मँ आसा स पैदा तोहर धैर्यपूर्ण सहनशीलता क हमका हमेसा धियान बना रहत ह।
4 हे परमेस्सर क प्यारा हमार भाइयो तथा बहिनियो, हम जानित ह कि तू ओनकर चुना भवा अहा।
5 काहेकि हमरे सुसमाचार क प्रचार तोहरे लगे मात्र सब्दन मँ ही नाहीं पहुँचा बा बल्कि पवित्तर आतिमा समरथ अउर गहन स्रद्धा क साथे पहुँचा बा। तू जानत ह कि हम जब तोहरे साथे रहे, तोहरे लाभ क बरे कइसेन जीवन जिअत रहे।
6 कठोर सब यातना क बीच पू पवित्तर आतिमा स मिलइवाली खुशी क साथे उपदेस क ग्रहण किहा अउर हमार अउर पर्भू क अनुकरण करई लाग्या।
7 अउर इही बरे मैसीडोनिया अउर अखाया क सभन बिसवासियन क बरे तू एक आदर्स बन गया
8 काहेकि तू पर्भू क उपदेस क जउन गूँज उठा, उ न केवल मैसीडोनिया अउर अखाया मँ सुना गवा बल्कि परमेस्सर मँ तोहर बिसवास सब कहूँउ जाना माना गवा। तउन हमका कछू कहइ क अब जरूरत नाहीं बाटइ।
9 काहेकि ओ पचे खुदइ हमरे बारे मँ बतावत हीं कि तू हमार कइसेन सुवागत किहे रह्या अउर सजीव अउर सच्चा परमेस्सर क सेवा करइ क बरे अउर सरगेस ओकरे बेटवा क आगमन क इन्तजार करइ क बरे तू मूर्तियन क ओर स सजीव अउर सच्चे परमेस्सर कइँती कइसे मुड़ा रह्या। पूत मतलब ईसू क ओ मरे हुवन मँ स फिन स जियाइ उठाए रहा। अउर उहइ परमेस्सर क आवइवाली कोप स हमार रच्छा करत ह।
10
1 Thessalonians 2
1 भाइयो तथा बहिनियो, तोहरे लगे हमार आवइ क सम्बन्ध क तू खुदइ जानत ह कि उ निरर्थक नाहीं बाटइ।
2 तू जानत ह कि फिलिप्पी मँ सब यातना झेलइ अउर दुर्व्यवहार सहइ क बाद उ परमेस्सर क सहायता स हमका कड़ा विरोध क रहत भए परमेस्सर क सुसमाचार क सुनावइ क साहस मिला रहा।
3 इ निस्चय स जब हम लोगन अपने उपदेसन बरे प्रोत्साहित करित ह एह बरे नाहीं कि हम भटका भए अही। अउर न तउ एह बरे कि हमार उद्देस्य गन्दा अहइ अउर एहबरे की नाहीं कि हम लोगन क छलई क जतन करित ह।
4 हम सुसमाचार का प्रचार लोगन क खुस करइ क कोसिस नाहीं करित ह बल्कि हम तउ परमेस्सर क खुस करित ह जउन हमरे मने क भेद जानत ह।
5 निस्चय ही हम कभउँ ठकुर सुहात बानी क साथे तोहरे सामने नाहीं आए। जइसेन क तू जनबइ करत ह, हमार उपदेस कउनउ लोभ क बहाना नाहीं बा। परमेस्सर साच्छी बा
6 हम लोगन स कउनउ मान सम्मान नाही चाहा। न तोहसे अउर न कीहीउ अउर स।
7 जद्यपि हम मसीह क प्रेरितन क रूप मँ आपन अधिकार जताइ सकत रहे किन्तु हम तोहरे बीच वइसेन ही नरमी क साथे रही जइसे एक महतारी अपने बचवन क पालन पोषन करत ह।
8 हम तोहरे बरे वइसेन ही नरमी क अनुभव किहे अही, इही बरे परमेस्सर स मिलइ सुसमाचार क ही नाहीं, बल्कि खुद अपने आपके भी हम तोहरे साथे बाँटी लेइ चाहित ह काहेकि तू हमार प्यारा होइ ग अहा।
9 भाइयो तथा बहिनियो, तू हमार कठिन मेहनत अउर कठिनाई क याद रखा जउन हम दिन-रात इही बरे किहे अही ताकि हम परमेस्सर क सुसमाचार क सुनावत तोह पर बोझ न बनी।
10 तू साच्छी अहा अउर परमेस्सर भी साच्छी अहइ कि तू बिसवासियन क प्रति हम केतॅनी आस्था, धार्मिकता अउर दोस रहित क साथे व्यवहार किहे रहेन।
11 तू जनबइ करत ह कि जइसेन एक पिता अपने बचवन क साथे व्यवहार करत ह
12 वइसेन ही हम तोहमाँ स हर एक्क क आग्रह क साथे प्रेरित कीन्ह ह अउर आराम दिहे अही। अउर ओह रीति स जाइ क आदेस दिहा ह, जेहसे परमेस्सर, जे तोहका अपना राज्य अउर महिमा मँ बोलाई भेजेस ह, खुस होत ह।
13 अउर इही बरे हम परमेस्सर क धन्यबाद हमेसा करत रहित ह काहेकि हमसे तू जब परमेस्सर क बचन ग्रहन किहा ह तउ ओका मनवीय संदेस क रूप मँ नाही बल्कि परमेस्सर क संदेस क रूप मँ गहण किहा, जइसेन कि उ सही मँ बा। अउर तू बिसवासियन पर जेकर प्रभाव भी बा।
14 भाइयो तथा बहिनियो, तू यहूदियन मँ रहिके मसीह ईसू मँ परमेस्सर क कलीसियावन क अनुसरण करत रहे रह्या। तू अपने साथी देस भाइयन स वइसेन ही यातना झेलटे अहा जइसे उ पचे ओन्हन यहूदियन क हाथे झेले रहेन।
15 यहूदियन पर्भू ईसू क मारि डाएन अउर नबियन क बहरे खदेड़ दिहेन, उ परमेस्सर क खुस नाहीं करतेन उ त सम्मइ मानवता क दुस्मन हयेन।
16 उ गैर यहूदियन क सुसमाचार क उपदेस देइ मँ बाधा खड़ी करत हीं कि कहूँ ओन्हन पचन क उद्धार न होइ जाई। इ बातेन स उ हमेसा अपने पापन क घड़ा भरत रहत हीं अउर अन्तत: अब त परमेस्सर क प्रकोप ओनपर पूरी तरह स आई पड़त ह।
17 भाइयो तथा बहिनियो! जहाँ तलक हमार बात बा, हम रचिके समइ क बरे तोहसे बिछुड़ ग रहे। बिचारन स नाहीं, केवल सरीरे स। तउन हम तोहसे मिलइ क बहुत उतावला होइ उठे। हमार इच्छा तेज होइ उठी रही।
18 हाँ! हम तोहसे मिलइ क बरे बहुत जतन करत रहे। मुझ पौलुस कइय दाई कोसिस किहेस परन्तु सइतान ओहमे बाँधा डाएस।
19 भला बतावा तु हमार आसा, हमार उल्लास य हमार उ मुकुट जेहपर हमका गरब बा, का अहइ? का उ तूही नाहीं अहा। हमार पर्भू ईसू मसीह क दोबारा अवाई प जब हम ओनके सामने हाजिर होबइ
20 तउ उहाँ तू हमार महिमा अउर हमारे आनन्द मँ होब्या।
1 Thessalonians 3
1 काहेकि हम अउर जियादा इन्तजार नाहीं कइ सकित ह, इही बरे हम एथेन्स मँ अकेलइ रुकि जाइक निस्चय कइ लिन्ह।
2 अउर हम हमार परमेस्सर सेवक बन्धु अउर परमेस्सर क बरे मसीह क सुसमाचार क प्रचार मँ अपने सहकर्मी तीमुथियुस तोहे मजबूत बनवइ अउर बिसवास मँ उत्साहित करइ क तोहरे लगो भेजि दीन्ह।
3 ताकि एन्हन वर्तमान यातनन स केउ घबराइ न उठइ। काहेकि तू तउ जनबई करत ह कि हम त यातना सहइ क बरे ही निस्चित कीहा ग अही।
4 सही मँ हम जब तोहरे लगे रहे, तोहे पहिलेन स ही कहा करत रह्या कि हमपे कस्ट आवइवाला बा, अउर इ ठीक वइसेन ही भवा ह। तू तउ इ जनबइ करत ह।
5 इहीं बरे काहेकि मइँ अउर जियादा इन्तजार नाहीं कइ सकत रहउँ, इही बरे मइँ तोहरे बिसवास क बारे मँ जानइ तीमुथियुस क पठइ दिहेउँ। काहेकि मोका डर रहा कि लुभावइवाला (सइतान) कहूँ तोहे ललचाइ क हमरे कठिन मेहनत क खराब तउ नाहीं कइ दिहे बा।
6 तोहरे लगे स तीमुथियुस अबहीं-अबहीं हमरे लगे वापस लउटा ह। अउर उ हमका तोहरे बिसवास अउर तोहरे पिरेम क सुभ समाचार दिहेसह। उ हमका बताए बाटइ कि तोहे हमार मधुर याद आवत ह अउर तू हमसे मिलइ क बहुत अधीर अहा। वइसेन जइसे हम तोहसे मिलइ क अधीर भ अही।
7 तउन भाइयो अउ बहिनियो हमार सबहिं पीड़ा अउर यातना मँ तोहर बिसवास क कारण हमार उत्साह बढ़ा बा।
8 हाँ जब हम फिन साँस लइ पावत हई काहेकि हम जानि गवा अही कि पर्भू मँ तू अटल खड़ा अहा।
9 तोहरे बारे मँ तोहरे ही कारण जउन आनन्द हम पचन क मिला बा, ओकरे बरे हम परमेस्सर क सामने ओकर धन्यबाद कइसे करी।
10 हम रात-दिन खूब लगन स परासथना करत रहित ह कि केह तरह तोह सबन क फिन देखि पाई अउर तोहरे बिसवास मँ जउन कमी रहि गइ बाटइ, ओका पूरा करत भए मजबूत करी।
11 हमार परमपिता परमेस्सर अउर हमार पर्भू ईसू तोहरे लगे आवइ क हमका रस्ता देखावइँ।
12 अउर पर्भू एक दुसरे क बरे अउर सभन क बरे तोहसे जउन पिरेम बा, ओकर बढ़ोत्तरी करइ। वइसेन ही जइसे तोहरे बरे हमार पिरेम उमड़ पड़त ह।
13 एह तरह उ तोहरे हिरदइ क मजबूत करइ अउर ओन्हे हमार परमपिता परमेस्सर क अगवा पर्भू ईसू क आवई पर सभन पवित्तर लोगन क साथे पवित्तर अउर दोस रहित बनाइ देइ।
1 Thessalonians 4
1 भाइयो तथा बहिनियो, अब हमका तोहे कछू अउर बात बतावइ क बा। पर्भू ईसू क नाउँ पर हम तोहसे पराथना अउर बिनती करत हई कि तू हमसे जेह तरह उपदेस ग्रहण किहे अहा, तोहे परमेस्सर क खुस करइ क बरे उहीं क अनुसार चलइ चाही। जरुर तू उही तरह चलत भी अहा। परन्तु हम तू पचन स वइसेन ही अउर जियादा स जियादा अनुसरण करइ क अनुरोध करत अही।
2 काहेकि तू इ जानत ह कि पर्भू ईसू क अधिकार स हम तोहे सबन क आज्ञा दिए अही।
3 अउर परमेस्सर क इहइ इच्छा बा कि तू पचे ओहका अर्पण होइ जा। यौन दुराचार स दूर रहा।
4 अपने सरीर क सबइ वासनापर नियन्त्रण रखइ सीखा-अइसे ढंग स जउन पवित्तर बा अउर आदर क योग्ग बा।
5 न कि ओह वासना स भरी इच्छन स जउन परमेस्सर क नाहीं जानइवाले अधर्मियन क जइसी अहइ।
6 इहउ परमेस्सर क इच्छा बा कि एह बारे मँ केउ अपने भाई क बारे मँ कउनउ अपराध न करइ य कउनउ अनुचित लाभ न उठावइ, काहेकि अइसेन सभन पापन क बरे पर्भू दण्ड दइ जइसे कि हम तोहका बताइ चुका अही अउर तोहे सावधान भी कइ चुका हई।
7 परमेस्सर तउ हमका पापन मँ रहइ क बरे नाहीं बोलायेस पर पवित्तर जीवन बितावइ क बरे बोलायस ह।
8 एह बरे जउन इ उपदेस क नकारत हीं कउनउ मनई क नाहीं नकारत ह बल्कि परमेस्सर क ही नकारत ह। ओह परमेस्सर क जउन तोहे सबन क आपन पवित्तर आतिमा देत ह।
9 अब तोहे तोहरे भाइयन तथा बहिनियन क ईसू मँ पिरेम क बारे मँ लिखा जाइ, एकर तोहे सबन क जरूरत नाहीं बा काहेकि परमेस्सर त खुदइ तोहका एक दुसरे क बरे पिरेम करई क सिच्छा दिहे बाटइ।
10 अउर सही मँ तू अपने सबहिं भाइयन तथा बहिनियन क साथे समूचा मैसीडोनिया मँ अइसेन ही पिरेम करत अहा। मुला भाइयो तथा बहिनियो, हम तोहसे अइसन ई जियादा स जियादा करइ क कहित ह।
11 सान्ति स जीअइ क आदर क वस्तु समझा अपने काम स काम रखा। खुद अपने हाथे स काम करा जइसेन कि हम तोहे बताइ चुका हई।
12 एहसे कलीसिया मँ न बिसवास करइवाले तोहरे जीवन क ढंग क आदर करिहीं। एहसे तोहे कउनो पर निर्भर न रहइ क पड़ी।
13 भाइयो तथा बहिनियो, हम चाहित ह कि जउन हमेसा हमेसा क नींद मँ सोवत हयेन तू ओनके बारे मँ जाना ताकि तोहे ओन्हन अउरन क समान, जेकरे लगे आसा नाहीं बा, सोक न करइ क पड़इ ।
14 काहेकि अगर हम इ बिसवास करित ह त ईसू क मउत होइ गइ अउर उ फिन स जी उठा, त उही तरह जे ओहमे बिसवास करत भए परान तियाग दिहे अहइँ, ओनके साथेउ परमेस्सर वइसे ही करी। अउर ओनका लइ के ईसू क साथे लउटि जाई।
15 एहि कारण हम पर्भू क वचन क अनुसार तोहसे कहत अही कि हम जउन जिअत अही, पर्भू क फिन स आवइ तक बचा रहब, हम जे उ समइ तलक जिअबइ पर्भू क संग होइजाब। अउर ओनसे अगवा न निकर पाउब जउन मरि चुका अहइँ।
16 काहेकि प्रधान सरगदूत क मुखिया जब अपने ऊँचा स्वरे स आदेस देइ फिन जब परमेस्सर क बिगुल बजी तबहिं पर्भू खुदई सरग स उतरी। ओह समइ जे मसीह मँ परान तियागे हयेन, उ पहिले उठिहीं।
17 ओकरे बाद हम जउन जिन्दा अही, अउर अबउ इहीं हई ओकरे साथे हवा मँ पर्भू स मिलई क बरे बादलन क बीच उप्पर उठाइ लीन्ह जाबइ एह तरह हम हमेसा बरे पर्भू क साथे होइ जाब।
18 अउर इ सब्दन क साथे एक दुसरे क उत्साहित करत रहा।
1 Thessalonians 5
1 भाइयो तथा बहिनियो, समइ अउर तिथियन क बारे मँ तोहे लिखइ क कउनउ जरूरत नाहीं बा
2 काहेकि तू खुदई बहुत अच्छी तरह जानत ह कि जइसे चोर रस्ता स चुप्पे चला आवत ह, वइसेन ही पर्भू क फिन स लउटइ क दिन भी आइ जइहीं।
3 जब लोग कहत होइहीं कि “सब कछू सांत अउर सुरच्छित बा” तबइ जइसे एक गर्भवती स्त्री क अचानक प्रसव वेदना आइ घेरत ह वइसेन ही ओह पर बिनास उत्तर आइ अउर उ कहूँ बचिके भाग न पावइ।
4 मुला भाइयो तथा बहिनियो, तू अँधियारे (पाप) क वासी नाहीं अहा कि तोह पर उ दिन अचानक ही चोर की नाई आइ जाइ।
5 तू सब तउ प्रकास (भलाई) स जुड़ा अहा अउर दिन क संतान स भी। हम न तउ रात या अँधियारा (बुराई) जुड़ा हई।
6 इही बरे हमका अउरन क नाई सोवत रहत न चाही, बल्कि सावधानी क साथे हमका तउ अपने प नियन्त्रण रखइ चाहीं।
7 काहेकि जउन सोवत हीं, रात मँ सोवत ही अउर जउन नसा करत हीं, उ रात मँ ही मदमस्त होत हीं।
8 मुला हम पचे तउ दिने (भलाई) स जुरा हई इही बरे हमका अपने प काबू रखई चाही। आवा बिसवास अउर पिरेम क चिलम धारण कइ लेई अउर उद्धार पावई क आसा क सिरस्त्राण क तरह ओढ़ि लेई।
9 काहेकि परमेस्सर हमका ओनके प्रकोपे क बरे नाहीं चुनेस ह बल्कि हमार पर्भू ईसू मसीह द्वारा उद्धार पावई क बरे बनाए अहइ।
10 ईसू तउ हमरे बरे परान तियाग दिहेस ताकि चाहे हम सजीव ओकरे संग होई, इ जरूरी नाहीं कि जब उ आवइ हम जिअत या मरा रही।
11 इहीं बरे एक दुसरे क सुख पहुँचाव अउर एक दुसरे क आध्यात्मिक रूपे स मजबूत बनावत रहा। जइसेन कि तू करत अहा।
12 भाइयो तथा बहिनियो, हमार तोहसे निवेदन बा कि जउन लोग तोहरे बीच मेहनत करत हीं अउर पर्भू मँ जउन तोहे राह देखावत हीं, ओनकर आदर करत रहा।
13 हमार तोहसे निवेदन बा कि ओनके कामे क कारण पिरेम क साथे ओन्हे पूरा आदर देत रहा।परस्पर सान्ति स रहा
14 अउर भाइयन, हमार तोहसे निवेदन बा आलसियन क चेतावा, डरपोकन क प्रेरित करा, दीनन क सहायता मँ रुचि ल्या, सबके साथे-धीरज रखा।
15 देखत रहा केउ क बुराई क बदला बुराई स न द्या बल्कि सब जने हमेसा एक दुसरे क साथे भलाई करई क जतन करा।
16 हमेसा आनन्दित रहा।
17 पराथना करब कबहुँ न छोड़ा।
18 हर परिस्थिति मँ परमेस्सर क धन्यबाद द्या, काहेकि मसीह ईसू मँ, तोहरे बरे परमेस्सर क इहइ इच्छा बाटइ।
19 9पवित्तर आतिमा क कार्य क दमन मत करत रहा।
20 नबियन क संदेसन क कभउँ छोट न जान।
21 सब बातन क असलियत क परखा, जउन अच्छा बा, ओका ग्रहण किहे रहा
22 अउर हर तरह क बुराई स बचा रहा।
23 सान्ति क स्रोत परमेस्सर खुद तोहे पूरे तरह पवित्तर करी। पूरी तरह स ओनका समर्पित होई जा अउर तू अपने पूरा अस्तित्व अर्थात आतिमा, परान अउर देह क हमार पर्भू ईसू मसीह क अवाई तलक सब तरह स दोस रहित बनाए रखा।
24 उ परमेस्सर जे तोहे बोलाए अहइ, बिसवास क योग्ग बाटइ। निस्चय ही उ अइसनई करी।
25 भाइयो तथा बहिनियो, हमरे भी बरे पराथना करा।
26 सब भाइयन अउर बहिनियन क पवित्तर चुम्मा स सत्कार करा।
27 तोहे पर्भू क सपथ दई क मइँ इ आग्रह करित ह कि इ चिठ्ठी क सब भाइयन क पढ़ाई क सुनावा जाइ।
28 हमार पर्भू ईसू मसीह क अनुग्रह तोहरे साथे रहइ।
2 Thessalonians 1
1 पौलुस, सिलवानुस अउर तीमुथियुस क ओर स हमरे परमपिता परमेस्सर अउर पर्भू ईसू मसीह मँ स्थित थिस्सलुनीकियन क कलीसिया क नाउँ,
2 तू सबन क पिता परमेस्सर अउर ईसू मसीह कइँती स अनुग्रह अउर सान्ति मिलइ।
3 भाइयो तथा बहिनियो, तू पचन क बरे हमका हमेसा परमेस्सर क धन्यबाद करइ चाही: अइसेन करब उचित बा। काहेकि तू पचन क बिसवासे क अचरज भरा रुप स विकास होत बा अउर तोहमाँ आपस इ मँ पिरेम बढ़त बा।
4 इही बरे परमेस्सर क कलीसियन मँ हम खुद तू सबन प गरब करित अही। तू पचन क यातना क बीच अउर कस्टन क सहत धैर्यपूर्वक सहन करई तू सबन क बिसवासे क परगट करत ह।
5 इ एह बाते क स्पस्ट प्रमाण बा कि परमेस्सर क निआव सच्चा बा। ओकर उद्देस इहई बा कि तू पचे परमेस्सर क राज्य मँ प्रवेस करइ योग्ग ठहरा। तू सबइ अब उही क बरे तउ कस्ट उठावत अहा।
6 निस्चय ही परमेस्सर क दिस्टी मँ इ निआव ठीक बा कि तोहे सबन क जउन दुखन देत अहइँ, ओनका बदले मँ दुख हीं दीन्ह जाइ।
7 अउर तू जउन कस्ट सहत अहा, ओनका हमरे साथे ओह समइ आराम दीन्ह जाई जब पर्भू ईसू अपने समरथ दूतन क साथे सरग स
8 धधकत आगी मँ परगट होई। अउर जउन परमेस्सर क नाहीं जनतेन अउर हमरे पर्भू ईसू मसीह क सुसमाचार पर नाहीं चलतेन, ओनका दण्ड दीन्ह जाई।
9 ओन्हे अनंत बिनास क दण्ड दीन्ह जाई। ओन्हे पर्भू अउर ओनकर महिमा भरी सक्ति क सामने स हटाइ दीन्ह जाई।
10 उ अपने पवित्तर लोगन क साथ महिमा प्राप्त करइ आई, अउर अपने आस्चर्यचकित करइ क अभिव्यक्ति करी ओनके बीच जो उन पर बिसवास करत हीं।
11 इही बरे हम तोहरे बरे परमेस्सर स हमेसा पराथना करित ह कि हमार परमेस्सर तोहे ओह जीवन क योग्ग समझई जेका जिअइ क बरे तोहे सबन क बोलावा गवा बा। अउर उ तोहार सब सुभ इच्छा क प्रबल रुप स पूरा करइ अउर सब ओह कामे क उ सफल बनावइ जउन तोहरे बिसवासे क प्रमाण अहइ।
12 इही तरह हमर पर्भू ईसू मसीह क नाउँ तोहरे द्वारा आदर पइहीं। तू पचे ओकरे द्वारा आदर पउब्या। इ सब कछू हमरे परमेस्सर क अउर पर्भू ईसू क अनुग्रह स होइ।
2 Thessalonians 2
1 भाइयो तथा बहिनियो, अब हम अपने पर्भू ईसू मसीह क फिन स अवाई अउर ओकरे साथे आपस मँ एकट्ठा होइ क बारे मँ निवेदन करत अही
2 कि तू अचानक अपने विवेक क कउनो भविस्सबाणी कउनो उपदेस अउर कउनो अइसेन चिट्ठ स न खोवा जेकॉ हमरे द्वारा लिखा गवा समझा जात होइ अउर तथाकथित रुप स जेहमाँ बतावा गवा होई कि पर्भू क दिन आई चुका अहइ, तू अपने मने मँ डावॉडोल जिन ह्वा।
3 तू पचे अपने आपके कउनो क द्वारा कउनउ प्रकार छला न जाइ सका। मइँ अइसेन एह बरे कहत हउँ काहेकि उ दिन ओह समइ तक न आई जब तक कि परमेस्सर स मुँह मोड़ लेइ क समइ नहीं आई जात, अउर दुस्ट मनइ परगट नाहीं होइ जात। ओह दुस्ट-मनइ क नियति तउ नरक बा।
4 उ अपने क सब चीज स उप्पर कही अउर ओनकर विरोध करी अइसेन चीजन का परमेस्सर का कही जात हीं अउर जउन पूजनीय बा। इहाँ तक कि परमेस्सर क मंदिर मँ जाइ क सिंहासन पर बइठिके इ दावा करी कि उहइ परमेस्सर बा।
5 का तोहे याद नाहीं बा कि जब मइँ तोहरे साथे रहे तउ तोहे इ सब बतावा गवा रहा
6 अउत तू तउ अबइ जनतइ अहा कि ओका का अबहीं परगट होइ स रोके अहइ, ताकि उ ऊचित अवसर आए पर ही परगट होइ।
7 मइँ अइसेन एह बरे कहत हउँ काहेकि दुस्ट मनइ क रहस्य भरी सक्ती जउन बे व्यवस्था क अहइ अबहुँ आपन काम करत बा। अब केउ ऐका रोक रहा बा अउर उ तब तक ऐका रोकत रही, जब तलक, ओका रोके रखइबाले क रस्ता स हटाई न दीन्ह जाइ।
8 तबइ उ दुस्ट मनइ परगट होई जब पर्भू ईसू आपन महिमा मँ फिन परगट होई तब ओका पर्भू ईसू अपने मुँह क फँूक स मार डाईगा अउर अपने उपस्थिति क तेज स ओका भस्म कर देई।
9 ओह दुस्ट मनइ सइतान क सक्ती स परगट होइ अउर उ बहुत बड़ी सक्ती, झूठे चमत्कारन, अद्भुत चिन्हन अउर अचरजे कारजन,
10 अउर सब परकार क पाप स भरा छल-परपंच स भरा होइ। उ एनकर उपयोग मनइय क विरुद्ध करी जउन सर्वनासे क रस्ता मँ खोवा हवा अहइँ। उ भटक गवा हयेन काहेकि ओन्हन सत्य स पिरेम नाहीं किहे बाटेन, कहूँ ओनकर उद्धार न होइ जाइ।
11 इही बरे परमेस्सर ओहमन एक छली सक्ती क काम मँ कई देई जेहसे उ झूठ मँ बिसवास करइ लाग रहेन। एहसे ओनकर बिसवास जउन झूठ बा, ओह पर होई।
12 एहसे उ सभन जे सत्य पर बिसवास नाहीं किहेन अउर झूठ मँ आनन्द लेत रहेन, दण्ड पइहीं।
13 भाइयो तथा बहिनियो, पर्भू तोहका पियार करत ह। तोहरे पचन क बरे हमका हमेसा परमेस्सर क धन्यबाद करइ चाही काहेकि परमेस्सर तउ आतिमा क द्वारा तोहे सबन क पवित्तर कइक अउर सत्य मँ तोहरे बिसवास क कारण उद्धार पावइ क बरे तोहे सबन क चुने अहइ। जेन्हन मनइयन क उद्धार होइ क बा, तू ओह सबन क पहिली फसल क एक हींसा अहा।
14 अउर इही उद्धार क बरे जेका सुसमाचार क हम तोहे सबन क उपदेस दिहे हई ओकरे द्वारा परमेस्सर तउ तोहे पचन क बोलाएस ताकि तू पचे हमार पर्भू ईसू मसीह क महिमा क धारण कइ सका।
15 इही बरे भाइयो तथा बहिनियो, अटल बना रहा अउर जउन उपदेस तोहे मौखिक रुप स या हमरे चिटिवयन क द्वारा दीन्ह गवा रहा, ओका थामे रखा।
16 अब हमार पर्भू खुद ईसू मसीह अउर हमार परमपिता परमेस्सर जे हम पइ आपन पिरेम दर्साए अहइ अउर हमका परम प्रोत्साहन प्रदान किहे अहइ अउर जे हमका अपने अनुग्रह मँ मजबूत आसा प्रदान किहे अहइ तोहरे सबन क हिरदइ क आनन्द देइ अउर सब अच्छी बातन मँ जेका तू कहत ह या करत ह, तोहे प्रोत्साहित बनावइ।
17
2 Thessalonians 3
1 भाइयो तथा बहिनियो, तोहे पचन क कछू अउर बात हमका बतावइ क बाटइ। हमरे करे पराथना करा कि पर्भू क उपदेस तेजी स फइलइ अउर महिमा पावई। जइसेन कि तोहे लोगन क बीच मँ भवा बा।
2 पराथना करा कि हम बुरे अउर दुस्ट मनइयन स तूर रही। (काहेकि सभन जने क तउ पर्भू मँ बिसवास नाहीं होत ह।)
3 मुला पर्भू तउ बिसवास स भरा अहइ। उ तोहार सक्ती बढ़ाई अउर तोहे सबन क ओह दुस्ट स बचाइ रखी।
4 हमका पर्भू मँ तोहार स्थिति क बारे मँ टृढ़ बिसवास बा। अउर हमका पूरा निस्चय ही कइ चुका रह्या अउर करत रहब्या।
5 पर्भू तोहरे पचन क हिरदइ क परमेस्सर क पिरेम अउर मसीह क धैर्य भरा मजबूती कइँती आगे करइ।
6 6भाइयो तथा बहिनियो, अब तोहे सबन क हमार पर्भू ईसू मसीह क नाउँ मँ इ हुकुम बा कि तू हर ओह भाइयन स दूर रहा जउन अइसेन जीवन जिअत ह जउन अनुचित चाल चलत अहइ।
7 मइँ इ ऍह बरे कहत हउँ काहेकि तू तउ खुदइ इ जानत बाट्या कि तोहे पचन क हमार अनुकरण कइसे करइ चाही काहेकि तोहरे बीच रहात भए हम कभउँ आलसी नाहीं रही।
8 हम बिना मूल चुकाए कीहीउँ स भोजन नाहीं ग्रहण कीन्ह, बल्कि जतन अउर मेरनत करत भए हम दिन रात काम मँ जुटा रहे ताकि तोहमाँ स कीहीउँ पर बोझ न पड़इ।
9 अइसा नाहीं अहइ कि हमका तोहसे सहायता लेइ क कउनउ अधिकार नाहीं बाटइ, बल्कि हम एह बरे कड़ी मेहनत करत अही ताकि तू ओकर अनुसरण कइ सका।
10 इही बरे हम जब तोहरे साथे रहे, हम तोहे पचन क इ हुकुम दिहे रहे, “अगर केउ काम न करइ चाहइ तउ उ खाना भी न खाइ।”
11 हमका अइसा बतावा गवा ह कि तोहरे बीच कछू अइसेन भी बाटेन जउन अइसेन जीवन जिअत हीं जउन ओनके अनुकूल नाहीं अहइ। उ कउनउ काम नाहीं करतेन, दुसरेन क बातन मँ टाँग अड़ावत हीं एहर-ओहर धूमत फिरत हीं।
12 अइसेन लोगन क हम पर्भू ईसू मसीह क नाउँ प समझावत हुकुम देत अही कि उ सान्ति क साथे आपन काम करइ अउर अपने कमाई क ही खाना खाइँ।
13 मुला भाइयो अउ बहिनियो! जहाँ तक तोहार बात बा, भलाई करत कभउँ न थका।
14 इ चिट्ठी क माध्यम स दीन्ह गए हमरे हुकुमन पर अगर केउ न चलइ त ओह मनई पर नजर रखा कि उ कउन बाटइ अउर ओनकर संगत स दूर रहा ताकि ओका सरम आवइ।
15 मुला ओनके साथे सत्रुअन जइसा व्यवहार न करा बल्कि भाई क समान ओका चेतावा।
16 अब सान्ति क पर्भू खुद तोहे सब समइ, सब तरह स सान्ति देइ। पर्भू तू सबके साथे रहा।
17 मइँ पौलुस खुद आपन लिखाई मँ इ नमस्कार लिखत हउँ। मइँ एह तरह सब चिट्ठी पर दसखत करत हउँ। मोरी लिखाई क सैली इहइ। 18हमार पर्भू ईसू मसीह क अनुग्रह तोहे सभन पर बना रहइ।
18
1 Timothy 1
1 पौलुस कइँती स जउन हमार उद्धारकर्ता परमेस्सर अउर हमार आसा मसीह ईसू क हुकुम स मसीह ईसू क प्रेरित बना बा,
2 तीमुथियुस क जउन बिसवासे मँ मोर सच्चा बेटवा बा, परमपिता परमेस्सर अउर हमरे पर्भू ईसू मसीह कइँती स अनुग्रह, दया अउर सान्ति मिलइ।
3 मैसिडोनिया जात समइ मइँ तोह सबन स जउन इफिसुस मँ ठरहा रहइ क कहे रहेउँ, मइँ अबहुँ उही आग्रह-क दोहरावत रहेउँ। ताकि तू उहाँ कुछ लोगन क झूठा उपदेश देत रहइ,
4 कल्पना स भरी कहानी अउर अनन्त वंसावलिन पर जउन लड़ाई-झगड़ा क बढ़ावा देत हीं, अउर परमेस्सर क ओह प्रयोजन क सिद्ध नाहीं होइ देत हीं, जउन बिसवासे पर टिका बा, धियान देइ स रोक सकइँ
5 एह आग्रह क प्रयोजन बा उ पिरेम जउन पवित्तर हिरदय, उत्तिम चेतना अउर छल रहित बिसवास स पैदा होत ह।
6 कछू जने तउ इन बातन स छिटक क भटक गवा अहइँ अउर बेकार क वाद विवादन मँ जाईके फँसा बाटेन।
7 उ पचे व्यवस्था क उपदेसक तउ बनई चाहत हीं, मुला जउन कछू उ कहत रहेन य जेन्हन बातन पइ वो बहुत बल देत हयेन, ओन्हन तक क ओ सबइ नाहीं समझतेन।
8 हम अब इ जानित ह कि अगर केउ व्यवस्था क ठीक ठीक तरह स प्रयोग करइ, त व्यवस्था उत्तिम बाटइ।
9 मतलब इ जानइ क बा कि व्यवस्था धर्मियन क बरे नाहीं बल्कि अबिसवासी, पापी, अउर अपवित्तर अधर्मियन, महतारी, बाप क मारी डावइवालन, हतियारन,
10 व्यभिचारिन समलिंग कामुकन, सोसण कर्ता लोगन, झूठ क बोलवइयन, कसम तोड़इवालन यो अइसेन हीं अन्य कामन क बरे बा, जउन सिच्छा क विरोध मँ बा।
11 उ सिच्छा परमेस्सर क महिमामय सुसमाचार क अनुसार बा। उ सुधन्य परमेस्सर स मिलत ह। अउर सुसमाचार क मोहका सँउपा गवा बा।
12 मइँ, हामर पर्भू ईसू मसीह क धन्यबाद करत हउँ। मोका उहइ सक्ती दिहेस ह। उ मोका बिसवासी समझिके अपने सेवा मँ तैनात किहे बाटइ।
13 जद्यपि पहिले मइँ ओकर अपमान करइवाला, सतावइवाला अउर एक बिनयरहित मनई रहेउँ। मुला मोहे पइ दया कीन्ह गइ काहेकि एक अबिसवासी क रूपे मँ इ नाहीं जानत भए कि मइँ का कछू करत हउँ मइँ सब कछू किहेउँ।
14 अउर पर्भू इ अनुग्रह मोका बहुतायत स मिला ह अउर साथे ही उ बिसवास अउर पिरेम उ जउन मसीह ईसू मँ बा।
15 इ कथन सही बा अउर सब केउ क स्वीकार करइ जोग्ग बा कि मसीह ईसू एह संसारे मँ पापियन क उद्धार करइ बरे आई-बाटइ। सच मइँ तउ सबसे बड़ा पापी हउँ।
16 अउर इही बरे तउ मोहे पइ दया कीन्ह गइ। कि मसीह ईसू एक बड़इका पापी क रूपे मँ मोर उपयोग करत आगे चलिके जउन लोग ओहमाँ बिसवास ग्रहण करिहीं, ओनके बरे अनन्त जीवन मिलइ बरे एक उदाहरण क रूप मँ मोका स्थापित कइके आपन असीम सहनसीलता देखॉइ सकइ।
17 अब उ अनन्त सम्राट अविनासी, अदृस्य एक मात्र परमेस्सर क युग युगान्तर तक सम्मान अउर महिमा होत रहइ। आमीन।
18 मोर बच्चा तीमुथियुस! नबियन क बचनन क अनुसार बहुत पहिले स ही तोहरे सम्बन्धे मँ जउन भविस्सबाणियन कइ दीन्ह गइ रहिन, मइँ तोहका इ हुकुम देत अही जम कइ ताकि तू ओनके अनुसार
19 बिसवास अउर उत्तम चेतना स सहित होइके नेकी क लड़ाई जम कइ लड़ सका। कछू अइसेन हयेन जेनकर उत्तिम चेतना अउर बिसवास रूपी जहाज बूड़ गवा बा।
20 हुमिनयुस अउर सिकन्दर अइसेन ही हयेन। हम ओनका सइतान क सँउप दिहे हई ताकि ओनका परमेस्सर क विरोध मँ परमेस्सर क निन्दा करइ स रोकई क पाठ पढ़ावा जाइ सकइ।
1 Timothy 2
1 सबसे पहिले मोर बिसेस रूपे स इ निवेदन बा कि सबके बरे आवेदन, पराथना, अनुरोध अउर सब मनइयन कहँती स धन्यबाद दिहा जाइ।
2 सासकन अउर सभन अधिकरियन क धन्यबाद दिहा जाइ। ताकि हम चैन क साथे सांतिपूर्वक पूरे स्रद्धा अउर परमेस्सर बरे सम्मान स भरा जीवन जी सकी।
3 इ हमार उद्धारकर्ता परमेस्सर क खुसी करईवाल अहइ। उ उत्तिम अहइ।
4 उ सभन मनइयन क उद्धार चाहत ह अउर सत्य का गियान चाहत ह।
5 काहेकि परमेस्सर एक्कई बा। अउर मानुस अउर परमेस्सर क बीच मँ मध्यस्थता एक्कई बा। उ खुदइ एक मानुस अहइ ईसू मसीह।
6 उ सबन क बरे खुद क फिरौती क रूप मँ दइ डाए अहइ। अउर परमेस्सर क सब लोगन क बचाबै क उदेस्स को व्यक्त किहे अहइ।
7 अउर इ साच्छी क प्रचार करइ बरे मोका एक प्रचारक अउर प्रेरित रखा गवा (इ मइँ सचइ कहत हउँ, झूठ नाहीं) मोका गैर यहूदियन क बरे बिसवास अउर सत्य के उपदेसक के रूपे मँ ठहरावा गवा।
8 इन्ही बरे मोर इच्छा बा कि हर कहूँ सब मनइयन पवित्तर हाथन क उप्पर उठाइके परमेस्सर क बरे समर्पित होइ बिना कीहीउँ गुस्सा या मन-मोटाऊ पराथना करइँ।
9 इही तरह स्त्रियन स भी मइँ इ चाहित हउँ कि उ पचे सीधी-सादी वेस-भूसा मँ सालीनता अउर आतिम संयम क साथे रहइँ। अपने आपे क सजावइ सँवारइ क बरे उ बारे क बेणियन न सजावइँ अउर सोना, मोतियन अउर बहुमूल्य वस्त्रन स सृंगार न करइँ।
10 बल्कि अइसेन स्त्रियन क जउन अपने आप क परमेस्सर क उपासिका मानत हीं, ओनके बरे उचित इ बा कि वो खुदइ क उत्तिम कामे स सजावइँ।
11 एक स्त्री क चाही कि उ सांत भाव स सारे समपर्न क साथे सिच्छा ग्रहण करइ।
12 मइँ इ नाहीं चाहित कि कउनउ स्त्री कउनउ मनई क सिखावइ पढ़ावइ अउर ओह पर सासन करइ। मुला ओका तउ चुपचाप ही रहइ चाही।
13 काहेकि आदम क पहिले बनावा गवा बा अउर तब पाछे हव्वा क।
14 आदम क बहकावा नाहीं जाइ सका मुला स्त्री क बहकाइ लिहा गवा अउर उ पापे मँ पतित होइ गइ।
15 मुला अगर उ मँ जइसन क करतब क निभावत भए बिसवास, पिरेम, पवित्तर अउर परमेस्सर क बरे समपर्ण मँ बनी रहइ तउ स्त्रियन क उद्धार तउ जरूर मिल जाई।
1 Timothy 3
1 इ एक बिसवास करइ जोग्ग कथन बा कि अगर केउ निरिच्छक बनइ चाहत ह तउ उ एक अच्छे कामे क इच्छा रखत ह।
2 अब देखा ओका एक अइसी जिन्नगी जिअइ चाही जेकर लोग निआव स भरी आलोचना न कइ पावइँ। ओकर एकई पत्नी होइ चाही, ओका आत्मसंयमी, सुसील अउर अतिथि सत्कार करइवाला अउर सिच्छा देइ मँ निपुण होइ चाही। ओका पइसा क पिरेमी न होइ चाही।
3 ओका पियक्कड़ न होइ चाही, न तउ ओका झगड़ालू होइ चाही। ओका तउ सज्जन अउर सान्ति प्रेमी होइ चाही। ओका पैसे का पिरेमी न होइ चाही।
4 अपने परिवारे क उ अच्छा प्रबन्धक होइ अउर ओनकर बच्चन ओरके कब्जे मँ रहत रहइँ। ओकर पूरा सम्मान करत होइँ।
5 (अगर केउ अपने परिवारे क प्रबन्ध करइ नाहीं जानत तउ उ परमेस्सर क कलीसिया क प्रबन्ध कइसे कइ पाई?)
