Genesis

1:1 सुरु मँ परमेस्सर अकास अउ भुइँया क रचेस। 2 भुइँया सुनसान रही: अउ भुइयाँ प कछू भी नाहीं रहा। समुद्दर प अँधियारा छावा रहा, अउ परमेस्सर क आतिमा पानी प मँड़रात रहा। 3 तब परमेस्सर कहेस, “उजियारा होइ” अउ उजियारा होइ गवा। 4 परमेस्सर उजियारा क लखेस अउ उ जानि गवा कि इ नीक बाटइ। तबहि उ उजियारा का अँधयारा से अलग कई दिहेस। 5 परमेस्सर उजियारा क नाउँ “दिन” अउ अँधियारा क नाउँ “रात” दिहेस।साँझ भइ अउ भिन्सार भवा। इ पहिला दिन रहा। 6 तब्बइ परमेस्सर कहेस, “पानी क एक ढेर क दूसर ढेर स अलगावइ बरे वायुमणलहोइ जाइ।” 7 ऍह बरे परमेस्सर वायुमण्डल क बनएस अउ पानी क अलग किहेस। कछू पानी वायुमण्डल क ऊपर रहा अउ कछू वायुमण्डल क नीचे। 8 परमेस्सर वायुमण्डल क “अकास” कहेस। तब साँझ भइ अउ भिन्सार भवा। इ दूसर दिन रहा। 9 अउर तब परमेस्सर कहेस, “भुइँया क पानी एक ठउरे प बटुर जाइ जेहसे झुरान भुइँया देखाइ देइ” अउ अइसा ही भवा। 10 परमेस्सर झुरान भुइँया क नाउँ “धरती” धरेस अउ जउन पानी बटुरा रहा, ओका “समुद्दर” क नाउँ दिहेस। परमेस्सर लखेस कि इ नीक अहइ। 11 तब परमेस्सर कहेस, “भुइँया, घास अउ पौधा जउन अन्न पइदा करत ही अउर फलन क बिरवा उगावइ। फलन क बिरवा जेकरे फलन क भीतर बिया होइ अइसा फल पइदा करइँ अउ हर एक ठु पौधा आपन जाति क बिया बनावइ। इ पौधन क भुइयाँ प निकरइ द्या।” अउ अइसा ही भवा। 12 भुइयाँ घास अउ पौधा पइदा किहस जउन अनाज पइदा करत ही अउ अइसा बिरवा अउ पौधा उगाएस जेनके फलन क भीतर बिया होत हीं। हर एक ठु पौधा आपन आपन जाति क मुताबिक बिया पइदा किहस अउ परमेस्सर लखेस कि इ नीक अहइ। 13 तब साँझ भइ अउ भिन्सार भवा। इ तीसर दिन रहा। 14 तब परमेस्सर कहेस, “अकास मँ जोतियन होइ द्या। इ जोतियन दिन क रात स अलगाइ देइ। इ जोतियन खास त्यौहार क दिनन क अवइ अउर दिन अउ रात होइ ऍकरे बरे मँ एक चीन्हा होब्या। 15 इ जोतियन भुइयाँ प प्रकास देइ बरे अकासे मँ ठहारि जाइँ।” अउर अइसा ही भवा। 16 तब परमेस्सर दुइ बड़की जोतियन बनएस। परमेस्सर ओहमाँ स बड़की जोति क दिन प राज करइ बरे बनएस अउ छोटकी जोति क राति प राज करइ खातिर बनएस। परमेस्सर तारा भी बनएस। 17 परमेस्सर इ जोतियन क अकासे मँ ऍह बरे धरेस कि पृथ्वी पइ चमकइ। 18 परमेस्सर इ जोतियन क अकासे मँ ऍह बरे धरेस कि उ दिन अउ राति प राज करइ। इ सबइ जोतियन उजियारा क अँधियारा स अलगाइ दिहन अउ परमेस्सर इ लखेस कि इ नीक बा। 19 तब साँझ भइ अउ भिन्सार भवा। इ चउथा दिन रहा। 20 तबही परमेस्सर कहेस, “पानी बहोत सारी जीब जन्तूअन स भरि जाइ अउ पंछी भुइयाँ क ऊपर वायु मँ बिचरइँ।” 21 ऍह बरे परमेस्सर समुद्दर मँ बडवार बड़वार जलजन्तु बनएस। परमेस्सर ओन सबहि परानियन क बनएस जउन समुद्दर मँ बिचरत ही। सागर मँ किसिम किसिम क जलजन्तु बाटेन। परमेस्सर इ सबन क रचना किहेस। परमेस्सर हर तरह क पंछी भी बनएस जउन अकासे मँ उड़त ही। परमेस्सर लखेस कि इ नीक अहइ। 22 परमेस्सर इ जनावरन क आसीर्बाद दिहेस, अउ कहेस, “जा अउ बहोत स बच्चन क पइदा करा अउ सागरे क आपन सन्तानन स भरि द्या।” उ पंछी क भी कहेस कि आपन सन्तानन क कइ गुना बढ़ावा। 23 तब साँझ भइ अउ भोर भवा। इ पँचवा दिन रहा। 24 तब परमेस्सर कहेस, “भुइँया हर जाति क जीव जन्तु पइदा करइ। बहोत स अलग जाति क जनावर होइ। हर जाति क बड़का जनावर अउ नान्ह नान्ह रेंगइवाला जनावर होइँ अउ इ जनावर आपन जाति क मुताबिक अउर जनावर बनावइँ” अउ इहइ सब भवा। 25 तउ, परमेस्सर हर जाति क जनावर बनएस। उ जंगली जनावर, पालतू जनावर, अउ सबहि नान्ह नान्ह रेंगइवाला जीउ बनाएस अउर परमेस्सर लखेस कि इ नीक अहइ। 26 तब परमेस्सर कहेस, “अब मनई क आपन सरुप अउर आपन जइसा बनाएँ मनई हमरी तरह होइ। उ सागर क सब मछरियन प अकासे क पंछियन प राज करी। उ भुइँया क सब बड़वार जनावरन अउ सब नान्ह रेगंइवालन जीउ प राज करी।” 27 ऍह बरे परमेस्सर मनई क आपन सरुप मँ बनएस। परमेस्सर मनई क आपन ही सरुप मँ सिरजेस। परमेस्सर ओनकइ नर अउ नारी बनाएस। 28 परमेस्सर ओनका असीसेस। परमेस्सर ओनसे कहेस. “बहोत सारे संतानन पइदा करा, नसलन क बढ़ावा अउर भुइँया क भरि द्या। भुइँया पइ कब्जा कर ल्या। अउ ओह प राज करा। सागर क मछरियन प अउ अकासे क पंछिन प राज करा। भुइँया क हर जीउ-जन्तु प राज करा।” 29 परमेस्सर कहेस, “लखा, मइँ तू पचन क सब किसिम क बिआदार बृच्छ पौधा अउ सारा फलदार बृच्छ दिहेउँ ह। इ सबइ अन्न अउ फल तोहार भोजन होइ। 30 मइँ हर एक ठु हरिअर पेड़ पौधा गोरु बरे देत अहउँ। इ सबइ हरिअर बृच्छ पौधा ओनकइ चारा होइ। भुइँया क हर एक ठु जनावर, अकासे क हर एक पंछी अउ भुइँया प रेंगइवाला सब जीउ जन्तु इ चारा क खइही।” इ सबइ बातन भइँन। 31 परमेस्सर अपने जरिये हर एक ठु चीज लखेस जेका उ बनाएस रहा। अउ उ निहारेस कि हर चीज बहोतइ नीक बाटइ। साँझ भइ अउ भोर भवा। इ छठवाँ दिन रहा।

2:1 इ तरह धरती, अकास अउ ओकर हर एक चीज क रचब पूर होइ गवा। 2 परमेस्सर आपन कीन्ह जात काम क पूरा कइ लिहेस। ऍह बरे सतएँ दिन परमेस्सर अपने काम मँ अराम किहेस। 3 परमेस्सर सतएँ दिन क असीसेस अउ ओका पवित्र दिन बनइ दिहेस। परमेस्सर उ दिना क पवित्र दिन ऍह बरे बनएस कि संसार क बनवत समइ जउन उ काम करत रहा उ सबहि कामे स उ दिन उ अराम किहेस। 4 इ धरती अउ अकास क इतिहास अहइ। इ कथा उ चिजियन क अहइ, जउन परमेस्सर क जरिये धरती अउ अकास बनवत टेम प भइन, 5 तब धरती प कउनो बृच्छ पौधा नाही रहा। अउ खेतन मँ कछू भी नाही उगत रहा। काहेकि यहोवा तब तलक धरती प बरखा नाही पठए रहा अउ बृच्छ पौधन क देखइ भालइ वाला कउनो मनइ भी नाही रहा। 6 मुला कुहिरा भुइँया स उठत रहा अउ पानी समूचइ धरती क सींचत रहा। 7 तब यहोवा परमेस्सर भुइँया स धूरि उठाएस अउ मनई क बनएस। यहोवा मनई क नाके मँ जिन्नगी क साँस फूँकेस अउ मनई एक ठु जिअत परानी बन गवा। 8 फुन यहोवा परमेस्सर पूरब मँ अदन नाउँ क ठउरे मँ एक बाग लगाएस। यहोवा परमेस्सर आपन बनावा भवा मनई क इहइ बगिया मँ राखेस। 9 यहोवा परमेस्सर हर एक सुन्नर बृच्छ अउ खइया बरे सबहि किसिम क नीक बृच्छ क उ बगिया मँ उगाएस। बगिया क बिचउ बीच यहोवा परमेस्सर जिन्नगी क बृच्छ क धरेस अउ उ बृच्छ क भी राखेस जउन अच्छाई अउ बुराई क जानकारी देत रहा। 10 अदन स होइके एक ठु नदी बहत रही अउ उ बाग क सींचत रही। उ हुवाँ स अगवा जाइके चार ठु नान्ह नान्ह धारा मँ बदल गइ रही। 11 पहिली नदी क नाउँ पीसोन रहा। इ नदी हवीला पहटा क चारिहु कइँती बहत रही। 12 (उ पहटा मँ सोना अहइ अउ उ सोना नीक बाटइ। मोती अउर गोमेदक रतन उ पहटा मँ अहइँ।) 13 दूसरी नदी क नाउँ गीहोन अहइ जउन इथोपिया देस क चारो तरफ बहत ह। 14 तीसरी नदी क नाउँ दजला बा। इ नदी अस्सूर क पूरब मँ बहत ह। चउथी नदी फरात अहइ। 15 यहोवा परमेस्सर मनई क अदन क बाग मँ रखेस। मनई क काम पेड़-पौधा लगाउब अउ बगिया क रखवारी करब रहा। 16 यहोवा परमेस्सर मनई क हुकुम दिहेस। यहोवा परमेस्सर कहेस, “तू बगिया क कउनो भी बृच्छ स फल खाइ सकत ह। 17 मुला तू नीक अउ खोट क गियान देइवाला बृच्छ क फल नाही चख सकत ह। अगर तू उ बृच्छ क फल लेब्या तउ तू मरि जाब्या।” 18 तब यहोवा परमेस्सर कहेस, “मनई क अकेले रहब नीक नाही। मइँ ओकरे तरह एक मनई ओका मदद बरे बनउब।” 19 यहोवा परमेस्सर धरती क हर एक जनावर अउ अकासे क हर पंछी क भुइँया क माटी स बनएस। यहोवा परमेस्सर इ सबहि जीउन क मनई क समन्वा लइ आवा अउ मनई हर एक क नाउँ राखेस। 20 मनई पालतू गोरु, अकासे क सब पंछिन अउ जंगल क सबहि जनावर क नाउँ रखेस। मनई ढेर क जनावर अउ पंछिन क लखेस। मुला मनई कउनो अइसा मदद करइया नाही पाइ सका जउन ओकरे जोग्ग होइ। 21 ऍह बरे यहोवा परमेस्सर मनई क गहरी नींदे मँ सुवाइ दिहेस अउ जब उ सोवत रहा: यहोवा परमेस्सर मनई क तन स एक पसुली निकारी लिहस। तब यहोवा मनई क चाम क बन्द कइ दिहस जहा स उ पसुली निकारे रहा। 22 यहोवा परमेस्सर मनई क पसुली स मेहरारू क बनएस। तब यहोवा परमेस्सर मेहरारू क मनई क लगे लिआवा। 23 अउर मनई कहेस,“आखिर मँ! हमरे तरह एक मनई। ऍकर हाड़ मोरे हाड़ मँ स आवा ऍकर तन मोरे तन स आवा। कोहेकि इ मनई स निकारी गइ, बरे मइँ ऍका मेहरारू कह्?ब।” 24 इहइ कारण स मनई आपन महतारी-बाप क तजिके आपन मेहरारू क संग रही अउ उ दुइनउँ एक तन होइ जइहीं। 25 मनई अउ ओकर मेहरारू बगिया मँ नंगा रहेन: मुला उ पचे लजात नाहीं रहेन।

3:1 यहोवा परमेस्सर जउन जंगली जनावरन क बनएस ओहमाँ स सरप सबन सबन त जिआद होसियार अउर धोखेबाज रहा। उ मेहरारू क धोखा देइ चाहत रहा। सरप मेहरारु स कहेस, “हे मेसरारु! का फुरइ परमेस्सर तोहसे कहेस ह कि तू बगिया क कउनो फल जिन चख्या?” 2 मेहरारु सरप स कहेस, “नाही परमेस्सर इ नाहीं कहेस। हम बगिया क पेड़े स फल खाइ सकित ह। 3 मुला एक ठु बृच्छ बाटइ जेकर फल हम पचे नाहीं खाइ सकित। परमेस्सर हम पचन स कहेस ह, “तोहका उ बृच्छ क फल नाही खइ चाही जउन बगिया क बीच मँ बाटइ। तोहका उ बृच्छ क छुअइ तलक नाही चाहीं नाही तउ मरि जाब्या।” 4 मुला सरप मेहरारु स कहेस, “तू मरिब्या नाही। 5 परमेस्सर जानत ह कि तू पचे उ बृच्छ स फल खाब्या तउ नीक अउ बुरा क बारे मँ जानि लेब्या। अउर तह तू उहइ होब्या जइसे परमेस्सर अहइ।” 6 फुन मेहरारु निहारेस कि बृच्छ सुन्नर बाटइ। उ लखेस कि फल खाइ बरे नीक बाटइ अउ उ बृच्छ ओका बुद्धिमती बनाइ। तउ बृच्छ स कछू फल तोड़ेस अउ खाएस भी। तब उ अपने भतार क कछू फल खाइ बरे दिहस जउन ओकरे संग रहा। 7 तब ओनकइ अखियाँ खुलि गएन। दुइनउँ जानेन कि उ पचे नंगा बाटेन। उ दुइनउँ क लज्जा अनुभव भवा। तउ उ पचे अंजीरे क पत्ता लिहेन ओका सिएन अउ आपन नंगापन क ढाँपि लिहेन। 8 तब मनसेधू अउ मेहरारु साँझ क ठंडी बयार मँ यहोवा परमेस्सर क आवइ क अवाज बगिया मँ अनकेन। उ पचे बगिया मँ बृच्छन क बीच लुकाइ गएना, 9 यहोवा परमेस्सर गोहराइके मनई स पूछेस, “तू कहा बाट्या?” 10 मनई जवाब दिहेस, “मइँ तोहरे टहरइ क अवाज बगिया मँ सुनेउँ अउ मइँ डेराइ गएउँ काहेकि मइ नंगा रहेउँ। ऍह बरे मइँ लुकाइ गएउँ।” 11 यहोवा परमेस्सर मनई स पूछेस, “तोहका कउन बताएस ह कि तू नंग धड़ंग अहा? तू कउने वजह स सरमाइ गया ह? का तू उ बिसेख बृच्छ क फल चख्या ह जेका मइँ तोहका न खाइ बरे हुकुम दिहेउँ ह” 12 तब मनई कहेस, “तू जउन मेहरारु मोरे बरे बनया ह उ उहइ बृच्छ स मोका फला दिहस ह, अउर मइँ ओका खाएउँ ह।” 13 फुन यहोवा परमेस्सर मेहरारु स कहेस, “इ तू का किह्या ह?” मेहरारु कहेस, “सरप मोका बगदाइ दिहस। उ मोका मूरख बनाएस अउर मइँ फल चखि लिहेउँ।” 14 तब यहोवा परमेस्सर कीरा स कहेस,“तू इ बहोतइ बुरा किहा। ऍह बरे तोहार बुरा ही होइ। दूसर जनावर क बनिस्बत तोहार बहोतइ बुरा होइ। तू आपन पेट क सहारा रेगंइ बरे बेबस होब्या। अउर तू धूरि फाँकइ क बेबस होब्या जिनगी क सब दिन मँ। 15 मइँ तोहका अउ मेहरारु क एक दूसरे क दुस्मन बनाउब। तोहार गदेलन अउ ऍकर बच्चा आपस मँ दुस्मन होइहीं। तू ऍनकइ गदेलन क गोड़े मँ डसब्या अउ उ तोहार मूँड़ कुचल देइही।” 16 तब यहोवा परमेस्सर मेहरारु स कहेस,“मइँ तोहका गाभिन होइ क हालत मँ बहोतइ दुखी करब। अउर जब तू लरिका पइदा करिबिउ, तोहका बहोत जियादा पीरा होइ। तू आपन भतार क बहोतइ चहिबिउ, मुला उ तोह प प्रभुताई करी।” 17 तब यहोवा परमेस्सर मनई स कहेस,“मइँ हुकुम दिहेउँ रहे कि तू विसेख बृच्छ क फल जिन खाया। मुला तू आपन मेहरारु क बात सुन्या अउर उ बृच्छ क फल खाया ह। ऍह बरे मइँ तोहरे कारण इ भुइँया क सराप देत हउँ आपन जिन्नगी क पूरे टेमँ तलक उ भोजन बरे जउन धरती तोहका कठिन मेहनत करइ क पड़ी। 18 मुला धरती तोहरे बरे काँटन अउर खर-पतवार पइदा करी। अउर तू ओन पौधन क खाब्या जउन खेत मँ उगत ह। 19 तू आपन खइया बरे कठोर मेहनत करब्या। तू तब तलक मेहनत करब्या जब तलक माथा प पसिना न आवइ। तू तब तलक कठोर मेहनत करब्या जब तलक तोहार मउत न आइ जाइ। उ टेमँ तू दूसरी दाईं माटी बन जाब्या। जब मइँ तोहका बनए रह्यों, तबहि तोहका माटी स बनए रह्यों अउर जब तू मरिब्या तब तू उहइ माटी मँ फुन मिलि जाब्या।” 20 आदम आपन मेहरारु क नाउँ हव्वा राखेस, काहेकि सब मनइयन क उ आदि महतारी रही। 21 यहोवा परमेस्सर मनई अउ ओकरे मेहरारु बरे जनावर क चाम स पोसाक बनाएस। तब यहोवा इ सबइ पोसाक ओनका दिहस। 22 यहोवा परमेस्सर कहेस, “लखा, मनई हमरे जइसा होइ गवा अहइ। मनई अच्छाई अउ बुराईर् जानत ह अउर अब मनई जिन्नगी क बृच्छ स भी फल लइ सकत ह। अगर मनई उ फले क खाई तउ सदा ही जिअत रही।” 23 तब यहोवा परमेस्सर मनई क अदन क बगिया तजइ बरे बेबस किहस। जउने माटी स आदम बना रहा उ भुइँया प आदम क कठोर मेहनत करइ क पड़ी। 24 परमेस्सर आदम क बाग स बाहेर खदेर दिहस। तब परमेस्सर करूब सरगदूतन क बगिया क फाटक क रखवारी बरे राखेस। उ एक आगी क तरवार भी राखेस। इ तरवार जिन्नगी क बृच्छ क राह क रखवारी करत भइ चारिहुँ कइँती चमकत रही।

4:1 आदम अउ ओकर मेहरारु हव्वा क बीच मँ तने क रिस्ता भवा अउ हव्वा एक ठु बच्चा जन्मेस। बच्चा क नाउँ काबील रखा गवा। हव्वा कहेस, “यहोवा क मदद स मइँ एक मनई पाएउँ ह।” 2 ऍकरे पाछे हव्वा एक ठु दूसर बच्चा क जन्मेस। इ लरिका काबील क भाई हाबिल रहा। हाबिल गड़रिया बना। काबिल किसान बना। 3 फसिल क टेमँ काबील एक ठु भेंट यहोवा क लगे लइ आवा। जउन अनाज काबील आपन जमीन मँ उपजावत रहा, ओहमाँ स तनिक अन्न उ लइ आवा। मुला हाबिल आपन जनावरन क झुण्ड मँ स कछू जनावर लावा। हाबिल आपन सबन त नीक भेड़ी क सबन त बढ़िया हीसा लइ आवा। यहोवा हाबिल अउ ओकरी भेंट क अंगीकार किहस। 4 5 मुला यहोवा काबील अउ ओकरे जरिये लाइ गइ भेंट क अंगीकार नाही किहस। ओकर चेहरा उदास होइ गवा। 6 यहोवा काबील स पूछेस, “तू काहे कोहान अहा? तोहार चेहरा काहे बहोत उदास भवा देखात बाटइ? 7 अगर तू नीक काम करिब्या तउ तू मोरी निगाह मँ ठीक रहब्या। तब मइँ तोहका अपनाउब। मुला अगर तू उ काम नाही करिब्या जउन कि नीक अहइ तउ पाप तोहार दरवाजे पइ घात मँ रहब्या। इ तोहका तबाह करइ चाहत ह। मुला तोहका ऍका आपन बस मँ रखइ चाही।” 8 काबील आपन भाई हाबिल स कहेस, “आवा हम मैदान मँ चली।” ऍह बरे काबील अउ हाबिल मैदान मँ गएन। तब काबील आपन भाई प हमला कइ दिहस अउ ओका मारि डाएस। 9 पाछे यहोवा काबील स पूछेस, “तोहार भाई हाबिल कहा बा?”काबील जवाब दिहेस, “मोका नाही मालुम। का इ मोर काम अहइ कि मइँ आपन भाई क चउकसी अउ देखभाल करउँ?” 10 तब्बइ यहोवा कहेस, “तू इ का किहा? तोहरे भाई क रकत जमीन स बोलत अहइ कि का होइ ग अहइ? 11 तू आपन भाई क कतल किहा ह, भुइँया तोहरे हाथे स ओकर रकत लेइ बरे खुल गइ अहइ। ऍह बरे तोहका अगिया नाही अहइ कि तू धरती स कउनो लाभ उठावा। 12 बीता जमाना मँ तू फसल लगाया अउ उ अच्छी जामी। मुला अब तू बढ़िया फसल बोउब्या अउ जमीन तोहार अच्छी फसल होइ मँ मदद न करी। तोहका भुइँया प घर न मिली। तू जगह-जगह भटकत रहब्या।” 13 तब काबील कहेस, “इ सजा ऍतनी जियादा अहइ कि मइँ सह नाहीं सकत हउँ। 14 लखा, तू आज मोका धरती स तजि दिहस मइँ न तउ तोका देख पाउब अउर न ही तोर निकट रह पाउब। मोर घर नाहीं बा। मोका जगह-जगह भटकइ प बेबस कीन्ह जाई। अउर जदि कउनो मनई मोका पाइ तउ उ मोका मारि डाइ।” 15 तब यहोवा काबील स कहेस, “मइँ इ नाही होइ देब। जदि कउनो तोहका मारी तब मइँ उ मनई क बहोत कठोर सजा देब।” तब यहोवा काबील प एक चीन्हा बनाएस। इ चीन्हा उ बतावत रहा कि काबील क कउनो न मारइ। 16 तब कबील यहोवा क तजि क चला गवा। काबील नोद देस मँ रहइ लाग। 17 काबील आपन मेहरारु क संग तने क रिस्ता किहस। उ गाभिन होइ गइ। उ हनोक नाउँ क बच्चा जन्म दिहस। काबील एक सहर बसाएस, अउर ओकर नाउँ आपन पूत क नाउं प हनोक ही राखेस। 18 हनोक स ईराद पइदा भवा, ईराद स महूयाएल पइदा भवा, महूयाएल स मतूसाएल पइदा भवा अउर मतूसाएल स लेमेक पइदा भवा। 19 लेमेक दुइ मेहरारु स बियाह किहस। एक मेहरारु क नाउँ आदा अउ दूसर क नाउँ सिल्ला रहा। 20 आदा याबल क जन्मेस। याबाल ओन मनइयन क बाप रहा जउन तम्बू मँ रहत रहेन अउ गोरु क पाल पोस क आपन गुजर बसर करत रहेन। 21 आदा क दूसर पूत यूबाल भी रहा। यूबाल, याबाल क भाई रहा। यूबाल ओन मनइयन क बाप रहा जउन बीणा अउ बाँसुरी बजावत रहेन। 22 सिल्ला तूबलकैन क जन्म दिहस। तूबलकैन ओन मनइयन क बाप रहा जउन काँसा अउ लोहा क पेसा करत रहेन। तूबलकैन क बहिन क नाउँ नामा रहा। 23 लेमेक आपन मेहरारुअन स कहेस:“ऐ आदा अउ सिल्ला मोरउ बात सुना, लेमेक क मेहररुओ! जउन बतियन मइँ कहत हउँ, सुना। एक मनई मोका चोट पहुँचाएस, मइँ ओका मारि डालेउँ। एक जवान मोका चोट पहुचाएस ऍह बरे मइँ ओका मारि डाएउँ। 24 जदि काबील क कतल करइ क सजा सात गुना अहइ तउ लेमक क कतल क सजा सतहत्तर गुना होब्या!” 25 आदम अउ हव्वा क संग पुन तने क रिस्ता भवा अउ हव्वा एक ठु अउर बच्चा क जन्म दिहेस। उ पचे इ लरिका क नाउँ सेत राखेन। हव्वा कहेस, “परमेस्सर मोका एक अउर पूत दिहेस ह। काबील हाबिल क मारि डाएस मुला सेत अब मोरे लगे अहइ।” 26 सेत क भी एक पूत रहा। एकर नाउँ एनोस रहा। उ टेमँ लोगन यहोवा क आराधना करई लागेन।

5:1 इ अध्याय मँ आदम क परिवार क बंसज क बारे मँ अहइ। परमेस्सर मनई क आपन सरुप मँ बनाएस।। 2 परमेस्सर ओनका नर अउर मादा बनाएस। जउन दिन ओनका बनाएस उहइ दिन उ ओनका असीसेस अउर ओनका नाउँ “आदम” राखेस। 3 जब आदम एक सौ तीस बरिस क होइ गवा तब उ एक अउर बचवा क बाप भवा। इ पूत ठीक आदम क तरह देखाइ देत रहा। अदम आपन पूत क नाउँ सेत राखेस। 4 सेत क जन्म क पाछे आदम आठ सौ बरिस जिअत रहा। इ दिनन मँ आदम क दूसर बेटवन अउ बिटियन भइन। 5 इ तरह आदम पूरा नौ सौ तीस बरिस जिअत रहा, तब उ मरा। 6 जब सेत एक सौ पाँच बरिस क होइ गवा तब ओका एनोस नाउँ क पूत पइदा भवा। 7 एनोस क जन्म क पाछे सेत आठ सौ सात बरिस जिअत रहा। इहइ सेत क दूसर बेटवन अउ बिटियन पइदा भइन। 8 इ तरह सेत पूरा नौ सौ बारह बरिस जिअत रहा, तब उ मरा। 9 एनोस जब नब्बे बरिस क भवा, ओका केनान नाउँ क पूत पइदा भवा। 10 केनान क जन्म क पाछे एनोस आठ सौ पन्द्रह बरिस जिअत रहा। इ दिनन एकर दूसर बेटवन अउ बिटियन पइदा भइन। 11 इ तरह एनोस पूरा नौ सौ पाँच बरिस जिअत रहा, तब उ मरा। 12 जब केनान सत्तर बरिस क भवा, ओका महललेल नाउँ क पूत पइदा भवा। 13 महललेल क जन्म क पाछे केनान आठ सौ चालीस बरिस जिअत रहा। इ दिनन केनान क दूसर बेटवन अउ बिटियन पइदा भइन। 14 इ तरह केनान पूरा नौ सौ दस बरिस जिअत रहा, तब उ मरा। 15 जब महललेल पैसंठ बरिस क भवा, ओका येरेद नाउँ क पूत पइदा भवा। 16 येरेद क जन्म क पाछे महललेल आठ सौ तीस बरिस जिअत रहा। इ दिनन मँ ओका दूसर बेटवन अउ बिटियन पइदा भइन। 17 इ तरह महललेल पूरा आठ सौ पंचान्नबे बरिस जिअत रहा। तब उ मरा। 18 जब येरेद एक सौ बासठ बरिस क भवा तउ ओका हनोक नाउँ क पूत पइदा भवा। 19 हनोक क जनम क पाछे येरेद आठ सौ बरिस जिअत रहा। इ दिनन मँ ओका दूसर बेटवन अउ बिटियन पइदा भइन। 20 इ तरह येरेद पूरा नौ सौ बासठ बरिस जिअत रहा, तब उ मरा। 21 जब हनोक पैंसठ बरिस क भवा, ओका मतूसेलह नाउँ क पूत पइदा भवा। 22 मतूसेलह क जन्म क पाछे हनोक परमेस्सर क संग तीन सौ बरिस रहा। इ दिनन ओकर दूसर बेटवन अउ बिटियन पइदा भइन। 23 इ तरह हनोक पूरा तीन सौ पैंसठ बरिस जिअत रहा। 24 एक दिना हनोक परमेस्सर क संग चलतरहा अउ अछन्न होइ गवा काहेकि परमेस्सर उठाइ लिहस। 25 जब मतूसेलह एक सौ सत्तासी बरिस क भवा, ओका लेमेक नाउँ क पूत पइदा भवा। 26 लेमेक क जन्म क पाछे मतूसेलह सात सौ बयासी बरिस जिअत रहा। इ दिना ओकरे दूसर बेटवन अउ बिटियन पइदा भइन। 27 इ तरह मतूसेलह पूरा नौ सौ ओनहत्तर बरिस जिअत रहा, तब उ मरा। 28 जब लेमेक एक सौ ब्यासी बरिस क भवा, उ एक ठु पूत क बाप बना। 29 लेमेक आपन पूत क नाउँ नूह धरेस। लेमेक कहेस, “हम किसान लोग कठोर मेहनत करित ह काहेकि परमेस्सर भुइँया क सरापे अहइ। मुला नूह हम पचन क अराम देब।” 30 नूह क जन्म क पाछे, लेमेक पाँच सौ पंचान्नबे बरिस जिअत रहा। इ दिनन ओकरे दूसर बेटवन अउ बिटियन पइदा भइन। 31 इ तरह लेमेक पूरा सात सौ सतहत्तर बरिस जिअत रहा, तब उ मरा। 32 जब नूह पाँच सौ बरिस क भवा, ओकरे सेम, हाम अउर येपत नाउँ क पूत पइदा भएन।

6:1 भुइँया प मनइयन क गनती बाढ़इ लाग। इ मनइयन क बिटियन पइदा भइन। 2 अब परमेस्सर क पूतन लखेन कि मनई क बिटियन सुन्नर अहइँ। ऍह बरे परमेस्सर क पूतन आपन आपन इच्छा क मुताबिक जेसे चाहेन ओसे बियाह किहेन। 3 तब यहोवा कहेस, “लोग सिरिफ मानव अहइ। मइँ हमेसा आपन आतिमा क इ सबन स दुःखी न होइ देब। मइँ ओनका एक सौ बीस बरिस क जिन्नगी देब।” 4 ओन दिनन अउर ओकर पाछे भी हुआँ नेफिलिम लोगउ धरती मँ रहत रहेन। जब परमेस्सर क पूतन मनइयन क बिटियन सादी किहेन तउ ओन स बच्चे पैदा भएन। उ पचे मसहूर लोग रहेन। उ पचे पुराने जमाने स बहादुर रहेन। 5 यहोवा लखेस कि भुइँया प मनई बहोत जिआदा पापी अहइँ। यहोवा लखेस कि मनई लगातार बुरी बात ही सोचत ह। 6 यहोवा क इ बात क दुःख भवा कि मइँ भुइँया प मनई क काहे बनाएउँ? यहोवा इ बात स बहोत दुःखी भवा। 7 ऍह बरे यहोवा कहेस, “मइँ आपन बनई भइ भुइँया क सब मनइयन क खतम कइ देब। मइँ हर एक मनई, जनावर अउ भुइँया प रेगंइवाला हर एक जिउ जन्तु क नास करब। मइँ अकासे क चिरइयन क भी खतम कइ देब। काहे काहेकि मइँ इ बात स दुःखी अहउँ कि मइँ इ सबहि चीजन क बनएउँ।” 8 मुला भुइँया प यहोवा क खुस करइ वाला एक मनई रहा-नूह। 9 इ नूह क जिन्नगी क कहानी बाटइ। उ आपन समइ मँ एक बहोत ही अच्छा मनइ रहा। अउर उ हमेसा परमेस्सर क अनुसरण किहेस। 10 नूह क तीन पूत रहेन, सेम, हाम अउ येपेत। 11 परमेस्सर धरती प निगाह दउड़ाएस अउ उ निहारेस कि भुइँया क मनइयन बर्बाद कइ दिहे अहइँ। हर एक ठउरे प मारकाट फइला रहा। मनई पपियाइ ग रहेन अउ क्रूर होइ ग रहेन, अउर उ पचे धरती प आपन जिन्नगी बर्बाद कइ दिहे रहेन। 12 13 ऍह बरे परमेस्सर नूह स कहेस, “सब मनइयन धरती क किरोध अउ हिसा स पाट दिहे अहइँ। इ खातिर मइँ सबहि जिअत प्राणियन क नास कइ देब। मइँ ओनका भुइँया स हटाइ देब। 14 गोपेर क काठ बइपरा अउ आपन खातिर एक ठु जहाज बनावा। जहाज मँ कमरन बनावा अउ जहाज क राल स भीतरे अउ बाहेर लीपि द्या। 15 “जउन जहाज मइँ बनावइ चाहत हउँ ओकर नाप जोख तीन सौ हाथ लम्बा, पचास हाथ चौड़ा, तीस हाथ ऊँच अहइ। 16 जहाज बरे छत स करीब एक हाथ खाले खिरकी बनावा। जहाज क बगल मँ फातक बनावा। जहाजे मँ तीन मंजिल बनावा। ऊपर क मंजिल, बिचकउ मंजिल अउ तरखाले क मंजिल। 17 “तू पचन क जउन बतावइ चाहत हउँ ओका धियान स सुना। मइँ धरती प बड़वार भारी पानी क बाढ़ लिआउब। अकासे क नीचे सबहि जीउन क नास करब। धरती क सब जीउ मरि जइही। 18 मुला मइँ तू सबन क बचाउब। तब मइँ तोहसे एक खास करार करब। तू, तोहार पूतन, तोहार मेहरारु अउ तोहार पतोहुअन सबहि जहाज मँ सवार होइही। 19 संग मँ तोहका जिअत प्राणी क जोड़ा भी लइ आवइ क होइ। हर एक प्राणी क नर अउ मादा जोड़ा जहाजे मँ लिआवा। आपन संग ओनका जिअत राखा। 20 धरती क हर किसिम क चिरइयन क जोड़ा भी हेरा। धरती क हर किसिम क जनावरन क जोड़ा हेरा। धरती प रेंगइवाला हर एक जीउ क जोड़ा क भी हेरा। धरती प हर किसिम क जनावरन क नर अउ मादा तोहरे संग होइहीं। जहाजे प ओनका जिअत राखा। 21 धरती प सब किसिम क भोजन भी लइ जहाजे प लइ आवा। इ भोजन तोहरे बरे अउ जनावरन बरे होइ।” 22 नूह इ सब कछू किहस। नूह परमेस्सर क सब हुकुम क मान लिहस।

7:1 तब यहोवा नूह स कहेस, “मइँ लखेउँ ह कि इ समइ क बुरे मनइयन मँ तू ही एक नीक मनई अहा। ऍह बरे तू आपन परिवार क बटोरा अउ तू पचे सबहि जहाजे मँ चला जा। 2 हर एक सुद्ध जनावर क सात जोड़ा, (सात ठु नर अउ सात ठु मादा) संग मँ लइ ल्या अउ धरती क ऊपर दूसर असुद्ध जनावरन मँ स एक एक जोड़ा नर अउ मादा लिआवा। इ सबहि जनावरन क आपन संग जहाजे मँ लइ आवा। 3 हवा मँ उड़इवाला सब पंछिन क सात ठु जोड़ा (सात ठु नर अउ सात ठु मादा) लिआवा। एहसे इ सबइ जनावरन भुइँया प जिअत रइही, जब कि दूसर जनावरन मिटि जइही। 4 अब स सतएँ दिन मइँ भुइँया प बहोतइ भारी बर्खा पठउब। इ बर्खा चालीस दिन अउ चालीस रात रही। पृथ्वी क सबहि जिअइवाले प्राणी मर बिलाइ जइही। मोर बनई सब चिजियन नस्ट होइ जइही।” 5 नूह ओन सबहि बतियन क मानेस जउन यहोवा हुकुम दिहे रहा। 6 बर्खा आवइ क टेँम नूह छ: सौ बरिस क रहा। 7 नूह अउ ओकर परिवार बाढ़ क पानी स बचइ बरे जहाजे मँ चला गवा। नूह क मेहरारु, ओकर पूतन अउ ओनकइ मेहररुअन ओकरे संग रहिन। 8 पृथ्वी क सब सुध्द जनावरन अउ असुध्द जनावरन, पंछियन अउ भुइँया प रेगंइवाला सब जीउ। नूह क संग जहाजे मँ चढ़ेन। 9 इ सबइ जनावरन क नर अउ मादा जोड़ा परमेस्सर क हुकुम स जहाजे मँ चढ़ेन। 10 सात दिना पाछे बाढ़ सुरु भइ। धरती प बर्खा होइ लाग। 11 दूसर महीना क सतरहें दिन, जब नूह छ:सौ बरिस क रहा, धरती क नीचे क सब सोता फूट पड़ेन अउ धरती स पानी बहब सुरु होइ गवा। उहइ दिन धरती प भारी बर्खा होइ लाग। अइसा लाग माना कि अकासे क खिड़की खुल गइ होइ। चालीस दिन अउ चालीस रात तलक बर्खा धरती प होत रही।” ठीक उहइ दिन नूह, ओकर मेहरारु, ओकर पूत, सेम, हाम, अउ येपेत अउर ओकर मेहररुअन जहाजे प चढ़ेन। 12 13 14 उ पचे अउ धरती प हर किसिम किसिम क जनावर जहाजे मँ रहेन। हर तरह क गोरु, धरती प रेगंइवाले हर किसिम क जीउ अउ हर तरह क पंछी जहाजे मँ रहेन। 15 इ सबइ जनावरन नूह क संग जहाजे मँ रहेन हर जाति क जिअत जनावरन क इ सबइ जोड़ा रहेन। 16 परमेस्सर क हुकुम क मुताबिक सबहि जनावरन जहाजे मँ चढ़ेन। ओकरे भीतर जाए क पाछे यहोवा दरवाजा बन्द कइ दिहस। 17 चालीस दिना तलक भुइँया प पानी क प्रलय होत रहा। पानी बाढ़ब सुरु भवा अउ उ जहाजे क धरती स ऊपर उठाइ दिहस। 18 पानी बाढ़त रहा अउ जहाज धरती स बहोतई ऊपर तैरत रहा। 19 पानी ऍतना ऊँच उठा कि ऊँचा त ऊँचा पहाड़ भी पानी मँ बूड़ गएन। 20 पानी पहाड़े क ऊपर बहत रहा। पानी सब स ऊँच पहाड़े स पन्द्रह हाथ ऊँच रहा। 21 धरती क सब जीउ मारा गएन। हर एक मेहरारु अउर मनई मरि गएन। सबहि पंछी अउ सबहि तरह क जनावर मर गएन। सबहि तरह क जनावरन अउर रेंगइवालन जनावरन मरि गएन। धरती क हर एक जीउ, सांस लेइवालन परानी मरि गएन। 22 23 इ तरह परमेस्सर धरती क सब जिअत हर एक मनई. हर एक जनावर, हर एक रेगंइवाला जीउ अउ हर एक पंछी क नास कइ दिहस। इ सबइ धरती स खतम होइ गएन। सिरिफ नूह, ओकरे संग जहाजे मँ चढ़े मनइयन अउ जनावरन क जिन्नगी बची रही। 24 अउर पानी एक सौ पचास दिना तलक भुइँया क बोरे रहा।

8:1 मुला परमेस्सर नूह क नाही बिसरा। परमेस्सर नूह अउ जहाजे मँ ओकरे संग रहइवालन सब पसुअन अउ जनावरन क सुमिरे रहा। परमेस्सर धरती प हावा चलाएस अउ सारा पानी घटइ होइ लाग। 2 अकासे स बर्खा थमि गइ अउ धरती क नीचे स पानी बहब रुकि गवा। 3 धरती क बोरइवाला पानी लगातार घटत चला गवा। एक सौ पचास दिन पाछे पानी ऍतना उतरि गवा कि जहाज फुनि स धरती प उतरा। 4 जहाज अरारात क पहाड़न मँ स एक प आइके टिक गवा। इ सतएँ महीना क सत्रहवाँ दिन रहा। 5 पानी उतरत गवा अउ दसवें महीना क पहिला दिन पहाड़न क चोटी पानी क ऊपर देखॅाए देइ लाग। 6 जहाजे मँ बनी खिड़की क नूह चालीस दिन पाछे खोलेस। 7 नूह एक कौआ क बाहेर उड़ाएस। कौआ उड़िके तब तलक फिरतइ रहा जब तलक धरती पूरी तरह झुराइ न गइ। 8 नूह एक ठु फ़ाक्ता भी बाहेर पठएस। उ इ जानइ चाहत रहा कि पानी धरती प घटि गवा या नाही. 9 फ़ाकता क कहूँ बइठइ क ठउर नाही मिला काहेकि अबहु तलक पानी धरती प फइला रहा। ऍह बरे उ नूह क निअरे जहाजे प पुनि लौटि आवा। नूह आपन हाथ फइलाइके फ़ाकता क जहाजे प वापस भितरे लइ लिहेस। 10 सात दिन पाछे नूह फुनि फ़ाकता क पठएस। 11 उ दिन दुपहर क पाछे फ़ाकता नूह क लगे आवा। फ़ाकता क मुँह मँ एक ठु ताजी जइतून क पाती रही। इ चीन्हा नूह क इ बतावइ बरे रहा कि अब धरती प झुरान भुइँया अहइ। 12 नूह सात दिन पाछे फुन फ़ाकता क पठएस। मुला इ टेम फ़ाकता लौटा ही नाहीं। 13 ओकरे पाछे नूह जहाजे क दरवाजा खोलेस। नूह लखेस अउ पाएस कि भुइँया झुरान बा। इ नूह क छ: सौ एक बरिस क पहिले महीना क पहिला दिन रहा। 14 दूसर महीना क सत्ताइसवाँ दिन तलक भुइँया पूरी तरह झुराइ गइ। 15 तब परमेस्सर नूह स कहेस, 16 ‘जहाज क तजा। तू तोहार पत्नी तोहार पूत लोग अउ ओनकइ मेहररुअन सब अब बाहेर आवा। 17 हर एक जिअत प्राणी, सब पंछी जनावरन अउ भुइँया प रेगंवालन सबहि क जहाज स बाहेर लिआवा। इ सबइ जनावरन बहोत स जनावरन पइदा करिही अउ भुइँया क भरि देइही।” 18 ऍह बरे नूह आपन पूतन, आपन मेहरारु, आपन पूतन क मेहरारुअन क संग जहाज स बाहेर आवा। 19 सबहि जनावरन, सब रेगंइवाला जीउ अउ सब पंछी जहाज क तजि दिहेन। सब जनावर जहाज स नर अउ मादा क जोड़ा क संग बाहेर आएन। 20 तब नूह यहोवा बरे एक वेदी बनाएस। उ कछू सुध्द पंछियन अउ कछू सुध्द जनावरन क लिहेस अउ ओनका वेदी प परमेस्सर क भेंट क रुप मँ बारेस। 21 यहोवा इ सब बलिदानन क सुगन्धि पाइके खुस भवा। यहोवा मन-ही-मन कहेस, “मइँ फिन कबहु मनई क कारण भुइँया क न सरापब। मनई छोटी उम्र स ही बुरी बात सोचइ लागत ह। ऍह बरे जइसा मइँ अबहि किहेउँ ह। इ तरह अब मइँ कबहुँ सब प्राणियन क सजा न देब। 22 जब तळक इ भुइँया रही तब तलक यह पइ फसल पइदा करइ अउ फसल काटइ क समइ हमेसा रही। भुइँया प गरमी अउ जाड़ा अउ दिन अउ रात हमेसा होत रइही।”

