Psalms

1:1 उ मनई सचमुच धन्य होइ जउन दुस्टन क सलाह न मानी, अउर पापियन क संग सामिल नाहीं होत ह अउर ओनकर संग नाहीं रहत ह जउन परमेस्सर क बरे सम्मान नाहीं दिखावत ह। 2 उ नीक मनई अहइ जउन यहोवा क उपदेसन स पिरेम राखत ह। उ तउ दिन रात ओन उपदेसन क मनन करत ह। 3 एहसे उ मनई उ बृच्छ जइसा मजबूत बनत ह जेका सिंचाई क नहर क किनारे रोपा गवा ह। उ उ बृच्छ क नाईर् बाटइ, जउन छेत्र मँ फल देत ह अउ जेकर पत्ता कबहुँ नाहीं मुरझातेन। उ जउन भी करत ह सफल ही होत ह। 4 मुला टुस्ट मनई अइसे नाहीं होतेन। दुस्ट मनई उ भूसा क नाईर् होत हीं जेनका हवा क झोकंाा उड़ाइ लइ जात ह। 5 एह बरे दुस्ट मनई निआव क मुकाबला नाहीं कइ पइहीं। सज्जन लोगन क सभा मँ उ पचे दोखी ठहरावा जइहीं अउर ओन पापी लोगन क बख्सा न जाइ। 6 एकर कारण इ बाटइ कि यहोवा सज्जन लोगन क अगुवाइ करत ह, मुला दुर्जन लोग खो जाइहीं।

2:1 दूसरे देसन क मनइयन काहे ऍतना हुल्लड़ मचावत हीं अउर रोवत ह? अउर काहे बियर्थ सड्यन्त्र रचत हीं? 2 अइसे देसन क राजा अउर नेता यहोवा अउर ओकरे चुने भएन राजा क खिलाफ होइ बरे आपुस मँ एकजुट होइ जात हीं। 3 उ सबइ नेता लोग कहेन, “आवा परमेस्सर स अउ उ राजा स जेका उ चुनेस ह, हम पचे एकजुट होइ क वि़द्रोह करी। आवा ओकरे बन्धनन क हम उतारिके फेंकि देइ।” 4 मुला मोर सुआमी, सरग क राजा, ओन लोगन प हँसत ह। 5 परमेस्सर कोहान ह अउर उ ओनसे कहत ह, “मइँ इ पुरूस क राजा बनवइ बरे चुनेउँ ह। उ मोर पवित्तर पहाड़ सिय्योन पइ राज्ज करी अउर इहइ ओन नेता लोगन क डेरावत ह। 6 7 अब मइँ यहोवा क फ़रमान क बारे मँ तोहका बतावत हउँ। यहोवा मोसे कहे रहा, “आजु मइँ तोहार बाप बनत हउँ अउर तू आजु मोर पूत बन गवा ह। 8 अगर तू मोसे मँगब्या, तउ इ सबइ देसन क मइँ तोहका दइ देबउँ अउ इ धरती क सबहिं जन तोहार होइ जइहीं। 9 तोहरे लगे ओनका बर्बाद करइ क वइसे ही सक्ती होइ जइसे कउनो माटी क भाँड़ी क कउनो लोहे क डण्डा स चूर चूर कइ देइ।” 10 एह बरे, हे राजा लोगो, तू पचे बुद्धिमान बना। हे सासक लोगो, तू पचे इ पाठे क सीख ल्या। 11 तू पचे बहोतइ भय स यहोवा क आग्या माना। 12 खुद क ओकर क पूत क बिस्सासपात्र देखाँवा। वरना उ कोहाइ जाइ अउर तू पचन्क नास कइ देइ। असल मँ उ पहिले ही काफी कोहाइ चुका भवा ह। मुला जउन परमेस्सर पइ निर्भर करत अहइँ धन्य होब।

3:1 हे यहोवा, मोरे केतॅना ही केतॅना दुस्मन अहइँ, केतॅना लोग मोरे खिलाफ ठाड़ होइ ग अहइँ। 2 केतॅना ही लोगन मोर खिलाफ सड्यंत्र रचेन, उ कहत हीं, “परमेस्सर ऍकर रच्छा नाहीं करी।” 3 मुला यहोवा, तू मोर ढाल अहा। जउन मोर सम्मान बा उ तू ही अहा। हे यहोवा, तू ही मोर मूँड़ ऊँच करत अहा। 4 मइँ यहोवा क ऊँची अवाजे मँ पुकारबउँ। उ आपन पवित्तर पर्वते स मोका जवाब देइ। 5 मइँ आराम करइ बरे ओलर सकत हउँ। मइँ जानत हउँ कि मइँ जाग जाबेउँ, काहेकि यहोवा मोका बचावत अउर मोर रच्छा करत ह। 6 चाहे हज़ारन सैनिक मोका घेर लेइहीं मुला ओन दुस्मनन स नाहीं डेराब। 7 हे यहोवा, उठा! मोरे परमेस्सर मोका बचावा। तू बहोत सक्तीसाली अहा। अगर तू मोरे दुस्मनन क मुँहना पइ प्रहार करा, तउ ओनकइ सबहिं दाँतन टूटि जाइहीं। 8 यहोवा आपन लोगन क रच्छा कइ सकत ह। हे यहोवा, तोहरे मनइयन पइ तोहार आसीस रहइ।

4:1 मोर उत्तिम परमेस्सर, जब भी मइँ तोहका गोहरावउँ तू मोका जवाब दिया। मोर बिनती क सुना अउर मोहे पइ कृपा करा। जब कबहुँ बिपत्तियन मोका घेरेस तू मोका बचाएस। 2 अरे लोगो, कब तलक तू पचे मोरे बारे मँ बुरे सब्द कहब्या? तू लोग मोरे बारे मँ कहइ बरे नवा झूठ हेरत रहत अहा। ओन झूठन क कहइ स तू लोग पिरेम रखत ह। 3 तू पचे जानत अहा कि आपन नेक लोगन क यहोवा सुनत ह। जब भी मइँ यहोवा क पुकारत हउँ, उ मोर पुकार क सुनत ह। 4 जब भी तोहका कउनो बात क परेसानी होइ, तउ होइ सकत क तोहका किरोध आ जाइ, मुला पाप जिन कर्या। जब तू आपन बिछउना पइ जा, ओन बातन पइ बिचार करा अउ सांत होइ जा। 5 ठीक तरह बलि क अर्पण करा अउ यहोवा पइ भरोसा रखा। 6 बहोत स लोग कहत हीं, “परमेस्सर क नेकी हम पचन्क क कउन देख्ॅॅााइ? हे यहोवा, आपन प्रकास स चमकत मुँहना क प्रकास हम पचन पइ चमकावा।” 7 हे यहोवा, तू मोका बहोत खुस बनाइ दिहा। कटनी क समइ भरपूर फसल अउ दाखरस पाइके जब हम पचे आनन्द अउ खुसी मनाइत ह ओसे भी कहूँ जियादा खुस अब मइँ अहउँ। 8 मइँ बिछउना पइ ओलरत हउँ अउर सान्ति स सोवत हउँ। काहेकि यहोवा, तू ही मोका सुरच्छित कइके सोवइ बरे ओलारत ह।

5:1 हे यहोवा, मोरे सब्द क सुना अउर तू ओकर सुध ल्या जेका तोका कहइ क मइँ जतन करत हउँ। 2 हे मोरे राजा, मोर परमेस्सर मोर दुहाइ पइ धियान द्या, काहेकि मइँ तोहसे ही पराथना करत हउँ। 3 हे यहोवा, हर भिंसारे तोहका, मइँ आपन भेंटन क अर्पण करत हउँ। तू ही मोर सहायक अहा। मोर निगाह तोहे पइ लागि अहइ अउर तू ही मोर पराथना हर भिंसारे सुनत अहा। 4 तू अइसा परमेस्सर नाहीं जउन झूठे देवतन क नाईं दुट्ठता क चाहत ह। बद लोग तोहरे चारिहुँ कइँती नाहीं रहइ सकतेन! 5 सेखी हाँकइ वाल लोग तोहार समन्वा नाहीं रुक सकतेन जउन दुस्टता करत ह तू ओनसे नफरत करत ह। 6 जउन झूठ बोलत हीं ओनका तू नस्ट करत ह। यहोवा अइसेन मनइयन स घिना करत ह, जउन दूसर लोगन क नोस्कान पहुँचावइ क सड़यन्त्र रचत रहत हीं। 7 मुला हे यहोवा, तोहरी अपार करुणा स मइँ तोहरे मन्दिर मँ आउब। हे यहोवा, मोका तोहार डर अहइ मइँ सम्मान तोहका देत अहउँ। एह बरे मइँ तोहरे पवित्तर मन्दिर कइँती निहुरिके तोहार पइलगी करब। 8 हे यहोवा, तू मोका आपन नेकी क राह देखाँवा। तू आपन राह क मोरे समन्वा सोझ करा काहेकि मइँ दुस्मनन स घिरा भवा अहउँ। 9 उ सबइ लोग फुरइ नाहीं बोलतेन। उ सबइ लबार अहइँ, जउन फुरइ क तोड़त मरोड़त रहत हीं। ओनकर मुँह खुली कब्र क नाईर् अहइँ। उ सबइ अउरन स उत्तिम चिकनी-चुपरी बातन करत उ पचे ओनका बस जालि मँ फँसावा चाहत हीं। 10 हे परमेस्सर, ओनका सजा द्या। ओनकर आपन ही जालन मँ ओनका अरझइ द्या। इ सबइ लोग तोहरे खिलाफ होइ ग अहइँ, ओनका ओनकर आपन ही बहोत स पापन क सजा द्या। 11 मुला जउन परमेस्सर मँ आस्था धरत रहत हीं, उ सबइ प्रसन्न होइँ अउ उ सबइ सदा सदा ही आनन्दित रहइँ। हे परमेस्सर, तू ओनकर रच्छा करा अउर ओनका सक्ती द्या जउन लोग तोहरे नाउँ स पिरेम राखत हीं। 12 हे यहोवा, तू निहचय ही धर्मी क आसिस देत ह। आपन कृपा स तू ओन पचन्क एक ठु बड़की ढ़ाल बनिके फुन ढक लेत ह।

6:1 हे यहोवा, जब तू किरोध मँ होब्या तउ मोका सज़ा मत द्या। मोका मत सुधारा जब तू बहोत कोहाइ भवा ह्वा। 2 हे यहोवा, मोहे प दाया करा। मइँ रोगी अउ दुर्बल अहउँ। मोरे बेरामियन क हर ल्या। मोर हाड़ काँपत हीं। 3 मोर समूचा देह थर-थर काँपत ह। हे यहोवा, मोर भारी दुःख तू कब तलक रखब्या। 4 हे यहोवा, मोका फुन स बलवान करा। तू महा दयावान अहा, मोर रच्छा करा। 5 मरे भए लोग तोका आपन कब्रन मँ याद नाहीं करतेन। मउत क देस मँ उ पचे तोहार स्तुति नाहीं करतेन। एह बरे मोका बचावा। 6 हे यहोवा, सारी रात मइँ तोहका पुकारत रहत हउँ। मोर बिछउना मोरे आँसुअन स भीज गवा ह। मोरे बिछउना स आँसू टपकत रहत हीं। तोहरे बरे मइँ रोवत भवा छीन होइ गवा हउँ। 7 मोर दुस्मनन मोका बहुतेरा दुःख दिहन। इ मोका सोक मँ डाइके अउर बहोत दुःखी कइ डाएन अउर अब मोर अँखियन बिलखइ स थकी भइ हारी अउर दुर्बल अहइँ। 8 अरे ओ दुर्जन लोगो, तू मोसे दूर हटा। काहेकि यहोवा मोका रोवत भवा सुनि लिहस ह। 9 मोर बिनती यहोवा क काने तलक पहोंच चुकी बाटइ अउर मोरी पराथना क सुनिके यहोवा जवाब दइ दिहस ह। 10 मोर सबहिं दुस्मनन डर जाईं अउ निरास होइहीं। कछू अचानक ही घटित होइ अउर उ फुस स अपमानित कीन्ह जाइहीं।

7:1 हे मोर यहोवा परमेस्सर, मोका तोहे प भरोसा बा ओन मनइयन स तू मोर रच्छा कर, जउन मोरे पाछे पड़ा अहइँ। मोका तू बचाइ ल्या। 2 अगर तू मोका नाहीं बचउत्या तउ मोर दसा उ निरीह गोरू क नाईर् होइ, जेका कउनो सेर धइ दबोच लेत ह। उ मोका घेर्राइके लइ जाइ कउनो भी मनई मोका नाहीं बचाइ पाइ। 3 हे मोर यहोवा परमेस्सर कउनो पाप करइ क मइँ दोखी नाहीं हउँ। मइँ तउ कउनो भी पाप नाहीं किहेउँ। 4 मइँ आपन मीतन क संग बुरा नाहीं किहेउँ अउर आपन मीत क दुस्मनन क भी मइँ मदद नाहीं किहेउँ। 5 मुला एक दुस्मन मोका पाछे खदेरत बाटइ उ मोर हत्या करइ-चाहत ह। उ दुस्मन चाहत ह कि मोर जिन्नगी क धरती पइ रउँद डावइ अउर मोर आतिमा क धूरि मँ मिलाइ देइ। 6 यहोवा उठा, अउर आपन किरोध मोर दुस्मन क बिरुद्ध परगट करा। मोरे बरे निआव करा जेकर माँग तू हमेसा करत रहा ह। 7 हे यहोवा, मनइयन क निआउ करा। आपन चारिहुँ कइँती क रास्ट्र क बटोरा अउ मनइयन क निआव करा। 8 हे यहोवा, आपन निआव क कुर्सी पइ बइठा। आपन निअरे क देसन क इकट्ठा करा अउर ओनका निआव करा यहोवा मइँ निदोर्ख अहउँ, मोका निआव द्या जेका मइँ हकदार अहउँ। 9 दुर्जन क दण्ड द्या अउर सज्जन क मदद करा। हे परमेस्सर, तू उत्तिम अहा। तू अन्तर्जामी अहा। तू तउ मनइयन क हिरदइ मँ निहारि सकत अहा। 10 जेनकर मन सच्चा अहइँ, परमेस्सर ओन मनइयन क मदद करत ह। एह बरे उ मोर भी मदद करी। 11 परमेस्सर उत्तिम निआवकर्ता अहइ। उ कबहुँ भी आपन किरोध परगट कइ देइ। 12 परमेस्सर जब कउनो निर्णय लइ लेत ह, तउ फिन आपन मन नाहीं फेरत। 13 ओहमाँ मनइयन क सजा देइ क छमता बाटइ। उ मउत क सब सामान साथे रखे बाटइ। 14 कछू अइसे लोग होत हीं जउन हमेसा कुकर्मन क जोजना बनावत रहत हीं। अइसेन ही लोग गुप्त सड्यन्त्र रचत रहत हीं। अउर झूठ बोलत रहत हीं। 15 उ पचे दूसर लोगन क जालि मँ फाँसइ अउर नोस्कान पहुँचावइ क जतन करत रहत हीं। मुला आपने ही जालि मँ फँसिके उ पचे नोस्कान उठइहीं। 16 उ पचे आपन ही कमेर् क उचित सजा पइहीं। उ पचे दूसर लोगन क संग क्रूर रहेन। मुला जइसे ओनका चाही वइसेन ही फल पइहीं। 17 मइँ यहोवा क जस गावत हउँ, काहेकि उ उत्तिम अहइ। मइँ यहोवा क सबन त ऊँच नाउँ क बड़कइ करत हउँ।

8:1 हे यहोवा, हमार सुआमी, तोहार नाउँ सारी भुइँया पइ बहोतइ अद्भुत बाटइ। तोहार नाउँ सरगे मँ हर कइँती तोहका बड़कइ देत बाटइ। 2 लरिकन अउ नान्ह गदेलन क मुँहन स, तोहरी बड़कइ क गीत गावा जात हीं। तू आपन दुस्मनन क चुप करावइ मँ अइसा करत ह। 3 हे यहोवा, जब मोर निगाह अकासे पइ पड़त ह, जेका तू आपन हाथे स रच्या ह। अउर जब मइँ चाँद तारन क लखत हउँ जउन तोहार रचना बाटइ, तउ मइँ अचम्भा स भरि जात हउँ। 4 मनइयन तोहरे बरे काहे ऍतना महत्वपूर्ण होइ गएन? तू ओनका काहे बरे सुमिरत अहा? मनई क पूत तोहरे बरे काहे महत्वपूर्ण बाटइ? काहे तू ओन पइ धियान तलक देत अहा? 5 मुला तोहरे बरे मनई महत्वपूर्ण अहइ! तू मनई क देवता क प्रतिरूप बनाया ह, अउ ओनके मूँड़े पइ महिमा अउ सम्मान क मुकुट धरे अहा। 6 तू आपन सृस्टि क जउन कछू भी रच्या ह मनइयन क ओकर हकदार बनाया ह। 7 मनई भेड़िन पइ, गोरू धने पइ अउ जंगल क सबहिं हिंसक जन्तुअन पइ राज्ज करत ह। 8 उ अकासे मँ पंछियन पइ अउ समुद्दर मँ तैरत भए जलचरन पइ राज्ज करत ह। 9 हे यहोवा, हमार सुआमी, सारी धरती पइ तोहार नाउँ बहोतइ अद्भुत अहइ।

9:1 मइँ आपन सम्पूर्ण मन स यहोवा क स्तुति करत हउँ। हे यहोवा, तू जउन अद्भुत कर्म किहे अहा मइँ ओन सबन्क वर्णन करबउँ। 2 तू ही मोका ऍतना आनन्द मँ रहइवाला बनाया ह। हे परम परमेस्सर, मइँ तोहरे नाउँ क बड़कई क गीत गावत हउँ। 3 जब मोर दुस्मन मोसे पलटिके मोरे खिलाफ होत हीं, तब परमेस्सर ओनकर पतन करत ह अउ उ पचे बिलाइ जात हीं। 4 तू सच्च निआव करवइया अहा। तू आपन सिंहासन पइ निआव करवइया क रूप मँ बिराजा। तू मोरे मुकदमा क सुनवाई किह्या अउर मोर निआव किहा। 5 हे यहोवा, तू ओन दुस्मनन क कठोर झिड़की दिहा अउ हे यहोवा, तू ओन दुस्टन क नास किहा। ओनकइ नाउँ तू जिअत मनइयन क सूची स हमेसा हमेसा बरे मेट दिहा। 6 दुस्मन नस्ट होइ गवा ह! हे यहोवा, तू ओनकर नगर मेट दिहा ह। ओनकर भवन अब सिरिफ खण्डहर होइ गवा अहइँ ओन बुरे मनइयन क हम पचन्क सुमरन तलक दिआवइ क कछू भी नाहीं बचा बाटइ। 7 मुला यहोवा, तोहार सासन अविनासी अहइ। यहोवा आपन राज्ज क सक्तीसाली बनाएस। उ दुनिया मँ निआव लिआवइ बरे इ किहस। 8 यहोवा धरती क सबहिं मनइयन क निस्पच्छ होइके निआव करत ह। यहोवा सबहिं जातियन क बे पच्छपात क निआव करत ह। 9 यहोवा दलित अउ सोसितन क सरण क ठउर अहइ। विपत्ति क समइ उ एक सुदृढ़ किला अहइ। 10 जउन तोहे पइ भरोसा राखत हीं, तोहार नाउँ जानत हीं। हे यहोवा, अगर कउनो तोहरे दुआरे पइ आइ जाइ तउ बिना मदद पाए लउटत नाहीं। 11 अरे ओ सिय्योन क निवासी लोगो यहोवा क गीत गावा जउन सिय्योन मँ विराजत अहइ। सबहिं जातियन क ओन बातन क विसय मँ बतावा जउन बड़की बातन यहोवा कहेस ह। 12 यहोवा हत्यारन क सज़ा देत ह अउर ओनका याद रखत ह जउन ओकरे लगे मदद बरे जात ह। उ दीन लोगन क नाहीं भूलत जउन ओकरे लगे सहायता बरे रोवत अहइँ। 13 यहोवा क स्तुति मइँ गाएउँ ह: “हे यहोवा, मोहे पइ दाया करा। लखा, कउने तरह मोरे सत्रु मोका दुःख देत हीं। ‘मउत क दुआर’ स तू मोका बचाइ ल्या। 14 जेहसे यहोवा यरूसलेम क फाटक पइ मइँ तोहार स्तुति क गीत गाइ सकउँ। मइँ बहोतइ प्रसन्न होब काहेकि तू मोका बचाइ लिहा।” 15 दूसर जातियन गड़हा खोदेन जेहसे लोग ओनमाँ भहराइ जाइँ मुला उ पचे आपन ही खने भए गड़हन मँ खुद बिलाइ जइहीं। दुट्ठ लोग जालि छुपाइ छुपाइके बिछाएन, जेहसे उ पचे ओहमाँ दूसर लोगन क फाँसि लेइँ। मुला ओनमाँ ओनकर ही गोड़ धँसि गएन। 16 यहोवा जउन निआव किहस उ ओहसे पहिचाना गवा कि जउन बुरा करम करत हीं। उ पचे आपन ही हाथन स कीन्ह भए करम स जाँलि मँ फँस गएन। (हिग्गायोन, सेला) 17 उ पचे दुर्जन होत हीं, जउन परमेस्सर क बिसरत हीं। अइसे लोग मउत क देस जइहीं। 18 कबहुँ कबहुँ लागत ह जइसे परमेस्सर दुखियन क पीरा मँ बिसरि जात ह। इ अइसा लागत ह जइसे दीन लोग बिना आसा क अहइँ। मुला परमेस्सर दीन लोगन क हमेसा हमेसा बरे कबहुँ नाहीं बिसरत। 19 हे यहोवा, उठा अउ रास्ट्रन क निआव करा। कहूँ उ पचे इ सोच न बइठइँ उ पचे प्रबल अउ सक्तीसाली बाटेन। 20 मनइयन क पाठ सिखाइ द्या, जेहसे उ पचे जान जाइँ कि उ पचे बस सिरिफ मनई अहइँ।

10:1 हे यहोवा, तू ऍतना दूर काहे खड़ा रहत ह? कि संकट मँ पड़ा लोग तोहका निहारि नाहीं पउतेन। 2 अहंकारी दुट्ठ जन दुर्बल क दुःख देत हीं। उ पचे आपन सड़यन्त्र क रचत रहत हीं। 3 दुट्ठ जन ओन चिजियन पइ घमण्ड करत हीं, जेनकर ओनका गहरी इच्छा अहइ अउ लालची मनई परमेस्सर क कोसत रहत हीं। इ तरह दुट्ठ देखाँवत हीं कि उ पचे यहोवा स घिना करत रहत हीं। 4 दुट्ठ लोग ऍतना घमण्डी होत हीं कि उ पचे परमेस्सर क पाछे नाहीं चल सकतेन। उ पचे खराब खराब जोजना रचत हीं। उ पचे अइसा करम करत हीं, जइसे परमेस्सर क कउनो अस्तित्व ही न बाटइ। 5 दुट्ठ जन सदा कुटिल करम करत हीं। उ पचे परमेस्सर क विवेक स पूरी व्यवस्था अउ सिच्छन पइ धियान नाहीं देतेन। हे परमेस्सर, तोहार सबहिं दुस्मन तोहरे उपदेसन क उपेच्छा करत हीं। 6 उ पचे सोचत हीं, जइसेन कउनो बुरी बात ओनके संग नाहीं घटि जाइ। उ पचे कहत रहत हीं, “हम पचे मउज मँ रहब अउ कबहुँ भी दण्डित नाहीं होब।” 7 अइसेन दुट्ठ क मुँह सदा साप देत रहत ह। उ पचे दूसर जन क निन्दा करत हीं अउर काम मँ लिआवइ क सदा ही बुरी बुरी जोजना रचत रहत हीं। 8 अइसे लोग गुप्त ठउरन मँ लुकान रहत हीं, अउर लोगन क फँसावइ क प्रतीच्छा करत हीं। उ पचे लोगन क नस्कान पहुँचावइ खातिर लुकान रहत हीं अउ निरपराधी लोगन क हत्या करत हीं। 9 दुट्ठ जन सिंह क नाईर् होत हीं जउन ओन गोरूअन क धरइ क घात मँ रहत हीं। जेनका उ पचे खाइ जइहीं। दुट्ठ जन दीन लोगन पइ मार करत हीं ओनकर बनाए भए जालि मँ बेसहारा दीन फँसि जात हीं। 10 दुट्ठ जन बार-बार दीनन पइ घात करत अउ ओनका दुःख देत ह। 11 एह बरे दीन जन सोचइ लागत हीं, “परमेस्सर हमका बिसराइ ही दिहस। हमसे तउ परमेस्सर सदा-सदा बरे दूर होइ गवा बाटइ। उन कछू भी मोरे संग घटत अहइ, ओहसे परमेस्सर दृस्टि फेरि लिहस ह!” 12 हे यहोवा, उठा अउर कछू तउ करा! हे परमेस्सर, ओन दुट्ठ जनन क आपन हाथ उठाइके सजा द्या! अउर ऍन दीन दुःखियन क जिन बिसरा। 13 दुट्ठ जन काहे परमेस्सर क खिलाफ होत हीं? काहेकि उ पचे सोचत हीं कि परमेस्सर ओनका कबहुँ नाहीं दण्डित करी। 14 हे यहोवा, तू ही अहइ जउन बुरे लोगन दुआरा कीन्ह भावा अत्याचार अउर बुरे कामन क कउनो स भी जियादा लखत ह। तू एकर बारे मँ कछू कदम उठा। दुःखन स घिरा लोग मदद माँगइ तोहरे लगे आवत हीं। हे यहोवा, सिरिफ तू ही अनाथ लोगन क सहायक अहा, एह बरे ओनकर रच्छा करा। 15 हे यहोवा, दुट्ठ जनन क तू नस्ट कइ द्या। 16 तू ओनका आपन धरती स ढकेलिके बाहेर करा! 17 हे यहोवा, दीन दुःखी लोग जउन चाहत हीं उ तू सुनि लिहा। ओनकर पराथना सुना अउर ओनका पूरा करा जेनका उ पचे माँगत हीं। 18 हे यहोवा, अनाथ गदेलन क तू रच्छा करा। दुःखी लोगन क अउर जियादा दुःख जिन पावइ द्या। दुट्ठ लोगन क तू ऍतना भयभीत कइ द्या कि उ पचे हिआँ न टिक पावइँ।

11:1 मइँ यहोवा पइ भरोसा करत हउँ! फुन तू मोसे काहे कहत ह कि मइँ पराइके कहूँ जाउँ। तू कहत अहा मोसे कि, “पंछी क नाईर् आपन पहाड़े पइ उड़ि जा!” 2 दुट्ठ जन ओन सिकारी क समान अहइँ। उ पचे अँधियारे मँ लुकात हीं। उ पचे धनुस क डोरी क पाछे हींचत हीं। उ पचे आपन बाणन क साधत हीं अउर उ पचे नीक, नेक मनइयन क हिरदइ मँ सोझइ बाण छोड़त हीं। 3 धर्मी का कइ सकहीं जब समाज क नींव ही तबाह कइ दीन्ह जाइ?” 4 यहोवा आपन विसाल पवित्तर मन्दिर मँ विराजा बाटइ। यहोवा सरगे मँ आपन सिंहासने पइ बइठत ह। यहोवा सब कछू लखत ह, जउन भी होनी होत ह। यहोवा क आँखिन लोगन क सज्जनाई व दुर्जनाई क परखइ मँ लाग रहत हीं। 5 यहोवा धमीर् अउ दुट्‌ठ लोगन क परख करत ह, अउर उ ओन लोगन स घिना करत ह जउन हिंसा स प्रीति धरत हीं। 6 उ गरम कोयलन अउ बरत भइ गन्धक क बरखा क तरह ओन बुरे लोगन पइ गिराई। ओन बुरे लोगन क हींसा मँ बस झुरसत भइ हवा बही। 7 मुला यहोवा, तू धर्मी अहा। तोहका अच्छे जन भावत हीं। अच्छे मनई यहोवा क संग रइहीं अउर ओकरे मुँहना क दर्सन पइहीं।

12:1 हे यहोवा, मोका बचावा, काहेकि सबहिं वफ़ादार अउ दयालु जन चला गवा अहइँ। लोग वफ़ादारी क अरथ भूलि गवा बाटइ। 2 लोग आपन साथी संगियन स झूठ बोलत हीं। हर कउनो आपन पड़ोसियन क झूठ बोलिके चापलूसी करत रहत हीं। 3 यहोवा ओन ओंठन क सी देइ जउन झूठ बोलत हीं। यहोवा, ओन जिभियन क काट जउन आपन ही बारे मँ डींग हाँकत हीं। 4 अइसे जन सोचत हीं, “हमार झूठ हमका बड़का मनई बनइहीं। कउनो भी मनई हमरी जीभ क कारण हमका जीत नाहीं पाई।” 5 मुला यहोवा कहत ह: “बुरे मनइयन दीन दुर्बलन स चिजियन चुराइ लिहन ह। उ पचे असहाय दीन जनन स ओनकर चिजियन लइ लिहन ह। मुला अब मइँ ओन हारे थके लोगन क रच्छा ठाड़ होइके करब।” 6 यहोवा क वचन फुरइ अहइँ अउर ऍतना सुद्ध जइसे आगी मँ टेघराइ भइ सफेद चाँदी। उ सबइ वचन उ चाँदी क तरह सुद्ध अहइँ, जेका टेघराइ टेघराइके सात दाईर् सुद्ध बनावा गवा अहइँ। 7 हे यहोवा, बेसहारा जन क सुधि ल्या। ओनकइ रच्छा अब अउर सदा सर्वदा करा। 8 सबइ दुर्जन अकड़त हीं अउ बना ठना घूमत हीं। मुला उ पचे अइसेन होत हीं जइसे कउनो नकली आभूसण धारन करत ह। जउन लखइ मँ कीमती लागत हीं, मुला असलियत मँ बहोतइ सस्ता होत हीं।

13:1 हे यहोवा, तू कब तलक मोका बिसरा रहब्या? कब तलक तू मोका अंगीकार नाहीं करब्या? 2 तू मोका बिसरि गया इ कब तलक मइँ सोचउँ? आपन हिरदइ मँ कब तलक इ दुःख भोगउँ? कब तलक मोर दुस्मन मोका जीतत रइहीं? 3 हे यहोवा, मोर परमेस्सर, मोर सुनि ल्या! अउर तू मोरे सवाल क जवाब द्या, मोका जवाब द्या नाहीं तउ मइँ मरि जाबउँ। 4 साइद मोर सत्रु अइसेन ही कहइ लागेन, “मइँ ओका पीट दिहउँ।” मोर दुस्मन खुस होइहीं कि मोर अंत होइ गवा बाटइ। 5 हे यहोवा, मइँ तोहरी करुणा पइ मदद पावइ बरे भरोसा राखेउँ। तू मोका बचाइ लिहा अउर मोका सुखी किहा। 6 मइँ यहोवा बरे खुसी क गीत गावत हउँ, काहेकि उ मोरे बरे बहोत सी अच्छी बातन किहस ह।

14:1 मूरख आपन मने मँ कहत बाटइँ, “परमेस्सर नाहीं अहइ।” मूरख लोग तउ अइसे कारज करत हीं जउन भ्रस्ट अउ घिन स भरा होत हीं। ओनमाँ स कउनो भी भला काम नाहीं करत ह। 2 यहोवा अकासे स मनइयन क लखत ह, कि कउनो बुद्धिमान मनई ओका मिलि जाइ। बुद्धिमान मनई परमेस्सर कइँती मदद पावइ बरे मुड़ि जात ह। 3 मुला परमेस्सर स मुड़िके सबहिं दूर होइ ग अहइँ। आपुस मँ मिलिके सबहिं लोग पापी होइ ग अहइँ। कउनो भी मनई नीक काम नाहीं करत अहइ। 4 मोरे मनइयन क दुष्ट लोग नस्ट कइ दिहन। उ सबइ दुर्जन परमेस्सर क नाहीं जनतेन। दुस्टन क लगे खाइ बरे भरपूर भोजन बाटइ। इ सबइ लोग यहोवा क उपासना तलक भी नाहीं करतेन। 5 इ सबइ दुस्ट मनई निर्धन क राय सुनइ नाहीं चाहतेन। अइसा काहे अहइ? काहेकि दीन लोग तउ परमेस्सर पइ निर्भर अहइँ। मुला दुट्ठ लोगन पइ भय छाइ गवा अहइ। काहेकि परमेस्सर खरे लोगन क संग अहइ। 6 7 सिय्योन पइ कउन जउन इस्राएल क बचावत ह? उ तउ यहोवा अहइ, जउन इस्राएल क रच्छा करत ह! यहोवा क मनइयन क दूर लइ गवा जवा अउर ओनका दबाव डाइके बन्दी बनावा गवा। मुला यहोवा आपन मनवइयन क वापिस छुड़ाइ लिआइ। तब याकूब बहोतइ खुस होइ।

15:1 हे यहोवा, तोहरे तम्बू मँ कउन समइ बिताई सकत ह? कउन व्यक्ति तोहरे पवित्तर पर्वते पइ रहि सकत ह? 2 सिरिफ उहइ मनई जउन खरी जिन्नगी जिअत ह, अउर जउन उत्तिम करमन क करत ह, अउर जउन हिरदइ स फुरइ बोलत ह। उहइ तोहरे पर्वते पइ रह सकत ह। 3 अइसा मनई अउरन क बारे मँ कबहुँ बुरा नाहीं बोलत ह। उ आपन घराने क बुराई नाहीं करत ह। 4 उ ओन मनइयन क इज्जत नाहीं करत जउन परमेस्सर स घिना राखत हीं। अउर उ ओन सबहिं क सम्मान करत ह, जउन यहोवा क सेवक अहइँ। अइसा मनई अगर कउनो वचन देत ह तउ उ उ वचन क पूरा भी करत ह, जउन उ दिहे रहा। 5 उ मनई अगर कउनो क धन उधार देत ह तउ ओह पइ ब्याज नाहीं लेत। उ मनई कउनो निरपराध मनई क नस्कान पहोंचावइ बरे घूस नाहीं लेत। अगर कउनो मनई उ खरा मनई क तरह जिन्नगी जिअत ह तउ उ मनई कबहुँ भी ठोकर नाहीं खाइहीं।

16:1 हे परमेस्सर, मोर रच्छा करा, काहेकि मइँ तोहे पइ निर्भर अहउँ। 2 मोर यहोवा स निवेदन अहइ, “यहोवा, तू मोर सुआमी अहा। मोरे लगे जउन कछू उत्तिम अहइ उ सबइ तोहसे ही अहइ।” 3 यहोवा आपन लोगन क धरती पइ अद्भूत काम करत ह। यहोवा इ देखाँवत ह कि उ फुरइ ओनसे पिरेम करत ह। 4 मुला जउन दूसर देवतन क पाछे ओनकर पूजा बरे परात हीं, उ पचे दुःख उठइहीं। ओन मूत्तिर्यन क जउन रकत अर्पण कीन्ह गवा, ओनकर ओन बलियन मँ मइँ हीसंा नाहीं लेब। मइँ ओन मूरतियन क नाउँ तलक नाहीं लेब। 5 नाहीं, बस मोर हींसा यहोवा मँ अहइ। बस यहोवा स ही मोर अंस अउर मोर पात्र आवत ह। हे यहोवा मोका सहारा द्या अउर मोर हींसा द्या। 6 मोर हींसा बहोतइ अद्भुत अहइ। असल मँ मोरे लगे बहोत स सुन्नर उत्तराधिकार अहइ। 7 मइँ यहोवा क गुण गावत हउँ काहेकि उ मोका गियान दिहस। मोरे अन्तर्मन स राति मँ सिच्छन निकरिके आवत हीं। 8 मइँ यहोवा क सदा ही आपन सम्मुख राखत हउँ। मइँ ओकर दाहिने छोर कबहुँ नाहीं छोड़ब। 9 इहइ स मोर मन अउर मोर आतिमा बहोतइ आनन्दित होइ अउर मोरी देह तलक सुरच्छित रही। 10 काहेकि, यहोवा, तू मोर प्राण कबहुँ भी मउत क जगह मँ न तजी। तू आपन वफ़दार क कब्र मँ सड़इ नाहीं देब्या। 11 तू मोका जिन्नगी क राह देखउब्या जउन मोका तोहार मौजूदगी मँ पूरा आनन्द देत ह। तोहार दाहिन कइँती होब मोका सदा सदा ही आनन्द देइ।

17:1 हे यहोवा, मोरी पराथना निआव क खातिर सुना। मइँ तोहका ऊँच अवाज स गोहरावत अहउँ। मइँ आपन बात ईमानदारी स कहत हउँ। तउ कृपा कइके मोर पराथना सुना। 2 यहोवा तू ही मोर उचित निआव करब्या तू ही फुरइ क लख सकत अहा। 3 मोर मन परखइ क तू ओकरे बीच गहिराई मँ निहारि लिहा ह। तू मोरे संग राति भइ रहा तू मोका जाँचा, अउ तोका मोहे मँ कउनो खोट नाहीं मिला। मइँ कउनो बुरी जोजना नाहीं रचेउँ रहे। 4 तोहरे आदेसन क मानइ मँ मइँ कठिन जतन किहेउँ जेतॅना कि कउनो मनई कइ सकत ह। 5 मइँ तोहरी राहे पइ चलत रहत हउँ। मोर गोड़ तोहरे जिन्नगी क रीति स नाहीं डुगेन। 6 हे परमेस्सर, मइँ हर कउनो अवसर पइ तोहका पुकारेउँ ह अउर तू मोका जवाब दिहा ह। तउ अब भी तू मोर सुना। 7 हे परमेस्सर, तू आपन विस्सासी चेलन क दिखावा कि तू केतॅना अजूबा अहा! तू ओन लोगन क बचाया जउन ओन लोगन पइ हमला करत ह जउन ओन बचइ बरे तोहार सक्ती पइ निर्भर करत ह। 8 मोर रच्छा तू आपन आँखी क पुतली क नाईं करा। मोका आपन पखना क छाया क खाले तू छुपाइ ल्या। 9 हे यहोवा, मोर रच्छा ओन दुट्ठ जनन स करा जउन मोका नस्ट करइ क जतन करत अहइँ। उ सबइ मोका घेरे अहइँ अउ मोका हानि पहोंचाकाइ क प्रयत्नसील अहइँ। 10 दुट्ठ लोग घमण्ड क कारण परमेस्सर क बात पइ कान नाहीं लगावत अहइँ। इ सबइ आपन ही डींग हाँकत रहत हीं। 11 उ सबइ लोग मोरे पाछे पड़ा भवा अहइँ, अउर अब मइँ ओनके बीच मँ घिर गवा हउँ। उ पचे मोह पइ वार करइ क तय्यार ठाड़ बाटेन। 12 उ सबइ दुट्ठ जन अइसे अहइँ जइसे कउनो सिंह घात मँ दूसर पसु क मारइ क बइठा होइ। उ पचे सिंह क नाईर् झपटइ बरे छुपा रहत हीं। 13 हे यहोवा, दुस्मन क खिलाफ उठा अउर ओनका आत्मसर्मपन करइ बरे मज़बूर करा। आपनि तरवार उठावा अउ इ सबइ दुट्ठ जनन स मोर रच्छा करा। 14 हे यहोवा, जउन मनई सजीव अहइँ ओनका धरती स दुट्ठन क आपन सक्ती स दूर करा। हे यहोवा, बहुतेरे तोहरे लगे सरण माँगइ आवत हीं। तू ओनका बहुतायत स भोजन द्या। ओनकर सन्तानन क परिपूर्ण कइ द्या। ओनके लगे आपन गदेलन क देइ क बहुतायत स धन होइ। 15 मोर विनय निआव बरे अहइ। तउ मइँ यहोवा क मुँह क दर्सन करब । हे यहोवा, तोर दर्सन करतइ ही, मइँ पूरी तरह सन्तुट्ठ होइ जाबउँ।

18:1 उ कहेस, “यहोवा मोर सक्ती अहइ, मइँ तोहसे पिरेम करत हउँ। 2 यहोवा मोर चट्टान, मोर गढ़, मोर सरणस्थल बाटइ।” मोर परमेस्सर मोर चट्टान अहइ। मइँ तोहरी सरण मँ आवा हउँ। ओकर सक्ती मोका बचावत ह। यहोवा ऊँचके पहाड़न पइ मोर सरणस्थल अहइ। 3 यहोवा क जउन स्तुति क जोग्य अहइ, मइँ गोहराउब अउर मइँ आपन दुस्मनन स बचावा जाब। 4 मोर दुस्मनन मोका मारइ क जतन किहन। मइँ चारिहुँ कइँती मउत क लसुरी स घिरा अहउँ। मोका अधर्म क बाढ़ भयभीत कइ दिहस। 5 मोरे चारिहुँ कइँती पाताल क लसुरी रहिन। अउर मोह पइ मउत क फंदा रहेन। 6 मइँ घेरा भवा रहेउँ अउर यहोवा क मदद बरे गोहराएउँ। मइँ आपन परमेस्सर क गोहराएउँ। परमेस्सर पवित्तर मन्दिर मँ बिराजा। उ मोर पुकार अनकेस अउ मदद किहेस। 7 तब्बइ भुइँया हल गइ अउ थर्राइ उठी; अउ पहाड़न क नेेंव थर्राइके हल उठिन काहेकि यहोवा बहोतइ कोहान रहा। 8 परमेस्सर क नथुना स धुआँ फूटि पड़ा। परमेस्सर क मुँह स ज्वाला फूटि पड़िन, अउ ओहसे चिंगारियन छटक गइन। 9 यहोवा सरगे क चीरिके खाले उतरा। खूब घना करिआ बादर ओकरे गोड़े तरे रहेन। 10 उ करूब सरगदूत पइ उ़डि गवा अउर हवा क पंख पइ सवार होइके ऊँचे आकास मँ उड़ि गवा। 11 यहोवा खुद क अँधियारे मँ छुपाइ लिहस, ओका अकासे क चँदोबा घेरे रहा। उ गरजत बादर क खूब घना घटा-टोप मँ लुकान भवा रहा। 12 फिन, परमेस्सर क तेज बादर फाड़िके निकरा। बरसा अउ बिजुरियन कौंधिन। 13 यहोवा क उद्घोष नाद अकासे मँ गूँजा। परम परमेस्सर आपन वाणी क सुनइ दिहस। फुन अंगारे गिरेन अउ बिजुरियन कौंधिन। 14 यहोवा बाण छोड़ेस अउर दुस्मन बिखराइ गएन। ओकर अनेक बिजुरी क बज्रन ओनका हराइ दिहन। 15 हे यहोवा, तू गरज्या अउ मुँह स आँधी बहाया। पानी पाछे हटिके दब गवा अउ समुद्रे क पानी बगइर तले क देखँाइ लाग, अउर धरती क नेंव तलक उधरि गइ। 16 यहोवा ऊपर अकासे स खाले उतरा अउर मोर रच्छा किहस। मोका मोरे कस्टन स उबारि लिहस। 17 मोर सत्रु मोहसे कछूँ जियादा ताकतवर रहेन। उ पचे मोहसे कहूँ जियादा बरिआर रहेन, अउ मोहसे दुस्मनी राखत रहेन। तउ परमेस्सर मोर रच्छा किहस। 18 जब मइँ विपत्ति मँ रहेउँ, मोर दुस्मनन मोह पइ वार किहन मुला तबहिं यहोवा मोका सँभारेस! 19 यहोवा क मोहसे पिरेम रहा, तउ उ मोका बचाएस अउर मोका सुरच्छित ठउरे पइ लइ गवा। 20 यहोवा मोका आपन अच्छाई क अनुसार इनाम देइ। उ मोका मोरे सुद्धता क अनुसार बदल देइ। 21 काहेकि मइँ यहोवा क आग्या क पालन किहेउँ ह! आपन परमेस्सर यहोवा बरे मइँ कउनो भी बुरा काम नाहीं किहेउँ। 22 मइँ तउ यहोवा क व्यवस्था विधानन क अउ हुकुमन क हमेसा धियान मँ राखत हउँ! 23 खुद क मइँ ओकरे समन्वा पवित्तर राखत हउँ अउ अबोध बना रहत हउँ। 24 काहेकि मइँ अबोध अहउँ! एह बरे मोका मोर पुरस्कार देइ! जइसा परमेस्सर लखत ह कि मइँ कउनो बुरा काम नाहीं किहेउँ, एह बरे उ मोरे बरे उत्तिम चिजियन करी। 25 हे यहोवा, तू वफ़ादार लोगन क संग वफ़ादार अहा अउ खरे लोगन्क संग तू आपन क खरा दिखावत ह। 26 हे यहोवा, तू सुद्ध लोगन क संग सुद्ध अहा, किन्तु तू दुट्ठ लोगन स जियादा चालाक अहा। 27 हे यहोवा, तू नम्र जनन बरे सहाय अहा, मुला जेनमाँ अहंकार भरा अहइ ओन मनइयन क तू बड़ा नाहीं बनइ देत्या। 28 उ तू ही अहा जउन मोर दीप बरत ह। हे मोरे परमेस्सर तू मोरे अंधकार क जोति मँ बदल देत अहा! 29 हे यहोवा, तोहरी मदद स, मइँ फउजियन क संग पराइ सकत हउँ। तोहरी ही मदद स, मइँ दुस्मनन क चहरदीवार फाँद सकत हउँ। 30 परमेस्सर क विधान पवित्तर अउ उत्तिम अहइ अउ यहोवा क सब्द सच स पूरा होत हीं। उ ओका बचावत ह जउन ओकरे भरोसे अहइँ। 31 यहोवा क छाँड़ि बस अउर कउन परमेस्सर बाटइ? सिरिफ हमरे परमेस्सर क अउर कउन चट्टान अहइ? 32 मोका परमेस्सर सक्ति देत ह। उ मोर रास्ता आसान बनावत ह। 33 परमेस्सर मोरे गोड़न क हिरन क नाईर् तेज चाल देत ह। उ मोका स्थिर बनावत अउर मोका चट्टानी सिखरन स गिरइ स बचावत ह। 34 परमेस्सर जुद्ध बरे मोरे बाँहन क प्रसिच्छित करत ह, एह बरे मइँ बहोत सक्तीसाली धनुसक मोड़ सकत हउँ अउ तीर छोड़ सकत हउँ। 35 हे परमेस्सर, आपन ढार स मोर रच्छा करा। तू मोका आपन दाहिन भुजा स आपन महान सक्ती प्रदान कइके मदद द्या। 36 हे परमेस्सर, तू मोरे गोड़े क अउर टखना क मजबूत बनावा ताकि मइँ तेज होइके बगइर लड़खड़ाहट क बढ़ चलउँ। 37 फुन आपन दुस्मनन क पाछा करउँ, अउ ओनका धइ सकउँ। ओनमाँ स एक क भी बच पावइ देउँ। 38 मइँ आपन दुस्मनन क हराउब। ओनमाँ स एक भी फुन ठाड़ नाहीं होइ। मोर सबहिं दुस्मन मोरे गोड़वा प गिरि जइहीं। 39 हे परमेस्सर, तू मोका जुद्ध मँ सक्ती दिहा, अउर मोरे सब दुस्मनन क मोरे समन्वा निहुराइ दिहा। 40 तू मोरे दुस्मनन क पीठ मोरी कइँती फेरि दिहा, ताकि मइँ ओनका काटि डावउँ जउन मोसे जलन राखत हीं। 41 जब मोर दुस्मनन मदद क गोहार लगाएन, ओनका मदद देइ अगवा कउनो नाहीं आवा। हिआँ तलक कि उ पचे यहोवा तलक क पुकारेन, मुला यहोवा स ओनका जवाब न मिला। 42 मइँ आपन दुस्मनन क कूट कूट कइ धूरि मँ मिलइ देबउँ, जेका ब्यार उड़ाइ देत ह। मइँ ओनका कुचर दिहेउँ अउर माटी मँ मिलाइ दिहेउँ। 43 मोका ओनसे बचाइ ल्या जउन मोसे जुद्ध करत हीं। मोका ओन जातियन क मुखिया बनाइ द्या, जेनका मइँ जानत तलक नाहीं हउँ ताकि उ पचे मोर सेवा करिहीं। 44 फिन उ सबइ लोग मोर सुनिहीं अउर मोरे हुकुमन क मनिहीं, दूसर रास्ट्रन क लोग मोसे डेरइहीं। 45 उ पचे विदेसी लोग मोरे समन्वा निहुरिहीं काहेकि उ पचे मोसे भयमीत होइहीं। उ पचे भय स थर्रात भए आपन छुपा ठउरन स बाहेर निकारि अइहीं। 46 यहोवा सजीव अहइ! मइँ आपन चट्टान क जस गीत गावत हउँ। मोर महान परमेस्सर मोर रच्छा करत ह। 47 धन्न बाटइ, मोर पटक देइवाला परमेस्सर जउन देस-देस क मनइयन क मोरे बस मँ कइ दिहस ह। 48 यहोवा, तू मोका मोरे दुस्मनन स छोड़ाया ह। तू मोर मदद किहा ताकि मइँ ओन लोगन क हराइ सकउँ जउन मोरे खिलाफ खड़ा भएन। तू मोका कठोर मनइयन स बचाया ह। 49 हे यहोवा, इहइ कारण मइँ देसन क बीच तोहार स्तुति करत हउँ। इहइ कारण मइँ तोहरे नाउँ क भजन गावत हउँ। 50 यहोवा आपन राजा क मदद बहोत स जुद्धन क जीतइ मँ करत ह। उ आपन सच्चा पिरेम, आपन चुने भए राजा पइ देखाँवत ह। उ दाऊद अउ ओकरे संताने बरे सदा बिस्सास क जोग्ग रही।

19:1 अकास परमेस्सर क महिमा बखानत ह, अउ अकासमण्डल परमेस्सर क उत्तिम सबइ रचना क देखाँवत ह। 2 हर नवा दिन ओकर नई कथा कहत ह, अउ हर रात परमेस्सर क नई नई सक्तियन क परगट करत ह। 3 हुवाँ न कउनो भासन या सब्दन होइ। न कउनो आवाज़ सुनाइ पड़त। 4 मुला ओकर “वाणी” भूमण्डल मँ बियापत ह अउर ओकर “सब्दन” धरती क छोर तलक पहोंचत हीं। ओनमाँ उ सूरज बरे एक घर जइसा तय्यार किहस ह। 5 सूरज नवखिल दुल्हा क नाईर् आपन सयन कच्छ स निकरत ह। सूरज आपन राहे पइ अकास क पार करइ निकरि पड़त ह, जइसे कउनो खिलाड़ी आपन दउड़ पूरी करइ बरे तइयार होइ। 6 अकासे क एक छोर स सूरज चल पड़त ह अउर ओह पार पहोंचइ क, उ सारी राह दउड़त रहत ह। अइसी कउनो वस्तु नाहीं जउन आपन क ओकरी गमीर् स छुपाइ लेइ। यहोवा क उपदेस भी अइसेन ही होत हीं। 7 यहोवा क सिच्छन सम्पूर्ण होत हीं, इ सबइ भक्त जनन क सक्ती देत हीं। यहोवा क करार पइ भरोसा कीन्ह जाइ सकत ह। जेनके लगे बुद्धि नाहीं अहइ इ ओनका सुबुद्धि देत ह। 8 यहोवा क नेम निआव स पूरा होत हीं, उ सबइ लोगन्क खुसी स भरि देत हीं। यहोवा क आदेस उत्तिम अहइँ, उ सबइ मनइयन क जिअइ क नई राह देखाँवत हीं। 9 यहोवा क आराधना प्रकास जइसी होत ह, इ तउ सदा सर्वदा जोति स भरी रही। यहोवा क निआव निस्पच्छ होत हीं, उ सबइ पूरी तरह निआव स पूरा होत हीं। 10 यहोवा क उपदेस उत्तिम सुबरन अउ कुन्दन स भी बढ़िके मनोहर अहइँ, उ सबइ उत्तिम सहद स भी जियादा मधुर अहइँ, जउन सोझ सहद क छत्ता स टपक आवत ह। 11 हे यहोवा, तोहार उपदेस तोहरे सेवक क आगाह करत हीं। अउर जउन ओनकइ पालन करत हीं ओनका तउ बरदान मिलत ह। 12 हे यहोवा, आपन सबहिं दोसन क कउनो नाहीं लख पावत। एह बरे तू मोका ओन पापन्स बचावा जउन एकान्त मँ छुपिके कीन्ह जात हीं। 13 हे यहोवा, मोका ओन पापन्क करइ स बचावा जेनका मइँ करइ चाहत हउँ। ओन पापन्क मोह पइ सासन न करइ द्या। अगर तू मोका बचावत ह तउ मइँ इमानदारी स भरि भवा होइ सकत हउँ अउ बहोत सारा पापन्स मुक्त होइ सकत हउँ। 14 मोका आसा अहइ कि, मोर वचन अउ चिंतन तोहका प्रसन्न करिहीं। हे यहोवा, तू मोर चट्टान, अउर मोर बचावइवाला अहा।

20:1 तोहरी पुकार क यहोवा जवाब देइ, अउर जब तू विपत्ति मँ ह्वा तउ याकूब क परमेस्सर तोहरे नाउँ क बढ़ावइ। 2 परमेस्सर आपन पवित्तर ठउर स तोहार मदद करइ। उ तोहका सिय्योन स सहारा देइ। 3 परमेस्सर तोहरी सब भेंटन क याद राखइ, अउर तोहरे सबइ बलिदानन क अंगीकार करइ। 4 परमेस्सर तोहका ओन सबहिं वस्तुअन क देइ जेनका तू फुरइ फुरइ चाह्या। उ तोहार सबहिं योजनन पूरी करइ। 5 परमेस्सर जब तोहार मदद करइ हम पचे बहोतइ खुस होब। अउर हम पचे परमेस्सर क बड़कई क गीत गाउब। यहोवा उ सबइ चीज करी जेका तू पचे मँग्या। 6 मइँ अब जानत हउँ कि यहोवा मदद करत ह आपन उ राजा क जेका उ चुनेस। परमेस्सर तउ आपन सरगे मँ बिराजा अहइ अउर उ आपन चुने भए राजा क, जवाब दिहस उ राजा क रच्छा करइ बरे परमेस्सर आपन महासक्ती क प्रयोग मँ लिआवत ह। 7 कछू क भरोसा आपन रथन पइ अहइ, अउर कछू क आपन फउजियन पइ भरोसा बा मुला हम पचे तउ आपन यहोवा परमेस्सर क सुमिरन करत अही। 8 मुला उ सबइ लोग हारि गएन अउर जंगल मँ मार डावा गवा गएन अउर हम लोग जीते अउ खुसी मनावइ बरे इकट्ठा होब। 9 अइसा कइसा भवा? काहेकि यहोवा आपन चुने भए राजा क रच्छा किहा उ परमेस्सर क गोहराए रहा अउर परमेस्सर ओकर सुनेस।

21:1 हे यहोवा, तोर महिमा राजा क प्रसन्न करत ह, जब तू ओका बचावत ह। उ बहोतइ आनन्दित होत ह। 2 तू राजा क उ सबइ वस्तुअन दिहा जेका उ चाहे रहा, राजा जउन भी पावइ क बिनती किहस। हे यहोवा, तू मन क चाहा भवा ओका दइ दिहा। 3 हे यहोवा, सचमुच तू बहोत आसीस राजा क दिह्या। ओकरे मूँड़े पइ तू सुवर्ण क मुकुट धइ दिह्या। 4 उ तोहसे जिन्नगी क भीख माँगेस अउर तू ओका इ दइ दिह्या। परमेस्सर, तू सदा सर्वदा बरे राजा क अमर जीवन दिह्या। 5 तू रच्छा किहा तउ राजा क महा वैभव मिल गवा। तू ओका आदर अउ प्रसंसा दिहा। 6 हे परमेस्सर, सचमुच तू राजा क सदा सर्वदा बरे, आसीर्वाद दिहा। जब राजा क तोहार दर्सन मिलत ह, तउ उ बहोत खुस होत ह। 7 राजा क सचमुच यहोवा पइ भरोसा अहइ, तउ परमेस्सर ओका निरास नाहीं करी। 8 हे परमेस्सर! तू देखाँइ द्या आपन सबहिं दुस्मनन क कि तू खूब मजबूत अउ सक्तीसाली अहा। जउन तोहसे घिना करत हीं तोहार सक्ती ओनका हराइ देइ। 9 हे यहोवा, जब तू राजा क साथ होत अहा तउ उ भभकत भार जइसा होइ जात ह, जउन सब कछू भसम करत ह। ओकर किरोध क आगी आपन सबहिं दुस्मनन क भसम कइ देत ह। 10 परमेस्सर क दुस्मनन क बंस नस्ट होइ जइहीं, धरती क ऊपर स उ सब मिटिहीं। 11 अइसा काहे भवा? काहेकि यहोवा, तोहरे खिलाफ ओन मनइयन खड़यन्त्र रचे रहेन। उ पचे बुरा करइ क जोजना रचे रहेन, मुला उ पचे ओहमाँ सफल नाहीं भएन। 12 यहोवा जब तू ओन लोगन पइ आपन तीर स निसाना साध्या, तउ तू ओनका पीछे घुमाई दिहा अउर भगाइ दिहा। 13 यहोवा क अउर ओकर सक्ती क गुण गावा आवा हम पचे गाई अउर ओकरे गीतन क बजाई जउन ओकर गरिमा स जुर ग अहइँ।

