Esther

1:1 इ ओन दिनन क बात अहइ जब छयर्स नाउँ क राजा राज्ज किया करत रहा। भारत स लईक कुस क एक सो सत्ताईस प्रन्तन पइ ओनकर रज्ज रहा। 2 महारजा छयर्स, सुसन नाउँ क नगरी, जउन राजधानी भवा करत रही,मँ अपने सिहासन स ससान चलावा करत रहा। 3 अपने सासन क तीसरे बरिस मँ, छयर्स अपने अधिकरियन अउ मुखिया लोगन बरे एक भोज क प्रबध किहेस। फारस, अउ मादै क फउज क मुखियन अउर दुसर महत्तपूर्ण मुखियन अउर प्रन्तीय अधिकारियन उ भोज मँ मौजुद रहेन। 4 इ भोज ऐक सौ अस्सी दिन तलक चला। इ समइ क दौरन, महारजा छयर्स अपने राज क महान सम्पत्ति अउ आपनी महानता क भब्य सुन्दारता देखावत रहा। 5 एकरे पाछे जब एक सौ अस्सी दिन क इ भौज समाप्त भवा, तउ महारजा छयर्स एक ठु अउर भौज दिहेस जेहमाँ सुसा क जिला महल क सबहि लोगन साथ ही महत्यपूर्ण अउ बे-महत्वपूर्ण लोगन बोल गवा रहा। इ भोज सात दिन तालक चला। इ भोज क आयोजन महल क भतीरी बगीचे मँ कीन्ह गवा रहा। भोज क जगह सफेद अउ नीले रंग क मलमल सूती कपड़न स सजावा ग रहा। इ बैगनी रंग की डोरियन स पकड़ा रहा। उ संगमर क खम्भन क बीच मँ चाँदी क छड़न दुआरा पर लटकत रहा। हुवाँ सोने अउ चाँदी क चौकियन रहिन। इ सबइ चौकियन लाल अउ सफेद रंग क अइसी स्फटिक क भूमितल मँ जुड़ी भई रहिन जेहमाँ संगमरमर, प्रकेलास, सीप अउर दूसर कीमती पाथर जड़े रहेन। 6 7 सोने क पियालन मँ दाखरस परोसा गवा रहा। हर पियाला एक दूसरे ल अलग रहा। महारजा क ओकर महान सम्पत्ति क अनुसार दाखरस परोसा गवा रहा। 8 महारजा अपने सेवकन क आग्या दिहेस कि हर कउनो मेहमन क जेतना दाखरस उ चाहे ओतने दीन्ह जाइ। राजा क महल मँ हा महारनी वसती भी महररुअन क एक ठु भोज दिहस। 9 भोज क सातएँ दिन, महारजा छयर्स दाखरस पिअइ क कारण मगन रहा। उ ओन सात हिजड़न क आग्या दिहस जउन ओकर सेवा किया करत रहेन। एन हिजड़न क नाउँ रहेन: गहूमान, बिजेता, हबौना, बिगता, अबगता, देतेर अउर कर्कस। 10 11 महाराजा आपन सेवकन क आग्या किहेस उ पचे राजमुकुट धारण किए भए महारानी वसती क ओकरे लगे लिआवइँ। उ चाहत रहा कि उ मुखिया लोगन अउर महत्वपूर्ण लोगन क अपनी सुन्दारता देखाइ काहेकि उ फुरइ बहोत सुन्दर रही। 12 मुला उ सेवरन जब राजा क आदेस क बात महारानी वसती स कहेन तउ उ हुवाँ जाइ स मना कइ दिहस। राजा बहोत कोहाइ गवा अउर ओहे पइ क्रोध स जरइ लगा। 13 एह बरे महाराज इ ताज़ा घटना क बारे मँ अपने अनुभवी मनइयन स नेम अउ सज़ा क बारे सलाह लेत रहत रहेन। एनकर नाउँ रहेन: कर्सना, सेतार, अदमाता, तर्सीस, मेरेस, मर्सना अउर ममूकान। उ सबइ साताहुँ फारस अउर मादै क बहोत महत्वपूर्ण अधिकारी रहेन। एनके लगे राजा स मिलाइ क बिसेस अधिकार रहा। उ पचे राज्ज मँ सबन त उच्च अधिकारी रहेन। 14 15 राजा ओन लोगन स पूछेस, “महारनी वसती क संग का कीन्ह जाइ? इ बारे मँ नेम का कहत ह उ महाराजा छयर्स क मोर आग्या क माइन स मना कइ दिहस जेका हिजड़न ओकरे लगे लइ गए रहेन।” 16 एइ पइ दुसर अधिकारियन क उपस्थिति मँ महाराजा स ममुकन कहेस, “महारानी वसती अपराध किहस ह। महारानी महाराजा क संग-संग सबहिं मुखिया लोगन अउर महाराजा छयर्स क सबहिं प्रसन क लोगन क बिरुदूध अपराध किहेस ह। 17 मइँ अइसा एह बरे कहत हउँ कि दूसर मेहरुअन जउन महारानी वसती किहस ह, ओका जब सुनिहीं तउ उ पचे अपन भतारंन क आग्या मानब बंद कइ देइहीं, ‘महाराजा छयर्स महारानी वसती क अपन लगे लआवइ क आग्या दिहे रहा किन्तु उ आवह मना कइ दिहस।’ 18 “आनु फारस अउ मादै क मुखिया लोगन क महेररुअन, रानी जउन किहे रही, सुनि लिहन ह अउर लखा अब उ सबइ मेहररुअन भी जउन कछू महारानी किहस ह, ओहसे प्रभावित होइहीं। उ सबइ मेहररुअन राजा लोगन क महत्वपूर्ण मुखिया लोगन क संग वइसा ही करिहीं अउर इ तरह बहोत जियादा अनादर अउर किरोध फाइल जाइ। 19 तउ जदि महाराजा क अच्छा लगइ तउ एक ठु सुआव इ अहइ: महाराजा क एक राजग्या देइ चाही अउर ओका फारस अउ मादै क नेम मँ लिख दीन्ह जाइ चाही एह बरे इ नेम ना ही बदला जाइ सकत ह या नही संसोधन कीन्ह जाइ सकत। राजा क आग्या इ होइ चाही: महाराजा छयर्स क समन्वा रानी वसती अब कबहूँ न आवइ। साथ ही महाराजा क रानी ़क पद भी कउनो अइसी मेहरारु क दइ देइ चाही जउन ओहसे उत्तिम होइ। 20 फुन जब राजा क इ आग्या ओकरे बिसाल राज्ज क सबहिं मँ धोसित कीन्ह जाइ, तउ सबहिं मेहररुअन अपने भतारन क आदर कइइ लगहीं,चाहे ओकर भातरन महत्वपूर्ण लोग अहइ या न अहइ।” 21 इ सुआव स महाराजा अउर ओकर बड़े-बड़े अधिकारी सबहीं खुस भएन। तउ महाराजा छयर्स वइसा ही किहस जइसा ममूकान सझाए रहा। 22 महाराजा छयर्स अपने राज्ज क सबहीं प्रान्तन मँ पत्रन पठइ दिहस। हर प्रान्त मँ जउन पत्रन पठवा गवा, उ उहइ प्रान्त क लिपि मँ लिखा गवा रहा। हर जाति मँ उ ओकरे भाखा मँ पत्रन पठइस। उपचे पत्रन मँ हरेक व्यक्ति क भाखा मँ धोसना कीन्ह ग रहेन कि हरेक मनई क आपन पररिवार नियंत्रन रखइ क होइ।