9:1 परमेस्सर नूह अउ ओकर पूतन क असीसेस अउ ओनसे कहेस, “बहोत स बच्चा पइदा करा अउ आपन लोगन स भुइँया भरि द्या। 2 भुइँया क सब जनावरन तोहरे डरे स थरथरइही अउ अकासे क हर एक पंछी तोहसे डरिही। भुइँया प रेंगइवाला हर एक जीउ अउ समुद्दर क हर एक मछरी तू मनइयन क अदब करी अउ तू पचन स डेराइ। तू इ सबहि क ऊपर हुकुम चलउब्या। 3 बीते भए समइ मँ तू पचन क मइँ हर एक ठु पेड़-पौधा खाइ बरे दिहेउँ रहेउँ। अब हर एक जनावर भी तोहार भोजन होइ। मँइ भुइँया क हर चीज तू पचन क देत हउँ-अब इ सबइ तोहार अहइँ। 4 किन्तु मँइ तू पचन क एक हुकुम देत अहउँ कि तू कउनो जनावरन क तब तलक न खाया जब तलक ओहमा ओनका रकत बाटइ। 5 मँइ तोहरी जिन्नगी क बदले तोहार रकत माँगब कहइ क अरथ अहइ मँइ उ जानवरे क जिन्नगी माँगब जउन कउनो मनई क मारी। अउर मँइ उ मनई क जिन्ननी माँगब जउन दूसरे मनई क मारी। 6 “परमेस्सर मनई क आपन सरुप मँ बनाएस ह। ऍह बरे जउन कउनो मनई क खून बहाइ, ओकर खून मनई क जरिये बहावा जाइ। 7 “नूह तोहका अउ तोहरे पूतन क ढेर लरिका होइ अउ धरती क मनइयन स भाँठि द्या।” 8 तब परमेस्सर नूह अउ ओकरे पूतन स कहेस, 9 “अब मइँ तोहका अउ तोहरे सन्ताने क बचन देत हउँ। 10 मइँ इ बचन तोहरे संग जहाजे स बाहेर आवइवालन सबहि पंछिन, सब गोरुअन सब जनावरन क देत हउँ। मइँ धरती पइ रहइवालन सबहि वस्तुअन क बचन देत हउँ। 11 मइँ तोहका बचन देत हउँ, “पानी क बाढ़ स धरती क सब जिन्नगी बर्बाद होइ गइ मुला अब इ कबहु न होइ। अब बाढ़ फिन कबहु धरती क जिन्नगी क बर्बाद न करी।” 12 अउर परमेस्सर कहेस, “इ सिद्ध करइ बरे मइँ तोहका इ बचन दिहेउँ ह कि मइँ तोहका कछू देब। इ सबूत बताइ कि मइँ तोहसे अउ भुइँया क सबहि जिअत प्राणियन स एक ठु करार किहेउँ ह। इ करार भविस्स मँ सदा बनी रही जेकर सबूत इ अहइ। 13 कि मइँ बदरन मँ इन्द्र धनुख बनाएउँ ह। इन्द्र धनुख मोरे अउ भुइँया क बीच करार क सबूत अहइ। 14 जब मइँ भुइँया क ऊपर बदरे क लिआउब तउ तू बादरन मँ इन्द्र धनुख देखब्या। 15 जब मइँ इ इन्द्र धनुख क निहारब तबहिं मइँ तोहरे, भुइँया क सबहि जिअत प्राणियन अउ आपन बीच भई करार क सुमिरब। इ करार इ बात क बाटइ कि बाढ़ फुन कबहु भुइँया क प्राणियन क नास न करी। 16 जब मइँ धियान स बादरन मँ इन्द्र धनुख क निहारब तब मइँ सदा बनी रहइवाली करार क सुमिरब। मइँ आपन अउ भुइँया क सब जिअत प्राणियन क बीच भइ करार क सुमिरब।” 17 इ तरह यहोवा नूह स कहेस, “उ इन्द्र धनुख मोरे अउ भुइँया क सब जिअत प्राणियन क बीच भइ करार क सबूत बाटइ।” 18 नूह क पूत लोग ओकरे संग जहाज स बाहेर आएन। ओनकइ नाउं सेम, हाम अउ येपेत रहेन। (हाम तउ कनान क बाप रहा।) 19 इ तीनउ नूह क पूतन रहेन अउ संसारे क सबहि मनई इ तीनउ स पइदा रहेन। 20 नूह किसान बना। अंगूर क बगिया लगाएस। 21 नूह अंगूर क दाखरस बनाएस अउ पिएस। उ दाखरस पीके मस्त होइ गवा अउ तम्बू मँ लोटि गवा। उ कउनो ओढ़ना नाही पहिरे रहा। 22 कनान क बाप हाम अपने बाप क नंगा देखेस। उ तम्बू स बाहेर आपन भइयन क बताएस। 23 तबहि सेम अउ येपेत एक ठु ओढ़ना लिहस। उ दुइनउँ ओढ़ना क पीठ प डाइके उलटे मुइँ तम्बू मँ गएन। उ पचे आपना बाप उ नंगापन क ढ़ाँक दिहस जबकि उ समइ ओकर मुहँ क रुख तम्बू क समन्वा रहा। इ तरह उ पचे आपन बाप क नंगापन नाहीं लखेन। 24 पाछे नूह सोइके उठा। (उ दाखरस क नसा क कारण सोअत रहा।) तब ओका पता लाग कि ओकर सब त नान्ह पूत हाम ओकरे संग का किहे रहा। 25 ऍह बरे नूह सराप दिहेस,“इ सराप कनान बरे होइ कि उ आपन भइयन क दास होइ।” 26 नूह इ भी कहेस,“सेम क परमेस्सर यहोवा धन्न होइ! कनान सेम क दास होइ। 27 परमेस्सर येपेत क जिआदा भुइँया देइ। परमेस्सर सेम क तम्बू मँ रहइ अउर कनान ओकर दास बनइ।” 28 बाढ़ क पाछे नूह साढ़े तीन सौ बरिस जिअत रहा। 29 नूह पूरा साढ़े नौ सौ बरिस जिअत रहा, तब उ मरा।

10:1 नूह क पूत सेम। हाम अउ येपेत रहेन। बाढ़ क पाछे इ तीनउँ बहोत स पूतन क बाप भएन। हिआँ सेम, हाम अउ येपेत स पइदा होइवालन पूतन क सूची दीन्ह जात अहइ: 2 येपेत क पूत रहेन: गोमेर, मागोग, मादै, यावान, तूबल, मेसेक अउ तीरास। 3 गोमेर क पूत रहेन: असकनज, रीपत अउ तोगर्मा 4 यावान क पूत रहेन: एलीसा, तर्सीस, कित्ती अउ दोदानी। 5 भूमध्य सागर क चारिहु कइँती तटे प जउन मनई रहइ लागेन उ पचे येपेत क संतान ही रहेन। हर एक पूत क आपन अलग प्रदेस रहा। सब परिवार बाढ़ेन अउ अलग अलग रास्ट्र बन गएन। हर एक रास्ट्र क आपन आपन भाखा रही। 6 हाम क पूत रहेन: कूस, मिस्र, फूत अउ कनान, 7 कूस क पूत रहेन: सबा, हवीला. सबता, रामा, सबूतका। रामा क पूत रहेन: सबा अउ ददान। 8 कूस क एक पूत निम्रोद नाउं क भी रहा। निम्रोद भुइँया प बहोत बरिआर मनई भवा रहा। 9 यहोवा क समन्वा निम्रोद, एक बड़का सिकरी रहा। ऍह बरे लोग दूसर मनइयन क बराबरी निम्रोद स करत ही अउर कहत हीं, “इ मनई, यहोवा क समन्वा बड़का सिकारी निम्रोद क तरह अहइ।” 10 निम्रोद क राज्ज सिनार देस मँ बाबुल, एरेख, कलना अउ अक्कद प्रदेस स सुरु भवा। 11 निम्रोद अस्सूर मँ भी गवा। हुवाँ उ नीनवे, रहोबोतीर, कालह अउ 12 रेसेन नाउँ क नगरन क बसाएस। (रेसेन, नीनवे अउ बड़का सहर कालह, क बीच क सहर बाटइ।) 13 मिस्रप (मिस्र) -लूद, अनाम, लहाब, नप्तूह, 14 पत्रूस, कसलूह अउ कप्तोर देसन क लोगन क बाप रहा। (पलिस्ती लोग कसलूह लोगन स आए रहेन।) 15 कनान सीदोन क बाप रहा। सिदोन कनान क पहिला पूत रहा। कनान, हित क भी बाप रहा। हित, हित्ती लोगन क बाप रहा। 16 अउर कनान, यबूसी, एमोरी, गिर्गासी, 17 हिव्वी, अर्की, सीनी, 18 अर्वदी, समारी, हमाती लोगन क भी बाप रहा। कनान क परिवार संसार क अलग अलग हीसा मँ फइला रहेन, 19 कनान लोगन क भुइँया उत्तर मँ सीदोन स दक्खिन मँ गरार तलक, पच्छिम मँ अज्जा स पूरब मँ सदोम अउ अमोरा तलक, अदमा अउ सबोयीम स लासा तलक रहा। 20 इ सबइ लोग हाम क संतानन रहेन। उ पचे परिवारन, भाखान, देसन अउर रास्ट्रन क अनुसार व्यवस्थित रहेन। 21 सेम येपेत क बड़का भाई रहा। सेम क एक संतानन एबेर हिब्रू लोगन क बाप रहा। 22 सेम त पूत एलाम, अस्सूर, अर्पखद, लूद अउ अराम रहेन। 23 अराम क पूत ऊस, हूल, गेतेर अउ मस रहेन। 24 अर्पखद सेलह क बाप रहा। सेलह एबेर क बाप रहा। 25 एबेर क दुइ पूत रहेन। एक पूत क नाउँ पेलेग रहा। ओका इ नाउँ ऍह बरे दीन्ह गवा काहेकि जिन्नगी क टेम मँ धरती क बटवारा भवा। दूसर भाई क नाउँ योकतान रहा। 26 योकतान अल्मोदाद, सेलेप, हसर्मावेत, येरह, 27 यदोरवाम, ऊजाल, दिकला, 28 ओबाल, अबीमाएल, सबा, 29 ओपीर हवीला अउ योबाब क बाप रहा। इ सबहि लोग योकतान क संतान भएन। 30 इ सबइ लोग मेसा अउ पुर्बिहा पहाड़ी प्रदेस क बीच क भुइँया मँ रहत रहेन। मेसा सपारा प्रदेस कइँती रहा। 31 उ लोग सेम क परिवारे स रहेन। उ सबइ परिवार, परिवार क आधार पइ, भाखा क आधार पइ, देस क आधार पइ अउर रास्ट्र क आधार पइ बँटा भवा रहा। 32 नूह क पूतन स चलइ वाला परिवारन क इ सूची अहइ। उ पचे आपन आपन रास्ट्र मँ बँटा भवा रहत रहेन। बाढ़ क पाछे सारी भुइँया प फइलइवाला लोग भी एनही परिवारे स निकरि आएन।

11:1 बाढ़ क पाछे संसार एक ही भाखा बोलत रहा। सब लोग एक ही सब्द-भण्डार बइपरत रहेन। 2 लोग पूरब कइँती स बढ़ेन। ओनका सिनार देस मँ एक मइदान मिला। लोग हुवाँ बसइ गएन। 3 लोग कहेन, “हम पचन क ईंटा बनउब अउ ओका पजावा मँ तपावइ चाही, ताकि उ सबइ पककी होइ जाइँ।” ऍह बरे मनइयन आपन घर बनावइ बरे पाथरन क जगह ईंटा क बइपरेन। अउ मनइयन चूना क गारा क जगह राल क प्रयोग किहेन। 4 लोग कहेन, “हम पचे आपन खातिर एक ठु सहर बनाई अउ हम सबइ एक बहोत ऊँच इमारत बनाउब जउन अकासे क छुइ। हम पचे नामी होइ जाब। अगर हम पचे अइसा करब तउ पूरी धरती प बिखरेब नाही। हम पचे एक ही ठउर प एक संग रहब।” 5 यहोवा सहर अउ बहोत ऊँच इमारत क लखइ बरे तरखाले आवा। यहोवा मनइयन क इ सब बनावत लखेस। 6 यहोवा कहेस, “इ सबइ लोग एक भाखा बोलत ही अउर मइँ निहारत हउँ कि उ पचे इ काम खतम करइ बरे एकउटा अहइँ, इ तउ, इ सबइ जउन कछू सकत ही ओकर, सिरिफ सुरुआत अंहइ। हाली ही उ पचे सब कछू करइ जोग्ग होइ जइहीं जउन इ पचे करइ चइही। 7 ऍह बरे आवा हम तरखाले चली अउ एनकइ भाखा क गड्डमड्ड कइ देइ। तब उ पचे एक दूसर क बात न बूझि पइही।” 8 यहोवा मनइयन क समूचइ धरती प फइलाइ दिहस। ऍहसे मनइयन सहर क बनाउब पूरा नाही किहन। 9 इहइ उ ठउर रहा जहाँ यहोवा समूचइ संसार क भाखा क गड्डमड्ड कइ दिहस। ऍह बरे इ ठउर क नाउँ बाबुल धरा गवा। इ तरह यहोवा उ जगहिया स मनइयन क पृथ्वी क सब देसन मँ फइलाएस। 10 इ सेम क परिवारे क कहानी बाटइ। बाढ़ क दुइ बरिस पाछे जब सेम सौ बरिस क रहा ओकर पूत अर्पखद क जनम भवा। 11 ओकरे पाछे सेम पाँच सौ बरिस जिअत रहा। ओकरे दूसर पूत अउ बिटियन रही। 12 जब अर्पखद पैंतीस बरिस क रहा ओकर पूत सेलह क जनम भवा। 13 सेलह क पइदा होइ क पाछे अर्पखद चार सौ तीन बरिस जिअत रहा। इ दिन ओकर दूसर पूतन अउ बिटियन पइदा भइन। 14 सेलह क तीस बरिस होइ क पाछे ओकर पूत एबरे क जन्म भवा। 15 एबेर क जन्म क पाछे सेलह चार सौ तीन बरिस जिअत रहा। इ दिनन मँ ओकरे पूतन अउ बिटियन पइदा भएन। 16 एबेर क चौंतीस बरिस क होइ क पाछे ओकरे पूत पेलेग क जन्म भवा। 17 पेलेग क जन्म क पाछे एबेर चार सौ तीस बरिस अउर जिअत रहा। इ दिनन मँ ओकरे दूसर पूतन अउ बिटियन पइदा भइन। 18 जब पेलेग तीस बरिस क भवा, ओकर पूत ‘रु’ क जन्म भवा। 19 ‘रु’ क जन्म क पाछे पेलेग दुइ सौ नौ बरिस अउर जिअत रहा। उ दिनन मँ ओकरे दूसर बिटियन अउ बेटवन क जन्म भवा। 20 जब रु बत्तीस बरिस क भवा, ओकरे पूत सरुग क जन्म भवा। 21 सरुग क जन्मे क पाछे रु दुइ सौ सात बरिस अउर जिअत रहा। इ दिनन ओकरे दूसर बेटवन अउ बिटियन पइदा भएन। 22 जब सरुग तीस बरिस क भवा, ओकरे पूत नाहोर क जन्म भवा। 23 नाहोर क जन्म क पाछे सरुग दुइ सौ बरिस अउर जिअत रहा। इ दिनन मँ ओकरे दूसर पूतन अउ बिटियन क जन्म भवा। 24 जब नाहोर उनतीस बरिस क भवा, ओकर पूत तेरह क जन्म भवा। 25 तेरह क जन्म क पाछे नाहोर एक सौ उन्नीस बरिस अउर जिअत रहा। इ दिनन मँ ओकरे दूसर बिटियन अउ बेटवन क जन्म भवा। 26 तेरह जब सत्तर बरिस क भवा, ओकरे पूत अब्राम, नाहोर अउ हारान क जन्म भवा। 27 इ तेरह क परिवार क कहानी अहइ। तेरह अब्राम, नाहोर अउ हारान क बाप रहा। हारान लूत क बाप रहा। 28 हारान आपन जन्मभूमि कसदियन क उर सहर मँ मरा। जब हारान मरा तब ओकर पिता तेरह जिअत रहा। 29 अब्राम अउ नाहोर दुइनउँ आपन आपन बियाह किहन। अब्राम क मेहरारु सारै रही। नाहोर क मेहरारु मिल्का रही। मिल्का हारान क बिटिया रही। हारान मिल्का अउ यिस्का क बाप रहा। 30 सारै क कउनो बच्चा नाही रहा काहेकि उ कउनो बच्चा क जन्म देइ जोग्ग नाही रही। 31 तेरह आपन परिवार क संग लिहेस अउ कसदियन क उर सहर क तजि दिहस। उ पचे कनान क जात्रा करइ क मन मँ ठान लिहन। तेरह आपन पूत अब्राम, आपन पोता लूत (हारान क पूत), आपन पतोहू (अब्राम क मेहरारु) सारै क संग लिहस। उ पचे हारान तलक जात्रा किहन अउ हुआँ ठहराउब तय किहन। 32 तेरह दुइ सौ पाँच बरिस जिअत रहा। तब उ हारान मँ मरि गवा।

12:1 यहोवा अब्राम स कहेस, “आपन देस अउ आपन लोगन क तजि द्या। आपन बाप क परिवारे क तजि द्या अउर उस देस जा जेका मइँ तोहका देखाउब। 2 मइँ तोहका आसीर्बाद देब। मइँ तू पचन स एक महान रास्ट्र बनाउब। मइँ तू सबन क नाउँ मसहूर करब। लोग तोहरे नाउँ क प्रयोग दूसर लोगन क आसीर्बाद देइ बरे करइही। 3 मइँ उ पचन क असीसब, जउन तोहका असीसिही। मुला मइँ ओनका सराप देब जउन तोहका सराप दिहेस। मइँ धरती प सब मनइयन क असीसइ क बरे तोहका बइपरब।” 4 तउ अब्राम यहोवा क हुकुम मानेस। उ हारान क तजि दिहस अउ लूत ओकरे संग गवा। इ समइ अब्राम पचहत्तर बरिस क रहा। 5 अब्राम जब हारान तजेस तउ उ अकेल्ला नाही रहा। अब्राम आपन मेहरारु सारै, भतीजा लूत अउ हारान मँ ओनकइ संग जउन कछू रहा, सबक संग लइ आवा। अब्राम क जउन सब दास लोग मिला रहेन, उ सबइ भी ओकरे संग गएन। अब्राम अउ ओकर दल छारान क तजि दिहेस अउ कनान देस तलक जात्रा किहेस। 6 अब्राम कनान देस मँ सकेम क सहर अउ मोरे क बड़का बृच्छ तलक जात्रा किहस। उ समइ कनानी लोग हुआँ रहत रहेन। 7 यहोवा अब्राम क समन्वा परगट भवा। यहोवा कहेस, “मइँ इ देस तोहरे संतानन क देब।”यहोवा अब्राम क समन्वा जउने जगह प परगट भवा उ जगह प अब्राम एक वेदी यहोवा क आराधना बरे बनाएस। 8 तब अब्राम उ जगह क तजि दिहेस अउ बेतेल क पूरब पहाड़े प जात्रा किहस। अब्राम हुवाँ आपन तम्बू गाड़ेस। बेतेल सहर पच्छिम मँ रहा। आइ सहर पूरब मँ रहा। उ जगह अब्राम यहोवा बरे दूसर वेदी बनाएस अउ अब्राम हुवाँ यहोवा क उपासना किहेस। 9 एकरे पाछे अब्राम फुन जात्रा किहस। उ नेगव कइँती जात्रा किहस। 10 इ दिनन भुइँया बहोतइ झुरान रही अउ कउनो खाइ क चीज नाही जमत रही। ऍह बरे अब्राम जिअत रहइ बरे मिस्र चला गवा। 11 अब्राम लखेस कि ओकर मेहरारु सारै बहोत सुन्नर रही। ऍह बरे मिस्र मँ आवइ क पहिले अब्राम सारै स कहेस, “मइँ जानत हउँ कि तू बहोतइ सुन्नर अहा। 12 जब मिस्र क लोग तोहका निहरिहीं तउ उ पचे कहिहीं, ‘इ मेहरारु एकर पत्नी अहइ।’ तब उ सबइ मोका मारि डइही काहेकि तोहका बइठाइ लेइही. 13 इ खातिर तू मनइयन स कह्?या कि तू मोर बहिन अहा। तब उ पचे मोका नाही मरिहीं। उ पचे मोहे प दया करिहीं काहेकि उ पचे बूझि लेइही कि मइँ तोहार भाई अहउँ। इ तरह तू मोर जिन्नगी बचउबिउ।” 14 इ तरह अब्राम मिस्र मँ पहोंचा। मिस्र क लोग लखेन, सारै बहोत सुन्नर मेहरारु अहइ। 15 कछू मिस्र क अफसर लोग ओका लखेन। उ पचे फिरौन स कहेन कि उ बहोतइ सुन्नर मेहरारु अहइ। उ सबइ अफसर सारै क फिरौन क घर लइ गएन। 16 फिरौन अब्राम क ऊपर दया किहेस काहेकि उ पचे बूझ गएन कि उ सारै क भइया बाटइ। फ़िरौन अब्राम क भेड़ी, गोरु अउ गदहन क दिहस। अब्राम ऊँटन क संग मनसेधु अउ मेहरारु नउकरन पाएस। 17 फिरौन अब्राम क मेहरारु क रखि लिहस। एहसे यहोवा फिरौन अउ ओकरे घरे क मनइयन मँ खराब बेरामी सँचराइ दिहस। 18 तउ फिरौन अब्राम क बोलाएस। फिरौन कहेस, “तू मोरे संग बड़ा खोट किहा ह। तू इ नाहीं बताया कि सारै तोहार पत्नी अहइ। काहे 19 तू कह्?या, “इ मोर बहिन अहइ’ तू अइसा काहे कह्?या? मइँ ऍका ऍह बरे राखा कि इ मोर मेहरारु होइ। मुला अब मइँ तोहार मेहरारु क तोहका लउटावत अहउँ। ऍका ल्या अउ जा।” 20 तब किरौन आपन मनइयन क हुकुम दिहस कि उ पचे अब्राम क मिस्र क बाहेर पहोंचाइ देंइ। इ तरह अब्राम अउ ओकर मेहरारु उ जगह तजेन अउर उ पचे सब चिजियन क संग लइ गएन जउन ओनकइ रही।

13:1 अब्राम मिस्र तजि दिहस। अब्राम आपन मेहरारु अउ आपन सबहि सामान क संग नेगव स होइ के जात्रा किहस। लूत भी ओकरे संग रहा। 2 इ टेम अब्राम बहोतइ धनी रहा। ओकरे संग ढेरिके जनावर, बहोत सी चाँदी अउ ढेर क सोना रहा। 3 अब्राम चारिहु कइँती जात्रा करत रहा। उ नेगेव क तजेस अउ बेतेल वापस गवा। उ बेतेल अउर आइ क बीच क जगह मँ पहोंचेस। इ उहइ ठउर रहा जहाँ अब्राम अउ ओकर परिवार पहिले तम्बू लगाइके ठहरा रहा। 4 इ उहइ ठउर रहा जहाँ अब्राम एक वेदी बनाए रहा। ऍह बरे अब्राम इहा यहोवा क आराधना किहस। 5 इ टेम लूत भी अब्राम क संग जात्रा करत रहा। लूत क लगे ढेरिके जनावर अउ तम्बू रहेन। 6 अब्राम अउ लूत क लगे ऍतना जिआदा जनावर रहेन कि भुइँया एक लागे ओनका चारा नाही दइ सकत रही। 7 अब्राम अउ लूत क गड़ेरिया या आपुस मँ तखड़ावइ-बखड़ावइ लागेन। (उ दिनन मँ कनानी लोग अउ परिज्जी लोग भी इहइ पहटा मँ रहत रहेन।) 8 अब्राम लूत स कहेस, “हमरे अउ तोहरे बीच कउनो तखड़ा बखड़ा न होइ चाही। हमार अउर तोहार गड़ेरियन क बीच मँ झगड़ा नही होइ चाही। हम पचे सबहि भाई अही। 9 हम पचन क अलग होइ जाइ चाही, तू जउन चाहा ठउर चुन ल्या। अगर तू बाईं कइँती जाब्या तउ मइँ दाहिन कइँती जाब। अगर तू दाहिन कइँती जाब्या तउ मइँ बाईं कइँती जाब।” 10 लूत द्रिस्टी दउड़ाएस अउ यरदन क घाटी क निहारेस। लूत निहारेस कि हुवाँ बहोत पानी अहइ। (इ बात उ टेम क बाटइ जब यहोवा सदोम अउ अमोरा क नास नाहीं किहे रहा। उ टेम यरदन क घाटी सोअर तलक यहोवा क बगिया क नाईं पूरे राह क संग संग फइली रही। इ भुइँया मिस्र देस क भुइँया क नाईं नीक रही।) 11 ऍह बरे लूत यरदन क घाटी मँ रहब अंगीकार किहस। इ तरह दुइनउँ मनई अलग अलग होइ गएन अउ लूत पूरब कइँती जात्रा सुरु किहेस। 12 अब्राम कनान प्रदेस मँ रहा अउ लूत घाटी क सहरन मँ रहा। लूत सदोम क दक्खिन मँ बढ़ा अउ रुकि गवा। 13 सदोम क मनई बहोत पापी रहेन। उ पचे सदा यहोवा बरे खिलाफ पाप करत रहेन। 14 जब लूत चला गवा तब यहोवा अब्राम स कहेस, “आपन चारिहु कइँती निहारा, उत्तर, दक्खिन, पूरब अउ पच्छिम कइँती लखा। 15 इ सारी भुइँया, जेका तू लखत अहा, मइँ तोहका अउ तोहरे पाछे जउन तोहार लोग रइहीं ओनका देत अहउँ। इ प्रदेस सदा तोहार अहइ। 16 मइँ तोहरे लोगन क धरती क धूल क कण क नाईं अनगिनत बनउब। अगर कउनो धरती क कण क गन सकइ तउ उ तोहरे मनइयन क भी गन सकी। 17 ऍह बरे आवा। आपन धरती प चला। मइँ एका अब तोहका देत अहउँ,” 18 इ तरह अब्राम आपन तम्बू हटाएस। उ मम्रे क बड़का बृच्छ क लगे रहइ लाग। इ हेब्रोन सहर क निचके रहा। उ ठउरे प अब्राम एक वेदी यहोवा क आराधना बरे बनाएस।

14:1 अम्रापेल सिनार क राजा रहा। अर्योक एल्लासार क राजा रहा। कदोर्लाओमेर एलाम क राजा रहा। तिदाल गोयीम क राजा रहा, 2 इ सबहि राजा लोगन मँ सदोम क राजा बेरा, अमोरा क राजा बिर्सा, अद्मा क राजा सिनाब, सबोयीम क राजा सेमेबेर अउ बाला। (बेला सोअर भी कहा जात रहा।) क राजा क संग एक जुद्ध भवा। 3 सिद्दीम क घाटी मँ इ सबहि राजा आपन आपन फउज स मिलेन। (सिद्दीम क घाटी आजुकल नून क समुद्दर अहइ।) 4 इ सबइ राजा लोग कदोर्लाओमेर क सेवा बारह बरिस तलक किहन। मुला तेरहवाँ बरिस उ सबइ ओकरे खिलाफ होइ गएन। 5 ऍह बरे चौदहवें बरिस मँ राजा कदोर्लाओमेर दूसर राजा लोगन क संग ओनसे लड़इ आवा। कदोर्लाओमेर अउ ओकरे संग क राजा लोग रपाई लोगन क असतरोत्कनम मँ हराएन। उ पचे हाम मँ जूजि लोगन क भी हराएन। उ पचे एमि लोगन क। उ सबइ एमि लोगन क साबेकिर्यातैम मँ हराएन। 6 अउर उ पचे होरीत लोगन क सेईर क पहाड़ी पहटा स हराइके एल्पारान कइँती खदेरेन। (एल्पारान मरुभूमि क निचके बाटइ।) 7 तब राजा कदोर्लाओमेर पाछे कइँती घूमा अउ एन्मिसपात क गवा। इ कादेस कहा जात ह। अउर सबहि अमालेकी लोगन क हराएस। उ एमोरी लोगन क भी हराएस। इ पचे हससोन्तामार मँ रहत हीं। 8 उ समइ सदोम क राजा, अमोरा क राजा, अदमा क राजा, सबोयीम क राजा. अउ बेला क राजा, (बेला सोअर ही अहइ।) सबहि एक संग मिलिके आपन दुस्मनन स लड़इ बरे गएन। 9 उ पचे एलाम क राजा कदोर्लाओमेर, गोयीम क राजा तिदाल, सिनार क राजा अम्रापेल, अउर एल्लासार क राजा अर्योक स लड़ेन। इ तरह चार राजा पाँच राजा लोगन स लड़त रहेन। 10 सिद्दीम क घाटी मँ राल स भरा भवा ढेरिके गड्डा रहेन। सदोम अउ अमोरा क राजा अउ ओकर फउजियन पराइ गएन। ओकरे बहुत सारे फउजियन ओन गड्डन मँ गिर गएन। मुला दूसर लोग पहाड़ी मँ पराइ गएन। 11 सदोम अउ अमोरा क लगे जउन कछू रहा ओका ओनकइ दुस्मनन लइ लिहन। उ पचे ओनकइ सब भोजन-ओढ़ना क लइ लिहन अउ उ पचे चला गएन। 12 अब्राम क भाई क पूत लूत सदोम मँ रहत रहा, ओका दुस्मन कैद कइ लिहन। उ पचे ओका अउर ओकरे लगे जउन कछू भी रहा लइ लिहेन। 13 एक ठु मनई जउन धरा नाही जाइ सका उ हिब्रू मनई अब्राम क इ सबइ सारी बातन क बताएस। एमोरी मम्रे क बृच्छन क लगे अब्राम आपन डेरा डाएस। मम्रे एस्कोल अउ आनेर एक समझौता एक दूसरे क मदद करइ बरे किहे रहेन अउर उ पचे अब्राम क मदद खातिर एक समझौता किहे रहेन। 14 तब अब्राम क पता लाग कि लूत धरा ग अहइ। तउ उ आपन पूरा परिवार क बटोरेस अउ ओनमाँ स तीन सौ अठारह प्रसिच्छित फउजियन क अब्राम दान नगर तलक दुस्मनन क पाछा किहस। 15 उहइ रात उ अउर ओकर मनइयन ओनका खिलाफ धावा बोलि दिहन। उ पचे दुस्मनन क हराएन अउ दमिस्क क उत्तर मँ होवा तलक ओनकइ पाछा किहन। 16 तब अब्राम दुस्मनन क जरिये चोरॅाइ गइ सब चिजियन लइ आएन। अब्राम लूत, ओकर मेहरारुअन अउर ओकरे नउकरन अउर ओकरे सबहि चिजियन क लइ आवा। 17 कदोर्लाओमेर अउ ओकरे संग क सब राजा लोगन क हराए क पाछे अब्राम घरे लौटि आवा। जब उ घर आवा तउ सदोम क राजा ओसे भेटंइ सावे क घाटी मँ पहोंचा। (ऍका अब राजा क घाटी कहत हीं।) 18 सालेम क राजा मेल्कीसेदेक भी अब्राम स भेटंइ गवा। मेल्कीसेदेक, सर्वोच्य परमेस्सर क याजक रहा। मेल्कीसेदेक रोटी अउ अंगूरे क दाखरस लइ आवा। 19 मेल्कीसेदेक अब्राम क आसीर्बाद दिहस अउ कहेस:“अब्राम, सर्वोच्य परमेस्सर तोहका आसीर्बाद देइ। परमेस्सर भुइँया अउ अकास बनाएस। 20 अउर हम सर्वोच्य परमेस्सर क उपासना करित ह। परमेस्सर दुस्मनन क हरावइ मँ तोहार मदद किहेस।”तबहि अब्राम लड़ाई मँ मिली हर चीज क दसवाँ हीसां मेल्कीसेदेक क दिहस। 21 तब सदोम क राजा कहेस, “तू इ सब चीजन क अपने लगे रखि सकत ह, मोका सिरिफ ओन मनइयन क दइ द्या जेनका दुस्मन धइ ल गए रहेन।” 22 मुला अब्राम सदोम क राजा स कहेस, “मइँ सर्वोच्य परमेस्सर यहोवा जउन भुइँया अउ आकास क बनएस ह:ओकरे समन्वा इ किरिया खावा ह 23 कि जउन आप क चीज बाटइ ओहमाँ स कछू भी न लेब। हियाँ तलक कि एक ठु धागा व पनही क फीता भी न लेब। मइँ इ नाही चाहित कि आप कहइँ, ‘मइँ अब्राम क धनी बनाएउँ।’ 24 मइँ सिरिफ उ भोजन क अपनाउब्या जेका हमार जवान लोग खाएस ह। मुला तू दूसर मनइयन क भी ओकर हीसा देइँ। हमरी लड़ाई मँ जीती भइ चीजन्क आप लइ लेइँ अउ एहमाँ स कछू आनेर, एस्कोल अउ मम्रे क दइ देइँ। इ मनइयन लड़ाई मँ हमार मदद किहेन रहेन।”

15:1 इ बातन क होइ जाए क पाछे यहोवा क हुकुम अब्राम क एक ठु दरसन मँ आवा। परमेस्सर कहेस, “अब्राम डेराअ, नाही। मइँ तोहार रच्छा करब अउ मइँ तोहका बड़का पुरस्कार देब।” 2 मुला अब्राम कहेस, “हे यहोवा अइसा कछू भी नाही अहइ जेका तू मोका देब्या अउर उ मोका खुस करी। काहेकि मोरे पूत नाही अहइँ। ऍह बरे मोर दास दमिस्क क बसइया एलीएजेर मोरे मरइ क पाछे मोर सब कछू पाइ।” 3 अब्राम कहेस, “तू ही लखा, तू मोका कउनो पूत नाही दिहा ह। ऍह बरे मोरे घरे मँ पइदा भवा एक ठु दास मोर सबहि चिजियन क पाइ।” 4 तब यहोवा अब्राम स बात किहस। परमेस्सर कहेस, “तोहरी चीजन क तोहार इ दास न पाइ। तोहरे एक ठु बेटवा होइ अउर तोहार पूत ही तोहार चिजियन क पाइ।” 5 तब परमेस्सर अब्राम क बाहेर लइ गवा। परमेस्सर कहेस. “आकास क लखा। अनगिनत तारन क निहारा। इ सबइ ऍतना अहइँ कि तू गन नाही सक्त्या। भविस्स मँ तोहार परिवार अइसा ही होइ।” 6 अब्राम यहोवा पइ बिस्सास किहेस अउऱ उ ओका नीक समझेस। 7 परमेस्सर अब्राम स कहेस, “मइँ ही उ यहोवा अहउँ जउन तोहका कसदियन क ऊर स बाहेर लइ आएउँ। इ मइँ ऍह बरे किहउँ कि इ पहटा मइँ तोहका दइ सकउँ, तू इ पहटा क आपन कब्जा मँ कइ सका।” 8 मुला अब्राम कहेस, “हे यहोवा, मोर सुआमी, मइँ कहसे पतियाउँ कि इ पहटा मोका मिली?” 9 परमेस्सर अब्राम स कहेस, “हम पचे एक करार करब। तू मोका तीन बरिस क एक ठु गइया, तीन बरिस क एक बोकरी, अउ तीन बरिस क एक भेड़ा लिआवा। एक ठु फ़ाकता अउ एक कबूतर क बच्चा भी लिआवा।” 10 अब्राम इ सबहि चिजियन क परमेस्सर क लगे लइ आवा। अब्राम इ जनावरन क मारि डाएस अउ हर एक क दुइ दुकड़ा कइ डाएस। अब्राम एक आधा टूक एक कइँती अउ दूसर आधा टूक दूसर कइँती ओकरे ठीक आमने-सामने धरेस, अब्राम पंछिन क दुइ टूका नाही किहेस। 11 तनिक देर पाछे मांसाहारी पंछी मरे भए जनावरन क खाइ क बरे खाले आइ गएन मुला अब्राम ओनका खदेरेस। 12 पाछे सूरज बूड़इ लाग। अब्राम क गहरी नींद आइ गइ। खौफनाक अँधियारा ओका चारिहु कइँती स घेरि लिहस। 13 तब यहोवा अब्राम स कहेस, “तोहका इ सबइ बातन क जानइ चाही। तोहार संतानन बिदेसी बनिही अउर उ पचे देस मँ जइहीं जउन ओनका न होइ। उ पचे हुआँ दास होइही। चार सौ बरिस तलक ओनके संग बुरा बिउहार होइ। 14 मइँ उ रास्ट्र क निआव करब अउ ओका सजा देब जउन ओन लोगन क गुलाम बनाएस अउर जब तोहरे सन्तानन उ देसे क तजि देइही तउ आपन संग ढेर नीक चीज लइ जइही। 15 “तू बहोत लम्बी उमर तलक जिअत रहब्या। तू सान्ति स मरब्या अउ तू आपन पुरखन क लगे दफनावा जाब्या। 16 चार पीढ़ीयन क पाछे तोहार लोग इहइ पहटा मँ फुन अइही। इ टेम तोहार लोग एमेरियो क हरइहीं। हिआँ क बसइयन एमोरियन क, सजा देइ बरे मइँ तोहरे लोगन क बइपरब। इ बात भविस्स मँ होइ काहेकि एमोरियन सजा पावइ लायक बुरा अबहि नाहीं भवा अहइँ।‘ 17 जब सूरज बूड़ि गवा, तउ बहोत आँधियारा छाइ गवा। मरा भवा जनावर अबहि तलक जमीन प ओलरा भए रहेन। हर एक जनावर दुइ हीसा मँ कटा भवा बहावा रहेन। उहइ समइ धुआँ अउ आगी क एख खम्भा जनावरन क टूक क बीच स गवा। 18 इहइ तरह उ दिन यहोवा अब्राम क बचन दिहस अउ ओनके संग करार किहस। यहोवा कहेस, “मइँ इ पहटा तोहरे संतानन क देब। मइँ मिस्र क नदी अउ बड़की नदी परात क बीच क पहटा ओनका देब। 19 इ देस केनी, कनिज्जी, कदमोनी, 20 हित्ती, परीज्जी, रपाई, 21 एमोरी, कनानी, गिर्गासी अउ यबूसी लोगन क अहइ।”

16:1 सारै अब्राम क मेहरारु रही। अब्राम अउ ओकरे कउनो लरिका नाही रहा। सारै क लगे एक ठु मिस्र क दासी रही। ओकर नाउँ हाजिरा रहा। 2 सारै अब्राम स कहेस, “लखा, यहोवा मोका कउनो बच्चा नाही दिहे अहइ। ऍह बरे मोरी दासी क संग सारीरिक संबन्ध करा होइ सकत ह कि ओकर बच्चा मोर अपना बच्चा होइ जाब।”अब्राम आपन मेहरारु क कहब मान लिहस। 3 कनान मँ अब्राम क दास बरिस रहइ क पाछे इ बात भइ अउ सारै आपन भतार अब्राम बरे हाजिरा क दइ दिहस। हाजिरा मिस्र क दासी रही। 4 हाजिरा, अब्राम स गाभिन भइ। जब हाजिरा इ देखेस तउ ओका बहोत गरब भवा अउ इ महसूस करइ लाग कि मइँ आपन मालकिन सारै स बढ़िया अहउँ। 5 मुला सारै अब्राम स कहेस, “मोर दासी अब मोसे घिना करत ह अउ एकरे बर मइँ तोहका दोखी मानन हउँ। मइँ ओका तोहरे बरे दिहेउँ। उ गाभिन भइ अउर तब उ महसूस करइ लाग कि उ मोसे बढ़िया बा। मइँ चाहत हउँ कि यहोवा सही निआव करी।” 6 मुला आब्राम सारै स कहेस, “तू हाजिरा क मालकिन अहा। तू ओकरे संग जउन चाहा कइ सकत ह।” ऍह बरे सारै आपन दासी पइ अत्याचार किहस अउर ओकर दासी पराइ गइन। 7 यहोवा क सरगदूत रेगिस्तान मँ पानी क सोता क लगे हाजिरा क पाएस। इ सोता सूर जाइवाला राहे प रहा। 8 सरगदूत कहेस, “हाजिरा, तू सारै क दासी अहा। तू हिआँ काहे अहा? तू कहाँ जात अहा?”हाजिरा कहेस, “मइँ आपन मालकिन सारै क हिआँ स पराइ जात अहउँ।” 9 यहोवा क सरगदूत ओसे कहेस, “तू आपन मालकिन क घर जा अउर ओका सोंप द्या।” 10 यहोवा क सरगदूत ओसे फुन कहेस, “तोहसे बहोत स लोग पइदा होइहीं। इ सबइ लोग ऍतना होइ जइहीं कि गना नाही जाइ सकिही।” 11 यहोवा क सरगदूत अउर भी कहेस,“अबहि तू गर्भ धरे अहा अउर तोहका एक पूत होइ। तू ओकर नाउँ इस्माएल राख्या। काहेकि यहोवा तोहका देइ भए कस्ट क सुनेस ह। 12 इस्माएल एक ठु जंगली गदहा क तरह जंगली अउ अजाद होइ उ सब क खिलाफ होइ अउर सबहीं ओकर खिलाफ होइ जाइ। उ आपन भाइयन क लगे आपन डेरा डाइ मुला उ ओनके खिलाफ होइ।” 13 तब हाजिरा परमेस्सर क जउन ओसे बात करत रहा, एक नवा नाउँ स यहोवा क पुकारेस। उ कहेस, “तू परमेस्सर ह जउन मोका लखत ह।” उ ओसे उ नाउँ ऍह बरे दिहस काहेकि उ आपन आप स कहेस, “मइँ महसूस करत हउँ कि उ मोरे ऊपर निगाह राखत ह।” 14 ऍह बरे उ कुआँ क नाउँ लहैरोइ पड़ा। उ कुआँ कादेस अउ बेरेद क बीच मँ बाटइ। 15 हाजिरा अब्राम क पूत क जन्म दिहस। अब्राम पूत क नाउँ इस्माएल धरेस। 16 अब्राम उ टेम छियासी बरिस क रहा जब हाजिरा इस्माएल क जन्म दिहस।

17:1 जब अब्राम निन्यानबे बरिस क भवा, यहोवा ओह पइ परगट भवा। यहोवा कहेस, “मइँ सर्वोच्च परमेस्सर अहउँ। मोरे आगे चला अउर इमानदार रहा। 2 जदि तू इ करा, तउ मइँ आपन अउ तोहरे बीच एक करार करब। मइँ तोहका बचन देत हउँ कि मइँ तोहका बहोत सारा संतान देबउ।” 3 अब्राम परमेस्सर क समन्वा आपन मुँह जमीन कइँती निहुराएस। तब परमेस्सर ओहसे बात किहस अउ कहेस, 4 “हमरे करार क इ हीसा मोर अहइ। मइँ तोहका कइउ रास्ट्र क बाप बनाउब। 5 मइँ तोहरे नाउँ क बदल देब। तोहार नाउँ अब्राम नाही होइ। तोहार नाउँ इब्राहीम होइ। मइँ तोहका इ नाउँ ऍह बरे देत अहउँ कि तू बहोत स रास्ट्रन क बाप बनब्या। 6 “मइँ तोहका बहोत संतानन देब। तोहसे नवा रास्ट्र अउर राजा लोग पइदा होइहीं। 7 अउर मइँ आपन अउ तोहरे बीच एक करार करब। इ करार तोहरे सबहिं संतानन बरे होइ। मइँ तोहार अउ तोहरे सबहि संतानन क परमेस्सर रहब। इ करार सदा बनी रही। 8 अउर मइँ इ प्रदेस तोहका अउ तोहरे संतानन क देब। मइँ उ प्रदेस तोहका देब जेहसे होइके तू जात्रा करत रहब्या। मइँ तोहका कनान प्रदेस देब। मइँ तोहका इ प्रदेस सदा बरे देब अउर मइँ तोहार परमेस्सर रहब।” 9 परमेस्सर इब्राहीम स कहेस, “अब करार क इ हींसा तोहार हींसा अहइ। मोर इ करार क मानब तू अउ तोहार संतानन करिही। 10 इ उ करार अहइ कि जेका तू मनब्या। इ करार मोरे अउ तोहरे बीच अहइ। इ तोहरे सबहि संतानन बरे अहइ। हर एक लरिका जउन पइदा होइ ओकर खतना जरूर होइ। 11 तू बाहरी चाम क एक निसान बरे कटब्या कि तू आपन अउ मोरे बीच क करार क मानन रहब्या। 12 जब लरिका आठ दिन क होइ जाइ तब तू ओकर खतना कर्‌या। हर एक लरिका जउन तोहरे मनइबन क बीच पइदा होइ या कउनो लरिका जउन विदेसी स खरीदइ भवा तोहार दास स पइदा होइ, ओकर खतना जरूर होइ। 13 इ तरह तोहरे रास्ट्र क हर एक लरिका क खतना होइ। जउन लरिका तोहरे परिवारे मँ पइदा होइ या दास क रुप मँ बसेहा जाइ ओकर खतना होइ। 14 इहइ मोर नेम अहइ अउर मोरे अउ तोहरे बीच करार अहइ। जउन कउनो मनई क खतना नाही होइ उ आपन मनइयन स अलगाइ दीन्ह जाइ। काहेकि उ मनई मोरे करार क तोड़ दिहस।” 15 परमेस्सर इब्राहीम स कहेस, “मइँ सारै क जउन तोहार मेहरारु अहइ, नवा नाम देब। ओकर नाउँ सारा होइ। 16 मइँ ओका असीस देब। मइँ ओका पूत देब अउ तू बाप होइ। उ बहोत स नए रास्ट्रन क महतारी होब्या। ओहसे रास्ट्रन क राजा लोग पइदा होइहीं।” 17 इब्राहीम आपन मूँड़ी परमेस्सर क भगति देखावइ बरे जमीन कइँती निहुराएस। मुला उ हसा अउ आपन स बोला, “मइँ सौ बरिस क होइ ग अहउँ। मइँ पूत नाही पइदा कइ सकत हउँ अउ सारा नब्बे बरिस क बुढ़िया बाटइ। उ लरिकन क जन्म नाही दइ सकत।” 18 तउ इब्राहीम परमेस्सर स कहेस, “मोका उमीद अहइ कि इस्माएल जिइही अउ तोहार सेवा करइहीं?” 19 परमेस्सर कहेस, “नाही, मइँ कहेउँ कि तोहार मेहरारु सारा पूत क जन्म देइ। तू ओकर नाउँ इसहाक रखब्या। मइँ ओकरे संग करार करब। इ करार अइसा होइ जउन ओकरे सबहि संतानन क संग सदा बनी रही। 20 “तू इस्माएल क नाउँ लिहस अउर मइँ तोहार बात सुनेउँ। मइँ ओका असीसब। ओकरे बहोत स सन्तानन होइहीं। उ बारह बड़का राजा क बाप होइ। ओकर परिवार एक बहोत बड़ा रास्ट्र बनी। 21 मुला मइँ आपन करार इसहाक क संग करब। इसहाक ही उ पूत होइ जेका सारा पइदा करी। इ पूत अगला बरिस मँ इहइ टेम मँ, पइदा होइ।” 22 परमेस्सर जब इब्राहीम स बात करब बन्द किहस, इब्राहीम अकेल्ला रहि गवा। परमेस्सर इब्राहीम क लगे स आकास कइँती उठि गवा। 23 परमेस्सर कहे रहा कि तू अपने परिवार क सबहि लरिकन अउ मनइयन क खतना कराया। ऍह बरे इब्राहीम इस्माएल अउ आपन घरे मँ पइदा भए सबइ नउकर लोगन क एक संग बोलाएस। इब्राहीम ओन नउकर लोगन क एक संग बोलाएस जउन धने स बेसहा ग रहेन।इब्राहीम क घर क सबहि मनसेधू अउ लरिकन बटुरेन अउ ओन सबहि क खतना उहइ दिन ओनकइ बाहरी चाम काटिके कइ दीन्ह गवा। इब्राहीम ओन लोगन क खतना ठीक उहइ तरह स किहेस जे तरह परमेस्सर कहे रहेन। 24 जब इब्राहीम क खतना भवा उ निन्यानबे बरिस क रहा। 25 अउर ओकर पूत इस्माएल आपन खतना होइके टेम तेरह बरिस क रहा। 26 इब्राहीम अउ ओकरे पूत क खतना उहइ दिन भवा। 27 उहइ दिन इब्राहीम क सबहिं मनइयन क खतना भवा। इब्राहीम क घरे मँ पइदा भए सबहि मनइयन क अउ बेसहा गए सबहि दासन क खतना उहइ दिन भवा।