6 उ एक नवा बिसवासी न होइ चाही ताकि उ अहंकार स फूलि न जाइ। अउर ओका सइतान क जइसा दण्ड पावइ पड़इ।
7 एकरे अलावा बाहेर क लोगन मँ भी ओकर अच्छी इज्जत होइ चाही ताकि उ कउनउ आलोचना मँ फँसिके सइतान क फंदा मँ न पड़ि जाइ।
8 इही तरह कलीसिया क सेवकन केउ आदरणीय होइ चाही अउ ओका अउर दु मुँहा न होइ चाही। ओकर मदिरापान मँ रुचि न होई चाही। बुरे रस्तन स ओनका धन कमाइ क इच्छुक न होइ चाही।
9 ओनका तउ पवित्तर मने स हमरे अभिव्यक्त सत्यन क थामे रखइ चाहे।
10 ऐन्हेऊ क पहिले निरीच्छकन क समान परखा जाइ चाही फिन अगर ओनके विरोध मँ कछू आपत्ति न होइ तबहिं एनका कलीसिया क सेवकन क न रूप मँ सेवा काम करइ देइ चाही।
11 इही तरह स्त्रीयन क भी सम्मान क जोग्ग होइ चाही। ओनका निंदक न होइ चाही। बल्कि सालीन अउर सब तरह स भरोसा करइवाली होइ चाही।
12 कलीसिया क सेवक क केवल एक्कई पत्नी होइ चाही अउर ओका आपन बाल बच्चन अउर अपने घरारन क अच्छा प्रबन्धक होइ चाही।
13 काहेकि अगर क कलीसिया क अइसेन सेवक क रूप मँ होइहीं जउन अच्छा सेवा प्रदान करत हीं, तउ उ पचे अपने बरे सम्मान स भरा स्थान अर्जित करिहीं। मसीह ईसू क बरे बिसवासे मँ जरूरइ ओनकइ आस्था होई।
14 मइँ इ आसा क साथे तोहे इ बातन क लिखत हउँ कि जल्दी ही तोहरे लगे आउबइ।
15 अगर मोका आवइ मँ समइ लग जाइ तउ तोहे सबन क पता रहइ कि परमेस्सर क परिवारे मँ, जउन सजीव परमेस्सर क कलीसिया बा, कउनो क आपन व्यवहार कइसे रखइ चाही। कलीसिया तउ सब क जड़ अउर आधार स्तम्भ अहइ।
16 बिना संदेह क हमरे भक्ति का रहस्य महान बाटइः उ नर-देह धरे परगट भवा आतिमा द्वारा धर्मी प्रमाणित भवा देखेन ओका सरगदूतन हुआ प्रचारित उ राष्ट्रन मँ, जग तउ ओहपइ बिसवास किहेस, अउर उठावा गवा ओका महिमा मँ उप्पर।
1 Timothy 4
1 पवित्तर आतिमा तउ स्पस्ट रूपे स कहत बाटइ कि आगे चलिके कछू लोग सच्चे बिसवास (उपदेस) पइ बिसवास न करिहीं अउर भटकावइवालन झूठन नबियन अउर दुस्ट आतिमन कि सिच्छा पर धियान देइ लगिहीं जउन झूठ बोलिहीं अउर धोखा देत रइहीं।
2 ओन झूठन पाखण्डी लोगन क कारण अइसे मनइयन होइहीं जे सच अउर झूठ क विवेक न कइ सकिहीं अउर इ जेनकइ मन माना तपत लोहे स दाग दीन्ह गवा होइ।
3 उ पचे बियाह क निसेध करिहीं। कछू चीज खाई क मना करिहीं जेका परमेस्सर क बिसवासियन अउर जउन सच क पहिचानत हीं, ओनके बरे धन्यबाद दइके ग्रहण कइ लेइके बनावा गवा बा।
4 काहेकि परमेस्सर क रची सब चीज अच्छी बा अउर कउनउ चीज तियागइ जोग्ग नाहीं बा बसर्ते ओका धन्यबाद क साथे ग्रहण कीन्ह जाइ।
5 काहेकि उ परमेस्सर क बचन अउर पराथना स पवित्तर होइ जात ह।
6 अगर तू भाइयन क इन बातन धियान दियावत रहब्या तउ मसीह ईसू क अइसेन अच्छा सेवक ठहरब्या जेकर पालन-पोसण, बिसवासे क द्वारा अउर ओन्हीं सिच्छा क द्वारा होत ह जेका तू ग्रहण किहे अहा।
7 मनइयन क स्रद्धा विहीन कल्पित सबइ कथा स दूर रहा अउर परमेस्सर क सेवा क बरे अपने क साधना मँ लगाए रखा।
8 काहेकि सारीरिक साधना स तउ केवल तनिक ही लाभ होत ह जबकि परमेस्सर क सेवा सब कइँती स मूल्यवान बा काहेकि एहमाँ आज क समइ अउर आवइवाला जीवन क बरे दीन्ह गवा आसीर्वाद समावा बाटइ।
9 एइ कहावत पूर रूप स सच अहइ। अउर इ पूरी तरह ग्रहण करइ जोग्ग अहइ।
10 अउर हम सबहिं इही बरे कठिन मेहनत करत जूझत रहित ह। हम आपन आसा सबके विसेस कर बिसवासियन क, उद्धारकर्ता सजीव परमेस्सर पइ टिकाइ दीन्ह ह।
11 एनही बातन क हुकुम अउर उपदेस द्या।
12 तू अबहिं जवान अहा। इही स कउनउ तोहे निम्न न समझइ। बल्कि तू आपन बातचीत, चाल चलन, पिरेम-प्रकास, अपने बिसवास अउर पवित्तर जीवन स बिसवाससियन क बरे एक उदाहरण बनि जा।
13 जब तक मइँ आई तू पवित्तर सास्तरन क सार्वजनिक पाठ करा, उपदेस अउर सिच्छा देई मँ अपने आप क लगाए रखा।
14 तोहका जउन बरदान मिला बा, तू ओकर उपयोग कइके इ तोहे नबियन क भविस्सबाणी क परिणाम सरूप बुजुर्गन क द्वारा तोहपइ हाथ रखि दीन्ह गवा बा।
15 इन बातन क कारण पइ पूरा धियान लगाए रखा। एन्ही मँ स्थित रहा ताकि तोहार प्रगति सब लोगन क सामने परगट होइ।
16 अपने जीवन अउर उपदेस क विसेस धियान रखा। ओनही पर टिका रहा काहेकि ओन पइ चलइ अउर सही रूप स पालन करइ मँ विसेस बल दा। अइसेन आचरण करत रहे स तू खुद अपने आपइ क अउर अपने सुनइवालन क उद्धार करब्या।
1 Timothy 5
1 कउनउ बड़ी आयु क मनई क साथे कठोरता स न बोला, बल्कि ओनहे बापे क रूप मँ देखत ओनके बरे विनम्र रहा। सलाह देत समइ अपन्ने स छोटन क साथे भाइयन जइसा बर्ताव करा।
2 बड़ी स्त्रियन क महतारी समझा अउर जवान स्त्रियन क आपन बहिन समझिके सब पवित्रतन क साथे बर्ताव करा।
3 ओन्हन विधवन क विसेस धियान रखा जउन वास्तव मँ अकेले अहइँ।
4 मुला अगर कउनउ विधवा के बेटवा-बिटिया अउर नाती पोता अहइँ तउ ओन्हे सबसे पहिले अपने धरम पर चलत चलत अपने परिवार क देखभाल करइ सीखइ चाही। ओनका चाही कि ओ पचे अपने महतारी-बापे क पालन पोसन क बदला चुकावइँ काहेकि एहसे परमेस्सर खुस होत ह।
5 उ विधवा जउन सही मँ विधवा बाटइ अउर जेकर धियान रखइवाला केउ नाहीं बाटइ अउर परमेस्सर तउ जेकर सबइ आसा क सहारा बा उ दिन रात बिनती अउर पराथना मँ लगी रहत हीं।
6 मुला उ विधवा जे बिसय भोग क दास होइ गइ अहइँ जीते जी मरे भएन क समान बाटिन।
7 इही बरे बिसवासी लोगन क इन बातन क (ओनके सहायता क) आदेस द्या ताकि कउनउ भी ओनकर आलोचना न कइ पावइ।
8 मुला अगर केउ आपन रिस्तेदारन, विसेसकर आपन पिरवार क सदस्यन क सहायता नाहीं करत, तउ उ बिसवास स फिन गवा बा अउर कउनो अबिसवासी से भी जियादा खराब बा।
9 ओन्हन विधवन क विसेस सूची मँ जउन आर्थिक सहायता लेत बाटिन ओनही विधवा क नाउँ लिखा जाइ जउन कम स कम साठ साल क होइ चुकी बाटिन अउर जउन पतिब्रता रही हईन।
10 अउर जउन बाल बच्चन क पालत करत, अतिथि सत्कार करत भए, परमेस्सर क लोगन क पाउँ धोवत भए दुखियन क सहायता करत-करत, अच्छा कामन क बरे समर्पित होइके सब तरह क अच्छा कामन क बरे जाना-मानी जात रहिन।
11 मुला सयानी-विधवन क एह सूची मँ सामिल न करा काहेकि मसीह क बरे ओनकर समर्पण पइ जब ओनकर बिसय वासना भरी इच्छा हावी होत ह तउ उ फिन बियाह करइ चाहत ह।
12 उ सबइ अपराधिन हइन काहेकि ओन्हन आपन मूलभूत प्रतिज्ञा क तोड़े हइन।
13 एकरे अलावा ओनका आलस क आदत पड़ि जात ह। उ सबइ एक घरे स दुसरे घरे घूमत फिरत हीं अउर उ सबइ न केवल आलसी होइ जात हीं, बल्कि उ बातूनी लोगन क कामन मँ टाँग अड़ावइ लागत हीं अउर अइसेन बात बोलइ लागत हीं जइसे ओंहे न बोलइ चाही।
14 इही बरे मइँ चाहत हउँ कि जवान-विधवन बियाह कइ लेइँ अउर औलाद क पइदा करत भए अपने घर बारे के देखभल करइँ ताकि हमरे दुस्मनन क हम पर कटाच्छ करइ क कउनउ अवसर न मिलि पावइ।
15 मइँ इ बरे बतावत हउँ कि कछू जवान विधवन क सइतान द्वारा पहिलेन स ही बहकाई गइ रहिन।
16 अगर कउनो बिसवासी स्त्री क घरे मँ विधवा हइन तउ ओन्हे ओकर सहायता खुद करइ चाही। अउर कलीसिया प कउनउ भार न डावइ चाहि ताकि कलीसिया सच्ची विधवन क सहायता कइ सकइ।
17 जउन निरीच्छक कलीसिया क अच्छी अगुआइ करत हीं ओनका दुगना सम्मान क पात्र होइ चाही। विसेस कर उ पचे जेनकर काम उपदेस देब अउर पढ़ाउब बा।
18 काहेकि पवित्तर सास्तर मँ कहा गवा बा, “बरधा जब खरिहाने मँ होइ तउ ओकर मुँह न बाँधा।”अउर “मजदूर क आपन मजदूरी पावइ क अधिकार बा।”
19 कउनो निरीच्छन पइ लगावा गवा कउनउ लांछन क तब तक स्वीकार न करा जब तलक दुई य तीन साच्छी न होइँ।
20 जउन हमेसा पापे मँ लगा रहत हीं ओनका सबके सामने डाटा-फटकारा ताकि बाकि लोग डेराइँ।
21 परमेस्सर, ईसू मसीह अउर चुना भवा सरगदूतन क सामने हम सचाई क साथे आदेस देत हई कि तू बिना कउनो पूर्वाग्रह क इन बातन क पालन करा। पच्छपात क साथे कउनउ काम न करा।
22 बिना विचारे केउ क कलीसिया क मुखिया बनवइ क बरे ओह प जल्दी मँ हाथ न रखा। केउ क पापन मँ भागीदारी न बना। अपने क हमेसा पवित्तर रखा।
23 तीमुथियुस, केवल पानी ही न पिअत रहअ। बल्कि अपने हाजमा अउर बार बार बीमार पड़इ स बचइ क बरे तनिक दाखरास भी लइ लिहा करा।
24 कछू लोगन क पापन सही रूप स परगट होइ जात हीं अउर निआव क बरे पेस-कई दीन्ह जात ह मुला दुसरे लोगन क पापन बाद मँ परगट होत हीं।
25 इही तरह अच्छा काम भी सही रूप स परगट होइ जात ह मुला जउन परगट नाहीं होतेन तउ उ पचे भी छुपा नाहीं रह सकतेन।
1 Timothy 6
1 जउन लोग अंधबिसवासी क जुए क नीचे क दास बना अहइँ, ओन्हे अपने स्वामियन क सम्मान क जोग्ग समझइ चाही ताकि परमेस्सर क नाउँ अउर हमरे उपदेसन क निन्दा न होइ।
2 अउर अइसेन दास न के भी जेनकर स्वामी बिसवासी हयेन, बस इही बरे कि उ पचे ओनकर धरमभाई अहइँ, ओनके बरे कम सम्मान न देखॉवइ चाही, बल्कि ओनका तउ अपने स्वामियन क अउर अधिक सेवा करइ चाही काहेकि जेनका एकर लाभ मिलत बा, उ पचे बिसवासी अहइँ, जेनसे उ पचे पिरेम करत हीं। इन बातन क सिखावत रहा अउर एनकर प्रचार करत रहा।
3 अगर केउ एनमाँ स अलग बात सिखावत ह अउर हमारा पर्भू ईसू मसीह क ओन्हन सदबचनन क नाहीं मानत ह अउर परमेस्सर क सही तरीके स सेवा करे की सिच्छा स सहमत नाहीं होत ह
4 तउ उ अहंकार मँ फूला बा अउर कुछ भी नाहीं जानत ह। उ तउ कुतर्क करइ अउर सब्दन क लेइके झगड़इ क रोग स घिरा बाटइ। इन बातन स त ईर्सा, बैर, निन्दा-भाव अउर गाली-गलौज
5 अउर ओन लोगन क बीच जेकर बुद्धि बिगड़ गइ बा, कबहुँ न खत्म होइवाला मतभेद पैदा होत ह अउर भ्रष्ट दिमाग क अहइ, जउन सत्य क खोइ चुका अहइ। अइसेन लोगन क बिचार बा कि परमेस्सर क सेवा धन कमाइ क ही एक साधन अहइ।
6 निस्चय ही परमेस्सर क सेवा-भक्ति स ही आदमी बहुत सम्पन्न बनत ह। पर ई ओन्हीं क बरे सत्य बा जउन ओसे संतुस्ट होइ जात ह, जउन ओका मिलत ह।
7 काहेकि हम संसारे मँ न तउ कछू लइके आइ रहे अउर न ही इहाँ स कछु लइके जाइ पाउब।
8 तउन अगर हमरे लगे रोटी अउर कपड़ा बा त हम उही मँ सन्तुस्ट हई।
9 मुला जउन धनवान बनइ चाहत हीं, जे प्रलोभन मँ पड़िके जाल मँ फँसि जात हीं ओनका अइसेन ढेर मूर्खपना अउर बिनास करइवाली इच्छन घेरि लेत हीं जउन ओनकर पतन अउर बिनास होय जात ह।
10 काहेकि धन क पिरेम सब तरह क बुराइ क जनम देत ह। कछू लोग आपन इच्छन क कारण ही बिसवास स भटकि गवा हयेन अउर अपने क पीड़ित कइके कस्टमय समस्याआ का झेलत बाटेन।
11 मुला हे परमेस्सर क लोग, तू इन बातन स दूर रहा अउर नेकी, परमेस्सर क सेवा, बिसवास, पिरेम धीरझ, अउर सज्जनता मँ लगा रहा।
12 हमार बिसवास जउन उत्तिम स्पर्धा क अपेच्छा करत ह, तू उही क बरे संघर्ष करत रहा अउर अपने बरे अनन्त जीवन क अर्जित कइ ल्या। तोहका उही क बरे बोलावा गवा अहा। तू बहुत स लोगन क सामने उस परम सत्य का (ईसू मसीह का) बहुत अच्छे तरह स अंगीकार किहे अहा।
13 परमेस्सर क सामने, जउन सब क जीवन देत ह अउर ईसू मसीह क सामने जे पुन्तियुस पिलातुस क सामने बहुत अच्छी साच्छी दिहे रहा, मइँ तोहका इ हुकुम देत हउँ कि
14 जब तलक हमार पर्भू ईसू मसीह परगट होत ह, जब तलक तोहे जउन हुकुम दीन्ह गवा बा, तू उही पर बिना कउनउ कबहुँ छोड़े निर्दोस भाव स चलत रहा।
15 उ ओह पइ धन्य, एक छत्र, राजा लोगन क राजा अउर सम्राटन क पर्भू क उचित समइ आए पइ घटित करी।
16 उ अगम प्रकास क निवासी अहइ। ओका न केउ देखे बा, न केउ देखि सकत ह। ओकर सम्मान अउर ओकर अनन्त सक्ति क बिस्तार होत रहइ। आमीन।
17 वर्तमान युग क चीजन क कारण जउन लोग अमीर बने भए अहइँ, ओन्हे आज्ञा द्या कि उ पचे अभिमान न करइँ। अउर ओह धने स जउन जल्दी चला आई कउनउ आसा न रखइँ। परमेस्सर पर ही आपन आसा टिकावइँ जउन हमका हमार आनन्द क बरे सब कछू भरपूर देत ह।
18 ओनका आज्ञा देइँ कि उ पचे अच्छा अच्छा काम करइँ। अच्छा कामन स ही धनी बनइँ। उदार रहइँ अउर दूसरन क साथे आपन चीजे बाँटइँ।
19 अइसेन करई स ही उ पचे एक सरगे क खजाना क संयच करिहीं जउन भविस्य क बरे मजबूत नींव सिद्ध होई। इहीं स उ सच्चा जीवन क थामे रइहीं।
20 तीमुथियुस! तोहे जउन सँउपा गवा बा, तू ओकर रच्छा करा। बेकार क संसारी बातन स बचा रहा। अउर जउन “झूठा गियान” स सम्बन्धित बेकार क विरोधी बिसवासी हयेन, ओनसे दूर रहा काहेकि
21 कछू लोग यह दावा करत हीं कि वे इसे “गियान” क जानत अहा, पर उ वास्तव मँ बिसवासे स दूर चला जात हीं। परमेस्सर क अनुग्रह तोहरे साथे रहई।
2 Timothy 1
1 पौलुस कइँती स जउन परमेस्सर क इच्छा स ईसू मसीह क प्रेरित अहइ। अउर जेका मसीह ईसू मँ जीवन पावइ क प्रतिज्ञा क प्रचार करइ के बरे भेजा गवा बा।
2 पियारा बेटवा तीमुथियुस क नाउँ: परमपिता अउर हमरे पर्भू मसीह ईसू कइँती स तोहे अनुग्रह दया अउर सान्ति मिलइ।
3 रात दिन आपन पराथनन मँ हमेसा तोहार याद करत भवा, मइँ ओह परमेस्सर क धन्यबाद करत हउँ, अउर ओकर सेवा अपने पूर्वजन क रीति क अनुसार सुद्ध मने स करत हउँ।
4 मोरे बरे तू जउन आँसू बहाए अहा, ओकर याद कइके मइँ तोहसे मिलइ क आतुर हउँ, ताकि आनन्द स भर उठउँ!
5 मोका तोहार उ सच्चा बिसवास भी याद बा जउन पहिले तोहार नानी लोइस अउर तोहर महतारी यूनीके मँ रहा। मोका भरोसा बा कि उहइ बिसवास तोहरे भी मँ बा।
6 इही बरे मइँ तोहे याद देवावत हउँ कि परमेस्सर क भेट क ओह जुवाला क जलाइ राखा जउन तोहे सब क मिली रही जब तोह प मइँ आपन हाथ रखे रहेउँ।
7 काहेकि परमेस्सर तउ हमका जउन आतिमा दिहे बाटइ, उ हमका कायर नाहीं बनवत बल्कि हमका सक्ती, पिरेम, अउर आतमसंयम स भरि देत ह।
8 इही बरे तू हमरे पर्भू या मोर, जउन ओनके बरे बन्दी बना भवा बा, साच्छी देइ स लजा जिन। बल्कि तोहका परमेस्सर जउन सक्ति बाटइ, ओसे परमेस्सर क सक्ती दुआरा जातना झेलइ मँ मोर साथ द्या।
9 उहइ हमका रच्छा किहेस अउर पवित्तर जीवन क बरे हमका बोलाए अहइ-हमार आपन ओह कीन्ह कर्मन क आधार प नाहीं, बल्कि ओकरे आपन ओह प्रयोजन अउर अनुग्रह क अनुसार जउन परमेस्सर द्वारा मसीह ईसू मँ हमका पहिले ही अनादीकाल स सऊँप दीन्ह गवा बा।
10 परन्तु अब हमार बचावइवाले ईसू मसीह क परगट होइ क साथे-साथे हमरे बरे प्रकासित कीन्ह गवा बा। उ मउत क अन्त कइ दिहेस अउर जीवन अउर अमरता क सुसमाचार क द्वारा प्रकासित किहे बाटइ।
11 इही सुसमाचार क फइलावइ क बरे मोका एक प्रचारक, प्रेरित अउर सिच्छक क रूप मँ नियुक्त कीन्ह गवा बा।
12 अउर इहइ कारण अहइ जेहसे मइँ एन बातन क दुख उठावत अहउँ। अउर फिन भी लज्जित नाहीं हउँ काहेकि जेह प मइँ बिसवास किहे हउँ, मइँ ओका जानत हउँ अउर मइँ इ मानत हउँ कि उ मोका जउन सँऊपे अहइ, उ ओकर रच्छा करइ मँ समर्थ बाटइ जब तलक उ दिनआवइ,
13 ओह अच्छी सिच्छा क जेका तू मोसे सुने अहा, ओका बिसवास अउर पिरेम मँ, जो मसीह ईसू मँ अहइ ओकर आपन आदर्स सिच्छा बनाए रहा।
14 हमरे भीतर निवास करइवाली पवित्तर आतिमा क द्वारा तू उस सत्य की रच्छा करा, जउन तोहका सँउप गवा बा।
15 जइसेन कि तू जानत ह कि उ सभन जउन एसिया मँ रहत हीं, मोका छोड़ ग रहेन। फुगिलुस अउर हिरमुगिनेस ओनहीं मँ स अहइँ।
16 उनेसिफुरुस क परिवारे प पर्भू दया करइ। काहेकि उ कइयउ अवसरन प मोका सुख पहुँचाए रहा। अउर उ मोरे जेल मँ रहइ स सरमान नाहीं।
17 बल्कि उ तउ जब रोम आवा रहा, जब तलक मोसे मिल नाहीं लिहेस, जतन स मोका निरन्तर ढूँढ़त रहा।
18 पर्भू करइ ओका, ओह दिन पर्भू कइँती स दया मिलइ, ओ इफिसुस मँ मोरी तरह-तरह स जउन सेवा किहेस ह कउनो तरह स उ सेव किहेस ओका तू अच्छी तरह स जानत अहा।
2 Timothy 2
1 जहाँ तक तोहर बात बा, मोर बेटवा! मसीह ईसू मँ मिलइ वाली अनुग्रह स मजबूत होइ जा,
2 बहुत स लोगन क साच्छी मँ मोसे तू जउन कछु सुने अहा, ओका ओन बिसवास करइ जोग्ग मनइयन क सऊँप द्या जउन दुसरेउ केउ क भी सिच्छा देई मँ समर्थ होइ।
3 जउन यातना सबइ आवइँ ओनका मिलकर सामना करा। जातना झेलई मँ मसीह ईसू क एक अच्छा सैनिक क समान सेवा करत रहा।
4 अइसे सबहिं जउन सैनिक क समान सेवा करत हीं अपने आप क साधारण जीवन क जंजाल मँ नाहीं फँसउतेन काहेकि उ अपने सासक अधिकरियन क खुस करई क बरे कोसिस करत रहत हीं।
5 अउर अइसेनइ अगर केउ कीहीउ दउड़इ वाली प्रतियोगितन मँ हींसा लेत ह अउर नियमन क नमाइन, तउ ओका विजय क मुकुट ओह समइ तलक नाहीं मिलत, जब तलक कि उ नियमन क पालन करत करत प्रतियोगितन मँ भाग नाहीं लेत।
6 किसान जो मेहनत करत ह इ उपज क सबसे पहिला भाग पावइ क अधिकारी अहइ।
7 मइँ जउन बताइत हउँ: ओह प बिचार करा। पर्भू तोहे सब कछू समझइ क छमता प्रदान करी।
8 मसीह इसू क खियाल करत रहा जउन मरे हुअन मँ स फिन स जिन्दा होइ उठा ह अउर जउन दाऊद क बंसज अहइ। इहइ ओह सुसमाचार क सार अहइ जेकर मइँ उपदेस देत हउँ
9 इही बरे मइँ जातना झेलत अहउँ। इहाँ तलक कि एक अपराधी क नाई मोका जंजीरन स जकड़ दीन्ह गवा बा। परन्तु परमेस्सर क बचन तउ बन्धन रहित बा।
10 इही कारण परमेस्सर क चुना गवा लोगन के बरे मइँ हर दुख उठावत रहत हउँ ताकि उ पचे भी ईसू मसीह मँ मिलइ वाली महिमामयी अउर अनन्त उद्धार क साथे मिलि सकइँ।
11 इ बचन बिसवासे क जोग्ग अहइ किःअगर हम ओकरे साथे मरा हई, तउ उही क साथे जिउब,
12 अगर हम दुख स्वीकार करत अही। त ओकरे साथे सासन भी करब। अगर हम ओका छोड़ तजबइ, तउ तजि देइ उहउ हमका,
13 हम चाहे बिसवास हीन होइ, प उ बिसवासी हमेसा-हमेसा बिसवास योग्य बना रही काहेकि नाहीं होइ सकत उ आतिमा निसेधी मिथ्यवादी, अपनेन ही बरे।
14 लोगन क इन बातन क धियान देवावत रहा अउर परमेस्सर क साच्छी कइके ओन्हे सावधान करत रहा कि उ सब्दन क लइक लड़ाई झगड़ा न करा। अइसेन लड़ाई-झगड़ा स कउनउ लाभ नाहीं होत, बल्कि एनका जे सुनत हीं, उहउ का नस्ट कर देत ह।
15 अपने आप क परमेस्सर द्वारा ग्रहण करइ जोग्ग बनाइके एक अइसे सेवक क रूप मँ पेस करइ क यत्न करत रहा जेहसे कउनउ बात क बरे सरमाई क जरूरत न होइ। अउर जउन परमेस्सर क सत्य बचन क सही ढंग स उपयोग करत ह।
16 अउर अधार्मिक अउर अर्थहीन बातन स बचा रहत ह काहेकि इ बात लोगन क परमेस्सर स बहुत दूर लइ जात ह।
17 अइसेन लोगन क सिच्छा नासूर क तरह फइले। हुमिनयुस अउर फिलेतुस अइसेन ही अहइँ।
18 जउन सच्ची सिच्छा स भटकि गवा हयेन। ओनकर कहब बा कि पुरूत्थान अब तलक होइ चुका बा। इ सबइ कछू लोगन क बिसवास क खराब करत हयेन।
19 कछू भी होइ परमेस्सर तउ जेह केतॅना ही मजबूत नींव क डाए अहइ, उ मजबूती क साथे खड़ी बा। ओह प अंकित बा, “पर्भू अपने भक्तन क जानत ह”अउर “उ हर एक, जउन कहत ह कि उ पर्भू क अहइ ओका दुस्टता स बचा रहइ चाही।”
20 एक बड़ाके घरे मँ बस सोना-चाँदी क ही बर्तन त नाहीं होत हीं, ओहमाँ लकड़ी अउर मिट्टी क बरतन भी होत हीं। कछू विसेस उपयोग क बरे होत हीं अउर कछू साधारण उपयोग क बरे।
21 इही बरे अगर आदमी अपने आपके बुराइयन स साफ कइ लेत ह तउ उ विसेस उपयोग क बनी ह। अउर फिन पवित्तर बनिके अपने सुवामी क बरे उपयोगी सिद्ध होई। अउर कउनउ अच्छा कामे क बरे तइयार रही।
22 जवानी क बुरी इच्छन स दूर रहा, धार्मिक जीवन, बिसवास, पिरेम अउर सान्ति क बरे ओन्हन सब क साथे जउन सुद्ध मने स पर्भू बिसवास करत हीं, पुकारत हीं, कोसिस करत रहा।
23 मूर्खता स भरा, बेकार क तर्क बितर्क स हमेसा बचा रहा। काहेकि तू जानत ह कि एनसे लड़ाई-झगड़ा पैदा होत ह।
24 अउर पर्भू क सेवक क तउ झगड़इ न चाही। ओका तउ सब प द्या करइ चाही ओका सिच्छा देइ मँ जोग्ग होइ चाही। ओका सहनसील होइ चाही।
25 ओका अपने विरोधियन क भी विनम्रता क साथे समझइ चाही और परमेस्सर ओनका हिरदइ बदल देइ ताकि ओनका सत्य क गियान होइ जाइ
26 अउर उ सचेत होइ क सइतान क ओह फन्दा स बचि नकरइँ जेहमाँ सइतान ओनका जकड़ी रखे बाटइ ताकि उ पचे परमेस्सर क इच्छा क अनुसरण कइ सकइँ।
2 Timothy 3
1 याद रखअ अन्तिम दिना मँ हम पे बहुत खराब सराब समइ आइ।
2 लोग अपसब्द निकारिहीं, महतारी-बाप क अवहेलना करइवाला, निर्दय, अपवित्तर,
3 पिरेम रहित, छमा-हीन, निन्दक, असंयमी, बर्बर, जउन कछू अच्छा बा ओकर विरोधी,
4 बिसवासघाती, अविवेकी, अहंकारी अउर परमेस्सर पिरेमी होइ क अपेक्षा सुखवादी होइ जइहीं।
5 उ धरम क देखावटी रूप क पालन तउ करिहीं परन्तु ओनके भित्तर सक्ती क नकार देइहीं। ओनसे हमेसा दूर रहा।
6 काहेकि एनमे स कछू अइसेन हयेन जउन घरे मँ घुस पइठि कइके पापी, दुर्बल इच्छा सक्ती क पापसे भरा हर तरह क इच्छन स चलायमान स्त्रियन क वस मँ कइ लेत हीं।
7 इ सबइ स्त्रियन सीखइ क जतन तउ हमेसा करत रहत हीं, परन्तु सत्य क सभन गियान तलक उ कभउँ नाहीं पहुँच पउतिन।
8 यन्नेस अउर यम्ब्रेन्स तउ जइसेन मूसा क विरोध किहे रहेन, वइसेन ही इ लोग सच क विरोधी अहइँ। इ लोगन क बुद्धि भ्रस्ट बा अउर बिसवास क अनुसरण करइ मँ ये असफल हयेन।
9 परन्तु ये अउर जियादा आगे नाहीं बढ़ पइहीं काहेकि जइसे यन्नेस अउर यम्ब्रेन्स क मूर्खता परगट होइ गइ वइसे ही एनकइ मूर्खता भी परगट होइ जाई।
10 परन्तु, कछू भी होइ मोर सिच्छा क पालन किहे अहा। मोर जीवन की राहा, मोरे जीवन क उद्देस, मोर अटल बिसवास, मोर सहनसीलता, मोर पिरेम, मोर धीरज
11 मोर ओन्हन सबइ यातना अउर सबइ पीड़ा मँ मोर साथ दिहे अहा तू तउ जनबई करत ह कि अन्ताकिया, इकुनियुम अउर लुस्त्रा मँ मोक केतॅना भयानक यातना दीन्ह गइ रही जेका मइँ सहे रहेउँ। परन्तु पर्भू त ओ सबसे मोर रच्छा किहेस।
12 उ समइ परमेस्सर क इच्छा क अनुसार जउन जिअइ चाहत हीं, सतावा ही जइहीं।
13 परन्तु पापी अउर ठगन दुसरन क छलत भए अउर खुद छला जात भए खराब स खराब होत चला जइहीं।
14 परन्तु तू जउने बातन क सीख्या ह अउर मान्या ह, ओन्हे करत जा। तू जानत ह कि ओह पर बिसवास कइ सकत ह जेनसे इ बातन क तू सीखे रह्या।
15 अउर तोहका पता बा कि तू बचपन स ही पवित्तर सास्तरन क भी जानत अहा। उ पचे तोहका ओह विवेक क दइ सकत हीं जेका मसीह ईसू बिसवास क द्वारा छुटकारा मिलि सकत ह।
16 हर एक्क पवित्तर सास्तर परमेस्सर क प्रेरणा स रचा गवा बा। उ लोगन क उचित जीवन का संदेस देत ह। उ लोग क सत्य क सिच्छा देइ ओनका सुधारइ ओन्हे ओनकर बुराइयन दर्सावइ अउर पवित्तर तथा सुद्ध जीवन क प्रसिच्छन मँ उपयोगी बा।
17 जउन परमेस्सर क सेवा सारस्तरन क प्रयोग कइ क करत ह सब तरह क अच्छा कामन क करइ बरे तइयार रहब अउर हरेक नीक काम क करइ बरे जरूरत क हर एक चीज ओकर लगे होइहीं।
2 Timothy 4
1 परमेस्सर क साछी कइके अउर मसीह ईसू क आपन साछी बनाइ क जउन सबहिं जिअत अउर जउन मरि चुका बाटेन, ओनकइ निआउ करइवाला अहइ, अउर काहेकि ओकर फिन स आगमन अउर ओकर राज्य लगे बा, मइँ तोहसे सपथ स हुकुम देत हउँ।
2 सुसमाचर क प्रचार लगातार करा। चाहे तू पचन क सुविधा होइ या असुविधा आपन कर्तव्य करत रहा। लोगन क का करइ चही, ओनक समझावा। जबहिं उ पचे बुरा काम करइँ ओनका समझावा लोगन क धीरज दइके समझावत भए ओनका प्रोत्साहित करइ चाही। यह सब धीरज और सावधानी स दी गइ सिच्छा द्वारा करा।
3 मइँ इ एह बरे बतावत हउँ कि एक समइ अइसा आई जब लोग अच्छा उपदेस क सुनब तक न चइहीं उ आपन इच्छन क कारण अपने बरे बहुत स गुरू एकठ्ठा कइ लेइहीं, जउन उहइ सुनइहीं जउन उ पचे सुनइ चाहत हीं।
4 उ पचे आपन कानन क सत्य स फेर लेइहीं अउर कल्पित सबइ कथा प धियान देइ लगिहीं।
5 परन्तु तू निस्चय स सब परिस्थितियन मँ संयमी रह्या, सबइ यातना झेला अउर सुसमाचर क प्रचार क काम करा। जउन सेवा तोहका सऊँपी गइ बा, ओका पूरा करा।
6 जहाँ तक मोर बात बा, मइँ तउ अब अर्घ क समान उँड़ेला जाइ पर हउँ। अउर मोर तउ एह जीवन स विदा लेइ क समइ भी आइ पहुँचा अहइ।
7 मइँ उत्तम स्पर्धा मँ लगा रहा हउँ। मइँ आपन दउड़-दउड़ चुका हउँ। मइँ बिसवास क रास्ता क रच्छा किहे हउँ।
8 अब विजय मुकुट मोर प्रतिच्छा मँ बा। जउन अच्छे जीवन क बरे मिलइ क बा। ओह दिना निआउ कर्ता पर्भू मोका विजय मुकुट पहिराई। न केवल मोका, बल्कि ओन्हन सभन क जउन पिरेम क साथे ओकरे परगट होइ क बाट जोहत रहत हीं।
9 मोसे जेतॅना जल्दी होइ सकइ, मिलइ आवइ क पूरी जतन करा।
10 काहेकि एह जगत क मोह मँ पड़िके देमास तउ मोका तियाग दिहे अहइ अउर उ थिस्सलुनीके चला गवा बा। ऋेसकेंस गलातिया क अउर तीतुस दलमतिया क चला गवा बा
11 केवल लूका ही मोरे लगे बा। मरकुस क लगे जाब अउर जब तू आवा, ओका अपने हाथे लइ आवा काहेकि मोर काम मँ उ मोरे बहुत सहायक क होइ सकत ह।
12 तुखिकुस को मई इफिसुस भेजत अहउँ।
13 जब तू आवा, तउ ओका कोट के, जेका मइँ त्रोआस मँ करपुस क घरे छोड़ि आइ रहेउँ, लइ आवा। मोर कितबियन, विसेस कर चमड़े क चिटिठ्न क लइ आवा।
14 ताम्रकार सिकन्दर तउ मोका बहुत हानि पहुँचाए अहइ। उ जइसेन किहे अहइ, पर्भू ओकरे करमन क अनुसार ओका वइसेन फल देई,
15 तूहऊँ ओसे सचेत रहा काहेकि उ मोर उपदेस क घोर विरोध करत रहा बाटइ।
16 सुरू मँ जब मइँ आपन बचाव पेस करइ लागउँ तउ मोर पच्छ मँ कउनो सामने नाहीं आवा। बल्कि ओन्हन तउ मोका अकेलइ छोड़ि दिहे रहेन। परमेस्सर करई ओन्हे एकर हिसाब न देइ पड़इ।
17 मोरे पच्छ मँ त पर्भू खड़ा होइके मोका सक्ती दिहेस। त्ताकि मोरे द्वारा सुसमाचार क भरपूर प्रचार होइ सकइ, जेका सभन गैर यहूदियन सुनि पावइँ। सिंह क मुँह स मोका बचाइ लीन्ह गवा बा।
18 कीहींउ पाप क भारी हमला स पर्भू मोका बचाई अउर अपने सरग क राज्य मँ सुरच्छा स लइ जाई। ओकर महिमा हमेसा हमेसा होत रहइ। आमीन।
19 प्रिस्का, अक्किला अउर उनेसिफुरूस क परिवार क नमस्कार कहया।
20 इरास्तुस कुरिन्थुस मँ ठहर गवा बा। मइँ त्रुफिमुस क ओकरी बीमारी क कारण मीलेतुस मँ छोड़ दिहे अहउँ।
21 जाड़ा स पहिले आवइ क जतन करा। यूबुलुस, पुदेंस, लिनुस अउर क्लौदिया अउर सभन भाइयन क तोहे नमस्कार पहुँचइ।
22 पर्भू तोहरे साथे रहइ। तू सब प पर्भू क अनुग्रह होई।
Titus 1
1 पौलुस कइँती स जेका परमेस्सर क चुना भआ प्रेरित लोगन क ओनका बिसवास मँ सहायता देइ क बरे अउर हमरे धरम क सच्चाई क पूरा गियान क रहनुमाई क बरे भेजा गवा बा, इ सब, लोगन क परमेस्सर की सेवा क मार्ग बताइ।
2 उ मइँ अइसेन एह बरे करत हुँ कि परमेस्सर क चुने हुअन क अनन्त जीवन क आस बाँधइ। परमेस्सर, जउन कभउँ झूठ नाहीं बोलत, अनादि काल स अनन्त जीवन क बचन दिहे अहइ।
3 उचिते समइ पइ परमेस्सर अपने सुसमाचार क संसार क जानकारी बरे परगट किहेस। उहइ संदेस हमार उद्धारकर्ता परमेस्सर क आज्ञा स मोका सउँपा गवा बा।
4 हमार समान बिसवास मँ मोर सच्चा बेटवा तीतुस कः हमरे परमपिता परमेस्सर अउर उद्धारकर्ता मसीह ईसू कइँती स अनुग्रह अउर सान्ति मिलइ।
5 मइँ तोहे सबन क क्रीत मँ एह बरे छोड़ रेहउँ कि उहाँ कछू अधूरा रही गवा बा, तू ओका ठीकठाक कइ द्या अउर मोरे आदेस क अनुसार हर नगर मँ बुजुर्गन क नियुक्त करा
6 बुजुर्ग क नियुक्त तबहिं कीन्ह जाइ जब उ निर्दोस होइ। एक पत्नी ब्रती होइ। ओकर बचवन बिसवासी होइँ अउर अनुसासनहीनता क दोस ओनपर न लगावा जाइ सकइ। अउर उ पचे निरकुंस भी न होइँ।
7 निरीच्छक निर्दोस अउर कउनउ खराबी स अछूता होइ चाही। काहेकि जेका परमेस्सर क काम सऊँपा गवा बा, ओका अड़ियल, चिड़चिड़ा, बहुत जियादा मदिरा पियइवाला, झगड़ालू, नीच कमाई क लोलुप न होइ चाही।
8 ल्कि ओका तउ अतिथियन क आवभगत करइवाला, नेकी क चाहइवाला, विवेक स भरा धर्मी, भगत, अउर अपने प नियन्त्रण रखइवाला होइ चाही।
9 ओका ओह बिसवास करइ जोग्ग संदेसा क मजबूती स धारण किहे रहइ चाही जेकर ओका सिच्छा दीन्ह गइ अहइ, ताकि उ लोगन क सदसिच्छा दइके ओन्हे प्रबोधित कइ सकइ। अउर जउन एनकर विरोधी होइँ, ओनकर खण्डन कइ सकइ।
10 इ एह बरे इ बहुत जरूरी बा काहेकि उ सबइ बहुत अहइँ अउर उ पचे उपद्रवी होइके व्यर्थ क बात बनावत भए दुसरन क भटकावत हीं। मइँ विसेसरूप स गैर यहूदियन पृष्ठभूमि क लोगन क उल्लेख करत हउँ।
11 ओनकर तउ मुँह बन्द किन्ह देइ जाइ चाही। काहेकि उ पचे जउन बातन नाहीं सिखावइ क बाटिन, ओन्हे सिखावत भए घर बिगाड़त रहत हीं। खराब रस्तन धन कमाइ क बरे ही ओ अइसेन करत हीं।
12 एक क्रीत क नबियन त अपने लोगन क बारे मँ खुद कहे बाटइः “क्रीत क निवासी हमेसा झूठ बोलत हीं, उ पचे जंगली पसु अहइँ, उ सबइ आलसी बाटेन, पेटू अहइँ।”
13 इ कथन सही बा, इही बरे ओनका बलपूर्वक डाँटा-फटकारा ताकि उ सत्य बिसवास क अनुसरण कइ सकइ।
14 यहूदियन क पुरान कथनन अउर ओन्हन लोगन क हुकुमन पइ, जउन सत्य स भटकि गवा हयेन, कउनउ धियान न द्या।
15 पवित्तर लोगन क बरे सब कछू पवित्तर बाटइ, मुला जउन पापे स असुद्ध अहइँ अउर जेनमाँ बिसवास नाहीं बा, ओनके बरे कछू भी पवित्तर नाहीं बा। वरन ओनकर मन अउर विवेक दुइनो हीं असुद्ध अहइँ।
16 उ पचे परमेस्सर क जानइ क दावा करत हीं। मुला ओनकर करम दर्सावत हीं कि ओ पचे ओका जनबइ नाहीं करतेन। उ पचे घृणित अउर आज्ञा क उल्लंघन करइवाला अहइँ। अउर कउनउ अच्छा काम करइ काम क करइ मँ उ असमर्थ अहइँ।
Titus 2
1 मुला तू हमेसा अइसेन बात बोला करा जउन सदसिच्छा क अनुकूल होइँ।
2 बूढ़े मनइयन क उपदेस द्या कि उ सालीन अउर अपने प नियन्त्रण रखइवाला बनइँ। उ पचे गंभीर, विवेकी, पिरेम अउर सत्य सिच्छा क अनुसरण करइवाला होइँ, अउर धीरज सहित सहनसील होइँ।
3 इही तरह बुढ़िया स्रियन क सिखावा कि उ पचे पवित्तर जनन क जोग्ग अच्छा व्यवहारवाली बनइँ। निन्दक न बनइँ अउर बहुत जियादा मदिरा पान क लत ओनका न होइ। उ अच्छी-अच्छी बातन सिखावइवाल बनइँ जेहि का उ पचे खुद पालन किए अहइँ।
4 ताकि युवतियन क अपने अपने बचवन अउर पतियन स पिरेम करइ क सीख देइ सकइँ।
5 जेहसे उ पचे संयमी, पवित्तर, अपने-अपने घरन क देखभाल करइवाली, दयालु, अपने पतियन की आज्ञा मानइवाली बनइँ। जेका परमेस्सर क बचन क निन्दा न होइ।
6 इही तरह जवानन क सिखावत रहा कि उ सबइ संयमी बनइँ।
7 तू अपने आप क अच्छे कामन का उदाहरण बनावा। तोहार उपदेस सुद्ध अउर गम्भीर होइ चाही।
8 अइसेन सद्वानी क प्रयोग करा, जेकर आलोचना न कीन्ह जाइ सकइ ताकि तोहार विरोधी लज्जित होइँ काहेकि ओनके लगे तोहरे विरोध मँ खराब कहइ क कछू नाहीं होइ।
9 दासन क सिखावा कि उ सब बात मँ अपने स्वामियन क आज्ञा क पालन करइँ। ओन्हें प्रसन्न करत रहइँ। उलट कर बात न बोलइँ।
10 चोरी चालाकी न करइँ। बल्कि सभन बिसवासनीयता क प्रदर्सन करइँ। ताकि हमार उद्धारकर्ता परमेस्सर क उपदेस क सब तरह स सोभा बढ़इ।
11 काहेकि परमेस्सर क अनुग्रह सब मनइयन क उद्धार करइ बरे परगट भवा बा।
12 एहसे हम सीख मिलत ह कि हम परमेस्सर विहीनता क न नकारी अउर संसारिक इच्छन क निसेध करत-करत अइसेन जीवन जिई। जउन विवेक स भरा नेक, भक्ति स भरपूर अउर पवित्तर होइ। आज क एह संसार मँ
13 आसा क ओह धन्य दिन क परिपूर्ण करइ क बाट जोहत रही। जब हमार परम परमेस्सर अउर उद्धारकर्ता ईसू मसीह क महिमा परगट होई।
14 उ हमरे बरे अपने आपेके दइ डाएस। ताकि उ सब तरह क दुस्टतन स हमका बचाइ सकी अउर आपन चुने भए लोगन क रूप मँ अपने बरे हमका सुद्ध कइ ले हमका, जउन अच्छा काम करइ क लालायित अहइ।
15 इन बातन क पूरे अधिकार क साथ कहत अउर समझावत रहा, उत्साहित करत रहा अउर विरोधियन क झिड़कत रहा। ताकि कोइ तोहार अनसुनी न कइ सकइ।
Titus 3
1 लोगन क याद देवॉवत रहा कि उ पचे राजा लोग अउर अधिकरियन क अधिन रहइँ। ओनके आज्ञा क पालन करइँ। सब तरह क उत्तिम कामन क करइ क बरे तइयार रहइँ।
2 कीहीउ क निन्दा न करइँ। सान्ति-पिरेम क साथ सभी लोगन स मिलकर रहइँ। अउर सज्जन बनइँ। सब लोगन क साथे नरम व्यवहार करइँ।
3 इ मइँ एह बरे बतावत हउँ काहेकि हम हूँ, एक समइ रहा, जब मूर्ख रहे। आज्ञा क उल्लंघन करत रहे। भ्रम मँ पड़ा रहे। अउर सबइ वासना अउर सब तरह क सुख-भोग क दास बना रहे। हम स लोग घिना करत ही। अउर हम भी परस्पर एक दूसरन स दुस्टता अउर इर्सा करत रहेन। हम पचन स लोग घिना करत रहेन अउर हम पचे भी ओनसे घिना करत रहेन।
4 मुला जब हमार उद्धारकर्ता परमेस्सर क मानवता क बरे दया अउर पिरेम परगट भवा
5 उ हमार उद्धार किहेस। इ हमार निर्दोस ठहराइ जाइके बरे हमार कीहीउ काम द्वारा नाहीं भवा बल्कि ओकरी करूणा द्वारा भवा। उ हमार रच्छा ओह स्नान क द्वारा किहेस जेहमाँ हम फिन पइदा होइत ह अउर पवित्तर आतिमा क द्वारा नवा बनावा जात अहीं।
6 उ हम प पवित्तर आतिमा क हमार उद्धारकर्ता ईसू मसीह क द्वारा भरपूर उँड़ेरे बा।
7 अब परमेस्सर हमका आपन करूणा क द्वारा निर्दोस ठहराए बा ताकि जेकर हम आसा करत रहेन ओह अनन्त जीवन क उत्तराधिकार क पाइ सकी।
8 इ कथन बिसवास करइ क जोग्ग बा।अउर मइँ चाहत हउँ कि तू पचे इन बातन पर डटा रहा ताकि उ पचे जउन परमेस्सर मँ बिसवास करत हीं, अच्छा कामन मँ लगा रहइँ। इ बातन लोगन बरे उत्तिम अउर हितकारी बाटिन।
9 बंसावली सबन्धी विवादन, व्यवस्था सम्बन्धी झगड़ा-झमेलन अउर मूर्खता भरा मतभेदन स बचा रहअ काहेकि ओनसे कउनउ लाभ नाहीं उ सबइ बेकार अहइँ।
10 जउन आदमी फूट डालत होइ, ओसे एक या दुइ बार चेतावनी देइके अलग होइ जा।
11 काहेकि तू जानत अहा कि अइसा मनई रस्ता स भटकि गवा बा अउर पापन क करत बाटइ। उ तउ खुद अपने क दोसी ठहराए बाटइ।
12 मइँ तोहरे लगे जब अरतिमास य तुखिकुस क भेजउँ तउ मोरे लगे निकुपुलिस आवइ क भरपूर जतन करा काहे कि हम उहइ सर्दी बितावइ क निस्चय कइ रखेउ ह।
13 वकील जेनास अउर अपुल्लोस क ओनकी जात्रा क बरे जउन कछू आवस्यक होइ, ओकरे बरे तू भरपूर सहायता जुटाइ द्या ताकि ओन्हे कउनउ बात क कउनो कमी न रहइ।
14 हमरे लोगन क सतकर्मन मँ लगा रहब सीखइ चाही। ओहमाँ स भी जेनका बहुत जियाद जरूरत होइ, ओका पूरा करब ताकि उ पचे विफल न होइँ।
15 जउन मोरे साथे अहइ, ओ सब क तोहे नमस्कार। हमरे बिसवास क कारण जउन लोग हमसे पिरेम करत हीं, ओन्हेऊ नमस्कार।परमेस्सर क अनुग्रह तू सबके साथे रहइ।
Philemon 1
1 ईसू मसीह क बरे बन्दी बना पौलुस अउर हमार भाई तीमुथियुस कइँती सःहमार प्रिय दोस्त अउर सहकर्मी फिलेमोन,
2 हमार बहिन अफफिया, हमार साथी सैनिक अर्खिप्पुस अउर तोहरे घरे पर एकट्ठा होइवाली कलीसिया कः
3 उ हमार परमपिता परमेस्सर अउर पर्भू ईसू मसीह कइँती स तोहे पचन क अनुग्रह अउर सान्ति मिलइ।
4 आपन पराथना मँ तोहार उल्लेख करत भए मइँ हमेसा अपने परमेस्सर क धन्यबाद करत हउँ।
5 काहेकि मइँ संत जनन बरे तोहरे ओइॅ पिरेम अउर बिसवास क चर्चा सुनत हउँ, जो पर्भू ईसू अउर समस्त पवित्तर लोगन क प्रति अहइ।
6 मोर पराथना बा कि तोहरे बिसवास स पइदा उदार सहभागिता लोगन क मार्ग दरसन करइ। जेहसे ओन्हे सभन अच्छी चीजन क गियान होइ जाइ जउन मसीह क उद्देस्स क आगे बढ़ावइ मँ हमरे बीच घटन होत रहिन बाटिन।
7 हे भाई, तोहर कोसिसन स संत जनन क हीरदइ हरा-भरा होइ ग हयेन, इही बरे तोहरे पिरेम स मोका बहुत आनन्द अउर प्रोत्साहन मिला बा।
8 इही बरे मइँ बिसवास करत हउँ कि मसीह मँ मोका तोहरे कर्त्तव्यन क बारे मँ हुकुम देइ क अधिकार बा
9 मुला पिरेम क आधार पर मइँ तोहसे निवेदन करब ही ठीक समझत हउँ। मइँ पौलुस जउन अब बूढ़ाइ होइ चला हउँ अउर मसीह ईसू क बरे अब भी बंदी बना हुआ हउँ। इही उचित अहइ कि तोहसे सबन स आग्रह करउँ।
10 मइँ उ उनेसिमुस क बारे मँ निवेदन करत हउँ, कि जउन जब तब मोर धरम पुत्र बना रहा जेकर मइँ बंदी गृह मँ रहेउँ।
11 एक समइ रहा जब उ तोहरे कउनउ काम क नाहीं रहा, मुला अब न केवल तोहरे बरे बल्कि मोरे बरे भी उ बहुत काम क अहइ।
12 मइँ ओका फिन स तोहरे लगे भेजत हउँ(बल्कि मोका तउ कहइ चाही अपने हिरदइ क ही तोहरे भेजत हउँ)
13 मइँ ओका इहाँ अपने लगे ही रखइ चाहत रहेउँ, ताकि सुसमाचार क बरे मोह बन्दी क उ तोहरी तरफ स सेवा कइ सकइ।
14 मुला तोहरी आज्ञा क बिना मइँ कछू भी करइ नाही चाहित ताकि तोहार इ भलाई दबाव स नाहीं बल्कि स्वेच्छा स ही होइ।
15 होइ सकत ह कि ओका थोड़े समइ क बरे तोहसे दूर रहइ क कारण इहइ होइ तू ओका फिन हमेसा बरे पाइ ल्या।
16 दास क रूपे मँ नाहीं, बल्कि दास स जियादा एक प्रिय बन्धु क रूपे मँ मइँ ओसे बहुत पिरेम करत हउँ किन्तु तू ओका अउर जियादा पिरेम करब्या। केवल एक मनुष्य क रूप मँ ही नाहीं बल्कि पर्भू मँ स्थित एक बन्धू क रूपे मँ भी।
17 तउ यदि तुम मोका आपन दोस्त क रूप मँ स्वीकार करत ह, तब उनेसिमुस क वापस स्वीकार कइ ल्या। ओकर ऐसा सुआगत करा, जैसा कि तुम मोर सुआगत किहा ह।
18 अउर अगर उ तोहार कउनो प्रकार स हानि पहुँचाएस अथवा कउने वस्तु बरे तोहार कर्जीदार अहइ। तउ ओका हमरे खाता मँ लिख द्या।
19 मइँ पौलुस खुद आपन दस्तखत स इहइ लिखत हउँ। ओकर भरपाई तोहका मइँ करबइ। (मोका इ बतावइ क जरूरत नाहीं बा कि तोर सम्पूर्ण जीवन ही मरो ऋणी बा।
20 हाँ भाई मोका पर्भू मँ तोहसे इ लाभ पहुंचइ कि मसीह मँ मोर हिरदय हरा भरा होइ जाइ।
21 तोह पइ बिसवास रखत इ चिठ्टी मइँ तोहका लिखत हउँ। मइँ जानत हउँ कि तोहसे मइँ जेतना कहत हउँ, तू ओसे कहूँ जियादा करब्या।
22 साथ ही मँ मोरे बरे निवास का भी प्रबन्ध करा, काहेकि मोर आसा अहइ कि तोहार सब पराथना क परथनावन द्वारा मइँ तोहका सौंप दिया नाउँ।अन्तिम उपहार
23 मसीह ईसू मँ रहई क मोर साथी बन्दी इपफ्रास क तोहे सबन क नमस्कार।
24 मोर साथी कार्यकर्ता मरकुस, अरिस्तर्खुस, देमास अउर लूका क तोहे नमस्कार पहुँचइ।
25 पर्भू ईसू मसीह क अनुग्रह तोहरे आतिमा क साथ रहइ।
Hebrews 1
1 परमेस्सर त अतीत मँ नबियन क जरिये कइयउ अवसरन प कउनउ तरह स हमरे पूर्वजन स बातचीत किहेस।
2 मुला इन आखिरी दिने मँ उ हमसे अपने पूत क जरिये बातचीत किहेस, जेका ओ सब कछू क उतराधिकारी नियुक्त किहेस अउर जेकरे द्वारा उ समूचे ब्रह्माण्ड क रचना किहेस।
3 उ पूत परमेस्सर क महिमा क प्रभा-मण्डल अहइ अउर ओकरे प्रकृति क प्रतिलिपि अहइ। उ अपने समर्थ बचन क द्वारा सब चीजन क स्थिति बनाए रखत ह। सबके पापन क धोअइ क उ सरगे मँ ओह महामहिम क दहिने हाथे बइठि गवा।
4 एह तरह उ सरगदूतन स एतना ही महान बनि गवा जेतॅना कि ओनके उ किहेन। उ सबइ नाउँ स उत्तिम नाउँ बाटइ जउन उ उत्तराधिकार मँ पाए अहइ।
5 काहेकि परमेस्सर तउ कउनो सरगदूतन स कभी अइसेन नाहीं कहेसः“पूत तू मोर, आजू तोहार बनि गवा हउँ मइँ पिता।” भजन संहिता 2:7अउर न ही कउनो सरगदूत स उ इ कहेस ह,“पिता ओकर मइँ बनबइ, अउर होइ पूत उ मोर। 2 समूएल 7:14
6 अउर फिन उ जब आपन पहिलौट क लड़का अउर महत्वपूर्ण क संसार मँ लावत ह तउ कहत ह,“परमेस्सर क सरगदूतन सब ओकर नमन करइँ।” व्यवस्था विवरण 32:43
7 सरगदूतन क बारे मँ बतावत उ कहत ह,“सरगदूतन उ अपने सब पवन बनावइ अउर बनावइ आपन सेवक लपट आगी क।” भजन संहिता 104:4
8 मुला अपने पूत क बारे मँ उ कहत हः“हे परमेस्सर, सास्वत तोहर सिंहासन बा, तोहार राज दण्ड बाटइ नेकी;
9 नेकी ही तोहका पिआरी बा, तोहका घृणा रही पापन स तउन परमेस्सर, तोहर परमेस्सर तउ चुना बा तोहका अउर ओह महान आनन्द दिहेस। तोहका कहूउँ जियादा तोहरे साथियन स।” भजन संहिता 45:6-7
10 उ इहउ कहत ह,“हे पर्भू सृस्टि क जब होत रहा जन्म मँ तुमने सरग तथा धरती क नींव राख्या यह तोहरे हाथ का ही कारज अहइँ।
11 अउर इ सब नस्ट होइ जइहीं मुला रहेगा तू चिरन्तर पुरान कपड़ा स फटि जइहीं इ सबइ
12 अउर तू परिधान जइसेन ओनका लपेटब्या बदल उ जइहीं फिन कपड़ा जइसेन। मुला तू तउ अहसेन, जैसा की चाह्या रहब्या तोहरे समइ का कबहुँ न अन्त होई।” भजन संहिता 102:25-27
13 परमेस्सर त कबहूँ कउनो सरगदूत स अइसेन नाहीं कहेसः“बइठा जा तू दहिने मोरे कि ब जब तलक मइँ न तोहरे दस्मनन क चरन क चौकी बनाइ देउँ चरन तल तोहरे।” भजन संहिता 110:1
14 का सबहिं सरगदूत उद्धार पावइवालन क सेवा क बरे पठई गईन सहायक आतिमा नाहीं अहइँ।
Hebrews 2
1 एह बरे हमका अउर जियादा सावधानी क साथे, जउन कछू सुने अही, ओह प धियान देइ चाही ताकि हम भटकइ न पाइ।
2 काहेकि अगर सरगदूतन द्वारा दीन्ह गवा उपदेस सत्य होत ह अउर ओकरे हर एक उल्लंघन अउर अवज्ञा क बरे उचित सजा दीन्ह गवा तउन अगर हम अइसेन महान उद्धार क अपेच्छा कइ देत अही तउ हम दण्ड स कइसे बची।
3 एह उद्धार क पहिली घोसना पर्भू क जरिये की गइ रही। अउर फिन जे एका सुने रहेन, उ हमरे बरे एकर पुस्टि किहेस।
4 परमेस्सर तउ अचरजन, अद्भुत चिन्हन तरह-तरह क अद्भुत कारजन उ पवित्तर आतिमा क उन उपहारन द्वारा जउन ओकर इच्छा क अनुसार बाँटा गवा रहा, एका प्रमाणित किहेस।
5 ओह भावी संसार क, जेकर हम चरचा करत अही उ सरगदूतन क अधीन नाहीं किहेस,
6 बल्कि पवित्तर सास्तरन मँ कउनउ स्थान पर कउनो इ साच्छी दिहे अहइः“परमेस्सर का बा मनई जउन तू ओकर सुध लेत अहा? का अहइ हर मनई क पूत जेकर बरे अहा चितिंत तू?