22:1 हे मोरे परमेस्सर, हे मोरे परमेस्सर, तू मोका काहे तजि दिहा ह? मोका बचावइ बरे तू काहे बहोतइ दूर अहा? मोर मदद क पुकार क सुनइ बरे तू बहोतइ दूर अहा। 2 हे मोरे परमेस्सर, मइँ तोहका दिन मँ पुकारेउँ मुला तू जवाब नाहीं दिहा, अउर मइँ राति भर तोहका पुकारत रहेउँ। 3 हे परमेस्सर, तू पवित्तर अहा। तू राजा क नाईर् बिराजमान अहा। इस्राएल क स्तुतियन तोहार सिंहासन अहइ। 4 हमार पुरखन तोह पइ बिस्सास किहन। हाँ हे परमेस्सर उ पचे तोहार भरोसा रहेन। अउर तू ओनका बचाए रह्या। 5 हे परमेस्सर, हमार पुरखन तोहका मदद क गोहराएन अउर उ पचे आपन दुस्मनन स बच निकरेन। उ पचे तोह पइ बिस्सास किहन अउर उ पचे निरास नाहीं भएन। 6 तउ का मइँ फुरइ कउनो कीरा हउँ, जउन लोग मोहसे लज्जित भए बाटेन अउर मोहसे घिना करत हीं? 7 जउन भी मोका लखत ह मोर हँसी उड़ावत ह, उ पचे आपन मूड़ँ हलावत अउ आपन ओंठ बिरावत हीं। 8 उ पचे मोसे कहत हीं कि, “आपन रच्छा बरे तू यहोवा क गोहँराइँ सकत ह। उ तोहका बचाइ लेइ। अगर तू ओका ऍतना भावत ह तउ, निहचय ही उ तोहका बचाइ लेइ।” 9 हे परमेस्सर फुरइ तउ इ अहइ कि सिरिफ तू ही अहा जेकरे ऊपर मइँ निर्भर हउँ। तू मोका उ दिन स संभालया ह, जब स मोर जन्म भवा। तू ही अहा जेकर कारण स मइँ बच्पन स बिस्सास किहेउँ। 10 ठीक उहइ दिना स जब स मइँ जन्म लिहेउँ ह, तू मोर परमेस्सर रहवा ह। जइसे ही मइँ आपन महतारी क कोख स बाहेर आए रहेउँ, मोका तोहरी देखरेख मँ रख दीन्ह ग रहा। 11 तउ हे, परमेस्सर! मोका जिन बिसरि जा, संकट निअरे बाटइ, अउर कउनो भी मनई मोर मदद क नाहीं अहइ। 12 मइँ ओन लोगन स घिरा अहउँ, जउन सक्तीसाली साँड़न जइसे मोका घेरे भए अहइँ। 13 उ पचे ओन सिंहन जइसे अहइँ, जउन कउनो जन्तु क चीरत होइँ अउ दहाड़त होइँ अउर ओनकर मुँह विकराल खुला भवा होइँ। 14 मोर सक्ती धरती पइ बिखरे जल स लुप्त होइ गइ। मोर हाड़न अलगाइ ग अहइँ। मोर साहस खतम होइ चुका अहइ। 15 मोर मुँह एक पुराना टूटा भवा बर्तन क टूका क नाईं सूख गवा अहइ। मोर जीभ आपन ही तालु स चिपकत अहइ। तू मोका कब्र क धूरि मँ डार दिहा ह। 16 दुट्ठ लोग मोर चारिहुँ कइँती कुकुरन क नाईं घेरे भए अहइँ, दुस्ट जनन क उ समूह मोका फँसाएस ह। उ पचे मोरे हथवन अउर गोड़न क छेद दिहेन ह। 17 मोका आपन हाड़ देखाँइ देत ह। इ सबइ लोग मोका घूरत अहइँ। इ सबइ मोका नस्कान पहोंचावइ क ताकत रखत हीं। 18 उ पचे मोर कपड़ा आपुस मँ बाँटत अहइँ। मोरे ओढ़नन बरे उ पचे पाँसा लोकावत अहइँ। 19 हे यहोवा, तू मोका जिन तजा। तू मोर बल अहा, मोर मदद करा। अब तू देर जिन लगावा। 20 हे यहोवा, मोर प्राण तलवार स बचाइ ल्या। ओन कुत्तन स तू मोर मूल्यवान जिन्नगी क रच्छा करा। 21 मोका सेर क मुँह स बचाइ ल्या अउ साँड़ क सीगंन स मोर रच्छा करा। 22 हे यहोवा, मइँ आपन भाइयन मँ तोर प्रचार करब। मइँ तोर प्रसँसा तोहरे भक्तन क सभा क बीच करब। 23 ओ यहोवा क उपासक लोगो, यहोवा क बड़कई करा। इस्राएल क सन्तानन यहोवा क आदर करा। ओ इस्राएल क सबहिं लोगो, यहोवा क भय माना अउ आदर करा। 24 काहेकि यहोवा अइसे मनइयन क मदद करत ह जउन विपत्ति मँ होत हीं। यहोवा ओनसे घिना नाहीं करत ह। अगर लोग मदद बरे यहोवा क पुकारइँ तउ उ खुद क ओनसे न छिपाइ। 25 मइँ तोहका धामिर्क सभा मँ स्तुति बरे का भेंट कइ सकत हउँ। तोहार भक्त लोगन क समन्वा मइँ तोहका उ देबउँ जेका मइँ वादा किहेउँ ह। 26 दीन जन भोजन पइहीं अउर सन्तुट्ठ होइहीं। तू लोग जउन ओका हेरत भए आवत अहा ओकर स्तुति करा। मन तोहार हमेसा हमेसा आनन्द स भरि जाइँ। 27 तब सबहिं दूर भुइँयन क लोग यहोवा क सुमिरइँ अउर ओकर लगे लउटि आवइँ। हे यहोवा, धरती क सबइ परिवार क हरेक लोग तोहार समन्वा निहुरिहीं। 28 काहेकि यहोवा राजा अहइ। उ हर एक रास्ट्र पइ सासन करत ह। 29 मानव जाति घास क नाईं स्थाइ नाहीं अहइँ जउन कि समूचइ धरती मँ उगत हीं। हम सबहिं आपन खइया क खाब अउर परमेस्सर क समन्वा निहुरि दण्डवत करब।हाँ मानव जाति मरत ह अउ ओनका कब्र मँ डार दीन्ह जात ह। सबइ लोग जउन जीवित अहइ या नाहीं अहइ परमेस्सर क समन्वा नम्रता स निहुरिके दण्डवत करइँ। 30 अउर भविस्स मँ हमार सन्तान यहोवा क सेवा करिहीं। लोग सदा सदा ही ओकरे बारे मँ बखनिहीं। 31 उ सबइ लोग अइहीं अउर परमेस्सर क भलाई क प्रचार करिहीं जेनकर अबहिं जन्म ही नाहीं भवा।

23:1 यहोवा मोर गड़रिया अहइ। जउन कछू भी मोका अपेच्छित होइ, सदा मोरे लगे रही। 2 हरे भरे चरागाह मँ मोका सुख स उ राखत ह। उ मोका सांत झरनन पइ लइ जात ह। 3 उ आपन नाउँ क निमित्त मोरी आतिमा क नई सक्ती देत ह। उ मोर अगुआई करत ह कि उ फुरइ उत्तिम अहइ। 4 मइँ मउत क अँधिअर घाटी स गुजरत भइ नाहीं डेराब, काहेकि यहोवा तू मोरे संग अहा। तोहार चरवाहे क लाठी मोका सुख देत हीं। 5 हे यहोवा, तू मोरे दुस्मनन क समन्वा मोर खइया बरे मेज सजाया ह। तू मोरे मूँड़े पइ तेल उड़ेर्या ह। मोर कटोरा भरा ह अउ छलकत बाटइ। 6 निचहय नेकी अउ करुणा मोर बाकी जिन्नगी तलक मोरे संग रही। मइँ यहोवा क मन्दिर मँ लम्बी समइ तलक बार-बार जाबिउँ।

24:1 धरती अउ ओह प क सब चिजियन यहोवा क अहइँ; संसार अउ हर कउनो जउन एहमाँ रहत हीं ओकर अहइँ। 2 यहोवा इ धरती क जल पइ रचे अहइ। उ एका जल क धारन पइ बनाएस। 3 यहोवा क पहाड़े क मन्दिर मँ कउन जाइ सकत ह? कउन यहोवा क पवित्तर ठउर मँ खड़ा होइ सकत अउर आराधना कइ सकत ह? 4 अइसा मनई जउन हाथन क साफ किहे ह, अइसा मनई जउन पवित्तर जीवन क अगुवाइ करत ह, अइसा मनई जउन मोरे नाउँ क प्रयोग कइके दूसर बरे गलत नाहीं किहे ह, अउर अइसा मनई जउन झूठ न बोलेस, अउ न ही झूठा वचन दिहेस ह। बस अइसेन मनई ही हुआँ आराधना कइ सकत हीं। 5 सज्जन तउ चाहत हीं यहोवा सब क भला करइ। उ पचे सज्जन परमेस्सर स जउन ओनकर उद्धारक अहइ, नेक चाहत हीं। 6 उ पचे सज्जन परमेस्सर क अनुसरण क जतन करत हीं। उ पचे याकूब क परमेस्सर क लगे मदद पावइ जात हीं। 7 फाटकन, आपन मूँड़ी ऊँची करा! सनातन दुआरन, खुलि जा! प्रतापी राजा भितरे आई। 8 इ प्रतापी राजा कउन अहइ? यहोवा ही उ राजा अहइ, उहइ सबल सैनिक अहइ, यहोवा ही उ राजा अहइ, उहइ जुद्ध नायक बा। 9 फाटकन, आपन, मूँड़ी ऊँची करा! सनातन दुआरन, खुलि जा! प्रतापी राजा भितरे आई। 10 उ प्रतापी राजा कउन अहइ? यहोवा सर्वसक्तिमान ही उ राजा अहइ। उ प्रतापी राजा उहइ अहइ।

25:1 हे यहोवा, मइँ खुद क तोहका समपिर्त करत हउँ। 2 मोरे परमेस्सर, मोर सिरिफ तोह पइ बिस्सास बाटइ। मोका अपमानित होइ क अनुमति जिन द्या; मोर दुस्मनन क मोह पइ हँसी उड़ावइ क अनुमति जिन द्या। 3 अइसा मनई, जउन तोहमँा बिस्सास धरत ह, उ निरास नाहीं होइ। मुला बिस्सासघाती निरास होइहीं अउर, उ पचे कबहुँ भी कछू नाहीं प्राप्त करिहीं। 4 हे यहोवा, मोर मदद करा कि मइँ तोहरी राहन क सीखउँ! तू आपन मार्गन क मोका सिच्छा द्या। 5 आपन सच्ची राह तू मोका देखाँवा अउर ओकर उपदेस मोका द्या। तू मोर परमेस्सर तू मोर उद्धारकर्त्ता अहा। मोका हर दिन तोहार भरोसा अहइ। 6 हे यहोवा, मोह पइ आपन दाया राखा अउर उ ममता क मोह पइ परगट करा, जेका तू हरदम राखत ह। 7 आपन जवानी मँ जउन पाप अउर कुकर्म मइँ किहेउँ, ओनका जिन याद राखा। हे यहोवा आपन निज नाउँ निमित्त, मोका आपन करुणा स सुमिर ल्या। 8 हे यहोवा, सचमुच उत्तिम अहइ, उ पापियन क जिन्नगी क नेक राह देखाँवत ह। 9 उ दीन लोगन क आपन राहन क सीख देत ह। बिना पच्छपात क उ ओनका मारग देखाँवत ह। 10 यहोवा क राहन ओन लोगन बरे छिमा स भरी अउ सच अहइँ, जउन ओकर करार अउर कानून क अनुसरण करत हीं। 11 हे यहोवा, मइँ बहुतेरा पाप किहेउँ ह, मुला तू आपन नाउँ बरे मोर हर पापे क दयालुता स छिमा कइ दिहा। 12 जदि कउनो मनई यहोवा क अनुसरण करइ चाहइ, तउ ओका परमेस्सर जिन्नगी क उत्तिम राह देखाँइ। 13 उ मनई उत्तिम वस्तुअन क सुख भोगी, अउर उ मनई क सन्तानन उ धरती क जेका परमेस्सर वचन दिहे रहा स्थायी रइहीं। 14 यहोवा आपन भक्तन पइ आपन भेद खोलत ह। उ आपन निज भक्तन क आपन करार क सिच्छा देत ह। 15 मोर आँखिन मदद पावइ क यहोवा पइ सदा टिकी रहत हीं। मोका मोरी बिपत्ति स उ सदा छोड़ावत ह। 16 हे यहोवा, मइँ पीड़ित अउ अकेल्ला अहउँ। मोरी कइँती मूड़ अउ मोह पइ दाया देखाँवा। 17 मोरी बिपत्तियन स मोका अजाद करा। मोर समस्या सुलझाने क मदद करा। 18 हे यहोवा, मोका परखा अउर मोरी बिपत्तियन पइ निगाह डावा। मोका जउन पाप मइँ किहे हउँ, ओन सबहिं बरे छिमा करा। 19 लखा मोर केतॅना दुस्मनन अहइँ, अउ लखा उ मोहसे केतॅना नफ़रत करत हीं। 20 हे परमेस्सर, मोर रच्छा करा अउर मोका बचाइ ल्या। मइँ तोहार भरोसा राखत हउँ। तउ मोका निरास जिन करा। 21 हे परमेस्सर, तू सचमुच उत्तिम अहा। मोका तोहार भरोसा अहइ, तउ मोर रच्छा करा। 22 हे परमेस्सर, इस्राएल क लोगन क ओनकर सबहिं दुस्मनन स रच्छा करा।

26:1 हे यहोवा, मोर निआव करा, प्रमाणित करा कि मइँ पवित्तर जिन्नगी बिताएउँ ह। मइँ यहोवा पइ कबहुँ बिस्सास करब नाहीं तजे रहेउँ। 2 हे यहोवा, मोका परखा अउर मोर जाँच करा, मोर हिरदइ मँ अउर बुद्धि क निचके स लखा। 3 मइँ तोहरे पिरेम क सदा ही लखत हउँ, मइँ तोहरे सत्य क सहारे जिअत रहत हउँ। 4 मइँ ओन बेकार लोगन मँ स नाहीं अहउँ। 5 मइँ बुरे लोगन क संगति स घिना करत हउँ। मइँ दुस्ट लोगन मँ सामिल नाहीं होत हउँ। 6 हे यहोवा, मइँ निदोर्खी दिखाइ बरे आपन हथवा धोए हउँ, एह बरे सायद मइँ तोहार वेदी पइ आइ सकत हउँ। 7 हे यहोवा, मइँ तोहरी प्रसंसा क गीत गावत हउँ, अउर जउन अचम्भा स भरा करम तू किह्या ह, ओनके बारे मँ मइँ गीत गावत हउँ। 8 हे यहोवा, मइँ तोहार मनोहर मन्दिर स अउ उ तम्बू स जहाँ तोहार महिमानिवास करत ह पिरेम करत हउँ। 9 हे यहोवा, तू मोका ओन पापियन क दले मँ जिन मिलावा, जब तू ओन हत्तियारन क प्राण लेब्या तब मोका जिन मार्या। 10 उ हमेसा दूसर लोगन क धोखा देइ बरे अउर रिसवत लेइ बरे तइयार रहत ह। 11 लेकिन मइँ अटल हउँ, तउ हे परमेस्सर, मोहे पइ दयालु ह्वा अउर मोर रच्छा करा। 12 मइँ नेक जिन्नगी जिअत रहेउँ। मइँ तोहरी बड़कई गीत, हे यहोवा, जब भी तोहार भक्त मण्डली साथे मिलि गइ, गावत रहेउँ।

27:1 हे यहोवा, तू मोरे जोति अउ मोर उद्धारकर्ता अहा। मोका तउ कउनो स भी नाहीं डरइ चाही। यहोवा मोरी जिन्नगी बरे सुरच्छित ठउर अहइ। तउ मइँ कउनो भी मनई स नाहीं डरब। 2 होइ सकत ह, दुट्ठ जन मोहे पइ चढ़ाई करइँ। होइ सकत ह, उ पचे मोरे सरीर क नस्ट करइ क जतन करइँ। होइ सकत ह मोर सत्रु मोका नस्ट करइ क मोह पइ आक्रमण क जतन करइँ। 3 मुला चाहे पूरी फउज मोका घेरि लेइ, मइँ नाहीं डेराब। चाहे जुद्ध छेत्र मँ मोह पइ लोग प्रहार करइँ, मइँ नाहीं डेराब। काहेकि मइँ यहोवा पइ भरोसा करत हउँ। 4 मइँ यहोवा स सिरिफ एक बर माँगइ चाहत हउँ, “मइँ आपन जिन्नगी भइ यहोवा क मन्दिर मँ बइठा रहउँ, ताकि मइँ यहोवा क सुन्दरता क लखउँ, अउर ओकरे मन्दिर मँ धियान करउँ।” 5 जब कबहुँ कउनो बिपत्ति मोका घेरी, यहोवा मोर रच्छा करी। उ मोका आपन तम्बू मँ छुपाइ लेइ। उ मोका आपन सुरच्छित जगह पइ ऊपर उठाइ लेइ। 6 मोका मोर दुस्मनन घेरि रखे अहइँ। मुला अब ओनका पराजित करइ मँ यहोवा मोर सहारा होइ। मइँ ओकरे तम्बू मँ फुन भेंट चढ़ाउब। जय जयकार कइके बलियन अपिर्त करब। मइँ यहोवा क स्तुति बरे भजन गाउब अउर बनाउब। 7 हे यहोवा, मोर पुकार सुना, मोका जवाब द्या। मोह पइ दयालु रहा। 8 मोर हिरदइ कहत ह, “जा, ओकरे दर्सन बरे जा।” एह बरे यहोवा मइँ तोहसे बात करउँ बरे तोहार समन्वा आवा हउँ। 9 हे यहोवा, किरोध मँ आपन सेवक स जिन मोड़या! एक जउन मोर मदद कइ सकत ह उ तू अहा। मोका अकेल्ला जिन छोड़्या! मोका जिन त्यागा। परमेस्सर जउन मोका बचाइ सकत ह उ तू अहा! 10 मोर महतारी अउ मोर बाप मोका तजि दिहन, पर यहोवा मोका अंगीकार किहस अउर आपन बनाइ लिहस। 11 हे यहोवा, मोरे दुस्मनन क कारण, मोका आपन मारग देखावा। मोका नीक काम क सिच्छा द्या। 12 मोह पइ मोर दुस्मनन हमला किहे अहइँ। उ पचे मोरे बरे झूठ बोलेन ह। उ पचे मोका नस्कान पहोंचावइ बरे झूठ बोलेन। 13 मोका भरोसा अहइ कि मरइ स पहिले मइँ फुरइ यहोवा क धरम भावना क लखउँ। 14 यहोवा क मदद क बाट जोहत रहा! साहसी अउ सुदृढ़ बना रहा अउर यहोवा क मदद क प्रतीच्छा करत रहा।

28:1 हे यहोवा, तू मोर चट्टान अहा, मइँ तोहका मदद पावइ क गोहरावत हउँ। मोरा पराथनन स आपन कान जिन मूँदा, अगर तू मोर मदद क पुकार क जवाब नाहीं देब्या, तउ लोग मोका कब्र मँ मरा भवा जइसा पइहीं। 2 हे यहोवा, आपन पवित्तर तम्बू कइँती बढ़्या, मइँ तोहार पराथना बरे आपन हाथ उठाए हउँ। जब मइँ तोहका पुकारउँ, तू मोर सुना। तू मोहे पइ आपन करुणा देखाँवा। 3 हे यहोवा, मोका ओन बुरे मनइयन क तरह जिन सोचा जउन बुरा काम करत हीं। जउन आपन पड़ोसियन स सान्ति करत हीं, मुला आपन हिरदइ मँ आपन पड़ोसियन क बारे मँ कुचक्र रचत हीं। 4 हे यहोवा, उ सबइ मनइयन दूसर लोगन क बुरा करत हीं। तउ तू ओनकी संग बुरी घटना क घटावा ओन दुर्जनन क तू वइसेन ही दण्ड द्या जइसे ओनका देइ चाही। 5 दुर्जन ओन उत्तिम बातन क जउन यहोवा करत ओका नाहीं समुझतेन। उ पचे परमेस्सर क उत्तिम कारजन क नाहीं लखतेन। उ पचे ओकर भलाई क नाहीं समुझतेन। उ पचे तउ सिरिफ कउनो क नास करइ क जतन करत हीं। 6 यहोवा क स्तुति करा! उ मोहे पइ करुणा करइ क बिनती सुनेस। 7 यहोवा मोर सक्ती अहइ, उ मोर ढार अहइ। मोका ओकर भरोसा रहा। उ मोर मदद किहेस। मइँ बहोतइ खुस हउँ, अउ ओकर खुसी क गीत गावत हउँ। 8 यहोवा आपन चुना राजा क रच्छा करत ह। उ ओका हर पल बचावत ह। यहोवा ही ओकर सक्ती अहइ। 9 हे परमेस्सर, आपन लोगन क रच्छा करा। जउन तोहार अहइँ ओनका आसीस द्या। ओनका धियान रखा अउर हमेसा ओनका लइके चला।

29:1 परमेस्सर क पूत लोगो, यहोवा क स्तुति करा। ओकर महिमा अउ सक्ती क प्रसंसा गीत गावा। 2 यहोवा क प्रसंसा करा अउ ओकरे नाउँ क आदर करा। पवित्तर ओढ़ना पहिरिके यहोवा क आराधना करा। 3 समुद्र क ऊपर यहोवा क वाणी खुद क गरजत ह। परमेस्सर क वाणी महासागर क ऊपर मेघ क गरजन क तरह गरजत ह। 4 यहोवा क वाणी ओकर सक्ती क देखाँवत ह। ओकर ध्वनि ओकर महिमा क परगट करत ह। 5 यहोवा क वाणी देवदार बृच्छन क तोड़के चकनाचूर कइ देत ह। यहोवा लबानोन क विसाल देवदार बृच्छन क तोड़ देत ह। 6 यहोवा लबानोन क पहाड़न क कपाँइ देत ह। उ नाचत भए बछवा क तरह देखाँइ लागत ह। हेमोर्न क पहाड़ काँप उठत ह अउर उछरत जवान बकरी क तरह देखाँत ह। 7 यहोवा क वाणी बिजली क कौंध स टकरात ह। 8 यहोवा क वाणी मरुस्थल क कँपाइ देत ह। यहोवा क स्वर स कादेस क मरुस्थल काँप उठत ह। 9 यहोवा क वाणी स हिरन डेराइ जात हीं। यहोवा दुर्गम जंगलन क नस्ट कइ देत ह। मुला ओकरे मन्दिर मँ लोग ओकर प्रसंसा क गीत गावत हीं। 10 जल प्रलय क समय यहोवा राजा रहा। उ सदा बरे राजा रही। 11 यहोवा आपन भगतन क रच्छा सदा करी, अउर आपन जनन क संाति क आसीस देइ।

30:1 हे यहोवा, तू मोरी बिपत्तियन स मोर उद्धार किहा ह। तू मोरे दुस्मनन क मोका हरावइ अउर मोर खिल्ली उड़ावइ नाहीं दिहा। तउ मइँ तोहरे बरे आदर परगट करब। 2 हे मोर परमेस्सर यहोवा, मइँ तोहसे पराथना किहेउँ। तू मोका चँगा कइ दिहा। 3 कब्र स तू मोर उद्धार किहा, अउर मोका जिअइ दिहा। मोका मुर्दन क संग मुर्दन क गड़हा मँ पड़े भए नाहीं रहइ पड़ा। 4 परमेस्सर क भगतन, यहोवा क स्तुति करा! ओकरे सुभ नाउँ क प्रसंसा करा। 5 यहोवा कोहाइ गवा, तउ निर्णय भवा “मउत!” मुला उ आपन पिरेम परगट किहस अउर मोका “जिन्नगी” दिहस। मइँ राति क रोवत विलापत सोएउँ। दूसर भिन्सारे मइँ गावत भवा खुस रहेउँ। 6 मइँ अब इ कहि सकत हउँ, अउर मइँ जानत हउँ इ निहचय फुरइ अहइ, “मइँ कबहुँ नाहीं हारब!” 7 हे यहोवा, जब तू मोहे पइ दयालु भया अउ तउ मइँ महसूस किहेउँ कि मइँ अइसा सुरच्छित अहउँ जइसा पहाड़े पइ एक किला। मुला मइँ डर स काँपि गएउँ जब तू मोका अस्वीकार कइ दिहा। 8 हे परमेस्सर, मइँ तोहरी कइँती लउटेउँ अउर बिनती किहेउँ। मइँ आपन पइ दाया देखावइ क विनती किहेउँ। 9 मइँ कहेउँ, “परमेस्सर का इ नीक अहइ कि मइँ मरि जाउँ अउर कब्र क भीतर खाले चला जाऊँ? मरे भए मनई तउ माटी मँ ओलरा रहत हीं, उ पचे तोहरे नेक क स्तुति जउन सदा सदा बनी रहत ह नाहीं करतेन। 10 हे यहोवा, मोर पराथना सुना अउर मोह पइ करुणा करा! हे यहोवा, मोर मदद करा!” 11 मइँ पराथना किहेउँ अउर तू मोर मदद किहा! तू मोरे रोवइ क नाच मँ बदल दिहा मोरे सोक वस्त्र क तू उतारिके बहाइ दिहा, अउर मोका आनन्द मँ सराबोर कइ दिहा। 12 हे यहोवा, मइँ तोर सदा जसगान करब। मइँ अइसा करब जेहसे कबहुँ नीरवता न बियापइ। तोहार प्रसंसा मँ हमेसा कउनो न कउनो गावत रही। 13

31:1 हे यहोवा, मइँ तोहरे भरोसे हउँ, मोका निरास जिन करा। मोह पइ कृपालु ह्वा अउर मोर रच्छा करा। 2 हे यहोवा, मोर सुना, अउर तू हालि आइके मोका बचाइ ल्या। मोर चट्टान बनि जा, मोर रच्छा करा! 3 हे परमेस्सर, तू मोर चट्टान अहा, तउ आपन निज नाउँ बरे मोका राह देखाँवा अउर मोर अगुआई करा। 4 मोरे बरे मोर दुस्मनन जाल फइलाएन ह। ओनके फँदा स तू मोका बचाइ ल्या, काहेकि तू मोर सुरच्छा स्थल अहा। 5 हे परमेस्सर यहोवा, मइँ तउ तोहे पइ भरोसा कइ सकत हउँ। मइँ आपन जिन्नगी तोहरे हाथे मँ सउँपत हउँ। मोर रच्छा करा। 6 जउन लबार देवतन क पूजत रहत हीं, ओन लोगन स मोका घिना अहइ। मइँ तउ बस यहोवा मँ बिस्सास रखत हउँ। 7 हे यहोवा, तोहार करुणा मोका बहोतइ आनन्दित करत ह। तू मोरे दुुु:खन क लखि लिहा अउ तू मोर पीरा क बारे मँ जानत अहा। 8 तू मोरे दुस्मनन क मोहे पइ भारी पड़इ नाहीं देब्या। तू मोका ओनके फँदन स छोड़उब्या। 9 हे यहोवा, मोह पइ अनेक संकट अहइँ। तउ मोह पइ कृपा करा। मइँ ऍतना बियाकुल अहउँ कि मोर आँखिन दुःखत अहइँ। मोर गटइ अउ पेट पिरात अहइँ। 10 मोरी जिन्नगी क अंत दुःख मँ होत अहइ। मोर बरिस आह भरइ मँ बीतत अहइँ। मोर सबइ बेदना मोर सक्ती क निचोड़त अहइँ। मोर बल मोर साथ छोड़त जात अहइ। 11 मोर सत्रु मोसे घिना राखत हीं। मोर पड़ोसी मोर बैरी बना अहइँ। मोर सबहिं रिस्तेदार मोका राहे मँ लखिके मोसे डेराइ जात हीं अउर मोसे सब कतरात हीं। 12 मोका लोग पूरी तरह स बिसरि चुका अहइँ। मइँ तउ कउनो हेरान अउजार सा होइ गवा हउँ। 13 मइँ ओन भयंकर बातन क सुनत हउँ जउन लोग मोरे बारे मँ करत हीं। उ पचे सबहिं लोग मोरे खिलाफ होइ ग बाटेन। उ पचे मोका मारि डावइ क जोजना रचत हीं। 14 हे यहोवा। मोर भरोसा तोहे पइ अहइ। तू मोर परमेस्सर अहा। 15 मोर जिन्नगी तोहरे हाथन मँ अहइ। मोरे दुस्मनन स मोका बचाइ ल्या। ओन लोगन स मोर रच्छा करा, जउन मोरे पाछे पड़ा अहइँ। 16 कृपा कइके आपन दास क अपनाइ ल्या। मोह पइ दाया करा अउर मोर रच्छा करा। 17 हे यहोवा, मइँ तोहार बिनती किहेउँ। एह बरे मइँ निरास नाहीं होब। बुरे मनइयन तउ निरास होइ जइहीं। अउर उ पचे कब्र मँ नीरव चला जइहीं। 18 दुर्जन लोग डींग हाँकत हीं अउर सज्जन क बारे मँ झूठ बोलत हीं। उ सबइ दुर्जन बहोत ही अभिमानी होत हीं। मुला ओनके होंठ जउन झूठ बोलत रहत हीं, बिना सब्दन क होइहीं। 19 हे परमेस्सर, तू आपन भगतन बरे बहोत स अजूबा चीजन क छुपाइके धरे अहा। तू सबन्क समन्वा अइसे मनइयन बरे जउन तोहार बिस्सासी अहइँ, भला काम करत अहा। 20 दुर्जन लोग सज्जनन क नस्कान पहोंचावइ क बरे जुट जात हीं। उ सबइ दुर्जन लड़ाइ भड़कावइ क जतन करत हीं। मुला तू सज्जनन क ओनसे छुपाइ लेत अहा, अउर ओनका बचाइ लेत अहा। तू सज्जन लोगन क रच्छा आपन सरण मँ करत अहा। 21 यहोवा क स्तुति करा। जब नगर क दुस्मन लोग घेर लिहे रहेन, तब उ आपन सच्चा पिरेम अजूबी रीति स देखाँएस। 22 मइँ डेरान रहेउँ, अउर मइँ कहे रहेउँ, “मइँ तउ अइसे जगह पइ हउँ जहाँ मोका परमेस्सर नाहीं देख सकत ह।” मुला हे परमेस्सर, मइँ तोहार बिनती किहेउँ, अउर तू मोर सहायता क पुकार सुनि लिहा। 23 परमेस्सर क भगतन, तोहका यहोवा स पिरेम करइ चाही। यहोवा ओन लोगन क जउन ओकरे बरे सच्चा अहइँ, रच्छा करत ह। मुला यहोवा ओनका जउन आपन ताकत क ढोल पीटत हीं। ओनका उ वइसा ही दण्ड देत ह, जइसा दण्ड ओनका मिलइ चाही। 24 अरे ओ मनइयो जउन यहोवा क मदद बरे प्रतीच्छा करत अहा, सुदृढ अउ हिम्मती बना!

32:1 धन्न अहइ उ जेकर पाप छमा भएन। धन्न अहइ उ जन जेकर पाप धुल गएन। 2 उ पचे कइसे धन्य अहइँ जेका यहोवा दोखी नाहीं समुझत ह। उ जन जउन आपन गुप्त पापन क छुपावइ क जतन न करइ आसीसित होइहीं। 3 हे परमेस्सर, मइँ तोहसे बार बार बिनती किहेउँ, मुला आपन छुपा पाप तोहका नाहीं बताएउँ। जेतनी दाईर् मइँ तोहार बिनती किहेउँ मइँ तउ अउर जियादा दुर्बल होत चला गएउँ। 4 हे परमेस्सर, तू मोर जिन्नगी दिन रात कठिन स जियादा कठिन बनाइ दिहा। मोर ताकत अइसा झुराइ गवा अहइ जइसा गरर्मी क मोसम क ताप झुलसाइ दिहे अहइ। 5 मुला फिर मइँ यहोवा क समच्छ आपन सबहिं पापन क मानइ क निहचय कइ लिहे हउँ। हे यहोवा, मइँ तोहका आपन पाप बताइ दिहेउँ। मइँ आपन कउनो अपराध तोहसे नाहीं छुपाएउँ। अउर तू मोरे पापन क दोख छिमा कइ दिहा। 6 एह बरे, परमेस्सर, तोहरे भगतन क तोहार बिनती करइ चाही। हिआँ तलक कि जब विपत्ति जल प्रलय स उमड़इ तब भी तोहरे भगतन क तोहार बिनती करइ चाही। 7 हे परमेस्सर, तू मोर रच्छा क ढाल अहा तू मोका मोरी बिपत्तियन स उबारत अहा। तू मोका सुरच्छा क गीत स घेरि लिहा ह। तउ एह बरे मइँ, जइसे तू रच्छा किहा ह, ओनही बातन क गीत गावा करत हउँ। 8 यहोवा कहत ह, “मइँ तोहका जइसे चलइ चाही सिखाउब अउर तोहका उ राह देखाउब। मइँ तोहार रच्छा करब अउर मइँ तोहार अगुआ बनब। 9 तउ तू घोड़न या गदहन स बुद्धिहीन जिन बना। ओन पसुअन क तउ मुखरी अउ लगाम स चलावा जात ह। अगर तू ओनका लगाम या रास नाहीं लगउब्या, तउ उ सबइ पसु निअरे नाहीं अइहीं।” 10 दुर्जनन क बहोत स पीड़ा घेरिहीं। मुला ओन लोगन क जेनका यहोवा पइ भरोसा अहइ, यहोवा क सच्चा पिरेम ढाक लेइ। 11 सज्जन तउ यहोवा मँ सदा मगन अउ आनन्दित रहत हीं। अरे ओ लोगो, तू सब पवित्तर मन क साथ आनन्द मनउब्या।

33:1 हे सज्जन लोगो, यहोवा मँ आनन्द मनावा! सज्जनो सत मनइयो, ओकर स्तुति करा। 2 वीणा बजावा अउर ओकर स्तुति करा। यहोवा बरे दस तार वाले सारंगी बजावा। 3 अब ओकरे बरे नवा गीत गावा। खुसी क धुन सुन्दरता स बजावा! 4 परमेस्सर क वचन सत्य अहइ। जउन भी उ करत ह ओकर तू पचे भरोसा कइ सकत ह। 5 नेकी अउ निस्पच्छता परमेस्सर क भावत ह। यहोवा आपन खुद क करुणा स इ धरती क भरि दिहेस। 6 यहोवा आदेस दिहस अउ सृस्टि फउरन पइदा होइ गइ। परमेस्सर क साँस स धरती पइ हर चीज बनी। 7 परमेस्सर सागर मँ एक ही जगहिया पइ जल बटोरेस। उ सागर क आपन जगह पइ रखत ह। 8 धरती क हर मनई क यहोवा क आदर करइ अउ डेराइ चाही। इ संसार मँ जउन भी मनई बसा अहइँ, ओनका चाही कि उ पचे ओसे डेराइँ। 9 काहेकि परमेस्सर क सिरिफ बात भइ कहब अहइ, अउर उ बात तुरंत घटि जात ह। अगर उ कउनो क रुकइ क आदेस देइ, तउ उ तुरंत थम जात ह। 10 परमेस्सर चाहइ तउ सबहिं सुझाव बिअर्थ करइ। उ कउनो भी मनई क सब कुचक्रन क बिअर्थ कइ सकत ह। 11 मुला यहोवा क उपदेस सदा ही खरे होत हीं। ओकर सब जोजना पीढ़ी दर पीढ़ी खरी होत हीं। 12 धन्न अहइँ उ सबइ मनई जेनकर परमेस्सर यहोवा अहइ। परमेस्सर ओनका आपन ही मनई होइ क चुनेस ह। 13 यहोवा सरग स खाली लखत रहत ह। उ सबहिं लोगन क लखत रहत ह। 14 उ ऊपर ऊँचे पइ बनाए भए आसन स धरती पइ रहइवाले सब मनइयन क लखत रहत ह। 15 परमेस्सर हर कउनो क मन रचेस ह। तउ कउनो का सोचत अहइ उ समुझत ह। 16 राजा क रच्छा ओकरे बड़की सक्ती स नाहीं होत ह, अउर कउनो सिपाही आपन निज सक्ती स सुरच्छित नाहीं रहत। 17 जुद्ध मँ फुरइ अस्वबल नाहीं जितावत। सचमुच तू ओकरी सक्ती स नाहीं बचि सकत्या। 18 जउन लोग यहोवा क अनुसरण करत हीं, ओनका यहोवा लखत ह अउ रखवारी करत ह। जउन मनई ओकर आराधना करत हीं, ओनका ओकर महान पिरेम बचावत ह। 19 परमेस्सर ओन लोगन क मउत स बचावत ह। उ सबइ जब भुखान होतेन तब उ ओनका सक्ती देत ह। 20 एह बरे हम यहोवा क बाट जोहब। उ हमार मदद अउर हमार ढाल अहइ। 21 परमेस्सर मोका आनन्दित करत ह। मोका फुरइ ओकरे पवित्तर नाउँ पइ भरोसा अहइ। 22 हे यहोवा, हम सचमुच तोहार आराधना करित ह। तउ तू हम पइ आपन महान पिरेम देखावा।

34:1 मइँ यहोवा क सदा धन्न कहब। मेरे ओंठन पइ सदा ओकर स्तुति अहइ। 2 हे नम्र लोगो! सुना अउ खुस होइ जा। मोर सेखी यहोवा क बारे मँ अहइ। 3 मोरे संग यहोवा क गरिमा क गुणगान करा। आवा, हम एक साथ घोसना करी कि उ केतॅना अच्छा अहइ। 4 मइँ परमेस्सर क लगे मदद माँगइ गएउँ। उ मोर सुनेस। उ मोका ओन सबहिं बातन स बचाएस जेनसे मइँ डेरात हउँ। 5 गरीब लोग ओकरे कइँती मदद बरे लखत हीं। ओनकर फीका चेहरन खुसी स गाइ उठेन काहेकि उ ओनका उत्तर दिहस। 6 इ दीन जन यहोवा क मदद बरे पुकारेस, अउर यहोवा मोर सुनि लिहस। अउर उ सब विपत्तियन स मोर रच्छा किहस। 7 यहोवा क दूत ओकरे भगत जनन क चारिहुँ कइँती डेरा डाए रहत ह। अउर यहोवा क दूत ओन लोगन क रच्छा करत ह। 8 चखा अउर समझा कि यहोवा केतॅना भला बाटइ। उ मनई जउन यहोवा क भरोसे अहइ फुरइ खुस रही। 9 यहोवा क पवित्तर जन क ओकर आराधना करइ चाही। यहोवा क भगतन बरे कउनो दूसर सुरच्छित ठउर नाहीं बा। 10 आजु जउन बरिआर अहइँ दुर्बल अउ भूखा होइ जइहीं। मुला जउन परमेस्सर क सरण आवत हीं उ सबइ लोग हर उत्तिम वस्तु पइहीं। 11 हे बालको, मोर सुना, अउर मइँ तू पचन्क सिखाउब कि यहोवा क सेवा कइसे करइँ। 12 अगर कउनो मनई जिन्नगी स पिरेम करत ह, अउर बढ़िया अउ बड़की जिन्नगी क जिअइ चाहत ह, 13 तउ उ मनई क बुरा नाहीं बोलइ चाही, उ मनई क झूठ नाहीं बोलइ चाही। 14 बुरा काम जिन करा। नेक काम करत रहा। सान्ति क कारज करा। सान्ति क प्रयास मँ जुटा रहा जब तलक ओका पाइ न ल्या। 15 यहोवा सज्जन लोगन क रच्छा करत ह। ओनकर पराथनन पइ उ कान देत ह। 16 मुला यहोवा, जउन बुरा करम करत हीं, अइसे मनइयन क खिलाफ होत ह। एह बरे उ लोग मरइ क पाछे बिसरि दीन्ह जाइहीं। 17 यहोवा स बिनती करा, उ तोहार सुनी। उ तू पचन्क तोहरी सबहिं मुसीबतन स बचाइ लेइ। 18 लोगन पइ मुसीबत आइ सकत हीं अउर उ पचे अभिमानी होब तजि देत हीं। यहोवा ओन लोगन क निअरे रहत ह। जेनकर टूटा मन अहइँ ओनका उ बचाइ लेइ। 19 होइ सकत ह सज्जन भी बिपदन मँ घिर जाइँ। मुला यहोवा ओन सज्जन लोगन क ओनकर हर समस्या स रच्छा करी। 20 यहोवा ओनकइ सब हाड़न स रच्छा करी। ओनकर एक भी हाड़ नाहीं टूटी। 21 दुट्ठता दुटठ लोगन बरे मउत लावत ह। सज्जन क विरोधी नस्ट होइ जइहीं। 22 यहोवा आपन हर दास क आतिमा बचावत ह। जउन लोग ओह पइ भरोसा रखत हीं, उ ओन लोगन क नस्ट नाहीं होइ देइ।

35:1 हे यहोवा, मोरे मुकदमन क लड़ा। मोरे जुद्धन क लड़ा। 2 हे यहोवा, कवच अउ ढार धारण करा, खड़ा ह्वा अउ मोर रच्छा करा। 3 बरछी अउ भाला उठावा, अउर जउन मोरे पाछे पड़ा अहइँ ओनसे जुद्ध करा। हे यहोवा, मोरी आतिमा स कहा, “मइँ तोहार उद्धार करब।” 4 कछू लोग मोका मारइ पाछे पड़ा अहइँ। ओनका निरास अउ लज्जित करा। ओनका मोड़ द्या अउ ओनका भगाइ द्या। मोका नस्कान पहोंचावइ क कुचक्र जउन रचत अहइँ ओनका असमंजस मँ डाइ द्या। 5 तू ओनका अइसा भूसा स बनाइ द्या, जेका हवा उड़ाइ लइ जात ह। ओनके संग अइसा होइ द्या कि, ओनके पाछे यहोवा क दूत पड़इँ। 6 हे यहोवा, ओनकर राह अँधियारी अउ फिसल जाइवाली होइ जाइ। यहोवा क दूत ओनकइ पाछे पड़इँ। 7 उ पचे बिना कारण मोर बरे फंदा लगाएस ह। उ पचे बिना कारण मोका फँसावा चाहत हीं। 8 तउ, हे यहोवा, अइसे लोगन क ओनकर आपन ही जालि मँ गिरइ द्या। ओनका आपन ही फंदन मँ पड़इ द्या। अउर कउनो न मालूम भवा खतरा ओन पइ पड़द द्या। 9 फुन तउ यहोवा मइँ तोहे मँ आनन्द मनाउब। यहोवा क संरच्छण मँ मइँ प्रसन्न होब। 10 मइँ आपन पूरे मन स कहब, “हे यहोवा, तोहरे समान कउनो नाहीं अहइ। तू सबलन स दुर्बलन क बचावत ह। जउन लोग सक्तीवाला होत हीं, ओनसे तू चिजियन क छोर लेत अहा अउर दीन अउ बेसहारा लोगन क देत ह।” 11 एक लबार साच्छी दल मोका दुःख देइ बरे कुचक्र रचत अहइ। उ पचे मोह पइ अपराधन क इलज़ाम लगवात ह जेकरे बरे मइँ जानत ही नाहीं हउँ। 12 मइँ तउ बस भलाई ही भलाई किहेउँ ह। मुला उ पचे मोसे बुराई करिहीं। हे यहोवा, मोका उ उत्तिम फल द्या जउन मोका मिलइ चाही। 13 ओन पइ जब दुःख पड़ा, ओनके बरे मइँ दुःख भएउँ। मइँ खइया क तजिके आपन दुःख परगट किहेउँ। जउन मइँ ओनके बरे पराथना किहेउँ, का मोका इहइ मिलइ चाही? 14 ओन लोगन बरे मइँ सोक वस्त्र धारण किहेउँ। मइँ ओन लोगन क संग मीत वरना भाई जइसा बेउहार किहेउँ। मइँ उ रोवत मनई जइसा दुःखी भएउँ, जेकर महतारी मरि गइ होइ। अइसे लोगन स सोक परगट करइ बरे मइँ करिआ वस्त्र पहिर लिहेउँ। मइँ दुःखे मँ बूड़ेउँ अउर मूँड़ निहुराइके चलेउँ। 15 मुला जब मोसे कउनो एक चूक होइ गइ, उ सबइ लोग मोर खिल्ली उड़ाएन। उ सबइ लोग फुरइ मोर मीत नाहीं रहेन। मइँ ओन लोगन क जानत तउ नाहीं। उ पचे मोका घेरि लिहन अउर मोह पइ प्रहार किहन। 16 उ पचे मोह पइ दुर्जनता क संग मसखरी किहन अउ उ पचे मोह पइ दाँत पीसेन। 17 मोर सुआमी, तू कब तलक इ सब बुरा होत लखब्या? इ सबइ लोग मोका नास करइ क जतन करत अहइँ। हे यहोवा, मोर प्राण बचाइ ल्या। मोरी पियारी जिन्नगी क रच्छा करा। उ सबइ सिंह जइसा बन गवा अहइँ। 18 हे यहोवा, मइँ महासभा मँ तोहार स्तुति करब। मइँ बरिआर लोगन क संग रहत भए तोहार जस बखानब। 19 मोर लबार सत्रु हँसत नाहीं रहिहीं। फुरइ मोर दुस्मन आपन छुपी भइ जोजना बरे सजा पइहीं। 20 मोर दुस्मन सचमुच सान्ति क जोजनन क नाहीं रचतेन। उ पचे इ देस क सान्ति प्रिय लोगन क खिलाफत मँ छुप हुपिके बुरा करइ क कुचक्र रचत अहइँ। 21 मोर दुस्मन मोरे बरे बुरी बातन क कहत अहइँ। उ सबइ झूठ बोलत भए कहत अहइँ, “अहा! हम सबइ जानत अही तू का करत अहा!” 22 हे यहोवा, तू सचमुच लखत अहा कि का कछू घटत बाटइ। तउ तू जिन छुपा रहा, मोका जिन तजा। 23 हे यहोवा, जागा! मोका रच्छा बर तइयार होइ जा! मोरे परमेस्सर यहोवा मोर लड़ाई लड़ा, अउर मोर निआउ करा। 24 हे मोरे परमेस्सर यहोवा, आपन बगइर पच्छ लिहे मोर निआउ करा, तू ओन लोगन क मोह पइ हँसइ जिन द्या। 25 ओन लोगन क अइसा जिन कहइ द्या, “अहा! हमका जउन चाही रहा ओका पाइ लीन्ह!” हे यहोवा, ओनका जिन कहइ द्या, “हम ओका बरबाद कइ दीन्ह।” 26 मइँ आसा करत हउँ कि मोर दुस्मन निरास अउ लज्जित होइहीं। उ सबइ लोग खुस रहेन जब मोरे संग बुरी बातन घटत रहिन। उ सबइ सोचा करतेन कि उ सबइ मोसे स्रेस्ठ अहइँ! तउ अइसे लोगन क लाज मँ बूड़ि जाइ द्या। 27 ओन लोगन क जउन मोका निदोर्ख घोसित करइ चाहत ह, खुसी अउ आनन्दित होइ द्या। उ पचन क हमेसा कहइ द्या, “यहोवा महान बा! उ आपन सेवक क अच्छाई चाहत ह।” 28 तउ, हे यहोवा, मइँ लोगन क तोहार अच्छाई बताउब। हर दिन, मइँ तोहार स्तुति करब।

36:1 बुरा मनई बहोत बुराई करत ह जब उ खुद स कहत ह, “मइँ परमेस्सर क आदर नाहीं करत हउँ अउ न ही डेरात हउँ।” 2 उ मनई खुद स झूठ बोलत ह। उ मनई खुद क आपन खोट नाहीं लखत। एह बरे उ छिमा नाहीं माँगत। 3 ओकर वचन सिरिफ बियर्थ अउ झूठा होत हीं। उ विवेकवाला नाहीं होत अउर न ही अच्छा काम सीखत ह। 4 राति क उ बिछउना मँ कुचक्र रचत ह। उ जागिके कउनो भी नीक काम नाहीं करत। उ कुकरम क तजई नाहीं चाहत। 5 हे यहोवा, तोहार बिस्ससनीय पिरेम अकासे स भी ऊँच बाटइ। हे यहोवा, तोहार सच्चाई बादर स भी ऊँच बाटइ। 6 हे यहोवा, तोहार धमीर् भावना सबन त ऊँची पर्वते स भी ऊँची बाटइ। तोहार सोभा गहिर सागर स भी गहिर अहइ। हे यहोवा, तू मनइयन अउ गोरूअन क रच्छक अहा। 7 तोहरी करुणा स जियादा मूल्यवान कछू भी नाहीं अहइ। मनई अउ दूत तोहरे सरण मँ आवा अहइँ। 8 हे यहोवा, तोहरे मन्दिर क उत्तिम बातन स उ सबइ नई सक्ती पावत हीं। तू ओनका आपन अद्भुत नदी क पानी क पिअइ देत अहा। 9 हे यहोवा, तोहसे जिन्नगी क झरना फूटत ह! तोहार जोति ही हमका प्रकास देखाँवत ह। 10 हे यहोवा, जउन तोहका सच्चाई स जानत हीं, ओनसे पिरेम करत रहा। ओन लोगन पइ तू आपन खुद क नेकी बरसावा जउन तोहरे बरे सच्चा अहइँ। 11 हे यहोवा, तू मोका घमण्डियन क जाल मँ जिन फँसइ द्या। दुट्ठ लोग मोका कबहुँ धइ न पावइँ। 12 ओनकर कब्रन क पाथरन पइ इ लिखि द्या: “दुट्ठ लोग हिआँ पइ गिरेन ह। उ सबइ कुचर दीन्ह गएन। उ पचे फिन कबहुँ खड़ा नाहीं होइ पइहीं।”

37:1 दुर्जन लोगन स जिन घबरा, जउन बुरा करत हीं अइसे मनइयन स ईर्स्या जिन राखा। 2 दुर्जन मनई घास अउ हरियर पौधन क नाईर् हाली पिअराइ जात हीं अउर मरि जात हीं। 3 अगर तू यहोवा पइ भरोसा रखब्या अउर भला काम करब्या तउ तू जिअत रहब्या अउ ओन चिजियन क भोग करब्या जउन धरती देत ह। 4 यहोवा क सेवा मँ आनन्द लेत रहा, अउर यहोवा तोहका तोहार मन चाहा देइ। 5 यहोवा क भरोसे रहा। ओकर बिस्सास करा। उ वइसा करी जइसा करइ चाही। 6 दुपहरिया क सूरज जइसा, यहोवा तोहार नेकी अउ खरेपन क चमकावइ। 7 यहोवा पइ भरोसा धरा अउ ओकरे सहारे क बाट जोहा। तू दुट्ठन क कामयाबी लखिके घबरावा जिन करा। तू दुट्ठन क दुट्ठ जोजनन क कामयाब होत लखिके जिन घबरा। 8 तू किरोध जिन करा। तू उन्मादी जिन बना। ओतना जिन घबराइ जा कि तू बुरा काम करइ चाहा। 9 काहेकि बुरे मनइयन क तउ नास कीन्ह जाइ। मुला उ सबइ लोग जउन यहोवा पइ भरोसा रखत हीं, उ धरती क पइहीं जेका देइ क परमेस्सर वचन दिहेस ह। 10 तनिक समइ क पाछे कउनो दुर्जन नाहीं बच पाई। हेरइ स भी तोहका कउनो दुट्ठ नाहीं मिली। 11 नम्र लोग उ धरती पइहीं जेका परमेस्सर देइ क वचन दिहेस ह। उ सबइ सान्ति क आनन्द लेइहीं। 12 दुट्ठ लोग सज्जनन बरे कुचाल चलत हीं। दुट्ठ जन सज्जनन क ऊपर दाँत पीसिके देखाँवत हीं कि उ पचे कोहान अहइँ। 13 मुला हमार सुआमी ओन दुर्जनन पइ हँसत ह। उ ओन बातन क लखत ह जउन ओन पइ पड़इ क अहइ। 14 दुर्जन तउ आपन तरवार उठावत हीं अउर धनुस साधत हीं। उ पचे दीन लोगन, बेसहारा लोगन क मारइ चाहत हीं। उ सबइ सच्चे लोगन, सज्जन लोगन क मारइ चाहत हीं। 15 मुला ओनकर धनुस चूर चूर होइ जइहीं। अउर ओनकर तरवारन ओनकर आपन ही हिरदय मँ उतरिहीं। 16 थोड़ा स भला मनई, दुर्जनन क भीड़ स भी उत्तिम अहइँ। 17 काहेकि दुर्जनन क तउ नस्ट कीन्ह जाइ। मुला भले मनइयन क यहोवा धियान रखत ह। 18 सुद्ध सज्जन लोगन क यहोवा ओनकइ जिन्नगी भइ बचावत ह। ओनकर प्रतिफल सदा बना रही। 19 जबहिं संकट होइ, सज्जन बरबाद नाहीं होइहीं। जब अकाल पड़ी, सज्जन लोगन क लगे खइया क भरपूर होइ। 20 मुला बुरा मनई यहोवा क दुस्मन होत रहत हीं। तउ ओन बुरे लोगन क नस्ट कइ दीन्ह जाइ, ओनकर सबइ घाटी झुराइ जइहीं अउर बर जइहीं। ओनका तउ पूरी तरह स मेट दीन्ह जाई। 21 दुट्ठ तउ फउरन ही धन उधार माँग लेत ह, अउर ओका फुन कबहुँ नाहीं चुकावत। मुला एक सज्जन अउरन क खुसी स देत रहत ह। 22 अगर कउनो सज्जन कउनो क आसीर्बाद देइ, तउ उ सबइ मनई उ धरती क जेका परमेस्सर देइ क वचन दिहस ह, पइहीं। मुला अगर उ सराप देइ मनइयन क तउ उ सबइ नास होइ जइहीं। 23 यहोवा, सिपाही क होसियारी स चलइ मँ मदद करत ह। अउर उ ओका पतन स बचाइ लेत ह। 24 फउजी अगर धावत भए दुस्मन पइ प्रहार करइँ, तउ ओकरे हाथे क यहोवा सहारा देत ह, अउर ओका गिरइ स बचावत ह। 25 मइँ जुवक भवा रहेउँ पर अबहुँ मइँ बुढ़ाइ ग हउँ। मइँ कबहुँ यहोवा क सज्जन लोगन क बेसहारा तजत भए नाहीं लखेउँ। मइँ कबहुँ सज्जन लोगन क संतानन क भीख माँगत नाहीं लखेउँ। 26 सज्जन सदा मुक्त भाव स दान देत ह। सज्जन लोगन क गदेलन वरदान होत हीं। 27 अगर तू कुकरमन स आपन मुँह मोड़ ल्या, अउर अगर तू नीक करमन क करत रहा, तउ फिन तू सदा ही जिअत रहब्या। 28 यहोवा खरेपन स पिरेम करत ह, उ आपन निज मनवइयन क बेसहारा नाहीं तजत। यहोवा आपन निज मनवइयन क हमेसा रच्छा करत ह, अउर उ दुट्ठ जन क नस्ट कइ देत ह। 29 सज्जन उ धरती क पइहीं जेका देइ क परमेस्सर वचन दिहस ह, उ पचे ओहमाँ सदा सदा ही रहा करिहीं। 30 भला मनई तउ खरी सलाह देत ह। ओकर निआउ सब क बरे निस्पच्छ होत ह। 31 सज्जन क हिरदय मँ यहोवा क उपदेस रहत हीं। उ सोझ मारग पइ चलब नाहीं तजत। 32 मुला दुर्जन सज्जन क दुःख पहोंचावइ क रस्ता हेरत रहत ह, अउर दुर्जन सज्जन क मारइ क जतन करत हीं। 33 मुला यहोवा दुर्जनन क मुक्त नाहीं तजी। उ सज्जन क अपराधी नाहीं ठहरइ देइ। 34 यहोवा क मदद क बाट जोहत रहा। यहोवा क पाछे पाछे चलत रहा। दुर्जन नस्ट होइहीं। यहोवा तोहका महत्वपूर्ण बनाई। तू उ धरती पउब्या जेका देइ क यहोवा वचन दिहस ह। 35 मइँ दुट्ठ क बरिआर लखेउँ ह। मइँ ओका मजबूत अउ तन्दुरुस्त बृच्छ क नाईर् सक्तीसाली लखेउँ। 36 मुला उ सबइ फुन मिट गएन। मोरे हेरे पइ ओनकर पता तलक नाहीं मिला। 37 सच्चा अउ खरा बना, काहेकि इहइ स सान्ति मिलत ह। 38 मुला जउन लोग व्यवस्था नेम तोड़त हीं नस्ट कइ दीन्ह जइहीं। 39 यहोवा नेक मनइयन क रच्छा करत ह। उ आपन किला मँ रहा जब विपत्तियन आइन। 40 यहोवा नेक लोगन क सहारा देत ह, अउर ओनकर रच्छा करत ह। सज्जन यहोवा क सरण मँ आवत हीं अउर यहोवा ओनका दुर्जनन स बचाइ लेत ह।

38:1 हे यहोवा, जब तू किरोध मँ रहा तउ मोका फटकार जिन लगावा; जब तू परेसानी मँ रहा मोका जिन सुधारा। 2 हे यहोवा, तू मोका चोट दिहा ह। तोहार बाण मोहमाँ गहिर उतरा अहइँ। 3 तू मोका सजा दिहा ह अउर मोर पूरी देह दुःखत बाटइ, मइँ पाप किहेउँ अउ तू मोका सजा दिहा। एह बरे मोर हाड़ दुःखत अहइ। 4 मइँ बुरा काम करइ क अपराधी हउँ, अउर उ अपराध एक बड़का बोझा क नाईर् मोरे काँधे पइ चढ़ा अहइ। 5 मइँ बना रहेउँ मूरख, अब मोर घाव दुर्गन्ध स भरिके रिसत अहइँ, अउर उ सबइ सड़त अहइँ। 6 मइँ निहुरा अउ दबा भवा अहउँ। मइँ दिन भइ उदास रहत हउँ। 7 बोखार स मोर गुर्दन दर्द करत ह, अउर मोर समूचे बदन मँ बेमारी अहइ। 8 मइँ बहोत दुर्बल अउ थका भवा हउँ। मइँ कराहत हउँ काहेकि मोर हिरदइ कस्ट झेलत अहइ। 9 हे यहोवा, तू मोर कराहब सुनि लिहा। मोर आह तउ तोहसे छुपी नाहीं। 10 मोर हिरदइ चूर-चूर होइ गवा अहइ अउर मोर सक्ती मोका छोड़ दिहेस ह। मोरी आँखिन क जोति लगभग जात रही। 11 काहेकि मइँ रोगी हउँ, एह बरे मोरे मीत अउ मोर पड़ोसी मोसे मिलइ नाहीं अउतेन। मोरे परिवार क लोग तउ मोरे लगे तलक नाहीं फटकतेन। 12 मोर दुस्मन मोर निन्दा करत हीं। उ सबइ झूठ बातन अउ प्रतिवादन क फइलावत रहत हीं। मोरे ही बारे मँ उ सबइ हरदम बातचीत करत रहत हीं। 13 मुला मइँ बहरा बना कछू नाहीं अनकत हउँ। मइँ गूँगा होइ गवा, जउन कछू नाहीं बोल सकत। 14 मइँ उ मनई क तरह बना हउँ, जउन कछू नाहीं सुन सकत कि लोग ओकरे बारे मँ का कहत अहइँ। अउर मइँ इ तर्क नाहीं दइ सकत अउर सिद्ध नाहीं कइ सकत कि मोर दुस्मन अपराधी अहइँ। 15 तउ, हे यहोवा, मोका तू ही बचाइ सकत ह। मोर परमेस्सर अउर मोर सुआमी मोरे दुस्मनन क तू ही फुरइ बताइ द्या। 16 काहेकि मइँ पराथना किहेउँ, “ओनका दुर्जन स प्रसन्न होइ क अनुमति जिन द्या जब मइँ कउनो गलती किहेउँ। ओनका आपन क बारे मँ सेखी हाँकइ क अनुमति जिन द्या। 17 मइँ जानत हउँ कि मइँ आपन कुकरमन बरे पापी हउँ। मइँ आपन पीरा क बिसरि नाहीं सकत हउँ। 18 हे यहोवा, मइँ तोहका आपन कुकरम बताइ दिहेउँ। मइँ आपन पापन बरे दुःखी हउँ। 19 मोर दुस्मन जिअत अउ पूरी तरह तन्दुरुस्त अहइँ। उ पचे बहोत-बहोत झूठी बातन बोलेन ह। 20 मोर दुस्मन मोरे संग बुरा बेउहार करत हीं, जबकि मइँ ओनके बरे भला ही किहेउँ ह। मइँ बस भला करइ क जतन करत रहेउँ, मुला उ सबइ लोग मोरे खिलाफ होइ ग अहइँ। 21 हे यहोवा, मोका जिन बिसरा। मोरे परमेस्सर, मोसे तू दूर जिन रहा। 22 देरी जिन करा, आवा अउर मोर सुधि ल्या। हे मोर परमेस्सर मोका तू बचाइ ल्या।

