Isaiah

1:1 इ सबइ परमेस्सर क दर्सन अहइ जउन आमोस क पूत यसायाह यहूदा अउर यरूसलेम क बारे लखेस ह। यसायाह ऍन दर्सन क यहूदा क राजा लोगन उज्जियाह, योताम, आहाज अउ हिजकिय्याह क समय मँ लखे रहा। 2 हे सरग अउ धरती, यहोवा क वाणी सुना! यहोवा कहत ह, “मइँ आपन बच्चन क परवान चढ़ाएउँ अउर ओका मजबूत स बढ़इ मँ मदद किहेउँ, किन्तु उ पचे मोहसे विद्रोह किहन। 3 बैल आपन सुआमी क जानत ह अउर गद्हा उ जगह क जानत ह जहाँ ओकर सुआमी ओका चारा देत ह। किन्तु इस्राएल क लोग मोका नाही पहिचानतेन। उ पचे मोर आपन अहइँ किन्तु मोका नाहीं समुझतेन ह।” 4 इस्राएल रास्ट्र पापे अउ दोख स भरि गवा अहइ। जउन कि भारी बोझे क समान ह जेका लोगन क उठाइ क होइ। उ पचे बुरे परिवारन स बुरे अउ दुट्ठ बच्चन क समान अहइँ। उ पचे यहोवा क तजि दिहन। उ पचे इस्राएल परमेस्सर क पवित्तरता क अपमान किहन। उ पचे ओका तजि दिहेन अउर ओकरे संग अजनबी जइसा बेउहार किहन। 5 परमेस्सर कहत ह, “मइँ तू सबइ लोगन क अउर दण्ड काहे देत रहउँ? मइँ तू पचन्क दण्ड दिहेउँ, मुला तू पचे नाहीं बदल्या। तू पचे मोरे बिरूद्ध विद्रोह करत ही रह्या। अब हर मूँड़ घायल अहइ अउ हर हिरदय दुखी अहइ। 6 तोहरे सबन गोड़े क तलुअन स लइके मूँड़े क ऊपरी हींसा तलक तोहरे बदन क हर अंग घावत स भरा अहइ। ओनमाँ चोट लगी अहइँ अउर फूटे भए फोड़न अहइँ। तू पचे आपन फोड़न क कउनो परवाह नाहीं किह्या। तोहार पचन्क घाव न तउ साफ कीन्ह ग अहइँ नही ओनका ढका गवा अहइ। 7 “तोहार सबन्क धरती बर्बाद होइ ग अहइ। तोहार पचन्क नगर आगी मँ बरि गवा अहइँ। तोहार पचन्क धरती तोहार पचन्क दुस्मनन हथियाइ लिहेन। तोहार पचन्क भुइँया अइसे उजारि दीन्ह ग अहइ कि जइसे दुस्मनन क जरिये उजाड़ा गवा कउनो प्रदेस होइ। 8 सिय्योन क बिटिया (यरूसलेम) अब तजि भए सिबिर जइसा होइ गवा। उ ककड़ी क खेत मँ एक अइसा झोपड़ी क नाईं अहइ जेका फसल काटइ क पाछे छोड़ दीन्ह गवा होइ। इ उ नगरी क समान अहइ जेका घेर लीन्ह गवा होइ।” 9 इ फुरइ अहइ किन्तु फुन भी सवतीसाली यहोवा कछू लोगन क हुआँ जिअत रहइ बरे छोड़ दीन्ह ग रहा। सदोम अउर अमोरा सहरन क समान हमार पूरी तरह बिनास नाहीं कीन्ह गवा रहा। 10 हे सदोम क मुखिया लोगो, यहोवा स सँदेसा सुना। हे अमोरा क लोगो, परमेस्सर क उपदेसन पइ धियान द्या। 11 परमेस्सर कहत ह, “मोका इ सबइ सबहिं बलियन नाहीं चाही। मइँ तोहार पचन्क भेड़िन अउ पसुअन क चर्बी क काफी होमबलियन लइ चुका हउँ। बर्धन, मेमनन, बोकरन क खून स मइँ प्रसन्न नाहीं हउँ। 12 “तू लोग जब मोहसे मिलइ आवत अहा तउ मोरे आँगन क हर वस्तु रौंद डावत अहा। अइसा करइ बरे तू पचन्स कउन कहेस ह 13 “बेकार क बलियन तू पचे मोका जिन चढ़ावत रहा। जउन सुगंधित सामग्री तू पचे मोका अपिर्त करत अहा, मोका ओहसे घिना अहइ। नवा चाँद क दावतन, बिस्राम अउर सबित मोहसे सहन नाहीं होइ पउतेन। आपन पवित्तर सभन क बीच जउन बुरे करमन तू पचे करत अहा, मोका ओनसे घिना अहइ। 14 तोहार पचन्क माहवारी बैठकन अउर सबइ सभा स मोका आपन सम्पूर्ण मन स घिना अहइ। इ सबइ सभन मोरे बरे एक भारी भरकम बोझ स बन गइ अहइ। अउर ओन बोझन क उठावत अब मइँ थक चुका हउँ। 15 “तू लोग हाथ उठाइके मोर प्रार्थना करब्या, किन्तु मइँ तोहार सबन कइँती लखइ तलक नाहीं। तू लोग जियादा स जियादा परार्थना करब्या, किन्तु मइँ तोहार सबन्क सुनइ तलक क मना कइ देब काहेकि तोहार सबन्क हाथ खून स सना अहइँ। 16 “आपन क धोइ अउ आपन क पवित्तर करी। तू पचे जउन बुरे करम करत अहा ओनका मोर आँखि क नज़र स दूर करा। ओन बुरे कामन क तजा! 17 “अच्छे करम करब सीखा। दूसर लोगन क संग निआव करा। जउन लोग दूसर लोगन क सतावत हीं, ओनका दण्ड द्या। अनाथ बच्चन क अधिकारन बरे संघर्स करा। जउन मेहररूअन क मनसेधू मरि गवा अहइँ, ओनका निआव दियावइ बरे पैरवी करा।” 18 यहोवा कहत ह, “आवा, हम ऍन बातन पइ विचार करी। तोहार सबन्क पाप गहरा लाल रंग क नाईं अहइँ मुला ओनका धोवा जाइ सकत ह अउर बरफ क नाईर् उज्ज्वर होइ सकत ह। तोहार पचन्क पाप लाल कपड़ा क नाईं सुर्ख अहइँ, किन्तु उ सबइ ऊन क नाईं सफेद होइ सकत अहा। 19 “अगर तू पचे मोर कही बातन पइ धियान देत अहा, तउ तू पचे इ धरती क नीक वस्तुअन पउब्या। 20 किन्तु अगर तू पचे सुनइ स मना करत अहा तू पचे मोरे खिलाफ होत अहा, अउर तोहार दुस्मनन तू पचन्क नस्ट कइ डाइहीं।” यहोवा इ सबइ बातन खुद ही कहे रहा। 21 परमेस्सर कहत ह, “यरूसलेम कइँती लखा। यरूसलेम एक ठु अइसी नगरी रही जउन मोहमाँ बिस्सास राखत रही अउर मोर अनुसरण करत रही। उ रण्डी क नाईर् कउनो कारण बन गई? अब उ मोर अनुसरण नाहीं करत। यरूसलेम क निआव स परिपूर्ण होइ चाही। यरूसलेम क बसइयन क, जइसे परमेस्सर चाहत ह, वइसे ही जिअइ चाही। किन्तु अब तउ हुवाँ हत्तियारन रहत हीं। 22 “तू पचन क नेकी चाँदी क समान अहइँ जउन अब बेकार अउर असुद्ध समुझा जात ह। इ उ दाखरस का नाईं अहइ जउन कि बहोत जियादा पानी क कारण पतरा होइ गवा अहइ। 23 तोहार पचन्क सासक विद्रोही अहइँ अउर चोरन क साथी अहइँ। तोहार पचन्क सबहिं सासक घूस लेइ चाहत हीं। गलत काम करइ बरे उ पचे घूस क धन लइ लेत हीं। तोहार पचन्क सबहिं सासक लोगन्क ठगइ बरे मेहनताना लेत हीं। तोहार पचन्क सासक अनाथ बच्चन क सहारा देइ क जतन नाहीं करतेन। तोहार पचन्क सासक ओन मेहररूअन क जरूरतन पइ कान नाहीं देतेन जेनकर मनसेधू मर चुके अहइँ।” 24 एन सबइ बातन क कारण, सुआमी सर्वसवतीमान यहोवा अरथात इस्राएल क सर्वसवतीमान कहत ह, “हे मोर बैरियो मइँ तू पचन्क दण्ड देबउँ। तू पचे मोका अब अउर जियादा नाहीं सताइ पउब्या। 25 जइसे लोग चाँदी क साफ करइ बरे खार मिले भए पानी क प्रयोग करत हीं, वइसे ही मइँ तोहार पचन्क सबहिं खोट दूर करबउँ। सबहिं निरर्थक वस्तुअन तू पचन लइ लेबउँ। 26 जइसे निआव क करवाइयन तोहरे सबन्क लगे सुरु मँ रहेन अब वइसे ही निआव क करवइया मइँ फुन स वापिस लिआउब। जइसे सलाहकार बहोत पहिले तोहरे सबन क लगे हुवा करत रहेन, वइसे ही सलाहकार तोहरे पचन्क लगे फुन होइहीं। तू पचे तब फुन ‘नेक अउर बिस्सासी नगरी’ कहवउब्या।” 27 नीक फइसला अब सिय्योन क दीन्ह जाई अउ उ आजाद होइ जाइ। परमेस्सर उ लोगन क निआव देइ जउन अब हुवाँ रहत हीं। 28 मुला सबहिं अपराधियन अउर पापियन जउन यहोवा क अस्वीकार किहेस ह, क पूरी तरह स तोड़ दीन्ह जाइ अउ बरबाद कइ दीन्ह जाइ। 29 भविस्स मँ, तू लोग ओन बाँझबृच्छन बरे ओन बिसेस बगीचन बरे, जेनका पूजइ बरे तू पचे चुने रह्या, लज्जित होइहीं। 30 इ एह बरे घटित होइ काहेकि तू लोग अइसे बाँझ बृच्छन जइसे होइ जाब्या जेनकर पातियन मुरझात होइँ। तू पचे एक अइसे बगियन क नाईर् होइ जाब्या जउन पानी क बिना मर रहा होइ। 31 बरिआर लोग झुरान काठे क नान्ह नान्ह टूकन जइसा होइ जइहीं अउर उ सबइ लोग जउन काम करिहीं, उ पचे अइसी चिनगारियन क समान होइहीं जोनसे आगी लगि जात ह। उ सबइ बरिआर लोग अउर ओनकर काम बरइ लगिहीं अउर कउनो भी मनई अइसा नाहीं होइ जउन उ आगी क रोकि पाई।

2:1 आमोस क पूत यसायाह यहूदा अउर यरूसलेम क बारे मँ इ संदेस लखेस। 2 आखिरी दिना मँ यहोवा क मन्दिर उ पर्वते पई बनावइ जाइ जउन आपन अगल-बगल क सबहिं पर्वतन मँ सबसे ऊँचा होइ। सबइ रास्ट्रन क लोगन हुवाँ बाढ़ क नाईं आइ। 3 अनेक लोग इ कही सरू करि, “आवा, हमका यहोवा क पर्वते पइ, याकूब क परमेस्सर क मंदिर मँ जाइ चाही। उ हमका आपन जिन्नगी विधि क सिच्छा देइ अउर हम ओकर अनुसरण करब।”सिय्योन पर्वत पइ यरूसलेम मँ स परमेस्सर क उपदेसन क संदेस सुरू करी अउर हुवाँ स उ समूचइ संसार मँ चलि जाइ। 4 तब परमेस्सर सबहिं देसन क निआवी होइ। परमेस्सर बहोत स लोगन क विवादन निपटारा करी अउर उ सबइ लोग लड़ाई बरे अपने हथियारन क प्रयोग करब बंद कइ देइहीं। आपन तरवारन स उ पचे हरे क फार बनइहीं अउर उ पचे आपन भालन क पौधन क काटइ क दँराती क रूपे मँ काम मँ लइहीं। लोग दूसर लोगन क खिलाफ लड़ब बंद कइ देइहीं। लोग जुद्ध बरे कबहुँ प्रसिच्छित नाहीं होइहीं। 5 हे याकूब क परिवार, तू पचे यहोवा क अनुसरण करा। 6 हे यहोवा, तू याकूब (इस्राएल) क घरे स पीछे मुड़ि गवा ह, जबकि उ तोहार लोग अहइ। तोहार लोग पूरी तरह स पूरब (असीरिया) क कबूल कइ लिहेन ह, अउ तोहर लोग पलिस्तियन (पस्चिम) क नाईर् भविस्स बतावइ क सुरू करइ दिहेन ह। तू लोग ओन विचित्र विचारन क पूरी तरह स स्वीकार कइ लिहेस ह। 7 हाँ, तोहार धरती सोना अउ चाँदी स भरि गइ अहइ, अउ हुवाँ क धन-सम्पत्ति क गना न जाइ। हुवाँ अनगिनत जुद्ध क घोड़न रथन भी अहइँ। 8 मुला ओनकर धरती मूरतियन स भी भरी पड़ी अहइँ; तोहार लोग ऍनका खुद की आकार दिहेस ह, अपने हाथन स ओका बनाएन ह अउर उ पचे ही ओनकर पूजा करत हीं। 9 लोग बुरा स बुरा होइ ग अहइँ। लोग बहोत नीच होइ ग अहइँ। हे परमेस्सर, निहचय ही तू ओनका छिमा करब्या, का तू अइसा करब्या? 10 जा, कतहूँ कउनो गड़हा मँ या कउनो चट्टाने क पाछे लुकाइ जा। तू परमेस्सर स डेराअ अउर ओकर महान सवती क समन्बा स ओझर हीइ जा। 11 अहंकारी लोग अहंकार करब तजि देइहीं। अहंकारी लोग धरती पइ लाज स मूँड़ नीचे निहुराइ लेइहीं। उ समय सिरिफ यहोवा ही ऊँच ठउरे पइ बिराजमान होइ। 12 यहोवा एक खास दिन क जोजना बनाएस ह। उ दिन, यहोवा अहंकारियन अउर बड़बोलन लोगन क सजा देइ। तब ओन अहंकारी लोगन क साधारण बनाइ दीन्ह जाइ। 13 उ सबइ अहंकारी लोग लबानोन क लम्बे देवदार बृच्छन क समान अहइँ। उ पचे बासान क बाँझ बृच्छन जइसे अहइँ किन्तु परमेस्सर ओन लोगन क दण्ड देइ। 14 उ सबइ अहंकारी लोग ऊँच पहाड़ियन जइसे लम्बे अउर पहाड़न जइसे ऊँच अहइँ। 15 उ पचे अहंकारी लोग अइसे अहइँ जइसे लम्बी अउ ऊँच मीनारन तथा मजबूत परकोटा होइ। किन्तु परमेस्सर ओन लोगन क दण्ड देइ। 16 उ सबइ अहंकारी लोग तर्सीस क बिसाल जहाउन के समान अहइँ। एन जहाजन मँ महत्वपूर्ण चिजियन भरी अहइँ। किन्तु परमेस्सर ओन अहंकारी लोगन क सजा देइ। 17 उ समय, लोग अहंकार करब तजि देइहीं। उ सबइ लोग जउन अब अहंकारी अहइँ, धरती पइ खाले निहुराइ दीन्ह जइहीं। फिन उ समय केवल यहोवा ही ऊँचा बिराजमान होइ। 18 सबहिं मूरतियन लबार देवता खतम होइ जइहीं। 19 लोग चट्टानन सबइ गुफा अउर धरती क भीतर जाइ लुकइहीं। उ पचे यहोवा अउर ओकर महान सवित स डर जइहीं। अइसा उ समय होई जब यहोवा धरती क हिलावइ बरे खड़ा होइ। 20 उ समय, लोग आपन सोने, चाँदी क मूरतियन क दूर लोकाइ देइहीं (एन मूरतियन क लोग एह बरे बनाए रहेन कि लोग ओनका पूजि सकइँ।) लोग ओन मूरतियन क धरती क ओन बिलन मँ लोकाइ देइहीं जहाँ चमगादड़ अउर छछूँदर रहत हीं। 21 फुन लोग चट्टानन क गुफन मँ छुप जइहीं। उ पचे यहोवा अउर ओकर महान सवती स डेराइके अइसा करिहीं। अइसा उ समय घटित होइ जब यहोवा धरती क हिलावइ बरे खड़ा होइ। 22 ओ इस्राएल क लोगो। तू पचन्क आपन रच्छा बरे दूसर लोगन पइ निर्भर रहब तजि देइ चाही। उ सबइ तउ मनई मात्र अहइँ अउर मनई मरि जात ह। एह बरे, तू पचन्क इ नाहीं सोचइ चाही कि उ पचे परमेस्सर क समान सवतीसाली अहइँ।

3:1 इ सबइ बातन मइँ तू पचन्क बतावत हउँ, तू पचे समुझ ल्य। सर्वसवतीसाली यहोवा सुआमी, ओन सबहिं वस्तुअन क छोरि लेइ जेन पइ यहूदा अउ यरूसलेम निर्भर रहत हीं। परमेस्सर समूचइ भोजन अउ जल भी छोरि लेइ। 2 परमेस्सर सबहिं नायकन अउ महाजोधन क छोरि लेइ। सबहिं निआवा धीसन, भविस्सववतन, जूतिसियन अउ बुजुर्गन क परमेस्सर छोरि लेइ। 3 परमेस्सर सेनानायकन अउर प्रसासनिक नेतन क छोरि लेइ। परमेस्सर सलाहकारन अउर ओन बुद्धिमान क छोरि लेइ जउन जादू करत हीं अउर भविस्स बतावइ क जतन करत हीं। 4 परमेस्सर कहत ह, “मइँ जवान बच्चन क ओनका नेता बनाइ देबउँ। बच्चन ओन पइ राज्ज करिहीं। 5 हर मनई आपुस मँ एक दूसर क बिरुद्ध होइ जाइ। नवयुवक बड़के बूढ़न क आदर नाहीं करिहीं। साधारण लोग महत्वपूर्ण लोगन क आदर नाहीं देइहीं।” 6 उ समय, आपन ही परिवारे स कउनो मनई आपन ही कउनो भाई क धरि लेइ। उ मनई आपन भाई स कही, “काहेकि तोहरे लगे एक ठु ओढ़नाबा, तउ तू हमार नेता होब्या। एन सबहिं खण्डरहन क तू नेता बनिजा।” 7 किन्तु उ भाई ठाड़ होइके कही, “मइँ तू पचन्क सहारा नाहीं दइ सकत। मोरे घरे काफी भोजन अउ ओढ़ना नाहीं बाटइ। तू मोका आपन मुखिया नाहीं बनउब्या।” 8 अइसा एह बरे होइ काहेकि यरूसलेम ठोकर खाएस अउर उ बुरा किहस। यहूदा क पतन होइ गवा अउर उ परमेस्सर क अनुसरण करब तजि दिहस। उ पचे जउन कहत हीं अउर जउन करत हीं उ यहोवा क खिलाफ अहइ। उ पचे यहोवा क महिमा बरे विद्रोह किहन। 9 लोगन क चेहरन पइ जउन भाव अहइँ ओनसे साफ देखाइँ देत ह कि उ सबइ बुरा करम करइ क अपराधी अहइँ। किन्तु उ पचे एन अपराधन क छुपावत नाहीं अहइ, बल्कि ओन पइ गर्व करत भए आपन पापन क डोंडी पीटत हीं। उ पचे ढीठ अहइँ। उ पचे सदोम नगरी क लोगन जइसे अहइँ। ओनका इ बात क परवाह नाहीं अहइ कि ओनके पापे क कउन लखत अहइ। इ ओनके बरे बहोत बुरा होइ। आपन ऊपर ऍतनी बड़की विपद उ पचे खुद बोलाएन ह। 10 अच्छे लोगन क बताइ द्या कि ओनके संग अच्छी बातन घटिहीं। जउन नीक करम उ पचे करत हीं, ओनकर सुफल उ पचे पइहीं। 11 किन्तु बुरे लोगन बरे इ बहोत बुरा होइ। ओन पइ बड़ी विपद टूट पड़ी। जउन बुरे करम उ पचे किहेन ह, ओन सबन बरे ओनका सजा दीन्ह जाइ। 12 मोर लोगन क बच्चन बेरहमी स सतइहीं। ओन पइ मेहररूअन राज करिहीं। हे मोर लोगो, तोहार पचन्क अगुआ तू पचन्क बुरे राहन पइ लइ जइहीं। सही मारग स उ पचे तू पचन्क भटकाइ देइहीं। 13 यहोवा आपन लोगन क विरोध मँ मुकदमा लड़इ बरे खड़ा होइ। उ आपन लोगन क निआव करइ बरे खड़ा होइ। 14 बुजुर्गन अउ अगुवा लोग जउन काम किहेन ह यहोवा ओनके बिरुद्ध मुकदमा चलाइ।यहोवा कहत ह, “तू लोग अंगूरे क बागन क (यहूदा क) बारि डाया ह। तू पचे गरीब लोगन क चिजियन क लइ लिहा अउर उ सबइ वस्तुअन अबहिं भी तोहरे पचन्क घरन मँ अहइँ। 15 मोरे लोगन क सतावइ क अधिकार तू पचन्क कउन दिहस? गरीब लोगन क मुँहे क बल धूरि मँ ढकेलइ क अधिकार तू पचन्क कउन दिहस?” मोर सुआमी, सर्वसवतीमान यहोवा इ सबइ बातन कहे रहा। 16 यहोवा कहत ह, “सिय्योन क मेहररूअन बहोत घमण्डी होइ गइ अहइँ। उ पचे मूँड़ी उठाए भए अउर अइसा आचरण करत भए, जइसे उ पचे दूसर लोगन स उत्तिम होइँ, एहर-ओहर घूमति रहत हीं। उ सबइ मेहररूअन आपन आँखिन मटकावत रहत हीं तथा आपन गोड़े क पाजेब झंकारत भइ एहर-ओहर ठुमकत फिरत हीं।” 17 सिय्योन क अइसी मेहररूअन क मूँड़े पइ मोर सुआमी फोड़न निकारी। यहोवा ओन मेहररूअन क गंजा कइ देइ। 18 उ समय, यहोवा ओनसे उ सब चिजियन छोरी लेइ जउने पइ ओनका नाज रहा: गोड़न क सुन्नर पाजेब, सूरज अउर चाँद जइसे देखाइवाले वंठहार, 19 बुन्दे, वंगना अउर ओढ़नी, 20 माथापट्टी, गोड़े क झाँझर, कमरबंद, इत्र क सीसियन अउ ताबीज जेनका उ पचे आपन वंठहारन मँ धारण करत रहिन। 21 मुहरदार अंगूठियन, नाके क बालियन, 22 उत्तिम ओढ़ना, टोपियन, चद्दरन, बटुअन, 23 दर्पण, मलमले क कपड़न, पगड़ीदार टोपियन अउर लम्बा दुसालन। 24 उ समय मँ सुगंधित इत्र जउन अबहुँ अच्छा सुगंध देत अहइ, ओकर उ सुगंध सड़ा भवा फफूँद क संग दुर्गन्ध मँ बदल जाइ। अब उ पचे कमर-बंध पहिरत हीं, किन्तु उ समय पहिरइ क बस ओनके लगे रस्सन होइहीं। इ समय उ पचे आपन बार मँ सुसोभित जूड़न बाँधत हीं, किन्तु उ समय ओनकर मूँड़ मुड़वाइ दीन्ह जइहीं। ओनके एक ठु बार तलक नाहीं होइ।अब ओनके लगे सुन्नर पोसाकन अहइँ। किन्तु उ समय ओनके लगे सिरिफ सोक वस्त्र होइहीं। ओकर सुन्नरता क चीन्ह दासिता क चीन्ह मँ बदलि जाइ। 25 तू पचन्क मनइयन तरवारन स काटि जाइ अउर तोहार मेहरारुअन जुद्ध मँ मारि जाइ। 26 नगर दुआर क निअरे सभा ठउरन मँ रोउब बिलखब अउर दुःख ही फइला होइ। यरूसलेम उ मेहरारू क नाईर् हर चीज स वंचित होइ जाइ जेकर सब कछू चोर अउ लुटेरन लूट गवा होंइ। उ धरती पइ बइठी अउर बिलखी।

4:1 उ समय, सात सात मेहररूअन एक ठु मनसेधू क दबोच लेइहीं अउर ओहसे कहिहीं, “आपन खाइ क बरे हम आपन रोटियन क जुगाड़ खुद कइ लेब, आपन पहिरइ बरे ओढ़ना हम खुद बनाउब। बस तू हमसे बियाह कइ ल्या। इ सबइ काम अपने बरे हम खुद कइ लेब। बस तू हमका आपन नाउँ द्या। कृपा कइके हमरी सरम पइ पर्दा डाइ द्या।” 2 मुला इ मुसीबत क समइ मँ भी यहोवा क पौधा इस्राएल क सेवकन क खुस करिहीं। इ एक सुन्नर अउ सम्मानित क रास्ट्र होइ! 3 सिय्योन अउर यरूसलेम मँ जिअत बचा भवा सबइ लोग परिवत्तर कहलाउब्या। यरूसलेम मँ उ पचे ही अहइँ जेकर नाउँ क जिअत रहइ बरे जिन्नगी क पुस्तक मँ सूचीबंध कीन्ह गवा रहेन। 4 यहोवा सिय्योन क मेहररूअन क असुद्धता क धोइ देइ। यहोवा यरूसलेम स खून क धोइ क बहाइ देइ। यहोवा निआव क चेतना क प्रयोग करी अउर बिना कउनो पच्छपात क निर्णय लेइ। वह दाहक चेतना क प्रयोग करी अउर हर वस्तु क सुद्ध कइ देइ। 5 तब परमेस्सर इ साबित करी कि उ आपन मनइयन क संग अहइ। उ दिन क समय, धुँए क एक बादर क रचना करी अउर रात क समय एक चमचमात लपट स मिली भइ आगी। इ सबइ चीन्ह सिय्योन पर्वते पइ, लोगन क हर सभा क ऊपर अउर उ सहर मँ ओकरे हर भवन क ऊपर परगट होइहीं। सुरच्छा बरे हर मनई क ऊपर एक आवरण छाइ जाइ। 6 मण्डप क इ आवरण एक ठु सुरच्छा ठउर होइ। इ आवरण लोगन क सूरज क गर्मी स बचाइ। मण्डप क इ आवरण सब प्रकार क बाढ़न अउ बर्खा स बचइ क एक सुरच्छित ठउर होइ।

5:1 अब मइँ आपन मीत बरे एक ठु गीत गाउब। इ गीत मोरे मीत क अंगूर क बागीचा क बारे मँ अहइ। ओकरे लगे अंगूर क इ बागीचा बहोत उपजाऊ पहाड़ी पइ अहइ। 2 मोर मीत धरती खोदेस अउ काँकड़ पाथर हटाइके ओका साफ किहेस अउर हुवाँ पइ अंगूरे क उत्तिम बेलन रोपि दिहस। फुन खेत क बीच मँ उ अंगूर क रस निकारइ क वुण्ड बनाएस। मीत क आसा रही कि हुवाँ उत्तिम अंगूर होइहीं। किन्तु हुवाँ जउन अंगूर लाग रहेन उ सबइ बुरा रहेन। 3 तउ परमेस्सर कहेस: “हे यरूसलेम क लोगो, अउर यहूदा क बसइयो, मोर अउ मोरे अंगूर क बाग क बारे मँ निर्णय करा। 4 मइँ अउर क आपन अंगूर क बाग क बरे कइ सकत रहेउँ? मइँ उ सब किहेउँ जउन कछू भी मइँ कइ सकत रहेउँ। मोका उत्तिम अंगूरन क लगइ क आसा रही, किन्तु हुवाँ अंगूर बुरे ही लागेन। इ अइसा काहे भवा? 5 अब मइँ तोहका बताउब कि आपन अंगूर क बगीचा बरे मइँ का कछू करउँ:उ कँटेहरी झाड़ी जउन खेते क रच्छा करत ह मइँ उखाड़ि देब, अउर ओन झाड़ियन क आगी मँ बारि देबउँ। पाथर क परकोटा तोड़िके भहराइ देब। बगिया क रौंदि दीन्ह जाइ। 6 मइँ अंगूरे क बगीचे क खाली खेते मँ बदली देबउँ। कउनो पउधन क काटा-छाँटा नाहीं जाइ अउर नाहीं वुदाल स मिटी क खोदी जाइ। ऍह बरे हुवाँ सिरिफ काँटा अउर खरपतवार उगीहीं। मइँ बादरन क आदेस देब कि उ सबइ हुवाँ न बरिसइँ।” 7 सर्वसवतीसाली यहोवा क अंगूरे क बगीचा इस्राएल क रास्ट्र अहइ, अउर अंगूरन क बेलन यहूदा क राजा अहइँ। यहोवा निआव क आसा किहे रहा, किन्तु हुवाँ हत्तिरा दबदबा रही। यहोवा निस्पच्छता क आसा किहस, किन्तु हुवाँ बस मदद माँगइवालन क रोना रहा जेनके संग जुल्म कीन्ह गवा रहा। 8 सराप ओनका जउन मकान दर मकान लेत ही चला जात हीं अउर एक खेत क पाछे दूसर खेत अउर दूसर क पाछे तीसर खेत तब तलक घेरत ही चला जात हीं जब तलक कउनो अउर बरे कछू भी जगह नाहीं बची रहत। अइसे लोगन क इ भूइँया मँ अकेले ही रहइ पड़ी। 9 सर्वसवतीसाली यहोवा क मइँ मोहसे इ कहत भए सुना ह, “अब लखा हुवाँ बहोत सारे भवन अहइँ किन्तु मइँ तोहसे कसम लइके कहत हउँ कि उ सब सबहिं भवन नस्ट कइ दीन्ह जइहीं। अबहिं हुवाँ बड़के बड़के भव्य भवन अहइँ किन्तु उ सबइ भवन उजड़ जइहीं। 10 उ समय दस एकड़ भुइँया क अंगूरन स एक ही बेरल दाखरस तइयार होइ, अउर दस बोरी बिअन स एक बोरी अनाज पइदा होइ।” 11 तू पचन्क धिवकार अहइ, तू लोग अलख भिन्सारे उठत ह अउर अब सराब पिअइ क ताक मँ रहत ह। राति क देर तलक जागत भए दाखरस पिअके धुत होत अहा। 12 तू आपन प्रतिभोज मँ दाखरस पीअत ह अउर वीणा, ढोल, बाँसुरी अउर अइसे ही दूसर बाजन यत्रं स संगीत सुनत ह तू पचे ओन बातन पइ दृस्टि नाहीं डउत्या जेनका यहोवा किहस ह! तू उ चिजियन क भी नाहीं लखेस ह जेका यहोवा आपन हाथन स बनाएस ह। ऍह बरे तू लोगन बरे इ बहोत बुरा होइ। 13 यहोवा कहत ह, “मोरे लोगन क बंदी बनाइके कैदी क रूप मँ लइ जावा जाइ, काहेकि उ पचे मोका नाहीं जानतेन। अउ महत्वपूर्ण लोग भूख स झूझत रही। अउर आम लोग बहोत पियासा होइ जइहीं।” 14 फुन ओनकर मउत होइ जाइ अउर सियोल, जियादा स जियादा लोगन क निगलि जाइ। मउत क उ प्रदेस आपन असीम मुँह पसारी अउर उ पचे सबहिं महत्वपूर्ण अउर साधारण लोग अउर हुल्लड़ मचावत उ पचे सबहिं खुसियन मनावत अउर सियोल मँ धँसि जइहीं।” 15 ओन लोगन क नीच देखाँवा जाइ। उ सबइ बड़के लोग आपन मूँड़ नीचे लटकाए धरती कइँती लखिहीं। 16 सर्वसवतीसाली यहोवा निआव क संग निर्णय देइ, अउर लोग जान लेइहीं कि उ महान अहइ। पवित्तर परमेस्सर ओन बातन क करी जउन उचित अहइँ, अउर लोग ओका आदर देइहीं। 17 इस्राएल क लोगन स परमेस्सर ओनका आपन देस छोड़वाइ देइ। धरती वीरान होइ जाइ। भेड़िन जहाँ चइहीं, चली जइहीं। उ धरती जउन कबहुँ धनवान लोगन क रही, ओह पइ भेड़िन घूमा करिहीं। 18 ओन लोगन क बुरा होइ, उ पचे आपन अपराध अउर आपन पापन क आपन पाछे अइसे ढोवत अहइँ जइसे लोग रस्सन स छकड़न हींचत हीं। 19 ओह, तू कहत हीं, “ओका उ हाली करी द्या जे उ करइ बरे जात अहा, ताकि हम एकॉ लख सकत हीं! यहोवा जउन चाहत ह ओका होइ द्या ताकि हम जान सकि कि असल मँ इ का अहइ!” 20 ओन लोगन क बुरा होइ जउन कहा करतेन कि अच्छी बातन बुरी अहइँ, अउर बुरी बातन अच्छी अहइँ। उ सबइ लोग सोचा करत हीं कि प्रकास अँधेरा बाटइ, अउर अँधेरा प्रकास अहइ। ओन लोगन क विचार अहइ कि कड़ुवा, मीठ अहइ अउर मीठ कड़ुवा अहइ। 21 बुरा होइ ओन अभिमानियन क जउन खुद क बहोत चतुर मानत हीं। वे पचे सोचा करत हीं कि उ पचे बहोत बुद्धिमान अहइ। 22 बुरा होइ ओनकर जउन दाखरस पिअइ बरे जाना माना जात हीं। दाखरस क मिस्रन मँ जेनका वुसलता हासिल अहइ। 23 अउर यदि तू पचे ओन लोगन क रिस्वत दइ द्या तउ उ पचे एक अपराधी क भी छोड़ देइहीं। किन्तु उ पचे अच्छे मनई क भी निस्पच्छता स निआव नाहीं होइ देतेन। 24 अइसे लोगन क साथ बुरी बातन घटिहीं। ओनकर सन्तान पूरी तरह वइसे ही बर्बाद होइ जइहीं जइसे घास फूस आगी मँ बारि दीन्ह जात हीं। ओनकर सन्तान उ वंद मूल क तरह नस्ट होइ जइहीं जउन मरिके धूरि बन जात ह। ओनकर सन्तान अइसे बर्बाद कइ दीन्ह जइहीं जइसे आगी फूलन क बारि डावत ह अउर ओकर राखी हवा मँ उड़ि जात ह।अइसे लोग सर्वसवतीसाली यहोवा क उपदेसन क पालन करइ स इन्कार कइ दिहन ह। ओ लोग इस्राएल क पवित्तर परमेस्सर क कथन स बइर किहन ह। 25 एह बरे यहोवा आपन लोगन स बहोत जियादा कोहाइ गवा ह। यहोवा आपन हाथ उठाएस अउर ओनका दण्ड दिहस। हिआँ तक कि पर्वत भी डेराइ ग रहेन। गलियन मँ वूड़न क तरह ल्हासन बिछी पड़ी रहिन। किन्तु यहोवा अबहिं भी कोहान अहइ। ओकर हाथ लोगन क दण्ड देइ बरे अबहिं भी उठा भवा बाटइ। 26 लखा! परमेस्सर दूर देसन क लोगन क संकेत देत अहइ। परमेस्सर एक ठु झण्डा उठावत अहइ, अउर ओन लोगन क बोलावइ बरे सीटी बजावत अहइ। कउनो दूर देस स दुस्मन आवत अहइ। उ दुस्मन हाली ही देस मँ घुसि आइ। उ पचे बड़ी तेजी स अगवा बढ़त अहइँ। 27 दुस्मन कबहुँ थका नाहीं करत या कबहुँ नीचे नाहीं गिरत। दुस्मन कबहुँ न तउ ओंघात ह अउर न ही सोवत ह। ओनकर हथियारन क कमर बंद सदा कसा रहत हीं। ओनकर जूतन क तस्मन कबहुँ टूटतेन नाहीं ह। 28 दुस्मन क बाण पैना अहइँ। ओनकर सबहिं धनुस बाण छोड़इ बरे तइयार अहइँ। ओनकर घोड़न क खुर चट्टानन जइसे कठोर अहइँ। ओनकर रथन क पाछे धूरि क बादर उठा करत हीं। 29 दुस्मन गरजत ह, अउर ओनकर गरजब सेर क दहाड़ क जइसा अहइ। उ ऍतना तीव्र अहइ जेतना जवान सेर क गरजब। दुस्मन जेनके खिलाफ जुद्ध करत अहइ ओनके ऊपर गुर्गत ह अउर ओन पइ झपट पड़त ह। उ ओनका हुवाँ स घसीट लइ आवत ह अउर हुवाँ बचावइवाला कउनो नाहीं होत। किन्तु ओनके बच पावइ क कउनो वजह नाहीं। 30 तउ, उ दिन उ ‘सिंह’ समुद्दर क तरगन क नाईर् दहाड़न मारी अउर बंदी बनाए गए लोग धरती ताकत रहि जइहीं, अउर फुन हुवाँ अँधेरा अउर दुःख ही रहि जाइ। इ घने बादर मँ समूचइ प्रकास अँधेरा मँ बदलि जाइ।

6:1 जउने बरिस उज्जिय्याह क मउत भइ, मइँ आपन अद्भुत सुआमी क दर्सन किहेउँ। उ एक बहोत ऊँच सिंहासन पइ विराजमान रहा। ओकर लम्बे चोगे स मंदिर भर गवा रहा। 2 यहोवा क चारिहुँ कइँती साराप सरगदूतन खड़ा रहेन। हर साराप सरगदूतन क छ: छ: पंख रहेन। एनमाँ स दुइ पंखन क प्रयोग उ पचे आपन मुँह क ढकइ क बरे किया करत रहेन अउर दुइ पंखन क प्रयोग आपन गोड़न क ढकइ बरे करत रहेन अउर दुइ पंखन क उ पचे उड़इ क कामे मँ लिआवत रहेन। 3 हर सरगदूत दूसर सरगदूत स गोहराइ गोहराइ के कहत रहेन, “पवित्तर, पवित्तर, पवित्तर सर्वसवतीसाली यहोवा परम पवित्तर अहइ। यहोवा क महिमा सारी धरती पइ फइली अहइ।” सरगदूतन क वाणी क स्वर बहोत ऊँच रहेन। 4 सरगदूतन क आवाज स दुआरे क चौखटन हिल उठिन अउर फुन मंदिर धुआँ स भरइ लाग। 5 मइँ बहोत डेरा गएउँ। मइँ कहेउँ, “अरे, नाहीं। मइँ तउ बर्बाद होइ जाब। मइँ ओतॅॅना सुद्ध नाहीं हउँ कि परमेस्सर स बातन करउँ अउर मइँ अइसे लोगन क बीच रहत हउँ जउन ओतने सुद्ध नाहीं अहइँ कि परमेस्सर स बातन कइ सकइँ। किन्तु फुन भी मइँ उ राजा, सर्वसवतीमान यहोवा क दर्सन कइ लिहेउँ ह।” 6 हुवाँ वेदी पइ आगी बरत रही। ओन साराप सरगदूतन मँ स एक उ आगी मँ स चिमटा स एक दहकत भवा कोइला उठाइ लिहेउँ। 7 तब उ दहकत भए कोइला स मोरे मुँहे क धुआइ दिहस अउर कहेस, “जब इ दहकत कोइला तोहरे ओंठन क छुइ, तउ तू जउन बुरे करम किह्या ह, उ सबइ तोहमाँ स खतम होइ जाइ अउर तोहार पाप धोइ जाइ।” 8 एकरे पाछे मइँ आपन यहोवा आवाज सुनेउँ। यहोवा कहेस, “मइँ केका पठइ सकत हउँ? हमरे बरे कउन जाइ?” तउ मइँ कहेउ, “मइँ हिआँ हउँ। मोका पठवा।” 9 फिन यहोवा बोला, “जा अउर लोगन स कहा, ‘धियान स सुना, किन्तु समुझा जिन। निआरे स लखा, किन्तु बूझा जिन।’ 10 लोगन क लोगन क समझइ क छमता क कठिन कइ द्या। ओनका सुनन मँ मुसकिल कइ देइ अउर लखइ नाहीं सकी। जदि तू अइसा नाहीं करब्या, तउ होइ सकत ह उ आपन आँखन स लखि सकत ही, आपन कानन स सुनि सकत हीं, अउर आपन हिरदइ स समुझ सकत हीं अउर तउ उ पचे पछतावा करी अउर चिकित्सा पाइ।” 11 मइँ फुन पूछेउँ, “सुआमी, मइँ अइसा कब तक करत रहउँ?”यहोवा जवाब दिहेस, “तू तब तलक अइसा करत रहा, जब तलक देस उजरिके बर्बाद न होइ जाइ।” 12 यहोवा लोगन क दूर चले जाइ पइ मजबूर करी। इ देस मँ बड़के-बड़के छेत्र उजड़ जइहीं। 13 उ देस मँ सिरिफ दस प्रतिसत लोग ही बचा रहि जइहीं, अउर दुस्मन ओका बर्बाद करइ बरे फुन स आइ।इ सबइ लोग बँझ बृच्छ क नाईर् होइहीं। जब उ काट दिहे जाइ अउ ओकर सिरिफ ठूँठ बचा रहि जात ह, उ ठुँठ फुन स नवा टहरी उगात ह अउर एकॉ डार बनाइ डावत ह। इ ठुँठ पवित्तर बिया स बढ़ेस ह।

7:1 आहाज, योताम क पूत रहा। योताम उज्जिय्याह क पूत रहा। ओनहीं दिनन मँ रसीन आराम क राजा भवा रहा अउर इस्राएल पइ रमल्याह क पूत पेकह राजा रहा। जउने दिनन यहूदा पइ आहाज सासन करता रहा, रसीन अउ पेकह जुद्ध बरे यरूसलेम पइ चढ़ बइठेन। किन्तु उ पचे इ सहर क हराइ नाहीं सकेन। 2 दाऊद क साही घराना क इ सँदेसा मिला, “आराम अउ इस्राएल क फउजन आपुस मँ मिली गए रहेन अउर एक संग सिबिर लगाएस ह।”राजा आहाज जब इ खबर सुनेस तउ उ अउर ओकर प्रजा बहोत डेराइ गएन। उ पचे आँधी मँ हिलत भए जंगल क बृच्छन क नाईर् डर स काँपइ लागेन। 3 तबहिं यसायाह स यहोवा कहेस, “तोहका अउर तोहार पूत सार्यासूब क आहाज क लगे जाइके बतियाइ चाही। तू उ ठउरे पइ आवा, जहाँ ऊपर क तलाव मँ पानी गिरा करत ह। इ उ गली मँ अहइ जउन धोबी-घाट कइँती जात ह। 4 “आहाज स जाइके कह्या, ‘होसियार रहा, किन्तु साथ ही सान्त भी रहा। डेराअ जिन। ओन दुइनउँ मनइयन रसीन अउ रमल्याह क पूतन स जिन डेराअ। उ पचे दुइ मनई तउ बरी भइ काठन क नाईर् अहइँ। पहिले उ पचे दहका करत रहेन किन्तु अब उ पचे, बस धुआँ मात्र रहि ग अहइँ। रसीन, आराम अउ रमल्याह क पूत कोहान अहइँ। 5 आराम, एप्रैम क प्रदेसन अउ रमल्याह क पूत तोहरे खिलाफ सबइ योजना बनाइ रखे अहइँ। उ पचे कहेन, 6 हमका यहूदा पइ चढ़ाई करइ चाही। हम अपने बरे ओका बाँटि लेब। हम ताबेल क पूत क यहूदा क नवा राजा बनाउब।”‘ 7 मोर सुआमी यहोवा क कहब बाटइ, “ओकर योजना सफल नाहीं होइ। उ कबहुँ पूरी नाहीं होइ। 8 जब तलक दमिस्क क राजा रसीन अहइ, तब तलक इ नाहीं घटी। इस्राएल अब एक ठु रास्ट्र अहइ किन्तु पैसंठ बरिस क भीतर इ एक रास्ट्र नाहीं रही। 9 जब तलक इस्राएल क राजधानी सोमरीन अहइ अउर जब तलक सोमरोन क राजा रमल्याह क पूत बाटइ तब तलक ओनकर सबइ योजना सफल नाहीं होइहीं। जदि इ संदेस पइ तू बिस्सास नाहीं करब्या तउ लोग तोह पइ बिस्सास नाहीं करिहीं।” 10 यहोवा आहाज स आपन बात जारी राखत भए कहेस, 11 यहोवा बोला, “इ सबइ बातन फुरइ अहइँ, एका खुद साबित करइ बरे कउनो संकेत माँग ल्या। तू जइसा भी चाहा वइसा संकेत माँग सकत ह। उ संकेत चाहे गहिरे मउत क पहँटा स होइ अउर चाहे आकासन स भी ऊँच कउनो ठउरे स।” 12 किन्तु आहाज कहेस, “सबूत क रूप मँ मइँ कउनो संकेत नाहीं माँगब। मइँ यहोवा क परीच्छा नाहीं लेब।” 13 तब यसायाह कहेस, “हे दाऊद क साही परिवार, होसियार होइके सुना। तू लोगन क धीरज क परीच्छा लेत अहा। का इ तोहरे बरे काफी नाहीं अहइ, अब तू मोर परमेस्सर क परीच्छा लेत अहा? 14 ऍह बरे, मोर सुआमी परमेस्सर तू पचन्क इ संदेसा देब:लखा जवान लड़की क! उ गर्भवती अहइ। उ एक ठु पूत क जनम देइ। उ इ पूत क नाउँ इम्मानुएलराखी। 15 इम्मानुएल दहिउ अउ सहद खाइ। उ इहइ तरह रही जब तलक उ इ नाहीं सीख जात उत्तिम क चुनब अउर बुरे क नकारब। 16 किन्तु जब तलक उ भला क चुनब अउर बुरे क तजब जानी एप्रैम अउ आराम क धरती उजाड़ होइ जाइ।“आजु तू ओन दुइ राजा लोगन स डेरात अहा। 17 किन्तु तोहका यहोवा स डेराइ चाही। काहेकि यहोवा तोह पइ बिपत्ति क समय लिआवइवाला अहइ। उ सबइ विपत्तियन तोहरे लोगन पइ अउर तोहरे पचन्क पिता क परिवारे क लोगन पइ अइहीं। विपत्ति क इ समय ओन सबहिं विपत्तियन मँ जियादा बुरा होइ जउन समइ एप्रैम यहूदा स अलग भवा ह, तब स अबइ तलक घटी बाटइ। एकरे बरे परमेस्सर का करी? परमेस्सर अस्सूर क राजा क तोहसे लड़ावइ बरे लिआइ। 18 “उ समय, यहोवा ‘माखियन क बुलाइ। (फिलहाल उ सबइ माखियन मिस्र क जलधारन क निअरे अहइँ।) अउर यहोवा ‘मधुमाखियन’ क बुलाइ। (फिलहाल उ सबइ मधुमाखियन अस्सूर देस मँ रहत हीं।) इ सबइ दुस्मन तोहरे देस मँ अइहीं। 19 इ सबइ दुस्मन चट्टानी छेत्रन मँ, रेगिस्ताने मँ जल धारन क निअरे झाड़ियन क आस-पास अउर पानी पिअइ क जगहन क इर्द-गिर्द आपन डेरन डइहीं। 20 यहोवा यहूदा क दण्ड देइ बरे अस्सूर क प्रयोग करी। अस्सूर बलेड क नाई प्रयोग करी बरे भाड़े पइ लेइ जाइ। इ अइसा होइ जइसे यहोवा यहूदा क मूँड़ अउ गोड़े क बाल क मूड़न करत होइ। इ अइसा होइ जइसे यहोवा यहूदा क दाढ़ी मूँड़त होइ। 21 “उ समय, एक मनई बस एक जवान गाय अउ दुइ भेड़न ही बस जिअत रखि पाइ। 22 उ सबइ सब ऍतना दूध देइहीं जउन उ मनई क दहिउ खाइ बरे काफी होइ। उ देस मँ बाकी बचा भवा हर मनई दहिउ अउर सहद ही खावा करी। 23 आजु इ धरती पइ हर खेते मँ एक हजार अंगूरे क बेलन अहइँ। अंगूरे क हर बगिया क कीमत एक हजार चाँदी क सिवका क बराबर अहइँ। किन्तु एन खेतन मँ खरपतवार अउर काँटन भरि जइहीं। 24 इ धरती जंगली होइ जाइ अउर ओकर प्रयोग एक सिकारघर क रूप मँ ही होइ सकी। 25 एक समय रहा जब एन पहाड़ियन पइ लोग काम किया करत रहेन अनाज पइदा करत रहेन। किन्तु उ समय लोग हुआँ नाहीं जावा करिहीं। उ धरती खरपतवारन अउर काँटन स भरि जाइ। ओन ठउरन पइ बस भेड़िन अउर मवेसी ही घूमा करिहीं।”

8:1 यहोवा मोसे कहेस, “लिखइ बरे माटी क बड़की स तख़्ती ल्या अउर ओह पइ सुआ स इ लिखा, महेर्शालाल्हशबज (अर्थात् ‘हिआँ हाली ही लूटमार अउ चोरियन होइहीं।”‘) 2 मइँ कछू अइसे लोग बटोरेउँ जिन पइ साच्छी होइ बरे बिस्सास कीन्ह जाइ सकत रहा। इ सबइ लोग रहेन याजक ऊरिय्याह जकर्याह जउन जेबरेक्याह क पूत रहा। उ लोग मोका निहारत रहेन जउन टेम मँ मइँ ऍन बातन क लखे रहेन। 3 फुन मइँ ओन नबिया क लगे गएउँ। मोर ओकरे संग संग रहइ क पाछे, उ गर्भवती भइ अउर ओकरे एक पूत भवा। तब यहोवा मोसे कहेस, “तू बेटवा क नाउँ महेर्शालाल्हशबज राखा। 4 काहेकि एहसे पहिले कि बचवा, ‘महतारी’ अउर ‘बाप’ कहब सीखइ, ओहसे पहिले ही दमिस्क अउ सोमरोन क समूचइ धनदौलत क छोरि लेइ अउर ओन वस्तुअन क अस्सूर क राजा क दइ देइ।” 5 यहोवा मोसे फुन कहेस। 6 मोर सुआमी कहेस, “इ सबइ लोग सीलोह क तालाब स सान्त पानी क लेइ स इन्कार करत हीं। इ सबइ लोग रसीनअउ रमल्याह पूत क असान्त पानी क लेइ क प्राथमिकता दिहेस। 7 किन्तु एह बरे मइँ, यहोवा, अस्सूर क राजा अउर ओकर समूची सवती क तोहरे विरोध मँ लइके आउब। उ पचे परात नदी क खउफनाक बाढ़ क तरह अइहीं। इ अइसा होइ जइसे किनारन क तोड़त बोरत नदी उफना पड़त ह। 8 जउन पानी उ नदी स उफनिके निकरी उ यहूदा मँ भरि जाइ अउर यहूदा क प्राय: बोर देइ।“इम्मानूएल, इ बाढ़ क पानी तब तलक फइलत चली जाइ जब तलक तोहरे पचन्क समूचइ देस मँ बाढ़ न आ जाइ।” 9 हे जातियो, तू सबहिं जुद्ध बरे तइयार रहा। तू पचन्क हराइ दीन्ह जाइ। अरे, सुदूर क देसो, सुना, तू सबहिं जुद्ध बरे तइयार रहा। तू पचन्क हराइ दीन्ह जाइ। 10 आपन जुद्ध क जोजनन क रचा। तोहार जोजनन हराइ दीन्ह जइहीं। तू अपनी फउजन क हुवुम द्या। तोहार उ सबइ हुवुम बेकार होइ जइहीं। काहेकि परमेस्सर हमार संग अहइ। 11 यहोवा आपन महान सवती क संग मोसे कहेस। यहोवा मोका चितउनी दिहस कि मइँ एन दूसर लोगन क नाईर् न बनउँ। यहोवा कहेस, 12 “तू पचन क इ नाहीं सोचइ चाही कि इ सडयंत्र सिरिफ इ कारण स रचा गवा अहइँ कि लोग अइसा कहत ह! नाहीं, तू पचन क उ बातन स डेरात नाहीं चाही जे बातन स उ पचे डेरात अहइँ।” 13 तू पचन्क बस सर्वसवतीमान यहोवा स डेराइ चाही। तू पचन्क बस उहइ क आदर करइ चाही। तू पचन्क उहइ स डेराइ चाही। 14 जदि तू पचे यहोवा क आदर रखब्या अउर ओका पवित्तर मनब्या तउ उ तोहरे पचन बरे एक ठु सुरच्छित ठउर होइ। किन्तु तू पचे ओकर आदर नाहीं करत्या। एह बरे परमेस्सर एक ठु अइसी चट्टान होइ ग अहइ जेकरे ऊपर तू लोग भहराब्या। उ एक अइसी चट्टान होइ ग अहइ जेह पइ इस्राएल क दुइ परिवार ठोकर खइहीं। यरूसलेम क सबहिं लोगन क फँसावइ बरे उ एक फन्दा बन गवा ह। 15 (इ चट्टान पइ बहोत स लोग भहरइहीं। उ पचे गिरहीं अउर चकनाचूर होइ जइहीं। उ पचे जाल मँ पड़ितीं अउर धइ लीन्ह जइहीं।) 16 यसायाह कहेस, “एक ठु समझौता करा अउर ओह पइ मोहर लगाइ द्या। भविस्स बरे, मोरे उपदेसन क रच्छा करा। मोर चेलन क लखत भए क टेँम ही अइसा करा। 17 उ वाचा इ अहइ:मइँ सहायता पावइ बरे यहोवा क प्रतीच्छा करब। यहोवा याकूब क घराने स लज्जित अहइ। उ ओनका लखइ तलक नाहीं चाहत ह। किन्तु मइँ यहोवा क प्रतीच्छा करब। उ हमार रच्छा करी। 18 “मइँ अउर मोर बच्चा इस्राएल क लोगन बरे संकेत अउर प्रमाण अहइँ। हम उ सर्वसवतीमान यहोवा क जरिये पठवा ग अहइ, जउन सिय्योन पर्वते पइ रहत ह।” 19 कछू लोग कहा करत हीं, “भविस्स बतावइवालन अउर जादूगरन स पूछा, ‘का करब अहइ?” (इ सबइ भविस्स बतावइवालन अउर जादूगर फुस-फुसाइके बोलत हीं। इ सबइ लोगन पइ इ प्रभाव डावइ बरे कि ओनके लगे अर्न्तदृस्टि अहइँ, उ पचे चुपचाप बातन करत हीं।) किन्तु मइँ तू पचन्क बतावत हउँ कि लोगन क आपन परमेस्सर स सहायता माँगइ चाही। उ पचे भविस्स बतावइवालन अउर जादूगर मरे भए लोगन स पूछिके बतावत हीं कि का करइ चाही? किन्तु भला जिअत लोग मरे भएन स कउनो बात काहे पूँछइ। 20 तू पचन्क सिच्छन अउर वाचा क अनुसार चलइ चाही। जदि तू पचे एन हुवुमन क पालन नाहीं करब्या तउ होइ सकत ह तू गलत हुवुमन क पालन करइ लागा। (इ सबइ हुवुमन उ सबइ अहइँ जउन जादूगरन अउ भविस्स बतावइवालन क जरिये मिलत हीं। इ सबइ हुवुमन बेकार अहइँ। ओन हुवुमन पइ चलिके तू पचन्क कछू नाहीं मिली।) 21 जदि तू पचे ओन गलत हुवुमन पइ चलब्या, तउ तोहरे पचन्क देस पइ विपत्ति आइ अउर भूखमरी फइली। लोग भूखा मरिहीं। फुन उ पचे कोहाइ जइहीं अउर आपन राजा अउर आपन देवतन क खिलाफ बातन कहिहीं। एकरे पाछे उ पचे मदद बरे परमेस्सर कइँती निहरिहीं। 22 अगर आपन देस मँ उ पचे चारिहुँ तरफ लखिहीं तउ ओनका चारिहुँ कइँती विपत्ति अउर चिन्ताजनक अँधियारा ही देखाइ देइ। लोगन्क उ अंधकार स भरा दुःख ओनका देस तजइ पइ मजबूर करी अउर उ सबइ लोग जउन उ अँधेरे मँ फँसा होइहीं, आपन आपका ओहसे अजाद नाहीं कराइ पइहीं।