7 तू सरगदूतन स किंचित ओका कम कीहा तनिक स समइ क रख दिहा ओका सिर महिमा अउर सम्मान क राजमुकुट
8 अउर ओकरे चरनन तरे ओकरे अधीनता मँ रख दिहा सभन कछू।” भजन संहिता 8:4-6सब कछू क ओकरे अधीन रखत भए परमेस्सर तउ कछू भी अइसेन नाही छोड़ेस जउन्न ओकरे अधीन न होइ। फिन भी आजकाल हम हर एक चीज क ओकरे अधीन नाहीं देखत हई।
9 मुला हम इ देखित हई कि उ ईसू जेका तनिक समइ क बरे सरगदूतन स नीचे कइ दीन्ह गवा रहा, अब ओका महिमा अउर सम्मान क मुकुट पहिनावा गवा बा काहेकि उ मउत क यातना झेले रहा। जे परमेस्सर क अनुग्रह क कारण उ हर एक लोग क बरे मउत क अनुभव किहेस।
10 परमेस्सर एक ही बाटइ जउन सबहिं चीजन क बनएस। अउर सबहिं चीजन ओकरी महिमा बरे अहइँ। कइयउ बेटवन क महिमा प्रदान करत भवा उ परमेस्सर क बरे जेकर द्वारा अउर जेकरे सब क अस्तित्व बना भवा बा, तउ उ ईसू क पूर्ण बनाएस। ओकरे बेटवन क् इ सोभा देत ह कि उ ओनके छुटकारा क विधाता क जातनन क द्वारा पूरा सिद्ध करइ।
11 उ दुइनउँ ही-उ (ईसू) जउन मनई क पवित्तर बनावत ह अउर उ पचे जउन पवित्र बनावा जात हीं, एक्कई परिवार क अहइँ। इहीं बरे उ (ईसू) ओन्हन क भाइयन तथा बहिनियन कहइ मँ लज्जा नाहीं करत ह।
12 ईसू कहेस, “आपन भाइयन मँ नाउँ क उद्घोस तोहरे मइँ करबइ सभा क बीच सबके सामने प्रसंसा गीत तोहरे गउबइ मइँ।” भजन संहित 22:22
13 अउर फिन, “मइँ ओकर बिसवास करबइ।” यसायाह 8:17अउर फिन उ कहत ह:“मइँ इहाँ हउँ। अउर उ पचे सन्तान जउन हइन साथे मोरे हई दीन्ह जेनका मोरे परमेस्सर।” यसायाह 8:18
14 काहेकि संतान माँस अउर लहू स युक्त रही इही बरे ऊहउ ओनकइ इ मानुसता मँ सहभागी होइ गवा ताकि अपने मउत क जरिये उ ओका मतलब सइतान क खतम कइ सकइ जेकरे लगे मारइ का सक्ती बाटइ।
15 अउर ओन्हन क मुक्त कइ लेइ जेकर सम्पूर्ण जीवन मउत क बरे आपने भय क कारण दासता मँ बीता बा।
16 काहेकि उ निस्चित बा कि उ सरगदूतन नाहीं बल्कि इब्राहीम क बंसजन क सहायता भी करत अहइ।
17 इही बरे उ सब तरह स ओकरे भाइयन क जइसा बनावा ताकि उ परमेस्सर क सेवा मँ दयालु अउर बिसवासी महाजायक बनि सकइ। अउर लोगन क ओनके पापन क छमा देवॉवइ क बरे बलि दइ सकइ।
18 काहेकि उॅ खुदइ ओह समइ, जब ओकर परीच्छा लीन्ह जात रही खूबइ जातना भोगे अहइ। इही बरे जेकर परीच्छा लीन्ह जात बाटइ उ ओकर सहायता करइ मँ समर्थ बा।
Hebrews 3
1 अतः सरगे क एक बोलावा मँ भागीदार हे पवित्तर भाइयो! आपन ध्यान ओह ईसू प लगाइ रखा जउन परमेस्सर क प्रतिनिधि अउर हमार घोसित बिसवास क अनुसार महायाजक अहइ।
2 जइसेन परमेस्सर क समूचा घरे मँ मूसा बिसवासी रहा वइसे ही ईसू भी जे ओका नियुक्त किहे रहा ओह परमेस्सर क बरे, बिसवास स भरा रहा।
3 जइसेन घर क निर्माण करइवाला खुद घर स जियादा आदर पावत ह, वइसेन ईसू मूसा स जियादा आदर का पात्र माना गवा अहइ।
4 काहेकि हर एक भवन क कउनउ न कउनउ बनावइ वाला होत ह, मुला परमेस्सर तउ सब चीज क सिरजनहार अहइ।
5 परमेस्सर क समूचा घराना मँ मूसा एक सेवक क समान विसवास पात्र रहा, उ ओन्हन बातन क साच्छी रहा जउन भविस्स मँ परमेस्सर क जरिये कही जाइ क रहिन।
6 मुला परमेस्सर क घर मँ मसीह तउ एक बेटवा क रूपे मँ निस्ठावान योग्य अहइ अउर अगर हम अपने साहस अउर ओह आसा मँ बिसवास क बनाए रखित तउ हम ही ओकर घराना हई।
7 एह बरे पवित्तर आतिमा कहत हः “आज अगर ओकर सुना आवाज,
8 जिन करा आपन हिरदय क जड़ रहेन किहे जइसेन बगावत क दिना मँ जब तू पचे रेगिस्तान मँ परमेस्सर क परखे रह्या
9 मोका परखेन तोहार पूर्वजन तउ, लिहेन परीच्छा धीरज क मोर ओ सबइ अउर देखेन काम मोर जेन्हे मइँ करत रहेउँ चालीस बरस!
10 इहइ रहा उ कारण जेसे क्रोधित मइँ ओन्हन लोगन स रहेउँ: अउर फिन मइँ कहे रहेउँ, ‘हिरदय एनकइ भटकत रहत रहेन हमेसा ही का नाहीं इ जानतेन जउन रस्ता मोर’
11 क्रोध मँ मइँ इही स तब सपथ लइके कहे रहेउँ ‘इ कबहुँ बिस्राम मँ मोरे न सामिल होइहीं।”‘ भजन संहिता 95:7-11
12 भाइयो तथा बहिनियो, देखत रहा कहूँ तोहमाँ स कउनो क मन मँ पाप अउर अबिसवास न समाइ जाइ जउन तोहे सजीव परमेस्सर से भी दूर भटिकाइ देइ।
13 जब तलक इ “आजु” क दिना कहवावत ह, तू हर दिन परमेस्सर एक दुसरे क ढॉढ़स बंधावत रहा जइसेन तोहमाँ स कउनउ पाप क छलावा मँ पड़िके जड़ न बनि जाए।
14 अगर हम अंत तक मजबूती क साथे अपने आरम्भ क बिसवास क थामे रहित ह तउ हम मसीह क भागीदारि बनि जाइत ह।
15 जइसेन कि कहा भी गवा बाः“आजु अगर ओकर सुना आवाज! न करा आपन हिरदय क जड़ रहे किहे जइसेन कि बगावत क दिनन मँ।” भजन संहिता 95:7-8
16 भला उ पचे कउन रहेन जइसेन उ पचे सुनेन अउर बिद्रोह किहेन? का उ पचे उहइ सब नाहीं रहेन जेन्हे मूसा तउ मिस्र स बचाइ क निकाले रहा?
17 उ चालीस बरसन तलक केन पइ क्रोधित रहा? का ओनहीं प नाहीं जे पाप किहे रहेन अउर जेनकर ल्हास रेगिस्तान मँ पड़ा रहेन?
18 परमस्सर कनके बरे सपथ उठाए रहा कि उ पचे ओकर बिस्राम मँ प्रवेस न कर पइहीं? का उ पचे उहइ सब नाहीं रहेन जे ओनके आज्ञा क उल्लंघन किहे रहेन?
19 एह तरह हम देखित अही कि उ पचे अपने अबिसवासे क कारण ही उहाँ प्रवेस पावइ मँ समर्थ नाहीं होइ सका रहेन।
Hebrews 4
1 अतः जब ओकरे बिस्राम मँ प्रवेस क प्रतिज्ञा अब तलक बीन भइ बाटइ तउ हमका सावधान रहइ चाही कि तोहरे म स कउनउ अनुपयुक्त सिद्ध न होइ।
2 काहेकि हमकउ ओनही क समान सुसमाचार क उपदेस दीन्ह गवा बा। मुला जउन उपदेस ओ पचे सुनेन ह, उ ओनके बरे बेकार बा। काहेकि उ पचे जब ओका सुनेन तउ एका बिसवास क साथे धारण नाहीं किहेन।
3 अब देखा, हम तउ जउन बिसवासी अही ओह बिस्राम मँ प्रवेस पाए अही। जइसेन कि परमेस्सर कहे भी बाटइः“क्रोध मँ मइँ इही स तब सपथ लइके कहे रहेउँ, ‘इ पचे कबहुँ बिस्रामे मँ मोरे नाहीं सामिल होइहीं।”‘ भजन संहिता 95:11जब संसार क सृस्टी करइ क बाद ओकर काम पूरा होइ गवा रहा।
4 उ सतवाँ दिना क सम्बन्ध मँ एन सब्दन मँ कहूँ पवित्तर सात्तरन मँ कहा बाटइ “अउर फिन सतवें दिना आपन सभन कामन स परमेस्सर तउ बिस्राम लिहेस।”
5 अउर फिन उपरोक्त सन्दर्भ मँ भी उ कहत ह, “उ पचे कबहुँ बिस्राम मँ मोर न सामिल होइहीं।”
6 जेनका पहिले सुसमाचार सुनावा गवा रहा आपन अनाज्ञाकारिता क कारण उ तउ बिस्राम मँ प्रवेस नाहीं पाइ सकेन मुला अउरन क बरे बिस्राम क दुवार अबऊ खुला बा।
7 इही बरे परमेस्सर तउ फिन एक बिसेस दिन निस्चित किहेस अउर ओका नाउँ दिहेस, “आजु” कछू बरसन क बाद दाऊद क द्वारा परमेस्सर तउ उ दिन क बारे मँ पवित्तर सास्तर मँ बताए रहा। जेकर उल्लेख हम अबहीं किहे रहेः“आज अगर ओकर सुना आवाज, न करा आपन हिरदय क जड़।” भजन संहिता 95:7-8
8 अतः अगर यहोसु ओनका बिस्रामे मँ लइ गवा होत तउ परमेस्सर बाद मँ कउनउ अउर दिना क बारे मँ न बतउतइ।
9 तउ खैर जउन भी होइ परमेस्सर क भक्तन क बरे एक वइसी बिस्रन्ति रहत अहइ जइसेन बिस्रान्ति सातवें दिना परमेस्सर क रही।
10 काहेकि जउन कउनो परमेस्सर क बिस्रान्ति मँ प्रवेस करत ह, अपने करमन स बिस्रान्ति पाइ जात ह। वइसेन ही जइसेन परमेस्सर तउ अपने करमन स बिस्रान्ति पाइ लिहेस।
11 तउ आवा हमहूँ ओह बिस्रान्ति मँ प्रवेस पावइ क बरे हर एक प्रयत्त करीं। ताकि ओकर अनाज्ञाकारिता क उदाहरण क करत भए कउनो क पतन न होइ।
12 परमेस्सर क बचन त सजीव अउर क्रियासील बा, उ कउनो दुधारी तलवार से भी जियादा पैना बा। उ आतिमा अउर प्राण, संधियन अउर मज्जा तलक मँ गहिरा बेध जात ह। उ मनक, क वृत्तियन अउर बिचारन क परख लेत ह।
13 परमेस्सर क दिस्टी स एह समूचे सृस्टि मँ कछू भी ओझल नाहीं बाटइ। ओकरे आँखिन क सामने जेका हमका लेखा-जोखा देइ क बा, हर चीज बिना कउनो आवरण क उघड़ी हुई बाटइ।
14 एह बरे काहेकि परमेस्सर क पूत ईसू एक अइसेन महान महायाजक अहइ, जउन सरगे मँ स होइके गवा अहइ तउ हमका अपने अंगीकृत अउर घोसित बिसवास क दृढ़ता क साथे थामे रखइ चाही।
15 काहेकि हमरे लगे जउन महायाजक अहइ, उ अइसेन नाहीं अहइ जउन हमार कमजोरी क साथे सहनुभूति न रख सकइ। ओका हर तरह स वइसेन ही परखा गवा बा जइसेन हमका फिन भी हमेसा पाप रहित बा।
16 त फिन आवा हम भरोसा क साथे अनुग्रह पावइ परमेस्सर क सिंहासन कइँती बढ़ी ताकि जरूरत पड़इ प हमार सहायता क बरे हम दया अउर अनुग्रह क पाइ सकी।
Hebrews 5
1 हर एक महायाजक मनइयन स ही चुना जात ह। अउर परमात्मा सम्बन्धी बिसयन मँ लोगन क प्रतिनिधित्व करइ क बरे नियुक्त कइ जात ह ताकि उ पापन क बरे भेंट य बलिदान चढ़ावइ।
2 काहेकि उ खुद भी कमजोरन क अधीन अहइ, इही बरे उ न समझन अउर भटकन भएन क साथे कोमल व्यवहार कइ सकत ह।
3 इह बरे ओका अपने पापन क बरे अउर वइसेन लोगन क पापन क बरे बलिदान चढ़ावइ पड़त ह।
4 एह सम्मान क कउनो अपने प नाहीं लेत। जइसेन कि हारून क समान परमेस्सर कइँती स ठहरावा न जात।
5 इही तरह मसीह तउ महायाजक बनइ क महिमा क खुद ग्रहण नाहीं किहेस बल्कि परमेस्सर तउ ओसे कहेस,“तू अहा मोर पूत बना हउँ आजु, मइँ तोहार पिता।” भजन संहिता 2:7
6 अउर एक उ स्थान प उहउ कहत ह,“तू अहा एक सास्वत याजक, मलिकिसिदकक जइसा।” भजन संहिता 110:4
7 ईसू तउ एह धरती पे क जीवन काल मँ जउन ओका मउत स बचाइ सकत ह, ऊँचे सुर मँ पुकारत भए अउर रोबत भए ओसे सबइ पराथना अउर सब बिनती किहे रहा अउर आदरपूर्ण समर्पण क कारण ओकर सुनी गइ।
8 जद्यपि उ ओकर बेटवा रह फिन भी जातना झेलत हुए उ आज्ञा क पालन करइ सीखेस।
9 अउर एक दाई सम्पुर्ण बनि जाइ प उ सब क बरे जउन ओकरी आज्ञा क पालन करत हीं उ अनन्त छुटकारा क स्रोत बनि गवा।
10 अउर परमेस्सर क जरिये मलिकिसिदक क परम्परा मँ ओका महायाजक बनावा गवा।
11 एकरे बारे मँ हमारे लगे कहइ क बहुत कछू बा, प ओकर ब्याख्या कठिन बा काहेकि तोहार समझ बहुत धीमी बाटइ।
12 सही मँ एह समइ तलक तउ तोहे सबन क सिच्छा देइ वाला बनि जाइ चाही रहा। परन्तु तोहे पचन क तउ अबहिं कउनउ अइसेन मनई क जरूरत बा जउन तोहे सबन क नवा सिरे स परमेस्सर क उपदेस क आरम्भिक बात ही सिखावइ। तोहे सबन क तउ बस अबहिं दूध ही चाही ठोस आहार नाहीं।
13 जउन अबहीं दुध-मुँहा बच्चा ही अहइँ ओका धरम क बचन क पहिचान नाहीं होत।
14 मुला ठोस आहार तउ ओन बड़न क बरे होत ह जे अपने आत्मिक दृस्टि क प्रसिच्छन स भला-बुरा मँ पहिचान करब सीख लिहे अहइँ।
Hebrews 6
1 अतः आवा, मसीह सम्बन्धी आरम्भिक सिच्छा क छोड़िके हम मजबूती कइँती बढ़ी हमका ओन बातन कइँती अउर न बढ़इ चाही जइसेन हम सुरुआत कीन्ह जइसेन मउत कइँती लइ जाइवाला करमन क बरे मनफिराव, परमेस्सर मँ बिसवास,
2 बपतिस्मावनक सिच्छा, हाथ रखइ, मरइ क बाद फिन स जी उठइ अउर उ निआव जइसेन हमार भावी अनन्त जीवन निस्चित होई।
3 अउर अगर परमेस्सर चाहे तउ हम अइसेन ही करबइ।
4 जेनका एक बार प्रकास मिली चुका अहइ, जउन सर्गीय बरदान क अस्वादन कइ चुका होइँ, जउन पवित्तर आतिमा क सहभागी होइ गवा अहइँ जउन परमेस्सर क बचन क उत्तिमताई अउर आवइवाला जुग क सक्तियन क अनुभव कइ चुका अहइँ, अगर उ भटकि जाइँ तउ ओनका मनफिराव कइँती लउटाइ लेब असम्भव बा। उ पचे जइसेन अपने ढंग स नवा सिरे स परमेस्सर क पूत क फिन स क्रूस पचढ़ाएन अउर ओका सबक सामने आपमान क बिसय बनाएन।
5
6
7 उ लोग अइसेन धरती क जइसेन अहइँ जउन हमेसा होइवाली बरखा क जल क सोख लेत ह, अउर जोतइ-बोवइवालन क बरे उपयोगी फसल प्रदान करत ह, उ परमेस्सर क असीस पावत ह।
8 मुला अगर उ जमीन प कांटा अउर गोखरु उपजावत ह, तउ उ बेकार कअहई। अउर ओका अभिसप्त अहइ क भय बा। अंत मँ ओका जलाइ दीन्ह जाई।
9 पिआरे दोस्तन, चाहे हम एह तरह कहित ह मुला तोहरे बारे मँ हमका अइसेन अच्छी बातन क बिसवास बा-बातन जउन उद्धार स सम्बन्धित बाटिन।
10 तू ओनके सब जन क सहायता कइके अउर हमेसा सहायता करत भए जउन पिरेम दरसाए अहा ओका अउर तोहार दूसरे कामन क परमेस्सर कबहुँ न भुलाई। उ अन्यायी नाहीं अहइ।
11 हम चाहित ह कि तोहमाँ स हर कउनो जीवन भर अइसेन ही दिन भर मेहनत करत रहइ। अगर तू अइसेन करत ह तउ तू निच्चित ही ओका पाइ जाब्या तू आसा करत रहे अहा।
12 हम इ नाहीं चाहित कि तू आलसी होइ जा। बल्कि तू ओनकर अनुकरण करा जउन बिसवास अउर धीरज क साथे ओन्हन चीजन क पावत अहइँ जेनका परमेस्सर तउ बचन दिहे रहा।
13 जब परमेस्सर इब्राहीम स प्रतिज्ञा किहे रहा, तब काहेकि खुद ओसे बड़का कउनो अउर नाहीं रहा, जेकर सपथ लीन्ह जाइ सकइ, इही बरे आपन सपथ लेत भवा।
14 उ कहइ लाग, “निस्चित ही मइँ तोहका आसीर्वाद देबइ अउर मइँ तोहका कइयउ बंसज भी देबइ।”
15 अउर एह तरह इब्राहीम धीरज क साथे बाटे जोहइके बाद उ इ पाएस जेकर उ प्रतिज्ञा कीन्ह गइ रही।
16 लोग ओकर सपथ लेतहीं जउन कउनो ओसे महान होत ह अउर उ सपथ सबहिं तर्क-बितर्कत क अन्त कइके जउन कछू कहा जात ह, ओका पक्का कइ देत ह।
17 परमेस्सर एका ओन्हा पंचन क बरे, कुल तरह स्पस्ट कइ देइ चाहत रहा, जेका ओन्हे पावइ क रहा, जेका देइ क उ प्रतिज्ञा किहे रहा कि उ अपने प्रयोजन क कबहुँ न बदलइ। इही बरे अपने बचन क साथे उ आपन सपथ क जोड़ दिहेस।
18 तउ फिन हियाँ दुइ बात-हइऩ ओकर प्रतिज्ञा अउर ओकर सपथ-जउन कबहुँ नाहीं बदल सकतिन अउर जेकरे बारे मँ परमेस्सर कबहुँ झूठ नाहीं कहि सकत। इही बरे हम जउन परमेस्सर क लगे सुरच्छा पावइ क आइ अहइ अउर जउन आसा उ हमका दिहे अहइ, ओका थामे भए हई, अउर जियादा उत्साहित अही।
19 इ आसा क हम आतिमा क सुदृढ़ अउर सुनिस्चित लंगर क रूप मँ धरे अही। इ परदा क पीछे भित्तर स भित्तर अन्तरतम तलक पहुँचत ह।
20 जहाँ ईसू तउ हमरे कइँती स हमसे पहिले प्रवेस किहेस। उ मलिकिसिदक क परम्परा मँ सदा हमेसा क बरे महा याजक बनि गवा।
Hebrews 7
1 इ मलिकिसिदक सालेम क राजा रहा अउर सर्वोच्च परमेस्सर क याजक रहा। जब इब्राहीम राजा लोगन क पराजित कइके लउटत रहा त उ इब्राहीम स मिला अउर ओका आसीर्बाद दिहेस।
2 अउर इब्राहीम तउ ओका उ सब कछू मँ स जउन उ युद्ध मँ जीते रहा ओकर दसवाँ भाग प्रदान किहेस (ओकरे नाउँ क पहिला अर्थ अहइ, “धार्मिकता क राजा” अउर फिन ओकर इ अर्थ अहइ, “सालेम क राजा” मतलब “सान्ति क राजा।”)
3 ओकरे पिता या ओकरी महतारी अउर ओकरे पूर्वजन क कउनो इतिहास नाहीं मिलत ह। ओकर जन्म अउर मउत क कहुँ कउनउ उल्लेख नाहीं बा। परमेस्सर क पूत क समान ही उ हमेसा-हमेसा क बरे याजक बना रहत ह।
4 तनिक सोचा, उ केतॅना महान रहा। जेका कुल प्रमुख इब्राहीम तलक तउ अपने प्राप्ति क दसवाँ भाग दिहे रहा।
5 अब देखा व्यवस्था क अनुसार लेवी बंसज जउन याजक बनत हीं लोगन स मतलब अपनी ही भाइयन स दसवाँ भाग लेइँ। जद्यपि ओनकर उ सबइ भाई इब्राहीम क बंसज अहइँ।
6 फिन उ मलिकिसिदक जउन लेवी भी नाहीं रहा, इब्राहीम स दसवाँ भाग लिहेस। अउर उ इब्राहीम क आसीर्बाद दिहेस जेकरे लगे परमेस्सर क प्रतिज्ञा रही।
7 एहमाँ कउनउ संदेह नाहीं रहा कि जउन आसीर्बाद देत ह उ आसीर्बाद लेइवाला स बड़ा होत ह।
8 जहाँ तलक लेवियन क प्रस्न बा, ओहमाँ दसवाँ भाग ओन्हन मनइयन द्वारा एकट्ठा कीन्ह जात ह, जउन मरणसील हयेन मुला मलिकिसिदक क जहाँ तलुक प्रस्न बा दसवाँ भाग ओकरे दुवारा एकत्र कीहा जात ह, जउन पवित्तर सास्तर क अनुसार अबहुँ जिन्दा अहइँ।
9 तउ फिन कउनो इहाँ तलक कहि सकत ह कि उ लेवी जउ न दसवाँ भाग एकट्ठा करत ह, उ इब्राहीम क जरिये दसवाँ भाग प्रदान कइ दिहेस।
10 काहेकि जब मलिकिसिदक इब्राहीम स मिला रहा, तबउ लेवी अपने पर्वजन क सरीर मँ वर्तमान रहा।
11 अगर लेवी सम्बन्धी याजकता द्वारा पूर्णता पाइ जाइ सकत काहेकि इही क अधार प लोगन क व्यवस्था दीन्ह गवा रहा। त कउनो दुसर याजक क आवइ क जरूरत इ का रही? एक अइसेन याजक क जउन मलिकिसिदक क परम्परा क होइ, न कि हारून क परम्परा क।
12 काहेकि जब याजकता भी बदलत ह, तउ व्यवस्था मँ भी परिवर्तन होइ चाही।
13 जेकरे बिषय मँ इ सबइ बात कही गइ बाटिन, उ कउनो दुसरे गोत्र क अहइ, अउर ओह गोत्र क कउनो मनई कबहुँ वेदी क सेवक नाहीं रहा।
14 काहेकि इ तउ स्पस्ट इ बा कि हमार पर्भू यहूदा क बंसज रहा अउर मूसा तउ ओह-गोत्र क बरे याजकन क बारे मँ कछू नाहीं किहे रहा।
15 अउर जउन कछू हमहूँ कहे हई अउर उ स्पस्ट बा कि मलिकिसिदक क जइसेन एक दुसर याजक प्रकट होत ह।
16 उ आपन वंसावली क नियम क आधार प नाहीं बल्कि एक अनन्त जीवन क सक्ती क आधार प याजक बना अहइ।
17 काहेकि घोसित कीन्ह गवा रहा, “तू अहा एक याजक सास्वत मलिकिसिदक क जइसा।”
18 पहिला नियम एह बरे रद्द कइ दीन्ह गवा काहेकि उ कमजोर अउर बेकार रहा।
19 काहेकि व्यवस्था तउ कउनो क सम्पूर्ण सिद्ध नाहीं किहेस अउर एक अच्छी आसा क सूत्रपात किन्ह गवा जेकरे द्वारा हम परमेस्सर क लगे खिंचित ह।
20 इ बात भी महत्वपूर्ण बा कि परमेस्सर तउ ईसू क सपथ क द्वारा महायाजक बनाए रहा। जबकि अउरन क बिना सपथ कउनो महायाजक बनावा गवा रहा।
21 मुला ईसू तब एक सपथ स याजक बना रहा, जब परमेस्सर तउ ओसे कहे रहा,“पर्भू तउ लिहे अहइ सपथ अउर उ कबहुँ नाहीं बदली निज मत ‘तू अह एक ठु याजक सास्वत।” भजन संहिता 110:4
22 इ सपथ क कारण ईसू एक अउर अच्छा करार क जमानत बन गवा बा।
23 अब देखा। अइसेन बहुत स याजक हुआ कतत हीं जेन्हे मउत तउ अपने गोड़े प नाहीं बनइ रहइ दिहेस।
24 मुला काहेकि ईसू अमर अहइ, इही बरे ओकर याजकपन भी हमेसा-हमेसा बना रहइवाला अहइ।
25 अतः जउन लोग ओकरे द्वारा परमेस्सर तक पहुँच हीं, उ ओनकर हमेसा क बरे उद्धार करइ मँ समर्थ अहइ, काहेकि उ ओनकर मध्यस्थता क बरे ही हमेसा जिअत ह।
26 अइसेन ही महायाजक हमार जरूरतन क पूरा कइ सकत ह, जउन पवित्तर होइ, दोस रहित होइ, सुद्ध होइ, पापियन क प्रभाऊ स दूर रहत होइ, सरग से भी जेका ऊँचा उठावा गवा होइ।
27 जेकरे बरे दुसर याजकन क समान इ जरूरी न अहइ कि उ दिन प्रतिदिन पहिले अपने पापन क बरे अउर फिन लोगन क पापन क बरे बलिदान चढ़ावइ। उ तउ हमेसा-हमेसा क बरे ओनके पापन ओनके पापन क बरे खुद अपने आप क बलिदान कइ दिहेस।
28 काहेकि व्यवस्था दुबर्ल लोगन क याजक क रूप मँ नियुक्त किहेस। मुला सपथ क बचन व्यवस्था क बाद आवा, उस बचन क द्वारा परमेस्सर बेटवा क महायाजक क रूप मँ नियुक्त किहेस जउन हमेसा हमेसा क बरे पूरा बनि गवा।
Hebrews 8
1 जउन कछू हम कहत अही कि, ओकर मुख्य बात इ बाः निस्चय ही हमरे लगे एक अइसा महायाजक बा जउन सरगे मँ ओह महा महिमावान क सिंहासन क दहिने हाथ बिराजमान अहइण
2 उ ओह पवित्तर गर्भ गृह मँ यानी स्वर्गिक रावटी, मँ जेका परमेस्सर तउ स्थापित किहे रहा, न कि मनई, सेवा क काम करत ह।
3 हर एक महायाजक क एह बरे नियुक्त कीन्ह जात ह उ भेंटन अउर बलिदानन-दुन्नऊ क ही अर्पित करइ। अउर इही बरे एह महायाजक क बरे भी जरूरी रहा कि ओकरे लगे भी चढ़ावा क बरे कछू होइ।
4 अगर उ धरती प होत तउ उ याजक नाहीं होइ पावत काहेकि उहाँ पहिलेन स ही अइसेन मनई अहइँ जउन व्यवस्था क अनुसार भेंट-चढ़ावत हीं।
5 पवित्तर आराधना स्थान मँ ओनकर सेवा-आराधना सरगे क यथार्थ क एक छाया नकल अहइ। इही बरे जब मूसा पवित्तर रावटी क निर्माण करइवाला रहा, तबइ ओका चेतावनी दइ दीन्ह गइ रहीः “ध्यान रहइ कि तू हर चीज ठीक उही प्रतिरूप क अनुसार बनावा जउन तोहका पर्वत प देखावा गवा रहा।”
6 मुला जउन सेवा काम ईसू क मिला बा, उ ओनके सेवा काम स स्रेस्ठ बा। काहेकि उ जेह करार क मध्यस्थ अहइ उ पुरान करारस भी उत्तिम अहइ अउर उत्तिम चीजन क सबइ प्रतिज्ञा प अधारित बा।
7 काहेकि अगर पहिला करार मँ कउनउ खोट नाहीं होत तउ दुसरे करार क बरे कउनउ स्थान इ नाहीं रही जात।
8 मुला परमेस्सर क ओन्हन लोगन मँ खोट मिला उ कहेसः“पर्भू घोसित करत ह, आवत अहइ उ समइ करबइ, जब मइँ इस्राएल क घराना स यहूदा क घराना स एक नवा करार
9 इ करार होई न वइसेन जइसेन किहे रहेउँ मइँ ओनके पूर्वजन क साथ ओह समइ जब मइँ ओनकर हाथ मिस्र स निकाल लइयावइ बरे पकड़े रहेउँ काहेकि पर्भू कहत ह, उ मोरे करार मँ बिसवास नाहीं रखत मइँ ओनसे मुहँ फेर लिहेउँ।
10 इ बा उ करार जेका मइँ इस्राएल क घराना स करबइ। अउर फिन ओनके बाद पर्भू घोसित करत ह ओनके मन मँ निज व्यवस्था बसउबइ मइँ ओनके हिरदय प लिखि देबइ मइँ ओनका परमेस्सर बनबइ अउर उ मोर जन होइहीं।
11 फिन तउ कबहुँ कउनो जन अपने पड़ोसी क, अइसेन न सिखावइ या कउनो जन न अपने भाइयन स कबहुँ कही तू पर्भू क पहचाना। काहेकि तब त ओ सभन छोट से लइ के बड़न से बड़न मोका जनिहीं तलक।
12 काहेकि मइँ ओनके दुस्ट करमन क छमा करबइ अउर कबहुँ ओनके पापन क याद न रखबइ।” यिर्मयाह 31:31-34
13 एह करार क नवा कहिके उ ओनसे पहिले क व्यवहार क अयोग्य ठहरायेस। अउर जउन पुरान पड़त अहइ अउर व्यवहार क अयोग्य अहइ, उ त फिन जल्दी ही लुप्त होइ जाई।पुराने करार क आराधना
Hebrews 9
1 अब देखा पहिले करार मँ ही आराधना क नियम रहेन। अउर एक मनई क हाथन क बना आरा़धना घर भी रहा।
2 एक रावटी बनाइ गइ रही जेकरे पहिले कच्छ मँ दीपाधार रहेन, मेज रहिन, अउर भेंट क रोटी रही। एका पवित्तर स्थान कहा जात रहा।
3 दुसरे परदा क पीछे एक अउर कमरा रहा जेका परम पवित्तर कहा जात बा।
4 एहमन सुगंधित सामग्री क बरे सोना क वेदी अउर सोना क मढ़ी करार क पेटी रही। एह पेटी मँ सोना क बना पन्ना क एक पात्र रहा, हारून क उ छड़ी रही जेह पर कोपल फूटी रही अउर करार क पाथर क पतरा रहेन।
5 पेटी क ऊपर परमेस्सर क महिमामय उपस्थिति क प्रतीक यानि करूब बना रहेन जउन छमा क स्थान पर छाया क करत रहेन। मुला एह समइ हम इन बातन क बिस्तार क साथे चर्चा नाहीं कइ सकित।
6 सब कछू क एह तरह व्यवस्थित होइ जाइ क बाद याजक बाहरी कच्छ मँ प्रति दिन प्रवेस कइके आपन सेवा क काम करइ लागेन।
7 मुला भीतर कच्छ मँ केवल महाजाजक ही प्रवेस करत रहा अउर उहऊ साल मँ एक दाई। उ बिना ओह लहू क कबहुँ प्रबेस नाहीं करत रहा जेका उ खुद अपने द्वारा अउर लोगन क द्वारा अनजाना मँ कीन्ह गए पापन क बरे भेंट चढ़ावत रहेन।
8 एकरे द्वारा पवित्तर आतिमा इ दरसावा करत रहा कि जब तलक अबहिं पहिली रावटी खड़ी भई बा, तब तलक परम पवित्तर स्थान क रस्ता उजागर नाहीं होइ पावत।
9 इ आजु क जुग क बरे एक प्रतीक अहइ जउन इ दरसावत ह कि भेंट अउर बलिदान जेका अर्पित कीन्ह जात बा, आराधना करइवालन क चेतना क सुद्ध नाहीं कइ सकत।
10 इ सबइ तउ बस खाइपिअइ अउर कइयउ पर्व बिसेस-स्थानन क बाहेर क नियम अहइँ अउर नइ व्यवस्था क समई तक क बरे ही इ लागू होत हीं।
11 मुला अब मसीह इ अउर अच्छी व्यवस्था क, जउन अब हमरे लगे बा, महायाजक बनिके आइ गवा बा। उ ओह जियादा अच्छी अउर पूरी रावटी मँ स होइ क प्रवेस किहेस जउन मनइयन क हाथन क बनाइ भइ नाहीं रही। मतलब जउ सांसारिक नाहीं बा।
12 बकरन अउर बछड़न क लहू क लइके उ प्रवेस नाहीं किहे रहा बल्कि सदा हमेसा क बरे भेंट सरूप अपने ही लहू क लइके परम पवित्तर स्थान मँ ओकर प्रवेस भवा रहा। एह तरह उ हमरे बरे पापन स सदा काल क छुटकारा सुनिस्चित कइ दिहे बा।
13 बकरन अउर साँड़न क खून अउर बछिया क भभूत क ओनपइ छिड़का जाब, असुद्धन क सुद्ध बनावत ह ताकि उ सबइ बाहरी तउर प स्वच्छ होइ जाइँ।
14 जब इ सच बा तउ मसीह क लहू केतॅना प्रभावसाली होइ। उ अनन्त आतिमा क द्वारा अपने आपक एक पूरी तरह बलि क रूप मँ परमेस्सर क समपर्ति कइ दिहेस। तउन ओनकर लहू हमरे चेतना क ओन्हन करमन स छुटकारा देवाई जउन मउत क ओर लइ जात हीं ताकि हम सजीव परमेस्सर क सेवा कइ सकी।
15 इही कारण स मसीह एक नवा करार क बीचउलिया बना ताकि जेनका बोलावा गबा बा, उ उत्तराधिकार क अनन्त आसीर्बाद पाई सकइँ जेनकर परमेस्सर तउ प्रतिज्ञा किहे रहा। अब देखा, पहिले करार क अधीन कीन्ह गएन पापन स ओन्हे छुटकारा दियावइ क बरे फिरौती क रूप मँ उ आपन प्रान तलक दइ चुका अहइ।
16 जहाँ तलक बसीयतनामा क प्रस्न बा, तउ ओकरे बरे जे ओका लिखे अहइ, ओकरी मउत क प्रमाणित कीन्ह जाब जरुरी बाटइ
17 काहेकि कउनउ बसीयतनामा केवल तबहिं प्रभावी होत ह जब ओका लिखइवालन क मउत होइ जात ह। जब तलक ओका लिखइवाला जिन्दा रहत ह, उ कबहुँ प्रभावी नाहीं होत ।
18 इही बरे पिहला करार भी बिना एक मउत अउर लहू क गिराए स काम सुरु नाहीं कीन्ह गवा।
19 मूसा जब व्यवस्था क प्रत्येक आदेस क सब लोगन क घोसना कइ चुका तउ उ जल क साथे बकरन अउर बछड़न क लहु क लाल ऊन अउर हिसप क टहनियन स चर्म पत्रन अउर सभन लोगन पे छिड़क दिहे रहा।
20 उ कहे रहा, “इ उ करार क लहू अहइ, परमेस्सर जेकरे पालन क आज्ञा तोहे सबन क दिहे अहइ।”
21 उ इही तरह रावटी आराधना उत्सव मँ काम आवइवाली सब चीज प लहू छिड़के रहा।
22 सही या व्यवस्था चाहत ह कि अक्सर हर चीज क लहू स सुद्ध कीन्ह जाइ। अउर बिना लहू बहाए छमा हई या नाहीं ही बाटइ।
23 त फिन इ जरूरी बा कि चीजन जउन सरगे क प्रतिकृति बाटिन, ओन्हे पसुवन क बलिदान स सुद्ध कीन्ह जाइ मुला सरग क चीजन त एनहुँन स अच्छी बलिदानन स सुद्ध कीन्ह जाइ क अपेच्छा करत ह।
24 मसीह तउ मनइयन क हाथन क बना परम पवित्तर स्थान मँ, जउन सच्चा परम पवित्तर स्थान क एक प्रतिकृति मात्र रहा, प्रवेस नाहीं किहेस। उ तउ खुदइ सरग मँ ही प्रवेस किहेस ताकि अब उ हमरे ओर स परमेस्सर क उपस्थिति म प्रकट होइ।
25 अउर नाहीं तउ आपन फिन-फिन बलिदान चढ़ावइ क बरे उ सरगे मँ ओह तरह प्रवेस किहेस जइसेन महायाजक उ लहू क साथे, जउन ओकर आपन नाहीं बा, परन पवित्तर स्थान मँ हर साल प्रवेस करत ह।
26 नाहीं त फिन मसीह क सृस्टि क आदि स ही कइयउ दाई जातना झेलइ क पड़त। मुला अब देखा, इतिहास क चरम बिन्दु पर आपन बलिदान क द्वारा पापन क नास करइ क बरे उ हमेसा हमेसा क बरे एक्कइ बार प्रकट होइ गवा अहइ।
27 जइसे एक बार मरब अउर ओकरे बाद निआव क सामना करब मनई क नियति बा
28 तउन वइसेन मसीह क, एक्कइ बार कइयउ मनइयन क पापन क हरि लेइ क बरे बलिदान कइ दीन्ह गवा। अउर उ पापन क बहन करइ क बरे नाहीं बल्कि जउन ओकर बाट जोहत अहइँ, ओनके बरे उद्धार लियावइ क फिन दुसरी दाई प्रकट होइ।
Hebrews 10
1 व्यवस्था त आवइवाली अच्छी बातन क छाया मात्र प्रदान करत ह। अपने आप मँ उ बात यर्थाथ नाहीं हइन। इही बरे उही बलियन क द्वारा जेन्हे हमेसा हर बरिस अनन्त रूप स दीन्ह जात रहत ह, आराधना क बरे लगे आवइवालन क हमेसा-हमेसा क बरे पूरा सिद्ध नाहीं कीन्ह जाइ सकत।
2 अगर अइसेन होइ पावत तउ का ओनकर चढ़ावा जाब बन्द न होइ जात? काहेकि फिन तउ आराधना करइवालन एक ही इ बार मँ सदा-हमेसा क बरे पवित्तर होइ जातेन। अउर आपने पापन क बरे फिन कबहुँ खुद क अपराधी न समझतेन।
3 मुला उ बलिदान तउ बस पापन क एक बरस भरे क स्मृति मात्र अहइँ।
4 काहेकि साँड़न अउर बकरन क लहू पापन क दूर कइ देइ, इ सम्भव नाहीं बा।
5 इही बरे जब मसीह एह जगत मँ आइ रहा तउ उ कहे रहाः“तू बलिदान अउर कउनउ भेंट नाहीं चाह्या, मुला मोरे बरे एक देह तइयार किहा।
6 तू नाहीं कउनउ दग्ध भेंटन स न तउ पाप भेंटन स खुस भया।
7 तब फिन मइँ कहे रहेउँ, ‘किताबे मँ मोर बरे इ लिखा भी बा मइँ इहाँ अहइ। हे परमेस्सर तोहार इच्छा पूरा करइ क आइ हउँ।”‘ भजन संहिता 40:6-8
8 उ पहिलेन कहे रहा, “बलिदान अउर भेंटन, दग्ध भेंटन अउर पाप भेंटनन तउ तू चाहत अहा अउर न तउ तू ओसे खुस होत ह।” (यद्यपि व्यवस्था इ चाहत ह कि उ सबइ चढ़ाइ जाइँ)
9 तब उ कहे रहा, “मइँ इहाँ अहउँ। मइँ तोहार इच्छा पूरी करइ आई हउँ।” त उ दुसरे व्यवस्था क स्थापित करइ क बरे, पहिली क रद्द कइ देत ह।
10 तउन परमेस्सर क इच्छा स एक बार ही हमेसा-हमेसा क बरे ईसू मसीह क देह क बलिदान द्वारा हम पवित्तर कइ दिन्ह गएन।
11 हर याजक एक दिना क बाद दुसरे दिन खड़ा होइके अपने धार्मिक कारज क पूरा करत ह। उ पचे फिन-फिन एक जइसेन ही उ बलि चढ़ावत हीं जउन पापन क कबहुँ दूर नाहीं कइ सकतेन।
12 मुला याजक क रूप मँ मसीह तउ पापन क बरे, हमेसा क बरे एक्कइ बलि चढ़ाइके परमेस्सर क दहिने हाथ जाइ बइठा।
13 अउर उही समइ स ओका अपने विरोधियन क ओकरे चरण क चौकी बनाइ दीन्ह जाइ क प्रतीच्छा बा।
14 जउन पवित्तर कीन्ह जात अहइ, ओनका हमेसा-हमेसा क बरे पूरा सिद्ध कइ दिहेस
15 एकरे बरे पवित्तर आतिमा हमका साच्छी देत ह। पहिले उ बतावत हः
16 ‘इ अहइ उ करार जेका मइँ ओनसे करबइ। अउर फिन ओकरे बाद पर्भू घोसित करत निज व्यवस्था मइँ ओनकइ हिरदइ मँ बसबउबइ ओनके मने पर लिखी देबइ.” यिर्मयाह 31:33
17 उ इहउ कहत हः“ओनके पापन अउर ओनके दुस्करमन क अब मइँ कबहुँ यादत रखब।” यिर्मायाह 31:34
18 अउर फिन जब पाप छमा कइ दीन्ह गएऩ त पापन क बरे कउनो बलिदान क कउनउ जरूरत रही ही नाहीं।
19 इही बरे भाइयो तथा बहिनियो, काहेकि ईसू क लहूक द्वारा हमका ओह परम पवित्तर स्थान मँ प्रवेस करइ क निडर भरोसा बा।
20 जेका उ परदा क द्वारा, मतलब जउन ओकर सरीरइ, अहइ, एक नवा अउर सजीव रस्ता क माध्यम स हमरे बरे खोलि दिहे अहइ।
21 अउर काहेकि हमरे लगे एक अइसेन महान याजक अहइ जउन परमेस्सर क घराना क अधिकारी अहइ।
22 तउ फिन आवा, हम सच्चे हिरदइ, निस्चितपूर्ण बिसवास आपन अपराधपूर्ण चेतना स हमका सुद्ध करइ क बरे कीन्ह गए छिड़क भी स युक्त अपने हिरदइ क लइके सुद्ध जल स धोवा भए अपनेे सरीरन क साथे परमेस्सर क लगे पहुँचाय अही।
23 तउ आवअ जेह आसा क हम अंगीकार किहे हई, हम अडिग भाउ स ओह पर डटा रही काहेकि जे हमका बचन दिहे अहइ, उ बिसवासपूर्ण बा।
24 अउर आवा हम धियान रखी कि हम पिरेम अउर अच्छा करमन क बरे एक दुसरे क कइसेन बढ़ावा दइ सकित ह।
25 हमरे सबइ सभा मँ आउब जिन छोड़ा। जइसेन कि कछून क तउ उहाँ न आवइ क आदत ही पड़ि गइ बा। बल्कि हमका तउ एक दूसरे क बलवान करइ चाही। अउर जइसेन कि तू देखत अहा कि उ दिन लगे आवत बा-तउन तोहे इ अउर जियादा करइ चाही।
26 सत्य क गियान पाइ लेइके बाद उ अगर हम जानबूझ क पाप करित ही रहित ह फिन तउ पापन क बरे कउनउ बलिदान बचा नाहीं रहत।
27 बल्कि फिन त निआव क भयानक प्रतीच्छा अउर भीसण आगी बाकी रहि जात ह जउन परमेस्सर क बिरोधियन क चट कइ जाई।
28 जउन कउनउ मूसा क व्यवस्था क पालन करइ स मना करत ह, ओका बिना दया देखाए दुइ या तीन साच्छियन क साच्छी प मारि डावा जात ह।
29 सोचा, उ मनइयन केतना जियादा कड़ा दंड क पात्र अहइँ, जे अपने गोड़न तले परमेस्सर क पूत क कुचलेन, जे करार क उ लहू के, जे ओनका पवित्तर किहे रहा, एक अपवित्तर चीज मानेन अउर अनुग्रह क आतिमा क अपमान किहेन।
30 काहेकि हम ओनका जानित ह जे कहे रहेने, “बदला लेब काम बा मोर, मइँ हीं बदला लेब”अउर फिन, “पर्भू अपने लोगन क निआव करी”
31 कउनो पापी क सजीव परमेस्सर क हाथन मँ पड़ि जाब एक भयानक बात अहइ।
32 आरम्भ क उ दिनन क याद करा जब तू प्रकास पाए रह्या, अउर ओकरे बाद जब तू कस्टन क सामना करत भए कठोर संघर्स मँ मजबूती क साथे डटा रह्या।
33 तब कबहुँ तउ सब लोगन क सामने तोहे अपमानित कीन्ह गवा अउर सताया गवा अउर कबहुँ जेनके साथे अइसेन बर्ताव कीन्ह जात रहा, तू ओनकर साथ दिह्या।
34 तू, जउन बन्दीघरे मँ पड़ा रह्या, ओनसे सहानुभूति क अउर अपने सम्पत्ति क जब्त कीन्ह जाब सहर्स स्वीकार किह्या काहेकि तू इ जानत रह्या कि खुद तोहरे अपने लगे अच्छी अउर टिकाऊ सम्पत्तियन बाटिन।
35 तउन अपने साहस बिसवास क जिन तियागा काहेकि एकइ भरपूर प्रतिफल दीन्ह जाई।
36 तोहे धीरज क जरुरत बा ताकि तू जब परमेस्सर क इच्छा पूरी कइ चुका तउ जेकर बचन उ दिहे अहइ, ओका तू पाइ सका।
37 काहेकि बहुत जल्दी ही,“जेका आवइ क बा, उ जल्दी ही आई, अउर देर नाहीं करी।
38 मोर धर्मी जन जउने बिसवास स अउर अगर उ पीछे हटी तउ मइँ ओनसे खुस न रहबइ।” हबकूक 2:3-4
39 मुला हम ओनसे नाहीं हई जउन पीछे हटत हीं अउर खतम होइ जात हीं बल्कि ओनमाँ स अही जउन बिसवास करत हीं अउर उद्धार पावत हीं।
Hebrews 11
1 बिसवास क मतलब बा, जेकर हम आसा करित ह, ओकरे बरे सुनिस्चित होब। अउर बिसवास क मतलब बा कि हम चाहे कउनो चीज क देखत न अही मुला ओकरे अस्तित्व क बारे मँ सुनिस्चित होब कि उ बा।
2 इही कारण पुरानन क परमेस्सर क आदर मिला भआ रहा।
3 बिसवास क आधार पर ही हम इ जानित ह कि परमेस्सर क आदेस स जगत क रचना भइ रही। इही बरे जउन दृस्य बा, उ दृस्य स नाहीं बना बा।
4 हाबिल तउ बिसवास क कारण ही परमेस्सर क कैन स अच्छी बलि चढ़ाए रहा। बिसवास क कारण ही ओका एक धर्मी मनई क रूप मँ तब सम्मान मिला रहा जब परमेस्सर त ओकरी भेंटन क प्रसंसा किहे रहा। अउर बिसवास क कारण उ आजऊ बोल थीं जद्यपि उ मरी चुका अहइ।
5 बिसवास क कारण ही हनोक क एह जीवन स उप्पर उठाइ लिहा गवा रहा ताकि ओका मउत क अनुभव न होइ। परमेस्सर तउ काहेकि ओका दूर हटाइ दिहे रहा इही बरे उ पावा नाहीं गवा। काहेकि ओका उठावा जाइ स पहिले परमेस्सर क प्रसन्न करइवाले क रूप मँ ओका सम्मान मिल चुका रहा।
6 बिसवास के बिना परमेस्सर क खुस करब असम्मभव रहा। काहेकि हरएक उ जउन ओकरे लगे आवत ह, ओकरे बरे इ जरूरी बा कि उ एह बात क बिसवास करइ कि परमेस्सर क अस्तित्व बा अउर उ जउन ओका सच्चाई क साथ खोजत ह, उ ओन्हे ओकर प्रतिफल देत ह।
7 बिसवास क कारण ही नूह क जब ओन्हन बातन क चेतावनी दीन्ह गइ जउन उ देखे तक नाहीं रहा तउ उ पवित्तर भय स भरा आपन परिवार क बचावइ क बरे एक नाव क निर्माण किहे रहा। अपने बिसवासे स ही उ एह संसार क दोसपूर्ण मानेस अउर ओह धार्मिकता क उतराधिकारी बना जउन बिसवास स आवत ह।
8 बिसवास क कारण ही, जब इब्राहीम क अइसेन स्थान प जाइके बरे बोलावा गवा रहा, जेका बाद मँ उतराधिकार क रुप मँ ओका पावइ क रहा, जदि उ इ जानत तक नाहीं रहा कि उ कहाँ जात बा, फिन भी उ आज्ञा मानेस अउर उ चला गवा।
9 बिसवास क कारण ही जउने धरती क देइ क ओका बचन दीन्ह गवा रहा, ओह प उ एका अनाजान परदेसी क समान आपन घरे बनाइके निवास किहेस। उ तम्बुवन मँ वइसेन रहा जइसेन इसहाक अउर याकूब रहत रहेन जउन ओकरे संग परमेस्सर क ओह प्रतिज्ञा क उतराधिकारी रहेन।
10 उ मजबूत आधारवाली उ नगरी क बाट जोहत रहा जेकर सिल्पी अउर निर्माण कर्ता परमेस्सर अहइ।
11 बिसवास क कारण ही, इब्राहीम जउन बूढ़ा होइ चुका रहा अउर सारा जउन खुद बाँझ रही, जे बचन दिहे रहा, ओका बिसवासनीय समझिके गर्भवती भइ अउर इब्राहीम क बाप बनाइ दिहेस।
12 अउर एह तरह इ एक्कइ मनई स जउन मरियल स रहा, अकास क तारन जेतनी असंख्य अउर सागर-तट क रेत-कणन जेतनी अनगिनत संतान भइन।
13 बिसवास क अपने मन मँ लिए भए इ लोग मरि गएन। जिन चीजन क प्रतिज्ञा दीन्ह गइ रही, उ ओ चीजन क नाहीं पाएन। उ पचे बस ओनका दुर स ही देखेन अउर ओनकर स्वागत किहेन अउर उ इ मानि लिहेन कि ओ पचे इ धरती प परदेसी अउर अनजान अहइँ।
14 उ लोग जउन अइसेन बात कहत हीं, उ इ देखावत हीं कि उ पचे एक अइसेन देस क खोज मँ अहइँ जउन ओनकर आपन अहइ।
15 अगर उ पचे ओह देस क बारे मँ सोचतेन जेका उ छोड़ि चुका अहइँ तउ ओनके फिन स लउटइ क अवसर रहत।
16 मुला ओन्हे तउ सरगे क एक अच्छा प्रदेस क उत्कट अभिलासा बा। इही बरे परमेस्सर क ओनकर परमेस्सर कहवावइ मँ संकोच नाहीं होत काहेकि उ तउ ओनके बरे एक नगर तइयार कइ रखे अहइ।
17 बिसवास क कारण ही इब्राहीम तउ, जब परमेस्सर ओकर परीच्छा लेत रहा, इसहाक क बलिदान चढ़ाएस। उहइ जेका प्रतिज्ञा मिली भइ रही, अपने एक मात्र बेटवा क जब बलिदान देई बाला रहा। तउ जद्यपि परमस्सर त ओसे कहे रहा, “इसहाक क द्वारा ही तोहरा वंस बाढ़ी।”
18
19 मुला इब्राहीम तउ सोचेस क परमेस्सर मरे भएन क भी जियाइ सकत ह अउर अगर अलंकारित भाखा मँ कहा जाइ तउ उ इसहाक क मउत स फिन वापस पाइ लिहेस।
20 बिसवास क कारण ही इसहाक तउ याकूब अउर एसाब क ओनके भविस्स क बारे मँ आसीर्बाद दिहेस।
21 बिसवास क कारण ही याकूब तउ जब उ मरत रहा।
22 यूसुफ जब ओकर अंत निकट रहा हर बेटवा क आसीर्बाद दिहेस अउर लाठी क उपर सिरे झुकि के सहरा लेत परमेस्सर क आराधना किहेस।
23 बिसवास क अधार पर ही, मूसा क महतारी-बाप तउ, मूसा क जनम क बाद ओनका तीन महिना तक छुपाये रखेन काहेकि ओ देखि लिहे रहेन कि उ कउनो सामान्य बालक नाहीं रहा अउर उ राजा क आज्ञा स नाहीं डरेन।
24 बिसवास स ही, मूसा जब बड़ा भवा तउ फिरौन क बिटिया क बेटवा कहवावइ स इन्कार कइ दिहेस।
25 उ पाप क छणिक सुक भोगन क अपेच्छा परमेस्सर क लोगन क साथे दुर्व्यवहार झेलबइ ही चुनेस।
26 उ मसीह क बरे अपमान झेलइ क मिस्र क धन भंडारन क अपेच्छा जियादा मूल्यवान मानेस काहेकि उ आपन प्रतिफल पावइ क बाट जोहत रहा।
27 बिसवास क कारण ही, राजा क क्रोध स न डरत भए उ मिस्र क परित्याग कइ दिहेस। उ डटा रहा, मान ओका अदृस्य परमेस्सर देखात अहइ।
28 बिसवास स ही, उ फसह क त्यौहार अउर लहू छिड़कइ क पालन किहेस, ताकि पहिलौठा क बिनास करइवाला इस्राएल क पहिलौठा क छू तक न पावइ।
29 बिसवास क कारण ही, लोग लाल-सागर स अइसेन पार होइ गएन जइसेन उ कउनो सूखी जमीन होइ। मुला जब मिस्र क लोगन अइसेन करइ चाहेन तउ उ पचे डूबि गएन।
30 बिसवास क कारण ही, यहीहो क नगर-परकोट लोगन क सात दिन तलक ओकरे चारिहुँ कइँती परिक्रमा कइ लेइके बाद ढह गवा।
31 बिसवास क कारण ही, राहाब नाउँ क बेस्या आज्ञा क उल्लंघन करइवालन क साथे नाहीं मारी गइ रही काहेकि उ गुप्तचरन क स्वागत सत्कार किहे रही।
32 अब मइँ अउर जियादा का कही। गिदोन, बाराक, सिमसोन, यिफतह, दाऊद, समूएल अउर ओन्हन नबियन क चर्चा करइ क मोरे लगे समइ नाहीं बाटइ।
33 जे बिसवास स, राज्यन क जीत लिहेस, निआवपूर्ण काम किहेस अउर परमेस्सर जउन देइ क बचन दिहे रहा, ओका पाएस। जे सिंहन क मुँह बन्द कइ दिहेस,
34 लपलपात लपटन क क्रोध क सान्त किहेस अउर तलवार क धार स बच निकलेन, जेकरे कमजोरी इ सकित मँ बदल गइ, अउर युद्ध मँ जउन सक्तिसाली बनेन अउर जे बिदेसी सेनन क छिन्न-भिन्न कइ डाएन।
35 स्त्रियन तउ अपने मरन हुवन क फिन स जिन्दा पाएन। बहुतन क सतावा गवा, मुला उ छुटकारा पावइ स मना कइ दिहेन ताकि ओनका एक अउर अच्छा जीवन मँ पुनरूत्थान मिलि सकइ ।
36 कछू क उपहासन अउर कोड़न क सामना करइ पड़ा जबकि कछू क जंजीरन स जकड़िके बन्दी घरे मँ डालि दीन्ह गवा।
37 कछू पइ पथराऊ कीन्ह गवा। ओनका आरा स चीरके दुइ फाँक कइ दीन्ह गवा, ओनका तलवार स मउत क घाट उतारि दीन्ह गवा। उ पचे गरीब रहेन, ओनका जातना दीन्ही गइ अउर ओनके साथे बुरा व्यवहार कीन्ह गवा! उ पचे भेड़ बकरियन क खाल ओढ़े रहेन अउर एहर ओहर भटकत रहेन।
38 इ संसार ओनके योग्य नाहीं रहा। उ पचे रेगिस्तानन अउर पहाड़न मँ घूमत रहेन अउर सबइ गुफा अउर धरती मँ बने भए बिलन मँ छुपत-छुपावत फिरेन।
39 अपने बिसवासे क कारण ही इ लोग सब स सराहा गएन। फिन भी परमेस्सर क जेकर महान बचन ओनका दीन्ह गवा रहा, ओका एनमाँ स कउनो नाहीं पाइ सका।
40 परमेस्सर क लगे आपन योजना क अनुसार हमरे बरे कूछ अउर जियादा अच्छा रहा जइसेन ओनहूँ बस हमरे साथे ही पूरा सिद्ध कीन्ह जाइ।
Hebrews 12
1 काहेकि हम साच्छियन क अइसेन एतॅनी बड़ी भीड़ स घिरी भइ अहइ, जउन हमका बिसवास क मतलब का अहइ एकर साच्छी देत ह इही बरे आवा बाधा पहुँचावइवाली हर एक चीज क अउर ओह पाप क जउन सहज इ मँ हमका उलझाइ लेत ह झटकिके फेंका अउर उ दउड़ जउन हमका दउड़इ क बा, आवअ धीरज क साथे ओका दउड़ी।
2 हमार बिसवास क अगुआ अउर ओका पूरा सिद्ध करइवाला। इसू पे आवा हमका दिस्टी हटवाइ न चाही। जे अपने सामने उपस्थित आनन्द क बरे क्रूस क जातना झेलेन, ओकरी लज्जा क अउनउ चिंता नाहीं किहेस अउर परमेस्सर क सिंहासन क दहिने हाथ विराजमान होइ गवा।
3 ओकर धियान करा जे पापियन क अइसेन विरोध एह बरे सहन किहेस ताकि थकिके तोहार मन हार न मानि बइठइ।
4 पाप क बिरुद्ध आपन संघर्स मँ तोहे सबन क एतॅना नाहीं अड़इ पड़ा रहा कि आपन लहू बहावइ पड़ा होइ।
5 तू उ साहसपूर्ण बचन क भूलि गवा अहा। जउन तोहरे बेटवा नाते सम्बोधित अहइः“मोर बेटवा, पर्भू क अनुसासन क महत्व को समझइ मँ असफल न ह्वा। तिरस्कार जिन करा, ओकरे फटकार क बुरा कबहुँ जिन माना
6 काहेकि पर्भू ओनका अनुसासन करत ह। उ जेनसे पिरेम करत ह। अउर जइसेन बेटवा बनाइ लेत अहइ, ओनका दंड भी देत ह।” नीतीवचन 3:11-12
7 कठिनाइ क अनुसासन क रूप मँ सहन करा। परमेस्सर तोहरे साथे अपने बेटवा क समान व्यवहार करत ह। अइसा बेटवा के होइ जउन अपने बाप क द्वारा अऩुसासित न भवा होइ?