39:1 मइँ कहेउँ, “जब तलक इ सबइ दुट्ठ मोरे समन्वा रइहीं, तब तलक मइँ आपन कहनी बरे सचेत रहब। मइँ आपन वाणी क पाप स दूर रखब। अउर मइँ आपन मुँह क बंद कइ लेबउँ।” 2 तउ एह बरे मइँ कछू नाहीं कहेउँ। मइँ भला भी नाहीं कहेउँ। मुला मइँ बहोत परेसान भएउँ। 3 मइँ बहोत गुस्सान रहेउँ। इ बारे मँ मइँ जेॅतना सोचत चला गएउँ, ओॅतना ही मोर किरोध बाढ़त चला गवा। तउ मइँ आपन मुँह तनिकउ नाहीं खोलेउँ। 4 हे यहोवा, मोका बतावा कि मोरे संग का कछू घटित होइवाला अहइ? मोका बतावा, मइँ कब तलक जिअत रहब? मोका जानइ द्या फुरइ मोर जिन्नगी केॅतनी छोट अहइ। 5 तू मोका जिअइ बरे बहोत कम समइ दिहा ह। तोहार तुलना मँ मोर जिन्नगी बहोत अल्प अहइ। एक मनई क जिन्नगी सिरिफ एक साँस अहइ। कउनो भी सदा नाहीं जिअत। 6 उ जिन्नगी जेका हम लोग जिअत ह, उ झूठी छाया भइ होत ह। जिन्नगी क सारी भाग दौड़ निस्प्रयोजन होत ह। हम पचे तउ बेकार ही चिन्ता पालित ह। धन दौलत वस्तुअन क हम जोरिके धरित ह, मुला हम नाहीं जानित ओनका कउन भोगी। 7 तउ, मोरे यहोवा, मइँ का आसा रखउँ? तू ही बस मोर आसा अहा! 8 हे यहोवा, जउन कुकरम मइँ किहेउँ ह, ओनसे तू ही मोका बचउब्या। तू मोरे संग कउनो क भी कउनो विवेकी न होइवाला जन क संग क नाईर् बेउहार नाहीं करइ देब्या। 9 मइँ आपन मुँह नाहीं खोलब। मइँ कछू भी नाहीं कहब। यहोवा तू वइसे किह्या जइसे करइ चाही रहा। 10 मुला परमेस्सर, मोका सजा देब तजि देइ। अगर तू मोका सजा देब नाहीं तज्या, तउ तू मोर नास करब्या। 11 हे यहोवा, तू लोगन क ओनकर कुकरमन क सजा देत अहा। अउर इ तरह जिन्नगी क खरी राह लोगन क सिखावत ह। हमार काया पुरान अउ दुबराइ जात ह। अइसे उ ओढ़ना क नाईं जेहमाँ कीरा लाग होइ। हमार जिन्नगी एक ठु नान्ह बादर जइसे लखत बिलाइ जात ह। 12 हे यहोवा, मोर विनती सुना। मोरे ओन सब्दन क सुना जउन मइँ तोहसे गोहराइके कहत हउँ। मोरे आँसुअन क लखा। मइँ बस राहगीर हउँ, तोहका संग लिए इ जिन्नगी क राहे स गुजरत हउँ। इ जिन्नगी क राहे पइ मइँ आपन पुरखन क तरह कछू समइ मात्र पइ टिका भवा हउँ। 13 हे यहोवा, मोका अकेल्ले रहइ द्या। मरइ स अउ चलि जाइ स पहिले मोका फुन स आनन्दित होइ द्या।

40:1 यहोवा क मइँ पुकारेउँ। उ मोर सुनेस। उ मोर रोदन क सुन लिहस। 2 यहोवा मोका विनास क गड़हा स उबारेस। उ मोका दलदल गड़हा स उठाएस, अउर उ मोका चट्टाने पइ बइठाएस। उ ही मोरे कदमन क टेकाएस। 3 यहोवा मोरे मुँह मँ एक ठु नवा गीत बसाएस। परमेस्सर क एक ठु स्तुति गीत। बहुतेरे लोग लखिहीं जउन मोरे संग भवा ह। अउर फुन परमेस्सर क आराधना करिहीं। उ पचे यहोवा क बिस्सास करिहीं। 4 अगर कउनो मनई यहोवा क भरोसे रहत ह, तउ उ मनई सचमुच खुस होइ। अउ अगर कउनो मनई मूतिर्यन अउ झूठ देवतन क सरण मँ नाहीं जाइ, तउ उ मनई फुरइ खुस होइ। 5 हमार परमेस्सर यहोवा, तू बहुतेरा अद्भुत काज किहा ह। हमरे बरे तोहरे लगे अद्भुत जोजना अहइँ। कउनो मनई नाहीं जउन ओका गन सकइ। मइँ तोहरे कीन्ह काम क बारंबार बखानबउँ। 6 हे यहोवा, तू मोका इ समुझाया ह: तू फुरइ कउनो अन्नबलि अउ पसुबलि नाहीं चाहत रह्या। कउनो होमबलि अउ पापबलि तोहका नाहीं चाही। 7 तउ मइँ कहेउँ, “लखा मइँ आवत हउँ! किताबे मँ मोरे बारे मँ इहइ लिखा अहइ।” 8 हे मोरे परमेस्सर, मइँ उहइ करइ चाहत हउँ जउन तू चाहत ह। मइँ मनवा मँ तोहरी सिच्छन क बसाइ लिहेउँ। 9 मइँ महासभा क बीच लोगन क उद्धार क खुस खबरी कहेउँ। हे यहोवा, तू जानत अहा कि एकरे बारे मँ कहइ स डरेउँ नाहीं। 10 मइँ तोहार उद्धार बरे चुप नाहीं रहब। हे यहोवा, मइँ तोहार बिस्सासी अउर मुक्ती बरे खुलके बोलेउँ। मइँ महासभा मँ तोहार बिस्ससनीय पिरेम अउर दयालुता क बिना छुपाए बोलेउँ। 11 एह बरे हे यहोवा, तू आपन दाया मोहसे जिन छुपावा। तू आपन करुणा अउ सच्चाई स मोर रच्छा करा। 12 मोका दुट्ठ मनइयन घेरि लिहन, उ पचे ऍतना जियादा बाटेन कि गना नाहीं जातेन। मोका आपन पापन घेरि लिहे अहइँ, अउर मइँ ओनसे बचिके पराइ नाहीं सकत हउँ। मोर पाप मोरे मूँड़े क बारे स जियादा अहइँ। मोर साहस मोहसे हेराइ चुका बाटइ। 13 हे यहोवा, मोरी कइँती दउड़ा अउ मोर रच्छा करा। आवा, देरी जिन करा, मोका बचाइ ल्या। 14 उ सबइ दुट्ठ मनई मोका मारइ क जतन करत हीं। हे यहोवा, ओनका लज्जित करा अउ ओनका निरास कइ द्या। उ सबइ मनई मोका दुःख पहोंचावइ चाहत हीं। तू ओनका अपमानित होइके पराइ द्या। 15 उ सबइ दुट्ठ लोग मोर मसखरी उड़ावत हीं। ओनका ऍतना समिर्न्दा करा कि उ पचे बोल तलक न पावइँ। 16 मुला उ सबइ मनई जउन तोहका हेरत हीं, आनन्द मँ भरि जाइँ। उ सबइ मनई सदा इ कहत रहइँ, “यहोवा क गुण गावा!” ओन लोगन क तोहसे ही रच्छित होब नीक लागत ह। 17 हे मोर सुआमी, मइँ तउ बस दीन, बेसहारा मनई अहउँ। मोर रच्छा करा, तू मोका बचाइ ल्या। हे मोर परमेस्सर, अब जियादा देर जिन करा।

41:1 जउन दीन क कामयाब होने मँ मदद करत ह उ धन्य अहइ। यहोवा ओनका बचावत ह जब उ पचे विपत्ती मँ होत हीं। 2 यहोवा उ मनई क रच्छा करी अउ ओकर जिन्नगी बचाइ। उ मनई धरती पइ बहोतइ बरदान पाई। परमेस्सर ओकरे दुस्मनन क जरिये ओकर नास नाहीं होइ देइ। 3 जब मनई रोगी होइ अउर बिछउना मँ पड़ा होइ, ओका यहोवा सक्ती देइ। उ मनई बिछउना मँ चाहे रोगी पड़ा होइ, मुला यहोवा ओका चंगा कइ देइ। 4 मइँ कहेउँ, “यहोवा, मोहे पइ दाया करा। मइँ तेरे खिलाफ पाप किहेउँ ह, मुला मोका अउर अच्छा करा।” 5 मोर दुस्मन मोरे बरे अपसब्द कहत अहइँ, उ पचे कहत अहइँ, “इ कब मरी अउर कब बिसराइ दीन्ह जाई?” 6 कछू लोग मोरे लगे मिलइ बरे आवत हीं। उ पचे कउनो लाभदायक बात नाहीं बोलत हीं, उ पचे सिरिफ कछू समाचार मोरे बरे जमा करत हीं। बाद मँ इ ओनका हर जगह फइलावत हीं। 7 मोर दुस्मन छुपे छुपे मोर निन्दा करत रहत हीं। उ पचे मोरे खिलाफ कुचक्र रचत हीं। 8 उ पचे कहा करत हीं, “उ कउनो बुरा करम किहेस ह, इहइ स ओका कउनो बुरा लोग लगा ह। मोका आसा अहइ उ कबहुँ तन्दुरुस्त नाहीं होइ। 9 मोर परम मित्र मोरे संग खात रहा। ओह पइ मोका भरोसा रहा। मुला अब मोर परम मित्र भी मोरे खिलाफ होइ ग अहइ। 10 तउ हे यहोवा, मोह पइ कृपा करा अउ मोहे पइ कृपालु ह्वा। मोका खड़ा करा कि मइँ बदला लेउँ। 11 हे यहोवा, अगर तू मोरे दुस्मनन क बुरा नाहीं करइ देब्या, तउ मइँ समुझब कि तू मोका अपनाइ लिहा ह। 12 मइँ निदोर्ख रहेउँ अउर तू मोर मदद किहा। तू मोका खड़ा किहा अउर मोका तोहार सेवा करइ दिहा। 13 इस्राएल क परमेस्सर, यहोवा क प्राचीन काल स लइके अन्तिम समई तलक धन्न होइ।आमीन, आमीन!

42:1 एक ठु पिआसा हिरन क नाईं जउन धार क पानी पिअइ क इच्छुक अहइ, वइसे ही, हे परमेस्सर, मोर प्राण तोहरे इच्छा रखत हीं। 2 मोर प्राण जिअत परमेस्सर क पिआसा अहइ। मइँ ओहसे मिलइ बरे कब आइ सकत हउँ? 3 राति अउ दिन मोर हर दिन क भोजन सिरिफ आँसू बाटइ। मोर दुस्मन कहत हीं, “तोहार परमेस्सर कहाँ बा?” 4 तउ मोका इ सबइ बातन क सुमिरइ द्या। मोका आपन हिरदइ बाहेर उड़ेरइ द्या। मोका सुमिरन अहइ मइँ परमेस्सर क मन्दिर मँ चलेउँ अउ भिड़िया क अगुआई करत रहेउँ। मोका सुमिरन अहइ उ लोगन क संग आनन्द स भरा बड़कई क गीत गाउब अउर उ उत्सव मनाउब। 5 मइँ ऍतना दुःखी काहे हउँ? मइँ ऍतना बियाकुल काहे हउँ? मोका परमेस्सर क सहारे क बाट जोहइ चाही। मोका अबहुँ ओकर स्तुति क अवसर मिली। उ मोका बचाई। 6 हे मोरे परमेस्सर, मइँ बहोतइ दुःखी हउँ। एह बरे मइँ यरदन नदी क स्रोत मँ, हमोर्न पहाड़ क आधार पइ छोटा पहाड़ीमँ तोहार आराधना किहेउँ ह। 7 जइसे नदी क लहरन आवत अउ गरजत ह मइँ झरना क कोलाहल करत भए सब्द सुनत हउँ। वइसे ही मोका विपत्तियन बारम्बार घेरी रहिन। हे यहोवा, तोहार लहरन एक क बाद दूसरा आवत ह, मोर चारिहुँ कइँती घेरिके मोका दहबोच रखेन ह। 8 अगर हर दिन यहोवा बिस्ससनीय पिरेम देखाइ। फुन तउ राति मँ मइँ ओकर गीत गाइ पाउब। मइँ आपन सजीव परमेस्सर क पराथना कइ सकब। 9 मइँ आपन परमेस्सर, आपन चट्टान स बातन करत हउँ। मइँ कहा करत हउँ, “हे यहोवा, तू मोका काहे बिसराइ दिहा? ये यहोवा, तू मोका इ काहे नाहीं देखाँया कि मइँ आपन दुस्मनन स बचिके कइसे निकरउँ?” 10 मोर दुस्मनन मोका मारइ क जतन किहेन। उ पचे मोहे पइ आपन घिना देखाँवत हीं जब उ पचे कहत हीं, “तोहार परमेस्सर कहाँ अहइ?” 11 मइँ ऍतना दुःखी काहे हउँ? मइँ काहे ऍतना बियाकुल हउँ? मोका परमेस्सर क सहारे क बाट जोहइ चाही? मोका अब भी ओकर स्तुति करइ क अवसर मिली। उ मोका बचाइ।

43:1 हे परमेस्सर, एक मनई अहइ जउन तोहार अनुसरण नाहीं करत। उ मनई दुट्ठ अहइ अउ झूठ बोलत ह। हे परमेस्सर, मोर मोकदमा लड़ा अउर इ निर्णय करा कि कउन सत्य बाटइ। मोका उ मनई स बचाइ ल्या। 2 हे परमेस्सर, तू ही मोर सरणस्थल अहा! मोका तू काहे बिसराइ दिहा? तू मोका इ काहे नाहीं देखाँया कि मइँ आपन दुस्मनन स कइसे बचिके निकरउँ? 3 हे परमेस्सर, तोहार जोति अउ सच्चाई क मोह पइ चमकइ द्या। उ मोका तोहार पवित्तर पर्वत पइ तोहार आपन वास-स्थान जाइ मँ अगुवाइ करइ। 4 मइँ तउ परमेस्सर क वेदी क लगे जाब। परमेस्सर मइँ तोहरे पास आउब। उ मोका आनन्दित करत ह। हे परमेस्सर, हे मेरे परमेस्सर, मइँ वीणा पइ तोहार स्तुति करब। 5 मइँ ऍतना दुःखी काहे हउँ? मइँ काहे ऍतना बियाकुल हउँ? मोका परमेस्सर क सहारे क बाट जोहइ चाही। मोका अब भी ओकर स्तुति क अवसर मिली। उ मोका बचाई।

44:1 हे परमेस्सर, हम पचे तोहरे बारे मँ सुने अही। हमार पुरखन ओनकइ दिनन मँ जउन काम तू किहे रह्या ओनके बारे मँ हम पचन्क बताया। उ पचे पुराने जमाने मँ जउन तू किह्या ह, ओनका हम पचन्क बताया। 2 हे परमेस्सर, तू इ धरती आपन महासक्ती स पराये लोगन्स लिहा अउर हम का दिहा। ओन बिदेसी लोगन्क तू कुचर दिहा, अउर ओनका इ धरती तजिके देइ क दबाव डाया। 3 हमार पुरखन इ धरती आपन तरवारन क बल पइ नाहीं लिहे रहेन आपन भुजदण्डन क बल पइ बिजयी नाहीं भएन। इ एह बरे भवा रहा। काहेकि तू हमरे पुरखन क संग रह्या। हे परमेस्सर, तोहार महान सक्ती हमरे पुरखन क रच्छा किहस। काहेकि तू ओनसे पिरेम करत रह्या। 4 हे मोरे परमेस्सर, तू मोर राजा अहा। उ आदेस द्या जउन कि याकूब क लोगन क जीत मँ अगुवाइ करी। 5 परमेस्सर, तोहरी सक्ती स हम आपन दुस्मनन क पीछे ढकेल दिहन। तोहार नाउँ स हम आपन दुस्मन क कुचरि देब। 6 मोका आपन धनुस अउ बाणन पइ भरोसा नाहीं। मोर तरवार मोका बचाइ नाहीं सकत। 7 हे परमेस्सर, तू ही हमका मिस्र स बचाया। तू हमरे दुस्मनन क लज्जित किहा। 8 हर दिन हम परमेस्सर क गुण गाउब। हम तोहरे नाउँ क स्तुति सदा करब। 9 मुला अब, हे यहोवा, तू हम लोगन स पीछे मुड़ि गवा ह अउ हमका नीचा कइ दिहा ह! तू हमरे फउज मँ जुरइ स इन्कार कइ दिहा ह जब हम जुद्ध मँ गए रहेन! 10 तू हमका हमरे दुस्मनन क लगे छोड़ि दिहेस, तउ उ पचे हमार सारा धन दौलत छील लइ गएन। 11 तू हमका उ भेड़ी क नाईर् तज्या जउन खइया क तरह खाइ क होत ह। तू हमका रास्ट्रन क बीच छितराइ दिहा। 12 हे परमेस्सर, तू आपन लोगन क यूँ ही बेच दिहा, अउ ओनके मूल्य पइ भाव ताव नाहीं किहा। 13 तू हमका हमरे पड़ोसियन मँ हँसी क पात्र बनाया। हमरे पड़ोसी हमार मसखरी करत हीं, अउर हमार मजाक बनावत हीं। 14 लोग हमरी भी कथा उपहास कथा मँ कहत हीं। हिआँ तलक कि उ सबइ लोग जेनका आपन कउनो रास्ट्र नाहीं अहइ, आपन मूँड़ी हलाइके हमार मसखरी करत हीं। 15 मइँ लज्जा मँ बूड़ा अहउँ। मइँ सारे दिन भइ निज लज्जा निहारत रहत हउँ। 16 मोर दुस्मन मोका लज्जित किहेन ह। मोर मसखरी उड़ावत भए मोर दुस्मन, आपन बदला लेइ चाहत ह। 17 हे परमेस्सर, हम तोहका बिसरावा नाहीं। फिन भी तू हमरे संग अइसा करत ह। हम जब आपन करार पइ तोहरे संग हस्ताच्छर किहे रहे, झूठ नाहीं बोले रहे। 18 हे परमेस्सर, हम तउ तोहसे मुँह नाहीं मोड़ा। अउर न ही तोहार अनुसरण करब तजा ह। 19 मुला, हे यहोवा, तू हमका इ ठउरे पइ अइसे ठूँस दिहा ह जहाँ सियार रहत हीं। तू हमका इ जगह मँ जउन मउत क तरह अँधियर अहइ मूँद दिहा ह। 20 का हम आपन परमेस्सर क नाउँ बिसरी? का हम विदेसी देवतन क अगवा निहुरी? नाहीं। 21 निहचय ही, परमेस्सर ऍन बातन क जानत ह। उ तउ हमार गहिर रहस्य तलक जानत ह। 22 हे परमेस्सर, हम तोहरे बरे रोज रोज मारा जात अही। हम ओन भेड़िन जइसा बना अही जउन बधइ बरे लइ जाई जात अहइँ। 23 मोर सुआमी, उठ! नींदिया मँ काहे ओलरा अहा? उठा! हमका सदा बरे जिन तजा। 24 हे परमेस्सर, तू हमसे काहे छुपत ह? का तू हमार दुःख अउर सबइ वेदना क बिसरि गवा अहा? 25 हमका धूरि मँ पटक दीन्ह गवा ह। हम ओंधा मुँह कइके धरती पइ पड़ा भवा अही। 26 हे परमेस्सर, उठा अउर हमका बचाइ ल्या। आपन नित्य पिरेम क कारण हमार रच्छा करा।

45:1 सुन्नर सब्द मोरे मनवा मँ भरि जात हीं, जब मइँ राजा बरे बातन लिखत हउँ। मोरी जिभिया पइ सब्द अइसे आवइ लागत हीं जइसे उ पचे कउनो कुसल लेखक क लेखनी स निकरत होइँ। 2 सबइ मनइयन मँ, तू अति सुन्नर अहइ। तोहार मुँहे स कृपालु सब्द निकलत अहा। एह बरे परमेस्सर तोहका सदा-सर्वदा आसीस देइ। 3 तू आपन तरवार क जोद्धन क कमर पइ बाँधा। तू महिमा वाला वस्त्र धारण करा। 4 तू अद्भुत देखाँत अहा। जा, धरम अउ निआउ क जुद्ध जीत ल्या। अद्भुत करम क करइ बरे सक्ती स भरी दाहिनी भुजा क प्रयोग करा। 5 तोहार तीर तइयार अहइँ। तू बहुतेरन क हराइ देब्या। तू आपन दुस्मनन पइ हुकूमत करब्या। 6 हे परमेस्सर,तोहार सिंहासन हमेसा रहब। तोहार साही राजदण्ड अच्छाई तोहार राज्ज क मज़बूत बनावत ह। 7 तू नेकी स पिआर अउ बुराई स घिना करत अहा। एह बरे सक्तीमान निआवाधीस, तोहार परमेस्सर तोहका तोहार साथियन क ऊपर राजा चुनेस ह। 8 तोहार ओढ़ना महकत अहइँ जइसे गंध रस, अगर अउ तेज पात स मधुर गंध आवति होइ। हाथी दाँत स जड़ा भवा राजमहलन स तोहका आनन्द मँ भरि देइ क मधुर संगीत क झंकार फइलति अहइँ। 9 राजा लोगन क बिटियन अइसा सेवा किहेन जइसा कि उ राजा क बिवाह मँ दुल्हन क सेविकन अहइँ। तोहार महरानी ओपीर क सोना स बना मुकुट पहिरे तोहरे दाहिन कइँती विराजति अहइँ। 10 हे राजपुत्री, मोरी बात क सुना। धियानदइके सुना, तबहिं तू मोरी बात क समझबू। तू आपन निज लोगन अउर बाप क घराने क बिसरि जा। 11 राजा तोहरे सुन्दरता पइ मोहित अहइ। इ तोहार नवा सुआमी होइ। तोहका एकर सम्मान करब अहइ। 12 सूर सहर क लोग तोहरे बरे उपहारलइ अइहीं। अउर धनी मानी तोहसे मिलइ चइहीं। 13 उ राजकन्या उ मूल्यवान रत्न क नाईर् अहइ जेका सुन्नर मूल्यवान सुवर्ण मँ जड़ा गवा होइ। 14 ओका रमणीक वस्त्र पहिराइके लिआवा गवा बाटइ। ओकरी सखियन क भी जउन ओकरे पाछे अहइँ राजा क समन्वा लावा गवा। 15 उ पचे हिआँ उल्लास मँ आई अहइँ। उ पचे आनन्द मँ मगन होइके राजमहल मँ प्रवेस करिहीं। 16 राजा, तोहरे पाछे तोहार पूत सासक होइहीं। तू ओनका समूचे धरती क राजा बनउब्या। 17 मइँ तोहरे नाउँ क प्रचार जुग जुग तलक करब। तू प्रसिद्ध होब्या, तोहरे जसे क गीतन क लोग सदा सदा ही गावत रइहीं।

46:1 परमेस्सर हमरे पराक्रम क भण्डार अहइ। संकट क समइ उ हमेसा मदद बरे हुवाँ होइ। 2 एह बरे जब धरती काँपत ह अउर जब पर्वत समुद्र मँ भहराइ लागत ह, हमका डर नाहीं लागत। 3 हम नाहीं डेराइत जब सागर उफनत अउ मटमैला होइ जात ह, अउर धरती अउ पहाड़ काँपइ लागत हीं। 4 हुआँ एक ठु नदी अहइ, जउन परम परमेस्सर क नगरी क आपन धारा स खुसी स भरि देत ह। 5 उ सहर मँ परमेस्सर अहइ, इहइ स ओकर कबहुँ पतन नाहीं होइ। परमेस्सर ओकर मदद भोर स पहिले ही करी। 6 यहोवा क गरजत ही, रास्ट्र डर स काँपि जइहीं। ओनकर राजधानियन क पतन होइ जात ह अउ धरती पिघल उठत ह। 7 सर्वसक्तिमान यहोवा हमरे संग अहइ। याकूब क परमेस्सर हमार सरणस्थल अहइ। 8 आवा ओन सक्ती स भरा कामे क लखा जेनका यहोवा करत ह। उ सबइ काम ही धरती पइ यहोवा क मसहूर करत हीं। 9 यहोवा धरती पइ होत भए कहूँ भी जुद्ध क रोक सकत ह। उ सबइ फउजी क धनुसन क तोड़ सकत हीं, अउ ओनके भालन क चकनाचूर कइ सकत ह, रथन क उ बारिके भसम कइ सकत ह। 10 परमेस्सर कहत ह, “सांत बना अउ जाना कि मइँ ही परमेस्सर अहउँ! रास्ट्रन क बीच मोर बड़कई होइ। धरती पइ मोर महिमा फइलि जाइ!” 11 यहोवा सर्वसक्तिमान हम पचन्क संग बा। याकूब क परमेस्सर हमार ढाल अहइ।

47:1 हे सबहिं लोगो, ताली बजावा, अउर आनन्द मँ भरिके परमेस्सर क जय जयकार करा! 2 महिमा महिम यहोवा भय अउर विस्मय स भरा बाटइ। सारी भुइँया क उहइ महान राजा अहइ। 3 उ हुकुम दिहेस कि रास्ट्रन हमार नियंत्रन मँ होब ऍह बरे हम पचन्क ओनका हराइ दिहा ह। 4 हमार धरती उ हमरे बरे चुनेस ह। उ याकूब बरे अद्भुत धरती चुनेस जेहसे उ पिरेम करत ह। 5 यहोवा परमेस्सर तुरही क ध्वनि अउर जुद्ध क नरसिंहे क स्वर क संग ऊपर उठत ह। 6 परमेस्सर क गुणगान करत भए गुण गावा। हमरे राजा क बड़कई क गीत गावा। अउर ओकर जस क गीत गावा। 7 परमेस्सर सारी भुइँया क राजा अहइ। ओकर बड़कई क गीत गावा। 8 परमेस्सर आपन पवित्तर सिंहासन पइ बिराजत ह। परमेस्सर सबहिं रास्ट्रन पइ हुकूमत करत ह। 9 रास्ट्रन क नेता, इबाहीम क परमेस्सर क लोगन क संग मिलत हीं। सबहिं रास्ट्रन क नेता, परमेस्सर क अहइँ। परमेस्सर ओन सबन क ऊपर अहइ।

48:1 यहोवा महान अहइ। उ हमेसा मोर परमेस्सर क नगर मँ आपन पवित्तर पर्वत पइ बड़कई करत अहइ। 2 सिय्योन पर्वत असल मँ परमेस्सर क पवित्तर पर्वत बाटइ। इ महान राजा क नगर बाटइ। समूचइ संसार क लोग हिआँ खुस रहत हीं काहेकि इ प्रसन्नता क सिखर पइ अहइँ। 3 उ सहर क महलन मँ, परमेस्सर क सरणस्थल क नाउँ स जाना जात ह। 4 एक दाईर् कछू राजा आपुस मँ आइके मिलेन अउर उ पचे इ सहर पइ हमला करइ क कुचक्र रचेन। सबहिं एक अउटिके चढ़ाई बरे अगवा बढ़ेन। 5 राजा क लखिके उ सबइ सबहिं चकित भएन। ओनमाँ भगदड़ मची अउ उ सबइ सबहिं पराइ गएन। 6 ओनका डर दहबोच लिहस, उ सबइ डर स काँपि उठेन। 7 प्रचण्ड पुरवइया हवा ओनके जहाजन क चकनाचूर कइ दिहस। 8 हाँ, हम पचे तोहार प्रबलता क कहानी सुना ह। अउर हम पचे तउ ऍका सर्वसक्तिमान यहोवा क सहर मँ हमरे परमेस्सर क सहर मँ घटत भए भी लखा। यहोवा उ सहर क हमेसा बरे सुद़ृढ बनाएस ह। 9 हे परमेस्सर, हम तोहरे मन्दिर मँ तोहरी पिरेम स भरी करुणा पइ विचार करित ह। 10 हे परमेस्सर, तू मसहूर अहा, लोग धरती पइ हर कहूँ तोहार स्तुति करत हीं। हर मनई जानत ह कि तू केतॅना भला अहा। 11 हे परमेस्सर, तोहरे उचित निआउ क कारण सिय्योन पर्वत खुस अहइ। अउर यहूदा क नगरियन आनन्द मनावत अहइँ। 12 सिय्योन क परित्रमा करा। नगरी क दर्सन करा। तू मीनारन क लखा। 13 ऊँच चहरदीवारन क लखा। सिय्योन क महलन क सराहा, तबहिं तू आवइवाली पीढ़ी स ऍकर बखान कइ सकब्या। 14 सचमुच हमार परमेस्सर सदा सदा ही परमेस्सर रही। उ हमका सदा ही राह देखाई। ओकर कबहुँ भी अंत नाहीं होई।

49:1 अलग अलग देसन क निवासियो, इ सुना। धरती क वासियो इ सुना। 2 सुना अरे दीन लोगो, अरे धनिको सुना। 3 मइँ तू पचन्क गियान अउ विवेक क बातन बतावत हउँ। 4 मइँ सबइ कथा सुनेउँ ह, मइँ अब उ सबइ कथा तू पचन्क आपन वीणा पइ सुनाउब। 5 अइसा कउनो कारण नाहीं जउन मइँ कउनो भी बिनास स डेराइ जाउँ। अगर लोग मोका घेरइँ अउ फँदा फइलावइँ, मोका डेराइ क कउनो कारण नाहीं। 6 उ सबइ लोग मूरख अहइँ जेनका आपन निज सक्ती अउ आपन धन पइ भरोसा अहइ। 7 कउनो मानव मीत ओनका छोड़ा नाहीं सकत। कउनो मनई परमेस्सर क रिसवत दइके बिना सज़ा क जाई देइ नाहीं सकत। 8 कउनो मनई क लगे ऍतना धन नाहीं होई कि जेहसे उ खुद आपन निज जिन्नगी मोल लइ सकइ। 9 कउनो मनई क लगे ऍतना धन नाहीं होइ सकत कि उ आपन देह कब्र मँ सड़इ स बचाइ सकइ। 10 लखा, बुद्धिमान जन, बुद्धिहीन जन अउ पाथर जइसा मूरख जन एक जइसे मरि जात हीं, अउर ओनकर सारा धन दूसर लोगन क हाथे मँ चला जात ह। 11 कब्र सदा ही बरे हर कउनो क घर बनी, एकर कउनो अरथ नाहीं कि उ पचे केॅतनी भुइँया क सुआमी रहेन। 12 धनी मनई मूरख लोगन स अलग नाहीं होतेन। सबहिं लोग गोरूअन क तरह मर जात हीं। 13 मूरख लोगन बरे इहइ होत ह। इ ओनकर भाग्य अहइ अउर ओकरे संतानन क भाग्य जउन ओकरे जइसा इच्छा रखत ह। 14 सबहिं लोग भेड़ी जइसेन बाटेन। कब्र ओनकर बरे बाड़ा बन जाइ। मउत ओनके चरवाहा बनी। ओनकर काया छीन होइ जाइ अउर उ पचे कब्र मँ सड़ गल जइहीं। 15 मुला यहोवा मोर मूल्य चुकाई अउर मोका कब्र स बचाइ। काहेकि उ मोका आपन संग लेब। 16 धनवानन स जिन डेराअ कि उ पचे धनी अहइँ। लोगन स ओनकर धन दौलत स भरा घरन क लखिके जिन डेराअ। 17 उ सबइ लोग जब मरिहीं कछू भी संग न लइ जाइ जइहीं। ओन सुन्नर वस्तुअन मँ स कछू भी न लई जाइ पइहीं। 18 लोगन क चाही कि उ सबइ जब तलक जिअत रइहीं परमेस्सर क स्तुति करइँ। जब परमेस्सर ओनके संग भलाई करइ, तउ लोगन क ओकर स्तुति करइ चाही। 19 मनइयन बरे एक अइसा समइ आइ जब उ पचे आपन पुरखन क संग मिल जइहीं। फिर उ पचे कबहुँ दिन क प्रकास नाहीं लखि पइहीं। 20 धनी मनई मूरख लोगन स अलग नाहीं होतेन। सबहिं लोग गोरुअन क नाईं मरत हीं।

50:1 देवतन क देवता यहोवा कहेस ह। पूरब स पच्छिम तलक धरती क सब मनइयन क उ बोलाएस। 2 सिय्योन स परमेस्सर क सुन्नरता प्रकासित होत बाटइ। 3 हमार परमेस्सर आवत अहइ, अउर उ चुप नाहीं रही। ओकरे समन्वा बरत ज्वाला बा, ओका एक ठु बड़का तूफान घेरे बाटइ। 4 हमार परमेस्सर आकास अउ धरती क गोहराइके आपन निजी लोगन क निआउ करइ बोलावत ह। 5 “मोर मनवइयो, मोरे लगे बटुरा। मोर उपासको आवा हम आपुस मँ एक ठु करार किहे अही।” 6 परमेस्सर निआउ क जज अहइ अकास ओकरी धामिर्क भावना क घोसणा करत ह। 7 परमेस्सर कहत ह, “सुना मोरे भक्तो! इस्राएल क लोगो, मइँ तू पचन्क खिलाफ साच्छी देबउँ। मइँ परमेस्सर हउँ, तोहार परमेस्सर। 8 मोका तोहरी बलियन स सिकाइत नाहीं। इस्राएल क लोगो, तू पचे सदा होम बलियन मोका चढ़ावत रहा। तू पचे हर रोज अपिर्त करा। 9 मइँ तोहरे घरे स कउनो बर्धा नाहीं लेब। मइँ तोहरे गोरू घरे स कउनो बोकरा नाहीं लेब। 10 मोका तोहरे ओन गोरुअन क जरूरत नाहीं। मइँ ही तउ वन क सबहिं गोरुअन क सुआमी हउँ। हजारन पहाड़न पइ जउन गोरू विचरत हीं, ओन सबन क मइँ सुआमी हउँ। 11 जिन चिरइयन क बसेरा सब स ऊँच पहाड़ पइ अहइ, ओन सबन क मइँ जानत हउँ। अचलन पइ जउन सचल अहइँ उ सबइ सब मोरे ही अहइँ। 12 मइँ भुखान नाहीं हउँ। अगर मइँ भूखा होतउँ, तउ भी तू पचन्स मोका भोजन नाहीं माँगइ क पड़त। मइँ जगत क सुआमी हउँ अउर ओकर भी हर चीज जउन इ जगत मँ बाटइ। 13 मइँ बर्धा क गोस नाहीं खावा करत हउँ। बोकरन क खून नाहीं पिअत हउँ।” 14 फुरइ जउन बलि क परमेस्सर क प्रसन्न करत ह धन्यवाद क भेंटन होइ अउर उ प्रतिग्या क पूरा करत ह जउन तू सवोर्च्च परमेस्सर क समन्वा किहे रह्या। 15 “परमेस्सर कहत ह, “मोका पुकारा जब तू मुसीबत मँ रह्या, मइँ तू पचन्क खतरा स निकारब, अउर तब तू पचे मोर मान कइ सकब्या।” 16 दुट्ठ लोगन स परमेस्सर कहत ह, “तू पचे मोर व्यवस्था क बातन करत अहा, “तू पचे मोरे करार क भी बातन करत अहा। 17 फुन जब मइँ तू पचन्न्क सुधारत हउँ, तब भला तू पचे मोसे बैर काहे धरत अहा। तू पचे ओन बातन क उपेच्छा काहे करत अहा जेनका मइँ तू पचन्क बतावत हउँ? 18 तू पचे चोर क लखिके ओसे मिलइ बरे दौड़ जात अहा। तू पचे ओनके संग बिछउना मँ कूद पड़त अहा जउन बिभिचार करत हीं। 19 तू पचे बुरा वचन अउ झूठ बोलत अहा। 20 तू पचे दूसर लोगन क हिआँ तलक कि आपन भाइयन क निन्दा करत अहा। 21 तू पचे बुरा करम करत अहा, अउर तू सोचत अहा मोका चुप रहइ चाही। तू कछू नाहीं कहत अहा अउर सोचत अहा कि मोका चुप रहइ चाही। लखा, मइँ चुप नाहीं रहब, तोहका स्पस्ट कइ देब। तोहरे ही मुँहे पइ तोहार दोख बताउब। 22 तू लोग परमेस्सर क बिसरि गवा अहा। एकरे पहिले कि मइँ तोहका चीर डावउँ, अच्छी तरह समुझ ल्या। जब वइसा होइ कउनो भी मनई तू पचन्क बचाइ नाहीं पाई। 23 अगर कउनो मनई स्तुति अउ धन्यवादन क बलि च़ढ़ावइ, तउ उ सचमुच मोर मान करी। अगर कउनो मनई आपन जिन्नगी बदल डावइ तउ ओका मइँ परमेस्सर क सक्ती देखाँउब जउन बचावत हीं।”

51:1 हे परमेस्सर, आपन बिसाल पिरेम स भरी आपन करुणा स मोह पइ दाया करा। आपन बड़ी दयालुता स मोरे सबहिं पापन क तू मेट द्या। 2 मोर सबइ पापन क धोइ डावा, अउर फुन स मोका स्वच्छ बनाइ द्या। 3 मइँ जानत हउँ, जउन पाप मइँ किहे अहउँ। मइँ आपन पापन क सदा आपन समन्वा लखत हउँ। 4 हे परमेस्सर, मइँ उहइ काम किहेउँ जेनका तू बुरा कह्या। तू उहइ अहा, जेकरे खिलाफ मइँ पाप किहेउँ। मइँ स्वीकार करत हउँ इ सबइ बातन क, ताकि लोग जानि जाइँ कि मइँ पापी हउँ अउर तू निआउ स पूर्ण अहा, अउ तोहार निर्णय निस्पच्छ होत हीं। 5 मोर महतारी मोका दोखी मँ जनमेस, अउर पाप मँ मोर महतारी मोका गर्भ मँ धारण किहस। 6 हे परमेस्सर, तू चाहत अहा, हम बिस्सासी बनी। अउर निर्भय बन जाउँ। एह बरे तू मोका सच्चा विवेक स रहस्यन क सिच्छा द्या। 7 मोह पइ जूफा क पौंधा क प्रयोग करा अउर मोका पापे स स्वच्छ करा। मोका तब तलक धोआ, जब तलक मइँ बर्फ स जियादा उज्जवर न होइ जाउँ। 8 मोका खुस बनाइ द्या। बताइ द्या मोका कि कइसे खुस बनउँ? मोर उ सबइ हड्डियन जउन तू तोड़्या, फिन आनन्द स भरि जाइँ। 9 मोरे पापन्क जिन लखा। ओन सबन्क धोइ डावा। 10 हे परमेस्सर, मोहेमाँ एक ठु नवा, सुद्ध हिरदइ बनावा। मोरी आतिमा क फुन सुदृढ़ कइ द्या। 11 मोका आपन समन्वा स जिन दूर हटावा, तोहार पवित्तर आतिमा क मोहसे जिन छोर ल्या। 12 उ उल्लास जउन तोहसे आक्त ह, मोहमाँ भरि जाइ। मोरे चित्त क अडिग अउ तइयार करा सुरच्छित होइ बरे अउर तोहार हुकुम मानइ बरे। 13 मइँ पापियन क तोहार जिन्नगी विधि सिखाउब, जेहसे उ सबइ लउटिके तोहरे लगे आवइँ। 14 हे परमेस्सर, धरती पइ क हर कउनो दोख स मोर रच्छा करा, मोर परमेस्सर, परमेस्सर जउन मोका बचाएस, मोका तोहार सदाचारी क बारे मँ गावइ क अनुमति द्या? 15 हे मोर सुआमी, मोका मोर मुँह खोलइ द्या कि मइँ तोहार बड़कई क गीत गावउँ। 16 जउन बलियन तोहका नाहीं नीक लगतिन तउ मोका चढ़ाउब नाहीं अहइँ। उ सबइ बलियन तोहका बांछित तलक नाहीं अहइँ। 17 हे परमेस्सर, मोर टुटही आतिमा ही तोहरे बरे मोर बलि अहइ। हे परमेस्सर, तू एक कुचरा अउ टुटहा हिरदइ स मुँह नाहीं फेरब्या। 18 हे परमेस्सर, सिय्योन बरे दयालु होइके, उत्तिम बना। तू यरूसलेम क सहर क चहरदीवारी क बनावा। 19 तू उत्तिमा बलियन क अउ सम्पूर्ण होमबलियन क आनन्द ल्या। लोग फुन स तोहरी वेदी पइ बर्धन क बलियन द्या। 20

52:1 अरे ओ, बड़का मनई! तू काहे सेखी बघारत अहा जउन बुरे करमन क तू करत अहा? तू लगातार परमेस्सर क अपमान करत अहा। 2 तू मूरखता भरा कुचक्र रचत अहा। तोहार जीभ वइसी ही भयानक अहइ, जइसे तेज उस्तरा होत ह। काहेकि तोहार जीभ झूठ बोलत रहत ह! 3 तोहका नेकी स जियादा बदी भावत ह। तोहका झूठ क बोलब, फुरइ बोलइ स जियादा भावत ह। 4 तोहका अउ तोहरी झूठी जीभ क, लोगन क हानि पहोंचाउब नीक लागत ह। 5 तोहका परमेस्सर सदा बरे नस्ट कइ देइ। उ तोह पइ झपटी अउर तोहका धरिके घरे से बाहेर करी। उ तोहका मारी अउ तोहार कउनो भी संतान नाहीं रही। 6 सज्जन लोग ऍका लखिहीं अउ परमेस्सर स डेराब अउर ओकर आदर करब सिखिहीं। उ पचे तोह पइ, जउन घटा ओह पइ हँसिहीं अउर कइहीं, 7 “लखा उ मनई क संग का भवा जउन यहोवा पइ निर्भर नाहीं रहा। उ मनई सोचेस कि ओकर धन अउर झूठ ऍकर रच्छा करिहीं।” 8 मुला मइँ परमेस्सर क मन्दिर मँ एक ठु हरिअर जइतून क बृच्छा जइसा अहउँ। मोर परमेस्सर क बिस्सासी पिरेम मँ सदा-सदा बरे भरोसा अहइ। 9 हे परमेस्सर, मइँ ओन कामे क बरे जेनका तू किह्या हमेसा स्तुति करब। मइँ तोहरे बिस्सासी मनवइयन क समन्वा तोहरे नाउँ क घोसना करब। 10

53:1 मूरख ही सोचत ह कि परमेस्सर नाहीं होत ह। इ तरह क लोग विनासकारी, भ्रस्ट, कुटिल होत हीं। उ पचे तउ कउनो नीक काम नाहीं करतेन। 2 परमेस्सर अकासे मँ स नीचे सबइ लोगन क लखेस। इ लखत ह कि का हिआँ स कउनो बुद्धिमान मनई ओका हेरत रहत रहा? 3 मुला सबहिं लोग परमेस्सर स भटक गवा अहेन। हर मनई बुरा अहइ। कउनो भी मनई कउनो नीक करम नाहीं करत, एक ठु भी नाहीं। 4 परमेस्सर कहत ह, “निहचय ही उ सबइ दुट्ठ लोग सत्य क जानत हीं। उ सबइ दुट्ठ लोग मोरे मनवइयन क अइसे बरबाद करइ क तइयार अहइँ, जइसे उ सबइ निज खइया क खाइ क तइयार रहत हीं” 5 मुला उ सबइ दुट्ठ लोग ऍतना डेराइ जइहीं, जेतँना उ सबइ दुट्ठ लोग पहिले कबहुँ डेरानेन नाहीं। एह बरे परमेस्सर इस्राएल क ओन दुट्ठ दुस्मन लोगन क तजेस ह। परमेस्सर क मनवइयन ओनका हरइहीं अउर परमेस्सर ओन दुट्ठन क हड्डियन क छितराइ देइ। 6 कउनो एक सिय्योन पर्वत स इस्राएल क बचाइ! जब परमेस्सर आपन लोगन क स्थिति पुन: स्थापित करी, याकूब क लोग खुस होइहीं। हाँ इस्राएल बहोत खुस होइ।

54:1 हे परमेस्सर, आपन सक्तीक प्रयोग करा अउर हम पचन्क क बचावा। आपन महान सक्ती क प्रयोग इ सिद्ध करइ बरे करा कि हम पचन क निदोर्ख अही। 2 हे परमेस्सर, मोर पराथना सुना। जउन मइँ कहत हउँ सुना। 3 अजनबी लोग मोरे खिलाफ उठ खड़ा भएन अउ बरिआर लोग मोका मारइ क जतन करत अहइँ। हे परमेस्सर, अइसे इ सबइ लोग तोहरे बारे मँ सोचत भी नाहीं। 4 लखा, मोर परमेस्सर, मोर मदद करी। मोर सुआमी मोका सहारा देइ। 5 मोर परमेस्सर ओन लोगन क सजा देइ, जउन मोरे खिलाफ उठ खड़ा भवा अहइँ। परमेस्सर मोरे बरे सच्चा सिद्ध होइ, अउर उ ओन लोगन क बरबाद कइ देइ। 6 हे परमेस्सर, हम पचे आपन इच्छा स तोहका बलियन अपिर्त करब। हे यहोवा, हम पचे तोहरे नीक नाउँ क बड़कई करब। 7 मुला, मइँ तोहसे इ विनय करत हउँ, कि मोका तू मोरे दुःखन स बचाइ ल्या। तू मोका मोरे दुस्मनन क हारा भवा देखाँइ द्या। 8

55:1 हे मोर परमेस्सर, मोर पराथना सुना। कृपा कइके तू मोहसे दूर जिन ह्वा। 2 हे परमेस्सर, कृपा कइके मोर सुना अउर मोका जवाब द्या। तू मोका आपन दुःख तोहसे कहइ द्या। 3 मोर दुस्मन मोहसे दुर्बचन बोलेन ह। दुट्ठ लोग मोह पइ चीखेन ह। मोर दुस्मन किरोध कइके मोह पइ टूट पड़ा अहइँ। उ पचे मोका नास करइ बिपत्ति ढावत अहइँ। 4 मोर मनवा भितरे स चूर-चूर होत बा, अउर मोका मउत स बहोत डर लागत अहइ। 5 मइँ बहोत डेरान अहउँ। मइँ थरथर काँपत अहउँ। मइँ डेरान अहउँ। 6 ओह, अगर कबूतरे क नाईर् मोरे पखना होतेन, अउर मइँ पखना पवतेउँ तउ दूर कउनो चैन पावइ क जगह उड़ि जातेउँ। 7 मइँ उड़िके दूर निर्जन जगह मँ जातेउँ। 8 मइँ दूर चला जाब अउर इ बिपत्ति क आँधी स बचिके दूर भाग जाब। 9 हे मोर सुआमी, हवाँ सहर मँ मतभेद अउर हिंसा अहइ। ओनके झूठन क रोका जउन मतभेद का कारण अहइँ। 10 बाहेर दिन अउर रात इ सहर ओन स घेरे अहइ, अउर अन्दर मँ हुवाँ परेसानियन अउर अपराधन अहइँ। 11 गलियन मँ बहोत जियादा अपराध फइलत अहइ। हर कहूँ लोग झूठ बोलिके छलत अहइँ। 12 जदि इ मोर दुस्मन होत अउर मोका नीचा देखाँवत तउ मइँ ऍका सहि लेतेउँ। अगर इ सबइ मोर दुस्मन होतेन, अउर मोह पइ वार करतेन तउ मइँ छिप सकत रहेउँ। 13 ओ। मोरे संगी, मोरे हमजोली, मोरे मीत, इ मगर तू अहा अउर तू ही मोका कस्ट पहोंचावत अहा। 14 हम आपुस मँ गुप्त बातन बाँटे रहेन। हम परमेस्सर क मन्दिर मँ साथ-साथ उपासना कीन्ह। 15 कास कउनो दुस्मन आपन समइ स पहिले ही मरि जाइँ। कास ओनका जिअत ही गाड़ दीन्ह जाइ, काहेकि उ पचे आपन घरन मँ अइसे भयानक कुचक्र रचा करत हीं। 16 मइँ तउ मदद बरे परमेस्सर क पुकारब। यहोवा ओकर जवाब मोका देइ। 17 मइँ तउ आपन दुःख क परमेस्सर स भिन्सारे दुपहरिया अउ राति मँ कहब। उ मोर सुनी। 18 मइँ केतनी जुद्धन मँ लड़ाई लड़ेउँ ह। मुला परमेस्सर मोरे संग अहइ, अउर हर जुद्ध स मोका सुरच्छित लउटाइ। 19 परमेस्सर मोर सुना अउर ओनका हराइ देब। उ अनन्त राजा बाटइ। 20 मोर दुस्मन कबहुँ नाहीं बदलिहीं। उ पचे परमेस्सर स नाहीं डरतेन, अउर न ही ओकर आदर करतेन। 21 मोर दुस्मन आपन ही मीतन पइ वार करतेन। उ सबइ ओन बातन क नाहीं करतेन, जेनका करइ क उ पचे सहमत होइ ग रहेन। 22 मोर दुस्मन फुरइ मीठा बोलत हीं, अउर सुसान्ति क बातन करत रहत हीं। मुला असलियत मँ, उ पचे जुद्ध क कुचक्र रचत हीं। ओनकर सब्द काट करत हीं छुरी क तरह अउ फिसलन भरा अहइँ जइसे तेल होत ह। 23 आपन सबइ चिन्ता क तू यहोवा क सौंप द्या। फुन उ तोहार रखवारी करी। यहोवा सज्जन क कबहुँ हारइ न देइ। 24 एहसे पहिले कि ओनकर आधी उमर बीत जाइ। हे परमेस्सर, ओन हत्यारन क अउर ओन झूठन क कब्र मँ पठवा। जहाँ तलक मोर अहइ, मइँ तउ तोह पइ भरोसा रखब।

56:1 हे परमेस्सर, मोह पइ दयालु रहा, काहेकि लोग मोह पइ वार किहेन ह। उ पचे मोरे खिलाफ समूचइ दिन लड़त रहत रहेन। 2 मोर दुस्मन सारा दिन मोह पइ वार करत रहेन। हुआँ पइ डटा भए अनगिनत जोद्धा अहइँ। 3 समूचइ दिन, जब कबहुँ मइँ डेरात हउँ, तउ मइँ तोह पइ भरोसा करबउँ। 4 मइँ परमेस्सर क भरोसे अहउँ, तउ मइँ डेरान नाहीं अहउँ। लोग मोका नस्कान नाहीं पहोंचाइ सकतेन। मइँ परमेस्सर क बचनन बरे ओकर बड़कई करत हउँ जउन मोका दिहेस। 5 मोर दुस्मन सदा मोरे सब्दन क तोड़त मरोड़त रहत हीं। मोरे खिलाफ उ पचे सदा कुचक्र रचत रहत हीं। 6 उ पचे आपुस मँ मिलिके अउर लुक छिपिके मोर हर बाते क टोह लेत रहत हीं। मोर प्राण हर लेइ क कउनो राह सोचत हीं। 7 हे परमेस्सर, ओनका बचिके निकरइ जिन द्या। ओनके बुरे करमन क सजा ओनका द्या। 8 तू इ जानत अहा कि मइँ बहोत बियाकुल अहउँ। तू इ जानत अहा कि मइँ तोहका केतना पुकारेउँ ह? तू निहचय ही मोरे सबइ आँसुअन क लोखा-जोखा रखे भए अहा। 9 तउ अब मइँ तोहका मदद पावइ क पुकारब। मोरे दुस्मनन क तू हराइ द्या। मइँ इ जानत हउँ कि तू इ कइ सकत अहा। काहेकि तू परमेस्सर अहा। 10 मइँ परमेस्सर क गुण ओकरे वचन बरे गावत हउँ। मइँ परमेस्सर क गुणन क ओकरे उ वचन बरे गावत हउँ जउन उ मोका दिहेस ह। 11 मोका परमेस्सर पइ भरोसा अहइ एह बरे मइँ नाहीं डेरात हउँ। लोग मोर बुरा नाही कइ सकतेन। 12 हे परमेस्सर, मइँ जउन तोहार मन्नतन मानेउँ ह, मइँ ओनका पूरा करब। मइँ तोहका धन्यवादे क भेंट चढ़ाउब। 13 काहेकि तू मोका मउत स बचाया ह। तू मोका हार स बचाया ह एह बरे मोका परमेस्सर क सेवा हिआँ रहइवाला लोगन क समन्वा करइ चाही।

57:1 हे परमेस्सर, मोह पइ करुणा करा। मोह पइ दयालु ह्वा काहेकि मोरे मनवा क आस्था तोहमाँ बाटइ। मइँ तोहरे लगे तोहार ओट पावइ क आवा हउँ। जब तलक संकट दूर न होइ। 2 मइँ सवोर्च्च परमेस्सर क मदद बरे बुलाएउँ। उ मोर पूरी तरह धियान रखत ह। 3 उ सरग स मोरे बरे मदद पठवत ह अउ मोका बचाइ लेत ह। जउन लोग मोका सतावा करत हीं। परमेस्सर आपन सच्चा पिरेम अउर विस्सासी मोह पइ देखाँवत ह। 4 मोर दुस्मनन मोका चारिहुँ कइँती स घेरि लिहन ह। मोर प्राण संकट मँ अहइँ। उ पचे अइसेन अहइँ, जइसे नर भच्छी सिंह अउर ओनकर तेज दाँत भालन अउ तीर स अउर ओनकर जीभ तेज तरवार क जइसी अहइ। 5 हे परमेस्सर, तू महान अहा। तोहार महिमा धरती पइ छाई बाटइ, जउन अकासे स ऊँच अहइ। 6 मोर दुस्मनन मोरे बरे जाल फइलाएन ह। मोका फँसावइ क उ पचे जतन करत अहइँ। उ पचे मोरे बरे गहिर गड़हा खोदे अहइँ, कि मइँ ओहमाँ गिरि जाउँ। 7 मुला परमेस्सर मोर रच्छा करी। मोर भरोसा अहइ, कि उ मोरे हिम्मत क बनाए रक्खी। मइँ ओकर जस गाथा क गावा करब। 8 मोर मन खड़ा ह्वा! ओ सितारो अउ वीणाओ, बजब सुरू करा! आवा, हम मिलिके भिन्सारे क जगाइ। 9 हे मोरे सुआमी, हर कउनो बरे, मइँ तोहार जस गावत हउँ। मइँ तोहार जस गाथा हर रास्ट्र क सुनावत हउँ। 10 हे परमेस्सर तोहार बिस्ससनीय पिरेम सरगे स ऊँचा अहइ। तोहार बिस्ससी ओतॅना ऊँचा अहइ जेतॅना आकास। 11 हे परमेस्सर तू सरगे स ऊँच अहइ, तोहार महिमा समूचइ धरती पइ छाइ जाइ।

58:1 निआवधीसो, तू पचे पच्छपात रहित नाहीं रह्या। तू लोगन क निआउ निज निर्णयन मँ निस्पच्छ नाहीं करत अहा। 2 नाहीं, तू पचे तउ सिरिफ बुरी बातन ही सोचत अहा। इ देस मँ तू पचे हिंसा स भरा अपराध करत अहा। 3 उ सबइ दुट्ठ लोग जइसे ही पइदा होत हीं, बुरे कामन क करइ लग जात हीं। उ पचे पइदा होत ही झूठ बोलइ लग जात हीं। 4 उ पचे उ भयानक साँप अउ नाग जइसे होत हीं, जउन सुन नाहीं सकत। उ सबइ दुट्ठ जन भी आपन कान सच्चाई स मूँद लेत हीं। 5 बुरे लोग वइसे ही होत हीं जइसे सँपेरन क गीतन क या ओनकर संगीतन क करिया नाग सुन नाहीं सकत। 6 हे यहोवा! उ सबइ लोग अइसेन होत हीं जइसे सिंह। एह बरे हे यहोवा, ओनकर दाँत तोड़ा। 7 जइसे बहत जल लुप्त होइ जात ह, वइसेन ही उ सबइ लोग लुप्त होइ जइहीं। अउर जइसे राह क उगी भइ दूब कुचर दीन्ह जात ह, वइसेन उ सबइ भी कुचरि दीन्ह जइहीं। 8 उ सबइ घोंघा क नाईर् होइँ जउन चलइ मँ गल जात हीं। उ सबइ उ गदेला क नाईर् होइँ जउन मरा ही पइदा भवा, जउन दिन क प्रकास कबहुँ नाहीं लखेस। 9 उ सबइ उ बाड़े क काँटन क तरह हाली ही बरबाद होइँ, जउन आगी पइ चढ़ी भइ हाँड़ी गरमावइ बरे हाली जरि जात हीं। 10 जब सज्जन ओन लोगन क सजा पावत लखत ह जउन ओकरे संग बुरा किहेन ह, उ खुस होत ह। उ आपन गोड़ ओन दुट्ठन क खून मँ धोइ। 11 जब अइसा होत ह, तउ लोग कहइ लागत हीं, “सज्जनन क ओनकर फल निहचय मिलत ह। फुरइ परमेस्सर जगत क निआउ कर्ता अहइ।”