18:1 पाछे यहोवा फुन इब्राहीम क समन्वा परगट भवा। इब्राहीम मम्रे क बलूत क बृच्छन क लगे रहत रहा। एक दिन, इब्राहीम दिन क सब स गर्म पहर मँ तम्बू क दुआरे बइठा रहा। 2 इब्राहीम आँखि उठाइके लखेस अउ आपन समन्वा तीन मनइयन क खड़ा निहारेस। जबहि इब्राहीम मनइयन क लखेस, उ ओनके लगे गवा अउ ओनका पैलगी किहेस। 3 इब्राहीम कहेस, “साहेब लोगो! आप आपन इ सेवक क संग तनिक देर रुकि जाइँ। 4 मइँ आप लोगन बरे गोड़वा पखारइ खातिर पानी लइ आवत अहउँ। आप बृच्छन क खाले सुहताइ लेइँ। 5 मइँ आप पचन क कछू खइया के लिआवत अहउँ अउ आप लोग जेतना चाहइँ खाइ लेइँ। ऍकरे पाछे आप सबइ आपन जात्रा प जाब सुरु कइ सकत ही।”?तीनउँ कहेन, “इ बहोतइ बढ़िया बा। तू जइसा कहत बाट्या, करा।” 6 इब्राहीम हाली स तम्बू मँ घुसा। इब्राहीम सारा स कहेस, “हाली हाली तीन ठु रोटी बरे आटा साना।” 7 तब इब्राहीम आपन गोरुअन कइँती भागा। इब्राहीम सबन त नीक एक ठु जवान बछवा लिहस। इब्राहीम बछवा नउकर क दिहस। इब्राहीम नउकर स कहेस कि तू हाली हाली करा, इ बछवा क मारा अउ खइया खातिर तइयार करा। 8 इब्राहीम तीनहुँ क खाइ बरे गोस दिहस। उ दूध अउ माखन भी दिहस। जब तलक तीनहु मनई खात रहेन तब तलक इब्राहीम बृच्छ क खाले ठाड़ रहा। 9 उ मनइन इब्राहीम स कहेस, “तोहार मेहरारु सारा कहा बा?”इब्राहीम कहेस, “उ तम्बू मँ बा।” 10 तब यहोवा कहेस, “मइँ बसन्त मँ फुन आउब। उ टेम तोहार मेहरिया सारा एक ठु पूत क जन्मी।”सारा तम्बू मँ अनकत रही अउर उ इ बातन क सुनेस। 11 इब्राहीम अउ सारा बहोत बुढ़ाइ ग रहेन। सारा लड़कोर होइ क उमिर क पार कइ चुकी रही। 12 सारा आपन आप प हसी। उ आपन स कहेस, “मइँ अउ मोर भतार दुइनउँ बुढ़ान बाटेन। मइँ लरिका जन्मइ बरे ढेर बुढ़ाइ गइ अहउँ।” 13 तब यहोवा इब्राहीम स कहेस, “इ सोचत भवा सारा काहे हसेन कि, ‘मइँ ऍतना बूढ़ी हउँ कि लरिका नाही पइदा कइ सकत हउँ?’ 14 का यहोवा बरे कछू भी असंभव बाटइ? नाही, मइँ फुन बसन्त मँ आपन बताए भए टेम प आउब अउ तोहार मेहरारु सारा पूत क जन्म देइ।” 15 मुला सारा कहेस, “मइँ हसेउँ नाहीं।” उ अइसा कहेस, काहेकि उ डेरान रही।मुला यहोवा कहेस, “नाही, मइँ जानत हउँ कि तोहार कहब सही नाही अहइ। तू जरुर हसिउ ह।” 16 तब उ मनईयन जाइ बरे उठेन। उ पचे सदोम कइँती लखेन अउ उहइ कइँती चल पड़ेन। इब्राहीम ओनका बिदा करइ बरे कछू दूर तलक ओनके संग गवा। 17 यहोवा मन मँ कहेस, “का मइँ इब्राहीम स कहि देउँ जउन मइँ अबहु करब? 18 इब्राहीम एक बड़का सकतीवाला रास्ट्र बन जाइ। इ कारण स धरती क सारे मनइयन आसीर्बाद पइही। 19 मइँ इब्राहीम क संग खास करार किहेउँ ह। मइँ इ ऍह बरे किहेउँ ह कि उ आपन लरिकन अउ आपन संतानन क तरह जिन्नगी बितावइ बरे हुकुम देइ जउने तरह जिन्नगी बिताउब यहोवा चाहत ह। मइँ इ ऍह बरे किहेउँ ह कि उ पचे सच्चाई स रइही अउर इन्साफ पसन्द बनिही। तब मइँ यहोवा प्रण कीन्ह गइ चीजन क देब।” 20 तब यहोवा कहेस, “सदोम अउर गमोरा का चीख-पुकार बहोत जबरदस्त अहइ। ओनका पाप बहोत गम्भीर अहइ। 21 एह बरे मइँ हुवा जाब अउर देखब कि जउन कूछ मइँ सुन्या ह, यदि उ सही बा तब मइँ जानब कि उ सही बाटइ या गलत।” 22 तब उ मनइयन घूमेन अउ सदोम कइँती चल पड़ेन। मुला इब्राहीम यहोवा क समन्वा खड़ा रहा। 23 तब इब्राहीम यहोवा स बोला, “हे यहोवा, का तू खोट मनइयन क नास करइ क संग भले मनइयन क नास करइ क बात सोचत अहा? 24 जदि उ सहर मँ पचास भला मनई होइ तउ का होइ? का तब भी तू सहर क नास कइ देब्या? फुरइ ही तू हुआ क बसइया पचास भले मनइयन बरे उ सहर क बचाइ लेब्या। 25 फुरइ ही तू उ सहर क नास न करब्या। खोट मनइयन क मारइ बरे तू पचास भले मनइयन क नास न करब्या। अगर अइसा भवा तउ भला अउ खोटा लोग एक ही होइ जइहीं। दुइनउँ क ही सजा मिली। तू समूचइ भुइँया क निआव देइवाला अहा। मइँ जानत अहउँ कि तू निआव करब्या।” 26 फुन यहोवा कहेस, “जदि मोका सदोम सहर मँ पचास भला लोग मिलइँ तउ मइँ समूचइ सहर क बचाइ लेब।” 27 तब इब्राहीम कहेस, “हे यहोवा, तोहरे अगवा, मइँ सिरिफ धूर अउ राख अहउँ। मुला तू मोका फुन तनिक कस्ट देइ क मौका द्या अउ मोका इ प्रस्न पूछइ द्या कि: 28 जदि पाँच नीक लोग कमती होइ तउ का होइ? जदि सहर मँ पैंतालीस ही नीक लोग होइँ तउ का होइ? का तू सिरिफ पाँच लोगन बरे समूचइ सहर क नास करिब्या?” तब यहोवा कहेस, “जदि मोका हुआँ पैंतालीस नीक लोग मिलइँ तउ मइँ सहर क नास न करब।” 29 इब्राहीम फुन यहोवा स कहेस, “जदि तोहका हुआँ स्रििफ चालीस नीक लोग मिलइँ तउ का तू सहर क नास कइ देब्या?” यहोवा कहेस, “अगर मोका चालीस बढ़िया लोग हुआँ मिलइँ तउ मइँ सहर क बर्बाद न करब।” 30 तब इब्राहीम कहेस, “हे यहोवा कृपा कइके मोहे प किरोध जिन करा। मोका इ पूछेइ द्या कि अगर सहर मँ सिरिफ तीस नीक लोग होइ तउ का तू सहर क नास कइ देब्या?”यहोवा कहेस, “जदि मोका तीस नीक लोग मिलइँ तउ मइँ सहर क बर्बाद न करब।” 31 तब इब्राहीम कहेस, “हे यहोवा, का मइँ तोहका फुन कष्ट देउँ अउ पूछ लेउँ कि जदि बीस ही सहर मँ नीक लोग हुआँ होइँ तउ?”यहोवा जवाब दिहस, “अगर मोका बीस बढ़िया लोग मिलइँ तउ भी मइँ सहर क नास न करब।” 32 तब इब्राहीम कहेस, “हे यहोवा तू मोहे प गुस्सा जिन करा। मोका आखिरी दाईं कस्ट देइ क मौका द्या। जदि तोहका हुआँ दस बढ़िया लोग मिलइँ तउ तू का करिब्या?”यहोवा कहेस, “जदि मोका सहर मँ दस नीक लोग मिलइँ तउ भी मइँ सहर क नास न करब।” 33 यहोवा इब्राहीम स बोलब बंद कइ दिहस, ऍह बरे यहोवा चला गवा अउ इब्राहीम आपन घर लउटि आवा।

19:1 ओनमाँ स दुइ सरगदूत संझा क सदोम सहर मँ आएन। लूत सहर क दुआर प बइठा रहा अउ उ सरगदूतन क लखेस। लूत विचारेस कि उ पचे सहर क बीचउ बीच स जात्रा करत अहइँ। लूत उठा अउ सरगदूतन क लगे गवा अउ भुइँया तलक निहुरा। 2 लूत कहेस, “महोदय, कृपा कइके मोरे घर चलइँ अउर मइँ आप लोगन क सेवा करब। हुआँ आप लोग आपन गोड़ धोइ सकत ही अउर रात मँ रुकि सकत ही। तब भियान आप लोग आपन जात्रा सुरु कइ सकत ही।”सरगदूतन जवाब दिहन, “नाहीं, हम पचे सहर क चौराहे मँ रुकब।” 3 मुला लूत आपन घर चलइ बरे बार बार कहत रहा। इ तरह सरगदूत लूत क घर जाइ बरे तइयार होइ गएन। जब उ पचे घरे पहोंचेन तउ लूत ओनका कछू पिअइ बरे लइ आवा। लूत ओनके बरे रोटी बनाएस। लूत क बनावा भवा भोजन सरगदूत खाएन। 4 उ संझा क सोवइ क टेम स पहिले ही उ सबइ मँ स सदोम क जवान अउर बूढ़े दुइनउँ मनइयन लूत क घरे आएन। सदोम क मनइयन लूत क घर घेरि लिहन अउ पूछेन। 5 उ पचे कहेन, “आज राति क जउन लोग तोहरे लगे आएन, उ सब दुइनउँ मनई कहा बाटेन? उ मनइयन क बाहेर हमका दइ द्या। हम ओनके संग संभोग करइ चाहत ह।” 6 लूत बाहेर निकरा अउ आपन पाछे स दरवाजा बंद कइ दिहस। 7 लूत मनइयन स कहेस, “नाही मोर भाई लोगो, मइँ बिनती करत हउँ कि आप इ बुरा कर्म न करइँ। 8 लखा, मोरे दुइ बिटिया अहइँ, उ सबइ ऍकरे पहिले कउनो मनई क संग नाही सोई अहइँ। मइँ आपन बिटियन क तू मनइयन क दइ देत अहउँ। तू लोग ओनके संग जउन चाहा कइ सकत ह। मुला इ मनइयन क संग कछू न करा। इ सब लोग हमरे घरे आवा अहइँ अउर मइँ ऍनकइ रच्छा जरुर करब।” 9 घरे क चारिहु कइँती क मनइयन जवाब दिहन, “राहे स हटि जा।” तब मनइयन आपन मने मँ बिचार किहन, “इ मनई लूत हमरे सहर मँ मेहमान क रुप मँ आवा अहइ। अब इ सिखावइ चाहत ह कि हम पचे कैसे जिन्नगी गुजारइ चाही।” तब उ पचे लूत स कहेन, “हम पचे ओनसे भी जियादा बुरा तोरे संग करब।” ऍह बरे उ मनइयन लूत क घेरि क ओकरे निअरे आउब सुरु किहन। उ सबइ दरवाजा क तोड़िके खोलइ चाहत रहेन। 10 मुला लूत क संग क ठहरे भए मनइयन दरवाजा खोलेन अउ लूत क घरे क भीतर हीच लिहेन। तब उ पचे दरवाजा बंद कइ दिहन। 11 दुइनउँ मनइयन दरवाजे क बाहरे क मनइयन क आँधर कइ दिहन। इ तरह घरे मँ घुसरइ क जतन करइ वालन जवान अउ बुढ़या सबइ आँधर होइ गएन अउर दरवाजा न पाइ सकेन। 12 दुइनउँ मनइयन लूत स कहेन, “का इ सहर मँ अइसा कउनो मनई अहइउ जउन तोहरे परिवारे क बाटइ? का तोहार दामाद, तोहार बिटिया या दूसर कउनो तोहरे परिवारे क मनई अहइ? जदि कउनो दूसर इ सहर मँ तोहरे परिवार क बाटइ तउ तू अबहि सहर तजि देइ बरे कहि द्या। 13 हम पचे इ सहर क बर्बाद करब। यहोवा ओन सबहि बुराइयन क सुनि लिहे अहइ जउन इ सहर मँ अहइ। ऍह बरे यहोवा हम मनइयन क ऍका नास करइ बरे पठए अहइ।” 14 ऍह बरे लूत बाहेर गवा अउ आपन दूसर बिटियन स बियाह करइ वालन दामादन स बात किहेस। लूत कहेस, “हाली करा अउ इ सहर क तजि द्या।” यहोवा ऍका फउरन बर्बाद कइ देइ। मुला उ मनइयन समझोन कि लूत मजाक करत बाटइ। 15 दूसर दिन भिन्सारे भोर क टेम ही सरगदूत लूत स हाली करइ क कोसिस किहस। उ पचे कहेन, “लखा इ सहर क सजा मिली। ऍह बरे तू आपन मेहरारु अउ तोहरे संग जउन दुइ बिटियन जउन अबहि तलक अहइँ, ओनका लइके इ जगह तजि द्या। तबहि तू सहर क संग बर्बाद न होब्या।” 16 मुला लूत देर करइ लगा अउ सहर तजि देइ क उ हाली नाही किहेस। ऍह बरे सरगदूतन लूत, ओकर मेहरारु अउ ओकर दुइनउँ बिटियन क हाथ धइ लिहन, काहेकि ओन पइ यहोवा क द्या रहा। उ दुइनउँ लूत अउ ओकरे परिवार क सहर क बाहेर पहोंचाएन। लूत अउ ओकरे परिवार प यहोवा क कृपा रही। 17 ऍह बरे दुइनउँ लूत अउ ओकरे परिवार क सहर क बाहेर पहोंचाएइ दिहन। जब उ पचे बाहेर होइ गएन तउ ओनमाँ स एक कहेस, “आपन जिन्नगी बचावइ बरे पराइ जा। सहर कइँती घूमिके जिन लखा। इ घाटी मँ कउनो जगह जिन रूका। तब तलक परात रहा जब तलक पहाड़े मँ न जाइके पहोंचा। अगर तू अइसा नाही करत्या, तउ तू सहर क संग नस्ट होइ जाब्या।” 18 तब लूत दुइनउँ स कहेस, “श्रीमान लोगो, कृपा कइके ऍतना दूर दौड़इ बरे बेबस जिन करा। 19 आप लोग मो सेवक प ऍतनी कृपा किहा ह। आप लोग मोका बचावइ क कृपा किहा ह। मुला मइँ पहाड़ी ताईं नाही दौड़ि सकत हउँ। अगर मइँ जरुरत स जियादा धीमे धीमे दौड़उँ तउ कछू बुरा होइ अउ मइँ मारा जाब। 20 मुला लखइँ हिआँ निअरे एक बहोत छोटा सहर बाटइ। हम पचन क उ सहर तलक दौड़इ द्या। तब हमार जिन्नगी बचि जाइ।” 21 सरगदूत लूत स कहेस, “ठीक बाटइ, मइँ तोहका अइसा ही करइ देब। मइँ उ सहर क नास नाहीं करब जेहमाँ तू जात अहा। 22 मुला हुआँ तलक तेज दउड़ा। मइँ तब तलक सदोम क बर्बाद नाही करब जब तलक तू उ सहर मँ सुरच्छित नाही पहोंच जात्या।” (इ सहर क नाउँ सोअर अहइ काहेकी इ छोट अहइ।) 23 जब लूत सोअर मँ घुसत रहा, भिन्सारे क सूरज चमकइ लाग 24 अउऱ यहोवा सदोम अउ अमोरा क बर्बाद करब सुरु कइ दिहस। यहोवा आगी अउ बरत भवा गन्धक क अकासे स खाले बरसाएस। 25 इ तरह यहोवा उ सहरन क अउर समूची घाटी क बर्बाद कइ दिहस अउ सबहि जिअत मनइयन अउ सबहि पेड़-पौधन क बर्बाद कइ दिहस। 26 जब उ पचे परात रहेन, तउ लूत क मेहरारु घूमिके सहर क निहारेस। जब उ घूमिके लखेस तब उ एक नोन क भीटा होइ गइ। 27 उहइ दिना बहोत तड़के इब्राहीम उठा अउ उ ठउरे प गवा जहा उ यहोवा क समन्वा ठाड़ होत रहा। 28 इब्राहीम सदोम अउ अमोर सहरन कइँती निगाह दौड़ाएस। इब्राहीम उ घाटी क समूची भुइँया कइँती लखेस। इब्राहीम उ पहटा स उठत भए घना धुआँ क लखेस। बड़ी खौफनाक आगी स उठत धुआँ क तरह उ देखाइ पड़ा। 29 परमेस्सर घाटी क सहरन क नास कइ दिहस। परमेस्सर इब्राहीम क याद किहस अउर लूत क नास नाहीं किहेस। जब उ ओन सहरन क नास किहेस जेहमा लूत रहत रहेन। 30 लूत सोअर मँ लगातार रहइ स डोरान। ऍह बरे उ अउ ओकर दुइनउँ बिटियन पहाड़न मँ गएन अउर उ हुवँइ रहइ लगेन। उ पचे हुवाँ एक गुफा मँ रहत रहेन। 31 एक दिना बड़की बिटिया छोटकी बिटिया स कहेस, “भुइँया प चारिहु कइँती मनसेधू अउ मेहरारु बियाह करत हीं। मुला हिआँ आसपास कउनो मनसेधू नाहीं जेहसे हम बियाह करी। हम पचन क पिता बुढ़ाइ ग बाटेन। 32 ऍह बरे हम पचे आपन पिता का प्रयोग लरिकन क जन्म देइ बरे करी जेसे हम लोगन क बंस चलि सकइ। हम लोग आपन पिता क लगे चलब अउ अंगूरे क दाखरस पिआउब अउ ओका नसा मँ बुत्त कइ देब। तब हम ओकरे संग सोइ सकित ह।” 33 उहइ राति दुइँनउँ बिटियन आपन पित क लगे गइन अउ ओका उ पचे दाखरस पिआइके नसा मँ बुत्त कइ दिहन। तब बड़की बिटिया पिता क बिछउना मँ गइ अउ ओकरे संग सोइ गइ। लूत जियादा नसा मँ बुत्त रहा। ऍह बरे इ न जानि सका कि ओकरे संग कउन सोएस। 34 दूसर दिन बड़की बिटिया छोटकी बिटिया स कहेस, “पिछली राति मइँ आपन पिता क संग सोएउँ। आवा इ रात फुन हम ओका दाखरस पिआइके नसा मँ बुत्त कइ देइ। तब तू ओकरे बिछउना मँ जाइ सकत ह अउर ओकरे संग सोइ सकत ह। इ तरह हम पचन क आपन पिता क प्रयोग लरिकन क जन्म दइके आपन बंस चलावइ बरे करइ चाही” 35 ऍह बरे उ दुइनउँ बिटियन आपन पिता क दाखरस पिआइके नसा मँ बुत्त कइ दिहन। तब छोटकी बिटिया ओकरे बिछउना मँ ओलरी अउ ओकरे संग सोएस। लूत इ दाईं भी न जानि सका कि ओकर बिटिया ओकरे संग सोएस। 36 इ तरह लूत क दुइनउँ बिटिया गर्भ धारण किहेन। ओनका पिता ही ओनके लरिकन क पिता रहा। 37 बड़की बिटिया एक पूत क जन्म दिहस। इ बेटवा क नाउँ मोआब धरेस। मोआब ओन सबहि मोआबी लोगन क पिता रहा, जउन अब तलक रहत अहइँ। 38 छोटकी बिटिया भी एक पूत जन्मेस। इ आपन पूत क नाउँ बेनम्मी धरेस। बेनम्मी ओन सबहि अम्मोनी लोगन क पिता अहइ जउन अब तलक रहत बाटेन।

20:1 इब्राहीम उ ठउरे क तजि दिहस और नेगेव क जात्रा किहेस। इब्राहीम कादेस अउ सूर क बीच गरार मँ बस गवा। 2 गरार मँ इब्राहीम मनइयन स कहेस कि सारा मोर बहिन अहइ। गरार क राजा अबीमेलक इ बात सुनेस। अबीमेलेक क सारा चाहत रहा ऍह बरे उ कछू नउकर ओका लावइ बरे पठएस। 3 मुला एक रात परमेस्सर अबीमेलेक स सपन मँ बात किहस। परमेस्सर कहेस, “देखा, तू मरि जाब्या जउने मेहरारु क तू लिहा ह उ सोहागिन अहइ।” 4 मुला अबीमेलेक अबहि सारा क संग नाही सोवा रहा। ऍह बरे अबीमेलेक कहेस, “हे यहोवा, मइँ दोखी नाही अहउँ। का तू बेदोखी मनई क मरब्या? 5 इब्राहीम मोसे खुद कहेस, ‘इ मेहरारु मोर बहिन अहइ’ अउ मेहरारु भी कहेस, ‘इ मनई मोर भाई अहइ’ मइँ बेदोखी अहउँ। मइँ नाही जानत रहेउँ कि मइँ का करत हउँ?” 6 तब परमेस्सर अबीमेलेक स सपन मँ कहेस, “हा, मइँ जानत हउँ कि तू निर्दोख अहा अउर मइँ इ भी जानत हउँ कि तू इ नाही जानत रह्या कि तू का करत रह्या? मइँ तोहका बचाएँउ। मइँ तोहका आपन खिलाफ पाप नाही करइ दिहेउँ। इ मइँ ही रहेउँ जउन तोहका ओकरे संग सोवइ नाही दिहेउँ। 7 ऍह बरे इब्राहीम क ओकर मेहरारु लौटाइ द्या। इब्राहीम एक ठु नबी बाटइ। उ तोहरे बरे पराथना करी अउर तू जिअत रहब्या मुला जदि तू सारा क नाही लौटउब्या तउ मइँ सरापत हउँ कि तू मरि जाब्या। तोहार सारा परिवार तोहरे संग मरि जाइ।” 8 ऍह बरे दूसर दिन बहोत भिंसारे अबीमेलेक आपन सबइ नउकरन क बोलाएस। अबीमेलेक सपने मँ भइ सारी बातन क ओनका बताएस। नउकर बहोतइ डेराइ गवा। 9 तब अबीमेलेक इब्राहीम क बोलाएस अउ ओसे कहेस, “तू हम पचन क संग अइसा काहे किहा? मइँ तोहार का बिगाड़ेउँ ह? तू इ झूठ काहे बोल्या कि उ तोहार बहिन अहइ। तू हमरे राज्ज प बहोत बड़ी बिपत्ति लइ आवा ह। इ बात तोहका मोरे संग नाही करइ चाही। 10 तू कउने बात स डेरात अहा? तू इ सबइ बातन मोरे संग काहे किहा ह” 11 तब इब्राहीम कहेस, “मइँ ससान रहेउँ। काहेकि मइँ सोचेउँ कि हिआँ कउनो भी परमेस्सर क आदर नाही करत। मइँ बिचारेउँ कि सारा क पावइ बरे कउनो मोका मारि डाइ। 12 उ मोर मेहरारु अहइ, मुला उ मोर बहिन भी अहइ। उ मोरे पिता क बिटिया तउ अहइ मुला मोरी महतारी क बिटिया नाहीं अहइ, 13 परमेस्सर मोका मोरे पिता क घरे स दूर पहोंचाए अहइ। परमेस्सर कइयऊ अलग अलग पहटा मँ मोका भटकाएस। जब अइसा भवा तउ मइँ सारा स कहेउँ. ‘मोरे बरे कछू करा। जहा कहु भी हम जाइ तू मनइयन स कहा कि तू मोर बहिन अहा।” 14 अब अबीमेलेक जान लिहेस कि का होइ चुका बाटइ। ऍह बरे अबीमेलेक इब्राहीम क सारा लौटाइ दिहस। अबीमेलेक इब्राहीम क कछू भेड़िन, जनावर अउ दास भी दिहस। 15 अबीमेलेक कहेस, “तू चारिहु कइँती लखि ल्या। इ मोर देस अहइ। तू जउने ठउर चाहा, रहि सकत ह।” 16 अबीमेलेक सारा स कहेस, “लखा, मइँ तोहरे भाई क एख हजार चाँदी क टूक दिहेउँ ह। मइँ इ ऍह बरे किहेउँ ह कि जउन कछू भवा ओहसे मइँ दुःखी अहउँ। मइँ चाहत हउँ कि हर एक मनई इ लखड़ कि मइँ नीक काम किहेउँ ह।” 17 परमेस्सर अबीमेलेक क ओकर पत्नी क अउर ओकर मेहरारु नउकरन क लरिका जन्मइ क अयोग्ग बनाएस। परमेस्सर उ ऍह बरे किहस कि उ इब्राहीम क मेहरारु सारा क बइठाइ लिहे रहा। मुला इब्राहीम परमेस्सर स पराथना किहस अउ परमेस्सर अबीमेलेक, ओकर मेहररुअन अउ दास-कन्या क चंगा कइ दिहस। 18

21:1 अब यहोवा सारा लगे आएन काहेकि उ कहेस रहा, अउर उ सारा बरे उहइ किहेस जउन उ करइ क वादा किहे रहा। 2 सारा गरभ धरेस अउर इब्राहीम बरे ओकर बुढ़ापे मँ एक लरिका क जन्मेस। सही टेम प जइसा परमेस्सर वचन दिहे रहा वइसा ही भवा। 3 सारा पूत जन्मेस अउ इब्राहीम ओकर नाउँ इसहाक राखेस। 4 परमेस्सर क हुकुम क मुताबिक इब्राहीम आठ दिन होए प इसहाक क खतना किहस। 5 इब्राहीम सौ बरिस क रहा जब ओकर पूत इसहाक पइदा भवा 6 अउ सारा कहेस, “परमेस्सर मोका सुखी बनाइ दिहस ह। हर एक मनई जउन बारे मँ सुनी उ मोहसे खुस होइ। 7 कउनो भी इ नाही सोचत कि मइँ सारा इब्राहीम बरे पूत देबउँ। मुला मइँ इब्राहीम क ओकरे बुढ़ापे क उमर मँ एक ठु पूत दिहेउँ ह।” 8 अब बचवा ऍतना बाढ़ गवा कि महतारी क दूध तजिके ठोस भोजन सुरु करइ। जउने दिन ओकर दूध छोड़वावा गवा उ दिन इब्राहीम एक बहोत बड़का भोज दिहस। 9 बीते भए टेम मँ मिस्र क दासी एक ठु पूत क जन्मेस। इब्राहीम उ पूत क बाप रहा। सारा लखेस कि हाजिरा क पूत इसहाक क तंग करत ह। 10 ऍह बरे सारा इब्राहीम स कहेस, “उ दासी मेहरारु अउ ओकरे पूत क हिआँ पठइ द्या। जब हम पचे मरब हम पचन क सबहिं चिजियन इसहाक क मिलिही। मइँ नाहीं चाहत कि ओकर पूत इसहाक क संग ओन चिजियन मँ हीसा लेइ।” 11 इस्माएल क बरे इ कीन्ह जाना एका सोच इब्राहीम क बहोत ज्यादा दुःखी कइ दिहन। 12 मुला परमेस्सर इब्राहीम स कहेस, “उ लड़का क बारे मँ दुःखी जिन ह्?वा। उ दासी क बारे मँ दुःखी जिन ह्?वा। जउन सारा चाहत ह तू उहइ करा। तोहार बंस इसहाक क बंस स चली। 13 मुला मइँ तोहरे दासन क पूतन क असीसब। उ तोहार पूत अहइ ऍह बरे मइँ ओकरे परिवार क भी एक बड़ा रास्ट्र बनाउब।” 14 दूसर दिन बहोत भिन्सारे इब्राहीम कछू भोजन अउ पानी लिहस। इब्राहीम इ चीजन हाजिरा क दइ दिहस। हाजिरा उ सबहि चीजन क लिहस अउ बच्चा क संग दूर चली गइ। हाजिरा उ ठउर तजि दिहस अउर उ बेर्सोबा क रेगिस्तान मँ भटकइ लाग। 15 कछू टेम पाछे हाजिरा क सारा पानी खतम होइ गवा। पिअइ बरे कछू पानी भी नाहीं बचा। ऍह बरे हाजिरा आपन लरिका क एक झाड़ी तरे राखेस। 16 हाजिरा हुआँ स कछू दूर गइ। तब उ रुकी अउ बइठि गइ। हाजिरा सोचेस कि ओकर पूत मरि जाइ काहेकि हुआँ पानी नाहीं रहा। उ ओका मरता भवा नाहीं देखइ चाहत रही। उ हुआँ बइठि गइ अउ रोवइ लग। 17 यहोवा लरिका क रोउब सुनेस। सरग स एक दूत हाजिरा क लगे आवा। उ पूछेस, “हाजिरा, तोहका का तकलीफ अहइ। डेराउ नाही काहेकि परमेस्सर हुवाँ लरिका क रोउब सुन लिहेस। 18 जा, अउर आपन पूत क सँभारा। ओकर हाथ धइ ल्या अउ ओका संग लइ चला। मइँ ओका बहोत बड़का रास्ट्र क पिता बनाउब।” 19 परमेस्सर हाजिरा क आँखी इ तरह खोलेस कि उ एक पानी क कुआँ निहारि सकी। ऍह बरे हाजिरा कुआँ प गइ अउ उ थैला क पानी स भरि लिहस, तब उ बच्चा क पानी पिअइ बरे दिहस। 20 बच्चा जब तक बाढ़ा नाही तब तलक परमेस्सर ओकरे संग रहा। इस्माएल रेगिस्तान मँ रहा अउ एक सिकारी बन गवा। उ बहोत बढ़िया तीर चलाउब सीख लिहस। 21 ओकर महतारी मिस्र स ओकरे बरे दुल्हन लइ आइ। उ पचे सबइ पारान रेगिस्तान मँ रहइ लागेन। 22 तब अबीमेलेक अउ पीकोल इब्राहीम स बात किहन। पीकोल अबीमेलेक क फउज क सेनापति रहा। उ पचे इब्राहीम स कहेन, “तू जउन कछू करत अहा, परमेस्सर तोहार साथ देत ह। 23 ऍह बरे तू परमेस्सर क समन्वा इ बचन द्या कि तू मोरे अउ मोरे बच्चन बरे भला रहब्या। तू इ बचन द्या कि तू मोरे बरे अउ जहा तू रह्या ह उ देस बरे दयालु रहब्या। तू इ भी बचन द्या कि मइँ तोहरे बरे जेतॅना दयालु रहा ओतॅना तू मोहे प दयालु रहब्या।” 24 इब्राहीम कहेस, “मइँ बचन देत हउँ कि तोहसे मइँ बइसा ही बिउहार करब जइसा तू मोरे संग बिउहार किया ह।” 25 तब इब्राहीम अबीमेलेक क ओराहना दिहस। इब्राहीम ऍह बरे ओराहना दिहस कि अबीमेलेक क नउकरन पानी क कुआँ प कब्जा कइ लिहन। 26 अबीमेलेक कहेस, “ऍकरे बारे मँ मइँ इ बहिली बार सुनेउँ ह। मोका पता नाहीं बाटइ, कि इ के किहेस ह अउर तू भी ऍकर चर्चा मोहसे ऍहसे पहिले कबहु नाहीं किह्या।” 27 ऍह बरे इब्राहीम अउ अबीमेलेक एक समझौता किहन। इब्राहीम समझौता क सबूत क रुप मँ अबीमेलेक क कछू भेड़िन अउ गोरु दिहस। 28 इब्राहीम सात ठु मादा भेड़ी क बच्चा भी अबीमेलेक क समन्वा लावा। 29 अबीमेलेक इब्राहीम स पूछेस, “तू इ सबइ सात ठु भेड़ी क मादा बच्चन क काहे अलगाइ कइ दिह्?या?” 30 इब्राहीम कहेस, “जब तू इ सातहुभेड़ी क बच्चन स मोहसे लेब्या तउ इ सबूत रही कि इनारा मइ खनेउँ ह।” 31 ऍह बरे ऍकरे पाछे उ इनारा बेर्सैबा कहवावा गवा। उ पचे इनारा क इ नाउँ दिहन काहेकि इ उ ठउर रहा जहाँ उ पचे एक दूसर क बचन दिहे रहेन। 32 इ तरह इब्राहीम अउ अबीमेलेक बेर्सेबा मँ एक समझौता किहन। तब अबीमेलेक अउ सेनापति दुइनउँ पलिस्तियन क पहँटा मँ लौटि गएन। 33 इब्राहीम बेर्सेबा मँ झाऊ क एक बृच्छ लगाएस। उ ठउरे प इब्राहीम परमेस्सर, जउन हमेसा रहत ह स पराथना किहस। 34अउर इब्राहीम पलिस्तियन क देस मँ बहोत समइ तलक रहा। 34

22:1 इ बातन क पाछे परमेस्सर इब्राहीम क पतियाइ क परीच्छा लेब तय किहस। परमेस्सर ओसे कहेस, “इब्राहीम!” अउ इब्राहीम कहेस, “हाँ!” 2 परमेस्सर कहेस, “आपन पूत ल्या, आप इकलौता पूत, इसहाक जेका तू पिरेम करत ह मोरिय्याह प जा। तू उ पहाड़े प जा जेका मइँ तोहका देखॅाउब। तू हुआँ आपन पूत क बलिदान देब्या अउ ओका होम बलि क सरुप मँ मोका अर्पण करिब्या।” 3 भिन्सारे इब्राहीम उठा अउ उ गदहा क तइयार किहस। इब्राहीम इसहाक अउ दुइ नउकरन क संग लिहस। इब्राहीम बलि बरे काठ काटिके तइयार किहस। तब उ पचे उ ठउरे प गएन जहा जाइ बरे परमेस्सर कहेस। 4 उ पचे तीन दिना तलक जात्रा किहेन। ओकरे पाछे इब्राहीम ऊपर लखेस अउ दूरी प उ ठउरे क निहारेस जहा उ पचे जात रहेन। 5 तब इब्राहीम आपन नउकरन स कहेस, “हिआँ गदहा क संग ठहरि जा। मइँ आपन पूत क उ ठउरे लइ जाब अउ आराधना करब। तब हम पाछे लौटि आउब।” 6 इब्राहीम बलि बरे लकड़ी क आपन पूत क काँधे प धरेस। इब्राहीम एक खास छुरी अउ आगी लिहस। तब इब्राहीम अउ ओकर पूत दुइनउँ आराधना बरे उ ठउरे प एक संग गएन। 7 इसहाक आपन बाप इब्राहीम स कहेस, “पिताजी!”इब्राहीम जवाब दिहस, “हाँ, बेटवा।” इसहाक कहेस, “मइँ ईंधन अउ आगी तउ लखत हउँ, मुला उ भेड़ा कहा बाटइ जेका हम बलि क रुप मँ बारब?” 8 इब्राहीम जवाब दिहस, “बेटवा, परमेस्सर बलि बरे भेड़ा आपने आप जुटावत बाटइ।”इ तरह इब्राहीम अउ ओकर पूत उ ठउर संग संग गएन। 9 उ पचे उ ठउरे प पहोंचेन जहाँ परमेस्सर पहोंचइ क कहे रहा। हुआँ इब्राहीम बलि क एक वेदी बनाएस। इब्राहीम वेदी प काठ धरेस। तब इब्राहीम आपन पूत क बाँधेस। इब्राहीम इसहाक क वेदी क काठे प धरेस। 10 तब इब्राहीम आपन छुरी निकारेस अउ आपन पूत क मारइ क तइयारी किहस। 11 तब यहोवा क सरगदूत इब्राहीम क रोक दिहस। दूत सरग स गोहराएस अउ कहेस, “इब्राहीम, इब्राहीम।” इब्राहीम जवाब दिहेस, “हाँ।” 12 सरगदूत कहेस, “तू आपन पूत क जिन मारा या ओका कउनो तरह क चोट जिन पहोंचावा। मइँ अब लखि लिहउँ कि तू परमेस्सर क सम्मान करत ह अउ ओकर हुकुम मानत ह। मइँ लखत हउँ कि तू आपन इकलौता पूत क मोरे बरे मारइ क तइयार बाट्या।” 13 इब्राहीम ऊपर निगह किहेस अउ एक भेड़ा क लखेस। भेड़ा क सींगन झाड़ी मँ अरझ गइ रहिन। ऍह बरे इब्राहीम हुआँ गवा अउर भेड़ा क धइ लिहस अउ ओका मारि डाएस। इब्राहीम भेड़ा क आपन पूत क जगह प बलि दिहस। 14 ऍह बरे इब्राहीम उ जगह क नाउँ “यहोवा यिरे” राखेस। आज भी लोग कहत हीं, “इ पहाड़े क चोटी प यहोवा क लखा जाइ सकत ह।” 15 यहोवा क सरगदूत सरग स इब्राहीम क दूसरी दाईं गोहराएस। 16 सरगदूत कहेस, “तू मोरे बरे आपन पूत क मारइ बरे तइयार रह्या। इ तोहार इकलौता पूत रहा। तू मोरे बरे अइसा किहा ह ऍह बरे मइँ, यहोवा तोहका वचन देत अहउँ कि 17 मइँ तोहका सचमुच ही असीसब। मइँ तोहका ओतना ही संतानन देब जेतना अकासे मँ तारा बाटइँ। इ सबइ ऍतना जियादा लोग होइहीं जेतना समुद्दर क किनारे बालू क कण अउ तोहार लोग आपन सबहि दुस्मनन क हरइहीं। 18 संसार क सबहि रास्ट्र तोहरे परिवार क जरिये आसीर्बाद पइही। मइँ इ ऍह बरे करब काहेकि तू मोर हुकुम क मान्या ह।” 19 तब इब्राहीम आपन नउकरन क लगे लउटा। उ पचे बेर्सेबा तलक वापसी जात्रा किहन अउ इब्राहीम हुअँइ रहइ लाग। 20 एकरे पाछे, इब्राहीम क इ समाचार मिला। समाचार इ रहा, “तोहार भाई नाहोर अउ ओकर मेहरारु मिल्का क अब गदेलन अहइँ। 21 पहिला पूत ऊस अहइ। दूसर पूत क नाउँ बूज अहइ। तीसर पूत अराम क बाप कमूएल अहइ। 22 एकरे अलावा, केसेद, हजो, पिल्दास, यिदलाप अउ बतूएल बाटइ।” 23 बतूएल रिबका क बाप रहा। मिल्का इ सबइ आठहु पूतन क महतारी रही अउ नाहोर पिता रहा। नाहोर इब्राहीम क भाई रहा। 24 नाहोर क दूसर चारि लरिकन ओकरी मेहरारु नउकर स रहेन। इ सबइ पूत तेबह, गहम, तहस अउर माका रहेन।

23:1 सारा एक सौ सत्ताईस बरिस जिअत रही। 2 कनान पहटा क किर्यतर्बा (हेब्रोन) सहर मँ मरी। इब्राहीम बहोत दुःखी भवा अउ ओकरे बरे हुआँ रोएस। 3 तब इब्राहीम मरी भइ मेहरारु क तजेस अउ हित्ती लोगन स बात करइ गवा। उ कहेस, 4 “मइँ इ पहटा मँ नाहीं रहत। मइँ हिआँ सिरिफ एक राही अहउँ। ऍह बरे मोरे लगे आपन मेहरारु क गाड़इ क कउनो जगह नाहीं बाटइ। मइँ कछू भुइँया चाहत हउँ जेहमाँ आपन मेहरारु क दफनाइ सकूँ।” 5 हित्ती लोगन इब्राहीम क जवाब दिहेन, 6 “साहेब, आप हम पचन क बीच परमेस्सर क सकतीसाली राजकुमार अहइँ। आप आपन मरे भए क दफनावइ बरे सबन त नीक ठउरे प, जउन हम पचन क पास अहइ, लइ सकत हीं। आप हम पचन क कब्रिसतानन मँ स कउनो भी जगह, जउन आप चाहत हीं, लइ सकत हीं। हम लोगन मँ स कउनो भी आपक आपन मेहरारु दफनावइ स नाही रोकी।” 7 इब्राहीम उठा अउ मनइयन कइँती मूँड़ि निहुराएस। 8 इब्राहीम ओनसे कहेस, “जदि आप लोग सचमुच मोर मरी भइ मेहरारु क दफनावइ मँ मोर मदद करइ चाहत हीं तउ सोहर क पूत एप्रोन स मोरे बरे बात करइँ। 9 मइँ मकपेला क गुफा क बसेहब पसन्द करब। एप्रोन एकर मालिक अहइ। इ ओकरे खेत क सिरहने प बाटइ। मइँ एकरे दाम क मुताबिक ओका पूरी कीमत देब। मइँ चाहत अहउँ कि आप लोग इ बात क साच्छी रहइँ कि मइँ इ भुइँया क कब्रिस्तान क रुप मँ खरीदत अहउँ।” 10 एप्रोन हुअँइ मनइयन बीच बइठा रहा। एप्रोन इब्राहीम क जवाब दिहस, 11 “नाही, साहेब। मइँ आपन सबइ लोगन क समन्वा इ भुइँया तोहका देब। मइँ आपक उ गुफा देब। मइँ इ आप क एँह बरे देब कि आप एहमाँ आपन मेहरारु क दफनाइ सकइँ।” 12 तब इब्राहीम हित्ती मनइयन क समन्वा आपन मूँड़ि निहुराएस। 13 इब्राहीम सबहिं लोगन क समन्वा एप्रोन स कहेस, “मुला मइँ तो खेते क पूरा दाम देइ चाहत अहउँ। मोर धन अंगीकार करइँ। मइँ आपन मरे भए क एहमाँ गाड़ब।” 14 एप्रोन इब्राहीम क जवाब दिहेस, 15 “साहेब, मोरहु सुनइँ। चार सौ चाँदी क सेकेल। हमरे अउ आप क बीच मँ इ धन कछू भी नाही। भुइँया ल्या अउ आपन मरी भइ मेहरारु क गाड़ द्या।” 16 इब्राहीम समझोस कि एप्रोन ओका भुइँया क दाम बतावत अहइ। ऍह बरे हित्ती लोगन क गवाह मानिके, इब्राहीम चाँदी क चार सौ सेकेल एप्रोन बरे तौलेस। इब्राहीम पइसा उ बइपारी क दइ दिहेस जउन इ भुइँया क बेचइ क धन्धा करत रहा। 17 इ तरह एप्रोन क खेत क मालिक बदल गएन। इ खेत मम्रे क पूरब मकपेला मँ रहा। इब्राहीम उ खेत क, गुफा क अउर खेत क बृच्छन क मालिक होइ गवा। सहर क सबहि लोग एप्रोन अउ इब्राहीम क बीच भए समझौता क लखेन। 18 19 ऍकरे पाछे उ आपन मेहरारु सारा क कनान देस क मम्रे क निअरे जउन कि हेब्रोन मँ अहइ मकफेला क निअरे उ खेते क गुफा मँ गाड़ेस। 20 इब्राहीम खेत अउ ओकरे गुफा क हित्ती लोगन स खरीदेस। इ ओकर संपत्ति होइ गइ, अउ उ ऍकर बइपरब कब्रिस्तान क रुप मँ किहस।