8 अगर तोहे अइसेन नाहीं दण्डित कीन्ह गवा होइ जइसेन सबन क दण्ड दीन्ह जात ह तउ तू अपने बाप स पैदा भवा बेटवा नाहीं अहा। तउ सच्चा सन्तान नाहीं अहा।
9 अउर फिन इहउ कि एन सबन क उ बापउ जे हमरे सरीर क जन्म दिहे अहइ, हमका सिधावत अहइ। अउर एकरे बरे हम ओन्हे मान देइ ह तउ फिन हमका आपन आतिमन क बाप क अनुसासन क तउ केतना जियादा अधीन रहत भए जिअत चाही।
10 हमार बाप तउ तनिक समइ मँ जइसा उ नीक समझेस, हमका दंडित किहेस। हमका दण्ड, मुला परमेस्सर हमका हमार भलाइ क बरे दण्डित करत ह, जइसेन हम ओकर पवित्रता क सहभागी होइ सकी।
11 लोगन क जउने समइ सिधावा जात ह, ओह समइ सिधाउब अच्छा नाहीं लागत, बल्कि उ दुखद लागत ह मुला कछू भी होइ, उ जउन एकरे द्वारा सिधावा जाइ चुका बाटेन, ओनके बरे इ आगे चलिके नेकी अउर सान्ति क सुफल प्रदान करत ह।
12 इही बरे आपन कमजोर भुजा अउर कमजोर घुटनन क सबल बनावा।
13 अपने गोड़न क बरे रस्ता बनावा तू समतल। तकि जउन लँगड़ा हयेन, उ अपंग नाहीं, वरन चंगा होइ जाइँ।
14 सभन क साथे सान्ति क साथे रहइ क कोसिस करा अउर पवित्तर होइ क बरे हर तरह स प्रयत्नसील रहा, बिना पवित्तरता क कउनउ पर्भू क दर्सन न कइ पाई।
15 इ बात क धियान रखा कि परमेस्सर क अऩुग्रह स कउनो बिमुख न होइ जाइ अउर तोहे कस्ट पहुँचावइ अउर बहुत जने के बिकृत करइ क बरे कड़वी जड़ न फूटि पड़इ।
16 देखा कि कउनउ व्यभिचार न करइ अउर उ एसाव क समान परमेस्सर बिहीन न होइ जाइँ जइसेन सबसे बड़ा बेटवा होइ क नाते उत्तराधिकार पाबइ क अधिकारी रहा मुला जे ओन्हे बस एक जून क खाइ भर क बरे बेचि दिहेस।
17 जइसेन कि तू जनतइ अहा बाद मँ जब उ इ आसीर्बाद क पावई चाहेस तउ ओका अयोग्य ठहरावा गवा। जद्यपि उ रोइ-रोइके बरदान पावइ चाहेस मुला उ अपने किहे क अनकिहे नाहीं कइ पाएस।
18 तू आगी स जलत हुआ एह पर्वत क लगे नाहीं आया जेका छुवा जाइ सकत रहा अउर न तउ अंधकार, बिसाद अउर बवंडर क लगे आया होइ।
19 अउर न तउ तुरही क तेज आवाज अउर कउनउ अइसेन सुर क करीब मँ आया, अउर न बोलत बचन का सुन्या, उ आवाज जेकरे सुने क बाद केउ क सुनइ क जरूरत नाहीं रहत।
20 काहेकि जउन आदेस दीन्ह गवा रहा, उ पचे ओका झेली नाहीं पाएनः “अगर कउनउ पसु तलक उ पर्वत क छुवइ तउ ओहे पे पथराऊ कीन्ह जाई.”
21 उ दृस्य एतना भयभीत कइ डावइवाला रहा कि मूसा तउ कहेस, “मइँ भय स थर-थर काँपत हउँ।”
22 बल्कि तू सिय्योन पर्वत, सजीव परमेस्सर क नगरी, सरगे क यरूसलेम क लगे आइ पहुँचा अहा। तू तउ हजारन-हजार सरगदूतन क आनन्दपूर्ण सभा,
23 परमेस्सर क पहिलौटी क संतानन, जेनके नाउँ सरग मँ लिखा बाटेन, ओनके सभा क लगे पहुँच चुका अहा। तू सबके निआव कर्ता परमेस्सर अउर ओन्हन धर्मात्मा, पूर्ण मनइयन क सबइ आतिमन,
24 अउर एक नवा करार क बीचवा मँ ईसू अउर छिड़का भवा उ लहू स लगे आइ चुका अहा जउ न हाबील क लहू क अपेच्छा अच्छा बचन बोलत ह।
25 धियान रहइ, कि यदि जब परमेस्सर बलत ह ओका सुनइ स जिन करा। जदि उ पचे ओका नकारिके नाहीं बच पाएस जउन ओनकर धरती पे चेतावनी दिहे रहा अगर हम ओनसे मुँह मोड़बइ जउन हमका सरग स चेताउनी देत बा, तउ हम त दण्ड स बिकूलही न बची पउबइ।
26 ओकर बानी ओह समइ धरती क झकझोर दिहे रही मुला अब उ प्रतिज्ञा किहे अहइ, “एक बार फिन न केवल धरती क ही बल्कि आकासे क भी मइँ झकझोर देबइ।”
27 एक बार फिन” इ सब्द उ हर चीज क ओर इंगित करत भवा जउन हिल गवा बा, जब स उ रचा गवा बा। उ सबइ क नास कइ दीन्ह जाई। केवल उहइ चीजन बचिहीं जउन हिलाई न जाइ सकइँ।
28 अतः काहेकि जब हमका एक अइसेन राज्य मिलत बा, जेका झकझोरा नाहीं जाइ सकत, तउ आवा हम धन्यवादी बनी अउर आदर मिले भए क साथे परमेस्सर क आराधना करी।
29 काहेकि हमार परमेस्सर भस्म कइ डावइवाली एक आग अहइ।
Hebrews 13
1 भाई क समान परस्पर पिरेम करत रहा।
2 अतिथियन क सत्कार करब न भूला, काहे कि अइसेन करत भए कछू लोगन तउ अनजाना मँ ही सरगदूतन क स्वागत सत्कार किहे अहइँ।
3 बंदियन क इ रूप मँ याद करा जइसेन तूहऊँ ओनके साथी बन्दी रहा ह्वा। जेनके साथे बुरा व्यवहार भवा बा ओनकर एह तरह सुधि ल्या जइसेन माना तू खुद पीड़ित होत अहा।
4 बियाह क सबके आदर करइ चाही। बियाह क सेज क पवित्तर रखा। काहेकि परमेस्सर व्यभिचारियन अउर दुराचारियन क दण्ड देई।
5 अपने जीवन क धने क पिरेम स मुक्त रखा। जउन कछू तोहरे लगे बा, उही मँ सन्तोस करा काहेकि परमेस्सर तउ कहे बाटइ,“मइँ तोहका कबहुँ न छोड़ब, अउर तोहका कभी न तजबइ।” व्यवस्था विवरण 31:6
6 इही बरे हम बिसवास क साथे कहत हई,“पर्भू मोर सहायक, मइँ कबहुँ भयभीत न बनबइ। कउनउ मनइ मोर का करइ?” भजन संहीता 118:6
7 अपने नेतन क याद रखा जे तोहे परमेस्सर क बचन सुनाये अहइ। ओनकर जीवन विधि क परिणाम पे बिचार करा अउर ओनके बिसवास क अनुसरण करा।
8 ईसू मसीह काल्हिउ ही रहा, आजउ वइसेनइ अहइ अउर युग-युगान्तर तलक वइसेन ही रही।
9 हर तरह क अपरिचित उपदेस स भरमावा न जा। तोहरे मने क बरे अच्छा बा कि उ अऩुग्रह क द्वारा मजबूत बन रहा न कि खाइ-पअइ सम्बन्धी नियमन क मानइ स, जेनसे ओनकर कबहुँ कउनउ भला न भवा होइ, जे ओन्हे मानेन।
10 हमरे लगे एक अइसेन बेदी अहइ जइसेन प स खाइ क अधिकार ओनका न होइ जउन रावटी मँ सेवा करत हीं।
11 महाजायक परम पवित्तर स्थानन प पाप बलि क रूप मँ पसुवन क लहू त लइ जात हीं, मुला ओनकर सरीस डेरा स बाहेर जलाइ दीन्ह जात हीं।
12 इही बरे ईसू तउ खुद अपने लहू स लोगन क पवित्तर करइ क बरे नगर दुवार क बाहेर यातना झेलेस।
13 तउ फिन आवा हमहूँ इही अपमान क झेलत भए जेका उ झेले रहा, डेरन क बाहेर ओनके लगे चली।
14 काहेकि इहाँ हमार कउनो स्थायी नगर नाहीं बा बल्कि हम तउ ओह नगरक बाट जोहत अही जउन आवइवाला अहइ।
15 अतः आवा हम ईसू क द्वारा परमेस्सर क स्तुति रूपी बलिदान करी जउन ओन ओठन क फल अहइ जे ओनके नाउँ क पहिचाने हयेन।
16 अउर नेकी करब अउर आपन चीजन क अउरन क साथे बाँटब न भूला। काहेकि परमेस्सर अइसेनइ बलिदान स खुस होत ह।
17 आपने नेतन क आज्ञा माना। ओनके अधीन रहा। उ पचे तोहेप अइसेन चउकसी रखत हीं जइसेन ओन्हन मनइयन प रखी जात ह जेका आपन लेखा-जोखा ओन्हे देइ क बा। ओनकर आज्ञिया मानअ, जेसे ओनकर करम आनन्द बनी जाइ। न कि एक बोझ बनइ। काहेकि ओसे तोहर कउनउ लाभ न होये।
18 हमरे बरे बिनती करत रहा। हमका निस्चय कि हमार भावना ठीक बा। अउर हम हर तरह स उहइ करइ चाहित ह जउन उचित बा।
19 मइँ बिसेस रूप स आग्रह करित ह कि तू पराथना करत रहा ताकि जल्दी ही मइँ तोहरे लगे आइ सकउँ।
20 जे भेड़न क उ महान रखवाला हमार पर्भू ईसू क लहू द्वारा उ सनातन करार पे मोहर लगाइ क मरा भएन मँ स जियाइ उठायेस, उ सान्ति-दाता परमेस्सर आन्तरिक करार प्रभावित करे अहइ। तोहे सभन क अच्छी साधना स सम्पन्न करइ। जइसेन तू ओनकर इच्छा पूरी कइ सका। अउर ईसू मसीह क जरिये उ हमरे भित्तर उ सब कछू क सक्रिय करइ जउन ओनका भावत ह। जुग-जुगान्तर तलक ओनकर महिमा होत रहइ अउर जउन ओका अच्छा लागत रहइ। आमीन!
21
22 भाइयो तथा बहिनियो मोर आग्रह बा कि तू प्रेरणा देइवाला मोरे इ बचन क धारन करा। मइँ तोहे इ पत्र बहुत संछेप मँ लिखे हउँ।
23 मइँ चाहत अहउँ कि तोहे जानकारी होइ कि हमार भाई तीमुथियुस रिहा कइ दीन्ह गवा अहइ। अगर उ जल्दी ही आइ पहुँचइ तउ मइँ उही क साथे तोहसे मिलइ अउबइ।
24 अपने सभन अग्रणियन अउर परमेस्सर क लोगन क नमस्कार भेजत कहा। इतालियावाले स आवा सभी लोगन तोहे नमस्कार भेजत अहइँ। 25परमेस्सर क अनुग्रह तोहे सभन क साथे रहइ।
25
James 1
1 याकूब क जउन परमेस्सर अउर पर्भू ईसू मसीह क दास अहइ, संतन क बारह कुलन क नमस्कार पहुँचइ जइन समूचे संसार मँ फइला भवा अहइँ।
2 मोर भाइयो तथा बहिनियो, जब कबहुँ तू तरह तरह क परीच्छा मँ पड़ा तउ एका बड़ा आनन्द क बात समझा।
3 काहेकि तू इ जानत अहा कि तोहार बिसवास जब परीच्छा मँ सफल होत ह तउ ओसे धीरजपूर्ण सहन सक्ती पैदा होत ह।
4 अउर उ धीरजपूर्ण सहन सक्ती एक अइसेन पूर्णता क जनम देत ह जेहसे तू अइसेन सिद्ध अउर पूर्ण बन सकत ह जेहमाँ कउनउ कबहुँ नाहीं रहि जात।
5 तउन अगर तोहमाँ कछू विवेक क कमी अहइ तउ ओका परमेस्सर स मांग सकत ह। उ सबहिं क उदारता क साथे देत ह। उ सबहिं क उदार होइ क देइ मँ खुस होत ह।
6 बस बिसवास क साथे माँगा जाइ। तनिकउ भी संदेह न होइ चाही काहेकि जेका संदेह होत ह, उ सागर क ओह लहर क समान बा जउन हवा स उठत ह अउर थरथरात ह।
7 अइसेन मनई क इ नाहीं सोचइ चाही कि ओका पर्भू स कछू भी मिल पाई। अइसेन मनई क मन तउ दुविधा स ग्रस्त बा। उ अपने सभन करमन मँ अस्थिर रहत ह।
8
9 साधारण परिस्थितियन वाला भाइयन क गरब करइ चाही कि परमेस्सर तउ ओका आतिमा क धन दिहे अहइ।
10 अउर धनी भाइ क गरब करइ चाही कि परमेस्सर ओका आत्मिक गरीबी देखाए अहइ। काहेकि ओका त घास खिलइवाला फूल क नाई झर जाइ क बा।
11 सूरज कड़कड़ात धूप लइके उगत ह अउर पउधा क झुराइ डावत ह। ओनकर फूल पत्तियन झर जात हीं अउर सुन्दरता समाप्त होइ जात ह। इही तरह धनी मनई धन बरे योजना बनाने मँ ही समाप्त होइ जात ह।
12 उ मनई धन्य अहइ जउन परीच्छ मँ अटल रहत ह काहेकि परिच्छा मँ खरा उतरइ क बाद उ जीवन क ओह बिजय मुकुट क धारण करी जेका परमेस्सर अपने पिरेम करइवालन क देइ क बचन दिहे अहइ।
13 परीच्छा क घड़ी मँ कीहीउ क इ नाहीं कहइ चाही, “परमेस्सर मोर परीच्छा लेत अहइ,” काहेकि खराब बातन स परमेस्सर क कउनउ लेब-देब नाहीं होत। उ कउनो क परीच्छा नाहीं लेत।
14 हर कउनो आपन ही खराब इच्छन स भ्रम मँ फंसिके परीच्छा मँ पड़त ह।
15 फिन जब उ इच्छा गर्भवती होत ह तउ पाप पूरा बढ़ जात ह अउर उ मउत क जनम देत ह।
16 तऊन मोर पिआर भाइयो तथा बहिनियो, धोखा न खा।
17 हर एक उत्तिम दान अउर परिपूर्ण उपहार उप्पर स मिलत ह। अउर उ सबइ ओह परमपिता क जरिये जे सरगीय प्रकास (सूरज चाँद अउर तारन) क जनम दिहे अहइ, नीचे लइ आवत ह। उ जउन सभन प्रकासन का पिता अहइ। जो न कभउ बदलत ह अउर न छाया स प्रभावित होत ह।
18 परमेस्सर अपने इच्छा स सत्य क बचन दुआरा हमे जनम दिहेस जेहसे हम ओकरे द्वारा रचे गएन प्रानियन मँ सबसे महत्वपूर्ण सिद्ध होइ सकी।
19 मोर पिआरे भाइयो तथा बाहिनियो, खियाल रखा, हर कीहीउ क पत्परता क साथे सुनइ चाही, बोलइ मँ जल्दी न करा, अउर जल्दी सा किरोध न करा कर।
20 काहेकि मनई जब किरोध करत ह तब उ परमेस्सर क द्वारा बनाए भए रस्ता का पालन नाहीं कइ पावत।
21 सब घिनौना आचरण अउर चारहुँ ओर फइलत दुस्टताई स दूर रहा। अउर नरमी क साथे तोहरे हिरदइ मँ रोपा भवा परमेस्सर क बचन क पालन करा जउन तोहार आतिमन क उद्धार देवाई सकत ह।
22 परमेस्सर क उपदेस पे चलइ वाला बना, न कि केवल ओका सुनइवाला। अगर तू केवल ओका सुनबइ भर रहत ह तउ अपने आप क छलत अहा।
23 काहेकि अगर केउॅ परमेस्सर क उपदेस क सुनत तउ बाटइ मुला ओह प चलत नाहीं, तउ उ ओह मनई क समान बाटइ जउन अपने भौतिक मुँहे क दरपन मँ देखतेइ भर बाटइ।
24 उ खुद क अच्छी तरह देखतइ बा, पर जब उहाँ स चला जात ह तउ तुरन्त भूल जात ह कि उ कइसेन देखॉत रहा।
25 किन्तु जो परमेस्सर क उहइ सम्पूर्ण व्यवस्था क नजदीक स देखत ह, जेससे स्वतन्त्रता प्राप्त होत ह, अउर उही प आचरण भी करत ह अउर सुनिके ओहका भूले बिना आपन आचरण मँ उतार लेत ह, उही अपने करमन क बरे धन्य होइ।
26 अगर केऊ सोचत ह कि उ भक्त अहइ अउर अपने जीभ प कसिके लगाम नाहीं लगावत त उ धोखा मँ बा। ओकर भक्ति बेकार बा।
27 परमेस्सर क सामने सच्चे अउर सुद्ध आराधना ऊहई अहइ: जेहमाँ अनाथ अउर विधवन क ओनके दुख दर्द मँ सुधि लीन्हि जाइ अउर खुद क कउनउ सांसारीक कलंक न लागइ दीन्ह जाइ।
James 2
1 मोर पिआर भाइयो तथा बहिनियो, काहेकि महिमावान पर्भू ईसू मसीह मँ तोहार बिसवास बा, उ लोगन क प्रति पच्छपातपूर्ण न होइ।
2 कल्पना करा तोहरे सभा मँ कउनउ मनई सोना क अगँूठी अउर भव्य कपड़ा धारण कइके आवत ह। अउर तबहिं मइला कुचइला कपड़ा पहिरे एक गरीब मनई आवत ह।
3 अउर तू जे भव्य कपड़ा धारण किहे अहइ, ओका बिसेस महत्व देत भए कहत अहा, “इहाँ एह उत्तिम आसन प बइठा,” जब कि ओह गरीब मनई स कहत अहा, “उहाँ खड़ा रहा” या “मोरे गोड़न क लगे बइठि जा।”
4 अइसेन करत भए तू लोगन क बीच भेद भाऊ नाहीं किहा अउर खराब बिचारन क साथे निआवकर्ता नाहीं बनि गया?
5 मोर पिआरे भाइयो तथा बहिनियो, सुना, का परमेस्सर त संसार क आँखिन मँ ओन्हन गरीबन क बिसवास मँ धनी अउर ओह राज्य क उत्तराधिकारी क रूपे मँ नाहीं चुनेस? जेकर उ, जउन ओका पिरेम करत हीं, देइ क बचन दिहे अहइ।
6 परन्तु तू तउ ओह गरीब मनई का अपमान किहा ह। का इ धनिक मनइयन उहइ नाहीं हयेन, जउन तोह प नियत्रण करत हीं अउर तोह सबन क कचरहिउ मँ घसीट लइ जात हीं?
7 का इ उहई नाहीं हयेन, जउन मसीह क ओह अच्छे नाउँ क निन्दा करत हीं, जउन तोहे सबन क दीन्ह गवा बा?
8 अगर तू पवित्तर सासतरन मँ मिलइवाली एह अच्छी व्यवस्था क सहीयउ मँ पालन करत अहा, “अपने पड़ोसी स भी वइसेन ही पिरेम करअ, जइसे तू अपने आप स करत अहा।”तउ तू अच्छा ही करत अहा।
9 परन्तु अगर तू पच्छपात देखॅावत अहा तउ तू पाप करत अहा। फिन तोहका व्यवस्था क तोड़इवाला ठहरावा जाई।
10 काहेकि कउनउ अगर पूरी व्यवस्था क पालन करत ह अउर एक बात मँ चूकि जात ह तउ उ समूची व्यवस्था क उल्लंघन क दोसी होइ जात ह।
11 काहेकि जे इ कहे रहा, “व्यभिचार न करा।”उहइ तउ इहउ कहे रहा, “हतिया न करा।”तउन अगर तू व्यभिचार नाहीं करत्या परन्तु हतिया करत अहा तउ तू व्यवस्था क तोड़इवाला अहा।
12 तू उही लोगन क समान बोला अउर ओनही क जइसेन आचरण करा जेकर ओह व्यवस्था क अनुसार निआव होइ जात बा, जेसे छुटकारा मिलत ह।
13 जउन दयालुता नाहीं देखउतेन ओकरे बरे परमेस्सर क निआव बिना द्या के ही होइ। किन्तु दया निआव प बिजइ पावत ह।
14 मोर भाइयो तथा बहिनियो, अगर केउ मनई कहत ह कि उ बिसवासी बा त मुला कछू करम नाहीं करत तउ अइसेन स का लाभ जब तलक कि ओकरे करम बिसवास क अनुकूल न होइ? अइसेन बिसवास स का ओकर उद्धार कइ सकत ह?
15 अगर ईसू मँ लिप्त भाई अउ बहिन क पास कपड़न न होइ, अउर ओनके लगे खाइ तक क कछू भी न होइ,
16 अउर तोहमाँ सही केउ ओनसे कहइ “सान्ति स जियाअ, परमेस्सर तोहार कल्लियान करइ अपने क गरमावा अउर अच्छे तरह भोजन करा।” अउर तू ओनके सरीरीक जरूरतन क चीजन ओन्हे न द्या तउ फिन एकर का मूल्य बा?
17 इहइ बात बिसवास क समबन्ध मँ कहि जाउ सकत ह। अउर अगर बिसवास क साथे करम नाहीं बा तउ उ अपने आप मँ बिना प्राण क बाटइ।
18 परन्तु केउ कहि सकत ह, “तोहरे लगे बिसवास बा, जबकि मोरे लगे करम बा अब तू बिना करमन क आपन बिसवास देखावा अउर मइँ तोहे आपन बिसवास अपने करमन क द्वारा देखाउब।”
19 का तू बिसवास करत अहा कि परमेस्सर केवल एक बा? अद्भुत! दुस्ट आतिमा इ बिसवास करत ह कि परमेस्सर बा अउर उ काँपत रहत ह।
20 अरे मूरख! का तोहे प्रमाण चाही कि करम रहित बिसवास बेकार बा?
21 का हमार पिता इब्राहीम अपने करमन क आधार प ही ओह समइ परमेस्सर धर्मी नाहीं ठहरावा गवा रहा जब उ अपने बेटवा इसहाक क वेदी प अर्पित कइ दिहे रहा?
22 तू देखा कि ओकर इ बिसवास ओकरे करमन क साथे ही सक्रिय होत रहा। अउर ओकर करमन स ही ओकर बिसवास परिपूर्ण कीन्ह गवा रहा।
23 एह तरह पवित्तर सास्तर क इ कहा पूरा भवा रहा, “इब्राहीम तउ परमेस्सर प बिसवास किहेस अउर बिसवासे क अधार पे ही उ परमेस्सर का धर्मी ठहरा।”अउर इही स ही उ “परमेस्सर क दोस्त”कहा गवा।
24 तू देखा कि केवल बिसवासी स नाहीं, बल्कि अपने करमन स ही मनई परमेस्सर क धर्मी ठहरत ह।
25 इही तरह राहाब बेस्था भी बीका, जब उ परमेस्सर क दूतन क अपने घरे मँ स्वागत किहेस अउर फिन ओन्हे दुसरे रस्ता स कहूँ भेज दिहेस तउ ओह समइ का अपने करमन स परमेस्सर क धर्मी नाहीं ठहराई गइ।
26 एह तरह जइसेन बिना आतिमा क सरीर भरा हुआ बा, वइसेनइ करम बिना बिसवास क निर्जीव बा।
James 3
1 मोर भाइयो तथा बहिनियो, तोहमाँ स बहुतन क सिच्छक बनइ क इच्छा न करइ चाही। तू जनतइ अहा कि हम सिच्छकन क अउर जियादा कड़ाइ क साथे निआव कीन्ह जाई।
2 काहेकि मइँ सब कइयउ बातन मँ चूक जाइत ह। सभन स बहुत स भूल होतइ रहत हीं। अगर केउ बोलइ मँ कउनउ चूक न करइ तउ उ एक सिद्ध मनई अहइ तउ फिन अउर उ पूरी देह प नियन्त्रण कइ सकत ह?
3 हम घोड़न क मुँह मँ एह बरे लगाम लगावत अही कि उ हमरे बस मँ रहइ। अउर एह तरह ओनके पूरे सरीर क हम बस मँ कई सकित ह।
4 अउर जल-यानन क बारे मँ भी इ बात सत्य अहइ। देखा, चाहे उ जहानन केतनउ बड़ा होत हीं अउर सक्तिसाली हवा क द्वारा चलावा जात हीं, परन्तु एक छोटी स पतवार स ओनका नाविक ओन्हे जहाँ कहूँ लइ जाइ चाहत ह। ओह प काबू पाइ क ओन्हे लइ जात ह।
5 इही तरह जीभ, जउन सरीर क एव्क छोटी स अंग अहइ, तबहुँ बड़ी बड़ी बात कहि डावइ क डींग मारत रहत ह।अब तनिक सोचा एक जरा स लपट पूरा जंगल क जराइ सकत ह।
6 हाँ, जीभ: एक एक आग क साथ अहइ। इ बुराइ क एक पूरा संसार अहइ। इ जीभ हमरे सरीर क अंग मँ एक अइसेन अंग अहइ, जउन पूरा सरीर क नियन्त्रण मँ रखीके भ्रस्ट कइ डावइत ह अउर हमार पूरा जीवन चक्र मँ ही आग लगाइ देत ह। इ जीभ नरक क आग स धधकत रहत ह।
7 देखा, हर तरह क हिंसक पसु, पंछी, रेंगइवाला जीव जंतु अउर मछरी प्राणी मनई द्वारा बस मँ कीन्ह जाइ सकत ह अउर कीन्ह भी गवा अहइँ।
8 परन्तु जीभ क केउ भी मनई बस मँ नाहीं कइ सकत। इ घातक बिस स भरा एक अइसेन बुराइ अहइ जउन कभउँ चैन स नाहीं रहत।
9 हम इही जीभ स अपने पर्भू अउर परमेस्सर क स्तुति करत अही अउर इही जीभ स लोगन क जउन परमेस्सर क समानता मँ पैदा कीन्ह गवा अहइँ, मनइयन क कोसत अही।
10 एक्कइ मुँहे स स्तुति अउर अभिसाप दुन्नऊ निकरत हीं! मोर भाइयो तथा बहिनियो, अइसेन तउ न होइ चाही।
11 सोतन क एक्कइ मुहाने स भला का मीठ अउर खारा दुन्नऊ तरह क जल निकर सकत ह।
12 मोर भाइयो तथा बहिनियो, का अंजीर क पेड़े पे जइतून क लता प कभउँ अंजीर लगत ह? निस्चय ही नाहीं । अउर न तउ खारा स्रोत स कभउँ मीठ जल निकर पावत ह।
13 भला तोहमाँ, गियानी अउर समझदार कउन हयेन? जउन हयेन, ओका अपने करमन अपने अच्छे चाल चलन स उ नम्रता स प्रकट करम जउ गियान स उत्पन्न होत ह।
14 परन्तु अगर तू जउने लोगन क हिरदइ कड़वाहट, ईर्सा अउर सुवारथ भरा हुआ बा, तउन ओनके सामने अपने गियान क ढोल न पीटा। अइसेन कइके त तू सत्य प परदा डावत भए असत्य बोलत अहा।
15 अइसेन “गियान” तउ परमेस्सर स नाहीं, बल्कि उ त सांसारिक अहइ। आत्मिक नाहीं अहइ। अउर सइतान क अहइ।
16 काहेकि जहाँ ईर्सा अउर सुवारथ पूर्ण महत्वपूर्ण इच्छा रहत ह, उहाँ अव्यवस्था अउर भरम अउर हर तरह क खराब बात रहत हीं।
17 परन्तु परमेस्सर आवइवाला गियान सबसे पहिले तउ पवित्तर होत ह, फिन सान्तिपूर्ण, सहज-खुस करुना स भरा होत ह। अउर ओसे अच्छा करमन क फसल उपजत ह। उ पच्छपात रहित अउर सच्चा भी होत ह।
18 सान्ति क बरे काम करइवाले लोगन क भी धरमपूर्ण जीवन क फल मिली अगर ओका सान्तिपूर्ण तरीके मँ कीन्ह गवा अहइ।
James 4
1 तोहरे बीच लड़ाइ-झगड़ा क का कारन बाटेन? का ओनकर कारण तोहरे अपने ही भित्तर का वासना नाहीं बाटइ? तोहार उ भोग बिलासपूर्ण इच्छा भी जउन तोहरे भित्तर हमेसा द्वन्द्व करत रहत हीं?
2 तू लोग चाहत अहा परन्तु तोहे मिल नाहीं पावत। तोहमाँ ईर्सा बा अउर तू दुसरे क हतिया करत हया फिन जउन चाहत अहा, पाइ नाहीं सकत्या। अउर इही बरे तू लड़त-झगड़त रहत अहा अउर युद्ध करत अहा। आपन इच्छित चीजन क तू पाइ नाहीं सकत्या काहेकि तू ओन्हे परमेस्सर स नाहीं मँगत्या।
3 अउर जब मांगत भी अहा लेकिन पउत्या नाहीं काहेकि तोहार उद्देस्स पवित्तर नाहीं होत। काहेकि तू ओन्हे अपने भोग-बिलास मँ ही नस्ट करइ क बरे माँगत अहा।
4 अरे, बिसवास बिहीन लोगो! का तू नाहीं जानत अहा कि संसार स पिरेम करइ का मतलब होत ह परमेस्सर स घिना करब जइसेन ही बाटइ? जउन कउनउ एह दुनिया स दोस्ती रखइ चाहत ह, उ अपने आपके परमेस्सर क सत्रु बनावत ह।
5 का तू अइसेन सोचत ह कि पवित्तर सास्तर अइसेन बेकारइ मँ कहत ह, “परमेस्सर तउ हमरे भित्तर जउन आतिमा दिहे अहइ, उ आतिमा केवल अपने बरे ही सोचत ह।”
6 परन्तु परमेस्सर तउ हम पे बहुत जियादा अनुग्रह दरसाए अहइ, इही बरे पवित्तर सास्तर मँ कहा गवा बा, “परमेस्सर घमंडियन क विरोधी अहइ जबकि विनम्र जनन पे आपन अनुग्रह दरसावत ह।”
7 इही बरे अपने आपके परमेस्सर क अधीन कइ द्या। सइतान क विरोध करा। उ तोहरे सामने स भागि खड़ा होइ।
8 पममेस्सर क लगे आवा, उहउ तोहरे लगे आवइ। अरे पापियन, आपन हाथ सुद्ध करा अउर अरे संदेह करइवालन, अपने हिरदइ क पवित्तर करा।
9 सोक करा, बिलाप करा अउर रोवा। होइ सकत ह तोहरे इ हँसी सोक मँ बदलि जाइ अउर तोहरे इ खुसी बिसाद मँ बदलि जाइ।
10 पर्भू क सामने खुद क नवावा। उ तोहे ऊँचा उठाई।
11 भाइयो तथा बहिनियो, एक दुसरे क विरोध मँ बुरा बोलब बन्द करा। जउन अपने ही भाई क विरोध मँ बुरा बोलत हीं, अउर ओका दोसी ठहरावत हीं, उ व्यवस्था क दोसी ठहरत ह। अउर उ व्यवस्था प दोस लगावत अहा अउर यदि तू व्यवस्था प दोस लगावत अहा तउ व्यवस्था क पालन करइवाला नाहीं रहत्या बरन स्वयं ओकरे निआवकर्ता बन जात अहा।
12 लेकिन व्यवस्था क देइवाला अउर ओकर निआव करइवाला तउ बस एक्कइ बा। अउर उहइ रच्छा कइ सकत ह अउर उहइ खतम करत अहइ। तू फिन अपने साथी क निआव करइवाला तू कउन होत ह्या?