59:1 हे परमेस्सर, तू मोका मोरे दुस्मनन स बचाइ ल्या मोर मदद ओनसे विजयी बनवइ मँ करा जउन मोरे खिलाफ जुद्ध करइ आवा अहइँ। 2 अइसे ओन लोगन स, तू मोका बचाइ ल्या। तू ओन हत्यारन स मोका बचाइ ल्या। जउन बुरे कामन क करत रहत हीं। 3 लखा! बलवान लोग मोका घात लगाए अहइँ। उ पचे मोका मारि डावइ क बाट जोहन अहइँ। एह बरे नाहीं कि मइँ कउनो पाप किहेउँ ह या मोसे कउनो अपराध बन पड़ा अहइ। 4 उ पचे मोरे पाछे पड़ा अहइँ, मुला मइँ कउनो भी बुरा करम नाहीं किहेउँ ह। हे यहोवा, आवा! तू खुद अपने आप लख ल्या! 5 हे परमेस्सर! इस्राएल क परमेस्सर! तू सर्वसक्तिसाली अहा। तू उठा अउर ओन लोगन क दण्डित करा। ओन बिस्सासघातियन ओन दुर्जन लोगन पइ तनिकउ भी दया जिन देखाँवा। 6 उ सबइ दुर्जन साँझ क होत ही सहर मँ घुसि आवत हीं। उ सबइ लोग गुर्रात कूकुरन स सहर क बीच मँ घूमत रहत हीं। 7 तू ओनकर धमकियन अउर अपमानन क सुना। उ पचे अइसी क्रूर बातन कहा करत ही। उ सबइ इ बात क चिंता तलक नाहीं करतेन कि ओनकर कउन सुनत ह। 8 हे यहोवा, तू ओनकर उपहास कइके ओन सबहिं लोगन क मजाक बनाइ द्या। 9 हे परमेस्सर, तू मोर सक्ती अहा। मइँ तोहार बाट जोहत हउँ। हे परमेस्सर, तू ऊँचे पहाड़न पइ मोर सुरच्छा क ठउर अहा। 10 परमेस्सर मोहसे पिरेम करत ह, अउर उ जीतइ मँ मोर राहायक होइ। उ मोरे दुस्मनन क हरावइ मँ मोर मदद करी। 11 हे परमेस्सर, बस ओनका जिन मार डावा। नाहीं तउ होइ सकत ह मोर लोग बिसरि जाइँ। हे मोर सुआमी अउ संरच्छक, तू आपन सक्ती स ओनका छितराइ द्या अउर हराइ द्या। 12 उ सबइ बुरे लोग कोसत अउ झूठ बोलत रहत हीं। ओन बुरी बातन क सजा ओनका द्या, जउन उ पचे कहे अहइँ। ओनका आपन अभिमान मँ फँसइ द्या। 13 तू आपन किरोध स ओनका बरबाद करा। ओनका पूरी तरह बरबाद करा। लोग तबहिं जनिहीं कि परमेस्सर, याकूब क लोगन क अउर उ सारे संसार क राजा अहइ। 14 फुन अगर उ सबइ लोग संझा क एहर ओहर टहरत गुर्रातन कूकुरन स सहर मँ आवइँ, 15 तउ उ सबइ खाइ क कउनो क चीज हेरत फिरिहीं, अउर खाइ क कछू भी नाहीं पइहीं अउर न ही सोवइ क कउनो ठउर पइहीं। 16 मुला मइँ तोहार बड़कई क गीत गाउब। हर भिन्सारे मइँ तोहरे पिरेम मँ आनन्दित होब। काहेकि तू पर्वतन क ऊपर मोर सरणस्थल अहा मइँ तोहरे लगे आइ सकत हउँ, जब मोका विपत्तियन घेरिहीं। 17 मइँ आपन गीतन क तोहरी बड़कइ मँ गाउब काहेकि पर्वतन क ऊपर तू मोर सरणस्थल अहा। तू परमेस्सर अहा, जउन मोका पिरेम करत ह।

60:1 हे परमेस्सर, तू हमका बिसराइ दिहा। तू हमका तितर-बितर कइ दिहा। तू हम पइ कोहाइ गवा। तू कृपा कइके वापस आवा। 2 तू धरती कँपाया अउर ओका फारि दिहा। हमार जगत बिखरत अहइ कृपा कइके ओका जोर द्या। 3 तू आपन लोगन क बहोतइ यातना दिहा ह। हम दाखरस पिए लोग जइसे लड़खड़ात रहेन अउर भहरात अही। 4 मुला तू आपन बिस्सासी मानइवालन क चेताइ बरे कि उ पचन क अब आपन दुस्मन क धनुस चलाइवालन दुआरा तितर-बितर होइ क पाछे कहाँ जमा होइ चाही। 5 तू आपन महासक्ति क प्रयोग कइके हमका बचाइ लिहा। मोर पराथना क जवाब द्या अउर उ मनई क बचाइ ल्या जउन तोहका पियारा अहइ। 6 परमेस्सर आपन मन्दिर मँ कहेस:”मोर विजय होइ अउर मइँ विजय पइ खुस होब। मइँ इ धरती क आपन लोगन क बीच बाँटब। मइँ सकेम अउ सुक्कोत घाटी क बँटवारा करब। 7 गिलाद अउ मनस्से मोर बनिहीं। एप्रैम मोरे मूँड़े क टोप (हेलमेट) बनी। यहूदा मोर राजदण्ड बनी। 8 मइँ मोआब क अइसा बनाउब, जइसा कउनो मोर गोड़ धोवइ क पात्र। एदोम एक दास जइसा जउन मोर पनहियन उठावत ह। मइँ पलिस्ती लोगन क हराउब अउर विजय क उद्घोस करब।” 9 कउन मोका ओकरे खिलाफ जुद्ध करइ क सुरच्छित मजबूत सहर मँ लइ जाइ? मोका कउन एदोम तलक लइ जाइ? 10 हे परमेस्सर, बस तू ही इ करइ मँ मोर मदद कइ सकत ह। मुला तू तउ मोका बिसराइ दिहा। परमेस्सर हमरे साथे नाहीं जाइ अउर उ हमरी सेना क संग नाहीं जाइ। 11 हे परमेस्सर, तू ही हमका इ संकट क भुइँया स उबार सकत ह। मनई हमार रच्छा नाहीं कइ सकतेन। 12 मुला हमका परमेस्सर ही मजबूत बनाइ सकत ह। परमेस्सर हमार दुस्मनन क पराजित कइ सकत ह। 13

61:1 हे परमेस्सर, मोर पराथना गीत सुना। मोर विनती सुना। 2 जब मइँ मातम स भरि ग रहेउँ, मइँ तोहार मदद पावइ बरे तोहका पुकारब जहाँ कहेउँ भी मइँ होउँ! तू मोह पइ दयालु ह्‌वा अउर मोका बहोत ऊँच सुरच्छित ठउरे पइ जाइ बरे मोर अगुवाइ करा। 3 तू ही मोर सरणस्थल अहा। तू ही मोर सुदृढ गढ़ अहा। जउन मोका मोरे दुस्मनन स बचावत ह। 4 तोहरे डेरा मँ, मइँ सदा सदा बरे बसव। मइँ हुअँई छिपब जहाँ तू मोका बचाइ सका। 5 हे परमेस्सर, तू मोर उ मन्नत सुन्या ह, जेका तोहे पइ चढ़ाउब, मुला तोहरे मनवइयन क लगे हर वस्तु ओनका तोहसे ही मिली अहइँ। 6 राजा क लम्बी उमर देइ। ओका हमेसा जिअइ द्या। 7 ओका सदा परमेस्सर क आसीर्बाद मँ बना रहइ द्या। ओकर रच्छा बिस्ससनीय पिरेम अउ दयालुता स करा। 8 मइँ तोहरे नाउँ क गुण सदा गाउब। ओन बातन क करब जेनका करइ क वचन मइँ दिहेउँ ह।

62:1 मोर प्राण सान्ति स बाट जोहत अहइ कि परमेस्सर मोर रच्छा करी। 2 परमेस्सर मोर किला अहइ। परमेस्सर मोका बचावत ह। ऊँच पहाड़ पइ, परमेस्सर मोर सुरच्छित ठउर अहइ। मोका बड़की फउजियन भी हराइ नाहीं सकतिन। 3 तू मोह पइ कब तलक वार करत रहब्या? मइँ एक ठु निहुरी देवार क नाईं होइ गवा हउँ, अउर एक बाड़ा जइसा जउन भहराइ वाला अहइ। 4 उ सबइ लोग मोरे नास क कुचक्र रचत अहइँ। मोरे बारे मँ उ सबइ झूठी बातन बनावत अहइँ। लोगन क बीच मँ, उ पचे मोर बड़कई करतेन, मुला उ पचे मोका लुकान-छिपान कोसत हीं। 5 मोर प्राण सान्ति स परमेस्सर क बाट जोहत अहा काहेकि सिरिफ उ ही मोर उद्धार क आसा अहइ। 6 परमेस्सर मोर गढ़ अहइ। परमेस्सर मोका बचावत ह। ऊँच पर्वत मँ परमेस्सर मोर सुरच्छा स्थल अहइ। 7 महिमा अउ विजय, मोका परमेस्सर स मिलत ह। उ मोर सुदृढ़ गढ़ अहइ। परमेस्सर मोर सुरच्छा स्थल अहइ। 8 लोगो, परमेस्सर पइ हर घड़ी भरोसा राखा। आपन सबइ समस्या परमेस्सर स कहा। परमेस्सर हमार सुरच्छा स्थल अहइ। 9 फुरइ लोग कउनो मदद नाहीं कइ सकतेन। फुरइ तू ओनके भरोसे मदद पावइ क नाहीं रहि सकत्या। परमेस्सर क तुलना मँ उ पचे हवा क झोंका क नाईं अहइँ। 10 तू बल पइ भरोसा जिन रक्खा कि तू सक्ती क संग चिजियन क छोर लेब्या। जिन सोचा तू पचन्क चोरी करइ स कउनो लाभ होइ। अउर अगर धनवान भी होइ जाइ तउ कबहुँ दौलत पइ भरोसा जिन करा कि उ तू पचन्क बचाई लेइ। 11 एक ठु बात अइसी अहइ जउन परमेस्सर कहत ह जेकरे भरोसे तू फुरइ रहि सकत अहा: ‘सक्ती परमेस्सर स आवत ह!’ 12 मोरे सुआमी, तोहार पिरेम सच्चा अहइ। तू कउनो जन क ओकरे ओन कामन क प्रतिफल या सजा देत ह। जेनका उ करत ह।

63:1 हे परमेस्सर, तू मोर परमेस्सर अहा। वइसे केतॅना मइँ तोहका चाहत हउँ। जइसे उ पियासी छीन धरती जेह पइ जल न होइ वइसे मोर देह अउर मन तोरे बरे पिआसा अहइ। 2 हाँ, तोहरे मन्दिर मँ तोहार दर्सन किहेउँ। तोहार सक्ती अउर तोहार महिमा देख लिहेउँ ह। 3 मोर बिस्ससयनीय पिरेम जिन्नगी स उत्तिम अहइ। मोर होंठ तोहार बड़कई करत हीं। 4 हाँ, मइँ निज जीवन मँ तोहार गुण गाउब। मइँ हाथ ऊपर उठाइके तोहरे नाउँ पइ तोहार पराथना करब। 5 जइसा मोर जु़बानमज़ेदार भोजन स आनन्दित होत ह, ठीक वइसा ही मोर होंठ तोहार स्तुति गाइके खुस होइहीं। 6 मइँ आधी रात मँ बिछउना पइ ओलरा भवा तोहका याद करब। 7 फुरइ तू मोर मदद किहा ह। मइँ खुस हउँ कि तू मोका बचाया ह। 8 मोर मनवा तोहमाँ समात ह। तू मोर हथवा थामे रहत ह। 9 कछू लोग मोका मारइ क जतन करत अहइँ। मुला ओनका नस्ट कइ दीन्ह जाइ। उ पचे आपन कब्रन मँ समाइ जइहीं। 10 ओनका तरवारन स मार दीन्ह जाई। ओनकर ल्हासन क जंगली कूकुरन खइहीं। 11 मुला राजा तउ आपन परमेस्स्सर क संग खुस होइ। उ सबइ लोग जउन ओकरे आग्या मानइ क वचन बद्ध अहइँ, ओकर स्तुति करिहीं। काहेकि उ सबहिं झूठन क हराइ दिहस।

64:1 हे परमेस्सर, मोर सुना जइसा मइँ बोलउँ। आपन दुस्मनन क डर स मोर रच्छा करा। 2 तू मोका मोरे दुस्मनन क गहिर सड्यंत्रन स बचाइ ल्या। मोका तू ओन दुट्ठ लोगन स छिपाइ ल्या। 3 मोरे बारे मँ उ पचे बहोत बुरा झूठ बोलेन ह। ओनकर जिभिया तेज तरवार जइसी अउर ओनकर कटु सब्द बाणन जइसे अहइँ। 4 उ पचे निदोर्ख व्यक्ति पइ बाणन चलावइ बरे लुकाइ जात हीं। बिना डर स उ पचे अचानक बाण चलावत ह अउर निदोर्ख व्यक्ति कबहुँ नाहीं लख सकत ह कि तीर ओकरे कइंँती आवत हीं। 5 उ पचे ओका हरावइ क बुरा काम करत हीं। उ पचे झूठ बोलतेन अउ आपन जाल फइलावत हीं। अउर उ पचे इ अच्छी तरह तय किहे अहइँ कि ओनका कउनो नाहीं धरी पकड़ी। 6 लोग बहोत कुटिल होइ सकत हीं। उ सबइ लोग का सोचत अहइँ? ऍका समुझ पाउब बड़ा कठिन अहइ। 7 मुला परमेस्सर आपन “बाण” मार सकत ह! अउर एकरे पहिले कि ओनका पता चलइ, उ सबइ दुट्ठ लोग घायल होइ जात हीं। 8 दुट्ठ जन दूसरन क संग बुरा करइ क जोजना बनावत हीं। मुला परमेस्सर ओनकर कुचक्रन क चउपट कइ सकत ह। उ ओन बुरी बातन क खुद ओनके ऊपर खुद घटाइ देत ह। फुन हर कउनो जउन ओनका लखत अचरजे स भरिके आपन मूँड़ी हिलावत ह। 9 जउन परमेस्सर किहेस ह, लोग ओन बातन क लखिहीं अउर उ पचे ओन बातन क वर्णन दूसर लोगन स करिहीं, फुन तउ हर कउनो परमेस्सर क बारे मँ अउर जियादा जानी। उ पचे ओकर आदर करब अउ डेराब सिखिहीं। 10 तउ सबइ बिस्सासी लोगन क लगे एक साथ परमेस्सर क स्तुति करइ क कारण होइ।

65:1 हे परमेस्सर सिय्योन पर्वत पइ, हम पचे तोहका इ सान्ति पराथना भेंट किहउँ ह अउर आपन प्रतिग्या क पूरा किहेउँ ह। 2 मइँ तोहरे ओन कामन क बखान करत हउँ, जउन तू किहा ह। उ तू ही बाटइ जउन पराथनन क उत्तर दिह्या। एह बरे हर कउनो मनई तोहार लगे मँ आवत हीं। 3 जब हमार पाप हम पइ भारी पड़त हीं, हमस सहा नाहीं जाइ पावत, तउ तू हमार ओन पापन्क हरिके लइ जात ह। 4 हे परमेस्सर, जेका तू चुन्या ह अउर आपन आँगनन मँ बसइ बरे लिआवा ह उ पचे बहोत असीसित होइहीं। उ पचे तोहार घर, तोहार पवित्तर मन्दिर क बहोत बढ़ियाँ चिजियन स भरि देइहीं। 5 परमेस्सर मोर उद्धारकर्त्ता, तू जउने तरह स लोगन क सम्मान दिहा ह इ बहोत नीक बाटइ। तू अचरज भरा काम करा, एह बरे दूर रास्ट्रन क लोगन अउर दूर क समुद्दरन तोहार लगे सुरच्छा बरे आइहीं। 6 परमेस्सर आपन महासक्ती क प्रयोग किहस अउ पर्वत रच डाएस। ओकर सक्ती हम आपन चारिहुँ कइँती लखत अही। 7 परमेस्सर उफनत भवा सागर सांत किहस। परमेस्सर जगत क सबहिं अनगिनत लोगन क बनाएस। 8 जउन अद्भुत बातन क परमेस्सर करत अहइ, ओनसे धरती क हर मनई डेरात अहइ। परमेस्सर तू ही हर कहूँ सूरज क उगावत अउ डुबावत ह। हर जगह लोग तोहार गुणगान करत हीं। 9 भुइँया क सारी रखवारी तू करत ह। तू ही ऍका सींचत अउ तू ही ऍहसे बहोत सारी वस्तुअन क उपजावत अहा। हे परमेस्सर, नदियन क पानी स तू ही भरत अहा। तू ही फसलन क बढ़त करत अहा। 10 तू जोता भए खेतन पइ बर्खा करत अहा। तू खेतन क जल स लबालब कइ देत ह, अउर धरती क बर्खा स नरम बनावत ह, अउर तू फिन पौधन क बढ़त करत ह। 11 तू नवा बरिस क सुरूआत उत्तिम फसलन स करत ह। तू भरपूर फसलन स गाड़ियन भर देत अहा। 12 बन अउ पर्वत दूब घासे स ढँकि जात हीं। 13 भेड़िन स चरागाहन भर गइन। फसलन स घाटियन भरपूर होत अहइँ। हर कउनो गावत अउ आनन्द मँ ऊँचा पुकारत अहइ।

66:1 हे धरती क हर वस्तु, आनन्द क संग परमेस्सर क जय बोला। 2 ओकर महिमामय नाउँ क स्तुति करा। ओकर आदर ओकर स्तुति गीतन स करा। 3 ओकर जियादा अद्भुत कामन स परमेस्सर क बखान करा। हे परमेस्सर, तोहार सक्ती बहोतइ बड़ी अहइ। तोहार दुस्मन निहुरि जात अउ तोहसे डेरात हीं। 4 जगत क सबहिं लोग तोहार उपासना करइँ अउर तोहरे नाउँ क हर कउनो गुण गावइ। 5 तू ओनका लखा जउन अचरजे स भरा काम परमेस्सर किहस। उ सबइ चिजियन हमका अचरजे स भरि देत हीं। 6 परमेस्सर लाल सागर क झुरान भुइँया मँ बदल दिहस। अउर ओकर लोग पैदर यरदन नदी क समूचइ रास्ता खुसी स पार किहेन। 7 परमेस्सर आपन महासक्ती स इ संसार क सासन करत ह। परमेस्सर हर कहूँ लोगन पइ निगाह रखत ह। कउनो भी मनई ओकरे खिलाफ नाहीं होइ सकत। 8 लोगो, हमरे परमेस्सर क गुणगान तू पचे ऊँच स्वर मँ करा। 9 परमेस्सर हमका इ जिन्नगी दिहस ह। उ हमार रच्छा करत ह। 10 परमेस्सर हमार परीच्छा लिहस ह। परमेस्सर हमका वइसे ही परखेस, जइसे लोग चाँदी आगी मँ डाइके परखत हीं। 11 हे परमेस्सर, तू हमका फँदा मँ फँसइ दिहा। तू हम पइ भारी बोझा लाद दिहा। 12 तू हमका दुस्मनन स गोड़े तरे रौंदवाया। तू हमका आग्री अउ पानी मँ घसीट्या। मुला तू फिन भी हमका सुरच्छित ठउर पइ लइ आया। 13 एह बरे मइँ तोहरे मन्दिर मँ बलियन चढ़ावइ आउब। जब मइँ विपत्ति मँ रहेउँ, मइँ तोहार सरण माँगेउँ अउर मइँ तोहार बहुतेरी मन्नत माँगेउँ। अब ओन वस्तुअन क जेनकर मइँ मन्नत माँगेउँ, अपिर्त करत हउँ। 14 15 मइँ तोहका सुद्धिकरण क भेंट अपिर्त करत हउँ, अउर भेड़न क संग सुगन्धि अपिर्त करत हउँ। तोहका बर्धन अउ बोकरन क बलि अपिर्त करत हउँ। 16 ओ सबहि लोगो, परमेस्सर क आराधको! आवा, मइँ तू पचन्क बताउब कि परमेस्सर मोरे बरे का किहस ह। 17 मइँ ओकर बिनती किहेउँ। मइँ ओकर गुणगान किहेउँ। 18 मोर मनवा पवित्तर रहा, मोर सुआमी मोर बात सुनेस। 19 परमेस्सर मोर सुनेस। परमेस्सर मोर बिनती सुन लिहस। 20 परमेस्सर क गुण गावा। परमेस्सर मोहसे मुँह नाहीं मोड़ेस। उ मोर पराथना क सुन लिहस। परमेस्सर निज करुणा मोह पइ देखाँएस।

67:1 हे परमेस्सर, हम पइ करुणा करा, अउ हमका असीस द्या। आपन मुस्कुरात भवा चेहरा हमका दिखावा। 2 एह बरे समूचइ संसार तोहार रास्ता सीखइ सकी अउर हर कउनो मनई तोहार इ जान सकइ कि तू कइसा आपन लोगन क रच्छा करत ह। 3 हे परमेस्सर, लोग तोहार गुण गावइँ। सबहिं लोग तोहार बड़कई करइँ। 4 सबहिं रास्ट्र आनन्द मनावइँ अउ आनन्द मँ भरा होइँ। काहेकि तू लोगन क निआउ निस्पच्छ करत अहा। अउर हर रास्ट्र पइ तोहार सासन अहइ। 5 हे परमेस्सर, लोग तोहार गुण गावइँ। सबहिं लोग तोहार बड़कई करइँ। 6 हमार भुइयाँ हमका भरपूर फसल देइ। परमेस्सर, हे हमरे परमेस्सर हमका असीस द्या। 7 हे परमेस्सर, हमका असीस द्या पृथ्वी क सबहिं लोग परमेस्सर स डेराइँ, ओकर आदर करइँ।

68:1 हे परमेस्सर, उठा, आपन दुस्मनन क एहर ओहर करा। ओकर सबहिं दुस्मनन ओकरे लगे स पराइ जाइँ। 2 जइसे हवा स उड़ावा भवा धुआँ बिखरि जात ह, वइसे ही तोहार दुस्मन बिखरि जाइँ। जइसे आगी मँ मोम टेघर जात ह, वइसे ही तोहरे दुस्मनन क नास होइ जाइ। 3 परमेस्सर क संग सज्जन सुखी होत हीं, अउर सज्जन सुखद पल बितावत हीं। सज्जन खुद ही आनन्द मनावत अउ खुद ही बहोत खुस रहत हीं। 4 परमेस्सर क गीत गावा। ओकरे महिमा नाउँ क गुणगान करा। परमेस्सर बरे राह तइयार करा जउन आपन रथे क रेगिस्तान मँ हाँकत ह। ओकरे समन्वा आन्दित भवा जेकर नाउँ याह अहइ। 5 परमेस्सर अनाथन क पिता क समान अहइ अउर राँड़ मेहरूअन क धियान रखत ह। उ आपन पवित्तर मन्दिर मँ अहइ। 6 जेकर कउनो घर नाहीं होत, अइसे अकेले मनई क परमेस्सर घर देत ह। आपन मनवइयन क परमेस्सर बंधन स अजाद करत ह। उ पचे बहोत खुस रहत हीं। मुला जउन परमेस्सर क खिलाफ होत हीं, ओनका तपत भइ भुइँया पइ रहइ क होइ। 7 हे परमेस्सर, तू आपन मनवइयन क मिस्र स निकार्या, अउ रेगिस्तान स पैदर ही पार निकार्या। 8 इस्राएल क परमेस्सर जब सिय्योन पर्वत पइ आवा रहा, तउ धरती काँप उठी रही, अउ अकास टेघरा रहा। 9 हे परमेस्सर, बर्खा क तू पठए रह्या, अउ पुरान अउ दुर्बल पड़ी धरती क तू फुन ससक्त किहा। 10 उहइ धरती पइ तोहार गोरू वापस आइ गएन। हे परमेस्सर, हुआँ क दीन लोगन क तू उत्तिम चिजियन दिहा। 11 परमेस्सर हुकुम दिहस अउर बहोत लोग सुसंदेस सुनावइ गएन। 12 “बरिआर राजा लोगन क फउजन एहर ओहर पराइ गइन। जुद्ध स जउन चिजियन क फउजी लिआवत हीं, ओनका घरे पइ रुकी मेहररूअन बाँटि लेइही। जउन लोग धरे म्ँा रूका बाटेन, उ सबइ उ धने क बाँटि लेइहीं। 13 उ सबइ चाँदी स मढ़ा भवा कबूतरे क पखना पइहीं। उ सबइ सोना स चमकत भवा पखनन क पइहीं।” 14 परमेस्सर जब सल्मोन पर्वत पइ दुस्मन राजा लोगन क बिखेर दिहस, तउ उ पचे अइसे छितरानेन जइसे बरफ गिरत ह। 15 बासान पर्वत महान पर्वत अहइ, जेकर चोटियन बहोत सी बाटिन। 16 बासान पर्वत, तू काहे सिय्योन पर्वत क नान्ह समुझत बाट्या? परमेस्सर ओहसे पिरेम करत ह। परमेस्सर ओका हुआँ सदा रहइ बरे चुनेस ह। 17 यहोवा पवित्तर पर्वत सिय्योन पइ आवत अहइ। अउ ओकरे पाछे कई लाख रथ अहइँ। 18 उ ऊँचे पइ चढ़ गवा। उ बंदियन क अगुआई किहस, उ मनइयन स हिआँ तलक कि आपन विरोधी लोगन स भेेंट लिहस। यहोवा परमेस्सर हुआँ रहइ गवा। 19 यहोवा क गुण गावा। उ हर दिन हमार, हमरे संग भार उठावइ मँ मदद करत ह। परमेस्सर हमार रच्छा करत ह। 20 उ हमार परमेस्सर अहइ। उ उहइ परमेस्सर अहइ जउन हमका बचावत ह। हमार यहोवा परमेस्सर मउत स हमार रच्छा करत ह। 21 परमेस्सर देखाँइ देइ कि आपन दुस्मनन क उ हराइ दिहस ह। अइसे ओन मनइयन क जउन ओकरे खिलाफ लड़ेन, उ सजा देइ। 22 मोर सुआमी कहेस, “मइँ बासान स दुस्मन क वापस लिआउब, मइँ दुस्मन क समुद्दर क गहराई स वापस लाउब, 23 ताकि तू ओनकर खून मँ विचरि सका, तोहार कूकुरन ओनकर खून चाट जाइँ।” 24 लोग लखत हीं, परमेस्सर क विजय अभियान क अगुआइ करत भए। लोग मोरे पवित्तर परमेस्सर, मोरे राजा क अभियान क अगुआई करत लखत हीं। 25 अगवा-अगवा गवइयन क मण्डली चलत ह, पाछेे-पाछे वादक लोगन क मण्डली आवति अहइ, अउ बीच मँ कुमारियन तम्बूरन बजावति अहइँ। 26 परमेस्सर क बड़कई महासभा क बीच करा। इस्राएल क लोगो, तू यहोवा क गुण गावा। 27 नान्ह बिन्यामीन ओनकर अगुआई करत बाटइ। यहूदा क ब़ड़का परिवार हुआँ बाटइ। जबूलून अउ नपताली क नेता हुआँ पइ अहइँ। 28 हे परमेस्सर, हमका आपन सक्ती देखाँवा। हमका उ आपन सक्ती देखाँवा जेकर उपयोग तू हमरे बरे बीते भए जमाने मँ किहे रहा। 29 राजा लोग, जरूसलेम मँ तोहरे मन्दिर क बरे निज सम्पत्ति लिअइहीं। 30 ओन “गोरूअन” स काम मनचाहा करावइ बरे आपन कुबरी क प्रयोग करा। ओन जातियन क “बर्धन” अउर “गइयन” क आग्या मानइवालन बनावा। तू जउन रास्ट्रन क जुद्ध मँ हराया। अब तू ओनसे चाँदी मँगवाइ ल्या। 31 तू ओनसे मिस्र स धन मँगवाइ ल्या। हे परमेस्सर, तू आपन धन कूस स मँगवाइ ल्या। 32 धरती क राजा लोगो, परमेस्सर बरे गावा। हमरे सुआमी बरे तू जसगान गावा। 33 परमेस्सर बरे गावा। उ रथे पइ चढ़िके सनातन अकासन स निकरत ह। तू ओकरे सक्तीसाली स्वर क सुना। 34 इस्राएल क परमेस्सर, तोहरे कउनो भी देवतन स जियादा बलवान अहइ। उ जउन निज मनवइयन क सुदृढ़ बनावत ह। 35 परमेस्सर आपन मन्दिर मँ अद्भुत बाटइ। इस्राएल क परमेस्सर भक्तन क सक्ती अउ सामरथ देत ह। परमेस्सर क गुण गावा।

69:1 हे परमेस्सर, मोका मोर सब मुुसीबतन स बचावा। मोरे मुँहना तलक पानी चढ़ि आवा अहइ। 2 कछू भी नाहीं अहइ जउने पइ मइँ खड़ा होइ जाउँ। मइँ दलदले क बीच खाले धँसत ही चला जात हउँ। मइँ नीचे धँसत हउँ। मइँ अथाह जले मँ अहउँ अउर मोरे चारिहुँ कइँती लहरियन थपेड़ा मारति अहइँ। बस, मइँ बूड़इ क अहउँ। 3 मदद क गोहार लगावत मइँ दुर्बल होत जात हउँ। मोर गटइ मदद बरे गोहराव क कारण सुखन बाटइ। मइँ बाट जोहत हउँ। तोहसे मदद पावइ अउ लखत लखत मोर अँखियन दुःखति अहइँ। 4 मोर दुस्मन। मोरे मूँड़े क बारे स भी जियादा अहइँ। उ सबइ मोहसे बेकार दुस्मनी रखत हीं। उ पचे मोरे विनास क बहोतइ जुगत करत हीं। मोर दुस्मन मोरे बारे मँ झूठी बातन बनावत हीं। उ पचे मोका झूठइ ही चोर बताएन। अउर ओन चिजियन क भरपाई करइ क मोका मजबूर किहन, जेनका मइँ चोराए नाहीं रहेउँ। 5 हे परमेस्सर, तू तउ जानत अहा कि मइँ कछू अनुचित नाहीं किहेउँ। मइँ आपन पाप तोहसे नाहीं छुपाइ सकित। 6 हे मोर सुआमी, हे सर्वसक्तिमान यहोवा, तू आपन मनवइयन क मोरे कारण लज्जित जिन होइ द्या। हे इस्राएल क परमेस्सर, अइसे ओन लोगन क मोरे बरे असमंजस मँ मत डावा जउन तोहार उपासना करत हीं। 7 तोहार बरे मोर मुँह लज्जा स ढाँपि गवा। तोहार सेवा बरे मइँ इ लज्जा क जन्मेउँ ह। 8 मोरे ही भाई, मोरे संग यूँ ही बर्ताव करत हीं। जइसे बर्ताव कउनो अजनबी स करत होइँ। मोरे ही सगे भाई, मोका पराया समुझत हीं। 9 तोहरे मन्दिर क खातिर मोर गहरी लगन ही मोका जराइ डावत अहइ। उ पचे जउन तोहार मसखरी करत हीं उ मोह पइ आइ पड़ी बाटइ। 10 मइँ तउ गोहरावत हउँ अउर उपवास करत हउँ, एह बरे उ पचे मोर हँसी उड़ावत हीं। 11 मइँ आपन सोक दर्सावइ बरे मोटवार ओढ़नन क पहिरत हउँ, अउर लोग मोर मसखरी करत हीं। 12 उ पचे जनता क बीच सबइ चर्चा करत हीं, अउर पियक्कड़, मोर गीत रचा करत हीं। 13 हे यहोवा, जहाँ तलक मोर बात बाटइ, मोर तोहसे इ बिनती अहइ कि मइँ चाहत हउँ:तू मोका अपनाइ ल्या। हे परमेस्सर, मइँ चाहत हउँ कि तू मोका पिरेम भरा जवाब द्या मइँ जानत हउँ कि मइँ तोह पइ सुरच्छा क भरोसा कइ सकत हउँ। 14 मोका दलदले स उबार ल्या। मोका दलदल क बीच जिन बूड़इ द्या। मोका मोरे बैरी लोगन स तू बचाइ ल्या। तू मोका इ गहिर पानी स बचाइ ल्या। 15 बाढ़ क लहरन क मोका बुड़ावइ न द्या। गहराई क मोका लीलइ न द्या। कब्र क मोरे ऊपर आपन मुँह बन्द न करइ द्या। 16 हे यहोवा, तोहार करुणा खरी अहइ। तू मोका आपन सम्पूर्ण पिरेम स जवाब द्या। मोर मदद बरे आपन सम्पूर्ण कृपा क संग मोरी कइँती मुँह करा। 17 आपन दास स जिन मुँह मोड़ा। मइँ संकटे मँ पड़ा अहउँ। मोका हाली सहारा द्या। 18 आवा, मोर परान बचाइ ल्या। तू मोका मोरे दुस्मनन स छोड़ाइ ल्या। 19 तू मोर निरादर जानत अहा। तू जानत अहा कि मोर दुस्मनन मोका लज्जित किहेन ह। ओनका मोरे संग तू अइसा करत लख्या ह। 20 निन्दा मोका चकनाचूर कइ दिहस ह। बस निन्दा क कारण मइँ मरइवाला अहउँ। मइँ सहानुभूति क बाट जोहत रहेउँ, मइँ दिलासा क बाट जोहत रहेउँ, मुला मोका तउ कउनो नाहीं मिला। 21 उ पचे मोका जहर दिहन, खइया क नाहीं दिहन। सिरका मोका दइ दिहन, दाखरस नाहीं दिहन। 22 ओनकर मेजन खाना स भरी अहइ उ पचे ऍतना बड़का मैत्री भोज करत अहइँ। मइँ आसा करत हउँ कि उ सबइ भोजन ओनका बरबाद करइँ। 23 उ सबइ आँधर होइ जाइँ अउर ओनकर करिहाउँ निहुरिके दुहरी होइ जाइ। 24 अइसा लगइ कि ओन पइ तोहार भरपूर किरोध फूट पड़ा बा। 25 ओनकर घरन क तू खाली बनाइ द्या। हुआँ कउनो जिअत न रहइ। 26 ओनका सजा द्या, अउर उ सबइ दूर पराइ जाइँ। फुन ओनके लगे, ओनकर बातन क बारे मँ ओनकर दर्द अउर घाव होइँ। 27 ओनकर बुरे कर्मन क ओनका सजा द्या, जउन उ पचे किहे अहइँ। ओनका जिन देखाँवा कि तू अउर केतॅना भला होइ सकत ह। 28 जिन्नगी क किताबे स ओनकर नाउँ मेट द्या। सज्जनन क नाउँ क संग तू ओनकर नाउँ उ किताबे मँ जिन लिखा। 29 मइ दुःखी हउँ अउ दर्द मँ हउँ। हे परमेस्सर, मोका उबार ल्या। मोर रच्छा करा। 30 मइँ परमेस्सर क नाउँ क गुण गीतन मँ गाउब। मइँ ओकर जस धन्यवाद क गीतन स गाउब। 31 परमेस्सर एहसे खुस होइ जाइ। अइसा करब एक ठु बर्धा क बलि या पूरा गोरू क ही बलि चढ़ावइ स जियादा उत्तिम अहइ। 32 अरे दीन लोगो, तू पचे परमेस्सर क आराधना करइ आवा अहा। अरे दीन लोगो! ऍन बातन क जानिके तू पचे खुस होइ जाब्या। 33 यहोवा, दीन लोगन अउ बेसहारा लोगन क सुना करत ह। यहोवा ओनका अबहुँ चाहत ह, जउन लोग बंधन मँ पड़ा अहइँ। 34 हे सरग अउ हे धरती, हे सागर अउ एकरे बीच जउन भी समावा अहइ। परमेस्सर क स्तुति करा। 35 यहोवा सिय्योन क रच्छा करी। यहोवा यहूदा क नगर क फुन निर्माण करी। उ लोग जउन इ धरती क सुआमी अहइँ, फिन हुआँ रइहीं। 36 ओकरे सेवकन क संतानन उ धरती क पाई। अउर अइसे उ सबइ लोग निवास करिहीं जेनका ओकर नाउँ पियारा बाटइ।

70:1 हे परमेस्सर, मोर रच्छा करा। हे परमेस्सर, हाली करा, अउर मोका सहारा द्या। 2 लोग मोका मार डावइ क जतन करत अहइँ। ओनका निरास अउ बेज्जत कइ द्या। अइसा चाहत हीं कि लोग मोर बुरा कइ डावइँ। ओनकर पतन अइसा होइ जाइ कि उ पचे समिर्न्दा होइँ। 3 लोग मोर हँसी ठट्ठन उड़ाएन। मइँ ओनकर पराजय क आसा करत हउँ अउर इ बात क कि ओनका लज्जा महसूस होइ। 4 मोका इ आस अहइ कि अइसे उ पचे सबहिं लोग जउन तोहार आराधन करत हीं, उ खूब खुस होइ। उ पचे सबहिं लोग तोहरी मदद क आसा मँ रहत हीं उ पचे सदा तोहार स्तुति करत रहइँ। 5 हे परमेस्सर, मइँ दीन अउ बेसहारा हउँ। हाली करा! आवा, अउर मोका सहारा द्या। हे परमेस्सर, तू ही बस अइसा अहा जउन मोका बचाइ सकत अहा, जियादा देर जिन करा।

71:1 हे यहोवा, मोका तोहार भरोसा अहइ, एह बरे मइँ कबहुँ निरास नाहीं होब। 2 आपन नेकी स तू मोका बचाई। तू मोका छोड़ाइ लेब्या। मोर सुना। मोर उद्धार करा। 3 तू मोर गढ़ बना। सुरच्छा बरे अइसा गढ़ जेहमाँ मइँ दौड़ जाउँ। मोर सुरच्छा बरे तू हुकुम द्या, काहेकि तू ही तउ मोर चट्टान अहा:मोर सरणस्थल अहा। 4 मोर परमेस्सर, तू मोका दुट्ठ जनन स बचाइ ल्या। तू मोका क्रूर कुटिल लोगन स छोड़ाइ ल्या। 5 मोर सुआमी, तू मोर आसा अहा। मइँ आपन बचपन स ही तोहरे भरोसे हउँ। 6 जब मइँ आपन महतारी क गरभ मँ रहेउँ, तबहिं स तोहरे भरोसे रहेउँ। जउने दिन स मइँ जन्म धारण किहेउँ, मइँ तोहरे भरोसे हउँ। मइँ तोहार पराथना सदा करत रहत हउँ। 7 मइँ दूसर लोगन बरे एक उदाहरण रहेउँ ह। काहेकि तू मोर सक्ती क सोता रह्या ह। 8 ओन अद्भुत कामन क सदा गावत रहेउँ ह, जेनका तू करत अहा। 9 सिरिफ इ कारण कि मइँ बुढ़वा होइ गवा हउँ मोका निकारिके जिन लोकावा। सिरिफ इ कारण कि मइँ दुर्बल होइ गवा हउँ मोका निज छोड़्या। 10 फुरइ, मोर दुस्मनन मोरे खिलाफ कुचक्र रच डाए बाटेन। फुरइ उ पचे सब बटुर ग अहइँ, अउर ओनकर जोजना मोका मार डावइ क अहइ। 11 मोर दुस्मन कहत हीं, “परमेस्सर ओका तजि दिहस ह। जा, ओका धइ ल्या। कउनो भी मनई ओका मदद न देई।” 12 हे परमेस्सर, तू मोका जिन बिसरा। हे परमेस्सर, हाली करा। मोका सहारा द्या। 13 मोरे दुस्मनन क पूरी तरह स हराइ द्या। तू ओनकर नास कइ द्या। मोका कस्ट देइ क उ पचे जतन करत अहइँ। उ पचे लज्जा महसूस करइँ अउ अपमान सहइँ। 14 फुन मइँ तोहरे ही भरोसे, सदा रहब। अउर तोहार गुण मइँ जियादा अउ जियादा गाउब। 15 सबहिं लोगन स, मइँ तोहार बखान करब कि तू केतॅना उत्तिम अहा। उ समइ क बातन मइँ ओनका बताउब, जब तू अइसे मोका एक नाहीं अनगिनत अवसर पइ बचाए रह्या। 16 हे यहोवा, मोर सुआमी। मइँ तोहरी महानता क वर्णन करब। बस सिरिफ मइँ तोहार अउ तोहरी ही अच्छाई क चर्चा करब। 17 हे परमेस्सर, तू मोका बचपन स ही सिच्छा दिहा। मइँ आजु तलक बखानत रहा हउँ, ओन अद्भुत कामन क जेका तू करत अहा। 18 अब मइँ बुढ़वा होइ गवा हउँ अउर मोर बार सफेद होइ ग अहइँ। मुला मइँ जानत हउँ कि तू मोका नाहीं तजब्या। हर नई पीढ़ी स, मइँ तोहरी सक्ती क अउर तोहरी महानता क वर्णन करब। 19 हे परमेस्सर, तोहार धामिर्क भावना अकासन स ऊँच अहइ। हे परमेस्सर, तोहरे समान दूसर कउनो नाहीं। तू अजूबा अचरजभरा काम किहा ह। 20 तू मोका बुरा समइ अउ कस्ट लखइ दिहा। मुला तू ही मोका ओन सब स बचाइ लिहा अउर जिअत राख्या ह। एकर कउनो अरथ नाहीं, मइँ केतॅना ही गहिर बूड़ेउँ तू मोका मोर संकटन स उबारि लिहा। 21 तू अइसे काम करइ क मोका मदद द्या जउन पहिले स भी बड़ा होइँ। मोका सुख चैन देत रहा। 22 वीणा क संग, मइँ तोहार गुण गाउब। हे मोरे परमेस्सर, मइँ इ गाउब कि तोह पइ भरोसा धरा जाइ सकत ह। मइँ ओकरे बरे गीत आपन सितार पइ बजावा करब जउन इस्राएल क पवित्तर यहोवा अहइ। 23 मोरे प्राणन क तू रच्छा किहा ह। मोर मन मगन होइ अउर आपन होंठन स, मइँ प्रसंसा क गीत गाउब। 24 मोर जिभिया हर घड़ी तोहार धामिर्क भावना क गीत गावा करी। अइसे उ सबइ लोग जउन मोका मारइ चाहत हीं, उ पचे हारि जइहीं अउ अपमानित कीन्ह जइहीं।

72:1 हे परमेस्सर, राजा क मदद करा ताकि उ भी तोहरी तरह स विवेक स भरिके निआउ करइ। राजपुत्र क सहायता करा ताकि उ तोहार धामिर्क भावना क जानि सकइ। 2 राजा क सहायता करा कि तोहरे मनवइयन क उ निस्पच्छ निआउ करइ। सहायता करा कि उ दीन जनन क संग उचित बेउहार करइ। 3 पहाड़न क सबइ बरे सान्ति लिआवइ द्या। समूचइ भुइँया बरे सान्ति अउर निआउ लिआवइ द्या। 4 राजा निर्धन लोगन बरे निआउ स भरा रहइ। उ बेसहार लोगन क मदद करइ। उ सबइ लोग सजा पावइँ जउन ओनका सतावत होइँ। 5 मोर इ कामना अहइ कि जब तलक सूरज अकास मँ चमकत ह, अउर चन्द्रमा अकासे मँ अहइ। लोग राजा क डर मानइँ। मोर आसा अहइ कि लोग ओकर डर सदा मनिहीं। 6 राजा क मदद, धरती प पड़इवाली बरसात बनावइ मँ करा। ओकर मदद करा कि खेतन मँ पड़इवाली बौछार बनइ। 7 जब तलक उ राजा अहइ, भलाइ फूलइ-फरइ। जब तलक चन्द्रमा अहइ, सान्ति बनी रहइ। 8 ओकर राज्ज समुद्दर स समुद्दर तलक अउ परात नदी स लइके सुदूर तलक फइलि जाइ। 9 रेगिस्ताने क लोग ओकरे अगवा निहुरइँ। अउर ओकर सबइ दुस्मन ओकरे अगवा औधे मुँह भहरान भए धरती पइ निहुरइँ। 10 तसीर्स क राजा अउ दूर देसन क राजा ओकरे बरे उपहार लिआवइँ। सेबा क राजा अउ सबा क राजा ओका उपहार देइँ। 11 सबइ राजा हमरे राजा क अगवा निहुरइँ। सबहिं रास्ट्र ओकर सेवा करत रहइँ। 12 हमार राजा बेसहारन क सहायक अहइ। हमार राजा दीनन पइ अउर बेसहारा लोगन क सहारा देत ह। 13 दीन, बेसहारा लोग ओकरे सहारे अहइँ। इ राजा ओनका जिअत रखत ह। 14 इ राजा ओनक ओन लोगन स बचावत ह, जउन क्रूर अहइँ अउर जउन ओनका दुःख देइ चाहत हीं। राजा बरे ओन दीनन क जीवन बहोतइ महत्वपूर्ण अहइ। 15 राजा लम्बी उमर क होइ! अउर सेबा स सोना प्राप्त करइ। राजा बरे सदा पराथना करत रहा, अउर तू हर दिन ओका असीस द्या। 16 खेत भरपूर फसल देइ। पहाड़ियन फसलन स ढकि जाइँ। इ सबइ खेत लबानोन क खेतन स उपजाऊ होइ जाइँ। सहर लोगन क भीड़ स भरि जाइ, जइसेन खेत घनी घासे स भरि जात हीं। 17 राजा क जस सदा बना रहइ। लोग ओकरे नाउँ क सुमिरन तब तलक करत रहइँ, जब तलक सूरज चमकत ह। ओकरे कारण सारी प्रजा धन्य होइ जाइ अउ उ पचे सबहिं ओका असीसइँ। 18 यहोवा परमेस्सर क गुण गावा, जउन एस्राएल क परमेस्सर अहइ। उहइ परमेस्सर अइसे अचरज क कर्म कइ सकत ह। 19 ओकरे महिमा स भरा नाउँ क बड़कई सदा करा। ओकर महिमा सारी दुनिया मँ भरि जाइ। आमीन अउ आमिन। 20 यिसै क पूत दाऊद क पराथनन समाप्त भइन।

73:1 इस्राएल बरे परमेस्सर नीक अहइ। परमेस्सर ओन लोगन बरे नीक होत ह जेनकर हिरदइ पवित्तर अहइ। 2 मइँ तउ करीब करीब फिसल गवा रहा अउर मइँ तउ करीब करीब गिर गवा रहा। 3 काहेकि मइँ लखेउँ कि पापी सफल होत अहइँ अउर सान्ति स रहत अहइँ। तउ ओन अभिमानी लोगन स मोका जलन भइ। 4 उ सबइ लोग तन्दुरुस्त अहइँ। ओनके जिन्नगी मँ कउनो संघर्स नाहीं अहइ। 5 ओन अहंकारी लोग दूसर लोगन क नाईं परेसानी नाहीं उठावत हीं। उ पचे दूसर क नाईर् तकलीफ नाहीं झेलत हीं। 6 एह बरे उ पचे सदा अहंकार स भरा रहत हीं। अउर उ पचे हिंसा स भी भरा भवा रहत हीं। 7 उ पचे बुरे बिचारन स भरा भवा अहइँ अउर उ पचे बुरे जोजना मँ बह गवा रहेन। 8 उ पचे लोगन क बारे चिन्ता नाहीं करत हीं अउर ओनका सोसण करइ बरे बुरी जोजना बनावत हीं। उ पचे घमण्ड मँ बात करत हीं। 9 उ घमण्डी लोगन अइसे बात करत हीं जइसे उ पचे देवता अहइँ। उ पचे अइसे बात करत हीं जइसे उपचे धरती क सासक हीं। 10 ऍह बरे हिआँ तलक कि परमेस्सर क जन भी ओन दुट्ठन कइँती मुड़त अउर जइसा उ पचे कहत हीं, वइसा बिस्सास कइ लेत हीं। 11 उ सबइ दुट्ठ जन कहत ही, “हमरे ओन कामन क परमेस्सर नाहीं जानत जेनका हम करत अही। 12 दुट्ठ जन आराम क जिन्नगी जिअत हीं अउर उ पचे धनवान होत चला जात हीं। 13 तउ मोका आपन हिरदय क पवित्तर रखइ क का लाभ अहइ! आपन मँूड़े क निर्मल रखइ क का लाभ अहइ! 14 हे परमेस्सर, मइँ सारे ही दिन दुःख भोगा करत हउँ। तू हर भिन्सारे मोका दण्ड देत अहा। 15 हे परमेस्सर, मइँ इ सबइ बातन दूसरन क बतावइ क निर्णय कइ लिहे रहेउँ। मुला मइँ जानत रहेउँ कि मइँ तोहार लोगन क धोका देते रहेउँ। 16 ऍन बातन क समुझइ क, मइँ जतन किहेउँ मुला ऍनका समुझब मोरे बरे बहोत कठिन रहा। 17 जब तलक मई परमेस्सर क मन्दिर मँ नाहीं गवा तब तलक मइँ एका नाहीं समुझेउँ। 18 हे परमेस्सर, फुरइ तू ओन लोगन क भाग फिसलइ वाले मार्ग मँ राख्या ह। तू ओन लोगन क गिरइ द्या अउर बर्बाद होइ द्या। 19 एकाएक ओन पइ विपत्ति अइहीं। उ सबइ घमण्डी लोग बरबाद होइ जात हीं। ओनके संग भयंकर घटना घटिहीं। अउर फुन ओनकर अंत होइ जात ह। 20 हे यहोवा, उ सबइ मनई अइसे होइहीं जइसे सपन जेका हम जागत ही बिसरि जात अहीं। ऍह बरे तू अइसे लोगन क हमरे सपन क भयानक जानवर क नाईर् अछन्न कइ द्या। 21 जब मोर हिरदय किरया रहा अउर मोरे दिमाग जख़मी रहा, 22 मइँ विवेकहीन रहा अउर मइँ समुझइ मँ असमर्थ रहा। मइँ एक तोहार संग एक निर्बुद्धि जनावर जइसा बेउहार किहेउँ। 23 तउ पइ भी मइँ सदा तोहार संग अहउँ। हे परमेस्सर, तू मोरे हाथ थामइ क मोर मदद किहा ह। 24 हे परमेस्सर, तू मोका राह देखाँवत, अउर मोका सलाह देत अहा। आखीर मँ तू आपन महिमा क मौजूदगी मँ मोका अगुवाई करब्या। 25 हे परमेस्सर, सरगे मँ बस तू ही अकेला मोर अहा, अउर धरती पइ मोका का चाही, जब तू मोरे साथ अहा? 26 चाहे मोर मनवा टूटि जाइ अउर मोर काया नस्ट होइ जाइ। मुला उ चट्टान मोरे लगे बाटइ जउन मोर सहायता करत ह। परमरेस्सर मोरे लगे सदा अहइ। 27 हे परमेस्सर, जउन लोग तोहका तजत हीं, उ पचन्क तू नास कइ देब्या। तू ओन लोगन क जउन तोहेसे मुड़ जात हीं, बर्बाद कइ देब्या। 28 मुला मोरे बरे, परमेस्सर क निअरे रहब नीक अहइ। मइँ आपन सुरच्छा स्थान आपन सुआमी यहोवा क बनाएउँ ह। हे परमेस्सर, मइँ ओन सबहिं बातन क बखान करब जेनका तू किहा ह।

74:1 हे परमेस्सर, तू हमका सदा बरे काहे बिसराइ दिहा ह? तू अबहिं तलक आपन निज लोगन स काहे कोहान अहा? 2 ओन लोगन क सुमिरा जेनका तू बहोत पहिले मोल लिहे रह्या। तू हम लोगन क आपन लोग बनाइ बरे बचाइ लिहा ह। सिय्योन क पहाड़े क सुमिरा जहाँ तू रहत रहा। 3 हे परमेस्सर, आवा अउ ऍन बहोत पुरान खण्डहरन स होइके चला। तू उ पवित्तर ठउर पइ लउटिके आवा जेका दुस्मन बरबाद कइ दिहे अहइँ। 4 दुस्मनन मन्दिर मँ सेस्न क नाईर् दहाड़ेन। उ खुद क बिसेस चिन्हक एक प्रमाण क रूप मँ, कि उ पचे जुद्ध जीत गएन, स्थापित किहेन। 5 दुस्मनन क फउजियन एक अइसे कुलहारी क नाईर् परगट भवा रहेन जेका प्रयोग जलावन क लकड़ी क काटइ बरे कीन्ह गवा रहा। 6 हे परमेस्सर, ऍन दुस्मन फउजियन निज कुल्हाड़न अउ फर्सन क प्रयोग किहन, अउर तोहरे मन्दिर क नक्कासी फाड़िके लोकाएन। 7 सबइ फउजियन तोहार पवित्तर ठउर बार दिहन। उ पचे तोहरे मन्दिर क धूरि मँ मिलइ दिहन जेका तोहरे नाउँ क मान देइ बरे बनावा ग रहा। 8 उ दुस्मन हमका पूरी तरह बरबाद करइ क ठान लिहन। तउ उ पचे देस क हर पवित्तर ठउर क फूँक दिहन। 9 हम लोग कउनो बिसेस चिन्ह नाहीं लखे। हुआँ अउर कउनो नबी जिअत नाहीं अहइ। एह बरे कउनो भी नाहीं जानत ह कि इ परिस्थिति कब तलक जारी रही। 10 हे परमेस्सर, इ सबइ दुस्मन कब तलक हमार हँसी उड़इहीं? का तू ऍन दुस्मनन क तोहरे नाउँ क अपमान सदा सदा ही करइ देब्या? 11 हे परमेस्सर, तू आपन सक्ती क काहे रोके रखा ह अउर तू हस्तछेप काहे नाहीं करत ह। ओन लोगन क नास करइ बरे कारवाई करा। 12 हे परमेस्सर, बहोत दिनन स तू ही हमार सासक रह्या। इ देस मँ तू हम लोगन क अनेक जुद्‌ध मँ विजय दिहा। 13 हे परमेस्सर, तू आपन महासक्ती स लाल सागर क दुइ हींसा कइ दिहा। तू विसाल काय क दानवन क मूड़न समुद्दर मँ चूर चूर कइ दिहा। 14 तू लिव्यातान क मूँड़न कुचर दिहा, अउर ओकरे बदन क जंगली जनावरन क खाइ बरे लोकाइ दिहा। 15 तू नदी, झरनन रच्या, चटान फोड़िके पानी बहाया। तू सदा बहइ वाली नदियन क झुराइ दिहा। 16 हे परमेस्सर, तू दिन क सासक अहा, अउ राति क भी सासक तू ही अहा। तू ही चाँद अउ सूरज क बनाया। 17 तू समुचइ धरती पइ सब बरे चउहद्दी बाँधत अहा। तू ही गमीर् अउ सदीर् क बनाया। 18 हे यहोवा, इ बातन क सुमिर ल्या। अउर याद करा कि दुस्मन तोहार मजाक उड़ाएस ह। उ सबइ मूर्ख लोग तोहरे नाउँ क अपमान किहेन ह। 19 ओनॅ जंगली जनावरन क आपन फारवता क जिन लेइ द्या। आपन दीन जनन क तू हमेसा जिन बिसरा। 20 हम आपुस मँ जउन करार कीन्ह ह ओका याद करा, इ देस मँ हर कउनो अँधियारे ठउरे पइ हिंसा अहइ। 21 हे परमेस्सर, तोहरे लोगन क संग अत्याचार झेलइ क रहा, ओनका अउर अधिक सतावा अउ दुःख दीन्ह जाइ जिन द्या। तोहार असहाय जन, तोहार गुण गावइँ। 22 हे परमेस्सर, उठा अउर बदला ल्या। याद करा कि ओन मूरख लोग सदा ही तोहार अपमान किहेन ह। 23 उ सबइ बुरी बातन जिन बिसरा जेनका तोहार दुस्मनन हर रोज तोहरे बरे कहेन। जिन बिसरा कि उ पचे तोहार खिलाफ लगातार चिचियाएन जब उ पचे तोहार खिलाफ जुद्ध करत रहेन।

75:1 हे परमेस्सर, हम तोहार बड़कई करत अही। हम तोहार बड़कई करत अही काहेकि तोहार मौजूदगी निअरे अहइ। अउर लोग तोहरे ओन अद्भुत करमन क जेनका तू करत अहा, बयान करत हीं। 2 परमेस्सर कहत ह, “मइँ निआउ क समइ चुन लिहेउँ, मइँ निस्पच्छ होइके निआउ करब। 3 धरती अउ धरती क हर वस्तु डगमगाइ सकत ह अउर गिरइ क तइयार होइ सकत ह, किन्तु मइँ ही ओका स्थिर राखत हउँ।” 4 कछू लोग बहोत ही घमण्डी होत हीं। उ पचे सोचत रहत हीं कि उ पचे बहोत मजबूत अउ महत्वपूर्ण बाटेन। मुला मई उनसे कहत हउँ। ‘घमण्डी जिन बना!’ ‘अइसा बिउहार जिन करा कि तू बहोत मजबूत अउ महत्वपूर्ण अहइ। अइसा जिन दिखावा कि तू बहोत सक्तीसाली अहइ अउर अहंकारी जिन बना।’” 5 6 इ फुरइ अहइ कि कउनो भी मनई धरती पइ नीच क महान नाहीं बनाइ सकत। 7 परमेस्सर सासक ह। परमेस्सर ऍकर फैसला करत ह कि कउन मनई महान होइ। परमेस्सर ही कउनो मनई क महत्व स भरा पद पइ बइठावत ह। अउर कउनो क महत्वहीन पद पइ उहइ बइठावत ह। 8 परमेस्सर क पिआला मिलावटी मधु स भरा बाटइ। परमेस्सर दण्ड क इ दाखरस क उड़ेरत ह। अउर दुट्ठ जन ओका आखिरी बूँद तलक पिअत हीं। 9 मइँ इ बातन क घोसना करब जउन परमेस्सर सदा बरे करत ह। मइँ इस्राएल क परमेस्सर क महिमा क गुण गाउब। 10 परमेस्सर कहत ह, “मइँ दुट्ठ लोगन क सक्ती क हटाइ देब। किन्तु सबइ नीक लोगन क सम्मान सक्ती स कीन्ह जाइ।

76:1 यहूदा क लोग परमेस्सर क जानत हीं। इस्राएल जानत ह कि फुरइ परमेस्सर क नाउँ बड़का अहइ। 2 परमेस्सर क मन्दिर सालेम मँ बना अहइ। परमेस्सर क घर सिय्योन क पहाड़े पइ अहइ। 3 उ जगह पइ परमेस्सर बारत भवा बाणन, ढालन, तरवारन अउ जुद्ध क दूसर सस्त्रन क तोड़ दिहस। (सेला) 4 हे परमेस्सर, तू प्रकास क संग चमकत ह। तू जंगली पहाड़रन स जियादा प्रताप वाला अहइ। 5 ओन सिपाहियन सोचेन कि उ पचे बरिआर अहइँ। मुला उ पचे अब रणछेत्रन मँ मरा पड़ा अहइँ। ओनकर ल्हासन क लूट लीन्ह ग ह अउर नंगा पड़ा अहइँ। ओन बलवान सिपाहियन मँ कउनो अइसा नाहीं रहा, जउन खुद आपन क रच्छा कइ पावत। 6 याकूब क परमेस्सर ओन फउजियन पइ फटकारेस। अउ उ फउज रथन अउर घोड़न सहित असहा मर गइ। 7 हे परमेस्सर, तू अद्भुत अहा। जब तू कोहाइ जात ह तोहरे समन्वा कउनो मनई टिक नाहीं सकत। 8 जब परमेस्सर सरग स निआउ किहस तउ सारी धरती डर स काँप गइ। 9 जब परमेस्सर निआवाधीस क रूप मँ धरती क विनम्र लोगन क बचावइ बरे कर्ारवाई किहस तब इ भवा। 10 हे परमेस्सर, लोगन क उ समइ भी तोहार स्तुति करइ चाही जब उ पचे किरोध मँ होइ। जब उ पचे किरोध करइ बंद कइ देइँ तउ उ पचे बरिआर होइ जाइँ। 11 योहवा आपन परमेस्सर क संग वाचा करा अउर जउन वाचा किहा ओका पूरा करा। लोग हर कउनो ठउर स लोग परमेस्सर क भेंट लिअइहीं जउन सम्मान क जोग्य अहइँ। 12 परमेस्सर महान नेतन क डरावत ह। धरती क सबहिं सासक लोग ओकर रुतबा माना।