2:1 आगे चलिके महाराजा छयर्स क किरोध सान्त भवा तउ ओका वसती अउर क कार्य आवइ लागेन। वसती क बारे मँ उ जउन आदेस दिहे रहा, उ भी ओका याद आवा। 2 एकरे पाछे राजा क निजी सेवकन ओका एक ठु सुझाव दिहन। उ पचे कहेन, “राजा क बरे सुन्तर कुँवारी कन्यन क खोज करा। 3 हे राजा, तोहका अपने राज्ज क हर प्रान्त मँ नेतन क चुनाव कइर चाही। फुन ओन नेतन लोगन क चाही कि उ पचे सुन्तर कुवाँरी कन्याओं क सूसन क जिला महल मँ लइके आवइँ। उ पचे लड़िकयन राजा क हरम सरा मँ तोहर दूसरी मेहररुअन क संग रहब। उ पचे हेगे क देख-रेख मँ रखी जइही। हेगे महाराजा क हिजड़ा जउन कि ओन मेहररुअन क निगराँकार अहइ। फुन ओनका सुन्दरता क प्रसाधन दीन्ह जाइँ। 4 फुन उ लरकी जउन राजा क भावइ, वसती क जगह पइ राजा क नई महारानी बनाइ दीन्ह जाइ।” राजा क इ सुआव बहोत अच्छा लगा। तउ उ एका अंगीकार कइ लिहस। 5 बिन्यामीन परिवार समुह क मोर्दकै नाउँ क एक ठु य़हूदी हुवा करत रहा। मोर्दकै याईर क पूत रहा अउर याईर सिमी क पूत रहा अउर सिमी कीस क पूत रहा। सूसन क महल प्रान्त मँ रहत रहा। 6 ओहका यरुसलेम स बाबेल क राजा नबूकदनेस्सर बंन्दी बनाइक लइ गवा रहा। उ यहूदा क राजा यकोन्याह क संग उ दल मँ रहा, जेका बंदी बनाइ लीन्ह गवा रहा। 7 मोर्दकै क हदस्सा नाउँ क एक चचेरी बहिन रही। उ अनाथ रही। न ओकरे बाप रहा, न महतारी। तउ मोर्दकै ओकर धियान रखत रहा। मोर्दकै ओकरे महतारी बाप क मइर क पाछे ओका अपनी बिटिया क रुप मँ गोद लइ रहा। हदस्सा क नाउँ एस्तेर क मुहँ अउ ओकरे तने क बनावट बहोत सुन्नर रही। 8 जब राजा क आदेस सुनावा गवा, तउ सूसन क जिला महल मँ बहोत स जवान मेहररुअन क लिआवा गवा। ओन जावान मेहररुअन क हेगेक देख-रेख मँ रख दीन्ह गवा। एस्तेर एनही जवान मेहररुअन मँ स एक रही। एस्तेर क राजा क महल मँ लइ जाइके हेगे क देख-रेख मँ रख दीन्ह गवा रहा। हेगे मेहररुअन क महल क निगराँकार रहा। 9 हेगे क एस्तेर बहोत अच्छी लगी। उ ओकर मनपसंद बन गइ। हेगे हाली ही सुन्नरता क उपचार अउ जरुरी भोजन ओका दिहस। हेगे राजा क महल स सात दासियन चुनेस अउ ओनका एस्तेर क दइ दिहस। अउर एकरे पाछे हेगे एस्तेर अउ ओकर सातहुँ दासियन क जहाँ राजधराने क मेहररुअन रहा करत रहिन। 10 एस्तेर इ बात कउनो क नाही बताएस कि उ एक यहूदी अइह। काहेकि मोर्दक ओका मना कइ दिहे रहा, एह बरे उ अपने परिवार क पृस्ठभूमि क बारे मँ कउनो क कछु नाही बाताइस। 11 मोर्दकै जहाँ रनवास क मेहररुअन रहा करत रहिन, हुवाँ आसपास अउर आगे पाछे धूमा करत रहा। उ इ पता लगावइ चाहत रहा कि एस्तेर कइसी अहइ अउर ओकरे संग का कछु धटत अहइ? एह बरे उ अइसा करत रहा। 12 एहसे पहिले कि राजा छयर्स क लगे जाइ क बरे कउनो लड़की क बारी आवत, ओका इ सब कइर क पड़त रहा। बारह महीने तलक ओका सुन्नरता उपचार कइर पड़त रहा यानी छ: महीने तलक ओका गंधरस क तेल लगवा जात अउर छ: महीने तलक सुगंधित द्रव्य अउर तरह -तरह क प्रसाधन सामग्रिन क उपयोग कइर होत रहा। 13 रीति क अनुसार जब कउनो जवान लड़की राजा क लगे जाइ ओनका उ सबहिं दीन्ह जात ह जेका उ मेहरारु महल स राजा क महल मं लेइ जात चाहतह। 14 साँझ क समय उ लड़की राजा क महल मं रख दीन्ह अउर भिंसारे दूसर मेहररु क महल मं उ लउटि आवत। फुन ओका सासगज नाउँ क मनई क देखरेख मं जात अउर मँ रख दीन्ह जात। सासगज राजा क हिजड़ा रहा जउन राजा क रखैलन क अधिकारी रहा। यदि राजा ओहसे खुस न होता, तउ उ लड़की फुन कबहुँ राजा क लगे न जात। अउर जदि राजा ओहेसे खुस होत तउ ओका राजा नाउँ लइक वापस बोलावत। 15 जब एस्तेर क राजा क लगइ जाइ क बारी जाइ, तउ उ कछू नाही पूछेस। उ राजा क हिजड़ा, हेगेस, जउन हेगे रनवास क आधिकारी रहा, बस उहइ लिहस जउन हेगे ओका आपन संग लेइ क कहेस। (एस्तेर उ लड़की रही जेका मोर्दकै गोद लइ लिहे रहा अउर जउन ओकरे चाचा अबीहैल क बिटिया रही।) एस्तेर क जउन कछू भी लखत, ओका पसंद करत रहा। 16 तउ एस्तेर क महाराजा छयर्स क महल मं लइ जावा गवा। इ उ समइ भवा जब ओकरे राज्जकाल क सताएँ बरिस क तेबेत नाउँ क दसवाँ महीना चलत रहा। 17 राजा एस्तेर कउनो बी अउर स जियादा पिरेम किहस अउर उ ओकर कृपा पाएस। कउनो भी दुसर लरकी स जियादा, राजा क उ भाइ गइ। तउ राजा छयर्स एस्तेर क मूँड़ि पइ मुकुट पहिराके वसती क जगह पइ नई महारनी बनाइ लिहस। 18 तब राजा एस्तेर क बरे एक बहोत बड़का भोज दिहस। इ भोज ओकरे महत्वपूर्ण मनइयन अउर मुखिया लोगन क बरे रही। उ सबहिं प्रन्तन मँ छुट्टी क धोसणा कइ दिहस। लोगन क ओकरे साही सम्पति क अनुसार उपहार दिहेस। 19 मोर्दकै उ समइ राजदुआर क निअरे ही बइठा रहा, जब दुसरी दाई लरकियन क एकट्ठा कीन्ह गवा रहा। 20 एस्तेर भी अबहुँ भी इ रहस्य क छुपाए भए रही कि उ एक यहूदी रही। अपने परिवार क पृस्ठभूमि क बारे मं उ कउमो क कछूनाही बताए रही, काहेकि मोर्दकै ओका अइसा कइर स रोक दिहे रहा। उ मोर्दकै क आग्या क अब भी वइसे पालन करत रही, जइसे किहे, करत रहा, जब उ मोर्दकै क देख-रेख मँ रही। 21 उहइ समइ जब मोर्दक राजदुवार क निउरे बइठा करत रहा, इ धटना धटी: राजा क दुइ अधिकारियन बिकतान अफर तेरेस जउन साही दुवार क रच्छा करत रहेन, उ पचे राजा पइ बहोत कोहाई गएन अउर हत्या कइर क जोजना बनाएन। 22 मोर्दकै क उ सड्यंत्र क पता चल गवा अउर उ ओका महारानी एस्तेर क बताइ दिहस। फुन महारानी एस्तेर ओका राजा स कहि दिहस। उ राजा क इ भी बताइ दिहस कि मोर्दकै ही उ मनई अइह, जउन इ सड्यंत्र क पता चलाएस ह। 23 एकरे पाछे उ सुचना क जाँच कीन्ह गइ अउर इ पता चला कि मोर्दकै क सूचना सही रही अउर उ दुइ पहरेदारन क जउन राजा क मार डावइ क सड्यंत्र बनाए रहेन, एक ठु खम्भे पइ लटकाइ दीन्ह गवा। राजा क सामनेही इ सबहीं बातन राजा क इतिहास क पुस्तक मँ लिख दीन्ह गइन।