9:1 पहिले लोग सोचा करत रहेन कि जबूलून अउर नप्ताली क धरती महत्वपूर्ण नाहीं अहइ। किन्तु पाछे परमेस्सर उ धरती क महान बनाइ। समुद्दर क लगे क धरती पइ, यरदन नदी क पार अउ गलील मँ गैर यहूदी लोग रहत हीं। 2 जदपि आनु इ सबइ लोग अंधकार मँ निवास करत हीं, किन्तु एनका महान प्रकास रूप मँ दर्सन होइ। इ सबइ लोग एक अइसे अँधियारा मँ रहत हीं जउन मउत क देस क नाईर् अहइ। किन्तु उ “अद्भुत जोति” ओन पइ प्रकासित होइ। 3 तू इ जाति क बढ़ोतरी करब्या, का तू नाहीं करब्या? तू ओकर खुसहाली क बढ़ाउब्या, का इ सही नाहीं अहइ? इ सबइ लोग तोहार मोजूदगी मँ अइसे ही खुस होइ जइसे लोग कटनी क समय पइ खुस होत ह, या इ सबइ वइसी ही खुस होइ जइसी जुद्ध मँ लूटा भवा चिजियन क आपुस मँ बाँटइ क समइ मँ खुसी मनावत हीं। 4 अइसा काहे होइ? काहेकि तू पचन्क इ भारी जूए क तोड़ी देब्या जउन अत्याचारी लोग तोहार कंधा पइ धरेस ह। तू पचे एकॉ वइसा ही हराउब्या जइसा तू पचे मिद्यानियन क हराए रह्या! 5 हर उ कदम जउन जुद्ध मँ आगे बढ़ा, बर्बाद कइ दीन्ह जाइ। हर उ वर्दी जेइ पउ लहू क धब्बन बाटेन, बर्बाद कइ दीन्ह जाइ। इ सबइ वस्तुअन आगी मँ झोंकि दीन्ह जइहीं। 6 इ सब कछू तब घटी जब उ बिसेस बच्चा क जनम होइ। परमेस्सर हमका एक ठु पूत प्रदान करी। इ पूत लोगन क अगुवाइ बरे उत्तरदायी होइ। ओकर नाउँ होइ: “अद्भुत, उपदेसक, सामर्थी परमेस्सर, पिता चिर अमर अउ सान्ति क राजवुमार।” 7 ओकरे राज्ज मँ सवती अउर सान्ति क निवास होइ। दाउद क बंसज, उ राजा क राज्ज क लगातार विकास होत रही। उ राजा नेकी अउ निस्पच्छ निआव क आपन राज्ज क सासन मँ हमेसा हमेसा उपयोग करत रही।उ सर्वसवतीमान यहोवा आपन प्रजा स गहिर पिरेम राखत ह अउर ओकर इ गहिर पिरेम ही ओहसे अइसे काम करवावत ह। 8 याकूब क लोगन क खिलाफ मोर यहोवा एक आग्या दिहेस। इस्राएल क खिलाफ दीन्ह गइ उ आग्या क पालन होइ। 9 तब एप्रैम क हर मनई क अउर हिआँ तलक कि सोमरोनक मुखिया लोगन क इ पता चलि जाइ कि परमेस्सर ओनका सजा दिहे रहा। आजु उ सबइ लोग अभिमानी अउ बड़बोला अहइँ। उ सबइ लोग कहा करत हीं, 10 “होइ सकत ह इ सबइ ईरटन भहराइ जाइँ किन्तु हम एकर अउर जियादा मजबूत पाथरन स निर्माण करब। सम्भव अहइ इ सबइ नान्ह नान्ह बृच्छ काट गिराव जाइँ। किन्तु हम नवा नवा बृच्छ खड़ा कइ देब अउर इ सबइ बृच्छ बिसाल तथा मजबूत बृच्छ होइहीं।” 11 तउ यहोवा इस्राएल क लोगन क खिलाफ जुद्ध करइ बरे हुसकाइ। यहोवा रसीन क सत्रुअन क ओनकर विरुद्ध लइ आई। 12 यहोवा पूरब स आराम क लोगन क अउ पच्छिम स पलिस्तियन क लिआइ। उ सबइ सत्रु आपन फउज स इस्राएल क हराइ देइहीं। किन्तु परमेस्सर इस्राएल स तब भी वुपित रही। यहोवा तब भी लोगन क सजा देइ क तत्पर रही। 13 परमेस्सर लोगन क सजा देइ, किन्तु उ पचे फुन भी पाप करब नाहीं छोड़िहीं। उ पचे परमेस्सर कइँती नाहीं मु़डिहीं। उ पचे सर्वसवतीमान यहोवा क अनुसरण नाहीं करिहीं। 14 तउ यहोवा इस्राएल क मूँड़ अउ पूँछ काट देइ। एक ही दिन मँ यहोवा ओकर साखा अउर ओकरे तने क लइ लेइ। 15 (हिआँ मूँड़ क अरथ अहइ अग्रज तथा महत्वपूर्ण अगुवा लोग अउर पूँछ स अरथ अहइ अइसे नबी जउन झूठ बोला करत हीं।) 16 उ सबइ लोग जउन अगुवाइ करत हीं ओनका बुरे मारग पइ लइ जात हीं। जउन लोग ओनके पाछे चलत हीं, बर्बाद कइ दीन्ह जइहीं। 17 इ सबइ सबहिं लोग दुस्ट अहइँ। एह बरे यहोवा एन युवकन स खुस नाहीं अहइ। यहोवा ओनकर राँड़ अउरत अउ ओनकर अनाथ लरिकन पइ दाया नाहीं करी। काहेकि इ सबइ लोग दुस्ट अहइँ। इ सबइ लोग अइसे काम करत हीं जउन परमेस्सर क खिलाफ अहइँ। इ सबइ लोग झूठ बोलत हीं। तउ परमेस्सर एन लोगन क बरे वुपित बना रही अउ सजा देत रही। 18 बुराई एक ठु छोटकी सी आगी अहइ, आगी पहिले घास फूस अउर काँटन क बारत ह, फुन उ बड़की बड़की झाड़ियन अउ जंगल क बारइ लागत ह अउर अंत मँ जाइके उ बियापक आगी का रूप लइ लेत ह अउर हर वस्तु छुआँ बनिके ऊपर उड़ि जात ह। 19 सर्वसवतीमान यहोवा वुपित अहइ। एह बरे इ प्रदेस भसम होइ जाइ। उ आगी मँ सबहिं लोग भसम होइ जइहीं। कउनो मनई आपन भाई तलक क बचावइ क जतन नाहीं करी। 20 तब ओनके आस-पास, जउन भी कछू होइ, उ पचे ओका जब दाहिन कइँती लेइहीं, या बाईर् कइँती स लेइहीं, भूखा ही रइहीं। फुन उ सबइ लोग आपुस मँ आपन ही परिवार क लोगन क खाइ लगिहीं। 21 (अर्थात् मनस्से, एप्रैम क खिलाफ लड़ी अउर एप्रैम मनस्से क खिलाफ लड़ाइ करी अउर फुन दुइनउँ ही यहूदा क खिलाफ होइ जइहीं।)यहोवा इस्राएल स अबहिं भी कोहान अहइ। यहोवा ओकर लोगन क सजा देइ बरे अबहिं भी तत्पर अहइ।

10:1 ओन नेम बनावइवालन क लखा अउर जउन अनिआव स भरा नेम बनाइके लिखत हीं। अइसे नेम बनावइवाले अइसे नेम बनाइके लिखत हीं जेहसे लोगन क जिन्नगी दूभर होत ह। 2 उ पचे गरीब लोगन क खिलाफ नेम बतावइ बरे उचित मार्ग स हटत ही। उ पचे राँड़ क जब्त करत हीं अउर अनाथन क हिआँ चोरी करत हीं। 3 अरे ओ, नेम क बनावइवालो, जब तू पचन्क, जउन काम तू पचे किहा ह, ओनकर हिसांब देइ क होइ तब तू पचे का करब्या? सुदूर देस स तोहार पचन्क बिनास आवत अहइ। मदद बरे तू पचे केकरे लगे दउड़ब्या? तोहार पचन्क धन अउर तोहार पचन्क सम्पत्ति तोहार सबन्क रच्छा नाहीं करि पइहीं। 4 तू पचन्क एक ठु बंदी क नाईर् खाले निहुरइ ही होइ। तू पचे मुर्दा क नाईर् धरती मँ भहराइके प्रणाम करब्या किन्तु ओहसे तू पचन्क कउनो मदद नाहीं मिली। परमेस्सर तब भी वुपित रही। परमेस्सर तू पचन्क दण्ड देइ बरे तब भी तत्पर रही। 5 परमेस्सर कही, “मइँ एक छड़ी क रूप मँ अस्सूर क प्रयोग करब। मइँ किरोध मँ भरिके इस्राएल क सजा देइ बरे अस्सूर क प्रयोग करब। 6 अइसे लोगन क खिलाफ, जउन पाप करम करत ही जुद्ध करइ बरे मइँ अस्सूर क पठउब। मइँ ओन लोगन स कोहान हउँ अउर ओन लोगन स जुद्ध करइ बरे मइँ अस्सूर क आदेस देब। अस्सूर ओन लोगन क हराइ देइ अउर फुन ओनसे कीमती वस्तुअन छोरी लेइ। अस्सूर बरे इस्राएल गलियन मँ पड़ी उ धूरि जइसा होइ जेहसे उ आपन ओड़न तले रउँदी। 7 “किन्तु अस्सूर इ नाहीं समुझत ह कि मइँ ओकर प्रयोग करब। उ इ नाहीं सोचत कि उ मोर एक साधन अहइ। अस्सूर तउ बस दूसर लोगन क नस्ट करइ चाहत ह। अस्सूर की तउ मात्र इ जोजना अहइ कि उ बहोत स जातियन क नस्ट कइ देइ। 8 अस्सूर आपन मने मँ कहत ह, ‘मोर सबहिं राजवुमार राजा लोगन क समान अहइँ। 9 कलनो नगरी कर्कर्मास क जइसी अहइ अउर हमात नगर अर्पद नगर क जइसा अहइ। सीमरोन क नगरी दमिस्क नगर क जइसी अहइ। 10 मइँ एन सबहिं बुरे राज्जन क हराइ दिहेउँ ह अउर अब एन पइ मोर अधिकार अहइ। जउने मूरतियन क उ पचे लोग पूजा करत हीं, उ पचे यरूसलेम अउ सोमरोन क मूरतियन स जियादा अहइँ। 11 मइँ सोमरोन अउ ओकर मूरतियन क पराजित कइ दिहेउँ। मइँ यरूसलेम अउ ओकर मूरतियन का भी जेनका ओकर लोग बनाएन ह पराजित कइ देबउँ।”‘ 12 मोर सुआमी जब यरूसलेम अउ सिय्योन पर्वते क बरे, जउन ओकर योजना अहइ, ओकर बातन क करब खतम कइ देइ, तउ यहोवा अस्सूर क सजा देइ। अस्सूर क राजा बहोत अभिमानी अहइ। ओकर घमंड ओहसे बुरे करम करवाएस ह। तउ परमेस्सर ओका सजा देइ। 13 अस्सूर क राजा कहा करत ह, “मइँ बहोत बुद्धिमान अहउँ। मइँ खुद आपन बुद्धि अउ सवती स अनेक महान कारज किहेउँ ह। मइँ बहोत स जातियन क हराएउँ ह। मइँ ओनकर धन छोर लिहेउँ ह अउर ओनके लोगन क दास बनइ लिहेउँ ह। मइँ एक बहोत सवतीसाली मनई हउँ। 14 मइँ खुद आपन हाथन स ओन सब लोगन क धन दौलत अइसे लइ लिहेउँ ह जइसे कउनो मनई चिरइयन क घोंसलन स अण्डन उठाइ लेत ह। चिरइयन जउन अवसर आपन घोंसलन अउ अण्डन क तजि जात हीं अउर उ घोसंला क रखवारी करइ बरे कउनो भी नाहीं रहि जात। हुवाँ आपन पखनन अउ आपन चोंच स सोर मचावइ अउर लड़ाई करइ बरे कउनो पंछी नाहीं होत। एह बरे लोग अण्डन क उठाइ लेत हीं। इहइ तरह धरती क सबहि लोगन क उठाइ लइ जाइ स रोकइ बरे कउनो भी मनई हुवाँ नाहीं रहा।” 15 वुल्हाड़ा उ मनई स नीक नाहीं होत, जउन वुल्हाड़ा क चलावत ह। कउनो आरा उ मनई स नीक नाहीं होत, जउन उ आरे स काटत ह। किन्तु अस्सूर क विचार अहइ कि उ परमेस्सर स भी जियादा महत्वपूर्ण अउर बलवान अहइ। जउन ओका उठावत ह अउर कउनो क सजा देइ बरे ओकर प्रयोग करत ह। 16 अस्सूर क विचार अहइ कि उ महान अहइ किन्तु सर्वसवतीमान यहोवा अस्सूर क दुर्बल कइ डावइवाली महामारी पठइ अउर अस्सूर आपन धन अउ आपन सवती क वइसे ही खोइ बइठी जइसे कउनो बेराम मनई आपन सवती गँवाइ बइठन ह। फुन अस्सूर क बैभव बर्बाद होइ जाइ। इ उ आगी क समान होइ जउन उ समय तलक बरत रहत ह जब तलक सब कछू खतम नाहीं होइ जात। 17 इस्राएल क प्रकास (परमेस्सर) एक आगी क समान होइ। उ पवित्तरतम लपट क नाईर् होइ। उ उ आगी क दाईर् होइ जउन खरपतवार अउर काँटन क तत्काल बार डावत ह। 18 अउर फुन बढ़िके बड़के बड़के बृच्छन अउर अंगूरे क बगीचन क बार देत ह अउर आखिर मँ सब कछू बर्बाद होइ जात ह हिआँ तलक कि लोग भी। अइसा उ समइ होइ जब परमेस्सर अस्सूर क बर्बाद कइ देइ। अस्सूर सड़त-गलत लट्ठा क जइसा होइ जाइ। 19 जंगल मँ होइ सकत ह थोड़ा स बृच्छ खड़ा रहि जाएँ। पर उ सबइ एतना थोड़ा स होइहीं कि कउनो बच्चा तलक गन सकी। 20 उ समइ, उ सबइ लोग जउन इस्राएल मँ जिअत रइहीं, यानी याकूब क बंस क इ सबइ लोग उ मनई पइ निर्भर नाहीं करत रइहीं जउन ओनका मारत पीटत ह। उ सबइ सचमुच उ यहोवा पइ निर्भर करब सीख जइहीं जउन इस्राएल क पवित्तर परमेस्सर अहइ। 21 याकूब क बंस क उ सबइ बाकी बचे लोग सवतीसाली परमेस्सर क फुन अनुसरण करइ लगिहीं। 22 जद्पि तोहार इस्राएली लोग सागर क रेत कणन क समान अहइँ तब पर ओनमाँ स कछू ही वापस मुड़ आवइ काहेकि परमेस्सर क निआव बाढ़ क नाई आवत हीं जउन हरेक चिजियन क पूरी तरह नास कइ देब। 23 मोर सुआमी सर्वसवतीमान यहोवा, इ प्रदेस क निहचय ही बर्बाद करी। 24 मोर सुआमी सर्वसवतीमान यहोवा कहत ह, “हे! सिय्योन मँ बसइया लोगो, अस्सूर स जिन डेराअ। उ भविस्स मँ तू पचन्क आपनी छड़ी स इ तरह पीटी जइसे पहिले मिस्र मँ तू पचन्क पीटे रहा। इ अइसा होइ जइसे माना तू पचन्क नोस्कान पहोंचावइ बरे अस्सूर कउनो लाठी क प्रयोग करत रहत होइ। 25 किन्तु थोड़े समइ क पाछे मोर किरोध सांत होइ जाइ, मोका संतोख होइ जाइ कि अस्सूर तू पचन्क काफी सजा दइ दिहस ह।” 26 एकरे पाछे सर्वसवतीमान यहोवा अस्सूर क कोड़न स मारी। जइसा पहिले यहोवा जब ओरेब क चट्टान पइ मिद्यानियन क हराए रहा, तब भवा रहा। वइसा ही उ समइ होइ जब यहोवा अस्सूर पइ हमला करी। पहिले यहोवा मिस्र क सजा दिहे रहा। उ समुद्दर क ऊपर छड़ी उठाए रहा अउर मिस्र आपन लोगन क लइ गवा रहा। यहोवा जब अस्सूर स आपन लोगन क रच्छा करी, तब भी अइसा ही होइ। 27 अस्सूर तू पचन्पइ बिपत्तियन लियाइ। उ सबइ बिपत्तियन अइसे बोझन क नाईर् होइहीं, जेनका तू पचन आपन ऊपर एक जुए क रूप मँ उठावइ ही होइ। किन्तु फुन तोहार पचन्क गर्दन पइ उ जुए क उतारके लोकावा जाइ। उ जुआ तोहार पचन्क सवती (परमेस्सर) क जरिये तोरि दीन्ह जाइ। 28 अय्यात क निअरे फउजन प्रवेस होइ। मिस्रोन, मिग्रोन यानी ‘खलिहानन’ क फउजन रउँदि डइहीं। फउजन एकरे खाइ क चीज क ‘कोठिलन’ (मिकमास) मँ रखि देइहीं। 29 ‘पार करइ क ठउर’ (माबरा) स फउजन नदी पार करिहीं। उ सबइ फउजन जेबा मँ राति बितइहीं। रामा डेराइ जाइ। साउल क गिबा क लोग निकरिके परइहीं। 30 हे गल्लीम क पुत्री चिल्ला! हे लैसा सुना! हे, अनातोत मोका जवाब द्या। 31 मदसेना क लोग भागत परात अहइँ। गेबीम क लोग लुकान अहइँ। 32 आजु फउज नोब मँ टिकी अउर यरूसलेम क पर्वते पइ सिय्योन पइ चढ़ाई करइ क तैयारी करी। 33 लखा! हमार सुआमी सर्वसवतीमान यहोवा बिसाल बृच्छ (अस्सूर) क काटि गिराई। यहोवा आपन महान सवती स अइसा करी। बड़के अउर महत्वपूर्ण लोग काट गिरावा जइहीं। उ पचे महत्वहीन होइ जइहीं। 34 यहोवा आपन वुल्हाड़ा स जँगल क काटि डाइ। अउर लबानोन क बिसाल बृच्छ (मुखिया लोग) गिर पड़िहीं।

11:1 एक ठू अंवुर क नाई जे उ पेड़ स उगत ह जउन कटा जात रहा, एक ठू अंवुर (पूत) यिसै क ठुँठ (परिवार) स उगब सुरू होइ। हाँ, इ अब डार यिसै क जड़ स उगी। 2 उ पूत मँ यहोवा क आतिमा होइ। उ आतिमा विवेक, समझबूझ, मार्ग दर्सन अउ सवती क आतिमा होइ। उ आतिमा 3 इ पूत क यहोवा क समुझइ अउर ओकर आदर करइ मँ मदद देइ। उ इ पूत यहोवा क आदर करी अउर एहसे उ खुस होइ।इ पूत वस्तुअन जइसी देखॉइ देत रही होइ, ओकरे अनुसार लोगन क निआव नाहीं करी। उ सुनी, सुनाई क आधार पइ ही निआव नाहीं करी। 4 उ गरीब लोगन क निआव ईमानदारी अउर सच्चाई क साथ करी। धरती क दीन जनन बरे जउन कछू करइ क उ निर्णय लेइ, ओहमाँ उ पच्छपात रहित होइ। जदि उ निर्णय करत ह कि लोगन पइ मार पड़इ तउ उ आदेस देइ अउर ओन लोगन पइ मार पड़ी। जदि उ निर्णय करत ह कि ओन लोगन क मउत होइ चाही तउ उ आदेस देइ अउर ओन दुस्टन क मउत क घाट उतार दीन्ह जाइ। नेकी अउर सच्चाई इ पूत क सवती प्रदान करी। ओकरे बरे नेकी अउर सच्चाई एक अइसे कमर बंद क नाई होइहीं जेका उ आपन कमर क चारिहुँ कइँती लपेटत ह। 5 6 ओकरे सासन काल मँ मेमना अउर जंगली भेड़िया सांति स एक साथ रइहीं। चीता अउ बोकरी क बच्चा एक संग सान्ति स पड़ा रइहीं। बछवन, सेर अउर साँड़ आपुस मँ सान्ति क साथ रइहीं। एक ठु नान्ह सा गदेला ओकर अगुवाई करी। 7 गइयन अउर रीछिन सान्ति क संग संग आपन खइया क खइहीं। ओनकर बच्चन साथे-साथे बइठा करिहीं अउर आपुस मँ एक दूसर क नोस्कान नाहीं पहोंचइही। सेर गइयन क नाईं घास चरिहीं 8 अउर हिआँ तलक कि साँप भी लोगन क नोस्कान नाहीं पहोंचइहीं। काले नाग क बिल क लगे एक गदेला तलक खेल सकी। कउनो भी गदेला बिसैला नाग क बिले मँ हाथ डाइ सकी। 9 इ सबइ बातन देखाँवत हीं कि हुवाँ सब कहूँ सान्ति होइ। कउनो मनई कउनो दूसर क नोस्कान नाहीं पहोंचाइ। मोर पवित्तर पर्वत क लोग वस्तुअन क नस्ट नाहीं करइ चइहीं। काहेकि लोग यहोवा क फुरइ जान लेइहीं। उ सबइ ओकरे गियान स अइसे परिपूर्ण होइहीं जइसे सागर जल स परिपूर्ण होत ह। 10 उ समय यिसै क परिवार मँ एक खास मनई होइ। एक मनई एक झंडा क समान होइहीं। इ ‘झंडा’ देखाँई कि समुचय रास्ट्रन क ओकरे आसपास बटोर जाइ चाही। इ सबइ रास्ट्र ओहसे पूछा करिहीं कि ओनका का करइ चाही? अउर उ ठउर, जहाँ उ होइ, भव्यता स भरि जाइ। 11 अइसे समइ मँ, मोर सुआमी फुन आपन लोगन क एक संग जमा करी। उ आपन लोगन मँ स जिअत भवा क अस्सूर, उत्तरी मिस्र, दविखनी मिस्र, वूस, एलाम, बाबुल, हमात तथा समूचइ संसार मँ फइला भवा अइसे ही सुदूर देसन मँ “वापिस खरीदी।” 12 परमेस्सर सब लोगन बरे संकेत क रूप मँ झंडा उठाइ। इस्राएल अउ यहूदा क लोग आपन-आपन देसन क तजइ बरे मजबूर कीन्ह ग रहेन। उ सबइ लोग धरती पइ दूर-दूर फइल ग रहेन किन्तु परमेस्सर ओनका परस्पर बटोरी। 13 उ समय एप्रैम यहूदा स जलन नाहीं रखी। यहूदा क कउनो दुस्मन नाहीं बची। यहूदा एप्रैम क बरे कउनो कस्ट पइदा नाहीं करी। 14 बल्कि एप्रैम अउ यहूदा पलिस्तियन पइ हमला करिहीं। इ सबइ दुइनउँ देस उड़त भए ओन पंछियन क नाईर् होइहीं जउन कउनो नान्ह स जनावर क धरइ बरे झपट्टा मारत हीं। एक संग मिलिके उ सबइ दुइनउँ पहिले क धन दौलत लूट लेइहीं। एप्रैम अउ यहूदा एदोम, मोआब अउ अम्मोनी क लोगन पइ कब्जा कइ लेइहीं। 15 यहोवा कोहाइ जाइ अउर जइसे उ मिस्र क सागर क दुइ हींसा मँ बाँट दिहे रहा, उहइ तरह परात नदी पइ तु आपन हाथ उठाइ अउर ओह पइ वार करी। जेहसे उ नदी सात नान्ह धारन मँ बँटि जाइ। इ सबइ नान्ह जलधारन गहिर नाहीं होइहीं। लोग आपन जूतन पहिरे भए पैदल चलिके ओनका पार कइ लेइहीं। 16 परमेस्सर क लोग जउन हुवाँ छूट ग रहेन अस्सूर क तजि देइ बरे राह पाइ जइहीं। इ वइसा ही होइ, जइसा उ समय भवा रहा, जब परमेस्सर लोगन क मिस्र स बाहेर निकारिके लिआवा रहा।

12:1 उ समइ तू कहब्या:“हे यहोवा, मइँ तोहार गुण गावत हउँ! तू मोहसे कोहान अहा किन्तु अब मोहे पइ किरोध जिन करा। तू मोहे पइ आपन पिरेम देखॉवा।” 2 परमेस्सर मोका बचावत ह। मोका ओह पइ भरोसा अहइ। मोका कउनो अउर डर नाहीं अहइ। उ मोका बचावत ह। यहोवा ही मोर सवती अहइ। उ मोका बचावत ह, अउर मइँ ओकरे बरे स्तुति गीत गावत हउँ। 3 तू आपन जल मुवती क झरना स ग्रहण करा। तबहिं तू खुस होब्या। 4 फुन तू कहब्या, “यहोवा क स्तुति करा! ओकरे नाउँ क तू उपासना किया करा। उ जउन कार्य किहेन ह ओकर लोगन स बखान करा। तू ओनका बतावा कि उ केतना महान अहइ।” 5 तू यहोवा क स्तुति गावा। काहेकि उ महान कार्य किहेस ह। इ सुभ समाचार क जउन परमेस्सर क अहइ, सारी दुनियाँ फइलावा ताकि सबहिं लोग इ सबइ बातन जान जाएँ। 6 हे सिय्योन क लोगो, आनन्द क साथ खुस रहा, काहेकि इस्राएल क पवित्तर चीज तोहरे बीच एक सक्तीसाली मारग क रूप मँ अहइ।

13:1 परमेस्सर क बाबुल क बारे मँ इ सोक संदेस अहइ। इ दर्सन आमोस क पूत यसायाह दुआरा लखा ग रहा। 2 परमेस्सर कहेस:“इ बंजर पर्वत पइ ध्वज उठावा। ओन लोगन क गोहरइ अउर आपन हाथ संकेत क रूप मँ हलाइ के ओन लोगन क बतावा कि उ पचे सज्जन मनइयन क प्रवेस दुआर पइ अहइँ।” 3 परमेस्सर कहेस, “मइँ इ सबइ फउजन क आदेस दिहउँ जउन जुद्ध बरे आपन आपका समपिर्त कइ दिहेस ह। उ मइ हउँ जउन इ सबइ जोद्धन क बोलाएस ह। मइँ आपन गुस्सा देखाउब्या। मइँ उ जोद्धन पइ गर्व करत हउँ जउन मोर सेवा करइ बरे बहोत खुस अहइ। 4 पहाड़ मँ एक जोरदार सोर भवा ह। तू उ सोर क सुना। इ सोर अइसा लागत ह जइसे बहोत ढेर सारे लोगन क। बहोत सारे देसन क लोग आइके बटुरा अहइँ। सर्वसवतीमान यहोवा आपन फउज क एक संग बोलावत अहइ। 5 यहोवा अउर इ सेना कउनो दूर क देस स आवत अहइँ। इ सबइ लोग छितिज क पार स किरोध परगट करइ आवति अहइँ। यहोवा इ सेना क उपयोग अइसे करी जइसे कउनो किसी सस्त्र क उपयोग करत ह। इ फउज सारे देस क बर्बाद कइ देइ।” 6 यहोवा क निआव क खास दिन आवइ क अहइ। एह बरे रोआ। अउ खुद आपन बरे दुःखी ह्वा। समय आवत अहइ जब सत्रु तोहार सम्पत्ति चुराइ लेइ। सर्वसवतीमान परमेस्सर वइसा करवाइ। 7 लोग आपन हिम्मत छोड़ि देइहीं अउर डर लोगन क दुर्वल बनाइ देइ। 8 हर कउनो भयभीत होइ। डर स लोगन क अइसे दुःखइ लगिहीं जइसे कउनो बच्चा क जन्मइवाली महतारी क पेट दुःखइ लागत ह। ओनकर मुँह लाल होइ जइहीं, जइसे कउनो आगी होइ। लोग अचरजे मँ पड़ि जइहीं काहेकि ओनकर सबहिं पड़ोसियन क मुँहे पइ भी भय देखाई देइ। 9 लखा, यहोवा क खास दिन आवइ क अहइ। उ एक खउफनाक दिन होइ। परमेस्सर महान किरोध मँ देस क बिनास कइ देब। उ पाप क उ भुइँया स निकार देब। 10 आकास करिया पड़ि जइहीं, सूरज अउ चाँद नाहीं चमकिहीं। तारन आपन तारा-मण्डल मँ नाहीं टिमटिमाइ। 11 परमेस्सर कहेस, “मइँ इ दुनियाँ लोगन क उ बुरा चिजियन जउन उ किहेस ह क बरे जिम्मवार ठहरउब। मइँ लोगन क उ सेखी क नस्ट करब जउन दूसर लोगन बरे अरथ होइ। 12 हुवाँ बस थोड़े स लोग ही बचिहीं। जइसे सोना क मिलब दुरलभ अहइ, वइसे ही हुवाँ लोगन का मिलव दुर्लभ होइ जाइ। किन्तु जउन लोग मिलिहीं, उ पचे निखालिस सोना स भी जियादा मूल्यवान होइहीं। 13 आपन किरोध स मइँ आकास क हलाइ देबउँ। धरती आपन धुरी स डिगाइ दीन्ह जाइ।”इ सब उ समय घटी जब सर्वसवतीमान यहोवा आपन किरोध दर्साइ। 14 तब बाबुल क निवासी अइसे परइहीं जइसे घायल हिरन परात ह। उ पचे अइसे परइहीं जइसे बगैर गड़रिये क भेड़ी परात ह। हर कउनो मनई पराइके आपन देस अउर आपन लोगन कइँती मुड़ आई। 15 किन्तु बाबुल क लोगन क पाछा ओनकर दुस्मन नाहीं छोड़िहीं अउर जब सत्रु कउनो मनई क धर पकड़ी तउ उ ओका तलवार क घाट उतारि देइ। 16 ओनकर घरे क हर वस्तु चुराइ लीन्ह जाइ। ओनकर पत्नियन क संग वुकरम कीन्ह जाइ अउर ओनकर नान्ह नान्ह गदेलन क लखत पीटि पीटिके मार डावा जाइ। 17 परमेस्सर कहत ह, “लखा, मइँ मादी क फउजन स बाबुल पइ हमला कराउब। मादी क फउजन जदि सोना अउ चाँदी क भुगतान लइ भी लेइहीं तउ भी उ पचे ओन पइ हमला करब बंद नाहीं करिहीं। 18 फउजन बाबुल क नउजवान मनइयन क धनुस क छिन-भिन कइ देब्या। उ पचे नान्ह लरिकन पइ दाया नाहीं देखाँइ या गदेलन तलक भी करूणा नाहीं करिहीं। 19 “तब बाबुल, सबइ समराज्ज मँ सबन त सुन्नर, कसदी क चमत्कारी गर्व क पूरी तरह स बर्बाद कइ दीन्ह जाब। इ उहइ तरह होइ जइसा परमेस्सर सदोम अउर अमोरा क नास किहे रहा! 20 किन्तु बाबुल क सुन्नरपन बना नाहीं रही। भविस्स मँ हुवाँ लोग नाहीं रइहीं। अराबी क लोग हुवाँ आपन तम्बू नाहीं गड़िहीं। गड़रियन चरावइ बरे हुवाँ आपन भेड़िन क नाहीं लिअइहीं। 21 जउन पसु हुवाँ रइहीं उ सबइ बस रेगिस्तान क पसु ही होइहीं। बाबुल मँ आपन घरन मँ लोग नाहीं रहि पइहीं। घरन मँ जंगली वुत्तन अउ बड़के वूवुरन चिल्लइहीं। घरन क भितरे जंगली बोकरन बिहार करिहीं। 22 बाबुल क बिसाल भवनन मँ जंगली वूवुरन अउर सियारन गुर्राइ। बाबुल बर्बाद होइ जाइ। बाबुल क अंत निअरे अहइ अब बाबुल क बिनास मँ अउर जियादा देरी नाहीं होइ।”

14:1 जब यहोवा याकूब क सुख देइ अउर इस्राएल क फुन आपन लोगन क रूप मँ चुनी उ ओनका क ओकर आपन धरती मँ बसाइ। उ समइ मँ कछू बिदेसियन ओकर संग सामिल होइ जाइ अउर याकूब क परिवार क निअँबर बन जाइ। 2 उ सबइ जातियन इस्राएल क धरती बरे इस्राएल क लोगन क फुन वापस लइ लेइहीं। दूसर जातियन क उ सबइ मेहरारू मनसेधू इस्राएल क दास होइ जइहीं। बीते भए समय मँ ओन लोग इस्राएल क लोगन क बलपूर्वक आपन दास बनाए रहेन। इस्राएल क लोग ओन जातियन क हरइहीं अउर फुन इस्राएल ओन पइ हुवूमत करी। 3 यहोवा तोहरे मेहनत क खतम करी अउर तोहका आराम देइ। पहिले तू दास हुवा करत रह्या, लोग तोहका कड़ी मेहनत करइके मजबूर करत रहेन किन्तु यहोवा तोहार इ कड़ी मेहनत क अब खतम कइ देइ। 4 उ समय बाबुल क राजा क बारे मँ तू इ गीत गावइ लगब्या: उ राजा दुट्ठ रहा जब उ हमार सासक रहा। किन्तु अब ओकरे राज्ज क अन्त भवा। 5 यहोवा दुट्ठ सासकन क राज दण्ड तोड़ देत ह। यहोवा ओनसे ओनकर सवती छोरि लेत ह। 6 बाबुल क राजा किरोध मँ भरिके लोगन क पीटा करत ह। उ दुट्ठ सासक लोगन क पीटब कबहुँ बंद नाहीं किहस। उ दुट्ठ राजा किरोध मँ भरिके लोगन पइ राज किहस। उ लोगन क साथ बुरे कामन क करब नाहीं तजेस। 7 किन्तु अब सारा देस आराम मँ अहइ। देस मँ सान्ति अहइ। लोग अब उत्सव मनाउब सुरू किहेन ह। 8 तू एक बुरा सासक रह्या, अउर अब तोहार अन्त भवा ह। हिआँ तलक की चीड़ क बृच्छ भी सुस्त अहँइ। लबानोन मँ देवदार का बृच्छ भगन अहइँ। बृच्छ इ कहत हीं, “जउन राजा हमका गिराए रहा। आजु उ राजा क हीं पतन होइ ग अहइ, अउर अब उ राजा कबहुँ खड़ा नाहीं होइ।” 9 अधोलोक, यानी मउत क प्रदेस उत्तेजित अहइ काहेकि तू आवत अहा। अधोलोक तोहार बरे संसार क प्रमुखन क आतिमा क उठावत रहा हीं। अधोलोक तोहार स्वागत करइ बरे सिंहासन स ओन प्राचीन राजा लोगन क खड़ा करत हीं। 10 इ सबइ प्रमुख तोह पइ हँसी उड़इ अउर कहिहीं, “तू भी अब हमरी तरह मरा भवा सरीर अहा। अब लोग तोहार बरे भी उहइ गीतन लेखब जउन उ पचे मोरे बरे लेखेस ह।” 11 तोहरे अभिमान क मउत क लोक मँ खाले उतारा गवा। तोहार अभिमानी आतिमा क अवाइ क घोसणा तोहरी वीजन क संगीत करत ह। तोहरे बदन क माखियन खाइ जइहीं। तू ओन पइ अइसे ओलरब्या माना उ पचे तोहार बिछउना होइँ। कीरन अइसे तोहरी देह क ढक लेइहीं माना कउनो कमरी होइ। 12 हे भोर क तारा, तू धरती पइ भहराइ पड़्या। हे पेड़ तू सबहिं रास्ट्र क कमज़ोर बनाइ दिहेस, किन्तु तोहका अब काटिके गिराइ दीन्ह गवा! 13 तू हमेसा आपन स कहत रह्या, “मइँ अकासन पइ आरोहण करब अउर परमेस्सर क तारन क ऊपर अपना सिंहासन कायम करब अउर देवी पर्व जप्पा क चोटी पइ बैठब, जहाँ पइ जप्पा क सबन त ऊँची चोटीयन पइ देवतन अकत्र होत ह। 14 मइँ बादरन क वेदी तलक जाब। मइँ सवोर्च्च परमेस्सर जइसा बनब।” 15 किन्तु वइसा नाहीं भवा। तू परमेस्सर क संग ऊपर अकासे मँ नाहीं जाइ पाया। तोहका अधोलोक क खाले गहिर पताल मँ लइ आवा गवा। 16 लोग जउन तोहका टकटकी लगाइके लखा करत हीं, उ सबइ तोहरे बरे सोचा करत हीं। लोगन क आजु इ देखॉत ह कि तू बस मरा भवा अहा, अउर लोग कहा करत हीं, “का इहइ उ मनई अहइ जउन धरती क सारे राज्जन मँ भय फइलावा भवा अहइ? 17 का इ उहइ मनई अहइ जउन नगर बर्बाद किहेस अउर जउन धरती क उजाड़ मँ बदल दिहस? का इ उहइ मनई अहइ जउन लोगन क जुद्ध मँ बन्दी बनाएस अउर ओनका आपन घरन मँ नाहीं जाइ दिहस?” 18 धरती क हर राजा सान स मउत क पाएस। हर कउनो राजा क मकबरा बना अहइ। 19 किन्तु हे बुरे राजा, तोहका तोहरी कब्र स निकारि बहावा दीन्ह ग अहइ। तू एक ठु गिरी भई ल्हास अहा जेका जुद्ध मँ मारा गवा, अउर दूसर फउजी ओका रौंदन चला गएन। अब तू अइसा देखॉवत अहा जइसे दूसर मरे मनई देखॉत हीं। तोहका कफन मँ लपेटा गवा ह। 20 बहोत स अउर भी राजा लोग मरेन। ओनके लगे आपन आपन कब्र अहइँ। किन्तु तू ओनमाँ नाहीं मिलब्या। काहेकि तू आपन ही देस क बिनास किह्या। आपन ही लोगन क तू बध किहा ह। जइसा बिनास तू मचाए रह्या। 21 ओकरी सन्तानन क बध तइयारी करा। तू ओनका मउत क घाट उतारा काहेकि ओनकर पिता अपराधी अहइ। अब कबहुँ ओकरे पूत नाहीं होइहीं। ओकर सन्तानन अब कबहुँ भी संसार क आपन नगरन स नाहीं भरिहीं। तोहार सन्तानन वइसा करत नाहीं रहिहीं। तोहरी सन्तानन क वइसा करइ स रोक दीन्ह जाइ। 22 सर्वसवतीमान यहोवा कहेस, “मइँ खड़ा होब अउर ओन लोगन क खिलाफ लड़ब। मइँ मसहूर नगर बाबुल क उजारि देबउँ। बाबुल क सबहिं लोगन क मइँ नस्ट कइ देब। मइँ ओनकर सन्तानन, पोते-पोतियन अउर सन्तानन क मेट देबउँ।” इ सबइ सब बातन यहोवा खुद कहे रहा। 23 यहोवा कहे रहा, “मइँ बाबुल क बदल डाब। उ ठउरे मँ पसुअन क बास होइ, न कि मनइयन क। उ ठउर दलदल क प्रदेस बनि जाइ। मइँ ‘विनास क झाड़ू’ स बाबुल क बाहेर कइ देब।” सर्वसवतीमान यहोवा इ सबइ बातन कहे रहा। 24 सर्वसवतीमान यहोवा एक बचन दिहे रहा। यहोवा कहे रहा, “मइँ बचन देत हउँ, कि इ सबइ बातन ठीक वइसे ही घटिहीं, जइसे मइँ एनका सोचेउँ ह। इ सबइ बातन ठीक वइसे ही घटिहीं जइसे कि मोर योजना अहइ। 25 मइँ आपन देस मँ अस्सूर क राजा क नास करब आपन पहाड़न पइ मइँ अस्सूर क राजा क आपन गोड़न तले वुचरि डाउब। उ राजा मोरे लोगन क आपन दास बनाइके ओनकर कन्धन पइ एक जूआ रख दिहेस ह। यहूदा क गर्दन स उ जूआ उठाइ लीन्ह जाइ। उ बिपत्ति क उठावा जाइ। 26 मइँ आपन लोगन बरे अइसी ही जोजना बनावत हउँ। सबहिं जातियन क सजा देइ बरे, मइँ आपन सवती क प्रयोग करब।” 27 यहोवा जब कउनो जोजना बनावत ह तउ कउनो भी मनई उ जोजना क रोक नाहीं सकत। यहोवा लोगन क सजा देइ बरे जब आपन हाथ उठावत ह तउ कउनो भी मनई ओका रोक नाहीं सकता। 28 इ दुःखद सँदेसा उ बरिस दीन्ह गवा रहा जब राजा आहाज क मउत भइ रही। 29 हे, पलिस्तियो क प्रदेसो! तू बहोत खुस अहा काहेकि जउन राजा तोहका मार लगावा करत रहा, आजु मर चुका अहइ। किन्तु तोहका असलियत मँ खुस नाहीं होइ चाही। इ फुरइ अहइ कि ओकरे सासन क अंत होइ चुका अहइ। किन्तु उ राजा क पूत अबहिं आइके राज करी अउ उ एक अइसे साँप क समान होइ जउन खउफनाक नागन क जन्म दिया करत ह। इ नवा राजा तू लोगन बरे एक ठु बड़के फुर्तीले खउफनाक नाग क जइसा होइ। 30 किन्तु मोरे दीन जन सुरूच्छा पूर्वक खात पिअत रहि पइहीं। ओनकर सन्तानन भी सुरच्छित रइहीं। मोरे दीनजन, सोइ सकिहीं अउर सुरच्छित अनुभव करिहीं। किन्तु तोहरे परिवार क भूख स मार डाउब अउर तोहार सबहिं बचे भए लोग मरि जइहीं। 31 हे नगर दुआर क बासियो, रोवा! नगर मँ बसइयो तू लोग, चीखा-चिल्ला! पलिस्ती क तू सब लोगो डेराइ जाब्या। तोहार हिम्मत गरम मोम क नाईर् टेघरिके ढल जाइ। उत्तर दिसा कइँती लखा! हुवाँ धूरि क एक बादर अहइ। लखा, अस्सूर स एक फउज आवति अहइ। उ फउज क सबहिं लोग बलवान अहइँ। 32 उ फउजी आपने नगर मँ दूत पठइहीं। दूत आपन लोगन स का कहिहीं? उ पचे एलान करिहीं: पलिस्ती हार गवा, किन्तु यहोवा सिय्योन क सुदृढ़ बनाएस ह, अउर ओकर दीन्ह जन हुवाँ रच्छा पावइ क गएन।

15:1 इ दुःखद संदेस मोआब क बारे मँ अहइ: एक राति मोआब मँ स्थित आर नगर लूटा गवा, उ तहस नहस कइ दीन्ह गवा। एक राति मोआब मँ स्थित आर नगर लूटा गवा, उ नगर तहस नहस कइ दीन्ह गवा। 2 राजा क घराना अउ दिबोन क निवासी आपन दुःख रोवइ क ऊँचके पइ पूजा ठउरन पइ चला गएन। मोआब क निवासी नबो अउर मेदबा बरे रोवत हीं। ओन सबहिं लोग आपन दाढ़ी अउ मूँड़ आपन सोक दर्सावइ बरे मुड़वाए रहेन। 3 मोआब मँ सब कहूँ घरन अउ गलियन मँ, लोग सोक वस्त्र पहिरिके हाय हाय करत हीं। 4 हेसबोन अउ एलाले नगरन क निवासी बहोत ऊँच सुर मँ विलपत अहइँ। बहोत दूर यहस क नगरी तलक उ विलाप उनका जाइ सकत ह। हिआँ तलक कि फउजी भी डेराइ ग अहइँ। उ सबइ फउजी भय स काँपत अहइँ। 5 मोर मन दुःख स मोआब बरे रोवत अहइ। लोग कहूँ सरण पावइ बरे दउड़त अहइँ। उ पचे सुदूर जोआर मँ जाइ क भागत अहइँ। लोग दूर क देस एग्लतसलीसिय्या क परात अहइँ। लोग लूहीत क पहाड़ी चढ़ाइ पइ रोवत बिलखत भए परात अहइँ। लोग होरोनैम क मार्ग पइ अउर उ पचे बहोत ऊँच ऊँच सुर मँ बिलखत भए जात अहइँ। 6 निम्रीम क नाला अइसे झुराइ गवा जइसे रेगिस्तान झुरान होत ह। सबहिं गेहुँअन क पउधा काटइ क पहिले मुरझा गएन। सबइ घास खतम होइ गएन। हुवाँ कछू भी हरा नाहीं बचा बाटइ। 7 तउ लोग जउन कछू ओनके लगे अहइ ओका बटोरा करत हीं, अउर मोआब क तजत हीं। ओन वस्तुअन क लइके उ पचे नाले (पाप्लर या अराबा) स सीमा पार करत अहइँ। 8 मोआब मँ हर कहूँ विलाप ही सुनाई देत ह। दूर क नगर एगलैम मँ लोग बिलखत बाटेन। बेरेलीम नगर क लोग विलाप करत अहइँ। 9 दीमोननगर क जल खून मँ बदलि गवा अहइ। अउर मइँ दीमोन पइ अबहिं अउर बिपत्तियन डाउब। मोआब क कछू निवासी सत्रु स बचि गवा अहइँ। मइँ ओन लोगन क खाइ बरे सेरन क पठउब।

16:1 सेला क नगर स मेमनन यहूदा क नवा राजा बरे नज़राना पठावा; तू पचन्क रेगिस्तान स होत भए सिय्योन क बिटिया क पठवा। 2 मोआब क मेहररूअन उ बे सहारे नान्ह चिरइयन क जइसा अहइँ जउन आपन घोंसला स धरती पइ गिर गवा ह। उ पचे अर्नीन नदी क पार करइ बरे इधर-उधर दउड़त अहइ। 3 उ सबइ विन्ती करत अहइँ, “हमार मदद करा! बतावा हम का करी! तू हमका मुसीबत स अइसा बचावा जइसा दोपहर क धूप स एक आंधर छाया हमका बचावत ह। हम सत्रुअन स भागत अही। तू हमका छुपाइ ल्या। हम का तू सत्रुअन क हाथन मँ पड़इ न द्या।” 4 ओन मोआब बासियन क आपन घर तजइ क मजबूर कीन्ह गवा रहा। एह बरे तू ओनका आपन धरती पइ रहइ द्या। तू ओनके सत्रुअन क छुवाइ ल्या। इ लूट रुक जाइ। सत्रु हार जइहीं अउर अइसे मनसेधू दूसर क नोस्कान करत हीं, इ धरती स उखड़िहीं। 5 फुन एक ठु नवा राजा आइ। इ राजा दाउद क घराने स होइ। उ सच्चाई स पूर्ण, करूणावाला अउ दयालु होइ। इ राजा निआव कर्ता अउ निस्पच्छ होइ। उ खरे अउ नीक काम करी। 6 हम सुना ह कि मोआब क लोग बहोत अभिमानी अउ घमण्डी अहइँ। इ सबइ लोग हिंसक अहइँ अउ बड़ा बोले भी। एनकर बड़ा बोल फुरइ नाहीं अहइ। 7 समूचा मोआब देस आपन अभिमान क कारण कस्ट उठाई। मोआब क सारे लोग विलाप करिहीं। उ सबइ लोग बहोत दुःखी रइहीं। उ पचे अइसी वस्तुअन क इच्छा करिहीं जइसी ओनके लगे पहिले हुवा करत रहीं। उ पचे कीरहरासत मँ बने भए अंजीर क पूड़न क इच्छा करिहीं। 8 उ सबइ लोग बहोत दुःखी रहा करिहीं काहेकि हेसबोन क खेत अउर सिबमा क अंगूर क बेलन मँ अंगूर नाहीं लगाइ पावत अहइँ। बाहेर क सासकन अंगूर क बेलन क काट फेकेन ह। याजेर क नगरी स लइके रेगिस्ताने मँ दूर दूर तलक सत्रु क फउजन फइल गइ अहइँ। उ पचे सागर क किनारे तलक जाइ पहोंची अहइँ। 9 “मइँ ओन लोगन क साथ बिलाप करब जउन याजेर अउ सिबमा क निवासी अहइँ काहेकि अंगूर नस्ट कीन्ह गएन। मइँ हेसबोन अउ एलाले क लोगन क साथ सोक करब काहेकि हुवाँ फसल नाहीं होइ। हुवाँ गर्मी क कउनो फल नाहीं होइ। हुवाँ पइ आनन्द क ठहाके भी नाहीं होइहीं। 10 अंगूरे क बगिया मँ आनन्द नाहीं होइ अउर न ही हुवाँ गीत गावा जइहीं। मइँ कटनी क समय क सारी खुसी खतम कइ देब। दाखरस बनवइ बरे अंगूर तउ तइयार अहइँ, किन्तु उ सबइ बर्बाद होइ जइहीं। 11 एह बरे मइँ मोआब बरे बहोत दुःखी हउँ। मइँ कीरहरैम बरे बहोत दुःखी हउँ। मइँ ओन नगरन बरे बहोत जियादा दुःखी हउँ। 12 मोआब क निवासी आपन ऊँचे पूजा क ठउरन पइ जइहीं। उ सबइ लोग पराथना करइ क जतन करिहीं। किन्तु उ सबइ ओन सबहिं बातन क लखिहीं। जउन कछू घटि चुकी अहइ, अउर उ पचे पराथना करइ क दुर्बल होइ जइहीं।” 13 यहोवा मोआब क बारे मँ पहिले अनेक दाईर् इ सबइ बातन कहे रहा। 14 अउर अब यहोवा कहत ह, “तीन बरिस मँ (उ रीति स जइसे किराये क मजदूर समय गनत ह) उ पचे सबहिं मनई अउर ओनकर उ सबइ वस्तुअन जेन पइ ओनका गर्व रहा, नस्ट होइ जइहीं। हुवाँ बहोत थो़डे स लोग बचिहीं, बहोत स नाहीं।”आराम बरे परमेस्सर क सँदेसा

17:1 इ दमिस्क बरे दुःखद सँदेसा अहइ। यहोवा कहत ह कि दमिस्क क साथ मँ बातन घटिहीं:“दमिस्क जउन आज नगर अहइ किन्तु कल उ उजड़ि जाइ। दमिस्क मँ बस टूटे फूटे भवन ही बचिहीं। 2 अरोएर क नगरन क लोग तजि जइहीं। ओन उजड़े भए नगरन मँ भेड़िन क खरका खुली घुमिहीं। हुवाँ कउनो ओनका डरावइवाला नाहीं होइ। 3 समारिया, एप्रैम क गढ़ नगर ध्वस्त होइ जइहीं। दमिस्क क सासन क अन्त होइ जाइ। इस्राएल अउर आराम दुइनउँ देसन मँ इ सबहिं घटना एक समान घटिहीं। दुइनउँ देस आपन सक्ती अउर महिमा खोइ देब।” सर्वसवतीमान यहोवा बताएस कि इ सबइ बातन होइहीं। 4 ओन दिनन याकूब अपनी सारी सम्पत्ति खोइ देइ। याकूब वइसा होइ जाइ जइसा मनई रोग स दुबला होइ। 5 उ समय क सज़ा अइसा होइ जइसे रपाईम घाटी मँ फसल काटइ क समय होत ह। मजदूर ओन पउधन क बटोरत हीं जउन खेते मँ उपजत हीं। फुन उ पचे ओन पउधन क बालन क काटत हीं अउर ओनसे अनाजे क दाना निकारत हीं। 6 उ समय ओह समय क समान होइ जब लोग जैतून क फसल उतारत हीं। लोग जैतून क बृच्छन स जैतून झाड़त हीं। किन्तु बृच्छ क चोटी पइ प्राय: कछू फल तब भी बचा रहत हीं। चोटी क कछू डारन पइ चार पाँच जइतून क फल छूट जात हीं। ओन नगरन मँ भी अइसा ही होइ। सर्वसवतीमान यहोवा इ सबइ बातन कहे रहा। 7 उ समय लोग परमेस्सर कइँती निहरिहीं। परमेस्सर, जउन ओनकर रचना किहेस ह। उ सबइ इस्राएल क पवित्तर कइँती मदद खातिर लखिहीं। 8 लोग ओन वेदियन पइ बिस्सास करब खतम कइ देइहीं जेनका उ पचे खुद आपन हाथन स बनाए रहा। असेरा देवी क जेन खम्मन अउ धूप बारइ क बेदियन क उ पचे आपन अँगुरियन स बनाए रहा, उ पचे ओन पइ भरोसा करब बंद कइ देइहीं। 9 उ समय, सबहिं गढ़-नगर उजड़ जइहीं। उ सबइ नगर अइसे पर्वत अउर जंगलन क समान होइ जइहीं, जइसे उ पचे इस्राएलियन क आवइ स पहिले हुवा करत रहेन। बीते भए दिनन मँ हुवाँ स सबहिं लोग दूर भाग गए रहेन काहेकि इस्राएल क लोग हुवाँ आवत रहेन। भविस्स मँ इ देस फुन उजड़ जाइ। 10 अइसा एह बरे होइ काहेकि तू आपन उद्धारकर्ता परमेस्सर क बिसराइ दिहा ह। तू इ याद नाहीं राख्या कि परमेस्सर ही तोहार सरणस्थल अहइ।तू सुदूर जगहन स बहोत नीक अंगूर क बेलन लिआए रह्या। तू अंगूरे क बेलन क रोप सकत ह किन्तु ओन पउधन मँ बढ़वार नाहीं होइ। 11 एक दिन तू आपन अंगूर क ओन बेलन क रोपब्या अउर ओनकर बढ़वार क जतन करब्या। अगवा दिन, उ सबइ पउधन बड़इ भी लगिहीं किन्तु फसल उतारइ क समय जब तू ओन बेलन क फल बटोरइ जाब्या तब लखब्या कि सब कछू झुराइ चुका अहइ। एक बेरामी सबहिं पउधन क अंत कइ देइ। 12 हे लोगन क भीड़ क सुना, उ गर्जत भवा समुद्दर क नाईं आवाज करत हीं! हे भीड़ क सोर सुना, उ सागर क ज्वार-भाट क टकराइ क नाईं आवाज करत ह। 13 हाँ उ भीड़ ओनहीं लहरन जइसे अहइ। मुला उ पचे सबहिं लहरन क नाईं पराइ जाइ जब परमेस्सर ओनका झिड़की! लोग उ भूसे क नाईर् होइहीं जेकरी पहाड़ी पइ हवा उड़ावत फिरत ह। लोग वइसे ही होइ जइही जइसे आँधी क जरिया वस्तुअन क उखाड़े जात अहइ। आँधी ओनका उड़ावत ह अउर दूर लइ जात ह। 14 उ रात लोग बहोत ही डेराइ जइहीं। सुबह होइस पहिले, कछू भी नाहीं बच पाई। तउ सत्रुअन क हुवाँ कछू भी हाथ नाहीं आई। उ पचे हमार धरती कइँती अइहीं, किन्तु हुवाँ भी कछू नाहीं होइ।