77:1 मइँ मदद पावइ बरे परमेस्सर क गोहराउब। मइँ परमेस्सर क गोहराउब अउर उ मोका सुनी। 2 जब मइँ दुःख मँ रहेउँ तउ मइँ यहोवा क सरण मँ आवा। मइँ सारी रात तोह तलक पहोंचइ जूझा हउँ। मइँ एका नाहीं छोड़ा अउर आराम तलक नाहीं किहेउँ। 3 मइँ परमेस्सर क याद करत हउँ किन्तु मइँ बेचेन हउँ। अउर ओका बतावा कि मइँ कइसा अनुभव करत हउँ। किन्तु फुन भी मइँ अइसा नाहीं कइ सकत हउँ। मइँ बोलन चाहता रहेउँ, किन्तु मइँ बहोत उदास रहेउँ। (सेला) 4 तू मोका सोवइ नाहीं दिहा। मइँ उदास रहेउँ, ऍह बरे मइँ कछू नाहीं कह सकत हउँ। 5 मइँ अतीत क बातन बरे सोचेउँ। बहोत दिना पहिले जउन बातन घटी भइ रहिन ओन घटनन क बारे मँ मइँ सोचेउँ। 6 राति मँ, मइँ आपन गीतन क बारे मँ सोचा करत रहेउँ। मइँ आपन आप स बातन किहेउँ। मइँ समुझइ बरे जतन किहेउँ। 7 मोका इ हैरानी अहइ कि का मोर सुआमी मोका सदा बरे तजि दिहे अहइ? का उ हमका फुन नाहीं चाही? 8 का परमेस्सर क पिरेम हमेसा बरे खतम होइ गवा अहा? का उ मोेहे स फिन कबहुँ बात नाहीं करी? 9 का परमेस्सर दाया दिखावइ भूल गवा ह? का ओकर करुणा किरोध में बदल गइ बाटइ?” 10 मइँ फुन इ सोचा करत हउँ, “उ सोच जउन मोका दर्द देत अहइ: ‘का सवोर्च्च परमेस्सर आपन निज सक्ती दिखावइ बन्द कइ दिहस ह?’” 11 सक्ती भरा उ काम जेनका यहोवा किहस ह ओका याद रखा। हाँ उ कामन जेनका तू पहिले किहा ह मोका याद बाटइ। 12 मइँ ओन सबहिं कामन क जेनका तू किहा ह सोचे हउँ। जेन कामन क तू किहा मइँ धियान देत हउँ। 13 हे परमेस्सर, तोहार निवास स्थान पवित्तर अहइँ। कउनो भी अइसा महान नाहीं अहइ जइसा तू अहा। 14 तू ही उ परमेस्सर अहा जउन अद्भुत काम किहा। तू रास्ट्रन क आपन निज महासक्ती देखाँया। 15 तू आपन सक्ती क प्रयोग किहा अउर आपन लोगन क बचाइ लिहा। तू याकूब अउ यूसुफ क संतानन क बचाइ लिहा। 16 हे परमेस्सर, सागर तोहका लखेस अउर जब उ तोहका लखेस तउ डेराइ गवा। गहिर समुद्दर डर स थर थर काँप उठा। 17 घनघोर बादरन स ओनकर पानी छूट पड़ा रहा। ऊँच बादरन स जोर क गर्जब लोग सुनेन। फुन ओन बादरन स बिजुरी क तोहार बाण नीचे चलेन। 18 तोहार बिजुरी क गर्जन आंधी भरे हवा मँ फुन गजेज्र्सि, तोहार बिजुरी चमचमात भवा जगत पइ चमक उठी। धरती हिल गइ अउर थर थर काँपि गइ। 19 हे परमेस्सर, तू गहिर समुद्दर मँ पैदर चल्या। तू चलिके ही सागर पार किहा। मुला तू कउनो पद चीन्हा नाहीं छोड़्या। 20 तू मूसा अउ हारून क उपयोग आपन मनवइयन क अगुआई भेड़िन क झुण्ड क नाईर् करइ मँ किहा।

78:1 मोर मनवइयो, तू पचे मोरे उपदेसन क सुना। ओन बातन पइ कान द्या जेनका मइँ बतावत हउँ। 2 मइँ तू पचन्क इ कथा सुनाउब। मइँ तू पचन्क पुरान कथा सुनाउब। 3 हम पचे इ कहानी सुना ह, अउर ऍका अच्छी तरह जानित ह। हम लोगन क पुरखन इ कहानी कहेन ह। 4 हम लोग ऍन बातन क आपन सन्तानन स नाहीं छुपाउब। हम लोग ऍन बातन क आपन अगवा पीढ़ी क बताउब। हम लोग ओनसे यहोवा क सक्ती अउर ओकरे अद्भुत कामन क बारे मँ बताउब। हम पचे ओनका ओन कामन बरे जेनका उ किहस ह बखान करब। 5 यहोवा याकूब स वाचा किहस। परमेस्सर इस्राएल क व्यवस्था क विधान दिहस, अउर हमार परमेस्सर हमरे पुरखन क हुकुम दिहन। उ हमरे पुरखन क व्यवस्था क विधान आपन संतानन क सिखावइ क किहेस। 6 इ तरह अगवा पीढ़ी ऍन बातन क बरे मँ जानिहीं। अउर हर एक पीढ़ी मँ गदेलन पइदा होइ अउर बढ़ीइ अउर फुन उ पचे इ कहानी क आपन गदेलन क बतइहीं। 7 ऍह बरे उ सबहिं लोग यहोवा पइ भरोसा करिहीं। उ पचे ओन सक्ती स भरा कामम क नाहीं बिसरिहीं। जेन्का परमेस्सर किहे रहा। उ पचे धियान स रखवारी करिहीं अउर परमेस्सर क हुकुम क मनिहीं, 8 एह बरे उ पचे आपन पुरखन क नाईर् नाहीं होइ। ओनकर पुरखन परमेस्सर क अनसुनी किहे रहेन अउर ओकर अनुसरण करइ स इन्कार किहे रहेन उ पचे हठी रहेन। उ पचे विस्सासी होइ क परमेस्सर क अनुसरण नाहीं किहेन। 9 ओन मुड़ी भइ कमान की तरह जेका उ पचे लइ रहेन एप्रैम क लोग जुद्ध स पीठ दिखाइ गए। 10 उ पचे ओन करार क नाहीं मानेन जउन उ पचे यहोवा स किहे रहेन। उ पचे उ नाहीं किहे जउन उ ओन लोगन क करइ क हुकुम दिहे रहा। 11 एप्रैम क उ सबइ लोग ओन बड़की बातन क बिसरि गएन जेनका परमेस्सर किहे रहा। उ पचे ओन अद्भुत बातन क बिसरि गएन जेनका उ ओनका देखाँए रहा। 12 परमेस्सर ओनकर पुरखन क मिस्र क भुइयाँ सोअन मँ निज महासक्ती देखाँइस। 13 परमेस्सर लाल सागर क चीरिके दुइ भाग कइके लोगन क पार उतार दिहस। उ पानी क मजबूत देवार क तरह दुइनउँ कइँती खड़ा कइ दिहस रहा। 14 परमेस्सर ओन लोगन क दिन क समइ मँ महा बादर स अगुवाई किहस। अउर रात क समइ मँ चमकत भवा आगी स राह देखाँएस। 15 उ चट्टान क फारेस अउर पानी तेजी स बाहर निकर आवा वइसे ही जइसे झ़ड़ना स निकरत ह। 16 परमेस्सर चट्टान स पानी क धारा नदी क नाईं निकारे रहा। 17 मुला लोग रेगिस्तान मँ सवोर्च्च परमेस्सर क खिलाफ पाप करत जारी रखे रहेन। 18 फिन ओन लोग परमेस्सर क परखइ क पक्का इरादा किहन। उ पचे बस आपन भूख मिटावइ बरे परमेस्सर स खइया क माँगेन। 19 परमेस्सर क खिलाफ उ पचे बतियाइ लागेन, उ पचे कहइ लागेन, “का रेगिस्ताने मँ परमेस्सर हमका खाइ क दइ सकत ह? 20 लोगन ने कहा, “जब परमेस्सर चट्टाने पइ चोट किहस तउ पानी क एक ठु रेला फूटि पड़ा। किन्तु का उ हमका कछू रोटी अउ गोस भी दइ सकत ह?” 21 जब यहोवा इ सुनि लिहस जउन लोग कहे रहेन तउ ओकर किरोध इस्राएल क रास्ट्र याकूब क खिलाफ भड़क गवा। 22 काहेकि लोग ओह पइ भरोसा नाहीं रखे रहेन, ओनका भरोसा नाहीं रहा, कि परमेस्सर ओनका बचाइ सकत ह। 23 तब भी परमेस्सर ओन पइ बादर क खोल दिहस। ओनका खाइ बरे खाले मन्ना बरसाइ दिहस। इ ठीक वइसेन ही भवा जइसे कि उ अकासे क दुआर खोल दिहस ह अउर ओनसे अनाज बाहेर उड़ेर दिहस ह। 24 25 लोग उ भोजन खाएन अउर उ पचे बहोत ताकतवर होइ गएन। परमेस्सर ओन लोगन क तृप्त करइ बरे भर पूर भोजन पठएस। 26 फिन परमेस्सर पूरब स तेज हवा चलाएस अउर ओन लोगन बरे बटेर क बर्खा बरसात क नाईर् बरसाएस। परमेस्सर क महासक्ती तैमान कइँती स एक ठु आँधी उठाएस अउर नीला अकास करिआ होइ गवा काहेकि हुवाँ अनगिनत पंछी छाइ ग रहेन। 27 28 उ सबइ पंछी क ठीक ओनकर डेरे क बीच मँ खेमन क चारिहुँ कइँती गिरा दिहे रहेन। 29 ओनके लगे खाइ बरे भरपूर भोजन रहा। उ ओनका उहइ दिहस जउन उ पचन्क इच्छा रहेन। 30 उ पचे उ भोजन अबहुँ तलक खाइ क खतम नाहीं किहे रहेन जेन्का इच्छा उ पचन्क रहेन अउर गोस अबहुँ तलक ओनकर मुँह मँ ही रहेन। 31 तउ ओन लोगन पइ परमेस्सर बहोत कोहाइ गवा अउर ओनमाँ स सबन्क नीक क मारि दिहस। उ बरिआर जवानन क मउत दइ दिहस। 32 फिन भी लोग पाप करत जारी राखे रहेन! उ पचे परमेस्सर क अद्भुत करमन पइ भरोसे नाहीं किहेन। 33 तउ परमेस्सर ओनकर जिन्नगी क बियर्था मँ अउर बरिसन क डर मँ खतम किहस। 34 जब कबहुँ परमेस्सर ओनमाँ स कउनो क मारेस ओनमाँ स बाकी लोग परमेस्सर कइँती लउटि गएन। 35 उ सबइ लोग याद किहेन कि परमेस्सर ओनकर चट्टान रहत रहा। उ पचे याद किहन कि परमेस्सर ओनकर मदद किहे रहा। 36 किन्तु ओकर पाछे उ पचे अइस किहेन जइसे उ पचे ओन पइ विस्सास करत हीं, किन्तु असल मँ उ पचे झूट बोले रहेन। उ पचे ओकर विस्सासी नाहीं रहेन। 37 उ पचे फुरइ मनवा स यहोवा क संग नाहीं रहेन। उ पचे आपन करार बरे सच्चा नाहीं रहेन। 38 मुला परमेस्सर करुणा स भरा नाहीं रहा। उ ओनकइ पापन बरे छिमा किहेस, अउर उ ओनकर विनास नाहीं किहस। परमेस्सर अनेक अवसरन पइ आपन किरोध रोकेस। परमेस्सर आपन क बहोत किरोधी नाहीं होइ दिहस। 39 परमेस्सर क याद रहा कि उ पचे सिरिफ मानव जात अहइँ। लोग सिरिफ हवा जइसे अहइँ जउन बहिके चली जात ह अउर कबहुँ नाहीं लउटत ह। 40 हाय, उ पचे सबइ मरुभूमि मँ परमेस्सर क खिलाफ विद्रोह किहेन ह। उ पचे मरुभूमि मँ ओका बहोत दुःखी किहे रहेन। 41 उ पचे लगातार परमेस्सर पइ सक किहेन अउर इस्राएल क पवित्तर क चोट पहुँचाएन। 42 उ सबइ लोग परमेस्सर क सक्ती क बिसरि गएन। उ सबइ लोग बिसरि गएन कि परमेस्सर ओनका दुस्मन स कइसे बचाए रहा। 43 उ सबइ लोग ओन अद्भुत बातन क बिसरि गएन जउन कि उ मिस्र क सोआन मँ किहे रहा अउर ओन चमत्कारन क बिसरि गएन जउन उ उस भुइयाँ मँ किहे रहा। 44 उ ओनकर नदियन क रकत मँ बदल दिहे रहा। मिस्र क लोग आपन नदी-नाला स पानी पी नाहीं सकत रहेन। 45 परमेस्सर भिड़न क झुण्ड पठए रहा जउन मिस्र क मनइयन क काटेन। परमेस्सर ओन मेघन क पठएस जउन ओन लोगन क भुइयाँ क नास कइ दिहन। 46 उ ओनकर फसलन क जेकर बरे उ पचे बहोत सखत मेहनत किहे रहेन टिड्डन अउर झिंगुरन क दइ दिहस। 47 उ मिस्रियन क अंगूरे क बगिया ओलन स बर्बाद किहस, अउर ओनकर गोलर क बृच्छन क पाला स बर्बाद कइ दिहस। 48 उ ओनकर जनावरन क ओलन स मारि दिहस अउ बिजुरी गिराइके मवेसियन क बर्बाद कइ दिहस। 49 उ मिस्री लोगन क खिलाफ आपन प्रचण्ड किरोध अउर फटकार देखाँएस, अउर ओन लोगन पइ मुसीबत लिआएस। उ आपन विनास क दूत ओन लोगन क खिलाफ पठएस। 50 उ किरोध परगट करइ बरे एक राह पाएस। उ ओन लोगन क मउत स नाहीं बचाएस। उ ओनकर गोरुअन क बेरामी स मरि जाइ दिहस। 51 परमेस्सर मिस्र क हर पहिलउटी पूत क मार डाएस। हाम क घराने क हर पहिलउटी पूत क उ मार डाएस। 52 फिन उ इस्राएल क चरवाहा क नाईर् अगुवाई किहस। उ ओन लोगन क भेड़न क झुण्ड क नाई रेगिस्तान स होत भए निकारेस। 53 उ आपन निज लोगन क सुरच्छा क संग लइ चला। परमेस्सर क भगतन क कउनो स डर नाहीं रहा। परमेस्सर ओनकर दुस्मनन क लाल सागर मँ डुबाएस। 54 परमेस्सर आपन मनवइयन क आपन पवित्तर भुइँया पइ लइ आवा। उ ओनका उ पहाड़े पइ लिआवा जउन उ आपन सक्ती स पाएस। 55 परमेस्सर दूसर जातियन क उ भुइँया तजइ क मजबूर किहस। परमेस्सर हर एक परिवारन क उ भुइँया मँ ओनकर खुदकास्त क हींसा दिहस। इ तरह इस्राएल क परिवारन आपन ही घरन मँ बस गएन। 56 उ पचे लगातार सवोर्च्च परमेस्सर पइ सक किहेन अउर ओकर खिलाफ विद्रोह किहेन उ सबइ लोग परमेस्सर क आग्या क नाहीं मानेन। 57 इस्राएल क लोग परमेस्सर स भटकिके विमुख होइ ग रहेन। उ सबइ आपन पुरखन क नाईं परमेस्सर क अविस्सासी रहेन। उ पचे मुड़ा भवा धनुसक जइसे होइ गवा रहेन। 58 इस्राएल क लोग ऊँच पूजा क ठउरन बनाएन अउर परमेस्सर क कोहाइ दिहन। उ पचे मूतिर्यन गढ़ेन जउन परमेस्सर क किरोधित बनाएन। 59 परमेस्सर इ सुनेस अउर बहोत कोहाइ गवा। उ इस्राएल क पूरी तरह रद्द कइ दिहस। 60 परमेस्सर सिलोह क पवित्तर तम्बू क तजि दिहस। जहाँ उ लोगन क बीच निवास करत रहा। 61 फिन उ दूसर रास्ट्रन क, करार क संदूख क कब्जा करइ क दिहस। दुस्मन ओकर महिमा क संकेत क लइ लिहस। 62 उ आपन ही लोगन पइ आपन किरोध परगट किहस। उ ओनका जुद्ध मँ मार दिहस। 63 ओनकर जवान मनइयन आगी मँ जरिके नास होइ गएन। अउर ओकर जवान कुआँरी लड़कियन कबहुँ आपन बियाह गीत नाहीं सुनि पाएन। 64 याजक मार डावा गएन मुला ओनकर राँड़ मेहरारूअन ओनके बरे नाहीं रोइ सकेन। 65 आखिर मँ यहोवा उठ बइठा जइसे कउनो नींदे स जागिके उठी बइठत होइ। या कउनो जोद्धा क नाई जउन कि दाखरस क नसा स होस मँ आवा होइ। 66 फुन तउ उ आपन दुस्मनन क मारिके भगाइ दिहस अउर ओनका हराइ दिहस। उ आपन दुस्मनन क हराइ दिहस अउर सदा बरे ओनका अपमानित किहस। 67 मुला परमेस्सर यूसुफ क तम्बूक रद्द कइ दिहस। उ इब्राहीम परिवार क नाहीं चुनेस। 68 परमेस्सर यहूदा क पिरवार क चुनेस अउर उ सिय्योन क पहाड़ क चुनेस जउन ओका पियारा अहइ। 69 उ ऊँचे पहाड़न नाई अउर धरती क नाई जेका उ सदा बरे स्थापित किहस ह आपन पवित्तर मन्दिर क सुरच्छित बनाएस। 70 परमेस्सर दाऊद क आपन विसेस सेवक बनावइ मँ चुनेस। दाऊद तउ भेड़िन क देखरेख करत रहा, मुला परमेस्सर ओका उ काम स लइ आवा। 71 उ दाऊद क भेड़िन क रखवाली स लइ आवा। तउ उ ओका आपन लोगन याकूब क सन्तानन, इस्राएलक रखवाली क काम बरे बहाल किहा। 72 तउ फिन दाऊद पुरे मन स ओन लोगन क देख-भाल किहस। उ ओनका पूरी बुद्धिमानी स राह देखाँएस।

79:1 हे परमेस्सर, विदेसी लोग तोहरे सेवकन क संग लड़इ बरे आवा अहइँ। उ मनइयन तोहरे पवित्तर मन्दिर क बर्बाद किहन, अउ यरूसलेम क उ पचे खण्डहर बनाइ दिहन। 2 तोहरे चेलन क ल्हासन क उ पचे जंगली पंछी क खाइ बरे डाइ दिहन। तोहरे मनवइयन क ल्हासन क उ पचे जनावरन क खाइ बरे डाइ दिहन। 3 ओन लोगन तोहार लोगन क रकत पानी जइसा यरूसलेम क चारिहुँ कइँती फइलाएन। ओनकर ल्हासन क दफनावइ क कउनो भी नाहीं बचा। 4 हमार पड़ोसी देस हमका अपमानित किहन ह। हमरे आस पास क लोग सबहिं हँसत हीं, अउर हमार मसखरी उड़ावत हीं। 5 हे यहोवा कब तलक अइसा रहब्या, का तू सदा क बरे हम पइ कोहान रहब्या? का तोहार किरोध आगी क तरह धधकत रही? 6 आपन किरोध क ओन रास्ट्रन क विरोध मँ जउन तोहका नाहीं पहिचानतेन मोड़ द्या आपन किरोध क ओन रास्ट्रन क खिलाफ मोड़ द्या जउन तोहरे नाउँ क मदद बरे नाहीं पुकारतेन। 7 काहेकि उ सबइ रास्ट्र याकूब क नास किहन। उ पचे याकूब क देस क नास किहन। 8 तू हमरे पुरखन क पापन बरे कृपा कइके हमका सजा जिन द्या। हाली करा, तू हम पइ निज करुणा हाली देखॅावा काहेकि हम पचन्क बहोत अपमानित बाटइ। 9 मोर परमेस्सर, मोर उद्धारकर्ता, हमका सहारा द्या। आपन ही नाउँ क महिमा बरे हमार मदद करा। हमका बचाइ ल्या। निज नाउँ क महिमा क खातिर हम लोगन क पाप क प्रायस्चित करा। 10 दूसर रास्ट्रन क लोगन क तू इ जिन कहइ द्या, “ओनकर परमेस्सर कहाँ बाटइ? का उ ओनका सहारा नाहीं दइ सकत ह?” हे परमेस्सर, ओन लोगन क दण्ड द्या ताकि उ सजा क हम भी लखि सकी। ओन लोगन क तोहरे सेवकन क मारइ क सजा द्या। 11 जेलि मँ बंद भए लोगन क कराहब कृपा कइके सुना। हे परमेस्सर, तू निज महासक्ती प्रयोग मँ लिआवा अउर ओन लोगन क बचाइ ल्या जेनका मरइ बरे ही चुना गवा ह। 12 हे यहोवा हमरे आस-पास क रास्ट्रन क सात गुना सज़ा द्या काहेकि उ पचे तोहका अपमानित किहेन ह। 13 हम तउ तोहार लोग अही। हम तोहरे झुण्ड भेड़ी अही जेका तू पालत ह। हम तोहार गुनगान सदा करब। हे परमेस्सर हम सदा तोहार महिमा क बारे मँ बताउब।

80:1 हे इस्राएल क चरवाहा, तू हमार सुनि ल्या। तू जउन यूसुफ क लोगन क अगुवाई करत ह। तू जउन राजा क तरह करूब सरगदूत पइ विराजत अहा। तू आपन आप क परगट करा। 2 एप्रैम, बिन्यामीन अउ मनस्से क सामने तू आपन महिमा देख्ॅॅाावा, अउर आपन सक्ती स हमका बचाइ ल्या। 3 हे परमेस्सर, हमका आपन बरे पुन: स्थापित कइ ल्या। तू हम लोगन पइ कृपा करा ताकि हम लोग बच सकी। 4 हे सर्वसक्तिमान परमेस्सर यहोवा, कब तलक तू कोहान रहब्या अउर कब तलक तू हमरी पराथना क रद्द करब्या। 5 आपन मनवइयन क तू बस खाइ क आँसू दिहा ह। तू आपन मनवइयन क पिअइ बरे आँसुअन स लबालब पिआला दिहा। 6 तू हम लोगन क कूछ अइसा बिसय बनइ दिहा जउने पइ हमार पड़ोसियन झगड़त हीं। हमार दुस्मन हम लोगन क मसखरी उड़ावत हीं। 7 हे परमेस्सर तू हम लोगन क आपन बरे पुन:स्थापित कइ ल्या। तू हम लोगन पइ कृपा करा ताकि हम बच सकी। 8 पुराने जमाना मँ, तू हमका एक ठु बहोत महत्वपूर्ण पउधा सा समुझया। तू आपन दाखलता मिस्र स बाहेर लिआया। तू दूसर लोगन क इ धरती तजि देइ क मजबूर किहा अउर हिआँ तू आपन खुद क दाखलता रोप दिहा। 9 तू दाखलता रोपइ क धरती तइयार किहा, ओकरी जड़न क पक्की करइ बरे तू सहारा दिहा अउर फिन हाली ही दाखलता धरती पइ हर कइँती फइल गइ। 10 इ आपन छाया स पहाड़न क ढाँपि लिहा हिआँ तलक कि ओकर पात बड़का देवदार बृच्छ क भी ढाँकि लिहस। 11 ऍकर दाखलता भूमध्य सागर तलक फइलि गइन। ऍकर जड़ परात नदी तलक फइला गइ। 12 हे परमेस्सर, तू उ सबइ देवार काहे गिराइ दिहा, जउन तोहरी दाखलता क रच्छा करत रही। अब उ हर कउनो जउन हुवाँ स गुजरत ह, हुवाँ स अंगूर क तोड़ लेत हीं। 13 बनैला सुअरन आवत हीं, अउर तोहार दाखलता क रौंदन भए गुजर जात हीं। जंगली जनावर आवत हीं, अउर ओकर पातिन चर जात हीं। 14 हे सर्वसक्तीमान परमेस्सर, वापिस आवा। फुन स आपन दाखलता पइ सरगे स खाले लखा, अउर एकर रच्छा करा। 15 हे परमेस्सर, आपन उ जड़ क लखा, जेका तू खूद आपन हाथे स रोपे रह्या। इ नान्ह पौधन क लखा जेका तू बढ़ाया ह। 16 तोहार दाखलता गोबर क उपलन जइसा आगी मँ जरावा गवा। तोहरे डाँट फटकारन क कारण एकर लता नास होइ गवा। 17 हे परमेस्सर, तू आपन हाथ उ मनई पइ धरा जउन तोहरे दाहिन कइँती अहइ। उ मनईपइ आपन हथवा धरा जेका तू खुद पाल्या। 18 तउ मइँ तोहका नाहीं तजब। तू हम पचन क नवा जिन्नगी द्या ताकि हम लोग तोहार आराधना करइ सकब। 19 सर्वसक्तिमान यहोवा परमेस्सर, तू आपन बरे पुन:स्थापित कइ ल्या। तू हम लोगन पइ कृपा करा ताकि हम पचे जी सकी।

81:1 परमेस्सर जउन हमार सक्ती अहइ ओकरे बरे आनन्द क गीत गावा। याकूब क परमेस्सर क जय जयकार करा। 2 संगीत सुरू करा। तम्बूरा बजावा। वीणा सारंगी स मधुर धुन निकारा। 3 नवा चंदा क समय मँ तू पचे नरसिंहा फूँका। पूर्णमासी क अवसर पइ तू पचे हम लोगन क त्यौहार क दिन मँ नरसिंहा फूँका। 4 इस्राएल क लोगन क बरे अइसा ही नेम अहइ। इ आदेस परमेस्सर याकूब क दिहस ह। 5 परमेस्सर यूसुफ क संग एक करार तब किहे रहा जब उ मिस्र गवा रहा जहाँ उ उ रास्ट्र क भाखा नाहीं जानेस रहेन। 6 परमेस्सर कहत ह, “तोहरे काँधे क बोझा मइँ लइ लिहेउँ ह। ओकर हाथन मँ मजदूर क टोपा मँ स छुरावा गवा। 7 जब तू मुसीबत मँ रह्या तू मदद क गोहार लगाया अउर मइँ तोहका बचाएउँ। मइँ तूफानी बदरन मँ छुपा रहेउँ अउर मइँ तू पचन्क जवाब दिहेउँ। मइँ तू पचन्क मरिबा क जल क लगे परखेउँ। 8 अरे मोर मनइयो, तू पचे मोर बात सुना। अउर मइँ तू पचन्क चेताउनी देब। इस्राएल, तू मोका सुन्या। 9 तू कउनो कउनो विदेसी देवता क पूजा जिन करा। कउनो विदेसी लोगन क देवता क समन्वा आपन मुँड़ि जिन झुकावा। 10 मइँ, यहोवा तोहार परमेस्सर हउँ। मइँ उहइ परमेस्सर हउँ जउन तू पचन्क मिस्र स बाहेर लिआए रहेउँ। तू आपन मुँहना खोला, मइँ ओका भर देब। 11 मुला मोर मनइयन मोर नाहीं सुनेन। इस्राएल मोर आग्या नाहीं मानेस। 12 एह बरे मइँ ओनका ओकरे हठी जिद् पइ छोर दिहेउँ। इस्राएली लोग उहइ चिजियन क किहेन जेका उ उत्तिम समझेन। 13 भला होत इस्राएल क लोग मोर बात सुन लेतेन, अउर उ लोग वइसी ही जिन्नगी जिअतेन जइसा मइँ ओहसे चाहत रहेउँ। 14 तब मइँ इस्राएल क दुस्मनन क हाली हराइ देतेउँ। अउर मइँ ओन लोगन क सजा देतेउँ जउन इस्राएल क दुःख देतेन। 15 तब यहोवा क दुस्मन डर स थर थर काँपत हीं। अउर उ पचे सदा सर्वदा सजा पइहीं। 16 परमेस्सर आपन चेलन क उत्तम गोहूँ देइ। चट्टान ओनका समूर्ण तृप्त होइ तलक सहद देब।

82:1 परमेस्सर देवन क सभाक बीच निआवाधीस क रूप मँ विराजत ह। सरगदूत क बीच उ निआव करत ह। 2 परमेस्सर कहत ह, “कब तलक तू लोग अनिआव स भरा निआव करब्या? कब तलक तू लोग दुराचारी लोगन क खास सार्मथ दिखावा? 3 अनाथन अउ कमज़ोर लोगन क रच्छा करा। जेनका संग उचित बेउहार नाहीं कीन्ह गवा ह। अउर दीन लोगन क अधिकारन क रच्छा करा। 4 गरीब अउ बेसहारा लोगन क बचावा। दुस्टन क चंगुल स ओनका बचाइ ल्या। 5 इस्राएली नाहीं जानते कि का कछू घटत बा एब बरे उ पचे नाहीं समझतेन। उ पचे नाहीं जानतेन कि बदी करने वाला का करत रहेन।” 6 मइँ कहेउँ, “तू देवतनअहा। तू सवोर्च्च परमेस्सर क पूत अहा। 7 फिर भी तू मानव जाति क नाईं मरब्या। तू पचे वइसेन मरब्या जइसे दूसर नेतन मरि जात हीं।” 8 हे परमेस्सर, खड़ा ह्वा! धरती पइ निआव लइ आवा, काहेकि तू सारे ही देसन पइ नियन्त्रन रखत ह।

83:1 हे परमेस्सर, तू मौन जिन रहा! चुपचाप जिन रहा। हे सर्वसक्तीमान परमेस्सर, कृपा कइके सान्त जिन रहा। 2 हे परमेस्सर, तोहार दुस्मन तोहरे विरोध मँ सड्यंत्र रचत बाटेन। जउन तोहसे घिना करत हीं अहंकारी बन जात हीं। 3 उ पचे तोहरे मनवइयन क खिलाफ सडयंत्र रचत बाटेन। तोहार दुस्मन ओन लोगन क खिलाफ जउन तोहका पिआरा अहइँ सबइ जोजना बनावत अहइँ। 4 उ सबइ दुस्मन कहत अहइँ, “आवा, हम ओन लोगन क पूरी तरह मेट डाइ। तब कउनो भी मनई इस्राएल क नाउँ सुमिरन नाहीं करी।” 5 काहेकि इ सबहिं रास्ट्रन इकट्ठा होइके तोहरे विरोध मँ जोजना बनावत हीं। उ पचे तोहार खिलाफ एक ठ समझौता किहेन। 6 उ पचे इ सामिल परिवारन एदोमी, इस्माएली, मोआबी अउर हाजिरा क संतानन क पूतन, गबाली अउर, 7 अम्मोनी, अमालेकी अउर पलिस्ती, अउर सूर क लोगन क परिवारन क इ सबइ लोग हम लोगन क खिलाफ जुद्ध करइ बरे एक जुट होइ गएन। 8 हिआँ तलक कि अस्सूरी भी ओन लोगन स मिल गएन। उ पचे लूत क संतानन क बहोत बलवान बनाएन। 9 हे परमेस्सर तू दुस्मनन क वइसेन हरावा जइसेन तू मिद्यानी लोगन क, सिसरा क, यार्बान क, किसोन नदी क लगे याबीन क हराया। 10 उ पचे एन्दोर मँ नास भएन। ओनकर ल्हासन धरती पइ पड़ी सड़त रहिन। 11 दुस्मनन क सेनापतियन क वइसेन हरावा जइसेन तू ओरबे अउ जायेब क संग किहे रह्या। ओकरे सेनापतियन वइसेन हरावा जइसेन तू जेबह अउ सलमुन्ना क संग किहा। 12 हे परमेस्सर, उ सबइ लोग हम पचन क धरती तजइ क दबावइ चाहत रहेन। 13 मोर परमेस्सर ओनका तू उखड़ा भवा पौधा सा बनावा जेका आँधी उड़ाइ लइ जात ह। ओन लोगन क अइसेन बिखराइ द्या जइसे भूसा क आँधी बिखराइ देत ह। 14 दुस्मन क अइसेन बर्बाद करा जइसे वन क आगी बृच्छन क बर्बाद करत ह, अउर जइसेन जंगली आगी पहाड़न क बार डावत ह। 15 एह बरे ओनका आँधी क नाईं पाछा करा अउर ओनका कँपावा अउ फूँकिके उड़ा द्या जइसे कि आँधी करत ह। 16 हे यहोवा उ सबइ क लज्जा स भरि द्या कि लोग तोहरे बारे मँ जानइ बरे तोहका तलास करइँ। 17 हे यहोवा, ओन लोगन क भयभीत कइ द्या अउ ओन लोगन क हमेसा अपमानित करा, ताकि उ तिरस्कार मँ मरि जाइँ। 18 तउ उ पचे जनिहीं कि तू यहोवा अहा! अउर तू ही अकेल्ला सवोर्च्च परमेस्सर अहइ जउन सारे संसार पइ सासन करत अहा।

84:1 सर्वसक्तिमान यहोवा, फुरइ तोहार पवित्तर मन्दिर केतॅना मनोहर अहइ। 2 मोर इच्छा अहइ कि मइँ यहोवा क मन्दिर क आंगन मँ रहेउँ। मइँ तोहार आवइ क बाट जोहत भए थक गवा हउँ। मोर पूरा सरीर जिअत यहोवा क संग होइ बरे रोवत ह। 3 सर्वसक्तिमान यहोवा, मोर राजा, मोर परमेस्सर, गौरइया अउ सूपाबेनी तलक क आपन झोंझ होत हीं। इ सबइ पंछी तोहरी बेदी क लगे झोंझ बनावत ही अउर ओनहीं घोसलन मँ ओनकइ बच्चे होत हीं। 4 जउन लोग तोहरे मन्दिर मँ रहत हीं, बहोत खुस रहत हीं। उ पचे तउ सदा ही तोहार गुन गावत हीं। 5 उ सबइ लोग आपन हिरदइ मँ गीतन क संग जउन तोहरे मन्दिर मँ आवत हीं, बहोतइ आनन्दित अहइँ। 6 उ सबइ खुस लोग बाका घाटि जेका परमेस्सर झरना क तरह बनाएस ह गुजरत हीं गमीर् क गिरत भइ बर्खा क बूँदन जल क सरोवर बनावत हीं। 7 लोग आपन परमेस्सर स मिलइ बरे सहर स सहर होत भए इ रास्ता पइ सिय्योन पहाड़ पइ जात हीं। 8 फउजन क परमेस्सर यहोवा, मोर पराथना सुना। याकूब क परमेस्सर तू मोर सुनि ल्या। 9 परमेस्सर, हमरे संरच्छक क रच्छा करा। आपन अभिसिक्त भए राजा पइ दयालु ह्वा 10 हे परमेस्सर, कहूँ अउर हजार दिन ठहरइ स तोहरे मन्दिर मँ एक दिन ठहरब उत्तिम अहइ। दुट्ठ लोग क बीच बसइ स, आपन परमेस्सर क मन्दिर क दुआरे क लगे खड़ा रइहउँ इहइ उत्तिम बाटइ। 11 यहोवा हम लोगन क सूर्य अउर ढार अहइ। यहोवा महिमा अउ सम्मान देइ। उ जउन खरी जिन्नगी गुजारत ह ओका उ हर एक नीक चीज देत ह। 12 हे सर्वसक्तिमान यहोवा, जउन लोग तोहरे भरोसे अहइँ उ पचे फुरइ बहोत खुस अहइँ। 13

85:1 हे यहोवा, तू आपन देस पइ कृपालु भवा। तू विदेस भुइँया मँ स याकूब क सन्तानन वापिस लिआवा। 2 हे यहोवा, तू आपन लोगन क पापन्क छिमा करा। तू ओनकर सबइ पाप मेट द्या। (सेला) 3 हे यहोवा, कोहाइ जाब क तजि द्या। अउर तू आपन गुस्सा क लइ लिहा। 4 परमेस्सर, हमार मुक्तिदाता, कृपा कइके हम पचन पइ कोहाइ जाब तजि द्या अउर हम लोगन क फुन हमार भुइयाँ पइ वापिस लइ आवा। 5 का तू हमेसा हमेसा कोहान रहब्या? का तू सदा आपन कोहान जारी रखब्या? 6 कृपा कइके हमका फुन जिआइ द्या ताकि तोहार लोग तोहसे फुन स खुस होइ सकइँ। 7 हे यहोवा, तू हमका आपन बिस्सासनीय पिरेम देखावा। हमार रच्छा करा। 8 जउन परमेस्सर कहत ह, मइँ ओह पइ कान दिहेउँ। उ अपने लोगन अउर अपने विस्वासी चेलों से सान्ति क वाचा करत ह उ नाहीं चाहत ह कि उ पचे बेवकूफी क राहे पइ लउटि जाइँ। 9 फुरइ, ओकर उद्धार ओन लोगन क निचके बाटइ जउन ओहसे डेरात ह, एह बरे ओकर महिमा तोहार देस मँ निवास करी। 10 पिरेम अउर सच्चाई एक साथ मिलब। धर्मता अउ सान्ति एक दूसर क चुम्मा क संग स्वागत करिहीं। 11 सच्चाई धरती स अंकुरित होइहीं, अउर धामिर्कता अकासे स बसिर्हीं। 12 यहोवा बहोत स उत्तिम वस्तुअन क देइहीं। अउर हमार धरती प्रचुर मात्रा मँ फसल उपजिहीं। 13 परमेस्सर क अगवा अगवा नेकी चली, अउर उ ओकरे बरे राह बनाई। 14

86:1 मइँ एक दीन, असहाय मनई अहउँ। हे यहोवा, तू कृपा कइके मोर सुनि ल्या, अउर तू मोर विनती क जवाब द्या। 2 मइँ तोहार भगत हउँ, कृपा कइके मोर रच्छा करा। मइँ तोहार सेवक अहउँ अउर तू मोर परमेस्सर अहा। मइँ तोह पइ भरोसा किहेउँ, कृपा कइके मोका बचावा। 3 मोर सुआमी, मोह पइ दाया करा। मइँ सारा दिन तोहार बिनती करत रहत हउँ। 4 हे मोर यहोवा, मइँ आपन जिन्नगी तोहार हाथन मँ देत हउँ। हे मोर सुआमी, मोका, आपन सेवक क सुखी बनावा। 5 हे सुआमी, तू नीक अउ छिमाकर्ता अहा। तू आपन मनवइयन स बहोत पिरेम करत अहा, जउन सहारा पावइ क तोहका गोहरावत हीं। 6 हे यहोवा, मोर बिनती सुनि ल्या। कृपा कइके तू आपन कान क मोर पराथना पइ दाया बरे द्या। 7 हे यहोवा, आपन संकट क घरी मँ मइँ तोहार बिनती करत हउँ। मइँ जानत हउँ तू मोका जवाब देब्या। 8 हे सुआमी, तोहरे जइसा कउनो देवता नाहीं अहइ। जइसेन काम तू किहा ह वइसा काम कउनो भी नाहीं कइ सकत। 9 हे सुआमी, तू ही सब लोगन क रच्या ह। उ पचे आइहीं अउर तोहार आराधना करिहीं। उ पचे सबहिं तोहरे नाउँ क आदर करिहीं। 10 हे परमेस्सर, तू महान अहा। तू अजूबा करम करत अहा। तू अकेल्ले ही परमेस्सर अहा। 11 हे यहोवा, मोका आपन राहन क सिच्छा द्या, तउ मइँ तोहरे सच्चाइ क अनुसार रहेबउँ। कृपा कइके मोर मदद करा, तउ मइँ पूरे हिरदय स तोहार उपासना करबउँ। 12 हे मोर सुआमी परमेस्सर, मइँ सम्पूर्ण हिरदय स तोहार गुण गावत हउँ। मइँ तोहरे नाउँ क आदर सदा सदा ही करबउँ। 13 काहेकि तू मोका बहोत जिआदा पिरेम किहा ह। तू मोका मउत क गहड़ा खाइ स बचाया ह। 14 परमेस्सर, अहंकारी लोग मोह पइ वार करत अहइँ। क”ाूर लोगन क समूह मोका मार डावइ चाहत अहइँ। अउर उ सबइ मनई तोहार आदर नाहीं करत अहइँ। 15 हे सुआमी, तू दयालु अउ कृपा स भरा परमेस्सर अहा। तू धीरज स भरा, बिस्सासी अउ पिरेम स भरा अहा। 16 हे परमेस्सर, देखावा कि तू मोर सुनत ह अउर मोह पइ कृपालु रहत ह। मइँ तोहार सेवक हउँ। तू मोका सक्ती द्या। मइँ तोहार सेवक हउँ। मोका बचावा! 17 हे यहोवा, कछू अइसा करा जेहसे इ साबित होइ कि तू मोर सहायता करब्या। तब मोर दुस्मन एका जानिहीं अउ निरास होइ जइहीं। तउ इ परगट होइ तू उहइ अहा जउन मोर मदद किह्या अउर मोका आराम दिह्या।

87:1 परमेस्सर यरूसलेम क पवित्तर पहाड़ियन पइ आपन मन्दिर बनाएस। 2 यहोवा इस्राएल मँ कउनो भी दूसर सहर स जियादा सिय्योन क दुआर क पसंद करत हीं। 3 हे परमेस्सर क नगर, तोहरे बारे मँ लोग अजूबा बातन कहत हीं। 4 मइँ सिय्योन ओन लोगन क सूची बनाउब जउन मोका जानत ह, एहमाँ ओन लोगन भी सामिल अहइँ जउन मिस्र, बाबुल, पलिस्ती, सोर अउ इथोपिया मँ भी रहत हीं। 5 उ हरेक जन क जउन सिय्योन मँ पइदा भएन जानत ह। सवोर्च्च परमेस्सर इ सहर क स्थापना किहेस ह। 6 यहोवा आपन रास्ट्रन क सूची राखत ह। उ जानत ह कि कउन सिय्योन मँ पइदा भवा ह। सेला 7 ओकर मनवइयन बहोत खुसी स गावत अउर नाचत हीं। उ पचे कहा करत हीं, “सबहिं उत्तिम चिजियन यरूसलेम स आइन।”

88:1 हे परमेस्सर यहोवा, तू मोर उद्धारकर्त्ता अहा। मइँ तोहार रात-दिन विनती करत रहत हउँ। 2 कृपा कइके मोर पराथना पइ धियान द्या। मोह पइ दाया कइके मोर पराथना सुना। 3 मइँ आपन दुर्दसा स तंग होइ गवा हँउ। बस मइँ हाली ही मरि जाब। 4 लोग मोरे संग मुर्दा जइसा बेउहार करइ लागेन ह। उ मनई क तरह जउन जिअत रहइ बरे बहोत कमजोर अहइँ। 5 मोका मुर्दा लोगन क बीच मँ रखा गवा ह। मइँ कब्र क मुर्दन जइसा हउँ जेका तू बिसर जाब्या। अउर जेका तोहरे उपस्थिति स हटाई दीन्ह गवा अहइ। 6 हे यहोवा, तू मोका कब्र क सबसे गहरी खाईं मँ डाइ दिहा ह। तू मोका घोर अँधेरी जगह मँ रख दिहा ह। 7 हे परमेस्सर, तोहका मोह पइ किरोध रहा, एह बरे तू मोका आपन किरोध क तरंगन स बर्बाद किहा ह। 8 तू मोका मोरे मीत लोगन स अलगाइ दिहा। एह बरे उ पचे मोसे अलग रहइ क जतन करत अहइँ, काहेकि तू मोका अइसा मनई बनाए अहा जेका कउनो भी छुअइ नाहीं चाहत ह। मइँ आपन घरे क ही भीतरे बंदी बनि गवा हउँ अउर मइँ बाहेर जाइ नाहीं सकत हउँ। 9 विपदा क कारण मोर आँखिन मँ पीड़ा अहइँ। हे यहोवा, मइँ तोहसे निरन्तर पराथना करत हउँ अउर तोहार समर्थन मँ मइँ आपन हाथ उठावत हउँ। 10 हे यहोवा, का तू मृतक लोगन बरे अचरज भरा काम करब्या? का इ सम्भव अहइ कि एक मरा भवा आतिमा तोहार उपासना करी? (सेला) 11 जउन मरा भए अहइँ उ पचे आपन कब्र मँ स ओकरे कइँती तोहरे पिरेम क बारे मँ बताइ सकतेन। मरे भए लोगन मृत्युलोक स ओकरे कइँती तोहरी बिस्सास क नाहीं बताइ सकतेन। 12 मरे भए लोग अँधियारे मँ सोवत हीं उ पचे ओन अद्भुत बातन क जेनका तू करत अहा, नाहीं लखि सकतेन। उ पचे छोड़ा भवा भुइँया मँ तोहार कीन्ह भवा धामिर्कता क बारे मँ नाहीं बताइ सकतेन। 13 मुला मइँ मदद बरे तोहका गोहराएउँ ह, हे यहोवा। हर भिन्सारे मइँ तोहार समन्वा पराथना करत हउँ। 14 हे यहोवा, तू मोका काहे तजि दिहा ह? तू मोर सुनइ स काहे मना करत अहा? 15 बचपन स ही मइँ सतावा गवा हउँ अउर मउत क धमकी दीन्ह गवा हउँ। मइँ असहाय हउँ। 16 तोहार गुस्सा मोका ढाँपि लिहे अहइ अउर तोहार आतंक मोका मार डावत ह। 17 उ मोका बाढ़ क पानी क समान चारिहुँ कइँती स घेरिके राखेस ह। उ मोका पूरी तरह स ढाँपिके राखेस ह। 18 हे यहोवा, तू मोरे मीत अउ प्रिय मनइयन क मोका छोड़िके चला जाइ क मजबूर कइ दिहा। मोरे संग सिरिफ केवल अँधियारा ही रहत ह।

89:1 मइँ हमेसा यहोवा क पिरेम क गीतन क गाउब। मइँ ओकरी हमेसा ओकरी बिस्सासी क गीत गावत रहब। 2 हे यहोवा, मोका सचमुच बिस्सास अहइ, तोहार पिरेम अमर अहइ। तोहार बिस्सास लम्बी अकास क नाईं अहइ। 3 यहोवा परमेस्सर कहत ह, “मइँ आपन चुने भए राजा क संग एक ठु करार किहेउँ ह। आपन सेवक दाऊद क मइँ वचन दिहेउँ ह। 4 दाऊद तोहरे बंस क मइँ हमेसा बरे अमर बनाउब। तोहरे राज्ज सदा सदा बरे बनाइ रखबेउँ।” 5 हे यहोवा, तोहरे ओन अद्भुत करमन क अकास स्तुति करत हीं। सरगदूतन क सभा तोहरी ईमानदारी क गीत गावत हीं। 6 सरगे मँ कउनो मनई यहोवा क तुलना नाहीं कइ सकत। कउनो भी देवता यहोवा क समान नाहीं। 7 पवित्तर सरगदूतन क सभा मँ परमेस्सर अत्यंत सम्मानित बाटइ। उ सबइ जउन ओकर चारिहुँ कइँती अहइ, क जरूर डरइ चाही अउर ओकर आदर करइ चाही। 8 सर्वसक्तिमान परमेस्सर यहोवा, तोहस जियादा कउनो सक्तीसाली नाहीं अहइ। अउर यहोवा तू हमेसा भरोसेमन्द अहा। 9 तू गरजत समुद्दर पइ सासन करत अहा। तू ओकर उमंगित तंरगन क सांत करत अहा। 10 हे परमेस्सर, तू ही अहा जउन राहाबक हराए रह्या अउर ओका जुद्ध मँ मार डाए रह्या। तू आपन महासक्ती स आपन दुस्मन बिखराइ दिह्या। 11 सरग अउ धरती तोहार अहइ। उ तू ही अहा जउन इस संसार क बनाय अउर संसार मँ क हर वस्तु रच्या। 12 तू ही सब कछू उत्तर दकिाखन रच्या ह। ताबोर अउ हमोर्न पर्वत तोहार गुन गावत हीं। 13 तू सक्तीसाली अहा। तोहार सक्ती महान अहइ। तोहार सक्ती क सम्मान कीन्ह जात हीं। 14 तोहार राज्ज धामिर्कता अउ निआउ पइ टिका बाटइ। पिरेम अउ बिस्सासी तोहरे सेवा करत अहइँ। 15 जउन तोहमाँ खुस अहइँ उ धन्न अहइँ। उ पचे तोहरी समर्थन क प्रकास मँ जिअत रहत हीं। 16 तोहार नाउँ ओनका सदा खुस करत ह अउर तोहार धामिर्कता क कारण उ सम्मान पावत ह। 17 तू ओनकर सक्ती क अद्भुत स्रोत अहा। उ तोहार समर्थन क कारण तोहसे सक्ती पावत ह। 18 काहेकि हमार रच्छा यहोवा स सम्बंधित अहइ। हम लोगन क राजा इस्राएल क पवित्तर क कइँती स अहइ। 19 एक बार दर्सन मँ तू आपन सच्चे मनइयन स कहे रहा, “मइँ ओनका मदद दिहे हउँ जउन मज़बूत अहइ, मइँ लोगन क बीच मँ स नउ जवान मनई क प्रतिस्ठित किहेउँ। 20 मइँ आपन सेवक दाऊद क पाइ लिहेउँ, अउर मइँ ओकर ताजपोसी किहेउँ ह अउ ओकरे अभिसेक आपन तेल स किहेउँ ह। 21 मइँ आपन दाहिने हाथे स दाऊद क सहारा दिहेउँ, अउर मइँ ओका आपन सक्ती स बलवान बनाएउँ। 22 कउनो दुस्मन चुने भए राजा क धोखा नाहीं देइ सकतेन। दुट्ठ जन ओहे पइ अत्याचार नाहीं कइ सकतेन। 23 मइँ ओकरे दुस्मनन क समाप्त कइ दिहेउँ। जउन लोग चुने भए राजा स बैर राखत रहेन, मइँ ओनका हराइ दिहेउँ। 24 मइँ हमेसा आपन चुने भए राजा स पिरेम राखब अउर ओका समर्थन देब। उ मोहे पइ निर्भर रहिके मोर सक्ती स भरि जाइ। 25 मइँ आपन चुने भए राजा क महासागर क नियंत्रक तइनात करब। उ नदियन पइ हुकुमत करी। 26 उ मोहसे कही, ‘तू मोर पिता अहा। तू मोर परमेस्सर। मोर चट्टान अउ मोर उद्धारकर्ता अहा।’ 27 मइँ ओका आपन पहिलौटा पूत बनाउब। उ सबइ राजन पइ प्रमुख होइ। 28 मइँ सदा ओका आपन पिरेम दिखावत हउँ। मोर करार ओकरे संग दृढ़ता स स्थापित होइ। 29 मइँ इ बंस क अमर बनाउब। ओकर सासन हुआँ तब तलक टिका रही जब तलक कटनी क समई रही। 30 अगर ओकर संतानन मोर कानून अउर आदेस क पालन तजि दिहन ह, अउर अगर उ लोग मोरे उपदेसन क मानब तजि दिहन ह। 31 अगर मोर अभिसिक्त राजा क संतानन मोरे कानून क पालन नाहीं किहन अउर अगर मोरे आदेसन क न मानेन। 32 तउ मइँ ओकर बिद्रोह बरे ओका दण्ड देइ बरे अधर्म चिजियन क न होइ देब, अउर मइँ ओकरे आग्याभंग करइ बरे मनइयन क दण्ड क रूप मँ देब। 33 मुला मइँ ओन लोगन क परिवार स आपन पिरेम क नाहीं हटाउब। मइँ सदा ही ओनके बरे बिस्सासी रहब। 34 जउन करार मोर दाऊद क संग अहइ, मइँ ओका नाहीं तोड़ब। मइँ आपन वाचा क नाहीं बदलब। 35 मइँ आपन पवित्तरता प्रतिग्या लेब, अउर मइँ ओहे स आपन वाचा क नाहीं तोड़ब। 36 दाऊद क बंस हुवाँ सदा बना रही। जब तलक हुवाँ सूरज रही तब तलक ओकर सिंहासन भी रही। 37 उ सदा हुवाँ रहब। निहचय ही जब तलक आकासे मँ चन्द्रमा साच्छी रही तब तलक लगातार रही। (सेला) 38 मुला अब, तू ओकर अपमान किहा ह अउर ओका तजि दिहा ह। तू आपन अभिसिक्त राजा पइ कोहाइ गवा ह। 39 तू आपन सेवक क कीन्ह भवा करार क रद्द कइ दिहा। तू ओकरे मुकुट धूरि मँ लोकाइ दिहा। 40 तू राजा क नगर क देवारन बर्बाद कइ दिहा, तू ओकरे सब किला क तहस नहस कइ दिहा। 41 राजा क पड़ोसी ओह पइ हँसत अहइँ, अउर उ सबइ लोग जउन पास स गुजरत हीं, ओनकर चिजियन क चोराइ लइ जात हीं। 42 तू राजा क दुस्मनन क खुस किहा। तू ओकरे दुस्मनन क जुद्ध मँ जिताइ दिहा। 43 तू ओकरे तरवार क जुद्ध मँ असफल किहा। तू आपन राजा क जुद्ध जीतइ मँ मदद नाहीं किहा। 44 तू ओकरे खास स्थान क समाप्त कइ दिहा ह, अउर तू ओकर पवित्तर सिंहासन क तू धरति पइ पटक दिहा। 45 तू ओकरे जवानी क दिनन क घटा दिहा ह। 46 हे यहोवा, इ कब तलक रही? का सदा-सदा हमार मदद नाहीं करब्या? का तू सदा सदा बरे आपन किरोध आगी क नाईं धधकत भए रखब्या? 47 याद करा मोर जिन्नगी केॅतनी अल्पकालीन अहइ। तू ही हमका नान्ह जिन्नगी जिअइ अउर फुन मरि जाइ क रच्या ह। 48 अइसा कउनो मनई नाहीं जउर सदा जिई अउर कबहुँ नाहीं मरी। कब्र स कउनो मनई बच नाहीं पाई। (सेला) 49 हे सुआमी, उ पिरेम कहाँ अहइ जउन तू अतीत मँ देखाँए रह्या अउर तू आपन बिस्सास क दाऊद क वचन दिह्या। 50 हे सुआमी, कृया कइके याद करइ क जतन करा, कि लोगन तोहरे सेवक क कइसे अपमानित किहन। 51 मइँ आपन हिरदय मँ बहोत सारे रास्ट्रन क अपमान क सहन किहे हउँ। केकरे बारे मँ तोहार दुस्मन मज़ाक उड़ाएन, हे यहोवा? तोहरे चुने भए राजा क उ पचे अपमानित किहेन ह। 52 यहोवा, क हमेसा ही स्तुति होइ। आमीन आमीन!