3:1 एन बातन क धटइ क पाछे महाराजा छयर्स हामान क सम्नान किहस। हामान अगागी हम्मदाता नाउँ क मनई क पूत रहा। महाराजा हामान क कउनो दुसर अधिकरियन स जउन ओकर संग रहेन स बड़का अउ महत्वपूर्ण रद दिहेस। 2 राजा क दुवार पइ महारजा क सबहिं मुखिया हामान क अगवा निहुरिके ओका आदर देइ लगेन। उ पचे महाराजा क आग्या क अनुसार ही अइसा किया करत रहेन। किन्तु मोर्दकै हामान क अगवा निहुरइ या ओका आदर देइ क मना कइ दिहस। 3 एँह बरे राजा क दुआर पइ राजा क दुसर सेवकन मोर्दकै स पूछेन, “तू महाराजा क आग्या क पालन काहे नाहीं किहा?” 4 राजा क सबइ अधिकारियन हररोज मोर्दकै स बात किहन, किन्तु उ हामान क आदेस क माइन स इन्कार करत रहा। तउ ओन अधिकारियन हामान स एकरे बारे मँ बताइ दिहन, काहेकि उ पचे इ सबइ जानइ चाहत रहेन कि का मोर्दकै क इ बेउहार क लगातार रहइक अनुमति होइ। काहेकि मोर्दकै ओन सबइ लोगन क बताइ दिहे रहा कि उ एक यहूदा रहा। 5 हामान जब इ लखेस कि मोर्दकै ओकरे अगवा निहुरइ अउर ओका आदर देइ क मना कइ दिहस ह तउ ओका बहोत किरोध आवा। 6 हामान क इ पता चल ही चुका रहा कि मोर्दकै एक यहूदी अहइ। किन्तु उ मोर्दकै क हत्या मात्र स संतुस्ट होइवाला नाहीं रहा। हामान तउ इ भी चाहत रहा कि उ कउनो एक अइसा रस्ता ढूँढ़ निकारइ जेहेसे छयर्स क समूचे राज्ज क ओन सबहीं यहूदियन क मार डावइ जउनो मोर्दकै क लोग अहइँ। 7 महाराजा छयर्स क राज्ज क बारहवें बरिस मँ नीसान नाउँ क पहिले महिने मँ, हामान क मोजूदगी मँ यहूदी लोगन क बर्बाद करइ क दिन चुनई बरे पासा लोकावा गवा। इ तरह अदार नाउँ क बारहवाँ महीना चुन लीन्ह गवा। (ओन दिनन लाटरी निकारइ बरे इ सबइ पासन, “पुर” कहवावा करत रहेन।) 8 फुन हामान महाराजा छयर्स क लगे आवा अउर ओहले बोला, “हे महाराजा छयर्स तोहरे राज्ज क हर प्रान्त मँ लोगन क बीच एक खास सनूह क लोग फइले भए एहइँ। इ सबइ लोग अपने आप क दूसर लोगन स अलग रखत हीं। एन लोग क रीतिरिवाज भी दूसर लोगन स अलग अहइँ अउर इ सबइ लोग राजा क नेमन क पालन नाहीं करत हीं। अइसे लोगन क अपने राज्ज मँ सखइ क अनुमति देब महाराजा क बरे अच्छा नाहीं अहइ। 9 “जदि महाराजा क अच्छा लगइ तउ मोरे लगे एक सुझाव अहइ: ओन लोगन क नस्ट कइ डावइ क आग्या दीन्ह जाइ। एकरे बरे मँइ साही अधिरियन क दस हजार चाँदी क सिवकन महाराजा क खजाने मँ जमा करइ बरे देब।” 10 इ तरह महाराजा राजकीय अंगूठी अपनी अँगुरि स निकारेस अउर ओका हामान क सौप दिहस। हामान अगागी हम्मदाता क पूत रहा। उ यहूदियन क दुस्मन रहा। 11 एकरे अउर ओन लोगन क संग जउन चाहत ह, करा।” 12 फुन उ पहिले महीने क तेरहवें दिन महाराजा क सचिवन क बोलावा गवा। उ पचे हामान क सबहिं आदेसन क हर प्रान्त क लिपि अउर हर लोगन क भाखा मँ अलग-अलग लिख दिहस। उ पचे राजा क मुखिया लोगन, विभिन्न प्रान्तन क राज्यपालन, अलग-अलग कबीलन क मुखिया लोगन क नाउँ पत्र लिख दिहस। उ पचे इ आदेस अगंठी स मोहर लगाइ दिहेस। 13 सँदेस वाहक क विभिन्न प्रान्तन मँ ओन पत्रन क लइ गएन। एन पत्रन पइ आदेस रहा कि सबहिं यहूदियन जवान, बुढ़े, मेहररु अउर नान्ह गदेलन क भी एक ही दिन मार दीन्ह जाइँ अउर पूरी तरह नस्ट कइ दिन्ह जाइ। उ दिन बारहवें महीने क तेरहवीं तारिख क रहा जउन अदार क महीना अहइ। अउर इ भी आदेस रहा कि यहूदियन क सब कछू चिजिय लइ लीन्ह जाइ। 14 एन पत्रन क प्रतियन उ आदेस क संग एक नेम क रुप मँ दीन्ह जाब रही। हर प्रान्त मँ एका एक नेम बनावा जाब रहा। सबहिं लोगन मँ एकर घोसना कीन्ह जाब रही, ताकि उ पचे सबहिं लोग उ दिन क बरे तइयर रहइँ। 15 महाराजा आग्या अनुसार सँदेस बाहक फउरन चल दिहन। अउर इ राजधानी नगरी सूसन मँ ङी इ एलान कइ दीन्ह गइ। महाराजा अउर हामान तउ दाखरस पिअइ क बरे बइठ गएन किन्तु सूसन नगर क लोग धबरा गए रहेन अउ चकित भए रहेन।