18:1 उ धरती क लखा जउन इथोपिया क नदियन क साथ-साथ फइली अहइ। इ धरती मँ कीड़े-मकोड़े भरे पड़ा अहइँ। तू ओनके पखनन क भिन्नाहट सुन सकत ह। 2 इ धरती लोगन क सरकण्डन क नइयन स सागर क पार पर पठवत ह। हे तेज चलइवाले हरकारो, एक अइसी जाति क लोगन क लगे जा जउन लम्बे अउर सवतीसाली अहइँ! (एन लम्बे सवतीसाली लोगन स सब कहूँ क लोग डेरात हीं। उ पचे एक बलवान जाति क लोग अहइँ। ओनकर जाति दूसर जातियन क हराइ देत ह। उ पचे एक अइसे देस क अहइँ जेका नदियन बाँट देत हीं।) 3 उ अइसे ओन लोगन क सावधान कइ द्या कि ओनके संग कउनो बुरी घटना घटइ क अहइ। उ जाति क साथ घटत भइ इ घटना क दुनिया क सब लोग लखिहीं। लोग एका इ तरह साफ साफ लखिहीं, जइसे पहाड़ पइ लगे भए झण्डे क लोग निहारत हीं। एन लम्बे अउर सवतीसाली मनइयन क साथ जउन बातन घटिहीं, ओनके बारे मँ इ धरती क सबहिं निवासी सुनिहीं। एका उ पचे ऍतनी स्पस्टता स सुनिहीं जेतनी स्पस्टता स जुद्ध स पहिले बजइवाले नरसिंहे क अवाज सुनाई देत ह। 4 यहोवा कहेस, “जउन ठउर मोरे बरे तइयार कीन्ह ग अहइ, मइँ उ ठउर पइ होब। मइँ चुपचाप एन बातन क घटत भए लखब। गर्मी क एक सुहावने दिन दोपहर क समय जब लोग अराम करत रहे होइहीं (यह तब होइ जब कटनी क गर्म समय होइ, बर्खा नाहीं होइ, बस अलख सुबह क ओस ही पड़ी।) 5 तबहिं कउनो बहोत भयानक बात घटी। इ उ समय होइ जब फूल खिल चुका होइहीं अउर ओनकर बढ़त होत रही होइ। किन्तु फसल उतारइ क समय स पहिले ही दुस्मन आइ अउर एन पउधन क काटि डाइ। सत्रु आइके अंगूरे क सबइ लता क तोरि डाइ अउर ओनका कहूँ दूर लोकाइ देइ। 6 अंगूरे क इ सबइ बेलन सिकारी पहाड़ी पंछियन अउर जंगली जानवरन क खाइ बरे छोड़ि दीन्ह जाइ। गमिर्यन मँ पंछी एन दाख क सबइ लता मँ बसेरा करिहीं अउर उ सर्दी मँ जंगली पसु एन दाख क सबइ लता क चरिहीं।” 7 उ समय, लम्बे अउर सक्तीमान लोगन क सर्वसवतीमान यहोवा क एक खास भेंट क रूप मँ चढ़ाई जाइँ। सब कहूँ क लोग एन लोगन स डेरात हीं। इ सबइ एक सवतीसाली रास्ट्र क लोग अहइँ। उ पचे बिदेसी भासा बोलइ। इ रास्ट्र दूसर रास्ट्र क लोगन क जीतइ लेइ। इ सबइ एक अइसे देस क अहइँ, जउन नदियन स बँटा अहइँ। इ भेंट यहोवा क ठउर, सिय्योन पर्वत पइ स्वीकार करी जाइँ।

19:1 मिस्र क बारे मँ दुःखद सँदेसा: लखा! एक उड़त भए बादर पइ यहोवा आवत अहइ। यहोवा मिस्र मँ प्रवेस करी अउर मिस्र क सारे लबार देवता डर स थर थर काँपइ लगिहीं। मिस्र वरि रहा किन्तु ओकर बहादुरी मोम क तरह टेघरिके बहि जाइ। 2 परमेस्सर कहत ह, “मइँ मिस्र क लोगन क आपुस मँ ही एक दूसर क खिलाफ जुद्ध करइ बरे हुस्काउब। लोग आपन ही भाइयन स लड़िहीं। पड़ोसी, पड़ोस क विरोध मँ होइ जाइ। नगर, नगर क विरोध मँ अउर राज्ज, राज्ज क खिलाफ होइ जाइ। 3 मिस्र क लोग चवकर मँ पड़ि जइहीं। उ सबइ लोग आपन लबार देवतन क अउर बुद्धिमान लोगन स पूछिहीं कि ओनका का करइ चाही। उ पचे लोग आपन ओझन अउ जादूगरन स पूछताछ करिहीं किन्तु ओनकर सलाह बेकार होइ।” 4 सुआमी, सर्वसवतीमान यहोवा कहेस: “मइँ (परमेस्सर) मिस्र क कठोर सुआमियन क सौंपब। एक सवतीसाली राजा लोगन पइ राज करी। 5 नील नदी क पानी झुराइ जाइ। नदी क तल मँ पानी नाहीं रही। 6 सबहिं नदियन स दुर्गन्ध आवइ लागी। मिस्र क नहरन झुराइ जइहीं। हवाँ पानी नाहीं रहइँ। पानी क सबहिं पउधन सड़ जइहीं। 7 उ पचे सबहिं पउधन जउन नदी क किनारे उगे होइहीं, झुराइके उड़ि जइहीं। हिआँ तलक कि उ सबइ पउधन भी, जउन नदी क सबन ते चौड़े हीँसा मँ होइहीं, बेकार होइ जइहीं। 8 “मछुआरे, अउर उ सबइ लोग जउन नील नदी स मछरियन पकड़ा करत हीं, दुःखी होइके त्राहि-त्राहि कइ उठिहीं। उ पचे आपन भोजन बरे नील नदी क सहारे पइ अहइँ किन्तु उ झुराइ जाइ। 9 उ सबइ लोग जउन कपड़ा बनावा करत हीं, बहोत जियादा दुःखी होइहीं। एन लोगन क सन क कपड़ा बनावइ बरे पटसन क जरूरत होइ किन्तु नदी क झुराइ जाइ स सने क पौधन क बढ़ोतरी नाहीं होइ पाई। 10 पानी ऍकट्ठा करइ बरे बाँध बनावइवाले लोगन क पास काम नाहीं रहि जाइ। तउ उ पचे बहोत दुःखी होइहीं। 11 “सोअन नगर क मुखिया मूरख अहइँ। फिरौन क बुद्धिमान मन्त्री गलत सलाह देत हीं। उ सबइ मुखिया लोग कहत हीं कि उ पचे बुद्धिमान अहइँ। ओनकर कहब अहइ कि उ पचे पुराना राजा लोगन क सन्तान अहइँ। किन्तु जइसा उ पचे सोचत हीं, वइसे बुद्धिमान नाहीं अहइँ।” 12 हे मिस्र, तोहार बुद्धिमान मनसेधू कहाँ अहइँ? ओन बुद्धिमान लोगन क सर्वसवतीमान यहोवा मिस्र बरे जउन जोजना बनाएस ह, ओनकर पता होइ चाही। ओन लोगन क, जउन होइवाला अहइ, तू पचन्क बतावइ चाही। 13 सोअन क मुखिया मूर्ख बनाइ दीन्ह ग अहइँ। नोप क मुखिया लोग झूठी बातन पइ बिस्सास किहेन ह। तउ मुखिया लोग मिस्र क गलत राहे पइ लइ जात हीं। 14 यहोवा मुखिया लोगन क उलझन मँ डाइ दिहस ह। उ सबइ भटक ग अहइँ अउर मिस्र क गलत राहे पइ लइ जात अहइँ। उ पचे नसे मँ धुत अइसे लोगन क नाईर् अहइ जउन बेरामी क कारण धरती मँ लउटत अहइँ। 15 मिस्र क बरे कउनो वुछ नाहीं कइ पाइ। (फिन चाहे उ सबइ मँूड़ होइँ या पूँछ, “खजूरे क डारि होइ या सरवंडा।” (अर्थात् ‘महत्व स पूर्ण होइ या बगैर महत्व क लोग।”) 16 उ समय, मिस्र क निवासी डेरान मेहररूअन क नाईर् होइ जइहीं। उ सबइ सर्वसवतीमान यहोवा स डेरइहीं। यहोवा लोगन क सजा देइ बरे हाथ उठाइ अउर लोग डेराइ जइहीं। 17 मिस्र मँ सब लोगन बरे यहूदा क प्रदेस भय क कारण होइ। मिस्र मँ कउनो भी यहूदा क नाउँ सुनिके डेराइ जाइ। अइसा एह बरे होइ काहेकि सर्वसवतीमान यहोवा सबइ खउफनाक घटना क घटावइ बरे जोजना बनाएस ह। 18 उ समइ मँ, मिस्र मँ अइसे पाँच सहर होइहीं जहाँ लोग कनान क भाखा (यहूदी भाखा) बोलिहीं। एनॅ नगरन मँ एक नगर क नाउँ “नास क नगरी”होइ।लोग सर्वसवतीमान यहोवा क अनुसरण क प्रतिग्या करिहीं। 19 उ समय मिस्र क बीच मँ यहोवा बरे एक वेदी होइ। मिस्र क सीमा पइ यहोवा क आदर देइ बरे एक ठु स्मारक होइ। 20 इ इ बात क प्रतीक होइ कि सर्वसक्तीमान यहोवा सवतीमान कार्य करत ह। जब कबहुँ लोग मदद बरे यहोवा क गोहरइहीं, यहोवा मदद पठई। यहोवा लोगन क बचावइ अउर ओनकर रच्छा करइ बरे एक मनई पठइ। उ मनई ओन मनइयन क ओन दूसर लोगन स बचाई जउन ओने साथ बुरी बातन करत हीं। 21 फुरइ उ समय, मिस्र क लोग यहोवा क जानिहीं। उ सबइ लोग परमेस्सर स पिरेम करिहीं। उ सबइ लोग परमेस्सर क सेवा करिहीं अउर बहोत स बलियन चढ़इहीं। उ सबइ लोग यहोवा क मनौतियन मनिहीं अउर ओन मनौतियन क पालन करिहीं। 22 यहोवा मिस्र क लोगन क सजा देइ। फुन यहोवा ओनका (चंगा) छिमा कइ देइ अउर उ पचे यहोवा कइँती लउटि अइहीं। यहोवा ओनकर पराथनन सुनी अउर ओनका छिमा कइ देइ। 23 उ समय, हुवाँ एक अइसा राजमार्ग होइ जउन मिस्र स अस्सूर जाइ। फुन अस्सूर स लोग मिस्र मँ जइहीं अउर मिस्र स अस्सूर मँ। मिस्र अस्सूर क लोगन क संग परमेस्सर क उपासना करी। 24 उ समय, इस्राएल अस्सूर अउ मिस्र आपुस मँ एक होइ जइहीं अउर पृथ्वी पइ सासन करिहीं। इ सासन धरती बरे वरदान होइ। 25 सर्वसवतीमान यहोवा एन देसन क आसीर्बाद देइ। उ कही, “हे मिस्रियो! तू पचे मोर लोग अहा। हे अस्सूर क लोगो, उ मइँ हउँ जउन तोहका बनाएस। हे इस्राएलियो, तू अहा। मइँ तू सबन क आसीर्बाद देउँ ह!”

20:1 सगोर्न अस्सूर क राजा रहा। सगोर्न तर्तान क नगर क खिलाफ जुद्ध करइ बरे असदोद पठएस। तर्तान हुवाँ जाइके सहर पइ कब्जा कइ लिहस। 2 उ समय आमोस क पूत यसायाह क जरिये यहोवा कहेस, “जा, अउर अपने कमर स सोक वस्त्र उतारिके लोकावा। अपने गोड़न क जूतियन उतारि द्या।” यसायाह यहोवा क हुवुम क पालन किहस अउर उ बगैर कपड़न अउ बगैर जूतन क एहर-ओहर घूमा। 3 फुन यहोवा कहेस, “यसायाह तीन बरिस तलक बगैर कपड़न अउर बगैर जूतियन पहिरे एहर-ओहर घूमत रहा ह। मिस्र अउ इथोपिया बरे इ एक संकेत अहइ कि 4 अस्सूर क राजा मिस्र अउ इथोपिया क हराइ। अस्सूर हुवाँ क बंदियन क लइके, ओनकर देसन स दूर लइ जाइ। बूढ़े मनई अउ जवान लोग बगैर कपड़न अउ नंगे गोड़न लइ जावा जइहीं। उ पचे पूरी तरह स नंगा होइहीं। मिस्र क लोग लजाइ जइहीं। 5 जउन लोग मदद बरे इथोपिया कइँती लखा करत रहेन, उ सबइ टूट जइहीं। जउन लोग मिस्र क महिमा स चकित रहेन उ पचे लज्जित होइहीं।” 6 समुद्दर क लगे बसइया लोग, उ पचे कहिहीं, “हम मदद बरे ओन देसन पइ बिस्सास कीन्ह। हम पचे ओनके लगे धावत गए ताकि उ पचे हमका अस्सूर क राजा स बचाइ लें किन्तु ओन देसन क लखा कि ओन देसन पइ ही जब कब्जा कइ लीन्ह गवा तब हम कइसे बच सवित रहे”

21:1 सागर क रेगिस्तान क बारे मँ दुःखद सँदेसा:रेगिस्ताने स कछू आवइवाला अहइ। इ नेगव स आवत हवा जइसा आवति बाटइ। इ कउनो खउफनाक देस स आवति अहइ। 2 मइँ कछू लखेउँ ह जउन बहोत ही भयानक अहइ अउर घटइ ही वाला अहइ। मोका गद्दार तोहका धोखा देत भए देखॉत हीं। मइँ लोगन क तोहार पचन्क धन छोरत भए लखत हउँ। एलाम, तू जा अउर जुद्ध करा! मादै, तू आपन फउजन लइके नगर क घेरि ल्या अउर ओका हरावा। मइँ उ बुराई क अन्त करब जउन उ नगर मँ बाटइ। 3 मइँ इ सबइ भयानक बातन लखेउँ अउर अब मइँ बहोत डेराइ गएउँ ह। डर क मारे पेट मँ दर्द होत अहइ। इ दर्द जच्चा क पीरा जइसा अहइ। जउन बातन मइँ सुनत हउँ, उ सबइ मोका बहोत डेरावत अहइ। जउन बातन मइँ लखत हउँ, ओनके कारण मइँ डर क मारे कँापइ लागत हउँ। 4 मइँ चिन्तित हउँ अउर भय स थर-थर काँपत हउँ। मोर सुहावनी साँझ डर क रात बन गई ह। 5 लोगन सोचत हीं, सब कछू ठीक अहइ। लोग कहत हीं, “चौकी तइयार करा अउर ओह पइ आसन बिछावा, खा, पिआ।” किन्तु मोर कहब अहइ, “मुखिया लोगो! खड़ा ह्वा अउर जुद्ध क तइयारी करा।” उहइ समय फउजी कहत अहइँ, “पहरूअन क तैनात करा। अधिकारी लोगो, खड़ा होइ जा अउर आपन ढालन क झलकावा!” 6 मोर सुआमी मोका इ सबइ बातन ह, “जा अउर नगर क रच्छा बरे कउनो मनई क हेरा। 7 जदि उ रखवारा घुड़सवारन क, गदहन क या ऊँटन क कतारन क लखइँ तउ ओका होसियारी क साथ सुनइ चाही।” 8 तउ फुन उ पहरूआ जोर स बोला पहरूआ कहेस, “मोर सुआमी, मइँ हर दिन चौकीदार क बुर्ज पइ चौकादारी करत आएउँ ह। हर राति मइँ खड़ा भवा पहरा देत रहत हउँ। 9 मुला लखा! उ पचे आवत अहइँ। मोका घुड़सवारन क कतारन देखॉइ देत अहइँ।” फुन सँदेसवाहक कहेस, “बाबुल हार गवा, बाबुल धरती पइ ध्वस्त कीन्ह गवा। ओकरे मिथ्या देवन क सबहिं मूरतियन धरती पइ लुढ़काइ दीन्ह गइन अउर उ सबइ चकनाचूर हो गइन ह।” 10 यसायाह कहेस, “हे खरिहाने मँ अनाज क तरह रौंदे भए मोर लोगो, मइँ सर्वसवतीमान यहोवा, इस्राएल क परमेस्सर स जउन कछू सुना ह, सबइ तू पचन्क बताइ दीन्ह ह।” 11 दूमा बरे दुःखद सँदेसा। सेईर स मोका कउनो गोहराएस। उ मोहसे कहेस, “हे पहरू, रात अबहिं केतॅनी बाकी बची बाटइ? अबहिं अउर केतनी देर इ रात रही।” 12 पहरूआ कहेस, “भोर होइ क अहइ मुला राति फुन स आई। अगर तोहका कउनो बात पूछब अहइ तउ लउट आवा अउर मोहसे पूछ ल्या।” 13 अरब बरे दुःखद सँदेसा हे ददानी क काफिले, तू रात क रेगिस्तान मँ कछू बृच्छन क लगे गुजार ल्या। 14 कछू पियासे यात्रियन क पिअइ क पानी द्या। तेमा क लोगो, ओन लोगन क खइया क द्या जउन जात्रा करत अहइँ। 15 उ सबइ लोग अइसी तरवारन स परात अहइँ जउन ओनका मारइ क तत्पर रहेन। उ सबइ लोग ओन धनुसन स बचिके परात रहेन जउन ओन पइ छूटइ बरे तने भए रहेन। उ सबइ भीसण लड़ाइ स परात रहेन। 16 मोर सुआमी यहोवा मोका बताए रहा कि अइसी बातन घटिहीं। यहोवा कहे रहा, “एक बरिस मँ (एक अइसा ढंग जेहसे मजदूर किराये क समय क गनत ह।) केदार क वैभव बर्बाद होइ जाइ। 17 उ समय केदार क थोड़े स धनुसधारी, प्रतापी फउजी ही जिअत बच पइहीं।” इस्राएल क परमेस्सर यहोवा मोका इ सबइ बातन बताए रहा।

22:1 दिव्य दर्सन क घाटी क बारे मँ दुःखद सँदेसा:तू लोगन क साथ का भवा ह काहे तू पचे आपन घरन क छतन पइ छिपत अहा? 2 बीत गए समय मँ इ सहर बहोत व्यस्त सहर रहा। इ सहर बहोत सोरगुल स भरा अउर बहोत खुस रहा। किन्तु अब बातन बदलि गइन। तोहार लोग मारा गएन किन्तु तरवारन स नाहीं, अउर उ पचे मारा गएन किन्तु जुद्ध मँ लड़ते समय नाहीं। 3 तोहार सबहिं सैनिक अधिकारी पराइ गएन, किन्तु उ सबहिं बिना हथियारन क पकड़ि गवा। उ सबहिं खोजा गएन अउर एक साथ पकड़ा गएन, जबकि उ फ़राइके कहूँ दूर भाग गए रहेन। 4 एह बरे मइँ कहत हउँ, “मोरी कइँती जिन लखा, बस मोका रोवइ द्या! यरूसलेम क बिनास पइ मोका सान्त्वना देइ बरे मोरी कइँती जिन लपका।” 5 यहोवा एक खास दिन चुनेस ह। उ दिन हुवाँ ब़गावत अउर भगदड़ मचि जाइ। दिव्य दर्सन क घाटीमँ लोग एक दूसर क रौंद डइहीं। नगर क चार दीवारी ओकर नीव स उखाड़ फेंकी जाइ। घाटी क लोग पहाड़े पइ के लोगन क ऊपर चिल्लाइहीं। 6 एलाम क घुड़सवार फउजी आपन आपन तरकसन लइके घोड़न पइ चढ़े भए जुद्ध क प्रस्थान करिहीं। किर क लोग आपन ढालन स आवाज करिहीं। 7 तोहार इ खास घाटी मँ फउजन आइ जुटिहीं। घाटी रथन स भरि जाइ। घुड़सवार फउजी क नगर दुआरन क समन्वा तैनात कीन्ह जइहीं। 8 तब यहूदा क रच्छा-अवरणहटाइ लेइ जाइ। लोग जंगल-महल मँ जमा कइ भए हथियरन क लइ बरे जाब्या। 9 तू पचन्क दाऊद क नगर क चहारदीवारी क दरारन क लख सकत हीं। तउ तू पचे मकानन क गनइ सुरू करब्या यह तय करइ बरे कि ओहमाँ स वेॅतना मकान क धवस्त करइ क जरूरत, दीवार क मरम्मत करइ बरे होइ। तू पचे निचली तालाबस पानी भी जमा करइ सुरू करब्या। तू पचे दूसर तालाबदीवारन क बीच मँ सहर क निचला भाग मँ पुराने तालाबस पानी जमा करइ बरे बनाउब्या।फुन भी उ परमेस्सर पइ तोहार पचन्क भरोसा नाहीं होइ जउन ऍन सबइ वस्तुअन क बनाएस ह। तू पचे ओकरी (परमेस्सर) कइँती नाहीं लखब्या जउन बहोत पहिले ऍन सबइ वस्तुअन क रचना किहे रहा। 10 11 12 तउ, मोर सुआमी सर्वसवतीमान यहोवा लोगन स ओनके मरे भए मीतन बरे बिलाप करइ अउर दुःखी होइ बरे कही। लोग आपन मूँड़ि मुँड़वाइ लेइहीं अउर सोक-वस्त्र धारण करिहीं। 13 किन्तु लखा! अब लोग खुस अहइँ। लोग खुसियन मनावत अहइँ। उ सबइ लोग कहत अहइँ: मवेसियन क मारा, भेड़िन क बध करा। हम उत्सव मनाउब। तू पचे आपन खइया क खा अउर आपन दाखरस पिआ। खा अउर पिआ काहेकि भियान तउ हमका मरि जाब अहइ। 14 सर्वसक्तीमान यहोवा इ सबइ बातन मोहसे कहे रहा अउर मइँ ओनका अपने काने स सुने रहेउँ: “तू पचे बुरे करम करइ क अपराधी अहा अउर मइँ निहचय क साथ कहत हउँ कि इ अपराध क छिमा कीन्ह जाइ स पहिले ही तू पचे मरि जाब्या।” मोर सुआमी सर्वसवतीमान यहोवा इ सबइ बातन कहे रहा। 15 मोर सुआमी सर्वसवतीमान यहोवा मोहसे इ सबइ बातन कहेस: “उ सेबना नाउँ क सेवक क लगे जा। उ महल क प्रबन्ध-अधिकारी अहइ। 16 ओहसे पूछ्या, ‘उ का करत अहा? का हिआँ ओकरे परिवार क कउनो मनइ गड़ा भवा अहइ? उ हिआँ एक कब्र काहे बनावत अहा?”यसायाह कहेस, “लखा इ मनई क! इ एक ऊँच जगहिया पइ आपन कब्र बनावत अहइ। आपन कब्र बनावइ बरे इ चट्टान क काटत अहइ। 17 “हे मनसेधू, यहोवा तोहका वुचरि डाइ। यहोवा तोहका बाँधिके एक ठु नान्ह स गेंदे क तरह गोल बनाइके कउनो बिसाल देसे मँ लोकाइ देइ अउर हुवाँ तोहार मउत होइ जाइ।”यहोवा कहेस, “तोहका आपन रथन पइ बड़ा अभिमान रहा। किन्तु उ दूर देस मँ तोहरे नवे सासक क लगे अउर भी नीक रथ अहइँ। ओकरे महल मँ तोहार रथ महत्वपूर्ण नाहीं देखाइ देइहीं। 18 19 हिआ मइँ तोहका तोहार महत्व स पूर्ण काम स ढकेल के बाहेर करब। तोहरे महत्व क पूर्ण काम स तोहार नवा मुखिया तोहका दूर कइ देइ। 20 उ समय मइँ आपन सेवक एल्याकीम क जउन हिज्जिक्याह क पूत अहइ, बोलाउब 21 अउर तोहार चोगा लइके उ सेवक क पहिराइ देब। तोहार राजदण्ड भी मइँ ओका दइ देव। जउन महत्वक पूर्ण काम तोहरे पास अहइ, मइँ ओका भी उहइ क दइ देब। उ सेवक यरूसलेम क लोगन अउर यहूदा क परिवार बरे पिता क समान होइ। 22 यहूदा क भवन क चाभी मइँ उ मनसेधू क गले मँ डाइ देब। अगर उ कउनो दुआर क खोली तउ उ दुआर खुला ही रही। कउनो भी मनई ओका बंद नाही कइ पाई। जदि उ कउनो दुआर क बंद करी तउ उ दुआर बंद होइ जाइ। कउनो भी मनई ओका खोल नाहीं पाई। उ सेवक पिता क घरे मँ एक सिंहासन क समान होइ। 23 मइँ ओका एक अइसी खूँटी क समान सुदृढ़ बनाउब जेका बहोत सख्त तखत मँ ठोका गवा ह। 24 ओकरे पिता क घर क सबहिं माननीय अउर महत्व स पूर्ण वस्तुअन ओकरे ऊपर लटकिहीं। सबहिं वयस्क अउर नान्ह बच्चन ओह पइ निर्भर रहिहीं। उ सबइ लोग अइसे होइहीं जइसे नान्ह नान्ह पात्र अउर बड़ी बड़ी सुराहियन ओकरे ऊपर लटकत होइँ। 25 “उ समय, उ खूँटी (सेबना) जउन अब एक बड़े कठोर तख्ते मँ गाड़ी भइ खूँटी अहइ, दुर्बल होइके टूट जाइ। उ खूँटी धरती पइ गिर पड़ी अउर उ खूँटी पइ लटकी भइ सबहिं वस्तुअन बर्बाद होइ जइहीं। तब उ प्रत्येक बात जउन मइँ उ सँदेसा मँ बताए रहेउँ, घटित होइ।” (इ सबइ बातन घटिहीं काहेकि एनका यहोवा कहे अहइ।)

23:1 सोर क बारे मँ दुःखद सँदेसा: हे तर्सीस क जहाजो, दुःख मनावा। तोहार बंदरगाह उजाड़ दीन्ह गवा ह। (एन जहाजन पइ जउन लोग रहेन, ओनका इ समाचार उ समय बतावा ग रहा जब उ पचे कित्तियन क देस मँ आपन राहे जात रहेन।) 2 हे सागरे क निचके बसइया लोगो, रूका अउर सोक मनावा! हे, सीदोन क सौदागरो सोक मनावा। सीदोन तोहरे सँदेसावाहक समुद्दर पर जावा करत रहेन। ओ लोग तोहका धन दौलत स भरि दिहेन। 3 उ सबइ लोग अनाजे क तलास मँ समुद्दर मँ जात्रा करत रहेन। सोर क उ सबइ लोग नील नदी क आस पास जउन अनाज पैदा होत रहा, ओका मोल लइ लेत रहा करत रहेन अउर फुन उ अनाज क दूसर देसन मँ बेचा करत रहेन। 4 हे सीदोन, तोहका सर्म आवइ चाही। काहेकि अब सागर अउर सागर क किला कहत ह: मइँ सन्तान रहित हउँ। मोका जच्चा क बेदना क गियान नाहीं अहइ। मइँ कउनो बच्चे क जनम नाहीं दिहेउँ। मइँ युवती व युवक क पालिके बड़ा नाहीं किहेउँ। 5 मिस्र सोर क खबर सुनी अउर इ खबर मिस्र क दुःख देइ। 6 तोहार जलयान तर्सीस क लउटि जाइ चाही। हे सागरतट वासियो! दुःखे मँ बूड़ जा। 7 बीते दिनन मँ, तू पचे सोर क महिमा स आनन्द लिहा। इ नगरी सुरू स ही विकसित होत रही। उ नगर क लोग नगरन स कहूँ दूर बसइ बरे जात्र किहेन। 8 सोर क नगर बहोत सारे नेता पैदा किहेस। हुवाँ क बइपारी राजपूतन क समान होत हीं अउर उ सबइ लोग वस्तुअन खरीदत अउ बेचत हीं। उ पचे हर कहूँ आदर पावत हीं। तउ कउन सोर क खिलाफ जोजनन रचेस ह। 9 हाँ, सर्वसवतीमान यहोवा उ सबइ जोजना बनाए रहा। उहइ ही ओनका महत्व स पूर्ण न बनावइ क निहचय किहे रहा। 10 हे तर्सीस क जहाजो तू पचे अपने देस क लउटि जा। तू पचे सागरे क अइसे पार करा जइसे उ नान्ह स नदी होइ। कउनो भी मनई अब तू सबन्क नाहीं रोकी। 11 यहोवा आपन हाथ सागर क ऊपर फइलाएस ह अउर राज्जन क कँपाइ दिहस। यहोवा कनान देस क बारे मँ आदेस दइ दिहस कि ओकरे गढ़ियन क नस्ट कइ दीन्ह जाइ। 12 यहोवा कहत ह, हे! सीदोन क वुँवारी बिटिया, तोहका बर्बाद कीन्ह जाइ। अब तू अउर जियादा आनन्द न मनाइ पाई।” किन्तु सोर क निवासी कहत हीं, “हमका कित्तीम बचाई।” किन्तु अगर तू सागरे क पार कइके कित्तीम जा हुवाँ भी तू चैन क ठउर न पउब्या। 13 एह बरे सोर क निवासी कहा करत हीं, “बाबुल क लोग हम क बचइहीं।” किन्तु तू बाबुल क लोगन क धरती पइ लखा। एक देस क रूप मँ आजु बाबुल क कउनो अस्तित्व नाहीं अहइ। बाबुल क ऊपर अस्सूर चढ़ाई किहस अउर ओकरे चारिहुँ ओर बुजिर्यन बनाएस। फउजियन सुन्नर घरन क सब धन लूट लिहन। अस्सूर बाबुल क जँगली पसुअन क घर बनाइ लिहस। उ पचे बाबुल क खण्डहरन मँ बदल दिहन। 14 तउ तर्सीस क जलयानो तू पचे बिलाप करा। तोहार सबन्क सुरच्छा ठउर (सोर) बर्बाद होइ जाइ। 15 सत्तर बरिस तलक लोग सोर क बिसरि जइहीं। (इ समय, कउनो राजा क सासनकाल क बराबर समय माना जात रहा।) सत्तर बरिस क पाछे, सोर एक रण्डी क नाईर् होइ जाइ। इ गीत मँ: 16 हे रण्डी! जेका मनसेधूअन बिसराइ दिहन। तू आपन वीणा उठावा अउर इ नगर मँ घूमा। तू आपन गीत क अच्छी तरह बजावा। तू अवसत आपन गीत गावा करा। तबहिं तोहका लोग फुन स याद करिहीं। 17 सत्तर बरिस क पाछे, परमेस्सर सोर क समस्या पइ विचार करब। सोर फुन आपन मज़दूरी एक रण्डी क नाईर् धरती क सबहिं रास्ट्रन क संग बइपार कइके प्राप्त करइ लागी। 18 किन्तु सोर जउने धन क कमाई ओका रख नाहीं पाई। सोर उ लाभ क जउन उ बइपार मँ कमाएस ह, यहोवा बरे सुरच्छित रहीं। सोर ओका ओन लोगन क देइ जउन यहोवा क सेवा करत अहा। एह बरे यहोवा क सेवक भर पेट खइया क खइहीं अउर नीक ओढ़ना पहिरहीं।

24:1 लखा! यहोवा इ धरती क बर्बाद करी। यहोवा भूचालन क जरिये इ धरती क मरोड़ देइ। यहोवा लोगन क कहूँ दूर जाइ क मजबूर करी। 2 उ समय, हर कउनो क संग एक जइसी घटनन घटिहीं, साधारण मनई अउ याजक एक जइसे होइ जइहीं। सुआमी अउर सेवक एक जइसे होइ जइहीं। दासियन अउर ओनकर सुआमियन एक समान होइ जइहीं। मोल लेइवाले अउर बेसइवाले एक जइसे होइ जइहीं। कर्जा लेइवालन अउर कर्जा देइवालन लोग एक जइसे होइ जइहीं। धनवान अउर दीन लोग एक जइसे होइ जइहीं। 3 सबहिं लोगन क हुवाँ स ढकेल बाहेर कीन्ह जाइ। सारी धन दौलत छोरी लीन्ह जइहीं। अइसा एह बरे घटी काहेकि यहोवा अइसा ही आदेस दिहस ह। 4 देस उजड़ जाइ अउर दुःखी होइ। दुनिया खाली होइ जाइ अउर उ दुर्वल होइ जाइ। इ धरती क महान नेता सवितहीन होइ जइहीं। 5 इ धरती उ लोगन दुआरा दूसित कइ दीन्ह ग अहइ जउन एह पइ रहत हीं। अइसा कइसा होइ गवा? लोग परमेस्सर क सिच्छा क विरोध मँ गलत काम किहेन। लोग परमेस्सर क नेमन क पालन नाहीं किहन। बहोत पहिले उहइ लोग परमेस्सर क संग एक करार किहे रहेन। किन्तु परमेस्सर क समन्वा कीन्ह गवा उ करार क उ पचे उल्लंघन किहेस। 6 इ धरती क रहइवाले लोग अपराधी अहइँ। एह बरे परमेस्सर इ धरती क नस्ट करइ क निहचय किहस। ओन लोगन क सजा दीन्ह जाइ अउर हुवाँ थोड़े स लोग ही बचि पइहीं। 7 अगूंर क बेलन मुरझात अहइँ। नई दाखरस क कमी पड़ति अहइ। पहिले लोग खुस रहेन। किन्तु अब उ पचे ही लोग दुःखी अहइँ। 8 लोगन आपन खुसी वियक्त करइ तजि दिहे अहइँ। खुसी क सबहिं ध्वनियन रूकि गइ बाटिन। खँजरियन अउ वीणन क आनन्द स भरा संगीत खतम होइ चुका अहइ। 9 अब लोग दाखरस पिअत अहइँ, तउ खुसी क गीत नाहीं गउतेन। अब जब मनई दाखरस पिअत हीं, तब उ ओका कड़ुई लागत ह। 10 इ सहर क एक नीक स नाउँ अहइ, “गड़बड़ स भरा, इ नगर क बिनास कीन्ह गवा। लोग घरन मँ नाहीं घुस सकतेन। दुआर बंद होइ चुका अहइँ। 11 गलियन मँ दुकानन पइ लोग अबहुँ भी दाखरस क पूँछत हीं, किन्तु समूची खुसी जाइ चुकी अहइ। आनन्द तउ दूर कइ दीन्ह ग अहइ। 12 नगर बरे बस बिनास ही बचत अहइ। दुआर तलक चकनाचूर होइ चुका अहइँ। 13 “फसल क समय लोग जइतून क बृच्छ स जइतून क गिरावा करिहीं। किन्तु केवल कछू ही जइतून बृच्छन पइ बचिहीं! जइसे अंगूरे क फसल उतारइ क पाछे थोड़ा स अंगूर बचे रहि जात हीं। अइसा ही इ धरती क रास्ट्रन क संग होइ। 14 बचे भए लोग ऊँची आवाज़ मँ स्तुति करीं। दूरगामी देस क लोग यहोवा क महानता क स्तुति करिहीं अउर उ पचे, खुस होइहीं। 15 उ सबइ लोग कहा करिहीं, “पूर्व क लोगो, यहोवा क तारीफ करा।” दूर देस क लोगो, इस्राएल क परमेस्सर यहोवा क नाउँ क गुण गान करा।” 16 इ धरती पइ हर कहूँ हम परमेस्सर क स्तुति क गीत सुनब। ऍन गीतन मँ परमेस्सर क स्तुति होइ। किन्तु मइँ कहत हउँ, “मइँ बरबाद होत रहत हउँ। मइँ जउन कछू भी लखत हउँ सब कछू खउफनाक अहइ। गद्दार लोग, लोगन क विरोधी होत रहत हीं, अउर ओनका चोट पहोंचावत हीं। 17 मइँ धरती क बसइयन पइ खतरा आवत लखत हउँ। मइँ ओनके बरे भय, गड़हन अउर फँदन लखत हउँ। 18 लोग खतरे क सुनिके डर स काँपि जइहीं। कछू लोग, पराइ जइहीं किन्तु उ सबइ गड़हन अउर फँदन मँ जाइ गिरिहीं अउर ओन गड़हन स कछू चढ़िके बचि निकरि अइहीं। किन्तु उ पचे फुन दूसर फंदन मँ फँसिहीं। ऊपर अकासे क छाती फटि जाइ जाइसे बाढ़ क दुआर खुलि गवा होइँ।” बाढ़न आवइ लगिहीं अउर धरती क नेंव डगमग हिलइ लागी। 19 भूचाल आइ अउर धरती फट जाइहीं। 20 संसार क पाप बहोत भारी अहइँ। उ भारे स दबिके इ धरती गहराइ जाइ। इ धरती कउनो झोपड़ी स काँपी अउर नसे मँ धुन्त कउनो मनई क तरह धरती गिर जाइ। इ धरती बनी न रही। 21 उ समय यहोवा सब क निआव करी। उ समय यहोवा अकासे मँ सरग क फउजन अउर धरती क राजा उ निआव क विषय होइहीं। 22 एन सबन क एक संग एकट्ठा कइ दीन्ह जाइ। ओनमाँ स कछू काल कोठरी मँ बन्द होइहीं अउर कछू कारागार मँ रइहीं। किन्तु अंत मँ बहोत समय क पाछे एन सबन्क निआव होइ। 23 यरूसलेम मँ सिय्योन क पहाड़े पइ यहोवा राजा क रूप मँ राज्ज करी। अग्रजन क समन्वा ओकर महिमा होइ। ओकर महिमा ऍतनी भव्व होइ कि चँदा व्यावुल होइ जाइ, सूरज लजाइ जाइ।

25:1 हे यहोवा, तू मोर परमेस्सर अहा। मइँ तोहरे नाउँ क स्तुति करत हउँ अउर मइँ तोहका सम्मान देत हउँ। तू अनेक अद्भुत कार्य किहा ह। जउन भी सब्द तू बहोत पहिले कहे रह्या उ सबइ पूरी तरह स फुरइ अहइँ। हर बात वइसी ही घटी जइसी तू बताए रह्या। 2 तू नगर क नस्ट किहा। उ नगर सुदृढ़ चहरदीवारी स संरच्छित रहा। किन्तु अब उ मात्र पाथरन क ढेर रहि गवा। परदेसियन क महल नस्ट कइ दीन्ह गवा। अब ओकर फुन स निर्माण नाहीं होइ। 3 सामर्थी लोग तोहार महिमा करिहीं। त्रूर जातियन क नगर तोहसे डेरइहीं। 4 यहोवा तू निर्धन लोगन बरे जउन जरूरतमंद अहइँ, सुरच्छा क ठउर अहा। अनेक बिपत्तियन ओनका पराजित करइ क आवत हीं किन्तु तू ओनका बचावत ह। तू एक अइसा भवन अहा जउन ओनका तूफानी बर्खा स बचावत ह अउर तू एक अइसी हवा अहा जउन ओनका गर्मी स बचावत ह। बिपत्तियन खउफनाक आँधी अउर घनघोर बर्खा जइसी आवत ह। बर्खा देवारन स टकरात ह अउर खाले बहि जात ह किन्तु मकाने मँ जउन लोग अहइँ, ओनका नोस्कान पहोंचावत ह। 5 नारा लगावत भए दुस्मन ललकारेस। घोर दुस्मन चुनौती देइ क ललकारेस। किन्तु तू हे परमेस्सर, ओनका रोक लिहा। उ सबइ अइसे रहेन जइसे गर्मी कउनो खुस्क जगह पइ। तू ओन त्रूर लोगन क विजय गीत अइसे रोक दिहे रह्या जइसे सघन मेघन क छाया गर्मी क दूर करत ह। 6 उ समय, सर्वसवतीमान यहोवा इ पर्वते प सबहिं रास्ट्रन बरे एकठु भोज क प्रबंध करी। भोजे मँ स्वादिस्ट खइया क अउ दाखरस परोसा जाइ। भोज मँ नर्म अउ मज़ेदार गोस्त परोसा जाइ। 7 किन्तु अब लखा, एक अइसा पर्दा अहइ जउन सबहिं जातियन अउर सबहिं मनइयन क ढके अहइ। इ पर्दे क नाउँ अहइ, “मउत।” 8 किन्तु मउत क हमेसा बरे अंत कइ दीन्ह जाइ अउर मोर सुआमी यहोवा हर आँखी क आँसू पोंछ देइ। बीते समय मँ ओकर सबहिं लोग समिर्न्दा रहेन। यहोवा ओनकर लज्जा क इ धरती पइ स हरण कइ लेइ। इ सब कछू घटी काहेकि यहोवा कहे रहा, अइसा होइ। 9 उ समय लोग अइसा कहिहीं, “लखा इ हमार परमेस्सर अहइ। इ उहइ अहइ जेकर हम बाट जोहत रहे। इ हमका बचावइ क आवा अहइ। हम आपन यहोवा क प्रतीच्छा करत रहे। एह बरे हम खुसियन मनाउब अउर खुस होब कि यहोवा हमका बचाएस ह।” 10 इ पहाड़े पइ यहोवा क सवती अहइ अउर मोआब पराजित होइ। यहोवा सत्रु क अइसा वुचिर डाइ जइसे भूसा वुचरा जात ह जउन खाद क ढेर मँ होत ह। 11 यहोवा आपन हाथ अइसे पसारी जइसे कउनो तैरत भवा मनई फइलावत ह। तब यहोवा ओन सबहिं वस्तुअन क एकट्ठा करी जेन पइ लोगन क गर्व अहइ। यहोवा ओन सबहिं सुन्नर वस्तुअन क बटोर लेइ जेनका उ पचे बनाए रहेन अउर उ एन वस्तुअन क लोकाइ देइ। 12 यहोवा लोगन क ऊँच देवारन क नस्ट कइ देइ। यहोवा ओनके सुरच्छा ठउरन क नस्ट कइ देइ। यहोवा ओनका धरती क धूरि मँ पटक देइ।

26:1 उ समय, यहूदा क लोग इ गीत गइहीं: यहोवा हमका मुवित देत ह। हमार एक सुदृढ़ नगरी अहइ। हमरे नगर क सुदृढ़ परकोटा अउ सुरच्छा अहइ। 2 ओकरे दुआरन क खोला ताकि भले लोग ओहमाँ प्रवेस करइँ। उ सबइ लोग परमेस्सर क जिन्नगी क खरी राहे का पालन करत हीं। 3 हे यहोवा, तू हमका सच्चा सान्ति प्रदान करत ह। तू ओनका सान्ति दिया करत ह, जउन तोहरे भरोसे अहइँ अउर तोह पइ बिस्सास रखत हीं। 4 एह बरे सदा ही यहोवा पइ बिस्सास करा। काहेकि “यहोवा याह” ही तोहार हमेसा सर्वदा बरे सरण क ठउर होइ। 5 किन्तु अभिमानी नगर क यहोवा निहुराएस ह अउर हुवाँ क निवासियन क उ सजा दिहेस ह। यहोवा उ ऊँच बसी नगरी क धरती पइ गिराएस। उ एका धूरि मँ मिलावइ गिराएस ह। 6 तब दीन अउ नम्र लोग नगरी क खण्डहरन क आपन गोड़े तले रौंदि देइहीं। 7 खरापन खरे लोगन क जिअइ क ढंग अहइ। खरे लोग उ राहे पइ चलत हीं जउन सोझ अउ सच्ची होत ह। परमेस्सर, तू उ राहे क चलइ बरे सुखद व सहल बनावत ह। 8 किन्तु हे परमेस्सर! हम तोहरे निआव क मारग क बाट जोहत अही। हमार मन तोहका अउर तोहरे नाउँ क सुमिरान करइ चाहत ह। 9 मोर मत राति भर तोहरे साथ रहइ चाहत ह अउर मोरे अन्दर क आतिमा हर नए दिन क सबेरे तोहरे साथ रहइ चाहत ह। जब धरती पइ तोहार निआउ आइ, लोग खरी जिन्नगी जिअइ सीख जइहीं। 10 जदि तू सिरिफ दुट्ठ पइ दाया देखावत रह्या तउ उ कबहुँ भी अच्छे करम करब नाहीं सीखी। दुट्ठ जन चाहे भले लोगन क बीच मँ रहइ मुला तब उ भी बुरे करम करत रही। उ दुट्ठ कबहुँ भी यहोवा क बड़प्पन नाहीं देख पाइ। 11 हे यहोवा तू ओनका सजा देइ क तत्पर अहा किन्तु उ पचे एका नाहीं लखतेन। हे यहोवा तू आपन लोगन पइ आपन असीम पिरेम देखॉवत अहा जेका लखिके दुट्ठ जन लज्जित होइ जात हीं। तोहार दुस्मन आपन ही पापे क आगी मँ जरिके भसम होइ जइहीं। 12 हे यहोवा, हमका कामयाबी तोहरे ही कारण मिली ह। तउ कृपा कइके हमका सान्ति द्या।यहोवा आपन लोगन क नवा जीवन देइ 13 हे यहोवा, तू हमार परमेस्सर अहा किन्तु पहिले हम पइ दूसर देवता राज करत रहेन। हम दूसर सुआमियन स जुड़े भए रहेन किन्तु अब हम इ चाहित ह कि लोग बस एक ही नाउँ याद करइँ उ अहइ तोहार नाउँ। 14 अब उ पचे सुआमी जिअत नाहीं अहइँ। उ सबइ भूत आपन कब्रन स कबहुँ भी जिअत नाहीं उठिहीं। तू ओनका बर्बाद करइ क निहचय किहे रह्या अउर तू ओनकर याद तलक क मेट दिया। 15 हे यहोवा, तू जाति क बढ़ाया। जाति क बढ़ाइके तू महिमा पाया। तू प्रदेस क चउहद्दी क बढ़ाया। 16 हे यहोवा, तोहका लोग दुःखे मँ याद करत हीं, अउर जब तू ओनका सजा दिया करत ह तब लोग तोहार गँूगी पराथनन करत हीं। 17 हे यहोवा, हम तोहरे कारण अइसे होत हँ जइसे जच्चा पीरा क झेलत मेहरारू होइ जउन बच्चा क जनम देत समय रोवत बिलखत अउर पीरा भोगत ह। 18 इहइ तरह हम भी गर्भधारण कइके पीरा भोगित ह। हम जनम देइत ह किन्तु सिरिफ वायु क। हम संसार क नवा लोग नाहीं दइ पाए। हम धरती क उद्धार पइ नाहीं लिआए पाए। 19 यहोवा कहत ह, “मरे भए तोहार लोग फुन स जी जइहीं। मरे लोगन क देह मउत स जी उठी। हे मरे भए लोगो, हे धूरि मँ मिल भवो, उठा अउ तू पचे खुस होइ जा। उ ओस जउन तोहका घेरे भए अहइ, अइसी अहइ जइसे रोसनी मँ चमकत भइ ओस। धरती ओनका फुन जनम देइ जउन अबहिं मरे भए अहइँ।” 20 हे मेरे लोगो, तू पचे आपने कोठरियन मँ जा। आपन क थोड़े समय बरे आपन कमरन मँ छिपा ल्या। परमेस्सर क किरोध बहोत जल्द सान्त होइ जाइ। 21 यहोवा धरती क लोगन क पापन क निआव करी बरे सरग क आपन ठउरे क तजि देइ। धरती अब मरा भवा लोगन क अउर न ढाँपिहीं। धरती खुद पइ बहाइ गवा खून क राज क फास करिहीं।

27:1 उ समय, यहोवा लिब्यातान क निआव करी जउन एक फ़रार सरप अहइ। यहोवा आपन बड़की अउ सवतीसाली तरवार क उपयोग वुंडली मारे सरप लिब्यातान क मारइ मँ करी। यहोवा सागरे क भीमकाय प्राणी क मारि डाइ। 2 उ समय, हुवाँ खुसियन स भरा अंगूरे क एक बाग होइ। तू पचे ओकर गीत गावा। 3 “मइँ यहोवा, उ बाग का धियान रखब। मइँ बागे क उचित समये पइ सींचब। मइँ बगीचे क रात दिन रखवारी करब ताकि कउनो भी ओका नोस्कान न पहोंचाइ पावइ। 4 मइँ वुपित नाहीं होब। जदि काँटा कँटेरी मोका हुवाँ मिलइ तउ मइँ वइसे रौंदब जइसे फउजी रौंदत चला जात ह अउर ओनका फूँक डाउब। 5 लेकिन अगर कउनो मनई मोरी सरण मँ आवइ अउर मोहसे मेल करइ चाहइ तउ उ चला आवइ अउर मोहसे मेल करि लेइ। 6 आवइ वाले दिनन मँ याकूब क लोग उ पउधे क समान होइहीं जेकर उड़न उत्तिम होत हँ। याकूब क बिकास उ पनपते पउधे सा होइ जेह पइ बहार आई होइ। फुन धरती याकूब क बंसजन स भरि जाई जइसे बृच्छन क फलन स उ भर जात ह।” 7 यहोवा आपन लोगन क ओतना दण्ड नाहीं दिहस ह जेतना उ ओनके दुस्मनन क दिहस ह। ओकर लोग ओतने नाहीं मरेन ह जेतने उ सबइ लोग मरेन ह जउन एन लोगन क मारइ बरे प्रयत्नसील रहेन। 8 यहोवा इस्राएल क दूर पठइके ओकरे संग आपन विवाद सुलझाइ लेइ। यहोवा इस्राएल क उ तेज हवा क झोंके स उड़ाइ दिहस जउन रेगिस्ताने क गरम लू क समान होत ह। 9 याकूब क अपराध कइसे छिमा कीन्ह जाइ? ओकरे पापन्क कइसे दूर कीन्ह जाइ? इ सबइ बातन घटिहीं, वेदी क सबइ सिला चकनाचूर होइके धूरि मँ मिल जइहीं, लबार देवतन क स्तम्भ अउर ओनकर पूजा क वेदियन तहस-नहस कइ दीन्ह जाइ। 10 इ नगरी नस्ट होइ जाब्या। सब लोग कहूँ दूर भाग जाब्या। उ नगर एक खुली चरागाह जइसा होइ जाब। मवेसियन क बच्चन हुआँ घाँस खाइहीं मवेसी अंगूरे क बेलन स पातियन खाइहीं होइ। 11 इ सहर उ अंगूर क बेलन क नाईं अहइ जउन फसल काटि स पहिले ही सूख ग अहइ, काहेकि एकर डारन मरि गवा अहइ। एह बरे डारन टूटिके गिर ग अहइँ। मेहररूअन ओन डारन जराइ बरे आइँ। इ सबइ लोग मूरख अहइँ। एह बरे ओकर बनाइवाला ओकर प्रति दया नाहीं देखॉइ। ओनकर रचयिता ओनके बरे दयालु नाहीं होइ। 12 उ समय, यहोवा दूसर लोगन स आपन लोगन क अलग करइ लागी। परात नदी स उ इ कारज क आरम्भ करी। परात नदी स लइके मिस्र क नदी तलक यहोवा तू इस्राएलियन क एक एक क कइके एकट्ठा करी। 13 अस्सूर मँ अबहिं मोर बहुत स लोग खोए भए अहइँ। मोर कछू लोग मिस्र क पराइ ग अहइँ। किन्तु उ समय तलक एक बिसाल भेरी बजाई जाइ अउर उ सबइ सबहिं लोग वापिस यरूसलेम आइ जइहीं अउ उ पवित्तर पर्वत पइ यहोवा क समन्वा उ सबइ सबहिं लोग निहुरि जइहीं।