90:1 हे सुआमी, तू अनादि काल स हमार घर (सुरच्छा स्थल) रहा बाटइ। 2 हे परमेस्सर, तू पर्वतन क पइदा होइ स पहिले मौजूद रह्या। तू धरती अउर संसार क रचई स पहिले मौजूद रह्या। सुरू स अन्त तलक रह्या। तू सदा ही परमेस्सर रहब्या। 3 तू ही इ जगत मँ लोगन क लिआवत ह। फुन स तू ही ओनका धूरी मँ बदल देत ह। 4 तोहरे बरे हजार बरिस बीते भए काल्हि जइसेन या राति क एक ठ पहर बीत गवा बाटइ। 5 तू मोर जिन्नगी क सपना क झरना क आसीस दिहा। अउर हम पचे बहोत भिंसार ही चला जात अही। 6 जउन भिंसारे उगत ह अउर उ साँझ क सूखिके मुरझाइ जात ह। 7 हे परमेस्सर, जब तू कोहाइ जात ह हम पचे बर्बाद होइ जात अही। हम तोहरे कोप स घबरान अही। 8 तू हमरे सब पापन क जानत अहा। तू हमार हर छिपा भवा पाप क लखा करत अहा। 9 जब तू किरोधित होत ह, हमार सबइ दिनन लुप्त होइ जात हीं अउर हमार बरिसन फुसफुसाहट क नाईर् खतम होइ जात हीं। 10 हम पचे सत्तर बरिस तलक जिअत रहि सकित ह, अगर हम पचे सक्तीसाली अही तउ अस्सी बरिस जी सकी। हमार जिन्नगी कठिन परिस्रम अउ पीरा स भरी अहइ। एकाएक हमार जिन्नगी खतम होइ जात ह अउर हम पचे उड़िके चला जाइत ह। 11 तोहरे किरोध क सक्ती क अउर तोहार भय योग्य गुस्सा क कउन जानत ह। 12 तू हमका सिखाइ द्या कि हम पचे फुरइ इ जानी कि हमार जिन्नगी केतॅनी कम अहइ। ताकि हम पचे बुद्धिमान बनि सकी। 13 हे यहोवा, तू सदा हमरे लगे लउटि आवा। हम केतॅना दिन प्रतीच्छा करी? आपन सेवकन पइ दाया करा। 14 हर रोज भिंसारे हम पचन क आपन सच्चा पिरेम स भरि दया। ताकि हम लोग आपन जिन्नगी क हर एक दिन आनन्दित होइ खुसी मनाइ। 15 तू हम पचन क वइसा ही आनन्दित होइ द्या जइसा तू पहिले हमका पीरा दिहा रहा। 16 तोहरे दासन क ओन अद्भुत बातन क लखइ द्या जेनका तू ओनके बरे कइ सकत ह, अउ आपन सन्तानन क आपन महिमा देखाँवा। 17 परमेस्सर, हमार सुआमी, हम पचन पइ कृपालु ह्वा। हम लोगन क उ कार्य दिखावा जेका हम लोगन क करइ चाही अउर हम लोगन क कार्य क कामयाब बनावा।

91:1 उ जउन कउनो सवोर्च्य परमेस्सर क सरण मँ रहत ह, तउ उ सर्वसक्तिमान परमेस्सर क सुरच्छा मँ रहत ह। 2 मइँ यहोवा स कहत हउँ, “तू मोर सुरच्छा स्थल अहा मोर गढ़। हे परमेस्सर, मइँ तोहरे भरोसे हउँ।” 3 यहोवा तोहका सबहिं छिपे भए खतरा स बचाइ। उ तोहका सब खउफनाक विपत्तियन स बचाइ। 4 तू परमेस्सर क सरण मँ संरच्छण पावइ बरे जाइ सकत ह। उ तोहार अइसे रच्छा करी जइसे एक ठु पंछी आपन पखना फइलाइके आपन बच्चन क रच्छा करत ह। परमेस्सर क बिस्सास एक बिसाल ढाल क नाईं अहइ जउन चारिहुँ कइँती स रच्छा करत ह। 5 राति मँ तोहका कउनो क भय नाहीं होइ, अउ दुस्मन क बाणन स तू दिन मँ डेराब्या नाहीं। 6 तोहका अँधियारे मँ आवइवालन रोगन अउ उ खउफनाक रोग स जउन दुपहर मँ आवत हीं डर नाहीं होइ। 7 तू हजार दुस्मनन क हराइ देब्या। तोहार खुद दाहिना हाथ दस हजार दुस्मनन क हराइ। अउर तोहार दुस्मन तोहका छुइ तलक नाहीं पइहीं। 8 जरा लखा, अउर तोहका देखाँइ देइ कि उ पचे कुटिल मनई सजा पाइ चुका अहइँ। 9 काहेकि तू यहोवा क भरोसे अहा। तू परम परमेस्सर क आपन सरणस्थल बनाया ह। 10 तोहरे संग कउनो भी बुरी बात नाहीं घटी। कउनो भी रोग तोहरे घर क नजदीक नाहीं आइ। 11 काहेकि परमेस्सर आपन सरगदूतन क तू जहाँ भी जाब्या हुआँ तोहार रच्छा करइ बरे नियुक्त करी। 12 ओकर सरगदूतन तोहका आपन हाथन पइ ऊपर उठइहीं, ताकि तोहार गोड़ चट्टान स न टकराइ। 13 तू कोबरा अउर नाग पइ बगैर कउनो नोस्कान क चलब्या; तू सेर अउर अजगर क कुचरब्या। 14 यहोवा कहत ह, “मइँ आपन सेवकन क रच्छा करब जउन मोहसे पिरेम करत ह। मइँ ओनॅ व्यक्ति क पालन-पोसन करब जउन मोर उपासना करत ह।” 15 उ सहारा पावइ बरे मोका गोहरइहीं, मइँ ओनकर जवाब देब। उ पचे जब कस्ट मँ होइहीं मइँ ओनके संग रहब। मइँ ओनकर बचाव करब अउर ओनका आदर देब। 16 मइँ आपन व्यक्तियन क एक लम्बी उमिर क आसीस देब। अउर मइँ ओका ओकर आपन बचान क सक्ति दिखाउब।

92:1 यहोवा क महिमा क स्तुति करइ नीक अहइ। हे सवोर्च्च परमेस्सर, तोहरे नाउँ क गुणगान बरे नीक अहइ। 2 भोर मँ तोहरे पिरेम क गीत गाउब अउ राति मँ तोहरे बिस्सास क गीत गाउब नीक अहइ, 3 हे यहोवा तोहरे बरे दस तार वाद्य यंत्रन, सारंगियन अउ वीणन पइ संगीत बजाउब नीक बाटइ। 4 हे यहोवा, तू फुरइ हमका आपन कीन्ह कामन स आनन्दित करत ह। हम आनन्द स भरिके ओन गीतन क गाइत ह, जउन काम तू किहा ह। 5 हे यहोवा, तू महान कारज किहा ह। तोहार सोच-बिचार हमरे बरे समुझि पावइ आसान नाहीं अहइँ। 6 लोग मूरख गोरुअन क जइसे अहइँ। मूरख जइसे तोहार सोच-बिचार क नाहीं समुझ पाइत। 7 दुट्ठ जन घास क नाईर् पनपत हीं। उ पचन्क दुआरा कीन्ह भवा सबइ बेकार अबहीं फलत-पूलत हीं, किन्तु सदा-सदा बरे खतम होइ जइहीं। 8 मुला हे यहोवा, अनन्त काल तलक तोहार आदर रही। 9 हे यहोवा, तोहार दुस्मनन बर्बाद कइ दीन्ह जइहीं। उ सबहिं मनई जउन बुरा काम करत हीं, तितर-बितर कइ दीन्ह जइहीं। 10 मुला तू मोका जंगली बर्धा क नाईं मज़बूत बनाया ह। हम बरियार भेड़ा स बन जाब जेकर करेर् सींग होत हीं तू मोह पइ खास तेल उड़ेर्या ह जउन ठंडापन देत ह। 11 मइँ लखेउँ ह कि मोर दुस्मन मोका लखत हीं; मइँ सुनेउँ ह कि दुट्ठ लोग मोह पइ हमला करइ बरे तइयार बाटेन। 12 नीक मनइयन लबानोन क बड़वार देवदार बृच्छ क तरह अहइँ जउन यहोवा क मन्दिर मँ रोपा ग अहइँ। 13 नीक मनइयन बाढ़त भए ताड़ क बृच्छ क नाईर् अहइँ, जउन हमार परमेस्सर क मन्दिर क आँगन मँ फलदार होत अहइँ। 14 उ पचे जब तलक बुढ़वा होइहीं तब तलक उ पचे फल देत रइहीं। उ पचे हरे भरे मोटा बृच्छ जइसे होइहीं। 15 उ पचे हर कउनो क इ देखाँवइ बरे हुआँ अहइँ कि यहोवा बिस्सास योग्य अहइ। उ मोर चट्टान अहइ। ओहमाँ कछू बुराइ नाहीं बाटइ।

93:1 यहोवा सासन करत ह! उ महिमा अउर सक्ति क पहिर लिहस ताकि धरती स्थिर रहइ अउर गिरे नाहीं। 2 हे परमेस्सर, तोहार साम्राज्य अनादि काल स टिका भवा अहइ। तू सदा जिअत अहा। 3 हे यहोवा, नदियन क गर्जन बहोत तीव्र बा। ओनकर लहरन क नस्ट करइया अहइ। 4 समुद्र क पछारा खात भइ लहरन गरजत हीं, अउर उ सबइ सक्तीसाली अहइँ। मुला ऊपर वाला यहोवा जियादा सक्तीसाली अहइ। 5 हे यहोवा, तोहार कानून बहोत स्थिर अहइ। तोहार पवित्तर मन्दिर लम्बी समई तलक खड़ा रही।

94:1 यहोवा तू परमेस्सर अहा जउन कि निआव लिआवत ह। निआव क परमेस्सर आपन क परगट करा। 2 उठा, हे धरती क निआउकर्त्ता। तू घमण्डी लोगन क उचित सजा देत ह। 3 हे यहोवा, दुट्ठ जन कब तलक मजा मारत रइहीं? केतॅना देरी तलक? 4 उ सबइ दुट्ठ-जन कब तलक आपन बुरे कामन क बारे मँ डीगं हाँकत अउर सेखी बघारत रइहीं? 5 हे यहोवा, उ सबइ लोग तोहार लोगन क मुसीबत मँ डालेन ह। उ पचे तोहरे आपन लोगन क सतावा करत हीं। 6 उ पचे राँड़ अउरतन अउर ओन मेहमानन क जउन ओनके देस मँ ठहरा अहइँ, मारत हीं। उ पचे ओन अनाथ गदेलन क कतल करत हीं। 7 उ पचे कहत हीं, यहोवा ओनकर बुरा करम करत भए नाहीं लखि सकत। अउर कहत हीं, ‘इस्राएल क परमेस्सर ओन बातन क नाहीं समुझत जउन घटति अहइँ।’ 8 ओ बुद्धिहीन लोग, तू कब आपन पाठ सिखब्या? अरे मूरख लोगो, जतन करा अउर समुझ्या। 9 परमेस्सर हमार कान बनाएस ह, तउ निहचय ही उ सुन सकिहीं। परमेस्सर हमार आँखिन बनाएस ह, तउ निहचय ही देख सकत हीं। 10 उ रास्ट्रन क सम्मान करत हीं, तउ निहचय ही उ तोहार निआव कइ सकत ह। उ ओन लोगन क ओन सबहिं बातन क सिच्छा देइ जउन ओनका करइ चाही। 11 तउ जउन बातन क लोग सोचत अहइँ यहोवा जानत अहइ। उ इ जानत अहइ कि ओकर जोजनन हवा क झोंका अहइँ। 12 तू लोग धन्न अहा जेका तू सम्मान देत ह, हे यहोवा। तू ओन लोगन क आपन कानून सिखावत ह। 13 तू ओनका ओकरे विपत्तियन मँ सांत होइके सहायक करत ह, जब तलक दुट्ठ लोग कब्र मँ नाहीं दफनाइ दीन्ह जइहीं। 14 यहोवा आपन लोगन क कबहुँ नाहीं तजी। उ बिना सहारे ओका रहइ नाहीं देइ। 15 निआउ लउटब अउर इमानदारी लिआइ। फुन लोग खरा बनिहीं। 16 मोका दुट्ठन क खिलाफ जुद्ध करइ मँ कउनो मनई सहारा नाहीं दिहस। कुकमिर्यन क खिलाफ जुद्ध करइ मँ कउनो मोर संग नाहीं दिहस। 17 यहोवा मोर सहायक नाहीं होत, तउ मोर जिन्नगी मउत क दुआरा सांत होइ जाइतेन। 18 जब मइँ गिरइ क रहेउँ, तोहार पिरेम मोका उठाएस, हे यहोवा। 19 जब मइँ बहोतइ चिंतित अउ बियाकुल रहेउँ, तोहार सुख मोका आनन्दित किहस। 20 हे परमेस्सर, तू कुटिल निआउ क मदद नाहीं करत्या, जउन परीसानी पइदा करइ बरे नेमन क घेर लेत ह। 21 उ पचे नीक लोगन पइ हमला करत ह अउर निदोर्ख व्यक्ति क कसूरवार कहत ह। 22 मुला यहोवा मोर सुरच्छा क ठउर बाटइ। परमेस्सर मोर चट्टान अउर मोर सरण क ठउर अहइ। 23 परमेस्सर ओनका ओकरे बुरा करमन बरे सजा देइ। उ ओका ओकरे पाप क कारण खतम कइ देइ। हमार परमेस्सर यहोवा ओनका नस्ट कइ देइ।

95:1 आवा हम यहोवा क गुण गाई। आवा हम पचे उ चट्टान क जय जयकार करी जउन हमार रच्छा करत ह। 2 आवा हम यहोवा क धन्यवाद बरे गीत गाई। आवा हम ओकर बड़कई क गीत आनन्द क संग गाई। 3 काहेकि यहोवा महान परमेस्सर अहइ। उ महान राजा सबहिं दूसर “देवतन” पइ सासन करत ह। 4 गहिर सबइ गुफा अउ ऊँच पहाड़ यहोवा क अहइँ। 5 सागर ओकर बा, उ ओका बनाएस ह। परमेस्सर खुद आपन हाथन स झुरान धरती क बनाएस ह। 6 आवा, हम ओका पइलगी करी अउर ओकर उपासना करी। आवा हम परमेस्सर क गुण गाई जउन हमका बनाएस ह। 7 उ हमार परमेस्सर अउर हम पचन ओकर बगल मँ भ़ेड अही। कम स कम जदि तू आजु ओकर आवाज़ क पालन करब्या। 8 यहोवा कहत ह, “तू मोका सुनई स वइसा इनकार जिन करा जइसा मरीबा मँ तोहार पुरखन किहे रहेन, अउ वइसा जिन करा जइसा उ पचे मस्सा मँ रहइ क दिन मँ किहे रहेन। 9 तोहार पुरखन मोका परखे रहेन। उ पचे मोका परखेन, पर तब उ पचे लखेन कि मइँ का कइ सकत हउँ। 10 मइँ ओन लोगन क चालीस बरिस तलक सहन किहे रहेउँ। मइँ इ अच्छी तरह जानत रहेउँ कि उ पीढ़ी इमान्दार नाहीं अहइ। ओन लोगन मोर सिच्छा क नाही सीखेन। 11 तउ मइँ कोहाइ गएउँ अउर मइँ प्रण किहेउँ कि उ पचे मोर भुइँया मँ आइववाले समई मँ प्रवेस नाहीं कइ पइहीं।”

96:1 यहोवा बरे एक ठु गीत गावा। हे समस्त ब्रहनाण्ड यहोवा बरे गीत गावा। 2 यहोवा बरे गावा। ओकरे नाउँ क धन्न कहा। हर दिन इ ओकरे उद्धार क बारे मँ सुसमाचार क सुनावा। 3 दूसर रास्ट्रन क बतावा कि यहोवा फुरइ अद्भुत बाटइ। सब कतहँू क लोगन मँ ओन अद्भुत बातन क जेनका उ करत ह बखान करा। 4 यहोवा महान बा अउर बड़कई क जोग बा। उ कउनो “देवतन” स जियादा स्रद्धालु बा। 5 दूसर रास्ट्रन क सबहिं “देवतन” सिरिफ मूतिर्यन अहइँ, मुला यहोवा अकासन क रचेस। 6 ओकरे समन्वा सुन्दर महिमा दमकत बा। परमेस्सर क पवित्तर मन्दिर सामरथ अउ सुरन्दरता अहइँ। 7 हे वंसो, अउर रास्ट्रो, यहोवा बरे महिमा अउर बड़कई क गीत गावा। 8 यहोवा क नाउँ क गुणगान करा। आपन भेंटन उठावा अउ मन्दिर मँ जा। 9 यहोवा क ओकर भव्य, मन्दिर मँ उपासना करा। अरे ओ धरती क मनइयो, यहोवा क उपासना करा। 10 रास्ट्रन क जानइ द्या कि यहोवा राजा अहइ। निहचय ही उ उहइ अहइ जउन जगत क स्थिर अउर अखण्ड बनाएस ह। यहोवा मनइयन पइ निआउ स सासन करी। 11 अरे अकास, खुस ह्वा। हे धरती, आनन्द मनावा। हे सागर, अउर ओहमाँ क सबइ चिजियन क आनन्द स ललकारा। 12 अरे ओ खेतो अउर ओहमाँ उगइवाली हर वस्तु आनन्द स भरपूर होइ जा। हे जंगल क बृच्छो गावा अउर आनन्द मनावा। 13 आनन्द स भरपूर होइ जा काहेकि यहोवा आवत अहइ। यहोवा जगत क सासन करइ आवत अहइ, उ खरेपन स निआउ करी।

97:1 यहोवा सासन करत ह, धरती क खुस रहइ द्या; दूर क देसन क प्रसन्न होइ द्या। 2 यहोवा क करिया गहिर बादर घेरे भए अहइँ। नेकी अउ निआउ ओकरे राज्ज क मजबूत किहे अहइँ। 3 यहोवा क समन्वा आगी चला करत ह, अउर उ ओकरे आपन दुस्मनन क नास करत ह। 4 ओकर बिजुरी संसार क प्रकासित करत ह। लोग ओका लखत हीं अउर डेरान रहत हीं। 5 यहोवा क समन्वा पहाड़ अइसे पिघल जात हीं, जइसे मोम पिघल जात ह। उ समूचइ धरती क सुआमी अहइ। 6 अकास ओकरी नेकी क बखान करत हीं। हर कउनो परमेस्सर क महिमा लखि लेइ। 7 सबइ लोग जउन मूरतियन क पूजा करत हीं अउर ओकरे बियर्थ बातन बरे डींग हाँकत हीं, लजाइ जाइहीं। सबइ देवतन ओकरे समन्वा निहुरिहीं। 8 हे सिय्योन, सुना अउ खुस ह्वा। हे यहूदा क सहरन, खुस ह्वा, तोहार निआउ क कारण, हे यहोवा। 9 हे सवोर्च्च यहोवा, फुरइ तू ही धरती पइ सासन करत ह। तू दूसर “देवतन” स जियादा उत्तिम अहा। 10 जउन लोग यहोवा स पिरेम रखत हीं, उ पचे पाप स घिना करत हीं। एह बरे उ आपन लोगन क रच्छा करत ह। उ ओन लोगन क दुट्ठ लोगन स बचावत ह जउन ओकरे बिस्सासी अहइँ। 11 धर्मी लोगन पइ जोति छितराएस ह अउ इमानदार-जन बरे आनन्द फइलाएस ह। 12 हे धर्मी लोगो, परमेस्सर मँ खुस रहा। ओकरे पवित्तर नाउँ क धन्यवाद द्‌्‌्या।

98:1 यहोवा बरे एक नवा गीत गावा, काहेकि उ नई अउ अद्भुत बातन क किहस ह। ओकर पवित्तर दाहिन भुजा ओकरे बरे फुन बिजय बनाई। 2 यहोवा रास्ट्रन क समन्वा आपन रच्छा क सक्ती क परगट किहेस ह। उ ओनका आपन बिजय देखाँएस ह। 3 उ इस्राएल पइ आपन पिरेम अउर बिस्सास क स्मरण किहेस ह। दूर रास्ट्रन क लोग हमरे परमेस्सर क रच्छासक्ती निहारेन। 4 हे धरती क हर मनई, चिचियाइके स्तुति कइके यहोवा क सुआगत करा। फूट पड़ा! चिचियावा! गावा! 5 वीणन क संग यहोवा बरे गावा। मधुर स्वर स वीणा बजाइके, ओकर महिमा क स्तुति करा। 6 वीणाओ, यहोवा क गुण गावा। हे बिगुल के मधुर संगीत ओकर गुण गावा, ओकर महिमा क स्तुति करा। 7 बाँसुरी बजावा अउर नरसिंगन क फूँका। आनन्द स यहोवा, हमरे राजा क जय जयकार करा। 8 हे सागर अउ धरती, अउ ओनमाँ क सबइ चिजियन ऊँच सुर मँ गावा। 9 इ यहोवा क समन्वा होइ, काहेकि उ संसार क निआव करइ बरे जात ह। उ संसार क धामिर्कता स अउर ओकरे लोगन क इमानदारी स निआव करी।तू यहोवा क समन्वा गावा, काहेकि उ जगत क सासन करइ जात अहइ, उ जगत क निआउ नेकी अउ सच्चाई स करी। 10

99:1 यहोवा सासन करत ह। तउ हे रास्ट्रन, भय स काँप उठा। उ करूब दूतन ऊँपर आपन सिंहासन पइ विराजमान अहा। तउ हे संसार भय स काँपि उठा। 2 यहोवा सिय्योन मँ महान अहइ। सारे रास्ट्रन क उहइ राजा अहइ। 3 सबहिं लोगन क तोहरे महान अउर भय योग्य नाउँ क गुण गावइ द्या। परमेस्सर पवित्तर बा। 4 सक्तीसाली राजा क निआउ भावत ह। तू ही अहा जउन नेकी क स्थापना किहा ह। तू ही अहा जउन इस्राएल बरे निआव अउर खरापन क स्थापना किहा ह। 5 यहोवा हमरे परमेस्सर क गुणगान करा। अउर ओकरे चउकीचरण निहुरिके दण्डवत करा। उ पवित्तर अहइ। 6 मूसा अउ हारून यहोवा क याजकन रहेन। समूएल ओन मँ स एक रहा जउन ओकरे नाउँ लेइवाला रहा। उ सबइ ओकर पराथना किहेन। अउर उ ओनका जवाब दिहस। 7 उ बादर क खम्भा मँ स बातन किहेस। उ पचे ओकरे आदेसन क मानेन। परमेस्सर ओनका कानूनन क हुकुमन दिहेस। 8 हे यहोवा हमार परमेस्सर, तू ओनकर पराथना क जवाब दिहा। तू ओनका इ देखाया कि छमा करइवाला परमेस्सर अहा, अउर तू लोगन क ओनकर बुरा कर्मन बरे सजा देत अहा। 9 हमार परमेस्सर यहोवा बरे एक ठु गीत गावा। ओकरे पवित्तर पहाड़े कइँती निहुरिके ओकर उपासना करा। फुरइ यहोवा हमार परमेस्सर पवित्तर अहइ।

100:1 हे धरती, तू यहोवा बरे गावा। 2 आनन्द स रहा जब तू यहोवा क सेवा करा। खुसी क गीतन क संग यहोवा क समन्वा आवा। 3 तू जान ल्या कि यहोवा ही परमेस्सर अहइ। उ हमका बनएस ह अउ हम ओकर भगत अही। हम ओकर भेड़ अही। 4 धन्यवाद क गीत संग लिए यहोवा क नगर मँ आवा, गुणगान क गीत संग लिए यहोवा क मन्दिर मँ आवा। ओकर आदर करा अउर ओकर नाउँ क धन्य करा। 5 यहोवा उत्तिम अहइ। ओकर पिरेम सदा सदा ही अहइ। हम ओह पइ सदा सर्वदा बरे भरोसा कइ सकित ह।

101:1 मइँ पिरेम अउ खरेपन क गीत गाउब। यहोवा मइँ तोहरे बरे गाउब। 2 मइँ पूरी सावधानी स सुद्ध जिन्नगी बिताउब। मइँ आपन घर मँ सुद्ध जिन्नगी जिअब। हे यहोवा तू मोरे लगे कब अउब्या? 3 मइँ कउनो भी बियर्र्थ मूरति समन्वा नाहीं राखब। जब लोग तोहार खिलाफ विद्रोह करत हीं तउ मइँ इ स घिना करत हउँ। मइँ कबहुँ भी एकर हिस्सा नाहीं बनब। 4 मइँ इमानदार रहब। मइँ बुरा काम स कबहुँ सम्बंध नाहीं राखब। 5 अगर कउनो मनई छिप छिपके आपन पड़ोसी बरे चुगली कहइ, मइँ ओनका रोकब। मइँ डींग हाँकइवाला अउर महत्त्वाकांच्छी व्यक्तियन क सहन नाहीं करब। 6 मइँ आपन संग काम करई बरे बिस्सासी लोगन क दूढ़ता हउँ। सिरिफ ओन लोग मोर सेवक होइ सकत हीं जउन इमानदारी स जिन्नगी जिअत हीं। 7 मइँ आपन घरे मँ अइसे लोगन क रहइ नाहीं देब जउन झूठ बोलत हीं। मइँ झूठ लोगन क आपन लगे भी फटकइ नाहीं देब। 8 मइँ ओन दुट्ठन क सदा ही नस्ट करब, जउन इ देस मँ रहत हीं। मइँ ओन दुट्ठ लोगन क मजबूर करब, कि उ पचे यहोवा क नगर क तजि देइँ।

102:1 हे यहोवा, मोर पराथना क सुना। मोर पराथना क तोहे तलक आवइ द्या। 2 जब मइँ विपत्ति मँ रहेउँ मोका नज़र अंदाज़ जिन करा। जब मइँ तोहार पराथना करेउँ तउ तू मोर सुना मोर पराथना क हाली जवाब द्या। 3 मोर जिन्नगी वइसे बीती रही जइसे उड़त भवा धुआँ। मोर सक्ति अइसे अहइ जइसे धीरे धीरे बुझत आग। 4 मोर सकती छीन होइ चुकी अहइ। मइँ वइसा ही अहउँ जइसा झुरान मुरझान घास। आपन सबइ वेदना मँ मोका भूख नाहीं लागत। 5 दुःख क कारण, मइँ सिरिफ चमड़ा अउर हड्डियन होइ गवा अहउँ। 6 मइँ अकेला अहउँ जइसे कउनो एकान्त निर्जन जगह मँ उल्लू रहत होइ। मइँ अकेला अहउँ जइसे कउनो पुरान खण्डहर मँ उल्लू रहत होइ। 7 मइँ जाग कइ पूरी रात पहरा करत हउँ। मइँ उ अकेले पंछी जइसा होइ गवा हउँ, जउन छते पइ बइठा भवा होइ। 8 मोर सत्रु सदा मोका बेइज्जत करत हीं, अउर लोग मोर नाम लइके मोर हँसी उड़ावत हीं। 9 दुःख मोर खइया होइ गवा अहइ। आँसू नीचे लुढ़किके मोर पिअइया बन जात ह। 10 काहेकि यहोवा तू मोसे रूठ गवा अहा। तू ही मोका ऊपर उठाए रह्या, अउर तू ही मोका बहाइ दिहा। 11 मोर जिन्नगी क लगभग अंत होइ चुका अहइ। वइसे ही जइसे साँझ क लम्बी छाया हेराइ जात हीं। मइँ वइसा ही अहउँ जइसे झुरान अउ मुरझान घास। 12 मुला हे यहोवा, तू तउ सदा ही अमर रहब्या। तोहार नाउँ सदा अउ सदा ही बना रही। 13 तोहार उत्थान होइ अउ तू सिय्योन क चइन देब्या। उ समइ आवत अहइ, जब तू सिय्योन पइ कृपालु होब्या। 14 तोहार सेवकन सिय्योन क पाथरन स पिरेम करत हीं। उ पचे ओकरे धूरि स भी पिरेम करत हीं। 15 रास्ट्रन यहोवा क नाउँ क आराधना करिहीं। हे यहोवा, धरती क सबहिं राजा तोहार आदर करिहीं। 16 जब यहोवा फुन स सिय्योन क बनाई। तउ उ आपन पूरी महिमा मँ परगट होइ। 17 जउन लोगन जिअत अहइ, उ ओनकर पराथना सुनीहीं। उ ओनकर पराथनन क नज़र अंदाज़ नाहीं करी। 18 ओन बातन क लिखा ताकि भविस्स क पीढ़ी पढ़इ। ताकि जउन लोग अवइ वाला समइ मँ पइदा होइहीं यहोवा क स्तुति करिहीं। 19 यहोवा आपन ऊँच पवित्तर ठउर स खाले निहारी यहोवा सरण स खाले धरती पइ निहारी। 20 उ कैदी लोगन क पराथना सुनी। उ ओन मनइयन क मुक्त करी जेनका राजा स मउत दीन्ह गइ रही। 21 फुन सिय्योन मँ लोग यहोवा क बखान करिहीं। यरूसलेम मँ लोग यहोवा क गुण गइहीं। 22 अइसा तब होइ जब यहोवा लोगन क फिन बटोरी, अइसा तब होइ जब राज्ज यहोवा क सेवा करिहीं। 23 मोर सक्ती मोका बिसराइ दिहस ह। यहोवा मोर जिन्नगी घटाइ दिहस ह। 24 एह बरे मइँ कहेउँ, “मोर प्राण छोटी उमर मँ जिन ल्या। हे परमेस्सर, तू सदा अउ सर्वदा अमर रहब्या! 25 पुराने जमाने मँ तू संसार रच्या ह। तू खुद अपने हाथन स आकास रच्या। 26 इ जगत अउ आकास नस्ट होइ जइहीं, मुला तू ही सदा जिअत रहब्या। उ सबइ ओढ़नन क नाईर् फट जइहीं। ओढ़नन क नाईर् ही तू ओनका बदलब्या। उ पचे सबहिं बदल दीन्ह जइहीं। 27 हे परमेस्सर, मुला तू कबहुँ नाहीं बदलत्या; तू सदा बरे अमर रहब्या। 28 आज हम तोहार दास अही। हमार संतान भविस्स मँ हिअँइ रइहीं अउर ओनकर संतानन हिअँइ तोहार उपासना करिहीं।”

103:1 हे मोर आतिमा, यहोवा क स्तुति करा। हे मोर अंग-प्रत्यंग ओकरे पवित्तर नाउँ क बड़कई करा। 2 हे मोर आतिमा, यहोवा क स्तुुति करा अउर ओकरे सबइ कृपालु कामन क जिन बिसरा। 3 उ तोहार पापन क छमा करत ह। उ तोहार सबइ बेरामियन स तोहका चंगा करत ह। 4 उ तोहार प्राण क कब्र स बचावत ह, अउर उ तोहका पिरेम अउ करुणा स सज़वत ह। 5 परमेस्सर हमका भरपूर उत्तिम वस्तुअन देत ह। उ हमका फुन उकाब क नाईर् जवान करत ह। 6 यहोवा खरा कामन करत ह। परमेस्सर ओन लोगन क निआउ देत ह, जउने पइ दूसर लोग अत्याचार किहन ह। 7 उ मूसा क आपन मारग सिखाएस। उ इस्राएलियन क आपन कार्यन बताएस। 8 यहोवा करुणा स भरा अउर दयालु अहइ। परमेस्सर सहनसील अउ पिरेम स भरा अहइ। 9 यहोवा सदा ही आलोचना नाहीं करत। अउर ठीक इहइ तहर उ सदा हम पइ कोहान नाहीं रहत ह। 10 उ हम लोगन क संग हमार कीन्ह गवा पाप क अनुसार बेउहार नाहीं करत ह, अउर उ हमका वइसा सजा नाहीं देत जेका हम हकदार अहइँ। 11 आपन बिस्सासी पइ परमेस्सर क पिरेम वइसे महान अहइ जइसे धरती पइ अहइ ऊँचा उठा भवा अकास। 12 उ हमरे पापन क हम से ऍतना ही दूर हटाएस जेतना पूरब क दूरी पच्छिम स अहइ। 13 उ ओहे पइ जउन ओहसे डेरात ह वइसे ही दयालु अहइ, जइसे बाप आपन गदेलन पइ दाया करत ह। 14 परमेस्सर हमार सब कछू जानत ह। परमेस्सर जानत ह कि हम माटी स बना अही। 15 परमेस्सर जानत ह कि मानव जिन्नगी नान्ह स अहइ। उ जानत ह हमार जिन्नगी घास जइसी अहइ। परमेस्सर जानत ह कि हम लोगन क जिन्नगी बनफूल जइसा अल्प अहइ। 16 उ फूल जल्दी ही उगत ह। फिन गरम हवा चलत ह अउर उ फूल मुरझात ह। अउर फुन हाली ही तू लख नाहीं पउत्या कि उ फूल कइसे ठउर पइ उगत बाटइ। 17 मुला यहोवा क पिरेम सदा बना रहत ह। परमेस्सर सदा सदा ही आपन भगतन स पिरेम करत ह। परमेस्सर क दया ओकरे गदेलन स गदेलन तलक बनी रहत ह। 18 उ अइसन पइ दयालु अहइ, जउन ओकरी करार पइ चलत हीं। उ अइसन पइ दयालु अहइ जउन ओकरे आदेसन क पालन करत हीं। 19 परमेस्सर क सिंहासन सरगे मँ बना अहइ। हर चीज पइ ओकर हुकूमत अहइ। 20 हे सरगदूतो, यहोवा क स्तुति करा। हे सक्तीसाली सरगदूतन जउन ओकरे वचन क सुनत ह अउर ओकर पालन करत, ओकर गुण गवा। 21 हे सबइ ओकर दुस्मनो, यहोवा क स्तुति करा। तू जउन ओकर सेवा करत ह अउर उहइ करत ह जउन उ चाहत ह, ओकर गुण गवा। 22 हे समूचइ जगत, यहोवा क स्तुति करा जउन हर जगह पइ सासन करत ह। हे मोर आतिमा, यहोवा क बड़कई करा

104:1 हे मोर आतिमा, यहोवा क स्तुति करा। हे यहोवा, हे मोरे परमेस्सर, तू अति महान अहा। तू महिमा अउ आदर क ओढ़ना पहिरे अहा। 2 जइसे कउनो मनई चोगा पहिरत ही वइसा ही उ प्रकास क पहिरत हीं। पर्दा क नाईं उ आकासे क फइलावत ह। 3 उ ओनके ऊपर आपन निवास स्थान बनाएस। उ गहिर बादर क प्रयोग आपन रथ बनावइ मँ करत ह। उ पवन क पखना पइ चढ़िके अकास पार करत ह। 4 उ निज सरगदूतन क पवन क नाईं बनावत ह। उ निज सेवक क पवन क नाईर् बनाएस। 5 इ उहइ अहइ जउन धरती क ओकरी नेंव पइ निर्माण किहस। इ कबहुँ न गिरी। 6 उ जल क चादर स धरती क ढकेस। जल पहाड़न क ढाँकि लिहस। 7 तू आदेस दिहा अउर जल दूरि हट गवा। तू जल पइ गरज्या, अउर जल दूर भागा। 8 पहाड़न स खाले घाटियन मँ ओन सबइ ठउरन पइ जेका तू ओकरे बरे तइयार किहे रहा या जल बहा। 9 तू समुद्दर क चउहद्दी बाँध दिहा अउर फुन जल कबहुँ धरती क ढाँकइ नाहीं जाई। 10 उ पानी क पठवत ह जउन कि झरनन स पहाड़ियन क बीच मँ घाटियन मँ बहत ह। 11 सबहिं जंगली पसुअन क सबइ धारा पानी देत हीं, जेनमाँ जंगली गदहा तलक आइके पिआस बुझावत हीं। 12 जंगल क परिन्दा तलाबन क किनारे रहइ बरे आवत हीं। अउ निचके ठाड़ भए बृच्छन क डालियन पइ गावत हीं 13 तू पहाड़न क ऊपर बर्खा पठया ह अउर ओन चिजियन ओनका दिहा जेका तू बनाया जउन ओनका चाही। 14 परमेस्सर, पसुअन क खाइ बरे घास उपजाया, हम स्रम करित ह अउर उ हमका पैाधा देत ह। इ सबइ पौधन उ भोजन अहइँ जेका हम धरती स पाइत ह। 15 परमेस्सर, हमका दाखरस देत ह, जउन हमका खुस करत ह। हमार चाम नरम रखइ क तू हमका तेल देत ह। हमका पुट्ठ करइ क उ हमका खइया क देत ह। 16 परमेस्सर लबानोन क जउन देवदारू क विसाल बृच्छ लगाएस ह। ओन विसाल बृच्छ खातिर ओनकर बढ़वार बरे बहोत पानी रहत ह। 17 पंछी ओन बृच्छन पइ आपन घोंसला बनावत हीं। देवदार क बृच्छन पइ सारस क बसेरा अहइ। 18 बनैले पहाड़ी बोकरन क घर ऊँच पहाड़ मँ बना अहइँ। बीछियन खुद क बड़की चट्टान क आड़ मँ छुपावत अहइँ। 19 तू मौसम क पता लगावइ बरे चाँद क रच्या ह। सूरज सदा जानत ह कि ओका कहाँ बूढ़ब अहइ। 20 तू अँधियारा बनाया जेहसे रात होइ ताकि जंगल क बनैला पसु एहर-ओहर घूमि सकिहीं। 21 उ पचे झपटत सेर जब दहाड़त हीं तब अइसा लगत ह जइसे उ पचे यहोवा क पुकारत होइँ, जेका माँगइ स उ ओनका अहार देत। 22 अउर पउ फाटइ पइ जीवजन्तु वापिस घरन क लउटत अउ आराम करत हीं। 23 फिन लोग आपन काम करइ क बाहेर निकरत हीं। साँझ तलक उ पचे काम मँ लगा रहत हीं। 24 हे यहोवा, तू अचरज भरा बहुतेरा काम किहा। धरती तोहरी वस्तुअन स भरी पड़ी अहइ। तू जउन कछू करत अहा, ओहमा आपन विवेक देखाँत ह। 25 इ समुद्दर क लखा, इ केतॅना विसाल अहइ! हुआँ बहुतेरी जीव-जन्तु अहइ जेका गना नाहीं जाइ सकिहीं। ओहमाँ कछू बिसाल अहइँ अउर कछू नान्ह। 26 समुद्दर क ऊपर जलपोत तैरत हीं, अउर लिब्याथानजेका तू बनाएस ह समुद्दर मँ खेल-खेलत ह। 27 यहोवा, इ सब कछू तोहरे आसरे पइ अहइ। हे परमेस्सर, ओन सबहीं जीवन क खाना तू ठीक समइ पइ देत अहा। 28 हे परमेस्सर, तू ही अहा जउन सबइ जीव-जन्तुअन क खाना जेका उ पचे खात हीं, उपलब्ध करावत अहा। 29 फुन जब तू ओनसे मुँह मोड़ लेत अहा तब उ पचे डेराइ जात हीं। ओनकर साँस रुकि जात हीं। उ पचे दुर्बल होइ जात हीं अउर मर जात हीं। अउर ओनकर देह फुन धूरि मँ बदलि जात हीं। 30 जब तू आपन आतिमा भेज्या ह, उ ओहसे जीवित होइ जात ह अउर अउर धरती पइ जिन्नगी क संग फुन नवा कइ दीन्ह जात ह। 31 यहोवा क महिमा सदा-सदा बनी रहइ। यहोवा आपन रचना स सदा आनन्द मँ रहइ। 32 यहोवा क दृस्टि स इ धरती काँप उठी। पहाड़न स धुआँ उठइ लग जाइ। 33 मइँ जिन्नगी भइ यहोवा बरे गाउब। मइँ जब तलक जिअत हउँ यहोवा क गुण गावत रहब। 34 मोर सोच-विचार ओका खुस करी। मइँ यहोवा क संग खुस अहउँ। 35 धरती स पाप क लोप होइ जाइ। दुट्ठ लोग सदा बरे मिटि जाइँ। हे मोर आतिमा, यहोवा क स्तुति करा।

105:1 यहोवा क धन्यवाद करा। ओकरे नाउँ क पुकारा। रास्ट्रन क ओकरे अदूभुत कारजन क बारे मँ बतावा। 2 यहोवा बरे तू गावा। तू ओकर बड़कई क गीत गावा। ओन सबहिं अचरज स भरी बातन कर् वर्णन करा जेनका उ करत ह। 3 यहोवा क पवित्तर नाउँ पइ गर्व करा। ओ सबहिं लोगो जउन यहोवा क उपासक अहा, तू पचे खुस होइ जा। 4 सामरथ पावइ क तू यहोवा क लगे जा। सहारा पावइ क तू ओकरे लगे जा। 5 ओन अद्भुत बातन क सुमिरा जेनका यहोवा करत ह। ओकरे अचरज कर्म अउर ओकर विवेक स भरा फइसला क याद राखा। 6 तू परमेस्सर क सेवक इब्रार्हाम क संतान अहा। तू याकूब क संतान अहा, उ मनई जेका परमेस्सर चुने रहा। 7 यहोवा ही हमार परमेस्सर अहइ। सारे संसार पइ यहोवा क सासन अहइ। 8 उ आपन करार क सदा याद रखत ह। उ आपन आदेसन क हजार पीढ़ियन तलक याद रखत ह। 9 इब्राहीम क संग परमेस्सर करार बाँधे रहा। परमेस्सर इसहाक क वचन दिहे रहा। 10 उ याकूब क आपन करार क कानून क रूप मँ दिहे रहा। परमेस्सर इस्राएल क संग करार किहस। इ सदा सदा ही बना रही। 11 परमेस्सर कहे रहा, ‘मइँ कनान क भुइँया क तोहका आपन सम्पत्ति क रूप देब।’ 12 जब इब्राहीम क परिवार छोटा रहा, अउर उ पचे हुवाँ महज़ ही बिदेसी रहेन। 13 उ पचे एक रास्ट्र स दूसर रास्ट्र मँ, एक राज्ज स दूसर राज्ज मँ घूमत रहेन। 14 मुला परमेस्सर उ घराने क दूसर लोगन स नस्कान नाहीं पहोंचइ दिहस। परमेस्सर राजा लोगन क सावधान किहस कि उ पचे ओका हानि न पहोंचावइ। 15 उ ओनका चेताउनी दिहे रहेन, “मोर अभिसिक्त भवा कतू नस्कान जिन पहोंचावा। तू मोर कउनो नबियन क बुरा जिन करा।” 16 परमेस्सर उ देस मँ अकाल पठएस। अउर लोगन क लगे खाइ क खूब भोजन नाहीं रहा। 17 मुला यहोवा एक मनई क ओनके लगे जेकर नाउँ यूसुफ रहा, ओनका अगवा मिस्र तलक पठएस। यूसुफ क एक ठु दास क नाईर् बेचा ग रहा। 18 उ पचे यूसुफ क गोड़ मँ जंज़ीर डालेन, अउर उ ओका विनम्र बनाएस। उ पचे ओकरी गटइ मँ एक लोहे क कड़ा डाइ दिहन। 19 यूसुफ क कैद मँ रखा गवा रहा जब तलक उ पचे बातन जउन उ कहे रहा फुरइ घटि नाहीं गइन। यहोवा सुसन्देस स प्रमाणित कइ दिहस कि यूसुफ नीक रहा। 20 मिस्र क राजा, आग्या दिहन कि यूसुफ क बंधनन स अजाद कइ दीन्ह जाइ। उ रास्ट्र क एक नेता ओका कैद स आजाद कइ दिहस। 21 यूसुफ क आपन घर बार क अधिकारी बनाइ दिहन। यूसुफ राज्ज मँ हर बात क धियान रखइ लाग। 22 यूसुफ आपन राजकुमार क वइसा ही निदेर्स देत रहा जइसा उ चाहेन। यूसुफ राजा क सलाहकारन क सिच्छा दिहे रहा। 23 जब इस्राएल मिस्र गवा, याकूब हाम क देसमँ रहइ लाग। 24 याकूब क सन्तानन बहोत स होइ गएन। उ पचे मिस्र क लोगन स जियादा बलवान बन गएन। 25 एह बरे मिस्री लोग याकूब क घराना स घिना करइ लागेन। मिस्र क लोग आपन दासन क खिलाफ कुचक्र रचइ लागेन। 26 एह बरे यहोवा निज सेवक मूसा अउर हारून जेका उ चुने रहा, पठएस। 27 उ हाम क भुइँया मँ अचरज अउ अद्भुत करम किहेस। 28 परमेस्सर गहिरा अँधियारा पठए रहा, मुला मिस्रियन ओकर नाहीं सुनेन। 29 तउ फुन परमेस्सर पानी क खून मँ बदल दिहस, अउर ओनकर सबइ मछरियन मरि गइन। 30 बाद मँ, मिस्री लोगन क भुइँया मेघन स भरि गवा। हिआँ तलक कि मेघन राजा क सयन कच्छ तलक भरि गएन। 31 यहोवा आदेस दिहा, अउर माखियन अउ पिस्सू आएन अउर उ सबइ हर कतहूँ फइल गएन। 32 परमेस्सर बर्खा क ओलन मँ बदलि दिहस। मिस्रियन क देस मँ हर कतहँू आगी अउ बिजरी गिरइ लाग। 33 परमेस्सर मिस्रियन क अंगूरे क ब्गिया अउ अंजीर क बृच्छ बर्बाद कइ दिहस। परमेस्सर ओनकर देस क हर बृच्छ क तहस नहस कइ दिहस। 34 परमेस्सर हुकुम दिहस अउर टिड्डी दल आइ गएन। टिड्डी आइ गइन अउर ओनकर गनती अनगिनत रहीं। 35 टिड्डी दल अउ टिड्डीयन उ देस क सबहिं पैाधन चट कइ गएन। उ सबइ धरती पइ जउन भी फसलन ठाड़ रहिन, सबहिं क खाइ डाएन। 36 फिन परमेस्सर मिस्रियन क पहिलउटी सन्तान क मार डाएस। परमेस्सर ओनकर सब स बड़कन पूतन क मारेस। 37 बाद मँ परमेस्सर निज सेवकन क मिस्र स बाहेर निकारेस। उ पचे आपन संग सोना अउ चाँदी लइ आएन। परमेस्सर क कउनो भी सेवक नाहीं लड़खड़ान। 38 ओन लोगन क जात भए लखिके मिस्र आनन्द मँ रहा, काहेकि उ पचे ओनसे डेराइ ग रहेन। 39 परमेस्सर ओनके ऊपर कमरी जइसा एक बादर फइलाएस। उ राति मँ उजियारा देइ क बरे आगी क खम्भा क काम मँ लिआएस। 40 लोग खाइ क माँग किहन अउ परमेस्सर ओनके खातिर बटेरन क लइ आवा। परमेस्सर अकास स ओनका भरपूर खइया क दिहस। 41 परमेस्सर चट्टान क फाड़ेस अउर जल उछरत भवा बाहेर फूटि पड़ा। उ रेगिस्ताने क बीच एक ठु नदी बहइ लाग। 42 उ आपन पवित्तर वचन सुमिरेस जउन उ आपन दास इब्राहीम क संग किहे रहा। 43 परमेस्सर आपन खास क मिस्र स बाहेर निकारि लिआवा। लोग खुसी क गीत गावत भए अउर खुसियन मनावत भए बाहेर आइ गएन। 44 फिन परमेस्सर निज भगतन क उ देस दिहस जहाँ अउर लोग रहत रहेन। परमेस्सर क भगतन उ सबइ चिजियन क पाइ लिहन जेनके बरे अउर लोग मेहनत किहे रहेन। 45 परमेस्सर अइसा एह बरे किहस ताकि लोग ओकर व्यवस्था मानइँ। परमेस्सर अइसा एह बरे किहस ताकि उ पचे ओकरी सिच्छा पइ चलइँ। यहोवा क गुण गावा।

106:1 यहोवा क बड़कई करा। यहोवा क धन्यवाद करा काहेकि उ उत्तिम अहइ। परमेस्सर क पिरेम सदा ही रहत ह। 2 फुरइ यहोवा केतॅना महान अहइ, एकर बखान कउनो मनई कइ नाहीं सकत। परमेस्सर क पूरी बड़कई कउनो नाहीं कइ सकत। 3 जउन लोग परमेस्सर क आदेस क पालन करत हीं, उ पचे धन्न अहइ। उ पचे हमेसा उत्तिम करम करत हीं। 4 यहोवा, जब तू आपन भगतन पइ कृपा करा मोका याद करा। मोर भी उद्धार करइ बरे याद करा। 5 यहोवा, मोका भी ओन भली बातन मँ हींसा बटावइ द्या जेनका तू आपन लोगन बरे करत अहा। तू आपन रास्ट्रन क संग मोका भी खुस होइ द्या। तोह पइ तोहार लोगन क संग मोका भी गर्व करइ द्या। 6 हम पचे वइसेन ही पाप किहेन ह जइसे हमार पुरखन किहेन ह। हम गलत किहेन। हम बुरा काम किहे अही। 7 हे यहोवा, मिस्र मँ हमार पुरखन तोहार अचरज कर्मन स कछू भी नाहीं सीखेन। उ पचे तोहरे पिरेम क अउर तोहार करुणा क याद नाहीं रखेन। हमार पुरखन हुआँ लाल सागर क किनारे तोहरे खिलाफ भएन। 8 मुला परमेस्सर निज नाउँ क कारण ओनका बचाए रहा। उ आपन सक्ती क परगट किहेस। 9 परमेस्सर हुकुम दिहस अउर लाल सागर झुरान होइ गवा। उ ओनका उ गहिर समुद्दर स अइसा निकारि चला जइसे कउनो रेगिस्तान होइ। 10 परमेस्सर हमरे पुरखन क ओनकर दुस्मनन स बचाएस। उ ओनका आपन दुस्मनन स आजाद किहस। 11 अउर फिन ओनकर दुस्मनन क उहइ सागर क बीच ढँापिके बोर दिहस। ओनकर एक दुस्मन बचिके निकर नाहीं पाएस। 12 तब हमार पुरखन परमेस्सर क वचन पइ बिस्सास किहन। उ पचे ओकर गुण गाएन। 13 मुला हमार पुरखन ओन बातन क हाली बिसरि गएन जउन परमेस्सर किहे रहा। उ पचे परमेस्सर क सम्मति पइ कान नाहीं दिहन। 14 उ पचे दूसर चिजियन क कामना किहेन। रेगिस्तान मँ उ पचे परमेस्सर क परखेन। 15 मुला हमार पुरखन जउन कछू भी माँगेन परमेस्सर ओनका दिहस मुला परमेस्सर ओनका एक महामारी भी दइ दिहस। 16 लोग मूसा स डाह रखइ लागेन अउर हारून स उ पचे डाह रखइ लागेन जउन यहोवा क पवित्तर याजक रहा। 17 एह बरे धरती फट गई अउ दातान क निगल गवा। अउर उ अबिराम क समूह क निगल लिहस। 18 फिन आगी ओन दुट्ठ लोगन क बारि दिहस। 19 ओ लोग होरब क पहाड़े पइ एक ठु सोना क बछवा बनाएन। उ पचे उ मूरति क पूजा करइ लागेन। 20 उ पचे आपन महिमावान परमेस्सर क एक घास खाइवाला बछवा क प्रतिमा स बदल डालेन। 21 हमार पुरखन परमेस्सर क बिसरि गएन जउन ओनका मुक्ति दियाए रहा। उ पचे परमेस्सर क बिसरि गएन जउन मिस्र मँ अचरज भरा करम किहे रहा। 22 परमेस्सर हाम क देस मँ अचरज भरा करम किहे रहा। परमेस्सर लाल सागर क लगे भय विस्मय भरा काम किहे रहा। 23 परमेस्सर ओन लोगन क नस्ट करइ चाहत रहा। मुला परमेस्सर क चुना भवा सेवक मूसा, परमेस्सर क समन्वा ओन लोगन क नास करइ स बचाइ बरे बीच मँ आइ गएन। 24 तब ओन लोग उ अद्भुत देस कनान मँ जाइ स मना कइ दिहन। उ पचे ओकरे वाचा क बिस्सास नाहीं किहेस। 25 आपन तम्बुअन मँ उ पचे सिकाइत करत रहेन। हमार पुरखन परमेस्सर क बात मानइ स नकारेन। 26 तउ परमेस्सर किरिया खाएस कि उ पचे रेगिस्तान मँ मरि जइहीं। 27 परमेस्सर किरिया खाएस कि ओनकर सन्तानन क दूसर लोगन क हरावइ देइ। परमेस्सर कसम खाएस कि उ हमरे पुरखन क देसन मँ छितराइ। 28 बाद मँ परमेस्सर क लोग “बाल-पिऑर” मँ “बाल” क पूजइ करइ सुरू कइ दिहेन। उ पचे उ माँस खाइ लागेन जेका निर्जीव देवतन पइ चढ़ावा ग रहा। 29 यहोवा ओन लोगन क करमन पइ बहोत कोहाइ गवा। अउर उ ओन लोगन क खिलाफ महामारी लिआएन। 30 मुला पीनहास बिनती किहस अउ परमेस्सर उ बियधि क रोकेस 31 परमेस्सर इ काम क ओकरे बरे आवइवालन पीढ़ियन बरे बहोत उत्तिम करम समझेस। 32 लोग मरिबा मँ यहोवा क किरोध भड़काएन, अउर ओकरे कारण मूसा स बुरा काम कराएन। 33 उ सबइ लोग मूसा क बहोत उदास किहन। तउ मूसा बिना ही बिचारे बोल उठा। 34 तउ उ कनान क रास्ट्र क नस्ट नाहीं किहेस, हाँलाकि यहोवा ओनका इ करइ बरे कहे रहा। 35 इस्राएल क लोग दूसर लोगन स हिल मिल गएन, अउर उ पचे भी वइसेन काम करइ लागेन जइसे दूसर लोग करत रहेन। 36 उ सबइ दूसर लोग परमेस्सर क जनन बरे फंदा बन गएन। परमेस्सर क लोग ओन देवन क पूजइ लागेन जेनकर उ पचे दूसर लोग पूजा करत रहेन। 37 हिआँ तलक कि परमेस्सर क जन आपन ही गदेलन क हत्या करइ लागेन। अउर उ पचे ओन गदेलन क ओन दानवन क प्रतिमा पइ अपिर्त करइ लागेन। 38 परमेस्सर क लोग निदोर्ख गदेलन क हत्या किहन। उ पचे आपन ही गदेलन क मारि डाएन अउर ओनका कनान क देवन क अपिर्त किहेन। उ पचे खून स धरती क दूसित किहेन। 39 उ पचे आपन कामन स असुद्ध भएन अउर आपन कार्यन दुआरा अबिस्सासी बन गए रहेन। 40 परमेस्सर आपन ओन लोगन पइ कोहाइ गवा। परमेस्सर ओनसे तंग आइ चुका रहा। 41 तब परमेस्सर आपन ओन लोगन क दूसर जातियन क दइ दिहस। परमेस्सर ओन पइ ओनकर दुस्मनन क हुकूमत करवावइ दिहस। 42 ओनकर दुस्मनन ओन पइ अत्याचार किहन अउ ओनकर जिअब बहोत कठिन कइ दिहन। 43 परमेस्सर आपन लोगन क बहोत बार बचाएस। मुला उ पचे ओनका स मुँह मोड़ लिहन। अउर उ पचे अइसी बातन करइ लागेन जेनका उ पचे करइ चाहत रहेन। एह बरे उ पचे आपन पाप क कारण हराइ दीन्ह गवा रहेन। 44 मुला जब कबहूँ परमेस्सर क जनन पइ विपद पड़ी उ पचे सदा ही मदद पावइ क परमेस्सर क गोहराएन। परमेस्सर हर दाईं ओनकर सबइ पराथना क सुनेस। 45 परमेस्सर सदा आपन करार क याद राखेस। परमेस्सर आपन महा पिरेम स ओनका सदा ही सुख चैन दिहस। 46 परमेस्सर ओन लोगन बरे दूसर कैदियन क समन्वा दयालुता दिखाएस। 47 यहोवा हमार परमेस्सर, हमार रच्छा किहस। परमेस्सर ओन दूसर देसन स हमका ऍकट्ठा कइके लइ आवा, ताकि हम ओकरे पवित्तर नाउँ क गुणगान कइ सकी; तकि हम ओकर बड़कई क गीत गाइ सकी। 48 इस्राएल क परमेस्सर यहोवा क धन्य कहा। परमेस्सर सदा ही जिन्दा रहत आवा ह। उ सदा ही जिन्दा रही। अउर सबइ जन बोलइँ, “आमीन।” यहोवा क गुण गावा।

107:1 यहोवा क धन्यवाद द्या, काहेकि उ उत्तिम अहइ। ओकर पिरेम हमेसा रहत ह। 2 हर कउनो अइसा मनई जेका यहोवा बचाएस ह, ऍन रास्ट्रन क कहा। हर कउनो अइसा मनई जेका यहोवा आपन दुस्मनन स छोड़ाएस ओकर गुण गावा। 3 यहोवा आपन लोगन क बहोत स अलग अलग देसन स बटोरेस ह। उ ओनका पूरब अउ पच्छिम स, अउर उत्तर अउ दक्खिन स जुटाएस ह। 4 कछू लोग अइसे रेगिस्तान मँ खोइ गए रहेन जहाँ कउनो लोग नाहीं। उ सबइ लोग अइसेन एक ठु नगर क खोज मँ रहेन। मुला ओनका कउनो अइसा नगर नाहीं मिला। 5 उ सबइ लोग भुखान अउ पियासा रहेन अउर उ पचे दुर्बल होत जात रहेन। 6 उ पचे संकट मँ रहेन, तउ उ पचे मदद पावइ क यहोवा क गोहराएन। उ ओन सबइ क आपन संकटन स बचाइ लिहस। 7 यहोवा ओनका सोझइ उ सहरन मँ लइ गवा जहाँ उ पचे बसि सकिहीं। 8 यहोवा क ओकरे विस्सनीय पिरेम बरे अउर ओन अद्भुत करमन बरे धन्यवाद द्या जेनका उ सबइ लोगन बरे करत ह। 9 पियासी व्यक्ति परमेस्सर क सन्तुट्ठी बरे अउर उत्तिम वस्तुअन स भूखी व्यक्ति क पेट भरत ह। 10 कछू लोगन क कारावासन मँ राखेन, जहाँ बहोत अँधियारा रहा। उ पचे कस्ट झेलेन, अउ जंजीर मँ बांध दीन्ह गएन। 11 काहेकि उ पचे परमेस्सर क वचन क खिलाफ बिद्रोह किहेन अउर सवोर्च्च परमेस्सर क सलाह क सुनइ स नकारे रहेन। 12 उ ओनका कठिनाइयन देइके उ पचन्क दिमाग क विनम्र बनाइ दिहेस। उ पचे ठोकरन खाएन अउर उ पचे भहराइ पड़ेन, अउर ओनका सहारा देइ क कउनो भी नाहीं मिला। 13 उ पचे संकट मँ रहेन, तउ उ पचे मदद पावइ क यहोवा क गोहराएन। उ ओन सबइ क आपन संकटन स बचाइ लिहस। 14 परमेस्सर ओनका ओनकर अँधियारे जेलन स उबार लिहस। परमेस्सर उ सबइ जंजीरन, अउर बंधन क काटेस जेनसे ओनका बाँधा गवा रहा। 15 यहोवा क ओकरे विस्सनीय पिरेम बरे अउर ओन अद्भुत करमन बरे धन्यवाद द्या जेनका उ सबइ लोगन बरे करत ह। 16 परमेस्सर हमार दुस्मनन क हरावइ मँ हमका मदद देत ह। ओनकर काँसे क दुआरन क परमेस्सर तोड़ गिराइ सकत ह। परमेस्सर ओनकर दुआरन पइ लगी भइ लोहा क आगल क छिन्न-भिन्न कइ सकत ह। 17 कछू मूरख लोग आपन अपराधन अउ पापन क कारण पीरा झेलेन ह। 18 ओन लोग खइया क इच्छा तजि दिहेन अउर उ पचे मरे भए स होइ गएन। 19 उ पचे संकट मँ रहेन, तउ उ पचे मदद पावइ क यहोवा क गोहराएन। उ ओन सबइ क आपन संकटन स बचाइ लिहस। 20 परमेस्सर आदेस दिहस अउर लोगन क चँगा किहस। इ तरह उ पचन्क बर्बाद होइ स बच गएन। 21 यहोवा क ओकरे विस्सनीय पिरेम बरे अउर ओन अद्भुत करमन बरे धन्यवाद द्या जेनका उ सबइ लोगन बरे करत ह। 22 ओनका यहोवा क धन्यवाद देइ बरे बलि अपिर्त करइ द्या, उ जउन किहे अहइ ओन बातन क आनन्द क संग बखाना। 23 कछू लोग आपन काम करइ आपन नइयन स समुद्दर पार कइ गएन। 24 ओन लोगन अइसी बातन क लखेन ह जेनका यहोवा कइ सकत ह। उ पचे ओन अद्भुत बातन क लखेन ह जेनका यहोवा सागर पइ किहे रहा। 25 परमेस्सर आदेस दिहस, फिन एक तेज हवा चलइ लाग। बड़की स बड़की लहरन आकार लेइ लागिन। 26 लहरन ऍतना ऊपर उठिन जेतना अकास होइ तूफान ऍतना भयानक रहा कि लोग डेराइ गएन। 27 लोग लड़खड़ात रहेन, भहरान जात रहेन जइसे नसा मँ धुत होइँ। खेवैया ओनकर बुद्धि जइसे बियर्र्थ होइ गइ होइ। 28 उ पचे संकट मँ रहेन, तउ उ पचे मदद पावइ क यहोवा क गोहराएन। उ ओन सबइ क आपन संकटन स बचाइ लिहस। 29 परमेस्सर तूफान क रोकेस अउर लहरन सान्त होइ गइन। 30 खेवैया खुस रहेन कि सागर सांत भवा होइ गवा। परमेस्सर ओनका अहइ सुरच्छित ठउरे पइ लइ गवा जहाँ उ पचे जाइ चाहत रहेन। 31 यहोवा क ओकरे विस्सनीय पिरेम बरे अउर ओन अद्भुत करमन बरे धन्यवाद द्या जेनका उ सबइ लोगन बरे करत ह। 32 महान सभा क बीच ओनका ऊँच होइ द्या। नेतन मिलन मँ ओकर बड़कई करइ द्या। 33 उ नदियन क रेगिस्ताने मँ बदल दिहस। भुइँया सुखाइ बरे उ झरनन क प्रवाह क रोकेस। 34 परमेस्सर उपजाऊ भुइँया क बेकार क रेही भुइँया मँ बदल दिहस। काहेकि हुआँ बसे दुट्ठ लोग बुरे करम किहे रहेन। 35 अउर परमेस्सर मरूभूमि क झीलन क धरती मँ बदलेस। उ झुरान धरती स जल क स्रोत बहाइ दिहस। 36 परमेस्सर भूखे लोगन क उ अच्छी धरती पइ लइ गवा अउर ओन लोग आपन रहइ बरे हुआँ एक ठु सहर बसाएन। 37 फिन ओन लोग आपन खेतन मँ बीजन क रोप दिहन। अउर अगूंर क बगिया लगाएन, अउर उ पचे एक उत्तिम फसिल पाइ लिहन। 38 परमेस्सर ओन लोगन क आसीर्बाद दिहस। ओनकर परिवार फलइ फूलइ लोगन। ओनके लगे बहोत सारे पसु भएन। 39 भयानक महामारी अउर संकट क कारण ओनकर परिवार नान्ह अउर कमज़ोर होइ गएन। 40 परमेस्सर ओनकर प्रमुखन क कुचरि दिहस अउर बेज्जत किहे रहा। उ ओनका दिसाहीन रेगिस्ताने मँ भटकइ दिहेस। 41 मुला परमेस्सर तबहिं ओन दीन लोगन क ओनकर बिनती स बचाइके निकारि लिहस। अब तउ ओनकर घरानन बड़वार अहइँ, ओतना बड़वार जेतना भेड़िन क झुण्ड। 42 इमानदार मनइयन एका देखत हीं अउर आनन्दित होत हीं, किन्तु दुट्ठ लोग एका लखत हीं आपन मुँह बंद रखत हीं। 43 एक विवेकी मनई ओन बातन क धियान देत ह। अउर जउन कउनो मनई बुद्धिमान अहइ, यहोवा के सच्चा पिरेम क बारे मँ जान जाइहीं।