4:1 मोर्दकै, जउन कछू होत रहा, ओकरे बारे मँ सब कछू सुनेस। जब उ यहूदियन क बिरुद्ध राजा क आग्या सुनेस तउ अपने ओढ़नन फार डाएस। उ सोक वस्त्र धारण कइ लिहस अउर अपने मूँड़े पइ राखी डाइ लिहस। उ ऊँच सुर स बिलाप करत भए नगर मँ निकर पड़ा। 2 मोर्दकै राजा क दुआर तलक गएन, किन्तु उ दुआर क पार नाहीं किहेन जउन महल क छेत्र मँ जात ह, काहेकि सोक वस्त्रन क पहिरके दुआर क भीतर जाइ क आग्या कउनो क भी नाहीं रही। 3 हर तउनो प्रांन्त मँ जहाँ कहूँ भी राजा क इ आदेस पहोंचा, यहूदियन मँ रोउब-घोउब अउर सोक फइल गला। उ पचे खाना छोड़ दिहन अउर उ पचे ऊँच सुर मँ बिलपइ लागेन। बहोत स यहूदी अपने सोक बस्त्रन क धारण किहे भए अउर अपने मूंड़न पइ राखी डाए भए घरती पइ पड़े रहेन। 4 एस्तेर क दासियन अउर खोजन एस्तेर क लगे जाइके ओका मोर्दकै क बारे मँ बताएन। एहसे महारानी एस्तेर बहोत दुखी अउर बियाकुल होइ उठी। उ मोर्दकै क लगे सोक वस्त्रन क बजाय दूसर ओढ़नन पहिरइ क पठाएस। मुला उ उ सबइ ओढ़नन स्वीकार नाहीं किहस। 5 एकरे पाछे एस्तेर हताक क अपने लगे बोलाएस। हताक एक अइसा हिजड़ा रहा जेका राजा ओकरी सेवा बरे नियुक्त केहे रहा। एस्तेर ओका इ पता लगवइ क आदेस दिहस कि मोर्दकै क का बियाकुल बनाए भए अहइँ अउर काहे 6 एह बरे हताक नगर क खुले चौराहे मँ गएन जहाँ मोर्दकै मौजूद रहा। 7 हुवाँ मोर्दकै हताक स, जउन कछू भवा रहा, सब कहि डाएस। उ हताक क इ भी बताएस कि हामान यहूदियन क हत्या बरे राजा क खजाने मँ केतना धन जमा करावइ क वादा किहेस ह। 8 मोर्दकै हताक क यहूदियन क हत्या क बरे राजा क आदेस पत्र क एक प्रति भी दिहेस। उ आदेस पत्र पहिले ही सूसन नगर मँ हर कहूँ पठवा गवा रहा। मोर्दकै इ चाहत रहा कि हताक ओका एस्तेर क देखाइ देइ अउर हर बात ओका पूरी तरह निर्देस देइ अउर ओहसे इ भी कहेस कि उ एस्तेर क राजा क लगे जाइके मोर्दकै अउर अपने लोगन क बरे दया क याचना कइर क प्रेरित करइ। 9 हताक एस्तेर क लगे लउटि आवा अउर उ एस्तेर स मोर्दक जउन कछू कहइ क कहे रहा, सब बताइ दिहस। 10 फुन एस्तेर मोर्दकै क हताक स इ कहवाइ पठएस: 11 “मोर्दकै, राजा क सबहिं मुखिया अउर राजा क प्रान्तन क सबहिं लोग इ जानत हीं कि कउनो भी मनई या मेहररु क बरे राजा क बस इहइ नेम अहइ कि राजा क भीतरी आंगन मँ बिना बोलए जउन भी जात ह, ओका मारि दीन्ह जातेन। इ नेम क पालन बस एक ही स्थिति मँ उ समइ नाहीं कीन्ह जात रहा जब राजा अपने सोने क राजदण्ड क उ मनई कहँती बढ़ाइ देत रहा। जदि राजा अइसा कइ देत तउ उ मनई क प्राण बच जात रहेऩ। मुला मोका तीस दिन होइ गएन ह अउर राजा स मिलइ क बरे मोका नाहीं बोलावा गवा ह।” 12 एकरे पाछे एस्तेर क सँदेसा मोर्दकै क लगे पहोंचाइ दीन्ह गवा। उ संदेसा क पाइके मोर्दकै ओका वापस जवाब पठएस: “एस्तेर, अइसा जिन सोचा कि तू राजा क महल मँ रहइ क कारण बच जाब्या, जबकि सबइ यहूदियन मारा जाब। 13 14 जदि अबहिं तू चुप रहति अहा यहूदियन क मदद अउर मुक्ती कहुँ अउर स मिल जाब। मुला तू अउर तोहरे बाप क परिवार मारा डावा जाइ सकत्या। अउर कउन जानत ह कि तू कउनो अइसे ही समइ क लिए महारानी बनाइ गई अहा, जइसा समइ इ अहइ।” 15 एह पइ एस्तेर मोर्दकै क आपन इ जवाब पठएस: “मोर्दकै, जा अउर जाइके सबहिं सूसन नगर सबहिं यहूदी लोगन क एकट्ठा करा अउर मोरे बरे उपवास राखा। तीन दिन अउ तीन रात तलक न कछू खा अउर न कछू पिआ। तोहरी तरह मइँ अउर मोर मेहरारु ऩउकर भी उपवास रखब। हमरे उपवास ऱखइ क पाछे मइँ राजा क लगे जाब। मइँ जानत हउँ कि जदि राजा मोका न बोलावइ तउ ओकरे लगे जाब,नेम क खिलाफ अहइ। अगर मँ अइसा करब्य़ा तउ हो सकत ह कि मइँ मारा डवइ जाइ। किन्तु कउनो बात नाहीं मइँ अइसा करब।” 16 17 इ तरह मोर्दकै हुवाँ स चला गवा अउर एस्तेर ओहसे जइसा करइ क कहे रहा उ सब कछू वइसा ही किहस।

5:1 तीसरे दिन एस्तेर आपन बिसेस साही पोसाक पहिरेस अउर राजमहल क भीतरी आंगन मँ जाइ खड़ी भइ। इ जगह राजा क बैइठा क समन्वा रही। राजा दरबार मँ अपने सिंहासने पइ बइठा रहा। राजा उहइ कइँती मुहँ किहे बइठा रहा जाहाँ स लोग सिहांसन क कच्छ कइँती प्रवेस करत रहेन। 2 तउ राजा महारानी एस्तेर क हुवाँ दरबार मँ खड़े लखेस। ओका लखिके उ बहोत खुस भवा। उ ओकरी कइँती अपने हाथ मँ थामे भए सोने क राजदण्ड क आगे बढ़ाइ दिहस। इ तरह एस्तेर उ कमरे मँ प्रवेस किहस अउर उ राजा क लगे चली गइ अउर उ राजा क सोने क राजदण्ड क सिरे क छुइ लिहस। 3 एकरे पाछे राजा ओहसे पूछेस, “महारानी एस्तेर, तू बेचैन काहे अहा? तू मोहसे का चाहति अहा? तू जउन चाहा मइँ तोहका उहइ देब। हिआँ तक कि आपन आधा राज्ज तलक, मइँ तोहका दइ देब।” 4 एस्तेर कहेस, “मइँ आपके अउर हामान क बरे एक ठु भोज क आयोजन किहेउँ ह। कृपा कइ आप अउर हामान आजु मोरे हिआँ मँ पधारें।” 5 एइ पइ राजा कहेस, “हामान क तुरंत बोलाबा जाइ ताकि एस्तेर जउन चाहत ह, हम ओका पूरा कइ सकी।”तउ महाराजा अउर हामान एस्तेर ओनके बरे जउन भोजन आयोजित किहे रही, ओहमाँ आइ गएन। 6 जब उ पचे दाखरस पिअत रहेन तबहिं राजा एस्तेर स फुन पूछेस, “एस्तेर कहा अब तू का माँगति चाहति अहा? कछू भी माँग ल्या, मइँ तोहका उहइ दइ देब। कहा तउ उ का अहइ जेकर तोहका इच्छा अहइ? तोहर जउन भी इच्छा होइ उहइ मइँ तोहका देब। अपने राज्ज क आधा हीसां तलक।” 7 एस्तेर कहेस, “मइँ इ माँगइ चाहत हउँ। 