13 अइसेन कहइवाले सुना, “आजु या काल्हि हम एह या ओह नगर मँ जाइके एक साल भर उहाँ व्यपार मँ धन लगाइके बहुत स पइसा बनाइ लेबइ।”
14 परन्तु तू त एतनउ नाहीं जनत्या कि काल्हि तोहरे जीवन मँ का होइ! देखा! तू त ओह धुंध क समान अहा जउन रचिके देर बरे देखॉत ह अउर फिन खोइ जात ह।
15 तउन एकरे स्थान प तोहका तउ हमेसा इहइ कहइ चाही, “यदि पर्भू की इच्छा होइ तउ हम जीवित रहबइ अउर इ या उ काम भी करबइ।”
16 परन्तु स्थिति तउ इ बा कि तू तउ अपने आडम्बर पइ खुदइ गरब करत ह्या। अइसेन सब गरब बुरा बाटइ।
17 तउ फिन इ जानत भए इ उचित बा, ओका न करब पाप बा।
James 5
1 धनवान लोगो सुना! जउन विपत्तियन तोह प आवइवाली बाटिन, ओकरे बरे रोवा अउर ऊँचा स्वरे मँ बिलाप करा।
2 तोहर धन सड़ा चुका बा। तोहार पोसाकन कीड़न द्वारा खाइ लीन्ह गइ बा।
3 तोहार सोना, चाँदी जंग लग जाइसे रंग बिगड़ गवा बा। ओह पे लगी जंग तोहरे विरोध मँ साच्छी देई अउर तोहरे सरीर को आगी की तरह चाट जाई। तू अन्तिम दिनन ब्बरे आपन खजाना बचाइके रक्खो अहा।
4 सोचा, तोहरे खेतन मँ जउन मजूदरन काम किहेन, तू ओनकर मेहनताना नाहीं दिए अहा ओका रोकि रखे अहा। उहई मेहनताना चीख पुकार करत बाटइ। अउर खेतन मँ काम करइवालन क उ चीख पुकारइ सर्वसक्तिमान पर्भू क कानन तलक जाइ पहुँची बा।
5 धरती पे तू बिलासपूर्ण व्यर्थ जीवन जिए अहा अउर अपने आपके भोग बिलासन मँ हुबोए रखे अहा। एह तरह तू अपने आपके बध कीन्ह जाइके दिनके बरे पाल पोसी क हिस्ट-पुस्ट कइ लिहे अहा।
6 तू भोले लोगन क दोसी ठहराइके ओनके कीहीउ प्रतिरोध क अभाव मँ ही ओनकर हतिया कइ डाया ह।
7 तउन भाइयो तथा बहिनियो, पर्भू क फिन स आवइ तलक धीरज धरा। उ किसान क धियान धरा जउन आपन धरती क मूल्यवान उपज क बरे बाट जोहत रहत ह। एकरे बरे उ सुरु क बरखा स लइके बाद क बरखा तलक हमेसा। धीरज क साथे बाट जोहत रहत ह।
8 तोहे भी धीरज क साथे बाट जोहइ चाही। अपने हिरदइ क मजबूत बनाए रखा काहेकि पर्भू क द्वारा आउब लगे ही बा।
9 भाइयो तथा बहिनियो, आपस मँ एक दुसरे क सिकाइत न करा ताकि तोहे अपराधी न ठहरावा जाइ। देखा, निआवकर्ता दरवाजे क ड्योढ़ी प खड़ा बा।
10 भाइयो तथा बहिनियो, ओन नबियन क याद रखा जे पर्भू क बरे बोलेन ह। उ हमरे बरे जातना झेलइ अउर धीरज स भरी समहनसीलता क उदाहरण हयेन।
11 धियान रखा, हम ओनकर सहनसीलता क कारण ओनका धन्य मानित अही। तू अय्यूब क धीरज क बारे मँ सुने ही अहा। अउर पर्भू तउ ओका ओकर आखिर मँ कउन परिणाम प्रदान किहेस, काहेकि तू भी जनतइ अहा कि पर्भू केतॅना दयालु अउर करुनापूर्ण अहइ।
12 मोर भाइयो तथा बहिनियो, सबसे बड़ी बात इ बा कि सरग क अउर धरती क या कीहीउ तरह क कसम खाइ छोड़ि द्या। तोहार “हाँ, हाँ होइ चाही, अउर “ना”, ना होइ चाही। ताकि तोहका दोसी न ठहरावा जाइ सकइ।
13 अगर तोहमाँ स कउनो विपत्ति मँ पड़ा बा तउ ओका पराथना करइ चाही अउर अगर केउ खुस बा तउ ओका स्तुति-गीत गावइ चाही।
14 अगर तोहरे बीच कउनो रोगी बा तउ ओका कलीसिया क निरीच्छकन क बोलावइ चाही कि उ ओकरे बरे पराथना करइ अउर ओह प पर्भू क नाउँ मँ तेल मलइ।
15 बिसवास क साथे कीन्ह गइ पराथना स रोगी निरोगी होत ह। अउर पर्भू ओका उठाइके खड़ा कइ देत ह। अगर उ पाप किहे अहइ त पर्भू ओका छमा कइ देइ।
16 इही बरे अपने पापन क परस्पर स्वीकार अउर एक दुसरे क बरे पराथना करा ताकि तू भला चंगा होइ जा। अच्छा मनई क पराथना सक्तिसाली अउर प्रभावपूर्ण होत ह।
17 एलिय्याह एक मनई ही रहा ठीक हमरे जइसा। उ तेजी क साथे पराथना किहेस कि बरखा न होइ अउर साढ़े तीन साल छह महीना तलक धरती प बरखा नाहीं भइ।
18 उ फिन पराथना किहेस अउर अकास मँ बरखा उमड़ि पड़ी अउर धरती आपन फसल उपजाएस।
19 मोर भाइयो तथा बहिनियो, तोहमाँ स कउनो अगर सत्य स भटकि जाइ अउर ओका कउनउ फिन लउटाइ लइ आवइ तउ ओका इ पता होइ चाही कि
20 0जउन कीहीउ पापी क पाप क रस्ता स लउटाइ लियावत ह उ ओह पापी क आतिमा क अनन्त मउत स बचावत ह अउर ओकरे कइयउ पापन क छमा कीन्ह जाइ क कारण बनत ह।
1 Peter 1
1 पतरस कइँती स, जउन ईसू मसीह क प्रेरित अहइ, परमेस्सर क उ चुने भए लोगन क नाउँ जउन पुन्तुस, गलातिया, कप्पदुकिया, एसिया अउर बिथुनिया क छेत्रन मँ सब कहूँ फैले अहइँ।
2 तू जेनका परमपिता परमेस्सर क पूर्व गियान क हिसाब स चुना गवा अहइ, जउन अपनी आतिमा क पवित्तर करइ जिनका ओनकइ आज्ञाकारी होइ खातिर अउर जेनपइ ईसू मसीह क लहू छिड़काव स पवित्तर कीन्ह जाइ क खातिर चुना गवा रहा तू पचन्क ऊपर परमेस्सर क अनुग्रह अउर सांति ज्यादा स ज्यादा होत रहइ।
3 हमरे पर्भू ईसू मसीह क परमपिता परमेस्सर धन्य होइ। मरे भए मँ स ईसू मसीह फिन जिअइ क कारण स ओकर अपार करुणा मँ स सजीव आसा पावइ खातिर उ हमका नवा जनम दिहे अहइ।
4 जेहिसे सरग मँ सुरच्छित ढंग स रखे भए अजर-अमर अउर जेनका नस्ट नाहीं कीन्ह जाइ सकत सरगे मँ तोहरे बरे सुरच्छित अहइ।
5 जे आपन बिसवास दुआरा परमेस्सर स सुरच्छित अहइँ ओनका उ उद्धार जउन समइ क अंतिम कोना मँ प्रकट होइ क हइ, मिल जाइ।
6 एह पइ तू बहुत प्रसन्न अहा। मुला अब तू पचन्क तनिक बरे खातिर तरह तरह क इम्तहान मँ पड़िके दुखी होब जरूरी अहइ।
7 जेहिसे तू पचन्क जउन परखा नासवान भवा बिसवास अहइ, जउन आगी मँ परखा नासवान सोनो स ज्यादा कीमती अहइ, ओहका जब ईसू मसीह परगट होई, परमेस्सर स प्रसंसा महिमा अउर आदर मिलइ चाही।
8 तू पचे ईसू मसीह क देखे नाहीं अहा, मुला तू पचे ओसे पिरेम करत अहा। चाहे तू पचे ओका दइ नाहीं पाए रह्या ह, मुला तबउ ओहमाँ बिसवास रखत अहा अउर एक अइसे आनन्द स भरा भवा अहा जउन कहइ लायक नाहीं अहइ एउर महिमावान अहइ।
9 अउर तू पचे अपने बिसवास क कारण लच्छ तक पहुँच रहे अहा जेहसे आतिमा क तउ उद्धार होइ।
10 इ उद्धार क बारे मँ उ नबियन बड़े मेहनत स पता लगाइन हइ अउर बड़ी हुसयारी स पता खोजेन हइ, जउन तउ प परगट होइवाले अनुग्रह क भविस्सबाणी क दिहे रहेन।
11 उ नबियन मसीह क आतिमा स इ जानिन जउन मसीह प होइवाले दुःखन क बतावत रही अउर उ महिमा जउन दुःखन क बाद परगट होई। इ आतिमा ओनका बतावत रही। इ बातन इ दुनिया मँ कब होइहीं अउर तब इ दुनिया मँ का होइ।
12 ओनका इ देखाइ दीन्ह गवा रहा कि उ बातन क प्रवचन करत भए उ पचे आपन सेवा खुदइ नाही करत रहेन बल्कि तोहार सबन्क करत रहेन। उ बतियन तू सबन्क सरग स पठए गए पवित्तर आतिमा क दुआरा तू पचन क ओन लोगन स जउन सुसमाचार मिला जे तोहरे बरे लिआवत रहेन। अउर उ बातन क जानइ क खातिर सरगदूतन तरसत अहइँ।
13 इ खातिर आपन दिमाग काम क बरे तइयार रखा अउर अपने ऊपर नियंत्रण रखा। उ बरदान जउन ईसू मसीह क परगट अहइ प तू पचन्क मिलइवाला अहइ, पूरी असा रखा।
14 आग्या मानइवाले बचवन क नाईं उ समइ क बुरी इच्छन क हिसाब स अपने क न ढाला जउन तू पचन मँ पहिले स रही जब तू पचे अग्यानी रह्या।
15 बल्कि जइसे तू सबन क उ परमेस्सर जउन सबन्क बोलावत अहइ पवित्तर अहइ उहइ क तरह अपने करमन मँ पवित्तर बना।
16 पवित्तर सास्तरन मँ लिखा अहइ: “पवित्तर बना, काहेकि मइँ पवित्तर अहउँ।”
17 अउर अगर तउ प्रत्येक करमन क हिसाब स पच्छपात रहित होइके निआव करइवाले परमेस्सर क हे पिता! कहिके पुकारत अहा तउ उ परमेस्सर सबन क संग बिना भेद-भाव क निआव करत ह। तउ इ परदेसी धरती मँ अपने रहइ वाले दिनन क इज्जत अउर परमेस्सर क डर क संग बितावा।
18 तू इ जानत अहा कि सोना या चाँदी जइसेन वस्तुअऩ स तू पचे उ व्यर्थ जीवन स छुटकारा नाही पाइ सकत अहा जउन तू पचन क तोहरे पूर्वजन स मिला बाटइ।
19 बल्कि उ तउ तू पचन के निर्दोस अउर कलंक रहित मेमने क समान मसीह क कीमती लहू स तू सबन क मिला सकत ह।
20 इ संसार क बनइ स पहिलेन ओहका चुन लीन्ह गवा रहा मुला तू पचे खातिर अन्तिम दिनन मँ परगट कीन्ह गवा ह।
21 उ मसीह क कारण तू पचे उ परमेस्सर मँ बिस्सास करत रह्या जउन मरे भएन मँ स जियाइ दिहेस अउर महिमा दिहेस। इ तरह परमेस्सर मँ तोहारे आसा अउर बिस्सास स्थिर अहइ।
22 अब तू सत्य क पालन करत भए, नीक भाईचारा अउर पिरेम क प्रदर्सित करइ खातिर अपने आतिमा क पवित्तर क लिहे अहा, पवित्तर हिरदय क साथ परस्पर पिरेम क आपन लच्छ बनाइ ल्या।
23 तू नासमान क बीज स फिन स जीवन प्राप्त नाही किहा ह बल्कि इ उ बीज क परिणाम अहइ जउऩ अमर हइ। तोहार पुनर्जनम परमेस्सर क उ नीक सन्देस स भवा अहइ जउन जिअत अहइ अउर हमेसा अटल रहत ह।
24 काहेकि पवित्तर सास्तर कहत ह,“प्राणी त सबइ घास बराबर अहइँ, अउर ओऩके सज, धज सब घास क फूलन जइसी, घास सब सूख जात ह अउर फूल उड़ जात ही।
25 मुला टिका रहत ह परमेस्सर क इ संदेसा सदा हीं।”यसायाह 40:6-8इ उहइ नीक संदेसा अहइ जेहका तोहका उपदेस दीन्ह गवा ह।सजीब पाथर अउर पवित्तर प्रजा
1 Peter 2
1 इहइ खातिर सब बुराइयन, छल-छदम पाखण्ड अउर बैर-विरोधन अउर दुसर क दोख मढ़इ स अलग रहा।
2 नवजात बचवन क तरह सुद्ध आत्मिक दूध खातिर ललचावा करा जेहसे तोहार विकास अउर तोहका बचावा जाइ सकइ।
3 अब देखा तू पचे तउ परमेस्सर क अच्छाई क स्वाद तउ लइ ही लिहे अहा।
4 ओह क लगे आवा। उ सजीव “पाथर” अहइ। वहिका संसारी लोगन क नकार दिहे रहा मुला उ परमेस्सर खातिर बहुमूल्य अहइ अउर जउन ओकरे दुआरा चुना गवा अहइ।
5 तू पचे भी सजीव पाथरन क तरह एक आत्मिक मन्दिर क रूप मँ बनाइ जात अहा। जइसेन पवित्तर याजकन क रूप मँ सेवा कइ सका। जेहमा कर्तव्य अइसेन आत्मिक बलिदानन क समर्पित करब अहइ जउन ईसू मसीह क दुआरा परमेस्सर क ग्रहण करइ लायक होइ।
6 पवित्तर सास्तर मँ लिखा बा:“देखउ, मइँ राखत हउँ सिय्योन मँ कोने क पाथर एक जउन अहइ बहुमूल्य अउर अहइ चुना गवा अहइ जउन ओह पइ जउन बिस्सास करी ओका कबहुँ क लजाइ न परी।” यसायाह 28:16
7 एकर मूल्य तउ ओहके बरे अहइ जउन बिस्सास करत ही मुला ओनके खातिर जउन बिस्सास नाही करत अहइँ:“उ पाथर जेका सिल्पियन नकारिन बन गवा सबन त जियादा महत्त्वपूर्ण कोने क पाथर।”भजन संहिता 118:22
8 तथा उ बन गवा:“एक पाथर जहाँ लोग ठोकर खाइ अउर अइसी चट्टान जहाँ स मनई फिसल जाइँ।”यसायाह 8:14लोग ठोकर खात हीं काहेकि उ परमेस्सर क वचन क पालन नाही करतेन बस ओनकइ इही नीत रही बाटइ।
9 मुला तू तउ चुने भए लोग अहा, याजकन क राज्ज, एक पवित्तर रास्ट्र एक अइसेन मनइयन जउन परमेस्सर क आपन अहइँ, जइसेन तउ परमेस्सर क अचरज कारजन क घोसणा कइ सका।” उ परमेस्सर जउन तोहका अन्धकार स अद्भुत प्रकास मँ बोलाएस ह।
10 एक समइ रहा जब तू परमेस्सर क लोग नाही रह्या। मुला अब तू परमेस्सर क लोगन अहा। एक समइ रहा जब दया क पात्र नाही रह्या मुला अब तू सबन प परमेस्सर दया देखाइस ह।
11 पिआरे बन्धुअन, तू पचे इ संसार मँ अतिथि अउर अजनबी क रूप मँ अहा एह बरे मइँ तू पचन स निवेदन करत अहउँ कि उ सारीरीक इच्छन स दूर रहा जउन तोहारे पचन क आतिमा स जूझत ही।
12 अबिस्सासियन मँ आपन व्यवहार ऍतना नीक बनाए रहा कि चाहे उ अपराधियन क रूप मँ तोहार सबन क आलोचना करइँ मुला तोहरे नीक कर्मन क परिणाम सरूप परमेस्सर क आवइ क दिन मँ परमेस्सर क महिमा प्रदान करा।
13 पर्भू खातिर हर मनवीय अधिकारिक क अधीन रहा।
14 राजा क अधीन रहा। उ सर्वोच्च अधिकारी अहइ। सासकन क अधीन रहा। उ ओनका कुकर्मीमयन क दण्ड देइ खातिर अउर नीक काम क प्रसंसा करइ क खातिर भेजे अहइ।
15 काहेकि परमेस्सर क इहइ इच्छा अहइ कि उ अपने नीक कर्मन क मूरखन क अगियान भरी बातन क चुप कराइ देइ।
16 स्वतंत्र मनइयन क तरह जिआ मुला स्वतंत्रता क बुरे कर्मन क आड़ न बनइ द्या। परमेस्सर क सेवक बनके जिआ।
17 सबन क सम्मान करा। अपने धरम भाइयन तथा बहिनियन स पिरेम करा। परमेस्सर प श्रद्धा रखा। सासक क सम्मान करा।
18 सेवको, यथोचित आदर क साथ अपने स्वामियन क अधीन रहा। न केवल ओनके जउन नीक बाटेन अउर दूसरे क खातिर चिन्ता करत अहइँ। बल्कि ओनके बरे जउन कठोर अहइँ।
19 काहेकि जदि कउनो परमेस्सर क उपस्थिति क प्रति सचेत रहत भए यातना सहत ह अउर अन्याय झेलत ह तउ उ प्रसंसनीय अहइ।
20 मुला अगर बुरे करम क खातिर तोहका पीटा जात ह अउर तू ओका सहत ह तउ एहमाँ प्रसंसा क कउन बात अहइ, मुला अहगर तोहरे कर्मन खातिर तोहका कस्ट दीन्ह जात ह तउ परमेस्सर क सामने उ प्रसंसा क जोग्य अहइ।
21 परमेस्सर तोहका इ खातिर बोलइस ह काहेकि मसीह हमरे बरे दुःख उठाएस ह अउर इ कइके हमरे बरे एक उदाहरण छोड़ेस ह ताकि मइँ ओहका चरण चिन्हन प चल सकउँ।
22 “उ (मसीह) कउनो पाप नाही किहेस अउर न ही ओकरे मुँहे स कउनो छल की बात निकरी।” यसायाह 53:9
23 जब उ अपमानित भवा तउ उ कउनो क अपमान नाही किहेस अउर जब उ दुःख झेलेस, उ कउनो क धमकी नाही दिहस, बल्कि उ सच्चे निआव करइवाले परमेस्सर क आगे आपन क अर्पित कइ दिहेस।
24 उ क्रूस अपने देह मँ हमरे पापन क ओढ़ लिहेस। जइसेन अपने पापन क प्रति हमार मउत होइ जाइ अउर जउन कछू नेक अहइ मइँ ओकरे बरे जिई, ई उ घावन क कारण भवा ह जेनसे तू पचे चंगे कीन्ह गए रह्या।
25 काहेकि तू भेड़न क समान भटके रह्या अउर अब तू पचे अपने गड़िया अउर अपनी आतिमन क बचइया लगे लउतटि आए अहा।
1 Peter 3
1 इहइ तरह पत्नियन अपने पतियन क अधीनता मानत रहइँ। जइसेन यदि ओनमाँ स कउनो परमेस्सर क उपदेस क पालन नाही करतियन तउ उ पचे कछू तोहरे पवित्तर अउर आदरपूर्ण चाल चलन स जीत लीन्ह जाइँ, बिवा कउनो बात-चीत क उ सबइ जउने तरह तू पचे अच्छी तरह स रहित अहा।
2 तोहार पति लोग तोहार पवित्तर जीवन क देखिही जउन तरह तू पचे परमेस्सर क आदर देत भए रहबिउँ।
3 तोहार साज सिंगार बाहरी न होइ क चाही महतलब जउन बात क चोटी गुहइ, सोने क आभूसण पहिरइ अउर नीक नीक कपड़ा पहिरइ स होत ह।
4 बल्कि तोहार सिंगार तउ तोहरे भीतर क व्यक्तित्व होइ चाही जउन कोमल सान्त आतिमा क अविनासी सौन्दर्य स युक्त होइ। परमेस्सर क दृस्टि मँ जउन मुल्यावान होइ।
5 काहेकि बीते जुग मँ उ सबइ स्त्रियन क, अपने क सजावइ क इहइ ढंग रहा, जइसेन ओनकर सबइ आसा परमेस्सर प टिकी अहइँ उ पचे अपने पति क अधीन रहत रहिन।
6 जइसेन इब्राहीम क आग्या मानइवाली रहइवाली सारा जउन ओका आपन सुआमी मानत रही। तू पचे भी अगर नीक काम करत अहा अउर डेरात नाही अहा तउ सारा क बिटिया ही अहा।
7 अइसेन ही तू सबइ पति लोगन, अपनी पत्नियन क साथ समझदारी स रहा, काहेकि वह सारीरीक दृस्टि स कमज़ोर अहइँ। जीवन क बरदान मँ ओनका आपन आपन उत्तरधिकारी माना जइसेन तोहरे पराथना मँ बाधा पड़इ।
8 आखिर मँ तू पचन क सान्ति स रहइ चाही। एक दूसर क समझइ क कोसिस करा। एक दूसर स भाइयन क तरह पिरेम करा। दयालु अउर नरम बना।
9 एक बुराई क बदला दूसर बुराई स न द्या कि गाली क बदले गाली द्या। एकरे विपरीत आसीस द्या। काहेकि परमेस्सर तोह पचन क आसीर्बास देइ बरे बोलाएस ह। इहइ स तू पचन्क परमेस्सर क आसीर्बाद क उत्तराधिकार मिली।
10 पवित्तर सास्तर कहत ह:“जउन जीवन आनन्द उठाइ चाही जउन समइ की सद्गति क देखइ चाही ओका कि कबहूँ बुरा न बोलइ उ अपने ओठन क छल वाणी स रोकइ
11 बुराई स अपने क अलग रखइ। उ करइ सदा उ नेक करमन क जउन अहइ नीक चाही ओका कर जतन सान्ति पावइ चाही ओका अनुसरण करइ सान्ति क
12 पर्भू की आँखियन अहइँ टिकी ओनहियन प जो नीक अहइँ लागे कान पर्भू क ओनकी पराथना प पइ जउन करत अहइँ बुरा करम मुँहना सदा फेरत अहइ पर्भू ओनसे।”भजन संहिता 34:12-16
13 अगर जउन उत्तम अहइ तू पचे उहि क करइ क लालयित रहा तउ भला कउनो तोह सबन क नुकसान पहुँचाइ सकत ह।
14 मुला अगर तोहका भले क खातिर दुःख उठावइ क पड़इ तउ तू सब धन्य अहा। “इहइ खातिर कउनो क भय स भयभीत न रहा अउर न ही परेसान ह्वा अउर न विचालित।”
15 अपने मन मँ मसीह क पर्भू क प्रति नरम ह्वा, श्रद्धा स नत ह्वा! तू जउन बिस्सास रखत अहा अगर कउनो ओकरे बार मँ पूछइ तउ सदा उत्तर देइ क तइयार रहा।
16 मुला विनम्रता अउर आदर क साथ अइसा करा। आपन हिरदइ सुद्ध राखा जइसेन अपने अच्छे मसीह व्यवहार स तोहरे नीक गुणन क निन्दा करइवाले तोहार अपमान करत भए लजाइँ।
17 अगर परमेस्सर क इहइ इच्छा अहइ कि क अच्छा बाटइ अच्छे काम करत भए दुःख उठावा इ नाहीं कि बुरा करत भए।
18 काहेकि ईसू मसीह भी हमरे पाप खातिर दुःख उठाइस। मतलब उ निर्दोस रहइ हम सबइ पापियन खातिर एक बार मरि गवा ताकि हमका परमेस्सर क नगीचे लइ जाइ। सरीर क भाव स तउ उ मारा गवा मुला आतिमा मँ जियावा गवा।
19 आतिमा क स्थिति मँ उ जाइके जउन जेल मँ बंदी आतिमन रहेन ओन बंदी भइयन आतिमन क उपदेस दिहेस।
20 जउन उ समइ परमेस्सर क आग्या न मानइवाली सबइ आतिमा रहिन जब नूह क नाव बनाई जात रही अउर परमेस्सर बड़े धीरज क साथ प्रतीच्छा करत रहा। उ नाव मँ थोड़ेन-मतलब आठइ मनई पानी स बचावा जाय सेकन।
21 इ पानी उ बपतिस्मा क तरह अहइ जेहसे अब तोहार उद्धारण होत अहइ। बपतिस्मा सरीर क मैल क छोड़ावइ बरे नाही अहइ, बल्कि सुद्ध अंत:करण खातिर परमेस्सर स बिनती अहइ। अब तउ बपतिस्मा तोहका ईसू मसीह क पुनरुत्थान क दुआरा बचावत अहइ।
22 उ ईसू सरग मँ गवा अउर अब परमेस्सर क दाहिने हाथ बिराजमान अहइ अउर अब सरगदूत, अधिकारियन अउर सबइ सक्तियन ओकरे अधीन कइ दीन्ह गइ अहइँ।
1 Peter 4
1 जब मसीह सारीरीक कस्ट उठाएस तउ तू पचे उहइ मानसिकता क सास्सतर क तरह धारण करा काहेकि जउन सरीर स दुःख उठावत ह उ आपन क छुटकारा पाइ लेत ह
2 इ बरे फिन मनइयन बुरी इच्छा क अनुसरण न करइँ। बल्कि परमेस्सर क इच्छा क हिसाब क करम करत भए अपने बाकी भौतिक जीवन क सर्मपित कइ देइँ।
3 काहेकि तू अबहिं तलक अबोध व्यक्तियन क तरह विसय भोग, सब वासना, पियक्कड़पन, उन्माद स भरे गए आमोद-प्रमोद, मधूपान उत्सवन अउर घृणा-पूर्ण मूरति पूजा मँ बहोतइ जियादा समइ बिताइ चुका अहा।
4 अब जब तू जंगली अउर निरर्थक रहन-सहन मँ साथ नाही देत अहा। तउ ओनका अचरज होत ह। उ पचे तोहार निन्दा करत ही।
5 ओनका जउन मर चुका अहइँ या जिन्दा अहइँ, अपने व्यवहार क लेखा जोखा मसीह क देइ क पड़ी जउन ओनकइ निआव करइवाला अहइ।
6 इहइ बरे ओन बिस्सासियन क जउन मर चुका बाटेन सुसमाचार क उपदेस दीन्ह गवा अहइ कि सारीरीक रूप स चाहे निआव मनइयन क स्तर पइ होइ मुला आत्मिक रूप स परमेस्सर क अनुसार रहइँ।
7 उ समइ निकट अहइ अब सबइ कछू क अन्त होइ जाई। एह बरे समझदार बना अउर अपने प काबू राखा ताकि तोहका पराथना करइ मँ सहायता मिलइ
8 अउर सबसे बड़ी बात इ अहइ कि एक दूसरे क प्रति लगातार पिरेम बनाए राखा काहेकि पिरेम स अनगिनत पापन क निवारण होत ह।
9 बिना कछू कहे सुने एक दूसर क स्वागत सत्कार करा।
10 जउन परमेस्सर कइँती स केउ क बरदान मिला ह, ओका चाही कि परमेस्सर क नीक प्रबन्धकन क सामान, एक दूसरे क सेवा खातिर ओका काम मँ लावइ।
11 जउन प्रबचन करइ, उ अइसा करइ मानो परमेस्सर स निकरे बचनन क सुने रहा होइ। जउन सेवा करइ उ इ सक्ती स करइ जेहमाँ परमेस्सर प्रदान करत ह जेहसे सबइ बातन मँ ईसू मसीह क दुआरा परमेस्सर क महिमा होइ। महिमा अउर सामर्थ्य सर्वदा उहइ क अहइ। आमीन।
12 पिआरे बन्धुअन, तोहरे बीच क ई अग्नि परीच्छा क जउन तोहका परखइ खातिर होइ, ऐसे अचरज जिन करा जइसेन तोहरे साथ कउनो अनहोनी घटना घटत होइ।
13 बल्कि आनन्द मनावा कि तू पचे ईसू मसीह क सबइ यातना मँ हिस्सा बटावत अहा। ताकि जब ओनकइ महिमा परगट तउ तोहमाँ आनन्दित अउर मगन रहि सका।
14 यदि मसीह क नाउँ प तू पचे अपमानित होत अहा तउ तू ओका सहा काहेकि तउ मसीह क अनुयायी अहा, तू धन्य अहा काहेकि परमेस्सर क महिमावान आतिमा तोहरे साथ बाटइ।
15 तउ तू पचेन मँ स कउनो हत्यारा चोर, कुकर्मी अथवा दूसरे क काम मँ हस्तक्षेप करइवाला बनके दुःख न उठावइ।
16 मुला अगर उ मसीही क अनुयायी होइ क कारण दुःख उठावत ह तउ ओका लज्जित न होइ क चाही। ओका तउ परमेस्सर इस नाउँ क बरे धन्यवाद देइ क चाही।
17 काहेकि परमेस्सर अपनेन परिवार स सुरु होइके निआव सुरु करइ समइ आइ पहुँचा अहइ। अउर अगर इ हमहिन स सुरु होत हतउ जउन परमेस्से क नीक सुसमाचार क स्वीकार नाही कीन्ह होइ। ओनमाँ क होइ।
18 अउर “यदि इ अच्छे व्यक्ति क उद्धार क पाउब कठिन अहइ तउ परमेस्सर विहीन अउर पापियन क साथे क होई।”
19 तउ फुन जउन परमेस्सर क इच्छानुससार दुःख उठावत ह, ओनका नीक काम करत भए, उ बिस्सासमय, सिस्टी क रचयिता क आपन-आपन आतिमा सौंप देइ क चाही।
1 Peter 5
1 अब मइँ तोहरे बीच जउन बुजुर्ग अहइँ ओनसे निवेदन करित हउँ मइँ खुद एक बुजुर्ग अहउँ अउर मसीह जउन यातना झेलेस ह, ओके साच्छी हउँ, जउन ओकरे भावा महिमा परगट होई ओकर सहभागी हउँ।
2 राह देखावइवाले परमेस्सर क जनसमूह तोहरी देख-रेख मँ अहइ अउर निरीच्छक क रूप मँ तू ओकर सेवा करत अहा, कउनो दबाव क कारण नाही बल्कि परमेस्सर क इच्छानुसार अइसा करा कि अपनी इच्छा क कारण तू आपन इ काम धन क लालच मँ नाही बल्कि सेवा करइ क प्रति अपनी ततपरता क कारण करत अहा।
3 देख-रेख क खातिर नाही जउन तोहका सौंपा गवा अहइ तू ओनके सासक न बना। बल्कि समूह बरे आदर्स बना।
4 ताकि जब उ प प्रमुख गड़ेरिया परगट होइ तउ तोहका विजय क उ भव्य मुकुट प्राप्त होइ जेकर सोभा कबहूँ नाही घटतइ।
5 इहइ तरह हे नवजुवको तू पचे अपने अपने धर्मवृद्ध क अधीन रहा। तू पचे दूसरे क प्रति विनम्रता स सेवा करा। काहेकि,“करत ह परमेस्सर विरोध अभिमानी क मुला दीनन प, अनुग्रहसील सदा ह।” नीतिवचन 3:34
6 इ खातिर परमेस्सर क सक्तिसाली हाथन क नीचे अपने आपको नवावा। जेहसे ठीक अवसर अवाइ प उ तोहका ऊँचा उठावइ।
7 तू पचे आपन सबइ चिन्ता ओह पइ छोड़ द्या काहेकि उ तोहरे खातिर चिन्तित अहइ।
8 आपन प नियंत्रण राखा। सावधान रहा। तोहार सत्रु सइतान एक गरजत सेर क तरह इधर उधर घूमत रहत ह अउर इहइ ताक मँ रहत ह कि जउन मिलइ ओका फाड़ खावइ।
9 तू ओकरे विरोध करा अउर अपने बिस्सास प अड़ा रहा काहेकि तू तउ जानत अहा कि सारे संसार मँ तोहरे भाई बहिन इहइ तरह क यातना झेलत अहइँ।
10 मुला सम्पूूर्ण अनुग्रह क स्रोत परमेस्सर जउन तोहका ईसू मसीह मँ अनन्त महिमा क सहभागी होइ खातिर बोकाइस ह, तोहरे तनिक समइ सबइ यातना झेलइ क बाद खुदइ तोहका फिन स स्थापित करी, समर्थ बनाई अउर स्थिरता प्रदान करी।
11 सबहिं सक्तियन अनन्त अनन्त तलक ओकरे अधिकार मँ अहइँ। आमीन।
12 मइँ तोहका इ छोट स पत्र, सिलवानुस क सहयोग स, जेहका मइँ बिस्सास पूर्ण भाई मानित हउँ, तोहका प्रोत्साहित करइ खातिर परमेस्सर क सच्चा अनुग्रह उहइ अहइ, इहइ बात क साच्छी देइ क खातिर लिखेउँ, इहइ प अड़े रहा।
13 बेबीलोन क कलीसिया जउन तोहरे समान परमेस्सर दुआरा चुनी गइ अहइ, तोहका नमस्कार करत अहइ। मसीह मँ मोरे बेटवा मरकुस क तोहका नमस्कार।
14 पिरेमपूर्ण चुम्बन स एक दूसरे क स्वागत सत्कार करा। तू सबइ क, जउन ईसू मसीह मँ अहइँ, सान्ति मिलइ।
2 Peter 1
1 ईसू मसीह क सेवक अउर प्रेरित समौन पतरस कइँती स उ लोगन क नाउँ जेनका परमेस्सर स हमरे जइसा बिस्सास प्राप्त अहइ। काहेकि हमार अउर उद्धारकर्ता ईसू मसीह निआव क कर्ता अहइ।
2 तू परमेस्सर अउर हमरे पर्भू ईसू क जान चुका अहा इ खातिर तू सबन्क परमेस्सर क कृपा अउर अनुग्रह बहुतइ जियादा मिली होई।
3 अपने जिन्नगी क खातिर अउर परमेस्सर क सेवा खातिर जउन कछू हमका चाही तउन सब हमका अपने दिव्य सक्ती अउर अच्छाई दुआरा उ हमका दिहे अहइ। काहेकि हम पचे ओका जानित ह जउन अपने धार्मिकता अउर महिमा क कारण स हमका बोलाएस हवै।
4 एनहिन क दुआरा उ हमका अइसे महान अउर अमूल्य बरदान दिहे अहइ, जउन देइ क खातिर उ प्रतिग्या करे रहा। जेहसे तू पचे परमेस्सर क दिव्य प्रकृति क साझीदार अउर भ्रस्टाचार स बच सका, जउन लोगन क बुरी इच्छन क कारण स इ संसार मँ बना अहइ।
5 एही खातिर अपने बिस्सास मँ नीक गुणन क नीक गुणन मँ गियान क,
6 गियान मँ आत्म-संयम क, आत्म-संयम मँ धीरज क, धीरज मँ परमेस्सर क भक्ती क,
7 ईसू क भक्ती मँ भाइयन अउर बहिनियन क, भाइयन अउर बहिनियन मँ पिरेम क उदारता क संग बढ़ावत चला।
8 काहेकि अगर इ गुण तू पचन मँ अहइँ अउर ओनकर विकास होत बाटइ तउन उ पचे तोह सबन क कर्मसील अउर सफल बनाइ देइही अउर ओनसे तू पचे क हमरे पर्भू ईसू मसीह क पूरा गियान मिल जाई।
9 मुला जेहमाँ, ई गुण नाहीं बाटेन, ओहमाँ दूर-दिस्टी नाही बा, उ आँधर अहइ। अउर उ ई भूल गवा अहइ कि ओकरे पाछे क पापेन क धोइ दीन्ह गवा अहइ।
10 एही बरे भाइयो तथा बहिनियो, ई दिखावइ खातिर खूब तइयार रहा कि वास्तव मँ तू पचन्क परमेस्सर दुआरा बोलावा गवा अहइ अउर चुना गवा अहइ काहेकि अगर तू पचे इ बातन क करत अहा तउ न कबहूँ ठोकर खाब्या अउर न गिरब्या।
11 अउर ई तरह स हमरे पर्भू अउर उद्धारकर्त्ता ईसू मसीह क अनन्त राज्ज मँ तू पचन्क महान प्रवेस दइके परमेस्सर आपन उदारता देखाई। उ राज्ज हमेसा हमेसा चलत रही।
12 इहइ कारण स मइँ तू पचन क, यद्यपि तू पचे ई जानत ही अहा कि जउन सत्य तोहका मिला अहइ, ओह पइ डटे रहा, मइँ ई बातन क सदा याद करावत रहब।
13 जब तक मइँ काया मँ रहबइ तू सबन्क याद देवाइके सचेत करत इ उचित जानित हउँ।
14 काहेकि मइँ इ जानित हउँ कि मोका अपने इ काया क जल्दी ही छौड़इ क होई जइसेन हमरे पर्भू ईसू मसीह मोका देखाएस ह।
15 एही बरे मइँ आपन पूरा प्रयत्न करबइ कि मोरे मरि जाइके बाद भी तू पचे मोरे इ बातन क याद रख सका।
16 जब हम आपन पर्भू ईसू मसीह क सामरथ क बारे मँ बताए अही अउर ओकरे अवाई क बारे मँ भी कहे अही। तउ हम चालाकी स गढ़ी भइन किस्सन क सहारा नाही लीन्ह काहेकि हम तउ ओहकी महानता क खुदइ गवाहदार अही।
17 जब परमपिता परमेस्सर स उ सम्मान अउर महिमा पाइ लिहस तउ दिव्य उपस्थिति सही विसिस्ठ वाणी परगट भइ रही, “इ मोर पिआरा बेटवा अहइ, मइँ एहसे प्रसन्न हउँ।”
18 हम आकास स आई भइ इ वाणी सुने रहेन। तबहिं तउ हम पवित्तर पर्वत पइ ओकरे साथेन रहेन।
19 हमहूँ क भी नबियन क बचन क पुस्टी पइ अउर जियादा आस्था होइ गइ। इ बात प धियान दइके त पचे इ अच्छा करत अहा काहेकि इ तउ एक प्रकास बाटइ जउन अँधियारे ठाँव मँ तबइ तक चमकत रहत ह जब तलक पौ फाटत ह अउर तोह सबन क हिरदइ मँ भोर क तारा उदय होत ह।
20 मुला सबसे बड़ी बात इ अहइ कि तू पचन्क जान लेइ चाही कि पवित्तर सास्तरन क कउनउ भविस्सबाणी नबियन क अपने बिचारन क परिणाम न अहइ।
21 काहेकि कउनउ मनई जउन कहइ चाहत ह ओकरे अनुसार भविस्सबाणी नाही होत बल्कि पवित्तर आतिमा क प्रेरणा स मनई परमेस्सर क बाणी बोलत ह।
2 Peter 2
1 जइसा भी रहा होइ उ संतान क बीच मँ साइत झूठे नबियन देखाइ देइ लगत रहेन बिल्कुल उहइ तरह झूठे उपदेसकन तू सबन्क बीच मँ भी परगट होइही। उ घातक विचारन क सुरुआत करिही अउर उ सुआमी क नकार देइही जउन ओनका आजादी दिआए रहा। इ प्रकार अइसा कइके उ जल्दी बिनास क न्यौतिहइँ।
2 बहोत लोगन ओनकइ अनैतिक भोग-विलास क तरीका क पाछे चलिही ओनहिन क कारण स सत्य क मार्ग स बदनाम होई।
3 लोभ क कारण स उ बनावटी बातन स तोहसे पैसा कमइहइँ। ओनके दंड परमेस्सर क दुआर बहोत पहिलेन स निर्धारित कीन्ह जाइ चुका ह। ओनकर विनास तइयार अहइ अउर ओनकर प्रतीच्छा करत बाटइ।
4 काहेकि परमेस्सर उ पाप करइवाले दूतन तक क नाही छोड़ेस अउर ओनका पाताल लोक अंधेरे कोठरियन मँ डाइ दिहिस कि उ निआव क दिन तक उहइ पइ पड़ा रहइँ,
5 उ उ पुरान संसार क भी नाही छोड़ेस मुला नूह क उ समइ रखवारी किहेस जब अधर्मियन क संसार प जलप्रलय भेजी गइ रही। नूह ओन आठ मनइयन मँ रहा जउन जलप्रलय क समइ बचा रहेन। उ जउन उचित अहइ, ओकर उपदेस देत रहा।
6 सदोम अउर अमोरा ह जइसेन नगरन क बिनास क दण्ड दइके ओनकइ राखी बनाए दीन्ह गवा रहा ताकि अधर्मियन क साथ जउन बाते घटिहइँ, ओनके खातिर इ एक चेताउनी होइ।
7 परमात्मा लूत क बचाइ लिहेस जउन एक अच्छा मनई रहा। उद्दण्ड मनइयन क अनैतिक आचरण स दुःखी रहत रहा।
8 उ धर्मी पुरुस ओन लोगन क बीच मँ रहत भवा रोजइ रोज जउन देखत अउर सुनत रहा ओसे ओनके नेक आतिमा तड़पत रही।
9 एहि प्रकार पर्भू जानत ह कि निआव करत समइ धर्मात्मा मनइयन क कइसे बचावा जात ह अउर दुस्ट लोगन क कउने तरह दण्ड देइ क खातिर कइसे रखा जात ह।
10 खासकर ओन लोगन क बरे जउन आपन पाप स भरी भइ प्रकृति स बुरे कामन क करत जिअत ही। ओनकइ पापमय मन पर्भू क सत्ता क अवहेलना करत ह। ई पचे उद्दण्ड अउर स्वेच्छा चारी अहइँ इ महिमावान सरगदूतन क अपमानौ करइ स नाही डेरात अहइँ।
11 जब कि इ सबइ सरगदूतन जउन सक्ती अउर समरथ मँ एनसे बड़े अहइँ, पर्भू क सामने ओन पइ कउनो निन्दापूर्ण दोख नाही लगावत
12 मुला इ पचे विचारहीन पसुवन क बराबर अहइँ जउन आपन सहजवृती क अनुसार काम करत ही। जेनकइ जनम एही बरे होत ह कि उ पकड़े जाइँ अउर मार डाए जाइँ उ पचे ओन विसयन क विरोध मँ बोलत हीं जेनके बारे मँ इ सबइ अबोध अहँइ। जइसे पसु मार डावा जात अहइँ, वइसेन एनहू क नस्ट कर दीन्ह जाइ।
13 एनका बुराई क बदला बुराइन स दीन्ह जाई। दिन क प्रकास मँ भोग-विलास करब एनका भावत ह। काहेकि उ पचे अपने छलपूर्ण करजरन क फल भोगत ही। इ लज्जापूर्ण धब्बे अहइँ। जब इ पचे तू पचन क साथ उत्सव मँ सामिल होत ही तउ
14 इ कउनो अइसेन स्त्री क ताक मँ रहत ही जेहिके साथ व्यभिचार कीन्ह जाइ सकइ। इ तरह स एनकइ आँखी पाप करइ स बाज नाही अउतिन। इ पचे ढुलमुल लोगन क पाप करइ क खातिर फुसलाय लेत ही। इ लोगन क मनवा पूरी तरफ स लालचा मँ अभ्यस्थ अहइँ। इ पचे अभिसाप क लरिका अही।
15 सीधा-सादा मारग छाँड़िके भटक गए बाटेन। बओर क लरिका बिलाम क मार्ग प इ पचे चलत अहइँ बिलाम ओकर रुचि गलत रस्ता क फले मँ अहइ।
16 मुला ओकरे दोखन क खातिर एक गदही जउन बोल नाही पावत रही, मनई क बानी मँ बोलिके ओका डाँटिस फटकारिस अउर उ नबियन क उन्मादी कामन क रोकिस।
17 इ झूठे उपदेसक सूखे जल क सोता अहइँ अउर अइसे जल रहित बादल अहइँ जेनका तूफान उड़ाइ लइ जात ह। इ पचन क खातिर गझिन अन्धेरी जगह इ काम क बरे निहचित कीन्ह गइ अहइ।
18 इ पचे झूठे उपदेसकन अरथहीन डीगन स उ लोगन को प्रलोगभित कइ देत ही, जे बस अभी ही गलत जीवन बितावइवालन लोगन स अलग आवत ही।
19 इ झूठे उपदेसकन उनका छुटकारा क बचन देत ही, काहेकि कउनो व्यक्ति जउन ओका जीत लेत ह, उ ओनहिन क दास होइ जात ह।
20 एहि खातिर अगर इ हमरे पर्भू अउर उद्धाकर्त्ता ईसू मसीह क जान लेइँ अउर संसार क खोट स बच निकरइ क पाछे अगर ओहमाँ फिन फँस जात ही तउ ओनकइ दसा पहिले स भी खराब होइ जात ह।
21 एहसे तउ नीक भवा होत कि इ उचित मार्ग क जानि न पउतेन बजाए एकरे कि उ पचे इ पवित्तर आग्या स मुँह फेर लेतेन।
22 उ पचेन क साथे तउ वइसेन घटना घटी जइसेन मसला अहइ, “कुकुर अपने उल्टी क पास ही लोटत ह।”अउर “एक नहाई भइ सुअरी कीचड़ मँ लौटइ खातिर फिन लउट जात ह।”
2 Peter 3
1 पिआरे बन्धुअन, अब ई दूसर पत्र अहइ जउन मइँ तू पचन क लिखित हउँ। इ दुइनउँ पत्रन मँ लिखिके मइँ तू सबन क सच्चे सोच क जगावइँ क जतन कीन्ह ह।
2 जेहिसे तू उ पवित्तर नबियन दुआरा पहिले कहे गए बचनन क याद करा अउर हमरे पर्भू अउर उद्धारकर्ता क आदेस क जउन तू सबनक प्रेरितन दुआरा तू पचन क दीन्ह गएन ह, धियान राखा।
3 सबसे पहिले तू पचन क इ जान लेइ क चाही कि आखिर दिनन मँ स्वेच्छाचारी जउन बुरी इच्छन क अनुसरण करत ही अउर उ पचे तोहरे लगे हँसी उड़ावत भए अइही।
4 अउर तू सबन स कइही, “का भवा ओकरे फिन आवइ क प्रतिग्या का? काहेकि हमरे पूर्वजन तउ चल बसेन। मुला जब स सृस्टि बनी ह, तइसेन हर बार चलत आवत अहइँ।”
5 मुला जब उ पचे इ आरोप करत ही तउ उ इ भूल जात ही कि परमेस्सर क वचनन क दुआरा आकास जुगन स विद्यमान अहइ अउर धरती जल प बनी बाटइ अउर जल प स्थिर बा।
6 अउर इ जल क कारण स उ जुग क संसार जल प्रलय स नस्ट होइ गवा।
7 मुला इ आसमान अउर पृथिवी जउन अबइ, उहइ आदेस स नस्ट होइ क खातिर सुरच्छित अहइँ। एनका उ दिना खातिर रखा जात ह जब अधर्मियन क निआव होई अउर उ पचे नस्ट कर दीन्ह जइही।
8 मुला पिआरे बन्धुओ, एक बात क जिन भुला, पर्भू क बरे एक हजार साले एक दिन क समान होत ह अउर एक दिन एक हजार बरस क बराबर होत ह।
9 पर्भू आपन प्रतिग्या पूरी करइ मँ देर नाही लगावत। जइसेन कछू मनई सोचत ही। बल्कि उ हमरे प्रति धीरज धरत ह काहेकि उ कउनो मनई क नस्ट नाही करइ चाहत ह, बल्कि उ तउ चाहत ह कि सभी मनई मनफिराव क तरफ बढ़इँ।
10 मुला पर्भू क दिन आई। एक दिना पर्भू चुप्पेचाप चोर सही अहइ। उ दिन एक भयंकर गर्जना क साथे आकास विलीन होइ जाई अउर आकास क नखत भसम होइके नस्ट होइ जइही अउर इ धरती पे रहइवालेन क करम उजागर होइ जइही।
11 काहेकि जब इ सब चीजन इ तरह स नस्ट होइ जाइही तउ तू सोचा कि तू लोगन क कउनउ तरह क जीवन जियइ क चाही। तोहे सबन्क पवित्तर जीवन जियइ क चाही, पवित्तर जीवन जउन परमेस्सर क अर्पित अहइ अउर सब तरह क उत्तम करम करइ क चाही।
12 अउर तोहे सबन्क परमेस्सर क दिन क बाट जोहइ क चाही, अउर ओके जल्दी आउब क बरे काम करा। उ दिन अउतइमान आकास लपटन मँ जल क नस्ट होइ जाई आकास क नखत ओकरे ताप सेही पिघल उठिही।
13 मुला हम पचे परमेस्सर क वचन क अनुसार एक नवा आकास अउर नवी धरती की बाट जोह रहा अहइ जहाँ धार्मिकता रहत ही बाटइ।
14 इ पिआरे बन्धुओ, काहेकि तू एन बातन क बाट जोहत अहा, पूरा प्रयत्न करा कि पर्भू दुआरा सान्ति मँ निर्दोख अउर कलंक रहित पावा जा।
15 हमारे पर्भू क धीरज क उद्धार समझा। जइसेन कि हमरे पिआरे बन्धु पौलुस परमेस्सर दुआरा दीन्ह गए विवेक क अनुसार पचन्क लिखेन ह।
16 अपने दूसर सभी पत्रन क समान उ पत्र मँ भी इ सब बातन क बिसय मँ कहेउँ ह। ओन पत्रन मँ कउनो कउनो बात अइसी अहइ जेकर समझब मुस्किल बा। अग्यिानी अउर अस्थिर लोग ओकरे अरथ क अनर्थ करि डावत ही। दूसरे पवित्तर सास्तरन क साथ भी अइसेन ही करत ही। इ तरह उ अपनेन पैर मँ कुलहाड़ी मारत अहइँ।
17 पिआरे बन्धुओ, काहेकि तू पचन क इ बातन पहिलेन स पता अहइँ। इ खातिर सावधान रहा अउर व्यवस्थाविहीन मनइयन क दुआरा भटकाए जाए पइ अपने क सुरच्छित स्थान स न डिगवा।
18 बल्कि हमरे पर्भू तथा उद्धारकर्ता ईसू मसीह क अनुग्रह अउर ग्यान मँ तू पचे आगेन बढ़त जा। अबइ अउर अनंत समइ तक तू ओकर महिमा गावत रहा।
1 John 1
1 इ दुनिया क सुरुआत स रहा: हम एका सुने अही अपनी आंखन स देखे अही अउर बहुत धियान स निहारे, एका अपने हाथन स खुदइ छुए अही।हम उ बचन (मसीह) क बावत बतावत अही जउन जीवन अहइ।
2 उही जीवन क ज्ञान हमका करावा गवा। हम ओका देखे अही। हम ओकर साच्छी अही अउर अब हम तोहका पचे क उही अनन्त जीवन क घोसणा करत अही जउन परमपिता क साथे रहा अउर जेकर जानकारी हमका कराई गइ।
3 हम ओका देखे अउर सुने अही। अब तोहका उही क उपदेस देत अही जइसेन कि तू हमार साथी रहा। हमार इ साथ परमपिता अउर ओनकइ पूत ईसू मसीह क साथे अहइ।
4 हम इ सब बात तोहरे बरे इ कारण स लिखत अही जइसेन कि तोहार आनन्द पूरा होइ जाइ।
5 हम ईसू मसीह स जउन सुसमाचार सुने अही, उही क हम तोहका सुनावत अही, परमेस्सर ज्योति अहइ अउर ओहमा तनिकउ अँधेरा नाहीं अहइ।
6 जदि हम कही कि ओके सहित हमार सहभागिता अहइ, अउर पाप क अँधियारे स भरा जीवन जिअत रही तउ हम झूठ बोलत अही अउर सच्चाई प आचरण नाहीं करत अही।
7 मुला जदि हम ज्योति मँ आगे बढ़ित अही काहेकि ज्याति मँ परमेस्सर अहइ, अउर एक दुसरे क सहभागी अही। अउर परमेस्सर क पूत ईसू क लहू स हमार सब पापन क सुद्ध कइ देत ह।
8 जदि हम कहित ह कि हमरे मँ कउनो पाप नाहीं अहइ तउ हम खुदइ अपने आपका ठगत अही अउर हमसे परमेस्सर क सत्य नाहीं अहइ।
9 जदि हम आपन पाप क मान लेइत ह तउ हमरे पापन क परमेस्सर छमा कइ देत ह, परमेस्सर बिसवासनीय अहइ, अउर उ जउन करत ह उ उचित अहइ। अउर उ हमरे गलत कामन स सुद्ध कर देत ह।
10 अगर हम कहित ह कि हम कउनो पाप नाहीं करे अही तउ हम परमेस्सर क झूठा बतावत अही अउर ओकर उपदेस हमरे मँ नाहीं अहइँ।
1 John 2
1 मोर पिआरे बच्चो, इ सब बात मइँ इ बरे लिखत अहउँ जइसे तू पचे पाप न करा। मुला जउ कउनो मनई पाप करत ह तउ परमेस्सर क सामने हमरे पाप क बचाव करइवाला एक अहइ अउर उ बाटइ न्यायी ईसू।
2 उ एक बलिदान बाटइ जउन हमरे पापन क हर लेत ह, उ केवल हमरे पापन क नाहीं हरत उ तउ समूची दुनिया क पाप हर लेत ह।
3 जदि हम परमेस्सर क हुकुम क पालन करित ह तउ इ उहइ रास्ता अहइ जउने स हम निस्चय करित ह कि हम सचमुच ओका जान लिहे अही।
4 जदि कउनो कहत ह, “मइँ परमेस्सर क जानित हउँ!” अउर ओकर हुकुमन क पालन नाहीं करत तउ उ झूठा अहइ। ओकरे मन मँ सच्चाई नाहीं अहइ।
5 मुला जउ कउनो मनई परमेस्सर क उपदेस क पालन करत ह तउ ओहमाँ परमेस्सर क पिरेम आपन पूर्णता क पावत ह इहइ उ रास्ता अहइ जउने स इ निस्चय होत ह कि हम परमेस्सर मँ अही,
6 जउन इ कहत ह कि उ परमेस्सर मँ बाटइ, ओका अइसा चलइ चाही जइसन ईसू चलत रहा।
7 पिआरे बन्धुअन, मइँ तोहका कउनो नई हुकुमन नाहीं लिखत अहउँ, इ तउ एक सनातनी हुकुम अहइ, जउन तोहका सुरूआतइ मँ दइ दीन्ह गइ रही। इ पुरानी हुकुम उ उपदेस अहइ जेका तू सुन चुका अहा।
8 मइँ तोहका अउर दुसर नया हुकुम लिखत अहउँ। इ बात की सच्चाई ईसू क जीवन मँ अउर तोहरे जिन्दगी मँ उजागर भइ अहइ, काहेकि अँधियारा खतम होत अहइ अउर ज्योति चमकत अहइ।
9 जउन मनई कहत ह, “उ ज्योति मँ स्थित अहउँ।” अउर तबहूँ अपने भाई स नफरत करत ह, तउ उ अबहिं भी उ अंधेर मँ बना अहइ।
10 जउन अपने भाई स पिरेम करत ह, ज्योति मँ बना रहत ह। ओकरे जिन्दगी मँ अइसी कउनो चीज नाहीं अहइ, जउने स उ ठोकर खाइ।
11 मुला जउन मनई अपने भाई स नफरत करत ह, उ अंधेरे मँ अहइ। उ अंधेरे स भरा जीवन जिअत अहइ। ओका पता नाहीं अहइ कि उ कहाँ जात अहइ, काहेकि अंधेरा ओका आंधर बनाइ दिहे अहइ।
12 पिआरे बच्चो, मइँ तोहका इ बरे लिखत अहउँ, काहेकि ईसू मसीह क कारण तोहरे पापन क छमा कइ दीन्ह गवा अहइ।
13 पिताओ, मइँ तोहका इ बरे लिखत अहउँ, काहेकि तू पचे, जउन अनादि काल स बना अहइ, ओका जानत ह्या। जवानो! मइँ तोहका इ बरे लिखत अहउँ, काहेकि तू उ दुस्ट (सइतान) प जीत हासिल कइ लिह्या ह।
14 बच्चो, मइँ तोहका इ बरे लिखत अहउँ, काहेकि तू अपने बाप क पहचान लिहे अहा। ओह बाप लोगो, मइँ तोहका इ बरे लिखत अहउँ, काहेकि तू जउन कि संसार क सुरुआतइ स बना अहा, ओका जान लिहे अहा। जवानो, मइँ तोहका इ बरे लिखत अही, काहेकि तू ताकतवर अहा। परमेस्सर क बचन तोहरे अन्दर निवास करत ह अउर उ दुस्ट (सइतान) पइ जीत हासिल कइ लिये अहा।
15 दुनिया स अउर दुनिया क तमाम चीजन स पिरेम जिन करा। जउ कउनो मनई दुनिया स पिरेम करत ह तउ ओनके हिरदइ मँ परमेस्सर कइँती पिरेम नाहीं रहत,
16 काहेकि इ दुनिया क हर चीज: जउन तोहरे भौतिक मनई सुभाउ क अपनी अउर खींचत ह, तोहरी आँखिन क सोहात अउर इ दुनिया क हर उ चीज जउने प लोग घमंड करत हीं।परमपिता कइँती स नाहीं अहइ मुला उ तउ सांसारिक अहइ।
17 इ दुनिया अपनी चाहत अउर इच्छा सहित खतम होत जात अहइ, मुला जउन मनई परमेस्सर क इच्छा क पालन करत ह, उ हमेसा रहत ह।
18 मोरे पिआरे बच्चो, आखिरी घड़ी आइ गइ अहइ जइसेन कि तू पचे सुने अहा, मसीह क विरोधी आवत अहइ। इ बरे अब मसीह क तमाम विरोधी प्रकट होइ गवा अहइँ इही बरे हम जानत अही कि आखिरी वक्त आइ ग अहइ।
19 मसीह क विरोधी हमरेन सबके बीच स निकरा अहइँ, मुला उ सबइ सही हमार सबन क न अही, काहेकि जदि उ पचे सचमुच हमार सबन क होतेन, तउ हमरे सबके साथे रहतेन। मुला उ पचे हम सबक छोड़ दिहेन, जइसेन कि उ दिखाइ सकइँ कि उ हमार सबन्क न अही।
20 मुला तोहार अभिसेक तो उस पवित्तर स भवा ह, अउर तू सब जानत ह्या।
21 मइँ तोहका इ बरे नाहीं लिखे अहउँ कि तू पचे सच्चाई क नाहीं जानत अहा, मुला तू पचे तउ ओका जानत अहा। एका जना ल्या कि सच्चाई स कउनो झूठ नाहीं निकर सकत।
22 मुला जउन मनई कहत ह कि ईसू मसीह नाहीं अहइ, उ मसीह क विरोधी अहइ। उ तउ बाप अउर बेटवा दुइनउ क नकार देत अहइ।
23 जउन मनई बेटवा क नाहीं मानत, ओकरे पास बापउ नाहीं अहइ, मुला जउन मनई बेटवा क मानत ह, उ बापउ क मानत ह।
24 जहाँ तलक तोहार बात अहइ, तु सुरुआतइ स जउन सुने अहा, ओका अपने भीतर बनाए राखा। जउन तू आरम्भ स सुने अहा, जउ तोहरे अन्दर बरकरार रहत ह तउ बाप अउर बेटवा दुइनउँ तोहरे अन्दर बरकरार रहत हीं।
25 उ हमका अनन्त जीवन देइ क वचन दिहे अहइ।
26 मइँ इ सब बात तोहसे ओनके बावत लिखत अहउँ, जउन तोहका ठगइ क जतन करत अहइँ।
27 मुला जहाँ तक तोहार बात अहइ, तोहरे मँ तउ उ परम पवित्तर स मिला अभिसेक अहइ, इ बरे तोहका तउ तू जरूरतइ नाहीं अहइ कि कउनो तोहका उपदेस देइ, तोहका तउ उ आतिमा जउने स उ परम पवित्तर तोहार अभिसेक करे अहइ, सब कछू सिखावत अहइ (अउर याद रखा कि उहइ सच्चाई बाटइ, उ झूठ नाहीं बाटइ।) उ तोहका जइसे सिखाए अहइ, वइसेन तू मसीह मँ बना रहा।
28 इ बरे पिआरे बच्चो, उही मँ बना रहा जइसेन कि जब हमका ओकर जानकारी होइ तउ हम आतिमा-बिसवास पाइ सकउँ। अउर ओकरे फिन स आवइ क वक्त हमका लज्जित न होइ क पड़इ।
29 जदि तू इ जानत अहा कि उ नेक अहइ तउ तू इहइ जान ल्या कि जउन नेकी प चलत ह उ परमेस्सर क सन्तान अहइ।
1 John 3
1 इ सोचिके देखा कि परमपिता हमका केतॅना पिरेम करत ह जइसेन कि हम पचे बेटी-बेटवा कहवावा जाइ सकी अउर वास्तव मँ उ हमहिं सब अही। इही बरे दुनिया हमका नाहीं पहिचानत, काहेकि उ मसीह क नाहीं पहिचानत।
2 पिआरे बन्धुअन, अब हम परमेस्सर क सन्तान अही, मुला आगे चलिके हम सब का होबै, एकर जानकारी हमका नाहीं कराई गइ अहइ। जउन कछू होइ, हम इ जानित अही कि मसीह क फिन परगट होइ प हम पचे उही क तरह होइ जाब, काहेकि उ जइसेन अहइ, हम ओका उही तरह देखब।
3 जउन मनई ओसे अइसी उम्मीद रखत अहइ, उ खुदक वइसे पवित्तर करत ह जइसे मसीह पवित्तर अहइ।
4 जउन मनई पाप करत ह, उ परमेस्सर क नियम क तोड़त ह, काहेकि नियम क तोड़ब पाप बाटइ।
5 तू तउ जानत अहा कि मसीह सब मनइयन क पाप क नास करइ क वास्ते प्रकट भवा अहइ। अउर इहउ बात जानत अहा कि ओहमाँ कउनो पाप नाहीं अहइ।
6 जउन मनई मसीह मँ रहत ही पाप मँ नाहीं रहतेन अउर जउन मनई पाप करत ही, उ न तउ ओकर दर्सन करे अहइ, अउर न तउ कबहूँ ओका जाने अहइ।
7 पिआरे बच्चो, तू कतहूँ ठगा न जा। जउन मनई धरम क पालन करत ह ओका धरमात्मा कहा जात ह। जइसेन कि मसीह धरमात्मा अहइ।
8 जउन मनई हमेसा पाप करत रहत ह, उ सइतान क अहइ काहेकि सइतान अनादिकाल स पाप करत चलत आवत अहइ। इही बरे परमेस्सर क पूत (मसीह) परगट भवा जइसेन कि उ सइतान क काम क नास कइ देइ।
9 जउन मनई परमेस्सर क बेटवा बन गवा, पाप मँ नाहीं रहत, काहेकि ओकर बीज तउ उही मँ रहत ह। अब उ पाप नाहीं करत काहेकि वह परमेस्सर क बेटवा बन चुका अहइ।
10 परमेस्सर क सन्तान कउन अहइँ? अउर सइतान क बेटवन कउन अहइँ? तू ओनका इ तरीके स जान सकत ह्या कि जउन मनई धरम प नाहीं चलत अउर अपने भाई स पिरेम नाहीं करत, उ परमेस्सर क बचवा न अहइ।
11 इ उपदेस तउ तू सुरूआति स सुने अहा कि हमका सबका एक दुसरे स पिरेम करइ चाही।
12 हमका पचे क कैन क तरह न बनइ चाही जउने क सम्बन्ध दुस्ट आतिमा स रहा अउर जे अपने भाई क हतिया कइ दिहे रहा। अब बतावा कि उ अपने भाई क काहे मार डाएस? उ अइसा इ बरे करेस, काहेकि ओकर करम खराब रहेन जबकि ओकरे भाई क करम अच्छा रहेन।
13 भाइयो तथा बहिनियो, जदि इ दुनिया तोहसे नफरत करत ह, तउ एहमाँ अचरज करइ क बात नाहीं अहइ ।
14 हमका पता अहइ कि हम मउत क पार जीवन मँ आइ पहुँचा अहइ। काहेकि हम अपने भाइयन स पिरेम करित अही। जउन मनई पिरेम नाहीं करत, उ मउत मँ बरकरार रहत ह।
15 जउन मनई अपने भाई स नफरत करत ह, उ हतियारा अहइ अउर तू जानत ही अहा कि जउन मनई हतियारा होत ह, उ अनन्त जीवन नाहीं रखत।
16 ईसू हमरे सबके खातिर आपन जीवन त्याग दिहेस। इही बरे कि हम जानित ह कि पिरेम का होत ह? हमका अपने भाइयन क बरे आपन प्रान निछावर कइ देइ चाही।
17 जेकरे लगे भौतिक सम्पति अहइ, अउर जे अपने भाइयन क दुःखी देखके ओकरे ऊपर दया नाहीं करत, ओहमा परमेस्सर क पिरेम अहइ, एका कइसे कहा जाइ सकत ह?