28:1 सोमरोन क लखा। एप्रैम क मदमस्त लोग उ नगर पइ गर्व करत हीं। उ नगर पहाड़ी पइ बसा ह जेकरे चारिहुँ कइँती एक संपन्न घाटी अहइ। सोमरोन क वासी इ सोचा करत हीं कि ओनकर सहर फूलन मुवुट जइसा अहइ। किन्तु उ पचे दाखरस स धुत्त अहइँ अउर इ “सुन्नर मुवुट” मुरझाए पौधा स अहइ। 2 लखा, मोर सुआमी एक मनई क चुनेस ह जउन मज़बूत अउर वीर अहइ। उ व्यक्ति इ देस मँ इ तरह आइ जइसे ओलन अउ बर्खा क तूफ़ान आवत ह। उ देस मँ इ तरह आइ जइसे बाढ़ आवा करत ह। उ समारिया क धरती पइ फेंकी। 3 नसे मँ धुत्त एप्रैम क लोग आपन “सुन्नर मुवुट” पइ गर्व करत हीं किन्तु उ नगरी गोड़े तले रौंदी जाइ। 4 उ नगर पहाड़ी पइ बसा अहइ जेकरे चारिहुँ कइँती एक सम्पन्न घाटी अहइ। किन्तु उ “फूलन क सुन्नर मवुट” बस एक मुरझात भवा पौंधा अहइ। उ नगर गर्मी मँ अंजीर क पहिले फले क समान होई। जब कउनो उ पहली अंजीर क लखत ह तउ हाली स तोड़के ओका चट कइ जात ह। 5 उ समय, सर्वसवतीमान यहोवा, “सुन्नर मवुटट” बनी। उ ओन बचे भए आपन लोगन बरे “फूलन क सानदार मवुट” होइ। 6 फुन यहोवा ओन निआव क अर्धासन क बुद्धि प्रदान करी जउन ओकर आपन लोगन क सासन करत हीं। नगर दुआरन पइ जुद्धन मँ लोगन यहोवा सवती देइ। 7 किन्तु अबहिं उ सबइ मुखिया लोग मदमस्त अहइँ। याजक अउ नबी सबहिं दाखरस अउर सुरा स धुत्त अहइँ। उ सबइ लड़खड़ात अहइँ अउर खाले भहराइ पड़त अहइँ। नबी जब आपन सपनन लखत हीं। निआव क अधीस जब निआव करत हीं तउ उ पचे नसे मँ बूड़े भए होत हीं। 8 हर खाइ क मेज उल्टी स भरी भइ अहइ। कहूँ भी कउनो स्वच्छ ठउर नाहीं रहा अहइ। 9 उ पचे कहा करत हीं, इ मनई कउन अहइ? इ केका सिच्छा देइ क कोसिस करत अहइ? उ आपन सँदेसा केका समुझावत अहा? का ओन बच्चन क जेनकर अबहिं-अबहिं दूध छोड़ॅवा गवा अहइ? का ओन बच्चन क जेनका अबहिं अबहिं आपन महतारियन क छाती स दूर कीन्ह गवा ह 10 एह बरे यहोवा ओनसे इ तरह बोलत ह जइसे उ पचे दुधमुहाँ बच्चन होइँ।“सौ लासौ सौ लासौ काव लाकाव काव लाकाव ज़ेइर साम ज़ेइर साम।” 11 फिन यहोवा ओन लोगन स बात करी ओकर होंठ कॉपत भए होइहीं अउर उ ओन लोगन स बातन करइ मँ दूसर विचित्र भाखा प्रयोग करी। 12 यहोवा पहिले ओन लोगन स कहे रहा, “हिआँ विस्राम क एक ठउर अहइ। थके माँदे लोगन क हिआँ आवइ द्या अउर विस्राम पावइ द्या। इ सान्ति क ठउर अहइ।”किन्तु लोग परमेस्सर क सुनइ नाहीं चाहेन। 13 तउ परमेस्सर क बचन कउनो विचित्र भासा क जइसे होइ जइहीं।“सौ लासौ सौ लासौ काव लाकाव काव लाकाव ज़ेइर साम ज़ेइर साम।”तउ लोग जब चलिहीं तउ पाछे कइँती लुढ़क जइहीं अउर जख्मी होइहीं। लोगन क फँसाइ लीन्ह जाइ अउर उ पचे धरा जइहीं। 14 हे, यरूसलेम क आग्या क नाहीं मानइवाले अभिमानी मुखिया लोगो, तू यहोवा क सँदेसा सुना। 15 तू लोग कहत अहा, “हम मउत क संग एक वाचा कीन्ह ह। सेओल (मौत क पहँटा) क संग हमार एक अनुबंध अहइ। एह बरे हम दण्डित नाहीं होब। दण्ड हम पचन्क नोस्कान पहोंचाए बगैर हमरे पास स निकरि जाइ। आपन चालाकियन अउर आपन झूठन क पाछे हम पचे लुकाइ जाबइ।” 16 एन बातन क कारण मोर सुआमी यहोवा कहत ह: “मइँ एक पाथर एक ठु कोने क पाथर सिय्योन मँ धरती पइ गड़ब। इ एक अत्यन्त मूल्यवान पत्थर होइ। इ बहोत महत्वपूर्ण पाथर पई ही हर कउनो वस्तु क निर्माण होइ। जेहमाँ बिस्सास होइ, उ कबहुँ घबराई नाहीं। 17 “लोग देवारे क सोझ लखइ बरे जइसे सूत डाइके लखत हीं, वइसे ही मइँ जउन उचित अहइ ओकरे बरे निआव अउर खरेपन क प्रयोग करब।“तू दुट्ठ लोग आपन झूठ अउर चालाकियन बरे आपन क छुपावइ क जतन करत अहा, किन्तु तोहका दण्ड दीन्ह जाइ। उ दण्ड अइसा ही होइ जइसे तोहरे सबन्क छुपावइ क ठउरन क नस्ट करइ बरे कउनो तूफान या कउनो बाढ़ आवत होइ। 18 मउत क साथे तोहरे वाचा क मेट दीन्ह जाइ। अधोलोक क संग भई तोहार संधि भी तोहार मदद नाहीं करी।“जब खउफनाक सजा तोहे सबन पइ पड़ी तू पचे वुचरा जाब्या। 19 उ हर दाईर् जब आई तू पचन्क हुवाँ लइ जाइ। तोहार पचन्क सजा भयानक होइ। तू पचन्क भिन्सारे दर भिन्सारे अउर दिन रात सजा मिली। 20 जब तू पचे इ कहानी क समुझब्या: कउनो मनसेधू एक अइसे बिछउना पइ सोवइ क जतन करत रहा जउन ओकरे बरे नान्ह रहा। ओकरे लगे एक वंबल रहा जउन एतना चौड़ा नाहीं रहा कि ओका ढाक लेइ। त उ बिछउना अउर उ कम्बल ओकरे बरे बियर्थ रहेन अउर लखा तोहार वाचा भी तोहरे सबन्क बरे अइसा रही।” 21 “यहोवा वइसे ही जुद्ध करी जइसे उ पराजीम नाउँ क पहाड़ पइ किहे रहा। यहोवा वइसे ही कोहाइ जाइ जइसे उ ‘गिबोन क घाटी मँ भवा रहा। तब यहोवा ओन कामन क करी जउन ओका निहचय ही करइ क अहइँ। यहोवा कछू बिचित्र काम करी। किन्तु उ आपन काम क कर देइ। ओकर काम कउनो एक अजनबी क काम अहइ। 22 अब तू पचन्क इ सबइ बातन क मजाक नाहीं उड़ाबइ चाही। जदि तू पचे अइसा करब्या तउ तोहार पचन्क बन्धन क रस्सियन अउर जियादा कस जइहीं। सर्वसवतीमान यहोवा इ समूचे प्रदेस क नस्ट करइ क ठान लिहस ह। जउन सब्द मइँ सुने रहेउँ, अटल अहइँ। तउ उ सबइ बातन जरूर घटिहीं। 23 जउन सँदेसा मइँ तू पचन्क सुनावत हउँ, ओका धियान स सुना। 24 का कउनो किसान आपने खेते क हर समय जोनत रहत ह नाहीं। का उ माटी क हर समय सँवारत रहत ह नाहीं। 25 किसान आपन धरती क तइयार करत ह, अउर फुन ओहमाँ बिआ अलग अलग डावत ह। किसान अलग-अलग बीजन क रोपाई, ढंग स करत ह। किसान सौंफ क बिआ बिखेरत ह अउर एक किसान कठिए गोहूँ क बोवत ह। एक किसान खास जगह पइ अउ लगावत ह। एक किसान कठिए गोहूँ क बिअन क खेत क मेेंड पइ लगावत ह। 26 ओकर परमेस्सर ओका सिच्छा देत ह अउर अच्छे तरह स ओका निर्देस देत ह। 27 का कउनो किसान तेज दाँतदार तखन क प्रयोग सौंफ क दानन क गहावइ बरे करत ह नाहीं। का कउनो किसान जीरा क गहावइ बरे कउनो छकड़े क प्रयोग करत ह नाहीं। एक किसान इ मसालन क बीअन क छिलका उतारइ बरे एक नान्ह स वुबरी क प्रयोग ही करत ह। 28 लोगन क रोटी बनावइ बरे अनाज क पीसइ परी, किन्तु उ पचे लगातार अनाज जिन पीसत रहतेन। एक किसान अनाज क दलइ क बरे अनाज दलइ क पहिया अनाजे पइ फिराइ क परी, किन्तु ओका अनाजे क रौंदइ बरे घोड़न क समूह क जरूरत नाहीं परी! ठीक इहइ तरह, परमेस्सर आपन लोगन क लगातार सज़ा नाहीं देत ह! 29 सर्वसवतीमान यहोवा स इ पाठ मिलत ह। यहोवा अद्भुत सलाह देत ह। यहोवा फुरइ बहोत बुद्धिमान अहइ।

29:1 परमेस्सर कहत ह, “हे अरीएल, अरीएल! तू उ सहर अहइ जहाँ दाऊद छावनी डाए रहा। लोग इ सहर क बरिस दर बरिस पवित्तर भोज बरे जात्र किहेस। 2 किन्तु जब मइँ अरीएल क अन्त करब्या, तउ हुवाँ सोक अउ विलाप होइ। किन्तु उ तब भी मोर अरीएल होइ! 3 तब मइँ तोहका फउजन क सिबिर स घेरउब। मइँ तोहार विरोध मँ जुद्ध क बुर्ज अउर ढलवान बनाउब। 4 तू पचे धरती पइ गिरि जाब। धूल स तोहार कमज़ोर धीमा फुसफुसाहत क आवाज़ अइसा होइ जइसे धरती प कउनो भूत होइ।” 5 तोहार दुस्मन धूर क कण क भाँति अनगिनत होइहीं। तोहार वूर अत्याचार अनगिनत होइहीं जइसे भूसे आँधी मँ उड़त भए अहा। 6 सर्वसवतीमान यहोवा बादरन क गर्जन स, धरती क काँपे स, अउर जहा ध्वनियन स तोहरे लगे आइ। यहोवा दण्डित करी। यहोवा तूफान, तेज आँधी अउर आगी क प्रयोग करी जउन बारिके सबहिं क नस्ट कइ देइ। 7 तउ रात क सपना क नाईं जउन कि जागते ही गाइब होइ जात ह अइसा ही अरीएल क चारिहुँ कइँती स घेरा भवा फउज अउर ओनके जुद्ध यंत्र जउन कि ओकर खिलाफ घूमत रहत ह, गाइब होइ जात हीं। 8 मुला ओन फउजन क एक सपना जइसा होइ। उ सबइ फउजन उ सब चिजियन न पइहीं जेनका उ पचे चाहत हीं। इ वइसा ही होइ जइसा भूखा मनई भोजन क सपन लखइ अउर जागइ पइ उ आपन क वइसा ही भूखा पावइ। इ वइसा ही होइ जइसे कउनो पिआसा पानी क सपन लखइ अउर जब जागइ तब आपन क पियासा पावइ।सिय्योन क विरोध मँ लड़त भए सबहिं देस फुरइ अइसे ही होइहीं। इ बात ओन पइ खरी उतरी। देसन क उ सबइ चिजियन नाहीं मिलिहीं जेनका ओनका चाह अहइ। 9 आस्चर्य चकित होइ जा अउर अचरज स भरि जा। तू पचे सबहिं धुत्त होब्या किन्तु दाखरसु स नाहीं। लखा अउर अचरज करा। तू लड़खड़ाब्या अउर भहराइ जाब्या किन्तु सराबे स नाहीं। 10 यहोवा तोहका सबन्क सोवाएस ह। यहोवा तोहार आँखिन मूँदि दिहस ह। (तोहार आँखिन नाहीं अहइँ) 11 मइँ तू पचन्क बतावत हउँ कि इ सबइ बातन घटिहीं। किन्तु तू पचे मोका नाहीं समुझ रह्या। मोर सब्द उ किताबे क समान अहइँ, जउन बन्द अहइँ अउर जेह पइ एक मोहर लगी बाटइ। 12 तू पचे उ किताबे क एक अइसे मनई क दइ सकत ह जउन पढ़ सकत ह अउर उ मनई स कहि सकत ह कि उ उ किताबे क पढ़इ। मुला उ मनई कही, “मइँ किताबे क बाँच नाहीं सकत काहेकि इ बन्द अहइ अउर मइँ एका खोल नाहीं सकत।” या तू उ किताबे क कउनो भी अइसे मनई क दइ सकत ह जउन बाँच नाहीं सकत, अउर उ मनई स कहि सकत ह कि उ उ किताबे क पढ़इ। तब उ मनई कही, “मइँ इ किताबे क नाहीं बाँचि सकत काहेकि मइँ पढ़ब नाहीं जानत।” 13 मोर सुआमी कहत ह, “इ सबइ लोग कहत हीं कि उ पचे मोहसे पिरेम करत हीं। आपन मुँहे क सब्दन स उ पचे मोरे बरे आदर परगट करत हीं। मुला ओनकर मन मोहसे दूर अहइँ। उ आदर जेका उ पचे मोरे बरे देखॉवत हीं, बस कोरे मानव नेम अहइँ जउन उ पचे रट डाए अहइँ। 14 तउ मइँ एन लोगन क सवती स पूर अउर अचरज भरी बातन करत भए आस्चर्य चकित करत रहब। ओनकर बुद्धिमान मनई समझइ मँ असमर्थ होइ जइहीं।” 15 धिवकार अहइ ओन लोगन क जउन यहोवा स बातन छिपावइ क जतन करिहीं। उ पचे सोचत हीं कि यहोवा तउ समझी ही नाहीं। उ सबइ लोग आँधियारा मँ काम करत हीं। उ सबइ लोग आपन मन मँ कहा करत हीं, “हम पचन्क कउनो लख सकत नाहीं। हम पचे कौन अही, एका कउनो मनई नाहीं जानी।” 16 तू पचे भ्रम मँ पड़ा अहा। तू पचे सोचा करत अहा, कि माटी कोहार क बराबर अहइ। तू पचे सोचा करत अहा कि कृति आपन कर्त्ता स कह सकत ह, “तू मोर रचना नाहीं किहा ह।” इ वइसा ही अहइ, जइसे गगरी क आपन बनावइवाले कोहार स इ कहब, “तू समझत्या नाहीं तू का करत अहा।” 17 इ फुरइ अहइ: कि लबानोन थोड़े समय पाछे, आपन बिसाल ऊँच बृच्छन बरे सपाट जोते खेतन मँ बदल जाइ अउर सपाट खेत ऊँच-ऊँच बृच्छन वाले सघन जंगलन क रूप लइ लेई। 18 किताबे क सब्दन क बहिरे सुनिहीं, आँधर आँधियारे अउ कोहरे मँ स लखि सकिहीं। 19 यहोवा दीन जनन क खुस करी। दीन जल इस्राएल क उ पवित्तरतम मँ आनन्द मनइहीं। 20 अइसा तब होइ जब नीच अउ त्रूर मनई खत्म होइ जइहीं। अइसा तब होइ जब बुरा काम करइ मँ आनन्द लेइवाले लोग चले जइहीं। 21 (उ सबइ लोग दूसर लोगन क बारे मँ झूठ बोला करत हीं। उ पचे कचहरी मँ लोगन क फँसावइ क जतन करत हीं। उ पचे भोले भाले लोगन क नस्ट करइ मँ जुटे रहत हीं।) 22 तउ यहोवा याकूब क परिवार स कहेस। (इ उहइ यहोवा अहइ जउन इब्राहींम क अजाद किहे रहा।) यहोवा कहत ह, “अब याकूब (इस्राएल क लोग) क लज्जित नाहीं होब होइ। अब ओकर मुँह कबहुँ पिअर नाहीं होइ चाही। 23 उ आपन सबहिं संतानन क लखी अउर कही कि मोर नाउँ पवित्तर अहइ। एन संतानन क मइँ आपन हाथन स बनाएउँ ह अउर इ सबइ संतानन मनिहीं कि याकूब क पवित्तर परमेस्सर वास्तव मँ पवित्तर अहइ अउर इ सबइ संतानन इस्राएल क परमेस्सर क आदर देइहीं। 24 उ सबइ लोग जउन गलतियन करत हीं, अब समुझ जइहीं। उ सबइ लोग जउन सिकाइत करत रहत हीं अब निर्देसन क अंगीकार करिहीं।”

30:1 यहोवा कहेस, “मोरे एन बच्चन क लखा, इ सबइ मोर बात नाहीं मानतेन। इ सबइ योजनन बनावत हीं मुला मोर मदद नाहीं लेइ चाहतेन। इ सबइ दूसर जातियन क साथ समझौता करत हीं जबकि मोर आतिमा ओन समझौतन क नाहीं चाहत। इ सबइ लोग आपन मूँड़े पइ पाप क बोझ बढ़ावत चला जात बाटेन। 2 इ सबइ बच्चन मोहसे कछू नाहीं पूछतेन कि का अइसा करब उचित अहइ। ओनका उम्मीद अहइ कि फिरौन ओनका बचाइ लेइ। उ पचे चाहत हीं कि मिस्र ओनका बचाइ लेइ। 3 “मुला मइँ तू पचन्क बतावत हउँ कि मिस्र मँ सरण लेइ स तोहार पचन्क बचाव नाहीं होइ। मिस्र तोहार सबन्क रच्छा करइ मँ सफल नाहीं होइ। 4 तोहार पचन्क अगुअन सोअन मँ गवा अहइँ अउर तोहार पचन्क राजदूत हानेस क चला गवा अहइँ। 5 किन्तु ओनका निरासा ही हाथे लागी। उ पचे एक अइसे रास्ट्र पइ बिस्सास करत अहइँ जउन ओनका नाहीं बचाइ पाइ। मिस्र बेकार अहइ, मिस्र कउनो मदद नाहीं देइ। मिस्र क कारण ओनका अपमानित अउ लज्जित होइ पड़ी।” 6 दविखन क गोरूअन बरे दुःखद सँदेसा:नेगव बिपत्तियन अउर खतरन स भरा एक ठु देस अहइ। इ पहँटा सेरन, नागन अउर उड़इवाले साँपन स भरा पड़ा अहइ। किन्तु कछू लोग नेगव स होत भए जात्रा करत अहइँ उ पचे मिस्र कइँती जात अहइँ। ओन लोग गदहन क पीठन पइ आपन धन-दौलत लादे भए अहइँ। ओन लोग आपन खजाना ऊँटन क पीठन पइ लाद रखे अहइँ अर्थात् इ सबइ लोग एक अइसे देस पइ भरोसा रखे अहइँ जउन ओनका नाहीं बचाइ सकत। 7 मिस्र ही उ बेकार क देस अहइ। मिस्र क मदद बेकार अहइ। एह बरे मइँ मिस्र क एक ठु अइसा रहाब कहत हउँ जउन निठल्ला पड़ा रहत ह। 8 अब एका एक चिह्न पइ लिख द्या ताकि सबहिं लोग एका लखि सकइँ। एका एक ठु किताबे मँ लिख द्या। एनका अन्तिम दिनन बरे लिख द्या। इ सबइ बातन सुदूर भविस्स क साच्छी होइही। 9 इ सबइ लोग ओन बच्चन क जइसे अहइँ जउन आपन महतारी-बाप क बात नाहीं मानतेन। उ सबइ लबार अहइँ अउर यहोवा क सिच्छन क सुनइ तलक नाहीं चाहतेन। 10 उ पचे नबियन स कहा करत हीं, “हम क जउन कछू ठीक बातन करइ चाही ओनके बारे मँ दर्सन जिन किया करा। हम क सच्चाई जिन वतावा। हम स अइसी अच्छी बातन कहा, जउन हम क नीक लाग सकत। हमरे बरे केवल अच्छी बातन ही लखा। 11 जउन बातन फुरइ घटइ क अहइँ, ओनका लखब बन्द करा। हमरे राहे स हटि जा। इस्राएल क उ पवित्तर परमेस्सर क बारे मँ हम का बताउब बन्द करा।” 12 इस्राएल क पवित्तर परमेस्सर कहत ह, “तू लोग यहोवा स इ सँदेसा क मानइ स मना कइ दिहा ह। तू लोग सहायता बरे लड़ाई-झगड़न अउर झूठ पइ निर्भर रहइ चाहत अहा। 13 तू पचे काहेकि एन बातन बरे अपराधी अहा, एह बरे तू पचे एक ठु अइसी ऊँच देवार क समान अहा जेहमाँ दरारन आइ चुकी अहइँ। उ देवार ढह जाइ अउर नान्ह नान्ह टूकन मँ टूटिके ढेर होइ जाइ। 14 तू पचे माटी क उ बड़के बर्तन क समान होइ जाब्या जउन टूटि टूटिके नान्ह नान्ह टूकन मँ बिखरि जात ह। इ सबइ टूकन बेकार होत हँ। एन टूकन मँ स तू पचे न तउ आगी स बरत कोयला ही उठाइ सकत ह अउर न ही क उनो जोहड़ स पानी।” 15 इस्राएल क उ पवित्तर, मोर सुआमी यहोवा कहत ह, “जदि तू पचे मोरी कइँती लउट आवा तउ तू पचे बचि जाब्या। जदि तू पचे मोहे पइ भरोसा रखब्या तबहिं तू पचन्क तोहार सबन्क बल मिली मुला तू पचन्क सान्त रहब होइ।”मुला तू पचे तउ वइसा करइ ही नाहीं चाहत्या। 16 तू पचे कहत अहा, “नाहीं, हम पचन्क घोड़न क जरूरत अहइ जेन पइ चढ़िके हम पचे दूर पलाइ जाइ।” इ फुरइ अहइ तू पचे घोड़न पइ चढ़िके दूर पलाइ जाब्या मुला दुस्मन तोहार सबन्क पाछा करी अउर उ तोहारे सबन्क घोड़न स जियादा तेज होइ। 17 एक दुस्मन ललकारी अउर तोहार पचन्क सबहिं लोग ओकरे समन्ना स भाग खड़ा होइ जइहीं। हुवाँ तू पचे अइसे अकेल्ले बचा रहि जाब्या, जइसे पहाड़ी पइ लगा तोहार पचन्क झण्डे क डण्डा। 18 यहोवा तू पचन्पइ आपन करूणा दर्सावत ह। यहोवा बाट जोहत ह। यहोवा तू पचन्क सुख चैन देइ बरे तइयार खड़ा अहइ। यहोवा खरा परमेस्सर अहइ अउर हर उ मनई जउन यहोवा क मदद क इंतजार मँ अहइ, धन्न (आनन्दित) होइ। 19 हाँ, हे सिय्योन पर्वत पइ रहइ वालो, हे यरूसलेम क बसइयो, तू लोग रोवत बिलखत नाहीं रहब्या। यहोवा तोहरे पचन्क रोवइ क सुनी अउर उ तू पचन्पइ दाया करी। यहोवा तोहार पचन्क सुनी अउर उ तोहार पचन्क मदद करी। 20 जदपि मोर यहोवा परमेस्सर तू पचन्क दुःख अउ कस्ट दइ सकत ह अइसे ही जइसे माना उ अइसा रोटी-पानी होइ, जेका तू पचे हर दिन खात-पिअत ह्वा। किन्तु असल मँ परमेस्सर तउ तोहार पचन्क सिच्छक अहइ, अउर उ तू पचन्स छिपा नाहीं रही। तू पचे खुद आपन आँखिन स आपन उ सिच्छक क लखब्या। 21 तब अगर तू पचे बुरे काम करब्या अउर बुरी जिन्नगी जीब्या (दाहिन कइँती या बाईर् कइँती) तउ तू पचे आपन पाछे एक आवाज क कहत सुनब्या, “खरी राह इ अहइ। तू पचन्क इहइ राहे मँ चलब अहइ।” 22 तोहरे पचन्क लगे चाँदी सोने स मढ़ी मूरतियन अहइँ। ओन झूठे देवतन तू पचन्क (पाप पूर्ण) बनाइ दिहेन ह। लेकिन तू पचे ओन झूठे देवतन क सेवा करब तजि देब्या। तू पचे ओन देवतन क वूड़े कचरे अउर मइले चिथड़न क समान दूर लोकउब्या। 23 उ समय, यहोवा तोहरे पचन्बरे बर्खा पठइ। तू पचे खेतन मँ बिआ बोउब्या, अउर धरती तोहरे पचन्बरे भोजन उपजाइ। तू सबन्क भरपूर उपज मिली। तोहार पचन्क पसुअन बरे खेतन मँ भरपूर चारा होइ। तोहरे पचन्क पसुअन बरे हुवाँ बड़ी-बड़ी चरागाहन होइहीं। 24 तोहरे पचन्क मवेसियन अउ तोहरे सबन्क गदहन क जइसे चारा क जरूरत होइ, उ सब ओनका मिली। खइया क ऍतना इफरात होइ कि तू पचन्क आपन पसुअन क खाइ बरे भी फावड़न अउर पंजन स चारा क फइलाउव होइ। 25 हर पर्वत अउर पहाड़ियन पइ पानी स भरी जल धारन होइहीं। इ सबइ बातन तब घटिहीं जब बहोत स लोग मरि चुकिहीं अउर मीनारन ढहि चुकिहीं। 26 उ समय चाँद क चाँदनी सूरज क धूप जइसी उज्जर होइ जाइ। सूरज क रोसनी आज स सात गुना जियादा उज्जर होइ जाइ। सूरज एक दिन मँ ऍतनी रोसनी देइ लागी जितनी उ पूरे सप्ताह मँ देत ह। इ सबइ बातन उ समय घटिहीं जब यहोवा आपन टूटे लोगन क मरहम पट्टी करी अउर सजा क कारण जउन चोटन ओनका आई अहइँ, ओनका चंगा करी। 27 लखा! बहोत दूर स यहोवा क नाउँ आवत अहइ। उ बहोत किरोधित अहइ। उ सँदेसा जउन उ लावत ह भाड़ी वजन क नाईं अहइ। ओकर होंेंठ क सब्द रूखा अहइ, ओकर जीभ एक बरत भए आग जइसी अहइ। 28 यहोवा क साँस (आतिमा) एक अइसी बिसाल नदी क तरह अहइ जउन तब तलक चढ़त रहत ह, जब तलक उ गटइ तलक नाहीं पहुँच जात। यहोवा सबहिं रास्ट्रन क निआव करी। इ वइसा ही होइ जइसे उ ओनका बिनासे क छलनी स छान डावइ। इ नियंत्रन वइसा होइ जइसे घोड़सवार लगाम क जरिया स घोड़ा क नियंत्रन करत ह, यहोवा रास्ट्रन क नियंत्रन करब अउर ओनकर अगुवाइ उ जगह तलक करब जहाँ उ ओनका लेइ जाइ चाहत ह। 29 उ समय, तू पचे खुसी क गीत गउब्या। उ समय ओन रातिन क जइसा होइ जब तू पचे आपन उत्सव मनाउब सुरू करत अहा। तू पचे ओन मनइयन क समान खुस होब्या जउन इस्राएल क चट्टान यहोवा क पर्वत पइ जात समय बाँसुरी क सुनत भए प्रसन्न होत हीं। 30 यहोवा सबहिं लोगन क आपन महान वाणी सुनइ क मजबूर करी। यहोवा लोगन क किरोध क संग खाले आवत भइ आपन सवतीसाली भुजा लखइ क मजबूर करी। इ भुजा उ महा आगी क नाईर् होइ जउन सब कछू भसम कइ डावत ह। यहोवा क सवती उ आँधी क जइसी होइ जउन तेज बर्खा अउ ओलन क संग आवत ह। 31 अस्सूर जब यहोवा क अवाज सुनी तउ उ डेराइ जाइ। यहोवा लाठी स अस्सूर पइ वार करी। 32 यहोवा अस्सूर क पीटी अउर इ पिटाई अइसी होइ जइसे कउनो नगाड़न अउ वीणन पइ संगीत बजावत हउँ। यहोवा आपन सवतीसाली भुजा (सवती) स अस्सूर क हराई। 33 तोपेत क बहोत पहिले स ही तइयार कइ लीन्ह गवा अहइ। राजा बरे इ तइयार अहइ। इ भट्टी बहोत गहिर अउर बहोत चौड़ी बनाई गइ अहइ। हुवाँ काठे क एक बहोत बड़का ढेर अउ आगी मौजूद अहइ। यहोवा क आतिमा बरत भइ गंधक क नदी क रूप मँ आइ अउर एका भसम कइके नस्ट कइ देइ।

31:1 ओन लोगन क धिवकार अहइ जउन मदद पावइ बरे मिस्र कइँती उतरत अहइँ। इ सबइ लोग घोड़न चाहत हीं, घोड़न ओनका बचाइ लेइहीं। लोगन क आसा बाटइ कि मिस्र क रथ अउर घुड़सवार सैनिक ओनका बचाइ लेइहीं। लोग सोचत हीं कि उ पचे सुरच्छित एह बरे अहइँ कि इ एक बिसाल सेना अहइ। लोग इस्राएल क पवित्तर (परमेस्सर) पइ भरोसा नाहीं रखतेन। लोग यहोवा स मदद नाहीं माँगतेन। 2 किन्तु, यहोवा ही बुद्धिमान अहइ अउर उ यहोवा ही अहइ जउन ओन पइ विपत्तियन ढाइ। लोग यहोवा क आदेस क नाहीं बदल पइहीं। यहोवा बुरे लोगन (यहूदा) क खिलाफ खड़ा होइ अउर जुद्ध करी। यहोवा ओन लोगन (मिस्र) क खिलाफ जुद्ध करी, जउन ओनका मदद पहोंचावइ क जतन करत हीं। 3 मिस्र क लोग मात्र मनई अहइँ परमेस्सर नाहीं। मिस्र क घोड़न मात्र पसु अहइँ, आतिमा नाहीं। यहोवा आपन हाथ अगवा बढ़ाई अउर सहायक (मिस्र) हार जाइ अउर मदद चाहइवाले लोगन (यहूदा) क पतन होइ। उ पचे सबहिं लोग साथ साथ मिट जइहीं। 4 यहोवा मोहसे इ कहेस, “जब कउनो सेर या सेर क कउनो बच्चा कउनो पसु क भच्छइ बरे धरत ह तउ उ मरे भए पसु पइ खड़ा होइ जात ह अउर दहाड़त ह। उ समय उ सवतीसाली सेर क कउनो भी डेराइ नाहीं पावत। अगर चरवाहन आवइँ अउर उ सेर क हाँका करइ लागइँ तउ भी उ सेर डेराइ नाहीं। लोग केतॅना ही सोर करत रहइँ, मुला उ सेर नाहीं पराई।”इहइ तरह सर्वसवतीमान यहोवा सिय्योन पर्वत पइ उतरी। उ पर्वत पइ यहोवा जुद्ध करी। 5 सर्वसवतीमान यहोवा वइसे ही यरूसलेम क रच्छा करी जइसे आपन घोंसलन क ऊपर उड़त भइ चिरइयन। यहोवा ओका बचाइ अउर ओकर रच्छा करी। यहोवा ऊपर स होइके निकरि जाइ अउर यरूसलेम क रच्छा करी। 6 हे, इस्राएल क सन्तान! तू पचे परमेस्सर स विद्रोह किहा। तू पचन्क परमेस्सर कइँती मुड़ आवइ चाही। 7 तब लोग ओन सोना चाँदी क मूरतियन क पूजब तजिहीं अउर जेनका तू पचे बनाया ह। 8 अस्सूर क लोग तरवार क जरिये मारि दीन्ह जाइ, मुला उ तरवार कउनो मनई क नाहीं होइ। हाँ अस्सूर क लोग तरवार स भाग जाइ क कोसिस करी, किन्तु ओनका जवान मनइयन क धइ लेहीं अउ दास बनाइ लेहीं। 9 ओन लोगन क पनाह क स्थान क तबाह कीन्ह जाइहीं। ओनकर नेता पराजित कइ दीन्ह जइहीं अउर उ पचे आपन झण्डन क तजि देइहीं। इ सबइ संदेसा उ यहोवा क अहइ जेकर आगी थल (वेदी) सिय्योन पवर्त पइ अहइ। हाँ ओकर भट्टी (वेदी) यरूसलेम मँ अहइ।

32:1 लखा, राजा लोग आपन राज्ज क निआव बरे सासन करब्या। अधिकारियन भुइँया क निआव करइ बरे सक्ती राखब्या। 2 जदि अइसा होइ तउ राजा उ जगहिया क नाईर् होइ जाइ जहाँ लोग आँधी अउ बर्खा स बचइ बरे आस्रय लेत हीं। इ झुरान धरती मँ जल धारन क नाईर् होइ। इ अइसा ही होइ जइसे गरम प्रदेस मँ कउनो बड़की चट्टान क ठण्डी छाया। 3 तब लोग ओका ठीक स देखत ही जउन ओकर आँख लखत ह। लोग ओका धियान स सुनिही जउन ओकर कान सुनत ह। 4 उ पचे लोग जउन उतावला अहइँ, उ सबइ सही फैसला लेइहीं। उ सबइ लोग जउन अबहिं साफ साफ नाहीं बोल पावत हीं, उ पचे साफ साफ अउर जल्दी बोलइ लगिहीं। 5 मूरख लोग महान मनई नाहीं कहवइहीं। लोग सड्यंत्र करइवालन क सम्मान जोग्ग नाहीं कहिहीं। 6 एक मूरख मनई तउ बेववूफी स भरी बातन कहत ह अउर उ आपन मने मँ बुरी बातन क ही जोजनन बनावत ह। मूरख मनई अनुचित कारज करइ क ही सोचत ह। मूरख मनई यहोवा क बारे मँ गलत बातन कहत ह। मूरख मनई भुखान क खइया क खाइ नाहीं देत। मूरख मनई पियासे लोगन क पानी नाहीं पिअइ देत। 7 उ मूरख मनई बुराई क एक हथियार क रूप मँ इस्तेमाल करत ह। उ निर्धन लोगन स झूठ क जरिये बरबाद करइ बरे बुरे बुरे राहन बनावत ह। ओकर इ सबइ झूठी बातन गरीब लोगन क निस्पच्छ निआव मिहाइ स दूर रखत ह। 8 मुला एक ठु नीक मुखिया नीक काम करइ क योजना बनावत ह अउर ओकर उ सबइ नीक बातन ही ओका एक बढ़िया नेता बनावत ह। 9 तोहमाँ स कछू मेहररूअन अबहिं खुस अहइँ। तू पचे सुरच्छित अनुभव करति अहा। मुला तू पचन खड़े होइके जउन बचन मइँ बोलत हउँ ओनका सुनइ चाही। 10 मेहररूओ तू पचे अबहिं सुरच्छित अनुभव करति अहा किन्तु एक बरिस पाछे तू पचन बिपत्ति आवइवाली अहइ। काहेकि तू पचे अगले बरिस अंगूर एकट्ठा नाहीं करिब्यू एकट्ठा करइ बरे अँगूर होइहीं ही नाहीं। 11 मेहररूओ, अबहिं तू पचे चइन स अहा, किन्तु तू पचन्क डेराइ चाही। मेहररूओ, अबहिं तू पचे सुरच्छित अनुभव करति अहा, किन्तु तू पचन्क चिन्ता नाहीं करइ चाही। आपन सुन्नर ओढ़नन क उतारि बहावा अउर सोक वस्त्रन क धारण कइ ल्या। ओन वस्त्रन क आपन कमर पइ लपेट ल्या। 12 आपन सोक स भरी छातियन पइ ओन सोक वस्त्रन क पहिर ल्या।विलाप करा काहेकि तोहार खेत उजरि गवा अहइँ। तोहार पचन्क अंगूरे क बगीयन जउन कबहुँ अंगूर दिया करत रहेन, अब खाली पड़ा अहइँ। 13 मोरे लोगन क धरती बरे बिलाप करा। बिलाप करा, काहेकि हुवाँ बस काँटन अउ खरपतवार ही उगा करिहीं। विलाप करा इ नगर बरे अउर ओन सब भवनन बरे जउन कबहुँ आनन्द स भरे भए रहेन। 14 लोग इ प्रमुख नगर क छोड़ जइहीं। इ महल अउर इ मीनारन वीरान छोड़ दीन्ह जइहीं। उ पचे जनावरन क माँद जइसे होइ जइहीं। नगर मँ जंगली गदहन बिहार करिहीं। हुवाँ भेड़िन घास चरत फिरिहीं। 15 तब तलक अइसा ही होत रही, जब तलक परमेस्सर ऊपर स हमका आपन आतिमा नाहीं देइ। अब धरती पइ कउनो अच्छाई नाहीं अहइ। इ रेगिस्तान स बनी भई अहइ मुला आवइवाले समय मँ इ रेगिस्तान उपजाऊ मैदान होइ जाइ अउर इ उपजाऊ मैदान एक हरे भरे वन जइसा वन जाइ। चाहे जंगल होइ चाहे उपजाऊ धरती हर कहूँ निआव अउ निस्पच्छता मिली। 16 17 उ नेकी सदा-सदा क बरे सान्ति अउ सुरच्छा क लियाइ। 18 मोर लोग सान्ति क इ सुन्नर छेत्र मँ बसा करिहीं। मोर लोग सुरच्छा क तम्बुअन मँ रहा करिहीं। उ पचे निहचिंतता क संग सान्ति स पूर्ण जगहन मँ निवास करिहीं। 19 किन्तु इ सबइ बातन घटइँ एहसे पहिले उ वन क गिरब होइ। उ नगर क पराजित होइ क होइ। 20 तू पचन्मँ स कछू लोग हर जलधारा क निअरे बिआ बोवत अहा। तू पचे आपन मवेसियन अउ आपन गदहन क एहर-ओहर चरइ बरे खुला छोड़ देत अहा। तू लोग बहोत खुस रहब्या।

33:1 लखा, तू लोग लड़ाई करत अहा अउर ओन लोगन क वस्तुअन लूटत अहा अउर उ भी अइसे लोगन क जउन कबहुँ कउनो तोहार पचन्क वस्तु नाहीं चोराएन। तू पचे अइसे लोगन क धोखा देत रह्या जउन कबहुँ तू पचन्क धोखा नाहीं दिहन। एह बरे जब तू पचे चोरी करब बंद कइ देब्या तउ दूसर लोग तोहार वस्तुअन चोरी करब सुरू कइ देइहीं। जब तू लोगन क धोखा देब बंद कइ देब्या तउ लोग तू पचन्क धोखा देब आरम्भ कइ देइहीं।तब तू पचे कहब्या, 2 “हे यहोवा, हम पइ दाया करा। हम पचे तोहरे सहारे बाट जोहा ह। हे यहोवा, हर सुबह तू हमका सवती द्या जब हम बिपत्ति मँ होइ, तू हमका बचाइ ल्या। 3 तोहरी सवतीसाली ध्वनि स लोग डरा करत हीं अउर उ पचे तोहसे दूर भाग जात हीं। तोहरी महानता क कारण रास्ट्र दूर भाग जाती हीं।” 4 तू पचे जुद्ध मँ लूटेस, किन्तु तू पचन्क छीना जाइ अउर तोहस लइ लेइ जाइ! इ अइसा ही होइ जइसा टिड्डियन आवा रहा अउर तोहार सारा फसल खाइ लेत रहा! 5 यहोवा बहोत महान अहइ, काहेकि उ बहोत ऊँचाइ (सरग) पइ रहत ह। यहोवा सिय्योन क सच्चाई अउर निआव स भरि दिहेस ह। 6 हे यरूसलेम, तोहार धामिर्क सभा लगातार होत रही। परमेस्सर क बुद्धि अउ गियान कवच क नाईं होइ जउन तोहार छाती क रच्छा करी। यहोव स तोहार डर अइसा होइ जइसा तू पचन क धन क खजाना। 7 मुला सुना! सरगदूत बाहेर गोहरावत अहइँ अउर सान्ति-संदेसवाहक बहोत रोवत अहइँ। 8 उच्च मार्गन रौंदा ग अहइँ। गलियन मँ कउनो नाहीं चलत फिरत अहइ। लोगन उ करार क उल्लंघन करिहीं जउन उ बनाए रहा। लोग साच्छी क जउन गवाही क रूप मँ पेस करि स जाइ इन्कार करी। कउनो भी कउनो दूसर लोगन क आदर नाहीं करत। 9 भुइँया बेरामी अहइ अउर अइसा लागत अहइ कि उ आपन आखरी सांस लेत अहइ। लबानोन आपन आखरी साँस लेत अहइ अउर सारोन क घाटी झुरान अउ उजाड़ अहइ। बासान अउ कमेर्ल जउन कबहुँ पौधन अउर बृच्छन स हरा भरा रहा किन्तु अब हुआँ कछू नाहीं उगत ह। 10 यहोवा कहत ह, “मइँ अब खड़ा होब अउर आपन बड़कइ देखाउब। अब मइँ लोगन बरे एक महत्वपूर्ण बनब। 11 तू लोग बेकार क काम किहा ह। उ सबइ चिजियन भूसा अउर झुरान घासे क जइसे अहइँ। उ पचे बेकार अहइँ। तोहार पचन्क आतिमा आगी क नाईर् होइ जाइ अउर तू पचन्क बारि देइ। 12 लोग तब तलक बरत रइहीं जब तलक ओनकर हाड़न बरिके चूना जइसी नाहीं होइ जातीं। लोग काँटन अउर झुरान झाड़ियन क समान हाली स बरि जइहीं। 13 “दूर देसन क लोगो, जउन काम मइँ किहेउँ ह, तू पचे ओनके बारे मँ सुनत अहा। हे मोरे लगे क लोगो, तू पचे मोर सवती क समुझत अहा।” 14 सिय्योन मँ पापी डेरान अहइँ। उ पचे जउन बुरे करम किया करत हीं, डर स थर थर काँपत अहइँ। उ पचे कहत हीं, “का इ बिनासकारी आगी स हम पचन क कउनो बचि सकत ह कउन रह सकत ह इ आगी क निअरे जउन हमेसा हमेसा बरे बरत रहत ह” 15 उ सबइ लोग इ आगी मँ स बचि पइहीं जउन अच्छा अहइँ, सच्चा अहइँ। उ सबइ लोग पइसा बरे दुसरन क नोस्कान नाहीं पहुँचाव चाहतेन। उ सबइ लोग घूस नाहीं लेतेन। दूसर लोगन क कतल क जोजनन क उ पचे सुनइ तलक स मना कइ देत हीं। बुरे करम करइ क जोजनन क उ पचे लखब भी नाहीं चाहतेन। 16 अइसे लोग ऊँच ठउरन पइ सुरच्छा क साथ निवास करिहीं। ऊँच चट्टानन क गढ़ियन मँ उ पचे सुरच्छित रइहीं। अइसे लोगन क लगे सदा ही खाइ क भोजन अउर पिअइ क पानी रही। 17 तोहार पचन्क आँखिन उ राजा (परमेस्सर) क सुन्नरता क दर्सन करिहीं। तू पचे उ महान भइँया क लखब्या। 18 बीते भए दिनन मँ तू पचे जउन कस्ट उठाया ह, तू पचे ओकरे बारे मँ सोचब्या, “दूसर देसन क उ सबइ लोग कहाँ अहइँ? उ सबइ लोग अइसी बोली बोला करत रहेन, जेका हम समुझ नाहीं सकत रहेन। दूसर देसन क उ सबइ सेवक अउर कर एकट्ठा करइवाले कहाँ अहइँ? उ पचे गुप्तचर जउन हमार सुरच्छा मीनारन क लेखा जोखा लिए रहेन, कहाँ अहइँ? उ सबइ सब खतम होइ गएन।” 19 20 हमरे धामिर्क उत्सवन क नगरी, सिय्योन क लखा। विस्राम निवास क उ सुन्नर ठउर यरूसलेम क लखा। यरूसलेम उ तम्बू क समान अहइ जेका कबहुँ उखाड़ा नाहीं जाई। उ सबइ खूँटन जउन ओका आपन ठउरे पइ थामे रखत हीं, कबहुँ उखाड़ा नाहीं जइहीं। ओकर रस्सन कबहुँ टुटिहीं नाहीं। 21 हुवाँ हमरे बरे सवतीसाली यहोवा विस्तृत झरनन अउर नदियन वाले एक ठउरे क समान होइ। किन्तु ओन नदियन पइ कबहुँ सत्रु क नउकन या सवतीसाली जहाज वाहीं होइहीं। ओन नउकन पइ काम करइवाले तू लोग रस्सियन क नाहीं थामे रख सक्या। तू पचे मस्तूल क मजबूत नाहीं बनाए नाहीं रख सक्या। तउ तू पचे आपन पालन क भी नाहीं खोल पउब्या। काहेकि यहोवा हमार निआवकर्ता अहइ। यहोवा हमारे बरे नेम बनावत ह। यहोवा हमार राजा अहइ। उ हमार रच्छा करत ह। इहइ स यहोवा हमका बहोत सा धन देइ। हिआँ तलक कि अपाहिज लोग भी जुद्ध मँ बहुत सा धन जीत लेइहीं। 22 23 24 हुवाँ रहइवाला कउनो भी मनई अइसा नाहीं कही, “मइँ रोगी हउँ।” हुवाँ रहइवाले लोग अइसे लोग अहइँ जेनकर पाप छिमा कइ दीन्ह गवा अहइँ।

34:1 हे सबहिं रास्ट्र क लोगो, पास आवा अउर सुना। तू सब लोगन क धियान स सुनइ चाही। हे धरती अउ धरती पइ क सबहिं वासियो, हे जगत अउ ऐह मँ स आइ सबहिं वस्तुओ, तू सबन्क एन बातन क सुनइ चाही। 2 यहोवा सबहिं देसन अउर ओनकर फउजन पइ कोहान अहइ। यहोवा ओन सब क बर्बाद कइ देइ। उ ओन सबहिं क मरवाइ डाइ। 3 ओनकर ल्हासन बाहेर बहाइ दीन्ह जइहीं। ल्हासन स दुर्गन्ध उठी अउर पहाड़ क ऊपर स खून खाले क बही। 4 अकास चर्मपत्र क नाईर् लपेटिके मूँदि दीन्ह जइहीं। ग्रह तारन मरिके अंगूरे क बेल या अंजीरे क पत्तन क नाईर् गिरइ लगिहीं। अकासे क सबहिं तारन टेघर जइहीं। 5 यहोवा कहत ह, “अइसा उ समय होइ जब अकासे मँ मोर तरवार खूने मँ सन जाइ।”लखा! यहोवा क तरवार एदोम क काटि डाइ। यहोवा ओन लोगन क अपराधी ठहराएस ह तउ ओन लोगन क मरब ही होइ। 6 यहोवा क तरवार मेमना अउर बोकरियन क खून स लतपत होइ गवा अहइ। अउर भेड़ा क गुर्दन क चबीर् स चिकनाई गवा अहइ। काहेकि यहोवा निहचइ किहस ह बोसरा मँ कत्लेआम होइ उ समइ बहोत सारे लोग एदोम मँ मारइ जाइहीं। 7 तउ भेड़न, मवेसी अउ हट्टे कट्टे जंगली बर्धन मारा जइहीं। धरती ओनकर खून स भरि जाइ। माटी ओनकी चर्बी स पट जाइ। 8 अइसी बातन घटिहीं काहेकि यहोवा सजा देइ क एक समय तय किहेस ह। यहोवा एक साल अइसा चुन लिहस ह जेहमाँ लोग आपन ओन बुरे कामन बरे जउन सिय्योन क खिलाफ किहेन ह, जरूर ही भुगतान कइ देइहीं। 9 एदोम क नदियन अइसी होइ जइहीं जइसे माना उ सबइ गरम तारकोल क होइँ। एदोम क धरती बरत भइ गंधक अउ तारकोल क समान होइ जाइ। 10 उ पचे आगे रात दिन बरा करिहीं। कउनो भी मनई उ आगी क रोकि नाहीं पाई। एदोम स सदा धुआँ उठा करी। उ धरती सदा सदा बरे बर्बाद होइ जाइ। उ धरती स होइके फुन कबहुँ कउनो नाहीं गुजरा करी। 11 उ धरती परिंदन अउर नान्ह-नान्ह जनावरन क होइ जाइ। हुवाँ वुचवचवन अउर कउअन क बास होइ। परमेस्सर उ धरती क “सूनी उजाड़” भुइँया मँ बदल देइ। इ वइसी ही होइ जइसी इ सृस्टि स पहिले रही। 12 स्वतंत्र मनई अउर मुखिया लोग खतम होइ जइहीं। ओन लोगन क हुवूमत करइ बरे हुवाँ कछू भी नाहीं बची। 13 हुवँा क सबहिं सुन्नर भवनन मँ काँटन अउर जंगली झाड़ियन जमि अहइी। जंगली वूवुरन अउर वुचवुचवन ओन मकानन मँ बास करिहीं। परकोटन स जुवत नगरन क जंगली जानवर आपन निवास बनाइ लेइहीं। हुवाँ जउन घास जमी ओहमाँ बड़के बड़के पंछी रइहीं। 14 हुवाँ जंगली बिल्लियन अउर लकड़ बग्धन साथ रहा करिहीं अउर जंगली बोकरियन हुवाँ आपन मीतन क बोलइहीं। राति क जीवजन्तु हुवाँ आपन बरे आस्रय खोजत फिरिहीं अउर हुवँइ विस्राम करइ बरे आपन जगह बनाइ लेइहीं। 15 साँप हुवँा आपन घर बनाइ लेइहीं। हुवाँ साँप आपन अण्डन दिया करिहीं। अण्डन फूटिहीं अउर ओन अँधियारा स भरे जगहन स रेगत भए साँप क बच्चन बाहेर निकरिहीं। हुवाँ मरी चिजियन क खाइवाले पंछी एक क पाछे एक एकट्ठा होत चला जइहीं। 16 यहोवा क चर्म-पत्र क लखा। पढ़ा ओहमाँ का लिखा अहइ। कछू भी नाहीं छूटा अहइ। उ चर्म-पत्र मँ लिखा अहइ कि उ पचे सबहिं पसु पंछी एकट्ठा होइ जइहीं। एह बरे परमेस्सर क मुँह इ आदेस दिहन अउर ओकर आतिमा ओनका एक संग एकट्ठा कइ दिहस। परमेस्सर क आतिमा ओनका परस्पर एकट्ठा करी। 17 परमेस्सर ओनके साथ का करी, इ उ निहचय कइ लिहस ह। एकरे पाछे परमेस्सर ओनके बरे एक जगह चुनेस। परमेस्सर एक रेखा हींचेस अउर ओनका ओनकर धरती देखाइ दिहस। एह बरेे उ धरती सदा सदा पसुअन क ही होइ जाइ। उ पचे हुवाँ साल दर रहत साल चला जइहीं।

35:1 झुरान रेगिस्तान बहोत खुसहाल होइ जाइ। रेगिस्तान खुस रही अउर एक फूल क नाईर् विकसित होइ। 2 उ रेगिस्तान खिलत भए फूलन स भरि उठी अउर आपन खुसी देखावइ लागी। अइसा लागी जइसे रेगिस्तान आनन्द मँ भरा नाचत होइ। इ रेगिस्तान अइसा सुन्नर होइ जाइ जइसा लबानोन क बन बाटइ, कमेर्ल क पहाड़ अहइ अउर सारोन क घाटी अहइ। अइसा एह बरे होइ, काहेकि सबहिं लोग यहोवा क महिमा क दर्सन करिहीं। लोग हमरे परमेस्सर क महानता क लखिहीं। 3 दुर्बल बाँहन क फुन स सवती स भरा बनावा। दुर्बल घुटनन क मजबूत करा। 4 लोग डेरान अहइँ अउर असमंजस मँ पड़ा अहइँ। ओन लोगन स कहा, “सवतीसाली बना। डेराअ जिन।” लखा तोहार पचन्क परमेस्सर आइ अउर तोहार पचन्क दुस्मनन क जउन उ पचे किहन ह, ओकर सजा देइ। उ आइ अउर तू पचन्क तोहार सबन्क प्रतिफल देइ अउर तोहार पचन्क रच्छा करी। 5 फुन तउ आँधर लखइ लगिहीं। ओनकर आँखिन खुल जइहीं। 6 लूले लंगड़े लोग हिरन क तरह नाचइ लगिहीं अउर अइसे लोग जउन अबहिं गूँगन अहइ, खुसी क गीत गावइ मँ आपन वाणी क उपयोग करइ लगिहीं। अइसा उ समय होइ जब मरूभूमि मँ पानी क झरनन बहइ लगिहीं। झुरान धरती पइ झरनन बहि चलिहीं। 7 लोग अबहिं जत क रूप मँ मृग मरीचिका क लखत हीं किन्तु उ समय जल क फुरइ सरोवर होइहीं। झुरान धरती पइ वुअँन होइ जइहीं। झुरान धरती स जल फूट बही। जहाँ एक समय जंगली जनावरन क राज रहा, हुवाँ लम्बे लम्बे पानी क पउधन जमि पइहीं। 8 उ समय, हुवाँ एक राह बन जाइ अउर इ राजमार्ग क नाम होइ “पवित्तर मार्ग।” उ राह पइ असुद्ध लोगन क चलइ क अनुमति नाहीं होइ। कउनो भी मूरख उ राहे पइ नाहीं चली। बस परमेस्सर क पवित्तर लोग ही ओह पइ चला करिहीं। 9 उ सड़क पइ कउनो खतरा नाहीं होइ। लोगन क नोस्कान पहोंचावइ बरे उ सड़क पइ सेर नाहीं होइहीं। कउनो भी भयानक जन्तु हुवाँ नाहीं होइ। उ सड़क ओन लोगन बरे होइ जेनका परमेस्सर अजाद किहेस ह। 10 परमेस्सर आपन लोगन क अजाद करी अउर उ सबइ लोग फुन लउटिके हुवाँ अइहीं। लोग जब सिय्योन पइ अइहीं तउ उ पचे खुस होइहीं। उ पचे सदा-सदा बरे खुस होइ जइहीं। ओनकर खुसी ओनकर माथन पइ एक मुवुट क नाईर् होइ। उ पचे आपन खुसी अउ आनन्द स पूरी तरह भरि जइहीं। सोक अउ दुःख ओनसे दूर बहुत दूर चले जइहीं।