8 जदि मोका महाराज अनुमति देइँ अउऱ जदि जउन मइँ चाहउँ, उ मोका देइ स महाराज खुस होइ तउ मोर इच्छा इ अहइ कि महाराज अउर हामान भियान मोरे हिआँ आवइँ। भियान मइँ महाराज अउर हामान क बरे एक अउर भोज देइ चाहत हउँ अउऱ इहइ समइँ इ बताउब कि असल मँ मइँ का चाहति हउँ।” 9 उ दिन राजमहल क बहोत जियादा खुस होइके बिदा भवा। किन्तु जब उ राजा क दुआर पइ मोर्दकै क लखेस तउ ओका मोर्दकै पइ बहोत किरोध आवा। हामान मोर्दकै क लखत ही किरोध स पागल होइ उठा, काहेकि जब हामान हुवाँ स गुजरा, मोर्दकै नाही खड़ा भवा अउर नाहीं काँपेस अउर नाहीं हामान बरे कउनो आदर देखाएस। 10 किन्तु हामान अपने किरोध पइ कबू किहस अउर घरे चला गवा। एकरे पाछे हामान अपने मेहररु जेरेस क एक संग बोलाएस। 11 उ आपने मीतन क अगवा अपने धन अउ अनेक पूतन क बारे मँ डीगं मारत भए इ बतावइ लागा कि राजा ओकार कउने प्रकार स सन्मान करत ह। उ बढ़इ चढ़ाइ के इ भी बतावइ लाग कि दूसर सबहिं हाकिमन स राजा कउने तरह ओका अउर जियादा ऊँच पद पइ पदोन्नति दिहस ह । 12 “एतना ही नाहीं” हामान इ भी बताएस। “एक मात्र मइँ ही अइसा ममई हउँ जेका महारानी एस्तेर अपने भोज मँ राजा क संग बोलाइ पठए रही। 13 मुला मोका एन सब बातन स फुरइ कउनो खुसी नाहीं अहइ। असल मँ मइँ तसक खुस नाहीं होइ सकत जब तलक राजा क दुआर पइ मइँ उ यहूदी मोर्दकै क बइठे भए सखत हउँ।” 14 एह पइ हामान क मेहरारु जेरेस अउर ओकर मीतन ओका एक सुझाव दिहननन। उ पचे बोलेन, “कउनो स कहिके पचहत्तर फुट ऊँच ओका फासीं देइ क एक ठु फासीं क खाम्भा खड़ा करा। फुन भिंसारे राजा स कहा कि उ मोर्दकै क ओहे पइ लटतए क आदेस दे। फुन राजा क संग तू भोज पइ जाया अउर आनन्द स रह्य़ा।”हामान क इ सुआव नीक लगा। तउ उ फाँसी क खम्भा बनवावइ क बरे कउनो क आदेस दइ दिहस।

6:1 उ राति राजा सोइ नाही पावा। तउ उ अपने एक दास स इतिहास क किताब लिआइके अपने समन्वा ओका बाँचइ क कहेस।(राजा लोगन क इतिहास क किताबे मँ उ सब कछू अंकित रहत ह जउ एक राजा क सासनकाल क दौरन धरित होत ह।) 2 तउ उ दास राजा क बरे उ किताब बाँचेस। उ महाराजा छयर्स क मार डावइ क सड्यंत्रन क बारे मँ बाँचेस। बिगतना अउ तेरेस क सड्यंत्रन क पता मोर्दकै क जोजना क पता चल गवा रहा अउर ओकरे बारे मँ कउनो क बताइ दिहे रहा। 3 एइ पइ महाराजा सवाल किहस, “इ बात क बरे मोर्दकै क कउन सा आदर अउर कउन स उत्तिम चिजियन प्रदान कीन्ह गइ रहिन।” उ दासन राजा क जवाब दिहेन, “मोर्दकै बरे कछू नाहीं कीन्ह गवा रहा।” 4 उहइ समइ राजा क महल क बाहरी आँगन मँ हामान प्रवेस किहेस। उ, हामान फाँसी क जुन खम्भा बनवावा रहा, ओह पइ मोर्दक क लटकवावइ क बरे राजा स कहइ क आवा रहा।राजा ओकरे आहट सुनिके पूछेस, “अबहिं अबहिं आंगन मँ कउन आवा ह” 5 राजा क नौकरन जबाव दिहस, “आँगन मँ हामान खड़ा भवा ह।” तउ राजा कहेस, “ओका भीतर लइ आवा।” 6 हामान जब भीतर आवा तउ राजा ओहेसे एक सवाल पूछेस, “हामान, राजा जदि कउनो क आदर देइ चाहइ तउ उ मनऊ बरे ही बात करइ चाही?” हामान अपने मने मँ सोचेस, “अइसा कौन होइ सकत ह जेका राजा मोहेसे जियादा आदर देइ चाहत होइ? राजा निहचइ ही मोका आदर देइ क बरे ही बात करत होइ।” 7 तउ हामान जवाब देत भए राजा स कहेस, “राजा जेका आदर देइ चाहत ह, उ मनई क संग उ अइसा करइ: 8 राजा जउन ओढ़ना खुदपहिरे होइ, उहइ बिसेस ओढ़ना क तू अपने सेवकन स मँगवाइ लीन्ह जाइ अउर उ धोड़े क भी मँगवाइ लीन्ह जाइ जेह राजा खुद सवारी कीन्ह होइ। फुन सेवकन क जरिये उ धोड़े क मूँड़ि पइ राजा क बिसेस चीन्ह अंकित करवा जाइ। 9 एकरे पाछे, राजा क सज्जन अधिकारी उ मनई क, जेका राजा सन्मानित करइ चाहत ह, उ ओढ़ना क पहिरावइ अउर फुन एकरे पाछे उ पचे अधिकारी उ धोड़े क आगे आगे चलत भवा ओका नगर क गलियन क बीच स गुजारइ। उ पचे अपनी अगुवाइ मँ धोड़न क लइ जात भए इ धोसना करत जाइ, इ उ मनई क बरे कीन्ह गवा ह, राजा जेका आदर देइ चाहत ह।” 10 राजा हामान क आदेस दिहस, “तू फउरन चले जा अउर ओढ़ना अउ धोड़ा लइके यहूदा मोर्दकै क बरे वइसा ही करा, जइसा तू सुझाव दिहा ह। मोर्दकै राजदुआर क लगे बइठा बाटइ। जउन कछू तू सुझाया ह, सब कछू लइसा ही कराया।” 11 तउ हामान ओढ़ना अउ घोड़ा लिहस अउर ओढ़ना मोर्दकै क पहिराइके धोड़े पइ चढ़ाइके नगर क गलियन स होते भए धोड़े क आगे आगे चल दिहस। मोर्दकै क आगे आगे चलत भवा हामान धोसणा करत रहा, “इ सब उ मनई क बरे कीन्ह गवा ह, जेका राजा आदर देइ चाहत ह।” 12 एकरे पाछे, मोर्दकै फुन राजदुआर पइ चला गवा किन्तु हामान फउरन अपने घरे कइँती चल दिहस। उ आपन मुँडि छुपाए भए रहा काहेकि उ परेसान अउर लज्जित रहा। 13 एकरे पाछे, हामान अपनी मेहरारु जेरेस अउर अपने सबहिं मीतन स जउऩ कछू धटा रहा, सब कछू कहि सुनाएस। हामान क पत्नी अउर ओकार सलाहकारन ओहसे कहेन, “जदि मोर्दकै यहूदी अहइ, तउ तू जीत नाहीं सकत्या। तू आपन सक्ती खोइ सुरु करि चुका ह। तू निहचइ ही नस्ट होइ जाब्या।” 14 अबहिं उ सबइ लोग हामान स बात करत ही रहेन कि राजा क हिजड़ा हामान क घरे आएन अउर फउरन ही हामान क एस्तेर क भोज मँ बोलाइ लइ गएन।