18 पिआरे बच्चो, हमार पिरेम केवल कथन अउर बात तक न रहइ चाही, ओका करम कइके देखावइ चाही तथा पिरेम क सच्चा होइ चाही।
19 इही स हम जान लेब कि हम सच्चाई स जुड़ा अही अउर परमेस्सर क सामने अपने दिल मँ सन्तोस कइ लेब। जिन कामन मँ हमार मन हमका दोसी ठहरावत ह काहेकि परमेस्सर हमरे मन स बड़ा अहइ अउर उ सब कछू जानत ह।
20
21 जो पिआरे बन्धुओं, जदि बुरा काम करत समइ हमार मन हमका दोसी नाहीं ठहरावत तउ परमेस्सर क सामने हमका बिसवास बना रहत ह।
22 अउर जउन कछू हम ओसे मांगित ह, ओका पाइत ह। काहेकि हम ओकरे हुकुमन क अनुसार काम करत अही अउर ओनही काम करत अही जउन ओका अच्छी लागत ह। 23ओकर इ हुकुमन अहइ: हम सबे ओकरे पूत ईसू मसीह मँ बिसवास करी, जइसेन कि उ हमका पचे क हुकुम दिहे अहइ, कि हम एक दुसरे स पिरेम करी,
23 जउन मनई ओकरे आदेस क पालन करत ह, उ उही मँ बरकरार रहत ह अउर ओहमाँ परमेस्सर क निवास रहत ह। इ तरह स, उ आतिमा क द्वारा जेका परमेस्सर हमका दिहे अहइ, हम जानितही कि हमरे अन्दर परमेस्सर रहत ह।
24
1 John 4
1 पिआरे बन्धुओ, दुनिया मँ तमाम झूठे नबी फैल ग अहइँ। हर एक आतिमा क बिसवास न करइ चाही, पहले ओनका परखिके देख लेइ चाही कि का उ परमेस्सर क अही? इ मइँ तोहसे इ बरे कहत अही।
2 परमेस्सर क आतिमा क तू इ तरह पहिचान सकत ह्या: जउन आतिमा इ मानत ह, “ईसू मसीह मनई क रूप धइके दुनिया मँ आइ अहइ,” उ परमेस्सर कइँती स आइ अहइ।
3 अउर हर उ आतिमा जउन ईसू क नाहीं मानत, परमेस्सर कइँती स नाहीं आइ बाटइ। अइसी आतिमा मसीह क विरोधी अहइ, जेकरे बारे मँ सुने अहा कि उ आवत अहइ, मुला अब तउ उ इही दुनिया मँ अहइ।
4 पिआरे बच्चो, तू पचे परमेस्सर क अह्या। इही बरे तू मसीह क विरोधी क ऊपर जीत हासिल कइ लिहे अहा। काहेकि उ परमेस्सर जउन तोहरे अन्दर अहइ, दुनिया मँ रहइवाला सइतान स बड़ा अहइ।
5 मसीह क विरोध करइवाले मनइयन संसारी अही। एह बरे उ पचे जउन कछू बोलत हीं, उहउ सब कछू दुनियादारी क चीज अहइ अउर दुनिया ओनकइ बात सुनत ह।
6 मुला हम पचे परमेस्सर क अही, तउ जउन मनई परमेस्सर क जानत ह, उ हमार सबन क सुनत ह। मुला जउन मनई परमेस्सर क नाहीं जानत, हमार नाहीं सुनत। इ तरह हम सच्ची आतिमा तथा झूठी आतिमा क पहिचान सकित ह।
7 पिआरे बन्धुओ, हमका सबका एक दूसरे स पिरेम करइ चाही। काहेकि पिरेम परमेस्सर स मिलत ह अउर जउन मनई पिरेम करत ह, उ परमेस्सर क सन्तान बन जात ह अउर परमेस्सर क जानत ह।
8 जउन मनई पिरेम नाहीं करत परमेस्सर क नाहीं जान पावत, काहेकि परमेस्सर पिरेम अहइ।
9 परमेस्सर आपन पिरेम इ तरह स देखावत ह: उ अपने एकलौते बेटवा क इ दुनिया मँ भेजेस जइसेन कि हम सब ओकरे द्वारा जिन्दगी पाइ सकी।
10 सच्चा पिरेम एहमाँ नाहीं अहइ कि हम परमेस्सर स पिरेम करी, उ तउ एहमाँ अहइ कि एक अइसेन बलिदान क रूप मँ जउन हमरे पापन क धारण कइ लेत ह, उ अपने बेटवा क भेजके हमरी कइँती आपन पिरेम देखाए अहइ।
11 पिआरे बन्धुओं, जदि परमेस्सर इ तरह स हमरे ऊपर आपन पिरेम देखाएस तउ हमहूँ क एक दूसरे स पिरेम करइ चाही।
12 परमेस्सर क कबहुँ कउनो नाहीं देखेस अहइ, मुला जदि हम एक दुसरे स पिरेम करित ह तउ परमेस्सर हमरे मँ निवास करत ह अउर हमरे सबन क भीतर ओकर पिरेम सम्पूर्ण होइ जात ह।
13 इ तरह स हम जान सकित ह कि हम परमेस्सर मँ निवास करित ह अउर उ हमरे भीतर रहत ह। उ अपनी आतिमा क कछू भाग हमका दिहे अहइ।
14 एका हम देखे अही अउर हम एकर साच्छी अही, परमपिता अपने बेटवा क दुनिया क बचाव करइ क वास्ते भेजे अहइ।
15 जदि कउनो इ मानत लेत ह, “ईसू परमेस्सर क पूत अहइ” तउ परमेस्सर ओहमाँ रहइ लागत ह। अउर उ मनई परमेस्सर मँ रहत ह।
16 इ जउ पिरेम परमेस्सर हमसे रखत ह, ओका हम जान गएउँ अउर हमरे उपर बिसवास किहे अहइ, जउन पिरेम परमेस्सर हमरे बरे रखत ह।परमेस्सर पिरेम अहइ अउर जउन मनई पिरेम मँ बना रहत ह, उ परमेस्सर मँ बना रहत ह अउर परमेस्सर ओहमाँ बना रहत ह।
17 हमरे बावत पिरेम इही तरह स पूर्ण अहइ जइसेन कि निआव क दिन हमरे अन्दर बिसवास बना रहइ। हमार इ बिसवास इ बरे बना रहत ह, काहेकि हम जउन जीवन जिअत अही, उ मसीह क जिन्दगी जइसेन अहइ।
18 पिरेम मँ कउनो भय नाहीं रहत, हिआँ तलक कि भरपूर पिरेम सब डर भगाय देत ह। भय क ताल्लुक दंड स अहइ। इ बरे जेहमाँ भय अहइ, ओकरे पिरेम क पूर्णता नाहीं मिलत।
19 हम पिरेम करित अही काहेकि पहले परमेस्सर हमसे पहिले पिरेम करे अहइ।
20 जउ कउनो मन मनई कहत ह, “मइँ परमेस्सर क पिरेम करित हउँ।” अउर अपने भाई स नफरत करत हउँ, तउ उ झूठा अहइ। काहेकि सच मँ जदि उ अपने उ भाई स पिरेम नाहीं करत जेका कि उ देखे अहइ, तउ उ परमेस्सर स कइसे पिरेम कइ सकत ह, जेका उ देखे नाहीं अहइ।
21 इ आदेस मसीह हमका दिहे अहइ। उ मनई जउन परमेस्सर क पिरेम करत ह, ओका अपने भाई स पिरेम करइ चाही।
1 John 5
1 जउन मनई इ बिसवास करत ह कि ईसू मसीह अहइ, उ परमेस्सर क सन्तान बन जात ह अउर जदि कउनो परमपिता स पिरेम करी तउ ओकरी सन्तानौ स पिरेम करी।
2 इ तरह स जब हम परमेस्सर स पिरेम करित ह अउर ओकरे आदेस क पालन करित अही तउ हम जानि लेइत ह कि हम परमेस्सर क संतान स पिरेम करित अही।
3 ओकरे आदेसन क पालन करत हम इ देखाइत ह कि हम परमेस्सर स पिरेम करित ह। ओकरे आदेस बहुत कड़ा नाहीं अहइ।
4 काहेकि जउ कउनो परमेस्सर क सन्तान बन जात ह तउ उ दुनिया क जीत लेत ह। अउर दुनिया प जीत हासिल करवइवाला हमार बिसवास अहइ।
5 जउन इ बिसवास करत ह कि ईसू परमेस्सर क पूत अहइ, तउ उ दुनिया क जीत लेत ह।
6 उ ईसू मसीह अहइ जउन हमरे पास पानी अउर लहू क साथ आवा-उ केवल पानी क साथे नाहीं, मुला पानी अउर लहू क साथ। अउर उ आतिमा अहइ जउन ओकर साच्छी देत ह, काहेकि आतिमा सत्य अहइ।
7 साच्छी देइवाले तीन अहइँ।
8 आतिमा, पानी अउर लहू अउर इ तीनउँ साच्छी एक दूसरे स मेल खात ही, एक दूसरे स सहमत अहइँ।
9 जउ हम मनई क दीन्ह साच्छी क मानित ह तउ परमेस्सर क दीन्ह साच्छी अउर मूल्यवान अहइ। परमेस्सर क दीन्ह साच्छी क सबसे बड़ा महत्व इ बात मँ अहइ कि उ अपने पूत क बावत साच्छी दिहे अहइ।
10 जउन मनई परमेस्सर क पूत मँ बिसवास करत ह उ अपने अन्दर साच्छी क रखत ह। परमेस्सर जउन कहे अहइ, ओह प जउ बिसवास नाहीं करत, तउ उ मनई परमेस्सर क झूठा साबित करत ह। काहेकि उ परमेस्सर क अपने पूत क बावत दीन्ह साच्छी मँ बिसवास नाहीं किहेस।
11 अउर उ साच्छी आटै कि परमेस्सर हमका अन्नत जीवन देहे अहइ। अउर उ जीवन ओकरे पूत (ईसू) मँ मिलतह।
12 जउन मनई ओहके पूत क धारन करत ह, उ उही जीवन क धारन करतह। मुला जेकरे पास परमेस्सर क पूत नाहीं अहइ, ओकरे पास उ जीवनौ नाहीं अहइ।
13 परमेस्सर मँ बिसवास करइवालो, तोहका इ बातिन क मइँ इ बरे लिखत अहउँ जइसेन कि तू जानि ल्या कि अनन्त जीवन तोहरे पास अहइ।
14 हमार परमेस्सर मँ इस बिसवास अहइ कि जदि हम ओकरी इच्छा क पालन करत ओसे पराथना करी तउ उ हमार पराथना सुनत ह,
15 अउर जब हम जानित ह कि उ हमार सुनत ह ओसे हम चाहे जउन माँगी-तउ हम इहइ जानित ही कि हम जउन कछू मांगित ही, उ हमार होइ जात ह।
16 जदि कउनो देखत ह कि ओकर भाई कउनो अइसा पाप करत अहइ जेकर फल अनन्त मउत नाहीं अहइ, तउ ओका अपने भाई क बावत पराथना करइ चाही। परमेस्सर ओका जीवन देइ। मइँ ओनके बरे जीवन क बात करत अही, जउन कि अइसे पाप मँ लगा अहइँ जउन ओनका अनन्त मउत तक न पहुँचा। अइसउ पाप होत ह, जेकर फल मउत अहइ। मइँ तोहसे अइसे न पाप क बरे पराथना करइ बरे नाहीं कहत अहउँ।
17 सबइ बुरा काम पाप अहइ। मुला अइसा पाप भी होत ह जउन अनन्त मउत क तरफ नाहीं लइ जात।
18 हम जानित ह कि जे केहू परमेस्सर क पूत बन गवा, उ पाप नाहीं करत। परमेस्सर क पूत ओकइ रच्छा करत ह।उ दुस्ट सइतान ओकर कछू बिगाड़ नाहीं सकत।
19 हम जानित अही कि हम परमेस्सर क अही। वइसेन इ पूरी दुनिया उ दुस्ट (सइतान) क बस मँ अहइ।
20 मुला हमका पता अहइ कि परमेस्सर क पूत आइ गवा अहइ अउर उ हमका अइसा गियान दिहे अहइ जइसे कि हम उ परमेस्सर क जान लेई जउन सच्चाई अहइ। हम सबे उही मँ स्थित अही जउन सच्चाई अहइ, काहेकि हम ओकर पूत ईसू मसीह मँ स्थित अही। परमपिता सच्चा परमेस्सर अहइ अउर उ अनन्त जीवन भी अहइ।
21 पिआरे बच्चो, अपने आप क झूठे देवता लोगन स दूर राखा।
2 John 1
1 मइँ बुजुर्ग कइँती स उ चुनी भइ स्त्री जउने क परमेस्सर चुने अहइ, अउर ओकरे बचवन क पिरेम करित हउँ जउन सच्चाई क भागीदार अहइँ,मइँ तुहिन अकेले स पिरेम नाहीं करित, मुला ओन सबे तोह सबन स पिरेम करित हीं जउन सच्चाई क जान लिहे अहइँ।
2 इ उही सच्चाई क कारण भवा बाटइ जउन हमरे मँ बना रहत ह अउर जउन हमेसा हमरे साथे रही।
3 परमपिता परमेस्सर कइँती स ओकर अनुग्रह दाया अउर सान्ति हमेसा हमरे साथे रही अउर परमेस्सर क पूत ईसू मसीह कइँती स सच्चाई अउर पिरेम मँ हमार जगह बनी रही।
4 तोहारे बचवन क उ सच्चाई क हिसाब स जीवन जिअत देखिके मोका बहुत आनन्द भवा। काहेकि उ हुकुम परमपिता स हमका मिला ह अउर उ सबइ, सच प चलत ही।
5 अउर ऐ पिआरी स्त्री, मइँ तोहका कउनउ नया आदेस नाहीं देत अहउँ, प उहइ जउन प्रारम्भ स हमे मिला अहइ। हमका एक दूसरे क साथे पिरेम करइ चाही।
6 पिरेम क मतलब इहइ आटइ कि हम ओकरे आदेसन क पालन करी। इ उहइ आदेस आटइ जउने क तू सुरू स सुन्या ह कि तोहका सबन क पिरेम क साथ जियइ चाही।
7 दुनिया मँ बहोत झूठे उपदेसकन तमाम फइला पड़ा अहइँ। वे धोखा देइवालन इ नाहीं मानतेन कि इ धरती प मनई क रूप मँ ईसू मसीह आवा अहइ, उ ठग आटइ अउर मसीह क विरोधी आटइ।
8 अपने प्रति सावधान रहा, अइसा न होइ कि जउन कछू कमाए अहा, ओका गँवाइ द्या, वरन एकर प्रतिफल तू पचे प्राप्त करा।
9 जउन मनई मसीह क बावत दीन्ह सच्चे उपदेस मँ टिका नाहीं रहत, उ परमेस्सर क नाहीं पाइ सकत। अउर जउन ओकरे उपदेस अउर क मानत ह, ओकरे पास परमपिता अउर बेटवा दुइनउ रहत ह।
10 जदि कउनउ मनई तोहरे घरे मँ आवत ह, अउर इ उपदेस नाहीं मानत, तउ ओका अपने घरवा मँ न आवइ द्या, अउर न नमस्कार करा।
11 काहेकि जे अइसे मनई क स्वीकार करत ह, उ ओकरे बुरे कामन मँ हिस्सेदार होइ जात ह।
12 तोहका लिखइ क वास्ते मोरे लगे बहुत सी बातन अहइँ मुला ओन सबन क कलम दवात स मइँ लिखइ नाहीं चहित मुला मोका इ आसा अहइ कि तोहरे सामने आइके आमने सामने बइठिके तोहसे बात करउँ। जेहसे कि हमार आनन्द पूरा होइ जाइ।
13 तोहरी परमेस्सर द्वारा चुनी भइ बहनक बचवन तोहका नमस्कार कहत हीं।
14
15
3 John 1
1 मइँ बुजुर्ग कइँती स: पिआरे बन्धु, गयुस क नाउँ जेसे मइँ सत्य मँ सहभागी क रूप मँ पिरेम रखत हउँ।
2 मोर पिआरे बन्धु, मइँ पराथना करत अहउँ कि तू जइसेन आध्यात्मिक रूप स उन्नति करत अहा, वइसेन तू सब बातन मँ उन्नति करत रहा अउर स्वस्थ रहा।
3 जब कछू ईसाइ भाई आइके मोका तोहरी सच्चाई मँ बिसवास क बावत बताएन तउ मइँ बहुत खुस भएउँ। उ पचे मोका बताएने कि तू पचे कइसे सच्चाई क रास्ता प चलत अहा।
4 मोरे बरे एहसे बढ़कर अउर आनन्द की बात नाहीं बाटइ कि इ सुनउँ कि मोर बचवन सच्चाई क रासता प चलत अहइँ।
5 मोरा पियारे बन्धु, तू मोरे भाइयन बरे जउन करत रहे अहा, ओका बिसवासयोग्यता स पूरा करत अहा अउर विसेसकर जब उ पचे परदेसी अहइँ।
6 मुला जउन पिरेम तू ओनके ऊपर दरसाए अहा, ओकरी साच्छी उ पचे कलीसिया क सामने दिहेन। ओनके यात्रा जारी रखइ बरे ओनेक वइसेन सहायता करत रहा, जइसेन परमेस्सर बताए अहइ।
7 मसीह क सेवा बरे उ पचे यात्रा प निकल पड़ा अहइँ अउर उ पचे अबिसवासी लोगन स कउनउ मदद नाहीं लिए अहइँ।
8 इही बरे हम पचे क अइसे मनइयन क सहायता करइ चाही, जइसेन कि हमहूँ सच्चाई बरे सहकर्मी होइ सकी।
9 एक ठु चिठ्ठी मइँ कलीसिया क लिखे रहेउँ मुला दियुत्रिफेस जउन ओनकर प्रमुख बनइ क लालसा रखत ह। उ मोरे सबक बताई बातन क न मानी।
10 इहइ कारण अहइ जदि मइँ आवउँ तउ ओकर ओन करमन कि जउन उ करत ह, याद दियाउब। वह अनुचित रूप स मोरे खिलाफ बुरी बुरी बात कहिके दोख लगावत ह; अउर इतने ऍतने स ही उ संतुस्ट नार्ही अहइ, उ ऩ तउ खुद भाइयन क स्वागत करत ह अउर जउन स्वागत करइ चाहत ह ओका मना करत ह अउर कलीसिया स निकार देत हय।
11 पिआरे बन्धु, बुरे उदाहरण क नाहीं वरन भलाई क अनुकरण करा। जउन मनई भलाई करत ह, उ परमेस्सर क अहइ! उ जउन बुराई करत ह उ परमेस्सर क नाहीं देखेस।
12 दिमेत्रियुस क बावत सब अच्छी बात कहत अहइँ। हिआँ तक कि खुदइ सच्चाई ओकरे बारे मँ कहत ह। हमहूँ ओनेक बावत अच्छी बात कहित ह। अउर तू जानत अहा कि जउन हम कहित अही इ सच बाटइ।
13 तोहका सबन क लिखइ क वास्ते मोरे पास बहुत बातन अहइँ, मुला मइँ कलम अउर सियाही स ओका सब लिखइ नाहीं चाहित।
14 मुला मोका तउ इ आसा अहइ कि मइँ जल्दी तोहसे मिलबइ। तउ हम आपुस मँ बात करब।
15 सान्ति तोहरे साथे रहइ। तोहरे सब दोस्तन हिआँ तोहका सबन क नमस्कार कहत अहइँ। उहाँ हर मित्र क नाउँ लइके नमस्कर कह्या।
Jude 1
1 ईसू मसीह क नउकर अउर याकूब क भाई यहूदा कइँती स तोहरे ओन बोलाए भएन क नाउँ, जे परमेस्सार क पिता मँ प्रिय अउर ईसू मसीह क बरे सुरच्छित अहइ!
2 तोहका दाया, सान्ति अउर पिरेम बहुतियात स मिलत रहइ।
3 पिआरे दोस्तो! मइँ बहोत चाहत रहे कि तोहका उ उद्धार क बावत लिखउँ, जेकर हम सबे भागीदर अही। मइँ तोहका लिखइ क अउर प्रोत्साहित करइ क आवस्यकता क अनुभव किहेउँ जइसेन कि तू उ बिसवास बरे संघर्स करत रहा जेका परमेस्सर पवित्तर मनइयन क हमेसा हमेसा बरे दिहे अहइ।
4 काहेकि हमरे सबके बीचे मँ कछू मनई चोरी स आइ ग अहइँ। एनके अपराध क बावत सास्तर मँ पहिलेन स आगाह कइ दीन्ह गवा अहइ। इ सबइ परमेस्सर क विरोध मँ अहइँ. इ पचे परमेस्सर क अनुग्रह क लुच्चापन मँ बदल डावत हीं अहइ अउर हमार एक ही पर्भू अउर स्वामी ईसू मसीह मँ नाहीं बिसवास करतेन।
5 मइँ तोहका इ याद दियावा चाहत हउँ कि जउन पर्भू अपने लोगन क मिस्त्र क धरती स बचाइ क निकार लिहे रहा। अउर जउ उ बिसवास नाहीं करत रहेन, ओनका कउने तरह स नस्ट कइ दिहे रहा।
6 अउर याद राखा कि जउन सरगदूतन अपने पद क स्थिर नाहीं रख सकेन आपन अउर निज निवास क छोड़ दिहे रहेन, उ ओनका अनन्त बन्धनन मँ जकडिके उस भीषन दिन क निआव बरे अन्धकार मँ रखे बाटइ।
7 इही तरह स मइँ तोहका इहउ याद दिआवा चाहत अहउँ कि सदोम अउर अमोरा अउर ओनके लगे पास क नगरन ऍनही दूतन क तरह यौन अनाचार किहेन तथा अप्राकृतिक यौन सम्बन्ध क पाछे छावत रहेन। ओनका कबहूँ न बुझइवाली आगी मँ झोक देइ क दण्ड दीन्ह गवा। हम सबन क अइसे उदाहरण स सीख लेइ चाही।
8 ठीक इही तरह हमरे समहू मँ घुसइवाले इ सब मनई अपने सपना क पीछे दउड़त अपने सरीर क असुद्ध करत अहइँ। इ सबइ पर्भू क तुच्छ जानत हीं अउर महिमावान सरगदूतन क निन्दा करत हीं।
9 प्रमुख सरगदूत मीकाईल जउ सइतान क साथ विवाद करत भवा मूसा क ल्हास क बावत बहस करत रहा तउ उ ओकरे खिलाफ अपमानजनक आरोप लगावइ क हिम्मत नाहीं जुटाइ सका। उ सिरिफ एतना कहेस, “प्रर्भू तोहका डाटइ अउर फटकारइ।”
10 मुला इ लोग तउ ओन बातन क निन्दा करत हीं अउर इ पचे ओनका नाहीं समझतेन। अउर इ पचे अविवेकी जानवरन क नाई जउन जिन बातन स सहज रुप स परिचित अहइँ, इ बातन उहइ बाटिन ओनही क द्वारा नास होइ जात ह।
11 ओनके सबके बरे इ बहुत खराब अहइ, काहेकि उ पचे कैन क रास्ता चुनेन्ह। धन कमाय बरे उ पचे खुद क वइसेन गलती क हवाले कइ दिहेन जइसेन बिलाम किहे रहा। इ बरे ओनही क नास होई जइसेन कोरह क विद्रोह मँ भाग लेइवालेन मर-बिला ग रहेन।
12 इ पचे तोहरे प्रीतिभोजन मँ छिपी समुद्र तल की चट्टानन क तरह अहइँ जउन कि घातक अहइँ। इ पचे बिना डरे तोहरे साथे खात हीं, पिअत हीं मुला ओनका अपने स्वार्थ क फिकिर रहत ह। उ बिना पानी क बादर अही। उ पचे पतझड़ क अइसेन पेड़ अहिन जउने प फल नाहीं होत। उ दुइ दाई मरा अहइ। ओनका उखाड़ा जाइ चुका अहइ।
13 उ पचे समुद्दर क अइसी भयानक लहर अहइँ, जउन अपने लज्जाजनक करमन क झाग उगलत रहत हीं। उ सब इधर उधर भटकत अइसे तारा अहइँ जेनके बरे अनन्त घनघोर अंधेर सुनिस्चित कइ दीन्ह ग अहइ।
14 आदम स सातवी पीढ़ी क हनोक भी एनके बावत अइसेन सब्दन मँ भविस्सबाणी किहे रहा, “देखा, उ प्रर्भू अपने हजारन हजार पवित्तर सरगदूतन क साथ
15 प्रर्भू हर मनई क निआव करी। उ सब मनइयन क परखइ आवत अहइ अउर जउन ओकरे खिलाफ अहइँ ओन सबनक दण्ड देई। परमेस्सर एन सब मनइयन क सजा देइ जउन बरा करम किहे बाटेन। उ इ सबइ पापी लोगन क सजा देइ जउन परमेस्सर क खिलाफ रहेन। उ ओन बुरी बातन बरे सजा देई जउन परमेस्सर क खिलाफ किहे बाटेन।”
16 इ पचे चुगुलखोर अहीं अउर दोख ढूढइवाले अहीं। इ सबेन्ह अपनी इच्छा क गुलाम अही अउर अपने मुँहे स घमंडभरी बात बोलत हीं। अपने फायदे क बरे इ सबेन्ह दूसरे क चापलूसी करत हीं।
17 मुला पिआरे दोस्तो, ओन सब्दन क याद करा जउन हमार प्रर्भू ईसू मसीह क प्रेरितन पहिलेन कहि चुका अहइँ।
18 उ पचे तोहसे कहत रहेन, “आखिरी समइ मँ अइसे मनई रइहीं जउन परमेस्सर स जुड़ी बातन क मजाक उडइहीं।” उ पचे गन्दी इच्छा क पाछे पाछे चलिहइँ।
19 इ पचे ओनही अहीं जउन फूट डावत ही। इ सबइ संसारिक अउर आतिमा रहित अहइँ।
20 मुला पिआरे दोस्तो, तू पचे एक दूसरे क बिसवास स आध्यात्मिक रुप स आपन क पवित्तर बिस्सास मँ मजबूत करत रहा। पवित्तर आतिमा क साथ पराथना करा।
21 अपने आप क परमेस्सर क पिरेम मँ बनाए रखो अउर अनन्त जीवन बरे उत्सुकता स हमरे पर्भू ईसू मसीह की द्या क बाट जोहत रहा।
22 जे संदेह करत हय, ओनके ऊपर द्या करा।
23 दूसर मनइयन क आगे बढ़िके आग स निकार ल्या। अउर दूसर मनइयन क बचावा। मुला दया देखावत सावधान रह्या लेकिन ओनके कपरन तलक स नफरत कर्या जउने प ओनके सांसारिक तरह स जीवन यापन पइ पाप क धब्बा लगा अहइ।
24 उ (परमेस्सर) मजबूत अहइ अउर तू सबन क ठोकर खाइ स बचाइ सकत ह। अउर अपनी महिमा क उपस्थिती मँ तू पचन क निर्दोस अउर आनन्दित कइके खड़ा कइ सकत ह।
25 उ एकइ परमेस्सर बा। उ सिरिफ एक अहइ जउन उद्धार कइ सकत ह। हमरे पर्भू ईसू मसीह क द्वारा हमरे उद्धार करइवाले एकही परमेस्सर क महिमा, वैभव, पराक्रम अउर अधिकार हमेसा हमेसा स अब तलक भूतकाल मँ, अब अउर भविस्स मँ अउर जुग जुग तक बना रहइ। आमीन।
Revelation 1
1 इ ईसू मसीह क प्रकासित वाक्य अहइ जउन ओका परमेस्सर स इ बरे मिला अहइ जइसे कि जउन बात होइवाली अहइ, ओनका अपने सेवकन क दिखावा जाइ। आपन दूत भेजके मसीह अपने सेवक यूहन्ना क इसारा कइके बताएस।
2 यूहन्ना जउन कछू देखे रहा, ओकरे बावत बताएस। इ उ सच्चाई अहइ जेका ईसू मसीह बताए रहा। इ उ संदेस अहइ जउन परमेस्सर क अहइ।
3 उ मनई धन्य अहइ जउन परमेस्सर क भविस्सबाणी क नीक संदेस क पड़त ह, अउर सुनत ह अउर उ पचे धन्य अहइँ जउन बातन एहमाँ लिखी अहइँ, जे ओनकइ पालन करत ह। काहेकि परिपूर्ण क समइ नजदीक अहइ।
4 यहून्ना कइँती स एसिया प्रान्तमँ बरकरार सात कलीसियन क नाउँ उ परमेस्सर कइँती स जउन अहइ, जउन हमेसा स रहा अउर जउन आवइवाला अहइ, ओन सात आतिमा कइँती स जउन ओकरे सिंहासन क सामने अहइँ।
5 अउर उ ईसू मसीह कइँती स जउन विसवास भरा साच्छी, मरा मनइयन मँ पहिला जी उठइ वाला अउर धरती क राजन क राजा अहइ तोहका कृपा अउर सान्ति मिलइ।उ जउन हमसे पिरेम करत ह अउर जउन आपन खून स हमका पचे क आपन पापन स छुटकारा देवाएस।
6 उ हमका एक राज्ज अउर अपने परमपिता परमेस्सर क सेवा मँ याजक होइ क बनाएस। ओकर महिमा अउर पराक्रम हमेसा बरकरार रहइ! आमीन!
7 देखा, बादलन क साथ मसीह आवत अहइ। हर एक आँखी ओकर दर्सन करी। एहमाँ ओनकइ सामिल अहइँ जउन ओका मारे रहेन।धरती क सब मनई ओकरे कारण रोइही! हाँ! सचमुच अइसा होइ! आमीन!