36:1 हिजकिय्याह यहूदा क राजा रहा अउर सन्हेरीब अस्सूर क राजा रहा। हिजकिय्याह क सासन क चउदहवें बरिस मँ सन्हेरीब यहूदा क किलाबन्द नगरन स जुद्ध किहन अउर उ ओन नगरन क हराइ दिहन। 2 लाकीस स सन्हेरीब आपन सेनापति अउर बहोत सारे सेना क यरूसलेम मँ यहूदा क राजा हिजकिय्याह क लगे आपन माँगन क बतावइ बरे पठएस। उ ऊपरवाले तालाब क कइँती जात भवा नालापइ रुक गएस जउन धोबी लोगन क खेत क सड़क पइ रहा। 3 यहूदा क तीन अधिकारी ओसे मिलइ बरे गएन। इ सबइ लोग रहेन: महल क देखरेख करइवाला हिल्किय्याह क पूत एल्याकीम, लिपिकार सेब्ना, अउर कागजात क संभारिके रखइ क काम करइवाला आसाप क पूत योआह। 4 सेनापति ओनसे कहेस, “तू लोग, राजा हिजकिय्याह स जाइके इ सबइ बातन कहा: महान राजा अस्सूर क राजा कहत ह:“तू आपन सहायता बरे कउने पइ भरोसा रखत ह 5 मइँ तू पचन्क बतावत हउँ कि जदि जुद्ध मँ तोहार बिस्सास सवती अउर वुसल जोजनन पइ अहइ तउ उ बेकार अहइ। उ सबइ कोरे सब्दन क अलावा कछू नाहीं अहइँ। एह बरे तू मोहसे काहे जुद्ध करत अहा? 6 अब मइँ तोहसे पूछत हउँ, तू मदद पावइ बरे कउने पइ भरोसा करत अहा? का तू मदद बरे मिस्र क सहारे अहा? मिस्र तउ एक टूटी भइ लाठी क नाईर् अहइ। जदि तू सहारा पावइ क ओह पइ टिकब्या तउ उ तू पचन्क बस नोस्कान ही पहोंचाइ अउर तोहरे हाथे मँ एक ठु छेद बनाइ देइ। मिस्र क राजा फिरौन पइ कउनो भी मनई क जरिये मदद पावइ क भरोसा नाहीं कीन्ह जाइ सकत। 7 मुला होइ सकत ह तू कहा, “हम मदद पावइ बरे आपन यहोवा परमेस्सर पइ भरोसा रखित ह।’ किन्तु मइँ सुना अहइ कि हिजकिय्याह यहोवा क वेदियन क अउर आराधना क ऊँच ठउरनक बर्बाद कइ दिहस ह अउर यहूदा अउ यरूसलेम क लोगन स कहेस, “तू हिआँ यरूसलेम मँ बस एक इहइ वेदी पइ उपासना किया करब्या।” 8 अगर तू अब भी मोर सुआमी स जुद्ध करइ चाहत अहा तउ अस्सूर क राजा तोहसे इ सौदा करइ चाही: राजा क कहब अहइ, ‘जदि जुद्ध मँ तोहरे लगे घुड़सवार पूरा अहइँ तउ मइँ तू पचन्क दुइ हजार घोड़न दइ देब।’ 9 किन्तु एतना होइ पइ तू मोर सुआमी क एक सेवक तलक क नाहीं हराइ पउब्या। ओकर कउनो नान्ह स नान्ह अधिकारी तलक क तू नाहीं हराइ पउब्या। एह बरे तू मिस्र क घुड़सवार अउर रथन पइ आपन भरोसा काहे बनाए रखत अहा। 10 अउर अब लखा जब मइँ इ देस मँ आवा रहेउँ अउर मइँ जुद्ध किहे रहेउँ, यहोवा मोरे संग रहा। जब मइँ नगरन क उजाड़ेउँ, यहोवा मोरे संग रहा। यहोवा मोहसे कहा कहत रहा, “खड़ा ह्वा। इ नगरी मँ जा अउर एक ध्वस्त कइ द्या।” 11 यहूदा क तीनहुँ अधिकारियन, एल्याकीम, सेब्ना अउर योआह सेनापति स कहेस, “वृपा कइके हमरे संग अरामी भासा मँ ही बात करा ताकि एका हम समुझ सकित। तू यहूदी भासा मँ हम से जिन बोला। जदि तू यहूदी भासा क प्रयोग करब्या, तउ नगर दीवारे क पार क सबहिं लोग एका समुझ जइहीं।” 12 एह पइ सेनापति कहेस, “मोर सुआमी मोहसे इ सबइ बातन बस तू पचन्क अउर तोहरे पचन्क सुआमी हिजकिय्याह क ही सुनावइ बरे नाहीं पठएस ह। मोर सुआमी मोका एन बातन क ओनका बतावइ बरे पठएस ह जउन लोग नगर परकोटन पइ बइठा अहइँ। ओन लोगन क न तउ पूरा खइया क मिलत ह अउर न पानी। तउ ओनका आपन मलमूत्र क तोहरे पचन्क तरह खाब-पिअब होइ।” 13 फुन सेनापति खड़ा होइके ऊँच सुर मँ कहेस। उ यहूदी भासा मँ बोला। 14 सेनापति कहेस, “महासम्राट अस्सूर क राजा क सब्दन क सुना:तू आपन खुद क हिजकिय्याह क जरिये मूरख जिन बनइ द्या, उ तू पचन्क बचाइ नाहीं पाइ। 15 हिजकिय्याह जब इ कहत ह, ‘यहोवा मँ बिस्सास राखा। यहोवा अस्सूर क राजा हमार रच्छा करी। यहोवा अस्सूर क राजा क हमरे नगर क हरावइ नाहीं देइ तउ ओह पइ बिस्सास जिन करा।’ 16 हिजकिय्याह क एन सब्दन क अनसुनी करा। अस्सूर क राजा क सुना। अस्सूर क राजा क कहब अहइ, “हमका एक ठु सन्धि करइ चाही। तू लोग नगर स बाहेर निकरिके मोरे लगे आवा। फुन हर मनई आपन घरे जाइ क अजाद होइ। हर मनई आपन अंगूर क बेलन स अंगूर खाइ क अजाद होइ अउर हर मनई आपन अंजीर क बृच्छन क फल खाइ क अजाद होइ। खुद आपन वुआँ क पानी पिअइ क हर मनई अजाद होइ। 17 जब तलक मइँ आइके तू पचन्क तोहरे पचन्क जइसे एक देस मँ न लइ जाउँ, तब तलक तू पचे अइसा करत रहि सकत ह। उ नवा देस मँ तू पचे बढ़िया अनाज अउर नवा दाखरस पउब्या। उ धरती पइ तू पचन्क रोटी अउ अंगूर क खेत मिलिहीं।” 18 हिजकिय्याह क तू आपन क मूरख जिन बनावइ द्या। उ कहत ह, “यहोवा हमार रच्छा करी।” किन्तु मइँ तोहसे पूछत हउँ का कउनो दूसर देस क कउनो भी देवता हुवाँ क लोगन क अस्सूर क राजा क सवती स बचाइ पाइ नाहीं। हम हुवाँ क हर मनई क हराइ दीन्ह। 19 हमात अउ अर्पाद क देवता आजु कहाँ अहइँ? ओनका हराइ दीन्ह गवा अहइ। सपवेर्म क देवता कहाँ अहइँ? उ सबइ हराइ दीन्ह ग अहइँ अउर का सोमरोन क देवता हुवाँ क लोगन क मोर सवती स बचाइ पाएन? नाहीं। 20 कउनो भी देस अथवा जाति क अइसे कउनो भी एक देवता क नाउँ मोका बतावा जउन हुवाँ क लोगन क मोर सवती स बचाएस ह। मइँ सबन्क हराइ दिहेउँ। एह बरे लखा मोर सवती स यरूसलेम क यहोवा नाहीं बचाइ पाइ।” 21 यरूसलेम क लोग एक दम चुप रहेन। उ पचे सेनापति क कउनो जवाब नाहीं दिहन। हिजकिय्याह लोगन क हुवुम दिहे रहा कि उ पचे सेनापति क कउनो जवाब न देइँ। 22 एकरे पाछे महल क देखरेख करइवाला हिल्किय्याह क पूत एल्याकीम लिपिकार सेब्ना अउर कागजात क संभारिके रखइ क काम करइवाला आसाप क पूत योआह इ देखावइ बरे कि उ दुःखी रहेन आपन ओढ़ना फाड़ि डाएन। उ पचे तीनउँ मनइयन हिजकिय्याह क लगे गएन अउर सेनापति जउन कछू ओनसे कहे रहा, उ सब ओका कहि सुनाएन।

37:1 हिजकिय्याह जब सेनापति क सँदेसा सुनेस तउ उ आपन ओढ़ना फाड़ि डाएस। फुन बिसेस सोक वस्त्र धारण कइके उ यहोवा क मंदिर मँ गवा। 2 हिजकिय्याह महल क सेवक एल्याकीम क राजा क सचिव सेब्ना क अउर याजकन क अग्रजन क आमोस क पूत यसायाह नवी क लगे पठएस। एन तीनउँ ही लोग बिसेस सोक-वस्त्र पहिरे भरे रहेन। 3 एन लोगन यसायाह स कहेन, “राजा हिजकिय्याह कहेस ह कि आजु क दिन सोक अउर दुःख क एक बिसेस दिन होइ। इ दिन एक अइसा दिन होइ जइसे जब एक बच्चा जन्म लेत ह। किन्तु बच्चा क जन्म देइवाली महतारी मँ जेतनी सवती होइ चाही ओहमाँ ओतनी ताकत नाहीं होत। 4 सम्भव अहइ तोहार परमेस्सर यहोवा, सेनापति क जरिये कही बातन क सुन लेइ। अस्सूर क राजा सेनापति क साक्षात परमेस्सर क बेज्जत करइ पठएस ह। होइ सकत ह तोहार परमेस्सर यहोवा ओन बुरी अपमान स भरी बातन क सुन लिहस ह अउर उ ओनका एकर सजा देइ। कृपा कइके इस्राएल क ओन थोड़े स लोगन बरे पराथना करा जउन बचे भए अहइ।” 5 हिजकिय्याह क सेवक यसायाह क लगे गएन। यसायाह ओनसे कहेस, “अपने मालिक क इ बताइ द्या: ‘यहोवा कहत ह तू पचे सेनापति स जउन सुन्या ह, ओन बातन स जिन डेराअ। अस्सूर क राजा क लरिकन मोर अपमान करइ बरे जउन बातन कहेन ह, ओन बातन स जिन डेराअ। 6 7 लखा अस्सूर क राजा क मइँ एक अफवाह सुनवाउब। अस्सूर क राजा क एक अइसी रपट मिली जउन ओकरे देस पइ आवइ वाले खतरा क बारे मँ होइ। एहसे उ अपने देस वापस लउटि जाइ। उ समय मइँ ओका, ओकरे आपन ही देस मँ तरवार स मउत क घाट उतार देब।’” 8 अस्सूर क राजा क एक खबर मिली, सूचना मँ कहा ग रहा, “इथोपिया क राजा तिर्हाका जुद्ध करइ आवति अहइ।” तउ अस्सूर क राजा लाकीस क तजिके लिबना चला गवा। सेनापति इ सुनेस अउर लिबना नगर क चला गवा जहाँ अस्सूर क राजा जुद्ध करत रहा। फुन अस्सूर क राजा हिजकिय्याह क लगे दूत पठएस। राजा ओन दूतन स कहेस, 9 10 “यहूदा क राजा हिजकिय्याह स तू पचे इ बातन कह्या:जउने देवता पइ तोहार बिस्सास अहइ, ओहसे तू पचे मूरख जिन बना। अइसा जिन कहा कि अस्सूर क राजा परमेस्सर यरूसलेम क पराजित नाहीं होइ देइ। 11 लखा, तू पचे अस्सूर क राजा लोगन क बारे मँ सुन ही चुका अहा। उ पचे हर कउनो देस मँ लोगन क संग का कछू किहेन ह। ओनका उ पचे बुरी तरह हराएन ह। का तू पचे ओनसे बचि पउब्या? नाहीं, कदापि नाहीं। 12 का ओन लोगन क देवतन ओनकर रच्छा किहे रहेन? नाहीं। मोर पुरखन ओनका नस्ट कइ दिहन। मोर लोग गोजान, हारान अउ रेसेप क नगरन क बुरी तरह हराइ दिहे रहेन अउर उ पचे एदेन क लोग जउन तलस्सार मँ रहा करत रहेन, ओनका भी हराइ दिहे रहेन। 13 हमात अउर अर्पाद क राजा कहाँ गएन। सपरवैम क राजा आज कहाँ अहइ? हेना अउर इव्वा क राजा अब कहाँ अहइँ? ओनकर अन्त कइ दीन्ह गवा। उ पचे सबहिं बर्बाद कइ दीन्ह गएन।” 14 हिजकिय्याह ओन लोगन स उ सँदेसा लइ लिहस अउर ओका बाँचेस। फुन हिजकिय्याह यहोवा क मंदिर मँ चला गवा। हिजकिय्याह उ सँदेसा क खोलेस अउर यहोवा क समन्वा रख दिहस। 15 फुन हिजकिय्याह यहोवा स पराथना करइ लाग। हिजकिय्याह बोला: 16 “इस्राएल क परमेस्सर सर्वसवतीमान यहोवा, तू राजा क समान करूब सरगदूतन पइ बिराजत अहा। तू अउर बस तू ही परमेस्सर अहा, जेकर धरती क सबहिं राज्जन पर सासन अहइ। तू सरगन अउर धरती क रचना किहा ह। 17 मोर सुना। आपन आँखिन खोला अउर लखा, कान लगाइके सुना इ सँदेसा क सब्दन क, जेका सन्हेरीब मोका पठएस ह। एहमाँ तू साक्षात परमेस्सर क बारे मँ अपमान स भरी बुरी बुरी बातन कह्या ह। 18 हे यहोवा, अस्सूर क राजा लोग असल मँ सबहिं देसन अउर हुवाँ क धरती क तबाह कइ दिहेस ह। 19 अस्सूर क राजा लोग ओन देसन क देवतन क बारि डाएन ह किन्तु उ पचे सच्चे देवतन नाहीं रहेन। उ पचे तउ सिरिफ अइसे मूरतियन रहेन जेनका लोग बनाए रहेन। उ सबइ तउ कोरी काठ रहेन, कोरे पाथर रहेन। एह बरे उ पचे खतम होइ गएन। उ सबइ बर्बाद होइ गएन। 20 तउ अब हे हमार परमेस्सर यहोवा। अब कृपा कइके अस्सूर क राजा क सवती स हमार रच्छा करा। ताकि धरती क सबहिं राज्जन क पता चलि जाइ कि तू यहोवा अहा अउर तू ही हमार एकमात्र परमेस्सर अहा।” 21 फुन आमोस क पूत यसायाह हिजकिय्याह क लगे इ सँदेसा पठएस, “इ उ अहइ जेका इस्राएल क परमेस्सर यहोवा कहेस ह, ‘अस्सूर क राजा सन्हेरीब क बारे मँ तू मोका पराथना किहेस ह।’ 22 “तउ मोका जउन सन्हेरीब विरोध मँ कहेस,‘उ इ अहइ: सिय्योन क वुवाँरी पुत्री तोहका तुच्छ जानत ह। उ तोहार हँसी उड़ावत ह। यरूसलेम क पुत्री तोहार हँसी उड़ावत ह। 23 तू मोरे बरे विरोध मँ बुरी बातन कह्या। तू बोलत रह्या। तू आपन आवाज मोरे विरोध मँ उठाए रह्या। तू मोका इस्राएल क पवित्तर परमेस्सर क अभिमान भी आँखिन स घूरे रह्या। 24 मोर सुआमी यहोवा क बारे मँ तू बुरी बातन कहलवावइ बरे तू आपन सेवकन क प्रयोग किहा। तू कह्या “मइँ बहोत सवतीसाली हउँ! मोरे लगे बहोत स रथ अहइँ। मइँ आपन सवती स लबानोन क हराया जब मइँ आपन रथन क लबानोन क महान पर्वत क ऊँच सिखरन क ऊपर लइ आएउँ। मइँ लबानोन क सबहिं महान बृच्छ काट डाएउँ। मइँ उच्चतम सिखर स लइके गहिर जंगलन तलक प्रवेस कइ चुका हउँ। 25 मइँ बिदेसी धरती पइ वुअँन खनेउँ अउर पानी पिएउँ। मइँ मिस्र क नदियन सुखाइ दिहेउँ अउर उ देस पइ चलिके गएउँ ह।” 26 इ सबइ उ जउन तू कह्या। का तू इ नाहीं सुन्या कि परमेस्सर का कहेस? “मइँ (परमेस्सर) बहोत बहोत पहिले ही इ जोजना बनाइ लिहेउँ रहे। बहोत बहोत पहिले ही मइँ एका तइयार कइ लिहे रहेउँ अब एका मइँ घटित किहेउँ ह। मइँ ही तू पचन्क ओन नगरन क नस्ट करइ दिहेउँ अउर मइँ ही तू पचन्क ओन नगरन क पाथरन क देर मँ बदलइ दिहेउँ। 27 ओन नगरन क निवासी कमजोर रहेन। उ सबइ लोग भयभीत अउर लज्जित रहेन। उ पचे खेते क पउधन जइसे रहेन, उ पचे नई घास क जइसे रहेन। उ पचे उ घासे क नाईर् रहेन जउन मकानन क छतन पइ जमा करत हीं। उ घास लम्बी होइ स पहिले ही रेगिस्तान क गरम हवा झुलसाइ दीन्ह जात ह। 28 तोहार सेना अउ तोहरे जुद्ध क बारे मँ मइँ सब कछू जानत हउँ। मोका पता अहइ जब तू विस्राम किहे रह्या। जब तू जुद्ध बरे गवा रह्या, मोका तब क भी पता अहइ। तू जुद्ध स घरे कब लउट्या, मइँ इ भी जानत हउँ। मोका एकर भी गियान अहइ कि तू मोह पइ कोहान अहा। 29 तू मोहसे खुस नाहीं अहा अउर मइँ तोहार अहंकार स भरा अपमान क सुना ह। तउ मइँ तोहका सजा देब। मइँ तोहरे नाके मँ नकेल डाउब। मइँ तोहरे मुँहे पइ लगाम लगाउब अउर तब मइँ तोहका मजबूर करब कि तू जउने राहे स आया रह्या, उहइ राहे स मोरे देस क तजिके वापिस चला जा।”“‘ 30 एह पइ यहोवा हिजकिय्याह स कहेस, “हिजकिय्याह, तू इ देखावइ बरे कि इ सबइ सब्द सच्चा अहइँ, मइँ तोहका एक संकेत देब। इ बरिस तू खाइ बरे कउनो अनाज नाहीं बोया। तउ इ बरिस तू पिछले बरिस क फसल स यूँ ही जम आए अनाजे क खाब्या। अगले बरिस भी अइसा ही होगा किन्तु तीसरे बरिस तू उ अनाजे क खाब्या जेका तू जमाए होब्या। तू आपन फसलन क कटब्या। तोहरे लगे खाइ क भरपूर होइ। तू अंगूरे क बेलन रोपब्या अउर ओनकर फल खाब्या। 31 “यहूदा क परिवार क कछू लोग बच जइहीं। उ पचे ही लोग बढ़त भए एक बड़की जाति क रूप लइ लेइहीं। उ पचे लोग ओन बृच्छन क नाईर् होइहीं जेनकर जड़न धरती मँ बहोत गहिर जात हीं अउर जउन बहोत तगड़े होइ जात हीं अउर बहोत स फल देत हीं। 32 यरूसलेम म कछू ही लोग जिअत बचिके बाहेर जाइ पइहीं। सिय्योन पर्वते स बचे भए लोगन क एक समूह ही बाहेर जाइ पाइ। सर्वसवतीमान यहोवा क सुद़ृढ पिरेम ही अइसा करी। 33 तउ यहोवा अस्सूर क राजा क बारे मँ इ कहेस:“उ इ नगर मँ नाहीं आइ। उ इ नगर पइ एक भी बाण नाहीं छोड़ी! उ आपन दालन क मुँह इ नगर कइँती नाहीं करी। उ इ नगर पइ हमला करइ क बरे माटी क टीला खड़ा नाहीं करी। 34 उहइ राहे स जेहसे उ आवा रहा, उ वापस आपन नगर क लउटि जाइ। इ नगर मँ उ प्रवेस नाहीं करी।” इ सँदेसा यहोवा कइँती स अहइ। 35 यहोवा कहत ह, मइँ बचाउब अउर इ नगर क रच्छा करब। मइँ अइसा खुद आपन बरे अउर आपन सेवक दाऊद बरे करब।” 36 तउ यहोवा क सरगदूत अस्सूर क सिबिर मँ जाइके एक लाख पचासी हजार फउजी मनइयन क मार डाएस। अगली सुबह जब लोग उठेन, तउ उ पचे लखेन कि ओनके चारिहुँ कइँती मरे भए फउजियन क ल्हासन बिखरी अहइँ। 37 एह पइ अस्सूर क राजा सन्हेरीब वापस लउटिके आपन घरे नीनवे चला गवा अउर हुँवइ रहइ लाग। 38 एक दिन, जब सन्हेरीब आपन देवता निस्रोक क मंदिर मँ ओकर पूजा करत रहा, उहइ समय ओकर पूत अद्रम्मेलेक अउर सरेसेर तरवार स ओकर कतल कइ दिहस अउर फुन उ पचे असरात क भुइँया मँ पराइ गएन। एह बरे सन्हेरीब क पूत एसर्हद्देन (अस्सूर क) नवा राजा बन गवा।

38:1 उ समय क आसपास हिजकिय्याह बहोत बीमार पड़ा। ऍतना बीमार कि जइसे उ मरि ही गवा होइ। तउ आमोस क पूत यसायाह ओहसे मिलइ गवा।यसायाह राजा स कहेस, “यहोवा तू पचन्क इ सबइ बातन बतावइ बरे कहेस ह: ‘हाली ही तू मरि जाब्या। तउ जब तू मरा, तोहार परिवार का करइँ, इ तोहका ओनका बताइ देइ चाही। अब तू फुन कबहुँ नीक नाहीं होब्या।’” 2 हिजकिय्याह उ देवार क नाईर् करवट लिहस जेकर मुँह मन्दिर कइँती रहा। उ यहोवा क पराथना किहस, उ कहेस, 3 “हे यहोवा, कृपा करा, याद करा कि मइँ सदा तोहरे समन्वा बिस्सास स भरी अउर सच्चे हिरदय क संग जिन्नगी जिएउँ ह। मइँ उ सबइ बातन किहेउँ ह जेनक तू उत्तिम कहत ह।” एकरे पाछे हिजकिय्याह ऊँच सुर मँ रोउब सुरू कइ दिहस। 4 यसायाह क यहोवा स इ संदेस मिला: 5 “हिजकिय्याह क लगे जा अउर ओहसे कहि द्या: इ सबइ बातन उ सबइ अहइँ जेनका तोहार बाप दाऊद क परमेस्सर यहोवा कहत ह, ‘मइँ तोहार पराथना सुनेउँ ह अउर तोहार दुःख भरे आँसू लखेउँ ह। तोहरी जिन्नगी मँ मइँ पन्द्रह बरिस अउर जोड़त हउँ। 6 अस्सूर क राजा क हाथन स मइँ तोहका छोड़ाइ डाउब अउर इ नगर क रच्छा करब।”‘22किन्तु हिजकिय्याह यसायाह स पूछेस, “यहोवा कइँती स अइसा कउन सा संकेत अहइ जउन साबित करत ह कि मइँ नीक होइ जाब? कउन सा संकेत अहइ जउन प्रमाणित करत ह कि मइँ यहोवा क मंदिर मँ जाइ क जोग्य होइ जाब?” 7 तोहका इ बात बतावइ बरे जउन बातन क उ कहत ह, ओनका उ पूरा करी। यहोवा कइँती इ संकेत अहइ: 8 “लखा, आहाज क धूप घड़ी क उ छाया जउन अंसन पइ पड़त ह, मइँ ओका दस अंस पाछे हटाइ देब। सूरज क उ छाया दस अंस तलक पाछे चली जाइ।”21फुन एह पइ यसायाह कहेस, “अंजीरन क आपुस मँ मसलवाइके ओकरे फोड़न पइ बाँधा। एहसे उ नीक होइ जाइ।” 9 इ हिजकिय्याह क उ पत्र अहइ जउन उ बेरामी स नीक होइ क पाछे लिखे रहा: 10 मइँ आपन मन मँ कहेउँ कि मइँ तब तलक जिअब जब तलक बूढ़ा होबउँ। किन्तु मोर काल आइ गवा रहा कि मइँ मउत क दुआरे स गुजरउँ। अब मइँ आपन समय हिऊँइ पइ बिताउबउँ। 11 एह बरे मइँ कहेउँ, “मइँ यहोवा याह क फुन कबहुँ जिअतन क धरती पइ नाहीं लखब। धरती पइ जिअत भए लोगन क मइँ नाहीं लखब। 12 मोर घर, चरवाहे क अस्थिर तम्बू सा उखाड़िके गिरावा जात अहइ अउर मोहसे छीना जात अहइ। अब मोर वइसा ही अन्त होइ गवा ह जइसे करघे स कपड़ा लपेटि के काट लीन्ह जात ह। क्षिनभर मँ तू मोहका इ अंत तलक पहोंचाइ दिहा। 13 मइँ भोर तलक आपन क सान्त करत रहेउँ। उ सेर क नाईर् मोर हाड़न क तोरत अहइ। एक ही दिन मँ तू मोर अन्त कइ डावत ह। 14 मइँ कबूतर स रोवत रहेउँ। मइँ एक पंछी जइसा रोवत रहेउँ। मोर आँखिन थक गइन तउ भी मइँ लगातार अकासे कइँती निहारत रहेउँ। मोर सुआमी, मइँ विपत्ति मँ हउँ मोका उबारइ क बचन द्या।” 15 मइँ अउर का कहि सकत हउँ? मोर सुआमी मोका बताएस ह जउन कछू भी होइ, अउर मोर सुआमी ही उ घटना क घटित करी। मइँ एन बिपत्तियन क आपन आतिमाँ मँ झेलेउँ ह एह बरे मइँ जिन्नगी भइ विनम्र रहब। 16 हे मोर सुआमी, इ कस्ट क समय क उपयोग फुन स मोर चेतना क ससवत बनावइ मँ करा। मोरे मने क ससवत अउर स्वस्थ होइ मँ मोर मदद करा। मोका सहारा द्या कि मइँ नीक होइ जाउँ। मोर मदद करा कि मइँ फुन स जी उठउँ। 17 लखा! मोर बिपत्तियन खतम भईन! अब मोरे लगे सान्ति अहइ। तू मोहसे बहोत जियादा पिरेम करत ह। तू मोका कब्र मँ सड़इ नाहीं दिहा। तू मोर सब पाप छिमा किहा। तू मोर सब पाप दूर लोकाइ दिहा। 18 तोहार स्तुति मरे मनई नाहीं गावतेन। मउत क देस मँ पड़े लोग तोहार यसगीत नाहीं गावतेन। उ पचे मरे भए मनई जउन कब्र मँ समावा अहइँ, मदद पावइ क तोह पइ भरोसा नाहीं रखतेन। 19 उ सबइ लोग जउन जिअत अहइँ जइसा आजु मइँ हउँ तोहार जस गावत हीं। एक बाप क आपन सन्तानन क बतावइ चाही कि तोह पइ भरोसा कीन्ह जाइ सकत ह। 20 एह बरे मइँ कहत हउँ: “यहोवा मोका बचाएस ह तउ हम आपन जिन्नगी भइ यहोवा क मन्दिर मँ गीत गाउब अउर बाजा बजाउब।” 21 22

39:1 उ समय, बलदान क पूत मरोदक बलदान बाबुल क राजा भवा करत रहा। मरोदक हिजकिय्याह क लगे पत्र अउर उपहार पठएस। मरोदक ओकरे लगे उपहार एह बरे पठए रहा कि उ अनके रहा कि हिजकिय्याह बेराम रहा अउर फुन नंगा होइ गवा। 2 एन उपहारन क पाइके हिजकिय्याह बहोत खुस भवा। एह बरे हिजकिय्याह मरोदक क लोगन क आपन खजाने क कीमती चिजियन देखाएस। हिजकिय्याह ओन लोगन क आपन सारी सम्पत्ति देखाएस। चाँदी, सोना, कीमती तेल अउर इत्र ओनका देखाएस। हिजकिय्याह ओनका जुद्ध मँ काम आवइवाली तरवारन अउर ढालन भी देखाएस। हिजकिय्याह ओनका सबहिं चिजियन देखाएस जउन उ जमा कइ रखे रहा। हिजकिय्याह आपन घरे क अउर आपन राज्ज क हर वस्तु ओनका देखाएस। 3 यसायाह नबी राजा हिजकिय्याह क लगे गवा अउर ओहसे बोला, “इ सबइ लोग का कहत अहइँ? इ सबइ लोग कहाँ स आएन ह”हिजकिय्याह कहेस, “इ सबइ लोग दूर देस स मोरे लगे आएन ह। इ सबइ लोग बाबुल स आएन ह।” 4 एह पइ यसायाह ओहसे पूछेस, “उ पचे तोहरे गहल मँ का लखेन?”हिजकिय्याह कहेस, “मोर महल क हर वस्तु उ पचे लखेन। मइँ आपन सारी सम्पत्ति ओनका देखाए रहेउँ।” 5 यसायाह हिजकिय्याह स इ कहेस, “सर्वसवतीमान यहोवा क सब्दन क सुना। 6 ‘भविस्स मँ जउन कछू तोहरे घर मँ अहइ, उ सब कछू बाबुल लइ जावा जाइ। अउर तोहरे बुजुर्गन क उ सारी धन दौलत जउन अचानक उ पचे बटोरेन ह, लइ लीन्ह जाइ। तोहरे लगे कछू नाहीं छोड़ा जाइ। सर्वसवतीमान यहोवा इ कहेस ह। 7 बाबुल क राजा तोहरे पूतन क लइ जाइ। उ सबइ पूत जउन तोहसे पइदा होइहीं। तोहार पूत बाबुल क राजा क महल मँ हाकिम बनिहीं। 8 हिजकिय्याह यसायाह स कहेस, “यहोवा क एन बचनन क सुन मोरे बरे बहोत उत्तिम होइ।” (हिजकिय्याह अइसा एह बरे कहेस काहेकि ओकर विचार रहा, “जब मइँ राजा होब, तब सान्ति रही अउर कउनो उत्पात नाहीं होइ।”)

40:1 “चैन द्या, मोरे लोगन कचैन द्या! तोहार पचन्क परमेस्सर कहत ह। 2 तू यरूसलेम स दाया स बातन करा। यरूसलेम क बताइ द्या, ‘तोहरी सेवा क समय पूरा होइ चुका। तू आपन पापन क कीमत दइ दिहे अहा।”‘ यहोवा यरूसलेम क कीन्ह भए पापन क दुइ गुणा दण्ड ओका दिहेस ह। 3 सुना! एक मनई क जोर स गोहरावत भए सुर: “यहोवा बरे बियाबान मँ एक राह बनावा। हमार परमेस्सर बरे बियाबान मँ एक रास्ता चौरस करा। 4 हर घाटी क भरि द्या हर एक पर्वत अउ पहाड़ी क समथर करा। टेढ़-मेढ़ राहन क सोझ करा। उबड़-खाबड़ क चौरस बनाइ द्या। 5 तब यहोवा क महिमा परगट होइ। सब लोग एकट्ठा यहोवा क तेज क लखिहीं। हाँ, यहोवा खुद इ सबइ कहेस ह।” 6 एक वाणी मुखरित भइ, उ कहेस, “बोला।” तउ मनई पूछेस, “मइँ का कहउँ?” वाणी कहेस, “लोग सदा जिअत नाहीं रहिहीं। उ सबइ रेगिस्ताने क घास क नाईर् अहइँ। ओनकर धामिर्कता जंगली फूल क समान अहइ। 7 एक सवतीसाली आँधी यहोवा कइँती स उ घासे पइ चलत ह, अउर घास झुराइ जात ह, जंगली फूल नस्ट होइ जात ह।” हाँ सबहिं लोग घास क समान अहइँ। 8 घास मरि जात ह अउर जंगली फूल नस्ट होइ जात ह। किन्तु हमरे परमेस्सर क बचन सदा बने रहत हीं।” 9 हे, सिय्योन, तोहरे लगे सुसंदेस कहइ क अहइ। तु पहाड़े पइ चढ़ि जा अउर ऊँचे सुर स ओका गोह रावा। यरूसलेम, तोहरे लगे एक सुसंदेस कहइ क अहइ। भयभीत जिन ह्वा, तू ऊँच सुर मँ बोला। यहूदा क सारे नगरन क तू इ सबइ बातन बताइ द्या: “लखा, इ रहा तोहार परमेस्सर! 10 मोर सुआमी यहोवा सवती क संग आवत अहइ। उ आपन सवती क उपयोग लोगन पइ सासन करइ मँ लगाइ। यहोवा आपन लोगन क प्रतिफल देइ। ओकरे लगे देइ क ओनकर मजदूरी होइ। 11 यहोवा आपन लोगन क वइसे ही अगुवाई करी जइसे कउनो गड़रिया आपन भेड़िन क अगुवाई करत ह। यहोवा आपन बाहु क काम मँ लिआई अउर आपन भेड़िन क बटोरी। यहोवा नान्ह भेड़िन क उठाइके गोद मँ थामी, अउर ओनकर महतारिन ओकरे संग संग चालिहीं। 12 कउनो अँजुरी मँ भरिके समुद्र क नाप दिहेस? कउन हाथे स अकास क नाप दिहस? कउन कटोरा मँ भरिके धरती क सारी धूरि क नाप दिहस? कउन नापइ क धागा स पर्वतन अउर चोटियन क नाप दिहेस? इ यहोवा किहे रहा। 13 यहोवा क आतिमा क कउनो मनई इ नाहीं बताएस कि ओका का करब रहा। यहोवा क कउनो इ नाहीं बताएस कि ओका जउन उ किहेस ह, कइसे करब रहा। 14 का यहोवा कउनो स मदद माँगेस? का यहोवा क कउनो निस्पच्छता क पाठ पढ़ाएस ह का कउनो मनई यहोवा क गियान सिखाएस ह का कउनो मनई यहोवा क बुद्धि स काम लेब सिखाएस ह नाहीं। एन सबहिं बातन क यहोवा क पहिले ही स गियान अहइ। 15 लखा, जगत क सारे देस गगरी मँ एक नान्ह बूँद जइसे अहइँ। जदि यहोवा सुदूरवर्ती देसन तलक क लइके आपन तराजू पइ धइ देइ, तउ उ पचे नान्ह स रजकन जइसे लगिहीं। 16 लबानोन क सारे बृच्छन भी काफी नाहीं अहइ कि ओनका यहोवा बरे बारा जाइ। लबानोन क सारे पसु काफी नाहीं अहइँ कि ओनका ओकर एक बलि बरे मारा जाइ। 17 परमेस्सर क तुलना मँ विस्व क सबहिं रास्ट्र व्छ भी नाहीं अहइँ। परमेस्सर क तुलना मँ विस्व क सबहिं रास्ट्र बिल्वुल बगैर कीमत क अहइँ। 18 का तू परमेस्सर क तुलना कउनो भी चीज स कइ सकत ह नाहीं। का तू परमेस्सर क चित्र बनाइ सकत ह नाहीं। 19 किन्तु कछू लोग अइसे अहइँ जउन पाथर अउर काठे क मूरतियन बनावत हीं अउर ओनका देवता कहत हीं। एक कारीगर मूरति क बनावत ह। फुन दूसर कारीगर ओह पइ सोना मढ़ देत ह अउर ओकरे बरे चाँदी क जंजीरन बनावत ह। 20 तउ उ मनई आधार बरे एक खास तरह क काठ चुनत ह जउन सड़त नाहीं ह। तब उ एक अच्छे काठे क कारीगर क हेरत ह। उ कारीगर एक अइसा देवता बनावत ह जउन लुढ़कत नाहीं ह। 21 निहचय ही, तू पचे फुरइ जानत अहा, बोला? निहचय ही तू पचे सुन्या ह। निहचइ ही बहोत पहिले कउनो तू पचन्क बताएस ह। निहचइ ही तू पचे जानत अहा कि धरती क कउन बताएस ह। 22 यहोवा ही सच्चा परमेस्सर अहइ। उहइ धरती क चव क ऊपर बइठत ह। ओकर तुलना मँ लोग टिड्डी स लगत हीं। उ अकासन क कउने कपड़े क टूकन क नाईर् खोल दिहस। उ अकासे क ओकरे खाले बइठइ क एक तम्बू क नाईर् तान दिहस। 23 सच्चा परमेस्सर सासकन क महत्वहीन बनावत ह। उ इ जगत क निआवकर्त्तन क पूरी तरह बियर्थ बनाइ देत ह। 24 उ सबइ सासक अइसे अहइँ जइसे उ पचे पउधन जेनका धरती मँ रोपा गवा होइ, किन्तु एहसे पहिले कि उ पचे आपन जड़न धरती मँ जमाइ पावइँ, परमेस्सर ओनका बहाइ देत ह अउर उ सबइ झुराइके मरि जात हीं। आँधी ओनका तिनका सा उड़ाइके लइ जात ह। 25 “का तू कउनो स भी मोर तुलना कइ सकत ह नाहीं। कउनो भी मोरे बराबर क नाहीं अहइ। 26 ऊपर अकासन क लखा। कउन ऍन सबहिं तारन क बनाएस? कउन उ सबइ अकास क सेना बनाएस? केका सबहिं तारन नाम-बनाम मालूम अहइँ? सच्चा परमेस्सर बहोत ही सुदृढ़ अउर सवतीसाली अहइ एह बरे कउनो तारा कबहुँ निज मार्ग नाहीं बिसरा।” 27 हे याकूब, इ सच अहइ। हे इस्राएल, तोहका एका बिस्सास करइ चाही। तउ तू काहे अइसा कहत ह कि “ जइसी जिन्नगी मइँ जिअत हउँ ओका यहोवा नाहीं लखि सकत। परमेस्सर मोका धइ नाहीं पाइ अउर न सजा दइ पाई।” 28 सचमुच तू सुन्या ह अउर जानत ह कि यहोवा परमेस्सर बुद्धिमान अहइ। जउन कछू उ जानत ह ओन सबहिं बातन क मनई नाहीं सीख सकत। यहोवा कबहुँ थकत नाहीं, ओका कबहुँ विस्राम क जरूरत नाहीं होत। यहोवा ही सबहिं दूरदराज क ठउर धरती पइ बनाएस। यहोवा सदा जिअत ह। 29 यहोवा सक्तीहीनन क सवतीसाली बनइ मँ सहायता देत ह। उ अइसे ओन लोगन क जेनके लगे सवती नाहीं अहइ, प्रेरित करत ह कि उ सवतीसाली बनइ। 30 नउजवान थक जात हीं अउर ओनका विस्राम क जरूरत पड़जात ह। हिआँ तलक कि किसोर भी ठोकर खात हीं अउर गिरत हीं। 31 किन्तु उ सबइ जउन यहोवा क भरोसा करत अहइँ आपन सवती क प्राप्त कइ लेइ। उ पचे उँचाई पइ उड़ि ओकर पखना बाज़ क नाई होइ। उ पचे दौड़ी किन्तु कमज़ोर नाहीं होइ। उ पचे चली किन्तु थकी नाहीं

41:1 यहोवा कहा करत ह, “सुदूरवर्ती देसो, चुप रहा अउर मोरे लगे आवा। जातियो, फुन स सुदृढ़ बना। मोरे लगे आवा अउर मोहसे बातन करा। आपुस मँ मिलिके हम निहचय करी कि उचित का अहइ। 2 कउन उ बिजेता क जगाएस ह, जउन पूरब स आइ? कउन ओहसे दूसर देसन क हरवावत अउर राजा लोगन क अधीन कइ देत? कउन ओकर तरवारन क एतना बढ़ाइ देत ह कि उ पचे अनगिनत होइ जात जेतना रेत-कण होत हीं? कउन ओकरे धनुसन क ऍतना अनगिनत कइ देत जेतना भूसे क छिलकन होत हीं? 3 उ मनई पाछा करी अउर ओन रास्ट्रन क पाछा बगैर नोस्कान उठाए करत रही अउर अइसे ओन ठहरन तलक जाइ जहाँ उ पहिले कबहुँ गवा ही नाहीं। 4 कउन इ सबइ सब घटित करत ह कउन इ किहेस? कउन आदि स सबलोगन क बोलाएस? मइँ यहोवा एन सबइ बातन क किहेउँ। मइँ यहोवा ही सबसे पहिला हउँ। आदि क पहिले स मोर अस्तित्व रहा ह, अउर जब सब कछू चला जाइ तउ भी मइँ हिअँइ रहब। 5 सुदूरवर्ती देस एका लखिहीं अउर भयभीत होइँ। दूर धरती क छोर क लोग फुन आपुस मँ एक जुट होइके भय स काँपि उठइँ।” 6 “काम करइवालन एक दूसर क मदद करत ह अउर मज़बूत होइवइ बरे हिम्मत बढ़ावत ह। 7 मूतिर् बनावइ बरे एक कारीगर लड़की काटत अहइ। फुन उ मनई सुनारे क उत्साहित करत ह। एक कारीगर हथौड़े स धातु क पत्तर बनावत अहइ। फुन उ कारीगर निहायी पइ काम करइवाले मनई क प्रेरित करत अहइ। इ आखिरी कारीगर कहत अहइ, काम अच्छा अहइ, ‘किन्तु इ धातु बाहेर नाहीं निकरी।’ किन्तु उ तउ प भी मूरति क आधार पइ कीले स जड़ि द्या, ताकि इ कबहुँ हिल-डुल तलक नाहीं पाई।” 8 यहोवा कहत ह: “हे मोर सेवक इस्राएल, हे याकूब मोर मीत इब्राहींम क सन्तान तोहका मइँ चुनेउँ ह, 9 मइँ तोहका भूइँया क दूर जगह स उठाएउँ। मइँ तू पचन्क उ दूर देस स बोलाएउँ। मइँ कहेउँ, तू मोर सेवक अहा।” मइँ तोहका चुनेउँ ह अउर मइँ तोहका रद्द किहेउँ ह। 10 तू चिन्ता जिन करा, मइँ तोहरे संग हउँ। तू भयभीत जिन ह्वा, मइँ तोहार परमेस्सर हउँ। मइँ तोहका सुदृढ़ करब। मइँ तोहका आपन नेकी क दाहिने हाथे स सहारा देब। 11 लखा, कछू लोग तोहसे नाराज अहइँ किन्तु उ पचे लजइहीं। जउन तोहार दुस्मन अहइँ उ पचे नाहीं रहिहीं, उ पचे सब हेराइ जइहीं। 12 तू अइसे ओन लोगन क खोज करब्या जउन तोहरे बिरुद्ध रहेन। किन्तु तू ओनका नाहीं पउब्या। उ पचे सबइ लोग जउन तोहसे लड़ा रहेन, पूरी तरह लुप्त होइ जइहीं। 13 मइँ तोहार परमेस्सर यहोवा हउँ। मइँ तोहार सीधा हाथ थाम रखे हउँ। मइँ तोहसे कहत हउँ कि जिन डेराउन। मइँ तोहका सहारा देब। 14 कीमती यहूदा, तू निर्भय रहा। हे मोर प्रिय इस्राएल क लोगो! भयभीत जिन रहा। फुरइ मइँ तोहका मदद देबउँ। खुद यहोवा ही इ सबइ बातन कहे रहा। इस्राएल क पवित्तर परमेस्सर जउन तोहार रच्छा करत ह, कहे रहा: 15 “लखा, मइँ तोहका एक नवे दाँवइ क औजार जइसा बनाएउँ ह। इ औजारे मँ बहोत स दाँतन अहइँ जउन बहोत तीखे अहइँ। किसान एका अनाज क छिलका उतारइ क काम मँ लिआवत हीं। तू पर्वतन क गोड़न तले मसलब्या अउर ओनका धूरि मँ मिलाइ देब्या। तू पर्वतन क अइसा कइ देब्या जइसे भूसा होत ह। 16 तू ओनका हवा मँ उछरब्या अउर हवा ओनका उड़ाइके दूर लइ जाइ अउर ओनका कहूँ छितराई देइ। तब तू यहोवा मँ टिकिके आनन्दित होब्या। तोहका इस्राएल क पवित्तर परमेस्सर प बहोत गर्व होइ। 17 गरीब जन, अउर जरूरतमंद जल हेरत हीं किन्तु ओनका जल नाहीं मिलत ह। उ पचे पियासा अहइँ अउर ओनकर जीभ झुरान अहइ। मइँ ओनकर बिनतियन क जवाब देब। मइँ ओनका न ही तजब अउर न ही मरइ देब। 18 मइँ झुरान पहाड़ पइ नदियन बहाइ देब। घाटियन मँ स जलस्रोत बहाइ देब। मइँ रेगिस्तान क जल स भरी झील मँ बदल देब। उ झुरान धरती पइ पानी क सोतन मिलिहीं। 19 रेगिस्तान मँ देवदार क, कीकर क, जैतून क, सनावर क, तिघारे क, चीड़ क बृच्छ जमिहीं। 20 लोग अइसा होत भए लखिहीं अउर उ पचे जानिहीं कि यहोवा क सवती इ सब किहेस ह। लोग एनका लखिहीं अउर समुझब सुरू करिहीं कि इस्राएल क पवित्तर परमेस्सर इ बातन किहेस ह।” 21 यहोवा, याकूब क राजा कहत ह, “आ, अउर मोका आपन मुकदमा द्या। आपन सबूत मोका देखावा। तब हम इ निहचय करब कि का उचित अहइँ?” 22 तोहरे पचन्क मूरतियन क हमरे लगे आइके, जउन घटत अहइ, उ बतावइ चाही।“सुरू मँ का कछू घटा रहा अउर भविस्स मँ का घटइवाला अहइ। हमका बतावा हम बड़े धियान स सुनब। जेहसे हम इ जान जाइ कि अगवा का होइवाला अहइ। 23 हमका ओन बातन क बतावा जउन घटइवाली अहइँ। जेनका जानइ क हमका इन्तजार अहइ ताकि हम पतियायी कि फुरइ तू देवता अहा। कछू करा। चाहे भला चाहे बुरा ताकि हम लखि सकी अउर जान सकी कि तू जिअत अहा अउर तोहार अनुसरण करी। 24 “लखा, हे लबार देवता, तू पचे बेकार स भी जियादा बेकार अहा! तू पचे कछू भी नाहीं कइ सकत्या। केवल बेकार क भ्रस्ट लोग ही तू पचन्क पूजइ चाहत हीं।” 25 “जवाब मँ मइँ एक मनई क उठाएउँ ह। उ पूरब स जहाँ सूरज उगा करत ह, आवत अहइ। उ मोरे नाउँ क उपासना किया करत ह। जइसे कोहार माटी रौंदा करत ह वइसे ही उ बिसेस मनई राजा लोगन क रौंदी।” 26 इ सबइ घटइ स पहिले ही हमका जउन बताएस ह, हमका ओका परमेस्सर कहइ चाही। का हमका इ सबइ बातन तू पचन्क कउनो मूरति बताएस? नाहीं। कउनो भी मूरति कछू भी हमका नाहीं बताए रही। उ सबइ मूरतियन तउ एक भी सब्द नाहीं बोल पावत हीं। उ सबइ लबार देवतन एक भी सब्द जउन तू पचे बोला करत ह नाहीं सुन पावत हीं। 27 मइँ, यहोवा पहिले रहेउँ जउन इ बातन क बिसय मँ सिय्योन क बताएउँ ह! उ मइँ ही रहेउँ जउन दूत क इ बड़िया संदेस क साथ यरूसलेम पठएउँ! “लखा, तोहार लोग वापस आवत अहइँ।” 28 जइसा मइँ लखेस, हुवाँ कउनो एक भी मोजूद नाहीं रहा जउन आपन तर्क पेस करी! का एकर मतलब अहइ कि ओन देवतन मँ स एक भी वकील न रही! मइँ ओका प्रस्न पूछेस, किन्तु ओनमाँ स कउनो भी कछू नाहीं बोलेस! 29 लखा, इ सबइ देवतन बिल्वुल ही बियर्थ अहइँ! उ पचे कछू नाहीं कइ पावतेन! उ कछू नाहीं सिरिफ हवा अहइ।

42:1 “मोरे दास क लखा। मइँ ओकर हाथ सँभारेउँ ह। उहइ एक अहइ जेका मइँ चुनेउँ ह, मइँ ओहसे बहोत खुस हउँ। मइँ आपन आतिमा ओह पइ रखत हउँ। उ ही सब रास्ट्रन मँ निआव कइ सकत ह। 2 उ गलियन मँ जोर स नाहीं बोली। उ नाहीं गोहराई अउर न चीखी। 3 उ विनम्र होब्या। उ वुचाल भवा सरकण्डा तलक क नाहीं तोड़ी। उ टिमटिमात भइ लौ तलक क भी नाहीं बुझाई। उ सच्चाई स निआव क कायम करी। 4 उ कमजोर या वुचरा भवा तब तलक नाहीं होइ जब तलक उ निआव क दुनियाँ मँ न लइ आवइ। दूर देसन क लोग ओकर सिच्छन पइ बिस्सास करिहीं।” 5 सच्चा परमेस्सर यहोवा इ सबइ बातन कहेस ह: (यहोवा अकासन क बनाएस ह। यहोवा अकास क धरती पइ तानेस ह। धरती पइ जउन कछू अहइ उ भी उहइ बनाएस ह। धरती पइ सबहिं लोगन पइ उहइ प्राण फूँक्त ह। धरती पइ जउन भी लोग चलत फिरत अहइँ, ओन सबन क उहइ जिन्नगी प्रदान करत ह।) 6 “मइँ, यहोवा, तोहका नीक मकसद स बुलाएस रहा! मइँ तोहार हाथ थामब अउर तोहार रच्छा करब। तू एक चिह्न इ प्रगट करइ क होब्या कि लोगन क संग मोर एक वाचा अहइ। तू सब लोगन पइ चमकइ क एक प्रकास होब्या। 7 तू आँधरन क आँखी क प्रकास देब्य अउर उ सबइ लखइ लगिहीं। अइसे बहोत स लोग जउन जेल मँ पड़ा अहइँ, तू ओन लोगन क अजाद करब्य। तू बहोत स लोगन क जउन अँधियारा मँ रहत हीं। ओनका उ कारागार स तू बाहेर छुड़ाइ लउब्या।” 8 मइँ यहोवा हउँ। मोर नाउँ यहोवा अहइ। मइँ आपन महिमा दूसर क नाहीं देब। मइँ आपन ओन मूरतियन क उ तारीफ जउन मोर अहइँ, नाहीं लेइ देब। 9 सुरू मँ मइँ कछू बातन जेनका घटब रहा, बताए रहेउँ अउर उ सबइ घटि गइन। अब तोहका उ सबइ बातन घटइ स पहिले ही बताउब जउन अगवा चलिके घटिहीं।” 10 यहोवा बरे एक नवा गीत गावा, तू पचे जउन दूर दराज क देसन मँ बसा अहा, तू पचे जउन सागरे पइ जलयान चलावत अहा, तू पचे समुद्दर क सबहिं जीवन, दूरवर्ती देसन क सबहिं लोगन, यहोवा क यसगान करा। 11 हे रेगिस्तान एवं नगरन अउर केदार क गाँवन, यहोवा क तारीफ करा। सेना क लोगो, आनन्द बरे गावा। आपन पर्वतन क चोटी स गावा। 12 यहोवा क महिमा द्या। दूर देसन क लोगो ओकर यसगान करा। 13 यहोवा वीर योद्धा स बाहेर निकरी उ मनई स जउन जुद्ध बरे तत्पर अहइ। उ बहोत उत्तेजित होइ। उ पुकारी अउर जोर स ललकारी उ गोहराई अउर जोर स ललकारी अउर आपन दुस्मनन क पराजित करी। 14 “बहोत समय स मइँ कछू भी नाहीं कहेउँ ह। मइँ अपने ऊपर नियन्त्रण बनाए रखेउँ ह अउर मइँ चुप रहेउँ ह। किन्तु अब मइँ ओतने जोर से चिल्लाब जेतने जोर स बच्चे क जनत भए मेहरारू चिल्लात ह। मइँ बहोत तेज अउर जोर स साँस लेब। 15 मइँ पर्वतन-पहाड़ियन क नस्ट कइ देब। मइँ जउन पौधे हुवाँ उगत हीं। ओनका झुराइ देबउँ। मइँ नदियन क झुरान धरती मँ बदल देबउँ। मइँ जल क सरोवरन क सुखाइ देव। 16 फुन मइँ आँधरन क अइसी राह देखाँउब जेन पइ ओका कबहुँ नाहीं लइ जाइ गवा। मइँ आँधर लोगन क अइसी जगह पइ लेइ जाब जहाँ उ पचे कबहुँ नाहीं भवा। ओनके बरे मइँ अँधियारा क प्रकास मँ बदल देबउँ। ऊँच नीच धरती क मइँ समथर बनाउब। मइँ ओन कामन क करब जेनकर मइँ बचन दिहेउँ ह। मइँ आपन लोगन क कबहुँ नाहीं तजब। 17 किन्तु कछू लोग मोर अनुसरण करी तजि दिहेन। उ पचे सोना स मढ़ी मूरतियन पइ विस्सास कइके आपन-आप क लज्जित किहेन। ओनसे उ पचे कहा करत हीं कि ‘तू पचे हमार देवतन अहा।’ उ पचे आपन लबार देवतन क बिस्सासी अहइँ। किन्तु अइसे लोग बस निरास ही होइहीं!” 18 “तू सबइ बहिर लोगन क मोर सुनइ चाही। तू सबइ आँधर लोगन क एहर दृस्टि डावइ चाही अउर मोका लखइ चाही। 19 कउन अहइ ओतना आँधर जेतना मोर दास अहइँ? कउनो नाहीं। कउन अहइ ओतना बहिर जेतना मोर दूत अहइ जेका मइँ इ संसार मँ पठएउँ ह कउनो नाहीं। इ आँधर कउन अहइ जेकरे संग मइँ वाचा किहेउँ? इ पचे ऍतना आँधर अहइँ जेतना आँधर यहोवा क दास अहइ। 20 उ लखत बहोत ह, किन्तु मोर हुवुम नाहीं मानत। उ आपन कानन स साफ साफ सुनि सकत ह किन्तु उ मोर सुनइ स इन्कार करत ह।” 21 यहोवा उहइ चाहत ह जउन ओकरे सेवक इस्राएल बरे बड़ियार होइ, ऍह बरे उ (यहोवा) ओनका महान अउर अद्भुत उपदेस देत ह। 22 किन्तु ओनका कइँती लखा। उ पचे हराइ दिहे गएन अउर ओनकर धन जुद्ध मँ लूटि लिहे गएन। उ पचे सबहिं जैल मँ बन्द कीन्ह गएन। लोग ओनसे ओनकर धन छीनी लिहेन ह। कउनो मनई ओकार रच्छा करइ क लाइक नाहीं अहा। दूसर मनई ओकर धन क लूटि लिहेन। कउनो मनई अइसा नाहीं जउन कहइ “एका वापिस करा।” 23 तू पचन्मँ स का कउनो मनई एका सुनत ह का तू पचन्मँ स कउनो क भी इ बात क परवाइ अहइ अउर का कउनो सुनत ह कि भविस्स मँ तू पचन्क साथ का होइवाला अहइ? 24 याकूब अउर इस्राएल क सम्पत्ति लोगन क कउन लेइ दिहस? यहोवा ही ओनका अइसा करइ दिहस। हम यहोवा क विरुद्ध पाप किहे रहे तउ यहोवा लोगन क हमार सम्पत्ति छोरइ दिहस? इस्राएल क लोग उस ढंग स जिअब नाहीं चाहत रहेन जउने ढ़ग स यहोवा चाहत रहा। इस्राएल क लोग ओकरी सिच्छा पइ कान नाहीं दिहन। 25 तउ यहोवा ओन पइ कोहाइ गवा। यहोवा ओनके खिलाफ भयानक लड़ाइयन लड़वाइ दिहस। इ अइसे भवा जइसे इस्राएल क लोग आगी मँ बरत होइँ अउर उ पचे जान ही न पाए होइँ कि का होत अहइ। इ अइसा रहा जइसे उ पचे बरत होइँ। किन्तु उ पचे जउन वस्तुअव घटत रहिन, ओनका समुझावइ क जतन ही नाहीं किहेन।