7:1 फुन राजा अउ हामान एक संग महारानी एस्तेर क भोज बरे चले गएन। 2 एकरे पाछे जब उ पचे दुसरे दिन क भोज मँ दाखरस पिअत रहेन तउ राजा एस्तेर फुन एक सवाल किहस, “महारानी एस्तेर, तू मोहसे का माँगि चाहति अहा? जउन कछू तू माँगबिउ, पउबिउ। बतावा, तोहका का चाही? मइँ तोहका कछू भी दइ सकत हउँ। हिआँ तलक कि मोर आघा राज भी।” 3 एइ पइ महारानी एस्तेर जवाब दिहेस, “हे महाराज! जदि मइँ तोहका भावतिउँ, अउर जदि इ तोहका प्रसन्न करत ह। तउ कृपा कइके मोका जिअइ दया अउऱ मइँ तोहसे इ चाहति हउँ कि मोरे लोगन क भी जिअइ दया। बस मइँ इहइ माँगति हउँ। 4 अइसा मइँ एह बरे चाहति हउँ कि मोका अउर मोरे लोगन क बिनास, हत्या अउ पूरी तरह स नष्ट कइ डावइ क बरे बेच डावा गवा ह। जदि हमका दासन क रुप मँ बेचा जात, तउ मइँ कछू नाहीं कहतिउँ काहेकि कउनो एतनी बड़ी समस्या नाहीं होत जेकरे बरे राजा क कस्ट दीन्ह जात।” 5 एह पइ महाराजा छयर्स महारानी एस्तेर स पूछेस, “तोहरे संग अइसा कौन किहस? कहाँ अहइ उ मनई जउन तोहरे लोगन क संग अइसा बेउहार करइ क हिम्मत किहस?” 6 एस्तेर कहेस, “हमार बिरुधी अउर हमार दुस्मन इ दुस्ट हामान ही अहइ।” तब हामान राजा अउ रानी क सामने आतंकित होइ उठा। 7 राजा बहोत कोहान रहाष उ खड़ा भवा। उ आपन दाखरस हुवँइ तजि दिहस अउर बाहेर बगिया मँ चला गवा। मुला हामान, रानी एस्तेर स अपने प्राणन क भीख माँगइ बरे भीतर ही ठहरा रहा। हामान इ जानत रहा कि राजा ओकर प्राण लेइ क निहचइ कइ लिहस ह। एह बरे उ अपने प्राण क भीख माँगत रहा। 8 राजा जइसे ही बगिया स भोज क कमरे कइँती वापस आवत रहा, तउ उ का लखत ह कि जउने बिछौने पइ एस्तेर ओलरी अहइ, ओह पइ हामान निहुरा भवा अहइ। राजा किरोध भरे सुर मँ स इ सबइ सब्द निकरेन, राजा क सेबकन भीतरे आइके हामान क मार डाएस। 9 राजा क एक ठु हिजड़ा सेवक जेकर नाउँ हरर्बोना रहा, कहेस, “हुवाँ एक पचहत्तर फुट ऊँचा फाँसी क खाम्बा जउन हामान क दुआरा ओकरे घरे क लगे मोर्दकै क फाँसी देइ बरे खड़ा किहा गवा ह। मोर्दकै उहइ अहइ जउन तोहरी हत्या क सड्यंत्र बरे बाताइक तोहर मदद किहे रहा।” राजा बोला, “उ खम्भे पइ हामान क लटकाइ दीन्ह जाइ।” 10 तउ उ पचे उहइ खम्भे पइ जेका उ मोर्दकै क बरे बनाए रहा हामान क लटकाइ दिहस। एकरे पाछे राजा किरोध करब तजि दिहेस।

8:1 अहइ दिन राजा छयर्स यहूदी लोगक हामान क लगे जउन कछू रहा, उ सब महारानी एस्तेर क दइ दिहस। एस्तेर राजा क बताइ दिहस कि मोर्दकै रिस्ते मँ ओकर भाई लगत ह। एकरे पाछे मोर्दकै राजा स मिलइ आवा। 2 राजा हामान स अपनी जउन अँगुंलि वापस लइ लिहेस रहा, ओका अपनी अँगुंलि स निकारिके मोर्दकै क दइ दिहस। एकरे पाछे एस्तेर मोर्दकै क हामान क सारी सम्पत्ति क अधिकारी नियुक्त कइ दिहस। 3 तब एस्तेर राजा स फुन कहेस अउर उ राजा गोड़न मँ गिरिके सेवइ लाग। उ राजा स पराथन किहेस कि उ अगागी हामान क उ बुरी जोजना क खतम कइ जेका हामान यहूदियन क सोचे रहा। 4 एह पइ राजा अपने सोने क राजदण्ड क एस्तेर कइँती आगे बढ़ाएस। एस्तेर उठी अउरे राजा क अगवा खड़ी होइ गइ। 5 फुन एस्तेर कहेस, “मोर सुआमी! जदि तू मोका पसंद करत ह अउर इ तोहका प्रसन करत ह, तउ कृपा कइके मोरे बरे इ कइ दया। जदि तोहका लगि कि इ अच्छा सुझाव आहइ। तउ एका करा। जदि तू मोह पइ खुस अहइँ तउ कृपा कइके एक टठु आदेस पत्र लिखइँ, जउन उ आदेस पत्र क रदद कइ देइ जेका हामान राजा क राज्ज क सबहिं प्रान्तन मँ बसे यहूदियन क नस्ट करइ बरे पठइ दिहे रहा ह। 6 मइँ महाराजा स इ पराथना एह बरे करति हउँ कि मइँ अपने लोगन के संग उ भयानक तबाही क धटत लखब सहन नाहीं कइ पाउब। मइँ आपन परिवार क हत्या क लखब सहन नाहीं कइ पाउब।” 7 महाराजा छयर्स महारानी एस्तेर अउर यहूदी मोर्दकै क जवाब देत भए कहे रहा,उ इ अहइ, “हमान, काहेकि यहूदियन क बिरोध मँ रहा, एह बरे ओकर सम्पति मइँ एस्तेर क दइ दिहेउँ अउऱ मोरे सिपाहीयन ओका फाँसी देइ क खाम्भा पइ लटकाइ दिहन। 8 अब तू जइसन चाहत ह राजा नाउँ स यहूदीयन क नदद बरे एक ठू दुसर आग्या पत्र लिखा। फुन राजा क बिसेस अँगुठी स उ पत्र पइ मुहर लगाइ दया। काहेकि जउन पत्र राजा कइँती स लिखा गवा ह अउऱ राजा क अगुँठी स मुहर दीन्ह गइ होइ अइसा कउनो राजाधिकारी पत्र रदद नाहीं कीन्ह जाइ सकत।” 9 राजा क सचिवन क फउरन बोलवा गवा। सीवान नाउँ क तीसरे महीने क तेइसवी तारिख क उ आदेस पत्र लिखा गवा। यहूदियन क बरे मोर्दकै क सबहिं आदेसन क सचिवन लिखिके यहूदियन, मुखिया लोगन, राज्जपालन अउर एक सौ सत्ताईस प्रान्तन क अधिकारियन क लगे पहोंचाइ दिहन। इ सबइ प्रान्त भारत स लइके कुस तलक फइले भए रहेन। इ सबइ आदेस पत्र हर प्रान्त क लिपि अउ भाखा मँ लिखे गए रहेन अउर हर देस क लोगन क भाखा मँ ओकार अनुवाद कीन्ह गवा रहा। यहूदियन क बरे इ सबइ आदेस ओनकी अपनी भाखा अउर ओनकी अपनी लिपि मँ लिखे गए रहेन। 