24:1 इब्राहीम बहोत बूढ़ा होइके भी जिअत रहा। यहोवा इब्राहीम क आसीर्बाद दिहेस अउ ओकरे हर एक काम क सफल होइ दिहेस। 2 इब्राहीम क एक सबन त पुरान नउकर रहा जउन इब्राहीम क जउन कछू रहा ओकर प्रबंधक रहा। इब्राहीम उ नउकर क बोलाएस अउ कहेस, “आपन हाथ मोरे जाँघे क नीचे धरा। 3 अब मइँ चाहत हउँ कि तू मोका एक बचन द्या। धरती अउ आकास क परमेस्सर यहोवा क समन्वा तू बचन द्या कि तू कनान क कउनो बिटिया स मोरे पूत क बियाह नाही होइ देब्या। हम पचे उ कनानियन क मध्य मँ रहित ह, मुला कनानी लड़की स ओकर बियाह न करइ द्या। 4 तू मोरे देस अउ मोरे आपन मनइयन मँ लउटिके जा। हुआँ मोर पूत इसहाक बरे एक दुलहिन हेरा।” 5 नउकर ओसे कहेस, “इ तउ होइ सकत ह कि उ दुलहिन मोरे संग इ देस मँ लौटब न चाहइ। तब, का मइँ तोहरे पूत क तोहरी जन्म भुमि मँ लइ जाऊँ?” 6 इब्राहीम ओसे कहेस, “नाही! तू हमरे पूत क उ देस मँ न लइ जा। 7 यहोवा, सरग क परमेस्सर मोका मोरी जन्म भूमि स हिआँ लिआवा। उ देस मोर बाप अउ परिवार क घर रहा। मुला यहोवा इ बचन दिहस कि इ नवा प्रदेस मोरे परिवार वालन क होइ। यहोवा आपन एक सरगदूत तोहरे समन्वा पठएस जेहसे तू मोरे पूत बरे दुलहिन चुनि सका। 8 मुला अगर बिटिया तोहरे संग आउब मना करइ तउ तू आपन बचन स छुटकारा पाइ जाब्या। मुला तू मोरे पूत क उ देस मँ वापिस जिन लइ जा।” 9 इ तरह नउकर आपन मालिक क जाँघे तरे आपन हाथ धइके बचन दिहेस। 10 नउकर इब्राहीम क दस ठु ऊँट लिहेस अउ उ जगह स उ चला गवा। नउकर कइउ तरह क सुन्नर भेंट आपन संग लइ गवा। उ नाहोर क सहर मेसोपोटामिया गवा। 11 उ सहर क बाहर क कुआँ प गवा। इ बात साँझ क भइ जब मेहररुअन पानी भरइ बाहेर आवति ही। नउकर हुवँइ ऊँटन क गोड़े क घुटना क बल बइठाएस। 12 नउकर कहेस, “हे यहोवा, तू मोर सुआमी इब्राहीम क परमेस्सर अहा। आज तू ओकरे पूत बरे मोका एक दुलहिन दिआवा। कृपा कइके मोर मालिक इब्राहीम प दाया करा। 13 मइँ हिआँ इ पानी क कुआँ क लगे ठाड़ अहउँ अउर पानी भरइ बरे सहर स बिटियन आवति अहइँ। 14 मइँ एक ठु खास चीन्हा क बाट जोहत अहउँ जेहसे मइँ जान सकउँ कि इसहाक बरे कउन सी बिटिया नीक होइ। इ विसेख चीन्हा अहइ। मइँ बिटिया स कहब कि ‘मेहरबानी कइके आपन गगरी क खाले धरइँ जेहसे मइँ पानी पी सकउँ। मइँ तब समझब कि इ नीक लड़की अहइ जब उ कही, ‘पिआ, अउर मइँ तोहरे ऊँटन बरे भी पानी देब।’ जदि अइसा होइ तउ तू साबित कइ देब्या कि इसहाक बरे इ बिटियन नीक बाटइ। मइँ बूझब कि तू मोरे सुआमी प कृपा किह्?या ह।” 15 तब नउकर क पराथना पूरी होइ स पहिले ही रिबका नाउँ क एक लड़की इनारा प आइ। रिबका बतूएल क बिटिया रही। बतूएल इब्राहीम क भाई नाहोर अउ मिल्का क पूत रहा। रिबका आपन काँधे प पानी क गगरी लइके इनारा प आइ रही। 16 लड़की बहोत सुन्नर रही। उ कुआँरी रही। उ कउनो मनई क संग कबहु नाहीं सोइ रही। उ आपन कूँड़ा भरइ बरे इनारा प आइ। 17 तब नउकर ओकरे नगिचे तलक दौड़िके आवा अउ बोला, “मेहरबानी कइके आपन कूँड़ा स पिअइ बरे तनिक पानी द्या।” 18 रिबका हाली हाली काँधे स कूँड़ा क खाले उतारेस अउ ओका पानी पिआएस। रिबका कहेस, “महासय, इ पिअइँ।” 19 जइसेन ही उ पिअइ बरे कछु पानी देब खतम किहेस। रिबका कहेस, “मइँ आप क ऊँटयन क भी पानी पिअइ बरे दइ सकत हउँ।” 20 ऍह बरे रिबका फउरन कूँड़ा क सब पानी ऊँटयन बरे बना भवा हउदा मँ उड़ेरेस। तब उ अउर पानी लइ आवइ बरे इनारा क दौड़ गइ अउ उ सब ऊँटियन क पानी पिआएस। 21 नउकर ओका चुपचाप धियान स लखेस। उ इ तय करइ चाहत रहा कि यहोवा साइद इ बात क मान लिहेस ह अउ ओकरी जात्रा क सुफल बनाइ दिहस ह। 22 जब ऊँटियन पानी पी लिहन तब उ रिबका क आधा सेकेल जोखिके एक ठु सोना क मुनरी दिहेस। उ ओका दुइ बाजूबंद भी दिहेस जउन जोखे मँ हर एक दस सेकेल रहेन। 23 नउकर पूछेस, “तोहार बाप कउन अहइ? का तोहरे बाप क घरे मँ ऍतनी जगह बाटइ कि हम पचन क रहइ अउ सोवइ क सरंजाम होइ सकइ?” 24 रिबका जवाब दिहेस, “मोर बाप बतूएल अहइँ जउन मिल्का अउ नाहोर क पूत अहइँ।” 25 तब उ कहेस, “अउर हा हम पचन क लगे तोहरे ऊँट बरे चारा बाटइ अउ तोहरे सोवइ बरे जगह अहइ।” 26 नउकर मूँड़ि निहुराएस अउ यहोवा क आराधना किहेस। 27 नउकर कहेस, “मोरे सुआमी इब्राहीम क परमेस्सर यहोवा क धन्न हो। यहोवा हमरे सुआमी प दयालु अहइ। यहोवा मोका आपन सुआमी क पूत बरे सही लड़की दिहे अहइ।” 28 तब रिबका दौड़ी अउ जउन कछू भवा रहा आपन परिवार क बताएस। 29 रिबका क एक भाई रहा। ओकर नाउँ लाबान रहा। रिबका ओका उ बातन क बताएस जउन ओसे उ मनई किहे रहा। लाबान ओकर बातन अनकत रहा। जब लाबान मुनरी अउ बहिनी क बाँहे प बाजूबन्द निहारेस तउ उ धाइके इनारा प पहोंचा अउर हुआँ उ मनई इनारा क लगे, ऊँटियन क बगल मँ ठाड़ रहा। 30 31 लाबान कहेस, “साहेब, आप पधारइँ आप क सुआगत अहइ। आप क हिआँ बाहेर खड़ा नाही रहब बाटइ। मइँ आपक ऊँटियन बरे एक जगह बनइ दीन्ह ह अउ आप सोवइ बरे एक ठु कमरा ठीक कइ दीन्ह ह।” 32 ऍह बरे इब्राहीम क नउकर लाबन क घर गवा। लाबान ऊँटन पइ स बोझ उतारइ मँ ओकर मदद किहस अउ ऊँटन क खाइ बरे चारा दिहस। तब लाबान पानी दिहस जेहसे उ मनई अउ ओकरे संग आए भएन दूसर नउकरन आपन गोड़ पखारि सकइँ। 33 तब लाबान ओका खाइ बरे दिहस। मुला नउकर खइया क खइ स मना कइ दिहस। उ कहेस, “मइँ तब तलक भोजन न करब जब तलक मइँ इ नाही बताइ देउँ कि मइँ हिआँ काहे बरे आवा अहउँ।”ऍह बरे लाबान कहेस, “तब हम पचन क बतावा।” 34 नउकर कहेस, “मइँ इब्राहीम क नउकर अहउँ। 35 यहोवा हमरे सुआमी प हर एक जगह कृपा किहेस ह। मोर मालिक महान मनई होइ ग अहइँ। यहोवा इब्राहीम क कइउ भेड़िन क झुण्ड अउ गोरुअन क झुण्ड दिहे अहइ। इब्राहीम क लगे ढेरि क सोना, चाँदी अउ नउकर अहइँ। इब्राहीम क लगे बहोत स ऊँट अउ गदहा अहइँ। 36 सारा, मोर सुआमी क पत्नी अहइ। जब उ बहोतइ बुढ़ाइ गइ उ एक पूत क जन्म दिहेस अउ हमार सुआमी आपन सब कछू उ पूत क दइ दिहस ह। 37 मोर सुआमी मोका एक बचन देइ बरे बेबस किहस। मोर सुआमी मोसे कहेस, ‘तू मोरे पूत क कनान क लरिकी स कउनो भी तरह बियाह नाहीं करइ देब्या। हम पचे ओनके बीच रहित ह मुला मइँ नाहीं चाहित कि उ कउनो कनानी लरिकी स बियाह करइ। 38 ऍह बरे तोहका बचन देइ क होइ कि तू मोरे बाप क देस जाब्या। मोरे परिवार मँ जा अउ मोरे पूत बरे एक ठु दुलहिन चुना।’ 39 मइँ आपन सुआमी स कहेउँ, ‘इ होइ सकत ह कि उ दुलहिन मोरे संग इ देस मँ आवइ स इन्कार करेस।’ 40 मुला मोर मालिक कहेस, ‘मइँ यहोवा क सेवा करत हउँ अउ यहोवा तोहरे संग आपन सरगदूत पठई अउ तोहर मदद करी। तोहका हुआँ मोरे आपन लोगन मँ स मोरे पूत बरे एक दुलहिन मिली। 41 मुला जदि तू मोरे पिता क देस जात ह अउर उ पचे मोरे पूत बरे एक ठु दुलहिन देब मना करत हीं तउ तोहका इ बचन स छुटकारा मिलि जाइ।’ 42 “आजु मइँ इ इनारा प आवा हउँ अउर मइँ कहेउँ ह, ‘हे यहोवा मोर सुआमी क परमेस्सर कृपा कइके मोर जात्रा सुफल बनावा। 43 मइँ हिआँ इनारा क लगे रुकब अउ पानी भरइ बरे आवइ वाली नवखिल मेहरारु क जोहब। तब मइँ कहब, “कृपा कइके आप आपन कूँड़ा स पिअइ बरे पानी द्या।” 44 नीक बिटिया ही खास तरह स जवाब देइ। उ कही, “इ पानी पिआ अउ मइँ तोहरे ऊँटियन बरे पानी लावत अहउँ।” इ तरह मइँ जानब कि इ उहइ मेहरारु अहइ जेका यहोवा मोर सुआमी पूत बरे चुने अहइ।’ 45 “मोर पराथना पूरी होइ क पहिले ही रिबका इनारा प पानी भरइ आइ। पानी क कूँड़ा उ आपन काँधे प लइके धरे रही। उ इनारा तलक गइ अउ उ पानी भरेस। मइँ एहसे कहेउँ, “कृपा कइके मोका तनिक पानी द्या। 46 उ फउरन काँधे स कूँड़ा क निहुराएस अउ मोरे बरे पानी उड़ेरेस अउ कहेस, “इ पिअइँ अउ मइँ आप क ऊँटियन बरे पानी लिआउब।’ ऍह बरे मइँ पानी पिएउँ अउ आपन ऊँटन क भी पानी पियाएउँ। 47 तब मइँ एहसे पूछेउँ, ‘तोहार पिता कउन अहइँ?’ इ जवाब दिहस, ‘मोर पिता बतूएल अहइ। मोरे पिता क महतारी-बाप मिल्का अउ नाहोर अहइँ।’ तब्बइ मइँ ऍका मुनरी अउ बाँहे बरे बाजूबन्द दिहेउँ ह। 48 उ टेम मइँ आपन मूँड़ी निहुराएउँ अउ यहोवा क धन्न कहेउँ। मइँ आपन सुआमी इब्राहीम क परमेस्सर यहोवा क प्रसंसा किहा। मइँ ओका धन्न कहेउँ काहेकि उ सोझेइ मोरे सुआमी क भाई क नतिनी तलक मोका पहोंचाएस। 49 अब बतावा कि तू का करब्या? का तू मोरे सुआमी प दयालु अउ स्वामिभकत होब्या अउ आपन बिटिया ओका देब्या? या तू आपन बिटिया देब मना करब्या? मोका बतावा, जेहसे, मइँ इ समुझ सकउँ कि मोका का करइ क बाटइ।” 50 तब लाबान अउ बतूएल जवाब दिहन, “हम पचे इ लखत अही कि इ यहोवा कइँती स बाटइ। ऍका हम सबइ टारि नाही सकित। 51 रिबका तोहार अहइ। ओका ल्या अउ जा। आपन सुआमी क पूत स एका बियाह करइ द्या। इहइ अहइ जेका यहोवा चाहत ह।” 52 इब्राहीम क नउकर सुनेस अउ उ यहोवा क समन्वा भुइँया प निहुरा। 53 तब उ रिबका क उ सबइ भेंट दिहस जउन उ संग लिआवा रहा। उ रिबका क सोना अउ चाँदी क गहना अउ बहोत स सुन्नर ओढ़ना दिहस। उ, ओकरे भाई अउ महतारी क कीमती भेंट दिहस। 54 नउकर अउ ओकरे संग क मनई हुआँ ठहरेन अउ खाएन अउर पिएन। उ पचे हुआँ राति भइ ठहरेन। उ पचे दूसर दिन भिन्सारे उठेन अउ बोलेन “अब हम आपन मालिक क लगे जाब।” 55 रिबका क महतारी अउ भाई कहेन, “रिबका क हम लोगन क लगे कछू दिन अउ ठहरइ द्या। ओका दस दिन तलक हमरे संग ठहरइ द्या। ऍकरे पाछे उ जाइ सकत ह।” 56 मुला नउकर ओनसे कहेस, “यहोवा मोर जात्रा सफल किहेस ह। अब मोसे जिन जोहावा। मोका आपन मालिक क लगे लौटि जाइ द्या।” 57 रिबका क भाई अउ महतारी कहेन, “हम पचे रिबका क बोलाउब अ ओसे पूछब कि उ का चाहत ह” 58 उ पचे रिबका क बोलाएन अउ ओसे कहेन, “का तू इ मनई क संग अबहि जाइ चाहत अहा?” रिबका कहेस, “हा, मइँ जाब!” 59 ऍह बरे उ पचे रिबका क इब्राहीम क नउकर अउ ओकरे संगी लोगन क साथे जाइ दिहन। रिबका क धाई भी ओनके संग गइ। 60 जब उ जाइ लाग अउ उ पचे रिबका स बोलेन,हमार बहिनी, तू लाखन मनइयन क महतारी बना अउ तोहार संतान आपन दुस्मनन क हरावइँ अउ ओनके सहरन क हड़प लेइँ।” 61 तब रिबका अउ धाई ऊँट प सवार भइन अउ नउकर अउ ओकरे संगी लोगन क पाछे चलइ लागिन। इ तरह नउकर रिबका क संग लिहस अउ घरे लउटइ बरे जात्रा सुरु किहस। 62 इ टेम इसहाक बेर लहैरोई क तजि दिहे रहा अउ नेगेव मँ रहइ लगा। 63 एक संझा क इसहाक मइदान मँ टहरत रहा। इसहाक नजर दउड़ाएस अउ बहोत दूर स ऊँटन क आवत लखेस। 64 रिबका लखेस अउ इसहाक क निहारेस। तब उ ऊँट स कूदि पड़ी। 65 उ नउकर स पूछेस, “हम मनइयन स मिलइ बरे खेतन मँ टहरत उ मनई कौन अहइ?”नउकर कहेस, “इ मोरे सुआमी क पूत अहइ।” ऍह बरे रिबका आपन मुँह क पर्दा मँ छिपाइ लिहस। 66 नउकर इसहाक क उ सबइ बातन क बताएस जउन घटि गइ रहिन। 67 तब इसहाक बिटिया क आपन महतारी क तम्बू मँ लिआवा। उहइ दिन रिबका इसहाक क मेहरारु होइ गइ। इसहाक ओसे बहोत पिआर करत रहा। ऍह बरे इसहाक क आपन महतारी क मउन क पाछे भी धीरज अउ दिलासा मिली।

25:1 इब्राहीम फुन बियाह किहस। ओकर नई मेहरारु क नाउँ कतूरा रहा। 2 कतूरा जिम्रान, योच्छान, मिधान, मिदान यिसबाक अउ सूह क जन्म दिहेस। 3 योच्छान, सबा अउ ददान क बाप रहा। ददान क संतानन अस्सूर, लुम्मी अउ लतूसी लोग रहेन। 4 मिद्यान क पूत एपा, एपेर, हनोक, अबीदा अउ एल्दा रहेन। इ सबहि पूत इब्राहीम अउ कतूरा स पइदा भएन। 5 इब्राहीम मरइ स पहिले आपन मेहरारु नउकरन क पूतन क कछू भेंट दिहस। इब्राहीम पूतन क पूरब पठएस। उ ऍनका इसहाक स दूर पठएस। ऍकरे पाछे इब्राहीम आपन सबहि चीजन इसहाक क दइ दिहस। 6 7 इब्राहीम एक सौ पचहत्तर बरिस क उमर तलक जिअत रहा। 8 इब्राहीम धीमे धीमे दुबराइ गवा अउ संतुट्ठ जीवन बिताइ क पाछे चल बसा। उ ल्म्बी भरपूर जिन्नगी बिताएस अउर ओका दफना दीन्ह गवा रहा। 9 ओकर पूत इसहाक अउ इस्माएल ओका मकपेला क गुफा मँ दफनाएन। इ गुफा सोहर क पूतन एप्रोन क खेते मँ अहइ। इ मम्रे क पूरब मँ रही। 10 इ उहइ गुफा अहइ जेका इब्राहीम हित्ती लोगन स बेसहे रहा। इब्राहीम क ओकर मेहरारु सारा क संग गाड़ा गवा। 11 इब्राहीम क मरइ क पाछे परमेस्सर इसहाक प कृपा किहेस अउ इसहाक बेर लहैरोई मँ रहत रहा। 12 इस्माएल क परिवार क इ सूची अहइ। इस्माएल इब्राहीम अउ हाजिरा क पूत रहा। (हाजिरा सारा क मिस्र देस क दासी रही।) 13 इस्माएल क पूतन क इ सबइ नाउँ अहइँ पहिला पूत नबायोत रहा, तब केदार पइदा भवा, तब अदबेल, मिबसाम. 14 मिस्मा, दूमा, मस्सा, 15 हदद, तेमा, यतूर, नापीस अउ केदमा भएन। 16 इ सबइ इस्माएल क पूतन क नाउँ रहेन। हर एक पूत क आपन गाँव या सिबिर रहेन। आपन कबील क उपचे बारह राजकुमार रहेन। 17 इस्माएल एक सौ सैंतीस बरिस जिअत रहा। तबहीं उ मर गवा अउ दफना दीन्ह गवा रहा। 18 इस्माएल क सन्तानन हवीला स लइके सूर क लगे मिस्र क चौहद्दी अउ ओसे भी आगे अस्सूर क किनारे तलक, बसे रहेन अउ आपन रस्तेदारन पइ हमला करत रहेन। 19 इ इसहाक क कहानी बाटइ। इब्राहीम क एक पूत इसहाक रहा। 20 जब इसहाक चालीस बरिस क रहा तब उ रिबका स बियाइ किहस। रिबका पद्दनराम क रहइवाली रही। उ अरामी बतूएल क बिटिया रही अउ लाबान क बहिन रही। 21 इसहाक क बसही बच्चा नाही पइदा कइ सकी। ऍह बरे इसहाक यहोवा स आपन मेहरारु बरे पराथना किहस। यहोवा इसहाक क बिनती सुनेस अउ यहोवा रिबका क गरभ धारण करइ दिहस। 22 जब रिबका गरभ धारण किहे रही तब ओकरे गर्भ मँ बच्चे एक दूसर क संग धवका धक्‌की करत रहेन। रिबका यहोवा स पराथना किहेस, अउ बोली, “मोरे संग अइसा काहे होत अहइ।” 23 यहोवा कहेस “तोहरे गर्भ मँ दुइ रास्ट्र अहइँ।दुइ परिवारन क राजा तोहसे पइदा होइहीं अउ उ पचे अलगाइ जइही। एक पूत दूसर स बलवान होइ। बड़का पूत छोटके पूत क सेवा करी” 24 अउर जब टेम पूरा भवा तउ रिबका जुड़ौधा लरिकन क जन्मेस। 25 पहिला लरिका लाल भवा। ओकर खाल रोवाँदार ओढ़ना क नाईं रही। ऍह बरे ओकर नाउँ एसाव पड़ा। 26 जब दूसर लरिका पइदा भवा, उ एसाव क एँड़ी क मजबूती स धरे रहा। ऍह बरे उ लरिका क नाउँ याकूब पड़ा। इसहाक क उमिर उ टेम साठ बरिस क रही। जब याकूब अउ एसाव पइदा भएन। 27 लरिकन बड़ा भएन। एसाव एक होसियार सिकारी भवा। उ मइदानन मँ रहब पसन्द करइ लाग। मुला याकूब सान्त रहा। उ आपन तम्बू मँ रहत रहा। 28 इसहाक एसाव क पिआर करत रहा। उ ओन जनावरन क खाब पसन्द करत रहा जेका एसाव मारि क लइ आवत रहा। मुला रिबका याकूब क पिआर करत रही। 29 एक दाईं एसाव सिकार स लउटा। उ भूख स थका अउ कमजोर होइ गवा रहा। याकूब कछू दाल पकावत रहा। 30 इ कारण एसाव याकूब स कहेस, “मइँ भूख स कमजोर होत अहउँ। तू उ लाल दाल मँ स कछू मोका द्या।” (इहइ कारण अहइ कि लोग ओका एदोम कहत हीं।) 31 मुला याकूब कहेस, “तोहका पहिलौठी होइ क आधिकार मोका आज बेचइ करइ क होइ।” 32 एसाव कहेस, “मइँ भूख स मरा जात अहउँ। अगर मइँ मरि जात अहउँ तउ मोरे बाप क सब धन मोर मदद नाही कर पाइ। ऍह बरे तोहका मइँ आपन हींसा देब।” 33 मुला याकूब कहेस, “पहिले बचन द्या कि तू इ मोका देब्या।” ऍह बरे एसाव याकूब क बचन दिहस। एसाव आपन पिता क धन क आपन हीसां याकूब क बेच दिहस। 34 तब याकूब एसाव क रोटी अउ भोजन दिहस। एसाव खाएस, पिएस अउ तब चला गवा। इ तरह एसाव इ देखॅाएस कि उ पहिलौटा होइ क आपन आधिकार क परवाह नाही किहेस।

26:1 एक दाँई अकाल पड़ा। इ अकाल वइसा ही रहा जइसा इब्राहीम क टेम मँ पड़ा। ऍह बरे इसहाक गरार सहर मँ पलिस्तियन क राजा अबीमेलेक क लगे गवा। 2 यहोवा इसहाक स बात किहस। यहोवा इसहाक स इ कहेस, “मिस्र क जिन जा। उहइ देस मँ रहा जेहमाँ रहइ क हुकुम मइँ तोहका दिहेउँ ह। 3 उहइ देस मँ रहा अउर मइँ तोहरे संग रहब। मइँ तोहका आसीर्बाद देब। मइँ तोहका अउ तोहरे परिवार क उ सब पहटा देब। मइँ उहइ करब जउन मइँ तोहरे बाप इब्राहीम क बचन दिहेउँ ह। 4 मइँ तोहरे परिवार क आकास क तारा समूह क तरह बहोत स बनाउब अउर मइँ सारा पहटा तोहरे परिवारे क देब। धरती क सब रास्ट्र तोहरे सन्तानन क कारण मोर आसीर्बाद पाइ जइही। 5 मइँ इ ऍह बरे करब कि तोहार बाप मोर हुकुम क मानेस अउ मइँ जउन कछू कहेउँ, उ किहस। इब्राहीम मोरे हुकुमन, मोर कानूनन अउ मोरे नेमन क पालन किहस।” 6 इसहाक रुका अउ गरार मँ रहा। 7 इसहाक क मेहरारु रिबका बहोत सुन्नर रही। उ जगह क मनइयन इसहाक स रिबका क बारे मँ पूछेन। इसहाक कहेस, “इ मोर बहिन अहइ।” इसहाक इ कहइ स डेरान कि रिबका मोर मेहरारु अहइ। इसहाक डेरात रहा कि मनई ओकर मेहरारु क पावइ क ओका मारि डइही। 8 जब इसहाक हुआँ बहोत टेम तलक रहि चुका, तउ एक दिन अबीमेलेक आपन खिड़की स बाहेर झाँकेस अउ लखेस कि इसहाक, रिबका क संग हसी अउर खेल करत अहइ। 9 अबीमेलेक इसहाक क बोलाएस अउ कहेस, “इ मेहरारु तोहार पत्नी अहइ। तू हम पचन स इ काहे कह्?या कि इ मोर बहिन अहइ।”इसहाक ओसे कहेस, “मइँ डेरात रहेउँ कि तू ओका पावइ बरे मोका मारि डउब्या।” 10 अबीमेलेक कहेस, “तू हम पचन क बुरा किह्या ह। हम पचन क कउनो भी मनई तोहरे पत्नी क संग सोइ सकत रहा। तब उ बड़के पाप क दोखी होत।” 11 ऍह बरे अबीमेलेक सबहि मनइयन क चिताउनी दिहस। उ कहेस, “इ मनसेधू अउ इ मेहरारु क कउनो चोट नाही पहोंचाई। अगर कउनो ऍनका चोटपहोंचाइ तउ उ मनई जान स मारि दीन्ह जाइ।” 12 इसहाक उ भुइँया प खेती किहस अउ उ बरिस ओकरे बहोतइ फसिल भइ। यहोवा ओह प बहोतइ कृपा किहेस। 13 इसहाक धनी होइ गवा। उ जियादा स जियादा धन तब तलक बटोरत रहा जब तलक बहोत धनी नाही होइ गवा। 14 ओकरे लगे बहोत स झुण्ड अउ गोरुअन क झुण्ड रहेन। ओकरे लगे ढेर दास भी रहेन। सबहि पलिस्ती ओसे डाह राखत रहेन। 15 ऍह बरे पलिस्तियन ओन सबहि इनारन क बर्बाद कइ दिहन जेनका इसहाक क बाप इब्राहीम अउ ओकर साथी लोगन कइउ साल पहिले खने रहेन। पलिस्तियन ओनका माटी स पाट दिहन 16 अउर अबीमेलेक इसहाक स कहेस, “हमार देस तजि द्या। तू हम पचन स बहोत जियादा सकतीवाला होइ गवा अहा।” 17 ऍह बरे इसहाक उ जगह तजि दिहस अउ गरार क छोटी नदी क लगे पड़ाव डालेस। इसहाक हुवइ ठहरा अउ हुवँइ रहा। 18 एकरे बहोत पहिले इब्राहीम कइउ इनारा खने रहा। जब इब्राहीम मरा तउ पलिस्तियन माटी से इनारा पाटि दिहन। ऍह बरे हुवइ इसहाक लौटा अउ ओन इनारान क फुन खनेस। उ इनारा क उहइ नाउँ दिहेस जउन नाउँ ओकर पिता दिहे रहा। 19 इसहाक क नउकरन छोटी नदी क लगे एक इनारा खनेन। उ कुआँ स पानी क एक सोता फूट पड़ा। 20 तब गरार क गड़रिया लोग उ इनारा क कारण इसहाक क नउकरन स झगड़इ लागेन। उ पचे कहेन, “इ पानी हमार अहइ।” ऍह बरे इसहाक ओकर नाउँ एसेक राखेस। उ इ नाउँ ऍह बरे दिहस कि उहइ जगह प उ मनइयन ओसे झगड़ा किहे रहेन। 21 तब इसहाक क नउकरन दूसर इनारा खनेन। हुआँ क मनइयन उ इनारा बरे भी झगड़ेन। ऍह बरे इसहाक उ इनारा क नाउँ सित्ना राखेस। 22 इसहाक हुआँ स हटा अउ दूसर इनारा खनेस। उ इनारा बरे झगड़ा करइ कउनो नाही आवा। ऍह बरे इसहाक उ इनारा क नाउँ रहोबोत राखेस। इसहाक कहेस, “यहोवा हिआँ हमरे बरे जगह दियाएस ह। हम पचे प्रगति करब अउर बढ़ब अउ इहइ भुइँया पइ पूरी तरह सफल होइ जाब।” 23 उ जगह स इसहाक बेर्सेबा क गवा। 24 यहोवा उ रात इसहाक स बोला, “मइँ तोहरे पिता इब्राहीम क परमेस्सर अहउँ। जिन डेराअ। मइँ तोहरे संग अहउँ अउ मइँ तोहका आसीर्बाद देब। मइँ तोहरे परिवार क महान बनाउब। मइँ आपन सेवक इब्राहीम क कारण इ करब।” 25 ऍह बरे इसहाक उ जगह यहोवा क आराधना बरे एक वेदी बनाएस। इसहाक हुआँ पड़ाव डालेस अउ ओकर नउकर लोग एक इनारा खनेन। 26 अबीमेलेक गरार स इसहाक क लखइ आवा। अबीमेलेक आपन संग सलाहकार अहुज्जत अउ सेनापति पीकोल क लइ आवा। 27 इसहाक पूछेस, “तू मोका लखइ काहे आया ह तू एकरे पहिले मोरे संग दोस्ती नाहीं राखत रह्या। तू मोका आपन देस तजि देइ क बेबस किहा।” 28 उ पचे जवाब दिहन, “अब हम पचे जानित ह कि यहोवा तोहार संग अहइ। इ बरे हम चाहित ह कि हम पचे तोहरे संग एक समझौता करी। हम चाहित ह कि तू हमका एक बचन द्या। 29 हम पचे तोहका चोट नाहीं पहोंचावा, अब तू पचन क इ बचन देइ चाही कि तू हम लोगन क चोट नाही पहोंचउब्या। हम पचे तोहका पठवा ह। मुला हम पचे तोहका सान्ति स पठवा ह। अब इ बात साफ अहइ कि यहोवा तोहका आसीर्बाद दिहेस ह।” 30 ऍह बरे इसहाक ओनका दावत दिहस। सबहि खाएन अउ पिएन। 31 दूसर दिन भिन्सारे हर एक मनई बचन दिहस अउ किरिया खाएस। तब इसहाक ओनका सान्ति स बिदा किहस अउ उ पचे कुसल स ओकरे निचके स चला आएन। 32 उ दिना इसहाक क नउकर आएन अउ उ पचे आपन खना इनारा क बारे मँ बताएन। नउकरन कहेन, “हम पचे उ इनारा स पानी पिआ ह।” 33 ऍह बरे इसहाक ओकर नाउँ सिबा रखेस अउ उ सहर अबहि भी बेर्सेबा कहवावत ह। 34 जब एसाव चालीस बरिस क भवा उ हित्ती मेहररुअन स बियाह किहस। एक बेरी क बिटिया यहूदीत रही। दूसर एलोन क बिटिया बासमत रही। 35 इ सबइ बियाहे स इसहाक अउ रिबका क मन दुःखी भवा।

27:1 जब इसहाक बुढ़ाइ वा तउ ओकर अँखियन नीक नाही रहिन। इसहाक साफ-साफ नाही लखि सकत रहा। एक दिन उ आपन बड़का पूत एसाव क बोलाएस। इसहाक कहेस, “बेटवा!”एसाव जवाब दिहस, “हाँ, पिताजी!” 2 इसहाक कहेस, “लखा, मइँ बुढाइ गवा अहउँ। होइ सकत ह कि मइँ हाली ही मरि जाउँ। 3 अब तू आपन तीरन अउ धनुख लइके, मोरे खातिर सिकार प जा। मोरे खाइ बरे एक ठु जनावर मारि लिआवा। 4 मोर मनचाहा खइया क बनावा। ओका मोरे लगे लिआवा, अउर मइँ एका खाब। तब मइँ मरइ स पहिले असीसब।” 5 ऍह बरे एसाव सिकार करइ गवा।रिबका उ सबइ बात सुनि लिहे रही, जउन इसहाक आपन पूत एसाव स कहेस। 6 रिबका आपन पूत याकूब स कहेस, “सुना, मइँ तोहरे बाप क, तोहरे भाई स बतियात सुनेउँ ह। 7 तोहार पिता कहेस, ‘मोरे खाइ बरे एक जनावर मारा। मोरे बरे भोजन बनावा, अउ मइँ ओका खाब। तब मइँ मरइ क पहिले तोहका आसीर्बाद देबा’ 8 ऍह बरे पूत सुना। मइँ जउन कहति अहउँ, करा। 9 आपन बोकरियान क बीच जा अउ दुइ नई बोकरी लिआवा। मइँ ओनका वइसा बनाउब जइसा तोहरे पिता क सोहाइ। 10 तबइ तू उ भोजन आपन पिता क लगे लइ जाब्या अउ उ मरइ क पहिले तोहका ही आसीर्बाद देइ।” 11 मुला याकूब आपन महतारी रिबका स कहेस, “मुला मोर भाई रोंवादार अहइ अउ मइँ ओकरी जगह रोवांदार नाहीं अहउँ। 12 जदि मोर बाप मोका छुअत ही, तउ जान लेइहीं कि मइँ एसाव नाही अहउँ। तब उ पचे मोका आसीर्बाद नाही देइहीं। उ पचे मोका सरापिही काहेकि मइँ ओनके संग छल-कपट करइ क जतन किहेउँ ह।” 13 यह पइ रिबका ओसे कहेस, “जदि कउनो परेसानी होइ तउ मइँ आपन दोख मान लेब। जउन मइँ कहति हउँ करा। जा, मोरे बरे बोकरियन लिआवा।” 14 याहूब ऍह बरे बाहेर गवा अउ उ दुइ बोकरियन क धरेस अउ आपन महतारी क लगे लइ आवा। ओकर महतारी इसहाक क पसंद क अनुसार विसेख तरीका स पकाएस। 15 तब रिबका उ पोसाक क उठाएस जउन ओकर बड़का पूत एसाव पहिरब पसंद करत रहा। रिबका आपन छोटका पूत याकूब क ओढ़ना पहिराइ दिहस। 16 रिबका बोकरियन क चाम क लिहस अउ याकूब क हाथे अउर गला प बाँध दिहस। 17 तब रिबका आपन पकावा भोजन उठाएस अउ ओका याकूब क दिहस। 18 याकूब पिता क लगे गवा अउ बोला, “पिता जी।”अउर ओकर पिता पूछेस, “हा पूत, तू कउन अहा?” 19 याकूब आपन पिता स कहेस, “मइँ आप क बड़का बेटवा एसाव अहउँ। आप जउन कहेन ह, मइँ कर दिहेउँ ह। अब आप बइठइँ अउ ओन जनावरन क खाइँ जेनकइ सिकार मइँ आप क बरे किहेउँ ह। तब आप मोका आसीर्बाद दइ सकत ही।” 20 मुला इसहाक आपन पूत स कहेस, “तू ऍतनी हाली सिकार कइके जनावरन क कइसे मार्‌या ह?”याकूब जवाब दिहस, “काहेकि आप क परमेस्सर यहोवा मोका हाली ही जनावरन क दियाइ दिहस।” 21 तब इसहाक याकूब स कहेस, “मोर पूत मोरे लगे आवा जेहसे मइँ तोहका छुइ सकउँ। जदि मइँ तोहका छुइ सकउँ तउ मइँ इ जान जाब कि तू असलियत मँ मोर पूत एसाव अहा।” 22 याकूब आपन बाप इसहाक क लगे गवा। इसहाक ओका छुएस अउ कहेस, “तोहार आवाज याकूब जइसी अहइ। मुला तोहार बाँहन एसाव क रोंवादार बाहन क नाईं अहइँ।” 23 इसहाक इ नाहीं जान पावा कि इ याकूब अहइ काहेकि ओकर बाँह एसाव क बाँह क नाईं रोंवादार रहिन। ऍह बरे इसहाक याकूब क असीसेस। 24 इसहाक कहेस, “का सचमुच तू मोर पूत एसाव अहा?” याकूब जवाब दिहस, “हाँ, मइँ अहउँ।” 25 तब इसहाक कहेस, “भोजन लिआवा। मइँ एका खाब अउ तोहका असीर्बाद देब।” ऍह बरे याकूब ओका भोजन दिहस अउ उ खाएस। याकूब ओका दाखरस दिहस, अउर उ ओका पिएस। 26 तब इसहाक ओसे कहेस, “पूत मोरे निचके आवा अउ मोका चूमा।” 27 ऍह बरे याकूब आपन बाप क लगे गवा अउ ओका चूमेस। इसहाक एसाव क ओढ़ना क गन्ध पाएस अउ ओका असीसेस।इसहाक कहेस, “अहा, मोर पूत क सुगन्ध यहोवा स बरदान पाइ गए खेतन क सुगन्धि क नाईं बाटइ। 28 यहोवा तोहका बहोत बर्ख देइ। जेसे तोहका बहोत फसिल अउ दाखरस मिलइ। 29 सब लोग तोहार सेवा करइँ। रास्ट्र तोहरे समन्वा निहुरइ। तू आपन भाई लोगन क ऊपर राज्ज करब्या। तोहरी महतारी क पूत तोहरे समन्वा निहुरिही अउ तोहार हुकुम मनिही।हर एक मनई जउन तोहका सरापी, सराप पाइ अउ हर एक मनई जउन तोहका आसीर्बाद देइ, आसीर्बाद पाइ।” 30 इसहाक याकूब क आसीर्बाद देब पूरा किहेस। तब जइसेन ही याकूब आपन बाप इसहाक क निचके स गवा, बइसेन ही एसाव सिकार कइके भीतर आवा। 31 एसाव आपन पिता क मनचाहा भोजन बनाएस। एसाव ऍका आपन पिता क निचके लिआवा। उ आपन पिता स कहेस, “पिता जी, उठइँ अउ उ भोजने क खाइँ जउन आपका पूत आप क बरे मारेस ह। तब आप मोका आसीर्बाद दइ सकत ही।” 32 मुला इसहाक ओसे कहेस, “तू कउन अहा?”उ जवाब दिहस, “मइँ आप क पहिलौठी पूत एसाव अहउँ।” 33 तब इसहाक बहोतइ परेसान होइ गवा अउ बोला, “तब तोहरे आवइ स पहिले उ कउन रहा? जउन भोजन बनाएस अउ मोरे संग लावा। मइँ उ सब खाएउँ अउ ओका आसीर्बाद दिहेउँ। अब आपन आसीर्बाद क लउटावइ क टेम निकरि गवा अहइ।” 34 एसाव आपन पिता क बात सुनेस। उ बहोतइ गुस्साइ गवा अउ करुआइ गवा। उ चिचियान। उ आपन बाप स कहेस, “पिताजी, तब मोका भी आसीर्बाद देइँ।” 35 इसहाक कहेस, “तोहार भाई मोका धोखा दिहेस। उ आवा अउ तोहार आसिर्बाद लइके गवा।” 36 एसाव कहेस, “ओकर नाउँ ही याकूब अहइ। इ नाउँ ओकरे बरे ठिक ही अहइ। ओकर इ नाउँ बिल्कुल ठीक ही रखा गवा अहइ। उ फुरइ चालबाज अहइ। उ मोका दुइ दाईं धोखा दिहेस। उ पहिलउठी होइ क मोरे आधिकार क लइ ही चुका बाटइ अउर अब उ मोरे हीसा क आसीर्बाद क भी लइ लिहस।” तब एसाव कहेस, “का आप मोरे बरे कउनो आसीर्बाद बचाइके रख्या ह?” 37 इसहाक जवाब दिहस, “नाही, अब बहोत देर होइ गइ। मइँ याकूब क तोहरे ऊपर राज्ज करइ क आधिकार दइ दिहेउँ ह। मइँ इ भी कहि दिहेउँ ह कि सब भाई ओकर सेवक होइही। मइँ ओका बहोत जियादा अन्न अउ दाखरस क आसीर्बाद दिहेउँ ह। पूत तोहका देइ क कछू नाही बचा अहइ।” 38 मुला एसाव आपन पिता स माँगत रहा। “पिता जी, का आप क लगे एक भी आसीर्बाद नाही बाटइ? पिताजी, मोका भी असीसा।” अइसेन एसाव रोवइ लाग। 39 तब इसहाक ओसे कहेस, “तू अच्छी भुइँया प नाही रहब्या। तोहरे लगे बहोत जियादा अन्न नाही होइ। 40 तोहका जिअइ बरे संघर्स करइ क होइ अउर तू आपन भाई क दास होब्या। मुला तू अजादी बरे लड़ब्या, अउ ओकरे राज्ज स अजाद होइ जाब्या।” 41 एकरे पाछे इ आसीर्बाद क कारण जउन ओकर पिता दिए रहे एसाव याकूब स घिना करत रहा। एसाव मन ही मन सोचेस, “मोर बाप हाली ही मरि जाइ अउ मइँ ओकर दुःख मनाउब। मुला ओकरे पाछे मइँ याकूब क मारि डाउब।” 42 जब रिबका याकूब क मारइ बरे एसाव क जोजना क सुनेस। तउ उ याकूब क बोलाएस अउर कहेस, “सुना, तोहार भाई एसाव तोहका मारि डावइ बरे जोजना बनावत ह। 43 ऍह बरे पुत जउन मइँ कहति हउँ, करा। मोर भाई लाबान हारान मँ रहत ह। ओकरे पास जा अउ लुकान रहा। 44 ओकरे लगे तनिक टेम तलक रहा जब तलक तोहरे भाई क किरोध नाही उतरत। 45 तनिक समइ पाछे तोहार भाई भूलि जाइ कि तू ओनके संग का किहा? तब मइँ तोहका लउटावइ बरे एक ठु नउकर क पठउब। एक ही दिन दुइनउँ पूतन क मइँ खोइ देइ नाही चाहित।” 46 तब रिबका इसहाक स कहेस, “तोहरा पूत एसाव हित्ती मेहरारुअन स बियाह कइ लिहस ह। मइँ इ मेहररुअन स तंग भए गवा अहउँ काहेकि इ सबइ हमरे परिवार क लोगन मँ स नाही अहइँ। अगर याकूब भी इ मेहररुअन मँ स कउनो क संग बियाह करत ह तउ मइँ मरि जाइ चाहबिउँ।”

28:1 इसहाक याकूब क बोलाएस अउ ओका आसीर्बाद दिहस। तब इसहाक ओका हुकुम दिहस। इसहाक कहेस, “तू कनानी मेहरारु स बियाह नाही कइ सकत्या। 2 ऍह बरे इ ठउर क तजा अउ पद्दन-अराम क जा। आपन नाना बतूएल क घराना मँ जा। हुआँ तोहार मामा लाबान रहत ह। ओकरी कउनो एक बिटिया स बियाह करा। 3 मइँ पराथना करत हउँ कि सब स सर्वसक्तीमान परमेस्सर तोहका आसीर्बाद देइ अउ तोहका बहोत स पूत देइ। मइ पराथना करत हउँ कि तू एक बड़का रास्ट्र क पिता बना। 4 मइँ पराथना करत हउँ कि जउने तरह परमेस्सर इब्राहीम क बरदान दिहे रहा उहइ तरह उ तोहका भी आसीर्बाद देइ। मइँ पराथना करत हउँ कि परमेस्सर तोहका इब्राहीम क आसीर्बाद देइ, मइँ पराथना करत हउँ कि तू जहा भी रहा उ धरती तोहार कब्जा मँ होइ। इ उहइ धरती अहइ जउन परमेस्सर इब्राहीम क दिहे रहा।” 5 इ तरह इसहाक याकूब क पद्दन-अराम क पहटा क पठएस। याकूब आपन मामा लाबान क लगे गवा। अरामी बतूएल लाबान अउ रिबका क पिता रहा अउ रिबका याकूब अउ एसाव क महतारी रही। 6 एसाव क पता चला कि ओकर बाप इसहाक याकूब क आसीर्बाद दिहेस ह अउ याकूब क पद्दन-अराम मँ एक ठु मेहरारु क खोज बरे पठएस ह। एसाव क इ भी पता लाग कि इसहाक याकूब क आदेस दिहेस ह कि उ कनानी मेहरारु स बियाह न करइ। 7 एसाव इ समझेस कि याकूब आपन महतारी बाप क हुकुम मानेस अउ उ पद्दन-अराम क चला गवा। 8 एसावा एहसे इ समझेस कि ओकर बाप इ नाही चाहत कि ओकर पूत लोग कनानी मेहररुअन स बियाह करइँ। 9 एसाव क दुइ मेहररुअन पहिले स ही रहिन। मुला उ इस्माएल क बिटिया महलत स बियाह किहस। इस्माएल इब्राहीम क पूत रहा। महलत नबायोत क बहिन रही। 10 याकूब बेर्सेबा क तजि दिहस अउ उ हारान क चला गवा। 11 याकूब क जात्रा करत समइँ मँ सूरज बूड़ गवा रहा। ऍह बरे याकूब रात बितावइ बरे एक जगह ठहर जाइ बरे गवा। याकूब उ जगह एक ठु चट्टान लखेस सोवइ बरे आपन मूँड़ धरेस। 12 याकूब सपन देखेस। उ लखेस कि एक सिड्ढी भुइँया स सरगे तलक पहोंची अहइ। 13 याकूब सरगदूत क सिड्ढी प चढ़त उतरत लखेस अउ यहोवा क सिड्ढी क लगे खड़ा निहारेस। यहोवा कहेस, “मइँ तोहरे पितामह इब्राहीम क परमेस्सर यहोवा अहउँ। मइँ इसहाक क परमेस्सर अहउँ। मइँ तोहका उ भुइँया देब जेह प तू अब सोवत अहा। मइँ इ भुइँया तोहका अउ तोहरे संतानन क देब। 14 तोहार संतानन ओतना ही होइही जेतना भुइँया प माटी क कण बाटेन। उ पचे पूरब, पच्छिम, उत्तर अउ दक्खिन चारिहू कइँती फइलिही। धरती क सबहि परिवार तोहरे संतानन क कारण बरदान पइही। 15 “मइँ तोहरे संग अहउँ अउर मइँ तोहार रच्छा करब। जहा भी जाब्या अउ मइँ इ भुइँया प तोहका लउटाइ लिआउब। मइँ तोहका तब तलक नाही तजि देब जब तलक मइँ उ नाही कइ लेब जउन मइँ करइ क बचन दिहेउँ ह।” 16 तब याकूब आपन नीदं स उठा अउ बोला, “मइँ जानत हउँ कि यहोवा इ जगह प अहइ। मुला हिआँ जब तलक मइँ सोएउँ नाही रहे उ मइँ नाही जानत रहेउँ कि उ हिआँ अहइँ।” 17 याकूब डेरान। उ कहेस, “इ बहोत महिमा क जगह अहइ। इ तउ परमेस्सर क भवन अहइ। इ तउ सरग क दुआर अहइ।” 18 याकूब दूसर दिन बहोत भिन्सारे उठा। याकूब उ सिला क उठाएस अउ ओका किनारे स ठाड़ कइ दिहस। तब उ यह पइ तेल चढ़ाएस। इ तरह उ ऍका परमेस्सर बरे एक स्मृति पाथर बनाएस। 19 उ जगह क नाउँ लूज रहा मुला याकूब ओका बेतेल नाम दिहस। 20 तब याकूब एक बचन दिहस। उ कहेस, “जदि परमेस्सर मोरे संग रही अउ अगर परमेस्सर, जहा भी मइँ जात अहउँ, हुआँ मोर रच्छा करी। अगर परमेस्सर मोका खाइ क भोजन अउ पहिरइ क ओढ़ना देइ। 21 अगर मइँ आपन पिता क लगे सान्ति स लउटब. जदि परमेस्सर इ सबहि चिजियन करी, तउ यहोवा मोर परमेस्सर होइ। 22 इ जगह, जहा मइँ इ पाथर स्मृति पाथर क रुप मँ खड़ा किहेउँ ह, परमेस्सर क पवित्र ठउर होइ, अउ परमेस्सर जउन कछू मोका देइ ओकर दसवाँ हीसां मइँ तोहका देब।”