108:1 हे परमेस्सर, मइँ आपन हिरदय क तइयार कहेउँ ह। मइँ गाउब अउर उमंग क संगीत बजाउब। 2 मोर आतिमा, जगा! वीणओ अउर सारंगियो, जगा। आवा हम भोर क जगाइ!” 3 हे मोर सुआमी, मइँ तोहरे बड़कइ क रास्ट्रन क समन्वा गाउब। मइँ विभिन्न लोगन क बीच तोहार स्तुति करब। 4 हे परमेस्सर, तोहार पिरेम ओतॅना ऊँच अहइ जेतॅना अकास। तोहार बिस्सास ओतॅना ऊँच अहइ जेतॅना बादरन। 5 हे परमेस्सर, तोहार सम्मान अकासन क ऊपर होइ, तोहार महिमा क सारा जगत क ढाँपि लेइ द्या। 6 आपन भगत लोगन क बचावइ बरे इ करा। मोर बिनती क जवाब द्या, अउर हमका बचावइ क आपन महासक्ती क प्रयोग करा। 7 परमेस्सर आपन मन्दिर स बोला। उ कहेस, “मइँ खुसी स चिचियाब। मइँ आपन लोगन क सोकेम प्रदान करब, अउर सुक्कोत क घाटी ओनकर होइ। 8 गिलाद अउ मनस्से मोर अहइँ। एप्रैम मोर सिरवाण अहइ अउर यहूदा मोर राजदण्ड अहइ। 9 मोआब मोर गोड़ पखारइ क पात्र बनी। एदोम उ दास होइ जउन मोर पादूका लइके चली, मइँ पलिस्तियन क हराइ क पाछे विजय-उल्लास स चिचियाब।” 10 मोका दुस्मन क दुर्ग्ा मँ कउन लइ जाइ? एदोम क हरावइ कउन मोर मदद करी! 11 हे परमेस्सर, का इ फुरइ नाहीं बाटइ कि तू हमका तजि दिहा ह? अउर का तू हमरी सेना क संग नाहीं रहब्या? 12 हे परमेस्सर, कृपा कइके, हमरे दुस्मन क हरावइ मँ हमार मदद करा। मनइयन तउ हमका बचाइ नाहीं सकतेन। 13 हम महान कारज कइ सकित ह सिरिफ जब परमेस्सर हमार साथ होइ। सिरिफ परमेस्सर हमरे दुस्मनन क हराई सकत ह।

109:1 हे परमेस्सर, जब मइँ तोहरे आगे पराथना करउँ तउ चुप नाहीं रह्या। 2 लोग मोरे बारे मँ बुरी बातन अउ झूठ बोलत ह। उ पचे मोरे बारे मँ उ सबइ कहत अहइँ जउन फुरइ नाहीं बाटइ। 3 लोग मोरे बारे मँ घिना स बोलत अहइँ। उ पचे मोर खिलाफ बिना कारण हमला करत हीं। 4 मइँ ओनका पिरेम किहेउँ, फिर भी उ पचे मोहसे दुस्मनी करत हीं। यद्यपि मइँ पराथना मँ वफ़ादार हउँ। 5 मइँ ओन मनइयन क संग भला किहे रहेउँ। मुला उ पचे मोरे बरे बुरा करत अहइँ। मइँ ओनसे पिरेम किहेउँ, मुला उ पचे मोसे बइर रखत अहइँ। 6 ओकरे खिलाफ एक ठु दुट्ठ मनई क नियुक्त करा, अउर कउनो दोख लगवइया ओका दोख लगावइ बरे ओकरे बगल मँ खड़ा करा। 7 ओनमाँ दोख पावइ द्या जब उ अदालत मँ निआउ पइहीं, ओकर पराथना क ओकरे पाप क सबूत होइ द्या। 8 मोर दुस्मन क हाली मरि जाइ द्या। ओकरे क जगह कउनो दूसर क लेइ द्या। 9 मोरे दुस्मनन क सन्तानन क अनाथ कइ द्या अउर ओकरी पत्नी क तू राँड़ कइ द्या। 10 ओनका आवारा अउर भिखारी होइ द्या, अउर ओनका आस्रय क खोज तब तलक करइ द्या जब तलक कि ओकर आपन घर बर्बाद न होइ जाइँ। 11 मोरे दुस्मन कर्जदार लोगन क जउन कछू मोर दुस्मन क लगे होइँ लइ जाइ द्या। अजनबियन क ओकर मेहनत क कमाइ क लूटिके जाइ द्या। 12 कउनो मनई क मोरे दुस्मन पइ कउनो दाया न देखाँवइ। अउर ओकरे अनाथ गदेलन पइ कउनो भी मनई दाया नाहीं देखाँवइ। 13 मोर दुस्मन क सन्तानन बर्बाद कइ द्या। आवइवाली पीढ़ी स ओकर नाउँ मिटइ द्या। 14 मोरे दुस्मन क पुरखन क पापन क परमेस्सर सदा ही याद राखइ। ओकरे महतारी क पापन न मेटाइ। 15 यहोवा सदा ही ओन पापन क याद रखी। अउर उ लोगन बरे मोरे दुस्मन क बिसिरइ क कारण होइ। 16 काहेकि दुट्ठ लोगन कउनो भी अच्छा करम कबहुँ नाहीं किहेन अउर उ लोगन क बिना आसा क मउत मँ धकेल दिहा। उ दीन लोगन असहाय लोगन क जिअब कठिन बनाइ दिहा। 17 ओन दुट्ठ लोगन क सरापब भावत रहा। तउ अहइ सराप ओह पइ लउटिके गिर जाइ। उ बुरा मनई असीस कबहुँ नाहीं दिहस कि लोगन बरे कउनो अच्छी बात घटइ। तउ ओकरे संग कउनो भी भली बात मत होइ द्या। 18 सराप ओकरे बरे ओढ़नन क नाईं होइ। सराप ओकरे सरीर मँ पानी क नाईं भरि जाइ। अउर सराप ओकरे हड्डियन मँ चर्बी क नाईं रहइ। 19 उ दुट्ठ मनई बरे सराप क ओढ़ना बनी द्या। सराप क ओकरे बरे हमेसा बरे कमर बन्द बनइ द्या। 20 यहोवा मोहे पइ दोख लगावइवालन क अउर ओन लोगन क जउन मोरे खिलाफ बुरा जोजना बनावत ह क, उ सबइ चिजियन क भुगतान क रूप मँ देइ द्या। 21 किन्तु हे यहोवा, तू मोर सुआमी अहा। तउ मोरे संग अइसा बेउहार करा जेहसे तोहरे नाउँ क जस बाढ़इ। तोहार करुणा महान अहइ, तउ मोर रच्छा करा। 22 काहेकि मइँ बस एक गरीब अउर असहाय व्यक्ति अहउँ। मइँ फुरइ दुःखी अहउँ। 23 मोका अइसा लागत बाटइ जइसे मोर जिन्नगी साँझ क समइ क लम्बी छाया क तरह बीति चुकी बाटइ। मोका अइसा लागत रहा मइँ महसूस करत हउँ कि मइँ किरवा क नाईं हउँ जउन मोका हिराइ दिहेस ह। 24 उपवास क कारण मोर घुटना दुर्बल होइ ग अहइँ। मोर वजन घटत ही जात अहइ, अउर मइँ झुरान जात अहउँ। 25 बुरे लोग मोका अपमानित करत हीं। उ पचे मोका घूरत अउ आपन मूँड़ी मटकावत हीं। 26 यहोवा मोर परमेस्सर, मोका सहारा द्या। आपन बिस्ससनीय पिरेम देखाँवा अउर मोका बचाइ ल्या। 27 फुन उ पचे लोग जान जइहीं कि तू ही मोका बचाया ह। ओनका पता चल जाइ कि उ तोहार सक्ति रही जउन मोका सहारा दिहस। 28 यद्यपि दुट्ठ लोग मोका सराप देत ह, हे यहोवा तू मोका आसीर्बाद दे। यद्यपि उ पचे मोह पइ वार करत हीं, ओनका अपमानित होइ द्या। किन्तु तोहार सेवक क खुस होइ द्या। 29 मोर विरोधियन क अपमान स ढाँपि लेइ द्या। ओनका लज्जा स घेरी लेइ द्या। 30 मइँ यहोवा क बहोत अधिक धन्यवाद देत हउँ। बहोत लोगन क समन्वा ओकर गुण गावत हँउ। 31 काहेकि यहोवा असहाय लोगन क साथ देत ह। उ ओनका लोगन स बचावत ह, जउन ओन पइ निआव करत ह।

110:1 यहोवा मोर सुआमी स कहेस, “तू मोर दाहिन कइँती तब तलक बैठि जा, जब तलक कि मइँ तोहरे दुस्मनन क तोहरे गोड़न क चौकी न बनाइ देउँ।” 2 यहोवा तोहार राज्ज क अधिकार सिय्योन स स्थापित करी। तू आपन दुस्मनन पइ सासन करी। 3 तोहरे पराक्रम क दिन तोहरी प्रजा क लोग स्वेछा बलि बनिहीं। तोहार जवान पवित्तर होइ स सुसोभित भिन्सारे क गर्भ स जन्मी ओसे क नाईर् तोहरे लगे अहइँ। 4 यहोवा एक वचन दिहस, अउर उ आपन मन नाहीं बदली। “तू हमेसा बरे याजक अहा, जइसा मेल्कीसेदेक क समूह क याजक रहा।” 5 मोर सुआमी, तोहार मदद बरे तोहार निचके खड़ा रहत ह। ओकरे गुस्सा दिखावइ क दिन उ दूसर राजा लोगन क हराइ दिहे रहा। 6 परमेस्सर रास्ट्रन क निआउ करी। परमेस्सर उ महान धरती प नेता लोगन क हराइ दिहस। ओनकर मरी देहन स धरती भरि गइ रही। 7 राहे क झरना स पानी पिए क पाछे ही राजा आपन मूँड़ि उठाई अउर फुरइ बलवान होइ।

111:1 यहोवा क गुण गावा। यहोवा क आपन सम्पूर्ण मने स अइसी उ सभा मँ धन्यवाद करत हउँ जहाँ सज्जन मिला करत हीं। 2 यहोवा महान करम करत ह। लोगन जउन ओन चिजियन क महत्त्व जानत हीं ओनका खोजत हीं। 3 यहोवा फुरइ इ महिमामय अउर अचरजे स भरा काम करत हीं। ओकरा खरापन सदा-सदा बना रहत ह। 4 परमेस्सर अद्भुत करम करत ह ताकि हम याद राखी कि यहोवा करुणा स भरा अउर दाया स भरा बाटइ। 5 उ आपन भगतन क भोजन देत ह। उ हमेसा आपन करार क याद राखत ह। 6 उ आपन लोगन क ओन भुइँया देइके जउन दूसर रास्ट्रन अहइ महान कारज देखाएस ह। 7 परमेस्सर जउन कछू करत ह उ बिस्सास योग्य अउर फुरइ बाटइ। ओकर सबहिं आग्यन नियावपूर्वक अहइँ। 8 परमेस्सर क आग्यन सदा ही बना रइहीं। परमेस्सर क ओन आदेसन क देइ क प्रयोजन फुरइ अउ निस्पच्छ रहेन। 9 उ आपन लोगन क मुक्त करत ह। उ ओनसे एक करार किहेस ह जउन सदा-सदा रहइ। परमेस्सर क नाउँ अचरजे स भरा अउर पवित्तर अहइ। 10 विवेक भय अउर यहोवा क आदर स उपजत ह। उ पचे लोग बुट्धिमान होत हीं जउन यहोवा क आदर करत हीं। यहोवा क स्तुति सदा सदा गाई जात रही।

112:1 यहोवा क बड़कई करा। अइसा मनई जउन यहोवा स डेरात ह अउर ओकर आदर करत ह उ बहोत सफल होइ। परमेस्सर क आदेस अइसे लोग क भावत हीं। 2 धरती पइ अइसे मनई क संतानन मज़बूत होइहीं। अच्छे मनई क संतानन आसीर्बाद पाइहीं। 3 अइसे मनई क परिवार बहोत धनवान होइ। ओकर नीक करम सदा सदा बनी रही। 4 सच्चे लोगन बरे परमेस्सर अइसा होत ह जइसे अँधियारा मँ चमकत प्रकास होइ। उ सच्चा अहइ, अउर करुणा स भरा बाटइ अउर दाया स भरा बा। 5 इ मनई बरे नीक बाटइ कि उ दयालु अउर उदार होइ। मनई क इ उत्तिम अहइ कि उ आपन वादा मँ खरा रहइ। 6 अइसा मनई क पतन कबहुँ नाहीं होइ। एक सच्चा मनई क सदा याद कीन्ह जाइ। 7 सज्जन व्यक्ति बुरी खबरन स नाहीं डेरात। अइसा मनई यहोवा क भरोसे अहइ अउर आस्वस्त रहत ह। 8 अइसा मनई आस्वस्त रहत ह उ ससान नाहीं रहत। उ आपन दुस्मनन क हराइ देइ। 9 अइसा मनई दीन जनन क मुक्त दान देत ह। ओकर नीक करम जेका उ दीन लोगन बरे दिखावत ह उ सदा सदा बना रइहीं। उ बहोत सम्मानित कीन्ह जाइ। 10 कुटिल लोग ओका लखिहीं अउर कुपित होइहीं। उ पचे किरोध मँ आपन दाँतन क पिसिहीं अउर फुन लुप्त होइ जइहीं। दुट्ठ लोग ओका कबहुँ नाहीं पइहीं जेका उ सब स जियादा पावइ चाहत हीं।

113:1 यहोवा क स्तुति करा, हे यहोवा क सेवकन, ओकर स्तुति करा। यहोवा क नाउँ क बड़कई करा। 2 यहोवा क नाउँ अबहुँ अउर सदा सदा बरे आसीसित होइ। 3 मोर इ कामना अहइ, यहोवा क नाउँ क गुण पूरब स जहाँ सूरज उगत ह, पच्छिउँ तलक उ ठउरे मँ जहाँ सूरज बूड़त ह गावा जाइ। 4 यहोवा सबहिं रास्ट्रन स महान अहइ। ओकर महिमा अकासे तलक उठति ह। 5 यहोवा हमरे परमेस्सर क नाईर् कउनो भी मनई नाहीं अहइ जउन ऊँचाइ पइ विराजमान अहइ। 6 भले ही उ सबइ बातन क जउन धरती अउर आकासे पइ घटत ह, लखइ बरे उ नीचे झुकिके निगाह डावइ ह। 7 परमेस्सर गरीब मनइयन क धूरि स उठावत ह। उ ओनका क गन्दगी स निकारत ह। 8 परमेस्सर ओनका महत्वपूर्ण्ा बनावत ह। परमेस्सर ओन लोगन क महत्वपूर्ण्ा मुखिया बनावत ह। 9 कउनो मेहरारू बे औलाद होइ सकत ह, किन्तु परमेस्सर ओका बच्चा स आसीसित करी, अउर ओका खुस करी। यहोवा क गुणगान करा।

114:1 जब याकूब क घराना बिदेसियन क रास्ट्र मिस्र क तजेस। 2 उ समइ यहूदा परमेस्सर क खास मनई बना, इस्राएल ओकर राज्ज बन गवा। 3 लाल सागर ऍका लखेस, उ पराइ गवा। यरदन नदी उलटिके बह चली। 4 पर्वत मेमनन क नाईर् नाच गएन। पहाड़ी भ़ेडन क नाईर् नाचि गइन। 5 हे लाल सागर, तू काहे पराइ गया? हे यरदन नदी, तू काहे उलटी बहिउ? 6 हे पहाड़ो, काहे तू पचे भ़ेडन क नाईर् नाच्या? हे पहाड़ियो, तू पचे काहे मेमनन जइसी नाचिउ? 7 हे धरती, यहोवा याकूब क परमेस्सर, सुआमी क समन्वा काँप। 8 परमेस्सर ही चट्टानन क चीरिके जल क बाहेर बहाएस। परमेस्सर पक्की चट्टान स जल क झरना बहाए रहा।

115:1 यहोवा। हमका कउनो गैारव ग्रहण नाहीं करइ चाही। गौरव तउ तोहार अहइ। तोहार पिरेम अउ निस्ठा क कारण गौरव तोहार अहइ। 2 रास्ट्रन काहे कहिइ, ‘ओकर परमेस्सर कहाँ अहइ?’ 3 मोर परमेस्सर सरगे मँ अहइ। उ उहइ करत ह जउन कछू उ चाहत ह। 4 ओन जातियन क “देवता” बस सिरिफ पुतला अहइँ जउन सोना चाँदी क बना अहइँ। उ सबइ बस सिरिफ पुतलन अहइँ जेनका कउनो मनई बनाएस ह। 5 ओन पुतलन क मुँह अहइँ, मुला उ सबइ बोल नाहीं पउतेन। ओनकर आँखिन अहइँ, पर उ सबइ लखि नाहीं पउतेन। 6 ओनके कान अहइँ, मुला उ सबइ सुन नाहीं सकतेन। ओनके लगे नाक अहइँ, मुला उ सबइ सूँघ नाहीं पउतेन। 7 ओनके हाथ अहइँ, मुला उ पचे कउनो चीज क छुइ नाहीं सकतेन। ओनके गोड़ अहइँ, मुला उ पचे चल नाहीं सकतेन। उ पचे आपन गटइ स कउनो आवाज़ नाहीं निकारइ सकतेन। 8 जउन मनई इ सबइ पुतलन बनावत हीं, अउर ओनमाँ बिस्सास धरत हीं बिल्कुल इ सबइ मूरतियन जइसे बन जइहीं। 9 ओ इस्राएल क लोगो, यहोवा मँ भरोसा रखा। यहोवा इस्राएल क मदद देत ह अउर ओकर रच्छा करत ह। 10 ओ हारून क घराने, यहोवा मँ भरोसा रखा। हारून क घराने क यहोवा सहारा देत ह, अउ ओकर रच्छा करत ह। 11 हे यहोवा क सबइ मनवइयो, ओनमाँ भरोसा रखा। उ सहारा देत ह अउर आपन लोगन क रच्छा करत ह। 12 यहोवा हमका याद राखत ह। यहोवा हमका वरदान देइ, यहोवा इस्राएल क आसीसित करी। यहोवा हारून क परिवार क आसीसित करी। 13 उ ओन लोगन क आसीसित करी जउन ओहसे डेरात ह, छोटा स लइके बरा तलक। 14 मोका आसा अहइ यहोवा तोहार बढ़ोतरी करी अउर मोका आसा अहइ, उ तोहार संतानन क भी जियादा स जियादा देइ। 15 यहोवा जउन सरग अउ धरती क बनाएस ह, तोहका आसीस देइ। 16 सरग यहोवा क अहइ। मुला उ धरती क मानव जाति क दिहेस ह। 17 मरे भए लोग यहोवा क गुण नाहीं गउतेन। कब्र मँ पड़े भए लोग यहोवा क गुणगान नाहीं करतेन। 18 मुला हम अबहुँ यहोवा क स्तुति करति ह, अउर हम ओकर स्तुति सदा-सदा करब!

116:1 मइँ यहोवा स पिरेम करत हउँ जब उ मोर पराथनन क सुनत ह अउर एकर जवाब देत ह। 2 मइँ ओका पिरेम करत हउँ काहेकि उ मोर सुनत ह। मइँ आपन सारी जिन्नगी ओका मदद बरे बुलावत हउँ। 3 मइँ लगभग मरि चुका रहेउँ। मोरी चारिहुँ कइँती मउत क रस्सा बँधि चुका रहेन। कब्र मोका लीलत रही। मइँ डेरान रहेउँ अउर मइँ चिंतित रहेउँ। 4 तब मइँ यहोवा क ओकर मदद लेइ बरे गोहराएउँ, मइँ कहेउँ, “यहोवा, मेहरबानी कइक मोका बचाइ ल्या।” 5 यहोवा खरा अहइ अउर दया स पूर्ण अहइ। परमेस्सर करुणा स पूर्ण अहइ। 6 यहोवा असहाय लोगन क देख-रेख करत ह। मइँ परेसानी मँ रहेउँ अउर यहोवा मोका बचाएस। 7 हे मोर प्राण, फुन स आराम करा। काहेकि यहोवा तोहार देख-रेख करत ह। 8 हे परमेस्सर, तू मोर प्राण मउत स बचाया। मोर आँसुअन क तू रोक्या अउर गिरइ स तू मोका थाम लिहा। 9 जीवित लोगन क धरती मँ मइँ यहोवा क सेवा करत हउँ। 10 मइँ लगातार बिस्सास बनाए राखेउँ हिआँ तलक कि जब मइँ कहि दिहे रहेउँ, “मइँ बहोत पीड़ा मँ होइ गवा रहेउँ।” 11 मइँ हिआँ तलक विस्सास संभाले राखेउँ जब कि मइँ डेरान रहेउँ अउर मइँ कहेउँ, “सबहिं लोग झूठा अहइँ।” 12 मइँ भला यहोवा क ओन नीक कामन क बदले मँ का अपिर्त कइ सकत हउँ जउन उ मोर बरे किहेस? 13 मइँ ओका पेय भेंट देब काहेकि उ मोका बचाएस ह। मइँ यहोवा पइ आस्रित रहब। 14 मइँ यहोवा क लोगन क समन्वा आपन वचन क पूरा करब जउन मइँ ओहसे किहे रहेउँ। 15 हिआँ तलक कि कउनो एक मउत भी ओन लोगन क जउन यहोवा बरे अपराध किहेन ह, ओकरे बरे बहोत महत्वपूर्ण अहइ। 16 हे यहोवा मइँ तोहार एक मेहरारु नउकर क सन्तान हउँ। हे यहोवा, तू ही मोका मोरे बंधन स अजाद किहा। 17 मइँ तोहका एक धन्यवाद बलि अपिर्त करब। मइँ यहोवा क नाउँ स गोहराउब। 18 मइँ यहोवा क लोगन क समन्वा आपन वचन क पूरा किहेउँ ह जउन मइँ ओहसे किहे रहेउँ। 19 मइँ यहोवा क मन्दिर क आंगन मँ जाब जउन यरूसलेम मँ अहइ। यहोवा क क स्तुति करब।

117:1 समूचइ रास्ट्रन यहोवा क नाउँ क बड़कई करा। हे लोगो, यहोवा क गुण गावा। 2 काहेकि उ हम पइ बहोत पिरेम दिखावत ह। ओकर बिस्सास सदा-सदा बरे रही। यहोवा क बड़कई करा।

118:1 मइँ यहोवा क धन्यवाद देत हउँ, काहेकि उ नीक अहइ। ओकर पिरेम सदा ही रहत ह। 2 इस्राएल इ कहइ द्या, “ओकर बिस्ससनीय पिरेम सदा ही रहत ह।” 3 याजक अइसा कहत हीं, “ओकर बिस्ससनीय पिरेम सदा अटल रहत ह।” 4 तू लोग जउन यहोवा क उपासना करत अहा, कहा करत अहा, “ओकर बिस्ससनीय पिरेम सदा ही अटल रहत ह।” 5 मइँ परेसानी मँ रहेउँ, एह बरे मइँ मदद बरे यहोवा क पुकारेउँ। उ मोका जवाब दिहस अउर यहोवा मोका अजाद किहस। 6 यहोवा मोरे कइँती अहइ, मइँ कबहुँ नाहीं डेराब। लोग मोका कउनो हानि नाहीं पहोंचावइ सकतेन। 7 यहोवा मोर सहायक अहइ। मइँ आपन दुस्मनन क हारा देखब। 8 मनइयन पइ भरोसा रखइ स यहोवा पइ भरोसा राखब उत्तिम अहइ। 9 इ हमेसा उत्तिम अहइ कि पहिले आपन यहोवा पइ भरोसा करा तउ आपन मुखियन पइ। 10 मइँ आपन दुस्मनन दुआरा घेरि लिहे गवा रहेउँ। यहोवा क सक्ति स मइँ आपन बैरी लोगन क हराइ दिहेउँ। 11 बहोत सारा दुस्मनन मोका चारिहउँ कइँती स घेरि लिहन ह। मइँ आपन दुस्मन क यहोवा क सक्ति स हराएउँ। 12 दुस्मनन मोका मधु माखियन क झुण्ड क नाईर् घेरि लिहन। मुला, उ सबइ हाली बरत भइ झाड़ी क नाईर् बर्बाद भएन। यहोवा क सक्ती स मइँ ओका हराएउँ ह। 13 मोर दुस्मनन मोह पइ वार किहन अउ मोका लगभग बर्बाद कइ दिहन मुला यहोवा मोका सहारा दिहस। 14 यहोवा मोर सक्ती अउर मेार विजय गीत अहइ। अउर उ रच्छक बनि गवा ह। 15 सज्जनन क घर मँ जउन विजय पर्र्व मनत अहइ तू ओका सुन सकत ह। देखा, यहोवा आपन महासक्ती फुन देखाएस ह। 16 यहोवा क भुजन विजय मँ उठी भइ अहइँ। देखा यहोवा आपन महासक्ती फुन स देखाएस। 17 मइँ जिअत रहब, मइँ मरब नाहीं, अउर जउन करम यहोवा किहस ह, मइँ ओन लोगन क गनती फुन स करब। 18 यहोवा मोका दण्ड दिहस, मुला उ मोका मरइ नाहीं दिहस। 19 सच्चाई क दुआरन क खोला, ताकि मइँ भीतर आइ पाउँ अउर यहोवा क आराधना करउँ। 20 यहोवा क मौजूदगी मँ जाइ क दुआर हिआँ अहइ। बस सिरिफ धमीर् लोग ही ओन दुआरन स होइके जाइ सकत हीं। 21 हे यहोवा, मोर पराथना क जवाब देइ बरे अउर मोका रच्छा करइ बरे तोहका धन्यवाद देत अहउँ। 22 जउन पाथार क राज मिस्त्रियन नकार दिहे रहेन उहइ पाथर क प्रयोग कोना क पाथर क रूप मँ कीन्ह गवा। 23 यहोवा इ घटना क होइ दिहस। अउर हम सबइ एहमाँ अद्भूत महसूस कीन्ह। 24 इ उहइ दिना अहइ जेका यहोवा बनाएस ह। आवा हम खुसी क अनुभव करी अउर आजु आनन्दित होइ जाइ। 25 लोग कहेन, “हे यहोवा, हम पचन क बचाव करा, हे यहोवा हमार रच्छा करा। 26 उ मनई धन्न होइ जउन यहोवा क नाउँ मँ आवत अहइ।” मइँ यहोवा क घर मँ तोहार स्तुति करित हउँ। 27 यहोवा परमेस्सर अहइ। उ आपन प्रकास स हम पचन क छाया दिहेस ह। वेदी क कोनन पइ भेंट क मेमना क बाँधा।” 28 हे यहोवा, तू हमार परमेस्सर अहा, अउर मइँ तोहार धन्यवाद करत हउँ। मइँ तोहार गुण गावत हउँ, हे मोर परमेस्सर। 29 यहोवा क बड़कई करा काहेकि उ उत्तिम अहइ। ओकर सच्ची करुणा सदा सदा बनी रहत ह।

119:1 जउन लोग इमानदारी स जीवन जिअत हीं, उ सबइ कामयाब रहत हीं। अइसे लोग यहोवा क सिच्छा पइ चलत हीं। 2 लोग जउन यहोवा क करार पइ चलत हीं, उ पचे कामयाब रहत हीं। आपन समूचइ मन स उ पचे यहोवा क मानइ बरे खोजत हीं। 3 उ पचे लोग बुरा काम नाहीं करतेन। उ पचे यहोवा क आग्या क मानत हीं। 4 हे यहोवा, तू आपन उपदेस इ बरे दिहा ह, हम पचे ओका धियान स पालन कइ सकी। 5 हे यहोवा, मइँ सदा तोहरे कानून क नियमित रूप स पालन करेउँ, 6 तब जब मइँ तोहर सबइ आग्यन क पढ़ब मइँ कबहुँ भी नाहीं लजाब। 7 मइँ तोहार स्तुति पूरी मन स करब जेतॅना जियादा मइँ तोहरे फइसलन क बारे मँ सिखेउँ ह। 8 हे यहोवा, मइँ तोहरे कानूनन क पालन करब। तउ कृपा कइके मोका पूरी तरह स जिन बिसरा। 9 एक जवान मनई तोहरे निदेर्सन पइ चलइ कइ कइसे आपन जीवन पवित्तर रख पावइ? 10 मइँ, आपन पूर्ण मन स यहोवा क सेवा क जतन करत हउँ। कृपा कइके तोहरे आग्यन क मानइ मँ मोका जिन गल्ती करइ द्या। 11 मइँ धियान पूर्वक तोहार वचन याद किहेउँ ह। काहेकि मइँ तोहरे खिलाफ फुन स पाप न करइ चाहत हउँ। 12 हे यहोवा, मइँ तोहार स्तुति किहेउँ ह। कृपा कइके मोका तोहार कानून क सिखावा। 13 मइँ तोहार सबहिं फइसलन क बरे मँ बताउब। 14 तोहरे करार क निदेर्सन क पालन करब मोका दूसर कउनो धन स जियादा भावत अहइ। 15 मइँ तोहरे उपदेसन पइ विचार किहेउँ ह, अउर मइँ तोहरे सिद्धान्तन पइ चलत हउँ। 16 मइँ तोहरे नियमन मँ आनन्द लेत हउँ। मइँ तोहरे बचनन क नाहीं भूलब। 17 आपन सेवक, मोर बरे अच्छा करा ताकि मइँ जी सकेउँ अउर तोहरे वचन पइ चलि सकेउँ। 18 हे यहोवा, मोर आँखी खोला तउ होइ सकत ह कि मइँ एका लखि सकत हउँ। अउर तोहरी अद्भुत बातन पढ़ सकेउँ जेका तू किहा ह। 19 मइँ इ धरती पइ एक अनजाना परदेसी हउँ। हे यहोवा, आपन सिच्छन क मोसे जिन छिपावा। 20 मोर हमेसा तोहरे जरिए पइ बना भवा फइसलन क अध्ययन क अभिलासा रखत हउँ। 21 हे यहोवा, तू अहंकारी जन क फटकारत ह। ओन अहंकारी लोगन पइ बुरी बातन घटित होइहीं। उ सबइ तोहरे आदेसन स मुरि गवा अहइँ। 22 लज्जा अउर अपमान क मोसे हटाइ द्या। मइँ तोहरी करार क पालन किहेउँ ह। 23 हिआँ तलक कि नेता लोगन भी मोरे बरे बुरी बातन किहेन ह। मुला मइँ तउ तोहार सेवक अहउँ। मइँ तोहरे विधियन क समुझत हउँ। 24 तोहार करार मोर सवोर्त्तम मीत अहइ। इ मोका नीक सलाह दिया करत ह। 25 मइँ हाली दाल्थ मरि जाब। हे यहोवा, तू आदेस द्या अउर मोका जिअइ द्या। 26 मइँ तोहका आपन जिन्नगी क बारे मँ बताएउँ ह, तू मोका जवाब दिहा ह अबइ तू मोका आपन विधान बतावा। 27 हे यहोवा, मोर सहायता करा ताकि मइँ समुझ सकेउँ कि तोहार उपदेसन क पालन कइसे कीन्ह जाई सकी। मोका ओन अद्भुत कर्मन क चिंतन करइ द्या जेनका तू किहा ह। 28 मइँ दुःखी अउर थका हउँ। वचन क मुताबिक मोका तू फुन स मज़बूत बनाइ द्या। 29 हे यहोवा, मोका कउनो परेसानी क जीवन जिन जिअइ द्या। तोहार कानून क मोका दयालुता स सिखावा। 30 मइँ तोहार करार क मानइ बरे चुने रहेउँ। मइँ आपन आप क तोहार विवेकी फइसलन क अध्ययन अउर पालन करइ क वचन बद्ध किहेउँ ह। 31 तोहार करार क संग मइँ लगनसील अहउँ। हे यहोवा, मोका असफल जिन होइ द्या। 32 मइँ तोहरे आग्यन क पालन उत्सुकता स किह्या ह जब तू मोर समुझदारी क बढ़ाया ह। 33 हे यहोवा, तू मोका आपन व्यवस्था सिखावा तब मइँ धियानपूर्वक ओनकर अनुसरण करब। 34 ओनका समुझइँ मँ मोर मदद करा। अउर मइँ तोहरी सिच्छन क पालन करब। मइँ पूरी मन स ओनकर पालन करब। 35 मोका आपन आग्यन क राहे पइ चलावा। मइँ ओन पइ प्रसन्न हउँ। 36 मोर मदद करा कि मइँ तोहरे करार क मनन करउँ, बजाय ओकरे कि कइसे धन हासिल करेउँ। 37 मोका बियर्र्थ चिजियन पइ धियान जिन देइ द्या। तोहार राहे मँ रहइ बरे मोर मदद करा। 38 मइँ तोहार सेवक अहउँ। तउ ओन बातन क करा जेनकर वचन तू दिहा ह ताकि मइँ तोहार सम्मान कइ सकउँ। 39 मोका उ अपमान स मुक्त करा जेसा मइँ डेरात हउँ। तोहार फइसलन हमेसा नीक होत हीं। 40 मइँ तोहरे उपदेसन क अभिलासी हउँ। मोर भला करा अउर मोका जिअइ द्या। 41 हे यहोवा, तू सच्चा निज पिरेम मोह पइ परगट करा। मोर रच्छा वइसे ही करा जइसे तू वचन दिहा। 42 तब मोरे लगे ओन लोगन बरे एक जवाब होइ जउन मोर अपमान करत हीं। काहेकि मइँ तोहार वचन पइ भरोसा रखत हउँ। 43 तोहार सच्ची सिच्छा क बोलइ मँ सदा मोरे मदद करा। मइँ तोहरे बुद्धिमान फइसलन पइ निर्भर अहउँ। 44 हे यहोवा, मइँ तोहरी सिच्छन क पालन सदा अउ सदा बरे करब। 45 तउ मइँ सुरच्छित जिन्नगी जिअब। मइँ तोहरी व्यवस्था क पालइ क कठिन जतन करत हउँ। 46 मइँ यहोवा क करार क चर्चा राजा लोगन क संग करब अउर उ पचे उत्साह मँ होइके सुनिहीं मोहसे लजाइहीं नाहीं। 47 हे यहोवा, मोका तोहरी सबइ आग्यन क मनन जेहसे मइँ पिरेम करत हउँ भावत ह। 48 मइँ तोहरी आग्यन कइँती जेहसे मइँ पिरेम करत हउँ हाथ फइलाउब, अउर मइँ तोहार कानून पइ बिचार करत हउँ। 49 हे यहोवा, कृपा कइके आपन वचन क याद रखा, जउन तू मोहसे किह्या ह। उहइ वचन मोका आसा देत ह। 50 जब मइँ झेलत रहेउँ, तू मोका चइन दिहा। तोहार वचन मोका जीवन देत ह। 51 लोग जउन खुद क मोहसे उत्तिम सोचत हीं, निरन्तर मोर अपमान करत अहइँ। मुला हे यहोवा मइँ तोहार सिच्छन पइ चलब नाहीं तजेउँ। 52 मइँ तोहरे ओन फइसलन क याद करत हउँ जेका तू बहोत पहिले दिहा ह, अउर मइँ मोका चइन देत अहइँ। 53 जब मइँ अइसे दुट्ठ लोगन क लखत हउँ, जउन तोहरी सिच्छन पइ चलब तजेन ह, तउ मइँ बहोत कोहाइ जात हउँ। 54 तोहार सबइ कानून मोर बरे आनन्दित भजन होत जहाँ कहिउँ भी मइँ रहत हउँ। 55 हे यहोवा, राति मँ मइँ तोहरे नाउँ क धियान अउर तोहरी नेमन क पालन करत हउँ। 56 इ मोर अभ्यास होत रहत ह। मइँ होसियारी स तोहरे उपदेसन क मानत हउँ। 57 हे यहोवा, तू मोर अंग अहइ, एह बरे मइँ तोहार आग्यन क पालन करब। 58 हे यहोवा, मइँ पूरी मन स तोहार खोज किहेउँ ह, जइसा वचन तू दिहा मोह पइ दयालु ह्वा। 59 मइँ आपन राहे पइ बहोत धियान दिहेउँ ह, ताकि मइँ तोहरी करार क मुताबिक चल सकउँ। 60 मइँ बिना देरी किहे तोहरे आग्यन पइ चलइ क इच्छुक अहउँ। 61 दुट्ठन आपन फन्दन मोका फंसाइ लिहेन ह। मइँ तोहरी सिच्छन क कबहुँ नाहीं बिसरेउँ। 62 तोहरे सच्चा फइसलन क तोहका धन्यवाद देइ बरे मइँ आधी रात क बीच जगत हउँ। 63 जउन कउनो मनई तोहसे डेरात ह तउ मइँ ओकर मीत अहउँ। अगर कउनो मनई तोहरे उपदेसन पइ चलत ह, मइँ ओकर मीत अहउँ। 64 हे यहोवा, इ समूचइ धरती तोहरी बिस्ससनीय पिरेम स भरी भइ बा। मोका तू मोका अपने विधान क सिच्छा द्या। 65 हे यहोवा, तू आपन दास बरे अच्छा काम किहे अहा। तू ठीक वइसा ही किहा जइसा तू करइ क वचन दिहा रह्या। 66 हे यहोवा, मोका सही बुद्धि अउ गियान द्या कि मइँ तोहार आदेसन पइ बिस्सास करेउँ। 67 पीड़ित होइ स पहिले मूरखता स मइँ बुरे करम किहे रहेउँ। मुला अब, मइँ धियानपूर्वक तोहरे आग्यन क पालन करत हउँ। 68 तू अच्छा अहइ, अउर अच्छा काम करत अहा। मोका आपन कानून क सिच्छा द्या। 69 घमण्डी लोग मोरे बरे बहोत सारा झूठी बात बोलत हीं। किन्तु यहोवा मइँ आपन पूर्ण वचन बद्धता स तोहरे उपदेसन क पालन करब। 70 उ लोगन क दिमाग तोहार उपदेसन क नाहीं समुझ सकतेन। मुला, मइँ तोहरी उपदेसन क अध्ययन कइके बहोत खुसी पावत हउँ। 71 हिआँ तलक कि कस्ट भी मोर बरे बढ़िया बनि गवा रहा। उहइ तरह मइँ तोहरी कानून क सीख लिहेउँ। 72 तोहरी सीखन मोरे बरे भली होत अहइँ। तोहार सीखन हजारन सोना अउ चाँदी क टूकन स उत्तिम अहइँ। 73 हे यहोवा, तू मोका बनाया ह मोर स्थापना आपन निज हाथन स किह्या ह। आपन आग्यन क पढ़इ समुझ मँ तू मोर मदद करा। 74 हे यहोवा, तोहार भगत मोका लखत हीं, अउर उ पचे खुस अहइँ, काहेकि मइँ तोहार बातन पइ भरोसा रखत हउँ। 75 हे यहोवा, मइँ इ जानत हउँ कि तोहार फइसला हमेसा नीक अउ खरा होत हीं। एह बरे इ मोरे बरे उचित रहा कि तू मोका कस्ट दिहा ह। 76 अब, आपन सच्चे पिरेम स मोका आराम द्या। मोका आराम द्या जइसा तू आपन सेवक स किह्या ह। 77 मोह पइ कृपा करा तइ मइँ जी सकेउँ। फुरइ मइँ तोहार उपदेसन मँ आनन्दित अहउँ। 78 ओन लोगन क जउन सोचा करत हीं कि उ पचे मोसे उत्तिम बाटेन, ओनका लजाइ द्या। काहेकि उ पचे मोरे बारे मँ झूठी बातन कहेन ह। हे यहोवा, मइँ तोहरे उपदेसन क बिचार किहेउँ ह। 79 आपन भगतन क मोरे लगे लउटि आवइ द्या। अइसे ओन लोगन क मोरे लगे लउटि आवइ द्या, जेनका तोहरी करार क जानकारी अहइ। 80 मोरे हिरदय क हमेसा तोहार कानून क मानइ द्या, ताकि मइँ कबहुँ लज्जित न होबेउँ। 81 मइँ तोहार इन्त़ज़ार करइ मँ कमज़ोर होइ गवा हउँ कि तू मोका बचउब्या। मुला यहोवा, मोका तोहार वचन पइ भरोसा बा। 82 जउन बातन क तू वचन दिहे रह्या, मइँ ओनकर बाट जोहत रहत हउँ। मुला मोर आँखिन दुर्बल होइ गइ अहउँ। तू मोका कब आराम देब्या? 83 हिआँ तलक जब मइँ कचड़ा क धुआँ पइ क दाखरस क झुरान मसक जइसा हउँ, बूढ़ा अउर झुरीर्दार तबहुँ भी तोहरे कानून क न भूलब। 84 मइँ कब तलक जिअब? हे यहोवा, कब सज़ा देब्या तू अइसे ओन लोगन क जउन मोहका सतावत हीं? 85 कछू अहंकारी लोग आपन फंदन स मोह पइ वार किहे रहेन। इ तोहरी सीखन क खिलाफ अहइ। 86 हे यहोवा, सब लोग तोहरी आग्यन क भरोसे कइ सकत हीं। उ पचे मोका बिना कउनो कारण सतावत रहत हीं। मोर मदद करा। 87 ओन सबइ लोग धरती स करीब करीब मोका बर्बाद कइ दिहन ह। तउ प भी मइँ तोहरे उपदेसन क नाहीं तजेउँ। 88 हे यहोवा, आपन बिस्सासी पिरेम क मोह पइ परगट करा। अउर मोका जिन्नगी द्या। तउ मइँ तोहार करार क पालन कइ सकेउँ। 89 हे यहोवा, तोहरे वचन सरग मँ, उ सबइ सदा रहत हीं। 90 तू हमेसा हमेसा बरे बिस्सासी अहा। तू ही धरती ओकरे जगह पइ रच्या अउर इ हमेसा स हिआँ रहत रह्या। 91 तोहरे फइसलन क कारण ही अब तलक सबहिं वस्तु मौजूद अहइँ। काहेकि सबहिं चिजियन तोहार सेवक अहइँ। 92 अगर तोहार सीखन मीत जइसी नाहीं होतिन, तउ मोर संकट मोका बर्बाद कइ डउतेन। 93 हे यहोवा, तोहरे आदेसन क मइँ कबहुँ नाहीं बिसरब। काहेकि उ सबइ ही मोका जिअत राखत हीं। 94 हे यहोवा, मइँ तउ तोहार अहउँ, मोर रच्छा करा। काहेकि तोहरे उपदेसन पइ चलइ क मइँ कठिन जतन करत हउँ। 95 दुट्ठ जन मोका विनास करइ क इन्तज़ार करत हीं, मुला मइँ तोहार करार क समुझइ बरे ओहे पइ विचार करत हउँ। 96 सब कछू क सीमा अहइ, किन्तु तोहरी आग्यन आपन छेत्र मँ असीमित अहइँ। 97 मइँ तोहरी उपदेसन स बहोत जिआदा पिरेम करत हउँ। हर घड़ी मइँ ओनकर ही बारे मँ सोचत हउँ। 98 तोहार आदेसन मोका मोर दुस्मनन स जियादा बुद्धिमान बनाएन। तोहार कानून क वजह स उ सदा मोरे संग रहत ह। 99 मइँ आपन सबइ सिच्छकन स जियादा बुद्धिमान हउँ, काहेकि मइँ तोहरी करार क अध्ययन किया करत हउँ। 100 मइँ बुजुर्ग प्रमुखन स जियादा समुझत हउँ। काहेकि मइँ तोहरे आदेसन क मानत हउँ। 101 मइँ तोहार आदेसन क पालन करइ बरे हर बुरे काम स बचा हउँ। 102 हे यहोवा, तू मोर सिच्छक अहा। एह बरे मइँ तोहरे फइसलन स नाहीं मुरेउँ ह। 103 तोहार वचन मोर मुहे मँ मधु स भी जियादा मीठा अहइँ। 104 तोहार उपदेसन क मइँ सावधान पूर्वक अध्यन करत हउँ, ऍह बरे मइँ झूठापन स घिना करत हउँ। 105 हे यहोवा, तोहार सिच्छन मोका बुद्धिमान बनावत हीं। तउ झूठी सिच्छन स मइँ घिना किया करत हउँ। 106 तोहार फइसलन बहोत नीक अहइँ। मइँ ओनका पालन करइ क प्रतिग्या किहेउँ, एह बरे मइँ पालन करब। 107 हे यहोवा, बहोत समइ तलक मइँ विपदन झेलेउँ ह, कृपा कइके मोका वइसी जिन्नगी द्या जइसा तू देइ क वादा किहा ह। 108 हे यहोवा, मोरी बिनती क तू अंगीकार करा जउन मइँ तोहका भेंट करत हउँ, अउर मोका आपन फइसलन क सिच्छा द्या। 109 होइ सकत ह कि मइँ हर दिन आपन जीवन जोखिम मँ डालत हउँ, किन्तु मइँ तोहार उपदेसन क कबहुँ नाहीं बिसरत हउँ। 110 दुट्ठ जन मोका फँसावइ क जतन करत हीं, मुला मइँ तोहरे उपदेसन नाहीं मुरेउँ ह। 111 तोहार करार सदा बरे मोर खज़ाना अहइ। इ मोका बहोत खुस किया करत ह। 112 मइँ सदा तोहरे विधान पइ चलइ क बहोत कठोर जतन करब। 113 हे यहोवा, मोका अइसे ओन लोगन स घिना अहइ, जउन पूरी तरह स तोहरे बरे सच्चा नाहीं अहइँ। मोका तउ तोहार सिच्छन भावत हीं। 114 तू मोर ढाल अउर रच्छक अहा। मइँ तोहार वचन पइ भरोसा किहउँ ह। 115 दुट्ठ लोगन क मोहसे दूर करा, ताकि मइँ आपन परमेस्सर क आग्यन क पालन कइ सकेउँ। 116 हे यहोवा, मोका अइसे ही सहारा द्या जइसे तू वचन दिहा, ताकि मइँ जी सकेउँ। मोका तोहेमाँ बिस्सास अहइ, मोका निरास जिन करा। 117 हे यहोवा, मोका सहारा द्या कि मोर उद्धार होइ। मइँ सदा तोहरे आदेसन क पाठ किया करब। 118 हे यहोवा, तू हर अइसे मनई स विमुख होइ जात ह, जउन तोहार नेम तोड़त हीं। काहेकि उ पचे छल क बियर्र्थ राहन क पालन करत हीं। 119 हे यहोवा, तू इ धरती स सबहिं दुट्ठ लोगन क अइसा हटावा, जइसेन उ पचे बेकार पदार्थ होइ, मइँ तोहरी करार स सदा पिरेम करब। 120 हे यहोवा, मइँ तोहसे डेरान हउँ, मइँ डेरात अहउँ, अउर तोहरे विधान क आदर करत हउँ। 121 मइँ उ सबइ बातन किहेउँ ह जउन नीक अउर खरा अहइँ। हे यहोवा, तू मोका अइसेन ओन लोगन क जिन सौंपा जउन मोका हानि पहोंचावइ चाहत हीं। 122 मोका वचन द्या कि तू मोरे बरे अच्छा करब्या। मइँ तोहार दास अहउँ। हे यहोवा, अहंकारी लोगन क मोह पइ अत्याचार जिन करइ द्या। 123 हे यहोवा, तू आपन अच्छाई स मोका वचन दिहे रह्या कि तू मोर मदद करब्या। मुला मोर आँखी तोहार राह निहारत भए थकी गइन। 124 तू आपन बिस्ससनीय पिरेम मोह पइ परगट करा। मइँ तोहार दास हउँ। तू मोका आपन विधान क सिच्छा द्या। 125 मइँ तोहार सेवक हउँ। आपन विवेस स मोका आसीस द्या तउ मइँ तोहार करार क समुझ सकेउँ। 126 कार्यवाही करा, हे यहोवा, काहेकि ओन लोग तोहरे कानून क नाफ़रमानी करत हीं। 127 हे यहोवा, उत्तिम सुवर्ण स भी जियादा मोका तोहार आदेस भावत हीं। 128 तोहरे सब उपदेसन क बहोत सावधानी स मइँ पालन करत हउँ। मइँ सबइ झूठे रास्तन स घिना करत हउँ। 129 हे यहोवा, तोहार करार अद्भुत बा। एह बरे मइँ ओकर अनुसरण करत हउँ। 130 तोहार वचन क व्याख्या प्रकास लावत ह। तोहार सिच्छन बुद्धिहीन लोगन क समुझ देत ह। 131 हे यहोवा, मइँ तोहरे आदेसन क पालन करइ इच्छुक हउँ। मइँ दौड़वालन क नाईं हाँफब। 132 हे परमेस्सर, मोरी कइँती निगाह करा अउर मोह पइ दयालु ह्वा। तू ओन लोगन बरे वइसा ही करा जउन ओकरे बरे नीक अहइ जउन तोहार नाउँ स पिरेम किया करत हीं। 133 हे यहोवा, मोका ओन लोगन स बचाइ ल्या जउन मोका दुःख देत हीं अउर मइँ तोहरे आदेसन क पालन करब। 134 हे यहोवा मोका ओन आदेसन स बचाइ ल्या जउन मोका दुःख देत हीं। अउर मइँ तोहरे आदेसन क पालन करब। 135 हे यहोवा, आपन सेवक पइ दाया दिखावा अउर आपन विधान तू मोका सिखावा। 136 रोवत रोवत आँसुअन क एक नदी मइँ बहाइ चुका हउँ। काहेकि लोग तोहरी सिच्छन क पालन नाहीं करत अहइँ। 137 हे यहोवा, तू सच्चा अहा अउर तोहार फइसला खरा अहइँ। 138 उ सबइ चिजियन उत्तिम अहइँ जउन तू हमका करार मँ दिहा। हम पूरी तरह स तोहरे विधान क भरोसे रहि सकित ह। 139 तोहरे बरे मोर धुन मोका बर्बाद करत ह। मइँ बहोत बेचैन हउँ, काहेकि मोर दुस्मन लोग तोहरे वचन क बिसराइ दिहन। 140 हे यहोवा, तोहार वचन प्रमाणित अउर फुरइ अउर सच्चा बाटइ, अउर मइँ तोहार सेवक एहसे पिरेम करत हउँ। 141 मइँ एक महत्त्वहीन हउँ अउर लोग मोर आदर नाहीं करत बाटेन। मुला मइँ तोहरे उपदेसन क बिसरत नाहीं अहउँ। 142 हे यहोवा, तोहार अच्छाई अनन्त अहइ। तोहरे सिच्छन क भरोसे रहा जाइ सकत ह। 143 संकट अउर परेसानी मोका घेरि लिहेस ह। मुला, मइँ तोहार उपदेसन क नाहीं बिसारे रहेउँ। 144 तोहार करार हमेसा नीक बाटइ। एका समुझइ मँ मोर सहायता करा ताकि मइँ जी सकउँ। 145 सम्मूर्ण मन स यहोवा मइँ तोहका गोहरावत हउँ, मोका जवाब द्या। मइँ तोहरे आदेसन क पालन करत हउँ। 146 हे यहोवा, मोर तोहसे बिनती बाटइ। मोका बचाइ ल्या। मइँ तोहरी करार क पालन करब। 147 यहोवा, मइँ तोहरी पराथना करइ क भोर क तड़के उठा करत हउँ। मोका ओन बातन पइ भरोसा अहइ, जेनका तू कहत ह। 148 पूरी रात मइँ तोहरे वचन पइ विचार करइ बरे बइठा रहत हउँ। 149 हे यहोवा, तू आपन पूरे पिरेम स मोह पइ कान द्या, तू वइसा ही करा जेका तू ठीक कहत ह, अउर मोर जिन्नगी बनाए राखा। 150 लोग मोरे विरूद्ध कुचक्र रचत अहइँ अउर मोर कइँती आवत हीं। अइसे इ सबइ लोग तोहरी सिच्छन पइ चला नाहीं करतेन। 151 मुला तू मोरे लगे अहा। तोहरे सबइ आग्यन पइ बिस्सास कीन्ह जाइ सकत ह। 152 बहोत दिनन पहिले ही तोहार करार दुआरा मइँ सीख लिहे रहेउँ कि ओकर नींव सदा बरे डाली गइ अहइ। 153 हे यहोवा, मोर यातना क लखा अउर मोका बचाइ ल्या, मइँ तोहरे उपदेसन क बिसरा नाहीं अहउँ। 154 हे यहोवा, मोरे मुकदद्मा बरे बहस करा अउर मोका छुरावा। कृपा कइके मोका तोहार वाचा क अनुसार जिअइ द्या। 155 दुट्ठ बिजयी नाहीं होइहीं। काहेकि उ पचे तोहरे विधान पइ नाहीं चलत अहइँ। 156 हे यहोवा, तू बहोत दयालु अहा। आपन नीक सासन क अनुसार मोका फुन स जिन्नगी द्या। 157 मोर बहोत स सत्रु अहइँ जउन मोका हानि पहोंचावइ बरे जतन करतेन; मुला मइँ तोहरी करार क अनुसरण नाहीं तजेउँ। 158 मइँ ओन बिस्सासघातियन क लखत हउँ। उ पचे तोहरे वचन क पालन नाहीं करतेन। मइँ ओनका तजि दिहेउँ ह। 159 लखा, मइँ तोहार उपदेसन स पिरेम करत हउँ। हे यहोवा, कृपा कइके मोका तोहरे दयालु पिरेम स जिअइ द्या। 160 सुरू स ही तोहार सबहिं वचन बिस्सास क जोग्ग रहेन ह। अउर तोहार खरा फइसलन सदा बरे रहिहीं। 161 सक्तीसाली नेता मोह पइ बियर्थ ही वार करत हीं, मुला मइँ डेरात हउँ अउर बस तोहरे वचन क मइँ आदर करत हउँ। 162 तोहार वचन मोका वइसेन आनन्दित करत हीं, जइसा एक जोद्धा आनन्दित होत ह, जेका अबहुँ अबहुँ कउनो जुद्ध क लूट क माल मिल गवा होइ। 163 मइँ झूठ क नकारत हउँ। मइँ ओहसे घिना करत हउँ। किन्तु, मइँ तोहरी सिच्छन स पिरेम करत हउँ। 164 मइँ दिन मँ सात दाईर् तोहरे उत्तिम फइसला बरे तोहार स्तुति करत हउँ। 165 उ पचे लोगन बहोत सान्ति पइहीं, जउन तोहार सिच्छन स पिरेम करत हीं। ओका कछू भी गिराइ नाहीं पाई। 166 हे यहोवा, मइँ तोहरी प्रतीच्छा मँ हउँ कि तू मोर रच्छा करा। मइँ तोहरे आग्यन क पूरा किहेउँ ह। 167 मइँ तोहरी करार पइ चलत रहत हउँ। हे यहोवा, मोका तोहरे विधान स गहन पिरेम अहइ। 168 मइँ तोहरी करार क अउ तोहरे उपदेसन क पालन किहेउँ ह। तू सब कछू जानत ह जउन मइँ किहेउँ ह। 169 हे यहोवा, मदद बरे लगावा गवा मोर उँच गोहार तोहे तलक पहोंचइ मोका बुद्धिमान बनावा जइसा तू वचन दिहा ह। 170 हे यहोवा, मोर बिनती सुना। तू जइसा वचन दिहा मोर उद्धार करा। 171 मइँ बड़कई क गुण गावत हउँ। काहेकि तू मोका आपन कानून सिखाया ह। 172 मोका तू आपन गीत गावइ द्या। काहेकि तोहार सबइ आग्यन सच्चा अहइँ। 173 तू मोरे लगे आवा, अउर मोका सहारा द्या काहेकि मइँ तोहरे आदेसन पइ चलब चुन लिहेउँ ह। 174 हे यहोवा, मइँ इ चाहत हउँ कि तू मोर उद्धार करा, तोहार सिच्छन मोका खुस करत हीं। 175 मोका जिअइ द्या तउ मइँ तोहार स्तुति कइ सकेउँ। तोहार आदेस स मोका मदद मिलइ द्या। 176 एक ठु खोइ भइ भेड़ क तरह, मइँ आपन रास्ता भटक गएउँ ह। आपन सेवक, मोका तलास करा, अउर मइँ तोहरे आग्यन क बिसरा नाहीं हउँ।