10 मोर्दकै इ सबइ आदेस महाराजा छयर्स कइँती स लिखे गए रहेन अउर फुन ओन पत्रन पइ उ राजा क अँगुठी स मुहर लगाइ दीन्ह रही। फुन ओन पत्रन क ओन सँदेसवाहकन क जरिये भेजा गएन रहेन जउन तेज रफ़तार धोड़न पइ सावर रहेन। 11 ओन पत्रन पइ राजा क इ सबइ आदेस लिख रहेन: यहूदियन क हरेक नगर मँ आपुस मँ ऐक जुट होइक, अपनी रच्छा करइ क अघिकार अहइ। ओनका अधिकार अहइ कि उ पचे कउऩे भी रास्ट्र या प्रान्त क कउऩो भी फउज जउऩ कि ओन लोगन पइ अउर ओनके मेहररुअन अउ गदेलन पइ हमला करइ सकत ह क नास कइ देइ, मार डावइँ अउर पुरी तरह स तबाह कइ देइ। यहूदियन क इ अधिकार भी अहइ कि उ पचे आपन दुस्मन क सम्पति लुट लेइँ। 12 जब यहूदियन क बरे अइसा कीन्ह जाइ, ओकरे बरे उदार नाउँ क बारहवें महीने क तेरहवीं तारिख क दिन निहचित कीन्ह गवा। महाराजा छयर्स अपने सबहिं प्रान्तन मँ यूहूदियन क अइसा करइ क अनुमति दइ दीन्ह गइ। 13 इ पत्र क एक प्रति राजा क आदेस क संग हर प्रान्त मँ पठई जाब रही। हर प्रान्त मँ इ एक नेम बन गवा। राज्ज मँ रहइवाले हर जाति क लोगन क बीच एकर प्रचार कीन्ह गवाष उ पचे अइसा एह बरे किहन ताकि यहूदी उ बिसेस दिन क बरे तइयार होइ जाइँ जउन दिन उ पचे अपने दुस्मनन स बदला लेइ सकइँ। 14 राजा क धोड़न पइ सवार संदेस वाहक हाली स बाहेर निकरि गएन। ओनका राजा आग्या दिहे रहा कि हाली करइँ। इ आग्या सूसन क महल प्रान्त मँ बी धोसना कीन्ह गएन। 15 फुन मोर्दकै राजा क लगे स चला गवा। मोर्दकै राजा स मिले ओढ़नन क धारण किहे भए रहा। ओकर ओढ़नन नीले अउ सफेद रंग क रहेन। उ एक ठु लम्बा सोने क मुकुट पहिर रखे रहा। बढ़िया सूत क बना बैगनी रंग क चोगा भी ओकरे लगे रहा। लोग बहोत खूस रहेन। 16 यहूदियन क बरे इ बिसेस खूसी क दिन रहा। इ आनन्द, खूसी अउऱ बड़े सन्मान क दिन रहा। 17 जहाँ कहुँ भी कउनो प्रान्त या कउनो भी नगर मँ राजा क इ आदेस-पत्र पहोंचा, यहूदियन मँ आनन्द अउ खूसी क लहर दउड़ गइ। यहूदी भोज देते रहेन अउर उत्सव मनावत रहेन अउर दूसर बहोत स सामान्य लोग यहूदी बन गएन। काहेकि उ पचे यहूदियन स बहोत डरा करत रहेन, इहइ बरे उ पचे अइसा किहन।

9:1 लोगन क आदर नाउँ क बारहवें महीने क तेरह तारिख क राजा क आग्या क पूरा करब रहा। यहूदी क दुस्मान क आसा रहने कि उहइ दिना उ पचन्क यहूदी क हराइ सकतेन। किन्तु अब सब कछू उलटा होइ चुकी रही अब यहूदी अपने दुस्मनन क हराब्या जउन ओसे घिना करत रहेन। 2 महाराजा छयर्स क सबहिं प्रान्तन क नगरन मँ यहूदी आपुस मँ उ पचन्क पइ हमला करइ बरे इकट्ठा भएन जउन ओनका नस्ट करइ चाहत रहा। इ तरह ओनके बिरोध मँ कउऩो भी जियादा सक्तिसाली नाहीं रहा काहेकि लोग यहूदी लोगन स डेराइ लागेन। 3 प्रान्तन क सबहिं हाकिम, मुखिया, राज्जपाल अउऱ राजा क प्रबंन्ध अधिकारी यहूदियन क मदद करइ लागेन। उ पचे सबहि अधिकारी यहूदियन क मदद एह बरे किया करत रहेन कि उ पचे मोर्दकै स डेरात रहेन। 4 राजा क महल मँ मोर्दकै एक बहोत महत्वपूर्ण बन गवा। सबहिं प्रान्तन मँ हर कउनो ओकार नाउँ जानत रहा अउर जानत रहा कि उ केतना महत्वपूर्ण अहइ। तउ मोर्दकै जियादा लक्तिसाली होत चला गवा। 5 यहूदियन अपने सबहिं दुस्मान क पराजित कि दिहन। अपने दुस्मान क मारइ अउ नस्ट करइ क बरे उ पचे तरवारन क प्रयोग किया करत रहेन। जउन लोग यहूदियन स घिना किया करत रहेन, ओनेक संग यहूदी जइसा चाहतेन, वइसा बेउहार करतेन। 6 सूसन क राजघानी नगरी मँ यहूदियन पाँच सौ लोगन क मारिके नस्ट कइ दिहन। 7 यहूदियन जउन लोगन क हत्या किहे रहेन ओनमाँ इ सबइ लोग भी सामिल रहेन: पर्मन्दाता, दल्पोन, अस्पता, 8 पोराता, अदल्या, अरीदता, 9 पर्मसता, अरीसै, अरीदै, अउर वैजता। 10 इ सबइ दस लोग हामान क पूत रहेन।हम्मदाता क पूत हामान यहूदियन क बैरी रहा। यहूदियन ओन सबहिं मनसेधुअन क मार तउ दिहेन किन्तु उ पचे ओनकर सम्पति नाहीं लिहन। 11 जउन दिन राजा सूसन क महल प्रान्त मँ बहोत स लोग मारे गएन ह। 12 तउ महारानी एस्तेर स कहेस, “सूसन नगर मँ यहूदियन पाँच सौ मनइयन क मार डाएन ह तथा उ पचे सूसन न हामान क दस पूतन क भी हत्या कइ दिहन ह। राजा क दूसर प्रान्तन मँ का होत जाहइ? अब मोका बतवा तू अउर का करावइ चाहति अहा?जउऩ कहा मइँ ओका पूरा कइ देब।” 13 एस्तेर कहेस, “जदि अइसा करइ क बरे महाराज खुस अहइँ तउ यहूदी लोगन जउन सूसन मँ अहइ ओका कल्ह फुन स सूसा मँ राजा क आग्या पूरी करइ दीन्ह जाइ, अउर हामान क दसहुँ पूतन क फाँसी क खाम्भे पइ लटकाइ दीन्ह जाइ।” 14 तउ राजा इ आदेस दइ दिहस कि सूसन मँ भियान भी राजा क इ आदेसलागु रहइ अउर उ पचे हामान क दसहु पूतन क फाँकी पइ लटकाइ दिहन। 15 आदार महीने क चौदहवीं तारिख क जउन यहूदी सूसन कमहल प्रान्त मँ अहइ एक संग बटुरेन। फुन उ पचे हुवाँ तीन सौ मनइयन क मउत क घाट उतार दिहन किन्तु उ पचे तीन सौ लोगन क सम्पति क नाहीं लिहन। 