29:1 तब याकूब आपन जात्रा जारी रखेस। उ पूरब क देस मँ गवा। 2 याकूब निगाह किहेस, उ मइदान मँ एक इनारा लखेस। हुआँ इनारा क नगिचे भेड़ी क तीन झुण्ड पड़ी रहिन। इहइ एक इनारा रहा जहा इ सबइ भेड़िन पानी पिअत रहिन। हुआँ एक बड़ी सिला स इनारा क मुँइ मूँदा रहा। 3 जब सबहि भेड़िन हुआँ बदुर जात रहिन तउ गड़रिया चट्टान क इनारा क मुँहे प स हटावत रहेन। तब सबहि भेड़िन ओकर चल पी सकत रहिन। जब भेड़िन पी चुकत रहिन तब गड़रिया सिला क फुन अपनी जगह प रख देत रहेन। 4 याकूब हुआँ गड़रिया स कहेन, “भाईयन, आप लोग कहा क अहइँ?”उ पचे जवाब दिहन, “हम पचे हारान क अही।” 5 तब याकूब कहेस, “का आप लोग नाहोर क पूत लाबान क जानत ही?” गड़रियन जवाब दिहेन, “हम पचे ओका जानित ह।” 6 तब याकूब पूछेस, “उ कुसल स तउ अहइ?”उ पचे कहेन, “उ सबइ ठीक अहइँ। सब कछू बहोत नीक अहइ। लखा, उ ओकर बिटिया राहेल आपन भेड़िन क संग आवति अहइ।” 7 याकूब कहेस, “लखा, अबहि दिन अहइ अउ सूरज बूड़इ मँ अबहि, काफी देर बाटइ। रात बरे जनावरन क बटोरइ क अबहि टेम नाही बा। ऍह बरे ओनका पानी द्या अउ ओनका मइदान मँ लौटि जाइ द्या।” 8 मुला उ गड़ेरियन कहेन, “हम पचे इ सबइ तब तलक नाही कइ सकित जब तलक सबहि झुण्ड नाही बटुरि जातिन। तब हम पचे सिला क इनारा स हटाइब अउ सब भेड़िन पानी पीइही।” 9 याकूब जब गड़ेरियन लोगन स बात करत रहा तब राहेल आपन बाप क भेड़िन क संग आइ। (राहेल क काम भेड़िन क देख रेख करब रहा।) 10 राहेल लाबान क बिटिया रही। लाबान, रिबका क भाई रहा, जउन याकूब क महतारी रही। जब याकूब राहेल क लखेस तउ जाइके सिला क हटाएस अउ भेड़िन क पानी पियाएस। 11 तब याकूब राहेल क चूमेस अउ भोंकारा मारिके रोएस। 12 याकूब बताएस कि मइँ तोहरे बाप क खानदान स अहउँ। उ राहेल क बताएस कि मइँ रिबका क पूत अहउँ। ऍह बरे राहेल घर क पराइ गइ अउ आपन बाप स कहेस। 13 लाबान आपन बहिन क पूत याकूब क बारे मँ खबरिया सुनेस। ऍह बरे लाबान ओसे भेटंइ परान। लाबान ओसे गले मिला, ओका चूमेस अउ ओका आपन घरे लइ आवा। याकूब जउन कछू भवा रहा, ओका लाबान क बताएस। 14 तब लाबान कहेस, “बहोत अच्छी बात अहइ तू हमरे खानदाने स अहा।” ऍह बरे याकूब लाबान क संग एक महीना तलक रहा। 15 एक दिन लाबान याकूब स कहेस, “इ ठीक नाही अहइ कि तू हमरे हिआँ बे पगारे क काम करतइ रहा। तू नातेदार अहा, नउकर नाही। मइँ तोहका का पगार देउँ?” 16 लाबान क दुइ बिटिया रहिन। बड़की लिआ रही अउ लहुरी राहेल। 17 राहेल सुन्नर रही अउ लिआ क आँखियन कमज़ोर अउ धुँधरी रहिन। 18 याकूब राहेल स पिरेस करत रहा। याकूब लाबान स कहेस, “जदि तू मोका आपन बिटिया राहेल क संग बियाह करइ द्या तउ मइँ तोहरे हिआँ सात बरिस तलक काम कइ सकत हउँ।” 19 लाबान कहेस, “इ ओकरे बरे नीक होइ कि कउनो दूसर क बजाय उ तोहसे बियाह करइ। ऍह बरे मोरे संग ठहरा।” 20 ऍह बरे याकूब ठहरा अउ सात बरिस तलक लाबान बरे काम करत रहा। लेकिन इ समइ ओका बहोत कम लगा काहेकि उ राहेल स पिरेम करत रहा। 21 सात बरिस क पाछे उ लाबान स कहेस, “मोका राखेल क द्या जेहसे मइँ बियाह करउँ। तोहरे हिआँ मोरे काम करइ क टेम पूर होइ गवा।” 22 ऍह बरे लाबान उ जगह क सब लोगन क एक भोज दिहस। 23 उहइ राति लाबान आपन बिटिया लिआ क याकूब क लगे लावा। याकूब अउ लिआ अपुस मँ तन क संबंध जोड़ेन। 24 (लाबान आपन बिटिया बरे, दासी क रुप मँ आपन नउकरानी जिल्पा क दिहस।) 25 भिन्सारे याकूब जानेस कि उ लिआ क संग सोवा रहा। याकूब लाबान स कहेस, “तू मोका धोखा दिहा ह। मइँ तोहरे बरे कठिन मेहनत ऍह बरे किहेउँ कि मइँ राहेल स बियाह कइ सकउँ। तू मोका धोखा काहे दिहा ह” 26 लाबान कहेस, “हम पचे आपन देस मँ लहुरी बिटिया क जेठ बिटिया स पहिले बियाह नाहीं करइ देइत। 27 मुला बियाह क रस्म क पूरा हफता तलक मनावत रहा अउ मइँ राहेल क भी तोहका बियाह बरे देब। मुला तोहका सात बरिस तलक मोर सेवा करइ क पड़ी।” 28 ऍह बरे याकूब इहइ किहस अउ हप्ता क बिताएस। तब लाबान आपन बिटिया राहेल क भी ओका आपन मेहरारु क रुप मँ दिहस। 29 (लाबान आपन बिटिया राहेल क दासिनी क रुप मँ आपन नउकरानी बिल्हा क दिहस।) 30 ऍह बरे याकूब राहेल क संग भी तने क सम्बंध किहस अउ याकूब राहेल क लिआ स जियादा पियार किहस। याकूब लाबान बरे अउर सात बरिस तलक काम किहस। 31 यहोवा लखेस कि याकूब लिआ स जियादा राहेल क पिआर करत ह। ऍह बरे यहोवा लिआ क इ जोग्ग बनाएस कि उ बच्चन क जन्म दइ सकइ। मुला राहेल क कउनो लरिका नाही भवा। 32 लिआ एक पूत क जन्म दिहस। उ ओकर नाउँ रुबेन राखेस। लिआ ओकर नाउँ ऍह बरे राखेस काहेकि उ कहेस, “यहोवा मोरे कष्टन क लखत ह। मोर पति मोका पिआर नाही करत, ऍह बरे होइ सकत ह कि मोर भतार अब मोसे पिआर करइ।” 33 लिआ फिन गरभधारण किहस अउ उ दूसर पूत क जन्म दिहस। उ इ पूत क नाउँ सिमोन रखेस। लिआ कहेस, “यहोवा सुनेस कि मोका पिआर नाही मिलत, ऍह बरे उ मोका इ पूत दिहस।” 34 लिआ फुन गरभधारण किहस अउ एक ठु अउर पूत क जन्मेस। उ पूत क नाउँ लेवी धरेस। लिआ कहेस, “अब फुरइ मोर भतार मोका पिआर करी। मइँ ओका तीन पूत दिएउँ ह।” 35 तब लिआ एक अउर पूत क जन्मेस। उ इ लरिका क नाउँ यहूदा धरेस। लिआ ओका इ नाउँ दिहस काहेकि उ कहेस, “अब मइँ यहोवा क स्तुति करब”। तब लिआ क बच्चा होब बन्द होइ गवा।

30:1 राहेल लखेस कि उ याकूब बरे कउनो बच्चा क जन्म नाही देति अहइ। राहेल आपन बहिनी लिआ स जलन करइ लाग। ऍह बरे राहेल याकूब स कहेस, “मोका बच्चा द्या, वरना मइँ मरि जाब।” 2 याकूब राहेल प किरोध किहस। उ कहेस, “मइँ परमेस्सर नाही अहउँ। उ परमेस्सर ही बाटइ जउन तोहका बच्चन क जन्मइ स रोक दिहस ह।” 3 तब राहेल कहेस, “तू मोर दासी बिल्हा क लइ सकत ह। ओकरे संग सोआ अउ उ मोरे बरे बच्चा क जन्मी। तब मइँ ओकरे जरिये महतारी बनब।” 4 इ तरह राहेल आपन भतार याकूब बरे बिल्हा क दिहस। याकूब बिल्हा क संग तने क संबंध किहस। 5 बिल्हा गरभ धारण किहस अउ याकूब बरे एक पूत क जन्मेस। 6 राहेल कहेस, “परमेस्सर मोर पराथना सुनि लिहेस ह। उ मोका एक पूत देइ क ठान लिहस ह।” ऍह बरे राहेल इ पूत क नाउँ दान राखेस। 7 बिल्हा दुसरी दाईं गरभ धारण किहस अउ उ याकूब क दूसर पूत किहस। 8 राहेल कहेस, “मइँ आपन बहिनी क संग कठोर संधर्स किहेउँ अउर मइँ जीत गएउँ ह।” ऍह बरे उ इ पूत क नाउँ नप्ताली धरेउँ ह। 9 लिआ सोचेस कि उ अउर जियादा बच्चन क जन्म नाही दइ सकित। ऍह बरे उ आपन दासी जिल्पा क याकूब बरे दिहस। 10 तब जिल्पा एक पूत क जन्म दिहस। 11 लिआ कहेस, “मोर भाग्य बाटइ। अब मेहररुअन मोका भाग्यवती कइही।” ऍह बरे उ पूत क नाउँ गाद राखेस। 12 जिल्पा दूसर पूत क जन्मेस। 13 लिआ कहेस, “मइँ बहोतइ खुस अहउँ। मेहरारु मोका “खुस” नाउँ स पुकारब्या।” ऍह बरे उ लरिका क नाउँ आसेर धरेस। 14 गोहु कटनी क समइ रूबेन खेतन मँ गवा अउ कछू दूदाफलन क लखेस। रूबेन इ दूदाफलन क आपन महतारी लिआ क लगे लिआवा। मुला राहेल लिआ स कहेस, “कृपा कइके आपन पूत क दूदाफलन मँ स कछू मोका दइ द्या।” 15 लिआ जवाब दिहस, “तू तउ मोरे भतार क पहिले ही लइ लिहे ह। अब तू मोरे पूत क दूदाफलन क भी लइ लेइ चाहत अहा।”मुला राहेल जवाब दिहस, “अगर तू आपन पूत क दूदाफल मोका देब्या तू आज रात याकूब क संग सोइ सकित ह।” 16 उ रात याकूब खेते स लउटा। लिआ ओका लखेस अउ उ ओसे मिलइ गइ। उ कहेस, “आज राति तू मोरे संग सोउब्या। मइँ आपन पूत क दूदाफलन क तोहरे दाम क रुप मँ दिहेउँ ह।” ऍह बरे याकूब उ रात लिआ क संग सोवा। 17 तब परमेस्सर लिआ क फुन गरभधारण करइ दिहस। उ पाँचवें पूत क जन्म दिहस। 18 लिआ कहेस, “परमेस्सर मोका इ बात क ईनाम दिहस ह कि मइँ आपन दासी क आपन भतार क दिहेउँ ह।” ऍह बरे लिआ आपन पूत क नाउँ इस्साकार धरेस। 19 लिआ फुन गरभधारण किहस अउ उ छठवें पूत क जन्म दिहस। 20 लिआ कहेस, “परमेस्सर मोका एक ठु सुन्नर भेंट दिहस ह। अब सचमुच ही याकूब मोका अपनाई, काहेकि मइँ ओका छ: लरिका दिहेउँ ह।” ऍह बरे लिआ पूत क नाउँ जबूलून धरेस। 21 एकरे पाछे लिआ एक बिटिया क जन्म दिहस। उ बिटिया क नाउँ दीना राखेस। 22 तब परमेस्सर राहेल क पराथना सुनेस। परमेस्सर राहेल बरे बच्चा पइदा करब संभव बनाएस। 23 राहेल गरभ धारण किहेस अउ एक पूत क जन्म दिहस। 24 राहेल कहेस, “परमेस्सर मोर लाज खतम कइ दिहस ह अउ मोका एक पूत दिहस ह।” ऍह बरे राहेल आपन पूत क नाउ यूसूफ राखेस। अउर उ कहेस, “परमेस्सर मोका एक अउर पूत देइ।” 25 यूसुफ याकूब क जन्म क पाछे याकूब लाबान स कहेस, “अब मोका आपन घर लौटइ द्या। 26 मोका मोर मेहररुअन अउ बच्चा द्या?। मइँ चौदह बरिस तलक तोहरे बरे काम कइके ओनका कमावा ह। तू जानत ह कि मइँ तोहार नीक सेवा किहेउँ ह।” 27 लाबान ओसे कहेस, “मोका कछू कहइ द्या। मइँ महसूस करत हउँ कि यहोवा तोहरे कारण मोहे प कृपा किहेस ह। 28 बतावा कि तोहका मइँ का देउँ अउर मइँ उहइ तोहका देब।” 29 याकूब जवाब दिहस, “तू जानत अहा कि मइँ तोहरे बरे कठिन मेहनत किहेउँ ह। तोहर भेड़िन क झुण्ड बाढ़िन ह अउर जब तलक मइँ ओनकइ देख भाल किहेउँ ह, ठीक रहिन ह। 30 जब मइँ आवा रहेउँ, तोहरे लगे तनिक रहिन। अब तोहरे लगे बहोत जियादा अहइँ। हर दाईं जब मइँ तोहरे बरे कछू किहेउँ ह यहोवा तोहे प कृपा किहस ह। अब मोरे बरे समइ आइ ग अहइ कि मइँ आपन बरे काम करउँ, इ मोरे बरे आपन घर बनावइ क टेम अहइ।” 31 लाबान पूछेस, “तब मइँ तोहका का देउँ?”याकूब जवाब दिहस, “मइँ नाही चाहत कि तू मोका कछू द्या। मइँ सिरिफ चाहत हउँ कि तू जउन मइँ काम किहेउँ ह ओकर दाम चुकाइ द्या। सिरिफ इहइ एक काम करा। मइ लउटाइब अउर तोहरी भेड़िन क देखरेख करब। 32 मोका आपन सबहिं भेड़िन क झुण्ड क बीच स जाइ द्या अउ दागवाली या धारीदार हर एक भेड़ी क बच्चा अउ करिया बोकरी क बच्चा क मोका लइ लेइ द्या। मोका हर एक दागवाली या धारीवाली मादा बोकरी क लइ लेइ द्या। इहइ मोर पगार होइ। 33 भविस्स मँ तू असानी स लखि लेब्या कि मइँ ईमानदार अहउँ। तू मोर भेड़ी क झुण्ड लखइ आइ सकत ह। जदि कउनो बोकरी दागदार नाही होइ या कउनो भेड़ी करिया नाही होइ तउ तू जान लेब्या कि मइँ ओका चोराएउँ ह।” 34 लाबान जवाब दिहस, “मइँ ऍका अंगीकार करत अहउँ। हम तोहका जउन कछू तू मँगब्या देब।” 35 मुला उ दिन लाबान दागीदार बोकरन क छुपाइ दिहस अउ लाबान सबहि दागीदार या धारीदार बोकरियन क छुपाइ दिहस। लाबान सब करिया भेड़िन क छुपाइ दिहस। लाबान आपन बेटहनन क इ सबइ भेड़िन क देखरेख करइ कहेस। 36 ऍह बरे पूत लोग सबहि दागीदार जनावरन क लिहन अउ उ पचे दुसरे ठउर प चला गएन। उ पचे तीन दिना तलक जात्रा किहन। याकूब रुक गवा अउ बचे भए जनावरन क देखरेख करइ लगेन। मुला ओहमाँ कउनो जनावर दागदार या करिया नाही रहा। 37 ऍह बरे याकूब चिनार, बादाम अउ अर्मोन बिरवन क हरियर डारिन क काटेस। उ ओकर छाल इ तरह उतारेस कि सबइ डार उज्जर धारीदार बनि गइन। 38 याकूब पानी पिआवइ क जगह प डारिन क भेड़िन क झुण्ड क समन्वा धइ दिहस। जब गोरु पानी पिअइ आएन तउ उ जगह प गाभिन होइ बरे मिलेन। 39 तब बोकरियन जब डारिन क समन्वा गाभिन होइ बरे मिलिन तउ जउन बच्चन पइदा भएन उ सबइ दागीदार, धारीदार या करिया भएन। 40 याकूब दागीदार अउ करिया गोरुअन क भेड़ी क झुण्ड क गोरुअन स अलगाइ दिहस। तउ इ तरह, याकूब आपन गोरुअन क लाबान क जनावरन स अलग किहस। उ आपन भेड़िन क लाबान क भेड़िन क लगे नाही भटकइ दिहस। 41 जब कबहु गोरूअन क खरका मँ हिट्ठ पुट्ठ जनावर गाभिन होइ बरे मिलत रहेन तब याकूब ओकरी अँखिन क समन्वा डारिन क रख देर रहा, ओन डारिन क निचके ही इ सबइ जनावरन धनाइ बरे मिलत रहेन। 42 मुला जब कमजोर जनावर धनाइ बरे मिलत रहेन, तउ याकूब हुआ डार नाही धरत रहा। इ तरह मरटुट जनावरन स पइदा भएन बच्चन लाबान क रहेन। हिट्ट पुट्ठ गोरुअन स पइदा भए बच्चन याकूब क रहेन। 43 इ तरह याकूब बहोत धनी होइ गवा। ओकरे लगे बहोत रेवड़, बहोत स नउकर लोग, ऊँट अउ गदहन रहेन।

31:1 एक दिन याकूब लाबान क पूतन क बतियात सुनेस। उ पचे कहेन, “हम पचन क बाप क सब कछू याकूब लइ लिहे अहइ। याकूब धनी होइ गवा अहइ, अउर इ सारा धन उ हमरे पिता स लिहेस ह।” 2 याकूब इ देखेस कि लाबान पहिले क तरह पिरेम भाव नाही रखत ह। 3 यहोवा याकूब स कहेस, “तू आपन पुरखन क देस क लउटि जा जहा तू पइदा भए रह्?या। मइँ तोहरे संग रहब।” 4 ऍह बरे याकूब राहेल अउ लिआ स उ मइदान मँ मिलइ बरे कहेस जहाँ उ बोकरियन अउ भेड़िन क खरका रखत रहा। 5 उ ओन स कहेस, “मइँ लखेउँ ह कि तोहार बाप मोसे गुस्सान अहइँ। ओन क मोरे बरे उ पहिले जइसा पिरेम-भाव अब नाही रहा। मुला मोर बाप क परमेस्सर मोर संग रहब। 6 तू दुइनउँ जानत ह कि मइँ तू लोगन क पिता बरे ओतनी करीं मेहनत किहेउँ, जेतना कइ सकत रहेउँ। 7 मुला तू लोगन क बाप मोका धोखा दिहस। तोहार बाप मोर पगार दस दाईं बदलि दिहस। मुला इ पूरे टेम मँ परमेस्सर लाबान क सब धोखा स मोका बचाएस ह। 8 “एक दाईं लाबान कहेस, “तू दागवाली सबहि बोकरियन क रख सकत ह। इ तोहार पगार होइ।’ जब स उ इ कहे रहा तब स सबहि जनावरन दागवाली बच्चन क जन्मेन। इ तरह उ सबइ मोर रहेन। मुला लाबान तब कहेस, ‘मइँ दागवाली बोकरियन क राखब। तू सारी दागवाली बोकरियन क लइ सकत ह। इहइ तोहार पगार होइ।’ ओकरे इ तरह कहइ क पाछे सबहि गोरुअन धारीदार जनावरन क जन्म दिहेन। 9 इ तरह परमेस्सर जनावरन क तू पचन क पिता स लइ लिहस ह अउ मोका दइ दिहस ह। 10 “जउन समइ जनावर गभिन होइ क बरे मिलत रहेन मइँ एक सपन देखेउँ। मइँ देखेउँ कि सिरिफ नर जनावरन जउन गाभिन करइ बरे मिलत रहेन धारीदार अउ चितकबरा रहेन। 11 सपन मँ परमेस्सर क सरगदूत मोसे बातन किहस। सरगदूत कहेस, “याकूब।’ “मइँ जवाब दिहेउँ ‘हा?’ 12 “सरगदूत कहेस, “लखा, सिरिफ दागदार अउ धरिदार बोकरियन भी गाभिन होइ बरे मिलत रहिन। मइँ अइसा करत अहउँ। मइँ उ सब बुरा लखेउँ ह जउन लाबान तोहरे बरे करत ह। मइँ इ ऍह बरे करत हउँ कि बोकरियन क सबहि नई बच्चन तोहार होइ जइहीं। 13 मइँ उहइ परमेस्सर अहउँ जउन तोहार लगे बेतेल मँ आइ रहा। उ जगह तू एक वेदी बनाए रह्?या अउर जइतून क तेल स ओका नहवाए रह्?या अउ उ जगह तू मोसे एक प्रण किहे रहा। अब, उठा अउ उ जगहिया तजि द्या अउ वापिस आपन जन्म भूमि क लौटि जा।” 14 राहेल अउ लिआ याकूब क जवाब दिहेन, “हम पचन क पिता क लगे मरइ प हम सबन क देइ क कछू नाही अहइ। उ हम पचन क संग अजनबी जइसा बेउहार किहस ह। उ हम पचन क तोहार लगे बेच दिहस अउ उ सारा धन खरच कइ दिहस जउन हम पचन क होतेन। 15 16 परमेस्सर इ सब धन हमरे पिता स लइ लिहस ह अउ इ हमार अउ हमार सनतानन क अहइ। ऍह बरे तू उहइ करा जउन परमेस्सर करइ बरे कहेस ह!” 17 ऍह बरे याकूब जात्रा क तइयारी किहस। उ आपन मेहररुअन अउ पूतन क ऊँटे प बइठाएस। 18 तब उ पचे कनान कइँती लउटइ लागेन जहा ओकर बाप रहत रहा। जनावरन क भी सब झुण्ड, जउन याकूब क रहेन, ओनके अगवा चलत रहेन। उ उ सबइ चिजियन क संग लइ जात रहा जउन उ पद्दन अराम मँ रहत भए पाए रहा। 19 इ टेम लाबान आपन क भेड़िन क ऊन काटइ गवा रहा। जब उ बाहेर गवा तब राहेल ओकरे घरे मँ घुसी अउ आपन बाप क घरे क देवतन क चोराइ लइ गइ। 20 याकूब अरामी लाबान क धोखा दिहस। उ लाबान क इ नाही बताएस कि उ हुआँ स जात अहइ। 21 याकूब आपन परिवार अउ आपन सबहि चीजन क लिहस अउ हाली स चला गवा। उ पचे फरात नदी क पार किहन अउ गिलाद क पहाड़ी देस क ओर जात्रा किहन। 22 तीन दिना पाछे लाबान क पता लाग कि याकूब पराइ गवा। 23 ऍह बरे लाबान आपन मनइयन क बटोरेस अउ याकूब क पाछा सुरु किहस। सात दिन पाछे याकूब क गिलाद पहाड़े क लगे पाएस। 24 उ रात परमेस्सर लाबान क समन्वा सपन मँ परगट भवा। परमेस्सर कहेस, “होसियार रहा कि तू याकूब क कछू भी अच्छा या बुरा जिन कहा।” े 25 दूसर दिन भिन्सारे लाबान याकूब क जाइ धरेस। याकूब आपन तम्बू पहाड़े प लगाए रहा। ऍह बरे लाबान अउ ओकर मनइयन आपन तम्बू गिलाद पहाड़े प लगाएन। 26 लाबान याकूब स कहेस, “तू मोका धोखा काहे दिहा? तू मोर बिटियन क अइसे काहे लइ जात अहा माना कि उ सबइ जुद्ध मँ धरी गइ होइ? 27 मोसे बगैर कहे तू काहे परान्या? जदि तू कहे होत्या तउ मइँ तोहका भोज देतेउँ। ओहमाँ बाजा क संग नाचब अउ गाउब होत। 28 तू मोका आपन नातियन क चूमइ तलक नाही दिहा अउ न ही बिटियन क बिदा कहइ दिहा। तू इ कइके भारी बेवकूफी किहा। 29 तोहका फुरइ चोट पहोंचावइ क सक्ती मोहमाँ बाटइ। मुला पाछे क राति मँ तोहरे बाप क परमेस्सर मोरे सपन मँ आवा। उ मोका चिताउनी दिहस कि मइँ कउनो तरह तोहका चोट न पहोंचावउँ। 30 मइ जानत अहउँ कि तू आपन घरे लउटइ चाहत बाट्या। इहइ कारण अहइ कि तू हुआँ स चल पड्या ह। मुला तू मोरे घरे स देवतन क काहे चोरॅाया ह?” 31 याकूब जवाब दिहस, “मइँ तोहसे बिना कहे भए चल पड़या, काहेकि मइँ ससान रहेउँ। मइँ सोचेउँ कि तू आपन बिटियन क मोसे लइ लेब्या। 32 मुला मइँ तोहरे देवतन क नाही चोराएउँ। जदि तू हिआँ मोरे लगे कउनो मनई क, जउन तोहरे देवतन क चोरॅाए अहइ, पावा, तउ उ मारि दीन्ह जाइ। तोहरे लोग ही मोर गवाह होइहीं। तू आपन कउनो भी चीज क हेर सकत ह। जउन कछू भी तोहार होइ, लइ ल्या।” (याकूब क इ पता नाही रहा कि राहेल लाबान क घरे क देवतन क चोराएस ह।) 33 ऍह बरे लाबान याकूब क सिबिर मँ गवा अउ ओहमाँ हेरेस। उ याकूब क तम्बू मँ हेरेस अउ लिआ क तम्बू मँ भी हेरेस। तब उ तम्बू मँ हेरेस जेहमाँ दुइनउँ दासिन ठहरी रहिन। मुला उ ओकरे घरे मँ देवतन क नाही पाएस। तब लाबान राहेल क तम्बू मँ गवा। 34 राहेल ऊँट क काठी मँ देवतन क छुपाइ राखे रही अउ उ ओनही प बइठी रही। लाबान पूरा तम्बू मँ हेरेस उ देवतन क न हेरि सका। 35 अउ राहेल आपन पिता स कहेस, “पिता जी, मोह पइ जिन कोहाआ। मइँ आपक समन्वा ठाड़ होइ मँ समर्थ नाही अहउँ। इ टेम मोर मासिक धरम चलत बाटइ।” ऍह बरे लाबान पूरा सिबिर मँ हेरेस, मुला ओका हुआँ स देवतन क नाही पाइ सका। 36 तब याकूब बहोतइ कोहान। याकूब कहेस, “मइँ का बुरा किहेउँ ह मइँ कउन सा नेम तोड़ेउँ ह? मोर पाछा करइ अउ मोका रोक देइ क अधिकार तोहका कइसे अहइ? 37 मोर जउन कछू अहइ ओहमाँ तू हेरि लिहा ह। तू अइसी कउनो चीज पाया जउन तोहार अहइ। जदि तू कउनो चीज पाया ह तउ मोका देखॅावा। ओका हिअँइ धरा जेसे हमार संगी लखि सकइँ। हमरे संगियन क तय करइ द्या कि हम दुइनउँ मँ कउन ठीक अहइ। 38 मइँ तोहरे बरे बीस बरिस तलक काम किहेउँ ह। इ पूरा समइ मँ बच्चा जनमत समइ कउनो भी नान्ह भेड़ी अउ बोकरी क नाही मरी अउर न ही मइँ कउनो तोहरे झुण्ड मँ स खाएउँ। 39 जदि कबहु जंगली जनावरन कउनो भेड़ी क मारेन मइँ फउरन ओकर दाम खुद दइ दिहेउँ। मइँ कबहु मुर्दा जनावर क तोहरे लगे लइके इ नाही कहेउँ कि एहमाँ मोर दोख नाहीं। मुला रात-दिन मोका लूटा गवा। 40 दिन मँ सूरज मोर सकती छोरत रहा अउ रात क जाड़ा मोरी अँखियन क नीद चोराइ लेत रहा। 41 मइँ बीस बरिस तलक तोहरे बरे एक दास क तरह काम किहेउँ। पहिले क चौदह बरिस मइँ तोहरी दुइ बिटियन क बियाहइ बरे काम किहेउँ। तउ पाछे क छ: बरिस मइँ तोहरे जनावरन क पावइ बरे काम किहेउँ अउ इ बीच तू मोर पगार दस दाईं बदल्या। 42 मुला मोरे पुरखन क परमेस्सर इब्राहीम क परमेस्सर अउ इसहाक क भय मोरे संग रहा। जदि परमेस्सर मोरे संग नाही होत तउ तू मोका खाली हाथ पठइ देत्या। मुला परमेस्सर मोर दुःखे क लखेस। परमेस्सर मोरे किए काम क लखेस अउ पिछली रात परमेस्सर प्रमाण दइ दिहस कि मइँ नीक अहउँ।” 43 लाबान याकूब स कहेस, “इ सबइ लरिकियन मोर बिटिहनियन अहइँ। ओनकइ बच्चन मोर बाटेन। इ सबइ जनावरन मोर अहइँ। जउन कछू भी तू हिआँ लखत अहा, मोर अहइ। मुला मइँ आपन बिटियन अउ ओनके बच्चन क रखइ बरे कछू नाही कइ सकत। 44 ऍह बरे मइँ तोहसे एक करार करइ चाहत अहउँ। हम पचे पाथर क ढेर लगाउब जउन इ बताइ कि हम पचे सन्धि कइ चुका अहइ।” 45 ऍह बरे याकूब एक बड़की चट्टान हेरेस अउ ओका इ पता देइ बरे हुआँ राखेस कि उ सन्धि किहेस ह। 46 उ आपन मनइयन क अउर जियादा चट्टानन क हेरइ अउ चट्टानें क ढेर लगावइ क कहेस। तब उ पचे चट्टानन क लगे भोजन किहन। 47 लाबान उ जगह क नाउँ यज्र सहादूथ राखेस। मुला याकूब उ जगह क नाउँ जिलियाद धरेस। 48 लाबान याकूब स कहेस, “इ चट्टानन क ढेर हम दुइनउँ क हमार करार क सुमिरावइ मँ मदद करी।” इ कारण अहइ कि याकूब उ जगह क नाउँ गिलयाद कहेस। 49 तब लाबान कहेस, “यहोवा हम पचन क एक दूसर स अलग होइ क गवाह रहइ।” एह बरे उ जगह क नाउँ मिजपा भी होगा। 50 तब लाबान कहेस, “अगर तू मोर बिटियन क चोट पहोंचउब्या तउ याद राखा, परमेस्सर तोहका दण्ड देइ। अगर तू दूसर मेहरारु स बियाह करब्या तउ याद राखा, परमेस्सर तोहका लखत बाटइ। 51 हिआँ इ सबइ चट्टानन अहइँ, जउन हमरे बीच मँ धरी अहइँ अउ इ खास चट्टानन अहइँ, जउन बतइही कि हम सन्धि कीन्ह ह। 52 चट्टानन क ढेर अउ इ खास चट्टान हमका सन्धि क सुमिरन करावइँ मँ मदद करी तू मोहसे लड़इ बरे इ चट्टानन स आगे मोर कइँती कबहु न अउब्या। 53 जदि हम पचे इ सन्धि क तोड़ देइ तउ इब्राहीम क परमेस्सर, नाहोर क परमेस्सर अउ ओनके पुरखन क परमेस्सर हम पचन क निआव करी।”याकूब क पिता इसहाक परमेस्सर क “भय” नाउँ स गोहराएस। ऍह बरे याकूब वाचा बरे उ नाउँ क प्रयोग किहस। 54 तब याकूब एक जनावर क मारेस अउ पहाड़े पइ बलि क रुप मँ ऍका भेंट चढ़ाएस अउ उ आपन मनइयन क भोज मँ सामिल होइ बरे बोलाएस। भोजन करे क पाछे उ पचे पहाड़े प राति काटेन। 55 दूसर दिन भिन्सारे लाबान आपन नातियन क चूमेस अउ बिटियन क बिदा किहस। उ ओनका असीसेस अउ घर लउटि गवा।

32:1 याकूब भी उ जगह तजेस। जब उ जात्रा करत रहा। उ परमेस्सर क सरगदूत क लखेस। 2 जब याकूब ओनका लखेस तउ कहेस, “इ परमेस्सर क पड़ाव अहइ।” ऍह बरे याकूब उ जगह क नाउँ महनैम धरेस। 3 याकूब क भाई एसाव सेईर नाउँ क पहटा मँ रहत रहा। इ एदोम क पहाड़ी पहटा रहा। याकूब एसाव क लगे दूत पठएस। 4 याकूब दूत स कहेस, “मोर सुआमी एसाव क इ खबर द्या, तोहार नउकर याकूब कहत ह, मइँ इ सबइ बरिस मँ लाबान क संग रहेउँ ह। 5 मोरे लगे गोरु, गदहन, झुण्ड अउ बहोत स नउकरन अउ मेहरारु नउकरन अहइँ। मइँ एनका तोहरे लगे पठवत अहउँ अउ चाहत अहउँ कि तू हमका अंगीकार करा।” 6 दूत याकूब क लगे लउटा अउ बोला, “हम तोहरे भाई एसाव क लगे गए। उ तोहसे भेंटइ आवत अहइ। ओकरे संग चार सौ अउजार धारी वीर अहइँ।” 7 उ संदेसा याकूब क डेराइ दिहस। उ आपन सबहि संगियन क दुइ दले मँ अलगाइ दिहस। उ आपन सबहि भेड़िन क खरका, गोरुअन क झुण्ड अउ ऊँटन क दुइ हीसा मँ बाँटेस। 8 याकूब सोचेस, “अगर एसाव आइके एक हीसा क नास करत ह तउ दूसर हीसा पराइ सकत ह अउ बचि सकत ह।” 9 याकूब कहेस, “हे मोरे पुरखा इब्राहीम क परमेस्सर। हे मोरे पिता इसहाक क परमेस्सर। यहोवा, तू मोका आपन देस मँ लउटइ अउ आपन परिवारे मँ आवइ बरे कह्या। तू कह्या कि तू मोर भलाई करिब्या। 10 तू मोहे प बहोत दयालु रह्या ह। तू मोरे बरे बहोत नीक चीज किह्या ह। पहिली दाईं मइँ जरिदन नदी क लगे जात्रा कीन्ह, मोरे लगे टहरइ क कुबरी क अलावा कछू भी नाही रहा। मुला मोरे लगे अब ऍतनी चीजन बाटिन कि मइँ ओनका पूरा दुइ दलन मँ बाँटि सकउँ। 11 तोहसे पराथना करत अहउँ कि कृपा कइके मोका मोरे भाई एसाव स बचावा। मइँ ओसे ससान अहउँ। ऍह बरे कि उ आइ अउ सबहि क, हिआँ तलक कि बच्चन क संग महतरियन क भी जान स मारि डाइ। 12 हे यहोवा, तू मोसे कह्या, ‘मइँ तोहार भलाई करब। मइँ तोहरे परिवार क बढ़ाउब अउ तोहरे संताने क समुद्र क बालू क कणन क तरह बाढ़इ देब। उ सबइ ऍतना बेसी होइही कि गना नाहीं जाइ सकिही।” 13 याकूब रात क उ जगह ठहरा। याकूब कछू चीजन एसाव क भेंट देइ बरे तइयार किहस। 14 याकूब दुइ सौ बोकरियन, बीस ठु बोकरन, दुइ सौ भेड़िन अउ बीस भेड़ा लिहस। 15 याकूब तीस ठु ऊँट अउ ओनकइ बच्चन, चालीस ठु गइयन अउ दस ठु बर्धन, बीस ठु मादा गदहन अउ दस नर गदहन क लिहस। 16 याकूब जनावरन क हर झुण्ड नउकरन क दिहस। तब याकूब नउकरन स कहेस, “सब जनावरन क हर झुण्ड क अलग कइ ल्या। मोरे अगवा-अगवा चला अउ हर झुण्ड क बीच कछू दूरी राखा।” 17 याकूब ओनका हुकुम दिहस। जनावरन क पहिले झुण्ड वाला नउकर स याकूब कहेस, “मोर भाई एसाव जब तोहरे लगे आवइ अउ तोहसे पूछइ, ‘इ जनावर अहइँ? तू कहाँ जात अहा? तू केकर नउकर अहा?’ 18 तब तू जवाब दिहा, ‘इ सबइ जनावरन आप क सेवक याकूब क अहइँ। याकूब एनका आपन सुआमी एसाव क भेंट क रुप मँ पठएस ह, अउ याकूब भी हम लोगन क पाछे आवत अहइ।” 19 याकूब क दूसर नउकर, तीसरा नउकर, अउर सबहि दूसर नउकरन क इहइ बात क हुकुम दिहस। उ कहेस, “जब तू पचे एसाव स भेटं्या तउ इहइ एक बात कहब्या। 20 तू पचे कहब्या, ‘इ आप क भेंट अहइ, अउर आप क सेवक याकूब भी लोगन क पाछे आवत अहइ।”याकूब सोचेस, “जदि मइँ भेंट क संग इ मनइयन क आगे पठवत हउँ तउ इ होइ सकत ह कि एसाव मोका छिमा कइ देइ अउ मोका अंगीकार कइ लेइ।” 21 ऍह बरे याकूब एसाव क भेंट पठएस। मुला याकूब उ रात आपन पड़ाव मँ ही ठहरा। 22 पाछे उहइ रात याकूब उठा अउ उ जगह क तजि दिहस। याकूब आपन दुइनउँ मेहररुअन, आपन दुइनउँ दासिन अउ आपन ग्यारहु पूतन क साथ लिहस। घाटे प जाइक याकूब यब्बोक नदी क पार किहस। 23 याकूब आपन परिवार क नदी क उ पार पठएस। तब याकूब आपन सबहि चिजियन क नदी क ओह पार पठइ दिहस। 24 याकूब नदी क पार करइवाला आखिर मनई रहा। मुला पार करइ स पहिले जब तक उ अकेला ही रहा, एक ठु मनई आवा अउ ओसे कुस्ती लड़इ लाग। उ मनई ओसे तब तलक कुस्ती लड़ेस जब तलक सूरज न निकरा। 25 मनई लखेस कि उ याकूब क हराइ नाहीं सकत। ऍह बरे उ याकूब क गोड़ क ओकरे कूल्हा क जोड़ प छुएस। उ टेम याकूब क कूल्हा क जोड़ आपन जगह स हट गवा। 26 तब उ मनई याकूब स कहेस, “मोका छोड़ द्या। सूरज ऊपर चढ़त बाटइ।”मुला याकूब कहेस, “मइँ तोहका न छोड़ब। मोका तोहका असीर्बाद देइ क होइ।” 27 अउर उ मनई ओसे कहेस, “तोहार का नाउँ अहइ?”अउर याकूब कहेस, “मोर नाउँ याकूब बाटइ।” 28 तब मनई कहेस, “तोहार नाउँ याकूब नाही रही। अब तोहार नाउँ इस्राएल होइ। मइँ तोहका इ नाउँ ऍह बरे देत हउँ कि तू परमेस्सर क संग अउ मनइयन क संग जुद्ध किहा ह अउ तू हरावा नाहीं जाइ सक्या।” 29 तब याकूब ओसे पूछेस, “कृपा कइके मोका आपन नाउँ बतावइँ।”मुला उ मनई कहेस, “तू मोर नाउँ काहे पूछत अहा?” उ टेम उ मनई याकूब क असीसेस। 30 ऍह बरे याकूब उ जगह क नाउँ पनीएल राखेस। याकूब कहेस, “इ जगह मइँ परमेस्सर क साच्छात दरसन किहेउँ ह। किन्तु मोर जिन्नगी बच गइ।” 31 जइसे ही उ पनीएल स गुजरा, सूरज निकरि आवा। याकूब आपन गोड़े क कारण लँगड़ाइ के चलत रहा। 32 ऍह बरे आजु भी इस्राएल क लोग पुट्ठा क मंास पेसी क नाही खातेन काहेकि इहइ मांस पेसी प याकूब क चोट लागि रही।

33:1 याकूब निगाह उठाएस अउ एसाव क आवत लखेस। एसाव आवत रहा अउ ओकरे संग चार सौ मनई रहेन। याकूब आपन परिवार क चार टोली मँ बाटेस। लिआ अउ ओकर बच्चन एक दल मँ रहेन, राहेल अउ यूसुफ एक दले मँ रहेन, दासी अउ ओकर लरिकन दुइ दले मँ रहेन। 2 याकूब दासियन अउ ओनके बच्चन क अगवा राखेस। ओकरे पाछे ओनके पाछे लिआ अउ ओकरे बच्चन क राखेस अउ याकूब राहेल अउ यूसुफ क सब क आखिर मँ राखेस। 3 याकूब एसाव की ओर बढ़ा। ऍह बरे उ पहिला मनई रहा जेकरे संग एसाव मिलेस। अपने भाई कइँती बढ़न टेम प याकूब सात दाईं भुइँया प निहुरिके पैलगी किहेस। 4 जब एसाव याकूब क लखेस, उ ओसे भेटंइ दौड़ गवा। एसाव याकूब क आपन बाँही मँ भरि लिहस अउ छाती स चिपकाएस तब एसाव ओकर गरदन स चिपकाएस अउ ओकर चुम्बन लिहस। अउ दुइनउँ आनन्द स रोइ पड़ेन। 5 एसाव निगाह उठाएस अउ मेहररुअन अउ बच्चन क लखेस। उ कहेस, “तोहरे संग इ सबइ कउन लोग अहइँ?” याकूब जवाब दिहस, “इ सबइ उ बच्चन अहइँ जेका परमेस्सर मोका दिहे अहइ। परमेस्सर मोहे प दयालु रहा ह। 6 तब दुइनउँ दासियन आपन बच्चन क संग एसाव क लगे गएन। उ पचे ओका निहुरिके पैलगी किहन। 7 तब लेआ आपन बच्चन क संग एसाव क समन्वा गइन अउ उ पैलगी किहस अउर तब राहेल अउ यूसुफ एसाव क समन्वा गएन अउ उ पचे भी पैलगी किहन। 8 एसाव कहेस, “मइँ जउन सब मनइयन क हिआँ आवत समइ देखेउँ उ सबइ कउन रहेन? अउ उ सबइ गोरुअन काहे बरे रहेन?”याकूब जवाब दिहस, “उ सबइ तोहका मोर भेंट अहइँ जेहसे तू मोका अंगीकार कइ सका।” 9 मुला एसाव कहेस, “भाई, तोहका मोहे बरे कउनो भेंट नाही देइ चाही काहेकि मोरे लगे सब कछू इफरात बाटइ।” 10 याकूब कहेस, “नाही! मइँ तोहसे बिनती करत अहउँ। जदि तू फुरे मोका अपनावत ह तउ कृपा कइके जउन भेंट देत अहउँ तू अपनावा। मइँ तोहका दूसरी दाईं लखि के बहोत खुस अहउँ। इ तउ परमेस्सर क लखइ जइसा बाटइ। मइँ इ लखिके बहोत खुस अहउँ कि तू मोका अपनावत ह। 11 ऍह बरे मइँ बिनती करत हउँ कि जउन भेंट मइँ देत अहउँ ओका भी अंगीकार करा। परमेस्सर मोरे ऊपर बहोतइ कृपालु रहा ह। मोरे लगे आपन जरुरत स बेसी अहइ।” इ तरह याकूब एसाव स भेंट अंगीकार करइ के बिनती किहेस। ऍह बरे एसाव भेंट अपनाइ लिहस। 12 तब एसाव कहेस, “अब तू आपन जात्रा जारी किहे रहि सकत ह। मइँ तोहरे संग चलब।” 13 मुला याकूब ओसे कहेस, “तू इ जानत ह कि मोरे बच्चन अबहि दुर्बल बाटेन अउर मोका आपन झुण्ड अउ ओनके बच्चन क खास देख-रेख करइ चाही। अगर मइँ ओनका बहोत दूर एक दिन मँ चलइ बरे मजबूर करत हउँ तउ सबहि गोरु मरि जइही। 14 ऍह बरे तू आगे चला अउ मइँ रसे रसे तोहरे पाछे आउब। मइँ गोरुअन अउ दूसर जनावरन क रच्छा बरे धीमे बढ़ब अउ मइँ बहोतइ रसे-रसे ऍह बरे चलब कि मोर गदेलन बहोत जियादा थक न जाइँ। मइँ सेइर मँ तोहसे मिलब।” 15 ऍह बरे एसाव कहेस, “तब मइँ आपन कछू संगियन क तोहरी मदद बरे छोड़ देब।”मुला याकूब कहेस, “इ तोहार बिसेस दाया बाटइ।” मुला अइसा करइ क कउनो जरुरत नाही बा।” 16 ऍह बरे उ दिन एसाव सेईर क वापसी जात्रा प चल पड़ा। 17 मुला याकूब सुक्कोत क गवा। हुआँ उ आपन बरे एक ठु घऱ बनाएस अउर आपन गोरुअन बरे एक नान्ह नान्ह गोसालन क बनाएस। इहइ कारण इ जगह क नाउँ सुक्कोत राखेस। 18 याकूब सुरच्छा क साथ आपना जात्रा पद्दन-अराम स सुरू कई क कनान पहटा मँ सकेम सहर तलक समाप्त किहेस। याकूब सहर क निचके मइदान मँ डेरा डाएस। 19 याकूब उ भुइँया क सकेम क बाप हमोर क परिवारे स बेसहेस। याकूब चाँदी क एक सौ सिक्का दिहस। 20 याकूब परिवार क आराधना बरे हुआँ एक ठु वेदी बनाएस। याकूब जगह क नाउँ “एले, इस्राएल क परमेस्सर” राखेस।