8 सबसे बड़ी ताकतवाला पर्भू परमेस्सर, जउन बरकरार अहइ, हमेसा हमेसा स रहा अउर जउन आवइवाला अहइ, कहत अहइ, “मइँ अलफा (आदि) अउर ओमेगा (अन्त) दुइनउँ अही।”
9 मइँ, यहून्ना अउर ईसू मँ तोहार भाई अहइँ! हम संग संग ईसू मँ अही अउर ईसू क कारण अत्याचार, राज्ज अउर धीरज मँ भरी सहनसीलता मँ तोहार साच्छी अही। परमेस्सर क बचन अउर ईसू क साच्छी देइ क कारण मइँ पतमुसनाउँ क द्वीप मँ रहेउँ।
10 पर्भु क दिन मइँ आतिमा क वसीभूत हो उठेउँ अउर मइँ अपने पाछे तुरही क एक तेज आवाज सुनेउँ।
11 उ कहत रही, “जउन कछू तू देखइ अहा, ओका एक किताब मँ लिख द्या अउर फिन ओका इफिसुस, स्मुरना, पिरगमुन, थूआतीरा, सरदीस, फिलादेलफिया अउर लौदीकिया क सातउ कलीसियन क भेज द्या।”
12 फिन इ देखइ क बरे कि इ आवाज केकर बाटइ जउन मोसे बोलत रही, मइँ मुड़ेउँ अउर जब मइँ मुड़ेउँ तउ मइँ सोने क सात दीपाधार देखेउँ।
13 अउर ओन दीपाधारन क बीच मइँ एक आदमी क देखेउँ जउन “मनई क पूत” क जइसा कउनउँ मनई रहा। उ अपने गोड़े तक लम्बा चोगा पहने रहा। अउर ओकरी छाती प एक सुनहरी पटका लिपटा रहा।
14 ओकर मूँड़ अउर बाल सफेद ऊन क तरह उज्जर रहेन। ओकर आँखिन आगी क चमचमात लपट क तरह रहिन।
15 ओकर पैर भटृी मँ अबही अबही तपावा गवा कांसा क नाई दमकत रहेन। ओकर आवाज तमाम पानी क धारा क गरज क तरह रही।
16 अउर उ अपने दाहिने हाथे मँ सात तारा धरे रहा। ओकरे मुँह स एक तेज दुधारी तलवार बाहर निकरत रही। ओकर तस्वीर तेज दमकत सूरज क तरह उज्जर रही।
17 मइँ जब ओका देखेउँ तउ मइँ ओकरे पैर प अइसेन गिर पड़ेउँ जइसेन मरा मनई गिरइ। फिन उ आपन दाहिना हाथ मोरे ऊपर रखेस अउर कहेस, “ड़ेराय न जा, मइँ पहिला अहउँ अउर मइँ आखिरी अहउँ।
18 मइँ उहइ अहउँ जउन जिअत अहउँ। मइँ मरि ग रहेउँ मुला देखा, अब मइँ हमेसा हमेसा बरे जिन्दा अहउँ। मोरे पास मृत्यु अउर अधोलोक क चाभी अहइ।
19 तू जउन कछू देखे अहा, जउन कछू होत अहइ, अउर कछू आगे होइवाला अहइ ओका लिखत जा।
20 इ जउन सात तारा अहइँ जेनका तू मोरे हाथे मँ देखत अहा अउर जउन इ सात दीपाधार अहइँ एनकइ सबन क गुप्त रहस्य अहइ: इ सात तारा सात कलीसियन क सरगदूतन अही अउर इ सात दीपाधार सात कलीसियन अही।
Revelation 2
1 “इफिसुस क कलीसिया क सरगदूत क इ लिखा:“उ जउन अपने दाहिने हाथे मँ सात तारन क धारन करत ह अउर जउन सात दीपाधारन क बीच घूमत ह, इ तरह कहत अहइ
2 मइँ जानत अहउँ जउन तू करत अहा अउर, कड़ी मेहनत अउर धीरज भरी सहनसीलता क जानित हउँ अउर मइँ इहइ जानित हउँ कि तू बुरा मनइयन क राह नाही पउत्या अउर तू ओनका परखे अहा जउन कहत अहइँ कि उ पचे प्रेरितन बाटेन मुला सही मँ नाही अहइँ। तू ओनका झूठा पाए अहा।
3 मइँ जानित हउँ कि तोहरे मँ धीरज अहइ अउर मोरे नाउँ प तू कठिनाई झेले अहा। अउर तू थका नाहीं अहा।
4 “मुला मोरे लगे तोहरे विरोध मँ इ अहइ: तू पिरेम छोड़ दिहे अहा जउन सुरुआत मँ तोहरे मँ रहा।
5 इ बरे याद करा कि तू कहाँ स गिर अहा, आपन मनफिराव अउर उ करा जेका तू सुरुआत मँ करत रह्या, जदि तू पछतावा न करब्या तउ मइँ तोहरे लगे आउब अउर तोहरे दीपाधार क ओकरी जगह स हटाइ देब।
6 मुला इ बात तोहरे हित मँ अहइ कि तू नीकुलइयनक काम स नफरत करत अहा, जेनसे मइँ भी नफरत करत हउँ।
7 जेकरे लगे कान अहइँ, उ ओका सुनइँ जउन आतिमा कलीसियन स कहत अहइ। जे विजय पाई मइँ उही परमेस्सर क बगिया मँ लगा जीवन क पेड़ स फल खाइ क अधिकार देब।
8 स्मुरना क कलीसिया क सरगदूत क इ लिखा: “उ जउन पहिला अहइ अउर जउन आखिरी अहइ जउन मर ग रहा अउर फिन स जी उठा।
9 उ कहेस मइँ तोहरे साथ जउन अत्याचार भवा ओका अउर तोहरी दीनता दुइनउँ क जानत हउँ वइसे तू धनवान अहा। जउन खुद क यहूदी कहत अहा, अउर जउन तोहार निन्दा करे अहइ, मइँ ओका भी जानत हउँ। यद्यपि ओन्हन सही सही यहूदी न अही। बल्कि उ पचे सइतान क आराधनालय अहइँ जउन सइतान स संबंध रखित ह।
10 उ अत्याचार स तोहका ड़ेराय क जरुरत नाही अहइ, जउने क तोहका सहइ क अहइ। सुना, सइतान तोहरे मँ स कछू जने क बंदीगृह मँ ड़ाइके तोहार परीच्छा लेइ जात अहइ। अउर तोहका हुवाँ दस दिन तक कस्ट भोगइ क अहइ। चाहे तोहका मर जाइ क पड़इ मुला सच्चा बना रह्या तबइ तोहका जीवन वाला मुकुट देब।
11 जउन सुन सकत ह, सुन लेइ कि आतिमा कलीसियन स का करत अहइ। जउन जीत जाई ओका दूसरी मउत स कउनउँ नुकसान न उठावइ क पड़ी।
12 “पिरगमुन क कलीसिया क सरगदूतन क इ लिखा:“उ जउन तेज दोधारी तलवार क धरत अहइ उ इ तरह स कहत ह:
13 मइँ जानत हउँ कि तू कहाँ रहत बाट्या जहाँ सइतान क सिंहासन बाटइ। अउर मइँ इहउ जानत हउँ कि तू मोरे नाउँ प स्थिर अहा, अउर तू मोरे बरे आपन बिसवास क कबहुँ जकारया नाहीं। तोहरे उ नगर मँ जहाँ सइतान क निवास अहइ, मेरा बिसवासपूर्ण साच्छी अन्तिपास मार दीन्ह गवा रहा।
14 “मुला मइँ तेरे बिरोध मँ कछू कहइ चाहत हउँ: तोहरे हिआँ कछू अइसे लोग बाटेन जउन बिलाम क सिच्छा क मानत ही। उ बालाक क सिखावत रहा कि इस्राएलियन क मूर्तियन क चड़ावा खाइ अउर व्यभिचार करइ क प्रोत्साहित करइ।
15 अइसे तोहरे हिआँ भी कछू अइसे मनइयन अहइँ जउन नीकुलइयन क सीख प चलत अहइँ।
16 एह बरे मनफिरावा नाहीं तउ मइँ जल्दी ही तोहरे पास आउब अउर ओनके बिरोध मँ उस तलवार स युद्ध करबइ जउन मोरे मुँह स निकरत बाटइ।
17 “जउन सुन सकत ह, सुन लेइ कि आतिमा कलीसियन स का कहत अहइ।”“जउन बिजयी होई मइँ हर एक क गुप्त मन्ना देब। मइँ ओका एक सफेद पाथर देब जेह पइ एक नवा नाउँ लिखा होई। जेका ओकरे अलावा अउर कउनउँ नाही जानत अहइ, जेका उ दीन्ह गवा बाटइ।
18 “थूआतीरा क कलीसिया क सरगदूतन क नाउँ इ लिखा:“परमेस्सर क पूत, जेकर आँखिन धधकती आग क समान बाटिन, अउर जेकर पैर चमकते काँसा क जइसे अहइँ, इ कहत अहइ:
19 मइँ तोहरे कारज, पिरेम, बिसवास, सेवा अउर धैर्य क जानत हउँ। मइँ इहउँ जानत हउँ कि तोहार वर्तमान कारज विगत कारज स अधिक होत बाटइ।
20 मुला मइँ तेरे विरोध मँ कछू कहइ चाहत हउँ; तू उ स्त्री इजेबेल क अपने मध्य रहइ देता अहा, जउन अपने आपको नबीया कहत ह। मुला मोरे सेवकन क व्यभिचार करइ अउर मूर्तियन क आगे चड़ाई भइ चीजन क खाइ बरे सिच्छा देत अहइ।
21 मइँ ओका मनफिरावा क अवसर दिहे अहउँ। मुला उ अपने व्यभिचार स मनफिरावा नाहीं चाहत।
22 अउर मइँ ओंका रोग चारपाई प ड़ाउब। अउर जे ओकरे साथ व्यभिचार करत अहइँ तउ उ तरह क कस्ट अउर दिक्कत भोगइँ जब तलक अपने काम क पछतावा न कइलेइँ।
23 मइँ महामारी फैलाइके ओकरे लरिकन क मारि ड़ाउबब अउर सब कलीसियन क पता चल जाइ कि मइँ उहइ अहउँ जउन सब मनइयन क मन अउर बुद्धि क जानत अहइ। मइँ तोहका सबका तोहरे काम क हिसाब स फल देबइ।
24 “अब मोका थूआतीरा क बाकी बचे क कछू मनइयन स कछू कहइ क अहइ कि जे इस सीख प नाहीं चलतेन अउर जउन सइतान क अउर ओकरे छिपी बातन क नाहीं जानत अहइँ। मइँ तोहरे ऊपर अउर कउनो बोझा नाहीं ड़ावा चाहत अहउँ।
25 मुला जउन कछू तोहरे लगे अहइ, ओह प मोरे आवइ तक चलत रहा।
26 “जउन मनई जीत हासिल करी अउर जउन बातन क मइँ आदेस दिहे अहउँ अखिरी दम तक मोर आदेस पर टिका रही, जेहका मइँ चाहत अहउँ ओका मइँ राष्ट्रन पर अधिकार देत हउँ।
27 तथा उ ओनके ऊपर लोहे क ड़ण्ड़े स सासन करी। उ ओनका माटी क भाँड़न क तरह चूर चूर कइ देई।’ भजन संहिता 2:9
28 इ उहइ अधिकार अहइ जेका मइँ अपने परमपिता स पाए अहउँ। मइँ अइसे मनई क भोर क तारा देब।
29 जेकरे पास कान अहइँ, उ सुन लेइँ कि आतिमा कलीसियन स का कहत अहइ।
Revelation 3
1 “सरदीस कलीसिया क सररगदूत क इ तरह लिखा:“अइसा उ कहत ह जेकरे लगे परमेस्सर क सात आतिमा अउर सात तारा अहइँ मइँ तोहरे काम क जानत अहउँ सब मनइयन क कहब अहइ कि तू जिअत अहा, मुला तू तउ मर ग अहा।
2 सावधान रहा! अउर जउन कछू बचा अहइ, ओका विलाई जाइ क पहले अउर मजबूत बनावा काहे बरे कि अपने परमेस्सर क निगाह मँ मइँ तोहरे काम क नीक नाहीं पाए अहउँ।
3 इ बरे जउने उपदेस क तू सुने अहा अउर पाए अहा, ओका याद करा। उही प चला अउर आपन मनफिरावा। जदि तू न जगब्या तउ चोर क तरह मइँ चला आउब। एकै तोहका पता नाहीं होइ कि मइँ कब अउबउँ अउर तोहका अचम्भा मँ ड़ाइ देब।
4 जउनउ कछू होइ, मुला सरदीस मँ तोहरे लगे कछू अइसे मनइयन अहइँ जउन अपने क खराब नाहीं किहे अहइँ। उ पचे नीक मनई अही, इ बरे मोरे साथ उज्जर उज्जर कपरा पहिनी क घूमिहइँ।
5 जउन उ जीती, उ इही तरह उज्जर कपरा पहिनी मइँ जीवन क पुस्तक स ओकइ नाउँ न हटाउबइ, मइँ ओकरे नाउँ क परमपिता अउर सरगदूतन क सामने मानता देबइ।
6 जेकरे लगे कान अहइँ, उ पचे सुन लेइँ कि आतिमा कलीसियन स का कहत अहइ।
7 “फिलादेलफिया कलीसिया क सरगदूत क इ तरह लिखा:“उ जउन पवित्तर अउर सच्चाई अहइ अउर जेकरे लगे दाऊद क चाभी अहइ जउन अइसा दरवाजा खोलत ह, जेका केहू खोल नाहीं पावत, इ तरह कहत ह;
8 मइँ तोहरे काम क जानित ह। देखा तोहरे सामने मइँ एक दरवाजा खोल दिहे अहउँ, जेका केहू बन्द नाहीं कइ सकत. मइँ जानत हउँ कि तोहार ताकत कम अहइ मुला तू मोर उपदेस क पालन किहे अहा, अउर मोर नाउँ क खंड़न नाहीं किहे अहा।
9 सुना! कछू अइसे अहइँ जे सइतान क आराधनालय अही अउर जउन यहूदी न होत भए अपुना क यहूदी कहत ही जे एकदम झूठा अहइँ, ओनका मइँ मजबूर कइके तोहरे पैर मँ झुकाइ देब जइसे कि ओनका पता चल जाइ कि तू मोका अच्छा लागत ह्या।
10 तू धीरज क साथ सहनसीलता स मोर आदेस क पालन किहे अहा। एकरे बदले मँ मइँ इम्तिहान क घड़ी मँ तोहार रच्छा करबइ, जउन कि धरती पर रहइवालेन क परखइ क बरे पूरे संसार मँ आवइवाली अहइ।”
11 “मइँ बहुत जल्दी आवत अहउँ। जउन कछू तोहरे पास अहइ, ओकरे ऊपर डटा रहा जइसे कि तोहार जीत क मुकुट कउनउँ लेइ न पावइ।
12 जउन मनई जीती, ओका मइँ अपने परमेस्सर क मंदिर क खम्भा बनउबइ। फिन उ कबहूँ मंदिर क बाहर न जाई। अउर मइँ अपने परमेस्सर क अउर अपने परमेस्सर क नई नगरी क नवा यरुसलेम नाउँ ओकरे ऊपर लिखबइ, उ नगरी परमेस्सर कइँती स सरग स नीचे उतरइवाली अहइ। ओकरे ऊपर मइँ अपनउँ नये नाउँ लिखबइ।
13 जे सुन सकत ह सुन लेइ कि आतिमा कलीसियन स का कहत अहइ।
14 “लौदीकिया क कलीसिया क सरगदूत क इ लिखा:“जउन आमीनअहइ बिसवास भरा अहइ, सच्ची साच्छी अहइ, जउन परमेस्सर क रचना क एक ठु सासक अहइ, इ तरह कहत ह:
15 मइँ तोहरे काम क जानत हउँ अउर इहउ कि न तउ इ ठंड़ा होत ह अउर न गरम। मइँ चाहत हउँ कि तू या तो ठंड़ा रहा या गरम।
16 इ बरे कि तू गुनगुना अहा, न तउ गरम अहा न ठंड़ा, एहि कारण मइँ तोहका अपने मुँह स उगलइ जात अहउँ।
17 तू कहत अहा कि मइँ धनी होइ गवा हउँ अउर मइँ भाग्यसली होइ गवा अहउँ अउर मोका कउऩउँ चीज क जरुरत नाहीं अहइ, मुला तोहका पता नाहीं अहइ कि तू अभागा अहा, दयनीय अहा, आँधर अहा अउर नंगा अहा।
18 मइँ तोहका इ सलाह देत अहउँ कि तू मोका आगी मँ तपावा सोना खरीदा जइसे कि तू सही सही धनवान होइ जा। पहिनइ क वास्ते सफेद कपरा लइ ल्या जइसे कि तोहरी बेसार्मी अउर नंगाई क तमासा न खड़ा होइ जाइ। अपने आँखन मँ लगावइ क वास्ते तू आँजन लइ ल्या जइसे कि तू निहार सका।
19 “ओनका सबेन्ह क जेनका मइँ पिरेम करित हउँ, मइँ ड़ाटत अहउँ अउर अनुसासित करत हउँ। कठिन जतन कइके आपन मनफिराइ ल्या।
20 सुना, मइँ दरवाजे प खड़ा अहउँ अउर खटखटावत अहउँ। जउ केहू मोर आवाज सुनत ह अउर दरवाजा खोल देत ह तउ मइँ अन्दर आइ जइहउँ अउर ओकरे साथे बइठके खाना खाबइ। अउर उ मोर साथे बइठके खाना खात ह।
21 “जउन मनई जीती मइँ ओका अपने साथे सिंहासन प बइठइ देब। जइसे कि जीत हासिल कइके मइँ अपने पिता क साथे सिंहासन प बइठा अहउँ।
22 जे मनई सुनि सकत ह सुन लेइ, कि आतिमा कलीसियन स का कहत अहइ।”
Revelation 4
1 एकरे बाद मइँ आपन निगाह उठाएउँ तउ उहाँ सरग क खुला दरवाजा मोरे सामने रहा। अउर उहइ आवाज जउने क मइँ पहले सुने रहेउँ, तुरही क आवाज जइसी मँ मोसे कहत रही, “हिआँ ऊपर आइ जा। मइँ तोहका उ देखाउब जउन आगे चलिके होइवाला अहइ।” सरग क दर्सन
2 फिन तुरन्तइ मइँ आतिमा क बस मँ होइ गएउँ। मइँ देखेउँ कि मोर सामने सरग मँ सिंहासन अहइ अउर ओकरे ऊपर केउ बइठा अहइ।
3 जउन ओह प बइठा रहा ओकै चमक यसब अउर गोमेद क तरह रही। सिंहासन क चारिहुँ कइँती एक मेघधनुस रहा जउन पन्ना क तरह दमकत रहा।
4 उ सिंहासन क चारिहुँ कइँती चौबीस सिंहासन अउर रहेन। ओकरे ऊपर चौबीस बुजुर्गनबइठा रहेन। उ पचे सफेद कपरा पहिने रहेन। ओनके मूड़े प सोने क मुकुट रहेन।
5 सिंहासन भरा बिजली क चकाचौध, घड़घड़ाहट, अउर बादर गरजइ क आवाज आवत रही। सिंहासन क समन्वा लपलपात सात मसाल जरत रहिन। इ मसाल परमेस्सर क सात आतिमा अहइँ।
6 सिंहासन क समन्वा पारदर्सी कांच क स्फटिक समुद्दर जइसा फइला रहा।सिंहासन क ठीक समन्वा अउर ओकरे दुइनउँ तरफ चार जीवित प्रानी रहेन। ओनके आगे अउर पाछे आंखिन रहिन।
7 पहला जीवित प्रानी सेर क तरह रहा, दूसर जीवित प्रानी बइल जइसा रहा, तीसरे जीवित प्रानी क मुँह मनई जइसा रहा। अउर चौथा प्रानी उड़ते हए गरुड़ क समान रहा।
8 इ चारु ही प्रनियन क छ: छ: ठू पखना रहेन। ओकरे चारो तरफ अउर भीतर आंख आंख भरी पड़ी रहिन। दिन रात उ पचे हमेसा कहत रहेन:“पवित्तर, पवित्तर, पवित्तर प्रर्भू परमेस्सर सर्वसक्तिमान, उहइ रहा, उहइ अहइ, अउर उहइ आवत अहइ।”
9 जउ उ जिअत प्रानी उ सदैव रहत क महिमा, आदर अउर धन्यबाद करत रहेन, जउन सिंहासन प बइठा रहा, तउ ब उ
10 चौबीसौ बुजुर्गन ओकरे पैरन मँ गिरके हमेसा जिअत रहइवाले क आराधना करत ही। उ सिंहासन क समन्वा आपन मुकुट ड़ाय देत ही अउर कहत ही:
11 “हे हमार पर्भू अउर परमेस्सर! तू महिमा, समादर अउर ताकत पावई क बरे सुयोग्य अहा, काहे बरे कि तू ही अपनी इच्छा स सब चीजन क पइदा किहा, अउर तोहरी इच्छा स ओनकर अस्तित्व अहइ। अउर तोहरी इच्छा स ओनकर पैदाइस भय।”
Revelation 5
1 फिन मइँ देखा कि जउन सिंहासन प बिराजमान रहा, ओकरे दाहिने हाथे मँ एक लपेटा चमड़ा क पत्र मतलब एक अइसी किताब जेका लिखके लपेट दीन्ह जात रहा। जेकरे दुइनउँ कइँती लिखावट रही। ओका सात मोहर लगाइके छाप दीन्ह ग रहा।
2 मइँ एक सक्तिमान सरगदूत कइँती देखेउँ जउन ऊंची आवाज मँ घोसणा करत रहा, “इ लपटा भवा चमड़न क पत्र मोहरन क तोड़इ अउर एका खोलइ मँ कउन मनई समर्थ अहइ।”
3 मुला सरग मँ अथवा जमीन प या पताललोक मँ कउनउँ अइसा नाहीं रहा जउन उ लपटा चर्मपत्र क खोलइ अउर ओका भीतर झाँकइ।
4 काहेकि उ चर्मपत्र क खोलइ क ताकत राखइवाला या अन्दर स ओका देखइ क ताकत रखइवाला कउनउँ नाही मिल पाए रहा। इ बरे मइँ सुबक सुबक क रोय दीन्ह।
5 फिन ओन बुजुर्गन मँ स एक मोसे कहेस, “रोउब बन्द करा! सुना, यहूदा क बंसज क सेर जउन दाऊद क बंसज क अहइ जीत हासिल किहे अहइ। उ एन सात मोहरन क तोड़इ अउर इ लिपटा चर्मपत्र क खोलइ मँ समरथ अहइ।”
6 फिन मइँ देखेउँ कि उ सिंहासन अउर ओन चार प्रानीयन क समन्वा अउर ओन बुजुर्गन क समन्वा एक ठु मेमना खड़ा अहइ। उ अइसे देखात रहा जइसे ओकरे बलि चड़ाई ग रही होइ। ओकरे सात सीग रहेन अउर सात आँखी रहिन, जउन परमेस्सर क सात आतिमा अहिन। जेनेका पूरी धरती प भेजा ग रहा।
7 फिन उ आवा अउर जउन सिंहासन प विराजमान रहा, ओकरे दाहिने हाथे स उ लिपटा चर्मपत्र लइ लिहेस।
8 जब उ ओनसे लिपटा चर्मपत्र लइ लिहेस तउ ओन चारउ प्रानी अउर चौबीसउ बुजुर्गन उ मेमना क झुकके प्रणाम किहेन। ओनमाँ स प्रत्येक क हाथ मँ वीना अउर सोने का कटोरा रहेन। उ सब बोलत रहेन: अउर महकत सोने क धूपदान थामे रहेन जउन परमेस्सर क लोगन क पराथना अहइ।
9 उ एक नवा गाना गावत रहेन:“तू अहा चर्मपत्र लेइ क बरे समर्थ अउर एह प लगी मोहर क खोलइ मँ तोहार बध बलि कीन्ह ग रहा, अउर अपने खून स तू परमेस्सर बरे लोगन क हर जाति स, हर भाखा स सब कुलन स, सब देसन स मोल लइ लिहा।
10 अउर बनाया तू ओनका रुप राज्य क अउर हमरे परमेस्सर क हेतु ओनका याजकन बनाया, ओनही धरती प राज करिहइँ।”
11 तबहिं मइँ देखेउँ अउर तमाम सरगदूतन क आवाज सुनेउँ। उ पचे सिंहासन, जीवित प्रानीयन अउर बुजुर्गन क चारिहुँ कइँती खड़ा रहेन। अउर उहाँ सरगदूतन क तादाद लाखन करोड़न मँ रही
12 अउर उ पचे जोर जोर स कहत रहेन:“जउन मेमना, मारि ड़ाला ग रहा, उ ओका मिलइ क जोग्ग अहइ बल, धन, विवेक समादर, महिमा अउर स्तुति!”
13 फिन मइँ सुनेउँ कि सरग क, धरती पइ क पाताललोक क, समुद्दर मँ का, समूची दुनिया क अउर समूचे ब्रहाण्ड़ हर एक प्रानी जउन इ जगह मँ रहत रहा कहत रहेन:“जउन सिंहासन प बइठा अहइ अउर मेमना! हमेसा हमेसा ओनका स्तुति मिलै, ओनका आदर, महिमा मिलइ।”
14 फिन उ चारिहुँ प्रानी कहेन, “आमीन!” कहेन अउर बुजुर्गन झुकिके आराधना करेन।
Revelation 6
1 मइँ देखे कि मेमना ओहमाँ स पहली मोहर तोड़ेस अउर तबहि ओन चार प्रानीयन मँ स एक क बादर क तरह गरजत आवाज मँ कहत सुनेउँ, “आ!”
2 जउ मइँ आपन नजर उठाएउँ तउ पाएउँ कि मोरे सामने एक ठु सफेद घोड़ा रहा। घोड़ा क सवार धनुस लिए रहा। ओका विजय मुकुट दीन्ह गवा अउर उ विजय पावइ क बरे जीत पाइ क बाहर चला गवा।
3 जब मेमना दूसर मोहर तोड़ेस तउ मइँ दूसर प्रानी क कहत सुनेउँ, “आवा!”
4 एह प आगी क तरह लाल रंग क एक अउर घोड़ा बाहेर आवा। एकरे ऊपर बइठे सवार क धरती स सान्ति छीन लेइ अउर एक दूसरे क हत्या करवावइ क बरे उकसावइ क अधिकार दीन्ह ग रहा। ओका एक ठु लम्बी तलवार दइ दीन्ह गइ।
5 जब मेमना तीसरी मोहर तोड़ेस तउ मइँ एक प्रानी क कहत सुनेउँ, “आवा!” जब मइँ आपन नजर उठाएउँ तउ हुवाँ मोरे सामने एक ठु काला घोड़ा खड़ा रहा। ओह प बइठे सवार क हाथे मँ एक तराजू रही।
6 उही समइ मइँ ओन चारउ प्रानीयन क बीच स एक आवाज आवत सुनेउँ, जउन कहत रहा, “एक दिन क मजूरी क बदले एक दिन क खाइ क गोहूँ अउर एक दिन क मजूरी क बदले तीन दिन तक खाइ क जौ। मुला जैतून क तेल अउर दाखरस क नुकसान न पहुँचावा!”
7 इ फिन मेमना जब चौथी मोहर खोलेस तउ चौथे प्रानी क कहत सुनेउँ, “आवा!”
8 फिन जब मइँ नजर उठाएउँ तउ मोरे सामने मरियल जइसा एक पीला रंग का घोड़ा खड़ा रहा। ओह प बइठके सवार क नाउँ रहा “मउत”। अउर ओकरे पाछे पाछे सटा चलत रहा अधोलोक। धरती क एक चौथाई हिस्सा प ओनका इ अधिकार दइ दीन्ह ग कि लड़ाई, अकाल, महामारी अउर धरती क हिसक जानवर ओनका सबेन्ह क मार ड़ावइँ।
9 फिन उ मेमना जउ पाँचवी मोहर तोड़ेस तब मइँ वेदी क नीचे ओन आतिमान क देखेउँ जेनके परमेस्सर क सुसंदेस कइँती आतिमा क अउर जउने साच्छी क उ पचे दिहे रहेन, ओकरे कारण हत्या कइ दीन्ह गइ।
10 जोर स आवाज देत उ पचे कहेन, “हे पवित्तर अउर सच्चा पर्भू! हमार हत्या करइ क बरे धरती क मनइयन क निआव करइ क अउर ओनका दण्ड़ देइ क बरे तू कब तक इन्तजार करत रहब्या?”
11 ओनमाँ स सबका एक सुफेद चोंगा दीन्ह गवा अउर ओनसे कहा गवा कि तनिक देर तक उ पचे समइ इ इन्तजार करइँ जब तलक ओनके ओन साथी सेवकन अउर भाइयन क तादाद पूरी होइ जात ह जेनकइ वइसेन हत्या कीन्ह जाइवाली अहइ, जइसेन तोहार कीन्ह ग रही।
12 फिन जब मेमना छठवी मोहर तोड़ेस तउ मइँ देखेउँ कि हुवाँ एक बहुत बड़ा भूचाल आवा भवा अहइ। सूरज अइसे काला होइ ग रहा जइसे बालन स बना कपड़ा होय जात ह। अउर पूरा चाँद खून क तरह लाल होइ जात ह।
13 आकास क तारा धरती प अइसा गिर ग रहेन जइसे कउनउँ तेज आँधी स झकझोर दिहे प अंजीर क पेड़ स कच्ची अंजीर गिर जात ही।
14 आसमान फटा पड़ा रहा अउर एक चर्मपत्र क तरह सिकुरिके लपट ग रहा। सब पर्वत अउर द्वीप अपनी अपनी जगह स ड़िग ग रहेन।
15 दुनिया क सम्राट, सासक, धनी, सक्तिसाली अउर सब लोग अउर सब मालिक अउर गुलाम अपने आपका चटृानन क बीच अउर गुफा मँ अपने आपका छिपाइ लिहे रहेन
16 उ पचे पर्वतन अउर चटृानन स कहत रहेन: “हमरे ऊपर गिर पड़ा अउर जउन मनई सिंहासन प बइठा अहइ ओकरे अउर मेमना क गुस्सा स हम पचे क बचाइ ल्या!
17 ओनकी गुस्सा क भयंकर दिन आय ग अहइ अइसा के अहइ जे एका झेल सकइ।”
Revelation 7
1 एकरे बाद धरती क चारउँ कोनन प चार सरगदूतन क मइँ खड़े देखेउँ धरती क चारउँ हवा क उ पचे पकड़े रहेन जइसे कि धरती प, समुद्दर प अथवा पेड़न प ओनमाँ स कउनउँ हवा चलइ न पावइ।
2 फिन मइँ देखेउँ कि एक अउर सरगदूत अहइ जउन पूरब दिसा स आवत अहइ। उ जिअत परमेस्सर क मोहर लिहे रहा। अउर उ ओन चारउ सरगदूतन स जेनका धरती अउर आसमान क नस्ट कइ देइ क अधिकार दीन्ह ग रहा, जोर स पुकार क कहत रहा,
3 “जब तक हमने अपने परमेस्सर क सेवकन क माथे प मोहर नाहीं लगाइ देइतन, तब तलक तू धरती, समुद्दर अउर पेड़न क नुकसान न पहुँचावा.”
4 फिन जउन मनइयन प मोहर लगाई ग रही, मइँ औनकइ तादाद सुनेउँ। उ 1,44,000 रहेन जेनकइ ऊपर मोहर लगाई ग रही, उ सब इस्राएल क सब परिवार समूहन स रहेन:
5 यहूदा क परिवार समूह क 12,000रुबेन क परिवार समूह क 12,000गाद क परिवार समूह क 12,000
6 आसेर परिवार समूह क 12,000नप्ताली परिवार समूह क 12,000मनस्से परिवार समूह क 12,000
7 समौन परिवार समूह क 12,000लेवी परिवार समूह क 12,000इस्साकार परिवार समूह क 12,000
8 जबूलून परिवार समूह क 12,000यूसुफ परिवार समूह क 12,000बिन्यामीन परिवार समूह क 12,000
9 एकरे बाद मइँ देखेउँ कि मोरे सामने एक बहुत बड़ी भीड़ रही जेकर कउनउँ गनती नाही कइ सकत रहा। इ भीड़ मँ हर जाति क, हर वंस क, हर कुल अउर हर भाखा क मनई रहेन। उ पचे उ सिंहासन अउर उ मेमना क आगे खड़ा रहेन। उ सबेन्ह सफेद चोगा पहिरे रहेन अउर अपने हाथे मँ खजूर क टहनी लिहे रहेन।
10 उ सबेन्ह बोलावत रहेन, “सिंहासन प बइठा हमरे परमेस्सर क जय होइ अउर मेमना क जय होइ।”
11 सभी सरगदूतन सिंहासन, बुजुर्गन अउर ओन चार प्रानीयन क घेरे खड़ा रहेन। सिंहासन क सामने झुकिके प्रणाम कइके ओन सरगदूतन परमेस्सर क आराधना किहेन।
12 उ पचे कहेन, आमीन हमरे परमेस्सर क स्तुति, महिमा, विवेक, धन्यवाद, समादर, पराक्रम अउर सक्ति हमेसा हमेसा होत रहइ। आमीन!”
13 तबहि ओन बुजुर्गन मँ स कउनउँ एक मोसे इ पूछेस, “इ सफेद चोगा पहिरे कउन मनई अहइँ अउर इ कहाँ स आए अहइँ?”
14 मइँ ओनका जवाब दिहेउँ, “मोर प्रर्भू तू तउ जनतइ अहा।”इ सुनिके उ मोसे कहेस, “इ पचे उहइ मनई जउन कठोर अत्याचार क बीच स होइके आवत अहइँ उ सबेन्ह आपन चोगा मेमना क खून स धोइके सफेद अउर उज्जर करे अहइ।
15 इही बरे अउर इ पचे परमेस्सर क सिंहासन क समन्वा खड़ा अहइँ अउर ओनके मंदिर मँ दिन रात ओकर आराधना करत ही। जउन सिंहासन पर बइठा बा, उ ओन पर आपन छाया करी।
16 न तउ कबहूँ ओनका भूख सतावात ह अउर न तउ कबहूँ पियासा रहत ह। सूरज ओनकइ कछू नाहीं बिगाड़ पावत अउर न तउ चिलचिलात धूप ओनका कबहूँ तपावत ह।
17 काहेकि उ मेमना जउन सिंहासन क बीच मँ अहइ, ओनकइ देखभाल करी। अउर ओनकर चरवाहा होइ। उ ओनका जिन्दगी देइ वाले पानी क झरना क पास लइ जाई अउर परमेस्सर ओनकी आंखिन क आंसू क पोछ देई।”
Revelation 8
1 फिन मेमना जब सावती मोहर तोड़ेस तउ सरग मँ करीब आधा घन्टा तक सत्राटा छावा रहा।
2 फिन मइँ सात सरगदूतन देखेउँ जउन परमेस्सर क सामने खड़ा रहेन। ओनका सात तुरही दीन्ह गइ रहिन।
3 फिन एक अउर सरगदूत आवा अउर वेदी प खड़ा होइ गवा। ओकरे लगे सोने क एक ठु धूपदान रहा। ओका परमेस्सर क पवित्तर लोगन क पराथना क साथ सोने क उ वेदी प जउन सिंहासन क समन्वा रही चढ़ावइ क बरे तमाम धूप दीन्ह गइन।
4 फिन सरगदूत क हाथे स धूप क उ धुआँ परमेस्सर क लोगन क पराथना क साथे परमेस्सर क समन्वा पहुँचा।
5 एकरे बाद सरगदूत उ धूपदान क उठाएस, ओका बेदी क आग स भरेस अउर उचल क धरती प फेंक दिहेस। तब हुवाँ गरजना भइ, भयंकर आवाज आवइ लाग अउर बिजली चमकइ लाग। भूकम्प आइ गवा।
6 फिन उ सात सरगदून जेकरे लगे सात तुरही रहिन, ओनका फूकइ क बरे तय्यार होइ गएन।
7 जइसेन पहिला सरगदूत तुरही मँ फूँक मारेस, वइसेन खून, ओला, अउर आग एकइ साथे देखाइ लागेन अउर ओनका धरती प नीचे उछालिके फेंक दीन्ह गवा। जउने स धतरी एक तिहाई हिस्सा जलभुन क राख होइ गवा। एक तिहाई पेड़ जलत भए राख होइ गएन अउन संसार क पूरी घास राख होइ गइ।
8 दूसरा सरगदूत जब तुरही मँ फूँक मारेस तउ अइसा लगा जइसे आग क एक जलत विसाल पहाड़े क समान कउनो चीज समुद्दर मँ फेक दीन्ह गइ होइ। एहसे एक तिहाई समुद्दर खून मँ बदल गवा।
9 अउर समुद्दर क एक तिहाई जीवित प्रानी मरि गएन अउर एक तिहाई पानी क जहाज विलाइ गएन।
10 तिसरा सरगदूत जब तुरही मँ फूँक मारेस तउ आकास स मसाल क तरह जरत भवा एक बड़का तारा गिर पड़ा इ तारा एक तिहाई नदियन अउर झरनन क पानी प जाइ गिरा।
11 इ तारा क नाउँ रहा “नागदौना” जउन समूचे पानी क एक तिहाई हिस्सा नागदौनामँ बदल गवा। अउर उ पानी क जे पियेस ह बहुत मनई मर गएन। काहेकि पानी बहुत तीत होइ ग रहा।
12 अउ चौथा सरगदूत तुरही मँ फूँक मारेस, तउ एक तिहाई सूरज अउर साथे मँ एक तिहाई चन्द्रमा अउर एक तिहाई तारन प आफत आइ गइ। ओनकइ एक तिहाई हिस्सा काला पड़ गवा। इ तरह स एक तिहाई दिन अउर एक तिहाई रात अन्धेरे मँ बूड़ गएन।
13 फिन मइँ देखेउँ कि एक गरुड़ अबइ ऊँच अकास मँ उड़त रहा। मइँ ओका जोर स कहत सुनेउँ, “जउन तीन सरगदूत बचा अहइँ अउर आपन तुरही बचावइवाला अहइ, ओनके तुरही बजाए स धरती प रहइवाले प बिपति आवइ! बिपत्ति आवइ! बिपत्ति आवइ!”
Revelation 9
1 जब पाँचवा सरगदूत आपन तुरही मँ फूँक मारेस, तब मइँ आकास स धरती प गिरा भवा एक तारा देखेउँ। एका उ चिमनी क कुंजी दीन्ह ग रही जउन पाताल मँ उतरत ह।
2 फिन उ तारा उ चिमनी क ताला खोल दिहेस जउन पाताल मँ उतरत रही अउर चिमनी स वइसेन धुआं फूट गवा जइसेन एक बड़ी भट्ठी स निकरत ह। इ बरे चिमनी स निकरा धुँआ स सूरज अउर आसमान काला पड़ गएन।
3 तबही उ धुँआ स धरती प टिडिु दल उतर आवा। ओनके पास उहइ ताकत रही जउन धरती प रहइवाले बिच्छुअन मँ रहत ह।
4 मुला ओनसे कह दीन्ह ग रहा कि उ धरती क घास क कउनउँ नुकसान न पहुँचावइँ अउर न तउ हरिअर पेड़ पउधा क कउनउँ नुकसान पहुँचावइँ ओनका केवल ओनही मनइयन न नुकसान पहुँचावइँ क रहा जेकरे माथे प परमेस्सर क मोहर नाहीं लगी रही।
5 टिडुी दल स इ भी कहा ग रहा कि उ मनइयन क प्रान न लेइँ ओनका पाँच महीना तक पीड़ित करत रहइँ। ओनका जउन कस्ट दीन्ह जात रहा, उ उही तरह क रहा जइसे बिच्छू क काटइ स रहत ह।
6 उ ओहि दिनन उ मनई मउत क डूड़िहइँ, मुला मउत ओनका न मिलपाई उ पचे मरइ क बरे तरसिहइँ अउर मउत ओनका चकमा दइके चली जाई।
7 अउर अब देखा कि उ टिडुी लड़ाई मँ लड़इ क बरे तैय्यार घोड़न क तरह देखात रहिन। ओनके माथे प चमकीला मुकुट बँधा रहेन। अउर ओनकर मुँह मनइयन क मुँहन जइसे रहेन।
8 ओनके बार स्त्रियन क बार क तरह रहेन अउर ओनकइ दाँत सेर क दाँत क तरह रहेन।
9 ओनकइ सीना अइसा रहेन जइसे लोहा क कवच होइँ। ओनकइ पखना क आवाज लड़ाई मँ जात बहुत घोड़े अउर रथ क आवाज क तरह रहेन।
10 ओनकी पूँछ रहेन जइसे बीछू क ड़ंक होइँ अउर ओहमाँ पाँच महीना तक लोगन क दु:ख पहुँचावइ क ताकत रही।
11 पाताल क अधिकारी दूत क उ पचे अपने राजा क तरह लिहे रहेन। इब्रानी भाखा मँ ओनकइ नाउँ अहइ, “अबडुोन”अउर यूनानी भाखा मँ ओका “अपुल्लयोन” (नास करइ वाला) कहा जात रहा।
12 पहली बड़ी आफत तउ बीत गइ अहइ मुला एकरे बाद दुइ बिपत्ति बड़ी अउर पड़इवाली अहइ।
13 फिन जइसेन छठवाँ सरगदूत आपन तुरही फूँकेस, वइसेन ही मइँ परमेस्सर क समन्वा एक चमकीली वेदी देखेउँ, ओकरी चार सीग मँ स आवाज आवत रही।
14 तुरही लिहे छठवें सरगदूत स उ आवाज कहेस, “ओन चार सरगदूतन क छोड़ द्या जउन फरात महानदी क लगे बंधा पड़ा अहइँ।”
15 इ बरे चारउ सरगदूत क छोड़ दीन्ह गवा। उ पचे उही समइ, उही दिन, उही महीने अउर उही साल क बरे तय्यार रखा ग रहेन जइसेन कि एक तिहाई मनइयन क मार ड़ावइँ।
16 ओनके पूरी तादाद केतनी रही, इ मइँ सुनेउँ। घोड़ा प चड़े सैनिकन क तादाद 200,000,000 रही।
17 उ मोरे दर्सन मँ उ घोड़ा अउर ओनके सवार मोका इ तरह देखॉई पड़ेन: उ सबेन्ह कवच पहिरे रहेन जउन धधकत आग जइसे लाल लाल, गहरे नीला अउर गन्धक जइसे पीला रहेन। घोड़न क मूँड़ड़ सिंहन क समान रहेन अउर ओनके मुखन स अग्नि, धुँआ तथा गन्धक निकरत रहा।
18 इ तीन महामारी स मतलब ओनके मुँहे स निकरत आगी, धुँआ अउर गन्धक स एक तिहाई मनइयन क मार ड़ावा गवा।
19 ऍन घोड़न क ताकत ओनके मुँहे अउर पूँछ मँ रही, काहेकि ओनके पूँछ मुँड़वाले साँप क तरह रही जउने स उ मनइयन क नुकसान पहुँचावत रहेन।
20 एतने क बावजूद जउन मनई इ सत्यानास स नाहीं मारा गएन अउर जे आपन हिरदय तथा मनफिरावा पे रहा, अउर जउन अबे तक परेत, सोना, चाँदी, काँसा, पाथर अउर लकड़ी क मूर्तियन क पूजा नाहीं छोड़े रहेन जउन कि न देख सकत ही न बोल सकत ही, न चल सकत ही अउर न सुन सकत ही।
21 उ पचे आपन हिरदय अउर मन नाहीं बदलेन तथा अपने द्वारा कीन्ह हत्या, जादू टोना, यौन अनाचार अउर चोरी चकारी क कउनउँ पछतावा नाहीं रहा।”
Revelation 10
1 फिन मइँ आकास स नीचे उतरत एक अउर बलवान सरगदूत क देखेउँ उ बादर क ओड़े रहा अउर ओकरे मूँड़े क आस पास एक मेघधनुस रहा। ओकर मुख मण्ड़ल सूरज क तरह अउर टांग आग क खंभा जइसे रहेन।
2 आपने हाथे मँ उ एक छोटी स खुली पोथी लिहे रहा।
3 आपन दहिना पैर समुद्दर मँ अउर बांया पैर धरती प रखेस। फिन उ सेर क तरह दहाड़त जोर स चिल्लाएस। ओकरे चिल्लाए प सातउ गरजन तरजन क आवाज सुनाई देइ लाग जउन सातउ गरजन होइ चुकेन।
4 अउर मइँ लिखइवाला रहेउँ, तबइ मइँ एक आकासावाणी सुनेउँ, “सातउ गरजन जउन कछू कहे अहइ, ओका छिपाय ल्या अउर ओका न लिखा।”
5 फिन उ सरगदूत जउने क मइँ समुद्दर मँ अउर धरती प खड़ा देखे रहेउँ, अकास मँ ऊपर दाहिन हाथ उठाएस।
6 अउर जउन हमेसा स जीवित अहइ, जे अकास क अउर अकास क सब चीजन क, धरती अउर धरती प किहेस अउर समुद्दर अउर जउन कछू ओहमाँ अहइ, ओनकइ सबनक रचना करे अहइ, ओकर सपथ लइके सरगदूत कहेस, “अब अउर जियादा देर न होइ!
7 मुला जउ सातवाँ सरगदूत क सुनइ क समइ आइ अर्थात जब उ आपन तुरही बजावइवाला होइ, तबइ परमेस्सर क उ छिपी योजना (सुसमाचार) पूरी होइ जाइ जेका उ अपने सेवक अउर नबियन क बताए रहा।”
8 उ आकासवाणी जउने कि मइँ सुने रहेउँ, उ आवाज फिन मोसे कहेस, “जा अउर उ सरगदूत स जउन समुद्दर मँ अउर धरती प खड़ा अहइ ओकरे हाथे स खुली पोथी क लइ ल्या।”
9 इ बरे मइँ उ सरगदूत क पास गएउँ अउर मइँ ओसे कहेउँ कि उ छोट क पोथी मोका दइ देइ। उ मोसे कहेस, “एक ल्या अउर खाइ ल्या। एहसे तोहार पेट कड़वा होइ जाइ मुला दोहरे मुँहे मँ इ सहदउ स जिआदा मीठा बन जाइ।”
10 फिन उ सरगदूत क हाथ स मइँ उ छोट क पोथी लइ लीन्ह अउर ओका खाइ लीन्ह। मोरे मुँहे मँ इ सहद क तरह मीठ लाग मुला जब मइँ खाइ चुकेउँ तब मोर पेट कड़वा होइ गवा।
11 एह प उ मोसे बोला, “तोहका तमाम मनई, देस, जातियन क भाखा अउर राजा क बावत भविस्सवाणी करइ क पड़ी।”
Revelation 11
1 एकरे बाद नापइ क बरे मोका एक सरकंड़ा दीन्ह गवा जउन नापइ वाली छड़ी क तरह दिखाई पड़त रही। मोसे कहा गवा, “उठा अउर परमेस्सर क मंदिर क अन्दर वेदी क नाप ल्या अउर जउन मनई मंदिर क अन्दर आराधना करत अहइ, ओनके गिनती करा।
2 मुला मंदिर क बाहर आंगन क रहइ द्या, ओका न नापा काहे बरे कि इ गैर यहूदियन क दीन्ह ग अहइ। उ पचे बयालीस महीना तक पवित्तर नगर क अपने पैर क नीचे रौंद देइही।
3 मइँ अपने दुइ गवाहन क खुली छूट देब अउर उ 1,260 दिन तक भविस्सबाणी करिहइँ उ पचे टाट क कपरा पहिने रइही जेनका दु:ख परगट करइ क बरे पहिना जात ह।”
4 इ दुइनउँ साच्छी उ दुइ जइतून क पेड़ अउर उ दुइ ठु दीपादान अहइँ जउन धरती क पर्भू क समन्वा अहइँ।
5 जदि केउ ओनका नुकसान पहुँचावा चाहत ह तउ ओकरे मुँहे स आग निकरइ लागत ह अउर ओनके दुस्मनन क निगल लेत ह। जदि केउ ओनका नुकसान पहुँचावइ क कोसिस करत ह तउ ओकर मउत निस्चित तौर प होइ जात ह।
6 उ पचे अकास क बादल बाँधके रखइ क ताकत रखतही जेहसे जब उ पचे भविस्सबाणी करत होइँ तउ ओ समइ पानी न बरसी। ओनकै झरनन क पानी प अधिकार रहा जेका उ पचे खून मँ बदल सकत रहेन। ओनमाँ अइसी ताकत रही कि उ जेतना बार चाहतेन, ओतनी बार धरती प हर तरह क विनास कइ सकत रहेन।
7 ओनके साच्छी दइ चुकइ क बाद, उ जानवर महागर्त स बाहर निकरी अउर ओन पइ हमला करी। उ ओनका हराइ देइ अउर मारि ड़ाई।
8 ओनकर ल्हास महानगर क गलियन मँ पड़ी रहिहइँ। इ सहर क प्रतीक रुप मँ सदोम अउर मिस्त्र कहा जात रहा। हिआँ प ओनकर पर्भू क क्रूस प चड़ाइके मारा ग रहा।
9 सब जातियन, उपजातियन, भाखा अउर रास्ट्र क मनई ओनकी ल्हास क साड़े तीन दिन तक देखत रइही, अउर ओनकी ल्हास क कब्र मँ न रखइ देइही।
10 धरती प रहइवाले आनन्द मनईहइँ उ पचे त्यौहार मनईहइँ अउर एक दूसर क तोहफा देइहइँ। इ दुइनउँ नबियन धरती प रहइवाले मनइयन क बहुत दु:ख दिहे अहइँ।
11 मुला साढ़े तीन दिन क बाद परमेस्सर कइँती स ओनके जीवन मँ सास आइ गइ अउर उ पचे अपने गोड़े प खड़ा होइ गएन। जे ओनका देखे रहेन, उ पचे बहुत ड़ेराइ गएन।
12 फिन उ दुइनउँ नबियन जोर क आवाज मँ आकासबाणी क ओनसे कहत भए सुनेन, “हिआँ ऊपर आइ जा!” इ बरे उ अकास क भीतर बादल मँ ऊपर चला गएन। ओनका ऊपर जात ओनकर खिलाफत करइवाले देखेन।
13 ठीक उही समइ प हुवा बहुत बड़ा भूचाल आइ गवा अउर सहर क दसवा हिस्सा ड़ह गवा। भूचाल मँ सात हजार मनई मारा गएन अउर जउन बच ग रहेन उ सबेन्ह बहुत ड़ेराइ गएन अउर उ सरग क परमेस्सर क महिमा क बखान करइ लागेन।
14 इ तरह स अब दूसरउ आफत बीत गइ। मुला सावधान! तीसरी महाविपत्ति जल्दी आवइवाली अहइ।
15 सातवाँ सगरदूत जब आपन तुरही फूँकेस तउ सरग स जोर क आवाजन आवइ लागिन। उ सबइ कहत रहिन:“अब इ दुनिया क राज हमरे पर्भू क बाटइ, अउर ओकरे मसीह क बाटइ। अउर उ कई जुग तक सासन करी।”
16 अउर उही समइ परमेस्सर क समन्वा अपने अपने सिंहासन प बइठा चौबीसउ बुजुर्गन दण्ड़वत प्रणाम कइके परमेस्सर क आराधना किहेन।
17 उ पचे बोलेन:“सर्वसक्तिमान प्रर्भू परमेस्सर तू अहा, तू रह्या हम तोहार धन्यवाद करत अही।” तुहिन आपन महासक्ती क लइके अपने सासन क सुरुआत करे रह्या।
18 जउ अउर रास्ट्रन गुस्सन स भरी रहिन मुला तउ तोहार कोप प्रकट होइ क समइ आइ गवा, अउर क निआव क समइ आइ ग अहइ, अउर उ समइ आय ग अहइ जउ तोहार सेवक फल पड़हइँ ओन नबियन अउर उ सब पवित्तर मनई जउन तोहार आदर करत रहेन। अउर सभी जेतना बड़े मनई अहइँ, अउर सभी जेतने छोटे मनई अहइँ। सब अपने काम क फल पावइँ। जउन मनई धरती क मिटावत अहइँ, ओनके मिटावइ क समइ आइ ग अहइ।”
19 फिन सरग मँ परमेस्सर क मंदिर क खोला गवा जहाँ ओकरे मंदिर मँ करार क उ पेटी देखाई पड़ी। फिन बिजली क चकाचौध होइ लगी। मेघन क गरजन, तरजन, अउर घड़घड़ाहट क आवाज, भूकम्प अउर भयानक ओला बरसइ लागेन।
Revelation 12
1 एकरे बाद आसमान मँ एक बड़ी स निसानी परगट भइ: एक स्त्री दिखाई पड़ी जउन सूरज क धारन करे रही अउर चाँद ओकरे पाँव क नीचे रहा। ओकरे माथे प मुकुट रहा, जेहमाँ बारह तारा जड़ा रहेन।
2 उ गर्भवती रही। ओकर दिन निकटाइ ग रहा, इ बरे उ पीड़ा स कराहत रही।
3 सरग मँ एक निसानी प्रकट भइ। मोरे समन्वा एक ठु इ लाल रंग क बड़ा क अजगर खड़ा रहा। ओकरे सातउ क सिर प सात मुकुट रहेन।
4 ओकर पूँछ आकास क तारन क एक तिहाई हिस्सा क सपाटा मारिके धरती प नीचे फेंक दिहेस। उ स्त्री जउन बच्चा पइदा करइवाली रही ओकरे समन्वा उ अजगर खड़ा होइ गवा जइसे कि जउन बच्चा पइदा होइ, ओका उ खाइ जाइ।
5 फिन उ स्त्री एक बच्चा क जन्म दिहेस जउन कि लरका रहा। ओका सब जातिन प लोहे क दण्ड़ क साथ सासन करइ क रहा। मुला ओकर बच्चा क उठाइके परमेस्सर अउर ओकरे सिहांसन क समन्वा लइ जावा गवा।
6 अउर उ स्त्री सूनसान जंगल मँ भाग गइ। ओका एक अइसी जगह रखा गवा जउने क परमेस्सर उही बरे बनवाए रहा, जइसे कि ओका 1,260 दिन तक जीवित रखा जाइ सकइ।
7 फिन सरग मँ एक लड़ाई होइ लाग मीकाएल अउर ओकरे सरगदूतन क उ भयंकर अजगर स लड़ाई होइ लाग। उ अजगर भी ओकरे दूतन क साथ लड़ाई लड़ेस।
8 मुला उ ओनके ऊपर भारी नाहीं पड़ा अउर उ भयंकर अजगर अउर ओकर सरगदूतन सरग मँ आपन जगह खोइ दिहेन।
9 फुन उ अजगर सरग क नीचे ड़केल दीन्ह गवा। इ उहइ पुरान महानाग बाटइ जेका दानव अउर सइतान कहा ग अहइ। इ पूरी दुनिया क ठगत ह हाँ, एका फिन धरती प ढकेल दिन्ह गवा।
10 फिन मइँ जोरदार आवाज मँ एक आकासबाणी क कहत सुनेउँ, “इ हमरे परमेस्सर क जीत क घड़ी अउर सासन बाटइ। उ आपन ताकत अउर संप्रभुता क जनवाइ देहेस। ओका मसीह आपन ताकत क देखाइ दिहेस काहेकि हमरे भाइयन प परमेस्सर क सामने दिन रात लांछन लगावइवाला क नीचे ड़केल दीन्ह गवा।
11 उ पचे मेमना क बलिदान क खून अउर ओकरी साच्छी स ओका हराइ दिहेन। उ पचे अपने प्राणन क गवाँइ देइ तलक अपने जीवन क परवाह नाहीं किहेन.
12 इ बरे हे सरग, अउर सरग मँ रहइवाले मनई खुसी मनावा! मुला हाय धरती अउर समुद्दर! तोहरे बरे केतना बुरा होई काहे बरे कि सइतान अउर हुवाँ उतरके गवा अहइ। उ गुस्सा स तमतमात अहइ। ओका पता अहइ कि अउर ओकरे पास अधिक समइ नाहीं अहइ।”
13 जब उ भयंकर अजगर देखेस कि ओका धरती प गिराइ दीन्ह ग अहइ तउ उ स्त्री क पीछा करइ लाग जउन कि बचवा क जनम दिहे रही।
14 मुला उ स्त्री क उकाब क दुइ ठु बड़ा बड़ा पखना दीन्ह ग रहेन जइसे कि उ रेगिस्तान मँ उड़ जाइ, जउन ओकरे बरे तइयार कीन्ह ग रहा। हुवउँ प भयंकर अजगर स दूर ओका साड़े तीन साल तक पालन पोषण कीन्ह जाइ क रहा।
15 तउ उ महानाग उ स्त्री क पाछे अपने मुँहे स नदी क तरह पानी क धारा बहाएस जइसेन कि उ ओहमाँ बूड़ जाइ।
16 मुला धरती आपन मुँह खोलके उ स्त्री क मदद किहेस अउर उ भयंकर अजगर जउने नदी क अपने मुँहे स निकारे रहा, ओका निगल लिहेस।
17 एकरे बाद तउ उ भयानक अजगर उ स्त्री क ऊपर बहुत गुस्सा करेस अउर ओकरे बचवन क साथ लड़ाई लड़इ क बरे चल पड़ा जउन कि परमेस्सर क हुकुमन क पालन करत ही अउर ईसू क साच्छी क धारण करत ही
18 अउर समुद्दर क किनारे जाइके खड़ा होइ गवा।
Revelation 13
1 फिन मइँ समुद्दर मँ स एक जानवर क बाहर आवत देखेउँ। ओकरे दस सीग रहिन अउर सात मूँड़ रहेन। उ अपने सीग प दस राजसी मुकुट पहिने रहा। ओकरे मूँड़े प दुस्ट नाउँ लिखा रहेन।
2 मइँ जउन जानवर देखे रहेउँ उ चीता क तरह रहा। ओकरे पैर भालू क तरह रहेन अउर ओकरे मुँह सेर क तरह रहा। उ भयंकर अजगर आपन ताकत, आपन सिहांसन अउर आपन ड़ेर अधिकार दइ दिहेस।
3 मइँ देखेउँ कि ओकर एक मूँड़ अइसेन देखात रहा जइसेन ओकरे ऊपर कउनउँ बड़ा प्रान घातक घाव लगा रहा होइ मुला ओकर प्रान घातक घाव भर चुका रहा। पूरी दुनिया अचरज करत उ जानवर क पीछे चलइ लाग।
4 अउर उ पचे अजगर क पूजा करइ लागेन। काहे बरे कि उ आपन अधिकार उ जानवर क दइ दिहे रहा। अउर उ पचे उ जानवर क पूजा करत कहइ लागेन, “इ जानवर क तरह हिआँ कउन अहइ? अउर अइसा के अहइ जे ओसे लड़ सकइ?”
5 ओका अनुमति दइ दीन्ह गइ जइसे कि उ अपने मुँह स घमंड़ अउर परमेस्सर क निन्दा भरी बात बोलइ। ओका बयालीस महीना तक आपन ताकत देखावइ क अधिकार दीन्ह ग रहा।
6 इ बरे उ परमेस्सर क निन्दा सुरु कइ दिहेस। उ परमेस्सर क नाउँ, अउर ओनकै मंदिर अउर जउन सरग मँ रहत ही ओनकर निन्दा करइ लाग।
7 परमेस्सर क पवित्तर लोगन क साथे लड़ाई लड़इ क अउर ओनका हरावै क अनुमति ओका दइ दीन्ह गइ। ओकर अधिकार हर वंस, हर जाति, हर भाखा अउर हर राष्ट्र पर रहा।
8 धरती क सभी निवासी उ जानवर क पूजा करिहइ जेकर नाम उ मेमना क जीवन क पुस्तक मँ संसार क आरम्भ स नाहीं लिखा अहइ अउर जेकर बलिदान एकदम पक्का अहइ।
9 जदि केउ क कान अहइँ तउ उ सुन लेइ:
10 बंदिघर मँ बन्दी बनइ क जेकरे तकदीर मँ अहइ, उ जरुर बन्दी होइ। जदि केहू तलवार स मारी तउ उहइ तलवार स मारा जाई।वह अइसे समइ मँ परमेस्सर क पवित्तर लोगन क सहनसीलता अउर बिसवास क देखावइ चाही।
11 एकरे बाद मइँ धरती स निकरत एक अउर जानवर क देखेउँ। ओकरे मेमना क सीग क तरह दुइ ठु सीग रहिन। मुला उ महानाग क तरह बोलत रहा।
12 उ भयानक अजगर क समन्वा उ पहिले जानवर क सभी अधिकारन क इस्तेमाल करत रहा। उ धरती अउर धरती क निवासिन सबसे उ जानवर क पूजा कराएस जउने क भयंकर घाव भर ग रहा।
13 दूसरउ जानवर बड़ा बड़ा अद्भुत कारजन करेस। हिआँ तक कि सबके सामने उ धरती प आकास स आग बरसाइ दिहेस।
14 उ धरती प रहइ वालेन क ठगत रहा काहेकि ओकरे पास पहले जानवर क सामने अद्भुत कारजन दिखावइ, क ताकत रही। दूसरा जानवर धरती प रहइवालेन स पहिले जानवर क आदर देइके ओकर मूर्ति बनावइ क कहेस। जउन तलवार क मार स घायल रहा पर मरा नाही।
15 दूसरे जानवर क इ ताकत दीन्ह ग रही कि उ पहिले जानवर क मूर्ति मँ जान फूँके देइँ जइसे कि मूर्ति पहिले जानवर क तरह बोलइ लागइ, हिआँ तक कि ओनका मारइ क आग्या दइ देइ जउन कि मूर्ति क पूजा नाहीं करतेन।
16 दूसरा जानवर सभी लोगन का छोटा-बड़ा, धनी-गरीब, मालिक दास, पुत्र अउर गुलाम सबका मजबूर करेस कि अपने दाहिने हाथे प या दाहिने माथे प उ जानवर क नाउँ या ओकरे नाम स जुड़ी छाप क छाप लगवावइँ। जइसे कि बिना उ छाप क कउनउँ चीज न तउ खरीदी जाय सकइ अउर न तउ बेची जाइ सकइ।
17
18 बुद्धिमानी ऐहिमाँ अहइ जेहमा बुद्धि होइ, उ जानवर क संख्या क हिसाब लगाइ लेइ काहेकि उ संख्या क सम्बन्ध कउऩउँ मनई स अहइ। ओकर संख्या अहइ 666।
Revelation 14
1 फिन मइँ देखेउँ कि मोरे समन्वा सिय्योन पर्वत प मेमना खड़ा अहइ। ओकरे साथे 1,44,000 मनई खड़ा रहेन जेकरे माथे प ओकर अउर ओकरे बाप क नाम लिखा रहा।
2 फिन मइँ एक आकासबाणी सुनेउँ ओकर महानाद एक विसाल जल प्रपात क तरह रहा यो भयंकर बादर क गरजइ क तरह रहा। जउन महानाद मइँ सुनेउँ रहा उ तमाम वीणा बादकन क बजावा वीणा स पइदा संगीत क तरह रहा।
3 उ सबेन्ह सिंहासन चारउँ प्रानीयन अउर बुजुर्गन क सामने एक ठु नवा गना गावत रहेन। जउने 1,44,000 मनइयन क धरती प फिरौती दइके बन्धन स छुड़ाइ लीन्ह ग रहा, जउने क कउनउँ मनई उ गाना क नाहीं सिख सकत रहा।
4 उ अइसेन मनई रहेन जउन कि कउनउँ स्त्री क संसर्ग स आपन का दूसित नाहीं किए रहेन साथ जुड़ा नाहीं रहेन, उ पचे कुँवारा रहेन, जहाँ जहाँ मेमना जात रहा ओकर पीछा करत रहेन। पूरी मनइयन क जाति स ओनका फिरौती दइके बंधन स छुटकारा दीन्ह ग रहा। उ पचे परमेस्सर अउर मेमना क बरे फसल क पहिला फल रहेन।
5 उ कबहुँ झूठ नाहीं बोले रहेन, अउर निर्दोस रहेन!