43:1 याकूब, तोहका यहोवा बनाए रहा। इस्राएल, तोहार रचना यहोवा किहे रहा। अब यहोवा कहत ह: “भयभीत जिन ह्वा! मइँ तोहका बचाइ लिहेउँ। मइँ तोहका नाउँ स पुकारेउँ ह। तू मोर अहा। 2 जब तोहे पइ बिपत्तियन पड़त हीं, मइँ तोहरे संग रहत हउँ। जब तू नदी पार करब्या, तू बहब्या नाहीं। तू जब आगी स होइके गुजरब्या, तउ तू बरब्या नाहीं। लपटन तोहका नोस्कान नाहीं पहोंचइही। 3 काहेकि मइँ तोहार परमेस्सर यहोवा हउँ। मइँ इस्राएल क पवित्तर तोहार उद्धारकर्ता हउँ। तोहरे बदले मँ मइँ मिस्र क दइके तोहका आजाद कराएउँ ह। मइँ इथोपिया अउ सबा क तोहका आपन बनावइ क दइ डाएउँ ह। 4 तू मोरे बरे बहोत महत्वपूर्ण अहा। एह बरे मइँ तोहार आदर करब। मइँ तोहसे पिरेम करत हउँ, ताकि तू जी सका, अउर मोर होइ सका। एकरे बरे मइँ सबहिं मनइयन अउर जातियन क बदले मँ देबउँ।” 5 “एह बरे जिन डेराअ। मइँ तोहरे सगं हउँ। तोहार बच्चन क एकट्ठा कइके मइँ ओनका तोहरे लगे लिआउब। मइँ तोहरे लोगन क पूरब अउ पच्छिम स एकट्ठा करब। 6 मइँ उत्तर स कहब: मोर बच्चे मोका लौटाइ द्या।” मइँ दविखन स कहब: “मोरे लोगन क बंदी बनाइके जिन रखा। दूर-दूर स मोरे पूत अउर बिटियन क मोरे लगे लिआवा। 7 ओन सबहिं लोगन क, जउन मोर अहइँ, मोरे लगे लइ आवा अर्थात् ओन लोगन क जउन मोर नाउँ लेत हीं। मइँ ओन लोगन क खुद अपने बरे बनाएउँ ह। ओनकर रचना मइँ किहेउँ ह अउर उ पचे मोर अहइँ।” 8 “अइसे लोगन क जेनकर आँखिन तउ अहइँ किन्तु फुन भी उ पचे आँधर अहइँ, ओनका निकार लिआवा। अइसे लोगन क जउन कानन क होत भए भी बहिर अहइँ, ओनका निकार लिआवा। 9 सबहिं लोगन अउ सबहिं रास्ट्रन क एक संग बटोरा। अगर कउनो भी लबार देवता कबहुँ इ कहेस कि प्रारम्भ मँ का भवा रहा अउर भूतकाल मँ इ बताए रहा कि आगे का कछू होइ तउ ओनका आपन गवाह लिआवइ द्या अउर ओनका सच साबित करइ द्या। अगर उ सुन सकत ह तउ ओका आवइ द्या अउर सच्चाइ क कहइ द्या।” 10 यहोवा कहत ह, “तू ही लोग मोर साच्छी अहा। तू मोर उ सेवक अहा जेका मइँ चुनेउँ ह। मइँ तोहका एह बरे चुनेउँ ह ताकि तू समुझ ल्या कि ‘उ मइँ ही हउँ’ अउर मोह माँ बिस्सास करइ। मइँ फुरइ परमेस्सर हउँ। मोसे पहिले कउनो परमेस्सर नाहीं होइ। 11 मइँ खुद ही यहोवा हउँ। मोरे अलावा अउर कउनो दूसर उद्धारकर्ता नाहीं अहइ, बस केवल मइँ ही हउँ। 12 उ मइँ ही हउँ जउन तोहसे बात किहे रहा। तोहका मइँ बचाएउँ ह। उ सबइ बातन मइँ तोहका बताए रहेउँ। जउन तोहरे संग रहा, उ कउनो अनजाना देवता नाहीं रहा। तू मोर साच्छी अहा अउर मइँ परमेस्सर हउँ।” (इ सबइ बातन यहोवा कहे रहा।) 13 “मइँ तउ सदा स ही परमेस्सर रहा हउँ। जब मइँ कछू करत हउँ तउ मोर कीन्ह क कउनो भी मनई नाहीं बदल सकत अउर मोर सवती स कउनो भी मनई कउनो क बचाइ नाहीं सकत।” 14 इस्राएल क पवित्तर यहोवा तोहका छोड़ावत ह। यहोवा कहत ह, “मइँ तोहरे बरे बाबुल मँ फउजन पठउब। सबहिं ताले लगे दरवाजन क मइँ तोड़ देब। कसदियन क जीत क नारे दुःख भरी चीखन मँ बदल जइहीं। 15 मइँ तोहार पवित्तर यहोवा हउँ। इस्राएल क मइँ रचेउँ ह। मइँ तोहार राजा हउँ।” 16 यहोवा सागर मँ राहन बनाई। हिआँ तलक कि पछाड़न खात भए पानी क बीच भी उ आपन लोगन बरे राह बनाई। यहोवा कहत ह, 17 “उ पचे लोग जउन आपन रथन, घोड़न अउर फउजन क लइके मोहसे जुद्ध करिहीं, पराजित होइ जइहीं। उ पचे फुन कबहुँ नाहीं उठि पइहीं। उ पचे नस्ट होइ जइहीं। उ पचे दीये क लौ क तरह बुझ जइहीं। 18 तउ ओन बातन क याद जिन करा जउन प्रारंभ मँ घटी रहिन। ओन बातन क जिन सोचा जउन कबहुँ बहोत पहिले घटी रहिन। 19 काहेकि मइँ चिजियन क नवा जइसा बनावत हउँ! अब एक नवे बृच्छ क नाईर् तोहार अंवुरन होइ। तू जानत अहा कि इ सच नाहीं अहइ! मइँ तोहार बरे रेगिस्ताने मँ फुरइ एक मारग बताउब। मइँ फुरइ झुरान धरती पइ नदियन बहाइ देब। 20 हिआँ तलक कि बनेर पसु अउर वुचवुचवा भी मोर आदर करिहीं। विसालकाय पसु अउर पच्छी मोर आदर करिहीं। जब मरूभुमि मँ मइँ पानीरह देब तउ उ पचे मोर आदर करिहीं। झुरान धरती मँ जब मइँ नदियन रचना कइ देब तउ उ पचे मोर आदर करिहीं। मइँ अइसा आपन लोगन क पानी देइ बरे करब। ओन लोगन क जेनका मइँ चुनेउँ ह। 21 इ सबइ उ पचे लोग अहइँ अउर इ सबइ लोग मोर तारीफ क गीत गावा करिहीं। 22 “याकूब, तू मोका नाहीं गोहराया। काहेकि हे इस्राएल, तोहार मन मोहसे भरि गवा रहा। 23 तू लोग भेड़ी क आपन बलियन मोरे लगे नाहीं लिआया। तू पचे मोर मान नाहीं रख्या। तू पचे मोका बलियन नाहीं अपिर्त किहा। मोका अन्न बलियन अपिर्त करइ बरे मइँ तू पचन पइ जोर नाहीं डावत हउँ। तू पचे मोरे बरे धूप बारत-बारत हार जाब्या, एकरे बरे मइँ तोह पइ दबाव नाहीं डावत। 24 “तू पचे आपन बलियन क चर्बी स मोका तृप्त नाहीं करत्या मोका आदर देइ बरे चिजियन मोल लेइ बरे आपन धने क उपयोग नाहीं करत्य। आपन बलियन क चर्बी स मोका तृप्त नाहीं करत्या। किन्तु तू मोहे पइ दबाव डावत अहा कि मइँ तोहरे दास क नाईर् आचरण करउँ। तू तब तलक पाप करत चला गया जब तलक मइँ तोहरे पापन स पूरी तरह तंग नाहीं आइ गएउँ। 25 “मइँ उहइ हउँ जउन तोहरे पापन्क धोइ डावत हउँ। खुद आपन खुसी बरे मइँ अइसा ही करत हउँ। मइँ तोहरे पापन्क याद नाहीं रखब। 26 अब, मोका उ याद दिलावा कि का भवा! बहस व मुबाहिसा करइ बरे अउर इ फइसला लेइ बरे कि कउन सत्य अहइ हमका एक संग मिलइ द्या। तू आपन पच्छ मँ तर्क पेस किया ह ऍह बरे तू इ कोसिस किहा कि तू निदोर्स अहइ! 27 तोहार पचन्क आदि बाप पाप किहे रहा अउर तोहार हिमायतियन मोरे खिलाफ काम किहे रहेन। 28 मइँ तोहरे पचन्क पवित्तर सासकन क अपवित्तर बनाइ दिहेउँ। मइँ याकूब क लोगन क अभिसप्त बनाएउँ। मइँ इस्राएल क अपमान कराएउँ।”

44:1 “याकूब, तू मोर सेवक अहा। इस्राएल, मोर बात सुना। मइँ तोहका चुनेउँ ह। जउन कछू मइँ कहत हउँ ओह पइ धियान द्या। 2 मइँ यहोवा हउँ अउर मइँ तोहका बनाएउँ ह। तू जउन कछू अहा ओहका बनावइवाला मइँ ही हउँ। जब तू महतारी क देह मँ ही रह्या, मइँ तबहिं स तोहार सहायता किहे रहेउँ। मोर सेवक याकूब डेराअ जिन। यसरून (इस्राएल) तोहका मइँ चुनेउँ ह। 3 “जइसे मइँ पियासे लोगन बरे पानी बरसाउब अउर जइसे झुरान धरती पइ मइँ जलधारन बहाउब, उसी तरह तोहरी संतानन पइ मइँ आपन आतिमा डाउब। मोर आसीर्बाद तोहार गदेलन पइ अइसा ही बहब जइसा पानी क टंकी स पानी बहत ह। 4 उ पचे हर मोसम मँ चिनार क बृच्छन क नाईर् बढ़त भए होइहीं। 5 “लोगन मँ कउनो कही, ‘मइँ यहोवा क अहउँ।’ तउ दूसर मनई याकूब क नाउँ लेइ। कउनो मनई आपन हाथे पइ लिखी, ‘मइँ यहोवा क हउँ अउर दूसर मनई ‘इस्राएल’ नाउँ क उपयोग करी।”‘ 6 यहोवा इस्राएल क राजा अहइ। सर्वसवतीमान यहोवा इस्राएल क रच्छा करत ह। यहोवा कहत ह, “परमेस्सर केवल मइँ ही हउँ। अन्य कउनो परमेस्सर नाहीं अहइ। मइँ ही आदि हउँ। मइँ ही अंत अहउँ। 7 मोरे जइसा परमेस्सर कउनो दूसर नाहीं अहइ अउर जदि कउनो अहइ तउ ओका अब बोलइ चाही। ओका आगे आइके कउनो प्रमाण देइ चाही कि उ मोरे जइसा अहइ। भविस्स मँ का कछू होइवाला अहइ ओका बहुत पहले ही कउन बनाइ दिहे रहा? तउ उ पचे हम का अब बताइ देइँ कि अगवा का होइ? 8 डेराअ जिन, चिंता जिन करा। जउन कछू घटइवाला अहइ, उ मइँ तू पचन्क सदा बताएउँ ह। तू लोग मोर साच्छी अहा। कउनो दूसर परमेस्सर नाहीं अहइ। केवल मइँ ही हउँ। कउनो दूसर ‘सरण स्थान’ नाहीं अहइ। मइँ जानत हउँ केवल मइँ ही हउँ।” 9 कछू लोग मूरति (लबार देवता) बनाबा करत हीं। किन्तु उ पचे बेकार अहइँ। लोग ओन बुतन स पिरेम करत हीं किन्तु उ सबइ बुत बेकार अहइँ। उ सबइ लोग ओन बुतन क साच्छी अहइँ किन्तु उ सबइ लख नाहीं पउतेन। उ पचे लज्जित होइहीं। 10 एन लबार देवतन क कउनो काहे गढ़ी? एन बेकार क बुतन क कउनो काहे ढाली? 11 ओन देवतन क कारीगरन गढ़ेन ह अउर उ सबइ कारीगर तउ मात्र मनई अहइँ, न कि देवता। जदि उ पचे सबहिं एकजुट होइके पक्ति मँ आवइँ अउर एन बातन पइ विचार क लेन-देन करइँ तउ उ सबइ लजाइ जइहीं अउर डर जइहीं। 12 कउनो एक कारीगर कोयलन पइ लोहा क तपावइ बरे आपन अउजारन क उपयोग करत ह। उ मनई धातु क पीटइ बरे आपन हथौड़ा कामे मँ लिआवत ह। एकरे बरे उ आपन बाँहन क सवती क प्रयोग करत ह। किन्तु उहइ मनई क जब भूख लागत ह, ओकर सवती जात रहत ह। उहइ मनई अगर पानी न पियइ तउ कमजोर होइ जात ह। 13 दूसर मनई आपन रेखा पटकइ क सूत क उपयोग करत ह। उ तख्ते पइ रेखा हींचइ बरे परकार क काम मँ लिआवत ह। इ रेखा ओका बतावत ह कि उ कहाँ स काटइ। फिन उ मनई निहानियन क उपयोग करत ह अउर काठे मँ मूरतियन क उभारत ह। उ मूरतियन क नापइ बरे परकार क प्रयोग करत ह अउर इ तरह उ कारीगर लकड़ी क ठीक मनई क रूप दइ देत ह। फुन मनई क सा इ मूरति घरे मँ बइठाइ दीन्ह जात ह। 14 कउनो मनई देवदार, सनोवर अथवा बाँज क बृच्छ क काट गिरावत ह। (किन्तु उ मनई ओन बृच्छन क उगावत नाहीं। इ सबइ बृच्छ बन मँ खुद अपने आप उगत हीं। जदि कउनो मनई बृच्छ उगावइ तउ ओकर बढ़वार बर्खा करत ह न कि उ मनई।) 15 फुन उ मनई उ बृच्छ क आपन बारइ क काम मँ लिआवत ह। उ मनई उ बृच्छ क काटिके काठे क मुढ्ढियन बनावत ह अउर ओनका भोजन बनावइ अउर खुद क गरमावइ क काम मँ लिआवत ह। मनई थोड़ी सी लकड़ी क आगी सुलगाइ के आपन रोटियन सेेंकत ह। किन्तु तउ भी मनई उहइ लकड़ी स देवता क मूरति बनावत ह अउर फुन उ देवता क पूजा करइ लागत ह। इ देवता तउ एक मूरति अहइ जेका उ मनई बनाएस ह। किन्तु उहइ मनई उ मूरति क आगे आपन माथा नवावत ह। 16 उहइ मनई आधी लकड़ी क आगी मँ बारि देत ह अउर उ आगी पइ माँस पकाइके भर पेट खात ह अउर फुन अपने आप क गरमावइ बरे मनई उहइ लकड़ी क बारत ह अउर फुन उहइ कहत ह, बहोत अच्छे! अब मइँ गरम हउँ अउर आगी क लपटन क लखि सकत हूँ।” 17 किन्तु थोड़ी बहोत लकड़ी बच जात ह। तउ लकड़ी स मनई एक मूरति बनाइ लेत ह अउर ओका आपन देवता कहइ लागत ह। उ उ देवता क आगे माथा नवावत ह अउर ओकर पूजा करत ह। उ उ देवता स पराथना करत भए कहत ह, “तू मोर देवता अहा, मोर रच्छा करा।” 18 इ सबइ लोग इ नाहीं जानतेन कि इ सबइ का करत अहइँ? इ सबइ का करत अहइ:? इ सबइ लोग समझतेन नाहीं। अइसा अहइ जइसे एनकर आँखिन बंद होइँ अउर इ सबइ कछू लख ही नाहीं पावत होइँ। एनकर मन समुझइ क जतन ही नाहीं करत। 19 एन वस्तुअन क बारे मँ इ सबइ लोग कछू सोचत ही नाहीं ह। इ सबइ लोग ना समुझ अहइँ। एह बरे एन लोग आपन मने मँ कबहुँ नाहीं सोचेन। “आधी लकड़ियन मइँ आगी मँ बारि डाएउँ। दहकत कोयलन क प्रयोग मइँ रोटी सेकइ अउर माँस पकावइ मँ किहेउँ। फुन मइँ माँस खाएउँ अउर बची भइ लकड़ी क प्रयोग मइँ भ्रस्ट वस्तु (मूतिर्) बनावइ मँ किहेउँ। अरे, मइँ तउ एक लकड़ी क टूका क पूजा करत हउँ।” 20 इ तउ बस उ राख क खाइ जइसा अहइ। उ मनई इ नाहीं जानत कि उ का करत अहइ? उ भ्रम मँ पड़ा भवा अहइ। एह बरे ओकर मन ओका गलत राह पइ लइ जात ह। उ मनई आपन बचाव नाहीं कइ पावत ह अउर उ इ देख नाहीं पावत ह कि उ गलत काम करत अहइ। उ मनई नाहीं कही, “इ मूरति जेका मइँ थामे हउँ एक लबार देवता अहइ।” 21 “हे याकूब, इ सबइ बातन याद रखा। इस्राएल, याद रखा कि तू मोर सेवक अहा। मइँ तोहका बनाएँउ। तू मोर सेवक अहा, एह बरे इस्राएल, मइँ तोहका नाहीं बिसराउब। 22 तोहार पाप एक बड़के बादर जइसे रहेन। किन्तु मइँ तोहरे पापन्क उड़ाइ दिहेउँ। तोहार पाप बादर क नाईर् हवा मँ बिलाइ गएन। मइँ तोहका बचाएउँ अउर तोहार रच्छा किहेउँ। एह बरे मोरे लगे लउटि आवा।” 23 अकास खुस अहइ, काहेकि यहोवा महान काम किहेस। धरती अउ हिआँ तलक कि धरती क तले बहोत गहिर ठउर भी खुस अहइँ। पर्वत परमेस्सर क धन्यवाद देत भए गावा। बने क सबहिं बृच्छ तू पचे भी खुसी गवा। काहेकि यहोवा याकूब क बचाइ लिहस ह। यहोवा इस्राएल बरे महान कार्य किहे अहइ। 24 जउन कछू भी तू अहा यहोवा तोहका बनाएस। यहोवा इ किहेस जब तू अबहिं महतारी क गरम मँ ही रह्या। यहोवा तोहार रखवारा कहत ह। “मइँ यहोवा सब कछू बनाएउँ। मइँ ही हुआँ अकास तानेउँ ह, अउर आपन समन्वा धरती क बिछाएउँ।” 25 लबार नबी सगुन देखाया करत हीं किन्तु यहोवा दर्सावत ह कि ओकर सगुन झूठ अहइँ। जउन लोग जादू टोना कइके भविस्स बतावत हीं, यहोवा ओनका मूरख सिद्ध करी। यहोवा तथाकथित बुद्धिमान मनइयन तलक क भ्रम मँ डाइ देत ह। उ पचे सोचत हीं कि उ पचे बहोत कछू जानत हीं किन्तु यहोवा ओनका अइसा बनाइ देत ह कि उ पचे मूरख देखाइ देइँ। 26 यहोवा आपन सेवकन क लोगन क सन्देस सुनावइ बरे पठवत ह अउर फुन यहोवा ओन सन्देसन क फुरइ कइ देत ह। यहोवा लोगन क का करइ चाही ओनका इ बतावइ बरे दूत पठवत ह अउर फुन यहोवा देखाइ देत ह कि ओनकर सम्मति अच्छी अहइ।परमेस्सर वुसू क यहूदा क पुन:निर्माण बरे चुनत हयहोवा यरूसलेम स कहत ह, “लोग तोहमाँ आइके फुन बसिहीं।” यहोवा यहूदा क नगरन स कहत ह, “तोहार फुन स निर्माण होइ। यहोवा ध्वस्त भए नगरन स कहत ह, “मइँ तू सबइ नगरन क फुन स उठाउब।” 27 यहोवा गहिर सागर स कहत ह, ‘झुराइजा”‘ मइँ तोहार जल धारन क सूखा बनाइ देब।” 28 यहोवा वुसू स कहत ह, “तू मोर चरवाहा अहा। जउन मइँ चाहत हउँ तू उहइ काम करब्या। तू यरूसलेम स कहब्या, “तोहका फुन स बनावा जाइ।” तू मन्दिर स कहब्या, ‘तोहार नींवन क फुन स निर्माण होइ।”‘

45:1 इ सबइ उ बातन अहइँ जेनका यहोवा आपन चुने भए राजा वुसू कहत ह, “मइँ वुसू क दाहिन हाथ थामव। मइँ राजा लोगन क सवती छोरइ मँ ओकर मदद करब। नगर दुआर वुसू क रोक नाहीं पइहीं। मइँ नगर क दुआर खोल देब, अउर वुसू भीतर चला जाइ। 2 “वुसू, तोहार फउजन अगवा बढ़िहीं अउर मइँ तोहरे अगवा चलब। मइँ पर्वतन क समथर कइ देब। मइँ काँसे क नगर-दुआर क तोड़ डाउब। मइँ दुआरे पइ लगी लोहा क आँगल क काट डाउब। 3 मइँ अँधियारा कमरा मँ रखी भइ दौलत तोहका देब। मइँ तोहका उ छिपा भवा धन देब। मइँ अइसा करब ताकि तोहका पता चलि जाइ कि मइँ यहोवा इस्राएल क परमेस्सर हउँ, अउर मइँ तोहका तोहार नाउँ स पुकारेस हउँ। 4 मइँ इ सबइ बातन आपन सेवक याकूब बरे करत हउँ। मइँ इ सबइ बातन इस्राएल क आपन चुने भए लोगन बरे करत हउँ। वुसू, यद्यपि तू मोका नाहीं जानत अहा, किन्तु मइँ तोहका तोहार नाउँ स पुकारे हउँ, यहाँ तलक कि तोहार आपन नाउँ स पुकारे हउँ। 5 मइँ यहोवा हउँ। मइँ सिरिफ परमेस्सर हउँ। मोरे सिवा दूसर कउनो परमेस्सर नाहीं अहइ। मइँ तोहका मज़बूत बनाए हउँ,यद्यपि तू मोका नाहीं पहिचानत ह। 6 मइँ इ काम करत हउँ ताकि सब लोग जान जाइँ कि मइँ ही परमेस्सर हउँ। पूरब स पच्छिम तलक सबहिं लोग इ सबइ जानिहीं कि मइँ यहोवा हउँ अउर मोरे सिवा दूसर कउनो परमेस्सर नाहीं। 7 मइँ प्रकास क बनाएउँ अउर मइँ ही अँधियारा क रचेउँ। मइँ सान्ति क सृजेउँ अउर विपत्तियन भी मइँ ही बनाएउँ ह। मइँ यहोवा हउँ। मइँ ही इ सबइ बातन करत हउँ। 8 ऊपर अकासे मँ निआव अइसे बरसब जइसे मेघ स बर्खा बरसत ह। धरती खुल जात ह। मुवित अइसा फलब फूलब जइसा कउनो पउधा धरती स उगत ह। पुण्य कर्म आपन चारिहुँ कइँती बढ़ब! मइँ यहोवा ही इ सबइ कइ क कारण हउँ। 9 “धिवकार अहइ ऍन लोगन क, इ सबइ उहइ स बहस करत अहइँ जउन ऍतका बनाएस ह। इ सबइ कउनो टूटे भए घड़े क ठीकरन जइसे अहइँ। कोहार नरम गीली माटी स घड़ा बनावत ह पर माटी ओहसे नाहीं पूछत, ‘अरे, तू का करत अहा?’ वस्तुअन जउन बनाई गइ अहइँ, उ सबइ इ सवती नाहीं रखतिन कि आपन बनावइवाले स सवाल पूछइ। इ सबइ लोग भी माटी क टूटे घड़न क ठीकरन क जइसे अहइँ। 10 या, बच्चा आपन बाप स इ नाहीं पूछ सकतेन कि ‘तू हमका जिन्नगी काहे देत अहा?’ बच्चा आपन महतारी स इ सवाल नाहीं कइ सकत हीं कि “तू हमका काहे पइदा करति अहा?’” 11 यहोवा इस्राएल क परमेस्सर पवित्तर अहइ। उ इस्राएल क बनाएस। यहोवा कहत ह,“का तू मोहसे मोरे बच्चन क बारे मँ पूछब्या अथवा तू मोका आदेस देब्या ओनके ही बारे मँ जेका मइँ आपन हाथन स रचेउँ। 12 तउ लखा, मइँ धरती बनाएउँ अउर उ पचे सबहिं लोग जउन एह पइ रहत हीं, मोर बनाए भए अहइँ। मइँ खुद आपन हाथन स अकासन क रचता किहेउँ, अउर मइँ अकास क सितारन क आदेस देत हउँ। 13 मइँ हउँ जउन वास्तव मँ ओका इ काम करइ बरे उकसाएस ह। मइँ ओकर रास्ता क सहल बनाउबउँ। मइँ आपन नगर क फुन स बनाब। उ मोरे क लोगन बिना किसी रिस्वत दिए या बिना कउनो मोल चुकाए अजाद कइ देइ!” सर्वसवतीमान यहोवा इ सबइ बातन कहेस। 14 यहोवा कहत ह, “मिस्र अउ वूस बहोत वस्तुअन रचेस रहेन, किन्तु हे इस्राएल, तू उ सबइ वस्तुअन पउब्या। सेबा क लम्बे लोग तोहार होइहीं। उ पचे आपन गर्दन क चारिहुँ कइँती जंजीर लिए भए तोहरे पाछे-पाछे चलिहीं। उ सबइ लोग तोहरे समन्ना निहुरिहीं, अउर उ पचे तोहसे बिनती करिहीं।” इस्राएल, परमेस्सर तोहरे संग अहइ, अउर ओका तजिके कउनो दूसर परमेस्सर नाहीं अहइ। 15 हे परमेस्सर, तू उ परमेस्सर अहा जेका लोग लख नाहीं सकतेन। तू ही इस्राएल क उद्धार कर्त्ता अहा। 16 बहोत स लोग मिथ्या देवता बनावा करत हीं। किन्तु उ सबइ लोग तउ निरास ही होइहीं। उ सबइ सबहिं लोग तउ लजाइ जइहीं। 17 किन्तु इस्राएल यहोवा क जरिये बचाइ लीन्ह जाइ। उ मुवित जुगन तलक बनी रही। फुन इस्राएल कबहुँ भी लज्जित नाहीं होइ। 18 यहोवा ही परमेस्सर अहइ। उ अकास रचेस ह, अउर अहइ धरती बनाएस ह। यहोवा ही धरती क अपने जगहिया पइ टेकाएस ह। जब यहोवा धरती बनएस उ इ सबइ नाहीं चाहेस कि धरती खाली रहइ। उ एका रचेस ताकि एहमाँ जिन्नगी रहइ। मइँ यहोवा हउँ। मोरे अलावा कउनो दूसर परमेस्सर नाहीं अहइ। 19 मइँ अकेल्ले इ सबइ बातन नाहीं किहेउँ। मइँ अजाद भाव स कहेउँ ह। संसार क कउनो भी अँधियारा मँ मइँ आपन बचन नाहीं छुपावत। मइँ याकूब क लोगन स नाहीं कहेउँ कि उ पचे मोका बीरान जगहन पइ हेरइँ। मइँ परमेस्सर हउँ अउर मइँ फुरइ बोहात हउँ। मइँ उहइ बातन कहत हउँ जउन फुरइ अहइँ।” 20 “तू लोग दूसरी जातियन स बच पराया। तउ आपुस मँ बटुर जा अउर मोरे समन्वा आवा। (इ सबइ लोग अपने संग मिथ्या देवन क मूरतियन रखत हीं अउर एन बेकार क देवतन स पराथना करत हीं। किन्तु इ सबइ लोग इ नाहीं जानतेन कि उ पचे का करत अहइँ? 21 एन लोगन क मोरे लगे आवइ क कहा। एन लोगन क आपन तर्क पेस करइ द्या।)“उ पचे बातन बहुत दिनन पहिले घटी रहिन, ओनके बारे मँ तू पचन्क कउन बोलाएस? बहोत-बहोत दिनन पहिले ही एन बातन क लगातार कउन बतावत रहा? उ मइँ यहोवा ही हउँ जउन इ सबइ बातन बताए रहा। मइँ ही एकमात्र यहोवा हउँ। मोरे अलावा कउनो अउर परमेस्सर नाही अहइ? का अइसा कउनो अउर अहइ जउन आपन लोगन क रच्छा करत ह नाहीं, अइसा कउनो दूसर परमेस्सर नाहीं अहइ। 22 हे हर कतहुँ क लोगो, तू पचन्क एन लबार देवतन क पाछे चलब छोड़ देइ चाही। तू पचन्क मोर अनुसरन करइ चाही अउर होइ जाइ चाही। मइँ परमेस्सर हउँ। मोहसे दूसर कउनो दूसर परमेस्सर नाहीं अहइ। परमेस्सर केवल मइँ ही हउँ। 23 “मइँ खुद आपन सवती क साच्छी कइके प्रतिग्या किहेउँ ह। इ एक उत्तिम बचन अहइ। इ एक आदेस अहइ जउन पूरा होइ ही। हर मनई मोर (परमेस्सर क) आगे निहुरी अउर हर मनई मोर अनुसरण करइ क बचन देइ। 24 यहोवा आपन आप स सपथ लेइ के मोसे वाचा किहेस, ‘अच्छाई अउर मज़बूती तोहमाँ आउब्या।”‘उ सबइ जउन ओहे (कुस्रू) पइ कोहाइ उ अपमानित होइ। 25 यहोवा अच्छे करम करइ बरे इस्राएल क लोगन क बिजयी बनाई अउर लोग ओकर तारीफ करिहीं।

46:1 बेल अउर नेबो तोहरे अगवा निहुराइ दीन्ह ह अहइँ। लबार देवता तउ बस केवल मूरति अहइँ। लोग एन बुतन क जानवरन क पीठ पइ लाद दिहेन ह। इ सबइ बुत बस एक बोझ अहइँ, जेनका ढोउब ही अहइ। इ सबइ लबार देवता कछू नाहीं कइ सकतेन। बस लोगन क थकाइ सकत हीं। 2 एन सबहिं लबार देवतन क निहुराइ दीन्ह जाइ। इ सबइ बचिके कहुँ नाहीं पराइ सकिहीं। ओन सबहिं क बन्दियन क तरह लइ जावा जाइ। 3 “याकूब क परिवार, मोर सुना। हे इस्राएल क लोगो जउन अबहिं जिअत अहा, सुना। मइँ तू पचन्क तब स धारण किहे अहउँ जब अबहिं तू पचे महतारी क गर्भ मँ ही रह्या। 4 मइँ तू पचन्क तबइ स धारन किहे हउँ जब स तू पचन्क जन्म भवा ह अउर मइँ तू पचन्क तबइ भी धारण करब, जब तू पचे बुढ़वा होइ जाब्या। तोहार पचन्क बार सफेद होइ जइहीं, मइँ तब भी तू पचन्क धारण किहे रहब काहेकि मइँ तोहार पचन्क रचना किहेउँ ह। मइँ तू पचन्क धारण किहे रहब अउर तोहार पचन्क रच्छा करब। 5 “केकर संग तू मोर तुलना कइ सकत ह कउनो भी मनई नाहीं अहइ जेकर तुलना मोहसे कीन्ह जाइ सकी! तोहार तुलना मँ स कउनो भी मोर सही तरीका स वर्णन नाहीं कइ सकत हीं। 6 कछू लोग सोना अउ चाँदी आपन थैलियन स निकालेस, उ पचे ओनका तराजुअन स तौलेस अउर ओनका लबार देवता बनावइ बरे सोनार जेका उ मजदूरी पइ आपन बरे मूतिर्यन बनावइ बरे लाएस ह क देत हीं। तब फुन उ सबइ लोग उहइ लबार देवतन निहुरत हीं अउर ओकर सम्मान करत हीं। 7 हाँ उ सबइ लोग लबार देवतन लेब्या अउर ओका आपन काँधन पइ रखिके लइ चलब्या। किन्तु जब उ पचे एका धरती पइ थापिब, इ न ही उठ सकत या हिल-डुल कइ पावत। इ नाहीं कइ सकत काहेकि इ मूतिर् अहइ! लोग आपन लबार देवतन क समन्वा मदद बरे चिचियात हीं, किन्तु इ कबहुँ जबाव नाहीं देइ। इ लोगन क ओनकर विपत्तियन अउर कस्टन स नाहीं उबार सकत। 8 “तू लोग पाप किहा ह। तू पचन्क एन बातन क फुन स याद करइ चाही। एन बातन क याद करा अउर सुदृढ़ होइ जा। 9 ओन बातन क सुमिरा जउन बहोत पहिले घटी रहिन। याद राखा कि मइँ परमेस्सर हउँ। कउनो दूसर अन्य परमेस्सर नाहीं अहइ। उ सबइ लबार देवता मोरे जइसे नाहीं अहइँ। 10 “सुरू मँ मइँ तू पचन्क ओन बातन क बारे मँ बताइ दिहे रहेउँ जउन अंत मँ घटी। बहोत पहिले स ही मइँ तू पचन्क उ सबइ बातन बताइ दिहे हउँ, जउन अबहिं घटी नाहीं अहइँ। जब मइँ कउनो बात क कउनो योजना बनावत हउँ तउ उ घटत ह। मइँ उहइ करत हउँ जउन करइ चाहत हउँ। 11 लखा, पूरब दिसा स मँ एक मनई क बोलावतहउँ उ मनई एक उकाब क समान होइ। उ एक दूर देस स आई अउर उ ओन कामन क करी जेनका करइ क जोजना मइँ बनाएउँ ह। मइँ तू पचन्क बतावत हउँ कि मइँ एका करब अउर मइँ ओका करब ही। काहेकि ओका मइँ ही बनाएउँ ह। मइँ ओका लिआउब ही। 12 “तू पचन मँ स कछू सोचा करत हीं कि तू पचन सवती अहइ किन्तु तू पचे भले काम नाहीं करत अहा। मोर सुना। 13 मइँ भले काम करब। मइँ हाली ही आपन लोगन क रच्छा करब। मइँ आपन सिय्योन अउर आपन अद्भुत इस्राएल क बरे उदद्धार लिआउब।”

47:1 “हे बाबुल क वुँवारी पुत्री, खाले धूरि मँ गिरि जा अउर हुँवा पइ बइठ जा। अब तू रानी नाहीं अहा। लोग अब तोहका कोमल अउर सुन्नर नाहीं कहा करिहीं। 2 अब तोहका आपन कोमल ओढ़ना उतारिके कठिन परिस्रम करइ चाही। अब तू चवकी ल्या अउर ओह पइ आटा पीसा। तू आपन घाघरा इतना ऊपर उठावा कि लोगन क तोहार टाँगन देखाइ लग जाइँ अउर नंगी टाँगन स तू नदी पार करा। तू आपन देस तजि द्या। 3 लोग तोहरे बदन क लखिहीं अउर उ पचे तोहार भोग करिहीं। तू अपमानित होबू। मइँ तोहसे बुरे कर्मन क मोल देवाउब जउन तू किहा ह। तोहरी मदद क कउनो भी मनई अगवा नाहीं आइ।” 4 “मोर लोग कहत हीं, ‘परमेस्सर हम लोगन क बचावत ह। ओकर नाउँ, इस्राएल क पवित्तर सर्वसवतीमान अहइ।’” 5 यहोवा कहत ह, “हे बाबुल, तू बइठ जा अउर वुछ भी जिन कहा। बाबुल क बिटिया, चली जा अँधियारा मँ। काहेकि अब तू अउर जियादा ‘राज्जन क रानी’ नाहीं कहवाई। 6 “मइँ आपन लोगन पइ किरोध किहे रहेउँ। इ सबइ लोग मोर आपन रहेन, किन्तु मइँ कोहान रहेउँ, एह बरे मइँ ओका अपमानित किहेउँ। मइँ ओनका तोहका दइ दिहेउँ, अउर तू ओनका दण्ड दिहा। तू ओन पइ कउनो करुणा नाहीं दर्साया अउर तू ओन बूढ़न पइ भी बहुत कठिन काम क जुआ लाद दिहा। 7 तू कहा करत रहिउ, ‘मइँ अमर हउँ मइँ सदा रानी रहब।’ किन्तु तू ओन बुरी बातन पइ धियान नाहीं दिहा जेनका तू ओन लोगन क संग किहे रह्या। तू कबहुँ नाहीं सोच्या कि पाछे का होइ। 8 एह बरे अब, ओ ‘मनोहर मेहरारू,’ मोर बात तू सुन ल्या। तू आपन क सुरच्छित जाना अउर अपने आप स कहा। ‘केवल मइँ ही महत्वपूर्ण मनई हउँ। मोरे समान कउनो दूसर बड़का नाहीं अहइ। मोका कबहुँ भी विधवा नाहीं होब अहइ। मोरे सदैव बच्चन होत रहिहीं।’ 9 इ सबइ दुइ बातन तोहरे संग मँ घटित होइहीं: पहिले, तोहार बच्चन तोहसे छूट जइहीं अउर फुन तोहार पति भी तोहसे छूट जाइ। हाँ, इ सबइ बातन तोहरे संग जरूर घटिहीं। तोहार सबहिं जादू अउर सवतीसाली टोनन तोहका नाहीं बचाइ पइहीं। 10 तू बुरे काम करति अहा, फुन भी तू आपन क सुरच्छित समुझति अहा। तू कहा करति अहा कि तोहार बुरे काम क कउनो नाहीं लखत। तू बुरे काम करति अहा किन्तु तू सोचति अहा कि तोहार बुद्धि अउर तोहार गियान तोहका बचाइ लेइहीं। तू खूद क सोचति अहा कि बस एक तू ही महत्वपूर्ण अहा। तोहरे जइसा अउर कउनो भी दूसर नाहीं अहइ। 11 किन्तु तोह पइ बिपत्तियन अइहीं। तू नाहीं जानतिउ कि उ कब होइ जाइ, किन्तु बिनास आवत अहइ। तू ओन बिपत्तियन क रोकइ बरे कछू भी नाहीं कइ पउबिउ। तोहार बिनास ऍतना हाली होइ कि तोहका तक भी न चली कि का कछू तोहरे संग घट गवा। 12 जादू अउर टोना क सीखइ मँ तू कठिन मेहनत करत भए जिन्नगी बिताइ दिहा। तउ अब आपन जादू अउर टोना क चला। संभव अहइ टोने टोटके तोहका बचाइ लेइँ। समंव अहइ-ओनसे तू कउनो क डेराइ द्या। 13 तोहरे लगे बहोत स सलाहकार अहइँ। का तू ओनकर सलाहन स तंग आइ चुकी अहइ? तउ फुन ओन लोगन क जउन सितारन बाँचत ही, बाहेर पठवा। जउन बताइ सकत हीं महीना कब सुरू होत ह। तउ संभव अहइ उ पचे तोहका बताइ पाँवइ कि तोह पइ कब विपत्तियन पड़िहीं। 14 किन्तु उ सबइ लोग तउ खुद आपन क बचाइ नाहीं पइहीं। उ पचे घासे क तिनकन जइसे भक स बरि जइहीं। उ पचे ऍतना हाली बरिहीं कि अंगार तलक कउनो नाहीं बची जेहमाँ रोटी सेकी जाइ सकइ। कउनो आगी तलक नाहीं बची जेकरे लगे बइठिके उ पचे खुद क गर्माइ लेइँ। 15 अइसा ही हर वस्तु क साथ मँ घटी जेनके बरे तू कड़ी मेहनत किहा। तोहरे जिन्नगी भइ जेनसे तोहार वइपार रहा, उ पचे ही मनइयन तोहका तजि देइहीं। हर कउनो आपन-आपन राह चला जाइ। कउनो भी मनई तोहका बचावइ क नाहीं बची।”

48:1 यहोवा कहत ह, “याकूब क परिवार, तू उहइ जाति अहइ जेका ‘इस्राएल’ कहा जात ही, मोर बात सुना! तू पचे यहूदा क घराने स जउन बचन देइ बरे यहोवा क नाउँ लेत अहा, तू पचे इस्राएल क परमेस्सर क बारे मँ बोलत अहा, किन्तु सच्चाई अउर निस्ठावानी स नाहीं। 2 तू लोग आपन क पवित्तर नगरी क नागरिक कहत अहा। तू पचे इस्राएल क परमेस्सर क भरोसे रहत अहा। ओकर नाउँ सर्वसवतीमान यहोवा अहइ। 3 मइँ तू पचन्क बहोत पहिले ही पहिले क ओन घटना क बारे मँ ओका घटइ स पहिले ही बताइ दिहे रहा, तू पचन्क ओन घटना क बारे मँ बताइ दिहे रहा कि इ होइ सकत ह। मइँ अचानक ओन बातन घटाइ दिहेउँ! इ सबइ बातन वइसा ही भवा जइसा मइँ बताए रहा। 4 मइँ तोहका इ सबइ बातन क पहिले ही बताए दिहे रहेउँ काहेकि मोका मालूम रहा कि तू पचे बहोत जिद्दी अहा। मइँ जउन कछू भी बताए रहेउँ ओहे पइ बिस्सास करइ स तू पचे इन्कार किहा। तू पचे बहोत जिद्दी रह्या, जइसे लोहा क छड़ नाहीं निहुरत ह। इ बात अइसी रही जइसे तोहार मूँड़ काँसा क बना भवा होइ। 5 एह बरे मइँ तू पचन्क पहिले ही ओन घटना क बारे मँ बताइ दिहे रहेउँ जउन घटी सकत ह। अइसा एह बरे किहे रहेउँ ताकि तू नाहीं कहि सकइ कि ‘इ सबइ काम हमार देवतन किहेन।’ तू इ नाहीं कहि सकत्या कि ‘हमार मूतिर्यन, हमार देवतन,’ इ सबइ बातन घटाइ क आदेस दिहे रहेन।” 6 “तू ओन सबहिं बातन क जउन होइ चुकी अहइँ, लख्या अउर सुन्या ह। एह बरे तोहका इ सबइ खबरियन दूसरन क बतावइ चाही। अब मइँ तोहका नई बातन बतावइ सुरू करत हउँ। जेनका तू अबहिं नाहीं जानत अहा। 7 इ सबइ उ सबइ बातन नाहीं अहइँ जउन पहिले घटि चुकी अहइँ। इ सबइ बातन अइसी अहइँ जउन अब सुरू होत अहइँ। आजु स पहिले तू इ सबइ बातन नाहीं सुन्या। तउ तू नाहीं कहि सकत्या, ‘हम तउ एहसे पहिले ही जानित ह।’ 8 किन्तु तब पर भी, तू कबहुँ ओह पइ कान नाहीं दिहा जउन मइँ कहेस। तू मोह स कछू नाहीं सीख्या! तू कछू नाहीं सुन्या जउन मइँ कह्या। किन्तु मइँ तोहका ओन बातन क बारे मँ बताएउँ काहेकि मइँ जानत नाहीं रहेउँ कि तू मोरे विरोध मँ होब्या। तू तउ विद्रोही रह्या जब स तू पइदा भवा। 9 किन्तु मइँ धीरज धरब। अइसा मइँ अपने बरे करब। मोका किरोध नाहीं आवा एकरे बरे लोग मोर जस गइहीं। मइँ आपन किरोध पइ काबू करब कि तोहार नास न करउँ। तू मोर बाट जोहत भए मोर गुण गउब्या। 10 लखा, मइँ तोहका सुद्ध करब। चाँदी क सुद्ध करइ बरे लोग ओका आग मँ डावत हीं। किन्तु मइँ तोहका विपत्ति क भट्ठी मँ डाइके सुद्ध करब। 11 इ मइँ खुद अपने बरे करब। तू मोरे संग अइसे नाहीं बरतब्या, जइसे मोर महत्व न होइ। कउनो मिथ्या देवता क मइँ आपन तारीफ नाहीं लेइ देब। 12 याकूब, तू मोर सुना। हे इस्राएल क लोगो, मइँ तू पचन्क आपन लोग बनवइ क बुलाएउ ह। तू एह बरे मोर सुना। मइँ परमेस्सर हउँ, मइँ ही सुरूआत हउँ अउर मइँ ही अन्त हउँ। 13 मइँ खुद आपन हाथन स धरती क रचना किहेउँ। मोरे दाहिन हाथे अकास क बनाएस। जदि मइँ ओनका गोहराउबउँ तउ दुइनउँ साथ-साथ मोरे समन्वा अइहीं। 14 एह बरे तू सबहिं जउन आपुस मँ एकट्ठा भए अहा मोर बात सुना। का कउनो लबार देवता तोहसे अइसा कहेस ह कि आगे चलिके अइसी बातन घटिहीं? नाहीं।” यहोवा इस्राएल स जेका, उ चुनेस ह, पिरेम करत ह उ जइसा चाही वइसा ही बाबुल अउर कसदियन क साथ करी। 15 यहोवा कहत ह कि “मइँ तोहसे कहे रहेउँ। मइँ ओका बोलाउब। मइँ ओका लिआउब अउर ओका सफल बनाउब। 16 आवा अउर मोर सुना, मइँ सुरू से ही एकर बारे मँ साफ-साफ बोलेस ह। मइँ उ समय हुवाँ पइ मोजूद रहा जब बाबुल क नींव पड़ी रहेन।” तउ नबी कहेस, “अब मोर सुआमी यहोवा मोका आपन आतिमा क संग एन बातन क तू पचन्क बतावइ बरे पठएस ह। 17 यहोवा जउन मुवितदाता अहइ अउर इस्राएल क पवित्तर अहइ, कहत ह, “मइँ तोहार यहोवा परमेस्सर अहउँ। मइँ तोहका सिखावत हउँ कि का हितकर अहइ। मइँ तोहका राहे पइ लिये चलत हउँ जइसे तोहका चलइ चाही। 18 अगर तू मानत अहा तउ तोहका ओतनी सान्ति मिल जात जेतनी नदी भरिके बहत ह। तोह पइ उत्तिम चिजियन अइसी छाइ जात जइसे समुद्र क तरंग होइँ। 19 जदि तू मानत्या तउ तोर सन्तानन बहोत बहोत होतिन। तोहार सन्तानन वइसे अनगिनत होइ जातिन जइसे रेत क असंख्य कण होत हीं। जदि तू मोर मानत्या तउ तउ तू नस्ट नाहीं होत्य। तू भी मोर संग बना होत्य।” 20 हे मोरे लोगो, तू पचे बाबुल क तजि द्या। हे मोर लोगो, तू पचे कसदियन स पराइ जा। खुसी मँ भरिके तू पचे लोगन स इ खबरिया क कहा। धरती पइ दूर-दूर इ खबर क फइलावा। तू पचे लोगन क बताइ द्या, “यहोवा आपन दास याकूब क उवारि लिहेस ह। 21 यहोवा आपन लोगन क रेगिस्ताने मँ राह देखाएस, अउर उ सबइ लोग कबहुँ पियासे नाहीं रहेन। काहेकि उ आपन लोगन बरे चटान फोड़िके पानी बहाइ दिहस।” 22 किन्तु परमेस्सर कहत ह, “दुस्टन क सान्ति नाहीं अहइ।”

49:1 हे दूर देसन क लोगो, मोर बात सुना। हे धरती क निवासियो, तू सबहिं मोर बात सुना। मोरे जनम स पहिले ही यहोवा मोका आपन सेवा बरे बोलाएस। जब मइँ आपन महतारी क गरभ मँ ही रहेउँ, यहोवा मोर नाउँ रख दिहे रहा। 2 यहोवा मोर जरिया स लोगन स बात किहेस। उ मोर जीव क तेज तरवार क नाईं बनाएस ह, किन्तु उ मोका आपन हाथ क छाया मँ छुपाएस ह। उ मोका तेज तीर क समान बनाएस ह, किन्तु उ आपन तीरन क तरकास मँ राखिके मोर रच्छा किहेस ह। 3 यहोवा मोका बताएस ह, “इस्राएल, तू मोर सेवक अहा। मइँ तोहरे संग मँ अजूबा काम करब।” 4 मइँ कहेस, “महँ कड़ी मेहनत किहे रहे हउँ, किन्तु मइँ कछू भी पूरा नाहीं किहस। मइँ आपन सब सवती लगाइ दिहेस, किन्तु मइँ कउनो काम पूरा नाहीं कइ सकेउँ! एह बरे यहोवा क मोर बरे जरूर निआव करइ चाही। मोर परमेस्सर क मोरे प्रतिफल क निर्णय जरूर करइ चाही। 5 यहोवा ही एक अहइ जउन मोका अपना सेवक उ टेम मँ बनाएस ह जे टेम मइँ आपन महतारी क गर्भ मँ रहा। उ मोका बनाएस ताकि मइँ याकूब क लोगन क ओकरे लगे लउटाइके लइ आउँ बरे, अउर इस्राएलियन क धर्म-संध मँ जमा कइ बरे लउटाइके लइ आउँ। यहोवा मोका मान देइ। मइँ परमेस्सर क स्तुति गीत गाएस।”अब, यहोवा कहत ह: 6 “याकूब क पुन:स्थापित करइ अउर इस्राएल क बचा भवा क जेका परमेस्सर बचाएस रहा वापिस लइ आवइ महत्वपूर्ण अहा। किन्तु मोर सेवक मोरे लगे तोहरे बरे एह स जियादा महत्वपूर्ण कार्य अहइ। मइँ तोहका पूरे धरती क उद्धार करइ बरे “रास्ट्र बरे एक प्रकास” बनाएउँ ह।” 7 इहइ इस्राएल यहोवा ह, इस्राएल क पवित्तर ह, इस्राएल क रच्छा करत ह अउर यहोवा कहत ह, “मोर दास विनम्र अहइ जउन सासकन क सेवा करत ह, अउर लोग ओहसे घिना करत हीं। राजा ओकर दर्सन करिहीं अउर ओकरे सम्मान मँ खड़ा होइहीं। महान नेता भी ओकरे समन्ना निहुरिहीं,” काहेकि यहोवा विस्सवासी अहइ। इस्राएल ही एक पवित्तर अहइ जेका यहोवा चुनेस ह। 8 यहोवा कहत ह, “उचित समय आवइ पइ मइँ तोहार पराथनन क जबाव देब। मइँ तोहका सहारा देब। मुवित क दिनन मँ मइँ तोहार रच्छा करब अउर तू एकर प्रमाण होब्या कि लोगन क संग मँ मोर वाचा अहइ। अब देस उजड़ चुका अहइ, किन्तु तू इ धरती एकरे सुआमियन क लउटवउब्या। 9 तू बन्दियन स कहब्य, “तू पचे आपन जेलि स बाहेर निकरि आवा।’ तू ओन लोगन स जउन अँधियारा मँ अहइँ, कहब्या, “अँधियारा स बाहेर आइ जा।’ उ पचे चलत भए राहे मँ भोजन कइ पइहीं। उ पचे वीरन पहाड़न मँ भी भोजन पइहीं। 10 लोग भूखा नाहीं रहिहीं, लोग पियासा नाहीं रहिहीं। गर्म सूरज, गर्म हवा ओनका दुःख नाहीं देइहीं। काहेकि उहइ जउन ओनका चैन देत ह, (परमेस्सर) ओनका राह देखॉॅइ। उहइ लोगन क पानी क झरनन क पास-पास लइ जाइ। 11 मइँ आपन लोगन बरे एक राह बनाउब। पर्वत समथर होइ जइहीं अउर दबी राहन ऊपर उठि अइहीं। 12 लखा, दूर दूर देसन स लोग हिआँ आवत अहइँ। उत्तर स लोग आवत अहइँ अउर लोग पच्छिम स आवत अहइँ। लोग मिस्र मँ स्थित असवान स आवत अहइँ।” 13 हे आकासो, हे धरती, तू खुस होइ जा। हे पर्वतो, आनन्द स जयकारा बोला! काहेकि यहोवा आपन लोगन क सुख देत ह। यहोवा आपन दीन हीन लोगन बरे बहुत दयालु अहइ। 14 किन्तु अब सिय्योन कहेस, “यहोवा मोका तजि दिहस। मोर सुआमी मोका बिसरि गवा।” 15 किन्तु यहोवा कहत ह, “का कउनो मेहरारू आपन ही बच्चन क भूल सकत ह नाहीं। का कउनो मेहरारू उ बच्चा क जउन ओकर ही कोख स जन्मा ह, भूल सकत ह नाहीं। सम्भव अहइ कउनो मेहरारू आपन सन्तान क बिसरि जाइ। परन्तु मइँ (यहोवा) तोहका नाहीं बिसरि सकत हउँ। 16 लखा जरा, मइँ आपन हथेली पइ तोहार नाउँ खोद लिहे हउँ। मइँ सदा तोहरे विसय मँ ही सोचा करत हउँ। 17 तोहार सन्तानन तोहरे लगे लउटि अइहीं। जउन लोग तोहका पराजित किहे रहेन, उ पचे ही मनइयन तोहका अकेल्ले तजि जइहीं।” 18 आपन आखँनि क ऊपर उठावा अउ चारिहुँ कइँती लखा। तोहार सबहिं गदेलन आपुस मँ एकट्ठी होइके तोहरे लगे आवति अहइँ। यहोवा क इ कहब अहइ, “आपन जिन्नगी क कसम खाइके मइँ तू पचन्क इ सबइ बचन देत हउँ, तोहार गदेलन ओन रत्नन जइसी होइहीं जेनका तू अपने गले मँ पहिरत अहा। तोहार गदेलन वइसी ही होइहीं जइसा उ वंठहार होत ह जेका दुलहिन पहिरत ह। 19 आजु तू नस्ट अहा अउर आजु तू पराजित अहा। तोहार भुइँया तबाही मँ अहइ। किन्तु कछू ही दिनन पाछे तोहरी धरती पइ बहोत सारे लोग होइही अउर उ सबइ लोग जउन तोहका उजारे रहेन, दूर बहोत दूर चला जइहीं। 20 जउन गदेलन तू खोइ दिहा, ओनके बरे तोहका बहोत दुःख भवा किन्तु उहइ पचे गदेलन तोहसे कहिहीं। ‘इ जगहिया रहइ क बहोत छोटी अहइ। हमका तउ कउनो फइली जगहिया द्या।” 21 फुन तू खुद अपने आप स कहब्या, ‘एन सबहिं गदेलन क मोरे बरे कउन जन्माएस? इ तउ बहोत अच्छा अहइ। मइँ दुःखी रहा अउर अकेल्ला रहा। मइँ हारा भवा रहा। मइँ आपन लोगन स दूर रहा। तउ इ सबइ गदेलन मोरे बरे कउन पालेस ह लखा तनिक, मइँ अकेल्ला छोड़ा गवा हउँ। इ सबइ ऍतने सबइ गदेलन कहाँ स आइ गएन?’” 22 मोर सुआमी यहोवा कहत ह, “लखा, आपन हाथ उठाइके इसारे स मइँ सारे ही देसन क बुलावे क संकेत देत हउँ। मइँ आपन झण्डा उठाउब कि सब लोग ओका लखइँ। फुन उ पचे तोहार गदेलन क तोहरे लगे लिअइहीं। उ सबइ लोग तोहरे गदेलन क आपन काँधे पइ उठइहीं अउर उ पचे ओनका आपन बाँहे मँ उठाइ लेइहीं। 23 राजा तोहरे गदेलन क सिच्छक होइहीं अउर सबइ राजकन्या ओनकर धियान रखिहीं। उ सबइ राजा अउर ओनकर सबइ राजकन्या दुइनउँ तोहरे समन्वा माथा नवइहीं। उ पचे तोहरे पाँवन भी धूरि क चुम्बन करिहीं। तबहिं तू जनब्या कि मइँ यहोवा हउँ। तबहिं तोहका समुझ मँ आई कि हर अइसा मनई जउन मोहमाँ भरोसा राखत ह, निरास नाहीं होइ।” 24 जब कउनो सवतीसाली योधा जुद्ध मँ जीतत ह तउ का कउनो ओकर जीती भइ वस्तुअन क ओहसे लइ सकत ह जब कउनो विजेता फउजी कउनो बन्दी पइ पहरा देत ह, तउ का कउनो पराजित बन्दी बचिके भरा सकत ह 25 किन्तु यहोवा कहत ह, “उ बलवान सैनिक स बन्दीयन क छोड़ाइ लीन्ह जाइ अउर जीत क चिजियन ओहसे छोरि लीन्ह जाइ। इ भला काहे क होइ? मइँ तोहरे जुद्धन क लड़ब अउर तोहरी सन्तानन बचाउब। 26 अइसे ओन लोगन क जउन तू पचन्क कस्ट देत हीं मइँ अइसा ही कइ देब कि उ पचे आपुस मँ एक दूसर क बदन क खाइँ। ओनकर खून दाखरस बन जाइ जेहसे उ पचे धुत्त होइहीं। तब हर कउनो जानी कि मइँ उहइ यहोवा हउँ जउन तोहका बचावत ह। सारे लोग जान जइहीं कि तोहका बचावइवाला याकूब क समर्थ अहइ।”