34:1 दीना लिआ अउ याकूब क बिटिया रही। एक दिन दीना उ पहटा क मेहररुअन क लखइ बाहेर गइ। 2 उ पहटा क राजा हमोर क पूत सकेम दीना क निहारेस। उ ओका धइ लिहस अउ आपन संग तने क सम्बंध राखइ बरेओका बेबस किहस। 3 तउ सकेम याकूब क बेटी दीना स पिरेम करइ लाग। ऍह बरे उ ओकर दिल जीतइ क कोसिस किहेस। 4 सकेम आपन बाप स कहेस, “कृपा कइके इ लउँडिया क मोका दिआवा जेहसे मइँ एकरे संग बियाह कइ सकउँ।” 5 याकूब इ जान लिहेस कि सकेम ओकरी बिटिया दीना क संग बहोत बुरा कर्म किहस ह। मुला याकूब क सबहि पूत आपन गोरुअन क संग मइदान मँ गएन। ऍह बरे उ सबइ जब तलक नाही आएन, याकूब कछू नाही किहस। 6 उ टेम सकेम क बाप हमोर याकूब क संग बात करइ गवा। 7 खेतन मँ याकूब क पूतन जउन कछू भवा ?रहा, ओकर खबर सुनेन। जब उ पचे इ सुनेन तउ उ पचे बहोत कोहाइ गएन। उ पचे पगलाइ स गएन काहेकि सकेम याकूब क बिटिया क बलात्कार कइ के इस्राएल क बदनाम किहस।सकेम बहोतइ घिनौनी बात किहे रहा। ऍह बरे सबहि भाई लोग खेतन स घर लउटेन। 8 मुला हमोर भाइयन स बात किहेस। उ कहेस, “मोर पूत सकेम दीना स बहोत पिरेम करत ह। मेहरबानी कइके ओका एकरे संग बियाह करइ द्या। 9 इ बियाह इ बात क प्रमाण होइ कि हम पचे खास सन्धि कीन्ह ह। तब हमार लोग तू पचन क मेहररुअन स अउ तोहर लोग हम पचन क मेहररुअन क संग बियाह कइ सकत हीं। 10 तू लोग हमरे संग एक पहटा मँ रहि सकित ह। तू भुइँया क सुआमी बन्ब्या अउर हिआँ बइपार करइ बरे अजाद होब्या।” 11 सकेम याकूब अउ दीना क भाइयन स भी बात किहस। सकेम कहेस, “कृपा कइके मोका अंगीकार करा अउ मइँ जउन किहेउँ ओकरे बरे छिमा करा। 12 मइँ तोहका जउन कछू उपहार तू चाहत ह देब, अगर तू मोका सिरिफ दीना क संग बियाह करइ द्या।” मोका जउन कछू आप लोग करइ क कइही करब, मुला दीना क बियाह मोर संग होइ द्या।” 13 याकूब क बेटहनन सकेम अउ ओकरे बाप स झूठ बोलइ क ठान लिहन। भाइया अबहु भी पागल होत रहेन काहेकि सकेम ओनकइ बहिन दीना क संग अइसा घिनौना बेउहार किहे रहेन। 14 ऍह बरे भाइयन ओसे कहेन, “हम लोग तोहका आपन बहिन क संग बियाह नाहीं करइ देब काहेकि तोहार खतना अबहि नाहीं भवा अहइ। हमरी बहिनी क तोहसे बियाह करब ठीक न होइ। 15 मुला हम पचे तोहका ओकरे संग बियाह करइ देब अगर तू इहइ एक काम करा कि तोहरे सहर क हर मनई क खतना हम पचन क तरह होइ जाइ। 16 तब तोहरे मनई हमरी अउरतन स बियाह कइ सकत हीं अउर हमार मनई तोहरी अउरतन स बियाह कइ सकत हीं। तब हम पचे एक ही लोग बन जाब। 17 जदि तू खतना कराउब नाही कबूल करब्या तउ हम लोग दीना क लइ जाब।” 18 इ सन्धि हमोर अउ सकेम क बहोत खुस किहस। 19 दीना क भाइयन जउन कछू कहेन ओका करइ मँ सकेम बहोत खुस भवा।सकेम परिवार क सबसे जियादा मर्जादी मनई रहा। 20 हमोर अउ सकेम अपने सहर क सभाघर क गएन। उ पचे सहर क लोगन स बातन किहन अउ कहेन 21 “इस्राएल क इ सबइ लोग हमार मीत होवा चाहत हीं। हम लोगन क पास हम सबहिं लोगन बरे संतुटूठ भुइँया अहइ। एह बरे उ लोगन क हम लोगन क भुइँया रहइ द्या अउर एहमाँ बइपार करइ क द्या। हम पचे ऍनकी मेहररुअन क संग बियाह करइ क अजाद अही अउ हम लोग आपन मेहरारुअन ओनका बियाहे बरे देइ मँ खुस अही। 22 मुला एक बात अहइ जेका करइ बरे सबहि क सन्धि करइ क होइ। ताकि उ पचे हम लोगन क बीच रही सका अउर हम पचे एक ही लोगन होइ सकब। हमार सबइ लोग भी उपचन्क क नाईं खतना करावइ बरे राजी हो जाब। 23 जदि हम अइसा करब तउ ओनके गोरुअन अउ जनावरन स हम धनी होइ जाब। ऍह बरे हम लोग ओनके संग इ सन्धि करी अउर उ पचे हिआँ हम लोगन क संग रइही।” 24 सभाघरे प जउन लोगन इ बात सुनेन उ पचे हमोर अउ सकेम क संग राजी होइ गएन अउ उ टेम हर एक मनई क खतना कइ दीन्ह गवा। 25 तीन दिना पाछे, खतना कइ दीन्ह गए मनइयन क अबहि जख्म रहेन। याकूब क दुइ पूत सिमोन अउ लेवी जानत रहेन कि टेम लोग कमजोर होइहीं, ऍह बरे उ नगर क गएन अउर उ पचे सबहि मनइयन क मारि डाएन। 26 दीना क भाई सिमोन अउ लेवी हमोर अउ ओकरे पूत सकेम क मारि डाएस। उ पचे दीना क सकेम क घरे स बहियाइ दिहेन अउ उ पचे चला गएन। 27 याकूब क दूसर पूतन सहर मँ गएन अउ उ पचे हुआँ जउन कछू रहा, लूटि लिहन। सकेम जउन कछू ओनकइ बहिनी क संग किहे रहा, ओसे उ सबइ तब तलक कोहान रहेन। 28 ऍह बरे भाइयन ओनकइ सबहि जनावरन लइ लिहेन। उ पचे ओनकइ गदहन अउ सहर अउ खेतन मँ दूसर जउन कछू रहा, सब स लइ लिहन। 29 भाइयन ओन सबन क सब कछू लइ लिहन। भाइयन ओनकइ मेहररुअन अउ बच्चन तलक क लइ लिहन। 30 मुला याकूब सिमोन अउ लेवी स कहेस, “तू पच मोर बरे मुसीबत खड़ी कइ दिहा ह। अउ इ प्रदेस क बसइयन क मन मँ घिना पइदा कराया ह। सबहि कनानी अउ परिज्जी लोग हमरे खिलाफ होइ जइहीं। हिआँ हम बहोत तनिक अही। अगर इ पहटा क लोग हम पचन क खिलाफ लड़इ खातिर बटुरि जइही तउ हम पचन बर्बाद होइ जाब। अउ हमरे संग हमार सबहिं लोग नस्ट होइ जाइहीं। अउर मइँ अउ मोरे घरे क सबहि लोगन बर्बाद होइ जाइहीं।” 31 मुला भाइयन जवाब दिहन, “कम हम पचे ऒन मनइयन क आपन बहिनी क संग पतुरिया जइसा बेउहार करइ देइ? नाही हमरी बहिनी क संग वइसा बेउहार करइ वाला लोग बुरा रहेन।”

35:1 परमेस्सर याकूब स कहेस, “बेतेल सहर क जा, हुआँ बस जा अउ हुवँइ “एल” परमेस्सर बरे जउन तोहरे समन्वा परगट भवा रहा जब तू आपन भाई एसाव स बचि के परात रह्?या एक वेदी बनावा।” 2 ऍह बरे याकूब आपन परिवार अउ आपन सबहि नउकरन स कहेस, “काठ अउ घाटु क बना जउन बिदेसी देवतन तू पचन क लगे अहइँ ओनका नस्ट कइ द्या। अपने क पवित्र करा। ओढ़ना साफ पहिरा। 3 हम पचे इ जगह क तजि देब अउ बेतेल क जाब। उ जगह मँ आपन परमेस्सर बरे एक वेदी बनाउब। इ उहइ परमेस्सर अहइ जउन मोरे कस्ट क समइ मोर मदद किहस अउ जहाँ कहु मइँ गवा उ मोरे संग रहा।” 4 ऍह बरे मनइयन क लगे जउन बिदेसी देवता रहेन, ओन सबहि क उ पचे याकूब क दइ दिहन। उ पचे आपन काने मँ पहिरी भइ सब बालियन क भी याकूब क दइ दिहन।याकूब सकेम नाउँ क सहर क नगिचे एक बलूत क बृच्छ क तरे इ सबहि चिजियन क गाड़ दिहस। 5 तउ उ पचे तजि गऐन अउर परमेस्सर ओनका चरीहू कइँती क सभी सहरन पइ भयंकर डर डाल दिएन। ऍह ठू बरे उ पचे याकूब क पूतन पाछा नाही किहस। 6 ऍह बरे याकूब अउ ओकर लोग लूज पहोंचेन। अब लूज क बेतेल कहत हीं। इ कनान प्रदेस मँ बाटइ। 7 याकूब हुआँ एक ठु वेदी बनाएस। याकूब उ जगह क नाउँ “एल बेतेल” राखेस। याकूब इ नाउँ क ऍह बरे चुनेस कि जब उ आपन भाई क हिआँ स परात रहत रहा, तब पहिली दाईं परमेस्सर हिअँई परगट भवा। 8 रिबका क धाई दबोरा हिअँई मरी रही, उ पचे बेतेल मँ सिन्दूर क बृच्छ क खाले ओका गाड़ दिहन। उ पचे उ ठउर क नाउँ अल्लोनबक्कूत रखेन। 9 जब याकूब फद्दान आराम स लउटा तब परमेस्सर फुन ओकरे समन्वा परगट भवा। परमेस्सर याकूब क असीसेस। 10 परमेस्सर याकूब स कहेस, “तोहार नाउँ याकूब अहइ। मुला मइँ उ नाउँ क बदलब। अब तू याकूब नाही कहवउब्या। तोहार नवा नाउँ इस्राएल होइ।” ऍह बरे एकरे पाछे याकूब क नाउँ इस्राएल भवा। 11 परमेस्सर ओसे कहेस, “मइँ सर्वोच्च परमेस्सर अहउँ अउ तोहका मइँ इ आसीर्बाद देत हउँ तोहरे बहोत संतान होइ अउर तु एक महान रास्ट्र बनी जाब्या। बहोत सारे रास्ट् तोहसे अइहीं अउर राजा लोग तोहसे आइहीं। 12 मइँ इब्राहीम अउ इसहाक क इ भुइँया दिहे रहेउँ। अब मइँ इ भुइँया तोहका अउऱ तोहार सन्तानन क देत अहउँ।” 13 तब परमेस्सर उ जगह तजि दिहस। 14 याकूब इ ठउरे प एक स्मृति चट्टान खड़ी किहस, याकूब ओह चट्टान पइ दाखरस अउर तेल क भेंट उड़ेरेस। इ एक खास ठउर रहा काहेकि परमेस्सर हुआँ याकूब स बात किहस अउर याकूब उ ठउर क नाउँ बेतेल राखेस। 15 16 याकूब अउ ओकर दल बेतेल क तजि दिहन। एप्राता आवइ स ठीक पहिले राहेल आपन बच्चन क जन्म देइ लाग। 17 मुला राहेल क इ जन्म स बहोत तकलीफ होइ लाग। ओका बहोत दर्द होत रहा। राहेल क धाई ओका लखेस अउ कहेस, “राहेल, डेराअ जिन। तू एक अउर पूत क जन्म देति अहा।” 18 पूत क जन्म देत समइ राहेल मरि गइ। मरइ क पहिले राहेल बच्चा क नाउँ बेनेानी राखेस। मुला याकूब ओकर नाउँ बिन्यामीन राखेस। 19 एप्राता क आवइवाली सड़क प राहेल क दफनावा गवा। (एप्राता बेतलेहेम अहइ।) 20 अउर याकूब राहेल क सम्मान मँ ओकरी कब्रे प एक ठु चट्टान धरेस। उ खास चट्टान हुआँ आजु तलक बाटइ। 21 तब इस्राएल आपन जात्रा जारी राखेस। उ एदेर बुर्ज खम्बा क ठीक दक्खिन मँ आपन सिबिर डाएस। 22 इस्राएल हुआँ तनिक समइ ठहरा। जब उ हुआँ रहा तब रूबेन इस्राएल क मेहरारु नउकरन बिल्हा क संग सोएस। इस्राएल इ बारे मँ सुनेस अउ बहोत कोहाइ गवा।याकूब क बारह पूत रहेन। 23 ओकरी मेहरारु लिआ स ओकरे छ: पूत रहेन: रूबेन, सिमोन, लेवी, यहूदा, इस्साकार, जबूलून। 24 ओकरी मेहरारु राहेल स ओकरे दुइ पूत रहेन: यूसुफ अउ बिन्यामीन। 25 राहेल क दासी बिल्हा स ओकरे दुइ पूत रहेन: दान अउ नप्ताली। 26 अउर लिआ क दासी जिल्पा स ओकरे दुइ पूत रहेन: गाद अउ आसेर। इ सबइ क पूत अहइँ जउन पद्दनराम मँ पइदा भए रहेन। 27 मम्रे क किर्यत-अर्बा अर्थात् हेब्रोन मँ याकूब आपन पिता इसहाक क लगे गवा। इ उहइ जगह अहइ जहाँ इब्राहीम अउ इसहाक रहि चुका रहेन। 28 इसहाक एक सौ अस्सी बरिस क रहा। 29 इसहाक बहोत बरिस तलक जिअत रहा। जब उ मरा, बहोत बुढ़वा रहा। ओकरे पूत एसाव अउ याकूब ओका हुअँइ दफनाएन जहा ओकरे पिता क दफनावा गवा रहा।

36:1 एसाव अर्थात् एदोम क इतिहास अहइ। 2 एसाव कनान देस क मेहररुअन स बियाह किहस। एसाव क मेहररुअन रहिन: आदा, हित्ती एलोन क बिटिया। ओहोलीबामा हिव्वी सिबोन क नतिनी अउ अना क बिटिया। 3 बासमत इस्माएल क बिटिया अउ नबायोत क बहिन। 4 आदा एसाव क एक पूत एलीपज दिहस। बासमत क रूएल नाउँ क पूत भवा। 5 ओहोलीबामा एसाव क तीन पूत दिएस यूस, यालाम अउ कोरह इ सबइ एसाव क पूत रहेन। इ सबइ कनान पहटा मँ पइदा भए रहेन। 6 याकूब अउ एसाव क परिवार अब बहोत बाढ़ि गएन अउ अउ कनान मँ इ बड़ा परिवार क खाइ-पिअइ क जुटाइ पाउब कठिन होइ गवा। ऍह बरे एसाव कनान तजि दिहस अउ आपन भाइ याकूब स दूर दूसर पहटा मँ चला गवा। एसाव आपन सबहि चीजन क आपन संग लिआवा। कनान मँ रहत भवा उ सबहि इ चीजन क पाए रहा। ऍह बरे एसाव आपन संग आपन मेहररुअन, पूतन बिटियन सबहि नउकरन, गोरु अउ दूसर सबहि जनावरन क लिहस। एसाव अउ याकूब क परिवार ऍतना बाढ़त रहेन कि ओनका एक जगह प रहब कठिन रहा। उ भुइँया दुइनउँ परिवारे क पेट पालइ बरे जियादा नाही रही। ओनके लगे बहोत जियादा गोरु रहेन। एसाव पहाड़ी पहटा सेइर कइँती बढ़ा। (एसाव क नाउँ एदोम भी अहइ।) 7 8 9 एसाव एदोम क मनइयन क आदि बाप रहा। सेईर क पहाड़ी पहटा मँ बसइयन एसाव क घराने क इ नाउँ अहइँ। 10 एसाव क पूत रहेन: एलीपज, आदा अउ एसाव क पूत। रूएल बासमत अउ एसाव क पूत। 11 एसाव क पाँच पूत रहेन: तेमान, ओमार, सपो, गाताम अउ कनज। 12 एलीपज क एक तिम्ना नाउँ क उपपत्नी भी रही। तिम्ना अउ एलीपज अमालेक क जन्म दिहन। 13 रूएल क चार पूत रहेन: नहत, जेरह, सम्मा, मिज्जा। इ सबइ एसाव क मेहरारु बासपत स ओकरे पोता रहेन। 14 एसाव क तीसर मेहरारु अना क बिटिया ओहोलीबामा रही। (अना सिबोन क पूत रहा) एसाव अउ ओहोलीबामा क पूत रहेन: यूस, यालाम, कोरह। 15 एसाव स चलइ वाला बंस इ सबइ ही बाटेन।एसाव क पहिला पूत एलीपज रहा। एलीपज स तेमान, ओमार, सपो, कनज, 16 कोरह, गाताम, अमालेक भएन।इ सबहि परिवार एसाव क मेहरारु आदा स भएन। 17 एसाव क पूत रूएल इ परिवारन क आदि पिता रहा: नहत, जेरह, सम्मा, मिज्जा।इ सबहि परिवार एसाव क मेहरारु बासमात स भएन। 18 अना क बिटिया एसाव क मेहरारु ओहोलीबामा यूस, यालाम अउ कोरह क जन्म दिहन। इ सबइ तीनउँ आपन-आपन घराने क बाप रहेन। 19 इ सबहि परिवार एसाव स चलेन। 20 एसाव क पहिले एदोम मँ सईर नाउँ क एक ठु होरी मनई रहत रहा। सेईर क पूत इ सबइ अहइँ: लोतान, सोबाल, सिबोन, अना 21 दीसोन, एसेर, दिसान। इ सबइ पूतन आपन परिवार क मुखिया रहेन। 22 लोतान, होरी, हेमाम क बाप रहा। (तिम्ना लोतान क बहिन रही।) 23 सोबल, अल्वान, मानहत एबल सपो, ओनाम क पिता रहा। 24 सिबोन क दुइ पूत रहेन: अय्या अउर अना। (अना उ मनई अहइ जउन आपन पिता क गदहन क देखरेख करत समइ रेगिस्तान मँ गरम पानी क झरना हेरेस।) 25 अना, दीसोन अउ ओहोलीबामा क पिता रहा। 26 दीसोन क चार पूत रहेन: हेमदान, एस्बान, यित्रान, करान। 27 एसेर क तीन पूत रहेन: बिल्हान, जावान, अकान। 28 दीसान क दुइ पूत रहेन: ऊस अउ अरान। 29 इ होरी परिवारन क मुखियन क नाउँ अहइँ। लोतान, सोबाल, सिबोन, अना, 30 दिसोन, एसेर, दीसान। इ सबइ मनइयन ओन परिवारन क मुखिया रहेन जउन सेईर पहटा मँ रहत रहेन। 31 उ टेम एदोम मँ कइउ राजा रहेन। इस्राएल मँ राजा होइ के बहोत पहिले एदोम मँ राजा रहेन। 32 बोर क पूत बेला एदोम मँ राज्ज करइ वाला राजा रहा। उ दिन्हाबा सहर प राज्ज करत रहा। 33 जब बेला मरा तउ योबाब राजा भवा। योबाब बोस्रा क जेरह क पूत रहा। 34 जब योबाब, मरा, हूसाम राज्ज किहस। हूसाम तेमानी लोगन क देस क रहा। 35 जब हूसाम मरा, हदद उ पहटा प राज्ज किहस। हदद बदद क पूत रहा। (हदद उ मनई रहा जउन मिद्यानी लोगन क मोआब देस मँ हराए रहा।) हदद अबीत सहर क रहा। 36 जब हदद मरा, सम्ला उ प्रदेस प राज्ज किहस। सम्ला मस्रेक क रहा। 37 जब सम्ला मरा, साऊल उ पहटा प राज्ज किहस। साऊल फरात नदी क किनारे रहोबोत क रहा। 38 जब साऊल मरि गवा, बाल्हानान उ देस प हूकूमत किहस। बाल्हानान अकबोर क पूत रहा। 39 जब बाल्हनान मरा, हदर उ प्रदेस प राज्ज किहस। हदर पाऊ सहर क रहा। मत्रेद क बिटिया हदर क मेहरारु क नाउँ महेतबेल रहा। मत्रेद क बाप मेजाहब रहा। 40 एदोमी परिवारन, तिम्ना, अल्बा, यतेत, ओहोलीबामा, एला, पीपोन, कनज, तेमान, मिबसार, मग्दीएल अउ ईराम आदि क बाप एसाव रहा। हर एक परिवार एक ठु अइसे प्रदेस मँ रहत रहा जेकर नाउँ उहइ रहा जउन ओनकइ परिवारे क नाउँ रहा। 41 42 43

37:1 याकूब ठहरि गवा अउ कनान पहटा मँ रहइ लाग। इ उहइ प्रदेस अहइ जहाँ ओकर बाप आइके बसा रहा। 2 याकूब क परिवार क इहइ कथा अहइ। यूसुफ एक सत्रह बरिस क जवान रहा। ओकर पेसा भेड़ी बोकरियन क देखरेख करब रहा। यूसुफ इ काम अरथ अहइ कि बिल्हा अउ जिल्पा क पूतन क संग करत रहा। (बिल्हा अउ जिल्पा ओकरे बाप क मेहररुअन रहिन।) यूसुफ आपन बाप क आपन भाइयन क बुरी बातन बतावत रहा। 3 यूसुफ उ टेम पइदा भवा जब ओकर पिता इस्राएल बहोत बुढ़वा रहा। ऍह बरे इस्राएल, यूसुफ क आपन दूसर पूतन स बेसी पिआर करत रहा। याकूब आपन पूत क एक खास कोट बनवाएस। इ कोट लम्बा अउ बहोत सुन्नर रहा। 4 यूसुफ क भाइयन लखेन कि ओनकइ बाप ओनसे बेसी यूसुफ क जियादा पिआर करत ह। उ पचे इहइ कारण आपन भाई स घिना करत रहेन। उ पचे यूसुफ स अच्छी तरह बात नाहीं करत रहेन। 5 एक दाईं यूसुफ एक खास सपन लखेस। पाछे यूसुफ आपन इ सपना क बारे मँ आपन भाइयन क बताएस। एकरे पाछे ओकरे भाई पहिले स भी जियादा ओसे घिना करइ लागेन। 6 यूसुफ कहेस, “मइँ एक सपना देखेउँ ह। 7 हम पचे सबहि खेते मँ काम करत रहे। हम पचे गोहू क एक साथ बोझ बाँधत रहेन। मोर बोझा खड़ा होइ गवा अउ तू पचन क बोझ मोरे बोझे क चारिहु कइँती घेरि लिहस। तब तोहार सबहिं बोझ मोरे बोझे क निहुरिके प्रणाम किहस।” 8 ओकर भाइयन कहेन, “का, तू सोचत ह कि ऍकर अरथ अहइ कि तू राजा बनब्या अउर हम पचन प राज्ज करब्या?” ओकर भाइयन यूसुफ स अब अउर बेसी घिना करब सुरु किहेस काहेकि उ ओकरे बारे मँ सपना देखत रहा। 9 तब यूसुफ दूसर सपना देखेस। यूसुफ आपन भाइयन स इ सपना क बारे मँ बताएस। यूसुफ कहेस, “मइँ दूसर सपना लखेउँ ह। मँइ सूरज, चन्द्रमा अउ गियारह नछत्रन क आपन क प्रणाम करत लखेउँ।” 10 यूसुफ आपन बाप क भी इ सपना क बारे मँ बताएस। मुला ओकर पिता ओका डाँटेस। ओकर पिता कहेस, “इ कउने तरह क सपना अहइ? का तोहका बिस्सास अहइ कि तोहार महतारी, तोहार भाई अउ हम पचे तोहका प्रणाम करिबइ?” 11 यूसुफ क भाई ओहसे बराबर जलन करत रहा। मुला यूसुफ क पिता इ सबहि बातन क बारे मँ बहोत गहराई स बिचार किहस अउ सोचेस कि ओनकइ अरथ का होई? 12 एक दिन यूसुफ क भाई आपन बाप क भेड़िन क देखरेख बरे सकेम गएन। 13 याकूब यूसुफ स कहेस, “सकेम जा। तोहार भाई मोर भेड़िन क साथ हुआँ अहइ।”यूसुफ जवाब दिहस, “मइँ जाब।” 14 यूसुफ क बाप कहेस, “जा अउ लखा कि तोहार भाई सुरच्छित बाटइ। लौटिके आवा अउ बतावा कि का मोर भेड़िन ठीक अहइँ?” इ तरह यूसुफ क पिता ओका हेब्रोन क घाटी स सकेम क पठएस। 15 सकेम मँ यूसुफ हेराइ गवा। एक मनई ओका खेतन मँ भटकत भवा पाएस। उ मनई कहेस, “तू का हेरत अहा?” 16 यूसुफ उत्तर दिहस, “मइँ आपन भाइयन क हेरत अहउँ। का तू बताइ सकत ह कि उ सबइ आपन भेड़िन क संग कहा अहइँ?” 17 मनई जवाब दिहस, “उ पचे पहिले ही चला गवा अहइँ। मइँ ओनका कहत भवा सुनेउँ कि उ पचे दोतान क जात अहइँ।” ऍह बरे यूसुफ आपन भाइयन क पाछे गवा अउ उ ओनका दोतान मँ पाएस। 18 यूसुफ क भाइयन बहोत दूर स ओका आवत लखेन। उ पचे ओका मारि डावइ क कुचाल बनावइ क ठान लिहन। 19 भाइयन एक दूसर स कहेन, “इ सपना लखइवाला यूसुफ आवत अहइ। 20 मौका मिलत ही हम पचे ओका मारि डाइ। हम ओकरे तने क झुरान भए इरनन मँ स कउनो एक मँ लोकाइ सकित ह। हम आपन पिता स कहि सकित ह कि एक ठु जंगली जनावर ओका मारि डाएस। तब हम पचे ओका देखाउब कि ओकर सपना बेकार अहइँ।” 21 मुला रूबेन यूसुफ क बचावइ चाहत रहा। रूबेन कहेस, “हम पचे ओका मारि नाही। 22 हम लोग ओका बिना चोट किहे एक ठु इनारा मँ नाइ सकित ह।” रूबेन यूसुफ क बचावइ अउर ओकरे बाप क लगे पठवइ क जोजना बनाएस। 23 यूसुफ आपन भाइयन क लगे आवा। उ पचे ओह प धावा बोल दिहन अउ ओकरे लम्बे अउ सुन्नर कोट क फाड़ डाएन। 24 तब उ पचे ओका खाली झुरान इनारा मँ बहाइ दिहन। 25 यूसुफ इनारा मँ ओकर भाइयन क भोजन करइ बरे बइठइ तलक रहा। तब उ पचे नजर उठाएन अउ बइपारियन क एक दल क लखेन। जउन गिलाद स मिस्र क जात्रा प रहेन। ओनकइ ऊँटन कइउ तरह क मसाला अउ धन लइ जात रहेन। 26 ऍह बरे यहूदा आपन भाइयन स कहेस, “अगर हम लोग आपन भाई क मारि देब अउ ओकरी मउत क छुपाउब तउ ओसे हमला का लाभ मिली? 27 हम सबन क बेसी फायदा तब होइ जब हम ओका बइपारियन क हाथ बेचि देइ।” दूसर भाई लोग मान गएन। 28 जब मिद्रयानी बइपारी लोग लगे आएन, भाई लोग यूसुफ क इनारा स बाहेर निकारेन। उ पचे बीस ठु चाँदी क टूका मँ ओका बेचि दिहन। बइपारियन ओका मिस्र लइ गएन। 29 इ पूरा टेम रूबेन भाइयन क संग हुआँ नाहीं रहा। उ नाहीं जानत रहा कि उ पचे यूसुफ क बेचि दिहे रहेन। जब रूबेन इनारा प लौटिके आवा तउ उ लखेस कि यूसुफ हुआँ नाहीं अहइ। रूबेन बहोत जियादा दुःखी भवा। उ आपन ओढ़ना क फाड़ेस। 30 रूबेन भाइयन क लगे गवा अउ उ ओनसे कहेस, “लरिका कुआँ प नाही अहइ। मइँ का करउँ?” 31 भाइयन एक बोकरी क मारेन अउ ओकरे खून क युसुफ क सुन्नर कोट प डाएस। 32 तब भाईयन उ कोट क आपन पिता क देखाएन अउ कहेन, “हमका इ कोट मिला बाटइ, का इ यूसुफ क कोट अहइ?” 33 बाप कोट क लखेस अउ पहिचानेस कि इ यूसुफ क अहइ। पिता कहेस, “हा, इ उहइ क बाटइ। होइ सकत ह कि ओका कउनो जंगली जनावर मारि डाए होइ। मोरे पूत यूसुफ क कउनो जंगली जनावर खइ गवा।” 34 याकूब आपन ओढ़ना फाडि डाऐस अउ सोक क ओढ़ना पहिर लिहेस। याकूब लम्बे समइ तलक आपन बेटवा क दुःख अउ सोक मँ पड़ा रहा। 35 याकूब क सबइ बेटवन, बिटियन ओका धीरे बँधावइ क जतन किहन। मुला याकूब कबहु धीरे न धरि सका। याकूब कहेस, “मइँ मरइ क दिन तलक आपन पूत यूसुफ क दु;ख मँ डूबा रहब।” अउर याकूब आपन पूत क दुःख परगट करना जारी रखा। 36 ओनॅ मिद्यानी बइपारियन जउन यूसुफ क बेसहे रहेन, पाछे ओका मिस्र मँ बेचि दिहन। उ पचे फिरौन क अंकरच्छकन क सेनापति पोतीपर क हाथ ओका बेचेन।

38:1 ओनही दिनन मँ यहूदा आपन भाइयन क तजि दिहस अउ हीरा नाउँ क मनई क संग रहइ चला गवा। हीरा अदुल्लाम सहर क रहा। 2 यहूदा एक कनानी मेहरारु स हुआँ मिला अउ ओसे बियाह कइ लिहस। मेहरारु क बाप क नाउँ सूआ रहा। 3 कनानी मेहरारु एक पूत क जन्म दिहस। उ पचे ओकर नाउँ एर धरेन। 4 पाछे दूसर पूत क जन्म दिहस। उ पचे लरिका का नाउँ ओनान धरेन। 5 पाछे ओका दूसर पूत सेला नाउँ क भवा। यहूदा तीसर बच्चा क जन्म क टेम कजीब मँ रहत रहा। 6 यहूदा आपन पहिले पूत एर बरे बहू क रुप मँ एक ठु मेहरारु क चुनेस। मेहरारु क नाउँ तामार रहा। 7 मुला एर बहोत सी बुरी बातन क किहेस। यहोवा ओसे खुस नाही रहा। ऍह बरे यहोवा ओका मारि डाएस। 8 तब यहूदा एर क भाई ओनान स कहेस, “जा अउर मरे भाई क मेहरारु क संग सोआ।तू ओकरे भतार क नाईं बना। अगर लरिका होइहीं तउ उ पचे तोहरे भाई एर क होइहीं।” 9 ओनान जानत रहा कि जोड़ा स पइदा भए लरिकन ओकर नाही होइहीं। ओनान तामार क संग तने क सम्बंध किहस। मुला उ ओका आपन गरभ धारण करइ नाही दिहस। 10 एहसे यहोवा कोहाइ गवा। ऍह बरे यहोवा ओनान क भी मारि डाएस। 11 तब यहूदा आपन पतोहू तामार स कहेस, “आपन बाप क घरे लौटि जा। हुअँइ रहा अउर तब तलक बियाह जिन करा जब तलक मोर लहुरा पूत सेला बाढ़ न जाइ।” यहूदा क डर रहा कि सेला भी आपन भाइयन क तरह मारि डावा जाइ। तामार आपन बाप क घर लौटि गइ। 12 पाछे सुआ क बिटिया यहूदा क मेहरारु मरि गइ। यहूदा आपन दुःख क टेम क पाछे अदुल्लाम क आपन मीत हीरा क संग तिम्ना गवा। यहूदा आपन भेड़ी क ऊन कतरइ तिम्ना गवा। 13 तामार क इ मालूम भवा कि ओकर ससुर यहूदा आपन भेडिन क ऊन कतरइ तिम्ना क जात अहइ। 14 तामार हमेसा अइसे ओढ़ना पहिरत रही जेहसे मालुम होइ कि इ राँड़ अहइ। ऍह बरे उ कछू दूसर ओढ़ना पहिरेस अउ मुँह क पर्दा मँ ढाँकि लिहस। तब उ तिम्ना सहर क लगे एनैम क जाइवाली सड़क क किनारे बइठि गइ। तामार जानत रही कि यहूदा क लहुरा बेटवा अब बाढ़ि ग अहइ। मुला यहूदा ओसे ओकरे बियाहे क कउनो योजना नाहीं बनावत अहइ। 15 यहूदा उहइ सड़क स जात्रा किहस। उ ओका लखेस, मुला बिचारेस कि उ पतुरिया अहइ। (ओकरे मुँह पतुरिया क तरह ढका भवा रहा।) 16 ऍह बरे यहूदा ओकरे लगे गवा अउ बोला, “मोका आपन संग तने क सम्बंध करइ द्या।” (यहूदा नाहीं जानत रहा कि उ ओकर पतोहू तामार अहइ।) तामार बोली, “तू मोका केतना देब्या?” 17 यहूदा जवाब दिहस, “मइँ आपन भेड़ि क झुण्ड स तोहका एक नई बोकरी पठउब।”उ जवाब दिहस, “मइँ एका अंगीकार करत अहइँ मुला पहिले तू मोका कछू रखइ क द्या जब तलक तू बोकरी नाही पठउत्या।” 18 यहूदा पूछेस, “मइँ बोकरी पठइब एकरे सबूत बरे मोसे का लेइ चहुबिउ?”तामार जवाब दिहस, “मोका तोहार मोहर अउर धगा द्या अउ मोका आपन टहरइ क कुबरी द्या।” यहूदा इ सबइ चीजन ओका दिहस। तब यहूदा अउ तामार तने क सम्बंध, किहन अउ तामार गोड़े स भारी होइ गइ। 19 तामार घरे गइ अउ मुँह क ढाँपइ वाला पर्दा क हटाएस। तब उ फुन आपन क राँड़ बतावइ वाला खास ओढ़ना क पहिरेस। 20 पाछे यहूदा आपन मीत हीरा क पतुरिया क बोकरी देइ एनैम पठएस जेका उ जबान दिहे रहा। यहूदा हीरा स खास मोहर अउ टहरइ क कुबरी भी ओसे लेइ बरे कहेस। मुला हीरा ओका न पाइ सका। 21 हीरा एनैम सहर क कछू लोगन स पूछेस, “सड़क क किनारे जउन पतुरिया रही, उ कहाँ बाटइ?” मनइयन जवाब दिहन, “हिआँ कबहु कउनो पतुरिया नाही रही।” 22 तउ यहूदा क मीत यहूदा क लगे लौटि गवा अउ ओसे कहेस, “मइँ उ मेहरारु क पता नाही लगाइ सकेउँ। जउन मनइयन उ जगह बसत अहइँ उ पचे मोका बताएन कि हुआँ कबहु कउनो पतुरिया नाही रही।” 23 ऍह बरे यहूदा कहेस, “ओका उ सबइ चीजन राखइ द्या। मइँ नाही चाहत कि लोग हम पचन प हसउआ करइँ। मइँ ओका बोकरी देइ चाहेउँ, मुला हम ओकर पता नाहीं लगाइ सके। इहइ बहोत अहइ।” 24 लगभग तीन महीना पाछे कउनो यहूदा स कहेस, “तोहार पतोहू तामार एक पतुरिया क नाईं पाप किहे अहइ अउ अब उ गरभ धारण किहे अहइ।”तब यहूदा कहेस, “ओका बाहेर निकारा अउ ओका जराइ के मार डावा।” 25 ओकर आदमी तामार क मारइ गएन। मुला तामार आपन ससुर क लगे सँदेसा पठएस। तामार कहेस, “जउन मनई मोका गरभधारण कराएस ह उहइ क इ सबइ चीजन अहइँ। इ सबइ चीजन क लखा। उ सबइ केकर अहइँ? केकर इ खास मोहर अउ इ धागा अउर इ टहरइ क कुबरी अहइ?” 26 यहूदा ओन सबहि चीजन क पहिचानेस अउ कहेस, “इ ठीक कहत बाटइ। मइँ गल्ती किहेउँ। मइँ आप क बचन क अनुसार आपन बेटवा सेला क ऍका नाही दिहेउँ” अउ यहूदा ओकरे संग फुन नाही सोवा। 27 तामार क लरिका जन्मइ क टेम आवा अउ उ पचे लखेन कि उ जुड़ौधा बच्चन क जन्मी। 28 जउन टेम उ जन्मत रही एक लरिका बाहेर हाथ निकारेस। धाई हाथे प लाल धागा बाँधेस अउ कहेस, “इ बच्चा पहिले पइदा भवा।” 29 मुला उ बच्चा आपन हाथ वापिस भितरे हीच लिहस। तब दूसर बच्चा पहिले पइदा भवा। तब दाई कहेस, “लखा तू कैसे निकरइ आएस।” ऍह बरे उ पचे ओकर नाउँ पेरेस राखेन। 30 ऍकरे पाछे दूसर बच्चा पइदा भवा। इ उहइ बच्चा रहा जेकरे हाथे प लाला धागा रहा। उ पचे ओकर नाउँ जेरह राखेन।

39:1 बइपारी लोग जउन यूसुफ क बेसहे रहेन उ ओका मिस्र लइ गएन। उ पचे फिरौन क अंगरच्छक क नायक पोतीपर क हाथ ओका बेच दिहन। 2 मुला यहोवा यूसुफ क मदद किहस। यूसुफ एक सफल मनई बन गवा। यूसुफ आपन मिस्र क मालिक पोतीपर क घरे मँ रहा। 3 पोतीपर लखेस कि यहोवा यूसुफ क संग अहइ। पोतीपर इ भी लखेस कि यहोवा जउन कछू करत ह, ओहमा ओका सफल बनवइ मँ सहायक बाटइ। 4 ऍह बरे पोतीपर यूसुफ क पाइके बहोत खुस रहा। पोतीपर ओका आपन बरे काम करइ अउ घर क सासन मँ मदद करइ बरे राखेस। पोतीपर क आपन हर एक चीज क यूसुफ अफसर रहा। 5 जब यूसुफ घरे क अफसर बनइ दीन्ह गवा तब यहोवा उ घर अउ पोतीपर क हर एक चीज क असीसेस। यहोवा इ यूसुफ क कारण किहेस अउ यहोवा पोतीपर क खेतन मँ उगइवाली हर चीज क असीसेस। 6 ऍह बरे पोतीपर घर क हर चीज क जिम्मेदरी यूसुफ क दिहस। पोतीपर कउनो चीज क चिन्ता नाही करत रहा। उ जउन खइया क खात रहा सिरिफ ओकर ओका फिकिर रही।यूसुफ बहोत सुन्नर अउ रुपवान रहा। 7 कुछ टेम पाछे यूसुफ क मालिक क मेहरारु यूसुफ स पिरेम करइ लाग। एक दिन उ ओसे कहेस, “मोरे संग सोआ।” 8 मुला यूसुफ मना कइ दिहस। उ कहेस, “मोर मालिक घर क हर चीज बरे मोहे प बिस्सास करत ह। उ हिआँ क हर चीज क जिम्मेदारी मोका दिहेस ह। 9 मोर मालिक आपन घर मँ मोका लगभग आपन क बराबर सम्मान दिहेस ह। मुला मोका ओकरी मेहरारु क संग नाही सोवइ चाही। इ गलत अहइ। इ परमेस्सर क खिलाफ पाप अहइ।” 10 उ मेहरारु हर दिन यूसुफ स बात करत रही मुला यूसुफ ओकरे संग सोवइ स मना कइ दिहस। 11 एक दिन यूसुफ आपन काम करइ घरे मँ गवा। उ टेम उ घरे मँ अकेल्ला मनई रहा। 12 ओकरे मालिक क मेहरारु ओकर कोट धइ लिहस अउ ओसे कहेस, “आवा अउ मोरे संग सोवा।” मुला यूसुफ घरे स पराइ गवा अउ उ आपन कोट ओकरे हाथे मँ छोड़ दिहस। 13 मेहरारु लखेस कि यूसुफ आपन कोट ओकरे हाथे मँ छोड़ दिहे अहइ अउ उ जउन कछू भवा ओकरे बारे मँ झूठ बोलइ क ठान लिहस। उ बाहेर दौड़ी। 14 अउर उ घरे क उ मनइयन क गोहराएस। उ कहेस, “लखा, इ हिब्रू दास हम पचन क मजाक करइ हिआँ आवा रहा। उ भितरे आवा अउ मोरे संग सोवइ क कोसिस किहस। मुला मइँ जोर स नरियाइ पड़ी। 15 मोर नरियाब ओका ससाइ दिहस अउ उ पराइ गवा। मुला उ आपन कोट मोरे लगे छोड़ गवा।” 16 ऍह बरे उ यूसुफ क मालिक आपन भतारे क घर लौटइ क समइ तलक ओकरे कोट क आपन लगे राखेस। 17 अउर उ आपन भतार क कहानी सुनाएस। उ कहेस, “जउन हिब्रू दास क तू हिआँ लिआया उ मोह प हमला करइ क कोसिस किहस। 18 मुला जब उ मोरे लगे आवा तउ मइँ चिचियाई। उ पराइ गवा, मुला आपन कोट छोड़ गवा।” 19 यूसुफ क मालिक जउन ओकरी मेहरारु स कहेस, ओक सुनेस अउ उ बहोत रिसियाइ गवा। 20 हुआँ एक जेल रही जेहमाँ राजा क दुस्मन रखा जात रहेन। ऍह बरे पोतीपर यूसुफ क उहइ जेल मँ धाँध दिहस अउ यूसुफ हुआँ पड़ा रहा। 21 मुला यहोवा यूसुफ क संग रहा। यहोवा ओह पइ कृपा करत रहा। 22 कछू टेम पाछे जेल क रच्छक क मुखिया यूसुफ स सोनह करइ लाग। रच्छकन क मुखिया सबहि कैदियन क अफसर यूसुफ क बनाएस। यूसुफ ओनकइ मुखिया रहा, मुला काम उहइ करत रहा जउन उ पचे करत रहेन। 23 रच्छकन क मुखिया जेल क सबहि चीजन क बरे यूसुफ प पतियात रहा। इ ऍह बरे भवा कि यहोवा यूसुफ क संग रहा। यहोवा यूसुफ क, उ जउन कछू करत रहा, सुफल होइ मँ मदद करत रहा।