120:1 मइँ संकटे मँ पड़ा रहेउँ, सहारा पावइ बरे मइँ यहोवा क गोहराएउँ अउर उ मोका बचाइ लिहस। 2 हे यहोवा, मोका तू अइसे लोगन स बचावा जउन मोर खिलाफ झूठ बोलेन ह। 3 अरे ओ झूठो, का तू उ जानत अहा कि परमेस्सर तोहका कइसे सजा देइ? 4 तू पचन्क दण्ड देइ बरे परमेस्सर जोद्धा क नोकांदार तीर अउ धधकत भए अंगारन क काम मँ लाइ। 5 झूठो, तोहरे निचके रहब अइसा अहइ जइसे कि मेसेक मँ रहब। इ रहब अइसा अहइ माना कि कउनो केवार क तम्बू मँ रहब बा। 6 जउन सान्ति क दुस्मन अहइँ, अइसे लोगन क संग बहोत लम्बी समइँ तलक रहा हउँ। 7 मइँ इ कहे रहेउँ मोका सान्ति चाही। मुला उ पचे जुद्ध चाहत हीं।

121:1 मइँ ऊपर ऊँच पहाड़न क कइँती लखत हउँ। मुला फुरइ मइँ कहाँ स पावइँ? 2 मोका तउ सहारा यहोवा स मिली जउन सरग अउ धरती क बनावइवाला अहइ। 3 परमेस्सर तोहका गिरइ नाहीं देइ। तोहर बचवइया कबहुँ भी नाहीं सोइ। 4 इस्राएल क उद्धारकर्त्ता कबहुँ न ही ओंघात ही अउर न ही सोवत अहइँ। 5 यहोवा तोहार रच्छक अहइ। उ तोहका आस्रय देइ बरे तोहार बगल मँ अहइ। 6 दिन क समइ सूरज तोहका हानि नाहीं पहोंचाइ सकत। राति मँ चाँद तोहार नोस्कान नाहीं कइ सकत। 7 यहोवा तोहार रच्छा हर संकट स करी। यहोवा तोहरी आतिमा क रच्छा करी। 8 यहोवा उ सबइ पइ धियान रखी जउन कछू तू करब्या। जहाँ कहुँ भी तू जाब्या अउ आउब्या, अबहुँ अउ सदा सर्वदा उ तोहार रच्छा करी।

122:1 जब लोग मोसे कहेन, “आवा, यहोवा क मन्दिर मँ चली तब मइँ बहोत खुस भएउँ।” 2 हिआँ हम यरूसलेम क दुआरन पइ खड़ा अही। 3 यरूसलेम नगर एक ठु संगठित नगर नाईं बनि गवा ह। 4 उ उ जगहिया बा जहाँ उ परिवार समूह जात रहेन, जउन यहोवा क परिवार समूह अहइ, काहेकि इ इस्राएल क लोग दुआरा यहोवा क धन्यवाद देइ क नेम अहइ। 5 इ उहइ जगहिया बा जहाँ दाऊद क परिवार क राजा लोगन आपन सिंहासन कायम किहेन। उ पचे आपन सिंहासन लोगन क निआउ करइ बरे कायम किहन। 6 तू यरूसलेम मँ सान्ति हेतु बिनती करा। “अइसे लोग जउन तोहसे पिरेम राखत हीं हुआँ रच्छा मँ रहा। 7 तोहरे परकोटन क भितरे सान्ति फइल जाइ, तोहरे बिसाल भवनन मँ सुरच्छा बनी रहइ।” 8 मइँ पराथना करत हउँ आपन भाइयन अउ साथियन बरे कि हुवाँ सान्ति क बास होइ। 9 यहोवा हमरे परमेस्सर क मन्दिर क भले बरे, मइँ पराथना करत हउँ कि इ नगर मँ भली बातन घटित होइँ।

123:1 हे परमेस्सर, मइँ आँखी उठाइके तोहार पराथना करत हउँ। तू सरग मँ राजा क रूप मँ बिराजत अहा। 2 दास लोग आपन सुआमियन क ऊपर ओन चिजियन बरे आसरे पइ रहा करत हीं, जेकर ओनका जरूरत अहइ। दासियन आपन सुआमिनियन क ऊपर आसरे पइ रहा करत हीं। इहइ तरह हमका यहोवा हमरे परमेस्सर तब तलक लखत हउँ जब तलक उ हम पइ दाया देखाँवइ। 3 हे यहोवा, हम लोगन पइ कृपालु ह्वा। हम लोगन पइ दयालु ह्वा काहेकि बहोत लम्बी समइ स हम लोगन क अपमान होत अहइ। 4 घमण्डी लोग बहोत दिनन स हम लोगन क अपमानित कइ चुका अहइँ।

124:1 अगर यहोवा हमरे संग नाहीं होतेन तउ इस्राएल क कहइ द्या, 2 अगर यहोवा हमरे संग नाहीं होत, जब हमार बिरोधी हम लोगन पइ हमला किहे रहेन? 3 तब हमार दुस्मन हमका जिअत ही निगल गए होतेन जब उ पचे गुस्सा भए रहेन। 4 तब हमार सत्रुअन क फउजन बाढ़ क तरह हमका बहावत भइ उ नदी क जइसी होइ जातिन जउन हमका बोरत रही होइँ। 5 तब उ सबइ घमण्डी लोग उ पानी जइसे होइ जातेन जउन हमका बोरत भवा हमरे मुँहना तलक बाढ़त आवति होइ। 6 यहोवा क गुण गावा। उ हमरे दुस्मनन क हमका धरइ नाहीं दिहस अउर न ही मारइ दिहस। 7 हम पचे जालि मँ फँसा भवा उ पंछी जइसा रहेन जउन फुनि बचि निकरा होइ। जालि फाटि फुट गवा अउर हम बचिके निकरे। 8 यहोवा जउन सरग अउ धरती क बनाएस ह। हमार मदद किहेस।

125:1 जउन लोग यहोवा क भरोसे रहत हीं, उ पचे सिय्योन क पहाड़ जइसे होइहीं। ओनका कबहुँ कउनो डुगाइ नाहीं पाई। उ पचे सदा ही अटल रइहीं। 2 यहोवा आपन लोगन क वइसे ही आपन आस्रय मँ लिहस ह, जइसे यरूसलेम चारिहुँ कइँती पहाड़न स घिरा बाटइ। यहोवा सदा-सर्वदा आपन लोगन क रच्छा करी। 3 बुरे लोग भले लोगन क धरती क ऊपर राज्ज नाहीं कइ सकिहीं, अगर बुरे लोग अइसा करइ लग जाइँ तउ होइ सकत ह सज्जन लोग भी बुरा काम करइ लागइँ। 4 हे यहोवा, भले लोगन क संग भला करा, जेनकर मन बेकसूर अहइँ। 5 मुला यहोवा ओन लोगन क सज़ा देइ जउन दुट्ठ मनई क संग ओनका मानइ तजि दिहस ह। हुवाँ इस्राएल मँ सान्ति रहइ द्या।

126:1 जब यहोवा सिय्योन क लोगन क कैद स वापिस लिआइ तउ इ कउनो सपना क नाईं होइ। 2 तब हम पचे हँसत रहत होब अउ खुसी क गीत गावत रहत होब। तब दूसर रास्ट्र क लोग कहत रहत रहब, “यहोवा ओकरे बरे महान कार्य किहस ह।” 3 यहोवा हम लोगन बरे एक अद्भुत करम किहे होतेन, तउ हम पचे बहोत खुस होतेन। 4 हे यहोवा, हमका रेगिस्तान मँ बहत रहे जलधारन क नाईं, कैद स वापिस लिआवा। 5 जउन कउनो रोवत भए बिआ बोवत ह, मुला उ कटनी क समइ खुसी क गीत गाउब। 6 जउन कउनो आँसुअन क संग बिआ लइके जात ह, उ पचे जब फसल लिआवत हीं तउ आनन्दित होत हीं।

127:1 अगर घर क निर्माता खुद यहोवा नाहीं अहइ, तउ घरे क बनावइ वाला बेकार समइ गँवावत ह। अगर सहर क रखवाला खुद यहोवा नाहीं अहइ, तउ रखवारे बेकार समइ गँवावत हीं। 2 अगर भिन्सारे जागिके तू देर राति तलक काम करा। एह बरे कि तू सबन्क बस खइया बरे कमाइ क अहइ, तउ तू पचे बेकार समइ गँवावत ह। परमेस्सर आपन भगतन क ओनके सोवत तलक मँ धियान रखत ह। 3 गदेलन यहोवा क उपहार अहउँ। गदेलन क जनम माता बरे ओकर उपहार अहइँ। 4 जवान मनई क पूत जोद्धा क हाथन मँ बाण क नाईं होत हीं। 5 जउन मनई बाण रूपी पूतन स तरकस क भरत ह उ बहोत खुस होइ। 6 उ मनई कबहुँ हारी नाहीं। ओकर पूत आपन दुस्मनन स सार्वजनिक जगहियन पइ ओकर रच्छा करिहीं।

128:1 जउन कउनो यहोवा क सम्मान करत हीं धन्न अहइँ। उ पचे ओकरे राहन पइ चलत हीं। 2 तू पचे जेनके बरे काम किहा ह, ओन चिजियन क तू आनन्द लेब्या। ओन अइसी वस्तुअन क कउनो भी मनई तू सबन्स नाहीं छोरी। तू पचे खुस रहब्या अउर तोहरे संग भली बातन घटिहीं। 3 घरे पइ तोहार घरवाली अंगूरे क बेल क नाईर् फलवती होइ। मेज क चारिहुँ कइँती तोहार संतानन अइसी होइहीं, जइसे जइतून क उ सबइ बृच्छ जेनका तू रोप्या ह। 4 जउन मनई यहोवा क सम्मान करत हीं उ वइसा ही धन्न अहइँ। 5 यहोवा सिय्योन स तोहका आसीस दइ। जीवन भर यरूसलेम मँ तोहका वरदानन क आनन्द मिलइ। 6 तू आपन नाती पोतन क लखइ बरे जिअत रहा। इ मोर कामना अहइ। इस्राएल मँ सान्ति रहइ।

129:1 पूरी जिन्नगी भइ मोर अनेक दुस्मन रहेन ह। इस्राएल क घोसना करइ द्या 2 पूरी जिन्नगी भइ मोर अनेक दुस्मन रहेन ह। बहोत सारे दुस्मन मोह पइ हमला किहन। मुला उ पचे हमका हराइ नाहीं पाएन। 3 उ पचे मोका तब तलक पीटेन जब तलक मोरी पिठिया पइ गहिर घाव नाहीं बनेन। मोरे बड़का बड़का अउर गहिर घाव होइ गएन। 4 मुला यहोवा उ किहेस जउन नीक रहा अउर रस्सा काट दिहस। उ मोका ओन दुट्ठ लोगन स अजाद किहस। 5 ओन सबइ क जउन सिय्योन स घिना करत ह हारइ द्या, उ पचन क खदेड़इ द्या। 6 उ सबइ लोग अइसे रहेन, जइसे कउनो घरे क छत पइ क घास जउन उगइ स पहिले ही मुरझाइ जात ह। 7 उ घसिया स कउनो मजदूर आपन मूठी तलक नाहीं भरि पावत अउर इ गठरी पुलंदा बनाइ बरे भी प्रयाप्त नाहीं होइ। 8 अइसे ओन दुट्ठ जनन क लगे स जउन लोग गुजरत हीं। उ पचे नाहीं कइहीं, “यहोवा तोहार भला करइ।” उ पचे नाहीं कहिहीं, “हम तू पचन्क यहोवा क नाउँ पइ आसीस देत अही।”

130:1 हे यहोवा, मइँ गहिर कस्ट मँ हउँ तउ सहारा पावइ क मइँ तोहका गोहरावत हउँ। 2 मोर सुआमी, तू मोर सुनि ल्या। मोर मदद क गोहार पइ कान द्या। 3 हे यहोवा, अगर तू लोगन क ओनकर सबहिं पापन्क सचमुच सजा द्या तउ फुन कउनो भी बच नाहीं पाइ। 4 मुला तू, यहोवा, आपन लोगन क छिमा करा; तउ उ लोग तोहार सम्मान करिहीं। 5 मइँ यहोवा क बाट जोहत अहउँ कि उ मोका मदद देइ। मोर आतिमा ओकरी प्रतीच्छा मँ अहइ। यहोवा जउन कहत ह ओह पइ मोर भरोसा अहइ। 6 मइँ आपन सुआमी क बाट जोहत हउँ। मइँ उ रच्छक जउन उसा क अवाई क प्रतीच्छा मँ लगा रहत ह स जियादा उत्सुकता स ओकर प्रतीच्छा किहस। 7 इस्राएल, यहोवा पइ बिस्सास करा। काहेकि सिरिफ उ ही बिस्ससनीय पिरेम देत ह। उ हमरी बार बार रच्छा किया करत ह। उ इस्राएल क ओनके सारे पापन स बचाइ।

131:1 हे यहोवा, मइँ घमण्डी या अभिमानी नाहीं हउँ। मइँ महत्वपूर्ण्ा होइ क जतन नाहीं करत हउँ। मइँ उ काम करइ क जतन नाहीं करत हउँ। जउन मोरे बरे बहोत अद्भुत अहइँ। 2 बदले मँ, मइँ आपन आतिमा क सान्त अउ चुप कइ दिहे हउँ। 3 मोर आतिमा आपन महतारी क बाँहे मँ एक संतुट्ठ गदेला क नाईं अहइ। 4 इस्राएल, यहोवा पइ भरोसा रखा। ओकर भरोसा रखा। अउर अब सदा सदा ही ओकर भरोसा रखा।

132:1 हे यहोवा, जइसे दाऊद यातना भोगे रहा, ओका याद करा। 2 मुला दाऊद यहोवा स एक सपथ लिहेस। दाऊद याकूब क सक्तीसाली परमेस्सर क एक मन्नत माने रहा। “मइँ आपन घरे मँ तब तलक न जाब, आपन बिछउना पइ न ही ओलरब, न ही सोउब। 4 मइँ आपन आँखिन क नाहीं सोवइ देब। अउर आपन पलकन क बन्द नाहीं होइ देब। 5 एहमाँ स मइँ कउनो बात भी नाहीं करब जब तलक मइँ यहोवा बरे एक घर न प्राप्त कइ लेउँ। मइँ याकूब क सक्तीसाली परमेस्सर बरे एक ठु मन्दिर पाइ क रहब।” 6 एप्राता मँ हम दाऊद क वचन क बारे मँ सुनेउँ। हमका किरीयथ योरीम क वन मँ करार क सन्दूख मिली रही। 7 आवा, पवित्तर तम्बू मँ चला। आवा, ओकरे सिंहासन क समन्वा आराधना करी। 8 हे यहोवा, आपन आराम क जगह स उठा, अउ करार क सन्दूख संग होआ जहाँ तू सक्ती क संग सासन करत ह। 9 हे यहोवा, तोहार याजक धरम क भावना क धारण किया करी। तोहर बिस्सासी भगतन बहोत खुस रहीं। 10 तू आपन चुने भए राजा क आपन सेवक दाऊद क भले बरे जिन अस्वीकार करा। 11 यहोवा दाऊद क एक वचन दिहेस ह जेका उ कबहुँ नाहीं तोड़िही। उ वचन दिहस ह कि दाऊद क बंस स राजा अइहीं। 12 यहोवा कहे रहा, “अगर तोहार संतानन मोर करार पइ अउर मइँ ओनका जउन सिच्छन सिखाइन ओन पइ चलिहीं तउ फुन तोहरे परिवार क कउनो न कउनो सदा ही राजा रही।” 13 आपन मन्दिर क जगह बरे यहोवा सिय्योन क चुने रहा। इ उ जगह अहइ जेका उ आपन भवन बरे चाहत रहा। 14 यहोवा कहे रहा, “इ मोर जगह सदा-सदा बरे होइ। मइँ एका आपन जगह पइ रहइ बरे चुनेउँ ह।” 15 भरपूर भोजन स मइँ इ सहर क आसीर्बाद देब, हिआँ तलक कि गरीब लोगन क लगे खाइ क भरपूर होइ। 16 ओकरे याजकन क उद्धार क मइँ ओढ़ना पहिराउब। मोर भगत बहोत खुस होइहीं। 17 इ जगह पइ मइँ हिआँ दाऊद क परिवार क सुद़ृढ करब। मइँ आपन चुने भए राजा क एक दीपक स्थापित करब। 18 मइँ दाऊद क दुस्मनन क लज्जा स ढाँपि देब। अउर दाऊद क राज्ज क चमकाउब।

133:1 इ फुरइ नीक अउ सुखदायी अहइ जब भाइयन आपुस मँ मिलिजुलिके रहइँ। 2 इ वइसे महकउआ तेल जइसा होत ह जेका हारून क मूँड़ी पइ उड़ेरा गवा रहा। इ, उ तेल जइसा होत ह जउन हारून क दाढ़ी क पइ बहत होइ। इ, उ तेल जइसा होत ह जउन हारून क खास ओढ़नन पइ बहत रहा। 3 इ उ कोमल बर्खा क बूँदन क समान अहइ जउन हेमोर्न क पहाड़ी स आवति हीं अउ सिय्योन क पहाड़ पइ गिरत हीं, 4 काहेकि हुवँइ यहोवा आपन अन्नतकालीन जिन्नगी क आसीस दिहे रहा।

134:1 यहोवा क बड़कई करा, ओकरे सब सेवको, जउन सारी राति मन्दिर मँ सेवा किह्या। 2 हे सेवको, पवित्तर ठउर मँ आपन हाथन उठावा अउर यहोवा क बड़कई करा। 3 यहोवा तोहका सिय्योन स आसीस देइ। यहोवा सरग अउ धरती रचेस ह।

135:1 यहोवा क बड़कई करा। हे यहोवा क सेवको, यहोवा क नाउँ क बड़कई करा। 2 तू लोग मन्दिर मँ खड़ा अहा। यहोवा क नाउँ क बड़कई करा। तू लोग मन्दिर क आँगन मँ खड़ा ह्वा। ओकरे नाउँ क बड़कई करा। 3 यहोवा क बड़कई करा काहेकि उ खरा अहइ। ओकरे नाउँ क गुण गावा काहेकि उ आन्नदायक अहइ। 4 यहोवा याकूब क चुने रहा। इस्राएल परमेस्सर क अहइ। 5 मइँ जानत हउँ, यहोवा महान अहइ। हमार सुआमी दूसर देवन स महान अहइ। 6 यहोवा जउन कछू चाहत ह सरग मँ, अउर धरती पइ, समुद्दर मँ या गहिर महासागरन मँ, करत ह। 7 यहोवा धरती पइ सब कहूँ बादरन क रचत ह। उ बिजुरी अउ बर्खा क रचत ह। उ हवा क ओकर जगह स निकारत ह। 8 परमेस्सर मिस्र मँ मनइयन अउ गोरुअन क सबहिं पहिलउटी बच्चन क नास कइ दिहस। 9 यहोवा मिस्र मँ बहोत स अद्भुत अउर अचरज भरे कामन किहस। उ फिरौन अउ ओकरे सब अधिकारियन क खिलाफ अद्भुत बातन क दिखाएस। 10 परमेस्सर बहोत स देसन क हराएस। परमेस्सर बलवान राजा लोगन क मारेस। 11 यहोवा एमोरियन क राजा सीहोन क हराइ दिहस। उ बासान क राजा ओग क हराएस। उ कनान क सारी राज्जन क हराएस। 12 यहोवा ओनका ओनकर धरती क अधिकार क रूप मँ दिहेस, उ इस्राएल क स्थाई रूप स लेइ बरे दिहेस। 13 हे यहोवा, तू सदा बरे प्रसिद्ध होब्या। हे यहोवा, लोग तोहका सदा सर्वदा याद करत रइहीं। 14 काहेकि यहोवा आपन लोगन बरे निआव लावत ह अउर उ आपन सेेवकन प तरस खात ह। 15 दूसर रास्ट्रन क लोग बस सोना अउर चाँदी क देवता बनावत रहेन। ओनकर देवता मात्र लोगन क जरिये बनाए भए पुतलन रहेन। 16 पुतलन क मुँइ अहइँ, पर बोल नाहीं सकतेन। पुतलन क आँखी अहइँ, पर लखि नाहीं सकतेन। 17 पुतलन क कान अहइँ, पर ओनका सुनाई नाहीं देत। पुतलन क नाक अहइँ, पर उ पचे साँस नाहीं लेइ सकतेन। 18 उ सबइ लोग जउन ऍन पुतलन क बनाएन, ओन पुतलन क समान होइ जइहीं। काहेकि उ सबइ लोग ओन पइ बिस्सास किहेन ह। 19 इस्राएल क संतानन, यहोवा क बड़कई करा। हारून क संतानन, यहोवा क बड़कई करा। 20 हे लेवी क संतानन, यहोवा क बड़कई करा। तू जउन यहोवा क सम्मान दिहा, यहोवा क बड़कई करा। 21 यहोवा यरूसलेम मँ बास करत ह, सिय्योन स ओकर स्तुति होइ।

136:1 यहोवा क बड़कई करा, काहेकि उ उत्तिम अहइ। ओकर बिस्ससनीय पिरेम सदा ही बना रहत ह। 2 देवतन क परमेस्सर क बड़कई करा। ओकर बिस्ससनीय पिरेम सदा बना रहत ह। 3 पर्भुअन क पर्भू क बड़कई करा। ओकर बिस्ससनीय पिरेम सदा बना रहत ह। 4 परमेस्सर क गुण गावा। बस उहइ एक अहइ, जउन बहोत अद्भुत करम करत ह। ओकर बिस्ससनीय पिरेम सदा बना रहत ह। 5 ओकर बड़कई करा, जउन आपन बुद्धि स आकास क रचेस ह। ओकर बिस्ससनीय पिरेम सदा बना रहत ह। 6 परमेस्सर सागर क बीच मँ झुरान धरती क कायम किहस। ओकर बिस्ससनीय पिरेम सदा बना रहत ह। 7 परमेस्सर महान ज्योतियन क रचेस। ओकर बिस्ससनीय पिरेम सदा बना रहत ह। 8 परमेस्सर सूरज क दिन पइ हुकूमत करइ बरे बनाएस। ओकर बिस्ससनीय पिरेम सदा बना रहत ह। 9 परमेस्सर चाँद तारन क बनाएस कि उ पचे रात पइ हुकूमत करइँ। ओकर बिस्ससनीय पिरेम सदा बना रहत ह। 10 उ मिस्र मँ पहिलउठी मनइयन अउर जनावरन क मारेस। ओकर बिस्ससनीय पिरेम सदा बना रहत ह। 11 परमेस्सर इस्राएल क मिस्र स बाहेर लइ आवा। ओकर बिस्ससनीय पिरेम सदा बना रहत ह। 12 परमेस्सर आपन सामरथ अउ आपन महासक्ती क परगट किहेस। ओकर बिस्ससनीय पिरेम सदा ही बना रहत ह। 13 परमेस्सर लाल सागर क दुइ हींसा मँ फाड़ेस। ओकर बिस्ससनीय पिरेम सदा ही बना रहत ह। 14 परमेस्सर इस्राएल क सागर क बीच स पार उतारेस। ओकर बिस्ससनीय पिरेम सदा ही बना रहत ह। 15 परमेस्सर फिरौन अउ ओकर फउज क लाल सागर मँ बोड़ि दिहस। ओकर बिस्ससनीय पिरेम सदा ही बना रहत ह। 16 परमेस्सर आपन निज भगतन क रेगिस्तान मँ राह देखाँएस। ओकरे बिस्ससनीय पिरेम सदा ही बना रहत ह। 17 परमेस्सर बलवान राजा क हराएस। ओकर बिस्ससनीय पिरेम सदा ही बना रहत ह। 18 उ सद़ृढ राजा लोगन क मारेस। ओकर बिस्ससनीय पिरेम सदा ही बना रहत ह। 19 परमेस्सर एमोरियन क राजा सीहोन क मारेस। ओकर बिस्ससनीय पिरेम सदा ही बना रहत ह। 20 परमेस्सर बासान क राजा ओग क मारेस। ओकर बिस्ससनीय पिरेम सदा ही बना रहत ह। 21 उ आपन भुइँया क मीरास क रूप मँ दइ दिहस। ओकर बिस्ससनीय पिरेम सदा ही बना रहत ह। 22 उ उ भुइँया क आपन सेवक इस्राएल क अधिकार क रूप मँ दिहस। ओकर बिस्ससनीय पिरेम सदा ही बना रहत ह। 23 उ हमका याद राखेस, जब हम लोगन क हरा दीन्ह गवा रहेन। ओकर बिस्ससनीय पिरेम सदा ही बना रहत ह। 24 उ हमका हमरे दुस्मनन स मुक्त किहेस। ओकर बिस्ससनीय पिरेम सदा ही बना रहत ह। 25 परमेस्सर हर एक क खइया क देत ह। ओकर बिस्ससनीय पिरेम सदा ही बना रहत ह। 26 सरग क परमेस्सर क गुण गावा। ओकर बिस्ससनीय पिरेम सदा ही बना रहत ह।

137:1 बाबुल क नदियन क किनारे बइठिके हम सिय्योन क याद कइके रोइ पड़ेन। 2 हम लगिचे क बेंत क झाड़ियन पइ आपन सबइ वीणा टाँगेन। 3 बाबुल मँ जउन लोग हमका बन्दी बनाए रहेन, उ पचे हम से गावइ क कहेन। अत्याचारियन हम से खुसी क गीत गावइ क कहेन। उ पचे कहेन, ‘हमरे बरे सिय्योन क गीत गावा।’ 4 मुला हम यहोवा क गीतन क कउनो दूसर देस मँ कइसे गाइ सकित ह। 5 हे यरूसलेम, अगर मइँ तोहका बिसरउँ, तउ मइँ बिसरि जाउँ कि कइसा गीत गाइ जात ह। 6 हे यरूसलेम, अगर मइँ तोहका याद न रखेउँ, अगर मइँ बड़ा खुसी क जइसा बेउहार न करेउँ, तउ मइँ कउनो गीत गावइ मँ असमर्थ रहेउँ। 7 हे यहोवा, याद करा एदोमियन उ दिना जउन किहे रहेन। जब यरूसलेम हार ग रहा, उ पचे चीखिके बोले रहेन, ऍका चीर डावा अउर नेंव तलक एका बर्बाद करा। 8 हे बाबुल, तोहका उजार दीन्ह जाइ। उ मनई क धन्य कहा जउन तोहका उ सजा देइ जउन तोहका मिलइ चाही। उ मनई क धन्य कहा जउन तोहका उ मुसीबत देइ जइसा तू हमका मुसीबत दिहे रहा। 9 उ मनई क धन्य कहा जउन तोहरे गदेलन क चट्टान पइ झपटिके पछार देइ।

138:1 हे परमेस्सर, मइँ आपन पूर्ण मन स तोहार गीत गावत हउँ। मइँ सबहिं देवन क समन्वा मइँ तोहार पद गाउब। 2 हे परमेस्सर, मइँ तोहरे पवित्तर मन्दिर कइँती दण्डवत करब। मइँ तोहरे नाउँ क बड़कई करब, काहेकि तोहार बिस्ससनीय पिरेम सच्चा अउर पिआरा अहइ, अउर काहेकि तू आपन वचन क आपन महान सक्ती स किहा ह। 3 हे यहोवा, जब मइँ मदद पावइ बरे तोहार पराथना करेउँ तउ मोका जवाब द्या। तू मोका बल देइके मोर साहस बढ़ाया। 4 हे यहोवा, धरती क सबहिं राजा तोहार अच्छाई क गुण गावइँ। जब उ पचे तोहार वचन क सुनिहीं। 5 उ पचे यहोवा क स्तुति करइँ, काहेकि यहोवा क महिमा महान अहइ। 6 काहेकि यहोवा महान अहइ, मुला उ अबहुँ तलक विन्रम मनई क धियान रखत ह। उ घमण्डी लोगन क कामन क पता दूर स ही जानत हीं। 7 हे यहोवा, अगर मइँ संकट मँ पड़उँ तउ मोका जीवित रहइ द्या। अगर मोर दुस्मन मोह पइ किरोध करइँ तउ ओनसे मोका बचावा। 8 यहोवा उ सबइ बातन क करी जेनका उ मोका वचन दिहेस ह। हे यहोवा, तोहार बिस्ससनीय पिरेम सदा ही बना रहत ह। हे यहोवा, तू हमका रच्या ह। तउ तू हमका जिन बिसरा।

139:1 हे यहोवा, तू मोका जाँच्या ह। मोरे बारे मँ तू सब कछू जानत अहा। 2 तू जानत अहा कि मइँ कब बइठत अउ कब खड़ा होत हउँ। तू दूर रहत भए मोरे मन क बात जानत अहा। 3 हे यहोवा, तू जानत ह कि मइँ कहाँ जात अउ कहाँ ओलरत हउँ। तू बहोत अच्छी तरह जानत ह जउन कछू मइँ करत हउँ। 4 हे यहोवा, एहसे पहिले क सब्द मोरे मुख स निकलइ तोहका पता होत ह कि मइँ का कहइ चाहत हउँ। 5 हे यहोवा, तू मोरे चारिहुँ कइँती मौजूद अहा। मोरे समन्वा भी अउर पाछा भी, तू आपन निज हाथ मोरे ऊपर हौले स रखत अहा। 6 मोका अचरज अहइ ओन बातन पइ जेनका तू जानत अहा। जेनका मोरे बरे समुझब बहोत कहिन अहइ। 7 हर जगह जहाँ भी मइँ जात हउँ हुआँ तोर आतिमा होत ह। हे यहोवा, मइँ तोहसे बचिके कहँू नाहीं जाइ सकत। 8 हे यहोवा, अगर मइँ आकासे पइ जाब हुआँ पइ भी तू ही अहा। अगर मइँ मउत क देस पाताल मँ जाब हुआँ पइ तू ही अहा। 9 अगर मइँ पूरब मँ जहाँ स सूरज निकरत ह, अगर मइँ समुद्दर क पीछे रहब, 10 हुआँ तलक भी तोहार दायाँ हाथ पहोंचत ह। तू मोका आपन हाथ स धइके अगुवाइ करत ह। 11 होइ सकत ह मइँ सोचउँ कि तोहसे छुपा अहउँ अउर कहइ लागूँ, “दिन रात मँ बदल गवा ह। निहचय ही अँधियारा मोका ढँापि लेइ।” 12 मुला यहोवा अँधेरा भी तोहरे बरे अँधेरा नाहीं अहइ। हिआँ तलक कि तोहरे बरे रात भी दिन जइसी ही उजरी अहइ, काहेकि दुइनउँ अँधेरा अउर उजियारा तोहार समान अहइ। 13 तू मोर देह क अन्दरोनी भाग क बनाया ह। तू मोका आपन महतारी क कोख मँ ही रचे रहा। 14 हे यहोवा, मइँ तोहका ओन सबहिं अचरज भरे काम बरे धन्यवाद देत हउँ जउन रास्ते स तू मोका बनाया ह, अउर मइँ सचमुच जानत हउँ कि तू जउन कछू करत अहा उ अचरजे स पूर्ण अहइ। 15 जब मइँ आपन महतारी क कोख मँ रहा अउर मोरे देह गुप्त रूप मँ रूपधारण करत रहेन तबहिं तू मोर हाड़न क लख्या। 16 तू मोरी देह क मोरी महतारी क गर्भ मँ बनत भए लख्या। अउर मोर सरीर क सबइ हींसा जउन दिन ब दिन बनत रहा, उ सबइ क बनइ स पहिले तोहार किताब मँ लिखा भवा रहेन। 17 तोहार विचारन मोरे बरे बहोत कीमती अहइँ। उ गिनती मँ बहोत जियादा अहइँ। 18 तू जउन कछू जानत अहा, ओन सब क अगर मइँ गन सकउँ, तउ उ सबइ सबहिं धरती क रेत क कणन स भी जियादा होइहीं। यद्यपि अगर मइँ लगातार जगा रहेउँ, तउ भी मइँ ओनकर बरे तोहरे साथ गना जाब। 19 हे परमेस्सर, दुर्जन क नस्ट करा। तू हत्यारन, मोसे दूर रहा। 20 उ पचे बुरे लोग तोहरे बरे बुरी बातन कहत हीं। तोहार दुस्मन झूठ स तोहार नाउँ लेत ह। 21 हे यहोवा, मोका ओन लोगन स घिना अहइ जउन तोहसे घिना करत हीं। मइँ ओन लोगन स घिना करत हउँ जउन तोहार खिलाफ बिद्रोह करत ह। 22 मोका ओनसे पूरी तरह घिना अहइ। तोहार दुस्मन मोर भी दुस्मन अहइँ। 23 हे परमेस्सर, मोका जाँच्या अउर मोर मन जान ल्या। मोका परख्या अउर मोर चिन्तन क जान ल्या। 24 मोह पइ निगाह करा अउर लखा कि मोर लच्छ बुरे नाहीं अहइँ। तू मोका उ पथ पइ लइ चला जउन अन्नतकाल स परगट अहइ।

140:1 हे यहोवा, दुट्ठ लोगन स मोका बचावा। क”ाूर लोगन स मोर रच्छा करा। 2 उ सबइ लोग नोस्कान पहोंचावइ कुचक्र रचत बाटेन। उ सबइ लोग सदा ही लड़ जात हीं। 3 ओन लोगन क जिभियन अइसन तेज बाटइ जइसे साँप। ओन लोगन क सब्दन साँप क बिख क नाईं अहइ। (सेला) 4 हे यहोवा, तू दुट्ठ लोगन स मोर रच्छा करा। क्रूर लोग स मोर रच्छा करा। उ सबइ मोर पाछे मोका खाले मँ लोकइ बारे अहइँ। 5 ओन घमण्डी लोग मोरे बरे फँदा डाएन। मोका फँसावइ क उ पचे जाली फइलाएन ह। उ पचे मोर राहे मँ फँदा लगाएन। 6 किन्तु मइँ यहोवा क स्वीकार किहेउँ, तू मोर परमेस्सर अहा। हे यहोवा, मोर पराथना सुना। 7 हे यहोवा मोर सुआमी, तू मोर मज़बूत उद्धारकर्ता अहा। तू मोर मूँड़े क टोप जइसा अहा। जउन मोर मूँड़ क जुद्ध मँ बचावत ह। 8 हे यहोवा, दुट्ठ लोगन क इच्छा क पूरी न होइ द्या। ओनकर कउनो जोजना क सफल जिन होइ द्या, वरना उ पचे घमण्डी होइ जाइहीं। 9 मोरे दुस्मनन जउन मोका घेरि लिहेस बुरा जोजनन बनावत ह। ओनकर बुरा जोजनन ओनही क मुँड़न पइ गिरइ द्या। 10 ओनके मूँड़े पइ दहकत अंगारन क उड़ेर द्या। मोरे दुस्मनन क आगी मँ झोंकि द्या। ओनका गड़हन (कब्रन) मँ लोकाइ द्या। उ पचे ओहसे कबहुँ बाहेर न निकरि पावइँ। 11 ओन क्रूर बोलइवालन क इ धरती मँ स्थापित जिन होइ द्या। उ हिंसक लोगन क संग बुरी बातन बार-बार घटइ द्या। 12 मइँ जानत हउँ यहोवा कांगालन क निआउ खराइ स करी। परमेस्सर असहायन क सहायता करी।13हे यहोवा, सच्चे लोग तोहरे नाउँ क स्तुति करिहीं। इमानदार लोग तोहार समन्वा बास करिहीं।

141:1 हे यहोवा, मइँ तोहका मदद पावइ बरे गोहरावत हउँ। जब मइँ गोहराएउँ तब तू मोर सुनि ल्या। मोका मदद हाली करा। 2 मोर बिनती तोहार समन्वा बरत धूप क उपहार क तरह होइ। मोर बिनती तोहार बरे दीन्ह गइ साँझ क बलि जइसी होइ। 3 हे यहोवा, मोरी वाणी पइ मोर काबू होइ। आपन वाणी पइ मइँ धियान रख सकउँ, एहमाँ मोर सहायक ह्वा। 4 मोका बुरी बात जिन करइ द्या। मोका रोके रहा बुरे लोगन क संगति स ओनकर सरस भोजन स अउर बुरे कामन स। मोका सामिल जिन होइ द्या अइसे ओन कामन मँ जेनका करइ मँ बुरे लोग रख लेत हीं। 5 सज्जन लोगन क मोर सुधार करइ द्या। इ दयलुता क काम क नाईं होइ। तोहार भगतन क मोर बुराई क निकारइ द्या। इ मोर मुड़े बरे अभिसेक क तेल क नाईं होइ। मुला मोर पराथना दुट्ठ लोगन क कुकर्मन क खिलाफ अहइ। 6 ओनकर राजा लोगन क सजा पावइ द्या अउर तब लोग जान जइहीं कि मइँ सच कहे रहेउँ। 7 लोग खेत क खोदके जोता करत हीं अउर माटी क एहर-ओहर छितराइ देत हीं। ओन दुट्ठ लोगन क हाड़न भी इहइ तरह कब्रन क चारिहुँ तरफ एहर-ओहर छितरइहीं। 8 हे यहोवा, मोर सुआमी, सहारा पावइ क मोर निगाह तोहे पइ लगी अहइ। मोका तोहार भरोसा अहइ। कृपा कइके मोका जिन मरइ द्या। 9 मोका दुट्ठन क फँदन मँ जिन पड़इ द्या। ओन दुट्ठन क जरिये मोका जिन पँसाइ द्या। 10 उ सबइ दुट्ठ खुद आपन फँदन मँ फँसि जाइँ जब मइँ बचिके निकर जाउँ बगैर नोस्कान उठाए भए।

142:1 मइँ मदद बरे यहोवा क गोहराएउँ। मइँ यहोवा क समन्वा पराथना किहेउँ ह। 2 मइँ यहोवा क समन्वा आपन दुःख रोउब। मइँ यहोवा स आपन कठिनाइयन कहब। 3 मोर दुस्मनन मोरे बरे जाल बिछाएन ह। मइँ आसा छोरइ बरे तइयार अहउँ। मुला यहोवा जानत अहइ कि मोरे संग का घटत अहइ। 4 मोर चारिहुँ कइँती नज़र करा अउ लखा, कउनो मीत कहूँ भी देखॉत नाहीं अहइ। हिआँ बचइ क कउनो जगह नाहीं बा। कउनो मनई मोका बचावइ क जतन नाहीं करत अहइ। 5 एह बरे मइँ यहोवा क मदद बरे गोहराएउँ ह। मइँ कहेउँ, “हे यहोवा, तू मोर सरणस्थल अहा। तू ही अकेल्ले मोर जिन्नगी मँ एक स्रोत अहइ। 6 हे यहोवा, मोर पराथना क जवाब दया, काहेकि मोर बहोत दुर्दसा होइ गवा ह। तू मोका ओन लोगन स बचाइ ल्या जउन मोर पाछा करत ह काहेकि उ पचे मोहे स जियादा मज़बूत अहइँ। 7 मोका सहारा द्या कि इ कैद स पराइ जाउँ अउर तोहार नाउँ क स्तुति कइ सकेउँ। सच्चे लोगन मोर चारिहुँ कइँती इकट्ठा होइहीं। उ पचे आपस मँ मिलिहीं अउर तोहार गुणगान करिहीं काहेकि तू मोर रच्छा किहा ह।

143:1 हे यहोवा, मोर पराथना सुना। मोर विनती सुना अउर फुन एकर जवाब द्या। मोका जवाब दया, काहेकि तू फुरइ भला अउ खरा अहा। 2 आपन दास मोह पइ निआव जिन करा, इ कारण कि कउनो भी जिअत मनई तोहरे समन्वा निदोर्ख नाहीं ठहर सकत। 3 मोर दुस्मन मोरे पाछे पड़ा अहइँ। उ मोर जिन्नगी चकनाचूर कइके धूरि मँ मिलाएन। उ पचे मोका बहोत दिन क मुरदे क समान अँधिअर कब्र मँ ढकेलत अहइ। 4 मइँ निरास होत हउँ। मोर साहस छूटत अहइ। 5 मुला मोका उ सबइ बातन याद अहइँ, जउन बहोत पहिले घटी रहिन। मइँ ओन अद्भुत कामन क बारे मँ सोचा करत हउँ जेनका तू किहे रह्या। 6 हे यहोवा, मइँ आपन हाथ उठाइके तोहार बिनती करत हउँ। मइँ तोहरी मदद क बाट जोहत हउँ जइसे झुरान धरती बर्खा क बाट जोहत ह। (सेला) 7 हे यहोवा, मोका हाली जवाब द्या। मइँ कमज़ोर होत रहत हउँ। मोका नज़र अन्दाज़ जिन करा। मोका ओन लोगन क जइसा जिन होइ द्या, जउन कब्र मँ ओलरा होइँ। 8 हे यहोवा, भोर क फूटत ही मोका आपन बिस्ससनीय पिरेम देखाँवा। मइँ तोहरे भरोसे हउँ। उ सबइ बातन मँ मोर अगुवाइ जेनका मोका करइ चाही, काहेकि मइँ मदद बरे तोहका लखत हउँ। 9 हे यहोवा, मोरे दुस्मनन स रच्छा पावइ बरे मइँ तोहरी सरण मँ आवत हउँ। तू मोका बचाइ ल्या। 10 सिच्छा द्या, तू मोहसे का करवावइ चाहत अहा? काहेकि तू मोर परमेस्सर अहा। तोहार नीक आतिमा क जमीन क तल क ऊपर मोर अगुवाइ करइ द्या। 11 हे यहोवा, मोका तोहार नाउँ बरे जिअत रहइ द्या। मोका मुसीबत स बाहर निकारा काहेकि तू नीक अहा। 12 हे यहोवा, मोह पइ आपन बिस्ससनीय पिरेम परगट करा। अउर मोर सत्रुअन क नस्ट करा जउन मोका मारइ क जतन करत हीं। काहेकि मइँ तोहार सेवक हउँ।

144:1 यहोवा मोर चट्टान अहइ। यहोवा क धन्य कहा। यहोवा मोका लड़ाई बरे प्रसिच्छण देत अहइ। यहोवा मोका जुद्ध बरे प्रसिच्छण देत अहइ। 2 यहोवा मोसे पिरेम रखत ह। उ मोर किला अहइ। उ पर्वत क ऊपर, मोर ऊँच सुरच्छा क सरण अहइ। उ मोका बचावत ह। उ मोर ढाल अहइ। मइँ ओकरे भरोसे हउँ। उ मोरे लोगन पइ राज्ज करइ मँ मोर मदद करत ह। 3 हे यहोवा, मानव जाति तोहरे बरे काहे महत्वपूर्ण बना अहइँ? तू मानव जाति पइ काहे धियान देत अहा? 4 मनई क जिन्नगी एक फूँक क तरह होत ह। मनई क जिन्नगी ढलत भइ छाया क तरह होत ह। 5 अकासे क चीरके खाले उतरि आवा। पहाड़न क छुइ ल्या ताकि ओनसे धुआँ उठइ लाग। 6 हे यहोवा, बिजुरियन पठइ द्या अउर मोरे दुस्मनन क कहूँ दूर भगाइ द्या। आपन बाणन क चलावा अउर ओनका मजबूर करा कि उ पचे कहूँ पराइ जाइँ। 7 अकासे स मदद पठवा अउर मोका मुक्त करा अउ मोका बचाइ ल्या। एन, दुस्मनन क सागर मँ मोका जिन बूड़इ द्या। मोका ऍन बिदेसियन स बचाइ ल्या। 8 इ सबइ दुस्मन लबार अहइँ। उ पचे धोखेबाज़ अहइँ। 9 हे यहोवा, मइँ नवा गीत गाउब तोहरे ओन अद्भुत कर्मन क तू जेनका करत ह। मइँ तोहार जस दस तार वाली वीणा पइ गाउब। 10 तू राजा लोगन क मदद ओनकर जुद्धन जीतइ मँ करत ह। तू आपन सेवक दाऊद क ओकरे दुस्मनन क तरवारन स मुक्त किहा ह। 11 मोका ऍन परदेसियन स मुक्त करा अउ मोका बचाइ ल्या। इ सबइ दुस्मन लबार अहइँ। उ पचे धोखेबाज़ अहइँ। 12 हमार पूतन जवान होइके बिसाल बृच्छन जइसे मजबूत होइँ, हमार बिटियन महल क सुन्नर सजावटी कोने क पाथर जइसी होइँ। 13 तोहार गोदाम फसलन स भरपूर होइँ। हमार भेड़िन चरागाहन मँ हजारन-हजारन मेमनन जनमत रहइँ। 14 हमार बर्धन बहोत स पइदावार ढोइहीं। हम पइ कउनो दुस्मन हमला न करी। हम मँ स कउनो कबहुँ जुद्ध मँ नाहीं जाई। हमार गलियन मँ चिचियाहट नाहीं होई। 15 जउन लोगन बरे इ बातन नीक अहइँ उ धन्य अहइँ। जउन लोगन परमेस्सर यहोवा अहइ उ धन्य अहइँ।

145:1 हे मोरे परमेस्सर, हे मोरे राजा, मइँ तोहार गुण गावत हउँ। मइँ सदा-सदा तोहरे नाउँ क धन्य कहत हउँ। 2 मइँ हर दिन तोहका सराहत हउँ। मइँ तोहरे नाउँ क सदा-सदा बड़कई करत हउँ। 3 यहोवा महान अहइ। ओकर बहोत स्तुति होइ चाही। मइँ उ सबइ चिजियन क पता नाहीं लगाइ सकब जउन उ करत ह। 4 पीढ़ी दर पीढ़ क ओन बातन क गरिमा क बखानइ द्या जेनका तू सदा-सर्वदा करत ह। अउर ओनका तोहार सक्तीसाली करमन क घोसणा करइ द्या। 5 तोहरे महिमामय प्रताप सुन्नर अहइ। मइँ तोहरे अचरज भरे करमन क बखानब। 6 लोगन क ओन अचरज भरा सक्ती क बारे मँ कहइ द्या जेनका तू करत ह। मइँ ओन महान करमन क बखानब जेनका तू करत ह। 7 लोगन क उ बहोत सारी नीक बातन क बारे मँ कहइ द्या जउन तू किहा ह। उ पचे तोहार सच्चाई क बारे मँ कहिहीं। 8 यहोवा दयालु अहइ अउर करुणा स पूर्ण्ा अहइ, उ धीरज अउ पिरेम स पूर्ण अहइ। 9 यहोवा सब क बरे भला अहइ। उ जउन सबइ कछू रचेस ह ओकरे प्रति करुणा प्रगट करत ह। 10 हे यहोवा, ओनका जेका तू रच्या ह तोहार बड़कई करइ द्या। तोहका तोहार भगत धन्य कहत हीं। 11 उ सबइ लोग तोहरे महिमा स भरा राज्ज क बखान करत रहत हीं। ओनका तोहरी सक्ती क बारे मँ कहइ द्या। 12 ताकि सबइ मानव जाति ओकरे सक्तीसाली करमन बारे मँ अउर ओकरे राज्ज क महिमामय प्रताप क बारे मँ जानइँ। 13 हे यहोवा, तोहार राज्ज सदा सदा बना रही। तू सर्वदा राज्ज करब्या। 14 यहोवा गिरे भए लोगन क उठावत ह। यहोवा ओन लोगन क उठावत ह जउन बोझन क ढोवत ह। 15 सबहिं प्राणी तोहरी कइँती खाना पावइ बरे लखत हीं। तू ओनका ठीक समइ पइ खइया क देत रहत ह। 16 तू आपन मूठी खोलत ह, अउर तू सबहिं प्राणियन क ओकरे जरूरत क चिजियन स संतुट्ठ करत अहा। 17 जउन कछू यहोवा करत ह उ नीक बाटइ। यहोवा जउन भी करत ओहमाँ निज बिस्ससनीय पिरेम प्रकट करत ह। 18 यहोवा हमेसा ओन लोगन क निचके रहत ह जउन इमानदारी क संग यहोवा स मदद क बिनती करत ह। 19 यहोवा क भगत जउन ओहसे चाहत हीं, उ ओन बातन क करत ह। यहोवा आपन भगतन क सुनत ह। उ ओनकर पराथनन क जवाब देत ह अउर ओनकर रच्छा करत ह। 20 यहोवा ओन सबइ क जउन ओह स पिरेम करत ह, क रच्छा करत ह। किन्तु उ हर टुट्ठ क नस्ट करत ह। 21 मइँ यहोवा क गुण गाउब। हर कउनो ओकर पवित्तर नाउँ क सदा अउ सर्वदा स्तुति करइ द्या।

146:1 यहोवा क गुणगान करा। मोर मनवा, यहोवा क बड़कई करा। 2 मइँ आपन जिन्नगी भइ यहोवा क गुण गाउब। मइँ जब तलक जिअब आपन परमेस्सर बरे संगीत बजावत रहब। 3 आपन प्रमुखन क भरोसे जिन रहा। मदद पावइ बरे मनई क भरोसे जिन रहा, काहेकि तोहका मनई बचाइ नाहीं सकत ह। 4 लोग मर जात हीं अउर दफनाइ दीन्ह जात हीं। फुन ओनकर मदद देइ क सबहिं जोजना यूँ ही चली जात हीं। 5 ओनका धन्य होइ जउन याकूब क परमेस्सर क आपन सहायक क रूप मँ राखेस ह। ओनका धन्य होइ जउन यहोवा आपन परमेस्सर क भरोसे रहा करत हीं। 6 उ सरग अउ धरती क बनाएस ह। उ सागर अउर ओहमाँ क हर चिजियन क बनाएस ह। उ हमेसा बिस्सासी रही। 7 उ सताया भवा लोगन क संग उचित बेउहार करत ह। उ भुखान लोगन क भोजन देत ह। यहोवा बन्दी लोगन क छोड़ाइ दिया करत ह। 8 यहोवा आँधर क आँखियन क खोलि दिहेस। यहोवा ओन लोगन क सहारा देत ह जउन ठोकर खाएन हीं। यहोवा सच्चे लोगन स पिरेम करत ह। 9 यहोवा हमरे देस मँ रहइवालन बिदेसियन क रच्छा करत ह। यहोवा अनाथन अउ राँड़ मेहररूअन क धियान रखत ह। किन्तु दुर्जनन क मकसदन क विफल करत ह 10 यहोवा सदा राजा क रूप मँ सासन करत रहइ। हे सिय्योन तोहार परमेस्सर पीढ़ी दर पीढ़ी राज करत रहइ। यहोवा क गुणगान करा।

147:1 यहोवा क बड़कई करा काहेकि उ नीक अहइ। हमरे परमेस्सर क स्तुति क गीत गावा, काहेकि इ नीक अहइ अउ ओकरे बरे सुखदायी अहइ। 2 उ यहोवा अहइ जउन यरूसलेम क बनाएस ह। उ उहइ जउन ओन लोगन क एक संग जमा किहेस ह जेनका इस्राएल स तितर-बितर कीन्ह गवा रहा। 3 परमेस्सर ओनकर टूटे मनवा क चंगा करत रहत अउर ओनकर घावन पइ पट्टी बाँधत रहा। 4 परमेस्सर तारन क गनत ह अउर हर एक तारा क नाउँ जानत ह। 5 हमार सुआमी बहोत महान अउर सक्तीसाली अहइ। ओकरे गियान क सीमा न अहइ। 6 यहोवा दीन लोग क सहारा देत ह। उ दुट्ठ लोगन क खाले मँ हींच लेत ह। 7 गाइके यहोवा क धन्यवाद द्या। हमरे परमेस्सर क गुणगान वीणा क संग करा। 8 उ बादरन स अकासे क ढाँपत ह। उ धरती पइ बर्खा करावत ह। उ पहाड़न पइ हरी घास क उगावत ह। 9 उ गोरूअन क अउर नान्ह कउअन क जउन ओकरे मदद बरे गोहरावत हीं, चारा देत ह। 10 ओका जुद्ध क घोड़न अउर सक्तीसाली सैनिक नाहीं भावत हीं। 11 यहोवा ओन लोगन स प्रसन्न होत ह, जउन ओकर सम्मान करत हीं। यहोवा प्रसन्न अहइ, अइसे ओन लोगन स जेनकर आस्था ओकरे सच्चे पिरेम मँ अहइ। 12 हे यरूसलेम, यहोवा क गुण गावा। सिय्योन, आपन परमेस्सर क बड़कई करा। 13 हे यरूसलेम, तोहरे फाटकन क परमेस्सर सुदृढ़ बनावत ह। तोहरे नगर क लोगन क परमेस्सर असीस देत ह। 14 परमेस्सर तोहार देस क सान्ति स आसीस देत ह, एह बरे तोहरे लगे खाइ बरे अनाज क ढेर अहइ। 15 परमेस्सर धरती क आदेस देत ह अउर ओकर आदेस क फउरन पालन होत ह। 16 परमेस्सर धरती पइ तब तलक पाला गिरावत जब तलक धरातल वइसा सफेद नाहीं होइ जात जइसा उज्जर ऊन होत ह। उ बर्फ क छोटा टूकन क हवा क संग धूरि क नाईर् उड़त ह। 17 परमेस्सर ओलन क अइसा बनावत ह मानो पाथरन अकासे स गिरत हीं। कउनो मनई उ ठिठुरन क नाहीं सह सकत ह जउन ओकरे दुआरा भेजा जात ह। 18 फुन परमेस्सर दूसर आग्या देत ह, अउर गरम हवा फुन बहइ लग जात ह। बफर् टेघरइ लागत अउर जल बहइ लग जात ह। 19 परमेस्सर आपन आदेस याकूब क दिहे रहा। परमेस्सर इस्राएल क निज बिधि क विधान अउ नेमन क दिहस। 20 यहोवा कउनो दूसर रास्ट्र क बरे अइसा नाहीं किहस। परमेस्सर आपन नेमन क, कउनो दूसर जाति क नाहीं सिखाएस। यहोवा क जस गावा।

148:1 यहोवा क बड़कई करा। ओकर बड़कई सरग स करा। 2 हे सबहिं सरगदूतो, यहोवा क जस गावा। ग्रहो अउ नछत्रो ओकर गुण गान करा। 3 सूरज अउ चाँद, तू पचे यहोवा क गुण गावा। अकासे क तारो अउ जेातियो, ओकर बड़कई करा। 4 यहोवा क बड़कई सबन त ऊँच पर्वत मँ करा! हे जल अकासे क ऊपर, ओकर बड़कई करा। 5 यहोवा क नाउँ क बड़कई करा। काहेकि उ आदेस दिहस, अउर सब कछू रचे रहा। 6 उ ऍन सबन्क बनाएस एह बरे उ सबइ सदा-सदा बना रहइँ। उ अपरिवर्तनसील कानून बनाएस। 7 ओ धरती पइ क हर वस्तु, यहोवा क गुण गावा। ओ बिसाल जन्तुओ अउ सबइ महासागरो, ओकर गुण गावा। 8 आगी अउ ओलन, बरफ अउ कुहासा, तूफानी पवन जउन ओकर वचन क पूरा किहेन, ओकर गुण गावा। 9 पर्वतन अउ सबइ पहाड़न, फलदार बृच्छ अउ देवदार क बृच्छ, ओकरे गुण गावा। 10 बनेर पसुअन अउ सब पालतु मवेसी, रेंगइवाले जीव अउ पंछियन, ओकर गुण गावा। 11 धरती क सबहिं राजा लोग अउ सबइ रास्ट्रन, प्रमुखन अउ धरती पइ क सबहिं निआवाधीसन, ओकर स्तुति करा। 12 नव जवान मनसेधू अउ नव जवान मेहरारू, ओकर स्तुति करा। परमेस्सर बूढ़े लोगन अउ गदेलन क रचेस ह। 13 ओनका यहोवा क नाउँ क स्तुति करइ द्या। अकेल्ले ओकरे नाउँ ही ऊँच सम्मानित अहइ। धरती अउ अकास ओकर चमक-दमक स भरि जाइहीं। 14 उ आपन लोगन क मजबूती क स्रोत क निर्माण किहेस। उ आपन सबइ भगतन अरथ इस्राएलियन, अउ ओकरे समीप रहइवाले रास्ट्रन बरे, स्तुति क स्रोत क निर्माण किहेस। यहोवा क बड़कई करा।

149:1 यहोवा बरे एक ठु नवा गीत, ओन नई बातन क बारे मँ गावा जेनका यहोवा किहस ह। ओकरे भगतन क मण्डली मँ ओकर गुणगान करा। 2 इस्राएलियन क आपन रचनाकर्ता मँ खुसी मनावइ द्या। सिय्योन क लोगन आपन राजा क संग आनन्द मनावइ द्या। 3 उ सबन क ओकरे नाउँ क स्तुति नाच क संग करइ द्या अउर उ पचन क तंबूरा अउ वीणन क ओकरे पराथना बरे बजावइ द्या। 4 यहोवा आपन लोगन स खुस अहइ। उ पीड़ितन क बचावइ स उद्धार किहस। 5 परमेस्सर क भगतन क विजय उत्सव मनावइ द्या। हिआँ तलक कि बिछोना पइ जाए क पाछे भी उ पचन क खुसी मनावइ द्या। 6 ओनका परमेस्सर क विजय क जयजयकार करइ द्या। ओनका आपन मँ तेज तरवारन क धारण करइ द्या। 7 तउ उ पचे दूसर रास्ट्रन स बदला लेइ सकइँ अउर ओन लोगन क सजा देइ सकइँ। 8 परमेस्सर क लोग ओन राजा लोगन क बाँधेइँ, ओकर सज्जन लोगन क जंजीरे स बाँधेइँ। 9 परमेस्सर क लोग ओनकर निआव परमेस्सर क आदेसन क अनुसार करिहीं। ओकरे सबहिं बिस्सासी भगतन क ओका सम्मान देइ क बिसेस अधिकार प्राप्त अहइ। यहोवा क स्तुति करा।

150:1 यहोवा क बड़कई करा। परमेस्सर क मन्दिर मँ ओकर गुणगान करा। आकासे मँ ओकर बड़कई करा जउन ओकर सक्ती दिखावत ह। 2 ओकर ओन बड़के कारजन बरे ओकर बड़कई करा। ओकर सबहिं महानता बरे ओकर स्तुति करा। 3 तुरही पूँकत अउ नरसिंहा बजावत भए ओकर स्तुति करा। ओकर गुणगान वीणा अउ सारंगी बजावत भए करा। 4 तम्बूरन बजाइके अउ नाचिके ओकर स्तुति करा। तारवाला यंत्रन अउर बाँसुरियन बजाइके ओकर गुण गावा। 5 तू परमेस्सर क जस झंकारत भए झाँझन क बजावत गावा। ओकर बड़कई करा। 6 सबइ जिअत पराणियन यहोवा क स्तुति करइँ। यहोवा क बड़कई करा!