50:1 यहोवा कहत ह, “हे इस्राएल क लोगो, तू पचे कहा करत रह्या कि मइँ तोहार महतारी यरूसलेम क तलाक दिहेउँ। किन्तु उ तलाकपत्र कहाँ अहइ जउन साबित कइ देइ कि मइँ ओका तलाक दिहेउँ ह। हे मोरे गदेलो, का मइँ कउनो क कर्जदार अहउँ? का आपन कउनो कर्ज चुकावइ बरे मइँ तोहका बेचेउँ ह नाहीं। तू बिका रह्या एह बरे कि तू बुरे करम किहे रह्या। एह बरे तोहार महतारी दूर पठइ गइ रही काहेकि तू बुरा करम किहे रह्या। 2 जब मइँ घरे आवा रहेउँ, मइँ हुआँ कउनो क नाहीं पाएउँ। मइँ बार-बार गोहराएउँ किन्तु कउनो जबाव नाहीं दिहस। का तू पचे सोचत अहा कि तोहका मइँ नाहीं बचाइ सकत हउँ? मइँ तोहार बिपत्तियन स तोहका पचन्क बचावइ क सवती धरत हउँ। लखा, जदि मइँ समुद्दर क झुराइ क आदेस देउँ तउ उ झुराइ जाइ। मछरियन परान तजि देइहीं काहेकि हुवाँ जल न होइ अउर ओनकर देह सड़ि जाइ। 3 मइँ अकासन क करिआ कइ सकत हउँ। अकास वइसे ही करिआ होइ जइहीं जइसे सोक वस्त्र होत हीं।” 4 मोर सुआमी यहोवा मोका सीख देइ क जोग्यता दिहस ह। ऍह बरे मइँ थका भवा लोगन क प्रोत्साहित करत हउँ अउर ससकत बनावत हउँ। हर भिंसारे उ मोका जगावत ह अउर एक छात्र क नाईं सिच्छा देत ह। 5 मोर सुआमी यहोवा सीखइ मँ मोर सहायक अहइ अउर मइँ ओकर विरोधी नाहीं बना अहउँ। मइँ ओकरे पाछे चलब नाहीं तजब। 6 ओन लोगन क मइँ आपन पिटाइ करइ देब। मइँ ओनका आपन दाढ़ी क बार नोचइ देबउँ। उ सबइ लोग जब मोरे बरे अपसब्द कइहीं अउर मोह पइ थूकिहीं तउ मइँ आपन मुँह नाहीं मोड़ब। 7 मोर सुआमी, यहोवा मोर मदद करी। एह बरे ओनकर अपसब्द मोका दुःख नाहीं पहोंचइहीं। मइँ सुदृढ़ रहब। मइँ जानत हउँ कि मोका निरास नाहीं होइ पड़ी। 8 एक उ जउन कउनो मोका दोख रहित बनाएस ह उ मोर संग अहइ, एह बरे कउन मनई मोका अपराधी साबित कइ सकत ह। जदि कउनो मनई सोचत ह कि उ मोर खिलाफ कउनो सिकायत रखत ह, तउ उ मनई क मोरे लगे आवइ द्या अउर अपना तर्क रखइ द्या। 9 किन्तु लखा, मोर सुआमी यहोवा मोर मदद करत ह। ऍह बरे कउन मनई अहइ जउन इ सिद्ध कइ सकी कि मइँ दोखी हउँ? उ सबइ सबहिं लोग वइसे ही बाहर फैंकइ जाइ जइसे पुरान कपड़न क जेका किरवन चट कइ जातहीं। 10 अगर कउनो मनई जउन यहोवा क आराधना करत ह अउर ओकर सेवक क संदेस भी सुनत ह, मगर अबहुँ तलक अंधेरे मँ बिना प्रकास क चलत ह, एका अपने यहोवा क नाउँ मँ बिस्सास रखइ चाही अउर ओका आपन परमेस्सर पइ जरूर भरोसा रखइ चाही। 11 “लखा, तू लोग आपन ही ढंग स जिअइ चाहत अहा। आपन आगी अउर आपन मसालन क तू पचे खुद बारत अहा। तू पचे आपन ही ढंग स रहइ चाहत अहा। किन्तु तू पचन्क सजा दीन्ह जाइ। तू पचे आपन ही आगी मँ भहराब्या अउर तोहार पचन्क आपन ही मसालन तू पचन्क बारि डइहीं। अइसी घटना मइँ घटवाउब।”

51:1 “मोर सुन्या, तोहमाँ स जउन लोग उत्तिम जिन्नगी जिअइ क कठिन प्रयत्न करत अहा अउर यहोवा क मदद खोजत अहा। अगर तू सही तरीके से जिअइ क उदाहरण चहात ह, लखा चट्टा (इब्राहीम) क जेहसे तू पचन्क काटि गवा अहइ, लखा खोखला चट्टान (सारा) क जेहसे तू पचन्क तरासत भवा अहइ। 2 हाँ, लखा आपन पिता इब्राहीम अउर आपन माँ सारा क जउन तू पचन्क जन्म दिहेस ह। उ इब्राहीम ही अकेला रहा जेका मइँ बोलाए रहा। किन्तु मइँ ओका वरदान दिहा अउर ओका एक बड़के रास्ट्र बनाइ दिहस।” 3 सिय्योन पर्वत क यहोवा वइसे ही आसीर्वाद देइ। यहोवा क यरूसलेम अउर ओकरे खंडहरन क बरे खेद होइ अउर उ नगर बरे कउनो बहोत बड़ा काम करी। यहोवा रेगिस्तान क बदल देइ। उ रेगिस्तान अदन क उपवन क जइसे एक उपवन मँ बदल जाइ। उ उजाड़ स्थान यहोवा क बगीचे जइसा होइ जाइ। लोग बहोत जियादा खुस होइहीं। लोग हुवाँ आनन्द परगट करिहीं। उ सबइ लोग धन्नबाद अउर विजय क गीत गइहीं। 4 “हे मेरे लोगो, मोर सुना! मइँ तू पचन क आपन उपदेसन क देब। मइँ आपन नेमन क प्रकास क तरह बनाउब जउन लोगन क देखइहीं कि कइसे ठीक तरह स जिया जात ह। 5 मइँ हाली ही परगट करब कि मइँ निआव स पूर्ण हउँ। मइँ हाली ही तोहार पचन्क रच्छा करब। मइँ आपन सवती क काम मँ लिआउब अउर मइँ सबहिं रास्ट्रन क निआव करब। सबहिं दूर-दूर क देस मोर बाट जोहत अहइँ। ओनकर मोर सवती क प्रतीच्छा अहइ जउन ओनका बचाई। 6 ऊपर अकासन क लखा, अकास अइसे लोप होइ जाइ जइसे धुआँ क एक बादर खोइ जात ह। अउर धरती अइसे ही बेकार होइ जाइ जइसे पुरान ओढ़ना बगैर कीमत क होत हीं। धरती क वासी आपन प्राण तजिहीं किन्तु मोर मुवित सदा ही बनी रही। मोर उत्तिमता कबहुँ नाहीं मिटी। 7 अरे ओ उत्तिमता क समुझइवाले लोगो, तू पचे मोर बात सुना। अरे ओ मोर सिच्छन पइ चलइवालो, तू पचे उ सबइ बातन सुना जेनका मइँ बतावत हउँ। दुट्ठ लोगन स तू पचे जिन डेराअ। ओन बुरी बातन स जेनका उ पचे तू पचन्स कहत हीं, तू पचे भयभीत जिन ह्वा। 8 काहेकि उ पचे पुराना कपड़न क नाईं होइहीं। ओनका किरवन खाइ जइहीं। उ पचे ऊन क जइसे होइहीं जेका किरवन चाट जइहीं। संसार क लोग मरिहीं, किन्तु मोर मुक्ती सदौ ही बना रही। मोर अच्छाइ निरन्तर बनी रही।” 9 यहोवा क भुजा जाग-जाग। आपन सवती क सज्जित करा। तू आपन सवती क प्रयोग करा। तू वइसे जाग जा जइसे तू बहोत बहोत पहिले जागा रह्या। तू उहइ सवती अहा जउन रहाब क छवकन छुड़ाए रहा। तू भयानक मगरमच्छ क ध्वाये रह्या। 10 तू सागरे क सुखाया। तू गहिर समुद्र क जलहीन बनाइ दिहा। तू सागर क गहिर सतह क एक राहे मँ बदल दिहा अउर तोहार लोग उ राह स पार भएन अउर बच गए रहेन। 11 यहोवा आपन लोगन क रच्छा करी। उ पचे सिय्योन पर्वत कइँती आनन्द मनावत भए लउटि अइहीं। इ सबइ सबहिं आनन्द मँ मगन होइहीं। सारे ही दुःख ओनसे दूर कहूँ भाग जइहीं। 12 यहोवा कहत ह, “मइँ उहइ हउँ जउन तू पचन्क चइन दिया करत ह। एह बरे तू पचन्क दूसर लोगन्स काहे डेराइ चाही? उ पचे तउ बस मनइयन अहइँ जउन जिया करत हीं अउर मरि जात हीं। उ पचे वइसे मरि जात हीं जइसे घास मरि जात ह।” 13 यहोवा तू पचन्क रचेस ह। उ निज सवती स इ धरती क बनाएस ह। उ निज सवती स धरती पइ अकास तान दिहस। किन्तु तू पचे ओका अउर ओकर सवती क बिसरि गवा। एह बरे तू पचे सदा ही उ मनइयन स भयभीत रहत ह जउन तू पचन्क हानि पहोंचावत हीं। तोहार नास करइ क ओन लोग जोजना बनाएन, किन्तु आजु उ पचे कहाँ अहइँ? उ पचे सबहिं चलि गए रहेन! 14 लोग जउन बन्दी अहइँ, हाली ही मुवत होइ जइहीं। ओन लोगन क मउत काल कोठरी मँ नाहीं होइ अउर न ही उ पचे कारागार मँ सड़त रइहीं। ओन लोगन्क लगे खाइके पर्याप्त होइ। 15 “मइँ ही यहोवा तोहार पचन्क परमेस्सर हउँ। मइँ ही सागर क झकोरत हउँ अउर मइँ ही लहरन उठावन हउ।” (ओकर नाउँ सर्वसवतीमान यहोवा अहइ।) 16 “मोर सेवक, मइँ तोहका उ सबइ सब्द देब जेनका मइँ तोहसे कहलवावइ चाहत हउँ। मइँ तोहका आपन हाथन स ढकिके तोर रच्छा करब। मइँ तोहसे नवा अकास अउ नई धरती बनवाउब। मइँ तू पचन क जरिये सिय्योन क इ कहलवा वइ बरे कि ‘तू पचे मोर लोग अहा, ‘तोहार उपयोग करब।”‘ 17 जागा। जागा। यरूसलेम जाग उठा। यहोवा तोहसे बहोत ही कोहान रहा। एह बरे तोहका दण्ड दीन्ह गवा। उ दण्ड अइसा रहा जइसा जहर क कउनो पियाला होइ अउर उ तोहका पिअइ पड़इ अउर ओका तू पी लिहा। 18 यरूसलेम मँ बहोत स लोग हुआ करत रहेन किन्तु ओनमाँ स कउनो भी मनई ओकर अगुवाई नाहीं कइ सका। उ पाल-पोसके जउन गदेलन क बड़ा किहे रहा, ओनमाँ स कउनो भी ओका राह नाहीं देखाइ सका। 19 दुइ जोड़ा बिपत्ति यरूसलेम पइ टूट पड़ी अहइँ, लूटपाट अउर अनाज क परेसानी अउर भयानक भूख अउ सबइ हत्तिया।जब तू विपत्ति मँ पड़ी रही, कउनो भी तोहका सहास नाहीं दिहस, कउनो भी तोह पइ तरस नाहीं खाएस। 20 तोहार लोग दुर्बल होइ गएन। उ पचे हुवाँ धरती पइ भहराइ पड़ा अहइँ अउर हुँवइ पड़ा रइहीं। उ सबइ लोग हर गली का नुक्कड़ पर पड़ा अहइँ। उ सबइ लोग अइसे अहइँ जइसे कउनो जाल मँ फँसा हरिन होइ। ओन लोगन पइ यहोवा क कोप क मार तब तलक पड़त रही, जब तलक उ पचे अइस न होइ गएन कि दण्ड झेल ही न सकइ। परमेस्सर जब कहेस कि ओनका अउर दण्ड दीन्ह जाइ तउ उ पचे बहोत कमजोर होइ गएन। 21 बेचारे यरूसलेम, तू मोर सुन। तू कउनो धूत्त मनई क समान दुर्बल अहा किन्तु तू दाखरस पीके धुत्त नाहीं भवा अहा, बल्कि तू तउ “जहर क उ पियाला का पीके” अइसा दुर्बल होइ गवा अहा। 22 तोहार पचन्क परमेस्सर अउर सुआमी उ यहोवा आपन लोगन बरे जुद्ध करी। उ तू पचन्क कहत ह, “लखा! मइँ ‘जहर क इ पियाला’ (दण्ड) क तू पचन्स दूर हटावत हउँ। मइँ आपन किरोध क तू पचन्पइ स हटावत अहउँ। अब मोरे किरोध स तू पचन्क अउर दण्ड नाहीं भोगइ क होइ। 23 अब मइँ आपन किरोध क मार ओन लोगन पइ डाउब जउन तू पचन्क दुःख पहोंचावत हीं। उ सबइ लोग तू पचन्क मार डावइ चाहत रहेन। ओ लोग तू पचन्स कहे रहेन, ‘हमरे अगवा निहुरि जा। हम तू पचन्क वुचरि डाउब।’ आपन समन्वा निहुरावइ बरे उ पचे तू पचन्क मजबूर किहन। फुन ओ लोग तू पचन्क पीठ क अइसा बनाइ डाएन जइसे धूर-माटी होइ ताकि उ पचे तू पचन्क रौंद सकइँ। ओनके बरे चलइ क वास्ते तू पचे कउनो राहे क जइसा होइ गए रह्या।”

52:1 जाग उठा। जाग उठा हे सिय्योन। आपन वस्त्र क धारण करा। तू आपन सवती स भारा। हे पवित्तर यरूसलेम, तू खड़ा होइ जा। अइसे उ सबइ लोग जेनका परमेस्सर क अनुसरण करब कबूल नाहीं अहइ अउर जउन स्वच्छ नाहीं अहइँ, तोहमाँ फुन प्रवेस नाहीं कइ पइहीं। 2 तू धूरि झाड़ द्या। तू आपन सुन्नर ओढ़ना धारण करा। हे यरूसलेम, हे सिय्योन क बिटिया, तू एक बन्दिनी रहिउ किन्तु अब तू खुद क आपन गटई मँ बँधी जंजीरन स मुवत करा। 3 यहोवा क कहत ह, “तोहका धन क बदले मँ नाहीं बेचा गवा रहा, एह बरे जब मइँ तोहका आजाद करब तउ कउनो धन नाहीं देइ पड़ी।” 4 मोर सुआमी यहोवा कहत ह, “मोर लोग बस जाइ बरे पहिले मिस्र मँ गवा रहेन, अउर फुन उ पचे दास बन गएन। पाछे अस्सूर ओनका बेकार मँ ही दास बनाइ लिहे रहा। 5 अब लखा, इ का होइ गवा अहइ। अब कउनो दूसर रास्ट्र मोरे लोगन क लइ लिहे अहइ। मोरे लोगन क लइ जाइ बरे इ देस कउनो भुगतान नाहीं किहे रहा। इ देस मोरे लोगन पइ हुवुमत करत ह अउर ओनकर हँसी उड़ावत ह। हुवाँ क लोग सदा ही मोरे बरे बुरी बातन कहा करत हीं।” 6 यहोवा कहत ह, “अइसा एह बरे भवा कि मोरे लोग मोरे बारे मँ जानइँ। मोरे लोगन क पता चलि जाइ कि मइँ कउन हउँ? मोरे लोग मोर नाउँ जान जइहीं अउर ओनका इ भी पता चल जाइ कि उ मइँ ही हउँ जउन ओनसे बोलन हउँ।” 7 सुसमाचार क संग पहाड़न क उपर स आवत भए संदेसवाहक क लखब निहचय ही एक अद्भुत बात अहइ। कउनो संदेसवाहक क इ घोसणा करत भए सुनब केतना अद्भुत अहइ: “हुवाँ सान्ति क निवास अहइ, हम बचाइ लीन्ह गए अही। तोहार परमेस्सर राजा अहइ।” 8 नगर क रखवारे जयजयकार करइ लोगन ह। उ पचे आपुस मँ मिलिके आनन्द मनावत अहइँ। काहेकि ओनमाँ स हर एक यहोवा क सिय्योन क लउटिके आवत भए लखत अहइ। 9 यरूसलेम तोहार उ सबइ भवन जउन बर्बाद होइ चुके अहइँ फुन स खुस होइ जइहीं। तू पचे सबहिं आपुस मँ मिलिके आनन्द मनउब्या। काहेकि यहोवा यरूसलेम पइ दयालु होइ जाइ। यहोवा आपन लोगन क उद्धार करी। 10 यहोवा सबहिं रास्ट्रन क ऊपर आपन पवित्तर सवती दर्साइ अउर सबहिं उ सबइ देस जउन दूर-दूर बसा अहइँ, लखिहीं कि परमेस्सर आपन लोगन क रच्छा कइसे करत ह। 11 तू लोगन क चाही कि बाबुल छोड़ जा। उ जगह छोड़ द्या। हे लोगो, ओन वस्तुअन क लइ चलइवाले जउन उपासना क काम आवति हीं, अपने आप क पवित्तर करा। अइसी कउनो भी वस्तु जउन पवित्तर ओका जिन छुआ। 12 तू पचे बाबुल तजब्या किन्तु हाली मँ तजइ क तू पचन्पइ कउनो दबाव नाहीं होइ। तू पचे चलिके बाहेर जाब्या अउर यहोवा तू पचन्क संग संग चली। तू पचन्क अगुवाई यहोवा ही करी अउर तोहार पचन्क रच्छा बरे इस्राएल क परमेस्सर पाछे-पाछे भी होइ। 13 “मोरे सेवक कइँती लखा। इ बहोत सफल होइ। इ बहोत महत्वपूर्ण होइ। अगवा चलिके लोग ओका आदर देइहीं अउर ओकर सम्मान करिहीं।” 14 “किन्तु बहोत स लोग जब मोरे सेवक क लखेन तउ उ पचे भौचवके रहि गएन। मोर सेवक एतना बुरी तरह स सतावा ग रहा कि उ पचे ओका एक मनई क रूप मँ बड़ी दिवकत स पहचान पाएन। 15 किन्तु बहोत सारे रास्ट्रन भी चकित होइहीं। राजा ओका लखिके अचरजे मँ पड़ि जइहीं अउर एक सब्द भी नाहीं बोल पइहीं। उ मोर सेवक क बारे मँ नाहीं सुनी ही किन्तु जउन कछू भवा रहा उ पचे ओका लखे रहेन। उ लोग ओकर बारे मँ सुने भर नाहीं रहेन किन्तु ओका समझे रहेन।”

53:1 हम जउन बातन बताए रहे, ओनकर फुरइ कउन बिस्सास किहस? यहोवा क दण्ड क फुरइ कउन कबूलेस? 2 यहोवा क समन्वा एक नान्ह पउधन क तरह ओकर बढ़वार भइ। उ एक अइसी जड़ क समान रहा जउन झुरान धरती मँ फूटति रही। उ कउनो खास, नाहीं देखाइ देत रहा। न ही कउनो ओकर कउनो विसेस महिमा रही। जदि हम ओका देखिन तउ हमका ओहमा कउनो अइसी विसेस बात नाहीं देखाइ देत, जेहसे हम ओका चाह सकित। 3 ओहसे घिना कीन्ह गइ रही अउर ओकर मीतन ओका तजि दिहे रहेन। उ एक अइसा मनई रहा जउन पीरा क जानत रहा। उ बीमारी क बहोत अच्छी तरह पहिचानत रहा। लोग ओका एतना भी आदर नाहीं देत रहेन कि ओका देख तउ लेइँ। हम तउ ओह पइ धियान तलक नाहीं देत रहे। 4 किन्तु उ हमार पाप अपने उपर लइ लिहस। उ हमार पीरा क हमसे लइ लिहस अउर हम इहइ सोचत रहे कि परमेस्सर ओका दण्ड देत अहइ। हम सोचा परमेस्सर ओह पइ ओकरे करमन बरे मार लगावत अहइ। 5 किन्तु उ तउ ओन बुरे कामन बरे बेधा जात अहइ, जउन हम किहे रहे। उ हमार अपराधन बरे वुचरा जात रहा। जउन कर्जा हमका चुकावइ क रहा, यानी हमार दण्ड रहा, ओका उ चुकावत रहा। ओकरी सबइ यातना क बदले मँ हम चंगे (छिमा) कीन्ह ग रहे। 6 किन्तु ओकरे एतना करइ क पाछे भी हम सब भेड़िन क तरह एहर-ओहर भटक गए। हम मँ स हर एक आपन-आपन राह चला गवा। यहोवा क जरिये हमक हमार अपराधन स मुवत कइ दीन्ह जाइ क पाछे अउर हमरे अपराध क आपन सेवक स जोड़ देइ पर भी हम अइसा कीन्ह। 7 ओका सतावा गवा अउर दण्डित कीन्ह गवा। किन्तु उ ओकरे विरोध मँ आपन मुँह नाहीं खोलेस। उ बध बरे लइ जाइ जात भइ मेमना क समान चुप रहा। उ उ मेमना क समान चुप रहा जेकर ऊन उतारा जात रहा होइ। उ कबहुँ आपन मुँह नाहीं खोलेस। 8 लोग ओह पइ बल प्रयोग किहन अउर ओका लइ गएन। ओकरे साथ खरेपन स निआव नाहीं कीन्ह गवा। ओकर भावी परिवार बरे कउनो वुछ नाहीं कहि सकत काहेकि सजीव लोगन क धरती स ओका उठाइ लीन्ह गवा। मोर लोगन क पापन्क भुगतान करइ बरे ओका दण्ड दीन्ह गवा रहा। 9 ओकर मउत होइ गइ अउर दुट्ठ लोगन क संग ओका गाड़ा गवा। धनवान लोगन क बीच ओका दफनावा गवा। उ कबहुँ कउनो हिंसा नाहीं किहेस। उ कबहुँ झूठ नाहीं बोलेस किन्तु फुन भी ओकरे साथ अइसी बातन घटिन। 10 यहोवा ओका वुचर डावइ क निहचय किहेस। यहोवा निहचय किहस कि उ सबइ यातना झेलइ। तउ सेवक आपन प्रान तजइ क खुद क सौंपेस। किन्तु उ एक नवा जीवन अनन्त-अनन्त काल तलक बरे पाई। उ आपन लोगन क लखी। यहोवा ओका जउन करइ चाहत ह, उ ओन बातन क पूरा करी। 11 उ आपन आतिमा मँ बहोत सी पीरन झेली किन्तु उ घटइवाली अच्छी बातन क लखी। उ जउने बातन क गियान प्राप्त करत ह, ओनसे संतुट्ठ होइ। मोर उ उत्तिम सेवक बहोत स लोगन क ओनके अपराधन स छुटकारा दिलवाई। उ ओनके पापन्क अपने सिरन पइ लइ लेइ। 12 एह बरे मइँ ओका बहोतन क संग पुरस्कार क सहभागी बनाउब। उ सबइ चिजियन क उ लोगन क बीच मँ बाँटब जउन मज़बूत अहइ। काहेकि उ आपन जिन्नगी दूसरन बरे दइ दिहस।उ अपने आप क अपराधियन क बीच गना जाइ दिहस। जबकि उ वास्तव मँ बहुतेरन क पापन्क दूर किहस अउर अब उ पाप बरे ओनकर रच्छक क रूप मँ बोलत ह।

54:1 हे बाँझ मेहरारू, तू खुस होइ जा। तू गदेलन क जन्म नाहीं दिहा, किन्तु फुन भी तोहका बहोत खुस होइ चाही। यहोवा कहेस, “जउन मेहरारू अकेल्ली अहइ, ओकर जियादा सन्तानन होइहीं बनिस्बत उ मेहरारू क जेकरे लगे ओकर पति अहइ।” 2 आपन तम्बू फइलावा, आपन दुआर पूरा खोला। आपन तम्बू क बढ़इ स जिन रोका। आपन रस्सियन बढ़ावा अउर खूँटन मजबूत करा। 3 काहेकि तू आपन बंस-बेल दाहिन अउ बाएँ फइलाई। तोहार सन्तानन अनेकानेक रास्ट्रन क धरती क लइ लेइहीं अउर उ सबइ सन्तानन ओन नगरन मँ फुन बसिहीं जउन बर्बाद भ रहेन। 4 तू ससाउ जिन, तू लज्जित नाहीं होबिउ। आपन मन जिन हारा काहेकि तोहका अपमानित नाहीं होइ क होइ। जब तू जवान रहिउ, तू लज्जित भइ रहिउ किन्तु उ लज्जा क अब तू बिसरब्या। अब तोहका उ लाज नाहीं याद राखब अहइ तू जेका उ काल मँ भोग्या रहा जब तू आपन भतार खोया रह्या। 5 काहेकि तोहार भतार उहइ रहा! जउन तोहका रचे रहा। ओकर नाउँ सर्वसवतीमान यहोवा अहइ। उहइ इस्राएल क रच्छा करत ह, उहइ इस्राएल क पवित्तर अहइ अउर उहइ समूची धरती क परमेस्सर कहवावत ह। 6 तू एक ठु अइसी मेहरारू क जइसी रहिउ जेका ओकर ही भतार तलाक दिहे रहा। तोहार मन बहोत भारी रहा किन्तु तोहका यहोवा आपन बनावइ बरे बोलाए रहा। तू उहइ मेहरारू क समान अहा जेकर बचपने मँ ही बियाह भवा अउर जेका ओकर भतार तलाक दिहेस ह। किन्तु परमेस्सर तू पचन्क आपन बनावइ बरे बोलाएस ह। 7 तोहार परमेस्सर कहत ह, “मइँ तोहका थोड़े समय बरे तजे रहेउँ। किन्तु अब मइँ तोहका फुन स अपने पास आउब अउर आपन महा करुणा तोह पइ दर्साउब। 8 मइँ बहोत कोहाइ गवा अउर थोड़े स समय क बरे तोहसे छुप गवा किन्तु आपन महाकरुणा स मइँ तोहका सदा चैन देब।” तोहार उद्धारकर्ता यहोवा इ कहेस ह। 9 परमेस्सर कहत ह, “इ ठीक वइसा ही अहइ जइसे नूह क काल मँ मइँ बाढ़ क जरिये दुनिया क दण्ड दिहे रहेउँ। मइँ नूह क वरदान दिहेउँ कि फुन स मइँ दुनिया पइ बाढ़ नाहीं लाउब। उहइ तरह तोहका, मइँ उ वचन देत हउँ, मइँ तोहसे वुपित नाही होब अउर तोहसे फुन कठोर बचन नाहीं बोलब।” 10 यहोवा कहत ह, “चाहे पर्वत लुप्त होइ जाइँ अउर इ पहाड़ियन रेत मँ बदल जाइँ किन्तु मोर करुणा तोहका कबहुँ भी नाहीं तजी। मइँ तोहसे मेल करब अउर उ मेल क कबहुँ अंत न होइ।” यहोवा तोह पइ करुणा देखावत ह अउर उ यहोवा ही उ सबइ बातन बताएस ह। 11 “हे नगरी, हे दुखियारी! तोहका तूफानन सतायन ह अउर कउनो तोहका चैन नाहीं दिहेस ह। मइँ तोहार कीमती पाथरन स फुन स निर्माण करब। मइँ तोहार नींव फिरोजन अउ नीलम स धरब। 12 मइँ तोहार देवारन चुनइ मँ माणिक क लगाउब। तोहरे दुआरन पइ दमकत भए रत्नन क जड़ब। तोहरी सबहिं देवारन मइँ कीमती पाथरन स उठाउब। 13 तोहार सन्तानन यहोवा ब्दारा सिच्छित होइहीं। तोहार सन्तानन क सम्पन्नता महान होइ। 14 मइँ तोहार निर्माण खरेपन स करब ताकि तू दमन अउर अन्याय स दूर रहा। फुन कछू नाहीं होइ जेहसे तू डरब्या। तोहका नोस्कान पहोंचावइ कउनो भी नाहीं आई। 15 मोर कउनो भी सेना तोहसे कबहुँ जुद्ध नाहीं करी। अउर जदि कउनो सेना तोह पइ चढ़ बइठइ क प्रयत्न करइ तउ तू उ सेना क पराजित कइ देब्या। 16 “लखा, मइँ लोहार क बनाएउँ ह। उ लोहे क तपावइ बरे धौंकनी धौवंत ह। फुन उ तपे लोहे स जइसे चाहत ह, वइसे औजार बनावत ह। उहइ प्रकार मइँ ‘विनासकर्ता’ क बनाएउँ ह जउन वस्तुअन क नस्ट करत ह। 17 “तोहका हरावइ बरे लोग हथियार बनइहीं किन्तु उ सबइ हथियार तोहका कबहुँ हराइ नाहीं पइहीं। कछू लोग तोहरे विरोध मँ बोलिहीं। किन्तु हर अइसे मनई क बुरा साबित कीन्ह जाइ जउन तोहरे विरोध मँ बोली।”यहोवा कहत ह, “यहोवा क सेवकन क का मिलत ह ओनका निआव क विजय मिलत ह इ ओनका मोहसे मिलत ह।”

55:1 “हे पियासे लोगों, आवा पानी पिआ। अगर तोहरे पचन्क लगे नाहीं धन ही अहइ, तउ एकर चिन्ता जिन करा। आवा, खाना ल्या अउर खा। तू पचन्क एकर कीमत देइ क जरूरत नाहीं अहइ। बिना कउनो कीमत क दूध अउ दाखरस ल्या। 2 बियर्थ ही आपन धन अइसी कउनो वस्तु पइ काहे बर्बाद करत अहा जउन सच्चा भोजन नाहीं अहइ? अइसी कउनो वस्तु बरे काहे स्रम करत अहा जउन फुरइ मँ तू पचन्क तृप्त नाहीं करती? मोर बात धियान स सुना। तू पचे सच्चा भोजन पउब्या। तू पचे उ भोजन क आनन्द लेब्या जेहसे तोहार पचन्क मन तृप्त हो जाइ। 3 जउन कछू मइँ कहत हउँ, धियान स सुना। मोर सुना ताकि तोहार आतिमा जिअब। तू पचे मोरे पास आवा अउर मइँ तोहरे सबन्क साथ एक करार करब जउन सदा-सदा क बरे बना रही। इ करार वइसी ही होइ जइसी करार दाऊद क संग मइँ किहे रहेउँ। मइँ दाऊद क वचन दिहे रहेउँ कि मइँ ओह पइ सदा करुणा करब। अउर तू पचे उ वचन पइ बिस्सास कइ सकत ह। 4 मइँ आपन उ सवती क दाऊद क साच्छी बनाए रहेउँ जउन सबहिं रास्ट्रन बरे रही। मइँ दाऊद क बहोत देसन क प्रसासक अउर ओनकर सेनापति बनाए रहेउँ।” 5 अनेक अग्यात देसन मँ अनेक अनजानी जातियन अहइँ। तू ओन सबहिं जातियन क बोलउब्या, जउन जातियन तोहसे अपरिचित अहइँ किन्तु उ पचे पराइके तोहरे पास अहइ। अइसा घटी काहेकि तोहार परमेस्सर यहोवा अइसा ही चाहत ह। अइसा घटी काहेकि उ इस्राएल क पवित्तर तोहका मान देत ह। 6 तउ तू पचे यहोवा क हेरा। कहूँ बहोत देर न होइ जाइ। अब तू पचे ओका गोहराइ ल्या जब तलक उ तोहरे पचन्क लगे अहइ। 7 हे पापियो! आपन पापपूर्ण जिन्नगी क तजा। तू पचन्क चाही कि तू पचे बुरी बातन सोचब तजि द्या। तू पचन्क चाही कि तू पचे यहोवा क लगे लउटि आवा। जब तू पचे अइसा करब्या तउ यहोवा तू पचन्क सुख देइ। ओन सबहिं क चाही कि उ पचे यहोवा क सरन मँ आवइँ काहेकि परमेस्सर हमका छिमा करत ह। 8 यहोवा कहत ह, “तोहार पचन्क विचार वइसे नाहीं, जइसे मोर अहइँ। तोहार पचन्क राहन वइसे नाहीं जइसी मोर राहन अहइँ। 9 जइसे धरती स ऊँच सरग अहइँ वइसे ही तोहार राहन स मोर राहन ऊँच अहइ। अउर मोर विचार तोहरे पचन्क विचारन स ऊँच अहइँ।” इ सबइ बातन यहोवा ही कहेस ह। 10 अकासे स बर्खा अउर हिम गिरा करत हीं अउर उ पचे फुन नाहीं लउट जातेन जब तलक उ पचे धरती क नाहीं छुइ लेत हीं, अउर धरती क गीला नाहीं कइ देत हीं। फुन धरती पउधन क अंवुरित करत ह अउर ओनका बढ़ावत ह अउर उ सबइ पउधन किसानन क बरे बीज उपजावत हीं अउर लोग ओन बीजन स खाइ बरे रोटियन बनावत हीं। 11 अइसे ही मोर मुख मँ स मोर सब्द निकसत हीं अउर जब तलक घटनन क घटाइ नाहीं लेतेन, उ पचे वापस नाहीं आवत हीं। मोर सब्द अइसी घटनन क घटावत हीं जेनका मइँ घटवावइ चाहत हउँ। मोर सब्द उ सबइ सबहिं बातन पूरी कराइ लेत हीं जेनका करवावइ क मइँ ओनका पठवत हउँ। 12 जब तू पचन्क आनन्द स भरिके सान्ति अउर एकता क साथ मँ उ धरती स छुड़ाइके लइ जावा जाइ रहा होइ जेहमाँ तू पचे बन्दी रह्या, तउ तोहरे पचन क समन्वा खुसी मँ पहाड़ फट प़डिहीं अउर थिरकइ लगिहीं। पहाड़ियन नाच मँ फूटि पड़िहीं। तोहार पचन्क समन्वा जंगल क सबहिं बृच्छ अइसे हलइ लगिहीं जइसे तालियन पीट रहा होइँ। 13 जहाँ कँटेरी झाड़ियन जमा करत हीं हुवाँ देवदार क बिसाल बृच्छ जमिहीं। जहाँ खरपतवार जमा करत रहेन, हुवाँ हिना क बृच्छ जमिहीं। इ सबइ बातन यहोवा क प्रसिद्ध करिहीं। इ सबइ बातन प्रमाणित करिहीं कि यहोवा सवतीपूर्ण अहइ। इ प्रमाण कबहुँ नस्ट नाहीं होइ।”

56:1 यहोवा इ सबइ बातन कहे रहा, “सब लोग क साथ उहइ काम करा जउन निआव स पूर होइ। काहेकि मोर उद्धार हाली ही तोहरे पचन्क लगे आवइ क अहइ। सारे संसार मँ मोर छुटकारा हाली ही परगट होइ।” 2 अइसा मनई जउन सबित क दिन क पालन एका बिना दूसित कइ भए करत ह अउर उ मनई जउन बुरा नाहीं करी आसीर्बाद पाइहीं। 3 उ गैर यहूदी लोग जउन यहोवा क लोगन मँ सामिल होइ पसन्द करत ह। अइसे मनइयन क इ नाहीं कहइ चाही: “यहोवा मोर संग आपन “वास्वित” लोगन अलग थलग जइसा बेउहार करब्या। उ असल मँ मोका आपन अपना लोगन मँ स एक क रूप मँ स्वीकार नाहीं करब्या!” कउनो हिंजड़े क इ नाहीं कहइ चाही: “मइँ काठे क एक झुरान टुका हउँ अउर मइँ कउनो गदेला क बाप नाहीं बन सकब।” 4 एन हिंजड़न क अइसी बातन नाहीं कहइ चाही काहेकि यहोवा कहे रहा: “एनमाँ स कछू हिंजड़े सबित क नेमन क पालन करत हीं अउर जउन मइँ चाहत हउँ, उ पचे वइसा ही करइ चाहत हीं। उ पचे सच्चे मन स मोरी वाचा क पालन करत हीं। एह बरे मइँ आपन मंदिर मँ ओनके बरे यादगार क एक ठु पाथर लगाउब। मोरे नगर मँ ओनके नाउँ क याद कीन्ह जाइ। हाँ! मइँ ओनका पुत्र-पुत्रियन स भी कछू अच्छा देबउँ। ओन हिंजड़न क मइँ एक नाउँ देबउँ जउन सदा-सदा बना रही। मोर लोगन स उ पचे काटिके अलग नाहीं कीन्ह जइहीं।” 5 6 कछू अइसे लोग जउन यहूदी नाहीं अहइँ, अपने आप क यहोवा स जोरिहीं। उ पचे अइसा एह बरे करिहीं कि यहोवा क सेवा अउर यहोवा क नाउँ क पिरेम कइ पावइँ। यहोवा क सेवक बनइ बरे उ पचे खुद क ओहसे जोड़ लेइही। उ पचे सबित क दिन क उपासना क एक बिसेस दिन क रूप मँ माना करिहीं अउर उ पचे मोर करार क गंभीरता स पालन करिहीं। 7 यहोवा कहत ह, “मइँ ओन लोगन क आपन पवित्तर पर्वत पइ लिआउब। आपन पराथना भवन मँ मइँ ओनका आनन्द स भरि देब। उ पचे जउन भेंट अउर बलियन मोका अपिर्त करिहीं, मइँ ओनसे खुस होब। काहेकि मोर मंदिर सबहिं रास्ट्रन क लोगन क पराथना क घर कहावा जाइ।” 8 इ उह अहइ जउन मोर सुआमी करत ह,“मइँ उहइ हउँ जउन देस निस्कासित कीन्ह भवा इस्राएलियन क जेका सताया गवा अहइ एकट्ठा किहेउँ ओनकर संग ओन सबहिं बिदेसियन क जोड़इ जउन बिदेसियन ओकर संग एकट्ठा भए अहा।” 9 हे वन क पसुओ। तू पचे सबहिं खइया पइ आवा। 10 इ सबइ धरम क रखवारे (नबी) सबहिं नेत्रहीन अहइँ। ओनका पता नाहीं कि उ पचे का करत अहइँ। उ पचे उ गूँगे वूवुर क नाईर् अहइँ जउन नाहीं जानत कि कइसे भौवंा जात ह उ पचे धरती पइ लउटत हीं अउर सोइ जात हीं। हाय! ओनका नींद पियारी अहइ। 11 उ सबइ लोग अइसे अहइँ जइसे भुखान वूवुर होइँ। जेनका कबहुँ भी तृप्ति नाहीं होत। उ पचे अइसे चरवाहन अहइँ जेनका पता तलक नाहीं कि उ पचे का करत अहइँ? उ पचे ओकर आपन ओन भेड़िन जइसे अहइँ जउन आपन रास्ता स भटकके कहूँ खोइ गइन। उ पचे लालची अहइँ ओनका तउ बस आपन पेट भरब भावत ह। 12 उ पचे कहा करत हीं, “आवा तनिक दाखरस ल्या अउर ओका पिआ यव सुरा भरपेट पिआ। हम भियान भी इहइ करब, भियान तनिक अउर जियादा पिअब।”

57:1 अच्छे लोग चला गएन किन्तु एक भी अइसा नाहीं अहइ जउन एह पइ धियान दिहस। लोग समुझत नाहीं अहइँ कि का कछू घटत अहइ। भले लोग बटोरा गएन। लोग समुझतेन नाहीं कि बिपत्तियन आवत अहइँ। ओनका पता तलक नाहीं अहइ कि भले लोग रच्छा बरे बटोरा गएन। 2 किन्तु सान्ति आइ अउर लोग अराम स आपन बिछउनन मँ सोइहीं अउर लोग उहइ तरह जिइहीं जइसे परमेस्सर ओनसे चाहत ह। 3 “हे चुड़ैलियन क गदेलनों, एँह कइँती आवा। तोहार पचन्क पिता बिभिचार क पापी अहइ। तोहार पचन्क महतारी आपन देह यौन बइपार मँ बेचा करत ह। एहर आवा। 4 हे विद्रोहियो अउर झूठी सन्तानों, तू पचे मोर हँसी उड़ावत अहा। मोह पइ आपन मुँह चिढ़ावत अहा। तू पचे मोह पइ जिभिया निकारत अहा। 5 तू पचे सबहिं हरिअर बृच्छन क खाते लबार देवतन क कारण कामातुर होत अहा। हर नदी क तीर पइ तू पचे बाल बध करत अहा अउर चट्टानी जगहियन पइ ओनकर बलि देत अहा। 6 नदी क गोल बट्टियन क तू पूजइ चाहत अहा। तू ओन पइ दाखरस ओनकर पूजा बरे चढ़ावत अहा। तू ओन पइ बलियन क चढ़ावा करत अहा किन्तु तू ओनके बदले बस पाथर ही पावत अहा। का तू इ सोचत अहा कि मइँ एहसे खुस होत हउँ? नाहीं। इ मोका खुस नाहीं करत अहइ। तू हर कउनो पहाड़ी अउर हर ऊँच पर्वत पइ आपन बिछउना बनावत अहा। 7 तू ओन ऊँची जगहन पइ जावा करत अहा अउर तू हुवाँ बलियन चढ़ावत अहा। 8 अउर फुन तू ओन बिछउनन क बीच जात अहा अउर मोरे विरुद्ध तू पाप करत अहा। ओन देवन स तू पिरेम करत अहा। उ पचे देवता तोहका भावत हीं। तू मोरे संग रह्या किन्तु ओनके संग होइ क बरे तू मोका तजि दिहा। ओन सबहिं बातन पइ तू परदा डाइ दिहा जउन तोहका मोर याद दिआवत ह। तू ओनके दुआरन क पाछे अउर दुआर क चउखटन क पाछे छुपाया अउर तू ओन लबार देवतन क लगे ओनके संग वाचा करइ जात अहा। 9 तू आपन तेल अउ फुलेल लगावत अहा ताकि तू आपन लबार देवता मोलक क समन्वा नीक देखाअ। तू आपन दूत दूर-दूर देसन क पठया ह अउर एहसे तू ही नरक मँ, मउत क देस मँ गिरब्या। 10 “एन बातन क करइ मँ तू परिस्रम किहा ह। फुन भी तू कबहुँ नाहीं थक्या। तोहका नई सवती मिलत रही काहेकि एन बातन मँ तू रस लिहा। 11 तू मोका कबहुँ नाहीं याद किहा हिआँ तलक कि तू मोह पइ धियान तलक नाहीं दिहा। तउ तू केकरे बारे मँ चिन्तित रहा करत रह्या? तू केहसे भयभीत रहत रह्या? तू झूठ काहे कहत रह्या? लखा मइँ बहोत दिनन स चुप रहत आवा हउँ अउर फुन तू मोर आदर नाहीं किहा। 12 मोका तोहार अच्छे कर्मन अउर तोहरे ओन उपलब्धियन क तारीफ करत रहइ क लाइके होइ चाही। किन्तु उ सबइ बातन जउन तू किहेस ह बेकार अहइ अउर तोहका कउनो लाभ नाहीं देत ह। 13 जब तोहका सहारा चाटी तउ तू ओन लबार देवन क जेनका तू आपन चारिहुँ कइँती जुटाया ह, काहे नाहीं गोहरावत अहा। किन्तु मइँ तोहका बतावत हउँ कि ओन सब क आँधी उड़ाइ देइ। हवा क एक झोका ओनका तोहसे छोर लइ जाइ। किन्तु उ मनई जउन मोरे सहारे अहइ, धरती क पाई। अइसा ही मनई मोर पवित्तर पर्वते क पाई। 14 रास्ता साफ करा। रास्ता साफ करा। मोरे लोगन बरे राह साफ करा। 15 उ जउन ऊँच अहइ अउर जेहका ऊपर उठावा गवा ह, उ जउन अमर अहइ, उ जेकर नाउँ पवित्तर अहइ, उ इ कहत ह: मइँ एक ऊँच अउर पवित्तर जगह पइ रहा करत हउँ किन्तु मइँ ओन लोगन क बीच रहा करत हउँ जउन दुःखी अउर विनम्र अहइँ। अइसे ओन लोगन क मइँ नई जिन्नगी देब जउन मने स विनम्र अहइँ। अइसे ओन लोगन का मइँ नई जिन्नगी देब जउन हिरदय स दुःखी अहइँ। 16 मइँ सदा-सदा ही मुकद्दमा लड़त रहब। सदा-सदा ही मइँ तउ वोधित नाहीं रहब। जदि मइँ कोहान ही रहउँ तउ मनई क आतिमा यानी उ जिन्नगी जेका मइँ ओनका दिहेउँ ह, मोरे समन्वा ही मरि जाई। 17 उ पचे लालच स हिंसा स भरा स्वारथ साधे रहेन अउर मोका वोधित कइ दिहे रहेन। मइँ इस्राएल क दण्ड दिहेउँ। मइँ ओका निकार दिहेउँ काहेकि मइँ ओह पइ कोहान रहेउँ अउर इस्राएल मोका तजि दिहस। जहाँ कहूँ इस्राएल चाहत रहा, चला गवा। 18 मइँ इस्राएल क राहन लखि लिहे रहेउँ। किन्तु मइँ ओका छिमा करब। मइँ ओका चैन देब अउर अइसे बचन बोलब जेहसे ओका आराम मिलइ अउर मइँ ओका राह देखाउब। फुन ओका अउर ओकरे लोगन क दुःख नाहीं छुइ पाई। 19 ओन लोगन्क मइँ एक नवा सब्द सान्ति सिखाउब। अउर मइँ ओन सबहिं लोगन क आसीर्बाद देब जउन सान्ति क साथ मोरे पास या दूर अहइँ।” यहोवा इ सब कहेस, मइँ ओन सबहिं लोगन क छिमा करब!” 20 किन्तु दुट्ठ लोग वोधित सागरे क जइसे होत हीं। उ पचे चुप या सान्त नाहीं रहि सकतेन। उ पचे वोधित रहत हीं अउर समुद्र क तरह कींचा उछारत रहत हीं। मोर परमेस्सर क कहब अहइ: 21 “दुट्ठ लोगन बरे कहूँ कउनो सान्ति नाहीं अहइ।”

58:1 जोर स नरिआअ, जेतना तू गोहराइ सका। आपन क जिन रोका। जोर स गोहरावा जइसे नरसिंहा बजावत ह। लोगन क ओनके बुरे कामन क बारे मँ जउन उ पचे किहेन ह, बतावा। याकूब क घराने क ओनके पापन क बारे मँ बतावा। 2 हरेक अइसा देखाइ देत ह जइसा उ बहोत धमीर् अहइ: हर दिना लोग मोर मदद तलास करत हीं। उ पचे मोर राहन क समुुझइ चाहत हीं। उ पचे ठीक वइसा ही देखाइ देत ह जइसे उ सबइ लोग कउनो अइसी जाति क होइँ जउन उहइ करत ह जउन उचित होत ह अउर जउन अपने परमेस्सर क कानूनन क उल्लंघन नाहीं किहेस ह। उ पचे मोहसे चाहत हीं कि ओनकर निआव निस्पच्छ होइ अउर परमेस्सर ओनके संग रहइ। 3 अब उ सबइ लोग कहत हीं, “तोहरे बरे आदर देखावइ क बरे हम पचे भोजन करब बंद कइ देइत ह। तू हमार कइँती लखत्या काहे नाहीं? तोहरे बरे आदर परगट करइ क बरे हम आपन देह क छति पहोंचावत अही। तू हमरी कइँती धियान काहे नाहीं देत्या?”किन्तु यहोवा कहत ह, “उपवास क ओन दिनन मँ उपवास रखत भए तू पचन्क आनन्द आवत ह किन्तु ओनहीं दिनन तू पचे आपन दासन क खून चूसत अहा। 4 तू पचे भोजन बरे भूखा नाहीं अहा। तू पचन्क आपुस मँ झगड़इ बरे अउर आपुस मँ लड़इ बरे उपवास रखत अहइँ। तू पचे आपन अत्याचार क हाथन स लोगन क पीटइ बरे भूखा रहत ह। जदि तू पचे चाहत अहा कि सरग मँ तोहार पचन्क परार्थना क सुनइ जाइ तउ उपवास रखइ क इ तरीका नाहीं अहइ। जइसे तू पचे आजु कल रखत अहा। 5 तू पचे का इ सोचत अहा कि भोजन नाहीं करइ क ओन बिसेस दिनन मँ बस मइँ लोगन क अपने तने क दुःख देत भए लखइ चाहत हउँ? का तू पचे अइसा सोचत अहा कि मइँ लोगन क दुःखी लखइ चाहत हउँ? का तू पचे इ सीचत अहा कि मइँ लोगन क मुरझाए भए पउधन क तरह सिर अउर सोक ओढ़ना पहिरे लखइ चाहत हउँ? का तू इ सोचत अहा कि मइँ लोगन क आपन दुःख परगट करइ क बरे राखी मँ बइठे लखइ चाहत हउँ? इहइ तउ उ सब कछू अहइ जउन तू खइया क न खाइ क दिनन मँ करत अहा। का तू अइसा सोचत अहा कि यहोवा तोहसे बस इहइ चाहत ह 6 “मइँ तोहका बताउब कि मोका कइसा बिसेस दिन चाही - एक अइसा दिन जब लोगन क अजाद कीन्ह जाइ। मोका एक अइसा दिन चाही जब तू लोगन क बोझ क ओनसे दूर कइ द्या। मइँ एक अइसा दिन चाहत हउँ जब तू दुःखी लोगन क अजाद कइ द्या। मोका एक दिन अइसा चाही जब तू ओनके काँधन स भार उतारि द्या। 7 मइँ चाहत हउँ कि तू भुखान लोगन क संग आपन खाइके चिजियन बाँटा। मइँ चाहत हउँ कि अइसे गरीब लोगन क हेरा जेनके लगे घर नाहीं अहइँ अउर मोर इच्छा अहइ कि तू ओनका आपन घरन मँ लइ आवा। तू जब कउनो अइसे मनई क लखा, जेनके लगे ओढ़ना न होइ तउ ओका आपन ओढ़ना दइ डावा। ओन लोगन क मदद स मुँह जिन मोड़ा, जउन तोहार आपन होइँ।” 8 जदि तू एन बातन क करब्या तउ तोहार प्रकास प्रभात क प्रकास क समान चमकइ लागी। तोहार जखम भर जइहीं। तोहार “नेकी” (परमेस्सर) तोहरे आगे-आगे चलइ लागी अउर यहोवा क महिमा तोहरे पाछे-पाछे चली आइ। 9 तू तबइ यहोवा क जब पुकरब्या, तउ यहोवा तोहका जवाब देइ। जब तू यहोवा क गोहरउब्या तउ उ कही, “मइँ हिआँ हउँ।”तोहका लोगन्क दमन करब अउर लोगन क दुःख देब तजि देइ चाही। तोहका लोगन स कउनो बातन बरे कड़ुआ सब्द बोलब अउर ओन पइ लांछन लगाउब तजि देइ चाही। 10 तोहका भूखन क भूख बरे दुःख क अनुभव करत भए ओनका भोजन देइ चाही। दुःखी लोगन क सहायता करत भए तोहका ओनकर जरूरत क पूरा करइ चाही। जब तू अइसा करब्या तउ अँधियारा मँ तोहार रोसनी चमक उठी अउर तोहका कउनो दुःख नाहीं रहि जाइ। तू अइसे चमक उठब्या जइसे दुपहर क समय धूप चमकत ह। 11 यहोवा सदा तोहार अगुवाई करी। रेगिस्तान मँ भी उ तोहरे मने क पियास बुझाई। यहोवा तोहार हाड़न क मजबूत बनाई। तू एक अइसे बाग क समान होब्या जेहमाँ पानी क बहुतायत अहइ। तू एक अइसे झरना क नाईर् होब्या जेहमाँ सदा पानी रहत ह। 12 बहोत बरिसन पहिले तोहार नगर उजाड़ दीन्ह ग रहेन। एन नगरन क तू नवा सिरे स बसउब्या। एन नगरन क निर्माण तू एकर पुरान नेबंन पइ तू करब्या। “तू टूटे भए परकोटे क बनावइवाले कहवउब्या अउर तू मकानन अउर रास्ट्रन क बहाल करइवाले कहवउब्या।” 13 अइसा उ समय होइ जब तू सबित क बारे मँ परमेस्सर क नेमन क तोड़इ छोड़ देब्या, जब तू जात्रा करइ अउर अइसा करइ क जइसा तू चाहत ह आराम क दिन मँ छोड़ देब्या। सबित क दिन क तोहका खुसी क साथ यहोवा क आदर करइ चाही, तोहका जात्रा नाहीं करइ चाही, तोहका उ काम नाहीं करइ चाही जेका तू आपन खुसी बरे करत ह, या तोहका दूसर लोगन क आपन बरे काम करइ क आदेस नाहीं देइ चाही। 14 तब तू यहोवा मँ खुसी पउब्या, अउर मइँ यहोवा धरती क ऊँच-ऊँच ठउरन पइ, तोहका लइ जाब। मइँ तोहार पेट भरब। मइँ तोहका अइसी ओन वस्तुअन क देब जउन तोहार बाप याकूब क लगे हुआ करत रहिन।इ सबइ बातन यहोवा बताए रहा।