40:1 पाछे फिरौन क दुइ नउकरन ओकर संग कछू गलत किहेन। इ नउकरन मँ स एक ठु रोटी पोवइया अउ दूसर दाखरस देइ क सेवा करत रहा। 2 फिरौन आपन रोटी पोवइया अउ सरब देइवाला नउकर पर रिसियाइ गवा। 3 ऍह बरे फिरौन उहइ जेल मँ ओनका पठएस जेहमाँ यूसुफ रहा। फिरौन क अंगरच्छक लोगन क नायक पोतीपर उ जेल क अफसर रहा। 4 नायक दुइनउँ कैदियन क यूसुफ क देखरेख मँ राखेस। दुइनउँ कछू टेम तलक जेल मँ रहेन। 5 एक रात दुइनउँ कैदियन सपना देखेन। दुइनउँ कैदी मिस्र क राजा क रोटी पोवइया अउ दाखरस देइवाला नउकर रहेन। हर एक कैदी क आपन-आपन सपना रहेन अउ हर एक सपना क अलग अलग अऱथ रहा। 6 यूसुफ दूसर भिन्सारे ओनकइ लगे गवा। यूसुफ लखेस कि दुइनउँ मनई परेसान रहेन। 7 यूसुफ पूछेस, “आजु तू पचे ऍतना परेसान काहे देखाइ पड़त ह?” 8 दुइनउँ मनई जवाब दिहन, “पिछली रात हम पचे सपना देखा, मुला हम लोग नाहीं बूझित कि सपना क का अऱथ अहइ? कउनो मनई अइसा नाही अहइ कि जउन सपना क अऱथ बतावइ या हम पचन क साफ साफ बतावइ।”यूसुफ ओनसे कहेस, “सिरिफ परमेस्सर ही अइसा अहइ जउन सपना क बूझत अउ अऱथ बतावत ह। ऍह बरे मइँ निवेदन करत हउँ कि आपन सपना मोका बतावा।” 9 ऍह बरे दाखरस देइवाला नउकर यूसुफ क आपन सपना बताएस। नउकर कहेस, “मइँ सपना मँ अंगूरे क लता देखेउँ। 10 उ अंगूरे क लता क तीन ठु डारियन रहिन। मइँ डारियन मँ फूल आवत अउ ओनकइ अंगूर बनत लखेउँ। 11 मइँ फिरौन क पिआला लिए रहेउँ। ऍह बरे मइँ अगूंरन क लिहेउँ अउ पिआला मँ रस निचोड़ेउँ। तब मइँ पिआला फिरौन क दिहेउँ।” 12 तब यूसुफ कहेस, “मइँ तोहका सपन क अऱथ बताउब। तीन ठु डारियन क अऱथ तीन दिन अहइ। 13 तीन दिन बीतइ क पहिले फिरौन तोहका छिमा करी अउ तोहका तोहरे कामे प लौटे प देइ। तू फिरौन क बरे उहइ काम करब्या अउर जउन पहिले करत रह्या। 14 मुला जब तू अजाद होइ जाब्या तउ मोका सुमिर्‌या। मोर मदद किह्या। फिरौन स मोरे बारे मँ कह्?या जेहसे मइँ इ जेल स बाहेर होइ सकउँ। 15 मोका हिब्रू लोगन क देस स लावा गवा रहा। मइँ हियाँ कउनो अपराध भी नाही किहेउँ ह। ऍह बरे मोका जेल मँ न होइ चाही।” 16 रोटी बनावइ वाला लखेस कि दूसर नउकर क सपना अच्छा रहा। ऍह बरे रोटी पोवइया यूसुफ स कहेस, “मइँ भी सपना देखेउँ। मइँ देखेउँ कि मोरे मूँड़े प तीन ठु रोटी क टोकरी बाटइ। 17 सब त ऊपर क टोकरी मँ हर किसिम क पका भवा भोजन रहेन। इ भोजन राजा बरे रहा। मुला खइया क चिरइयन चुगत रहिन।” 18 यूसुफ जवाब दिहस, “मइँ तोहका बताउब कि सपना क का अऱथ अहइ? तीन टोकरी क अऱथ तीन दिन बाटइ। 19 तीन दिन बीतइ स पहिले राजा तोहका इ जेलि स बाहेर निकारी। तब राजा तोहार मूँड़ काटि डाइ। उ तोहरे तने क एक ठु खम्भा स लटकाइ अउ चिरइयन तोहरे तने क खइही।” 20 तीन दिना पाछे फिरौन क जन्म दिन रहा। फिरौन आपन सबहि नउकरन क दावत दिहस। दावत क टेम फिरौन दाखरस देइवाला अउ रोट पोवइया नउकरन क जेल स निकसइ दिहस। 21 फिरौन दाखरस देइवाला नउकर क अजाद कइ दिहस। फिरौन ओका नउकरी प लौटाइ दिहस अउ दाखरस देइवाला नउकर फिरौन क हाथे मँ एक ठु पिआला दिहस। 22 मुला फिरौन रोटी पोवइया क मार डाएस। सब बातन जइसे यूसुफ होइ बरे बताए रहा वइसेन ही भइन। 23 मुला दाखरस देइवाला नउकर क यूसुफ क मदद करब याद नाही रहा। उ यूसुफ क बारे मँ फिरौन स कछू नाही कहेस। दाखरस देइवाला नउकर यूसुफ क बारे मँ बिसरि गवा।

41:1 दुइ बरिस बाद फिरौन सपना लखेस। फिरौन सपने मँ लखेस कि उ नील नदी क किनारे खड़ा अहइ। 2 तब फिरौन सपने मँ नदी स सात गइयन क बाहेर आवत लखेस। गइयन मोटी अउ सुन्नर रहिन। गइयन हुआँ खड़ी रहिन अउ घासे प चरत रहिन। 3 तब सात दूसर गइयन नदी स बाहेर आइन, अउर नदी क किनारे मोटी गइयन क निचके ठाड़ होइ गइन। मुला इ गइयन दूबर अउ देखन मँ बीमार लगत रहिन। 4 इ सातउ दूबर अउर बीमार गइयन, सुन्नर मोटी सात गइयन क खइ गइन। तब फिरौन जाग उठा। 5 फिरौन फुन सोवा अउ दूसर दाईं मपना लखेस। उ सपने मँ अनाज क सात बाल एक ही पउधा प लखेस। अनाजे क बालन मोटी अउ अच्छी रहिन। 6 तब उ उहइ अनाज क पाछे सात अनाजे क बालन क जमी लखेस। अनाजे क इ बालन पातर अउ गरम हवा स नस्ट होइ गइ रहिन। 7 तब्बइ सात पातर बालन सात ठु मोटवार अउ बढ़िया बालन क खइ लिहन। फिरौन पुन जागि उठा अउ उ समझेस कि इ सिरिफ सपना ही बाटइ। 8 दूसर भिन्सारे फिरौन इ सपनन क बारे मँ परेसान रहा। ऍह बरे उ मिस्र क सबहि जादूगर लोग अउ सबहि गुनी लोगन क बोलाएस। फिरौन ओनका सपना बताएस। मुला ओन लोगन मँ स कउनो भी सपना क साफ या ओकर अरथ न बताइ सका। 9 तब दाखरस देइवाला नउकर क यूसुफ याद आवा। नउकर फिरौन स कहेस, “मोरे संग जउन कछू भवा रहा उ मोका याद आवत अहइ। 10 आप मोह प अउ रोटी पोवइया प कोहान रहेन अउ आप हम दुइनउँ क जेलि मँ धाँध दिहे रहेन। 11 जेल मँ एक ही रात हम दुइनउँ सपना देखेन। हर एक सपना अलग अऱथ रखत रहा। 12 एक ठु हिब्रू नउजवान हम पचन क संग जेल मँ रहा। उ अंगरच्छकन क नायक क नउकर रहा। हम पचन आपन आपन सपना ओका बतावा, अउ उ सपना क अऱथ हम लोगन क बुझाएस। उ हर सपना क अऱथ हम पचन क समझाएस। 13 जउन अऱथ उ बताएस उ सबइ ठीक निकरेन। उ बताएस कि मइँ अजाद होब अउ आपन काम मँ वापस लउट आउब। अउर इहइ भवा उ कहेस कि रोटी पोवइया क मार कइ टाँग दीन्हा जाइही। अउ उहइ भवा।” 14 ऍह बरे फिरौन यूसुफ क जेल स बोलाएस। रच्छक हाली स यूसुफ क जेल स बाहेर लिआएन। यूसुफ हजामत बनावइके अउर कपड़े बदल के फिरौन क समन्वा खड़ा भवा। 15 तब फिरौन यूसुफ स कहेस, “मइँ एक सपना लखेउँ ह। मुला कउनो अइसा नाहीं अहइ जउन सपना क अऱथ मोका समझाइ सकइ। मइँ सुनेउँ ह कि जब कउनो सपना क बारे मँ तोहसे कहत ह कि तब तू सपन क अरथ अउ ओनका फरियाइ सकत ह।” 16 यूसुफ जवाब दिहस, “मोर आपन बुद्धि नाही अहइ कि मइँ सपनन क बूझ सकउँ। सिरिफ परमेस्सर ही अहइ जउन अइसी सकती राखत ह अउर फिरौन बरे परमेस्सर ही इ करी।” 17 तब फिरौन कहेस, “अपने आप क, मइँ नील नदी क किनारे ठाड़ लखेउँ। 18 मइँ सात गइयन क नदी स बाहर आवत लखेउँ अउ घास चरत देखेउँ। इ गइयन मोटी अउ सुन्नर रहिन। 19 तब मइँ दूसर सात गइयन क नदी स बाहेर आवत देखेउँ। इ सबइ गइयन पातर अउ भद्दी रहिन। मइँ मिस्र देस मँ जेतनी गइयन देखेउँ ह ओनमाँ स उ सबइ सब स जियादा बुरी रहिन। 20 अउ ऍन भद्दी अउर पातर गइयन पहिली सुन्नर सात गइयन क खाइ डाएन। 21 मुला सातउ गइयन क खाए क पाछे भी उ पचे पातर अउ भद्दी रहिन। तू ओनका लखा तउ नाहीं जान सक्‌त्या कि उ पचे दूसर सात गइयन क खाया ह। उ पचे ओतनी ही भद्दी अउ पातर देखाइ पड़त रहिन जेतना सुरु मँ रहिन। तब मइँ जाग गवा। 22 “तब मइँ आपन दूसर सपना मँ अनाज क सात बालन एक ही पउधा प उगी भइ देखेउँ। इ सबइ अनाज क बालन अच्छी अउ दानन स भरी भइ रहिन। 23 तब ओनके पाछे सात दूसर बालन उगिन। मुला इ सबइ सात बालन पातर, भद्दी अउ गरम हवा स नस्ट भइ रहिन। 24 तब सात पातर बालन सात अच्छी बालन क खाइ डाएन।“मइँ इ सपना क आपन जादूगर लोगन क बताएउँ मुला कउनो सपने क अऱथ मोका नाही समझाएस। एकर अऱथ का अहइ?” 25 तब यूसुफ फिरौन स कहेस, “इ दुइनउँ सपना एक ही अऱथ रखत हीं। परमेस्सर बतावत ह कि उ हाली का करइ क जात अहइ। 26 सात अच्छी गइयन अउ सात अच्छी अनाजे क बालन सात बरिस अहइँ-दुइनउँ सपना एक ही अहइँ। 27 सात दूबर अउ भद्दी गइयन अउ सात बुरी अनाजे क बालन देस मँ भुखमरी क सात बरिस अहइँ। इ सबइ सात बरिस, बढ़िया ,सात बरिस क पाछे अइही। 28 पमरेस्सर आप क इ देखाइ दिहस ह कि हाली ही का होइवाला अहइ। इ वइसा ही होइ जइसा मइँ कहेउँ ह। 29 आप क सात बरिस मिस्र मँ अच्छी पइदावार अउ भोजन इफरात होइही। 30 मुला इ सात बरिस क पाछे पूरे देस मँ भुखमरी क सात बरिस अइही। जउन समूचइ मिस्र मँ पइदा भ अहइ ओका लोग बिसरि जइही। इ अकाल देस क बर्बाद कइ देइ। 31 काहेकि अकाल ऍतना भयानक होइ कि लोग प्रयाप्त खइया खाइ का होत ह इ बिसरि जाइही। 32 “हे फिरौन, आपन एक ही बारे मँ दुइ सपना लखे रहेन। इ इ बात क देखावइ बरे भवा कि परमेस्सर फुरइ ही अइसा होइ देइ अउऱ इ बताएस ह कि परमेस्सर ऍका हाली ही होइ देइ। 33 ऍह बरे हे फिरौन आप एक अइसा मनई चुनइँ जउन बहोत चुस्त अउ बुध्दिमान होइ। आप ओका मिस्र देस क निगराँकार बनावइँ। 34 तब आपन दूसर मनई क जनता स भोजन बटोरइ बरे चुनइँ। लोगन क सात अच्छे बरिस मँ जेतॅना अनाज पइदा करइँ, ओकर पाँचवाँ हीसा ओनका देइ चाही। 35 ओनका हुकुम देइँ कि जउन अच्छे बरिस आवइँ ओहमाँ भोजन बटोरइँ। उ सहरन मँ भोजन क जमा करइँ। तब उ पचे भोजन क रच्छा उ टेम तलक करिही जब ओनकइ जरुरत होइ। 36 उ भोजन मिस्र देस मँ आवइवाली भुखमरी क सात बरिस मँ मदद करी। तब मिस्त्र मँ सात बरिस मँ लोग भोजन क कमी स मरिही नाहीं।” 37 फिरौन क इ नीक बिचार मालुम भवा। एहसे सबहि अफसर राजी रहेन। 38 फिरौन आपन अफसरन स पूछेस, “का तू लोगन मँ स कउनो इ काम क करइ बरे यूसुफ स अच्छा मनई हेरि सकत ह परमेस्सर क आतिमा इ मनई क फुरइ बुध्दिमान बनाइ दिहस ह।” 39 फिरौन यूसुफ स कहेस, “परमेस्सर इ सबहि चीजन क तोहका देखॅाएस ह। ऍह बरे तू ही सबन त जियादा बुध्दिमान अहा। 40 ऍह बरे मइँ तोहका आपन महल क निगराँ आधिकारी बनउब। जनता तोहरे हुकुम क मानी। सिरिफ मइँ राजा ही तोहसे बड़वार रहब।” 41 एक खास जलसा अउ नुमाइस रही जेहमाँ फिरौन यूसुफ क नवाब बनाएस। तब फिरौन यूसुफ स कहेस, “मइँ अब तोहका पूरे देस क राजा बनावत अहउँ।” 42 तब फिरौन आपन सरकारी मोहरवाली अंगूठी यूसुफ क दिहस अउ यूसुफ क एक सुन्नर रेसमी ओढ़ना पहिरइ क दिहस। फिरौन यूसुफ क गले मँ एक ठु सोना क हार डाएस। 43 फिरौन दूसर रथे प यूसुफ क सवार होइ क कहेस। ओकरे रथे क अगवा खास रच्छक चलत रहेन। उ पचे लोगन स कहत रहेन, ‘हे मनइयो, यूसुफ क निहुरिके पैलगी करा।”इ तरह यूसुफ पूरे मिस्र क राज्जपाल बना। 44 फिरौन ओसे कहेस, “मइँ सम्राट फिरौन अहउँ। ऍह बरे मइँ जउन करइ चाहब, करब। मुला मिस्र मँ कउनो दूसर मनई हाथ गोड़ नाही हिलाइ सकत ह जब तलक तू ओसे न कहा।” 45 फिरौन ओका दूसर नाउँ सपन तपानेह दिहस। फिरौन आसनत नाउँ क मेहरारु जउन ओन क पुजारी पोती पर क बिटिया रही, यूसुफ क मेहरारु क रुप मँ दिहस। इ तरह यूसुफ समूचइ मिस्र देस क राज्जपल होइ गवा। 46 यूसुफ उ टेम तीस बरिस क रहा जब उ मिस्र क सम्राट क सेवा करइ लाग। यूसुफ पूरा मिस्र देस मँ जात्रा किह। 47 अच्छे सात बरिसन मँ देसे मँ पइदावार बहोतइ ढेर क भइ 48 अउर यूसुफ मिस्र मँ सात बरिस खइया क चीजन क बचाएस। यूसुफ खइया क सहरन मँ बटोरेस। यूसुफ सहर क चारिहु कइँती क खेतन मँ पइदा भवा अनाजे क हर सहर मँ बटोरेस। 49 यूसुफ बहोत अनाज बटोरेस। इ समुद्दर क बालू क नाईं रहा। उ ऍतना अनाज बटोरेस कि ओकर वजन क भी न कूत कीन्ह जाइ सकइ। 50 यूसुफ क मेहरारु आसनत ओन क याजक पोतीपरा क बिटिया रही। भुखमरी क पहिले बरिस क आवइ पहिले युसूफ अउ आसनत क दुइ पूत भएन। 51 पहिले पूत क नाउँ मनस्से धरा गवा। यूसुफ ओकर इ नाउँ राखेस काहेकि उ बताएस, “मोका जेतना सारे कस्ट भएन अउ घरे क हर बात परमेस्सर मोसे बिसराइ दिहस।” 52 यूसुफ दूसर पूत क नाउँ एप्रैम रखेस। यूसुफ ओकर नाउँ इ राखेस काहेकि उ बताएस, “मोका बहोतइ दुःख मिला, मुला परमेस्सर मोका हर एक चीज मँ सफलता दिहस।” 53 सात बरिस तलक लोगन क लगे खाइ बरे उ सब कछू भोजन रहा जेनकइ ओनका जरुरत रही अउर जउन चिजियन ओनका जरुरी रहिन उ सबइ सबहि जमत रहिन। 54 मुला सात बरिस बाद भुखमरी क दिन सुरु भएन। इ ठीक वइसा ही भवा जइसा यूसुफ कहे रहा। उ पहाँटा क कउनो भी देस मँ अन्न पइदा न भवा। मनइयन क लगे खाइ क कछू न रहा। मुला मिस्र मँ खाइ बरे इफरात रहा, काहेकि यूसुफ अनाज बटोरे रहा। 55 भुखमरी क टेम सुरु भवा अउ मनइयन भोजन बरे फिरौन क समन्वा रोवइ लागेन। फिरौन मिस्र क मनइयन स कहेस, “यूसुफ स पूछा। उहइ करा जउन उ कहइ क कहत ह।” 56 ऍह बरे जब देस मँ सब ठउरे प भुखमरी रही, यूसुफ अनाजे क गोदाम स मनइयन क अन्न बाँटेस। यूसुफ बटोरा भवा अन्न क मिस्र क लोगन क बेचेस। मिस्र मँ बहोत भयंकर अकाल रहा। 57 मिस्र क चारिहु कइँती क देसन क लोग अनाज बेसहइ मिस्र आएन। उ पचे यूसुफ क लगे आएन काहेकि हुआँ संसार क उ हींसा मँ सब ठउरे प भुखमरी रही।

42:1 इ समइ याकूब क प्रदेस मँ भुखमरी रही। मुला याकूब क इ पता लाग कि मिस्र मँ अनाज अहइ। ऍह बरे याकूब आपन बेटवन स कहेस, “हम लोग हिआँ हाथ प हाथ धरे काहे बइठा अहइ? 2 मइँ सुनेउँ ह कि मिस्र मँ खरीदइ क अनाज बाटइ। ऍह बरे हम पचे हुआँ चली अउ हुआँ स आपन खाइ क बरे अनाज बेसही, तब हम लोग जिअत रहब, मरब नाहीं।” 3 ऍह बरे यूसुफ क भाइयन मँ स दस अन्न खरीदइ बरे मिस्र गएन। 4 याकूब बिन्यामीन क नाही पठएस। (बिन्यामीन यूसुफ क एक ही सगा भाई रहा।) याकूब एह बरे डरा भवा रहा कि बिन्यामीन पइ कउनो तरह क खतरा आवइ सकत ह। 5 कनान मँ भुखमरी क समइ बहोत खौफनाक रहा। ऍह बरे कनान क बहोत स लोग अन्न बेसहइ मिस्र गएन। ओनही लोगन क संग मँ इस्राएल क पूतन भी रहेन। 6 इ टेम यूसुफ मिस्र क राज्जपाल रहा। सिरिफ यूसुफ ही रहा जउन मिस्र आवइ वालन लोगन क अन्न बेचइ क हुकुम देत रहा। यूसुफ क भाई ओकरे लगे आएन अउ उ पचे ओकर निहुरिके पैलगी किहेन। 7 यूसुफ आपन भाइयन क लखेस अउ उ ओनका पहिचान लिहेस कि उ पचे कौन अहइँ। मुला यूसुफ ओनसे इ तरह बात करत रहा जइसे उ ओनका पहिचानत नाही उ ओनके संग कड़ाई स बात किहस। उ कहेस, “तू लोग कहा स आया ह”भाइयन जवाब दिहन, “हम कनान देस स आए अहइँ। हम पचे अनाज बेसहइ आवा अही।” 8 यूसुफ ने पहिचान लिहेस कि उ पचे ओकर भाई अहइँ। मुलाा उ पचे नाहीं जानत रहेन कि उ कउन अहइ? 9 यूसुफ ऑन सपनन क याद किहेस जेनका उ आपन भाइयन क बारे मँ लखे रहा।यूसुफ आपन भाइयन क जासूस कहत हयूसुफ आपन भाइयन स कहेस, “तू पचे अनाज बेसहइ नाहीं आया ह। तू लोग जासूस अहा। तू लोग इ पता लगावइ आया ह कि हम कहा कमजोर अही?” 10 मुला भाइयन ओसे कहेन, “नाही। महोदय! हम तउ आपक सेवक क रुप मँ आइ अही। हम पचे सिरिफ अनाज बेसहइ आइ अही। 11 हम सबहि लोग भाई अही, हम पचन क एक ही पिता अहइ। हम लोग ईमानदार अही। हम लोग सिरिफ अनाज बेसहइ आइ अही।” 12 तब यूसुफ ओनसे कहेस, “नाही! तू लोग इ पता लगावइ आया ह कि हम पचे कहाँ कमजोर अही?” 13 भाइयन कहेन, “नाही! हम सबहिं भाई भाई अही। हमरे परिवारे मँ बारह भाई अहइँ। हम सब क एक ही पिता अहइ। हम लोगन क सब स लहुरा भाई अबहु भी हमरे पिता क संग घरे प बाटइ अउ दूसर भाई बहोत समइ पहिले मरि गवा। हम लोग आप क समन्वा सेवक क नाईं अही। हम लोग कनान देस क अही।” 14 मुला यूसुफ कहेस, “नाही! मोका पता अहइ कि मइँ ठीक अहउँ। तू भेदिया अहा। 15 मुला मइँ तू लोगन क इ साबित करइ क मौका देब कि तू लोग फुरइ कहत बाट्या। तू लोग इ जगह तब तलक नाहीं तजि सकत्या जब तलक तू पचन क लहुरा भाई हिआँ नाही आवत। 16 ऍह बरे तू लोगन मँ स एक ठु लउटइ अउ आपन लहुरे भाई क हिआँ लइ आवइ। उ समइ तलक दूसर हिआँ कैद मँ रइही। हम देखब कि का तू लोग फुरइ बोलत अहा। मुला मोका बिस्सास अहइ कि तू पचे जासूस अहा।” 17 तब यूसुफ ओन सब क तीन दिना बरे जेल मँ नाईं दिहस। 18 तीन दिन बाद यूसुफ ओनसे कहेस,”मइँ परमेस्सर क भय मानत हउँ। ऍह बरे मइँ तू लोगन क इ सिद्ध करइ क एक मौका देब कि तू लोग फुरइ बोलत अहा। तू लोग इ काम करा अउर मइँ तू लोगन क जिअइ देब। 19 अगर तू लोग ईमानदार मनई अहा तउ आपन भाइयन मँ स एक क जेल मँ रहइ द्या। दूसर भाइयन जाइ सकत ही अउ आपन लोगन बरे अनाज लइ जाइ सकत ही। 20 तब यदि तू आपन सब स लहुरा भाई क लइके हिआँ मोरे लगे आवा। इ तरह मइँ पतियाब कि तू लोग फुरइ बोलत अहा।”भाइयन इ बात क मान लिहन। 21 उ पचे आपुस मँ बतियानेन “हम पचन क सजा दीन्ह गइ ह। काहेकि हम पचे आपन सब स लहुरा भाई क संग बुरा किहे अही। हम पचे ओकरे मुसीबत क निहारा जेहमाँ उ रहा। उ आपन रच्छा बरे हम पचन स बिनती किहस। मुला हम सबइ ओकर एकहु न सुना। ऍह बरे हम पचे दुःखन मँ अही।” 22 तब रूबेन ओनसे कहेस, “मइँ तोहसे कहेउँ रहा कि उ लरिका क कछू भी बुरा जिन करा। मुला तू पचे मोरउ एक न सुन्या। ऍह बरे अब हम ओकरी मउत बरे सजा पावत अही।” 23 यूसुफ आपन भाइयन स बात करइ एक ठु दु भासिया काम लेत रहा। ऍह बरे भाइयन नही जान पाया कि यूसुफ ओनकइ भाखा जानत बाटइ। मुला उ पचे जउन कछू कहत रहेन ओका यूसुफ सुनत अउ समझात रहा। 24 ओनकइ बातन स यूसुफ बहोत दुःखी भवा। ऍह बरे यूसुफ ओनसे अलग हटि गवा अउ रोइ पड़ा। तनिक देर मँ यूसुफ ओनके लगे लउटा। यूसुफ उ भाइयन मँ स सिमौन क धरेस अउ ओका बाँधेस जब कि दूसर भाई लखत रहेन। 25 यूसुफ कछू सेवकन क ओनकइ बोरा मँ अनाज भरइ क कहेस। भाइयन इ अनाजे क दाम यूसुफ क दिहन। मुला यूसुफ उ धने क नाही लेइ क फइसला किहस। उ उ धने क ओनकई अनाज क बोरन मँ धरइ बरे सेवकन क हुकम दिहस। तब यूसुफ ओनका उ सबइ चीजन क दिहस, जेनकइ जरुरन ओनकइ घरे तलक लउटइ वाली जात्रा मँ होइ सकत रही। 26 ऍह बरे भाइयन अनाजे क आपन गदहन प लादेन अउ हुआँ स निकरि पड़ेन। 27 उ सबइ सबहि भाइयन राति क ठहरेन अउ भाइयन मँ स एक कछू अनाजे बरे आपन बोरा खोलेस अउ उ आपन धन बोरा मँ पाएस। 28 उ दूसर भाइयन स कहेस, “लखा, जउन दाम मइँ अनाजे बरे चुकाएउँ ह, उ हिआँ अहइ। कउनो मोरे बोरा मँ इ धन लौटाइ दिहे अहइ!” उ सबइ सबहि भाई बहोत जियादा डेराइ गएन। उ पचे आपुस मँ बतियानेन, “परमेस्सर हम पचन क संग का करत अहइ?” 29 उ सबइ भाई कनान देस मँ आपन पिता याकूब क लगे गएन। उ पचे जउन कछू भवा आपन पिता क बताएन। 30 उ पचे कहेन, “उ देस क राज्जपाल हम लोगन स बहोत रुखा होइके बोला। उ सोचेस कि हम पचे जासूस अही। 31 मुला हम लोग कहेन कि हम पचे ईमानदार अही। अउर हम पचे जासूस नाहीं अही। 32 हम पचे ओका बतावा कि हम लोग बारह भाई अही। अउर हम लोगन क सब स लहुरा भाई अब भी कनान देस मँ हमार बाप क संग बाटइ। अउर हमार दूसर भाई मरि गवा ह।” 33 “तब देस क राज्जपाल हम लोगन स इ कहेस, ‘इहइ सिद्ध करइ बरे कि तू ईमानदार अहा इ रस्ता अहइ: आपन भाइयन मँ स एक क हमरे लगे हिआँ छोड़ि द्या। आपन अनाज लइके आपन आपन परिवारन क लगे लउटि जा। 34 आपन सब स लहुरा भाइ क हमरे लगे लिआवा। तब मइँ समझब कि तू लोग ईमानदार अहा या तू लोग जासूस अहा। जदि तू पचे फुरइ बोलत अहा तउ मइँ तोहरे भाई क तोहका दइ देब। अउर तू लोग हमार देस स अनाज खरीदइ बरे आजाद होइ जाब्या।” 35 तब सब भाई आपन बोरन स अनाज लेइ गएन अउ हर एक भाई आपन धने क थइली आपन अनाजे क बोरा मँ पाएस। भाइयन अउर ओनकइ पिता धन क लखेन, अउर उ सबइ बहोत डरि गएन। 36 याकूब ओनसे कहेस, “का तू लोग चाहत ह कि मइँ आपन सबहि पूतन स हथवा धोइ बइठउँ। यूसुफ मरि गवा, सिमोन भी चलि गवा अउ तू लोग बिन्यामीन क भी मोसे दूरि लइ जावा चाहत ह!” 37 तब रूबेन आपन पिता स कहेस, “पिता जी आप मोरे दुइनउँ पूतन क मारि डाया जदि मइँ बिन्यामीन क आप क लगे न लउटावउँ। मोहे प बिस्सास करा। मइँ आप क लगे बिन्यामीन क लउटाइ लिआउब।” 38 मुला याकूब कहेस, “मइँ बिन्यामीन क तू लोगन क संग नाही जाइ देब। ओकर भाई अउर महतारी मरि गवा अहइँ अउर मोर मेहरारु राहेल क उहइ अकेल्ला पूत बचा बाटइ। मिस्र तक क जात्रा मँ जदि ओकरे संग कछू भवा तउ उ होनी मोका मारि डाइ। तू लोग मोका एक दुःख स भवा अउ बूढ़ा मनई क कब्र मँ पठउब्या।”

43:1 उ देस मँ अकाल बहोत भयंकर रहा। 2 मनइयन उ सारा अन्न खाइ गएन जउन उ पचे उ सबइ मिस्र स लिआइ रहेन। जब अनाज खतम होइ गवा, याकूब आपन बेटवन स कहेस, “फुन मिस्र जा। हम लोगन क खाइ बरे कछू अउर अनाज बेसहा।” 3 मुला यहूदा याकूब स कहेस, “उ देस क राजा हम लोगन क चिताउनी दिहस ह। उ कहेस ह, ‘जदि तू लोग आपन भाई क मोरे लगे वापिस नाही लउब्या तउ मइँ तू लोगन स बात करइ स मना भी कइ देब’ 4 जदि तू हम लोगन क संग बिन्यामीन क पठउब्या तउ हम पचे जाब अउ अनाज खरीदब। 5 अन्यथा, हम लोग नाहीं जाब। उ मनई चिताउनी दिहस कि हम लोग बिन्यामीन के बिना वापस न आइ।” 6 इस्राएल कहेस, “तू लोग उ मनई स काहे कह्या, कि तोहार दूसर भाई भी अहइ। तू पचे मोरे संग अइसी बुरी बात काहे किह्या?” 7 भाइयन जवाब दिहन, “उ राज्जपाल हुसियारी स हम पचन स प्रस्न पूछेस। उ हम लोगन अउ हम लोगन क परिवार क बारे मँ जानइ चाहत रहा। उ हम लोगन स पूछेस, ‘का तू पचन क पिता अबहि जिउत अहइ? का तू लोगन क दूसर भाई घरे प बाटइ?’ हम लोग सिरिफ ओकरे प्रस्न क जवाब दीन्ह। हम लोग नाही जानत रहे कि उ हमरे दूसर भाई क आपन लगे लइ आवइ क कही।” 8 तब यहूदा आपन पिता इस्राएल स कहेस, “बिन्यामीन क मोरे संग पठवा। मइँ ओकर देखभाल करब। हम पचे मिस्र जरुर जाब अउ भोजन लिआउब। अगर हम पचे नाहीं जाई तउ हम सबहिं लोग आपन गदेलन क संग मरि जाबइ। 9 मइँ बिस्सास दियावत अहउँ कि उ सुरच्छित रही। मइँ एकर जिम्मेदार रहब। जदि मइँ ओका तोहरे लगे लउटाइके न लिआवउँ तउ तू सदा बरे मोका दोखी ठहराइ सकत ह। 10 जदि तू हमका पहिले जाइ दिहे होत्या तउ भोजन बरे हम लोग दुइ जात्रा अबहि तलक कर चुके होतेन।” 11 तब ओनके पिता इस्राएल कहेस, “अगर इ फुरइ सही अहइ तउ बिन्यामीन क आपन संग लइ जा। मुला राज्जपाल बरे कछू भेंट लइ जा। ओन चीजन मँ स कछू लइ जा जउन हम पचे आपन देस मँ बटोरि सका अही। ओकरे बरे कछू सहद, पिस्ता, बादाम, गोदं अउ लोहबान लइ जा। 12 इ टेम, पहिले स दुई गुना धन भी लइ ल्या उ धन क भी लइ ल्या जउन पिछली दाईं दिहे क पाछे लउटाइ दीन्ह गवा रहा। होइ सकत ह कि राज्जपाल स गलती भइ ह। 13 बिन्यामीन क संग ल्या अउ उ मनई क लगे लइ जा। 14 मइँ पराथना करत हउँ कि सर्वसक्तिमान परमेस्सर तू पचन क उ टेम मदद करी जब तू उ राज्जपाल क समन्वा ठाड़ होब्या। मइँ इ पराथना भी करत हउँ क उ बिन्यामीन अउ सिमोन क भी सुरच्छित आवइ देइ। अगर नाही तउ मइँ आपन पूतन स वंचित होइ जाब।” 15 ऍह बरे भाइयन राजा क देइ बरे भेंट लिहन अउ उ पचे जेतॅना धन पहिले लिहे रहेन ओकर दुइ गुना आपन साथ लिहन। बिन्यामीन भाइयन क संग मिस्र गवा। 16 मिस्र मँ यूसुफ ओनके संग बिन्यामीन क लखेस। यूसुफ आपन सेवक स कहेस: “ओन मनइयन क मोरे घरे लिआवा। एक ठु जनावर मारा अउ पकावा। उ सबइ मनई क आजु दुपहरिया मोरे संग भोजन करइ द्या।” 17 नउकर क जइसा कहा गवा रहा वइसा किहस। उ ओन मनइयन क यूसुफ क घर लइ गवा। 18 भाई लोग ससान रहेन जब उ सबइ यूसुफ क घर गएन। उ पचे कहेन, “हम पचे हिआँ उ धन बरे लिआवा ग अही जउन पिछली दाईं हम लोगन क बोरन मँ रखि दीन्ह ग रहा। उ पचे ऍका हम लोगन क बिरुद्ध प्रयोग करिही। तब उ पचे हम पचन क गदहन क लइ लेइहीं अउ हम लोगन क गुलाम बनइहीं।” 19 ऍह बरे यूसुफ क घरे क देख रेख करइवाला नउकर क लगे सबहि भाई गएन। 20 उ पचे कहेन, “महोदय हम सपथ लइके कहत हउँ कि पिछली दाईं हम लोग हिआँ भोजन खरीदइ बरे आए रहेन। 21 घर लउटत समइ हम पचे आपन बोरन क खाली कीन्ह अउ हर एक बोरा मँ आपन धन पावा। हम पचे नाहीं जानत रहेन कि ओनमाँ धन कइसे पहोंचा। मुला हम उ धन आप क लउटावइ बरे साथ लाए अहइँ अउ इ समइ हम लोग जउन अनाज बेसहइ चाहित ह ओकरे बरे धन लाए अही” 22 23 नउकर जवाब दिहस, “डेराअ जिन, मोहे प पतिआ। तोहरे पिता क परमेस्सर तू लोगन क धन क तोहरे बोरवन मँ भेंट क रुप मँ धरे हो। मोका सुमिरन अहइ कि तू लोगन पिछली दाईं अनाज क दाम मोका दइ दिहे रह्या।”तब नउकर सिमौन क जेल स बाहेर लिआवा। 24 नउकर ओन लोगन क यूसुफ क घरे लइ गवा। उ ओनका पानी दिहस अउ उ पचे आपन गोड़ पखारेन। उ ओनके गदहन क खाइ बरे चारा दिहस। 25 भाइयन सुनेन कि यूसुफ क संग खइया क खइही। ऍह बरे ओकर भाई आपन भेंट तइयार करइ मँ उ पचे दुपहर तलक लगा रहेन। 26 यूसुफ आपन घर गवा अउ भाइयन ओका भेंट दिहन जउन उ पचे आपन संग लइ आए र?हेन। तब उ पचे धरती प निहुरिके पैलगी किहन। 27 यूसुफ ओनकइ कुसल पूछेस। यूसुफ कहेस, “तू पचन क बुढ़वा पिता जेकरे बारे मँ तू लोगन क बताया, ठीक तउ अहइ? का उ अब तलक जिउत अहइ?” 28 भाइयन जवाब दिहेन, “हम पचन क बाप नीक अहइँ। उ सबइ अब तलक जिउत अहइँ अउर उ पचे फुन यूसुफ क समन्वा निहुरेन। 29 तब यूसुफ आपन बिन्यामीन क लखेस। (बिन्यामीन अउ यूसुफ क एक ही महतारी रहिन।) यूसुफ केहस, “का इ तू लोगन क सब स लहुरा भाई अहइ जेकरे बारे मँ तू बताए रह्?या?” तब यूसुफ बिन्यामीन स कहेस, “परमेस्सर तोह प कृपालु होइ।” 30 तब यूसुफ कमरा स बाहेर दौड़ि गवा। आपन भाइ बिन्यामीन क सहानुभूति मँ बेकाबू होइ गवा रहेन। ऍह बरे उ रोवइ वास्ते गुप्त ठउर खोजेस। उ आपन कमरा मँ गवा अउर हुवाँ रोवा। 31 तब यूसुफ आपन मुँह धोएस अउ बाहेर आवा। उ आपन आपन पइ काबू रखेस अउर कहेस, “अब खइया क खाइके टेम बाटइ।” 32 यूसुफ अकेले एक ठु मेज प खइया खाएस। ओकर भाइयन दूसर मेज प एक साथ भोजन किहन। मिस्र क लोगन दूसर मेज प एक संग खाएन। ओनकइ बिस्सास रहा कि ओनके बरे इ ठीक नाही कि उ पचे हिब्रू लोगन क संग खाइँ। 33 अब उ पचन्क यूसुफ क समन्वा मेज पइ पहलोठा स लइ क सबन त छोटा क तरतीब मँ बइठा गवा रहेन। ऍह बरे सबइ भाइयन अचरज करत भए रहेन। 34 नउकर लोग यूसुफ क मेज प ओनका भोजन लइ जात रहेन। मुला अउरन स अपेच्छा नउकर लोग बिन्यामीन क पाँच गुना बेसी दिहन। यूसुफ क संग उ सबहि भाई तब तलक खात रहेन अउ दाखरस पिअत रहेन जब तलक उ पचे नसा मँ मस्त नाही होइ गएन।

44:1 तब यूसुफ आपन नउकरन क जउन कि घर क निगराँकार रहेन। हुकुम दिहेस। यूसुफ कहेस, “ओन मनइयन क बोरियन मँ ऍतना अनाज भरि द्या जेतॅना उ पचे लइ जाइ सकइँ। तउ हर एक मनइयन क पैसा ओकरे बोरा मँ उपर रख द्या। 2 मुला सब स लहुरा भाई क बोरा मँ उपर ओकरे आनाज क पैसा क संग मोर चाँदी क पियाला भी रख द्या।” नउकर यूसुफ क हुकुम पूरा किहस। 3 दूसर दिन भिन्सारे सब भाई लोग आपन गदहन क संग अपने देस क वापिस पठइ दीन्ह गएन। 4 जब उ पचे सहर बाहर कछू ही दूर गए रहेन तउ यूसुफ आपन नउकर क हुकुम दिहेस, “जा अउर ओन लोगन क पाछा करा। ओनका रोका अउ ओनसे कहा, ‘हम लोग आपन लोगन बरे नीक रह्या! मुला आप सबन हम लोगन बरे बुरा काहे रहे? 5 हमार मालिक यूसुफ इहइ पियाला स पिअत ही। उ पचे राज क बात जानइ बरे इहइ पियाला क प्रयोग करत ह। इ पियाला क चोराइके आप लोगन काहे अपराध किहेन?” 6 ऍह बरे नउकर हुकुम क मानेस। उ सवार होइ के भाइयन तलक गवा अउ ओनका रोकेस। नउकर ओनसे उ ही बातन किहेस जउन यूसुफ ओनसे कहइ बरे कहे रहा। 7 मुला भाइयन नउकर स कहेन, “राज्जपाल अइसी बातन काहे कहत हीं? हम पचे अइसा अपराध कबँहू नाहीं करब! 8 लखा हम पचे उ पैसा कनान देस लउटाइके लाए रहेन जउन पहिले हम लोगन क आपन बोरन मँ मिला रहा। एह बरे हम लोगन तोहार मालिक क घरे स चाँदी या सोना नाही चोरावइ चाही? 9 जदि आपन कउनो बोरा मँ चाँदी क उ पियाला पाइ जाइँ तउ उ मनई क मारि दीन्ह जाइ। तू ओका मार सकत ह अउर हम लोग तोहार नउकर होब।” 10 नउकर कहेस, “जइसा तू कहत ह हम वइसा ही करब, मुला मइँ उ मनई क मारब नाही। जदि मोका चाँदी क पियाला मिली तउ उ मनई मोर नउकर होइ। दूसर भाई लोग जाइ बरे अजाद होइहीं।” 11 तब सब भाई आपन आपन बोरा क हाली हाली भुइयाँ प खोलेन। 12 नउकर बोरन मँ लखब सुरु किहेस। उ सब स जेठ भाई स सुरु किहस अउ सब स लहुरा भाई प खतम किहस। उ बिन्यामीन क बोरा मँ पियाला पाएस। 13 सबइ भाई लोग बहोत दुःखी भएन। ऍह बरे उ पचे आपन ओढ़ना फारि डाएन। तउ आपन आपन गदहन पइ बोरन क लादेन अउर सहर क लउट पड़ेन। 14 यहूदा अउ ओकर भाई यूसुफ क घर लौटि गएन। यूसुफ तब तलक हुआँ रहा। भाइयन भुइँया तलक निहुरिके प्रणाम किहेन। 15 यूसुफ ओनसे कहेस, “तू पचे इ काहे किहा? का तू लोगन क पता नाही अहइ कि छिपी बातन क फरियावइ क मोर खास ढंग बाटइ। मोहसे बढ़िके अच्छी तरह कउनो दूसर इ नाही कइ सकत।” 16 यहूदा कहेस, “महोदय, हम पचन क कहइ बरे कछू नाही अहइ। ऍका फरियावइ क कउनो दूसर तरीका नाही बा। इ देखावइ क कउनो तरीका नाही बा कि हम पचे अपराधी नाहीं अही। हम पचे अउर कछू किहे होइ जेकरे बरे परमेस्सर हमका अपराधी ठहराएस ह। एह बरे, हम सबहिं बिन्यामीन क साथ, आपका दास होब।” 17 मुला यूसुफ कहेस, “मइँ तू पचन्क सबहि क आपन दास न बनाउब। सिरिफ उहइ मनई जेकर बोरा मँ पियाला पावा गवा रहा, मोर दास होइ। तू दूसर लोग आपन पिता क लगे जाइ बरे अजाद अहइँ।” 18 तब यहूदा क लगे गवा अउ उ कहेस, “महोदय, मेहरबानी कइके मोका खुद आपसे साफ कहि लेइ द्या। कृपा कइके मोसे नाखुस न ह्?वा। मइँ जानत अहउँ कि आप खुद फिरौन जइसे अहइँ। 19 जब हम लोग पहिले हिआँ आए रहे, आप पूछे रहेन कि ‘का तोहार पिता या भाई अहइँ?’ 20 अउर हम आप क जवाब दीन्ह, ‘हमरे एक ठु पिता अहइँ, उ बुढ़ान अहइँ अउ हम लोगन क एक लहुरा भाई अहइ। हमार पिता ओसे बहोत ज्यादा पियार करत हीं काहेकि ओकर जन्म ओकरे बुढ़ापे मँ भवा रहा, अउर लहुरा बेटवा क भाई मरि गवा एह बरे इ सिरिफ अकेला बचा अहइ जउन उ मेहरारु स जनमे रहा। हम पचन क पिता ओका बहोत पियार करत हीं।’ 21 तब आप हमसे कहे रहेन, ‘उ भाई क मोरे लगे लिआवा। मइँ ओका लखइ चाहत हउँ।’ 22 अउ हम लोग कहे रहे, ‘इ नान्ह लरिका नाही आइ सकत। उ आपन बाप क नाही तजि सकत। अगर ओकरे पिता क ओसे हाथ धोवइ पड़इ तउ ओकर पिता ऍतना दुःखी होइ कि उ मरि जाइ।’ 23 मुला आप हमसे कहेन, ‘तू लोग आपन छोटका भइया क जरुर लिआवा, नाही तउ मइँ फुन तू लोगन क हाथे अनाज न बेचब।’ 24 ऍह बरे हम लोग आपन पिता क लगे लउटे अउ आप जउन कछू कहेन, ओनका बतावा। 25 “पाछे हम पचन क पिता कहेन, ‘फुन जा अउ हम लोगन बरे कछू अउर अन्न खरीदा।’ 26 हम लोग ओसे कहा, ‘हम लोग आपन सब स लहुरा भाई क बिना नाही जाइ सकित। राज्जपाल कहेस ह कि उ तब तलक हम लोगन क अनाज नाहीं बेची जब तलक उ हमरे सबन त लहुरे भइया क नाही लखि लेत।’ 27 तब मोर पिता हम लोगन स कहेस, ‘तू लोग जानत ह कि मोर मेहरारु राहेल मोका दुइ पूत दिहस। 28 मइँ एक पूत क दूरी जाइ दिहेउँ अउ ओका जंगली जनावर मारि डाएन अउ तब स मइँ ओका नाही लखेउँ ह। 29 अगर तू पचे मोर पूत क मोसे दूर लइ जाइ चाहत बाट्या अउ ओका कछू होइ जात ह तउ मोका ऍतना दुःख होइ कि मइँ मरि जाब।’ 30 ऍह बरे अब हम लोग आपन छोटका भाई क बिना घरे जाब तब हम पचन क पिता क इ निहारइ क पड़ी। उ छोटका बेटवा हमरे पिता क जिन्नगी मँ सबसे बेसी मानता रखत ह। 31 जब उ पचे लखिही छोटका बेटवा हम लोगन क संग नाहीं अहइ उ पचे मरि जइही अउर इ हम लोगन क दोख होइ। हम पचे आपन पिता क घोर दुःख अउ मउत क कारण होइ जाब। 32 “मइँ छोटके बेटवा क जिम्मेदारी लीन्ह ह। मइँ आपन पिता स कहेउँ, ‘जदि मइँ ओका आप क लगे लउटाअइके न लावउँ तउ आप सारी जिन्नगी भइ मोका दोखी ठहराइ सकत हीं।’ 33 ऍह बरे मइँ आप स माँगत अहउँ, अउर आप पराथना करत हउँ कि कृपा कइके छोटके लरिका क आपन भाइयन क संग लौटि जाइ देइँ अउ मइँ हिआँ रुकब अउ आप क दास होब। 34 मइँ आपन पिता क लगे लौट नाही सकत जदि हमरे संग छोटका भाई नाही रही। मइँ इ बात स बहोत ससान अहउँ कि मोरे बाप क संग का घटी।”