6 फिन मइँ आसमान मँ उँची उड़ान भरत एक अउर सरगदूत देखेउँ। ओकरे लगे धरती प रहइ वालेन, हर देस, जाति, भाखा अउर सभी कुल क मनइयन क बरे अनन्त सुसमाचार क एक संदेस रहा।
7 ऊँची आवाज मँ उ बोला, “परमेस्सर स ड़ेराअ अउर ओकर स्तुति करा। काहेकि ओकरे निआव क समइ आइ ग अहइ। ओकर आराधाना करा जे आसमान, धरती, समुद्दर अउर जल स्रोत क बनाएस।”
8 एकरे बाद ओकरे पाछे एक अउर सरगदूत आवा अउर बोला, “ओकर पतन होइ चुका अहइ! महान नगरी बाबुल क पतन होइ चुका अहइ। उ सब जाति क अपने पइदा अनैतिक व्यभिचार स परमेस्सर क गुस्सा क वासना भरी दाखरस पिआएस।”
9 उ दूइनउँ क बाद फिन अउर एक सरगदूत आवा अउर जोर स बोला, “जदि केहू जानवर अउर जानवर क मूर्ति क पूजा करत ह अउर अपन हाँथे मँ माथे प ओकर मोहर लगवाए रहत ह।
10 अउर उ भी परमेस्सर क गुस्सा क दाखरस पिई। अइसी सुद्ध तीखी दाखरस जउन परमेस्सर क गुस्सा क कटोरिया मँ बनाई ग अहइ। उ मनई क पवित्तर सरगदूनत अउर मेमनन क सामने धधकत गंधक मँ यातना दीन्ह जाई।
11 जुग जुग तलक ओनकी यातना स धूँआ उठत हमेसा रही। अउर जउने पे जानवर क नाउँ क छाप छपी रही अउर उ जानवर अउ ओकर अउर ओकरी मूर्ति क पूजा करत रही। ओनका दिन रात कबहूँ चइन न मीली।”
12 इ ही क माने है कि परमेस्सर क पवित्तर लोग क धीरज अउर सहनसीलता धरइ क जरुरत अहइ जउन परमेस्सर क हुकुमन अउर ईसू मँ बिसवास क पालन करत हीं।
13 फिन एक आकासबाणी क मइँ इ कहत सुनेउँ, “एका लिखा: धन्य अहइ उ सबइ मृतक जउन अबसे पर्भू मँ मरस्थित होइके अहइँ।”आदिमा कहत ह, “हाँ, इ ठीक अहइ। ओनका मेहनत क कारण आराम मिली काहे बरे कि ओनकर काम, ओनके साथे अहइ।”
14 फिन मइँ देखेउँ कि मोरे समन्वा हुवाँ एक सफेद बादर रहा। अउर उ बादर प एक ठु मनई बइठा रहा जउन मनई क पूत जइसेन दीख पड़त रहा। उ अपने माथे प एक सोने क मुकुट धारण करे रहा अउर ओकरे हाथे मँ एक तेज हँसिया रही।
15 तबहिं मंदिर मँ स एक ठु अउर सरगदूत बाहेर निकला। उ बदरे प बइठे मनई स जोर क आवाज़ मँ कहसे, “हँसिया चलावा अउर फसल एकट्ठी करा, काहे बरे कि फसल काटइ क समइ आइ ग अहइ। धरती क फसल पक चुकी अहइ।”
16 इ बरे जउन बदरे प बइठा रहा, उ धरती प आपन हँसिया हिलाएस अउर धरती क फसल काट लीन्ह गइ।
17 फिन सरग क मन्दिर मँ स एक अउर सरगदूत बाहेर निकला ओकरे लगे भी एक तेज हँसिया रही।
18 उहइ समइ प वेदी स एक अउर सरगदूत आवा। उ सरगदूत क आगी पइ अधिकार रहा। उ सरगदूत स जोर क आवाज़ मँ कहेस, “अपने जोरदार हँसिया क चलावा अउर धरती क बेल स अंगूर क गुच्छा उतारा ल्या काहे बरे कि एकर अंगूर पक चुका अहइँ।”
19 इ बरे उ सरगदूत धरती प आपन हँसिया झुलाएस अउर धरती क अंगूर उतारी लिहेस अउर ओनका परमेस्सर क भयंकर कोप क विसाल रसकुण्ड़ मँ ड़ाइ दिहेस।
20 अगूंर सहर क बाहेर क धानी मँ रौंद क निचोड़ लीन्ह गएन। धानी मँ स खून बहै लाग। खून घोड़ा क लगाम जेतना ऊपर चड़ि गवा अउर लगभग तीन सौ किलोमीटर क दूरी तलक फइल गवा।
Revelation 15
1 आकास मँ फिन मइँ एक अउर महान अचरज भरी निसानी देखेउँ। मइँ देखेउँ कि सात सरगदूतन अहइँ जउन सात आखिरी महाविनास लिहे भए अहइँ। इ सबइ आखिरी विनास अहीं, काहे बरे कि एकरे साथेन परमेस्सर क गुस्सा खतम होई जाई।
2 फिन मोका आग स मिला काँच क समुद्दर जइसा देखाइ पड़ा। अउर मइँ देखे कि उ पचे उ जनावर क मूरत प अउर ओनके नाउँ स जुड़ी संख्या प जीत हालिस कइ लिहे अहइँ, ओनहूँ काँच क समुद्दर प खड़ा अहइँ। उ पचे परमेस्सर क दीन्ह गइ वीणा लिहे रहेन।
3 उ पचे परमेस्सर क सेवकन मूसा अउर मेमना क इ गाना गावत रहेन:“जउन काम तू करत रहत ह्या उ सबइ महान अहइँ। तोहार काम करइ क ताकत अचरजभरी अउर अनन्त अहइ हे सर्वसक्तिमान पर्भू परमेस्सर तोहार मार्ग धर्म संगत अउर सच्चे अहइँ। तू सब जातिन क राजा अह्या,
4 हे प्रर्भू, तोहसे मनई हमेसा ड़ेरात रहिहइँ तोहार नाउँ लइके, मनई स्तुति करिहइँ काहे बरे कि तू अकेले पवित्तर अहा। तोहरे समन्वा सब रास्ट्रन अहइँ अउर तोहार आराधना करिहइँ। काहे बरे कि इ बात अउर पता चलि ग अहइ तू जउन करत ह्या उहइ, निआव अहइ।”
5 एकरे बाद मइँ देखेउँ कि सरग क मन्दिर मतलब करार क तम्बू क खोला गवा
6 अउर उ पचे सातउँ सरगदूतन जेनके लगे आखिरी साथ महामारी रहिन, मन्दिर स बाहर आएन। उ पचे चमकीले साफ मलमल क कपड़ा पहिने रहेन। अपने सीना प सोनेक पटका बाँधे रहेन।
7 फिन उ चार प्रनियन मँ स एक उ सताउँ सरगदूतन क सोना क कटोरा दिहेस जउन हमेसा हमेसा क बरे अमर परमेस्सर क गुस्सा स भरा रहेन।
8 उ मन्दिर परमेस्सर क महिमा अउर ओकरे सक्ति क धुँअन स भरा रहा जइसे कि जब तलक ओन सात सरगदूतन क सात माहमारी पूरा न होइ जाइँ, तब तलक मन्दिर मँ कउनउँ धुसइ न पावइ।
Revelation 16
1 फिन मइँ सुनेउँ कि मन्दिर मँ स एक जोर क आवाज़ ओन सात सरगदूतन स कहत अहइ, “जा अउर परमेस्सर क गुस्सा क सातउँ कटोरन क धरती प उड़ेर द्या।”
2 इ बरे पहिला सरगदूतन गवा अउर उ धरती प आपन कटोरा उड़ेर दिहेस। एकइ नतीजा इ भवा कि उ मनई जेनके ऊपर जनावर क निसानी छपी रही अउर जउन ओकरी मूरती क पूजा करत रहेन, क ऊपर भयानक पीड़ा पइदा करइवाले छाला फूट आएन।
3 एकरे बाद दूसर सरगदूतन आपन कटोरा समुद्दर मँ उड़ेर दिहेस अउर समुद्दर क पानी मरे भए मनई क खून मँ बदल गवा अउर समुद्दर मँ रहइवाले सब जीवजन्तु मरि गएन।
4 फिन तीसरा सरगदूतन नदियन अउर पानी क झरनन पइ आपन कटोरा उड़ेर दिहेस अउर उ खून मँ बदल गएन।
5 उहइ समइ प मइँ पानी सरगदूतन क इ कहत सुनेउँ:“तू ही अहा उ, जउन पुण्यातिमा! जउन अहइ, जउन रहा सदा-सदा स तू ही अहा जउन अहइ एक ही पवित्तर, करत भए निआव ओनकर,
6 ओन सबन पवित्तर लोगन अउर नबियन क खुन बहाए अहइ। तू ओनका पिअइ क बरे केवल खून दिह्या। काहे बरे कि ओन इहइ क काबिल रहेन।”
7 फिन मइँ वेदी स आवत आवाज़ सुनेउँ:“हाँ, सर्वसक्तिमान प्रर्भू परमेस्सर, तोहार निआव सच्चा अउर उचित अहइ।”
8 फिन चौथा सरगदूत आपन कटोरा सूरज क ऊपर उड़ेर दिहेस। इ तहर ओका मनइयन क आग स जलावइ क ताकत दइ दीन्ह गइ।
9 अउर मनई भयानक गरमी स झुलसइ लागेन। उ परमेस्सर क नाउँ क कोसइ लागेन काहे बरे कि इन जेका महमारी प क अधिकार अहइ। मुला उ पचे आपन मनफिरावा नाहीं किहेन अउर न जिन्नगी क बदलेन अउर परमेस्सर क महिमा किहेन।
10 एकरे बाद पाँचवा सरगदूत आपन कटोरा उ जनावर क सिंहासन प उड़ेरे दिहेस अउर ओकर राज अँधेरे मँ डूब गवा। सब मनई तकलीफ क आपन जीभ काट लिहेन।
11 आपन आपन पीड़ा अउर छालन क कारण उ सरग क परमेस्सर क निन्दा तउ करइ लागेन मुला आपन मनफिरावा नाहीं किहेन।
12 फिन छठवाँ सरगदूत आपन कटोरा फरात नाउँ क महानदी प उड़ेर दिहेस अउर ओकर पानी सूख गवा। एहसे पूरब दिसा क राजन क बरे रास्ता तइयार होइ गवा।
13 फिन मइँ देखेउँ कि उ भयंकर अजगर क मुँहे स, उ जनावर क मुँह स, अउर कपटी नबियन क मुँहसे तीन दुस्ट आतिमन निकलिन, जउन मेड़क क तरह दिखाई पड़त रहिन।
14 इ सब दुस्ट क आतिमन रहिन अउर ओनके मँ अदभुत कारजन करइ क ताकत रही। उ पूरी दुनिया क राजा लोगन मँ सबसे सर्वसक्तिमान परमेस्सर क महान दिन, जुद्ध करइ क बरे एकट्ठा करइ क निकल पड़ेन।
15 “सावधान! मइँ: चोर क समान आवत हउँ। उ धन्य अहइ जउन जागत रहत ह अउर अपने क परन क अपने साथे रखत ह जइसेन कि उ नंगा न घूमइ अउर मनई ओका लज्जित होत न देइँ।”
16 इ तरह स उ दुस्ट आतिमन ओन राजन क एकट्ठा कइके उ जगह प लइ आएन जउने क इब्रानी भाखा मँ हर मगिदोन कहा जात ह।
17 एकरे बाद सातवाँ सरगदूत आपन कटोरा हवा मँ उड़ेर दिहेस! अउर सिंहासन स पइदा भवा एक भयंकर आवाज़ मन्दिर मँ स कहत तिकरी, “इ खतम होइ गवा!”
18 तबहि बिजली कउँधइ लाग, आवाज़ क अउर गरजन अउर एक ठू जर्बदस्त भूचाल आइ गवा। मनई क धरती प परगट होइ क बाद क इ सबसे भयानक भूचाल रहा।
19 उ बड़ा सहर तीन टुकड़न मँ बिखर गवा, अउर अधर्मियन क रास्ट्रन नगरन क नस्ट होइ गए। परमेस्सर महानगरी बाबुल क दण्ड़ देइ क बरे याद करे रहा। आपन भयंकर प्रकोप क काटोरा मँ स ओका दइ दिहेस।
20 सब द्वीप गायब होई गएन। कउनो पहाड़ तक क पता नाहीं चल पावत रहा।
21 पचास पचास किलो क ओला, आसमान स मनइयन क ऊपर बरसइ लागेन। ओलन क भयंकर विपत्ति क कारण सब मनई परमेस्सर क कोसत रहेन, काहे बरे कि इ भयानक आफत रही।
Revelation 17
1 एकरे बाद ओन सात सरगदूतन, जउने क लगे कटोरा रहेन, ओहमाँ स एक ठु मोरे लगे आवा अउर बोलेस, “आवा, मइँ तोहका तमाम नदियन क किनारे बइठी उ महान वेस्या क दीन्ह जाइवाला दण्ड़ देखाई।
2 धरती क राजा ओकरे साथ सम्बंध बनाएन। अउर जउन मनई धरती प रहत हीं, उ पचे ओकरी विलास मदिरा स मतवाला होइ गएन।”
3 फिन मइँ आतिमा क कहे क मान कीन्ह अउर उ सरगदूत मोका बीहड़ जंगल मँ लइ गवा जहाँ मइँ एक स्त्री क लाल रंग क एक अइसे जानवर प बइठा देखेउँ जउने प परमेस्सर क बरे गारी लिखी गइ रही। ओकरे सात मूँड़ रहेन अउर दस सींग रहेन।
4 उ स्त्री बइजनी अउर लाल रंग क कपरा पहिने रही। उ सोने, बेसकीमती रत्नन अउर मोतिअन स सजी रही। उ अपेन हाथ मँ सोने क एक कटोरा लिहे रही जउन बुरी बातन अउर वेस्यापन क बुराई स भरा रहा।
5 ओकरे माथे प एक निसानी रही जेहकर गुप्त अरथ अहइ:महान बाबुल क सबइ महतारी वेस्या अउर धरती प होइवाली सब बुराईयन क पइदा करइवाली।
6 मइँ देखेउँ कि उ स्त्री परमेस्सर क पवित्तर लोगन क खून पिए रही जउन ईसू क बरे अपने बिस्सास क साच्छी क बरे आपन प्राण छोड़ दिहेन।ओका देखके मइँ बड़े अचरज मँ पड़ गएउँ।
7 तबइ उ सरगदूतन मोसे पूछेस, “तू अचरज मँ काहे पड़ा अहा? मइँ तोहका इ स्त्री क अउर जउने जनावर प उ बइठी अहइ, ओकरे प्रतीक क समझावत अहउँ। सात सिर अउर दस सींगवाला इ जनावर
8 जउन तू देखे अहा, पहिले कबहूँ जिन्दा रहा, मुला अब जिन्दा नाहीं अहइ। फिन उ पताल स अबहीं निकरइवाला अहइ। अउर तबहिं ओकर बिनास होइ जाई। फिन धरती क उ मनई जउने क नाउँ दुनिया क सुरुआतइ स जीवन क पुस्तक मँ नाहीं लिखा ग अहइ, उ जानवर क देखके चकित होइहीं काहे बरे कि उ जिन्दा रहा, मुला अउर जिन्दा नाहीं अहइ, मुला फिन उ आवइवाला अहइ।
9 “इहइ उ जगह आटइ जहाँ बुद्धिमान मनइयन क बद्धि क जरुरत अहइ। इ सात सिर, उ सात पर्वत अहीं जउने प उ स्त्री बइठी अहइ। उ सात सिर, उ सात राजन क प्रतीक अहइ।
10 जउने मँ स पहिले पाँच क पतन होइ चुका अहइ, एक ठु अबे राज करत अहइ अउर दूसर अब तक आइ नाहीं बा। मुला जब उ आई तब उ बहुत कम समइ तलक रुकी।
11 उ जनावरन जउन पहिले कबहूँ जिन्दा रहा, मुला अउर जिन्दा नाहीं अहइ, खुदइ अठवाँ राजा अहइ जउन ओन सातउ मँ स एक अहइ, ओकइ बिनास होइवाला अहइ।
12 “जउन दस सींग तू देखे अहा, उ दस राजा अहीं, उ पचे अबहि तलक आपन सासन सुरु नाहीं कर अहइँ मुला जनावर क साथे एक घण्टा क बरे ओनका सासन करइ क अधिकार दीन्ह जाई।
13 इ दसउ राजन क एक्कइ उद्देस्य रहा कि उ आपन ताकत अउर आपन अधिकार उ जनावर क दइ देइँ।
14 उ मेमना क खिलाफ लड़ाई लड़िहइँ मुला मेमना अपने बोलाए, अपने स चुने अउर अपने बिस्सासियन क साथ मिलके ओनका हराइ देई। काहे बरे कि उ अउर प्रर्भूअन क प्रर्भू अउर राजा लोगन क राजा अहइ!”
15 उ सरगदूत मोसे फिन कहेस, “उ सबइ नदियन जउने क तू देखे रह्या, जहाँ उ वेस्या बइठी रही, तमाम खानदानन, समुदायन, जातियन अउर भाखन क प्रतीक अहइ।
16 उ दस सींग जउने क तू देख्या, अउर उ जनावर उ वेस्या स नफरत करिहइँ अउर ओकर सब चीज छीनके ओका नंगी छोड़ देइँहइँ। उ ओकर सरीर क खाइ जइहइँ अउर ओका आगी मँ जलाइ देइहइँ।
17 आपन प्रयोजन पूरा करइ क बरे परमेस्सर ओनके सबनके एक राय कइके, ओनके मन मँ इ बइठाइ दिहे अहइ, जइसे कि जब तक परमेस्सर क बचन पूरा न होइ जाइ, तब तक सासन करइ क आपन अधिकार उ जनावर क सौंप देइँ।
18 उ स्त्री जउने क तू देखे रह्या उ महानगरी रही, जउन धरती क राजन प सासन करत ह।”
Revelation 18
1 एकरे बाद मइँ एक अउर सरगदूत क अकास स बड़ा भव्यता स नीचे उतरत देखेउँ। ओकरी महिमा स समूची धरती चमकइ लाग।
2 जउने जोरदार आवाज़ स पुकारत उ बोला:“मिट गइ! बेबिलोन महानगरी मिट गइ! उ दुस्ट आतिमन क सहस्य क घर बन गइ रही, उ असुद्ध मनइयन क आत्मा क बसेरा बन गइ रही, अउर नफरत करइ लायक चिड़ियन क घर बन गइ रही। उ तमाम गन्दा, निन्दा करइ लायक जनावरन क बसेरा बन गइ रही।
3 काहेकि उ सबको व्यभिचार क क्रोध क मदिरा पिआए रही। जउने इ दुनिया क राजा क खुदइ जगाए रही, ओकरे साथे व्यभिचार करे रहेन सासक लोग अउर ओनके भोगइ स इ दुनिया क धनी व्यापारी बना रहे।”
4 अकास स मइँ एक अउर अवाज़ सुनेउँ जउन कहत रही:“अरे मोर मनइयन! तू उ सहर स बाहर निकर जा, ओनके पापन्ह क कतहूँ तू गवाहन न बनब्या, कतहूँ अइसा न होइ, कि जउन ओके नास रहेन, तोहरेन ऊपर न गिर जाइँ।
5 काहे बर कि ओकरे पाप क गठरी आसमान तक ऊँची अहइ। परमेस्सर ओकरे बुरा काम क याद करत अहइ।
6 अरे! जइसेन कि उ तोहरे साथे करे रहा, वइसेन तू भी ओनके साथ करा उ तोहरे साथे जइसेन करे रहा, तू ओकर दुगना ओकरे साथे करा, दूसरे क बरे उ तोहका जउने कटोरा मँ तीत दाखरस पिआए रह्या, तू ओका ओसे दुगुना तीत दाखरस पिआवा।
7 काहे बरे कि उ खुदइ क जउन महिमा अउर वैभव दिहेस, तू ओका यातना कहर अउर पीड़ा द्या। काहे बरे कि उ खुदइ स कहति रही ह, ‘मइँ खुदइ राजा क आसन प बइठी महारानी अहउँ, मइँ विधवा न करबइ, इ बरे सोक न करा।’
8 इही बरे जउन नास होइ क तय होइ ग अहइ, उ एक ही दिन मँ ओका घेर लेइहीं। महामृत्यु, महारोदन अउ दुर्भिच्छ भीसण अउर कइ देइहीं ओनका जलाय क राख, काहे बरे कि परमेस्सर पर्भू बहोत ताकतवर अहइ, अउर ओनही ओकर निआव करत अहइँ।”
9 जउन धरती क राजा जउन ओकरे साथ यौन-पाप करे रहेन अउर ओकरे भोग विलास मँ हिस्सा बटाए रहेन, ओकरे जल जाइ क धुँआ जउ देखिइहीं तउ ओकरे बरे रोइहीं अउ चिल्लाइही।
10 उ पचे ओकरे कस्ट स ड़ेराइके हुवाँ स बहोत दूर खड़ा रहिहइँ:“ओ! ताकतवर नगर बेबीलोन! भयावह अउर भयानक हाय! तोहार दण्ड तोहका तनिक देर मँ मिल गवा।”
11 इ धरती क व्यापारी ओकरे कारन रोइहीं अउ चिल्लइहइँ काहे बरे कि ओनके कउनो चीज केउ अउर मोल न लेई,
12 न तउ केहू कउनो चीज लेइ-सोने क, चाँदी क, बेसकीमती रत्न, मोती, मलमल, बैंजनी, रेसमी अउर किरमिजी कपरा हर तरह क महकउआ लकड़ी, हाथी क दाँत क बनी तमाम चीज, अनमोल लकड़ी, काँसा, लोहा अउर संगमरमर सी बनी तमाम चीज,
13 दारचीनी, गुलमेंहदी, महकोरा, धूप, रसगन्धक, लोहबान, दाखरस, जइतून क तेल, मइदा, गोहूँ मवेसी, भेड़ी, घोड़ा अउर रथ, दास अउर मनई क सरीर अउर आतिमा क व्यापारिन कहिहीं:
14 “अरे बेबीलोन! उ सब चीजन अच्छी स अच्छी, जउने मँ तोहार दिल रम ग रहा, तोहका छोड़के सब चली गइ अहइ। तोहार बहुमूल्य अउर बहुमूल्य वस्तुअन तोहरे हाथ स चली गइन ह।”
15 उ व्यौपारी जउन एकइ सबकइ व्यौपार करत रहेन अउर एहसे धनी बन ग रहेन, उ दूर खड़ा रहिहइँ काहे बरे कि उ कस्ट स डेराइ ग अहइ। उ रोअत चिल्लात
16 कहिहइँ:“केतना डरावना अहइ अउर केतना भयानक अहइ, महानगरी इ उहीं क बरे हहइ। जउन नीक नीक मलमली कपड़ा पहनत रही, जउने रंग बैंजनी अउत किरमीजी रहा! अउर जउन सोने स सजत रही, बेसकीमती रत्नन स, सजी मोतियन स
17 अउर इ सारी सम्पत्ति तनिक देर मँ मिट गइ।”फिन जहाज क हर कप्तान या हर उ मनई जउन जहाज स चाहे जहाँ कहूँ जाइ सकत ह अउर सबइ मनई जउन समुद्र स आपन जीविका चलावन हीं, उ नगरी स दूर खड़ा रहेन।
18 अउर जउ उ पचे ओकरे जरे स उठत धुँआ क उठत भए देखेन तउ जोर स चिल्लाइ उठेन, “इ बड़ी नगरी क तरह अउर कउन नगरी अहइ?”
19 फिन उ पचे आपने मूँडे प धूल ड़ावत जोर स चिल्लानेन, अउर कहेन:“महानगरी! हाय, इ केतॅनी भयानक अहइ! उ रोअत अउर सोक मनावत भए कहेन: हाय, हाय! महान नगरी जेकरे सम्पत्ति स सब जहाजवाले धनवान होइ गए रहेन! अब घण्टा भर ही मँ उजर गई।
20 हे सरग, प्रेरितन! अउर नबियन! ओकरे बरे खुसी मनावा, परमेस्सर क लोगन खुसी मनावा! काहेकि परमेस्सर ओका उहइ तरह दण्ड़ दइ दिहेन जइसेन दण्ड़ उ तोहका दिहे रहा।”
21 फिन एक ताकतवर सरगदूत चक्की क पाट जइसी एक जबर क चटृान उठायेस अउर ओका समुद्दर मँ फेंकत कहेस.“महानगरी! अरी बेबीलोन महानगरी! तोहका क इहइ गति स बलपूर्वक फेंक दीन्ह जाई, अउर तू नस्ट होइ जाबू, फिन स मिलन पउबू।
22 अउर तुझमाँ बीणा बादकन, संगितगन बँसुरी बजावइवालन अउर तुरही फूँकइवालन क स्वर फिन कबहुँ सुनाई पड़ी, न कउनो कला सिल्पी तोहरे मँ पावा जाई न तोहमाँ न कउनो चक्की क आवाज़ सुनाइ देई।
23 अउर कबहुँ फिन दिया क ज्योति न चमकी, अउर न तउ कबहुँ फिन दुल्हा दुलहिन क मीठी आवाज़ गूँजी। तोहरे न व्यपारी जे दुनिया महान लोगन मँ स रहेन तोहार जादूगरी जाति भरमाई गइन रहीं।
24 इ नगरी मँ नबियन क खून बहावा पावा ग रहा, अउर परमेस्सर क पवित्तर मनइयन क लहू बहावा ग रहा, अउर उ सबहिं जेका इ धरती प बलि चड़ाइ दीन्ह ग रही।”
Revelation 19
1 एकरे बाद मइँ सरग क भीड़ स उच्च स्वर मँ आवाज़ आवत सुने रह्यो:”हल्लिलूय्याह! परमेस्सर क जय होइ! जय होइ! महिमा अउर समर्थ हमेसा मिलइ!
2 ओकर निआव सच्चे अउर धर्ममय अहइ। उ बड़ी वेस्या क उ निआव करेस, जउन आपन व्यभिचार स इ धरती क भ्रस्ट कइ दिहे रही, अपने दासन क मउत क बदला लइ लिहेस।”
3 ओन्ह फिन कहेन्ह:“हल्लिलूय्याह! ओसे धुआँ जुग जुग तक उतरत रहा।”
4 फिन चौबीसउँ बुजुर्गन अउर चारउ प्रानिअन सिंहासन प बइठा परमेस्सर क झुकके प्रणाम करेन अउर ओकर आराधना करत गावइ लागेन:“आमीन, हल्लिलूय्याह!”
5 सिंहासन स फिन आवाज़ आइ जउन कहत रही:“ओ ओकर सेवकन! तू सबे हमरे परमेस्सर क स्तुति करा, अउर अपने सब लोगन क चाहे बड़ा होइ या छोटा सबइ क इज्जत करत रहा!”
6 फिन मानो मइँ एक विसाल जनसमूहे क आवाज़ सुनेउँ जउन कि भयंकर पानी क बहाव अउर बदरन क जोरदार गरजइ-तरजइ क आवाज जइसे रही। कहत रही:“हल्लिलूय्याह! जय होइ ओकर, काहे बरे कि हमार पर्भू परमेस्सर, सर्वसक्ति स पूरा होइके राज्य क ताकतवर बनावत अहइ।
7 इ बरे आवा, आनन्द खुसी मनावा। आवा, ओका माहिमा देइ। काहे बरे कि अउर मेमना क बियाह क समइ आइ गवा अहइ। ओकर दुलहिन सजी धजी तइयार होइ गइ।
8 ओका आग्या मिली अहइ, साफ सफेद निर्मल मलमल पहन ल्या।”(इ मलमल परमेस्सर क पवित्तर लोगन बड़िया कामन क प्रतीक अहइ।)
9 फिन उ मोसे कहइ लाग, “लिखा, उ धन्य अहइ जेनका इ बियाह क भोजन मँ बोलावा ग अहइ।” उ मोसे फिन कहिस, “इ परमेस्सर क सच्चा वचन अही।”
10 अउर मइँ ओकर आराधना करइ क बरे ओकरे पाँव प गिर पड़ेउँ। मुला उ मोसे कहेस, “सावधान! अइसा न करा। मइँ तउ तोहरे अउर तोहरे भाइयन क साथी परमेस्सर क साथी सेवक अहउँ जउने पइ ईसू क साच्छी क भविस्सबाणी की आतिमा अहइ। अउर प्रचार क जिम्मेदारी अहइ। परमेस्सर क आराधना करा. कहे बरे कि ईसू क प्रमाणित संदेस इ बात क साच्छी अहइ कि ओहमाँ एक नबी क आतिमा अहइ।”
11 फिन मइँ सरग क खुलत देखेउँ अउर हुवाँ मोरे समन्वा एक सफेद घोड़ा रहा। घोड़े प जउन बइठा रहा। ओका बिस्सासनीय अउर सत्य कहा जात रहा काहे बरे कि उ निआव धार्मिकता स निर्णय करत ह।
12 ओकर आँखी अइसी रहीं जइसे आगी क लपट होइँ। ओकरे मूँड़े पइ बहोत स मुकुट रहेन. ओकरे ऊपर एक नाउँ लिखा रहा, जेका ओकरे अलावा अउर केहू नाहीं जानत।
13 उ अइसा कपड़ा पहिने रहा जउने क खून मँ डुबोवा ग रहा। ओका नाउँ दीन्ह रहा, “परमेस्सर क वचन।”
14 सफेद घोड़न प बइठी सरग क सेना ओकरे पीछे-पीछे चलत रहिन। उ साफ सफेद मलमल क कपरा पहिने रहा।
15 रास्ट्रन क मारइ क बरे ओकरे मुँहे स एक तेज धार क तरवार बाहेर निकरत रही। उ ओकरे ऊपर लोहे क दण्ड़ स सासन करी। अउर सर्वसक्तिमान पर्भू परमेस्सर क भयानक गुस्सा क धानी मँ अंगूर क रस निचोड़ी।
16 ओकरे वस्त्र अउर जाँघ पइ इ नाउँ लिखा रहा।
17 एकरे बाद मइँ देखेउँ कि सूरज क ऊपर एक सरगदूत खड़ा अहइ। उ ऊँचे अकास मँ उड़इवाली सबहीं चिड़ियन स जोर क आवाज स कहेस, “आवा, परमेस्सर क महाभोज क बरे एकट्ठा होइ जा।
18 जइसे कि तू सासकन, सेनापतियन, मजदूर आदमियन, घोड़न अउर ओनके सवारन क मांस खाइ सका। अउर सब मनई छोट-बड़ा आदमियन अउर खास आदमियन क सरीर खाइ सका।”
19 फिन मइँ उ जनावरन क अउर धरती क राजन क देखेउँ ओनके संग ओनकइ सेना रही। उ पचे उ एक घोड़ा क सवार अउर ओकरी सेना स जुद्ध करइ एक साथे आइके जुट गएन।
20 उ जनावर क पकड़ा गवा। ओकरे साथ उ झूठा नबी भी रहा जउन जानवर क उपस्थिति मँ अद्भुत कारजन देखावा करत रहा अउर ओनका ठगत रहा जउने प उ जनावरन क छाप लगी रही अउर जउन ओकरी मूर्ति क आराधना करत रहेन। उ जनावरन क अउर झूठे नबी, दुइनउँ क जलत गंधक क भभकत झील मँ जिन्दइ ड़ाल दीन्ह गवा।
21 घोड़ा क सवार क मुँह स जउन तरवार निकरत रही, बाकी क सैनिक ओसे मार ड़ावा गएन। फिन चिड़ियन मिलके ओकरे माँस खाइके अघाइ गइन।
Revelation 20
1 फिन आकास स मइँ एक सरगदूत क नीचे उतरत देखेउँ। ओकरे हाथ मँ पाताल क चाभी अउर एक बड़ी संकरी रही।
2 उ पुरान महासांप क पकड़ लिहेस जउन कि दैत्य यानी सइतान बाटइ फिन ओका एक हजार साल क बरे संकरी मँ बाँध दिहेस।
3 तउ उ सरगदूत ओका अथाह कुंड़ मँ ड़ाइके बन्द कइके परदार साँपे प मुहर लगाइ दिहेस जेहसे जब तलक हजार साल पूरा न होइ जाइ, उ कउनो मनई क धोखा न दइ सकत। हजार साल पूरा होइ जाइ क पाछे ओका कछू समइ क बरे छोड़ा जाइ क अहइ।
4 फिन मइँ कछू सिंहासन देखीउँ जउने प कछू मनई बइठा रहेन। ओनका निआव करइ क अधिकार दीन्ह ग रहा। अउर मइँ ओनकी आतिमा क देखेउँ जेनके सिर, उ सच्चाई क कारण, जउन ईसू स प्रमाणित अहइँ, अउर परमेस्सर क संदेस स, काट दीन्ह ग रहेन, जे उ जनावरन या ओकरी मूर्ति क कबहुँ पूजा नाहीं करे रहेन। जे अपने माथे प या अपने हाथे प ओकर निसानी कबहुँ धारण नाहीं किहे रहेन। उ पचे फिन स जिन्दा होइ गएन अउर उ मसीह क साथ एक हजार साल तक राज करेन।
5 (बाकी मनई हजार साल पूरा होइ गए प फिन स जिन्दा नाहीं भएऩ।) इ पहिला पुनरुत्थान बाटइ।
6 उ धन्य अहइ अउर पवित्तर अहइ, जउन पहले पुनरुत्थान मँ भाग लेत अहइ। एन पइ दूसरी मृत्यु क कउनो अधिकार नाहीं अहइ। इ आदमियन प दूसर मउत क कउनो अधिकार नाहीं मिला अहइ। पर उ पचे तउ परमेस्सर अउर मसीह क आपन याजकन होइहीं अउर ओकरे साथे एक हजार साल तक राज करिहीं।
7 फिन एक हजार साल पूरा होइ जाए प सइतान क ओकरी जेल स छोड़ दीन्ह जाई।
8 अउर उ समूची धरती प फइली रास्ट्रन क छलइ क बरे निकर पड़ी। उ गोग अउर मागोग क छली। उ ओनका लड़ाई क बरे एकट्ठा करी। उ ओतनइ अनगिनत होइहीं जेतना कि समुद्दर क तट क रेतकण अहइँ।
9 सइतान क सेना समूची धरती प फइल जाई अउर उ परमेस्सर क लोगन क छावनी अउर ओनकर प्यारी नगरी क घेर लेई। मुला आग जउन सरगे स उतरी अउर ओनका निगल जाई,
10 एकरे पाछे सइतान क जउन ओनका धोखा देत रहा ह, भभकत गंधक क झील मँ फेंक दीन्ह जाई जहाँ उ जनावरन अउर झूठा नबी दुइनउँ ड़ाला ग अहइँ। ओनका हमेसा हमेसा क बरे रात-दिन तड़पावा जाई।
11 फिन मइँ एक जबरदस्त सफेद सिंहासन कइँती ओह प विराजमान जे रहा, ओका देखेउँ। ओकरे सामने स धरती अउर आकास भाग खड़ा भएन। ओनका पता नाहीं चल पावा।
12 फिन मइँ छोट अउर बड़ा मृतक मनइयन क देखेउँ। उ पचे सिंहासन क आगे खड़ा रहेन। कछू किताब खोली गइन। फिन एक अउर किताब खोली गई। उ रही जीवन क किताब अउर ओन किताबन मँ लिखी गई बातन क आधार प मृतकन क न्याय ओनके कामन क अनुसार कीन्ह गवा।
13 जउन मृतक मनइयन समुद्दर मँ रहेन, ओनका समुद्दर दइ दिहेस, अउ मृत्युलोक अउ अधोलोक आपन आपन मृतक मनइयन क सौंप दिहेन। हर एक क निआव ओनके कर्मन क अनुसार कीन्ह गवा।
14 एकरे बाद मउत क अउर अधोलोक क आग क झील मँ झोंक दीन्ह गवा। इ आग क झील दूसरी मउत बाटइ।
15 जउन कउनो मनई क नाउँ जीवन क पोथी मँ न मिली तउ उहू क आग क झील मँ ढकेल दीन्ह गवा।
Revelation 21
1 फिन मइँ एक नवा सरग अउर नवा धरती देखेउँ। काहे बरे पहिला सरग अउर पहली धरती खतम होइ ग रहेन। अउर कब क समुद्दर उ नाहीं रहा।
2 मइँ यरुसलेम क उ पवित्तर नगरी नवा यरुसलेम क आकास क बाहर निकरिके परमेस्सर कइँती स नीचे उतरत देखेउँ। उ नगरी क अइसे सजावा ग रहा जइसे कउनो दुलहिन क ओकरे पति स मिलइ क बर सजावा ग होइ।
3 तबइ मइँ आकास मँ एक जोरदार आवाज़ सुनेउँ। उ कहत रही, “देखा अउर परमेस्सर क मन्दिर आदमियन क बीच मँ अहइ अउर उ ओनही क बीच मँ रही। उ पचे ओकर लोग रइहीं अउर परमेस्सर ओनकइ परमेस्सर होइहीं। अउ खुदइ परमेस्सर ओनकइ परमेस्सर होइहीं।
4 ओनकी आँख क एक-एक आँसू उ पोंछ ड़ाई। अउर हुवाँ अउर न तउ कबहुँ मउत होई न सोक इ बजह स केहू क रोवइ धोवइ क न पड़ी। काहे बरे कि उ सब पुरानी बात अब खतम होइ चुकी बाटिन।”
5 एकरे ऊपर जउन सिंहासन प बइठा रहा, उ बोला, “देखा मइँ सब कछू नवा कइ देत अहउँ।” उ फिन कहेस, “एका लिख ल्या काहे बरे कि इ वचन विस्सास लायक अहइ अउर इ सच्चा अहइ।”
6 फिन उ मोसे बोला, “सब कछू पूरा होइ चुका अहइ। मइँ अलफा अहउँ अउर मइँ ओमेगा अहउँ। मइँ आदि अहउँ अउर मइँ अन्त अहउँ। जउन मनई जे पिआसा अहइ, मइँ ओका जीवन-जल क झरना स सेंत-मेत मँ खुले मन स जल पिआउब।
7 जउन विजयी होई, उ सब चीज क मालिक बनी। मइँ ओकर परमेस्सर होब अउर मोरे पूत होई,
8 मुला कायरन, अबिस्सासियन, मूरखन, हत्यारन, व्यभिचारिय, जाद-टोना करइवालेन, मूरति क पूजा करइवालेन अउर झूठ बोलइवालन क भभकत गंधक क जलत झील मँ आपन हिस्सा बँटावइ क होई। इ दूसरी मउत बाटइ।”
9 फिन उ सात सरगदूतन मँ स एक, जेनके लगे सात आखिरी विनास क कटोरा रहेन्न, एक ठु आगे आवा अउर मोसे बोला, “हिआँ आवा! मइँ तोहका उ दुलहिन देखाइ देइ जउन मेमना क दुलहिन अहइ।”
10 अबहीं मइँ आतिमा क आवेस मँ रहे कि उ मोका एक बिसाल अउर ऊँचे पर्वत प लइ गवा। फिन उ मोका यरुसलेम क पवित्तर नगरी क दर्सन कराएस। उ परमेस्सर क तरफ स आकास स नीचे उतरत रहीं।
11 उ परमेस्सर क महिमा स चमकत रही। उ बिल्कुल निर्मल यसब नामक महामूल्यावान रत्नन तरह चमकत रही।
12 नगरी क चारिहुँ कइँती एक बड़ा क ऊँचा परकोटा रहा जेहमाँ बाहर दरवाजा रहेन। उ बारहउँ दरवाजन प बारह सरगदूत रहेन। अउर बारहउँ दरवाजा प इस्राएल क बारह कुलन क नाउँ छपा रहेन।
13 एहमाँ स तीन दरवाजन पूरब क तरफ रहेन, तीन दरवाजन उत्तर कइँती तीन दरावाजन दच्छिन कइँती अउर तीन दरवाजन पच्छिम कइँती रहेन।
14 नगर क परकोटा बारह नीव प बनावा ग रहा अउर ओनके ऊपर मेमना क बारह प्रेरितन क नाउँ छपा रहेन।
15 जउन सरगदूत मोसे बतियात रहा, ओकरे लगे सोना क बनी नापइ क एक छड़ी रही जउने स उ नगर क फाटक अउर परकोटा क नाप सकत रहा।
16 नगर क वर्गाकार बसावा ग रहा। इ जेतना लम्बा रहा, ओतना चौड़ाई रहा। उ सरगदूत उहइ छड़ी स नगर क नापेस। ओकर लम्बाई करीब बारह हजार स्टोड़िया पाई गइ। ओकर लम्बाई, चौड़ाई अउर ऊँचाई एकई तरह रही।
17 सरगदूत फिन ओकरे परकोटा क नापेस। उ करीब 144हाथ रहा। ओका मनई क हाथन क लम्बाई स नापा ग रहा जउन हाथ सरगदूतन क हाथ अहइ।
18 नगर क परकोटा यसब नाउँ क रत्नन क बना रहा अउर नगर क काँच क तरह चमकत सुद्ध सोना स बनावा ग रहा।
19 ऩगर क परकोटे क नींव हर तरह क बेसकीमती रत्नन स सुसज्जित रहिन। नींव क पहला पाथर यसाब क बना रहा. दूसरा नीलम स, तीसरा स्फटिक स, चउथा पन्ना स,
20 पाँचवा गोमेद स छठा मानक स सातवाँ मणि स, आठवाँ पेरोज स, नवाँ पुखराज स, दसवाँ लहसनिया स, ग्यारहवाँ धूम्रकान्त स अउर बारहवाँ चन्द्रकान्ता मणि स बना रही।
21 बारहउँ दरवाजा, बारह मोतियन स बना रहेन, हर दरवाजा एक एक मोती स बना रहेन। नगर क गलियन साफ काँच जइसे सुद्ध सोने स बनी रहिन।
22 नगर मँ मइँ कउनो मन्दिर नाहीं देखाई पड़ा। काहे बरे कि सबसे सर्वसक्तिमान पर्भू परमेस्सर अउर मेमना ओकर मन्दिर मँ रहेन।
23 उ नगर क कउनो सूरज या चाँद क जरुरत नाहीं रही जउन ओका रोसनी देइ काहे बरे कि उ परमेस्सर क महिमा स खुदइ प्रकासित रहा। अउर मेमना उ नगर क दिया बाटइ।
24 सब जातियन क मनई इहइ दीपक क रोसनी क सहारे आगे बड़िहइँ। अउर इ धरती क राजा आपन सुन्दरता इ नगर मँ लइ अइहीं।
25 दिन क समइ एकर दरवाजा कबहूँ बन्द न होइहीं अउ हुवाँ रात तउ कबहूँ होइ न करी।
26 जातियन क वैभव अउर धन सम्पत्ति क उ नगर मँ लिआवा जाई।
27 कउनो गन्दी चीज ओहमाँ घुसइ न पाई। अउर न तउ लज्जा भरा काम करइवालेन अउर झूठ बोलइवालेन ओहमाँ घुसइ न पाइही। ओहमाँ ओनहीं मनई घुसइ पाइहीं जउने क नाउँ मेमना जीवन क पुस्तक मँ लिख अहइ।
Revelation 22
1 एकरे बरे उ सरगदूतन मोका जीवन देइवाली पानी क एक नदी देखाएस। उ नदी स्फटिक क तरह चमकत रही उ परमेस्सर अउर मेमना क सिंहासन क निकरत भइ
2 नगर क गलियन स होत भइ बहत रही। नदी क दुहनउँ किनारे प जीवन पेड़ उगा रहेन। ओनके ऊपर हर साल बारह बार फल लगत रहेन। एकरे हर एक पेड़ प हर महीना एक फसल लगत रही अउर इ पेड़न क पत्तियाँ तमाम रास्ट्रन क रोग दूर करइ क बरे रहिन।
3 हुवाँ कउनो तरह क कउनो स्राप नाहीं होई। इस नगर मँ परमेस्सर अउर मेमना क सिंहासन हुवाँ बना रही। अउर ओकर नउकर ओनकइ आराधना करिहइँ।
4 अउर ओकर मुख देखिहीं अउर नाउँ ओकरे माथे प होइ।
5 हुवाँ कबहूँ रात न होइ। अउर न तउ सूरज अथवा दीपक क रोसनी क कउनो जरुरत पड़ी। काहे बरे कि ओनके ऊपर पर्भू परमेस्सर आपन रोसनी उ ड़इहइँ अउर उ हमेसा सासन करिहीं।
6 फिन सरगदूत मोसे कहेस, “इ बचनन क बिस्सास करइ लायक अउर सच्चा अहइँ। नबियन क, आतिमा क, परमेस्सर पर्भू, परमेस्सर क सेवकन क, जउन कछू जल्दी घटइवाला अहइ, ओका जतावइ क बरे आपन सरगदूत भेजे अहइ।”
7 “सुना! मइँ जल्दी आवइवाला अहउँ। उ पचे धन्य अहइँ जउन इ किताब मँ दीन्ह उ बजनन क पालन करत हीं जउन भविस्सबाणी अही।”
8 मइँ यहून्ना अहउँ। मइँ इ बात सुनेउँ अउर देखे अहउँ। जब मइँ इ बात देखेउँ सुनेउँ तब उ सरगदूत क चरनन मँ गिर क मइँ ओकर आराधना कीन्ह जउन मोका इ बात देखावत रहा।
9 उ मोसे कहेस, “सावधान, तू अइसा न करा! काहे बरे कि मइँ तउ तोहार, तोहार भाई नबियन क उन लोगन जउन इ किताब मँ लिखा बचनन क पालन करत हीं, एक साथी नउकर अहउँ। बस परमेस्सर क आराधना करा!”
10 उ मोसे फिन कहेस, “इ किताब मँ जउन भविस्सबाणी दीन्ह गइ अहइँ, ओनका छिपाय क न रखा, काहे बरे कि इ बातन क घटित होइ क समइ करीबइ अहइ।
11 जउन बुरा कारज करत चला आवत अहइँ, उ बुरा करत रहइँ जे गन्दा करत अहइँ, उ गन्दा करत रहइँ। जे धर्मि अहइँ उ धरम क कारज ही करत रहइँ।
12 “देखा! मइँ जल्दी आवइवाला अहउँ! सबहिं मनइयन क ओनके कर्मन क अनुसार देइ क प्रतिफल मोरे पास अहइ।
13 उ मइँ अलफा अहउँ अउर मइँ ओमेगा अहउँ। मइँ पहिला अहउँ अउर मइँ आखिरी अहउँ। मइँ आदि अहउँ अउर मइँ अन्त अहउँ।
14 “उ पचे धन्य अहइँ जउन अपने कपड़न क धोइ लेत हीं। ओनका जीवन-पेड़ क खाइ क अधिकार होई। ओन दरवाजन स होइके नगर मँ घुसइ क अधिकारी होईहीं।
15 मुला ‘कुत्ता,’ जादू-टोना करइवाले, व्यभिचारी, मूरत क पूजइवाले, या झूठ स पिरेम अउर ओनपइ अचरज करत अहइँ बाहेर रहिहीं।
16 “खुदइ मइँ ईसू, तोहरे पचे क बरे, अउर कलीसियन क बरे इ बातन क साच्छी देइ क बरे आपन सरगदूतन भेजेउँ। मइँ दाऊद क परिवार क बंसज अहउँ। मइँ भोर क दमकत तारा अहउँ।”
17 आतिमा अउर दुलहिन करत ह, “आवा!” अउर जउन व्यक्ति एका सुनत ह, उहउ कहइ, “आवा!” अउर जउन व्यक्ति पिआसा होइ उहइ आवइ अउर जे चाहे उहइ इ जीवन देइवाली जल क उपहार क बिना मुल्य क ग्रहण करइ।
18 मइँ सपथ खाईके ओन मनइयन क बरे चेताउनी देइत अहइँ जउन इ किताब मँ लिखा भविस्सबाणी क वचनन क सुनत ही: एहमाँ स जब कउनो अउर कछू जोड़ देइ तउ इ किताब मँ लिखा महाविनास परमेस्सर ओकरे ऊपर ड़ाई।
19 अउर जब नबियन क लिखी इ किताब मँ स कउनो सब्दन मँ स घटाई तउ परमेस्सर इ किताब मँ लिखा जीवन पेड़ अउर पवित्तर नगरी मँ स ओकर भाग ओसे छीन लीन्ह जाई।
20 ईसू जउन बातन क साच्छी अहइ, उ कहत ह, “हाँ! मइँ जल्दी आवत अहउँ।”आमीन! पर्भू ईसू आवा।
21 पर्भू ईसू क अनुग्रह सबके साथ रहइ।