16 अदार क तेरहवें दिन दूसर प्रन्तन म रहइवाले दूसर यहूदी भी आपुस मँ बटुरेन। उ पचे बरे बटुरेन क्‌ अपने बचाव क लिए उ पचे पर्याप्त बलसाली होइ जाइँ अउर इ तरह उ पचे अपने दुस्मान क छुटकारा पाइ लिहन। यहूदी लोग अपने पचहत्तर हजार दुस्मनन क मउत क घाट उतार दिहन। किन्तु उ पचे जउन दुस्मनन क हत्या किहे रहेन, ओनकर कउनो भी वस्तु क नाहीं लिहन। 17 इ अदार नाउँ क महीने क तेरहवीं तारिख क भवा अउर फुन चौदहवीं तैरिख क यहूदियन बिस्त्राम किहन। यहूदियन उ दिन क एक ठु खुसी भरे दिन क रुप मँ बनाइ दिहन। 18 किन्तु यहूदी लोग जउन चौदहीं तारिख मँ आपुस मँ बटुरेन, तउ पन्द्रहवीं तारिख मँ उ पचे बिस्त्राम किहन। उ पचे पन्द्रहवीं तारिख क फुन एक खुसी भरे छुट्टी क दिन बनाइ दिहन। 19 इहइ कारण उ गाँव क प्रदेस क नान्ह गाँवन मँ रहइवाले यहूदियन चौदहवीं तारिख क खुसियन भरी छुट्टी क रुप मँ रखेन। उ दिन उ पचे मँ एक दूसर क भोज दिहन। 20 जउन कछु घटा रहा हर बात क मोर्दकै पत्र मँ लिख लिहस अउर फुन पत्रन क महाराजा छयर्स क सबहिं प्रान्तन मँ बसे सबहिं यहूदी लोगन क पठइ दिहस। दूर-पास सब कहुँ उ पत्रन पठएस। 21 मोर्दकै यहूदियन क इ बतावइ बरे अइसा किहस कि उ पचे हर साल अदार महीने क चौदहवीं अउर पन्द्रहवीं तारिख क पूरिम क उत्सव मनाया करइँ। 22 यहूदी लोग एँन दिनन क पर्व क रुप मँ एह बरे माने रहेन कि ओनहीं दिनन यहूदियन अपने दुस्मनन स छुटकारा पाए रहेन। ओनका उ महीना क एह बरे भी मानब रहा जब ओनकर ओनके आनन्द मँ बदल गवा रहा। उहइ इ महीना रहा जब ओनकर रोउब धोउब एक ठु उत्सव क दिन क रुप मँ बदल गवा रहा। उ ओन लोगन स कहेस कि य पचे ओन दिनन क उत्सव क रुप मँ मनावइँ। इ समइ एक अइसा समइ होइ जब लोग आपुस मँ एक दूसरे क उत्तिम भोजन क उपहार पठइ तथा गरीब लोगन क भी उपहार देउँ। 23 इ तरह मोर्दकै यहूदियन क लिखे रहा, उ पचे ओका मानइ क तइयार होइ गएन। उ पचे इ बात पइ सहमत होइ गएन कि उ पचे जउन उत्सव क आरम्भ किहन ह, उ पचे ओका मनावत रहिहीं। 24 काहेकि अगागी हम्मदाता क पूत हामान यहूदी लोगन क दुस्मन रहा। उ पचे यहूदी लोगन क खिलाफ ओनका नस्ट करइ बरे बुरा योजोना बनाए रहा। उ पचे ओनका बर्बाद कइ डावइ बरे दिन चुनइ वास्ते पासा लोकाए रहा। ओन दिन पाँसा क “पुर” कहा जात रहा। इहइ बरे इ उत्सव क नाउँ “पुरीम” रखा गवा। 25 किन्तु राजा क लगे गइ अउ उ ओनसे बातचीत किहस। इहइ बरे राजा क नवे आदेस जारी कइ दिहे गएन। यहूदीयन क खिलाप हामान जउन सडयंत्र रचे रहा, ओका रोकइ क बरे राजा अपने पत्र जारी किहस। राजा ओन ही बुरी बातन क हामान अउ ओकरे परिवार क संग घटाइ दिहस। ओन आदेसन मँ कहा गवा रहा कि हामान अउ ओकर पूतन क फाँसी पइ लटकाइ दीन्ह जाइ। 26 इ समइ पासा “पुरीम”कहलाएन। एह बरे इ त्यौहार “पुरीम” कहलाएन। यहूदी लोग हर बरिस इन दुइ दिनन क उत्सव क रुप मँ मनावइ क सुरुआत करइ क निहचइ किहन। उ पचे इ बरे किहन ताकि अपने संग होत भाए जउन बातन उ पचे लखे रहेन, ओनका याद रखइ मँ ओनका मदद मिलइ। यहूदियन हर साल सही समइ पइ एन दिनन क मनावइ क जिम्मा आपन पइ लिहा। उ पचे इ भीसय किहेस कि ओकार सन्तानन अउर दूसर लोगन जउन ओकरे संग मिले, मोर्दकै क निर्दस क अनुसार जउन उ अपने आदेस पत्र मँ दिहे रहा उहइ रीति अउ उहइ समइ पइ मनाउब। 27 28 इ दुइ दिनन पीढ़ी दर पीढ़ी अउर हर परिवार क याद रखब अउर मनाब। एनका हर प्रान्त अउ हर नगर मँ निहचइ पूर्वक क मनवा जाइ चाही। यहूदी लोग क एनका मनाउब कबहुँ नाहीं तजइ चाही। यहूदी लोगन क सन्तानन क चाही कि उ पचे पुरीम क एन दुइ दिनन क मनाउब कबहुँ फेल नाही होइ चाही। 29 महारानी एस्तेर अबीहैल क बिटिया अउर यहूदी मोर्दकै इ दूसर पत्र पूरीम क बारे मँ लिखेस। उ पत्र फुरइ रहा, एँका साबित करइ बरे उ पचे एका राजा क स्मपूर्ण अधिकार क साथ लिखेन। 30 तउ महाराजा छयर्स क राज्ज क एक सौ सत्ताइस प्रान्तन मँ सवाहीं यहूदियन क लगे मोर्दकै पत्र पठएस। मोर्दकै सान्ति अउ सच्चाई क एक सँदेसा लिखेस। 31 मोर्दकै पूरीम लोगन क उत्सव क सुरु करइ क बारे मँ लिखेस। एँन दिनन क मोर्दकै अउर एस्तेर दूआरा अपने बरे अउर अपनी सन्तानन बरे उपवास अउर विलाप क बारे मँ ठीक ओकरे नियुक्त कीन्ह समइ पइ ही मनावा जाब रहा। 32 एस्तेर क पत्र पूरीम क बिसय मँ एन नेमन क स्थापना किहन अउर पूरीम एन नेमन क किताबन मँ लिख दीन्ह गवा।

10:1 महाराजा छयर्स लोगन पइ कर लगाएस। राज्ज क सबहीं लोगन हिआँ तलक कि सागर तट क सुदूर नगरन क भी कर चुकावइ पड़त रहेन 2 राजा छयर्स जउन महान कार्य अपनी सक्ति अउ सामरथ स किहे उ सबइ “मादै अउर फारस क राजा लोगन क इतिहास” क किताबे मँ लिखे अहइँ। ओन ‘इतिहासक किताबन’ मँ मोर्दकै जउन कछू किहे रहा, उ सब कछू भी लिखा अहइ। राजा मोर्दकै क एक महान मनऊ बनाइ दिहस। 3 महाराजा छयर्स क हिआँ यहूदी मोर्दकै महत्व की दृस्टि , दूसरी जगह पइ रहा। मोर्दकै यहूदियन मँ बहोंत महत्वपूर्ण मनई रहा। अउर ओकर साथी यहूदी ओकर बहूत आदर करत रहेन। उ पचे मोर्दकै क आदर एह बरे करत रहेन कि उ अपने लोगन क भले क बरे काम किहे रहा। मोर्दका सबहिं यहूदियन क कल्याण क बातन किया करत रहा।