59:1 लखा, तोहार रच्छा बरे यहोवा क सवती काफी अहइ। जब तू मदद बरे ओका गोहरावत ह तउ उ तोहार सुन सकत ह। 2 किन्तु तोहार पचन्क पाप तू पचन्क परमेस्सर स अलग करत हीं अउर इहइ बरे उ तोहरे पचन्क तरफ स कान बन्द कइ लेत ह। 3 तोहार पचन्क हाथ गन्दा अहइँ, उ सबइ खून स सने भए अहइँ। तोहार पचन्क अँगुरियन अपराधन स भरी अहइँ। आपन मुँहे स तू पचे झूठ बोलत अहा। तोहार पचन्क जिभियन बुरी बातन करत हीं। 4 दूसर मनइ क बारे मँ कउनो मनई फुरइ नाहीं बोलत। लोग अदालत मँ एक दूसर क खिलाफ मुकद्दमा करत हीं। आपन मुकद्दमा जीतइ बरे उ पचे झूठे तर्कन पइ आसरा करत हीं। उ पचे एक दूसर क बारे मँ परस्पर झूठ बोलत हीं। उ पचे कस्ट क गर्भ मँ धारण करत हीं अउर बुराइयन क जनम देत हीं। 5 उ पचे सरप क बिख भरे अण्डन क समान बुराई क सेवत हीं। अगर ओनमाँ स तू एक अण्डा भी खाइ ल्या तउ तोहार मउत होइ जाइ अउर अगर तू ओनमाँ स एक अण्डा फोड़ द्या तउ एक जहरीला नाग बाहेर निकरि पड़इ।लोग झूठ बोलत हीं। इ झूठ मकड़ी क जालन जइसी कपड़े नाहीं बन सकतेन। 6 ओन जालन स तू आपन क ढाँपि नाहीं सकतेन।कछू लोग बदी करत हीं अउर आपन हाथन स दूसरन क नोस्कान पहोंचावत हीं। 7 अइसी लोग आपन गोड़न क प्रयोग बदी क लगे पहोंचइ बरे करत हीं। इ सबइ लोग निदोर्ख मनइयन क मारि डावइ क जल्दी मँ रहत हीं। उ पचे बुरे विचारन मँ पड़े रहत हीं। उ पचे जहाँ जात हीं बिनास अउ बिध्वंस फइलावत हीं। 8 अइसे लोग सान्ति क मारग नाहीं जानतेन। ओनकर जिन्नगी मँ नेकी तउ होत ही नाहीं। ओनकर रास्तन ईमानदारी क नाहीं होतेन। कउनो भी मनई जउन ओनके जइसा जिन्नगी जिअत ह, आपन जिन्नगी मँ कबहुँ सान्ति नाहीं पाई। 9 एह बरे परमेस्सर क निआव अउर मुवित हम स दूर अहइ। हम प्रकास क बाट जोहत अही। पर बस केवल अन्धकार फइला अहइ। हमका चमकत प्रकास क आसा अहइ। किन्तु हम अँधियारा मँ चलत अही। 10 हम अइसे लोग अही जेनके लगे आँखिन नाहीं अहइँ। नेत्रहीन लोगन क तरह हम देवारन क टटोरित चलत अही। हम ठोकर खात अही अउर गिर जात अही जइसे इ रात होइ। दिन क प्रकास मँ भी हम मुर्दन क भाँति गिर पड़ित ह। 11 हम सब बहोत दुःखी अही। हम सब अइसे कराहत अही जइसे कउनो रीछ अउर कउनो कबूतर कराहत ह। हम अइसे उ समय क बाट जोहत अही जब लोग निस्पच्छ होइहीं किन्तु अबहिं तलक तउ कतहूँ भी नेकी नाहीं अहइ। हम उद्धार क बाट जोहत अही किन्तु उद्धार बहोत-बहोत दूर अहइ। 12 काहेकि हम आपन परमेस्सर क विरोध मँ बहोत पाप किहे अही। हमार पाप बतावत हीं कि हम बहोत बुरे अही। हमका एकर पता अहइ कि हम एन बुरे करमन क करइ क अपराधी अही। 13 हम पाप किहे रहे अउर हम आपन यहोवा स मुँह मोड़ लिहे रहे। यहोवा स हम विमुख भए अउर ओका तजि दीन्ह। हम बुरे करमन क जोजना बनाए रहे। हम अइसी ओन बातन क जोजना बनाए रहे जउन हमरे परमेस्सर क विरोध मँ रही। हम पचे उ सबइ बातन सोचे रहे अउर दूसरन क सतावइ क जोजना बनाए रहे। 14 हमसे नेकी क पाछे ढकेला गवा। निस्पच्छता दूर ही खड़ी रही। गलियन मँ सच्चाई गिर पड़ी रही माना नगर मँ अच्छाई क प्रवेस नाहीं भवा। 15 सच्चाई चली गइ अउर उ सबइ लोग लूटे गएन जउन भला करइ चाहत रहेन। यहोवा हेरे रहा किन्तु कउनो भी, कहीं भी अच्छाई न मिल पाई। 16 यहोवा हेर लखेस किन्तु ओका कउनो मनई नाहीं मिला जउन लोगन क संग खड़ा होइ अउर ओनका सहारा देइ। एह बरे खुद आपन सवती क अउर खुद आपन नेकी क प्रयोग किहस अउर यहोवा लोगन क बचाइ लिहस। 17 यहोवा नेकी क कवच, उद्धार क सिरस्त्रण (हेलमेट), दण्ड क वस्त्र, अउर आपन मज़बूत पिरेम क चोगा पहिरेस। 18 यहोवा आपन दुस्मन पइ कोहान अहइ तउ यहोवा ओनका अइसा दण्ड देइ जइसा ओनका मिलइ चाही। यहोवा आपन दुस्मनन स कोहान अहइ तउ यहोवा सबहिं दूर-दूर क देसन क लोगन क सजा देइ। यहोवा ओनका वइसा दण्ड देइ जइसा ओनका मिलइ चाही। 19 फुन पच्छिम क लोग यहोवा क नाम क आदर देइहीं अउर पूरब क लोग यहोवा क महिमा स भय विम्हित होइ जइहीं। यहोवा अइसे ही हाली आइ जाइ जइसे तेज नदी बहत भइ आइ जात ह। इ उ तेज हवा क रप्तार सा होइ जेका यहोवा उ नदी क तूफान बहावइ बरे पठवत ह। 20 तब सिय्योन पर्वत पइ एक छुड़ावइवाला आइ। उ याकूब क ओन लोगन क लगे आइ जउन पाप तउ किहे रहेन, किन्तु जउन परमेस्सर कइँती लउटि आए रहेन।” यहोवा इ सबइ बातन क कहेस, 21 यहोवा कहत ह, “मइँ ओन लोगन क संग एक वाचा करब। मइँ बचन देत हउँ मोर आतिमा अउर मोरे सब्द जेनका मइँ तोहरे मुखे मँ रखत हउँ तोहका कबहुँ नाहीं छोड़िहीं। उ पचे तोर संतानन अउर तोहार बच्चन क बच्चन क संग रहिहीं। उ पचे आजु तोहरे साथ रहिहीं अउर सदा-सदा तोहरे साथ रहिहीं।”

60:1 “हे यरूसलेम, हे मोर प्रकास, तू उठि जागा। तोहार प्रकास (परमेस्सर) आवत रहा बाटइ। यहोवा क मिहिमा तोहरे ऊपर चमकी। 2 आजु अँधियारा सारा जहान अउर ओकरे लोगन क ढक रखे अहइ। मुला यहोवा क तेज परगट होइ अउर तोहरे ऊपर चमकी। ओकर तेज तोहरे ऊपर देखाई देइ। 3 उ समय सबहिं देस तोहरे प्रकास क लगे अइहीं। राजा तोहरे भव्य तेज क लगे अइहीं। 4 आपन चारिहुँ कइँती लखा। लखा, तोहरे चारिहुँ कइँती लोग एकट्ठा होत अहइँ अउर तोहरी सरण मँ आवत अहइँ। इ सबइ सबहिं लोग तोहार पूत अहइँ जउन दूर बहोत दूर स आवत अहइँ अउर ओनके संग तोहार बिटियन आवत अहइँ। 5 अइसा भविस्स मँ होइ अउर अइसे समय मँ जब तू आपन लोगन क लखब्या तब तोहार मुँह खुसी स चमक उठिहीं। पहिले तू उत्तेजित होब्या किन्तु फुन आनन्दित होब्या। समुद्र पार देसन क सारी धन दौलत तोहरे समन्वा घरी होई। तोहरे लगे देसन क सम्पत्तियन अइहीं। 6 मिद्यान अउर एपा देसन क ऊँटत क झुण्ड तोहार धरती क ढाँपि लेइहीं। सिबा क देस स ऊँटन क लम्बी कतारन तोहरे हिआँ अइहीं। उ पचे सोना अउर सुगन्ध लइहीं। लोग यहोवा क खुसी क गीत गइहीं। 7 केदार क भेड़िन एकट्ठी कीन्ह जइहीं अउर तोहका दइ दीन्ह जइहीं। नबायोत क मेढ़न तोहरे बरे लिआवा जइही। उ पचे मोर वेदी पइ स्वीकार करइ क लायक बलियन बनिहीं अउर मइँ आपन अद्भुत मन्दिर अउर जियादा सुन्नर बनाउबउँ। 8 एन लोगन क लखा! इ सबइ तोहरे लगे जल्दी मँ आवत अहइँ जइसे मेघ अकास क जल्दी पार करत हीं। इ सबइ अइसे देखात अहइँ जइसे आपन घोंसलन कइँती उड़त भए कपोत होइँ। 9 सुदूर देस मोरी प्रतीच्छा मँ अहउँ। तर्सीस क बड़के बड़के जलयान जाइ क तत्पर अहइँ। इ सबइ जलयान तोहरे संतानन क दूर-दूर देसन स लिआवइ क तत्पर अहइँ। अउर एन जहाजन पइ ओनकर सुवर्ण ओनके संग आई अउर ओनकर चाँदी भी इ सबइ जहाज लिअइहीं। अइसा एह बरे होइ कि तोहार परमेस्सर यहोवा क आदर होइ। अइसा एह बरे होइ कि इस्राएल क पवित्तर अद्भुत काम करत ह। 10 दूसर देसन क संतानन तोहार ढ़ेवारन फुन उठइहीं अउर ओनकर सासक तोहार सेवा करिहीं। जब मइँ तोहसे कोहान रहेउँ, मइँ तोहका दुःख दिहेउँ किन्तु अब मोर इच्छा अहइ कि तोह पइ कृपालु बनउँ। एह बरे मइँ तोहका चैन देबउँ। 11 तोहार दुआर हमेसा ही खुला रहिहीं। उ सबइ दिन अथवा राति मँ कबहुँ बन्द नाहीं होइहीं। देस अउर राजा तोहरे पास धन लिअइहीं। 12 कछू जाति अउर कछू राज्ज तोहार सेवा नाहीं करिहीं किन्तु उ सबइ जातियन अउर राज्ज नस्ट होइ जइहीं। 13 लबानोन क सबहिं महा वस्तुअन तोहका अपिर्त कीन्ह जइहीं। लोग तोहरे लगे देवदार, तालीसपत्र अउर सरन क बृच्छ लिअइहीं। इ ठउर मोरे सिंहासन क समन्वा एक चौकी सा होइ अउर मइँ एका बहोत मान देबउँ। 14 उ सबइ ही लोग जउन पहिले तोहका दुःख दिया करत रहेन, तोहरे समन्वा निहुरिहीं। उ सबइ ही लोग जउन तोहसे घिना करत रहेन, तोहरे चरणन मँ निहुर जइहीं। उ सबइ ही लोग तोहका कहिहीं, ‘यहोवा क नगर,’ सिय्योन नगर इस्राएल क पवित्तर क बाटइ।’” 15 “फुन तोहका अकेल्ला नाहीं छोड़ा जाइ। फुन कबहुँ तोहसे घिना नाहीं होइ। तू फुन स कबहुँ भी उजड़बिउ नाहीं। तू महान रहबिउ, तू हमेसा अउर सर्वदा आनन्दित रहबिउ। 16 तोहार जरूरत क चिजियन तोहका जातियन प्रदान करिहीं। इ एतना ही सहल होइ जइसे दूध मुँह बच्चा क महतारी क दूध मिलत ह। वइसे ही तू सासकन क सम्पत्तियन पिउबीउ। तब तोहका पता चली कि इ मइँ यहोवा हउँ जउन तोहार रच्छा करत ह। तोहका पता चल जाइ कि उ याकूब क महामहिम तोहका बचावत ह। 17 फिलहाल तोहरे पास ताँबा अहइ परन्तु एकरी नगह मइँ तोहका सोना देब। अबहिं तउ तोहरे लगे लोहा अहइ, पर ओकर जगह तोहका चाँदी देब। तोहार लकड़ी क जगह मइँ तोहका ताँबा देबउँ। तोहार पाथरन क जगह तोहका लोहा देबउँ अउर तोहका दण्ड देइ क जगह मइँ तोहका सुख चैन देबउँ। जउन लोग अबहिं तोहका दुःख देत हीं उ सबइ ही लोग तोहरे बरे अइसा काम करिहीं जउन तोहका सुख देइहीं। 18 तोहरे देस मँ हिंसा अउर तोहरी सबइ सीमा मँ तबाही अउर बरबादी कबहुँ नाहीं सुनाई पड़ी। तोहरे देस मँ लोग फुन कबहुँ तोहार वस्तुअन नाहीं चोरइहीं। तू आपन परकोटन क नाउँ ‘उद्धार’ रखब्या अउर तू आपन दुआरन क नाउँ ‘स्तुति’ रखब्या। 19 दिन क समय मँ तोहरे बरे सूरज क प्रकास नाहीं होइ अउर रात क समय मँ चाँद क प्रकास तोहार रोसनी नाहीं होइ। काहेकि यहोवा ही सदैव तोहरे बरे प्रकास होइ। तोहार परमेस्सर तोहार महिमा बनी। 20 तोहार ‘सूरज’ फुन कबहुँ भी नाहीं छुपी। तोहार ‘चाँद’ कबहुँ भी करिआ नाहीं पड़ी। काहेकि यहोवा क प्रकास सदा सर्वदा तोहरे बरे होइ अउर तोहार दुःख क समय खतम होइ जाइ। 21 तोहार सबहिं लोग उत्तिम बनिहीं। ओनका सदा बरे धरती मिलि जाइ। मइँ ओन लोगन क रचा ह। उ सबइ अद्भुत पउधन मोर आपन ही हाथन स लगाए भए अहइँ। 22 छोटा स छोटा भी बिसाल घराना बन जाइ। छोटा स छोटा भी एक सवतीसाली रास्ट्र बन जाइ। जब उचित समय आइ, मइँ यहोवा हाली ही आइ जाब अउर मइँ इ सबइ बातन घटित कइ देबउँ।”

61:1 यहोवा क सेवक कहत ह, “मोर सुआमी यहोवा मोहमाँ आपन आतिमा धरेस ह। उ मोका एक खास करइ बरे अभिसेक किहेस ह। उ मोका विनम्र लोगन क अच्छी खबर देइ बरे, टुटे हिरदइवालन क उत्साह बढ़ावइ बरे, बन्दी क आजाद करइ बरे, अउर कैदी क मुक्त करइ बरे पठएस ह। 2 उ समय क घोसणा करब जब यहोवा आपन करुणा परगट करी; उ समय क घोसणा करब जब हमार परमेस्सर दुस्टन क दण्ड देइ; दुःखी लोगन क पुचकारब; 3 सिय्योन क दुःखी लोगन क आदर देब (अबहिं तउ ओनके लगे बस राखी अहइ); सिय्योन क लोगन क खुसी क स्नेह प्रदान करब; (अबहिं तउ ओनके पास बस दुःख अहइ) सिय्योन क लोगन क परमेस्सर क स्तुति क गीत प्रदान करब (अबहिं तउ ओनके लगे बस ओनके दर्द अहइँ); सिय्योन क लोगन क उत्सव क ओढ़ना देब (अबहिं तउ ओनके लगे बस ओनकर दुःख ही अहइँ।) ओन लोगन क ‘उत्तिमता क बृच्छ’ क नाउँ देब; ओन लोगन क यहोवा क अद्भुत बृच्छ क संज्ञा देब।” 4 “उ समय, ओन पुरान नगरन क जेनका उजाड़ दीन्ह गवा रहा, फुन स बसावा जाइ। ओन नगरन क वइसे ही नवा बनाइ दीन्ह जाइ जइसे उ पचे सुरु मँ रहेन। उ सबइ नगर जेनका बरिसन पहिले हटाइ दीन्ह गवा रहा, नवे जइसे बनाइ दीन्ह जइहीं। 5 “फुन तोहार पचन्क दुस्मन तोहरे पचन्क लगे अइहीं अउर तोहार पचन्क भेड़िन चरावा करिहीं। तोहार पचन्क सत्रुअन क सन्तानन तोहरे पचन्क खेतन अउर तोहरे पचन्क बगियन मँ काम किया करहीं। 6 तू पचे ‘यहोवा क याजक’ कहवउब्या। तू पचे ‘हमरे परमेस्सर क सहायक’ कहवउब्या। धरती क सबहिं देसन स आई भइ सम्पत्ति क तू प्राप्त करब्या अउर तू पचन्क इ बात क गर्व होइ कि उ तोहार सम्पत्ति अहइ। 7 “बीते समय मँ लोग तू पचन्क लज्जित करत रहेन अउर तोहरे पचन्क बारे मँ बुरी बुरी बातन बनावा करत रहेन। तू पचे एतना लजान रह्या जेतना अउर कउनो दूसर मनई नाहीं रहा। एह बरे तू पचे आपन धरती मँ दूसर लोगन स दुगुना हींसा प्राप्त होइ। तू पचे अइसी खुसी पउब्या जेकर कबहुँ अंत नाहीं होइ। 8 अइसा काहे घटित होइ? काहेकि मइँ यहोवा हउँ अउर मोका नेकी स पिरेम अहइ। मोका चोरी स अउर हर उ बात स, जउन अनुचित अहइ, घिना अहइ। एह बरे लोगन क, जउन ओनका मिलइ चाही, उ भुगतान मइँ देबउँ। आपन लोगन क संग सदा सदा बरे मइँ इ वाचा करत हउँ कि 9 सबहिं देसन क हर कउनो मनई मोर लोगन क जान जाइ। मोर जाति क बंसजन क हर कउनो जान पाइ। हर कउनो मनई जउन ओनका लखी, जान जाइ कि यहोवा ओनका आसीर्वाद देत अहइ।” 10 “यहोवा मोका बहोत खुस करत ह। मोर संपूर्ण व्यवितत्व परमेस्सर मँ टिका अहइ अउर खुसी मँ मगन अहइ। यहोवा उद्धार क ओढ़ना स मोका ढाँपि लिहेस। उ पचे अइसे ही भव्य अहइँ जइसे भव्य वस्त्र कउनो मनसेधू आपन सादी क मौके पइ पहिरत ह। यहोवा मोका नेकी क चोगा स ढकि लिहेस ह। इ चोगा वइसा ही सुन्नर अहइ जइसा सुन्नर कउनो नारी क विवाहे क वस्त्र होत ह। 11 धरती पउधन उगावत ह। लोग बगियन मँ बिआ डावत हीं अउर उ बगिया ओन बिअन क उगावत ह। वइसे ही यहोवा नेकी क उगाई। इ तरह मोर सुआमी सबहिं जातियन क बीच स्तुति क बढ़ाई।”

62:1 “मोका सिय्योन स पिरेम अहइ। एह बरे मइँ ओकरे समर्थन मँ बोलत रहब। मोका यरूसलेम स पिरेम अहइ, एह बरे मइँ चुप न होबउँ। मइँ उ समय तलक बोलत रहब जब तलक नेकी क चीन्ह चमकत भइ जोति सी नाहीं चमकी। मइँ उ समय तलक बोलत रहब जब तलक उद्धार आगी क लपट सा भव्य बनिके नाहीं धधकी। 2 फुन सबहिं देस तोहरी नेकी क लखिहीं। तोहरे सम्मान क सब राजा लिखहीं। तबहिं तू एक नवा नाम पउब्या। खुद यहोवा तू लोगन बरे उ नवा नाम पाई। 3 यहोवा क तू लोगन पइ बहोत गर्व होइ। तू पचे यहोवा क हाथन मँ सुन्नर मुवुट क समान होब्या। 4 फुन तू पचे कबहुँ अइसे जन नाहीं कहवउब्या, ‘परमेस्सर क तजे भए लोग।’ तोहार पचन्क धरती कबहुँ अइसी धरती नाहीं कहवाइ जेका परमेस्सर उजाड़ेस। तू लोग परमेस्सर क प्रिय जन कहवउब्या। तोहार पचन्क धरती ‘परमेस्सर क दुलहिन कहवाई।’ काहेकि यहोवा तू पचन्स पिरेम करत ह अउर तोहार पचन्क धरती ओकर होइ जाइ। 5 जइसे एक युवक वुँवारी क बीहत ह। वइसे ही तोहार पचन्क पूत तोहका बियाह लेइहीं। अउर जइसे दूल्हा आपन दुलहिन क संग आनन्दित होत ह वइसे ही तोहार पचन्क परमेस्सर तोहरे पचन्क संग खुस होइ।” 6 “यरूसलेम क चारदीवारी पइ मइँ रखवारे (नवी) बइढाइ दिहेउँ ह कि ओकर धियान रखइँ। इ सबइ रखवारे मूक नाहीं रहिहीं। इ सबइ रखवारे यहोवा क तोहरी पचन्क जरूरतन क याद दियावत हीं। हे रखवारो, तू पचन्क चुप नाहीं होइ चाही। 7 तू पचन्क यहोवा स पराथना करब बन्द नाहीं करइ चाही। तू पचन्क सदा ओकर पराथना करत ही रहइ चाही। जब तलक उ फुन स यरूसलेम क निर्माण न कइ दे, तब तलक तू पचे ओकर पराथना करत रहा। यरूसलेम एक अइसा नगर अहइ जेकर धरती क सबहिं लोग जस गइहीं। 8 यहोवा खुद आपन सवती क प्रमाण बनावत भए वाचा कइँती यहोवा आपन सवती क प्रयोग स ही उ वाचा क पाली। यहोवा कहे रहा, “मइँ तू पचन्क बचन देत हउँ कि मइँ तोहरे पचन्क खइया क कबहुँ तोहरे पचन्क दुस्मनन क न देबउँ। मइँ तू पचन्क बचन देत हउँ कि तोहार पचन्क बनाई दाखरस तोहार पचन्क दुस्मनन कबहुँ नाहीं लइ पाई। 9 जउन मनई खाना जुटावत ह, उहइ ओका खाई अउर उ मनई यहोवा क गुण गाई। उ मनई जउन अंगूर बीनत ह, उहइ ओन अंगूरन क बनी दाखरस पिई। मोर पवित्तर धरती पइ अइसी बातन हुआ करिहीं।” 10 दुआरे स होत भए आवा। लोगन बरे राहन साफ करा। मारग क तइयार करा। राहे पइ क पाथर हटाइ द्या। लोगन बरे संकेत क रूप मँ झण्डा उठाइ द्या। 11 यहोवा सबहिं दूर देसन बरे बोलत अहइ। “सिय्योन क लोगन स कहि द्या, लखा, तोहार पचन्क उद्धारकर्ता आवत अहइ। उ तोहार पचन्क प्रतिफल लिआवत अहइ। उ अपने संग तोहरे बरे प्रतिफल लिआवत अहइ।” 12 ओकर लोग बोलावइ जाइ: “पवित्तर जन,” “यहोवा क सुरच्छित लोग।” यरूसलेम बोलावइ जाइ: “उ नगर जेसे यहोवा पिरेम करत ह,” “उ नगर जेका अउर तजि नाहीं जाइ।”

63:1 इ कउन अहइ जउन एदोम स आवत अहइ? इ बोस्रा क नगरी स लाल धब्बन स युवत ओढ़ना पहिरे आवत अहइ। उ आपन ओढ़नन मँ अति भव्य देखात अहइ। उ लम्बे डग बढ़ावत भवा आपन महासवती क साथ आवत अहइ अउर मइँ सच्चाई स बोलत हउँ। 2 “तू अइसे वस्त्र जउन लाल धब्बन स युवत अहइँ, काहे पहिरत अहा? तोहार वस्त्र अइसे लाल काहे अहइँ जइसे उ मनई क जउन अंगार स दाखरस बनावत ह” 3 उ जवाब देत ह, “दाखरस क वुण्डे मँ मइँ अकेले ही दाख रौंदेउँ। कउनो भी मोका मदद नाहीं दिहस। मइँ कोहान रहेउँ अउर मइँ लोगन क रौंढेउँ जइसे अंगूर दाखरस बनावइ बरे रौंदा जात हीं। रस छिटके मोरे ओढ़ना मँ लाग। 4 मइँ रास्ट्रन क दण्ड देइ बरे एक समय चुनेउँ। मोर उ समय आइ गवा कि मइँ आपन लोगन क बचाउँ अउर ओनकर रच्छा करउँ। 5 मइँ चकित भएउँ कि कउनो भी मनई मोर समर्थन नाहीं किहस। एह बरे मइँ आपन सवती क प्रयोग आपन लोगन क बचावइ बरे किहेउँ। खुद मोर आपन किरोध ही मोर समर्थन किहस। 6 जब मइँ कोहान रहा, मइँ लोगन क रौंद दिहे रहेउँ। जब मइँ किरोध मँ पागल रहा, मइँ ओनका दण्ड दिहेउँ। मइँ ओनकर लहू धरती पइ उड़ेर दिहेउँ।” 7 इ मइँ याद राखब कि यहोवा दयालु अहइ अउर मइँ यहोवा क स्तुति करब याद राखब। यहोवा इस्राएल क घराने क बहोत स वस्तुअन प्रदान किहस। यहोवा हमरे बरे बहोत ही कृपालु रहा। यहोवा हमरे बरे दाया देखॉॅएस। 8 यहोवा कहे रहा, “इ सबइ मोर लोग अहइँ। इ सबइ बच्चन कबहुँ झूठ नाहीं कहत हीं।” एह बरे यहोवा ओन लोगन क बचाइ लिहस। 9 ओनका सब संकटन स कउनो भी सरगदूत नाहीं बचाए रहा। उ खुद ही आपन पिरेम अउर आपन दाया स ओनका छुटकारा दिआए रहा। 10 किन्तु उ सबइ लोग यहोवा स मुँह मोड़ चलेन। उ पचे ओकर पवित्तर आतिमा क बहोत दुःखी किहस। तउ यहोवा ओनकर दुस्मन बन गवा। यहोवा ओन लोगन क विरोध मँ जुद्ध किहस। 11 किन्तु यहोवा अब भी पहिले क समय याद करत ह। यहोवा मूसा क अउर ओकर लोगन क याद करत ह। यहोवा उहइ रहा जउन लोगन क सागर क बीच स निकारि के लिआवा। यहोवा आपन भेड़िन क अगुवाई क बरे आपन चरवाहन क प्रयोग किहस। किन्तु अब उ यहोवा कहाँ अहइ जउन आपन आतिमा क मूसा मँ रख दिहे रह्या। 12 यहोवा आपन दाहिन हाथे स मूसा क अगुवाई किहस। यहोवा आपन अद्भुत सवती स मूसा क राह देखॅएस। यहोवा जल क चीर दिहे रहा। जेहसे लोग सागर क पैदल पार कइ सके रहेन। इ अद्भुत कार्य क कइके यहोवा आपन नाउँ प्रसिद्ध किहे रहा। 13 यहोवा लोगन गहिर सागर क बीच स पार किहेस। उ पचे अइसे चला रहेन जइसे रेगिस्तान क बीच स घोड़ा बिना लड़खड़ाए चला जात ह। 14 जइसे मवेसी घाटियन स उतरत अउर आराम क ठउर पावत हीं वइसे ही यहोवा क प्राण हमका विस्राम क जगहिया दिहेस ह। हे यहोवा, इ ढंग स तू आपन लोगन क राह देखाया अउर तू आपन नाउँ अद्भुत कइ दिहा। 15 हे यहोवा, तू अकासे स खाले लखा ओन बातन क लखा जउन घटत अहइँ। तू हमका आपन महान पवित्तर घरे स जउन अकासे मँ अहइ, खाले लखा। तोहार सुदृढ़ पिरेम हमरे बरे कहाँ अहइँ? तोहार सक्तीसाली कार्य कहाँ अहइ? तोहार हिरदय क पिरेम कहाँ अहइ? मोरे बरे तोहार कृपा कहाँ अहइ? तू आपन करूण पिरेम मोहसे कहाँ छुपाइ रखा अहइ? 16 लखा, तू हमार पिता अहा! होइ सकत ह इब्राहीम हम पच क नाहीं पहिचान सकी। होइ सकत ह इस्राएल हमका नाहीं जान सकी कि हम पचे कउन अहउँ। किन्तु यहोवा तू हमार पिता अहा। तू उहइ यहोवा अहइ जउन हमका सदा छोड़ाएस ह! 17 हे यहोवा, तू हमका आपन स दूर काहे ढकेलत अहा? तू हमरे बरे आपन अनुसरण करइ क काहे कठिन बनावत अहा? यहोवा तू हमरे लगे लउटि आवा। हम तउ तोहार दास अही। हमरे पास आवा अउर हमका सहारा द्या। हमार परिवार तोहार अहइँ। 18 थोड़े समय बरे हमार दुस्मनन तोहार पवित्तर लोगन पइ कब्जा कइ लिहे रहेन। हमार दुस्मनन तोहरे मन्दिर क वुचरि दिहे रहेन। 19 कछू लोग तोहार अनुसरण नाहीं करत हीं। उ पचे तोहरे नाउँ क धारण नाहीं करत हीं। जइसे उ सबइ लोग हम भी वइसे हुआ करत रहे।

64:1 जदि तू अकास चीरिके धरती पइ खाले उतरि आवा तउ सब कछू ही बदल जाइ। तोहरे समन्वा पर्वत टेघर जाइ। 2 पहाड़न मँ लपट उठिहीं। उ सबइ अइसे बरिहीं जइसे झाड़ियन बरत हीं। पहाड़ अइसे उबलिहीं जइसे उबलत पानी आगी पइ रखा गवा होइ। तब तोहार दुस्मन तोहरे बारे मँ समुझिहीं। जब सबहिं जातियन तोहका लखिहीं तब उ पचे भय स थर-थर काँपिहीं। 3 किन्तु हम फुरइ नाहीं चाहित ह कि तू अइसे कामन क करा कि तोहरे समन्वा पहाड़ पिघल जाइ। 4 फुरइ तोहार ही लोग तोहार कबहुँ नाहीं सुनेन। जउन कछू तू बातन कह्या फुरइ तोहार ही लोग ओनका कबहुँ नाहीं सुनेन। तोहार जइसा परमेस्सर कउनो भी नाहीं लखेस। कउनो भी दूसर परमेस्सर नाहीं, बस सिरिफ तू ही अहा। जदि लोग धीरा धइके तोहरे सहारे क बाट जोहत रहइँ, तू ओनके बरे बड़े काम कइ देब्या। 5 जेनका अच्छे काम करइ मँ मजा आवत ह, तू ओन लोगन क संग अहा। उ सबइ लोग तोहरे जिन्नगी क रीति क याद करत हीं। पर लखा, बीते दिनन मँ हम तोहरे विरूद्ध पाप किहा ह। एह बरे तू हमके कोहाइ ग रह्या। अब भला कइसे हमार रच्छा होइ? 6 हम सबहिं पाप स मैला अही। हमार सब ‘नेकी’ पुरान गन्दे कपड़न स अहइ। हम झुरान मुरझाए पत्तन स अही। हमार पाप हमका आँधी स उड़ाये अहइ। 7 हम तोहार उपासना नाहीं करित ह। हम का तोहरे नाउँ मँ बिस्सास नाहीं अहइ। हम मँ स कउनो तोहार अनुसरण करइ क उत्साही नाहीं अहइ। एह बरे तू हमस मुँह मोड़ लिहा ह। काहेकि हम पाप स भरा अही एह बरे हम तोहरे समन्वा असमर्थ अही। 8 किन्तु, यहोवा तू हमार पिता अहा। हम माटी क लौंदा अही अउर तू कोमहार अहा। तोहरे ही हाथन हम सबक रचा ह। 9 हे यहोवा, तू हमेसा वुपित जिन बना रहा। तू हमरे पापन क सदा ही याद जिन रखा। कृपा कइके तू हमरी कइँती लखा। हम तोहार ही लोग अही। 10 तोहार पवित्तर नगरियन उजड़ी भई अहइँ। आजु उ सबइ नगरियन अइसी हो गइ अहइँ जइसे रेगिस्तान होइँ। सिय्योन रेगिस्तान होइ गवा अहइ। यरूसलेम ढल गवा अहइ। 11 हमार पवित्तर मन्दिर भसम होइ ग अहइ। उ मन्दिर हमरे बरे बहोत ही महान रहा। हमार पूर्वज हुवाँ तोहार उपासना करत रहेन। अउर हम लोगन क सबइ बहुमुल्य वस्तुअन नास होइ ग अहइ। 12 का इ सबइ वस्तुअन सदैव तोहका आपन पिरेम हम पइ परगट करइ स दूर रखिहीं। का तू कबहुँ वुछ नाहीं कहब्या? का तू अइसे ही चुप रह जाब्या? का तू सदा हमका दण्ड देत रह्ब्या?

65:1 यहोवा कहत ह, “मइँ ओन लोगन क भी सहारा दिहेउँ ह जउन उपदेस ग्रहण करइ बरे कबहुँ मोरे लगे नाहीं आएन। जउन लोग मोका प्राप्त कइ लिहन, उ पचे मोरी खोज मँ नाहीं रहेन। मइँ एक अइसी जाति स बात किहेउँ जउन मोर नाउँ धारण नाहीं करत रही। मइँ कहे रहेउँ, ‘मइँ हिआँ हउँ। मइँ हिआँ हउँ।’ 2 “जउन लोग मोहसे मुँह मोड़ गए रहेन, ओन लोगन क अपनावइ बरे मइँ तत्पर रहेउँ। मइँ इ बात क प्रतीच्छा करत रहेउँ कि उ सबइ लोग मोरे लगे लउटि आवइँ। किन्तु उ पचे जिन्नगी क एक अइसी राह पइ चलत रहेन जउन अच्छी नाहीं अहइ। उ पचे आपन मन क मुताबिक काम करत रहेन। 3 उ सबइ लोग मोरे समन्वा रहत हीं अउर सदा मोका गुस्सैल करत रहत हीं। आपन बिसेस बागन मँ उ पचे लोग मिथ्या देवतन क बलियन क अर्पन करत हीं अउर अगरबत्ती बारत हीं। 4 उ सबइ लोग कब्रन क बीच बइठत हीं अउर मरे भए लोगन स संदेस पावइ क प्रतीच्छा करत रहत हीं। हिआँ तलक कि उ पचे मुर्दन क बीच रहा करत हीं। उ पचे सुअर क माँस खात हीं। ओनकर पियालन मँ अपवित्तर वस्तुअन क सोरबा अहइ। 5 “किन्तु उ सबइ लोग दूसर लोगन स कहा करत हीं, ‘मोरे लगे जिन आवा, मोका उ समय तलक जिन छुआ, जब तलक मइँ तू पचन्क पवित्तर न कइ देउँ।’ मोर आँखिन मँ उ सबइ लोग धुएँ क जइसे अहइँ अउर ओनकर आगी हर समय बरा करत ह।” 6 “लखा, इ एक हुण्डी अहइ जेका पुन: भुगतान जरूर करइ क होइ। इ हुण्डी बतावत ह कि तू आपन पापन बरे अपराधी अहा। मइँ उ समय तलक चुप नाहीं होबउँ जब तलक इ हुण्डी क भुगतान न कइ देउँ। अउर मइँ इ हुण्डी क भुगतान नेम क अनुसार करब। 7 “तोहार पचन्क पाप अउर तोहार पचन्क पुरखन एक ही जइसे अहइँ।” यहोवा इ कहेस ह, “तोहार पचन्क पुरखन जब पहाड़न मँ धूप अगरबत्तियन बारे रहेन, तबहि एन पापन क किहे रहेन। ओन पहाड़न पइ उ पचे मोका लज्जित किहे रहेन अउर सबसे पहिले मइँ ओनका दण्ड दिहेउँ। जउन दण्ड ओनका मिलइ चाही रहा, मइँ ओनका उहइ दण्ड दिहेउँ।” 8 यहोवा कहत ह, “अंगूरन मँ जब नई दाखरस हुवा करत ह, तब लोग ओका निचोड़ लिया करत हीं, किन्तु उ पचे अंगूरन क पूरी तरह नस्ट तउ नाहीं कइ डउतेन। उ पचे एह बरे अइसा करत हीं कि अंगूरन क उपयोग तउ फिन भी किया जाइ सकत ह। आपन सेवकन क साथ मइँ अइसा ही करब। मइँ ओनका पूरी तरह नस्ट नाहीं करब: 9 इस्राएल क कछू लोग क मइँ बचाए रखब। यहूदा क कछू लोग मोरे पर्वतन क प्राप्त करिहीं। मोरे सेवकन क हुवाँ निवास होइ। मोर चुने भए लोगन क धरती मिली। 10 फुन तउ सारोन क घाटी हमार भेड़ी-बोकरियन क चरागाह होइ तथा आकोर क तराई हमरे मवेसियन क आराम करइ क जगह बन जाइ। इ सबइ सब बातन मोरे लोगन क बरे होइहीं। ओन लोगन बरे जउ मोर खोज मँ अहइँ। 11 “किन्तु तू लोग, जउन यहोवा क तजि दिहेन ह, दण्डित कीन्ह जाब्या। तू अइसे लोग जउन मोरे पवित्तर पर्वत क बिसराइ दिहन ह। तू अइसे लोग अहा जउन भाग्य क मिथ्या देवता क पूजा करत अहा। तू पचे भाग्यरूपी लबार देवता क सहारे रहत अहा। 12 किन्तु तोहरे पचन्क भाग्य क निर्धारन तउ मइँ करत हउँ। मइँ तरवार स तोहका दण्ड देबउँ। जउन तू पचन्क दण्ड देइ। तू पचे सबहिं ओकरे अगवा मिमिआइ लगब्या। मइँ तू पचन्क गोहराएउँ किन्तु तू पचे कउनो जवाब नाहीं दिहा। मइँ तू पचन्स बातन किहेउँ किन्तु तू पचे सुन्या तलक नाहीं। तू पचे ओन कामन क ही करत रह्या जेनका मइँ बुरा कहे रहेउँ। तू पचे ओन कामन क करइ क ही ठान लिहा जउन मोका नीक नाहीं लागत रहेन।” 13 तउ मोर सुआमी यहोवा इ सबइ बातन कहेस। “मोर दास भोजन पइहीं, किन्तु तू पचे भूखा मरब्या। मोर दास पीहीं किन्तु अरे दुस्टो, तू पचे पियासा मरब्या। मोर दास खुस होइहीं किन्तु अरे ओ दुस्टो, तू पचे लज्जित होब्या। 14 मोरे दासन क मन खरे अहइँ एह बरे उ सबइ खुस होइहीं। किन्तु अरे ओ दुस्टो, तू पचे रोया करब्या काहेकि तोहरे पचन्क मने मँ पीरा बसी। तू पचे आपन टूटे भए मन स बहोत दुःखी रहब्या। 15 तोहार पचन्क नाउँ मोरे लोगन क बरे गालियन क जइसे होइ जइहीं।” मोर सुआमी यहोवा तू पचन्क मारि डाइ अउर उ आपन दासन क एक नवे नाउँ स बोलाया करी। 16 जब लोग दूसर क आसीस देइ, उ पचे धरती क नाउँ लइ के आसीस देइ। किन्तु अगवा आवइवाले दिनन मँ उ पचे दूसर क बिस्सासी परमेस्सर क नाउँ लेइ के आसीस देइ। अबहिं लोग धरती क सवती क भरोसे रहा करत हीं जब उ पचे कउनो बचन देत हीं। किन्तु भविस्स मँ, उ सबइ बिस्सासी परमेस्सर क भरोसे रहा करिहीं। काहेकि पिछले दिनन क सबहिं विपत्तियन भुलाइ दीन्ह जइहीं। लोग फुन ओन पिछली विपत्तियन क याद नाहीं करिहीं। 17 “लखा, मइँ एक नवे सरग अउर नई धरती क रचना करब। लोग मोरे लोगन क पिछली बात याद नाहीं रखिहीं। ओनमाँ स कउनो बात याद मँ नाहीं रही। 18 मोर लोग दुःखी नाहीं रहिहीं। नाहीं, उ पचे आनन्द मँ रहिहीं अउर उ पचे सदा खुस रहिहीं। मइँ जउन बातन रचब जउन आनन्द स परिपूर्ण होइ अउर मइँ ओनका एक प्रसन्न जाति बनाउब। 19 फुन मइँ यरूसलेम स खुस रहब। मइँ आपन लोगन स खुस रहब। तब उ नगरी मँ फुन कबहुँ विलाप अउर कउनो दुःख नाहीं होइ। 20 उ नगरी मँ कउनो बच्चा अइसा नाहीं होइ जउन पइदा होइके पाछे कछू दिन जिई। उ नगरी क कउनो भी मनई आपन छोटी उमर मँ नाहीं मरी। हर पैदा भवा बच्चा लम्बी उमर जिई अउर उ नगरी क प्रत्येक बुढ़वा मनई एक लम्बे समय तलक जिअत रही। हुवाँ सौ साल क मनई भी जवान कहा जाइ। किन्तु कउनो भी अइसा मनई जउन सौ साल स पहिले मरी अभिसप्त कहा जाइ। 21 लखा, उ नगरी मँ अगर कउनो मनई आपन घर बनाई तउ उ मनई आपन घरे मँ बसी। अगर कउनो मनई हुवाँ अंगूरे क बाग लगाई तउ उ आपन बाग क अंगूर खाई। 22 हुवाँ अइसा नाहीं होइ कि कउनो आपन घर बनावइ अउर कउनो दूसर निवास करइ। अइसा भी नाहीं होइ कि बाग कउनो दूसर लगावइ अउर उ बाग क फल कउनो दूसर खाइ। मोर लोग एतना जीइहीं जेतना इ सबइ बृच्छ जिअत हीं। अइसा मनई जेनका मइँ चुनेउँ ह, ओन सबहिं वस्तुअन क आनंद लेइहीं जेनका उ पचे बनाए अहइँ। 23 फुन लोग बियर्थ क परिस्रम नाहीं करिहीं। लोग अइसे ओन बच्चन क जन्म नाहीं देइहीं जेनके बरे उ पचे मने मँ डेरइहीं कि उ पचे कउनो अचानक बिपत्ति क सिकार न होइँ। मोर सबहिं लोग यहोवा क आसीस पइहीं। मोर लोग अउर ओनकर संतानन आसीर्बाद पइहीं। 24 मोका ओन सबहिं वस्तुअन क पता होइ जाइ जेनकर जरूरत ओनका होइ, एहसे पहिले कि उ पचे ओनका मोसे माँगइँ। एहसे पहिले कि उ पचे मोहसे मदद क पराथना पूरी कइ पइहीं, मइँ ओनका मदद देब। 25 बिगवन अउर मेमनन एक संग चरत फिरिहीं। सिंह भी मवेसियन क जइसे ही भूसा खाइहीं अउर भुजंगन क भोजन बस माटी ही होइ। मोरे पवित्तर पर्वत पइ कउनो केउ क भी नोस्कान नाहीं पहोंचाइ अउर न ही ओनका नस्ट करी।” इ यहोवा कहेस ह।

66:1 यहोवा इ कहत ह, “अकास मोर सिंहासन अहइ। धरती मोरे पाँव क चौकी बनी अहइ। तउ का तू इ सोचत अहा कि तू मोरे बरे भवन बनाइ सकत अहा? नाहीं, तू नाहीं बनाइ सकत्या। का तू मोका बिस्राम क जगह दइ सकत ह नाहीं, तू नाहीं दइ सकत्या। 2 मइँ खुद ही सारी वस्तुअन रचेउँ ह। इ सबइ सारी वस्तुअन हिआँ टिकी अहइँ काहेकि ओनका मइँ बनाएउँ ह।” यहोवा इ सबइ बातन कहे रहा। “मोका बतावा कि मइँ कइसे लोगन क चिन्ता किया करत हउँ? मोका दीन हीन लोगन क चिन्ता अहइ। इ सबइ ही उ सबइ लोग अहउँ जउन बहोत दुःखी रहत हीं। अइसे ही लोगन क चिन्ता मइँ किया करत हउँ। जउन मोरे बचनन क पालन किया करत हीं। 3 मोका बलि क रूप मँ अपिर्त करइ क कछू लोग बर्धा क बध किया करत हीं किन्तु उ सबइ लोगन स मारपीट भी करत हीं। मोका अपिर्त करइ क इ सबइ भेड़िन क मारत हीं किन्तु इ सबइ वुवुरन क गर्दन भी तोड़न हीं अउर सुअरन क लहू इ सबइ मोह पइ चढ़ावत हीं। अइसे लोगन क धूप स बारइ क याद बनी रहा करत ह किन्तु उ सबइ बियर्थ क आपन सबइ प्रतिमा स पिरेम करत हीं। अइसे इ सबइ लोग आपन मनचीती राहन पइ चला करत हीं, मोरी राहन पइ नाहीं। उ पचे पूरी तरह स आपन घिनौने मूरति क पिरेम मँ बूड़ा अहइँ। 4 एह बरे मइँ इ निहचय किहेउँ ह कि मइँ ओनकर जूती ओनहीं क सिर करब। मोर इ मतलब अहइ कि मइँ ओनका दण्ड देब ओन वस्तुअन क काम मँ लिआवत भए जेनसे उ पचे बहोत डेरात हीं। मइँ ओन लोगन क गोहराए रहेउँ किन्तु उ पचे नाहीं सुनेन। मइँ ओनसे बोले रहेउँ किन्तु उ पचे सुनेन ही नाहीं। एह बरे अब मइँ भी ओनके संग अइसा ही करब। उ सबइ लोग ओन सबहिं बुरे कामन क करत रहत हीं जेनका मइँ बुरा बताए रहेउँ। उ पचे अइसा काम करइ क चुनेन जउन मोका नाहीं भावत रहेन।” 5 हे लोगो, यहोवा क भय विम्हय मानइवालो अउर यहोवा क हुवुमन क अनुसरण करइवालो, ओन बातन क सुना। यहोवा कहत ह, “तोहसे तोहार पचन्क भाइयन घिना किहेन काहेकि तू पचे मोरे पाछे चला करत रह्या, उ पचे तोहरे पचन्क विरूद्ध होइ गएन। तोहार पचन्क बंधु कहा करत रहेन, ‘जब यहोवा सम्मानित होइ हम पचे तोहरे सबन्क पाछे होइ लेव। फुन तोहरे सबन्क साथ मँ हम भी खुस होइ जाब।’ अइसे ओन लोगन क सजा दीन्ह जाइ। 6 “सुनन तउ, नगर अउर मन्दिर स एक ऊँच आवाज सुनाइ देत अहइ। यहोवा क जरिये आपन विरोधियन क, जउन दण्ड दीन्ह जात अहइ। उ आवाज उहइ क अहइ। यहोवा ओनका उहइ दण्ड देत अहइ जउन ओनका मिलइ चाही। 7 “अइसा तउ नाहीं भवा करत रहा कि प्रसव पीरा स पहिले ही कउनो मेहरारू बच्चा पइदा करत होइ। अइसा तउ कबहुँ नाहीं भवा कि कउनो मेहरारू कउनो पीरा क अनुभव करइ स पहिले ही आपन पूत क पइदा भवा लखे होइ। अइसा कबहुँ नाहीं भवा। इहइ प्रकार कउनो भी मनई एक दिन मँ कउनो नवा संसार आरम्भ होत भए नाहीं लखेस। कउनो भी मनई कउनो अइसी नई जाति क नाउँ कबहुँ नाहीं सुने होइ जउन एक ही दिन मँ सुरू होइ गई होइ। धरती क बच्चा जनई क दर्द जइसी पीरा निहचय ही पहिले सहइ क होइ। इ प्रसव पीरा क पाछे ही उ धरती आपन संतानन-एक नई जाति क जनम देइ। 8 9 जब मइँ कउनो मेहरारू क बच्चा जनइ क पीरा देत हउँ तउ उ बच्चा क जनम दइ देत ह।”तोहार पचन्क यहोवा कहत ह, “मइँ तू पचन्क बच्चा जनइ क पीरा मँ डाइके तोहार पचन्क गर्भद्वार बंद नाहीं कइ देत। मइँ तू पचन्क इहइ तरह एन विपत्तियन मँ बिना एक नई जाति प्रदान किए, नाहीं डाउब।” 10 हे यरूसलेम, खुस रहा। हे लोगो, यरूसलेम क प्रेमियो, तू पचे निहचय ही खुस रहा। यरूसलेम क संग संग दुःख क बातन घटी रहिन एह बरे तू पचन्मँ स कछू लोग भी दुःखी अहइँ। किन्तु अब तू पचन्क चाही कि तू पचे बहोत बहोत खुस होइ जा। 11 काहेकि अब तू पचन्क दाया अइसी मिली जइसे छाती स दूूध मिला जाया करत ह। तू पचे यरूसलेम क वैभव क सच्चा आनंद पउब्या। 12 यहोवा कहत ह, “लखा, मइँ तू पचन्क सान्ति देब। इ सान्ति तू पचन तलक अइसे पहोंची जइसे कउनो महानदी बहत भी पहुँच जात ह। सब धरती क रास्ट्रन क धन-दौलत बहत भइ तू पचन्तलक पहोंच जाइ। इ धन-दौलत अइसे बहत भए आई जइसे कउनो बाढ़ क धारा। तू पचे नान्ह बच्चन स होब्या, तू पचे दूध पीब्या, तू पचन्क उठाइ लीन्ह जाइ अउर गोदी मँ थाम लीन्ह जाइ, तू पचन्क घुटनन पइ उछारा जाइ। 13 मइँ तू पचन्क दुलारब जइसे महतारी आपन बच्चा क दुलारत ह। अउर तू पचे यरूसलेम क भीतर चैन पउब्या! 14 तू पचे उ वस्तुअन क लखब्या जेनमाँ तू पचन्क रस आवत ह तू पचे अजाद होइके घास क तरह बढ़ब्या। यहोवा क सवती क ओकर लोग लखिही, किन्तु यहोवा क दुस्मन ओकर किरोध देखिहीं।” 15 लखा, आगी क साथ यहोवा आवत अहइ। धूरि क बादलन क साथ यहोवा क फउजन आवति अहइँ। यहोवा आपन किरोध स ओन मनइयन क सजा देइ। यहोवा जब कोहाइ जाइ तउ ओन मनइयन क दण्ड देइ बरे आगी क लपटन क प्रयोग करी। 16 यहोवा लोगन क निआत करी अउर फिन आगी अउर आपन तरवार स उ अपराधी लोगन क नस्ट कइ डाइ। यहोवा ओन बहोत स लोगन क नस्ट कइ देइ। उ आपन तरवार स ल्हास न क अम्बार लगा देइ। 17 यहोवा क कहब अहइ, उ सबइ लोग जउन आपन बगीचन क पूजइ बरे स्नान कइके पवित्तर होत हीं अउर एक दूसर क पाछे परिवमा करत हीं,“उ पचे जउन सुअर क गोस खात ही अउर मूस जइसे घिनौने जीव जन्तुअन क खात हीं, एन सबहिं लोगन क नास होइ।” यहोवा इ सबइ बातन कहे रहा। 18 “बुरे बिचारन मँ पड़े भए उ सबइ लोग बुरे काम किया करत हीं। एह बरे ओनका सजा देइ क मइँ आवत हउँ। मइँ सबहिं जातियन अउर सबहिं लोगन क बटोरब। परस्पर एकट्ठा भए सबहिं लोग मोर सवती लखिहीं। 19 कछू लोगन पइ मइँ एक चीन्हा लगाइ देब, मइँ ओनकर रच्छा करब। एन रच्छा कीन्ह लोगन मँ स कछू लोगन क मइँ तर्सीस लिब्या अउर लूदी क लोगन क पास पठउब। (एन देसन क लोग धनुर्धारी हुआ करत हीं।) तुबाल, यूनान अउर सबहिं दूर देसन मँ मइँ ओनका पठउब। दूर देसन क ओन लोग मोर उपदेस कबहुँ नाहीं सुनेन। ओन लोग मोरी महिमा क दर्सन भी नाहीं किहेन ह। तउ उ सबइ बचाए गए लोग ओन जातियन क मोरी महिमा क बारे मँ बतइहीं। 20 उ पचे तोहार पचन्क सबहिं भाइयन अउर बहनन क सबहिं देसन स हिआँ लइ अइहीं। तोहार पचन्क भाइयन अउर बहनन क उ पचे मोर पवित्तर पर्वत पइ यरूसलेम मँ लइ अइहीं। तोहार पचन्क भाई बहिन हिआँ घोड़न, खच्चरन, ऊँटन, रथन अउर पालकियन मँ बइठिके अइहीं। तोहार पचन्क उ सबइ भाई बहिन उहइ प्रकार स उपहार क रूप मँ लिआवा जइहीं जइसे इस्राएल क लोग सुद्ध थालन मँ रखिके यहोवा क मन्दिर मँ उपहार लिआवत हीं। 21 एन लोगन मँ स कछू लोगन क याजकन अउर लेवियन क रूप मँ चुन लेब। इ सबइ बातन यहोवा बताए रहा। 22 “मइँ एक नये संसार क रचना करब। इ सबइ नवे अकास अउर नई धरती सदा-सदा टिकी रहिहीं अउर उहइ प्रकार तोहार पचन्क नाउँ अउर तोहार पचन्क बंसजन भी सदा मोरे संग रहिहीं। 23 हर सबित क दिन अउर महीने क पहिले दिन उ सबइ सबहिं लोग मोर उपासना बरे आवा करिहीं।” इ सबइ बातन यहोवा बताए रहा। 24 “इ सबइ लोग मोर पवित्तर नगरी मँ होइहीं अउर कबहुँ उ पचे नगर स बाहेर जइहीं, तउ ओनका ओन लोगन क ल्हासन देखाई देइहीं जउन मोरे विरुद्ध पाप किहेन ह। ओन ल्हासन मँ किरवन पड़ा हुवा होइहीं अउर उ सबइ किरवन कबहुँ नाहीं मरिहीं। ओन देहन क आगी बारि डाई अउर उ आगी कबहुँ खतम नाहीं होइ।’”