45:1 यूसुफ आपन क अउर जियादा न संभारि सका। उ हुआँ हाजिर सबहि लोगन क समन्वा रोइ पड़ा। यूसुफ कहेस, “हर एक स कहा कि हिआँ स हट जाह।”ऍह बरे सबहिं लोग चला गएन। सिरिफ ओकर भाई ही यूसुफ क संग रहि गएन। तब यूसुफ ओनका बताएस कि उ कउन अहइ। 2 यूसुफ रोवत रहा, अउर फिरौन क महल क सब मिस्र क मनइयन सुनेन। 3 यूसुफ आपन भाइयन स कहेस, “मइँ आप लोगन क भाई यूसुफ अहउँ। का मोर पिता अब भी जीवित अहइँ?” मुला भाइयन ओका जवाब नाही दिहेन। उ पचे डेरान अउ उलझन मँ रहेन। 4 ऍह बरे यूसुफ आपन भाइयन स फुन कहेस, “मोरे लगे आवा।” ऍह बरे यूसुफ भाई क निअरे गएन अउ यूसुफ ओनसे कहेस, “मइँ आप लोगन क भाई यूसुफ अहउँ। मइँ उहइ अहउँ जेका मिस्री लोगन क हाथे आप लोग गुलाम क रुप मँ बेचे रहेन। 5 अब परेसान न होइ। आप लोग आपन किहे भए पइ गुस्सा न करइँ। उ तउ मोरे बरे परमेस्सर क योजना रही कि मइँ हिआँ आवउँ। मइँ हिआँ तू लोगन क जिन्नगी बचावइ बरे आवा हउँ। 6 इ खौफनाक भुखमरी क समइ दुइ बरिस ही अबहि बीता अहइ अउऱ अबहि पाँच बरिस बे पौध लगावइ या उपज क अइही। 7 ऍह बरे परमेस्सर तू लोगन स पहिले मोका हिआँ पठएस जेहसे मइँ इ देस मँ तू लोगन क बचाइ सकउँ। 8 इ आप लोगन क दोख नाही रहा कि मइँ हिआँ पठवा गवा। इ परमेस्सर क जोजना रही। परमेस्सर मोका फिरौन बरे पिता क समान बनाएस। ताकि मइँ ओकर सारा घर अउ समूचइ मिस्र क राज्जपाल बनि सकउँ।” 9 यूसुफ कहेस, “ऍह बरे हाली मोरे पिता क लगे जा। मोरे पिता स कहा कि ओकर पूत यूसुफ इ सँदेसा पठएस ह।”परमेस्सर मोका समूचइ मिस्र क राज्जपाल बनाएस ह। मोरे लगे आवइँ। इन्तजार न करइँ। अबहि आवइँ। 10 आप मोरे निचके गोसेन प्रदेस मँ रइही। आप क, आप क बेटवन क, आप क सबहि जनावरन अउ झुण्ड क सुआगत अहइ। 11 भुखमरी क अगले पाँच बरिस मँ मइँ आप क देखरेख करब। इ तरह आप क अउ आप क परिवारे क जउन चीजन अहइँ ओनसे आप क हाथ धोवइ क न होइ। 12 यूसुफ आपन भाइयन स बात करत रहा। उ कहेस, “अब आप लोग निस्चित रुप स लख सकत अहइँ कि इ फुरइ मइँ ही यूसुफ अहइँ’ अउर आप लोगन क भाई बिन्यामीन जानत ह कि इ मइँ ही आप लोगन क भाई अहउँ जउन आप लोगन स बात करत हउँ। 13 ऍह बरे मोरे पिता स मोका मिस्र क जउन सम्मान प्राप्त अहइ क बारे मँ कहइँ। आप लोगन जउन हिआँ लखेन ह उ हर एक चीज क बारे मँ मोरे पिता क बतावइँ। अब हाली करा अउ मोरे पिता क लइके मोरे लगे लौटा।” 14 तब यूसुफ आपन भाई बिन्यामीन क गले लगाएस अउ रोइ पड़ा अउ बिन्यामीन भी रोइ पड़ा। 15 तब यूसुफ सबहि भाइयन क चूमेस अउ ओन कइ बरे रोइ पड़ा। ऍकरे पाछे भाई ओकरे संग बतियाइ लागेन। 16 फिरौन क पता लाग कि यूसुफ क भाई ओकरे पास आवा अहइँ। इ खबर फिरौन क पूरे महल मँ सँचर गइ। फिरौन अउ ओकर नउकर इ बारे मँ बहोत खुस भएन। 17 ऍह बरे फिरौन यूसुफ स कहेस, “आपन भाइयन स कहा कि ओनका जेतना खइया क चाही, लइ लेइँ अउ कनान देस क लौटि जाइँ। 18 आपन भाइयन स कहा कि उ पचे आपन पिता अउ आपन परिवार क लइके हिआँ मोरे लगे आवइँ। मइँ तोहका रोजी बरे मिस्र मँ बढ़िया धरती देब अउ तोहार परिवार सब स अच्छा खइया क खाइ जउन हमरे लगे हिआँ अहइ।” 19 तब फिरौन कहेस, “हमरी सबन त बढ़िया गाडियन मँ स कछू आपन भाइयन क द्या। ओनका कनान जाइ अउ गाड़ियन मँ म आपन पिता, मेहररुअन अउ गदेलन क हिआँ आवइ द्या। 20 ओनकी सबइ चिजियन क हिआँ लावइ बारे मँ चिन्ता जिन करा। हम ओनका मिस्र मँ जउन सबन त बढ़िया अहइ, देब।” 21 ऍह बरे इस्राएल क पूतन इहइ किहेन। यूसुफ फिरौन क बचन क मुताबिक नीक गाडड़िन क दिहस अउ यूसुफ जात्रा बरे ओनका भरपूर भोजन दिहस। 22 यूसुफ हर एक भाई क एक एक जोड़ा सुन्नर ओढ़ना दिहस। मुला अउ यूसुफ बिन्यामीन क पाँच जोड़ा सुन्नर ओढ़ना दिहस अउ यूसुफ बिन्यामीन क तीन सौ चाँदी क सिवका भी दिहस। 23 यूसुफ आपन पिता क भेंट पठएस। उ मिस्र स बहोत स बढ़िया चीजन स भरा बोरन स लदा दस ठु गदहन क पठएस अउ उ आपन पिता बरे अनाज, रोटी अउ दूसर भोजन स लदी भइ दस ठु गदहियन क ओनकी वापसी जात्रा बरे पठएस। 24 तब यूसुफ आपन भाइयन क जाइ बरे कहेस। जब उ पचे जाइ क रहेन यूसुफ ओनसे कहेस, ‘सोझइ घरेजा अउ रस्ता मँ जिन लड्या।” 25 इ तरह भाइयन मिस्र क तजेन अउ कनान देस मँ आपन पिता क लगे गएन, 26 भाइयन ओनसे कहेन,”पिता जी यूसुफ अबहि जिअत अहइ अउ उ पूरा मिस्र देस क राजा अहइ।”ओनकइ पिता असमंजस मँ पड़ि गवा। उ ओन पइ नाही पतियान। 27 मुला यूसुफ जउन बातन क कहे रहा, भाइयन हर एक बात आपन पिता स कहेन। तब याकूब ओन गाड़ियन क लखेस जेनका यूसुफ मिस्र क वापसी जात्रा बरे पठए रहा। तब याकूब भाव बिभोर होइ गवा अउ बहो बहोतइ खुस भवा। 28 इस्राएल कहेस, “अब मोका बिस्सास अहइ कि मोर पूत यूसुफ अबहि जिअत अहइ। मइँ मरइ स पहिले ओका देखइ जात अहउँ।”

46:1 ऍह बरे इस्राएल मिस्र क आपन जात्रा सुरु किहस। पहिले इस्राएल बेर्सेबा पहोंचा। हुआँ इस्राएल आपन पिता इसहाक क परमेस्सर क आरा़धना अउर बलि भेंट किहस। उ बलि दिहेस। 2 राति मँ परमेस्सर इस्राएल स सपना मँ बोला। परमेस्सर कहेस, “याकूब, याकूब”अउ इस्राएल जवाब दिहेस, “मइँ हिआँ अहउँ।” 3 तब परमेस्सर कहेस, “मइँ यहोवा तोहरे बाप क परमेस्सर अहउँ। मिस्र जाइ स डेराअ जिन। मिस्र मँ मइँ तोहका महान रास्ट्र बनाउब। 4 मइँ तोहरे संग मिस्र चलब अउ मइँ तोहका फुन मिस्र मँ स बाहेर निकारि लाउब। तू मिस्र मँ मरिब्या। मुला यूसुफ तोहरे संग रही। जब तू मरब्या तउ उ खुद आपन हाथन स तोहार आँखी बन्द करी।” 5 तब याकूब बेर्सेबा तजेस अउ मिस्र तलक जात्रा किहस। ओकर बेटवन, अर्थात इस्राएल क बेटवन अउ बाप, आपन मेहररुअन अउ आपन सबहि बच्चन क मिस्र लइ गएन। उ पचे फिरौन क जरिये पठई गइन गाड़ियन मँ जात्रा किहेन। 6 ओनके लगे, ओनकइ गोरु अउ कनान देस मँ ओनका आपन जउन कछू रहा, उ भी संग रहा। इ तरह इस्राएल आपन सबहि लरिकन अउ आपन परिवारे क संग मिस्र गवा। 7 ओकरे संग ओकर बेटवन अउ बिटियन अउ पोतन अउर पोतिन रहिन। ओकर सारा परिवार ओकरे संग मिस्र गवा। 8 इ इस्राएल क ओन पूतन अउ परिवारन क नाउँ अहइँ जउन ओकरे संग मिस्र गएन।रूबेन याकूब क पहिला पूत रहा। 9 रूबेन क पूत रहेन: हनोक, पललू, हेस्रोन अउ कर्म्मी। 10 सिमोन क पूत: यमूएल, यामीन, ओहद, याकीन अउ सोहर। हुआँ साऊल भी रहा। (साऊल कनानी मेहरारु स पइदा भवा रहा।) 11 लेवी क बेटवन: गोर्सोन, कहात अउ मरारी 12 यहूदा क पूतन: एर, ओनान, सेला, पेरेस अउ जेरह। (एर अउ ओनान कनान मँ रहत समइ मर ग रहेन।) पेरेस क पूतन: हेस्रोन अउ हामूल। 13 इस्साकार क पूतन: तोला, पुब्बा, योब अउ सिम्रोन। 14 जबूलून क पूतन: सेरेद, एलोन, अउ यहलेल। 15 रूबेन, सिमोन लेवी, यहूदा, इस्साकार अउ जबूलून जउन याकूब क मेहरारु लिआ क पूतन रहेन। लिआ क उ पूतन पद्दन-अराम मँ रहेन अउर ओकर संग दीना नाउँ क एक ठु बिटिया भी रही। इ परिवारे मँ तैंतीस मनई रहेन। 16 गाद क पूतन: सिय्योन, हाग्गी, सूनी, एसबोन, एरी, अरोदी, अउर अरेली। 17 आसेर क पूतन: यिम्ना, यिस्वा, यिस्वी, बरीआ अउ ओनकइ बहिन सेरह अउ बरीआ क पूतन: हेबेर अउ मल्कीएल रहेन। 18 इ सबइ याकूब क मेहरारु क दासी जिल्पा स ओकरे पूत रहेन। (जिल्पा लाबान क दुआरा ओकरे बिटिया लिआ क दीन्ह गवा रहेन।) इ परिवारे मँ सोलह मनई रहेन। 19 याकूब क संग ओकर मेहरारु राहेल स पइदा भवा पूत बिन्यामीन भी रहा। (यूसुफ भी राहेल स पइदा रहा, मुला उ पहिले स ही मिस्र मँ रहा।) 20 मिस्र मँ यूसुफ क दुइ पूतन रहेन, मनस्से अउ एप्रैम। (यूसुफ क मेहरारु ओन क याजक पोतीपेरा क बिटिया आसनत रही।) 21 बिन्यामीन क पूत: बेला, बेकेर, अस्बेल, गेरा, नामान, एही, रोस, मुप्पीम, हुप्पीम अउ आर्द। 22 उ पचे याकूब क मेहरारु राहेल स पइदा भए ओकर दुइ पूत रहेन। इ परिवार मँ चौदह मनई रहेन। 23 दान क पूत: हूसीम। 24 नप्ताली क पूतन: यहसेल, गूनी, सेसेर, अउर सिल्लेम। 25 उ पचे याकूब अउ बिल्हा क पूत रहेन। (बिल्हा राहेल क नउकरानी रही। जेका लाबन ओका दिहे रहेन) इ परिवारे मँ सात मनई रहेन। 26 इ तरह याकूब क सन्तानन मिस्र मँ पहोंचिन। ओनमाँ छाछठ ओकर सोझ संतान रहिन। (इ गनती मँ याकूब क बेटवन क मेहरारुअन सामिल नाही रहिन।) 27 यूसुफ क भी दुइ पूत रहेन। उ पचे मिस्र मँ पइदा भ रहेन। इ तरह मिस्र मँ याकूब क परिवार मँ सत्तर मनई रहेन। 28 इस्राएल पहिले यहूदा क यूसुफ क लगे पठएस। यहूदा गोसेन प्रदेस मँ यूसुफ क लगे गवा। जब इस्राएल अउ ओकर लोग उ प्रदेस मँ गएन। 29 यूसुफ क पता लाग कि ओकर पिता नगिचे आवत अहइ। ऍह बरे यूसुफ आपन ऱथ तइयार कराएस अउ आपन पिता इस्राएल स गोसेन मँ भेटंइ चला। जब यूसुफ आपन पिता क लखेस तब उ ओकरे गटइया स लपटि गवा अउ देर तलक रोवत रहा। 30 तब इस्राएल यूसुफ स कहेस, “अब मइँ सान्ति स मरि सकत हउँ। मइँ तोहार मुँह देखि लिहेउँ ह अउर मइँ जानत हउँ कि तू अबहि जिअत अहा।” 31 यूसुफ आपन भाइयन अउ आपन पिता क परिवार स कहेस, “मइँ जाब अउ फिरौन स कहब कि मोरे पिता हिआँ आइ ग अहइँ। मइँ फिरौन स कहब, ‘मोेर भाइयन अउ मोर पिता क परिवार कनान देस तजि दिहे अहइ अउर हिआँ मोरे लगे आइ ग अहइँ। 32 इ गड़रिया क परिवार अहइ। उ पचे हमेसा गोरु अउ खरका राखे अहइँ। उ पचे आपन सबहि जनावर अउ ओनकइ जउन कछू आपन अहइ ओका आपन संग लइ आए अहइँ।’ 33 जब फिरौन आप लोगन क बोलइही अउ आप लोगन स पूछिही, ‘आप लोग का काम करत ही?’ 34 आप लोग ओनसे कह्या, ‘हम पचे गड़रिया अही। हम सबइ पूरी जिन्नगी जनावरन क देखरेख मँ बितावा ह। हम लोगन स पहिले हमार पुरखन भी अइसे रहेन।’ तब फिरौन तू लोगन क गोसेन प्रदेस मँ रहइ क आग्या दइ देइ। मिस्र क लोग गड़रिया क पसन्द नाही करतेन, ऍह बरे बढ़िया उहइ होइ कि आप लोग गोसेन मँ ही ठहरइँ।”

47:1 यूसुफ फिरौन क लगे गवा अउ उ कहेस, “मोर पिता, मोर भाई अउ ओनके सबहि परिवार हिआँ आइ ग अहइँ। उ सबइ आपन सबइ जनावर तथा कनान मँ ओनकइ आपन जउन कछू रहा, ओकरे संग अहइ। इ टेम उ सबइ गोसेन प्रदेस मँ अहइँ।” 2 यूसुफ आपन भाइयन मँ स पाँच क फिरौन क समन्वा हाजिर होइ बरे चुनेस। 3 फिरौन भाइयन स पूछेस, “तू लोग का काम करत अहा?”भाइयन फिरौन स कहेन, “महोदय, हम पचे गड़रिया अही। हम लोगन स पहिले हमार पुरखन भी गड़रिया रहेन।” 4 उ पचे फिरौन स कहेन, “कनान मँ भुखमरी क इ टेम बहोत बुरा बाटइ। हम लोगन क गोरुअन क घास वाला कउनो खेत बचा नाही रहि गवा बाटइ। ऍह बरे हम लोग इस देस मँ बसइ आवा अही। आप से हम पचे बिनती करत अही कि आप कृपा कइके हम लोगन क गोसेन प्रदेस मँ रहइ देइँ।” 5 तब फिरौन यूसुफ स कहेस, “तोहरे पिता अउ तोहार भाई तोहरे लगे आवा अहइँ। 6 तू मिस्र मँ कउनो भी जगह ओनके रहइ बरे चुन सकत ह। आपन पिता अउ आपन भाइयन क सबसे अच्छी भुइँया द्या। ओनका गोसेन पहटा मँ रहइ द्या अउ अगर उ सबइ कुसल गड़रिया अहउँ, तउ उ पचे मोरे जनावरन क भी देख भाल कइ सकत ही।” 7 तब यूसुफ आपन पिता याकूब क भितरे फ़िरौन क समन्वा बोलाएस। याकूब फिरौन क आसीर्बाद दिहस। 8 तब फिरौन याकूब स पूछेस, “आप क उमिर का अहइ?” 9 याकूब फिरौन स कहेस, “बहोत स कस्टन क संग मोर छोटी जिन्नगी रही। मइँ सिरिफ एक सौ तीस बरिस जिन्नगी बिताएउँ ह। मोर पिता अउ ओनके पुरखन मोसे बेसी उमिर तक जिअत रहेन।” 10 याकूब फिरौन क आसीर्बाद दिहस। तब फिरौन स बिदा लेइके चल दिहस। 11 यूसुफ फिरौन क हुकुम मानेस। उ आपन पिता अउ भाइयन क मिस्र मँ भुइँया दिहस। इ रामसेस सहर क निअरे मिस्र मँ सबसे बढ़िया भुइँया रही। 12 यूसुफ आपन पिता भाइयन अउ ओनके आपन लोगन क, जउन भोजन ओनका जरुरी रहा, दिहस। 13 भुखमरी क समइ अउर भी जियादा बुरा होइ गवा। देस मँ कही भी भोजन न रहा। इ बुरा समइ क कारण मिस्र अउ कनान बहोत गरीब होइ गएन। 14 देस मँ लोग जियादा स जियादा अनाज बेसहइ लागेन। यूसुफ धन बचाएस अउ ओका फिरौन क महल मँ लिआएस। 15 कछू समइ पाछे मिस्र अउ कनान मँ लोगन क लगे पइसा नाही रहा। उ पचे आपन सारा धन अनाज बेसहइ मँ खर्च कइ दिहन। ऍह बरे लोग यूसुफ क लगे गएन अउ बोलेन, “कृपा कइके हम पचन क खइया क द्या। हम पचन क धन खतम होइ ग अहइ। अगर हम लोग नाहीं खाब तउ आप क लखत लखत मरि जाब।” 16 मुला यूसुफ जवाब दिहस, “आपन गोरु मोका द्या अउर मइँ तू लोगन क भोजन देब।” 17 ऍह बरे लोग आपन गोरु, घोड़ा अउ दूसर सबहि जनावरन क भोजन बेसहइ बरे प्रयोग मँ लावइ लागेन अउ उ बरिस यूसुफ ओनके गोरुअन क लिहस अउ भोजन दिहस। 18 मुला दूसर बरिस लोगन क लगे जनावर नाही रहि गएन अउ भोजन बेसहइ बरे कछू न रहा। ऍह बरे मनई यूसुफ क लगे गएन अउ बोलेन, “आप जानत ही कि हम लोगन क लगे धन नाही बचा बाटइ अउ हमार सबहिं गोरु आप क होइ गए अहइँ। ऍह बरे हम लोगन क लगे कछू नाही बचा अहइ। उ बचा अहइ सिरिफ, जउन आप लखत ही, हमार तन अउ हमार भुइँया। 19 आप क लखत भए ही हम फुरइ मरि जाब। मुला जदि आप मोका भोजन देत ही तउ हम फिरौन क आपन भुइँया देब अउ ओकर गुलाम होइ जाब। हमका बिआ द्या जेनका हम बोइ सकी। तब हम लोग जिअत रहब अउ मरब नाहीं अउ भुइँया हम लोगन बरे फुन अनाज उगाई।” 20 ऍह बरे यूसुफ मिस्र क सारी भुइँया फिरौन बरे बेसहेस। मिस्र क सबहि लोगन आपन खेतन क यूसुफ क हाथ बेंचि दिहन। उ पचे इ ऍह बरे किहन काहे कि उ पचे बहोत भुखान रहेन। 21 अउर सबइ लोग फिरौन क दास होइ गएन। मिस्र मँ सब जगह लोग फिरौन क दास रेहन। 22 एक सिरिफ उहइ भुइँया यूसुफ नाही बेसहेस जउनयाजकन क कब्जा मँ रही। याजकन क भुइँया बेंचइ क जरुरत नाही रही। काहेकि फिरौन ओनके काम बरे ओनका पगार देत रहा। ऍह बरे उ पचे इ धन क खाइ बरे भोजन बेसहइ मँ खरच किहन। 23 यूसुफ लोगन स केहस, “अब मइँ तू पचन क अउ तोहरी भुइँया क फिरौन बरे बेसहेउँ ह। ऍह बरे मइँ तू पचन क बिआ देब अउ तू लोग आपन खेतन मँ पौध लगाइ सकत ह। 24 फसल काटइ क समइ तू लोग फसल क पाँचवाँ हीसा फिरौन क जरुर दिह। तू पचे आपन खातिर पाँच मँ स चार हीसा रखि सकत ह। तू लोग उ बिआ क जेका भोजन अउ बोवइ बरे रखब्या ओका दुसरे बरिस प्रयोग कइ सकब्या। अब तू आपन परिवारन अउ गदेलन क खिआइ सकत ह।” 25 मनइयन कहेन, “आप हम लोगन क जिन्नगी बचाइ लिहन ह।” हम लोग आप क अउ फिरौन क दास होइ मँ खुस अही।” 26 ऍह बरे यूसुफ उ समइ देस मँ एक नेम बनाएस अउ उ नेम अब तलक चला आवत अहइ। नेम क मुताबिक भुइँया स हर एक उपज क पाँचवाँ हीसा फिरौन क बाटइ। फिरौन सारी भुइँया क सुआमी अहइ। सिरिफ उहइ भुइँया ओकर नाही जउन याजकन क बाटइ। 27 इस्राएल मिस्र मँ रहेउँ। उ गोसेन पहटा मँ रहा। ओकर परिवार बाढ़ा अउ बहोत बड़वार होइ गवा। उ पचे मिस्र मँ उ भुइँया क पाएन अउ अच्छी जिन्नगी बिताएन। 28 याकूब मिस्र मँ सत्रह बरिस रहा। इ तरह याकूब एक सौ सैंतालीस बरिस क होइ गवा। 29 उ समइ आइ गवा जब इस्राएल समझ गवा कि उ हाली ही मरी, ऍह बरे उ आपन पूत यूसुफ क आपन लगे बोलाएस। उ कहेस, “अगर तू मोसे पिरेम करत ह तउ तू आपन हाथ मोरी जाँधे क तरे धइके मोका बचन द्या कि तू जउन मइँ कहब करब्या अउ तू मोरे बरे सच्चा रहब्या। जब मइँ मरब तउ मोका मिस्र मँ जिन दफनाया। 30 उहइ जगह मोका दफनाया जउने जगह मोरे पुरखन दफनावा गए अहइँ। मोका मिस्र स बाहेर लइ जा अउ मोरे पुरखन जहा दफनाए गवा अहइँ उहइ जगह मोका दफनावा।”यूसुफ जवाब दिहस, “मइँ बचन देत हउँ कि उहइ करब जउन आप कहत हीं।” 31 तब याकूब कहेस, “मोसे एक प्रण करा” अउर यूसुफ ओसे प्रण किहेस कि उ ऍका पूरा करी। तब इस्राएल आपन मूँड़ी खटिया प पाछे धरेस।

48:1 कछू टेम पाछे यूसुफ क पता लाग कि ओकर पिता बेराम अहइ। ऍह बरे यूसुफ आपन दुइनउँ बेटहनन मनस्से अउ एप्रैम क संग लिहस अउ आपन पिता क लगे गवा। 2 जब यूसुफ पहोंचा तउ कउनो इस्राएल स कहेस, “तोहार पूत यूसुफ तोहका लखइ आवा ह।” इस्राएल बहोत दुर्बल रहा, मुला उ बहोत जतन किहेस अउ खटिया प बइठि गवा। 3 तब इस्राएल यूसुफ स कहेस, “कनान देस मँ लूज क जगह प सर्वसक्तीमान परमेस्सर मोका खुद दर्सन दिहस। परमेस्सर हुआँ मोका आसीर्बाद दिहस। 4 परमेस्सर मोसे कहेस, “मइँ तोहार एक बड़वार परिवार बनाउब। मइँ तोहका बहोत स बच्चन क देब अउर तू एक महान रास्ट्र बनब्या। तोहरे लोगन इ भुइँया प सदा बना रही। 5 अउर अब तोहार दुइ पूत बाटेन। मोरे आवइ स पहिले मिस्र देस मँ हिआँ इ सबइ पइदा भए रहेन। तोहार दुइनउँ पूत एप्रैम अउ मनस्से मोरे आपन बेटवन क तरह होइहीं। उ पचे वइसेन होइहीं जइसे मोका रूबेन अउ सिमोन अहइँ। 6 इ तरह इ दुइनउँ मोर पूत होइहीं। उ पचे मोर सबहि चीजन मँ हिस्सेदार होइही। मुला अगर तोहार दूसर पूत होइहीं तउ उ सबइ तोहार बच्चन होइहीं। मुला उ पचे भी एप्रैम अउ मनस्से क बेटवन क नाईं होइहीं। अऱथ अहइ भविस्स मँ एप्रैम अउ मनस्से क जउन कछू होइ, ओहमाँ हिस्सेदार होइहीं। 7 पद्दनअराम स जात्रा करत समइ मँ राहेल मरि गइ। इ बात मोका बहोतइ दुःखी किहस। उ कनान क भुइँया मँ मरी। हम पचे अबहि एप्राता कइँती जात्रा करत रहे। मइँ ओका एप्राता कइँती जाइवाली सड़क प दफनावा।” (एप्राता बेतलेहेम अहइ।) 8 तब इस्राएल यूसुफ क पूतन क लखेस। इस्राएल पूछेस, “इ सबइ लरिकन कउन अहइँ?” 9 यूसुफ आपन पिता स कहेस, “इ सबइ मोर बेटवन अहइँ। इ सबइ उ पचे लरिकन अही जेनका परमेस्सर मोका दिहस ह।”इस्राएल कहेस, “आपन बेटवन क मोरे लगे लइ आवा। मइँ ओनका असीसब।” 10 इस्राएल बुढ़वा रहा, अउर ओकर आँखिन ठीक नाही रहिन। ऍह बरे यूसुफ आपन बेटहनन क अपने बाप क निचके लइ गवा। इस्राएल बच्चन क चूमेस अउ गले स चिपकाएस। 11 तब इस्राएल यूसुफ स कहेस, “मइँ कबहु नाहीं सोचेउँ कि मइँ तोहार मुँह फुन लखब मुला देखा। परमेस्सर तोहका अउर तोहरे गदेलन क मोका निहारइ दिहस।” 12 तब यूसुफ बच्चन क गोदी स लिहस अउ उ पचे ओकरे पिता क समन्वा पैलगी करइ क निहुरेन। 13 यूसुफ एप्रैम क आपन दाहिन कइँती किहस अउ मनस्से क आपन बाईं कइँती इ तरह एप्रैम इस्राएल क बाईं कइँती रहा अउ मनस्से दाईं कइँती रहा। 14 मुला इस्राएल आपन हाथ क पहला बदलिके आपन दाहिन हाथ क लहुरा लरिका एप्रैम क मूँड़े प धरेस अउ तब बाएँ हाथ क इस्राएल जेठ लरिका मनस्से क मूँड़े प राखेस। उ आपन बाएँ हाथ क मनस्से प धरेस, तउ भी मनस्से क जन्म पहिले भवा रहा। 15 अउर इस्राएल यूसुफ क आसीर्बाद दिहस अउ कहेस,“मोरे पुरखा इब्राहीम अउ इसहाक हमरे परमेस्सर क आराधना किहस अउ उहइ परमेस्सर मोर पूरी जिन्नगी क रास्ता क देखॅवइया रहा बाटइ। 16 उहइ सरगदूत रहा जउन मोका सबहि कस्टन स बचाएस अउर मोर पराथना अहइ कि इ सबइ लरिकन क उ असीसइ। अब इ सबइ बच्चन मोर नाम पइही। उ पचे हमरे पुरखा इब्राहीम अउ इसहाक क नाउँ पइहीं। मइँ पराथना करत हउँ कि उ पचे धरती प महान परिवार अउ रास्ट्र बनिही।” 17 यूसुफ लखेस कि ओकर पिता एप्रैम क मूँड़े प दाहिना हाथ रखेस ह। इ यूसुफ क खुस न कइ सका। यूसुफ आपन पिता क हाथे क धरेस। उ ओका एप्रैम क मूँड़े स हटाइके मनस्से क मूँड़ प रखइ चाहत रहा। 18 यूसुफ आपन पिता स कहेस, “आप आपन दाहिन हाथ गलत लरिका प धरे अहा। मनस्से क जन्म पहिले अहइ।” 19 मुला ओकर पिता नकारेस, अउ कहेस, “पूत, मइँ जानत हउँ। मनस्से क जन्म पहिले अहइ अउर उ महान होइ। उ बहोत स लोगन क पिता भी होइ। मुला लहुरा भाई जेठ भाई स बड़ा होइ अउ लहुरे भाई क परिवार ओसे बहोत बड़ा होइ।” 20 इ तरह इस्राएल उ दिन ओनका आसीर्बाद दिहस। उ कहेस,“इस्राएल क लोग तोहरे नाउँ क प्रयोग आसीर्बाद देइ बरे करिही, उ लोगन कहब्या: परमेस्सर तोहका एप्रैम अउ मनस्से क तरह बनावइ।”इ तरह इस्राएल एप्रैम क मनस्से स बड़वार बनाएस। 21 तब इस्राएल यूसुफ स कहेस, “लखा मोरी मउत क टेम निचकाइ ग अहइ। मुला परमेस्सर तोहरे साथ अब भी रही। उ तोहका तोहरे पुरखन क देस तलक लउटाइ लइ जाइ। 22 मइँ तोहका अइसा कछू दिहेउँ ह जउन तोहरे भाइयन क नाही दिहेउँ ह। मइँ तोहका उ पहाड़े क देत अहउँ जेका मइँ एमोरी लोगन स जीतेउँ ह। उ पहाड़ बरे मइँ आपन तरवार अउ आपन धनुख स जुद्ध किहेउँ रहे अउर मोर जीत भइ रही।”

49:1 ?तब याकूब आपन सबहि बेटवन क आपन लगे बोलाएस। उ कहेस, “मोर सबइ बेटउनो, हिआँ मोरे लगे आवा। मइँ तोहका बताउब कि भविस्स मँ का होइ। 2 “याकूब क पूते, एक साथे आवा अउ सुना, आपन पिता इस्राएल क सुना।” 3 “रूबेन, तू मोर पहिलउटी क बेटवा अहा। तू मोर पहिलउटी क बेटवा अउ मोरी सकती क पहिला सबूत अहा। तू मोर सबहि बेटवन स जियादा इज्जतदार अउ बरिआर अहा। 4 मुला तोहार उमंग बाढ़े का लहर क नाईं बेकाबू रहा। इसलिए तू मोर सबहि पूतन स जियादा सम्मानित पूत अउर नाही रहिसकब्या। तू आपन बाप क बिछाउना पइ चढया अउ ओकर पत्नियन मँ स एक क संग सोया। तू आपन पिता क बिछाउना क लज्जित किहेस ह।” 5 “सिमोन अउ लेवी भाई अहइँ। ओनका आपन तरवारे स लड़ब पियारा अहइ। 6 उ पचे छुपे रूप बुरी योजना बनाएन, मइँ ओनकइ योजना क कउनो हीसा नाहीं चाहत हउँ मइँ ओनकइ छुपी बइठकन क अनुमोदन नाही करब। उ पचे मनइयन क कतल किहन जब उ सबइ किरोध मँ रहेन। अउ उ पचे सिरिफ मजाक बरे जनावरन क चोट पहोंचाएन। 7 ओनकइ किरोध एक सराप अहइ। इ सबइ बहोत जियादा कठोर अहइ जब उ सबइ पगलात ही। याकूब क देस मँ ओनके परिवारन क आपन भुइँया न होइ। उ पचे पूरा इस्राएल मँ फइलि जइही।” 8 “यहूदा, तोहार भाईयन तोहार प्रसंसा करिहीं। तू आपन दुस्मनन क हरउब्या। तोहरे भाई तोहरे समन्वा निहुरिही। 9 यहूदा उ सेर क नाईं अहइ जउन कउनो जनावर क मारे होइ। हे मोर पूत, तू उ सेर क तरह अहा जउन आपना सिकार क बाद अराम करई बरे सोइ जात ह। अउर कउनो ऍतना बहादुर नाही कि ओका छेड़ि देइ। 10 यहूदा क परिवार क मनई राजा होइहीं। ओकरे परिवार क राज-चीन्हा सीलो।क अवाई स पहिले खतम न होइ। तब अनेक लोग ओकर हुकुम मनिहीं। 11 उ आपन गदहा क अंगूरे क लता स बाँधत ह। उ आपन गदहा क बच्चन क सबसे बढ़िया अंगूरे क लता मँ बाँधत ह। उ आपन ओढ़ना क धोवइ बरे सबसे बढ़िया दाखरस क बइपरत ह। 12 ओकर आँखिन दाखरस पिए स ललछउँड़ रहत हीं। ओकर दँतवन दूध पिए स उज्जर अहइँ।” 13 “जबूलब समुद्दर क निअरे रही। ऍकर समुद्दर क किनारा जहाजन बरे सुरच्छित रही। ऍकर पहटा सीदोन तलक फइला होइ।” 14 “इस्साकर उ गदहा क तरह अहइ जउन बहोत जियादा कठोर काम किहे अहइ। उ भारी बोझ ढोवइ क कारण पस्त पड़ा अहइ। 15 उ लखी कि ओकरे आराम क जगह अच्छी अहइ। अउर इ कि ओकर भुइँया आनन्दायक ह। तब उ भारी बोझा ढोवइ क तइयार होइ। उ गुलाम क रुप मँ काम करब अंगीकार करी।” 16 “दान आपन लोगन क निआव वइसे ही करब्या जइसे इस्राएल क दूसर परिवार क संग करत ही। 17 दान सड़क क किनारे सरप क तरह अहइ। उ रास्ता क लगे ओलरा भवा खौफनाक सरप क तरह अहइ, जउन घोड़न क गोड़न क डसत ह, अउ सवार भुइँया प भहराइ पड़त ह। 18 “यहोवा, मइँ मुक्ति क जोहत अहउँ।” 19 “डाकुअन क एक ठु गिरोह गाद प हमला करी। मुला गाद ओनका मार भगाई।” 20 “आसेर क भुइँया बहोत बढ़िया उपज देइ। ओका उहइ खइया क मिली जउन राजा लोगन बरे जोग्ग होइ।” 21 “नप्ताली एक अजाद मादा हिरन क तरह अहइ जेका अजाद कीन्ह गवा ह। उ सुन्नर सब्द कहत ह।” 22 “यूसुफ बहोत सुफल अहइ। यूसुफ फलन स लदी भइ गवा क तरह अहइ। उ झरना क लगे जमी अंगूरे क गवा क तरह बाटइ, बाड़ा क सहारे जमी अंगूरे क गवा क तरह अहइ। 23 ढेर मिला ओकरे खिलाफ भएन अउ ओसे लड़ेन। धनुर्धारी मनइयन ओकर दुस्मन होइ गवा। 24 मुला उ आपन सकतीवाला धनुख अउ फुर्ताला बाँहे स जुद्ध जीतेस। उ याकूब क सकतीवाली परमेस्सर गड़रियन, इस्राएल क चट्टान, स सकती पावत ह। 25 अउर आपन पिता क परमेस्सर स सकती पावत ह। परमेस्सर तोहका आसीर्बाद देइ। सर्वसक्तीमान परमेस्सर तोहका आसीर्बाद देइ। उ तोहका ऊपर स आसीर्बाद देइ अउर खाले गहिर समुद्दर स आसीर्बाद देइ। होइ सकत ह उ तोहका छाती अउ गरभ स आसीर्बाद देइ।” 26 मोरे महतारी-बाप क बहोत स बढ़िया चीजन होत रहिन। अउर मइँ तोहार पिता बहोत जियादा आसीर्बाद पावत रहा। अब मइँ आपन आसीर्बाद क यूसुफ पइ जमा करब जउन पहाड़ क समान ऊँचा होइ, हाँ ओकरे ओकरे भाईयन स अल्गाइ दीन्ह गवा रहेन।” 27 “बिन्यामीन एक अइया भुखा बड़का कूकुर क समान अहइ। जउन भिन्सारे मारत ह ओका खात ह। संझा क उ बचा खुचा स काम चलावत ह।” 28 इ सबइ इस्राएल क बारह परिवार अहइँ। अउर उहइ चीजन अहइँ जेनका ओनके पिता ओनसे कहे रहा। उ हर एक पूत क उ आसीर्बाद दिहस जउन ओकरे बरे ठीक रहा। 29 तब इस्राएल ओनका एक हुकुम दिहस। उ कहेस, “जब मइँ मरउँ तउ मइँ आपन लोगन क बीच रहइ चाहत हउँ। मइँ आपन पुरखन क संग हित्ती एप्रोन क खेतन क गुफा मँ दफनावा जाइ चाहत हउँ। 30 उ गुफा मम्रे क नगिचे मकपेला क खेते मँ अहइ। इ कनान देस मँ अहइ। इब्राहीम उ खेत क एप्रोन स ऐह बरे बेसहेस जेहसे ओकरे लगे एक ठु कब्रिस्तान होइ सकइ। 31 इब्राहीम अउ ओकर मेहरारु सारा उहइ गुफा मँ दफनावा गए अहइँ। इसहाक अउ ओकर मेहरारु रिबका उहइ गुफा मँ दफनाए गएन। मइँ आपन मेहरारु लिआ क उहइ गुफा मँ दफनावा। 32 उ गुफा उ खेत मँ अहइ जेका हित्ती लोगन स बेसहा ग रहा।” 33 आपन पूतन स बातन खतम करइ क पाछे याकूब ओलर गवा, गोड़वन क आपन बिछउना प धरेस अउ मरि गवा।

50:1 जब इस्राएल मरा, यूसुफ बहोत दुःखी भवा। उ पिता स लपटि गवा, ओह प रोवा अउ ओका चूमेस। 2 यूसुफ आपन नउकरन क हुकुम दिहस क उ पचे ओकरे बाप क ल्हासे क तइयार करइँ। (इ सबइ नउकर वैद्य रहेन।) वैद्या लोग याकूब क ल्हास गाड़इ बरे तइयार किहन। उ पचे मिस्र क लोगन क खास तरीका स ल्हासे क तइयार किहन। 3 जब मिस्र क लोग खास तरह स ल्हास तइयार किहन तब ओका गाड़इ क पहिले चालीस दिन तलक जोहेन। ओकरे पाछे मिस्री लोगन दुःख क खास समइ राखेन। इ समइ सत्तर दिन क रहा। 4 सत्तर दिन पाछे दुःख क समइ खतम भवा। ऍह बरे यूसुफ फिरौम क अफसरन स कहेस, “कृपा कइके फिरौन स इ कहा, 5 ‘जब मोर पिता मरत रहेन तब मइँ ओनसे एक प्रण किहेइँ रहेउँ। मइँ प्रण किहेउँ रहे कि मइँ ओनका कनान देस क गुफा मँ गाड़ब। इ उ गुफा बाटइ जेका उ अपने खातिर बनाएस ह। ऍह बरे कृपा कइके मोका जाइ देइँ अउर हुआँ पिता क गाड़इ देइँ। तब मइँ आपक लगे वापिस लउटि आउब।” 6 फिरौन कहेस, “आपन प्रतिग्या पूरी करा। जा अउर आपन बाप क गाड़ा।” 7 ऍह बरे यूसुफ आपन पिता क गाड़इ गवा। फिरौन क सबहि अफसरन यूसुफ क संग गएन। फिरौन क बुजुर्गन अउ मिस्र क बड़कवा लोग यूसुफ क संग गएन। 8 यूसुफ अउ ओकरे भाइयन क परिवार क सबहि मनई ओकरे संग गएन अउ ओकर पिता क परिवार क सबहि लोग भी यूसुफ क संग गएन। सिरिफ बच्चन अउ जनावरन गोसेन पहटा मँ रहि गएन। 9 यूसुफ क संग जाइ बरे लोग रथन अउ घोड़न प सवार भएन। इ बहोतइ बड़ा मनइयन क झुण्ड रहा। 10 उ पचे गोरन आताद क गएन। जउन यरदन नदी क पूरब मँ रहा। इ ठउर प इ पचे इस्राएल क अखिरी संस्कार किहन। इ सबइ आखिरी संस्कार सात दिन तलक होत रहा। 11 कनान क बसइयन गोरन आताद मँ आखिरी संस्कार क लखेन। उ पचे कहेन, “उ पचे मिस्र क लोग फुरइ बहोतइ दुःख भरा संस्कार करत अहइँ।” एह बरे उ जगह क नाइँ यरदन नदी क पार तलक अब आबेलमिस्रैम अहइ। 12 इ तरह इस्राएल क बेटवन उहइ किहन जउन ओनके पिता हुकुम दिहे रहेन। 13 उ पचे ओकरे ल्हासे क कनान लइ गएन अउ मकपेला क गुफा मँ ओका गाड़ेन। इ गुफा मम्रे क निचके उ खेते मँ रही जेका इब्राहीम हित्ती एप्रोन स खरीदा हा। इब्राहीम उ गुफा क कबरिस्तान बरे खरीदा रहा। 14 यूसुफ क आपन पिता क दफनाइ क पाछे उ, ओकरे भाईयन अउर ओकरे संग झुण्ड क हर एक मनई मिस्र क लौट गवा। 15 याकूब क मरइ क पाछे यूसुफ क भाई चिन्ता मँ पड़ेन। उ पचे आपन स कहेन, “होइ सकत ह जउन कछू हम कीन्ह ह ओकरे बरे यूसुफ अब भी हमसे घिना करत ह अउर जउन बुरा काम हम लोगन ओकर संग किहस ह ओकर बदला लेब।” 16 ऍह बरे भाइयन इ सँदेसा यूसुफ क पठएन:तोहार पिता मरइ क पहिले हम लोगन क हुकुम दिहे रहा। 17 उ कहेस, “यूसुफ स कह्या कि मइँ निवेदन करत हउँ कि कृपा कइके उ अपराधे क छिमा कइ देइँ जउन उ पचे ओकरे संग किहेन।” ऍह बरे अब हम तोहसे पराथना करित अही की उ अपराध क छिमा कइ द्या जउ, हम कीन्ह ह। हम लोग सिरिफ तोहरे पिता क परमेस्सर क सेवक अही।यूसुफ क भाइयन जउन कछू कहेन ओसे ओका बड़ा दुःख भवा अउर उ रोइ पड़ा। 18 यूसुफ क भाई ओकरे सामने गएन अउ ओकरे समन्वा निहुरि के पैलगी किहन। उ पचे कहेन, “हम लोग तोहार सेवक होब।” 19 तब यूसुफ ओनसे कहेस, “डेराअ जिन मइँ परमेस्सर नाही अहउँ। 20 इ फुरइ अहइ कि तू मोका नोस्कान पहुचावइ बरे जोजना बनाए रहा, मुला परमेस्सर फुरइ अच्छी योजना बनवत रहा। परमेस्सर क योजना बहोत स लोगन क जिन्नगी बचावइ बरे मोर प्रयोग करइ क रही अउर आजु भी ओकर इहइ योजना अहइ। 21 ऍह बरे डेराअ जिन। मइँ तू लोगन अउ तोहरे बच्चन क देखरेख करब।” इ तरह, यूसुफ ओनका समझाइ बुझाइ क बात किहस अउ नम्र होइके बोला। 22 यूसुफ आपन पिता क परिवार क संग मिस्र मँ रहत रहा। यूसुफ एक सौ दस बरिस होइके मरा। 23 यूसुफ क जिन्नगी मँ एप्रैम क पूतन अउ पोतन भएन अउ ओकर पूत मनस्से क एक पूत माकीर नाउँ क भवा। यूसुफ माकीर क बच्चा क लखइ बरे जिअत रहा। 24 जब यूसुफ मरइ क भवा, उ आपन भाइयन स कहेस, “मोरे मरइ क टेम आइ गवा। मुला मइँ जानत हउँ कि परमेस्सर तू लोगन क रच्छा करी। उ इ देस स तू लोगन क बाहेर लइ जाइ। परमेस्सर तू लोगन क उ देस मँ लइ जाइ जेका उ इब्राहीम, इसहाक अउ याकूब क देइ क बचन दिहे रहा।” 25 तब यूसुफ आपन लोगन क एक प्रण करइ क कहेस। यूसुफ कहेस, “मोसे प्रतिग्या करा कि तब मोर हड्डी आपन संग लइ जाब्या जब परमेस्सर तू लोगन क नवे देस मँ लइ जाइ।” 26 यूसुफ मिस्र मँ मरा, जब उ एक सौ दस बरिस क रहा। वैद्य लोग ओकरी अर्थी क गाड़इ बरे तइयार भएन अउ मिस्र मँ ओकरी अर्थी क एक ठु ताबूत मँ धरेन।